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'पद्मावती' के विरोध में उतरीं उमा भारती, कहा- भंसाली लोगों की भावनाओं का ध्यान रखें | भंसाली को लोगों की भावनाओं का ध्यान रखना चाहिए : उमा भारती
"फिल्म 'पद्मावती' की अभिनेत्री या अभिनेता का अनादर 'अनैतिक' है"
भंसाली और उनके सहयोगी कहानी के प्रति जिम्मेदार हैं : उमा भारती | 1. जब हम पद्मावती के सम्मान की बात करते हैं तो हमें सभी महिलाओँ के सम्मान का ध्यान रखना होगा।
If we are talking about the respect of #Padmavati, then it is our moral obligation that we respect every woman.
2. फिल्म पद्मावती के संदर्भ में उस फिल्म की अभिनेत्री या अभिनेताओं के बारे में कोई भी टिप्पणी उचित नहीं है। उनकी आलोचना अनैतिक होगी।
Disrespect of the actress or actor of #Padmavati is uncalled for and immoral.
3. पद्मावती फिल्म के निर्देशक तथा उनके सहयोगी के रूप में उनके स्क्रिप्ट राइटर ही कथानक के लिए जिम्मेदार हैं। उन्हें ही लोगों की भावनाओं और ऐतिहासिक तथ्यों का ध्यान रखना था।
4. The director and his associate as the scriptwriter of #Padmavati are responsible for its story. They should have taken care of the sentiments and the historical facts.
5. मुझे भरोसा दिलाया गया है कि सेंसर बोर्ड उन सब बातों का ध्यान रखेगा जिनपर आपत्ति की जा रही है। मुझे विश्वास है कि उनके जानकारी में भी चारों तरफ से आ रही आशंकाएं एवं आपत्तियां होंगी।
7. फिल्म सेंसर बोर्ड एक स्वतंत्र संस्था है। वह सबकी भावनाओं का ध्यान रखकर ही फिल्म को पारित करे, ऐसी हम सब की अपेक्षा है।
Film Censor Board is an independent organisation. We expect that the film will be cleared taking the sentiments of people into consideration.
मेरी अपील है कि फिल्म में जिन्होंने एक्टिंग की है वो इस विषय में पक्ष न बनें, कहानी की जिम्मेवारी डायरेक्टर और स्क्रिप्ट राइटर की होती है।
I appeal the artists who have acted in the film to not become a party. Its story is the responsibility of director & scriptwriter #Padmavati |
राजस्थान में खिलाड़ियों से खेल पुरस्कार के लिए मांगा गया 'अजीब' हलफनामा | राजस्थान में स्पोर्ट्स काउंसिल ने कथित तौर एक फरमान जारी किया है, जिसके तहत राज्य खेल पुरस्कार पाने के लिए खिलाड़ियों को हलफनामा देकर बताना होगा कि उनका संबंध राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) या फिर जमात−ए−इस्लामी से नहीं है। | राजस्थान में स्पोर्ट्स काउंसिल ने कथित तौर एक फरमान जारी किया है, जिसके तहत राज्य खेल पुरस्कार पाने के लिए खिलाड़ियों को हलफनामा देकर बताना होगा कि उनका संबंध राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) या फिर जमात−ए−इस्लामी से नहीं है।टिप्पणियां
वेटलिफ्टर विशाल सिंह को राजस्थान सरकार ने खेल पुरस्कार से नावाजा है, जिसके तहत उन्हें इनाम के तौर पर दो लाख रुपये मिले, लेकिन इसके लिए विशाल सिंह को हलफनामा देकर यह बताना पड़ा कि उनका संबंध आरएसएस या फिर जमात−ए−इस्लामी से नहीं है। इस फरमान से राज्य के खिलाड़ी हैरान हैं। वहीं राजस्थान स्पोर्ट्स काउंसिल का कहना है कि वह तो सरकार के निर्देशों का पालन कर रहा है। हालांकि राजस्थान सरकार ने ऐसा कोई फरमान जारी करने से इनकार किया है।
राजस्थान में इस साल के आखिर में चुनाव होने हैं और इस मामले ने वहां राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। आरएसएस ने इसके खिलाफ प्रदर्शन भी शुरू कर दिया है। आरएसएस प्रवक्ता राम माधव ने कहा, यह बिल्कुल अवैध आदेश है। सरकार या स्पोर्ट्स काउंसिल को कोई अधिकार नहीं है कि वह खिलाड़ियों को ऐसे किसी हलफनामे पर हस्ताक्षर करने के लिए कहे, क्योंकि जिन संगठनों का नाम लिया गया है, वे न तो प्रतिबंधित हैं और न ही किसी गैरकानूनी काम में लिप्त हैं।
वेटलिफ्टर विशाल सिंह को राजस्थान सरकार ने खेल पुरस्कार से नावाजा है, जिसके तहत उन्हें इनाम के तौर पर दो लाख रुपये मिले, लेकिन इसके लिए विशाल सिंह को हलफनामा देकर यह बताना पड़ा कि उनका संबंध आरएसएस या फिर जमात−ए−इस्लामी से नहीं है। इस फरमान से राज्य के खिलाड़ी हैरान हैं। वहीं राजस्थान स्पोर्ट्स काउंसिल का कहना है कि वह तो सरकार के निर्देशों का पालन कर रहा है। हालांकि राजस्थान सरकार ने ऐसा कोई फरमान जारी करने से इनकार किया है।
राजस्थान में इस साल के आखिर में चुनाव होने हैं और इस मामले ने वहां राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। आरएसएस ने इसके खिलाफ प्रदर्शन भी शुरू कर दिया है। आरएसएस प्रवक्ता राम माधव ने कहा, यह बिल्कुल अवैध आदेश है। सरकार या स्पोर्ट्स काउंसिल को कोई अधिकार नहीं है कि वह खिलाड़ियों को ऐसे किसी हलफनामे पर हस्ताक्षर करने के लिए कहे, क्योंकि जिन संगठनों का नाम लिया गया है, वे न तो प्रतिबंधित हैं और न ही किसी गैरकानूनी काम में लिप्त हैं।
राजस्थान में इस साल के आखिर में चुनाव होने हैं और इस मामले ने वहां राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। आरएसएस ने इसके खिलाफ प्रदर्शन भी शुरू कर दिया है। आरएसएस प्रवक्ता राम माधव ने कहा, यह बिल्कुल अवैध आदेश है। सरकार या स्पोर्ट्स काउंसिल को कोई अधिकार नहीं है कि वह खिलाड़ियों को ऐसे किसी हलफनामे पर हस्ताक्षर करने के लिए कहे, क्योंकि जिन संगठनों का नाम लिया गया है, वे न तो प्रतिबंधित हैं और न ही किसी गैरकानूनी काम में लिप्त हैं। |
अमरनाथ यात्रा फिर से हुई शुरू | जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में अमरनाथ गुफा तक जाने वाले दोनों रास्तों पर मौसम खराब होने की वजह से स्थगित की गई यात्रा दोबारा शुरू हो गई है। | जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में पवित्र अमरनाथ गुफा तक जाने वाले दोनों रास्तों पर मौसम खराब होने की वजह से शुक्रवार को स्थगित की गई धार्मिक यात्रा शनिवार को दोबारा शुरू हो गई। अर्धसैनिक बल के एक अधिकारी ने कहा कि 15,000 से अधिक तीर्थयात्रियों को लगभग तीन बजे बलटाल शिविर से गुफा की ओर आगे बढ़ने की अनुमति दी गई है। पहलगाम के मुख्य शिविर से भी करीब 5,000 तीर्थयात्रियों ने पवित्र धार्मिक यात्रा शुरू कर दी है। गौरतलब है कि 35,000 से अधिक तीर्थयात्री पहले ही यह पवित्र यात्रा पूरी कर चुके हैं। |
बॉलीवुड ऐंट्री पर दादा धर्मेंद्र ने दी पोते करण देओल को कुछ इस अंदाज में दी बधाई | अनिल शर्मा के बेटे उत्कर्ष की फिल्म के मुहूर्त शूट पर पहुंचे धर्मेंद्र
धर्मेंद्र ने सनी देओल के बेटे को भी दी फिल्म की शुरुआत के लिए बधाई
अनिल शर्मा और सनी देओल के बेटे की एक ही दिन शुरू हुई शूटिंग | Started #palpaldilkepaas .. Karan's first day at shoot.. can't get enough.. my boy has grown big #love#actor#lifepic.twitter.com/yf2kyAZFr4 |
कृषि उत्पादन बढ़ाकर ही महंगाई से निपटेंगे : प्रणब | खाद्य मुद्रास्फीति पर वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि केवल कृषि उत्पादन बढ़ाकर ही इस समस्या का दीर्घकालिक समाधान हो सकता है। | लंबे समय से दहाई अंक के करीब बनी खाद्य मुद्रास्फीति पर वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने आज कहा कि केवल कृषि उत्पादन बढ़ाकर ही इस समस्या का दीर्घकालिक समाधान हो सकता है। मुखर्जी ने कहा, कई अन्य देशों की तरह खाद्य सुरक्षा और कीमतों में उतार-चढ़ाव भारत के लिये भी चिंता बनी हुई है। हमारा मानना है कि उपलब्धता की समस्या के साथ-साथ खाद्य वस्तुओं एवं जिसों की उंची कीमत और इसमें उतार-चढ़ाव की समस्या का एकमात्र दीर्घकालिक समाधान कृषि उत्पादन में निरंतर वृद्धि ही हो सकता है। एडीबी-भारत सहयोग के रजत जयंती समारोह में उन्होंने कहा कि सतत विकास को नया अर्थ देने के लिये बौद्धिक तथा नवीन प्रयास की जरूरत है। संवाददाताओं से बातचीत में आर्थिक मामलों के सचिव आर गोपालन ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक मुद्रास्फीति 7 प्रतिशत के स्तर पर आने का अनुमान है। सकल मुद्रास्फीति सितंबर महीने में 9.72 प्रतिशत रही जो एक वर्ष पूर्व इसी महीने में 8.98 प्रतिशत थी। खाद्य मुद्रास्फीति एक अक्तूबर को समाप्त सप्ताह में मामूली रूप से घटकर 9.32 प्रतिशत रही जो इससे पूर्व सप्ताह में 9.41 प्रतिशत थी। |
'हिसार के नतीजे से साफ है कि जनता लोकपाल के समर्थन में' | अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हिसार के उपचुनाव नतीजे से साफ हो गया है कि जनता जनलोकपाल विधेयक के पक्ष में है। | विख्यात समाजसेवी अन्ना हजारे के प्रमुख सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि हरियाणा की हिसार संसदीय सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजे से साफ हो गया है कि जनता जनलोकपाल विधेयक के पक्ष में है। बांदा में केजरीवाल ने कहा, "हिसार उपचुनाव में कांग्रेस की हार से यह स्पष्ट हो गया है कि लोग जनलोकपाल के पक्ष में हैं। कांग्रेस को यह संदेश समझना चाहिए और शीतकालीन सत्र में जनलोकपाल विधेयक को पारित करना चाहिए।" उन्होंने कहा, "अगर संसद के शीतकालीन सत्र में जनलोकपाल विधेयक पारित नहीं किया जाता है तो हम पांच राज्यों के आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का विरोध करेंगे।" अन्ना हजारे के सहयोगियों का अगला निशाना उत्तर प्रदेश है। 18-22 अक्टूबर तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में वे युवाओं को राज्य में भ्रष्टाचार के प्रति जागरूक करेंगे और जनलोकपाल विधेयक के बारे में जानकारी देंगे। |
पूर्व एफबीआई चीफ जेम्स कोमी किताब लिखेंगे | मई में कोमे को एफबीआई चीफ के पद से हटाया गया था
किताब अगले साल बाजार में आएगी
किताब का शीर्षक अब तक तय नहीं | (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
मिस्र में सांप्रदायिक हिंसा, 9 मरे | मिस्र की राजधानी काहिरा में दो समुदायों के बीच भड़की सांप्रदायिक हिंसा के बाद प्रधानमंत्री एसाम शराफ ने कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई है। | मिस्र की राजधानी काहिरा में दो समुदायों के बीच भड़की सांप्रदायिक हिंसा के बाद प्रधानमंत्री एसाम शराफ ने कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई है। हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार 'सेंट मिना कॉप्टिक ऑर्थोडॉक्स चर्च' के बाहर शनिवार रात भड़की हिंसा में 144 लोग घायल भी हुए हैं। एक ईसाई लड़की द्वारा मुस्लिम युवक से विवाह करने की वजह से ही दोनों समुदायों के बीच टकराव पैदा हुआ। प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार के अनुसार शराफ ने बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा भी रद्द कर दी है। |
आधार डाटा लीक होने से चुनाव परिणाम हो सकता है प्रभावित- सुप्रीम कोर्ट | कोर्ट ने कहा डेटा सुरक्षित करने को लेकर कोई सिस्टम नहीं
डेटा का गलत इस्तेमाल लोकतंत्र के लिए सही नहीं- कोर्ट
मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होगी | गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट आधार कार्ड की अनिवार्यता के मामले को लेकर सुनवाई कर रही थी. इस मामले में अगली सुनवाई बुधवार को भी जारी रहेगी. |
RRB Group D Result: ग्रुप डी रिजल्ट डायरेक्ट लिंक से करें चेक | रेलवे ग्रुप डी का रिजल्ट जारी हो चुका है.
अब शारीरिक दक्षता परीक्षा आयोजित की जाएगी.
शारीरिक दक्षता परीक्षा RRC आयोजित करेगा. | RRB Group D Result 2019: मोबाइल पर इन Direct Links से एक क्लिक में चेक करें रिजल्ट
बता दें कि ग्रुप डी की परीक्षा 17 सितंबर से 17 दिसंबर तक आयोजित की गई थी. ग्रुप डी की परीक्षा के लिए 1 करोड़ 90 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया था. इस परीक्षा में 1 करोड़ 17 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे. |
एनआरएचएम घोटाला : सीबीआई ने चार नए मामले दर्ज किए | उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन घोटाले में जांच आगे बढ़ाते हुए सीबीआई ने चार नए मामले दर्ज किए और 22 जिलों में तलाशी ली। | उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन यानी एनआरएचएम घोटाले में अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए सीबीआई ने चिकित्सा सामग्री आपूर्ति में कथित गड़बड़ी के संबंध में शुक्रवार को चार नए मामले दर्ज किए और 22 जिलों में तलाशी ली।टिप्पणियां
सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने व्यापक छापेमारी अभियान के तहत शुक्रवार सुबह लखनऊ के अमीनाबाद क्षेत्र स्थित दवा बाजार सहित 30 ठिकानों पर छापे मारे। नए मामले दर्ज होने के साथ ही सीबीआई एनआरएचएम घोटाले में अब तक 12 मामले दर्ज कर चुकी है।
सूत्रों ने बताया कि नई प्राथमिकियों में एजेंसी ने अनेक डॉक्टरों और दवा आपूर्तिकर्ताओं के नाम लिए हैं। सीबीआई ने यह कार्रवाई मामले में प्रमुख आरोपी एवं राज्य के पूर्व परिवार कल्याण मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा और उनके करीबी सहयोगी बसपा विधायक राम प्रसाद जायसवाल से पूछताछ के कुछ दिन बाद की है। सूत्रों के अनुसार अभियान में कुछ डॉक्टरों और दवा आपूर्तिकर्ताओं के आवासों को भी शामिल किया गया।
सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने व्यापक छापेमारी अभियान के तहत शुक्रवार सुबह लखनऊ के अमीनाबाद क्षेत्र स्थित दवा बाजार सहित 30 ठिकानों पर छापे मारे। नए मामले दर्ज होने के साथ ही सीबीआई एनआरएचएम घोटाले में अब तक 12 मामले दर्ज कर चुकी है।
सूत्रों ने बताया कि नई प्राथमिकियों में एजेंसी ने अनेक डॉक्टरों और दवा आपूर्तिकर्ताओं के नाम लिए हैं। सीबीआई ने यह कार्रवाई मामले में प्रमुख आरोपी एवं राज्य के पूर्व परिवार कल्याण मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा और उनके करीबी सहयोगी बसपा विधायक राम प्रसाद जायसवाल से पूछताछ के कुछ दिन बाद की है। सूत्रों के अनुसार अभियान में कुछ डॉक्टरों और दवा आपूर्तिकर्ताओं के आवासों को भी शामिल किया गया।
सूत्रों ने बताया कि नई प्राथमिकियों में एजेंसी ने अनेक डॉक्टरों और दवा आपूर्तिकर्ताओं के नाम लिए हैं। सीबीआई ने यह कार्रवाई मामले में प्रमुख आरोपी एवं राज्य के पूर्व परिवार कल्याण मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा और उनके करीबी सहयोगी बसपा विधायक राम प्रसाद जायसवाल से पूछताछ के कुछ दिन बाद की है। सूत्रों के अनुसार अभियान में कुछ डॉक्टरों और दवा आपूर्तिकर्ताओं के आवासों को भी शामिल किया गया। |
‘गॉड पार्टिकल’ खोजने वाले वैज्ञानिकों को मिला भौतिकी का नोबेल | ब्रिटेन के पीटर हिग्स और बेल्जियम के फ्रांसवा एंगलर्ट को ‘गॉड पार्टिकल’ हिग्स बोसॅन की खोज के लिए इस वर्ष भौतिकशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल से सम्मानित किया जाएगा। हिग्स बोसॅन की खोज ने द्रव्यमान की उपस्थिति की गुत्थी सुलझाने में मदद की है। | ब्रिटेन के पीटर हिग्स और बेल्जियम के फ्रांसवा एंगलर्ट को ‘गॉड पार्टिकल’ हिग्स बोसॅन की खोज के लिए इस वर्ष भौतिकशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल से सम्मानित किया जाएगा। हिग्स बोसॅन की खोज ने द्रव्यमान की उपस्थिति की गुत्थी सुलझाने में मदद की है।
ज्यूरी ने कहा कि उप-परमाणुविक कणों में द्रव्यमान की उपस्थिति को समझने में मदद करने वाली प्रक्रिया के सैद्धांतिक विकास के लिए इस जोड़ी को सम्मानित किया जा रहा है । हाल ही में उनके सिद्धांत को प्रयोगशाला में सिद्ध किया जा चुका है।
इस काल्पनिक बोसॅन के संबंध में हिग्स ने 1964 में सैद्धांतिक विचार दिया था। उन्होंने कहा था कि बिग-बैंग के बाद ब्रह्मांड के ठंडा होने पर इसी कण के कारण पदार्थ में द्रव्यमान की मौजूदगी है।
हिग्स, एंगलर्ट और अन्य वैज्ञानिकों के सैद्धांतिक काम से प्रेरणा लेकर तीन वर्ष तक सैकड़ों वैज्ञानिकों ने सर्न की प्रयोगशाला में लार्ज हैड्रोन कोलाइडर की मदद से लगातार बोसॅन की तलाश की। टिप्पणियां
पिछले वर्ष चार जुलाई को भौतिकविदों ने हिग्स बोसॅन का पता लगाने की पुष्टि की घोषणा की। विज्ञान के क्षेत्र में यह मील का पत्थर है।
परंपरा के अनुसार दोनों वैज्ञानिकों को 10 दिसंबर को स्टॉकहोम में आयोजित समारोह में सम्मानित किया जाएगा।
ज्यूरी ने कहा कि उप-परमाणुविक कणों में द्रव्यमान की उपस्थिति को समझने में मदद करने वाली प्रक्रिया के सैद्धांतिक विकास के लिए इस जोड़ी को सम्मानित किया जा रहा है । हाल ही में उनके सिद्धांत को प्रयोगशाला में सिद्ध किया जा चुका है।
इस काल्पनिक बोसॅन के संबंध में हिग्स ने 1964 में सैद्धांतिक विचार दिया था। उन्होंने कहा था कि बिग-बैंग के बाद ब्रह्मांड के ठंडा होने पर इसी कण के कारण पदार्थ में द्रव्यमान की मौजूदगी है।
हिग्स, एंगलर्ट और अन्य वैज्ञानिकों के सैद्धांतिक काम से प्रेरणा लेकर तीन वर्ष तक सैकड़ों वैज्ञानिकों ने सर्न की प्रयोगशाला में लार्ज हैड्रोन कोलाइडर की मदद से लगातार बोसॅन की तलाश की। टिप्पणियां
पिछले वर्ष चार जुलाई को भौतिकविदों ने हिग्स बोसॅन का पता लगाने की पुष्टि की घोषणा की। विज्ञान के क्षेत्र में यह मील का पत्थर है।
परंपरा के अनुसार दोनों वैज्ञानिकों को 10 दिसंबर को स्टॉकहोम में आयोजित समारोह में सम्मानित किया जाएगा।
इस काल्पनिक बोसॅन के संबंध में हिग्स ने 1964 में सैद्धांतिक विचार दिया था। उन्होंने कहा था कि बिग-बैंग के बाद ब्रह्मांड के ठंडा होने पर इसी कण के कारण पदार्थ में द्रव्यमान की मौजूदगी है।
हिग्स, एंगलर्ट और अन्य वैज्ञानिकों के सैद्धांतिक काम से प्रेरणा लेकर तीन वर्ष तक सैकड़ों वैज्ञानिकों ने सर्न की प्रयोगशाला में लार्ज हैड्रोन कोलाइडर की मदद से लगातार बोसॅन की तलाश की। टिप्पणियां
पिछले वर्ष चार जुलाई को भौतिकविदों ने हिग्स बोसॅन का पता लगाने की पुष्टि की घोषणा की। विज्ञान के क्षेत्र में यह मील का पत्थर है।
परंपरा के अनुसार दोनों वैज्ञानिकों को 10 दिसंबर को स्टॉकहोम में आयोजित समारोह में सम्मानित किया जाएगा।
हिग्स, एंगलर्ट और अन्य वैज्ञानिकों के सैद्धांतिक काम से प्रेरणा लेकर तीन वर्ष तक सैकड़ों वैज्ञानिकों ने सर्न की प्रयोगशाला में लार्ज हैड्रोन कोलाइडर की मदद से लगातार बोसॅन की तलाश की। टिप्पणियां
पिछले वर्ष चार जुलाई को भौतिकविदों ने हिग्स बोसॅन का पता लगाने की पुष्टि की घोषणा की। विज्ञान के क्षेत्र में यह मील का पत्थर है।
परंपरा के अनुसार दोनों वैज्ञानिकों को 10 दिसंबर को स्टॉकहोम में आयोजित समारोह में सम्मानित किया जाएगा।
पिछले वर्ष चार जुलाई को भौतिकविदों ने हिग्स बोसॅन का पता लगाने की पुष्टि की घोषणा की। विज्ञान के क्षेत्र में यह मील का पत्थर है।
परंपरा के अनुसार दोनों वैज्ञानिकों को 10 दिसंबर को स्टॉकहोम में आयोजित समारोह में सम्मानित किया जाएगा।
परंपरा के अनुसार दोनों वैज्ञानिकों को 10 दिसंबर को स्टॉकहोम में आयोजित समारोह में सम्मानित किया जाएगा। |
अनुच्छेद 35A का मुद्दा: महबूबा मुफ्ती आज पीएम नरेंद्र मोदी से मिलेंगी | इस मुद्दे पर गुरुवार को गृह मंत्री से मिली थीं
इसके तहत भारत का कोई भी नागरिक जम्मू-कश्मीर में संपति नहीं खरीद सकता
इसके खिलाफ एक जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में है | पढ़ें: महबूबा की अरुण जेटली के साथ मुलाकात, लोगों की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास- फारुख अब्दुल्ला
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से उसकी राय धारा 370 के बारे में भी मांगी है. भारतीय संविधान की बहुचर्चित धारा 370 जम्मू-कश्मीर को कुछ विशेष अधिकार देती है. 1954 के जिस आदेश से अनुच्छेद 35A को संविधान में जोड़ा गया था, वह आदेश भी अनुच्छेद 370 की उपधारा (1) के अंतर्गत ही राष्ट्रपति द्वारा पारित किया गया था.टिप्पणियां
VIDEO: अनुच्छेद 35-A पर कश्मीर में सियासत
महबूबा मुफ़्ती, प्रधान मंत्री से भी इस सिलसिले में मुलाक़ात करेंगी और अपना पक्ष रखेंगी. डर इस बात का है की कहीं ये मुद्दा राज्य सरकार बनाम केंद्र सरकार ना बन जाए. वैसे घाटी में ये मुद्दा तूल पकड़ता का रहा है. अलगवादियों ने भी इसे लेकर शनिवार को घाटी में बंद का ऐलान किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से उसकी राय धारा 370 के बारे में भी मांगी है. भारतीय संविधान की बहुचर्चित धारा 370 जम्मू-कश्मीर को कुछ विशेष अधिकार देती है. 1954 के जिस आदेश से अनुच्छेद 35A को संविधान में जोड़ा गया था, वह आदेश भी अनुच्छेद 370 की उपधारा (1) के अंतर्गत ही राष्ट्रपति द्वारा पारित किया गया था.टिप्पणियां
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महबूबा मुफ़्ती, प्रधान मंत्री से भी इस सिलसिले में मुलाक़ात करेंगी और अपना पक्ष रखेंगी. डर इस बात का है की कहीं ये मुद्दा राज्य सरकार बनाम केंद्र सरकार ना बन जाए. वैसे घाटी में ये मुद्दा तूल पकड़ता का रहा है. अलगवादियों ने भी इसे लेकर शनिवार को घाटी में बंद का ऐलान किया है.
VIDEO: अनुच्छेद 35-A पर कश्मीर में सियासत
महबूबा मुफ़्ती, प्रधान मंत्री से भी इस सिलसिले में मुलाक़ात करेंगी और अपना पक्ष रखेंगी. डर इस बात का है की कहीं ये मुद्दा राज्य सरकार बनाम केंद्र सरकार ना बन जाए. वैसे घाटी में ये मुद्दा तूल पकड़ता का रहा है. अलगवादियों ने भी इसे लेकर शनिवार को घाटी में बंद का ऐलान किया है.
महबूबा मुफ़्ती, प्रधान मंत्री से भी इस सिलसिले में मुलाक़ात करेंगी और अपना पक्ष रखेंगी. डर इस बात का है की कहीं ये मुद्दा राज्य सरकार बनाम केंद्र सरकार ना बन जाए. वैसे घाटी में ये मुद्दा तूल पकड़ता का रहा है. अलगवादियों ने भी इसे लेकर शनिवार को घाटी में बंद का ऐलान किया है. |
Redmi Note 7 Pro, Redmi Note 7 की सेल का आंकड़ा 10 लाख के पार, शाओमी का दावा | रेडमी नोट 7 की शुरुआती कीमत 9,999 रुपये है
Redmi Note 7 Pro के दो वेरिएंट किए गए थे लॉन्च
Redmi Note 7 Pro में है स्नैपड्रैगन 675 प्रोसेसर और 48 मेगापिक्सल कैमरा | अभी महीने भर पहले ही भारतीय मार्केट में Redmi Note 7 सीरीज़ की बिक्री शुरू हुई थी। कंपनी का दावा है कि अब तक रेडमी नोट 7 सीरीज़ से 10 लाख से ज़्यादा हैंडसेट बिक चुके हैं। बताया गया है कि Redmi Note 7 और Redmi Note 7 Pro की सेल का आंकड़ा 10 लाख को पार कर गया है। गौर करने वाली बात है कि ये दोनों ही रेडमी फोन ग्लोबल मार्केट में भी काफी पसंद किए जा रहे हैं। इस महीने ही Xiaomi ने जानकारी दी थी कि वह 29 मार्च तक ग्लोबल मार्केट में 40 लाख से ज़्यादा Redmi Note 7 और Redmi Note 7 Pro बेचने में सफल रही है।
Xiaomi India ने बुधवार को जानकारी दी कि लॉन्च के बाद अब तक 10 लाख Redmi Note 7 और Redmi Note 7 Pro बिक गए हैं। रेडमी नोट 7 को पहले चीनी मार्केट में जनवरी में लॉन्च किए गए थे। इसे भारत में मार्च महीने में उपलब्ध कराया गया। वैसे, भारतीय वेरिएंट कई मायने में रेडमी नोट 7 (रिव्यू) के चीनी वेरिएंट से अलग था।
Redmi Note 7 Pro (रिव्यू) कई मामलों में अपग्रेड था। इसे सबसे पहले भारतीय मार्केट में लाया गया। यह 48 मेगापिक्सल वाले Sony IMX586 सेंसर के साथ आता है। दोनों ही फोन को ग्राहकों और आलोचकों द्वारा खासा सराहा गया है। शायद यही वजह है कि सेल के आंकड़े बेहद ही मज़बूत हैं।
कुछ दिन पहले ही Xiaomi India ने ऐलान किया था कि भारत में 10 लाख से ज़्यादा मी बैंड 3 बिक चुके हैं।
शाओमी ने Redmi Note 7 Pro (रिव्यू) के दो वेरिएंट उपलब्ध कराए हैं। 4 जीबी रैम + 64 जीबी स्टोरेज वेरिएंट को 13,999 रुपये में बेचा जाएगा। ग्राहक रेडमी नोट 7 प्रो के 6 जीबी + 128 जीबी वर्ज़न की कीमत 16,999 रुपये है। यह नेप्ट्यून ब्लू, नेब्यूला रेड और स्पेस ब्लैक रंग में उपलब्ध होगा।
भारत में Redmi Note 7 की शुरुआती कीमत 9,999 रुपये है। इस दाम में 3 जीबी रैम/32 जीबी स्टोरेज वेरिएंट मिलेगा। इसके 4 जीबी रैम/64 जीबी स्टोरेज वेरिएंट की कीमत 11,999 रुपये है। Redmi Note 7 को तीन कलर वेरिएंट में उतारा गया है- ओनिक्स ब्लैक, रूबी रेड और सफायर ब्लू।
Redmi Note 7 और Redmi Note 7 Pro दोनों ही हैंडसेट को फ्लिपकार्ट (Flipkart), Mi.com और मी होम स्टोर पर बेचा जाता है।
रेडमी नोट 7 हैंडसेट फुल-एचडी+ डिस्प्ले, वाटरड्रॉप नॉच, स्नैपड्रैगन 660 प्रोसेसर और डुअल रियर कैमरा सेटअप के साथ आता है। 48 मेगापिक्सल कैमरे से लैस रेडमी नोट 7 प्रो डुअल रियर कैमरा सेटअप और वाटरड्रॉप नॉच डिस्प्ले के साथ आता है। Redmi Note 7 Pro में ऑक्टा-कोर क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 675 प्रोसेसर का इस्तेमाल हुआ है। |
2018 तक भारत-पाकिस्तान सीमा सील करने का लक्ष्य : गृहमंत्री राजनाथ सिंह | सीमा से सटे राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सुझाव लिए गए
निर्धारित समय के भीतर सीमा सील करने का लक्ष्य
देश की सुरक्षा को आंच नहीं आने दी जाएगी | केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि वर्ष 2018 तक भारत पाक सीमा को सील कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि देश पर किसी तरह की आंच नहीं आने दी जाएगी.
उरी हमले और उसके बाद भारतीय सेना के लक्षित हमले के बाद पाकिस्तान के साथ जारी तनाव के बीच आज यहां पहुंचकर अन्तरराष्ट्रीय सीमावर्ती राजस्थान, पंजाब, जम्मू कश्मीर और गुजरात में ताजा सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा करने के बाद सिंह संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 तक भारत पाक सीमा को पूरी तरह सील कर दिया जाएगा.
केन्द्रीय गृहमंत्री ने कहा कि ‘बार्डर सिक्योरिटी ग्रिड’ बनाया जाएगा और लगातार इसकी निगरानी की जाएगी. केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू के साथ संवाददाताओं से बातचीत करते हुए सिंह ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान के साथ तनाव बढ़ा है. उन्होंने कहा कि देश पर किसी तरह की आंच नहीं आने दी जाएगी. देशवासियों को सेना और जवानों पर विश्वास रखना चाहिए.
उन्होंने कहा कि सेना और जवानों पर पूरी तरह से विश्वास और भरोसा है. जिस तरह से किसान अपनी फसल की रखवाली करता है उसी तरह जवान सीमा की रखवाली कर रहा है.
बैठक में चारों राज्यों के मुख्यमंत्रियों और गृहमंत्रियों को हिस्सा लिया. बैठक में हिस्सा लेने के लिए पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया, गुजरात के गृहमंत्री और जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव समेत कई अधिकारी शामिल हुए.टिप्पणियां
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उरी हमले और उसके बाद भारतीय सेना के लक्षित हमले के बाद पाकिस्तान के साथ जारी तनाव के बीच आज यहां पहुंचकर अन्तरराष्ट्रीय सीमावर्ती राजस्थान, पंजाब, जम्मू कश्मीर और गुजरात में ताजा सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा करने के बाद सिंह संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 तक भारत पाक सीमा को पूरी तरह सील कर दिया जाएगा.
केन्द्रीय गृहमंत्री ने कहा कि ‘बार्डर सिक्योरिटी ग्रिड’ बनाया जाएगा और लगातार इसकी निगरानी की जाएगी. केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू के साथ संवाददाताओं से बातचीत करते हुए सिंह ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान के साथ तनाव बढ़ा है. उन्होंने कहा कि देश पर किसी तरह की आंच नहीं आने दी जाएगी. देशवासियों को सेना और जवानों पर विश्वास रखना चाहिए.
उन्होंने कहा कि सेना और जवानों पर पूरी तरह से विश्वास और भरोसा है. जिस तरह से किसान अपनी फसल की रखवाली करता है उसी तरह जवान सीमा की रखवाली कर रहा है.
बैठक में चारों राज्यों के मुख्यमंत्रियों और गृहमंत्रियों को हिस्सा लिया. बैठक में हिस्सा लेने के लिए पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया, गुजरात के गृहमंत्री और जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव समेत कई अधिकारी शामिल हुए.टिप्पणियां
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केन्द्रीय गृहमंत्री ने कहा कि ‘बार्डर सिक्योरिटी ग्रिड’ बनाया जाएगा और लगातार इसकी निगरानी की जाएगी. केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू के साथ संवाददाताओं से बातचीत करते हुए सिंह ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान के साथ तनाव बढ़ा है. उन्होंने कहा कि देश पर किसी तरह की आंच नहीं आने दी जाएगी. देशवासियों को सेना और जवानों पर विश्वास रखना चाहिए.
उन्होंने कहा कि सेना और जवानों पर पूरी तरह से विश्वास और भरोसा है. जिस तरह से किसान अपनी फसल की रखवाली करता है उसी तरह जवान सीमा की रखवाली कर रहा है.
बैठक में चारों राज्यों के मुख्यमंत्रियों और गृहमंत्रियों को हिस्सा लिया. बैठक में हिस्सा लेने के लिए पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया, गुजरात के गृहमंत्री और जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव समेत कई अधिकारी शामिल हुए.टिप्पणियां
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उन्होंने कहा कि सेना और जवानों पर पूरी तरह से विश्वास और भरोसा है. जिस तरह से किसान अपनी फसल की रखवाली करता है उसी तरह जवान सीमा की रखवाली कर रहा है.
बैठक में चारों राज्यों के मुख्यमंत्रियों और गृहमंत्रियों को हिस्सा लिया. बैठक में हिस्सा लेने के लिए पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया, गुजरात के गृहमंत्री और जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव समेत कई अधिकारी शामिल हुए.टिप्पणियां
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बैठक में चारों राज्यों के मुख्यमंत्रियों और गृहमंत्रियों को हिस्सा लिया. बैठक में हिस्सा लेने के लिए पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया, गुजरात के गृहमंत्री और जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव समेत कई अधिकारी शामिल हुए.टिप्पणियां
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'शांताराम' का क्या हुआ, नहीं जानता : बिग बी | अमिताभ का कहना है कि उनकी आने वाली फिल्म 'शूबाइट' की शूटिंग पूरी हो चुकी है, लेकिन 'शांताराम' का फिलहाल क्या चल रहा है, इस बारे में वह कुछ नहीं जानते। दोनों ही फिल्में इन दिनों खासी चर्चा में हैं। | महानायक अमिताभ बच्चन का कहना है कि उनकी आने वाली फिल्म 'शूबाइट' की शूटिंग पूरी हो चुकी है, लेकिन 'शांताराम' का फिलहाल क्या चल रहा है, इस बारे में वह कुछ नहीं जानते। दोनों ही फिल्में इन दिनों खासी चर्चा में हैं।
संवाददाताओं ने बुधवार को जब अमिताभ से दोनों फिल्मों के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, 'शूबाइट' पर पहले पर्सेप्ट पिक्चर्स काम कर रही थी, उसके बाद यूटीवी आ गया और यहां तक कि शोजित सरकार भी इससे जुड़ गए। इसके बाद यूटीवी ने कहा कि उन्हें 20वीं सेंचुरी फॉक्स स्टूडियो के साथ कुछ कानूनी परेशानियां हैं, क्योंकि वे कह रहे हैं कि यह संपत्ति उनके अंतर्गत आती है।टिप्पणियां
उन्होंने कहा, अब यह मामला यूटीवी के पास है। मैं नहीं जानता कि क्या परिणाम आएगा। हमारी तरफ से काम पूरा हो चुका है। उम्मीद है कि फिल्म जल्द प्रदर्शित होगी।
'शांताराम' के बारे में बात करते हुए अमिताभ ने कहा, 'शांताराम' की शूटिंग अभी नहीं शुरू हुई। मीरा नायर मेरे पास आईं थी और उन्होंने कहा कि वह चाहती हैं कि मैं यह भूमिका निभाऊं...उन्होंने जॉनी डेप को लिया था और वह बहुत उत्साहित थी। मैं काम करने के लिए तैयार हो गया था। बाद में मीरा ने खेद जताते हुए कहा कि उन्होंने परियोजना छोड़ दी है। मैं नहीं जानता की इस वक्त 'शांताराम' का क्या चल रहा है।
संवाददाताओं ने बुधवार को जब अमिताभ से दोनों फिल्मों के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, 'शूबाइट' पर पहले पर्सेप्ट पिक्चर्स काम कर रही थी, उसके बाद यूटीवी आ गया और यहां तक कि शोजित सरकार भी इससे जुड़ गए। इसके बाद यूटीवी ने कहा कि उन्हें 20वीं सेंचुरी फॉक्स स्टूडियो के साथ कुछ कानूनी परेशानियां हैं, क्योंकि वे कह रहे हैं कि यह संपत्ति उनके अंतर्गत आती है।टिप्पणियां
उन्होंने कहा, अब यह मामला यूटीवी के पास है। मैं नहीं जानता कि क्या परिणाम आएगा। हमारी तरफ से काम पूरा हो चुका है। उम्मीद है कि फिल्म जल्द प्रदर्शित होगी।
'शांताराम' के बारे में बात करते हुए अमिताभ ने कहा, 'शांताराम' की शूटिंग अभी नहीं शुरू हुई। मीरा नायर मेरे पास आईं थी और उन्होंने कहा कि वह चाहती हैं कि मैं यह भूमिका निभाऊं...उन्होंने जॉनी डेप को लिया था और वह बहुत उत्साहित थी। मैं काम करने के लिए तैयार हो गया था। बाद में मीरा ने खेद जताते हुए कहा कि उन्होंने परियोजना छोड़ दी है। मैं नहीं जानता की इस वक्त 'शांताराम' का क्या चल रहा है।
उन्होंने कहा, अब यह मामला यूटीवी के पास है। मैं नहीं जानता कि क्या परिणाम आएगा। हमारी तरफ से काम पूरा हो चुका है। उम्मीद है कि फिल्म जल्द प्रदर्शित होगी।
'शांताराम' के बारे में बात करते हुए अमिताभ ने कहा, 'शांताराम' की शूटिंग अभी नहीं शुरू हुई। मीरा नायर मेरे पास आईं थी और उन्होंने कहा कि वह चाहती हैं कि मैं यह भूमिका निभाऊं...उन्होंने जॉनी डेप को लिया था और वह बहुत उत्साहित थी। मैं काम करने के लिए तैयार हो गया था। बाद में मीरा ने खेद जताते हुए कहा कि उन्होंने परियोजना छोड़ दी है। मैं नहीं जानता की इस वक्त 'शांताराम' का क्या चल रहा है।
'शांताराम' के बारे में बात करते हुए अमिताभ ने कहा, 'शांताराम' की शूटिंग अभी नहीं शुरू हुई। मीरा नायर मेरे पास आईं थी और उन्होंने कहा कि वह चाहती हैं कि मैं यह भूमिका निभाऊं...उन्होंने जॉनी डेप को लिया था और वह बहुत उत्साहित थी। मैं काम करने के लिए तैयार हो गया था। बाद में मीरा ने खेद जताते हुए कहा कि उन्होंने परियोजना छोड़ दी है। मैं नहीं जानता की इस वक्त 'शांताराम' का क्या चल रहा है। |
INDvsWI: बेंच स्ट्रेंथ को आजमाने से क्यों कतरा रहे विराट कोहली, वर्ल्डकप 2019 का रखना होगा ध्यान.. | टीम इंडिया ने अभी केवल कुलदीप यादव को दिया है मौका
ऋषभ पंत अभी भी अपनी बारी आने का कर रहे हैं इंतजार
वर्ल्डकप 2019 तक करीब 37 वर्ष के हो जाएंगे युवी-धोनी | टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली और पूर्व कोच अनिल कुंबले के बीच विवाद ने टीम इंडिया को पीछे धकेल दिया है. वेस्टइंडीज़ दौरे पर गई टीम दो वनडे मैच खेल चुकी है. पहला मैच बारिश की भेंट चढ़ गया लेकिन दूसरे वनडे में भारत ने 105 रन से बड़ी जीत हासिल की, लेकिन 2019 वर्ल्ड कप को देखते हुए अब भी सवाल बरक़रार है. वेस्ट इंडीज़ टीम के स्टार खिलाड़ी सीरीज़ में नहीं खेल रहे, इसके बावजूद विराट कोहली बेंच स्ट्रेंथ को आज़माने से कतरा रहे हैं. आख़िर कब तक कोहली इस बड़े सवाल से मुंह मोड़ेंगे?टिप्पणियां
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 2019 वर्ल्डकप के बारे में पूछने पर कहा था कि पहले हमें ये देखना होगा कि सभी खिलाड़ी जो वर्ल्डकप में खेलेंगे उन्हें कम से कम 50 से 60 वनडे मैचों का अनुभव हासिल हो जाए. लगता है कप्तान कोहली ने भारत के सबसे सफल कप्तान के बयान को नहीं सुना है.अगर सुना होता तो वे वेस्ट इंडीज़ दौरे पर कई प्रयोग कर चुके होते. टीम इंडिया में सबसे बड़ा सवाल युवराज सिंह और ख़ुद महेंद्र सिंह धोनी को लेकर उठ रहा है. दोनों की उम्र 2019 वर्ल्डकप तक क्रिकेट खेलने की इजाज़त देगी इस पर संदेह हैं, लेकिन इस पर न तो बीसीसीआई और न ही कप्तान कोहली विचार कर रहे हैं.
बीसीसीआई के अधिकारी कमेटी ऑफ़ एडमिनेस्ट्रेटर्स (सीओए) से भिड़ने में अपनी ताक़त लगा रहे हैं तो कोहली टीम का कोच कौन बनेगा, इस पर माथापच्ची कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ़ दक्षिण अफ़्रीका, इंग्लैंड और वेस्टइंडीज़ ने 2019 पर नज़रें जमा रखीं हैं. इस क्रम में दक्षिण अफ़्रीका और इंग्लैंड के ख़िलाफ़ हाल ही में ख़त्म हुए T20 सीरीज़ में कुल 7 नए चेहरे मैदान पर दिखाई दिए. अफ़्रीकी टीम की ओर से 2 क्रिकेटरों ने डेब्यू किया तो इंग्लिश टीम ने 5 खिलाड़ियों को आज़माया. वेस्ट इंडीज़ ने भारत के साथ होने वाले बाक़ी बचे 3 वनडे मैचों के लिए काइल होप और सुनील एंब्रिस का चयन किया है. हालांकि भारत की तरफ़ से कुलदीप यादव को मौक़ा मिला है लेकिन अब भी विकेटकीपर-बल्लेबाज़ ऋषभ पंत ब्रेंच पर अपनी बारी के इंतज़ार में हैं...
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 2019 वर्ल्डकप के बारे में पूछने पर कहा था कि पहले हमें ये देखना होगा कि सभी खिलाड़ी जो वर्ल्डकप में खेलेंगे उन्हें कम से कम 50 से 60 वनडे मैचों का अनुभव हासिल हो जाए. लगता है कप्तान कोहली ने भारत के सबसे सफल कप्तान के बयान को नहीं सुना है.अगर सुना होता तो वे वेस्ट इंडीज़ दौरे पर कई प्रयोग कर चुके होते. टीम इंडिया में सबसे बड़ा सवाल युवराज सिंह और ख़ुद महेंद्र सिंह धोनी को लेकर उठ रहा है. दोनों की उम्र 2019 वर्ल्डकप तक क्रिकेट खेलने की इजाज़त देगी इस पर संदेह हैं, लेकिन इस पर न तो बीसीसीआई और न ही कप्तान कोहली विचार कर रहे हैं.
बीसीसीआई के अधिकारी कमेटी ऑफ़ एडमिनेस्ट्रेटर्स (सीओए) से भिड़ने में अपनी ताक़त लगा रहे हैं तो कोहली टीम का कोच कौन बनेगा, इस पर माथापच्ची कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ़ दक्षिण अफ़्रीका, इंग्लैंड और वेस्टइंडीज़ ने 2019 पर नज़रें जमा रखीं हैं. इस क्रम में दक्षिण अफ़्रीका और इंग्लैंड के ख़िलाफ़ हाल ही में ख़त्म हुए T20 सीरीज़ में कुल 7 नए चेहरे मैदान पर दिखाई दिए. अफ़्रीकी टीम की ओर से 2 क्रिकेटरों ने डेब्यू किया तो इंग्लिश टीम ने 5 खिलाड़ियों को आज़माया. वेस्ट इंडीज़ ने भारत के साथ होने वाले बाक़ी बचे 3 वनडे मैचों के लिए काइल होप और सुनील एंब्रिस का चयन किया है. हालांकि भारत की तरफ़ से कुलदीप यादव को मौक़ा मिला है लेकिन अब भी विकेटकीपर-बल्लेबाज़ ऋषभ पंत ब्रेंच पर अपनी बारी के इंतज़ार में हैं...
बीसीसीआई के अधिकारी कमेटी ऑफ़ एडमिनेस्ट्रेटर्स (सीओए) से भिड़ने में अपनी ताक़त लगा रहे हैं तो कोहली टीम का कोच कौन बनेगा, इस पर माथापच्ची कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ़ दक्षिण अफ़्रीका, इंग्लैंड और वेस्टइंडीज़ ने 2019 पर नज़रें जमा रखीं हैं. इस क्रम में दक्षिण अफ़्रीका और इंग्लैंड के ख़िलाफ़ हाल ही में ख़त्म हुए T20 सीरीज़ में कुल 7 नए चेहरे मैदान पर दिखाई दिए. अफ़्रीकी टीम की ओर से 2 क्रिकेटरों ने डेब्यू किया तो इंग्लिश टीम ने 5 खिलाड़ियों को आज़माया. वेस्ट इंडीज़ ने भारत के साथ होने वाले बाक़ी बचे 3 वनडे मैचों के लिए काइल होप और सुनील एंब्रिस का चयन किया है. हालांकि भारत की तरफ़ से कुलदीप यादव को मौक़ा मिला है लेकिन अब भी विकेटकीपर-बल्लेबाज़ ऋषभ पंत ब्रेंच पर अपनी बारी के इंतज़ार में हैं... |
पंकज आडवाणी ने विश्व स्नूकर चैंपियनशिप में पदक पक्का किया | सेमीफाइनल में पहुंचकर पंकज ने पक्का किया पदक
क्वार्टर फाइनल में उन्होंने चीन के होंगाओं को 6-2 से हराया
सेमीफाइनल में उनका मुकाबला फ्लोरियन नुबले से होगा | क्वार्टर फाइनल मुकाबले में उन्होंने चीन के युवा प्रतिभावान खिलाड़ी ल्यू होंगाओं को 6-2 से पटखनी दी. आडवाणी शुरुआती तीन फ्रेम जीतने में कामयाब रहे, लेकिन होंगाओं ने लगातार दो फ्रेम अपने नाम कर स्कोर 3-2 कर दिया. इसके बाद आडवाणी में उन्हें कोई मौका नहीं दिया और चीन के खिलाड़ी को शिकस्त दी. इससे पहले प्री क्वार्टर फाइनल में उन्होंने पाकिस्तान के असजद इकबाल को 5-1 से हराया. |
विदेशी मुद्रा भंडार 9.28 करोड़ डॉलर घटा | विदेशी मुद्रा भंडार 21 दिसंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान 9.28 करोड़ डॉलर कम होकर 296.54 अरब डॉलर रहा। | विदेशी मुद्रा भंडार 21 दिसंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान 9.28 करोड़ डॉलर कम होकर 296.54 अरब डॉलर रहा।
इससे पूर्व सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 296.63 अरब डॉलर था।टिप्पणियां
रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को जारी सप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार 21 दिसंबर को समाप्त सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार का प्रमुख हिस्सा विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 16.99 करोड़ डॉलर कम होकर 261.95 अरब डॉलर रही। स्वर्ण भंडार पिछले सप्ताह के स्तर 27.80 अरब डॉलर पर बरकरार रहा।
आलोच्य सप्ताह के दौरान विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 1.58 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.45 अरब डॉलर रहा।
इससे पूर्व सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 296.63 अरब डॉलर था।टिप्पणियां
रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को जारी सप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार 21 दिसंबर को समाप्त सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार का प्रमुख हिस्सा विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 16.99 करोड़ डॉलर कम होकर 261.95 अरब डॉलर रही। स्वर्ण भंडार पिछले सप्ताह के स्तर 27.80 अरब डॉलर पर बरकरार रहा।
आलोच्य सप्ताह के दौरान विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 1.58 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.45 अरब डॉलर रहा।
रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को जारी सप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार 21 दिसंबर को समाप्त सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार का प्रमुख हिस्सा विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 16.99 करोड़ डॉलर कम होकर 261.95 अरब डॉलर रही। स्वर्ण भंडार पिछले सप्ताह के स्तर 27.80 अरब डॉलर पर बरकरार रहा।
आलोच्य सप्ताह के दौरान विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 1.58 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.45 अरब डॉलर रहा।
आलोच्य सप्ताह के दौरान विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 1.58 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.45 अरब डॉलर रहा। |
Samsung Galaxy Fold: लॉन्च हुआ मुड़ने वाला स्मार्टफोन, अंदर से निकलेगा टैबलेट, यूजर ने कहा- जमीन बेचकर खरीदूंगा फोन | लॉन्च हुआ मुड़ने वाला स्मार्टफोन Samsung Galaxy Fold.
इस फोन में 6 कैमरे (तीन पीछे और दो आगे) होंगे.
खोलने पर यह 7.3 इंच का टैबलेट बन जाता है. | सैमसंग (Samsung) ने ऐसा स्मार्टफोन पेश किया है जो मुड़ जाता है और खुलने पर टैबलेट बन जाता है. इस तरह का फोन पेश करने वाली वह पहली मोबाइल हैंडसेट कंपनी बन गई है. साथ ही कंपनी ने पहला 5जी सेवा पर काम करने वाला हैंडसेट भी पेश किया है. दक्षिण कोरिया की प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक कंपनी सैमसंग ने बुधवार को यहां एक कार्यक्रम में 'गैलेक्सी फोल्ड' (Samsung Galaxy Fold) पेश किया. इस फोन में 6 कैमरे (तीन पीछे और दो आगे) होंगे. फोन की RAM 12GB होगी. 512 जीबी इंटरनल स्टोरेज होगी. बैट्री की बात करें तो 4380 MAH की होगी.
Ten years after the first Galaxy, we didn't just change the shape of the phone, we changed the shape of tomorrow. #GalaxyFold
Learn more: https://t.co/gYYGF4ZvdJpic.twitter.com/C8s0Jxdhkz
यह 4.6 इंच के डिस्प्ले के साथ एक स्मार्टफोन की तरह काम करता है, वहीं इसे खोलने पर यह 7.3 इंच का टैबलेट बन जाता है. सैमसंग के जस्टिन डेनिजन ने कार्यक्रम में कहा, 'हम जो फोन आपको दे रहे हैं वह न सिर्फ एक नयी श्रेणी को पेश करता है, बल्कि यह एक नयी श्रेणी ही है.' कंपनी ने कहा कि यह फोन 26 अप्रैल से बाजार में उपलब्ध होगा. इसकी कीमत 1,980 डॉलर (1,40,867 रुपये) से शुरू होगी. ट्विटर पर यूजर्स फोन को खूब पसंद कर रहे हैं. एक यूजर ने कहा- 'मैं इस फोन के लिए ज्यादा इंतजार नहीं कर सकता. इसको खरीदने के लिए मैं अपनी जमीन तक बेच दूंगा. इसको देखने के बाद कोई आईफोन कैसे खरीद सकता है.'
Samsung phones will definitely be the end of me. i can't wait for this drop I'm ready to sell land for this, Samsung Galaxy fold , how can you choose an iPhone over this beauty? pic.twitter.com/TjwvBnX9dY
डेनिजन ने कहा कि यह एक 'लक्जरी फोन' की तरह है. जहां इसकी बड़ी स्क्रीन पर एक साथ तीन-तीन एप को चलाया जा सकता है. जैसे कि आप एक ही समय में यूट्यूब पर किसी देश की यात्रा का वीडियो देख सकते हैं, अपने दोस्त को उसके बारे में संदेश भेजकर बता सकते हैं और उसी दौरान यात्रा विकल्पों के बारे में इंटरनेट सर्च भी कर सकते हैं. इसके अलावा कंपनी ने पहले 5जी फोन गैलैक्सी एस10 पेश करने भी घोषणा की है. हालांकि कंपनी ने इसके बाजार में आने और कीमत का खुलासा नहीं किया है.
5जी बाजार में उतरने के लिए वह अपने मौजूदा प्रमुख हैंडसेटों का उन्नयन कर रहा है. अन्य कंपनियों के अगले हफ्ते होने वाली मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस में अपने 5जी फोन पेश करने की उम्मीद है. इसके अलावा कंपनी का 749 डॉलर की कीमत वाला एस10-ई और 999 डॉलर वाला एस10 प्लस आठ मार्च से बाजार में उपलब्ध होगा. |
सिर्फ अभिनय ने बचाया 'घनचक्कर' को... | मेरे हिसाब से फिल्म को कुछ गति देने के लिए कुछ और मसाला डालने की ज़रूरत थी... डायरेक्टर राजकुमार गुप्ता ने पहली बार कॉमेडी फिल्म करनी चाही, लेकिन मेरे हिसाब से कामयाब नहीं हो पाए हैं... | आज रिलीज़ हुई है 'घनचक्कर', जिसमें मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं, विद्या बालन, इमरान हाशमी, राजेश शर्मा और नमित दास ने... फिल्म की कहानी घूमती है, इमरान हाशमी और उनकी पत्नी बनीं विद्या बालन के इर्द-गिर्द...
इमरान फिल्म में राजेश के साथ मिलकर बैंक लूटते हैं और फैसला किया जाता है कि पैसों का बंटवारा तीन महीने बाद किया जाएगा, लेकिन इन्हीं तीन महीनों के दौरान इमरान का एक्सीडेंट हो जाता है, जिसमें उनकी याददाश्त चली जाती है... वह यह भी भूल जाते हैं कि उन्होंने लूट के पैसे कहां रखे हैं, और बस, यहीं से शुरू होती है पैसे ढूंढने की जद्दोजहद...टिप्पणियां
सबसे पहली बात, प्रोमोज़ और प्रोमोशन में 'घनचक्कर' को एक कॉमेडी फिल्म बताया गया था, सो, कुछ इसी तरह की उम्मीदें इससे लगाई थीं, लेकिन फिल्म मुझे ज्यादा हंसा नहीं पाई... मेरे हिसाब से फिल्म की स्क्रिप्ट और स्क्रीनप्ले काफी कमज़ोर है, इसलिए फिल्म मुझे लंबी भी लगी... पहले हाफ में मुझे लग रहा था शायद फिल्म बिना इंटरवल के ही दिखाई जा रही है और खत्म होने वाली है, लेकिन अफसोस, इंटरवल हुआ...
