text
stringlengths
1
1.24M
यह एक लेख है: पाकिस्तान के साथ सीमा पर तनाव बढ़ने के बीच, कई एयरलाइंस ने सैन्य बलों तथा अन्य यात्रियों के लिए टिकट रद्दीकरण तथा पुन:बुकिंग शुल्क में पूरी छूट दी है. दोनों देशों में तनाव बढ़ने के कारण सरकार ने बुधवार को नयी दिल्ली के उत्तर में स्थित ज्यादातर हवाई अड्डों से वाणिज्यिक उड़ानों के संचालन पर रोक लगा दी थी.  एयर इंडिया ने नयी दिल्ली से श्रीनगर, लेह और जम्मू जाने वाली उड़ानों के लिए किराया पांच हजार रुपये तय कर दिया है जबकि मार्च के पहले सप्ताह तक उड़ान का कार्यक्रम बदलने के शुल्क को पूरी तरह से खत्म कर दिया है।    इस बीच, सस्ती सेवा प्रदाता गो एयर ने कहा कि वह रक्षाकर्मियों को 15 मार्च तक मुफ्त में यात्रा कार्यक्रम बदलने और रद्दीकरण की सुविधा देगी. विस्तारा ने कहा कि वह अमृतसर, जम्मू, लेह या श्रीनगर से या इन शहरों के लिए 31 मार्च तक यात्रा हेतु बुक टिकटों के लिए पूरा पैसा वापस करेगी और टिकट रद्दीकरण के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा.
Redmi Note 8 Pro गेमिंग के लिए है खास Redmi Note 8 में दिया गया है Qualcomm का प्रोसेसर Xiaomi ने भारत में दो नए स्मार्टफोन्स लॉन्च किए हैं – Redmi Note 8 और Redmi Note 8 Pro. ये दोनों स्मार्टफोन्स एक सीरीज के तो हैं, लेकिन दोनों एक दूसरे से काफी अलग भी हैं. एक तरफ आपको Redmi Note 8 Pro में 64 मेगापिक्सल का Quad कैमरा मिलता है, तो दूसरी तरफ Redmi Note 8 में 48 मेगापिक्सल का क्वॉड कैमरा है. Redmi Note 8 कीमत कीमत की बात करें तो Redmi Note 8 की शुरुआती कीमत 9999 रुपये है. इसके दो वेरिएंट हैं. बेस वेरिएंट में 4GB रैम के साथ 64GB की इंटर्नल स्टोरेज दी गई है, जबकि दूसरे वेरिएंट में 6GB रैम के साथ 128GB की स्टोरेज दी गई है. इसकी कीमत 12,999 रुपये है. Redmi Note 8 Pro कीमत Redmi Note 8 Pro के भी दो वेरिएंट्स हैं, लेकिन इसके अलावा एक स्पेशल वेरिएंट भी है. 6GB रैम के साथ 64GB  स्टोरेज वेरिएंट की कीमत 14,999 रुपये है. 6GB रैम के साथ 128GB स्टोरेज वेरिएंट की कीमत 15,999 रुपये है. जबकि 8GB रैम और 128GB स्टोरेज वाले स्पेशल वेरिएंट की कीमत 17,999 रुपये है. इस स्मार्टफोन में भी डेडिकेटेड माइक्रो एसडी कार्ड का सपोर्ट है. Redmi Note 8 और Redmi Note 8 Pro में कॉमन क्या है? इन दोनों स्मार्टफोन्स में 18W फास्ट चार्जिंग का सपोर्ट कॉमन है. इन दोनों के साथ आपको 18W फास्ट चार्जिंग का सपोर्ट मिलेगा. दोनों स्मार्टफोन्स में MIUI 10 दिया गया है और दोनों में ही अपडेट के जरिए MIUI 11 दिए जाएंगे. दोनों ही स्मार्टफोन्स में ग्लास डिजाइन है जिसे कंपनी Aura डिजाइन कहती है. इसके साथ ही दोनों में आपको USB Type C पोर्ट मिलेगा और हेडफोन जैक मिलेंगे. Redmi Note 8 Pro और Redmi Note 8 के रियर पैनल पर चार कैमरे हैं, लेकिन सेंसर्स अलग हैं. फिंगरप्रिंट स्कैनर दोनों ही स्मार्टफोन्स में बैक पैनल पर दिए गए हैं.  फ्रंट और बैक पैनल पर दोनों ही स्मार्टफोन्स में Gorilla Glass 5 दिया गया है. Redmi Note 8 Pro स्पेसिफिकेशन्स डिस्प्ले - फ्रंट और बैक में कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लास 5 के साथ 6.53-इंच फुल-HD+ (1080x2340 पिक्सल) डिस्प्ले प्रोसेसर - ऑक्टा-कोर MediaTek Helio G90T प्रोसेसर (गेमिंग बेस्ड प्रोसेसर) रैम -  8GB तक स्टोरेज- 64GB, 128GB ऑपरेटिंग सिस्टम - एंड्रॉयड 9 पाई बेस्ड MIUI 10 रियर कैमरा - क्वॉड कैमरा सेटअप, (64MP प्राइमरी सेंसर, 8MP अल्ट्रा-वाइड सेंसर,  2MP अल्ट्रा मैक्रो सेंसर और 2MP डेप्थ सेंसर) फ्रंट कैमरा- 20MP का सेल्फी कैमरा बैटरी-  18W फास्ट चार्जिंग सपोर्ट के साथ 4,500mAh की बैटरी कलर वेरिएंट- गामा ग्रीन, हैलो वाइट और शैडो ब्लैक Redmi Note 8 के स्पेसिफिकेशन्स डिस्प्ले - फ्रंट और बैक में कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लास 5 के साथ 6.39-इंच फुल-HD+ (1080x2280 पिक्सल) प्रोसेसर - क्वॉलकॉम स्नैपड्रैगन 665 प्रोसेसर रैम -  6GB तक स्टोरेज- 128GB ऑपरेटिंग सिस्टम - एंड्रॉयड 9 पाई बेस्ड MIUI 10 रियर कैमरा - क्वॉड कैमरा सेटअप, (48MP प्राइमरी सेंसर, 8MP अल्ट्रा-वाइड सेंसर, 2MP अल्ट्रा मैक्रो सेंसर और 2MP डेप्थ सेंसर) फ्रंट कैमरा- 13MP का सेल्फी कैमरा बैटरी-  18W फास्ट चार्जिंग सपोर्ट के साथ 4,000mAh की बैटरी कलर वेरिएंट- नेप्चून ब्लू, मून लाइट व्हाइट, स्पेस ब्लैक और कॉस्मिक पर्पल
यूपीपीसीएल के प्रोजेक्‍ट मैनेजर सुनील वर्मा ने खुद को गोली मार ली है. सुनील वर्मा एनआरएचएम घोटाले में आरोपी थे और अभी हाल ही सीबीआई ने उनसे पूछताछ की थी. प्रोजेक्ट मैनेजर सुनील वर्मा ने सोमवार सुबह करीब 8.30 बजे लखनऊ स्थित अपने घर में खुद को गोली मार ली. सुनील के बेटे ने पुलिस को इसकी जानकारी दी. सुनील को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. लखनऊ रेंज के डीआईडी डीके ठाकुर ने बताया कि इस घटना की जांच की जा रही है. वैसे बताया जा रहा है कि सीबीआई से पूछताछ के बाद सुनील वर्मा तनाव में चल रहे थे.
लेख: गुजरात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शंकरसिंह वाघेला नाराज बताए जा रहे हैं. हालांकि उनकी नाराजगी का स्पष्ट कारण तो पता नहीं चला लेकिन उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के कई दूसरे वरिष्ठ नेताओं को अपने ट्विटर अकाउंट से 'अनफॉलो' कर दिया. ऐसे में बाघेला की नाराजगी की खबरों ने जोर पकड़ लिया है. उनके बीजेपी में लौटने की खबरें भी जोर पकड़ रही हैं. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने गत दिनों वाघेला से मुलाकात की थी, जिसके बाद से उनके भाजपा में शामिल होने की भी अटकलें लग रही हैं. इससे पहले रविवार को कहा कि बाघेला ने कहा कि इस साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों को लड़ने के इच्छुक नहीं है. पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि विधानसभा चुनावों के लिये उनकी पसंद की सीट कौन सी होगी जहां से वह लड़ना चाहेंगे तो इस सवाल पर 77 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपनी जिंदगी में काफी चुनाव लड़े हैं और अब यह उनके लिये महत्व नहीं रखता. उन्होंने अरवाल्ली जिले के बायद में संवाददाताओं को बताया, "मैंने अपनी जिंदगी में कई चुनाव लड़े हैं. अब समय आ गया है कि गुजरात के लोगों को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है उनके लिये लड़ा जाये. मेरे लिये लोकसभा या विधानसभा चुनाव लड़ना महत्वपूर्ण नहीं है.’’ टिप्पणियां उनका यह कदम ऐसे समय आया है जब प्रदेश कांग्रेस ने यहां अपनी आईटी सेल की कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था. इसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल और राज्य के कई वरिष्ठ नेता शामिल थे. गुजरात विधानसभा में नेता विपक्ष वाघेला ने मार्च में दावा किया था कि वह विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की दौड़ में शामिल नहीं हैं. पिछले महीने पार्टी के 57 में से 36 विधायकों ने मांग की थी कि अगर कांग्रेस चुनाव जीतना चाहती है तो वाघेला को पार्टी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाये. हालांकि गुजरात के पार्टी प्रभारी अशोक गहलोत ने हाल ही में विधानसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री पद के लिये किसी के नाम के साथ चुनाव में जाने से इनकार किया था. इससे पहले रविवार को कहा कि बाघेला ने कहा कि इस साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों को लड़ने के इच्छुक नहीं है. पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि विधानसभा चुनावों के लिये उनकी पसंद की सीट कौन सी होगी जहां से वह लड़ना चाहेंगे तो इस सवाल पर 77 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपनी जिंदगी में काफी चुनाव लड़े हैं और अब यह उनके लिये महत्व नहीं रखता. उन्होंने अरवाल्ली जिले के बायद में संवाददाताओं को बताया, "मैंने अपनी जिंदगी में कई चुनाव लड़े हैं. अब समय आ गया है कि गुजरात के लोगों को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है उनके लिये लड़ा जाये. मेरे लिये लोकसभा या विधानसभा चुनाव लड़ना महत्वपूर्ण नहीं है.’’ टिप्पणियां उनका यह कदम ऐसे समय आया है जब प्रदेश कांग्रेस ने यहां अपनी आईटी सेल की कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था. इसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल और राज्य के कई वरिष्ठ नेता शामिल थे. गुजरात विधानसभा में नेता विपक्ष वाघेला ने मार्च में दावा किया था कि वह विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की दौड़ में शामिल नहीं हैं. पिछले महीने पार्टी के 57 में से 36 विधायकों ने मांग की थी कि अगर कांग्रेस चुनाव जीतना चाहती है तो वाघेला को पार्टी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाये. हालांकि गुजरात के पार्टी प्रभारी अशोक गहलोत ने हाल ही में विधानसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री पद के लिये किसी के नाम के साथ चुनाव में जाने से इनकार किया था. उन्होंने अरवाल्ली जिले के बायद में संवाददाताओं को बताया, "मैंने अपनी जिंदगी में कई चुनाव लड़े हैं. अब समय आ गया है कि गुजरात के लोगों को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है उनके लिये लड़ा जाये. मेरे लिये लोकसभा या विधानसभा चुनाव लड़ना महत्वपूर्ण नहीं है.’’ टिप्पणियां उनका यह कदम ऐसे समय आया है जब प्रदेश कांग्रेस ने यहां अपनी आईटी सेल की कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था. इसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल और राज्य के कई वरिष्ठ नेता शामिल थे. गुजरात विधानसभा में नेता विपक्ष वाघेला ने मार्च में दावा किया था कि वह विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की दौड़ में शामिल नहीं हैं. पिछले महीने पार्टी के 57 में से 36 विधायकों ने मांग की थी कि अगर कांग्रेस चुनाव जीतना चाहती है तो वाघेला को पार्टी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाये. हालांकि गुजरात के पार्टी प्रभारी अशोक गहलोत ने हाल ही में विधानसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री पद के लिये किसी के नाम के साथ चुनाव में जाने से इनकार किया था. उनका यह कदम ऐसे समय आया है जब प्रदेश कांग्रेस ने यहां अपनी आईटी सेल की कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था. इसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल और राज्य के कई वरिष्ठ नेता शामिल थे. गुजरात विधानसभा में नेता विपक्ष वाघेला ने मार्च में दावा किया था कि वह विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की दौड़ में शामिल नहीं हैं. पिछले महीने पार्टी के 57 में से 36 विधायकों ने मांग की थी कि अगर कांग्रेस चुनाव जीतना चाहती है तो वाघेला को पार्टी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाये. हालांकि गुजरात के पार्टी प्रभारी अशोक गहलोत ने हाल ही में विधानसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री पद के लिये किसी के नाम के साथ चुनाव में जाने से इनकार किया था. पिछले महीने पार्टी के 57 में से 36 विधायकों ने मांग की थी कि अगर कांग्रेस चुनाव जीतना चाहती है तो वाघेला को पार्टी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाये. हालांकि गुजरात के पार्टी प्रभारी अशोक गहलोत ने हाल ही में विधानसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री पद के लिये किसी के नाम के साथ चुनाव में जाने से इनकार किया था.
रविवार दोपहर पाकिस्तान के रावलपिंडी में स्थित आर्मी अस्पताल में एक धमाका हुआ. इस धमाके में दस लोगों के घायल होने की खबर है, हालांकि पाकिस्तानी सरकार या सेना किसी तरह के धमाके की पुष्टि नहीं कर रहे हैं. लेकिन ट्विटर पर लोग लगातार वीडियो और तस्वीरें शेयर कर रहे हैं. इस बीच दावा ये भी किया जा रहा है कि इसी अस्पताल में जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मौलाना मसूद अजहर भी भर्ती था, जो कि हमले में घायल हो गया है. पाकिस्तान के क्वेटा के रहने वाले अहसान उल्लाह जो कि एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं. उनका दावा है कि वहां का प्रशासन मीडिया को अंदर जाने नहीं दे रहा है. क्योंकि वहां पर कई ऐसे लोग हैं जिनका नाम मीडिया में आने से बवाल हो सकता है. Huge #blast at Military Hospital in #Rawalpindi , #Pakistan . 10 injured shifted to emergency. Jaish-E-Mohammad Chief Maulana Masood Azahar is admitted here.Completely Media blackout by Army. Media asked Strictly not to cover this story @a_siab @nidkirm @GulBukhari @mazdaki pic.twitter.com/sTIYrJ7sAn — Ahsan Ullah MiaKhail (@AhsanUlMiakhail) June 23, 2019 उन्होंने ही ट्विटर पर दावा किया कि इसी अस्पताल में जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर भी भर्ती था. मीडिया को किसी भी तरह की खबर ना छापने को कहा गया है. उनके इस ट्वीट के बाद लगातार पाकिस्तानी लोग ही कई तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं और वीडियो पोस्ट कर रहे हैं. Has Masood Azhar been killed in the Rawalpindi explosion? @saikirankannan — Murali (@_muraliwrites) June 24, 2019 #Flash Huge Blast in Pakistan's Rawalpindi Emirate Military Hospital This is the same Hospital where UN Designated Terrorist #MaulanaMasoodAzhar is said to be treated for kidney failure PAK army Wants to eliminate him as he is a liability or creating diversion here Read Thread. pic.twitter.com/pLOQi2xbRJ — Defence360_Official (@Defence_360) June 23, 2019 हालांकि, अभी तक किसी भी तरह का सरकारी बयान सामने नहीं आया है. बता दें कि जब भारत ने बालाकोट में एयरस्ट्राइक की थी, तब खबर आई थी कि मसूद अजहर को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हालांकि, किसी तरह की तस्वीर सामने नहीं आई थी. लेकिन विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी एक इंटरव्यू में कबूला था कि मसूद अजहर की तबीयत काफी खराब है और वह घर से बाहर नहीं निकल सकते हैं. बता दें कि मसूद अजहर ही पुलवामा आतंकी हमले का गुनहगार है. ना सिर्फ पुलवामा बल्कि उसके संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने भारत में कई बड़े आतंकी हमलों को अंजाम दिया है.
राम रहीम के जेल जाने का असर मंगलवार को जोधपुर कोर्ट में भी दिखा, जब नाबालिग लड़की के यौन शोषण के आरोप में बंद आसाराम पेश होने के लिए जेल से आये. जब से आसाराम जेल में बंद हैं, तब से पहली बार ऐसा देखने को मिला कि कोई भी एक समर्थक आसाराम को देखने जोधपुर के कोर्ट में न आया हो. यही नहीं, आसाराम इतने उदास और परेशान दिखे कि पहली बार मीडिया के माइक देखकर मुंह मोड़ लिया और बिना कुछ बोले जेल के वैन में जाकर बैठ गए, जबकि  पहले आसाराम देश के हर मुद्दे पर कोर्ट परिसर में अपनी राय जरूर रखते थे. आसाराम के समर्थकों पर काबू करने के लिए परेशान पुलिसवाले भी इस बार राहत की सांस लेते नजर आए. अपने ही आश्रम की नाबालिग के साथ यौन दुराचार के आरोप में फंसे आसाराम मीडिया के सवालों से बचते नजर आये. आमतौर पर जेल से कोर्ट आते-जाते समय मीडिया के सामने बेबाक बयान देने वाले आसाराम इस बार मौन थे. राम रहीम को दुष्कर्म के मामले में सजा होने के बाद इन सवालों को लेकर मीडिया ने आसाराम का जवाब जानने का प्रयास तो किया, लेकिन आसाराम मौन थे और जल्द से जल्द गाड़ी में बैठकर जाना चाहते थे. एससी-एसटी कोर्ट में मंगलवार को आसाराम पर लगे यौन शोषण के मामले की नियमित सुनवाई हुई. बचाव पक्ष की तरफ से गवाह हरियाणा के पानीपत के सहायक खाद्य एवं पूर्ति अधिकारी समालखा के बयान हुए और जिरह पूरी हो गई. वहीं दूसरे गवाह पुलिस थाना नोवाबाद जम्मू के एएसआई अंग्रेत सिंह का बयान शुरू हुआ, लेकिन समयाभाव के चलते पूरा नहीं हो पाया. आगे की सुनवाई बुधवार को भी जारी रहेगी. हाईकोर्ट की फटकार का असर भी दिखाई दिया, जिसके चलते कोर्ट परिसर में आसाराम का एक भी समर्थक नजर नही आया. आसाराम के तेवर ढीले दिख रहे थे. मीडिया ने जब घेर लिया तो वह कुछ बोले तो नहीं, लेकिन चेहरे से उनके भाव स्पष्ट नजर आ रहे थे. दरअसल राम रहीम के मामले के बाद जोधपुर कोर्ट ने कह दिया था कि अगर हालात बिगड़ने का अंदेशा हो और आसाराम के समर्थक नही मान रहे हों तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जेल से ही सुनवाई के विकल्प पर विचार किए जाए.
उत्तरप्रदेश सरकार ने होम गार्डों के भत्ते में लगभग 33 फीसदी का इजाफा किया है. भत्ते की इस वृद्धि से उन लगभग एक लाख स्वयंसेवियों को लाभ होगा जो कानून-व्यवस्था बनाने में, यातायात प्रबंधन में और राहत एवं बचाव अभियानों में राज्य पुलिस को एक बड़ा सहयोग उपलब्ध करवाते हैं. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (होमगार्ड) प्रमोद कुमार तिवारी ने यहां कहा, 'होमगार्डों को दिए जाने वाले भत्ते को 225 रुपए से बढ़ाकर 300 रूपए कर दिया गया है. नयी दरें एक अप्रैल से लागू होंगी. राज्य में होमगार्डों के भत्तों में यह अब तक का सबसे बड़ा इजाफा है.' उन्होंने कहा, 'इस समय लगभग 93 हजार स्वयंसेवी होमगार्डों के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. उन्होंने कानून-व्यवस्था बनाए रखने में अपनी अमूल्य सेवा दी है. राज्य सरकार की ओर से उठाया गया यह कदम उनके योगदान की सराहना का प्रतीक है.' तिवारी ने कहा, 'राज्य सरकार होमगार्डों के कल्याण के प्रति 'बेहद संवेदनशील' रही है और उसने रक्षा की इस दूसरी पंक्ति के लिए अपनी सेवाएं उपलब्ध करवाने वाले इन लोगों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं. यह सेवा वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद से अस्तित्व में आई.
एक तरफ राम मंदिर निर्माण को लेकर अयोध्या में साधु-संत धर्मसभा का आयोजन कर रहे हैं. तो वहीं राजधानी लखनऊ में भी सियासत तेज हो गई है. समाजवादी पार्टी से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया बनाने वाले नेता शिवपाल यादव ने इस धर्मसभा का विरोध जताते हुए राजभवन का घेराव किया. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के नेता व प्रमुख शिवपाल यादव ने अयोध्या में हो रही धर्मसभा को लेकर पैदल मार्च निकाला. इस दौरान उनके साथ पूर्व मंत्री शादाब फातिमा सहित कई बड़े प्रसपा नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए. शिवपाल यादव ने अयोध्या के विषय पर राज्यपाल से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा. शिवपाल यादव ने आगाह किया कि पूर्ववर्ती कल्याण सिंह सरकार के दौरान जो हुआ था उसे अयोध्या में फिर न दोहराया जाए. उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, लिहाजा इस मुद्दे पर किसी भी तरह की सभा न्यायालय की अवमानना है, इसलिए सरकार इस सभा को तत्काल बर्खास्त करे. आपको बता दें कि अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित धर्म सभा के मद्देनजर रामनगरी में सुरक्षा के चाकचौबंद बढ़ा दिए गए हैं. सुरक्षाबलों ने पूरी अयोध्या को मानो छावनी में तब्दील कर दिया है. धर्मसभा के आयोजकों की ओर से रविवार को तीन लाख राम भक्तों की भीड़ जुटने का दावा किया जा रहा है. इस आयोजन के पहले ही जिले में धारा 144 लागू कर दी गई थी लेकिन फिर भी वीएचपी की धर्मसभा का आयोजन किया गया. जिसे मुद्दा बनाते हुए प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के संयोजक शिवपाल सिंह यादव ने लखनऊ में राजभवन तक मार्च निकाला.
