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सूरा अल-अस्र (इंग्लिश: Al-Asr) इस्लाम के पवित्र ग्रन्थ कुरआन का 103 वां सूरा (अध्याय) है। इसमें 3 आयतें हैं।
नाम
इस सूरा के अरबी भाषा के नाम को क़ुरआन के प्रमुख हिंदी अनुवाद में सूरा अल-अ़स्र और प्रसिद्ध किंग फ़हद प्रेस के अनुवाद में सूरा अल्-अ़स्र
नाम दिया गया है।
नाम पहली ही आयत के शब्द “अल-अ़स्र" (ज़माना) को इसका नाम दिया गया है।
अवतरणकाल
मक्की सूरा अर्थात् पैग़म्बर मुहम्मद के मदीना के निवास के समय हिजरत से पहले अवतरित हुई।
यद्यपि मुजाहिद (रह.), क़तादा और मुक़ातिल ने इसे मदनी कहा है, लेकिन बहुसंख्यक टीकाकारों ने इसे मक्की घोषित किया है। और इसकी वार्ता यह गवाही देती है कि यह मक्का के भी आरम्भिक काल में अवतरित हुई होगी जब इस्लाम की शिक्षा को संक्षिप्त और अत्यन्त हृदयग्राही वाक्यों में बयान किया जाता था, ताकि वे आप -से- आप लोगों की ज़बानों पर चढ़ जाएँ।
विषय और वार्ता
इस्लाम के विद्वान मौलाना सैयद अबुल आला मौदूदी लिखते हैं कि
यह सूरा व्यापक , अर्थगर्भित और संक्षिप्त सूक्ति का अद्वितीय नमूना है । इसमें बिलकुल दो-टूक तरीके से बता दिया गया है कि इनसान के कल्याण का मार्ग कौन-सा है और उसके विनाश का मार्ग कौन-सा। इमाम शाफ़ई (रह.) ने बहुत ठीक कहा है कि यदि लोग इस सूरा पर विचार करें तो यही उनके मार्गदर्शन के लिए पर्याप्त है। आदरणीय सहाबा (नबी सल्ल. के साथियों) की दृष्टि में इसका महत्त्व क्या था, इसका अनुमान इस बात किया जा सकता है कि हज़रत अब्दुल्लाह बिन हिस्सनिद दारमी अबू मदीना के उल्लेख के अनुसार अल्लाह के रसूल (सल्ल.) के सहाबा में से दो व्यक्ति एक-दूसरे से मिलते तो उस समय तक अलग न होते जब तक एक-दूसरे को सूरा 'अस्र' न सुना लेते। (हदीस : तबरानी)
सुरह "अल-अस्र'' का अनुवाद
बिस्मिल्ला हिर्रह्मा निर्रहीम
अल्लाह के नाम से जो दयालु और कृपाशील है।
इस सूरा का प्रमुख अनुवाद:
क़ुरआन की मूल भाषा अरबी से उर्दू अनुवाद "मौलाना मुहम्मद फ़ारूक़ खान", उर्दू से हिंदी "मुहम्मद अहमद" ने किया:
بسم الله الرحمن الرحيم
गवाह है गुज़रता समय, (103:1) कि वास्तव में मनुष्य घाटे में है,(103:2) सिवाय उन लोगों के जो ईमान लाए और अच्छे कर्म किए और एक-दूसरे को हक़ की ताकीद की, और एक-दूसरे को धैर्य की ताकीद की (103:3)
बाहरी कडियाँ
इस सूरह का प्रसिद्ध अनुवादकों द्वारा किया अनुवाद क़ुरआन प्रोजेक्ट पर देखें
Al-Asr 103:1
क़ुरआन के अनुवाद 92 भाषाओं में
सन्दर्भ
इन्हें भी देखें
क़ुरआन
मुहम्मद
वही
आयत (क़ुरआन)
सूरा
क़ुरआन का हिन्दी अनुवाद
इस्लामी शब्दावली
अल-अस्र |
रेलवे (RRB) 1 लाख 30 हजार पदों पर भर्ती के लिए एम्लॉयमेंट न्यूज में विज्ञापन जारी कर चुका है. अब जल्द ही रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) और रेलवे रिक्रूटमेंट सेल (RRC) 1 लाख 30 हजार पदों पर भर्ती के लिए डिटेल में नोटिफिकेशन (RRB NTPC Notification) जारी करेगा. डिटेल में नोटिफिकेशन 28 फरवरी या उससे पहले जारी किया जाएगा. आरआरबी एनटीपीसी के पदों पर 28 फरवरी 2019 से आवेदन की प्रक्रिया शुरू होगी. आरआरबी पैरा मेडिकल स्टाफ के लिए 4 मार्च से आवेदन कर सकेंगे. मिनिस्ट्रियल और आइसोलेटेड कैटेगरी के लिए आवेदन 8 मार्च 2019 से शुरू होंगे. जबकि लेवल 1 के 1 लाख पदों पर आवेदन 12 मार्च 2019 से शुरू होंगे. बता दें कि RRB NTPC (CEN 01/2019),RRB Para-Medical Staff (CEN 02/2019) और मिनिस्ट्रियल और आइसोलेटेड कैटेगरी (CEN 03/2019) के तहत 30 हजार पदों पर भर्ती की जाएगी. जबकि आरआरबी लेवल 1 (RRC 01/2019) के तहत 1 लाख पदों पर भर्ती होगी.
योग्यता, उम्र सीमा, सैलरी और भर्ती से संबंधित हर जानकारी आरआरबी और आरआरसी पर जारी होने वाले नोटिफिकेशन में दी जाएगी. |
सूरा अल्-इस्रा (इंग्लिश: Al-Isra) या सूरा बनी इसराईल इस्लाम के पवित्र ग्रन्थ कुरआन का 17 वां सूरा या अध्याय है। इसमें 111 आयतें हैं।
नाम
सूरा बनी इसराईल या सूरा अल्-इस्रा की आयत 4 के वाक्यांश "और हमने किताब में इसराईल की सन्तान को" से उद्धृत है। यह नाम भी अधिकतर कुरआन की सुरतों की तरह केवल लाक्षणिक रूप में रखा गया है। इस सूरा का एक अन्य नाम 'इसरा' भी है।
अवतरणकाल
मक्कन सूरा अर्थात् पैग़म्बर मुहम्मद के मक्का के निवास के अंतिम समय अवतरित हुई।
पहली ही आयत इस बात का पता देती है कि यह सूरा मेराज के अवसर पर (अर्थात् मक्कीकाल के अन्तिम समय पर अवतरित हुई थी।) मेराज की घटना हदीस और सीरत (नबी सल्ल . की जीवनी) के अधिकतर उल्लेखों के अनुसार हिजरत से एक वर्ष पहले घटित हुई थी।
केंद्रीय विषय और उद्देश्य
मौलाना सैयद अबुल आला मौदूदी इस सूरा की
पृष्ठभूमि बारे में लिखते हैं कि उस समय नबी (सल्ल.) को एकेश्वरवाद की आवाज़ बुलन्द करते हुए बाहर वर्ष व्यतीत हो चुके थे। विरोधियों की समस्त रुकावटों के बावजूद आपकी आवाज़ अरब के कोने-कोने में पहुँच गई थी। अब वह समय निकट आ लगा था जब आपको मक्का से मदीना की ओर स्थानान्तरण करने और बिखरे हुए मुसलमानों को समेटकर इस्लाम के सिद्धांत पर एक राज्य के स्थापित करने का अवसर मिलनेवाला था।
इन परिस्थितीयों में मेराज पेश आई और वापसी पर यह संदेश नबी (सल्ल.) ने दुनिया को सुनाया।
विषय और वार्तावस्तु
इस सूरा में चेतावनी, समझाना-बुझाना और शिक्षा तीनों एक संतुलित रूप में एकत्र कर दी गई हैं। चेतावनी मक्का के काफ़िरों को दी गई है कि इसराईल की संतान और दूसरी क़ौमों के परिणाम से शिक्षा ग्रहण करो और इस आमंत्रण को स्वीकार कर लो, अन्यथा मिटा दिए जाओगे। इसी के साथ गौण रूप से बनी इसराईल को भी , जो हिजरत के पश्चात् जल्द ही ईश-प्रकाशना के संबोधित होनेवाले थे, यह चेतावनी दी गई कि पहले जो दण्ड तुम्हें मिल चुके हैं उनसे शिक्षा ग्रहण करो और अब जो अवसर तुम्हें मुहम्मद (सल्ल.) के पैग़म्बर होने से मिल रहा है, उससे फ़ायदा उठाओ, यह अन्तिम अवसर भी यदि तुमने खो दिया तो दुखदायी परिणाम का तुम्हें सामना करना पड़ेगा। समझाने-बुझाने के अन्दाज़ में दिल में बैठ जानेवाले तरीके से समझाया गया है कि नुबूवत (मानवीय सौभाग्य और दुर्भाग्य और सफलता और विफलता ये सब वास्तव में किन चीज़ों पर निर्भर करते हैं।
एकेश्वरवाद, परलोकवाद, (पैग़म्बरी) और कुरआन के सत्य होने के प्रमाण दिए गए हैं। उन संदेहों को दूर किया गया है जो इन मौलिक सच्चाइयों के विषय में मक्का के काफ़िरों की ओर से पेश किए जाते थे। शिक्षा के पहलू में नैतिकता और नागरिकता के वे बड़े-बड़े सिद्धांत बयान किए गए हैं जिनपर जीवन की व्यवस्था को स्थापित करना नबी (सल्ल.) के समक्ष था। यह मानो इस्लाम का घोषणा-पत्र था जो इस्लामी राज्य की स्थापना से एक साल पूर्व अरब निवासियों के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। इन सब बातों के साथ नबी (सल्ल.) को आदेश दिया गया है कि कठिनाइयों के इस तूफ़ान में मज़बूती के साथ अपने अधिष्ठान (स्टैंड) पर दृढ़ रहें और कुफ़ (अधर्म और इनकार) के साथ समझौते का ख़याल तक न करें। साथ ही मुसलमानों को नसीहत की गई है कि पूरे धैर्य के साथ परिस्थितियों का मुक़ाबला करते रहें और प्रचार और प्रसार के काम में अपनी भावनाओं को नियंत्रित रखे। इस संबंध में आत्म-सुधार और आत्मिक विकास के लिए उनको नमाज़ की विधि सिखाई गई है। उल्लेखों से मालूम होता कि यह पहला अवसर है जब पांच वक्त की नमाज़ समय की पाबंदी के साथ मुसलमानों के लिए अनिवार्य की गई ।
सुरह अल्-इस्रा का अनुवाद
अल्लाह के नाम से जो दयालु और कृपाशील है।
17|1|क्या ही महिमावान है वह जो रातों-रात अपने बन्दे (मुहम्मद) को प्रतिष्ठित मस्जिद (काबा) से दूरवर्ती मस्जिद (अक़्सा) तक ले गया, जिसके चतुर्दिक को हमने बरकत दी, ताकि हम उसे अपनी कुछ निशानियाँ दिखाएँ। निस्संदेह वही सब कुछ सुनता, देखता है
17|2|हमने मूसा को किताब दी थी और उसे इसराईल की सन्तान के लिए मार्गदर्शन बनाया था कि "हमारे सिवा किसी को कार्य-साधक न ठहराना।"
17|3|ऐ उनकी सन्तान, जिन्हें हमने नूह के साथ (नौका में) सवार किया था! निश्चय ही वह एक कृतज्ञ बन्दा था
17|4|और हमने किताब में इसराईल की सन्तान को इस फ़ैसले की ख़बर दे दी थी, "तुम धरती में अवश्य दो बार बड़ा फ़साद मचाओगे और बड़ी सरकशी दिखाओगे।"
17|5|फिर जब उन दोनों में से पहले वादे का मौक़ा आ गया तो हमने तुम्हारे मुक़ाबले में अपने ऐसे बन्दों को उठाया जो युद्ध में बड़े बलशाली थे। तो वे बस्तियों में घुसकर हर ओर फैल गए और यह वादा पूरा होना ही था
17|6|फिर हमने तुम्हारी बारी उनपर लौटाई कि उनपर प्रभावी हो सको। और धनों और पुत्रों से तुम्हारी सहायता की और तुम्हें बहुसंख्यक लोगों का एक जत्था बनाया
17|7|"यदि तुमने भलाई की तो अपने ही लिए भलाई की और यदि तुमने बुराई की तो अपने ही लिए की।" फिर जब दूसरे वादे का मौक़ा आ गया (तो हमने तुम्हारे मुक़ाबले में ऐसे प्रबल को उठाया) कि वे तुम्हारे चेहरे बिगाड़ दें और मस्जिद (बैतुलमक़दिस) में घुसे थे और ताकि जिस चीज़ पर भी उनका ज़ोर चले विनष्टि कर डालें
17|8|हो सकता है तुम्हारा रब तुमपर दया करे, किन्तु यदि तुम फिर उसी पूर्व नीति की ओर पलटे तो हम भी पलटेंगे, और हमने जहन्नम को इनकार करनेवालों के लिए कारागार बना रखा है
17|9|वास्तव में यह क़ुरआन वह मार्ग दिखाता है जो सबसे सीधा है और उन मोमिमों को, जो अच्छे कर्म करते हैं, शूभ सूचना देता है कि उनके लिए बड़ा बदला है
17|10|और यह कि जो आख़िरत को नहीं मानते उनके लिए हमने दुखद यातना तैयार कर रखी है
17|11|मनुष्य उस प्रकार बुराई माँगता है जिस प्रकार उसकी प्रार्थना भलाई के लिए होनी चाहिए। मनुष्य है ही बड़ा उतावला!
17|12|हमने रात और दिन को दो निशानियाँ बनाई है। फिर रात की निशानी को हमने मिटी हुई (प्रकाशहीन) बनाया और दिन की निशानी को हमने प्रकाशमान बनाया, ताकि तुम अपने रब का अनुग्रह (रोज़ी) ढूँढो और ताकि तुम वर्षो की गणना और हिसाब मालूम कर सको, और हर चीज़ को हमने अलग-अलग स्पष्ट कर रखा है
17|13|हमने प्रत्येक मनुष्य का शकुन-अपशकुन उसकी अपनी गरदन से बाँध दिया है और क़ियामत के दिन हम उसके लिए एक किताब निकालेंगे, जिसको वह खुला हुआ पाएगा
17|14|"पढ़ ले अपनी किताब (कर्मपत्र)! आज तू स्वयं ही अपना हिसाब लेने के लिए काफ़ी है।"
17|15|जो कोई सीधा मार्ग अपनाए तो उसने अपने ही लिए सीधा मार्ग अपनाया और जो पथभ्रष्टो हुआ, तो वह अपने ही बुरे के लिए भटका। और कोई भी बोझ उठानेवाला किसी दूसरे का बोझ नहीं उठाएगा। और हम लोगों को यातना नहीं देते जब तक कोई रसूल न भेज दें
17|16|और जब हम किसी बस्ती को विनष्ट करने का इरादा कर लेते हैं तो उसके सुखभोगी लोगों को आदेश देते हैं तो (आदेश मानने के बजाए) वे वहाँ अवज्ञा करने लग जाते हैं, तब उनपर बात पूरी हो जाती है, फिर हम उन्हें बिलकुल उखाड़ फेकते है
17|17|हमने नूह के पश्चात कितनी ही नस्लों को विनष्ट कर दिया। तुम्हारा रब अपने बन्दों के गुनाहों की ख़बर रखने, देखने के लिए काफ़ी है
17|18|जो कोई शीघ्र प्राप्त, होनेवाली को चाहता है उसके लिए हम उसी में जो कुछ किसी के लिए चाहते हैं शीघ्र प्रदान कर देते हैं। फिर उसके लिए हमने जहन्नम तैयार कर रखा है जिसमें वह अपयशग्रस्त और ठुकराया हुआ प्रवेश करेगा
17|19|और जो आख़िरत चाहता हो और उसके लिए ऐसा प्रयास भी करे जैसा कि उसके लिए प्रयास करना चाहिए और वह हो मोमिन, तो ऐसे ही लोग हैं जिनके प्रयास की क़द्र की जाएगी
17|20|इन्हें भी और इनको भी, प्रत्येक को हम तुम्हारे रब की देन में से सहायता पहुँचाए जा रहे हैं, और तुम्हारे रब की देन बन्द नहीं है
17|21|देखो, कैसे हमने उनके कुछ लोगों को कुछ के मुक़ाबले में आगे रखा है! और आख़िरत दर्जों की दृष्टि से सबसे बढ़कर है और श्रेष्ठ़ता की दृष्टि से भी वह सबसे बढ़-चढ़कर है
17|22|अल्लाह के साथ कोई दूसरा पूज्य-प्रभु न बनाओ अन्यथा निन्दित और असहाय होकर बैठे रह जाओगे
17|23|तुम्हारे रब ने फ़ैसला कर दिया है कि उसके सिवा किसी की बन्दगी न करो और माँ-बाप के साथ अच्छा व्यवहार करो। यदि उनमें से कोई एक या दोनों ही तुम्हारे सामने बुढ़ापे को पहुँच जाएँ तो उन्हें 'उँह' तक न कहो और न उन्हें झिझको, बल्कि उनसे शिष्टतापूर्वक बात करो
17|24|और उनके आगे दयालुता से नम्रता की भुजाएँ बिछाए रखो और कहो, "मेरे रब! जिस प्रकार उन्होंने बालकाल में मुझे पाला है, तू भी उनपर दया कर।"
17|25|जो कुछ तुम्हारे जी में है उसे तुम्हारा रब भली-भाँति जानता है। यदि तुम सुयोग्य और अच्छे हुए तो निश्चय ही वह भी ऐसे रुजू करनेवालों के लिए बड़ा क्षमाशील है
17|26|और नातेदार को उसका हक़ दो मुहताज और मुसाफ़िर को भी - और फुज़ूलख़र्ची न करो
17|27|निश्चय ही फ़ु़ज़ूलख़र्ची करनेवाले शैतान के भाई है और शैतान अपने रब का बड़ा ही कृतघ्न है। -
17|28|किन्तु यदि तुम्हें अपने रब की दयालुता की खोज में, जिसकी तुम आशा रखते हो, उनसे कतराना भी पड़े, तो इस दशा में तुम उनसें नर्म बात करो
17|29|और अपना हाथ न तो अपनी गरदन से बाँधे रखो और न उसे बिलकुल खुला छोड़ दो कि निन्दित और असहाय होकर बैठ जाओ
17|30|तुम्हारा रब जिसको चाहता है प्रचुर और फैली हुई रोज़ी प्रदान करता है और इसी प्रकार नपी-तुली भी। निस्संदेह वह अपने बन्दों की ख़बर और उनपर नज़र रखता है
17|31|और निर्धनता के भय से अपनी सन्तान की हत्या न करो, हम उन्हें भी रोज़ी देंगे और तुम्हें भी। वास्तव में उनकी हत्या बहुत ही बड़ा अपराध है
17|32|और व्यभिचार के निकट न जाओ। वह एक अश्लील कर्म और बुरा मार्ग है
17|33|किसी जीव की हत्या न करो, जिसे (मारना) अल्लाह ने हराम ठहराया है। यह और बात है कि हक़ (न्याय) का तक़ाज़ा यही हो। और जिसकी अन्यायपूर्वक हत्या की गई हो, उसके उत्तराधिकारी को हमने अधिकार दिया है (कि वह हत्यारे से बदला ले सकता है), किन्तु वह हत्या के विषय में सीमा का उल्लंघन न करे। निश्चय ही उसकी सहायता की जाएगी
17|34|और अनाथ के माल को हाथ में लगाओ सिवाय उत्तम रीति के, यहाँ तक कि वह अपनी युवा अवस्था को पहुँच जाए, और प्रतिज्ञा पूरी करो। प्रतिज्ञा के विषय में अवश्य पूछा जाएगा
17|35|और जब नापकर दो तो, नाप पूरी रखो। और ठीक तराज़ू से तौलो, यही उत्तम और परिणाम की दृष्टि से भी अधिक अच्छा है
17|36|और जिस चीज़ का तुम्हें ज्ञान न हो उसके पीछे न लगो। निस्संदेह कान और आँख और दिल इनमें से प्रत्येक के विषय में पूछा जाएगा
17|37|और धरती में अकड़कर न चलो, न तो तुम धरती को फाड़ सकते हो और न लम्बे होकर पहाड़ो को पहुँच सकते हो
17|38|इनमें से प्रत्येक की बुराई तुम्हारे रब की स्पष्ट में अप्रिय ही है
17|39|ये तत्वदर्शिता की वे बातें है, जिनकी प्रकाशना तुम्हारे रब ने तुम्हारी ओर की है। और देखो, अल्लाह के साथ कोई दूसरा पूज्य-प्रभु न घड़ना, अन्यथा जहन्नम में डाल दिए जाओगे निन्दित, ठुकराए हुए!
17|40|क्या तुम्हारे रब ने तुम्हें तो बेटों के लिए ख़ास किया और स्वयं अपने लिए फ़रिश्तों को बेटियाँ बनाया? बहुत भारी बात है जो तुम कह रहे हो!
17|41|हमने इस क़ुरआन में विभिन्न ढंग से बात का स्पष्टीकरण किया कि वे चेतें, किन्तु इसमें उनकी नफ़रत ही बढ़ती है
17|42|कह दो, "यदि उसके साथ अन्य भी पूज्य-प्रभु होते, जैसा कि ये कहते हैं, तब तो वे सिंहासनवाले (के पद) तक पहुँचने का कोई मार्ग अवश्य तलाश करते"
17|43|महिमावान है वह! और बहुत उच्च है उन बातों से जो वे कहते है!
17|44|सातों आकाश और धरती और जो कोई भी उनमें है सब उसकी तसबीह (महिमागान) करते हैं और ऐसी कोई चीज़ नहीं जो उसका गुणगान न करती हो। किन्तु तुम उनकी तसबीह को समझते नहीं। निश्चय ही वह अत्यन्त सहनशील, क्षमावान है
17|45|जब तुम क़ुरआन पढ़ते हो तो हम तुम्हारे और उन लोगों के बीच, जो आख़िरत को नहीं मानते एक अदृश्य पर्दे की आड़ कर देते हैं
17|46|और उनके दिलों पर भी परदे डाल देते हैं कि वे समझ न सकें। और उनके कानों में बोझ (कि वे सुन न सकें) । और जब तुम क़ुरआन के माध्यम से अपने रब का वर्णन उसे अकेला बताते हुए करते हो तो वे नफ़रत से अपनी पीठ फेरकर चल देते हैं
17|47|जब वे तुम्हारी ओर कान लगाते हैं तो हम भली-भाँति जानते हैं कि उनके कान लगाने का प्रयोजन क्या है और उसे भी जब वे आपस में कानाफूसियाँ करते हैं, जब वे ज़ालिम कहते हैं, "तुम लोग तो बस उस आदमी के पीछे चलते हो जो पक्का जादूगर है।"
17|48|देखो, वे कैसी मिसालें तुमपर चस्पाँ करते है! वे तो भटक गए है, अब कोई मार्ग नहीं पा सकते!
17|49|वे कहते हैं, "क्या जब हम हड्डियाँ और चूर्ण-विचूर्ण होकर रह जाएँगे, तो क्या हम फिर नए बनकर उठेंगे?"
17|50|कह दो, "तुम पत्थर या लोहो हो जाओ,
17|51|या कोई और चीज़ जो तुम्हारे जी में अत्यन्त विकट हो।" तब वे कहेंगे, "कौन हमें पलटाकर लाएगा?" कह दो, "वहीं जिसने तुम्हें पहली बार पैदा किया।" तब वे तुम्हारे आगे अपने सिरों को हिला-हिलाकर कहेंगे, "अच्छा तो वह कह होगा?" कह दो, "कदाचित कि वह निकट ही हो।"
17|52|जिस दिन वह तुम्हें पुकारेगा, तो तुम उसकी प्रशंसा करते हुए उसकी आज्ञा को स्वीकार करोगे और समझोगे कि तुम बस थोड़ी ही देर ठहरे रहे हो
17|53|मेरे बन्दों से कह दो कि "बात वहीं कहें जो उत्तम हो। शैतान तो उनके बीच उकसाकर फ़साद डालता रहता है। निस्संदेह शैतान मनुष्य का प्रत्यक्ष शत्रु है।"
17|54|तुम्हारा रब तुमसे भली-भाँति परिचित है। वह चाहे तो तुमपर दया करे या चाहे तो तुम्हें यातना दे। हमने तुम्हें उनकी ज़िम्मेदारी लेनेवाला कोई क्यक्ति बनाकर नहीं भेजा है (कि उन्हें अनिवार्यतः संमार्ग पर ला ही दो)
17|55|तुम्हारा रब उससे भी भली-भाँति परिचित है जो कोई आकाशों और धरती में है, और हमने कुछ नबियों को कुछ की अपेक्षा श्रेष्ठता दी और हमने ही दाऊद को ज़बूर प्रदान की थी
17|56|कह दो, "तुम उससे इतर जिनको भी पूज्य-प्रभु समझते हो उन्हें पुकार कर देखो। वे न तुमसे कोई कष्ट दूर करने का अधिकार रखते हैं और न उसे बदलने का।"
17|57|जिनको ये लोग पुकारते है वे तो स्वयं अपने रब का सामीप्य ढूँढते है कि कौन उनमें से सबसे अधिक निकटता प्राप्त कर ले। और वे उसकी दयालुता की आशा रखते हैं और उसकी यातना से डरते रहते हैं। तुम्हारे रब की यातना तो है ही डरने की चीज़!
17|58|कोई भी (अवज्ञाकारी) बस्ती ऐसी नहीं जिसे हम क़ियामत के दिन से पहले विनष्टअ न कर दें या उसे कठोर यातना न दे। यह बात किताब में लिखी जा चुकी है
17|59|हमें निशानियाँ (देकर नबी को) भेजने से इसके सिवा किसी चीज़ ने नहीं रोका कि पहले के लोग उनको झुठला चुके हैं। और (उदाहरणार्थ) हमने समूद को स्पष्ट प्रमाण के रूप में ऊँटनी दी, किन्तु उन्होंने ग़लत नीति अपनाकर स्वयं ही अपनी जानों पर ज़ुल्म किया। हम निशानियाँ तो डराने ही के लिए भेजते है
17|60|जब हमने तुमसे कहा, "तुम्हारे रब ने लोगों को अपने घेरे में ले रखा है और जो अलौकिक दर्शन हमने तुम्हें कराया उसे तो हमने लोगों के लिए केवल एक आज़माइश बना दिया और उस वृक्ष को भी जिसे क़ुरआन में तिरस्कृत ठहराया गया है। हम उन्हें डराते है, किन्तु यह चीज़ उनकी बढ़ी हुई सरकशी ही को बढ़ा रही है।"
17|61|याद करो जब हमने फ़रिश्तों से कहा, "आदम को सजदा करो तो इबलीस को छोड़कर सबने सजदा किया।" उसने कहा, "क्या मैं उसे सजदा करूँ, जिसे तूने मिट्टी से बनाया है?"
17|62|कहने लगा, "देख तो सही, उसे जिसको तूने मेरे मुक़ाबले में श्रेष्ठ ता प्रदान की है, यदि तूने मुझे क़ियामत के दिन तक मुहलत दे दी, तो मैं अवश्य ही उसकी सन्तान को वश में करके उसका उन्मूलन कर डालूँगा। केवल थोड़े ही लोग बच सकेंगे।"
17|63|कहा, "जा, उनमें से जो भी तेरा अनुसरण करेगा, तो तुझ सहित ऐसे सभी लोगों का भरपूर बदला जहन्नम है
17|64|उनमें सो जिस किसी पर तेरा बस चले उसके क़दम अपनी आवाज़ से उखाड़ दे। और उनपर अपने सवार और अपने प्यादे (पैदल सेना) चढ़ा ला। और माल और सन्तान में भी उनके साथ साझा लगा। और उनसे वादे कर!" - किन्तु शैतान उनसे जो वादे करता है वह एक धोखे के सिवा और कुछ भी नहीं होता। -
17|65|"निश्चय ही जो मेरे (सच्चे) बन्दे है उनपर तेरा कुछ भी ज़ोर नहीं चल सकता।" तुम्हारा रब इसके लिए काफ़ी है कि अपना मामला उसी को सौंप दिया जाए
17|66|तुम्हारा रब तो वह है जो तुम्हारे लिए समुद्र में नौका चलाता है, ताकि तुम उसका अनुग्रह (आजीविका) तलाश करो। वह तुम्हारे हाल पर अत्यन्त दयावान है
17|67|जब समुद्र में तुम पर कोई आपदा आती है तो उसके सिवा वे सब जिन्हें तुम पुकारते हो, गुम होकर रह जाते हैं, किन्तु फिर जब वह तुम्हें बचाकर थल पर पहुँचा देता है तो तुम उससे मुँह मोड़ जाते हो। मानव बड़ा ही अकृतज्ञ है
17|68|क्या तुम इससे निश्चिन्त हो कि वह कभी थल की ओर ले जाकर तुम्हें धँसा दे या तुमपर पथराव करनेवाली आँधी भेज दे; फिर अपना कोई कार्यसाधक न पाओ?
17|69|या तुम इससे निश्चिन्त हो कि वह फिर तुम्हें उसमें दोबारा ले जाए और तुमपर प्रचंड तूफ़ानी हवा भेज दे और तुम्हें तुम्हारे इनकार के बदले में डूबो दे। फिर तुम किसी को ऐसा न पाओ जो तुम्हारे लिए इसपर हमारा पीछा करनेवाला हो?
17|70|हमने आदम की सन्तान को श्रेष्ठता प्रदान की और उन्हें थल औऱ जल में सवारी दी और अच्छी-पाक चीज़ों की उन्हें रोज़ी दी और अपने पैदा किए हुए बहुत-से प्राणियों की अपेक्षा उन्हें श्रेष्ठता प्रदान की
17|71|(उस दिन से डरो) जिस दिन हम मानव के प्रत्येक गिरोह को उसके अपने नायक के साथ बुलाएँगे। फिर जिसे उसका कर्मपत्र उसके दाहिने हाथ में दिया गया, तो ऐसे लोग अपना कर्मपत्र पढ़ेंगे और उनके साथ तनिक भी अन्याय न होगा
17|72|और जो यहाँ अंधा होकर रहा वह आख़िरत में भी अंधा ही रहेगा, बल्कि वह मार्ग से और भी अधिक दूर पड़ा होगा
17|73|और वे लगते थे कि तुम्हें फ़िले में डालकर उस चीज़ से हटा देने को है जिसकी प्रकाशना हमने तुम्हारी ओर की है, ताकि तुम उससे भिन्न चीज़ घड़कर हमपर थोपो, और तब वे तुम्हें अपना घनिष्ठ मित्र बना लेते
17|74|यदि हम तुम्हें जमाव प्रदान न करते तो तुम उनकी ओर थोड़ा झुकने के निकट जा पहुँचते
17|75|उस समय हम तुम्हें जीवन में भी दोहरा मज़ा चखाते और मृत्यु के पश्चात भी दोहरा मज़ा चखाते। फिर तुम हमारे मुक़ाबले में अपना कोई सहायक न पाते
17|76|और निश्चय ही उन्होंने चाल चली कि इस भूभाग से तुम्हारे क़दम उखाड़ दें, ताकि तुम्हें यहाँ से निकालकर ही रहे। और ऐसा हुआ तो तुम्हारे पीछे ये भी रह थोड़े ही पाएँगे
17|77|यही कार्य-प्रणाली हमारे उन रसूलों के विषय में भी रही है, जिन्हें हमने तुमसे पहले भेजा था और तुम हमारी कार्य-प्रणाली में कोई अन्तर न पाओगे
17|78|नमाज़ क़ायम करो सूर्य के ढलने से लेकर रात के छा जाने तक और फ़ज्र (प्रभात) के क़ुरआन (अर्थात फ़ज्र की नमाज़ः के पाबन्द रहो। निश्चय ही फ़ज्र का क़ुरआन पढ़ना हुज़ूरी की चीज़ है
17|79|और रात के कुछ हिस्से में उस (क़ुरआन) के द्वारा जागरण किया करो, यह तुम्हारे लिए तद्अधिक (नफ़्ल) है। आशा है कि तुम्हारा रब तुम्हें उठाए ऐसा उठाना जो प्रशंसित हो
17|80|और कहो, "मेरे रब! तू मुझे ख़ूबी के साथ दाख़िल कर और ख़ूबी के साथ निकाल, और अपनी ओर से मुझे सहायक शक्ति प्रदान कर।"
17|81|कह दो, "सत्य आ गया और असत्य मिट गया; असत्य तो मिट जानेवाला ही होता है।"
17|82|हम क़ुरआन में से जो उतारते है वह मोमिनों के लिए शिफ़ा (आरोग्य) और दयालुता है, किन्तु ज़ालिमों के लिए तो वह बस घाटे ही में अभिवृद्धि करता है
17|83|मानव पर जब हम सुखद कृपा करते हैं तो वह मुँह फेरता और अपना पहलू बचाता है। किन्तु जब उसे तकलीफ़ पहुँचती है, तो वह निराश होने लगता है
17|84|कह दो, "हर एक अपने ढब पर काम कर रहा है, तो अब तुम्हारा रब ही भली-भाँति जानता है कि कौन अधिक सीधे मार्ग पर है।"
17|85|वे तुमसे रूह के विषय में पूछते है। कह दो, "रूह का संबंध तो मेरे रब के आदेश से है, किन्तु ज्ञान तुम्हें मिला थोड़ा ही है।"
17|86|यदि हम चाहें तो वह सब छीन लें जो हमने तुम्हारी ओर प्रकाशना की है, फिर इसके लिए हमारे मुक़ाबले में अपना कोई समर्थक न पाओगे
17|87|यह तो बस तुम्हारे रब की दयालुता है। वास्तविकता यह है कि उसका तुमपर बड़ा अनुग्रह है
17|88|कह दो, "यदि मनुष्य और जिन्न इसके लिए इकट्ठे हो जाएँ कि क़ुरआन जैसी कोई चीज़ लाएँ, तो वे इस जैसी कोई चीज़ न ला सकेंगे, चाहे वे आपस में एक-दूसरे के सहायक ही क्यों न हों।"
17|89|हमने इस क़ुरआन में लोगों के लिए प्रत्येक तत्वदर्शिता की बात फेर-फेरकर बयान की, फिर भी अधिकतर लोगों के लिए इनकार के सिवा हर चीज़ अस्वीकार्य ही रही
17|90|और उन्होंने कहा, "हम तुम्हारी बात नहीं मानेंगे, जब तक कि तुम हमारे लिए धरती से एक स्रोत प्रवाहित न कर दो,
17|91|या फिर तुम्हारे लिए खजूरों और अंगूरों का एक बाग़ हो और तुम उसके बीच बहती नहरें निकाल दो,
17|92|या आकाश को टुकड़े-टुकड़े करके हम पर गिरा दो जैसा कि तुम्हारा दावा है, या अल्लाह और फ़रिश्तों ही को हमारे समझ ले आओ,
17|93|या तुम्हारे लिए स्वर्ण-निर्मित एक घर हो जाए या तुम आकाश में चढ़ जाओ, और हम तुम्हारे चढ़ने को भी कदापि न मानेंगे, जब तक कि तुम हम पर एक किताब न उतार लाओ, जिसे हम पढ़ सकें।" कह दो, "महिमावान है मेरा रब! क्या मैं एक संदेश लानेवाला मनुष्य के सिवा कुछ और भी हूँ?"
17|94|लोगों को जबकि उनके पास मार्गदर्शन आया तो उनको ईमान लाने से केवल यही चीज़ रुकावट बनी कि वे कहने लगे, "क्या अल्लाह ने एक मनुष्य को रसूल बनाकर भेज दिया?"
17|95|कह दो, "यदि धरती में फ़रिश्ते आबाद होकर चलते-फिरते होते तो हम उनके लिए अवश्य आकाश से किसी फ़रिश्ते ही को रसूल बनाकर भेजते।"
17|96|कह दो, "मेरे और तुम्हारे बीच अल्लाह ही एक गवाह काफ़ी है। निश्चय ही वह अपने बन्दों की पूरी ख़बर रखनेवाला, देखनेवाला है।"
17|97|जिसे अल्लाह ही मार्ग दिखाए वही मार्ग पानेवाला है और वह जिसे पथभ्रष्ट होने दे, तो ऐसे लोगों के लिए उससे इतर तुम सहायक न पाओगे। क़ियामत के दिन हम उन्हें औंधे मुँह इस दशा में इकट्ठा करेंगे कि वे अंधे गूँगे और बहरे होंगे। उनका ठिकाना जहन्नम है। जब भी उसकी आग धीमी पड़ने लगेगी तो हम उसे उनके लिए भड़का देंगे
17|98|यही उनका बदला है, इसलिए कि उन्होंने हमारी आयतों का इनकार किया और कहा, "क्या जब हम केवल हड्डियाँ और चूर्ण-विचूर्ण होकर रह जाएँगे, तो क्या हमें नए सिरे से पैदा करके उठा खड़ा किया जाएगा?"
17|99|क्या उन्हें यह न सूझा कि जिस अल्लाह ने आकाशों और धरती को पैदा किया है उसे उन जैसों को भी पैदा करने की सामर्थ्य प्राप्त है? उसने तो उनके लिए एक समय निर्धारित कर रखा है, जिसमें कोई सन्देह नहीं है। फिर भी ज़ालिमों के लिए इनकार के सिवा हर चीज़ अस्वीकार्य ही रही
17|100|कहो, "यदि कहीं मेरे रब की दयालुता के ख़ज़ाने तुम्हारे अधिकार में होते हो ख़र्च हो जाने के भय से तुम रोके ही रखते। वास्तव में इनसान तो दिल का बड़ा ही तंग है
17|101|हमने मूसा को नौ खुली निशानियाँ प्रदान की थी। अब इसराईल की सन्तान से पूछ लो कि जब वह उनके पास आया और फ़िरऔन ने उससे कहा, "ऐ मूसा! मैं तो तुम्हें बड़ा जादूगर समझता हूँ।"
17|102|उसने कहा, "तू भली-भाँति जानता हैं कि आकाशों और धऱती के रब के सिवा किसी और ने इन (निशानियों) को स्पष्ट प्रमाण बनाकर नहीं उतारा है। और ऐ फ़िरऔन! मैं तो समझता हूँ कि तू विनष्ट होने को है।"
17|103|अन्ततः उसने चाहा कि उनको उस भूभाग से उखाड़ फेंके, किन्तु हमने उसे और जो उसके साथ थे सभी को डूबो दिया
17|104|और हमने उसके बाद इसराईल की सन्तान से कहा, "तुम इस भूभाग में बसो। फिर जब आख़िरत का वादा आ पूरा होगा, तो हम तुम सबको इकट्ठा ला उपस्थित करेंगे।"
17|105|सत्य के साथ हमने उसे अवतरित किया और सत्य के साथ वह अवतरित भी हुआ। और तुम्हें तो हमने केवल शुभ सूचना देनेवाला और सावधान करनेवाला बनाकर भेजा है
17|106|और क़ुरआन को हमने थोड़ा-थोड़ा करके इसलिए अवतरित किया, ताकि तुम ठहर-ठहरकर उसे लोगो को सुनाओ, और हमने उसे उत्तम रीति से क्रमशः उतारा है
17|107|कह दो, "तुम उसे मानो या न मानो, जिन लोगों को इससे पहले ज्ञान दिया गया है, उन्हें जब वह पढ़कर सुनाया जाता है, तो वे ठोड़ियों के बल सजदे में गिर पड़ते है
17|108|और कहते हैं, "महान और उच्च है हमारा रब! हमारे रब का वादा तो पूरा होकर ही रहता है।"
17|109|और वे रोते हुए ठोड़ियों के बल गिर जाते हैं और वह (क़ुरआन) उनकी विनम्रता को और बढ़ा देता है
17|110|कह दो, "तुम अल्लाह को पुकारो या रहमान को पुकारो या जिस नाम से भी पुकारो, उसके लिए सब अच्छे ही नाम है।" और अपनी नमाज़ न बहुत ऊँची आवाज़ से पढ़ो और न उसे बहुत चुपके से पढ़ो, बल्कि इन दोनों के बीच मध्य मार्ग अपनाओ
17|111|और कहो, "प्रशंसा अल्लाह के लिए है, जिसने न तो अपना कोई बेटा बनाया और न बादशाही में उसका कोई सहभागी है और न ऐसा ही है कि वह दीन-हीन हो जिसके कारण बचाव के लिए उसका कोई सहायक मित्र हो।" और बड़ाई बयान करो उसकी, पूर्ण बड़ाई
इन्हें भी देखें
इस्लामी शब्दावली
सूरा
क़ुरआन
सन्दर्भ:
सूरा |
दो साल पहले सोशल मीडिया पर बीएसएफ के खाने को लेकर शिकायत करने के बाद सैन्य सेवाओं से बर्खास्त किए गए तेज बहादुर अब वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. तो वहीं भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर ने भी नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरने के मंसूबे जाहिर किए हैं.
साल 2017 में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था. इस वीडियो में एक सैनिक, उन्हें दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता की शिकायत करता दिख रहा था. ये वीडियो उस समय तेजी से फैला और इस पर खासा बवाल भी मचा. वीडियो पोस्ट करने के मामले में 2017 में बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव को बर्खास्त कर दिया गया था. बर्खास्त किया गए जवान ने अब सीधे पीएम मोदी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
पीएम मोदी से लेंगे सीधी टक्कर
2017 में नौकरी से निकाले गए तेज बहादुर यादव अब उत्तर प्रदेश के वाराणसी संसदीय क्षेत्र से सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. हरियाणा के रेवाड़ी में तेज बहादुर यादव ने पत्रकारों से कहा कि वह वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. यादव ने कहा कि वह भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए चुनाव लड़ना चाहते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने भ्रष्टाचार का मामला उठाया लेकिन मुझे बर्खास्त कर दिया गया. मेरा पहला उद्देश्य सुरक्षा बलों को मजबूत करना और भ्रष्टाचार खत्म करना होगा.’’
BSF ने नौकरी से किया था बर्खास्त
गौरतलब है कि तेज बहादुर यादव ने 2017 में सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया था, जिसमें वह जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पहाड़ी इलाके के बर्फीले स्थान पर सैनिकों को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता की शिकायत करते नजर आ रहे थे. बीएसएफ ने जांच में पाया था कि तेजबहादुर यादव के कारण बीएसएफ की छवि को नुकसान पहुंचा है. इसके बाद उसे अनुशासनहीनता के आरोप में नौकरी से हाथ धोना पड़ा था.
बेटे ने की थी खुदकुशी
पतली दाल और जली हुई रोटी का वीडियो फेसबुक पर अपलोड करके चर्चा में आने वाले बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव के बेटे ने इसी साल जनवरी में आत्महत्या कर ली थी. तेज बहादुर यादव के बेटे ने अपने पिता की लाइसेंसी रिवॉल्वर से खुद को गोली मारी थी. घटना के समय तेज बहादुर यादव घर पर नहीं थे.
हरियाणा के रेवाड़ी में तेज बहादुर यादव ने पत्रकार वार्ता में अपने इरादे साफ जाहिर कर दिए कि वह अब देश और उत्तर प्रदेश की सबसे हाई प्रोफाइल राजनीतिक सीट, वाराणसी से सीधे पीएम मोदी के खिलाफ सियासी लड़ाई लड़ने जा रहे हैं.
भीम आर्मी चीफ भी उतरे मोदी के खिलाफ
भीम आर्मी पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर ने भी पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया है. बता दें कि शनिवार को वाराणसी के अंबेडकर पार्क से रोड शो करने के पहले चंद्रशेखर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि वह वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे. अपने रोड शो में चंद्रशेखर ने 'चौकीदार हो जाए खबरदार, आ गया है असरदार’ नारा लगाया था. शनिवार को रोड शो में चंद्रशेकर ने कहा, “मैंने कहा था कि मोदी जहां से चुनाव लड़ेंगे वहीं से चुनाव लडूंगा. इसलिए काशी आया हूं. मोदी काशी से चुनाव न लड़कर मुझसे बच सकते हैं. मैं बनारस से पीएम मोदी को हराकर वापस गुजरात भेज दूंगा.”
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: केरल में गुरुवायुर के श्रीकृष्णा कॉलेज की कैंपस पत्रिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में अशोभनीय टिप्पणी के मामले में आज नौ विद्यार्थियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए और बाद में जमानत पर रिहा किए गए लोगों में पत्रिका के छात्र संपादक, उसके उपसंपादक और संपादकीय सलाहकार समिति के सदस्य शामिल हैं। उन पर धारा 153 समेत भादसं की विभिन्न धाराएं लगायी गयी हैं।
पुलिस ने इन विद्यार्थियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, क्योंकि पत्रिका में मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक और अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल किया गया था। इस महाविद्यालय को चलाने वाली गुरुवायुर श्रीकृष्णा मंदिर प्रबंधन समिति ने इस मामले में प्राचार्य से सफाई मांगी है।
इस क्षेत्र से इस तरह का यह दूसरा मामला है। इससे पहले एक पॉलीटेक्निक कॉलेज की कैंपस पत्रिका में मोदी की तस्वीर एडोल्फ हिटलर, ओसामा बिन लादेन, जॉर्ज बुश के साथ नकात्मक लोगों की सूची में था। इस पॉलीटेक्निक कॉलेज के प्राचार्य एवं कुछ अन्य विद्यार्थी पिछले सप्ताह गिरफ्तार किए गए थे और जमानत पर रिहा कर दिए गए थे। उन पर आईपीसी की विभिन्न धाराएं लगायी गई हैं। |
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष केतन देसाई को दो करोड़ रूपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया है. सीबीआई की कईं टीमें दिल्ली और अहमदाबाद में गुरुवार से ही छापे में लगी थी, अहमदाबाद में केतन देसाई के घर पर भी सीबीआई अफसर तलाशी लेते रहे और अब से कुछ देर पहले देसाई को गिरप्तार करने की खबर आई है.
दिल्ली में भी आईटीओ पर आईएमए के दफ्तर में देर रात तक सीबीआई के एंटी करप्शन सेल के ऑफिसर खोजबीन करते रहे. ये छापे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच को लेकर मारे गए हैं.
डॉ केतन देसाई पर आरोप है कि उन्होने कई निजी मेडिकल कॉलेजों से पैसे लेकर उन्हे सरकारी मान्यता दिलाई.
सीबीआई के प्रवक्ता हर्ष बहल ने बताया कि देसाई को यहां उनके कार्यालय पर मारे गए छापों के बाद गत देर रात गिरफ्तार किया गया. इस कार्रवाई को यह शिकायत मिलने के बाद अंजाम दिया गया कि वह अपने साथी जितेंद्र पाल सिंह के साथ मिलकर पंजाब के एक कॉलेज को मान्यता देने के एवज में दो करोड़ रुपये रिश्वत की मांग कर रहे हैं.
बहल ने बताया कि सीबीआई ने देसाई सिंह और उनके एक अन्य सहयोगी पंजाब के ज्ञान सागर मेडिकल कॉलेज के डॉ. कंवलजीत सिंह को भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किया है.
प्रवक्ता ने बताया कि तीनों से पूछताछ की जा रही है और दिल्ली तथा बाहर स्थित छह अन्य ठिकानों पर छापेमारी जारी है.
सीबीआई ने शिकायत मिलने के बाद जाल बिछाया और सिंह को कथित दो करोड़ रुपये के साथ पकड़ लिया जो देसाई को दिए जाने थे. एजेंसी ने देसाई के अन्य सहयोगियों का पता लगाने के लिए पंजाब दिल्ली और गुजरात में भी छापे मारे.
मेडिकल शिक्षा के समान मानक तय करना भारत या विदेश के मेडिकल संस्थानों को मान्यता देना या उनकी मान्यता रद्द करने की सिफारिश करना आदि भारतीय चिकित्सा परिषद का मुख्य काम है. |
विभिन्न पैन कार्ड धारकों के नाम पर फर्जी आयकर रिटर्न जमा करने और अवैध तरीके से रिफंड प्राप्तकर आयकर विभाग को 3 करोड़ रुपये का चूना लगाने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है.
सीबीआई के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अधिकारियों ने बताया कि आयकर विभाग के तीन अधिकारी और टेलीविजन धारावाहिक का एक कलाकार जांच के दायरे में आया है. जांच एजेंसी के संयुक्त निदेशक (पश्चिमी क्षेत्र) आर आर सिंह ने कहा कि उपनगरीय दहिसार का रहने वाला दिलीप व्यापार को 17 फरवरी को गिराफ्तार किया गया और उसे 3 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. व्यास के सहयोगी मोहन घटगे और संदीप राय फरार हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘आयकर निरीक्षक प्रमोद प्रभाकर, वरिष्ठ कर सहायक राजेश पिल्लई, कर्मचारी राजू नागपुरे तथा टेलीविजन धारावाहिक के कलाकार मनोज संगीतियानी से पूछताछ कर रहे हैं.’’ |
प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) की तीन साल बाद बॉलीवुड में पहली फिल्म रिलीज होने जा रही है. प्रियंका चोपड़ा की 'द स्काइ इज पिंक (The Sky is Pink)' 11 अक्तूबर को रिलीज हो रही है. फिल्म को शोनाली बोस ने डायरेक्ट किया है, प्रियंका चोपड़ा के साथ फरहान अख्तर और जायरा वसीम भी नजर आएंगी. प्रियंका चोपड़ा के पति और अमेरिकी सिंगर निक जोनास का भी फिल्म को लेकर कमेंट आया है. निक जोनास ने अपने इंस्टाग्राम एकाउंट पर 'द स्काइ इज पिंक (The Sky is Pink)' को लेकर अपनी राय पेश की है और प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) की एक्टिंग को लेकर कहा है कि उन्हें उन पर गर्व है. निक जोनास की यह पोस्ट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है.
A post shared by Nick Jonas (@nickjonas) on Oct 9, 2019 at 12:14am PDT
निक जोनास (Nick Jonas) बॉलीवुड एक्ट्रेस और पत्नी प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) की फिल्म 'द स्काइ इज पिंक (The Sky is Pink)' को लेकर इंस्टाग्राम पर लिखा हैः 'इस फिल्म ने मेरे दिल को कई मायनों में छुआ है. फिल्म की कहानी बोल्ड और ब्यूटीफुल है, और इस कहानी को डायरेक्टर शोनाली बोस और सभी कलाकारों ने बेहतरीन ढंग से पेश किया है. प्रियंका चोपड़ा मुझे बतौर एक्टर और प्रोड्यूसर आपके काम पर गर्व है. तुमने मुझे हंसाया और रुलाया, और मुझे पता है कि आप इस फिल्म के जरिये कई लोगों की जिंदगी पर असर डालने वाली हैं. मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं. स्काइ इज पिंक की पूरी टीम को बधाई. तुम्हें गर्व होना चाहिए. हर किसी को यह फिल्म जरूर देखनी चाहिए.' इस तरह प्रियंका चोपड़ा की फिल्म को लेकर निक जोनास का कमेंट खूब वायरल हो रहा है. |
पिछले दिनों दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष बनाई गईं शीला दीक्षित ने आजतक के खास कार्यक्रम सीधी बात में कहा कि राहुल गांधी में प्रधानमंत्री बनने की क्षमता है, लेकिन अहम है कि पहले चुनाव जीता जाए. दिल्ली में अरविंद केजरीवाल और मनोज तिवारी जैसे 50 साल के करीब नेताओं के आगे 80 साल की नेता की चुनौती पर कहा कि उनमें जोश की कोई कमी नहीं है.
80 साल की उम्र में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने को कांग्रेस की मजबूरी पर शीला दीक्षित ने कहा, 'ऐसा मत कहिए. हाईकमान को लगा होगा कि मेरे पास लंबा अनुभव है काम का. इसलिए बना दिया. ठीक है. जो हमारी पार्टी फैसला करती है, वो सर आंखों पर.' उन्होंने आगे कहा कि हर जगह उपयोगी इंसान को रखा जाता है, पार्टी नेतृत्व को ऐसा लगा होगा इसलिए यह फैसला ले लिया. पार्टी जो आदेश करती है, हमें उसका पालन करना पड़ता है और करते हैं.
दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन पर शीला ने कहा कि कांग्रेस अपने आप में सक्षम है. हमें किसी से गठबंधन करने की कोई आवश्यकता नहीं है. आम आदमी पार्टी का जो रिकॉर्ड रहा है वो हमें प्रेरित नहीं करता है. उन्होंने आगे कहा कि हमने कभी भी आम आदमी पार्टी का समर्थन नहीं किया. उसने हमारे खिलाफ चुनाव लड़ा.
हम दिल्ली में इस बार जीतेंगे
दिल्ली में कांग्रेस के पास लोकसभा और विधानसभा में एक भी सीट नहीं होने के बाद अब अगले चुनाव की रणनीति पर कहा कि दिल्ली में गठबंधन पर चर्चा चल रही है और जब वक्त आएगा तो पता चल जाएगा. उन्होंने कहा कि उन पर भ्रष्टाचार का एक भी केस नहीं है.
अरविंद केजरीवाल के बारे में भ्रष्टाचार के आरोप पर पूर्व मुख्यमंत्री शीला ने कहा कि वह कौन हैं. वह हमारे आदमी नहीं हैं. उन्हें जो भी मन में आता है वो बोल देते हैं. उन्होंने जनता को गुमराह किया.
दिल्ली में इस बार जीत के बारे में शीला दीक्षित ने कहा कि निश्चित तौर पर हम इस बार दिल्ली में चुनाव जीतेंगे. दिल्ली की जनता ने बीजेपी और आम आदमी पार्टी (आप) को आजमा लिया है जनता ने यह सब देख लिया है. उन्हें पता है कि कांग्रेस ने दिल्ली में लगातार 15 साल शासन किया क्योंकि उसने काम किया था. अब चुनाव हार गए, लेकिन हम फिर से जीतेंगे.
जोश में कमी नहीं
80 साल की उम्र में फिर से मैदान में आने पर उन्होंने कहा, 'यह महज उम्र है. यह सही है, और यह सबके सामने हैं. मैं इसे कम नहीं कर सकती. लेकिन मुझसे जोश है और इसी कारण इस उम्र में यह जिम्मेदारी स्वीकार की है.' अजय माकन ने खराब तबीयत का हवाला देकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने के सवाल पर शीला ने कुछ नहीं कहा. उनका कहना था कि उन्हें अजय माकन की तबीयत के बारे में कोई जानकारी नहीं है. बेहतर होगा, इस संबंध में उनसे पूछा जाए.
उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं किए जाने पर कहा कि हमने वहां पहले उनसे गठबंधन किया, लेकिन वह नतीजा अच्छा नहीं रहा. अब आगे की रणनीति पर पार्टी आलाकमान जो फैसला करेगी, उसे स्वीकार किया जाएगा. चुनाव में हमेशा चुनौती होती है. |
दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा के थाना बिसरख क्षेत्र के तिगरी गांव में रहने वाली 12वीं कक्षा की छात्रा की संदिग्ध मौत हो गई. उसका शव घर में फांसी के फंदे से लटकता पाया गया. इस मामले में मृतका शिल्पी के पिता ने उसके कथित प्रेमी के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया है.
थाना बिसरख के थानाध्यक्ष अजय कुमार शर्मा ने बताया कि तिगरी गांव में रहने वाली 18 वर्षीय छात्रा शिल्पी का शव उसके घर पर रविवार रात को फंदे से लटका मिला था. इस मामले में उसके पिता राजेश कुमार झा ने उसके प्रेमी दीपू के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है.
पिता का आरोप है कि दीपू उनकी बेटी से शादी करना चाहता था, लेकिन वे लोग शादी के लिए तैयार नहीं थे. दीपू ने धमकी दी थी कि यदि वे शिल्पी के साथ उसकी शादी नहीं करेंगे तो वह उसकी हत्या कर देगा. परिजनों का आरोप है कि हत्या एक सुनियोजित तरीके से की गयी है.
वहीं, यूपी के भदोही जिले में पति की मौत के बाद प्रेमी के साथ लिव-इन रिलेशन में रह रही महिला की दिनदहाड़े चाकू मारकर हत्या कर दी गई. यह घटना भदोही शहर कोतवाली क्षेत्र के चौरी रोड स्थित बड़ी बाग में दिन दहाड़े उस वक्त हुई, जब महिला काम से घर लौट रही थी.
महिला की हत्या करने के बाद भाग रहे कथित प्रेमी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने घटना के पीछे लिव इन रिलेशन में तीसरे की दखलंदाजी बताया है. हत्या आरोपी युवक उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले का रहने वाला है. वह भदोही शहर में वह कालीन बुनाई करता है.
पुलिस के अनुसार, भदोही के चौरी रोड के बड़ी बाग में शनिवार दोपहर 42 वर्षीय शबनम उर्फ शब्बो की उसके प्रेमी मुसफ्फिर द्वारा चाकू मारकर हत्या कर दी गई. महिला का मायका भदोही नगर के मर्यादपट्टी मुहल्ले में है. महिला की शादी पहले वाराणसी के शकील से हुई थी.
वारदात
वाले दिन शबनम कालीन कंपनी से काम खत्म कर लौट रही थी. रास्ते में मुसफ्फिर ने उसे चाकू मार दिया. खून से लथपथ महिला को आसपास के लोग नगर के महाराजा बलवंत सिंह राजकीय चिकित्सालय ले आए, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. |
पंजाब में कांग्रेस सरकार लगातार एक के बाद एक पॉलिसी बनाकर पंजाब के सरकारी महकमों में जड़ें जमा चुके बादल परिवारऔर उनके सहयोगी कंपनियों के बिजनेस के वर्चस्व को तोड़ने में लगी है. कैप्टन सरकार पंजाब के लिये नई पॉलिसी लेकर आने की तैयारी कर रही है और इन तमाम सेक्टर के ज्यादातर बिजनेस पर बादल परिवारऔर उनके सहयोगियों की कंपनियों का ही वर्चस्व है. कैप्टन सरकार की सबसे बड़ी मुहिम बादल परिवार के ट्रांसपोर्ट बिजनेस के खिलाफ शुरु होनेजा रही है. बादलों की बस कंपनियों पर इस नई ट्रांसपोर्ट पॉलिसी का असर पड़ सकता है.
कांग्रेस की कैप्टन सरकार ने मौजूदा बस परमिटों की जांच की तैयारी कर ली है. इसके लिए सरकार 15 मई तक नई ट्रांसपोर्ट पॉलिसी का ऐलान करने जा रही है. नई पॉलिसी में प्राइवेट बस ऑपरेटर्स की मोनोपोली खत्म कर पीआरटीसी और पंजाब रोडवेज को बढ़ावा देने के उपाय किए जाएंगे.हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार नई नीति 15 मई, 2017 तक तैयार कर ली जाएगी.
इससे 750 प्राईवेट बस रूट परमिटों, 24 किलोमीटर के 1840 असल रूटों में की बढ़ोतरी और 6700 मिनी बसों के परमिटों पर प्रभाव पड़ेगा. पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने बादलों और अकालियों की बस कंपनियों की मोनोपोली को तोड़ने के लिए नई ट्रांसपोर्ट पॉलिसी लाने का सुझाव सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को दिया था. जिसे सीएम ने हरी झंडी दे दी है.
वहीं अकाली दल के प्रवक्ता और पूर्व कैबिनेट मंत्री दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ये सब कुछ बदले की राजनीति और द्वेष के तहत कर रही है. उनकी सरकार के वक्त कोई भी ट्रांसपोर्ट बस लाइसेंस और परमिट गलत तरीके से नहीं दिये गये और ना ही किसी खास परिवार की कंपनी को फायदा पहुंचाया गया. लेकिन अगर अब कैप्टन अमरिंदर सिंह किसी परिवार से बदला लेने के लिये उनकी बस कंपनियों को निशाने पर लेना चाहते है तो इससे साफ हो जाता है कि वो ये सब कुछ बदले की भावना और राजनीतिक द्वेष से कर रहे है.
अकाली दल और कांग्रेस में ये राजनीतिक लड़ाई यहीं नहीं रुक रही, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अकाली-बीजेपी शासनकाल में दर्ज झूठे मामलों और FIR की जांच के लिए एक आयोग बनाया है. इस आयोग में दो सदस्य होंगे, जिसका अध्यक्ष पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जज मेहताब सिंह गिल को बनाया गया है. कांग्रेस ने चुनाव में जाने से पहले अपने कार्यकर्ताओं और जनता से वादा किया था कि अकाली सरकार ने राजनीतिक द्वेष और बदले की भावना से कई लोगों पर मुकदमा दर्ज करवाया है और सत्ता में आने पर इन मुकदमों की जांच करवाई जाएगी.
वहीं अकाली दल को भी ये डर सता रहा है कि कांग्रेस के शासन में उनके नेताओं और कार्यकर्ताओं पर भी झूठे मुकदमे दर्ज हो सकते हैं. इसलिए अकाली दल ने 8 वरिष्ट वकीलों का पैनल बनाया है जो इस तरह के मुकदमे दर्ज होने पर कानूनी कार्यवाही पर नजर रखेगा. वहीं अकाली दल काकहना है कि उनकी सरकार के वक्त कोई भी झूठा मुकदमा किसी पर भी दर्ज नहीं किया गया है. और अगर ऐसा होता तो कैप्टन पंजाब पुलिसके डीजीपी पर भरोसा क्यूं रखते और उन्हें अपनी सरकार में पुलिस की जिम्मेवारी क्यूं सौंपते.
पंजाब की राजनीति का ये इतिहास रहा है कि अकाली दल हो या कांग्रेस, जो भी सत्ता में आती है वो एक-दूसरे के खिलाफ जांच शुरू कर देता है.सत्ता परीवर्तन के बाद भी पंजाब में एक बार फिर कुछ ऐसा ही हो रहा है और इस बार सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के निशाने पर बादल परिवार का बिजनस भी आ गया है. |
मुंबई आतंकी हमले के मुख्य षड्यंत्रकर्ता और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक हाफिज सईद के पक्ष में लाहौर हाईकोर्ट (LHC) ने पाकिस्तान की संघीय और प्रांतीय सरकारों को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने आतंकी हाफिज के संगठन जमात-उद-दावा (JuD) की गतिविधियों को परोपकारी बताते हुए इनमें बाधा पहुंचाने को लेकर सरकारों को नोटिस जारी किया है.
LHC के न्यायाधीश अमीनुद्दीन खान ने सईद की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये नोटिस जारी किया है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील एके डोगर ने हाफिज की तरफ से तर्क दिया कि JuD ने हमेशा परोपकारी गतिविधियों में हिस्सा लिया है लेकिन सरकारें अमेरिका और भारत के दबाव में आकर उनके कामों में बाधा डाल रही हैं.
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि किसी भी व्यक्ति या संस्था के कल्याणकारी कार्य को रोकना संविधान के खिलाफ है. साथ ही उसने कोर्ट से अपील की कि वो सरकार को इस बात के लिए निर्देश दे कि वो JuD संगठन को परेशान न करे और उसे परोपकारी गतिविधियों को फिर से शुरू करने की अनुमति दे. इसके बाद सरकार के वकील ने कोर्ट से जवाब देने के लिए कुछ और समय की मांग की, जिसके बाद कोर्ट ने उसके अनुरोध को मान लिया और मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 अप्रैल का दिन तय किया.
एक जनवरी को पाकिस्तान के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमिशन ने JuD समेत कई संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया था और इन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित संगठनों की सूची में डाल दिया था. साथ ही इन्हें विदेशी फंड लेने पर बैन लगा दिया था.
दरअसल,
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स
(FATF) की बैठक से पाकिस्तान ने बैन लगाया था. पाक को डर था कि कहीं उसे भी FATF द्वारा आतंकी पूंजी निगरानी सूची में न डाल दिया जाए. हालांकि, आतंकी संगठनों पर बैन लगाने के बावजूद विदेश कार्यालय ने फरवरी में इस बात की पुष्टि की थी कि पाकिस्तान को अभी भी FATF की निगरानी सूची में रखा जाएगा. वहीं, पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट किए जाने की संभावना से इनकार कर दिया था. |
11 साल बाद पति से अचानक अलग हो रही हैं दीया मिर्जा, फैसले पर हैरानी!
बॉलीवुड एक्ट्रेस दीया मिर्जा ने 11 साल बाद पति साहिल सांगा से अलग होने का फैसला लिया है. दीया ने सोशल मीडिया पर आपसी सहमति से एक नोट लिखकर इस बात की जानकारी दी. दीया मिर्जा ने लिखा, "11 साल एक-दूसरे के साथ रहने के बाद हम दोनों ने अलग होना तय किया है. हम आगे हमेशा दोस्त रहेंगे. हम दोनों का सम्मान और प्यार बरकरार रहेगा. भले ही हमारा सफर अलग हो रहा है, लेकिन अब तक के साथ के लिए हम एक-दूसरे के शुक्रगुजार हैं. हम अपने दोस्तों और परिवार के सभी सदस्यों के शुक्रगुजार हैं, मीडिया से अनुरोध है कि हमारी प्राइवेसी का सम्मान किया जाए. इस मामले पर हम कोई कमेंट नहीं करना चाहते हैं."
जन्मदिन पार्टी: कियारा आडवाणी संग निकले सिद्धार्थ, चर्चा में तस्वीरें
बॉलीवुड एक्ट्रेस कियारा आडवाणी ने बुधवार रात इंडस्ट्री के दोस्तों को अपने जन्मदिन की पार्टी दी. इस पार्टी में शाहिद कपूर, करण जौहर, मनीष मल्होत्रा संग अन्य सितारे मौजूद थे. पार्टी के मेहमानों में से सबसे खास थे सिद्धार्थ मल्होत्रा, जिनपर सभी की नजरें टिकी हुई थीं. ऐसे में जब पार्टी के अंत में कियारा, सिद्धार्थ की गाड़ी में उनके साथ निकलीं तो देखने वालों के बीच हलचल मच गई.
बुल्गारिया शूट के लिए निकली खतरों के खिलाड़ी 10 की टीम, Photos
मोस्ट अवेटेड रियलिटी शो खतरों के खिलाड़ी का 10वां सीजन जल्द ही शुरू होने वाला है. इस बार भी सेलेब्स जबरदस्त एक्शन और स्टंट करके सभी को चौंकाने के लिए तैयार हैं. इस सीजन को भी रोहित शेट्टी होस्ट करेंगे. शो की शूटिंग शुरू होने वाली है. सभी कंटेस्टेंट शूटिंग के लिए बुल्गारिया निकल गए हैं. एक्टर करण पटेल, करिश्मा तन्ना, शिविन नारंग, तेजस्वी प्रकाश, अदा खान और रानी चटर्जी समेत सभी कंटेस्टेंट शूटिंग के लिए रवाना हो गए हैं.
फ्लोरिडा में हैंगआउट, फ्रेंड्स संग डिनर डेट पर गए विराट-अनुष्का
अनुष्का शर्मा अपने पति विराट कोहली के साथ वेस्टइंडीज टूर पर गई हैं. सोशल मीडिया पर कपल की साथ में तस्वीरें वायरल हो रही हैं. फ्लोरिडा में विराट-अनुष्का ने फैंस संग फोटो पोज दिए हैं. फ्लोरिडा में कपल अपने फ्रेंड्स से भी मिला. डिनर डेट की ये तस्वीरें अनुष्का शर्मा के इंस्टा फैनक्लब पर सामने आई हैं.
डिलीवरी बॉय का पुराना वीडियो: पायल ने ट्वीट में जोमैटो को बताया सेकुलर आउटलेट
फूड डिलीवरी सर्विस कंपनी जोमैटो इस वक्त सुर्खियों में हैं. दरअसल, जोमैटो के एक ग्राहक ने डिलीवरी बॉय से महज इसलिए खाना नहीं लिया क्योंकि वह मुसलमान था. जोमैटो ने ग्राहक के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया और ट्वीट में कहा कि खाने का कोई धर्म नहीं होता, खाना खुद एक धर्म है. जोमैटो के इस जवाब पर कई लोगों ने इस वेबसाइट की प्रशंसा की. ऋचा चड्ढा और पी. चिदंबरम जैसी हस्तियों ने भी जोमैटो के कदम की तारीफ की थी. हालांकि जोमैटो के ट्वीट के बाद कई लोग नाराज भी हैं और सोशल मीडिया पर जोमैटो को अनइंस्टाल करने की मुहिम चला रहे हैं. |
विधिक प्रत्यक्षवाद (Legal positivism) विधि एवं विधिशास्त्र के दर्शन से सम्बन्धित एक विचारधारा (school of thought) है। इसका विकास अधिकांशतः अट्ठारहवीं एवं उन्नीसवीं शताब्दी के विधि-चिन्तकों द्वारा हुआ जिनमें जेरेमी बेंथम (Jeremy Bentham) तथा जॉन ऑस्टिन (John Austin) का नाम प्रमुख है। किन्तु विधिक प्रत्यक्षवाद के इतिहास में सबसे उल्लेखनीय नाम एच एल ए हार्ट (H.L.A. Hart) का है जिनकी 'द कॉसेप्ट ऑफ लॉ' (The Concept of Law) नामक पुस्तक ने इस विषय में गहराई से विचार करने को मजबूर कर दिया। हाल के वर्षों में रोनाल्द डोर्किन (Ronald Dworkin) ने विधिक प्रत्यक्षवाद के कुछ केन्द्रीय विचारों पर गम्भीर सवाल उठाये हैं।
विधिक प्रत्यक्षवाद को सार रूप में कहना कठिन है किन्तु प्रायः माना जाता है कि विधिक प्रत्यक्षवाद का केन्द्रीय विचार यह है:
किसी विधिक प्रणाली में, कोई विचार (norm) वैध है या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि उसका स्रोत क्या है न कि उसके गुणदोष (merits) क्या हैं?
(the validity of a legal norm depends not on the moral value attached thereto, but from the sources determined by a social community's rules and conventions)
परिचय
विश्लेषणात्मक चिन्तन का प्रारंभ मुख्यतः बेंथम द्वारा अठारहवीं शताब्दी के अन्त में किया गया जिसका विकास आगे चलकर आस्टिन के हाथों हुआ। इसे प्रमाणवादी विचारधारा (Positivist School) भी कहा जाता है। सामण्ड इसे व्यवस्थित विधिशास्त्र (Systematic Jurisprudence) तथा सी0के0 एलन आदेशात्मक सिद्धान्त (Imperative Theory) कहते हैं। इस विचारधारा की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि जिस प्रकार भौतिक-विज्ञान विश्लेषण के बल पर आगे बढ़ता है ठीक उसी प्रकार यह किसी चीज को बिना विश्लेषण के यथावत स्वीकार नहीं कर लेती। प्राकृतिक विचारधारा की तरह यह विधि को दैवीय (ईश्वरीय) या दैव जात या प्राप्त नहीं मानती, बल्कि इसका उद्भव सम्प्रभु राज्य से हुआ मानती है। यह विचारधारा विधिक नियमों का विश्लेषण करती है। इसलिए यह ऐतिहासिक या समाजशास्त्रीय विचारधारा से भिन्न हो जाती है। यह विचारधारा नागरिक विधि तथा अन्य विधियों के पारस्परिक सम्बन्धों का अध्ययन विश्लेषणात्मक ढंग से करना चाहती है तथा विधि को प्राप्त नहीं अपितु निर्मित मानती है। विधि की ऐतिहासिक प्रगति का मूल क्या है, इससे इस विचारधारा का कोई मतलब नहीं। जूलियस स्टोन ने ठीक ही कहा है ‘‘इसकी प्रमुख दिलचस्पी विधिक भावार्थों के विश्लेषण और विधिक तर्क वाक्यों के तार्किक अन्तः सम्बन्धों के बारे में खोजबीन करना है। सामण्ड ने इस विचारधारा के प्रयोजन को इन शब्दों में व्यक्त किया है-
विश्लेषणात्मक विधिशास्त्र का प्रयोजन, विधि के प्राथमिक सिद्धान्तों का, बिना उनके ऐतिहासिक उद्भव और विकास के उनके नीतिशास्त्रीय (Ethical) या वैधता के सन्दर्भ में विश्लेषण करना है। दूसरे शब्दों में यह वर्तमान वास्तविक विधि के ढाँचे का तार्किक और वैज्ञानिक ढंग से परीक्षित करने के प्रयास का एक ढंग है। इसका उद्देश्य यह पता लगाना है कि आदर्श और नैतिक तत्वों पर निर्भर न रहने वाले अधिकारिक नियम क्या हैं?