फिल्म को अगर कोई कुछ हद तक बचा पाया तो वह था किरदारों का अभिनय... मेरे हिसाब से फिल्म को कुछ गति देने के लिए कुछ और मसाला डालने की ज़रूरत थी... डायरेक्टर राजकुमार गुप्ता ने पहली बार कॉमेडी फिल्म करनी चाही, लेकिन मेरे हिसाब से कामयाब नहीं हो पाए हैं... मेरी ओर से फिल्म की रेटिंग है - 2.5 स्टार...
इमरान फिल्म में राजेश के साथ मिलकर बैंक लूटते हैं और फैसला किया जाता है कि पैसों का बंटवारा तीन महीने बाद किया जाएगा, लेकिन इन्हीं तीन महीनों के दौरान इमरान का एक्सीडेंट हो जाता है, जिसमें उनकी याददाश्त चली जाती है... वह यह भी भूल जाते हैं कि उन्होंने लूट के पैसे कहां रखे हैं, और बस, यहीं से शुरू होती है पैसे ढूंढने की जद्दोजहद...टिप्पणियां
सबसे पहली बात, प्रोमोज़ और प्रोमोशन में 'घनचक्कर' को एक कॉमेडी फिल्म बताया गया था, सो, कुछ इसी तरह की उम्मीदें इससे लगाई थीं, लेकिन फिल्म मुझे ज्यादा हंसा नहीं पाई... मेरे हिसाब से फिल्म की स्क्रिप्ट और स्क्रीनप्ले काफी कमज़ोर है, इसलिए फिल्म मुझे लंबी भी लगी... पहले हाफ में मुझे लग रहा था शायद फिल्म बिना इंटरवल के ही दिखाई जा रही है और खत्म होने वाली है, लेकिन अफसोस, इंटरवल हुआ...
फिल्म को अगर कोई कुछ हद तक बचा पाया तो वह था किरदारों का अभिनय... मेरे हिसाब से फिल्म को कुछ गति देने के लिए कुछ और मसाला डालने की ज़रूरत थी... डायरेक्टर राजकुमार गुप्ता ने पहली बार कॉमेडी फिल्म करनी चाही, लेकिन मेरे हिसाब से कामयाब नहीं हो पाए हैं... मेरी ओर से फिल्म की रेटिंग है - 2.5 स्टार...
सबसे पहली बात, प्रोमोज़ और प्रोमोशन में 'घनचक्कर' को एक कॉमेडी फिल्म बताया गया था, सो, कुछ इसी तरह की उम्मीदें इससे लगाई थीं, लेकिन फिल्म मुझे ज्यादा हंसा नहीं पाई... मेरे हिसाब से फिल्म की स्क्रिप्ट और स्क्रीनप्ले काफी कमज़ोर है, इसलिए फिल्म मुझे लंबी भी लगी... पहले हाफ में मुझे लग रहा था शायद फिल्म बिना इंटरवल के ही दिखाई जा रही है और खत्म होने वाली है, लेकिन अफसोस, इंटरवल हुआ...
फिल्म को अगर कोई कुछ हद तक बचा पाया तो वह था किरदारों का अभिनय... मेरे हिसाब से फिल्म को कुछ गति देने के लिए कुछ और मसाला डालने की ज़रूरत थी... डायरेक्टर राजकुमार गुप्ता ने पहली बार कॉमेडी फिल्म करनी चाही, लेकिन मेरे हिसाब से कामयाब नहीं हो पाए हैं... मेरी ओर से फिल्म की रेटिंग है - 2.5 स्टार...
फिल्म को अगर कोई कुछ हद तक बचा पाया तो वह था किरदारों का अभिनय... मेरे हिसाब से फिल्म को कुछ गति देने के लिए कुछ और मसाला डालने की ज़रूरत थी... डायरेक्टर राजकुमार गुप्ता ने पहली बार कॉमेडी फिल्म करनी चाही, लेकिन मेरे हिसाब से कामयाब नहीं हो पाए हैं... मेरी ओर से फिल्म की रेटिंग है - 2.5 स्टार... |
बाबरी विध्वंस मामले में सुप्रीम कोर्ट की सरकार को फटकार | उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र के वरिष्ठ विधि अधिकारी से हलफनामा दाखिल कर बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लालकृष्ण आडवाणी और अन्य के खिलाफ अपील दायर करने में विलंब का कारण बताने को कहा। | उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने की घटना के सिलसिले में आपराधिक साजिश के आरोपों से भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और अन्य आरोपियों को मुक्त करने के उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील दाखिल करने में विलंब पर केन्द्रीय जांच ब्यूरो से मंगलवार को स्पष्टीकरण मांगा।
न्यायमूर्ति एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अपील दाखिल करने में 167 दिन के विलंब के बारे में केन्द्र सरकार के वरिष्ठ विधि अधिकारी को दो सप्ताह के भीतर इस संबंध में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। न्यायालय ने इस तथ्य का संज्ञान लिया कि विधि अधिकारी की वजह से अपील दायर करने में 167 दिन का विलंब हुआ।टिप्पणियां
इससे पहले, केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने न्यायालय के आदेश पर अमल करते हुए अपील दायर करने में हुए विलंब से संबंधित विवरण आज पेश किया। इसमे जांच एजेन्सी ने कहा है कि उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल के पास और फिर मंजूरी और राय के लिए सॉलिसीटर जनरल के पास लंबित था।
न्यायाधीशों ने कहा, ‘‘चूंकि सालिसीटर जनरल के कारण यह विलंब हुआ है, इसलिए संबंधित व्यक्ति का हलफनामा इस विलंब को बेहतर तरीके से समझने में मददगार होगा।’’ न्यायालय ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो को दो सप्ताह का वक्त देते हुए कहा, इस बारे में हलफनामा दाखिल करना आपके ही हित में होगा। लेकिन न्यायालय ने अपने आदेश में इस बात का जिक्र नहीं किया कि कौन सा विधि अधिकारी यह हलफनामा दाखिल करेगा। न्यायालय ने कहा कि यह वरिष्ठ विधि अधिकारी का होना चाहिए।
न्यायमूर्ति एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अपील दाखिल करने में 167 दिन के विलंब के बारे में केन्द्र सरकार के वरिष्ठ विधि अधिकारी को दो सप्ताह के भीतर इस संबंध में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। न्यायालय ने इस तथ्य का संज्ञान लिया कि विधि अधिकारी की वजह से अपील दायर करने में 167 दिन का विलंब हुआ।टिप्पणियां
इससे पहले, केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने न्यायालय के आदेश पर अमल करते हुए अपील दायर करने में हुए विलंब से संबंधित विवरण आज पेश किया। इसमे जांच एजेन्सी ने कहा है कि उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल के पास और फिर मंजूरी और राय के लिए सॉलिसीटर जनरल के पास लंबित था।
न्यायाधीशों ने कहा, ‘‘चूंकि सालिसीटर जनरल के कारण यह विलंब हुआ है, इसलिए संबंधित व्यक्ति का हलफनामा इस विलंब को बेहतर तरीके से समझने में मददगार होगा।’’ न्यायालय ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो को दो सप्ताह का वक्त देते हुए कहा, इस बारे में हलफनामा दाखिल करना आपके ही हित में होगा। लेकिन न्यायालय ने अपने आदेश में इस बात का जिक्र नहीं किया कि कौन सा विधि अधिकारी यह हलफनामा दाखिल करेगा। न्यायालय ने कहा कि यह वरिष्ठ विधि अधिकारी का होना चाहिए।
इससे पहले, केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने न्यायालय के आदेश पर अमल करते हुए अपील दायर करने में हुए विलंब से संबंधित विवरण आज पेश किया। इसमे जांच एजेन्सी ने कहा है कि उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल के पास और फिर मंजूरी और राय के लिए सॉलिसीटर जनरल के पास लंबित था।
न्यायाधीशों ने कहा, ‘‘चूंकि सालिसीटर जनरल के कारण यह विलंब हुआ है, इसलिए संबंधित व्यक्ति का हलफनामा इस विलंब को बेहतर तरीके से समझने में मददगार होगा।’’ न्यायालय ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो को दो सप्ताह का वक्त देते हुए कहा, इस बारे में हलफनामा दाखिल करना आपके ही हित में होगा। लेकिन न्यायालय ने अपने आदेश में इस बात का जिक्र नहीं किया कि कौन सा विधि अधिकारी यह हलफनामा दाखिल करेगा। न्यायालय ने कहा कि यह वरिष्ठ विधि अधिकारी का होना चाहिए।
न्यायाधीशों ने कहा, ‘‘चूंकि सालिसीटर जनरल के कारण यह विलंब हुआ है, इसलिए संबंधित व्यक्ति का हलफनामा इस विलंब को बेहतर तरीके से समझने में मददगार होगा।’’ न्यायालय ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो को दो सप्ताह का वक्त देते हुए कहा, इस बारे में हलफनामा दाखिल करना आपके ही हित में होगा। लेकिन न्यायालय ने अपने आदेश में इस बात का जिक्र नहीं किया कि कौन सा विधि अधिकारी यह हलफनामा दाखिल करेगा। न्यायालय ने कहा कि यह वरिष्ठ विधि अधिकारी का होना चाहिए। |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शेयर की मुलाकात की तस्वीरें, प्रणब मुखर्जी ने दिया ये जवाब | पीएम मोदी प्रणब मुखर्जी का आशीर्वाद लेने पहुंचे
प्रणब दा ने पीएम को अपने हाथों से मिठाई खिलाई
पीएम ने मुलाकात की तस्वीरें ट्विटर पर साझा कीं | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने से दो दिन पहले आज सुबह पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) से मुलाकात की. पीएम ने मुलाकात की तस्वीरें ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा है, प्रणब दा से मुलाकात हमेशा अनुभव बढ़ाने वाली होती है. वह एक ऐसे राजनेता हैं जिन्होंने राष्ट्र को अमिट योगदान दिया है. हमारी आज की मुलाकात में मैंने उनका आशीर्वाद लिया.
Meeting Pranab Da is always an enriching experience. His knowledge and insights are unparalleled. He is a statesman who has made an indelible contribution to our nation.
Sought his blessings during our meeting today. pic.twitter.com/dxFj6NPNd5
पीएम मोदी के ट्वीट करने के कुछ देर बाद ही प्रणब मुखर्जी ने भी ट्वीट करते हुए कहा कि वह पीएम मोदी को उनके लक्ष्य सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के लिए शुभकामनाएं देते हैं.
Thank you for your kind words & gesture PM Shri @narendramodi. It was indeed a pleasure meeting you. As you proceed, stronger into the second innings, my good wishes are with you in achieving your vision of "सबका साथ , सबका विकास और सबका विश्वास".#CitizenMukherjeehttps://t.co/vJsD371KX7
लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिली प्रचंड जीत के बाद से ही पीएम मोदी गुरुवार को होने वाले शपथ समारोह से पहले कई वरिष्ठ नेताओं से मिल रहे हैं.
अपनी जीत के एक दिन बाद पीमए मोदी ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लिया.
पीएम मोदी की अगुवाई बीजेपी ने 23 मई को 543 में से 303 सीटें जीतकर लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल करते हुए विपक्ष को पूरी तरह से कुचल दिया.
आपको बता दें कि प्रणब मुखर्जी ने 2012 से लेकर 2017 तक राष्ट्रपति का पद संभाला. नरेंद्र मोदी-नीत सरकार के सुझाव पर इसी साल जनवरी में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया. |
पाकिस्तान में अमेरिकी ड्रोन हमले में तीन आतंकवादियों की मौत | उत्तरी वजीरिस्तान के मुख्य शहर मिरानशाह से कुछ किलोमीटर दूर ताबी गांव में एक परिसर पर ड्रोन ने चार मिसाइलें दागीं। टीवी चैनलों ने सुरक्षा अधिकारियों के हवाले से बताया है कि यह परिसर आतंकियों का ठिकाना था। | पाकिस्तान के अशांत उत्तरी वजीरिस्तान कबायली क्षेत्र में एक आतंकी परिसर को निशाना बनाकर हुए हमले में कम से कम तीन आतंकवादी मारे गए।टिप्पणियां
रविवार तड़के उत्तरी वजीरिस्तान के मुख्य शहर मिरानशाह से कुछ किलोमीटर दूर ताबी गांव में एक परिसर पर ड्रोन ने चार मिसाइलें दागीं। टीवी चैनलों ने सुरक्षा अधिकारियों के हवाले से बताया है कि यह परिसर आतंकियों का ठिकाना था।
अधिकारियों ने बताया कि तीन आतंकी मारे गए और परिसर ध्वस्त हो गया। मारे जाने वालों की पहचान अभी स्पष्ट नहीं हो पाआ है। 'डॉन' न्यूज चैनल का कहना है कि संभवत: परिसर में आतंकियों का कोई बड़ा नेता था, लेकिन अभी और ज्यादा विवरण नहीं मिला है।
रविवार तड़के उत्तरी वजीरिस्तान के मुख्य शहर मिरानशाह से कुछ किलोमीटर दूर ताबी गांव में एक परिसर पर ड्रोन ने चार मिसाइलें दागीं। टीवी चैनलों ने सुरक्षा अधिकारियों के हवाले से बताया है कि यह परिसर आतंकियों का ठिकाना था।
अधिकारियों ने बताया कि तीन आतंकी मारे गए और परिसर ध्वस्त हो गया। मारे जाने वालों की पहचान अभी स्पष्ट नहीं हो पाआ है। 'डॉन' न्यूज चैनल का कहना है कि संभवत: परिसर में आतंकियों का कोई बड़ा नेता था, लेकिन अभी और ज्यादा विवरण नहीं मिला है।
अधिकारियों ने बताया कि तीन आतंकी मारे गए और परिसर ध्वस्त हो गया। मारे जाने वालों की पहचान अभी स्पष्ट नहीं हो पाआ है। 'डॉन' न्यूज चैनल का कहना है कि संभवत: परिसर में आतंकियों का कोई बड़ा नेता था, लेकिन अभी और ज्यादा विवरण नहीं मिला है। |
हेलीकॉप्टर सौदा : जेपीसी जांच के लिए गठित होगी समिति | राज्यसभा में बुधवार को रक्षामंत्री एके एंटनी ने वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदा मामले में बयान दिया। अपने बयान में एंटनी ने कहा कि उनका ट्रैक रिकॉर्ड देखा जाए और उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मामले में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। | कई विपक्षी दलों के बहिष्कार के बाद राज्य सभा में बुधवार को वीवीआईपी हेलीकाप्टर खरीद सौदे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित किए जाने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया गया।
आगस्टा वेस्टलैंड से रक्षा मंत्रालय द्वारा हेलीकाप्टर खरीद पर संक्षिप्त चर्चा के बाद संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने प्रस्ताव पेश किया।
वर्ष 2010 में 3600 करोड़ रुपये में 12 एडब्ल्यू 101 हेलीकाप्टर खरीदने का करार हुआ था।
प्रस्ताव का विरोध करते हुए राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने कहा कि जेपीसी एक 'व्यर्थ प्रयास' है और 'ध्यान बंटाने' की सरकारी चाल है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता ने कहा, "इसलिए मैं इस प्रस्ताव का विरोध करता हूं।"
जेटली ने कहा कि सत्य को सामने लाने के लिए सबसे जरूरी मामला दायर करना और हिरासत में लेकर पूछताछ करना है। उन्होंने कहा, "जेपीसी को इनमें से कोई अधिकार नहीं है।"
जेपीसी के प्रस्ताव का विरोध करने वाली पार्टियों में तेलुगू देशम पार्टी, जनता दल-यूनाइटेड और तृणमूल कांग्रेस भी शामिल थी।
कमलनाथ ने कहा कि जेपीसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच की निगरानी करेगी।
उन्होंने कहा, "जेपीसी सीबीआई क्या कर रही है और हो रही जांच की गति पर नजर रखेगी।"
उन्होंने भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन पर जेपीसी से भागने का आरोप लगाया।
कमलनाथ ने कहा, "यह कुछ और नहीं, बल्कि सीधी राजनीति है।" उन्होंने आगे कहा कि सदस्यों को मामले की तह तक जाने का मौका मिलेगा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में जेपीसी की मांग पर पूरे सत्र कामकाज नहीं होने दिया था और अब वही हेलीकाप्टर खरीद मामले में वैसे ही कदम का विरोध कर रही है।
मंत्री ने कहा कि यदि सरकार ने जेपीसी की घोषणा नहीं की तो उसे संसदीय समिति से सहमत नहीं होने का आरोपी बनाया जाएगा।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी राजा ने कहा कि व्यापक राय बनने तक प्रस्ताव टाला जाना चाहिए।टिप्पणियां
उन्होंने सवाल किया कि भाजपा और कई अन्य पार्टियों ने बहिष्कार कर दिया है तो ऐसे में मतदान कराना उचित है?
उपसभापति पीजे कुरियन ने हालांकि कहा कि प्रस्ताव पेश हो चुका है और बहुमत से स्वीकृत किया जा चुका है। इसके बाद उन्होंने प्रस्ताव पारित होने की घोषणा कर दी।
आगस्टा वेस्टलैंड से रक्षा मंत्रालय द्वारा हेलीकाप्टर खरीद पर संक्षिप्त चर्चा के बाद संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने प्रस्ताव पेश किया।
वर्ष 2010 में 3600 करोड़ रुपये में 12 एडब्ल्यू 101 हेलीकाप्टर खरीदने का करार हुआ था।
प्रस्ताव का विरोध करते हुए राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने कहा कि जेपीसी एक 'व्यर्थ प्रयास' है और 'ध्यान बंटाने' की सरकारी चाल है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता ने कहा, "इसलिए मैं इस प्रस्ताव का विरोध करता हूं।"
जेटली ने कहा कि सत्य को सामने लाने के लिए सबसे जरूरी मामला दायर करना और हिरासत में लेकर पूछताछ करना है। उन्होंने कहा, "जेपीसी को इनमें से कोई अधिकार नहीं है।"
जेपीसी के प्रस्ताव का विरोध करने वाली पार्टियों में तेलुगू देशम पार्टी, जनता दल-यूनाइटेड और तृणमूल कांग्रेस भी शामिल थी।
कमलनाथ ने कहा कि जेपीसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच की निगरानी करेगी।
उन्होंने कहा, "जेपीसी सीबीआई क्या कर रही है और हो रही जांच की गति पर नजर रखेगी।"
उन्होंने भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन पर जेपीसी से भागने का आरोप लगाया।
कमलनाथ ने कहा, "यह कुछ और नहीं, बल्कि सीधी राजनीति है।" उन्होंने आगे कहा कि सदस्यों को मामले की तह तक जाने का मौका मिलेगा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में जेपीसी की मांग पर पूरे सत्र कामकाज नहीं होने दिया था और अब वही हेलीकाप्टर खरीद मामले में वैसे ही कदम का विरोध कर रही है।
मंत्री ने कहा कि यदि सरकार ने जेपीसी की घोषणा नहीं की तो उसे संसदीय समिति से सहमत नहीं होने का आरोपी बनाया जाएगा।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी राजा ने कहा कि व्यापक राय बनने तक प्रस्ताव टाला जाना चाहिए।टिप्पणियां
उन्होंने सवाल किया कि भाजपा और कई अन्य पार्टियों ने बहिष्कार कर दिया है तो ऐसे में मतदान कराना उचित है?
उपसभापति पीजे कुरियन ने हालांकि कहा कि प्रस्ताव पेश हो चुका है और बहुमत से स्वीकृत किया जा चुका है। इसके बाद उन्होंने प्रस्ताव पारित होने की घोषणा कर दी।
वर्ष 2010 में 3600 करोड़ रुपये में 12 एडब्ल्यू 101 हेलीकाप्टर खरीदने का करार हुआ था।
प्रस्ताव का विरोध करते हुए राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने कहा कि जेपीसी एक 'व्यर्थ प्रयास' है और 'ध्यान बंटाने' की सरकारी चाल है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता ने कहा, "इसलिए मैं इस प्रस्ताव का विरोध करता हूं।"
जेटली ने कहा कि सत्य को सामने लाने के लिए सबसे जरूरी मामला दायर करना और हिरासत में लेकर पूछताछ करना है। उन्होंने कहा, "जेपीसी को इनमें से कोई अधिकार नहीं है।"
जेपीसी के प्रस्ताव का विरोध करने वाली पार्टियों में तेलुगू देशम पार्टी, जनता दल-यूनाइटेड और तृणमूल कांग्रेस भी शामिल थी।
कमलनाथ ने कहा कि जेपीसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच की निगरानी करेगी।
उन्होंने कहा, "जेपीसी सीबीआई क्या कर रही है और हो रही जांच की गति पर नजर रखेगी।"
उन्होंने भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन पर जेपीसी से भागने का आरोप लगाया।
कमलनाथ ने कहा, "यह कुछ और नहीं, बल्कि सीधी राजनीति है।" उन्होंने आगे कहा कि सदस्यों को मामले की तह तक जाने का मौका मिलेगा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में जेपीसी की मांग पर पूरे सत्र कामकाज नहीं होने दिया था और अब वही हेलीकाप्टर खरीद मामले में वैसे ही कदम का विरोध कर रही है।
मंत्री ने कहा कि यदि सरकार ने जेपीसी की घोषणा नहीं की तो उसे संसदीय समिति से सहमत नहीं होने का आरोपी बनाया जाएगा।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी राजा ने कहा कि व्यापक राय बनने तक प्रस्ताव टाला जाना चाहिए।टिप्पणियां
उन्होंने सवाल किया कि भाजपा और कई अन्य पार्टियों ने बहिष्कार कर दिया है तो ऐसे में मतदान कराना उचित है?
उपसभापति पीजे कुरियन ने हालांकि कहा कि प्रस्ताव पेश हो चुका है और बहुमत से स्वीकृत किया जा चुका है। इसके बाद उन्होंने प्रस्ताव पारित होने की घोषणा कर दी।
प्रस्ताव का विरोध करते हुए राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने कहा कि जेपीसी एक 'व्यर्थ प्रयास' है और 'ध्यान बंटाने' की सरकारी चाल है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता ने कहा, "इसलिए मैं इस प्रस्ताव का विरोध करता हूं।"
जेटली ने कहा कि सत्य को सामने लाने के लिए सबसे जरूरी मामला दायर करना और हिरासत में लेकर पूछताछ करना है। उन्होंने कहा, "जेपीसी को इनमें से कोई अधिकार नहीं है।"
जेपीसी के प्रस्ताव का विरोध करने वाली पार्टियों में तेलुगू देशम पार्टी, जनता दल-यूनाइटेड और तृणमूल कांग्रेस भी शामिल थी।
कमलनाथ ने कहा कि जेपीसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच की निगरानी करेगी।
उन्होंने कहा, "जेपीसी सीबीआई क्या कर रही है और हो रही जांच की गति पर नजर रखेगी।"
उन्होंने भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन पर जेपीसी से भागने का आरोप लगाया।
कमलनाथ ने कहा, "यह कुछ और नहीं, बल्कि सीधी राजनीति है।" उन्होंने आगे कहा कि सदस्यों को मामले की तह तक जाने का मौका मिलेगा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में जेपीसी की मांग पर पूरे सत्र कामकाज नहीं होने दिया था और अब वही हेलीकाप्टर खरीद मामले में वैसे ही कदम का विरोध कर रही है।
मंत्री ने कहा कि यदि सरकार ने जेपीसी की घोषणा नहीं की तो उसे संसदीय समिति से सहमत नहीं होने का आरोपी बनाया जाएगा।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी राजा ने कहा कि व्यापक राय बनने तक प्रस्ताव टाला जाना चाहिए।टिप्पणियां
उन्होंने सवाल किया कि भाजपा और कई अन्य पार्टियों ने बहिष्कार कर दिया है तो ऐसे में मतदान कराना उचित है?
उपसभापति पीजे कुरियन ने हालांकि कहा कि प्रस्ताव पेश हो चुका है और बहुमत से स्वीकृत किया जा चुका है। इसके बाद उन्होंने प्रस्ताव पारित होने की घोषणा कर दी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता ने कहा, "इसलिए मैं इस प्रस्ताव का विरोध करता हूं।"
जेटली ने कहा कि सत्य को सामने लाने के लिए सबसे जरूरी मामला दायर करना और हिरासत में लेकर पूछताछ करना है। उन्होंने कहा, "जेपीसी को इनमें से कोई अधिकार नहीं है।"
जेपीसी के प्रस्ताव का विरोध करने वाली पार्टियों में तेलुगू देशम पार्टी, जनता दल-यूनाइटेड और तृणमूल कांग्रेस भी शामिल थी।
कमलनाथ ने कहा कि जेपीसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच की निगरानी करेगी।
उन्होंने कहा, "जेपीसी सीबीआई क्या कर रही है और हो रही जांच की गति पर नजर रखेगी।"
उन्होंने भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन पर जेपीसी से भागने का आरोप लगाया।
कमलनाथ ने कहा, "यह कुछ और नहीं, बल्कि सीधी राजनीति है।" उन्होंने आगे कहा कि सदस्यों को मामले की तह तक जाने का मौका मिलेगा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में जेपीसी की मांग पर पूरे सत्र कामकाज नहीं होने दिया था और अब वही हेलीकाप्टर खरीद मामले में वैसे ही कदम का विरोध कर रही है।
मंत्री ने कहा कि यदि सरकार ने जेपीसी की घोषणा नहीं की तो उसे संसदीय समिति से सहमत नहीं होने का आरोपी बनाया जाएगा।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी राजा ने कहा कि व्यापक राय बनने तक प्रस्ताव टाला जाना चाहिए।टिप्पणियां
उन्होंने सवाल किया कि भाजपा और कई अन्य पार्टियों ने बहिष्कार कर दिया है तो ऐसे में मतदान कराना उचित है?
उपसभापति पीजे कुरियन ने हालांकि कहा कि प्रस्ताव पेश हो चुका है और बहुमत से स्वीकृत किया जा चुका है। इसके बाद उन्होंने प्रस्ताव पारित होने की घोषणा कर दी।
जेटली ने कहा कि सत्य को सामने लाने के लिए सबसे जरूरी मामला दायर करना और हिरासत में लेकर पूछताछ करना है। उन्होंने कहा, "जेपीसी को इनमें से कोई अधिकार नहीं है।"
जेपीसी के प्रस्ताव का विरोध करने वाली पार्टियों में तेलुगू देशम पार्टी, जनता दल-यूनाइटेड और तृणमूल कांग्रेस भी शामिल थी।
कमलनाथ ने कहा कि जेपीसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच की निगरानी करेगी।
उन्होंने कहा, "जेपीसी सीबीआई क्या कर रही है और हो रही जांच की गति पर नजर रखेगी।"
उन्होंने भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन पर जेपीसी से भागने का आरोप लगाया।
कमलनाथ ने कहा, "यह कुछ और नहीं, बल्कि सीधी राजनीति है।" उन्होंने आगे कहा कि सदस्यों को मामले की तह तक जाने का मौका मिलेगा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में जेपीसी की मांग पर पूरे सत्र कामकाज नहीं होने दिया था और अब वही हेलीकाप्टर खरीद मामले में वैसे ही कदम का विरोध कर रही है।
मंत्री ने कहा कि यदि सरकार ने जेपीसी की घोषणा नहीं की तो उसे संसदीय समिति से सहमत नहीं होने का आरोपी बनाया जाएगा।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी राजा ने कहा कि व्यापक राय बनने तक प्रस्ताव टाला जाना चाहिए।टिप्पणियां
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उपसभापति पीजे कुरियन ने हालांकि कहा कि प्रस्ताव पेश हो चुका है और बहुमत से स्वीकृत किया जा चुका है। इसके बाद उन्होंने प्रस्ताव पारित होने की घोषणा कर दी।
जेपीसी के प्रस्ताव का विरोध करने वाली पार्टियों में तेलुगू देशम पार्टी, जनता दल-यूनाइटेड और तृणमूल कांग्रेस भी शामिल थी।
कमलनाथ ने कहा कि जेपीसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच की निगरानी करेगी।
उन्होंने कहा, "जेपीसी सीबीआई क्या कर रही है और हो रही जांच की गति पर नजर रखेगी।"
उन्होंने भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन पर जेपीसी से भागने का आरोप लगाया।
कमलनाथ ने कहा, "यह कुछ और नहीं, बल्कि सीधी राजनीति है।" उन्होंने आगे कहा कि सदस्यों को मामले की तह तक जाने का मौका मिलेगा।
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मंत्री ने कहा कि यदि सरकार ने जेपीसी की घोषणा नहीं की तो उसे संसदीय समिति से सहमत नहीं होने का आरोपी बनाया जाएगा।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी राजा ने कहा कि व्यापक राय बनने तक प्रस्ताव टाला जाना चाहिए।टिप्पणियां
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उपसभापति पीजे कुरियन ने हालांकि कहा कि प्रस्ताव पेश हो चुका है और बहुमत से स्वीकृत किया जा चुका है। इसके बाद उन्होंने प्रस्ताव पारित होने की घोषणा कर दी।
कमलनाथ ने कहा कि जेपीसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच की निगरानी करेगी।
उन्होंने कहा, "जेपीसी सीबीआई क्या कर रही है और हो रही जांच की गति पर नजर रखेगी।"
उन्होंने भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन पर जेपीसी से भागने का आरोप लगाया।
कमलनाथ ने कहा, "यह कुछ और नहीं, बल्कि सीधी राजनीति है।" उन्होंने आगे कहा कि सदस्यों को मामले की तह तक जाने का मौका मिलेगा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में जेपीसी की मांग पर पूरे सत्र कामकाज नहीं होने दिया था और अब वही हेलीकाप्टर खरीद मामले में वैसे ही कदम का विरोध कर रही है।
मंत्री ने कहा कि यदि सरकार ने जेपीसी की घोषणा नहीं की तो उसे संसदीय समिति से सहमत नहीं होने का आरोपी बनाया जाएगा।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी राजा ने कहा कि व्यापक राय बनने तक प्रस्ताव टाला जाना चाहिए।टिप्पणियां
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उन्होंने कहा, "जेपीसी सीबीआई क्या कर रही है और हो रही जांच की गति पर नजर रखेगी।"
उन्होंने भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन पर जेपीसी से भागने का आरोप लगाया।
कमलनाथ ने कहा, "यह कुछ और नहीं, बल्कि सीधी राजनीति है।" उन्होंने आगे कहा कि सदस्यों को मामले की तह तक जाने का मौका मिलेगा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में जेपीसी की मांग पर पूरे सत्र कामकाज नहीं होने दिया था और अब वही हेलीकाप्टर खरीद मामले में वैसे ही कदम का विरोध कर रही है।
मंत्री ने कहा कि यदि सरकार ने जेपीसी की घोषणा नहीं की तो उसे संसदीय समिति से सहमत नहीं होने का आरोपी बनाया जाएगा।
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उपसभापति पीजे कुरियन ने हालांकि कहा कि प्रस्ताव पेश हो चुका है और बहुमत से स्वीकृत किया जा चुका है। इसके बाद उन्होंने प्रस्ताव पारित होने की घोषणा कर दी।
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कमलनाथ ने कहा, "यह कुछ और नहीं, बल्कि सीधी राजनीति है।" उन्होंने आगे कहा कि सदस्यों को मामले की तह तक जाने का मौका मिलेगा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में जेपीसी की मांग पर पूरे सत्र कामकाज नहीं होने दिया था और अब वही हेलीकाप्टर खरीद मामले में वैसे ही कदम का विरोध कर रही है।
मंत्री ने कहा कि यदि सरकार ने जेपीसी की घोषणा नहीं की तो उसे संसदीय समिति से सहमत नहीं होने का आरोपी बनाया जाएगा।
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कमलनाथ ने कहा, "यह कुछ और नहीं, बल्कि सीधी राजनीति है।" उन्होंने आगे कहा कि सदस्यों को मामले की तह तक जाने का मौका मिलेगा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में जेपीसी की मांग पर पूरे सत्र कामकाज नहीं होने दिया था और अब वही हेलीकाप्टर खरीद मामले में वैसे ही कदम का विरोध कर रही है।
मंत्री ने कहा कि यदि सरकार ने जेपीसी की घोषणा नहीं की तो उसे संसदीय समिति से सहमत नहीं होने का आरोपी बनाया जाएगा।
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उन्होंने कहा कि विपक्ष ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में जेपीसी की मांग पर पूरे सत्र कामकाज नहीं होने दिया था और अब वही हेलीकाप्टर खरीद मामले में वैसे ही कदम का विरोध कर रही है।
मंत्री ने कहा कि यदि सरकार ने जेपीसी की घोषणा नहीं की तो उसे संसदीय समिति से सहमत नहीं होने का आरोपी बनाया जाएगा।
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उन्होंने सवाल किया कि भाजपा और कई अन्य पार्टियों ने बहिष्कार कर दिया है तो ऐसे में मतदान कराना उचित है?
उपसभापति पीजे कुरियन ने हालांकि कहा कि प्रस्ताव पेश हो चुका है और बहुमत से स्वीकृत किया जा चुका है। इसके बाद उन्होंने प्रस्ताव पारित होने की घोषणा कर दी।
मंत्री ने कहा कि यदि सरकार ने जेपीसी की घोषणा नहीं की तो उसे संसदीय समिति से सहमत नहीं होने का आरोपी बनाया जाएगा।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी राजा ने कहा कि व्यापक राय बनने तक प्रस्ताव टाला जाना चाहिए।टिप्पणियां
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उपसभापति पीजे कुरियन ने हालांकि कहा कि प्रस्ताव पेश हो चुका है और बहुमत से स्वीकृत किया जा चुका है। इसके बाद उन्होंने प्रस्ताव पारित होने की घोषणा कर दी।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी राजा ने कहा कि व्यापक राय बनने तक प्रस्ताव टाला जाना चाहिए।टिप्पणियां
उन्होंने सवाल किया कि भाजपा और कई अन्य पार्टियों ने बहिष्कार कर दिया है तो ऐसे में मतदान कराना उचित है?
उपसभापति पीजे कुरियन ने हालांकि कहा कि प्रस्ताव पेश हो चुका है और बहुमत से स्वीकृत किया जा चुका है। इसके बाद उन्होंने प्रस्ताव पारित होने की घोषणा कर दी।
उन्होंने सवाल किया कि भाजपा और कई अन्य पार्टियों ने बहिष्कार कर दिया है तो ऐसे में मतदान कराना उचित है?
उपसभापति पीजे कुरियन ने हालांकि कहा कि प्रस्ताव पेश हो चुका है और बहुमत से स्वीकृत किया जा चुका है। इसके बाद उन्होंने प्रस्ताव पारित होने की घोषणा कर दी।
उपसभापति पीजे कुरियन ने हालांकि कहा कि प्रस्ताव पेश हो चुका है और बहुमत से स्वीकृत किया जा चुका है। इसके बाद उन्होंने प्रस्ताव पारित होने की घोषणा कर दी। |
उद्यमियों ने बिहार को बताया निवेश के लिए आदर्श | निवेशकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से पटना में औद्योगिक विकास सलाहकार परिषद की पहली बैठक में आए उद्यमियों ने बिहार की तारीफ करते हुए निवेशकों के लिए इसे आदर्श क्षेत्र बताया। | बिहार में निवेशकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से पटना में शनिवार को औद्योगिक विकास सलाहकार परिषद की पहली बैठक में आए उद्यमियों ने बिहार की तारीफ करते हुए निवेशकों के लिए इसे आदर्श क्षेत्र बताया। राज्य सरकार के एक अधिकारी के अनुसार इस बैठक में बुनियादी ढांचे, पर्यटन और ऊर्जा के विकास पर विशेष रूप से चर्चा हुई।
बिहार के बुनियादी ढांचे के विकास पर चर्चा करते हुए वक्ताओं ने राज्य सरकार के उपलब्धियों के साथ-साथ चुनौतियों के बारे में भी चर्चा की। पर्यटन क्षेत्र और विधि व्यवस्था की स्थिति पर भी विषेष चर्चा की गई। बिहार चैंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष ओपी शाह ने कहा कि राज्य सरकार का यह कदम बहुत अच्छा कदम है। इससे बड़े निवेशकों के मन में जो भ्रांतियां थीं, वह दूर हो गई है तथा वे बिहार को निवेश के लिए आदर्श मान रहे हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य में औद्योगिक विकास एवं निवेश के प्रोत्साहन की नीतियों के लिए एक अच्छा मंच प्रदान हुआ। उल्लेखनीय है कि इस समय राज्य सरकार के पास 3 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव है, परंतु जमीन पर चार-पांच हजार करोड़ रुपये का ही निवेश हुआ है। पटना में तीन घंटे तक होने वाली इस बैठक का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया। टिप्पणियां
सरकार के अनुसार बैठक में निवेश के प्रस्तावों की स्वीकृति एवं संसाधनों को उपलब्ध कराने के लिए निवेशकों को सहायता पर विमर्श किया गया। इस बैठक में वेदांता के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल, प्रसिद्घ अर्थशास्त्री इस्सर अहलुवालिया, इंडियन होटल कॉरपोरेशन के अध्यक्ष वाईसी देवेश्वर, एचडीएफसी के अध्यक्ष दीपक पारिख सहित राज्य के कई मंत्री और उद्योगपति, प्रबंधन क्षेत्र की हस्तियों ने भाग लिया।
उल्लेखनीय है कि राज्य की सीमा में उद्योग लगाने पर सरकार ने कई सुविधाएं देने की घोषणा की है। इसके लिए 2006 में नई औद्योगिक प्रोत्साहन नीति बनाई गई। उद्यमियों के सलाह और सुझाव के बाद इस नीति में कुछ संशोधनों के साथ 2011 में नई औद्योगिक नीति बनाई गई।
बिहार के बुनियादी ढांचे के विकास पर चर्चा करते हुए वक्ताओं ने राज्य सरकार के उपलब्धियों के साथ-साथ चुनौतियों के बारे में भी चर्चा की। पर्यटन क्षेत्र और विधि व्यवस्था की स्थिति पर भी विषेष चर्चा की गई। बिहार चैंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष ओपी शाह ने कहा कि राज्य सरकार का यह कदम बहुत अच्छा कदम है। इससे बड़े निवेशकों के मन में जो भ्रांतियां थीं, वह दूर हो गई है तथा वे बिहार को निवेश के लिए आदर्श मान रहे हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य में औद्योगिक विकास एवं निवेश के प्रोत्साहन की नीतियों के लिए एक अच्छा मंच प्रदान हुआ। उल्लेखनीय है कि इस समय राज्य सरकार के पास 3 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव है, परंतु जमीन पर चार-पांच हजार करोड़ रुपये का ही निवेश हुआ है। पटना में तीन घंटे तक होने वाली इस बैठक का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया। टिप्पणियां
सरकार के अनुसार बैठक में निवेश के प्रस्तावों की स्वीकृति एवं संसाधनों को उपलब्ध कराने के लिए निवेशकों को सहायता पर विमर्श किया गया। इस बैठक में वेदांता के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल, प्रसिद्घ अर्थशास्त्री इस्सर अहलुवालिया, इंडियन होटल कॉरपोरेशन के अध्यक्ष वाईसी देवेश्वर, एचडीएफसी के अध्यक्ष दीपक पारिख सहित राज्य के कई मंत्री और उद्योगपति, प्रबंधन क्षेत्र की हस्तियों ने भाग लिया।
उल्लेखनीय है कि राज्य की सीमा में उद्योग लगाने पर सरकार ने कई सुविधाएं देने की घोषणा की है। इसके लिए 2006 में नई औद्योगिक प्रोत्साहन नीति बनाई गई। उद्यमियों के सलाह और सुझाव के बाद इस नीति में कुछ संशोधनों के साथ 2011 में नई औद्योगिक नीति बनाई गई।
उन्होंने बताया कि राज्य में औद्योगिक विकास एवं निवेश के प्रोत्साहन की नीतियों के लिए एक अच्छा मंच प्रदान हुआ। उल्लेखनीय है कि इस समय राज्य सरकार के पास 3 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव है, परंतु जमीन पर चार-पांच हजार करोड़ रुपये का ही निवेश हुआ है। पटना में तीन घंटे तक होने वाली इस बैठक का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया। टिप्पणियां
सरकार के अनुसार बैठक में निवेश के प्रस्तावों की स्वीकृति एवं संसाधनों को उपलब्ध कराने के लिए निवेशकों को सहायता पर विमर्श किया गया। इस बैठक में वेदांता के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल, प्रसिद्घ अर्थशास्त्री इस्सर अहलुवालिया, इंडियन होटल कॉरपोरेशन के अध्यक्ष वाईसी देवेश्वर, एचडीएफसी के अध्यक्ष दीपक पारिख सहित राज्य के कई मंत्री और उद्योगपति, प्रबंधन क्षेत्र की हस्तियों ने भाग लिया।
उल्लेखनीय है कि राज्य की सीमा में उद्योग लगाने पर सरकार ने कई सुविधाएं देने की घोषणा की है। इसके लिए 2006 में नई औद्योगिक प्रोत्साहन नीति बनाई गई। उद्यमियों के सलाह और सुझाव के बाद इस नीति में कुछ संशोधनों के साथ 2011 में नई औद्योगिक नीति बनाई गई।
सरकार के अनुसार बैठक में निवेश के प्रस्तावों की स्वीकृति एवं संसाधनों को उपलब्ध कराने के लिए निवेशकों को सहायता पर विमर्श किया गया। इस बैठक में वेदांता के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल, प्रसिद्घ अर्थशास्त्री इस्सर अहलुवालिया, इंडियन होटल कॉरपोरेशन के अध्यक्ष वाईसी देवेश्वर, एचडीएफसी के अध्यक्ष दीपक पारिख सहित राज्य के कई मंत्री और उद्योगपति, प्रबंधन क्षेत्र की हस्तियों ने भाग लिया।
उल्लेखनीय है कि राज्य की सीमा में उद्योग लगाने पर सरकार ने कई सुविधाएं देने की घोषणा की है। इसके लिए 2006 में नई औद्योगिक प्रोत्साहन नीति बनाई गई। उद्यमियों के सलाह और सुझाव के बाद इस नीति में कुछ संशोधनों के साथ 2011 में नई औद्योगिक नीति बनाई गई।
उल्लेखनीय है कि राज्य की सीमा में उद्योग लगाने पर सरकार ने कई सुविधाएं देने की घोषणा की है। इसके लिए 2006 में नई औद्योगिक प्रोत्साहन नीति बनाई गई। उद्यमियों के सलाह और सुझाव के बाद इस नीति में कुछ संशोधनों के साथ 2011 में नई औद्योगिक नीति बनाई गई। |
पीएम नरेंद्र मोदी दशहरा पर लखनऊ में जलाएंगे 'आतंकवाद' का रावण | ऐतिहासिक ऐशबाग रामलीला के आयोजकों में भारी उत्साह
संयोजक ने कहा, मोदी ने सेना का मनोबल बढ़ाया है, हम उनका मनोबल बढ़ाएंगे
समाजवादी पार्टी ने मोदी के कदम को कोरी सियासत बताया | लखनऊ की ऐतिहासिक ऐशबाग रामलीला में इस बार 'आतंकवाद' का रावण बनेगा और उसे जलाएंगे पीएम नरेंद्र मोदी. इस रामलीला के संयोजकों का कहना है कि पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की हिम्मत दिखाने वाले मोदी ही इस बार रावण को जलाने के सच्चे हकदार हैं. लेकिन समाजवादी पार्टी ने इसे कोरी सियासत बताया है.
ऐशबाग की रामलीला इस बार कुछ खास है. कभी अवध के नवाब असफुद्दौला ने रामलीला करने के लिए यहां 6 एकड़ जमीन दी थी. इस तरह नवाब असफुद्दौला के बनाए रामलीला मैदान में पीएम मोदी रावण जलाएंगे. पहली बार यहां दशहरा के आयोजन में कोई प्रधानमंत्री शामिल होंगे. इसके पहले अटलबिहारी वाजपेयी भी यहां एक बार रावण दहन कर चुके हैं, लेकिन तब वे प्रधानमंत्री नहीं थे.
मोदी के आने की खबर से रामलीला समिति में जबर्दस्त उत्साह है. समिति के संयोजक आदित्य अवस्थी ने एनडीटीवी से कहा ''उनके हाथों रावण दहन हो यह हमारे लिए बड़ी बात होगी. और उन्होंने जिस तरह आतंकवादियों को मिटाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक करने का साहस किया है वह बेमिसाल है. उन्होंने सेना का मनोबल बढ़ाया है...हम उनका मनोबल बढ़ाना चाहते हैं.'' टिप्पणियां
यह रमालीला समिति यहां हर बार रावण किसी सामाजिक बुराई पर बनाती है. यूपीए सरकार के वक्त यह घोटालों का रावण जला चुकी है. उरी में आतंकवादी हमले के बाद अब यह आतंकवाद का रावण बना रही है. आदित्य अवस्थी कहते हैं कि “इस समय देश की सबसे बड़ी समस्या आतंकवाद है. और उरी की घटना से तो पूरा देश आहत है. इसलिए हमें रावण बनाने के लिए यही सबसे उपयुक्त विषय लगा. ”
मोदी के दशहरे पर गैर बीजेपी दलों में प्रतिक्रिया हुई है. समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अंबिका चौधरी ने कहा है कि “मोदी दिल्ली से लखनऊ दशहरा मनाने के लिए आएं इसका कोई तुक नहीं.. अगर वे वाराणसी भी चले जाते तो फिर भी वह उनकी कांस्टीट्यूएंसी है. और रावण जलाने के मौके पर मोदी भाषण क्यों देना चाहते हैं. अगर यह त्योहार है तो इसे त्योहार ही रहने दें.”
ऐशबाग की रामलीला इस बार कुछ खास है. कभी अवध के नवाब असफुद्दौला ने रामलीला करने के लिए यहां 6 एकड़ जमीन दी थी. इस तरह नवाब असफुद्दौला के बनाए रामलीला मैदान में पीएम मोदी रावण जलाएंगे. पहली बार यहां दशहरा के आयोजन में कोई प्रधानमंत्री शामिल होंगे. इसके पहले अटलबिहारी वाजपेयी भी यहां एक बार रावण दहन कर चुके हैं, लेकिन तब वे प्रधानमंत्री नहीं थे.
मोदी के आने की खबर से रामलीला समिति में जबर्दस्त उत्साह है. समिति के संयोजक आदित्य अवस्थी ने एनडीटीवी से कहा ''उनके हाथों रावण दहन हो यह हमारे लिए बड़ी बात होगी. और उन्होंने जिस तरह आतंकवादियों को मिटाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक करने का साहस किया है वह बेमिसाल है. उन्होंने सेना का मनोबल बढ़ाया है...हम उनका मनोबल बढ़ाना चाहते हैं.'' टिप्पणियां
यह रमालीला समिति यहां हर बार रावण किसी सामाजिक बुराई पर बनाती है. यूपीए सरकार के वक्त यह घोटालों का रावण जला चुकी है. उरी में आतंकवादी हमले के बाद अब यह आतंकवाद का रावण बना रही है. आदित्य अवस्थी कहते हैं कि “इस समय देश की सबसे बड़ी समस्या आतंकवाद है. और उरी की घटना से तो पूरा देश आहत है. इसलिए हमें रावण बनाने के लिए यही सबसे उपयुक्त विषय लगा. ”
मोदी के दशहरे पर गैर बीजेपी दलों में प्रतिक्रिया हुई है. समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अंबिका चौधरी ने कहा है कि “मोदी दिल्ली से लखनऊ दशहरा मनाने के लिए आएं इसका कोई तुक नहीं.. अगर वे वाराणसी भी चले जाते तो फिर भी वह उनकी कांस्टीट्यूएंसी है. और रावण जलाने के मौके पर मोदी भाषण क्यों देना चाहते हैं. अगर यह त्योहार है तो इसे त्योहार ही रहने दें.”
मोदी के आने की खबर से रामलीला समिति में जबर्दस्त उत्साह है. समिति के संयोजक आदित्य अवस्थी ने एनडीटीवी से कहा ''उनके हाथों रावण दहन हो यह हमारे लिए बड़ी बात होगी. और उन्होंने जिस तरह आतंकवादियों को मिटाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक करने का साहस किया है वह बेमिसाल है. उन्होंने सेना का मनोबल बढ़ाया है...हम उनका मनोबल बढ़ाना चाहते हैं.'' टिप्पणियां
यह रमालीला समिति यहां हर बार रावण किसी सामाजिक बुराई पर बनाती है. यूपीए सरकार के वक्त यह घोटालों का रावण जला चुकी है. उरी में आतंकवादी हमले के बाद अब यह आतंकवाद का रावण बना रही है. आदित्य अवस्थी कहते हैं कि “इस समय देश की सबसे बड़ी समस्या आतंकवाद है. और उरी की घटना से तो पूरा देश आहत है. इसलिए हमें रावण बनाने के लिए यही सबसे उपयुक्त विषय लगा. ”
मोदी के दशहरे पर गैर बीजेपी दलों में प्रतिक्रिया हुई है. समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अंबिका चौधरी ने कहा है कि “मोदी दिल्ली से लखनऊ दशहरा मनाने के लिए आएं इसका कोई तुक नहीं.. अगर वे वाराणसी भी चले जाते तो फिर भी वह उनकी कांस्टीट्यूएंसी है. और रावण जलाने के मौके पर मोदी भाषण क्यों देना चाहते हैं. अगर यह त्योहार है तो इसे त्योहार ही रहने दें.”
यह रमालीला समिति यहां हर बार रावण किसी सामाजिक बुराई पर बनाती है. यूपीए सरकार के वक्त यह घोटालों का रावण जला चुकी है. उरी में आतंकवादी हमले के बाद अब यह आतंकवाद का रावण बना रही है. आदित्य अवस्थी कहते हैं कि “इस समय देश की सबसे बड़ी समस्या आतंकवाद है. और उरी की घटना से तो पूरा देश आहत है. इसलिए हमें रावण बनाने के लिए यही सबसे उपयुक्त विषय लगा. ”
मोदी के दशहरे पर गैर बीजेपी दलों में प्रतिक्रिया हुई है. समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अंबिका चौधरी ने कहा है कि “मोदी दिल्ली से लखनऊ दशहरा मनाने के लिए आएं इसका कोई तुक नहीं.. अगर वे वाराणसी भी चले जाते तो फिर भी वह उनकी कांस्टीट्यूएंसी है. और रावण जलाने के मौके पर मोदी भाषण क्यों देना चाहते हैं. अगर यह त्योहार है तो इसे त्योहार ही रहने दें.”
मोदी के दशहरे पर गैर बीजेपी दलों में प्रतिक्रिया हुई है. समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अंबिका चौधरी ने कहा है कि “मोदी दिल्ली से लखनऊ दशहरा मनाने के लिए आएं इसका कोई तुक नहीं.. अगर वे वाराणसी भी चले जाते तो फिर भी वह उनकी कांस्टीट्यूएंसी है. और रावण जलाने के मौके पर मोदी भाषण क्यों देना चाहते हैं. अगर यह त्योहार है तो इसे त्योहार ही रहने दें.” |
Sarkari Naukri: BHEL में इंजीनियर और एग्जीक्यूटिव ट्रेनी के 145 पदों पर निकली वैकेंसी, जानिए डिटेल | भेल ने 145 पदों पर वैकेंसी निकाली हैं.
इन पदों पर आज रात 10 बजे से आवेदन शुरू होंगे.
आवेदन करने की आखिरी तारीख 6 मई 2019 है. | - आवेदन करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें.BHEL Recruitment 2019
- पेज पर दिए गए Apply Online के लिंक पर क्लिक करें.
- मांगी गई सभी जानकारी भरकर आवेदन की प्रक्रिया पूरी करें.
वैकेंसी के संबंध में और अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें. |
Shahid Kapoor को 'कबीर सिंह' के लिए नहीं मिला बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड, तो गुस्से में छोड़ा अवॉर्ड समारोह | शाहिद कपूर को नहीं मिला बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड
गुस्से में शो बीच में ही छोड़कर आए बाहर
रिपोर्ट में हुआ खुलासा | बॉलीवुड एक्टर शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) ने इस साल अपने करियर की सबसे सुपरहिट फिल्म 'कबीर सिंह (Kabir Singh)' दी. दर्शकों को यह फिल्म काफी पसंद भी आई थी. 2019 की यह ब्लॉकबॉस्टर फिल्म साबित हुई थी. इस फिल्म ने शाहिद कपूर के करियर को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया. लेकिन हाल ही में, शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) एक अवार्ड शो से केवल इसलिए नाराज होकर बाहर निकल गए, क्योंकि उन्हें बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड नहीं मिला. शाहिद कपूर के इस व्यवहार को देख हर कोई हैरान है.
रानू मंडल इस तरह बनीं सोशल मीडिया सेंसेशन, इन Video ने पहुंचाया बुलंदियों पर
A post shared by Shahid Kapoor (@shahidkapoor) on Nov 24, 2019 at 9:18pm PST
दरअसल, पिंकविला की रिपोर्ट के मुताबिक अवार्ड शो में शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) को बेस्ट एक्टर पॉपुलर का अवार्ड देने का वादा किया गया था. इसके अलावा, शाहिद कपूर इस अवार्ड शो में परफॉर्म भी करने वाले थे. लेकिन आखिरी मिनट पर अवार्ड फंक्शन के मेकर्स ने बदलाव कर दिया. मेकर्स के इस बदलाव से शाहिद कपूर गुस्सा हो गए और अवार्ड फंक्शन बीच में ही छोड़कर चले गए.
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सूत्रों के मुताबिक, "शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) ने मेकर्स के इस फैसले से अपना आपा खो दिया और वह अचानक ही बीच में शो को छोड़कर चले गए. वह परफॉर्म करने वाले थे, हालांकि इसके बाद उन्होंने परफॉर्मेंस नहीं करने का फैसला लिया." बता दें, शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) जल्द ही तेलुगू की सुपरहिट फिल्म 'जर्सी (Jersey)' के हिंदी रीमेक में नजर आने वाले हैं. इसके लिए उन्होंने शूटिंग भी शुरू कर दी है. |
डब्बू अंकल ने गोविंदा के साथ लगाये ठुमके, डांस शो पर माधुरी दीक्षित ने भी किया डांस | डब्बू अंकल ने किया डांस
गोविंदा के साथ शेयर किया स्टेज
'डांस दीवाने' पर लगाए ठुमके | Nothing like watching the ultimate Diva @MadhuriDixit & the Hero No 1 @govindaahuja21 LIVE. Pure Magic. On the sets of #DanceDeewanepic.twitter.com/igTj0mgIuw |
यूपी के 'साइलेंस पांडे' से मिलकर खुश हुए जैकी श्रॉफ, बोले- 'असली बीड़ू, एकदम असली...' देखें Video | जैकी श्रॉफ ने पोस्ट किया वीडियो
यूपी के साइलेंस पांडे से मिले
खुश होकर लिखी ये बात | बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर जैकी श्रॉफ (Jackie Shroff) अपने स्टाइल, अंदाज और बोलचाल से हमेशा से दीवाना बनाया है. फिल्म में चाहे टपोरी स्टाइल में बात करने की हो या फिर असल जिंदगी में बात करने की, कुछ ही मिनटों में आम इंसान जैकी श्राफ को 'दादा-दादा' कहने पर मजबूर हो जाता है. जैकी श्रॉफ ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट के टाइमलाइन पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह उत्तर प्रदेश के रहने वाले शख्स से मिले जो उनके साथ वीडियो बना रहा है. जैकी दादा ने जब उससे नाम पूछा तो उसने जवाब दिया कि मैं 'साइलेंस पांडे'. इस पर जैकी श्रॉफ काफी अट्रैक्ट हो गए और उससे लगातार बात करने लगे.
A post shared by Jackie Shroff (@apnabhidu) on Dec 25, 2018 at 11:04am PST
जैकी श्रॉफ सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं और 'जैकी दादा' लोगों को बीड़ू कहने के लिए भी काफी मशहूर हैं. इस वीडियो में भी जैकी श्रॉफ यूपी के साइलेंस पांडे से बीड़ू कहकर पुकारा. उन्होंने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, 'असली बीड़ू, एकदम असली...' इस वीडियो में जैकी दादा ने साइलेंस को टपली भी दिया और कहा कि यूपी का कभी कुछ खिलाओ. फिलहाल जैकी श्रॉफ का यह देसी लोगों को खूब पसंद आया.
वीडियो को देखने के बाद दादा के फैन्स ने खूब कमेंट किया. एक ने लिखा- 'हमेशा की तरह छोटी-छोटी चीजों को ढूंढते हैं, जो लोग अक्सर अनदेखा कर देते हैं.' एक दूसरे फैन ने लिखा, 'कैसे कोई इतना कूल रह सकता है.'