Pandya wearing @mipaltan gloves. Dhoni back in Chepauk. Both playing for @BCCI. Unity in diversity. @IPL for the win.#INDvAUS Rdik Pandya does justice to MI slogan : "Dil se Indian,Mumbai Indian" टिप्पणियां While playin 4 India,Bats with MI batting gloves.#INDvAUS#AUSvIND — Tabrez Shaikh (@its_tabrez_4u) September 17, 2017 "Dil se Indian,Mumbai Indian" टिप्पणियां While playin 4 India,Bats with MI batting gloves.#INDvAUS#AUSvIND — Tabrez Shaikh (@its_tabrez_4u) September 17, 2017 While playin 4 India,Bats with MI batting gloves.#INDvAUS#AUSvIND Any reason why Hardik Pandya wears his IPL franchise's gloves while playing for India?#INDvsAUS #INDvAUS I m confused is their a magic in kungfu Pandya or in MI gloves or in Caribbean hair style.. Why Hardik Pandya is wearing Mumbai Indians Gloves #VIRUPANTI
टेनेट 2020 की एक साइंस-फिक्शन एक्शन थ्रिलर फिल्म है जो क्रिस्टोफर नोलन द्वारा लिखित और निर्देशित है और नोलन और एम्मा थॉमस द्वारा निर्मित है। इसमें जॉन डेविड वॉशिंगटन, रॉबर्ट पैटिनसन, एलिजाबेथ डेबिकी, डिंपल कपाड़िया, माइकल केन और केनेथ ब्रानघ जैसे सितारे हैं। टेनेट वॉर्नर ब्रॉस. द्वारा रिलीज़ की गयी। एक दशक से अधिक समय तक सिद्धांत के केंद्रीय विचारों के बारे में विचार-विमर्श करने के बाद नोलन ने पटकथा लिखने के लिए पांच से अधिक वर्षों का समय लगाया। परिसर एक गुप्त एजेंट को समय यात्रा के माध्यम से तीसरे विश्व युद्ध को रोकने का काम सौंपा जाता है। कास्ट जॉन डेविड वाशिंगटन रॉबर्ट पैटिंसन एलिजाबेथ देबिकी डिंपल कपाड़िया हारून टेलर-जॉनसन Clémence Poésy माइकल कैन केनेथ ब्रानघ हिमेश पटेल एक हथियार डीलर और कपाड़िया के चरित्र के पति के रूप में डेन्ज़िल स्मिथ मार्टिन डोनोवन उत्पादन लुडविग गॉरेनसन ने स्कोर की रचना की क्योंकि नोलन के लगातार सहयोगी हंस जिमर 2020 की फिल्म दून के लिए प्रतिबद्ध थे। जेनिफर लैम ने नोलन के लंबे समय के संपादक ली स्मिथ की जगह, फिल्म को संपादित किया। प्री-प्रोडक्शन के दौरान टेरीट वर्किंग टाइटल मेरी गो राउंड के तहत चला गया। जॉन डेविड वाशिंगटन, रॉबर्ट पैटिनसन और एलिजाबेथ डेबिकी को मार्च 2019 में चुना गया था। पैटिंसन ने कहा कि स्क्रिप्ट को इतना गुप्त रखा गया था कि उसे केवल एक बार एक कमरे में बंद रहने के दौरान इसे पढ़ने की अनुमति थी। फिल्म की शूटिंग शुरू होते ही डिंपल कपाड़िया, आरोन टेलर-जॉनसन, क्लेमेंस पोवेई, माइकल केन और केनेथ ब्रानघ की कास्टिंग की घोषणा की गई। हिमेश पटेल अगस्त में शामिल हुए, अगले महीने डेन्ज़िल स्मिथ के साथ जुड़ गए। पहले ट्रेलर के रिलीज होने पर मार्टिन डोनोवन का खुलासा हुआ। प्रधान फोटोग्राफी मई 2019 में शुरू हुई और सात देशों - डेनमार्क, एस्टोनिया, भारत, इटली, नॉर्वे, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई। एस्टोनिया में फिल्मांकन जून और जुलाई में हुआ, लिनहॉल, पर्नू हाईवे के साथ, और आस-पास की सड़कों को इसे सुविधाजनक बनाने के लिए बंद कर दिया गया। तेलिन के मेयर मिहेल कोल्लवार्ट ने संभावित व्यवधानों के बारे में चिंता व्यक्त की क्योंकि मूल शूटिंग शेड्यूल की आवश्यकता थी कि धमनी Laagna रोड को एक महीने के लिए बंद कर दिया जाए। आखिरकार उत्पादन अस्थायी सड़क बंद और विस्फोटों से संबंधित एक समझौता पर पहुंच गया। शहर की सरकार ने बाद में फिल्म निर्माण को पूरा करने के लिए दो दिन की मोहलत दी। अगस्त के अंत में, कैनन हॉल में रवेलो, इटली और हैम्पस्टेड, इंग्लैंड में और ओस्लो ओपेरा हाउस की छत पर और नॉर्वे के तजुवोलमेन में, और सितंबर की शुरुआत में नॉर्वर्ड विंड फार्म में शूटिंग की गई। पांच महीने की शूटिंग उस महीने मुंबई में हुई, जिसके बाद नोलन ने फरवरी और अप्रैल में लोकेशन स्काउटिंग के लिए यात्रा की थी। उन्होंने ब्रीच कैंडी अस्पताल, कैफे मोंडेगर, कोलाबा कॉजवे, कोलाबा मार्केट, गेटवे ऑफ इंडिया, ग्रांट रोड, रॉयल बॉम्बे यॉट क्लब और ताज महल पैलेस होटल का फैसला किया। होटल के पास "चांड" नामक एक रेस्तरां सेट बनाया गया था, लेकिन इसका उपयोग कभी नहीं किया गया, केवल एक विकल्प के रूप में सेवा की। गेटवे ऑफ इंडिया में चालीस नावें तैनात थीं, जहां चालक दल ने एक ऐसे व्यक्ति को भी बचाया था जिसने आत्महत्या का प्रयास किया था। एक स्टंट जहां एक व्यक्ति ग्रांट रोड में एक इमारत से कूदता है, और अस्पताल के हवाई फुटेज के लिए एक हेलीकाप्टर लागू किया गया था। रिलीज़ वार्नर ब्रोस। चित्रों 17 जुलाई, 2020 को IMAX, 35 मिमी, और 70 मिमी में रिलीज़ के लिए निर्धारित टेंट । जुलाई के तीसरे सप्ताहांत में रिलीज़ होने वाली यह पांचवीं नोलन फिल्म है, जिसे डेडलाइन हॉलीवुड ने "नोलन के लिए एक भाग्यशाली तारीख" कहा, क्योंकि उनकी पूर्ववर्ती चार परियोजनाएं बॉक्स ऑफिस पर सफलता प्राप्त करने के लिए चली गईं। अगस्त 2019 में, वार्नर ब्रदर्स ने हॉब्स एंड शॉ के पूर्वावलोकन स्क्रीनिंग से पहले एक दूसरे सेकंड का टीज़र शुरू किया। यह अक्टूबर में जोकर के भारतीय शो से जुड़ी थी। पहला ट्रेलर दिसंबर में ऑनलाइन प्रकाशित किया गया था, जब स्टार वार्स: द राइज़ ऑफ स्काईवॉकर से पहले कुछ खास आईमैक्स सिनेमाघरों में प्रोलॉग बजाया गया था। टिप्पणियाँ संदर्भ बाहरी कड़ियाँ अंग्रेज़ी फ़िल्में ब्रिटिश फ़िल्में अमेरिकी फ़िल्में 2020 की फ़िल्में आगामी फ़िल्में
My 4th consecutive term as a Member of the #LokSabha begins today. Representing Wayanad, Kerala, I begin my new innings in Parliament by taking my oath this afternoon, affirming that I will bear true faith and allegiance to the Constitution of India 🇮🇳 हालांकि इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ट्वीट कर कि वे आज दोपहर लोकसभा सांसद के रूप में शपथ लेंगे. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, लोकसभा के सदस्य के रूप में मेरा लगातार चौथा कार्यकाल आज से शुरू हो रहा है. केरल के वायनाड का प्रतिनिधित्व करते हुए मैं आज दोपहर शपथ लेकर संसद में अपनी नई पारी की शुरुआत करूंगा. मैं यह भरोसा दिलाता हूं कि मैं भारत के संविधान के प्रति सच्चा विश्वास और निष्ठा रखूंगा. हालांकि शाम 4 बजे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा पहुंचकर सांसद पर की शपथ ले ली.  बता दें कि पहला सत्र शुरू होने पर कार्यवाहक अध्यक्ष वीरेन्द्र कुमार ने सभी नवनिर्वाचित सदस्यों को बधाई दी. सत्र का प्रारंभ राष्ट्रगान की धुन बजाये जाने के साथ हुआ. इसके बाद कार्यवाहक अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार ने सदन की परंपरा के अनुसार कुछ क्षणों का मौन रखने के लिए सदस्यों से कहा। सदस्यों ने अपने स्थानों पर खड़े होकर कुछ क्षणों का मौन रखा. इसके बाद कुमार ने सभी नवनिर्वाचित सदस्यों को बधाई दी। कार्यवाहक अध्यक्ष ने इसके बाद पीठासीन अध्यक्षों के नामों की घोषणा की. इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को सात बार सांसद रहे वीरेंद्र कुमार को लोकसभा के कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में शपथ दिलाई. बुधवार को नए लोकसभा अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद उनकी भूमिका संपन्न हो जाएगी. कुमार ने भाजपा के टिकट पर मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ से लोकसभा चुनाव जीता है. वह पहली मोदी सरकार में राज्य मंत्री थे. कार्यवाहक अध्यक्ष के तौर पर कुमार लोकसभा के इस सत्र की पहली बैठक की अध्यक्षता करेंगे और नवनिर्वाचित सासंदों को शपथ दिलाएंगे. लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव भी उनकी निगरानी में किया जाएगा. नवगठित लोकसभा का पहला सत्र 17 जून से 26 जुलाई तक चलेगा.
यह एक लेख है: मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2019) के त्योहार का 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah)' गोकुलधाम सोसाइटी में अपना ही अलग मजा है. मकर संक्रांति के मौके पर गोकुलधाम में जेठालाल, बबीता, भिड़े और बाकी सदस्य जमकर धमाल करने के मूड में हैं, खास यह कि गोकुलधामवासियों ने तो पतंगबाजी की प्रैक्टिस भी शुरू कर दी है. 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah)' में जेठालाल को बबीता को पतंग उड़ाना सिखाते नजर आ रहे हैं तो सोसाइटी के बाकी सदस्य भी पीछे नहीं हैं और मकर संक्रांति को लेकर पूरे उत्साह में हैं. 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah)' के आने वाले एपिसोड में मक्रर संक्रांति (Makar Sankaranti) की धूम देखी जा सकेगी. जेठालाल वडोदरा के लिए निकलने से पहले सोसाइटी के सारे लोगों को कहकर जाते हैं कि वे मकर संक्रांति के लिए पतंग उड़ाने की प्रैक्टिस करते रहें. मकर संक्रांति में पतंग उड़ाने का बहुत महत्व है, और इस दिन पतंगबाजी के जबरदस्त मुकालबले भी होते हैं.    'तारक मेहता का उल्टा चश्मा (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah)' में जेठालाल सबको अपने सरप्राइज इनविटेशन के लिए तैयार कर रहे हैं, वे सबको वडोदरा काइट फेस्टिवल (Kite Festival) में ले जाने वाले हैं. वडोदरा में होने वाले पतंगबाजी समारोह में इंटरनेशनल एक्सपर्ट्स भी आएंगे और पतंगबाजी के मुकाबले में हिस्सा लेंगे. ऐसे में 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah)' के जेठालाल की टीम क्या गुल खिलाती है, ये देखना दिलचस्प होगा.
यह एक लेख है: भारतीय पुरुष हाकी टीम आज यहां चार देशों के आमंत्रण टूर्नामेंट के चुनौतीपूर्ण मुकाबले में न्यूजीलैंड से 2-3 से हारकर खिताब की दौड़ से बाहर हो गई.भारत की इस हार का मतलब है कि उसे अब तीसरे और चौथे स्थान के लिए रविवार को मलेशिया के खिलाफ खेलना होगा. भारत को इस मैच को जीतने के लिए शुरू से ही आक्रामक खेल खेलना दिखाना था. पहले क्वार्टर में उसने न्यूजीलैंड पर दबाव बनाया और कई आक्रमण किए लेकिन वह सफल नहीं हो पाया.टिप्पणियां पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ रुपिंदर पाल सिंह ने दूसरे क्वार्टर में टीम को एक गोल की बढ़त दिला दी. 18वें मिनट में आकाशदीप सिंह ने न्यूजीलैंड के खिलाड़ी से गेंद लेकर गोलपोस्ट पर शॉट लगाया लेकिन गेंद केन रसेल के पांव से टकरा गई. इस पर भारत को पेनाल्टी स्ट्रोक मिला जिसे रुपिंदर ने गोलपोस्ट में डाल भारत को एक गोल से आगे कर दिया. तीसरे क्वार्टर में दोनों टीमें आक्रामक थीं और गोल करने का भरपूर प्रयास कर रहीं. भारतीय गोलकीपर आकाश चिकते ने किवी टीम के कई प्रयासों को नाकाम किया. इसके बाद निक्किन थिमैया ने भारत की बढ़त को दोगुना करने की कोशिश की लेकिन वह सफल नहीं हो सके. काफी कोशिशों के बाद तीसरे क्वार्टर में कोई भी टीम गोल नहीं कर सकी. चौथा एवं अंतिम क्वार्टर बेहद की रोमांचक रहा. 47वें मिनट में निक रोस ने किवी टीम को बराबरी पर ला दिया और अगले ही मिनट में जैकब स्मिथ ने उसे एक गोल की बढ़त दिला दी. अभी तक मजबूत दिख रही भारतीय टीम एकदम से दवाब में आ गई. मैच के अंतिम पलों में रोमांच और बढ़ गया. 57वें मिनट में ह्यूगो इंग्लिश ने किवी टीम के लिए तीसरा गोल दागा. कुछ ही सेकेंड बाद भारत को पेनाल्टी कॉर्नर मिला और रुपिंदर ने भारत के लिए दूसरा गोल किया. इसके बाद भारत ने बराबरी के कुछ मौके बनाए लेकिन वह उन्हें अपने पक्ष में मोड़ने में कामयाब नहीं रहा. पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ रुपिंदर पाल सिंह ने दूसरे क्वार्टर में टीम को एक गोल की बढ़त दिला दी. 18वें मिनट में आकाशदीप सिंह ने न्यूजीलैंड के खिलाड़ी से गेंद लेकर गोलपोस्ट पर शॉट लगाया लेकिन गेंद केन रसेल के पांव से टकरा गई. इस पर भारत को पेनाल्टी स्ट्रोक मिला जिसे रुपिंदर ने गोलपोस्ट में डाल भारत को एक गोल से आगे कर दिया. तीसरे क्वार्टर में दोनों टीमें आक्रामक थीं और गोल करने का भरपूर प्रयास कर रहीं. भारतीय गोलकीपर आकाश चिकते ने किवी टीम के कई प्रयासों को नाकाम किया. इसके बाद निक्किन थिमैया ने भारत की बढ़त को दोगुना करने की कोशिश की लेकिन वह सफल नहीं हो सके. काफी कोशिशों के बाद तीसरे क्वार्टर में कोई भी टीम गोल नहीं कर सकी. चौथा एवं अंतिम क्वार्टर बेहद की रोमांचक रहा. 47वें मिनट में निक रोस ने किवी टीम को बराबरी पर ला दिया और अगले ही मिनट में जैकब स्मिथ ने उसे एक गोल की बढ़त दिला दी. अभी तक मजबूत दिख रही भारतीय टीम एकदम से दवाब में आ गई. मैच के अंतिम पलों में रोमांच और बढ़ गया. 57वें मिनट में ह्यूगो इंग्लिश ने किवी टीम के लिए तीसरा गोल दागा. कुछ ही सेकेंड बाद भारत को पेनाल्टी कॉर्नर मिला और रुपिंदर ने भारत के लिए दूसरा गोल किया. इसके बाद भारत ने बराबरी के कुछ मौके बनाए लेकिन वह उन्हें अपने पक्ष में मोड़ने में कामयाब नहीं रहा. चौथा एवं अंतिम क्वार्टर बेहद की रोमांचक रहा. 47वें मिनट में निक रोस ने किवी टीम को बराबरी पर ला दिया और अगले ही मिनट में जैकब स्मिथ ने उसे एक गोल की बढ़त दिला दी. अभी तक मजबूत दिख रही भारतीय टीम एकदम से दवाब में आ गई. मैच के अंतिम पलों में रोमांच और बढ़ गया. 57वें मिनट में ह्यूगो इंग्लिश ने किवी टीम के लिए तीसरा गोल दागा. कुछ ही सेकेंड बाद भारत को पेनाल्टी कॉर्नर मिला और रुपिंदर ने भारत के लिए दूसरा गोल किया. इसके बाद भारत ने बराबरी के कुछ मौके बनाए लेकिन वह उन्हें अपने पक्ष में मोड़ने में कामयाब नहीं रहा.
जल्द ही करण जौहर का टॉक शो ''कॉफी विद करण'' शुरू होने वाला है. शो के मेहमानों की लिस्ट पर काफी समय से कयास लगाए जा रहे हैं. चर्चा है कि करण के चैट शो में जाह्नवी कपूर अपने भाई अर्जुन के साथ डेब्यू करेंगी. सूत्रों के मुताबिक, ''इस बार शो में जाह्नवी अपना डेब्यू करेंगी. उनके जोड़ीदार बनेंगे अर्जुन कपूर, दोनों एक-दूसरे के काफी करीब हैं. मुश्किल की घड़ी में अर्जुन ने जाह्नवी-खुशी की हिम्मत बांधी. शो में वे दोनों एक-दूसरे के सीक्रेट्स से पर्दा उठाएंगे.'' बता दें, श्रीदेवी के निधन के बाद से अर्जुन कपूर, जाह्नवी-खुशी के करीब आ गए हैं. वे अंशुला की ही तरह उनका भी ख्याल रखते हैं. View this post on Instagram You are the reason for our strength. Love you, happy birthday Arjun bhaiya ❤️ A post shared by Janhvi Kapoor (@janhvikapoor) on Jun 25, 2018 at 12:49pm PDT खबरें हैं कि जाह्नवी-अर्जुन के अलावा न्यूली मैरिड कपल भी शो में नजर आएंगे. इनमें विराट कोहली-अनुष्का शर्मा और सोनम कपूर-आनंद आहूजा शामिल हैं. इसके अलावा करण के शो में स्टारकिड्स भी देखने को मिल सकते हैं. इस लिस्ट में सुहाना खान, अहान पांडे, अनन्या पांडे के नाम हैं. शो का यह 6वां सीजन होगा और इसका टीजर वीडियो रिलीज हो गया है. इस शो को फैंस पहले सीजन से पसंद कर रहे हैं. इसमें अब तक सभी बड़े स्टार आकर अपने दिल के राज खोल चुके हैं. यही वजह है कि शो के अगले सीजन का फैंस बेसब्री से इंतजार करते हैं. शो में आने वाली जोड़ियां और करण के बेबाक सवालों से शो मजेदार होता है.
A post shared by SAPNA FAN CLUB (@sapna__choudhary___) on Apr 9, 2019 at 6:16am PDT सपना चौधरी (Sapna Choudhary) के डांस पर इस दौरान खूब सीटियां बजीं. लोग उन्हें अपने मोबाइल कैमरे में कैद करने की कोशिश भी करते दिखे. जब सपना चौधरी डांस कर रही थीं, तब वहां मौजूद दर्शक भी खुद को रोक नहीं पाए और वो भी थिरकने लगे. लोगों ने उनके डांस को खूब पसंद किया. उनके इस वीडियो को इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया गया है. कुछ ही देर में इसे कई व्यूज भी मिल चुके हैं. सपना चौधरी का डांस वीडियो वैसे भी धमाल मचाने के लिए जाना जाता है. इस बार भी उनके डांस वीडियो खूब धमाल मचा रहा है.  A post shared by Sapna Choudhary (@isapnachaudhary) on Nov 19, 2018 at 9:08am PST सपना चौधरी (Sapna Choudhary) इन दिनों देश के कोने-कोने में डांस परफॉर्मेंस कर रही हैं. लगता है उनका यह डांस वीडियो इसी कड़ी का हिस्सा है. सपना चौधरी की पॉपुलैरिटी इतनी बढ़ गई है कि फिल्मों में उनके डांस नंबर आने लगे हैं. वैसे भी सपना चौधरी बॉलीवुड में डेब्यू कर चुकी हैं और अपने अंदाज से वाहवाही लूट चुकी हैं. कुछ दिन पहले ही उनका नया वीडियो सॉन्ग 'बेटा ये तुमसे ना हो पाएगा' (Beta Ye Tumse Na Ho Paega) रिलीज हुआ था. इस वीडियो ने भी खूब धूम मचाई थी. इस वीडियो में उनका एकदम अलग अंदाज नजर आया था. सपना चौधरी मॉर्डन लुक में नजर आई थीं.
