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पूर्वी
दिल्ली
के
गाजीपुर
लैंडफिल साइट के हादसे को शनिवार को पूरा एक साल हो गया. इस हादसे के एक साल बीत जाने के बाद भी अभी तक गाजीपुर लैंडफील साइट पर कूड़े को डालने का सिलसिला लगातार जारी है. यही वजह है जिसके चलते गाजीपुर इलाके के लोगों ने कैंडल मार्च निकालकर सरकार और प्रशासन के खिलाफ आपना विरोध दर्ज कराया.
दरअसल पिछले साल 1 सितंबर को पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर लैंडफील्ड पर कूड़े के पहाड़ का एक हिस्सा भरभर के गिर गया था जिसमें 2 लोगों की मौत और 5 लोग घायल हो गए थे लेकिन इस हादसे के एक साल बीत जाने के बाद भी अभी तक ना प्रशासन नींद से जागा है और ना ही सरकार.
पिछले साल 1 सितंबर को जब ये हादसा हुआ था, उस दौरान दिल्ली के उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार सहित एमसीडी के तमाम आला अधिकारियों ने ये फैसला किया था कि गाजीपुर की इस
लैंडफिल साइट
पर पूर्वी दिल्ली के कूड़े को डंप नहीं किया जाएगा. इसके साथ ही ये वादा किया गया था कि इस लैंडफिल साइट को पूरी तरीके से जीरो किया जाएगा. लेकिन बावजूद इसके अभी तक पूर्वी दिल्ली के तमाम इलाकों का कूड़ा इस लैंडफिल साइट पर डाला जा रहा है. जिसका इस इलाके के लोगों ने कैंडल मार्च निकाल कर सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया.
इस हादसे में अपने बेटे अभिषेक गौतम को खोने वाले महिपाल जी का कहना था कि साल भर पहले सरकार ने वादा किया था कि उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी. लेकिन अभी तक कोई नौकरी नहीं दी गई. ये परिवार तब से कोर्ट के चक्कर काट रहा है. वहीं इस हादसे में राज कुमारी की मौत हो गई थी, उसके पिता तारा चंद का कहना है कि सरकार के वादे सब झूठे थे उनका पूरा परिवार नरक में जी रहा है और सरकार मजे में.
हम आपको बता दें कि गाजीपुर लैंडफिल साइट के पास तीन कॉलोनियां हैं जिसमें गाजीपुर कॉलोनी, मुल्लाह कॉलोनी और घड़ोली गांव है. इन कॉलोनियों में तकरीबन एक लाख से ऊपर की आबादी रहती है. साल भर पहले हुए इस हादसे के बाद इस इलाके के लोग अब नारकीय जीवन जी रहे इलाके में चारों और गंदगी ही गंदगी है और बीमारियों ने अपना डेरा डालना शुरू कर दिया है. डेंगू, मलेरिया ने तो इलाके में दस्तक दे दी है.
गाजीपुर लैंडफिल साइट के पास सालों से रहने वाले अब्बास अंसारी बताते हैं कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा लगातार गाजीपुर लैंडफिल साइट पर कूड़ा डाला जा रहा है. साथ ही उनका ये भी कहना था कि एमसीडी की कारगुजारी इस कदर है कि कूड़ा लैंडफिल साइट के साथ-साथ सड़कों पर भी कूड़ा डाला जा रहा है.
इलाके के वकील सेफी बताते हैं कि एक साल बीत जाने के बावजूद इसके अभी तक ना तो सड़कों से कूड़ा हटा है और ना ही जो रेलिंग टूटी थी वो अब तक रिपेयर नहीं हो पाई है. ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. वहीं इस हादसे के बाद से कोंडली को गाजीपुर एन एच 24 को जोड़ने वाले रोड को भी एक साल से बंद कर रखा, जिससे इस इलाके में रहने वाले लोगों को परेशानी होती है.
हालांकि, गाजीपुर लैंडफिल साइट हादसे के बाद DDA द्वारा उत्तर पूर्वी दिल्ली के गोंडा गुजराल में लैंडफिल साइट के लिए जगह दी गई थी, लेकिन तमाम पॉलिटिकल पार्टियों के विरोध के बाद इस लैंडफिल साइट के प्रस्ताव को पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने कैंसिल कर दिया था. इसके बाद से अभी तक गाजीपुर लैंडफिल साइट पर कूड़ा डाला जा रहा है.
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पाकिस्तान के साथ रिश्तों को 'सदाबहार' बताना बीजिंग के उच्चाधिकारियों को खासा पसंद है. मगर हाल के हफ्तों में अच्छे मौसम की भविष्यवाणी तूफान के आने में बदल गई, जो आम तौर पर कम ही होता है. इस्लामाबाद में चीनी दूतावास ने 8 दिसंबर को एक सार्वजनिक चेतावनी जारी की. इसमें कहा गया ''आतंकवादी पाकिस्तान में चीनी संगठनों और लोगों को निशाना बनाते हुए सिलसिलेवार हमलों का मंसूबा बना रहे हैं.'' इस चेतावनी को चीनी मीडिया में भी खूब जगह मिली. शंघाई के विशेषज्ञों को कहना पड़ा कि ये हमले पाकिस्तान में चीनी निवेश को खतरे में डाल सकते हैं.
बीजिंग के दो एशियाई कूटनीतिकों के मुताबिक, इसका एक पहलू यह भी है कि 46 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के तहत चल रही परियोजनाओं की हिफाजत और दूसरे इंतजामों को लेकर चीन की बेचैनी बढ़ रही है. इस गलियारे में सड़कों और बिजली परियोजनाओं का नेटवर्क खड़ा किया जा रहा है, जो कश्गर से अरब सागर में ग्वादर बंदरगाह तक जाता है और पाक अधिकृत कश्मीर से भी गुजरता है.
मई में क्वेटा में दो चीनी नौजवानों को अगवा करके उनकी हत्या कर दी गई थी. पाकिस्तान ने उन पर दक्षिण कोरियाई मिशनरियों के लिए गैरकानूनी धर्मोपदेश का आरोप लगाया था. लेकिन चीनी मीडिया में इसकी कुछ खास कवरेज नहीं हुई थी.
बीजिंग के लिए बड़ी चिंता की बात वे मतभेद हैं जो सीपीईसी की कई परियोजनाओं को लेकर पैदा हो गए हैं. सबसे पहले पाकिस्तान ने सीपीईसी की एक योजना बैठक से कुछ दिन पहले बीजिंग को परेशान करते हुए ऐलान किया कि उसने 14 अरब डॉलर की डायमर भाषा पनबिजली परियोजना को उसके हितों के खिलाफ जाने वाली चीन की 'सख्त' वित्तीय शर्तों की वजह से वापस ले ली है.
फिर पाकिस्तान के अखबार डॉन ने खबर छापी कि रिवॉल्विंग फंड बनाने को लेकर 'सरकार के साथ मतभेदों' की वजह से एक चीनी कंपनी ने 2 अरब डॉलर की लाहौर-मटियारी ट्रांसमिशन लाइन का काम तकरीबन रोक दिया है. अखबार ने यह भी दावा किया कि नवंबर की योजना बैठक में बीजिंग ने बता दिया है कि भ्रष्टाचार को लेकर पैदा हुई चिंताओं की वजह से तीन बड़ी सड़क परियोजनाओं में भी पैसा लगाना बंद कर दिया जाएगा. हालांकि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने 11 दिसंबर को कहा, ''हम सराहना करते हैं कि पाकिस्तान परियोजना और चीनी नागरिकों की सुरक्षा दोनों को अहमियत दे रहा है.''
बीजिंग के कुछ अध्येताओं की राय यह है कि सीपीईसी का लंबे वक्त के लिए व्यावहारिक होना तब तक पसोपेश में ही रहेगा जब तक इसे वन बेल्ट वन रोड (ओबीओआर) परियोजना के तहत दूसरी क्षेत्रीय परियोजनाओं के साथ नहीं जोड़ा जाता. कुछ अफसरों का कहना है कि इसके लिए भारत को भी साथ लाने की जरूरत होगी, जो इलाके का सबसे बड़ा बाजार है, लेकिन ओबीओआर की मुखालफत कर रहा है क्योंकि यह सबसे अहम गलियारे पीओके में भारत की संप्रभुता का उल्लंघन करता है.
दिलचस्प बात यह है कि भारत में चीन के राजदूत लुओ झाओहुइ ने पिछले महीने अपनी उस पेशकश को फिर जिंदा किया जिसमें भारत की चिंताओं को स्वीकारते हुए सीपीईसी का नाम बदलने की बात कही गई थी. हालांकि इसकी तस्दीक चीनी मंत्रालय ने नहीं की.
भारतीय अधिकारी मानते हैं कि पाकिस्तानी संवेदनशीलता के आगे चीन के समर्पण को देखते हुए चीन के सीपीईसी का नाम बदलने या जैसा कि लुओ ने कहा, जम्मू और कश्मीर के लिए एक वैकल्पिक गलियारा बनाने की संभावना बहुत कम है. अलबत्ता यह अब भी साफ नहीं है कि 'सदाबहार' रिश्ते पर तूफानी बादलों के घिर आने से इस समीकरण में कोई बदलाव आएगा या नहीं.
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भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) की लगातार स्थगित की जा रही वार्षिक आम बैठक (एजीएम) अब 17 दिसंबर को होगी. बीसीसीआई ने इसके साथ ही अपने निर्वासित अध्यक्ष
एन श्रीनिवासन का पुरजोर समर्थन
भी किया, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट से गठित जांच समिति ने
आईपीएल फिक्सिंग आरोपों से बरी
कर दिया है.
कार्यकारी समिति की आपात बैठक में यह फैसला किया गया, जिसमें बोर्ड ने आईपीएल सीओओ सुंदर रमन का भी समर्थन किया जिन पर न्यायमूर्ति मुद्गल समिति की जांच रिपोर्ट में सटोरियों के संपर्क में रहने का आरोप लगाया गया है.
बीसीसीआई ने बयान में कहा, 'कार्यकारिणी ने बीसीसीआई की 85वीं वार्षिक आम बैठक को स्थगित करने का फैसला किया है जो कि पहले 20 नवंबर को होनी थी. यह बैठक अब 17 दिसंबर 2014 को चेन्नई के पार्क शेरटन में होगी.'
बोर्ड ने श्रीनिवासन का साथ देने का फैसला किया जिन्हें इन आरोपों से बरी कर दिया गया है कि उन्होंने जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी. बीसीसीआई ने कहा कि श्रीनिवासन के खिलाफ लगाए गए ओराप बोर्ड को अस्थिर करने के उद्देश्य से लगाए गए थे. श्रीनिवासन अभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के भी चेयरमैन हैं.
बयान में कहा गया है, 'सदस्यों ने मुद्गल समिति की अंतिम रिपोर्ट के निष्कर्ष पर चर्चा की और उसे लगा कि श्रीनिवासन की तरफ से कुछ भी गलत नहीं किया गया और कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा उनके ऊपर लगाए गए आरोप आधारहीन हैं और उनका उद्देश्य बीसीसीआई के कामकाज को अस्थिर करना है.' इसके अलावा कार्यकारिणी ने सुप्रीम कोर्ट में सौंपी गई रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों के संबंध में रमन का पक्ष भी सुना. सुप्रीम कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 24 नवंबर को करेगा.
बीसीसीआई ने कहा, 'सदस्यों को न्यायमूर्ति मुद्गल समिति की अंतिम रिपोर्ट की कॉपी सौंपी गई और इसके निष्कर्षों पर चर्चा की गई.' इसमें कहा गया, 'सुंदर रमन ने मुद्गल समिति की रिपोर्ट में उनसे संबंधित निष्कर्ष में अपनी भूमिका को लेकर अपना पक्ष रखा. सदस्यों ने उनका पक्ष सुना और फैसला किया कि बोर्ड को सुंदर रमन का समर्थन करना चाहिए. मुद्गल रिपोर्ट में श्रीनिवासन को गंभीर आरोपों से बरी कर दिया गया, लेकिन इसमें उन्हें एक क्रिकेट खिलाड़ी के बारे में खिलाड़ियों की आचार संहिता के उल्लंघन की जानकारी होने के बावजूद उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का दोषी ठहराया. इसके साथ ही उनके दामाद गुरुनाथ मयप्पन और राजस्थान रॉयल्स के सहमालिक राज कुंद्रा को सट्टेबाजी के लिए दोषी ठहराते हुए टीम में उनकी भूमिकाओं की पुष्टि की है.'
समिति ने रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की कि मयप्पन चेन्नई सुपर किंग्स के अधिकारी थे, जबकि राजस्थान रॉयल्स के मालिक कुंद्रा ने बीसीसीआई-आईपीएल के भ्रष्टाचार निरोधक संहिता का उल्लंघन किया. हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मुकुल मुद्गल की अध्यक्षता वाली इस समिति में अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एन नागेश्वर राव और वरिष्ठ अधिवक्ता नीलय दत्ता सदस्य थे. समिति ने कहा है कि श्रीनिवासन का दामाद गुरुनाथ मयप्पन मैच फिक्सिंग में नहीं बल्कि सट्टेबाजी में लिप्त थे.
इनपुटः भाषा से
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हजरात! हजरात! हजरात! सिनेमाई संगीत प्रेमियों के लिए अनुराग कश्यप की आगामी फिल्म 'कटियाबाज' का नया गीत 'कानपूरा...' अपने पूरे शबाब के साथ यूट्यूब पर हाल ही रिलीज किया गया है. फिल्म कानपुर में बिजली चोरी के ऊपर बन रही है इसलिए गीत में कई बार संगीत की गति बिजली गुल होने के कारण बाधित होती है, लेकिन इंडियन ओशियन के राहुल राम और अमित किलम का अंदाज गाने को आपके कानों से होते हुए जुबान तक ले जाएगा, यह लगभग तय है.
गाने के बोल कुछ इस तरह हैं, 'आधा आधा जोड़ के बनता एक फितूरा और आधे-कुचे चिराग के तले पूरा कानपूरा...' मतलब कि 'कानपूरा' के बोल खासे लुभावने हैं. इसमें गंवई अंदाज में सिकंदर मिर्जा से लेकर पटना और कलेक्टर गंज से लेकर सड़क पर पसरी गाय तक सभी मौजूद हैं. इंडियन ओशियन बैंड को भारत में फ्यूजन रॉक की शुरुआत करने वाला माना जाता है और यह जादू इस गीत में मौजूद है.
गीत का वीडियो भी खास मनोरंजक है. इसमें 'कटियाबाज चैरिटी कान्सर्ट' के दौरान राहुल राम को गीत गाने के लिए बुलाया जाता है, लेकिन वह जैसे ही गाना शुरू करते हैं बिजली गुल हो जाती है. यही नहीं, राहुल दूसरी जगहों पर जाकर भी जैसे ही गीत गाना शुरू करते हैं, बिजली गुल हो जाती है.
अभी तक 'कटियाबाज' को कई फिल्म फेस्टिवल में दिखाया जा चुका है. फिल्म को दर्शकों की वाहवाही के साथ-साथ कई अवार्ड भी मिले हैं. तमाम आलोचकों की उम्मीदों पर खरे उतरने के बाद निर्माता दीप्ति कक्कड़ और फहद मुस्तफा भारत में इस फिल्म को 22 अगस्त को रिलीज कर रहे हैं.
आप भी गीत की वाहवाही में हिस्सा लें...
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यह लेख है: रेलवे भर्ती बोर्ड (Railway Recruitment Board) ग्रुप डी के पदों पर भर्ती परीक्षा का रिजल्ट (RRB Group D Result) फरवरी के मध्य में जारी करेगा. RRB के एक वरिष्ठ अधिकारी ने NDTV को बताया, ''ग्रुप डी का रिजल्ट (RRB Group D Result 2019) फरवरी के मध्य में जारी किया जाएगा. अभी रिजल्ट (RRB Result) जारी करने के लिए कोई तारीख निर्धारित नहीं की गई है. जल्द ही रिजल्ट (RRB Result 2019) जारी होने की तारीख से संबंधित एक नोटिस सभी आरआरबी वेबसाइट्स पर जारी कर दिया जाएगा.'' हालांकि मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक परीक्षा का रिजल्ट (RRB D Result) 17 फरवरी को जारी किया जाएगा. हमने इस पर भी आरआरबी के अधिकारी से बात की उन्होंने इस तरह की खबरों को नकार दिया. उनका कहना है कि अभी रिजल्ट (Group D Result) जारी होने में समय है. उम्मीदवारों की संख्या ज्यादा है. RRB अधिकारी ने कहा, ''करीब 1.89 करोड़ लोगों ने परीक्षा के लिए आवेदन किया था. जबकि इस परीक्षा में 1.17 करोड़ उम्मीदवारों ने भाग लिया था. इतनी बड़ी संख्या में उम्मीदवारों का रिजल्ट जारी करना एक बड़ा काम है. हम नहीं चाहते है कि रिजल्ट में कोई गलती हो.'' लेकिन अगर मध्य फरवरी के हिसाब से देखा जाए तो परीक्षा का रिजल्ट 13 फरवरी के बाद किसी भी दिन जारी किया जा सकता है.
Sarkari Naukri: रेलवे में 2 लाख 30 हजार पदों पर होगी भर्ती, RRB अधिकारी ने दी ये जानकारी
-रिजल्ट उम्मीदवार अपने रीजन की आरआरबी वेबसाइट पर जाकर चेक कर पाएंगे. आरआरबी की सभी वेबसाइट्स का डायरेक्ट लिंक नीचे दिया गया है. RRB Ahmedabad, RRB Ajmer, RRB Allahabad, RRB Bangalore, RRB Bhopal, RRB Bhubaneshwar, RRB Bilaspur, RRB Chandigarh, RRB Chennai, RRB Gorakhpur, RRB Guwahati, RRB Jammu, RRB Kolkata, RRB Malda, RRB Mumbai, RRB Muzaffarpur, RRB Patna, RRB Ranchi, RRB Secunderabad, RRB Siliguri, RRB Thiruvananthapuram
-वेबसाइट पर जाने के बाद उम्मीदवार को रिजल्ट के लिंक पर क्लिक करना होगा.
-उम्मीदवारों को रजिस्ट्रेशन नंबर और जन्मतिथि की मदद से लॉग इन करना होगा.
-लॉग इन करने के बाद आपका रिजल्ट आपकी स्क्रीन पर आ जाएगा.
-उम्मीदवार अपना रिजल्ट चेक कर पाएंगे.
-उम्मीदवार अपने रिजल्ट का प्रिंट ऑउट भी ले पाएंगे.
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आगरा में महिला को चोटी काटने वाली चुड़ैल कह कर मार दिए जाने के बाद यूपी के डीजीपी ने पूरे राज्य में अलर्ट जारी कर दिया है और अफवाह फैलाने वालों के जेल भेजने को कहा है लेकिन इसके बावजूद मथुरा हापुड़ अलीगढ और फैज़ाबाद वगैरह में तमाम लड़कियों की चोटियां कट गई. सिर्फ मथुरा में ही 21 महिलाओं की चोटी काट ली गई है. यूपी के तमाम गांवों में लोग चोटी काटने वाली चुड़ैल के डर से टोना टोटका कर रहे हैं.
यह भी पढ़ें- सच या सिर्फ दहशत? ऐसी 5 घटनाएं जिनका सच से नहीं निकला कुछ लेना देना...
मथुरा, हापुड़, अलीगढ़, फ़िरोज़ाबाद में लड़कियों की चोटियां कटीं और वहीं आगरा के फ़तेहाबाद में चोटी काटने वाली होने के शख में बुजुर्ग महिला की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. अब यूपी के डीजीपी ने पूरे राज्य में अलर्ट जारी किया है कि अफवाह फैलाने वाले जेल भेजे जाएंगे. ट्वीट करके बाकायदा अडवायजरी जारी की गई है :
चोटी कटने की घटना की अफ़वाहों पर ध्यान न दिए जाने के सम्बन्ध में ADG (L&O) उoप्रo का वक्तव्य- https://t.co/6bbANKmYR7#uppolicepic.twitter.com/Zvuny4avp9
— UP POLICE (@Uppolice) August 3, 2017
पुलिस ने कहा है कि यह एक अफवाह है, इस पर कतई ध्यान न दें. इस प्रकार की अफवाह फैलाने वालों के बारे में तत्काल पुलिस को सूचना दें एवं कानून को अपने हाथ में न लें. इस कृत्य में कोई संगठित गैंग संलिप्त नहीं है.
यह भी पढ़ें- राजस्थान, हरियाणा के बाद दिल्ली में कोई काट रहा चोटियां, दहशत में महिलाएंटिप्पणियां
वीडियो- आगरा में बुजुर्ग को चोटी काटने वाली समझ मार डाला
इन मामलों की जांच कर रही पुलिस का कहना है कि घटनास्थलों पर कोई सुराग नहीं मिल रहे हैं. पीड़ितों के मेडिकल टेस्ट में भी कोई असामान्य बात नहीं दिखी. ज्यादातर पीड़ितों के साथ रहने वालों ने किसी कथित हमलावर को नहीं देखा. केवल पीड़ित ने ही हमलावर की उपस्थिति को देखने या महसूस करने की बात कही है.
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मथुरा, हापुड़, अलीगढ़, फ़िरोज़ाबाद में लड़कियों की चोटियां कटीं और वहीं आगरा के फ़तेहाबाद में चोटी काटने वाली होने के शख में बुजुर्ग महिला की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. अब यूपी के डीजीपी ने पूरे राज्य में अलर्ट जारी किया है कि अफवाह फैलाने वाले जेल भेजे जाएंगे. ट्वीट करके बाकायदा अडवायजरी जारी की गई है :
चोटी कटने की घटना की अफ़वाहों पर ध्यान न दिए जाने के सम्बन्ध में ADG (L&O) उoप्रo का वक्तव्य- https://t.co/6bbANKmYR7#uppolicepic.twitter.com/Zvuny4avp9
— UP POLICE (@Uppolice) August 3, 2017
पुलिस ने कहा है कि यह एक अफवाह है, इस पर कतई ध्यान न दें. इस प्रकार की अफवाह फैलाने वालों के बारे में तत्काल पुलिस को सूचना दें एवं कानून को अपने हाथ में न लें. इस कृत्य में कोई संगठित गैंग संलिप्त नहीं है.
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चोटी कटने की घटना की अफ़वाहों पर ध्यान न दिए जाने के सम्बन्ध में ADG (L&O) उoप्रo का वक्तव्य- https://t.co/6bbANKmYR7#uppolicepic.twitter.com/Zvuny4avp9
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पुलिस ने कहा है कि यह एक अफवाह है, इस पर कतई ध्यान न दें. इस प्रकार की अफवाह फैलाने वालों के बारे में तत्काल पुलिस को सूचना दें एवं कानून को अपने हाथ में न लें. इस कृत्य में कोई संगठित गैंग संलिप्त नहीं है.
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चोटी कटने की घटना की अफ़वाहों पर ध्यान न दिए जाने के सम्बन्ध में ADG (L&O) उoप्रo का वक्तव्य- https://t.co/6bbANKmYR7#uppolicepic.twitter.com/Zvuny4avp9
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वीडियो- आगरा में बुजुर्ग को चोटी काटने वाली समझ मार डाला
इन मामलों की जांच कर रही पुलिस का कहना है कि घटनास्थलों पर कोई सुराग नहीं मिल रहे हैं. पीड़ितों के मेडिकल टेस्ट में भी कोई असामान्य बात नहीं दिखी. ज्यादातर पीड़ितों के साथ रहने वालों ने किसी कथित हमलावर को नहीं देखा. केवल पीड़ित ने ही हमलावर की उपस्थिति को देखने या महसूस करने की बात कही है.
इन मामलों की जांच कर रही पुलिस का कहना है कि घटनास्थलों पर कोई सुराग नहीं मिल रहे हैं. पीड़ितों के मेडिकल टेस्ट में भी कोई असामान्य बात नहीं दिखी. ज्यादातर पीड़ितों के साथ रहने वालों ने किसी कथित हमलावर को नहीं देखा. केवल पीड़ित ने ही हमलावर की उपस्थिति को देखने या महसूस करने की बात कही है.
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यह लेख है: आयकर विभाग ने स्व-आकलन व्यवस्था को चुनने वाले करदाताओं को 31 मार्च तक बकाया न चुकाने पर दंड की चेतावनी दी है।टिप्पणियां
राजस्व विभाग ने कहा है कि स्व-आकलन व्यवस्था के तहत 73,388 लोगों ने कुल मिलाकर 3,859 करोड़ रुपये का कर अदा नहीं किया है।
वित्त मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा, स्वीकार किया हुआ कर चुकाए बिना ही कर रिटर्न दाखिल करने वाले करदाताओं को आयकर अधिनियम के प्रावधानों के तहत चूक करने वाला व्यक्ति माना जाएगा। विज्ञप्ति में ऐसे करदाताओं से 31 मार्च, 2013 से पहले बकाया कर राशि का भुगतान करने की अपील की गई है।
राजस्व विभाग ने कहा है कि स्व-आकलन व्यवस्था के तहत 73,388 लोगों ने कुल मिलाकर 3,859 करोड़ रुपये का कर अदा नहीं किया है।
वित्त मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा, स्वीकार किया हुआ कर चुकाए बिना ही कर रिटर्न दाखिल करने वाले करदाताओं को आयकर अधिनियम के प्रावधानों के तहत चूक करने वाला व्यक्ति माना जाएगा। विज्ञप्ति में ऐसे करदाताओं से 31 मार्च, 2013 से पहले बकाया कर राशि का भुगतान करने की अपील की गई है।
वित्त मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा, स्वीकार किया हुआ कर चुकाए बिना ही कर रिटर्न दाखिल करने वाले करदाताओं को आयकर अधिनियम के प्रावधानों के तहत चूक करने वाला व्यक्ति माना जाएगा। विज्ञप्ति में ऐसे करदाताओं से 31 मार्च, 2013 से पहले बकाया कर राशि का भुगतान करने की अपील की गई है।
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युवा ओलंपिक खेल (वायओजी) अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मल्टी-स्पोर्ट कार्यक्रम है। खेल हर चार वर्षों में कंपित गर्मी और वर्तमान ओलंपिक खेल प्रारूप के अनुरूप सर्दी की घटनाओं में आयोजित किया जाता है। पहला ग्रीष्मकालीन संस्करण सिंगापुर में 14 से 26 अगस्त 2010 तक आयोजित किया गया था, जबकि पहला शीतकालीन संस्करण इंसब्रुक, ऑस्ट्रिया में 13 से 22 जनवरी 2012 को आयोजित किया गया था। एथलीटों की आयु सीमा 14 से 18 है। ऐसी घटना का विचार जोहान रोज़ेन्ज़ोप ने 1998 में ऑस्ट्रिया से किया था। 6 जुलाई 2007 को, ग्वाटेमाला सिटी में 119 वें आईओसी सत्र में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के सदस्यों ने ओलंपिक खेलों के एक युवा संस्करण के निर्माण को मंजूरी दे दी, आईओसी और मेजबान शहर के बीच की घटना की मेजबानी करने की लागत को साझा करने के इरादे से जबकि एथलीट और कोचों की यात्रा लागत आईओसी द्वारा भुगतान की जानी थी। इन खेलों में सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम भी होंगे और ओलिंपिक एथलीटों को पूरा करने के लिए प्रतिभागियों के लिए अवसर होंगे।
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गढ़ (castle) ऐसा स्थापत्य होता है जिसमें किलाबन्दी करी गई हो जिस से उसपर आक्रमण करना या उसपर कब्ज़ा करना कठिन हो। यह अक्सर मध्यकाल में एशिया और यूरोप में बनाए जाते थे और इनमें शाही परिवार, कुलीनवर्ग के परिवार या सैन्य बलों का निवास स्थान हुआ करता था। महल और गढ़ में यह अन्तर है कि महलों में उनकी रक्षा के लिए किलाबन्दी नहीं होती थी और किलों और गढं में यह है कि किलों की प्राथमिक भूमिका निवास स्थल की नहीं थी। फिर भी किलों को अक्सर गढ़ कह दिया जाता है। गढ़ों की किलाबन्दियों में खंदक जैसी कई रक्षा-प्रणालियाँ मिलती हैं।
इन्हें भी देखें
महल
किला
किलाबन्दी
सन्दर्भ
राजगीरी
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सनी लियोन की बहुचर्चित फिल्म 'रागिनी एमएमएस-2' का ट्रेलर रिलीज हो गया है. ट्रेलर को देखकर यह स्पष्ट हो जाता है कि फिल्म की प्रोड्यूसर एकता कपूर ने बोल्ड तेवरों के साथ फिल्म को 'हॉरेक्स' क्यों कहा है. ट्रेलर में हॉरर और सेक्स का जबरदस्त छौंक है.
फिल्म में सनी लियोन बहुत ही बोल्ड नजर आ रही हैं. ट्रेलर में वह न सिर्फ लॉन्जरी में दिख रही हैं बल्कि लिप किसिंग शॉट भी कहर बरपा रही हैं. उम्मीद के मुताबिक यह फिल्म 'रागिनी एमएमएस' से भी दो कदम आगे है. फिल्म में बोल्ड अवतार के साथ ही उम्दा हॉरर सीन भी हैं.
फिल्म में चुड़ैल की कहानी है, अंधेरी रात का जिक्र है और सेक्स के दौरान इस्तेमाल होने वाली शब्दावली भी है. ठंडी आहें फिल्म के ट्रेलर में खूब सुनी जा रही हैं और सनी लियोन पानी में आग लगा रही हैं.
फिल्म में सनी लियोन और हनी सिंह का गाना 'चार बोतल वोदका' भी है जो 28 फरवरी को टीवी पर रिलीज होने जा रहा है. फिल्म 21 मार्च को रिलीज हो रही है यानी अपनी सांसें थामे रखिएगा.
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बॉलीवुड एक्ट्रेस काजोल ने बेटे युग देवगन का बर्थड सेलिब्रेशन एक खास अंदाज में शुरू कर दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर युग के साथ एक तस्वीर शेयर कर युग के बर्थडे वीक की जानकारी साझा की है.
दरअसल, काजोल ने युग के बर्थडे से कुछ समय पहले युग को गले लगाए एक प्यारी तस्वीर अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया. फोटो शेयर करते हुए काजोल ने लिखा है, "बर्थडे वीक शुरू". मां-बेटे की इस एडोरेबल फोटो पर काजोल की बहन तनीशा और उनके दोस्तों ने भी कमेंट किया है. बता दें युग 13 सितंबर को नौ साल के हो जाएंगे. उनकी यह क्यूट फोटो इंटरनेट पर लोगों का ध्यान खींच रही है.
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Birthday week starts ...
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Sep 11, 2019 at 6:26am PDT
काजोल और अजय दोनों ही अक्सर सोशल मीडिया पर फोटोज शेयर करते रहते हैं. युग के अलावा दोनों की एक बेटी न्यासा भी हैं जो लाइमलाइट में रहती हैं. पिछले दिनों अजय-काजोल और युग की लंदन वेकेशन की तस्वीरों ने भी लोगों का ध्यान खींचा था.
कॉफी विद करण शो के दौरान काजोल ने बच्चों को लेकर अपने और अजय के बिहेवियर पर खुलकर बात की थी. उन्होंने कहा था कि जब कभी दोनों बच्चे बाहर जाते हैं तो अजय उनसे बेसिक डिटेल्स पूछते हैं. जैसे कहां जा रहे हो? कब तक लौटेंगे? किसके साथ जा रहे हैं?.
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Grumbles, rumbles and potato chips....... road trip. Finally! 😋
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Kajol Devgan
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Jun 26, 2019 at 9:42am PDT
शो में अजय ने कहा था कि उनसे ज्यादा परेशान काजोल रहती हैं. मेल दोस्तों के साथ बेटी न्यासा के बाहर जाने को लेकर वे बहुत ज्यादा परेशान नहीं रहते, लेकिन काजोल सोचती रहती हैं. न्यासा के लिए घर पहुंचने का डेडलाइन साढ़े 11-12 बजे तक है और वो आ भी जाती है. लेकिन उसके आने तक काजोल सो चुकी होती है. युग के लिए भी उनका बिहेवियर कुछ ऐसा ही है.
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Fun in the sun With my sun ..
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Dec 31, 2018 at 4:57am PST
वर्कफ्रंट की बात करें तो काजोल को पिछली बार ईला हेलीकॉप्टर में देखा गया था. वहीं अजय की पिछली फिल्म दे-दे प्यार दे थी. दोनों के अपकमिंग प्रोजेक्ट की बात करें तो काजोल और अजय 12 साल बाद एक बार फिर फिल्म तानाजी: द अनसंग वॉरियर में एक साथ नजर आएंगे.
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तमिलनाडु के वेल्लौर जिले में शनिवार को एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में रहस्यमय ढंग से जबरदस्त धमाका हुआ, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई. इस हादसे में तीन अन्य घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.
जानकारी के मुताबिक, यह धमाका शनिवार को जिले के भारती दासन इंजीनियरिंग कॉलेज में हुआ. विस्फोट में मरने वाला शख्स कॉलेज की बस का ड्राइवर बताया जा रहा है. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि कोई
विस्फोटक पदार्थ
आसमान से गिरा था. इससे कॉलेज की इमारत के पास एक गड्ढा भी बन गया है.
बताया जाता है कि इमारत की बगल से गुजर रहा बस ड्राइवर इसकी चपेट में आ गया और उसकी तत्काल मौत हो गई. जो तीन अन्य घायल हुए हैं वह माली हैं. इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य भास्कर ने बताया कि हादसे के समय जो छात्र कक्षा में थे, वे सभी सुरक्षित हैं. धमाके से कॉलेज की खिड़कियों के कई शीशे टूट गए. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
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ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध निर्माण के तमाम दावों और प्रतिदावों के बीच चीन यारलुंग-सांग्पो नदी परियोजना को आगे बढ़ाने में लगा हुआ है और तिब्बत स्थित गालुंग ला पहाड़ी से 2010 में सड़क मार्ग निर्माण पूरा हो जाने के बाद बांध बनाने का कार्य तेज किया जा सकता है.
बढ़ती आबादी की जरूरतें पूरी करना चाहता है चीन
इंच्टीच्यूट ऑफ डिफेंस रिसर्च एंड एनालिसिस (आईडीएसए) ने अपने अध्ययन में कहा है कि भारतीय सीमा से महज 30 किलोमीटर दूर तिब्बत के मेदांग कस्बे में गालुंग ला पहाड़ी से सड़क निर्माण का कार्य ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन के बांध निर्माण परियोजना से जुड़ा हुआ है. आईडीएसए के विशेषज्ञ पी शतोब्दन ने कहा इस सड़क परियोजना के 2010 में पूरा हो जाने की बात कही गई है जो यारलुंग सांगपो परियोजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. आईडीएसए के अध्ययन के अनुसार चीन ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बनाने की परियोजना पर अमल करने को प्रतिबद्ध है, ताकि तेजी से बढ़ती आबादी, औद्योगिक विकास, शहरों के विस्तार और सिंचाई के लिए जल आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके.
जलवायु परिवर्तन के असर से जूझ रहा है चीन
अध्ययन में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण चीन को सूखे, रेगिस्तान के विस्तार, तूफान जैसे प्राकृतिक संकट का सामना करना पड़ रहा है और देश के उत्तरी क्षेत्र में सूखे की स्थिति गंभीर हो गई है. इस स्थिति के मद्देनजर चीन की नजर तिब्बत के जल संसाधनों पर है और वह ब्रह्मपुत्र नदी की धारा को मोड़कर समस्या का समाधान निकालना चाह रहा है. खुफिया विभाग के पूर्व अधिकारी एम के धर ने कहा, ब्रह्मपु़त्र नदी पर चीन की बांध निर्माण परियोजना से उत्तरी भारत के अलावा बांग्लादेश भी प्रभावित होगा. धर ने कहा कि हमें इस विषय पर बांग्लादेश को भी जागरूक करने की जरूरत है.
अंतरराष्ट्रीय सीमा से गुजरने वाली नदियों पर निर्माण के लिए संधि जरूरी
अंतरराष्ट्रीय सीमा से गुजरने वाली नदियों पर निर्माण कार्य के लिए संधि आवश्यक है. इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय नियम हैं जिसके तहत पानी की हिस्सेदारी तय होती है. लेकिन दुर्भाग्य से चीन के साथ हमारा नदी जल बंटवारा समझौता नहीं है. धर ने कहा कि इस विषय पर अभी तक हम वस्तुस्थिति की ठोस जानकारी एकत्र नहीं कर पाये हैं. यह एक महत्वपूर्ण मसला है क्योंकि ग्वालपाड़ा पहाड़ी से पहले भारत में और उसके बाद बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र लोगों की जीवनरेखा है. आईडीएसए के अनुसार ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध के निर्माण का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय सीमा से गुजरने वाली नदी से जुड़ा हुआ है लेकिन चीन ने बांध निर्माण के बारे में किसी भी पक्ष से चर्चा नहीं की.
चीन ने संयुक्त राष्ट्र की संधि का अनुमोदन भी नहीं किया
चीन ने 1997 में संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय जल संसाधनों के गैर नौवहन उपयोग संधि का भी अनुमोदन नहीं किया है. अध्ययन में 1998 में तत्कालीन चीनी राष्ट्रपति जियांग जेमिन द्वारा पेश उस मसौदे का भी उल्लेख किया गया है जिसमें इस परियोजना का विस्तृत प्रस्ताव है और 40 हजार मेगावाट क्षमता की जल विद्युत परियोजना स्थापित करने की बात कही गई है. इसमें चीन के पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पूर्व अधिकारी ली लिंग की पुस्तक 'हाउ तिब्बत विल सेव चाइना' का भी जिक्र किया गया है. यह पहला मौका नहीं है जब चीन की ओर से ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बनाने और नदी की धारा को मोड़ने की बात सामने आई है. अलास्का में 1986 में जीआईएप के सम्मेलन में सबसे पहले इस परियोजना का जिक्र सामने आया था.
ब्रह्मपुत्र की धारा को गोबी के मरुस्थ्ल की ओर मोड़ना चाहता है चीन
बार्न इन सिन (द पंचशील एग्रीमेंट), द सैक्रीफाइस ऑफ तिब्बत पुस्तक में जून 1996 के सांइटिफिक अमेरिका पत्रिका का हवाला देते हुए कहा गया कि इस योजना के तहत ब्रह्मपुत्र नदी के मार्ग को मोड़ कर उसका रुख गोबी मरूस्थल वाले चीनी इलाके की ओर करने की संकल्पना व्यक्त की गई. लेखक क्लाऊडे आर्पी ने अपनी इस पुस्तक में कहा है कि भारतीय सीमा के पास माउंट नामचा बार्वा के पास नदी तीव्र यू टर्न लेती है. चीन की योजना यहीं से धारा को मोड़ कर बांध निर्माण की है. चीन ने हालांकि नदी की धारा मोड़ने से इनकार किया है लेकिन भारतीय रिमोट सेंसिंग एजेंसी द्वारा उपग्रह से लिये गए चित्रों में इस क्षेत्र में निर्माण से जुड़ी हलचल का पता चला है. हालांकि जल संसाधन मंत्री पवन कुमार बंसल ने कहा, वे लोग जिस बिन्दु पर बांध बना रहे हैं वह हमारी सीमा से 1100 किमी दूर है.
कई चीनी वैज्ञानिक योजना के खिलाफ
पुस्तक के अनुसार इस विषय पर बीजिंग स्थित चाइनीज अकादमी ऑफ इंजीनियरिंग फिजिक्स में चर्चा हुई थी और इसे नियंत्रित परमाणु विस्फोट के जरिये पूरा करने का सुझाव सामने आया था. इस परियोजना का उल्लेख चाइना डेली बिजनेस सप्ताहिक के सितंबर 1997 के अंक में भी आया था. चीन में कई वैज्ञानिकों ने हालांकि इस परियोजना पर प्रश्न खड़ा किया था. लेकिन 2000 में चीनी प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ ने घोषणा की 21वीं शताब्दी में देश के जल संसाधनों के दोहन, बाढ़ और सूखा नियंत्रण और चीन की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में बड़े बांधों का निर्माण महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे.
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यह एक लेख है: जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से वहां पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है. कई इलाकों में धारा 144 लगाई गई है. केंद्र सरकार ने धारा 370 हटाने के साथ ही जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांटते हुए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया गया. एहतियातन पूरे राज्य में करीब 400 लोगों को हिरासत में लिया गया है. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को भी हिरासत में रखा गया है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल खुद घाटी में मौजूद हैं. इस बीच आईएएस अधिकारी से राजनेता बने शाह फैसल ने बुधवार को कहा कि कश्मीर एक अभूतपूर्व लॉकडाउन का सामना कर रहा है और राज्य की पूरी 80 लाख आबादी आज की तरह कभी कैद नहीं रही.
