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"title": "१. अनिच्चवग्गो", | |
"book_name": "१०. अब्याकतसंयुत्तं", | |
"chapter": "१. अज्झत्तानिच्चसुत्तं", | |
"gathas": [ | |
"अनिच्चं दुक्खं अनत्ता च, तयो अज्झत्तबाहिरा।", | |
"यदनिच्चेन तयो वुत्ता, ते ते अज्झत्तबाहिराति॥", | |
"सम्बोधेन", | |
"नो चेतेन दुवे वुत्ता, अभिनन्देन अपरे दुवे।", | |
"उप्पादेन दुवे वुत्ता, वग्गो तेन पवुच्चतीति॥", | |
"सब्बञ्च द्वेपि पहाना, परिजानापरे दुवे।", | |
"आदित्तं अद्धभूतञ्च, सारुप्पा द्वे च सप्पाया।", | |
"वग्गो तेन पवुच्चतीति॥", | |
"जातिजराब्याधिमरणं, सोको च संकिलेसिकं।", | |
"खयवयसमुदयं, निरोधधम्मेन ते दसाति॥", | |
"अनिच्चं", | |
"पहातब्बं सच्छिकातब्बं, अभिञ्ञेय्यपरिञ्ञेय्यं", | |
"उपद्दुतं उपस्सट्ठं, वग्गो तेन पवुच्चतीति॥", | |
"अनिच्चवग्गं", | |
"अनिच्चवग्गेन पञ्ञासं, पञ्चमो तेन पवुच्चतीति॥", | |
"अविज्जा संयोजना द्वे, आसवेन दुवे वुत्ता।", | |
"अनुसया अपरे द्वे, परिञ्ञा द्वे परियादिन्नं।", | |
"वग्गो तेन पवुच्चतीति॥", | |
"मिगजालेन", | |
"उपसेनो उपवाणो, छफस्सायतनिका तयोति॥", | |
"गिलानेन दुवे वुत्ता, राधेन अपरे तयो।", | |
"अविज्जाय च द्वे वुत्ता, भिक्खु लोको च फग्गुनोति॥", | |
"पलोकसुञ्ञा संखित्तं, छन्नो पुण्णो च बाहियो।", | |
"एजेन च दुवे वुत्ता, द्वयेहि अपरे दुवेति॥", | |
"‘‘सळेव", | |
"असंवुतो यत्थ दुक्खं निगच्छति।", | |
"तेसञ्च ये संवरणं अवेदिसुं,", | |
"सद्धादुतिया विहरन्तानवस्सुता॥", | |
"‘‘दिस्वान रूपानि मनोरमानि,", | |
"अथोपि दिस्वान अमनोरमानि।", | |
"मनोरमे", | |
"न चाप्पियं मेति मनं पदोसये॥", | |
"‘‘सद्दञ्च", | |
"पियम्हि सद्दे न समुच्छितो सिया।", | |
"अथोप्पिये दोसगतं विनोदये,", | |
"न चाप्पियं मेति मनं पदोसये॥", | |
"‘‘गन्धञ्च", | |
"अथोपि घत्वा असुचिं अकन्तियं।", | |
"अकन्तियस्मिं पटिघं विनोदये,", | |
"छन्दानुनीतो न च कन्तिये सिया॥", | |
"‘‘रसञ्च भोत्वान असादितञ्च सादुं,", | |
"अथोपि भोत्वान असादुमेकदा।", | |
"सादुं रसं नाज्झोसाय भुञ्जे,", | |
"विरोधमासादुसु नोपदंसये॥", | |
"‘‘फस्सेन", | |
"दुक्खेन फुट्ठोपि न सम्पवेधे।", | |
"फस्सद्वयं सुखदुक्खे उपेक्खे,", | |
"अनानुरुद्धो अविरुद्ध केनचि॥", | |
"‘‘पपञ्चसञ्ञा इतरीतरा नरा,", | |
"पपञ्चयन्ता उपयन्ति सञ्ञिनो।", | |
"मनोमयं गेहसितञ्च सब्बं,", | |
"पनुज्ज नेक्खम्मसितं इरीयति॥", | |