A post shared by Jackie Shroff (@apnabhidu) on Oct 7, 2018 at 1:24pm PDT
फिलहाल जैकी श्रॉफ अपनी एक्टिंग के अलावा डाउन टू अर्थ रहने की वजह से भी जाने जाते हैं. उनकी बात करें तो एक इंटरव्यू में अनिल कपूर ने खुलासा किया था. अनिल कपूर नो फिल्टर नेहा सीजन 3 (No Filter Neha Season 3) में नेहा धूपिया के दिलचस्प सवालों के जवाब दिया था. अनिल कपूर ने बताया कि एक बार जैकी श्रॉफ ने शूटिंग के दौरान उन्हें 16 झापड़ रसीद किए थे.
अनिल कपूर ने कहा, "जैकी श्रॉफ बहुत ही स्ट्रॉन्ग शख्स हैं, उनके झापड़ के मायने हैं. जैकी के मतलब जैकी हैं, वो मुझे पीटना नहीं चाहते थे. वे दिखते बहुत टफ हैं लेकिन हैं बहुत सॉफ्ट. मैं दिखता सॉफ्ट हूं लेकिन हूं टफ. मैंने कहा मार यार जितना मारना है, एक्सप्रेशंस करेक्ट आने चाहिए. शायद उसने 16-17 थप्पड़ मार दिए थे..." |
सेना प्रमुख से औपचारिक शिकायत मांग सकती है सीबीआई | केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) एक रक्षा सौदे को मंजूरी देने के लिए 14 करोड़ रुपये की रिश्वत के सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह के दावे के मामले में उनसे औपचारिक शिकायत के लिए कह सकती है। | केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) एक रक्षा सौदे को मंजूरी देने के लिए 14 करोड़ रुपये की रिश्वत के सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह के दावे के मामले में उनसे औपचारिक शिकायत के लिए कह सकती है।
सूत्रों के अनुसार, जनरल सिंह से औपचारिक शिकायत मिलने के बाद ही कोई कार्रवाई की जा सकती है। सूत्रों का यह भी कहना है कि सीबीआई ने सेना प्रमुख से इस मामले में औपचारिक शिकायत के साथ-साथ लॉबिस्ट से मुलाकात की तिथि और सम्भावित गवाहों के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है।टिप्पणियां
सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, "जब तक सेना प्रमुख की ओर से औपचारिक शिकायत नहीं मिल जाती, मामला दर्ज नहीं किया जाएगा। जैसे ही हमें औपचारिक शिकायत मिलेगी, इस मामले में शिकायत दर्ज होगी।"
सीबीआई अधिकारी ने कहा कि एजेंसी को रक्षा मंत्रालय से आरोपों की जांच के निर्देश मिले हैं और इसने तय प्रक्रियाओं के तहत कार्यवाही की है।
सूत्रों के अनुसार, जनरल सिंह से औपचारिक शिकायत मिलने के बाद ही कोई कार्रवाई की जा सकती है। सूत्रों का यह भी कहना है कि सीबीआई ने सेना प्रमुख से इस मामले में औपचारिक शिकायत के साथ-साथ लॉबिस्ट से मुलाकात की तिथि और सम्भावित गवाहों के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है।टिप्पणियां
सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, "जब तक सेना प्रमुख की ओर से औपचारिक शिकायत नहीं मिल जाती, मामला दर्ज नहीं किया जाएगा। जैसे ही हमें औपचारिक शिकायत मिलेगी, इस मामले में शिकायत दर्ज होगी।"
सीबीआई अधिकारी ने कहा कि एजेंसी को रक्षा मंत्रालय से आरोपों की जांच के निर्देश मिले हैं और इसने तय प्रक्रियाओं के तहत कार्यवाही की है।
सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, "जब तक सेना प्रमुख की ओर से औपचारिक शिकायत नहीं मिल जाती, मामला दर्ज नहीं किया जाएगा। जैसे ही हमें औपचारिक शिकायत मिलेगी, इस मामले में शिकायत दर्ज होगी।"
सीबीआई अधिकारी ने कहा कि एजेंसी को रक्षा मंत्रालय से आरोपों की जांच के निर्देश मिले हैं और इसने तय प्रक्रियाओं के तहत कार्यवाही की है।
सीबीआई अधिकारी ने कहा कि एजेंसी को रक्षा मंत्रालय से आरोपों की जांच के निर्देश मिले हैं और इसने तय प्रक्रियाओं के तहत कार्यवाही की है। |
इटली में विराट कोहली से ब्याह रचा रही थीं अनुष्का शर्मा तो मुंबई में शाहरुख खान का था हाल बेहाल | हाल ही में शाहरुख और अनुष्का आए थे साथ
'जब हैरी मेट सेजल' में थे लीड में
फिल्म बॉक्स ऑफिस पर रही थी फ्लॉप | Ab yeh hui na real Rab Ne Bana Di Jodi. My love to both @anushkasharma & @virat.kohli May God bless u with happiness & health
A post shared by Shah Rukh Khan (@iamsrk) on Dec 11, 2017 at 12:01pm PST |
भारत में सहायता कार्यक्रम जारी रखेगा ब्रिटेन : कैमरन | सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी के कुछ सांसदों द्वारा सहायता कार्यक्रम बंद करने तथा भारत को इसकी जरूरत नहीं होने की रिपोर्ट के बीच कैमरन ने यह बात कही है। | प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने ब्रिटेन के इस निर्णय को दोहराया है कि उनका देश भारत में सहायता कार्यक्रम जारी रखेगा। सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी के कुछ सांसदों द्वारा सहायता कार्यक्रम बंद करने तथा भारत को इसकी जरूरत नहीं होने की रिपोर्ट के बीच कैमरन ने यह बात कही है।टिप्पणियां
प्रधानमंत्री के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमने भारत को दी जाने वाली सहायता प्रतिबद्धता की समीक्षा की है। हमने इसे जारी रखने का निर्णय किया है। हम भारत को वित्तीय सहायता देते रहेंगे लेकिन हम तीन सर्वाधिक गरीब राज्यों पर ध्यान देंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसका कारण यह है कि उन तीन राज्यों में गरीबों की बड़ी संख्या निवास करती है..।’’
उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय विकास मंत्री एंड्रयू मिशेल ने कल भारत को दी जाने वाली सहायता की वकालत की और कहा, ‘‘हम हमेशा भारत को मदद नहीं करते रहेंगे लेकिन अभी वहां से बाहर निकलने का समय नहीं आया है। हम भारत में जो कार्यक्रम चला रहे हैं, वह ब्रिटेन के हित में है। साथ ही यह दोनों देशों के बीच मजबूत संबधों का एक छोटा लेकिन प्रमुख हिस्सा है।’’ हालांकि उन्होंने कहा, ‘‘हम अपना रुख बदल रहे हैं। हम केंद्र सरकार की बजाए भारत के तीन सर्वाधिक गरीब राज्यों पर ध्यान देंगे। हम निजी क्षेत्र में और निवेश करेंगे।’’
प्रधानमंत्री के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमने भारत को दी जाने वाली सहायता प्रतिबद्धता की समीक्षा की है। हमने इसे जारी रखने का निर्णय किया है। हम भारत को वित्तीय सहायता देते रहेंगे लेकिन हम तीन सर्वाधिक गरीब राज्यों पर ध्यान देंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसका कारण यह है कि उन तीन राज्यों में गरीबों की बड़ी संख्या निवास करती है..।’’
उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय विकास मंत्री एंड्रयू मिशेल ने कल भारत को दी जाने वाली सहायता की वकालत की और कहा, ‘‘हम हमेशा भारत को मदद नहीं करते रहेंगे लेकिन अभी वहां से बाहर निकलने का समय नहीं आया है। हम भारत में जो कार्यक्रम चला रहे हैं, वह ब्रिटेन के हित में है। साथ ही यह दोनों देशों के बीच मजबूत संबधों का एक छोटा लेकिन प्रमुख हिस्सा है।’’ हालांकि उन्होंने कहा, ‘‘हम अपना रुख बदल रहे हैं। हम केंद्र सरकार की बजाए भारत के तीन सर्वाधिक गरीब राज्यों पर ध्यान देंगे। हम निजी क्षेत्र में और निवेश करेंगे।’’
उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय विकास मंत्री एंड्रयू मिशेल ने कल भारत को दी जाने वाली सहायता की वकालत की और कहा, ‘‘हम हमेशा भारत को मदद नहीं करते रहेंगे लेकिन अभी वहां से बाहर निकलने का समय नहीं आया है। हम भारत में जो कार्यक्रम चला रहे हैं, वह ब्रिटेन के हित में है। साथ ही यह दोनों देशों के बीच मजबूत संबधों का एक छोटा लेकिन प्रमुख हिस्सा है।’’ हालांकि उन्होंने कहा, ‘‘हम अपना रुख बदल रहे हैं। हम केंद्र सरकार की बजाए भारत के तीन सर्वाधिक गरीब राज्यों पर ध्यान देंगे। हम निजी क्षेत्र में और निवेश करेंगे।’’ |
प्रायश्चित्त के लिए बापू की शरण में आई क्रिस्टेन स्टीवर्ट | यह हॉलीवुड अभिनेत्री अपने मित्र रॉबर्ट पैटिन्सन को प्यार में धोखा देने के बाद प्रायश्चित्त करने के लिए 'बापू' के बारे में लगातार पढ़ रही है... | हॉलीवुड की बेहद चर्चित फिल्म शृंखला 'ट्वाइलाइट' में अपने अभिनय के लिए सबसे ज़्यादा पसंद की जाने वाली अभिनेत्री क्रिस्टेन स्टीवर्ट ने अपने मित्र रॉबर्ट पैटिन्सन को धोखा देने के बाद प्रायश्चित्त करने के लिए 'बापू' के नाम से संबोधित किए जाने वाले भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की शरण ली है, और गांधीजी के बारे में लगातार पढ़ रही हैं।
उल्लेखनीय है कि क्रिस्टेन जिन दिनों पैटिन्सन के साथ वक्त गुजार रही थीं, उसी दरमियान उन्होंने 'स्नोव्हाइट एंड द हंट्समैन' के निर्देशक रूपर्ट सैन्डर्स के साथ संबंध बना लिए थे, लेकिन अब वह आत्मग्लानि के तहत इसी का प्रायश्चित्त करने के लिए गांधीजी से संबंधित किताबें पढ़ रही हैं।टिप्पणियां
वेबसाइट राडारऑनलाइन.काम ने एक सूत्र के हवाले से बताया, "क्रिस्टेन स्वयं के अंदर शांति तलाश कर रही हैं। वह खूब पढ़ रही हैं। उन्हें दर्शन एवं आध्यात्मिकता में हमेशा रुचि रही है।"
सूत्र के अनुसार 'ईट प्री एवं लव' देखने के बाद क्रिस्टेन ने गांधीजी के विषय में और जानने का निश्चय किया, और सूत्र ने यह भी बताया है कि क्रिस्टेन ने गांधीजी की आत्मकथा भी पढ़ डाली है।
उल्लेखनीय है कि क्रिस्टेन जिन दिनों पैटिन्सन के साथ वक्त गुजार रही थीं, उसी दरमियान उन्होंने 'स्नोव्हाइट एंड द हंट्समैन' के निर्देशक रूपर्ट सैन्डर्स के साथ संबंध बना लिए थे, लेकिन अब वह आत्मग्लानि के तहत इसी का प्रायश्चित्त करने के लिए गांधीजी से संबंधित किताबें पढ़ रही हैं।टिप्पणियां
वेबसाइट राडारऑनलाइन.काम ने एक सूत्र के हवाले से बताया, "क्रिस्टेन स्वयं के अंदर शांति तलाश कर रही हैं। वह खूब पढ़ रही हैं। उन्हें दर्शन एवं आध्यात्मिकता में हमेशा रुचि रही है।"
सूत्र के अनुसार 'ईट प्री एवं लव' देखने के बाद क्रिस्टेन ने गांधीजी के विषय में और जानने का निश्चय किया, और सूत्र ने यह भी बताया है कि क्रिस्टेन ने गांधीजी की आत्मकथा भी पढ़ डाली है।
वेबसाइट राडारऑनलाइन.काम ने एक सूत्र के हवाले से बताया, "क्रिस्टेन स्वयं के अंदर शांति तलाश कर रही हैं। वह खूब पढ़ रही हैं। उन्हें दर्शन एवं आध्यात्मिकता में हमेशा रुचि रही है।"
सूत्र के अनुसार 'ईट प्री एवं लव' देखने के बाद क्रिस्टेन ने गांधीजी के विषय में और जानने का निश्चय किया, और सूत्र ने यह भी बताया है कि क्रिस्टेन ने गांधीजी की आत्मकथा भी पढ़ डाली है।
सूत्र के अनुसार 'ईट प्री एवं लव' देखने के बाद क्रिस्टेन ने गांधीजी के विषय में और जानने का निश्चय किया, और सूत्र ने यह भी बताया है कि क्रिस्टेन ने गांधीजी की आत्मकथा भी पढ़ डाली है। |
बैंगलोर ने 85 रनों से पंजाब को हराया | 206 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी किंग्स इलेवन पंजाब ने 20 ओवरों में नौ विकेट के नुकसान पर 120 रन बनाए। | सलामी बल्लेबाज क्रिस गेल के तूफानी बल्ले से निकले रनों के अंबार की बदौलत रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर टीम ने चिन्नास्वामी स्टेडियम में किंग्स इलेवन पंजाब टीम को शुक्रवार को खेले गए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के लीग मुकाबले में 85 रनों से पराजित कर दिया। इस लक्ष्य की पीछा करने उतरी किंग्स इलेवन की टीम निर्धारित 20 ओवरों में नौ विकेट के नुकसान पर 120 रन ही बना सकी और 85 रनों के अंतर से उसने यह मैच गंवा दिया। इससे पहले, क्रिस गेल के तूफानी बल्ले से निकले रनों के अंबार की बदौलत रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर टीम ने चिन्नास्वामी स्टेडियम में शुक्रवार को किंग्स इलेवन पंजाब टीम के साथ जारी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के लीग मुकाबले में टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबजी करते हुए 20 ओवरों में छह विकेट पर 205 रन बनाए। इस लक्ष्य की पीछा करने के लिए किंग्स इलेवन की ओर से गिलक्रिस्ट और वाल्थटी ने पारी की शुरुआत की लेकिन पहली ही गेंद पर एक रन चुराने के चक्कर में गिलक्रिस्ट असद पठान के एक सीधे थ्रो पर रन आउट हो गए। गिलक्रिस्ट अपना खाता भी नहीं खोल सके। अगले ही ओवर में नायर भी चलते बने। श्रीनाथ अरविंद ने उन्हें आउट किया। उन्होंने सिर्फ एक ही रन बनाए। इसके बाद सम्भलकर खेल रहे वाल्थटी भी गेल की गेंद को पढ़ने में नाकाम रहे और सौरभ तिवारी ने उनका कैच लपकने में कोई भूल नहीं की। वाल्थटी ने 16 गेंदों पर 21 रनों की पारी खेली। आईपीएल के इस सत्र में दूसरा शतक लगाने वाले कैरेबियाई धुरंधर गेल ने 49 गेंदों पर 10 चौकों और नौ छक्कों की मदद से 107 रनों की तूफानी पारी खेली। गेल ने 46 गेंदों पर शतक पूरा किया। यह इस सत्र का सबसे तेज शतक है। गेल ने 27 रन बनाकर 15वें ओवर की अंतिम गेंद पर आउट हुए विराट कोहली के साथ दूसरे विकेट के लिए 111 रनों की साझेदारी निभाई। स्थानापन्न के तौर पर रॉयल चैलेंजर्स के लिए खेल रहे गेल ने कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ भी शतक लगाया था। पारी की शुरुआत करने आए गेल 15वें ओवर की चौथी गेंद पर 154 रन के कुल योग पर आउट हुए। इस तरह वह आईपीएल के किसी एक सत्र में दो शतक लगाने वाले पहले और आईपीएल में अब तक दो शतक लगाने वाले दूसरे बल्लेबाज बन गए हैं। इससे पहले आस्ट्रेलिया के डेविड वार्नर ने दिल्ली डेयर डेविल्स के लिए खेलते हुए 2009 और 2011 सत्र में शतक लगाए हैं। रॉयल चैलेंजर्स ने अच्छी शुरुआत के बाद अपने सलामी बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान का विकेट गंवाया। दिलशान 43 रन के कुल योग पर 16 रन बनाकर रेयान मैक्लॉरेन की गेंद पर आउट हुए। उन्होंने नौ गेंदों की पारी में चार चौके लगाए। इसके बाद गेल और कोहली ने किंग्स इलेवन की आक्रमण की बखिया उधेड़ते हुए मात्र 9.2 ओवरों में 111 रन जोड़े। कोहली ने अपनी 31 गेंदों की पारी में चार चौके लगाए। इसके बाद सौरव तिवारी का विकेट गिरा, जिन्होंने नौ गेंदों पर दो चौकों की मदद से 13 रन बनाए। असद खान ने हालांकि निराश किया। रेयान हैरिस ने असद को खाता भी नहीं खोलने दिया। मोहम्मद कैफ भी कुछ खास नहीं कर सके और तीन रन बनाकर हैरिस की गेंद पर बोल्ड हुए। अब्राहम डिविलियर्स 14 गेंदों पर दो चौकों और दो छक्कों की सहायता से 27 रन बनाए। किंग्स इलेवन की ओरसे हैरिस ने तीन, पीयूष चावला ने दो और रेयान मैक्लॉरेन ने एक विकेट लिया। रॉयल चैलेंजर्स ने अब तक आठ मैच खेले हैं। चार में उसे जीत मिली है जबकि तीन में उसकी हार हुई है। एक मैच रद्द हो गया था, जिसके बदले उसे एक अंक प्राप्त हुआ था। किंग्स इलेवन टीम ने अब तक सात मैच खेले हैं। तीन में उसे जीत मिली है जबकि चार में उसे हार का मुंह देखना पड़ा है। |
बायोपिक में मेरा गुणगान नहीं, यह खिलाड़ी के रूप में मेरा सफर दिखाती है : धोनी | 'फिल्म पेशेवर खिलाड़ी के सफर के बारे में है और इसे यही दिखाना चाहिए'
आत्मकथा के बारे में पूछने पर धोनी ने कहा कि ऐसा करने में समय लगेगा
धोनी ने कहा कि खेल में कम समय में नतीजे नहीं मिलते | महेंद्र सिंह धोनी चाहते थे कि उनके जीवन पर बनी फिल्म में उनकी यात्रा को दिखाया जाए लेकिन उनका गुणगान नहीं किया जाए और फिल्म के निर्देशक नीरज पांडे को ‘एमएस धोनी - द अनटोल्ड स्टोरी’ के शुरुआती चरण के दौरान भारत के सीमित ओवरों के कप्तान ने यही बात कही थी.
पत्नी साक्षी और निर्माता अरुण पांडे (जिनकी कंपनी धोनी का प्रबंधन करती है) के साथ अपनी फिल्म का प्रचार करने अमेरिका आए धोनी ने अपने जीवन और एक छोटे शहर के प्रतिभावान लड़के से भारत के सबसे सम्मानित कप्तानों में से एक बनने के बदलाव पर बात की. यह फिल्म दुनियाभर में 30 सितंबर को रिलीज होगी.
धोनी ने यहां फिल्म के प्रचार कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘एक चीज मैंने पांडे (निर्देशक नीरज) को कही कि इस फिल्म में मेरा गुणगान नहीं होना चाहिए. यह पेशेवर खिलाड़ी के सफर के बारे में है और इसे यही दिखाना चाहिए.’ असल जीवन में वर्तमान में जीने वाले धोनी के लिए यह मुश्किल था कि वह अपने जीवन में पीछे जाएं और फिल्म के लिए कहानी नीरज को सुनाएं. धोनी से जब यह पूछा गया कि क्या वह चिंतित हैं कि फिल्म देखने के बाद एक व्यक्ति और क्रिकेटर के रूप में दुनिया उन्हें किस तरह देखेगी तो उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘शुरुआत में जब फिल्म की धारणा रखी गई तो मैं थोड़ा चिंतित था लेकिन एक बार काम शुरू होने के बाद मैं चिंतित नहीं था क्योंकि मैं सिर्फ अपनी कहानी बयां कर रहा था.’ धोनी ने साथ ही अपने क्रिकेट जीवन के उन लम्हों को भी साझा किया जिनका उन पर बड़ा असर पड़ा. भारतीय कप्तान ने कहा कि 2007 विश्व कप में हार और उनके तथा टीम के खिलाफ प्रतिक्रिया का उन पर गहरा असर पड़ा और कुछ हद तक यह अनुभव उनके जीवन का टर्निंग प्वाइंट रहा.
उन्होंने कहा कि जब टीम क्रिकेट मैच हारती है तो भारत में समझा जाता है कि वे ऐसे लोग हैं जिन्होंने कोई अपराध किया है या वे हत्यारे या आतंकवादी हैं. उन्होंने 2007 विश्व कप के पहले दौर से बाहर होने के बुरे समय को भी याद किया जब लोगों ने उनके घर पर पत्थर बरसाए थे. धोनी ने स्वीकार किया कि उनकी कप्तानी उनकी दिल की आवाज अधिक है क्योंकि उन्होंने जीवन के अनुभव से काफी कुछ सीखा है. यह पूछने पर कि क्या वह खुद अपनी भूमिका निभा सकते थे तो धोनी ने कहा, ‘अभिनय काफी मुश्किल काम है जिसे अभिनेताओं पर छोड़ देना चाहिए जिन्हें पता है कि क्या करना है.’
धोनी ने कहा कि खड़गपुर रेलवे स्टेशन में टीटीई के रूप में काम करने ने उन्हें कड़ा बनाया और वह बेहतर व्यक्ति बने. आत्मकथा के बारे में पूछने पर धोनी ने कहा कि किताब लिखने में अधिक प्रयास लगते हैं और ऐसा करने में समय लगेगा. उन्होंने कहा, ‘किताब अपना समय लेगी. किताब लिखने की धारणा असल में फिल्म से पहले आई थी लेकिन इसके लिए अधिक प्रयास की जरूरत है. किताब अधिक विस्तृत होगी.’
धोनी ने फिल्म के नायक सुशांत सिंह राजपूत को ‘शानदार अभिनेता’ करार दिया जिन्होंने फिल्म के लिए कड़ी मेहनत की है और विभिन्न सेलीब्रिटीज क्रिकेट लीग में वह अब बेहतर क्रिकेटरों में से एक हैं. धोनी ने बताया कि सुशांत चाहते थे कि उन्हें क्रिकेट खेलते हुए धोनी की मानसिकता के बारे में पता चले. उन्होंने कहा, ‘यह मुश्किल था क्योंकि काफी चीजें ऐसी थी जो मैं उसे नहीं बता सकता था क्योंकि मैं अब भी सक्रिय क्रिकेट खेल रहा हूं और कप्तानी कर रहा हूं.’टिप्पणियां
धोनी ने कहा कि पर्याप्त बुनियादी ढांचा और मार्गदर्शन के अलावा जज्बा भारत को ‘खेल राष्ट्र’ बना सकता है. धोनी ने कहा कि खेल में कम समय में नतीजे नहीं मिलते. उन्होंने कहा, ‘एक ओलिंपिक के बाद अगर हम खेल में निवेश करें और कहें कि अगले ओलिंपिक में स्वर्ण पदक मिलेगा तो खेल में ऐसा नहीं होता. यह ऐसे काम करता है कि आप बुनियादी ढांचा मुहैया कराएं, खान पान और स्वास्थ्य के बारे में शिक्षा दें.’ उन्होंने कहा, ‘एक समय बाद जब सभी चीजें खिलाड़ियों को मिलेंगी तो देश खेल राष्ट्र के रूप में विकसित होगा. यह काफी अहम है.’(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पत्नी साक्षी और निर्माता अरुण पांडे (जिनकी कंपनी धोनी का प्रबंधन करती है) के साथ अपनी फिल्म का प्रचार करने अमेरिका आए धोनी ने अपने जीवन और एक छोटे शहर के प्रतिभावान लड़के से भारत के सबसे सम्मानित कप्तानों में से एक बनने के बदलाव पर बात की. यह फिल्म दुनियाभर में 30 सितंबर को रिलीज होगी.
धोनी ने यहां फिल्म के प्रचार कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘एक चीज मैंने पांडे (निर्देशक नीरज) को कही कि इस फिल्म में मेरा गुणगान नहीं होना चाहिए. यह पेशेवर खिलाड़ी के सफर के बारे में है और इसे यही दिखाना चाहिए.’ असल जीवन में वर्तमान में जीने वाले धोनी के लिए यह मुश्किल था कि वह अपने जीवन में पीछे जाएं और फिल्म के लिए कहानी नीरज को सुनाएं. धोनी से जब यह पूछा गया कि क्या वह चिंतित हैं कि फिल्म देखने के बाद एक व्यक्ति और क्रिकेटर के रूप में दुनिया उन्हें किस तरह देखेगी तो उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘शुरुआत में जब फिल्म की धारणा रखी गई तो मैं थोड़ा चिंतित था लेकिन एक बार काम शुरू होने के बाद मैं चिंतित नहीं था क्योंकि मैं सिर्फ अपनी कहानी बयां कर रहा था.’ धोनी ने साथ ही अपने क्रिकेट जीवन के उन लम्हों को भी साझा किया जिनका उन पर बड़ा असर पड़ा. भारतीय कप्तान ने कहा कि 2007 विश्व कप में हार और उनके तथा टीम के खिलाफ प्रतिक्रिया का उन पर गहरा असर पड़ा और कुछ हद तक यह अनुभव उनके जीवन का टर्निंग प्वाइंट रहा.
उन्होंने कहा कि जब टीम क्रिकेट मैच हारती है तो भारत में समझा जाता है कि वे ऐसे लोग हैं जिन्होंने कोई अपराध किया है या वे हत्यारे या आतंकवादी हैं. उन्होंने 2007 विश्व कप के पहले दौर से बाहर होने के बुरे समय को भी याद किया जब लोगों ने उनके घर पर पत्थर बरसाए थे. धोनी ने स्वीकार किया कि उनकी कप्तानी उनकी दिल की आवाज अधिक है क्योंकि उन्होंने जीवन के अनुभव से काफी कुछ सीखा है. यह पूछने पर कि क्या वह खुद अपनी भूमिका निभा सकते थे तो धोनी ने कहा, ‘अभिनय काफी मुश्किल काम है जिसे अभिनेताओं पर छोड़ देना चाहिए जिन्हें पता है कि क्या करना है.’
धोनी ने कहा कि खड़गपुर रेलवे स्टेशन में टीटीई के रूप में काम करने ने उन्हें कड़ा बनाया और वह बेहतर व्यक्ति बने. आत्मकथा के बारे में पूछने पर धोनी ने कहा कि किताब लिखने में अधिक प्रयास लगते हैं और ऐसा करने में समय लगेगा. उन्होंने कहा, ‘किताब अपना समय लेगी. किताब लिखने की धारणा असल में फिल्म से पहले आई थी लेकिन इसके लिए अधिक प्रयास की जरूरत है. किताब अधिक विस्तृत होगी.’
धोनी ने फिल्म के नायक सुशांत सिंह राजपूत को ‘शानदार अभिनेता’ करार दिया जिन्होंने फिल्म के लिए कड़ी मेहनत की है और विभिन्न सेलीब्रिटीज क्रिकेट लीग में वह अब बेहतर क्रिकेटरों में से एक हैं. धोनी ने बताया कि सुशांत चाहते थे कि उन्हें क्रिकेट खेलते हुए धोनी की मानसिकता के बारे में पता चले. उन्होंने कहा, ‘यह मुश्किल था क्योंकि काफी चीजें ऐसी थी जो मैं उसे नहीं बता सकता था क्योंकि मैं अब भी सक्रिय क्रिकेट खेल रहा हूं और कप्तानी कर रहा हूं.’टिप्पणियां
धोनी ने कहा कि पर्याप्त बुनियादी ढांचा और मार्गदर्शन के अलावा जज्बा भारत को ‘खेल राष्ट्र’ बना सकता है. धोनी ने कहा कि खेल में कम समय में नतीजे नहीं मिलते. उन्होंने कहा, ‘एक ओलिंपिक के बाद अगर हम खेल में निवेश करें और कहें कि अगले ओलिंपिक में स्वर्ण पदक मिलेगा तो खेल में ऐसा नहीं होता. यह ऐसे काम करता है कि आप बुनियादी ढांचा मुहैया कराएं, खान पान और स्वास्थ्य के बारे में शिक्षा दें.’ उन्होंने कहा, ‘एक समय बाद जब सभी चीजें खिलाड़ियों को मिलेंगी तो देश खेल राष्ट्र के रूप में विकसित होगा. यह काफी अहम है.’(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
धोनी ने यहां फिल्म के प्रचार कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘एक चीज मैंने पांडे (निर्देशक नीरज) को कही कि इस फिल्म में मेरा गुणगान नहीं होना चाहिए. यह पेशेवर खिलाड़ी के सफर के बारे में है और इसे यही दिखाना चाहिए.’ असल जीवन में वर्तमान में जीने वाले धोनी के लिए यह मुश्किल था कि वह अपने जीवन में पीछे जाएं और फिल्म के लिए कहानी नीरज को सुनाएं. धोनी से जब यह पूछा गया कि क्या वह चिंतित हैं कि फिल्म देखने के बाद एक व्यक्ति और क्रिकेटर के रूप में दुनिया उन्हें किस तरह देखेगी तो उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘शुरुआत में जब फिल्म की धारणा रखी गई तो मैं थोड़ा चिंतित था लेकिन एक बार काम शुरू होने के बाद मैं चिंतित नहीं था क्योंकि मैं सिर्फ अपनी कहानी बयां कर रहा था.’ धोनी ने साथ ही अपने क्रिकेट जीवन के उन लम्हों को भी साझा किया जिनका उन पर बड़ा असर पड़ा. भारतीय कप्तान ने कहा कि 2007 विश्व कप में हार और उनके तथा टीम के खिलाफ प्रतिक्रिया का उन पर गहरा असर पड़ा और कुछ हद तक यह अनुभव उनके जीवन का टर्निंग प्वाइंट रहा.
उन्होंने कहा कि जब टीम क्रिकेट मैच हारती है तो भारत में समझा जाता है कि वे ऐसे लोग हैं जिन्होंने कोई अपराध किया है या वे हत्यारे या आतंकवादी हैं. उन्होंने 2007 विश्व कप के पहले दौर से बाहर होने के बुरे समय को भी याद किया जब लोगों ने उनके घर पर पत्थर बरसाए थे. धोनी ने स्वीकार किया कि उनकी कप्तानी उनकी दिल की आवाज अधिक है क्योंकि उन्होंने जीवन के अनुभव से काफी कुछ सीखा है. यह पूछने पर कि क्या वह खुद अपनी भूमिका निभा सकते थे तो धोनी ने कहा, ‘अभिनय काफी मुश्किल काम है जिसे अभिनेताओं पर छोड़ देना चाहिए जिन्हें पता है कि क्या करना है.’
धोनी ने कहा कि खड़गपुर रेलवे स्टेशन में टीटीई के रूप में काम करने ने उन्हें कड़ा बनाया और वह बेहतर व्यक्ति बने. आत्मकथा के बारे में पूछने पर धोनी ने कहा कि किताब लिखने में अधिक प्रयास लगते हैं और ऐसा करने में समय लगेगा. उन्होंने कहा, ‘किताब अपना समय लेगी. किताब लिखने की धारणा असल में फिल्म से पहले आई थी लेकिन इसके लिए अधिक प्रयास की जरूरत है. किताब अधिक विस्तृत होगी.’
धोनी ने फिल्म के नायक सुशांत सिंह राजपूत को ‘शानदार अभिनेता’ करार दिया जिन्होंने फिल्म के लिए कड़ी मेहनत की है और विभिन्न सेलीब्रिटीज क्रिकेट लीग में वह अब बेहतर क्रिकेटरों में से एक हैं. धोनी ने बताया कि सुशांत चाहते थे कि उन्हें क्रिकेट खेलते हुए धोनी की मानसिकता के बारे में पता चले. उन्होंने कहा, ‘यह मुश्किल था क्योंकि काफी चीजें ऐसी थी जो मैं उसे नहीं बता सकता था क्योंकि मैं अब भी सक्रिय क्रिकेट खेल रहा हूं और कप्तानी कर रहा हूं.’टिप्पणियां
धोनी ने कहा कि पर्याप्त बुनियादी ढांचा और मार्गदर्शन के अलावा जज्बा भारत को ‘खेल राष्ट्र’ बना सकता है. धोनी ने कहा कि खेल में कम समय में नतीजे नहीं मिलते. उन्होंने कहा, ‘एक ओलिंपिक के बाद अगर हम खेल में निवेश करें और कहें कि अगले ओलिंपिक में स्वर्ण पदक मिलेगा तो खेल में ऐसा नहीं होता. यह ऐसे काम करता है कि आप बुनियादी ढांचा मुहैया कराएं, खान पान और स्वास्थ्य के बारे में शिक्षा दें.’ उन्होंने कहा, ‘एक समय बाद जब सभी चीजें खिलाड़ियों को मिलेंगी तो देश खेल राष्ट्र के रूप में विकसित होगा. यह काफी अहम है.’(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा, ‘शुरुआत में जब फिल्म की धारणा रखी गई तो मैं थोड़ा चिंतित था लेकिन एक बार काम शुरू होने के बाद मैं चिंतित नहीं था क्योंकि मैं सिर्फ अपनी कहानी बयां कर रहा था.’ धोनी ने साथ ही अपने क्रिकेट जीवन के उन लम्हों को भी साझा किया जिनका उन पर बड़ा असर पड़ा. भारतीय कप्तान ने कहा कि 2007 विश्व कप में हार और उनके तथा टीम के खिलाफ प्रतिक्रिया का उन पर गहरा असर पड़ा और कुछ हद तक यह अनुभव उनके जीवन का टर्निंग प्वाइंट रहा.
उन्होंने कहा कि जब टीम क्रिकेट मैच हारती है तो भारत में समझा जाता है कि वे ऐसे लोग हैं जिन्होंने कोई अपराध किया है या वे हत्यारे या आतंकवादी हैं. उन्होंने 2007 विश्व कप के पहले दौर से बाहर होने के बुरे समय को भी याद किया जब लोगों ने उनके घर पर पत्थर बरसाए थे. धोनी ने स्वीकार किया कि उनकी कप्तानी उनकी दिल की आवाज अधिक है क्योंकि उन्होंने जीवन के अनुभव से काफी कुछ सीखा है. यह पूछने पर कि क्या वह खुद अपनी भूमिका निभा सकते थे तो धोनी ने कहा, ‘अभिनय काफी मुश्किल काम है जिसे अभिनेताओं पर छोड़ देना चाहिए जिन्हें पता है कि क्या करना है.’
धोनी ने कहा कि खड़गपुर रेलवे स्टेशन में टीटीई के रूप में काम करने ने उन्हें कड़ा बनाया और वह बेहतर व्यक्ति बने. आत्मकथा के बारे में पूछने पर धोनी ने कहा कि किताब लिखने में अधिक प्रयास लगते हैं और ऐसा करने में समय लगेगा. उन्होंने कहा, ‘किताब अपना समय लेगी. किताब लिखने की धारणा असल में फिल्म से पहले आई थी लेकिन इसके लिए अधिक प्रयास की जरूरत है. किताब अधिक विस्तृत होगी.’
धोनी ने फिल्म के नायक सुशांत सिंह राजपूत को ‘शानदार अभिनेता’ करार दिया जिन्होंने फिल्म के लिए कड़ी मेहनत की है और विभिन्न सेलीब्रिटीज क्रिकेट लीग में वह अब बेहतर क्रिकेटरों में से एक हैं. धोनी ने बताया कि सुशांत चाहते थे कि उन्हें क्रिकेट खेलते हुए धोनी की मानसिकता के बारे में पता चले. उन्होंने कहा, ‘यह मुश्किल था क्योंकि काफी चीजें ऐसी थी जो मैं उसे नहीं बता सकता था क्योंकि मैं अब भी सक्रिय क्रिकेट खेल रहा हूं और कप्तानी कर रहा हूं.’टिप्पणियां
धोनी ने कहा कि पर्याप्त बुनियादी ढांचा और मार्गदर्शन के अलावा जज्बा भारत को ‘खेल राष्ट्र’ बना सकता है. धोनी ने कहा कि खेल में कम समय में नतीजे नहीं मिलते. उन्होंने कहा, ‘एक ओलिंपिक के बाद अगर हम खेल में निवेश करें और कहें कि अगले ओलिंपिक में स्वर्ण पदक मिलेगा तो खेल में ऐसा नहीं होता. यह ऐसे काम करता है कि आप बुनियादी ढांचा मुहैया कराएं, खान पान और स्वास्थ्य के बारे में शिक्षा दें.’ उन्होंने कहा, ‘एक समय बाद जब सभी चीजें खिलाड़ियों को मिलेंगी तो देश खेल राष्ट्र के रूप में विकसित होगा. यह काफी अहम है.’(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा कि जब टीम क्रिकेट मैच हारती है तो भारत में समझा जाता है कि वे ऐसे लोग हैं जिन्होंने कोई अपराध किया है या वे हत्यारे या आतंकवादी हैं. उन्होंने 2007 विश्व कप के पहले दौर से बाहर होने के बुरे समय को भी याद किया जब लोगों ने उनके घर पर पत्थर बरसाए थे. धोनी ने स्वीकार किया कि उनकी कप्तानी उनकी दिल की आवाज अधिक है क्योंकि उन्होंने जीवन के अनुभव से काफी कुछ सीखा है. यह पूछने पर कि क्या वह खुद अपनी भूमिका निभा सकते थे तो धोनी ने कहा, ‘अभिनय काफी मुश्किल काम है जिसे अभिनेताओं पर छोड़ देना चाहिए जिन्हें पता है कि क्या करना है.’
धोनी ने कहा कि खड़गपुर रेलवे स्टेशन में टीटीई के रूप में काम करने ने उन्हें कड़ा बनाया और वह बेहतर व्यक्ति बने. आत्मकथा के बारे में पूछने पर धोनी ने कहा कि किताब लिखने में अधिक प्रयास लगते हैं और ऐसा करने में समय लगेगा. उन्होंने कहा, ‘किताब अपना समय लेगी. किताब लिखने की धारणा असल में फिल्म से पहले आई थी लेकिन इसके लिए अधिक प्रयास की जरूरत है. किताब अधिक विस्तृत होगी.’
धोनी ने फिल्म के नायक सुशांत सिंह राजपूत को ‘शानदार अभिनेता’ करार दिया जिन्होंने फिल्म के लिए कड़ी मेहनत की है और विभिन्न सेलीब्रिटीज क्रिकेट लीग में वह अब बेहतर क्रिकेटरों में से एक हैं. धोनी ने बताया कि सुशांत चाहते थे कि उन्हें क्रिकेट खेलते हुए धोनी की मानसिकता के बारे में पता चले. उन्होंने कहा, ‘यह मुश्किल था क्योंकि काफी चीजें ऐसी थी जो मैं उसे नहीं बता सकता था क्योंकि मैं अब भी सक्रिय क्रिकेट खेल रहा हूं और कप्तानी कर रहा हूं.’टिप्पणियां
धोनी ने कहा कि पर्याप्त बुनियादी ढांचा और मार्गदर्शन के अलावा जज्बा भारत को ‘खेल राष्ट्र’ बना सकता है. धोनी ने कहा कि खेल में कम समय में नतीजे नहीं मिलते. उन्होंने कहा, ‘एक ओलिंपिक के बाद अगर हम खेल में निवेश करें और कहें कि अगले ओलिंपिक में स्वर्ण पदक मिलेगा तो खेल में ऐसा नहीं होता. यह ऐसे काम करता है कि आप बुनियादी ढांचा मुहैया कराएं, खान पान और स्वास्थ्य के बारे में शिक्षा दें.’ उन्होंने कहा, ‘एक समय बाद जब सभी चीजें खिलाड़ियों को मिलेंगी तो देश खेल राष्ट्र के रूप में विकसित होगा. यह काफी अहम है.’(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
धोनी ने कहा कि खड़गपुर रेलवे स्टेशन में टीटीई के रूप में काम करने ने उन्हें कड़ा बनाया और वह बेहतर व्यक्ति बने. आत्मकथा के बारे में पूछने पर धोनी ने कहा कि किताब लिखने में अधिक प्रयास लगते हैं और ऐसा करने में समय लगेगा. उन्होंने कहा, ‘किताब अपना समय लेगी. किताब लिखने की धारणा असल में फिल्म से पहले आई थी लेकिन इसके लिए अधिक प्रयास की जरूरत है. किताब अधिक विस्तृत होगी.’
धोनी ने फिल्म के नायक सुशांत सिंह राजपूत को ‘शानदार अभिनेता’ करार दिया जिन्होंने फिल्म के लिए कड़ी मेहनत की है और विभिन्न सेलीब्रिटीज क्रिकेट लीग में वह अब बेहतर क्रिकेटरों में से एक हैं. धोनी ने बताया कि सुशांत चाहते थे कि उन्हें क्रिकेट खेलते हुए धोनी की मानसिकता के बारे में पता चले. उन्होंने कहा, ‘यह मुश्किल था क्योंकि काफी चीजें ऐसी थी जो मैं उसे नहीं बता सकता था क्योंकि मैं अब भी सक्रिय क्रिकेट खेल रहा हूं और कप्तानी कर रहा हूं.’टिप्पणियां
धोनी ने कहा कि पर्याप्त बुनियादी ढांचा और मार्गदर्शन के अलावा जज्बा भारत को ‘खेल राष्ट्र’ बना सकता है. धोनी ने कहा कि खेल में कम समय में नतीजे नहीं मिलते. उन्होंने कहा, ‘एक ओलिंपिक के बाद अगर हम खेल में निवेश करें और कहें कि अगले ओलिंपिक में स्वर्ण पदक मिलेगा तो खेल में ऐसा नहीं होता. यह ऐसे काम करता है कि आप बुनियादी ढांचा मुहैया कराएं, खान पान और स्वास्थ्य के बारे में शिक्षा दें.’ उन्होंने कहा, ‘एक समय बाद जब सभी चीजें खिलाड़ियों को मिलेंगी तो देश खेल राष्ट्र के रूप में विकसित होगा. यह काफी अहम है.’(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
धोनी ने फिल्म के नायक सुशांत सिंह राजपूत को ‘शानदार अभिनेता’ करार दिया जिन्होंने फिल्म के लिए कड़ी मेहनत की है और विभिन्न सेलीब्रिटीज क्रिकेट लीग में वह अब बेहतर क्रिकेटरों में से एक हैं. धोनी ने बताया कि सुशांत चाहते थे कि उन्हें क्रिकेट खेलते हुए धोनी की मानसिकता के बारे में पता चले. उन्होंने कहा, ‘यह मुश्किल था क्योंकि काफी चीजें ऐसी थी जो मैं उसे नहीं बता सकता था क्योंकि मैं अब भी सक्रिय क्रिकेट खेल रहा हूं और कप्तानी कर रहा हूं.’टिप्पणियां
धोनी ने कहा कि पर्याप्त बुनियादी ढांचा और मार्गदर्शन के अलावा जज्बा भारत को ‘खेल राष्ट्र’ बना सकता है. धोनी ने कहा कि खेल में कम समय में नतीजे नहीं मिलते. उन्होंने कहा, ‘एक ओलिंपिक के बाद अगर हम खेल में निवेश करें और कहें कि अगले ओलिंपिक में स्वर्ण पदक मिलेगा तो खेल में ऐसा नहीं होता. यह ऐसे काम करता है कि आप बुनियादी ढांचा मुहैया कराएं, खान पान और स्वास्थ्य के बारे में शिक्षा दें.’ उन्होंने कहा, ‘एक समय बाद जब सभी चीजें खिलाड़ियों को मिलेंगी तो देश खेल राष्ट्र के रूप में विकसित होगा. यह काफी अहम है.’(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
धोनी ने कहा कि पर्याप्त बुनियादी ढांचा और मार्गदर्शन के अलावा जज्बा भारत को ‘खेल राष्ट्र’ बना सकता है. धोनी ने कहा कि खेल में कम समय में नतीजे नहीं मिलते. उन्होंने कहा, ‘एक ओलिंपिक के बाद अगर हम खेल में निवेश करें और कहें कि अगले ओलिंपिक में स्वर्ण पदक मिलेगा तो खेल में ऐसा नहीं होता. यह ऐसे काम करता है कि आप बुनियादी ढांचा मुहैया कराएं, खान पान और स्वास्थ्य के बारे में शिक्षा दें.’ उन्होंने कहा, ‘एक समय बाद जब सभी चीजें खिलाड़ियों को मिलेंगी तो देश खेल राष्ट्र के रूप में विकसित होगा. यह काफी अहम है.’(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
तृणमूल ने घोष समेत तीन सांसदों को भेजा कारण बताओ नोटिस | तृणमूल कांग्रेस ने अपने तीन सांसदों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इनपर पार्टीविरोधी बयान देने का आरोप है। इनके नाम हैं कुणाल घोष, शताब्दी रॉय और तपस पाल। | तृणमूल कांग्रेस ने अपने तीन सांसदों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इनपर पार्टीविरोधी बयान देने का आरोप है। इनके नाम हैं कुणाल घोष, शताब्दी रॉय और तपस पाल।टिप्पणियां
इसके बाद तृणमूल सांसद कुणाल घोष ने कहा है कि उन्हें पता था कि वह बोलेंगे तो मुश्किल आएगी लेकिन आने वाले दिनों में कई और बातें बता सकते हैं। घोष ने यह भी कहा है कि उनकी हत्या की आशंका है।
आपको बता दें कि कुणाल घोष का नाम शारदा चिट फंड घोटाले के समय सामने आया था।
इसके बाद तृणमूल सांसद कुणाल घोष ने कहा है कि उन्हें पता था कि वह बोलेंगे तो मुश्किल आएगी लेकिन आने वाले दिनों में कई और बातें बता सकते हैं। घोष ने यह भी कहा है कि उनकी हत्या की आशंका है।
आपको बता दें कि कुणाल घोष का नाम शारदा चिट फंड घोटाले के समय सामने आया था।
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...जब जीत के नशे में चिदंबरम बने टीवी रिपोर्टर | चिदंबरम ने एक टीवी रिपोर्टर से माइक लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह के सामने लगा दिया। सिंह उस समय संसद भवन से बाहर निकल रहे थे। | कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा की पराजय ने वित्तमंत्री पी चिदंबरम को बुधवार को ‘टीवी रिपोर्टर’ बना दिया।
चिदंबरम ने एक टीवी रिपोर्टर से माइक लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह के सामने लगा दिया। सिंह उस समय संसद भवन से बाहर निकल रहे थे।
वित्तमंत्री ने सिंह ने पूछा, ‘‘क्या आप विजय का श्रेय कांग्रेस को नहीं देते?’’ दरअसल चिदंबरम से कर्नाटक के बारे में संवाददाता सवाल पूछ रहे थे। जब वित्तमंत्री ने जसवंत सिंह को बाहर निकलते देखा तो उन्होंने एक टीवी रिपोर्टर का माइक लेकर सिंह से सवाल पूछ लिया। मई 2004 में कांग्रेस के सत्ता में आने से पहले राजग सरकार में सिंह ही वित्तमंत्री थे।टिप्पणियां
रिपोर्टर को माइक वापस करते हुए चिदंबरम ने सिंह के बारे में कहा, ‘वह सज्जन व्यक्ति हैं।’ यह पूछने पर कि क्या कर्नाटक विधानसभा चुनावों के नतीजे संप्रग सरकार के लिए व्यापक संदेश हैं क्योंकि कर्नाटक की जनता ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ही भाजपा को सत्ता से बाहर कर दिया, चिदंबरम ने कहा, ‘यह सभी राजनीतिक दलों के लिए संदेश है। जनता बहुत नजदीकी से देखती है। जो भी सरकार बनाता है, उसे काम करके दिखाना चाहिए।’
चिदंबरम के साथ खड़े जसवंत सिंह ने कहा कि जनता शासन के लिए मतदान करती है और अगर आप शासन बंद करते हो तो जनता आपको वोट के जरिये बाहर कर देती है।
चिदंबरम ने एक टीवी रिपोर्टर से माइक लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह के सामने लगा दिया। सिंह उस समय संसद भवन से बाहर निकल रहे थे।
वित्तमंत्री ने सिंह ने पूछा, ‘‘क्या आप विजय का श्रेय कांग्रेस को नहीं देते?’’ दरअसल चिदंबरम से कर्नाटक के बारे में संवाददाता सवाल पूछ रहे थे। जब वित्तमंत्री ने जसवंत सिंह को बाहर निकलते देखा तो उन्होंने एक टीवी रिपोर्टर का माइक लेकर सिंह से सवाल पूछ लिया। मई 2004 में कांग्रेस के सत्ता में आने से पहले राजग सरकार में सिंह ही वित्तमंत्री थे।टिप्पणियां
रिपोर्टर को माइक वापस करते हुए चिदंबरम ने सिंह के बारे में कहा, ‘वह सज्जन व्यक्ति हैं।’ यह पूछने पर कि क्या कर्नाटक विधानसभा चुनावों के नतीजे संप्रग सरकार के लिए व्यापक संदेश हैं क्योंकि कर्नाटक की जनता ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ही भाजपा को सत्ता से बाहर कर दिया, चिदंबरम ने कहा, ‘यह सभी राजनीतिक दलों के लिए संदेश है। जनता बहुत नजदीकी से देखती है। जो भी सरकार बनाता है, उसे काम करके दिखाना चाहिए।’
चिदंबरम के साथ खड़े जसवंत सिंह ने कहा कि जनता शासन के लिए मतदान करती है और अगर आप शासन बंद करते हो तो जनता आपको वोट के जरिये बाहर कर देती है।
वित्तमंत्री ने सिंह ने पूछा, ‘‘क्या आप विजय का श्रेय कांग्रेस को नहीं देते?’’ दरअसल चिदंबरम से कर्नाटक के बारे में संवाददाता सवाल पूछ रहे थे। जब वित्तमंत्री ने जसवंत सिंह को बाहर निकलते देखा तो उन्होंने एक टीवी रिपोर्टर का माइक लेकर सिंह से सवाल पूछ लिया। मई 2004 में कांग्रेस के सत्ता में आने से पहले राजग सरकार में सिंह ही वित्तमंत्री थे।टिप्पणियां
रिपोर्टर को माइक वापस करते हुए चिदंबरम ने सिंह के बारे में कहा, ‘वह सज्जन व्यक्ति हैं।’ यह पूछने पर कि क्या कर्नाटक विधानसभा चुनावों के नतीजे संप्रग सरकार के लिए व्यापक संदेश हैं क्योंकि कर्नाटक की जनता ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ही भाजपा को सत्ता से बाहर कर दिया, चिदंबरम ने कहा, ‘यह सभी राजनीतिक दलों के लिए संदेश है। जनता बहुत नजदीकी से देखती है। जो भी सरकार बनाता है, उसे काम करके दिखाना चाहिए।’
चिदंबरम के साथ खड़े जसवंत सिंह ने कहा कि जनता शासन के लिए मतदान करती है और अगर आप शासन बंद करते हो तो जनता आपको वोट के जरिये बाहर कर देती है।
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चिदंबरम के साथ खड़े जसवंत सिंह ने कहा कि जनता शासन के लिए मतदान करती है और अगर आप शासन बंद करते हो तो जनता आपको वोट के जरिये बाहर कर देती है।
चिदंबरम के साथ खड़े जसवंत सिंह ने कहा कि जनता शासन के लिए मतदान करती है और अगर आप शासन बंद करते हो तो जनता आपको वोट के जरिये बाहर कर देती है। |
बंगाल: CM ममता बनर्जी के खिलाफ ‘अपमानजनक टिप्पणी’ करने वाला शख्स गिरफ्तार | ममता के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप
टीएमसी युवा जिलाध्यक्ष शांतनु बनर्जी की शिकायत पर हुई गिरफ्तारी
मई में भाजपा युवा मोर्चा नेता प्रियंका शर्मा को किया गया था गिरफ्तार | पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में 28 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तारी के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि तृणमूल युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष शांतनु बनर्जी द्वारा दर्ज कराई शिकायत के आधार पर मंगलवार रात को चंदन भट्टाचार्य को पकड़ा गया. पुलिस अधीक्षक तथागत बासु ने कहा, ‘सिंगूर पुलिस थाने में चंदन भट्टाचार्य के खिलाफ एक शिकायत दर्ज होने के बाद हमने उसे गिरफ्तार किया. मामले की जांच की जा रही है.'
वहीं शिकायतकर्ता के अनुसार, हुगली जिले में सिंगूर निवासी भट्टाचार्य ने काली पूजा वाले दिन फेसबुक पर ‘अपमानजनक टिप्पणी' की थी. उन्होंने कहा, ‘चंदन भट्टाचार्य ने 28 अक्टूबर को टिप्पणी की थी. उस दिन पार्टी कार्यकर्ता उसके आवास का पता नहीं लगा सके. हालांकि अगले दिन उन्होंने पता लगा कि वह सिंगूर में रहता है. इसके बाद मैंने उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.' बता दें, यह घटना तब सामने आई है जब इस महीने की शुरुआत में साइबर अपराध कानून के कथित उल्लंघन को लेकर उत्तर 24 परगना जिले से कांग्रेस नेता सन्मय बंदोपाध्याय को गिरफ्तार किया गया था.