लेख: पोम्पिओ का यह तीसरा प्योगयांग दौरा है , जिसपर उनके उत्तर कोरियाई समकक्ष किम जोंग चोल ने मजाक में कहा कि उन्हें अब शायद इस शहर की आदत होने लगी है. उन्होंने कहा , ‘‘हम जितना मिलेंगे, उतनी हमारी दोस्ती गहरी होती जाएगी. आज की बैठक काफी सकारात्मक रही.’’ इस पर पोम्पिओ ने कहा, ‘‘हां, मैं इससे सहमत हूं.’’टिप्पणियां गौरतलब है कि बीते जून के महीने में ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के बीच शिखर वार्ता हुई थी. इससे पहले दोनों ही नेता एक दूसरे को देख लेने की धमकी दे रहे थे. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) टिप्पणियां गौरतलब है कि बीते जून के महीने में ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के बीच शिखर वार्ता हुई थी. इससे पहले दोनों ही नेता एक दूसरे को देख लेने की धमकी दे रहे थे. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) गौरतलब है कि बीते जून के महीने में ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के बीच शिखर वार्ता हुई थी. इससे पहले दोनों ही नेता एक दूसरे को देख लेने की धमकी दे रहे थे. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
कर्मचारी राज्य बीमा निगम, दिल्ली ने वैकेंसी निकाली है. इच्छुक उम्मीदवार 25 अप्रैल तक आवेदन कर सकते हैं. पद का नाम: कंसल्टेंट हॉस्पिटल मैनेजर कंसल्टेंट मैनेजर पदों की संख्या: 101 योग्यता: एमबीए चयन प्रक्रिया: उम्मीदवारों का चयन इंटरव्यू के आधार पर किया जाएगा. आवेदन फीस: 225 रुपये ज्यादा जानकारी के लिए लिंक: http://www.esic.nic.in/recruitment.php
इराक के मोसुल में लापता हुए 39 भारतीय नागरिकों के मुद्दे पर केंद्र सरकार खासकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज घिर गई हैं. आजतक के खुलासे के बाद संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे पर विपक्ष सरकार से जवाब मांग रहा है. लोकसभा में स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा है कि सुषमा शाम पांच बजे सदन में इस मुद्दे पर अपनी बात रखेंगी. क्या है मामला इराक में आईएसआईएस के पैर पसारने के बाद वहां काम कर रहे 39 भारतीय मजदूर इस कुख्यात आतंकी संगठन के हत्थे चढ़ गए. 2014 में इन भारतीयों के आईएसआईएस के कब्जे में होने की बात सामने आई थी. तब से इऩका कोई सुराग हाथ नहीं लगा है. माना जा रहा था कि ये इराक के शहर मोसुल में कहीं हैं. अब जबकि मोसुल आईएसआईएस के कब्जे से आजाद हो गया है तो आजतक ने वहां जाकर इन भारतीयों की पड़ताल की लेकिन वहां जो जानकारी हाथ लगी है वो चौंकाने वाली है. दरअसल जिस जेल में इन भारतीयों के कैद होने के बात अब तक सरकार कहती आई है उस जेल का मोसुल में अब नामोनिशान तक नहीं है. सुषमा ने कहा था, बादुश जेल में हैं भारतीय संसद में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पिछले दिनों ही खुद इन भारतीयों के जीवित होने का दावा किया था. सुषमा स्वराज ने कहा था कि इराक में 2014 में लापता हुए 39 भारतीय नागरिक बादुश की एक जेल में कैद हो सकते हैं. सुषमा कहती रही हैं कि इलाके में जारी संघर्ष के खत्म होने के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी.  सुषमा  लापता भारतीयों के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें लगातार ये भरोसा दिलाती रही हैं कि सरकार इन सभी भारतीयों को हर हाल में वापस लाएगी. वी के सिंह ने भी कहा था- जेल में हैं भारतीय इराक के प्रधानमंत्री ने जैसे ही मोसुल को आईएस के कब्जे से आजाद कराए जाने की घोषणा की, उसके तुरंत बाद ही विदेश राज्यमंत्री जनरल वी के सिंह से इरबिल जाकर व्यक्तिगत तौर पर लापता भारतीय नागरिकों का पता लगाने की कोशिश की थी. सिंह 10 जुलाई को वहां गए और उन्होंने भी वहां से लौटकर 'आजतक' से बातचीत में कहा था कि लापता 39 भारतीय नागरिक बादुश की जेलों में हो सकते हैं. उनको यह जानकारी इराक के एनएसए की ओर से मिली है. उनके मुताबिक 39 भारतीय जीवित हैं और सभी वहां जेलों में बंद हैं. इंडिया टुडे की पड़ताल में नहीं मिली जेल सुषमा और वी के सिंह के दावों के उलट इंडिया टुडे की पड़ताल में मोसुल में ऐसी कोई जेल नहीं मिली है, जहां पर ये भारतीय बंद हों. दुनिया की सबसे खतरनाक जगह मोसुल पहुंचकर इंडिया टुडे ने बादुश की जेलों को खोजा, लेकिन ऐसी कोई जेल नहीं मिलीं. खूंखार आतंकी संगठन ISIS खुद बादुश की जेलों को नष्ट कर चुका है. अब सवाल यह है कि आखिर ये भारतीय कहां हैं? क्या केंद्र सरकार इनके जीवित होने का झूठा दावा कर रही थी. इससे पहले इराक में आतंकी संगठन ISIS की गिरफ्त से बचकर भागे हरजीत मसीह ने इन 39 भारतीयों की मौत का दावा किया था, लेकिन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस बात को मानने से इनकार कर दिया था कि इन भारतीयों की मौत हो चुकी है. इंडिया टुडे के खुलासे से घिरी सरकार इंडिया टुडे की ग्राउंड जीरो रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार बुरी तरह घिर गई है. कांग्रेस ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पर 39 लापता भारतीयों के जीवित होने का झूठा बयान देने का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने कहा कि स्वराज ने संसद में सफेद झूठ बोला है. आज संसद में भी कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा. एनडीए के सहयोगी अकाली दल के सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने भी सरकार से 39 भारतीयों के मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा. अब सुषमा स्वराज शाम पांच बजे सदन में बयान देंगी तभी सरकार की ओर से तस्वीर साफ हो पाएगी.
यह एक लेख है: 42 साल तक लीबिया पर राज करने वाले तानाशाह कर्नल गद्दाफी की मौत दोनों ओर से हुई गोलीबारी के दौरान हुई, ये कहना है लीबिया की अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री महमूज जिब्रील का। जिब्रील के मुताबिक गद्दाफी को जिंदा पकड़कर ले जाया जा रहा था, उसी समय दोनों ओर से गोलीबारी हुई, जिसमें से एक गोली गद्दाफी की कनपटी को छेदते हुए निकल गई। कार्यवाहक प्रधानमंत्री के मुताबिक यह साफ नहीं है कि यह गोली गद्दाफी के अपने सैनिकों के बंदूक से निकली थी या अंतरिम सरकार के सैनिकों की बंदूक से। इससे पहले अंतरिम सरकार के कुछ जवानों ने अलग किस्सा बयां किया था कि गद्दाफी भागने की कोशिश कर रहा था, उसी समय उसे गोली मार दी गई। एक लड़ाके ने तो यह भी कहा था कि एक पुलिया के नीचे पकड़े जाने के बाद गद्दाफी रहम की भीख मांग रहा था और गोली नहीं मारने की गुजारिश कर रहा था। अहमद अल शेबानी नामक शख्स को लीबिया ही नहीं, दुनिया भर के लोग जानने लगे हैं। शेबानी का दावा है कि उसने ही गद्दाफी को पुलिया से बाहर निकालकर गोली मारी। शेबानी ने अपने हाथ में सोने की बंदूक दिखाई, जो गद्दाफी की ही बताई जा रही है। विद्रोहियों के हमले में गद्दाफी का बेटा मुअत्तसिम भी मारा गया है। लीबिया के सूचना मंत्री ने इस बात की पुष्टि की है। इधर, विद्रोही सैनिकों ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें मुअत्तसिम घायल दिख रहा है। यह वीडियो कब का है और इसमें दिख रहा घायल व्यक्ति मुअत्तसिम ही है, इसकी पुष्टि अभी नहीं हो पाई है। यह वीडियो मिसराता ब्रिगेड के एक सैनिक ने बनाई है। कर्नल गद्दाफी और उसके बेटे मुत्तसिम के मारे जाने की पुष्टि तो हो गई है, लेकिन एक और बेटे सैफ अल इस्लाम के बारे में अलग−अलग खबरें आ रही हैं। एक अधिकारी के मुताबिक सैफ को घायल हालत में गिरफ्तार कर लिया गया है और उसे एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लीबिया की अंतरिम सरकार के एक दूसरे अधिकारी ने सैफ के बारे में किसी भी जानकारी से इनकार किया है। सैफ को गद्दाफी का उत्तराधिकारी माना जाता था और विद्रोहियों के खिलाफ लड़ाई के दौरान भी वह काफी सक्रिय रहा था। गद्दाफी की मौत से लीबिया के लोगों के लिए लंबा और दर्दनाक अध्याय खत्म हो गया है। ये कहना है अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा का। गद्दाफी की मौत के बाद ओबामा ने कहा कि अरब की निरंकुश सरकारें ऐसे एक−एक कर गिर जाएंगी। व्हाइट हाउस में ओबामा ने कहा कि लीबिया के लोगों पर अब बड़ी जिम्मेदारी एक लोकतांत्रिक देश बनाने की है। उन्होंने कहा कि गद्दाफी की मौत के बाद अब वहां नाटो की भूमिका जल्द ही खत्म हो जाएगी।
फरीदाबाद में बुधवार देर रात जमीनी विवाद को लेकर हुए झगड़े में एक व्यक्ति ने अपनी बुजुर्ग मां की सरिये से पीट-पीटकर हत्या कर दी. पुलिस ने मृतका के भाई की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है. थाना प्रभारी पंकज कुमार ने बताया कि नहरपार की भारत कालोनी निवासी 70 साल की यशोदा देवी के दो बेटे हैं. एक बेटा त्रपाल 60 वर्ग गज के मकान में उसके साथ रहता था, जबकि उसका दूसरा बेटा 30 वर्ग गज के मकान में अलग रहता थ. जमीन के लिए विवाद यशोदा देवी चाहती थी कि जमीन का हिस्सा दोनों बेटों को बराबर मिले, जबकि त्रपाल अपने भाई को इस मकान में कोई हिस्सा नहीं देना चाहता था. इसी बात को लेकर उनमें अक्सर झगड़ा होता था. बीती रात भी झगड़ा हुआ और विवाद ज्यादा बढ़ गया. गुस्से में ले ली जान उन्होंने बताया कि विवाद ज्यादा बढ़ने पर त्रपाल ने गुस्से में आकर लोहे के सरिए से इतनी जोर से मारा कि यशोदा देवी गंभीर रूप से घायल हो कर जमीन पर गिर गई. घायल यशोदा को अस्पताल ले गया, जहां उसकी मौत हो गई. पुलिस आरोपी तलाश कर रही है.
There is violence in Jammu & Kashmir. There is violence because it is instigated and supported by Pakistan which is known to be the prime supporter of terrorism across the world. बता दें, जम्मू कश्मीर कांग्रेस ने नियंत्रण रेखा पर लगातार संघर्ष विराम उल्लंघनों के लिए मंगलवार को पाकिस्तान की निंदा की और मांग की कि पड़ोसी देश को मुंहतोड़ जवाब दिया जाए. पुंछ और राजौरी सीमावर्ती जिलों में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास 17 अगस्त से सीमापार गोलीबारी और गोलाबारी में तीन सैनिक और एक आम नागरिक की मौत हो गयी तथा चार जवान घायल हो गये. जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता रवींद्र शर्मा ने एक बयान में कहा, ‘राजौरी और पुंछ के अलग-अलग इलाकों में पाकिस्तान से लगातार सीमापार गोलाबारी की घटनाएं बड़ी चिंता का विषय हैं.' उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ सप्ताह में सीमापार गोलाबारी तेज हो गयी है.' शर्मा ने पाकिस्तान की करतूत पर प्रभावी तथा मुंहतोड़ जवाब देने तथा सीमापार से घुसपैठ की सभी कोशिशों को नाकाम करने की मांग की. वहीं, जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को रद्द करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली कई सारी याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय द्वारा बुधवार को सुनवाई करने का कार्यक्रम है. जम्मू कश्मीर में संचार पर पाबंदियों सहित अन्य प्रतिबंधों को हटाने की मांग करते हुए ये याचिकाएं दायर की गई हैं. दरअसल, संचार पर पाबंदियां पत्रकारों के पेशेवर कर्तव्यों को पूरा करने की राह में बाधक बन रही हैं.  अनुच्छेद 370 रद्द करने के फैसले के खिलाफ याचिका अधिवक्ता एमएल शर्मा ने दायर की है, जबकि नेशनल कांफ्रेंस सांसद मोहम्मद अकबर लोन और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) हसनैन मसूदी ने जम्मू कश्मीर के संवैधानिक दर्जे में केंद्र द्वारा किये गए बदलावों को चुनौती दी है. पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल, जेएनयू की पूर्व छात्रा शेहला रशीद और राधा कुमार जैसे प्रख्यात हस्तियों सहित अन्य भी इसमें शामिल हैं. माकपा नेता सीताराम येचुरी ने भी एक याचिका दायर कर अपनी पार्टी के नेता मोहम्मद तारिगामी को पेश करने की मांग की है, जिन्हें अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया है. अनुच्छेद 370 से जुड़े सभी विषय और इसके बाद के घटनाक्रम प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हैं.
रविवार से तेल कंपनियां पेट्रोल के दामों में 2.25 रुपये प्रति लीटर का इजाफा कर सकती हैं। अगर सरकार कंपनियों को दाम बढ़ाने से न रोके। जनवरी के अंत से 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। जाहिर-सी बात है ऐसे में दाम बढ़ाने की इजाजत देना खतरे से खाली नहीं है। यूं तो तेल कंपनियां हर दूसरे हफ्तें दामों की समीक्षा करती हैं लेकिन इस महीने ऐसा नहीं हुआ। जिसकी वजह संसद का शीतकालीन सत्र था। अगर सत्र के दौरान दाम बढ़ते तो विपक्ष सरकार को संसद में घेर लेती। हालांकि पेट्रोलियाम मंत्रालय ने कंपनियों को बाजार के मुताबिक फैसला लेने को कहा है।
'बिग बॉस' सीजन 3 के कंटेस्टेंट और 'इमोशनल अत्याचार' जैसे लोकप्रिय शो को होस्ट कर चुके प्रवेश राणा जल्द ही शादी के बंधन में बंधने वाले हैं. साल 2008 में मिस्टर इंडिया का खिताब जीत चुके प्रवेश अपनी गर्लफ्रेंड स्कारलेट विल्सन के साथ अगले महीने 25 अगस्त को सात फेरे लेने वाले हैं. बता दें कि स्कारलेट विल्सन ब्रिटिश मॉडल और एक्ट्रेस हैं. खबरों की मानें तो यह शादी लंदन में होगी. शादी के बाद एक साल लंदन में गुजारने के बाद इनदोनों का इरादा दिल्ली या मुंबई में से किसी एक जगह सेटल होने का है. बता दें कि प्रवेश 'फिल्म साहेब, बीवी और गैंगस्टर रिटर्न्स' में काम कर चुके हैं वहीं, स्कारलेट डांस रियलिटी शो 'झलक दिखला जा' के अलावा 'शंघाई' और 'बाहुबली' जैसी फिल्मों में आइटम नंबर करती भी नजर आ चुकी हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने रविवार को चमकी बुखार से प्रभावित मुजफ्फरपुर का दौरा किया. डॉक्टर हर्षवर्धन ने श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल पहुंचकर पीड़ित बच्चों और उनके परिजनों से मुलाकात की. हर्षवर्धन ने मरीजों की केस हिस्ट्री भी देखी और चिकित्सकों से उपचार के संबंध में जानकारी ली. हर्षवर्धन ने पत्रकारों से कहा कि मुजफ्फरपुर और पड़ोसी जिलों में इस बीमारी के मरीजों संख्या बढ़ना चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि इस वर्ष इस बीमारी से अधिक मौतें हुई हैं. डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि मैंने मरीजों की केस हिस्ट्री देखी है. 85 फीसदी मरीजों की समस्या जल्दी सुबह ही बढ़ी है. उन्होंने कहा कि इस बीमारी की चपेट में आने वाले कुछ बच्चे जल्दी अस्पताल पहुंच गए, जबकि कुछ मरीजों को अस्पताल पहुंचने में समय लगा. जो मरीज जल्दी अस्पताल पहुंच गए, उन्होंने रिकवरी की है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने मरीजों के उपचार और अस्पताल के इंतजामात पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि कठिन परिस्थितियों में अस्पताल के चिकित्सक और नर्स बच्चों का अच्छा उपचार कर रहे हैं. उन्होंने मृत्यु की वजह पता लगाने के लिए रिसर्च सेंटर को जरूरी बताया. अस्पताल में पानी से जुड़े सवाल पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कुछ भी बोलने से मना करते हुए कहा कि इस तरह के सवाल मुझसे ना करें. 4 घंटे अस्पताल में रहे हर्षवर्धन केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन अस्पताल में 4 घंटे रहे. इस दौरान उन्होंने अस्पताल में उपचाराधीन चमकी बुखार के सभी मरीजों से मुलाकात की. हर्षवर्धन ने कहा कि 4 घंटों में 100 बच्चों और उनके परिजनों से मिला हूं. एक डॉक्टर के तौर पर मैंने सभी मरीजों से मुलाकात की. गौरतलब है कि हर्षवर्धन की मौजूदगी में भी एक बच्ची ने दम तोड़ दिया. उनके जाने के बाद भी 9 बच्चों के निधन की खबर आई, जिससे मरने वालों की संख्या 93 पहुंच गई है. बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चमकी बुखार से प्रभावित जिलों के चिकित्सकों, स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक महकमें के अधिकारियों को इस जानलेवा बन चुकी इस बीमारी से निपटने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए थे. नीतीश ने मरने वाले बच्चों के परिजनों को 4 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की थी. भीषण गर्मी या विषैली लीची, क्या है मौतों की वजह चमकी बुखार के कहर से मासूम बच्चों की मौत की वजह को लेकर क्षेत्र में कई तरह की चर्चा है. कोई विषैली लीची के सेवन, तो कोई भीषण गर्मी को वजह बता रहा है. हालांकि चिकित्सकों या किसी जिम्मेदार की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
देश में लड़कियों की मौजूदा स्थिति बहुत खराब है. महिलाएं और लड़कियों को परेशान करने के लिए लोग किसी भी हद तक गिरने को तैयार हैं. ताजा मामला केरल का है. केरल के एक लड़के बैजू ने नीचता की हद पार करते हुए एक शर्मनाक करतूत को अंजाम दिया है. मनोरमा ऑनलाइन की एक रिपोर्ट के मुताबिक बैजू थ्रिसूर जिले में होने वाले कलोलसवम त्योहार में भाग लेने गया था. उसने अपने चप्पल में छेद करके ऊपर की तरफ एक कैमरा फिट कर दिया था. वह पूरे त्योहार में लड़कियों और महिलाओं की इजाजत के बिना घूम घूमकर तस्वीर ली. वह इधर-उधर घूम रहा था और अपनी चप्पल चेक कर रहा था. पुलिस की निगाह उस पर पड़ी तो शक हुआ. वह बेफिक्र होकर करतूत कर रहा था. पुलिस को शक हुआ और उन्होंने उसे धर दबोचा. एक पुलिसकर्मी ने बताया, 'वह भीड़ में जाकर वीडियोज बना रहा था. कई बार वह अपनी चप्पल भीड़ में ही छोड़कर दूर से देखता था. हमने ऐसा कभी नहीं देखा था इसलिए हमें शक हुआ.' बैजू को समय रहते हुए पुलिस ने दबोच लिया और बेखबर महिलाओं के वीडियोज का दुरुपयोग करने से बचा लिया.
परिभाषा - जहाँ उपमेय में उपमान होने की संभावना या कल्पना की जाती है, वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। पहचान - जनु, मनु, इव, मानो, मनो, मनहुँ, आदि। शब्द अगर किसी अलंकार में आते है तो वह उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। अलंकार चन्द्रोदय के अनुसार हिन्दी कविता में प्रयुक्त एक अलंकार उस काल मारे क्रोध के तन काँपने उनका लगा मानो हवा के वेग से सोता हुआ सागर जगा। सोहत ओढ़े पीत पर, स्याम सलोने गात। मनहु नील मनि सैण पर, आतप परयौ प्रभात।। हिन्दी साहित्य
'मस्तीजादे' की शूटिंग शुरू होने वाली थी और सनी लियोनी ने अपने कैरेक्टर के लिए तैयारियां शुरू कर दी थीं. जिसमें फिटनेस पर खास ख्याल रखा गया था. सनी को अपने कैरेक्टर के लिए भी जमकर मेहनत करनी पड़ी और फिट दिखने के लिए कुछ ज्यादा ही कसरत करनी थी. लेकिन जोर का झटका उन्हें सेट पर पहुंचकर उस समय लगा जब उनके स्टाइलिस्ट ने बताया कि उन्हें अपनी फिटनेस को नए लेवल पर ले जाना होगा क्योंकि फिल्म की उनकी वार्डरोब में सिर्फ 2 ड्रेसेज, शॉर्ट्स और क्रॉप टॉप का एक जोड़ा और 27 बिकिनी होंगी. सनी की हालत लगभग रोने वाली हो गई क्योंकि उन्हें इसके लिए अपने पसंदीदा पिज्जा को त्यागना पड़ता. यही नहीं, सनी यह सोचकर भी हैरत में थीं कि यह कैसी फिल्म है जिसकी वार्डरोब इस तरह की है? सनी ने उस दिन एक भी सीन शूट नहीं किया. फिल्म के डायरेक्टर मिलाप झावेरी, रंगीता नंदी, वीर दास और तुषार कपूर ने सनी को मनाया. यह फैसला हुआ कि सेट पर मौजूद सभी लोग इसी तरह की डाइट लेंगे. यही नहीं सनी के इस इरादे को परखने की भी कोशिश की गई और कई बार उनके होटल के कमरे के दरवाजे पर पिज्जा के स्लाइस भी रख दिए गए. मिलाप बताते हैं, ' सनी को इस तरह पिज्जा दिखाकर ललचाना वाकई मजेदार था . लेकिन उनकी मेहनत रंग लाई और फिल्म में उन्होंने जो भी बिकिनी पहनी है, उसमें वे गजब की लगी हैं. वह पिज्जा से ज्यादा हॉट लगी हैं.'