शाह फैसल ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, "कश्मीर में अभूतपूर्व भय. हर कोई टूट गया है. हर चेहरे पर हार की भावना स्पष्ट है." उन्होंने कहा, "नागरिकों से लेकर विषयों तक. इतिहास ने हम सभी के लिए एक भयानक मोड़ लिया है. लोग सन्न हैं. ऐसी जनता, जिसकी जमीन, पहचान, इतिहास दिनदहाड़े छीन लिया गया है." फैसल ने घाटी में सख्त सुरक्षा बंदोबस्त के बारे में जानकारी देने के लिए फेसबुक और ट्विटर दोनों का इस्तेमाल किया. उन्होंने पोस्ट में लिखा, "कश्मीर एक अभूतपूर्व लॉक-डाउन का अनुभव कर रहा है. जीरो बृज से हवाईअड्डे तक वाहनों की कुछ आवाजाही दिख रही है. अन्य स्थानों पर बिल्कुल सन्नाटा है. सिर्फ मरीजों और कर्फ्यू का पास रखने वालों को छोड़कर."
आपको बता दें कि कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद आज जम्मू-कश्मीर के दौरे पर गए थे. हालांकि उन्हें श्रीनगर एयरपोर्ट पर ही रोक लिया गया है. आजाद ने मीडिया से कहा, 'जम्मू-कश्मीर के लोग दुखी हैं. मैं उनके दुख में उनके साथ खड़े होने के लिए वहां जा रहा हूं. शायद पहली बार, सभी 22 जिलों में कर्फ्यू देखा गया है. क्या आपने इससे पहले सुना है?' बता दें, संसद ने मंगलवार को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने संबंधी अनुच्छेद 370 के कई प्रावधानों को समाप्त करने के प्रस्ताव वाले संकल्प और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी. उधर, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने वाले प्रस्ताव को बुधवार को स्वीकृति प्रदान की.
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केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के एक कांस्टेबल ने अपने साथ तैनात महिला कांस्टेबल की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी और फिर आत्महत्या कर ली। दोनों पूर्वी दिल्ली के यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन पर तैनात थे। सूत्रों ने बताया कि घटना सुबह करीब सात बजे की है। उसने यह भी बताया कि दोनों के बीच संबंध थे। सूत्रों ने बताया कि पुरुष कांस्टेबल ने महिला कांस्टेबल पर गोली चलाई और फिर खुद को गोली मार ली।
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ऑस्ट्रेलिया ने बेंगलुरु में टीम इंडिया को 21 रनों से हरा दिया है. इसी के साथ मौजूदा वनडे सीरीज में कंगारुओं ने लगातार तीन हार के बाद जीत दर्ज की है. विराट ब्रिगेड का ऑस्ट्रेलिया पर क्लीन स्वीप का सपना टूट गया है. वहीं ऑस्ट्रेलिया से मिली हार से विराट कोहली का लगातार 9 मैचों से चल रहा विजय रथ भी रुक गया और वह पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के रिकॉर्ड को तोड़ने से चूक गए. विदेशी धरती पर खेले गए 14 वनडे मैचों में यह ऑस्ट्रेलियाई टीम को पहली जीत मिली है.
बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए इस मैच में टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने वॉर्नर (124 रन) और फिंच (94 रन) की पारियों की बदौलत टीम इंडिया के सामने 335 रनों का टारगेट रखा था, जिसके जवाब में भारतीय टीम 50 ओवर में 313 रन ही बना पाई और ऑस्ट्रेलिया ने ये मैच 21 रनों से जीत लिया. टीम इंडिया के लिए केदार जाधव ने 67 रन बनाए. इसके अलावा रोहित शर्मा ने 65 रनों की पारी खेली. ऑस्ट्रेलिया के लिए केन रिचर्डसन ने 3 विकेट झटके.अपने 100वें वनडे मैच में शतक लगाने वाले डेविड वॉर्नर को 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया.
स्कोरबोर्ड LIVE
टीम इंडिया के विकेट्स
अच्छी शुरुआत के बाद टीम इंडिया को पहला झटका 19वें ओवर में लगा जब अजिंक्य रहाणे को रिचर्ड्सन ने फिंच के हाथों कैच करवाया.दूसरा विकेट 23वें ओवर में रोहित शर्मा के रूप में गिरा, जब विराट के साथ हुई गलतफहमी में वे 65 रन बनाकर रनआउट हो गए.इसके बाद 25वें ओवर में विराट कोहली भी अपना विकेट गंवा बैठे. वो कुल्टर नाइल की एक गेंद पर बोल्ड हो गए.
चौथा विकेट हार्दिक पंड्या (41) का रहा. वे 37.1 ओवर में एडम जाम्पा की गेंद पर डेविड वॉर्नर के हाथों कैच आउट हो गए. केदार जाधव आउट होने वाले पांचवें बल्लेबाज थे. वे 45.4 ओवर में रिचर्डसन की गेंद पर फिंच को कैच दे बैठे. तीन गेंद बॉल बाद ही भारत का छठा विकेट भी गिर गया. जब 46.1 ओवर में कमिंस ने मनीष पांडे को बोल्ड कर दिया. धोनी के रूप में भारत को सातवां झटका लगा. जब वे रिचर्डसन की गेंद पर बोल्ड हो गए. धोनी के बाद अक्षर पटेल भी कुछ खास नहीं कर पाए और कुल्टर नाइल की गेंद पर मैक्सवेल को कैच दे बैठे.
ऑस्ट्रेलिया ने बनाए 334 रन
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने 50 ओवर में 5 विकेट गंवा कर 334 रन बनाए और टीम इंडिया के सामने 335 रनों का लक्ष्य रखा. ऑस्ट्रेलिया की तरफ से डेविड वॉर्नर ने शानदार 124 रनों की पारी खेली. साथ ही अपने 100वें मैच को यादगार भी बनाया.
वहीं फिंच ने भी उनका बखूबी साथ निभाते हुए 231 रनों की ओपनिंग पार्टनरशिप कर डाली. फिंच हालांकि शतक से चूक गए और 94 रन बनाकर आउट हुए. इसके अलावा पीटर हैंड्सकॉम्ब ने भी 43 रनों की तेज पारी खेली. टीम इंडिया की तरफ से उमेश यादव ने बढ़िया प्रदर्शन करते हुए 4 विकेट झटके.
उमेश ने लगाया विकेटों का शतक
बेंगलुरु वनडे में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ का विकेट लेते ही उमेश यादव ने वनडे करियर में अपने 100 विकेट पूरे कर लिए. उन्होंने अपने वनडे करियर के 71वें मैच में ये उपलब्धि हासिल की है. इस मैच में उमेश यादव ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 4 विकेट अपने नाम किए हैं. उमेश अब तक 71 वनडे में 102 विकेट ले चुके हैं. जिनमें 4/31 उनका बेस्ट प्रदर्शन है.
वॉर्नर-फिंच की रिकॉर्ड पार्टनरशिप
इस मैच में भारत के खिलाफ ऑस्ट्रेलियाई ओपनिंग जोड़ी वॉर्नर और फिंच ने पहले विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड बनाया. इन दोंनों ने पहले विकेट के लिए 231 रनों की साझेदारी की जो ऑस्ट्रेलिया की तरफ से भारत के खिलाफ वनडे में पहले विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी है.
इसके साथ ही यह जोड़ी भारत के खिलाफ पहले विकेट के लिए दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी करने वाली सलामी जोड़ी भी बन गई है. इससे पहले दक्षिण अफ्रीका के हर्शल गिब्स और गैरी कर्स्टन ने कोच्चि में भारत के खिलाफ नौ मार्च, 2000 को पहले विकेट के लिए 235 रनों की साझेदारी की थी.
वॉर्नर-फिंच की जोड़ी से पहले भारत के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की तरफ से पहले विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड ज्यौफ मार्श और डेविड बून के नाम था. इस जोड़ी ने सात सितंबर, 1986 को जयपुर में पहले विकेट के लिए 212 रन जोड़े थे.
ऑस्ट्रेलिया के विकेट्स
231 रनों के स्कोर पर ऑस्ट्रेलिया को डेविड वॉर्नर के रूप में पहला झटका लगा. 34.6 ओवर में केदार जाधव ने की गेंद पर डेविड वॉर्नर को अक्षर पटेल ने कैच कर लिया. वॉर्नर 124 रन बनाकर आउट हुए. वॉर्नर के बाद आरोन फिंच भी क्रीज पर ज्यादा देर नहीं टिक पाए और 35.5 ओवर में उमेश यादव की गेंद पर हार्दिक पंड्या के हाथों कैच हो गए. फिंच अपने शतक से भी चूक गए थे वो 94 रन बनाकर आउट हुए.
5 रन बाद ही उमेश यादव ने तीसरा झटका भी दे दिया. 37.1 ओवर में स्टीव स्मिथ (3) उमेश यादव की गेंद पर विराट कोहली को कैच दे बैठे. पहले विकेट के लिए ऑस्ट्रेलिया की तरफ से 231 रन की पार्टनरशिप हुई, लेकिन इसके बाद 5 रन के अंदर तीन विकेट गिर गए.चौथा विकेट भी उमेश यादव को मिला. जब 46.5 ओवर में उन्होंने अजिंक्य रहाणे के हाथों ट्रेविस हेड (29) को कैच करा दिया. उमेश यादव ने 48.5 ओवर में पीटर हैंड्सकॉम्ब को बोल्ड करते हुए ऑस्ट्रेलिया को पांचवां झटका दिया.
100 वें वनडे में वॉर्नर का शतक
ऑस्ट्रेलिया के विस्फोटक ओपनर डेविड वॉर्नर अपने वनडे करियर का 100वां मैच खेल रहे हैं. 100वें मैच में तूफानी शतक जड़कर वॉर्नर ने इसे यादगार बना दिया है. यह वॉर्नर का 14वां वनडे शतक था. इसी के साथ ही अपने 100वें वनडे मैच में शतक जड़ने वाले डेविड वॉर्नर ऑस्ट्रेलिया के पहले बल्लेबाज बन गए हैं. इससे पहले अपने 100वें वनडे में सर्वाधिक स्कोर (81) ज्योफ मार्श के नाम था. लेकिन वॉर्नर ने शतक जड़कर उनका रिकॉर्ड तोड़ दिया.
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दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बीते दो दिनों से चले आ रहे कोहरे के असर में आज भी कोई राहत देखने को नहीं मिली है. नजरें उठानें पर चारों तरफ कोहरे का ही साम्राज्य दिखाई दे रहा है. इसी वजह से जहां 19 हवाई उड़ानें जहां देर से चल रही हैं वहीं 3 आने वाली फ्लाइटें रद्द हुई हैं, और 4 दिल्ली से बाहर जाने वाली फ्लाइटें भी देर से चल रही हैं.
75 से 100 मीटर है रनवे विजिबिलिटी
गौरतलब है कि दिल्ली के हवाई अड्डों पर
रनवे विजिबिलटी
इस बीच घटकर 75 से 100 मीटर तक आ पहुंची है. इस वजह से कई हवाई उड़ानों को भी रद्द किया गया है. सुबह पालम में विजिबिलिटी शून्य थी. फ्लाइट डिले होने की वजह से यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है. आज तक से बातचीत में सउदी जा रहे मनीषकांत कहते हैं कि फ्लाइट डिले होने की वजह से काफी दिक्कतें आ रही हैं. मनीषकांत कहते हैं कि एयर इंडिया ने अब 2 दिसंबर को सुबह 7 बजे लखनऊ की फ्लाइट मुहैया कराई है. एयर इंडिया ने बकाया रुपए देने से मना कर दिया है और अब उन्हें लखनऊ से गोरखपुर जाने के लिए 8 हजार रुपए अतिरिक्त खर्च करने पड़ रहे हैं.
ट्रेनों पर भी पड़ी है कोहरे की मार
ऐसा नहीं है कि कोहरे का असर सिर्फ हवाई उड़ानों पर ही पड़ा है. उत्तर भारत में जारी भारी कोहरे की वजह से जहां दिल्ली से छूटने वाली 12 ट्रेनों के समय बदले गए हैं. वहीं 70 ट्रेनें अपने निर्धारित समय से देरी से चल रही हैं. ट्रेनों की इस देरी की वजह से दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कई यात्री काफी परेशान दिखे.
पिछले दिनों से बेहतर है स्थिति
पिछले दो दिनों से जारी भारी कोहरे की तुलना में स्थितियां बदली हैं. हालांकि अभी भी
स्थिति को नियंत्रण
में नहीं कहा जा सकता. इसी वजह से जहां कई उड़ानें देर से चल रही हैं वहीं कई उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं.
क्या कहता है मौसम विभाग?
मौसम विभाग का कहना है कि दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर विजिबिलिटी जहां शून्य होगी. वहीं सफदरजंग एयरपोर्ट पर विजिबिलिटी का आंकड़ा 400 मीटर तक होगा. हालांकि दिन बीतने के साथ-साथ स्थितियों में तुलनात्मक तौर पर सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है.
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{{ज्ञानसन्दूक फ़िल्म
| name = कैप्टन अमेरिका : द फर्स्ट एवेन्जर
| image = Captain America The First Avenger poster.jpg
| caption = पोस्टर
| director = जोई जोंस्टन
| producer = केविन फ़ैज
| screenplay = क्रिस्टोफर मार्कसस्टीफेन मैक्फीली
| based on = कैप्टन अमेरिका|Jack Kirby
| starring =
| music = एलन सिल्वेस्ट्री
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| studio = मार्वल स्टूडियोज़
| distributor = पैरामाउंट पिक्चर्स<ref>
कैप्टन अमेरिका : द फर्स्ट एवेन्जर () (अंग्रेजी; Captain America : The First Avenger) वर्ष 2011 की अमरिकी सुपरहीरो फिल्म है जो मार्वेल काॅमिक्स के कल्पित नायक कैप्टन अमेरिका पर आधारित है जिसे बतौर निर्माता [[मार्वल स्टुडियोज एवं बतौर वितरक पारामाउन्ट पिक्चर्स ने पेशकश किया है। [a] मार्वल सिनेमेटिक युनिवर्सल श्रंखला का यह पांचवॉं संस्करण है। फिल्म निर्दशन में जाॅय जाॅन्सटन और पटकथा लेखक के लेप में क्रिस्टोफर मार्कस तथा स्टीफन मैक्फीली ने कमान संभाली है तथा पात्र-भूमिकाओं के लिए क्रिस इवांस, टॉमी ली जोन्स, ह्यूगो वीविंग, हेली ऐटवेल, सेबेस्टियन स्टेन, डाॅमिनिक कूपर, नील मैकडाॅनोफ, ड्रेक ल्युक और स्टेन्ले टुसी ने अभिनय किया है। फिल्म की घटना द्वितीय विश्वयुद्ध काल की है, जिसमें स्टीव राॅजर्स, एक दुर्बल ब्रुकलिन युवक है जिसे उच्च वैज्ञानिक परिक्षण के बाद एक सुपर सोल्जर कैप्टन अमेरिका में तब्दील कर युद्ध के मैदान पर उतारा जाता है।
राॅजर का उद्देश्य एडाॅल्फ हिटलर के क्रुर नुमाइंदे रेड स्कल को रोकना है, जोकि शस्त्रीकरण का प्रमुख है और एक ऐसे संगठन का नेता जो दुनियाभर के सामरिक ताकतों को इकट्ठा कर टेस्सेरैक्ट[b] का प्रभुत्व जमाना चाहता है।
कैप्टन अमेरिका: द फर्स्ट एवेन्जर की यह संकल्पना 1997 में बनाई गयी और आर्टिसैन एंटरटेनमेंट द्वारा इसके वितरण की समय को अनुसूचित किया। हाँलाकि, एक मुकदमेबाजी की वजह से उन्हें यह प्रोजेक्ट सितम्बर 2005 तक स्थगित करना पड़ा। 2005 में, मार्वल स्टुडियोज ने मेरिल लिंच द्वारा मिले ऋण पर यह योजना बनाई कि वे पारामाउन्ट पिक्चर्स पर पुंजी लगाकर ही फ़िल्म रिलीज कराएँगे। निर्देशक जाॅन फेव्रियु और लुईस लेटरीयर इस प्रोजेक्ट के प्रति जाॅन्सटन के 2008 में संपर्क से पूर्व निर्देशन की रूचि जताई थी।
मूल पात्रों का चयन साल 2010 के मार्च एवं जून के मध्य किया गया। फिर फिल्म कैप्टन अमेरिका: द फर्स्ट एवेन्जर का निर्माण जुन 2010 से किया गया और फिल्म लोकेशन के लिए लंदन, मैनचेस्टर, केयरवेन्ट और लीवरपुल (सभी युनाइटेड किंगडम में) और संयुक्त राष्ट्र के लाॅस एंजिल्स को चुना गया। फिल्म-प्रोड्क्शन का अंतिम कार्य, 3D वर्जन में परिवर्तित कर सम्पूर्ण हुआ। कैप्टन अमेरिका: द फर्स्ट एवेन्जर का प्रिमियर जुलाई 19, 2011 को हाॅलीवुड में किया गया और फिर जुलाई 22, 2011 में बतौर संयुक्त राष्ट्र में प्रदर्शन लगाया गया। फ़िल्म समीक्षात्मक और व्यावसायिक रूप से काफी सफल हुई, जिसने वैश्विक स्तर पर $370 करोड़ से अधिक का कारोबार किया। अक्टूबर 25, 2011 में होम मिडिया के लिए ब्लू रे डिस्क कैसेटों को वितरित किया गया। इसकी दूसरी सिक्विल कैप्टन अमेरिका : द विंटर सोल्जर अप्रैल 4, 2014 में प्रदर्शित हुई और फिर तीसरी कड़ी कैप्टन अमेरिका : सिविल वाॅर को मई 6, 2016 में रिलीज की तारीख निश्चित की गई है।
कहानी
वर्तमान के दिन, आर्कटिक की खोज में वैज्ञानिकों को बर्फ से जमी गोलाकार जैसी चीज मिलती है जो लाल, सफेद और नीले रंग का सामान एक बिना चालक के हवाईजहाज के काॅकपिट में मिलता है।
मार्च 1942 का समय, नाज़ी अफसर जाॅहेन शेमिट और उसके सिपाही जर्मन अधिकृत क्षेत्र नाॅर्वे के, टाॅन्सबर्ग के नगरीय इलाके में प्रवेश करते हुए, जहाँ वे अज्ञात शक्तियों से लैस - टेस्सेरैक्ट नामक रहस्यमय अवशेष चुराने आते है। इस दरम्यान, न्यू याॅर्क सिटी में, द्वितीय विश्वयुद्ध के लिए चल रही सैन्य बहाली में स्टीव राॅजर्स को उसकी स्वास्थ्य और शारीरिक कमजोरियों के चलते अस्वीकृत कर दिया जाता है। वहीं अपने दोस्त सार्जेन्ट. जेम्स "बकी" बार्न्स के साथ भविष्य के आधुनिक टेक्नोलॉजीयों के प्रदर्शनी देखने बाद, राॅजर्स दुबारा बहाली में भर्ती होने की कोशिश करता है। राॅजर्स की बातचीत सुनने के साथ बर्नीस भी चाहता है कि वह जंग में हिस्सा ले, और तब डाॅक्टर अब्राहम एर्स्किन बहाली के लिए राॅजर्स को इजाजत दे देते हैं। वे उसकी बहाली बेहद अलग ही रणनीतिक वैज्ञानिक परीक्षण के लिए चुनते हैं जोकि "सुपर-सोल्जर" नामक परीक्षण का हिस्सा है जो एर्स्किन, कर्नल चेस्टेर फिलिप और ब्रिटिश एजेंट पेगी कार्टर के अधीनस्थ है। हालाँकि फिलिप इस बात से एर्स्किन से शुरुआत में असहमति जताता है राॅजर्स ही इस कार्यविधि के लिए सही शख्स है लेकिन राॅजर्स को अपने प्रति बलिदान देन की दृढ़ संकल्प देखते हुए उसके साहस के कायल हो जाते हैं। परीक्षण के ईलाज से एक रात पहले, एर्स्किन एक भेद राॅजर्स को बताता है कि शेमिट भी लगभग इसी आधे-अधुरे कीमोथैरेपी उपचार से गुजरा था और नतीजतन उसे इसके बुरे परिणाम भी भुगतने पड़े।
वहीं यूरोप में, शेमिट और डाॅ. एर्निम ज़ोला उस टेस्सेरैक्ट की ऊर्जा पर नियंत्रण करना सीख लेते है, ज़ोला के ईजाद पर इसकी खत्म न होने वाले ईंधन की ताकत के बुनियाद पर वह दुनिया पर हुकूमत करने का इरादा पालने लगता है। शेमिट तब एर्स्किन के ठिकाने को ढुंढ़ता है और उसे मारने के लिए अपना क़ातिल भेजता है। इधर अमेरिका में, एर्स्किन अपना परीक्षण राॅजर्स को "सुपर-सोल्जर" में तब्दील करने की शुरुआत करते हैं, जिसमें उसके शरीर में एक स्पेशल सीरम के इंजेक्शन और "वीटा-किरणों" की डोज दी जाती है। जल्द ही इस परीक्षण से राॅजर्स लंबे कद-काठी और बलिष्ठ शरीर के साथ उभर आता है, और वहीं मौजूद एक शख्स डाॅ. एर्स्किन की जान ले लेता है, जोकि शेमिट का ही भेजा हुआ हत्यारा, हेंज़ क्रुगर रहता है। राॅजर्स उसका पीछा कर, क्रुगर को धर दबोचता है, लेकिन हत्यारा पुछताछ से मुकर जाने के लिए पहले से ही तैयार अपने पास सायनाइड कैप्सुल निगलकर जान दे देता है।
एर्स्किन की मौत के साथ उनकी ईजाद सुपर-सोल्जर का फाॅर्मुला भी चला जाता है, राॅजर्स को अमेरिकी सिनेटर ब्रैंट की ओर से राष्ट्र दौरे में युद्ध संबंधित प्रचार के लिए "कैप्टन अमेरिका" की रंग बिरंगी वर्दी मिलती है, वहीं अन्य वैज्ञानिक उसके अध्ययन के साथ दुबारा फाॅर्मुला ईजाद करने की कोशिश की जाती है। 1943 में, इटली के दौरे में अपनी सेवा में सक्रिय भूमिका निभाते हुए, राॅजर्स को बकी के दस्ते का पता चलता है जो एमआईए के साथ शामिल होकर शेमिट के खिलाफ जंग लड़ते हुए लापता है। बकी की मौत को विश्वास परे रखकर, राॅजर्स अपनी गाड़ी और इंजीनियर हाॅवर्ड स्टार्क की हवाई मदद से दुश्मनों की सीमा रेखा से पहले उतरकर इस बचाव अभियान में निकल पड़ता है। शेमिट के हाइड्रा संगठन के गढ़ में दाखिल होकर राॅजर्स, वहाँ बकी और बाकी बंधकों को आजाद कराता है। राॅजर का जल्द ही आमना-सामना शेमिट से होता है, जो अपना नकाब उतारकर, अपनी विकृत हो चुकी लाल खोपड़ी जैसी शक्ल दिखलाता है जिसकी छवि से प्रेरित वह "द रेड स्कल" के रूप में बदनाम होता है। शेमिट भाग निकलता है और राॅजर्स भी रिहा हुए सिपाहियों के साथ अपने बेस में लौटता है।
राॅजर्स के दल में शामिल बकी, डम डम डुगैन, गैब जोन्स, जिम मोरितटा, जेम्स मोंटगोमरी फैल्सवर्थ और जैक़्युस डेर्निर के साथ हाइड्रा के अन्य ठिकानों पर हमले की योजना बनाते हैं। स्टार्क अपने आधुनिक उपकरणों के साथ राॅजर्स को लैस करते हैं, खासकर एक गोलाकार कवच जो वाइब्रेनियम, नामक एक दुर्लभ तथा अभेध धातु की बनी होती है। राॅजर्स और उसकी टीम हाइड्रा के कई ऑपरेशन को नेस्तनाबूद कर डालते हैं। फिर टीम जल्द ही ट्रेन पर सवार ज़ोला पर हमला करती है। राॅजर्स और जोन्स तब ज़ोला को पकड़ने में सफल रहती है, लेकिन इस मकसद में ट्रेन से बर्नीस बर्फिली घाटीयों में गिरक मारा जाता है। [c] ज़ोला से वह सभी जानकारियाँ उगलवाकर, वे हाइड्रा के दुर्ग को खोजकर निर्णायक धावा डालते हैं, राॅजर्स की अगुवाई में वे शेमिट के हमले को रोकते हैं जोकि अपने विध्वंसक हथियारों के जरिए अमेरिकी शहरों और दुनिया के बाकी बड़े शहरों पर व्यापक विनाश मचाने की फिराक़ में हैं। विमान द्वारा शेमिट को भाग निकलते देख राॅजर्स उसके टेक ऑफ से पहले चढ़ाई कर उसपे कब्जा जमा लेता है। पर इस आगामी लड़ाई से पहले ही, टेस्सेरैक्ट का वह कंटेनर तबाह हो जाता है। शेमिट खुले हाथों से उस टेस्सेरैक्ट को थाम लेता है, जिसकी तेज प्रस्फुटित रोशनी में वह घुल जाता है। टेस्सेरैक्ट के फर्श पर गिरते ही, विमान आग से जलती हुई धरती पर गिरने लगती है। विमान को हथियार समेत बिना धमाके के सुरक्षित उतारने को कोई विकल्प नज़र नहीं आने पर, राॅजर्स उसे आर्कटिक में क्रैश करवा डालता है। अंतिम खोजबीन में स्टार्क को समुद्री तल से वह टेस्सेरैक्ट बरामद होता है लेकिन राॅजर्स और उस विमान को खोजने की नाकामी से उसे मृत मान लिया जाता है।
राॅजर्स जागने खुद को 1940 के दशक की शैलीवाले अस्पताल में पाता है। जहाँ मौजूद एनाक्रोनिस्टिक रेडियो पर चल रही ब्रोडकास्टिंग में खासी खराबी समझ आने पर, वह बाहर भाग निकलता है और खुद को वर्तमान के टाइम-स्क़्वेर में खड़ा पाता है, जहाँ शिल्ड के निदेशक निक फ्युरी उसे सूचित कराते हैं कि उन्हें वह तकरीबन 70 सालों की नींद से जागने बाद देख रहा है।
पोस्ट-क्रेडिट दृश्यों में, फ्युरी अपना प्रस्ताव लेकर राॅजर्स से मिलते है, जिसमें दुनिया बचाने की मुहिम पर जुटे उन उप-शाखाओं के विस्तार की लिए मदद की मांग करते हैं।
पात्र
निर्माण
संगीत
रिलीज़
रिसेप्शन
सीक्वल
नोट्स
सन्दर्भ
मार्वल सिनेमेटिक यूनिवर्स की फ़िल्में
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नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले (एनडीडब्ल्यूबीएफ) का 27वां संस्करण 5 से 13 जनवरी तक प्रगति मैदान में किताब प्रेमियों के लिए शुरू होने वाला है. संयुक्त अरब अमीरात का शारजाह, 2019 पुस्तक मेले का विशिष्ट अतिथि है. आयोजकों ने गुरुवार को कहा कि भारत व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) व नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) पुस्तक मेले के सह आयोजक हैं.
पुस्तक मेले की थीम 'रीडर्स विद स्पेशल नीड्स' रखी गई है, जो खासतौर पर बच्चों के लिए है. मेले का उद्घाटन मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर करेंगे. "इस थीम के पीछे विचार यह है कि सम्मान व समानता की भावनाएं पैदा हों, सहानुभूति नहीं.
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उन्होंने कहा कि इसका मकसद दिव्यांग लोगों के योगदान को कला, संस्कृति व साहित्य में योगदान के लिए प्रेरित करना है. उन्होंने कहा कि मेले के थीम पवेलियन में विशेष तौर पर ब्रेल किताबें, ऑडियो किताबें, प्रिंट-ब्रेल किताबें, लोगों, बच्चों और दिव्यांग लोगों के लिए प्रदर्शित की जाएंगी.
एक अंतर्राष्ट्रीय विकलांगत फिल्म महोत्सव 'वी केयर' में 27 देशों द्वारा 47 फिल्म स्क्रीनों पर प्रदर्शन होगा. इन देशों में भारत, कनाडा, अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, घाना, हांगकांग व कई यूरोपीय देश शामिल हैं. इस मेले का आयोजन 7 से 12 हॉल में होगा. एनडीडब्ल्यूबीएफ 1972 से इस साहित्यिक व सांस्कृतिक समारोह को आयोजित कर रहा है.
किताबों की बातें: गांधी की कहानी, उन्हीं की जुबानी
प्रगति मैदान में निर्माण व नवीनीकरण के कारण जगह की कमी व कुल जगह का सिर्फ 22 फीसदी होने के बावजूद आईटीपीओ के कार्यकारी निदेशक दीपक कुमार ने कहा कि इस संस्करण में कई वैश्विक स्टालों के बीच दो दर्जन से ज्यादा भारतीय भाषाओं के स्टाल दिखेंगे.
पुस्तक मेले में शारजाह अतिथि प्रतिभागी है. शारजाह अपने पवेलियन में किताबों, साहित्यिक आयोजन, प्रकाशकों के संवाद, किताबों का विमोचन, कविता पाठ व बच्चों की गतिविधियां आयोजित करेगा. मेले में आने वाले लोग पवेलियन के बाहर अमीराती लोक बैंड का भी आनंद ले सकेंगे.
पुस्तक मेले के लिए टिकट ऑनलाइन बुकमाईशो की वेबसाइट से लिए जा सकते हैं. इन्हें प्रगति मैदान से भी प्राप्त किया जा सकता है. टिकट का मूल्य बच्चों के लिए दस रुपये व वयस्कों के लिए बीस रुपये है.
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यह एक लेख है: भारत और वेस्टइंडीज के बीच चौथे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट के दूसरे दिन शुक्रवार को पोर्ट ऑफ स्पेन में बारिश और मैदान गीला होने के कारण एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी.
मैच में दो दिन के दौरान अब तक सिर्फ 22 ओवर का खेल हो पाया है, जिसमें वेस्टइंडीज ने दो विकेट पर 62 रन बनाए. अंपायरों ने कई बार निरीक्षण करने के बाद मैदान को खेलने के लिए अनुपयुक्त पाया, जिसके बाद दिन का खेल रद्द कर दिया गया.
गुरुवार रात दो बार तेज आंधी और बारिश होने के कारण यह तय हो गया था कि शुक्रवार को निर्धारित समय पर मैच शुरू नहीं हो पाएगा. शुक्रवार सुबह से धूप खिली थी, लेकिन उपयुक्त उपकरणों की कमी के कारण मैदान को तैयार नहीं किया जा सका.
स्थानीय समयानुसार सुबह 11 बजे पहले निरीक्षण के बाद अंपायरों ने दोपहर एक बजे दूसरा निरीक्षण किया. दिन का अंतिम निरीक्षण दोपहर ढाई बजे हुआ, जिसके बाद दिन का खेल रद्द कर दिया गया. क्योंकि आउटफील्ड कई जगह गीला था और साथ ही दोनों छोर पर गेंदबाजों के रन अप वाला हिस्सा भी गीला था. टिप्पणियां
भारत ने गुरुवार को लियोन जानसन (09) और डेरेन ब्रावो (10) को पवेलियन भेजा था, जिसके बाद बारिश के कारण खेल रोकना पड़ा. क्रेग ब्रेथवेट 32 जबकि मार्लन सैमुअल्स चार रन बनाकर खेल रहे थे.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मैच में दो दिन के दौरान अब तक सिर्फ 22 ओवर का खेल हो पाया है, जिसमें वेस्टइंडीज ने दो विकेट पर 62 रन बनाए. अंपायरों ने कई बार निरीक्षण करने के बाद मैदान को खेलने के लिए अनुपयुक्त पाया, जिसके बाद दिन का खेल रद्द कर दिया गया.
गुरुवार रात दो बार तेज आंधी और बारिश होने के कारण यह तय हो गया था कि शुक्रवार को निर्धारित समय पर मैच शुरू नहीं हो पाएगा. शुक्रवार सुबह से धूप खिली थी, लेकिन उपयुक्त उपकरणों की कमी के कारण मैदान को तैयार नहीं किया जा सका.
स्थानीय समयानुसार सुबह 11 बजे पहले निरीक्षण के बाद अंपायरों ने दोपहर एक बजे दूसरा निरीक्षण किया. दिन का अंतिम निरीक्षण दोपहर ढाई बजे हुआ, जिसके बाद दिन का खेल रद्द कर दिया गया. क्योंकि आउटफील्ड कई जगह गीला था और साथ ही दोनों छोर पर गेंदबाजों के रन अप वाला हिस्सा भी गीला था. टिप्पणियां
भारत ने गुरुवार को लियोन जानसन (09) और डेरेन ब्रावो (10) को पवेलियन भेजा था, जिसके बाद बारिश के कारण खेल रोकना पड़ा. क्रेग ब्रेथवेट 32 जबकि मार्लन सैमुअल्स चार रन बनाकर खेल रहे थे.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
गुरुवार रात दो बार तेज आंधी और बारिश होने के कारण यह तय हो गया था कि शुक्रवार को निर्धारित समय पर मैच शुरू नहीं हो पाएगा. शुक्रवार सुबह से धूप खिली थी, लेकिन उपयुक्त उपकरणों की कमी के कारण मैदान को तैयार नहीं किया जा सका.
स्थानीय समयानुसार सुबह 11 बजे पहले निरीक्षण के बाद अंपायरों ने दोपहर एक बजे दूसरा निरीक्षण किया. दिन का अंतिम निरीक्षण दोपहर ढाई बजे हुआ, जिसके बाद दिन का खेल रद्द कर दिया गया. क्योंकि आउटफील्ड कई जगह गीला था और साथ ही दोनों छोर पर गेंदबाजों के रन अप वाला हिस्सा भी गीला था. टिप्पणियां
भारत ने गुरुवार को लियोन जानसन (09) और डेरेन ब्रावो (10) को पवेलियन भेजा था, जिसके बाद बारिश के कारण खेल रोकना पड़ा. क्रेग ब्रेथवेट 32 जबकि मार्लन सैमुअल्स चार रन बनाकर खेल रहे थे.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
स्थानीय समयानुसार सुबह 11 बजे पहले निरीक्षण के बाद अंपायरों ने दोपहर एक बजे दूसरा निरीक्षण किया. दिन का अंतिम निरीक्षण दोपहर ढाई बजे हुआ, जिसके बाद दिन का खेल रद्द कर दिया गया. क्योंकि आउटफील्ड कई जगह गीला था और साथ ही दोनों छोर पर गेंदबाजों के रन अप वाला हिस्सा भी गीला था. टिप्पणियां
भारत ने गुरुवार को लियोन जानसन (09) और डेरेन ब्रावो (10) को पवेलियन भेजा था, जिसके बाद बारिश के कारण खेल रोकना पड़ा. क्रेग ब्रेथवेट 32 जबकि मार्लन सैमुअल्स चार रन बनाकर खेल रहे थे.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
भारत ने गुरुवार को लियोन जानसन (09) और डेरेन ब्रावो (10) को पवेलियन भेजा था, जिसके बाद बारिश के कारण खेल रोकना पड़ा. क्रेग ब्रेथवेट 32 जबकि मार्लन सैमुअल्स चार रन बनाकर खेल रहे थे.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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रेलवे (RRB) ने हाल ही में ट्रैक मैन के पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था. ट्रैक मैन के 2600 पदों पर भर्ती होनी है. इन पदों पर रिटायर्ड रेलवे कर्मचारी आवेदन कर सकते हैं. आपको बता दें कि रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) ग्रुप डी के पदों पर भर्ती परीक्षा करा रहा है. परीक्षा के एडमिट कार्ड (RRB Admit Card 2018) हर एग्जाम से 4 दिन पहले जारी किए जा रहे हैं.
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ज्ञान का वि-उपनिवेशन ( Decolonization of knowledge) एक मुख्यतः बौद्धिक परियोजना है जो सर्वत्र छायी हुई पश्चिमी ज्ञान प्रणाली की "सार्वभौमिकता/सार्वकालिकता के दावे को चुनौती देती है। यह परियोजना अन्य ज्ञान प्रणालियों को स्वीकार्य बनाना चाहती है और उन ज्ञानमीमांसाओं को न्याय देना चाहती है जिनका अब तक अनादर किया जाता रहा है।
अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और दुनिया में अन्य जगहों पर दशकों से ज्ञान के वि-उपनिवेशन के बारे में बहस चल रही है।
इन्हें भी देखें
शक्ति की औपनिवेशिकता
विकृति
उपनिवेशवाद
दक्षिण अफ्रीका में उच्च शिक्षा का विघटन
संग्रहालयों का विघटन
मन को खंडित करना
बाहरी अंतरिक्ष को विघटित करना
रोड्स को गिरना चाहिए
संदर्भ
ज्ञानमीमांसा
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ब्रिटेन में एक गुरुद्वारे और मस्जिद में
आग
लगाई दी गई. बीबीसी की एक खबर के मुताबिक बीस्टन में हार्डी स्ट्रीट पर ‘जामा मस्जिद अबू हूरैरा मॉस्क’ और लेडी पीट लेन पर ‘गुरु नानक निष्काम सेवक जत्था गुरुद्वारे’ में आग लगा दी गई.
रिपोर्ट के मुताबिक मस्जिद के मुख्य गेट पर स्थानीय समयानुसार सुबह करीब तीन बजकर 45 मिनट पर आग लगा दी गई. इसके कुछ मिनट बाद ही गुरुद्वारे के दरवाजे पर आग लगा दी गई.
‘सिख प्रेस संघ’ ने बताया कि गुरुद्वारे के दरवाजे पर पेट्रोल से भरी बोतल में आग लगा दी गई, जिससे स्मोक अलार्म बज गया. इसके तुरंत बाद ही दमकल विभाग की गाड़ियों तथा पुलिस को बुलाया गया और आग पर काबू पा लिया गया.
‘लीड्स डिस्ट्रिक्ट सीआईडी’ के जासूस निरीक्षक रिचर्ड होम्स ने कहा कि हम दोनों घटनाओं के करीब स्थानों पर होने और लगभग एक समय पर हमला होने के चलते इन्हें जुड़ा हुआ मान रहे हैं.
उन्होंने कहा कि हालांकि जांच अभी प्रांरभिक स्तर पर है, हमें यह भी लगता है कि धार्मिक स्थलों को विशेष रूप से निशाना बनाया गया. हम आगजनी की दोनों घटनाओं को घृणा अपराध के तौर पर देख रहे हैं.
होम्स ने कहा कि हम दोनों इलाकों की सीसीटीवी फुटेज की जांच सहित व्यापक स्तर पर पूछताछ कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि स्पष्ट रूप से हम इस प्रकृति के अपराधों की गंभीरता से जांच करते हैं. अपराधियों को न्याय के दायरे में लाने के लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे.