इस पर लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पुलिस पर आरोप लगाया कि उसने टीएमसी सरकार की आलोचना वाले पोस्ट प्रसारित करने के लिए बंदोपाध्याय को गिरफ्तार किया. इससे पहले मई में भाजपा युवा मोर्चा नेता प्रियंका शर्मा को ममता बनर्जी की छेड़छाड़ वाली तस्वीर को सोशल मीडिया पर साझा करने के लिए हावड़ा जिले में गिरफ्तार किया था. हालांकि हाईकोर्ट उन्हें जमानत देते हुए पोस्ट के लिए मुख्यमंत्री से माफी मांगने को कहा था. |
हिरन शिकार मामला : सलमान, सैफ को कोर्ट में पेश होने के आदेश | बहुचर्चित काला हिरन शिकार के 14 साल पुराने मामले में बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान और तीन अन्य कलाकारों के खिलाफ 4 फरवरी को अदालत में अभियोग निर्धारित होंगे। | बहुचर्चित काला हिरन शिकार के 14 साल पुराने मामले में बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान और तीन अन्य कलाकारों के खिलाफ 4 फरवरी को अदालत में अभियोग निर्धारित होंगे। अदालत ने इन सभी को 4 फरवरी को अदालत में पेश होने का आदेश दिया गया है।
बचाव पक्ष के वकील हस्तीमल सारस्वत ने कहा कि निचली अदालत ने भारतीय दंड संहिता, वन्यजीवन कानून और सैन्य अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत सलमान खान पर अभियोग निर्धारित किया था, जबकि अभिनेता सैफ अली खान, तब्बू, सोनाली बेंद्रे, नीलम, दुष्यत सिंह और दिनेश गावरे सहित अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और वन्यजीवन कानून के तहत आरोप तय किए गए थे। आरोपियों ने इसके बाद सत्र न्यायालय में पुनरीक्षा याचिका दायर की थी, जिसने सलमान खान को आईपीसी की धारा 148 और शस्त्र कानून की धारा 27 से और अन्य आरोपियों को वन्यजीवन कानून की धारा 51 और आईपीसी की धारा 147 तथा 149 से मुक्त कर दिया था।
सारस्वत ने कहा कि राज्य सरकार ने इसके बाद राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। उच्च न्यायालय ने सलमान के मामले में सत्र न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 149 को भी जोड़ दिया था। टिप्पणियां
अब इस मामले में निचली अदालत में सुनवाई शुरू होगी और इसके लिए अदालत ने सभी आरोपियों को 4 फरवरी को अभियोग निर्धारित करने की कार्यवाही की सुनवाई के लिए बुलाया है।
गौरतलब है कि ‘हम साथ साथ हैं’ फिल्म की शूटिंग के दौरान जोधपुर के पास एक गांव में 1-2 अक्तूबर 1998 की दरमियानी रात को कथित रूप में दो काले हिरनों का शिकार किया गया था।
बचाव पक्ष के वकील हस्तीमल सारस्वत ने कहा कि निचली अदालत ने भारतीय दंड संहिता, वन्यजीवन कानून और सैन्य अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत सलमान खान पर अभियोग निर्धारित किया था, जबकि अभिनेता सैफ अली खान, तब्बू, सोनाली बेंद्रे, नीलम, दुष्यत सिंह और दिनेश गावरे सहित अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और वन्यजीवन कानून के तहत आरोप तय किए गए थे। आरोपियों ने इसके बाद सत्र न्यायालय में पुनरीक्षा याचिका दायर की थी, जिसने सलमान खान को आईपीसी की धारा 148 और शस्त्र कानून की धारा 27 से और अन्य आरोपियों को वन्यजीवन कानून की धारा 51 और आईपीसी की धारा 147 तथा 149 से मुक्त कर दिया था।
सारस्वत ने कहा कि राज्य सरकार ने इसके बाद राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। उच्च न्यायालय ने सलमान के मामले में सत्र न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 149 को भी जोड़ दिया था। टिप्पणियां
अब इस मामले में निचली अदालत में सुनवाई शुरू होगी और इसके लिए अदालत ने सभी आरोपियों को 4 फरवरी को अभियोग निर्धारित करने की कार्यवाही की सुनवाई के लिए बुलाया है।
गौरतलब है कि ‘हम साथ साथ हैं’ फिल्म की शूटिंग के दौरान जोधपुर के पास एक गांव में 1-2 अक्तूबर 1998 की दरमियानी रात को कथित रूप में दो काले हिरनों का शिकार किया गया था।
सारस्वत ने कहा कि राज्य सरकार ने इसके बाद राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। उच्च न्यायालय ने सलमान के मामले में सत्र न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 149 को भी जोड़ दिया था। टिप्पणियां
अब इस मामले में निचली अदालत में सुनवाई शुरू होगी और इसके लिए अदालत ने सभी आरोपियों को 4 फरवरी को अभियोग निर्धारित करने की कार्यवाही की सुनवाई के लिए बुलाया है।
गौरतलब है कि ‘हम साथ साथ हैं’ फिल्म की शूटिंग के दौरान जोधपुर के पास एक गांव में 1-2 अक्तूबर 1998 की दरमियानी रात को कथित रूप में दो काले हिरनों का शिकार किया गया था।
अब इस मामले में निचली अदालत में सुनवाई शुरू होगी और इसके लिए अदालत ने सभी आरोपियों को 4 फरवरी को अभियोग निर्धारित करने की कार्यवाही की सुनवाई के लिए बुलाया है।
गौरतलब है कि ‘हम साथ साथ हैं’ फिल्म की शूटिंग के दौरान जोधपुर के पास एक गांव में 1-2 अक्तूबर 1998 की दरमियानी रात को कथित रूप में दो काले हिरनों का शिकार किया गया था।
गौरतलब है कि ‘हम साथ साथ हैं’ फिल्म की शूटिंग के दौरान जोधपुर के पास एक गांव में 1-2 अक्तूबर 1998 की दरमियानी रात को कथित रूप में दो काले हिरनों का शिकार किया गया था। |
पापा की टू-कॉपी हैं अबराम, यकीन न हो तो देखें शाहरुख खान और उनके बेटे की यह तस्वीर | शाहरुख खान ने साझा की बेटे अबराम के साथ क्यूट फोटो
तस्वीर साझा कर शाहरुख बोले- इससे बेहतर जीन्स कहां मिलेंगे
सेरोगेसी के जरिए हुआ था शाहरुख-गौरी के छोटे बेटे का जन्म | बॉलीवुड के ‘किंग’ शाहरुख खान अक्सर फैन्स के साथ बच्चों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करते रहते हैं. छोटे बेटे अबराम के जन्म के बाद वे उनकी कई क्यूट तस्वीरें शेयर कर चुके हैं. मंगलवार को शाहरुख खान ने ट्विटर पर अपनी और बेटे अबराम खान की एक तस्वीर जारी की है, जिसमें दोनों का चेहरा काफी हद तक मिलता जुलता दिख रहा है. फोटो के बारे में शाहरुख खान लिखते हैं, क्या आपने इससे बेहतर जीन्स को कभी मिलते देखा है?
As overplayed as the pun is, I still can’t resist writing…“Hav u ever seen a better pair of perfect fitting genes?” pic.twitter.com/TLhbcBx46U
— Shah Rukh Khan (@iamsrk) June 6, 2017 Exhausted after the little ones party!! Jumping Jacks r a killer. Phew. #Repost @gaurikhan with @repostapp ・・・ Gemini Gorgeousness...A post shared by Shah Rukh Khan (@iamsrk) on May 27, 2017 at 11:18am PDT
सेरोगेसी के जरिए 2013 में जन्में अबराम ने 27 मई को अपना चौथा जन्मदिन मनाया है. बर्थडे के मौके पर शाहरुख ने ही अबराम और बेटी सुहाना की तस्वीर साझा की थी. शाहरुख के किसी फैन क्लब ने अबराम और उनकी एक पुरानी फोटो का कोलाज बना दिया है. इसमें अबराम पिता की टू-कॉपी लग रहे हैं.
पिछले महीने वैंकूवर में टेड टॉक के दौरान शाहरुख ने अबराम के जन्म से जुड़ी अफवाह पर खुलकर बातें की थी. दरअसल, जब अबराम पैदा हुए थे, उस दौरान ऐसी अफवाहें उड़ी थी कि वे शाहरुख नहीं बल्कि उनके बेटे आर्यन के पुत्र हैं. इन अफवाहों के बारे में पहली बार शाहरुख ने टेड टॉक में कहा था- "चार साल पहले, मेरी प्यारी बीवी गौरी और मैंने तीसरे बच्चे का निर्णय लिया. नेट पर दावा किया गया कि वह हमारे पहले बेटे जो 15 साल का था की औलाद था. उसने रोमानिया में लड़की की कार चलाते हुए ऐसा किया था. और हां, इसके साथ एक नकली वीडियो भी था, जिससे सारा परिवार परेशान था. मेरा बेटा, जो अब 19 का है, आप उसे अभी भी 'हेलो' बोलो तो वह बस पलटकर कहता है- पर भाई, मेरे पास तो यूरोप का ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं था."
A post shared by AbRam Khan (@iamabramkhan) on May 15, 2017 at 4:19am PDT
गौरतलब है कि शाहरुख ने गौरी छिब्बर (अब खान) से 25 अक्टूबर, 1991 को शादी की थी. जोड़ी के बड़े बेटे आर्यन का जन्म 1997 में हुआ. 2000 में गौरी ने बेटी सुहाना को जन्म दिया. वहीं, 2013 में सेरोगेसी के जरिए इनके बेटे अबराम का जन्म हुआ. googletag.cmd.push(function() { googletag.display('adslotNativeVideo'); });
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सेरोगेसी के जरिए 2013 में जन्में अबराम ने 27 मई को अपना चौथा जन्मदिन मनाया है. बर्थडे के मौके पर शाहरुख ने ही अबराम और बेटी सुहाना की तस्वीर साझा की थी. शाहरुख के किसी फैन क्लब ने अबराम और उनकी एक पुरानी फोटो का कोलाज बना दिया है. इसमें अबराम पिता की टू-कॉपी लग रहे हैं.
पिछले महीने वैंकूवर में टेड टॉक के दौरान शाहरुख ने अबराम के जन्म से जुड़ी अफवाह पर खुलकर बातें की थी. दरअसल, जब अबराम पैदा हुए थे, उस दौरान ऐसी अफवाहें उड़ी थी कि वे शाहरुख नहीं बल्कि उनके बेटे आर्यन के पुत्र हैं. इन अफवाहों के बारे में पहली बार शाहरुख ने टेड टॉक में कहा था- "चार साल पहले, मेरी प्यारी बीवी गौरी और मैंने तीसरे बच्चे का निर्णय लिया. नेट पर दावा किया गया कि वह हमारे पहले बेटे जो 15 साल का था की औलाद था. उसने रोमानिया में लड़की की कार चलाते हुए ऐसा किया था. और हां, इसके साथ एक नकली वीडियो भी था, जिससे सारा परिवार परेशान था. मेरा बेटा, जो अब 19 का है, आप उसे अभी भी 'हेलो' बोलो तो वह बस पलटकर कहता है- पर भाई, मेरे पास तो यूरोप का ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं था."
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गौरतलब है कि शाहरुख ने गौरी छिब्बर (अब खान) से 25 अक्टूबर, 1991 को शादी की थी. जोड़ी के बड़े बेटे आर्यन का जन्म 1997 में हुआ. 2000 में गौरी ने बेटी सुहाना को जन्म दिया. वहीं, 2013 में सेरोगेसी के जरिए इनके बेटे अबराम का जन्म हुआ. googletag.cmd.push(function() { googletag.display('adslotNativeVideo'); });
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मोदी को हटाने के खिलाफ आडवाणी को चेताया था : ठाकरे | ठाकरे ने कहा, मैंने आडवाणी से पूछा कि वह क्या चाहते हैं। क्या मोदी को हटाना चाहते हैं। उनका जवाब पार्टी के भीतर जो चल रहा था कुछ उसी तरह का था।' | शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने कभी भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी से कहा था कि वह इस बात को सुनिश्चित करें कि नरेंद्र मोदी भगवा पार्टी के हित में गुजरात के मुख्यमंत्री बने रहें। हिंदी टैब्लॉयड दोपहर का सामना में प्रकाशित साक्षात्कार में शिवसेना प्रमुख ने आडवाणी के साथ यहां मेयर के बंगले में कुछ साल पहले हुई अपनी बैठक को याद किया। उन्होंने कहा, कमरे में सिर्फ हम दोनों थे। आडवाणी ने मोदी के बारे में मेरी राय मांगी। मैंने उनसे कहा कि यह उनकी पार्टी का मामला है। इसपर आडवाणी ने जवाब दिया कि पार्टी में मोदी को लेकर चल विचल (असहजता) है। ठाकरे ने कहा, मैंने आडवाणी से पूछा कि वह क्या चाहते हैं। क्या वह मोदी को हटाना चाहते हैं। उनका जवाब पार्टी के भीतर जो कुछ भी चल रहा था कुछ उसी तरह का था और उन्हें अब भी फैसला करना है। मैंने तुरंत आडवाणी से कहा कि अगर मोदी जाते हैं तो गुजरात (भाजपा के हाथ से) निकल जाएगा। आडवाणी की रथयात्रा के बारे में पूछे गए सवाल पर ठाकरे ने कहा, यह उसी तरह का है। पहली रथयात्रा विशाल थी। देश को भी इसकी जरूरत थी। (लेकिन) अब मैं इसपर टिप्पणी नहीं करना चाहता क्योंकि वह हमारे मित्र हैं। नब्बे के दशक की शुरूआत में हुई आडवाणी की रथयात्रा और मौजूदा यात्रा में बुनियादी अंतर के बारे में पूछे जाने पर ठाकरे ने कहा, उस वक्त लोगों को जागरूक बनाने के लिए यह जरूरी थी। बाबरी मस्जिद का मुद्दा था। पहले बच्चे के जन्म के बाद खुशी अलग तरह की होती है। उसके बाद अगर चार-पांच पैदा होते हैं तो सभी कहते हैं कि यह सामान्य घटनाक्रम है। ठाकरे ने कहा कि अगर मोदी मुसलमानों के प्रति प्रेम दिखाते हैं तो वह शिवसेना का समर्थन खो देंगे। शिवसेना प्रमुख ने कहा, अगर वह कुछ गलत करते हैं तो हम उनका समर्थन नहीं करेंगे। मैं अपने देश और हिंदुत्व को कलंकित करने की अनुमति नहीं दूंगा। ठाकरे ने यह बात मोदी की उस मांग से जुड़े सवाल के जवाब में कही जिसमें उन्होंने कहा था कि राजस्थान स्थित अजमेर शरीफ की दरगाह पर जियारत की इच्छा रखने वाले पाकिस्तानियों के लिए वीजा की प्रक्रिया में ढील दी जानी चाहिए। |
फुकुशिमा के पास समुद्री पानी में विकिरण 4385 गुना हुआ | फुकुशिमा संयंत्र के नजदीक समुद्र के पानी में आयोडीन का विकिरण अपने उच्चतम स्तर को पार कर वैधानिक सीमा से 4385 गुना अधिक हो गया। | जापान में भूकंप और सुनामी की चपेट में आए फुकुशिमा परमाणु संयंत्र के नजदीक समुद्र के पानी में आयोडीन का विकिरण अपने उच्चतम स्तर को पार कर वैधानिक सीमा से 4385 गुना अधिक हो गया है। संयंत्र संचालक टोक्यो इलेक्ट्रिक पॉवर कंपनी (टेप्को) द्वारा पिछले हफ्ते कराए गए श्रृंखलाबद्ध परीक्षणों से पता चला है कि संयंत्र के दक्षिणी छोर की ओर के पानी में आयोडीन 131 का स्तर कई सौ मीटर है। शुक्रवार को विकिरण का यह स्तर वैध सीमा से 1250 गुना अधिक था और शनिवार को यह 1850 गुना हो गया । मंगलवार को यह बढ़कर 3355 के आंकड़े पर पहुंच गया। जापान में 11 मार्च को आए 9.0 की तीव्रता वाले भूकंप और सुनामी से फुकुशिमा परमाणु संयंत्र के छह रिएक्टरों की कूलिंग प्रणाली बंद हो गई थी। इसमें विस्फोट हुए थे और आग लगने के साथ ही विकिरण फैलने लगा जिससे पूरे विश्व में चिंता की लहर दौड़ गई। |
किरण मोरे को सहवाग और गंभीर के वापसी नहीं कर पाने की चिंता | भारत की नई वनडे सलामी जोड़ी शिखर धवन और रोहित शर्मा भले ही कामयाब हो गए हैं, लेकिन पूर्व मुख्य चयनकर्ता किरण मोरे को चिंता है कि इससे सीनियर बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर को वापसी का मौका नहीं मिल सकेगा। | भारत की नई वनडे सलामी जोड़ी शिखर धवन और रोहित शर्मा भले ही कामयाब हो गए हैं, लेकिन पूर्व मुख्य चयनकर्ता किरण मोरे को चिंता है कि इससे सीनियर बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर को वापसी का मौका नहीं मिल सकेगा।
मोरे ने कहा, भारतीय क्रिकेट के लिए प्रतिस्पर्धा अच्छा संकेत है। इस समय अच्छी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा है। यदि कोई अनफिट है, तो गंभीर या सहवाग या जहीर वापसी कर सकते हैं। टीम को कठिन दौरों पर अनुभव भी चाहिए। धवन और शर्मा की जोड़ी ने कुछ समय में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है।टिप्पणियां
चैंपियंस ट्रॉफी और त्रिकोणीय शृंखला में भारत की खिताबी जीत में इनकी अहम भूमिका रही। इनकी तारीफ करते हुए मोरे ने कहा कि सहवाग और गंभीर में से एक तभी वापसी कर सकता है, बशर्ते आगामी घरेलू सत्र में लगातार अच्छा प्रदर्शन करें। इससे टीम के विकल्प बढ़ेंगे। उन्होंने कहा, गंभीर और सहवाग को घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा खेलना होगा। उन्हें खुद पर भरोसा रखना होगा। यह स्वस्थ प्रतिस्पर्धा है। इस समय खेल रहे खिलाड़ियों को भी खराब दौर का सामना करना पड़ सकता है, ऐसे में टीम में इनके लिये जगह बन सकती है।
मोरे ने कहा, धवन और शर्मा अच्छे फील्डर भी हैं। उन्होंने अच्छी साझेदारियां की है, लेकिन इनमें से एक के अनफिट होने पर विकल्प तैयार रखना होगा। अगले विश्वकप में अभी दो बरस बाकी हैं, लेकिन मोरे ने कहा कि भारत को तेज गेंदबाजी में कुछ कमजोरियों से पार पाना होगा। उन्होंने कहा, हमें अच्छे तेज गेंदबाजों की जरूरत है। अधिकांश तेज गेंदबाजों को बड़ी चोटें लगती है। उमेश यादव और भुवनेश्वर कुमार अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं। हमें तेज गेंदबाजी में और विकल्प चाहिए, जो इस समय नहीं हैं। मोरे ने कहा कि भारतीय टीम के कुछ युवाओं को और अनुभव की जरूरत है और टीम को विश्वकप 2015 को ध्यान में रखकर 25 खिलाड़ियों का पूल बनाना चाहिए।
मोरे ने कहा, भारतीय क्रिकेट के लिए प्रतिस्पर्धा अच्छा संकेत है। इस समय अच्छी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा है। यदि कोई अनफिट है, तो गंभीर या सहवाग या जहीर वापसी कर सकते हैं। टीम को कठिन दौरों पर अनुभव भी चाहिए। धवन और शर्मा की जोड़ी ने कुछ समय में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है।टिप्पणियां
चैंपियंस ट्रॉफी और त्रिकोणीय शृंखला में भारत की खिताबी जीत में इनकी अहम भूमिका रही। इनकी तारीफ करते हुए मोरे ने कहा कि सहवाग और गंभीर में से एक तभी वापसी कर सकता है, बशर्ते आगामी घरेलू सत्र में लगातार अच्छा प्रदर्शन करें। इससे टीम के विकल्प बढ़ेंगे। उन्होंने कहा, गंभीर और सहवाग को घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा खेलना होगा। उन्हें खुद पर भरोसा रखना होगा। यह स्वस्थ प्रतिस्पर्धा है। इस समय खेल रहे खिलाड़ियों को भी खराब दौर का सामना करना पड़ सकता है, ऐसे में टीम में इनके लिये जगह बन सकती है।
मोरे ने कहा, धवन और शर्मा अच्छे फील्डर भी हैं। उन्होंने अच्छी साझेदारियां की है, लेकिन इनमें से एक के अनफिट होने पर विकल्प तैयार रखना होगा। अगले विश्वकप में अभी दो बरस बाकी हैं, लेकिन मोरे ने कहा कि भारत को तेज गेंदबाजी में कुछ कमजोरियों से पार पाना होगा। उन्होंने कहा, हमें अच्छे तेज गेंदबाजों की जरूरत है। अधिकांश तेज गेंदबाजों को बड़ी चोटें लगती है। उमेश यादव और भुवनेश्वर कुमार अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं। हमें तेज गेंदबाजी में और विकल्प चाहिए, जो इस समय नहीं हैं। मोरे ने कहा कि भारतीय टीम के कुछ युवाओं को और अनुभव की जरूरत है और टीम को विश्वकप 2015 को ध्यान में रखकर 25 खिलाड़ियों का पूल बनाना चाहिए।
चैंपियंस ट्रॉफी और त्रिकोणीय शृंखला में भारत की खिताबी जीत में इनकी अहम भूमिका रही। इनकी तारीफ करते हुए मोरे ने कहा कि सहवाग और गंभीर में से एक तभी वापसी कर सकता है, बशर्ते आगामी घरेलू सत्र में लगातार अच्छा प्रदर्शन करें। इससे टीम के विकल्प बढ़ेंगे। उन्होंने कहा, गंभीर और सहवाग को घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा खेलना होगा। उन्हें खुद पर भरोसा रखना होगा। यह स्वस्थ प्रतिस्पर्धा है। इस समय खेल रहे खिलाड़ियों को भी खराब दौर का सामना करना पड़ सकता है, ऐसे में टीम में इनके लिये जगह बन सकती है।
मोरे ने कहा, धवन और शर्मा अच्छे फील्डर भी हैं। उन्होंने अच्छी साझेदारियां की है, लेकिन इनमें से एक के अनफिट होने पर विकल्प तैयार रखना होगा। अगले विश्वकप में अभी दो बरस बाकी हैं, लेकिन मोरे ने कहा कि भारत को तेज गेंदबाजी में कुछ कमजोरियों से पार पाना होगा। उन्होंने कहा, हमें अच्छे तेज गेंदबाजों की जरूरत है। अधिकांश तेज गेंदबाजों को बड़ी चोटें लगती है। उमेश यादव और भुवनेश्वर कुमार अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं। हमें तेज गेंदबाजी में और विकल्प चाहिए, जो इस समय नहीं हैं। मोरे ने कहा कि भारतीय टीम के कुछ युवाओं को और अनुभव की जरूरत है और टीम को विश्वकप 2015 को ध्यान में रखकर 25 खिलाड़ियों का पूल बनाना चाहिए।
मोरे ने कहा, धवन और शर्मा अच्छे फील्डर भी हैं। उन्होंने अच्छी साझेदारियां की है, लेकिन इनमें से एक के अनफिट होने पर विकल्प तैयार रखना होगा। अगले विश्वकप में अभी दो बरस बाकी हैं, लेकिन मोरे ने कहा कि भारत को तेज गेंदबाजी में कुछ कमजोरियों से पार पाना होगा। उन्होंने कहा, हमें अच्छे तेज गेंदबाजों की जरूरत है। अधिकांश तेज गेंदबाजों को बड़ी चोटें लगती है। उमेश यादव और भुवनेश्वर कुमार अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं। हमें तेज गेंदबाजी में और विकल्प चाहिए, जो इस समय नहीं हैं। मोरे ने कहा कि भारतीय टीम के कुछ युवाओं को और अनुभव की जरूरत है और टीम को विश्वकप 2015 को ध्यान में रखकर 25 खिलाड़ियों का पूल बनाना चाहिए। |
यूपी: पुलिस मुठभेड़ में इनामी बदमाश ढेर, दारोगा गंभीर रूप से जख्मी | ईनामी बदमाश को पुलिस ने मार गिराया
इस मुठभेड़ में दारोगा भी गंभीर रूप से जख्मी हो गए
बदमाश पर था 50 हजार का ईनाम | (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पेट्रोलियम मंत्रालय का फैसला, अप्रैल से ही दिल्ली में मिलेगा बीएस -VI ईंधन | प्रदूषण से निपटने के लिए बीएस-VI ईंधन दो साल पहले ही लाया जाएगा
इससे पहले इसे साल 2020 में लाने का फैसला लिया गया था
मंत्रालय फैसले को एनसीआर में भी लागू करने पर विचार कर रहा है | गौरतलब है कि 1 अप्रैल 2017 से सुप्रीम कोर्ट ने ऑटो निर्माता कंपनियां के बीएस-3 गाड़ियों की बिक्री पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने कहा था कि कंपनियों को पता था कि 1 अप्रैल 2017 से BS 4 गाडियां ही बेची जा सकेंगी. इसके बावजूद कंपनियों ने स्टॉक खत्म नहीं किया. |
पुलिस बल से बोलीं मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, कोई एनकाउंटर नहीं, स्थानीय आतंकियों को घर वापस लाएं | स्थानीय आतंकियों को एनकाउंटर में मारा न जाए
अफ्स्पा कानून हमेशा के लिए नहीं है.
हाथों में बंदूक के बजाए बैट और बॉल थमाया जाए तो बेहतर | जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पुलिस बल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि स्थानीय आतंकियों को एनकाउंटर में मारा न जाए, उन्हें घर वापस लाया जाए.
मुख्यमंत्री मुफ्ती ने कहा कि अफ्स्पा कानून जिससे सेना को विशेष ताकत मिलती है जिससे वे शक होने पर किसी भी घर की तलाशी ले सकते हैं या फिर उन्हें हिरासत में ले सकते हैं, हमेशा के लिए नहीं है.
पुलिस बल के कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए महबूबा मुफ्ती ने काह, हमारे बच्चे जो आतंकवादी बन गए हैं, मैं पुलिस से अपील करती हूं कि ऐसी कोशिश की जाए कि वे वापस आएं. एनकाउंटर में मार गिराए जाने की बजाए उन्हें वापस मुख्य धारा में जोड़ा जाए. उनके हाथों में बंदूक के बजाए बैट और बॉल थमाया जाए तो बेहतर होगा.
मुफ्ती ने जोर देकर कहा कि यह बेहद जरूरी है, जम्मू-कश्मीर में शांति और सद्भाव का वातावरण बनाया जाए.
हिंसा पर बात करते हुए मुफ्ती ने कहा, मैं पैलेज गन को बैन करना चाहती हूं, लेकिन इसके लिए सरकार को आप लोगों का समर्थन चाहिए. हमेशा से हमारे बच्चों का कवच के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. हम किसी को उनपर पत्थर फेंककर बातचीत करने के लिए नहीं कह सकते. अगर हमें बातचीत करनी है तो हमें मिलिटेंसी रोकनी होगी.
मुफ्ती के यह बयान तब आया है जब सोशल मीडिया पर हिज्बुल मुजाहीद्दीन के आतंकियों का एक वीडियो आया जो किसी बाग में शूट किया गया है जिसमें ये लोग एक दूसरे को गले लगा रहे हैं और बधाई दे रहे हैं. यह एक मुठभेड़ में मारे गए आतंकी बुरहान वानी की याद दिलाता है.टिप्पणियां
वानी सोशल मीडिया का काफी प्रयोग किया करता था जिससे युवाओं को अपने साथ मिलाया जा सकते. कई वीडियो और फोटो में वह हथियार के साथ दिखाई दिया और सुरक्षा बलों पर ताना मारता दिखाई दिया. ये वीडियो फेसबुक और व्हाट्सऐप पर शेयर किया गया.
बता दें कि आतंकी बुरहान वानी के 8 जुलाई को मारे जाने के बाद से लगातार राज्य में विरोद प्रदर्शन जारी है और अब तक इन प्रदर्शनों में 90 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 12000 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं. बताया जा रहा है कि घायलों की इतनी बड़ी संख्या पैलेट गन के प्रयोग का नतीजा है.
मुख्यमंत्री मुफ्ती ने कहा कि अफ्स्पा कानून जिससे सेना को विशेष ताकत मिलती है जिससे वे शक होने पर किसी भी घर की तलाशी ले सकते हैं या फिर उन्हें हिरासत में ले सकते हैं, हमेशा के लिए नहीं है.
पुलिस बल के कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए महबूबा मुफ्ती ने काह, हमारे बच्चे जो आतंकवादी बन गए हैं, मैं पुलिस से अपील करती हूं कि ऐसी कोशिश की जाए कि वे वापस आएं. एनकाउंटर में मार गिराए जाने की बजाए उन्हें वापस मुख्य धारा में जोड़ा जाए. उनके हाथों में बंदूक के बजाए बैट और बॉल थमाया जाए तो बेहतर होगा.
मुफ्ती ने जोर देकर कहा कि यह बेहद जरूरी है, जम्मू-कश्मीर में शांति और सद्भाव का वातावरण बनाया जाए.
हिंसा पर बात करते हुए मुफ्ती ने कहा, मैं पैलेज गन को बैन करना चाहती हूं, लेकिन इसके लिए सरकार को आप लोगों का समर्थन चाहिए. हमेशा से हमारे बच्चों का कवच के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. हम किसी को उनपर पत्थर फेंककर बातचीत करने के लिए नहीं कह सकते. अगर हमें बातचीत करनी है तो हमें मिलिटेंसी रोकनी होगी.
मुफ्ती के यह बयान तब आया है जब सोशल मीडिया पर हिज्बुल मुजाहीद्दीन के आतंकियों का एक वीडियो आया जो किसी बाग में शूट किया गया है जिसमें ये लोग एक दूसरे को गले लगा रहे हैं और बधाई दे रहे हैं. यह एक मुठभेड़ में मारे गए आतंकी बुरहान वानी की याद दिलाता है.टिप्पणियां
वानी सोशल मीडिया का काफी प्रयोग किया करता था जिससे युवाओं को अपने साथ मिलाया जा सकते. कई वीडियो और फोटो में वह हथियार के साथ दिखाई दिया और सुरक्षा बलों पर ताना मारता दिखाई दिया. ये वीडियो फेसबुक और व्हाट्सऐप पर शेयर किया गया.
बता दें कि आतंकी बुरहान वानी के 8 जुलाई को मारे जाने के बाद से लगातार राज्य में विरोद प्रदर्शन जारी है और अब तक इन प्रदर्शनों में 90 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 12000 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं. बताया जा रहा है कि घायलों की इतनी बड़ी संख्या पैलेट गन के प्रयोग का नतीजा है.
पुलिस बल के कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए महबूबा मुफ्ती ने काह, हमारे बच्चे जो आतंकवादी बन गए हैं, मैं पुलिस से अपील करती हूं कि ऐसी कोशिश की जाए कि वे वापस आएं. एनकाउंटर में मार गिराए जाने की बजाए उन्हें वापस मुख्य धारा में जोड़ा जाए. उनके हाथों में बंदूक के बजाए बैट और बॉल थमाया जाए तो बेहतर होगा.
मुफ्ती ने जोर देकर कहा कि यह बेहद जरूरी है, जम्मू-कश्मीर में शांति और सद्भाव का वातावरण बनाया जाए.
हिंसा पर बात करते हुए मुफ्ती ने कहा, मैं पैलेज गन को बैन करना चाहती हूं, लेकिन इसके लिए सरकार को आप लोगों का समर्थन चाहिए. हमेशा से हमारे बच्चों का कवच के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. हम किसी को उनपर पत्थर फेंककर बातचीत करने के लिए नहीं कह सकते. अगर हमें बातचीत करनी है तो हमें मिलिटेंसी रोकनी होगी.
मुफ्ती के यह बयान तब आया है जब सोशल मीडिया पर हिज्बुल मुजाहीद्दीन के आतंकियों का एक वीडियो आया जो किसी बाग में शूट किया गया है जिसमें ये लोग एक दूसरे को गले लगा रहे हैं और बधाई दे रहे हैं. यह एक मुठभेड़ में मारे गए आतंकी बुरहान वानी की याद दिलाता है.टिप्पणियां
वानी सोशल मीडिया का काफी प्रयोग किया करता था जिससे युवाओं को अपने साथ मिलाया जा सकते. कई वीडियो और फोटो में वह हथियार के साथ दिखाई दिया और सुरक्षा बलों पर ताना मारता दिखाई दिया. ये वीडियो फेसबुक और व्हाट्सऐप पर शेयर किया गया.
बता दें कि आतंकी बुरहान वानी के 8 जुलाई को मारे जाने के बाद से लगातार राज्य में विरोद प्रदर्शन जारी है और अब तक इन प्रदर्शनों में 90 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 12000 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं. बताया जा रहा है कि घायलों की इतनी बड़ी संख्या पैलेट गन के प्रयोग का नतीजा है.
मुफ्ती ने जोर देकर कहा कि यह बेहद जरूरी है, जम्मू-कश्मीर में शांति और सद्भाव का वातावरण बनाया जाए.
हिंसा पर बात करते हुए मुफ्ती ने कहा, मैं पैलेज गन को बैन करना चाहती हूं, लेकिन इसके लिए सरकार को आप लोगों का समर्थन चाहिए. हमेशा से हमारे बच्चों का कवच के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. हम किसी को उनपर पत्थर फेंककर बातचीत करने के लिए नहीं कह सकते. अगर हमें बातचीत करनी है तो हमें मिलिटेंसी रोकनी होगी.
मुफ्ती के यह बयान तब आया है जब सोशल मीडिया पर हिज्बुल मुजाहीद्दीन के आतंकियों का एक वीडियो आया जो किसी बाग में शूट किया गया है जिसमें ये लोग एक दूसरे को गले लगा रहे हैं और बधाई दे रहे हैं. यह एक मुठभेड़ में मारे गए आतंकी बुरहान वानी की याद दिलाता है.टिप्पणियां
वानी सोशल मीडिया का काफी प्रयोग किया करता था जिससे युवाओं को अपने साथ मिलाया जा सकते. कई वीडियो और फोटो में वह हथियार के साथ दिखाई दिया और सुरक्षा बलों पर ताना मारता दिखाई दिया. ये वीडियो फेसबुक और व्हाट्सऐप पर शेयर किया गया.
बता दें कि आतंकी बुरहान वानी के 8 जुलाई को मारे जाने के बाद से लगातार राज्य में विरोद प्रदर्शन जारी है और अब तक इन प्रदर्शनों में 90 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 12000 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं. बताया जा रहा है कि घायलों की इतनी बड़ी संख्या पैलेट गन के प्रयोग का नतीजा है.
हिंसा पर बात करते हुए मुफ्ती ने कहा, मैं पैलेज गन को बैन करना चाहती हूं, लेकिन इसके लिए सरकार को आप लोगों का समर्थन चाहिए. हमेशा से हमारे बच्चों का कवच के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. हम किसी को उनपर पत्थर फेंककर बातचीत करने के लिए नहीं कह सकते. अगर हमें बातचीत करनी है तो हमें मिलिटेंसी रोकनी होगी.
मुफ्ती के यह बयान तब आया है जब सोशल मीडिया पर हिज्बुल मुजाहीद्दीन के आतंकियों का एक वीडियो आया जो किसी बाग में शूट किया गया है जिसमें ये लोग एक दूसरे को गले लगा रहे हैं और बधाई दे रहे हैं. यह एक मुठभेड़ में मारे गए आतंकी बुरहान वानी की याद दिलाता है.टिप्पणियां
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वानी सोशल मीडिया का काफी प्रयोग किया करता था जिससे युवाओं को अपने साथ मिलाया जा सकते. कई वीडियो और फोटो में वह हथियार के साथ दिखाई दिया और सुरक्षा बलों पर ताना मारता दिखाई दिया. ये वीडियो फेसबुक और व्हाट्सऐप पर शेयर किया गया.
बता दें कि आतंकी बुरहान वानी के 8 जुलाई को मारे जाने के बाद से लगातार राज्य में विरोद प्रदर्शन जारी है और अब तक इन प्रदर्शनों में 90 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 12000 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं. बताया जा रहा है कि घायलों की इतनी बड़ी संख्या पैलेट गन के प्रयोग का नतीजा है.
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बता दें कि आतंकी बुरहान वानी के 8 जुलाई को मारे जाने के बाद से लगातार राज्य में विरोद प्रदर्शन जारी है और अब तक इन प्रदर्शनों में 90 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 12000 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं. बताया जा रहा है कि घायलों की इतनी बड़ी संख्या पैलेट गन के प्रयोग का नतीजा है. |
बाबा रामदेव मुश्किल में, सेल टैक्स में फंसे | बाबा रामदेव की कंपनी दिव्य फॉर्मेसी की दवा ले जा रहे एक ट्रक को सेल टैक्स विभाग ने हरिद्वार के नजदीक पकड़ा गया है। ये दवाएं हरिद्वार ले जाई जा रही थीं। | बाबा रामदेव की कंपनी दिव्य फॉर्मेसी की दवा ले जा रहे एक ट्रक को सेल टैक्स विभाग ने हरिद्वार के नजदीक पकड़ा गया है। ये दवाएं हरिद्वार ले जाई जा रही थीं। ट्रक में 12 लाख से ज्यादा कीमत की दवाएं हैं और सेल टैक्स विभाग का कहना है कि ड्राइवर के पास जरूरी कागजात नहीं थे इसलिए इस ट्रक को पकड़ा गया है।
विभाग ने दिव्ययोग फॉर्मेसी से इस मामले में सफाई मांगी है। इस मामले में पतंजलि योग के महामंत्री बालकृष्ण ने अपने खिलाफ साजिश बताया है।
विभाग ने दिव्ययोग फॉर्मेसी से इस मामले में सफाई मांगी है। इस मामले में पतंजलि योग के महामंत्री बालकृष्ण ने अपने खिलाफ साजिश बताया है। |
उम्मीद है रियो में पदकों की संख्या और बढ़ेगी : राष्ट्रपति | भारत को एक मजबूत खेल राष्ट्र बनाने का आह्वान करते हुए प्रणब मुखर्जी ने उम्मीद जताई कि ब्राजील में होने वाले अगले ओलिंपिक की पदक तालिका में भारत की रैंकिंग और बेहतर होगी। | बेहतरीन बुनियादी ढांचे के साथ भारत को एक मजबूत खेल राष्ट्र बनाने का आह्वान करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उम्मीद जताई कि ब्राजील में होने वाले अगले ओलिंपिक की पदक तालिका में भारत की रैंकिंग और बेहतर होगी।टिप्पणियां
लंदन ओलिंपिक के पदक विजेताओं का सम्मान करते हुए प्रणब मुखर्जी ने कहा, उपलब्धियों से खुश होकर बैठने का समय नहीं है। हमें मिलकर देश को नई ऊंचाइयों तक ले जाना है। उन्होंने कहा, जिम्मेदारी सिर्फ खिलाड़ियों के खेल महासंघों की नहीं है। देश में खेल संस्कृति का विकास हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
राष्ट्रपति ने कहा, खेलों के अच्छे बुनियादी ढांचे के दम पर ही ऐसा किया जा सकता है। हमें पूरे देश में खेलों की सुविधाएं मुहैया कराके जमीनी स्तर से प्रतिभाएं तलाशनी होगी। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि अगले ओलिंपिक में हमारे पदकों की संख्या में काफी इजाफा होगा। उन्होंने कहा, अगले ओलिंपिक की तैयारी आज ही से शुरू कर देनी चाहिए। हमारे लक्ष्य ऊंचे होने चाहिए और हमें खुद से कहना चाहिए कि 'रियो, हम आ रहे हैं'।
लंदन ओलिंपिक के पदक विजेताओं का सम्मान करते हुए प्रणब मुखर्जी ने कहा, उपलब्धियों से खुश होकर बैठने का समय नहीं है। हमें मिलकर देश को नई ऊंचाइयों तक ले जाना है। उन्होंने कहा, जिम्मेदारी सिर्फ खिलाड़ियों के खेल महासंघों की नहीं है। देश में खेल संस्कृति का विकास हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
राष्ट्रपति ने कहा, खेलों के अच्छे बुनियादी ढांचे के दम पर ही ऐसा किया जा सकता है। हमें पूरे देश में खेलों की सुविधाएं मुहैया कराके जमीनी स्तर से प्रतिभाएं तलाशनी होगी। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि अगले ओलिंपिक में हमारे पदकों की संख्या में काफी इजाफा होगा। उन्होंने कहा, अगले ओलिंपिक की तैयारी आज ही से शुरू कर देनी चाहिए। हमारे लक्ष्य ऊंचे होने चाहिए और हमें खुद से कहना चाहिए कि 'रियो, हम आ रहे हैं'।
राष्ट्रपति ने कहा, खेलों के अच्छे बुनियादी ढांचे के दम पर ही ऐसा किया जा सकता है। हमें पूरे देश में खेलों की सुविधाएं मुहैया कराके जमीनी स्तर से प्रतिभाएं तलाशनी होगी। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि अगले ओलिंपिक में हमारे पदकों की संख्या में काफी इजाफा होगा। उन्होंने कहा, अगले ओलिंपिक की तैयारी आज ही से शुरू कर देनी चाहिए। हमारे लक्ष्य ऊंचे होने चाहिए और हमें खुद से कहना चाहिए कि 'रियो, हम आ रहे हैं'। |
दाउद जैसा गैंग्स्टर बनना चाहता था छोटा शकील का गुर्गा | 7-8 जून की दरम्यानी रात गिरफ्तार किया गया था.
तारिक फतह की हत्या की कथित योजना बना रहा था
हत्या करने से वह तिहाड़ जेल में भेज दिया जाएगा | पाकिस्तान में पैदा हुए कनाडाई लेखक तारिक फतह की हत्या की कथित योजना बना रहा छोटा शकील का गुर्गा जुनैद चौधरी भगोड़े डॉन दाउद इब्राहिम की तरह बड़ा गैंग्स्टर बनना चाहता था. 21 साल के जुनैद को पूर्वोत्तर दिल्ली के वजीराबाद रोड से 7-8 जून की दरम्यानी रात गिरफ्तार किया गया था.टिप्पणियां
पुलिस सूत्रों ने बताया कि जुनैद ने सोचा कि फतह की हत्या करने से वह तिहाड़ जेल में भेज दिया जाएगा, जहां वह छोटा राजन को भी मार डालेगा.
छोटा राजन एक समय दाउद का दायां हाथ माना जाता था और अब उसका सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी बन गया है. सूत्रों ने बताया कि जुनैद दाउद और उसके करीबी शकील की तरह बड़ा गैंगस्टर बनना चाहता था.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि जुनैद ने सोचा कि फतह की हत्या करने से वह तिहाड़ जेल में भेज दिया जाएगा, जहां वह छोटा राजन को भी मार डालेगा.
छोटा राजन एक समय दाउद का दायां हाथ माना जाता था और अब उसका सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी बन गया है. सूत्रों ने बताया कि जुनैद दाउद और उसके करीबी शकील की तरह बड़ा गैंगस्टर बनना चाहता था.
छोटा राजन एक समय दाउद का दायां हाथ माना जाता था और अब उसका सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी बन गया है. सूत्रों ने बताया कि जुनैद दाउद और उसके करीबी शकील की तरह बड़ा गैंगस्टर बनना चाहता था. |
1992 में बाबरी मस्जिद को ढहाना और 1949 में मूर्तियां रखना गैरकानूनी था: सुप्रीम कोर्ट | अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला
विवादित ढांचे की ज़मीन हिन्दुओं को सौंपने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट द्वारा रामलला विराजमान को मालिकाना हक दिया | सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए विवादित ढांचे की ज़मीन हिन्दुओं को सौंपने का आदेश दिया, और केंद्र सरकार से तीन महीने के भीतर मंदिर के लिए ट्रस्ट गठित करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश भी दिया है कि मस्जिद के लिए केंद्र या राज्य सरकार अयोध्या में ही सूटेबल और प्रॉमिनेंट जगह ज़मीन दे. कोर्ट ने यह भी कहा कि 1992 में बाबरी मस्जिद को ढहाना और 1949 में मूर्तिया रखना गैरकानूनी था. सुप्रीम कोर्ट द्वारा रामलला विराजमान को मालिकाना हक दिया गया. सुप्रीम कोर्ट ने माना, देवता एक कानूनी व्यक्ति हैं.
सुप्रीम कोर्ट (पांचों जजों की सहमति से फैसला) ने कहा- 2.77 एकड़ ज़मीन हिन्दुओं के पक्ष में. केंद्र सरकार तीन महीने के भीतर मदिर के लिए ट्रस्ट बनाएगी, ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़ा का प्रतिनिधि भी रहेगा. CJI रंजन गोगोई ने कहा, फिलहाल अधिग्रहीत जगह का कब्जा रिसीवर के पास रहेगा. सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ ज़मीन मिलेगी.
कोर्ट ने शुरू में ही शिया वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़ा की याचिकाएं खारिज कर दी हैं. यह फैसला सभी जजों की सहमति से हुआ है. सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि पुरात्व विभाग ने मंदिर होने के सबूत पेश किए हैं. सैकड़ों पन्नों का जजमेंट पढ़ते हुए पीठ ने कहा कि हिंदू अयोध्या को राम जन्मस्थल मानते हैं और रंजन गोगोई ने कहा कि कोर्ट के लिए थिओलॉजी (धर्मशास्त्र) में जाना उचित नहीं है. लेकिन पुरातत्व विभाग यह भी नहीं बता पाया कि मंदिर गिराकर मस्जिद बनाई गई थी.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया कि 1856-57 से पहले हिंदुओं को आंतरिक अहाते में जाने से कोई रोक नहीं थी. मुस्लिमों को बाहरी अहाते का अधिकार नहीं था. सुन्नी वक्फ बोर्ड एकल अधिकार का सबूत नहीं दे पाया. |
Gully Boy Box Office Collection Day 10: रणवीर सिंह की 'गली बॉय' से बम्पर कमाई जारी, अब तक कमा डाले इतने करोड़ | 'गली बॉय' की शानदार कमाई जारी
रणवीर-आलिया की जबरदस्त जोड़ी
अब तक कमाए इतने करोड़ | रणवीर सिंह (Ranveer Singh) ने हिप-हॉप व रैपिंग फिल्म 'गली बॉय' (Gully Boy) से फैन्स का दिल जीत लिया. अभी भी दर्शकों की भीड़ बॉक्स ऑफिस पर जमकर दिखाई दे रही है. रणवीर सिंह अब ऐसे कलाकार बन चुके हैं, जिन्हें कोई भी रोल करने को दे दिया जाए वह शिद्दत और लगन के साथ अपने अभिनय से किसी को भी पीछे छोड़ सकते हैं. यही वजह है कि रणवीर सिंह (Ranveer Singh) ने अब फीस लेना बंद कर दिया है और वे सलमान खान (Salman Khan), आमिर खान (Aamir Khan) और अक्षय कुमार (Akshay Kumar) की तरह ही फिल्मों में हिस्सा लिया करेंगे. यानी अब वे भी सुपरस्टार्स की लीग में शामिल हो गए हैं. फिलहाल रणवीर सिंह (Ranveer Singh) और आलिया भट्ट (Alia Bhatt) 'गली बॉय' अब अपने दूसरे हफ्ते में एंट्री ले चुका है, हालांकि शुरुआती कमाई के मुकाबले दूसरे हफ्ते कलेक्शन में रफ्तार धीमी हुई है, लेकिन लोगों में क्रेज अभी दिखाई दे रहा है.
#GullyBoy benchmarks...
Crossed ₹ 50 cr: Day 3
₹ 75 cr: Day 5
₹ 100 cr: Day 8
Weekend 2: Plexes will contribute to its biz... Lifetime biz will depend on how strongly it trends at metros in coming days.
ट्रेड एनलिस्ट तरण आदर्श ने पहले हफ्ते के कलेक्शन के बारे में ट्वीट के जरिए बतलाया था. उनके मुताबिक 14 फरवरी; गुरुवार को 19.40 करोड़, शुक्रवार को 13.10 करोड़, शनिवार को 18.65 करोड़, रविवार को 21.30 करोड़, सोमवार को 8.65 करोड़, मंगलवार को 8.05 करोड़, बुधवार को 6.05 करोड़, गुरुवार को 5.10 करोड़ रुपए कमा सकी. कुल आठ दिनों में रणवीर सिंह (Ranveer Singh) की फिल्म 'गली बॉय' ने इंडिया से 100.30 करोड़ रुपए कमा लिए. दूसरे हफ्ते की बात करें तो शुक्रवार को 3.90 करोड़ की कमाई की. रोजाना के आंकड़ों को देखते हुए एक अनुमान के अनुसार फिल्म ने शनिवार को करीब 3 से 5 करोड़ के बीच कमाई की होगी. कुल मिलाकर करीब 107 करोड़ से ज्यादा की कमाई हो चुकी है.
रणवीर सिंह (Ranveer Singh) और आलिया भट्ट (Alia Bhatt) की 'गली बॉय' के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन (Gully Boy Box Office Collection) को लेकर तरण आदर्श ने लिखा हैः गली बॉय विदेश में भी अच्छा प्रदर्शन कर रही है. अमेरिका और कनाडा में फिल्म 30 लाख डॉलर के आंकड़े को पार कर चुकी है. यूएई में 12 लाख डॉलर और यूके में 4,30,000 डॉलर और ऑस्ट्रेलिया में 5,42,000 डॉलर कमाए हैं. इस तरह मंगलवार तक फिल्म ने 60 लाख डॉलर कमाए यानी 42.70 करोड़ रुपये. |
मॉनसून की चाल पर निर्भर करेगी शेयर बाजार की स्थिति | शेयर बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि कंपनियों के कार्यपरिणामों का दौर समाप्ति की ओर है। आने वाले दिनों में शेयर बाजार की स्थिति मॉनसून की चाल और वैश्विक बाजारों के विकासक्रम पर निर्भर होगी। | शेयर बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि कंपनियों के कार्यपरिणामों का दौर समाप्ति की ओर है। आने वाले दिनों में शेयर बाजार की स्थिति मॉनसून की चाल और वैश्विक बाजारों के विकासक्रम पर निर्भर होगी।
आदित्य ट्रेडिंग सॉल्यूशन्स (एटीएस) के संस्थापक विकास जैन ने कहा, बाजार में तकनीकी सुधार अवश्यंभावी है, जहां ब्याज दरों के प्रति संवेदनशील माने जाने वाले शेयरों में मुनाफावसूली हो सकती है। जिन शेयरों के दाम विशुद्ध रूप से ब्याज दर में कटौती की उम्मीद में बढ़े हैं, वे निश्चित तौर पर गिरावट का सामना करेंगे।टिप्पणियां
भारतीय रिजर्व ने कहा है कि महंगाई का जोखिम बरकरार है। खुदरा महंगाई दर अब भी ऊंची बनी हुई है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का आंकड़ा दशक के निम्न स्तर पर पहुंचने के बीच बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि शेयर बाजार में सुस्त कारोबार होने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि रुपये का उतार-चढ़ाव और मॉनसून का आगमन निकट समय में बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। पिछले सप्ताह शेयर बाजार पर चौथी तिमाही के कमजोर जीडीपी आंकड़े, रुपये की भारी गिरावट और कमजोर वैश्विक बाजार की काली छाया मंडराती रही।
आदित्य ट्रेडिंग सॉल्यूशन्स (एटीएस) के संस्थापक विकास जैन ने कहा, बाजार में तकनीकी सुधार अवश्यंभावी है, जहां ब्याज दरों के प्रति संवेदनशील माने जाने वाले शेयरों में मुनाफावसूली हो सकती है। जिन शेयरों के दाम विशुद्ध रूप से ब्याज दर में कटौती की उम्मीद में बढ़े हैं, वे निश्चित तौर पर गिरावट का सामना करेंगे।टिप्पणियां
भारतीय रिजर्व ने कहा है कि महंगाई का जोखिम बरकरार है। खुदरा महंगाई दर अब भी ऊंची बनी हुई है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का आंकड़ा दशक के निम्न स्तर पर पहुंचने के बीच बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि शेयर बाजार में सुस्त कारोबार होने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि रुपये का उतार-चढ़ाव और मॉनसून का आगमन निकट समय में बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। पिछले सप्ताह शेयर बाजार पर चौथी तिमाही के कमजोर जीडीपी आंकड़े, रुपये की भारी गिरावट और कमजोर वैश्विक बाजार की काली छाया मंडराती रही।
भारतीय रिजर्व ने कहा है कि महंगाई का जोखिम बरकरार है। खुदरा महंगाई दर अब भी ऊंची बनी हुई है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का आंकड़ा दशक के निम्न स्तर पर पहुंचने के बीच बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि शेयर बाजार में सुस्त कारोबार होने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि रुपये का उतार-चढ़ाव और मॉनसून का आगमन निकट समय में बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। पिछले सप्ताह शेयर बाजार पर चौथी तिमाही के कमजोर जीडीपी आंकड़े, रुपये की भारी गिरावट और कमजोर वैश्विक बाजार की काली छाया मंडराती रही।
उन्होंने कहा कि रुपये का उतार-चढ़ाव और मॉनसून का आगमन निकट समय में बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। पिछले सप्ताह शेयर बाजार पर चौथी तिमाही के कमजोर जीडीपी आंकड़े, रुपये की भारी गिरावट और कमजोर वैश्विक बाजार की काली छाया मंडराती रही। |
राजस्थान के बीकानेर में सुखोई-30 ने पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया | बीकानेर में सुखोई 30 ने पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया
बीते एक हफ़्ते में भारत ने दूसरे पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया
26 फ़रवरी को गुजरात में भी पाक ड्रोन को मार गिराया गया था | Indian Sukhoi-30 shoots down Pakistani drone in Bikaner sector
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इससे पहले बीते 26 फरवरी को गुजरात के कच्छ में भारत ने पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया था. पुलिस सूत्रों ने बताया था कि ड्रोन का मलबा कच्छ के अब्दासा तालुका के ननघाटाद गांव के पास दिखा. सूत्रों ने बताया कि सुबह करीब 6 बजे आवाज सुनने के बाद गांव वाले मौके पर पहुंचे और ड्रोन का मलबा देखा था.
26 फरवरी को भीगुजरात के कच्छ में भारत ने पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया था.
बता दें कि भारतीय वायुसेना के लड़ाकू जेट विमानों ने 26 फरवरी को तड़के पाकिस्तान के बालाकोट में कई आतंकी शिविरों पर बम गिराए थे, जिसमें 300 आतंकियों के मारे जाने की खबर है. जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी गुट जैश-ए-मोहम्मद द्वारा किए गए आत्मघाती हमले के ठीक 12 दिन बाद यह कार्रवाई की गई थी. इस आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. |
रणजी ट्रॉफी : हैदराबाद के क्रिकेटर तन्मय अग्रवाल के सिर में गेंद लगी, अस्पताल में भर्ती | हादसे के समय शार्ट लेग पर फील्डिंग कर रहे थे तन्मय
छत्तीसगढ़ के मनोज सिंह का शॉट सीधे उनके हेलमेट पर लगा
चक्कर आने की शिकायत के बाद तन्मय को अस्पताल ले जाया गया | हैदराबाद के क्रिकेटर तन्मय अग्रवाल को बुधवार को उस समय अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा जब रणजी ट्रॉफी ग्रुप सी के तहत खेले जा रहे मैच के दौरान उनके सिर (हेलमेट) पर गेंद लग गई. हैदराबाद और छत्तीसगढ़ का मैच वलसाड में खेला जा रहा है.टिप्पणियां
21 वर्षीय तन्मय शार्ट लेग पर फील्डिंग कर रहे थे, इसी दौरान छत्तीसगढ़ के बल्लेबाज मनोज सिंह का स्पिनर मेहदी हसन की गेंद पर खेला गया करारा पुल शॉट सीधे उनके हेलमेट से जा टकराया.
गेंद के हेलमेट से टकराने के बाद तन्मय जमीन पर गिर पड़े. चक्कर आने की शिकायत के बाद अंपायरों ने मैदान में स्ट्रेचर बुलाया. ऐहतियात के तौर पर मेडिकल स्टाफ की सलाह पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया.
21 वर्षीय तन्मय शार्ट लेग पर फील्डिंग कर रहे थे, इसी दौरान छत्तीसगढ़ के बल्लेबाज मनोज सिंह का स्पिनर मेहदी हसन की गेंद पर खेला गया करारा पुल शॉट सीधे उनके हेलमेट से जा टकराया.
गेंद के हेलमेट से टकराने के बाद तन्मय जमीन पर गिर पड़े. चक्कर आने की शिकायत के बाद अंपायरों ने मैदान में स्ट्रेचर बुलाया. ऐहतियात के तौर पर मेडिकल स्टाफ की सलाह पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया.
गेंद के हेलमेट से टकराने के बाद तन्मय जमीन पर गिर पड़े. चक्कर आने की शिकायत के बाद अंपायरों ने मैदान में स्ट्रेचर बुलाया. ऐहतियात के तौर पर मेडिकल स्टाफ की सलाह पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया. |
जन्मदिन विशेष : देखिए 'देसी गर्ल' प्रियंका चोपड़ा के बचपन की तस्वीरें | प्रियंका चोपड़ा 34 साल की हो गई हैं
वह हॉलीवुड फिल्म 'बे वॉच' में नकारात्मक भूमिका निभा रही हैं
वह अपने पिता के बेहद करीब थीं | प्रियंका चाहती थीं कि वह इंजीनियरिंग या मनोरोग की पढ़ाई करें लेकिन 2000 में मिस वर्ल्ड बनने के बाद उन्होंने अभिनय को अपना करियर चुना। 2002 में आई अब्बास-मस्तान की फिल्म 'हमराज' शायद प्रियंका की पहली बॉलीवुड फिल्म होती, लेकिन किसी कारणों से वह यह फिल्म नहीं कर सकीं और उनकी जगह फिर अमीषा पटेल को लिया गया।
प्रियंका ने फिर 2002 में ही एक तमिल फिल्म 'थामीजान' में अपने अभिनय की शुरुआत की और 2003 में सनी देओल की फिल्म 'द हीरो' से बॉलीवुड में कदम रखा। इसके बाद जैसे प्रियंका ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। कई अहम बॉलीवुड फिल्मों में अपना हुनर दिखाकर उन्होंने पश्चिम में दस्तक दी जहां अमेरिकी टीवी सीरिज़ 'क्वांटिको' के ज़रिए वह एक चर्चित नाम बन गईं। उनकी आने वाली हॉलीवुड फिल्म 'बे वॉच' है जिसमें उन्होंने नकारात्मक रोल निभाया है।
प्रियंका ने फिर 2002 में ही एक तमिल फिल्म 'थामीजान' में अपने अभिनय की शुरुआत की और 2003 में सनी देओल की फिल्म 'द हीरो' से बॉलीवुड में कदम रखा। इसके बाद जैसे प्रियंका ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। कई अहम बॉलीवुड फिल्मों में अपना हुनर दिखाकर उन्होंने पश्चिम में दस्तक दी जहां अमेरिकी टीवी सीरिज़ 'क्वांटिको' के ज़रिए वह एक चर्चित नाम बन गईं। उनकी आने वाली हॉलीवुड फिल्म 'बे वॉच' है जिसमें उन्होंने नकारात्मक रोल निभाया है। |
दिल्ली के चांदनी चौक मेट्रो स्टेशन से CRPF की वर्दी पहने संदिग्ध हिरासत में, 2 सवालों में ही फंसा | CRPF की वर्दी पहने संदिग्ध
2 सवालों में फंसा शख्स
एजेंसियां कर रही हैं पूछताछ | केंद्रीय आद्यौगिक बल (CISF)ने दिल्ली के चांदनी चौक मेट्रो स्टेशन के अंदर से एक संदिग्ध को पकड़ा है. जिसने CRPF की वर्दी पहन रखी थी. पकड़े गए शख्स ने खुद का नाम नदीम खान और शामली का रहने वाला बताया. पूछताछ में शख्स दावा कर रहा था किवो CRPF में ट्रेनी है और श्रीनगर में उसकी ट्रेनिंग चल रही है. उसने यह भी कहा कि अपनी मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए शामली आया था. लेकिन जांच में पता चला की उसके माता पिता एकदम ठीक हैं. वही यह शख्स श्रीनगर में ट्रेंनिग भी नहीं कर रहा है. शख्स के पास से दो आधार कार्ड मिले हैं. जिसमें अलग-अलग जन्म तारीख लिखी हुई है. इस शख्स को दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया गया है. फिलहाल सुरक्षा एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं.