वेसर शैली भारतीय हिन्दू स्थापत्य कला की तीन में से एक शैली है। नागर और द्रविड़ शैली के मिश्रित रूप को वेसर या बेसर शैली की संज्ञा दी गई है। यह विन्यास में द्रविड़ शैली का तथा रूप में नागर जैसा होता है। इस शैली के मंदिर विन्ध्य पर्वतमाला से कृष्णा नदी के बीच निर्मित हैं। मध्य भारत तथा कर्णाटक के की मन्दिरों में प्रायः उत्तरी तथा द्रविड दोनों ही शैलियों का सम्मिलित स्वरूप मिलता है। कर्णाटक के चालुक्य मन्दिर वेसर शैली के माने जा सकते हैं। चालुक्यों ने मिश्रित वेसर शैली को प्रोत्साहन दिया था। इन मन्दिरों का रूप कुछ विशिष्ट ही होता है। विमान शिखर छोटा, फ़ैले कलश, मूर्तियों का आधिक्य, अलंकरण परम्परा का बाहुल्य ही इनकी विशेषता है। अधिकांशतः दक्खिन में मिलने वाले इन मन्दिरों के शिल्प को उन्नति के शिखर पर पहुंचाने का प्रयास चालुक्यों और होयसालों ने सर्वाधिक किया है। बेसर शैली संछिप में : नागरऔर द्रविड़ शैलियों के मिले-जुले रूप को बेसर शैली कहते हैं। इस शैली के मंदिर विंध्याचल पर्वत से लेकर कृष्णा नदी तक पाए जाते हैं। बेसर शैली को चालुक्य शैली भी कहते हैं। बेसर शैली के मंदिरों का आकार आधार से शिखर तक गोलाकार (वृत्ताकार) या अर्द्ध गोलाकार होता है। बेसर शैली का उदाहरण है- वृंदावन का वैष्णव मंदिर जिसमें गोपुरम बनाया गया है। गुप्त काल के बाद देश में स्थापत्य को लेकर क्षेत्रीय शैलियों के विकास में एक नया मोड़ आता है। इस काल में ओडिशा, गुजरात, राजस्थान एवं बुंदेलखंड का स्थापत्य ज़्यादा महत्त्वपूर्ण है। इन स्थानों में 8वीं से 13वीं सदी तक महत्त्वपूर्ण मंदिरों का निर्माण हुआ। इसी दौर में दक्षिण भारत में चालुक्य, पल्लव, राष्ट्रकूटकालीन और चोलयुगीन स्थापत्य अपने वैशिष्ट्य के साथ सामने आया। अन्य शैलियां अन्य शैलियाँ हैं: नागर शैली: उत्तर भारतीय द्रविड़ शैली: दक्षिण भारतीय निरन्धार शैली सन्धार शैली सर्वतोभद्र शैली सन्दर्भ इन्हें भी देखें भारतीय वास्तुशास्त्र
यह लेख है: उत्तर कोरिया का शुक्रवार को किया गया रॉकेट प्रक्षेपण विफल हो गया है। इसके साथ ही उसका उपग्रह अपनी कक्षा में प्रवेश नहीं कर सका है। दक्षिण कोरिया ने इसे उत्तर कोरिया का बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण कहा है। सरकारी केसीएनए समाचार एजेंसी ने यह जानकारी दी है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक प्रक्षेपण विफल होने के बाद अब वैज्ञानिक व तकनीशियन इसकी विफलता के कारण खोज रहे हैं। दक्षिण कोरिया ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर कोरिया को कथिततौर पर असफल लम्बी दूरी के रॉकेट प्रक्षेपण की जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी। इससे संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध का उल्लंघन हुआ है। दक्षिण कोरियाई रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 90 टन वजनी उन्हा-3 रॉकेट सुबह 7.39 बजे टांगचांग-री से प्रक्षेपित किया गया था लेकिन वह 20 टुकड़ों में टूटकर समुद्र में गिर गया। प्रक्षेपण के एक-दो मिनट बाद ही यह घटना हुई। दक्षिण कोरियाई मंत्रालय ने इस प्रक्षेपण को बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण व गम्भीर खतरा बताते हुए कहा कि टूटे हुए रॉकेट के टुकड़े दक्षिण कोरिया के पश्चिमी बंदरगाह शहर गुनसान से करीब 100 से 150 किलोमीटर की दूरी पर पानी में गिरे हैं। गौरतलब है कि दक्षिण कोरिया व जापान ने चेतावनी दी थी कि यदि रॉकेट उनके सीमा क्षेत्र में आया तो वे उस पर हमला कर उसे गिरा देंगे लेकिन रॉकेट का मलबा अंतर्राष्ट्रीय जल क्षेत्र में गिरा। उत्तर कोरिया की ओर से कहा गया है कि देश के संस्थापक पिता किम 2-संग की 15 अप्रैल को जन्मशताब्दी के अवसर पर अंतरिक्ष में उपग्रह पहुंचाने के लिए यह रॉकेट प्रक्षेपण किया गया। उसने कहा कि यह रॉकेट प्रक्षेपण शांतिपूर्ण कार्यों के लिए है और अन्य देश इससे प्रभावित नहीं होंगे। दक्षिण कोरिया, अमेरिका व अन्य देश इस प्रक्षेपण को लम्बी दूरी के बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के रूप में देख रहे हैं, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्वीकृत प्रस्ताव का उल्लंघन है। इसके अलावा इससे उत्तर कोरिया व अमेरिका के बीच हाल ही में हुए एक समझौते का भी उल्लंघन होता है। इस समझौते में अमेरिका की ओर से खाद्य सहायता की बात कही गई थी तो उत्तर कोरिया ने अपने परमाणु व मिसाइल परीक्षण रोकने के लिए कहा था।टिप्पणियां राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद दक्षिण कोरियाई विदेश मंत्री किम संग-हान ने एक वक्तव्य जारी कर कहा, "उत्तर कोरिया का लम्बी दूरी का मिसाइस प्रक्षेपण स्पष्ट रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रस्ताव संख्या 1874 का उल्लंघन है जबकि इसमें बैलिस्टिक मिसाइल प्रौद्योगिकी से सम्बद्ध सभी प्रक्षेपणों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। यह उकसाने वाला कृत्य है, जो कोरियाई प्रायद्वीप व पूर्वोत्तर एशिया की सुरक्षा के लिए खतरनाक है।" बैठक में राष्ट्रपति ली म्युंग-बाक भी मौजूद थे। किम ने कहा, "उत्तर कोरिया को इस प्रक्षेपण की जिम्मेदारी लेनी होगी।" उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरियाई सरकार को अपने उत्तरी पड़ोसी की ओर से उत्पन्न सम्भावित परमाणु व मिसाइल खतरों पर व्यापक प्रतिक्रिया की उम्मीद है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक प्रक्षेपण विफल होने के बाद अब वैज्ञानिक व तकनीशियन इसकी विफलता के कारण खोज रहे हैं। दक्षिण कोरिया ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर कोरिया को कथिततौर पर असफल लम्बी दूरी के रॉकेट प्रक्षेपण की जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी। इससे संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध का उल्लंघन हुआ है। दक्षिण कोरियाई रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 90 टन वजनी उन्हा-3 रॉकेट सुबह 7.39 बजे टांगचांग-री से प्रक्षेपित किया गया था लेकिन वह 20 टुकड़ों में टूटकर समुद्र में गिर गया। प्रक्षेपण के एक-दो मिनट बाद ही यह घटना हुई। दक्षिण कोरियाई मंत्रालय ने इस प्रक्षेपण को बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण व गम्भीर खतरा बताते हुए कहा कि टूटे हुए रॉकेट के टुकड़े दक्षिण कोरिया के पश्चिमी बंदरगाह शहर गुनसान से करीब 100 से 150 किलोमीटर की दूरी पर पानी में गिरे हैं। गौरतलब है कि दक्षिण कोरिया व जापान ने चेतावनी दी थी कि यदि रॉकेट उनके सीमा क्षेत्र में आया तो वे उस पर हमला कर उसे गिरा देंगे लेकिन रॉकेट का मलबा अंतर्राष्ट्रीय जल क्षेत्र में गिरा। उत्तर कोरिया की ओर से कहा गया है कि देश के संस्थापक पिता किम 2-संग की 15 अप्रैल को जन्मशताब्दी के अवसर पर अंतरिक्ष में उपग्रह पहुंचाने के लिए यह रॉकेट प्रक्षेपण किया गया। उसने कहा कि यह रॉकेट प्रक्षेपण शांतिपूर्ण कार्यों के लिए है और अन्य देश इससे प्रभावित नहीं होंगे। दक्षिण कोरिया, अमेरिका व अन्य देश इस प्रक्षेपण को लम्बी दूरी के बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के रूप में देख रहे हैं, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्वीकृत प्रस्ताव का उल्लंघन है। इसके अलावा इससे उत्तर कोरिया व अमेरिका के बीच हाल ही में हुए एक समझौते का भी उल्लंघन होता है। इस समझौते में अमेरिका की ओर से खाद्य सहायता की बात कही गई थी तो उत्तर कोरिया ने अपने परमाणु व मिसाइल परीक्षण रोकने के लिए कहा था।टिप्पणियां राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद दक्षिण कोरियाई विदेश मंत्री किम संग-हान ने एक वक्तव्य जारी कर कहा, "उत्तर कोरिया का लम्बी दूरी का मिसाइस प्रक्षेपण स्पष्ट रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रस्ताव संख्या 1874 का उल्लंघन है जबकि इसमें बैलिस्टिक मिसाइल प्रौद्योगिकी से सम्बद्ध सभी प्रक्षेपणों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। यह उकसाने वाला कृत्य है, जो कोरियाई प्रायद्वीप व पूर्वोत्तर एशिया की सुरक्षा के लिए खतरनाक है।" बैठक में राष्ट्रपति ली म्युंग-बाक भी मौजूद थे। किम ने कहा, "उत्तर कोरिया को इस प्रक्षेपण की जिम्मेदारी लेनी होगी।" उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरियाई सरकार को अपने उत्तरी पड़ोसी की ओर से उत्पन्न सम्भावित परमाणु व मिसाइल खतरों पर व्यापक प्रतिक्रिया की उम्मीद है। दक्षिण कोरियाई रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 90 टन वजनी उन्हा-3 रॉकेट सुबह 7.39 बजे टांगचांग-री से प्रक्षेपित किया गया था लेकिन वह 20 टुकड़ों में टूटकर समुद्र में गिर गया। प्रक्षेपण के एक-दो मिनट बाद ही यह घटना हुई। दक्षिण कोरियाई मंत्रालय ने इस प्रक्षेपण को बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण व गम्भीर खतरा बताते हुए कहा कि टूटे हुए रॉकेट के टुकड़े दक्षिण कोरिया के पश्चिमी बंदरगाह शहर गुनसान से करीब 100 से 150 किलोमीटर की दूरी पर पानी में गिरे हैं। गौरतलब है कि दक्षिण कोरिया व जापान ने चेतावनी दी थी कि यदि रॉकेट उनके सीमा क्षेत्र में आया तो वे उस पर हमला कर उसे गिरा देंगे लेकिन रॉकेट का मलबा अंतर्राष्ट्रीय जल क्षेत्र में गिरा। उत्तर कोरिया की ओर से कहा गया है कि देश के संस्थापक पिता किम 2-संग की 15 अप्रैल को जन्मशताब्दी के अवसर पर अंतरिक्ष में उपग्रह पहुंचाने के लिए यह रॉकेट प्रक्षेपण किया गया। उसने कहा कि यह रॉकेट प्रक्षेपण शांतिपूर्ण कार्यों के लिए है और अन्य देश इससे प्रभावित नहीं होंगे। दक्षिण कोरिया, अमेरिका व अन्य देश इस प्रक्षेपण को लम्बी दूरी के बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के रूप में देख रहे हैं, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्वीकृत प्रस्ताव का उल्लंघन है। इसके अलावा इससे उत्तर कोरिया व अमेरिका के बीच हाल ही में हुए एक समझौते का भी उल्लंघन होता है। इस समझौते में अमेरिका की ओर से खाद्य सहायता की बात कही गई थी तो उत्तर कोरिया ने अपने परमाणु व मिसाइल परीक्षण रोकने के लिए कहा था।टिप्पणियां राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद दक्षिण कोरियाई विदेश मंत्री किम संग-हान ने एक वक्तव्य जारी कर कहा, "उत्तर कोरिया का लम्बी दूरी का मिसाइस प्रक्षेपण स्पष्ट रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रस्ताव संख्या 1874 का उल्लंघन है जबकि इसमें बैलिस्टिक मिसाइल प्रौद्योगिकी से सम्बद्ध सभी प्रक्षेपणों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। यह उकसाने वाला कृत्य है, जो कोरियाई प्रायद्वीप व पूर्वोत्तर एशिया की सुरक्षा के लिए खतरनाक है।" बैठक में राष्ट्रपति ली म्युंग-बाक भी मौजूद थे। किम ने कहा, "उत्तर कोरिया को इस प्रक्षेपण की जिम्मेदारी लेनी होगी।" उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरियाई सरकार को अपने उत्तरी पड़ोसी की ओर से उत्पन्न सम्भावित परमाणु व मिसाइल खतरों पर व्यापक प्रतिक्रिया की उम्मीद है। गौरतलब है कि दक्षिण कोरिया व जापान ने चेतावनी दी थी कि यदि रॉकेट उनके सीमा क्षेत्र में आया तो वे उस पर हमला कर उसे गिरा देंगे लेकिन रॉकेट का मलबा अंतर्राष्ट्रीय जल क्षेत्र में गिरा। उत्तर कोरिया की ओर से कहा गया है कि देश के संस्थापक पिता किम 2-संग की 15 अप्रैल को जन्मशताब्दी के अवसर पर अंतरिक्ष में उपग्रह पहुंचाने के लिए यह रॉकेट प्रक्षेपण किया गया। उसने कहा कि यह रॉकेट प्रक्षेपण शांतिपूर्ण कार्यों के लिए है और अन्य देश इससे प्रभावित नहीं होंगे। दक्षिण कोरिया, अमेरिका व अन्य देश इस प्रक्षेपण को लम्बी दूरी के बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के रूप में देख रहे हैं, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्वीकृत प्रस्ताव का उल्लंघन है। इसके अलावा इससे उत्तर कोरिया व अमेरिका के बीच हाल ही में हुए एक समझौते का भी उल्लंघन होता है। इस समझौते में अमेरिका की ओर से खाद्य सहायता की बात कही गई थी तो उत्तर कोरिया ने अपने परमाणु व मिसाइल परीक्षण रोकने के लिए कहा था।टिप्पणियां राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद दक्षिण कोरियाई विदेश मंत्री किम संग-हान ने एक वक्तव्य जारी कर कहा, "उत्तर कोरिया का लम्बी दूरी का मिसाइस प्रक्षेपण स्पष्ट रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रस्ताव संख्या 1874 का उल्लंघन है जबकि इसमें बैलिस्टिक मिसाइल प्रौद्योगिकी से सम्बद्ध सभी प्रक्षेपणों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। यह उकसाने वाला कृत्य है, जो कोरियाई प्रायद्वीप व पूर्वोत्तर एशिया की सुरक्षा के लिए खतरनाक है।" बैठक में राष्ट्रपति ली म्युंग-बाक भी मौजूद थे। किम ने कहा, "उत्तर कोरिया को इस प्रक्षेपण की जिम्मेदारी लेनी होगी।" उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरियाई सरकार को अपने उत्तरी पड़ोसी की ओर से उत्पन्न सम्भावित परमाणु व मिसाइल खतरों पर व्यापक प्रतिक्रिया की उम्मीद है। उत्तर कोरिया की ओर से कहा गया है कि देश के संस्थापक पिता किम 2-संग की 15 अप्रैल को जन्मशताब्दी के अवसर पर अंतरिक्ष में उपग्रह पहुंचाने के लिए यह रॉकेट प्रक्षेपण किया गया। उसने कहा कि यह रॉकेट प्रक्षेपण शांतिपूर्ण कार्यों के लिए है और अन्य देश इससे प्रभावित नहीं होंगे। दक्षिण कोरिया, अमेरिका व अन्य देश इस प्रक्षेपण को लम्बी दूरी के बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के रूप में देख रहे हैं, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्वीकृत प्रस्ताव का उल्लंघन है। इसके अलावा इससे उत्तर कोरिया व अमेरिका के बीच हाल ही में हुए एक समझौते का भी उल्लंघन होता है। इस समझौते में अमेरिका की ओर से खाद्य सहायता की बात कही गई थी तो उत्तर कोरिया ने अपने परमाणु व मिसाइल परीक्षण रोकने के लिए कहा था।टिप्पणियां राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद दक्षिण कोरियाई विदेश मंत्री किम संग-हान ने एक वक्तव्य जारी कर कहा, "उत्तर कोरिया का लम्बी दूरी का मिसाइस प्रक्षेपण स्पष्ट रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रस्ताव संख्या 1874 का उल्लंघन है जबकि इसमें बैलिस्टिक मिसाइल प्रौद्योगिकी से सम्बद्ध सभी प्रक्षेपणों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। यह उकसाने वाला कृत्य है, जो कोरियाई प्रायद्वीप व पूर्वोत्तर एशिया की सुरक्षा के लिए खतरनाक है।" बैठक में राष्ट्रपति ली म्युंग-बाक भी मौजूद थे। किम ने कहा, "उत्तर कोरिया को इस प्रक्षेपण की जिम्मेदारी लेनी होगी।" उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरियाई सरकार को अपने उत्तरी पड़ोसी की ओर से उत्पन्न सम्भावित परमाणु व मिसाइल खतरों पर व्यापक प्रतिक्रिया की उम्मीद है। दक्षिण कोरिया, अमेरिका व अन्य देश इस प्रक्षेपण को लम्बी दूरी के बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के रूप में देख रहे हैं, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्वीकृत प्रस्ताव का उल्लंघन है। इसके अलावा इससे उत्तर कोरिया व अमेरिका के बीच हाल ही में हुए एक समझौते का भी उल्लंघन होता है। इस समझौते में अमेरिका की ओर से खाद्य सहायता की बात कही गई थी तो उत्तर कोरिया ने अपने परमाणु व मिसाइल परीक्षण रोकने के लिए कहा था।टिप्पणियां राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद दक्षिण कोरियाई विदेश मंत्री किम संग-हान ने एक वक्तव्य जारी कर कहा, "उत्तर कोरिया का लम्बी दूरी का मिसाइस प्रक्षेपण स्पष्ट रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रस्ताव संख्या 1874 का उल्लंघन है जबकि इसमें बैलिस्टिक मिसाइल प्रौद्योगिकी से सम्बद्ध सभी प्रक्षेपणों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। यह उकसाने वाला कृत्य है, जो कोरियाई प्रायद्वीप व पूर्वोत्तर एशिया की सुरक्षा के लिए खतरनाक है।" बैठक में राष्ट्रपति ली म्युंग-बाक भी मौजूद थे। किम ने कहा, "उत्तर कोरिया को इस प्रक्षेपण की जिम्मेदारी लेनी होगी।" उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरियाई सरकार को अपने उत्तरी पड़ोसी की ओर से उत्पन्न सम्भावित परमाणु व मिसाइल खतरों पर व्यापक प्रतिक्रिया की उम्मीद है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद दक्षिण कोरियाई विदेश मंत्री किम संग-हान ने एक वक्तव्य जारी कर कहा, "उत्तर कोरिया का लम्बी दूरी का मिसाइस प्रक्षेपण स्पष्ट रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रस्ताव संख्या 1874 का उल्लंघन है जबकि इसमें बैलिस्टिक मिसाइल प्रौद्योगिकी से सम्बद्ध सभी प्रक्षेपणों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। यह उकसाने वाला कृत्य है, जो कोरियाई प्रायद्वीप व पूर्वोत्तर एशिया की सुरक्षा के लिए खतरनाक है।" बैठक में राष्ट्रपति ली म्युंग-बाक भी मौजूद थे। किम ने कहा, "उत्तर कोरिया को इस प्रक्षेपण की जिम्मेदारी लेनी होगी।" उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरियाई सरकार को अपने उत्तरी पड़ोसी की ओर से उत्पन्न सम्भावित परमाणु व मिसाइल खतरों पर व्यापक प्रतिक्रिया की उम्मीद है। किम ने कहा, "उत्तर कोरिया को इस प्रक्षेपण की जिम्मेदारी लेनी होगी।" उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरियाई सरकार को अपने उत्तरी पड़ोसी की ओर से उत्पन्न सम्भावित परमाणु व मिसाइल खतरों पर व्यापक प्रतिक्रिया की उम्मीद है।
वेदिका कुमार एक भारतीय अभिनेत्री और मॉडल हैं जिन्होंने मलयालम, तेलुगु, तमिल और कन्नड़ फिल्मों में अपना करियर स्थापित किया है। उन्होंने अपने अभिनय करियर की शुरुआत तमिल फिल्म मद्रासी से की थी। उन्होंने बाला की पीरियड फिल्म परदेसी (2013) में अंगम्मा का किरदार निभाकर अपनी सफलता हासिल की, अपने किरदार के लिए आलोचकों की प्रशंसा और पुरस्कार जीते। एक साल बाद उन्होंने काव्या थलाइवन (2014) में अभिनय किया। 2016 में, उनकी कन्नड़ फिल्म शिवलिंगा कन्नड़ उद्योग में सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर में से एक बन गई। 2019 में, वह तमिल फिल्म कंचना 3 में दिखाई दीं, जो साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली तमिल फिल्मों में से एक बन गई। उन्होंने 2019 में फिल्म द बॉडी से बॉलीवुड में डेब्यू किया। सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ भारतीय अभिनेत्री
मशहूर शायर मुनव्वर राना कोसीने में दर्द की शिकायत और डायबिटीज के चलते मंगलवार की शाम लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हालांकि परिजनों ने उनकी हालत में सुधार बताया है. मुनव्वर राना का इलाज हृदय रोग विशेषज्ञ प्रो. सुदीप कुमार की देखरेख में चल रहा है. मुनव्वर राना के सीने में मंगलवार के अचानक तेज दर्द उठा, इसके बाद परिवार वालों ने उन्हें लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई ले गए. अस्पताल में भर्ती करते ही डॉक्टरों ने इलाज शुरू कर दिया है. पीजीआई के जी ब्लॉक स्थित कार्डियोलॉजी के वार्ड के प्राइवेट रूम एक में भर्ती मुनव्वर राना का इलाज कार्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टरों की टीम  कर रही है. मुनव्वर राना की बड़ी बेटी सुमैया राना ने बताया कि तबीयत में तेजी से सुधार हो रहा है, फिलहाल वो किसी भी खतरे से बाहर हैं. मंगलवार को शाम सीने में दर्द उठा था और सांस लेने में परेशानी हो रही थी. इसके बाद उन्हें पीजीआई में भर्ती कराया गया है, जहां डाक्टरों ने तेजी से इलाज शुरू कर दिया. बता दें कि मुनव्वर राना इससे पहले भी तबीयत खराब हो चुकी है. 2017 में भी उनके सीने में दर्द उठा था. फेफड़ों और गले में इंफेक्शन के चलते उन्हें एसजीपीजीआई में ही भर्ती कराया गया था. इससे अलावा मुनव्वर राना गले के कैंसर से भी पीड़ित हैं, जिसका इलाज मुंबई से चल रहा है. मुनव्वर राना के घुटने का भी इलाज चल रहा है. पिछले सात सालों में कई बार उनके घुटने का ऑपरेशन हो चुका है. उनके दोनों घुटने बदले जा चुके हैं. पहली बार उनके घुटना का ऑपरेशन इंदौर में हुआ था, लेकिन  इसके बाद भी उन्हें चलने फिरने में दिक्कत हो रही थी. जिसके चलते उन्होंने दिल्ली के AIIMS में फिर ऑपरेशन किया गया है.