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भारत के अनुभवी खिलाड़ी लिएंडर पेस ने चेक गणराज्य के राडेक स्टेपानेक के साथ मिलकर सोनी एरिक्सन ओपन टूर्नामेंट का पुरुष युगल खिताब जीत लिया है। 38 वर्षीय पेस का एटीपी वर्ल्ड टूर के इतिहास में यह 50वीं युगल खिताबी जीत है।
यह उपलब्धि हासिल करने वाले वह विश्व के 24वें खिलाड़ी हैं। पेशेवर टेनिस संघ (एटीपी) की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, शनिवार देर रात खेले गए युगल स्पर्धा के फाइनल मुकाबले में पेस और स्टेपानेक ने बेलारूस के मैक्स मिर्नी और कनाडा के डेनियल नेस्टर की दूसरी वरीयता प्राप्त जोड़ी को 3-6, 6-1, 10-8 से हरा दिया। इस प्रतियोगिता में पेस और स्टेपानेक को सातवीं वरीयता दी गई थी।
इस मुकाबले को जीतने के लिए पेस और स्टेपानेक को 82 मिनट तक कोर्ट पर पसीना बहाना पड़ा। इससे पहले, पेस और स्टेपानेक ने सेमीफाइनल मुकाबले में टॉप सीड अमेरिका के बॉब और माइक ब्रायन की जोड़ी को हराया था।
उल्लेखनीय है कि पेस इस टूर्नामेंट में लगातार तीसरी बार चैम्पियन बने हैं। इससे पहले, वर्ष 2010 में पेस ने बहामास के लुकास डुलोही के साथ इस वर्ग का खिताब अपने नाम किया था जबकि महेश के साथ उन्होंने पिछले वर्ष इस खिताब को जीता था।
पेस ने जीत के बाद कहा, "यह जीत मेरे लिए इसलिए भी अहम हैं क्योंकि यह मेरा 50वां युगल खिताब है। लगातार तीन बार इस खिताब पर कब्जा जमाना अद्भुत है। मुझे आशा है कि मैं अगले वर्ष भी खिताब जीतूंगा।"
इससे पहले, वर्ष 2010 में पेस ने बहामास के लुकास डुलोही के साथ इस वर्ग का खिताब अपने नाम किया था जबकि महेश के साथ उन्होंने पिछले वर्ष इस खिताब को जीता था।"टिप्पणियां
दूसरी ओर, विश्व की चौथी वरीयता प्राप्त पोलैंड की एगनिस्का रद्वांस्का ने रूस की मारिया शारापोवा को हराकर महिला एकल खिताब पर कब्जा किया।
महिलाओं की एकल स्पर्धा के फाइनल मुकाबले में रद्वांस्का ने विश्व की दूसरी वरीयता प्राप्त खिलाड़ी शारापोवा को 7-5, 6-4 से शिकस्त दी। इस टूर्नामेंट के फाइनल में शारापोवा की यह चौथी हार है। इससे पहले, शारापोवा तीन बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची थी जहां तीनों बार उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
यह उपलब्धि हासिल करने वाले वह विश्व के 24वें खिलाड़ी हैं। पेशेवर टेनिस संघ (एटीपी) की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, शनिवार देर रात खेले गए युगल स्पर्धा के फाइनल मुकाबले में पेस और स्टेपानेक ने बेलारूस के मैक्स मिर्नी और कनाडा के डेनियल नेस्टर की दूसरी वरीयता प्राप्त जोड़ी को 3-6, 6-1, 10-8 से हरा दिया। इस प्रतियोगिता में पेस और स्टेपानेक को सातवीं वरीयता दी गई थी।
इस मुकाबले को जीतने के लिए पेस और स्टेपानेक को 82 मिनट तक कोर्ट पर पसीना बहाना पड़ा। इससे पहले, पेस और स्टेपानेक ने सेमीफाइनल मुकाबले में टॉप सीड अमेरिका के बॉब और माइक ब्रायन की जोड़ी को हराया था।
उल्लेखनीय है कि पेस इस टूर्नामेंट में लगातार तीसरी बार चैम्पियन बने हैं। इससे पहले, वर्ष 2010 में पेस ने बहामास के लुकास डुलोही के साथ इस वर्ग का खिताब अपने नाम किया था जबकि महेश के साथ उन्होंने पिछले वर्ष इस खिताब को जीता था।
पेस ने जीत के बाद कहा, "यह जीत मेरे लिए इसलिए भी अहम हैं क्योंकि यह मेरा 50वां युगल खिताब है। लगातार तीन बार इस खिताब पर कब्जा जमाना अद्भुत है। मुझे आशा है कि मैं अगले वर्ष भी खिताब जीतूंगा।"
इससे पहले, वर्ष 2010 में पेस ने बहामास के लुकास डुलोही के साथ इस वर्ग का खिताब अपने नाम किया था जबकि महेश के साथ उन्होंने पिछले वर्ष इस खिताब को जीता था।"टिप्पणियां
दूसरी ओर, विश्व की चौथी वरीयता प्राप्त पोलैंड की एगनिस्का रद्वांस्का ने रूस की मारिया शारापोवा को हराकर महिला एकल खिताब पर कब्जा किया।
महिलाओं की एकल स्पर्धा के फाइनल मुकाबले में रद्वांस्का ने विश्व की दूसरी वरीयता प्राप्त खिलाड़ी शारापोवा को 7-5, 6-4 से शिकस्त दी। इस टूर्नामेंट के फाइनल में शारापोवा की यह चौथी हार है। इससे पहले, शारापोवा तीन बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची थी जहां तीनों बार उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
इस मुकाबले को जीतने के लिए पेस और स्टेपानेक को 82 मिनट तक कोर्ट पर पसीना बहाना पड़ा। इससे पहले, पेस और स्टेपानेक ने सेमीफाइनल मुकाबले में टॉप सीड अमेरिका के बॉब और माइक ब्रायन की जोड़ी को हराया था।
उल्लेखनीय है कि पेस इस टूर्नामेंट में लगातार तीसरी बार चैम्पियन बने हैं। इससे पहले, वर्ष 2010 में पेस ने बहामास के लुकास डुलोही के साथ इस वर्ग का खिताब अपने नाम किया था जबकि महेश के साथ उन्होंने पिछले वर्ष इस खिताब को जीता था।
पेस ने जीत के बाद कहा, "यह जीत मेरे लिए इसलिए भी अहम हैं क्योंकि यह मेरा 50वां युगल खिताब है। लगातार तीन बार इस खिताब पर कब्जा जमाना अद्भुत है। मुझे आशा है कि मैं अगले वर्ष भी खिताब जीतूंगा।"
इससे पहले, वर्ष 2010 में पेस ने बहामास के लुकास डुलोही के साथ इस वर्ग का खिताब अपने नाम किया था जबकि महेश के साथ उन्होंने पिछले वर्ष इस खिताब को जीता था।"टिप्पणियां
दूसरी ओर, विश्व की चौथी वरीयता प्राप्त पोलैंड की एगनिस्का रद्वांस्का ने रूस की मारिया शारापोवा को हराकर महिला एकल खिताब पर कब्जा किया।
महिलाओं की एकल स्पर्धा के फाइनल मुकाबले में रद्वांस्का ने विश्व की दूसरी वरीयता प्राप्त खिलाड़ी शारापोवा को 7-5, 6-4 से शिकस्त दी। इस टूर्नामेंट के फाइनल में शारापोवा की यह चौथी हार है। इससे पहले, शारापोवा तीन बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची थी जहां तीनों बार उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
उल्लेखनीय है कि पेस इस टूर्नामेंट में लगातार तीसरी बार चैम्पियन बने हैं। इससे पहले, वर्ष 2010 में पेस ने बहामास के लुकास डुलोही के साथ इस वर्ग का खिताब अपने नाम किया था जबकि महेश के साथ उन्होंने पिछले वर्ष इस खिताब को जीता था।
पेस ने जीत के बाद कहा, "यह जीत मेरे लिए इसलिए भी अहम हैं क्योंकि यह मेरा 50वां युगल खिताब है। लगातार तीन बार इस खिताब पर कब्जा जमाना अद्भुत है। मुझे आशा है कि मैं अगले वर्ष भी खिताब जीतूंगा।"
इससे पहले, वर्ष 2010 में पेस ने बहामास के लुकास डुलोही के साथ इस वर्ग का खिताब अपने नाम किया था जबकि महेश के साथ उन्होंने पिछले वर्ष इस खिताब को जीता था।"टिप्पणियां
दूसरी ओर, विश्व की चौथी वरीयता प्राप्त पोलैंड की एगनिस्का रद्वांस्का ने रूस की मारिया शारापोवा को हराकर महिला एकल खिताब पर कब्जा किया।
महिलाओं की एकल स्पर्धा के फाइनल मुकाबले में रद्वांस्का ने विश्व की दूसरी वरीयता प्राप्त खिलाड़ी शारापोवा को 7-5, 6-4 से शिकस्त दी। इस टूर्नामेंट के फाइनल में शारापोवा की यह चौथी हार है। इससे पहले, शारापोवा तीन बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची थी जहां तीनों बार उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
पेस ने जीत के बाद कहा, "यह जीत मेरे लिए इसलिए भी अहम हैं क्योंकि यह मेरा 50वां युगल खिताब है। लगातार तीन बार इस खिताब पर कब्जा जमाना अद्भुत है। मुझे आशा है कि मैं अगले वर्ष भी खिताब जीतूंगा।"
इससे पहले, वर्ष 2010 में पेस ने बहामास के लुकास डुलोही के साथ इस वर्ग का खिताब अपने नाम किया था जबकि महेश के साथ उन्होंने पिछले वर्ष इस खिताब को जीता था।"टिप्पणियां
दूसरी ओर, विश्व की चौथी वरीयता प्राप्त पोलैंड की एगनिस्का रद्वांस्का ने रूस की मारिया शारापोवा को हराकर महिला एकल खिताब पर कब्जा किया।
महिलाओं की एकल स्पर्धा के फाइनल मुकाबले में रद्वांस्का ने विश्व की दूसरी वरीयता प्राप्त खिलाड़ी शारापोवा को 7-5, 6-4 से शिकस्त दी। इस टूर्नामेंट के फाइनल में शारापोवा की यह चौथी हार है। इससे पहले, शारापोवा तीन बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची थी जहां तीनों बार उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
इससे पहले, वर्ष 2010 में पेस ने बहामास के लुकास डुलोही के साथ इस वर्ग का खिताब अपने नाम किया था जबकि महेश के साथ उन्होंने पिछले वर्ष इस खिताब को जीता था।"टिप्पणियां
दूसरी ओर, विश्व की चौथी वरीयता प्राप्त पोलैंड की एगनिस्का रद्वांस्का ने रूस की मारिया शारापोवा को हराकर महिला एकल खिताब पर कब्जा किया।
महिलाओं की एकल स्पर्धा के फाइनल मुकाबले में रद्वांस्का ने विश्व की दूसरी वरीयता प्राप्त खिलाड़ी शारापोवा को 7-5, 6-4 से शिकस्त दी। इस टूर्नामेंट के फाइनल में शारापोवा की यह चौथी हार है। इससे पहले, शारापोवा तीन बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची थी जहां तीनों बार उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
दूसरी ओर, विश्व की चौथी वरीयता प्राप्त पोलैंड की एगनिस्का रद्वांस्का ने रूस की मारिया शारापोवा को हराकर महिला एकल खिताब पर कब्जा किया।
महिलाओं की एकल स्पर्धा के फाइनल मुकाबले में रद्वांस्का ने विश्व की दूसरी वरीयता प्राप्त खिलाड़ी शारापोवा को 7-5, 6-4 से शिकस्त दी। इस टूर्नामेंट के फाइनल में शारापोवा की यह चौथी हार है। इससे पहले, शारापोवा तीन बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची थी जहां तीनों बार उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
महिलाओं की एकल स्पर्धा के फाइनल मुकाबले में रद्वांस्का ने विश्व की दूसरी वरीयता प्राप्त खिलाड़ी शारापोवा को 7-5, 6-4 से शिकस्त दी। इस टूर्नामेंट के फाइनल में शारापोवा की यह चौथी हार है। इससे पहले, शारापोवा तीन बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची थी जहां तीनों बार उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
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यूपी के फतेहपुर में रक्षक ही भक्षक बन गया. वर्दी पर ऐसा बदनुमा दाग लगा कि पुलिस महकमा भी शर्मसार हो गया. जी हां, सिपाही द्वारा एक नाबालिग छात्रा से रेप करने की सनसनीखेज घटना सामने आई है. पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. आरोपी फरार है.
जानकारी के मुताबिक,
चांदपुर थाने में तैनात सिपाही ने एक नाबालिग छात्रा को थाने के सामने ही एकांत जगह पर ले गया. फिर वहां उसने उसकी इज्जत तार-तार कर डाली. उसके बाद वह वहां से फरार हो गया है. इस घटना से लोगों में काफी आक्रोश है.
पुलिस अधीक्षक
अनीस अहमद अंसारी ने बताया कि आरोपी सिपाही के खिलाफ रेप का केस दर्ज कर लिया गया है. वह फिलहाल थाने से फरार है. उसकी गिरफ्तारी के जगह-जगह छापे मारे जा रहे हैं. बहुत जल्द उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
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भारत-पाकिस्तान के विदेश सचिवों की वार्ता से एक दिन पहले भारत ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद से निपटने के लिए और कार्रवाई करने की जरूरत है। उन्होंने यह संकेत भी दिया कि इस मामले में प्रगति के मुद्दे से वार्ता प्रक्रिया बाधित नहीं हुई है।
विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने ताजिकिस्तान से लौटते वक्त विशेष विमान में संवाददाताओं से कहा, ‘‘पुराने समय की कड़वाहट अब भारत और पाकिस्तान के बीच नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर और अधिक कार्रवाई करने की जरूरत है। लेकिन आतंकवाद पर प्रगति के मुद्दे से वार्ता प्रक्रिया बाधित नहीं हुई है।’’टिप्पणियां
कृष्णा का बयान विदेश सचिव रंजन मथाई और उनके पाकिस्तानी समकक्ष जलील अब्बास जिलानी की नई दिल्ली में होने वाली मुलाकात से पहले आया है।
जाबीउद्दीन उर्फ अबू जंदल की गिरफ्तारी की पृष्ठभूमि में मुलाकात होने जा रही है। जंदल ने खुलासा किया है कि वह लश्कर.ए.तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद के साथ 26.11 के मुंबई हमलों के दौरान पाकिस्तान में नियंत्रण कक्ष में मौजूद था।
विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने ताजिकिस्तान से लौटते वक्त विशेष विमान में संवाददाताओं से कहा, ‘‘पुराने समय की कड़वाहट अब भारत और पाकिस्तान के बीच नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर और अधिक कार्रवाई करने की जरूरत है। लेकिन आतंकवाद पर प्रगति के मुद्दे से वार्ता प्रक्रिया बाधित नहीं हुई है।’’टिप्पणियां
कृष्णा का बयान विदेश सचिव रंजन मथाई और उनके पाकिस्तानी समकक्ष जलील अब्बास जिलानी की नई दिल्ली में होने वाली मुलाकात से पहले आया है।
जाबीउद्दीन उर्फ अबू जंदल की गिरफ्तारी की पृष्ठभूमि में मुलाकात होने जा रही है। जंदल ने खुलासा किया है कि वह लश्कर.ए.तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद के साथ 26.11 के मुंबई हमलों के दौरान पाकिस्तान में नियंत्रण कक्ष में मौजूद था।
कृष्णा का बयान विदेश सचिव रंजन मथाई और उनके पाकिस्तानी समकक्ष जलील अब्बास जिलानी की नई दिल्ली में होने वाली मुलाकात से पहले आया है।
जाबीउद्दीन उर्फ अबू जंदल की गिरफ्तारी की पृष्ठभूमि में मुलाकात होने जा रही है। जंदल ने खुलासा किया है कि वह लश्कर.ए.तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद के साथ 26.11 के मुंबई हमलों के दौरान पाकिस्तान में नियंत्रण कक्ष में मौजूद था।
जाबीउद्दीन उर्फ अबू जंदल की गिरफ्तारी की पृष्ठभूमि में मुलाकात होने जा रही है। जंदल ने खुलासा किया है कि वह लश्कर.ए.तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद के साथ 26.11 के मुंबई हमलों के दौरान पाकिस्तान में नियंत्रण कक्ष में मौजूद था।
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यह लेख है: व्हाइट हाउस द्वारा युद्धग्रस्त देश सीरिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के लिए अपना पक्ष मजबूत किए जाने के प्रयासों के बीच अमेरिकी सीनेट की खुफिया समिति ने कथित रूप से सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद प्रशासन द्वारा किए गए रासायनिक हमलों के 13 वीडियो जारी किए हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को सीरिया के खिलाफ ‘सीमित’ सैन्य हमलों का अधिकार देने संबंधी प्रस्ताव पर सीनेट में बहस और मतदान से कुछ ही दिन पहले रासायनिक हमलों संबंधी ये वीडियो जारी किए गए हैं जिनमें ग्राफिक चित्र हैं।
इन वीडियो को पहले गुरुवार को सीनेट की खुफिया समिति के सदस्यों को दिखाया गया और उसके सीएनएन को लीक किया गया। कई मीडिया संगठनों का कहना है कि ऐसा सीरिया पर हमले के संबंध में जनमत बनाने के प्रयासों के तहत किया गया है।
ओबामा प्रशासन ने राष्ट्रपति असद के बलों पर 21 अगस्त को दमिश्क के उपनगरों में जहरीली गैस के हमले में 1429 लोगों की हत्या करने का आरोप लगाया है। हालांकि सीरियाई सरकार ने इस आरोप का खंडन किया है।
कुछ हालिया ताजा जनमत संग्रहों में यह सामने आया है कि किसी नए हमले को लेकर अमेरिकियों में उत्साह कम है।
खुफिया समिति ने एक बयान में कहा है कि यूएस ओपन सोर्स सेंटर ने हमले के दिन के ये 13 वीडियो संकलित किए हैं।
समिति ने कहा है कि ये सभी वीडियो सीरियाई विपक्ष के समर्थकों द्वारा यूट्यूब पर डाले गए हैं।
इस बीच, ओबामा प्रशासन सीरिया पर हमले के लिए अपनी योजनाओं पर समर्थन जुटाने के लिए कांग्रेस के भीतर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन जुटाने में लगा है। अमेरिकी सीनेट में इस संबंध में प्रस्ताव पर इस सप्ताह के शुरुआत में मतदान होने की संभावना है।
विदेश मंत्री जॉन कैरी प्रस्ताव पर अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करने के प्रयासों के तहत यूरोप के दौरे पर हैं।टिप्पणियां
बताया जाता है कि ओबामा कल खुद कांग्रेस के सदस्यों को फोन कर करके अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर अपने ही लोगों के खिलाफ रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किए जाने को लेकर असद सरकार को जवाबदेह ठहराए जाने की जरूरत पर जोर देते रहे।
पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और पूर्व रक्षामंत्री राबर्ट एम गेट्स ने सीरिया पर ओबामा की योजनाओं का समर्थन किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को सीरिया के खिलाफ ‘सीमित’ सैन्य हमलों का अधिकार देने संबंधी प्रस्ताव पर सीनेट में बहस और मतदान से कुछ ही दिन पहले रासायनिक हमलों संबंधी ये वीडियो जारी किए गए हैं जिनमें ग्राफिक चित्र हैं।
इन वीडियो को पहले गुरुवार को सीनेट की खुफिया समिति के सदस्यों को दिखाया गया और उसके सीएनएन को लीक किया गया। कई मीडिया संगठनों का कहना है कि ऐसा सीरिया पर हमले के संबंध में जनमत बनाने के प्रयासों के तहत किया गया है।
ओबामा प्रशासन ने राष्ट्रपति असद के बलों पर 21 अगस्त को दमिश्क के उपनगरों में जहरीली गैस के हमले में 1429 लोगों की हत्या करने का आरोप लगाया है। हालांकि सीरियाई सरकार ने इस आरोप का खंडन किया है।
कुछ हालिया ताजा जनमत संग्रहों में यह सामने आया है कि किसी नए हमले को लेकर अमेरिकियों में उत्साह कम है।
खुफिया समिति ने एक बयान में कहा है कि यूएस ओपन सोर्स सेंटर ने हमले के दिन के ये 13 वीडियो संकलित किए हैं।
समिति ने कहा है कि ये सभी वीडियो सीरियाई विपक्ष के समर्थकों द्वारा यूट्यूब पर डाले गए हैं।
इस बीच, ओबामा प्रशासन सीरिया पर हमले के लिए अपनी योजनाओं पर समर्थन जुटाने के लिए कांग्रेस के भीतर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन जुटाने में लगा है। अमेरिकी सीनेट में इस संबंध में प्रस्ताव पर इस सप्ताह के शुरुआत में मतदान होने की संभावना है।
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बताया जाता है कि ओबामा कल खुद कांग्रेस के सदस्यों को फोन कर करके अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर अपने ही लोगों के खिलाफ रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किए जाने को लेकर असद सरकार को जवाबदेह ठहराए जाने की जरूरत पर जोर देते रहे।
पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और पूर्व रक्षामंत्री राबर्ट एम गेट्स ने सीरिया पर ओबामा की योजनाओं का समर्थन किया है।
इन वीडियो को पहले गुरुवार को सीनेट की खुफिया समिति के सदस्यों को दिखाया गया और उसके सीएनएन को लीक किया गया। कई मीडिया संगठनों का कहना है कि ऐसा सीरिया पर हमले के संबंध में जनमत बनाने के प्रयासों के तहत किया गया है।
ओबामा प्रशासन ने राष्ट्रपति असद के बलों पर 21 अगस्त को दमिश्क के उपनगरों में जहरीली गैस के हमले में 1429 लोगों की हत्या करने का आरोप लगाया है। हालांकि सीरियाई सरकार ने इस आरोप का खंडन किया है।
कुछ हालिया ताजा जनमत संग्रहों में यह सामने आया है कि किसी नए हमले को लेकर अमेरिकियों में उत्साह कम है।
खुफिया समिति ने एक बयान में कहा है कि यूएस ओपन सोर्स सेंटर ने हमले के दिन के ये 13 वीडियो संकलित किए हैं।
समिति ने कहा है कि ये सभी वीडियो सीरियाई विपक्ष के समर्थकों द्वारा यूट्यूब पर डाले गए हैं।
इस बीच, ओबामा प्रशासन सीरिया पर हमले के लिए अपनी योजनाओं पर समर्थन जुटाने के लिए कांग्रेस के भीतर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन जुटाने में लगा है। अमेरिकी सीनेट में इस संबंध में प्रस्ताव पर इस सप्ताह के शुरुआत में मतदान होने की संभावना है।
विदेश मंत्री जॉन कैरी प्रस्ताव पर अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करने के प्रयासों के तहत यूरोप के दौरे पर हैं।टिप्पणियां
बताया जाता है कि ओबामा कल खुद कांग्रेस के सदस्यों को फोन कर करके अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर अपने ही लोगों के खिलाफ रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किए जाने को लेकर असद सरकार को जवाबदेह ठहराए जाने की जरूरत पर जोर देते रहे।
पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और पूर्व रक्षामंत्री राबर्ट एम गेट्स ने सीरिया पर ओबामा की योजनाओं का समर्थन किया है।
ओबामा प्रशासन ने राष्ट्रपति असद के बलों पर 21 अगस्त को दमिश्क के उपनगरों में जहरीली गैस के हमले में 1429 लोगों की हत्या करने का आरोप लगाया है। हालांकि सीरियाई सरकार ने इस आरोप का खंडन किया है।
कुछ हालिया ताजा जनमत संग्रहों में यह सामने आया है कि किसी नए हमले को लेकर अमेरिकियों में उत्साह कम है।
खुफिया समिति ने एक बयान में कहा है कि यूएस ओपन सोर्स सेंटर ने हमले के दिन के ये 13 वीडियो संकलित किए हैं।
समिति ने कहा है कि ये सभी वीडियो सीरियाई विपक्ष के समर्थकों द्वारा यूट्यूब पर डाले गए हैं।
इस बीच, ओबामा प्रशासन सीरिया पर हमले के लिए अपनी योजनाओं पर समर्थन जुटाने के लिए कांग्रेस के भीतर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन जुटाने में लगा है। अमेरिकी सीनेट में इस संबंध में प्रस्ताव पर इस सप्ताह के शुरुआत में मतदान होने की संभावना है।
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बताया जाता है कि ओबामा कल खुद कांग्रेस के सदस्यों को फोन कर करके अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर अपने ही लोगों के खिलाफ रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किए जाने को लेकर असद सरकार को जवाबदेह ठहराए जाने की जरूरत पर जोर देते रहे।
पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और पूर्व रक्षामंत्री राबर्ट एम गेट्स ने सीरिया पर ओबामा की योजनाओं का समर्थन किया है।
कुछ हालिया ताजा जनमत संग्रहों में यह सामने आया है कि किसी नए हमले को लेकर अमेरिकियों में उत्साह कम है।
खुफिया समिति ने एक बयान में कहा है कि यूएस ओपन सोर्स सेंटर ने हमले के दिन के ये 13 वीडियो संकलित किए हैं।
समिति ने कहा है कि ये सभी वीडियो सीरियाई विपक्ष के समर्थकों द्वारा यूट्यूब पर डाले गए हैं।
इस बीच, ओबामा प्रशासन सीरिया पर हमले के लिए अपनी योजनाओं पर समर्थन जुटाने के लिए कांग्रेस के भीतर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन जुटाने में लगा है। अमेरिकी सीनेट में इस संबंध में प्रस्ताव पर इस सप्ताह के शुरुआत में मतदान होने की संभावना है।
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बताया जाता है कि ओबामा कल खुद कांग्रेस के सदस्यों को फोन कर करके अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर अपने ही लोगों के खिलाफ रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किए जाने को लेकर असद सरकार को जवाबदेह ठहराए जाने की जरूरत पर जोर देते रहे।
पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और पूर्व रक्षामंत्री राबर्ट एम गेट्स ने सीरिया पर ओबामा की योजनाओं का समर्थन किया है।
खुफिया समिति ने एक बयान में कहा है कि यूएस ओपन सोर्स सेंटर ने हमले के दिन के ये 13 वीडियो संकलित किए हैं।
समिति ने कहा है कि ये सभी वीडियो सीरियाई विपक्ष के समर्थकों द्वारा यूट्यूब पर डाले गए हैं।
इस बीच, ओबामा प्रशासन सीरिया पर हमले के लिए अपनी योजनाओं पर समर्थन जुटाने के लिए कांग्रेस के भीतर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन जुटाने में लगा है। अमेरिकी सीनेट में इस संबंध में प्रस्ताव पर इस सप्ताह के शुरुआत में मतदान होने की संभावना है।
विदेश मंत्री जॉन कैरी प्रस्ताव पर अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करने के प्रयासों के तहत यूरोप के दौरे पर हैं।टिप्पणियां
बताया जाता है कि ओबामा कल खुद कांग्रेस के सदस्यों को फोन कर करके अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर अपने ही लोगों के खिलाफ रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किए जाने को लेकर असद सरकार को जवाबदेह ठहराए जाने की जरूरत पर जोर देते रहे।
पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और पूर्व रक्षामंत्री राबर्ट एम गेट्स ने सीरिया पर ओबामा की योजनाओं का समर्थन किया है।
समिति ने कहा है कि ये सभी वीडियो सीरियाई विपक्ष के समर्थकों द्वारा यूट्यूब पर डाले गए हैं।
इस बीच, ओबामा प्रशासन सीरिया पर हमले के लिए अपनी योजनाओं पर समर्थन जुटाने के लिए कांग्रेस के भीतर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन जुटाने में लगा है। अमेरिकी सीनेट में इस संबंध में प्रस्ताव पर इस सप्ताह के शुरुआत में मतदान होने की संभावना है।
विदेश मंत्री जॉन कैरी प्रस्ताव पर अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करने के प्रयासों के तहत यूरोप के दौरे पर हैं।टिप्पणियां
बताया जाता है कि ओबामा कल खुद कांग्रेस के सदस्यों को फोन कर करके अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर अपने ही लोगों के खिलाफ रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किए जाने को लेकर असद सरकार को जवाबदेह ठहराए जाने की जरूरत पर जोर देते रहे।
पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और पूर्व रक्षामंत्री राबर्ट एम गेट्स ने सीरिया पर ओबामा की योजनाओं का समर्थन किया है।
इस बीच, ओबामा प्रशासन सीरिया पर हमले के लिए अपनी योजनाओं पर समर्थन जुटाने के लिए कांग्रेस के भीतर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन जुटाने में लगा है। अमेरिकी सीनेट में इस संबंध में प्रस्ताव पर इस सप्ताह के शुरुआत में मतदान होने की संभावना है।
विदेश मंत्री जॉन कैरी प्रस्ताव पर अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करने के प्रयासों के तहत यूरोप के दौरे पर हैं।टिप्पणियां
बताया जाता है कि ओबामा कल खुद कांग्रेस के सदस्यों को फोन कर करके अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर अपने ही लोगों के खिलाफ रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किए जाने को लेकर असद सरकार को जवाबदेह ठहराए जाने की जरूरत पर जोर देते रहे।
पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और पूर्व रक्षामंत्री राबर्ट एम गेट्स ने सीरिया पर ओबामा की योजनाओं का समर्थन किया है।
विदेश मंत्री जॉन कैरी प्रस्ताव पर अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करने के प्रयासों के तहत यूरोप के दौरे पर हैं।टिप्पणियां
बताया जाता है कि ओबामा कल खुद कांग्रेस के सदस्यों को फोन कर करके अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर अपने ही लोगों के खिलाफ रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किए जाने को लेकर असद सरकार को जवाबदेह ठहराए जाने की जरूरत पर जोर देते रहे।
पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और पूर्व रक्षामंत्री राबर्ट एम गेट्स ने सीरिया पर ओबामा की योजनाओं का समर्थन किया है।
बताया जाता है कि ओबामा कल खुद कांग्रेस के सदस्यों को फोन कर करके अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर अपने ही लोगों के खिलाफ रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किए जाने को लेकर असद सरकार को जवाबदेह ठहराए जाने की जरूरत पर जोर देते रहे।
पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और पूर्व रक्षामंत्री राबर्ट एम गेट्स ने सीरिया पर ओबामा की योजनाओं का समर्थन किया है।
पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और पूर्व रक्षामंत्री राबर्ट एम गेट्स ने सीरिया पर ओबामा की योजनाओं का समर्थन किया है।
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व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मुख्य रणनीतिकार स्टीफन के बैनन ने कहा कि मीडिया को 'अपना मुंह बंद' रखना चाहिए. न्यूयॉर्क टाइम्स की बुधवार शाम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बैनन ने बुधवार शाम एक साक्षात्कार में अमेरिकी मीडिया पर निशाना साधते हुए तर्क दिया कि मीडिया चुनाव के उस नतीजे से खार खाई हुई है, जो लगभग प्रत्याशित थी. उन्होंने मीडिया को वर्तमान सरकार की 'विपक्षी पार्टी' करार दिया.
बैनन ने टेलीफोन पर कहा, "मीडिया को शर्मिंदा होना चाहिए और अपना मुंह बंद रखना चाहिए. कुछ समय के लिए उसे बस सुनना चाहिए."
उन्होंने कहा, "मैं चाहता हूं कि आप इसे उद्धृत करें. मीडिया यहां विपक्षी पार्टी बन गई है. वे इस देश को नहीं समझते. वे अभी तक नहीं समझ पा रहे कि डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति क्यों बने?"
बैनन की यह टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है, जब मीडिया व ट्रंप सरकार के बीच तनाव चरम पर है. मीडिया ने कहा था कि ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में लोगों की कम उपस्थिति थी, जबकि ट्रंप ने मीडिया के दावे को गलत करार दिया था.
ब्रेटबार्ट न्यूज से इतर पत्रकारों को शायद ही कभी साक्षात्कार देने वाले बैनन इस सप्ताह ट्रंप द्वारा की गई टिप्पणियों को दोहरा रहे थे, जिसमें राष्ट्रपति ने कहा था कि उनके और मीडिया के बीच 'तीखी जुबानी जंग' चल रही है और उन्होंने पत्रकारों को 'धरती पर दुनिया का सबसे बड़ा बेईमान व्यक्ति' बताया.टिप्पणियां
बेट्रबार्ट न्यूज एक दक्षिणपंथी वेबसाइट है, जिसका संचालन पिछले साल अगस्त तक बैनन कर रहे थे.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बैनन ने टेलीफोन पर कहा, "मीडिया को शर्मिंदा होना चाहिए और अपना मुंह बंद रखना चाहिए. कुछ समय के लिए उसे बस सुनना चाहिए."
उन्होंने कहा, "मैं चाहता हूं कि आप इसे उद्धृत करें. मीडिया यहां विपक्षी पार्टी बन गई है. वे इस देश को नहीं समझते. वे अभी तक नहीं समझ पा रहे कि डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति क्यों बने?"
बैनन की यह टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है, जब मीडिया व ट्रंप सरकार के बीच तनाव चरम पर है. मीडिया ने कहा था कि ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में लोगों की कम उपस्थिति थी, जबकि ट्रंप ने मीडिया के दावे को गलत करार दिया था.
ब्रेटबार्ट न्यूज से इतर पत्रकारों को शायद ही कभी साक्षात्कार देने वाले बैनन इस सप्ताह ट्रंप द्वारा की गई टिप्पणियों को दोहरा रहे थे, जिसमें राष्ट्रपति ने कहा था कि उनके और मीडिया के बीच 'तीखी जुबानी जंग' चल रही है और उन्होंने पत्रकारों को 'धरती पर दुनिया का सबसे बड़ा बेईमान व्यक्ति' बताया.टिप्पणियां
बेट्रबार्ट न्यूज एक दक्षिणपंथी वेबसाइट है, जिसका संचालन पिछले साल अगस्त तक बैनन कर रहे थे.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा, "मैं चाहता हूं कि आप इसे उद्धृत करें. मीडिया यहां विपक्षी पार्टी बन गई है. वे इस देश को नहीं समझते. वे अभी तक नहीं समझ पा रहे कि डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति क्यों बने?"
बैनन की यह टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है, जब मीडिया व ट्रंप सरकार के बीच तनाव चरम पर है. मीडिया ने कहा था कि ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में लोगों की कम उपस्थिति थी, जबकि ट्रंप ने मीडिया के दावे को गलत करार दिया था.
ब्रेटबार्ट न्यूज से इतर पत्रकारों को शायद ही कभी साक्षात्कार देने वाले बैनन इस सप्ताह ट्रंप द्वारा की गई टिप्पणियों को दोहरा रहे थे, जिसमें राष्ट्रपति ने कहा था कि उनके और मीडिया के बीच 'तीखी जुबानी जंग' चल रही है और उन्होंने पत्रकारों को 'धरती पर दुनिया का सबसे बड़ा बेईमान व्यक्ति' बताया.टिप्पणियां
बेट्रबार्ट न्यूज एक दक्षिणपंथी वेबसाइट है, जिसका संचालन पिछले साल अगस्त तक बैनन कर रहे थे.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बैनन की यह टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है, जब मीडिया व ट्रंप सरकार के बीच तनाव चरम पर है. मीडिया ने कहा था कि ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में लोगों की कम उपस्थिति थी, जबकि ट्रंप ने मीडिया के दावे को गलत करार दिया था.
ब्रेटबार्ट न्यूज से इतर पत्रकारों को शायद ही कभी साक्षात्कार देने वाले बैनन इस सप्ताह ट्रंप द्वारा की गई टिप्पणियों को दोहरा रहे थे, जिसमें राष्ट्रपति ने कहा था कि उनके और मीडिया के बीच 'तीखी जुबानी जंग' चल रही है और उन्होंने पत्रकारों को 'धरती पर दुनिया का सबसे बड़ा बेईमान व्यक्ति' बताया.टिप्पणियां
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ब्रेटबार्ट न्यूज से इतर पत्रकारों को शायद ही कभी साक्षात्कार देने वाले बैनन इस सप्ताह ट्रंप द्वारा की गई टिप्पणियों को दोहरा रहे थे, जिसमें राष्ट्रपति ने कहा था कि उनके और मीडिया के बीच 'तीखी जुबानी जंग' चल रही है और उन्होंने पत्रकारों को 'धरती पर दुनिया का सबसे बड़ा बेईमान व्यक्ति' बताया.टिप्पणियां
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बेट्रबार्ट न्यूज एक दक्षिणपंथी वेबसाइट है, जिसका संचालन पिछले साल अगस्त तक बैनन कर रहे थे.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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पश्चिम बंगाल के मालदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में 7 नवजात शिशुओं की मौत हो गई है. एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी.
अस्पताल के अधीक्षक व उपप्रधानाचार्य एमए राशिद ने कहा कि नवजात शिशुओं का वजन सामान्य से बेहद कम था और एक को छोड़कर बाकी को बेहद चिंताजनक स्थिति में अस्पताल लाया गया था.
राज्य सरकार द्वारा संचालित अस्पताल में हाल के दिनों में कई नवजात शिशु काल के गाल में समा चुके हैं. इससे पहले जून में संदिग्ध इंसेफेलाइटिस से कई शिशुओं की मौत हुई थी, जबकि जनवरी में 12 से भी ज्यादा शिशुओं की मौत हुई थी.
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यूं तो आम तौर पर होली कि मिठाइयों में खास तौर पर गुझिया बनायी जाती हैं. लेकिन लखनऊ की गुझिया और भी खास हैं. लखनऊ की एक दुकाम में सोने वाली गुझिया भी मिलती है.
दरअसल ये गुझिया वैसे तो
पिस्ते, केसर और चिलगोजे
से तैयार की जाती है. लेकिन इसे खास बनाने के लिए गुझिया पर सोने का वर्क चढ़ाया जाता है. जिससे इसकी खासियत के साथ ही कीमत भी बढ़ जाती है. इस गुझियो को बनाने में 12 से 13 घंटे लगते हैं.
50 हजार में एक किलो
होली के मौके पर तैयार इस सोने कि गुझिया को देखने वाले ही नहीं बल्कि इसका दाम सुनने वाले भी अपने दांतों तले उंगलिया दबा लेते हैं. सोने की ये गुझिया 50 हजार रुपए किलो के हिसाब से बिकती है. यानी गुझिया का एक पीस खरीदने के लिए 800 रुपए देने पड़ते हैं.
लखनऊ के बाजारों
में इस बार होली पर महंगी मिठाईयों से ज्यादा ये गुझिया आकर्षण का केंद्र रही.
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दिल्ली के पॉश इलाके में आलीशान दफ्तर बनाकर कबूतरबाजी और विदेश में नौकरी दिलाकर ठगी करने वाले गैंग का दिल्ली पुलिस ने पर्दाफाश किया है. ठगी करने वाले कोई और नहीं बल्कि बाप-बेटे हैं, जो कि काफी पढे-लिखे भी हैं. यह गैंग ठगी करके फरार होने की फिराक में था, लेकिन उससे पहले पुलिस के हत्थे चढ़ गया. पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है.
जानकारी के मुताबिक, बाप-बेटे कमाल अहमद खान और सरफराज पॉश एरिया में ग्लोब प्लेसमेंट एजेंसी के नाम पर आलीशान ऑफिस खोलकर खुलेआम इश्तहार देकर कबूतरबाजी का काला कारोबार कर रहे थे. ये उन युवाओं को ठगते थे, जिनको नौकरी की तलाश थी. उन्हें दुबई सहित कई देशों में नौकरी दिलाने का लालच देकर उनसे लाखों की रकम ऐंठ लेते थे.
पुलिस के मुताबिक, आरोपी पैसे लेकर उनको टूरिस्ट वीजा पर विदेश भेज देते थे. कुछ दिन बाद बेचारे
ठगे
हुए लोग बड़ी मुश्किल से भारत आ पाते. इसी तरह से साऊथ ईस्ट दिल्ली के न्यू फ्रैंड्स कॉलोनी थाने में कई शिकायतें आई. इसके बाद
पुलिस
सक्रिय हुई और जांच की तो पाया कि लगभग 2 दर्जन से भी ज्यादा लोगों को ठगों ने लाखों का चूना लगाया है.