गौरतलब है कि श्रीलंका में हुए बम धमाकों के बाद से सुरक्षा एजेंसियां बेहद चौकन्नी हैं. इनपुट मिला था कि श्रीलंका में घटना को अंजाम देने के बाद आतंकी भारत की सीमा में दखिल हो सकते हैं. भारत में इस समय लोकसभा चुनाव हो रहे हैं और इस लिहाज से भी आशंका जताई जा रही है कि आतंकी सुरक्षा में ढील पाकर किसी भी घटना को अंजाम दे सकते हैं. |
चीन की दो कोयला खानों में विस्फोट से 50 से ज़्यादा मरे : रपट | एक विस्फोट इनर मंगोलिया की खान में हुआ, जिसमें 32 लोगों की मौत हुई
दूसरा विस्फोट मंगलवार को हीलोंगजियांग की एक निजी खान में हुआ
चीन सबसे बड़ा कोयला उत्पादक देश है, खानों में अक्सर विस्फोट होते हैं | चीन की दो अलग-अलग कोयला खानों में विस्फोट होने से 59 लोगों की मौत हो जाने की ख़बर है.
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, शनिवार को इनर मंगोलिया के उत्तरी इलाके की एक कोयला खान में हुए विस्फोट में 32 लोगों की मौत हुई. बताया गया है कि चिफेंग शहर की खान के अंदर गैस की वजह से जब विस्फोट हुआ, तब वहां कुल 181 लोग काम कर रहे थे, जिनमें से 149 बच निकलने में सफल रहे.टिप्पणियां
एक अन्य घटना में मंगलवार देर रात को पूर्वोत्तर हीलोंगजियांग प्रांत के क्विटेहे शहर की एक निजी खान में विस्फोट हो गया था, जिससे वहां काम कर रहे 22 मजदूर फंस गए. समाचार एजेंसी ने प्रांतीय अधिकारियों के हवाले से बताया कि शुक्रवार की रात वहां फंसे 21 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई. जानकारी के मुताबिक, विस्फोट के बाद कुछ सुरंगों में मलबा भर गया था, जिससे बचाव काम प्रभावित हुआ.
उल्लेखनीय है कि चीन कोयले का सबसे बड़ा उत्पादक देश है और यहां की कोयला खानों में अक्सर विस्फोट होते रहते हैं.
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, शनिवार को इनर मंगोलिया के उत्तरी इलाके की एक कोयला खान में हुए विस्फोट में 32 लोगों की मौत हुई. बताया गया है कि चिफेंग शहर की खान के अंदर गैस की वजह से जब विस्फोट हुआ, तब वहां कुल 181 लोग काम कर रहे थे, जिनमें से 149 बच निकलने में सफल रहे.टिप्पणियां
एक अन्य घटना में मंगलवार देर रात को पूर्वोत्तर हीलोंगजियांग प्रांत के क्विटेहे शहर की एक निजी खान में विस्फोट हो गया था, जिससे वहां काम कर रहे 22 मजदूर फंस गए. समाचार एजेंसी ने प्रांतीय अधिकारियों के हवाले से बताया कि शुक्रवार की रात वहां फंसे 21 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई. जानकारी के मुताबिक, विस्फोट के बाद कुछ सुरंगों में मलबा भर गया था, जिससे बचाव काम प्रभावित हुआ.
उल्लेखनीय है कि चीन कोयले का सबसे बड़ा उत्पादक देश है और यहां की कोयला खानों में अक्सर विस्फोट होते रहते हैं.
एक अन्य घटना में मंगलवार देर रात को पूर्वोत्तर हीलोंगजियांग प्रांत के क्विटेहे शहर की एक निजी खान में विस्फोट हो गया था, जिससे वहां काम कर रहे 22 मजदूर फंस गए. समाचार एजेंसी ने प्रांतीय अधिकारियों के हवाले से बताया कि शुक्रवार की रात वहां फंसे 21 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई. जानकारी के मुताबिक, विस्फोट के बाद कुछ सुरंगों में मलबा भर गया था, जिससे बचाव काम प्रभावित हुआ.
उल्लेखनीय है कि चीन कोयले का सबसे बड़ा उत्पादक देश है और यहां की कोयला खानों में अक्सर विस्फोट होते रहते हैं.
उल्लेखनीय है कि चीन कोयले का सबसे बड़ा उत्पादक देश है और यहां की कोयला खानों में अक्सर विस्फोट होते रहते हैं. |
Sarkari Naukri: 10वीं पास इन 5 सरकारी नौकरियों के लिए नए साल में कर सकेंगे अप्लाई | अगले साल रेलवे 99 हजार पदों पर वैकेंसी निकालेगा.
राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल के पदों पर भर्तियां करेगा.
ये सभी वैकेंसी 10वीं पास वालों के लिए होंगी. | 10वीं पास युवाओं के लिए इस साल कई सरकारी नौकरियां (Sarkari Naukri) निकली. कई भर्तियों की प्रक्रिया चल रही है. नए साल 2020 में भी 10वीं पास वालों के लिए बंपर वैकेंसी निकलेंगी. केंद्र से लेकर राज्य सरकार के विभागों में 10वीं पास वालों के लिए वैकेंसी निकाली जाएगी. रेलवे से लेकर पुलिस विभाग तक में कई पदों पर भर्तियां निकाली जाएगी. आइये जानते हैं उन भर्तियों के बारे में जिन पर अगले साल 10वीं पास लोग आवेदन कर सकेंगे. |
सनी देओल के बेटे करण देओल के व्यवहार पर भड़के बॉलीवुड एक्टर, कहा-इंडस्ट्री में सफल... | करण देओल के व्यवहार पर भड़के बॉलीवुड एक्टर
ट्वीट कर कमाल आर खान ने दिया रिएक्शन
कमाल आर खान का ट्वीट हुआ वायरल | बॉलीवुड एक्टर सनी देओल (Sunny Deol) के बेटे करण देओल (Karan Deol) ने फिल्म 'पल पल दिल के पास (Pal Pal Dil Ke Paas)' से बॉलीवुड में डेब्यू किया है. इस फिल्म में करण देओल के साथ एक्ट्रेस सहर बाम्बा भी मुख्य भूमिका में नजर आ रही हैं. लेकिन हाल ही में करण देओल के व्यवहार को लेकर बॉलीवुड एक्टर कमाल आर खान ने ट्वीट किया है. कमाल आर खान का यह ट्वीट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. अपने ट्वीट में कमाल आर खान (Kamaal R Khan) ने बताया है कि वह एयरपोर्ट पर करण देओल से मिले थे, लेकिन एक्टर ने उन्हें हेलो तक नहीं किया. इस बात पर अपना रिएक्शन देते हुए कमाल आर खान (Kamaal R Khan) ने करण देओल के व्यवहार पर सवाल उठाया है.
Today, I saw #KaranDeol at the airport and he didn't even say hello to me, while I am elder than him and I am #TheNo1Critic#TheBrandKRK in the Bollywood today. Means this boy is not only bad actor but having attitude problem also. Means he can't become successful in the Bollywd.
करण देओल (Karan Deol) से अपनी एयरपोर्ट पर हुई मुलाकात के बारे में बताते हुए कमाल आर खान (Kamaal R Khan) ने लिखा, "मैंने आज करण देओल को एयरपोर्ट पर देखा और उन्होंने मुझसे हैलो तक नहीं कहा. जबकि मैं उनसे बड़ा हूं और नंबर 1 समीक्षक भी हूं. इसका मतलब है कि यह लड़का न केवल एक्टिंग में कमजोर है, बल्कि इसके अंदर एटीट्यूड प्रोब्लम भी है. इस लिहाज से यह बॉलीवुड में कभी एक सफल व्यक्ति नहीं बन सकता."
बता दें कि करण देओल (Karan Deol) और सहर बांबा की फिल्म 'पल पल दिल के पास' ने बॉक्स ऑफिस पर 5.60 करोड़ रुपये की कमाई की है. उनकी इस फिल्म को खुद एक्टर सनी देओल ने डायरेक्ट किया है, जबकि इसे धर्मेंद्र ने प्रोड्यूस किया है. वहीं, कमाल आर खान (Kamaal R Khan) की बात करें तो उन्होंने फिल्म देशद्रोही और बिग बॉस 3 के जरिए अपनी पहचान बनाई है. फिल्मों के अलावा कमाल आर खान सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहते हैं. समसामयिक मुद्दों पर अपनी राय पेश करने के साथ ही कमाल आर खान बॉलीवुड फिल्म्स का रिव्यू भी करते हैं. खास बात तो यह है कि उनके ट्वीट सोशल मीडिया पर काफी वायरल भी होते हैं. |
29 जून को भरत से फेरे लेंगी ऐशा देओल | धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की बेटी ऐशा देओल अपने मंगेतर भरत तख्तानी के साथ 29 जून को एक मंदिर में शादी के बंधन में बंध जाएंगी। | धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की बेटी ऐशा देओल अपने मंगेतर भरत तख्तानी के साथ 29 जून को एक मंदिर में शादी के बंधन में बंध जाएंगी। ऐशा पिछले कुछ समय से बांद्रा के उद्योगपति भरत तख्तानी के साथ डेटिंग कर रही हैं। ऐशा और भरत की सगाई का समारोह 12 फरवरी को हेमा मालिनी के बंगले पर हुआ था, जिसमें कुछ नजदीकी लोग ही शामिल थे।टिप्पणियां
ऐशा की शादी के बारे में बताते हुए हेमामालिनी ने कहा, ‘‘हम बहुत खुश और उत्सुक हैं। तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। शादी 29 जून को एक मंदिर में होगी। हम मंदिर में शादी करना चाहते हैं।’’ ऐसा माना जा रहा है कि शादी का समारोह तो निजी रहेगा जबकि रिसेप्शन का आयोजन 30 जून को उपनगर के एक पांच सितारा होटल में होगा।
इसकी जानकारी देते हुए हेमा ने कहा, ‘‘रिसेप्शन 30 जून को एक पांच सितारा होटल में होगी। हम बस सभी से उनकी शुभकामनाएं और प्यार चाहते हैं।’’ रिसेप्शन में फिल्म उद्योग और राजनीति की कई बड़ी हस्तियों के आने की संभावना है। अपनी पिछली फिल्म ‘टेल मी ओ खुदा’ के बाद ही ऐशा ने घर बसाने का फैसला कर लिया था।
ऐशा की शादी के बारे में बताते हुए हेमामालिनी ने कहा, ‘‘हम बहुत खुश और उत्सुक हैं। तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। शादी 29 जून को एक मंदिर में होगी। हम मंदिर में शादी करना चाहते हैं।’’ ऐसा माना जा रहा है कि शादी का समारोह तो निजी रहेगा जबकि रिसेप्शन का आयोजन 30 जून को उपनगर के एक पांच सितारा होटल में होगा।
इसकी जानकारी देते हुए हेमा ने कहा, ‘‘रिसेप्शन 30 जून को एक पांच सितारा होटल में होगी। हम बस सभी से उनकी शुभकामनाएं और प्यार चाहते हैं।’’ रिसेप्शन में फिल्म उद्योग और राजनीति की कई बड़ी हस्तियों के आने की संभावना है। अपनी पिछली फिल्म ‘टेल मी ओ खुदा’ के बाद ही ऐशा ने घर बसाने का फैसला कर लिया था।
इसकी जानकारी देते हुए हेमा ने कहा, ‘‘रिसेप्शन 30 जून को एक पांच सितारा होटल में होगी। हम बस सभी से उनकी शुभकामनाएं और प्यार चाहते हैं।’’ रिसेप्शन में फिल्म उद्योग और राजनीति की कई बड़ी हस्तियों के आने की संभावना है। अपनी पिछली फिल्म ‘टेल मी ओ खुदा’ के बाद ही ऐशा ने घर बसाने का फैसला कर लिया था। |
रजत गुप्ता इनसाइडर ट्रेडिंग मामले में दोषी करार | वॉल स्ट्रीट में सबसे सफल भारतीय अमेरिकियों में से एक रजत गुप्ता को अमेरिका के सबसे बड़े इनसाइडर ट्रेडिंग मामले में गैलियन हेज फंड के संस्थापक राज राजारत्नम को गोपनीय सूचना पहुंचाने का दोषी करार दिया गया। | वॉल स्ट्रीट में सबसे सफल भारतीय अमेरिकियों में से एक रजत गुप्ता को अमेरिका के सबसे बड़े इनसाइडर ट्रेडिंग मामले में गैलियन हेज फंड के संस्थापक राज राजारत्नम को गोपनीय सूचना पहुंचाने का दोषी करार दिया गया।
अमेरिका की एक अदालत ने गोल्डमैन साक्स के पूर्व निदेशक 63 वर्षीय गुप्ता को अपने पूर्व मित्र राजारत्नम को गोपनीय सूचना उपलब्ध कराने का दोषी पाया गया। राजारत्नम को पहले ही इनसाइडर ट्रेडिंग का दोषी करार दिया जा चुका है और वह 11 वर्ष की कारावास की सजा काट रहे हैं।
मैनहटन में एक अदालत में गुप्ता पर छह में से चार आरोप सही पाए गए। अदालत 18 अक्टूबर को गुप्ता को सजा सुनाएगी।
अभियोजकों ने गुप्ता पर आरोप लगाया था कि उन्होंने गोल्डमैन साक्स के बोर्ड में रहते हुए और मैकिंजे एंड कंपनी का नेतृत्व करते हुए हेज फंड मैनेजर राजारत्नम को गोपनीय सूचना उपलब्ध कराई।टिप्पणियां
गुप्ता के खिलाफ 21 मई को मुकदमा शुरू हुआ जो तीन सप्ताह तक चला।
प्रतिभूति संबंधी धोखाधड़ी के लिए अधिकतम 20 साल की कारावास की सजा का प्रावधान है, जबकि षडयंत्र रचने के लिए अधिकतम पांच साल की कारावास की सजा का प्रावधान है। सजा सुनाए जाने तक गुप्ता जमानत पर स्वतंत्र रहेंगे।
अमेरिका की एक अदालत ने गोल्डमैन साक्स के पूर्व निदेशक 63 वर्षीय गुप्ता को अपने पूर्व मित्र राजारत्नम को गोपनीय सूचना उपलब्ध कराने का दोषी पाया गया। राजारत्नम को पहले ही इनसाइडर ट्रेडिंग का दोषी करार दिया जा चुका है और वह 11 वर्ष की कारावास की सजा काट रहे हैं।
मैनहटन में एक अदालत में गुप्ता पर छह में से चार आरोप सही पाए गए। अदालत 18 अक्टूबर को गुप्ता को सजा सुनाएगी।
अभियोजकों ने गुप्ता पर आरोप लगाया था कि उन्होंने गोल्डमैन साक्स के बोर्ड में रहते हुए और मैकिंजे एंड कंपनी का नेतृत्व करते हुए हेज फंड मैनेजर राजारत्नम को गोपनीय सूचना उपलब्ध कराई।टिप्पणियां
गुप्ता के खिलाफ 21 मई को मुकदमा शुरू हुआ जो तीन सप्ताह तक चला।
प्रतिभूति संबंधी धोखाधड़ी के लिए अधिकतम 20 साल की कारावास की सजा का प्रावधान है, जबकि षडयंत्र रचने के लिए अधिकतम पांच साल की कारावास की सजा का प्रावधान है। सजा सुनाए जाने तक गुप्ता जमानत पर स्वतंत्र रहेंगे।
मैनहटन में एक अदालत में गुप्ता पर छह में से चार आरोप सही पाए गए। अदालत 18 अक्टूबर को गुप्ता को सजा सुनाएगी।
अभियोजकों ने गुप्ता पर आरोप लगाया था कि उन्होंने गोल्डमैन साक्स के बोर्ड में रहते हुए और मैकिंजे एंड कंपनी का नेतृत्व करते हुए हेज फंड मैनेजर राजारत्नम को गोपनीय सूचना उपलब्ध कराई।टिप्पणियां
गुप्ता के खिलाफ 21 मई को मुकदमा शुरू हुआ जो तीन सप्ताह तक चला।
प्रतिभूति संबंधी धोखाधड़ी के लिए अधिकतम 20 साल की कारावास की सजा का प्रावधान है, जबकि षडयंत्र रचने के लिए अधिकतम पांच साल की कारावास की सजा का प्रावधान है। सजा सुनाए जाने तक गुप्ता जमानत पर स्वतंत्र रहेंगे।
अभियोजकों ने गुप्ता पर आरोप लगाया था कि उन्होंने गोल्डमैन साक्स के बोर्ड में रहते हुए और मैकिंजे एंड कंपनी का नेतृत्व करते हुए हेज फंड मैनेजर राजारत्नम को गोपनीय सूचना उपलब्ध कराई।टिप्पणियां
गुप्ता के खिलाफ 21 मई को मुकदमा शुरू हुआ जो तीन सप्ताह तक चला।
प्रतिभूति संबंधी धोखाधड़ी के लिए अधिकतम 20 साल की कारावास की सजा का प्रावधान है, जबकि षडयंत्र रचने के लिए अधिकतम पांच साल की कारावास की सजा का प्रावधान है। सजा सुनाए जाने तक गुप्ता जमानत पर स्वतंत्र रहेंगे।
गुप्ता के खिलाफ 21 मई को मुकदमा शुरू हुआ जो तीन सप्ताह तक चला।
प्रतिभूति संबंधी धोखाधड़ी के लिए अधिकतम 20 साल की कारावास की सजा का प्रावधान है, जबकि षडयंत्र रचने के लिए अधिकतम पांच साल की कारावास की सजा का प्रावधान है। सजा सुनाए जाने तक गुप्ता जमानत पर स्वतंत्र रहेंगे।
प्रतिभूति संबंधी धोखाधड़ी के लिए अधिकतम 20 साल की कारावास की सजा का प्रावधान है, जबकि षडयंत्र रचने के लिए अधिकतम पांच साल की कारावास की सजा का प्रावधान है। सजा सुनाए जाने तक गुप्ता जमानत पर स्वतंत्र रहेंगे। |
गुजरात से कांग्रेस के राज्यसभा प्रत्याशी नारायणभाई रठवा के खिलाफ गड़बड़ी की शिकायत | बीजेपी सांसद संजय जयसवाल ने स्पीकर को शिकायती पत्र लिखा
नॉमिनेशन में लगाए गए सर्टिफिकेट की जांच कराने की मांग
फर्ज़ी नो ड्यूज सर्टिफिकेट लगाए जाने की आशंका | बीजेपी ने शिकायत की है कि इसकी जांच होनी चाहिए की यह सर्टिफिकेट नारायणभाई रठवा के पास पहले कहां से आया? कहीं उन्होंने नॉमिनेशन में फर्ज़ी नो ड्यूज सर्टिफिकेट तो नहीं लगाया था. सूत्रों की मानें तो लोकसभा स्पीकर ने इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं. |
राज्यसभा में तीन तलाक़ बिल अटका, अब सरकार अध्यादेश की तैयारी में | सरकार बिल लागू करने के लिए अध्यादेश लाने पर कर रही विचार
सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि अब बिल शीतकालीन सत्र में लाया जाएगा
सरकार ने कहा- कांग्रेस का दोहरा रुख, लोकसभा में अलग और राज्यसभा में अलग | सरकार की तरफ से अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने विपक्ष पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया. सरकार को पहले से ये अंदेशा था कि राज्यसभा में उसे बिल पर विपक्ष का विरोध झेलना पड़ेगा, इसलिए अब सरकार संशोधित बिल को लागू करने के लिए अध्यादेश लाकर लागू करने के विकल्प पर विचार कर रही है. अब देखना होगा कि इस विवादित और संवेदनशील बिल पर राजनीति आगे क्या करवट लेती है. |
सात भारतीय कंपनियों को 2016 में कम एच-1बी वीजा मिले | पिछले साल 2015 की तुलना में कम एच-1बी वीजा मिला है.
2015 की तुलना में 5,436 या 37 प्रतिशत की गिरावट आई
टाटा, विप्रो, इंफोसिस प्रभावित. | सात भारत स्थित आउटसोर्सिंग कंपनियों को 2016 में अमेरिका में इससे पिछले साल 2015 की तुलना में कम एच-1बी वीजा मिला है. मीडिया की खबरों के अनुसार समूह के रूप में उनके आंकड़ों में 37 प्रतिशत की गिरावट आई.
वाशिंगटन स्थित गैर लाभकारी शोध संस्थान नेशनल फाउंडेशन ऑफ अमेरिकन पालिसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2016 में कंपनियों के मंजूर आवेदनों में 2015 की तुलना में 5,436 या 37 प्रतिशत की गिरावट आई. इसमें कहा गया है कि शीर्ष सात भारतीय कंपनियों के लिए वित्त वर्ष 2016 में 9,356 नए एच-1बी वीजा आवेदनों को मंजूरी दी गई, जो अमेरिकी श्रमबल का मात्र 0.006 प्रतिशत बैठता है.टिप्पणियां
रिपोर्ट में बताया गया है कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के नए मंजूर एच-1बी आवेदनों की संख्या वित्त वर्ष 2016 में घटकर 2,040 पर आ गई. यह 2015 में 4,674 थी. इस तरह मंजूर आवेदनों की संख्या में 2,634 की गिरावट आई.
वहीं विप्रो के लिए आवेदनों की संख्या 52 प्रतिशत या 1,605 घटकर 3,079 से 1,474 पर आ गई. इन्फोसिस के मंजूर आवेदनों की संख्या 16 प्रतिशत घटकर 2,830 से 2,376 पर आ गई.
वाशिंगटन स्थित गैर लाभकारी शोध संस्थान नेशनल फाउंडेशन ऑफ अमेरिकन पालिसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2016 में कंपनियों के मंजूर आवेदनों में 2015 की तुलना में 5,436 या 37 प्रतिशत की गिरावट आई. इसमें कहा गया है कि शीर्ष सात भारतीय कंपनियों के लिए वित्त वर्ष 2016 में 9,356 नए एच-1बी वीजा आवेदनों को मंजूरी दी गई, जो अमेरिकी श्रमबल का मात्र 0.006 प्रतिशत बैठता है.टिप्पणियां
रिपोर्ट में बताया गया है कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के नए मंजूर एच-1बी आवेदनों की संख्या वित्त वर्ष 2016 में घटकर 2,040 पर आ गई. यह 2015 में 4,674 थी. इस तरह मंजूर आवेदनों की संख्या में 2,634 की गिरावट आई.
वहीं विप्रो के लिए आवेदनों की संख्या 52 प्रतिशत या 1,605 घटकर 3,079 से 1,474 पर आ गई. इन्फोसिस के मंजूर आवेदनों की संख्या 16 प्रतिशत घटकर 2,830 से 2,376 पर आ गई.
रिपोर्ट में बताया गया है कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के नए मंजूर एच-1बी आवेदनों की संख्या वित्त वर्ष 2016 में घटकर 2,040 पर आ गई. यह 2015 में 4,674 थी. इस तरह मंजूर आवेदनों की संख्या में 2,634 की गिरावट आई.
वहीं विप्रो के लिए आवेदनों की संख्या 52 प्रतिशत या 1,605 घटकर 3,079 से 1,474 पर आ गई. इन्फोसिस के मंजूर आवेदनों की संख्या 16 प्रतिशत घटकर 2,830 से 2,376 पर आ गई.
वहीं विप्रो के लिए आवेदनों की संख्या 52 प्रतिशत या 1,605 घटकर 3,079 से 1,474 पर आ गई. इन्फोसिस के मंजूर आवेदनों की संख्या 16 प्रतिशत घटकर 2,830 से 2,376 पर आ गई. |
दिल्ली मेट्रो ने पांच स्टेशनों को खोला, चार अभी भी बंद | राजधानी में 23 वर्षीय छात्रा के सामूहिक बलात्कार के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान तीन दिन तक बंद रहने के बाद दिल्ली मेट्रो के पांच महत्वपूर्ण स्टेशनों को खोल दिया गया, हालांकि इंडिया गेट के नजदीकी चार स्टेशन अभी भी बंद हैं। | राजधानी में 23 वर्षीय छात्रा के सामूहिक बलात्कार के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान तीन दिन तक बंद रहने के बाद दिल्ली मेट्रो के पांच महत्वपूर्ण स्टेशनों को खोल दिया गया, हालांकि इंडिया गेट के नजदीकी चार स्टेशन अभी भी बंद हैं।टिप्पणियां
दिल्ली मेट्रो ने अपने व्यस्ततम स्टेशन राजीव चौक के साथ ही बाराखंभा रोड, प्रगति मैदान, मंडी हाउस और खान मार्केट को शाम पांच बजे खोल दिया गया। लेकिन केंद्रीय सचिवालय, पटेल चौक, उद्योग भवन और रेस कोर्स स्टेशन अभी भी बंद हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस की ओर से कहे जाने के बाद दिल्ली मेट्रो ने रविवार से ही इन स्टेशनों को बंद किया हुआ था। राजीव चौक स्टेशन रविवार को खुला था, लेकिन सोमवार और मंगलवार को यह बंद रहा।
दिल्ली मेट्रो ने अपने व्यस्ततम स्टेशन राजीव चौक के साथ ही बाराखंभा रोड, प्रगति मैदान, मंडी हाउस और खान मार्केट को शाम पांच बजे खोल दिया गया। लेकिन केंद्रीय सचिवालय, पटेल चौक, उद्योग भवन और रेस कोर्स स्टेशन अभी भी बंद हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस की ओर से कहे जाने के बाद दिल्ली मेट्रो ने रविवार से ही इन स्टेशनों को बंद किया हुआ था। राजीव चौक स्टेशन रविवार को खुला था, लेकिन सोमवार और मंगलवार को यह बंद रहा।
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस की ओर से कहे जाने के बाद दिल्ली मेट्रो ने रविवार से ही इन स्टेशनों को बंद किया हुआ था। राजीव चौक स्टेशन रविवार को खुला था, लेकिन सोमवार और मंगलवार को यह बंद रहा। |
शिवसेना ने कांग्रेस से पूछा - याकूब मेमन की फांसी का विरोध करने वाले गोपालकृष्ण गांधी को उम्मीदवार क्यों बनाया? | शिवसेना सांसद संजय राउत ने ट्वीट के जरिये कांग्रेस से सवाल पूछा
गोपालकृष्ण गांधी ने याकूब मेमन की फांसी का विरोध किया था
गांधी ने राष्ट्रपति को ख़त लिखकर सज़ा रद्द की मांग की थी | उपराष्ट्रपति पद के चुनाव की गहमागहमी शुरू होने दौर में यूपीए के उम्मीदवार पर शिवसेना ने पहला निशाना दाग़ दिया है. पार्टी ने कांग्रेस को याद दिलाया कि यूपीए उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी ने आतंकी याकूब मेमन की फांसी का विरोध किया था.
मुंबई धमाके के आरोपी याकूब मेमन को केंद्र में कांग्रेस की सरकार रहते हुए फांसी देने का ऐलान हुआ था जिसके खिलाफ़ बहुत आवाजें बुलंद हुई थी. याकूब खुद अपनी फांसी को रद्द करवाने के लिए लंम्बी जिरह कर रहा था. इस बीच एक आवाज़ गोपालकृष्ण गांधी की थी. गांधी ने राष्ट्रपति को ख़त लिखकर यह गुजारिश की थी कि याक़ूब की फांसी की सज़ा रद्द की जाए.टिप्पणियां
अपनी दलील में गोपालकृष्ण गांधी ने कहा था कि जब याकूब ने भारतीय व्यवस्था के सामने खुद को सुपुर्द किया और उससे कानून से सहयोग की बात भी सामने आई हो तब उसे फांसी दिए जाना ठीक नहीं. गांधी ने राष्ट्रपति को याद दिलाया था कि पूर्व राष्ट्रपति कलाम हमेशा से फांसी के खिलाफ़ थे. अपनी दलील को और मजबूत करने के लिए गांधी ने ख़त में ही राष्ट्रपति को बता दिया था कि वे अपने ख़त को इसलिए सार्वजनिक कर रहे हैं क्योंकि उनकी रखी बात तत्काल जनहित में सार्वजनिक होनी चाहिए.
इस संदर्भ को ताज़ा करते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने ट्वीट के जरिए कांग्रेस से सवाल पूछा है कि याकूब मेमन को फांसी पर लटकाने का विरोध करने वाले गोपालकृष्ण गांधी को क्या आप उपराष्ट्रपति बनाने चले हो?
Do you want Gopalkrishna Gandhi as VP ? who opposed hanging of 93 Mumbai Blast plotter Yakub Memon.
Jai Hind pic.twitter.com/wHPJ4wOT9t
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) July 16, 2017
राउत ने NDTV इंडिया से बातचीत में कहा कि वे केवल गांधी हैं इसलिए उनका समर्थन नहीं हो सकता. देश के साथ जंग छेड़ने वाले याकूब को फांसी देने के समर्थन में जनमत था. तब गोपालकृष्ण गांधी जनमत के खिलाफ़ खड़े थे. ऐसी सोच रखने वाले व्यक्ति का किसी भी संवैधानिक पद पर होना ठीक नहीं है.
मुंबई धमाके के आरोपी याकूब मेमन को केंद्र में कांग्रेस की सरकार रहते हुए फांसी देने का ऐलान हुआ था जिसके खिलाफ़ बहुत आवाजें बुलंद हुई थी. याकूब खुद अपनी फांसी को रद्द करवाने के लिए लंम्बी जिरह कर रहा था. इस बीच एक आवाज़ गोपालकृष्ण गांधी की थी. गांधी ने राष्ट्रपति को ख़त लिखकर यह गुजारिश की थी कि याक़ूब की फांसी की सज़ा रद्द की जाए.टिप्पणियां
अपनी दलील में गोपालकृष्ण गांधी ने कहा था कि जब याकूब ने भारतीय व्यवस्था के सामने खुद को सुपुर्द किया और उससे कानून से सहयोग की बात भी सामने आई हो तब उसे फांसी दिए जाना ठीक नहीं. गांधी ने राष्ट्रपति को याद दिलाया था कि पूर्व राष्ट्रपति कलाम हमेशा से फांसी के खिलाफ़ थे. अपनी दलील को और मजबूत करने के लिए गांधी ने ख़त में ही राष्ट्रपति को बता दिया था कि वे अपने ख़त को इसलिए सार्वजनिक कर रहे हैं क्योंकि उनकी रखी बात तत्काल जनहित में सार्वजनिक होनी चाहिए.
इस संदर्भ को ताज़ा करते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने ट्वीट के जरिए कांग्रेस से सवाल पूछा है कि याकूब मेमन को फांसी पर लटकाने का विरोध करने वाले गोपालकृष्ण गांधी को क्या आप उपराष्ट्रपति बनाने चले हो?
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राउत ने NDTV इंडिया से बातचीत में कहा कि वे केवल गांधी हैं इसलिए उनका समर्थन नहीं हो सकता. देश के साथ जंग छेड़ने वाले याकूब को फांसी देने के समर्थन में जनमत था. तब गोपालकृष्ण गांधी जनमत के खिलाफ़ खड़े थे. ऐसी सोच रखने वाले व्यक्ति का किसी भी संवैधानिक पद पर होना ठीक नहीं है.
अपनी दलील में गोपालकृष्ण गांधी ने कहा था कि जब याकूब ने भारतीय व्यवस्था के सामने खुद को सुपुर्द किया और उससे कानून से सहयोग की बात भी सामने आई हो तब उसे फांसी दिए जाना ठीक नहीं. गांधी ने राष्ट्रपति को याद दिलाया था कि पूर्व राष्ट्रपति कलाम हमेशा से फांसी के खिलाफ़ थे. अपनी दलील को और मजबूत करने के लिए गांधी ने ख़त में ही राष्ट्रपति को बता दिया था कि वे अपने ख़त को इसलिए सार्वजनिक कर रहे हैं क्योंकि उनकी रखी बात तत्काल जनहित में सार्वजनिक होनी चाहिए.
इस संदर्भ को ताज़ा करते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने ट्वीट के जरिए कांग्रेस से सवाल पूछा है कि याकूब मेमन को फांसी पर लटकाने का विरोध करने वाले गोपालकृष्ण गांधी को क्या आप उपराष्ट्रपति बनाने चले हो?
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राउत ने NDTV इंडिया से बातचीत में कहा कि वे केवल गांधी हैं इसलिए उनका समर्थन नहीं हो सकता. देश के साथ जंग छेड़ने वाले याकूब को फांसी देने के समर्थन में जनमत था. तब गोपालकृष्ण गांधी जनमत के खिलाफ़ खड़े थे. ऐसी सोच रखने वाले व्यक्ति का किसी भी संवैधानिक पद पर होना ठीक नहीं है.
इस संदर्भ को ताज़ा करते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने ट्वीट के जरिए कांग्रेस से सवाल पूछा है कि याकूब मेमन को फांसी पर लटकाने का विरोध करने वाले गोपालकृष्ण गांधी को क्या आप उपराष्ट्रपति बनाने चले हो?
Do you want Gopalkrishna Gandhi as VP ? who opposed hanging of 93 Mumbai Blast plotter Yakub Memon.
Jai Hind pic.twitter.com/wHPJ4wOT9t
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) July 16, 2017
राउत ने NDTV इंडिया से बातचीत में कहा कि वे केवल गांधी हैं इसलिए उनका समर्थन नहीं हो सकता. देश के साथ जंग छेड़ने वाले याकूब को फांसी देने के समर्थन में जनमत था. तब गोपालकृष्ण गांधी जनमत के खिलाफ़ खड़े थे. ऐसी सोच रखने वाले व्यक्ति का किसी भी संवैधानिक पद पर होना ठीक नहीं है.
Do you want Gopalkrishna Gandhi as VP ? who opposed hanging of 93 Mumbai Blast plotter Yakub Memon.
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केबल नेटवर्क संबधी विधेयक को संसद की मंजूरी | राज्यसभा ने चर्चा के बाद केबल नेटवर्क (विनियमन) संशोधन विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। | संसद ने केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। इस विधेयक के प्रावधानों के तहत देश में डिजिटलीकरण की प्रक्रिया वर्ष 2014 तक पूरी होगी जिससे दर्शकों को बेहतर प्रसारण, फ्री टू एयर चैनलों की सुविधा मिलने के साथ-साथ केबल प्रचालकों को भी फायदा होगा। राज्यसभा ने चर्चा के बाद केबल नेटवर्क (विनियमन) संशोधन विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। लोकसभा इसे पहले ही मंजूरी प्रदान कर चुकी है। इससे पूर्व विधेयक पर हुई चर्चा के जवाब में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने कहा कि इस विधेयक का प्राथमिक लाभ दर्शकों को मिलेगा जिन्हें नियामक संस्था ट्राई द्वारा निर्धारित की गई दरों पर फ्री टू एयर चैनल सहित तमाम चैनलों का प्रसारण मुहैया कराया जाएगा। समय-समय पर होने वाले खेल आयोजनों सहित तमाम विशेष कार्यक्रमों के दौरान केबल प्रचालकों द्वारा मनमाना शुल्क वसूलने की सदस्यों की शिकायत के बारे में उन्होंने कहा कि मौजूदा विधेयक के तहत ये कीमतें छह महीने के लिए तय की जाएंगी जिससे बीच-बीच में मनमाने तरीके से शुल्क वसूले जाने की शिकायतों का निवारण होगा। |
जिंदा बच्ची को दफनाने की कोशिश में मां-बाप गिरफ्तार | उत्तर प्रदेश के पंचशील नगर जिले के पिलखुआ में तांत्रिक के कहने पर एक दंपति को अपनी डेढ़ महीने की बेटी को जिंदा दफनाने की कोशिश में गिरफ्तार किया गया है। | उत्तर प्रदेश के पंचशील नगर जिले के पिलखुआ में तांत्रिक के कहने पर एक दंपति को अपनी डेढ़ महीने की बेटी को जिंदा दफनाने की कोशिश में गिरफ्तार किया गया है। सूखा रोग से ग्रस्त इस बच्ची का इलाज कराने पर भी वह ठीक नहीं हो रही थी। ऐसे में एक तांत्रिक ने बच्ची की मां से कहा कि अगर वह इसे दफना देगी, तभी भविष्य में होने वाले उसके बच्चे जिंदा रह पाएंगे।
अंधविश्वास में पड़कर बच्ची की मां, उसके पिता और उसका एक चाचा उसे कब्रिस्तान में दफनाने गए थे, लेकिन जिंदा बच्ची को दफनाते देख वहां काम करने वाले एक व्यक्ति ने पुलिस को इसकी सूचना दे दी। तुरंत मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्ची को बचा लिया। पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि महिला ने एक तांत्रिक के कहने पर ऐसा किया। पुलिस अब तांत्रिक की तलाश कर रही है।
अंधविश्वास में पड़कर बच्ची की मां, उसके पिता और उसका एक चाचा उसे कब्रिस्तान में दफनाने गए थे, लेकिन जिंदा बच्ची को दफनाते देख वहां काम करने वाले एक व्यक्ति ने पुलिस को इसकी सूचना दे दी। तुरंत मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्ची को बचा लिया। पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि महिला ने एक तांत्रिक के कहने पर ऐसा किया। पुलिस अब तांत्रिक की तलाश कर रही है। |
'अधिग्रहित भूमि के उद्देश्य को नहीं बदल सकती सरकार' | विशेष सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए अधिग्रहित भूमि को सरकार या उसकी अनुषंगी इकाइयां न तो बदल सकती हैं और न ही किसी व्यक्ति या औद्योगिक घराने को हस्तांतरित कर सकती हैं। | विशेष सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए अधिग्रहित भूमि को सरकार या उसकी अनुषंगी इकाइयां न तो बदल सकती हैं और न ही किसी व्यक्ति या औद्योगिक घराने को हस्तांतरित कर सकती हैं। यह व्यवस्था उच्चतम न्यायालय ने दी है। न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और सुधांशु ज्योति मुखोपाध्याय की पीठ ने कहा कि भले ही सरकार को सार्वजनिक उद्देश्यों के लिये भूमि अधिग्रहण की विशेष शक्ति प्राप्त है लेकिन अधिकारियों के धोखाधड़ी भरे कार्यों को वह वैध नहीं ठहरा सकती। न्यायमूर्ति सिंघवी ने कहा कि अदालतों ने बार बार कहा है कि अपनी विशेष शक्ति का प्रयोग करते समय सरकार लोगों की जमीन का अधिग्रहण कर सकती है लेकिन निजी लोगों के हितों के लिये जमीन मालिकों को उनकी संपत्ति से बेदखल करने के अवैध कार्यों को यह वैध नहीं ठहरा सकती। उच्चतम न्यायालय ने एक विशेष औद्योगिक घराने की अपील को खारिज करते हुए यह आदेश सुनाया। औद्योगिक घराने ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी जिसने दक्षिण बेंगलूर में 37 एकड़ से ज्यादा जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को रद्द कर दिया था। कर्नाटक राज्य पर्यटन विकास निगम ने राज्य सरकार के माध्यम से गोल्फ सह होटल रिसार्ट के लिये निजी जमीन का अधिग्रहण किया था। बहरहाल रिसार्ट बनाने के बजाए इसने जमीन को हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिये एक निजी रियट इस्टेट कंपनी और अन्य औद्योगिक घरानों को सौंप दिया। |
अरुण जेटली की मानहानि मामला : दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई, राम जेठमलानी फिर करेंगे सवालों की बौछार | अरविंद केजरीवाल के वकील हैं राम जेठमलानी
राम जेठमलानी ने जिरह में कई तरह के सवाल पूछे जेटली से
जेटली ने डीडीसीए मामले पर केजरीवाल पर केस किया है. | राम- आप अमृतसर चुनाव की बात कर रहे हैं? क्या ये सही नहीं कि पहली बार आप गुजरात के अलावा कहीं और से चुनाव लड़ना चाहते थे?
जेटली के वकीलों ने विरोध किया लेकिन जेटली : हां
राम : आप अमृतसर से चुनाव लड़ रहे थे तो भी गुजरात से राज्यसभा सदस्य थे ?
जेटली : हां
राम: क्या ये आपका पहला लोकसभा चुनाव था
जेटली : हां मैं पहली बार लड़ा था
राम : तो आप पहली बार लोकतंत्र में अपनी ग्रेट रेपूटेशन का टेस्ट कर रहे थे
जेटली : चुनावों में कई फैक्टर होते हैं सिर्फ प्रत्याशी का रेपूटेशन का सवाल नहीं होता. याद रहे कि केजरीवाल भी 2014 लोकसभा का चुनाव वाराणसी में 3.50 लाख वोटों से हारे थे.
राम : मेरी सलाह मानिए, जो पूछा जा रहा है, वही जवाब दीजिए
राम: क्या आप एक लाख से ज्यादा वोटों से हारे
जेटली : सही है
राम : आप लोकसभा चुनाव लड़े जबकि राज्यसभा में दो साल बचे हुए थे ?
जेटली : राज्यसभा के कार्यकाल में चार साल बचे थे
राम : इसकी क्या वजह है कि बिशन सिंह बेदी ने आपके खिलाफ PM को गंभीर शिकायत दी
जेटली : मैं ऐसोसिएशन का अध्यक्ष था और बेदी को चीफ कोच बनाया गया था. उनका कार्यकाल खत्म हो गया था इसके बावजूद मैं नरमी दिखाता रहा.
राम : क्या आपने बेदी की चिट्ठी देखी ?
जेटली : मुझे याद नहीं है. जब PM ने शपथ ली तो मैं BCCI और डीडीसीए दोनों से अलग हो गया.
राम : क्या पीएम ने आपको ये लैटर दिखाया था. क्या आप इसे पढ़कर बता सकते हैं कि इसमें क्या गलत लिखा है ?
जेटली : इस लैटर में मेरे बारे में लिखी बातों से मैं इनकार करता हूं. मैंने वित्त मंत्री या संसद सदस्य रहते वक्त कभी भी मंत्रालय या विभाग का सहारा नहीं लिया. मैंने कंपनी अफेयर्स का मंत्रालय संभाला लेकिन कभी भी डीडीसीए संबंधी कोई फाइल या कागजात मेरे सामने नहीं आए. ना ही मैंने इससे संबंधी कोई सवाल पूछा. इसलिए हितों के टकराव का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता.
राम : मिस्टर जेटली मैंने ये नहीं पूछा कि आपने लैटर के बाद क्या किया. ये जानना चाहते हैं इसमें कौन सी बात गलत है ?
जेटली : मैंने साफ जवाब दिया है कि कोई हितों का टकराव नहीं था.
राम: आप जानते हैं कि लेटर में लिखी बातें उस वक्त की हैं जब आप एसोसिएशन का हिस्सा थे ?
जेटली : जहां तक मेरी जानकारी है, ये बातें झूठी हैं. मैं BCCI और DDCA से लिंक खत्म करना चाहता था. 2014 के किसी वक्त में एसोसिएशन से जुड़ा था लेकिन वो कोई पद नहीं था बल्कि एक तरह से बिना कार्यभार वाला काम था. मेरे आग्रह पर वो भी खत्म हो गया.
राम : क्या आपके पास एग्जीक्यूटिव कमेटी के सदस्य के अधिकार थे ?
जेटली : एकदम नहीं बता सकता लेकिन मैंने कभी एग्जीक्यूटिव कमेटी की मीटिंग में हिस्सा नहीं लिया
राम : आपने मीटिंग में हिस्सा नहीं लिया ?
जेटली : मैं याद कर रहा हूं कि एक बार मैं मीटिंग में गया था और इसके बाद मैंने इससे अलग करने का आग्रह किया था
राम : अब आपने ये लैटर पढ़ लिया. इसमें क्या ऐसा फैक्ट है जिससे गुस्सा होकर आपने मुझ पर कारवाई शुरु की?
जेटली : नहीं
राम : क्या पीएम को आपके इरादे पता थे ? क्या आपने उन्हें बताया कि लेटर में लगे आरोपों पर आप अपनी रेपूटेशन को बनाए रखेंगे ?
जेटली : ये लैटर जनवरी 2014 का है जबकि मैंने कानूनी कार्रवाई दिसंबर 2015 में की. मैं 2014 में सूचना प्रसारण विभाग का प्रभारी बना. मई 2014 में मैं प्रभारी नहीं था. अब मैं फाइनेंस एंड कोरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय का प्रभारी हूं.
राम : आपको पीएम ने वित्त मंत्र बने रहने दिया क्योंकि आपने ये भरोसा दिया था कि इन आरोपों पर आप न्यायिक कारवाई करेंगे ?
जेटली : मैं इस बात को नकारता हूं
राम : क्या आप पत्रकार मधु किश्वर को जानते हैं ?
जेटली : मैं ऐसा नहीं समझता
राम : उन्होंने एक लैटर लिखा था कि जेटली और उनके परिवार ने डीडीसीए से रुपया कंपनियों में भेजा है ?
जेटली : मुझे नहीं पता ये उन्होंने कब कहाटिप्पणियां
राम : ये दिसंबर 2015 का एक ट्वीट है और केजरीवाल ने सिर्फ इसे रिट्वीट किया था
जेटली : केजरीवाल ने गंभीर और दुर्भावनापूर्ण झूठ बोलने का काम किया कि मेरी पत्नी और बेटी के लिंक फर्जी कंपनियों से हैं. ये काफी निचले दर्जे का काम था.
राम : आपने शुरुआत करने वाली किश्वर को देखने की जरूरत नहीं की
जेटली : पब्लिक लाइफ में रहने वाले लोगों के लिए सोशल मीडिया पर गैरजिम्मेदाराना बयान आते रहते हैं. लेकिन जब कोई मुख्यमंत्री ऐसे बयानों को अपनाता है तो ये गंभीर अपराध हो जाता है क्योंकि फिर ये बयान सही माने जाते हैं. बार बार इन झूठे आरोपों को लगाने पर मैं कानूनी कार्रवाई को मजबूर हो गया.
राम ने डीडीसीए और बेदी के आरोपों पर अखबार में छपी खबरों को पढ़ा
जेटली : इनसे मेरा कोई लेना देना नहीं ये 2015 का है जबकि मैने डीडीसीए अध्यक्ष पद 2013 में छोड़ दिया.
राम ने फिर सीताराम येचूरी का ट्वीट सुनाया जो केजरीवाल ने रिट्वीट किया. मधु किश्वर का ट्वीट पढ़ा जिसे भी केजरीवाल ने रिट्वीट किया.
जेटली : ये ट्विट काफी मानहानि वाला है और मुख्यमंत्री के रिट्विट करने से झूठी बातों को और भी बल मिलता है.
इस मामले में कोर्ट में 6 मार्च को जिरह शुरू हुई थी. उस दौरान वरिष्ठ वकील रामजेठमलानी की तरफ से अरुण जेटली के लिए 52 सवाल रखे गए. इनमें से 30 केस से जुड़े सवाल लगे, एक-तिहाई सवालों को कोर्ट की तरफ से अयोग्य करार दिया गया. कम से कम दो घंटे तक चली उस बहस में जेटली को यह समझाने के लिए कहा गया कि वह किस तरह अपनी प्रतिष्ठा को पहुंची ठेस के लिए कह रहे हैं कि 'उसकी भरपाई नहीं हो सकती? और उसे आंका नहीं जा सकता.' और कहीं यह मामला 'खुद को महान समझने' का तो नहीं है. पूर्व बीजेपी नेता राम जेठलमलानी इस केस को केजरीवाल की तरफ से लड़ रहे हैं और उन्होंने बिना किसी संकोच के जेटली से इस सवाल के जवाब की मांग की कि मानहानि का दावा क्यों? इस मामले पर अरुण जेटली का कहना था कि पूरे राजनीतिक जीवन में आलोचना को लेकर कुछ नहीं कहा, लेकिन इस बार मुझे कोर्ट आकर मानहानि का केस करना पड़ा, क्योंकि इस बार मेरी निष्ठा और सच्चाई पर सवाल खड़े किए गए.
क्या है मामला
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि जब जेटली दिल्ली क्रिकेट बॉडी (DDCA) के प्रमुख थे तब वह और उनका परिवार संस्था में आर्थिक कुप्रबंधन के लिए जिम्मेदार थे. इस पर जेटली ने मानहानि का मुकदमा दायर किया जिसमें 10 करोड़ रुपये की मांग की गई है. पिछली सुनवाई में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने जेटली और उनके परिवार के बैंक विवरण और टैक्स रिटर्न्स की मांग की थी.
राम: क्या ये आपका पहला लोकसभा चुनाव था
जेटली : हां मैं पहली बार लड़ा था
राम : तो आप पहली बार लोकतंत्र में अपनी ग्रेट रेपूटेशन का टेस्ट कर रहे थे
जेटली : चुनावों में कई फैक्टर होते हैं सिर्फ प्रत्याशी का रेपूटेशन का सवाल नहीं होता. याद रहे कि केजरीवाल भी 2014 लोकसभा का चुनाव वाराणसी में 3.50 लाख वोटों से हारे थे.
राम : मेरी सलाह मानिए, जो पूछा जा रहा है, वही जवाब दीजिए
राम: क्या आप एक लाख से ज्यादा वोटों से हारे
जेटली : सही है
राम : आप लोकसभा चुनाव लड़े जबकि राज्यसभा में दो साल बचे हुए थे ?
जेटली : राज्यसभा के कार्यकाल में चार साल बचे थे
राम : इसकी क्या वजह है कि बिशन सिंह बेदी ने आपके खिलाफ PM को गंभीर शिकायत दी
जेटली : मैं ऐसोसिएशन का अध्यक्ष था और बेदी को चीफ कोच बनाया गया था. उनका कार्यकाल खत्म हो गया था इसके बावजूद मैं नरमी दिखाता रहा.
राम : क्या आपने बेदी की चिट्ठी देखी ?
जेटली : मुझे याद नहीं है. जब PM ने शपथ ली तो मैं BCCI और डीडीसीए दोनों से अलग हो गया.
राम : क्या पीएम ने आपको ये लैटर दिखाया था. क्या आप इसे पढ़कर बता सकते हैं कि इसमें क्या गलत लिखा है ?
जेटली : इस लैटर में मेरे बारे में लिखी बातों से मैं इनकार करता हूं. मैंने वित्त मंत्री या संसद सदस्य रहते वक्त कभी भी मंत्रालय या विभाग का सहारा नहीं लिया. मैंने कंपनी अफेयर्स का मंत्रालय संभाला लेकिन कभी भी डीडीसीए संबंधी कोई फाइल या कागजात मेरे सामने नहीं आए. ना ही मैंने इससे संबंधी कोई सवाल पूछा. इसलिए हितों के टकराव का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता.
राम : मिस्टर जेटली मैंने ये नहीं पूछा कि आपने लैटर के बाद क्या किया. ये जानना चाहते हैं इसमें कौन सी बात गलत है ?
जेटली : मैंने साफ जवाब दिया है कि कोई हितों का टकराव नहीं था.
राम: आप जानते हैं कि लेटर में लिखी बातें उस वक्त की हैं जब आप एसोसिएशन का हिस्सा थे ?
जेटली : जहां तक मेरी जानकारी है, ये बातें झूठी हैं. मैं BCCI और DDCA से लिंक खत्म करना चाहता था. 2014 के किसी वक्त में एसोसिएशन से जुड़ा था लेकिन वो कोई पद नहीं था बल्कि एक तरह से बिना कार्यभार वाला काम था. मेरे आग्रह पर वो भी खत्म हो गया.
राम : क्या आपके पास एग्जीक्यूटिव कमेटी के सदस्य के अधिकार थे ?
जेटली : एकदम नहीं बता सकता लेकिन मैंने कभी एग्जीक्यूटिव कमेटी की मीटिंग में हिस्सा नहीं लिया
राम : आपने मीटिंग में हिस्सा नहीं लिया ?
जेटली : मैं याद कर रहा हूं कि एक बार मैं मीटिंग में गया था और इसके बाद मैंने इससे अलग करने का आग्रह किया था
राम : अब आपने ये लैटर पढ़ लिया. इसमें क्या ऐसा फैक्ट है जिससे गुस्सा होकर आपने मुझ पर कारवाई शुरु की?
जेटली : नहीं
राम : क्या पीएम को आपके इरादे पता थे ? क्या आपने उन्हें बताया कि लेटर में लगे आरोपों पर आप अपनी रेपूटेशन को बनाए रखेंगे ?
जेटली : ये लैटर जनवरी 2014 का है जबकि मैंने कानूनी कार्रवाई दिसंबर 2015 में की. मैं 2014 में सूचना प्रसारण विभाग का प्रभारी बना. मई 2014 में मैं प्रभारी नहीं था. अब मैं फाइनेंस एंड कोरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय का प्रभारी हूं.
राम : आपको पीएम ने वित्त मंत्र बने रहने दिया क्योंकि आपने ये भरोसा दिया था कि इन आरोपों पर आप न्यायिक कारवाई करेंगे ?
जेटली : मैं इस बात को नकारता हूं
राम : क्या आप पत्रकार मधु किश्वर को जानते हैं ?
जेटली : मैं ऐसा नहीं समझता
राम : उन्होंने एक लैटर लिखा था कि जेटली और उनके परिवार ने डीडीसीए से रुपया कंपनियों में भेजा है ?
जेटली : मुझे नहीं पता ये उन्होंने कब कहाटिप्पणियां
राम : ये दिसंबर 2015 का एक ट्वीट है और केजरीवाल ने सिर्फ इसे रिट्वीट किया था
जेटली : केजरीवाल ने गंभीर और दुर्भावनापूर्ण झूठ बोलने का काम किया कि मेरी पत्नी और बेटी के लिंक फर्जी कंपनियों से हैं. ये काफी निचले दर्जे का काम था.
राम : आपने शुरुआत करने वाली किश्वर को देखने की जरूरत नहीं की
जेटली : पब्लिक लाइफ में रहने वाले लोगों के लिए सोशल मीडिया पर गैरजिम्मेदाराना बयान आते रहते हैं. लेकिन जब कोई मुख्यमंत्री ऐसे बयानों को अपनाता है तो ये गंभीर अपराध हो जाता है क्योंकि फिर ये बयान सही माने जाते हैं. बार बार इन झूठे आरोपों को लगाने पर मैं कानूनी कार्रवाई को मजबूर हो गया.
राम ने डीडीसीए और बेदी के आरोपों पर अखबार में छपी खबरों को पढ़ा
जेटली : इनसे मेरा कोई लेना देना नहीं ये 2015 का है जबकि मैने डीडीसीए अध्यक्ष पद 2013 में छोड़ दिया.
राम ने फिर सीताराम येचूरी का ट्वीट सुनाया जो केजरीवाल ने रिट्वीट किया. मधु किश्वर का ट्वीट पढ़ा जिसे भी केजरीवाल ने रिट्वीट किया.
जेटली : ये ट्विट काफी मानहानि वाला है और मुख्यमंत्री के रिट्विट करने से झूठी बातों को और भी बल मिलता है.
इस मामले में कोर्ट में 6 मार्च को जिरह शुरू हुई थी. उस दौरान वरिष्ठ वकील रामजेठमलानी की तरफ से अरुण जेटली के लिए 52 सवाल रखे गए. इनमें से 30 केस से जुड़े सवाल लगे, एक-तिहाई सवालों को कोर्ट की तरफ से अयोग्य करार दिया गया. कम से कम दो घंटे तक चली उस बहस में जेटली को यह समझाने के लिए कहा गया कि वह किस तरह अपनी प्रतिष्ठा को पहुंची ठेस के लिए कह रहे हैं कि 'उसकी भरपाई नहीं हो सकती? और उसे आंका नहीं जा सकता.' और कहीं यह मामला 'खुद को महान समझने' का तो नहीं है. पूर्व बीजेपी नेता राम जेठलमलानी इस केस को केजरीवाल की तरफ से लड़ रहे हैं और उन्होंने बिना किसी संकोच के जेटली से इस सवाल के जवाब की मांग की कि मानहानि का दावा क्यों? इस मामले पर अरुण जेटली का कहना था कि पूरे राजनीतिक जीवन में आलोचना को लेकर कुछ नहीं कहा, लेकिन इस बार मुझे कोर्ट आकर मानहानि का केस करना पड़ा, क्योंकि इस बार मेरी निष्ठा और सच्चाई पर सवाल खड़े किए गए.