मुनरो स्मिथ के अनुसार यह विचारधारा राज्य की सचेतन मुहर विधि के लिए आवश्यक मानती है। इस अर्थ में विधि सचेतन और निश्चित मानव इच्छा की अभिव्यक्ति है। प्रमाणवाद एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण प्रदान करता है जिससे अनुभव से परे परिकल्पनाओं को अस्वीकार कर आँकड़ों द्वारा प्रस्तुत अनुभव तक ही सीमित रहा जा सके। यह दृष्टिकोण दिए हुए तथ्यों के विश्लेषण तक सीमित रहता है तथा अनुभूति की परिघटनाओं से दूर नहीं जाता है। अतीत तथा भविष्य की परिकल्पनाओं से दूर रहकर ‘विधि जैसी है’ के तथ्यात्मक अध्ययन के कारण इसे प्रमाणवादी दृष्टिकोण नाम दिया गया है। इंग्लैण्ड में मुख्य रूप से प्रचलित होने तथा आस्टिन से जुड़े होने के नाते इसे इंग्लिश या आस्टीनियन स्कूल भी कहते हैं। इसे विधि को सम्प्रभु का समादेश मानने और उसे माने जाने की बाध्यता के कारण आज्ञात्मक सिद्धान्त (Imperative theory of Law) भी कहा जाता है। हार्ट इसे ‘‘समादेश, अनुशास्ति एवं सम्प्रभु की त्रिवेणी’’ मानते हैं। इस विचारधारा में मनुष्य द्वारा विधि के निर्माणात्मक तत्वों पर विशेष बल दिया जाता है।
विश्लेषणात्मक प्रमाणवादी विचारधारा की उत्पत्ति के कारण
अठारहवीं शताब्दी के अन्त तथा उन्नीसवीं शताब्दी के प्रारंभ होते-होते इस विचारधारा का जन्म निम्नलिखित कारणों से हुआ।
1. अठारहवीं शताब्दी प्राकृतिक विधि विचारकों की थी जिसमें विधिक दर्शन पर नीति, विवेक तथा न्याय के सिद्धान्त हावी थे। यह ‘विधि जैसी होनी चाहिए’ का युग था। परन्तु यह बहुत समय तक संगत नहीं रहा। बेंथम ने स्वयं को इस प्रकार की विचारधारा से अलग कर लिया तथा व्याख्यात्मक विधिशास्त्र (Expository Jurisprudence) अर्थात ‘विधि जो है’ पर बल दिया। तात्पर्य है कि विश्लेषणात्मक विचारधारा का जन्म प्राकृतिक विधि विचारधारा के विरोध स्वरूप हुआ।
2. उन्नीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में भौतिक विज्ञान में हुई प्रगति का प्रभाव निश्चित रूप से विधिक विज्ञान के सिद्धान्तों पर भी पड़ा। विधि के अध्ययन के लिए साक्ष्य, तर्क, परीक्षण तथा दिए गये तथ्यों के विश्लेषण के तरीकों को अपनाया गया। विधि के अध्ययन के लिए वैज्ञानिक, क्रमबद्ध अनुभवजन्य या अनुभव सापेक्ष पद्धति अपनायी गयी।
3. ऐसा प्रतीत होता है कि विश्लेषणवादी विचारधारा के द्वारा इंग्लैण्ड में सामंतों तथा पोप आदि पर सम्प्रभु शासक की श्रेष्ठता सिद्ध की गई। इस विचारधारा के साथ ही विधि के क्षेत्र में आध्यात्मिक दखलंदाजी कम हो गई।
विधिक प्रमाणवाद का विभिन्न अर्थों में प्रयोग
विधिक प्रमाणवाद को राज्य सम्प्रभु के रूप में तथा विधि को सम्प्रभु के समादेश के रूप में और विधि के अनुपालन में अनुशास्ति के तत्व की व्याख्या के कारण विधि का आज्ञात्मक (Imperative) सिद्धान्त भी कहा गया है। विधिक प्रमाणवाद का प्रयोग विभिन्न अर्थों में किया गया है। आधुनिक विश्लेषणात्मक प्रमाणवादी विचारक प्रो॰ एच॰एल॰ए॰ हार्ट ने स्वयं इसका प्रयोग पाँच अर्थों में स्वीकार किया है।
1. विधियाँ मानवप्राणियों का समादेश हैं।
2. विधि और नैतिकता या ‘‘विधि जो है’’ और ‘‘विधि जो होनी चाहिए’’ में कोई आवश्यक सम्बन्ध नहीं है।
3. विधिक संकल्पनाओं का विश्लेषण या उनके अर्थों का अध्ययन एक महत्वपूर्ण अध्ययन होने के कारण इसे ऐतिहासिक और सामाजिक खोजबीन और नैतिक सामाजिक उद्देश्यों, कार्यो आदि के संदर्भ में विधि के आलोचनात्मक मूल्यांकन से अलग किया जाना चाहिए।
4. विधिक व्याख्या एक बन्द तार्किक व्यवस्था (Closed logical system) है जिसमें पूर्वनिर्धारित विधिक नियमों के केवल तार्किक माध्यम से ही सही निर्णय लिये जा सकते हैं।
5. नैतिक निर्णय तथ्यों के कथन की तरह युक्तिपरक, दलील, साक्ष्य और सबूत के द्वारा साबित नहीं किये जा सकते हैं।
हार्ट ने इन पाँच अर्थों में किए गये प्रयोग की वास्तविक पृष्ठभूमि में व्याख्या करते हुए यह स्पष्ट किया है कि बेन्थम और ऑस्टिन (1) से लेकर (3) तक दिए गये सिद्धान्तों को मानते हैं परन्तु (4) और (5) वाले सिद्धान्तों को नहीं। इसी तरह केल्सन ने (2), (3) और (5) में व्यक्त सिद्धान्तों को माना है परन्तु (1) और (4) में दिये गये सिद्धान्तों को नहीं। हार्ट के अनुसार (4) में वर्णित सिद्धान्त को बेन्थम, ऑस्टिन और केल्सन में से किसी ने नहीं माना है। फिर भी यह सिद्धान्त प्रत्यक्षतः बिना पर्याप्त कारणों के विश्लेषणात्मक विधिशास्त्रियों के साथ अक्सर जोड़ दिया जाता है।
सन्दर्भ
इन्हें भी देखें
विधिशास्त्र
विश्लेषणात्मक विधिशास्त्र
विधि |
लोकसभा में उठी मथुरा के बंदरों के आतंक की बात
सांसद हेमा मालिनी ने उठाया मथुरा के बंदरों का मुद्दा
चिराग पासवान ने किया हेमा मालिनी की बात का समर्थन
यूपी के मथुरा से बीजेपी सांसद हेमा मालिनी ने मथुरा में बदरों की समस्या उठाई. इसके साथ ही उन्होंने केन्द्र सरकार से इस मुद्दे को गंभीरता से लेने का आग्रह किया और वन विभाग से वहां एक जंगल सफारी बनाने की गुजारिश की.
अपनी बात सदन के सामने रखते हुए हेमा मालिनी ने कहा कि मेरे इलाके में लोग बंदरों के आतंक से त्रस्त हैं.
पहले वहां जंगल हुआ करते थे अब पेड़ भी गिने-चुने हैं. इस वजह से भूखे बंदर लोगों के घरों में खाने की तलाश में घुस रहे हैं.
जानवरों को भी जमीन पर रहने का अधिकार: हेमा मालिनी
हेमा मालिनी ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि डॉक्टरों ने बंदरों की जनसंख्या नियंत्रित करने की कोशिश भी की लेकिन उससे वे और हिंसक हो गए. जैसे हमें इस धरती रहने का अधिकार है वैसे ही जानवरों को भी रहने का अधिकार है.
मैं विनती करती हूं कि वन विभाग वहां बंदर सफारी बनाकर बंदरों की सुरक्षा सुनिश्चित करे.
इससे यह समस्या कम हो सकती है. केन्द्र सरकार से गुजारिश है कि इसे गंभीरता से लें, इसे मजाक न समझें.
चिराग पासवान बोले- हमने उनके घर तोड़े
बिहार के जमुई से लोजसपा सांसद चिराग पासवान ने कहा कि जिस तरह से डिफॉरस्टेशन हो रहा है समस्या बढ़ रही है. बच्चे पार्कों में नहीं जा पाते. बंदर काटते हैं. चिराग पासवान ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि लुटियंस जोन में बोर्ड में लगे हुए हैं कि बंदरों से सावधान रहें. यह मथुरा ही नहीं दिल्ली की भी समस्या है. हमने उनके घर तोड़े इसलिए वे हमारे घरों में घुस रहे हैं. मैं मैडम का शुक्रिया कहूंगा कि उन्होंने यह मुद्दा उठाया.
टीएमसी सांसद बोले- वहां नोटिस लगा है अपना चश्मा और प्रसाद छुपा कर रखें
पश्चिम बंगाल के कोलकाता उत्तर सीट से टीएमसी सांसद सुदीप बंधोपाध्याय ने कहा कि मैं मथुरा घूमने गया तो देखा कि बंदर उतरा और फ्रूटी लेकर भाग गया.
बंदर वहां फ्रूटी पी रहा है.
वहां नोटिस लगा है कि अपना चश्मा और प्रसाद छुपा कर रखें. हेमा मालिनी जी वहां की सांसद हैं वे ज्यादा बेहतर जानती हैं. केन्द्र को इस ओर ध्यान देना चाहिए. |
यह नवरात्रि चैत्र शुक्ल पक्ष की वासंतिक नवरात्रि है. इसे शक्ति पैदा करने की नवरात्रि भी कहा जाता है. इस बार यह नवरात्रि 18 मार्च से शुरू होगी और इसका समापन रामनवमी के साथ 25 मार्च को होगा. इस बार की नवरात्रि आठ दिन की होगी.
कलश की स्थापना कैसे करें?
- कलश स्थापना के लिए सबसे पहले पूजा स्थल को शुद्ध कर लेना चाहिए.
- एक लकड़ी का पटरा रखकर उसपर लाल रंग का कपड़ा बिछाना चाहिए.
- इस कपड़े पर थोड़े-थोड़े चावल रखने चाहिए.
- चावल रखते हुए सबसे पहले गणेश जी का स्मरण करना चाहिए.
- एक मिट्टी के पात्र में जौ बोना चाहिए.
- इस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करना चाहिए.
- कलश पर रोली से स्वस्तिक या ऊँ बनाना चाहिए.
- कलश के मुख पर रक्षा सूत्र बांधना चाहिए.
- कलश में सुपारी, सिक्का डालकर आम या अशोक के पत्ते रखने चाहिए.
- कलश के मुख को ढक्कन से ढंक देना चाहिए.
- ढक्कन पर चावल भर देना चाहिए.
- एक नारियल ले उस पर चुनरी लपेटकर रक्षा सूत्र से बांध देना चाहिए.
- इस नारियल को कलश के ढक्कन पर रखते हुए सभी देवताओं का आह्वान करना चाहिए.
- अंत में दीप जलाकर कलश की पूजा करनी चाहिए.
- कलश पर फूल और मिठाइयां चढ़ाना चाहिए.
- नवरात्र में देवी पूजा के लिए जो कलश स्थापित किया जाता है वह सोना, चांदी, तांबा, पीतल या मिट्टी का ही होना चाहिए.
क्या उंगलियां चटकाना सेहत के लिए खतरनाक है?
कलश स्थापना का मुहूर्त क्या होगा?
- कलश की स्थापना चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को की जाती है.
- इस बार प्रतिपदा सायं 06.32 तक रहेगी.
- अतः सायं 06.32 के पूर्व ही कलश की स्थापना कर लें.
- इसमें भी सबसे ज्यादा शुभ समय होगा - प्रातः 09.00 से 10.30 तक.
नवरात्रि में व्रत का विधान क्या होगा?
- नवरात्रि में नौ दिन भी व्रत रख सकते हैं और दो दिन भी.
- जो लोग नौ दिन व्रत रक्खेंगे वो लोग दशमी को पारायण करेंगे.
- जो लोग प्रतिपदा और अष्टमी को व्रत रक्खेंगे वो लोग भी इस बार दशमी को पारायण करेंगे.
- व्रत के दौरान जल और फल का सेवन करें.
- ज्यादा तला भुना और गरिष्ठ आहार ग्रहण न करें.
खडे़ होकर कभी ना पिएं पानी, शरीर को होते हैं ये नुकसान
नवरात्रि के प्रथम दिन देवी के किस स्वरुप की उपासना होती है?
- नवरात्रि के प्रथम दिन मां के शैलपुत्री स्वरुप की उपासना होती है.
- हिमालय की पुत्री होने के कारण इनको शैलपुत्री कहा जाता है.
-पूर्व जन्म में इनका नाम सती था ,और ये भगवान शिव की पत्नी थी.
-सती के पिता दक्ष प्रजापति ने भगवान शिव का अपमान कर दिया था.
-इसी कारण सती ने अपने आपको यज्ञ अग्नि में भस्म कर लिया.
-अगले जन्म में यही सती शैलपुत्री बनी और भगवान शिव से ही विवाह किया.
- माता शैलपुत्री की पूजा से सूर्य सम्बन्धी समस्याएं दूर होती हैं.
- मां शैलपुत्री को गाय के शुद्ध घी का भोग लगाना चाहिए.
- इससे अच्छा स्वास्थ्य और मान सम्मान मिलता है. |
यह एक लेख है: पुलिस ने यहां एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जिसकी कार में हथियारों का जखीरा और बम बनाने वाली सामग्री रखी थी। इस व्यक्ति ने पुलिस को बताया था कि वह लॉस एंजिलिस गे प्राइड परेड को नुकसान पहुंचाना चाहता था। पुलिस ने बताया कि इंडियाना निवासी 20 वर्षीय जेम्स होवेल को कल सैन्टा मोनिका के समीप गिरफ्तार किया गया। पुलिस को उसकी कार में कई हथियार, गोलाबारूद और बम बनाने की सामग्री रखी मिली थी।
इस गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले ही फ्लोरिडा में एक गे नाइट क्लब में हुए नरसंहार में 50 लोगों की जान चली गई। सैन्टा मोनिका की पुलिस प्रमुख जैकलीन सीब्रुक्स ने ट्विटर पर लिखा कि होवेल ने अधिकारियों को हॉलीवुड में कल संपन्न लॉस एंजिलिस गे प्राइड परेड का संदर्भ देते हुए बताया कि वह इस आयोजन को नुकसान पहुंचाना चाहता था।टिप्पणियां
लॉस एंजिलिस के मेयर एरिक गारसेट्टी ने स्थानीय रेडियो को बताया कि संदिग्ध की कार 'हथियारों, रायफलों, गोलाबारूद और विस्फोटक सामग्री से भरी थी। इसमें विस्फोटक नहीं था बल्कि विस्फोट के लिए पाउडर था।' सीब्रुक्स ने बताया कि होवेल और फ्लोरिडा के ओरलैंडो में हुए नरसंहार में कोई संबंध का पता नहीं चल पाया है। ओरलैंडो की घटना अमेरिकी इतिहास में सर्वाधिक भयावह घटनाओं में से एक है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
इस गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले ही फ्लोरिडा में एक गे नाइट क्लब में हुए नरसंहार में 50 लोगों की जान चली गई। सैन्टा मोनिका की पुलिस प्रमुख जैकलीन सीब्रुक्स ने ट्विटर पर लिखा कि होवेल ने अधिकारियों को हॉलीवुड में कल संपन्न लॉस एंजिलिस गे प्राइड परेड का संदर्भ देते हुए बताया कि वह इस आयोजन को नुकसान पहुंचाना चाहता था।टिप्पणियां
लॉस एंजिलिस के मेयर एरिक गारसेट्टी ने स्थानीय रेडियो को बताया कि संदिग्ध की कार 'हथियारों, रायफलों, गोलाबारूद और विस्फोटक सामग्री से भरी थी। इसमें विस्फोटक नहीं था बल्कि विस्फोट के लिए पाउडर था।' सीब्रुक्स ने बताया कि होवेल और फ्लोरिडा के ओरलैंडो में हुए नरसंहार में कोई संबंध का पता नहीं चल पाया है। ओरलैंडो की घटना अमेरिकी इतिहास में सर्वाधिक भयावह घटनाओं में से एक है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
लॉस एंजिलिस के मेयर एरिक गारसेट्टी ने स्थानीय रेडियो को बताया कि संदिग्ध की कार 'हथियारों, रायफलों, गोलाबारूद और विस्फोटक सामग्री से भरी थी। इसमें विस्फोटक नहीं था बल्कि विस्फोट के लिए पाउडर था।' सीब्रुक्स ने बताया कि होवेल और फ्लोरिडा के ओरलैंडो में हुए नरसंहार में कोई संबंध का पता नहीं चल पाया है। ओरलैंडो की घटना अमेरिकी इतिहास में सर्वाधिक भयावह घटनाओं में से एक है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) |
अजय देवगन
की आने वाली फिल्म
'दृश्यम'
में 10 अलग अलग नेशनल अवार्ड विनर एक साथ नजर आएंगे.
इस थ्रिलर फिल्म में अजय देवगन,
तब्बू
, श्रिया शरण और रजत कपूर अहम किरदार में नजर आएंगे. इसके अलावा इस फिल्म में करीब 10 नेशनल अवॉर्ड विनर कलाकार फिल्म का हिस्सा बनने जा रहे हैं. इस फिल्म में अपना टैलेंट दिखाने वाले इन नेशनल अवॉर्ड विनर्स में शामिल हैं:
1.
अजय देवगन: फिल्म 'जख्म' और 'द लीजेंड ऑफ भगत सिंह'
2.
तब्बू: फिल्म 'माचिस' और 'चांदनी बार'
3.
डायरेक्टर निशिकांत कामत: मराठी फिल्म 'डोंबिवली फास्ट'
4.
सिनेमेटोग्राफर अविनाश अरुण: मराठी फिल्म 'किला'
5.
एडिटर आरिफ शेख: फिल्म 'समय'
6.
म्यूजिक डायरेक्टर
विशाल भरद्वाज
: 'ओमकारा', 'इश्किया', 'हैदर', 'द ब्लू अम्ब्रेला', 'गॉडमदर'
7.
गीतकार गुलजार: फिल्म 'कोशिश' और 'माचिस'
8.
वायकॉम मोशन पिक्चर्स: 'भाग मिल्खा भाग', 'मैरी कॉम'
9.
प्रोड्यूसर कुमार मंगत पाठक: फिल्म 'बूंद'
10.
डायरेक्टर अभिषेक पाठक: फिल्म 'बूँद'
उम्मीद है कि फिल्म 'दृश्यम' में यह सभी कलाकार दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब साबित होंगे. |
हत्ती या ख़त्ती एक प्राचीन आनातोली लोक-समुदाय था जिन्होने १८वीं सदी ईसापूर्व में उत्तर-मध्य आनातोलिया (आधुनिक तुर्की) के ख़त्तूसा (हत्तूसा) क्षेत्र में एक साम्राजय स्थापित किया। यह साम्राजय १४वीं शताब्दी ईपू के मध्य में सुप्पीलुलिउमा प्रथम के राजकाल में अपने चरम पर पहुँचा जिस समय मध्य पूर्व का एक बड़ा भूभाग इसमें सम्मिलित था। लगभग ११८० ईपू के बाद इस साम्राज्य का पतन हो गया और यह कई नव-हत्ती राज्यों में बिखर गया। इनमें से कुछ राज्य ८वीं सदी ईपू तक अस्तित्व में थे। हत्तियों की भाषा हिन्द-यूरोपी भाषा-परिवार की आनातोलियाई शाखा की सदस्य थी। वे अपनी मातृभाषा को नेसिली (यानि 'नेसा की भाषा') बुलाते थे और अपनी मातृभूमि को 'हत्ती' या 'ख़त्ती'।
इतिहास
प्राचीन तुर्की के मूल लोग हट्टिक थे। 2000 ईसापूर्व के करीब रूस से यहाँ हित्ती आकर बसे।
इन्हें भी देखें
प्राचीन आनातोली लोग
हत्ती भाषा
सन्दर्भ
हत्ती
प्राचीन आनातोली लोग
विलुप्त मानव जातियाँ
तुर्की का इतिहास |
शहरों में जो व्यक्ति हर महीने 965 रुपये और गांवों में 781 रुपये खर्च करता है वो गरीब नहीं माना जाएगा। ये बात योजना आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करके कही है। आयोग ने राष्ट्रीय सैंपल सर्वे संगठन के आंकड़े के आधार पर गरीबी रेखा की परिभाषा में सुधार करते हुए कहा है कि शहरों में रोजाना 32 रुपये और गावों में रोजाना 26 रुपये खर्च करने वाला व्यक्ति गरीब नहीं माना जाएगा। ऐसे में वो गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों के तैयार केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं का फायदा नहीं ले सकेगा। पहले ये आंकड़ा शहरों के लिए 20 रुपये और गांवों के लिए 15 रुपये था। योजना आयोग के मुताबिक दिल्ली मुंबई और बैंगलोर जैसे शहरों में चार सदस्यों वाले किसी परिवार का मासिक खर्च अगर 3860 रुपये है तो वो उसे भी गरीब नहीं माना जाएगा। गरीबी रेखा की इस नई परिभाषा को लेकर विरोध भी शुरू हो गया है। कई सामाजिक संगठनों का कहना है कि ये देश में गरीबों की संख्या कम दिखाने की एक साजिश है। |
भारत-पाकिस्तान सिंधू जल संधि मामले से जुड़ी याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि संधि 1960 की है और आधी सदी से ये सही चल रही है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट दखल नहीं देगा. दरअसल याचिकाकर्ता ML शर्मा ने मांग की थी कि यह संधि अंसवैधानिक है और इसे रद्द किया जाए. यह संधि नहीं बल्कि दो देशों के नेताओं के बीच निजी समझौता था. याचिका में कहा गया था कि इसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने हस्ताक्षर किए थे जबकि संवैधानिक होने के लिए इस पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने चाहिए.टिप्पणियां
बताते चलें कि करीब एक दशक तक विश्व बैंक की मध्यस्थता में बातचीत के बाद 19 सितंबर 1960 को सिंधु जल समझौता हुआ था. इस संधि पर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू - पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल अयूब खान ने हस्ताक्षर किए थे. इसके तहत सिंधु घाटी की 6 नदियों का जल बंटवारा हुआ था. सिंधु बेसिन की नदियों को दो हिस्सों में बांटा गया था, पूर्वी और पश्चिमी. भारत इन नदियों के उद्गम के ज्यादा क़रीब है और यह नदियां भारत से पाकिस्तान की ओर जाती हैं.
पूर्वी पाकिस्तान की 3 नदियों का नियंत्रण भारत के पास है. इनमें व्यास, रावी और सतलज आती हैं, वहीं पश्चिम पाकिस्तान की 3 नदियों का नियंत्रण पाकिस्तान के पास है. इनमें सिंधु, चिनाब और झेलम आती हैं. पश्चिमी नदियों पर भारत का सीमित अधिकार है. भारत अपनी 6 नदियों का 80% पानी पाकिस्तान को देता है और भारत के हिस्से क़रीब 20% पानी आता है.
बताते चलें कि करीब एक दशक तक विश्व बैंक की मध्यस्थता में बातचीत के बाद 19 सितंबर 1960 को सिंधु जल समझौता हुआ था. इस संधि पर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू - पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल अयूब खान ने हस्ताक्षर किए थे. इसके तहत सिंधु घाटी की 6 नदियों का जल बंटवारा हुआ था. सिंधु बेसिन की नदियों को दो हिस्सों में बांटा गया था, पूर्वी और पश्चिमी. भारत इन नदियों के उद्गम के ज्यादा क़रीब है और यह नदियां भारत से पाकिस्तान की ओर जाती हैं.
पूर्वी पाकिस्तान की 3 नदियों का नियंत्रण भारत के पास है. इनमें व्यास, रावी और सतलज आती हैं, वहीं पश्चिम पाकिस्तान की 3 नदियों का नियंत्रण पाकिस्तान के पास है. इनमें सिंधु, चिनाब और झेलम आती हैं. पश्चिमी नदियों पर भारत का सीमित अधिकार है. भारत अपनी 6 नदियों का 80% पानी पाकिस्तान को देता है और भारत के हिस्से क़रीब 20% पानी आता है.
पूर्वी पाकिस्तान की 3 नदियों का नियंत्रण भारत के पास है. इनमें व्यास, रावी और सतलज आती हैं, वहीं पश्चिम पाकिस्तान की 3 नदियों का नियंत्रण पाकिस्तान के पास है. इनमें सिंधु, चिनाब और झेलम आती हैं. पश्चिमी नदियों पर भारत का सीमित अधिकार है. भारत अपनी 6 नदियों का 80% पानी पाकिस्तान को देता है और भारत के हिस्से क़रीब 20% पानी आता है. |
गुड़गांव के उप महापौर परमिंदर कटारिया पर एक तलाकशुदा महिला को शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म करने का मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने रविवार को बताया कि 40 वर्षीय महिला ने सेक्टर 51 के पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की है कि कथित तौर पर कटारिया (42) ने पिछले छह महीनों में उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया.
पीड़िता सेक्टर 10 की रहने वाली है उनका कहना है कि कटारिया के दो साथियों ने उन्हें अपराध का खुलासा करने पर जान से मारने की धमकी दी है. महिला कटारिया के कार्यालय में प्रभारी के रूप में काम करती थी.
सहायक पुलिस आयुक्त हवा सिंह ने बताया कि कटारिया पर शनिवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (दुष्कर्म), 506 (आपराधिक धमकी) और 34 (आम इरादे) के तहत मामला दर्ज किया गया था. कोशिशों के बाद भी कटारिया से संपर्क नहीं हो पाया.
इनपुट...IANS. |
किताब:
चूड़ी बाज़ार में लड़की
लेखक:
कृष्ण कुमार
प्रकाशक:
राजकमल प्रकाशन
कीमत:
300 रुपये (हार्डबाउंड)
स्त्री को लेकर प्रचलित मान्यताओं का घेरा 18 वर्ष की आयु की लड़की को जिस पूर्णता से कसता है, वह किसी अन्य आयु पर लागू नहीं होता. इस उम्र में परिवार, समाज, धर्म, नैतिकता यह सबकुछ एक साथ हावी होने लगते हैं. ऐसा लगने लगता है जैसे वह लड़की 18 की होकर गुनाह कर बैठी. एक अलग तरह के भय को साथ लेकर जीना उसकी आदत में शुमार हो जाता है. उसे तमाम हिदायतें दी जाने लगती हैं... ऐसे मत चलो, ऐसे मत रुको, ऐसे मत बोलो, ऐसे मत देखो... और फिर वह एक भय के साथ जीने लगती है. सच कहें तो वह भय नहीं आतंक होता है. भय तो उसे कहते हैं जो कभी-कभार लगे, जैसे अंधेरे से लगे तो उजाले में आकर दूर हो जाए, पिता से लगे तो उसके ऑफिस जाने पर हट जाए. परिवार, समाज, धर्म, नैतिकता का डर तो समूची चेतना में पसर जाता है, लड़कियां उसके साथ जीना सीखती हैं और इस तरह जीना उनके लड़की होने की परिभाषा बन जाता है.
भारत के संदर्भ में देखें तो नारी एक जटिल सामाजिक रचना है. मानव के रूप में वह पैदा भर होती है, पर जन्म के साथ ही उसकी पुनर्रचना का उपक्रम संस्कृति के कठोर औजारों के बल से आरंभ हो जाता है. संस्कृति के इसी कठोर औजारों पर जब एक सधे हुए शिक्षाविद् की नज़र पड़ती है तो उसके लिए समाज के इस सांस्कृतिक चेहरे की क्रूरता को देखना काफी कष्टदाई हो जाता है. वह बेचैन हो उठता है और फिर शुरू होती है उसकी अपनी यात्रा. उसे याद आ रही होती है बचपन की वह घटना जहां वो लड़कियों को अपनी मां एवं अन्य औरतों के साथ चूड़ी की दुकान में जाते देखा करता था. जहां कोई लड़की चूड़ी पहनने के लिए दुकानदार के सामने अपना हाथ बढ़ाती थी. अब उसे वह एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक घटना जान पड़ती है. अब उसे समझ में आता है कि चूड़ी पहनाए जाने की इच्छा का जन्म और चूड़ी को अपनी सुंदरता का साधन मान लेने का भाव छोटी लड़की को पुरुष-प्रधान सभ्यता में ढालने के सहज चरण हैं.
'चूड़ी बाज़ार में लड़की' पांच अध्याय में सिमटी भारतीय स्त्री की सामाजिक, सांस्कृतिक और नैतिक व्यवस्था पर गहन पड़ताल करती एक क्ला़सिक कृति है. इस पुस्तक में घर और परिवार में लड़कियों के प्रति होने वाले व्यवहार और इससे उसके जीवन में क्या बदलाव होता है, इसका काफी सूक्ष्म विश्लेषण किया गया है. तमाम तरह के साहित्यिक और सांस्कृातिक मिथकों पर गहन चिंतन के साथ ही एक बच्ची के बचपन से लेकर जवानी और फिर उसके कई रूपों में स्थापित होने तक अर्थात बच्ची से युवती और फिर औरत बनने की पूरी प्रकिया कैसे पुरुषवादी सोच के इर्द-गिर्द सामाजिक और सांस्कृतिक क्रिया-कलापों द्वारा संचालित हो रही है, लेखक कृष्ण कुमार ने इसका विश्लेलषण इस पुस्तक में काफी गहराई से किया है.
किसी पुरुष द्वारा सफल महिला को सशंकित होकर देखना उस पुरुष के सामाजिक और सांस्कृतिक संकट को दर्शता है. पहले मेरी समझ कुछ ऐसी ही थी लेकिन इस पुस्तक का अध्ययन करने के बाद यह समझ बनी कि वह पुरुष ही नहीं समाज में प्रचलित मान्यताओं, सांस्कृतिक मिथकों और नैतिकता के नाम पर एक घेरे में महिलाओं को बांधने का चलन एक प्रक्रिया है जिसका संचालन बड़े सुनियोजित ढंग से परिवार, समाज, शिक्षा और धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजनों के जरिए किया जा रहा है. वह पुरुष तो सिर्फ उसका एक अंग मात्र है. जरूरत है जहां भी और जिस स्वरूप में ऐसे मिथक सामने आएं उस पर खुलकर चर्चा हो. लड़के और लड़कियों के सामने चर्चा हो. इस पुस्तक के माध्यम से शिक्षाविद् कृष्ण कुमार ने एक बच्ची से औरत बनने की उन सारी सामाजिक और सांस्कृतिक प्रक्रियाओं को काफी संवेदनशीलता के साथ बयान किया है.
और एक बात यह भी कि मिथक का महत्व शाश्वत है, मगर व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में उसकी भूमिका इतिहास के पैमाने पर रखी जाकर बदली जानी चाहिए. भारत की स्त्रियों के जीवन में ऐसा क्यों नहीं हुआ, यह एक बड़ा प्रश्न है जिसके उत्तर की टोह में जाने पर हमें पितृसत्ता, संस्कृति और राज्य (शिक्षा को लेकर) के बीच गठबंधन का मजबूत ढांचा नज़र आएगा.
आधुनिक युग में जब लोकतांत्रिक राज्य ने व्यक्ति की गरिमा और व्यक्तियों के बीच समानता को कानूनी संरक्षण दिया है, भारतीय स्त्री के जीवन से उन मिथकों की छाया हटनी चाहिए जो उसे नारी की असहायता का संदेश देते हैं. ये मिथक कभी धर्म की आड़ में तो कभी परंपरा और प्रचलन की आड़ में लड़कियों के दिमाग पर अपनी पकड़ बनाते हैं और शिक्षा इस पकड़ को ढीला नहीं कर पाती. आज की लड़कियों को यह पुस्तक जरूर पढ़नी चाहिए ताकि उन परिस्थितियों को समझने में उन्हें सहूलियत मिल सके जो अनावश्यक रूप से उनकी प्रगति की राह में बाधा हैं. |
दिल्ली गैंगरेप के बाद देशभर में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बहस जोर पकड़ चुकी है. हर ओर महिलाओं की सुरक्षा को चाक चौबंद करने पर जोर दिया जा रहा है. लेकिन उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड की तस्वीर कुछ और ही बयां करती है. बुंदेलखंड में 53068 महिलाओं पर एक महिला सिपाही है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस क्षेत्र में महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर सरकार कितनी सजग है.
उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार भले ही महिलाओं की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने का दावा कर रही हो, लेकिन सरकार ‘आधी आबादी’ की सुरक्षा के प्रति कितना संजीदा है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बुंदेलखंड की 45,63,831 महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी सिर्फ छह महिला सब इंस्पेक्टर और 86 महिला सिपाहियों को मिली हुई है.
क्षेत्र के महिला थानों में न असलहे हैं और न ही कोई वाहन, फिर भी बताया जा रहा है कि सुरक्षा चाक-चौबंद है. दिल्ली में 16 दिसंबर को एक फीजियोथेरेपी छात्रा के साथ हुई गैंगरेप की घटना के बाद देश में फैले जनाक्रोश के बाद सभी राज्यों की सरकारें महिलाओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की बात कह रही हैं.
उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार भी इस संबंध में अब तक कई दिशा-निर्देश जारी कर चुकी है, लेकिन सरकार की निगाह महिला थानों की ओर नहीं गई है, जहां न पर्याप्त महिला स्टाफ है, न हथियार और न कोई गाड़ियां.
ऐसे में ये महिला थाने आधी आबादी की सुरक्षा करने में कितना कारगर साबित हो रहे होंगे, अंदाजा लगाया जा सकता है. प्रदेश में कोई ऐसा दिन नहीं गुजरता, जब किसी महिला की आबरू पर हमला न होता हो. उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड के सात जिलों बांदा, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर, जालौन, झांसी व ललितपुर में 2011 की जनगणना के मुताबिक कुल जनसंख्या-96,59,718 है, इसमें महिलाओं की संख्या-45,63,831 है.
इन जिलों में महिला थाने संचालित हैं, पर अपवाद स्वरूप झांसी को छोड़ दिया जाए तो अन्य सभी थानों में 46 निहत्थी महिला सिपाही ही तैनात हैं, जिन्हें आधी आबादी की सुरक्षा सौंपी गई है.
बांदा और चित्रकूट जिले में एक भी महिला एसआई नहीं है, यहां के महिला थानों का प्रभार पुरुष एसआई को सौंपा गया है. सिर्फ झांसी के महिला थाना में दो महिला एसआई और 40 महिला कांस्टेबल तैनात हैं, यहां सरकारी हथियार व एक जिप्सी गाड़ी मौजूद है.
बांदा जिले में महिलाओं की संख्या 8,33,418 है. बांदा महिला थाना के थाना प्रभारी शिवमिलन सिंह ने बताया, ‘यहां चार साल से महिला थाना संचालित है, इस थाने में अब तक महिला उत्पीड़न से जुड़े केवल 15 मामले दर्ज किए गए हैं.’
उन्होंने बताया, ‘इस थाने में सात महिला सिपाही हैं, जिनमें से दो शीलू निषाद की सुरक्षा में लगी हैं शेष जेल और अदालत में ड्यूटी दे रही हैं.’ वह बताते हैं कि जिले में एक भी महिला एसआई नहीं है, थाने में एक पुरानी जीप तो है, पर ड्राइवर नहीं है और न कोई हथियार हैं.
चित्रकूट जिले में महिलाओं की संख्या 4,63,525 है, यहां के महिला थाना प्रभारी धर्मपाल सिंह ने बताया कि थाने में केवल तीन महिला सिपाही तैनात हैं, न हथियार हैं और न ही कोई वाहन दिया गया है. थाने में तीन साल से एक भी FIR दर्ज नहीं हुई है, सामान्य थानों से 16 मामले विवेचना के लिए यहां स्थानांतरित किए गए हैं.
महोबा जिले में महिलाओं की आबादी 4,10,118 है. यहां महिला थाना पिछले छह माह से ही वजूद में है. इस थाने की प्रभारी रजनी चौधरी बताती हैं कि कुल छह महिला सिपाही तैनात हैं, असलहा और वाहन नहीं हैं. इस बीच आठ अभियोग दर्ज किए गए हैं और एक मामला स्थानांतरित होकर आया है.
जालौन जिले में महिलाओं की आबादी 7,74,914 है. यहां की महिला थाना प्रभारी दुर्गा धीमान ने कोई भी जानकारी देने से साफ इंकार कर दिया है, अलबत्ता पुलिस अधीक्षक कार्यालय से बताया गया कि थाने में 16 महिला सिपाही तैनात हैं, हथियार एक भी नहीं हैं. वाहन में एक जिप्सी है, लेकिन ड्राइवर की तैनाती नहीं है.
इसी तरह, हमीरपुर जिले में महिलाओं की जनसंख्या 5,63,801 है. यहां का थाना भवन निर्माणाधीन है, फिलहाल थाना अस्थायी तौर पर पुलिस लाइन में संचालित है. थाना प्रभारी अनुपमा श्रीवास्तव ने बताया कि केवल आठ महिला सिपाही तैनात हैं. हथियार नहीं है, कभी-कभार गाड़ी पुलिस लाइन से मिल जाती है.
बुंदेलखंड के सबसे पथरीले जिले ललितपुर में महिलाओं की संख्या 5,78,610 है. यहां का महिला थाना 2010 से संचालित है, पर अब तक एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है. इस थाने की प्रभारी एसआई रचना राजपूत बताती हैं कि थाने में छह महिला सिपाही तैनात हैं, हथियारों की जरूरत नहीं पड़ती, गाड़ी है पर ड्राइवर नहीं है.
बुंदेलखंड में झांसी को 'महानगर' का दर्जा मिला हुआ है, यहां शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं की संख्या 9,39,455 है. यहां महिला थाना 1994 से संचालित है. इस थाने की प्रभारी शीला देवी बताती हैं कि थाने में 40 महिला सिपाही व एक एसआई तैनात हैं, पर्याप्त मात्रा में हथियार हैं और गाड़ी भी है. वह बताती हैं कि अब तक 40 मामले थाने में दर्ज किए जा चुके हैं और 10 अन्य थानों से स्थानांतरित होकर विवेचना के लिए भेजे गए हैं.
इस प्रकार औसतन एक महिला एसआई पर साढ़े सात लाख और एक महिला सिपाही पर 53,068 महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी है.
महिला जन संगठन ‘नागिन गैंग’ की चीफ कमांडर शीलू निषाद का कहना है कि जिले के प्रत्येक थाने में एक महिला सेल की स्थापना के साथ पर्याप्त मात्रा में महिला पुलिस की तैनाती और सरकारी संसाधन उपलब्ध होने चाहिए.
वहीं, गुलाबी गैंग की वाइस कमांडर सुमन सिंह चौहान ने कहा, ‘महिलाएं पुरुष वर्ग द्वारा ही प्रताड़ित की जाती हैं, पर उनकी सुरक्षा के लिए सरकार ने हजारों पुरुष सिपाही तैनात कर रखे हैं. महिलाओं की सुरक्षा के लिए ‘दाल में नमक’ के बराबर भी महिला सिपाही नहीं हैं, जो बेहद चिंता का विषय है.’ |
12वीं की
छात्रा प्रिया रॉय की गुमशुदगी
मामले ने बिहार के प्राइवेट और पब्लिक स्कूलों में पास-फेल कराने में करोड़ों रुपये के गोरखधंधे का खुलासा कर दिया है. पटना का मशहूर डीएवी स्कूल सबसे बड़ी फजीहत झेल रहा है क्योंकि यहां बच्चों को फेल कराने और फिर पास कराने के नाम पर लाखों की रकम ऐंठने का आरोप लगा है.
यह मामला प्रिया रॉय के स्कूल से गायब होने के बाद सामने आया. जब प्रिया को फेल करने के बाद स्कूल ने उससे 12वीं की परीक्षा दिलवाने के लिए एक लाख रुपये मांगे. प्रिया स्कूल की 1 साल की फीस 63 हजार रुपये लेकर गई तो उसे स्कूल प्रबंधन ने परीक्षा का एडमिट कार्ड देने से मना कर दिया और प्रिया स्कूल से ही गायब हो गई. करीब 20 दिन बाद जब प्रिया स्टेशन पर भटकती मिली तो ये राज सामने आया.
दरअसल प्रिया को 11वीं में फेल कर दिया गया और स्कूल से निकाल भी दिया गया. लेकिन पूरे साल स्कूल की सांठ-गांठ से वो क्लास करती रही. स्कूल ने गुपचुप तौर पर ये भरोसा दिलाया था कि उसे 12वीं की परीक्षा दिला दी जाएगी लेकिन जब 12वीं की परीक्षा का वक्त आया तो उससे 1 लाख रुपये से ज्यादा रकम मांगी गई.
जब मामले का खुलासा हुआ तो पता चला स्कूल के तीन शिक्षक और प्रिंसिपल बच्चों को पहले फेल कराते हैं और फिर लाखों की रकम ऐंठने के बाद उन्हें 12वीं की परीक्षा दिलाते हैं. पुलिस ने ऐसे 80 मामले पकड़े हैं जिसमें स्कूल ने गड़बड़ी करके बच्चों के फेल-पास कराने का ये गोरखधंधा किया है.
एक तरफ पुलिस इस बात की तहकीकात में जुटी है कि इन 20 दिनों में प्रिया कहां थी क्योंकि परिवार ने प्रिया के अपहरण की आशंका जताई थी. वहीं दूसरी तरफ मामले में स्कूल प्रबंधन बुरी तरह घिर गया है. हालांकि तीन शिक्षकों को जेल भेजा जा चुका है जबकि प्रिंसिपल गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार है.
ये तो साफ है कि स्कूल में पास-फेल का गोरखधंधा चल रहा था लेकिन अब जांच का दायरा बड़ा करने की मांग उठने लगी है क्योंकि बच्चों को फेल कराकर पास कराने का गोरखधंधा सिर्फ एक स्कूल में ही नहीं चल रहा बल्कि पटना के कई स्कूलों में ये धंधा पहले से चलता रहा है. |
IPL 2019: विराट कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी वाली आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) इस सीजन में लगातार 6 मैच हार चुकी है. इस सीजन में विराट कोहली की टीम आरसीबी (RCB) जीत का खाता खोलने के लिए भी तरस रही है. लगातार मिल रही हार की वजह से विराट कोहली (Virat Kohli) इन दिनों आलोचकों के निशाने पर हैं. इस कड़ी में बॉलीवुड गलियारा भी पीछे नहीं है. बॉलीवुड एक्टर और प्रोड्यूसर कमाल खान (Kamaal R Khan) यानी केआरके (KRK) ने भी विराट कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी पर सवाल उठाते हुए उनपर निशाना साधा है. कमाल खान (Kamaal R Khan) यानी केआरके (KRK) ने ट्वीट के जरिए उनपर निशाना साधा है.
Virat Kohli should resign from captaincy of #RCB and Indian team for #ICCWorldCup today only. More humiliation is not good for him. #RCBvDC
कमाल खान (Kamaal R Khan) यानी केआरके (KRK) ने ट्वीट किया: विराट कोहली (Virat Kohli) को आज ही रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) और इंडियन क्रिकेट टीम (Indian Team) की कप्तानी से इस्तीफा दे देना चाहिए. इससे ज्यादा अपमान उनके लिए अच्छा नहीं है." कमाल खान ने इस तरह विराट कोहली पर निशाना साधा है. अब उनका यह ट्वीट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. कमाल खान के ट्वीट पर लोगों के रिएक्शन भी आने शुरू हो गए हैं.
Virat Kohli is such a great captain that his India team will play in the #ICCWorldCup as brilliantly as his #RCB team is playing for last 10 years!
कमाल खान (Kamaal R Khan) यानी केआरके (KRK) का यह ट्वीट विराट कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी में आरसीबी (RCB) के लगातार 6 मैच हारने के बाद आया है. बता दें कि विराट कोहली की टीम आरसीबी अपना छठा मैच रविवार को दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ खेली थी. इस मुकाबले में भी उनकी टीम को करारी हार झेलनी पड़ी थी. इससे पहले पांचवें मैच में केकेआर (KKR) के खिलाफ उनकी टीम जीत की ओर बढ़ती दिखाई दे रही थी, लेकिन आंद्रे रसेल की धुआंधार पारी ने उनकी टीम से मैच छीन लिया था. |
भारतीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाज अजिक्य रहाणे सैयद मुश्ताक अली घरेलू टी-20 टूर्नामेंट में मुंबई की कप्तानी करेंगे. यह टूर्नामेंट 21 से 28 फरवरी तक इंदौर में खेला जाएगा. टीम में युवा सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ को शामिल किया गया है, जो ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चोटिल होने के बाद पहली बार प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेलेंगे.
पूर्व तेज गेंदबाज अजीत अगरकर की नेतृत्व वाली मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) की चयन समिति ने इस टूर्नामेंट के लिए 15 सदस्यीय टीम का चयन किया. श्रेयस अय्यर, सिद्धेश लाड, सूर्य कुमार यादव और अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज आदित्य तारे को भी टीम में जगह मिली है. गेंदबाजी आक्रमण की अगुवाई अनुभवी धवल कुलकर्णी करेंगे. मुंबई ने इससे पहले मौजूदा सत्र में रणजी ट्राफी और विजय हजारे ट्रॉफी में खराब प्रदर्शन किया था.
टीम-
अजिंक्य रहाणे (कप्तान), पृथ्वी शॉ, श्रेयस अय्यर, शार्दुल ठाकुर, धवल कुलकर्णी, सिद्धेश लाड, आदित्य तारे, सूर्य कुमार यादव, आकाश पारकर, एकनाथ केकर, धुरमिल मटकर, शम्स मुलानी, शुभम रंजन, तुषार देशपांडे और रोयस्टन डियाज.
ऐसे चोटिल हुए थे पृथ्वी शॉ
ऑस्ट्रेलिया में अभ्यास मैच (नवंबर 2018) के दौरान सीमा रेखा के पास क्षेत्ररक्षण करते हुए पृथ्वी शॉ का टखना चोटिल होगा था. वह डीप मिडविकेट पर खड़े थे और आर. अश्विन) गेंदबाजी कर रहे थे. तभी एक कैच के लिए उन्होंने हवा में पीछे की ओर उछलते हुए गेंद को पकड़ा और जब जमीन पर गिरे. जिससे उनके शरीर का भार बाएं पैर पर पड़ा. उनका टखना 90 डिग्री तक मुड़ गया और पूरा वजन उसी पर आ गया था.
पृथ्वी शॉ ने अपने टेस्ट करियर की शानदार शुरुआत करते हुए वेस्टइंडीज के खिलाफ दो मैचों की सीरीज की तीन पारियों में 118.50 की औसत से 237 रन बनाए थे. 19 साल का यह यह बल्लेबाज आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स की टीम में है. पिछले साल उन्होंने 27.22 की औसत से 245 रन बनाए थे. |
यह एक लेख है: बॉलीवुड फिल्म 'एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा' (Ek Ladki Ko Dekha Toh Aisa Laga) का नया गाना रिलीज हो चुका है. इस गाने पर अनिल कपूर (Anil Kapoor) और सोनम कपूर (Sonam Kapoor) जमकर ठुमके लगाते हुए दिख रहे हैं. अनिल कपूर (Anil Kapoor) और सोनम कपूर (Sonam Kapoor) के इस वीडियो को लोग खूब पसंद कर रहें हैं. इस गाने का नाम 'गुड़ नाल इश्क मीठा' है और यह वायरल हो रहा है. इस गाने में अनिल कपूर (Anil Kapoor) और सोनम कपूर के बीच जबरदस्त बॉन्डिंग दिख रही है. इस सॉन्ग को साल 2019 का वेडिंग सॉन्ग भी बताया जा रहा है.
सोनम कपूर (Sonam Kapoor) और अनिल कपूर (Anil Kapoor) जमकर भांगड़ा करते हुए नजर आ रहे हैं. फिल्म के टाइटल ट्रैक ने दर्शकों को दर्शकों ने काफी पसंद किया और 'गुड़ नाल इश्क मीठा' भी आपको थिरकने पर मजबूर कर देगी. 'एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा' (Ek Ladki Ko Dekha Toh Aisa Laga) में न केवल पुराने जमाने का रोमांस देखने मिलेगा, बल्कि यह प्रेम कहानी वर्तमान समय से भी मेल खाती हुई नज़र आएगी और साथ ही आपको यह अहसास दिलाएगा कि आपको किसी के 'लव इंट्रेस्ट' के बारे में निर्णय लेने का हक नहीं है.
फिल्म 'एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा' (Ek Ladki Ko Dekha Toh Aisa Laga) में अनिल कपूर (Anil Kapoor),सोनम कपूर (Sonam Kapoor),राजकुमार राव (Rajkumar Rao) और जूही चावला (Juhi Chwala) जैसे दमदार कलाकारों की टोली नजर आएगी. फॉक्स स्टार स्टूडियो द्वारा प्रस्तुत 'एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा' विधु विनोद चोपड़ा और राजकुमार हिरानी द्वारा निर्मित है. शैली चोपड़ा द्वारा निर्देशित यह फिल्म 1 फरवरी 2019 को रिलीज होने के लिए तैयार है. |
गर्मियों के दिन शुरू हो चुके हैं, इसलिए वाहन चलाने वाले भी सावधान हो जाएं, क्योंकि ऐसा देखा गया है कि दिल्ली में तापमान बढ़ने के साथ प्रत्येक वर्ष सड़कों पर अपराध भी बढ़ जाते हैं. आप मानें या न मानें, लेकिन मनोवैज्ञानिकों का तो यही कहना है.
मनोवैज्ञानिक समीर पारेख ने कहा, 'कई अध्ययनों में पाया गया है कि तापमान बढ़ने के साथ मानसिक तनाव बढ़ जाता है. वाहनों की बढ़ती संख्या, प्रदूषण और शोर इसके कारण हैं. स्पष्ट है कि मानसिक तनाव से कुछ लोगों में आक्रामकता बढ़ जाती है जिससे सड़कों पर अपराध भी बढ़ जाता है.'
उन्होंने कहा, 'गर्मी यानी दमघोंटू मौसम किसी को भी असहिष्णु बना सकता है. वाहन चालकों को इस समस्या से सावधान रहने की जरूरत है. इस समस्या से बचने का उपाय करना चाहिए.'
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के अनुसार, 2010 की दूसरी तिमाही में वाहन दुर्घटनाओं की अधिकतम संख्या 122,004 थी. उस वर्ष 26.4 फीसदी यानी कुल 461,757 वाहन दुर्घटनाएं हुई थीं.
वर्ष की दूसरी तिमाही यानी अप्रैल, मई और जून में राजधानी में सबसे अधिक गर्मी रहती है. उस वर्ष इस मौसम में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस रही थी.
पारेख ने कहा कि उस दौरान सड़कों पर गर्मी को मात देने के कई उपाय किए गए थे. उन्होंने कहा, 'गर्मियों में लोगों को कार्य की अधिकता से उत्पन्न तनाव से बचने का प्रयास करना चाहिए. वाहन चालकों को अपना गुस्सा कम करने के लिए अधिक पानी पीना चाहिए तथा कम भीड़ वाले रास्तों से चलना चाहिए और बहुत लम्बी दूरी तक वाहन नहीं चलाना चाहिए.'
पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार में रहने वाले एक इंजीनियर मोहित रंजन ने कहा, 'गर्मियों में यदि कार में एसी न हो तो लोग बेहोश हो सकते हैं. ऐसे में लोगों में चिड़चिड़ापन आ जाना ताज्जुब की बात नहीं है.' |
ईशा गुप्ता एक बार फिर ट्रोल्स गैंग के निशाने पर आ गई हैं. उन्हें आपत्तिजनक कमेंट्स का सामना करना पड़ रहा है. इसकी वजह है उनकी एक हालिया तस्वीर, जिसे उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा किया है. तस्वीर में वे टॉपलेस नजर आई हैं. एक्ट्रेस का ये अंदाज तमाम फॉलोअर्स को पसंद नहीं भाया. फिर क्या था. उनकी तस्वीर पर सवाल खड़े किए गए. एक यूजर ने तो इसकी वजह भे बता दी.
यूजर ने लिखा कि एक्ट्रेस को काम न मिलना बंद हो गया. बताते चलें कि ईशा गुप्ता की तस्वीर एक फोटोशूट का हिस्सा है. इसे फोटोग्राफर राहुल झंगियानी ने शूट किया है. तस्वीर में ईशा जीन्स में नजर आ रही हैं. उन्होंने टैटू भी गुदवाया है. एक यूजर ने तस्वीर आपत्ति जताई और लिखा, "शर्म करो. बच्चे भी हैं इंस्टा पर. हॉलीवुड में नहीं, बॉलीवुड में हो, थोड़ा दिमाग लगाओ."
एक यूजर ने लिखा, "तुम्हारे घर वाले ये सब देखते होंगे तो क्या बोलते होंगे." एक यूजर ने लिखा- "जब आपके पास काम न हो." एक अन्य ने लिखा है- 'इतने बुरे दिन आ गए.'
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Dec 23, 2018 at 11:57pm PST
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Dec 22, 2018 at 11:59pm PST
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दोस्त को ट्रोल करने के लिए ईशा गुप्ता ने उड़ाई थी सगाई की अफवाह!
ईशा इससे पहले भी ट्रोल का सामना कर चुकी हैं. उन्होंने इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में कहा भी था, "जब वे किसी विदेशी को बिकिनी में देखते हैं तो कोई आपत्ति नहीं होती. लेकिन जब वे किसी इंडियन को देखते हैं तो कमेंट पास करते हैं. ये हिंदुस्तान के संस्कार की बात है. क्या आपके संस्कार ऐसे हैं कि आप मुझे प्रोस्टीट्यूट कहें. यहां पर समस्या शिक्षा के स्तर में कमी के कारण है. महिलाएं पुरुषों को नहीं उकसातीं, ये उनकी खराब मानसिकता के कारण होता है."
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वर्क फ्रंट की बात करें तो आखिरी बार ईशा, जेपी दत्ता की फिल्म "पलटन" में नजर आईं थीं. ये फिल्म फ्लॉप रही. अब वे कॉमिक फिल्म "टोटल धमाल" में नजर आने वाली हैं. |
बदलते समाजिक आर्थिक परिवेश के साथ देश को बेहतर बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोग अपना सहयोग देने को प्रयासरत हैं. इसी कड़ी में यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी एक अलग तरह का कोर्स शुरू करने जा रही है. छात्रों में प्रोफेशनल स्किल्स विकसित करने के लिए यूनिवर्सिटी में पब्लिक पॉलिसी में बैचलर ऑफ आर्ट्स प्रोगाम शुरू किया जा रहा है.
जानें कोर्स के बारे में...
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- दरअसल, इस कोर्स के जरिये उन छात्रों को तैयार किया जाएगा, जो प्रशासन एंव नीति निर्माण के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं.
- इस कोर्स को इस तरह तैयार किया गया है कि क्षेत्र में उतरने से पहले छात्रों को उस फील्ड की गहन समझ के साथ पूरी तरह तैयार कर दिया जाएगा.
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-इसके साथ ही University of Petroleum and Energy (UPES) रेगुलर बीए प्रोग्राम कोर्स के साथ सिविल सर्विस एग्जामिनेशन कोचिंग भी कराएगी.
- इसके लिए यूनिवर्सिटी ने एक आईएएस स्टडी सर्किल डॉ. लक्ष्मइयाह से हाथ मिलाया है. यहां छात्रों को सिविल सिर्विस परीक्षाओं की पूरी ट्रेनिंग दी जाएगी.
योग्यता
10वीं और 12वीं में 50 फीसदी पाने वाले छात्र इस कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं.
ये हैं देश के अकेले ऐसे नागरिक, जिनके पास हैं 20 डिग्रियां
एडमिशन के लिए चयन प्रक्रिया
काउंसलिंग और इंटरव्यू के आधार पर होगा एडमिशन
ज्यादा जानकारी के लिए
ज्यादा जानकारी के लिए आप ऑफिशियल वेबसाइट www.upes.ac.in/admission-criteria पर जाएं. |
न्यायपालिका में भ्रष्टाचार पर रिटायर जस्टिस मार्कंडेय काटजू के खुलासे को लेकर आज लगातार दूसरे दिन संसद में सियासी घमासान देखने को मिला. केंद्र सरकार ने मंगलवार को जस्टिस काटजू के दावों को सही ठहराते हुए पिछली यूपीए सरकार पर गंभीर सवाल उठाए.
राज्यसभा में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जून 2006 में पीएमओ ने सुप्रीम कोर्ट के जजों के कॉलेजियम को उस जज के नाम पर विचार करने को कहा था, जिसका जिक्र काटजू ने अपने खुलासे में किया है. शुरुआत में जज के नाम पर कॉलेजियम के नहीं राजी होने पर कानून मंत्रालय ने भी इस संबंध में नोट भेजा था.
सरकार ने यह भी माना है कि देश में जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया में सुधार करने की जरूरत है. कानून मंत्री ने कहा, 'जज की नियुक्ति के लिए कड़े बदलाव करने की जरूरत है. उसके लिए हमारी सरकार राष्ट्रीय न्यायिक आयोग के गठन पर गंभीरता से विचार कर रही है.'
हालांकि रविशंकर प्रसाद के इस बयान पर सदन में जोरदार हुआ. कांग्रेस ने कहा कि जजों के आचरण पर संसद में बहस नहीं हो सकती.
भ्रष्टाचारी को बनाया गया था मद्रास हाई कोर्ट का एडिशनल जजः काटजू
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने दावा किया था कि तमिलनाडु के एक जिला अदालत के जज पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप होने के बावजूद उसे मद्रास हाई कोर्ट का एडिशनल जज बनाया गया. मार्कंडेय काटजू ने मनमोहन सिंह और उनकी सरकार पर भी भ्रष्ट जज को बचाने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के तीन चीफ जस्टिस पर भी भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं. काटजू ने कहा कि मनमोहन सिंह ने अपनी सरकार बचाने के लिए एक भ्रष्ट शख्स को मद्रास हाई कोर्ट का एडिशनल जज बने रहने दिया. चीफ जस्टिस आरसी लाहोटी ने इसके खिलाफ आवाज नहीं उठाई और सरकार की बात को मान लिया.
खुलासों पर मचे सियासी बवाल के बाद मंगलवार को जस्टिस काटजू ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस आरएस लाहोटी से 6 सवाल पूछे हैं.
उन्होंने ये सवाल अपने ब्लॉग में लिखे...
1.
क्या ये सच नहीं है कि मैंने चेन्नई से आपको पत्र लिखकर जानकारी दी थी कि मद्रास हाईकोर्ट के एडिशनल जज के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर मामले हैं.
2.
जस्टिस लाहोटी, क्या ये सच नहीं है कि मैंने उस जज के बारे में आईबी जांच के लिए आपसे सिफारिश की थी?
3.
क्या ये सच नहीं है कि आपने खुद मुझे फोन करके बताया था कि आईबी जांच में मेरे आरोप सही पाए गए?
4.
क्या ये सच नहीं है कि आईबी रिपोर्ट के बाद आप समेत सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बैठक हुई थी?
5.
जस्टिस लाहोटी, क्या ये सच नहीं है कि आपने एडिशनल जज को एक साल के एक्सटेंशन के लिए भारत सरकार को पत्र लिखा?
6.
आईबी की रिपोर्ट में साफ हो गया था कि एडिशनल जज भ्रष्टाचार में लिप्त हैं तो फिर उनके एक्सटेंशन के लिए क्यों सिफारिश की गई? |
स्टीन का जन्म ऑस्ट्रो-हंगेरियन साम्राज्य के बुडापेस्ट में रहने वाले एक यहूदी जोड़े नाथन स्टीन और अन्ना हिर्शलर के घर हुआ था। उनके माता-पिता और उनकी बहन ने अपने यहूदी विश्वास को बरकरार रखा, लेकिन स्टीन और उनके भाई, अर्न्स्ट एडुआर्ड को लूथरन के रूप में बपतिस्मा दिया गया, जाहिर तौर पर उन्हें यहूदी-विरोधी भावना से मुक्त करने के लिए, जो उन्हें शिक्षा और उन्नति तक पहुंच से वंचित कर देता था। घर पर परिवार जर्मन और हंगेरियन बोलता था, जो 19वीं शताब्दी में हंगेरियन राष्ट्रवादी पुनरुत्थान की भाषा थी और स्टीन को जीवन भर इस विरासत पर गर्व था। उन्होंने बुडापेस्ट में कैथोलिक और लूथरन व्यायामशालाओं में भाग लिया, जहां उन्होंने वियना, लीपज़िग और टुबिंगन विश्वविद्यालयों में उन्नत अध्ययन के लिए जाने से पहले ग्रीक, लैटिन, फ्रेंच और अंग्रेजी में महारत हासिल की। उन्होंने संस्कृत और फ़ारसी में स्नातक किया और पीएच.डी. प्राप्त की। 1883 में टुबिंगन से। 1884 में वे प्राच्य भाषाओं और पुरातत्व का अध्ययन करने के लिए इंग्लैंड गए। वह 1904 में ब्रिटिश नागरिक बन गए और ब्रिटिश प्रायोजन के साथ अपने प्रसिद्ध अभियान चलाए। 1887 में, स्टीन भारत गए, जहाँ वे पंजाब विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार के रूप में शामिल हुए। बाद में, 1888 और 1899 के बीच, वह ओरिएंटल कॉलेज, लाहौर के प्रिंसिपल थे। स्टीन स्वेन हेडिन के 1898 के काम थ्रू एशिया से प्रभावित थे। मध्य एशियाई इतिहास और पुरातत्व के महत्व को समझते हुए उन्होंने मध्य एशिया के लोगों का पता लगाने, मानचित्र बनाने और अध्ययन करने के लिए सरकार को एक प्रस्ताव भेजा। मई 1900 में उन्हें चीनी तुर्किस्तान में एक अभियान का नेतृत्व करने की मंजूरी मिली जो रणनीतिक रूप से उच्च एशिया में स्थित था जहां रूसी और जर्मन पहले से ही रुचि ले रहे थे। |
स्टंप ने कहा, 'पाकिस्तान सीएसएफ अदायगी के तहत सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता है. वर्ष 2002 के बाद से उसे लगभग 14 अरब डॉलर मिल चुके हैं.' उन्होंने कहा, 'यह पहली बार है जब रक्षा मंत्री के प्रमाणपत्र की जरूरत पड़ी है.'(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
यह एक लेख है: वर्ष 2014 में उन्हें आय से अधिक संपत्ति के मामले में अदालत द्वारा दोषी करार दिया गया. प्रतिद्वंदी पार्टी डीएमके द्वारा दायर इस केस की सुनवाई पड़ोसी राज्य कर्नाटक में चली थी, जहां उन्हें दोषी करार दिया गया था. इस मामले में उनकी गिरफ्तारी के बाद भी उनके लाखों समर्थकों का 'अम्मा' से भरोसा नहीं डिगा. शोक प्रकट करने के लिए सैकड़ों समर्थकों ने अपने सिर मुड़ा लिए थे और जयललिता के प्रति अपना समर्पण प्रदर्शित किया था. समर्थकों द्वारा गुस्से में आकर बसें जलाए जाने के बाद उन्होंने जेल से अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की थी. इस पूरे घटनाक्रम में लगभग 200 लोगों ने आत्महत्या कर ली थी. भ्रष्टाचार के इस मामले में 9 महीने बाद कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया और उन्होंने फिर से राज्य के मुख्यमंत्री का पद संभाल लिया था.टिप्पणियां
जयललिता को करीब तीन महीने पहले सितंबर में डिहाइड्रेशन और बुखार की शिकायत के बाद अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहां काफी समय तक उनकी हालात गंभीर बनी हुई थी और उन्हें कई सप्ताह तक रेस्परेटरी सपोर्ट पर रखा गया था. कुछ समय पहले उनकी सेहत में सुधार दिखने लगा था और उन्हें आईसीयू से हटाकर सामान्य वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था.
उनकी पार्टी अन्नाद्रमुक ने कहा था कि जयललिता 'जल्द ही' घर लौट सकती हैं, क्योंकि एम्स की एक विशेषज्ञ टीम ने पुष्टि की थी कि वह पूरी तरह ठीक हो चुकी हैं. कई हफ्तों से चेन्नई अपोलो के डॉक्टर भी कहते रहे कि 'अम्मा' को कब वापस जाना है, इस पर निर्णय वहीं लेंगी. लेकिन रविवार को हृदयाघात की वजह से उनकी स्थिति फिर गंभीर हो गई, जिसके बाद सोमवार देर रात 11. 30 मिनट पर उनका निधन हो गया.
जयललिता को करीब तीन महीने पहले सितंबर में डिहाइड्रेशन और बुखार की शिकायत के बाद अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहां काफी समय तक उनकी हालात गंभीर बनी हुई थी और उन्हें कई सप्ताह तक रेस्परेटरी सपोर्ट पर रखा गया था. कुछ समय पहले उनकी सेहत में सुधार दिखने लगा था और उन्हें आईसीयू से हटाकर सामान्य वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था.
उनकी पार्टी अन्नाद्रमुक ने कहा था कि जयललिता 'जल्द ही' घर लौट सकती हैं, क्योंकि एम्स की एक विशेषज्ञ टीम ने पुष्टि की थी कि वह पूरी तरह ठीक हो चुकी हैं. कई हफ्तों से चेन्नई अपोलो के डॉक्टर भी कहते रहे कि 'अम्मा' को कब वापस जाना है, इस पर निर्णय वहीं लेंगी. लेकिन रविवार को हृदयाघात की वजह से उनकी स्थिति फिर गंभीर हो गई, जिसके बाद सोमवार देर रात 11. 30 मिनट पर उनका निधन हो गया.
उनकी पार्टी अन्नाद्रमुक ने कहा था कि जयललिता 'जल्द ही' घर लौट सकती हैं, क्योंकि एम्स की एक विशेषज्ञ टीम ने पुष्टि की थी कि वह पूरी तरह ठीक हो चुकी हैं. कई हफ्तों से चेन्नई अपोलो के डॉक्टर भी कहते रहे कि 'अम्मा' को कब वापस जाना है, इस पर निर्णय वहीं लेंगी. लेकिन रविवार को हृदयाघात की वजह से उनकी स्थिति फिर गंभीर हो गई, जिसके बाद सोमवार देर रात 11. 30 मिनट पर उनका निधन हो गया. |
कबूतर या कोलम्बा (अंग्रेज़ी: Columba) खगोलीय गोले पर महाश्वान और ख़रगोश तारामंडलों के दक्षिण में स्थित एक छोटा और धुंधला-सा तारामंडल है। इसकी परिभाषा सन् १५९२ में पॅट्रस प्लैंकियस (Petrus Plancius) नामक डच खगोलशास्त्री ने की थी। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में भी यह शामिल है।
तारे
कबूतर तारामंडल में १८ तारें हैं जिन्हें बायर नाम दिए जा चुके हैं, जिनमें से अगस्त २०११ तक किसी के भी इर्द-गिर्द कोई ग़ैर-सौरीय ग्रह परिक्रमा करता हुआ नहीं पाया गया था। इस तारामंडल में केवल एक तारा ३ खगोलीय मैग्नीट्यूड से अधिक चमक रखता है। याद रहे कि मैग्नीट्यूड की संख्या जितनी ज़्यादा होती है तारे की रौशनी उतनी ही कम होती है। इस तारामंडल में पाए जाने वाली कुछ मुख्य वस्तुएँ इस प्रकार हैं:
अल्फ़ा कोलम्बाए (α Columbae) - पृथ्वी से २७० प्रकाश-वर्ष दूर स्थित यह द्वितारा २.६५ मैग्नीट्यूड की चमक (सापेक्ष कान्तिमान) से दिखाई देता है। इसका पारंपरिक नाम फैक्ट (Phact) है जो अरबी के "अल-फ़ाख़्ता" () शब्द से आता है। फ़ाख़्ता का अर्थ हिन्दी और अरबी दोनों में चिड़िया ही होता है। इस द्वितारे का मुख्य तारा एक Be श्रेणी का उपदानव तारा है।
बेटा कोलम्बाए (β Columbae) - यह पृथ्वी से ८६ प्रकाश-वर्ष दूर स्थित एक K1III श्रेणी का दानव तारा है। इसका पारंपरिक नाम भी अरबी का "वज़न" () शब्द है, जिसका अर्थ भी हिन्दी में वही है जो अरबी में है (यानि "भार")।
मू कोलम्बाए (μ Columbae) - पृथ्वी से १,३०० प्रकाश वर्ष दूर यह एक नीले-सफ़ेद रंग का O श्रेणी का तारा है। इस तारे की व्योम में गति और दिशा देखकर वैज्ञानिकों को लगता है के यह कभी शिकारी तारामंडल के आइयोटा ओरायोनिस (ι Orionis) के मंडल का हिस्सा हुआ करता था जो किसी अन्य द्वितारे के पास आने से पैदा हुए तीखे गुरुत्वाकर्षक खींचातानी में उछाल कर दूर फेंक दिया गया और अब कबूतर तारामंडल में आ पहुँचा है।
इन्हें भी देखें
द्वितारा
तारामंडल
सन्दर्भ
तारामंडल
हिन्दी विकि डीवीडी परियोजना |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: चार व्यक्तियों ने दिल्ली से सटे गाजियाबाद के कैलाश नगर स्थित अपने घर लौट रही 40 वर्षीय महिला के साथ कथित रूप से बलात्कार किया।
विजय नगर पुलिस थाने के थानाध्यक्ष सुरेन्द्र यादव ने कहा कि यह महिला तीन बच्चों की मां है और घटना के समय वह नोएडा सेक्टर 63 में अपने कार्यस्थल से अपने एक रिश्तेदार प्रताप के साथ उसकी मोटरसाइकिल पर घर लौट रही थी।टिप्पणियां
राष्ट्रीय राजमार्ग 24 पर भारी यातायात के चलते प्रताप ने आवास विकास रिहाइशी इलाके में कच्चा रास्ता पकड़ लिया। पुलिस ने कहा कि वहां घात लगाए बैठे चार व्यक्तियों ने उन्हें पकड़ लिया और महिला के साथ गैंगरेप किया एवं प्रताप को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। महिला ने विजय नगर थाने में इस बाबत शिकायत दर्ज कराई। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
विजय नगर पुलिस थाने के थानाध्यक्ष सुरेन्द्र यादव ने कहा कि यह महिला तीन बच्चों की मां है और घटना के समय वह नोएडा सेक्टर 63 में अपने कार्यस्थल से अपने एक रिश्तेदार प्रताप के साथ उसकी मोटरसाइकिल पर घर लौट रही थी।टिप्पणियां
राष्ट्रीय राजमार्ग 24 पर भारी यातायात के चलते प्रताप ने आवास विकास रिहाइशी इलाके में कच्चा रास्ता पकड़ लिया। पुलिस ने कहा कि वहां घात लगाए बैठे चार व्यक्तियों ने उन्हें पकड़ लिया और महिला के साथ गैंगरेप किया एवं प्रताप को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। महिला ने विजय नगर थाने में इस बाबत शिकायत दर्ज कराई। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
राष्ट्रीय राजमार्ग 24 पर भारी यातायात के चलते प्रताप ने आवास विकास रिहाइशी इलाके में कच्चा रास्ता पकड़ लिया। पुलिस ने कहा कि वहां घात लगाए बैठे चार व्यक्तियों ने उन्हें पकड़ लिया और महिला के साथ गैंगरेप किया एवं प्रताप को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। महिला ने विजय नगर थाने में इस बाबत शिकायत दर्ज कराई। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) |
अमेरिका ने इस्तांबुल में हुए उस ‘भीषण’ हमले की निंदा की है जिसमें एक बंदूकधारी ने नव वर्ष का जश्न मना रहे कम से कम 35 लोगों को ‘बर्बरता’ से मार डाला और 40 अन्य को घायल कर दिया. व्हाइट हाउस ने हमले को ‘‘भयावह’’ करार दिया है.टिप्पणियां
प्राधिकारियों के अनुसार, बंदूकधारी सांता क्लॉज के भेष में था और उसने रियाना नाइट क्लब में गोलीबारी करने से पहले प्रवेश द्वार पर तैनात एक पुलिस कर्मी और एक नागरिक को मार डाला. इस क्लब में अक्सर शहर की बड़ी पार्टियों और अन्य समारोहों का आयोजन किया जाता है.
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता नेड प्राइस ने एक बयान में बताया, ‘‘अमेरिका, इस्तांबुल के नाइट क्लब पर हुए उस भीषण हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता है जिसमें दर्जनों लोग मारे गए हैं और कई अन्य घायल हुए हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘नव वर्ष का जश्न मना रहे निर्दोष लोगों पर की गई यह क्रूरता बताती है कि यह हमला कितना बर्बर था.’’ प्राइस ने कहा, ‘‘हम हर तरह के आतंकवाद के खात्मे के हमारे साझे विचारों के साथ, हमारे नाटो सहयोगी तुर्की को अमेरिका के समर्थन की पुष्टि करते हैं.’’
प्राधिकारियों के अनुसार, बंदूकधारी सांता क्लॉज के भेष में था और उसने रियाना नाइट क्लब में गोलीबारी करने से पहले प्रवेश द्वार पर तैनात एक पुलिस कर्मी और एक नागरिक को मार डाला. इस क्लब में अक्सर शहर की बड़ी पार्टियों और अन्य समारोहों का आयोजन किया जाता है.