"‘‘एवं मनो छस्सु यदा सुभावितो,", | |
"फुट्ठस्स चित्तं न विकम्पते क्वचि।", | |
"ते रागदोसे अभिभुय्य भिक्खवो,", | |
"भवत्थ", | |
"‘‘रूपं दिस्वा सति मुट्ठा, पियं निमित्तं मनसि करोतो।", | |
"सारत्तचित्तो वेदेति, तञ्च अज्झोस", | |
"‘‘तस्स वड्ढन्ति वेदना, अनेका रूपसम्भवा।", | |
"अभिज्झा च विहेसा च, चित्तमस्सूपहञ्ञति।", | |
"एवं आचिनतो दुक्खं, आरा निब्बानमुच्चति॥", | |
"‘‘सद्दं सुत्वा सति मुट्ठा, पियं निमित्तं मनसि करोतो।", | |
"सारत्तचित्तो वेदेति, तञ्च अज्झोस तिट्ठति॥", | |
"‘‘तस्स", | |
"अभिज्झा च विहेसा च, चित्तमस्सूपहञ्ञति।", | |
"एवं आचिनतो दुक्खं, आरा निब्बानमुच्चति॥", | |
"‘‘गन्धं", | |
"सारत्तचित्तो वेदेति, तञ्च अज्झोस तिट्ठति॥", | |
"‘‘तस्स वड्ढन्ति वेदना, अनेका गन्धसम्भवा।", | |
"अभिज्झा च विहेसा च, चित्तमस्सूपहञ्ञति।", | |
"एवं आचिनतो दुक्खं, आरा निब्बानमुच्चति॥", | |
"‘‘रसं", | |
"सारत्तचित्तो वेदेति, तञ्च अज्झोस तिट्ठति॥", | |
"‘‘तस्स वड्ढन्ति वेदना, अनेका रससम्भवा।", | |
"अभिज्झा च विहेसा च, चित्तमस्सूपहञ्ञति।", | |
"एवं आचिनतो दुक्खं, आरा निब्बानमुच्चति॥", | |
"‘‘फस्सं", | |
"सारत्तचित्तो वेदेति, तञ्च अज्झोस तिट्ठति॥", | |
"‘‘तस्स वड्ढन्ति वेदना, अनेका फस्ससम्भवा।", | |
"अभिज्झा च विहेसा च, चित्तमस्सूपहञ्ञति।", | |
"एवं आचिनतो दुक्खं, आरा निब्बानमुच्चति॥", | |
"‘‘धम्मं ञत्वा सति मुट्ठा, पियं निमित्तं मनसि करोतो।", | |
"सारत्तचित्तो वेदेति, तञ्च अज्झोस तिट्ठति॥", | |
"‘‘तस्स वड्ढन्ति वेदना, अनेका धम्मसम्भवा।", | |
"अभिज्झा च विहेसा च, चित्तमस्सूपहञ्ञति।", | |
"एवं आचिनतो", | |
"‘‘न सो रज्जति रूपेसु, रूपं दिस्वा पटिस्सतो।", | |
"विरत्तचित्तो वेदेति, तञ्च नाज्झोस तिट्ठति॥", | |
"‘‘यथास्स पस्सतो रूपं, सेवतो चापि वेदनं।", | |
"खीयति नोपचीयति, एवं सो चरती सतो।", | |
"एवं अपचिनतो दुक्खं, सन्तिके निब्बानमुच्चति॥", | |
"‘‘न सो रज्जति सद्देसु, सद्दं सुत्वा पटिस्सतो।", | |
"विरत्तचित्तो वेदेति, तञ्च नाज्झोस तिट्ठति॥", | |
"‘‘यथास्स", | |
"खीयति नोपचीयति, एवं सो चरती सतो।", | |
"एवं अपचिनतो दुक्खं, सन्तिके निब्बानमुच्चति॥", | |
"‘‘न", | |
"विरत्तचित्तो वेदेति, तञ्च नाज्झोस तिट्ठति॥", | |
"‘‘यथास्स घायतो गन्धं, सेवतो चापि वेदनं।", | |
"खीयति नोपचीयति, एवं सो चरती सतो।", | |
"एवं अपचिनतो दुक्खं, सन्तिके निब्बानमुच्चति॥", | |