क्या है मामला
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि जब जेटली दिल्ली क्रिकेट बॉडी (DDCA) के प्रमुख थे तब वह और उनका परिवार संस्था में आर्थिक कुप्रबंधन के लिए जिम्मेदार थे. इस पर जेटली ने मानहानि का मुकदमा दायर किया जिसमें 10 करोड़ रुपये की मांग की गई है. पिछली सुनवाई में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने जेटली और उनके परिवार के बैंक विवरण और टैक्स रिटर्न्स की मांग की थी.
राम : उन्होंने एक लैटर लिखा था कि जेटली और उनके परिवार ने डीडीसीए से रुपया कंपनियों में भेजा है ?
जेटली : मुझे नहीं पता ये उन्होंने कब कहाटिप्पणियां
राम : ये दिसंबर 2015 का एक ट्वीट है और केजरीवाल ने सिर्फ इसे रिट्वीट किया था
जेटली : केजरीवाल ने गंभीर और दुर्भावनापूर्ण झूठ बोलने का काम किया कि मेरी पत्नी और बेटी के लिंक फर्जी कंपनियों से हैं. ये काफी निचले दर्जे का काम था.
राम : आपने शुरुआत करने वाली किश्वर को देखने की जरूरत नहीं की
जेटली : पब्लिक लाइफ में रहने वाले लोगों के लिए सोशल मीडिया पर गैरजिम्मेदाराना बयान आते रहते हैं. लेकिन जब कोई मुख्यमंत्री ऐसे बयानों को अपनाता है तो ये गंभीर अपराध हो जाता है क्योंकि फिर ये बयान सही माने जाते हैं. बार बार इन झूठे आरोपों को लगाने पर मैं कानूनी कार्रवाई को मजबूर हो गया.
राम ने डीडीसीए और बेदी के आरोपों पर अखबार में छपी खबरों को पढ़ा
जेटली : इनसे मेरा कोई लेना देना नहीं ये 2015 का है जबकि मैने डीडीसीए अध्यक्ष पद 2013 में छोड़ दिया.
राम ने फिर सीताराम येचूरी का ट्वीट सुनाया जो केजरीवाल ने रिट्वीट किया. मधु किश्वर का ट्वीट पढ़ा जिसे भी केजरीवाल ने रिट्वीट किया.
जेटली : ये ट्विट काफी मानहानि वाला है और मुख्यमंत्री के रिट्विट करने से झूठी बातों को और भी बल मिलता है.
इस मामले में कोर्ट में 6 मार्च को जिरह शुरू हुई थी. उस दौरान वरिष्ठ वकील रामजेठमलानी की तरफ से अरुण जेटली के लिए 52 सवाल रखे गए. इनमें से 30 केस से जुड़े सवाल लगे, एक-तिहाई सवालों को कोर्ट की तरफ से अयोग्य करार दिया गया. कम से कम दो घंटे तक चली उस बहस में जेटली को यह समझाने के लिए कहा गया कि वह किस तरह अपनी प्रतिष्ठा को पहुंची ठेस के लिए कह रहे हैं कि 'उसकी भरपाई नहीं हो सकती? और उसे आंका नहीं जा सकता.' और कहीं यह मामला 'खुद को महान समझने' का तो नहीं है. पूर्व बीजेपी नेता राम जेठलमलानी इस केस को केजरीवाल की तरफ से लड़ रहे हैं और उन्होंने बिना किसी संकोच के जेटली से इस सवाल के जवाब की मांग की कि मानहानि का दावा क्यों? इस मामले पर अरुण जेटली का कहना था कि पूरे राजनीतिक जीवन में आलोचना को लेकर कुछ नहीं कहा, लेकिन इस बार मुझे कोर्ट आकर मानहानि का केस करना पड़ा, क्योंकि इस बार मेरी निष्ठा और सच्चाई पर सवाल खड़े किए गए.
क्या है मामला
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि जब जेटली दिल्ली क्रिकेट बॉडी (DDCA) के प्रमुख थे तब वह और उनका परिवार संस्था में आर्थिक कुप्रबंधन के लिए जिम्मेदार थे. इस पर जेटली ने मानहानि का मुकदमा दायर किया जिसमें 10 करोड़ रुपये की मांग की गई है. पिछली सुनवाई में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने जेटली और उनके परिवार के बैंक विवरण और टैक्स रिटर्न्स की मांग की थी.
राम : ये दिसंबर 2015 का एक ट्वीट है और केजरीवाल ने सिर्फ इसे रिट्वीट किया था
जेटली : केजरीवाल ने गंभीर और दुर्भावनापूर्ण झूठ बोलने का काम किया कि मेरी पत्नी और बेटी के लिंक फर्जी कंपनियों से हैं. ये काफी निचले दर्जे का काम था.
राम : आपने शुरुआत करने वाली किश्वर को देखने की जरूरत नहीं की
जेटली : पब्लिक लाइफ में रहने वाले लोगों के लिए सोशल मीडिया पर गैरजिम्मेदाराना बयान आते रहते हैं. लेकिन जब कोई मुख्यमंत्री ऐसे बयानों को अपनाता है तो ये गंभीर अपराध हो जाता है क्योंकि फिर ये बयान सही माने जाते हैं. बार बार इन झूठे आरोपों को लगाने पर मैं कानूनी कार्रवाई को मजबूर हो गया.
राम ने डीडीसीए और बेदी के आरोपों पर अखबार में छपी खबरों को पढ़ा
जेटली : इनसे मेरा कोई लेना देना नहीं ये 2015 का है जबकि मैने डीडीसीए अध्यक्ष पद 2013 में छोड़ दिया.
राम ने फिर सीताराम येचूरी का ट्वीट सुनाया जो केजरीवाल ने रिट्वीट किया. मधु किश्वर का ट्वीट पढ़ा जिसे भी केजरीवाल ने रिट्वीट किया.
जेटली : ये ट्विट काफी मानहानि वाला है और मुख्यमंत्री के रिट्विट करने से झूठी बातों को और भी बल मिलता है.
इस मामले में कोर्ट में 6 मार्च को जिरह शुरू हुई थी. उस दौरान वरिष्ठ वकील रामजेठमलानी की तरफ से अरुण जेटली के लिए 52 सवाल रखे गए. इनमें से 30 केस से जुड़े सवाल लगे, एक-तिहाई सवालों को कोर्ट की तरफ से अयोग्य करार दिया गया. कम से कम दो घंटे तक चली उस बहस में जेटली को यह समझाने के लिए कहा गया कि वह किस तरह अपनी प्रतिष्ठा को पहुंची ठेस के लिए कह रहे हैं कि 'उसकी भरपाई नहीं हो सकती? और उसे आंका नहीं जा सकता.' और कहीं यह मामला 'खुद को महान समझने' का तो नहीं है. पूर्व बीजेपी नेता राम जेठलमलानी इस केस को केजरीवाल की तरफ से लड़ रहे हैं और उन्होंने बिना किसी संकोच के जेटली से इस सवाल के जवाब की मांग की कि मानहानि का दावा क्यों? इस मामले पर अरुण जेटली का कहना था कि पूरे राजनीतिक जीवन में आलोचना को लेकर कुछ नहीं कहा, लेकिन इस बार मुझे कोर्ट आकर मानहानि का केस करना पड़ा, क्योंकि इस बार मेरी निष्ठा और सच्चाई पर सवाल खड़े किए गए.
क्या है मामला
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि जब जेटली दिल्ली क्रिकेट बॉडी (DDCA) के प्रमुख थे तब वह और उनका परिवार संस्था में आर्थिक कुप्रबंधन के लिए जिम्मेदार थे. इस पर जेटली ने मानहानि का मुकदमा दायर किया जिसमें 10 करोड़ रुपये की मांग की गई है. पिछली सुनवाई में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने जेटली और उनके परिवार के बैंक विवरण और टैक्स रिटर्न्स की मांग की थी.
जेटली : ये ट्विट काफी मानहानि वाला है और मुख्यमंत्री के रिट्विट करने से झूठी बातों को और भी बल मिलता है.
इस मामले में कोर्ट में 6 मार्च को जिरह शुरू हुई थी. उस दौरान वरिष्ठ वकील रामजेठमलानी की तरफ से अरुण जेटली के लिए 52 सवाल रखे गए. इनमें से 30 केस से जुड़े सवाल लगे, एक-तिहाई सवालों को कोर्ट की तरफ से अयोग्य करार दिया गया. कम से कम दो घंटे तक चली उस बहस में जेटली को यह समझाने के लिए कहा गया कि वह किस तरह अपनी प्रतिष्ठा को पहुंची ठेस के लिए कह रहे हैं कि 'उसकी भरपाई नहीं हो सकती? और उसे आंका नहीं जा सकता.' और कहीं यह मामला 'खुद को महान समझने' का तो नहीं है. पूर्व बीजेपी नेता राम जेठलमलानी इस केस को केजरीवाल की तरफ से लड़ रहे हैं और उन्होंने बिना किसी संकोच के जेटली से इस सवाल के जवाब की मांग की कि मानहानि का दावा क्यों? इस मामले पर अरुण जेटली का कहना था कि पूरे राजनीतिक जीवन में आलोचना को लेकर कुछ नहीं कहा, लेकिन इस बार मुझे कोर्ट आकर मानहानि का केस करना पड़ा, क्योंकि इस बार मेरी निष्ठा और सच्चाई पर सवाल खड़े किए गए.
क्या है मामला
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि जब जेटली दिल्ली क्रिकेट बॉडी (DDCA) के प्रमुख थे तब वह और उनका परिवार संस्था में आर्थिक कुप्रबंधन के लिए जिम्मेदार थे. इस पर जेटली ने मानहानि का मुकदमा दायर किया जिसमें 10 करोड़ रुपये की मांग की गई है. पिछली सुनवाई में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने जेटली और उनके परिवार के बैंक विवरण और टैक्स रिटर्न्स की मांग की थी. |
मैं न तो तेजस्वी यादव से इस्तीफा मांगने का समर्थन कर रहा हूं, न ही विरोध- शत्रुघ्न सिन्हा | यह महागठबंधन का आंतरिक मामला है- शत्रुघ्न सिन्हा
शत्रुघ्न सिन्हा बोले- मैं इस राजनीतिक मामले पर विशेषज्ञ नहीं हूं.
इस मामले को हल करने का काम उनका (नीतीश और लालू) का है- सिन्हा | भाजपा के वरिष्ठ नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा है कि बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ सीबीआई द्वारा दायर की गई प्राथमिकी के बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए या नहीं देना चाहिए, यह महागठबंधन का आंतरिक मामला है. उन्होंने उम्मीद जताई कि बिहार के हित को देखते हुए इस मामले को वे लोग जल्द ही सुलझा लेंगे.
उन्होंने कहा कि हालांकि ऐसे कई उदाहरण हैं जब एक व्यक्ति पर आरोप दायर होने और अदालत में विभिन्न चरणों में मामला चलने के बाद भी वह अपने पद पर बना रहा है.
सिन्हा ने पटना हवाईअड्डे पर कहा, 'विभिन्न पार्टियों में ऐसे लोग हैं जो तब भी मंत्री बने हुए हैं जब उनके खिलाफ आरोपपत्र दायर किया जा चुका है या उनका मामला अदालत में अलग-अलग चरणों में है'. राजद अन्य लोगों के साथ ही केंद्रीय मंत्री उमा भारती का उदाहरण देता रहा है, जिन पर अयोध्या में विवादास्पद ढांचा गिराने के मामले में आरोप पत्र दायर है, लेकिन वह मंत्रालय में बनी हुई हैं. हालांकि नेता ने किसी भी मंत्री का नाम नहीं लिया और तेजस्वी यादव का नाम लेने से भी परहेज किया.टिप्पणियां
नीतीश कुमार और लालू यादव दोनों के दोस्त कहे जाने वाले सिन्हा से महागठबंधन के बीच में दरार पैदा कर रहे इस मामले के बारे मे पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'दोस्ती निजी है, लेकिन इस मामले (तेजस्वी यादव) में मैं न तो इस्तीफा मांगने का समर्थन कर रहा हूं, न ही इसका विरोध कर रहा हूं'. बिहारी बाबू के नाम से लोकप्रिय सिन्हा ने अपनी राय स्पष्ट करते हुए कहा, 'मैं इस राजनीतिक मामले पर विशेषज्ञ नहीं हूं और इस मामले को हल करने का काम उनका (नीतीश और लालू) का है'. उन्होंने कहा, 'वो लोग काफी परिपक्व हैं और खुद से ही इस मामले का हल निकालेंगे'. पटना साहिब से भाजपा सांसद ने कहा, 'मैं आशा और प्रार्थना करता हूं कि बिहार मध्यावधि चुनाव में न जाए'.
(इनपुट भाषा से)
उन्होंने कहा कि हालांकि ऐसे कई उदाहरण हैं जब एक व्यक्ति पर आरोप दायर होने और अदालत में विभिन्न चरणों में मामला चलने के बाद भी वह अपने पद पर बना रहा है.
सिन्हा ने पटना हवाईअड्डे पर कहा, 'विभिन्न पार्टियों में ऐसे लोग हैं जो तब भी मंत्री बने हुए हैं जब उनके खिलाफ आरोपपत्र दायर किया जा चुका है या उनका मामला अदालत में अलग-अलग चरणों में है'. राजद अन्य लोगों के साथ ही केंद्रीय मंत्री उमा भारती का उदाहरण देता रहा है, जिन पर अयोध्या में विवादास्पद ढांचा गिराने के मामले में आरोप पत्र दायर है, लेकिन वह मंत्रालय में बनी हुई हैं. हालांकि नेता ने किसी भी मंत्री का नाम नहीं लिया और तेजस्वी यादव का नाम लेने से भी परहेज किया.टिप्पणियां
नीतीश कुमार और लालू यादव दोनों के दोस्त कहे जाने वाले सिन्हा से महागठबंधन के बीच में दरार पैदा कर रहे इस मामले के बारे मे पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'दोस्ती निजी है, लेकिन इस मामले (तेजस्वी यादव) में मैं न तो इस्तीफा मांगने का समर्थन कर रहा हूं, न ही इसका विरोध कर रहा हूं'. बिहारी बाबू के नाम से लोकप्रिय सिन्हा ने अपनी राय स्पष्ट करते हुए कहा, 'मैं इस राजनीतिक मामले पर विशेषज्ञ नहीं हूं और इस मामले को हल करने का काम उनका (नीतीश और लालू) का है'. उन्होंने कहा, 'वो लोग काफी परिपक्व हैं और खुद से ही इस मामले का हल निकालेंगे'. पटना साहिब से भाजपा सांसद ने कहा, 'मैं आशा और प्रार्थना करता हूं कि बिहार मध्यावधि चुनाव में न जाए'.
(इनपुट भाषा से)
सिन्हा ने पटना हवाईअड्डे पर कहा, 'विभिन्न पार्टियों में ऐसे लोग हैं जो तब भी मंत्री बने हुए हैं जब उनके खिलाफ आरोपपत्र दायर किया जा चुका है या उनका मामला अदालत में अलग-अलग चरणों में है'. राजद अन्य लोगों के साथ ही केंद्रीय मंत्री उमा भारती का उदाहरण देता रहा है, जिन पर अयोध्या में विवादास्पद ढांचा गिराने के मामले में आरोप पत्र दायर है, लेकिन वह मंत्रालय में बनी हुई हैं. हालांकि नेता ने किसी भी मंत्री का नाम नहीं लिया और तेजस्वी यादव का नाम लेने से भी परहेज किया.टिप्पणियां
नीतीश कुमार और लालू यादव दोनों के दोस्त कहे जाने वाले सिन्हा से महागठबंधन के बीच में दरार पैदा कर रहे इस मामले के बारे मे पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'दोस्ती निजी है, लेकिन इस मामले (तेजस्वी यादव) में मैं न तो इस्तीफा मांगने का समर्थन कर रहा हूं, न ही इसका विरोध कर रहा हूं'. बिहारी बाबू के नाम से लोकप्रिय सिन्हा ने अपनी राय स्पष्ट करते हुए कहा, 'मैं इस राजनीतिक मामले पर विशेषज्ञ नहीं हूं और इस मामले को हल करने का काम उनका (नीतीश और लालू) का है'. उन्होंने कहा, 'वो लोग काफी परिपक्व हैं और खुद से ही इस मामले का हल निकालेंगे'. पटना साहिब से भाजपा सांसद ने कहा, 'मैं आशा और प्रार्थना करता हूं कि बिहार मध्यावधि चुनाव में न जाए'.
(इनपुट भाषा से)
नीतीश कुमार और लालू यादव दोनों के दोस्त कहे जाने वाले सिन्हा से महागठबंधन के बीच में दरार पैदा कर रहे इस मामले के बारे मे पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'दोस्ती निजी है, लेकिन इस मामले (तेजस्वी यादव) में मैं न तो इस्तीफा मांगने का समर्थन कर रहा हूं, न ही इसका विरोध कर रहा हूं'. बिहारी बाबू के नाम से लोकप्रिय सिन्हा ने अपनी राय स्पष्ट करते हुए कहा, 'मैं इस राजनीतिक मामले पर विशेषज्ञ नहीं हूं और इस मामले को हल करने का काम उनका (नीतीश और लालू) का है'. उन्होंने कहा, 'वो लोग काफी परिपक्व हैं और खुद से ही इस मामले का हल निकालेंगे'. पटना साहिब से भाजपा सांसद ने कहा, 'मैं आशा और प्रार्थना करता हूं कि बिहार मध्यावधि चुनाव में न जाए'.
(इनपुट भाषा से)
(इनपुट भाषा से) |
ईवीएम गड़बड़ी मामला : सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से दो हफ्तों में जवाब मांगा | मशीनो से गडबडी को लेकर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था
वकील ML शर्मा ने याचिका में कहा गया है कि ईवीएम में कई खामियां हैं | ईवीएम (EVM) मशीनों में गड़बड़ी या छेड़छाड़ को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को हलफनामा दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का और वक्त दिया. मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर ने बीएसपी और दूसरी राजनीतिक पार्टियों की EVM पर दाखिल याचिका को भी अपनी बेंच में ट्रांसफर किया.
ईवीएम (EVM) मशीनों में गडबडी या छेडछाड को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई की. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. कई राजनीतिक पार्टियों के नेताओं द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में छेड़छाड़ को लेकर बयानबाजी बीच सुप्रीम कोर्ट ने यह सुनवाई की थी. याचिका में ईवीएम मशीनों पर सवाल उठाए गए हैं और कहा गया है कि मशीनों में गड़बड़ी की गई है इसलिए इन मशीनों की अमेरिका के एक्सपर्ट से जांच कराई जाए.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट सीबीआई को आदेश दे कि वह इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करे और कोई भी ईवीएम जब्त कर उसकी जांच करे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है और सिर्फ चुनाव आयोग को नोटिस कर जवाब देने को कहा है. टिप्पणियां
वकील ML शर्मा ने याचिका में कहा गया है कि ईवीएम में कई खामियां हैं. इन मशीनों से निष्पक्ष चुनाव और परिणाम नहीं आ सकते हैं. एमएल शर्मा ने ही यह याचिका दाखिल की है.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने ईवीएम पर सवाल उठाया था. उन्होंने विधानसभा चुनावों में बीजेपी के पक्ष में छेड़छाड़ का दावा किया था. जिसके बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अगले महीने होने वाले दिल्ली नगर निगम चुनावों में ईवीएम के बजाए मतपत्रों के इस्तेमाल की मांग की थी. इसके बाद कई पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
ईवीएम (EVM) मशीनों में गडबडी या छेडछाड को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई की. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. कई राजनीतिक पार्टियों के नेताओं द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में छेड़छाड़ को लेकर बयानबाजी बीच सुप्रीम कोर्ट ने यह सुनवाई की थी. याचिका में ईवीएम मशीनों पर सवाल उठाए गए हैं और कहा गया है कि मशीनों में गड़बड़ी की गई है इसलिए इन मशीनों की अमेरिका के एक्सपर्ट से जांच कराई जाए.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट सीबीआई को आदेश दे कि वह इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करे और कोई भी ईवीएम जब्त कर उसकी जांच करे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है और सिर्फ चुनाव आयोग को नोटिस कर जवाब देने को कहा है. टिप्पणियां
वकील ML शर्मा ने याचिका में कहा गया है कि ईवीएम में कई खामियां हैं. इन मशीनों से निष्पक्ष चुनाव और परिणाम नहीं आ सकते हैं. एमएल शर्मा ने ही यह याचिका दाखिल की है.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने ईवीएम पर सवाल उठाया था. उन्होंने विधानसभा चुनावों में बीजेपी के पक्ष में छेड़छाड़ का दावा किया था. जिसके बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अगले महीने होने वाले दिल्ली नगर निगम चुनावों में ईवीएम के बजाए मतपत्रों के इस्तेमाल की मांग की थी. इसके बाद कई पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट सीबीआई को आदेश दे कि वह इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करे और कोई भी ईवीएम जब्त कर उसकी जांच करे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है और सिर्फ चुनाव आयोग को नोटिस कर जवाब देने को कहा है. टिप्पणियां
वकील ML शर्मा ने याचिका में कहा गया है कि ईवीएम में कई खामियां हैं. इन मशीनों से निष्पक्ष चुनाव और परिणाम नहीं आ सकते हैं. एमएल शर्मा ने ही यह याचिका दाखिल की है.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने ईवीएम पर सवाल उठाया था. उन्होंने विधानसभा चुनावों में बीजेपी के पक्ष में छेड़छाड़ का दावा किया था. जिसके बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अगले महीने होने वाले दिल्ली नगर निगम चुनावों में ईवीएम के बजाए मतपत्रों के इस्तेमाल की मांग की थी. इसके बाद कई पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
वकील ML शर्मा ने याचिका में कहा गया है कि ईवीएम में कई खामियां हैं. इन मशीनों से निष्पक्ष चुनाव और परिणाम नहीं आ सकते हैं. एमएल शर्मा ने ही यह याचिका दाखिल की है.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने ईवीएम पर सवाल उठाया था. उन्होंने विधानसभा चुनावों में बीजेपी के पक्ष में छेड़छाड़ का दावा किया था. जिसके बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अगले महीने होने वाले दिल्ली नगर निगम चुनावों में ईवीएम के बजाए मतपत्रों के इस्तेमाल की मांग की थी. इसके बाद कई पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने ईवीएम पर सवाल उठाया था. उन्होंने विधानसभा चुनावों में बीजेपी के पक्ष में छेड़छाड़ का दावा किया था. जिसके बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अगले महीने होने वाले दिल्ली नगर निगम चुनावों में ईवीएम के बजाए मतपत्रों के इस्तेमाल की मांग की थी. इसके बाद कई पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. |
विधानसभा चुनाव परिणाम: चिदंबरम ने बीजेपी पर बोला हमला, कहा- कोई जनादेश हड़पने का प्रयास न करे | जनता ने दिखाया है कांग्रेस पर भरोसा
बीजेपी लोकतंत्र की हत्या न करे - चिदंबरम
कांग्रेस जनता से किए सभी वादे पूरे करेगी | छत्तीसगढ़ में जहां बीजेपी महज 15 सीटें ही जीत पाई तो कांग्रेस ने यहां कुल 65 सीटें जीतीं जबकि वह तीन सीटों पर आगे चल रही है. वहीं राजस्थान में बीजेपी के नाम कुल 73 सीटें रहीं, जबकि कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों ने यहां बहुमत का आंकड़ा छूते हुए कुल 101 सीटें जीतीं है. इसी तरह बीजेपी को मध्यप्रदेश में भी हार का मुंह देखना पड़ा. यहां पार्टी को 105 सीटों पर जीत मिली है जबकि वह तीन सीटों पर बढ़त बनाई हुई है. जबकि कांग्रेस को यहां 112 सीटों पर जीत मिली है जबकि वह भी तीन सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. |
तेलंगाना बंद से सामान्य जनजीवन प्रभावित | आंध्र के तेलंगाना क्षेत्र में तेलंगाना संयुक्त कार्रवाई समिति की अपील पर मंगलवार से शुरू 48 घंटे के बंद के दौरान जनजीवन प्रभावित हो रहा है। | आंध्र प्रदेश के तेलंगाना क्षेत्र में तेलंगाना संयुक्त कार्रवाई समिति की अपील पर मंगलवार से शुरू 48 घंटे के बंद के दौरान जनजीवन प्रभावित हो रहा है। समिति पृथक प्रदेश की मांग पर एक विधेयक लाने की मांग कर रही है। बंद के दौरान स्कूल,कॉलेज, दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और सार्वजनिक परिवहन के साधन भी सड़कों पर नहीं दिखाई दिए । सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर बाहर से आने वाले यात्रियों को बस और ऑटो रिक्शा नहीं मिलने के कारण अपने घर पहुंचने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। तेलंगाना क्षेत्र के सरकारी कर्मचारी अपनी मांगों के समर्थन में पहले ही असहयोग आंदोलन शुरू कर चुके हैं। बंद को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। |
बॉलीवुड डायरेक्टर ने किया Tweet,बोले- डियर कश्मीर, यह समय भी गुजर जाएगा... | बॉलीवुड डायरेक्टर ने किया ट्वीट
कश्मीर को लेकर कही ये बात
ट्वीट हो रहा है वायरल | कश्मीर बेशक अब सुर्खियों में नहीं हैं, लेकिन बॉलीवुड की कुछ ऐसी भी शख्सियतें हैं जो कश्मीर और उनके लोगों की आवाज बनी हुई हैं. ऐसे ही हैं बॉलीवुड डायरेक्टर अनुभव सिन्हा. अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) ने हाल ही में एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने कश्मीर (Kashmir) पर टिप्पणी की है, और उनका ये ट्वीट खूब वायरल हो रहा है. यही नहीं, अनुभव सिन्हा के इस ट्वीट को बॉलीवुड एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा ने रीट्वीट भी किया है. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 360 हटाए जाने के बाद से घाटी में कर्फ्यू में लगा हुआ है. अनुभव सिन्हा ने इसी को लेकर ट्वीट किया है.
Dear Kashmir,
We are thinking of you. The opposition isn't. Most journalists aren't. But most of India is. This too shall pass.
बॉलीवुड डायरेक्टर अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) ने ट्वीट करते हुए लिखा हैः 'डियर कश्मीर, हम आपके बारे में सोच रगहे हैं. विपक्ष नहीं सोच रहा है. अधिकतर पत्रकार भी नहीं सोच रहे हैं. लेकिन अधिकतर भारत आपके बारे में सोच रहा है. यह समय भी गुजर जाएगा.' इस तरह अनुभव सिन्हा ने कश्मीर के हालात को लेकर ट्वीट किया है.
बॉलीवुड डायरेक्टर अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) इन दिनों अपनी अगली फिल्म की शूटिंग में व्यस्त हैं, जिसमें तापसी पन्नू (Taapsee Pannu) लीड रोल में नजर आएंगी. हालांकि अभी फिल्म का नाम तय नहीं हुआ है. अनुभव सिन्हा ने अपने करियर की शुरुआत 'तुम बिन (2001)' से की थी. अनुभव सिन्हा ने शाहरुख खान की 'रा.वन' भी डायरेक्ट की थी और ऋषि कपूर के साथ उनकी 'मुल्क' आई थी, जिसे खूब पसंद किया गया था. आयुष्मान खुराना के साथ आई उनकी फिल्म 'आर्टिकल 15' ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं. |
सहवाग-गंभीर ने दो साल बाद निभाई पहली शतकीय साझेदारी | वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में बुधवार को यहां 134 रन की साझेदारी की जो इन दोनों के बीच पिछली 16 पारियों और लगभग दो साल बाद पहले विकेट के लिए पहली शतकीय भागीदारी है। | वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में बुधवार को यहां 134 रन की साझेदारी की जो इन दोनों के बीच पिछली 16 पारियों और लगभग दो साल बाद पहले विकेट के लिए पहली शतकीय भागीदारी है।
सहवाग और गंभीर ने इससे पहले दिसंबर 2010 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 137 रन की साझेदारी की थी जो टेस्ट मैचों में उनकी पहले विकेट के लिए इससे पहले आखिरी शतकीय भागीदारी थी। इन दोनों ने 11वीं बार पहले विकेट के लिए शतकीय साझेदारी की और वह सर्वाधिक शतकीय साझेदारियों के मामले में पांचवें स्थान पर काबिज हो गए हैं।टिप्पणियां
मोटेरा पर 134 रन की साझेदारी नया रिकॉर्ड है। सहवाग ने 117 बनाए जो पिछले दो साल और 30 पारियों में उनका पहला टेस्ट शतक है। उनका यह कुल 23वां, इंग्लैंड के खिलाफ दूसरा और भारतीय सरजमीं पर 13वां शतक है। उन्होंने इससे पहले अपना आखिरी शतक न्यूजीलैंड के खिलाफ 2010 में मोटेरा पर ही बनाया था। तब सहवाग ने 173 रन बनाए थे।
गंभीर ने 45 रन की पारी खेली और इस दौरान उन्होंने भारत में टेस्ट मैचों में 2000 रन पूरे किए। इस मुकाम पर पहुंचने वाले वह 14वें भारतीय बल्लेबाज हैं। उन्होंने अब भारत में 29 टेस्ट मैचों में 2008 रन बनाए हैं। इंग्लैंड के ऑफ स्पिनर ग्रीम स्वान ने 85 रन देकर चार विकेट लिये जो भारत में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इसके साथ ही वह इंग्लैंड की तरफ से सर्वाधिक टेस्ट विकेट लेने वाले ऑफ स्पिनर भी बन गए। उन्होंने जिम लेकर (193) को पीछे छोड़ा। स्वान के नाम पर अब 47 टेस्ट मैच में 196 विकेट दर्ज हैं। इंग्लैंड के स्पिनरों में उनसे अधिक विकेट केवल डेरेक अंडरवुड (297) के नाम पर दर्ज हैं।
सहवाग और गंभीर ने इससे पहले दिसंबर 2010 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 137 रन की साझेदारी की थी जो टेस्ट मैचों में उनकी पहले विकेट के लिए इससे पहले आखिरी शतकीय भागीदारी थी। इन दोनों ने 11वीं बार पहले विकेट के लिए शतकीय साझेदारी की और वह सर्वाधिक शतकीय साझेदारियों के मामले में पांचवें स्थान पर काबिज हो गए हैं।टिप्पणियां
मोटेरा पर 134 रन की साझेदारी नया रिकॉर्ड है। सहवाग ने 117 बनाए जो पिछले दो साल और 30 पारियों में उनका पहला टेस्ट शतक है। उनका यह कुल 23वां, इंग्लैंड के खिलाफ दूसरा और भारतीय सरजमीं पर 13वां शतक है। उन्होंने इससे पहले अपना आखिरी शतक न्यूजीलैंड के खिलाफ 2010 में मोटेरा पर ही बनाया था। तब सहवाग ने 173 रन बनाए थे।
गंभीर ने 45 रन की पारी खेली और इस दौरान उन्होंने भारत में टेस्ट मैचों में 2000 रन पूरे किए। इस मुकाम पर पहुंचने वाले वह 14वें भारतीय बल्लेबाज हैं। उन्होंने अब भारत में 29 टेस्ट मैचों में 2008 रन बनाए हैं। इंग्लैंड के ऑफ स्पिनर ग्रीम स्वान ने 85 रन देकर चार विकेट लिये जो भारत में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इसके साथ ही वह इंग्लैंड की तरफ से सर्वाधिक टेस्ट विकेट लेने वाले ऑफ स्पिनर भी बन गए। उन्होंने जिम लेकर (193) को पीछे छोड़ा। स्वान के नाम पर अब 47 टेस्ट मैच में 196 विकेट दर्ज हैं। इंग्लैंड के स्पिनरों में उनसे अधिक विकेट केवल डेरेक अंडरवुड (297) के नाम पर दर्ज हैं।
मोटेरा पर 134 रन की साझेदारी नया रिकॉर्ड है। सहवाग ने 117 बनाए जो पिछले दो साल और 30 पारियों में उनका पहला टेस्ट शतक है। उनका यह कुल 23वां, इंग्लैंड के खिलाफ दूसरा और भारतीय सरजमीं पर 13वां शतक है। उन्होंने इससे पहले अपना आखिरी शतक न्यूजीलैंड के खिलाफ 2010 में मोटेरा पर ही बनाया था। तब सहवाग ने 173 रन बनाए थे।
गंभीर ने 45 रन की पारी खेली और इस दौरान उन्होंने भारत में टेस्ट मैचों में 2000 रन पूरे किए। इस मुकाम पर पहुंचने वाले वह 14वें भारतीय बल्लेबाज हैं। उन्होंने अब भारत में 29 टेस्ट मैचों में 2008 रन बनाए हैं। इंग्लैंड के ऑफ स्पिनर ग्रीम स्वान ने 85 रन देकर चार विकेट लिये जो भारत में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इसके साथ ही वह इंग्लैंड की तरफ से सर्वाधिक टेस्ट विकेट लेने वाले ऑफ स्पिनर भी बन गए। उन्होंने जिम लेकर (193) को पीछे छोड़ा। स्वान के नाम पर अब 47 टेस्ट मैच में 196 विकेट दर्ज हैं। इंग्लैंड के स्पिनरों में उनसे अधिक विकेट केवल डेरेक अंडरवुड (297) के नाम पर दर्ज हैं।
गंभीर ने 45 रन की पारी खेली और इस दौरान उन्होंने भारत में टेस्ट मैचों में 2000 रन पूरे किए। इस मुकाम पर पहुंचने वाले वह 14वें भारतीय बल्लेबाज हैं। उन्होंने अब भारत में 29 टेस्ट मैचों में 2008 रन बनाए हैं। इंग्लैंड के ऑफ स्पिनर ग्रीम स्वान ने 85 रन देकर चार विकेट लिये जो भारत में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इसके साथ ही वह इंग्लैंड की तरफ से सर्वाधिक टेस्ट विकेट लेने वाले ऑफ स्पिनर भी बन गए। उन्होंने जिम लेकर (193) को पीछे छोड़ा। स्वान के नाम पर अब 47 टेस्ट मैच में 196 विकेट दर्ज हैं। इंग्लैंड के स्पिनरों में उनसे अधिक विकेट केवल डेरेक अंडरवुड (297) के नाम पर दर्ज हैं। |
विराट कोहली-अनुष्का शर्मा ऑस्ट्रेलिया की सड़कों पर खुलेआम घूमते आए नजर, कोई पहचान नहीं पाया- देखें Video | घूमते नजर आए विराट-अनुष्का
सिडनी के सड़कों पर दिखे
नहीं पहचान पाया कोई | India Vs Australia: विराट कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी में भारत ऑस्ट्रेलिया (India Vs Australia) में टेस्ट सीरीज खेल रहा है. चौथा और सीरीज का आखिरी टेस्ट मैच सिडनी में शुरू होने जा रहा है. भारतीय क्रिकेट टीम के एग्रेसिव कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) को मैच की पूर्व संध्या पर सिडनी की सड़कों पर पत्नी व एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा (Anushka Sharma) के साथ हाथ में हाथ लेकर घूमते हुए देखा गया. उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर किसी भारतीय फैन ने पोस्ट किया. विराट कोहली जहां कैजुअल लुक में कैपरी और शॉर्ट टी-शर्ट में नजर आए, वहीं अनुष्का (Virat Kohli) ने व्हाइट शर्ट व शू के साथ ब्लैक पैंट पहन रखा है. विराट-अनुष्का (Virat Anushka) ने ब्लैक सनग्लासेस भी लगाया हुआ है. दोनों ही सितारे बेहद अट्रैक्टिव दिख रहे हैं, लेकिन उन्हें इस दौरान कोई पहचान नहीं पाया.
A post shared by Viral Bhayani (@viralbhayani) on Jan 2, 2019 at 2:00am PST
विराट कोहली गुरुवार से सिडनी के मैदान पर चौथा टेस्ट मैच खेलते हुए नजर आएंगे. अभी तक टीम इंडिया सीरीज 2-1 से आगे चल रही है और विराट कोहली आखिरी मैच जीतकर या ड्रॉ कराकर पहली बार ऑस्ट्रेलिया की धरती पर सीरीज जीतने का इतिहास दर्ज कर सकेंगे. बता दें, न्यू ईयर पर विराट कोहली ने अपने सोशल मीडिया पर फोटो भी पोस्ट की थी. दोनों सिडनी शहर के सड़क पर देर रात 12 बजे न्यू ईयर मनाते हुए दिखाई दिए थे. विराट कोहली ने ब्लैक कॉम्बिनेशन में कपड़े पहन रखे थे, वहीं अनुष्का ने सिल्वर कलर के ड्रेस में नजर आईं.
Happy New Year to everyone back home and all over the world, all the way from Australia. Have a wonderful year ahead God bless everyone.pic.twitter.com/ETr48NWbS5
बता दें, पिछले दिनों विराट कोहली (Virat Kohli) ने पत्नी अनुष्का शर्मा (Anushka Sharma) की फिल्म जीरो (Zero) देखी और ट्विटर पर उनकी खूब तारीफ की. फिल्म में उनके रोल को चैलेंजिंग बताया. उन्होंने लिखा- 'जीरो देखी, मुझे काफी मजा आया. सभी किरदारों ने अच्छा काम किया. अनुष्का शर्मा की परफॉर्मेंस ने दिल जीत लिया. मुझे लगता है कि उनका काफी चैलेंजिंग रोल था, जिसमें उन्होंने इंसाफ किया.' |
कोहली ने पूरे किये सबसे तेज 3000 रन | मध्यक्रम के युवा बल्लेबाज विराट कोहली मंगलवार को भारत की तरफ से एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे तेज 3000 रन पूरे करने वाले बल्लेबाज बन गये। | मध्यक्रम के युवा बल्लेबाज विराट कोहली मंगलवार को भारत की तरफ से एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे तेज 3000 रन पूरे करने वाले बल्लेबाज बन गये।
कोहली ने अपनी 15 रन की पारी के दौरान 14वां रन बनाते ही यह उपलब्धि हासिल की। उनकी यह 78वें मैच की 75वीं पारी थी और इस तरह से वह भारत की तरफ से सबसे कम पारियों में इस मुकाम पर पहुंचने वाले खिलाड़ी बने।टिप्पणियां
उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू का रिकॉर्ड तोड़ा जिन्होंने 79 पारियों में 3000 वनडे रन पूरे किये थे। यदि ओवरआल रिकॉर्ड की बात की जाए तो कोहली सबसे कम पारियों में 3000 रन तक पहुंचने वाले बल्लेबाजों की सूची में चौथे नंबर पर हैं। वेस्टइंडीज के विव रिचर्डस ने 69 जबकि उनके हमवतन गोर्डन ग्रीनिज और दक्षिण अफ्रीका के गैरी कर्स्टन 72 पारियों में यह उपलब्धि हासिल की थी।
भारत की तरफ से कोहली और सिद्धू के बाद सौरव गांगुली (82), गौतम गंभीर (87), राहुल द्रविड़ (89) और सचिन तेंदुलकर (93 पारी) का नंबर आता है। तेईस वर्षीय कोहली के नाम पर अब 46.16 की औसत से 3001 रन दर्ज है जिसमें आठ शतक और 19 अर्धशतक दर्ज हैं। उन्होंने भारतीय सरजमी पर 1363, विदेशी धरती पर 1182 और तटस्थ स्थान पर 456 रन बनाये हैं। वह एकदिवसीय मैचों में 3000 रन पूरे करने वाले 17वें भारतीय बल्लेबाज हैं।
कोहली ने अपनी 15 रन की पारी के दौरान 14वां रन बनाते ही यह उपलब्धि हासिल की। उनकी यह 78वें मैच की 75वीं पारी थी और इस तरह से वह भारत की तरफ से सबसे कम पारियों में इस मुकाम पर पहुंचने वाले खिलाड़ी बने।टिप्पणियां
उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू का रिकॉर्ड तोड़ा जिन्होंने 79 पारियों में 3000 वनडे रन पूरे किये थे। यदि ओवरआल रिकॉर्ड की बात की जाए तो कोहली सबसे कम पारियों में 3000 रन तक पहुंचने वाले बल्लेबाजों की सूची में चौथे नंबर पर हैं। वेस्टइंडीज के विव रिचर्डस ने 69 जबकि उनके हमवतन गोर्डन ग्रीनिज और दक्षिण अफ्रीका के गैरी कर्स्टन 72 पारियों में यह उपलब्धि हासिल की थी।
भारत की तरफ से कोहली और सिद्धू के बाद सौरव गांगुली (82), गौतम गंभीर (87), राहुल द्रविड़ (89) और सचिन तेंदुलकर (93 पारी) का नंबर आता है। तेईस वर्षीय कोहली के नाम पर अब 46.16 की औसत से 3001 रन दर्ज है जिसमें आठ शतक और 19 अर्धशतक दर्ज हैं। उन्होंने भारतीय सरजमी पर 1363, विदेशी धरती पर 1182 और तटस्थ स्थान पर 456 रन बनाये हैं। वह एकदिवसीय मैचों में 3000 रन पूरे करने वाले 17वें भारतीय बल्लेबाज हैं।
उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू का रिकॉर्ड तोड़ा जिन्होंने 79 पारियों में 3000 वनडे रन पूरे किये थे। यदि ओवरआल रिकॉर्ड की बात की जाए तो कोहली सबसे कम पारियों में 3000 रन तक पहुंचने वाले बल्लेबाजों की सूची में चौथे नंबर पर हैं। वेस्टइंडीज के विव रिचर्डस ने 69 जबकि उनके हमवतन गोर्डन ग्रीनिज और दक्षिण अफ्रीका के गैरी कर्स्टन 72 पारियों में यह उपलब्धि हासिल की थी।
भारत की तरफ से कोहली और सिद्धू के बाद सौरव गांगुली (82), गौतम गंभीर (87), राहुल द्रविड़ (89) और सचिन तेंदुलकर (93 पारी) का नंबर आता है। तेईस वर्षीय कोहली के नाम पर अब 46.16 की औसत से 3001 रन दर्ज है जिसमें आठ शतक और 19 अर्धशतक दर्ज हैं। उन्होंने भारतीय सरजमी पर 1363, विदेशी धरती पर 1182 और तटस्थ स्थान पर 456 रन बनाये हैं। वह एकदिवसीय मैचों में 3000 रन पूरे करने वाले 17वें भारतीय बल्लेबाज हैं।
भारत की तरफ से कोहली और सिद्धू के बाद सौरव गांगुली (82), गौतम गंभीर (87), राहुल द्रविड़ (89) और सचिन तेंदुलकर (93 पारी) का नंबर आता है। तेईस वर्षीय कोहली के नाम पर अब 46.16 की औसत से 3001 रन दर्ज है जिसमें आठ शतक और 19 अर्धशतक दर्ज हैं। उन्होंने भारतीय सरजमी पर 1363, विदेशी धरती पर 1182 और तटस्थ स्थान पर 456 रन बनाये हैं। वह एकदिवसीय मैचों में 3000 रन पूरे करने वाले 17वें भारतीय बल्लेबाज हैं। |
ऑस्ट्रेलिया पुलिस ने मवेशी खाने वाले विशाल मगरमच्छ को पकड़ा | वन्यजीव अधिकारियों ने कई दिनों की मशक्कत के बाद पकड़ा
जलाशय में जाल बिछाकर पकड़ा
उत्तरी क्षेत्र की पुलिस ने फेसबुक पर पोस्ट किया वीडियो | उत्तरी ऑस्ट्रेलिया के एक कैटल स्टेशन (गौशाला) से गायों को अपना शिकार बनाने वाले एक गुस्सैल और विशाल मगरमच्छ को पकड़ लिया गया. बाद में उसे एक प्रजनन केंद्र पर ले जाया गया.
वन्यजीव अधिकारियों ने निकट के एक जलाशय में जाल बिछाकर उसे पकड़ा, जहां वह पशुओं को लेकर चला जाता था. एनटी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों को उसे पकड़ने के लिए कई दिनों तक इंतजार करना पड़ा क्योंकि वह बहुत अधिक गुस्से में था. उत्तरी क्षेत्र की पुलिस ने बुधवार को फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा, " ये बहुत बड़ा मगरमच्छ है."
वन्यजीव अधिकारियों ने निकट के एक जलाशय में जाल बिछाकर उसे पकड़ा, जहां वह पशुओं को लेकर चला जाता था. एनटी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों को उसे पकड़ने के लिए कई दिनों तक इंतजार करना पड़ा क्योंकि वह बहुत अधिक गुस्से में था. उत्तरी क्षेत्र की पुलिस ने बुधवार को फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा, " ये बहुत बड़ा मगरमच्छ है." |
Trending: अनुराग कश्यप ने इंस्टाग्राम पर शेयर किए अपनी कथित गर्लफ्रेंड के साथ फोटो... | 23 साल की शुभ्रा शेट्टी के साथ अनुराग के रिश्ते की हैं खबरें
2003 में आरती बजाज से की थी पहली शादी फिर काल्की कोचलिन से की शादी
2015 में अनुराग हुए थे पत्नी काल्की से अलग | अपने बेहद अलग तरह की फिल्मों और फिल्मों में प्रैक्टिकल अप्रोच अपनाने के लिए प्रसिद्ध एक्टर अनुराग कश्यप इन दिनों प्यार में हैं. अपनी पहली पत्नी आरती बजाज से तलाक लेकर एक्ट्रेस काल्की कोचलिन से शादी करने वाले अनुराग, काल्की से अलग होने के बाद अब फिर से प्यार में हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस बार 44 साल के अनुराग को प्यार हुआ है 23 साल की उनकी कथित गर्लफ्रेंड शुभ्रा शेट्टी से. शुभ्रा शेट्टी के साथ अनुराग के रिश्ते की खबरें कुछ समय से मीडिया में आ रही थीं. लेकिन अब अपने कई फोटो इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर शायद अनुराग इन अफवाहों पर अपनी हामी की मुहर लगा रहे हैं. अनुराग 'देव डी', 'नो स्मोकिंग', 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' और 'रमन राघव 2.0' जैसी बेहद अलग तरह की फिल्मों के लिए जाने जाते हैं.
Love A post shared by Anurag Kashyap (@anuragkashyap10) on Jun 11, 2017 at 7:11pm PDT
साल 2003 में अनुराग कश्यप ने आरती बजाज से शादी की थी और 6 साल बाद 2009 में इस शादी का अंत हो गया. उस समय अनुराग एक्ट्रेस काल्की कोचलिन को डेट कर रहे थे. काल्की अनुराग की कई फिल्मों में नजर आ चुकी हैं. इन दोनों ने साल 2011 में शादी की थी. काल्की ने अनुराग कश्यप की फिल्म 'देव डी' से फिल्मों में कदम रखा और इन दोनों की शादी 4 साल चली. पिछले एक साल से अनुराग, अपनी कथित गर्लफ्रेंड शुभ्रा को लेकर चर्चाओं में हैं.
Beauty and the Beast .. just to clarify I am the beauty ..A post shared by Anurag Kashyap (@anuragkashyap10) on Jun 8, 2017 at 4:52am PDT
शु्भ्रा 23 साल की हैं और अनुराग कश्यप की बेटी आलिया से सिर्फ 7 साल ही छोटी हैं. आलिया कश्यप अभी 16 साल की हैं.टिप्पणियां
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Beauty and the Beast .. just to clarify I am the beauty ..
A post shared by Anurag Kashyap (@anuragkashyap10) on Jun 8, 2017 at 4:52am PDT |
केन्द्रीय गुप्तचर एजेंसी ने दी थी जानकारी : गहलोत | राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि केन्द्रीय गुप्तचर एजेंसी ने राज्य सरकार को सलमान रूशदी को मिली धमकी के बारे में सूचना दी थी। | राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि केन्द्रीय गुप्तचर एजेंसी ने राज्य सरकार को सलमान रूशदी को मिली धमकी के बारे में सूचना दी थी।
गहलोत ने रविवार को बातचीत करते हुए कहा कि गुप्तचर एजेंसी के माध्यम से सलमान रूशदी को धमकी के बारे में छह बार सरकार को परामर्श मिला था। अन्तिम परामर्श 18 जनवरी को मिला था।टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि गुप्तचर एजेंसी से मिली सूचनाओं की जानकारी आधिकारिक स्तर से सलमान रूशदी को भी पहुंचाई गयी थी। साथ ही जयपुर साहित्य उत्सव के मुख्य प्रायोजक को भी इस बारे में अवगत करवा दिया गया था।
गहलोत ने कहा कि इसके बावजूद हमने सुरक्षा के पूरे कड़े प्रबंध कर लिये थे। उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते थे जयपुर साहित्य महोत्सर का शानदार आयोजन किसी तरह से बांधित हो क्योंकि सुरक्षा प्रबंध के तहत मेटल डिटेक्टर जांच की प्रक्रिया पूरी करनी होती।
गहलोत ने रविवार को बातचीत करते हुए कहा कि गुप्तचर एजेंसी के माध्यम से सलमान रूशदी को धमकी के बारे में छह बार सरकार को परामर्श मिला था। अन्तिम परामर्श 18 जनवरी को मिला था।टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि गुप्तचर एजेंसी से मिली सूचनाओं की जानकारी आधिकारिक स्तर से सलमान रूशदी को भी पहुंचाई गयी थी। साथ ही जयपुर साहित्य उत्सव के मुख्य प्रायोजक को भी इस बारे में अवगत करवा दिया गया था।
गहलोत ने कहा कि इसके बावजूद हमने सुरक्षा के पूरे कड़े प्रबंध कर लिये थे। उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते थे जयपुर साहित्य महोत्सर का शानदार आयोजन किसी तरह से बांधित हो क्योंकि सुरक्षा प्रबंध के तहत मेटल डिटेक्टर जांच की प्रक्रिया पूरी करनी होती।
उन्होंने कहा कि गुप्तचर एजेंसी से मिली सूचनाओं की जानकारी आधिकारिक स्तर से सलमान रूशदी को भी पहुंचाई गयी थी। साथ ही जयपुर साहित्य उत्सव के मुख्य प्रायोजक को भी इस बारे में अवगत करवा दिया गया था।
गहलोत ने कहा कि इसके बावजूद हमने सुरक्षा के पूरे कड़े प्रबंध कर लिये थे। उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते थे जयपुर साहित्य महोत्सर का शानदार आयोजन किसी तरह से बांधित हो क्योंकि सुरक्षा प्रबंध के तहत मेटल डिटेक्टर जांच की प्रक्रिया पूरी करनी होती।
गहलोत ने कहा कि इसके बावजूद हमने सुरक्षा के पूरे कड़े प्रबंध कर लिये थे। उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते थे जयपुर साहित्य महोत्सर का शानदार आयोजन किसी तरह से बांधित हो क्योंकि सुरक्षा प्रबंध के तहत मेटल डिटेक्टर जांच की प्रक्रिया पूरी करनी होती। |
बर्थडे पर राणा दग्गुबती ने रिलीज किया 'हाथी मेरे साथी' का LOGO, जानें कब होगी रिलीज | राणा दुग्गाबती ने रिलीज किया 'हाथी मेरे साथी' का LOGO
बर्थडे पर ट्विटर पर ट्वीट की फिल्म का लोगो
1 जनवरी को रिलीज होगा फिल्म का फर्स्ट लुक | My next is on its way!! #HaathiMereSaathi first look on January 1st 2018!! pic.twitter.com/OqOpdrIKqR
Here's the title logo of #HaathiMereSaathi... Stars Rana Daggubati... Directed by Prabhu Solomon... Produced by Eros International’s Trinity Pictures... Will be shot in Hindi, Telugu and Tamil... Starts Jan 2018... Diwali 2018 release... First look in Jan 2018. pic.twitter.com/Gg3p05k4e1 |
Pulwama Attack: अब पाकिस्तान नहीं जाएंगे जावेद अख्तर-शबाना आजमी, लिखा- 'कृष्ण ने अर्जुन से कहा...' | जावेद अख्तर ने किया ट्वीट
नहीं जाएंगे पाकिस्तान
इवेंट में लेना था हिस्सा | बॉलीवुड के मशहूर लेखक-शायर जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पुलवामा आतंकी घटना (Pulwama Terror Attack) के बाद संवेदना व्यक्त करते हुए एक बयान जारी किया है. उन्होंने पाकिस्तान में होने वाली लिटरेचर कॉन्फ्रेंस में न शामिल होने का फैसला लिया है. जावेद अख्तर अपनी पत्नी शबाना आजमी के साथ पाकिस्तान के कराची आर्ट काउंसिल (Karachi Art Council) में हिस्सा लेने वाले थे. गुरुवार को पुलवामा में हुई आतंकी घटना (Terror Attack) के बाद उन्होंने ट्वीट करके यह ऐलान किया कि अब वह इस इवेंट में नहीं जाएंगे.
Kranchi art council had invited. Shabana and me for a two day lit conference about Kaifi Azmi and his poetry . We have cancelled that . In 1965 during the indo Pak war Kaifi saheb had written a poem . “ AUR PHIR KRISHAN NE ARJUN SE KAHA “
I have a special relation with CRPF. I have written Their anthem Before putting the pen to paper I met a number of CRPF officers n what ever I learned my respect admiration and love for these braves increased by many a fold Today I share the grief of the dear ones of the martyrs
जावेद अख्तर ने लिखा, '' कराची आर्ट काउंसिल ने आमंत्रित किया था. शबाना और मैं दो दिन के लिए कैफी आजमी और उनकी कविताओं पर होने वाली लिट कॉन्फ्रेंस के लिए जाने वाले थे. हमने यह कैंसिल कर दिया है. साल 1965 में भारत-पाक युद्ध के दौरान कैफी साहब ने एक कविता लिखी थी, 'और फिर कृष्ण ने अर्जुन से कहा..' ''. इस ट्वीट के अलावा जावेद अख्तर ने एक और ट्वीट किया है. उन्होंने सीआरपीएफ (CRPF) के शहीद हुए जवानों को ट्वीट के जरिए श्रद्धांजलि अर्पित की. जावेद अख्तर ने सीआरपीएफ (CRPF) संग अपने रिश्ते के बारे में बतलाया.