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता नेड प्राइस ने एक बयान में बताया, ‘‘अमेरिका, इस्तांबुल के नाइट क्लब पर हुए उस भीषण हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता है जिसमें दर्जनों लोग मारे गए हैं और कई अन्य घायल हुए हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘नव वर्ष का जश्न मना रहे निर्दोष लोगों पर की गई यह क्रूरता बताती है कि यह हमला कितना बर्बर था.’’ प्राइस ने कहा, ‘‘हम हर तरह के आतंकवाद के खात्मे के हमारे साझे विचारों के साथ, हमारे नाटो सहयोगी तुर्की को अमेरिका के समर्थन की पुष्टि करते हैं.’’
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता नेड प्राइस ने एक बयान में बताया, ‘‘अमेरिका, इस्तांबुल के नाइट क्लब पर हुए उस भीषण हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता है जिसमें दर्जनों लोग मारे गए हैं और कई अन्य घायल हुए हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘नव वर्ष का जश्न मना रहे निर्दोष लोगों पर की गई यह क्रूरता बताती है कि यह हमला कितना बर्बर था.’’ प्राइस ने कहा, ‘‘हम हर तरह के आतंकवाद के खात्मे के हमारे साझे विचारों के साथ, हमारे नाटो सहयोगी तुर्की को अमेरिका के समर्थन की पुष्टि करते हैं.’’ |
पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ को मंगलवार को एक सैन्य अस्पताल में पुलिस ने गिरफ्तारी वॉरंट सौंपा. मुशर्रफ इलाज के सिलसिले में यहां भर्ती हैं.
साल 2007 में आपातकाल लगाने को लेकर मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह के आरोपों की सुनवायी करने के लिए गठित एक विशेष अदालत ने गत शुक्रवार को 25 लाख रूपये का जमानत मुचलके वाला एक वॉरंट जारी किया था. अदालत ने इस्लामाबाद पुलिस को आदेश दिया था कि वह उसको तामील करने की रिपोर्ट 7 फरवरी को उसे सौंपे.
ढाई घंटे तक किया इंतजार
मीडिया में आयी खबरों में कहा गया है कि पुलिस ढाई घंटे तक अस्पताल के स्वागत कक्ष में इंतजार के बाद ही मुशर्रफ को यह वॉरंट सौंप पाई. अस्पताल में मौजूद मुशर्रफ के वकीलों ने पुलिस को 25 लाख रूपये के जमानत मुचलका मुहैया कराया.मुशर्रफ अपने खिलाफ देशद्रोह का मामला शुरू होने के बाद से अदालत में पेश नहीं हुए हैं. |
भारत ने दबदबा बनाते हुए अपने अंतिम राउंड रॉबिन मुकाबले में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 7 विकेट से शिकस्त देकर सातवीं बार एशिया कप के खिताबी मुकाबले में कदम रखा है. रविवार को फाइनल में उसका सामना बांग्लादेश से होगा, जिसने मेजबान मलेशिया को 70 रनों से मात देकर खिताबी मुकाबल में जगह बनाई है. फाइनल भारतीय समयानुसार दिन में 11.30 बजे शुरू होगा.
टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला करने वाली पाकिस्तानी टीम किनरारा अकादमी ओवल में निर्धारित 20 ओवर में 7 विकेट गंवाकर महज 72 रन ही बना सकी.
भारत
के लिए बाएं हाथ की स्पिनर एकता बिष्ट सबसे सफल गेंदबाज रहीं, जिन्होंने अपने चार ओवर में 14 रन देकर 3 विकेट हासिल किए.
अन्य गेंदबाजों को एक-एक विकेट मिला, हालांकि हैरानी की बात यह रही कि तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी को एक भी विकेट नहीं मिला. एकता ‘प्लेयर आफ द मैच’ रहीं. छोटे लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारत ने 23 गेंद रहते इसे हासिल कर लिया. सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना 40 गेंद में 38 रन बनाकर शीर्ष स्कोरर रहीं, जबकि कप्तान हरमनप्रीत कौर ने 49 गेंद में 34 रन बनाए.
अनुभवी मिताली राज और दीप्ति शर्मा खाता नहीं खोल सकीं, लेकिन उनके आउट होने से भारत की जीत में कोई बाधा नहीं पड़ी. यह भारत की पांच मैचों में चौथी जीत थी, उन्हें बांग्लादेश से उलटफेर का सामना करना पड़ा था, लेकिन इस हार के बाद भारत ने वापसी कर श्रीलंका और पाकिस्तान को पस्त किया.
उधर, रॉयल सेलानगोल क्लब मैदान पर खेल गए मैच में बांग्लादेश ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवरों में 4 विकेट के नुकसान पर 130 रन बनाए थे. उसने मलेशिया को 20 ओवरों में 9 विकेट पर 60 रनों पर सीमित कर फाइनल में जगह पक्की की. |
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सभी आर्मी कमांडरों को निर्देश दिया है कि सेना में भ्रष्टाचार को खत्म करना और महिलाओं के सम्मान को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए. सेना में किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार मंजूर नहीं किया जा सकता.
हाल ही में सेना में आए कुछ भ्रष्टाचार और अनैतिक संबंधों के कुछ मामलों के बाद सेना प्रमुख ने ये दिशानिर्देश जारी किये हैं. ऐसे सभी पुराने मामलों में जांच जल्द पूरी करके सभी मामले जल्द निपटाए जायेंगे. यूनिट से लेकर सभी कमांड के स्तर पर भ्रष्टाचार को खत्म करना जरुरी है.
सेना की उत्तरी और पूर्वी कमान की यात्रा के दौरान सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सभी आला अधिकारियों के साथ बैठक में सेना में हर स्तर पर पारदर्शिता बढ़ाने और किसी भी स्तर पर
भ्रष्टाचार को बर्दाश्त ना करने की हिदायत दी थी
. इसके साथ ही अधिकारियों को जवानों के साथ सीधा संवाद रखने और उनकी रोजमर्रा की दिक्कतों को तुरंत दूर करने का भी निर्देश दिया गया है.
सेना में जवानों से सीधा संवाद बढ़ाने के लिए हाल ही में सेना प्रमुख ने अपना व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया है. इस नंबर पर मैसेज करने वालों की बाढ़ आ गई है. हालांकि इसमें समस्या और सुझाव से ज्यादा गैरजरूरी मैसेज आ रहे हैं. इस समस्या से निपटने के लिए भी एक फुलप्रूफ सिस्टम बनाने पर विचार चल रहा है. इसके साथ ही सेना में हर स्तर पर अनुशासन बनाए रखना भी जरूरी है.
सेना प्रमुख ने सेना में महिलाओं के सम्मान का पूरा ध्यान रखने पर भी खासा जोर दिया है. महिला अधिकारियों के शोषण या सहयोगी अधिकारी की पत्नी से संबंध में दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
सेना में इस स्तर की अनुशासनहीनता कतई माफ़ नहीं की जायेगी
. सेना में चल रहे ऐसे मामलों में दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी साथ मामलों का जल्द निपटारा किया जाएगा. जनरल बिपिन रावत ने सेना में हर स्तर पर पारदर्शिता बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया है. |
उद्योग मंडल एसोचैम ने जीएसटी का कार्यान्वयन टालने की मांग की है क्योंकि इसके लिए उपयोग में लाया जाने वाला सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) तंत्र अभी तैयार नहीं है और करदाताओं को इस नयी कर व्यवस्था के प्रावधान अपनाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा. वित्त मंत्री अरुण जेटली को लिखे एक पत्र में एसोचैम ने कहा कि मौजूदा करदाताओं ने अभी तक स्वयं को जीएसटीएन पोर्टल पर पंजीकृत नहीं कराया है. इसके पीछे प्रमुख वजह इस प्रणाली के बारे में उन्हें बहुत ज्यादा जानकारी न होना है. उन्होंने कहा कि वर्तमान करदाताओं के जीएसटी पर स्थानांतरण के मौजूदा चरण में सर्वर लगातार रखरखाव की स्थिति में बना हुआ है.
एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने कहा कि कई सवाल है जैसे कि सूचना प्रौद्योगिकी तंत्र का उपयुक्त परीक्षण किया गया है या क्या यह तंत्र उस समय भी काम कर सकेगा जब जीएसटी में पंजीकरण का दूसरा दौर चलेगा क्योंकि उस समय इस पर बहुत ट्रैफिक होगा. टिप्पणियां
उल्लेखनीय है कि मौजूदा समय में 80 लाख उत्पाद शुल्क, सेवाकर और वैट करदाता हैं जिसमें से करीब 64.35 लाख करदाता जीएसटी नेटवर्क पर स्थानांतरण कर चुके हैं. जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) जीएसटी प्रणाली के लिए सूचना प्रौद्योगिकी ढांचा उपलब्ध कराने वाली कंपनी है. इस प्रणाली पर स्थानांतरण के लिए पहला चरण 15 जून को बंद हो गया और अब यह 25 जून को दोबारा खुलेगा. एसोचैम का कहना है कि जीएसटीएन की तैयारियों में कमी को देखते हुए एक जुलाई से जीएसटी को लागू करना मुश्किल काम है और हमें लगता है कि इसे लागू करने की तारीख आगे बढ़ायी जानी चाहिए.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने कहा कि कई सवाल है जैसे कि सूचना प्रौद्योगिकी तंत्र का उपयुक्त परीक्षण किया गया है या क्या यह तंत्र उस समय भी काम कर सकेगा जब जीएसटी में पंजीकरण का दूसरा दौर चलेगा क्योंकि उस समय इस पर बहुत ट्रैफिक होगा. टिप्पणियां
उल्लेखनीय है कि मौजूदा समय में 80 लाख उत्पाद शुल्क, सेवाकर और वैट करदाता हैं जिसमें से करीब 64.35 लाख करदाता जीएसटी नेटवर्क पर स्थानांतरण कर चुके हैं. जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) जीएसटी प्रणाली के लिए सूचना प्रौद्योगिकी ढांचा उपलब्ध कराने वाली कंपनी है. इस प्रणाली पर स्थानांतरण के लिए पहला चरण 15 जून को बंद हो गया और अब यह 25 जून को दोबारा खुलेगा. एसोचैम का कहना है कि जीएसटीएन की तैयारियों में कमी को देखते हुए एक जुलाई से जीएसटी को लागू करना मुश्किल काम है और हमें लगता है कि इसे लागू करने की तारीख आगे बढ़ायी जानी चाहिए.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उल्लेखनीय है कि मौजूदा समय में 80 लाख उत्पाद शुल्क, सेवाकर और वैट करदाता हैं जिसमें से करीब 64.35 लाख करदाता जीएसटी नेटवर्क पर स्थानांतरण कर चुके हैं. जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) जीएसटी प्रणाली के लिए सूचना प्रौद्योगिकी ढांचा उपलब्ध कराने वाली कंपनी है. इस प्रणाली पर स्थानांतरण के लिए पहला चरण 15 जून को बंद हो गया और अब यह 25 जून को दोबारा खुलेगा. एसोचैम का कहना है कि जीएसटीएन की तैयारियों में कमी को देखते हुए एक जुलाई से जीएसटी को लागू करना मुश्किल काम है और हमें लगता है कि इसे लागू करने की तारीख आगे बढ़ायी जानी चाहिए.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला. लालू यादव ने पीएम मोदी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि पीएम मोदी ने बिहार के लिए पैकेज देने का वादा किया था लेकिन वो 'फैकेज' निकला. आरटीआई से हुए खुलासे पर लालू यादव ने कहा कि मोदी ने अक्टूबर 2015 के विधानसभा चुनावों के दौरान बिहार को 1.25 लाख करोड़ रुपये का पैकेज देने का वादा किया था, जिसके मिलने का आज भी इंतजार हो रहा है.
बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस ने आरटीआई से मिली जानकारी के बाद बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार और राज्य में विपक्षी दल बीजेपी पर निशाना साधा. महागठबंधन के नेताओं का कहना है कि यह एक बड़ा सवाल है कि मोदी और बीजेपी पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में भी विधानसभा चुनाओं के दौरान 'धुंआधार' वादे कर रहे हैं, लेकिन उनके पूरा होने पर प्रश्नचिन्ह है.
मुंबई के आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने दिसंबर 2016 में केंद्रीय वित्त मंत्रालय से मोदी सरकार की ओर से विभिन्न राज्यों को दिए गए वित्तीय सहायता या डेवलपमेंट पैकेज के आश्वासन के बारे में जानकारी मांगी थी. जिसमें यह भी पूछा गया था कि जो आश्वासन दिए गए थे,
उनमें से कितने पूरे किए गए हैं
. हालांकि, वित्त मंत्रालय के उप निदेशक आनंद परमार ने इस आरटीआई का सीधा उत्तर देने की बजाए गोलमोल जवाब देकर स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की है.
आरटीआई से खुलासा
आरटीआई कार्यकर्ता गलगली ने कहा कि 18 अगस्त 2015 को प्रधानमंत्री ने बिहार के लिए 1,25,003 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की घोषणा की थी. लेकिन वित्त मंत्रालय के अधिकारी परमार के संक्षिप्त उत्तर में कहा गया है कि 'परियोजनाओं या कार्यों को सिलसिलेवार तरीके से पूरा किया जाएगा. हालांकि आज तक वित्त मंत्रालय की ओर से कोई पैसा जारी नहीं किया गया है.
वित्त मंत्रालय से मिले जवाब के आधार पर
गलगली ने कहा कि यह शर्मनाक है
कि बिहार को यह आश्वासन किसी और ने नहीं बल्कि देश के प्रधानमंत्री ने दिया था, लेकिन डेढ़ साल गुजरने के बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अभी तक इस मामले पर कुछ नहीं कहा है, लेकिन लालू यादव ने अपनी अनोखी शैली में मोदी को यह सलाह दी कि प्रधानमंत्री जैसे शीर्ष संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को इस तरह 'झूठ नहीं बोलना चाहिए.' लालू यादव ने एक ट्वीट साझा कर पीएम मोदी पर निशाना साधा है.
लालू यादव ने कहा कि मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी को क्योटो बनाने का वादा किया था, लेकिन लगभग तीन साल बाद उनकी कलई खुल गई है और यह साबित हुआ है कि उनके कहे शब्द और वादे केवल 'झूठ का पुलिंदा' हैं. जेडीयू के वरिष्ठ नेता और पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि यह हमारी बात को साबित करता है कि मोदी की ओर से घोषित विशेष पैकेज केवल 'जुमला' है और कुछ नहीं है.
बिहार के शिक्षा मंत्री और राज्य में कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चौधरी का कहना है कि प्रधानमंत्री को लोगों को किए गए वादों का ध्यान रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने उस समय बिहार के लिए मोदी के विशेष पैकेज की घोषणा पर संदेह किया था, लेकिन पीएम मोदी को सिर्फ वादा करने की आदत है, ना कि उन्हें पूरा करने की. बिहार के बीजेपी नेता इस मुद्दे पर बात नहीं करना चाहते. उनमें से कुछ का कहना है कि इस मुद्दे पर सिर्फ राष्ट्रीय नेता ही प्रतिक्रिया दे सकते हैं. |
टीम अन्ना ने कहा है कि यदि सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में प्रभावशाली लोकपाल विधेयक पारित कराने में असफल रहती है, तो उत्तर प्रदेश सहित ऐसे सभी राज्यों में संप्रग के खिलाफ आंदोलन शुरू किया जाएगा जहां चुनाव होने वाले हैं.
टीम अन्ना सदस्य मनीष सिसौदिया ने संवाददाताओं से कहा, ‘यदि संप्रग सरकार संसद में लोकपाल विधेयक लाने में असफल रहती है या यह अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहता है तो अन्ना और उनके समर्थक उत्तर प्रदेश समेत सभी राज्यों में संप्रग विरोधी आंदोलन छेड़ेंगे, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होना है.’
सिसौदिया टीम अन्ना द्वारा संचालित दो दिवसीय कार्यशाला में भाग लेने के लिए आए थे. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यदि अन्ना को किसी पार्टी का समर्थन करना होगा तो वह खुलकर करेंगे.
उन्होंने कहा कि अन्ना की लोकप्रियता को भुनाने के लिए कोई पार्टी उनकी छवि का इस्तेमाल करना चाहेगी तो लोग भी काफी बुद्धिमान हैं. सिसौदिया ने कहा, ‘चालबाजियों से लंबे समय तक वोट नहीं प्राप्त किया जा सकता.’ |
हिना खान का ट्रोलिंग से मानो एक नाता सा जुड़ गया है. हाल ही में बिग बॉस के घर में प्रेस मीट हुई थी. जहां पर एक जर्नलिस्ट ने हिना खान को मोहल्ले की आंटी कहा था. तभी से एक्ट्रेस के ट्रोलर्स को एक नया कंटेंट मिल गया है.
सोशल मीडिया पर हिना खान के ट्रोलर्स ने उन्हें मोहल्ले की आंटी निकनेम दिया है. बस इसी वजह से टीवी की फेवरेट बहूरानी फिर से सोशल मीडिया पर ट्रोल होने लगीं.
बिग बॉस फिनाले से पहले एलिमिनेट होंगे आकाश डडलानी? ये होंगे टॉप-4
एक यूजर ने ट्वीट कर लिखा, मेरी मोहल्ले की आंटी अब हिना से इतनी इंसिक्योर हो गई हैं कि पूछो मत. लेकिन वे सभी हिना खान से ज्यादा बेहतर हैं. एक ने लिखा, मोहल्ले की आंटी हिना खान को जर्नलिस्ट ने एक्सपोज कर दिया है. वह घर में सबसे घटिया इंसान हैं.
#BB11
A reporter called Hina "Mohalle ki Aunty" 😂😂😂
Hats Off 2 U Lady... Bang on👏👌
Hina was lyk ab main kya karun 😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
— Bhavna (@bhavna_gehani)
January 8, 2018
Salute to the journalist who called
#HinaKhan
#MohalleKiAunty
. That was the best slap Hina could get for her arrogant, ill mannered & manipulative behaviour throughout
#BiggBoss11
#BB11
— BombayDude (@GaavWala)
January 8, 2018
I think Hina khan is suffering from short term memory loss when she said ki maine ye kbhi nhi kaha ki maine 8 saal tk kaam kiya h....
#BB11
#MohalleKiAunty
— Ankur (@Ankur_ppt)
January 8, 2018
Mohalle ki Aunty Kon " So called Miss Grace "
#puneeshwonhearts
pic.twitter.com/xyg02oKdH7
— Khalil Mustafa Awan (@KhalilAwan88)
January 8, 2018
Meri
#MohalleKiAunty
ab
#hina
se itni insecure ho gai hai k pucho mat!😂
But must say they all are much much much better than
#HinaKhan
#BiggBoss11
#bb11
— Himani (@Himanii31)
January 8, 2018
बता दें, जिस दौरान घर में मीडिया के पत्रकार आए थे तो एक जर्नलिस्ट ने हिना खान से पूछा था कि आप पुनीश और बंदगी के अफेयर पर टिप्पणी करती रहती हैं. जब दो मैच्योर लोग सहमति से कुछ कर रहे हैं तो आप क्यों मोहल्ले की आंटी बन रही हैं? जवाब में हिना ने कहा कि यह मेरा निजी विचार है.
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बताते चलें कि खबरें आ रही हैं कि मिड एविक्शन में घर से आकाश डडलानी बाहर हो गए हैं. अगर खबर में सच्चाई हुई तो ऐसे में अब फिनाले के लिए सिर्फ 4 कंटेस्टेंट बचे हैं. हिना खान, शिल्पा शिंदे, विकास गुप्ता और पुनीश शर्मा. इन चारों में से कोई एक विजेता की ट्रॉफी घर ले जाएगा. 14 जनवरी को फिनाले होगा. |
अमूमन सेना के पूर्व प्रमुख या तो गोल्फ कोर्स के ढलते सूरज में गुम हो जाते हैं या राजभवनों के आरामगाह जैसे ऊंचे ओहदे को हासिल कर लेते हैं. लेकिन मई, 2012 में 26वें सेना अध्यक्ष के रूप में रिटायर हुए 62 वर्षीय के वी.के. सिंह एक अनजानी जमीन पर कदम रख चुके हैं.
वे दिल्ली कैंट में रिटायर्ड सेना प्रमुखों को दिए जाने वाले विशाल बंगले में रहकर एक साल के विस्तार के लिए तकरार करते रहे. समय-समय पर सरकार पर हमले बोलने का कोई भी मौका उन्होंने नहीं छोड़ा. जनरल सिंह अण्णा हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान का हिस्सा बन गए हैं, लेकिन वे सिर्फ उनके साथ नहीं हैं. नवंबर में लोगों को यह देखकर झटका लगा कि वे आइएनएलडी नेता ओमप्रकाश चौटाला के साथ एक मंच पर बैठे हैं और इसके एक माह बाद उन्होंने सरकार के खिलाफ एक किसान रैली का नेतृत्व किया.
उन्होंने उस समय कहीं भी टपक जाने वाले विरोध प्रदर्शक की अपनी छवि और पुख्ता की जब वे 23 वर्ष की लड़की के साथ हुए बलात्कार के विरोध में इंडिया गेट पर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. लोगों को उकसाने के आरोप में उन पर मुकदमा दर्ज किया गया.
सरकार ने यदि उन्हें जन्म तिथि में बदलाव की इजाजत दी होती तो शायद उनका करियर कोई और मोड़ ले लेता. उनके जन्म तिथि के विवाद का अंत सुप्रीम कोर्ट में जाकर हुआ. यह शायद ‘क्या होता यदि ऐसा होता' टाइप सवाल है जिसका जवाब हमें कभी नहीं मिल पाएगा. |
रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आर.एस.पी.) भारत में एक साम्यवादी पार्टी है। पार्टी की स्थापना 19 मार्च 1940 को त्रिदीब चौधरी द्वारा की गई थी और इसकी जड़ें बंगाली मुक्ति आंदोलन अनुशीलन समिति और हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन में हैं।
पार्टी को 1999 और 2004 के लोकसभा चुनावों में लगभग 0.4% वोट और तीन सीटें मिलीं । यह वाम मोर्चा (पश्चिम बंगाल) , वाम मोर्चा (त्रिपुरा) और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (केरल) का हिस्सा है।
महासचिवों की सूची
योगेश चन्द्र चटर्जी (1940-1953)
त्रिदीब कुमार चौधरी
सुशील भट्टाचार्य (अभिनय)
बेबी जॉन
के. पंकजाक्षन
टी.जे. चंद्रचूड़न (2008-2018)
क्षितिज गोस्वामी (2018-2019)
मनोज भट्टाचार्य (अभिनय)(2019-अबतक)
सन्दर्भ
भारत के राजनीतिक दल |
पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कश्मीर की स्वायत्तता वाले अपने बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से की गई तीखी आलोचना का जवाब दिया है. चिदंबरम ने कहा, 'जाहिर है कि प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के मसले पर मेरा पूरा जवाब नहीं पढ़ा है. मेरा जवाब आज इंडियन एक्सप्रेस के पेज नंबर 7 पर पब्लिश किया गया है. जो लोग इसकी निंदा कर रहे हैं, वो लोग मेरा पूरा जवाब जरूर पढ़ें और बताएं जवाब में कौन सा शब्द गलत है. पीएम मोदी भूत होने की कल्पना करके ही हमला कर रहे हैं.'
My answer to question on J&K reported in today's Indian Express page 7.
BJP should read before criticising
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN)
October 29, 2017
चिदंबरम ने सितंबर, 2016 में हुए सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर भी कांग्रेस का रुख साफ किया है. पूर्व वित्तमंत्री ने कहा, 'कांग्रेस और मैंने सर्जिकल स्ट्राइक को कभी गलत नहीं ठहराया. हमने सिर्फ ये बताया कि सीमा पार ऐसे एक्शन पहले भी लिए जा चुके हैं.'
चिदंबरम के बयान से कांग्रेस ने झाड़ा पल्ला
वहीं
कांग्रेस ने
जम्मू-कश्मीर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बयान से खुद को अलग कर लिया है और कहा कि किसी व्यक्ति की राय जरूरी नहीं कि वह पार्टी की राय हो. गौरतलब है कि चिदंबरम ने जम्मू-कश्मीर को अधिक स्वायत्तता देने की हिमायत की, जिसकी बीजेपी ने तीखी आलोचना की है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और हमेशा निर्विवाद रूप से बना रहेगा. साथ ही, उन्होंने चिदंबरम की टिप्पणी पर कहा कि किसी व्यक्ति का विचार जरूरी नहीं कि कांग्रेस का भी विचार हो.
चिदंबरम पर पीएम मोदी का हमला
बता दें कि बेंगलुरु में
पीएम मोदी ने चिंदबरम का नाम लिए
बगैर ही कहा, 'कश्मीर में आजादी मांग रहे लोगों के साथ स्वर मिला रहे हैं. कश्मीर पर ऐसे बयान देने से ऐसे लोगों को शर्म भी नहीं आती. देश की अखंडता-एकता हम खत्म नहीं होने देंगे.' पीएम मोदी ने कहा कि जो कल तक सत्ता में बैठे थे, वे अचानक यू टर्न ले रहे हैं. बेशर्मी के साथ बयान दे रहे हैं.'
देश की अखंडता के साथ समझौता नहीं
पीएम मोदी ने कहा, 'ऐसे लोग देश के वीरों के बलिदान पर अपनी राजनीति करने पर तुले हुए हैं. ऐसे लोगों से क्या देश का भला हो सकता है?' उन्होंने कहा, 'कांग्रेस को इस बयान का हर पल जवाब देना पड़ेगा. हम देश की एकता और अखंडता के साथ समझौता नहीं करेंगे और ना ही होने देंगे.' |
ट्रे मैंडर्स (जन्म 30 जनवरी 1995) एक बरमूडियन क्रिकेटर हैं। वह 2014 आईसीसी विश्व क्रिकेट लीग डिवीजन थ्री टूर्नामेंट में खेले। अप्रैल 2018 में, उन्हें मलेशिया में 2018 आईसीसी विश्व क्रिकेट लीग डिवीजन चार टूर्नामेंट के लिए बरमूडा के दस्ते में नामित किया गया था। नवंबर 2019 में, उन्हें ओमान में क्रिकेट विश्व कप चैलेंज लीग बी टूर्नामेंट के लिए बरमूडा के दस्ते में नामित किया गया था। उन्होंने 3 दिसंबर 2019 को हांगकांग के खिलाफ बरमूडा के लिए अपनी लिस्ट ए की शुरुआत की।
अक्टूबर 2021 में, उन्हें एंटीगुआ में 2021 आईसीसी पुरुष टी20 विश्व कप अमेरिका क्वालीफायर टूर्नामेंट के लिए बरमूडा के ट्वेंटी 20 अंतर्राष्ट्रीय (टी20आई) टीम में नामित किया गया था। उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका के खिलाफ बरमूडा के लिए 8 नवंबर 2021 को अपना टी20आई पदार्पण किया।
सन्दर्भ
क्रिकेट खिलाड़ी |
यह एक लेख है: इराक की राजधानी बगदाद के सदर सिटी जिले में स्थित हथियारों के डिपो में आज विस्फोट होने से कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई और कई जख्मी हो गए. सुरक्षा और चिकित्सकीय सूत्रों ने यह जानकारी दी. बगदाद की सुरक्षा अभियान कमान ने एक बयान में बताया कि हथियारों के डिपो में विस्फोट हुआ है. सुरक्षा बलों ने विस्फोट के कारण का पता लगाने के लिए छानबीन शुरू कर दी है.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक घर में रॉकेट ग्रेनेड और गोले समेत भारी हथियार बहुतायत में रखा हुआ था. इस कारण यह विस्फोट हुआ. ये हथियार एक सशस्त्र समूह के थे. उन्होंने कहा कि विस्फोट में कम से कम 16 लोगों की मौत हुई है और तकरीबन 32 अन्य जख्मी हुए हैं. चिकित्सकीय सूत्रों ने हताहतों की संख्या की पुष्टि करते हुए कहा कि पीड़ितों में महिलाएं एवं बच्चे भी शामिल हैं.
सूत्रों ने बताया कि विस्फोट बगदाद के उत्तर पूर्वी जिले में एक शिया मस्जिद के नजदीक हुआ है. चश्मदीदों ने कहा कि सदर सिटी जिले में विस्फोट की वजह से घरों और इमारतों को नुकसान पहुंचा है. यह लोकप्रिय शिया धर्मगुरू मुकतदा सदर का गढ़ है. टिप्पणियां
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक घर में रॉकेट ग्रेनेड और गोले समेत भारी हथियार बहुतायत में रखा हुआ था. इस कारण यह विस्फोट हुआ. ये हथियार एक सशस्त्र समूह के थे. उन्होंने कहा कि विस्फोट में कम से कम 16 लोगों की मौत हुई है और तकरीबन 32 अन्य जख्मी हुए हैं. चिकित्सकीय सूत्रों ने हताहतों की संख्या की पुष्टि करते हुए कहा कि पीड़ितों में महिलाएं एवं बच्चे भी शामिल हैं.
सूत्रों ने बताया कि विस्फोट बगदाद के उत्तर पूर्वी जिले में एक शिया मस्जिद के नजदीक हुआ है. चश्मदीदों ने कहा कि सदर सिटी जिले में विस्फोट की वजह से घरों और इमारतों को नुकसान पहुंचा है. यह लोकप्रिय शिया धर्मगुरू मुकतदा सदर का गढ़ है. टिप्पणियां
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सूत्रों ने बताया कि विस्फोट बगदाद के उत्तर पूर्वी जिले में एक शिया मस्जिद के नजदीक हुआ है. चश्मदीदों ने कहा कि सदर सिटी जिले में विस्फोट की वजह से घरों और इमारतों को नुकसान पहुंचा है. यह लोकप्रिय शिया धर्मगुरू मुकतदा सदर का गढ़ है. टिप्पणियां
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फातिमा बिंत मुहम्मद अल-फ़हरिया अल-कुरैशिया (अरबी:فاطمة بنت محمد الفهرية القرشية) (अंग्रेज़ी:Fatima Al Fihri) एक अरब मुस्लिम महिला थी, जिसे दुनिया की सबसे पुरानी मौजूदा, लगातार संचालित और पहली डिग्री देने वाली यूनिवर्सिटी बनवाने के रूप में मान्यता प्राप्त है। 859 ई। में फेज़ शहर , मोरक्को में अल- क़रवियिन विश्वविद्यालय बनवाया था। उन्हें उम्म अल-बान" के नाम से भी जाना जाता है
फातिमा अल-फ़िहरी अल कैरौअन या क़ुराईन शहर ट्यूनीशिया देश में पैदा हुई थीं। उनकी एक छोटी बहन मरियम भी थीं। वह एक रईस घराने से ताल्लुक रखती थीं। उनके पिता का नाम मुहम्मद अल-फ़हरिया था।
प्रारम्भिक जीवन
फातिमा अल-फ़िहरी का जन्म 800 ईस्वी के आसपास केयूरन शहर में हुआ था, जो आज के ट्यूनीशिया में है। वह अरब कुरैशी वंश की है, इसलिए नाम "अल-कुरैशिया", 'कुरैशी एक' है। उसका परिवार केरौयन से फेस के बड़े प्रवास का हिस्सा था। हालांकि उसके परिवार ने अमीर नहीं बनाया, लेकिन उसके पिता, मोहम्मद अल-फ़िहरी, एक सफल व्यापारी बन गए।
वह और उसकी बहन मरियम पढ़ी-लिखी थीं और इस्लामिक न्यायशास्त्र फ़िक़ह और हदीस या पैगंबर मुहम्मद (स.अ.व.) के रिकॉर्ड का अध्ययन करती थीं। दोनों फेज़ शहर गई। जहाँ पर फातिमा ने अल-क़रवाईयिन नामक मदरसे की स्थापना की और उनकी बहन मरियम ने अल-अंडालस मस्जिद की स्थापना की।
14 वीं शताब्दी के इतिहासकार इब्न अबी-जरारा द्वारा जो कुछ भी रिकॉर्ड किया गया था, उसे छोड़कर उसके निजी जीवन के बारे में बहुत कम जानकारी है। यह काफी हद तक इस तथ्य के कारण है कि 1323 में अल-क़रवाईयिन पुस्तकालय को एक बड़ी आग लगी थी। अल-फ़िहरी शादीशुदा थी, लेकिन उनके पति और पिता दोनों की शादी के तुरंत बाद मृत्यु हो गई। उसके पिता ने फातिमा और उसकी बहन, अपने इकलौते बच्चों दोनों के लिए अपना धन छोड़ दिया था जिससे उन लोगों ने यूनिवर्सिटी और मस्जिद का निर्माण कराया।
अल-अंडालस मस्जिद की स्थापना
अल-फ़िहरी ने अपने पिता से विरासत में मिली धनराशि का इस्तेमाल एक मस्जिद बनाने के लिए किया था, जिसे 845 ईस्वी में राजा याहिया इब्न मुहम्मद की देखरेख में बनाया गया था। उसने फिर इसे बनाया और इसके आकार को दोगुना करते हुए आसपास की जमीन खरीदी।
निर्माण परियोजना की देखरेख स्वयं फातिमा ने की। यद्यपि मस्जिद की वास्तुकला असाधारण है, अल-फ़िहरी ने इसे मामूली रूप से बनाने के लिए एक बिंदु बनाया। जैसा कि ट्यूनीशियाई इतिहासकार हसन होस्नी अब्देलवाहाब ने अपनी पुस्तक फेमस ट्यूनीशियाई महिला में उल्लेख किया है
उन्होंने कहा, '' उसने जो जमीन खरीदी थी, उसका इस्तेमाल करने के लिए प्रतिबद्ध है। उसने जमीन में गहरी खाई, पीली रेत, प्लास्टर, और पत्थर का उपयोग करने के लिए खोदा, ताकि दूसरों से संदेह न खींचे बहुत सारे संसाधनों का उपयोग करने के लिए
मस्जिद को बनने में 18 साल लगे। मोरक्को के इतिहासकार अब्देलहदी ताज़ी के अनुसार, अल-फहरी ने परियोजना के पूरा होने तक उपवास किया। जब यह खत्म हो गया, तो वह अंदर गई और अल्लाह से दुआ की, उनके आशीर्वाद के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने अपने गृहनगर कैरौयन के प्रवासियों के नाम पर इसका नाम रखा।
अल-क़रवियिन अभी भी अल-अंडालस के पास खड़ा है, जो मस्जिद फातिमा की बहन मरियम ने बनाया था।
अल-क़रवाईयिन विश्वविद्यालय की स्थापना
मस्जिद के पूरा होने के बाद, अल-फ़िहरी ने अल-क़रवैयिन विश्वविद्यालय को इबादत गाह के विस्तार के रूप में स्थापित कियायह दुनिया का सबसे पुराना लगातार संचालित विश्वविद्यालय है और कभी-कभी दुनिया के सबसे पुराने विश्वविद्यालय के रूप में जाना जाता है, जो कि अध्ययन के विभिन्न स्तरों के डिग्री सूचक का पहला संस्थान है। पेश किए गए पाठ्यक्रमों में इस्लामी अध्ययन, गणित, व्याकरण और चिकित्सा शामिल हैं।
अल-क़ारावियाय में पुस्तकालय को दुनिया में सबसे पुराना माना जाता है। हाल ही में इसे कनाडाई-मोरक्को के वास्तुकार अज़ीज़ा चौनी ने पुनर्निर्मित किया और मई 2016 में जनता के लिए फिर से खोल दिया। 4000 से अधिक पांडुलिपियों के पुस्तकालय के संग्रह में 9 वीं शताब्दी का कुरान और हदीसों का सबसे पहला संग्रहालय शामिल है।
उनकी मृत्यु के समय। पुस्तकालय और विश्वविद्यालय कई वर्षों से चल रहे थे।
सन्दर्भ
अरब लोग
मुस्लिम |
मेरकट एक छोटा दैनिक हर्पेस्टिड (नेवला) है जिसका वजन औसतन 0.5 से 2.5 किलोग्राम (1.1 से 5.5 पाउंड) होता है। इसका लंबा पतला शरीर और अंग इसे 35 से 50 सेंटीमीटर (14 से 20 इंच) की लंबाई और लगभग 25 सेंटीमीटर (9.8 इंच) की अतिरिक्त पूंछ की लंबाई देते हैं। मेरकट सीधे खड़े होने पर संतुलन बनाने के साथ-साथ सिग्नल देने के लिए अपनी पूंछ का उपयोग करता है। इसका चेहरा पतला हो जाता है, नाक पर एक बिंदु पर आ जाता है, जो भूरे रंग का होता है। आँखों के चारों ओर हमेशा काले धब्बे होते हैं, और उनके छोटे काले अर्धचंद्राकार कान होते हैं। मीरकैट्स के पास दूरबीन दृष्टि होती है, चेहरे के सामने दो आंखें होती हैं। |
जम्मू कश्मीर सरकार की कथित ज्यादतियों और माल एवं सेवाकर (जीएसटी) को राज्य में लागू करने के खिलाफ हड़ताल के आहवान के बीच श्रीनगर में आज यानी बुधवार को ज्यादातर दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे. देश में जम्मू कश्मीर एकमात्र राज्य हैं जहां जीएसटी अभी तक लागू नहीं हुआ है.
जम्मू और कश्मीर समन्वय समिति (जेकेसीसी) ने इस हड़ताल का आह्वान किया है. यही वजह है कि प्रशासन को श्रीनगर के कुछ हिस्सों में प्रतिबंध लगाने पड़े. जेकेसीसी राज्य में जीएसटी को उसके मौजूदा स्वरूप में लागू करने का विरोध कर रही है. जेकेसीसी राज्य के व्यापार, वाणिज्य और औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों को मिलाकर बनाया गया संगठन है.टिप्पणियां
जेकेसीसी ने कश्मीर घाटी में आम हड़ताल का आह्वान किया है. राज्य प्रशासन की कथित जोर-जबर्दस्ती और राज्य में जीएसटी लागू करने के खिलाफ इस हड़ताल का आहवान किया गया.
कश्मीर घाटी में मंगलवार को कई व्यापारियों को उस समय हिरासत में ले लिया गया जब वह पुलिस की कथित ज्याददती के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और विधानसभा की ओर बढ़ रहे थे. उसके बाद बुधवार इस हड़ताल का आह्वान किया गया. हालांकि, सार्वजनिक परिवहन को इससे अलग रखा गया है.
जम्मू और कश्मीर समन्वय समिति (जेकेसीसी) ने इस हड़ताल का आह्वान किया है. यही वजह है कि प्रशासन को श्रीनगर के कुछ हिस्सों में प्रतिबंध लगाने पड़े. जेकेसीसी राज्य में जीएसटी को उसके मौजूदा स्वरूप में लागू करने का विरोध कर रही है. जेकेसीसी राज्य के व्यापार, वाणिज्य और औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों को मिलाकर बनाया गया संगठन है.टिप्पणियां
जेकेसीसी ने कश्मीर घाटी में आम हड़ताल का आह्वान किया है. राज्य प्रशासन की कथित जोर-जबर्दस्ती और राज्य में जीएसटी लागू करने के खिलाफ इस हड़ताल का आहवान किया गया.
कश्मीर घाटी में मंगलवार को कई व्यापारियों को उस समय हिरासत में ले लिया गया जब वह पुलिस की कथित ज्याददती के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और विधानसभा की ओर बढ़ रहे थे. उसके बाद बुधवार इस हड़ताल का आह्वान किया गया. हालांकि, सार्वजनिक परिवहन को इससे अलग रखा गया है.
जेकेसीसी ने कश्मीर घाटी में आम हड़ताल का आह्वान किया है. राज्य प्रशासन की कथित जोर-जबर्दस्ती और राज्य में जीएसटी लागू करने के खिलाफ इस हड़ताल का आहवान किया गया.
कश्मीर घाटी में मंगलवार को कई व्यापारियों को उस समय हिरासत में ले लिया गया जब वह पुलिस की कथित ज्याददती के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और विधानसभा की ओर बढ़ रहे थे. उसके बाद बुधवार इस हड़ताल का आह्वान किया गया. हालांकि, सार्वजनिक परिवहन को इससे अलग रखा गया है.
कश्मीर घाटी में मंगलवार को कई व्यापारियों को उस समय हिरासत में ले लिया गया जब वह पुलिस की कथित ज्याददती के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और विधानसभा की ओर बढ़ रहे थे. उसके बाद बुधवार इस हड़ताल का आह्वान किया गया. हालांकि, सार्वजनिक परिवहन को इससे अलग रखा गया है. |
एस श्रीसंत को भले ही क्रिकेट विश्व कप की भारतीय टीम में शामिल नहीं किया गया हो, लेकिन चयन समिति के अध्यक्ष के श्रीकांत ने इस गेंदबाज को ‘बेहतरीन’ गेंदबाज करार दिया.
श्रीसंत को अच्छा आउट स्विंगर बताते हुए श्रीकांत ने कहा, ‘चयनकर्ता का काम ऐसा है जिसे कोई सम्मान नहीं देता है और न ही कोई प्रशंसा करता है.’ श्रीकांत ने ‘एशियानेट’ टेलीविजन पर ‘आन रिकार्ड’ शो के दौरान कहा, ‘मैंने उसे (श्रीसंत को) धैर्य रखने के लिये कहा है और कहा कि वह अच्छा गेंदबाज होगा.’
पूर्व कप्तान ने क्रिकेट को ‘भविष्य का खेल’ बताते हुए कहा कि समय और अनुभव के साथ साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलने से स्तर में विकास होता है. |
सरकार ने भूमि अधिग्रहण विधेयक पर व्यापक सहमति बना ली है। इससे महीने भर के गतिरोध के बाद विधेयक को संसद के बजट सत्र में ही पेश कर पारित कराने का रास्ता साफ हो गया।
करीब 90 मिनट की सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ और लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि हमने भूमि अधिग्रहण विधेयक पर व्यापक सहमति बना ली है। सरकार बीजेपी की इस मांग पर सहमत हो गई है कि भूमि अधिग्रहण की बजाय डेवलपर को उसे लीज पर दिया जाए, ताकि भूमि का स्वामित्व किसान के पास ही रहे और उसे नियमित वार्षिक आय होती रहे।
इस बीच, सरकारी सूत्रों ने बताया कि सरकार भूमि अधिग्रहण एवं पुनर्वास विधेयक 2011 में संशोधन के लिए राजी हो गई है। राज्यों के लिए इसमें प्रावधान होगा कि वे इस संबंध में कानून बनाएं, क्योंकि भूमि को लीज पर देना या लेना राज्य का विषय है। डीएमके और वाम दलों को हालांकि विधेयक के बारे में अब भी आपत्तियां हैं। माकपा ने मांग की है कि भूमि अधिग्रहण के कारण प्रभावित होने वाले सभी परिवारों की सहमति हासिल की जाए।
माकपा नेता बासुदेव आचार्य ने कहा कि मूल विधेयक से नए विधेयक को काफी हल्का कर दिया गया है। मौजूदा विधेयक किसानों के हितों के खिलाफ है। विधेयक जब संसद में पेश होगा, हम संशोधन लाएंगे। डीएमके नेता टीआर बालू ने दावा किया कि विधेयक संविधान के संघीय ढांचे के खिलाफ है और उनकी पार्टी विधेयक से सहमत नहीं हो सकती। श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर पिछले ही महीने सरकार से समर्थन वापस लेने वाली डीएमके से विधेयक पर शुक्रवार तक सुझाव देने को कहा गया है। टिप्पणियां
विधेयक में भूमि अधिग्रहण को लेकर उद्योग की समस्याओं के दूर करने का प्रस्ताव है। यह 1894 के भूमि अधिग्रहण कानून को बदलकर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में विस्थापित हुए लोगों के पुनर्वास का प्रावधान करता है। पिछले एक सप्ताह के दौरान ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश इस विधेयक पर समर्थन जुटाने के लिए लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली और माकपा नेता सीताराम येचुरी से मिले थे। रमेश ने सपा नेता राम गोपाल यादव और जेडीयू नेता शरद यादव के साथ भी अलग-अलग बैठकें की थीं।
9 अप्रैल की बैठक में सुषमा ने बीजेपी की ओर से 12 बिन्दु रखे थे। माकपा और बीजेपी ने सरकार से कहा था कि वह विधेयक को ग्रामीण विकास संबंधी संसद की स्थायी समिति के विचारार्थ भेजे और मॉनसून सत्र में इसे संसद में पेश करे। पिछली बैठक में सपा के रेवती रमण सिंह ने मुआवजे की कम राशि पर आपत्ति व्यक्त करते हुए सुझाव दिया था कि भूमि देने वाले किसानों के परिवार में युवा सदस्यों को नौकरियां मिलनी चाहिए। विभिन्न दलों के विरोध के बाद सरकार ने उनसे विधेयक पर अपने सुझाव 15 अप्रैल तक सौंपने को कहा था। ग्रामीण विकास मंत्री को इन सुझावों पर 18 अप्रैल तक विचार करना था।
करीब 90 मिनट की सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ और लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि हमने भूमि अधिग्रहण विधेयक पर व्यापक सहमति बना ली है। सरकार बीजेपी की इस मांग पर सहमत हो गई है कि भूमि अधिग्रहण की बजाय डेवलपर को उसे लीज पर दिया जाए, ताकि भूमि का स्वामित्व किसान के पास ही रहे और उसे नियमित वार्षिक आय होती रहे।
इस बीच, सरकारी सूत्रों ने बताया कि सरकार भूमि अधिग्रहण एवं पुनर्वास विधेयक 2011 में संशोधन के लिए राजी हो गई है। राज्यों के लिए इसमें प्रावधान होगा कि वे इस संबंध में कानून बनाएं, क्योंकि भूमि को लीज पर देना या लेना राज्य का विषय है। डीएमके और वाम दलों को हालांकि विधेयक के बारे में अब भी आपत्तियां हैं। माकपा ने मांग की है कि भूमि अधिग्रहण के कारण प्रभावित होने वाले सभी परिवारों की सहमति हासिल की जाए।
माकपा नेता बासुदेव आचार्य ने कहा कि मूल विधेयक से नए विधेयक को काफी हल्का कर दिया गया है। मौजूदा विधेयक किसानों के हितों के खिलाफ है। विधेयक जब संसद में पेश होगा, हम संशोधन लाएंगे। डीएमके नेता टीआर बालू ने दावा किया कि विधेयक संविधान के संघीय ढांचे के खिलाफ है और उनकी पार्टी विधेयक से सहमत नहीं हो सकती। श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर पिछले ही महीने सरकार से समर्थन वापस लेने वाली डीएमके से विधेयक पर शुक्रवार तक सुझाव देने को कहा गया है। टिप्पणियां
विधेयक में भूमि अधिग्रहण को लेकर उद्योग की समस्याओं के दूर करने का प्रस्ताव है। यह 1894 के भूमि अधिग्रहण कानून को बदलकर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में विस्थापित हुए लोगों के पुनर्वास का प्रावधान करता है। पिछले एक सप्ताह के दौरान ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश इस विधेयक पर समर्थन जुटाने के लिए लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली और माकपा नेता सीताराम येचुरी से मिले थे। रमेश ने सपा नेता राम गोपाल यादव और जेडीयू नेता शरद यादव के साथ भी अलग-अलग बैठकें की थीं।
9 अप्रैल की बैठक में सुषमा ने बीजेपी की ओर से 12 बिन्दु रखे थे। माकपा और बीजेपी ने सरकार से कहा था कि वह विधेयक को ग्रामीण विकास संबंधी संसद की स्थायी समिति के विचारार्थ भेजे और मॉनसून सत्र में इसे संसद में पेश करे। पिछली बैठक में सपा के रेवती रमण सिंह ने मुआवजे की कम राशि पर आपत्ति व्यक्त करते हुए सुझाव दिया था कि भूमि देने वाले किसानों के परिवार में युवा सदस्यों को नौकरियां मिलनी चाहिए। विभिन्न दलों के विरोध के बाद सरकार ने उनसे विधेयक पर अपने सुझाव 15 अप्रैल तक सौंपने को कहा था। ग्रामीण विकास मंत्री को इन सुझावों पर 18 अप्रैल तक विचार करना था।
इस बीच, सरकारी सूत्रों ने बताया कि सरकार भूमि अधिग्रहण एवं पुनर्वास विधेयक 2011 में संशोधन के लिए राजी हो गई है। राज्यों के लिए इसमें प्रावधान होगा कि वे इस संबंध में कानून बनाएं, क्योंकि भूमि को लीज पर देना या लेना राज्य का विषय है। डीएमके और वाम दलों को हालांकि विधेयक के बारे में अब भी आपत्तियां हैं। माकपा ने मांग की है कि भूमि अधिग्रहण के कारण प्रभावित होने वाले सभी परिवारों की सहमति हासिल की जाए।
माकपा नेता बासुदेव आचार्य ने कहा कि मूल विधेयक से नए विधेयक को काफी हल्का कर दिया गया है। मौजूदा विधेयक किसानों के हितों के खिलाफ है। विधेयक जब संसद में पेश होगा, हम संशोधन लाएंगे। डीएमके नेता टीआर बालू ने दावा किया कि विधेयक संविधान के संघीय ढांचे के खिलाफ है और उनकी पार्टी विधेयक से सहमत नहीं हो सकती। श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर पिछले ही महीने सरकार से समर्थन वापस लेने वाली डीएमके से विधेयक पर शुक्रवार तक सुझाव देने को कहा गया है। टिप्पणियां
विधेयक में भूमि अधिग्रहण को लेकर उद्योग की समस्याओं के दूर करने का प्रस्ताव है। यह 1894 के भूमि अधिग्रहण कानून को बदलकर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में विस्थापित हुए लोगों के पुनर्वास का प्रावधान करता है। पिछले एक सप्ताह के दौरान ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश इस विधेयक पर समर्थन जुटाने के लिए लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली और माकपा नेता सीताराम येचुरी से मिले थे। रमेश ने सपा नेता राम गोपाल यादव और जेडीयू नेता शरद यादव के साथ भी अलग-अलग बैठकें की थीं।
9 अप्रैल की बैठक में सुषमा ने बीजेपी की ओर से 12 बिन्दु रखे थे। माकपा और बीजेपी ने सरकार से कहा था कि वह विधेयक को ग्रामीण विकास संबंधी संसद की स्थायी समिति के विचारार्थ भेजे और मॉनसून सत्र में इसे संसद में पेश करे। पिछली बैठक में सपा के रेवती रमण सिंह ने मुआवजे की कम राशि पर आपत्ति व्यक्त करते हुए सुझाव दिया था कि भूमि देने वाले किसानों के परिवार में युवा सदस्यों को नौकरियां मिलनी चाहिए। विभिन्न दलों के विरोध के बाद सरकार ने उनसे विधेयक पर अपने सुझाव 15 अप्रैल तक सौंपने को कहा था। ग्रामीण विकास मंत्री को इन सुझावों पर 18 अप्रैल तक विचार करना था।
माकपा नेता बासुदेव आचार्य ने कहा कि मूल विधेयक से नए विधेयक को काफी हल्का कर दिया गया है। मौजूदा विधेयक किसानों के हितों के खिलाफ है। विधेयक जब संसद में पेश होगा, हम संशोधन लाएंगे। डीएमके नेता टीआर बालू ने दावा किया कि विधेयक संविधान के संघीय ढांचे के खिलाफ है और उनकी पार्टी विधेयक से सहमत नहीं हो सकती। श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर पिछले ही महीने सरकार से समर्थन वापस लेने वाली डीएमके से विधेयक पर शुक्रवार तक सुझाव देने को कहा गया है। टिप्पणियां
विधेयक में भूमि अधिग्रहण को लेकर उद्योग की समस्याओं के दूर करने का प्रस्ताव है। यह 1894 के भूमि अधिग्रहण कानून को बदलकर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में विस्थापित हुए लोगों के पुनर्वास का प्रावधान करता है। पिछले एक सप्ताह के दौरान ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश इस विधेयक पर समर्थन जुटाने के लिए लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली और माकपा नेता सीताराम येचुरी से मिले थे। रमेश ने सपा नेता राम गोपाल यादव और जेडीयू नेता शरद यादव के साथ भी अलग-अलग बैठकें की थीं।
9 अप्रैल की बैठक में सुषमा ने बीजेपी की ओर से 12 बिन्दु रखे थे। माकपा और बीजेपी ने सरकार से कहा था कि वह विधेयक को ग्रामीण विकास संबंधी संसद की स्थायी समिति के विचारार्थ भेजे और मॉनसून सत्र में इसे संसद में पेश करे। पिछली बैठक में सपा के रेवती रमण सिंह ने मुआवजे की कम राशि पर आपत्ति व्यक्त करते हुए सुझाव दिया था कि भूमि देने वाले किसानों के परिवार में युवा सदस्यों को नौकरियां मिलनी चाहिए। विभिन्न दलों के विरोध के बाद सरकार ने उनसे विधेयक पर अपने सुझाव 15 अप्रैल तक सौंपने को कहा था। ग्रामीण विकास मंत्री को इन सुझावों पर 18 अप्रैल तक विचार करना था।
विधेयक में भूमि अधिग्रहण को लेकर उद्योग की समस्याओं के दूर करने का प्रस्ताव है। यह 1894 के भूमि अधिग्रहण कानून को बदलकर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में विस्थापित हुए लोगों के पुनर्वास का प्रावधान करता है। पिछले एक सप्ताह के दौरान ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश इस विधेयक पर समर्थन जुटाने के लिए लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली और माकपा नेता सीताराम येचुरी से मिले थे। रमेश ने सपा नेता राम गोपाल यादव और जेडीयू नेता शरद यादव के साथ भी अलग-अलग बैठकें की थीं।
9 अप्रैल की बैठक में सुषमा ने बीजेपी की ओर से 12 बिन्दु रखे थे। माकपा और बीजेपी ने सरकार से कहा था कि वह विधेयक को ग्रामीण विकास संबंधी संसद की स्थायी समिति के विचारार्थ भेजे और मॉनसून सत्र में इसे संसद में पेश करे। पिछली बैठक में सपा के रेवती रमण सिंह ने मुआवजे की कम राशि पर आपत्ति व्यक्त करते हुए सुझाव दिया था कि भूमि देने वाले किसानों के परिवार में युवा सदस्यों को नौकरियां मिलनी चाहिए। विभिन्न दलों के विरोध के बाद सरकार ने उनसे विधेयक पर अपने सुझाव 15 अप्रैल तक सौंपने को कहा था। ग्रामीण विकास मंत्री को इन सुझावों पर 18 अप्रैल तक विचार करना था।
9 अप्रैल की बैठक में सुषमा ने बीजेपी की ओर से 12 बिन्दु रखे थे। माकपा और बीजेपी ने सरकार से कहा था कि वह विधेयक को ग्रामीण विकास संबंधी संसद की स्थायी समिति के विचारार्थ भेजे और मॉनसून सत्र में इसे संसद में पेश करे। पिछली बैठक में सपा के रेवती रमण सिंह ने मुआवजे की कम राशि पर आपत्ति व्यक्त करते हुए सुझाव दिया था कि भूमि देने वाले किसानों के परिवार में युवा सदस्यों को नौकरियां मिलनी चाहिए। विभिन्न दलों के विरोध के बाद सरकार ने उनसे विधेयक पर अपने सुझाव 15 अप्रैल तक सौंपने को कहा था। ग्रामीण विकास मंत्री को इन सुझावों पर 18 अप्रैल तक विचार करना था। |
तीन महीने पहले भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष का कार्यभार संभालने वाले विजय गोयल ने सोमवार को तजुर्बेकार, नौजवान और महिलाओं से मिली जुली अपनी नई टीम की घोषणा की।
इस नई टीम का मकसद नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन कर 15 साल के अंतराल के बाद दिल्ली की सत्ता पर दोबारा काबिज होना है।टिप्पणियां
गोयल द्वारा नियुक्त किए गए दस उपाध्यक्षों में विधायक मोहन सिंह बिष्ट, कुलवंत राणा और पूर्व महापौर अनिता आर्या तथा मीरा अग्रवाल शामिल हैं।
अन्य उपाध्यक्षों में पृथ्वीराज साहनी, पवन शर्मा, आशीष सूद, आमिर रजा हुसैन, अभय वर्मा और योगेंद्र चंदौलिया शामिल हैं।
इस नई टीम का मकसद नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन कर 15 साल के अंतराल के बाद दिल्ली की सत्ता पर दोबारा काबिज होना है।टिप्पणियां
गोयल द्वारा नियुक्त किए गए दस उपाध्यक्षों में विधायक मोहन सिंह बिष्ट, कुलवंत राणा और पूर्व महापौर अनिता आर्या तथा मीरा अग्रवाल शामिल हैं।
अन्य उपाध्यक्षों में पृथ्वीराज साहनी, पवन शर्मा, आशीष सूद, आमिर रजा हुसैन, अभय वर्मा और योगेंद्र चंदौलिया शामिल हैं।
गोयल द्वारा नियुक्त किए गए दस उपाध्यक्षों में विधायक मोहन सिंह बिष्ट, कुलवंत राणा और पूर्व महापौर अनिता आर्या तथा मीरा अग्रवाल शामिल हैं।
अन्य उपाध्यक्षों में पृथ्वीराज साहनी, पवन शर्मा, आशीष सूद, आमिर रजा हुसैन, अभय वर्मा और योगेंद्र चंदौलिया शामिल हैं।
अन्य उपाध्यक्षों में पृथ्वीराज साहनी, पवन शर्मा, आशीष सूद, आमिर रजा हुसैन, अभय वर्मा और योगेंद्र चंदौलिया शामिल हैं। |
पिछले लगभग दो महीने से हड़ताल पर चल रहे एयर इंडिया के 434 पायलटों ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद अपनी हड़ताल खत्म कर दी है। उधर, एयर इंडिया प्रबंधन ने भी अदालत को आश्वासन दिया है कि वह बर्खास्त पायलटों की बहाली के करने के साथ-साथ पायलटों की शिकायतों पर सहानुभूति के साथ विचार करेगा।
उल्लेखनीय है कि पिछले 57 दिन से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे पायलटों में से 100 से ज्यादा पायलटों को सरकार नौकरी से बर्खास्त कर चुकी है।टिप्पणियां
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि सभी पायलट 48 घंटे के भातर हड़ताल खत्म कर काम पर लौट आएं। कोर्ट के आदेशानुसार इन सभी पायलटों को प्रबंधन को खत लिखकर यह कहना होगा कि वे काम पर लौटने के इच्छुक हैं। कोर्ट ने प्रबंधन को भी आदेश दिया कि वह सभी हड़ताली और बर्खास्त पायलटों की बहाली पर 'सहानुभूतिपूर्वक विचार' करे। बताया जाता है कि इस हड़ताल से सरकार को लगभग 600 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
इन पायलटों के हड़ताल करने का कारण यह था कि उनके मुताबिक प्रबंधन उनकी वरिष्ठता और प्रशिक्षण को पर्याप्त संरक्षण नहीं दे रहा है। दरअसल, वर्ष 2007 में घरेलू एयरलाइन इंडियन एयरलाइन्स के साथ विलय के बाद से एयर इंडिया के पायलटों का मानना रहा है कि वे इंडियन एयरलाइन्स के पायलटों की तुलना में वरिष्ठ हैं, और इंडियन एयरलाइन्स के पायलटों को बोइंग ड्रीमलाइनर जैसे विमानों को उड़ाने का प्रशिक्षण नहीं दिया जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि पिछले 57 दिन से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे पायलटों में से 100 से ज्यादा पायलटों को सरकार नौकरी से बर्खास्त कर चुकी है।टिप्पणियां
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि सभी पायलट 48 घंटे के भातर हड़ताल खत्म कर काम पर लौट आएं। कोर्ट के आदेशानुसार इन सभी पायलटों को प्रबंधन को खत लिखकर यह कहना होगा कि वे काम पर लौटने के इच्छुक हैं। कोर्ट ने प्रबंधन को भी आदेश दिया कि वह सभी हड़ताली और बर्खास्त पायलटों की बहाली पर 'सहानुभूतिपूर्वक विचार' करे। बताया जाता है कि इस हड़ताल से सरकार को लगभग 600 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
इन पायलटों के हड़ताल करने का कारण यह था कि उनके मुताबिक प्रबंधन उनकी वरिष्ठता और प्रशिक्षण को पर्याप्त संरक्षण नहीं दे रहा है। दरअसल, वर्ष 2007 में घरेलू एयरलाइन इंडियन एयरलाइन्स के साथ विलय के बाद से एयर इंडिया के पायलटों का मानना रहा है कि वे इंडियन एयरलाइन्स के पायलटों की तुलना में वरिष्ठ हैं, और इंडियन एयरलाइन्स के पायलटों को बोइंग ड्रीमलाइनर जैसे विमानों को उड़ाने का प्रशिक्षण नहीं दिया जाना चाहिए।
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि सभी पायलट 48 घंटे के भातर हड़ताल खत्म कर काम पर लौट आएं। कोर्ट के आदेशानुसार इन सभी पायलटों को प्रबंधन को खत लिखकर यह कहना होगा कि वे काम पर लौटने के इच्छुक हैं। कोर्ट ने प्रबंधन को भी आदेश दिया कि वह सभी हड़ताली और बर्खास्त पायलटों की बहाली पर 'सहानुभूतिपूर्वक विचार' करे। बताया जाता है कि इस हड़ताल से सरकार को लगभग 600 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
इन पायलटों के हड़ताल करने का कारण यह था कि उनके मुताबिक प्रबंधन उनकी वरिष्ठता और प्रशिक्षण को पर्याप्त संरक्षण नहीं दे रहा है। दरअसल, वर्ष 2007 में घरेलू एयरलाइन इंडियन एयरलाइन्स के साथ विलय के बाद से एयर इंडिया के पायलटों का मानना रहा है कि वे इंडियन एयरलाइन्स के पायलटों की तुलना में वरिष्ठ हैं, और इंडियन एयरलाइन्स के पायलटों को बोइंग ड्रीमलाइनर जैसे विमानों को उड़ाने का प्रशिक्षण नहीं दिया जाना चाहिए।
इन पायलटों के हड़ताल करने का कारण यह था कि उनके मुताबिक प्रबंधन उनकी वरिष्ठता और प्रशिक्षण को पर्याप्त संरक्षण नहीं दे रहा है। दरअसल, वर्ष 2007 में घरेलू एयरलाइन इंडियन एयरलाइन्स के साथ विलय के बाद से एयर इंडिया के पायलटों का मानना रहा है कि वे इंडियन एयरलाइन्स के पायलटों की तुलना में वरिष्ठ हैं, और इंडियन एयरलाइन्स के पायलटों को बोइंग ड्रीमलाइनर जैसे विमानों को उड़ाने का प्रशिक्षण नहीं दिया जाना चाहिए। |
अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए जल्द ही पाकिस्तान के ऐबटाबाद के उस घर का जायज़ा लेगी जहां ओसामा बिन लादेन का एनकाउंटर हुआ। खबर है कि CIA की टीम आला तकनीक के ज़रिए यहां छुपे अलकायदा से जुड़े सुराग तलाशने की कोशिश करेगी। सीआईए को शक है कि ओसामा के घर की दीवारों में कुछ अहम जानकारियां छिपी हो सकती हैं। ये खबर अमेरिका के वाशिंगटन पोस्ट अखबार के हवाले से आई है। इसके मुताबकि सीआईए के डिप्टी डायरेक्टर Micheal Morell ने पिछले दिनों अपने पाकिस्तान दौरे में आईएसआई के चीफ शुजा पाशा को सीआईए के ऐबटाबाद में जांच करने को लेकर राज़ी कर लिया। |
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार श्री लक्ष्मी नारायण की पूजा करने से व्यक्ति को श्री नारायण के साथ लक्ष्मी जी के पूजन से प्राप्त होने वाले समस्त फलों की प्राप्ति होती है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार भक्त श्री लक्ष्मी नारायण पूजा का प्रयोग लंबी आयु, स्वास्थ्य, समृद्धि, आध्यात्मिक विकास, व्यापार में सफलता और भौतिक सुखों की प्राप्ति के लिए करते हैं.
अगर आप भी भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा पाना चाहते हैं या फिर अपनी कोई मनोकामना जल्द पूरी करना चाहते हैं तो उनका पूजन करते समय ध्यान रखें ये जरूरी बातें.
-कौन कौन से ग्रह की पूजा करने से लक्ष्मीनारायण होंगे प्रसन्न-
- जन्म पत्रिका में चंद्रमा और शुक्र को स्त्री ग्रह माना जाता है.
- चंद्रमा और शुक्र की पूजा करने से माता महालक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
- चंद्रमा और शुक्र को प्रसन्न के लिए घर में काले और नीले रंग का प्रयोग बिल्कुल ना करें.
- अपने घर के दक्षिण पूर्वी भाग में रसोई घर जरूर बनाएं.
- हर रोज रसोई घर में काम करने से पहले घर की महिलाएं घर की इसी दिशा में एक दीया जरूर जलाएं उसके बाद ही रसोई घर का कार्य आरंभ करें.
-कौन सी गलतियां करके आप अनजाने में घर में दरिद्रता को बुलाते है-
- यदि आप अपने घर की महिलाओं का सम्मान नहीं करते हैं तो इससे शुक्र और चंद्रमा की अशुभता बनती है. जिसके कारण घर में दरिद्रता का वास होता है.
- अपने घर के दक्षिण पूर्वी कोनें में अर्थात आग्नेय कोण में जलभराव रखते हैं. जिसकी वजह से वहां वास्तु दोष उत्पन्न होने लगता है और घर में हमेशा के लिए दरिद्रता का वास हो जाता है.
-आप हर रोज रात्रि में देर तक जागते हैं और सुबह देर से ही उठते हैं इससे भी शनि और चंद्रमां का दुष्प्रभाव आने के कारण घर में दरिद्रता आने लगती है.
-भगवान लक्ष्मीनारायण जी को कैसे करें प्रसन्न कर मिलेगा रुका हुआ धन-
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और सफेद या गुलाबी कपड़े पहने.
- गेहूं के आटे का एक दीया बनाएं.
- दीये में लाल कलावे की बाती के साथ देसी घी भरें.
- श्री लक्ष्मीनारायण मन्दिर में यह दीया जलायें.
- ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं लक्ष्मीनारायनाय नमः मन्त्र का एक माला जाप करें.
- अपना मुंह उत्तर दिशा की तरफ रखे और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें.
- अपने रुके हुए धन की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें.
-घर मे अन्न और धन बढ़ाने का महाउपाय-
- शुक्ल पक्ष के शुक्रवार के दिन शाम के समय स्नान करके एक लाल आसन पर बैठे और अपना मुंह उत्तर या पूर्व दिशा की तरफ करें.
- अपने सामने लकड़ी के पटरे पर एक सवा मीटर लाल वस्त्र बिछाकर उस पर श्री लक्ष्मी नारायण जी की फोटो स्थापित करें और गाय के घी का दीपक जलाएं.
- एक शुद्ध स्फटिक की माला से ॐ दारिद्रध्वंसनी नमः मंत्र का तीन माला जाप करें.
- जाप के बाद भगवान लक्ष्मीनारायण को गुलाब का इत्र अर्पण करें और उसी इत्र को हर रोज इस्तेमाल करें. |
देश, दुनिया, महानगर, खेल, आर्थिक और बॉलीवुड में क्या कुछ हुआ. जानने के लिए यहां पढ़ें समय के साथ साथ खबरों का लाइव अपडेशन.
11:50 PM मैक्सिको: पश्चिमी प्रशांत तट में भूकंप के झटके, तीव्रता 5.8
11:18 PM मध्य प्रदेश: सतना में मालगाड़ी के 24 डिब्बे पटरी से उतरे, रेल यातायात प्रभावित
24 bogies of a goods train derailed in Satna, Mumbai-Howrah up line & Satna-Rewa track affected. Railway has started reconstruction of the track
#MadhyaPradesh
— ANI (@ANI)
February 9, 2018
11:09 PM राम मंदिर पर फैसला सुप्रीम कोर्ट करेगा: AIMPLB
11:04 PM हैदराबाद: AIMPLB की बैठक में फैसला- हमारे पक्ष में कोई बदलाव नहीं
10:47 PM हैदराबाद: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक खत्म
10:36 PM लखनऊ: चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट पर लाखों का सोना जब्त, 1 शख्स गिरफ्तार
10:21 PM ग्रेटर नोएडा : ऑटो एक्सपो की पार्किंग में लगी आग, 4 गाड़ियां जलीं
ग्रेटर नोएडा में ऑटो एक्स्पो की पार्किंग में लगी आग. ग्रेटर नोएडा ने ऑटो एक्स्पो देखने आए लोगों की चार कारें जलीं. अग्निशमन की गाड़ियों ने आग पर पाया काबू. आग के कारणों का पता लगाने में जुटे अधिकारी, थाना नॉलेज पार्क क्षेत्र की घटना.
10:13 PM ओडिशा: बीमारी के चलते साहित्यकार चंद्रशेखर राठ का निधन
Litterateur Chandrasekhar Rath passed away due to prolonged illness in Odisha's Bhubaneswar. The 89-year-old was selected for Padma Shri this year
pic.twitter.com/bA6WlzgV0v
— ANI (@ANI)
February 9, 2018
10:10 PM जम्मू-कश्मीर: कुलगाम के जंगल में लगी आग
10:08 PM हैदराबाद: AIMPLB की बैठक में राम मंदिर के प्रस्ताव पर सभी पक्षों ने चर्चा की
09:48 PM राजस्थान: भीलवाड़ा में फूड पॉइजनिंग से 5 लोगों की मौत, 3 की हालत गंभीर
09:35 PM महिला सशक्तीकरण के लिए 'एक जनपद, एक उत्पाद' योजना लागू की: CM योगी
09:29 PM मनी शर्मा नाम के भारतीय को मालदीव के अधिकारियों ने हिरासत में लिया
09:24 PM अस्पताल से डिस्चार्ज हुए अमिताभ बच्चन
08:35 PM जॉर्डन: अम्मान के होटल में भारतीयों ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया
Jordan: Members of the Indian community welcome PM Narendra Modi at Amman's Four Seasons Hotel.
pic.twitter.com/PUJEms6q0Y
— ANI (@ANI)
February 9, 2018
08:26 PM ममता बनर्जी से मिले हार्दिक पटेल, 2019 में तृणमूल के लिए करेंगे प्रचार
08:11 PM दिल्ली: SEBI के चेयरमैन कल सुबह 11:30 बजे मीडिया को करेंगे संबोधित
08:08 PM राज्यसभा की कार्यवाही 5 मार्च तक के लिए स्थगित
08:03 PM हैदराबाद: AIMPLB की बैठक में पहुंचे मौलाना नदवी
08:01 PM महाराष्ट्र: चंद्रापुर रेलवे स्टेशन से 2 नक्सली गिरफ्तार
07:41 PM 11 से 13 फरवरी के दौरान उत्तर पश्चिम भारत में बारिश और बर्फबारी की संभावना
मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली में 11 तारीख की रात से 12 फरवरी तक बारिश होने की संभावना है. पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिम उत्तर प्रदेश में 11 फरवरी से 13 फरवरी तक बारिश और ओलावृष्टि की संभावना. जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में 12-13 फरवरी को भारी बर्फबारी की चेतावनी जारी की गई.
07:28 PM पीएम नरेंद्र मोदी ने अम्मान में जॉर्डन के किंग से की मुलाकात
07:16 PM अबू धाबी-मुंबई फ्लाइट को अहमदाबाद डायवर्ट किया गया
07:03 PM बजट पर अरुण जेटली- हम हवा में नहीं जी रहे हैं
06:59 PM गरीबी तो 1971 में ही खत्म हो जानी चाहिए थी, जब आपने यह नारा दिया था: जेटली
07:00 PM खाद्य सुरक्षा के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपये का बजट प्रावधान
06:53 PM आंध्र मुद्दे पर जेटली- राज्य को मुआवजा देने को तैयार है केंद्र
06:47 PM बजट 2018-2019 पर राज्यसभा में चर्चा, सदन में बोल रहे वित्त मंत्री अरुण जेटली
06:40 PM खुदाई में राम मंदिर के अवशेष नहीं मिले: हाजी महबूब
अयोध्या मामले में पक्षकार हाजी महबूब ने 'आजतक' से कहा- मौलाना नदवी की बात बेवकूफी.