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जिमीकंद एक बहुवर्षीय भूमिगत सब्जी है जिसका वर्णन भारतीय धर्मग्रंथों में भी पाया जाता है। भारत के विभिन्न राज्यों में जिमीकंद के भिन्न-भिन्न नाम ओल या सूरन हैं। पहले इसे गृहवाटिका में या घरों के अगल-बगल की जमीन में ही उगाया जाता था। परन्तु अब तो जिमीकंद की व्यवसायिक खेती होने लगी है। जिमीकंद एक सब्जी ही नहीं वरन यह एक बहुमूल्य जड़ीबूटी है जो सभी को स्वस्थ एवं निरोग रखने में मदद करता है।
भोज्य पदार्थों के संचन हेतु यह भूमिगत तना का रूपांतर है जिसे घनकंद कहते हैं। यह परिवर्तित तना बहुत अधिक जैसा-तैसा फूला रहता है एवं इसकी सतह पर पर्वसंधियाँ रहती हैं जिनपर शल्क-पत्र लगे रहते हैं। सतह पर जहाँ-तहाँ अपस्थानिक जड़ें लगी रहती हैं। अगले सिरे पर अग्रकलिका तथा शल्कपत्रों के अक्ष पर छोटी-छोटी कलिकाएँ होती हैं।
इस पौधे का फल यानी जड़ को बवासीर के दवा में भी उपयोग किया जाता है।
बड़े आकार की जिमीकंद की खेती कैसे करें
जिमीकंद खेती अप्रैल मई के महीने मे शुरू की जाती है जिमीकंद लगाने हेतु कंद का ही उपयोग की जाती है ज्यादातर किसान छोटे कंद का उपयोग जिमीकंद लगाने हेतु करते हैं जिस वजह से जिमीकंद ज्यादा वजन में नहीं मिल पाता इसलिए हमें जब भी जिमीकंद की खेती शुरू करनी है तो कंद कम से कम डेढ़ किलो का उपयोग में लेनी चाहिए बड़े कंद का उपयोग खेती में बीज के रूप में उपयोग करने से सात से आठ महीना उपरांत हमें बड़े आकार की जिमीकंद की उपज प्राप्त हो सकती है
बड़े जिमीकंद की खेती की तैयारी कैसे करें
जिमीकंद की खेती हेतु उपयुक्त भूमि जल निकासी युक्त होनी चाहिए जल निकासी युक्त भूमि में खेती करने से जिमीकंद की के पौधे की वृद्धि दर अच्छी रहती है जिमीकंद की बुवाई से पहले हमें जिमीकंद के कांदा डेढ़़ किलो केेे अनुपात से बड़े कांदा की कटाई कर अलग कर देनी चाहिए
एक से डेढ़ फीट की गड्ढा तैयार कर उसमें फसलों के अवशिष्ट पदार्थ डाल के उसके उपरांत जिमीकंद के बीज का रोपण कर मिट्टी और खाद से फसल की बुवाई कर देनी चाहिए ।इस विधि से जिमीकंद की खेती करने से अत्याधिक मात्रा में उत्पादन प्राप्त होता है
इन्हें भी देखें
शकरकन्द
अरवी
बंडा आलू
[[Suran ki sabji ]]
बाहरी कड़ियाँ
जिमीकंद की जैविक उन्नत खेती
जिमीकंद की खेती
सूरन की खेती (डिजिटल मंडी)
जड़ीय सब्ज़ियाँ
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परिदर्शी (Periscope) एक प्रकाशिक यंत्र है जिसके द्वारा प्रेक्षक छिपा रहकर भी अपने चारों ओर के वातावरण को देख सकता है। इसका उपयोग पनडुब्बी, युद्धपोत, क्रूज़र युद्धक्षेत्र में छिपे सैनिकों द्वारा, एवं तोपखाने के तोपची अफसर द्वारा लक्ष्य को देखने और शत्रु की गतिविधि का ज्ञान करने के लिए होता है। प्रथम विश्वयुद्ध के समय में खाइयों से शत्रु पर नजर रखने के लिये इसका उपयोग हुआ था। कुछ प्रकार की बन्दूकों एवं तोपधारी गाड़ियों (armored vehicle) में भी इसका प्रयोग होता है. पेरिस्कोप में दो समतल दर्पण 45° पर झुके होते हैं।
रचना
सरलतम प्रकार की परिदर्शी में एक नली में दो समतल दर्पण द1 तथा द2 इस प्रकार लगे रहते हैं कि इनकी परावर्तक सतहें एक दूसरे के समांतर रहती हैं और प्रत्येक दर्पण नली के अक्ष से 45 डिग्री का कोण बनाता है। वस्तु अ ब से चलनेवाली प्रकाश की किरणें दर्पण द1 से परावर्तित होने के बाद द2 पर अ' ब' कल्पित बिंब बनाती हैं। इस परिदर्शी का दृश्यचाप सीमित होता है। परिदर्शी की नली जल एवं धूलिरोधी होती है।
पनडुब्बी का परिदर्शी
पनडुब्बी में प्रयुक्त होनेवाले परिदर्शी की नली लगभग 40 फुट लंबी होती है। यह जंगरोधी इस्पात या काँसे की बनाई जाती है। इस नली के निचले सिरे का व्यास छह इंच तथा ऊपरी शीर्ष का व्यास दो इंच होता है। यह नली पनडुब्बी के पेटे (hull) में स्थित खोखली नली में ऊपर नीचे की जा सकती है काम न रहने पर यह इस खोखली नली में खड़ी रहती है। परिदर्शी को ऊपर नीचे, या दाएँ बाएँ, घुमाने के लिए विद्युतशक्ति का उपयोग किया जाता है, जिसका नियंत्रण प्रेक्षक करता है।
परिदर्शी की नली में दो परावर्तक प्रिज़्म नली की दीवार से 45 डिग्री का कोण बनाते हुए एक दूसरे के समांतर लगे रहते हैं। इन प्रिज़्मों में से एक नली के शीर्ष भाग में तथा दूसरा तल भाग में होता है। इन दोनों प्रिज़्मों के मध्य में दो खगोलीय दूरदर्शक प्रणालियाँ स्थित रहती हैं। शीर्ष प्रिज़्म के सामने दाहिनी ओर काँच या लेंस लगा रहता है। यह काच या लेंस दृश्य से आनेवाली प्रकाश की क्षैतिज किरणों को शीर्ष प्रिज़्म में परावर्तित करता है और वह प्रिज़्म इन किरणों को ऊध्र्वाधर किरणों में परिवर्तित कर देता है। ये ऊध्र्वाधर किरणें तल प्रिज़्म द्वारा पुन: क्षैतिज किरणों में परिवर्तित होकर जाती है और प्रेक्षक नेत्रिका के द्वारा समुद्र तल पर स्थित वस्तुओं के बिंब को देखता है। खगोलीय दूरदर्शक प्रणालियों में से ऊपरवाली प्रणाली बिंब को न्यूनीकृत कर देती है और नीचेवाली बिंब को छह गुना बड़ा कर देती है। प्राय: आवर्धन क्षमता (magnification power) 1.5 से 6 तक होती है। जब आवर्धन-क्षमता 1.5 होती है तब दृष्टिक्षेत्र का परास 32 डिग्री से 40 डिग्री तक होता है। उच्च आवर्धन क्षमता का उपयोग लक्ष्य के विस्तार को अधिक स्पष्ट करता है, किंतु दृष्टिक्षेत्र का परास 8 डिग्री से 10डिग्री तक घट जाता है। परिदर्शी के तल भाग में लगी मूठों में से एक को घुमाने पर-आवर्धन का परिवर्तन प्रभावित होता है। दूसरी मूठ को घुमाने पर दृष्टिरेखा क्षितिज के नीचे 10डिग्री तक अवनत हो जाती है। शीर्ष के प्रिज़्म को नत करने पर दृष्टिरेखा क्षितिज से 45 डिग्री ऊपर उठ जाती है।
शीर्ष प्रिज़्म के सामने दाहिनी ओर लगे हुए लैंस पर टेलिमीटर स्केल (telemeter scale) बना रहता है, जिसमें ऊध्र्वाधर एवं क्षैतिज रेखाएँ एक दूसरे को काटती हुई बनी रहती हैं। ये रेखाएँ तल वाले प्रिज़्म पर परावर्तित होती है और नेत्रिका के द्वारा दिखाई पड़ती हैं। जब पनडुब्बी में बैठा प्रेक्षक किसी ज़हाज के बिंब को परिदर्शी द्वारा देखता है तब वह परिदर्शी को ऊपर नीचे, दाएँ बाएँ, उस समय तक करता रहता है जब तक जहाज का बिंब टेलिमीटर स्केल की रेखाओं के मध्य में नहीं आ जाता। ये रेखाएँ अंशों को व्यक्त करती हैं। प्रेक्षक जहाज के बिंब से अनुमान द्वारा जहाज का विस्तार निश्चित करता है और इसकी सहायता से पनडुब्बी से जहाज की दूरी का परिकलन कर लेता है। दूरी का ठीक ठीक परिकलन करने के लिए परिदर्शी में स्टैडिमीटर (stadimeter) लगा रहता है।
टरेट (Turret) परिदर्शी
यह परिदर्शी टरेट क्रूज़र एवं युद्धपोत की कोनिंगी (conning) बुर्जी पर लगाया जाता है। टरेट यह बुर्जी है, जिसमें तोप या तोपें लगाई जाती हैं। यह टरेट घूम भी सकती है। इस परिदर्शी के द्वारा तोपची अफसर लक्ष्य को देखता है। टरेट परिदर्शी की नली की लंबाई 10 फुट होती है। दो दर्पणवाले साधारण परिदर्शी का दृष्टिक्षेत्र अत्यंत संकीर्ण एंव कोणीय होता है; इसलिए दूरदर्शक प्रकाशिक प्रणाली का उपयोग टरेट परिदर्शी में व्यापक दृष्टिक्षेत्र प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इस परिदर्शी में आवर्धन भी संभव है।
बाहरी कड़ियाँ
The Fleet Type Submarine Online: Submarine Periscope Manual United States Navy Navpers 16165, June 1946
प्रकाशीय युक्ति
यंत्र
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पुएर्ता डेल सोल की उत्पत्ति 15वीं शताब्दी में मैड्रिड को घेरने वाली शहर की दीवार के द्वारों में से एक के रूप में हुई थी। दीवार के बाहर, 12वीं शताब्दी की ईसाई दीवार के आसपास मध्ययुगीन उपनगर विकसित होने लगे। गेट का नाम उगते सूरज के कारण पड़ा जो प्रवेश द्वार को सजाता था, क्योंकि गेट पूर्व की ओर उन्मुख था।
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ऑटो एक्सपो में बुधवार का दिन जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) की कार 'रेंज रोवर वोग ऑटोबायोग्राफी' के नाम रहा. कार लॉन्च करने पहुंची बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा. उन्होंने टाटा ग्रुप के संस्थापक रतन टाटा और मौजूदा चेयरमैन साइरस मिस्त्री की मौजूदगी में इस कार के अपग्रेडेड वर्जन से पर्दा उठाया.
यह कार पुरानी वोग से 98 मिलीमीटर लंबी होगी. कंपनी की ओर से अभी कीमत के संबंध में कुछ नहीं बताया गया है पर सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक इसकी कीमत 2.8 से 2.9 करोड़ के बीच हो सकती है.
कार लॉन्च करने के बाद प्रियंका ने कहा, 'मेरी पसंद की गाड़ी वह होगी जो एक प्रिंसेस या क्वीन को कैरी कर सके. मेरी नजर में इस गाड़ी में वह दम है.' यह कार लैंड रोवर की सबसे महंगी एसयूवी है. प्रियंका ने ट्विटर पर कार के साथ अपनी तस्वीर भी शेयर की.
Just unveiled the stunning Land Rover LWB at
#JLRAE2014
!What a beauty she is-sleek & powerful!check it out
@JLRIndia
pic.twitter.com/cd7WFVhKg4
— PRIYANKA (@priyankachopra)
February 5, 2014
कंपनी ने ऐलान किया कि जगुआर एक्सजे अब इंडिया में ही बना करेगी. टाटा के प्लांट में इसके दो वैरिएंट बनेंगे. इसके अलावा जगुआर ने एफ-टाइप की सिडान सीएक्स-17 जगुआर लॉन्च की है. यह क्रॉसओवर कार भारत में पहली बार प्रदर्शित की गई.
ऑटो एक्सपो 2014 की विस्तृत कवरेज के लिए यहां क्लिक करें
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: अमेरिका की रक्षा खुफिया एजेंसी के निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विंसेंट स्टीवार्ट ने सीनेट की सशस्त्र समिति के समक्ष विश्वव्यापी खतरों पर हुई सुनवाई के दौरान कहा, ‘‘पाकिस्तान की अफगानिस्तान को लेकर सोच या इच्छा वैसी ही है जैसे कि हम एक महफूज, सुरक्षित, स्थिर अफगानिस्तान चाहते हैं. इसके अलावा ध्यान देने वाली एक बात यह और है कि भारत का अफगानिस्तान में कोई अत्यधिक प्रभाव भी नहीं है.’’
स्टीवार्ट ने कहा, ‘‘वह सभी चुनौतियों को भारत से उत्पन्न खतरों के नजरिए से देखते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘पाकिसतान भविष्य में इस्तेमाल करने के लिए आतंकी सगंठन को इसलिए सुरक्षित रखता है ताकि अगर अफगानिस्तान का झुकाव भारत की ओर बढ़ता है तो वह अफगानिस्तान के स्थिर एवं सुरक्षित नहीं होने देगा क्योंकि इससे पाकिस्तान का हित कमजोर पड़ सकता है’’
स्टीवर्ट ने कहा कि पाकिस्तान को यह स्पष्ट किए जाने की आवश्यकता है कि अफगानिस्तान की सुरक्षा एवं स्थिरता क्षेत्र के सभी पक्षों के हित में है और इससे उसको कोई खतरा नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘हमें पाकिस्तान को समझाना होगा कि अगर वह हक्कानी नेटवर्क के किसी भी सदस्य को पनाह देता है तो वह उसके हित में नहीं है. हमें उन 20 आतंकी संगठनों के खिलाफ एकजुट होकर काम करना चाहिए जो न सिर्फ अफगानिस्तान बल्कि पूरे क्षेत्र को कमजोर करते हैं."
स्टीवर्ट ने कहा, ‘‘हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम उन्हें हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ और कदम उठाने के लिए प्रेरित करें. उन्हें तालिबान को पश्तून से अलग करना होगा, जो पश्तून प्रभुत्व वाला अफगानिस्तान चाहते हैं.’’ टिप्पणियां
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमें पाकिस्तान से इन आतंकवादियों को पनाह न देने, अफगानिस्तान में स्थिरता बनाए रखने के सिलसिले में फिर से बातचीत करने की आवश्यकता है. हमें उन्हें सुलह पर विचार करने को कहना होगा क्योंकि यथास्थिति उनके सर्वश्रेष्ठ हित में नहीं है.’’(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
स्टीवर्ट ने कहा कि पाकिस्तान को यह स्पष्ट किए जाने की आवश्यकता है कि अफगानिस्तान की सुरक्षा एवं स्थिरता क्षेत्र के सभी पक्षों के हित में है और इससे उसको कोई खतरा नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘हमें पाकिस्तान को समझाना होगा कि अगर वह हक्कानी नेटवर्क के किसी भी सदस्य को पनाह देता है तो वह उसके हित में नहीं है. हमें उन 20 आतंकी संगठनों के खिलाफ एकजुट होकर काम करना चाहिए जो न सिर्फ अफगानिस्तान बल्कि पूरे क्षेत्र को कमजोर करते हैं."
स्टीवर्ट ने कहा, ‘‘हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम उन्हें हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ और कदम उठाने के लिए प्रेरित करें. उन्हें तालिबान को पश्तून से अलग करना होगा, जो पश्तून प्रभुत्व वाला अफगानिस्तान चाहते हैं.’’ टिप्पणियां
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमें पाकिस्तान से इन आतंकवादियों को पनाह न देने, अफगानिस्तान में स्थिरता बनाए रखने के सिलसिले में फिर से बातचीत करने की आवश्यकता है. हमें उन्हें सुलह पर विचार करने को कहना होगा क्योंकि यथास्थिति उनके सर्वश्रेष्ठ हित में नहीं है.’’(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
स्टीवर्ट ने कहा, ‘‘हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम उन्हें हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ और कदम उठाने के लिए प्रेरित करें. उन्हें तालिबान को पश्तून से अलग करना होगा, जो पश्तून प्रभुत्व वाला अफगानिस्तान चाहते हैं.’’ टिप्पणियां
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमें पाकिस्तान से इन आतंकवादियों को पनाह न देने, अफगानिस्तान में स्थिरता बनाए रखने के सिलसिले में फिर से बातचीत करने की आवश्यकता है. हमें उन्हें सुलह पर विचार करने को कहना होगा क्योंकि यथास्थिति उनके सर्वश्रेष्ठ हित में नहीं है.’’(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमें पाकिस्तान से इन आतंकवादियों को पनाह न देने, अफगानिस्तान में स्थिरता बनाए रखने के सिलसिले में फिर से बातचीत करने की आवश्यकता है. हमें उन्हें सुलह पर विचार करने को कहना होगा क्योंकि यथास्थिति उनके सर्वश्रेष्ठ हित में नहीं है.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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'मेरा बस एक बार बोलना, 100 बार बोलने जितना है.' - रजनीकांत की फिल्म 'बाशा' का यह डायलॉग आज भी उनके फैन्स की जुबां पर है.
और जो इस मैजिक को दोबारा स्क्रीन पर देखना चाहते हैं, उनके लिए 'बाशा' का डिजिटल वर्जन रिलीज हो गया है. बता दें कि इसे फिल्म की पहली
रिलीज के 22 साल बाद दोबारा
लाया गया है. यह फिल्म 1995 में रिलीज हुई थी.
ट्रेंड में हैं डिजिटल फॉर्मेट में लाना
'बाशा' की आज भी काफी तारीफ की जाती है और अब इसे डिजिटलाइज्ड फॉर्मेट में देखा जा सकेगा. फिल्म की यूनिट ने इसके लिए बहुत मेहनत की है.
वहीं पुरानी फिल्मों को डिजिटल फॉर्मेट में लाने का ट्रेंड जोर पकड़ रहा है. पिछले साल रामाचंद्रन और शिवाजी की कई सुपरहिट फिल्मों को डिजिटलाइज्ड फॉर्मेट में दोबारा रिलीज किया गया था.
फाइटिंग सीन करते हुए घायल हुए रजनीकांत
क्या है फायदा
डिजिटलाइजेशन से 35mm की फिल्म को 70mm में बदला जाता है. इससे फिल्म को लंबे समय तक संरक्षित रखा जा सकता है. साथ ही फिल्म की क्वॉलिटी भी सुधरती है. अब तक जितनी भी फिल्मों को डिजिटल फॉर्मेट में लाकर दोबारा रिलीज किया है, सभी ने अच्छा बिजनेस किया
क्यों याद किया जाता है 'बाशा' को
'बाशा' को तमिल दर्शकों द्वारा काफी पसंद किया जाता है. यह
रजनीकांत
की सर्वश्रेष्ठ फ़िल्मों में से एक है. रजनी के साथ-साथ इसमें नगमा और रघुवरण जैसे सितारे भी हैं. यह कहानी एक डॉन की है जिसमें दिखाया गया है कि किस तरह वह एक सरल आदमी से लोगों का नेता बन गया.
इस फिल्म का संगीत देवा ने दिया है और इसके गानों को आज तक पसंद किया जाता है.
करुणानिधि ने अस्पताल में देखी थी 'बाशा'
DMK अध्यक्ष एम. करुणानिधि ने हाल ही में अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद यह मूवी देखी थी. इससे उस समय फिल्म के साथ
रजनीकांत
का क्रेज भी पता लगता है.
हालांकि तलाइवा का वह क्रेज तो आज भी बरकरार है. अब देखते हैं कि 'बाशा' को वही पुरानी सफलता मिलती है या नहीं!
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जापान में ऐसे लोग होते हैं जो अचानक अपनी पहचान को पूरी तरह से मिटा देते है और एक दूसरी पहचान के साथ एक नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं , उन्ही लोगों को जोहतसू कहा जाता है । ए लोग अपनी पुरानी जिंदगी का एक भी चिन्ह को नहीं छोड़ते है । जापानी सरकार के अनुसार हर वर्ष करीब एक लाख लोग जोहात्सू बन जाते है हालांकि इसकी संख्या अधिक भी हो सकती है क्योंकि ऐसे कई सारे लापता लोग होते हैं जिन्हे पुलिस नही ढूंढ पाती और इनमे से कई लोग जोहात्सू हो सकते हैं।
जोहात्सु का जापानी भाषा में अर्थ होता है "वाष्पीकरण" । जोहात्सू लोग भी भाप की तरह गायब हो जाते है इसलिए इन्हे जोहात्सू कहा जाता है। ऐसा माना जाता है की कई सारे लोग अपनी जिंदगी से तंग हो जाते है और इस जिंदगी का अंत कर एक नई जिंदगी की शुरुआत करना चाहते है इसलिए वे जोहात्सू बन जाते है । वैसे तो जोहात्सू जैसी घटनाएं अन्य देश जैसे की अमेरिका , यूनाइटेड किंगडम और जर्मनी में भी होते है लेकिन कुछ सांस्कृतिक कारणों की वजह से यह जापान में कुछ ज्यादा ही प्रचलित है।
कुछ लोग कर्ज में डूबे रहने के कारण तो कुछ लोग नौकरी छूटने के कारण जोहात्सू बन जाते है । कुछ लोग समाज द्वारा तिरिस्कृत रहते किसी अपराध के लिए जो उन्होंने किया ही न हो । ऐसे लोग समाज से bacne के लिए भी जोहात्सू बन जाते है । कुछ लोगों के संबंध अपने परिवार के साथ ठीक नहीं रहते तो कुछ लोग अपने दांपत्य जीवन से खुश नहीं रहते और जोहात्सू बन जाते है । जापान की कठोर कार्य संस्कृति को भी मुख्य कारण माना जाता है । जो लोग नौकरी छोड़ कर कुछ समय के लिए थोड़ा आराम करना चाहते है उन्हे भी समाज कटाक्ष के नजरिए से देखता है इसलिए वे लोग भी जोहात्सू बन जाते है ।
समाजशास्त्री हिरोकी नाकामोरी जिन्होंने जोहात्सू के बारे में एक दशक से अधिक सालों तक अनुसंधान किया है कहते हैं की जोहात्सू शब्द का प्रयोग 1960 के दशक के उन लोगों के लिए किया गया था जो अचानक गायब होने लगे थे । जापान में तलाक की दर बहुत कम है इसलिए जब लोग कुछ ज्यादा ही अपने पारिवारिक जिंदगी से परेशान हो जाते है उन्हे जोहात्सू बनना तलाक से ज्यादा आसान पड़ता है क्योंकि वहां तलाक लेने के लिए बहुत ही लंबी एवं जटिल प्रक्रिया होती है ।
जोहात्सू बनना जापान में इतना प्रचलित होगया है की वहां अब कई सारी कांपियां भी आ गई है जो लोगों को जोहात्सू बनने में मदद करती है । ऐसी कंपनियां लोगों से भारी रकम लेकर उनकी पहचान को पूरी तरह से मिटा देती है । बैंक अकाउंट से लेकर लोगों की डिजिटल पहचान को भी पूरी तरह से मिटा दिया जाता है । ए कंपनियां अपनी इस सुविधा को "नाइट मूविंग सर्विस" कहती है । ए कंपनियां न केवल एक व्यक्ति की पहचान को बदल सकते है बल्कि पूरे परिवार की ही पहचान बदल कर पूरे परिवार को ही एक नया जीवन de सकती है । ए कंपनियां पूरे परिवार का स्थानांतरण कर उन्हे दूसरी पहचान देती है ।
जो लोग जोहात्सू बन जाते है उनके परिवार वालों के लिए इस परित्याग को झेलना काफी मुश्किल भी हो जाता है और कई बार खुद जोहात्सू बने लोगों के लिए भी मुश्किलें बढ़ जाती है । उन्हे कई बार दुख और खेद की भावना को झेलना पड़ता है । कई लोगों को तो ऐसा महसूस होता है की उन्होंने कुछ गलत किया है ।
ााााा भार् ा
जापानी शब्द
लापता लोग
जापानी समाज
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वर्ष 1973 में बिहार की छात्र राजनीति के उस सरगर्म दौर में हर व्यक्ति सोच रहा था कि सुशील कुमार मोदी बॉटनी ऑनर्स का अपना इम्तिहान पास नहीं कर पाएंगे. ऐसा सोचना गलत भी नहीं था क्योंकि पटना विश्वविद्यालय के छात्र संघ के महासचिव चुने गए सुशील मोदी ने जितनी छात्र सभाओं को संबोधित किया, उतने तो वे पटना साइंस कॉलेज की अपनी कक्षाओं में भी मौजूद नहीं रहे थे. कुछ शुभचिंतकों ने उन्हें सलाह दी कि वे इम्तिहान में न बैठें क्योंकि बॉटनी में फेल छात्र नेता होने से बेहतर परीक्षा में नहीं बैठने वाला छात्र नेता होना है. लेकिन युवा मोदी ने चुनौती स्वीकार की. वे अपने सहपाठियों के घर गए, उनके क्लास नोट्स को अपनी कॉपी में लिखा और इम्तिहान के पहले एक पखवाड़े के लिए खुद को दीन-दुनिया से काटकर कमरे में बंद कर लिया. नतीजे ने सबको हैरान कर दिया. वे उस साल विश्वविद्यालय के सेकंड टॉपर बने. तब से 42 साल बीत चुके हैं पर पुराने मंजे हुए नेता 63 वर्षीय सुशील मोदी में मुश्किल से ही कोई फर्क आया हो. आज भी उनमें खुद को सबसे बेहतर साबित करने का जज्बा जस का तस कायम है.
बिहार के ताज के लिए तीर धनुष पर चढ़ चुका है और मोदी को बीजेपी के अघोषित लेकिन संभावित मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर फिर कड़ा इम्तिहान देना होगा. वे इस साल अक्तूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के महागठबंधन का मुकाबला करेंगे. असल में लालू, मुलायम, नीतीश, देवगौड़ा और चौटाला के महा सामाजिक गठबंधन के रास्ते में बिहार में मोदी सबसे बड़ा अवरोध साबित हो सकते हैं.
मोदी ने बिहार में बीजेपी के सबसे दिग्गज नेता की पदवी पहले ही हासिल कर ली है. वे कई साल से राज्य में बीजेपी की कमान संभाल रहे हैं. जून 2013 में गठबंधन टूटने तक बीजेपी-जेडी(यू) गठबंधन सरकार के पूरे सात साल के दौरान वह उपमुख्यमंत्री थे. उसके बाद से वह लगातार बीजेपी संसदीय दल के नेता हैं (विधानसभा और विधान परिषद दोनों में पार्टी के मुखिया) और इस नाते वे बीजेपी के वरिष्ठता क्रम में विधानसभा में विपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव से मीलों आगे हैं.
मोदी की दिक्कत यह है कि उन्हें बिल्कुल नए सिरे से शुरुआत करने की सुविधा हासिल नहीं है. उनकी होड़ लोकसभा चुनाव में प्रदेश में बीजेपी की हैरान करने वाली कामयाबी से है, जब नरेंद्र मोदी की अगुआई में एनडीए ने 31 सीटें अपनी झोली में डाल ली थीं. बीजेपी का लक्ष्य विधानसभा चुनाव में 185 सीटें जीतने का है, जो उन 171 विधानसभा क्षेत्रों से भी ज्यादा है, जहां पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ बढ़त कायम की थी. लेकिन तब की और आज की सियासी हकीकतों में काफी फर्क आ चुका है. लालू और नीतीश अब साथ-साथ हैं और कांग्रेस के साथ मिलकर उनका गठबंधन लोकसभा चुनावों के रुझानों को एक बार पहले ही पलट चुका है, जब अगस्त 2014 के विधानसभा उपचुनावों में आरजेडी, जेडी(यू) और कांग्रेस ने छह सीटें जीत ली थीं और बीजेपी चार सीटें ही जीत पाई थी.
इसके अलावा, बिहार में करीब दो दशकों से बीजेपी के पोस्टर ब्वॉय मोदी को अपने घर में उठती लपटों को शांत करना होगा. अगस्त 2014 के उपचुनाव परिणाम के बाद पार्टी के कुछ नेताओं को राज्य में भगवा खेमे की अगुआई करने की अपनी ख्वाहिश जाहिर करने का मौका मिल गया था. हालांकि गिन-चुने नेताओं के इन बुदबुदाते दावों को महत्वाकांक्षा का क्षणिक दौरा भर माना गया, फिर भी वे मोदी के लिए चुनौती तो हैं ही. विपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव सरीखे नेताओं ने मुख्यमंत्री पद की अपनी आकांक्षा को कभी छिपाया नहीं है. विधायक प्रेम कुमार भी इसीलिए बार-बार जता रहे हैं कि वे राज्य की एक बेहद पिछड़ी जाति से आते हैं, ताकि बीजेपी के मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी के लिए अपनी दावेदारी पेश कर सकें.
बीजेपी के कुछ नेताओं की दलील है कि केंद्रीय नेतृत्व दिल्ली में एक बार गच्चा खा चुकने के बाद बिहार में वह गलती नहीं दोहराएगा. एक वरिष्ठ बीजेपी नेता कहते हैं, ''हम पहले ही देख चुके हैं कि जब किसी स्वाभाविक नेता से उसके हक की भूमिका छीनकर किरण बेदी सरीखे बाहरी को थोपा जाता है, तो क्या नतीजे होते हैं. '' राज्य में बीजेपी के पास कोई बेहतर विकल्प भी नहीं है. विधान परिषद के निर्दलीय सदस्य और कभी नीतीश के करीबी रहे देवेश चंद्र ठाकुर कहते हैं कि सुशील मोदी परफेक्ट नेता की कसौटी पर बिल्कुल खरे उतरते हैं.
नरेंद्र मोदी-अमित शाह की मातहती में सुशील मोदी की हैसियत घटने की अटकलें लगाई जा रही थीं पर इन पर तब विराम लग गया, जब हाल ही में बिहार आए केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू और राधामोहन सिंह ने विधानसभा चुनावों में मोदी को पार्टी का चेहरा बनाने का समर्थन किया.
अभी तक मोदी ने किसी न किसी की छाया में रहकर काम किया है. बीजेपी-जेडी(यू) गठबंधन में नीतीश की ही तूती बोलती थी और वे सारी सुर्खियां लूट ले जाते थे. अब मोदी के कंधों पर बीजेपी के चुनाव अभियान की अगुआई करने की चुनौती होगी और दूसरे पार्टी नेता उनके पीछे-पीछे चलेंगे.
मोदी जिम्मेदारियों से कभी कतराए नहीं. आठ साल तक उन्होंने बिना थके और बिना रुके नेता विपक्ष की कमान संभाली और अकेले अपने दम पर राज्य में विरोध की ज्वाला को बुझने नहीं दिया था. यह लालू-राबड़ी हुकूमत का वह दौर था, जब नीतीश सरीखे बिहार एनडीए के बड़े नेताओं ने सांसद या केंद्रीय मंत्रियों के रूप में दिल्ली की सुरक्षित पनाहगाहों में रहना मुनासिब समझा था.
2010 में भी जब मोदी ने बिहार में बीजेपी के अभियान की अगुआई की थी, पार्टी 102 सीटों पर चुनाव लड़ी और उनमें से 91 सीटों पर जीत हासिल की थी. पार्टी ने 90 फीसदी कामयाबी की यह दर पहले कभी हासिल नहीं की थी, जो जेडी(यू) से भी ज्यादा थी. 2010 के चुनाव नतीजों ने यह कहने वालों के भी मुंह बंद कर दिए कि बीजेपी सभी तबकों के वोट नहीं जुटा सकती. बीजेपी के अकेले मुस्लिम उम्मीदवार सबा जफर, जिन्हें मोदी ने खुद चुना था, एक अल्पसंख्यक-बहुल निवार्चन क्षेत्र से जीतकर आए. मोदी ने मामूली पृष्ठभूमि से लंबी छलांग लगाकर कामयाबी की कहानी लिखी है, लेकिन उन्हें कभी हड़बड़ी में नहीं देखा गया.
1977 में जब जेपी आंदोलन के उनके 55 नौजवान साथी नेता निर्वाचित होकर विधानसभा में आ गए, तब मोदी ने त्याग का रास्ता चुना और चमचमाते सियासी करियर से दूर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के लिए काम करते रहे. अपने कई साथी नेताओं की तरह मोदी ने सियासत में फौरन छलांग लगाने के लिए एबीवीपी के साथ जुड़ावों का इस्तेमाल भी नहीं किया. 1990 में चीजें बेहतर होना शुरू हुईं, जब बीजेपी ने मोदी को पटना मध्य से चुनाव में उतारा, जो कांग्रेस का गढ़ था. मोदी ने कांग्रेस के मौजूदा विधायक अकील हैदर को हराया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
मोदी को बाद में भी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. उनमें एक अहम चुनौती 2008 का वह गुप्त मतदान था, जब बीजेपी नेताओं ने उनके नेतृत्व को चुनौती दी. बीजेपी विधायकों से अपना नेता चुनने को कहा गया था और मोदी अच्छे-खासे बहुमत से जीते तथा उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाए रखा गया.
मोदी की निगाह निशाने पर और मन में संकल्प है. बिहार को वे अपने हाथ की लकीरों की तरह जानते हैं. अपनी और विरोधी पार्टियों की हालत की विवेचना करते हुए वे जिलों से आए बीजेपी नेताओं से हर तरह के सवाल पूछते हैं-जातियों की बुनावट से लेकर स्थानीय समीकरण, जनता का मूड और वोटिंग फीसद तक. इन बैठकों का अंत भरोसा दिलाने वाली मुस्कान से होता है, जब वे कहते हैं, ''ध्यान से देखना है.'' हर नायक टकराव में ही नायकत्व हासिल करता है. बुरे वक्त की छाया में ही अच्छा वक्त पहचाना जाता है और अगस्त 2014 के उपचुनावों में नीतीश-लालू के अच्छे प्रदर्शन ने मोदी को नए हौसले और जज्बे से भर दिया है.
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विश्व रैंकिंग में 723वें सुमित नागल ने 10,000 डॉलर इनामी अंतर्राष्ट्रीय टेनिस महासंघ (आईटीएफ) पुरुष फ्यूचर्स टेनिस टूर्नामेंट के पुरुष सिंगल्स वर्ग का खिताब जीत लिया.
फाइनल में रोनित को हराया
सुमित ने फाइनल मुकाबले में रोनित सिंह बिष्ट को सीधे सेटों में 6-3, 6-4 से हराया. नागल ने शुरू से मैच पर दबदबा बनाए रखा और जल्द ही पहले सेट में 3-0 की बढ़त ले ली. इस बीच नगाल ने बिष्ट की सर्विस एक बार ब्रेक की, तभी बिष्ट को दर्द महसूस हुआ और उन्हें फीजियो की मदद लेनी पड़ी. बिष्ट ने इसके बाद अधिक सावधानी से सर्विस शुरू की, हालांकि नागल को मैच जीतने में खास परेशानी नहीं हुई.
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पाकिस्तान (Pakistan) स्थित लश्कर-ए- तैयबा के 10 आतंकवादियों द्वारा किए हमले में अमेरिकी नागरिकों सहित करीब 166 लोगों की जान गई थी. पुलिस ने नौ आतंकवादियों को मौके पर मार गिराया था और जिंदा गिरफ्तार किए गए आतंकवादी अजमल कसाब को बाद में फांसी दी गई थी.
राणा को 2013 में 14 साल की सजा सुनाई गई थी. अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार उसे दिसंबर 2021 में रिहा किया जाएगा. मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा, ‘यहां सजा पूरी होने पर राणा को भारत भेजे जाने की ‘प्रबल संभावना' है.' सूत्र ने कहा कि इस दौरान जरूरी कागजी कार्रवाई और जटिल प्रक्रिया को पूरा करना एक ‘चुनौती' है. भारत का विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय तथा कानून एवं विधि मंत्रालय और अमेरिकी विदेश मंत्रालय और न्याय मंत्रालय सभी की अपनी प्रत्यर्पण प्रक्रिया है. उसने कहा कि जब प्रत्यर्पण की बात आती है तो वे अपनी प्रक्रिया को ना धीमा करना चाहते हैं और ना ही तेज करना चाहते हैं. भारतीय दूतावास और राणा के वकील ने हालांकि इस पर कोई टिप्पणी नहीं की.
बता दें, भारत सहित अमेरिका ने भी कई बार पाकिस्तान को इस हमले में अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाने पर फटकार लगाई है. अमेरिका ने मुंबई हमले की 10वीं बरसी पर पिछले साल इस हमले में शामिल किसी भी आरोपी या उसकी दोषसिद्धि के लिये सूचना देने वालों को 50 लाख डॉलर का इनाम देने की घोषणा की थी. हमले में लश्कर-ए-तैयबा के 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने भारत की वित्तीय राजधानी पर हमला किया था, जिसमें छह अमेरिकियों समेत 166 लोग मारे गए थे.
यह कदम उपराष्ट्रपति माइक पेंस के सिंगापुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक करने के एक पखवाड़े से भी कम समय में उठाया गया था. विदेश मंत्रालय के रिवार्ड्स फॉर जस्टिस प्रोग्राम ने कहा कि वह मुंबई हमले को जिसने भी अंजाम दिया, उसकी साजिश रची, उसे अंजाम देने में सहायता की या उसे उकसाया उसकी गिरफ्तारी या किसी देश में दोषसिद्धि के लिये सूचना देने वालों को 50 लाख डॉलर तक का इनाम देने की घोषणा करता है.
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अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक परिषद और भारतीय ओलंपिक संघ में अब भी आरोपी और सजायाफ्ता लोगों को लेकर मतभेद बने हुए हैं, लेकिन आईओसी ने भारत के ओलंपिक आंदोलन में वापसी के सकारात्मक संकेत दिए हैं. आईओसी ने उम्मीद जतायी कि आईओए के चुनाव पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार संपन्न होंगे.
आईओए ने आईओसी प्रतिनिधियों की मौजूदगी में अपनी आम सभा की महत्वपूर्ण बैठक में दो या इससे अधिक साल तक सजायाफ्ता व्यक्ति को चुनाव से बाहर रखने का प्रस्ताव लाकर आरोपी व्यक्तियों के चुनाव लड़ने का रास्ता साफ करने की कोशिश की.
उसने इसके साथ ही भ्रष्टाचार और आपराधिक मामलों के लिये नैतिक आयोग के गठन का भी फैसला किया. आईओए ने उम्र और कार्यकाल पर आईओसी का अनुसरण करने का भी निर्णय किया. आईओसी के प्रतिनिधि फ्रांसिस्को जे एलिजाल्डे ने भी बैठक में लिये गये फैसलों पर संतोष व्यक्त किया. उन्होंने उम्मीद जतायी कि आईओए इन प्रयासों से ओलंपिक परिवार का हिस्सा बन सकेगा लेकिन उसकी वापसी कब होगी इस बारे में उन्होंने कोई समयसीमा नहीं बतायी.
एलिजाल्डे ने कहा, ‘मैंने कभी ऐसी बैठक में हिस्सा नहीं लिया, जिसमें इतनी अधिक भागीदारी हो. भारत बहुत बड़ा लोकतंत्र है. यहां सभी फैसले सर्वसम्मति से लिये गये. इस बैठक से मुझे सकारात्मक रुख दिख रहा है, लेकिन हम आईओसी को अपनी तरफ से सिफारिश नहीं कर सकते हैं. हम केवल रिपोर्ट सौंप सकते हैं. उम्मीद है कि भारत फिर से ओलंपिक परिवार में लौट सकेगा.’
फिलीपीन्स के एलिजाल्डे ने हालांकि आईओए को नैतिकता के उच्च मानदंड स्थापित करने की भी सीख दी, जिसने संशोधित मसौदा संविधान की उस शर्त को नहीं माना है, जिसमें कहा गया था कि पदाधिकारी या कार्यकारी परिषद के सदस्य पर भारत की किसी अदालत में उसके खिलाफ आरोप नहीं लगे होने चाहिए, जैसे कि आपराधिक या भ्रष्टाचार संबंधी अपराध जिसमें दोषी पाये जाने पर जेल की सजा का प्रावधान हो तथा उसे आपराधिक या भ्रष्टाचार के लिये सजा नहीं मिली हो.
आईओसी के नैतिक आयोग के भी सदस्य एलिजाल्डे ने कहा, ‘आईओसी और ओसीए भारत की ओलंपिक आंदोलन में वापसी के लिये मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि इस समस्या का समाधान निकल सके, लेकिन आईओए को भी नैतिकता के उच्च मानदंड स्थापित करने होंगे.’ उन्होंने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि आईओए ने संशोधित मसौदे को पूरी तरह नामंजूर कर दिया है. कुछ मसले हैं जिन पर आईओए का रवैया भिन्न है. हम इस पर काम रहे हैं.’
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अपनी पहली भारतीय फिल्म 'जिस्म 2' के लिए अनुबंध कर चुकीं भारतीय मूल की कनाडाई अभिनेत्री सनी लियोन अब एक विज्ञापन भी करेंगी.
सनी मोबाइल कंपनी चेज की ब्रांड एंबेस्डर बन गई हैं. सनी चेज के मोबाइल हेंडसेट्स का विज्ञापन करेंगी. उन्होंने हाल ही में इस ब्रांड के लिए पहले विज्ञापन की शूटिंग पूरी कर ली है. इस विज्ञापन को बैंकाक में फिल्माया गया.
तीस वर्षीया सनी कहती हैं, 'मैं उनकी आम लोगों के लिए मोबाइल प्रौद्योगिकी लाने की विचारधारा से प्रभावित हूं और निजीतौर पर खुद को उनके दृष्टिकोण से जुड़ा हुआ महसूस करती हूं.'
पंजाबी मूल की सनी का वास्तविक नाम केरेन मल्होत्रा है. वह रिएलिटी शो 'बिग बॉस' में हिस्सा लेने के बाद भारत में मशहूर हुईं. शो के दौरान ही फिल्मकार महेश भट्ट ने उनके सामने 'जिस्म 2' में अभिनय का प्रस्ताव रखा था और उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया.
यह फिल्म 2003 में आई 'जिस्म' का अगला संस्करण है. पूजा भट्ट इसका निर्देशन कर रही हैं. फिल्म में रणदीप हुड्डा व अरुणोदय सिंह भी अभिनय कर रहे हैं.