हिन्दू धर्म में वेदों के सन्दर्भ में अपौरुषेयतावाद वह मत है जो मानती है कि वेद 'अपौरुषेय' हैं अर्थात् वेदों को किसी ने नहीं रचा है - न तो मनुष्य ने और न ही किसी दैवी शक्ति ने। वेदों को 'अपौरुषेय शब्द' से भी कहते हैं। व्याख्या वेद के के आविर्भाव के विषय में नैयायिकों और तद्भिन दार्शनिकों के, विशेषत: मीमांसकों के, मत में बड़ा पार्थक्य है। न्याय का मत है कि ईश्वर द्वारा रचित होने के कारण वेद 'पौरुषेय' है, परंतु सांख्य, वेदांत और मीमांसा मत में वेद का उन्मेष स्वत: ही होता है; उसके लिए किसी भी व्यक्ति का, यहाँ तक कि सर्वज्ञ ईश्वर का भी प्रयत्न कार्यसाधक नहीं है। पुरुष द्वारा उच्चरितमात्र होने से भी कोई वस्तुपौरुषेय नहीं होती, प्रत्युत्‌ दृष्टि के समान अदृष्ट में भी बुद्धिपूर्वक निर्माण होन पर ही 'पौरुषेयता' आती है (यस्मिझदृष्टेऽपि कृतबुद्धिरुपजाएते तत्‌ पौरुषेयम्‌---सांख्य सूत्र 5150)। श्रुति के अनुसार ऋग्वेद आदि 'उस महाभूत के नि:श्वास' हैं। श्वास प्रश्वास तो स्वत: आविर्भूत होते हैं। उनके उत्पादन में पुरुष के कोई बुद्धि नहीं होती। अत: उस महाभूत के नि:श्वास रूप ये वेद अदृष्टवशात्‌ अबुद्धिपूर्वक स्वयं आविर्भूत होते हैं। मीमांसा मत में शब्द नित्य होता है। शब्द अश्रुत होने पर भी लुप्त नहीं होता; क्रमश: विकीर्ण होने पर, बहुत स्थानों में फैल जाने पर, वह लघु और अश्रुत हो जाता हैं, परंतु कथापि लुप्त नहीं होता। 'शब्द करो' कहते ही आकाश में अंतर्हिंत शब्द तालु और जिह्वा के संयोग से आविर्भूत मात्र हो जाता हैं, उत्पन्न नहीं होता (मीमांसा सूत्र 1/1/14)। वेद नित्य शब्द की राशि होने से नित्य हैं, किसी भी प्रकार उत्पाद्य या कार्य नहीं है। तैत्तिरीय, काठक आदि नामों का संबंध भिन्न-भिन्न वैदिक संहिताओं के साथ अवश्य मिलता हैं, परंतु यह आख्या प्रवचन के कारण ही हैं, ग्रंथरचना के कारण नहीं (मी. सू. 1/1/30)। वेदों में स्थान-स्थान पर उपलब्ध बबर प्रावाहणि आदि के समान शब्द किसी व्यक्तिविशेष के वाचक न होकर नित्य पदार्थ के निर्देशक हैं (मी. सू. 1/1/31)। आध्यात्मिक ज्ञान के प्रतिपादक होनेवाले वेदों में लौकिक इतिहास खोजने का प्रयत्न एकदम व्यर्थ हैं। इस प्रकार स्वत: आविर्भूत वेद किसी पुरूष की रचना न होने से 'अपौरूषेय' हैं। इसी सिद्धांत का नाम 'अपौरुषेयतावाद' है। बाहरी कड़ियाँ Vedâpauruseyatva An overview of the concept, by Prof. D. Prahladachar, presented with the author's permission. 58855 bytes. (PDF) Hindu philosophical concepts Sanskrit words and phrases
यह एक लेख है: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की 'जटिलताओं' को लेकर अखिल भारतीय व्यापारी महासंघ (कैट) की चिंताओं को खारिज करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि प्रस्तावित कराधान प्रणाली से विभिन्न करों के जाल और व्यापारिक समुदाय के 'कष्टों' का अंत होगा।   कैट का एक प्रतिनिधि मंडल इसके महासचिव प्रवीण खंडेलवाल की अगुवाई में शनिवार को वित्त मंत्री जेटली से मिला था। इसने प्रस्तावित जीएसटी पर अपनी आपत्तियों और इसकी जटिलताओं के बारे में जेटली को अवगत कराया था।   खंडेलवाल ने कहा, 'वित्त मंत्री ने आश्वस्त किया कि प्रस्तावित जीएसटी से कराधान प्रणाली सरल होगी और मौजूदा कराधान प्रणाली के कारण व्यापारिक समुदाय के सामने आ रही दिक्कतें समाप्त होंगी।' इसके साथ ही जेटली ने यह वादा भी किया कि उत्पादन से वितरण तक विभिन्न चरणों में लगने वाले अलग-अलग करों के जाल को भी यह जीएसटी समाप्त कर देगा।   इसी सप्ताह कैट ने प्रस्तावित जीएसटी का विरोध करते हुए सरकार को सलाह दी थी कि मौजूदा स्वरूप में जीएसटी व्यापारियों के लिए बेहद जटिल है।
यह एक लेख है: भारत के खिलाफ पहले टेस्ट मैच को चुनौतीपूर्ण बताते हुए न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के कोच माइक हेसन ने कहा है कि ग्रीन पार्क पर स्पिनरों की भूमिका काफी महत्‍वपूर्ण होगी. उन्‍होंने कहा कि भारत और उनकी टीम के पास अच्छे स्पिनर हैं, इसलिए मुकाबला बराबरी का होगा. न्यूजीलैंड की टीम ने मंगलवार सुबह ग्रीन पार्क में नेट अभ्‍यास किया. अभ्यास के बाद हेसन ने संवाददाताओं से कहा कि दिल्ली के मुकाबले यहां काफी उमस और गर्मी है और यहां के मौसम का मिजाज कुछ अलग है जिसके अनुसार टीम अगले दो दिन में ढलने की कोशिश करेगी. कोच ने कहा कि दिल्ली में अभ्‍यास मैच खेलकर उनकी टीम काफी उत्साहित है लेकिन यहां की पिच कुछ अलग है और उसी के हिसाब से टीम अभ्‍यास कर रही है. पिच पर थोड़ी घास है जिसके आने वाले दो दिनों में हट जाने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि पिच देखकर लगता है कि इससे स्पिनरों को काफी मदद मिलेगी इसलिए मेहमान टीम भारतीय टीम के स्पिनरों के वीडियो देखकर उनके खिलाफ रणनीति बना रही है. भारत का स्पिन आक्रमण काफी अच्छा है लेकिन उनके बल्लेबाज भी स्पिन को अच्छा खेलते हैं. न्यूजीलैंड के पास भी अच्छे स्पिनर हैं और हमारे पास भी अच्छा मौका है और हमें लगता है कि मुकाबला काफी अच्छा होगा। हमारी टीम नई गेंद से स्पिनरों को खेलने का भी अभ्‍यास कर रही है. टिप्पणियां हेसन ने कहा कि पिच देखकर ऐसा लगता है कि नयी गेंद से भी स्पिनरों को गेंदबाजी कराई जा सकती है. इससे पहले न्यूजीलैंड की टीम ने तेज धूप और उमस के बावजूद जमकर अभ्‍यास किया. भारत और न्यूजीलैंड के बीच पहला टेस्ट 22 सितंबर से खेल जाएगा.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) न्यूजीलैंड की टीम ने मंगलवार सुबह ग्रीन पार्क में नेट अभ्‍यास किया. अभ्यास के बाद हेसन ने संवाददाताओं से कहा कि दिल्ली के मुकाबले यहां काफी उमस और गर्मी है और यहां के मौसम का मिजाज कुछ अलग है जिसके अनुसार टीम अगले दो दिन में ढलने की कोशिश करेगी. कोच ने कहा कि दिल्ली में अभ्‍यास मैच खेलकर उनकी टीम काफी उत्साहित है लेकिन यहां की पिच कुछ अलग है और उसी के हिसाब से टीम अभ्‍यास कर रही है. पिच पर थोड़ी घास है जिसके आने वाले दो दिनों में हट जाने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि पिच देखकर लगता है कि इससे स्पिनरों को काफी मदद मिलेगी इसलिए मेहमान टीम भारतीय टीम के स्पिनरों के वीडियो देखकर उनके खिलाफ रणनीति बना रही है. भारत का स्पिन आक्रमण काफी अच्छा है लेकिन उनके बल्लेबाज भी स्पिन को अच्छा खेलते हैं. न्यूजीलैंड के पास भी अच्छे स्पिनर हैं और हमारे पास भी अच्छा मौका है और हमें लगता है कि मुकाबला काफी अच्छा होगा। हमारी टीम नई गेंद से स्पिनरों को खेलने का भी अभ्‍यास कर रही है. टिप्पणियां हेसन ने कहा कि पिच देखकर ऐसा लगता है कि नयी गेंद से भी स्पिनरों को गेंदबाजी कराई जा सकती है. इससे पहले न्यूजीलैंड की टीम ने तेज धूप और उमस के बावजूद जमकर अभ्‍यास किया. भारत और न्यूजीलैंड के बीच पहला टेस्ट 22 सितंबर से खेल जाएगा.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने कहा कि पिच देखकर लगता है कि इससे स्पिनरों को काफी मदद मिलेगी इसलिए मेहमान टीम भारतीय टीम के स्पिनरों के वीडियो देखकर उनके खिलाफ रणनीति बना रही है. भारत का स्पिन आक्रमण काफी अच्छा है लेकिन उनके बल्लेबाज भी स्पिन को अच्छा खेलते हैं. न्यूजीलैंड के पास भी अच्छे स्पिनर हैं और हमारे पास भी अच्छा मौका है और हमें लगता है कि मुकाबला काफी अच्छा होगा। हमारी टीम नई गेंद से स्पिनरों को खेलने का भी अभ्‍यास कर रही है. टिप्पणियां हेसन ने कहा कि पिच देखकर ऐसा लगता है कि नयी गेंद से भी स्पिनरों को गेंदबाजी कराई जा सकती है. इससे पहले न्यूजीलैंड की टीम ने तेज धूप और उमस के बावजूद जमकर अभ्‍यास किया. भारत और न्यूजीलैंड के बीच पहला टेस्ट 22 सितंबर से खेल जाएगा.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) हेसन ने कहा कि पिच देखकर ऐसा लगता है कि नयी गेंद से भी स्पिनरों को गेंदबाजी कराई जा सकती है. इससे पहले न्यूजीलैंड की टीम ने तेज धूप और उमस के बावजूद जमकर अभ्‍यास किया. भारत और न्यूजीलैंड के बीच पहला टेस्ट 22 सितंबर से खेल जाएगा.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: बाजार नियामक सेबी का प्रस्ताव है कि सभी सूचीबद्ध कंपनियों को बोर्ड बैठक खत्म होने के 15 मिनट के भीतर लाभांश, बोनस, धन जुटाने एवं पुनर्खरीद संबंधी निर्णयों सहित अन्य निर्णयों को सार्वजनिक करना चाहिए। सेबी ने परिचर्चा परिपत्र में सुझाव दिया है कि सभी सूचीबद्ध कंपनियों को निदेशक मंडल की बैठक खत्म होने के 15 मिनट के भीतर धन जुटाने के प्रस्ताव, लाभांश, नकद बोनस, प्रतिभूतियों की पुनर्खरीद पर निर्णयों के बारे में शेयर बाजारों को सूचित करना होगा। सूचीबद्ध कंपनियों को वित्तीय नतीजों, स्वेच्छा से शेयरों की सूचीबद्धता समाप्त करने, बोनस शेयरों के जरिए पूंजी बढ़ाने आदि पर निर्णय के बारे में भी सूचीबद्ध करना आवश्यक होगा। 26 पन्नों के परिचर्चा परिपत्र के मुताबिक, ये प्रस्ताव विभिन्न बाजार भागीदारों के साथ चर्चा के बाद तैयार किए गए हैं। परिचर्चा पत्र पर 12 सितंबर तक जनता से प्रतिक्रिया मांगी गई है।
यह लेख है: इस शुक्रवार रिलीज़ हुई है यशराज बैनर की 'गुंडे', जिसमें गुंडागर्दी करते नज़र आएंगे रणवीर सिंह और अर्जुन कपूर, और उनके साथ हैं प्रियंका चोपड़ा, इरफान खान और सौरभ शुक्ला... फिल्म की कहानी घूमती है, विक्रम और बाला, यानि रणवीर सिंह और अर्जुन कपूर के इर्दगिर्द, जो वर्ष 1971 के हिन्दुस्तान−पाकिस्तान युद्ध के बाद बांग्लादेश में रह जाते हैं, और बाद में उन्हें मजबूरन वापस उस वक्त के कलकत्ता का रुख करना पड़ जाता है... हालात इन दोनों को गुंडा बनने पर मजबूर कर देते हैं, जिसके बाद इनकी ज़िन्दगी में आती हैं नंदिता, यानि प्रियंका चोपड़ा, जो एक कैब्रे डांसर हैं और ये दोनों ही उसे दिल दे बैठते हैं... 'गुंडे' याद दिलाती है, '70 के दशक के सिनेमा की, जहां 'दीवार' और 'ज़ंजीर' थीं, या '80 के दशक में आई अमिताभ बच्चन और शत्रुघ्न सिन्हा की 'दोस्ताना'... कुछ ऐसी ही फिल्मों के तेवर 'गुंडे' में आपको नज़र आएंगे... हीरोइज़्म का वह अंदाज़, जो '70 के डायरेक्टरों और एक्टरों ने बड़े पर्दे पर रचा था, उसे दर्शक फिर महसूस कर पाएंगे... फिर चाहे वह फिल्म के दृश्य हों, विक्रम और बाला के 'लार्जर दैन लाइफ' कैरेक्टर हों, या फिल्म का ट्रीटमेंट... इसमें कोई संदेह नहीं, कि रणवीर सिंह और अर्जुन कपूर की जोड़ी आपको कभी अमिताभ−शत्रुघ्न और कभी अमिताभ−विनोद खन्ना की याद दिलाएगी, लेकिन अली अब्बास ज़फर कहानी में कुछ चूक गए, क्योंकि शुरुआत से ही समझ आने लगता है, क्या होने वाला है... यानि, आप पहले ही भांप जाते हैं कि आगे क्या होने वाला है... उधर, फिल्म के गाने वैसे तो अच्छे है और लोकप्रिय भी हो चुके हैं, लेकिन कई जगह फिल्म की रफ़्तार पर ब्रेक लगा देते हैं... किसी भी फिल्म में सीन्स जान डालने का काम करते हैं, लेकिन यहां इसकी कमी नज़र आई... हालांकि फिल्म के कई सीन्स बहुत अच्छे ढ़ंग से फिल्माए गए हैं, वह भी स्टाइलिश अंदाज़ में... कैमरे का काम अच्छा है, और प्रियंका फिल्म में अच्छी लग रही हैं... इरफान का काम अच्छा है, रणवीर एक बार फिर बाज़ी मार ले गए हैं, लेकिन पुराने अंदाज़ में नज़र आते हैं... उन्हें अभिनय में थोड़ा और सहज होना चाहिए था... एक बात जो फिल्म में खटकती है, वह है कि फिल्म में बंगाल और बांग्लादेश का कनेक्शन दिखाया तो गया है, लेकिन इरफान के अलावा किसी भी कि़रदार में बंगाल की झलक नहीं नज़र आती... तो अगर आपको '70 का सिनेमा पसंद है और आप सिर्फ और सिर्फ मसाला फिल्म देखना चाहते हैं तो आप 'गुंडे' ज़रूर देख सकते हैं... इस फिल्म के लिए मेरी रेटिंग है - 3 स्टार...
अपनी बोरिंग शादीशुदा जिंदगी में रोमैंस वापस लाने के लिए कई कपल्स अपने लवमेकिंग मोमेंट की वीडियो बनाते हैं. हॉलीवुड एक्ट्रेस कैमरून डियाज भी इन दिनों अपना 'सेक्स टेप' बना रही हैं. हैरान न होइये जनाब. कैमरून ऐसा सिर्फ अपनी आने वाली फिल्म 'सेक्स टेप' के लिए कर रही हैं. फिल्म एक मैरेड कपल जे और एनी की कहानी है. दोनों लव मैरेज करते हैं. दो बच्चे और जिंदगी की आपा-धापी के बीच उन्हें ये एहसास होता है कि उनके बीच का रोमैंस ठंडा पड़ रहा है. पुराने हसीन पलों को जिंदा करने के लिए वो खुद की सेक्स वीडियो बनाने की सोचते हैं. द जॉय ऑफ सेक्स के नाम से तीन घंटे के मैराथन सेक्स को रिकॉर्ड करते हैं. हंगामा तब शुरू होता है जब उन्हें पता चलता है कि यह प्राइवेट वीडियो अब प्राइवेट नहीं रहने वाला है. बस इसके बाद इस वीडियो को पब्लिश होने से रोकने की कोशिशें शुरू हो जाती हैं. जेसन सीगल और कैमरून डियाज की इस फिल्म को जेक कैस्डन ने डायरेक्ट किया है. फिल्म 25 जुलाई को रिलीज हो रही है. देखिये फिल्म सेक्स टेप का ट्रेलर-
A post shared by Mahira Khan (@mahirahkhan) on Oct 31, 2017 at 7:46pm PDT I actually feel sorry for her. She looks lost & misguided. And no one will let her live this one down.Fallen from grace & hard #MahiraKhanpic.twitter.com/7cfEdJ8bRF
सरकार और सेना के बीच विवाद के अटकलों के बीच पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने आगाह किया कि उनकी लोकतांत्रिक सरकार को हटाने के लिए साजिशें रची जा रही हैं। इसके साथ ही गिलानी ने कहा है कि कोई भी संस्थान देश की व्यवस्था के भीतर किसी दूसरी व्यवस्था की तरह नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि यह अवाम को फैसला करना है कि वे निर्वाचित लोगों चाहते हैं अथवा किसी तानाशाह को पसंद करते हैं। पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में गिलानी ने कहा, मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि साजिशें रची जा रही हैं। ये साजिशें निर्वाचित सरकार को हटाने के लिए चल रही हैं। उन्होंने कहा, मैं उन लोगों को बताना चाहता हूं कि हम सरकार में रहें अथवा विपक्ष में रहें, पाकिस्तान की आवाम के हक के लिए हमारी लड़ाई जारी रहेगी। गिलानी ने अपनी सरकार और सेना के बीच मतभेदों के संदर्भ में कहा, कोई संस्थान एक देश की व्यवस्था के भीतर अलग व्यवस्था नहीं बन सकता। उन्होंने कहा, यह कोई नहीं कह सकता कि वह सरकार के तहत नहीं है। इस देश का हर संस्थान प्रधानमंत्री के नीचे आता है। ऐसा दावा कोई नहीं कर सकता कि वह स्वतंत्र है। अगर कोई सोचता है कि वह सरकार के नियंत्रण से बाहर है तो वह गलत है। उन्होंने कहा, सभी सरकार के तहत हैं और आगे भी सरकार के तहत बने रहेंगे क्योंकि हम निर्वाचित और पाकिस्तान की जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं। गिलानी की यह टिप्पणी पाकिस्तान की असैन्य सरकार और सेना के बीच उपजे तनाव की पृष्ठभूमि में आई है। मेमेगोट विवाद के बाद से दोनों के बीच तल्खी की बात सामने आ रही है।
लोकसभा चुनाव 2019 के दूसरे चरण में 12 राज्यों की 95 सीटों पर 18 अप्रैल को मतदान‍ कि‍या गया. ताजा आंकड़ों के अनुसार इन 12 राज्यों में से एक कर्नाटक की 14 सीटों पर औसत 68.55 फीसदी मतदान दर्ज किया गया. वहीं प्रदेश की बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा संसदीय सीट पर 49.76 फीसदी मतदान किया गया. यहां पर 2014 में 55.64 फीसदी मतदान हुआ था. 2019 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) ने अपने मौजूदा सांसद पीसी मोहन को फिर चुनाव मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की तरफ से रिजवान अर्शद प्रत्याशी बनाए गए हैं. सबसे दिलचस्प बात यह है कि इस सीट से अभिनेता प्रकाश राज निर्दलीय उम्मीदवार हैं. उन्होंने 5 जनवरी को ही इस सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. प्रकाश का चुनाव प्रचार करने के लिए गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी भी बेंगलुरु पहुंचे हुए हैं. बहरहाल, अभिनेता प्रकाश राज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के मुखर आलोचक माने जाते हैं. पत्रकार गौरी लंकेश की कथित हिन्दूवादी संगठन के लोगों द्वारा हत्या के बाद प्रकाश ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिए थे. प्रकाश राज क्षेत्र में जाकर जनता से सीधा संवाद करने और अपने लिए समर्थन मांगने में जुटे हुए हैं. लोकसभा चुनाव अपडेट्स -निर्वाचन आयोग के मुताबिक कर्नाटक में जिन लोकसभा सीटों आज मतदान हो रहे हैं वहां दोपहर 1 बजे तक कुल 20.62 फीसदी मतदान हो चुके हैं. बेंगलुरु सेंट्रल सीट पर दोपहर तक 16 फीसदी वोट पड़े. -अभिनेता प्रकाश गुरुवार को मतदान करने पहुंचे और इस दौरान वह भावुक हो गए.उन्होंने ट्वीट किया कि 41 साल पहले इसी स्कूल में मैं पढ़ता था आज यहां वोट डालने आया हूं. यह नई यात्रा है... I got to VOTE in my school and in the very class room I sat 41 years ago ..NOSTALGIC.. a NEW JOURNEY.. a NEW HORIZON.. feeling blessed by LIFE. pic.twitter.com/CVWlZ7XOJv — Prakash Raj (@prakashraaj) April 18, 2019 लोकसभा चुनाव 2019 के दूसरे चरण के फेज में 97 सीटों पर चुनाव होना था लेक‍िन 2 सीटों पर चुनाव न‍िरस्त होने के बाद 95 सीटों पर चुनाव हुआ. दूसरे चरण में 15.52 करोड़ वोटर्स हैं ज‍िनमें से पुरुष वोटर्स की संख्या 7.89 करोड़, मह‍िला वोटर्स की संख्या 7.63 करोड़ और थर्ड जेंडर के 11, 030  वोटर्स हैं. इस चरण में 1,611 उम्मीदवारों का भव‍िष्य दांव पर लगा है. मतदान के ल‍िए कुल 1, 76, 441 पोल‍िंग स्टेशन बनाए गए हैं. कर्नाटक की 28 सीटों में से 14 सीटों पर दूसरे चरण में मतदान हुआ. दूसरे चरण में कुल 2, 63, 38, 277 वोटर्स हैं. इन 14 सीटों को जीतने के ल‍िए 241 उम्मीदवार चुनाव मैदान पर हैं. मतदान के ल‍िए 30,410 पोल‍िंग स्टेशन बनाए गए. कर्नाटक की बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है और यहां से पी.सी. मोहन सांसद हैं. बेंगलुरु दक्षिण और बेंगलुरु उत्तर से काटकर 2009 में हुए परिसीमन के बाद यह सीट अस्तित्व में आई थी, जहां से लगातार दो बार बीजेपी के पी. सी. मोहन जीत दर्ज करते आ रहे हैं. इस सीट पर अल्पसंख्यक समुदाय की बड़ी आबादी है और यहां से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार के सामने धार्मिक और जातीय रूप से अल्पसंख्यक समुदाय के वोटरों को लुभाने की चुनौती रहती है. इस सीट पर अब तक दो ही बार चुनाव हुए हैं और दोनों बार बीजेपी को यहां से जीत मिली है. साल 2014 में हुए चुनाव में बीजेपी के पी. सी. मोहन (5.57 लाख) ने कांग्रेस के रिजवान अरशद (4.19 लाख) को करीब 1.37 लाख वोटों से हराया था. इस चुनाव में करीब 55 फीसदी मतदातओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. खास बात यह रही कि इस चुनाव में पहली बार लोकसभा लड़ रही आम आदमी पार्टी तीसरे पायदान पर रही थी, जबकि चौथे स्थान पर जेडीए और 5वें पर बसपा प्रत्याशी था. अगर इस सीट पर पहली बार 2009 में हुए लोकसभा चुनाव की बात करें तो इस चुनाव में बीजेपी के पी. सी. मोहन (3.40 लाख) ने कांग्रेस के एच टी संगलियाना (3.04 लाख) करीब 35 हजार वोटों से शिकस्त दी थी. बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल 8 विधानसभा सीटें आती हैं जिनमें से 5 पर कांग्रेस और 3 पर बीजेपी का कब्जा है. यहां की 2 सीटें आरक्षित भी हैं. सीटों की बात करें तो सर्वगंगानगर पर कांग्रेस के के. जे जॉर्ज, सीवी रमन नगर पर बीजेपी के एस रघु, शिवाजी नगर पर कांग्रेस के रोशन बेग, शांति नगर पर कांग्रेस के एन. ए. हारिस, गांधी नगर पर दिनेश कांग्रेस के गुंडू राव, राजाजी नगर पर बीजेपी के एस सुरेश, छामारपेट पर कांग्रेस के जमीर अहमद खान और महादेव पुरम पर बीजेपी के अरविंद लिंबावनी का कब्जा है. बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के पी.सी. मोहन को 55,7,130 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस के रिजवान अरशद को 419639 वोट हासिल हुए थे. बीजेपी ने इस सीट पर 1.37 लाख वोटों के बड़े अंतर से चुनाव जीता था. इस चुनाव में करीब 26 उम्मीदवारों ने इस सीट से अपनी किस्तम आजमाई थी, लेकिन बीजेपी-कांग्रेस के अलावा किसी भी दल को 4 फीसदी से ज्यादा वोट नहीं मिल सके थे. चुनाव की हर ख़बर मिलेगी सीधे आपके इनबॉक्स में. आम चुनाव की ताज़ा खबरों से अपडेट रहने के लिए सब्सक्राइब करें आजतक का इलेक्शन स्पेशल न्यूज़लेटर
इंग्लैंड के क्रिकेटरों पर शाब्दिक हमला करते हुए पीसीबी अध्यक्ष एजाज बट ने कहा कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों के बजाय एंड्रयू स्ट्रास की अगुवाई वाली टीम के क्रिकेटरों की जांच की जानी चाहिए क्योंकि इनमें से कुछ को ओवल में तीसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में हारने के लिये मोटी धनराशि दी गयी थी. बट ने दुनिया टेलीविजन से कहा, ‘सटोरियों के सर्किल में इस पर साफ बातचीत चल रही है कि इंग्लैंड के कुछ खिलाड़ियों को मैच हराने के लिये मोटी धनराशि दी गयी थी.’ उन्होंने कहा, ‘इसमें आश्चर्य नहीं है क्योंकि इंग्लैंड की पूरी टीम ताश के पत्तों की तरह बिखर गयी. हमने मैच जीता और हम पर ही शक किया जा रहा है. इंग्लैंड मैच हारा है और उनके खिलाड़ियों की जांच की जानी चाहिए. जो टीम जीतती है वह मैच फिक्स नहीं करती.’ बट ने कहा कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों के खिलाफ स्पाट फिक्सिंग के आरोप टीम को बदनाम करने की साजिश का हिस्सा है. उन्होंने कहा, ‘‘ सट्टेबाजी सर्किल में इंग्लैंड के खिलाड़ियों के सट्टे को लेकर अफवाह है. वे कह रहे हैं कि यह सटोरियों को धोखा देने की साजिश है, हम मानते हैं कि यह पाकिस्तान क्रिकेट को धोखा देने की साजिश है.’ बट ने कहा, ‘हमारे खिलाफ साजिश की जा रही है और इसलिए हम स्वयं भी इसकी जांच कर रहे हैं और जो लोग इसके खिलाफ हैं जल्द ही उनका खुलासा करेंगे. हम तीसरे एकदिवसीय मैच की जांच की घोषणा करने से पहले हमें विश्वास में नहीं लेने के लिये आईसीसी के पास भी विरोध दर्ज करेंगे.’ ब्रिटेन के एक टैबलायड ने आईसीसी को पाकिस्तानी पारी के दौरान स्कोरिंग पैटर्न की पूर्व में जानकारी दे दी थी . भारत और अमीरात के सटोरियों ने जिस तरह से पैटर्न बताया था वह बाद में उसी तरह का पाया गया जिसके बाद आईसीसी ने जांच के आदेश दिये. बट ने कहा, ‘हम तीसरे एकदिवसीय मैच में स्पाट फिक्सिंग के इन आरोपों पर अपनी खुद की जांच भी करेंगे लेकिन हमें निराशा है कि आईसीसी ने इस मसले पर हमें जानकारी देना भी उचित नहीं समझा.’ पाकिस्तान के तीन खिलाड़ियों सलमान बट, मोहम्मद आसिफ और मोहम्मद आमिर पर इससे पहले इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच के दौरान स्पाट फिक्सिंग करने के आरोप लगे थे. आईसीसी ने बाद में इन तीनों को निलंबित कर दिया था.