06:38 PM विराट कोहली वनडे के लिए सचिन तेंदुलकर की तरह हैं: सौरव गांगुली
06:30 PM मालदीव में एक न्यूज एजेंसी के लिए काम कर रहे दो भारतीय रिपोर्टर गिरफ्तार
06:27 PM जॉर्डन की राजधानी अम्मान पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी
06:24 PM तमिलनाडु: डीजल की कीमतों को लेकर 16 फरवरी से हड़ताल करेंगे मछुआरे
06:06 PM पश्चिम बंगाल: मालदा में BSF जवानों ने 8,98,000 कीमत के नकली नोट जब्त किए
West Bengal: Fake Indian currency notes of face value Rs 8,98,000 seized by Border Security Force from Daulatpur Border Out post area in Malda.
pic.twitter.com/KpaAQbH8Br
— ANI (@ANI)
February 9, 2018
06:01 PM हैदराबाद: मौलाना नदवी के बयान पर AIMPLB और वक्फ बोर्ड की बैठक शुरू
05:58 PM दिल्ली: विकासपुरी इलाके में डंपर ने बुजुर्ग को कुचला, ड्राइवर गिरफ्तार
05:57 PM नाथुला रूट से दोबारा शुरू होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा
05:49 PM विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से की मुलाकात, जस्टिस लोया केस में SIT जांच की मांग
Many MPs from both Lok Sabha & Rajya Sabha felt discomfort over it & also feel that the matter should be probed & an SIT should be formed: Rahul Gandhi after opposition delegation met President over
#JudgeLoya
death case
pic.twitter.com/IeOQhxPrdC
— ANI (@ANI)
February 9, 2018
05:44 PM हैदराबाद में कल AIMPLB की बैठक, ट्रिपल तलाक और राम मंदिर मुद्दे पर होगी चर्चा
05:40 PM हैदराबाद: पुलिस ने कोकीन और हेरोइन के साथ 3 विदेशियों को किया गिरफ्तार
Hyderabdad : Police arrests one citizen of Sierra Leone and two citizens of Nigeria in possession of cocaine and heroin.
pic.twitter.com/YHKTKbemYf
— ANI (@ANI)
February 9, 2018
05:29 PM दिल्ली: मारपीट के आरोप में AAP के किराड़ी से विधायक रितु राज झा के खिलाफ FIR दर्ज
दिल्ली के आम आदमी पार्टी के किराड़ी से विधायक रितु राज झा के खिलाफ आप आदमी पार्ट्री के ही कार्यकर्ता संजीव पवार ने एफआईआर दर्ज कराई. अमन विहार थाने में हुआ विधायक पर मामला दर्ज. IPC की धारा 323, 341, 504 के तहत मामला दर्ज हुआ. आरोप है की कल पार्टी के एक कार्यक्रम में विधायक ने कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की.
05:26 PM हैदराबाद: सड़क हादसे में कक्षा 10 के 2 छात्रों की मौत, 1 घायल
05:15 PM राहुल गांधी समेत कई विपक्षी दलों के नेता राष्ट्रपति कोविंद से मिलने पहुंचे
05:09 PM कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कर्नाटक में कल से शुरू करेंगे चुनाव प्रचार
04:57 PM पुलिस बैरीकेड के तार से बाइकर की मौत के मामले में NHRC ने दिल्ली पुलिस को भेजा नोटिस
दिल्ली में पुलिस बैरीकेड के तार से बाइकर की मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दिल्ली पुलिस को भेजा नोटिस
04:47 PM 12 फरवरी को बीजेपी पूरी दिल्ली में पकौड़े पर चर्चा का आयोजन करेगी: मनोज तिवारी
04:44 PM राफेल सौदे का विवरण देश के सामने क्यों नहीं रखा जा सकता: लालू यादव
04:42 PM J&K: सोपोर में नमाज के बाद प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों में झड़प
04:39 PM जज लोया केस में दायर याचिका को महाराष्ट्र सरकार ने बताया 'मोटिवेटिड'
04:18 PM राम मंदिर मामले को लेकर पीएम से मिलेंगे मुस्लिम उलेमा: हाजी महबूब
04:15 PM राम मंदिर मामले पर बोले हाजी महबूब- देश के लिए त्याग करेंगे मुसलमान
04:14 PM महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर राष्ट्रपति कोविंद से शाम 5 बजे मिलेंगे विपक्षी दलों के नेता
04:06 PM केरल हाई कोर्ट ने पूर्व CM ओमान चांडी के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द किया
04:03 PM राम मंदिर मामले को लेकर 21 फरवरी को बैठक कर सकते हैं मुस्लिम उलेमा
03:53 PM जस्टिस लोया केस में 12 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में फिर होगी सुनवाई
03:48 PM 407 अंकों की गिरावट के साथ 34005 पर बंद हुआ सेंसेक्स
निफ्टी 10454 पर बंद
03:47 PM दिल्ली सरकार के 3 साल पूरा होने पर AAP निकालेगी विकास यात्रा: गोपाल राय
03:44 PM साउथ कोरिया पहुंचीं तानाशाह किम की बहन किम यो जोंग
03:28 PM ग्रेटर नोएडा: नकली नोट बनाने वाले गिरोह के 4 लोग गिरफ्तार
03:23 PM कोलकाता छेड़छाड़ मामला: पुलिस ने शिक्षक को किया गिरफ्तार
03:08 PM इंदिरा नूई बनीं ICC की पहली स्वतंत्र महिला निदेशक
03:06 PM अयोध्या केस: वसीम रिजवी ने की RSS के नेता इंद्रेश कुमार से मुलाकात
02:54 PM SC ने दिल्ली सरकार और DDA से नए मास्टर प्लान पर 4 दिन के अंदर मांगी रिपोर्ट
02:35 PM पश्चिम बंगाल: मुर्शिदाबाद में एक फेक करेंसी गैंग के 3 लोग गिरफ्तार
West Bengal: 3 people of a fake currency gang arrested in Murshidabad. Fake Indian Currency notes with the face value of Rs 6 Lakh seized from them.
pic.twitter.com/zXKISjFqLD
— ANI (@ANI)
February 9, 2018
02:30 PM पुंछ: सीमापार से पाकिस्तानी गोलीबारी में 3 जवान जख्मी
02:25 PM बैंगलोर: दयानंद सागर इंजीनियरिंग कॉलेज की एक स्टूडेंट ने की आत्महत्या
#Bengaluru
: A first year student of Dayananda Sagar College of Engineering, hangs herself at her house. Family alleges she was bullied by four classmates and a faculty member for losing in class representative elections.
— ANI (@ANI)
February 9, 2018
02:18 PM दिल्ली: सीलिंग के खिलाफ 15 फरवरी को व्यापारी करेंगे रैली
व्यापारियों की मांग है कि केंद्र सरकार सीलिंग के खिलाफ अध्यादेश लाए.
02:10 PM शाहजहांपुर: 10 करोड़ की ड्रग्स और पाकिस्तानी सिम सहित स्मगलर गिरफ्तार
02:01 PM पुलिस की लापरवाही: दिल्ली सरकार अभिषेक के परिवार को देगी 5 लाख रुपये
बैरिकेड लगाने में बरती गई लापरवाही के चलते हुई थी मौत
01:58 PM दिल्ली: सीलिंग के मुद्दे पर BJP विधायक ओम प्रकाश शर्मा के खिलाफ FIR
SC द्वारा बनाई गई मॉनिटरिंग कमेटी ने सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाया
01:57 PM राहुल गांधी की अगुवाई में विपक्ष के नेता राष्ट्रपति से मिलेंगे
जस्टिस लोया मुद्दे पर शाम पांच बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलेंगे कांग्रेस अध्यक्ष और विपक्षी दलों के नेता.
01:55 PM सरकार कौन सा रहस्य छुपा रही है जिससे देश को खतरा है: सुरजेवाला
01:54 PM जम्मू: पुंछ के कृष्णा घाटी में PAK की ओर से सीजफायर उल्लंघन
01:53 PM राष्ट्रहित में राफेल की कीमत बताए केंद्र सरकार: रणदीप सुरजेवाला
01:51 PM मोदी सरकार एक झूठ छुपाने के लिये 100 झूठ बोल रही है: रणदीप सुरजेवाला
01:46 PM बेंगलुरु: लश्कर के आतंकी इमरान जलाल को 7 साल कठोर कारावास की सजा
01:44 PM मुजफ्फरनगर: गोकशी के आरोप में 1 गिरफ्तार, 2 आरोपी फरार
01:40 PM AAP 11 फरवरी को सभी 70 विधानसभा में करेगी विकास यात्रा: गोपाल राय
01:38 PM UP: बलरामपुर में शुक्रवार को बोर्ड एग्जाम में पकड़े गये 14 नकलची
प्रथम पाली में थी अंग्रेजी प्रथम की परीक्षा
01:32 PM स्टिंग केस में हरसिमरत कौर और नरेश गुजराल ने टाइटलर के अरेस्ट की मांग की
गृहमंत्री राजनाथ सिंह को सौंपा ज्ञापन
01:30 PM प्रोग्रेसिव इंडिया रिपोर्ट में केंद्र शासित प्रदेशों में शीर्ष पर रहा लक्षद्वीप
Among Union Territories, Lakshadweep showed both the best overall performance as well as the highest annual incremental performance: Healthy States, Progressive India Report on Rank of States & Union Territories
— ANI (@ANI)
February 9, 2018
01:28 PM प्रोग्रेसिव इंडिया रिपोर्ट में छोटे राज्यों में मिजोरम शीर्ष पर
Among smaller states, Mizoram ranked first followed by Manipur on overallperformance, while Manipur followed by Goa were the top ranked States in terms of annual incremental performance: Healthy States, Progressive India Report on Rank of States & Union Territories
— ANI (@ANI)
February 9, 2018
01:27 PM प्रोग्रेसिव इंडिया रिपोर्ट में बड़े राज्यों में केरल, पंजाब और तमिलनाडु शीर्ष पर
Among larger states Kerala, Punjab & Tamil Nadu ranked on top in termsof overall performance while Jharkhand, J&K and UP are the top three ranking states in terms of annual incremental performance: Healthy States, Progressive India Report on Rank of States and Union Territories
— ANI (@ANI)
February 9, 2018
01:25 PM सुमित्रा महाजन ने विदेश मामलों की कमिटी की बैठक को रद्द करने को कहा
शशि थरूर ने बुलाई थी बैठक, महाजन ने कहा- सांसदों से मिली शॉर्ट नोटिस की शिकायत
Some MPs met me & raised objection that meeting has been called at very short notice also today there is important discussion on General Budget in LS & FM's reply is slated after discussion: Sumitra Mahajan to Shashi Tharoor on him calling meeting of committee on external affairs
— ANI (@ANI)
February 9, 2018
01:15 PM बीकानेर लैंड केस में कांग्रेस नेता महेश नागर के घरों पर ED का छापा
01:14 PM जो भारत माता की जय नहीं बोलेगा, उसे यहां से जाना पड़ेगा: BJP विधायक टी राजा
01:03 PM ओडिशा: संबलपुर में लोगों ने पुलिस स्टेशन में की तोड़-फोड़, लगाई आग
चोरी के केस में आरोपी की हिरासत में मौत का मामला
01:00 PM NGT: शाह की जींद रैली से जुड़ी याचिका पर केंद्र और हरियाणा सरकार को नोटिस
बाइक की संख्या कम करने के लिए दी गई है याचिका, रैली में 1 लाख मोटरबाइक हो सकती है शामिल
12:53 PM जज लोया केस में आज शाम विपक्षी दलों के नेता राष्ट्रपति से मिलेंगे
12:49 PM अमेरिकी सीनेट में शटडाउन को समाप्त करने के लिए बिल पास
12:35 PM मानहानि केस में केजरीवाल को राहत, 1 दिन में नहीं पूरी करनी होगी जेटली से जिरह
12:32 PM SC की कार्यवाही की लाइव स्ट्रिमिंग मामले में AG की राय मांगी गई
12:14 PM UP: मुरादाबाद में 1 करोड़ रुपये मूल्य की सैंपल दवा जब्त, 2 अरेस्ट
12:10 PM लोकसभा की कार्यवाही 5 मार्च तक के लिए स्थगित
12:07 PM TDP के हंगामे के कारण राज्यसभा दोपहर 2:30 बजे तक के लिए स्थगित
12:06 PM नोएडा सेक्टर 16: तेज रफ्तार से आ रही DTC बस ने छात्र को रौंदा, मौत
12:04 PM तेज़ाब की बिक्री से संबंधित याचिका पर केंद्र को SC का नोटिस
12:02 PM संसद में गिर पड़े BJD सांसद केवी स्वामी, अस्पताल ले जाया गया
11:49 AM केरल हाई कोर्ट: जस्टिस एंटोनी डोमिनिक बने नए चीफ जस्टिस
Kerala: Justice Antony Dominic sworn-in as the new Chief Justice of Kerala High Court, in Thiruvananthapuram
pic.twitter.com/azyyDgBeGi
— ANI (@ANI)
February 9, 2018
11:45 AM J&K सरकार ने SC को बताया, अल्पसंख्यक आयोग के लिए बन रहा है ब्लूप्रिंट
11:42 AM बिहार: 11 मार्च को भभुआ और जहानाबाद विधान सभा सीट पर उपचुनाव
11:40 AM 11 मार्च को गोरखपुर, फूलपुर और अररिया लोकसभा सीट पर उपचुनाव
11:37 AM AAP नेता ने PM से जगदीश टाइटलर मामले में CBI टीम बदलने की मांग की
सीनियर वकील और AAP नेता एचएस फूल्का ने लेटर में कहा- टाइटलर को बचा रही है वर्तमान टीम, सबूत जुटाने में हुई फेल
11:31 AM अयोध्या विवाद पर कोई समझौता नहीं हुआ: जफरयाब जिलानी, वकील
बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने कहा कि हमें श्री श्री रविशंकर का फॉर्मूला नहीं स्वीकार
11:24 AM हर राज्य में बने बाल न्यायालय, HC के चीफ जस्टिस खुद संज्ञान लें: SC
11:22 AM राहुल गांधी जैसी राजनीति नहीं कर सकते, लेकिन हम उसको रोकेंगे: अमित शाह
11:20 AM TDP और विपक्ष के हंगामे के कारण राज्यसभा 12:00 बजे तक के लिए स्थगित
11:18 AM टीडीपी के हंगामे के कारण लोकसभा 12:00 बजे तक के लिए स्थगित
11:17 AM राजस्थान: पशु तस्करी के आरोप में भरतपुर में 3 लोग गिरफ्तार
11:13 AM SC ने सभी राज्य सरकारों से चाइल्ड वेलफेयर बोर्ड बनाने को कहा
11:07 AM वाजपेयी जैसी बातचीत होने पर रुकेगा सीजफायर का उल्लंघन: फारूख अब्दुल्ला
10:59 AM देहरादून में शिक्षा विभाग की ओर से छात्राएं मुफ्त में देखेंगी पेडमैन
10:50 AM शोपियां फायरिंग: मेजर आदित्य के पिता की याचिका पर SC में सोमवार को सुनवाई
Supreme Court to hear on February 12 the plea filed by the father of Major Aditya Kumar seeking quashing of the FIR registered against his son.
— ANI (@ANI)
February 9, 2018
10:38 AM दिल्ली: बीजेपी संसदीय दल की बैठक समाप्त
10:33 AM स्पेशल पैकेज की मांग को लेकर संसद परिसर में TDP सांसदों का प्रदर्शन
Delhi: TDP MPs protest near Mahatma Gandhi statue in Parliament demanding special package for
#AndhraPradesh
pic.twitter.com/4uF43PtcU9
— ANI (@ANI)
February 9, 2018
10:23 AM UP: बाराबंकी में पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़, 3 बदमाश अरेस्ट
यूपी के बाराबंकी में पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई. पुलिस ने 3 बदमाशों को अरेस्ट किया. 2 बदमाशों को गोली लगी और एक फरार हो गया. वहीं एक एसआई और 2 सिपाही भी घायल हो गए हैं. बदमाशों के पास से कार, 4 तमंचे, 4 मोबाइल, 1.71 लाख कैश बरामद किया गया है.
10:11 AM आज शाम CM ममता बनर्जी से मिलेंगे हार्दिक पटेल
10:00 AM उत्तर प्रदेश के 12 जेलों में शुरू होगी गौशाला, विचाराधीन कैदी करेंगे देखभाल
09:57 AM केरल: लड़की का आरोप, BJP जॉइन करने पर पिता को मिल रही है धमकी
वीडियो में लड़की ने कहा, CPIM कार्यकर्ताओं से जान से मारने की धमकी मिल रही है
09:57 AM दिल्ली: बीजेपी संसदीय दल की बैठक शुरू, पीएम मोदी भी शामिल
09:54 AM जेलों में गौशाला बनाने के लिए फंड देगी उत्तर प्रदेश सरकार
09:50 AM दिल्ली: बीजेपी संसदीय दल की बैठक में पहुंचे अध्यक्ष अमित शाह
09:41 AM J&K: सीजफायर उल्लंघन में घायल जवान को एयरलिफ्ट कर उधमपुर अस्पताल ले जाया गया
09:40 AM जम्मू के कृष्णा घाटी में PAK की ओर से सीजफायर उल्लंघन, 1 जवान घायल
09:25 AM शेयर बाजार फिर गिरा, सेंसेक्स 501 अंक लुढ़का
09:24 AM इजरायल और फिलिस्तीन के बीच शांति वार्ता कर सकते हैं मोदी: फिलिस्तीन राजदूत
09:19 AM उत्तर प्रदेश: राज्य सरकार की ओर से मुरादाबाद में सामूहिक विवाह का आयोजन
09:10 AM हैदराबाद: फीस नहीं देने पर प्रिंसिपल ने की छात्रों की पिटाई, शिकायत दर्ज
08:59 AM PAK में आर्म्स ट्रेनिंग लेकर लौटे एक और कश्मीरी युवा ने किया सरेंडर: सेना
08:45 AM तमिलनाडु: पोल्लाची जिले में तेंदुए के हमले में 1 बच्ची की मौत
08:32 AM UP: CM योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में लगाया जनता दरबार
08:19 AM आज सुबह साढ़े 9 बजे होगी बीजेपी संसदीय दल की बैठक
08:09 AM दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाह को गिरफ्तार किया
एयरफोर्स की खुफिया जानकारी लीक करने के आरोप में एफआईआर भी दर्ज
07:57 AM दिल्ली: लोधी रोड इलाके में एयर क्वॉलिटी 'काफी खराब' स्तर पर
07:55 AM दिल्ली: कोहरे की वजह से 20 ट्रेनें लेट, 18 रद्द और 2 का समय बदला
07:52 AM दक्षिण कोरिया में आज से शीतकालीन ओलिंपिक का आगाज
07:43 AM अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने PM नरेंद्र मोदी से की फोन पर बात: व्हाइट हाउस
अफगानिस्तान, म्यांमार, मालदीव और उत्तर कोरिया के मुद्दे पर दोनों नेताओं ने की बात
07:34 AM आज शाम 4 दिन की विदेश यात्रा पर निकलेंगे पीएम नरेंद्र मोदी
06:56 AM राफेल विमान सौदे पर संसद में आज भी हंगामे के आसार
06:34 AM पीएम मोदी आज फलस्तीन, ओमान और UAE की यात्रा पर होंगे रवाना
06:08 AM मेजर आदित्य पर FIR के मामले में आज सुबह 10.30 बजे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
05:42 AM हनी ट्रैप में फंसा ग्रुप कैप्टन ISI की एजेंट से फोन पर करता था अश्लील बातें
04:59 AM साउथ कोरिया में विंटर फेस्टिवल का आज उद्घाटन, किम जोंग की बहन बनीं मेहमान
04:15 AM अलगाववादियों ने आज कश्मीर बंद की कॉल दी, घाटी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
03:38 AM बीजेपी संसदीय दल की बैठक आज सुबह 9.30 बजे होगी
02:41 AM महाराष्ट्र के औरंगाबाद में दो दिन के भीतर 4 किसानों ने की आत्महत्या
01:53 AM जज लोया की मौत के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई
12:58 AM एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन को फेसबुक पर दो लड़कियों के जरिए किया गया था ट्रैप
12:09 AM सुरक्षा संबंधित जानकारी लीक करने के आरोप में वायुसेना का ग्रुप कैप्टन गिरफ्तार
इंडियन एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन अरूण मारवाह को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया. सुरक्षा संबंधित जानकारी लीक करने के आरोप में पूछताछ जारी.
12:07 AM हैदराबाद: आज से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तीन दिवसीय बैठक
12:05 AM कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कर्नाटक में 10 फरवरी से शुरू करेंगे चुनाव प्रचार |
ट्यूब मूलतः एक अंग्रेज़ी शब्द है जिसे हिन्दी में नली अथवा नलिका कहते हैं। यहाँ निम्नलिखित में से कोई एक उपयोग हो सकता है:
मीडिया
यूट्यूब – वीडियो साझा करने वाली एक वेबसाइट।
विज्ञान, तकनीकी और गणित
इलेक्ट्रोनिकी
कैथोड रे ट्यूब – टेलीविजन जैसे उपकर्णों में पर्दे पर कुछ दिखाने के लिए काम में आने वाला उपकरण।
वैक्यूम ट्यूब – एक इलेक्ट्रॉनिकी घटक।
गणित
बेलन (ज्यामिति) – मूलभूत ज्यामिति।
अन्य तकनीकी
परखनली – प्रयोगशाला उपकरण की एक इकाई।
विज्ञान के क्षेत्र में अन्य उपयोग
लावा ट्यूब – ज्वालामुखीय क्षेत्र में मिलने वाला। |
टीम राजनाथ में शामिल होने के बाद
गुजरात के मुख्यमंत्री
नरेंद्र मोदी ने पार्टी को
जीत के 5 मंत्र
दिए हैं.
बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह की नई टीम बनने के बाद रविवार को पार्टी अधिकारियों की पहली बैठक थी. उस बैठक में
मोदी ने कहा
कि पार्टी को प्रचार प्रसार के माध्यमों खासकर
सोशल मीडिया
का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए.
मोदी ने कहा कि पार्टी की ओर से
कांग्रेस और दूसरे विरोधियों पर आक्रामक हमले
होने चाहिए.
मोदी ने कहा कि
कांग्रेस को कम आंकना ठीक नहीं
है और एक-एक उम्मीदवार को गंभीरता से लेने की दरकार है.
मोदी का अगला मंत्र ये था कि पार्टी को बीजेपी शासित राज्यों के कामकाज का जमकर प्रचार प्रसार करना चाहिए.
मोदी ने कहा कि चुनाव किसी भी वक्त हो सकता है और नवंबर में ज्यादा संभावना है. लिहाजा पार्टी कार्यकर्ताओं को तैयारियों में जुट जाना चाहिए. |
अयादि संधि की परिभाषा:
अयादि संधि एक प्रकार की स्वर संधि है। जब 'ए', 'ऐ', 'ओ' और 'औ' के साथ कोई अन्य स्वर हो तो 'ए' का 'अय्', 'ऐ' का 'आय्', 'ओ' का 'अव्' और 'औ' का 'आव्' बन जाता है। अयादि संधि करते समय पहले शब्द के अन्तिम स्वर, तथा दूसरे शब्द के प्रथम स्वर में पूर्वकथित विकार आ जाते हैं जो उन स्वरों का स्थान ले लेते हैं। 'अय्', 'आय्', 'अव्' और 'आव्' में जो य् और व् हैं, उनमें दूसरे शब्द के प्रथम स्वर की मात्रा आ जाती हैं।
अयादि संधि के उदाहरण:
१. ने + अन = नयन (ए + अ = अय)
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं, 'ए' एवं 'अ' ये दोनों स्वर शब्दों में है। जब शब्दों की संधि की जाती है तो इन ही दोनों स्वरों के कारण शब्दों में परिवर्तन आता है। जब संधि होती है तो 'ए' एवं 'अ' मिलकर 'अय' बनाते हैं। अतः 'ने' एवं 'अन' से मिलकर 'नयन' बनता है।
२. नौ + इक = नाविक (औ + इ = आवि)
ऊपर दिए गए उदाहरण में जैसा कि आप देख सकते हैं, 'औ' एवं 'इ' ये दोनों स्वर शब्दों में है। जब शब्दों की संधि की जाती है तो इन ही दोनों स्वरों के कारण शब्दों में परिवर्तन आता है। जब संधि होती है तो 'औ' एवं 'इ' मिलकर आव बनाते हैं। अतः 'नौ' एवं 'इक' से मिलकर नाविक बनता है।
३. भो + अन = भवन (ओ + अ = अव)
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं कि 'ओ' एवं 'अ' ये दोनों स्वर शब्दों में है। जब शब्दों की संधि की जाती है तो इन ही दोनों स्वरों के कारण शब्दों में परिवर्तन आता है। जब संधि होती है तो 'ओ' एवं 'अ' मिलकर 'अव' बनाते हैं। अतः 'भो' एवं 'अन' से मिलकर भवन बनता है।
४. पो + इत्र = पवित्र (ओ + इ = अवि)
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं कि 'ओ' एवं 'इ' ये दोनों स्वर शब्दों में है। जब शब्दों की संधि की जाती है तो इन ही दोनों स्वरों के कारण शब्दों में परिवर्तन आता है। जब संधि होती है तो 'ओ' एवं 'इ' मिलकर आव बनाते हैं। अतः 'पो' एवं 'इत्र' से मिलकर पवित्र बनता है।
५. चे + अन = चयन (ए + अ = अय)
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं कि 'ए' एवं 'अ' ये दोनों स्वर शब्दों में है। जब शब्दों की संधि की जाती है तो इन ही दोनों स्वरों के कारण शब्दों में परिवर्तन आता है। जब संधि होती है तो 'ए' एवं 'अ' मिलकर अय बनाते हैं। अतः 'चे' एवं 'अन' से मिलकर चयन बनता है।
६. पो + अन = पवन (ओ + अ = अव)
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं कि 'ओ' एवं 'अ' ये दोनों स्वर शब्दों में है। जब शब्दों की संधि की जाती है तो इन ही दोनों स्वरों के कारण शब्दों में परिवर्तन आता है। जब संधि होती है तो 'ओ' एवं 'अ' मिलकर अव बनाते हैं। अतः 'पो' एवं 'अन' से मिलकर पवन बनता है।
अयादि संधि के कुछ अन्य उदाहरण :
७. श्रो + अण = श्रवण
८. पौ + अक = पावक
९. पौ + अन = पावन
१०. नै + अक = नायक |
लेख: पांच बार की विश्व चैम्पियन महिला मुक्केबाज मैरी कॉम के जीवन पर हाल में बनी फिल्म पर भले ही कुछ लोग कह रहे हों कि प्रियंका चोपड़ा इस किरदार के लिए सही चुनाव नहीं थीं, लेकिन खुद मैरी इससे खुश हैं। वह मानती हैं कि ओमंग कुमार के निर्देशन में बनी यह फिल्म उनकी जीवन के मूल सार को बड़े पर्दे पर प्रस्तुत करती है।
मैरी कॉम कहती हैं, मुझे सबसे ज्यादा खुशी इस बात से है कि यह कहानी युवा पीढ़ी को प्रेरित करेगी। इस फिल्म के बाद मेरे संघर्ष की कहानी भी भारत के कोने-कोने में पहुंची है।
खुद को बड़े पर्दे पर देखने के अनुभव के बारे में पूछे जाने पर मैरी कहती हैं जब वह फिल्म देख रही थी तो उन्हें रोना आ गया था।
मैरी के अनुसार, यह फिल्म देख मुझे अपने संघर्ष के दिन याद आ गए। फिल्म ने मुझे भावुक बना दिया। जब मैंने पहली बार इसे देखा तो बहुत रोई।
मैरी ने कहा, यह फिल्म बहुत हद तक मेरी जिंदगी की सच्ची कहानी को दर्शाती है। प्रियंका ने बहुत अच्छा काम किया है। प्रियंका के अलावा मेरे पति का किरदार निभाने वाले दर्शन कुमार ने भी अच्छा अभिनय किया है।
प्रियंका से चेहरा नहीं मिलने की बात पूछने पर मैरी ने कहा, मुझे नहीं लगता कि चेहरा मिलना जरूरी है। सबसे जरूरी मेरी भावनाओं और सोच को प्रदर्शित करना था।
मणिपुर में फिल्म को प्रदर्शित नहीं किए जाने के मुद्दे से मैरी उदास हैं। उन्होंने कहा, मैं दुखी हूं। मैं चाहती हूं कि मणिपुर में भी इस फिल्म को लोग देखें। वहां लेकिन हिन्दी फिल्मों पर प्रतिबंद्ध है।
मैरी ने बताया कि उनके बच्चों ने भी यह फिल्म देखी और वे जानते हैं कि ये उनके मां की कहानी है।
भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछने पर मैरी ने कहा कि एशियाई खेलों में देश के लिए अच्छा प्रदर्शन करना अगला लक्ष्य होगा। |
छात्र प्रद्युम्न के पिता ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने रेयान इंटरनेशनल स्कूल के मालिक पिंटो परिवार को राहत देते हुए 7 अक्टूबर तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी.
हाई कोर्ट में पिंटो परिवार ने अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी. कोर्ट ने इस याचिका पर 7 अक्टूबर को सुनवाई के लिए कहा था. जिससे पिंटो परिवार को गिरफ्तारी से राहत मिल गई थी. कोर्ट के इसी आदेश को प्रद्युम्न के पिता ने सर्वोच्च अदालत में चैलेंज किया है.
वहीं सीबीआई ने
हाई कोर्ट से पिंटो परिवार
के खिलाफ सबूत देने के लिए समय मांगा था. सीबीआई अभी तक पिंटो परिवार से जवाब-तलब नहीं कर पाई है. हालांकि, कोर्ट ने पिंटो परिवार को सीबीआई जांच में शामिल होने के लिए आदेश दिए हैं.
इससे पहले मुंबई हाई कोर्ट से भी पिंटो परिवार को राहत नहीं मिली थी. कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
ये है मामला
8 सितंबर को गुड़गांव के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में 7 साल के छात्र प्रद्युम्न की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने बस कंडक्टर अशोक को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद कंडक्टर ने अपना गुनाह कबूल किया था. स्कूल मालिकों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है. वहीं, कंडक्टर फिलहाल जेल में है. |
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मुश्किल आने वाले दिनों में बढ़ सकती है. उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने एक याचिका पर सोनिया को नोटिस जारी कर उनसे जवाब-तलब किया है.
हाईकोर्ट ने गुरुवार को सोनिया गांधी को इटली की नागरिकता छोड़े बिना रायबरेली से चुनाव लड़ने पर नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
याचिकाकर्ता रमेश कुमार सिंह ने अदालत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति देवेंद्र उपाध्याय की दो सदस्यीय खंडपीठ के सामने अपनी याचिका पेश करते हुए लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली की जामा मस्जिद के मौलाना इमाम बुखारी से कांग्रेस के पक्ष में फतवा जारी करवाने के मुद्दे पर भी सोनिया गांधी को चुनौती दी.
अदालत ने याचिका पर सुनवाई के बाद सोनिया गांधी को नोटिस जारी कर दोनों ही मसलों पर जवाब तलब किया है. |
#WATCH: While addressing a rally in Uttam Nagar, AAP MLA Naresh Balyan says, 'jo Chief Secy ke sath hua, jo inhone jhootha aarop lagaya, main to keh raha hu aise adhikariyo ko thokna chahye, jo aam aadmi ke kaam rok ke baithe hain aise adhikariyo ke sath yahi salook hona chahye.' pic.twitter.com/BDamX7TJGe |
लेख: अमेरिका में राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार मिट रोमनी जब पिछले दिनों विस्कोन्सिन स्थित एक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी की घटना पर शोक जता रहे थे, उसी वक्त उनकी जुबान कुछ इस कदर फिसली कि उन्होंने गुरुद्वारे को ‘सिख मंदिर’ की बजाय ‘शेख मंदिर’ कह दिया।
रोमनी अरबी भाषा के शब्द को लेकर असमंजस में पड़ गए और उन्होंने ‘सिख’ का उच्चारण ‘शेख’ कर दिया।टिप्पणियां
इस पहले इलिनॉयस प्रांत में चुनावी प्रचार के दौरान रिपब्लिकन उम्मीदवार ने इस घटना को लेकर रखे मौन के समय सिख धर्म का सही उच्चारण किया था, हालांकि इओवा में राजनीतिक चंदा एकत्र करने के कार्यक्रम के दौरान उनकी जुबान फिसल गई।
रोमनी ने शिकागो में दिए अपने एक संबोधन का हवाला देते हुए कहा, हमने ‘शेख मंदिर’ में मारे गए लोगों की याद में मौन रखा था। मैंने कहा कि यह एक बड़ी त्रासदी है। उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा, यह एक सच्चाई है कि ‘शेख लोग’ बहुत शांतिप्रिय और सौहार्द वाले होते हैं क्योंकि उनका धर्म भी इसी तरह का है। रोमनी के प्रवक्ता रिक गोरका ने इस पर कहा कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की ओर से गलत उच्चारण किया गया था।
रोमनी अरबी भाषा के शब्द को लेकर असमंजस में पड़ गए और उन्होंने ‘सिख’ का उच्चारण ‘शेख’ कर दिया।टिप्पणियां
इस पहले इलिनॉयस प्रांत में चुनावी प्रचार के दौरान रिपब्लिकन उम्मीदवार ने इस घटना को लेकर रखे मौन के समय सिख धर्म का सही उच्चारण किया था, हालांकि इओवा में राजनीतिक चंदा एकत्र करने के कार्यक्रम के दौरान उनकी जुबान फिसल गई।
रोमनी ने शिकागो में दिए अपने एक संबोधन का हवाला देते हुए कहा, हमने ‘शेख मंदिर’ में मारे गए लोगों की याद में मौन रखा था। मैंने कहा कि यह एक बड़ी त्रासदी है। उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा, यह एक सच्चाई है कि ‘शेख लोग’ बहुत शांतिप्रिय और सौहार्द वाले होते हैं क्योंकि उनका धर्म भी इसी तरह का है। रोमनी के प्रवक्ता रिक गोरका ने इस पर कहा कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की ओर से गलत उच्चारण किया गया था।
इस पहले इलिनॉयस प्रांत में चुनावी प्रचार के दौरान रिपब्लिकन उम्मीदवार ने इस घटना को लेकर रखे मौन के समय सिख धर्म का सही उच्चारण किया था, हालांकि इओवा में राजनीतिक चंदा एकत्र करने के कार्यक्रम के दौरान उनकी जुबान फिसल गई।
रोमनी ने शिकागो में दिए अपने एक संबोधन का हवाला देते हुए कहा, हमने ‘शेख मंदिर’ में मारे गए लोगों की याद में मौन रखा था। मैंने कहा कि यह एक बड़ी त्रासदी है। उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा, यह एक सच्चाई है कि ‘शेख लोग’ बहुत शांतिप्रिय और सौहार्द वाले होते हैं क्योंकि उनका धर्म भी इसी तरह का है। रोमनी के प्रवक्ता रिक गोरका ने इस पर कहा कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की ओर से गलत उच्चारण किया गया था।
रोमनी ने शिकागो में दिए अपने एक संबोधन का हवाला देते हुए कहा, हमने ‘शेख मंदिर’ में मारे गए लोगों की याद में मौन रखा था। मैंने कहा कि यह एक बड़ी त्रासदी है। उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा, यह एक सच्चाई है कि ‘शेख लोग’ बहुत शांतिप्रिय और सौहार्द वाले होते हैं क्योंकि उनका धर्म भी इसी तरह का है। रोमनी के प्रवक्ता रिक गोरका ने इस पर कहा कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की ओर से गलत उच्चारण किया गया था। |
दूल्हा काला क्या हुआ, उसकी किस्मत ही काली हो गई. दुल्हन ने जयमाल के बाद उससे शादी से इंकार कर दिया. और तो और लड़की वालों ने दहेज का सामान वापस करने के लिए दूल्हे समेत बरातियों को बंधक बना लिया.
घटना बिहार के बेगूसराय जिले की है. शादी की रात जब दूल्हा शादी के लिए पहुंचा तो जोरदार स्वागत हुआ, सभी बरातियों को बढ़िया नाश्ता, खाना-पीना हुआ. जयमाल के समय जब दुल्हन ने दूल्हे के काले रंग को देखा तो चौंक रह गई.
जैसे-तैसे उसने दूल्हे के गले में जयमाल तो डाल दिया, लेकिन उसके बाद शादी करने से साफ इंकार कर दिया. दुल्हन के इस तेवर से दूल्हे और दुल्हन पक्ष के लोग भौंचक्के रह गए. लेकिन दुल्हन के कड़े तेवर के आगे सभी को झुकना पड़ा. इसके बाद बात आई कि जो सामान दहेज में दिया गया है, उसे लौटाया जाए.
23 अप्रैल को
बेगूसराय के
बखरी प्रखंड के निवासी महेश (परिवर्तित नाम) की शादी रोसडा गांव के लक्ष्मी (परिवर्तित नाम) से होना था. शादी की पूरी तैयारी थी. सब तरफ उल्लास का माहौल था, लेकिन दुल्हन ने दूल्हे के काले रंग को देखा और शादी से इंकार कर दिया.
इसके बाद दहेज को लेकर बकझक हुई. बारातियों को बंधक बनाया गया. जब तक पूरा
दहेज का समान
वापस नही आया, तब तक बारातियों को बंधक रहना पड़ा और दुल्हे को आखिर बिना दुल्हनिया के ही वापस जाना पड़ा. |
संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत गुरुवार को छुटपुट विरोध के बीच रिलीज हो गईं, लेकिन धमकियों का सिलसिला नहीं रोका है. करणी सेना के बाद अब क्षत्रीय महासभा के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ने घोषणा की है कि जो भी दीपिका पादुकोण के नाक-कान काटकर लाएंगा, उसे एक करोड़ रुपए का सम्मान दिया जाएगा.
एएनआई यूपी के ट्वीट में बताया गया कि गजेंद्र सिंह ने उस व्यक्ति के सहयोग करने और एक करोड़ रुपए देने की बात कही है तो दीपिका के नाक कान काटकर उन्हें नुकसान पहुंचाता है. कानपुर वासियों से इनाम के तौर पर करोड़ों रुपए की धनराशि एकत्र की गई है. बता दें कि पहले भी दीपिका को इस तरह की धमकी मिल चुकी है.
Kshatriya community will contribute & give the person a reward of Rs 1 Crore who chops off Deepika Padukone's ears and nose: Gajendra Singh, President Kshatriya Mahasabha (24.1.2018)
#Padmaavat
pic.twitter.com/OP9R4EmaG1
— ANI UP (@ANINewsUP)
January 25, 2018
उपद्रवी मस्त, सरकारें पस्त, अलर्ट के बावजूद पद्मावत के विरोध में आगजनी-तोड़फोड़
यूपी के कई जिलों में नहीं स्क्रीन हुई फिल्म
-बिहार के मोतीहारी में करणी सेना और सवर्ण सेना ने हाइवे ब्लॉक कर दिया. बिगड़ते हालात के मद्देनजर सिनेमा मालिक ने दो दिनों तक फिल्म नहीं दिखाने का फैसला लिया है. हरियाणा में सोनीपत के सभी सिनेमाघरों के आस-पास धारा 144 लगाई गई है.
- यूपी के ललितपुर, मिर्जापुर और जौनपुर में में प्रदर्शन के मद्देनजर सिनेमाघरों ने फिल्म स्क्रीन नहीं करने का फैसला लिया गया है. मुगलसराय में महज 10 प्रतिशत दर्शक फिल्म देखने पहुंचे. हिंदू संगठनों और क्षत्रिय महासभा के भारी विरोध के चलते यूपी के जौनपुर में माहौल तनावपूर्ण है.
पद्मावत में पद्मिनी-खिलजी का ड्रीम सीक्वेंस, हम गोली खाने को भी तैयार: करणी सेना
विरोध से डरे सिनेमाघरों के मालिक
पद्मावत की रिलीज के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन से सिनेमाघरों के मालिक भी डरे हुए हैं. जिसका उदाहरण मुंबई के स्टर्लिंग सिनेमा में देखने को मिला. जहां फर्स्ट शो के लिए सिर्फ 10% ही टिकटों की बुकिंग हुई है. जम्मू के 6 में से 1 सिनेमाघर में पद्मावत रिलीज हुई है. बुधवार को कुछ उपद्रवी युवकों ने इंदिरा थियेटर का कैश काउंटर में आग लगाई और शीशे तोडे.
यूपी में रोडवेज की बस में तोड़फोड़
यूपी के गाजियाबाद में पद्मावत की रिलीज के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने रोडवेज की बस में तोड़फोड़ की. बीती देर रात कड़कड़ मॉडल गांव के सामने उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बस में आगजनी और तोड़फोड़ की कोशिश की गई. पुलिस ने 8 लोगों को हिरासत में लिया है. |
बिहार के नवादा जिले में हवस के भूखे एक दरिंदे ने एक सात साल की मासूम लड़की के साथ बलात्कार किया. बच्ची के चीखने चिल्लाने की आवाज सुनकर स्थानीय लोगों ने परिवार वालों के साथ मिलकर आरोपी को पकड़ लिया और उसकी जमकर पिटाई की.
जिले में यह घटना
कउकोल थाना क्षेत्र अन्तर्गत
गोला बलराजी बाजार इलाके में हुयी. जहां रहने वाली सात वर्षीय लड़की रजनी (काल्पनिक नाम) अपने घर के बाहर खेल रही थी. तभी राजन नाम का एक युवक वहां आया और रजनी को बहला फुसला कर एक सुनसान जगह पर ले गया. और वहां
उसके साथ बलात्कार
किया.
लड़की की चिल्लाने की आवाज सुन कर आस पास के लोग उसकी तरफ दौड़ पड़े. बच्चे के परिवार वाले भी आ गए. और मौके से आरोपी राजन को पकड़ लिया गया. सबने मिलकर उसकी पिटाई कर दी. बाद में उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया.
आरोपी युवक राजन को पुलिस हिरासत में ही इलाज के लिए एक अस्पताल ले जाया गया. जबकि पीड़ित रजनी को भी चिकित्सा परीक्षण के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घरवालों ने थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया है.
-इनपुट भाषा |
सुल्तान अहमद (जन्म 11 अक्टूबर 1989) एक इमरती क्रिकेटर हैं। उन्होंने 12 अप्रैल 2017 को पापुआ न्यू गिनी के खिलाफ संयुक्त अरब अमीरात के लिए ट्वेंटी 20 अंतर्राष्ट्रीय (टी20ई) की शुरुआत की। अप्रैल 2019 में, उन्हें जिम्बाब्वे के खिलाफ श्रृंखला के लिए संयुक्त अरब अमीरात के एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (वनडे) टीम में नामित किया गया था। उन्होंने 10 अप्रैल 2019 को जिम्बाब्वे के खिलाफ यूएई के लिए अपना वनडे बनाया।
सितंबर 2019 में, उन्हें संयुक्त अरब अमीरात के संयुक्त अरब अमीरात टी 20 विश्व कप क्वालीफायर टूर्नामेंट के लिए संयुक्त अरब अमीरात के दस्ते में नामित किया गया था।
सन्दर्भ |
कहते हैं कि सौतन कभी सहेली नहीं बन सकती और अगर कभी ऐसा हो तो इंसान को थोड़ा सर्तक हो जाना चाहिए. ऐसा ही कुछ हो रहा है स्टार प्लस के पसंदीदा शो 'ये हैं मोहब्बतें' में. इशिता और शगुन सौतन कम सहेलियां ज्यादा बन चुकी थीं लेकिन जब सात साल के बाद एक बार फिर इशिता का अपनी फैमिली और बच्चों की जिंदगी में वापस आना सभी को तो अच्छा लग रहा है लेकिन शगुन इस बात से ज्यादा खुश नहीं नजर आ रही हैं.
हाल ही में दिखाए गए
एपिसोड में इशिता के किडनैप
का ड्रामा दिखाया गया और सभी को ये लगा था कि ये सब निधि ने करवाया है लेकिन असल में ऐसा कुछ भी नहीं था. इशिता का किडनैप और उसे जान से मारने की साजिश किसी और की नहीं बल्कि शगुन की थी.
पड़ गए न हैरत में क्योंकि शगुन तो बदल चुकी थी और वह इशिता की अच्छी सहेली बन चुकी थी. हां कुछ साल पहले तक तो ऐसा ही था लेकिन जब से इशिता वापस आई है शगुन को बहुत बुरा लग रहा है. अब
आगे का ड्रामा और ट्विस्ट
देखना मजेदार होगा. |
शरद पवार से मिलेंगे शिवसेना नेता
अकेले सरकार नहीं बना सकती शिवसेना
कांग्रेस और एनसीपी में बैठकों का दौर
महाराष्ट्र में सियासी हलचल लगातार तेज होती दिख रही है. बीजेपी ने राज्यपाल से मुलाकात कर साफ कर दिया है कि वह राज्य में अकेले सरकार नहीं बना सकती क्योंकि उसके पास संख्या बल नहीं है. इसके बाद रविवार को राज्यपाल ने दूसरी सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते शिवसेना से सरकार बनाने के लिए पूछा है. हालांकि अभी शिवसेना का जवाब आना बाकी है, इस बीच एनसीपी ने भी शिवसेना के सामने समर्थन देने के बदले एनडीए से नाता तोड़ने की शर्त रख दी है. सोमवार को शिवसेना के नेता एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकत करने वाले हैं.
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने साफ किया है कि अगर शिवसेना हमारा समर्थन चाहती है तो उसे एनडीए से नाता तोड़ना होगा और बीजेपी से अपने रिश्ते खत्म करने होंगे. उन्होंने कहा कि शिवसेना को समर्थन के बदले केंद्रीय कैबिनेट से अपने सभी मंत्रियों को इस्तीफा दिलवाना होगा. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए 12 नंवबर को पार्टी ने अपने विधायकों की बैठक बुलाई है जिसमें आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा.
Nawab Malik, NCP: We have called a meeting of our MLAs on Nov 12. If Shiv Sena wants our support,they will have to declare that they have no relation with BJP&they should pull out from National Democratic Alliance (NDA). All their ministers will have to resign from Union Cabinet.
https://t.co/iABYpebRTU
— ANI (@ANI)
November 10, 2019
किसी एक दल को नहीं बहुमत
महाराष्ट्र में शिवसेना-बीजेपी गठबंधन को बहुमत हासिल हुआ है और दोनों में से कोई दल अकेले सरकार नहीं बना सकता. ऐसे में शिवसेना को सरकार गठन के लिए कांग्रेस-एनसीपी के समर्थन की जरूरत होगी. चुनाव में बीजेपी ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत दर्ज की है. राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत है. ऐसे में शिवसेना को न सिर्फ एनसीपी बल्कि कांग्रेस को भी सरकार बनाने के लिए साथ में लेना होगा.
उधर, सरकार गठन से बीजेपी के इनकार के बावजूद शिवसेना के तल्ख तेवर बने हुए हैं. पार्टी नेता संजय राउत ने बीजेपी पर तंज करते हुए कहा कि यह सब सिर्फ मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए किया जा रहा था लेकिन अब वह पीछे हट गए तो बीजेपी का मुख्यमंत्री कैसे होगा. उन्होंने कहा कि बीजेपी अपना सीएम भी नहीं बनाना चाहती है और शिवसेना को दिया गया वादा भी नहीं पूरा करना चाहती, ये कौन सी भूमिका है.
बीजेपी-शिवसेना में तल्खी बरकरार
बीजेपी नेता चंद्रकांत पाटिल ने भी शिवसेना पर निशाना साधते हुए कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने गठबंधन को बहुमत दिया है लेकिन शिवसेना सरकार गठन के लिए सहयोग करने को तैयार नहीं है. ऐसे में हमने राज्यपाल को बताया है कि बीजेपी अकेले महाराष्ट्र में सरकार नहीं बना सकती. उन्होंने कहा कि शिवसेना ने जनता के साथ विश्वासघात किया है.
इन सबके बीच कांग्रेस भी नए सियासी माहौल में नई रणनीति बनाने में जुटी हुई है. कांग्रेस ने संकेत दिए हैं कि पार्टी हाई कमान से बात कर राज्य को सियासी संकट से उबारने की कोशिश करेगी. पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि हम आगे क्या करना है, इस पर चर्चा कर रहे हैं. चव्हाण ने कहा कि हम राज्य में सियासी संकट नहीं चाहते और न ही फिर से चुनाव चाहते हैं. मौजूदा हालात को देखते हुए हम अपनी रणनीति तय करेंगे. उन्होंने कहा कि हम जो भी फैसला लेनें उसमें एनसीपी भी हिस्सेदार होगी. महाराष्ट्र में जीते हुए कांग्रेस विधायकों ने इस बाबत जयपुर में बैठक भी है. |
ब्रिटिश उपनिवेशियों ने फ्रांसीसियों को 1 के मुक़ाबले 20 की लगभग 1.5 मिलियन की आबादी के साथ पीछे छोड़ते हुए महाद्वीप के पूर्वी तट के साथ उत्तर के नोवा स्कोटिया और न्यूफ़ाउंडलैंड से लेकर, दक्षिण में जॉर्जिया तक फैलाया। पुराने उपनिवेशों में से कई के पास भूमि के दावे थे जो मनमाने ढंग से पश्चिम तक विस्तारित थे, क्योंकि जब उनके प्रांतीय चार्टर्स को अनुमति दी गई थी तब महाद्वीप की सीमा अज्ञात थी। जबकि उनके जनसंख्या केंद्र तट के साथ थे, बस्तियां आंतरिक इलाकों में बढ़ रही थीं। नोवा स्कोटिया, जो 1713 में फ्रांस से कब्जा कर लिया गया था, में अभी भी फ्रेंच बोलने वाली एक महत्वपूर्ण आबादी थी। ब्रिटेन ने रूपर्ट की भूमि पर भी दावा किया, जहां हडसन की बे कंपनी ने स्थानीय जनजातियों के साथ फर के लिए कारोबार किया। |
भारतीय सेना ने पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष राहिल शरीफ की तरफ से किए गए उन दावों को खारिज किया है, जिसमें उन्होंने 14 नवंबर को क्रास-बॉर्डर फायरिंग में भारत के 11 सैनिक मारे जाने की बात कही थी.
भारतीय सेना के नॉर्दन कमांड ने ट्वीट किया, '14, 15 या 16 नवंबर को पाकिस्तान की फायरिंग में कोई हताहत नहीं हुआ है. पाकिस्तान सेनाध्यक्ष के 14 नवंबर को भारतीय सैनिकों को मारने का दावा गलत है.'
पाकिस्तान के दावों को भारतीय सेना ने किया खारिज
पाकिस्तान के अखबार 'डॉन' के मुताबिक, जनरल शरीफ ने बुधवार को कहा कि 14 नवंबर को
पाकिस्तानी सेना
ने अकारण की गई फायरिंग का फायरिंग का जवाब दिया था, जिसमें 11 भारतीय सैनिक मारे गए. शरीफ का दावा था कि दोनों देशों में मौजूदा हालात के बीच पाकिस्तान ने 40-44 भारतीय सैनिकों को मार गिराया है जबकि भारतीय सेना ने इन दावों को सिरे से नकार दिया है.
PAK के 7 सैनिक ढेर
14 नवंबर को पाकिस्तान ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में लाइन ऑफ कंट्रोल पर हुई फायरिंग में उनके 7 जवान मारे गए थे. उसी दिन राजौरी सेक्टर में एलओसी पर स्थित भारतीय पोस्ट पर पाकिस्तान से हो रही फायरिंग के बीच सीमा में घुसपैठ की कोशिश कर रहे एक आतंकवादी को भारतीय सैनिकों ने ढेर कर दिया था. |
मंडी हाउस से संसद तक मार्च निकालेंगे छात्र
फीस वापसी की मांग पर अड़े हैं JNU के छात्र
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में फीस बढ़ोतरी का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. जेएनयू छात्र संघ आज फिर संसद मार्च निकालेगा. मार्च शनिवार सुबह 11 बजे मंडी हाउस से शुरू होकर संसद मार्ग तक जाएगा. इस मार्च में जेएनयू के छात्रों, लेफ्ट संगठन, शिक्षक और पूर्व छात्रों के साथ आम जनता भी जुड़ सकती है. छात्र संघ ने जनता से अपील की है कि वो मार्च में साथ दें.
इससे पहले शुक्रवार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तीन सदस्यीय समिति टीम को जेएनयू कैंपस पहुंची. करीब दो घंटे तक चली बातचीत में उन्होंने छात्रों को समझाने की कोशिश की है कि यूनिवर्सिटी को फंड जेनरेट करने की जरूरत है ताकि इसे बेहतर तरीके से चलाया जा सके. दूसरी ओर छात्र किसी भी कीमत पर हॉस्टल फीस रोलबैक करने की मांग पर अड़े हुए थे.
शिक्षा है सबका अधिकार, मुनाफ़े का व्यापार नहीं।
#FeesMustFall
#SavePublicEducation
pic.twitter.com/bfq5qtYcVv
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar)
November 22, 2019
मंत्रालय के पास अपनी सिफारिश भेजेगी कमेटी
छात्रों से मीटिंग के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि उनकी मुलाकात काफी सकारात्मक रही है. कमेटी के सदस्य वीएस चौहान ने कहा कि इस बातचीत को लेकर सोमवार को वो अपनी सिफारिश मंत्रालय के पास भेज देंगे.
फीस रोलबैक की मांग पर अड़े छात्र
जेएनयू के छात्रों का कहना था कि जेएनयू में ज्यादातर गरीब बच्चे पढ़ते हैं. सरकार फंड जेनरेट करने के लिए कोई दूसरा तरीका अपना सकती है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय की टीम के कैंपस में पहुंचने से पहले प्रशासनिक भवन के बाहर छात्र जमकर नारेबाजी करते रहे.
संसद मार्च के दौरान पुलिस ने छात्रों पर किया था लाठीचार्ज
फीस बढ़ोतरी के खिलाफ जेएनयू के छात्रों ने सोमवार को संसद तक मार्च निकालने की कोशिश की थी. छात्रों को रोकने के लिए पुलिस ने कैंपस के बाहर धारा-144 लागू कर दिया था. इसके बाद पुलिस और छात्रों के बीच झड़प हुई. बेरिकेडिंग तोड़कर छात्र संसद की तरफ बढ़ने लगे. इसके बाद पुलिस ने छात्रों पर लाठी चार्ज किया था. इस दौरान कई छात्र घायल हो गए थे. पुलिस की बर्बरता के खिलाफ भी जेएनयू छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. |
लेख: अमेरिकी सरकार शिकागो की उस अदालत के फैसले के खिलाफ अपील नहीं करेगी जिसने पाकिस्तान मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा को मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपों में दोषी नहीं पाया। इस फैसले को लेकर भारत ने निराशा जताई थी। न्याय विभाग के एक अधिकारी ने कहा, सजा सुनाने के बाद राणा अपने फैसले को दो आधार पर चुनौती दे सकता है लेकिन मुंबई मामले में उसे ज्यूरी द्वारा दोषी नहीं पाए जाने को सरकार चुनौती नहीं दे सकती। अधिकारी ने कहा, यह सामान्य बात है कि दोषी नहीं फैसले के खिलाफ सरकार को अपील से कानून रोकता है। बचाव करने वाला दोषी फैसले के लिए अपील कर सकता है। यह भारतीय कानून प्रणाली के बिल्कुल विपरीत है जहां बचाव पक्ष और सरकार दोनों अदालत के फैसले को चुनौती दे सकते हैं। शिकागो की एक अदालत ने वर्ष 2008 में मुंबई हमले के षड्यंत्र के आरोपों से राणा को बरी कर दिया था लेकिन उसे पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को सहयोग देने और डेनमार्क में हमले की योजना के मामले में दोषी पाया था। इन मामलों में उसे अधिकतम 30 वर्ष कैद की सजा हो सकती है। |
दिल्ली हाई कोर्ट ने इस साल जुलाई से शुरू हो रहे मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी (एमडीएस) कोर्स में सीट आवंटन के फॉर्मूले पर सवाल खड़े किए हैं. कोर्ट ने कहा कि एम्स का सीट आवंटन फॉर्मूला सही नहीं है क्योंकि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए कोई भी सीट आरक्षित नहीं है.
हालांकि कोर्ट ने इस साल पाठ्यक्रम में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, लेकिन भविष्य में केंद्र और एम्स को आरक्षण के प्रावधान का पालन करने को कहा. न्यायमूर्ति वीके जैन ने साफ कहा कि एम्स ने सीटों के आवंटन का जो फॉर्मूला अपनाया है, वह कानून के अनुरूप नहीं है.
एमडीएस परीक्षा में ओबीसी वर्ग में अव्वल रहने वाले अनुसार गुप्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह बात कही. अदालत ने अनुसार गुप्ता को प्रवेश की अनुमति दे दी. अनुसार ने एमडीएस में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण के बारे में एम्स को निर्देश देने का भी अनुरोध किया था, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया. |
झारखंड में 82 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 21 विधायकों ने राज्य में जल्दी चुनाव कराने के लिए दवाब बनाने के उद्देश्य से सदन से इस्तीफा दे दिया. राज्य में जनवरी से राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है. विधानसभा के सूत्रों ने कहा कि भाजपा विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष आलमगीर आलम को इस्तीफे से संबंधित पत्र सौंप दिया.
विधानसभा में भाजपा के 21 विधायक
भाजपा के नेतृत्व वाले राजग गठबंधन सरकार के समय विधानसभा के लिए नामित एंग्लो इंडियन समुदाय के एक विधायक ने भी इस्तीफा दे दिया. उल्लेखनीय है कि 2005 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 30 सीटों पर जीत दर्ज की थी लेकिन इस्तीफे, आयोग्य ठहराये जाने और उपचुनाव में पराजय के कारण पार्टी के विधायकों की संख्या अब 21 रह गई है.
19 जनवरी से राष्ट्रपति शासन लागू है
भाजपा विधायकों के इस्तीफा देने के बाद सदन में सदस्यों की संख्या 42 रह गई है. राज्य में 19 जनवरी को उस समय राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था जब झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन तमार विधानसभा के लिए उपचुनाव में पराजित हो गए थे. विधानसभा की अवधि अगले वर्ष मार्च में समाप्त हो रही है. |
मेघालय में विधानसभा चुनावों की तैयारी जोरो-शोरों पर हैं, लेकिन इसी बीच मेघालय के पूर्व मंत्री मानस चौधरी ने भाजपा को तगड़ा झटका दिया है. विधानसभा टिकट नहीं मिलने पर मानस चौधरी ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद सोमवार को मानस चौधरी का नाम सत्ताधारी कांग्रेस की सूची में देखा गया है.
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बता दें कि चौधरी का नाम कांग्रेस द्वारा बाकी सीटों के लिए घोषित तीन नामों की अंतिम सूची में आया है. चौधरी ने दावा किया है कि भाजपा उम्मीदवारों की सूची से उनका हटना भ्रष्टाचार समाप्त करने के प्रयास के लिए एक बड़ा झटका होगा. वह दक्षिण शिलांग सीट से चुनाव लड़ेंगे.
भाजपा ने दक्षिण शिलांग सीट से पूर्व उप विधानसभाध्यक्ष सनबूर शुलई को टिकट दिया है. इसी सीट पर चौधरी की नजर थी और इस सीट से टिकट ना मिलने के बाद वह पार्टी से नाराज चल रहे थे, जिसके बाद उन्होंने सोमवार को इस्तीफा दे दिया था.
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बता दें कि आने वाली 27 फरवरी को मेघालय में 60 सीटों पर विधानसभा चुनाव होने है. मेघालय में कांग्रेस की सरकार है. बता दें भाजपा मेघालय में 2014 के लोकसभा चुनावों में 7 में से 6 सीटें हासिल की थी. |
दसवीं के नतीजों में नम्बर का रबर खींचने का खेल अगले साल से इतिहास हो जाएगा. CBSE इस बाबत अपनी नई और ज्यादा वैज्ञानिक, तर्कसंगत और व्यवहारिक नीति अगले साल से लागू करेगा. इसके लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 8 राज्यों के शिक्षा बोर्ड का ग्रुप बनाया है. इंटर बोर्ड वर्किंग ग्रुप नामक ये समूह सभी राज्यों में समान नीति लागू करने की दिशा में काम करेगा.
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ये वर्किंग ग्रुप अपने रिसर्च और सुझावों पर जल्दी जल्दी बैठक कर चार महीनों में मॉडल गाइडलाइन सरकार को सौंप देगा. फिर उस पर राज्य सरकारों से चर्चा होगी. उनके सुझावों पर भी विचार कर अगले साल 2018 में इसे लागू करने की मंशा है.
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मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक ये ग्रुप परीक्षार्थियों को दिये जाने वाले नम्बर, रिवीजन के नियम, ग्रेस मार्क्स, पढ़ाई में एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज जैसे मामलों में भी एकरूपता बनाने की दिशा में व्यवहारिक उपाय तलाशेगा. राज्यों के शिक्षा और परीक्षा स्तर में एकरूपता लाने की गरज से इस पर भी कम होगा कि सभी राज्यों के बोर्ड आपस मे प्रश्नपत्र और करिकुलम की जानकारी बांटें.
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CBSE इस उपक्रम को इसी साल लागू करना चाहता था. लेकिन मामला दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने इसके समय पर सवाल पूछा. अब सरकार ने कोर्ट को इस नए प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी दी है.
सरकार ने उम्मीद जताई है कि तय समय में रिसर्च और नीति तैयार करने का काम ग्रुप कर लेगा. राज्यों से विचार विमर्श के बाद इसे अगले सत्र से लागू किया जा सकेगा. |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: 6 दिसंबर से 11 दिसंबर आ गया, पांच दिन गुज़रने के बाद क्या आपसे या सबसे पूछा जा सकता है कि आपने राजस्थान के राजसमंद की घटना पर क्या सोचा. पांच दिनों से देख रहा हूं कि इस घटना को लेकर सोशल मीडिया में लोग तरह तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं. ज़्यादातर लोग समाज और राजनीति की इस हालत को लेकर बेचैन हैं. बात किसी सरकार की नहीं है, यह बात कहीं भी घट सकती है. यह एक ऐसा आत्मविश्वास है जिसे हमारी बीमार राजनीति पैदा कर रही है. इसके बाद भी बहुत बड़ी तादाद में लोग इसके ख़तरे पहचान भी लेते हैं, वो दो समुदायों के साथ उसी रफ्तार से ज़िंदगी जीते रहते हैं, मगर कुछ हफ्तों के अंतराल पर कभी पहलू ख़ान को मार दिया जाता है, कभी उमर को, तो कभी जुनैद को. यह घटनाएं जब बार-बार लौटती हैं तब चिंता होती है. यह सनक कहां से आती है. सांप्रदायिकता का यह नया रूप है. लगातार बयान दो, बहस करो, ताकि कोई इसकी चपेट में आ जाए और मानव बम में बदल जाए. वो किसी को चलती ट्रेन में मार दे, किसी को गाय के नाम पर मार दे तो किसी को नारियल काटने वाले धारदार हथियार घेंती से मार दे.
राजसमंद की घटना के आरोपी के चेहरे पर बीमार होती जा रही राजनीति के रंग नज़र आ रहे हैं. इस रंग की ख़ूबसूरती इस आदमी की हरकत ने मिटा दी है. भाव भंगिमा तो किसी भक्त की ओढ़ी है मगर चेहरे से आध्यात्म ग़ायब है. उसकी जगह हत्या के बाद का ख़ून सवार है जो ठहर चुका है. शंभुलाल रेगर एक मज़दूर मोहम्मद अफराज़ुल खान को धारदार हथियार से मारने लगता है. अफराज़ुल की किसी चीख से शंभुलाल को कोई फर्क नहीं पड़ता है. वह मारने के बाद कैमरे की तरफ मुड़ता है, लव जिहाद पर भाषण देता है. उसके बाद लौट कर जाता और पेट्रोल छिड़कर जला देता है. यही वह तस्वीर है जो भारत के उन तमाम नागरिकों को परेशान कर रही है जिन्हें लगता है कि क्या इसके पीछे नफ़रत की वो राजनीति है जो दिन रात आम दर्शकों को परोसी जा रही है. जिस राजनीति ने खुलेआम कहना सामान्य कर दिया है कि मुसलमान है तो ये होगा, मुसलमान है तो वो होगा. आप इस चेहरे को क्लोज़ अप में देखिए, राजनीति का बीमार चेहरा दिखेगा. फिर अपने घरों में देखिए कि कहीं आप या आपके परिवार का कोई इस राजनीति का शिकार तो नहीं हो रहा है.
कुछ समय के लिए जिसकी हत्या हुई है उसके बारे में मत सोचिए. क्या आप उसके बारे में नहीं सोचना चाहेंगे जिसने हत्या की है. क्या आप चाहेंगे कि ऐसा हत्यारा और उसे हत्या के लिए उकसाने वाली राजनीति आपके आस पास हो. क्या पता आपके पड़ोस में, आपके घर में, रिश्तेदारी में ऐसा कोई तैयार हो रहा हो जो अचानक किसी दिन शंभुलाल की तरह हथियार उठाए और इफराज़ुल जैसे किसी दिहाड़ी मज़दूर को काट दे. क्या आप उन लोगों की मानसिकता के बारे में सोच रहे हैं जो इस हत्या का समर्थन कर रहे हैं, शंभुनाथ के लिए पोस्ट लिख रहे हैं. इस तरह के सांप्रदायिक मेसेज न फैलें और तनाव न बढ़े इसलिए राजसमंद में घटना के बाद इंटरनेट सेवा ठप्प कर दी गई थी. अब बहाल हो गई है. राजस्थान पुलिस ने शंभुलाल रैगर को गिरफ्तार करने में देरी नहीं की, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी बयान जारी कर इस घटना की निंदा की और इफराज़ुल के परिवार को 5 लाख का मुआवज़ा देने का ऐलान किया है. हमारी सहयोगी हर्षा कुमारी सिंह ने बताया है कि कौन लोग नफ़रत की बातें फैला रहे हैं, उनकी पहचान नहीं हो पा रही है मगर नफरत की बातें शर्मनाक रूप से ख़तरनाक हैं.
एक व्हाट्सऐप ग्रुप है स्वच्छ राजसमंद स्वच्छ भारत, कथित रूप से किसी बीजेपी वर्कर का है. इस ग्रुप में शंभु के अपराध की प्रशंसा की गई है. इसमें कहा गया है कि लव जिहादी सावधान. जाग उठा है शंभुलाल. हर्षा ने इस व्हाट्सऐप ग्रुप के एडमिन से बात करने का प्रयास किया मगर सफल नहीं हो सकतीं. फेसबुक पर एक और पोस्ट है जिसमें कोई उपदेश राना है, वो इस हत्या का समर्थन कर रहा है. एक और व्हाट्सऐप ग्रुप है TIMES of CHITTORGARH, इसमें कहा जा रहा है कि शंभुलाल के परिवार को आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए. इसमें शंभु की पत्नी का अकाउंट नंबर दिया गया है मगर इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है. घटना स्थल से 100 किमी दूर एक छोटे से कस्बे का एक व्हाट्सऐप ग्रुप है झाला मान सिंह. इसमें लिखा गया है कि वो घर घर से अफज़ल निकाल रहे थे, एक शंभु निकला तो बुरा मान गए. इसी ग्रुप में शंभुलाल रैगर की प्रशंसा में कविता भी लिखी गई है. नफ़रत के मैसेजों की कोई सीमा नहीं है. हत्या का समर्थन है तो नफ़रत के लतीफे हैं. हंसा हंसा कर आपने भीतर हत्या का समर्थन करने या हत्या करने की प्रवृत्ति पैदा की जा रही है. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने राजसमंद के एसपी से मिलकर ऐसे मैसेजों के बारे में शिकायत दर्ज कराई है जो व्हाट्सऐप ग्रुप में चल रहे हैं.
व्हाट्सऐप ग्रुप से नफ़रत की राजनीति फैलाई जा रही है, लोग सतर्क भी हो रहे हैं मगर जब तक सतर्क होते हैं तब तक कोई न कोई चपेट में आ चुका होता है. शंभुलाल मनोरोगी हो सकता है लेकिन जो वह बोल रहा है क्या उसी लव जिहाद को बड़े-बड़े नेता और प्रवक्ता टीवी से लेकर तमाम तरह के कार्यक्रमों में नहीं दोहरा रहे हैं.
शंभुलाल का एक और वीडियो है जिसमें वह कह रहा है कि 'मेरी मेवाड़ की सभी बहनों से प्रार्थना है कि आप इन जिहादियों के प्रेम जाल में न फंसें. यह आपका दिल जीत कर इस्लामिक व्यवस्था के अनुसार पूरी ज़िंदगी आपसे अपनी हवस मिटाते रहेंगे क्योंकि आप एक हिन्दू हैं. आपके जन्म देने वाले माता पिता ने हिन्दू धर्म देवी देवताओं की पूजा की है. आपमें से ही लव जिहाद में फंसी हुई एक अबला लड़की की मदद करने के कारण मुझे अपनी ज़िंदगी दांव पर लगानी पड़ी है. यह हमारी युवा पीढ़ी को बर्बाद करने के लिए इस्लामिक देशों से ज़हरीला नशा बनाकर हमारे देश में फैला रहे हैं.'
आप इस बात पर नज़र रखें कि आप या आपके बच्चे ऐसी बातों का प्रसार तो नहीं कर रहे हैं. शंभुलाल ने अपने भाषण में कहा था कि अगले दिन सरेंडर करने वाला है, 'मैं मेवाड़ के सभी भाइयों के सामने सरेंडर करूंगा.' गनीमत है कि मेवाड़ के लोग शंभुलाल की गिरफ्तारी के वक्त नहीं निकले. उन्हें समझ आता है कि यह नफ़रत की राजनीति है. राजस्थान में सात नवंबर को हाई कोर्ट की डिविज़न बेंच ने एक फैसला दिया. न्यायमूर्ति गोपाल कृष्ण व्यास और मनोज कुमार गर्ग ने कहा कि आरिफ़ा ने अपनी पंसद के लड़के के साथ रहने के लिए आज़ाद है. आरिफ़ा के भाई ने शिकायत दर्ज कराई थी कि यह लव जिहाद का केस है. आरिफा पहले पायल सिंह थी, परिवार वालों का आरोप था कि ज़बरदस्ती इस्लाम में कनवर्ट कराया गया है. आरिफा ने कोर्ट में कबूल किया कि उसने अपनी मर्जी से शादी की है. जब अदालत दो धर्मों के बीच की शादी को मान्यता देती है तो फिर यह राजनीति किस लिए हो रही है. आप देखेंगे कि समय-समय पर नेता लव जिहाद को बढ़ा चढ़ाकर बताते रहते हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अक्टूबर में केरल में कहा था कि लव जिहाद ख़तरनाक ट्रेंड है. एनआईए इसकी जांच कर रहा है. बीजेपी केरल को इस्लाम की भूमि नहीं बनने देगी.' संघ के भैय्या जी जोशी का बयान छपा है कि दस पंद्रह साल से हिन्दू समाज लव जिहाद का सामना कर रहा है. दोनों बयान अक्टूबर महीने के फर्स्ट पोस्ट और दि हिन्दू अखबार में छपे हैं.
सागरिका घाटगे ने क्रिकेटर ज़हीर ख़ान से जब शादी की तब बधाइयों का तांता लग गया. दोनों ने अपनी तस्वीरें साझा की और सबने बधाई दी. राइट टू प्राइवेसी पर सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कितनी सुंदर व्याख्या की है, दुनिया भर में ऐसी व्याख्याएं कम हुई हैं मगर वही सुप्रीम कोर्ट जब केरल की लड़की हादिया के मामले में फैसला सुनाता है तो राइट टू प्राइवेसी से काफी अलग हो जाता है. हादिया कहती है कि वह आज़ाद नहीं है.
हाल ही में केंद्र सरकार ने अंतर्जातीय विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए डॉक्टर अंबेडकर के नाम पर एक स्कीम लॉन्च की है. इसके तहत पति पत्नी में से कोई एक दलित हो तो केंद्र सरकार ढाई लाख रुपये देगी. कायदे से इस योजना का हर सांसद को प्रचार करना चाहिए मगर ज़्यादातर बचेंगे ही. दो धर्मों के बीच शादी के लिए भी कानून है, उसका भी कोई प्रचार नहीं करता है. 1954 का स्पेशल मैरिज एक्ट क्यों हैं फिर. वैसे यह तो स्पेशल मैरिज एक्ट 1874 से चला आ रहा है तब उसमें एक धर्म से दूसरे धर्म में शादी करने पर धर्म का त्याग करना पड़ता था.
1954 का कानून यह कहता है कि दो धर्मों के लोग शादी कर सकते हैं और धर्म बदलने की ज़रूरत भी नहीं है. जब स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत दो धर्मों के लोग शादी करेंगे तब उन पर न तो हिन्दू मैरिज लॉ लगेगा न मुस्लिम पर्सनल लॉ. इंडियन सक्सेशन एक्ट लगेगा जिसके अनुसार बेटा बेटी को संपत्ति में बराबरी का हिस्सा मिलेगा.
आपने देखा कि स्पेशल मैरिज एक्ट दो धर्मों के बीच शादी को मान्यता देता है. इस लिहाज़ से दो धर्मों के लोग अगर आपस में शादी करते हैं तो कुछ गलत नहीं करते हैं बल्कि समान नागरिक संहिता का सामाजिक आधार बढ़ा देते हैं.