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शनिवार को आईपीएल के दसवें सीजन की इंदौर में हुई ओपनिंग सेरेमनी में एक्ट्रेस दिशा पटानी ने महेंद्र सिंह धोनी एंड टीम के सामने दर्शकों को जमकर थिरकाया. अभी बेंगलुरू में कृति सेनन परफॉर्म करेंगी. इंदौर में जहां किंग्स इलेवन पंजाब और पुणे राइजिंग सुपरजाइंट की भिड़ंत होगी तो वहीं बेंगलुरू में दिल्ली डेयरडेविल्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का मैच होगा. इंदौर में महेंद्र सिंह धोनी अपने ऊपर बनी बायोपिक फिल्म 'महेंद्र सिंह धोनी- द अनटोल्ड स्टोरी' की एक्ट्रेस दिशा पटानी को लाइव परफॉर्म करते हुए देख रहे हैं.टिप्पणियां
बेंगलुरू में नजर आने वाली कृति सेनन ने ट्विटर पर अपनी रिहर्सल का वीडियो शेयर किया है. कृति इस वीडियो में धूम में अपनी परफॉर्मेंस तैयार करती नजर आ रही हैं.
Rehearsing in the heat.. All for today's #ipl2017 Bangalore.. Watch me perform live at 6:15pm! :)) A post shared by Kriti (@kritisanon) on Apr 8, 2017 at 1:31am PDT
वहीं दिशा पटानी ने भी अपने आईपीएल डांस की जानकारी अपने फैन्स को दी थी. दिशा ने आईपीएल की ओपनिंग सेरेमनी में अपनी पहली फिल्म 'एम एस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी' के गाने पर परफॉर्म किया है. इस ओपनिंग सेरेमनी में सिंगर हर्षदीप कौर भी नजर आईं.
Guysss Watch my performance today at 2:15 pm live at IPL yeyyy so excited A post shared by disha patani (paatni) (@dishapatani) on Apr 7, 2017 at 6:46pm PDT
अपने इस परफॉर्मेंस से पहले दिशा ने एक इंटरव्यू में कहा कि वह ऐसे किसी मौके के गंवाने के मूड में नहीं थीं और इस परफॉर्मेंस के लिए काफी एक्साइटेड हैं. दिशा ने इतने बड़े इवेंट के लिए अपना डांस तैयार करने के लिए किसी कॉरियोग्राफर की मदद नहीं ली है. बल्कि दिशा पटानी इसके लिए अपना डांस खुद तैयार कर रही हैं. googletag.cmd.push(function() { googletag.display('adslotNativeVideo'); });
दिशा ने कहा, 'ऐसे जबर्दस्त इवेंट में कौन परफॉर्म नहीं करना चाहेगा. जब इसे लेकर मुझसे बात की गई तो मैं ना नहीं कह पाई. यह एक एक्साइटिंग इवेंट होने वाला है. इतनी बड़ी ऑडियंस के सामने प्रस्तुति देना मेरे लिए बेहतरीन एक्सपीरियंस होगा. मैं इस मौके पर अपनी बेस्ट परफॉर्मेंस देने की कोशिश करूंगी. मैं इसके लिए खुद कोरियोग्राफ कर रही हूं. मैं किंग्स इलेवन पंजाब के थीम सॉन्ग, कौन तुझे, चुल, लैला और बेफिक्रा के मैश पर परफॉर्म करूंगी.'
बेंगलुरू में नजर आने वाली कृति सेनन ने ट्विटर पर अपनी रिहर्सल का वीडियो शेयर किया है. कृति इस वीडियो में धूम में अपनी परफॉर्मेंस तैयार करती नजर आ रही हैं.
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वहीं दिशा पटानी ने भी अपने आईपीएल डांस की जानकारी अपने फैन्स को दी थी. दिशा ने आईपीएल की ओपनिंग सेरेमनी में अपनी पहली फिल्म 'एम एस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी' के गाने पर परफॉर्म किया है. इस ओपनिंग सेरेमनी में सिंगर हर्षदीप कौर भी नजर आईं.
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अपने इस परफॉर्मेंस से पहले दिशा ने एक इंटरव्यू में कहा कि वह ऐसे किसी मौके के गंवाने के मूड में नहीं थीं और इस परफॉर्मेंस के लिए काफी एक्साइटेड हैं. दिशा ने इतने बड़े इवेंट के लिए अपना डांस तैयार करने के लिए किसी कॉरियोग्राफर की मदद नहीं ली है. बल्कि दिशा पटानी इसके लिए अपना डांस खुद तैयार कर रही हैं. googletag.cmd.push(function() { googletag.display('adslotNativeVideo'); });
दिशा ने कहा, 'ऐसे जबर्दस्त इवेंट में कौन परफॉर्म नहीं करना चाहेगा. जब इसे लेकर मुझसे बात की गई तो मैं ना नहीं कह पाई. यह एक एक्साइटिंग इवेंट होने वाला है. इतनी बड़ी ऑडियंस के सामने प्रस्तुति देना मेरे लिए बेहतरीन एक्सपीरियंस होगा. मैं इस मौके पर अपनी बेस्ट परफॉर्मेंस देने की कोशिश करूंगी. मैं इसके लिए खुद कोरियोग्राफ कर रही हूं. मैं किंग्स इलेवन पंजाब के थीम सॉन्ग, कौन तुझे, चुल, लैला और बेफिक्रा के मैश पर परफॉर्म करूंगी.'
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दिशा ने कहा, 'ऐसे जबर्दस्त इवेंट में कौन परफॉर्म नहीं करना चाहेगा. जब इसे लेकर मुझसे बात की गई तो मैं ना नहीं कह पाई. यह एक एक्साइटिंग इवेंट होने वाला है. इतनी बड़ी ऑडियंस के सामने प्रस्तुति देना मेरे लिए बेहतरीन एक्सपीरियंस होगा. मैं इस मौके पर अपनी बेस्ट परफॉर्मेंस देने की कोशिश करूंगी. मैं इसके लिए खुद कोरियोग्राफ कर रही हूं. मैं किंग्स इलेवन पंजाब के थीम सॉन्ग, कौन तुझे, चुल, लैला और बेफिक्रा के मैश पर परफॉर्म करूंगी.'
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Kochi: Trupti Desai, founder of Bhumata Brigade, having breakfast at Cochin International Airport as she hasn't been able to leave the airport yet due to protests being carried out against her visit to #Sabarimala Temple. #Keralapic.twitter.com/ILDV7silTx
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ओलंपिक के नायक विजेंदर सिंह ने कांस्य पदक के मिथक को तोड़ते हुए चीन के ग्वांग्जू में आज चैंपियन आफ चैंपियन्स आमंत्रण मुक्केबाजी टूर्नामेंट में रजत पदक जीता.
ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाले 24 वर्षीय विजेंदर मिडिलवेट (75 किग्रा) के फाइनल में चीन के च्यांग जिन से 0-6 से हार गये.
विजेंदर के अलावा ओलंपियन दिनेश कुमार ने भी 81 किग्रा भार वर्ग में रजत पदक जीता. वह चीन के मेंग फान लोंग से फाइनल में 2-10 से हार गये.
विजेंदर अपने कैरियर में दूसरी बार च्यांग से पराजित हुए. इस जीत पर एक हजार डालर की पुरस्कार राशि हासिल करने वाले विजेंदर ने कहा, ‘‘ मैं दूसरी बार उससे हार गया जिससे थोड़ा निराश हूं. पिछली बार भी मैं उससे चीन में हारा था लेकिन वह काफी करीबी मुकाबला था और तब मैं केवल एक अंक से पराजित हुआ था.’’
पिछले साल सितंबर में विश्व चैंपियनशिप के बाद पहली बार किसी प्रतियोगिता में भाग ले रहे भिवानी के इस मुक्केबाज ने कहा, ‘‘ लेकिन मुझे खुशी है कि मैं कांस्य पदक का मिथक तोड़ने में सफल रहा. यही नहीं इससे मार्च में होने वाली राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप के लिये भी अच्छी तैयारी हो गयी. लंबे समय बाद रिंग में वापसी करना रोमांचक रहा.
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लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद, लेह (लद्दाख ऑटोनोमस हिल डवलपमेंट काउन्सिल, लेह) (LAHDC) एक स्वायत्त पहाड़ी परिषद है जिसके अधीन भारत के उत्तरतम राज्य जम्मू और कश्मीर, के लेह जिले का क्षेत्र प्रशासन है।
इतिहास
लोगो
परिषद ने हाल ही में अपने प्रतीक चिह्न में बदलाव किया है और नये चिह्न में पुराने आठ भुजाओं वाले बौद्ध चक्र के स्थान पर सारनाथ के अशोक स्तम्भ के तीन सिंह मुखों को स्थान दिया है।
संरचना
परिषद ३० पार्षदों से बना है जिसमें से २६ सीधे निर्वाचित और ४ नामित सदस्य होते हैं ।
परिषद की कार्यकारी शाखा एक कार्यकारी समिति के रूप में होती है। इस समिति का गठन एक मुख्य कार्यकारी पार्षद और चार अन्य कार्यकारी पार्षदों से होता है ।
यह भी देखें
लद्दाख में मैराथन दौड़, एक मैराथन द्वारा आयोजित LAHDC
सन्दर्भ
जम्मू और कश्मीर सरकार
लद्दाख़
भारत के स्वायत्त क्षेत्र
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बिहार के सहरसा जिले में सोमवार को रास्ते पर गिरे हुए एक उच्च शक्ति वाले बिजली तार (हाई टेंशन वायर) की चपेट में आने से एक छात्र की मौत हो गई। घटना से आक्रोशित छात्रों ने पावर ग्रिड में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। लोगों ने सुपौल पैसेंजर ट्रेन के इंजन को भी जला डाला।
पुलिस के अनुसार, सुपौल का रहने वाला नौवीं कक्षा का छात्र सूरज कुमार सहरसा में रहकर पढ़ाई करता था। सूरज सुबह ट्यूशन पढ़ने जा रहा था, जब रास्ते में गिरे हाई टेंशन वायर की चपेट में आ गया और करंट लगने से उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
आक्रोशित छात्र बिजली विभाग की लापरवाही को घटना का कारण बताते हुए हंगामा करने लगे और पावर ग्रिड पर हमला बोल दिया। गुस्साए छात्रों ने पावर ग्रिड में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर भी छात्रों ने पथराव किया। गुस्साए छात्रों ने रेलवे स्टेशन पर खड़ी सुपौल पैसेंजर ट्रेन में भी आग लगा दी।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया है, जबकि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्के बल का प्रयोग करना पड़ा। क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण लेकिन स्थिति नियंत्रण में है।
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A post shared by Debina Bonnerjee (@debinabon) on Jul 28, 2017 at 3:43am PDT
A post shared by Debina Bonnerjee (@debinabon) on Jun 15, 2017 at 12:46am PDT
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लेख: यूपी सरकार लोगों के जान-माल व उनके इज्जत-आबरू की सुरक्षा में विफल रही है और साथ ही हर प्रकार की अराजकता को भी बढ़ावा दे रही है लेकिन लोगों का ध्यान बांटने के लिए नया कानून आदि बनाकर अब निजी विश्वविद्यालयों पर शिकंजा कसने का प्रयास जारी है जो पुलिस राज को ही यहां और बढ़ावा देगा।
एक नए अध्यादेश में यह प्रावधान किया गया है कि उत्तर प्रदेश के सभी निजी विश्वविद्यालयों को अब सरकार को एक शपथपत्र देना होगा, जिसमें कहना होगा कि उनके परिसरों का इस्तेमाल किसी भी देश विरोधी गतिविधि के लिए नहीं किया जाएगा. नए अध्यादेश का मसौदा, जो एक अंब्रेला एक्ट के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा, मंगलवार को योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया था.
गुजरात में जातिवादी अत्याचार व हत्या लगातार जारी है जिस कारण सुरक्षा की माँग के बावजूद द्वेष के कारण बोताड़ जिले में कल दलित उपसरपंच मनजी सोलंकी की निर्मम हत्या कर दी गई। खासकर बीजेपी शासित राज्यों में इस प्रकार के जघन्य अपराधों का लगातार जारी रहना अति-दुःखद, निन्दनीय व शर्मनाक।
मायावती ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, 'गुजरात में जातिवादी अत्याचार व हत्या लगातार जारी है. सुरक्षा की मांग के बावजूद द्वेष के कारण बोताड़ जिले में दलित उपसरपंच मनजी सोलंकी की निर्मम हत्या कर दी गई. खासकर भाजपा शासित राज्यों में इस प्रकार के जघन्य अपराधों का लगातार जारी रहना अति दुखद, निन्दनीय व शर्मनाक है.'
महाराष्ट्र की करोड़ों ग्रामीण जनता भूख, प्यास व सूखा आदि से तड़प रही है लेकिन वहाँ की बीजेपी सरकार अपनी लापरवाही व विफलताओं के कारण 4.72 लाख करोड़ के कर्ज में डूबी हुई है और जनसमस्याओं से निपटने में काफी लाचार नजर आ रही है। अब जनता को सोचना है कि ऐसी सरकारें उनके किस काम की है?
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, 'महाराष्ट्र की करोड़ों ग्रामीण जनता भूख, प्यास व सूखा से तड़प रही है, लेकिन वहां की भाजपा सरकार अपनी लापरवाही व विफलताओं के कारण 4.72 लाख करोड़ के कर्ज में डूबी हुई है और जनसमस्याओं से निपटने में लाचार नजर आ रही है. अब जनता को सोचना है कि ऐसी सरकारें उनके किस काम की हैं?'
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संप्रग सरकार को उस वक्त परेशानी का सामना करना पड़ा जब सचिव स्तर के एक नौकरशाह ने वित्त मंत्री पी चिदंबरम के खिलाफ शिकायत की. शहरी विकास मंत्री कमलनाथ के जरिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भेजे गए पत्र में शहरी विकास सचिव सुधीर कृष्ण ने एक आधिकारिक बैठक का उल्लेख किया, जिसकी वजह से शिकायत करनी पड़ी.
कृष्णा ने दावा किया कि चिदंबरम ने उनसे बैठक में कहा कि वह उनकी अंग्रेजी समझ नहीं सके. उन्होंने दावा किया कि मंत्री ने उनसे हिंदी में बोलने को कहा, जिसे उनके अधिकारी उनके लिए अंग्रेजी में अनुवाद करके समझा देंगे. कृष्णा ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि चिदंबरम ने बार-बार वही टिप्पणी की और उनका स्वर अपमानजनक था.
इसका निवारण करने की मांग करते हुए उन्होंने कमलनाथ से अनुरोध किया कि वह इस मामले को प्रधानमंत्री के संज्ञान में लाएं. विवाद के बारे में पूछे जाने पर कमलनाथ ने एक टीवी चैनल से कहा कि मैं सचिव की ओर से मुझे भेजे गए और मेरी ओर से उन्हें भेजे गए पत्र पर चर्चा नहीं करना चाहता हूं.
बैठक जेएनएनयूआरएम परियोजना के लिए अतिरिक्त केंद्रीय सहायता जारी करने पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी. उसे पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है लेकिन वित्त मंत्रालय की ओर से धन जारी करने के लिए यह लंबित है.कृष्णा के अतिरिक्त बैठक में व्यय सचिव और वित्त मंत्रालय तथा शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने हिस्सा लिया था.
लोकसभा चुनाव से पहले फेरबदल में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव केशव देसीराजू का उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में तबादला कर दिया गया. यह कदम उनके पदभार संभालने के एक साल बाद उठाया गया है. आम चुनावों से पहले विभाग में कुछ और वरिष्ठ अधिकारियों का स्थानांतरण किए जाने की संभावना है.
उनके तबादले के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ये प्रशासनिक बातें हैं. मैं नहीं मानता कि लोगों को इसमें पड़ना चाहिए. अधिकारियों और मंत्रियों का विभाग बदलता रहता है. यह नियमित मामला है. वह एक सक्षम अधिकारी हैं.
सूत्रों के अनुसार आजाद वस्तुत: देसीराजू के प्रदर्शन से खुश नहीं थे. 1978 बैच के उत्तराखंड कैडर के आईएएस अधिकारी देसीराजू को एक साल पहले स्वास्थ्य सचिव नियुक्त किया गया था.
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प्रतिज्ञायौगन्धारायणम् भास द्वारा रचित संस्कृत नाटक है। इसमें ४ अंक हैं। यह स्वप्नवासवदत्ता नाटक के पहले की कथा है जिसमें
प्रद्योत महासेन द्वारा उदयन को बन्दी बनाना, उदयन द्वारा वासवदत्ता को घोषवती वीणा सीखना तथा मंत्री यौगन्धारायण द्वारा दो दुष्कर प्रतिज्ञा करना इस नाटक की मुख्य विषयवस्तु है।
प्रतिज्ञायौगन्धरायण में कौशाम्बी के राजा वत्सराज उदयन द्वारा उज्जयिनी के राजा प्रद्योत की पुत्री वासवदत्ता के हरण की कथा है। शिकार प्रेमी वत्सराज उदयन हाथियों को अपने वशीभूत करने में अत्यन्त पारङ्गत माना जाता था। अपनी घोषवती नाम की वीणा बजाकर वह बड़े से बड़े हर प्रकार के हाथी को अपने वश में कर सकता था। उसके वीणा वादन की यह पटुता और आखेट प्रेमी होने का व्यसन प्रायः समूचे वत्सराज में लोकप्रिय था। यही कारण था कि उसके पड़ोसी राजागण उसकी इस कला से भलीभाँति परिचित थे। उदयन रूपवान, सुन्दर, विद्यासम्पन्न और शूर वीर भी था। उसका पड़ोसी राजा प्रद्योत उज्जयिनी का एक शक्तिसम्पन्न राजा था। उसके पास एक विशाल सेना थी, जिसके कारण उसे महासेन के नाम से भी जाना जाता था। उसकी एक पुत्री थी जिसका नाम था - वासवदत्ता। विवाह के योग्य हो जाने के कारण वह उसके लिये किसी योग्य वर की खोज में चिन्तित रहा करता था। इसी बीच प्रद्योत को ज्ञात हुआ कि उदयन आखेट-क्रिया के लिये नागवन की ओर प्रस्थान करने वाला है। प्रद्योत ने अपने जाल में उसे फँसाने के लियेे एक कृत्रिम नीले हाथी (नीलकुवलयतनुः) की रचना करके उसके भीतर सैनिकों को भर दिया। राजा उदयन के पास उस विशिष्ट हाथी के नागवन में प्रवेश की सूचना सम्प्रेषित की गई। हाथी शिकार के लिये उत्कण्ठित हुआ राजा उदयन अकेले ही उसे अपने वश में करने हेतु तत्पर हो उठा। परिणामस्वरूप वह स्वयं शिकार में फँस गया। हाथी के समीप पहुँचते ही सभी सैनिक बाहर निकल आये और राजा को बन्दी बनाकर उज्जयिनी ले गये। उदयन का अंगरक्षक हंसक साथ जाना चाहता था किन्तु प्रद्योत के मन्त्री शालंकायन ने उसे साथ चलने से रोक दिया और कहा जाओ यह सूचना कौशाम्बी में बताओ। — "गच्छेमं वृत्तान्तं कौशाम्ब्यां निवेदयति '। उदयन को बन्दी देखकर जब अंगरक्षक हंसक राजा की प्रदक्षिणा कर चलने लगा तो उदयन डबडबाये नयनों से कुछ न कह पाने में स्वयं को विवश समझता हुआ केवल परम बुद्धिमान् और योग्य मंत्री यौगन्धरायण को सूचित करने का संकेत कर उज्जैन ले जाया गया। यौगन्धरायण इस शोकपूर्ण वृत्तान्त को सुनकर अत्यन्त चिन्तातुर हुआ। यह सूचना राजमाताओं के पास अन्तःपुर तक सम्प्रेषित कर दी गई। यौगन्धरायण के बुद्धिवैभव से परिचित राजमाता ने उदयन को किसी तरह बन्दी जीवन से मुक्त कराने हेतु प्रार्थना करके यौगन्धरायण को शीघ्र कोई उपाय करने को कहा। यौगन्धरायण स्वयं भी राजा को मुक्त कराने की तभी प्रतिज्ञा करता है कि— 'यदि मैं वत्सराज को बन्धन से न छुड़ाऊँ तो मेरा नाम यौगन्धरायण नहीं। ' —
यदिशत्रुबलग्रस्तो राहुणा चन्द्रमा इव।
मोचयामि न राजानं नास्मि यौगन्धरायण ॥ 1/16 प्र.यौ.॥
उसी समय सौभाग्य से उसे द्वैपायन व्यास जी ने एक अद्वितीय वस्त्र प्रदान किया जिसके द्वारा वह अपना स्वरूप तिरोहित कर शत्रु-पुर में स्वच्छन्द विचरण करता हुआ अपना लक्ष्य सिद्ध कर सकने में सक्षम हो सके। — "इमेऽत्रभवता परिगृहीता आत्मप्रयोजनोत्सृष्टा: परिच्छदविशेषा:। एभि: प्रच्छादिशतशरीरो भगवान् द्वैपायन: प्राप्त:। "
इसके उपरान्त बन्दी बनाकर उदयन को उज्जयिनी में ले जाकर राजा प्रद्योत से कंचुकी सूचना देता है 'गृहातो वत्सराजः ' अर्थात् वत्सराज पकड़ा गया, -यह कहना चाहता था कि उसी बीच राजा अपनी रानी अङ्गारवती के साथ पुत्री वासवदत्ता के विवाह के विषय में परामर्श कर रहा था। अनेक राजाओं का परिचय देते हुये उनमें सबसे योग्य किसे रानी विवाह के योग्य समझती हैं - राजा यह पूछ ही रहा था कि कंचुकी का वह ' वत्सराज शब्द ही उसे सुनाई पड़ गया। राजा उदयन की सर्वप्रिय वीणा घोषवती प्रद्योत के समक्ष समर्पित की गई। उसे वह अपनी पुत्री वासवदत्ता के पास पहुँचा देता है। राजा उदयन का राजोचित सम्मान और रहने की व्यवस्था की गई क्यों कि उसकी गुणवत्ता से अभिभूत होकर केवल उससे आत्मीयता बढ़ाने के उद्देश्य से ही उसे बन्दी बनाया गया था। उदयन की वीणा वादन कुशलता को जानकर ही उसकी वासवदत्ता के साथ घनिष्ठता स्थापित हो सके, इसलिये वासवदत्ता को वीणा सिखाने के लिये उदयन को बन्दी गृह में ही सुअवसर दिया गया। उदयन की इस कला से वासवदत्ता भी अत्यन्त अभिभूत हुई। परिणामतः दोनों मे परस्पर प्रेम अङ्कुरित होने लगा। रानी अङ्गारवती ने भी अप्रत्यक्ष रूप से वत्सराज को ही वासवदत्ता के लिये उपयुक्त वर समझकर राजा को संकेत कर दिया।
उधर उदयन के मंत्रीगण उज्जयिनी में वेष बदलकर अपने राजा की मुक्ति का उपाय करने लगे। वासवदत्ता के प्रति बढ़ती हुई अनुरक्ति के कारण उदयन अपने मित्र वसन्तक को सूचित करता है कि वह वासवदत्ता को छोड़कर कारागार से भागने के लिये तत्पर नहीं है। ऐसी स्थिति में वसन्तक अपने सहायक मंत्री रुमण्वान की सरायता से प्रधानमंत्री यौगन्धरायण से राजा के मनोरथ को बताता है और उसे पूर्ण करने हेतु प्रेरित करता है। यह सब सुनकर यौगन्धरायण पुनः शपथ लेता है कि - 'यदि उस घोषवती वीणा, नलगिरि हाथी, विशालाक्षी वासवदत्ता को और राजा वत्सराज को हरण कर कौशाम्बी न ले जाऊँ तो मेरा नाम यौगन्धरायण नहीं। '
यदि तां चैव तं चैव चैवायतलोचनाम्।
नाहरामि नृपं चैव नास्मि यौगन्धरायणः ॥3/9 प्र.यौ.॥
यौगन्धरायण की इसी प्रतिज्ञा के कारण ही भास की यह नाट्यकृति प्रतिज्ञा यौगन्धरायणम् शीर्षक से अभिहित की गई।
इस प्रकार उदयन को वासवदत्ता के साथ मुक्त कराने का उपाय सोचते हुये यौगन्धरायण ने अपनी युक्ति से राजा प्रद्योत के नलगिरि हाथी को उन्मत्त कर दिया। वत्सराज कैसे भी हाथी को अपने वश में करने के लिये पहले से ही प्रख्यात् था, अतएव नलगिरि को वश में करने के लिये वह मुक्त कर दिया गया। इस अवसर का सदुपयोग करते हुये वत्सराज वासवदत्ता के साथ उसकी तेज धावन करने वाली भद्रवती नाम की हथिनी पर सवार होकर भाग निकलता है। प्रद्योत की सेना यौगन्धरायण और उसके साथियो को घेर लेती है, दुर्भाग्य से यौगन्धरायण की तलवार टूट जाती है, वह शत्रु द्वारा पकड़ा जाता है। उसका साथी भट इसकी सूचना अमात्य से कहने के लिये आश्चर्य प्रकट करता है - 'यह क्या? प्राकार और तोरण को छोड़कर सभी कौशाम्बी है। ' - "किन्नु खल्वेतत्। प्राकारतोरणवर्जं सर्वं कौशाम्बी खल्विदम्। 'कारागार में प्रद्योत के मंत्री भरतरोहक के साथ उसका वाद विवाद और वत्सराज के कपट पूर्वक भागने की भर्त्सना करता है। तभी कंचुकी महासेन प्रद्योत द्वारा प्रदत्त एक भृङ्गार जो एक प्रकार का सुवर्ण पात्र था , उसमें उपायन लिये हुये उपस्थित हुआ। वह यौगन्धरायण की राजभक्ति और उसके गुणगान की प्रशस्ति में राजा की ओर से उपहार भेंट किया गया था। पहले तो उसने उसे स्वीकार करने से मना किया किन्तु जब यह ज्ञात हुआ कि प्रद्योत ने वासवदत्ता और वत्सराज का विवाह एक चित्रफलक पर सम्पन्न कर दिया है तो वह सहर्ष उस उपहार को स्वीकार कर प्रसन्न चित्त हो जाता है।
इन्हें भी देखें
भास
स्वप्नवासवदत्तम्
बाहरी कड़ियाँ
प्रतिज्ञायौगन्धरायणम् (संस्कृत विकिस्रोत)
संस्कृत ग्रन्थ
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केन्द्र सरकार ने देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) में देशभर से 5 सहायक बैंकों का विलय करने का फैसला लिया है. इस फैसले से अब स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला और स्टेट बैंक ऑफ ट्रैवेनकोर के अधीन हो जाएंगे.
पांच सहायक बैंकों के विलय से केन्द्र सरकार को उम्मीद है कि इससे देश की
बैंकिंग व्यवस्था
मजबूत होगी. इस विलय से जहां सहायक बैंकों के सभी ग्राहकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एसबीआई की सभी सुविधाओं का फायदा मिलेगा.
केन्द्र सरकार ने यह फैसला अपने इंद्रधनुष एक्शन प्लान के तहत लिया है. सरकार को उम्मीद है कि इससे देश के बैंकिंग सेक्टर की कार्यक्षमता और मुनाफा दोनों में इजाफा होगा.
इन सहायक बैंकों के विलय से सरकार को उम्मीद है कि देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक मर्जर के पहले साल में ही 1000 करोड़ रुपये से अधिक सेविंग्स कर लेगी.
नोटबंदी
के बाद सरकार के इस फैसले से इन सभी सहायक बैंकों में पड़ी प्रतिबंधित करेंसी के मैनेजमेंट के साथ-साथ नई करेंसी के संचार के काम को बेहतर किया जा सकेगा. सरकार की दलील है कि जहां 6 अलग बैंक इस काम को करते वहीं अब एक बैंक पूरे काम को करेगा.
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11 सितंबर 2010 को, मॉड्रिक ने 2010-11 सीज़न का अपना पहला गोल वेस्ट ब्रोमविच एल्बियन में 1-1 की बराबरी पर किया। 28 नवंबर को, लिवरपूल के खिलाफ एक घरेलू मैच में, मोड्रिक ने एक गोल किया जिसे बाद में लिवरपूल के डिफेंडर ने अपना गोल करार दिया। जनवरी 2011 में व्हाइट हार्ट लेन में मैनचेस्टर यूनाइटेड के खिलाफ ड्रॉ के बाद, रेडकनाप ने मोड्रिक की प्रशंसा करते हुए कहा, "वह अविश्वसनीय था। शानदार। वह एक अद्भुत फुटबॉलर है, छोटा आदमी अपने आस-पास के लोगों के साथ सबसे तंग क्षेत्रों में गेंद को बाहर निकालता है।" परिस्थितियाँ। वह दुनिया की किसी भी टीम में खेल सकता था।" 9 अप्रैल को टोटेनहम की स्टोक सिटी पर 3-2 की जीत में मॉड्रिक ने भी गोल किया और 15 मई को लिवरपूल पर 2-0 की जीत में एनफील्ड में पेनल्टी को बदला। मॉड्रिक ने टोटेनहम को यूईएफए चैंपियंस लीग में अपनी पहली भागीदारी तक पहुंचने में मदद की। पहले मैच में, 20 अक्टूबर को सैन सिरो में इंटर मिलान के खिलाफ, वह चोट के कारण मैच से जल्दी बाहर हो गए; गैरेथ बेल के जबरदस्त प्रयासों के बावजूद स्पर्स 4-3 से हार गए। 2 नवंबर को घर पर वापसी मैच में, मोड्रिक को मैच की गति को नियंत्रित करने और नियंत्रित करने के लिए बहुत अधिक जगह दी गई थी। उन्होंने 3-1 की जीत में राफेल वैन डेर वार्ट द्वारा पहला गोल बनाया और सहायता की। अगले मैच में, वेर्डर ब्रेमेन के विरुद्ध, मोड्रिक ने दूसरा गोल किया। मिलान के खिलाफ स्कोर रहित ड्रॉ के बाद, क्वार्टर फाइनल में रियल मैड्रिड द्वारा स्पर्स को प्रतियोगिता से बाहर कर दिया गया। मॉड्रिक ने 2010-11 सीज़न में 32 प्रीमियर लीग मैच खेले, तीन गोल किए, दो सहायता दर्ज की और सबसे अधिक औसत संख्या में पास बनाए। स्पर्स के लिए प्रति मैच 62.5 और 87.4% की सटीकता दर के साथ। सीज़न के अंत में, मोड्रिक को टोटेनहम हॉटस्पर एफसी के लिए वोट दिया गया। वर्ष का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी. मैनचेस्टर युनाइटेड के तत्कालीन मैनेजर सर एलेक्स फर्ग्यूसन ने कहा कि उन्होंने उस सीज़न के लिए मोड्रिक को अपना प्लेयर ऑफ द ईयर चुना होगा।
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सिंगापुर में अधिक से अधिक भारतीय बच्चे तमिल सीखने के इच्छुक हैं क्योंकि उनके अभिभावक इस भाषा और दक्षिण भारतीय संस्कृति में गहरी दिलचस्पी जता रहे हैं.
सिंगापुर के रामकृष्ण मिशन के उपाध्यक्ष स्वामी सत्यालोकानंद ने बताया, ‘हालांकि सिंगापुर में 1928 से मिशन और अन्य संस्थाएं तमिल पढ़ाने का काम कर रहे हैं, इस भाषा और दक्षिण भारतीय संस्कृति को लेकर नए सिरे से रूचि नजर आ रही है.’
उन्होंने बताया, ‘भारतीय अभिभावकों ने तमिल के प्रति गहरी दिलचस्पी जाहिर की और अपने बच्चों को नर्सरी तथा किंडरगार्टन कक्षाओं से ही तमिल पढ़ाना शुरू किया है.’ सत्यालोकानंद ने कहा कि इस उत्साह का कारण यह है कि सिंगापुर सरकार बच्चों के अपनी मातृभाषा पढ़ने पर जोर दे रही है.
स्वयं सत्यालोकानंद जापानी हैं और उनका जन्म फुकुओका में हुआ था. उनके अनुसार, सिंगापुर में भारतवंशियों की संख्या बढ़ने के साथ साथ हालिया वर्षों में स्कूलों में भर्ती होने वाले छात्रों की संख्या बढ़ी है. सिंगापुर में भारत वंशियों की संख्या करीब 500,000 है.
उन्होंने बताया ‘हमारे स्कूल में 500 विद्यार्थी हैं और 200 विद्यार्थी प्रतीक्षा सूची में हैं.’ मिशन ने हिंदी पढ़ाना भी शुरू किया है. सिंगापुर में हिंदी राजभाषा नहीं है लेकिन यहां बसा भारतीय समुदाय हिंदी बोलता है.
अन्य शैक्षिक संस्थानों में भी तमिल, हिन्दी, उर्दू, गुजराती और पंजाबी आदि की कक्षाएं लगती हैं.
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रोहिणी भाटे (मराठी: रोहिणी भाटे) (१४ नवंबर १९२४ - १० अक्टूबर २००८) भारत की सबसे वरिष्ठ कथक नृत्य प्रतिपादिका थीं, और भारतीय शास्त्रीय नृत्य कलाकार, शिक्षक, लेखक, शोधकर्ता के रूप में विकसित हुए। अपने करियर के दौरान, उन्हें कई पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जैसे संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और कालिदास सम्मान।
रोहिणी ने जयपुर और लखनऊ घरानों से कथक शिखा। उन्होंने नृत्य रचनाओं का एक बड़ा कोष बनाया, जहाँ उन्होंने अभिनाय के लिए एक विश्लेषणात्मक और नवीन दृष्टिकोण लागू किया।
हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में अपने ज्ञान के कारण, उन्होंने अक्सर अपनी नृत्य रचनाओं के लिए संगीत तैयार किया। समीक्षक सुनील कोठारी के अनुसार, विजया मेहता द्वारा निर्देशित शकुंतला के लिए उनकी कोरियोग्राफी उल्लेखनीय है।
जीवनी
रोहिणी भाटे का जन्म १४ नवंबर १९२४ पटना, बिहार में हुआ था। उन्होंने पुणे से अपनी शिक्षा पूरी की। वह एक मध्यमवर्गीय करहाडे ब्राह्मण परिवार से आती हैं।
रोहिणी को गुरु पार्वती कुमार के तहत भरतनाट्यम में प्रशिक्षित किया गया था। उन्होंने १९४६ में फर्ग्यूसन कॉलेज से कला में अपनी डिग्री प्राप्त की। उसी वर्ष उन्होंने जयपुर घराने के सोहनलाल के साथ कथक सीखना शुरू किया। उन्होंने पंडित लच्छू महाराज के मार्गदर्शन में, बारह वर्षों से अधिक समय तक, और लखनऊ घराने के पंडित मोहनराव कल्लियनपुरकर के मार्गदर्शन में, पंद्रह वर्षों से अधिक समय तक कथक में विशेषज्ञता हासिल की। उन्होंने संगीतकार केशवराव भोले और वसंतराव देशपांडे से हिंदुस्तानी संगीत भी सीखा, और कथक में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।
रोहिणी ने १९४७ में पुणे में नृत्यभारती कथक नृत्य अकादमी की स्थापना की। पिछले छह दशकों में उन्होंने अपनी अकादमी से सौ नर्तकियों को प्रशिक्षित किया। उन्होंने महाराष्ट्र के मध्यम वर्गीय परिवारों में कथक नृत्य को लोकप्रिय बनाया। १९५२ में, उन्होंने भारतीय सांस्कृतिक प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में चीन का दौरा किया। यह यात्रा उनके लिए भारतीय नृत्यों और नाटक से संबंधित पुराने शास्त्रों का अध्ययन करने का एक अवसर थी, और इस तरह उन्होंने उनकी तकनीक को परिष्कृत किया।
अगली पीढ़ी की नर्तकी शमा भाटे उन की स्नुषा (बहू) थीं। अपने प्रथम पति के निधन के बाद उन्हों ने गायक प्रभाकर जठार से शादी की ।
रोहिणी भाटे की मृत्यु १० अक्टूबर २००८ को ८३ वर्ष की आयु में पुणे, महाराष्ट्र, भारत में हुई।
पुरस्कार
1977: राज्य सरकार का महाराष्ट्र राज्य पुरस्कार
1979: संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार
1990: महाराष्ट्र गौरव पुरस्कार
2001: कालिदास सम्मान
2006: संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप
2007: संगीत नाटक अकादमी, अकादमी रत्न पुरस्कार नई दिल्ली
सन्दर्भ
भारतीय महिला
1924 में जन्मे लोग
शास्त्रीय नृत्य
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वाजपेयी जी, यह मेरे लिए बहुत बड़ा मिशन है. राष्ट्रपति पद पर मेरे नामांकन के लिए मैं, सभी दलों की सहमति चाहता हूं. '' वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने जब यह शर्त तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सामने रखी तब उन्हें यह सूचना मिले दो घंटे बीत चुके थे कि वे राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के प्रत्याशी होंगे. पहली सूचना भी वाजपेयी ने ही दी थी. दो घंटे के भीतर कलाम यह समझ चुके थे कि अगर बात बन सकती तो वे नहीं, बल्कि पी.सी. अलेक्जेंडर या उपराष्ट्रपति कृष्णकांत राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी होते. या फिर कौन जाने कि वाजपेयी खुद दौड़ में होते जैसा कि लालकृष्ण आडवाणी ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि रज्जू भैया वाजपेयी को राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाना चाहते थे. अपनी उम्मीदवारी के लिए राजनैतिक सर्वानुमति की शर्त कलाम ने इसलिए रखी थी क्योंकि सर्वोच्च पदों को लेकर भारतीय राजनीति हमेशा से कबीलाई रही है, जिसमें कलाम जैसों के लिए जगह नहीं होती.
वे खुद को दलीय राजनीति के जवाबी कीर्तन में फंसने से बचाना चाहते थे. डॉ. कलाम की श्रेष्ठताओं के बावजूद सच यह है कि राजनीति की मुख्यधारा को फलांगते हुए एक टेक्नोक्रैट के राष्ट्रपति का प्रत्याशी बनने से भारतीय राजनीति का एक बड़ा खोल टूट गया था. सियासत उन्हें लेकर कभी स्वाभाविक नहीं रही इसलिए बाद में पूरी सियासी जमात ने मिलकर यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी कि कलाम का वाकया सरकार के अन्य क्षेत्रों में बड़े पदों पर परंपरा न बन जाए.
कलाम की सहजता व वैज्ञानिकता असंदिग्ध रूप से श्रेष्ठ है लेकिन राष्ट्रपति के तौर पर चुनाव और देश की राजनीति की मुख्यधारा में उनका आगमन और छोटा-सा कार्यकाल (2002 से 2007) सियासत पर ज्यादा गहरी टिप्पणियां करता है. भारतीय राजनीति न केवल गहराई तक आनुवांशिक है बल्कि एक इसकी दूसरी पहचान यह भी है कि दलीय आग्रहों के बावजूद इसमें गजब की सामूहिकता है. प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या मुख्यमंत्री जैसे पद राजनेताओं या राजनैतिक जड़ों वाले लोगों को लिए आरक्षित हैं और पिछले साठ वर्ष में सभी दलों ने सजग रहकर इस अलिखित संधि का बेहद दृढ़ता के साथ पालन किया है और देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद तक पहुंचे सभी लोग राजनैतिक अतीत के साथ आगे बढ़े हैं. इस पैमाने पर अपनी समग्र वैज्ञानिक उपलब्धियों के बावजूद कलाम अधिकतम गवर्नर या राजदूत हो सकते थे. उनका राष्ट्रपति होना हजार संयोगों का एक साथ मिल जाना था.
कलाम को राष्ट्रपति बनाने के लिए राजनीति की हिचक सिर्फ इसलिए भी टूट सकी क्योंकि वाजपेयी प्रधानमंत्री थे, जो सियासत के रवायती संस्कारों को लेकर उतने आग्रही नहीं थे. अगर वाजपेयी ने कलाम के चुनाव को प्रतिष्ठा न बनाया होता तो शायद एनडीए किसी दूसरे राजनैतिक प्रत्याशी पर समझौता कर लेता. क्योंकि कलाम न केवल 1998 में वाजपेयी मंत्रिमंडल में शामिल होने की पेशकश ठुकरा चुके थे बल्कि अपना पेशेवर कार्यकाल पूरा कर अन्ना यूनिवर्सिटी में शिक्षक के तौर पर अपने सेवानिवृत्त जीवन की तैयारी शुरू कर चुके थे. यकीनन, वे सियासत की दहलीजों पर मत्था टेके बगैर देश के प्रथम नागरिक हो गए. लेकिन साथ ही यह भी सच है कि कलाम की प्रतिष्ठा को नया शिखर राष्ट्रपति बनने के बाद ही मिला और वे इतने लोकप्रिय होंगे इसका अंदाजा खुद एनडीए को भी नहीं था.