शीलाभट्टारिका ९वीं शताब्दी की संस्कृत कवयित्री थीं। अधिकांश प्रमुख संस्कृत काव्य-संग्रहों में उनका काव्य सम्मिलित मिलता है। अनेक मध्यकालीन संस्कृत आलोचकों ने उनके काव्यकौशल की प्रशंसा की है। १०वीं शताब्दी के कवि राजशेखर ने शीलाभट्टारिका को पाञ्चाली शैली की प्रमुख कवयित्री कहकर उनकी प्रशंशा की है। उस समय साहित्य की चार शैलियाँ प्रमुख थीं- वैदर्भी, गौड़ी, लाटी एवं पाञ्चाली। १५वीं शताब्दी में रचित सुभाषितावली में राजशेखर को उद्धृत करते हुए कहा गया है कि पाञ्चाली शैली में शब्द और अर्थ का संतुलन होता है। राजशेखर ने लिखा है कि पाञ्चाली शैली शीलभट्टारिका के काव्य में मिलती है तथा बाणभट्ट के कुछ ग्रन्थों में भी पांचाली शैली के दर्शन होते हैं। संस्कृत कवि
भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली सोमवार को जारी ICC की ताजा वनडे रैंकिंग में बल्लेबाजों की सूची में दूसरे नंबर पर बरकरार है जबकि रोहित शर्मा एक पायदान नीचे सातवें स्थान पर खिसक गये हैं.दक्षिण अफ्रीका के एबी डिविलियर्स वनडे रैंकिंग में बल्लेबाजों की सूची में शीर्ष पर काबिज हैं। उनके बाद भारत के विराट कोहली और दक्षिण अफ्रीका के हाशिम अमला क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर बने हुए हैं. टीम इंडिया के ओपनर शिखर धवन आठवें स्थान पर बने हुए हैं. इंग्लैंड के बल्लेबाज जो रूट पाकिस्तान के खिलाफ शानदार प्रदर्शन के बाद पहली बार रैंकिंग में शीर्ष पांच में पहुंचने में सफल रहे हैं. पाकिस्तान के खिलाफ उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ चुना गया था. इस 25 साल के क्रिकेटर ने इस सीरीज में 274 रन बनाये थे जिससे वह न्यूजीलैंड के केन विलियम्सन और मार्टिन गुप्टिल तथा भारतीय बल्लेबाज रोहित शर्मा को पीछे छोड़कर ताजा रैंकिंग में चौथा स्थान कब्जाने में सफल रहे. इस सीरीज के दौरान रूट ने अपने कैरियर के सर्वश्रेष्ठ रेटिंग अंक 776 हासिल किये, जो उन्होंने ट्रेंट ब्रिज में तीसरे वनडे के बाद हासिल किये थे जिसमें उन्होंने 85 रन की पारी खेली थी. रूट इंग्लैंड के उन चार बल्लेबाजों में से एक हैं जिन्होंने पाकिस्तान पर 4-1 से सीरीज जीत के दौरान रैकिंग में ऊपर की ओर कदम बढ़ाये हैं. एलेक्स हेल्स चार पायदान के फायदे से 20वें स्थान पर पहुंच गए उन्होंने सीरीज में 223 रन बनाये जिसमें तीसरे वनडे में 171 रन की शानदार पारी भी शामिल है. इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन को भी चार पायदान का लाभ हुआ है और अब वह 24वें स्थान पर हैं जबकि जेसन रॉय को 181 रन के योगदान से 10 पायदान का फायदा हुआ जिससे वह दिनेश चांदीमल के साथ संयुक्त रूप से 35वें स्थान पर हैं. चांदीमल ने भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में बल्ले से अच्छे प्रदर्शन से 15 पायदान की छलांग लगाई है. पाकिस्तान के लिए अच्छी खबर उसके कप्तान अजहर अली और विकेटकीपर सरफराज अहमद का ऊपर बढ़ना है. अजहर ने 208 रन बनाए थे जिससे वह 15 पायदान के लाभ से 33वीं रैंकिंग पर पहुंच गए हैं जबकि सरफराज ने 21 पायदान की बड़ी छलांग लगाकर 39वां स्थान हासिल किया जिन्होंने सीरीज में दोनों टीमों में सबसे ज्यादा 300 रन जुटाए हैं. सरफराज का सीरीज में बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने 55, 105, 38, 12 और 90 रन बनाए. अजहर और सरफराज पाकिस्तान के दो बल्लेबाज हैं जो हाल में इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में खेले थे और शीर्ष 50 में शामिल हैं. पाकिस्तान के अगले सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग वाले बल्लेबाज शोएब मलिक हैं जो 67वें स्थान पर हैं. ऑस्‍ट्रेलिया ने भी श्रीलंका पर 4-1 के अंतर से जीत दर्ज की थी, उसके आरोन फिंच और जार्ज बेली ने भी ऊपर की ओर छलांग लगाते हुए क्रमश: दो और तीन पायदान का फायदा हासिल किया. फिंच अब 15वें जबकि बेली 17वें स्थान पर पहुंच गए हैं.टिप्पणियां बेली सीरीज में सबसे सफल बल्लेबाज रहे, उन्होंने 270 रन बनाए जिसके बाद उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ चुना गया था. उन्होंने चांदीमल से 34 रन ज्यादा बनाए जो 15 पायदान के फायदे से 35वें स्थान पर पहुंच गए हैं. गेंदबाजों की रैंकिंग में आस्ट्रेलिया के मिशेल स्टार्क, जेम्स फॉकनर और जॉन हेस्टिंग्स ने श्रीलंका में अपने शानदार प्रदर्शन के बूते ऊपर की ओर कदम बढ़ाए हैं.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) इंग्लैंड के बल्लेबाज जो रूट पाकिस्तान के खिलाफ शानदार प्रदर्शन के बाद पहली बार रैंकिंग में शीर्ष पांच में पहुंचने में सफल रहे हैं. पाकिस्तान के खिलाफ उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ चुना गया था. इस 25 साल के क्रिकेटर ने इस सीरीज में 274 रन बनाये थे जिससे वह न्यूजीलैंड के केन विलियम्सन और मार्टिन गुप्टिल तथा भारतीय बल्लेबाज रोहित शर्मा को पीछे छोड़कर ताजा रैंकिंग में चौथा स्थान कब्जाने में सफल रहे. इस सीरीज के दौरान रूट ने अपने कैरियर के सर्वश्रेष्ठ रेटिंग अंक 776 हासिल किये, जो उन्होंने ट्रेंट ब्रिज में तीसरे वनडे के बाद हासिल किये थे जिसमें उन्होंने 85 रन की पारी खेली थी. रूट इंग्लैंड के उन चार बल्लेबाजों में से एक हैं जिन्होंने पाकिस्तान पर 4-1 से सीरीज जीत के दौरान रैकिंग में ऊपर की ओर कदम बढ़ाये हैं. एलेक्स हेल्स चार पायदान के फायदे से 20वें स्थान पर पहुंच गए उन्होंने सीरीज में 223 रन बनाये जिसमें तीसरे वनडे में 171 रन की शानदार पारी भी शामिल है. इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन को भी चार पायदान का लाभ हुआ है और अब वह 24वें स्थान पर हैं जबकि जेसन रॉय को 181 रन के योगदान से 10 पायदान का फायदा हुआ जिससे वह दिनेश चांदीमल के साथ संयुक्त रूप से 35वें स्थान पर हैं. चांदीमल ने भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में बल्ले से अच्छे प्रदर्शन से 15 पायदान की छलांग लगाई है. पाकिस्तान के लिए अच्छी खबर उसके कप्तान अजहर अली और विकेटकीपर सरफराज अहमद का ऊपर बढ़ना है. अजहर ने 208 रन बनाए थे जिससे वह 15 पायदान के लाभ से 33वीं रैंकिंग पर पहुंच गए हैं जबकि सरफराज ने 21 पायदान की बड़ी छलांग लगाकर 39वां स्थान हासिल किया जिन्होंने सीरीज में दोनों टीमों में सबसे ज्यादा 300 रन जुटाए हैं. सरफराज का सीरीज में बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने 55, 105, 38, 12 और 90 रन बनाए. अजहर और सरफराज पाकिस्तान के दो बल्लेबाज हैं जो हाल में इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में खेले थे और शीर्ष 50 में शामिल हैं. पाकिस्तान के अगले सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग वाले बल्लेबाज शोएब मलिक हैं जो 67वें स्थान पर हैं. ऑस्‍ट्रेलिया ने भी श्रीलंका पर 4-1 के अंतर से जीत दर्ज की थी, उसके आरोन फिंच और जार्ज बेली ने भी ऊपर की ओर छलांग लगाते हुए क्रमश: दो और तीन पायदान का फायदा हासिल किया. फिंच अब 15वें जबकि बेली 17वें स्थान पर पहुंच गए हैं.टिप्पणियां बेली सीरीज में सबसे सफल बल्लेबाज रहे, उन्होंने 270 रन बनाए जिसके बाद उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ चुना गया था. उन्होंने चांदीमल से 34 रन ज्यादा बनाए जो 15 पायदान के फायदे से 35वें स्थान पर पहुंच गए हैं. गेंदबाजों की रैंकिंग में आस्ट्रेलिया के मिशेल स्टार्क, जेम्स फॉकनर और जॉन हेस्टिंग्स ने श्रीलंका में अपने शानदार प्रदर्शन के बूते ऊपर की ओर कदम बढ़ाए हैं.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) इस सीरीज के दौरान रूट ने अपने कैरियर के सर्वश्रेष्ठ रेटिंग अंक 776 हासिल किये, जो उन्होंने ट्रेंट ब्रिज में तीसरे वनडे के बाद हासिल किये थे जिसमें उन्होंने 85 रन की पारी खेली थी. रूट इंग्लैंड के उन चार बल्लेबाजों में से एक हैं जिन्होंने पाकिस्तान पर 4-1 से सीरीज जीत के दौरान रैकिंग में ऊपर की ओर कदम बढ़ाये हैं. एलेक्स हेल्स चार पायदान के फायदे से 20वें स्थान पर पहुंच गए उन्होंने सीरीज में 223 रन बनाये जिसमें तीसरे वनडे में 171 रन की शानदार पारी भी शामिल है. इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन को भी चार पायदान का लाभ हुआ है और अब वह 24वें स्थान पर हैं जबकि जेसन रॉय को 181 रन के योगदान से 10 पायदान का फायदा हुआ जिससे वह दिनेश चांदीमल के साथ संयुक्त रूप से 35वें स्थान पर हैं. चांदीमल ने भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में बल्ले से अच्छे प्रदर्शन से 15 पायदान की छलांग लगाई है. पाकिस्तान के लिए अच्छी खबर उसके कप्तान अजहर अली और विकेटकीपर सरफराज अहमद का ऊपर बढ़ना है. अजहर ने 208 रन बनाए थे जिससे वह 15 पायदान के लाभ से 33वीं रैंकिंग पर पहुंच गए हैं जबकि सरफराज ने 21 पायदान की बड़ी छलांग लगाकर 39वां स्थान हासिल किया जिन्होंने सीरीज में दोनों टीमों में सबसे ज्यादा 300 रन जुटाए हैं. सरफराज का सीरीज में बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने 55, 105, 38, 12 और 90 रन बनाए. अजहर और सरफराज पाकिस्तान के दो बल्लेबाज हैं जो हाल में इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में खेले थे और शीर्ष 50 में शामिल हैं. पाकिस्तान के अगले सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग वाले बल्लेबाज शोएब मलिक हैं जो 67वें स्थान पर हैं. ऑस्‍ट्रेलिया ने भी श्रीलंका पर 4-1 के अंतर से जीत दर्ज की थी, उसके आरोन फिंच और जार्ज बेली ने भी ऊपर की ओर छलांग लगाते हुए क्रमश: दो और तीन पायदान का फायदा हासिल किया. फिंच अब 15वें जबकि बेली 17वें स्थान पर पहुंच गए हैं.टिप्पणियां बेली सीरीज में सबसे सफल बल्लेबाज रहे, उन्होंने 270 रन बनाए जिसके बाद उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ चुना गया था. उन्होंने चांदीमल से 34 रन ज्यादा बनाए जो 15 पायदान के फायदे से 35वें स्थान पर पहुंच गए हैं. गेंदबाजों की रैंकिंग में आस्ट्रेलिया के मिशेल स्टार्क, जेम्स फॉकनर और जॉन हेस्टिंग्स ने श्रीलंका में अपने शानदार प्रदर्शन के बूते ऊपर की ओर कदम बढ़ाए हैं.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन को भी चार पायदान का लाभ हुआ है और अब वह 24वें स्थान पर हैं जबकि जेसन रॉय को 181 रन के योगदान से 10 पायदान का फायदा हुआ जिससे वह दिनेश चांदीमल के साथ संयुक्त रूप से 35वें स्थान पर हैं. चांदीमल ने भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में बल्ले से अच्छे प्रदर्शन से 15 पायदान की छलांग लगाई है. पाकिस्तान के लिए अच्छी खबर उसके कप्तान अजहर अली और विकेटकीपर सरफराज अहमद का ऊपर बढ़ना है. अजहर ने 208 रन बनाए थे जिससे वह 15 पायदान के लाभ से 33वीं रैंकिंग पर पहुंच गए हैं जबकि सरफराज ने 21 पायदान की बड़ी छलांग लगाकर 39वां स्थान हासिल किया जिन्होंने सीरीज में दोनों टीमों में सबसे ज्यादा 300 रन जुटाए हैं. सरफराज का सीरीज में बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने 55, 105, 38, 12 और 90 रन बनाए. अजहर और सरफराज पाकिस्तान के दो बल्लेबाज हैं जो हाल में इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में खेले थे और शीर्ष 50 में शामिल हैं. पाकिस्तान के अगले सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग वाले बल्लेबाज शोएब मलिक हैं जो 67वें स्थान पर हैं. ऑस्‍ट्रेलिया ने भी श्रीलंका पर 4-1 के अंतर से जीत दर्ज की थी, उसके आरोन फिंच और जार्ज बेली ने भी ऊपर की ओर छलांग लगाते हुए क्रमश: दो और तीन पायदान का फायदा हासिल किया. फिंच अब 15वें जबकि बेली 17वें स्थान पर पहुंच गए हैं.टिप्पणियां बेली सीरीज में सबसे सफल बल्लेबाज रहे, उन्होंने 270 रन बनाए जिसके बाद उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ चुना गया था. उन्होंने चांदीमल से 34 रन ज्यादा बनाए जो 15 पायदान के फायदे से 35वें स्थान पर पहुंच गए हैं. गेंदबाजों की रैंकिंग में आस्ट्रेलिया के मिशेल स्टार्क, जेम्स फॉकनर और जॉन हेस्टिंग्स ने श्रीलंका में अपने शानदार प्रदर्शन के बूते ऊपर की ओर कदम बढ़ाए हैं.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) सरफराज का सीरीज में बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने 55, 105, 38, 12 और 90 रन बनाए. अजहर और सरफराज पाकिस्तान के दो बल्लेबाज हैं जो हाल में इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में खेले थे और शीर्ष 50 में शामिल हैं. पाकिस्तान के अगले सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग वाले बल्लेबाज शोएब मलिक हैं जो 67वें स्थान पर हैं. ऑस्‍ट्रेलिया ने भी श्रीलंका पर 4-1 के अंतर से जीत दर्ज की थी, उसके आरोन फिंच और जार्ज बेली ने भी ऊपर की ओर छलांग लगाते हुए क्रमश: दो और तीन पायदान का फायदा हासिल किया. फिंच अब 15वें जबकि बेली 17वें स्थान पर पहुंच गए हैं.टिप्पणियां बेली सीरीज में सबसे सफल बल्लेबाज रहे, उन्होंने 270 रन बनाए जिसके बाद उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ चुना गया था. उन्होंने चांदीमल से 34 रन ज्यादा बनाए जो 15 पायदान के फायदे से 35वें स्थान पर पहुंच गए हैं. गेंदबाजों की रैंकिंग में आस्ट्रेलिया के मिशेल स्टार्क, जेम्स फॉकनर और जॉन हेस्टिंग्स ने श्रीलंका में अपने शानदार प्रदर्शन के बूते ऊपर की ओर कदम बढ़ाए हैं.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) बेली सीरीज में सबसे सफल बल्लेबाज रहे, उन्होंने 270 रन बनाए जिसके बाद उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ चुना गया था. उन्होंने चांदीमल से 34 रन ज्यादा बनाए जो 15 पायदान के फायदे से 35वें स्थान पर पहुंच गए हैं. गेंदबाजों की रैंकिंग में आस्ट्रेलिया के मिशेल स्टार्क, जेम्स फॉकनर और जॉन हेस्टिंग्स ने श्रीलंका में अपने शानदार प्रदर्शन के बूते ऊपर की ओर कदम बढ़ाए हैं.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अभी हाल ही में HBO की पॉपुलर सिरीज Game of Thrones में ‘डेड’ यानी वॉइट वॉकर से जंग हुई. अगर आपने GOT का ये ऐपिसोड देखा है तो अंदाजा लगा सकते हैं कि उनकी संख्या कितनी थी. फेसबुक पर भी आने वाले कुछ दशकों के बाद ‘डेड’ ज्यादा हो जाएंगे. यानी ज़िंदा यूजर्स के प्रोफाइल से ज्यादा फेसबुक पर डेड यूजर्स प्रोफाइल की संख्या होगी. डेड यूजर्स यानी लेगेसी अकाउंट. फेसबुक यूजर की मौत होने पर उस अकाउंट को लेगेसी अकाउंट में तब्दील कर दिया जाता है. इसे आप मेमराइज़्ड अकाउंट भी कह सकते हैं. Oxford इंटरनेट इंस्टिट्यूट की एक स्टडी के मुताबिक 50 साल में फेसबुक पर डेड यूजर्स के प्रोफाइल लीविंग अकाउंट से ज्यादा हो जाएंगे. इस युनिवर्सिटी ने एक जर्नल पब्लिश किय था जो बिग डेटा और सोसाइटी पर आधारित है. इसमें कहा गया है कि 22वीं शताब्दी के पहले दशक में फेसबुक पर डेड अकाउंट्स की संख्या लीविंग से ज्यादा हो सकती है. रिसर्चर्स की टीम ने एक महत्वपूर्ण बात कही है. उन्होंने कहा है, ‘इतिहास में पहले कभी भी इस इतनी मात्रा में ह्यूमन बिहेवियर और कल्चर को एक जगह पर नहीं रखा गया है. इस आर्काइव को कंट्रोल करना एक तरीके से हमारे इतिहास को कंट्रोल करने जैसा ही होगा’ इस स्टडी के रिसरचर्स का कहना है कि उन्होंने यह स्टडी सोशल मीडिया के क्रिटीक के तौर पर नहीं की थी, लेकिन ये डिजिटल आईडेंटिटी के बारे में है. इस स्टडी में कहा गया है कि साल 2100 में फेसबुक पर डेड यूजर्स की संख्या 4.9 बिलियन हो जाएगी. हालांकि Oxford Internet Institute की इस स्टडी को लेकर फेसबुक के प्रवक्ता ने TIME से कहा है कि वो इस स्टडी के प्रेडिक्शन से सहमत नहीं हैं. उन्होंने कहा है कि कंपनी डिजिटल लेगेसी बनाने को लेकर गंभीर है. उन्होंने TIME से यह भी कहा है, ‘फेसबुक ने यूजर के डेथ को हैंडल करने के लिए कई मेजर्स लिए हैं. एक बार कंपनी को यूजर्स के डेथ की जानकारी मिलती है तो उनके अकाउंट को स्पेशल मेमोरियल स्टाइल पेज में तब्दील कर दिया जाता है. फेसबुक के पास लाखों ऐसे मेमोरियलाइज्ड अकाउंट्स हैं’ गौरतलब है कि फेसबुक की सेटिंग्स में एक ऑप्शन होता है. यहां जा कर यूजर्स legacy contact सेलेक्ट कर सकते हैं. ऐसा करने से यूजर्स के डेथ होने के बाद उस अकाउंट का ऐक्सेस उसे मिलता है जिसे यूजर ने legacy contact में ऐड किया है. इसके बाद वो अकाउंट memorialized हो जाता है.