कानूनी अधिकारों और प्रावधानों को भी समझना ज़रूरी है, लव जिहाद का मसला निजता के अधिकार के ख़िलाफ है, संविधान के खिलाफ है. इसलिए राजनीति, मीडिया और व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी के ज़रिए इस मुद्दे को ज़िंदा रखा जाता है ताकि अल्पसंख्यक से नफ़रत की मानसिकता बची रहे. गुजरात चुनावों में आप देख ही रहे हैं. खुल कर मुस्लिम विरोधी बातें हो रही हैं. क्या नागरिकता या सत्ता से वे बेदखल कर दिए गए हैं, नहीं, तब फिर चुनावों में मुसलमानों का नाम लेकर क्यों डर फैलाया जा रहा है. औरंगज़ेब राज, मुग़ल सल्तनत, पाकिस्तान, अहमद पटेल क्या ये सब कुछ और नहीं कहते हैं. एक समुदाय को अलग से दिखाने की कोशिश नहीं करते हैं. बीजेपी के एक उम्मीदवार ने तो खुल कर सांप्रदायिक भाषण दिया.
चुनाव आयोग ने भड़काऊ भाषण देने के लिए शैलेश सोत्ता को नोटिस जारी किया है. क्या आप देख पा रहे हैं कि जो शंभुलाल रैगर बोल रहा है वही बात और भी लोग राजनीतिक मंच से, संवैधानिक पद से और सोशल मीडिया पर बोल रहे हैं. क्या इसका संबंध उन बातों से है जिन्हें मैं हिन्दू मुस्लिम फ्रेमवर्क कहता हूं. कोई न कोई मुद्दा हर महीने आ जाता है जो दो समुदायों के बीच नफ़रत का आईपीएल कराने लगता है.
हमारी सहयोगी हर्षा कुमारी सिंह ने राजसमंद में कुछ लोगों से बात की. जानने का प्रयास किया कि क्या टीवी पर चलने वाली या राजनीति में उठने वाले उन मुद्दों का असर हो रहा है, दो समुदायों को एक दूसरे से अलग करने में.
दिल्ली में रविवार को इस हत्या के विरोध में कुछ लोग कनाट प्लेस में जमा हुए. इस घटना ने सभी धर्मों के नौजवानों और लोगों को बेचैन कर दिया है. आखिर कोई भी समाज किसी की हत्या और उसका वीडियो बनाने की मानसिकता का समर्थन नहीं कर सकता है. जो नौजवान व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी में ऐसी बातें फैला रहे हैं वो समाज को बदल रहे हैं. जहर बो रहे हैं. उनकी यूनिवर्सिटी का वैचारिक फंड कहीं और से आ रहा है.
कई लोग इस हिंसा के जवाब में केरल की बात करने लगे हैं तो ऐसी घटना का ज़िक्र कर रहे हैं जिसमें किसी मुसलमान ने किसी हिन्दू को मारा है. केरल के बारे में हमने कई बार प्राइम टाइम किया है. उस हिंसा का कौन समर्थन कर सकता है. वहां की राजनीतिक हिंसा सिर्फ आरएसएस ही नहीं, सीपीएम कांग्रेस के वर्करों की भी जान ले रही है. दोनों तरफ के लोगों पर मारने के आरोप हैं और मारे जा रहे हैं. हमें एक बात का फर्क करना होगा. अगर किसी अपराध को राजनीतिक विचारधारा का संरक्षण मिलने लगे तो उसका दायरा बहुत बड़ा हो जाता है. कौन उसकी चपेट में आएगा आप नहीं कह सकते. जैसे दलितों के प्रति हिंसा का बड़ा आधार जातिगत सोच में है. ज्यादातर की हत्या या बलात्कार जातिगत सोच या नफरत का परिणाम है. इसलिए बताना पड़ता है कि जिसकी हत्या हुई या जिसका बलात्कार हुआ वो दलित है क्योंकि हिंसा के पीछे दलित होना बड़ा कारण है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो इसलिए दलितों के खिलाफ हुए अपराध की अलग से गिनती करता है.
हापुड़ के धौलाना में 14 साल की एक दलित लड़की की गला रेत कर हत्या कर दी गई. उसके शव को काट कर खेतों में फेंक दिया गया. नौंवी क्लास में वह लड़की पढ़ती थी. चारा लेने गई थी मगर वापस नहीं आई. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक यूपी और बिहार में दलितों के खिलाफ सबसे अधिक अपराध दर्ज किया गया है. लखनऊ और पटना का नाम सबसे आगे हैं. 2016 में दलितों के खिलाफ अपराध की 40 हज़ार से अधिक घटनाएं हुईं हैं. ज़्यादातर का संबंध जातिगत कारणों से रहा होगा.
सामाजिक और राजनीतिक सोच के आधार पर किसी हिंसा का समर्थन करना, उसे बढ़ावा देना समाज में नौजवानों को अपराध की तरफ ले जाता है. शंभुलाल पर राजस्थान पुलिस ने सांप्रदायिक विचार फैलाने का भी मामला दर्ज किया है. पड़ोसी कहते हैं कि शंभुलाल शांत किस्म का आदमी था. उसकी पत्नी है और तीन बच्चे. किसी को पता नहीं कि नफरत की राजनीति उसे भीतर ही भीतर कितना उबाल रही होती है. अब शंभु के बच्चों के भविष्य की ज़िम्मेदारी कौन लेगा. हर्षा कुमारी सिंह शंभु के मोहल्ले में गई थीं. लोगों ने बताया कि वह बेरोज़गार था. कम मिलनसार था. पुलिस ने उसके स्मार्टफोन को देखा है. नफरत फैलाने वाले वीडियो देखने का चस्का लग गया था. क्या पता इन वीडियो ने शंभु को मानव बम में बदल दिया हो. उसने इस अपराध में अपने 13 साल के भतीजे को भी शामिल कर लिया जो वीडियो बना रहा था.
केरल और दूसरी घटनाओं पर बहस होती रही है, अलग से फिर हो जाएगी, मगर नफरत फैलाने वाले ये वीडियो किस कारखाने में तैयार हो रहे हैं, क्यों तैयार हो रहे हैं, बताने की ज़रूरत नहीं है. शंभु ने अपने तीनों बच्चों, 13 साल के भतीजे की ज़िंदगी दांव पर लगा दी और ख़ुद हत्यारा बन गया. उसके समर्थन में पोस्ट डालने वाले अब दूसरे शंभु की तैयारी में लग गए हैं. उन्हें कुछ महीने बाद फिर कोई शंभु चाहिए. आप नज़र रखिए कि आपके बीच से कोई शंभु तो नहीं बन रहा है. मैं नहीं मानता कि आपकी सहानुभूति इफराज़ुल को लेकर नहीं है. बिल्कुल है. वो इस देश का नागरिक था जिसे नफरत की राजनीति ने धोखे से मारा है.टिप्पणियां
बंगाल का रहने वाला इफराज़ुल मज़दूरी की तलाश में कई शहरों को बदलने के बाद राजस्थान आ गया था. 45 साल की उम्र में कोई इस तरह मार देगा और वीडियो बनाकर लव जिहाद पर भाषण देगा किसी ने सोचा न होगा. मगर हम सबने देखा है कि हत्या को उकसाने वाली राजनीति हमारे आस पास लगातार फैल रही है. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी से सावधान रहिए. इफराज़ुल की बेटियों का जो भरोसा गया है उसे लौटाने की सोचिए. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी को चलाने वाले शातिर लोग प्राइम टाइम यू ट्यूब पर जाकर देखते हैं फिर उसका एक हिस्सा काट कर फैलाते हैं कि तरह तरह की अफवाहें फैलाएंगे. जबकि यह प्रोग्राम शंभुलाल पर था, उस खौफनाक सोच पर जो लगातार आपके बीच किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाना चाहती है. यूं वैसे यह प्रोग्राम उन लोगों पर था जो आपके बीच से किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाने में लगे हैं ताकि उनकी राजनीति चमकती रहे. मुझे यकीन है कि आप इफराज़ुल की हत्या पर अफसोसज़दा होंगे. मैं नहीं मानता कि आप किसी के ख़ून का समर्थन करेंगे. इतना भरोसा आप पर है. आपको भी खुद पर होना चाहिए कि ऐसी राजनीति की चपेट में नहीं आएंगे.
टीवी देखते समय इस बात का ख़्याल रखिए कि क्या उसी शिद्दत से आपके रोज़गार, पढ़ाई, पेंशन, संस्थाओं की बेरूखी पर चर्ता होती है जिस शिद्दत से हिन्दू मुस्लिम टॉपिक पर होती है. चैनल दर चैनल बहुत चालाकी से ऐसे मुद्दों की आड़ में आग से खेल रहे हैं. सत्ता चालाक हो गई है. अब वह अपने दल से किसी को नहीं भेजती है, आपको तैयार करती है कि आप उसके नाम पर किसी को मार आएं. ऐसा न तो अपने साथ न किसी और के साथ होने दीजिए.
राजसमंद की घटना के आरोपी के चेहरे पर बीमार होती जा रही राजनीति के रंग नज़र आ रहे हैं. इस रंग की ख़ूबसूरती इस आदमी की हरकत ने मिटा दी है. भाव भंगिमा तो किसी भक्त की ओढ़ी है मगर चेहरे से आध्यात्म ग़ायब है. उसकी जगह हत्या के बाद का ख़ून सवार है जो ठहर चुका है. शंभुलाल रेगर एक मज़दूर मोहम्मद अफराज़ुल खान को धारदार हथियार से मारने लगता है. अफराज़ुल की किसी चीख से शंभुलाल को कोई फर्क नहीं पड़ता है. वह मारने के बाद कैमरे की तरफ मुड़ता है, लव जिहाद पर भाषण देता है. उसके बाद लौट कर जाता और पेट्रोल छिड़कर जला देता है. यही वह तस्वीर है जो भारत के उन तमाम नागरिकों को परेशान कर रही है जिन्हें लगता है कि क्या इसके पीछे नफ़रत की वो राजनीति है जो दिन रात आम दर्शकों को परोसी जा रही है. जिस राजनीति ने खुलेआम कहना सामान्य कर दिया है कि मुसलमान है तो ये होगा, मुसलमान है तो वो होगा. आप इस चेहरे को क्लोज़ अप में देखिए, राजनीति का बीमार चेहरा दिखेगा. फिर अपने घरों में देखिए कि कहीं आप या आपके परिवार का कोई इस राजनीति का शिकार तो नहीं हो रहा है.
कुछ समय के लिए जिसकी हत्या हुई है उसके बारे में मत सोचिए. क्या आप उसके बारे में नहीं सोचना चाहेंगे जिसने हत्या की है. क्या आप चाहेंगे कि ऐसा हत्यारा और उसे हत्या के लिए उकसाने वाली राजनीति आपके आस पास हो. क्या पता आपके पड़ोस में, आपके घर में, रिश्तेदारी में ऐसा कोई तैयार हो रहा हो जो अचानक किसी दिन शंभुलाल की तरह हथियार उठाए और इफराज़ुल जैसे किसी दिहाड़ी मज़दूर को काट दे. क्या आप उन लोगों की मानसिकता के बारे में सोच रहे हैं जो इस हत्या का समर्थन कर रहे हैं, शंभुनाथ के लिए पोस्ट लिख रहे हैं. इस तरह के सांप्रदायिक मेसेज न फैलें और तनाव न बढ़े इसलिए राजसमंद में घटना के बाद इंटरनेट सेवा ठप्प कर दी गई थी. अब बहाल हो गई है. राजस्थान पुलिस ने शंभुलाल रैगर को गिरफ्तार करने में देरी नहीं की, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी बयान जारी कर इस घटना की निंदा की और इफराज़ुल के परिवार को 5 लाख का मुआवज़ा देने का ऐलान किया है. हमारी सहयोगी हर्षा कुमारी सिंह ने बताया है कि कौन लोग नफ़रत की बातें फैला रहे हैं, उनकी पहचान नहीं हो पा रही है मगर नफरत की बातें शर्मनाक रूप से ख़तरनाक हैं.
एक व्हाट्सऐप ग्रुप है स्वच्छ राजसमंद स्वच्छ भारत, कथित रूप से किसी बीजेपी वर्कर का है. इस ग्रुप में शंभु के अपराध की प्रशंसा की गई है. इसमें कहा गया है कि लव जिहादी सावधान. जाग उठा है शंभुलाल. हर्षा ने इस व्हाट्सऐप ग्रुप के एडमिन से बात करने का प्रयास किया मगर सफल नहीं हो सकतीं. फेसबुक पर एक और पोस्ट है जिसमें कोई उपदेश राना है, वो इस हत्या का समर्थन कर रहा है. एक और व्हाट्सऐप ग्रुप है TIMES of CHITTORGARH, इसमें कहा जा रहा है कि शंभुलाल के परिवार को आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए. इसमें शंभु की पत्नी का अकाउंट नंबर दिया गया है मगर इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है. घटना स्थल से 100 किमी दूर एक छोटे से कस्बे का एक व्हाट्सऐप ग्रुप है झाला मान सिंह. इसमें लिखा गया है कि वो घर घर से अफज़ल निकाल रहे थे, एक शंभु निकला तो बुरा मान गए. इसी ग्रुप में शंभुलाल रैगर की प्रशंसा में कविता भी लिखी गई है. नफ़रत के मैसेजों की कोई सीमा नहीं है. हत्या का समर्थन है तो नफ़रत के लतीफे हैं. हंसा हंसा कर आपने भीतर हत्या का समर्थन करने या हत्या करने की प्रवृत्ति पैदा की जा रही है. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने राजसमंद के एसपी से मिलकर ऐसे मैसेजों के बारे में शिकायत दर्ज कराई है जो व्हाट्सऐप ग्रुप में चल रहे हैं.
व्हाट्सऐप ग्रुप से नफ़रत की राजनीति फैलाई जा रही है, लोग सतर्क भी हो रहे हैं मगर जब तक सतर्क होते हैं तब तक कोई न कोई चपेट में आ चुका होता है. शंभुलाल मनोरोगी हो सकता है लेकिन जो वह बोल रहा है क्या उसी लव जिहाद को बड़े-बड़े नेता और प्रवक्ता टीवी से लेकर तमाम तरह के कार्यक्रमों में नहीं दोहरा रहे हैं.
शंभुलाल का एक और वीडियो है जिसमें वह कह रहा है कि 'मेरी मेवाड़ की सभी बहनों से प्रार्थना है कि आप इन जिहादियों के प्रेम जाल में न फंसें. यह आपका दिल जीत कर इस्लामिक व्यवस्था के अनुसार पूरी ज़िंदगी आपसे अपनी हवस मिटाते रहेंगे क्योंकि आप एक हिन्दू हैं. आपके जन्म देने वाले माता पिता ने हिन्दू धर्म देवी देवताओं की पूजा की है. आपमें से ही लव जिहाद में फंसी हुई एक अबला लड़की की मदद करने के कारण मुझे अपनी ज़िंदगी दांव पर लगानी पड़ी है. यह हमारी युवा पीढ़ी को बर्बाद करने के लिए इस्लामिक देशों से ज़हरीला नशा बनाकर हमारे देश में फैला रहे हैं.'
आप इस बात पर नज़र रखें कि आप या आपके बच्चे ऐसी बातों का प्रसार तो नहीं कर रहे हैं. शंभुलाल ने अपने भाषण में कहा था कि अगले दिन सरेंडर करने वाला है, 'मैं मेवाड़ के सभी भाइयों के सामने सरेंडर करूंगा.' गनीमत है कि मेवाड़ के लोग शंभुलाल की गिरफ्तारी के वक्त नहीं निकले. उन्हें समझ आता है कि यह नफ़रत की राजनीति है. राजस्थान में सात नवंबर को हाई कोर्ट की डिविज़न बेंच ने एक फैसला दिया. न्यायमूर्ति गोपाल कृष्ण व्यास और मनोज कुमार गर्ग ने कहा कि आरिफ़ा ने अपनी पंसद के लड़के के साथ रहने के लिए आज़ाद है. आरिफ़ा के भाई ने शिकायत दर्ज कराई थी कि यह लव जिहाद का केस है. आरिफा पहले पायल सिंह थी, परिवार वालों का आरोप था कि ज़बरदस्ती इस्लाम में कनवर्ट कराया गया है. आरिफा ने कोर्ट में कबूल किया कि उसने अपनी मर्जी से शादी की है. जब अदालत दो धर्मों के बीच की शादी को मान्यता देती है तो फिर यह राजनीति किस लिए हो रही है. आप देखेंगे कि समय-समय पर नेता लव जिहाद को बढ़ा चढ़ाकर बताते रहते हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अक्टूबर में केरल में कहा था कि लव जिहाद ख़तरनाक ट्रेंड है. एनआईए इसकी जांच कर रहा है. बीजेपी केरल को इस्लाम की भूमि नहीं बनने देगी.' संघ के भैय्या जी जोशी का बयान छपा है कि दस पंद्रह साल से हिन्दू समाज लव जिहाद का सामना कर रहा है. दोनों बयान अक्टूबर महीने के फर्स्ट पोस्ट और दि हिन्दू अखबार में छपे हैं.
सागरिका घाटगे ने क्रिकेटर ज़हीर ख़ान से जब शादी की तब बधाइयों का तांता लग गया. दोनों ने अपनी तस्वीरें साझा की और सबने बधाई दी. राइट टू प्राइवेसी पर सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कितनी सुंदर व्याख्या की है, दुनिया भर में ऐसी व्याख्याएं कम हुई हैं मगर वही सुप्रीम कोर्ट जब केरल की लड़की हादिया के मामले में फैसला सुनाता है तो राइट टू प्राइवेसी से काफी अलग हो जाता है. हादिया कहती है कि वह आज़ाद नहीं है.
हाल ही में केंद्र सरकार ने अंतर्जातीय विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए डॉक्टर अंबेडकर के नाम पर एक स्कीम लॉन्च की है. इसके तहत पति पत्नी में से कोई एक दलित हो तो केंद्र सरकार ढाई लाख रुपये देगी. कायदे से इस योजना का हर सांसद को प्रचार करना चाहिए मगर ज़्यादातर बचेंगे ही. दो धर्मों के बीच शादी के लिए भी कानून है, उसका भी कोई प्रचार नहीं करता है. 1954 का स्पेशल मैरिज एक्ट क्यों हैं फिर. वैसे यह तो स्पेशल मैरिज एक्ट 1874 से चला आ रहा है तब उसमें एक धर्म से दूसरे धर्म में शादी करने पर धर्म का त्याग करना पड़ता था.
1954 का कानून यह कहता है कि दो धर्मों के लोग शादी कर सकते हैं और धर्म बदलने की ज़रूरत भी नहीं है. जब स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत दो धर्मों के लोग शादी करेंगे तब उन पर न तो हिन्दू मैरिज लॉ लगेगा न मुस्लिम पर्सनल लॉ. इंडियन सक्सेशन एक्ट लगेगा जिसके अनुसार बेटा बेटी को संपत्ति में बराबरी का हिस्सा मिलेगा.
आपने देखा कि स्पेशल मैरिज एक्ट दो धर्मों के बीच शादी को मान्यता देता है. इस लिहाज़ से दो धर्मों के लोग अगर आपस में शादी करते हैं तो कुछ गलत नहीं करते हैं बल्कि समान नागरिक संहिता का सामाजिक आधार बढ़ा देते हैं.
कानूनी अधिकारों और प्रावधानों को भी समझना ज़रूरी है, लव जिहाद का मसला निजता के अधिकार के ख़िलाफ है, संविधान के खिलाफ है. इसलिए राजनीति, मीडिया और व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी के ज़रिए इस मुद्दे को ज़िंदा रखा जाता है ताकि अल्पसंख्यक से नफ़रत की मानसिकता बची रहे. गुजरात चुनावों में आप देख ही रहे हैं. खुल कर मुस्लिम विरोधी बातें हो रही हैं. क्या नागरिकता या सत्ता से वे बेदखल कर दिए गए हैं, नहीं, तब फिर चुनावों में मुसलमानों का नाम लेकर क्यों डर फैलाया जा रहा है. औरंगज़ेब राज, मुग़ल सल्तनत, पाकिस्तान, अहमद पटेल क्या ये सब कुछ और नहीं कहते हैं. एक समुदाय को अलग से दिखाने की कोशिश नहीं करते हैं. बीजेपी के एक उम्मीदवार ने तो खुल कर सांप्रदायिक भाषण दिया.
चुनाव आयोग ने भड़काऊ भाषण देने के लिए शैलेश सोत्ता को नोटिस जारी किया है. क्या आप देख पा रहे हैं कि जो शंभुलाल रैगर बोल रहा है वही बात और भी लोग राजनीतिक मंच से, संवैधानिक पद से और सोशल मीडिया पर बोल रहे हैं. क्या इसका संबंध उन बातों से है जिन्हें मैं हिन्दू मुस्लिम फ्रेमवर्क कहता हूं. कोई न कोई मुद्दा हर महीने आ जाता है जो दो समुदायों के बीच नफ़रत का आईपीएल कराने लगता है.
हमारी सहयोगी हर्षा कुमारी सिंह ने राजसमंद में कुछ लोगों से बात की. जानने का प्रयास किया कि क्या टीवी पर चलने वाली या राजनीति में उठने वाले उन मुद्दों का असर हो रहा है, दो समुदायों को एक दूसरे से अलग करने में.
दिल्ली में रविवार को इस हत्या के विरोध में कुछ लोग कनाट प्लेस में जमा हुए. इस घटना ने सभी धर्मों के नौजवानों और लोगों को बेचैन कर दिया है. आखिर कोई भी समाज किसी की हत्या और उसका वीडियो बनाने की मानसिकता का समर्थन नहीं कर सकता है. जो नौजवान व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी में ऐसी बातें फैला रहे हैं वो समाज को बदल रहे हैं. जहर बो रहे हैं. उनकी यूनिवर्सिटी का वैचारिक फंड कहीं और से आ रहा है.
कई लोग इस हिंसा के जवाब में केरल की बात करने लगे हैं तो ऐसी घटना का ज़िक्र कर रहे हैं जिसमें किसी मुसलमान ने किसी हिन्दू को मारा है. केरल के बारे में हमने कई बार प्राइम टाइम किया है. उस हिंसा का कौन समर्थन कर सकता है. वहां की राजनीतिक हिंसा सिर्फ आरएसएस ही नहीं, सीपीएम कांग्रेस के वर्करों की भी जान ले रही है. दोनों तरफ के लोगों पर मारने के आरोप हैं और मारे जा रहे हैं. हमें एक बात का फर्क करना होगा. अगर किसी अपराध को राजनीतिक विचारधारा का संरक्षण मिलने लगे तो उसका दायरा बहुत बड़ा हो जाता है. कौन उसकी चपेट में आएगा आप नहीं कह सकते. जैसे दलितों के प्रति हिंसा का बड़ा आधार जातिगत सोच में है. ज्यादातर की हत्या या बलात्कार जातिगत सोच या नफरत का परिणाम है. इसलिए बताना पड़ता है कि जिसकी हत्या हुई या जिसका बलात्कार हुआ वो दलित है क्योंकि हिंसा के पीछे दलित होना बड़ा कारण है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो इसलिए दलितों के खिलाफ हुए अपराध की अलग से गिनती करता है.
हापुड़ के धौलाना में 14 साल की एक दलित लड़की की गला रेत कर हत्या कर दी गई. उसके शव को काट कर खेतों में फेंक दिया गया. नौंवी क्लास में वह लड़की पढ़ती थी. चारा लेने गई थी मगर वापस नहीं आई. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक यूपी और बिहार में दलितों के खिलाफ सबसे अधिक अपराध दर्ज किया गया है. लखनऊ और पटना का नाम सबसे आगे हैं. 2016 में दलितों के खिलाफ अपराध की 40 हज़ार से अधिक घटनाएं हुईं हैं. ज़्यादातर का संबंध जातिगत कारणों से रहा होगा.
सामाजिक और राजनीतिक सोच के आधार पर किसी हिंसा का समर्थन करना, उसे बढ़ावा देना समाज में नौजवानों को अपराध की तरफ ले जाता है. शंभुलाल पर राजस्थान पुलिस ने सांप्रदायिक विचार फैलाने का भी मामला दर्ज किया है. पड़ोसी कहते हैं कि शंभुलाल शांत किस्म का आदमी था. उसकी पत्नी है और तीन बच्चे. किसी को पता नहीं कि नफरत की राजनीति उसे भीतर ही भीतर कितना उबाल रही होती है. अब शंभु के बच्चों के भविष्य की ज़िम्मेदारी कौन लेगा. हर्षा कुमारी सिंह शंभु के मोहल्ले में गई थीं. लोगों ने बताया कि वह बेरोज़गार था. कम मिलनसार था. पुलिस ने उसके स्मार्टफोन को देखा है. नफरत फैलाने वाले वीडियो देखने का चस्का लग गया था. क्या पता इन वीडियो ने शंभु को मानव बम में बदल दिया हो. उसने इस अपराध में अपने 13 साल के भतीजे को भी शामिल कर लिया जो वीडियो बना रहा था.
केरल और दूसरी घटनाओं पर बहस होती रही है, अलग से फिर हो जाएगी, मगर नफरत फैलाने वाले ये वीडियो किस कारखाने में तैयार हो रहे हैं, क्यों तैयार हो रहे हैं, बताने की ज़रूरत नहीं है. शंभु ने अपने तीनों बच्चों, 13 साल के भतीजे की ज़िंदगी दांव पर लगा दी और ख़ुद हत्यारा बन गया. उसके समर्थन में पोस्ट डालने वाले अब दूसरे शंभु की तैयारी में लग गए हैं. उन्हें कुछ महीने बाद फिर कोई शंभु चाहिए. आप नज़र रखिए कि आपके बीच से कोई शंभु तो नहीं बन रहा है. मैं नहीं मानता कि आपकी सहानुभूति इफराज़ुल को लेकर नहीं है. बिल्कुल है. वो इस देश का नागरिक था जिसे नफरत की राजनीति ने धोखे से मारा है.टिप्पणियां
बंगाल का रहने वाला इफराज़ुल मज़दूरी की तलाश में कई शहरों को बदलने के बाद राजस्थान आ गया था. 45 साल की उम्र में कोई इस तरह मार देगा और वीडियो बनाकर लव जिहाद पर भाषण देगा किसी ने सोचा न होगा. मगर हम सबने देखा है कि हत्या को उकसाने वाली राजनीति हमारे आस पास लगातार फैल रही है. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी से सावधान रहिए. इफराज़ुल की बेटियों का जो भरोसा गया है उसे लौटाने की सोचिए. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी को चलाने वाले शातिर लोग प्राइम टाइम यू ट्यूब पर जाकर देखते हैं फिर उसका एक हिस्सा काट कर फैलाते हैं कि तरह तरह की अफवाहें फैलाएंगे. जबकि यह प्रोग्राम शंभुलाल पर था, उस खौफनाक सोच पर जो लगातार आपके बीच किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाना चाहती है. यूं वैसे यह प्रोग्राम उन लोगों पर था जो आपके बीच से किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाने में लगे हैं ताकि उनकी राजनीति चमकती रहे. मुझे यकीन है कि आप इफराज़ुल की हत्या पर अफसोसज़दा होंगे. मैं नहीं मानता कि आप किसी के ख़ून का समर्थन करेंगे. इतना भरोसा आप पर है. आपको भी खुद पर होना चाहिए कि ऐसी राजनीति की चपेट में नहीं आएंगे.
टीवी देखते समय इस बात का ख़्याल रखिए कि क्या उसी शिद्दत से आपके रोज़गार, पढ़ाई, पेंशन, संस्थाओं की बेरूखी पर चर्ता होती है जिस शिद्दत से हिन्दू मुस्लिम टॉपिक पर होती है. चैनल दर चैनल बहुत चालाकी से ऐसे मुद्दों की आड़ में आग से खेल रहे हैं. सत्ता चालाक हो गई है. अब वह अपने दल से किसी को नहीं भेजती है, आपको तैयार करती है कि आप उसके नाम पर किसी को मार आएं. ऐसा न तो अपने साथ न किसी और के साथ होने दीजिए.
कुछ समय के लिए जिसकी हत्या हुई है उसके बारे में मत सोचिए. क्या आप उसके बारे में नहीं सोचना चाहेंगे जिसने हत्या की है. क्या आप चाहेंगे कि ऐसा हत्यारा और उसे हत्या के लिए उकसाने वाली राजनीति आपके आस पास हो. क्या पता आपके पड़ोस में, आपके घर में, रिश्तेदारी में ऐसा कोई तैयार हो रहा हो जो अचानक किसी दिन शंभुलाल की तरह हथियार उठाए और इफराज़ुल जैसे किसी दिहाड़ी मज़दूर को काट दे. क्या आप उन लोगों की मानसिकता के बारे में सोच रहे हैं जो इस हत्या का समर्थन कर रहे हैं, शंभुनाथ के लिए पोस्ट लिख रहे हैं. इस तरह के सांप्रदायिक मेसेज न फैलें और तनाव न बढ़े इसलिए राजसमंद में घटना के बाद इंटरनेट सेवा ठप्प कर दी गई थी. अब बहाल हो गई है. राजस्थान पुलिस ने शंभुलाल रैगर को गिरफ्तार करने में देरी नहीं की, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी बयान जारी कर इस घटना की निंदा की और इफराज़ुल के परिवार को 5 लाख का मुआवज़ा देने का ऐलान किया है. हमारी सहयोगी हर्षा कुमारी सिंह ने बताया है कि कौन लोग नफ़रत की बातें फैला रहे हैं, उनकी पहचान नहीं हो पा रही है मगर नफरत की बातें शर्मनाक रूप से ख़तरनाक हैं.
एक व्हाट्सऐप ग्रुप है स्वच्छ राजसमंद स्वच्छ भारत, कथित रूप से किसी बीजेपी वर्कर का है. इस ग्रुप में शंभु के अपराध की प्रशंसा की गई है. इसमें कहा गया है कि लव जिहादी सावधान. जाग उठा है शंभुलाल. हर्षा ने इस व्हाट्सऐप ग्रुप के एडमिन से बात करने का प्रयास किया मगर सफल नहीं हो सकतीं. फेसबुक पर एक और पोस्ट है जिसमें कोई उपदेश राना है, वो इस हत्या का समर्थन कर रहा है. एक और व्हाट्सऐप ग्रुप है TIMES of CHITTORGARH, इसमें कहा जा रहा है कि शंभुलाल के परिवार को आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए. इसमें शंभु की पत्नी का अकाउंट नंबर दिया गया है मगर इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है. घटना स्थल से 100 किमी दूर एक छोटे से कस्बे का एक व्हाट्सऐप ग्रुप है झाला मान सिंह. इसमें लिखा गया है कि वो घर घर से अफज़ल निकाल रहे थे, एक शंभु निकला तो बुरा मान गए. इसी ग्रुप में शंभुलाल रैगर की प्रशंसा में कविता भी लिखी गई है. नफ़रत के मैसेजों की कोई सीमा नहीं है. हत्या का समर्थन है तो नफ़रत के लतीफे हैं. हंसा हंसा कर आपने भीतर हत्या का समर्थन करने या हत्या करने की प्रवृत्ति पैदा की जा रही है. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने राजसमंद के एसपी से मिलकर ऐसे मैसेजों के बारे में शिकायत दर्ज कराई है जो व्हाट्सऐप ग्रुप में चल रहे हैं.
व्हाट्सऐप ग्रुप से नफ़रत की राजनीति फैलाई जा रही है, लोग सतर्क भी हो रहे हैं मगर जब तक सतर्क होते हैं तब तक कोई न कोई चपेट में आ चुका होता है. शंभुलाल मनोरोगी हो सकता है लेकिन जो वह बोल रहा है क्या उसी लव जिहाद को बड़े-बड़े नेता और प्रवक्ता टीवी से लेकर तमाम तरह के कार्यक्रमों में नहीं दोहरा रहे हैं.
शंभुलाल का एक और वीडियो है जिसमें वह कह रहा है कि 'मेरी मेवाड़ की सभी बहनों से प्रार्थना है कि आप इन जिहादियों के प्रेम जाल में न फंसें. यह आपका दिल जीत कर इस्लामिक व्यवस्था के अनुसार पूरी ज़िंदगी आपसे अपनी हवस मिटाते रहेंगे क्योंकि आप एक हिन्दू हैं. आपके जन्म देने वाले माता पिता ने हिन्दू धर्म देवी देवताओं की पूजा की है. आपमें से ही लव जिहाद में फंसी हुई एक अबला लड़की की मदद करने के कारण मुझे अपनी ज़िंदगी दांव पर लगानी पड़ी है. यह हमारी युवा पीढ़ी को बर्बाद करने के लिए इस्लामिक देशों से ज़हरीला नशा बनाकर हमारे देश में फैला रहे हैं.'
आप इस बात पर नज़र रखें कि आप या आपके बच्चे ऐसी बातों का प्रसार तो नहीं कर रहे हैं. शंभुलाल ने अपने भाषण में कहा था कि अगले दिन सरेंडर करने वाला है, 'मैं मेवाड़ के सभी भाइयों के सामने सरेंडर करूंगा.' गनीमत है कि मेवाड़ के लोग शंभुलाल की गिरफ्तारी के वक्त नहीं निकले. उन्हें समझ आता है कि यह नफ़रत की राजनीति है. राजस्थान में सात नवंबर को हाई कोर्ट की डिविज़न बेंच ने एक फैसला दिया. न्यायमूर्ति गोपाल कृष्ण व्यास और मनोज कुमार गर्ग ने कहा कि आरिफ़ा ने अपनी पंसद के लड़के के साथ रहने के लिए आज़ाद है. आरिफ़ा के भाई ने शिकायत दर्ज कराई थी कि यह लव जिहाद का केस है. आरिफा पहले पायल सिंह थी, परिवार वालों का आरोप था कि ज़बरदस्ती इस्लाम में कनवर्ट कराया गया है. आरिफा ने कोर्ट में कबूल किया कि उसने अपनी मर्जी से शादी की है. जब अदालत दो धर्मों के बीच की शादी को मान्यता देती है तो फिर यह राजनीति किस लिए हो रही है. आप देखेंगे कि समय-समय पर नेता लव जिहाद को बढ़ा चढ़ाकर बताते रहते हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अक्टूबर में केरल में कहा था कि लव जिहाद ख़तरनाक ट्रेंड है. एनआईए इसकी जांच कर रहा है. बीजेपी केरल को इस्लाम की भूमि नहीं बनने देगी.' संघ के भैय्या जी जोशी का बयान छपा है कि दस पंद्रह साल से हिन्दू समाज लव जिहाद का सामना कर रहा है. दोनों बयान अक्टूबर महीने के फर्स्ट पोस्ट और दि हिन्दू अखबार में छपे हैं.
सागरिका घाटगे ने क्रिकेटर ज़हीर ख़ान से जब शादी की तब बधाइयों का तांता लग गया. दोनों ने अपनी तस्वीरें साझा की और सबने बधाई दी. राइट टू प्राइवेसी पर सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कितनी सुंदर व्याख्या की है, दुनिया भर में ऐसी व्याख्याएं कम हुई हैं मगर वही सुप्रीम कोर्ट जब केरल की लड़की हादिया के मामले में फैसला सुनाता है तो राइट टू प्राइवेसी से काफी अलग हो जाता है. हादिया कहती है कि वह आज़ाद नहीं है.
हाल ही में केंद्र सरकार ने अंतर्जातीय विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए डॉक्टर अंबेडकर के नाम पर एक स्कीम लॉन्च की है. इसके तहत पति पत्नी में से कोई एक दलित हो तो केंद्र सरकार ढाई लाख रुपये देगी. कायदे से इस योजना का हर सांसद को प्रचार करना चाहिए मगर ज़्यादातर बचेंगे ही. दो धर्मों के बीच शादी के लिए भी कानून है, उसका भी कोई प्रचार नहीं करता है. 1954 का स्पेशल मैरिज एक्ट क्यों हैं फिर. वैसे यह तो स्पेशल मैरिज एक्ट 1874 से चला आ रहा है तब उसमें एक धर्म से दूसरे धर्म में शादी करने पर धर्म का त्याग करना पड़ता था.
1954 का कानून यह कहता है कि दो धर्मों के लोग शादी कर सकते हैं और धर्म बदलने की ज़रूरत भी नहीं है. जब स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत दो धर्मों के लोग शादी करेंगे तब उन पर न तो हिन्दू मैरिज लॉ लगेगा न मुस्लिम पर्सनल लॉ. इंडियन सक्सेशन एक्ट लगेगा जिसके अनुसार बेटा बेटी को संपत्ति में बराबरी का हिस्सा मिलेगा.
आपने देखा कि स्पेशल मैरिज एक्ट दो धर्मों के बीच शादी को मान्यता देता है. इस लिहाज़ से दो धर्मों के लोग अगर आपस में शादी करते हैं तो कुछ गलत नहीं करते हैं बल्कि समान नागरिक संहिता का सामाजिक आधार बढ़ा देते हैं.
कानूनी अधिकारों और प्रावधानों को भी समझना ज़रूरी है, लव जिहाद का मसला निजता के अधिकार के ख़िलाफ है, संविधान के खिलाफ है. इसलिए राजनीति, मीडिया और व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी के ज़रिए इस मुद्दे को ज़िंदा रखा जाता है ताकि अल्पसंख्यक से नफ़रत की मानसिकता बची रहे. गुजरात चुनावों में आप देख ही रहे हैं. खुल कर मुस्लिम विरोधी बातें हो रही हैं. क्या नागरिकता या सत्ता से वे बेदखल कर दिए गए हैं, नहीं, तब फिर चुनावों में मुसलमानों का नाम लेकर क्यों डर फैलाया जा रहा है. औरंगज़ेब राज, मुग़ल सल्तनत, पाकिस्तान, अहमद पटेल क्या ये सब कुछ और नहीं कहते हैं. एक समुदाय को अलग से दिखाने की कोशिश नहीं करते हैं. बीजेपी के एक उम्मीदवार ने तो खुल कर सांप्रदायिक भाषण दिया.
चुनाव आयोग ने भड़काऊ भाषण देने के लिए शैलेश सोत्ता को नोटिस जारी किया है. क्या आप देख पा रहे हैं कि जो शंभुलाल रैगर बोल रहा है वही बात और भी लोग राजनीतिक मंच से, संवैधानिक पद से और सोशल मीडिया पर बोल रहे हैं. क्या इसका संबंध उन बातों से है जिन्हें मैं हिन्दू मुस्लिम फ्रेमवर्क कहता हूं. कोई न कोई मुद्दा हर महीने आ जाता है जो दो समुदायों के बीच नफ़रत का आईपीएल कराने लगता है.
हमारी सहयोगी हर्षा कुमारी सिंह ने राजसमंद में कुछ लोगों से बात की. जानने का प्रयास किया कि क्या टीवी पर चलने वाली या राजनीति में उठने वाले उन मुद्दों का असर हो रहा है, दो समुदायों को एक दूसरे से अलग करने में.
दिल्ली में रविवार को इस हत्या के विरोध में कुछ लोग कनाट प्लेस में जमा हुए. इस घटना ने सभी धर्मों के नौजवानों और लोगों को बेचैन कर दिया है. आखिर कोई भी समाज किसी की हत्या और उसका वीडियो बनाने की मानसिकता का समर्थन नहीं कर सकता है. जो नौजवान व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी में ऐसी बातें फैला रहे हैं वो समाज को बदल रहे हैं. जहर बो रहे हैं. उनकी यूनिवर्सिटी का वैचारिक फंड कहीं और से आ रहा है.
कई लोग इस हिंसा के जवाब में केरल की बात करने लगे हैं तो ऐसी घटना का ज़िक्र कर रहे हैं जिसमें किसी मुसलमान ने किसी हिन्दू को मारा है. केरल के बारे में हमने कई बार प्राइम टाइम किया है. उस हिंसा का कौन समर्थन कर सकता है. वहां की राजनीतिक हिंसा सिर्फ आरएसएस ही नहीं, सीपीएम कांग्रेस के वर्करों की भी जान ले रही है. दोनों तरफ के लोगों पर मारने के आरोप हैं और मारे जा रहे हैं. हमें एक बात का फर्क करना होगा. अगर किसी अपराध को राजनीतिक विचारधारा का संरक्षण मिलने लगे तो उसका दायरा बहुत बड़ा हो जाता है. कौन उसकी चपेट में आएगा आप नहीं कह सकते. जैसे दलितों के प्रति हिंसा का बड़ा आधार जातिगत सोच में है. ज्यादातर की हत्या या बलात्कार जातिगत सोच या नफरत का परिणाम है. इसलिए बताना पड़ता है कि जिसकी हत्या हुई या जिसका बलात्कार हुआ वो दलित है क्योंकि हिंसा के पीछे दलित होना बड़ा कारण है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो इसलिए दलितों के खिलाफ हुए अपराध की अलग से गिनती करता है.
हापुड़ के धौलाना में 14 साल की एक दलित लड़की की गला रेत कर हत्या कर दी गई. उसके शव को काट कर खेतों में फेंक दिया गया. नौंवी क्लास में वह लड़की पढ़ती थी. चारा लेने गई थी मगर वापस नहीं आई. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक यूपी और बिहार में दलितों के खिलाफ सबसे अधिक अपराध दर्ज किया गया है. लखनऊ और पटना का नाम सबसे आगे हैं. 2016 में दलितों के खिलाफ अपराध की 40 हज़ार से अधिक घटनाएं हुईं हैं. ज़्यादातर का संबंध जातिगत कारणों से रहा होगा.
सामाजिक और राजनीतिक सोच के आधार पर किसी हिंसा का समर्थन करना, उसे बढ़ावा देना समाज में नौजवानों को अपराध की तरफ ले जाता है. शंभुलाल पर राजस्थान पुलिस ने सांप्रदायिक विचार फैलाने का भी मामला दर्ज किया है. पड़ोसी कहते हैं कि शंभुलाल शांत किस्म का आदमी था. उसकी पत्नी है और तीन बच्चे. किसी को पता नहीं कि नफरत की राजनीति उसे भीतर ही भीतर कितना उबाल रही होती है. अब शंभु के बच्चों के भविष्य की ज़िम्मेदारी कौन लेगा. हर्षा कुमारी सिंह शंभु के मोहल्ले में गई थीं. लोगों ने बताया कि वह बेरोज़गार था. कम मिलनसार था. पुलिस ने उसके स्मार्टफोन को देखा है. नफरत फैलाने वाले वीडियो देखने का चस्का लग गया था. क्या पता इन वीडियो ने शंभु को मानव बम में बदल दिया हो. उसने इस अपराध में अपने 13 साल के भतीजे को भी शामिल कर लिया जो वीडियो बना रहा था.
केरल और दूसरी घटनाओं पर बहस होती रही है, अलग से फिर हो जाएगी, मगर नफरत फैलाने वाले ये वीडियो किस कारखाने में तैयार हो रहे हैं, क्यों तैयार हो रहे हैं, बताने की ज़रूरत नहीं है. शंभु ने अपने तीनों बच्चों, 13 साल के भतीजे की ज़िंदगी दांव पर लगा दी और ख़ुद हत्यारा बन गया. उसके समर्थन में पोस्ट डालने वाले अब दूसरे शंभु की तैयारी में लग गए हैं. उन्हें कुछ महीने बाद फिर कोई शंभु चाहिए. आप नज़र रखिए कि आपके बीच से कोई शंभु तो नहीं बन रहा है. मैं नहीं मानता कि आपकी सहानुभूति इफराज़ुल को लेकर नहीं है. बिल्कुल है. वो इस देश का नागरिक था जिसे नफरत की राजनीति ने धोखे से मारा है.टिप्पणियां
बंगाल का रहने वाला इफराज़ुल मज़दूरी की तलाश में कई शहरों को बदलने के बाद राजस्थान आ गया था. 45 साल की उम्र में कोई इस तरह मार देगा और वीडियो बनाकर लव जिहाद पर भाषण देगा किसी ने सोचा न होगा. मगर हम सबने देखा है कि हत्या को उकसाने वाली राजनीति हमारे आस पास लगातार फैल रही है. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी से सावधान रहिए. इफराज़ुल की बेटियों का जो भरोसा गया है उसे लौटाने की सोचिए. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी को चलाने वाले शातिर लोग प्राइम टाइम यू ट्यूब पर जाकर देखते हैं फिर उसका एक हिस्सा काट कर फैलाते हैं कि तरह तरह की अफवाहें फैलाएंगे. जबकि यह प्रोग्राम शंभुलाल पर था, उस खौफनाक सोच पर जो लगातार आपके बीच किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाना चाहती है. यूं वैसे यह प्रोग्राम उन लोगों पर था जो आपके बीच से किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाने में लगे हैं ताकि उनकी राजनीति चमकती रहे. मुझे यकीन है कि आप इफराज़ुल की हत्या पर अफसोसज़दा होंगे. मैं नहीं मानता कि आप किसी के ख़ून का समर्थन करेंगे. इतना भरोसा आप पर है. आपको भी खुद पर होना चाहिए कि ऐसी राजनीति की चपेट में नहीं आएंगे.
टीवी देखते समय इस बात का ख़्याल रखिए कि क्या उसी शिद्दत से आपके रोज़गार, पढ़ाई, पेंशन, संस्थाओं की बेरूखी पर चर्ता होती है जिस शिद्दत से हिन्दू मुस्लिम टॉपिक पर होती है. चैनल दर चैनल बहुत चालाकी से ऐसे मुद्दों की आड़ में आग से खेल रहे हैं. सत्ता चालाक हो गई है. अब वह अपने दल से किसी को नहीं भेजती है, आपको तैयार करती है कि आप उसके नाम पर किसी को मार आएं. ऐसा न तो अपने साथ न किसी और के साथ होने दीजिए.
एक व्हाट्सऐप ग्रुप है स्वच्छ राजसमंद स्वच्छ भारत, कथित रूप से किसी बीजेपी वर्कर का है. इस ग्रुप में शंभु के अपराध की प्रशंसा की गई है. इसमें कहा गया है कि लव जिहादी सावधान. जाग उठा है शंभुलाल. हर्षा ने इस व्हाट्सऐप ग्रुप के एडमिन से बात करने का प्रयास किया मगर सफल नहीं हो सकतीं. फेसबुक पर एक और पोस्ट है जिसमें कोई उपदेश राना है, वो इस हत्या का समर्थन कर रहा है. एक और व्हाट्सऐप ग्रुप है TIMES of CHITTORGARH, इसमें कहा जा रहा है कि शंभुलाल के परिवार को आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए. इसमें शंभु की पत्नी का अकाउंट नंबर दिया गया है मगर इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है. घटना स्थल से 100 किमी दूर एक छोटे से कस्बे का एक व्हाट्सऐप ग्रुप है झाला मान सिंह. इसमें लिखा गया है कि वो घर घर से अफज़ल निकाल रहे थे, एक शंभु निकला तो बुरा मान गए. इसी ग्रुप में शंभुलाल रैगर की प्रशंसा में कविता भी लिखी गई है. नफ़रत के मैसेजों की कोई सीमा नहीं है. हत्या का समर्थन है तो नफ़रत के लतीफे हैं. हंसा हंसा कर आपने भीतर हत्या का समर्थन करने या हत्या करने की प्रवृत्ति पैदा की जा रही है. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने राजसमंद के एसपी से मिलकर ऐसे मैसेजों के बारे में शिकायत दर्ज कराई है जो व्हाट्सऐप ग्रुप में चल रहे हैं.
व्हाट्सऐप ग्रुप से नफ़रत की राजनीति फैलाई जा रही है, लोग सतर्क भी हो रहे हैं मगर जब तक सतर्क होते हैं तब तक कोई न कोई चपेट में आ चुका होता है. शंभुलाल मनोरोगी हो सकता है लेकिन जो वह बोल रहा है क्या उसी लव जिहाद को बड़े-बड़े नेता और प्रवक्ता टीवी से लेकर तमाम तरह के कार्यक्रमों में नहीं दोहरा रहे हैं.
शंभुलाल का एक और वीडियो है जिसमें वह कह रहा है कि 'मेरी मेवाड़ की सभी बहनों से प्रार्थना है कि आप इन जिहादियों के प्रेम जाल में न फंसें. यह आपका दिल जीत कर इस्लामिक व्यवस्था के अनुसार पूरी ज़िंदगी आपसे अपनी हवस मिटाते रहेंगे क्योंकि आप एक हिन्दू हैं. आपके जन्म देने वाले माता पिता ने हिन्दू धर्म देवी देवताओं की पूजा की है. आपमें से ही लव जिहाद में फंसी हुई एक अबला लड़की की मदद करने के कारण मुझे अपनी ज़िंदगी दांव पर लगानी पड़ी है. यह हमारी युवा पीढ़ी को बर्बाद करने के लिए इस्लामिक देशों से ज़हरीला नशा बनाकर हमारे देश में फैला रहे हैं.'
आप इस बात पर नज़र रखें कि आप या आपके बच्चे ऐसी बातों का प्रसार तो नहीं कर रहे हैं. शंभुलाल ने अपने भाषण में कहा था कि अगले दिन सरेंडर करने वाला है, 'मैं मेवाड़ के सभी भाइयों के सामने सरेंडर करूंगा.' गनीमत है कि मेवाड़ के लोग शंभुलाल की गिरफ्तारी के वक्त नहीं निकले. उन्हें समझ आता है कि यह नफ़रत की राजनीति है. राजस्थान में सात नवंबर को हाई कोर्ट की डिविज़न बेंच ने एक फैसला दिया. न्यायमूर्ति गोपाल कृष्ण व्यास और मनोज कुमार गर्ग ने कहा कि आरिफ़ा ने अपनी पंसद के लड़के के साथ रहने के लिए आज़ाद है. आरिफ़ा के भाई ने शिकायत दर्ज कराई थी कि यह लव जिहाद का केस है. आरिफा पहले पायल सिंह थी, परिवार वालों का आरोप था कि ज़बरदस्ती इस्लाम में कनवर्ट कराया गया है. आरिफा ने कोर्ट में कबूल किया कि उसने अपनी मर्जी से शादी की है. जब अदालत दो धर्मों के बीच की शादी को मान्यता देती है तो फिर यह राजनीति किस लिए हो रही है. आप देखेंगे कि समय-समय पर नेता लव जिहाद को बढ़ा चढ़ाकर बताते रहते हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अक्टूबर में केरल में कहा था कि लव जिहाद ख़तरनाक ट्रेंड है. एनआईए इसकी जांच कर रहा है. बीजेपी केरल को इस्लाम की भूमि नहीं बनने देगी.' संघ के भैय्या जी जोशी का बयान छपा है कि दस पंद्रह साल से हिन्दू समाज लव जिहाद का सामना कर रहा है. दोनों बयान अक्टूबर महीने के फर्स्ट पोस्ट और दि हिन्दू अखबार में छपे हैं.
सागरिका घाटगे ने क्रिकेटर ज़हीर ख़ान से जब शादी की तब बधाइयों का तांता लग गया. दोनों ने अपनी तस्वीरें साझा की और सबने बधाई दी. राइट टू प्राइवेसी पर सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कितनी सुंदर व्याख्या की है, दुनिया भर में ऐसी व्याख्याएं कम हुई हैं मगर वही सुप्रीम कोर्ट जब केरल की लड़की हादिया के मामले में फैसला सुनाता है तो राइट टू प्राइवेसी से काफी अलग हो जाता है. हादिया कहती है कि वह आज़ाद नहीं है.
हाल ही में केंद्र सरकार ने अंतर्जातीय विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए डॉक्टर अंबेडकर के नाम पर एक स्कीम लॉन्च की है. इसके तहत पति पत्नी में से कोई एक दलित हो तो केंद्र सरकार ढाई लाख रुपये देगी. कायदे से इस योजना का हर सांसद को प्रचार करना चाहिए मगर ज़्यादातर बचेंगे ही. दो धर्मों के बीच शादी के लिए भी कानून है, उसका भी कोई प्रचार नहीं करता है. 1954 का स्पेशल मैरिज एक्ट क्यों हैं फिर. वैसे यह तो स्पेशल मैरिज एक्ट 1874 से चला आ रहा है तब उसमें एक धर्म से दूसरे धर्म में शादी करने पर धर्म का त्याग करना पड़ता था.
1954 का कानून यह कहता है कि दो धर्मों के लोग शादी कर सकते हैं और धर्म बदलने की ज़रूरत भी नहीं है. जब स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत दो धर्मों के लोग शादी करेंगे तब उन पर न तो हिन्दू मैरिज लॉ लगेगा न मुस्लिम पर्सनल लॉ. इंडियन सक्सेशन एक्ट लगेगा जिसके अनुसार बेटा बेटी को संपत्ति में बराबरी का हिस्सा मिलेगा.
आपने देखा कि स्पेशल मैरिज एक्ट दो धर्मों के बीच शादी को मान्यता देता है. इस लिहाज़ से दो धर्मों के लोग अगर आपस में शादी करते हैं तो कुछ गलत नहीं करते हैं बल्कि समान नागरिक संहिता का सामाजिक आधार बढ़ा देते हैं.
कानूनी अधिकारों और प्रावधानों को भी समझना ज़रूरी है, लव जिहाद का मसला निजता के अधिकार के ख़िलाफ है, संविधान के खिलाफ है. इसलिए राजनीति, मीडिया और व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी के ज़रिए इस मुद्दे को ज़िंदा रखा जाता है ताकि अल्पसंख्यक से नफ़रत की मानसिकता बची रहे. गुजरात चुनावों में आप देख ही रहे हैं. खुल कर मुस्लिम विरोधी बातें हो रही हैं. क्या नागरिकता या सत्ता से वे बेदखल कर दिए गए हैं, नहीं, तब फिर चुनावों में मुसलमानों का नाम लेकर क्यों डर फैलाया जा रहा है. औरंगज़ेब राज, मुग़ल सल्तनत, पाकिस्तान, अहमद पटेल क्या ये सब कुछ और नहीं कहते हैं. एक समुदाय को अलग से दिखाने की कोशिश नहीं करते हैं. बीजेपी के एक उम्मीदवार ने तो खुल कर सांप्रदायिक भाषण दिया.
चुनाव आयोग ने भड़काऊ भाषण देने के लिए शैलेश सोत्ता को नोटिस जारी किया है. क्या आप देख पा रहे हैं कि जो शंभुलाल रैगर बोल रहा है वही बात और भी लोग राजनीतिक मंच से, संवैधानिक पद से और सोशल मीडिया पर बोल रहे हैं. क्या इसका संबंध उन बातों से है जिन्हें मैं हिन्दू मुस्लिम फ्रेमवर्क कहता हूं. कोई न कोई मुद्दा हर महीने आ जाता है जो दो समुदायों के बीच नफ़रत का आईपीएल कराने लगता है.
हमारी सहयोगी हर्षा कुमारी सिंह ने राजसमंद में कुछ लोगों से बात की. जानने का प्रयास किया कि क्या टीवी पर चलने वाली या राजनीति में उठने वाले उन मुद्दों का असर हो रहा है, दो समुदायों को एक दूसरे से अलग करने में.
दिल्ली में रविवार को इस हत्या के विरोध में कुछ लोग कनाट प्लेस में जमा हुए. इस घटना ने सभी धर्मों के नौजवानों और लोगों को बेचैन कर दिया है. आखिर कोई भी समाज किसी की हत्या और उसका वीडियो बनाने की मानसिकता का समर्थन नहीं कर सकता है. जो नौजवान व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी में ऐसी बातें फैला रहे हैं वो समाज को बदल रहे हैं. जहर बो रहे हैं. उनकी यूनिवर्सिटी का वैचारिक फंड कहीं और से आ रहा है.
कई लोग इस हिंसा के जवाब में केरल की बात करने लगे हैं तो ऐसी घटना का ज़िक्र कर रहे हैं जिसमें किसी मुसलमान ने किसी हिन्दू को मारा है. केरल के बारे में हमने कई बार प्राइम टाइम किया है. उस हिंसा का कौन समर्थन कर सकता है. वहां की राजनीतिक हिंसा सिर्फ आरएसएस ही नहीं, सीपीएम कांग्रेस के वर्करों की भी जान ले रही है. दोनों तरफ के लोगों पर मारने के आरोप हैं और मारे जा रहे हैं. हमें एक बात का फर्क करना होगा. अगर किसी अपराध को राजनीतिक विचारधारा का संरक्षण मिलने लगे तो उसका दायरा बहुत बड़ा हो जाता है. कौन उसकी चपेट में आएगा आप नहीं कह सकते. जैसे दलितों के प्रति हिंसा का बड़ा आधार जातिगत सोच में है. ज्यादातर की हत्या या बलात्कार जातिगत सोच या नफरत का परिणाम है. इसलिए बताना पड़ता है कि जिसकी हत्या हुई या जिसका बलात्कार हुआ वो दलित है क्योंकि हिंसा के पीछे दलित होना बड़ा कारण है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो इसलिए दलितों के खिलाफ हुए अपराध की अलग से गिनती करता है.
हापुड़ के धौलाना में 14 साल की एक दलित लड़की की गला रेत कर हत्या कर दी गई. उसके शव को काट कर खेतों में फेंक दिया गया. नौंवी क्लास में वह लड़की पढ़ती थी. चारा लेने गई थी मगर वापस नहीं आई. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक यूपी और बिहार में दलितों के खिलाफ सबसे अधिक अपराध दर्ज किया गया है. लखनऊ और पटना का नाम सबसे आगे हैं. 2016 में दलितों के खिलाफ अपराध की 40 हज़ार से अधिक घटनाएं हुईं हैं. ज़्यादातर का संबंध जातिगत कारणों से रहा होगा.
सामाजिक और राजनीतिक सोच के आधार पर किसी हिंसा का समर्थन करना, उसे बढ़ावा देना समाज में नौजवानों को अपराध की तरफ ले जाता है. शंभुलाल पर राजस्थान पुलिस ने सांप्रदायिक विचार फैलाने का भी मामला दर्ज किया है. पड़ोसी कहते हैं कि शंभुलाल शांत किस्म का आदमी था. उसकी पत्नी है और तीन बच्चे. किसी को पता नहीं कि नफरत की राजनीति उसे भीतर ही भीतर कितना उबाल रही होती है. अब शंभु के बच्चों के भविष्य की ज़िम्मेदारी कौन लेगा. हर्षा कुमारी सिंह शंभु के मोहल्ले में गई थीं. लोगों ने बताया कि वह बेरोज़गार था. कम मिलनसार था. पुलिस ने उसके स्मार्टफोन को देखा है. नफरत फैलाने वाले वीडियो देखने का चस्का लग गया था. क्या पता इन वीडियो ने शंभु को मानव बम में बदल दिया हो. उसने इस अपराध में अपने 13 साल के भतीजे को भी शामिल कर लिया जो वीडियो बना रहा था.
केरल और दूसरी घटनाओं पर बहस होती रही है, अलग से फिर हो जाएगी, मगर नफरत फैलाने वाले ये वीडियो किस कारखाने में तैयार हो रहे हैं, क्यों तैयार हो रहे हैं, बताने की ज़रूरत नहीं है. शंभु ने अपने तीनों बच्चों, 13 साल के भतीजे की ज़िंदगी दांव पर लगा दी और ख़ुद हत्यारा बन गया. उसके समर्थन में पोस्ट डालने वाले अब दूसरे शंभु की तैयारी में लग गए हैं. उन्हें कुछ महीने बाद फिर कोई शंभु चाहिए. आप नज़र रखिए कि आपके बीच से कोई शंभु तो नहीं बन रहा है. मैं नहीं मानता कि आपकी सहानुभूति इफराज़ुल को लेकर नहीं है. बिल्कुल है. वो इस देश का नागरिक था जिसे नफरत की राजनीति ने धोखे से मारा है.टिप्पणियां
बंगाल का रहने वाला इफराज़ुल मज़दूरी की तलाश में कई शहरों को बदलने के बाद राजस्थान आ गया था. 45 साल की उम्र में कोई इस तरह मार देगा और वीडियो बनाकर लव जिहाद पर भाषण देगा किसी ने सोचा न होगा. मगर हम सबने देखा है कि हत्या को उकसाने वाली राजनीति हमारे आस पास लगातार फैल रही है. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी से सावधान रहिए. इफराज़ुल की बेटियों का जो भरोसा गया है उसे लौटाने की सोचिए. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी को चलाने वाले शातिर लोग प्राइम टाइम यू ट्यूब पर जाकर देखते हैं फिर उसका एक हिस्सा काट कर फैलाते हैं कि तरह तरह की अफवाहें फैलाएंगे. जबकि यह प्रोग्राम शंभुलाल पर था, उस खौफनाक सोच पर जो लगातार आपके बीच किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाना चाहती है. यूं वैसे यह प्रोग्राम उन लोगों पर था जो आपके बीच से किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाने में लगे हैं ताकि उनकी राजनीति चमकती रहे. मुझे यकीन है कि आप इफराज़ुल की हत्या पर अफसोसज़दा होंगे. मैं नहीं मानता कि आप किसी के ख़ून का समर्थन करेंगे. इतना भरोसा आप पर है. आपको भी खुद पर होना चाहिए कि ऐसी राजनीति की चपेट में नहीं आएंगे.
टीवी देखते समय इस बात का ख़्याल रखिए कि क्या उसी शिद्दत से आपके रोज़गार, पढ़ाई, पेंशन, संस्थाओं की बेरूखी पर चर्ता होती है जिस शिद्दत से हिन्दू मुस्लिम टॉपिक पर होती है. चैनल दर चैनल बहुत चालाकी से ऐसे मुद्दों की आड़ में आग से खेल रहे हैं. सत्ता चालाक हो गई है. अब वह अपने दल से किसी को नहीं भेजती है, आपको तैयार करती है कि आप उसके नाम पर किसी को मार आएं. ऐसा न तो अपने साथ न किसी और के साथ होने दीजिए.
व्हाट्सऐप ग्रुप से नफ़रत की राजनीति फैलाई जा रही है, लोग सतर्क भी हो रहे हैं मगर जब तक सतर्क होते हैं तब तक कोई न कोई चपेट में आ चुका होता है. शंभुलाल मनोरोगी हो सकता है लेकिन जो वह बोल रहा है क्या उसी लव जिहाद को बड़े-बड़े नेता और प्रवक्ता टीवी से लेकर तमाम तरह के कार्यक्रमों में नहीं दोहरा रहे हैं.
शंभुलाल का एक और वीडियो है जिसमें वह कह रहा है कि 'मेरी मेवाड़ की सभी बहनों से प्रार्थना है कि आप इन जिहादियों के प्रेम जाल में न फंसें. यह आपका दिल जीत कर इस्लामिक व्यवस्था के अनुसार पूरी ज़िंदगी आपसे अपनी हवस मिटाते रहेंगे क्योंकि आप एक हिन्दू हैं. आपके जन्म देने वाले माता पिता ने हिन्दू धर्म देवी देवताओं की पूजा की है. आपमें से ही लव जिहाद में फंसी हुई एक अबला लड़की की मदद करने के कारण मुझे अपनी ज़िंदगी दांव पर लगानी पड़ी है. यह हमारी युवा पीढ़ी को बर्बाद करने के लिए इस्लामिक देशों से ज़हरीला नशा बनाकर हमारे देश में फैला रहे हैं.'
आप इस बात पर नज़र रखें कि आप या आपके बच्चे ऐसी बातों का प्रसार तो नहीं कर रहे हैं. शंभुलाल ने अपने भाषण में कहा था कि अगले दिन सरेंडर करने वाला है, 'मैं मेवाड़ के सभी भाइयों के सामने सरेंडर करूंगा.' गनीमत है कि मेवाड़ के लोग शंभुलाल की गिरफ्तारी के वक्त नहीं निकले. उन्हें समझ आता है कि यह नफ़रत की राजनीति है. राजस्थान में सात नवंबर को हाई कोर्ट की डिविज़न बेंच ने एक फैसला दिया. न्यायमूर्ति गोपाल कृष्ण व्यास और मनोज कुमार गर्ग ने कहा कि आरिफ़ा ने अपनी पंसद के लड़के के साथ रहने के लिए आज़ाद है. आरिफ़ा के भाई ने शिकायत दर्ज कराई थी कि यह लव जिहाद का केस है. आरिफा पहले पायल सिंह थी, परिवार वालों का आरोप था कि ज़बरदस्ती इस्लाम में कनवर्ट कराया गया है. आरिफा ने कोर्ट में कबूल किया कि उसने अपनी मर्जी से शादी की है. जब अदालत दो धर्मों के बीच की शादी को मान्यता देती है तो फिर यह राजनीति किस लिए हो रही है. आप देखेंगे कि समय-समय पर नेता लव जिहाद को बढ़ा चढ़ाकर बताते रहते हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अक्टूबर में केरल में कहा था कि लव जिहाद ख़तरनाक ट्रेंड है. एनआईए इसकी जांच कर रहा है. बीजेपी केरल को इस्लाम की भूमि नहीं बनने देगी.' संघ के भैय्या जी जोशी का बयान छपा है कि दस पंद्रह साल से हिन्दू समाज लव जिहाद का सामना कर रहा है. दोनों बयान अक्टूबर महीने के फर्स्ट पोस्ट और दि हिन्दू अखबार में छपे हैं.
सागरिका घाटगे ने क्रिकेटर ज़हीर ख़ान से जब शादी की तब बधाइयों का तांता लग गया. दोनों ने अपनी तस्वीरें साझा की और सबने बधाई दी. राइट टू प्राइवेसी पर सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कितनी सुंदर व्याख्या की है, दुनिया भर में ऐसी व्याख्याएं कम हुई हैं मगर वही सुप्रीम कोर्ट जब केरल की लड़की हादिया के मामले में फैसला सुनाता है तो राइट टू प्राइवेसी से काफी अलग हो जाता है. हादिया कहती है कि वह आज़ाद नहीं है.
हाल ही में केंद्र सरकार ने अंतर्जातीय विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए डॉक्टर अंबेडकर के नाम पर एक स्कीम लॉन्च की है. इसके तहत पति पत्नी में से कोई एक दलित हो तो केंद्र सरकार ढाई लाख रुपये देगी. कायदे से इस योजना का हर सांसद को प्रचार करना चाहिए मगर ज़्यादातर बचेंगे ही. दो धर्मों के बीच शादी के लिए भी कानून है, उसका भी कोई प्रचार नहीं करता है. 1954 का स्पेशल मैरिज एक्ट क्यों हैं फिर. वैसे यह तो स्पेशल मैरिज एक्ट 1874 से चला आ रहा है तब उसमें एक धर्म से दूसरे धर्म में शादी करने पर धर्म का त्याग करना पड़ता था.
1954 का कानून यह कहता है कि दो धर्मों के लोग शादी कर सकते हैं और धर्म बदलने की ज़रूरत भी नहीं है. जब स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत दो धर्मों के लोग शादी करेंगे तब उन पर न तो हिन्दू मैरिज लॉ लगेगा न मुस्लिम पर्सनल लॉ. इंडियन सक्सेशन एक्ट लगेगा जिसके अनुसार बेटा बेटी को संपत्ति में बराबरी का हिस्सा मिलेगा.
आपने देखा कि स्पेशल मैरिज एक्ट दो धर्मों के बीच शादी को मान्यता देता है. इस लिहाज़ से दो धर्मों के लोग अगर आपस में शादी करते हैं तो कुछ गलत नहीं करते हैं बल्कि समान नागरिक संहिता का सामाजिक आधार बढ़ा देते हैं.
कानूनी अधिकारों और प्रावधानों को भी समझना ज़रूरी है, लव जिहाद का मसला निजता के अधिकार के ख़िलाफ है, संविधान के खिलाफ है. इसलिए राजनीति, मीडिया और व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी के ज़रिए इस मुद्दे को ज़िंदा रखा जाता है ताकि अल्पसंख्यक से नफ़रत की मानसिकता बची रहे. गुजरात चुनावों में आप देख ही रहे हैं. खुल कर मुस्लिम विरोधी बातें हो रही हैं. क्या नागरिकता या सत्ता से वे बेदखल कर दिए गए हैं, नहीं, तब फिर चुनावों में मुसलमानों का नाम लेकर क्यों डर फैलाया जा रहा है. औरंगज़ेब राज, मुग़ल सल्तनत, पाकिस्तान, अहमद पटेल क्या ये सब कुछ और नहीं कहते हैं. एक समुदाय को अलग से दिखाने की कोशिश नहीं करते हैं. बीजेपी के एक उम्मीदवार ने तो खुल कर सांप्रदायिक भाषण दिया.
चुनाव आयोग ने भड़काऊ भाषण देने के लिए शैलेश सोत्ता को नोटिस जारी किया है. क्या आप देख पा रहे हैं कि जो शंभुलाल रैगर बोल रहा है वही बात और भी लोग राजनीतिक मंच से, संवैधानिक पद से और सोशल मीडिया पर बोल रहे हैं. क्या इसका संबंध उन बातों से है जिन्हें मैं हिन्दू मुस्लिम फ्रेमवर्क कहता हूं. कोई न कोई मुद्दा हर महीने आ जाता है जो दो समुदायों के बीच नफ़रत का आईपीएल कराने लगता है.
हमारी सहयोगी हर्षा कुमारी सिंह ने राजसमंद में कुछ लोगों से बात की. जानने का प्रयास किया कि क्या टीवी पर चलने वाली या राजनीति में उठने वाले उन मुद्दों का असर हो रहा है, दो समुदायों को एक दूसरे से अलग करने में.
दिल्ली में रविवार को इस हत्या के विरोध में कुछ लोग कनाट प्लेस में जमा हुए. इस घटना ने सभी धर्मों के नौजवानों और लोगों को बेचैन कर दिया है. आखिर कोई भी समाज किसी की हत्या और उसका वीडियो बनाने की मानसिकता का समर्थन नहीं कर सकता है. जो नौजवान व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी में ऐसी बातें फैला रहे हैं वो समाज को बदल रहे हैं. जहर बो रहे हैं. उनकी यूनिवर्सिटी का वैचारिक फंड कहीं और से आ रहा है.
कई लोग इस हिंसा के जवाब में केरल की बात करने लगे हैं तो ऐसी घटना का ज़िक्र कर रहे हैं जिसमें किसी मुसलमान ने किसी हिन्दू को मारा है. केरल के बारे में हमने कई बार प्राइम टाइम किया है. उस हिंसा का कौन समर्थन कर सकता है. वहां की राजनीतिक हिंसा सिर्फ आरएसएस ही नहीं, सीपीएम कांग्रेस के वर्करों की भी जान ले रही है. दोनों तरफ के लोगों पर मारने के आरोप हैं और मारे जा रहे हैं. हमें एक बात का फर्क करना होगा. अगर किसी अपराध को राजनीतिक विचारधारा का संरक्षण मिलने लगे तो उसका दायरा बहुत बड़ा हो जाता है. कौन उसकी चपेट में आएगा आप नहीं कह सकते. जैसे दलितों के प्रति हिंसा का बड़ा आधार जातिगत सोच में है. ज्यादातर की हत्या या बलात्कार जातिगत सोच या नफरत का परिणाम है. इसलिए बताना पड़ता है कि जिसकी हत्या हुई या जिसका बलात्कार हुआ वो दलित है क्योंकि हिंसा के पीछे दलित होना बड़ा कारण है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो इसलिए दलितों के खिलाफ हुए अपराध की अलग से गिनती करता है.
हापुड़ के धौलाना में 14 साल की एक दलित लड़की की गला रेत कर हत्या कर दी गई. उसके शव को काट कर खेतों में फेंक दिया गया. नौंवी क्लास में वह लड़की पढ़ती थी. चारा लेने गई थी मगर वापस नहीं आई. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक यूपी और बिहार में दलितों के खिलाफ सबसे अधिक अपराध दर्ज किया गया है. लखनऊ और पटना का नाम सबसे आगे हैं. 2016 में दलितों के खिलाफ अपराध की 40 हज़ार से अधिक घटनाएं हुईं हैं. ज़्यादातर का संबंध जातिगत कारणों से रहा होगा.
सामाजिक और राजनीतिक सोच के आधार पर किसी हिंसा का समर्थन करना, उसे बढ़ावा देना समाज में नौजवानों को अपराध की तरफ ले जाता है. शंभुलाल पर राजस्थान पुलिस ने सांप्रदायिक विचार फैलाने का भी मामला दर्ज किया है. पड़ोसी कहते हैं कि शंभुलाल शांत किस्म का आदमी था. उसकी पत्नी है और तीन बच्चे. किसी को पता नहीं कि नफरत की राजनीति उसे भीतर ही भीतर कितना उबाल रही होती है. अब शंभु के बच्चों के भविष्य की ज़िम्मेदारी कौन लेगा. हर्षा कुमारी सिंह शंभु के मोहल्ले में गई थीं. लोगों ने बताया कि वह बेरोज़गार था. कम मिलनसार था. पुलिस ने उसके स्मार्टफोन को देखा है. नफरत फैलाने वाले वीडियो देखने का चस्का लग गया था. क्या पता इन वीडियो ने शंभु को मानव बम में बदल दिया हो. उसने इस अपराध में अपने 13 साल के भतीजे को भी शामिल कर लिया जो वीडियो बना रहा था.