बता दें, जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा (Pulwama Blast) में अवन्तीपुरा के गोरीपुरा इलाके में उस वक्त गुरुवार को हमला हुआ, जब सीआरपीएफ (CRPF) का काफिला गुजर रहा था. सीआरपीएफ काफिले पर हुए हमले में करीब 350 किलो IED (Improvised Explosive Device) का इस्तेमाल हुआ. आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) ने हमले की जिम्मेदारी ली और इसे आत्मघाती बताया. |
ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद मेरे लिये रन बनाना अहम था : सहवाग | श्रीलंका के खिलाफ पहले एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच से चोट से वापसी करने वाले सीनियर भारतीय सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के निराशाजनक दौरे के दौरान लचर प्रदर्शन के बाद रन बनाना उनके लिए काफी महत्वपूर्ण था। | श्रीलंका के खिलाफ पहले एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच से चोट से वापसी करने वाले सीनियर भारतीय सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने सोमवार को कहा कि ऑस्ट्रेलिया के निराशाजनक दौरे के दौरान लचर प्रदर्शन के बाद रन बनाना उनके लिए काफी महत्वपूर्ण था।
सहवाग कंधे की चोट से उबरे हैं, उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ दूसरे वनडे की पूर्व संध्या पर पत्रकारों से कहा, ‘‘मेरे लिये रन बनाना और अपनी टीम को अच्छी शुरूआत देना काफी अहम था। मैंने ऑस्ट्रेलिया में रन नहीं बनाये थे और यह पारी मेरे लिये काफी अहम थी क्योंकि हम काफी टेस्ट और वनडे खेलेंगे।’’टिप्पणियां
हालांकि वह शतक से चार रन से चूक गये लेकिन उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत उपलब्धि के नहीं बनने से चिंतित नहीं है क्योंकि उनके योगदान ने अंत में परिणाम में अंतर ला दिया।
दायें हाथ के इस विस्फोटक बल्लेबाज ने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण नहीं है कि मैं बड़ा स्कोर बनाउं या नहीं लेकिन अगर मैं अच्छी शुरूआत देता हूं और पहले विकेट के लिये करीब 50 से 100 रन बनाता हूं तो इससे टीम को मदद मिलेगी। जहां तक व्यक्तिगत प्रदर्शन का सवाल है तो मुझे उम्मीद है कि मैं अगले मैच में एक और (शतक) बना लूंगा।’’
सहवाग कंधे की चोट से उबरे हैं, उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ दूसरे वनडे की पूर्व संध्या पर पत्रकारों से कहा, ‘‘मेरे लिये रन बनाना और अपनी टीम को अच्छी शुरूआत देना काफी अहम था। मैंने ऑस्ट्रेलिया में रन नहीं बनाये थे और यह पारी मेरे लिये काफी अहम थी क्योंकि हम काफी टेस्ट और वनडे खेलेंगे।’’टिप्पणियां
हालांकि वह शतक से चार रन से चूक गये लेकिन उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत उपलब्धि के नहीं बनने से चिंतित नहीं है क्योंकि उनके योगदान ने अंत में परिणाम में अंतर ला दिया।
दायें हाथ के इस विस्फोटक बल्लेबाज ने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण नहीं है कि मैं बड़ा स्कोर बनाउं या नहीं लेकिन अगर मैं अच्छी शुरूआत देता हूं और पहले विकेट के लिये करीब 50 से 100 रन बनाता हूं तो इससे टीम को मदद मिलेगी। जहां तक व्यक्तिगत प्रदर्शन का सवाल है तो मुझे उम्मीद है कि मैं अगले मैच में एक और (शतक) बना लूंगा।’’
हालांकि वह शतक से चार रन से चूक गये लेकिन उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत उपलब्धि के नहीं बनने से चिंतित नहीं है क्योंकि उनके योगदान ने अंत में परिणाम में अंतर ला दिया।
दायें हाथ के इस विस्फोटक बल्लेबाज ने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण नहीं है कि मैं बड़ा स्कोर बनाउं या नहीं लेकिन अगर मैं अच्छी शुरूआत देता हूं और पहले विकेट के लिये करीब 50 से 100 रन बनाता हूं तो इससे टीम को मदद मिलेगी। जहां तक व्यक्तिगत प्रदर्शन का सवाल है तो मुझे उम्मीद है कि मैं अगले मैच में एक और (शतक) बना लूंगा।’’
दायें हाथ के इस विस्फोटक बल्लेबाज ने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण नहीं है कि मैं बड़ा स्कोर बनाउं या नहीं लेकिन अगर मैं अच्छी शुरूआत देता हूं और पहले विकेट के लिये करीब 50 से 100 रन बनाता हूं तो इससे टीम को मदद मिलेगी। जहां तक व्यक्तिगत प्रदर्शन का सवाल है तो मुझे उम्मीद है कि मैं अगले मैच में एक और (शतक) बना लूंगा।’’ |
योगी आदित्यनाथ अयोध्या में लगवाएंगे भगवान राम की 108 मीटर ऊंची प्रतिमा | स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाने वाले मूर्तिकार राम सुतार को ही दिया जिम्मा
भगवान राम की मूर्ति का पेडस्टल 5 एकड़ में फैला होगा
पेडस्टल के अंदर म्यूज़ियम, आर्ट गैलरी, थिएटर, वगैरह होंगे | इस मूर्ति का पेडस्टल 5 एकड़ में फैला होगा. इस पेडस्टल के अंदर म्यूज़ियम, आर्ट गैलरी, थिएटर, वगैरह होंगे. साथ ही इसके अंदर लिफ्ट भी होगी. मूर्ति के लिए 10 हेक्टेयर ज़मीन सरकार अधिगृहीत करेगी. लेकिन यह जनता के चंदे से बनेगी. |
मौसमी मांग के चलते सोना मजबूत, चांदी टूटी | दिल्ली सर्राफा बाजार में शनिवार को सोने के भाव 100 रुपये की तेजी के साथ 28,100 रुपये प्रति 10 ग्राम बोले गए। वही लिवाली समर्थन के अभाव में चांदी के भाव 500 रुपये की गिरावट के साथ 46,900 रूपये प्रति किलो रहे। | मौजूदा शादी-विवाह सीजन के मद्देनजर स्टॉकिस्टों और फुटकर ग्राहकों की लिवाली के चलते दिल्ली सर्राफा बाजार में शनिवार को सोने के भाव 100 रुपये की तेजी के साथ 28,100 रुपये प्रति 10 ग्राम बोले गए।टिप्पणियां
वही लिवाली समर्थन के अभाव में चांदी के भाव 500 रुपये की गिरावट के साथ 46,900 रूपये प्रति किलो रहे। घरेलू बाजार में सोना 99.9 और 99.5 शुद्ध के भाव 100 रुपये की तेजी के साथ क्रमश: 28,100 रुपये ओर 27,900 रुपये प्रति 10 ग्राम बंद हुए।
वहीं मौजूदा उच्चस्तर पर मांग कमजोर पड़ने से गिन्नी के भाव 150 रुपये टूट कर 24,200 रुपये प्रति आठ ग्राम बंद हुए। चांदी तैयार के भाव 500 रुपये की गिरावट के साथ 46,900 रुपये ओर चांदी साप्ताहिक डिलीवरी के भाव 100 रुपये टूटकर 45,000 रुपये किलो बंद हुए। चांदी सिक्का के भाव पूर्वस्तर 77,000- 78,000 रुपये प्रति सैकड़ा अपरिवर्तित बंद हुए।
वही लिवाली समर्थन के अभाव में चांदी के भाव 500 रुपये की गिरावट के साथ 46,900 रूपये प्रति किलो रहे। घरेलू बाजार में सोना 99.9 और 99.5 शुद्ध के भाव 100 रुपये की तेजी के साथ क्रमश: 28,100 रुपये ओर 27,900 रुपये प्रति 10 ग्राम बंद हुए।
वहीं मौजूदा उच्चस्तर पर मांग कमजोर पड़ने से गिन्नी के भाव 150 रुपये टूट कर 24,200 रुपये प्रति आठ ग्राम बंद हुए। चांदी तैयार के भाव 500 रुपये की गिरावट के साथ 46,900 रुपये ओर चांदी साप्ताहिक डिलीवरी के भाव 100 रुपये टूटकर 45,000 रुपये किलो बंद हुए। चांदी सिक्का के भाव पूर्वस्तर 77,000- 78,000 रुपये प्रति सैकड़ा अपरिवर्तित बंद हुए।
वहीं मौजूदा उच्चस्तर पर मांग कमजोर पड़ने से गिन्नी के भाव 150 रुपये टूट कर 24,200 रुपये प्रति आठ ग्राम बंद हुए। चांदी तैयार के भाव 500 रुपये की गिरावट के साथ 46,900 रुपये ओर चांदी साप्ताहिक डिलीवरी के भाव 100 रुपये टूटकर 45,000 रुपये किलो बंद हुए। चांदी सिक्का के भाव पूर्वस्तर 77,000- 78,000 रुपये प्रति सैकड़ा अपरिवर्तित बंद हुए। |
कार के सेंट्रल लॉक ने ली दो बच्चों की जान | मुंबई से सटे अंबरनाथ में दो बच्चे एक कार में इसलिए मर गए क्योंकि कार के दरवाजे का सेंटर लॉक हो जाने की वजह से दरवाजे नहीं खुले और बच्चे बाहर निकल नहीं पाए। दम घुट जाने की वजह से दोनों की मौत हो गई थी। | मुंबई से सटे अंबरनाथ में दो बच्चे एक कार में इसलिए मर गए क्योंकि कार के दरवाजे का सेंटर लॉक हो जाने की वजह से दरवाजे नहीं खुले और बच्चे बाहर निकल नहीं पाए। दम घुट जाने की वजह से दोनों की मौत हो गई थी।टिप्पणियां
दोनों बच्चे बदलापुर के पास म्हाडा कालोनी में रहते थे। परिजनों के मुताबिक मंगलवार को दोनों बच्चे दोपहर में खेलने के लिए निकले थे। लेकिन शाम तक नहीं लौटे।
परिजनों ने दोनों बच्चों को तमाम जगहों पर खोजा मगर वह नहीं मिले और बाद में पुलिस में शिकायत भी दर् करवा दी। लेकिन बुधवार को अचानक कार के पास खेल रहे बच्चों ने दोनों की लाशें देखीं और पुलिस को सूचना दी गई। दम घुटने की वजह से दोनों के शरीर नीले पड़ गए थे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
दोनों बच्चे बदलापुर के पास म्हाडा कालोनी में रहते थे। परिजनों के मुताबिक मंगलवार को दोनों बच्चे दोपहर में खेलने के लिए निकले थे। लेकिन शाम तक नहीं लौटे।
परिजनों ने दोनों बच्चों को तमाम जगहों पर खोजा मगर वह नहीं मिले और बाद में पुलिस में शिकायत भी दर् करवा दी। लेकिन बुधवार को अचानक कार के पास खेल रहे बच्चों ने दोनों की लाशें देखीं और पुलिस को सूचना दी गई। दम घुटने की वजह से दोनों के शरीर नीले पड़ गए थे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
परिजनों ने दोनों बच्चों को तमाम जगहों पर खोजा मगर वह नहीं मिले और बाद में पुलिस में शिकायत भी दर् करवा दी। लेकिन बुधवार को अचानक कार के पास खेल रहे बच्चों ने दोनों की लाशें देखीं और पुलिस को सूचना दी गई। दम घुटने की वजह से दोनों के शरीर नीले पड़ गए थे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। |
रेड्डी के अलावा कभी सर्वसम्मति से नहीं हुआ राष्ट्रपति चुनाव | देश में राष्ट्रपति के चौथे चुनाव के समय 1967 में सबसे अधिक 17 उम्मीदवार मैदान में थे जबकि राष्ट्रपति के पांचवे चुनाव के वक्त 15 प्रत्याशी मैदान में थे। | वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी को सर्वसम्मति से राष्ट्रपति चुनने के लिए भले ही संप्रग और राजग के अलावा दूसरे क्षेत्रीय दलों के नेता सर्वसम्मति या आम सहमति से चुनाव की दलीलें दे रहे हों लेकिन सच्चाई यही है कि नीलम संजीव रेड्डी के अलावा आज तक इस सर्वोच्च पद के लिए किसी प्रत्याशी के नाम पर आम सहमति नहीं बन सकी।
देश में राष्ट्रपति के चौथे चुनाव के समय 1967 में सबसे अधिक 17 उम्मीदवार मैदान में थे जबकि राष्ट्रपति के पांचवे चुनाव के वक्त 15 प्रत्याशी मैदान में थे। देश के 13वें राष्ट्रपति का चुनाव भी इससे इतर नहीं है। उम्मीद है कि इस बार संप्रग के प्रत्याशी प्रणब मुखर्जी का मुकाबला बीजद और अन्नाद्रमुक के साथ ही भाजपा समर्थित सिर्फ पीए संगमा से ही होगा।
राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया में समय के साथ बदलाव होने के कारण अब राष्ट्रपति भवन जाने का सपना पालने वाले उम्मीदवारों की संख्या निश्चित ही कम हो गई है। राष्ट्रपति पद के चुनाव को अधिक गंभीर और महत्वपूर्ण बनाने के इरादे से पहली बार 1969 में गुप्त मतदान की व्यवस्था लागू की गई। यही नहीं, मतदान पत्रों के क्रमांक डालने का सिलसिला भी इसी चुनाव से शुरू हुआ था। देश की राजनीति में 1969 के राष्ट्रपति का चुनाव बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस चुनाव में कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार नीलम संजीव रेड्डी को इन्दिरा गांधी के प्रत्याशी वी वी गिरि ने बुरी तरह पराजित कर दिया था।
यह दीगर बात है कि 1977 में राष्ट्रपति पद के चुनाव में नीलम संजीत रेड्डी निर्विरोध चुने गए थे। नीलम संजीव रेड्डी का निर्विरोध चुना जाना देश की राजनीति की एक ऐसी अविस्मरणीय घटना थी जिसकी आज के राजनीतिक परिदृश्य में कल्पना भी नहीं की जा सकती है।
देश के प्रथम नागरिक के पद पर निर्वाचन की प्रक्रिया में शुरू से ही नागरिकों ने गहरी दिलचस्पी ली है। यही वजह है कि राष्ट्रपति पद के लिए 1952 में संपन्न प्रथम चुनाव में डा राजेन्द्र प्रसाद के अलावा चार अन्य प्रत्याशियों ने भी हिस्सा लिया।
राष्ट्रपति पद के लिए 1957 में संपन्न दूसरे चुनाव में भी डा राजेन्द्र प्रसाद का मुकाबला दो अन्य उम्मीदवारों से हुआ था। द्वितीय राष्ट्रपति डा सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चुनाव के समय 1962 में भी दो अन्य उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। देश के तृतीय राष्ट्रपति डा जाकिर हुसैन के निर्वाचन के समय 1967 में 16 अन्य प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे जबकि 1969 में वी वी गिरि के चुनाव के समय राष्ट्रपति पद के दावेदार प्रत्याशियों की संख्या 15 थी।
इस चुनाव में हालांकि नीलम संजीव रेड्डी कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार थे लेकिन श्रीमती इन्दिरा गांधी ने वी वी गिरि को चुनाव मैदान में उतारा था। चुनाव के दौरान संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष में एक प्रत्याशी के बारे में अपमानजनक बातों के साथ एक गुमनाम पर्चा बंटा था। बाद में इसी पर्चे को आधार बनाकर वी वी गिरि के चुनाव को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई थी। यह दीगर बात है कि उच्चतम न्यायालय ने 14 सितंबर, 1970 को यह चुनाव याचिका खारिज कर दी थी।
राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवारों की बढ़ती संख्या और चुनाव की वैधानिकता को अदालत में चुनौती दिये जाने जैसे तथ्यों के मद्देनजर सरकार ने निर्वाचन आयोग की सिफारिश पर मार्च 1974 में राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति कानून, 1952 में संसद से संशोधन कराया। इन संशोधनों के बाद राष्ट्रपति के चुनाव में प्रत्येक उम्मीदवार के लिए नामांकन पत्र के साथ प्रस्तावक के रूप में कम से कम दस और अनुमोदक के रूप में भी इतने ही निर्वाचकों के हस्ताक्षर अनिवार्य किये गए। इसके अलावा पहली बार चुनाव में जमानत राशि के रूप में 2500 रूपए जमा कराने का प्रावधान किया गया।
यही नहीं, राष्ट्रपति के चुनाव को अदालत में चुनौती देने के संबंध में व्यवस्था की गई कि सिर्फ पराजित उम्मीदवार या कम से कम 20 निर्वाचकों के संयुक्त हस्ताक्षर से ही उच्चतम न्यायलय में चुनाव याचिका दायर की जा सकेगी।
इस प्रावधान के बाद चुनाव मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों की संख्या में कमी आयी। अगस्त 1974 में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में फखरुद्दीन अली अहमद का मुकाबला एकमात्र प्रत्याशी त्रिदिव चौधरी से हुआ जबकि 1977 में नीलम संजीव रेड्डी राष्ट्रपति पद के लिए निर्विरोध चुन लिए गए थे।
नीलम संजीव रेड्डी के बाद 1982 में कांग्रेस के ज्ञानी जैल सिंह का मुकाबला सेवानिवृत्त न्यायाधीश एच आर खन्ना से हुआ था। वर्ष 1987 में राष्ट्रपति के चुनाव में उस समय रोचक मोड़ ले लिया जब कांग्रेस के आर वेंकटरमण और विपक्ष के न्यायमूर्ति वी कृष्णा अय्यर के अलावा एक निर्दलीय मिथिलेश कुमार का नामांकन पत्र भी सही पाया गया।
निर्दलीय मिथिलेश कुमार की स्थिति इतनी विचित्र थी कि चुनाव के दौरान एक बार वह मोती बाग में एक पेड़ के नीचे सो गए तो उनके चारों ओर सुरक्षाकर्मियों को सुरक्षा घेरा डालना पड़ा। मिथिलेश कुमार को सुरक्षा कारणों से नयी दिल्ली इलाके में एक विशाल बंगला आवंटित किया गया था। इस बंगले में मिथिलेश कुमार के सोने के लिए एक बड़ी और मोटी दरी मुहैया करायी गयी थी। इस चुनाव में हालांकि वेंकटरमण को भारी मतों से विजयी हुए थे लेकिन मिथिलेश कुमार भी 2223 मत प्राप्त करने में सफल रहे थे।
वेंकटरमण के सेवानिवृत्त होने पर हुए चुनाव में कांग्रेस के डॉ शंकर दयाल शर्मा के सामने विपक्ष के जीजी स्वेल, प्रख्यात वकील राम जेठमलानी और धरती पकड़ काका जोगिन्दर सिंह चुनाव मैदान में थे। इस चुनाव में जेठमलानी को 2704 और धरती पकड़ को 1135 मत मिले थे।
इस स्थिति के बाद यह मांग जोर पकड़ने लगी कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव को अधिक गंभीर बनाया जाए और इसमें नामांकन पत्रों पर प्रस्तावों और अनुमोदकों की संख्या बढ़ाने के साथ ही जमानत राशि में भी वृद्धि की जाए।टिप्पणियां
इसके बाद एक बार फिर अगस्त 1997 में सरकार ने अध्यादेश के जरिए राष्ट्रपति और उपराष्टूपति कानून में संशोधन किया। इस संशोधन के बाद राष्ट्रपति चुनाव में प्रत्येक नामांकन के साथ प्रस्ताव और अनुमोदक के रूप में कम से कम 50-50 निर्वाचकों के हस्ताक्षर अनिवार्य करने के साथ ही जमानत राशि बढ़ाकर 15 हजार रूपए कर दी गयी।
डा शंकर दयाल शर्मा का कार्यकाल पूरा होने के बाद से राष्ट्रपति के चुनाव में प्रत्याशियों की संख्या में कमी आयी और इन चुनाव में दो प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला हुआ। जुलाई 1997 में हुए राष्ट्रपति के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी के आर नारायणन का मुकाबला पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त टी एन शेषण से हुआ जबकि 2002 में डा एपीजे अब्दुल कलाम के चुनाव के समय वाम मोर्चा ने कैप्टन लक्ष्मी सहगल को मैदान मे उतारा था। देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति के रूप में राष्ट्रपति भवन पहुंचने वाली श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल को भी 2007 में चुनाव का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में उनका मुकाबला भाजपा के वरिष्ठ नेता भैरों सिंह शेखावत से हुआ था।
देश में राष्ट्रपति के चौथे चुनाव के समय 1967 में सबसे अधिक 17 उम्मीदवार मैदान में थे जबकि राष्ट्रपति के पांचवे चुनाव के वक्त 15 प्रत्याशी मैदान में थे। देश के 13वें राष्ट्रपति का चुनाव भी इससे इतर नहीं है। उम्मीद है कि इस बार संप्रग के प्रत्याशी प्रणब मुखर्जी का मुकाबला बीजद और अन्नाद्रमुक के साथ ही भाजपा समर्थित सिर्फ पीए संगमा से ही होगा।
राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया में समय के साथ बदलाव होने के कारण अब राष्ट्रपति भवन जाने का सपना पालने वाले उम्मीदवारों की संख्या निश्चित ही कम हो गई है। राष्ट्रपति पद के चुनाव को अधिक गंभीर और महत्वपूर्ण बनाने के इरादे से पहली बार 1969 में गुप्त मतदान की व्यवस्था लागू की गई। यही नहीं, मतदान पत्रों के क्रमांक डालने का सिलसिला भी इसी चुनाव से शुरू हुआ था। देश की राजनीति में 1969 के राष्ट्रपति का चुनाव बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस चुनाव में कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार नीलम संजीव रेड्डी को इन्दिरा गांधी के प्रत्याशी वी वी गिरि ने बुरी तरह पराजित कर दिया था।
यह दीगर बात है कि 1977 में राष्ट्रपति पद के चुनाव में नीलम संजीत रेड्डी निर्विरोध चुने गए थे। नीलम संजीव रेड्डी का निर्विरोध चुना जाना देश की राजनीति की एक ऐसी अविस्मरणीय घटना थी जिसकी आज के राजनीतिक परिदृश्य में कल्पना भी नहीं की जा सकती है।
देश के प्रथम नागरिक के पद पर निर्वाचन की प्रक्रिया में शुरू से ही नागरिकों ने गहरी दिलचस्पी ली है। यही वजह है कि राष्ट्रपति पद के लिए 1952 में संपन्न प्रथम चुनाव में डा राजेन्द्र प्रसाद के अलावा चार अन्य प्रत्याशियों ने भी हिस्सा लिया।
राष्ट्रपति पद के लिए 1957 में संपन्न दूसरे चुनाव में भी डा राजेन्द्र प्रसाद का मुकाबला दो अन्य उम्मीदवारों से हुआ था। द्वितीय राष्ट्रपति डा सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चुनाव के समय 1962 में भी दो अन्य उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। देश के तृतीय राष्ट्रपति डा जाकिर हुसैन के निर्वाचन के समय 1967 में 16 अन्य प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे जबकि 1969 में वी वी गिरि के चुनाव के समय राष्ट्रपति पद के दावेदार प्रत्याशियों की संख्या 15 थी।
इस चुनाव में हालांकि नीलम संजीव रेड्डी कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार थे लेकिन श्रीमती इन्दिरा गांधी ने वी वी गिरि को चुनाव मैदान में उतारा था। चुनाव के दौरान संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष में एक प्रत्याशी के बारे में अपमानजनक बातों के साथ एक गुमनाम पर्चा बंटा था। बाद में इसी पर्चे को आधार बनाकर वी वी गिरि के चुनाव को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई थी। यह दीगर बात है कि उच्चतम न्यायालय ने 14 सितंबर, 1970 को यह चुनाव याचिका खारिज कर दी थी।
राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवारों की बढ़ती संख्या और चुनाव की वैधानिकता को अदालत में चुनौती दिये जाने जैसे तथ्यों के मद्देनजर सरकार ने निर्वाचन आयोग की सिफारिश पर मार्च 1974 में राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति कानून, 1952 में संसद से संशोधन कराया। इन संशोधनों के बाद राष्ट्रपति के चुनाव में प्रत्येक उम्मीदवार के लिए नामांकन पत्र के साथ प्रस्तावक के रूप में कम से कम दस और अनुमोदक के रूप में भी इतने ही निर्वाचकों के हस्ताक्षर अनिवार्य किये गए। इसके अलावा पहली बार चुनाव में जमानत राशि के रूप में 2500 रूपए जमा कराने का प्रावधान किया गया।
यही नहीं, राष्ट्रपति के चुनाव को अदालत में चुनौती देने के संबंध में व्यवस्था की गई कि सिर्फ पराजित उम्मीदवार या कम से कम 20 निर्वाचकों के संयुक्त हस्ताक्षर से ही उच्चतम न्यायलय में चुनाव याचिका दायर की जा सकेगी।
इस प्रावधान के बाद चुनाव मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों की संख्या में कमी आयी। अगस्त 1974 में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में फखरुद्दीन अली अहमद का मुकाबला एकमात्र प्रत्याशी त्रिदिव चौधरी से हुआ जबकि 1977 में नीलम संजीव रेड्डी राष्ट्रपति पद के लिए निर्विरोध चुन लिए गए थे।
नीलम संजीव रेड्डी के बाद 1982 में कांग्रेस के ज्ञानी जैल सिंह का मुकाबला सेवानिवृत्त न्यायाधीश एच आर खन्ना से हुआ था। वर्ष 1987 में राष्ट्रपति के चुनाव में उस समय रोचक मोड़ ले लिया जब कांग्रेस के आर वेंकटरमण और विपक्ष के न्यायमूर्ति वी कृष्णा अय्यर के अलावा एक निर्दलीय मिथिलेश कुमार का नामांकन पत्र भी सही पाया गया।
निर्दलीय मिथिलेश कुमार की स्थिति इतनी विचित्र थी कि चुनाव के दौरान एक बार वह मोती बाग में एक पेड़ के नीचे सो गए तो उनके चारों ओर सुरक्षाकर्मियों को सुरक्षा घेरा डालना पड़ा। मिथिलेश कुमार को सुरक्षा कारणों से नयी दिल्ली इलाके में एक विशाल बंगला आवंटित किया गया था। इस बंगले में मिथिलेश कुमार के सोने के लिए एक बड़ी और मोटी दरी मुहैया करायी गयी थी। इस चुनाव में हालांकि वेंकटरमण को भारी मतों से विजयी हुए थे लेकिन मिथिलेश कुमार भी 2223 मत प्राप्त करने में सफल रहे थे।
वेंकटरमण के सेवानिवृत्त होने पर हुए चुनाव में कांग्रेस के डॉ शंकर दयाल शर्मा के सामने विपक्ष के जीजी स्वेल, प्रख्यात वकील राम जेठमलानी और धरती पकड़ काका जोगिन्दर सिंह चुनाव मैदान में थे। इस चुनाव में जेठमलानी को 2704 और धरती पकड़ को 1135 मत मिले थे।
इस स्थिति के बाद यह मांग जोर पकड़ने लगी कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव को अधिक गंभीर बनाया जाए और इसमें नामांकन पत्रों पर प्रस्तावों और अनुमोदकों की संख्या बढ़ाने के साथ ही जमानत राशि में भी वृद्धि की जाए।टिप्पणियां
इसके बाद एक बार फिर अगस्त 1997 में सरकार ने अध्यादेश के जरिए राष्ट्रपति और उपराष्टूपति कानून में संशोधन किया। इस संशोधन के बाद राष्ट्रपति चुनाव में प्रत्येक नामांकन के साथ प्रस्ताव और अनुमोदक के रूप में कम से कम 50-50 निर्वाचकों के हस्ताक्षर अनिवार्य करने के साथ ही जमानत राशि बढ़ाकर 15 हजार रूपए कर दी गयी।
डा शंकर दयाल शर्मा का कार्यकाल पूरा होने के बाद से राष्ट्रपति के चुनाव में प्रत्याशियों की संख्या में कमी आयी और इन चुनाव में दो प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला हुआ। जुलाई 1997 में हुए राष्ट्रपति के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी के आर नारायणन का मुकाबला पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त टी एन शेषण से हुआ जबकि 2002 में डा एपीजे अब्दुल कलाम के चुनाव के समय वाम मोर्चा ने कैप्टन लक्ष्मी सहगल को मैदान मे उतारा था। देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति के रूप में राष्ट्रपति भवन पहुंचने वाली श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल को भी 2007 में चुनाव का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में उनका मुकाबला भाजपा के वरिष्ठ नेता भैरों सिंह शेखावत से हुआ था।
राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया में समय के साथ बदलाव होने के कारण अब राष्ट्रपति भवन जाने का सपना पालने वाले उम्मीदवारों की संख्या निश्चित ही कम हो गई है। राष्ट्रपति पद के चुनाव को अधिक गंभीर और महत्वपूर्ण बनाने के इरादे से पहली बार 1969 में गुप्त मतदान की व्यवस्था लागू की गई। यही नहीं, मतदान पत्रों के क्रमांक डालने का सिलसिला भी इसी चुनाव से शुरू हुआ था। देश की राजनीति में 1969 के राष्ट्रपति का चुनाव बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस चुनाव में कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार नीलम संजीव रेड्डी को इन्दिरा गांधी के प्रत्याशी वी वी गिरि ने बुरी तरह पराजित कर दिया था।
यह दीगर बात है कि 1977 में राष्ट्रपति पद के चुनाव में नीलम संजीत रेड्डी निर्विरोध चुने गए थे। नीलम संजीव रेड्डी का निर्विरोध चुना जाना देश की राजनीति की एक ऐसी अविस्मरणीय घटना थी जिसकी आज के राजनीतिक परिदृश्य में कल्पना भी नहीं की जा सकती है।
देश के प्रथम नागरिक के पद पर निर्वाचन की प्रक्रिया में शुरू से ही नागरिकों ने गहरी दिलचस्पी ली है। यही वजह है कि राष्ट्रपति पद के लिए 1952 में संपन्न प्रथम चुनाव में डा राजेन्द्र प्रसाद के अलावा चार अन्य प्रत्याशियों ने भी हिस्सा लिया।
राष्ट्रपति पद के लिए 1957 में संपन्न दूसरे चुनाव में भी डा राजेन्द्र प्रसाद का मुकाबला दो अन्य उम्मीदवारों से हुआ था। द्वितीय राष्ट्रपति डा सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चुनाव के समय 1962 में भी दो अन्य उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। देश के तृतीय राष्ट्रपति डा जाकिर हुसैन के निर्वाचन के समय 1967 में 16 अन्य प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे जबकि 1969 में वी वी गिरि के चुनाव के समय राष्ट्रपति पद के दावेदार प्रत्याशियों की संख्या 15 थी।
इस चुनाव में हालांकि नीलम संजीव रेड्डी कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार थे लेकिन श्रीमती इन्दिरा गांधी ने वी वी गिरि को चुनाव मैदान में उतारा था। चुनाव के दौरान संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष में एक प्रत्याशी के बारे में अपमानजनक बातों के साथ एक गुमनाम पर्चा बंटा था। बाद में इसी पर्चे को आधार बनाकर वी वी गिरि के चुनाव को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई थी। यह दीगर बात है कि उच्चतम न्यायालय ने 14 सितंबर, 1970 को यह चुनाव याचिका खारिज कर दी थी।
राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवारों की बढ़ती संख्या और चुनाव की वैधानिकता को अदालत में चुनौती दिये जाने जैसे तथ्यों के मद्देनजर सरकार ने निर्वाचन आयोग की सिफारिश पर मार्च 1974 में राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति कानून, 1952 में संसद से संशोधन कराया। इन संशोधनों के बाद राष्ट्रपति के चुनाव में प्रत्येक उम्मीदवार के लिए नामांकन पत्र के साथ प्रस्तावक के रूप में कम से कम दस और अनुमोदक के रूप में भी इतने ही निर्वाचकों के हस्ताक्षर अनिवार्य किये गए। इसके अलावा पहली बार चुनाव में जमानत राशि के रूप में 2500 रूपए जमा कराने का प्रावधान किया गया।
यही नहीं, राष्ट्रपति के चुनाव को अदालत में चुनौती देने के संबंध में व्यवस्था की गई कि सिर्फ पराजित उम्मीदवार या कम से कम 20 निर्वाचकों के संयुक्त हस्ताक्षर से ही उच्चतम न्यायलय में चुनाव याचिका दायर की जा सकेगी।
इस प्रावधान के बाद चुनाव मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों की संख्या में कमी आयी। अगस्त 1974 में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में फखरुद्दीन अली अहमद का मुकाबला एकमात्र प्रत्याशी त्रिदिव चौधरी से हुआ जबकि 1977 में नीलम संजीव रेड्डी राष्ट्रपति पद के लिए निर्विरोध चुन लिए गए थे।
नीलम संजीव रेड्डी के बाद 1982 में कांग्रेस के ज्ञानी जैल सिंह का मुकाबला सेवानिवृत्त न्यायाधीश एच आर खन्ना से हुआ था। वर्ष 1987 में राष्ट्रपति के चुनाव में उस समय रोचक मोड़ ले लिया जब कांग्रेस के आर वेंकटरमण और विपक्ष के न्यायमूर्ति वी कृष्णा अय्यर के अलावा एक निर्दलीय मिथिलेश कुमार का नामांकन पत्र भी सही पाया गया।
निर्दलीय मिथिलेश कुमार की स्थिति इतनी विचित्र थी कि चुनाव के दौरान एक बार वह मोती बाग में एक पेड़ के नीचे सो गए तो उनके चारों ओर सुरक्षाकर्मियों को सुरक्षा घेरा डालना पड़ा। मिथिलेश कुमार को सुरक्षा कारणों से नयी दिल्ली इलाके में एक विशाल बंगला आवंटित किया गया था। इस बंगले में मिथिलेश कुमार के सोने के लिए एक बड़ी और मोटी दरी मुहैया करायी गयी थी। इस चुनाव में हालांकि वेंकटरमण को भारी मतों से विजयी हुए थे लेकिन मिथिलेश कुमार भी 2223 मत प्राप्त करने में सफल रहे थे।
वेंकटरमण के सेवानिवृत्त होने पर हुए चुनाव में कांग्रेस के डॉ शंकर दयाल शर्मा के सामने विपक्ष के जीजी स्वेल, प्रख्यात वकील राम जेठमलानी और धरती पकड़ काका जोगिन्दर सिंह चुनाव मैदान में थे। इस चुनाव में जेठमलानी को 2704 और धरती पकड़ को 1135 मत मिले थे।
इस स्थिति के बाद यह मांग जोर पकड़ने लगी कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव को अधिक गंभीर बनाया जाए और इसमें नामांकन पत्रों पर प्रस्तावों और अनुमोदकों की संख्या बढ़ाने के साथ ही जमानत राशि में भी वृद्धि की जाए।टिप्पणियां
इसके बाद एक बार फिर अगस्त 1997 में सरकार ने अध्यादेश के जरिए राष्ट्रपति और उपराष्टूपति कानून में संशोधन किया। इस संशोधन के बाद राष्ट्रपति चुनाव में प्रत्येक नामांकन के साथ प्रस्ताव और अनुमोदक के रूप में कम से कम 50-50 निर्वाचकों के हस्ताक्षर अनिवार्य करने के साथ ही जमानत राशि बढ़ाकर 15 हजार रूपए कर दी गयी।
डा शंकर दयाल शर्मा का कार्यकाल पूरा होने के बाद से राष्ट्रपति के चुनाव में प्रत्याशियों की संख्या में कमी आयी और इन चुनाव में दो प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला हुआ। जुलाई 1997 में हुए राष्ट्रपति के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी के आर नारायणन का मुकाबला पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त टी एन शेषण से हुआ जबकि 2002 में डा एपीजे अब्दुल कलाम के चुनाव के समय वाम मोर्चा ने कैप्टन लक्ष्मी सहगल को मैदान मे उतारा था। देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति के रूप में राष्ट्रपति भवन पहुंचने वाली श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल को भी 2007 में चुनाव का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में उनका मुकाबला भाजपा के वरिष्ठ नेता भैरों सिंह शेखावत से हुआ था।
यह दीगर बात है कि 1977 में राष्ट्रपति पद के चुनाव में नीलम संजीत रेड्डी निर्विरोध चुने गए थे। नीलम संजीव रेड्डी का निर्विरोध चुना जाना देश की राजनीति की एक ऐसी अविस्मरणीय घटना थी जिसकी आज के राजनीतिक परिदृश्य में कल्पना भी नहीं की जा सकती है।
देश के प्रथम नागरिक के पद पर निर्वाचन की प्रक्रिया में शुरू से ही नागरिकों ने गहरी दिलचस्पी ली है। यही वजह है कि राष्ट्रपति पद के लिए 1952 में संपन्न प्रथम चुनाव में डा राजेन्द्र प्रसाद के अलावा चार अन्य प्रत्याशियों ने भी हिस्सा लिया।
राष्ट्रपति पद के लिए 1957 में संपन्न दूसरे चुनाव में भी डा राजेन्द्र प्रसाद का मुकाबला दो अन्य उम्मीदवारों से हुआ था। द्वितीय राष्ट्रपति डा सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चुनाव के समय 1962 में भी दो अन्य उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। देश के तृतीय राष्ट्रपति डा जाकिर हुसैन के निर्वाचन के समय 1967 में 16 अन्य प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे जबकि 1969 में वी वी गिरि के चुनाव के समय राष्ट्रपति पद के दावेदार प्रत्याशियों की संख्या 15 थी।
इस चुनाव में हालांकि नीलम संजीव रेड्डी कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार थे लेकिन श्रीमती इन्दिरा गांधी ने वी वी गिरि को चुनाव मैदान में उतारा था। चुनाव के दौरान संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष में एक प्रत्याशी के बारे में अपमानजनक बातों के साथ एक गुमनाम पर्चा बंटा था। बाद में इसी पर्चे को आधार बनाकर वी वी गिरि के चुनाव को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई थी। यह दीगर बात है कि उच्चतम न्यायालय ने 14 सितंबर, 1970 को यह चुनाव याचिका खारिज कर दी थी।
राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवारों की बढ़ती संख्या और चुनाव की वैधानिकता को अदालत में चुनौती दिये जाने जैसे तथ्यों के मद्देनजर सरकार ने निर्वाचन आयोग की सिफारिश पर मार्च 1974 में राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति कानून, 1952 में संसद से संशोधन कराया। इन संशोधनों के बाद राष्ट्रपति के चुनाव में प्रत्येक उम्मीदवार के लिए नामांकन पत्र के साथ प्रस्तावक के रूप में कम से कम दस और अनुमोदक के रूप में भी इतने ही निर्वाचकों के हस्ताक्षर अनिवार्य किये गए। इसके अलावा पहली बार चुनाव में जमानत राशि के रूप में 2500 रूपए जमा कराने का प्रावधान किया गया।
यही नहीं, राष्ट्रपति के चुनाव को अदालत में चुनौती देने के संबंध में व्यवस्था की गई कि सिर्फ पराजित उम्मीदवार या कम से कम 20 निर्वाचकों के संयुक्त हस्ताक्षर से ही उच्चतम न्यायलय में चुनाव याचिका दायर की जा सकेगी।
इस प्रावधान के बाद चुनाव मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों की संख्या में कमी आयी। अगस्त 1974 में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में फखरुद्दीन अली अहमद का मुकाबला एकमात्र प्रत्याशी त्रिदिव चौधरी से हुआ जबकि 1977 में नीलम संजीव रेड्डी राष्ट्रपति पद के लिए निर्विरोध चुन लिए गए थे।
नीलम संजीव रेड्डी के बाद 1982 में कांग्रेस के ज्ञानी जैल सिंह का मुकाबला सेवानिवृत्त न्यायाधीश एच आर खन्ना से हुआ था। वर्ष 1987 में राष्ट्रपति के चुनाव में उस समय रोचक मोड़ ले लिया जब कांग्रेस के आर वेंकटरमण और विपक्ष के न्यायमूर्ति वी कृष्णा अय्यर के अलावा एक निर्दलीय मिथिलेश कुमार का नामांकन पत्र भी सही पाया गया।
निर्दलीय मिथिलेश कुमार की स्थिति इतनी विचित्र थी कि चुनाव के दौरान एक बार वह मोती बाग में एक पेड़ के नीचे सो गए तो उनके चारों ओर सुरक्षाकर्मियों को सुरक्षा घेरा डालना पड़ा। मिथिलेश कुमार को सुरक्षा कारणों से नयी दिल्ली इलाके में एक विशाल बंगला आवंटित किया गया था। इस बंगले में मिथिलेश कुमार के सोने के लिए एक बड़ी और मोटी दरी मुहैया करायी गयी थी। इस चुनाव में हालांकि वेंकटरमण को भारी मतों से विजयी हुए थे लेकिन मिथिलेश कुमार भी 2223 मत प्राप्त करने में सफल रहे थे।
वेंकटरमण के सेवानिवृत्त होने पर हुए चुनाव में कांग्रेस के डॉ शंकर दयाल शर्मा के सामने विपक्ष के जीजी स्वेल, प्रख्यात वकील राम जेठमलानी और धरती पकड़ काका जोगिन्दर सिंह चुनाव मैदान में थे। इस चुनाव में जेठमलानी को 2704 और धरती पकड़ को 1135 मत मिले थे।
इस स्थिति के बाद यह मांग जोर पकड़ने लगी कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव को अधिक गंभीर बनाया जाए और इसमें नामांकन पत्रों पर प्रस्तावों और अनुमोदकों की संख्या बढ़ाने के साथ ही जमानत राशि में भी वृद्धि की जाए।टिप्पणियां
इसके बाद एक बार फिर अगस्त 1997 में सरकार ने अध्यादेश के जरिए राष्ट्रपति और उपराष्टूपति कानून में संशोधन किया। इस संशोधन के बाद राष्ट्रपति चुनाव में प्रत्येक नामांकन के साथ प्रस्ताव और अनुमोदक के रूप में कम से कम 50-50 निर्वाचकों के हस्ताक्षर अनिवार्य करने के साथ ही जमानत राशि बढ़ाकर 15 हजार रूपए कर दी गयी।
डा शंकर दयाल शर्मा का कार्यकाल पूरा होने के बाद से राष्ट्रपति के चुनाव में प्रत्याशियों की संख्या में कमी आयी और इन चुनाव में दो प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला हुआ। जुलाई 1997 में हुए राष्ट्रपति के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी के आर नारायणन का मुकाबला पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त टी एन शेषण से हुआ जबकि 2002 में डा एपीजे अब्दुल कलाम के चुनाव के समय वाम मोर्चा ने कैप्टन लक्ष्मी सहगल को मैदान मे उतारा था। देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति के रूप में राष्ट्रपति भवन पहुंचने वाली श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल को भी 2007 में चुनाव का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में उनका मुकाबला भाजपा के वरिष्ठ नेता भैरों सिंह शेखावत से हुआ था।
देश के प्रथम नागरिक के पद पर निर्वाचन की प्रक्रिया में शुरू से ही नागरिकों ने गहरी दिलचस्पी ली है। यही वजह है कि राष्ट्रपति पद के लिए 1952 में संपन्न प्रथम चुनाव में डा राजेन्द्र प्रसाद के अलावा चार अन्य प्रत्याशियों ने भी हिस्सा लिया।
राष्ट्रपति पद के लिए 1957 में संपन्न दूसरे चुनाव में भी डा राजेन्द्र प्रसाद का मुकाबला दो अन्य उम्मीदवारों से हुआ था। द्वितीय राष्ट्रपति डा सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चुनाव के समय 1962 में भी दो अन्य उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। देश के तृतीय राष्ट्रपति डा जाकिर हुसैन के निर्वाचन के समय 1967 में 16 अन्य प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे जबकि 1969 में वी वी गिरि के चुनाव के समय राष्ट्रपति पद के दावेदार प्रत्याशियों की संख्या 15 थी।
इस चुनाव में हालांकि नीलम संजीव रेड्डी कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार थे लेकिन श्रीमती इन्दिरा गांधी ने वी वी गिरि को चुनाव मैदान में उतारा था। चुनाव के दौरान संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष में एक प्रत्याशी के बारे में अपमानजनक बातों के साथ एक गुमनाम पर्चा बंटा था। बाद में इसी पर्चे को आधार बनाकर वी वी गिरि के चुनाव को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई थी। यह दीगर बात है कि उच्चतम न्यायालय ने 14 सितंबर, 1970 को यह चुनाव याचिका खारिज कर दी थी।
राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवारों की बढ़ती संख्या और चुनाव की वैधानिकता को अदालत में चुनौती दिये जाने जैसे तथ्यों के मद्देनजर सरकार ने निर्वाचन आयोग की सिफारिश पर मार्च 1974 में राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति कानून, 1952 में संसद से संशोधन कराया। इन संशोधनों के बाद राष्ट्रपति के चुनाव में प्रत्येक उम्मीदवार के लिए नामांकन पत्र के साथ प्रस्तावक के रूप में कम से कम दस और अनुमोदक के रूप में भी इतने ही निर्वाचकों के हस्ताक्षर अनिवार्य किये गए। इसके अलावा पहली बार चुनाव में जमानत राशि के रूप में 2500 रूपए जमा कराने का प्रावधान किया गया।
यही नहीं, राष्ट्रपति के चुनाव को अदालत में चुनौती देने के संबंध में व्यवस्था की गई कि सिर्फ पराजित उम्मीदवार या कम से कम 20 निर्वाचकों के संयुक्त हस्ताक्षर से ही उच्चतम न्यायलय में चुनाव याचिका दायर की जा सकेगी।
इस प्रावधान के बाद चुनाव मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों की संख्या में कमी आयी। अगस्त 1974 में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में फखरुद्दीन अली अहमद का मुकाबला एकमात्र प्रत्याशी त्रिदिव चौधरी से हुआ जबकि 1977 में नीलम संजीव रेड्डी राष्ट्रपति पद के लिए निर्विरोध चुन लिए गए थे।
नीलम संजीव रेड्डी के बाद 1982 में कांग्रेस के ज्ञानी जैल सिंह का मुकाबला सेवानिवृत्त न्यायाधीश एच आर खन्ना से हुआ था। वर्ष 1987 में राष्ट्रपति के चुनाव में उस समय रोचक मोड़ ले लिया जब कांग्रेस के आर वेंकटरमण और विपक्ष के न्यायमूर्ति वी कृष्णा अय्यर के अलावा एक निर्दलीय मिथिलेश कुमार का नामांकन पत्र भी सही पाया गया।
निर्दलीय मिथिलेश कुमार की स्थिति इतनी विचित्र थी कि चुनाव के दौरान एक बार वह मोती बाग में एक पेड़ के नीचे सो गए तो उनके चारों ओर सुरक्षाकर्मियों को सुरक्षा घेरा डालना पड़ा। मिथिलेश कुमार को सुरक्षा कारणों से नयी दिल्ली इलाके में एक विशाल बंगला आवंटित किया गया था। इस बंगले में मिथिलेश कुमार के सोने के लिए एक बड़ी और मोटी दरी मुहैया करायी गयी थी। इस चुनाव में हालांकि वेंकटरमण को भारी मतों से विजयी हुए थे लेकिन मिथिलेश कुमार भी 2223 मत प्राप्त करने में सफल रहे थे।
वेंकटरमण के सेवानिवृत्त होने पर हुए चुनाव में कांग्रेस के डॉ शंकर दयाल शर्मा के सामने विपक्ष के जीजी स्वेल, प्रख्यात वकील राम जेठमलानी और धरती पकड़ काका जोगिन्दर सिंह चुनाव मैदान में थे। इस चुनाव में जेठमलानी को 2704 और धरती पकड़ को 1135 मत मिले थे।
इस स्थिति के बाद यह मांग जोर पकड़ने लगी कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव को अधिक गंभीर बनाया जाए और इसमें नामांकन पत्रों पर प्रस्तावों और अनुमोदकों की संख्या बढ़ाने के साथ ही जमानत राशि में भी वृद्धि की जाए।टिप्पणियां
इसके बाद एक बार फिर अगस्त 1997 में सरकार ने अध्यादेश के जरिए राष्ट्रपति और उपराष्टूपति कानून में संशोधन किया। इस संशोधन के बाद राष्ट्रपति चुनाव में प्रत्येक नामांकन के साथ प्रस्ताव और अनुमोदक के रूप में कम से कम 50-50 निर्वाचकों के हस्ताक्षर अनिवार्य करने के साथ ही जमानत राशि बढ़ाकर 15 हजार रूपए कर दी गयी।
डा शंकर दयाल शर्मा का कार्यकाल पूरा होने के बाद से राष्ट्रपति के चुनाव में प्रत्याशियों की संख्या में कमी आयी और इन चुनाव में दो प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला हुआ। जुलाई 1997 में हुए राष्ट्रपति के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी के आर नारायणन का मुकाबला पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त टी एन शेषण से हुआ जबकि 2002 में डा एपीजे अब्दुल कलाम के चुनाव के समय वाम मोर्चा ने कैप्टन लक्ष्मी सहगल को मैदान मे उतारा था। देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति के रूप में राष्ट्रपति भवन पहुंचने वाली श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल को भी 2007 में चुनाव का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में उनका मुकाबला भाजपा के वरिष्ठ नेता भैरों सिंह शेखावत से हुआ था।
राष्ट्रपति पद के लिए 1957 में संपन्न दूसरे चुनाव में भी डा राजेन्द्र प्रसाद का मुकाबला दो अन्य उम्मीदवारों से हुआ था। द्वितीय राष्ट्रपति डा सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चुनाव के समय 1962 में भी दो अन्य उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। देश के तृतीय राष्ट्रपति डा जाकिर हुसैन के निर्वाचन के समय 1967 में 16 अन्य प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे जबकि 1969 में वी वी गिरि के चुनाव के समय राष्ट्रपति पद के दावेदार प्रत्याशियों की संख्या 15 थी।
इस चुनाव में हालांकि नीलम संजीव रेड्डी कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार थे लेकिन श्रीमती इन्दिरा गांधी ने वी वी गिरि को चुनाव मैदान में उतारा था। चुनाव के दौरान संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष में एक प्रत्याशी के बारे में अपमानजनक बातों के साथ एक गुमनाम पर्चा बंटा था। बाद में इसी पर्चे को आधार बनाकर वी वी गिरि के चुनाव को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई थी। यह दीगर बात है कि उच्चतम न्यायालय ने 14 सितंबर, 1970 को यह चुनाव याचिका खारिज कर दी थी।
राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवारों की बढ़ती संख्या और चुनाव की वैधानिकता को अदालत में चुनौती दिये जाने जैसे तथ्यों के मद्देनजर सरकार ने निर्वाचन आयोग की सिफारिश पर मार्च 1974 में राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति कानून, 1952 में संसद से संशोधन कराया। इन संशोधनों के बाद राष्ट्रपति के चुनाव में प्रत्येक उम्मीदवार के लिए नामांकन पत्र के साथ प्रस्तावक के रूप में कम से कम दस और अनुमोदक के रूप में भी इतने ही निर्वाचकों के हस्ताक्षर अनिवार्य किये गए। इसके अलावा पहली बार चुनाव में जमानत राशि के रूप में 2500 रूपए जमा कराने का प्रावधान किया गया।
यही नहीं, राष्ट्रपति के चुनाव को अदालत में चुनौती देने के संबंध में व्यवस्था की गई कि सिर्फ पराजित उम्मीदवार या कम से कम 20 निर्वाचकों के संयुक्त हस्ताक्षर से ही उच्चतम न्यायलय में चुनाव याचिका दायर की जा सकेगी।
इस प्रावधान के बाद चुनाव मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों की संख्या में कमी आयी। अगस्त 1974 में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में फखरुद्दीन अली अहमद का मुकाबला एकमात्र प्रत्याशी त्रिदिव चौधरी से हुआ जबकि 1977 में नीलम संजीव रेड्डी राष्ट्रपति पद के लिए निर्विरोध चुन लिए गए थे।
नीलम संजीव रेड्डी के बाद 1982 में कांग्रेस के ज्ञानी जैल सिंह का मुकाबला सेवानिवृत्त न्यायाधीश एच आर खन्ना से हुआ था। वर्ष 1987 में राष्ट्रपति के चुनाव में उस समय रोचक मोड़ ले लिया जब कांग्रेस के आर वेंकटरमण और विपक्ष के न्यायमूर्ति वी कृष्णा अय्यर के अलावा एक निर्दलीय मिथिलेश कुमार का नामांकन पत्र भी सही पाया गया।
निर्दलीय मिथिलेश कुमार की स्थिति इतनी विचित्र थी कि चुनाव के दौरान एक बार वह मोती बाग में एक पेड़ के नीचे सो गए तो उनके चारों ओर सुरक्षाकर्मियों को सुरक्षा घेरा डालना पड़ा। मिथिलेश कुमार को सुरक्षा कारणों से नयी दिल्ली इलाके में एक विशाल बंगला आवंटित किया गया था। इस बंगले में मिथिलेश कुमार के सोने के लिए एक बड़ी और मोटी दरी मुहैया करायी गयी थी। इस चुनाव में हालांकि वेंकटरमण को भारी मतों से विजयी हुए थे लेकिन मिथिलेश कुमार भी 2223 मत प्राप्त करने में सफल रहे थे।
वेंकटरमण के सेवानिवृत्त होने पर हुए चुनाव में कांग्रेस के डॉ शंकर दयाल शर्मा के सामने विपक्ष के जीजी स्वेल, प्रख्यात वकील राम जेठमलानी और धरती पकड़ काका जोगिन्दर सिंह चुनाव मैदान में थे। इस चुनाव में जेठमलानी को 2704 और धरती पकड़ को 1135 मत मिले थे।
इस स्थिति के बाद यह मांग जोर पकड़ने लगी कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव को अधिक गंभीर बनाया जाए और इसमें नामांकन पत्रों पर प्रस्तावों और अनुमोदकों की संख्या बढ़ाने के साथ ही जमानत राशि में भी वृद्धि की जाए।टिप्पणियां
इसके बाद एक बार फिर अगस्त 1997 में सरकार ने अध्यादेश के जरिए राष्ट्रपति और उपराष्टूपति कानून में संशोधन किया। इस संशोधन के बाद राष्ट्रपति चुनाव में प्रत्येक नामांकन के साथ प्रस्ताव और अनुमोदक के रूप में कम से कम 50-50 निर्वाचकों के हस्ताक्षर अनिवार्य करने के साथ ही जमानत राशि बढ़ाकर 15 हजार रूपए कर दी गयी।
डा शंकर दयाल शर्मा का कार्यकाल पूरा होने के बाद से राष्ट्रपति के चुनाव में प्रत्याशियों की संख्या में कमी आयी और इन चुनाव में दो प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला हुआ। जुलाई 1997 में हुए राष्ट्रपति के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी के आर नारायणन का मुकाबला पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त टी एन शेषण से हुआ जबकि 2002 में डा एपीजे अब्दुल कलाम के चुनाव के समय वाम मोर्चा ने कैप्टन लक्ष्मी सहगल को मैदान मे उतारा था। देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति के रूप में राष्ट्रपति भवन पहुंचने वाली श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल को भी 2007 में चुनाव का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में उनका मुकाबला भाजपा के वरिष्ठ नेता भैरों सिंह शेखावत से हुआ था।
इस चुनाव में हालांकि नीलम संजीव रेड्डी कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार थे लेकिन श्रीमती इन्दिरा गांधी ने वी वी गिरि को चुनाव मैदान में उतारा था। चुनाव के दौरान संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष में एक प्रत्याशी के बारे में अपमानजनक बातों के साथ एक गुमनाम पर्चा बंटा था। बाद में इसी पर्चे को आधार बनाकर वी वी गिरि के चुनाव को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई थी। यह दीगर बात है कि उच्चतम न्यायालय ने 14 सितंबर, 1970 को यह चुनाव याचिका खारिज कर दी थी।
राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवारों की बढ़ती संख्या और चुनाव की वैधानिकता को अदालत में चुनौती दिये जाने जैसे तथ्यों के मद्देनजर सरकार ने निर्वाचन आयोग की सिफारिश पर मार्च 1974 में राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति कानून, 1952 में संसद से संशोधन कराया। इन संशोधनों के बाद राष्ट्रपति के चुनाव में प्रत्येक उम्मीदवार के लिए नामांकन पत्र के साथ प्रस्तावक के रूप में कम से कम दस और अनुमोदक के रूप में भी इतने ही निर्वाचकों के हस्ताक्षर अनिवार्य किये गए। इसके अलावा पहली बार चुनाव में जमानत राशि के रूप में 2500 रूपए जमा कराने का प्रावधान किया गया।
यही नहीं, राष्ट्रपति के चुनाव को अदालत में चुनौती देने के संबंध में व्यवस्था की गई कि सिर्फ पराजित उम्मीदवार या कम से कम 20 निर्वाचकों के संयुक्त हस्ताक्षर से ही उच्चतम न्यायलय में चुनाव याचिका दायर की जा सकेगी।
इस प्रावधान के बाद चुनाव मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों की संख्या में कमी आयी। अगस्त 1974 में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में फखरुद्दीन अली अहमद का मुकाबला एकमात्र प्रत्याशी त्रिदिव चौधरी से हुआ जबकि 1977 में नीलम संजीव रेड्डी राष्ट्रपति पद के लिए निर्विरोध चुन लिए गए थे।
नीलम संजीव रेड्डी के बाद 1982 में कांग्रेस के ज्ञानी जैल सिंह का मुकाबला सेवानिवृत्त न्यायाधीश एच आर खन्ना से हुआ था। वर्ष 1987 में राष्ट्रपति के चुनाव में उस समय रोचक मोड़ ले लिया जब कांग्रेस के आर वेंकटरमण और विपक्ष के न्यायमूर्ति वी कृष्णा अय्यर के अलावा एक निर्दलीय मिथिलेश कुमार का नामांकन पत्र भी सही पाया गया।