"‘‘न सो रज्जति रसेसु, रसं भोत्वा पटिस्सतो।", | |
"विरत्तचित्तो वेदेति, तञ्च नाज्झोस तिट्ठति॥", | |
"‘‘यथास्स", | |
"खीयति नोपचीयति, एवं सो चरती सतो।", | |
"एवं अपचिनतो दुक्खं, सन्तिके निब्बानमुच्चति॥", | |
"‘‘न", | |
"विरत्तचित्तो वेदेति, तञ्च नाज्झोस तिट्ठति॥", | |
"‘‘यथास्स फुसतो फस्सं, सेवतो चापि वेदनं।", | |
"खीयति नोपचीयति, एवं सो चरती सतो।", | |
"एवं अपचिनतो दुक्खं, सन्तिके निब्बानमुच्चति॥", | |
"‘‘न", | |
"विरत्तचित्तो वेदेति, तञ्च नाज्झोस तिट्ठति॥", | |
"‘‘यथास्स", | |
"खीयति नोपचीयति, एवं सो चरती सतो।", | |
"एवं अपचिनतो दुक्खं, सन्तिके निब्बानमुच्चती’’ति॥", | |
"‘‘रूपं दिस्वा सति मुट्ठा, पियं निमित्तं मनसि करोतो।", | |
"सारत्तचित्तो वेदेति, तञ्च अज्झोस तिट्ठति॥", | |
"‘‘तस्स वड्ढन्ति वेदना, अनेका रूपसम्भवा।", | |
"अभिज्झा च विहेसा च, चित्तमस्सूपहञ्ञति।", | |
"एवं आचिनतो दुक्खं, आरा निब्बानमुच्चति॥…पे॰…॥", | |
"‘‘न सो रज्जति धम्मेसु, धम्मं ञत्वा पटिस्सतो।", | |
"विरत्तचित्तो वेदेति, तञ्च नाज्झोस तिट्ठति॥", | |
"‘‘यथास्स", | |
"खीयति नोपचीयति, एवं सो चरती सतो।", | |
"एवं अपचिनतो दुक्खं, सन्तिके निब्बानमुच्चती’’ति॥", | |
"द्वे संगय्हा परिहानं, पमादविहारी च संवरो।", | |
"समाधि पटिसल्लानं, द्वे नतुम्हाकेन उद्दकोति॥", | |
"अविज्जा मिगजालञ्च, गिलानं छन्नं चतुत्थकं।", | |
"सळवग्गेन पञ्ञासं, दुतियो पण्णासको अयन्ति॥", | |
"योगक्खेमि उपादाय, दुक्खं लोको च सेय्यो च।", | |
"संयोजनं उपादानं, द्वे परिजानं उपस्सुतीति॥", | |
"मारपासेन द्वे वुत्ता, लोककामगुणेन च।", | |
"सक्को पञ्चसिखो चेव, सारिपुत्तो च राहुलो।", | |
"संयोजनं उपादानं, वग्गो तेन पवुच्चतीति॥", | |
"‘‘सीलुत्तमा पुब्बतरा अहेसुं,", | |
"ते ब्राह्मणा ये पुराणं सरन्ति।", | |
"गुत्तानि द्वारानि सुरक्खितानि,", | |
"अहेसुं तेसं अभिभुय्य कोधं॥", | |
"‘‘धम्मे", | |
"ते ब्राह्मणा ये पुराणं सरन्ति।", | |
"इमे च वोक्कम्म जपामसेति,", | |
"गोत्तेन मत्ता विसमं चरन्ति॥", | |
"‘‘कोधाभिभूता पुथुअत्तदण्डा", | |
"विरज्जमाना सतण्हातण्हेसु।", | |
"अगुत्तद्वारस्स", | |
"सुपिनेव लद्धं पुरिसस्स वित्तं॥", | |
"‘‘अनासका", | |
"पातो सिनानञ्च तयो च वेदा॥", | |
"‘‘खराजिनं जटापङ्को, मन्ता सीलब्बतं तपो।", | |
"कुहना वङ्कदण्डा च, उदकाचमनानि च॥", | |
"‘‘वण्णा", | |
"चित्तञ्च सुसमाहितं, विप्पसन्नमनाविलं।", | |