केरल और दूसरी घटनाओं पर बहस होती रही है, अलग से फिर हो जाएगी, मगर नफरत फैलाने वाले ये वीडियो किस कारखाने में तैयार हो रहे हैं, क्यों तैयार हो रहे हैं, बताने की ज़रूरत नहीं है. शंभु ने अपने तीनों बच्चों, 13 साल के भतीजे की ज़िंदगी दांव पर लगा दी और ख़ुद हत्यारा बन गया. उसके समर्थन में पोस्ट डालने वाले अब दूसरे शंभु की तैयारी में लग गए हैं. उन्हें कुछ महीने बाद फिर कोई शंभु चाहिए. आप नज़र रखिए कि आपके बीच से कोई शंभु तो नहीं बन रहा है. मैं नहीं मानता कि आपकी सहानुभूति इफराज़ुल को लेकर नहीं है. बिल्कुल है. वो इस देश का नागरिक था जिसे नफरत की राजनीति ने धोखे से मारा है.टिप्पणियां
बंगाल का रहने वाला इफराज़ुल मज़दूरी की तलाश में कई शहरों को बदलने के बाद राजस्थान आ गया था. 45 साल की उम्र में कोई इस तरह मार देगा और वीडियो बनाकर लव जिहाद पर भाषण देगा किसी ने सोचा न होगा. मगर हम सबने देखा है कि हत्या को उकसाने वाली राजनीति हमारे आस पास लगातार फैल रही है. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी से सावधान रहिए. इफराज़ुल की बेटियों का जो भरोसा गया है उसे लौटाने की सोचिए. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी को चलाने वाले शातिर लोग प्राइम टाइम यू ट्यूब पर जाकर देखते हैं फिर उसका एक हिस्सा काट कर फैलाते हैं कि तरह तरह की अफवाहें फैलाएंगे. जबकि यह प्रोग्राम शंभुलाल पर था, उस खौफनाक सोच पर जो लगातार आपके बीच किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाना चाहती है. यूं वैसे यह प्रोग्राम उन लोगों पर था जो आपके बीच से किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाने में लगे हैं ताकि उनकी राजनीति चमकती रहे. मुझे यकीन है कि आप इफराज़ुल की हत्या पर अफसोसज़दा होंगे. मैं नहीं मानता कि आप किसी के ख़ून का समर्थन करेंगे. इतना भरोसा आप पर है. आपको भी खुद पर होना चाहिए कि ऐसी राजनीति की चपेट में नहीं आएंगे.
टीवी देखते समय इस बात का ख़्याल रखिए कि क्या उसी शिद्दत से आपके रोज़गार, पढ़ाई, पेंशन, संस्थाओं की बेरूखी पर चर्ता होती है जिस शिद्दत से हिन्दू मुस्लिम टॉपिक पर होती है. चैनल दर चैनल बहुत चालाकी से ऐसे मुद्दों की आड़ में आग से खेल रहे हैं. सत्ता चालाक हो गई है. अब वह अपने दल से किसी को नहीं भेजती है, आपको तैयार करती है कि आप उसके नाम पर किसी को मार आएं. ऐसा न तो अपने साथ न किसी और के साथ होने दीजिए.
शंभुलाल का एक और वीडियो है जिसमें वह कह रहा है कि 'मेरी मेवाड़ की सभी बहनों से प्रार्थना है कि आप इन जिहादियों के प्रेम जाल में न फंसें. यह आपका दिल जीत कर इस्लामिक व्यवस्था के अनुसार पूरी ज़िंदगी आपसे अपनी हवस मिटाते रहेंगे क्योंकि आप एक हिन्दू हैं. आपके जन्म देने वाले माता पिता ने हिन्दू धर्म देवी देवताओं की पूजा की है. आपमें से ही लव जिहाद में फंसी हुई एक अबला लड़की की मदद करने के कारण मुझे अपनी ज़िंदगी दांव पर लगानी पड़ी है. यह हमारी युवा पीढ़ी को बर्बाद करने के लिए इस्लामिक देशों से ज़हरीला नशा बनाकर हमारे देश में फैला रहे हैं.'
आप इस बात पर नज़र रखें कि आप या आपके बच्चे ऐसी बातों का प्रसार तो नहीं कर रहे हैं. शंभुलाल ने अपने भाषण में कहा था कि अगले दिन सरेंडर करने वाला है, 'मैं मेवाड़ के सभी भाइयों के सामने सरेंडर करूंगा.' गनीमत है कि मेवाड़ के लोग शंभुलाल की गिरफ्तारी के वक्त नहीं निकले. उन्हें समझ आता है कि यह नफ़रत की राजनीति है. राजस्थान में सात नवंबर को हाई कोर्ट की डिविज़न बेंच ने एक फैसला दिया. न्यायमूर्ति गोपाल कृष्ण व्यास और मनोज कुमार गर्ग ने कहा कि आरिफ़ा ने अपनी पंसद के लड़के के साथ रहने के लिए आज़ाद है. आरिफ़ा के भाई ने शिकायत दर्ज कराई थी कि यह लव जिहाद का केस है. आरिफा पहले पायल सिंह थी, परिवार वालों का आरोप था कि ज़बरदस्ती इस्लाम में कनवर्ट कराया गया है. आरिफा ने कोर्ट में कबूल किया कि उसने अपनी मर्जी से शादी की है. जब अदालत दो धर्मों के बीच की शादी को मान्यता देती है तो फिर यह राजनीति किस लिए हो रही है. आप देखेंगे कि समय-समय पर नेता लव जिहाद को बढ़ा चढ़ाकर बताते रहते हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अक्टूबर में केरल में कहा था कि लव जिहाद ख़तरनाक ट्रेंड है. एनआईए इसकी जांच कर रहा है. बीजेपी केरल को इस्लाम की भूमि नहीं बनने देगी.' संघ के भैय्या जी जोशी का बयान छपा है कि दस पंद्रह साल से हिन्दू समाज लव जिहाद का सामना कर रहा है. दोनों बयान अक्टूबर महीने के फर्स्ट पोस्ट और दि हिन्दू अखबार में छपे हैं.
सागरिका घाटगे ने क्रिकेटर ज़हीर ख़ान से जब शादी की तब बधाइयों का तांता लग गया. दोनों ने अपनी तस्वीरें साझा की और सबने बधाई दी. राइट टू प्राइवेसी पर सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कितनी सुंदर व्याख्या की है, दुनिया भर में ऐसी व्याख्याएं कम हुई हैं मगर वही सुप्रीम कोर्ट जब केरल की लड़की हादिया के मामले में फैसला सुनाता है तो राइट टू प्राइवेसी से काफी अलग हो जाता है. हादिया कहती है कि वह आज़ाद नहीं है.
हाल ही में केंद्र सरकार ने अंतर्जातीय विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए डॉक्टर अंबेडकर के नाम पर एक स्कीम लॉन्च की है. इसके तहत पति पत्नी में से कोई एक दलित हो तो केंद्र सरकार ढाई लाख रुपये देगी. कायदे से इस योजना का हर सांसद को प्रचार करना चाहिए मगर ज़्यादातर बचेंगे ही. दो धर्मों के बीच शादी के लिए भी कानून है, उसका भी कोई प्रचार नहीं करता है. 1954 का स्पेशल मैरिज एक्ट क्यों हैं फिर. वैसे यह तो स्पेशल मैरिज एक्ट 1874 से चला आ रहा है तब उसमें एक धर्म से दूसरे धर्म में शादी करने पर धर्म का त्याग करना पड़ता था.
1954 का कानून यह कहता है कि दो धर्मों के लोग शादी कर सकते हैं और धर्म बदलने की ज़रूरत भी नहीं है. जब स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत दो धर्मों के लोग शादी करेंगे तब उन पर न तो हिन्दू मैरिज लॉ लगेगा न मुस्लिम पर्सनल लॉ. इंडियन सक्सेशन एक्ट लगेगा जिसके अनुसार बेटा बेटी को संपत्ति में बराबरी का हिस्सा मिलेगा.
आपने देखा कि स्पेशल मैरिज एक्ट दो धर्मों के बीच शादी को मान्यता देता है. इस लिहाज़ से दो धर्मों के लोग अगर आपस में शादी करते हैं तो कुछ गलत नहीं करते हैं बल्कि समान नागरिक संहिता का सामाजिक आधार बढ़ा देते हैं.
कानूनी अधिकारों और प्रावधानों को भी समझना ज़रूरी है, लव जिहाद का मसला निजता के अधिकार के ख़िलाफ है, संविधान के खिलाफ है. इसलिए राजनीति, मीडिया और व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी के ज़रिए इस मुद्दे को ज़िंदा रखा जाता है ताकि अल्पसंख्यक से नफ़रत की मानसिकता बची रहे. गुजरात चुनावों में आप देख ही रहे हैं. खुल कर मुस्लिम विरोधी बातें हो रही हैं. क्या नागरिकता या सत्ता से वे बेदखल कर दिए गए हैं, नहीं, तब फिर चुनावों में मुसलमानों का नाम लेकर क्यों डर फैलाया जा रहा है. औरंगज़ेब राज, मुग़ल सल्तनत, पाकिस्तान, अहमद पटेल क्या ये सब कुछ और नहीं कहते हैं. एक समुदाय को अलग से दिखाने की कोशिश नहीं करते हैं. बीजेपी के एक उम्मीदवार ने तो खुल कर सांप्रदायिक भाषण दिया.
चुनाव आयोग ने भड़काऊ भाषण देने के लिए शैलेश सोत्ता को नोटिस जारी किया है. क्या आप देख पा रहे हैं कि जो शंभुलाल रैगर बोल रहा है वही बात और भी लोग राजनीतिक मंच से, संवैधानिक पद से और सोशल मीडिया पर बोल रहे हैं. क्या इसका संबंध उन बातों से है जिन्हें मैं हिन्दू मुस्लिम फ्रेमवर्क कहता हूं. कोई न कोई मुद्दा हर महीने आ जाता है जो दो समुदायों के बीच नफ़रत का आईपीएल कराने लगता है.
हमारी सहयोगी हर्षा कुमारी सिंह ने राजसमंद में कुछ लोगों से बात की. जानने का प्रयास किया कि क्या टीवी पर चलने वाली या राजनीति में उठने वाले उन मुद्दों का असर हो रहा है, दो समुदायों को एक दूसरे से अलग करने में.
दिल्ली में रविवार को इस हत्या के विरोध में कुछ लोग कनाट प्लेस में जमा हुए. इस घटना ने सभी धर्मों के नौजवानों और लोगों को बेचैन कर दिया है. आखिर कोई भी समाज किसी की हत्या और उसका वीडियो बनाने की मानसिकता का समर्थन नहीं कर सकता है. जो नौजवान व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी में ऐसी बातें फैला रहे हैं वो समाज को बदल रहे हैं. जहर बो रहे हैं. उनकी यूनिवर्सिटी का वैचारिक फंड कहीं और से आ रहा है.
कई लोग इस हिंसा के जवाब में केरल की बात करने लगे हैं तो ऐसी घटना का ज़िक्र कर रहे हैं जिसमें किसी मुसलमान ने किसी हिन्दू को मारा है. केरल के बारे में हमने कई बार प्राइम टाइम किया है. उस हिंसा का कौन समर्थन कर सकता है. वहां की राजनीतिक हिंसा सिर्फ आरएसएस ही नहीं, सीपीएम कांग्रेस के वर्करों की भी जान ले रही है. दोनों तरफ के लोगों पर मारने के आरोप हैं और मारे जा रहे हैं. हमें एक बात का फर्क करना होगा. अगर किसी अपराध को राजनीतिक विचारधारा का संरक्षण मिलने लगे तो उसका दायरा बहुत बड़ा हो जाता है. कौन उसकी चपेट में आएगा आप नहीं कह सकते. जैसे दलितों के प्रति हिंसा का बड़ा आधार जातिगत सोच में है. ज्यादातर की हत्या या बलात्कार जातिगत सोच या नफरत का परिणाम है. इसलिए बताना पड़ता है कि जिसकी हत्या हुई या जिसका बलात्कार हुआ वो दलित है क्योंकि हिंसा के पीछे दलित होना बड़ा कारण है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो इसलिए दलितों के खिलाफ हुए अपराध की अलग से गिनती करता है.
हापुड़ के धौलाना में 14 साल की एक दलित लड़की की गला रेत कर हत्या कर दी गई. उसके शव को काट कर खेतों में फेंक दिया गया. नौंवी क्लास में वह लड़की पढ़ती थी. चारा लेने गई थी मगर वापस नहीं आई. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक यूपी और बिहार में दलितों के खिलाफ सबसे अधिक अपराध दर्ज किया गया है. लखनऊ और पटना का नाम सबसे आगे हैं. 2016 में दलितों के खिलाफ अपराध की 40 हज़ार से अधिक घटनाएं हुईं हैं. ज़्यादातर का संबंध जातिगत कारणों से रहा होगा.
सामाजिक और राजनीतिक सोच के आधार पर किसी हिंसा का समर्थन करना, उसे बढ़ावा देना समाज में नौजवानों को अपराध की तरफ ले जाता है. शंभुलाल पर राजस्थान पुलिस ने सांप्रदायिक विचार फैलाने का भी मामला दर्ज किया है. पड़ोसी कहते हैं कि शंभुलाल शांत किस्म का आदमी था. उसकी पत्नी है और तीन बच्चे. किसी को पता नहीं कि नफरत की राजनीति उसे भीतर ही भीतर कितना उबाल रही होती है. अब शंभु के बच्चों के भविष्य की ज़िम्मेदारी कौन लेगा. हर्षा कुमारी सिंह शंभु के मोहल्ले में गई थीं. लोगों ने बताया कि वह बेरोज़गार था. कम मिलनसार था. पुलिस ने उसके स्मार्टफोन को देखा है. नफरत फैलाने वाले वीडियो देखने का चस्का लग गया था. क्या पता इन वीडियो ने शंभु को मानव बम में बदल दिया हो. उसने इस अपराध में अपने 13 साल के भतीजे को भी शामिल कर लिया जो वीडियो बना रहा था.
केरल और दूसरी घटनाओं पर बहस होती रही है, अलग से फिर हो जाएगी, मगर नफरत फैलाने वाले ये वीडियो किस कारखाने में तैयार हो रहे हैं, क्यों तैयार हो रहे हैं, बताने की ज़रूरत नहीं है. शंभु ने अपने तीनों बच्चों, 13 साल के भतीजे की ज़िंदगी दांव पर लगा दी और ख़ुद हत्यारा बन गया. उसके समर्थन में पोस्ट डालने वाले अब दूसरे शंभु की तैयारी में लग गए हैं. उन्हें कुछ महीने बाद फिर कोई शंभु चाहिए. आप नज़र रखिए कि आपके बीच से कोई शंभु तो नहीं बन रहा है. मैं नहीं मानता कि आपकी सहानुभूति इफराज़ुल को लेकर नहीं है. बिल्कुल है. वो इस देश का नागरिक था जिसे नफरत की राजनीति ने धोखे से मारा है.टिप्पणियां
बंगाल का रहने वाला इफराज़ुल मज़दूरी की तलाश में कई शहरों को बदलने के बाद राजस्थान आ गया था. 45 साल की उम्र में कोई इस तरह मार देगा और वीडियो बनाकर लव जिहाद पर भाषण देगा किसी ने सोचा न होगा. मगर हम सबने देखा है कि हत्या को उकसाने वाली राजनीति हमारे आस पास लगातार फैल रही है. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी से सावधान रहिए. इफराज़ुल की बेटियों का जो भरोसा गया है उसे लौटाने की सोचिए. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी को चलाने वाले शातिर लोग प्राइम टाइम यू ट्यूब पर जाकर देखते हैं फिर उसका एक हिस्सा काट कर फैलाते हैं कि तरह तरह की अफवाहें फैलाएंगे. जबकि यह प्रोग्राम शंभुलाल पर था, उस खौफनाक सोच पर जो लगातार आपके बीच किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाना चाहती है. यूं वैसे यह प्रोग्राम उन लोगों पर था जो आपके बीच से किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाने में लगे हैं ताकि उनकी राजनीति चमकती रहे. मुझे यकीन है कि आप इफराज़ुल की हत्या पर अफसोसज़दा होंगे. मैं नहीं मानता कि आप किसी के ख़ून का समर्थन करेंगे. इतना भरोसा आप पर है. आपको भी खुद पर होना चाहिए कि ऐसी राजनीति की चपेट में नहीं आएंगे.
टीवी देखते समय इस बात का ख़्याल रखिए कि क्या उसी शिद्दत से आपके रोज़गार, पढ़ाई, पेंशन, संस्थाओं की बेरूखी पर चर्ता होती है जिस शिद्दत से हिन्दू मुस्लिम टॉपिक पर होती है. चैनल दर चैनल बहुत चालाकी से ऐसे मुद्दों की आड़ में आग से खेल रहे हैं. सत्ता चालाक हो गई है. अब वह अपने दल से किसी को नहीं भेजती है, आपको तैयार करती है कि आप उसके नाम पर किसी को मार आएं. ऐसा न तो अपने साथ न किसी और के साथ होने दीजिए.
आप इस बात पर नज़र रखें कि आप या आपके बच्चे ऐसी बातों का प्रसार तो नहीं कर रहे हैं. शंभुलाल ने अपने भाषण में कहा था कि अगले दिन सरेंडर करने वाला है, 'मैं मेवाड़ के सभी भाइयों के सामने सरेंडर करूंगा.' गनीमत है कि मेवाड़ के लोग शंभुलाल की गिरफ्तारी के वक्त नहीं निकले. उन्हें समझ आता है कि यह नफ़रत की राजनीति है. राजस्थान में सात नवंबर को हाई कोर्ट की डिविज़न बेंच ने एक फैसला दिया. न्यायमूर्ति गोपाल कृष्ण व्यास और मनोज कुमार गर्ग ने कहा कि आरिफ़ा ने अपनी पंसद के लड़के के साथ रहने के लिए आज़ाद है. आरिफ़ा के भाई ने शिकायत दर्ज कराई थी कि यह लव जिहाद का केस है. आरिफा पहले पायल सिंह थी, परिवार वालों का आरोप था कि ज़बरदस्ती इस्लाम में कनवर्ट कराया गया है. आरिफा ने कोर्ट में कबूल किया कि उसने अपनी मर्जी से शादी की है. जब अदालत दो धर्मों के बीच की शादी को मान्यता देती है तो फिर यह राजनीति किस लिए हो रही है. आप देखेंगे कि समय-समय पर नेता लव जिहाद को बढ़ा चढ़ाकर बताते रहते हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अक्टूबर में केरल में कहा था कि लव जिहाद ख़तरनाक ट्रेंड है. एनआईए इसकी जांच कर रहा है. बीजेपी केरल को इस्लाम की भूमि नहीं बनने देगी.' संघ के भैय्या जी जोशी का बयान छपा है कि दस पंद्रह साल से हिन्दू समाज लव जिहाद का सामना कर रहा है. दोनों बयान अक्टूबर महीने के फर्स्ट पोस्ट और दि हिन्दू अखबार में छपे हैं.
सागरिका घाटगे ने क्रिकेटर ज़हीर ख़ान से जब शादी की तब बधाइयों का तांता लग गया. दोनों ने अपनी तस्वीरें साझा की और सबने बधाई दी. राइट टू प्राइवेसी पर सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कितनी सुंदर व्याख्या की है, दुनिया भर में ऐसी व्याख्याएं कम हुई हैं मगर वही सुप्रीम कोर्ट जब केरल की लड़की हादिया के मामले में फैसला सुनाता है तो राइट टू प्राइवेसी से काफी अलग हो जाता है. हादिया कहती है कि वह आज़ाद नहीं है.
हाल ही में केंद्र सरकार ने अंतर्जातीय विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए डॉक्टर अंबेडकर के नाम पर एक स्कीम लॉन्च की है. इसके तहत पति पत्नी में से कोई एक दलित हो तो केंद्र सरकार ढाई लाख रुपये देगी. कायदे से इस योजना का हर सांसद को प्रचार करना चाहिए मगर ज़्यादातर बचेंगे ही. दो धर्मों के बीच शादी के लिए भी कानून है, उसका भी कोई प्रचार नहीं करता है. 1954 का स्पेशल मैरिज एक्ट क्यों हैं फिर. वैसे यह तो स्पेशल मैरिज एक्ट 1874 से चला आ रहा है तब उसमें एक धर्म से दूसरे धर्म में शादी करने पर धर्म का त्याग करना पड़ता था.
1954 का कानून यह कहता है कि दो धर्मों के लोग शादी कर सकते हैं और धर्म बदलने की ज़रूरत भी नहीं है. जब स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत दो धर्मों के लोग शादी करेंगे तब उन पर न तो हिन्दू मैरिज लॉ लगेगा न मुस्लिम पर्सनल लॉ. इंडियन सक्सेशन एक्ट लगेगा जिसके अनुसार बेटा बेटी को संपत्ति में बराबरी का हिस्सा मिलेगा.
आपने देखा कि स्पेशल मैरिज एक्ट दो धर्मों के बीच शादी को मान्यता देता है. इस लिहाज़ से दो धर्मों के लोग अगर आपस में शादी करते हैं तो कुछ गलत नहीं करते हैं बल्कि समान नागरिक संहिता का सामाजिक आधार बढ़ा देते हैं.
कानूनी अधिकारों और प्रावधानों को भी समझना ज़रूरी है, लव जिहाद का मसला निजता के अधिकार के ख़िलाफ है, संविधान के खिलाफ है. इसलिए राजनीति, मीडिया और व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी के ज़रिए इस मुद्दे को ज़िंदा रखा जाता है ताकि अल्पसंख्यक से नफ़रत की मानसिकता बची रहे. गुजरात चुनावों में आप देख ही रहे हैं. खुल कर मुस्लिम विरोधी बातें हो रही हैं. क्या नागरिकता या सत्ता से वे बेदखल कर दिए गए हैं, नहीं, तब फिर चुनावों में मुसलमानों का नाम लेकर क्यों डर फैलाया जा रहा है. औरंगज़ेब राज, मुग़ल सल्तनत, पाकिस्तान, अहमद पटेल क्या ये सब कुछ और नहीं कहते हैं. एक समुदाय को अलग से दिखाने की कोशिश नहीं करते हैं. बीजेपी के एक उम्मीदवार ने तो खुल कर सांप्रदायिक भाषण दिया.
चुनाव आयोग ने भड़काऊ भाषण देने के लिए शैलेश सोत्ता को नोटिस जारी किया है. क्या आप देख पा रहे हैं कि जो शंभुलाल रैगर बोल रहा है वही बात और भी लोग राजनीतिक मंच से, संवैधानिक पद से और सोशल मीडिया पर बोल रहे हैं. क्या इसका संबंध उन बातों से है जिन्हें मैं हिन्दू मुस्लिम फ्रेमवर्क कहता हूं. कोई न कोई मुद्दा हर महीने आ जाता है जो दो समुदायों के बीच नफ़रत का आईपीएल कराने लगता है.
हमारी सहयोगी हर्षा कुमारी सिंह ने राजसमंद में कुछ लोगों से बात की. जानने का प्रयास किया कि क्या टीवी पर चलने वाली या राजनीति में उठने वाले उन मुद्दों का असर हो रहा है, दो समुदायों को एक दूसरे से अलग करने में.
दिल्ली में रविवार को इस हत्या के विरोध में कुछ लोग कनाट प्लेस में जमा हुए. इस घटना ने सभी धर्मों के नौजवानों और लोगों को बेचैन कर दिया है. आखिर कोई भी समाज किसी की हत्या और उसका वीडियो बनाने की मानसिकता का समर्थन नहीं कर सकता है. जो नौजवान व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी में ऐसी बातें फैला रहे हैं वो समाज को बदल रहे हैं. जहर बो रहे हैं. उनकी यूनिवर्सिटी का वैचारिक फंड कहीं और से आ रहा है.
कई लोग इस हिंसा के जवाब में केरल की बात करने लगे हैं तो ऐसी घटना का ज़िक्र कर रहे हैं जिसमें किसी मुसलमान ने किसी हिन्दू को मारा है. केरल के बारे में हमने कई बार प्राइम टाइम किया है. उस हिंसा का कौन समर्थन कर सकता है. वहां की राजनीतिक हिंसा सिर्फ आरएसएस ही नहीं, सीपीएम कांग्रेस के वर्करों की भी जान ले रही है. दोनों तरफ के लोगों पर मारने के आरोप हैं और मारे जा रहे हैं. हमें एक बात का फर्क करना होगा. अगर किसी अपराध को राजनीतिक विचारधारा का संरक्षण मिलने लगे तो उसका दायरा बहुत बड़ा हो जाता है. कौन उसकी चपेट में आएगा आप नहीं कह सकते. जैसे दलितों के प्रति हिंसा का बड़ा आधार जातिगत सोच में है. ज्यादातर की हत्या या बलात्कार जातिगत सोच या नफरत का परिणाम है. इसलिए बताना पड़ता है कि जिसकी हत्या हुई या जिसका बलात्कार हुआ वो दलित है क्योंकि हिंसा के पीछे दलित होना बड़ा कारण है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो इसलिए दलितों के खिलाफ हुए अपराध की अलग से गिनती करता है.
हापुड़ के धौलाना में 14 साल की एक दलित लड़की की गला रेत कर हत्या कर दी गई. उसके शव को काट कर खेतों में फेंक दिया गया. नौंवी क्लास में वह लड़की पढ़ती थी. चारा लेने गई थी मगर वापस नहीं आई. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक यूपी और बिहार में दलितों के खिलाफ सबसे अधिक अपराध दर्ज किया गया है. लखनऊ और पटना का नाम सबसे आगे हैं. 2016 में दलितों के खिलाफ अपराध की 40 हज़ार से अधिक घटनाएं हुईं हैं. ज़्यादातर का संबंध जातिगत कारणों से रहा होगा.
सामाजिक और राजनीतिक सोच के आधार पर किसी हिंसा का समर्थन करना, उसे बढ़ावा देना समाज में नौजवानों को अपराध की तरफ ले जाता है. शंभुलाल पर राजस्थान पुलिस ने सांप्रदायिक विचार फैलाने का भी मामला दर्ज किया है. पड़ोसी कहते हैं कि शंभुलाल शांत किस्म का आदमी था. उसकी पत्नी है और तीन बच्चे. किसी को पता नहीं कि नफरत की राजनीति उसे भीतर ही भीतर कितना उबाल रही होती है. अब शंभु के बच्चों के भविष्य की ज़िम्मेदारी कौन लेगा. हर्षा कुमारी सिंह शंभु के मोहल्ले में गई थीं. लोगों ने बताया कि वह बेरोज़गार था. कम मिलनसार था. पुलिस ने उसके स्मार्टफोन को देखा है. नफरत फैलाने वाले वीडियो देखने का चस्का लग गया था. क्या पता इन वीडियो ने शंभु को मानव बम में बदल दिया हो. उसने इस अपराध में अपने 13 साल के भतीजे को भी शामिल कर लिया जो वीडियो बना रहा था.
केरल और दूसरी घटनाओं पर बहस होती रही है, अलग से फिर हो जाएगी, मगर नफरत फैलाने वाले ये वीडियो किस कारखाने में तैयार हो रहे हैं, क्यों तैयार हो रहे हैं, बताने की ज़रूरत नहीं है. शंभु ने अपने तीनों बच्चों, 13 साल के भतीजे की ज़िंदगी दांव पर लगा दी और ख़ुद हत्यारा बन गया. उसके समर्थन में पोस्ट डालने वाले अब दूसरे शंभु की तैयारी में लग गए हैं. उन्हें कुछ महीने बाद फिर कोई शंभु चाहिए. आप नज़र रखिए कि आपके बीच से कोई शंभु तो नहीं बन रहा है. मैं नहीं मानता कि आपकी सहानुभूति इफराज़ुल को लेकर नहीं है. बिल्कुल है. वो इस देश का नागरिक था जिसे नफरत की राजनीति ने धोखे से मारा है.टिप्पणियां
बंगाल का रहने वाला इफराज़ुल मज़दूरी की तलाश में कई शहरों को बदलने के बाद राजस्थान आ गया था. 45 साल की उम्र में कोई इस तरह मार देगा और वीडियो बनाकर लव जिहाद पर भाषण देगा किसी ने सोचा न होगा. मगर हम सबने देखा है कि हत्या को उकसाने वाली राजनीति हमारे आस पास लगातार फैल रही है. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी से सावधान रहिए. इफराज़ुल की बेटियों का जो भरोसा गया है उसे लौटाने की सोचिए. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी को चलाने वाले शातिर लोग प्राइम टाइम यू ट्यूब पर जाकर देखते हैं फिर उसका एक हिस्सा काट कर फैलाते हैं कि तरह तरह की अफवाहें फैलाएंगे. जबकि यह प्रोग्राम शंभुलाल पर था, उस खौफनाक सोच पर जो लगातार आपके बीच किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाना चाहती है. यूं वैसे यह प्रोग्राम उन लोगों पर था जो आपके बीच से किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाने में लगे हैं ताकि उनकी राजनीति चमकती रहे. मुझे यकीन है कि आप इफराज़ुल की हत्या पर अफसोसज़दा होंगे. मैं नहीं मानता कि आप किसी के ख़ून का समर्थन करेंगे. इतना भरोसा आप पर है. आपको भी खुद पर होना चाहिए कि ऐसी राजनीति की चपेट में नहीं आएंगे.
टीवी देखते समय इस बात का ख़्याल रखिए कि क्या उसी शिद्दत से आपके रोज़गार, पढ़ाई, पेंशन, संस्थाओं की बेरूखी पर चर्ता होती है जिस शिद्दत से हिन्दू मुस्लिम टॉपिक पर होती है. चैनल दर चैनल बहुत चालाकी से ऐसे मुद्दों की आड़ में आग से खेल रहे हैं. सत्ता चालाक हो गई है. अब वह अपने दल से किसी को नहीं भेजती है, आपको तैयार करती है कि आप उसके नाम पर किसी को मार आएं. ऐसा न तो अपने साथ न किसी और के साथ होने दीजिए.
सागरिका घाटगे ने क्रिकेटर ज़हीर ख़ान से जब शादी की तब बधाइयों का तांता लग गया. दोनों ने अपनी तस्वीरें साझा की और सबने बधाई दी. राइट टू प्राइवेसी पर सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कितनी सुंदर व्याख्या की है, दुनिया भर में ऐसी व्याख्याएं कम हुई हैं मगर वही सुप्रीम कोर्ट जब केरल की लड़की हादिया के मामले में फैसला सुनाता है तो राइट टू प्राइवेसी से काफी अलग हो जाता है. हादिया कहती है कि वह आज़ाद नहीं है.
हाल ही में केंद्र सरकार ने अंतर्जातीय विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए डॉक्टर अंबेडकर के नाम पर एक स्कीम लॉन्च की है. इसके तहत पति पत्नी में से कोई एक दलित हो तो केंद्र सरकार ढाई लाख रुपये देगी. कायदे से इस योजना का हर सांसद को प्रचार करना चाहिए मगर ज़्यादातर बचेंगे ही. दो धर्मों के बीच शादी के लिए भी कानून है, उसका भी कोई प्रचार नहीं करता है. 1954 का स्पेशल मैरिज एक्ट क्यों हैं फिर. वैसे यह तो स्पेशल मैरिज एक्ट 1874 से चला आ रहा है तब उसमें एक धर्म से दूसरे धर्म में शादी करने पर धर्म का त्याग करना पड़ता था.
1954 का कानून यह कहता है कि दो धर्मों के लोग शादी कर सकते हैं और धर्म बदलने की ज़रूरत भी नहीं है. जब स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत दो धर्मों के लोग शादी करेंगे तब उन पर न तो हिन्दू मैरिज लॉ लगेगा न मुस्लिम पर्सनल लॉ. इंडियन सक्सेशन एक्ट लगेगा जिसके अनुसार बेटा बेटी को संपत्ति में बराबरी का हिस्सा मिलेगा.
आपने देखा कि स्पेशल मैरिज एक्ट दो धर्मों के बीच शादी को मान्यता देता है. इस लिहाज़ से दो धर्मों के लोग अगर आपस में शादी करते हैं तो कुछ गलत नहीं करते हैं बल्कि समान नागरिक संहिता का सामाजिक आधार बढ़ा देते हैं.
कानूनी अधिकारों और प्रावधानों को भी समझना ज़रूरी है, लव जिहाद का मसला निजता के अधिकार के ख़िलाफ है, संविधान के खिलाफ है. इसलिए राजनीति, मीडिया और व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी के ज़रिए इस मुद्दे को ज़िंदा रखा जाता है ताकि अल्पसंख्यक से नफ़रत की मानसिकता बची रहे. गुजरात चुनावों में आप देख ही रहे हैं. खुल कर मुस्लिम विरोधी बातें हो रही हैं. क्या नागरिकता या सत्ता से वे बेदखल कर दिए गए हैं, नहीं, तब फिर चुनावों में मुसलमानों का नाम लेकर क्यों डर फैलाया जा रहा है. औरंगज़ेब राज, मुग़ल सल्तनत, पाकिस्तान, अहमद पटेल क्या ये सब कुछ और नहीं कहते हैं. एक समुदाय को अलग से दिखाने की कोशिश नहीं करते हैं. बीजेपी के एक उम्मीदवार ने तो खुल कर सांप्रदायिक भाषण दिया.
चुनाव आयोग ने भड़काऊ भाषण देने के लिए शैलेश सोत्ता को नोटिस जारी किया है. क्या आप देख पा रहे हैं कि जो शंभुलाल रैगर बोल रहा है वही बात और भी लोग राजनीतिक मंच से, संवैधानिक पद से और सोशल मीडिया पर बोल रहे हैं. क्या इसका संबंध उन बातों से है जिन्हें मैं हिन्दू मुस्लिम फ्रेमवर्क कहता हूं. कोई न कोई मुद्दा हर महीने आ जाता है जो दो समुदायों के बीच नफ़रत का आईपीएल कराने लगता है.
हमारी सहयोगी हर्षा कुमारी सिंह ने राजसमंद में कुछ लोगों से बात की. जानने का प्रयास किया कि क्या टीवी पर चलने वाली या राजनीति में उठने वाले उन मुद्दों का असर हो रहा है, दो समुदायों को एक दूसरे से अलग करने में.
दिल्ली में रविवार को इस हत्या के विरोध में कुछ लोग कनाट प्लेस में जमा हुए. इस घटना ने सभी धर्मों के नौजवानों और लोगों को बेचैन कर दिया है. आखिर कोई भी समाज किसी की हत्या और उसका वीडियो बनाने की मानसिकता का समर्थन नहीं कर सकता है. जो नौजवान व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी में ऐसी बातें फैला रहे हैं वो समाज को बदल रहे हैं. जहर बो रहे हैं. उनकी यूनिवर्सिटी का वैचारिक फंड कहीं और से आ रहा है.
कई लोग इस हिंसा के जवाब में केरल की बात करने लगे हैं तो ऐसी घटना का ज़िक्र कर रहे हैं जिसमें किसी मुसलमान ने किसी हिन्दू को मारा है. केरल के बारे में हमने कई बार प्राइम टाइम किया है. उस हिंसा का कौन समर्थन कर सकता है. वहां की राजनीतिक हिंसा सिर्फ आरएसएस ही नहीं, सीपीएम कांग्रेस के वर्करों की भी जान ले रही है. दोनों तरफ के लोगों पर मारने के आरोप हैं और मारे जा रहे हैं. हमें एक बात का फर्क करना होगा. अगर किसी अपराध को राजनीतिक विचारधारा का संरक्षण मिलने लगे तो उसका दायरा बहुत बड़ा हो जाता है. कौन उसकी चपेट में आएगा आप नहीं कह सकते. जैसे दलितों के प्रति हिंसा का बड़ा आधार जातिगत सोच में है. ज्यादातर की हत्या या बलात्कार जातिगत सोच या नफरत का परिणाम है. इसलिए बताना पड़ता है कि जिसकी हत्या हुई या जिसका बलात्कार हुआ वो दलित है क्योंकि हिंसा के पीछे दलित होना बड़ा कारण है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो इसलिए दलितों के खिलाफ हुए अपराध की अलग से गिनती करता है.
हापुड़ के धौलाना में 14 साल की एक दलित लड़की की गला रेत कर हत्या कर दी गई. उसके शव को काट कर खेतों में फेंक दिया गया. नौंवी क्लास में वह लड़की पढ़ती थी. चारा लेने गई थी मगर वापस नहीं आई. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक यूपी और बिहार में दलितों के खिलाफ सबसे अधिक अपराध दर्ज किया गया है. लखनऊ और पटना का नाम सबसे आगे हैं. 2016 में दलितों के खिलाफ अपराध की 40 हज़ार से अधिक घटनाएं हुईं हैं. ज़्यादातर का संबंध जातिगत कारणों से रहा होगा.
सामाजिक और राजनीतिक सोच के आधार पर किसी हिंसा का समर्थन करना, उसे बढ़ावा देना समाज में नौजवानों को अपराध की तरफ ले जाता है. शंभुलाल पर राजस्थान पुलिस ने सांप्रदायिक विचार फैलाने का भी मामला दर्ज किया है. पड़ोसी कहते हैं कि शंभुलाल शांत किस्म का आदमी था. उसकी पत्नी है और तीन बच्चे. किसी को पता नहीं कि नफरत की राजनीति उसे भीतर ही भीतर कितना उबाल रही होती है. अब शंभु के बच्चों के भविष्य की ज़िम्मेदारी कौन लेगा. हर्षा कुमारी सिंह शंभु के मोहल्ले में गई थीं. लोगों ने बताया कि वह बेरोज़गार था. कम मिलनसार था. पुलिस ने उसके स्मार्टफोन को देखा है. नफरत फैलाने वाले वीडियो देखने का चस्का लग गया था. क्या पता इन वीडियो ने शंभु को मानव बम में बदल दिया हो. उसने इस अपराध में अपने 13 साल के भतीजे को भी शामिल कर लिया जो वीडियो बना रहा था.
केरल और दूसरी घटनाओं पर बहस होती रही है, अलग से फिर हो जाएगी, मगर नफरत फैलाने वाले ये वीडियो किस कारखाने में तैयार हो रहे हैं, क्यों तैयार हो रहे हैं, बताने की ज़रूरत नहीं है. शंभु ने अपने तीनों बच्चों, 13 साल के भतीजे की ज़िंदगी दांव पर लगा दी और ख़ुद हत्यारा बन गया. उसके समर्थन में पोस्ट डालने वाले अब दूसरे शंभु की तैयारी में लग गए हैं. उन्हें कुछ महीने बाद फिर कोई शंभु चाहिए. आप नज़र रखिए कि आपके बीच से कोई शंभु तो नहीं बन रहा है. मैं नहीं मानता कि आपकी सहानुभूति इफराज़ुल को लेकर नहीं है. बिल्कुल है. वो इस देश का नागरिक था जिसे नफरत की राजनीति ने धोखे से मारा है.टिप्पणियां
बंगाल का रहने वाला इफराज़ुल मज़दूरी की तलाश में कई शहरों को बदलने के बाद राजस्थान आ गया था. 45 साल की उम्र में कोई इस तरह मार देगा और वीडियो बनाकर लव जिहाद पर भाषण देगा किसी ने सोचा न होगा. मगर हम सबने देखा है कि हत्या को उकसाने वाली राजनीति हमारे आस पास लगातार फैल रही है. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी से सावधान रहिए. इफराज़ुल की बेटियों का जो भरोसा गया है उसे लौटाने की सोचिए. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी को चलाने वाले शातिर लोग प्राइम टाइम यू ट्यूब पर जाकर देखते हैं फिर उसका एक हिस्सा काट कर फैलाते हैं कि तरह तरह की अफवाहें फैलाएंगे. जबकि यह प्रोग्राम शंभुलाल पर था, उस खौफनाक सोच पर जो लगातार आपके बीच किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाना चाहती है. यूं वैसे यह प्रोग्राम उन लोगों पर था जो आपके बीच से किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाने में लगे हैं ताकि उनकी राजनीति चमकती रहे. मुझे यकीन है कि आप इफराज़ुल की हत्या पर अफसोसज़दा होंगे. मैं नहीं मानता कि आप किसी के ख़ून का समर्थन करेंगे. इतना भरोसा आप पर है. आपको भी खुद पर होना चाहिए कि ऐसी राजनीति की चपेट में नहीं आएंगे.
टीवी देखते समय इस बात का ख़्याल रखिए कि क्या उसी शिद्दत से आपके रोज़गार, पढ़ाई, पेंशन, संस्थाओं की बेरूखी पर चर्ता होती है जिस शिद्दत से हिन्दू मुस्लिम टॉपिक पर होती है. चैनल दर चैनल बहुत चालाकी से ऐसे मुद्दों की आड़ में आग से खेल रहे हैं. सत्ता चालाक हो गई है. अब वह अपने दल से किसी को नहीं भेजती है, आपको तैयार करती है कि आप उसके नाम पर किसी को मार आएं. ऐसा न तो अपने साथ न किसी और के साथ होने दीजिए.
हाल ही में केंद्र सरकार ने अंतर्जातीय विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए डॉक्टर अंबेडकर के नाम पर एक स्कीम लॉन्च की है. इसके तहत पति पत्नी में से कोई एक दलित हो तो केंद्र सरकार ढाई लाख रुपये देगी. कायदे से इस योजना का हर सांसद को प्रचार करना चाहिए मगर ज़्यादातर बचेंगे ही. दो धर्मों के बीच शादी के लिए भी कानून है, उसका भी कोई प्रचार नहीं करता है. 1954 का स्पेशल मैरिज एक्ट क्यों हैं फिर. वैसे यह तो स्पेशल मैरिज एक्ट 1874 से चला आ रहा है तब उसमें एक धर्म से दूसरे धर्म में शादी करने पर धर्म का त्याग करना पड़ता था.
1954 का कानून यह कहता है कि दो धर्मों के लोग शादी कर सकते हैं और धर्म बदलने की ज़रूरत भी नहीं है. जब स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत दो धर्मों के लोग शादी करेंगे तब उन पर न तो हिन्दू मैरिज लॉ लगेगा न मुस्लिम पर्सनल लॉ. इंडियन सक्सेशन एक्ट लगेगा जिसके अनुसार बेटा बेटी को संपत्ति में बराबरी का हिस्सा मिलेगा.
आपने देखा कि स्पेशल मैरिज एक्ट दो धर्मों के बीच शादी को मान्यता देता है. इस लिहाज़ से दो धर्मों के लोग अगर आपस में शादी करते हैं तो कुछ गलत नहीं करते हैं बल्कि समान नागरिक संहिता का सामाजिक आधार बढ़ा देते हैं.
कानूनी अधिकारों और प्रावधानों को भी समझना ज़रूरी है, लव जिहाद का मसला निजता के अधिकार के ख़िलाफ है, संविधान के खिलाफ है. इसलिए राजनीति, मीडिया और व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी के ज़रिए इस मुद्दे को ज़िंदा रखा जाता है ताकि अल्पसंख्यक से नफ़रत की मानसिकता बची रहे. गुजरात चुनावों में आप देख ही रहे हैं. खुल कर मुस्लिम विरोधी बातें हो रही हैं. क्या नागरिकता या सत्ता से वे बेदखल कर दिए गए हैं, नहीं, तब फिर चुनावों में मुसलमानों का नाम लेकर क्यों डर फैलाया जा रहा है. औरंगज़ेब राज, मुग़ल सल्तनत, पाकिस्तान, अहमद पटेल क्या ये सब कुछ और नहीं कहते हैं. एक समुदाय को अलग से दिखाने की कोशिश नहीं करते हैं. बीजेपी के एक उम्मीदवार ने तो खुल कर सांप्रदायिक भाषण दिया.
चुनाव आयोग ने भड़काऊ भाषण देने के लिए शैलेश सोत्ता को नोटिस जारी किया है. क्या आप देख पा रहे हैं कि जो शंभुलाल रैगर बोल रहा है वही बात और भी लोग राजनीतिक मंच से, संवैधानिक पद से और सोशल मीडिया पर बोल रहे हैं. क्या इसका संबंध उन बातों से है जिन्हें मैं हिन्दू मुस्लिम फ्रेमवर्क कहता हूं. कोई न कोई मुद्दा हर महीने आ जाता है जो दो समुदायों के बीच नफ़रत का आईपीएल कराने लगता है.
हमारी सहयोगी हर्षा कुमारी सिंह ने राजसमंद में कुछ लोगों से बात की. जानने का प्रयास किया कि क्या टीवी पर चलने वाली या राजनीति में उठने वाले उन मुद्दों का असर हो रहा है, दो समुदायों को एक दूसरे से अलग करने में.
दिल्ली में रविवार को इस हत्या के विरोध में कुछ लोग कनाट प्लेस में जमा हुए. इस घटना ने सभी धर्मों के नौजवानों और लोगों को बेचैन कर दिया है. आखिर कोई भी समाज किसी की हत्या और उसका वीडियो बनाने की मानसिकता का समर्थन नहीं कर सकता है. जो नौजवान व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी में ऐसी बातें फैला रहे हैं वो समाज को बदल रहे हैं. जहर बो रहे हैं. उनकी यूनिवर्सिटी का वैचारिक फंड कहीं और से आ रहा है.
कई लोग इस हिंसा के जवाब में केरल की बात करने लगे हैं तो ऐसी घटना का ज़िक्र कर रहे हैं जिसमें किसी मुसलमान ने किसी हिन्दू को मारा है. केरल के बारे में हमने कई बार प्राइम टाइम किया है. उस हिंसा का कौन समर्थन कर सकता है. वहां की राजनीतिक हिंसा सिर्फ आरएसएस ही नहीं, सीपीएम कांग्रेस के वर्करों की भी जान ले रही है. दोनों तरफ के लोगों पर मारने के आरोप हैं और मारे जा रहे हैं. हमें एक बात का फर्क करना होगा. अगर किसी अपराध को राजनीतिक विचारधारा का संरक्षण मिलने लगे तो उसका दायरा बहुत बड़ा हो जाता है. कौन उसकी चपेट में आएगा आप नहीं कह सकते. जैसे दलितों के प्रति हिंसा का बड़ा आधार जातिगत सोच में है. ज्यादातर की हत्या या बलात्कार जातिगत सोच या नफरत का परिणाम है. इसलिए बताना पड़ता है कि जिसकी हत्या हुई या जिसका बलात्कार हुआ वो दलित है क्योंकि हिंसा के पीछे दलित होना बड़ा कारण है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो इसलिए दलितों के खिलाफ हुए अपराध की अलग से गिनती करता है.
हापुड़ के धौलाना में 14 साल की एक दलित लड़की की गला रेत कर हत्या कर दी गई. उसके शव को काट कर खेतों में फेंक दिया गया. नौंवी क्लास में वह लड़की पढ़ती थी. चारा लेने गई थी मगर वापस नहीं आई. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक यूपी और बिहार में दलितों के खिलाफ सबसे अधिक अपराध दर्ज किया गया है. लखनऊ और पटना का नाम सबसे आगे हैं. 2016 में दलितों के खिलाफ अपराध की 40 हज़ार से अधिक घटनाएं हुईं हैं. ज़्यादातर का संबंध जातिगत कारणों से रहा होगा.
सामाजिक और राजनीतिक सोच के आधार पर किसी हिंसा का समर्थन करना, उसे बढ़ावा देना समाज में नौजवानों को अपराध की तरफ ले जाता है. शंभुलाल पर राजस्थान पुलिस ने सांप्रदायिक विचार फैलाने का भी मामला दर्ज किया है. पड़ोसी कहते हैं कि शंभुलाल शांत किस्म का आदमी था. उसकी पत्नी है और तीन बच्चे. किसी को पता नहीं कि नफरत की राजनीति उसे भीतर ही भीतर कितना उबाल रही होती है. अब शंभु के बच्चों के भविष्य की ज़िम्मेदारी कौन लेगा. हर्षा कुमारी सिंह शंभु के मोहल्ले में गई थीं. लोगों ने बताया कि वह बेरोज़गार था. कम मिलनसार था. पुलिस ने उसके स्मार्टफोन को देखा है. नफरत फैलाने वाले वीडियो देखने का चस्का लग गया था. क्या पता इन वीडियो ने शंभु को मानव बम में बदल दिया हो. उसने इस अपराध में अपने 13 साल के भतीजे को भी शामिल कर लिया जो वीडियो बना रहा था.
केरल और दूसरी घटनाओं पर बहस होती रही है, अलग से फिर हो जाएगी, मगर नफरत फैलाने वाले ये वीडियो किस कारखाने में तैयार हो रहे हैं, क्यों तैयार हो रहे हैं, बताने की ज़रूरत नहीं है. शंभु ने अपने तीनों बच्चों, 13 साल के भतीजे की ज़िंदगी दांव पर लगा दी और ख़ुद हत्यारा बन गया. उसके समर्थन में पोस्ट डालने वाले अब दूसरे शंभु की तैयारी में लग गए हैं. उन्हें कुछ महीने बाद फिर कोई शंभु चाहिए. आप नज़र रखिए कि आपके बीच से कोई शंभु तो नहीं बन रहा है. मैं नहीं मानता कि आपकी सहानुभूति इफराज़ुल को लेकर नहीं है. बिल्कुल है. वो इस देश का नागरिक था जिसे नफरत की राजनीति ने धोखे से मारा है.टिप्पणियां
बंगाल का रहने वाला इफराज़ुल मज़दूरी की तलाश में कई शहरों को बदलने के बाद राजस्थान आ गया था. 45 साल की उम्र में कोई इस तरह मार देगा और वीडियो बनाकर लव जिहाद पर भाषण देगा किसी ने सोचा न होगा. मगर हम सबने देखा है कि हत्या को उकसाने वाली राजनीति हमारे आस पास लगातार फैल रही है. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी से सावधान रहिए. इफराज़ुल की बेटियों का जो भरोसा गया है उसे लौटाने की सोचिए. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी को चलाने वाले शातिर लोग प्राइम टाइम यू ट्यूब पर जाकर देखते हैं फिर उसका एक हिस्सा काट कर फैलाते हैं कि तरह तरह की अफवाहें फैलाएंगे. जबकि यह प्रोग्राम शंभुलाल पर था, उस खौफनाक सोच पर जो लगातार आपके बीच किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाना चाहती है. यूं वैसे यह प्रोग्राम उन लोगों पर था जो आपके बीच से किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाने में लगे हैं ताकि उनकी राजनीति चमकती रहे. मुझे यकीन है कि आप इफराज़ुल की हत्या पर अफसोसज़दा होंगे. मैं नहीं मानता कि आप किसी के ख़ून का समर्थन करेंगे. इतना भरोसा आप पर है. आपको भी खुद पर होना चाहिए कि ऐसी राजनीति की चपेट में नहीं आएंगे.
टीवी देखते समय इस बात का ख़्याल रखिए कि क्या उसी शिद्दत से आपके रोज़गार, पढ़ाई, पेंशन, संस्थाओं की बेरूखी पर चर्ता होती है जिस शिद्दत से हिन्दू मुस्लिम टॉपिक पर होती है. चैनल दर चैनल बहुत चालाकी से ऐसे मुद्दों की आड़ में आग से खेल रहे हैं. सत्ता चालाक हो गई है. अब वह अपने दल से किसी को नहीं भेजती है, आपको तैयार करती है कि आप उसके नाम पर किसी को मार आएं. ऐसा न तो अपने साथ न किसी और के साथ होने दीजिए.
1954 का कानून यह कहता है कि दो धर्मों के लोग शादी कर सकते हैं और धर्म बदलने की ज़रूरत भी नहीं है. जब स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत दो धर्मों के लोग शादी करेंगे तब उन पर न तो हिन्दू मैरिज लॉ लगेगा न मुस्लिम पर्सनल लॉ. इंडियन सक्सेशन एक्ट लगेगा जिसके अनुसार बेटा बेटी को संपत्ति में बराबरी का हिस्सा मिलेगा.
आपने देखा कि स्पेशल मैरिज एक्ट दो धर्मों के बीच शादी को मान्यता देता है. इस लिहाज़ से दो धर्मों के लोग अगर आपस में शादी करते हैं तो कुछ गलत नहीं करते हैं बल्कि समान नागरिक संहिता का सामाजिक आधार बढ़ा देते हैं.
कानूनी अधिकारों और प्रावधानों को भी समझना ज़रूरी है, लव जिहाद का मसला निजता के अधिकार के ख़िलाफ है, संविधान के खिलाफ है. इसलिए राजनीति, मीडिया और व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी के ज़रिए इस मुद्दे को ज़िंदा रखा जाता है ताकि अल्पसंख्यक से नफ़रत की मानसिकता बची रहे. गुजरात चुनावों में आप देख ही रहे हैं. खुल कर मुस्लिम विरोधी बातें हो रही हैं. क्या नागरिकता या सत्ता से वे बेदखल कर दिए गए हैं, नहीं, तब फिर चुनावों में मुसलमानों का नाम लेकर क्यों डर फैलाया जा रहा है. औरंगज़ेब राज, मुग़ल सल्तनत, पाकिस्तान, अहमद पटेल क्या ये सब कुछ और नहीं कहते हैं. एक समुदाय को अलग से दिखाने की कोशिश नहीं करते हैं. बीजेपी के एक उम्मीदवार ने तो खुल कर सांप्रदायिक भाषण दिया.
चुनाव आयोग ने भड़काऊ भाषण देने के लिए शैलेश सोत्ता को नोटिस जारी किया है. क्या आप देख पा रहे हैं कि जो शंभुलाल रैगर बोल रहा है वही बात और भी लोग राजनीतिक मंच से, संवैधानिक पद से और सोशल मीडिया पर बोल रहे हैं. क्या इसका संबंध उन बातों से है जिन्हें मैं हिन्दू मुस्लिम फ्रेमवर्क कहता हूं. कोई न कोई मुद्दा हर महीने आ जाता है जो दो समुदायों के बीच नफ़रत का आईपीएल कराने लगता है.
हमारी सहयोगी हर्षा कुमारी सिंह ने राजसमंद में कुछ लोगों से बात की. जानने का प्रयास किया कि क्या टीवी पर चलने वाली या राजनीति में उठने वाले उन मुद्दों का असर हो रहा है, दो समुदायों को एक दूसरे से अलग करने में.
दिल्ली में रविवार को इस हत्या के विरोध में कुछ लोग कनाट प्लेस में जमा हुए. इस घटना ने सभी धर्मों के नौजवानों और लोगों को बेचैन कर दिया है. आखिर कोई भी समाज किसी की हत्या और उसका वीडियो बनाने की मानसिकता का समर्थन नहीं कर सकता है. जो नौजवान व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी में ऐसी बातें फैला रहे हैं वो समाज को बदल रहे हैं. जहर बो रहे हैं. उनकी यूनिवर्सिटी का वैचारिक फंड कहीं और से आ रहा है.
कई लोग इस हिंसा के जवाब में केरल की बात करने लगे हैं तो ऐसी घटना का ज़िक्र कर रहे हैं जिसमें किसी मुसलमान ने किसी हिन्दू को मारा है. केरल के बारे में हमने कई बार प्राइम टाइम किया है. उस हिंसा का कौन समर्थन कर सकता है. वहां की राजनीतिक हिंसा सिर्फ आरएसएस ही नहीं, सीपीएम कांग्रेस के वर्करों की भी जान ले रही है. दोनों तरफ के लोगों पर मारने के आरोप हैं और मारे जा रहे हैं. हमें एक बात का फर्क करना होगा. अगर किसी अपराध को राजनीतिक विचारधारा का संरक्षण मिलने लगे तो उसका दायरा बहुत बड़ा हो जाता है. कौन उसकी चपेट में आएगा आप नहीं कह सकते. जैसे दलितों के प्रति हिंसा का बड़ा आधार जातिगत सोच में है. ज्यादातर की हत्या या बलात्कार जातिगत सोच या नफरत का परिणाम है. इसलिए बताना पड़ता है कि जिसकी हत्या हुई या जिसका बलात्कार हुआ वो दलित है क्योंकि हिंसा के पीछे दलित होना बड़ा कारण है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो इसलिए दलितों के खिलाफ हुए अपराध की अलग से गिनती करता है.
हापुड़ के धौलाना में 14 साल की एक दलित लड़की की गला रेत कर हत्या कर दी गई. उसके शव को काट कर खेतों में फेंक दिया गया. नौंवी क्लास में वह लड़की पढ़ती थी. चारा लेने गई थी मगर वापस नहीं आई. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक यूपी और बिहार में दलितों के खिलाफ सबसे अधिक अपराध दर्ज किया गया है. लखनऊ और पटना का नाम सबसे आगे हैं. 2016 में दलितों के खिलाफ अपराध की 40 हज़ार से अधिक घटनाएं हुईं हैं. ज़्यादातर का संबंध जातिगत कारणों से रहा होगा.
सामाजिक और राजनीतिक सोच के आधार पर किसी हिंसा का समर्थन करना, उसे बढ़ावा देना समाज में नौजवानों को अपराध की तरफ ले जाता है. शंभुलाल पर राजस्थान पुलिस ने सांप्रदायिक विचार फैलाने का भी मामला दर्ज किया है. पड़ोसी कहते हैं कि शंभुलाल शांत किस्म का आदमी था. उसकी पत्नी है और तीन बच्चे. किसी को पता नहीं कि नफरत की राजनीति उसे भीतर ही भीतर कितना उबाल रही होती है. अब शंभु के बच्चों के भविष्य की ज़िम्मेदारी कौन लेगा. हर्षा कुमारी सिंह शंभु के मोहल्ले में गई थीं. लोगों ने बताया कि वह बेरोज़गार था. कम मिलनसार था. पुलिस ने उसके स्मार्टफोन को देखा है. नफरत फैलाने वाले वीडियो देखने का चस्का लग गया था. क्या पता इन वीडियो ने शंभु को मानव बम में बदल दिया हो. उसने इस अपराध में अपने 13 साल के भतीजे को भी शामिल कर लिया जो वीडियो बना रहा था.
केरल और दूसरी घटनाओं पर बहस होती रही है, अलग से फिर हो जाएगी, मगर नफरत फैलाने वाले ये वीडियो किस कारखाने में तैयार हो रहे हैं, क्यों तैयार हो रहे हैं, बताने की ज़रूरत नहीं है. शंभु ने अपने तीनों बच्चों, 13 साल के भतीजे की ज़िंदगी दांव पर लगा दी और ख़ुद हत्यारा बन गया. उसके समर्थन में पोस्ट डालने वाले अब दूसरे शंभु की तैयारी में लग गए हैं. उन्हें कुछ महीने बाद फिर कोई शंभु चाहिए. आप नज़र रखिए कि आपके बीच से कोई शंभु तो नहीं बन रहा है. मैं नहीं मानता कि आपकी सहानुभूति इफराज़ुल को लेकर नहीं है. बिल्कुल है. वो इस देश का नागरिक था जिसे नफरत की राजनीति ने धोखे से मारा है.टिप्पणियां
बंगाल का रहने वाला इफराज़ुल मज़दूरी की तलाश में कई शहरों को बदलने के बाद राजस्थान आ गया था. 45 साल की उम्र में कोई इस तरह मार देगा और वीडियो बनाकर लव जिहाद पर भाषण देगा किसी ने सोचा न होगा. मगर हम सबने देखा है कि हत्या को उकसाने वाली राजनीति हमारे आस पास लगातार फैल रही है. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी से सावधान रहिए. इफराज़ुल की बेटियों का जो भरोसा गया है उसे लौटाने की सोचिए. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी को चलाने वाले शातिर लोग प्राइम टाइम यू ट्यूब पर जाकर देखते हैं फिर उसका एक हिस्सा काट कर फैलाते हैं कि तरह तरह की अफवाहें फैलाएंगे. जबकि यह प्रोग्राम शंभुलाल पर था, उस खौफनाक सोच पर जो लगातार आपके बीच किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाना चाहती है. यूं वैसे यह प्रोग्राम उन लोगों पर था जो आपके बीच से किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाने में लगे हैं ताकि उनकी राजनीति चमकती रहे. मुझे यकीन है कि आप इफराज़ुल की हत्या पर अफसोसज़दा होंगे. मैं नहीं मानता कि आप किसी के ख़ून का समर्थन करेंगे. इतना भरोसा आप पर है. आपको भी खुद पर होना चाहिए कि ऐसी राजनीति की चपेट में नहीं आएंगे.
टीवी देखते समय इस बात का ख़्याल रखिए कि क्या उसी शिद्दत से आपके रोज़गार, पढ़ाई, पेंशन, संस्थाओं की बेरूखी पर चर्ता होती है जिस शिद्दत से हिन्दू मुस्लिम टॉपिक पर होती है. चैनल दर चैनल बहुत चालाकी से ऐसे मुद्दों की आड़ में आग से खेल रहे हैं. सत्ता चालाक हो गई है. अब वह अपने दल से किसी को नहीं भेजती है, आपको तैयार करती है कि आप उसके नाम पर किसी को मार आएं. ऐसा न तो अपने साथ न किसी और के साथ होने दीजिए.
आपने देखा कि स्पेशल मैरिज एक्ट दो धर्मों के बीच शादी को मान्यता देता है. इस लिहाज़ से दो धर्मों के लोग अगर आपस में शादी करते हैं तो कुछ गलत नहीं करते हैं बल्कि समान नागरिक संहिता का सामाजिक आधार बढ़ा देते हैं.
कानूनी अधिकारों और प्रावधानों को भी समझना ज़रूरी है, लव जिहाद का मसला निजता के अधिकार के ख़िलाफ है, संविधान के खिलाफ है. इसलिए राजनीति, मीडिया और व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी के ज़रिए इस मुद्दे को ज़िंदा रखा जाता है ताकि अल्पसंख्यक से नफ़रत की मानसिकता बची रहे. गुजरात चुनावों में आप देख ही रहे हैं. खुल कर मुस्लिम विरोधी बातें हो रही हैं. क्या नागरिकता या सत्ता से वे बेदखल कर दिए गए हैं, नहीं, तब फिर चुनावों में मुसलमानों का नाम लेकर क्यों डर फैलाया जा रहा है. औरंगज़ेब राज, मुग़ल सल्तनत, पाकिस्तान, अहमद पटेल क्या ये सब कुछ और नहीं कहते हैं. एक समुदाय को अलग से दिखाने की कोशिश नहीं करते हैं. बीजेपी के एक उम्मीदवार ने तो खुल कर सांप्रदायिक भाषण दिया.
चुनाव आयोग ने भड़काऊ भाषण देने के लिए शैलेश सोत्ता को नोटिस जारी किया है. क्या आप देख पा रहे हैं कि जो शंभुलाल रैगर बोल रहा है वही बात और भी लोग राजनीतिक मंच से, संवैधानिक पद से और सोशल मीडिया पर बोल रहे हैं. क्या इसका संबंध उन बातों से है जिन्हें मैं हिन्दू मुस्लिम फ्रेमवर्क कहता हूं. कोई न कोई मुद्दा हर महीने आ जाता है जो दो समुदायों के बीच नफ़रत का आईपीएल कराने लगता है.
हमारी सहयोगी हर्षा कुमारी सिंह ने राजसमंद में कुछ लोगों से बात की. जानने का प्रयास किया कि क्या टीवी पर चलने वाली या राजनीति में उठने वाले उन मुद्दों का असर हो रहा है, दो समुदायों को एक दूसरे से अलग करने में.
दिल्ली में रविवार को इस हत्या के विरोध में कुछ लोग कनाट प्लेस में जमा हुए. इस घटना ने सभी धर्मों के नौजवानों और लोगों को बेचैन कर दिया है. आखिर कोई भी समाज किसी की हत्या और उसका वीडियो बनाने की मानसिकता का समर्थन नहीं कर सकता है. जो नौजवान व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी में ऐसी बातें फैला रहे हैं वो समाज को बदल रहे हैं. जहर बो रहे हैं. उनकी यूनिवर्सिटी का वैचारिक फंड कहीं और से आ रहा है.
कई लोग इस हिंसा के जवाब में केरल की बात करने लगे हैं तो ऐसी घटना का ज़िक्र कर रहे हैं जिसमें किसी मुसलमान ने किसी हिन्दू को मारा है. केरल के बारे में हमने कई बार प्राइम टाइम किया है. उस हिंसा का कौन समर्थन कर सकता है. वहां की राजनीतिक हिंसा सिर्फ आरएसएस ही नहीं, सीपीएम कांग्रेस के वर्करों की भी जान ले रही है. दोनों तरफ के लोगों पर मारने के आरोप हैं और मारे जा रहे हैं. हमें एक बात का फर्क करना होगा. अगर किसी अपराध को राजनीतिक विचारधारा का संरक्षण मिलने लगे तो उसका दायरा बहुत बड़ा हो जाता है. कौन उसकी चपेट में आएगा आप नहीं कह सकते. जैसे दलितों के प्रति हिंसा का बड़ा आधार जातिगत सोच में है. ज्यादातर की हत्या या बलात्कार जातिगत सोच या नफरत का परिणाम है. इसलिए बताना पड़ता है कि जिसकी हत्या हुई या जिसका बलात्कार हुआ वो दलित है क्योंकि हिंसा के पीछे दलित होना बड़ा कारण है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो इसलिए दलितों के खिलाफ हुए अपराध की अलग से गिनती करता है.
हापुड़ के धौलाना में 14 साल की एक दलित लड़की की गला रेत कर हत्या कर दी गई. उसके शव को काट कर खेतों में फेंक दिया गया. नौंवी क्लास में वह लड़की पढ़ती थी. चारा लेने गई थी मगर वापस नहीं आई. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक यूपी और बिहार में दलितों के खिलाफ सबसे अधिक अपराध दर्ज किया गया है. लखनऊ और पटना का नाम सबसे आगे हैं. 2016 में दलितों के खिलाफ अपराध की 40 हज़ार से अधिक घटनाएं हुईं हैं. ज़्यादातर का संबंध जातिगत कारणों से रहा होगा.
सामाजिक और राजनीतिक सोच के आधार पर किसी हिंसा का समर्थन करना, उसे बढ़ावा देना समाज में नौजवानों को अपराध की तरफ ले जाता है. शंभुलाल पर राजस्थान पुलिस ने सांप्रदायिक विचार फैलाने का भी मामला दर्ज किया है. पड़ोसी कहते हैं कि शंभुलाल शांत किस्म का आदमी था. उसकी पत्नी है और तीन बच्चे. किसी को पता नहीं कि नफरत की राजनीति उसे भीतर ही भीतर कितना उबाल रही होती है. अब शंभु के बच्चों के भविष्य की ज़िम्मेदारी कौन लेगा. हर्षा कुमारी सिंह शंभु के मोहल्ले में गई थीं. लोगों ने बताया कि वह बेरोज़गार था. कम मिलनसार था. पुलिस ने उसके स्मार्टफोन को देखा है. नफरत फैलाने वाले वीडियो देखने का चस्का लग गया था. क्या पता इन वीडियो ने शंभु को मानव बम में बदल दिया हो. उसने इस अपराध में अपने 13 साल के भतीजे को भी शामिल कर लिया जो वीडियो बना रहा था.
केरल और दूसरी घटनाओं पर बहस होती रही है, अलग से फिर हो जाएगी, मगर नफरत फैलाने वाले ये वीडियो किस कारखाने में तैयार हो रहे हैं, क्यों तैयार हो रहे हैं, बताने की ज़रूरत नहीं है. शंभु ने अपने तीनों बच्चों, 13 साल के भतीजे की ज़िंदगी दांव पर लगा दी और ख़ुद हत्यारा बन गया. उसके समर्थन में पोस्ट डालने वाले अब दूसरे शंभु की तैयारी में लग गए हैं. उन्हें कुछ महीने बाद फिर कोई शंभु चाहिए. आप नज़र रखिए कि आपके बीच से कोई शंभु तो नहीं बन रहा है. मैं नहीं मानता कि आपकी सहानुभूति इफराज़ुल को लेकर नहीं है. बिल्कुल है. वो इस देश का नागरिक था जिसे नफरत की राजनीति ने धोखे से मारा है.टिप्पणियां
बंगाल का रहने वाला इफराज़ुल मज़दूरी की तलाश में कई शहरों को बदलने के बाद राजस्थान आ गया था. 45 साल की उम्र में कोई इस तरह मार देगा और वीडियो बनाकर लव जिहाद पर भाषण देगा किसी ने सोचा न होगा. मगर हम सबने देखा है कि हत्या को उकसाने वाली राजनीति हमारे आस पास लगातार फैल रही है. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी से सावधान रहिए. इफराज़ुल की बेटियों का जो भरोसा गया है उसे लौटाने की सोचिए. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी को चलाने वाले शातिर लोग प्राइम टाइम यू ट्यूब पर जाकर देखते हैं फिर उसका एक हिस्सा काट कर फैलाते हैं कि तरह तरह की अफवाहें फैलाएंगे. जबकि यह प्रोग्राम शंभुलाल पर था, उस खौफनाक सोच पर जो लगातार आपके बीच किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाना चाहती है. यूं वैसे यह प्रोग्राम उन लोगों पर था जो आपके बीच से किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाने में लगे हैं ताकि उनकी राजनीति चमकती रहे. मुझे यकीन है कि आप इफराज़ुल की हत्या पर अफसोसज़दा होंगे. मैं नहीं मानता कि आप किसी के ख़ून का समर्थन करेंगे. इतना भरोसा आप पर है. आपको भी खुद पर होना चाहिए कि ऐसी राजनीति की चपेट में नहीं आएंगे.
टीवी देखते समय इस बात का ख़्याल रखिए कि क्या उसी शिद्दत से आपके रोज़गार, पढ़ाई, पेंशन, संस्थाओं की बेरूखी पर चर्ता होती है जिस शिद्दत से हिन्दू मुस्लिम टॉपिक पर होती है. चैनल दर चैनल बहुत चालाकी से ऐसे मुद्दों की आड़ में आग से खेल रहे हैं. सत्ता चालाक हो गई है. अब वह अपने दल से किसी को नहीं भेजती है, आपको तैयार करती है कि आप उसके नाम पर किसी को मार आएं. ऐसा न तो अपने साथ न किसी और के साथ होने दीजिए.
कानूनी अधिकारों और प्रावधानों को भी समझना ज़रूरी है, लव जिहाद का मसला निजता के अधिकार के ख़िलाफ है, संविधान के खिलाफ है. इसलिए राजनीति, मीडिया और व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी के ज़रिए इस मुद्दे को ज़िंदा रखा जाता है ताकि अल्पसंख्यक से नफ़रत की मानसिकता बची रहे. गुजरात चुनावों में आप देख ही रहे हैं. खुल कर मुस्लिम विरोधी बातें हो रही हैं. क्या नागरिकता या सत्ता से वे बेदखल कर दिए गए हैं, नहीं, तब फिर चुनावों में मुसलमानों का नाम लेकर क्यों डर फैलाया जा रहा है. औरंगज़ेब राज, मुग़ल सल्तनत, पाकिस्तान, अहमद पटेल क्या ये सब कुछ और नहीं कहते हैं. एक समुदाय को अलग से दिखाने की कोशिश नहीं करते हैं. बीजेपी के एक उम्मीदवार ने तो खुल कर सांप्रदायिक भाषण दिया.
चुनाव आयोग ने भड़काऊ भाषण देने के लिए शैलेश सोत्ता को नोटिस जारी किया है. क्या आप देख पा रहे हैं कि जो शंभुलाल रैगर बोल रहा है वही बात और भी लोग राजनीतिक मंच से, संवैधानिक पद से और सोशल मीडिया पर बोल रहे हैं. क्या इसका संबंध उन बातों से है जिन्हें मैं हिन्दू मुस्लिम फ्रेमवर्क कहता हूं. कोई न कोई मुद्दा हर महीने आ जाता है जो दो समुदायों के बीच नफ़रत का आईपीएल कराने लगता है.
हमारी सहयोगी हर्षा कुमारी सिंह ने राजसमंद में कुछ लोगों से बात की. जानने का प्रयास किया कि क्या टीवी पर चलने वाली या राजनीति में उठने वाले उन मुद्दों का असर हो रहा है, दो समुदायों को एक दूसरे से अलग करने में.
दिल्ली में रविवार को इस हत्या के विरोध में कुछ लोग कनाट प्लेस में जमा हुए. इस घटना ने सभी धर्मों के नौजवानों और लोगों को बेचैन कर दिया है. आखिर कोई भी समाज किसी की हत्या और उसका वीडियो बनाने की मानसिकता का समर्थन नहीं कर सकता है. जो नौजवान व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी में ऐसी बातें फैला रहे हैं वो समाज को बदल रहे हैं. जहर बो रहे हैं. उनकी यूनिवर्सिटी का वैचारिक फंड कहीं और से आ रहा है.