निर्दलीय मिथिलेश कुमार की स्थिति इतनी विचित्र थी कि चुनाव के दौरान एक बार वह मोती बाग में एक पेड़ के नीचे सो गए तो उनके चारों ओर सुरक्षाकर्मियों को सुरक्षा घेरा डालना पड़ा। मिथिलेश कुमार को सुरक्षा कारणों से नयी दिल्ली इलाके में एक विशाल बंगला आवंटित किया गया था। इस बंगले में मिथिलेश कुमार के सोने के लिए एक बड़ी और मोटी दरी मुहैया करायी गयी थी। इस चुनाव में हालांकि वेंकटरमण को भारी मतों से विजयी हुए थे लेकिन मिथिलेश कुमार भी 2223 मत प्राप्त करने में सफल रहे थे।
वेंकटरमण के सेवानिवृत्त होने पर हुए चुनाव में कांग्रेस के डॉ शंकर दयाल शर्मा के सामने विपक्ष के जीजी स्वेल, प्रख्यात वकील राम जेठमलानी और धरती पकड़ काका जोगिन्दर सिंह चुनाव मैदान में थे। इस चुनाव में जेठमलानी को 2704 और धरती पकड़ को 1135 मत मिले थे।
इस स्थिति के बाद यह मांग जोर पकड़ने लगी कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव को अधिक गंभीर बनाया जाए और इसमें नामांकन पत्रों पर प्रस्तावों और अनुमोदकों की संख्या बढ़ाने के साथ ही जमानत राशि में भी वृद्धि की जाए।टिप्पणियां
इसके बाद एक बार फिर अगस्त 1997 में सरकार ने अध्यादेश के जरिए राष्ट्रपति और उपराष्टूपति कानून में संशोधन किया। इस संशोधन के बाद राष्ट्रपति चुनाव में प्रत्येक नामांकन के साथ प्रस्ताव और अनुमोदक के रूप में कम से कम 50-50 निर्वाचकों के हस्ताक्षर अनिवार्य करने के साथ ही जमानत राशि बढ़ाकर 15 हजार रूपए कर दी गयी।
डा शंकर दयाल शर्मा का कार्यकाल पूरा होने के बाद से राष्ट्रपति के चुनाव में प्रत्याशियों की संख्या में कमी आयी और इन चुनाव में दो प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला हुआ। जुलाई 1997 में हुए राष्ट्रपति के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी के आर नारायणन का मुकाबला पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त टी एन शेषण से हुआ जबकि 2002 में डा एपीजे अब्दुल कलाम के चुनाव के समय वाम मोर्चा ने कैप्टन लक्ष्मी सहगल को मैदान मे उतारा था। देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति के रूप में राष्ट्रपति भवन पहुंचने वाली श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल को भी 2007 में चुनाव का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में उनका मुकाबला भाजपा के वरिष्ठ नेता भैरों सिंह शेखावत से हुआ था।
राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवारों की बढ़ती संख्या और चुनाव की वैधानिकता को अदालत में चुनौती दिये जाने जैसे तथ्यों के मद्देनजर सरकार ने निर्वाचन आयोग की सिफारिश पर मार्च 1974 में राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति कानून, 1952 में संसद से संशोधन कराया। इन संशोधनों के बाद राष्ट्रपति के चुनाव में प्रत्येक उम्मीदवार के लिए नामांकन पत्र के साथ प्रस्तावक के रूप में कम से कम दस और अनुमोदक के रूप में भी इतने ही निर्वाचकों के हस्ताक्षर अनिवार्य किये गए। इसके अलावा पहली बार चुनाव में जमानत राशि के रूप में 2500 रूपए जमा कराने का प्रावधान किया गया।
यही नहीं, राष्ट्रपति के चुनाव को अदालत में चुनौती देने के संबंध में व्यवस्था की गई कि सिर्फ पराजित उम्मीदवार या कम से कम 20 निर्वाचकों के संयुक्त हस्ताक्षर से ही उच्चतम न्यायलय में चुनाव याचिका दायर की जा सकेगी।
इस प्रावधान के बाद चुनाव मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों की संख्या में कमी आयी। अगस्त 1974 में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में फखरुद्दीन अली अहमद का मुकाबला एकमात्र प्रत्याशी त्रिदिव चौधरी से हुआ जबकि 1977 में नीलम संजीव रेड्डी राष्ट्रपति पद के लिए निर्विरोध चुन लिए गए थे।
नीलम संजीव रेड्डी के बाद 1982 में कांग्रेस के ज्ञानी जैल सिंह का मुकाबला सेवानिवृत्त न्यायाधीश एच आर खन्ना से हुआ था। वर्ष 1987 में राष्ट्रपति के चुनाव में उस समय रोचक मोड़ ले लिया जब कांग्रेस के आर वेंकटरमण और विपक्ष के न्यायमूर्ति वी कृष्णा अय्यर के अलावा एक निर्दलीय मिथिलेश कुमार का नामांकन पत्र भी सही पाया गया।
निर्दलीय मिथिलेश कुमार की स्थिति इतनी विचित्र थी कि चुनाव के दौरान एक बार वह मोती बाग में एक पेड़ के नीचे सो गए तो उनके चारों ओर सुरक्षाकर्मियों को सुरक्षा घेरा डालना पड़ा। मिथिलेश कुमार को सुरक्षा कारणों से नयी दिल्ली इलाके में एक विशाल बंगला आवंटित किया गया था। इस बंगले में मिथिलेश कुमार के सोने के लिए एक बड़ी और मोटी दरी मुहैया करायी गयी थी। इस चुनाव में हालांकि वेंकटरमण को भारी मतों से विजयी हुए थे लेकिन मिथिलेश कुमार भी 2223 मत प्राप्त करने में सफल रहे थे।
वेंकटरमण के सेवानिवृत्त होने पर हुए चुनाव में कांग्रेस के डॉ शंकर दयाल शर्मा के सामने विपक्ष के जीजी स्वेल, प्रख्यात वकील राम जेठमलानी और धरती पकड़ काका जोगिन्दर सिंह चुनाव मैदान में थे। इस चुनाव में जेठमलानी को 2704 और धरती पकड़ को 1135 मत मिले थे।
इस स्थिति के बाद यह मांग जोर पकड़ने लगी कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव को अधिक गंभीर बनाया जाए और इसमें नामांकन पत्रों पर प्रस्तावों और अनुमोदकों की संख्या बढ़ाने के साथ ही जमानत राशि में भी वृद्धि की जाए।टिप्पणियां
इसके बाद एक बार फिर अगस्त 1997 में सरकार ने अध्यादेश के जरिए राष्ट्रपति और उपराष्टूपति कानून में संशोधन किया। इस संशोधन के बाद राष्ट्रपति चुनाव में प्रत्येक नामांकन के साथ प्रस्ताव और अनुमोदक के रूप में कम से कम 50-50 निर्वाचकों के हस्ताक्षर अनिवार्य करने के साथ ही जमानत राशि बढ़ाकर 15 हजार रूपए कर दी गयी।
डा शंकर दयाल शर्मा का कार्यकाल पूरा होने के बाद से राष्ट्रपति के चुनाव में प्रत्याशियों की संख्या में कमी आयी और इन चुनाव में दो प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला हुआ। जुलाई 1997 में हुए राष्ट्रपति के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी के आर नारायणन का मुकाबला पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त टी एन शेषण से हुआ जबकि 2002 में डा एपीजे अब्दुल कलाम के चुनाव के समय वाम मोर्चा ने कैप्टन लक्ष्मी सहगल को मैदान मे उतारा था। देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति के रूप में राष्ट्रपति भवन पहुंचने वाली श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल को भी 2007 में चुनाव का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में उनका मुकाबला भाजपा के वरिष्ठ नेता भैरों सिंह शेखावत से हुआ था।
यही नहीं, राष्ट्रपति के चुनाव को अदालत में चुनौती देने के संबंध में व्यवस्था की गई कि सिर्फ पराजित उम्मीदवार या कम से कम 20 निर्वाचकों के संयुक्त हस्ताक्षर से ही उच्चतम न्यायलय में चुनाव याचिका दायर की जा सकेगी।
इस प्रावधान के बाद चुनाव मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों की संख्या में कमी आयी। अगस्त 1974 में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में फखरुद्दीन अली अहमद का मुकाबला एकमात्र प्रत्याशी त्रिदिव चौधरी से हुआ जबकि 1977 में नीलम संजीव रेड्डी राष्ट्रपति पद के लिए निर्विरोध चुन लिए गए थे।
नीलम संजीव रेड्डी के बाद 1982 में कांग्रेस के ज्ञानी जैल सिंह का मुकाबला सेवानिवृत्त न्यायाधीश एच आर खन्ना से हुआ था। वर्ष 1987 में राष्ट्रपति के चुनाव में उस समय रोचक मोड़ ले लिया जब कांग्रेस के आर वेंकटरमण और विपक्ष के न्यायमूर्ति वी कृष्णा अय्यर के अलावा एक निर्दलीय मिथिलेश कुमार का नामांकन पत्र भी सही पाया गया।
निर्दलीय मिथिलेश कुमार की स्थिति इतनी विचित्र थी कि चुनाव के दौरान एक बार वह मोती बाग में एक पेड़ के नीचे सो गए तो उनके चारों ओर सुरक्षाकर्मियों को सुरक्षा घेरा डालना पड़ा। मिथिलेश कुमार को सुरक्षा कारणों से नयी दिल्ली इलाके में एक विशाल बंगला आवंटित किया गया था। इस बंगले में मिथिलेश कुमार के सोने के लिए एक बड़ी और मोटी दरी मुहैया करायी गयी थी। इस चुनाव में हालांकि वेंकटरमण को भारी मतों से विजयी हुए थे लेकिन मिथिलेश कुमार भी 2223 मत प्राप्त करने में सफल रहे थे।
वेंकटरमण के सेवानिवृत्त होने पर हुए चुनाव में कांग्रेस के डॉ शंकर दयाल शर्मा के सामने विपक्ष के जीजी स्वेल, प्रख्यात वकील राम जेठमलानी और धरती पकड़ काका जोगिन्दर सिंह चुनाव मैदान में थे। इस चुनाव में जेठमलानी को 2704 और धरती पकड़ को 1135 मत मिले थे।
इस स्थिति के बाद यह मांग जोर पकड़ने लगी कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव को अधिक गंभीर बनाया जाए और इसमें नामांकन पत्रों पर प्रस्तावों और अनुमोदकों की संख्या बढ़ाने के साथ ही जमानत राशि में भी वृद्धि की जाए।टिप्पणियां
इसके बाद एक बार फिर अगस्त 1997 में सरकार ने अध्यादेश के जरिए राष्ट्रपति और उपराष्टूपति कानून में संशोधन किया। इस संशोधन के बाद राष्ट्रपति चुनाव में प्रत्येक नामांकन के साथ प्रस्ताव और अनुमोदक के रूप में कम से कम 50-50 निर्वाचकों के हस्ताक्षर अनिवार्य करने के साथ ही जमानत राशि बढ़ाकर 15 हजार रूपए कर दी गयी।
डा शंकर दयाल शर्मा का कार्यकाल पूरा होने के बाद से राष्ट्रपति के चुनाव में प्रत्याशियों की संख्या में कमी आयी और इन चुनाव में दो प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला हुआ। जुलाई 1997 में हुए राष्ट्रपति के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी के आर नारायणन का मुकाबला पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त टी एन शेषण से हुआ जबकि 2002 में डा एपीजे अब्दुल कलाम के चुनाव के समय वाम मोर्चा ने कैप्टन लक्ष्मी सहगल को मैदान मे उतारा था। देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति के रूप में राष्ट्रपति भवन पहुंचने वाली श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल को भी 2007 में चुनाव का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में उनका मुकाबला भाजपा के वरिष्ठ नेता भैरों सिंह शेखावत से हुआ था।
इस प्रावधान के बाद चुनाव मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों की संख्या में कमी आयी। अगस्त 1974 में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में फखरुद्दीन अली अहमद का मुकाबला एकमात्र प्रत्याशी त्रिदिव चौधरी से हुआ जबकि 1977 में नीलम संजीव रेड्डी राष्ट्रपति पद के लिए निर्विरोध चुन लिए गए थे।
नीलम संजीव रेड्डी के बाद 1982 में कांग्रेस के ज्ञानी जैल सिंह का मुकाबला सेवानिवृत्त न्यायाधीश एच आर खन्ना से हुआ था। वर्ष 1987 में राष्ट्रपति के चुनाव में उस समय रोचक मोड़ ले लिया जब कांग्रेस के आर वेंकटरमण और विपक्ष के न्यायमूर्ति वी कृष्णा अय्यर के अलावा एक निर्दलीय मिथिलेश कुमार का नामांकन पत्र भी सही पाया गया।
निर्दलीय मिथिलेश कुमार की स्थिति इतनी विचित्र थी कि चुनाव के दौरान एक बार वह मोती बाग में एक पेड़ के नीचे सो गए तो उनके चारों ओर सुरक्षाकर्मियों को सुरक्षा घेरा डालना पड़ा। मिथिलेश कुमार को सुरक्षा कारणों से नयी दिल्ली इलाके में एक विशाल बंगला आवंटित किया गया था। इस बंगले में मिथिलेश कुमार के सोने के लिए एक बड़ी और मोटी दरी मुहैया करायी गयी थी। इस चुनाव में हालांकि वेंकटरमण को भारी मतों से विजयी हुए थे लेकिन मिथिलेश कुमार भी 2223 मत प्राप्त करने में सफल रहे थे।
वेंकटरमण के सेवानिवृत्त होने पर हुए चुनाव में कांग्रेस के डॉ शंकर दयाल शर्मा के सामने विपक्ष के जीजी स्वेल, प्रख्यात वकील राम जेठमलानी और धरती पकड़ काका जोगिन्दर सिंह चुनाव मैदान में थे। इस चुनाव में जेठमलानी को 2704 और धरती पकड़ को 1135 मत मिले थे।
इस स्थिति के बाद यह मांग जोर पकड़ने लगी कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव को अधिक गंभीर बनाया जाए और इसमें नामांकन पत्रों पर प्रस्तावों और अनुमोदकों की संख्या बढ़ाने के साथ ही जमानत राशि में भी वृद्धि की जाए।टिप्पणियां
इसके बाद एक बार फिर अगस्त 1997 में सरकार ने अध्यादेश के जरिए राष्ट्रपति और उपराष्टूपति कानून में संशोधन किया। इस संशोधन के बाद राष्ट्रपति चुनाव में प्रत्येक नामांकन के साथ प्रस्ताव और अनुमोदक के रूप में कम से कम 50-50 निर्वाचकों के हस्ताक्षर अनिवार्य करने के साथ ही जमानत राशि बढ़ाकर 15 हजार रूपए कर दी गयी।
डा शंकर दयाल शर्मा का कार्यकाल पूरा होने के बाद से राष्ट्रपति के चुनाव में प्रत्याशियों की संख्या में कमी आयी और इन चुनाव में दो प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला हुआ। जुलाई 1997 में हुए राष्ट्रपति के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी के आर नारायणन का मुकाबला पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त टी एन शेषण से हुआ जबकि 2002 में डा एपीजे अब्दुल कलाम के चुनाव के समय वाम मोर्चा ने कैप्टन लक्ष्मी सहगल को मैदान मे उतारा था। देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति के रूप में राष्ट्रपति भवन पहुंचने वाली श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल को भी 2007 में चुनाव का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में उनका मुकाबला भाजपा के वरिष्ठ नेता भैरों सिंह शेखावत से हुआ था।
नीलम संजीव रेड्डी के बाद 1982 में कांग्रेस के ज्ञानी जैल सिंह का मुकाबला सेवानिवृत्त न्यायाधीश एच आर खन्ना से हुआ था। वर्ष 1987 में राष्ट्रपति के चुनाव में उस समय रोचक मोड़ ले लिया जब कांग्रेस के आर वेंकटरमण और विपक्ष के न्यायमूर्ति वी कृष्णा अय्यर के अलावा एक निर्दलीय मिथिलेश कुमार का नामांकन पत्र भी सही पाया गया।
निर्दलीय मिथिलेश कुमार की स्थिति इतनी विचित्र थी कि चुनाव के दौरान एक बार वह मोती बाग में एक पेड़ के नीचे सो गए तो उनके चारों ओर सुरक्षाकर्मियों को सुरक्षा घेरा डालना पड़ा। मिथिलेश कुमार को सुरक्षा कारणों से नयी दिल्ली इलाके में एक विशाल बंगला आवंटित किया गया था। इस बंगले में मिथिलेश कुमार के सोने के लिए एक बड़ी और मोटी दरी मुहैया करायी गयी थी। इस चुनाव में हालांकि वेंकटरमण को भारी मतों से विजयी हुए थे लेकिन मिथिलेश कुमार भी 2223 मत प्राप्त करने में सफल रहे थे।
वेंकटरमण के सेवानिवृत्त होने पर हुए चुनाव में कांग्रेस के डॉ शंकर दयाल शर्मा के सामने विपक्ष के जीजी स्वेल, प्रख्यात वकील राम जेठमलानी और धरती पकड़ काका जोगिन्दर सिंह चुनाव मैदान में थे। इस चुनाव में जेठमलानी को 2704 और धरती पकड़ को 1135 मत मिले थे।
इस स्थिति के बाद यह मांग जोर पकड़ने लगी कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव को अधिक गंभीर बनाया जाए और इसमें नामांकन पत्रों पर प्रस्तावों और अनुमोदकों की संख्या बढ़ाने के साथ ही जमानत राशि में भी वृद्धि की जाए।टिप्पणियां
इसके बाद एक बार फिर अगस्त 1997 में सरकार ने अध्यादेश के जरिए राष्ट्रपति और उपराष्टूपति कानून में संशोधन किया। इस संशोधन के बाद राष्ट्रपति चुनाव में प्रत्येक नामांकन के साथ प्रस्ताव और अनुमोदक के रूप में कम से कम 50-50 निर्वाचकों के हस्ताक्षर अनिवार्य करने के साथ ही जमानत राशि बढ़ाकर 15 हजार रूपए कर दी गयी।
डा शंकर दयाल शर्मा का कार्यकाल पूरा होने के बाद से राष्ट्रपति के चुनाव में प्रत्याशियों की संख्या में कमी आयी और इन चुनाव में दो प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला हुआ। जुलाई 1997 में हुए राष्ट्रपति के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी के आर नारायणन का मुकाबला पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त टी एन शेषण से हुआ जबकि 2002 में डा एपीजे अब्दुल कलाम के चुनाव के समय वाम मोर्चा ने कैप्टन लक्ष्मी सहगल को मैदान मे उतारा था। देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति के रूप में राष्ट्रपति भवन पहुंचने वाली श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल को भी 2007 में चुनाव का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में उनका मुकाबला भाजपा के वरिष्ठ नेता भैरों सिंह शेखावत से हुआ था।
निर्दलीय मिथिलेश कुमार की स्थिति इतनी विचित्र थी कि चुनाव के दौरान एक बार वह मोती बाग में एक पेड़ के नीचे सो गए तो उनके चारों ओर सुरक्षाकर्मियों को सुरक्षा घेरा डालना पड़ा। मिथिलेश कुमार को सुरक्षा कारणों से नयी दिल्ली इलाके में एक विशाल बंगला आवंटित किया गया था। इस बंगले में मिथिलेश कुमार के सोने के लिए एक बड़ी और मोटी दरी मुहैया करायी गयी थी। इस चुनाव में हालांकि वेंकटरमण को भारी मतों से विजयी हुए थे लेकिन मिथिलेश कुमार भी 2223 मत प्राप्त करने में सफल रहे थे।
वेंकटरमण के सेवानिवृत्त होने पर हुए चुनाव में कांग्रेस के डॉ शंकर दयाल शर्मा के सामने विपक्ष के जीजी स्वेल, प्रख्यात वकील राम जेठमलानी और धरती पकड़ काका जोगिन्दर सिंह चुनाव मैदान में थे। इस चुनाव में जेठमलानी को 2704 और धरती पकड़ को 1135 मत मिले थे।
इस स्थिति के बाद यह मांग जोर पकड़ने लगी कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव को अधिक गंभीर बनाया जाए और इसमें नामांकन पत्रों पर प्रस्तावों और अनुमोदकों की संख्या बढ़ाने के साथ ही जमानत राशि में भी वृद्धि की जाए।टिप्पणियां
इसके बाद एक बार फिर अगस्त 1997 में सरकार ने अध्यादेश के जरिए राष्ट्रपति और उपराष्टूपति कानून में संशोधन किया। इस संशोधन के बाद राष्ट्रपति चुनाव में प्रत्येक नामांकन के साथ प्रस्ताव और अनुमोदक के रूप में कम से कम 50-50 निर्वाचकों के हस्ताक्षर अनिवार्य करने के साथ ही जमानत राशि बढ़ाकर 15 हजार रूपए कर दी गयी।
डा शंकर दयाल शर्मा का कार्यकाल पूरा होने के बाद से राष्ट्रपति के चुनाव में प्रत्याशियों की संख्या में कमी आयी और इन चुनाव में दो प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला हुआ। जुलाई 1997 में हुए राष्ट्रपति के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी के आर नारायणन का मुकाबला पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त टी एन शेषण से हुआ जबकि 2002 में डा एपीजे अब्दुल कलाम के चुनाव के समय वाम मोर्चा ने कैप्टन लक्ष्मी सहगल को मैदान मे उतारा था। देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति के रूप में राष्ट्रपति भवन पहुंचने वाली श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल को भी 2007 में चुनाव का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में उनका मुकाबला भाजपा के वरिष्ठ नेता भैरों सिंह शेखावत से हुआ था।
वेंकटरमण के सेवानिवृत्त होने पर हुए चुनाव में कांग्रेस के डॉ शंकर दयाल शर्मा के सामने विपक्ष के जीजी स्वेल, प्रख्यात वकील राम जेठमलानी और धरती पकड़ काका जोगिन्दर सिंह चुनाव मैदान में थे। इस चुनाव में जेठमलानी को 2704 और धरती पकड़ को 1135 मत मिले थे।
इस स्थिति के बाद यह मांग जोर पकड़ने लगी कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव को अधिक गंभीर बनाया जाए और इसमें नामांकन पत्रों पर प्रस्तावों और अनुमोदकों की संख्या बढ़ाने के साथ ही जमानत राशि में भी वृद्धि की जाए।टिप्पणियां
इसके बाद एक बार फिर अगस्त 1997 में सरकार ने अध्यादेश के जरिए राष्ट्रपति और उपराष्टूपति कानून में संशोधन किया। इस संशोधन के बाद राष्ट्रपति चुनाव में प्रत्येक नामांकन के साथ प्रस्ताव और अनुमोदक के रूप में कम से कम 50-50 निर्वाचकों के हस्ताक्षर अनिवार्य करने के साथ ही जमानत राशि बढ़ाकर 15 हजार रूपए कर दी गयी।
डा शंकर दयाल शर्मा का कार्यकाल पूरा होने के बाद से राष्ट्रपति के चुनाव में प्रत्याशियों की संख्या में कमी आयी और इन चुनाव में दो प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला हुआ। जुलाई 1997 में हुए राष्ट्रपति के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी के आर नारायणन का मुकाबला पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त टी एन शेषण से हुआ जबकि 2002 में डा एपीजे अब्दुल कलाम के चुनाव के समय वाम मोर्चा ने कैप्टन लक्ष्मी सहगल को मैदान मे उतारा था। देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति के रूप में राष्ट्रपति भवन पहुंचने वाली श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल को भी 2007 में चुनाव का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में उनका मुकाबला भाजपा के वरिष्ठ नेता भैरों सिंह शेखावत से हुआ था।
इस स्थिति के बाद यह मांग जोर पकड़ने लगी कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव को अधिक गंभीर बनाया जाए और इसमें नामांकन पत्रों पर प्रस्तावों और अनुमोदकों की संख्या बढ़ाने के साथ ही जमानत राशि में भी वृद्धि की जाए।टिप्पणियां
इसके बाद एक बार फिर अगस्त 1997 में सरकार ने अध्यादेश के जरिए राष्ट्रपति और उपराष्टूपति कानून में संशोधन किया। इस संशोधन के बाद राष्ट्रपति चुनाव में प्रत्येक नामांकन के साथ प्रस्ताव और अनुमोदक के रूप में कम से कम 50-50 निर्वाचकों के हस्ताक्षर अनिवार्य करने के साथ ही जमानत राशि बढ़ाकर 15 हजार रूपए कर दी गयी।
डा शंकर दयाल शर्मा का कार्यकाल पूरा होने के बाद से राष्ट्रपति के चुनाव में प्रत्याशियों की संख्या में कमी आयी और इन चुनाव में दो प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला हुआ। जुलाई 1997 में हुए राष्ट्रपति के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी के आर नारायणन का मुकाबला पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त टी एन शेषण से हुआ जबकि 2002 में डा एपीजे अब्दुल कलाम के चुनाव के समय वाम मोर्चा ने कैप्टन लक्ष्मी सहगल को मैदान मे उतारा था। देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति के रूप में राष्ट्रपति भवन पहुंचने वाली श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल को भी 2007 में चुनाव का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में उनका मुकाबला भाजपा के वरिष्ठ नेता भैरों सिंह शेखावत से हुआ था।
इसके बाद एक बार फिर अगस्त 1997 में सरकार ने अध्यादेश के जरिए राष्ट्रपति और उपराष्टूपति कानून में संशोधन किया। इस संशोधन के बाद राष्ट्रपति चुनाव में प्रत्येक नामांकन के साथ प्रस्ताव और अनुमोदक के रूप में कम से कम 50-50 निर्वाचकों के हस्ताक्षर अनिवार्य करने के साथ ही जमानत राशि बढ़ाकर 15 हजार रूपए कर दी गयी।
डा शंकर दयाल शर्मा का कार्यकाल पूरा होने के बाद से राष्ट्रपति के चुनाव में प्रत्याशियों की संख्या में कमी आयी और इन चुनाव में दो प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला हुआ। जुलाई 1997 में हुए राष्ट्रपति के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी के आर नारायणन का मुकाबला पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त टी एन शेषण से हुआ जबकि 2002 में डा एपीजे अब्दुल कलाम के चुनाव के समय वाम मोर्चा ने कैप्टन लक्ष्मी सहगल को मैदान मे उतारा था। देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति के रूप में राष्ट्रपति भवन पहुंचने वाली श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल को भी 2007 में चुनाव का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में उनका मुकाबला भाजपा के वरिष्ठ नेता भैरों सिंह शेखावत से हुआ था।
डा शंकर दयाल शर्मा का कार्यकाल पूरा होने के बाद से राष्ट्रपति के चुनाव में प्रत्याशियों की संख्या में कमी आयी और इन चुनाव में दो प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला हुआ। जुलाई 1997 में हुए राष्ट्रपति के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी के आर नारायणन का मुकाबला पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त टी एन शेषण से हुआ जबकि 2002 में डा एपीजे अब्दुल कलाम के चुनाव के समय वाम मोर्चा ने कैप्टन लक्ष्मी सहगल को मैदान मे उतारा था। देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति के रूप में राष्ट्रपति भवन पहुंचने वाली श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल को भी 2007 में चुनाव का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में उनका मुकाबला भाजपा के वरिष्ठ नेता भैरों सिंह शेखावत से हुआ था। |
Women's WC Final: पीएम नरेंद्र मोदी ने ताबड़तोड़ ट्वीट कर महिला क्रिकेट टीम को दी शुभकामना | दूसरी बार विश्व कप का फाइनल खेल रही है महिला क्रिकेट टीम
पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर सभी खिलाड़ियों को दी बधाई
मिताली राज को बताया शांत स्वभाव का कप्तान | As our women's cricket team plays the World Cup finals today, I join the 125 crore Indians in wishing them the very best! @BCCIWomen
Captain Mithali Raj has been leading from the front. Her cool approach to the game shall surely help the entire team. @M_Raj03
All the best @mandhana_smriti! Have a great game out there and play with calm and poise.
India wishes Poonam Raut the very best for the Women's World Cup Final. Her game makes all of us very proud.
Who is not a fan of Harmanpreet Kaur? Her stellar innings in semi finals will always be remembered. Do your best today! @ImHarmanpreet
Good luck to Deepti Sharma for the finals. She adds immense value to the team & her game has changed the course of many matches.
The experienced Veda Krishnamurthy gives a much needed stability to the middle order. All the best for today. @vedakmurthy08
Sushma Verma plays the important role of the wicket keeper. Remember, catches win matches :) @ImSushVerma
Jhulan Goswami is India's pride, whose wonderful bowling helps the team in key situations. All the best Jhulan.
Shikha Pandey's all round performances are crucial to the team. Best of luck!
Poonam Yadav's fantastic bowling can be lethal for even the best batsmen. Best wishes!
Rajeshwari Gayakwad is known for her economic bowling performances. Good luck!
टीमें : टिप्पणियां
भारत : मिताली राज (कप्तान), पूनम राउत, स्मृति मंधाना, हरमनप्रीत कौर, दीप्ति शर्मा, वेदा कृष्णमूर्ति, सुषमा वर्मा (विकेटकीपर), झूलन गोस्वामी, शिखा पांडे, राजेश्वरी गायकवाड़ और पूनम यादव.
इंग्लैंड : हीथर नाइट (कप्तान), कैथरीन ब्रंट, लॉरेन विनफील्ड, टैमनिस बेयुमोंट, साराह टेलर, नताली स्टाइवर, फ्रान विल्सन, जैनी गन, लॉरा मार्श, एनया श्रूब्सोले और एलेक्स हार्टले.
भारत : मिताली राज (कप्तान), पूनम राउत, स्मृति मंधाना, हरमनप्रीत कौर, दीप्ति शर्मा, वेदा कृष्णमूर्ति, सुषमा वर्मा (विकेटकीपर), झूलन गोस्वामी, शिखा पांडे, राजेश्वरी गायकवाड़ और पूनम यादव.
इंग्लैंड : हीथर नाइट (कप्तान), कैथरीन ब्रंट, लॉरेन विनफील्ड, टैमनिस बेयुमोंट, साराह टेलर, नताली स्टाइवर, फ्रान विल्सन, जैनी गन, लॉरा मार्श, एनया श्रूब्सोले और एलेक्स हार्टले.
इंग्लैंड : हीथर नाइट (कप्तान), कैथरीन ब्रंट, लॉरेन विनफील्ड, टैमनिस बेयुमोंट, साराह टेलर, नताली स्टाइवर, फ्रान विल्सन, जैनी गन, लॉरा मार्श, एनया श्रूब्सोले और एलेक्स हार्टले. |
UGC ने 29 सितंबर को ‘सर्जिकल स्ट्राइक दिवस’ मनाने का निर्देश जारी किया, विपक्षी दलों ने विरोध जताया | UGC ने 29 सितंबर को ‘सर्जिकल स्ट्राइक दिवस’ मनाने का निर्देश जारी किया,
विपक्षी दलों ने विरोध जताया
सरकार ने अपनी सफाई में कहा है कि ये अनिवार्य नहीं है | तृणमूल कांग्रेस ने इसे पश्चिम बंगाल में लागू नहीं करने का फैसला किया है. एनडीटीवी से बातचीत में कपिल सिब्बल ने कहा, "ये एक राजनीतिक पहल है. ये मैसेज देने के लिए कि मोदी जो कर सकते हैं वो कोई और आज तक नहीं कर पाया. मैं इस पहल की निंदा करता हूं. ये यूनिवर्सिटीज़ के कामकाज में हस्तक्षेप है. उनका स्वायत्ता के अधिकार का हनन है." हालांकि, इस सर्कुलर पर सवाल उठने के बाद मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सफ़ाई देते हुए कहा कि इस कार्यक्रम में शामिल होना अनिवार्य नहीं है.
VIDEO: UGC का फरमान: 29 सितंबर को मनाएं 'सर्जिकल स्ट्राइक डे' उधर, जेएनयू प्रशासन ने 29 जनवरी को सर्जिकल स्ट्राइक डे के तौर पर मनाने का फैसला किया है. 29 सितंबर को सर्जिकल स्ट्राइक डे के तौर पर मनाने के फैसले पर राजनीतिक दलों के समर्थन और विरोध से अलग ये महत्वपूर्ण सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या सर्जिकल स्ट्राइक जैसी सैन्य कार्रवाई को विश्विद्यालयों के कैंपस में जश्न का विषय बनाना चाहिये?
VIDEO: UGC का फरमान: 29 सितंबर को मनाएं 'सर्जिकल स्ट्राइक डे' उधर, जेएनयू प्रशासन ने 29 जनवरी को सर्जिकल स्ट्राइक डे के तौर पर मनाने का फैसला किया है. 29 सितंबर को सर्जिकल स्ट्राइक डे के तौर पर मनाने के फैसले पर राजनीतिक दलों के समर्थन और विरोध से अलग ये महत्वपूर्ण सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या सर्जिकल स्ट्राइक जैसी सैन्य कार्रवाई को विश्विद्यालयों के कैंपस में जश्न का विषय बनाना चाहिये? |
हमारी इंटर-कॉन्टिनेंटल मिसाइल अमेरिकनों को स्वतंत्रता दिवस का तोहफा : किम जोंग-उन | उत्तर कोरिया ने मंगलवार को आईसीबीएम का परीक्षण किया था
KCNA के अनुसार, किम ने कहा, अमेरिकन इस तोहफे से खुश नहीं होंगे
अमेरिका ने परीक्षण को अमेरिका, सहयोगियों के लिए 'उकसावे वाला कृत्य' बताया | उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने कहा है कि उनके देश द्वारा किया गया अंतर-महाद्वीपीय मारक क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का परीक्षण 'अमेरिकन हरा@#$@#$' को उनके स्वतंत्रता दिवस (4 जुलाई) के अवसर पर दिया गया एक 'तोहफा' है.
प्योंगयांग की आधिकारिक समाचार एजेंसी 'कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी' (केसीएनए) की ख़बर के अनुसार, किम जोंग-उन ने प्रक्षेपण का निरीक्षण करने के बाद कहा, "अमेरिकन हरा@#$@#$ 4 जुलाई को उनके स्वतंत्रता दिवस पर भेजे गए इस तोहफे से ज्यादा खुश नहीं होंगे..."
समाचार एजेंसी के मुताबिक, किम जोंग-उन ने ज़ोर-ज़ोर से हंसते हुए कहा, "हमें उनकी (अमेरिकनों की) बोरियत दूर करने के लिए बीच-बीच में तोहफे भेजते रहने चाहिए..."
गौरतलब है कि मंगलवार को उत्तर कोरिया ने आईसीबीएम का परीक्षण किया था. अमेरिका के विदेशमंत्री रेक्स टिलरसन ने भी मंगलवार को ही उत्तर कोरिया द्वारा आईसीबीएम का परीक्षण करने की पुष्टि की थी. टिप्पणियां
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने अमेरिकी सेना के हवाले से बताया था कि उत्तर कोरिया द्वारा हाल ही में किए गए मिसाइल परीक्षण के प्रतिक्रियास्वरूप अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने जापानी सागर में छोटी दूरी की मिसाइलों का परीक्षण किया है.
टिलरसन ने आईसीबीएम के परीक्षण को अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए 'उकसावे वाला कृत्य' मानते हुए कहा कि अमेरिका कोरियाई प्रायद्वीप परमाणु मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के समक्ष उठाना चाहता है और उत्तर कोरिया के खिलाफ और कड़े कदम उठाना चाहता है.
प्योंगयांग की आधिकारिक समाचार एजेंसी 'कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी' (केसीएनए) की ख़बर के अनुसार, किम जोंग-उन ने प्रक्षेपण का निरीक्षण करने के बाद कहा, "अमेरिकन हरा@#$@#$ 4 जुलाई को उनके स्वतंत्रता दिवस पर भेजे गए इस तोहफे से ज्यादा खुश नहीं होंगे..."
समाचार एजेंसी के मुताबिक, किम जोंग-उन ने ज़ोर-ज़ोर से हंसते हुए कहा, "हमें उनकी (अमेरिकनों की) बोरियत दूर करने के लिए बीच-बीच में तोहफे भेजते रहने चाहिए..."
गौरतलब है कि मंगलवार को उत्तर कोरिया ने आईसीबीएम का परीक्षण किया था. अमेरिका के विदेशमंत्री रेक्स टिलरसन ने भी मंगलवार को ही उत्तर कोरिया द्वारा आईसीबीएम का परीक्षण करने की पुष्टि की थी. टिप्पणियां
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने अमेरिकी सेना के हवाले से बताया था कि उत्तर कोरिया द्वारा हाल ही में किए गए मिसाइल परीक्षण के प्रतिक्रियास्वरूप अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने जापानी सागर में छोटी दूरी की मिसाइलों का परीक्षण किया है.
टिलरसन ने आईसीबीएम के परीक्षण को अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए 'उकसावे वाला कृत्य' मानते हुए कहा कि अमेरिका कोरियाई प्रायद्वीप परमाणु मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के समक्ष उठाना चाहता है और उत्तर कोरिया के खिलाफ और कड़े कदम उठाना चाहता है.
समाचार एजेंसी के मुताबिक, किम जोंग-उन ने ज़ोर-ज़ोर से हंसते हुए कहा, "हमें उनकी (अमेरिकनों की) बोरियत दूर करने के लिए बीच-बीच में तोहफे भेजते रहने चाहिए..."
गौरतलब है कि मंगलवार को उत्तर कोरिया ने आईसीबीएम का परीक्षण किया था. अमेरिका के विदेशमंत्री रेक्स टिलरसन ने भी मंगलवार को ही उत्तर कोरिया द्वारा आईसीबीएम का परीक्षण करने की पुष्टि की थी. टिप्पणियां
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने अमेरिकी सेना के हवाले से बताया था कि उत्तर कोरिया द्वारा हाल ही में किए गए मिसाइल परीक्षण के प्रतिक्रियास्वरूप अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने जापानी सागर में छोटी दूरी की मिसाइलों का परीक्षण किया है.
टिलरसन ने आईसीबीएम के परीक्षण को अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए 'उकसावे वाला कृत्य' मानते हुए कहा कि अमेरिका कोरियाई प्रायद्वीप परमाणु मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के समक्ष उठाना चाहता है और उत्तर कोरिया के खिलाफ और कड़े कदम उठाना चाहता है.
गौरतलब है कि मंगलवार को उत्तर कोरिया ने आईसीबीएम का परीक्षण किया था. अमेरिका के विदेशमंत्री रेक्स टिलरसन ने भी मंगलवार को ही उत्तर कोरिया द्वारा आईसीबीएम का परीक्षण करने की पुष्टि की थी. टिप्पणियां
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने अमेरिकी सेना के हवाले से बताया था कि उत्तर कोरिया द्वारा हाल ही में किए गए मिसाइल परीक्षण के प्रतिक्रियास्वरूप अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने जापानी सागर में छोटी दूरी की मिसाइलों का परीक्षण किया है.
टिलरसन ने आईसीबीएम के परीक्षण को अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए 'उकसावे वाला कृत्य' मानते हुए कहा कि अमेरिका कोरियाई प्रायद्वीप परमाणु मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के समक्ष उठाना चाहता है और उत्तर कोरिया के खिलाफ और कड़े कदम उठाना चाहता है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने अमेरिकी सेना के हवाले से बताया था कि उत्तर कोरिया द्वारा हाल ही में किए गए मिसाइल परीक्षण के प्रतिक्रियास्वरूप अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने जापानी सागर में छोटी दूरी की मिसाइलों का परीक्षण किया है.
टिलरसन ने आईसीबीएम के परीक्षण को अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए 'उकसावे वाला कृत्य' मानते हुए कहा कि अमेरिका कोरियाई प्रायद्वीप परमाणु मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के समक्ष उठाना चाहता है और उत्तर कोरिया के खिलाफ और कड़े कदम उठाना चाहता है.
टिलरसन ने आईसीबीएम के परीक्षण को अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए 'उकसावे वाला कृत्य' मानते हुए कहा कि अमेरिका कोरियाई प्रायद्वीप परमाणु मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के समक्ष उठाना चाहता है और उत्तर कोरिया के खिलाफ और कड़े कदम उठाना चाहता है. |
कश्मीर में दो आतंकी हमले, तीन जवान घायल | जम्मू एवं कश्मीर में श्रीनगर के लाल चौक इलाके के नजदीक हुए एक ग्रेनेड विस्फोट में सीआरपीएफ के तीन जवान घायल हो गए। | जम्मू एवं कश्मीर में श्रीनगर के लाल चौक इलाके के नजदीक मंगलवार सुबह हुए एक ग्रेनेड विस्फोट में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के तीन जवान घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि लाल चौक से एक किलोमीटर की दूरी पर शहर के बटमालू इलाके में सीआरपीएफ के एक बंकर को निशाना बनाकर भी ग्रेनेड हमला किया गया था लेकिन इसमें कोई घायल नहीं हुआ। |
इस गांव के लोगों ने पीएम नरेंद्र मोदी के सपनों को पूरा करने का उठाया बीड़ा, 'विलेन' को मिलती है ये सजा | छत्तीसगढ़ के एक गांव में खुले में शौच करने पर 500 रुपये अर्थदंड
अभियान को गति देने 12 लोगों का स्वच्छता दल बनाया गया है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर गांव वालों ने लिया संकल्प | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार देश को स्वच्छ बनाने के लिए पूरे खुले में शौच बंद कराने के लिए हर संभव कोशिश में जुटी है. इसी मिशन को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ का एक गांव पूरी कोशिश कर रहा है. यहां खुले में शौच करने पर 500 रुपये अर्थदंड लगाया जाता है. गांव को स्वच्छ रखने के लिए स्वच्छता दल रोज निगरानी भी करता है. आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यहां बताया कि छत्तीसगढ़ के गांव तेजी से खुले में शौचमुक्त गांव का दर्जा पा रहे हैं. गांवों के खुले में शौचमुक्त होने के बाद अब लोग इतने जागरूक हो गए हैं कि वहां नियमित और स्थाई साफ-सफाई के लिए अपने स्तर पर इंतजाम कर रहे हैं.
'हमर छत्तीसगढ़' योजना में स्टडी टूर पर रायपुर आईं सरगुजा जिले के बतौली विकासखंड के बिरिमकेला पंचायत की पंच फूलकंवर सिंह बताती हैं कि बरसों से चली आ रही खुले में शौच करने की परंपरा पर रोक लगाना आसान नहीं था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर 'स्वच्छ भारत मिशन' शुरू होने के बाद उनके पंचायत ने भी गांव को खुले में शौचमुक्त बनाने का संकल्प लिया.टिप्पणियां
अभियान को गति देने 12 लोगों का स्वच्छता दल बनाया गया है. इसमें छह महिलाओं और छह पुरुषों को शामिल किया गया है. दल को अलग पहचान देने के लिए नीले रंग का ड्रेस दिया गया है. यदि कोई ग्रामीण खुले में शौच करने जाते दिखता है, तो स्वच्छता दल के सदस्य व्हिसल बजाकर उसे आगाह करते हैं. खुले में शौच करने पर पंचायत द्वारा 500 रुपए के अर्थदण्ड का प्रावधान किया गया है. अर्थदंड की यह राशि पंचायत के स्वच्छता फंड में जमा की जाती है.
फूलकंवर कहती हैं कि लोगों की जागरूकता और पंचायत के प्रयासों से गांव खुले में शौचमुक्त तो हो गया है, लेकिन गांव को स्वच्छ बनाए रखने के लिए लगातार निरीक्षण और देखरेख भी जरूरी है. इसके लिए स्वच्छता निगरानी टीम बनाई गई है. बतौली विकासखंड के सभी गांवों में ऐसी टीम गठित की गई है. यह टीम हर महीने की 10 तारीख को बैठक कर अपने-अपने गांवों में स्वच्छता की स्थिति पर विचार-विमर्श करती है.
'हमर छत्तीसगढ़' योजना में स्टडी टूर पर रायपुर आईं सरगुजा जिले के बतौली विकासखंड के बिरिमकेला पंचायत की पंच फूलकंवर सिंह बताती हैं कि बरसों से चली आ रही खुले में शौच करने की परंपरा पर रोक लगाना आसान नहीं था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर 'स्वच्छ भारत मिशन' शुरू होने के बाद उनके पंचायत ने भी गांव को खुले में शौचमुक्त बनाने का संकल्प लिया.टिप्पणियां
अभियान को गति देने 12 लोगों का स्वच्छता दल बनाया गया है. इसमें छह महिलाओं और छह पुरुषों को शामिल किया गया है. दल को अलग पहचान देने के लिए नीले रंग का ड्रेस दिया गया है. यदि कोई ग्रामीण खुले में शौच करने जाते दिखता है, तो स्वच्छता दल के सदस्य व्हिसल बजाकर उसे आगाह करते हैं. खुले में शौच करने पर पंचायत द्वारा 500 रुपए के अर्थदण्ड का प्रावधान किया गया है. अर्थदंड की यह राशि पंचायत के स्वच्छता फंड में जमा की जाती है.
फूलकंवर कहती हैं कि लोगों की जागरूकता और पंचायत के प्रयासों से गांव खुले में शौचमुक्त तो हो गया है, लेकिन गांव को स्वच्छ बनाए रखने के लिए लगातार निरीक्षण और देखरेख भी जरूरी है. इसके लिए स्वच्छता निगरानी टीम बनाई गई है. बतौली विकासखंड के सभी गांवों में ऐसी टीम गठित की गई है. यह टीम हर महीने की 10 तारीख को बैठक कर अपने-अपने गांवों में स्वच्छता की स्थिति पर विचार-विमर्श करती है.
अभियान को गति देने 12 लोगों का स्वच्छता दल बनाया गया है. इसमें छह महिलाओं और छह पुरुषों को शामिल किया गया है. दल को अलग पहचान देने के लिए नीले रंग का ड्रेस दिया गया है. यदि कोई ग्रामीण खुले में शौच करने जाते दिखता है, तो स्वच्छता दल के सदस्य व्हिसल बजाकर उसे आगाह करते हैं. खुले में शौच करने पर पंचायत द्वारा 500 रुपए के अर्थदण्ड का प्रावधान किया गया है. अर्थदंड की यह राशि पंचायत के स्वच्छता फंड में जमा की जाती है.
फूलकंवर कहती हैं कि लोगों की जागरूकता और पंचायत के प्रयासों से गांव खुले में शौचमुक्त तो हो गया है, लेकिन गांव को स्वच्छ बनाए रखने के लिए लगातार निरीक्षण और देखरेख भी जरूरी है. इसके लिए स्वच्छता निगरानी टीम बनाई गई है. बतौली विकासखंड के सभी गांवों में ऐसी टीम गठित की गई है. यह टीम हर महीने की 10 तारीख को बैठक कर अपने-अपने गांवों में स्वच्छता की स्थिति पर विचार-विमर्श करती है.
फूलकंवर कहती हैं कि लोगों की जागरूकता और पंचायत के प्रयासों से गांव खुले में शौचमुक्त तो हो गया है, लेकिन गांव को स्वच्छ बनाए रखने के लिए लगातार निरीक्षण और देखरेख भी जरूरी है. इसके लिए स्वच्छता निगरानी टीम बनाई गई है. बतौली विकासखंड के सभी गांवों में ऐसी टीम गठित की गई है. यह टीम हर महीने की 10 तारीख को बैठक कर अपने-अपने गांवों में स्वच्छता की स्थिति पर विचार-विमर्श करती है. |
सात महीने की इस बच्ची के हैं इतने खूबसूरत बाल, देख कर जलन से भर जाएंगे आप | सात महीने की बच्ची के सिर पर बेहद घने बाल हैं
बच्ची के बाल देखकर हर कोई हैरान रह जाता है
बच्ची के इंस्टाग्राम पर हजारों फॉलोवर्स हैं | A post shared by 髪記録 / hair diary (@babychanco) on May 8, 2018 at 7:59am PDT
A post shared by 髪記録 / hair diary (@babychanco) on Jun 23, 2018 at 4:49pm PDT
इस बच्ची के इंस्टाग्राम पर अभी से हजारों फॉलोवर्स भी हैं.
A post shared by 髪記録 / hair diary (@babychanco) on May 8, 2018 at 5:58pm PDT
ऐसे घने बालों को देखकर किसी को भी जलन हो सकती है.
A post shared by 髪記録 / hair diary (@babychanco) on May 14, 2018 at 3:38pm PDT
बच्ची किसी मॉडल से कम नहीं लगती.
A post shared by 髪記録 / hair diary (@babychanco) on May 16, 2018 at 4:41pm PDT
बच्ची का रेग्युलर हेयर कट भी कराया जाता है.
A post shared by 髪記録 / hair diary (@babychanco) on Jul 22, 2018 at 10:04pm PDT
बच्ची के बाल तो हैं ही शानदार, लेकिन उसकी क्यूटनेस भी कुछ कम नहीं.
A post shared by 髪記録 / hair diary (@babychanco) on Jun 26, 2018 at 5:10pm PDT
भई, हमें तो बच्ची भी भा गई और उसके बाल भी. आपकी क्या राय है?
A post shared by 髪記録 / hair diary (@babychanco) on May 8, 2018 at 5:58pm PDT
A post shared by 髪記録 / hair diary (@babychanco) on May 14, 2018 at 3:38pm PDT
A post shared by 髪記録 / hair diary (@babychanco) on May 16, 2018 at 4:41pm PDT
A post shared by 髪記録 / hair diary (@babychanco) on Jul 22, 2018 at 10:04pm PDT
A post shared by 髪記録 / hair diary (@babychanco) on Jun 26, 2018 at 5:10pm PDT |
चीन के साथ बढ़ती तनातनी के बीच अजीत डोभाल आज बीजिंग पहुंचे | चीन के साथ गतिरोध के बीच अजीत डोभाल बीजिंग पहुंचे
डोकलाम में दोनों देशों की सेना आमने-सामने
उम्मीद जताई जा रही है कि डोभाल के जाने से गतिरोध कम होगा | सीमा विवाद समाप्त करने के लिए भारतीय सैनिकों को डोकलाम से हटाए जाने की पूर्व शर्त रखते हुए चीनी मीडिया कहता है कि बीजिंग में चल रही ब्रिक्स देशों के फोरम के दौरान ब्रिक्स देशों के एनएसए के बीच होने वाली बैठक में डोभाल के हिस्सा लेने से सीमा विवाद को लेकर चीन के रवैये में कोई बदलाव नहीं आएगा. अखबार अपने संपादकीय में कहता है कि चीन के सीमाक्षेत्र से भारतीय जवानों की वापसी पूर्व शर्त है और दोनों देशों के बीच किसी सार्थक बातचीत का आधार है. जबतक भारत अपने सैनिकों को बिना किसी शर्त के वापस नहीं बुलाता, चीन सीमा विवाद को लेकर कोई बातचीत नहीं करेगा. समाचार पत्र कहता है कि अगले महीने होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की तैयारियों के तहत यह ब्रिक्स एनएसए की बैठक हो रही है, तथा यह सीमा विवाद को लेकर बातचीत का सही मंच नहीं है. |
उत्तर प्रदेश के यह आईएएस अधिकारी कभी भी, कहीं भी क्यों करते हैं शीर्षासन? कारण है बहुत रोचक | अलीगढ़ शहर में बवाल रोकने के लिए सिर के बल खड़े हो गए थे
योग दिवस पर लगातार पंद्रह मिनट तक सिर के बल खड़े रहे सिंह
कर रहे हैं लगातार एक घंटे शीर्षासन करके रिकॉर्ड बनाने की तैयारी | गाजियाबाद नगर निगम के कमिश्नर दिनेश चंद्र सिंह ने कहा कि 'व्यस्तता बहुत रहती है लेकिन इसी में अपने को स्ट्रेसलेस और सेहतमंद भी रखना है, तो जब भी मौका मिलता है, शीर्षासन कर लेता हूं.' वैसे तो योग करना सिंह की दिनचर्या में शामिल है लेकिन शीर्षासन उनका मनपसंद योग है. अब लगातार एक घंटे शीर्षासन करके वे अपना नाम लिम्का बुक और गिनीज बुक में भी दर्ज कराना चाहते हैं. शीर्षासन एक मुश्किल योग है. शीर्षासन करके दिनश चंद्र सिंह अपने मन और तन को सेहतमंद बनाए रखते हैं लेकिन उन्हें देखकर ब्लड प्रेशर और हार्ट के रोगी इस आसन को न करें वरना नुकसान उठाना पड़ सकता है.
सिंह की पोस्टिंग जहां-जहां होती है अपने काम और शीर्षासन के चलते वे सुर्खियों में बने रहते हैं. अलीगढ़ में तो बवाल रोकने के लिए वे सिर के बल खड़े हो गए थे. पचास साल की उम्र में उनकी सेहत और योग अभ्यास देखकर लोग दांतों तले उंगली दबाते हैं. गाजियाबाद नगर निगम के लेखाधिकारी एके मिश्रा कहते हैं कि 'सर हमेशा खुश रहते हैं. यह देखकर हमें अच्छा लगता है. योग करके वे अपने को फिट रखते हैं, हमें भी प्रेरणा देते हैं.'
योग पर योगी सरकार का जोर देखते हुए अब उन्हीं के नक्शे कदम पर अधिकारी भी योग करते देखे जा रहे हैं लेकिन जैसे चुटकी बजाते दिनेश चंद्र सिंह शीर्षासन करते हैं, ऐसी मिसाल कम ही मिलती है. |
इसलिए मैरियोन बारतौली ने लिया चार साल का संन्यास तोड़ वापसी का फैसला | मैरियोन बारतौली फिर दिखेंगी कोर्ट पर
अगले साल ड्ब्लूयटीए टूर से होगी वापसी
यह दर्द बना वापसी की वजह | Je suis très heureuse de vous annoncer mon retour sur le circuit professionnel de la @WTA J'ai vraiment hâte de vous retrouver et partager à nouveau de grandes émotions avec vous . @Eurosport_FR#marionisbackpic.twitter.com/Qa42Nkjnce |
सुखराम: घोटाले में नाम आने पर कांग्रेस ने निकाला, खुद की पार्टी बनाई, BJP में भी रहे, अब फिर थामा 'हाथ' | घोटाले में नाम आने पर कांग्रेस से निकाला गया
अभी पोते के साथ फिर थाम 'हाथ'
कहा- मेरी घर वापसी हुई | सीबीआई द्वारा उनके आधिकारिक आवास से 3.6 करोड़ रुपए जब्त करने के 15 साल बाद साल 2011 में उन्हें दोषी ठहराया गया था. सीबीआई ने कहा कि ये अवैध टेलीकॉम कॉन्ट्रेक्ट के लिए ली गई रकम थी. इसके अलावा आय से अधिक संपत्ति मामले में भी दोषी ठहराया गया था. इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जहां अभी मामला लंबित है.
टेलीकॉम घोटाले में नाम आने के बाद सुखराम को कांग्रेस पार्टी से निकाल दिया गया था. इसके बाद उन्होंने हिमाचल विकास कांग्रेस का गठन किया और उन्होंने चुनाव के बाद भाजपा से गठबंधन कर कर सरकार में शामिल हो गए थे. 2004 लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने फिर कांग्रेस का हाथ थाम लिया, लेकिन साल 2017 में फिर छोड़ दिया और भाजपा ज्वाइन कर ली. हिमाचल प्रदेश के मंडी से साल 1962 से 1984 तक सांसद रहे सुखराम का मंडी संसदीय क्षेत्र में काफी प्रभाव है जहां से वह तीन बार सांसद निर्वाचित हुए थे.
आश्रय के पिता अनिल शर्मा राज्य में 2012 से 2017 तक वीरभद्र सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का हिस्सा रहे थे लेकिन पिछले राज्य विधानसभा चुनावों से पहले वह भाजपा में शामिल हो गये थे. अभी वह जयराम ठाकुर नेतृत्व वाली हिमाचल की भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं.
यह पूछे जाने पर कि क्या आश्रय को मंडी से कांग्रेस उम्मीदवार बनाये जाने की घोषणा की जायेगी तो हिमाचल प्रदेश के लिए एआईसीसी प्रभारी रजनी पाटिल ने बताया कि उनके नाम पर विचार किया जायेगा और अंतिम निर्णय 29 मार्च को किया जायेगा. मंडी हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गृह जिला भी है. सुरजेवाला ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि एक तरफ वे ताकतें सत्तासीन हैं जिन्होंने अपनी पार्टी में पिता समान नेता लालकृष्ण आडवाणी को दरकिनार कर दिया और राजनीति से जबरन सेवानिवृत्त कर दिया. दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी है जो पंडित सुखराम जैसे बुजुर्गों का अशीर्वाद लेकर देश को नयी दिशा देना चाहती है.
इस मौके पर सुखराम ने दिल्ली में कहा, ‘मैं राहुल जी से मिला तो उनकी एक बात से प्रभावित हुआ. उन्होंने कहा कि आपसे सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि पारिवारिक रिश्ता भी है. इसके बाद मेरी घरवापसी हुई. मैं अपने घर वापस आया हूं. मैं जीवन के ऐसे मोड़ पर हूं कि किसी से द्वेश नहीं रखना चाहता हूं. पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से कुछ दूरियां हो गई थीं जिसका लोगों ने फायदा उठाया. लेकिन आज मैं फिर वापस आया हूं. अपने पौत्र को कांग्रेस के सुपुर्द कर रहा हूं.'
लालकृष्ण आडवाणी को भाजपा से टिकट नहीं दिए जाने के सवाल पर सुखराम ने कहा कि यह बहुत बड़ी बात है कि कांग्रेस में बुजुर्गों का सम्मान है और युवाओं से भी काम लिया जाता है. उन्हें दुख है कि एक नेता जो भाजपा को इतना आगे ले गए उनको टिकट से वंचित किया गया है. |