"अखिलं सब्बभूतेसु, सो मग्गो ब्रह्मपत्तिया’’ति॥", | |
"‘‘सीलुत्तमा पुब्बतरा अहेसुं,", | |
"ते ब्राह्मणा ये पुराणं सरन्ति।…पे॰…।", | |
"अखिलं सब्बभूतेसु,", | |
"सो मग्गो ब्रह्मपत्तिया’’ति॥", | |
"वेसाली", | |
"हालिद्दिको नकुलपिता, लोहिच्चो वेरहच्चानीति॥", | |
"‘‘रूपा", | |
"इट्ठा कन्ता मनापा च, यावतत्थीति वुच्चति॥", | |
"‘‘सदेवकस्स लोकस्स, एते वो सुखसम्मता।", | |
"यत्थ चेते निरुज्झन्ति, तं तेसं दुक्खसम्मतं॥", | |
"‘‘सुखं", | |
"पच्चनीकमिदं होति, सब्बलोकेन पस्सतं॥", | |
"‘‘यं परे सुखतो आहु, तदरिया आहु दुक्खतो।", | |
"यं परे दुक्खतो आहु, तदरिया सुखतो विदू॥", | |
"‘‘पस्स धम्मं दुराजानं, सम्मूळ्हेत्थ अविद्दसु।", | |
"निवुतानं तमो होति, अन्धकारो अपस्सतं॥", | |
"‘‘सतञ्च", | |
"सन्तिके न विजानन्ति, मग्गा", | |
"‘‘भवरागपरेतेभि", | |
"मारधेय्यानुपन्नेहि, नायं धम्मो सुसम्बुधो॥", | |
"‘‘को", | |
"यं पदं सम्मदञ्ञाय, परिनिब्बन्ति अनासवा’’ति॥ ततियं।", | |
"देवदहो खणो रूपा, द्वे नतुम्हाकमेव च।", | |
"हेतुनापि तयो वुत्ता, दुवे अज्झत्तबाहिराति॥", | |
"कम्मं चत्तारि सप्पाया, अनन्तेवासि किमत्थिया।", | |
"अत्थि नु खो परियायो, इन्द्रियकथिकेन चाति॥", | |
"योगक्खेमि", | |
"नवपुराणेन पण्णासो, ततियो तेन वुच्चतीति॥", | |
"नन्दिक्खयेन चत्तारो, जीवकम्बवने दुवे।", | |
"कोट्ठिकेन तयो वुत्ता, मिच्छा सक्काय अत्तनोति॥", | |
"छन्देनट्ठारस होन्ति, अतीतेन च द्वे नव।", | |
"यदनिच्चाट्ठारस वुत्ता, तयो अज्झत्तबाहिरा।", | |
"पेय्यालो सट्ठिको वुत्तो, बुद्धेनादिच्चबन्धुनाति॥", | |
"‘‘यो इमं समुद्दं सगाहं सरक्खसं,", | |
"सऊमिं सावट्टं सभयं दुत्तरं अच्चतरि।", | |
"स वेदगू वुसितब्रह्मचरियो,", | |
"लोकन्तगू पारगतोति वुच्चती’’ति॥ पठमं।", | |
"‘‘यस्स", | |
"सो इमं समुद्दं सगाहं सरक्खसं, सऊमिभयं दुत्तरं अच्चतरि॥", | |
"‘‘सङ्गातिगो मच्चुजहो निरुपधि, पहासि दुक्खं अपुनब्भवाय।", | |
"अत्थङ्गतो सो न पुनेति", | |
"द्वे", | |
"कामभू उदायी चेव, आदित्तेन च अट्ठमं।", | |
"हत्थपादूपमा द्वेति, वग्गो तेन पवुच्चतीति॥", | |
"‘‘कुम्मो", | |
"समोदहं भिक्खु मनोवितक्के।", | |
"अनिस्सितो अञ्ञमहेठयानो,", | |
"परिनिब्बुतो नूपवदेय्य कञ्ची’’ति॥ ततियं।", | |
"आसीविसो", | |
"दुक्खधम्मा किंसुका वीणा, छप्पाणा यवकलापीति॥", | |
"नन्दिक्खयो सट्ठिनयो, समुद्दो उरगेन च।", | |