कलाम का सफल वैज्ञानिक होना उनकी लोकप्रियता की शायद उतनी बड़ी वजह नहीं था. वे भारतीय मध्य वर्ग और युवाओं के चहेते इसलिए बन सके क्योंकि एक नितांत गैर सियासी टेक्नोक्रैट चौंकाने वाले अंदाज में भारतीय राजनीति की परंपरा को ध्वस्त करता हुआ, स्फुलिंग की तरह राष्ट्रपति पद पर पहुंच गया. उनकी इस उड़ान ने पहली बार भारत के लोगों को भरोसा दिया था कि एक गैर राजनैतिक व्यक्ति अपनी क्षमता के बूते सत्ता के गढ़ ढहाकर राष्ट्रपति तक हो सकता है, अलबत्ता कलाम का यही मॉडल सियासत के गले नहीं उतरा.
कलाम के राष्ट्रपति बनने तक वाजपेयी सरकार का उत्तरार्ध शुरू हो गया था जबकि उनकी लोकप्रियता शिखर पर थी. उनका शेष कार्यकाल यूपीए के साथ बीता, जिसने एक क्षमतावान राष्ट्रपति की सक्रियता को सीमित कर दिया, जो भारत का ब्रांड एम्बेसडर हो सकता था. उस दौरान दिल्ली के सियासी गलियारों में यह किस्से आम थे कि किस तरह यूपीए ने कलाम की उड़ान को रोक दी है. उन्हें दूसरा कार्यकाल नहीं मिलना था क्योंकि तब तक पारंपरिक राजनीति कलाम जैसों को शिखर पर रखने का जोखिम समझ चुकी थी. अलबत्ता एक जनप्रिय पूर्व राष्ट्रपति का महज एक व्याख्याता बनकर रह जाना, उनकी क्षमताओं के साथ न्याय हरगिज नहीं था.
कलाम की जली सियासत प्रोफेशनलों को फूंक-फूंककर चुनने लगी. उनके बाद प्रतिभा पाटिल के राष्ट्रपति भवन पहुंचते ही पुराना मॉडल वापस स्थापित हो गया और सत्ता में अन्य पदों पर गैर राजनेताओं के प्रवेश को लेकर सतर्कता पहले से ज्यादा बढ़ गई. मिसाइलमैन कलाम के राष्ट्रपति बनने के बाद के वर्षों में सर्वोच्च पदों पर किसी गैर राजनेता को लाने की जोखिम नहीं लिया गया. और जहां भी क्षमतावान गैर राजनेता या प्रोफेशनल लाने पड़े, वहां राजनैतिक नेतृत्व हमेशा सशंकित बना रहा. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन और सरकार के रिश्ते इसका सबसे ताजा उदाहरण हैं.
कलाम का वैज्ञानिक और चिंतक होना नहीं बल्कि उनका राष्ट्रपति बनना भारत के राजनैतिक इतिहास की एक दुर्लभ घटना है, क्योंकि कलाम न तो आनुवांशिक नेता थे और न ही दलीय राजनीति में उनका कभी बपतिस्मा हुआ था. आदर्श परिस्थतियों में कलाम के राष्ट्रपति बनने को परंपरा बनाया जाना चाहिए था क्योंकि सत्ता के प्रमुख पदों पर विशेषज्ञों और पेशेवरों को लाने की हिचक खत्म हो गई थी. लेकिन जैसा कि रघुबीर सहाय ने लिखा है स्वाधीन इस देश में चौंकते हैं लोग/एक स्वाधीन व्यक्ति से! दरअसल कलाम की स्वाधीनता ने पारंपरिक सियासत को पर्याप्त मात्रा में चौंका दिया है. उम्मीद कम ही है कि निकट भविष्य में भारतीय राजनीति कलाम जैसी किसी दूसरी शख्सियत को सत्ता के शिखर पर लाने का साहस जुटा पाएगी.
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उज्मा के लौटने पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा,''यदि कोई महिला किसी विदेशी धरती पर फंस जाती है तो भारतीय उच्चायोग उसके लिए आशा की किरण है.'' इसके साथ ही विदेश मंत्री ने कहा, ''हमने उससे कहा कि भले ही हमें आपको भारतीय उच्चायोग में एक, दो या तीन साल रखना पड़े लेकिन हम आपको वहां से निकल लेंगे.''टिप्पणियां
गौरतलब है कि उज्मा ने पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग से गुजारिश करते हुए कहा था कि बंदूक की नोंक पर उससे विवाह किया गया है लिहाजा उसको भारत भेजने की व्यवस्था की जाए. उसके बाद उसने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में पति ताहिर अली के खिलाफ केस दर्ज करते हुए कहा था कि वह उसका उत्पीड़न कर रहा है और उसका धमकाता है.
उज्मा ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में 19 मई को एक छह पेज का हलफनामा देते हुए कहा था कि ताहिर के साथ उससे जबर्दस्ती निकाहनामे पर दस्तखत कराए गए थे. उसमें यह भी कहा गया था कि ताहिर की तरफ से पेश हलफनामा झूठा है और कोर्ट से यह गुहार लगाई गई थी कि 30 मई को उसका वीजा खत्म हो रहा है लिहाजा उसको भारत जाने की अनुमति दी जाए. बुधवार को इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने उनको भारत लौटने की इजाजत दे दी थी.
गौरतलब है कि उज्मा ने पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग से गुजारिश करते हुए कहा था कि बंदूक की नोंक पर उससे विवाह किया गया है लिहाजा उसको भारत भेजने की व्यवस्था की जाए. उसके बाद उसने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में पति ताहिर अली के खिलाफ केस दर्ज करते हुए कहा था कि वह उसका उत्पीड़न कर रहा है और उसका धमकाता है.
उज्मा ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में 19 मई को एक छह पेज का हलफनामा देते हुए कहा था कि ताहिर के साथ उससे जबर्दस्ती निकाहनामे पर दस्तखत कराए गए थे. उसमें यह भी कहा गया था कि ताहिर की तरफ से पेश हलफनामा झूठा है और कोर्ट से यह गुहार लगाई गई थी कि 30 मई को उसका वीजा खत्म हो रहा है लिहाजा उसको भारत जाने की अनुमति दी जाए. बुधवार को इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने उनको भारत लौटने की इजाजत दे दी थी.
उज्मा ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में 19 मई को एक छह पेज का हलफनामा देते हुए कहा था कि ताहिर के साथ उससे जबर्दस्ती निकाहनामे पर दस्तखत कराए गए थे. उसमें यह भी कहा गया था कि ताहिर की तरफ से पेश हलफनामा झूठा है और कोर्ट से यह गुहार लगाई गई थी कि 30 मई को उसका वीजा खत्म हो रहा है लिहाजा उसको भारत जाने की अनुमति दी जाए. बुधवार को इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने उनको भारत लौटने की इजाजत दे दी थी.
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यह लेख है: दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सोलह दिसंबर सामूहिक बलात्कार मामले पर आधारित बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री ‘इंडियाज डॉटर’ पर पाबंदी में हस्तक्षेप करने से इंकार किया.
अदालत ने कहा कि इसके प्रसारण का मुद्दा निचली अदालत के सामने लंबित है जो इससे निपटने के लिए सक्षम है. मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की पीठ ने केन्द्र द्वारा इस वृत्तचित्र के प्रसारण के खिलाफ जारी परामर्श की वैधता पर भी गौर नहीं किया और कहा कि यह निजी टीवी चैनलों को केवल परामर्श था और वृत्तचित्र का प्रसारण निचली अदालत के रोक आदेश के कारण नहीं किया गया.
पीठ ने कहा, ‘‘जहां तक तीन मार्च और चार मार्च 2015 (वृत्तचित्र के प्रसारण पर पाबंदी) के न्यायिक आदेशों की बात है, चूंकि मामला सक्षम अदालत के सामने लंबित है और खास बात है कि जांच अब भी चल रही है, संविधान के अनुच्छेद 226 या 227 के तहत इस अदालत द्वारा हस्तक्षेप वांछनीय नहीं है.’’टिप्पणियां
अदालत ने कहा, ‘‘रिकॉर्ड से सामने आए दस्तावेजों से यह स्पष्ट है कि तीन मार्च 2015 का परामर्श निजी चैनलों को केवल सलाह थी. हमें ऐसा लगता है कि संबंधित वृत्तचित्र का प्रसारण सक्षम अदालत द्वारा जारी रोक आदेश के कारण नहीं किया गया.’’ यह फैसला तीन विधि छात्रों द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर आया जिनमें तिहाड़ जेल में बनाए गए वृत्तचित्र पर से पाबंदी हटाने का अनुरोध किया गया. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अदालत ने कहा कि इसके प्रसारण का मुद्दा निचली अदालत के सामने लंबित है जो इससे निपटने के लिए सक्षम है. मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की पीठ ने केन्द्र द्वारा इस वृत्तचित्र के प्रसारण के खिलाफ जारी परामर्श की वैधता पर भी गौर नहीं किया और कहा कि यह निजी टीवी चैनलों को केवल परामर्श था और वृत्तचित्र का प्रसारण निचली अदालत के रोक आदेश के कारण नहीं किया गया.
पीठ ने कहा, ‘‘जहां तक तीन मार्च और चार मार्च 2015 (वृत्तचित्र के प्रसारण पर पाबंदी) के न्यायिक आदेशों की बात है, चूंकि मामला सक्षम अदालत के सामने लंबित है और खास बात है कि जांच अब भी चल रही है, संविधान के अनुच्छेद 226 या 227 के तहत इस अदालत द्वारा हस्तक्षेप वांछनीय नहीं है.’’टिप्पणियां
अदालत ने कहा, ‘‘रिकॉर्ड से सामने आए दस्तावेजों से यह स्पष्ट है कि तीन मार्च 2015 का परामर्श निजी चैनलों को केवल सलाह थी. हमें ऐसा लगता है कि संबंधित वृत्तचित्र का प्रसारण सक्षम अदालत द्वारा जारी रोक आदेश के कारण नहीं किया गया.’’ यह फैसला तीन विधि छात्रों द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर आया जिनमें तिहाड़ जेल में बनाए गए वृत्तचित्र पर से पाबंदी हटाने का अनुरोध किया गया. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पीठ ने कहा, ‘‘जहां तक तीन मार्च और चार मार्च 2015 (वृत्तचित्र के प्रसारण पर पाबंदी) के न्यायिक आदेशों की बात है, चूंकि मामला सक्षम अदालत के सामने लंबित है और खास बात है कि जांच अब भी चल रही है, संविधान के अनुच्छेद 226 या 227 के तहत इस अदालत द्वारा हस्तक्षेप वांछनीय नहीं है.’’टिप्पणियां
अदालत ने कहा, ‘‘रिकॉर्ड से सामने आए दस्तावेजों से यह स्पष्ट है कि तीन मार्च 2015 का परामर्श निजी चैनलों को केवल सलाह थी. हमें ऐसा लगता है कि संबंधित वृत्तचित्र का प्रसारण सक्षम अदालत द्वारा जारी रोक आदेश के कारण नहीं किया गया.’’ यह फैसला तीन विधि छात्रों द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर आया जिनमें तिहाड़ जेल में बनाए गए वृत्तचित्र पर से पाबंदी हटाने का अनुरोध किया गया. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अदालत ने कहा, ‘‘रिकॉर्ड से सामने आए दस्तावेजों से यह स्पष्ट है कि तीन मार्च 2015 का परामर्श निजी चैनलों को केवल सलाह थी. हमें ऐसा लगता है कि संबंधित वृत्तचित्र का प्रसारण सक्षम अदालत द्वारा जारी रोक आदेश के कारण नहीं किया गया.’’ यह फैसला तीन विधि छात्रों द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर आया जिनमें तिहाड़ जेल में बनाए गए वृत्तचित्र पर से पाबंदी हटाने का अनुरोध किया गया. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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H1B वीजा मामले पर केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमन ने सोमवार को लोकसभा में बयान दिया कि अमेरिका ने भारत को कहा है कि H1B वीजा में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं किया गया है.
सीतारमन ने कहा कि भारत ने अमेरिका की नई वीजा नीति पर बात की थी, लेकिन अमेरिकी प्रशासन से कहा गया है कि इसमें कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं किया गया है. उनके अनुसार 2017 में नई नीति से कोई फर्क नहीं पड़ेगा, अभी उनका ध्यान अवैध अप्रवासियों पर है.
सीतारमन ने कहा कि
भारत ने वीजा
के मुद्दे पर अपनी सभी चिंताओं को व्यक्त किया है. भारत ने 2016 कॉमर्स डॉयलाग और 2016 ट्रे़ड पॉलिसी के दौरान यह सभी बातें कहीं थी. भारत आगे भी इन सभी मुद्दों को अमेरिका के सामने उठाता रहेगा. उन्होंने कहा कि कई कंपनियों ने इस मुद्दे से जुड़ी समस्याों को हमारे सामने रखा था, जिसके बाद हमनें सभी परेशानियों को अमेरिका के सामने रख दिया है.
क्या है एच1बी में दिक्कत
अमेरिकी कंपनियों पर हमेशा आरोप लगता रहा है कि वह एच1बी वीजा का गलत इस्तेमाल करते हुए दूसरे देशों से सस्ते इमीग्रेशन कराती है. कॉस्ट कटिंग के लिए ज्यादातर नौकरियों को एच1बी वीजा से लाए जाने वाले विदेशियों के हवाले किया जा रहा है.
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दिल्ली के तुग़लकाबाद में शनिवार को दिल्ली दिल्ली विकास प्राधिकरण यानी डीडीए ने संत रविदास मंदिर ढहा दिया, जिसको लेकर दिल्ली से लेकर पंजाब तक अब राजनीति गर्मा गई है. दिल्ली से पधारे आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने इस मामले को लेकर केंद्र की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ''डीडीए दुनिया भर में जमीन बांट रहा है अपने नेताओं को जमीन दे रहा है, लेकिन डीडीए को संत रविदास जी के लिए 100 गज जमीन देनी भी मुश्किल हो रही है. आज सारे बीजेपी के नेता चुप बैठे हैं. वह ऐसे चुप बैठे हैं जैसे डीडीए उनके पास है ही नहीं. तो आज हम बीजेपी और केंद्र सरकार से सवाल करना चाहते हैं कि क्या 100 गज जमीन भी उनके पास संत रविदास जी के लिए नहीं है?''
बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है और साथ ही कहा कि हम पार्टी के खर्चे पर दोबारा मंदिर बनाने और कानूनी मदद देने को तैयार हैं. शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने इस मामले पर दिल्ली के उपराज्यपाल और डीडीए के अध्यक्ष अनिल बैजल से मुलाकात की. बैठक के बाद सुखबीर बादल ने कहा कि ''हमने उपराज्यपाल जी से निवेदन किया है कि यह बहुत संवेदनशील मामला है बहुत पुराना मंदिर है और इससे बहुत सारी भावनाएं जुड़ी हैं. इसलिए तुरंत इसका कोई हल निकाला जाए. मुझे खुशी है कि एलजी साहब इस मामले का हल निकालने के लिए सकारात्मक हैं और मंगलवार को उन्होंने केंद्रीय शहरी मामलों के मंत्री हरदीप पुरी के साथ मीटिंग बुलाई है.''
गुरु रविदास जयंती समारोह समिति ने जंगल की जमीन पर निर्माण किया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद भी जगह को खाली नहीं किया गया. इसलिए 9 अगस्त 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए को आदेश दिया कि वो पुलिस की मदद से इस जगह को खाली कराए और ढांचे को हटाये. दिल्ली पुलिस और दिल्ली के मुख्य सचिव सुनिश्चित करें कि ढांचा हटाया गया है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी दिल्ली सरकार से एसडीएम, डीडीए के वरिष्ठ अधिकारी और गुरु रविदास जयंती समारोह समिति के सदस्य 10 अगस्त सुबह 10 बजे जहांपनाह फॉरेस्ट्स में मौजूद थे. वहां मौजूद सेमी-परमानेंट ढांचे को शांति पूर्वक हटाया गया.
बताया जाता है कि ये मंदिर संत रविदास की याद में बनवाया गया था. जब संत रविदास बनारस से पंजाब की ओर जा रहे थे, तब उन्होंने 1509 में इस स्थान पर आराम किया था. एक जाति विशेष के नाम पर यहां पर एक बावड़ी भी बनवाई गई थी जो आज भी मौजूद है. कहा जाता है कि स्वयं सिकंदर लोदी ने संत रविदास से नामदान लेने के बाद उन्हें यहां जमीन दान की थी जिस पर यह मंदिर बना था. आजाद भारत में 1954 में इस जगह पर एक मंदिर का निर्माण हुआ था.
एक जाति विशेष के लोग इस मंदिर को बहुत मानते थे. यही कारण है कि मंदिर के टूटने के बाद से उनका समाज नाराज़ है. मंदिर से सिखों की आस्था भी जुड़ी हुई थी क्योंकि सिखों का मानना है कि संत रविदास की उच्चारण की हुई वाणी गुरु ग्रंथ साहिब में मौजूद है.
Video: दिल्ली में मंडरा रहा आतंकी हमले का खतरा, अलर्ट जारी
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बिहार में 12वीं की परीक्षा में फर्जी तरीके अपनाकर टॉप करने के आरोप में गिरफ्तार छात्रा रूबी राय करीब पांच हफ्ते बाद घर लौटेगी. 18-वर्षीय रूबी को सोमवार को जमानत मिल गई. उसे बिहार पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिस पर काफी विवाद हुआ था. बाद में उसे जुवेनाइल होम में भेज दिया गया और उसकी जमानत याचिका दो बार नामंजूर कर दी गई थी.
जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने कहा था कि रूबी राय ने 12वीं की आर्ट्स टॉपर बनने के लिए दूसरे लोगों के साथ मिलकर गंभीर अपराध किया था. रूबी राय की पोल उस वक्त खुली जब टीवी इंटरव्यू में उसने कहा कि राजनीति विज्ञान (पोलिटिकल साइंस) में खाना पकाने के बारे में पढ़ाया जाता है.टिप्पणियां
इस मामले ने खूब तूल पकड़ा. बाद में कई वरिष्ठ शिक्षा अधिकारी और उस कॉलेज के प्रिंसिपल समेत करीब 30 लोग गिरफ्तार कर लिए गए. री-टेस्ट और इंटरव्यू में रूबी एक भी सवाल का जवाब नहीं दे पाई थी.
पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में रूबी ने बताया था कि पिता ने उससे कहा था कि वे 'उसके रिजल्ट का ध्यान रख लेंगे.' परीक्षा में टॉप करने के लिए रूबी के पिता ने कई अधिकारियों को घूस दी थी. रूबी ने जांचकर्ताओं को बताया था कि 'मैं केवल सेकंड डिवीजन चाहती थी, मैंने कभी सोचा नहीं था कि टॉप करूंगी.'
जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने कहा था कि रूबी राय ने 12वीं की आर्ट्स टॉपर बनने के लिए दूसरे लोगों के साथ मिलकर गंभीर अपराध किया था. रूबी राय की पोल उस वक्त खुली जब टीवी इंटरव्यू में उसने कहा कि राजनीति विज्ञान (पोलिटिकल साइंस) में खाना पकाने के बारे में पढ़ाया जाता है.टिप्पणियां
इस मामले ने खूब तूल पकड़ा. बाद में कई वरिष्ठ शिक्षा अधिकारी और उस कॉलेज के प्रिंसिपल समेत करीब 30 लोग गिरफ्तार कर लिए गए. री-टेस्ट और इंटरव्यू में रूबी एक भी सवाल का जवाब नहीं दे पाई थी.
पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में रूबी ने बताया था कि पिता ने उससे कहा था कि वे 'उसके रिजल्ट का ध्यान रख लेंगे.' परीक्षा में टॉप करने के लिए रूबी के पिता ने कई अधिकारियों को घूस दी थी. रूबी ने जांचकर्ताओं को बताया था कि 'मैं केवल सेकंड डिवीजन चाहती थी, मैंने कभी सोचा नहीं था कि टॉप करूंगी.'
इस मामले ने खूब तूल पकड़ा. बाद में कई वरिष्ठ शिक्षा अधिकारी और उस कॉलेज के प्रिंसिपल समेत करीब 30 लोग गिरफ्तार कर लिए गए. री-टेस्ट और इंटरव्यू में रूबी एक भी सवाल का जवाब नहीं दे पाई थी.
पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में रूबी ने बताया था कि पिता ने उससे कहा था कि वे 'उसके रिजल्ट का ध्यान रख लेंगे.' परीक्षा में टॉप करने के लिए रूबी के पिता ने कई अधिकारियों को घूस दी थी. रूबी ने जांचकर्ताओं को बताया था कि 'मैं केवल सेकंड डिवीजन चाहती थी, मैंने कभी सोचा नहीं था कि टॉप करूंगी.'
पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में रूबी ने बताया था कि पिता ने उससे कहा था कि वे 'उसके रिजल्ट का ध्यान रख लेंगे.' परीक्षा में टॉप करने के लिए रूबी के पिता ने कई अधिकारियों को घूस दी थी. रूबी ने जांचकर्ताओं को बताया था कि 'मैं केवल सेकंड डिवीजन चाहती थी, मैंने कभी सोचा नहीं था कि टॉप करूंगी.'
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Kumkum Bhagya Written Update: जी टीवी के शो 'कुमकुम भाग्य (Kumkum Bhagya)' में इन दिनों काफी हंगामा देखने को मिल रहा है. सीरियल 'कुमकुम भाग्य' के पिछले एपिसोड में दिखाया गया कि आलिया, दिशा से प्रूफ मांगती है कि वो पूरब को उससे छीनने की कोशिश नहीं करेगी. वहीं आर्यन जब पार्टी में आता है तो आलिया, दिशा के सामने उसे ये कहकर मिलवाती है कि वो उसका बेटा है. ये जानने के बाद की पूरब के एक बेटा है, दिशा हैरान रह जाती है. हालांकि सीएम की टीम में होने के कारण उसे पार्टी में रहना पड़ता है. पार्टी में दिशा, पूरब और आलिया की एनिवर्सरी का केक काटते हुए देखती है.
सीरियल 'कुमकुम भाग्य (Kumkum Bhagya)' के पिछले एपिसोड में दिखाया गया कि दिशा को फिर से पार्टी में देख पूरब का ध्यान पार्टी से भटक जाता है. वहीं विक्रम की पत्नी पल्लवी को पता चल जाता है कि विक्रम ने उसे उसकी पुरानी रिंग ही गिफ्ट की है. इस बात को जानकर पल्लवी को बहुत गुस्सा आता है. दूसरी ओर अभी (Shabir Ahluwalia) सीएम से अपना अवार्ड लेने के लिए जाता है और प्राची से उसकी मां की जगह अवार्ड लेने के लिए कहता है.
सृति झा (Sriti Jha) और शब्बीर आहलुवालिया के शो 'कुमकुम भाग्य (Kumkum Bhagya)' के अपकमिंग एपिसोड में दिखाया जाएगा कि प्रज्ञा, विक्रम की किसी से फोन पर बात होते हुए सुन लेगी. विक्रम फोन पर कहेगा कि वो पल्लवी से तलाक लेना चाहता है क्योंकि अब उससे प्यार का दिखावा नहीं किया जा रहा. विक्रम की बात सुन प्रज्ञा गुस्से में भर जाएगी क्योंकि उसे लगता है कि विक्रम ही मिस्टर मेहरा है. प्रज्ञा, विक्रम के पास जाएगी और उसे डांटते हुए कहेगी कि प्राची (Mugdha Chapekar) और सरिता तुम्हारी इतनी इज्जत करते हैं और तुम ऐसे इंसान हो. अब देखना होगा कि क्या प्रज्ञा को पता चल जाएगा कि विक्रम मिस्टर मेहरा नहीं है.
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डेरा सच्चा सौदा के सैकड़ों साधुओं को जबरन नपुंसक बनाए जाने के मामलों की जांच सीबीआई कर रही है. इसी बीच सीबीआई की टीम ने अदालत को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक गुरमीत राम रहीम ने वर्ष 1999 में सामूहिक तौर पर डेरे के साधुओं को नपुंसक बनाने की घोषणा की थी.
ऑपरेशन के वक्त खुद मौजूद रहता था बाबा
गुरमीत राम रहीम ने डेरे में ऐलान करते हुए कहा था कि वह
साधुओं को नपुंसक बनाना
चाहता है ताकि उनका ध्यान गलत रास्तों की और ना भटके. अहम बात ये कि साधुओं को नपुंसक बनाए जाने के वक्त राम रहीम खुद वहां मौजूद रहता था. सीबीआई रिपोर्ट के मुताबिक साधुओं के बधियाकरण के ऑपरेशन के समय वह ऑपरेशन थिएटर में खुद मौजूद रहता था.
बाबा की गुफा में भी होते थे ऑपरेशन
सीबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि अपनी बदनाम गुफा में भी उसने जबरन कई साधुओं को नपुंसक बनाया. वह पुरुष साधुओं को अपनी बदनाम गुफा में भी नपुंसक बनवाता था. इसके बाद गुरमीत राम रहीम नपुंसक बनाए गए साधुओं के साथ कई किस्म के खेल भी खेलता था. उन पर उसकी विशेष कृपा रहती थी. नपुंसक बनाए गए साधु गुरमीत राम रहीम से खुलकर मिल सकते थे.
नपुंसक बनाए गए ज्यादातर थे युवा
वर्ष 1999 से 2000 के बीच डेरे में नपुंसक बनाए गए ज्यादातर साधु युवा थे. उनको डरा-धमकाकर और ईश्वर से मिलाने के नाम पर बधिया किया गया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि गुफा के अलावा बधियाकरण के ऑपरेशन सिरसा स्थित शाह सतनाम जी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, डेरा प्रिंटिंग प्रेस परिसर, सिरसा और राजस्थान के श्रीगंगानगर जिला के गुरुसर मोडिया स्थित शाह सतनाम जी जनरल हॉस्पिटल में भी करवाए गए थे.
डेरे के डॉक्टरों की करतूत
साधुओं को जबरन नपुंसक बनाने के लिए सर्जरी डेरे के डॉक्टर एमपी सिंह और डॉक्टर पंकज गर्ग ने की थी. सीबीआई इस मामले में डेरा सच्चा सौदा के वाइस चेयरपर्सन डॉक्टर पी.आर. नैन की भूमिका भी जांच रही है, जो फिलहाल डेरे से फरार है.
खरीदी करोड़ों की संपत्ति
सीबीआई ने अपनी जांच में खुलासा किया है कि
गुरमीत राम रहीम
नपुंसक बनाए गए साधुओं से जबरन हस्ताक्षर करवाकर उनके नाम पर बेनामी संपत्तियां खरीदता था. सीबीआई ने डेरे की 17 बेनामी संपत्तियों का रिकॉर्ड भी अपनी रिपोर्ट में संलग्न किया है, जो नपुंसक बनाये गए साधुओं के नाम पर खरीदी गई थीं. गौरतलब है कि अकेले हरियाणा में डेरा सच्चा सौदा की 1600 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है. जिनमें जमीन भी शामिल है.
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योजना 1970 के दशक के दौरान एमआईटी एआई लैब में बनाई गई थी और इसके डेवलपर्स, गाइ एल. स्टील और गेराल्ड जे सुस्मान द्वारा मेमो की एक श्रृंखला के माध्यम से जारी की गई थी, जिसे अब लैम्ब्डा पेपर्स के नाम से जाना जाता है। यह लिस्प की पहली बोली थी जिसने लेक्सिकल स्कोप को चुना और टेल-कॉल ऑप्टिमाइज़ेशन करने के लिए कार्यान्वयन की आवश्यकता वाली पहली बोली थी, जो कार्यात्मक प्रोग्रामिंग और पुनरावर्ती एल्गोरिदम जैसी संबंधित तकनीकों के लिए मजबूत समर्थन देती थी। यह प्रथम श्रेणी की निरंतरता का समर्थन करने वाली पहली प्रोग्रामिंग भाषाओं में से एक थी। इसका उस प्रयास पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा जिसके कारण कॉमन लिस्प का विकास हुआ। योजना भाषा को आधिकारिक आईईईई मानक और एक वास्तविक मानक में मानकीकृत किया गया है जिसे एल्गोरिथम भाषा योजना (आरएनआरएस) पर संशोधित रिपोर्ट कहा जाता है। सबसे व्यापक रूप से कार्यान्वित मानक R5RS (1998) है; एक नए मानक, R6RS को 2007 में अनुमोदित किया गया था। योजना की कॉम्पैक्टनेस और सुंदरता के कारण इसका उपयोगकर्ता आधार विविध है, लेकिन इसके न्यूनतम दर्शन ने व्यावहारिक कार्यान्वयन के बीच व्यापक अंतर भी पैदा किया है, इतना कि योजना संचालन समिति इसे "दुनिया का सबसे अधिक" कहती है। एकल भाषा के बजाय अप्राप्य प्रोग्रामिंग भाषा" और "बोलियों का एक परिवार"।
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कर्नाटक में सोमवार सुबह एक वैन और एक बस में भिड़ंत हो गई और उसके बाद दोनों वाहन खाई में गिर गए. इस घटना में तीन बच्चों सहित कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई और दर्जन भर अन्य लोग हो गए. पुलिस ने बताया कि दुर्घटना बेंगलुरु से 700 किलोमीटर दूर अलांद में हुई.
गुलबर्गा के पुलिस अधीक्षक अमित सिंह ने बताया कि दुर्घटना सुबह पांच बजे के आसपास तब हुई जब तेज गति से आ रही एक पिकअप वैन और राज्य संचालित बस की आमने-सामने से टक्कर हो गई और दोनों वाहन सड़क किनारे खाई में गिर गए. मृतकों में से अधिकतर लोग महाराष्ट्र के शोलापुर जिले के अक्कलगुड़ से गुलबर्गा जा रही वैन के यात्री थे.
घायलों में से पांच लोगों को गुलबर्गा के एक अस्पातल में और सात लोगों को अलांद के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. सिंह ने बताया कि दुर्घटना में मारे गए और घायल हुए लोग संयुक्त परिवारों से थे. वे सूफी संत ख्वाजा बंदे नवाज की दरगाह जा रहे थे. घायलों में कोप्पल से अलांद जा रही बस के छह यात्री और चालक भी शामिल हैं.
सिंह ने बताया कि हमने बस और वैन चालक के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली है और दुर्घटना की जांच के लिए एक टीम नियुक्त की है.
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युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत न्यूजीलैंड में धमाका करने की तैयारी में जुटे हैं. 21 साल के इस जांबाज क्रिकेटर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैचों की टी-20 सीरीज से पहले 'स्विट हिट' कर अपनी तैयारी परखी. उन्हें महेंद्र सिंह धोनी के वारिस के रूप में देखा जा रहा है.
मंगलवार को बीसीसीआई ने अपने ट्विटर हैंडल पर वीडियो शेयर किया है, जिसमें ऋषभ पंत स्विच हिट के लिए पुरजोर कोशिश में हैं. पंत ने भारतीय टीम में वापसी की है.
Welcome to the T20 format. What would you call this shot from
@RishabPant777
🤔😱
#TeamIndia
#NZvIND
pic.twitter.com/R5QTJNFtQI
— BCCI (@BCCI)
February 5, 2019
बुधवार को सीरीज का पहला टी-20 उसी वेलिंगटन के वेस्टपैक स्टेडियम में खेला जाएगा, जहां टीम इंडिया ने वनडे सीरीज का आखिरी मैच जीतकर कीवियों के खिलाफ 4-1 से सीरीज जीती थी. ऋषभ पंत को ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज के बाद वनडे टीम में जगह नहीं दी गई थी. अब वह टी-20 में भारतीय स्क्वॉड में शामिल हैं.
Brothers in arm 👬🇮🇳
#onedream
#india
🇮🇳
pic.twitter.com/8qaIPPU5Zq
— hardik pandya (@hardikpandya7)
February 5, 2019
उधर, हार्दिक पंड्या ने ट्विटर पर तस्वीर शेयर की है, जिसमें वह अपने बड़े भाई क्रुणाल पंड्या के कंधे पर हाथ रखे नजर आ रहे हैं. साथ ही उन्होंने लिखा है- Brothers in arm 👬🇮🇳 #onedream #india (साथ में भाई 👬🇮🇳 #एक ही सपना #भारत). पंड्या ब्रदर्स न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 के भारतीय दल में शामिल हैं. वेलिंगटन में पहले टी-20 के बाद दूसरा मैच ऑकलैंड के ईडन पार्क में 8 फरवरी और अंतिम मैच हेमिल्टन में 10 फरवरी को खेला जाएगा.
भारत के सीनियर बल्लेबाज शिखर धवन ने मंगलवार को कहा कि उदीयमान विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत मैच का पासा तुरंत पलटने की अपनी क्षमता के कारण भारतीय टीम के लिए काफी उपयोगी बन गए हैं. हाल ही में आईसीसी वर्ष के उदीयमान खिलाड़ी का पुरस्कार जीतने वाले पंत को महेंद्र सिंह धोनी के वारिस के रूप में देखा जा रहा है और इंग्लैंड तथा ऑस्ट्रेलिया में उम्दा प्रदर्शन कर उन्होंने अपनी उपयोगिता साबित भी की है.
भारतीय टीम-
रोहित शर्मा (कप्तान), शिखर धवन, ऋषभ पंत, दिनेश कार्तिक, केदार जाधव, एमएस धोनी, क्रुणाल पंड्या, कुलदीप यादव, युजवेंद्र चहल, भुवनेश्वर कुमार, सिद्धार्थ कौल, खलील अहमद, शुभमन गिल, विजय शंकर, हार्दिक पंड्या, मोहम्मद सिराज.
कीवी टीम -
केन विलियमसन (कप्तान), डग ब्रेसवेल, कॉलिन डि ग्रैंडहोम, लोकी फर्ग्यूसन, स्कॉट कुगेलिन, कॉलिन मुनरो, डेरिल मिशेल, मिशेल सेंटनर, टिम सेइफर्ट, ईश सोढ़ी, टिम साउदी, रॉस टेलर, ब्लेयर टिकनर, जेम्स नीशाम.
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सरबजीत का परिवार आज लाहौर जाएगा
लाहौर के अस्पताल में भर्ती सरबजीत की हालत अब भी बेहद नाजुक बनी हुई है. इस बीच पाकिस्तान सरकार ने सरबजीत के परिवार को 15 दिन का वीजा दे दिया है, ताकि वो लाहौर जाकर सरबजीत से मिल सके. सरबजीत की बहन दलबीर, उसकी पत्नी सुखप्रीत और दोनों बेटियां रविवार को दोपहर 12 बजे वाघा के रास्ते लाहौर जाएंगी और वहां सरबजीत को 23 साल बाद अपनी आंखों से देख सकेंगी. सरबजीत की बेटी स्वपनदीप कौर को भरोसा है कि उसके पापा जल्द ठीक हो जाएंगे. परिवार को ही नहीं पूरे देश को भरोसा है कि सरबजीत सिंह की सेहत में जल्द सुधार होगा.
मुख्यमंत्री को 10 चिटठी सौंपने जाएंगे केजरीवाल
बिजली की क़ीमत को लेकर आज आम आदमी पार्टी सरकार के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतरेगी. अरविंद केजरीवाल अपने समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री को 10 लाख से ज़्यादा चिट्ठी सौंपने की कोशिश करेंगे. ये चिट्ठी लोगों ने केजरीवाल के अनशन के दौरान लिखी थीं. केजरीवाल चिट्ठी लेकर समर्थकों के साथ जंतर मंतर पर जुटेंगे. दोपहर तीन बजे तक इंतज़ार करने के बाद वो मुख्यमंत्री निवास की ओर कूच करेंगे. मुख्यमंत्री को ये चिट्ठियां पहले भी सौंपने की कोशिश की गई थी लेकिन उस वक्त दिल्ली पुलिस ने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को रास्ते में ही रोक दिया था.
दिल्ली में एक और नाबालिग के साथ बलात्कार
राजधानी दिल्ली में बलात्कार के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. ताजा मामला मोती नगर इलाके के बसई दारापुर का है, जहां सात साल की नाबालिग बच्ची के साथ एक 35 साल के व्यक्ति ने दुष्कर्म किया है. 35 साल के आरोपी शख्स का नाम माधव राज है. आरोपी पीड़ित बच्ची के घर के पड़ोस में एक फैक्ट्री में काम करता है. पुलिस ने रेप की पुष्टि के बाद मामला दर्जकर आरोपी को पकड़ लिया है और पूरे मामले की जांच कर रही है.
कोलकाता और चेन्नई के बीच मुकाबला
टी 20 लीग में आज चैंपियन टकराएंगे. डिफेंडिंग चैंपियन कोलकाता दो बार की चैंपियन टीम चेन्नई से भिड़ेगी. कोलकाता की टीम पिछला मैच जीतकर जोश में, लेकिन धोनी की सेना को हराना उसके लिए मुश्किल चुनौती साबित हो सकती है.
दिल्ली और पुणे के बीच आज का दूसरा मुकाबला
टी 20 लीग में आज का दूसरा मुकाबला दिल्ली डेयरडेविल्स और पुणे वॉरियर्स के बीच होगा. ये दोनों ही टीमें प्ले-ऑफ की रेस में पिछड़ चुकी हैं. लेकिन आज जीतने वाली टीम का हौसला जरूर बढ़ेगा.
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घोटाले के सीज़न में नए घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। ये है अब तक का सबसे बड़ा ज़मीन घोटाला जिसे बॉम्बे हाई कोर्ट ने मिनी 2-जी घोटाला बता दिया। इसके तार पूरे महाराष्ट्र और खास तौर पर पुणे में सामने आए है। ये घोटाला अर्बन लैंड सीलिंग यानी यूएलसी एक्ट 1976 के तहत हुआ है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मामले को बेहद गंभीर मानते हुए इसे अब तक का सबसे बड़ा घोटाला बताया है। इसमें लाखों स्क्वेयर फीट की ज़मीन से खिलवाड़ हुआ है। खास बात ये है कि इस ज़मीन का फायदा समाज के ग़रीब तबकों को मिलना चाहिए था। कोर्ट मामले की जांच सीबीआई को सौंपना चाहती है। क्योंकि आरोप है कि बोगस काग़ज़ात के आधार पर बिल्डरों−नेताओं और बड़े सरकारी बाबुओं ने ज़मीन को अपने कब्ज़े में बनाये रखा। यूएलसी एक्ट के तहत प्रावधान था कि शहरी इलाकों में 500 स्क्वेयर मीटर से ज्यादा की ज़मीन सरकार अधिग्रहण करेगा लेकिन बताया जाता है कि सरकारी अधिग्रहण से मुआवज़ा कम मिलता इसलिए ऐसे काग़ज़ात तैयार कराये गए जिससे ज़मीन सरेंडर करने की नौबत ही न आए। मामले में अर्जी डालने वाले हैं बीजेपी के प्रवक्ता माधव भंडारी। अर्जी में आरोप लगाया गया है कि अकेले पुणे में ऐसे ढेर सारे मामले हैं इसलिए 10 फरवरी को अगली सुनवाई में सीबीआई और एसीबी के ऑफिसर इंचार्ज को अदालत में मौजूद रहने को कहा है।
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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश के कानकुन जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के दौरान दिये गये विवादित बयान को कमतर करने की कोशिश करते हुये कहा कि ‘इसका बहुत ज्यादा अर्थ निकालने की जरुरत नहीं है.’
जयराम रमेश के कानकुन में दिये गये बयान का हवाला देते हुये एक संवाददाता ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यूरोपीय संघ के अध्यक्ष हरमन वान रोमपुय के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के बाद मनमोहन से पूछा कि क्या इस बयान के बाद जलवायु परिवर्तन को लेकर भारत के रुख में कोई बदलाव आया है.
गौरतलब है कि पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने कल कहा, ‘सभी देशों को उपयुक्त कानूनी स्वरूप के तहत उत्सर्जन रोकने के लिए बाध्यकारी प्रतिबद्धता जतानी चाहिए.’ उनके इस कथन से यह संदेश गया कि भारत कानूनी तौर पर बाध्यकारी उत्सर्जन कम करने पर सहमत है जिससे विवाद पैदा हो गया.
इससे पहले भारत यह कहता आया है कि वह कटौती के मामले में किसी कानूनी सीमा को स्वीकार नहीं करेगा.
रमेश के इस बयान पर भारत के रुख को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में मनमोहन ने कहा, ‘इसका बहुत ज्यादा अर्थ निकालने की जरुरत नहीं है.’ दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील कुछ बाध्यकारी उत्सर्जन कटौती को लेकर भारत पर दबाव बनाते रहे हैं. ये दोनों देश बेसिक समूह का हिस्सा हैं.