भारतीय मूल की मल्लिका हमजा दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट की दुनिया में तहलका मचा रही हैं। उन्होंने दो साल पहले क्रिकेट खेलना शुरू किया और दो साल के अंदर ही उनकी लेग स्पिन गेंदबाज़ी को देखते हुए दुनिया का सबसे प्रतिभाशाली क्रिकेटर माना जा रहा है। उन्होंने पिछले दिनों वेस्टर्न केप प्रोविंस की ओर से खेलते हुए जिंबाब्वे की सीनियर महिला टीम के खिलाफ टी-20 मुक़ाबले में अपनी स्पिन से दुनिया भर के विशेषज्ञों को चकित कर दिया था। यही वजह है कि मशहूर स्पोर्ट्स ब्रैंड स्लेजेंगर का उन्हें अनुबंध हासिल हुआ है। हमज़ा अभी पांचवीं कक्षा में पढ़ती है और उसकी उम्र 11 साल की है। उसने सितंबर, 2013 से लेकर अब तक क्रिकेट के मैदान में कुल 22 मुक़ाबले खेले हैं, इनमें उन्होंने 432 रन बनाने के साथ कुल 47 विकेट चटकाए हैं। इनमें से कुछ मैच हमज़ा ने लड़कों की टीम सेट अग्स्टाइन की ओर से खेले हैं। इस क्लब ने पॉल एडम्स और बेसिल डिओलिविरा जैसे क्रिकेटरों को तैयार किया है। हमज़ा ना केवल लड़कों के बीच खेल रही हैं, बल्कि अपने जोरदार प्रदर्शन से लड़कों को पछाड़ भी रही है। 2013-14 सीज़न के दौरान हमज़ा के क्लब को छह पुरस्कार दिए गए, उनमें से पांच पुरस्कार हमज़ा ने जीते। इनमें बेहतरीन बल्लेबाज़, बेहतरीन गेंदबाज़, बेस्ट ऑलराउंडर के पुरस्कार शामिल थे। क्रिकेट मैदान पर हमज़ा के लिए सब कुछ आसान नहीं रहता है, उसे ख़ूब छींटाकशी का सामना भी करना पड़ता है। ऐसा भी हुआ कि जब वह बल्लेबाज़ी करने उतरीं, तो विकेटकीपर ने गेंदबाज़ से तेज आवाज़ में कहा- मेरी गर्लफ्रेंड को आउट करो। इसके बाद जब वो गेंदबाज़ी करने के दौरान विकेट हासिल करती है, तो उसके ही टीम के साथ बल्लेबाज़ को चिढ़ाते हुए कहते हैं- तुम्हें एक लड़की ने आउट कर दिया।टिप्पणियां शुरू-शुरू में हमज़ा इन छींटाकशी से आहत हो जातीं थी, लेकिन अब इन पर ज्यादा ध्यान नहीं देती। क्रिकेट ही नहीं हमज़ा दूसरे खेलों में भी बराबरी की कुशलता रखती हैं। हमज़ा हॉकी की भी बेहतरीन खिलाड़ी हैं और पेशेवर हॉकी मुक़ाबलों में 420 गोल ठीक चुकी हैं। वह देश की अंडर-11, अंडर-13, अंडर-14 और अंडर-16 की हॉकी टूर्नामेंटों में भाग ले चुकी हैं। हमज़ा का परिवार मूल रूप से महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले का था। उनके पिता के दादाजी 1923 में दक्षिण अफ्रीका पहुंचे। उनके पिता बोबेई, थिएटर से जुड़े हैं, लेकिन बेटी का पहला प्यार क्रिकेट ही है। जाहिर है कि आने वाले दिनों में क्रिकेट के मैदान में हमज़ा का जलवा ख़ूब देखने को मिलेगा। उन्होंने पिछले दिनों वेस्टर्न केप प्रोविंस की ओर से खेलते हुए जिंबाब्वे की सीनियर महिला टीम के खिलाफ टी-20 मुक़ाबले में अपनी स्पिन से दुनिया भर के विशेषज्ञों को चकित कर दिया था। यही वजह है कि मशहूर स्पोर्ट्स ब्रैंड स्लेजेंगर का उन्हें अनुबंध हासिल हुआ है। हमज़ा अभी पांचवीं कक्षा में पढ़ती है और उसकी उम्र 11 साल की है। उसने सितंबर, 2013 से लेकर अब तक क्रिकेट के मैदान में कुल 22 मुक़ाबले खेले हैं, इनमें उन्होंने 432 रन बनाने के साथ कुल 47 विकेट चटकाए हैं। इनमें से कुछ मैच हमज़ा ने लड़कों की टीम सेट अग्स्टाइन की ओर से खेले हैं। इस क्लब ने पॉल एडम्स और बेसिल डिओलिविरा जैसे क्रिकेटरों को तैयार किया है। हमज़ा ना केवल लड़कों के बीच खेल रही हैं, बल्कि अपने जोरदार प्रदर्शन से लड़कों को पछाड़ भी रही है। 2013-14 सीज़न के दौरान हमज़ा के क्लब को छह पुरस्कार दिए गए, उनमें से पांच पुरस्कार हमज़ा ने जीते। इनमें बेहतरीन बल्लेबाज़, बेहतरीन गेंदबाज़, बेस्ट ऑलराउंडर के पुरस्कार शामिल थे। क्रिकेट मैदान पर हमज़ा के लिए सब कुछ आसान नहीं रहता है, उसे ख़ूब छींटाकशी का सामना भी करना पड़ता है। ऐसा भी हुआ कि जब वह बल्लेबाज़ी करने उतरीं, तो विकेटकीपर ने गेंदबाज़ से तेज आवाज़ में कहा- मेरी गर्लफ्रेंड को आउट करो। इसके बाद जब वो गेंदबाज़ी करने के दौरान विकेट हासिल करती है, तो उसके ही टीम के साथ बल्लेबाज़ को चिढ़ाते हुए कहते हैं- तुम्हें एक लड़की ने आउट कर दिया।टिप्पणियां शुरू-शुरू में हमज़ा इन छींटाकशी से आहत हो जातीं थी, लेकिन अब इन पर ज्यादा ध्यान नहीं देती। क्रिकेट ही नहीं हमज़ा दूसरे खेलों में भी बराबरी की कुशलता रखती हैं। हमज़ा हॉकी की भी बेहतरीन खिलाड़ी हैं और पेशेवर हॉकी मुक़ाबलों में 420 गोल ठीक चुकी हैं। वह देश की अंडर-11, अंडर-13, अंडर-14 और अंडर-16 की हॉकी टूर्नामेंटों में भाग ले चुकी हैं। हमज़ा का परिवार मूल रूप से महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले का था। उनके पिता के दादाजी 1923 में दक्षिण अफ्रीका पहुंचे। उनके पिता बोबेई, थिएटर से जुड़े हैं, लेकिन बेटी का पहला प्यार क्रिकेट ही है। जाहिर है कि आने वाले दिनों में क्रिकेट के मैदान में हमज़ा का जलवा ख़ूब देखने को मिलेगा। हमज़ा अभी पांचवीं कक्षा में पढ़ती है और उसकी उम्र 11 साल की है। उसने सितंबर, 2013 से लेकर अब तक क्रिकेट के मैदान में कुल 22 मुक़ाबले खेले हैं, इनमें उन्होंने 432 रन बनाने के साथ कुल 47 विकेट चटकाए हैं। इनमें से कुछ मैच हमज़ा ने लड़कों की टीम सेट अग्स्टाइन की ओर से खेले हैं। इस क्लब ने पॉल एडम्स और बेसिल डिओलिविरा जैसे क्रिकेटरों को तैयार किया है। हमज़ा ना केवल लड़कों के बीच खेल रही हैं, बल्कि अपने जोरदार प्रदर्शन से लड़कों को पछाड़ भी रही है। 2013-14 सीज़न के दौरान हमज़ा के क्लब को छह पुरस्कार दिए गए, उनमें से पांच पुरस्कार हमज़ा ने जीते। इनमें बेहतरीन बल्लेबाज़, बेहतरीन गेंदबाज़, बेस्ट ऑलराउंडर के पुरस्कार शामिल थे। क्रिकेट मैदान पर हमज़ा के लिए सब कुछ आसान नहीं रहता है, उसे ख़ूब छींटाकशी का सामना भी करना पड़ता है। ऐसा भी हुआ कि जब वह बल्लेबाज़ी करने उतरीं, तो विकेटकीपर ने गेंदबाज़ से तेज आवाज़ में कहा- मेरी गर्लफ्रेंड को आउट करो। इसके बाद जब वो गेंदबाज़ी करने के दौरान विकेट हासिल करती है, तो उसके ही टीम के साथ बल्लेबाज़ को चिढ़ाते हुए कहते हैं- तुम्हें एक लड़की ने आउट कर दिया।टिप्पणियां शुरू-शुरू में हमज़ा इन छींटाकशी से आहत हो जातीं थी, लेकिन अब इन पर ज्यादा ध्यान नहीं देती। क्रिकेट ही नहीं हमज़ा दूसरे खेलों में भी बराबरी की कुशलता रखती हैं। हमज़ा हॉकी की भी बेहतरीन खिलाड़ी हैं और पेशेवर हॉकी मुक़ाबलों में 420 गोल ठीक चुकी हैं। वह देश की अंडर-11, अंडर-13, अंडर-14 और अंडर-16 की हॉकी टूर्नामेंटों में भाग ले चुकी हैं। हमज़ा का परिवार मूल रूप से महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले का था। उनके पिता के दादाजी 1923 में दक्षिण अफ्रीका पहुंचे। उनके पिता बोबेई, थिएटर से जुड़े हैं, लेकिन बेटी का पहला प्यार क्रिकेट ही है। जाहिर है कि आने वाले दिनों में क्रिकेट के मैदान में हमज़ा का जलवा ख़ूब देखने को मिलेगा। इनमें से कुछ मैच हमज़ा ने लड़कों की टीम सेट अग्स्टाइन की ओर से खेले हैं। इस क्लब ने पॉल एडम्स और बेसिल डिओलिविरा जैसे क्रिकेटरों को तैयार किया है। हमज़ा ना केवल लड़कों के बीच खेल रही हैं, बल्कि अपने जोरदार प्रदर्शन से लड़कों को पछाड़ भी रही है। 2013-14 सीज़न के दौरान हमज़ा के क्लब को छह पुरस्कार दिए गए, उनमें से पांच पुरस्कार हमज़ा ने जीते। इनमें बेहतरीन बल्लेबाज़, बेहतरीन गेंदबाज़, बेस्ट ऑलराउंडर के पुरस्कार शामिल थे। क्रिकेट मैदान पर हमज़ा के लिए सब कुछ आसान नहीं रहता है, उसे ख़ूब छींटाकशी का सामना भी करना पड़ता है। ऐसा भी हुआ कि जब वह बल्लेबाज़ी करने उतरीं, तो विकेटकीपर ने गेंदबाज़ से तेज आवाज़ में कहा- मेरी गर्लफ्रेंड को आउट करो। इसके बाद जब वो गेंदबाज़ी करने के दौरान विकेट हासिल करती है, तो उसके ही टीम के साथ बल्लेबाज़ को चिढ़ाते हुए कहते हैं- तुम्हें एक लड़की ने आउट कर दिया।टिप्पणियां शुरू-शुरू में हमज़ा इन छींटाकशी से आहत हो जातीं थी, लेकिन अब इन पर ज्यादा ध्यान नहीं देती। क्रिकेट ही नहीं हमज़ा दूसरे खेलों में भी बराबरी की कुशलता रखती हैं। हमज़ा हॉकी की भी बेहतरीन खिलाड़ी हैं और पेशेवर हॉकी मुक़ाबलों में 420 गोल ठीक चुकी हैं। वह देश की अंडर-11, अंडर-13, अंडर-14 और अंडर-16 की हॉकी टूर्नामेंटों में भाग ले चुकी हैं। हमज़ा का परिवार मूल रूप से महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले का था। उनके पिता के दादाजी 1923 में दक्षिण अफ्रीका पहुंचे। उनके पिता बोबेई, थिएटर से जुड़े हैं, लेकिन बेटी का पहला प्यार क्रिकेट ही है। जाहिर है कि आने वाले दिनों में क्रिकेट के मैदान में हमज़ा का जलवा ख़ूब देखने को मिलेगा। हमज़ा ना केवल लड़कों के बीच खेल रही हैं, बल्कि अपने जोरदार प्रदर्शन से लड़कों को पछाड़ भी रही है। 2013-14 सीज़न के दौरान हमज़ा के क्लब को छह पुरस्कार दिए गए, उनमें से पांच पुरस्कार हमज़ा ने जीते। इनमें बेहतरीन बल्लेबाज़, बेहतरीन गेंदबाज़, बेस्ट ऑलराउंडर के पुरस्कार शामिल थे। क्रिकेट मैदान पर हमज़ा के लिए सब कुछ आसान नहीं रहता है, उसे ख़ूब छींटाकशी का सामना भी करना पड़ता है। ऐसा भी हुआ कि जब वह बल्लेबाज़ी करने उतरीं, तो विकेटकीपर ने गेंदबाज़ से तेज आवाज़ में कहा- मेरी गर्लफ्रेंड को आउट करो। इसके बाद जब वो गेंदबाज़ी करने के दौरान विकेट हासिल करती है, तो उसके ही टीम के साथ बल्लेबाज़ को चिढ़ाते हुए कहते हैं- तुम्हें एक लड़की ने आउट कर दिया।टिप्पणियां शुरू-शुरू में हमज़ा इन छींटाकशी से आहत हो जातीं थी, लेकिन अब इन पर ज्यादा ध्यान नहीं देती। क्रिकेट ही नहीं हमज़ा दूसरे खेलों में भी बराबरी की कुशलता रखती हैं। हमज़ा हॉकी की भी बेहतरीन खिलाड़ी हैं और पेशेवर हॉकी मुक़ाबलों में 420 गोल ठीक चुकी हैं। वह देश की अंडर-11, अंडर-13, अंडर-14 और अंडर-16 की हॉकी टूर्नामेंटों में भाग ले चुकी हैं। हमज़ा का परिवार मूल रूप से महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले का था। उनके पिता के दादाजी 1923 में दक्षिण अफ्रीका पहुंचे। उनके पिता बोबेई, थिएटर से जुड़े हैं, लेकिन बेटी का पहला प्यार क्रिकेट ही है। जाहिर है कि आने वाले दिनों में क्रिकेट के मैदान में हमज़ा का जलवा ख़ूब देखने को मिलेगा। क्रिकेट मैदान पर हमज़ा के लिए सब कुछ आसान नहीं रहता है, उसे ख़ूब छींटाकशी का सामना भी करना पड़ता है। ऐसा भी हुआ कि जब वह बल्लेबाज़ी करने उतरीं, तो विकेटकीपर ने गेंदबाज़ से तेज आवाज़ में कहा- मेरी गर्लफ्रेंड को आउट करो। इसके बाद जब वो गेंदबाज़ी करने के दौरान विकेट हासिल करती है, तो उसके ही टीम के साथ बल्लेबाज़ को चिढ़ाते हुए कहते हैं- तुम्हें एक लड़की ने आउट कर दिया।टिप्पणियां शुरू-शुरू में हमज़ा इन छींटाकशी से आहत हो जातीं थी, लेकिन अब इन पर ज्यादा ध्यान नहीं देती। क्रिकेट ही नहीं हमज़ा दूसरे खेलों में भी बराबरी की कुशलता रखती हैं। हमज़ा हॉकी की भी बेहतरीन खिलाड़ी हैं और पेशेवर हॉकी मुक़ाबलों में 420 गोल ठीक चुकी हैं। वह देश की अंडर-11, अंडर-13, अंडर-14 और अंडर-16 की हॉकी टूर्नामेंटों में भाग ले चुकी हैं। हमज़ा का परिवार मूल रूप से महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले का था। उनके पिता के दादाजी 1923 में दक्षिण अफ्रीका पहुंचे। उनके पिता बोबेई, थिएटर से जुड़े हैं, लेकिन बेटी का पहला प्यार क्रिकेट ही है। जाहिर है कि आने वाले दिनों में क्रिकेट के मैदान में हमज़ा का जलवा ख़ूब देखने को मिलेगा। इसके बाद जब वो गेंदबाज़ी करने के दौरान विकेट हासिल करती है, तो उसके ही टीम के साथ बल्लेबाज़ को चिढ़ाते हुए कहते हैं- तुम्हें एक लड़की ने आउट कर दिया।टिप्पणियां शुरू-शुरू में हमज़ा इन छींटाकशी से आहत हो जातीं थी, लेकिन अब इन पर ज्यादा ध्यान नहीं देती। क्रिकेट ही नहीं हमज़ा दूसरे खेलों में भी बराबरी की कुशलता रखती हैं। हमज़ा हॉकी की भी बेहतरीन खिलाड़ी हैं और पेशेवर हॉकी मुक़ाबलों में 420 गोल ठीक चुकी हैं। वह देश की अंडर-11, अंडर-13, अंडर-14 और अंडर-16 की हॉकी टूर्नामेंटों में भाग ले चुकी हैं। हमज़ा का परिवार मूल रूप से महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले का था। उनके पिता के दादाजी 1923 में दक्षिण अफ्रीका पहुंचे। उनके पिता बोबेई, थिएटर से जुड़े हैं, लेकिन बेटी का पहला प्यार क्रिकेट ही है। जाहिर है कि आने वाले दिनों में क्रिकेट के मैदान में हमज़ा का जलवा ख़ूब देखने को मिलेगा। शुरू-शुरू में हमज़ा इन छींटाकशी से आहत हो जातीं थी, लेकिन अब इन पर ज्यादा ध्यान नहीं देती। क्रिकेट ही नहीं हमज़ा दूसरे खेलों में भी बराबरी की कुशलता रखती हैं। हमज़ा हॉकी की भी बेहतरीन खिलाड़ी हैं और पेशेवर हॉकी मुक़ाबलों में 420 गोल ठीक चुकी हैं। वह देश की अंडर-11, अंडर-13, अंडर-14 और अंडर-16 की हॉकी टूर्नामेंटों में भाग ले चुकी हैं। हमज़ा का परिवार मूल रूप से महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले का था। उनके पिता के दादाजी 1923 में दक्षिण अफ्रीका पहुंचे। उनके पिता बोबेई, थिएटर से जुड़े हैं, लेकिन बेटी का पहला प्यार क्रिकेट ही है। जाहिर है कि आने वाले दिनों में क्रिकेट के मैदान में हमज़ा का जलवा ख़ूब देखने को मिलेगा। हमज़ा का परिवार मूल रूप से महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले का था। उनके पिता के दादाजी 1923 में दक्षिण अफ्रीका पहुंचे। उनके पिता बोबेई, थिएटर से जुड़े हैं, लेकिन बेटी का पहला प्यार क्रिकेट ही है। जाहिर है कि आने वाले दिनों में क्रिकेट के मैदान में हमज़ा का जलवा ख़ूब देखने को मिलेगा।
आस्ट्राखान ओब्लास्ट (रूसी: Астраха́нская о́бласть, आस्ट्राखानस्काया ओब्लास्ट) दक्षिणी रूस में एक ओब्लास्ट है। इसका प्रशासनिक केंद्र अस्त्रखान शहर है। 2010 की जनगणना के अनुसार, इसकी जनसंख्या 1,010,0 थी
पाकिस्तान की जमीन से वापस लौटे देश के नायक विंग कमांडर अभिनंदन ने डीब्रिफिंग के दौरान बताया है कि मिग-21 से पाकिस्तानी विमानों का पीछा करते हुए उन्होंने R73 मिसाइल से पाकिस्तान के एक F-16 विमान को मार गिराया था और उसे पाकिस्तान की सीमा में गिरते भी देखा था. वायु सेना के सूत्रों ने इस बात की पुष्ट‍ि की है. हालांकि इस मामले में बड़ा सवाल यह है कि अभ‍िनंदन की सुरक्षा में पीछे लगे दो विमानों ने पाकिस्तानी एफ-16 विमान पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, अनुसार विंग कमांडर अभिनंदन की सुरक्षा में एक सुखोई30 एमकेआई और मिराज 2000 भी पीछे थे, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने आखिर क्यों  दुश्मन के विमान पर हमला नहीं किया? जबकि उनके पास लॉन्ग रेंज के मिसाइल भी थे. इस पर वायु सेना ने अभी कुछ साफ नहीं किया है. वैसे सामान्य परिस्थ‍िति में किसी लड़ाकू विमान के पायलट से यह उम्मीद नहीं की जाती कि वह दुश्मन के इलाके में जाकर उसके विमानों को निशाना बनाए. गौरतलब है कि पिछले हफ्ते कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में भारत और पाकिस्तान की वायुसेना में आसमान में एक तरह का टकराव हुआ था. कुछ पाकिस्तानी विमान भारतीय सीमा में घुस आए थे, जिन्हें भारतीय वायु सेना के जांबाज जवानों ने खदेड़ दिया था. एक पाकिस्तानी एफ-16 विमान को खदेड़ते हुए विंग कमांडर अभि‍नंदन पाकिस्तान की सीमा के भीतर तक चले गए थे. उनके मिग-21 विमान पर भी वार किया गया जिसके बाद वे जमीन पर पैराशूट की सहायता से उतरे थे और उन्हें पाकिस्तान की सेना द्वारा हिरासत में ले लिया गया था. लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद तीन दिन के भीतर ही पाकिस्तान को अभिनंदन को रिहा करना पड़ा. अभिनंदन के शौर्य को देशभर में सराहना मिली थी. उनकी देश वापसी के दौरान खूब जोश के साथ उनका स्वागत किया गया. भारत आए अभिनंदन से वायुसेना के अधिकारी डीबीफ्रिंग कर जानकारी ले रहे हैं कि पूरा वाकया कैसे हुआ और पाकिस्तान में उनके साथ किस तरह का व्यवहार किया गया. अखबार के अनुसार, अपनी डीब्रिफिंग के दौरान अभिनंदन ने पूरा विवरण साझा किया कि आखिर किस तरह से आसमान में भारत और पाकिस्तान के विमानों की जबर्दस्त लड़ाई हुई. अभिनंदन के विमान पर संभवत: उनके मिग-21 विमान पर पाकिस्तानी विमान से लांग रेंज AMRAAM मिसाइल से हमला किया था, जिसके बाद अभिनंदन को इजेक्ट सुविधा का इस्तेमाल करते हुए नीचे उतरना पड़ा. अखबार ने सूत्रों के हवाले से बताया है, 'अभिनंदन ने विस्तृत डीब्रीफिंग में बताया कि वह पाकिस्तान के एक जेट विमान से भिड़ गए थे. उन्होंने इसकी सूचना ग्राउंड कंट्रोलर को दी और खुद दुश्मन देश के विमान पर R73 मिसाइल से हमला किया.' दुश्मन के मिसाइलों से अपने विमान को बखूबी बचाया भारतीय वायुसेना ने एक आधिकारिक बयान में बताया था कि पाकिस्तानी एफ-16 विमान से अभिनंदन के विमान पर कई AIM120 AMRAAM मिसाइलों से हमला किया गया. सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान के विमान ने कम से कम चार मिसाइलों से मिग-21 पर हमला किया था, लेकिन विंग कमांडर बेहद चालाकी से कलाबाजी करते हुए कुछ समय तक अपने को बचा ले गए और उन्होंने दुश्मन के एक एफ-16 विमान को मार भी गिराया. हालांकि बाद में जब मिग-21 विमान पर मिसाइल हिट हुआ तो उन्हें इजेक्ट कर नीचे उतरना पड़ा.