"चतुपण्णासका एते, निपातेसु पकासिताति॥", | |
"‘‘समाहितो सम्पजानो, सतो बुद्धस्स सावको।", | |
"वेदना च पजानाति, वेदनानञ्च सम्भवं॥", | |
"‘‘यत्थ चेता निरुज्झन्ति, मग्गञ्च खयगामिनं।", | |
"वेदनानं खया भिक्खु, निच्छातो परिनिब्बुतो’’ति॥ पठमं।", | |
"‘‘सुखं", | |
"अज्झत्तञ्च बहिद्धा च, यं किञ्चि अत्थि वेदितं॥", | |
"‘‘एतं", | |
"फुस्स फुस्स वयं पस्सं, एवं तत्थ विरज्जती’’ति॥ दुतियं।", | |
"‘‘सुखं वेदयमानस्स", | |
"सो रागानुसयो होति, अनिस्सरणदस्सिनो॥", | |
"‘‘दुक्खं वेदयमानस्स, वेदनं अप्पजानतो।", | |
"पटिघानुसयो होति, अनिस्सरणदस्सिनो॥", | |
"‘‘अदुक्खमसुखं सन्तं, भूरिपञ्ञेन देसितं।", | |
"तञ्चापि अभिनन्दति, नेव दुक्खा पमुच्चति॥", | |
"‘‘यतो", | |
"ततो सो वेदना सब्बा, परिजानाति पण्डितो॥", | |
"‘‘सो वेदना परिञ्ञाय, दिट्ठे धम्मे अनासवो।", | |
"कायस्स भेदा धम्मट्ठो, सङ्ख्यं नोपेति वेदगू’’ति॥ ततियं।", | |
"‘‘यो", | |
"सारीरिका पाणहरा, याहि फुट्ठो पवेधति॥", | |
"‘‘अक्कन्दति परोदति, दुब्बलो अप्पथामको।", | |
"न सो पाताले पच्चुट्ठासि, अथो गाधम्पि नाज्झगा॥", | |
"‘‘यो", | |
"सारीरिका पाणहरा, याहि फुट्ठो न वेधति।", | |
"स वे पाताले पच्चुट्ठासि, अथो गाधम्पि अज्झगा’’ति॥ चतुत्थं।", | |
"‘‘यो सुखं दुक्खतो अद्द, दुक्खमद्दक्खि सल्लतो।", | |
"अदुक्खमसुखं सन्तं, अद्दक्खि नं अनिच्चतो॥", | |
"‘‘स वे सम्मद्दसो भिक्खु, परिजानाति वेदना।", | |
"सो वेदना परिञ्ञाय, दिट्ठे धम्मे अनासवो।", | |
"कायस्स भेदा धम्मट्ठो, सङ्ख्यं नोपेति वेदगू’’ति॥ पञ्चमं।", | |
"‘‘न वेदनं वेदयति सपञ्ञो,", | |
"सुखम्पि दुक्खम्पि बहुस्सुतोपि।", | |
"अयञ्च धीरस्स पुथुज्जनेन,", | |
"महा", | |
"‘‘सङ्खातधम्मस्स", | |
"विपस्सतो", | |
"इट्ठस्स धम्मा न मथेन्ति चित्तं,", | |
"अनिट्ठतो नो पटिघातमेति॥", | |
"‘‘तस्सानुरोधा अथवा विरोधा,", | |
"विधूपिता अत्थगता न सन्ति।", | |
"पदञ्च ञत्वा विरजं असोकं,", | |
"सम्मा पजानाति भवस्स पारगू’’ति॥ छट्ठं।", | |
"समाधि सुखं पहानेन, पातालं दट्ठब्बेन च।", | |
"सल्लेन चेव गेलञ्ञा, अनिच्च फस्समूलकाति॥", | |
"‘‘यथापि वाता आकासे, वायन्ति विविधा पुथू।", | |
"पुरत्थिमा पच्छिमा चापि, उत्तरा अथ दक्खिणा॥", | |
"‘‘सरजा अरजा चपि, सीता उण्हा च एकदा।", | |
"अधिमत्ता परित्ता च, पुथू वायन्ति मालुता॥", | |
"‘‘तथेविमस्मिं कायस्मिं, समुप्पज्जन्ति वेदना।", | |
"सुखदुक्खसमुप्पत्ति, अदुक्खमसुखा च या॥", | |