वहीं जयराम रमेश ने कहा कि उनके रुख में किसी भी तरह का बदलाव नहीं आया है. उन्होंने कहा कि वह भारत के इस दृष्टिकोण पर कायम हैं कि ‘इस चरण में’ अंतरराष्ट्रीय बाध्यता को स्वीकार नहीं किया जाएगा क्योंकि वह नहीं जानते कि इससे क्या शर्तें जुड़ी हैं.
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माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है. माना जाता है कि इसी दिन शब्दों की शक्ति मनुष्य की झोली में आई थी. इस दिन बच्चों को पहला अक्षर लिखना सिखाया जाता है.
मां सरस्वती की सबसे प्रचलित स्तुति...
इस दिन पितृ तर्पण किया जाता है और कामदेव की पूजा भी की जाती है. इस दिन पहनावा भी परंपरागत होता है. मसलन पुरुष कुर्ता-पायजामा पहनते हैं, तो महिलाएं पीले रंग के कपड़े पहनती हैं. इस दिन गायन-वादन के साथ अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं.
सरस्वती को समस्त ज्ञान, साहित्य, संगीत, कला की देवी माना जाता है. शिक्षण संस्थाओं में वसंत पंचमी बड़े की धूमधाम से मनाई जाती है. यह शिक्षा ही तो मनुष्य को पशुओं से अलग बनाती है.
मान्यता है कि ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना करने के बाद मनुष्य की रचना की. मनुष्य की रचना के बाद उन्होंने अनुभव किया कि केवल इससे ही सृष्टि की गति नहीं दी जा सकती है.
विष्णु से अनुमति लेकर उन्होंने एक चतुर्भुजी स्त्री की रचना की, जिसके एक हाथ में वीणा तथा दूसरा हाथ वर मुद्रा में था. अन्य दोनों हाथों में पुस्तक और माला थी. शब्द के माधुर्य और रस से युक्त होने के कारण इनका नाम सरस्वती पड़ा. सरस्वती ने जब अपनी वीणा को झंकृत किया, तो समस्त सृष्टि में नाद की पहली अनुगूंज हुई. चूंकि सरस्वती का अवतरण माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को हुआ था, इसलिए इस दिन को वसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है.
यह भी मान्यता है कि भगवान विष्णु के कथन के अनुसार ब्रह्मा जी ने सरस्वती देवी का आह्वान किया. सरस्वती माता के प्रकट होने पर ब्रह्मा जी ने उन्हें अपनी वीणा से सृष्टि में स्वर भरने का अनुरोध किया. माता सरस्वती ने जैसे ही वीणा के तारों को छुआ, उससे 'सा' शब्द फूट पड़ा. यह शब्द संगीत के सात सुरों में प्रथम सुर है. इस ध्वनि से ब्रह्मा जी की मूक सृष्टि में ध्वनि का संचार होने लगा. हवाओं को, सागर को, पशु-पक्षियों और अन्य जीवों को वाणी मिल गयी. नदियों से कलकल की ध्वनि फूटने लगी. इससे ब्रह्मा जी बहुत प्रसन्न हुए. उन्होंने सरस्वती को वाणी की देवी के नाम से सम्बोधित करते हुए 'वागेश्वरी' नाम दिया.
मां सरस्वती के पूजन की विधि
ज्ञान और वाणी के बिना संसार की कल्पना करना भी असंभव है. माता सरस्वती इनकी देवी हैं. अत: मनुष्य ही नहीं, देवता और असुर भी माता की भक्ति भाव से पूजा करते हैं. सरस्वती पूजा के दिन लोग अपने-अपने घरों में माता की प्रतिमा की पूजा करते हैं. पूजा समितियों द्वारा भी सरस्वती पूजा के अवसर पर पूजा का भव्य आयोजन किया जाता है.
सरस्वती पूजा करते समय सबसे पहले सरस्वती माता की प्रतिमा अथवा तस्वीर को सामने रखना चाहिए. इसके बाद कलश स्थापित करके गणेश जी तथा नवग्रह की विधिवत् पूजा करनी चाहिए. इसके बाद माता सरस्वती की पूजा करें. सरस्वती माता की पूजा करते समय उन्हें सबसे पहले आचमन और स्नान कराएं. इसके बाद माता को फूल, माला चढ़ाएं. सरस्वती माता को सिन्दूर, अन्य श्रृंगार की वस्तुएं भी अर्पित करनी चाहिए. वसंत पंचमी के दिन सरस्वती माता के चरणों पर गुलाल भी अर्पित किया जाता है. देवी सरस्वती श्वेत वस्त्र धारण करती हैं, इसलिए उन्हें श्वेत वस्त्र पहनाएं. सरस्वती पूजन के अवसर पर माता सरस्वती को पीले रंग का फल चढ़ाएं. प्रसाद के रूप में मौसमी फलों के अलावा बूंदियां अर्पित करनी चाहिए. इस दिन सरस्वती माता को मालपुए और खीर का भी भोग लगाया जाता है.
सरस्वती पूजन के लिए हवन
सरस्वती पूजा करने बाद सरस्वती माता के नाम से हवन करना चाहिए. हवन के लिए हवन कुण्ड अथवा भूमि पर सवा हाथ चारों तरफ नापकर एक निशान बना लेना चाहिए. अब इस भूमि को कुशा से साफ करके गंगा जल छिड़ककर पवित्र करें और यहां पर हवन करें. हवन करते समय गणेश जी, नवग्रह के नाम से हवन करें. इसके बाद सरस्वती माता के नाम से 'ओम श्री सरस्वत्यै नम: स्वहा" इस मंत्र से एक सौ आठ बार हवन करना चाहिए. हवन के बाद सरस्वती माता की आरती करें और हवन का भभूत लगाएं.
सरस्वती विसर्जन
माघ शुक्ल पंचमी के दिन सरस्वती की पूजा के बाद षष्ठी तिथि को सुबह माता सरस्वती की पूजा करने के बाद उनका विसर्जन कर देना चाहिए. संध्या काल में मूर्ति को प्रणाम करके जल में प्रवाहित कर देना चाहिए.
सरस्वती पूजन के पीछे पौराणिक मान्यताएं:
1. श्रीकृष्ण ने की सरस्वती की प्रथम पूजा
इस दिन देवी सरस्वती की पूजा करने के पीछे भी पौराणिक कथा है. इनकी सबसे पहले पूजा श्रीकृष्ण और ब्रह्माजी ने ही की है. देवी सरस्वती ने जब श्रीकृष्ण को देखा, तो उनके रूप पर मोहित हो गईं और पति के रूप में पाने की इच्छा करने लगीं. भगवान कृष्ण को इस बात का पता चलने पर उन्होंने कहा कि वे तो राधा के प्रति समर्पित हैं. परंतु सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए श्रीकृष्ण ने वरदान दिया कि प्रत्येक विद्या की इच्छा रखने वाला माघ मास की शुक्ल पंचमी को तुम्हारा पूजन करेगा. यह वरदान देने के बाद स्वयं श्रीकृष्ण ने पहले देवी की पूजा की.
2. ब्रह्माजी ने की सरस्वती की रचना
सृष्टि के सृजनकर्ता ब्रह्माजी ने जब धरती को मूक और नीरस देखा तो अपने कमंडल से जल लेकर छिड़क दिया. इससे सारी धरा हरियाली से भर गई, पर साथ ही देवी सरस्वती का उद्भव हुआ, जिसे ब्रह्माजी ने आदेश दिया कि वीणा और पुस्तक से इस सृष्टि को आलोकित करें. तभी से देवी सरस्वती के वीणा से झंकृत संगीत में प्रकृति विहंगम नृत्य करने लगती है.
3. शक्ति के रूप में भी मां सरस्वती
मत्स्यपुराण, ब्रह्मवैवर्त पुराण, मार्कण्डेयपुराण, स्कंदपुराण तथा अन्य ग्रंथों में भी देवी सरस्वती की महिमा का वर्णन किया गया है. इन धर्मग्रंथों में देवी सरस्वती को सतरूपा, शारदा, वीणापाणि, वाग्देवी, भारती, प्रज्ञापारमिता, वागीश्वरी तथा हंसवाहिनी आदि नामों से संबोधित किया गया है. 'दुर्गा सप्तशती' में मां आदिशक्ति के महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती रूपों का वर्णन और महात्म्य बताया गया है.
4. कुंभकर्ण की निद्रा का कारण बनीं सरस्वती
कहते हैं देवी वर प्राप्त करने के लिए कुंभकर्ण ने दस हजार वर्षों तक गोवर्ण में घोर तपस्या की. जब ब्रह्मा वर देने को तैयार हुए, तो देवों ने निवेदन किया कि आप इसको वर तो दे रहे हैं, लेकिन यह आसुरी प्रवृत्ति का है और अपने ज्ञान और शक्ति का कभी भी दुरुपयोग कर सकता है. तब ब्रह्मा ने सरस्वती का स्मरण किया. सरस्वती राक्षस की जीभ पर सवार हुईं. सरस्वती के प्रभाव से कुंभकर्ण ने ब्रह्मा से कहा- 'मैं कई वर्षों तक सोता रहूं, यही मेरी इच्छा है.' इस तरह त्रेता युग में कुंभकर्ण सोता ही रहा और जब जागा तो भगवान श्रीराम उसकी मुक्ति का कारण बने.
5. मां सरस्वती के विभिन्न स्वरूप
विष्णुधर्मोत्तर पुराण में वाग्देवी को चार भुजायुक्त और आभूषणों से सुसज्जित दर्शाया गया है. स्कंद पुराण में सरस्वती जटा-जूटयुक्त, अर्धचन्द्र मस्तक पर धारण किए, कमलासन पर सुशोभित, नील ग्रीवा वाली व तीन नेत्रों वाली कही गई हैं. रूप मंडन में वाग्देवी का शांत, सौम्य वर्णन मिलता है. 'दुर्गा सप्तशती' में भी सरस्वती के विभिन्न स्वरूपों का वर्णन मिलता है. शास्त्रों में वर्णित है कि वसंत पंचमी के दिन ही शिव जी ने मां पार्वती को धन और सम्पन्नता की अधिष्ठात्री देवी होने का वरदान दिया था. उनके इस वरदान से मां पार्वती का स्वरूप नीले रंग का हो गया और वे ‘नील सरस्वती’ कहलायीं. शास्त्रों में वर्णित है कि वसंत पंचमी के दिन नील सरस्वती का पूजन करने से धन और सम्पन्नता से सम्बंधित समस्याओं का समाधान होता है. वसंत पंचमी की संध्याकाल में सरस्वती पूजा करने से और गौ सेवा करने से धन वृद्धि होती है.
अक्षराभ्यास का दिन है वसंत पंचमी
वसंत पंचमी के दिन बच्चों को अक्षराभ्यास कराया जाता है. अक्षराभ्यास से तात्पर्य यह है कि विद्या अध्ययन प्रारम्भ करने से पहले बच्चों के हाथ से अक्षर लिखना प्रारम्भ कराना. इसके लिए माता-पिता अपने बच्चे को गोद में लेकर बैठें. बच्चे के हाथ से गणेश जी को पुष्प समर्पित कराएं और स्वस्तिवाचन इत्यादि का पाठ करके बच्चे को अक्षराभ्यास करवाएं. मान्यता है कि इस प्रक्रिया को करने से बच्चे की बुद्धि तीव्र होगी.
वसंत पंचमी एक नजर में...
यह दिन वसंत ऋतु के आरंभ का दिन होता है. इस दिन देवी सरस्वती और ग्रंथों का पूजन किया जाता है. नव बालक-बालिका इस दिन से विद्या का आरंभ करते हैं. संगीतकार अपने वाद्ययंत्रों का पूजन करते हैं. स्कूलों और गुरुकुलों में सरस्वती और वेद पूजन किया जाता है. हिन्दू मान्यता के अनुसार, वसंत पंचमी को अबूझ मुहूर्त माना जाता है. इस दिन बिना मुहूर्त जाने शुभ और मांगलिक कार्य किए जाते हैं.
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राजनीतिक विरासत को लेकर लोगों में यही भाव रहता है कि बेटा भी पिता के नक्शेकदम पर चलकर सफलता हासिल करेगा, लेकिन इस बार के आम चुनाव में यह गलत साबित हो गया. मशहूर सियासी लोगों के बेटों को 17वीं लोकसभा के चुनाव में पराजय का कड़वा स्वाद चखना पड़ा पर बेटियों ने अपनी राजनीतिक विरासत को बखूबी संभाल लिया.
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बेटे और कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी अपनी परंपरागत अमेठी सीट को गंवा बैठे तो राजस्थान के मौजूदा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत जोधपुर सीट से नाकाम रहे. राहुल गांधी को बीजेपी की स्मृति ईरानी ने करीब 55 हजार वोटों से तो वैभव को बीजेपी के गजेंद्र सिंह शेखावत ने 2.7 लाख वोटों से करारी शिकस्त दी. हालांकि, राहुल दो सीटों से चुनाव लड़े थे और वायनाड से उन्हें जीत मिली है.
वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री माधव राव सिंधिया के बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया, उनका गढ़ कही जाने वाली मध्य प्रदेश की गुना सीट से हार गए जबकि यह सीट उनके कब्जे में 1999 से लगातार बनी हुई थी. राजस्थान के बाड़मेर में बीजेपी के संस्थापक सदस्य जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह 3.2 लाख वोटों से पीछे रह गए.
पश्चिमी इलाके में अजित पवार के बेटे पार्थ पवार, मुरली देवड़ा के बेटे मिलिंद देवड़ा, शंकरराव चव्हाण के बेटे अशोक चव्हाण क्रमश: मावल, मुंबई दक्षिण और नांदेड़ सीट हार गए. एनसीपी के पार्थ 2,15,913 मतों से, मिलिंद 1,00,067 वोटों से तो अशोक 40,148 वोटों के अंतर से हार गए. देश के दक्षिणी हिस्से में कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के पुत्र निखिल कुमारस्वामी जदयू के टिकट पर मांड्या सीट से सवा लाख वोट से हार गए.
बेटों के बरक्स बेटियों ने इस बार पिता की पगड़ियों की रक्षा कर ली. मराठा क्षत्रप शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने एनसीपी के टिकट पर बारामती सीट से विजय पताका फहरा दी है. उन्होंने बीजेपी की कंचन राहुल कूल को डेढ़ लाख मतो के अंतर से हराया. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे एम करूणानिधि की बेटी कनिमोई ने द्रमुक के टिकट पर थुतुकुड़ी सीट 3.47 लाख वोटों के विशाल अंतर से जीत हासिल कर ली है. बीजेपी के टिकट पर यूपी के उपमुख्यमंत्री की बेटी संघमित्रा मौर्या की बेटी ने भी जीत दर्ज की. उन्होंने समाजवादी पार्टी के नेता धर्मेंद्र यादव को चुनाव हराया. मुंबई नॉर्थ सेंट्रल से पूनम महाजन जीतीं.
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आसाराम पिछले करीब पौने दो साल से जेल के अंदर है. यौन शोषण के इलजाम में. बाप के पीछे-पीछे बाद में बेटे नारायण साईं को भी इसी तरह के इल्जाम में जेल ले जाया गया. इन दोनों के जेल जाने के बाद से अब तक कुल सात-सात गवाहों पर जानलेवा हमला हो चुका है. इनमें से दो का तो कत्ल ही कर दिया गया. अब सबसे ताजा हमला नारायण साईं के पूर्व पीए पर हुआ है, जिन्हें पानीपत में उनके घर में घुस कर हमलावरों ने दो गोली मारी.
इन सभी के सभी किरदारों के साथ तीन बातें बेहद अजीब हैं. पहला तो ये कि ये सभी के सभी रेप और पाखंड के इल्ज़ामों से घिरे तथाकथित संत आसाराम या फिर उनके बेटे नारायण साईं के करीबी रह चुके हैं. दूसरा ये कि इन सभी ने आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं के खिलाफ सच बोलने की हिम्मत जुटाई और बतौर गवाह सामने आए. तीसरा ये कि इन आठ में से दो को गुमनाम कातिलों ने मौत के घाट उतार दिया, जबकि बाकी छह खुद पर हुए जानलेवा हमले में बाल-बाल बचे हैं.
लेकिन क्या इन तमाम किरदारों की ये कॉमन बातें महज़ एक इत्तेफ़ाक हैं? या फिर इसके पीछे वही सच छिपा है, जिसके चर्चे आम हैं और जिस पहलू को ध्यान में रख कर खुद पुलिस भी इन हमलों और कत्ल के मामलों की तफ्तीश कर रही है.
वो पहलू है, आसाराम बापू या फिर उनके बेटे नारायण साईं के खिलाफ बोलने पर इन सभी को एक-एक कर या तो रास्ते से हटाया जा रहा है या फिर हटाने की कोशिश हो रही है. सबसे बड़ा सवाल यही है कि अगर ऐसा नहीं है, तो बाप-बेटे के जेल जाते ही उनके खिलाफ मुंह खोलनेवाले इतने सारे लोगों पर हमले क्यों और कैसे हो रहे हैं?
इसी कड़ी में आई है सबसे ताजा हमला. गोलियों से ये हमला अबकी किसी और पर नहीं बल्कि खुद नारायण साईं के पूर्व पीए महेंद्र चावला पर हुआ है. लेकिन इससे पहले कि आसाराम और नारायण साईं के खिलाफ गवाही देनेवालों पर आई मुसीबत और इस ख़ौफनाक साजिश के बारे में बात करें, आइए पहले आसाराम की ताजा वाणी सुन लीजिए. पिछले करीब दो साल से जोधपुर जेल में बंद आसाराम की शिकायत है कि जब सलमान खान को जमानत मिल सकती है तो उनके जैसे संत को क्यों नहीं?
महेंद्र चावला उन चुनिंदा लोगों में एक है, जिसने तमाम धतकरमों के इल्ज़ामों से घिरे बाप-बेटे यानी आसाराम और नारायण साईं के खिलाफ मुंह खोलने की हिम्मत की थी. अब चूंकि जोखिम बड़ा है, तो पुलिस को भी अहसास था कि चावला को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा सकती है. लिहाजा, पुलिस चावला के साथ सुरक्षागार्ड की तैनाती भी करती है. लेकिन इसके बावजूद हमलवार महेंद्र चावला को अपनी गोलियों का निशाना बना लेते हैं.
महेंद्र चावला नाम के शख्स को दो नकाबपोश हमलावरों ने बुधवार को उसके घर में घुसकर अपनी गोलियों का निशाना बना ही डाला. हमलावरों ने तो उसे गोली मारते वक्त ऐलानिया कहा कि आसाराम बापू और नारायण साईं के खिलाफ मुंह खोलने या गवाही देने की बस यही एक सजा है...सजा-ए-मौत. लेकिन अपनी खुशकिस्मती और बहादुरी से महेंद्र चावला अब भी ना सिर्फ ज़िंदा है, बल्कि पुलिस को खुद पर हुए हमले की पूरी कहानी भी बयान कर चुका है.
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मध्य प्रदेश में राशन कार्ड में परिवार के मुखिया के तौर पर महिला का नाम दर्ज किया जाएगा. इस तरह राशन कार्ड के जरिए 18 साल से ज्यादा उम्र की महिला परिवार की मुखिया बन जाएगी.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को और मजबूत और सुचारू बनाने के लिए मध्य प्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश-2014 को अंतिम रूप दिया गया. केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद राज्यभर में यह व्यवस्था लागू हो जाएगी.
नई व्यवस्था के मुताबिक,
राशन कार्ड केवल सत्यापित परिवारों को
ही जारी होंगे. राशन कार्ड परिवार की मुखिया के नाम से जारी किया जाएगा. हर परिवार में वरिष्ठ महिला, जिसकी उम्र 18 वर्ष से कम नहीं हो, राशनकार्ड में परिवार की मुखिया मानी जाएगी. अगर किसी परिवार में कोई महिला नहीं हो या महिला सदस्य की उम्र 18 साल से कम हो तो वरिष्ठ पुरुष सदस्य के नाम से राशन-कार्ड जारी होगा.
नया राशन कार्ड जारी करने या उसमें संशोधन की डेडलाइन 15 दिन और डुप्लीकेट राशन-कार्ड जारी करने की समयावधि तीन कार्यदिवस होगी.
चार जिलों में बायोमिट्रिक वितरण व्यवस्था
राज्य में नई व्यवस्था में बुरहानपुर, होशंगाबाद, हरदा और खंडवा में बायोमिट्रिक वितरण की व्यवस्था का प्रावधान है, क्योंकि वहां इसे 'आधार' के साथ जोड़ा गया है.उचित मूल्य दुकानों की संख्या और स्थान संबंधी मापदंडों में भी बदलाव किए गए हैं.
400 की आबादी पर एक फेयर प्राइस शॉप
ग्रामीण क्षेत्र में हर पंचायत में एक उचित मूल्य दुकान होगी. किसी पंचायत में परिवारों की संख्या 800 से ज्यादा होने पर एक और दुकान खोली जा सकेगी. लेकिन परिवारों का विभाजन इस तरह होगा कि दोनों दुकानों पर कम से कम 400 परिवारों का भार हो.
जिले के एक तिहाई फेयर प्राइस शॉप में महिला विक्रेता
जिले के ग्रामीण और शहर क्षेत्र में कम से कम एक-तिहाई उचित मूल्य दुकानें महिला की संस्थाओं को आवंटित की जाएंगी. इनका संचालन भी महिला विक्रेता ही करेंगी. जिस संस्था के सभी सदस्य और पदाधिकारी महिलाएं हों उन्हें महिला संस्था माना जाएगा.
नई व्यवस्था में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दो श्रेणी अंत्योदय अन्न योजना एवं प्राथमिकता श्रेणी के परिवार का प्रावधान रखा गया है. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पहले से निर्धारित सहकारी समिति और वन प्रबंधन समिति के अलावा महिला स्व-सहायता समूह को भी उचित मूल्य दुकान दिए जाने का प्रावधान है.
IANS से इनपुट
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कई बार से लगातार इंग्लिश प्रीमियर लीग (फुटबॉल) के टॉप-5 क्लबों में जगह बनाए हुए आर्सेनल की टीम इस बार इंग्लिश प्रीमियर लीग का खिताब जीतने वाली है. ये दावा किया है क्लब के मैनेजर आर्सेन वेंजर ने.
कर रहे हैं पूरी तैयारी
वेंजर के मुताबिक आर्सेनल की टीम इस बार खिताब जीतने के लिए हर जरूरी तैयारी कर रही है. वेंजर के मुताबिक इस साल उनकी टीम के लिए ईपीएल खिताब दूर नहीं. आपको बता दें कि आर्सेनल ने आखिरी बार 2004 में यह खिताब जीता था.
तीसरे स्थान पर रही थी टीम
2014-15 के सीजन की समाप्ति पर आर्सेनल की टीम इस बार की चैंपियन चेल्सी से 12 अंक पीछे तीसरे स्थान पर रहा थी. हालांकि इसके बाद आर्सेनल ने लगातार दूसरे साल एफए कप का खिताब अपने नाम किया.
खिताब से दूर नहीं हम
वेंजर ने कहा, 'ईपीएल हमारा टारगेट है. हमारे लिए बीता सत्र काफी प्रतिस्पर्धी रहा था. हम इस खिताब से दूर नहीं.' वेंजर ने यह भी बताया कि युवा फ्रेंच स्ट्राइकर याया सानोगो आगामी सीजन में लोन पर मशहूर डच क्लब एजैक्स के लिए खेलेंगे.
इनपुट: -IANS
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A few shots from #TeamIndia's practice session from Port Elizabeth on the eve of the 5th ODI against South Africa #SAvINDpic.twitter.com/maFIsvqWrW
Some left arm spin from @akshar2026 and slow leggies from @msdhoni. It's all happening at the spinner's nets #TeamIndia#SAvINDpic.twitter.com/syf23R6dSE
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पंडित देवब्रता (देबू) चौधरी (30 मई 1935 – 1 मई 2021) भारतीय सितारवाद और शिक्षक थे। उन्हें पद्मश्री और पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने छः पुस्तकें लिखी थी और आठ नये राग निर्मित करने सहित विभिन्न संगीतों की रचना की थी। वर्ष 1963 से वो विभिन्न रेड़ियो प्रसारणों में सुनाई दिये और वो मुस्ताक़ अली खान के शिष्य रहे हैं।
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
देबू चौधरी (कल्चरल इण्डिया)
1935 में जन्मे लोग
सितार वादक
भारतीय संगीतकार
भारत में कोविड-19 महामारी से मृत्यु
२०२१ में निधन
पद्म भूषण सम्मान प्राप्तकर्ता
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: सीएम योगी आदित्यनाथ पर कथित अपमानजनक टिप्पणी के मामले में गिरफ्तार पत्रकार प्रशांत कनौजिया को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया पर प्रशांत की ओर से क्या गया है उस पर कोई टिप्पणी नहीं की जा रही है लेकिन किसी की गिरफ्तारी अपने आप में असाधारण कदम होता है. यह कोई हत्या का मामला नहीं था और इसको तुरंत रिहा किया जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि हम जिस देश में है उसका संविधान दुनिया का सबसे अच्छा संविधान है. आप किसी को 11 दिन तक कैसे हिरासत में रख सकते हैं.
यूपी में स्वतंत्र पत्रकार प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होते ही कोर्ट ने यूपी सरकार से सवाल-जवाब किया. जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस अजय रस्तोगी की पीठ ने यूपी सरकार से जवाब तलब किया. यूपी सरकार की ओर से ASG विक्रमजीत बनर्जी अदालत में पेश हुए. यहां पढ़ें पूरी बातचीत :
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कहा कि गया कि इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की जगह इलाहाबाद हाई कोर्ट में होनी चाहिए. उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि प्रशांत ने केवल आपत्तिजनक पोस्ट ही नही किया बल्कि इससे पहले जाति को लेकर भी कमेंट कर चुका है.
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आंतकवाद के शक में गिरफ्तार किए जाने वाले बेगुनाहों की आवाज बने
युवा
आंदोलनकारी अब राजनीतिक पारी की शुरूआत कर रहे हैं.
रिहाई मंच
के कई युवाओं आंदोलनकारियों ने
राहुल गांधी
से मुलाकात के बाद
कांग्रेस
का हाथ थामने का फैसला किया है.
लखनऊ में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर के नेतृत्व में रविवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में ये युवा कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करेंगे. रिहाई मंच के शाहनवाज आलम, अनिल यादव, लक्ष्मण प्रसाद, दिनेश सिंह, अंबेडकवादी मंगलराम और अहमद कमाल समेत फरहान वारसी, अक्षत शुक्ल, श्रवण साहू और सरिता पटेल कांग्रेस में शामिल होंगे.
बता दें कि इन युवा आंदोलकारियों ने इसी महीने 9 अगस्त को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मुलाकात की थी. करीब तीन घंटे की इस मुलाकात में राहुल ने आंदोलनकारियों के दिल में कांग्रेस का प्रेम जगा दिया. इसी का नतीजा है कि इन्होंने कांग्रेस में शामिल होने का निर्णय किया है. जबकि ये वही लोग हैं जो कांग्रेस, सपा और बसपा नीतियों के खिलाफ संघर्ष करते रहे हैं.
कांग्रेस के दौर में जब देश के अलग-अलग राज्यों से आंतकवाद के शक में बेगुनाह मुसलमानों की गिरफ्तारी हो रही थी तो इन्हीं लोगों ने मिलकर रिहाई मंच का गठन किया था, जिसमें कई राजनीतिक दल और अलग-अलग विचारधारा के लोग जुड़े थे.
ये युवा इस मंच से सामाजिक न्याय व सरकार की दमकारी नीतियों के खिलाफ आंदोलन और संघर्ष करते रहे. इतना ही नहीं यूपी में अखिलेश यादव के पांच साल के शासनकाल में मुजफ्फरनगर दंगे से लेकर जितने भी सांप्रदायिक दंगे और फसाद हुए उन सभी को बुलंद आवाज से उठाया. सत्ता के खिलाफ टकराने का खामियाजा भी इन्हें भुगतना पड़ा.
इलाहाबाद छात्र संघ विश्वविद्याल में छात्र नेता रहे और बाद में रिहाई मंच से जुड़े अनिल यादव ने आजतक से बातचीत करते हुए कहा कि मौजूदा दौर में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सामाजिक न्याय की परिकल्पना के साथ पार्टी को आगे ले जाना चाहते हैं. दूसरी तरफ सत्ता में ऐसी पार्टी है जो संविधान के खिलाफ चल रही है. जबकि राहुल गांधी कांग्रेस को नए तेवर और कलेवर में ले जाना चाहते हैं, जो अपनी खामियों को भी स्वीकार कर रहे हैं. राहुल की इन्हीं अच्छाइयों ने हमें कांग्रेस ज्वाइन करने के लिए प्रेरित किया.
रिहाई मंच के जरिए सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ लगातार संघर्ष करने वाले शहनवाज आलम ने बताया कि राहुल गांधी के ऑफिस से फोन आया और कहा गया कि पार्टी अध्यक्ष मिलना चाहते हैं. आप लोगों की बातों को सुनना और जमीनी स्तर के हालत को समझना चाहते हैं. इस तरह राहुल गांधी से हमारी मुलाकात हुई.
उन्होंने बताया, 'राहुल से पहली मुलाकात हुई तो उन्होंने अपनी बात रखी. ये मुलाकात करीब एक घंटे की रही. इसके बाद उसी दिन शाम को हम लोगों फिर से बुलाया गया और इस बार राहुल गांधी ने हम सबकी बातों से ध्यान से सुना. इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि कुछ करना चाहते हो और कांग्रेस की आलोचना करना चाहते हो तो फिर पार्टी के अंदर रहकर करो.'
राहुल से मुलाकात के बाद लगा कि वे सिर्फ अपनी बात कहना ही नहीं बल्कि सुनना भी जानते हैं. उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन करने की बात रखी जिस पर हम लोगों ने फैसला किया है. राहुल के अंदर सबसे अच्छी बात लगी कि वे अपनी बात को एक प्रोफेसर की तरह समझाते हैं और सभी के साथ समानता का व्यवहार अपनाते हैं. आलम ने कहा कि राहुल की बात से साफ लगा कि वह कांग्रेस को प्रगतिशील बनाना चाहते हैं. राहुल ने मुलाकात के दौरान कहा कि यूपी में हम गंभरीता के साथ काम करना चाहते हैं. इसके लिए हम युवा लीडरशिप को तवज्जो देना चाहते हैं.
शहनवाज आलम ने कहा कि हम मानते हैं कि निश्चित रूप से देश में जो अच्छा और बुरा हुआ है उसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार है. इतने लंबे अरसे तक कांग्रेस सत्ता में रही है, लेकिन गलतियों से सीखा जाता है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी भी यही कहते हैं वे अपनी गलतियों से सीख रहे हैं. अभी तक जो बातें हम मंच के जरिए उठाते रहे हैं उसी को अब कांग्रेस के अंदर रहकर उठाएंगे.
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नन्नय्य भट्ट : (तेलुगु : నన్నయ్య భట్టు)आंध्र साहित्य के 'आदिकवि' कहलाते हैं क्योंकि इनके द्वारा रचित आँध्र महाभारत का आदि अंश (ढ़ाई पर्व) तेलुगु के उपलब्ध साहित्य में सबसे पहली काव्यरचना माना जाता है। इनके पहले के जो फुटकर गीत मिले, वे भाषा और छंद की दृष्टि से 'देशी पद्धति' के अनुसार हैं जो संस्कृत में प्रतिपादित लक्षण के अनुसार नहीं हैं और इस कारण पंडितों के आदर पर पात्र नहीं हुए। नन्नय्य ने ही उदात्तवस्तुक महाकाव्य की रचना की जो मुख्यत: 'मार्ग' पद्धति की है।
जीवनी
जब जैन धर्म का प्रचार दक्षिण में जोरों से हो रहा था चोड़ राजा वैदिक धर्म की रक्षा के लिए कटिबद्ध हुए। तमिल संघों में महाभारत का पारायण होने लगा। इसी भाव से प्रेरित होकर आंध्र के प्रतापी राजा राजराज नरेन्द्र अपने आस्थान के कुलगुरु तथा महाकवि नन्नय्य से प्रार्थना की कि व्यासकृत महाभारत का आंध्र भाषा में परिवर्तन किया जाए। तदनुसार नन्नय्य ने संस्कृत महाभारत के आधार पर, बहुश: अनुवाद के रूप में, आंध्र महाभारत की रचना का श्रीगणेश किया।
रचनाएँ
नन्नय्य ने अपनी रचना में संस्कृत शब्दों का प्रयोग उसी रीति से किया जो उस समय आंध्र प्रांत में होता था। जनता के व्यवहार में जो तद्भव एवं देशज शब्द थे, उनको भी परिमार्जित रूप में ग्रहण किया। कुछ संस्कृत छंदों को लेकर यतिमैत्री तथा प्रासमैत्री के नियमों के अनुसार लिखा और कन्नड काव्यों में पाए जानेवाले अनेक प्रशस्त छंदों को भी लिया। महाभारत की रचना में नन्नय को नारायण भट्ट नामक मित्र से बड़ी सहायता मिली जिसका उल्लेख नन्नय्य ने स्वयं अपने ग्रंथ की प्रस्तावना में किया। चंपू की तरह छोटे-छोटे गद्य के अंश भी इनकी रचनाओं में मिलते हैं जो प्राय: नीरस विषय को ही जताते हैं।
नन्नय्य ने आदि पर्व तथा सभा पर्वों का पूरा और अरण्य पर्व का कुछ अंश तक अनुवाद किया। यद्यपि आंध्र महाभारत स्थूल रूप से अनुवाद ही है, नन्नय्य ने रस और औचित्य की दृष्टि से कुछ अंशों को संक्षेपत: और कुछ अंशों को बढ़ाकर लिखा जिससे आंध्र महाभारत स्वतंत्र काव्य सा प्रतीत होता है। इनकी कविता में 'प्रसन्नकथाकलितार्थयुक्ति', 'अक्षररम्यता', 'नानारुचिरार्थ सूक्तिसंपत्ति' इत्यादि विशेषताएँ पाई जाती हैं। इनकी शैली में तत्सम शब्द और संस्कृत समासों की बहुलता है अर्थात् दो तिहाई संस्कृत और शेष तद्भव तथा देश्य शब्द यानी तेलुगु शब्द हैं।
शब्दों के परिमार्जन के कार्य में प्रवृत्त होकर नन्नय्य ने 'आंध्र शब्दचिंतामणि' नामक तेलुगु भाषा के व्याकरण की रचना की। व्याकरण शास्त्र की परंपरा के अनुसार वह प्रथम आंध्र व्याकरण संस्कृत सूत्रों में लिखा गया। इस कारण नन्नय्य आंध्र के आदिकवि ही नहीं, आंध्र के प्रथम वैयाकरण भी सिद्ध हुए और 'वागनुशासन' विरुद्ध से विभूषित हुए।
आजतक जितने आंध्र कवि हुए उन सबने नन्नय्य को आदिकवि मानकर उनकी प्रशंसा की। कहते हैं, नन्नय्य के रचित अन्य ग्रंथ 'इंद्रसेनविजय' तथा 'चामुंडिका विलास' हैं किंतु इन ग्रंथों के कर्तृत्व के विषय में मतभेद है। महाकवि नन्नय्य महाभारत का आंध्रीकरण पूरा न कर सके। कविपोषक राजा का देहांत हो गया। राजा का पुत्र कुलौत्तुंगचोड़ अपने मामा के पास दक्षिण चला गया। उधर वीरशैव धर्म भी अपना सिर उठाने लगा जो वेदों की प्रामाणिकता को नहीं मानता। दूसरी ओर वीरशैव के प्रतिकूल वैष्णवधर्म की श्रीवृद्धि होने लगी। इन्हीं के बीच वैदिक धर्म पर जनता की श्रद्धा कम होने लगी। और इस प्रकार आंध्र महाभारत की रचना में विघ्न उत्पन्न हुए। कदाचित् नन्नय्य का जीवन सत्र भी कट गया हो।
सन्दर्भ
इन्हें भी देखें
कवित्रय
आदिकवि अन्नय्य विश्वविद्यालय
तेलुगु कवि
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ज़हरान (अरबी: , अंग्रेज़ी: Zahran) एक बदू अरबी कबीला है। यह उन गिनती के अरब क़बीलों में से है जिन्हें अरबी प्रायद्वीप का मूल निवासी माना जाता है। इस कबीले के लोग ग़ामिद क़बीले के भी सम्बन्धी हैं और उनके ऐतिहासिक मित्रपक्ष में रहे हैं। इनकी मूल मातृभूमि अरबी प्रायद्वीप का दक्षिणी या दक्षिणपूर्वी भाग, विशेषकर यमन और सउदी अरब का अल-बाहाह क्षेत्र, कही जाती है लेकिन वर्तमानकाल में इसके बहुत से सदस्य पश्चिमी सउदी अरब (विशेषकर मक्का व जेद्दाह क्षेत्रों) में बसे हुए हैं। मध्य पूर्व के कई अन्य इलाक़ों में लोगों का पारिवारिक नाम 'ज़हरान' होता है लेकिन यह ज़रूरी नहीं कि वे सभी ज़हरान क़बीले के हों।
ज़हरानी अरबी उपभाषा
ज़हरान और बेलाद ग़ामिद क़बीले अपनी अलग विशेष अरबी उपभाषा बोलते हैं जिसे ज़हरानी कहा जाता है। कुछ स्रोतों के अनुसार यह पुराने ज़माने की शास्त्रीय अरबी की सब से निताकतम जीवित उपभाषा है। सभी जीवित अरबी बोलियों में से इसका व्याकरण कुरान की अरबी के सबसे नज़दीक पाया जाता है।
इन्हें भी देखें
ग़ामिद क़बीला
क़हतानी लोग
अरब लोग
यमन
सन्दर्भ
क़हतानी लोग
अरब क़बीले
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बिहार के गया में किसान की मौत पर सियासत गर्म होने लगी है. विपक्षी पार्टी बीजेपी इस मामले पर सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर चुकी है. पढ़िए बिहार की सभी बड़ी खबरें एक साथ.
1.
गया में किसान की मौत पर राजनीति गर्म
बिहार के गया में किसान की मौत पर राजनीति गर्माने लगी है. इस मुद्दे पर बीजेपी ने नीतीश कुमार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है. विपक्ष का आरोप है कि पीड़ित किसान को समय पर धान और पैसे का भुगतान नहीं किया गया, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई.
2. सबसे बड़ा मंदिर बनाने के लिए मुसलमानों ने दान की जमीन
बिहार के एक गांव के मुसलमानों ने मजहबी भाईचारे की शानदार मिसाल पेश की है.
दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर
बनाने के लिए यहां मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपनी जमीन दान में दी हैं.
3. प्रेम विवाह पर दादागीरी, 'रंगदारी टैक्स दो या गांव छोड़ो'
बिहार के कटिहार में
प्रेम विवाह
के बाद एक जोड़े को अजीब तरह की समस्या झेलनी पड़ रही है. इस विवाह से दोनों के परिवारों को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन गांव के कुछ दबंग उनसे प्रेम विवाह करने के एवज में 50 हजार रुपये रंगदारी टैक्स मांग रहे हैं.
4. मोदी की हवा बनाने वाला नीतीश के साथ!
आम चुनावों में नरेंद्र मोदी की लहर में समूचा विपक्ष उड़ गया. मोदी देश के प्रधानमंत्री बने. इस घटना के एक साल बाद मोदी लहर के निर्माण की प्रक्रिया के अहम सदस्य रहे प्रशांत किशोर अब नीतीश कुमार के लिए लहर पैदा करने में जुटे हैं.
5. पटना-बेंगलुरु के बीच चलेगी प्रीमियम ट्रेन
रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर पटना से बेंगलुरु कैंट के बीच प्रीमियम साप्ताहिक ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है. ट्रेन 21 मई से 25 जून तक पटना से प्रत्येक गुरुवार को चलेगी, जबकि वापसी में बेंगलुरु कैंट से 24 मई से 28 जून तक प्रत्येक रविवार को छह ट्रिप चलेगी.
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लंदन ओलंपिक खेल अन्य ओलंपिक से अलग होंगे क्योंकि इस बार ओलंपिक खेल गांव की गुप्त जानकारियां पिछले खेलों से कहीं ज्यादा मिलने की उम्मीद है. ऐसा नहीं है कि टीवी चैनलों ने एथलीटों के बेडरूम में कैमरा लगा दिया हो, बल्कि ये काम अब सोशल नेटवर्किंग साइट 'ट्विटर' करेगा.