कई लोग इस हिंसा के जवाब में केरल की बात करने लगे हैं तो ऐसी घटना का ज़िक्र कर रहे हैं जिसमें किसी मुसलमान ने किसी हिन्दू को मारा है. केरल के बारे में हमने कई बार प्राइम टाइम किया है. उस हिंसा का कौन समर्थन कर सकता है. वहां की राजनीतिक हिंसा सिर्फ आरएसएस ही नहीं, सीपीएम कांग्रेस के वर्करों की भी जान ले रही है. दोनों तरफ के लोगों पर मारने के आरोप हैं और मारे जा रहे हैं. हमें एक बात का फर्क करना होगा. अगर किसी अपराध को राजनीतिक विचारधारा का संरक्षण मिलने लगे तो उसका दायरा बहुत बड़ा हो जाता है. कौन उसकी चपेट में आएगा आप नहीं कह सकते. जैसे दलितों के प्रति हिंसा का बड़ा आधार जातिगत सोच में है. ज्यादातर की हत्या या बलात्कार जातिगत सोच या नफरत का परिणाम है. इसलिए बताना पड़ता है कि जिसकी हत्या हुई या जिसका बलात्कार हुआ वो दलित है क्योंकि हिंसा के पीछे दलित होना बड़ा कारण है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो इसलिए दलितों के खिलाफ हुए अपराध की अलग से गिनती करता है.
हापुड़ के धौलाना में 14 साल की एक दलित लड़की की गला रेत कर हत्या कर दी गई. उसके शव को काट कर खेतों में फेंक दिया गया. नौंवी क्लास में वह लड़की पढ़ती थी. चारा लेने गई थी मगर वापस नहीं आई. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक यूपी और बिहार में दलितों के खिलाफ सबसे अधिक अपराध दर्ज किया गया है. लखनऊ और पटना का नाम सबसे आगे हैं. 2016 में दलितों के खिलाफ अपराध की 40 हज़ार से अधिक घटनाएं हुईं हैं. ज़्यादातर का संबंध जातिगत कारणों से रहा होगा.
सामाजिक और राजनीतिक सोच के आधार पर किसी हिंसा का समर्थन करना, उसे बढ़ावा देना समाज में नौजवानों को अपराध की तरफ ले जाता है. शंभुलाल पर राजस्थान पुलिस ने सांप्रदायिक विचार फैलाने का भी मामला दर्ज किया है. पड़ोसी कहते हैं कि शंभुलाल शांत किस्म का आदमी था. उसकी पत्नी है और तीन बच्चे. किसी को पता नहीं कि नफरत की राजनीति उसे भीतर ही भीतर कितना उबाल रही होती है. अब शंभु के बच्चों के भविष्य की ज़िम्मेदारी कौन लेगा. हर्षा कुमारी सिंह शंभु के मोहल्ले में गई थीं. लोगों ने बताया कि वह बेरोज़गार था. कम मिलनसार था. पुलिस ने उसके स्मार्टफोन को देखा है. नफरत फैलाने वाले वीडियो देखने का चस्का लग गया था. क्या पता इन वीडियो ने शंभु को मानव बम में बदल दिया हो. उसने इस अपराध में अपने 13 साल के भतीजे को भी शामिल कर लिया जो वीडियो बना रहा था.
केरल और दूसरी घटनाओं पर बहस होती रही है, अलग से फिर हो जाएगी, मगर नफरत फैलाने वाले ये वीडियो किस कारखाने में तैयार हो रहे हैं, क्यों तैयार हो रहे हैं, बताने की ज़रूरत नहीं है. शंभु ने अपने तीनों बच्चों, 13 साल के भतीजे की ज़िंदगी दांव पर लगा दी और ख़ुद हत्यारा बन गया. उसके समर्थन में पोस्ट डालने वाले अब दूसरे शंभु की तैयारी में लग गए हैं. उन्हें कुछ महीने बाद फिर कोई शंभु चाहिए. आप नज़र रखिए कि आपके बीच से कोई शंभु तो नहीं बन रहा है. मैं नहीं मानता कि आपकी सहानुभूति इफराज़ुल को लेकर नहीं है. बिल्कुल है. वो इस देश का नागरिक था जिसे नफरत की राजनीति ने धोखे से मारा है.टिप्पणियां
बंगाल का रहने वाला इफराज़ुल मज़दूरी की तलाश में कई शहरों को बदलने के बाद राजस्थान आ गया था. 45 साल की उम्र में कोई इस तरह मार देगा और वीडियो बनाकर लव जिहाद पर भाषण देगा किसी ने सोचा न होगा. मगर हम सबने देखा है कि हत्या को उकसाने वाली राजनीति हमारे आस पास लगातार फैल रही है. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी से सावधान रहिए. इफराज़ुल की बेटियों का जो भरोसा गया है उसे लौटाने की सोचिए. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी को चलाने वाले शातिर लोग प्राइम टाइम यू ट्यूब पर जाकर देखते हैं फिर उसका एक हिस्सा काट कर फैलाते हैं कि तरह तरह की अफवाहें फैलाएंगे. जबकि यह प्रोग्राम शंभुलाल पर था, उस खौफनाक सोच पर जो लगातार आपके बीच किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाना चाहती है. यूं वैसे यह प्रोग्राम उन लोगों पर था जो आपके बीच से किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाने में लगे हैं ताकि उनकी राजनीति चमकती रहे. मुझे यकीन है कि आप इफराज़ुल की हत्या पर अफसोसज़दा होंगे. मैं नहीं मानता कि आप किसी के ख़ून का समर्थन करेंगे. इतना भरोसा आप पर है. आपको भी खुद पर होना चाहिए कि ऐसी राजनीति की चपेट में नहीं आएंगे.
टीवी देखते समय इस बात का ख़्याल रखिए कि क्या उसी शिद्दत से आपके रोज़गार, पढ़ाई, पेंशन, संस्थाओं की बेरूखी पर चर्ता होती है जिस शिद्दत से हिन्दू मुस्लिम टॉपिक पर होती है. चैनल दर चैनल बहुत चालाकी से ऐसे मुद्दों की आड़ में आग से खेल रहे हैं. सत्ता चालाक हो गई है. अब वह अपने दल से किसी को नहीं भेजती है, आपको तैयार करती है कि आप उसके नाम पर किसी को मार आएं. ऐसा न तो अपने साथ न किसी और के साथ होने दीजिए.
चुनाव आयोग ने भड़काऊ भाषण देने के लिए शैलेश सोत्ता को नोटिस जारी किया है. क्या आप देख पा रहे हैं कि जो शंभुलाल रैगर बोल रहा है वही बात और भी लोग राजनीतिक मंच से, संवैधानिक पद से और सोशल मीडिया पर बोल रहे हैं. क्या इसका संबंध उन बातों से है जिन्हें मैं हिन्दू मुस्लिम फ्रेमवर्क कहता हूं. कोई न कोई मुद्दा हर महीने आ जाता है जो दो समुदायों के बीच नफ़रत का आईपीएल कराने लगता है.
हमारी सहयोगी हर्षा कुमारी सिंह ने राजसमंद में कुछ लोगों से बात की. जानने का प्रयास किया कि क्या टीवी पर चलने वाली या राजनीति में उठने वाले उन मुद्दों का असर हो रहा है, दो समुदायों को एक दूसरे से अलग करने में.
दिल्ली में रविवार को इस हत्या के विरोध में कुछ लोग कनाट प्लेस में जमा हुए. इस घटना ने सभी धर्मों के नौजवानों और लोगों को बेचैन कर दिया है. आखिर कोई भी समाज किसी की हत्या और उसका वीडियो बनाने की मानसिकता का समर्थन नहीं कर सकता है. जो नौजवान व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी में ऐसी बातें फैला रहे हैं वो समाज को बदल रहे हैं. जहर बो रहे हैं. उनकी यूनिवर्सिटी का वैचारिक फंड कहीं और से आ रहा है.
कई लोग इस हिंसा के जवाब में केरल की बात करने लगे हैं तो ऐसी घटना का ज़िक्र कर रहे हैं जिसमें किसी मुसलमान ने किसी हिन्दू को मारा है. केरल के बारे में हमने कई बार प्राइम टाइम किया है. उस हिंसा का कौन समर्थन कर सकता है. वहां की राजनीतिक हिंसा सिर्फ आरएसएस ही नहीं, सीपीएम कांग्रेस के वर्करों की भी जान ले रही है. दोनों तरफ के लोगों पर मारने के आरोप हैं और मारे जा रहे हैं. हमें एक बात का फर्क करना होगा. अगर किसी अपराध को राजनीतिक विचारधारा का संरक्षण मिलने लगे तो उसका दायरा बहुत बड़ा हो जाता है. कौन उसकी चपेट में आएगा आप नहीं कह सकते. जैसे दलितों के प्रति हिंसा का बड़ा आधार जातिगत सोच में है. ज्यादातर की हत्या या बलात्कार जातिगत सोच या नफरत का परिणाम है. इसलिए बताना पड़ता है कि जिसकी हत्या हुई या जिसका बलात्कार हुआ वो दलित है क्योंकि हिंसा के पीछे दलित होना बड़ा कारण है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो इसलिए दलितों के खिलाफ हुए अपराध की अलग से गिनती करता है.
हापुड़ के धौलाना में 14 साल की एक दलित लड़की की गला रेत कर हत्या कर दी गई. उसके शव को काट कर खेतों में फेंक दिया गया. नौंवी क्लास में वह लड़की पढ़ती थी. चारा लेने गई थी मगर वापस नहीं आई. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक यूपी और बिहार में दलितों के खिलाफ सबसे अधिक अपराध दर्ज किया गया है. लखनऊ और पटना का नाम सबसे आगे हैं. 2016 में दलितों के खिलाफ अपराध की 40 हज़ार से अधिक घटनाएं हुईं हैं. ज़्यादातर का संबंध जातिगत कारणों से रहा होगा.
सामाजिक और राजनीतिक सोच के आधार पर किसी हिंसा का समर्थन करना, उसे बढ़ावा देना समाज में नौजवानों को अपराध की तरफ ले जाता है. शंभुलाल पर राजस्थान पुलिस ने सांप्रदायिक विचार फैलाने का भी मामला दर्ज किया है. पड़ोसी कहते हैं कि शंभुलाल शांत किस्म का आदमी था. उसकी पत्नी है और तीन बच्चे. किसी को पता नहीं कि नफरत की राजनीति उसे भीतर ही भीतर कितना उबाल रही होती है. अब शंभु के बच्चों के भविष्य की ज़िम्मेदारी कौन लेगा. हर्षा कुमारी सिंह शंभु के मोहल्ले में गई थीं. लोगों ने बताया कि वह बेरोज़गार था. कम मिलनसार था. पुलिस ने उसके स्मार्टफोन को देखा है. नफरत फैलाने वाले वीडियो देखने का चस्का लग गया था. क्या पता इन वीडियो ने शंभु को मानव बम में बदल दिया हो. उसने इस अपराध में अपने 13 साल के भतीजे को भी शामिल कर लिया जो वीडियो बना रहा था.
केरल और दूसरी घटनाओं पर बहस होती रही है, अलग से फिर हो जाएगी, मगर नफरत फैलाने वाले ये वीडियो किस कारखाने में तैयार हो रहे हैं, क्यों तैयार हो रहे हैं, बताने की ज़रूरत नहीं है. शंभु ने अपने तीनों बच्चों, 13 साल के भतीजे की ज़िंदगी दांव पर लगा दी और ख़ुद हत्यारा बन गया. उसके समर्थन में पोस्ट डालने वाले अब दूसरे शंभु की तैयारी में लग गए हैं. उन्हें कुछ महीने बाद फिर कोई शंभु चाहिए. आप नज़र रखिए कि आपके बीच से कोई शंभु तो नहीं बन रहा है. मैं नहीं मानता कि आपकी सहानुभूति इफराज़ुल को लेकर नहीं है. बिल्कुल है. वो इस देश का नागरिक था जिसे नफरत की राजनीति ने धोखे से मारा है.टिप्पणियां
बंगाल का रहने वाला इफराज़ुल मज़दूरी की तलाश में कई शहरों को बदलने के बाद राजस्थान आ गया था. 45 साल की उम्र में कोई इस तरह मार देगा और वीडियो बनाकर लव जिहाद पर भाषण देगा किसी ने सोचा न होगा. मगर हम सबने देखा है कि हत्या को उकसाने वाली राजनीति हमारे आस पास लगातार फैल रही है. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी से सावधान रहिए. इफराज़ुल की बेटियों का जो भरोसा गया है उसे लौटाने की सोचिए. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी को चलाने वाले शातिर लोग प्राइम टाइम यू ट्यूब पर जाकर देखते हैं फिर उसका एक हिस्सा काट कर फैलाते हैं कि तरह तरह की अफवाहें फैलाएंगे. जबकि यह प्रोग्राम शंभुलाल पर था, उस खौफनाक सोच पर जो लगातार आपके बीच किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाना चाहती है. यूं वैसे यह प्रोग्राम उन लोगों पर था जो आपके बीच से किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाने में लगे हैं ताकि उनकी राजनीति चमकती रहे. मुझे यकीन है कि आप इफराज़ुल की हत्या पर अफसोसज़दा होंगे. मैं नहीं मानता कि आप किसी के ख़ून का समर्थन करेंगे. इतना भरोसा आप पर है. आपको भी खुद पर होना चाहिए कि ऐसी राजनीति की चपेट में नहीं आएंगे.
टीवी देखते समय इस बात का ख़्याल रखिए कि क्या उसी शिद्दत से आपके रोज़गार, पढ़ाई, पेंशन, संस्थाओं की बेरूखी पर चर्ता होती है जिस शिद्दत से हिन्दू मुस्लिम टॉपिक पर होती है. चैनल दर चैनल बहुत चालाकी से ऐसे मुद्दों की आड़ में आग से खेल रहे हैं. सत्ता चालाक हो गई है. अब वह अपने दल से किसी को नहीं भेजती है, आपको तैयार करती है कि आप उसके नाम पर किसी को मार आएं. ऐसा न तो अपने साथ न किसी और के साथ होने दीजिए.
हमारी सहयोगी हर्षा कुमारी सिंह ने राजसमंद में कुछ लोगों से बात की. जानने का प्रयास किया कि क्या टीवी पर चलने वाली या राजनीति में उठने वाले उन मुद्दों का असर हो रहा है, दो समुदायों को एक दूसरे से अलग करने में.
दिल्ली में रविवार को इस हत्या के विरोध में कुछ लोग कनाट प्लेस में जमा हुए. इस घटना ने सभी धर्मों के नौजवानों और लोगों को बेचैन कर दिया है. आखिर कोई भी समाज किसी की हत्या और उसका वीडियो बनाने की मानसिकता का समर्थन नहीं कर सकता है. जो नौजवान व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी में ऐसी बातें फैला रहे हैं वो समाज को बदल रहे हैं. जहर बो रहे हैं. उनकी यूनिवर्सिटी का वैचारिक फंड कहीं और से आ रहा है.
कई लोग इस हिंसा के जवाब में केरल की बात करने लगे हैं तो ऐसी घटना का ज़िक्र कर रहे हैं जिसमें किसी मुसलमान ने किसी हिन्दू को मारा है. केरल के बारे में हमने कई बार प्राइम टाइम किया है. उस हिंसा का कौन समर्थन कर सकता है. वहां की राजनीतिक हिंसा सिर्फ आरएसएस ही नहीं, सीपीएम कांग्रेस के वर्करों की भी जान ले रही है. दोनों तरफ के लोगों पर मारने के आरोप हैं और मारे जा रहे हैं. हमें एक बात का फर्क करना होगा. अगर किसी अपराध को राजनीतिक विचारधारा का संरक्षण मिलने लगे तो उसका दायरा बहुत बड़ा हो जाता है. कौन उसकी चपेट में आएगा आप नहीं कह सकते. जैसे दलितों के प्रति हिंसा का बड़ा आधार जातिगत सोच में है. ज्यादातर की हत्या या बलात्कार जातिगत सोच या नफरत का परिणाम है. इसलिए बताना पड़ता है कि जिसकी हत्या हुई या जिसका बलात्कार हुआ वो दलित है क्योंकि हिंसा के पीछे दलित होना बड़ा कारण है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो इसलिए दलितों के खिलाफ हुए अपराध की अलग से गिनती करता है.
हापुड़ के धौलाना में 14 साल की एक दलित लड़की की गला रेत कर हत्या कर दी गई. उसके शव को काट कर खेतों में फेंक दिया गया. नौंवी क्लास में वह लड़की पढ़ती थी. चारा लेने गई थी मगर वापस नहीं आई. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक यूपी और बिहार में दलितों के खिलाफ सबसे अधिक अपराध दर्ज किया गया है. लखनऊ और पटना का नाम सबसे आगे हैं. 2016 में दलितों के खिलाफ अपराध की 40 हज़ार से अधिक घटनाएं हुईं हैं. ज़्यादातर का संबंध जातिगत कारणों से रहा होगा.
सामाजिक और राजनीतिक सोच के आधार पर किसी हिंसा का समर्थन करना, उसे बढ़ावा देना समाज में नौजवानों को अपराध की तरफ ले जाता है. शंभुलाल पर राजस्थान पुलिस ने सांप्रदायिक विचार फैलाने का भी मामला दर्ज किया है. पड़ोसी कहते हैं कि शंभुलाल शांत किस्म का आदमी था. उसकी पत्नी है और तीन बच्चे. किसी को पता नहीं कि नफरत की राजनीति उसे भीतर ही भीतर कितना उबाल रही होती है. अब शंभु के बच्चों के भविष्य की ज़िम्मेदारी कौन लेगा. हर्षा कुमारी सिंह शंभु के मोहल्ले में गई थीं. लोगों ने बताया कि वह बेरोज़गार था. कम मिलनसार था. पुलिस ने उसके स्मार्टफोन को देखा है. नफरत फैलाने वाले वीडियो देखने का चस्का लग गया था. क्या पता इन वीडियो ने शंभु को मानव बम में बदल दिया हो. उसने इस अपराध में अपने 13 साल के भतीजे को भी शामिल कर लिया जो वीडियो बना रहा था.
केरल और दूसरी घटनाओं पर बहस होती रही है, अलग से फिर हो जाएगी, मगर नफरत फैलाने वाले ये वीडियो किस कारखाने में तैयार हो रहे हैं, क्यों तैयार हो रहे हैं, बताने की ज़रूरत नहीं है. शंभु ने अपने तीनों बच्चों, 13 साल के भतीजे की ज़िंदगी दांव पर लगा दी और ख़ुद हत्यारा बन गया. उसके समर्थन में पोस्ट डालने वाले अब दूसरे शंभु की तैयारी में लग गए हैं. उन्हें कुछ महीने बाद फिर कोई शंभु चाहिए. आप नज़र रखिए कि आपके बीच से कोई शंभु तो नहीं बन रहा है. मैं नहीं मानता कि आपकी सहानुभूति इफराज़ुल को लेकर नहीं है. बिल्कुल है. वो इस देश का नागरिक था जिसे नफरत की राजनीति ने धोखे से मारा है.टिप्पणियां
बंगाल का रहने वाला इफराज़ुल मज़दूरी की तलाश में कई शहरों को बदलने के बाद राजस्थान आ गया था. 45 साल की उम्र में कोई इस तरह मार देगा और वीडियो बनाकर लव जिहाद पर भाषण देगा किसी ने सोचा न होगा. मगर हम सबने देखा है कि हत्या को उकसाने वाली राजनीति हमारे आस पास लगातार फैल रही है. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी से सावधान रहिए. इफराज़ुल की बेटियों का जो भरोसा गया है उसे लौटाने की सोचिए. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी को चलाने वाले शातिर लोग प्राइम टाइम यू ट्यूब पर जाकर देखते हैं फिर उसका एक हिस्सा काट कर फैलाते हैं कि तरह तरह की अफवाहें फैलाएंगे. जबकि यह प्रोग्राम शंभुलाल पर था, उस खौफनाक सोच पर जो लगातार आपके बीच किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाना चाहती है. यूं वैसे यह प्रोग्राम उन लोगों पर था जो आपके बीच से किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाने में लगे हैं ताकि उनकी राजनीति चमकती रहे. मुझे यकीन है कि आप इफराज़ुल की हत्या पर अफसोसज़दा होंगे. मैं नहीं मानता कि आप किसी के ख़ून का समर्थन करेंगे. इतना भरोसा आप पर है. आपको भी खुद पर होना चाहिए कि ऐसी राजनीति की चपेट में नहीं आएंगे.
टीवी देखते समय इस बात का ख़्याल रखिए कि क्या उसी शिद्दत से आपके रोज़गार, पढ़ाई, पेंशन, संस्थाओं की बेरूखी पर चर्ता होती है जिस शिद्दत से हिन्दू मुस्लिम टॉपिक पर होती है. चैनल दर चैनल बहुत चालाकी से ऐसे मुद्दों की आड़ में आग से खेल रहे हैं. सत्ता चालाक हो गई है. अब वह अपने दल से किसी को नहीं भेजती है, आपको तैयार करती है कि आप उसके नाम पर किसी को मार आएं. ऐसा न तो अपने साथ न किसी और के साथ होने दीजिए.
दिल्ली में रविवार को इस हत्या के विरोध में कुछ लोग कनाट प्लेस में जमा हुए. इस घटना ने सभी धर्मों के नौजवानों और लोगों को बेचैन कर दिया है. आखिर कोई भी समाज किसी की हत्या और उसका वीडियो बनाने की मानसिकता का समर्थन नहीं कर सकता है. जो नौजवान व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी में ऐसी बातें फैला रहे हैं वो समाज को बदल रहे हैं. जहर बो रहे हैं. उनकी यूनिवर्सिटी का वैचारिक फंड कहीं और से आ रहा है.
कई लोग इस हिंसा के जवाब में केरल की बात करने लगे हैं तो ऐसी घटना का ज़िक्र कर रहे हैं जिसमें किसी मुसलमान ने किसी हिन्दू को मारा है. केरल के बारे में हमने कई बार प्राइम टाइम किया है. उस हिंसा का कौन समर्थन कर सकता है. वहां की राजनीतिक हिंसा सिर्फ आरएसएस ही नहीं, सीपीएम कांग्रेस के वर्करों की भी जान ले रही है. दोनों तरफ के लोगों पर मारने के आरोप हैं और मारे जा रहे हैं. हमें एक बात का फर्क करना होगा. अगर किसी अपराध को राजनीतिक विचारधारा का संरक्षण मिलने लगे तो उसका दायरा बहुत बड़ा हो जाता है. कौन उसकी चपेट में आएगा आप नहीं कह सकते. जैसे दलितों के प्रति हिंसा का बड़ा आधार जातिगत सोच में है. ज्यादातर की हत्या या बलात्कार जातिगत सोच या नफरत का परिणाम है. इसलिए बताना पड़ता है कि जिसकी हत्या हुई या जिसका बलात्कार हुआ वो दलित है क्योंकि हिंसा के पीछे दलित होना बड़ा कारण है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो इसलिए दलितों के खिलाफ हुए अपराध की अलग से गिनती करता है.
हापुड़ के धौलाना में 14 साल की एक दलित लड़की की गला रेत कर हत्या कर दी गई. उसके शव को काट कर खेतों में फेंक दिया गया. नौंवी क्लास में वह लड़की पढ़ती थी. चारा लेने गई थी मगर वापस नहीं आई. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक यूपी और बिहार में दलितों के खिलाफ सबसे अधिक अपराध दर्ज किया गया है. लखनऊ और पटना का नाम सबसे आगे हैं. 2016 में दलितों के खिलाफ अपराध की 40 हज़ार से अधिक घटनाएं हुईं हैं. ज़्यादातर का संबंध जातिगत कारणों से रहा होगा.
सामाजिक और राजनीतिक सोच के आधार पर किसी हिंसा का समर्थन करना, उसे बढ़ावा देना समाज में नौजवानों को अपराध की तरफ ले जाता है. शंभुलाल पर राजस्थान पुलिस ने सांप्रदायिक विचार फैलाने का भी मामला दर्ज किया है. पड़ोसी कहते हैं कि शंभुलाल शांत किस्म का आदमी था. उसकी पत्नी है और तीन बच्चे. किसी को पता नहीं कि नफरत की राजनीति उसे भीतर ही भीतर कितना उबाल रही होती है. अब शंभु के बच्चों के भविष्य की ज़िम्मेदारी कौन लेगा. हर्षा कुमारी सिंह शंभु के मोहल्ले में गई थीं. लोगों ने बताया कि वह बेरोज़गार था. कम मिलनसार था. पुलिस ने उसके स्मार्टफोन को देखा है. नफरत फैलाने वाले वीडियो देखने का चस्का लग गया था. क्या पता इन वीडियो ने शंभु को मानव बम में बदल दिया हो. उसने इस अपराध में अपने 13 साल के भतीजे को भी शामिल कर लिया जो वीडियो बना रहा था.
केरल और दूसरी घटनाओं पर बहस होती रही है, अलग से फिर हो जाएगी, मगर नफरत फैलाने वाले ये वीडियो किस कारखाने में तैयार हो रहे हैं, क्यों तैयार हो रहे हैं, बताने की ज़रूरत नहीं है. शंभु ने अपने तीनों बच्चों, 13 साल के भतीजे की ज़िंदगी दांव पर लगा दी और ख़ुद हत्यारा बन गया. उसके समर्थन में पोस्ट डालने वाले अब दूसरे शंभु की तैयारी में लग गए हैं. उन्हें कुछ महीने बाद फिर कोई शंभु चाहिए. आप नज़र रखिए कि आपके बीच से कोई शंभु तो नहीं बन रहा है. मैं नहीं मानता कि आपकी सहानुभूति इफराज़ुल को लेकर नहीं है. बिल्कुल है. वो इस देश का नागरिक था जिसे नफरत की राजनीति ने धोखे से मारा है.टिप्पणियां
बंगाल का रहने वाला इफराज़ुल मज़दूरी की तलाश में कई शहरों को बदलने के बाद राजस्थान आ गया था. 45 साल की उम्र में कोई इस तरह मार देगा और वीडियो बनाकर लव जिहाद पर भाषण देगा किसी ने सोचा न होगा. मगर हम सबने देखा है कि हत्या को उकसाने वाली राजनीति हमारे आस पास लगातार फैल रही है. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी से सावधान रहिए. इफराज़ुल की बेटियों का जो भरोसा गया है उसे लौटाने की सोचिए. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी को चलाने वाले शातिर लोग प्राइम टाइम यू ट्यूब पर जाकर देखते हैं फिर उसका एक हिस्सा काट कर फैलाते हैं कि तरह तरह की अफवाहें फैलाएंगे. जबकि यह प्रोग्राम शंभुलाल पर था, उस खौफनाक सोच पर जो लगातार आपके बीच किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाना चाहती है. यूं वैसे यह प्रोग्राम उन लोगों पर था जो आपके बीच से किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाने में लगे हैं ताकि उनकी राजनीति चमकती रहे. मुझे यकीन है कि आप इफराज़ुल की हत्या पर अफसोसज़दा होंगे. मैं नहीं मानता कि आप किसी के ख़ून का समर्थन करेंगे. इतना भरोसा आप पर है. आपको भी खुद पर होना चाहिए कि ऐसी राजनीति की चपेट में नहीं आएंगे.
टीवी देखते समय इस बात का ख़्याल रखिए कि क्या उसी शिद्दत से आपके रोज़गार, पढ़ाई, पेंशन, संस्थाओं की बेरूखी पर चर्ता होती है जिस शिद्दत से हिन्दू मुस्लिम टॉपिक पर होती है. चैनल दर चैनल बहुत चालाकी से ऐसे मुद्दों की आड़ में आग से खेल रहे हैं. सत्ता चालाक हो गई है. अब वह अपने दल से किसी को नहीं भेजती है, आपको तैयार करती है कि आप उसके नाम पर किसी को मार आएं. ऐसा न तो अपने साथ न किसी और के साथ होने दीजिए.
कई लोग इस हिंसा के जवाब में केरल की बात करने लगे हैं तो ऐसी घटना का ज़िक्र कर रहे हैं जिसमें किसी मुसलमान ने किसी हिन्दू को मारा है. केरल के बारे में हमने कई बार प्राइम टाइम किया है. उस हिंसा का कौन समर्थन कर सकता है. वहां की राजनीतिक हिंसा सिर्फ आरएसएस ही नहीं, सीपीएम कांग्रेस के वर्करों की भी जान ले रही है. दोनों तरफ के लोगों पर मारने के आरोप हैं और मारे जा रहे हैं. हमें एक बात का फर्क करना होगा. अगर किसी अपराध को राजनीतिक विचारधारा का संरक्षण मिलने लगे तो उसका दायरा बहुत बड़ा हो जाता है. कौन उसकी चपेट में आएगा आप नहीं कह सकते. जैसे दलितों के प्रति हिंसा का बड़ा आधार जातिगत सोच में है. ज्यादातर की हत्या या बलात्कार जातिगत सोच या नफरत का परिणाम है. इसलिए बताना पड़ता है कि जिसकी हत्या हुई या जिसका बलात्कार हुआ वो दलित है क्योंकि हिंसा के पीछे दलित होना बड़ा कारण है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो इसलिए दलितों के खिलाफ हुए अपराध की अलग से गिनती करता है.
हापुड़ के धौलाना में 14 साल की एक दलित लड़की की गला रेत कर हत्या कर दी गई. उसके शव को काट कर खेतों में फेंक दिया गया. नौंवी क्लास में वह लड़की पढ़ती थी. चारा लेने गई थी मगर वापस नहीं आई. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक यूपी और बिहार में दलितों के खिलाफ सबसे अधिक अपराध दर्ज किया गया है. लखनऊ और पटना का नाम सबसे आगे हैं. 2016 में दलितों के खिलाफ अपराध की 40 हज़ार से अधिक घटनाएं हुईं हैं. ज़्यादातर का संबंध जातिगत कारणों से रहा होगा.
सामाजिक और राजनीतिक सोच के आधार पर किसी हिंसा का समर्थन करना, उसे बढ़ावा देना समाज में नौजवानों को अपराध की तरफ ले जाता है. शंभुलाल पर राजस्थान पुलिस ने सांप्रदायिक विचार फैलाने का भी मामला दर्ज किया है. पड़ोसी कहते हैं कि शंभुलाल शांत किस्म का आदमी था. उसकी पत्नी है और तीन बच्चे. किसी को पता नहीं कि नफरत की राजनीति उसे भीतर ही भीतर कितना उबाल रही होती है. अब शंभु के बच्चों के भविष्य की ज़िम्मेदारी कौन लेगा. हर्षा कुमारी सिंह शंभु के मोहल्ले में गई थीं. लोगों ने बताया कि वह बेरोज़गार था. कम मिलनसार था. पुलिस ने उसके स्मार्टफोन को देखा है. नफरत फैलाने वाले वीडियो देखने का चस्का लग गया था. क्या पता इन वीडियो ने शंभु को मानव बम में बदल दिया हो. उसने इस अपराध में अपने 13 साल के भतीजे को भी शामिल कर लिया जो वीडियो बना रहा था.
केरल और दूसरी घटनाओं पर बहस होती रही है, अलग से फिर हो जाएगी, मगर नफरत फैलाने वाले ये वीडियो किस कारखाने में तैयार हो रहे हैं, क्यों तैयार हो रहे हैं, बताने की ज़रूरत नहीं है. शंभु ने अपने तीनों बच्चों, 13 साल के भतीजे की ज़िंदगी दांव पर लगा दी और ख़ुद हत्यारा बन गया. उसके समर्थन में पोस्ट डालने वाले अब दूसरे शंभु की तैयारी में लग गए हैं. उन्हें कुछ महीने बाद फिर कोई शंभु चाहिए. आप नज़र रखिए कि आपके बीच से कोई शंभु तो नहीं बन रहा है. मैं नहीं मानता कि आपकी सहानुभूति इफराज़ुल को लेकर नहीं है. बिल्कुल है. वो इस देश का नागरिक था जिसे नफरत की राजनीति ने धोखे से मारा है.टिप्पणियां
बंगाल का रहने वाला इफराज़ुल मज़दूरी की तलाश में कई शहरों को बदलने के बाद राजस्थान आ गया था. 45 साल की उम्र में कोई इस तरह मार देगा और वीडियो बनाकर लव जिहाद पर भाषण देगा किसी ने सोचा न होगा. मगर हम सबने देखा है कि हत्या को उकसाने वाली राजनीति हमारे आस पास लगातार फैल रही है. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी से सावधान रहिए. इफराज़ुल की बेटियों का जो भरोसा गया है उसे लौटाने की सोचिए. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी को चलाने वाले शातिर लोग प्राइम टाइम यू ट्यूब पर जाकर देखते हैं फिर उसका एक हिस्सा काट कर फैलाते हैं कि तरह तरह की अफवाहें फैलाएंगे. जबकि यह प्रोग्राम शंभुलाल पर था, उस खौफनाक सोच पर जो लगातार आपके बीच किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाना चाहती है. यूं वैसे यह प्रोग्राम उन लोगों पर था जो आपके बीच से किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाने में लगे हैं ताकि उनकी राजनीति चमकती रहे. मुझे यकीन है कि आप इफराज़ुल की हत्या पर अफसोसज़दा होंगे. मैं नहीं मानता कि आप किसी के ख़ून का समर्थन करेंगे. इतना भरोसा आप पर है. आपको भी खुद पर होना चाहिए कि ऐसी राजनीति की चपेट में नहीं आएंगे.
टीवी देखते समय इस बात का ख़्याल रखिए कि क्या उसी शिद्दत से आपके रोज़गार, पढ़ाई, पेंशन, संस्थाओं की बेरूखी पर चर्ता होती है जिस शिद्दत से हिन्दू मुस्लिम टॉपिक पर होती है. चैनल दर चैनल बहुत चालाकी से ऐसे मुद्दों की आड़ में आग से खेल रहे हैं. सत्ता चालाक हो गई है. अब वह अपने दल से किसी को नहीं भेजती है, आपको तैयार करती है कि आप उसके नाम पर किसी को मार आएं. ऐसा न तो अपने साथ न किसी और के साथ होने दीजिए.
हापुड़ के धौलाना में 14 साल की एक दलित लड़की की गला रेत कर हत्या कर दी गई. उसके शव को काट कर खेतों में फेंक दिया गया. नौंवी क्लास में वह लड़की पढ़ती थी. चारा लेने गई थी मगर वापस नहीं आई. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक यूपी और बिहार में दलितों के खिलाफ सबसे अधिक अपराध दर्ज किया गया है. लखनऊ और पटना का नाम सबसे आगे हैं. 2016 में दलितों के खिलाफ अपराध की 40 हज़ार से अधिक घटनाएं हुईं हैं. ज़्यादातर का संबंध जातिगत कारणों से रहा होगा.
सामाजिक और राजनीतिक सोच के आधार पर किसी हिंसा का समर्थन करना, उसे बढ़ावा देना समाज में नौजवानों को अपराध की तरफ ले जाता है. शंभुलाल पर राजस्थान पुलिस ने सांप्रदायिक विचार फैलाने का भी मामला दर्ज किया है. पड़ोसी कहते हैं कि शंभुलाल शांत किस्म का आदमी था. उसकी पत्नी है और तीन बच्चे. किसी को पता नहीं कि नफरत की राजनीति उसे भीतर ही भीतर कितना उबाल रही होती है. अब शंभु के बच्चों के भविष्य की ज़िम्मेदारी कौन लेगा. हर्षा कुमारी सिंह शंभु के मोहल्ले में गई थीं. लोगों ने बताया कि वह बेरोज़गार था. कम मिलनसार था. पुलिस ने उसके स्मार्टफोन को देखा है. नफरत फैलाने वाले वीडियो देखने का चस्का लग गया था. क्या पता इन वीडियो ने शंभु को मानव बम में बदल दिया हो. उसने इस अपराध में अपने 13 साल के भतीजे को भी शामिल कर लिया जो वीडियो बना रहा था.
केरल और दूसरी घटनाओं पर बहस होती रही है, अलग से फिर हो जाएगी, मगर नफरत फैलाने वाले ये वीडियो किस कारखाने में तैयार हो रहे हैं, क्यों तैयार हो रहे हैं, बताने की ज़रूरत नहीं है. शंभु ने अपने तीनों बच्चों, 13 साल के भतीजे की ज़िंदगी दांव पर लगा दी और ख़ुद हत्यारा बन गया. उसके समर्थन में पोस्ट डालने वाले अब दूसरे शंभु की तैयारी में लग गए हैं. उन्हें कुछ महीने बाद फिर कोई शंभु चाहिए. आप नज़र रखिए कि आपके बीच से कोई शंभु तो नहीं बन रहा है. मैं नहीं मानता कि आपकी सहानुभूति इफराज़ुल को लेकर नहीं है. बिल्कुल है. वो इस देश का नागरिक था जिसे नफरत की राजनीति ने धोखे से मारा है.टिप्पणियां
बंगाल का रहने वाला इफराज़ुल मज़दूरी की तलाश में कई शहरों को बदलने के बाद राजस्थान आ गया था. 45 साल की उम्र में कोई इस तरह मार देगा और वीडियो बनाकर लव जिहाद पर भाषण देगा किसी ने सोचा न होगा. मगर हम सबने देखा है कि हत्या को उकसाने वाली राजनीति हमारे आस पास लगातार फैल रही है. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी से सावधान रहिए. इफराज़ुल की बेटियों का जो भरोसा गया है उसे लौटाने की सोचिए. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी को चलाने वाले शातिर लोग प्राइम टाइम यू ट्यूब पर जाकर देखते हैं फिर उसका एक हिस्सा काट कर फैलाते हैं कि तरह तरह की अफवाहें फैलाएंगे. जबकि यह प्रोग्राम शंभुलाल पर था, उस खौफनाक सोच पर जो लगातार आपके बीच किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाना चाहती है. यूं वैसे यह प्रोग्राम उन लोगों पर था जो आपके बीच से किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाने में लगे हैं ताकि उनकी राजनीति चमकती रहे. मुझे यकीन है कि आप इफराज़ुल की हत्या पर अफसोसज़दा होंगे. मैं नहीं मानता कि आप किसी के ख़ून का समर्थन करेंगे. इतना भरोसा आप पर है. आपको भी खुद पर होना चाहिए कि ऐसी राजनीति की चपेट में नहीं आएंगे.
टीवी देखते समय इस बात का ख़्याल रखिए कि क्या उसी शिद्दत से आपके रोज़गार, पढ़ाई, पेंशन, संस्थाओं की बेरूखी पर चर्ता होती है जिस शिद्दत से हिन्दू मुस्लिम टॉपिक पर होती है. चैनल दर चैनल बहुत चालाकी से ऐसे मुद्दों की आड़ में आग से खेल रहे हैं. सत्ता चालाक हो गई है. अब वह अपने दल से किसी को नहीं भेजती है, आपको तैयार करती है कि आप उसके नाम पर किसी को मार आएं. ऐसा न तो अपने साथ न किसी और के साथ होने दीजिए.
सामाजिक और राजनीतिक सोच के आधार पर किसी हिंसा का समर्थन करना, उसे बढ़ावा देना समाज में नौजवानों को अपराध की तरफ ले जाता है. शंभुलाल पर राजस्थान पुलिस ने सांप्रदायिक विचार फैलाने का भी मामला दर्ज किया है. पड़ोसी कहते हैं कि शंभुलाल शांत किस्म का आदमी था. उसकी पत्नी है और तीन बच्चे. किसी को पता नहीं कि नफरत की राजनीति उसे भीतर ही भीतर कितना उबाल रही होती है. अब शंभु के बच्चों के भविष्य की ज़िम्मेदारी कौन लेगा. हर्षा कुमारी सिंह शंभु के मोहल्ले में गई थीं. लोगों ने बताया कि वह बेरोज़गार था. कम मिलनसार था. पुलिस ने उसके स्मार्टफोन को देखा है. नफरत फैलाने वाले वीडियो देखने का चस्का लग गया था. क्या पता इन वीडियो ने शंभु को मानव बम में बदल दिया हो. उसने इस अपराध में अपने 13 साल के भतीजे को भी शामिल कर लिया जो वीडियो बना रहा था.
केरल और दूसरी घटनाओं पर बहस होती रही है, अलग से फिर हो जाएगी, मगर नफरत फैलाने वाले ये वीडियो किस कारखाने में तैयार हो रहे हैं, क्यों तैयार हो रहे हैं, बताने की ज़रूरत नहीं है. शंभु ने अपने तीनों बच्चों, 13 साल के भतीजे की ज़िंदगी दांव पर लगा दी और ख़ुद हत्यारा बन गया. उसके समर्थन में पोस्ट डालने वाले अब दूसरे शंभु की तैयारी में लग गए हैं. उन्हें कुछ महीने बाद फिर कोई शंभु चाहिए. आप नज़र रखिए कि आपके बीच से कोई शंभु तो नहीं बन रहा है. मैं नहीं मानता कि आपकी सहानुभूति इफराज़ुल को लेकर नहीं है. बिल्कुल है. वो इस देश का नागरिक था जिसे नफरत की राजनीति ने धोखे से मारा है.टिप्पणियां
बंगाल का रहने वाला इफराज़ुल मज़दूरी की तलाश में कई शहरों को बदलने के बाद राजस्थान आ गया था. 45 साल की उम्र में कोई इस तरह मार देगा और वीडियो बनाकर लव जिहाद पर भाषण देगा किसी ने सोचा न होगा. मगर हम सबने देखा है कि हत्या को उकसाने वाली राजनीति हमारे आस पास लगातार फैल रही है. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी से सावधान रहिए. इफराज़ुल की बेटियों का जो भरोसा गया है उसे लौटाने की सोचिए. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी को चलाने वाले शातिर लोग प्राइम टाइम यू ट्यूब पर जाकर देखते हैं फिर उसका एक हिस्सा काट कर फैलाते हैं कि तरह तरह की अफवाहें फैलाएंगे. जबकि यह प्रोग्राम शंभुलाल पर था, उस खौफनाक सोच पर जो लगातार आपके बीच किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाना चाहती है. यूं वैसे यह प्रोग्राम उन लोगों पर था जो आपके बीच से किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाने में लगे हैं ताकि उनकी राजनीति चमकती रहे. मुझे यकीन है कि आप इफराज़ुल की हत्या पर अफसोसज़दा होंगे. मैं नहीं मानता कि आप किसी के ख़ून का समर्थन करेंगे. इतना भरोसा आप पर है. आपको भी खुद पर होना चाहिए कि ऐसी राजनीति की चपेट में नहीं आएंगे.
टीवी देखते समय इस बात का ख़्याल रखिए कि क्या उसी शिद्दत से आपके रोज़गार, पढ़ाई, पेंशन, संस्थाओं की बेरूखी पर चर्ता होती है जिस शिद्दत से हिन्दू मुस्लिम टॉपिक पर होती है. चैनल दर चैनल बहुत चालाकी से ऐसे मुद्दों की आड़ में आग से खेल रहे हैं. सत्ता चालाक हो गई है. अब वह अपने दल से किसी को नहीं भेजती है, आपको तैयार करती है कि आप उसके नाम पर किसी को मार आएं. ऐसा न तो अपने साथ न किसी और के साथ होने दीजिए.
केरल और दूसरी घटनाओं पर बहस होती रही है, अलग से फिर हो जाएगी, मगर नफरत फैलाने वाले ये वीडियो किस कारखाने में तैयार हो रहे हैं, क्यों तैयार हो रहे हैं, बताने की ज़रूरत नहीं है. शंभु ने अपने तीनों बच्चों, 13 साल के भतीजे की ज़िंदगी दांव पर लगा दी और ख़ुद हत्यारा बन गया. उसके समर्थन में पोस्ट डालने वाले अब दूसरे शंभु की तैयारी में लग गए हैं. उन्हें कुछ महीने बाद फिर कोई शंभु चाहिए. आप नज़र रखिए कि आपके बीच से कोई शंभु तो नहीं बन रहा है. मैं नहीं मानता कि आपकी सहानुभूति इफराज़ुल को लेकर नहीं है. बिल्कुल है. वो इस देश का नागरिक था जिसे नफरत की राजनीति ने धोखे से मारा है.टिप्पणियां
बंगाल का रहने वाला इफराज़ुल मज़दूरी की तलाश में कई शहरों को बदलने के बाद राजस्थान आ गया था. 45 साल की उम्र में कोई इस तरह मार देगा और वीडियो बनाकर लव जिहाद पर भाषण देगा किसी ने सोचा न होगा. मगर हम सबने देखा है कि हत्या को उकसाने वाली राजनीति हमारे आस पास लगातार फैल रही है. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी से सावधान रहिए. इफराज़ुल की बेटियों का जो भरोसा गया है उसे लौटाने की सोचिए. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी को चलाने वाले शातिर लोग प्राइम टाइम यू ट्यूब पर जाकर देखते हैं फिर उसका एक हिस्सा काट कर फैलाते हैं कि तरह तरह की अफवाहें फैलाएंगे. जबकि यह प्रोग्राम शंभुलाल पर था, उस खौफनाक सोच पर जो लगातार आपके बीच किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाना चाहती है. यूं वैसे यह प्रोग्राम उन लोगों पर था जो आपके बीच से किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाने में लगे हैं ताकि उनकी राजनीति चमकती रहे. मुझे यकीन है कि आप इफराज़ुल की हत्या पर अफसोसज़दा होंगे. मैं नहीं मानता कि आप किसी के ख़ून का समर्थन करेंगे. इतना भरोसा आप पर है. आपको भी खुद पर होना चाहिए कि ऐसी राजनीति की चपेट में नहीं आएंगे.
टीवी देखते समय इस बात का ख़्याल रखिए कि क्या उसी शिद्दत से आपके रोज़गार, पढ़ाई, पेंशन, संस्थाओं की बेरूखी पर चर्ता होती है जिस शिद्दत से हिन्दू मुस्लिम टॉपिक पर होती है. चैनल दर चैनल बहुत चालाकी से ऐसे मुद्दों की आड़ में आग से खेल रहे हैं. सत्ता चालाक हो गई है. अब वह अपने दल से किसी को नहीं भेजती है, आपको तैयार करती है कि आप उसके नाम पर किसी को मार आएं. ऐसा न तो अपने साथ न किसी और के साथ होने दीजिए.
बंगाल का रहने वाला इफराज़ुल मज़दूरी की तलाश में कई शहरों को बदलने के बाद राजस्थान आ गया था. 45 साल की उम्र में कोई इस तरह मार देगा और वीडियो बनाकर लव जिहाद पर भाषण देगा किसी ने सोचा न होगा. मगर हम सबने देखा है कि हत्या को उकसाने वाली राजनीति हमारे आस पास लगातार फैल रही है. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी से सावधान रहिए. इफराज़ुल की बेटियों का जो भरोसा गया है उसे लौटाने की सोचिए. व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी को चलाने वाले शातिर लोग प्राइम टाइम यू ट्यूब पर जाकर देखते हैं फिर उसका एक हिस्सा काट कर फैलाते हैं कि तरह तरह की अफवाहें फैलाएंगे. जबकि यह प्रोग्राम शंभुलाल पर था, उस खौफनाक सोच पर जो लगातार आपके बीच किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाना चाहती है. यूं वैसे यह प्रोग्राम उन लोगों पर था जो आपके बीच से किसी शंभुलाल को हत्यारा बनाने में लगे हैं ताकि उनकी राजनीति चमकती रहे. मुझे यकीन है कि आप इफराज़ुल की हत्या पर अफसोसज़दा होंगे. मैं नहीं मानता कि आप किसी के ख़ून का समर्थन करेंगे. इतना भरोसा आप पर है. आपको भी खुद पर होना चाहिए कि ऐसी राजनीति की चपेट में नहीं आएंगे.
टीवी देखते समय इस बात का ख़्याल रखिए कि क्या उसी शिद्दत से आपके रोज़गार, पढ़ाई, पेंशन, संस्थाओं की बेरूखी पर चर्ता होती है जिस शिद्दत से हिन्दू मुस्लिम टॉपिक पर होती है. चैनल दर चैनल बहुत चालाकी से ऐसे मुद्दों की आड़ में आग से खेल रहे हैं. सत्ता चालाक हो गई है. अब वह अपने दल से किसी को नहीं भेजती है, आपको तैयार करती है कि आप उसके नाम पर किसी को मार आएं. ऐसा न तो अपने साथ न किसी और के साथ होने दीजिए.
टीवी देखते समय इस बात का ख़्याल रखिए कि क्या उसी शिद्दत से आपके रोज़गार, पढ़ाई, पेंशन, संस्थाओं की बेरूखी पर चर्ता होती है जिस शिद्दत से हिन्दू मुस्लिम टॉपिक पर होती है. चैनल दर चैनल बहुत चालाकी से ऐसे मुद्दों की आड़ में आग से खेल रहे हैं. सत्ता चालाक हो गई है. अब वह अपने दल से किसी को नहीं भेजती है, आपको तैयार करती है कि आप उसके नाम पर किसी को मार आएं. ऐसा न तो अपने साथ न किसी और के साथ होने दीजिए. |
दिल्ली में वायु प्रदूषण (Delhi Pollution) के संकट से निपटने के लिए प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पी के मिश्रा की अध्यक्षता में सोमवार को दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में समस्या से निपटने के लिए किए जा रहे उपायों की समीक्षा करते हुये दीर्घकालीन स्थायी उपाय करने की ज़रूरत पर बल दिया गया. पीएमओ द्वारा जारी बयान के अनुसार मिश्रा ने राज्य सरकारों के स्तर पर किए जा रहे अल्पकालिक उपायों पर संतोष जताते हुए इन्हें जारी रखने की ज़रूरत पर बल देते हुए कहा कि इस दिशा में स्थायी दीर्घकालिक उपाय किए जाएंगे. बैठक में मिश्रा ने पंजाब और हरियाणा सरकार को पिछले 24 घंटों में पराली जलाने से रोकने के लिये की गयी कार्रवायी का ब्योरा देने को भी कहा है.
इस दौरान दोनों राज्यों के मुख्य सचिव ने बताया कि उनके राज्य में पिछले कुछ दिनों में पराली जलाने वालों के ख़िलाफ़ प्रभावी कार्रवाई के बाद स्थिति में सुधार हुआ है. बैठक में कैबिनेट सचिव, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव, पर्यावरण सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष, मौसम विभाग के महानिदेशक और कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.
मिश्रा ने रविवार को भी इस तरह की बैठक कर स्थिति की समीक्षा की थी. स्थिति पर सतत निगरानी के लिए पीएमओ ने वायु प्रदूषण पर हालात सामान्य होने तक प्रतिदिन समीक्षा बैठक करने का फ़ैसला किया. मौसम विभाग के महानिदेशक ने हवा की गुणवत्ता में सुधार के लिहाज़ से अगले कुछ दिनों तक मौसम का रुख़ सकारात्मक रहने की अपेक्षा व्यक्त करते हुए स्थिति में सुधार आने का आश्वासन दिया है.
उल्लेखनीय है कि दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में सोमवार को हवा की गति में इज़ाफ़े और धूप निकलने के बाद वायुमंडल में जमा दूषित तत्वों की धुंध से राहत मिली है. हालांकि वायु गुणवत्ता सूचकांक अभी भी गंभीर श्रेणी में बना हुआ है. बैठक में दिल्ली के मुख्य सचिव ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण रोकने के लिए सड़कों पर पानी का छिड़काव और निर्माण गतिविधियों पर रोक लगाने सहित अन्य उपायों की जानकारी दी.
मिश्रा ने दिल्ली सरकार और एनसीआर से संबद्ध अन्य राज्य सरकारों से हवा की गुणवत्ता को बिगड़ने से रोकने के लिये एहतियाती उपायों को जारी रखने के लिए कहा है. साथ ही उन्होंने वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर होने की आशंका उत्पन्न होने पर ही तत्काल कार्रवाई के लिए प्रभावी तंत्र विकसित करने की ज़रूरत पर भी बल दिया. |
देश की राजधानी में स्थित इंडिया गेट के पास एक वॉर मेमोरियल (युद्ध स्मारक) के डिजाइन के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने लोगों से डिजाइन मंगाए हैं. सरकार ने इसके लिए पुरस्कार की भी घोषणा की है. इसीलिए सरकार ने इसके लिए प्रतियोगिता भी घोषित की है.
यह प्रतियोगिता द्विस्तरीय होगी. पहले स्तर में भेजी गई सभी प्रविष्टियों में से केवल 9 का चयन किया जाएगा जिन्हें दूसरे स्तर में भाग लेने के लिए मान्य घोषित किया जाएगा. पहले स्तर की प्रविष्टियां https://www.mygov.in/ पर भेजी जा सकेंगी. यह बात रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कही है.
विज्ञप्ति के अनुसार पहले स्तर पर चुने गए सभी नौ लोगों को 2,000 अमेरिकी डॉलर इनाम के तौर पर दिए जाएंगे और अंत में जिसके डिजाइन का चयन किया जाएगा उसे 30,000 अमेरिकी डॉलर बतौर इनाम दिया जाएगा.
समय बरबाद किए बगैर सभी इच्छुक लोग इसकी तैयारी शुरू कर दें क्योंकि ऑनलाइन डिजाइन देने की अंतिम तारीख 15 सितंबर है. देश में तमाम जगहों पर अपनी ड्यूटी करते हुए करीब 22,500 सुरक्षाकर्मियों ने अपनी जान देश पर न्योछावर की है. पिछले साल सरकार करीब 500 करोड़ रुपये इस प्रोजेक्ट के लिए मंजूरी दी थी.
पिछले साल सरकार के एक बयान में कहा गया था कि इस मेमोरियल से देश के लोगों में राष्ट्रभक्ति की भावना जागेगी और यह देश के नागरिकों के मन में बहादुर सैनिकों के मातृभूमि की सेवा में बलिदान के प्रति श्रद्धांजलि देने का एक माध्यम बनेगा.
पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा था कि वॉर मेमोरियल देश पर अपनी जान न्योछावर करने वाले बहादुर सैनिकों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.टिप्पणियां
सरकार ने जोर देकर कहा था कि इस मेमोरियल में केवल उन्हीं शहीदों का नाम नहीं होगा जिन्होंने लड़ाई में जान दी हैं बल्कि उनके भी नाम होंगे जिन्होंने आतंकियों से लोहा लेते हुए अपने प्राण देश के लिए समर्पित कर दिए.
सरकार ने कहा है : इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले डिजाइन से जुड़े कुछ आवश्यक बातों को ठीक से पढ़ लें और http://nationalwarmemorialofindia.org/ और https://www.mygov.in/ पर अपने को रजिस्टर कर लें. दोनों ही जगह पर वही ई-मेल आईडी और संपर्क का नंबर दें. किसी प्रकार के प्रश्न होने पर [email protected] पर संपर्क कर सकते हैं.
यह प्रतियोगिता द्विस्तरीय होगी. पहले स्तर में भेजी गई सभी प्रविष्टियों में से केवल 9 का चयन किया जाएगा जिन्हें दूसरे स्तर में भाग लेने के लिए मान्य घोषित किया जाएगा. पहले स्तर की प्रविष्टियां https://www.mygov.in/ पर भेजी जा सकेंगी. यह बात रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कही है.
विज्ञप्ति के अनुसार पहले स्तर पर चुने गए सभी नौ लोगों को 2,000 अमेरिकी डॉलर इनाम के तौर पर दिए जाएंगे और अंत में जिसके डिजाइन का चयन किया जाएगा उसे 30,000 अमेरिकी डॉलर बतौर इनाम दिया जाएगा.
समय बरबाद किए बगैर सभी इच्छुक लोग इसकी तैयारी शुरू कर दें क्योंकि ऑनलाइन डिजाइन देने की अंतिम तारीख 15 सितंबर है. देश में तमाम जगहों पर अपनी ड्यूटी करते हुए करीब 22,500 सुरक्षाकर्मियों ने अपनी जान देश पर न्योछावर की है. पिछले साल सरकार करीब 500 करोड़ रुपये इस प्रोजेक्ट के लिए मंजूरी दी थी.
पिछले साल सरकार के एक बयान में कहा गया था कि इस मेमोरियल से देश के लोगों में राष्ट्रभक्ति की भावना जागेगी और यह देश के नागरिकों के मन में बहादुर सैनिकों के मातृभूमि की सेवा में बलिदान के प्रति श्रद्धांजलि देने का एक माध्यम बनेगा.
पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा था कि वॉर मेमोरियल देश पर अपनी जान न्योछावर करने वाले बहादुर सैनिकों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.टिप्पणियां
सरकार ने जोर देकर कहा था कि इस मेमोरियल में केवल उन्हीं शहीदों का नाम नहीं होगा जिन्होंने लड़ाई में जान दी हैं बल्कि उनके भी नाम होंगे जिन्होंने आतंकियों से लोहा लेते हुए अपने प्राण देश के लिए समर्पित कर दिए.
सरकार ने कहा है : इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले डिजाइन से जुड़े कुछ आवश्यक बातों को ठीक से पढ़ लें और http://nationalwarmemorialofindia.org/ और https://www.mygov.in/ पर अपने को रजिस्टर कर लें. दोनों ही जगह पर वही ई-मेल आईडी और संपर्क का नंबर दें. किसी प्रकार के प्रश्न होने पर [email protected] पर संपर्क कर सकते हैं.
विज्ञप्ति के अनुसार पहले स्तर पर चुने गए सभी नौ लोगों को 2,000 अमेरिकी डॉलर इनाम के तौर पर दिए जाएंगे और अंत में जिसके डिजाइन का चयन किया जाएगा उसे 30,000 अमेरिकी डॉलर बतौर इनाम दिया जाएगा.
समय बरबाद किए बगैर सभी इच्छुक लोग इसकी तैयारी शुरू कर दें क्योंकि ऑनलाइन डिजाइन देने की अंतिम तारीख 15 सितंबर है. देश में तमाम जगहों पर अपनी ड्यूटी करते हुए करीब 22,500 सुरक्षाकर्मियों ने अपनी जान देश पर न्योछावर की है. पिछले साल सरकार करीब 500 करोड़ रुपये इस प्रोजेक्ट के लिए मंजूरी दी थी.
पिछले साल सरकार के एक बयान में कहा गया था कि इस मेमोरियल से देश के लोगों में राष्ट्रभक्ति की भावना जागेगी और यह देश के नागरिकों के मन में बहादुर सैनिकों के मातृभूमि की सेवा में बलिदान के प्रति श्रद्धांजलि देने का एक माध्यम बनेगा.
पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा था कि वॉर मेमोरियल देश पर अपनी जान न्योछावर करने वाले बहादुर सैनिकों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.टिप्पणियां
सरकार ने जोर देकर कहा था कि इस मेमोरियल में केवल उन्हीं शहीदों का नाम नहीं होगा जिन्होंने लड़ाई में जान दी हैं बल्कि उनके भी नाम होंगे जिन्होंने आतंकियों से लोहा लेते हुए अपने प्राण देश के लिए समर्पित कर दिए.
सरकार ने कहा है : इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले डिजाइन से जुड़े कुछ आवश्यक बातों को ठीक से पढ़ लें और http://nationalwarmemorialofindia.org/ और https://www.mygov.in/ पर अपने को रजिस्टर कर लें. दोनों ही जगह पर वही ई-मेल आईडी और संपर्क का नंबर दें. किसी प्रकार के प्रश्न होने पर [email protected] पर संपर्क कर सकते हैं.
समय बरबाद किए बगैर सभी इच्छुक लोग इसकी तैयारी शुरू कर दें क्योंकि ऑनलाइन डिजाइन देने की अंतिम तारीख 15 सितंबर है. देश में तमाम जगहों पर अपनी ड्यूटी करते हुए करीब 22,500 सुरक्षाकर्मियों ने अपनी जान देश पर न्योछावर की है. पिछले साल सरकार करीब 500 करोड़ रुपये इस प्रोजेक्ट के लिए मंजूरी दी थी.
पिछले साल सरकार के एक बयान में कहा गया था कि इस मेमोरियल से देश के लोगों में राष्ट्रभक्ति की भावना जागेगी और यह देश के नागरिकों के मन में बहादुर सैनिकों के मातृभूमि की सेवा में बलिदान के प्रति श्रद्धांजलि देने का एक माध्यम बनेगा.
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सरकार ने कहा है : इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले डिजाइन से जुड़े कुछ आवश्यक बातों को ठीक से पढ़ लें और http://nationalwarmemorialofindia.org/ और https://www.mygov.in/ पर अपने को रजिस्टर कर लें. दोनों ही जगह पर वही ई-मेल आईडी और संपर्क का नंबर दें. किसी प्रकार के प्रश्न होने पर [email protected] पर संपर्क कर सकते हैं.
पिछले साल सरकार के एक बयान में कहा गया था कि इस मेमोरियल से देश के लोगों में राष्ट्रभक्ति की भावना जागेगी और यह देश के नागरिकों के मन में बहादुर सैनिकों के मातृभूमि की सेवा में बलिदान के प्रति श्रद्धांजलि देने का एक माध्यम बनेगा.
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सरकार ने कहा है : इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले डिजाइन से जुड़े कुछ आवश्यक बातों को ठीक से पढ़ लें और http://nationalwarmemorialofindia.org/ और https://www.mygov.in/ पर अपने को रजिस्टर कर लें. दोनों ही जगह पर वही ई-मेल आईडी और संपर्क का नंबर दें. किसी प्रकार के प्रश्न होने पर [email protected] पर संपर्क कर सकते हैं.
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सरकार ने कहा है : इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले डिजाइन से जुड़े कुछ आवश्यक बातों को ठीक से पढ़ लें और http://nationalwarmemorialofindia.org/ और https://www.mygov.in/ पर अपने को रजिस्टर कर लें. दोनों ही जगह पर वही ई-मेल आईडी और संपर्क का नंबर दें. किसी प्रकार के प्रश्न होने पर [email protected] पर संपर्क कर सकते हैं.
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सरकार ने कहा है : इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले डिजाइन से जुड़े कुछ आवश्यक बातों को ठीक से पढ़ लें और http://nationalwarmemorialofindia.org/ और https://www.mygov.in/ पर अपने को रजिस्टर कर लें. दोनों ही जगह पर वही ई-मेल आईडी और संपर्क का नंबर दें. किसी प्रकार के प्रश्न होने पर [email protected] पर संपर्क कर सकते हैं.
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यह लेख है: कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि एंडोसल्फान कीटनाशक पर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध लगाना व्यावहारिक नहीं है। एंडोसल्फान को स्वास्थ्य के लिए खतरनाक माना जाता है। इस कीटनाशक को 1950 में पेश किया गया था। इसका सब्जियों, फलों, धान, कपास, काजू, चाय, कॉफी और तंबाकू जैसी 70 फसलों में इस्तेमाल होता है। केरल में इस कीटनाशक पर 2003 से प्रतिबंध है। कर्नाटक सरकार ने भी दो माह पूर्व इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। पवार ने बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान इस बारे में पूछे जाने पर कहा, यदि हमें एंडोसल्फान पर राष्ट्रव्यापी पाबंदी लगानी है, तो इसके लिए अन्य राज्यों से भी विचार-विमर्श करना होगा। हम सिर्फ किसी एक के आग्रह पर इस पर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध नहीं लगा सकते हैं। पिछले दो दशक के दौरान कई देशों ने एंडोसल्फान के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले नुकसान को स्वीकार किया है और इसके इस्तेमाल को प्रतिबंधित कर दिया है। देश में एंडोसल्फान का सालाना उत्पादन 9,000 टन है। इसी बीच, कृषि मंत्री ने सहकारिताओं को भारतीय कृषि जगत का मजबूत खंभा बताते हुए वित्त मंत्री से प्रणव मुखर्जी से इनको आयकर छूट देने का आग्रह किया है। पवार ने राज्य के सहकारिता मंत्रियों की राष्ट्रीय स्तर की बैठक को संबोधित करते हुए कहा, मैंने वित्त मंत्री को पत्र लिखकर सहकारी सोसायटियों को आयकर से मुक्त करने का आग्रह किया है। देश में सहकारी सोसायटियों की संख्या छह लाख है और इनके सदस्यों की संख्या 25 करोड़ है। |
ट्रेनों के लगातार दुर्घटनाग्रस्त होने के चलते रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अब एयर इंडिया के CMD अश्विनी लोहानी बोर्ड के अगले चेयरमैन का पदभार संभालेंगे. दरअसल बार-बार हो रहे हादसों के कारण भारतीय रेल विभाग निशाने पर था, जिसके बाद मित्तल का यह इस्तीफा सामने आया है. वहीं, अब
दरअसल रेलवे बोर्ड के चेयरमैन पद पर एके मित्तल का दो साल का एक्सटेंशन मिला था, जिसके बाद उन्हें 31 जुलाई 2018 तक इस पद पर बने रहना था. हालांकि
उत्कल एक्सप्रेस रेल हादसे के पीछे मानवीय चूक
सामने आने के बाद से ही लोगों में भारतीय रेल और रेलमंक्षी सुरेश प्रभु को लेकर भारी नाराजगी थी.
वहीं सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री कार्यालय भी सख्त कार्रवाई के पक्ष में बताया जा रहा था. ऐसे में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन मित्तल पर गाज गिरनी तय मानी जा रही थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मित्तल पिछले कुछ दिनों से स्वाइन फ्लू से बीमार होने के कारण छुट्टी पर थे. हालांकि इसके बावजूद वे बुधवार को रेल भवन पहुंचे और जरूरी फाइलें निपटाने के बाद रेलमंत्री सुरेश प्रभु को अपना इस्तीफा सौंप दिया.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में बुधवार देर रात
कैफियत एक्सप्रेस के 10 डिब्बे पटरी से उतर
गए. आजमगढ़ से दिल्ली आ रही इस ट्रेन के हादसे के शिकार होने के कारण कम से कम 74 लोग घायल हो गए. यूपी में पिछले पांच दिनों के अंदर यह दूसरी बड़ी ट्रेन दुर्घटना है. इससे पहले उत्कल एक्सप्रेस मुजफ्फरनगर के खतौली के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें 24 लोगों की मौत हो गई. इस हादसे में रेल अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई थी. |
मध्य प्रदेश के भिंड में एक हेड कांस्टेबल को थाना प्रभारी (एसएचओ) ने नाली साफ करने का आदेश दे दिया. यह बात कांस्टेबल को इस कदर नागवार गुजरी की उसने जहर खाकर सुसाइड करने की कोशिश की. पीड़ित कांस्टेबल की हालत गंभीर बताई जा रही है.
घटना भिंड के रौन थाने की है. यहां तैनात हेड कांस्टेबल रामकुमार शुक्ला को सोमवार सुबह थाना प्रभारी ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत नाली साफ करने का आदेश दिया. जिसे
कांस्टेबल
ने मानने से इनकार कर दिया. इस बात पर थाना प्रभारी और कांस्टेबल रामकुमार शुक्ला के बीच विवाद हुआ.
जहर खाने से पहले मीडिया से हेड कांस्टेबल शुक्ला ने कहा कि नाली साफ न करने पर थाना प्रभारी ने एसपी ऑफिस में मेरी शिकायत की. जब एसपी से मैंने बात की तो उन्होंने मुझे लाइन अटैच होने कहा. मैंने अपना पक्ष भी रखा, लेकिन उन्होंने नहीं सुनी.
बताया जा रहा है कि हालत बिगड़ने पर रामकुमार को जिला अस्पताल ले जाया गया. जहां से उन्हें ग्वालियर रेफर किया गया.हालांकि, हेड कांस्टेबल शुक्ला के आरोपों को भिंड पुलिस ने सिरे से खारिज कर दिया है. एसपी अनिल कुशवाह ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. |
वियतनामी सीका हिरण (Vietnamese sika deer) सीका हिरण की एक उपजाति है। यह सीका हिरणों की अन्य उपजातियों से आकार में छोटी है और इसका कारण इसके निवास-क्षेत्र का गरम वातावरण माना जाता है। यह हिरण पहले उत्तरी वियतनाम और दक्षिणपश्चिमी चीन में मिला करते थे लेकिन अब जंगलों से विलुप्त हो गए हैं और केवल चिड़ियाघरों और बंद उद्यानों में पाए जाते हैं। इन्हें फिर से वियतनाम में फैलाने की योजना बन रही है। वियतनाम के न्गे ऐन (Nghệ An) और हा तन्ह (Hà Tĩnh) प्रान्तों में लगभग १०,००० वियतनामी सीका हिरण का बाक़ायदा पशु पालन हो रहा है क्योंकि इनके सींगों को पीसकर पारंपरिक दवाईयाँ बनाई जाती हैं।
इन्हें भी देखें
हिरण
विलुप्ति
सन्दर्भ
हिरण
एशिया के स्तनधारी
स्तनधारी
सर्वस |
पीएम नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi) ने कहा कि हमारे देश में कोई भी सरकार हो, वो संसद में कानून बनाकर, देश की भलाई के लिए काम करती है. किसी भी दल की सरकार हो, किसी भी गठबंधन की सरकार हो.. यह कार्य निरंतर चलता रहता है. कानून बनाते समय काफी बहस होती है, चिंतन-मनन होता है, उसकी आवश्यकता को लेकर गंभीर पक्ष रखे जाते हैं. इस प्रक्रिया से गुजरकर जो कानून बनता है, वो पूरे देश के लोगों का भला करता है. लेकिन कोई कल्पना नहीं कर सकता कि संसद इतनी बड़ी संख्या में कानून बनाए और वह देश के एक हिस्से में लागू ही नहीं हो.पीएम मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में फिर चुनाव होंगे, यहां फिर विधायक चुने जाएंगे और मुख्यमंत्री व मंत्रिमंडल होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi) ने गुरुवार को देश के नागरिकों को टेलीविजन के जरिए संबधित किया. पीएम नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi) का हाल ही में जम्मू-कश्मीर को लेकर संसद में लिए गए ऐतिहासिक फैसले के बाद यह राष्ट्र के नाम पहला संबोधन है. जम्मू-कश्मीर के लिए लागू संविधान के आर्टिकल 370 के करीब सभी प्रावधान हटा दिए गए हैं और इसके साथ ही इसमें शामिल आर्टिकल 35 ए भी समाप्त हो गया है.
पीएम मोदी ने देश वासियों से कहा कि देश के अन्य राज्यों में सफाई कर्मचारियों के लिए सफाई कर्मचारी एक्ट लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर के सफाई कर्मचारी इससे वंचित थे. देश के अन्य राज्यों में दलितों पर अत्याचार रोकने के लिए सख्त कानून लागू हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ऐसा नहीं था. देश के अन्य राज्यों में अल्पसंख्यकों के हितों के संरक्षण के लिए माइनॉरिटी एक्ट लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ऐसा नहीं था. देश के अन्य राज्यों में श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए मिनिमम वेजेस एक्ट लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में यह सिर्फ कागजों पर ही मिलता था. नई व्यवस्था में केंद्र सरकार की ये प्राथमिकता रहेगी कि राज्य के कर्मचारियों को, जम्मू-कश्मीर पुलिस को, दूसरे केंद्र शासित प्रदेश के कर्मचारियों और वहां की पुलिस के बराबर सुविधाएं मिलें.
प्रधानमंत्री ने कहा कि जल्द ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में केंद्रीय और राज्य के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इससे स्थानीय नौजवानों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे. केंद्र की पब्लिक सेक्टर यूनिट्स और प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों को भी रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. हमने जम्मू-कश्मीर प्रशासन में एक नई कार्यसंस्कृति लाने, पारदर्शिता लाने का प्रयास किया है. इसी का नतीजा है कि IIT, IIM, एम्स, हों, तमाम इरिगेशन प्रोजेक्ट्स हों, पावर प्रोजेक्ट्स हों, या फिर एंटी करप्शन ब्यूरो, इन सबके काम में तेजी आई है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आप यह जानकर चौंक जाएंगे कि जम्मू-कश्मीर में दशकों से, हजारों की संख्या में ऐसे भाई-बहन रहते हैं, जिन्हें लोकसभा के चुनाव में तो वोट डालने का अधिकार था, लेकिन वे विधानसभा और स्थानीय निकाय के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते थे. ये वे लोग हैं जो बंटवारे के बाद पाकिस्तान से भारत आए थे. क्या इन लोगों के साथ अन्याय ऐसे ही चलता रहता?
नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम सभी चाहते हैं कि आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव हों, नई सरकार बने, मुख्यमंत्री बनें. मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को भरोसा देता हूं कि आपको बहुत ईमानदारी के साथ, पूरे पारदर्शी वातावरण में अपने प्रतिनिधि चुनने का अवसर मिलेगा. जैसे पंचायत के चुनाव पारदर्शिता के साथ संपन्न कराए गए, वैसे ही विधानसभा के भी चुनाव होंगे. मैं राज्य के गवर्नर से यह भी आग्रह करूंगा कि ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल का गठन, जो पिछले दो-तीन दशकों से लंबित है, उसे पूरा करने का काम भी जल्द से जल्द किया जाए.
उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि अब अनुच्छेद 370 हटने के बाद, जब इन पंचायत सदस्यों को नई व्यवस्था में काम करने का मौका मिलेगा तो वे कमाल कर देंगे. मुझे पूरा विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर की जनता अलगाववाद को परास्त करके नई आशाओं के साथ आगे बढ़ेगी. पीएम मोदी ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर की जनता, गुड गवर्नेंस और पारदर्शिता के वातावरण में, नए उत्साह के साथ अपने लक्ष्यों को प्राप्त करेगी.
गैरतलब है कि भारतीय संसद के इस फैसले के बाद से पाकिस्तान की ओर से तनावपूर्ण प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. पाकिस्तान ने भारत के साथ रजनयिक और व्यापारिक संबंध समाप्त करने की घोषणा कर दी है. दोनों देशों के बीच चलने वाली ट्रेन समझौता एक्सप्रेस की परिचालन भी बंद कर दिया है. पाकिस्तान ने अपने देश में भारतीय फिल्मों की स्क्रीनिंग पर रोक लगा दी है. इसके अलावा पाकस्तान ने धमकी दी है कि वह आर्टिकल 370 हटाए जाने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के मामले को संयुक्त राष्ट्र में लेकर जाएगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने अंतिम बार देश को लोकसभा चुनाव से पहले 27 मार्च को सैटेलाइट रोधी मिसाइल द्वारा एक जीवित सैटेलाइट को मार गिराने की क्षमता की घोषणा करते हुए राष्ट्र को संबोधित किया था. |
गति सीमा का उपयोग मोटर चालित वाहनों और कानूनों के कार्यान्वयन दोनों से पहले होता है। ऑटोमोबाइल के आविष्कार का सामना करते हुए, कई देशों ने गति सीमा कानून बनाए और उन्हें लागू करने के लिए उचित उपाय किए। यूके में लोकोमोटिव अधिनियम ने वाहनों के लिए गति सीमा निर्धारित की, और बाद में प्रवर्तन विधियों को संहिताबद्ध किया। 1861 में पारित पहला लोकोमोटिव अधिनियम, निर्जन क्षेत्रों में 10 मील प्रति घंटा (16 किमी/घंटा) और शहरों के भीतर 5 मील प्रति घंटा (8.0 किमी/घंटा) की गति सीमा निर्धारित करता था। इस अधिनियम में कानून के उल्लंघन के लिए जुर्माने का मूल्य भी शामिल था। |
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में शुक्रवार को तेज़ रफ़्तार एक कार राष्ट्रीय राजमार्ग-28 के किनारे खड़ी ट्रक में जा टकराई जिससे कार में सवार 4 यात्रियों की मौके पर मौत हो गई. एक यात्री गंभीर रूप से घायल है. घटना नगर कोतवाली इलाके की है.
ये सभी लोग स्विफ्ट डिजायर कार से देवरिया से लखनऊ जा रहे थे. ये सभी एसबीआई ग्राहक सेवा की केंद्र बैठक में हिस्सा लेने जा रहे थे और वहां से इन्हें ग्राहक सेवा केंद्र के संचालन के लिए कोड भी मिलना था. चारों मृतक देवरिया के रहने वाले थे जिनका नाम क्रमशः पवन मिश्रा, नागेंद्र मिश्रा, शैलेष पासवान और राजीव शर्मा है.
कार की रफ़्तार इतनी तेज थी कि वह अनियंत्रित होकर ट्रक में जा घुसी. कार के परखच्चे उड़ गए और उसमें सवार चार लोगों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई. हालांकि पांचवां यात्री राणाप्रताप सिंह बाल बाल बच गया.
मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतकों के शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा दिया है और
घायल युवक
को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया है. घायल राणाप्रताप के अनुसार ये सभी देवरिया जनपद के रहने वाले हैं. सभी भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक हैं जो बैंक कार्य से लखनऊ शाखा में मीटिंग के लिए जा रहे थे. अचानक पीछे से किसी वाहन की टक्कर से कार अनियंत्रित होकर हाइवे किनारे खड़े ट्रक में जा घुसी, जिससे बड़ा हादसा हो गया.
वहीं जिस ट्रक से टक्कर हुई है उसके ड्राइवर का कहना है कि हमारा
ट्रक किनारे
खड़ा था. पीछे से आती तेज़ रफ़्तार कार हमारे ट्रक से जा टकराई, जिससे मौके पर ही 4 लोगों की मौत हो गयी.
बता दें कि बाराबंकी प्रशासन की लापरवाही से हाइवे किनारे खड़े वाहनों में आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं. प्रशासन इससे सबक नहीं ले रहा. |
दिल्ली में 16 दिसंबर की रात गैंगरेप
की शिकार हुई पैरा मेडिकल छात्रा के
पिता बद्री नाथ सिंह
ने कहा कि वह चाहते हैं कि दुनिया उनकी बेटी का नाम जाने क्योंकि उसने अदम्य साहस दिखाकर ‘राष्ट्र की अंतरात्मा को जगाया.’
देश की बहादुर बेटी के पिता ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि मीडिया उनकी बेटी का उल्लेख गैंगरेप पीड़ता के रूप में कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘हमें दुख होता है जब उसे गैंगरेप पीड़िता कहा जाता है. वह देश की बिटिया है. हम चाहते हैं कि लोग उसका नाम जानें. वह सचमुच बहादुर थी. उसने राष्ट्र की अंतरात्मा को जगाया. सभी आरोपियों के लिए हम मौत की सजा चाहते हैं.’
दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने आर.के. पुरम स्थित एक विज्ञान संग्रहालय का नाम लड़की के नाम पर रखने का फैसला किया गया है जहां से 16 दिसंबर की रात छात्रा और उसका दोस्त बस में सवार हुए थे.
दिल्ली बीजेपी के प्रमुख विजेंद्र गुप्ता कहा, ‘पिता ने भारतीय दंड संहिता की धारा (228 ए) के तहत यह कहकर मंजूरी दे दी है कि उन्हें उनकी बेटी के नाम का खुलासा किए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है. इसे ब्रेव हार्ट.....म्यूजियम कहा जाएगा.’
भादंसं की धारा (228 ए) गैंगरेप पीड़िता के नाम का खुलासा करने पर रोक लगाती है. इसके तहत दो साल तक की कैद और जुर्माने की सजा हो सकती है. हालांकि, परिवार द्वारा लिखित में अनुमति दिए जाने पर नाम का खुलासा किया जा सकता है.
लड़की के पिता ने कुछ सवालों का जवाब दिया और शेष सवालों का जवाब उनके साथ मौजूद उनके बेटे ने दिया. पिता ने आरोंपियों के लिए मौत की सजा की मांग की और आग्रह किया कि मीडिया उनकी निजता का सम्मान करे.
उन्होंने कहा, ‘मैं पिछले तीन दिन से नहीं सोया हूं. घर पर मीडिया के लोगों के आने की वजह से मुझे दिन में सोने का समय नहीं मिल पाता.’ सवालों की झड़ी का जवाब देते हुए लड़की के भाई ने कहा कि उनके परिवार को इस बात की चिंता नहीं है कि न्यायमूर्ति जेएस वर्मा समिति की सिफारिशों का पालन किया जाता है या नहीं.
उन्होंने कहा, ‘हम जो चाहते हैं, वह अपनी बहन के लिए न्याय चाहते हैं. हम इसे होते देखना चाहते हैं.’ लड़की के भाई ने यह भी मांग की कि नाबालिग आरोपी के साथ भी अन्य आरोपियों जैसा व्यवहार होना चाहिए जिसके बारे में माना जाता है कि सभी छह आरोपियों में उसने सबसे ज्यादा बर्बरता की.
उन्होंने कहा, ‘‘एक बार आप 14 साल की उम्र पार कर जाते हैं तो आपको पता होता है कि क्या गलत है और क्या सही. उसे स्वतंत्र नहीं छोड़ा जाना चाहिए.’ गुप्ता ने कहा कि पिता द्वारा लिखित में अनुमति दिए जाने के बाद विज्ञान संग्रहालय का नाम लड़की के नाम पर रखने में कोई कानूनी बाधा नहीं आएगी. |
पुणे और रांची एयरपोर्ट सहित देश के 10 और हवाइअड्डों पर जल्द ही घरेलू यात्रियों के हैंड बैग्स पर टैग नहीं लगाए जाएंगे. मौजूदा समय में देश में कुल 17 हवाई अड्डे स्टांप फ्री हैं, जिनमें से चार ने 9 सितंबर को ही इस प्रोटोकॉल को अपने यहां लागू किया है.
जल्द शुरू होगा ट्रायल
देश में 59 हवाई अड्डों की आतंकवादियों और सुरक्षा खतरों से रक्षा करने वाला केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) जल्द ही इस नए सिस्टम के लिए अमृतसर, चंडीगढ़, वाराणसी, उदयपुर,
नागपुर
, मंगलुरु, त्रिची, पुणे और रांची में ट्रायल शुरू करेगा.
CISF महानिदेशक ने दी जानकारी
सीआईएसएफ के महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया, 'हम लोग दस और हवाईअड्डों पर ट्रायल शुरू कर रहे हैं. जैसे ही ट्रायल सफल होगा, हम इन हवाईड्डों को इस महीने के अंत में या अगले महीने की शुरुआत में स्टांप-फ्री हैंड बैग के तहत ले आएंगे.' |
देश, दुनिया, महानगर, खेल, आर्थिक और बॉलीवुड में क्या कुछ हुआ. जानने के लिए यहां पढ़ें समय के साथ साथ खबरों का लाइव अपडेशन.
11:50 PM अहमद पटेल और सलमान खुर्शीद भी मार्च में मौजूद
11:46 PM कुछ देर में इंडिया गेट पहुंचेंगे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी
11:45 PM दिल्ली: कांग्रेस कार्यकर्ताओं समेत सैकड़ों लोग मार्च में शामिल
11:35 PM दिल्ली: मार्च के लिए मानसिंह रोड पहुंचे गुलाम नबी आजाद
11:33 PM दिल्ली: रेप कांड के खिलाफ इंडिया गेट पर कांग्रेस का मार्च शुरू
11:24 PM 11.45 बजे मार्च के लिए इंडिया गेट जाएंगे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी
11:10 PM राहुल के कैंडल मार्च को दिल्ली पुलिस से नहीं मिली इजाजत, कांग्रेस अड़ी
10:56 PM नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से गुरुद्वारा को GST दायरे से बाहर रखने का अनुरोध किया
नीतीश कुमार ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिख कर गुरुद्वारा को GST दायरे से बाहर रखने का अनुरोध किया.
10:55 PM IPL: मुंबई से मुकाबला जीतने को हैदराबाद को चाहिए 41 रन
10:00 PM यूपी में 35 IAS अधिकारियों का तबादला किया गया
09:39 PM दिल्ली: राहुल गांधी ने की कैंडल मार्च में शामिल होने की अपील
Like millions of Indians my heart hurts tonight. India simply cannot continue to treat its women the way it does. Join me in a silent, peaceful, candlelight vigil at India Gate at midnight tonight to protest this violence and demand justice.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi)
April 12, 2018
09:17 PM रेप और मर्डर मामलों के खिलाफ नया कानून बनाएंगे: महबूबा मुफ्ती
08:54 PM उपवास के बीच BJP मंत्री हरक सिंह रावत काजू खाते व जूस पीते दिखाई दिए
एक ओर जहां बीजेपी के कई विधायक और कार्यकर्ता उपवास करते नजर आए वहीं दूसरी और ऋषिकेश में आटोनोमस पीजी कॉलेज में कार्यक्रम में पहुंचे मंत्री हरक सिंह रावत काजू खाते व जूस पीते नजर आए.
08:51 PM दिल्ली: रात 12 बजे कैंडल मार्च में शामिल होंगे राहुल गांधी
08:50 PM बीजेपी सरकार में महिलाओं की असुरक्षा और शर्मनाक घटना पर कांग्रेस का मार्च
08:21 PM उन्नाव रेप केस: कल से शुरू होगी CBI जांच
08:18 PM उन्नाव रेप केस: SIT ने पीड़ित परिवार से की बातचीत
08:05 PM दिल्लीः तिलक नगर में मॉल के पास एक युवक की हत्या
08:05 PM दिल्लीः ट्रक में मिला शव, जांच में जुटी पुलिस
08:00 PM BJP MLA सुरेन्द्र सिंह: 2019 का आम चुनाव भगवान बनाम इस्लाम होगा
07:38 PM IPL: हैदराबाद ने जीता टॉस, मुंबई को मिली पहले बल्लेबाजी
07:17 PM उन्नाव रेप केस: केंद्र सरकार को मिली CBI जांच की सिफारिश
06:54 PM बिहार: गया में बीजेपी नेता की पीट-पीटकर हत्या
06:32 PM बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का हुबली में रोड शो शुरू
06:11 PM नीरव मोदी हांगकांग या कहीं और गिरफ्तार नहीं हुएः नीरव के वकील
05:41 PM रेप पीड़िता के प्रति आपत्तिजनक बयान देने वाले बीजेपी विधायक को नोटिस
राष्ट्रीय महिला आयोग उन्नाव रेप केस की पीड़िता को लेकर आपत्तिजनक बयान देने वाले बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह को नोटिस जारी करने की तैयारी में.
05:31 PM पीएम मोदी 16 अप्रैल को स्वीडन, 17 को लंदन के दौरे पर
05:21 PM उन्नाव रेप केसः डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या-पुलिस को दी गई पूरी छूट
05:20 PM उन्नाव रेप केसः डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या-आरोपियों पर सख्त कार्यवाही
05:07 PM कठुआ और उन्नाव रेप केस पर बोलीं मीनाक्षी लेखी- अपराधी को छोड़ा नहीं जाएगा
05:01 PM सोनीपत में ऑनर किलिंग के मामले में 5 लोगों को उम्रकैद
05:01 PM मा-बाप, बहन और दो चाचाओं को सुनाई उम्र कैद की सजा
05:01 PM मृतक लड़की के दादा की शिकायत पर हुआ था केस दर्ज
04:49 PM जम्मू बार एसोसिएशन की हड़ताल 17 अप्रैल तक बढ़ी
04:40 PM नवजोत सिंह सिद्धू की याचिका पर पंजाब सरकार की तरफ से बहस पूरी
04:40 PM पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि हाईकोर्ट के फैसले को बहाल रखा जाए
04:40 PM हाईकोर्ट सिद्धू को सुना चुकी है 3 साल की सजा
04:30 PM कांग्रेस का हाथ निशान वापस लिया जाएः बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय
04:30 PM बीजेपी नेता की मांग पर सुनवाई 18 अप्रैल को की जाएगी
04:30 PM बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय चुनाव आयोग को लिखा पत्र
04:15 PM भारत केमिकल हथियारों के इस्तेमाल के खिलाफः विदेश मंत्रालय
04:10 PM चेन्नई: पीएम मोदी का विरोध कर रहे 3000 लोग हिरासत में लिए गए
04:08 PM मेहुल चोकसी को लेकर विदेश मंत्रालय ने अमेरिका को लिखा पत्र
04:08 PM अमेरिका में दिखे थे पीएनबी बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी
03:57 PM सेंसेक्स फिर 34000 के पार बंद, निफ्टी 10458 पर
बढ़त के साथ शेयर बाजार बंद, 160 अंकों की बढ़त के साथ सेंसेक्स 34,101 और निफ्टी 41 अंकों की बढ़त के साथ 10,458 पर बंद.
03:53 PM उन्नाव रेप केस: इलाहाबाद हाईकोर्ट कल दोपहर 2 बजे सुनाएगा फैसला
03:42 PM हरियाणा: फतेहाबाद में फिल्म 'बाबा नानक शाह फकीर' नहीं होगी रिलीज
03:39 PM उन्नाव रेप केस: हाईकोर्ट ने सरकार के जवाब पर जताई नराजगी
03:37 PM उन्नाव रेप केस पर सरकार बोली- विधायक के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं
03:34 PM कठुआ रेप केस में सीबीआई जांच कराई जाए- ज्योतिरादित्य सिंधिया
03:25 PM अंबेडकर जयंती के लिए गृह मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी
03:12 PM तेजप्रताप के लिए ऐश्वर्या राय को मैंने चुना लालू ने नहीं: राबड़ी देवी
03:06 PM राजस्थान: धौलपुर में आंधी से मरने वालों की संख्या 14 पहुंची
02:58 PM पटना: राबड़ी देवी के आवास पर सुरक्षा फिर से बहाल करने का आदेश
02:55 PM उन्नाव: विधायक की गिरफ्तारी के लिए गुलाबी गैंग ने भी किया प्रदर्शन
02:53 PM उन्नाव और कठुआ की घटनाओं पर कुछ नहीं बोलीं स्मृति ईरानी
'आजतक' संवाददाता ने केंद्रीय मंत्री से किया सवाल. बिना जवाब दिए चली गईं ईरानी.
02:50 PM बिहार: नीतीश कुमार ने राबड़ी आवास पर सभी सुरक्षा को वापस बहाल किया
02:44 PM उन्नाव गैंगरेप केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट में फिर शुरू हुई सुनवाई
02:42 PM नानक शाह फकीर मामला: SC ने शुक्रवार को किया सुनवाई से इनकार
02:34 PM कर्नाटकः कांग्रेस नेता, सिद्धारमैया को बदामी से लड़ाना चाहते हैं चुनाव
02:24 PM दिल्ली: सुल्तानपुरी जूता फैक्ट्री में लगी आग पर हाइकोर्ट ने मांगी रिपोर्ट
सुल्तानपुरी के एक जूता फैक्ट्री में 9 अप्रैल को आग लग गयी थी. इस हादसे में दो नाबालिग समेत चार लोगों की मौत हुई थी.
02:17 PM दिल्लीः सीबीएसई पेपरलीक मामले एक महिला गिरफ्तार
02:14 PM कुलदीप सेंगर को पहले दिन ही गिरफ्तार करना चाहिए था: जेडीयू
02:05 PM चेन्नई: पीएम मोदी का विरोध कर रहे हैं आईआईटी के छात्र
02:04 PM CWG 2018: सुशील कुमार ने कुश्ती में गोल्ड जीता
01:54 PM पीएम मोदी 'बेटियां छुपाओ' या 'बेटियां बचाओ' का संदेश देना चाहते हैं-सिब्बल
01:43 PM उन्नाव और कठुआ की घटनाओं पर कुछ नहीं बोले अमित शाह
01:37 PM CWG 2018: फ्रीस्टाइल कुश्ती में भारत की किरण ने जीता कांस्य पदक
01:30 PM उन्नाव रेप केसः HC ने यूपी सरकार से पूछा-गिरफ्तार करना है या नहीं
01:29 PM नीरव मोदी को वापस लाने के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी-रविशंकर प्रसाद
01:27 PM उन्नाव रेप कांड: लंच के बाद दोबारा दो बजे शुरू होगी HC में सुनवाई
नई एफआईआर की जांच सीबीआई को सौंपने की राज्य सरकार ने की है संस्तुति, कोर्ट ने 2 बजे तक बताने को कहा- विधायक को गिरफ्तार करेंगे या नहीं.
01:26 PM कठुआ रेप केस: सानिया मिर्जा ने ट्वीट कर घटना की निंदा की
01:21 PM कलकत्ता हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव प्रक्रिया पर 16 अप्रैल तक रोक लगाई
01:17 PM बीजेपी जनता को बताना चाहती है कि संसद क्यों नहीं चली: अमित शाह
01:16 PM CWG 2018: राहुल अवारे ने फ्रीस्टाइल कुश्ती में जीता गोल्ड मेडल
01:11 PM कावेरी जल विवादः तमिलनाडु में पीएम मोदी का भारी विरोध
Tamil Nadu: Tamizhaga Vazhvurimai Katchi (TVK) workers climb on the roof of Chennai airport to protest against PM Modi's visit to the state.
#CauveryProtest
pic.twitter.com/WaELfS2FYT
— ANI (@ANI)
April 12, 2018
12:52 PM पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट की 16 अप्रैल तक रोक
12:50 PM CWG 2018: कुश्ती में बबीता कुमारी ने सिल्वर मेडल जीता
12:43 PM कठुआ रेप केसः आरोपी के परिजन कर रहे हैं धरना प्रदर्शन
#Kathua
rape and murder case.: Family members of accused and Hindu Ekta Manch members stage protest in Kathua, demand CBI probe.
#JammuAndKashmir
pic.twitter.com/cgUKPBsIxu
— ANI (@ANI)
April 12, 2018
12:37 PM उन्नाव रेप केसः गुनहगार कोई भी हो बख्शा नहीं जाएगा-मुख़्तार अब्बास नकवी
12:30 PM उन्नाव रेप केस पर मनोज तिवारी- महिलाओं की सुरक्षा से समझौता नहीं
12:26 PM केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह नवादा में उपवास पर बैठे
BJP President Amit Shah holds 'dharna' in
#Karnataka
's Dharwad; BS Yeddyurappa also present,
pic.twitter.com/1denvTvQv2
— ANI (@ANI)
April 12, 2018
12:25 PM धारवाड़ (कर्नाटक): बीजेपी के राष्ट्रव्यापी विरोध-प्रदर्शन में शामिल हुए अमित शाह
12:22 PM उन्नाव रेप मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में शुरू हुई सुनवाई
यूपी सरकार की अपील पर दोपहर 12 बजे तक के लिए टली थी सुनवाई, सरकार की तरफ से एडवोकेट जनरल कोर्ट में रख रहे हैं पक्ष.
12:19 PM कावेरी जल विवादः पीएम के खिलाफ डीएमके कर रही है विरोध प्रदर्शन
Chennai: DMK's Kanimozhi joins the party's protest against PM Modi's visit.
#CauveryProtests
pic.twitter.com/7RuYplgmNT
— ANI (@ANI)
April 12, 2018
12:12 PM के. श्रीकांत बने दुनिया के नंबर वन बैडमिंटन खिलाड़ी
श्रीकांत वर्ल्ड नंबर वन पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी बनने वाले पहले भारतीय हैं.
12:08 PM अनशन से जनता को विपक्ष का सच बता रहे हैं: डॉक्टर हर्षवर्धन
12:07 PM 10वीं का सीबीएसई का पेपरलीक मामला सुलझा-दिल्ली पुलिस
12:05 PM तमिलनाडुः डिफेंस एक्सपो में हथियारों का प्रदर्शन जारी
Demonstration of defense equipment being held at
#DefenceExpo2018
in Mahabalipuram.
#TamilNadu
pic.twitter.com/e38FcLkKcf
— ANI (@ANI)
April 12, 2018
12:03 PM महाराष्ट्रः सीएम देवेंद्र फडणवीस और पूनम महाजन उपवास पर बैठे
12:02 PM पुलवामा पुलिस थाने पर ग्रेनेड हमला, 2 पुलिसकर्मी घायल
11:52 AM उन्नाव रेप मामले के दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा-मेनका गांधी
11:39 AM लखनऊ: बसपा की ओर से एमएलसी उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर ही होंगे
11:32 AM बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी दिल्ली में उपवास पर बैठीं
11:27 AM महाराष्ट्र में उपवास पर बैठे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल
11:16 AM पुलवामा में आतंकियों से मुठभेड़ में 2 पुलिसकर्मी घायल
11:07 AM रोस्टरः शांति भूषण की याचिका पर जस्टिस चेलमेश्वर का सुनवाई से इंकार
10:57 AM गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की याचिका पर तुरंत सुनवाई से इनकार
10:56 AM महाबलीपुरमः पीएम मोदी डिफेंस एक्सपो को कर रहे संबोधित
10:51 AM केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन चांदनी चौकी पर कर रहे उपवास
10:40 AM उन्नाव रेप केस की इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज होगी सुनवाई
10:18 AM उन्नाव मामलाः रेप केस CBI को स्थानांतरित किया गया-प्रधान सचिव, यूपी
10:14 AM विधायक पर अभी सिर्फ आरोप है-DGP
10:13 AM 260 दिन बाद बीजेपी MLA के खिलाफ सरकार सख्त!
10:12 AM पुलिस ने MLA के खिलाफ जांच से झाड़ा पल्ला
10:11 AM यूपी के प्रधान सचिव ने लापरवाही की बात मानी
10:10 AM पीड़िता के पिता की मौत की जांच-प्रधान सचिव, यूपी
10:09 AM कुलदीप सिंह सेंगर का नारको टेस्ट होः सुरेंद्र सिंह, BJP विधायक
10:06 AM उन्नाव रेप केसः प्रेस कांफ्रेंस में यूपी डीजीपी ओपी सिंह भी मौजूद
10:06 AM उन्नाव रेप केसः मुख्य गृह सचिव अरविंद कुमार कर रहे प्रेस कांफ्रेंस
09:58 AM बीजेपी दिल्ली अध्यक्ष मनोज तिवारी के अनशन से सड़क जाम
09:39 AM पीएम मोदी पहुंचे चेन्नई, प्रदर्शनकारियों ने दिखाया काला झंडा
09:39 AM पीएम मोदी चेन्नई में डिफेंस एक्सपो 2018 को करेंगे संबोधित
09:37 AM पीएम मोदी पहुंचने वाले हैं चेन्नई, एयरपोर्ट पर प्रदर्शन
PM Narendra Modi to arrive in Chennai shortly, protests near the airport in Alandur area.
#CauveryProtests
pic.twitter.com/A5pYLglKwj
— ANI (@ANI)
April 12, 2018
09:27 AM नेविगेशन सैटेलाइट IRNSS-1I की लांचिंग पर पीएम ने दी बधाई
Congratulations to our scientists on the successful launch of navigation satellite IRNSS-1I by PSLV. This success will bring benefits of our space programme to the common man. Proud of team
@isro
!
— Narendra Modi (@narendramodi)
April 12, 2018
09:12 AM आंधी-पानी से फसल नुकसान, मथुरा एक्सप्रेस-वे पर किसानों का प्रदर्शन
08:37 AM रेप के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ केस दर्ज
08:24 AM राजस्थानः आंधी के साथ हुई बारिश में 12 लोगों की मौत
07:52 AM विधान परिषद चुनाव में बसपा उम्मीदवार का समर्थन करेगी सपा
07:41 AM क्या सरकार के उपवास से किसान जहर खाना बंद कर देगा-शिवसेना
07:23 AM तमिलनाडु: विपक्षी दल काले झंडे दिखाकर पीएम मोदी का करेंगे विरोध
06:31 AM प्रधानमंत्री मोदी चेन्नई में डिफेंस एक्सपो 2018 का करेंगे उद्घाटन
05:38 AM आज से कर्नाटक के 2 दिन के दौरे पर अमित शाह
04:30 AM श्रीहरिकोटा: इसरो ने नेविगेशन सैटेलाइट IRNSS-1I को किया लॉन्च
03:55 AM ब्रिटेन की प्रधानमंत्री सीरिया पर आपातकालीन कैबिनेट बैठक बुला सकती हैं
02:45 AM विपक्ष के खिलाफ बीजेपी सांसदों संग पीएम मोदी आज रखेंगे उपवास
01:56 AM उन्नाव कांड: विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व समर्थकों पर दर्ज होगी FIR
01:02 AM नोएडा: हाजीपुर अंडर पास पर पुलिस और बदमाशों में मुठभेड़
12:33 AM IPL 11: राजस्थान रॉयल्स ने दिल्ली डेयरडेविल्स को 10 रन से हराया
12:22 AM हमने कंटेंट रिव्यू में कई गलतियां की हैं: जकरबर्ग
12:18 AM मुझ पर रेप का आरोप एक साजिश है: कुलदीप सेंगर |
साउथ कोरियन कंपनी सैमसंग कल यानी 29 मार्च को अपना फ्लैगशिप स्मार्टफोन Galaxy S8 और S8 Plus लॉन्च करने की तैयारी में है. इसके लिए अमेरिका के न्यू यॉर्क में खास इवेंट आयोजित किया जाएगा. लॉन्च इवेंट रात के 8.30 बजे से शुरू होगा और हम आप तक इस इवेंट का लाइव कवरेज लेकर हाजिर होंगे. आसान शब्दों में इस लॉन्च की पल पल की जानकारियां आपको यहां मिलेंगी.
जाहिर है किसी कंपनी का फ्लैगशिप स्मार्टफोन है तो इसमें दिए
जाने वाले हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर
भी टॉप के ही होंगे. हालांकि इस स्मार्टफोन की कई कथित तस्वीरें लीक हुई हैं और संभावित हार्डवेयर के बारे में भी जानकारी मिली है. कुछ चीजें साफ हैं, जैस Galaxy S8 के दोनों वैरिएंट्स में डुअल ऐज कर्व्ड डिस्प्ले दी जाएगी. इसके अलावा पिछली बार की तरह ही इस बार भी इसमें स्नैपड्रैगन और कंपनी का अपना प्रोसेसर Exynos दिया जाएगा.
लीक्ड तस्वीरों के मुताबिक इसकी डिस्प्ले बड़ी होगी और बेजल कम होंगे. इसके अलावा इस स्मार्टफोन के साथ ही सैमसंग पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड वर्चुअल पर्सल ऐसिस्टेंट फीचर Bixby के साथ सीरी और गूगल ऐसिस्टेंट को टक्कर देगा. इसके लिए Galaxy S8 में एक खास बटन दिया जाएगा जिससे इस फीचर को ऐक्टिवेट किया जा सकेगा.
Galaxy S8 की डिस्प्ले 4K हो सकती है और
इसमें डुअल कैमरा सेटअप
भी देखने को मिल सकता है. इसके अलावा इसमें क्वॉल्कॉम स्नैपड्रैगन 835 चिपसेट और 8GB रैम होने की भी रिपोर्ट्स हैं. हालांकि ज्यादातर रिपोर्ट्स में इसमें 6GB रैम होने की बात है.
फेशियल रिकॉग्निशन फीचर भी Galaxy S8 के टॉप फीचर में से एक हो सकता है.
कैमरा की बात करें तो कंपनी ने इस बार मेगापिक्सल न बढ़ा कर सेंसर पर ध्यान दिया है. क्योंकि Galaxy S8 में 12 मेगापिक्सल का डुअल पिक्सल टेक्नॉलोजी वाला सेंसर सेटअप देखने को मिल सकता है. सेल्फी के लिए इसमें 3.7 मेगापिक्सल फ्रंट कैमरा होने की खबर है.
कीमतों की बात करें तो माना जा रहा है कि यह iPhone 8 से तो सस्ता होगा. लेकिन भारत में इसकी कीमत 65 हजार से 73 हजार के बीच हो सकती है. हालांकि अलग-अलग वैरिएंट और बाजार के हिसाब से इसकी कीमतें तय होंगी. |
क्रिसमस और जाड़ो की छुट्टियों को देखते हुए रेलवे ने स्पेशल ट्रेन चलाने का सिलसिला शुरु कर दिया है. इसके तहत बांद्रा टर्मिनल जम्मू तवी बांद्रा टर्मिनल वीकली एसी सुपरफास्ट स्पेशल ट्रेन (09021/09022) चलाई जाएगी और साथ ही इंदौर से पटना के लिए भी वीकली स्पेशल ट्रेन (09305/09306), वहीं ट्रेन नंबर 09205/09206 भावनगर जम्मूतवी भावनगर वीकली स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी, यह सभी ट्रेनों के छह-छह फेरे चलाए जाएंगे.
जानिए इन ट्रेनों की क्या रहेगी समयसारिणी :
1.
बांद्रा टर्मिनल-जम्मू तवी वीकली एसी सुपरफास्ट ट्रेन
बांद्रा टर्मिनल-जम्मू तवी वीकली एसी सुपरफास्ट ट्रेन बांद्रा टर्मिनल से 19 दिसबंर, 26 दिसंबर और 2 जनवरी को हर सोमवार को सुबह 5:10 बजे रवाना होगी और अगले दिन शाम 3:30 बजे जम्मू तवी पहुंचेगी. वहीं वापसी में 20 दिसबंर, 27 दिसंबर, 3 जनवरी को हर मंगलवार सुबह 11:15 पर जम्मू तवी से रवाना हो अगले दिन सुबह 7:35 बजे पर बांद्रा टर्मिनल पहुंचेगी.
2.
इंदौर-पटना वीकली स्पेशल ट्रेन इंदौर
इंदौर-पटना वीकली स्पेशल ट्रेन इंदौर से 18 दिसंबर, 25 दिसंबर और 1 जनवरी को हर रविवार को सुबह 10:00 बजे रवाना होकर अगले दिन दोपहर 12:35 पर पटना पहुंचेगी. वहीं वापसी की दिशा में पटना से 19 दिसंबर 26 दिसंबर और 2 जनवरी को हर सोमवार को शाम 5:25 पर रवाना होकर अगले दिन रात 9:45 पर इंदौर पहुंचेगी. इस ट्रेन में 6 डिब्बे जनरल क्लास के, 6 डिब्बे स्लीपर क्लास के, दो डिब्बे एसी-3, एक डिब्बा एसी-2 और दो डिब्बे डिसएबल फ्रेंडली सेकंड क्लास कम लगेज वैन के होंगे. यह ट्रेन दोनों दिशाओं में देवास उज्जैन, सुजलपुर, सीहोर, भैरागढ़, बीना, झांसी, कानपुर सेंट्रल, लखनऊ, वाराणसी, मुगलसराय, बक्सर, आरा और दानापुर रुकेगी.
3.
भावनगर-जम्मूतवी वीकली स्पेशल ट्रेन
भावनगर-जम्मूतवी वीकली स्पेशल ट्रेन भावनगर से 23 दिसंबर, 30 दिसंबर और 6 जनवरी को हर शुक्रवार दोपहर 2:00 बजे रवाना होकर अगले दिन रात में 1:25 बजे पर पहुंचा करेगी. वापसी की दिशा में जम्मूतवी भावनगर विकी स्पेशल ट्रेन जम्मू तवी रेलवे स्टेशन से 25 दिसंबर, 1 जनवरी और 8 जनवरी को प्रत्येक रविवार को 5:30 पर रवाना होकर अगले दिन शाम 4:40 पर भावनगर पहुंचेगी. इस ट्रेन में जनरल क्लास के डिब्बे स्लीपर क्लास के साथ डिब्बे एसी-3 के दो डिब्बे, एसी-2 का एक डिब्बा और दो डिब्बे डिसएबल फ्रेंडली सेकंड क्लास कम लगेज वैन के होंगे. |
उत्तर भारत समेत देश के कई हिस्सों में राम नवमी का त्यौहार पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. श्री राम का जन्मोत्सव वैसे तो बेहद शुभ समय होता है, लेकिन इस शुभ दिन कुछ और भी योग संयोग बन रहे हैं, जो शुभता को कई गुना बढ़ाने वाले हैं. किसी भी प्रकार की खरीदी, गृहप्रवेश और शुभ कार्यों के लिए यह विशेष संयोग लाभकारी सिद्ध होगा.
वर्षों बाद बन रहा है ऐसा शुभ संयोग
गणना के अनुसार इस बार 15 अप्रैल को श्रीराम का जन्मोत्सव, रामनवमी भी है और पुष्य नक्षत्र के साथ-साथ बुधादित्य योग का विशेष संयोग भी बन रहा है. इस रामनवमी पर उच्च का सूर्य, बुध के साथ मिलकर बुधादित्य योग बना रहा है, जो कि बेहद खास मुहूर्त है. इस दिन अबूझ मुहूर्त में पुष्य नक्षत्र भी है, जो सूर्योदय से लेकर 3 बजकर 35 मिनट तक रहेगा.
पुष्य नक्षत्र को बहुमूल्य और विशेष वस्तुओं की खरीदी के लिए बेहद शुभ माना जाता है, लेकिन इसके साथ बुधादित्य योग और रामनवमी का संयोग होने से यह
अत्यंत शुभ मुहूर्त बना रहा है.
कई वर्षों बाद यह विशेष संयोग बन रहा है.
राम नवमी की कथा
पौराणिक कथानुसार राम नवमी के ही दिन त्रेता युग में महाराज दशरथ के घर विष्णु जी के अवतार भगवान श्री राम का जन्म हुआ था. मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जन्म रावण के अंत के लिए हुआ था. श्रीराम को लोग उनके सुशासन, मर्यादित व्यवहार और सदाचार युक्त शासन के लिए याद करते हैं.
इस दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या आते हैं और प्रातःकाल सरयू नदी में स्नान कर भगवान के मंदिर में जाकर भक्तिपूर्वक उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. राम नवमी के दिन जगह-जगह रामायण का पाठ होता है. कई जगह भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और भक्त हनुमान की रथयात्रा निकाली जाती है, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं.
श्री राम नवमी पूजन विधि
नारद पुराण के अनुसार राम नवमी के दिन भक्तों को उपवास करना चाहिए. श्री राम जी की पूजा-अर्चना करने के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए और गौ, भूमि, वस्त्र आदि का दान देना चाहिए. इसके बाद भगवान श्रीराम की पूजा संपन्न करनी चाहिए. |
योगदर्शन छः आस्तिक दर्शनों (षड्दर्शन) में से एक है। इसके प्रणेता पतञ्जलि मुनि हैं। यह दर्शन सांख्य दर्शन के 'पूरक दर्शन' के नाम से प्रसिद्ध है। इस दर्शन का प्रमुख लक्ष्य मनुष्य को वह मार्ग दिखाना है जिस पर चलकर वह जीवन के परम लक्ष्य (मोक्ष) की प्राप्ति कर सके। अन्य दर्शनों की भांति योगदर्शन तत्त्वमीमांसा के प्रश्नों (जगत क्या है, जीव क्या है?, आदि) में न उलझकर मुख्यतः मोक्षप्राप्ति के उपाय बताने वाले दर्शन की प्रस्तुति करता है। किन्तु मोक्ष पर चर्चा करने वाले प्रत्येक दर्शन की कोई न कोई तात्विक पृष्टभूमि होनी आवश्यक है। अतः इस हेतु योगदर्शन, सांख्यदर्शन का सहारा लेता है और उसके द्वारा प्रतिपादित तत्त्वमीमांसा को स्वीकार कर लेता है। इसलिये प्रारम्भ से ही योगदर्शन, सांख्यदर्शन से जुड़ा हुआ है।
प्रकृति, पुरुष के स्वरूप के साथ ईश्वर के अस्तित्व को मिलाकर मनुष्य जीवन की आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक उन्नति के लिये दर्शन का एक बड़ा व्यावहारिक और मनोवैज्ञानिक रूप योगदर्शन में प्रस्तुत किया गया है। इसका प्रारम्भ पतञ्जलि मुनि के योगसूत्रों से होता है। योगसूत्रों की सर्वोत्तम व्याख्या व्यास मुनि द्वारा लिखित व्यासभाष्य में प्राप्त होती है। इसमें बताया गया है कि किस प्रकार मनुष्य अपने मन (चित) की वृत्तियों पर नियन्त्रण रखकर जीवन में सफल हो सकता है और अपने अन्तिम लक्ष्य निर्वाण को प्राप्त कर सकता है।
योगदर्शन, सांख्य की तरह द्वैतवादी है। सांख्य के तत्त्वमीमांसा को पूर्ण रूप से स्वीकारते हुए उसमें केवल 'ईश्वर' को जोड़ देता है। इसलिये योगदर्शन को 'सेश्वर सांख्य' (स + ईश्वर सांख्य) कहते हैं और सांख्य को 'निरीश्वर सांख्य' कहा जाता है।
परिचय
योगदर्शन में पुरूष तत्व केन्द्रीय विषय के रूप में प्रस्तुत हुआ है। यद्यपि पुरूष और प्रकृति दोनों की स्वतन्त्र सत्ता मानी गयी है परन्तु तात्विक रूप में पुरूष की सत्ता ही सर्वोच्च है। पुरूष के दो भेद कहे गये हैं । पुरूष को चैतन्य एवं अपरिणामी कहा गया है, किन्तु अविद्या के कारण पुरूष जड़ एवं परिणाम चित्त में स्वयं को आरोपित कर लेता है। पुरूष और चित्त के संयुक्त हो जाने पर विवेक जाता रहता है और पुरूष स्वयं को चित्त रूप में अनुभव करने लगता है। यह अज्ञान ही पुरूष के समस्त दुःखों, क्लेशों का कारण हैं। योग दर्शन का उद्देश्य पुरूष को इस दुःख से, अज्ञान से, मुक्त कराना है। इसी तथ्य को सैद्धान्तिक रूप से योग दर्शन में हेय, हेय-हेतु, हान और हानोपाय के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इन चार क्रमों में पुरूष दुःखों से मुक्ति पाता है, इसलिये योग में इसे 'चतुर्व्यूहवाद' कहा गया है एवं इस चतुर्व्यूह से मुक्त होना ही योग का परम उद्देश्य है। चतुर्व्यूहवाद की विवेचना में ही योग दर्शन में पुरूष, पुरूषार्थ और पुरूषार्थशून्यता का दर्शन प्रकट होता है। पुरूष अविद्याग्रस्त होने पर संसार-चक्र में पड़ता है और पुरूषार्थशून्यता की अवस्था को प्राप्त करता है। पुरूष का परम लक्ष्य कैवल्य की प्राप्ति है। योग में पुरूष को आत्मा का पर्याय माना गया है। अतः आत्मा, जो कि संख्या में असंख्य है, उसकी कैवल्य प्राप्ति तभी हो सकती है जब चतुर्व्यूह का पुरूषार्थ साधन कर दुःख के त्रिविध रूपों का सामाधान कर लिया जाय। दुःख के तीन रूप है - आध्यात्मिक, आधिभौतिक और आधिदैविक। पुरूषार्थशून्यता इन त्रितापों से ऊपर की अवस्था है। पुरूषार्थशून्यता के पश्चात् ही पुरूष की अपने स्वरूप की स्थिति होती है। योगदर्शन में इसे ही कैवल्य अथवा मोक्ष कहा गया है।
पतंजलि को कपिल द्वारा बताया गया सांख्यदर्शन ही अभिमत है। थोड़े में, इस दर्शन के अनुसार इस जगत् में असंख्य पुरुष हैं और एक प्रधान या मूल प्रकृति। पुरुष चित् है, प्रधान अचित्। पुरुष नित्य है और अपरिवर्तनशील, प्रधान भी नित्य है परन्तु परिवर्तनशील। दोनों एक दूसरे से सदा पृथक हैं, परन्तु एक प्रकार से एक का दूसरे पर प्रभाव पड़ता है। पुरुष के सान्निध्य से प्रकृति में परिवर्तन होने लगते हैं। वह क्षुब्ध हो उठती है। पहले उसमें महत् या बुद्धि की उत्पत्ति होती है, फिर अहंकार की, फिर मन की। अहंकार से ज्ञानेन्द्रियों और कर्मेन्द्रियों तथा पाँच तन्मात्राओं अर्थात् शब्द, स्पर्श, रूप, रस तथा गन्ध की, अन्त में इन पाँचों से आकाश, वायु, तेज, अप और क्षिति नाम के महाभूतों की। इन सबके संयोग वियोग से इस विश्व का खेल हो रहा है। संक्षेप में, यही सृष्टि का क्रम है। प्रकृति में परिवर्तन भले ही हो परन्तु पुरुष ज्यों का त्यों रहता है। फिर भी एक बात होती है। जैसे श्वेत स्फटिक के सामने रंग बिरंगे फूलों को लाने से उसपर उनका रंगीन प्रतिबिम्ब पड़ता है, इसी प्रकार पुरुष पर प्राकृतिक विकृतियों के प्रतिबिम्ब पड़ते हैं। क्रमश: वह बुद्धि से लेकर क्षिति तक से रंजित प्रतीत होता है, अपने को प्रकृति के इन विकारों से संबद्ध मानने लगता है। आज अपने को धनी, निर्धन, बलवान् दुर्बल, कुटुंबी, सुखी, दु:खी, आदि मान रहा है। अपने शुद्ध रूप से दूर जा पड़ा है। यह उसका भ्रम, अविद्या है। प्रधान से बने हुए इन पदार्थो ने उसके रूप को ढँक रखा है, उसके ऊपर कई तह खोल पड़ गई है। यदि वह इन खोलों, इन आवरणों को दूर फेंक दे तो उसका छुटकारा हो जायगा। जिस क्रम से बँधा है, उसके उलटे क्रम से बन्धन टूटेंगे। पहले महाभूतों से ऊपर उठना होगा। अन्त में प्रधान की ओर से मुँह फेरना होगा। यह बन्धन वास्तविक नहीं है, परन्तु बहुत ही दृढ़ प्रतीत होते हैं। जिस उपयोग से बंधनों को तोड़कर पुरुष अपने शुद्ध स्वरूप में स्थित हो सके उस उपाय का नाम योग है। सांख्य के आचार्यो का कहना है: यद्वा तद्वा तदुच्छिति: परमपुरुषार्थः - जैसे भी हो सके पुरुष और प्रधान के इस कृत्रिम संयोग का उच्छेद करना परम पुरुषार्थ हैं।
योग का यही दार्शनिक धरातल है: अविद्या के दूर होने पर जो अवस्था होती है उसका वर्णन विभिन्न आचार्यों और विचारकों के विभिन्न ढँग से किया है। अपने-अपने विचार के अनुसार उन्होंने उसको पृथक नाम भी दिए हैं। कोई उसे कैवल्य कहता है, कोई मोक्ष, कोई निर्वाण। ऊपर पहुँचकर जिसको जैसा अनुभव हो वह उसे उस प्रकार कहे। वस्तुत: वह अवस्था ऐसी है, यतो वाचो निवर्तते अप्राप्य मनसा सह - जहाँ मन ओर वाणी की पहुँच नहीं है। थोड़े से शब्दों में एक और बात का भी चर्चा कर देना आवश्यक है। असंख्य पुरुषों के साथ पतंजलि ने 'पुरुष विशेष' नाम से ईश्वर की सत्ता को भी माना है। सांख्य के आचार्य ऐसा नहीं मानते। वस्तुत: मानने की आवश्यकता भी नहीं है। यदि योगदर्शन में से वह थोड़े से सूत्र निकाल भी लें तो कोई अंतर नहीं पड़ता। योग की साधना की दृष्टि से ईश्वर को मानने, न मानने का विशेष महत्व नहीं है। ईश्वर की सत्ता को मानने वाले और न मानने वाले, दोनों योग में समान रूप से अधिकार रखते हैं।
यम-नियम
विद्या और अविद्या, बन्धन और उससे छुटकारा, सुख और दु:ख सब चित्त में हैं। अत: जो कोई अपने स्वरूप में स्थिति पाने का इच्छुक है उसको अपने चित्त को उन वस्तुओं से हटाने का प्रयत्न करना होगा, जो हठात् प्रधान और उसके विकारों की ओर खींचती हैं और सुख दु:ख की अनुभूति उत्पन्न करती हैं। इस तरह चित्त को हटाने तथा चित्त के ऐसी वस्तुओं से हट जाने का नाम वैराग्य है। यह योग की पहली सीढ़ी है। पूर्ण वैराग्य एकदम नहीं हुआ करता। ज्यों ज्यों व्यक्ति योग की साधना में प्रवृत्त होता है त्यों त्यों वैराग्य भी बढ़ता है और ज्यों ज्यों वेराग्य बढ़ता है त्यों त्यों साधना में प्रवृत्ति बढ़ती है। जेसा पतंजलि ने कहा है: दृष्ट और अनुश्रविक दोनों प्रकार के विषयों में विरक्ति, गांधी जी के शब्दों में अनासक्ति, होनी चाहिए। स्वर्ग आदि, जिनका ज्ञान हमको अनुश्रुति अर्थात् महात्माओं के वचनों और धर्मग्रन्थों से होता है, अनुश्रविक कहलाते हैं। योग की साधना को अभ्यास कहते हैं। इधर कई सौ वर्षो से साधुओं में इस आरम्भ में भजन शब्द भी चल पड़ा है।
चित्त जब तक इन्द्रियों के विषयों की ओर बढ़ता रहेगा, चंचल रहेगा। इन्द्रियाँ उसका एक के बाद दूसरी भोग्य वस्तु से सम्पर्क कराती रहेंगी। कितनों से वियोग भी कराती रहेंगी। काम, क्रोध, लोभ, आदि के उद्दीप्त होने के सैकड़ों अवसर आते रहेंगे। सुख दु:ख की निरन्तर अनुभूति होती रहेगी। इस प्रकार प्रधान ओर उसके विकारों के साथ जो बंधन अनेक जन्मों से चले आ रहे हैं वे दृढ़ से दृढ़तर होते चले जाएँगे। अत: चित्त को इन्द्रियों के विषयों से खींचकर अन्तर्मुखी करना होगा। इसके अनेक उपाय बताए गए हैं जिनके ब्योरे में जाने की आवश्यकता नहीं है। साधारण मनुष्य के चित्त की अवस्था क्षिप्त कहलाती है। वह एक विषय से दूसरे विषय की ओर फेंका फिरता है। जब उसको प्रयत्न करके किसी एक विषय पर लाया जाता है तब भी वह जल्दी से विषयंतर की ओर चला जाता है। इस अवस्था को विक्षिप्त कहते हैं। दीर्ध प्रयत्न के बाद साधक उसे किसी एक विषय पर देर तक रख सकता है। इस अवस्था का नाम एकाग्र है। चित्त को वशीभूत करना बहुत कठिन काम है। श्रीकृष्ण ने इसे प्रमाथि बलवत्-मस्त हाथी के समान बलवान्-बताया है।
आसन
चित्त को वश में करने में एक चीज से सहायता मिलती है। यह साधारण अनुभव की बात है कि जब तक शरीर चंचल रहता है, चित्त चंचल रहता है और चित्त की चंचलता शरीर को चंचल बनाए रहती है। शरीर की चंचलता नाड़ीसंस्थान की चंचलता पर निर्भर करती है। जब तक नाड़ीसंस्थान संक्षुब्ध रहेगा, शरीर पर इंद्रिय ग्राह्य विषयों के आधात होते रहेंगे। उन आधातों का प्रभाव मस्तिष्क पर पड़ेगा जिसके फलस्वरूप चित्त और शरीर दोनों में ही चंचलता बनी रहेगी। चित्त को निश्चल बनाने के लिये योगी वैसा ही उपाय करता है जैसा कभी-कभी युद्ध में करना पड़ता है। किसी प्रबल शत्रु से लड़ने में यदि उसके मित्रों को परास्त किया जा सके तो सफलता की संभावना बढ़ जाती है। योगी चित्त पर अधिकार पाने के लिए शरीर और उसमें भी मुख्यत: नाड़ीसंस्थान, को वश में करने का प्रयत्न करता है। शरीर भौतिक है, नाड़ियाँ भी भौतिक हैं। इसलिये इनसे निपटना सहज है। जिस प्रक्रिया से यह बात सिद्ध होती है उसके दो अंग हैं: आसन और प्राणायाम। आसन से शरीर निश्चल बनता है। बहुत से आसनों का अभ्यास तो स्वास्थ्य की दृष्टि से किया जाता है। पतंजलि ने इतना ही कहा है: स्थिर सुखमासनम् : जिसपर देर तक बिना कष्ट के बैठा जा सके वही आसन श्रेष्ठ है। यही सही है कि आसनसिद्धि के लिये स्वास्थ्य संबंधी कुछ नियमों का पालन आवश्यक है। जैसा श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है-
युक्ताहार बिहारस्य, युक्त चेष्टस्य कर्मसु।
युक्तस्वप्नावबोधस्य, योगो भवति दुःखहा॥
खाने, पीने, सोने, जागने सभी का नियन्त्रण करना होता है।
प्राणायाम
प्राणायाम शब्द के संबंध में बहुत भ्रम फैला हुआ है। इस भ्रम का कारण यह है कि आज लोग प्राण शब्द के अर्थ को प्राय: भूल गए हैं। बहुत से ऐसे लोग भी, जो अपने को योगी कहते हैं, इस शब्द के सम्बन्ध में भूल करते हैं। योगी को इस बात का प्रयत्न करना होता है कि वह अपने प्राण को सुषुम्ना में ले जाय। सुषुम्ना वह नाड़ी है जो मेरुदण्ड की नली में स्थित है और मस्त्तिष्क के नीचे तक पहुँचती है। यह कोई गुप्त चीज नहीं है। आँखों से देखी जा सकती है। करीब-करीब कनष्ठाि उँगली के बराबर मोटी होती है, ठोस है, इसमें कोई छेद नहीं है। प्राण का और साँस या हवा करनेवालों को इस बात का पता नहीं है कि इस नाड़ी में हवा के घुसने के लिये और ऊपर चढ़ने के लिये कोई मार्ग नहीं है। प्राण को हवा का समानार्थक मानकर ही ऐसी बातें कही जाती हैं कि अमुक महात्मा ने अपनी साँस को ब्रह्मांड में चढ़ा लिया। साँस पर नियंत्रण रखने से नाड़ीसंस्थान को स्थिर करने में निश्चय ही सहायता मिलती है, परंतु योगी का मुख्य उद्देश्य प्राण का नियंत्रण है, साँस का नहीं। प्राण वह शक्ति है जो नाड़ीसंस्थान में संचार करती है। शरीर के सभी अवयवों को और सभी धातुओं को प्राण से ही जीवन और सक्रियता मिलती है। जब शरीर के स्थिर होने से ओर प्राणायाम की क्रिया से, प्राण सुषुम्ना की ओर प्रवृत्त होता है तो उसका प्रवाह नीचे की नाड़ियों में से खिंच जाता है। अत: ये नाड़ियाँ बाहर के आधातों की ओर से एक प्रकार से शून्यवत् हो जाती हैं।
प्रत्याहार
प्राणायाम का अभ्यास करना और प्राणायाम में सफलता पा जाना दो अलग अलग बातें हैं। परंतु वैराग्य और तीव्र संवेग के बल से सफलता का मार्ग प्रशस्त हो जाता है। ज्यों-ज्यों अभ्यास दृढ़ होता है, त्यों-त्यों साधक के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। एक और बात होती है। वह जितना ही अपने चित्त को इंद्रियों और उनके विषयों से दूर खींचता है उतना ही उसकी ऐंद्रिय शक्ति भी बढ़ती है अर्थात् इंद्रियों की विषयों के भोग की शक्ति भी बढ़ती है। इसीलिये प्राणायाम के बाद प्रत्याहार का नाम लिया जाता है। प्रत्याहार का अर्थ है इंद्रियों को उनके विषयों से खींचना। वैराग्य के प्रसंग में यह उपदेश दिया जा चुका है परंतु प्राणायम तक पहँचकर इसकों विशेष रूप से दुहराने की आवश्यकता है। आसन, प्राणायाम और प्रत्याहार के ही समुच्चय का नाम हठयोग है।
धारणा, ध्यान, समाधि
खेद की बात है कि कुछ अभ्यासी यहीं रुक जाते हैं। जो लोग आगे बढ़ते हैं उनके मार्ग को तीन विभागों में बाँटा जाता है: धारणा, ध्यान और समाधि। इन तीनों को एक दूसरे से बिल्कुल पृथक करना असंभव है। धारण पुष्ट होकर ध्यान का रूप धारण करती है और उन्नत ध्यान ही समाधि कहलाता है। पतंजलि ने तीनों को सम्मिलित रूप से संयम कहा है। धारणा वह उपाय है जिससे चित्त को एकाग्र करने में सहायता मिलती है। यहाँ उपाय शब्द का एकवचन में प्रयोग हुआ है परंतु वस्तुत: इस काम के अनेक उपाय हैं। इनमें से कुछ का चर्चा उपनिषदों में आया है। वैदिक वाड्मय में विद्या शब्द का प्रयोग किया गया है। किसी मंत्र के जप, किसी देव, देवी या महात्मा के विग्रह या सूर्य, अग्नि, दीपशिखा आदि को शरीर के किसी स्थानविशेष जेसे हृदय, मूर्घा, तिल अर्थात दोनों आँखों के बीच के बिंदु, इनमें से किसी जगह कल्पना में स्थिर करना, इस प्रकार के जो भी उपाय किए जायँ वे सभी धारणा के अंतर्गत हैं। जैसा कि कुछ उपायों को बतलाने के बाद पतंजलि ने यह लिख दिया है - यथाभिमत ध्यानाद्वा-जो वस्तु अपने को अच्छी लगे उसपर ही चित्त को एकाग्र करने से काम चल सकता है। किसी पुराण में ऐसी कथा आई है कि अपने गुरु की आज्ञा से किसी अशिक्षित व्यक्ति ने अपनी भैंस के माध्यम से चित्त को एकाग्र करके समाधि प्राप्त की थी।
धारणा की सबसे उत्तम पद्धति वह है जिसे पुराने शब्दों में नादानुसंधान कहते हैं। कबीर और उनके परवर्ती संतों ने इसे सुरत शब्द योग की संज्ञा दी है। जिस प्रकार चंचल मृग वीणा के स्वरों से मुग्ध होकर चौकड़ी भरना भूल जाता है, उसी प्रकार साधक का चित्त नाद के प्रभाव से चंचलता छोड़कर स्थिर हो जाता है। वह नाद कौन सा है जिसमें चित्त की वृत्तियों को लय करने का प्रयास किया जाता है और यह प्रयास कैसे किया जाता है, ये बातें तो गुरुमुख से ही जानी जाती हैं। अंतर्नाद के सूक्ष्मत्तम रूप को प्रवल, ओंकार, कहते हैं। प्रणव वस्तुत: अनुच्चार्य्य है। उसका अनुभव किया जा सकता है, वाणी में व्यंजना नहीं, नादविंदूपनिषद् के शब्दों में:
ब्रह्म प्रणव संयानं, नादो ज्योतिर्मय: शिव:।
स्वयमाविर्भवेदात्मा मेयापायेऽशुमानिव॥
प्रणव के अनुसंधान से, ज्योतिर्मय और कल्याणकारी नाद उदित होता है। फिर आत्मा स्वयं उसी प्रकार प्रकट होता है, जेसे कि बादल के हटने पर चंद्रमा प्रकट होता है। आदि शब्द आंकार को परमात्मा का प्रतीक कहा जाता है। योगियों में सर्वत्र ही इसकी महिमा गाई गई है। बाइबिल के उस खंड में, जिसे सेंट जान्स गास्पेल कहते हैं, पहला ही वाक्य इस प्रकार हैं, आरंभ में शब्द था। वह शब्द परमात्मा के साथ था। वह शब्द परमात्मा था। सूफी संत कहते हैं हैफ़ दर बंदे जिस्म दरमानी, न शुनवी सौते पाके रहमानी दु:ख की बात है कि तू शरीर के बंधन में पड़ा रहता है और पवित्र दिव्य नाद को नहीं सुनता।
चित्त की एकाग्रता ज्यों ज्यों बढ़ती है त्यों त्यों साधकर को अनेक प्रकार के अनुभव होते हैं। मनुष्य अपनी इंद्रियों की शक्ति से परिचित नहीं है। उनसे न तो काम लेता है और न लेना चाहता है। यह बात सुनने में आश्चर्य की प्रतीत होती है, पर सच है। मान लीजिए, हमारी चक्षु या श्रोत्र इंद्रिया की शक्ति कल आज से कई गुना बढ़ जाय। तब न जाने ऐसी कितनी वस्तुएँ दृष्टिगोचर होने लगेंगी जिनको देखकर हम काँप उठेंगे। एक दूसरे के भीतर की रासायनिक क्रिया यदि एक बार देख पड़ जाय तो अपने प्रिय से प्रिय व्यक्ति की ओर से घृणा हो जायगी। हमारे परम मित्र पास की कोठरी में बैठे हमारे संबंध में क्या कहते हैं, यदि यह बात सुनने में आ जाय तो जीना दूभर हो जाय। हम कुछ वासनाओं के पुतले हैं। अपनी इंद्रयों से वहीं तक काम लेते हैं जहाँ तक वासनाओं की तृप्ति हो। इसलिये इंद्रियों की शक्ति प्रसुप्त रहती है परंतु जब योगाभ्यास के द्वारा वासनाओं का न्यूनाधिक शमन होता है तब इंद्रियाँ निर्बाध रूप से काम कर सकती हैं और हमको जगत् के स्वरूप के वास्तविक रूप का कुछ परिचय दिलाती हैं। इस विश्व में स्पर्श, रूप, रस और गंध का अपार भंडार भरा पड़ा है जिसकी सत्ता का हमको अनुभव नहीं हैं। अंर्तर्मुख होने पर बिना हमारे प्रयास के ही इंद्रियाँ इस भंडार का द्वार हमारे सामने खोल देती हैं। सुषुम्ना में नाड़ियों की कई ग्रंथियाँ हैं, जिनमें कई जगहों से आई हुई नाड़ियाँ मिलती हैं। इन स्थानों को चक्र कहते हैं। इनमें से विशेष रूप से छह चक्रों का चर्चा योग के ग्रंथों में आता है। सबसे नीचे मुलाधार है जो प्राय: उस जगह पर है जहाँ सुषुम्ना का आरंभ होता है। और सबसे ऊपर आज्ञा चक्र है जो तिल के स्थान पर है। इसे तृतीय नेत्र भी कहते हैं। थोड़ा और ऊपर चलकर सुषुम्ना मस्तिष्क के नाड़िसंस्थान से मिल जाती है। मस्तिष्क के उस सबसे ऊपर के स्थान पर जिसे शरीर विज्ञान में सेरेब्रम कहते हैं, सहस्रारचक्र है। जैसा कि एक महात्मा ने कहा है:
मूलमंत्र करबंद विचारी सात चक्र नव शोधै नारी।।
योगी के प्रारंभिक अनुभवों में से कुछ की ओर ऊपर संकेत किया गया है। ऐसे कुछ अनुभवों का उल्लेख श्वेताश्वर उपनिषद् में भी किया गया है। वहाँ उन्होंने कहा है कि अनल, अनिल, सूर्य, चंद्र, खद्योत, धूम, स्फुलिंग, तारे अभिव्यक्तिकरानि योगे हैंश् यह सब योग में अभिव्यक्त करानेवाले चिह्न हैं अर्थात् इनके द्वारा योगी को यह विश्वास हो सकता है कि मैं ठीक मार्ग पर चल रहा हूँ। इसके ऊपर समाधि तक पहुँचते पहुँचते योगी को जो अनुभव होते हैं उनका वर्णन करना असंभव है। कारण यह है कि उनका वर्णन करने के लिये साधारण मनुष्य को साधारण भाषा में कोई प्रतीक या शब्द नहीं मिलता। अच्छे योगियों ने उनके वर्णन के संबंध में कहा है कि यह काम वैसा ही है जैसे गूँगा गुड़ खाय। पूर्णांग मनुष्य भी किसी वस्तु के स्वाद का शब्दों में वर्णन नहीं कर सकता, फिर गूँगा बेचारा तो असमर्थ है ही। गुड़ के स्वाद का कुछ परिचय फलों के स्वाद से या किसी अन्य मीठी चीज़ के सादृश्य के आधार पर दिया भी जा सकता है, पर जैसा अनुभव हमको साधारणत: होता ही नहीं, वह तो सचमुच वाणी के परे हैं।
समाधि की सर्वोच्च भूमिका के कुछ नीचे तक अस्मिता रह जाती है। अपनी पृथक सत्ता अहम् अस्मि (मैं हूँ) यह प्रतीति रहती है। अहम् अस्मि = मैं हूँ की संतान अर्थात निरंतर इस भावना के कारण वहाँ तक काल की सत्ता है। इसके बाद झीनी अविद्या मात्र रह जाती है। उसके शय होने की अवस्था का नाम असंप्रज्ञात समाधि है जिसमें अविद्या का भी क्षय हो जाता है और प्रधान से कल्पित संबंध का विच्छेद हो जाता है। यह योग की पराकाष्ठा है। इसके आगे फिर शास्त्रार्थ का द्वार खुल जाता है। सांख्य के आचार्य कहते हैं कि जो योगी पुरुष यहाँ तक पहुँचा, उसके लिये फिर तो प्रकृति का खेल बंद हो जाता है। दूसरे लोगों के लिये जारी रहता है। वह इस बात को यों समझाते हैं। किसी जगह नृत्य हो रहा है। कई व्यक्ति उसे देख रहे हैं। एक व्यक्ति उनमें ऐसा भी है जिसको उस नृत्य में कोई अभिरुचि नहीं है। वह नर्तकी की ओर से आँख फेर लेता है। उसके लिये नृत्य नहीं के बराबर है। दूसरे के लिये वह रोचक है। उन्होंने कहा है कि उस अजा के साथ अर्थात नित्या के साथ अज एकोऽनुशेते = एक अज शयन करता है और जहात्येनाम् भुक्तभोगाम् तथान्य:-उसके भोग से तृप्त होकर दूसरा त्याग देता है।
अद्वैत वेदान्त के आचार्य सांख्यसंमत पुरुषों की अनेकता को स्वीकार नहीं करते। उनके अतिरिक्त और भी कई दार्श्निक संप्रदाय हैं जिनके अपने अलग अलग सिद्धांत हैं। पहले कहा जा चुका हैं कि इस शास्त्रार्थ में यहां पड़ने की आवश्यकता नहीं हैं। जहां तक योग के व्यवहारिक रूप की बात है उसमें किसी को विरोध नहीं है। वेदांत के आचार्य भी निर्दिध्यासन की उपयोगिता को स्वीकार करते हैं और वेदांत दर्शन में व्यास ने भी असकृदभ्यासात् ओर आसीन: संभवात् जैसे सूत्रों में इसका समर्थन किया है। इतना ही हमारे लिये पर्याप्त है।
साधारणत: योग को अष्टांग कहा जाता है परंतु यहाँ अब तक आसन से लेकर समाधि तक छह अंगों का ही उल्लेख किया गया है। शेष दो अंगों को इसलिये नहीं छोड़ा कि वे अनावश्यक हैं वरन् इसलिए कि वह योगी ही नहीं प्रत्युत मनुष्य मात्र के लिए परम उपयोगी हैं। उनमें प्रथम स्थान यम का है। इनके संबंध में कहा गया है कि यह देश काल, समय से अनवच्छिन्न ओर सार्वभौम महाब्रत हैं अर्थात् प्रत्येक मनुष्य को प्रत्येक स्थान पर प्रत्येक समय और प्रत्येक अवस्था में प्रत्येक व्यक्ति के साथ इनका पालन करना चाहिए। दूसरा अंग नियम कहलाता है। जो लोग ईश्वर की सत्ता को स्वीकार नहीं करते उनके लिये ईश्वर पर निष्ठा रखने का कोई और नहीं है। परंतु वह लोग भी प्राय: किसी न किसी ऐसे व्यक्ति पर श्रद्धा रखते हैं जो उनके लिये ईश्वर तुल्य है। बौद्ध को बुद्धदेव के प्रति जो निष्ठा है वह उससे कम नहीं है जो किसी भी ईश्वरवादी को ईश्वर पर होती होगी। एक और बात है। किसी को ईश्वर पर श्रद्धा हो या न हो, योग मार्ग के उपदेष्टा गुरु पर तो अनन्य श्रद्धा होनी ही चाहिए। योगाभ्यासी के लिये गुरु का स्थान किसी भी दृष्टि से ईश्वर से कम नहीं। ईश्वर हो या न हो परंतु गुरु के होने पर तो कोई संदेह हो ही नहीं सकता। एक साधक चरणादास जी की शिष्या सहजोबाई ने कहा है:
गुरुचरनन पर तन-मन वारूँ, गुरु न तजूँ हरि को तज डारूँ।
आज कल यह बात सुनने में आती है कि परम पुरुषार्थ प्राप्त करने के लिये ज्ञान पर्याप्त है। योग की आवश्यकता नहीं है। जो लोग ऐसा कहते हैं, वह ज्ञान शब्द के अर्थ पर गंभीरता से विचार नहीं करते। ज्ञान दो प्रकार का होता है-तज्ज्ञान और तद्विषयक ज्ञान। दोनों में अंतर है। कोई व्यक्ति अपना सारा जीवन रसायन आदि शास्त्रों के अध्ययन में बिताकर शक्कर के संबंध में जानकारी प्राप्त कर सकता है। शक्कर के अणु में किन किन रासायनिक तत्वों के कितने कितने परमाणु होते हैं? शक्कर कैसे बनाई जाती है? उसपर कौन कौन सी रासानिक क्रिया और प्रतिक्रियाएँ होती हैं? इत्यादि। यह सब शक्कर विषयक ज्ञान है। यह भी उपयोगी हो सकता है परंतु शक्कर का वास्तविक ज्ञान तो उसी समय होता है जब एक चुटकी शक्कर मुँह में रखी जाती है। यह शक्कर का तत्वज्ञान है। शास्त्रों के अध्ययन से जो ज्ञान प्राप्त होता है वह सच्चा आध्यात्मिक ज्ञान है और उसके प्रकाश में तद्विषयक ज्ञान भी पूरी तरह समझ में आ सकता हैं। इसीलिये उपनिषद् के अनुसार जब यम ने नचिकेता को अध्यात्म ज्ञान का उपदेश दिया तो उसके साथ में योगविधि च कृत्स्नम् की भी दीक्षा दी, नहीं तो नचिकेता का बोध अधूरा ही रह जाता। जो लोग भक्ति आदि की साधना रूप से प्रशंसा करते हैं उनकोश् भी यह ध्यान में रखना चाहिए कि यदि उनके मार्ग में वित्त को एकाग्र करने का कोई उपाय है तो वह वस्तुत: योग की धारणा अंग के अंतर्गत है। यह उनकी मर्जी है कि सनातन योग शब्द को छोड़कर नये शब्दों का व्यवहार करते हैं।
योग के अभ्यास से उस प्रकार की शक्तियों का उदय होता है जिनको विभूति या सिद्धि कहते हैं। यदि पर्याप्त समय तक अभ्यास करने के बाद भी किसी मनुष्य में ऐसी असाधारण शक्तियों का आगम नहीं हुआ तो यह मानना चाहिए कि वह ठीक मार्ग पर नहीं चल रहा है। परन्तु सिद्धियों में कोई जादू की बात नहीं है। इंद्रियों की शक्ति बहुत अधिक है परंतु साधारणत: हमको उसका ज्ञान नहीं होता और न हम उससे काम लेते हैं। अभयासी को उस शक्ति का परिचय मिलता है, उसको जगत् के स्वरूप के संबंध में ऐसे अनुभव होते हैं जो दूसरों को प्राप्त नहीं हैं। दूर की या छिपी हुई वस्तु को देख लेना, व्यवहृत बातों को सुन लेना इत्यादि इंद्रियों की सहज शक्ति की सीमा के भीतर की बाते हैं परंतु साधारण मनुष्य के लिये यह आश्चर्यश् का विषय हैं, इनकों सिद्धि कहा जायगा। इसी प्रकार मनुष्य में और भी बहुत सी शक्तियाँ हें जो साधारण अवस्था में प्रसुप्त रहती हैं। योग के अभ्यास से जाग उठती हैं। यदि हम किसी सड़क पर कहीं जा रहे हो तो अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए भी अनायास ही दाहिने बाएँ उपस्थित विषयों को देख लेंगे। सच तो यह है कि जो कोई इन विषयों को देखने के लिये रुकेगा वह गन्तव्य स्थान तक पहुँचेगा ही नहीं ओर बीच में ही रह जायगा। इसीलिये कहा गया है कि जो कोई सिद्धियों के लिये प्रयत्न करता है वह अपने को समाधि से वंचित करता है। पतंजलि ने कहा है:
ते समाधावुपसर्गाव्युत्थाने सिद्धयः ।
अर्थात् ये विभूतियाँ समाधि में बाधक हैं परंतु समाधि से उठने की अवस्था में सिद्धि कहलाती हैं।
सन्दर्भ
इन्हें भी देखें
योगसूत्र
भारतीय दर्शन
आस्तिक दर्शन
योग
अष्टांग योग
हठयोग
योगासन
दर्शन |
पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से बिहार की राजधानी पटना की स्वास्थ्य सेवाएं गड़बड़ा गई हैं. पीएमसीएच के लगभग 350 जूनियर डॉक्टर स्टाइपेंड में दोगुनी बढ़ोतरी की मांग को लेकर बेमियादी हड़ताल पर चले गये हैं जिससे ये हालत हुई है.
अस्पताल के 14 ऑपरेशन थियेटरों मे एक दिन में 70 ऑपरेशन रद्द करने पड़े और मरीज अचानक ही भगवान भरोसे ही छोड़ दिए गये. जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल पर जाने की सूचना न तो अस्पताल प्रशासन को दी और न ही राज्य सरकार को.
अचानक हुए इस हड़ताल से अस्पताल प्रशासन और सरकार दोनों सकते में है. इससे निपटने के लिए सरकार ने फिलहाल तमाम सीनियर डॉक्टरों की छुटी रद्द कर दी है. स्वास्थ्य विभाग ने जूनियर डॉक्टरों पर कार्रवाई का मन बनाया है. |