"‘‘यतो", | |
"ततो सो वेदना सब्बा, परिजानाति पण्डितो॥", | |
"‘‘सो", | |
"कायस्स भेदा धम्मट्ठो, सङ्ख्यं नोपेति वेदगू’’ति॥ दुतियं।", | |
"रहोगतं", | |
"सम्बहुला दुवे वुत्ता, पञ्चकङ्गो च भिक्खुनाति॥", | |
"‘‘पित्तं सेम्हञ्च वातो च, सन्निपाता उतूनि च।", | |
"विसमं ओपक्कमिकं, कम्मविपाकेन अट्ठमी’’ति॥ पठमं।", | |
"सीवकअट्ठसतं", | |
"समणब्राह्मणा तीणि, सुद्धिकञ्च निरामिसन्ति॥", | |
"मातुगामो", | |
"कोधनो उपनाही च, इस्सुकी मच्छरेन च।", | |
"अतिचारी च दुस्सीलो, अप्पस्सुतो च कुसीतो।", | |
"मुट्ठस्सति पञ्चवेरं, कण्हपक्खे पकासितो॥", | |
"दुतिये च", | |
"अमच्छरी अनतिचारी, सीलवा च बहुस्सुतो।", | |
"वीरियं सति सीलञ्च, सुक्कपक्खे पकासितो॥", | |
"‘‘सद्धाय सीलेन च याध वड्ढति,", | |
"पञ्ञाय चागेन सुतेन चूभयं।", | |
"सा तादिसी सीलवती उपासिका,", | |
"आदीयति सारमिधेव अत्तनो’’ति॥ दसमं।", | |
"विसारदा पसय्ह अभिभुय्य, एकं अङ्गेन पञ्चमं।", | |
"नासेन्ति हेतु ठानञ्च, विसारदो वड्ढिना दसाति॥", | |
"निब्बानं अरहत्तञ्च, धम्मवादी", | |
"अस्सासो परमस्सासो, वेदना आसवाविज्जा।", | |
"तण्हा ओघा उपादानं, भवो दुक्खञ्च सक्कायो॥", | |
"इमस्मिं धम्मविनये दुक्करन्ति॥", | |
"सवितक्कावितक्कञ्च, सुखेन च उपेक्खको।", | |
"आकासञ्चेव विञ्ञाणं, आकिञ्चं नेवसञ्ञिना।", | |
"अनिमित्तो च सक्को च, चन्दनेकादसेन चाति॥", | |
"‘‘नेलङ्गो सेतपच्छादो, एकारो वत्तती रथो।", | |
"अनीघं पस्स आयन्तं", | |
"‘‘नेलङ्गो सेतपच्छादो, एकारो वत्तती रथो।", | |
"अनीघं पस्स आयन्तं, छिन्नसोतं अबन्धन’’न्ति॥", | |
"संयोजनं", | |
"गोदत्तो च निगण्ठो च, अचेलेन गिलानदस्सनन्ति॥", | |
"चण्डो", | |
"देसना सङ्खकुलं मणिचूळं, भद्ररासियपाटलीति॥", | |
"कायो", | |
"सम्मप्पधाना इद्धिपादा, इन्द्रियबलबोज्झङ्गा।", | |
"मग्गेन एकादसमं, तस्सुद्दानं पवुच्चति॥", | |
"असङ्खतं अनतं अनासवं, सच्चञ्च पारं निपुणं सुदुद्दसं।", | |
"अजज्जरं धुवं अपलोकितं, अनिदस्सनं निप्पपञ्च सन्तं॥", | |
"अमतं", | |
"अनीतिकं अनीतिकधम्मं, निब्बानमेतं सुगतेन देसितं॥", | |
"अब्यापज्झो", | |
"दीपो लेणञ्च ताणञ्च, सरणञ्च परायनन्ति॥", | |
"खेमाथेरी", | |
"मोग्गल्लानो च वच्छो च, कुतूहलसालानन्दो।", | |
"सभियो एकादसमन्ति।", | |
"सळायतनवेदना, मातुगामो जम्बुखादको।", | |
"सामण्डको मोग्गल्लानो, चित्तो गामणि सङ्खतं।", | |
"अब्याकतन्ति दसधाति॥" | |
] | |
} |