ट्विटर ने ने एथलीटों को अपने राज, कभी कभार फोटो समेत, खुद खोलने का नया मंच प्रदान किया है. लेकिन कुछ टीमें जिसमें ब्रिटिश टीम भी शामिल है, ने ट्वीट करने के लिये कुछ शर्तें तैयार कर ली है और ट्वीट करने से पहले सोच विचार करने की अपील की है.
खबरों के अनुसार जैसे-जैसे एथलीटों का खेल गांव आना शुरू हुआ है, सोशल मीडिया में किट खोने, बेड सही नहीं होना या छोटा होना, गद्दे की लंबाई बढ़ाने के आग्रह और ओलंपिक खेल गांव जाने के रास्ते में बस का रास्ता भूल जाना, ये सभी बातें ट्विटर के जरिये पता चलनी शुरू हो गयी हैं.
खेल गांव और एथलीटों की समस्यायें एक बार फिर राज बनी हुई हैं जिन पर आयोजक हमेशा ही नियत्रंण करने में सफल रहते हैं. लेकिन जब कोई एथलीट चार घंटे तक ट्रैफिक में फंसा है और देखता है कि उसकी बस सर्कल में गोल घूम रही है तो वह अपनी निराशा कहीं बाहर निकालने के बजाय अपने स्मार्टफोन पर उपलब्ध ट्विटर के जरिये ही निकालेगा.
अधिकारी ने कहा कि आगामी दिनों में इसकी संख्या बढ़ती ही जायेगी, जिन्होंने खुद मीडिया सेंटर में अपनी नयी यूनीफार्म के बारे में ट्वीट किया था.
अमेरिका के बाधा दौड़ एथलीट और 2008 बीजिंग में स्वर्ण पदक जीतने वाले केरोन क्लमेंट चार घंटे तक लंदन के ट्रैफिक में फंसने से हताश थे क्योंकि उनका बस का ड्राइवर रास्ता भूल गया था.
अर्जेंटीना की नौकाचालक मारिया गैब्रियेला बेस्ट ने ट्वीट किया कि उन्होंने अपने बेड को बढ़ाने का आग्रह किया है जो छह फुट एक इंच लंबी हैं. उनकी साथी मारिया लौरा एबालो भी छह फुट से लंबी से हैं, उन्होंने ट्वीट किया, ‘बेड छोटे हैं. मेरे पैर किनारे से बाहर निकल रहे हैं.’ इसमें कुछ अच्छी चीजों की तारीफ भी शामिल है, जैसे क्लेमेंट जब खेल गांव में पहुंचे तो वे वहां के खाने से काफी संतुष्ट थे.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘ओलंपिक गांव में खा रहा हूं. खाने की वैराइटी पंसद आयी. अफ्रीकी, कैरेबियाई, हलाल, भारतीय और एशियाई तथा मैकडोनल्ड भी.’ उनके साथी अमेरिका के 400 मी धावक टोनी मैकक्वे ने गांव के बारे में ट्वीट किया, ‘ओ माय गाड. यहां का खाना काफी बेहतरीन है. मैं स्वर्ग में हूं.’
इसके बाद लिखा, ‘आप सभी को जलन हो रही होगी, लेकिन मैं ऐसा नहीं चाहता लेकिन यह स्वर्ग जैसा है. काश मैं इस खेल गांव को अमेरिका ले जा सकता. ब्रिटिश तैराकी टीम ने महिला पुरुषों के जोड़ी बनाकर ‘डेट’ पर जाने का खुलासा करते हुए लिखा कि पुरुष और महिला जोड़ी बनाकर रात के भोजन के लिये जा रहे हैं,
जबकि जेम्स गोडार्ड और तीन अन्य पुरुष तैराकों ने ड्रेसिंग गाउन में अपनी फोटो भी पोस्ट की. दो बार की स्वर्ण पदकधारी रेबेका एडलिंग्टन ने अपने बिखरे हुए बेडरूम की फोटो ट्वीट की.
अमेरिका की बीच वालीबाल स्टार जेनिफर केसी ने कहा कि उनका किटबैग फ्रांस में छूट गया. चार साल पहले सोशल मीडिया विशेषज्ञों ने कहा कि प्रत्येक सेकेंड में 27 ट्वीट होती हैं, लेकिन अब लंदन 2012 में यह बढ़कर प्रति सेकेंड 27,000 हो गयी है.
ऑस्ट्रेलियाई टीम के अधिकारियों को खेल गांव ले जा रही बस तीन घंटे में खेल गांव पहुंची जो बकिंघम पैलेस और वेस्ट हैम से होकर आयी. कारण यह था कि ड्राइवर सैटेलाइट नैविगेशन प्रणाली को नहीं चला पाया था. ऑस्ट्रेलियाई दल के एक सदस्य ने आईफोन का इस्तेमाल कर ड्राइवर की मदद की.
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ये कोकीन कैप्सूल के रूप में थी जो तस्कर के पेट से बरामद हुआ. एनसीबी के मुताबिक 22 जून को एक सूचना के आधार पर आईजीआई एयरपोर्ट से कोलंबिया के 43 साल के एक नागरिक को पकड़ा गया ,जब शक के आधार पर उसे सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया और उसका एक्सरे हुआ तो पता चला कि उसके पेट में 66 कैप्सूल हैं. बाद में सभी कैप्सूल डॉक्टरों की मदद से निकाल लिए गए जिनका कुल वजन 900 ग्राम निकला. आरोपी तस्कर 28 जून तक अस्पताल में भर्ती रहा और 29 जून को छुट्टी मिलते ही उसे गिरफ्तार कर लिया. आरोपी ने बताया कि ये कोकीन दक्षिणी अमेरिका की है जो उसे ब्राजील में एक अफ्रीकी नागरिक ने सौंपी थी,ये खेप उसे चेन्नई में एक शख्स को देनी थी, जिसकी अब तलाश की जा रही.
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जम्मू-कश्मीर में पुलिस कांस्टेबल के अपहरण और हत्या के बाद मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स (एमएचए) जल्द नई सुरक्षा गाइड लाइन्स जारी करेगा. नई सुरक्षा गाइडलाइन्स के मुताबिक, कश्मीर घाटी में सुरक्षाबल के जवान और ऑफिसर छुट्टी पर जाने से पहले अपने वरिष्ठ अधिकारियों को छुट्टी और पूरे मूवमेंट की जानकारी देंगे. उनको पारिवारिक समारोह का भी पूरा ब्यौरा देना होगा. छुट्टी के दौरान ऐसे जवानों और अधिकारियों को स्थानीय पुलिस सुरक्षा देगी.
छुट्टी के दौरान भी सुरक्षा के लिहाज से एहतियात बरतने के निर्देश शामिल रहेंगे, ताकि संभावित खतरे से बचा जा सके. गृह मंत्रालय को जम्मू-कश्मीर सरकार की तरफ से दी गई शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के पुलिस कांस्टेबल जावेद अहमद डार ने पुलिस को अपने घर जाने की जानकारी नहीं दी थी. इसी वजह से आतंकियों ने बिना सुरक्षा के पहुंचे जावेद अहमद डार को निशाना बनाया.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान को निशाना बनाया. गुरुवार को
आतंकियों ने
पुलिसकर्मी जावेद अहमद डार को अगवा कर उनकी हत्या कर दी. देर रात को उनका शव बरामद किया गया. जावेद अहमद डार की मां हज के लिए जाने वाली थीं, जिसके लिए वह दवाइयां लेने जा रहे थे. जिस दौरान आतंकियों ने उनको अगवा किया.
हिज्बुल के आतंकी ने बनाया निशाना
हिज्बुल मुजाहिद्दीन ने जावेद की हत्या की जिम्मेदारी ली है. इस आतंकी संगठन ने
जावेद
को टॉर्चर करने की तस्वीर भी सोशल मीडिया पर जारी की है.
सूत्रों के मुताबिक, आतंकियों के खिलाफ जिस तरीके से ऑपरेशन सुरक्षाबल इस समय घाटी में चला रहे हैं, उसकी वजह से आतंकी बौखलाहट में हैं. पिछले कुछ दिनों में वह इस तरीके की चेतावनी दे रहे थे कि सुरक्षाबलों के खिलाफ वह खतरनाक ऑपरेशन करेंगे. यही वजह है कि वह अब इस तरीके के जवानों और अफसरों को निशाना बना रहे हैं. जिसका साफ मकसद जवानों का मनोबल तोड़ना है.
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शुक्रवार को राष्ट्र के नाम किए गए अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख में मौजूद जिस संजीवनी का जिक्र किया, आज तक ने भारत के सबसे ऊंचे पहाड़ों के बीच बसे लेह में उस संजीवनी को खोज निकाला है. लेह की डीआरडीओ की प्रयोगशाला में वो जड़ी बूटी मौजूद है जिसका जिक्र पीएम मोदी ने किया.
दरअसल, डीआरडीओ सियाचिन जैसी दुर्गम परिस्थितियों में देश की सीमाओं की हिफाजत करने वाली फौज को जीवन देने के लिए उसी संजीवनी पर काम कर रहा है. लद्दाख में खरदूंगला पास जैसी 18000 फुट की उंचाईयों पर पाई जाने वाली इस जड़ी बूटी को लद्दाख में सोलो कहा जाता है. इस पौधे को डीआरडीओ के वैज्ञानिक रोडियोला के नाम से जानते हैं. इस पौधे के औषधीय गुणों के चलते ही इसे संजीवनी की संज्ञा दी गई है. लेह की प्रयोगशाला में इस सोलो वनस्पति पर कई प्रयोग किए जा रहे हैं.
इसके बारे में कुछ मान्यताएं भी हैं. रामायण की कहानियों के मुताबिक लक्ष्मण को तीर लगने के बाद हनुमान हिमालय से संजीवनी बूटी का पूरा पहाड़ उठा लाए थे. सोलो पौधा भी हिमालय की ऊंची पहाड़ियों में ही पाया जाता है और बेहद दुर्लभ है.
लेह स्थित डिफेंस इंस्टिट्यूट ऑफ हाई ऐल्टिट्यूड रिसर्च यानि डीआईएचएआर के डायरेक्टर ओपी चौरसिया का कहना है, 'लेह जैसे दुर्गम इलाकों में याद्दाश्त खोने, कमज़ोरी, एल्टिट्यूड सिकनेस जैसी कई बीमारियां आम बात हैं. 20 साल से हम जड़ी बूटियों पर शोध कर रहे हैं और इसी शोध में हमने सोलो वनस्पति में जो गुण पाए जो कि ऊंचाई पर हमारे सैनिकों की शारीरिक क्षमता बढ़ा सकती है.
लेह में मौजूद सोलो का पौधा
लेह की ही डीआरडीओ लैब के प्रमुख ओपी चौरसिया का कहना है कि इस सोलो वनस्पति में रेडिएशन रोकने और कैंसररोधी क्षमता समेत किसी भी बीमारी से लड़ने के गुण हैं इसीलिए हम इसे संजीवनी कहते हैं.
लेह की डीआरडीओ की प्रयोगशाला में रोडियोला यानि सोलो पर काफी लंबे समय से प्रयोग हो रहा है. इस वनस्पति में दुर्गम परिस्थितियों में शरीर को ढालने के विशेष गुण हैं. इतना ही नहीं इस वनस्पति में अवसाद-रोधी और भूख बढ़ाने वाला गुण भी हैं साथ ही यह शरीर की सक्रियता बढाने के साथ कमजोरी से भी लड़ता है.
चौरसिया के मुताबिक जल्दी इस वनस्पति के गुणों को मिलाकर दवाई बनकर तैयार हो जाएगी जो भारतीय सैनिकों के.लिए ही नहीं बल्कि पूरे हिंदुस्तान के लिए संजीवनी बन जाएगी.
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कामसूत्र: अ टेल ऑफ़ लव मीरा नायर द्वारा सहलिखित, सहनिर्मित और निर्देशित भारतीय ऐतिहासिक रत्यात्मक रूमानी फ़िल्म है जो 1996 में रिलीज़ हुई थी। इस फ़िल्म का पहला भाग भारतीय लेखिका वाजिदा तबस्सुम द्वारा लिखित उतरन नामक लघु उर्दू कहानी पर और फ़िल्म का नाम प्राचीन भारतीय ग्रंथ कामसूत्र पर आधारित है। फ़िल्म के प्रमुख पात्रों की भूमिका में रेखा, इंदिरा वर्मा, रामोन टीकाराम और नवीन ऐंड्र्यूज़ मौजूद है। यह फ़िल्म के निर्माण में भारतीय, ब्रिटिश, जर्मन और जापानी फ़िल्म स्टूडियो शामिल थे।
डेकलन क्विन ने 1998 में इस फ़िल्म में अपने काम के लिए सर्वश्रेष्ठ छायांकन के लिए इंडिपेंडेंट स्पिरिट पुरस्कार प्राप्त किया। कामसूत्र 1996 के सान सेबास्तियान अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्मोत्सव में गोल्डन सीशेल पुरस्कार के लिए नामांकित हुआ था और यह फ़िल्म कान फ़िल्मोत्सव में दर्शाई गई थी। फ़िल्म की रत्यात्मक दृश्यों की वजह से इसे रिलीज़ के समय में भारत में निषेधित किया गया था।
कथानक
सोलहवीं सदी के भारत में तारा एक राजकुमारी है और माया उसकी सुंदर दासी। वे दोनों सहेलियाँ हैं लेकिन उन दोनों की मित्रता में जलन और अमर्ष की छुपी प्रवृत्ति है चूँकि माया को हमेशा नए कपड़े के बजाय तारा के पुराने कपड़े दिए जाते है। जब दोनों लड़कियाँ शादी की उम्र की होने लगती हैं तब तारा को इस बात से जलन होती है कि माया उससे अच्छी नर्तकी है और उसके माता-पिता और कूबड़ा भाई, राजकुमार विक्रम, उसकी दासी से प्यार से पेश आते हैं।
तारा राजकुमार राजसिंह से शादी करने की तैयारी कर रही होती है लेकिन जब राजकुमार अपनी भावी पत्नी को देखने आता है, वह एक ही बार में माया से प्यार करने लगता है। यह बात जानने के बाद तारा माया के मुँह पर थूकती है और उसे शादी की रस्मों से दूर रहने का आदेश देती है। बदले में माया तारा की शादी से पहले राज से संभोग करती है जो विक्रम छुपकर देखता है।
जब तारा अपनी शादी से घर लौट रही होती है तब माया बताती है कि इतने सालों तक राजकुमारी के उतरन के उपयोग करने के बाद अंततः राजकुमारी का माया के उतरन के उपयोग करने का दिन आ गया। अपने सुहागरात में तारा अपनी शादी को पूर्ण करने से हिचकिचाती है। आवेग में आकर राज तारा का बलात्कार करता है और उसे माया बुलाता है जिसकी वजह से हिंसा और तिरस्कार से ही उनके संबंध की शुरुआत होती है। इसके बावजूद भी तारा अपने निरुत्सुक पति के साथ एक सुखद विवाह की कामना करती है।
माया के मान बचाने के लिए विक्रम माया से शादी का प्रस्ताव रखता है। जब माया उसके प्रस्ताव को अस्वीकार करता है तब वह सबके सामने माया को रंडी घोषित करता है जिसकी वजह से वह अपने घर छोड़कर जाने को बाध्य होती है। अपने आप मँडराती हुई माया जयकुमार नामक मूर्तिकार से मिलती है जो राज के लिए काम करता है। वह बताता है कि माया उसकी सुंदर और अति रत्यात्मक मूर्तियों की प्रेरणा है। जय उसे रसदेवी नामक महिला के पास ले जाता है जो कामसूत्र की शिक्षा देती है। माया जय के साथ एक तीव्र रूमानी और शारीरिक संबंध की शुरुआत करती है जो तब ख़त्म होता है जब जय को डर लगने लगता है कि माया के ख़यालों में डूबते हुए वह अपने काम से हाथ धो बैठेगा। माया सांत्वना के लिए रसदेवी के पास जाती है और वेश्यावृत्ति की शिक्षा लेती है।
राज, जो अब राजा बन चुका है, जय की मूर्तियों में से एक में से माया को पहचानता है और माया को ढूँढने के लिए सिपाही भेजता है जो माया को राज की वेश्या के तौर पर पेश करते हैं। उसके कुछ समय बाद राज और जय के बीच कुश्ती होती है जिसमें जय जीतता है। इसकी वजह से जय राज का एहसान तो पाता है लेकिन उसे राज को फिर से हराने के बाद कड़ी चुनौतियों की धमकी मिलती है। उसके बाद जय को माया की वेश्यावृत्ति के बारे में पता चलता है। जय जान जाता है कि उसका राजा एक ख़तरनाक आदमी है और उसे अपने और माया के संबंध को एक राज़ के तौर पर छुपाना बेहतर होगा।
उसी दौरान राज्य में शाह द्वारा आक्रमण का ख़तरा बढ़ता है। राज और ग़ैर-ज़िम्मेदार होता जाता है और अफ़ीम के लत तथा व्यभिचार पर उतरता है। अपने व्यभिचार के लिए वह अपने ग़रीब जनता से कर उठवाता है। जब वह विक्रम का अपमान करता है तब विक्रम शाह को राज के राज्य को मिटाने की विनती करते हुए एक चिट्ठी लिखता है। जय और माया फिर से गुप्त तौर पर अपने संबंध को जागते हैं। राज और जय के बीच तनाव बढ़ते समय जय और माया छुपकर शादी कर लेते है। बाद में राज दोनों प्रेमियों को साथ में देखता है और जय को मृत्युदंड की सज़ा सुनाता है।
तारा को आत्महत्या की कोशिश करते हुए देखकर माया अपनी बचपन की सहेली से सुलह करती है। माया तारा को राज को बहकना सिखाती है जब तारा माया को जय से मिलने में मदद करने का वादा करती है। तथापि, जब तारा अपने पति के पास जाती है, तब वह माया के बहकाने का तरीक़ा पहचान जाता है और फिर से अपनी पत्नी का तिरस्कार करने की कोशिश करता है। तारा राज को बताती है कि वह उससे घृणा करने के लिए कभी भी उससे प्यार नहीं करती थी और चली जाती है। माया अंतिम बार जय से मिलती है। जय को अपनी निष्ठा का वादा करते हुए वह अपने लंबे बाल काटकर वाचा करती है कि वह हमेशा ही जय की विधवा रहेगी। उसके बाद माया राज को अपने आत्मसमर्पण की प्रतिज्ञा के साथ जय को छुड़वाने की कोशिश करती है लेकिन राज नहीं मानता।
मृत्युदंड के ठीक आगे शाह राज को एक बक्सा भेजता है जिसमें राज का भाई, वज़ीर, का कटा हुआ सिर होता है। जय को हाथी कुचलकर मार देता है जबकि माया भीड़ में से देखती रहती है। जब शाह के सिपाही राज के दरबार पर आक्रमण कर रहे होते है, तब माया दूर चलने लगती है।
अभिनेतावृंद
इंदिरा वर्मा माया की भूमिका में
सरिता चौधरी राजकुमारी तारा की भूमिका में
नवीन ऐंड्र्यूज़ राजसिंह की भूमिका में
रामोन टीकाराम जयकुमार की भूमिका में
अभिजीत दत्त राजा के वज़ीर की भूमिका में
रेखा कामसूत्र शिक्षिका रसदेवी की भूमिका में
हरीश पटेल डॉक्टर की भूमिका में
ज़ोया अख़्तर रसदेवी की गणिका की भूमिका में
निर्माण
इंदिरा वर्मा के अनुसार फ़िल्म के छायांकन से पहले उन्हें पता नहीं था कि फ़िल्म में रत्यात्मक दृश्य होंगे। "छायांकन के समय में फ़िल्म को कामसूत्र नहीं कहा गया था," उनहोंने कहा। "फ़िल्म गुमनाम थी और पटकथा में प्रेम के बारे में लिखा था। जब आप जवान और भोले होते हैं, आपको पता नहीं होता कि वही एक वाक्य के छायांकन के लिए बिना कपड़े एक दिन बिताना पड़ेगा।"
आलोचनात्मक प्रतिक्रियाएँ
20 पेशेवर फ़िल्म आलोचकों के समीक्षाओं के आधार पर इस फ़िल्म को रॉटन टमेटोज़ में 40% सकारात्मक समीक्षाएँ प्राप्त है।
इन्हें भी देखें
टेल्ज़ ऑफ़ द कामसूत्र: द परफ़्यूम्ड गार्डन
टेल्ज़ ऑफ़ द कामसूत्र 2: मॉनसून
कामसूत्र 3D
संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
1996 की फ़िल्में
अंग्रेज़ी फ़िल्में
ब्रिटिश फ़िल्में
भारतीय फ़िल्में
जर्मन फ़िल्में
जापानी फिल्म
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समाजवादी पार्टी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत कानपुर के छात्र-छात्राओं को काफी इंतजार करने के बाद अब पांच अगस्त को लैपटॉप वितरित किये जाएंगे. शहर के चन्द्रशेखर आजाद एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी और कानपुर यूनिवर्सिटी में पांच अगस्त को प्रदेश के उद्योग मंत्री पहले चरण में कुछ छात्रों को लैपटॉप वितरित करेंगे, बाकी छात्रों को बाद में लैपटॉप दिये जाएंगे.
जिला प्रशासन द्वारा जारी एक बयान के अनुसार 2012 में 12वीं की परीक्षा पास करने वाले शहर के 28 हजार 500 छात्र छात्राओं को लैपटाप बांटने की योजना है. प्रदेश के उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री भगवत शरण गंगवार पांच अगस्त को सबसे पहले कानपुर यूनिवर्सिटी में आयोजित समारोह में 12वीं पास 890 छात्र-छात्राओं को लैपटॉप का वितरण करेंगे. बाद में मंत्री चन्द्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय में 553 छात्र-छात्राओं में लैपटॉप वितरण करेंगे.
इसके बाद बाकी छात्र-छात्राओं को लैपटॉप डिग्री कॉलेजों में बांटे जाएंगे और यह काम प्रशासनिक अधिकारी व शिक्षा विभाग के अधिकारी करेंगे. जिन छात्र-छात्राओं को लैपटाप बांटे जाने हैं उनकी सूची प्रशासन और शिक्षा विभाग ने बना ली है और 20 अगस्त तक कानपुर के 28 हजार 500 छात्र-छात्राओं को लैपटॉप हर हालत में वितरित कर दिये जाएंगे.
पहले शहर में लैपटॉप वितरण कार्यक्रम के लिए जून में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को आना था, लेकिन उनका कार्यक्रम तय न हो पाने के कारण और छात्र-छात्राओं के लैपटॉप लेकर किये जा रहे हंगामे को लेकर अब उद्योग मंत्री से लैपटॉप बंटवाए जाएंगे.
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मास्टर बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने चौथी बार विश्व शतरंज चैम्पियन बने विश्वनाथन आनंद को बधाई दी है.
तेंदुलकर ने सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ‘ट्विटर के जरिये दी अपनी बधाई में कहा, ‘आनंद ने हम लोगों को एक बार फिर गौरवान्वित किया. वे नंबर एक बनने के पूरे हकदार है. आंनद हमें आप पर गर्व है.’
विश्वनाथन आनंद ने मंगलवार को बुलगारिया के वेसलिन टोपालोव को हरा कर विश्व विजेता बने. इससे पहले वह 2000, 2007 और 2008 में भी यह खिताब जीत चुके हैं.
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With a passion for poetry, Mahadevi Varma wrote her way to greatness. Today, we celebrate her fight for the nation’s freedom and her contribution to the Indian Neo-Romantic poetry movement with a #GoogleDoodle. https://t.co/iF6NXNQA4Fpic.twitter.com/DoJgxFPOOj
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न्यूजीलैंड ने दूसरे क्रिकेट टेस्ट के नाटकीय आखिरी सत्र में 9 विकेट लेकर पाकिस्तान को 130 रन से हराकर सीरीज 2-0 से जीत ली जो 1985 के बाद टेस्ट सीरीज में उसकी पाकिस्तान पर पहली जीत है. पाकिस्तान को दूसरी पारी में जीत के लिए 369 रन का लक्ष्य मिला था और चाय तक उसने एक विकेट पर 158 रन बना लिए थे. इसके बाद टिम साउदी ने समी असलम (91) को पवेलियन भेजा.
असलम के आउट होने के बाद से पाकिस्तान के आखिरी आठ विकेट 20 ओवर में 49 रन के स्कोर पर गिर गए. नील वेगनेर ने आखिरी तीन विकेट छह गेंद के भीतर बिना कोई रन दिए ले लिए. न्यूजीलैंड ने क्राइस्टचर्च में पहला टेस्ट जीता था. अब पाकिस्तान विश्व रैंकिंग में दूसरे से चौथे स्थान पर खिसक जाएगा जबकि न्यूजीलैंड सातवें स्थान पर बना रहेगा.टिप्पणियां
आखिरी दिन चाय के बाद पाकिस्तान को 204 गेंद में 211 रन बनाने थे. सलामी बल्लेबाज अजहर अली (161 गेंद में 58 ) और असलम (238 गेंद में 91 रन) ने चौथी पारी में पाकिस्तान के लिये पहले विकेट की रिकॉर्ड 131 रन की साझेदारी की लेकिन इसमें 60 ओवर भी खपा दिए. अजहर को मिशेल सेंटनेर ने आउट किया जबकि बाबर आजम चाय के बाद चौथी गेंद पर इसी अंदाज में रवाना हुए. सरफराज अहमद 19 रन बनाकर रन आउट हुए वहीं अनुभवी यूनुस खान को साउदी ने 11 के स्कोर पर पगबाधा आउट किया. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
असलम के आउट होने के बाद से पाकिस्तान के आखिरी आठ विकेट 20 ओवर में 49 रन के स्कोर पर गिर गए. नील वेगनेर ने आखिरी तीन विकेट छह गेंद के भीतर बिना कोई रन दिए ले लिए. न्यूजीलैंड ने क्राइस्टचर्च में पहला टेस्ट जीता था. अब पाकिस्तान विश्व रैंकिंग में दूसरे से चौथे स्थान पर खिसक जाएगा जबकि न्यूजीलैंड सातवें स्थान पर बना रहेगा.टिप्पणियां
आखिरी दिन चाय के बाद पाकिस्तान को 204 गेंद में 211 रन बनाने थे. सलामी बल्लेबाज अजहर अली (161 गेंद में 58 ) और असलम (238 गेंद में 91 रन) ने चौथी पारी में पाकिस्तान के लिये पहले विकेट की रिकॉर्ड 131 रन की साझेदारी की लेकिन इसमें 60 ओवर भी खपा दिए. अजहर को मिशेल सेंटनेर ने आउट किया जबकि बाबर आजम चाय के बाद चौथी गेंद पर इसी अंदाज में रवाना हुए. सरफराज अहमद 19 रन बनाकर रन आउट हुए वहीं अनुभवी यूनुस खान को साउदी ने 11 के स्कोर पर पगबाधा आउट किया. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
आखिरी दिन चाय के बाद पाकिस्तान को 204 गेंद में 211 रन बनाने थे. सलामी बल्लेबाज अजहर अली (161 गेंद में 58 ) और असलम (238 गेंद में 91 रन) ने चौथी पारी में पाकिस्तान के लिये पहले विकेट की रिकॉर्ड 131 रन की साझेदारी की लेकिन इसमें 60 ओवर भी खपा दिए. अजहर को मिशेल सेंटनेर ने आउट किया जबकि बाबर आजम चाय के बाद चौथी गेंद पर इसी अंदाज में रवाना हुए. सरफराज अहमद 19 रन बनाकर रन आउट हुए वहीं अनुभवी यूनुस खान को साउदी ने 11 के स्कोर पर पगबाधा आउट किया. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि मैं पाकिस्तान को शर्मसार होते नहीं देख सकता.
मोदी पाकिस्तान और मुस्लिम विरोधी नेता
हैं. उनका लाहौर आना अपनी जगह ठीक है, लेकिन इससे हासिल कुछ नहीं हुआ. वह पाकिस्तान के साथ धोखा कर रहे हैं.
फिर वही कश्मीर राग
मुशर्रफ ने पाकिस्तानी चैनल दुनिया न्यूज को दिए इंटरव्यू में यह बात कही. इंटरव्यू 31 जनवरी को प्रसारित हुआ था. इसमें उन्होंने आतंकवाद से लेकर कश्मीर तक के मुद्दे पर बात की. पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह का भी जिक्र किया.
इंटरव्यू की 5 अहम बातें
यदि आप आतंकवाद की बात करते हैं तो हमें इसकी जड़ों और कश्मीर में जाना होगा.
पठानकोट
में जो हुआ उसकी वजह कश्मीर है. पहले कश्मीर मसले का समाधान करो.
नेतृत्व सबसे अहम मुद्दा है. वाजपेयी और मनमोहन सिंह साफ दिल वाले पीएम थे.
2007 में कश्मीर पर
बात बनते-बनते रह गई
. हम तब एक-दो समझौते करने वाले थे.
करगिल की साजिश फरवरी 1999 से पहले रच ली गई थी. यह कोई ऑपरेशन नहीं था.
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प्रांत का नाम झे नदी (浙江, झे जियांग) से लिया गया है, जो कियानतांग नदी का पूर्व नाम है जो हांगझू से होकर बहती है और जिसका मुंह हांगझू खाड़ी बनाता है। इसे आम तौर पर चीनी 折 के अर्थ से "कुटिल" या "बेंट नदी" के रूप में समझा जाता है, लेकिन अधिक संभावना है कि यह ध्वन्यात्मक 折 में 氵 (नदी के नाम के लिए प्रयुक्त "जल" रेडिकल) जोड़ने से बना एक फोनो-सिमेंटिक यौगिक है। पिनयिन ज़े लेकिन पुराने चीनी *टेट का पुनर्निर्माण किया गया), युहांग, कुआइजी और जियांग के समान स्थानीय यू के प्रोटो-वू नाम को संरक्षित किया गया।
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हरियाणा में लगातार हो रही रेप की घटनाओं और डोकलाम में एक बार फिर चीनी सैनिकों की घुसपैठ पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने गुरुवार सुबह प्रेस कांफ्रेंस कर मोदी सरकार पर 7 सवाल दागे. उन्होंने कहा कि जो सैटेलाइट इमेज सामने आई हैं क्या इस बात की जानकारी सरकार के पास है. क्या पीएम मोदी इस बात को स्वीकारेंगे कि डोकलाम पर नया खतरा खड़ा हुआ है.
कांग्रेस के मोदी सरकार से 7 बड़े सवाल
1.
क्या मोदी सरकार और रक्षा मंत्रालय को जानकारी है कि डोकलाम पर चीन ने कब्जा कर लिया है ? (सैटेलाइट इमेज के मुताबिक)
2.
चीन ने डोकलाम में जो मौजूदा स्थिति पैदा की है क्या वो 28 अगस्त, 2017 की विदेश मंत्रालय के भारत-चीन समझौते के मुताबिक है ?
3.
डोकलाम में trijunction का मसला भविष्य में कैसे हाल होगा ?
4.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने अरुणाचल प्रदेश में 1.3 किमी अंदर रोड बनाया है. क्या ये सही है?
5.
क्या नरेंद्र मोदी ये स्वीकार करेंगे कि नया खतरा डोकलाम मसले पर खड़ा हो गया है?
6.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि मसले को बातचीत से हल किया जाएगा. डोकलाम में नया घटनाक्रम क्या उल्लंघन नहीं?
7.
अपने दावे के मुताबिक मोदी सरकार ने घुसपैठ रोकने के लिए अबतक क्या किया है?
इन सवालों के अलावा भी सुरजेवाला ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को आड़े हाथे लेते हुए कहा कि ओवैसी बीजेपी की बी टीम का हिस्सा हैं, वह बीजेपी का विघटनकारी एजेंडा आगे बढ़ाते हैं. इसलिए उनके बयानों को देशहित में नहीं दिखाया जाए.
सुरजेवाला ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर भी निशाना साधा. उन्होंने लिखा कि आदित्यनाथ विकास के नाम पर ग्रहण, मुख्यमंत्री की नाक के नीचे ऑक्सीजन का पेमेंट ना होने से बच्चे मर जाते हैं. दलितों के मकानों को आग लगा दी जाए और सीएम चुप रहते हैं. दलितों को नहलाकर और इत्र लगवाकर वो मिलते हैं. उनका शासन कुशासन बन चुका है, उनके शब्दों के कोई मायने नहीं.
हरियाणा गैंगरेप पर भी सवाल
उन्होंने कहा कि आज भी हरियाणा के फतेहाबाद में गैंग रेप की घटना सामने आई, मुख्यमंत्री सिर्फ लिप सर्विस कर रहे हैं. उनकी सरकार दिल्ली बैठकर हरियाणा चलाना चाहती है, मुख्यमंत्री को बीजेपी अध्यक्ष और केंद्र के नेताओं के दिल्ली में फेरे लगाने से फुर्सत नहीं है. सिर्फ कुछ अधिकारियों के तबादले से रेप नहीं रुकने वाले हैं.
सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि गैंगरेप में हरियाणा सरकारी आकंड़ों में नंबर एक पर है. अकेले खट्टर सरकार ही नहीं केंद्र भी ज़िम्मेदार है क्योंकि अपराधी हरियाणा- दिल्ली बॉर्डर का इस्तेमाल करते हैं. पीएम जागे और अपनी सरकार को कड़े एक्शन लेने को कहें.
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ब्रिटेन में भेदिया कारोबार से जुड़े एक मामले में छह एशियाई मूल के ब्रिटिश नागरिकों को दोषी पाया गया है। इन्होंने 2006-08 के बीच 73 करोड़ पाउंड का मुनाफा कमाया था।टिप्पणियां
ब्रिटेन के फिनांशल सर्विसेज अथारिटी (एफएसए) ने कहा कि उक्त छह आरोपियों अली मुस्तफा, प्रदीप सैनी, परेश शाह, नितिन शाह, बीजल शहर और तृप्तेश पटेल - को साढे चार माह की अदालती सुनवाई के बाद दोषी करार दिया गया।
इन व्यक्तियों को 2008 में गिरफ्तार किया गया था और इन्हें साउथवार्क की अदालत ने शुक्रवार को सजा दी जाएगी।
ब्रिटेन के फिनांशल सर्विसेज अथारिटी (एफएसए) ने कहा कि उक्त छह आरोपियों अली मुस्तफा, प्रदीप सैनी, परेश शाह, नितिन शाह, बीजल शहर और तृप्तेश पटेल - को साढे चार माह की अदालती सुनवाई के बाद दोषी करार दिया गया।
इन व्यक्तियों को 2008 में गिरफ्तार किया गया था और इन्हें साउथवार्क की अदालत ने शुक्रवार को सजा दी जाएगी।
इन व्यक्तियों को 2008 में गिरफ्तार किया गया था और इन्हें साउथवार्क की अदालत ने शुक्रवार को सजा दी जाएगी।
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दिल्ली में कार्यकारी मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर एलजी नजीब जंग और सीएम अरविंद केजरीवाल में
युद्ध जैसी स्थिति
बन गई है. इस बीच केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 'आप' सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि शासन कभी आम आदमी पार्टी के एजेंडे में ही नहीं थी. जबकि पलटवार करते हुए AAP नेता आशुतोष ने कहा कि जेटली को वित्त मंत्री बनाने का खामियाजा देश भुगत रहा है.
दिल्ली के उथल-पुथल पर टिप्पणी करते हुए जेटली ने कहा, 'विधानसभा चुनाव में मिले ऐतिहासिक जनादेश के मद्देनजर आप सरकार को दिल्ली की जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझना चाहिए. जनता ने चुनाव में नई पार्टी के साथ प्रयोग किया, लेकिन यह बेहद महंगा प्रयोग है क्योंकि शासन उनके राजनैतिक एजेंडा में नहीं है.' वित्त मंत्री दिल्ली बीजेपी की कार्यकारिणी समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे.
AAP का पलटवार
जेटली के बयान के ठीक बाद
'आप'
की ओर से वरिष्ठ नेता आशुतोष ने पलटवार किया. उन्होंने कहा, 'जो व्यक्ति अमृतसर में बुरी तरह हार गया था, उसे दिल्ली के बारे में चिंतित नहीं होना चाहिए क्योंकि वे नगर-राज्य को नहीं समझेंगे.' जेटली के अमृतसर में कांग्रेस के कैप्टन अमरिंदर सिंह से हार जाने का उल्लेख करते हुए आशुतोष ने कहा, 'देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उन्हें वित्त मंत्री बनाए जाने के प्रयोग से पीड़ित है, जो अमृतसर में बुरी तरह चुनाव हार गए थे.' आशुतोष ने कहा कि बीजेपी दिल्ली को समझने में विफल रही है और आने वाले वर्षों में यह राष्ट्रीय राजधानी से गायब हो जाएगी.
और क्या कहा था जेटली ने
'आप' सरकार से संबंधित विभिन्न विवादों का उल्लेख करते हुए जेटली ने कहा कि
दिल्ली के लोग
शासन चाहते हैं और सत्तारूढ़ सरकार को इसे अवश्य समझना चाहिए. उन्होंने कहा, 'विगत कुछ महीने में दिल्ली में जो कुछ भी हो रहा है ऐसा लगता है कि आने वाले दिन दुखदायी होंगे. दिल्ली को वैश्विक शहर में तब्दील किया जा सकता था, क्योंकि इसमें व्यापार और पर्यटन के लिए काफी अवसर हैं.
-इनपुट भाषा से
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राजा महमूदाबाद सयुंक्त प्रान्त ब्रिटिश इंडिया वर्तमान में उत्तर प्रदेश, भारत के सीतापुर जनपद की एक समृद्ध रियासत, अवध की सबसे बड़ी ताल्लुकेदारी राजा महमूदाबाद के आधीन रही। महमूदाबाद रियासत के राजाओं को अंग्रेजों ने सर व खान बहादुर आदि उपाधियों से पुरस्कृत किया। इनकी जमींदारी सीतापुर जनपद और लखीमपुर जनपद के विशाल भूभाग में फैली थी, जिसमें महोली, मैनहन, मितौली, कस्ता आदि क्षेत्र व गाँव शामिल थे। भारत की आजादी के पश्चात निवर्तमान राजा महमूदाबाद ईराक होते हुए पाकिस्तान चले गए, पाकिस्तान में भी राजा महमूदाबाद की तमाम संपत्तियां मौजूद थी, इसके अतिरिक्त ईराक और इंग्लैण्ड में भी महमूदाबाद रियासत की अकूत संपत्तियों का उल्लेख मिलता है। स्वतंत्र भारत में राजा महमूदाबाद की सम्पत्तियों को शत्रु सम्पत्ति घोषित कर दिया गया। वर्तमान में राजा महमूदाबाद मोहम्मद आमीर मोहम्मद ख़ान ने शत्रु संपत्तियों पर सन 2005 में न्यायालय के माध्यम से अपना मालिकाना हक़ प्राप्त किया, किन्तु 2016 में शत्रु संपत्ति पर नया अध्यादेश जारी होने से उनकी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र व् दिल्ली की संपत्तिया फिर भारत सरकार के आधीन हो गयी..
सन्दर्भ
1914 में जन्मे लोग
१९७३ में निधन
उत्तर प्रदेश के लोग
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This year #October is coming April and will stay with you forever #October13thApril#octoberinaprilpic.twitter.com/eyMxHrR6Je
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काउचर बिरकर (कुर्दिश: کۆچەر بیرکار/कोकर बिरकर, शाब्दिक रूप से 'प्रवासी गणितज्ञ'; जन्म फ़ेरीडाउन डेराखशानी (फ़ारसी: فریدون درخشانی); जुलाई 1978, मारिवन काउंटी, कुर्द में इस्तान प्रांत, ईरान) ब्रिटेन स्थित ईरानी कुर्द गणितज्ञ हैं और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। बिरकर आधुनिक द्विवार्षिक ज्यामिति में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता हैं। 2010 में उन्हें बीजगणितीय ज्यामिति में उनके योगदान के लिए गणित और सांख्यिकी में लीवरहल्मे पुरस्कार मिला, और 2016 में, "लॉग सामान्य प्रकार की किस्मों के लिए न्यूनतम मॉडल का अस्तित्व", जर्नल ऑफ द एएमएस (2010) लेख के लिए एएमएस मूर पुरस्कार मिला। पी. कैसिनी, सी. हैकोन और जे. मैककर्नन के साथ संयुक्त)। उन्हें "फ़ानो किस्मों की सीमा के प्रमाण और न्यूनतम मॉडल समस्या में योगदान के लिए" 2018 में फील्ड्स मेडल से सम्मानित किया गया था।
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भारत ने एक और कांस्य पदक जीता. 10 मीटर एयर रायफल प्रतियोगिता में शुमा-कविता की जोड़ी को कांस्य पदक मिला.
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