अमित शाह ने कहा कि इस सरकार में मुख्यमंत्री भारतीय जनता पार्टी के होंगे और उपमुख्यमंत्री जेजेपी की तरफ से होगा. उन्होंने कहा कि इसके अलावा कई सारे निर्दलीय विधायकों ने भी इस गठबंधन को अपना समर्थन दिया है. कल भारतीय जनता पार्टी के विधिवत नेता चुनने के बाद सरकार बनाने की आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी और अगले पांच साल तक भारतीय जनता पार्टी और जेजेपी की सरकार हरियाणा के विकास को मोदी जी के नेतृत्व में आगे ले जाएगी. उन्होंने कहा कि हरियाणा की जनता ने जो जनादेश दिया है उसके स्पीरिट को ध्यान में रखकर भारतीय जनता पार्टी और जेजेपी दोनों के नेताओं ने यह निर्णय लिया है. दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कई लोगों ने कांग्रेस और कई ने बीजेपी के साथ जाने की बात कही. राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने मुझे अधिकृत किया है 'कॉमन मिनिमम प्रोग्राम' के तहत वृद्धा पेंशन और दूसरी मांगों पर जो दल सहमत होगा उसके साथ जेजेपी जाएगी और सरकार बनाने में मदद करेगी. हम पॉजिटिव हैं हरियाणा को आगे ले जाने के लिए. क्राइम कंट्रोल हो. युवा का रोजगार हमारी प्राथमिकता है. युवाओं को रोजगार और पेंशन भी हमारी प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि बीजेपी को अगर नंबर है तो हमारी शुभकामनाएं. हमे 15 फीसदी वोट मिले जिसमें युवाओं का साथ मिला. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि बाहर से समर्थन का तो मतलब ही नहीं. अगर किसी पार्टी को सपोर्ट करेंगे तो सरकार में अंदर रहेंगे. गौरतलब है कि बीजेपी को हरियाणा में 7 सीटों का नुकसान हुआ है. 2014 के विधानसभा चुनाव बीजेपी ने 47 सीटों पर जीत दर्ज की थी और अपने दम पर सरकार का गठन किया था. दूसरी तरफ कांग्रेस को 16 सीटों का फायदा हुआ है. कांग्रेस ने 31 सीटों पर जीत दर्ज की है. पिछले चुनाव में कांग्रेस सिर्फ 15 सीटों पर सिमट गई थी. BJP को सरकार बनाने के लिए 6 और सीटों की जरूरत होगी.
सरकार ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली लागू होने से पहले के स्टॉक पर कर लाभ का दावा करने की अंतिम तिथि एक महीने बढ़ाकर आज 30 नवंबर कर दी. जीएसटी के लिए आधिकारिक सरकारी ट्विटर हैंडल जीएसटी@जीओआई से किये गये ट्वीट में कहा गया, ‘‘जीएसटी ट्रान-1 फॉर्म के लिए अंतिम तिथि 30 नवंबर 2017 तक बढ़ा दी गयी है.’’ यह फॉर्म उन कारोबारियों के लिए है जिन्हें जीएसटी व्यवस्था लागू होने से पहले के उनके पास बकाया स्टॉक पर दिये गये कर का क्रेडिट दावा करना है.टिप्पणियां इससे पहले जीएसटी परिषद ने हैदराबाद में हुई 21वीं बैठक में इसकी अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 अक्तूबर कर दी थी. परिषद ने कारोबारियों को फार्म में कोई गड़बड़ी होनें की स्थिति में उसमें संशोधन की अनुमति भी दी है. जुलाई में जीएसटी लागू होने के बाद 95,000 करोड़ रुपये का कर वसूला गया जिसमें से करदाताओं ने 65,000 करोड़ रुपये का पुराने स्टॉक पर क्रेडिट का दावा किया. हालांकि, इसके बाद केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने एक करोड़ रुपये से अधिक के ऐसे दावों की जांच का आदेश दिया. (भाषा) इससे पहले जीएसटी परिषद ने हैदराबाद में हुई 21वीं बैठक में इसकी अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 अक्तूबर कर दी थी. परिषद ने कारोबारियों को फार्म में कोई गड़बड़ी होनें की स्थिति में उसमें संशोधन की अनुमति भी दी है. जुलाई में जीएसटी लागू होने के बाद 95,000 करोड़ रुपये का कर वसूला गया जिसमें से करदाताओं ने 65,000 करोड़ रुपये का पुराने स्टॉक पर क्रेडिट का दावा किया. हालांकि, इसके बाद केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने एक करोड़ रुपये से अधिक के ऐसे दावों की जांच का आदेश दिया. (भाषा) जुलाई में जीएसटी लागू होने के बाद 95,000 करोड़ रुपये का कर वसूला गया जिसमें से करदाताओं ने 65,000 करोड़ रुपये का पुराने स्टॉक पर क्रेडिट का दावा किया. हालांकि, इसके बाद केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने एक करोड़ रुपये से अधिक के ऐसे दावों की जांच का आदेश दिया. (भाषा)
सनी लियोन और उनके पति डैनियल वेबर अपने सुखद दांपत्य जीवन को अब एक कदम आगे बढ़ना चाहते हैं. खबर है कि दोनों बच्चा प्लान कर रहे हैं. इस बात का खुलासा खुद सनी लियोन ने किया है. हाल ही एक इंटरव्यू में सनी लियोन ने कहा, 'मेरी सासू मां की दिली ख्वाहिश है कि मैं और डेनियल जल्द ही माता-पिता बनें और हमने भी उनकी इस बात पर गौर करने का मन बनाया है.' अखबार DNA में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, सनी लियोन ने कहा कि कुछ दिन पहले ही उनकी सास ने उनसे बच्चे के लिए शिकायत की है और वे पोता-पोती के लिए बेहद उत्साहित हैं. सनी ने कहा कि वह और डेनियल जिंदगी के इस पड़ाव के लिए सही समय की तलाश में हैं. सनी लियोन इससे पहले एक अन्य इंटरव्यू में यह कह चुकी हैं कि वह अपने पति को 'बेबी फीवर' बुलाती हैं. सनी ने कहा, 'मेरे पति को मैं बेबी फीवर बुलाती हूं क्योंकि वह भी हर वक्त बच्चे के लिए रट लगाए रखते हैं. मैंने उन्हें कहा अभी वक्त है. मैं भी जल्द बच्चा चाहती हूं. मुझे भी इस लम्हे का इंतजार है.' सनी लियोन के प्रोफेशनल फ्रंट की बात करें तो वह इन दिनों अपनी आने वाली एडल्ट कॉमेडी फिल्म 'मस्तीजादे' के लिए सुर्खियां बटोर रही हैं. मिलाप जावेरी के निर्देशन में बनी यह फिल्म 29 जनवरी को रिलीज होने जा रही है.
सबसे बड़ी खबर आ रही है अमेरिका से. 9/11 की 10वीं बरसी पर अमेरिका को फिर से दहलाने की साजिश रची गई है. अमेरिकी अधिकारियों को भनक लगी है कि न्यूयार्क या वाशिंग्टन को निशाना बनाने के लिए तीन आतंकी अमेरिका में घुस चुके हैं. हमले को कार या ट्रक से अंजाम देने की साजिश है. अल कायदा के इस खौफनाक हमले के दस साल पूरे होने में महज दो दिन बाकी हैं और खबर है कि 9/11 की दसवीं बरसी पर आतंकवादियों ने अमेरिका को दहलाने की फिर से साजिश रची है. अमेरिकी के काउंटर टेरेरिज्म अधिकारियों को इस साजिश की पुख्ता जानकारी हाथ लगी है, हालांकि अमेरिकी सरकार ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है. जानकारी के मुताबिक कम से कम तीन आतंकी, जिनमें से एक अमेरिकी नागरिक है, हवाई रास्ते से अमेरिका घुस चुके हैं. ऐसी आशंका है कि संदिग्ध आतंकी अफगानिस्तान से आए हैं. मुमकिन है कि अमेरिका आने के रास्ते ये आतंकी ईरान से भी गुजरे हों. जानकारी के मुताबिक आतंकी न्यूयार्क या वाशिंग्टन को निशाना बना सकते हैं. साजिश कार या ट्रक बम से हमले की है. इस मामले में अधिकारी भाड़े के दो ट्रक की तलाश कर रहे हैं. दोनों ट्रक केनसास सिटी से लापता हैं. एक अधिकारी के मुताबिक साजिश के बारे में सूचना बेहद पक्की है. व्हाईट हाउस के एक अधिकारी के मुताबिक राष्ट्रपति को इसकी जानकारी दे दी गई है. हर साल की तरह इस साल भी 9/11 के मौके पर अमेरिका में सुरक्षा बढ़ा दी गई है लेकिन, साजिश के इस खुलासे के बाद अमेरिका अलर्ट का स्तर बढ़ाने पर विचार कर रहा है.
लेख: इसके बाद बारी आई पीएम के पंचलाइन की जब उन्होंने कहा 'लेकिन अब मनोरंजन और चुस्ती से आगे बढ़ने का वक्त आ गया है। हमें विकास चाहिए, इसलिए जेम्स बॉन्ड और ब्रुक बॉन्ड के बाद हम Rupee बॉन्ड पर आ गए हैं।' पीएम मोदी की यह बात सुनकर स्टेडियम में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी।यह भी पढ़ें - महारानी के साथ लंचटिप्पणियां प्रधानमंत्री ने कहा की पहली बार रेलवे ने लंदन के स्टॉक एक्सचेंज में रुपी बॉन्ड का विमोचन किया है। वेम्बले स्टेडियम में भारतीय समुदाय के करीब 60 हज़ार लोग इकट्ठा हुए थे जिसे पीएम मोदी की विदेश यात्राओं में अभी तक का सबसे बड़ा स्वागत समारोह बताया जा रहा है।उनके इस कार्यक्रम में शामिल होने से पहले तमाम रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इससे पहले पीएम मोदी ने बकिंघम पैलेस में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के साथ लंच किया। बकिंघम पैलेस में पीएम मोदी ने ब्रिटेन की महारानी को कई तोहफे भी भेंट किए। यह भी पढ़ें - महारानी के साथ लंचटिप्पणियां प्रधानमंत्री ने कहा की पहली बार रेलवे ने लंदन के स्टॉक एक्सचेंज में रुपी बॉन्ड का विमोचन किया है। वेम्बले स्टेडियम में भारतीय समुदाय के करीब 60 हज़ार लोग इकट्ठा हुए थे जिसे पीएम मोदी की विदेश यात्राओं में अभी तक का सबसे बड़ा स्वागत समारोह बताया जा रहा है।उनके इस कार्यक्रम में शामिल होने से पहले तमाम रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इससे पहले पीएम मोदी ने बकिंघम पैलेस में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के साथ लंच किया। बकिंघम पैलेस में पीएम मोदी ने ब्रिटेन की महारानी को कई तोहफे भी भेंट किए। प्रधानमंत्री ने कहा की पहली बार रेलवे ने लंदन के स्टॉक एक्सचेंज में रुपी बॉन्ड का विमोचन किया है। वेम्बले स्टेडियम में भारतीय समुदाय के करीब 60 हज़ार लोग इकट्ठा हुए थे जिसे पीएम मोदी की विदेश यात्राओं में अभी तक का सबसे बड़ा स्वागत समारोह बताया जा रहा है।उनके इस कार्यक्रम में शामिल होने से पहले तमाम रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इससे पहले पीएम मोदी ने बकिंघम पैलेस में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के साथ लंच किया। बकिंघम पैलेस में पीएम मोदी ने ब्रिटेन की महारानी को कई तोहफे भी भेंट किए। उनके इस कार्यक्रम में शामिल होने से पहले तमाम रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इससे पहले पीएम मोदी ने बकिंघम पैलेस में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के साथ लंच किया। बकिंघम पैलेस में पीएम मोदी ने ब्रिटेन की महारानी को कई तोहफे भी भेंट किए।
नियंत्रण सिद्धान्त में सुदृढ़ नियंत्रण (robust control) से तात्पर्य नियंत्रक डिजाइन की उस प्रणाली से है जिसमें प्रक्रम (या प्लान्ट) से सम्बन्धित अनिश्चितताओं का विशेष ध्यान रखा जाता है। दूसरे शब्दों में, सुदृढ़ नियंत्रण की विधियाँ ऐसे डिजाइन की गयीं हैं कि अनिश्चितताएँ या व्यवधान यदि एक दी गयी सीम में रहें तो नियन्त्रण प्रणाली ठीक से काम करेगी। आरम्भिक काल की बोडे तथा अन्य लोगों की नियन्त्रक डिजाइन की विधियाँ काफी सुदृढ़ थीं। किन्तु १९६० और १९७० के दशक में स्टेट-स्पेस विधियों से नियन्त्रक डिजाइन की शुरुवात हुई जो कभी-कभी सुदृढ नहीं होतीं हैं। इसलिए उनमें अनुसंधान की आवश्यकता अनुभव की गयी और इस प्रकार 'सुदृढ़ नियंत्रण' के सिद्धान्त का जन्म हुआ। सुदृढ़ नियन्त्रण का जन्म १९८० के दशक में हुआ और इसने १९९० के दशक में प्रौढ़ता हासिल की। आज भी यह एक सक्रिय विषय है। यदि सुदृढ़ नियन्त्रण की तुलना अनुकूली नियन्त्रण से करें तो हम देखते हैं कि सुदृढ़ नियन्त्रण एक 'स्थैतिक' नियन्त्रण है जबकि अनुकूली नियन्त्रण परिवर्तनों को मापकर उसके अनुसार अपने को बदल लेता है। सुदृढ़ नियन्त्रक यह मानकर डिजाइन किया जाता है कि कुछ चर अज्ञात ही रहेंगे किन्तु एक सीमा के अन्दर। नियंत्रण सिद्धान्त
पलटा भारतीय खाना बनाने में इस्तेमाल होनेवाला बर्तन है। इसमें एक लंबी छड़ के अंत में एक तिकोना भाह लगा होता है, जो कि धातु का होता है। उस भाग को कड़ाही में रगड़ रगड़ कर खाद्य को भूना जाता है। उदाहरण के लिए पलटे का प्रयोग रबड़ी और खुरचन आदि बनाने के लिए होता है। देखें भारतीय खाना बनाने में इस्तेमाल होनेवाले बर्तन भारतीय खान पान भारतीय खाना बर्तन भारतीय खाना बनाने में इस्तेमाल होनेवाले बर्तन
इन दिनों सोशल मीडिया पर प्रियंका चोपड़ा का ऐसा वीडियो वायरल हाेे रहा है जिसमें वह एक रिपोर्टर को लताड़ती नजर आ रही हैं. दरअसल ये वीडियो चार साल पुराना है जब उनका 'इन माई सिटी' गाना रिलीज हुआ था. इस मौके पर प्रियंका चोपड़ा हंसते हुए रिपोटर्स के सवालों का जवाब दे रही थीं कि अचानक एक रिपोर्टर ने उनसे शाहरुख से जुड़ा एक सवाल पूछ लिया. बस  फिर क्‍या था, व‍ह अचानक उस रिपेार्टर पर भड़क उठीं. उन्‍होंने रिपोर्टर को होमवर्क करके आने और सही खबरें पेश करने का ज्ञान तक दे डाला. रिपोर्टर ने उस समय खबरों में चल रहेे एक मुद्दे को उठाते हुए उनसे सिर्फ यही पूछा था कि क्‍या शाहरुख भी यही मानते हैं कि भारत में मुस्लिम सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं...? बस फिर क्‍या था, प्रियंका ने रिपोर्टर को धर्मनिरपेक्षता का पाठ पढ़ाना शुरु कर दिया. उन्‍होंने कहा कि ऐसे सवाल पूछने वालों को शर्म आनी चाहिए. Businessofcinema.com पर इस पूरे वाकये के वीडियो को पोस्ट किया गया है. आपको याद ही होगा कि कुछ साल पहले प्रियंका और शाहरुख के बीच काफी नजदीकी रिश्‍ते रहे थे. दोनों के बीच अफेयर होने  की खूब चर्चा हुई थी. फिल्‍म 'डॉन 2' की शूटिंग के दौरान तो दोनों के बीच नजदीकियों ने खूब सुर्ख‍ियां भी बटोरीं. फिर ये भी खबर आई कि गौरी खान को इस दोस्‍ती से परेशानी होने लगी. शाहरुख ने भी बीवी की बात मानने में ही भलाई समझी और इसके बाद से इन दोनों के बीच दूरियां आने लगीं.
Redmi Note 7S और Redmi Note 7 Pro आज एक बार फिर भारत में बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे। रेडमी नोट 7एस और रेडमी नोट 7 प्रो की सेल दोपहर 12 बजे ई-कॉमर्स साइट Flipkart, कंपनी की आधिकारिक साइट Mi.com और मी होम स्टोर पर शुरू होगी। Redmi Note 7S और Redmi Note 7 Pro की अहम खासियतों की बात करें तो ये स्मार्टफोन 48 मेगापिक्सल के प्राइमरी सेंसर, वाटरड्रॉप डिस्प्ले नॉच और फोन में जान फूंकने के लिए 4,000 एमएएच की बैटरी दी गई है जो क्वालकॉम क्विक चार्ज 4.0 सपोर्ट से लैस है। Redmi Note 7S और Redmi Note 7 Pro दोनों ही स्मार्टफोन एंड्रॉयड पाई पर आधारित मीयूआई 10 पर चलते हैं। भारतीय मार्केट में रेडमी नोट 7एस की शुरुआती कीमत 10,999 रुपये है। यह दाम 3 जीबी रैम + 32 जीबी स्टोरेज मॉडल का है। हैंडसेट के 4 जीबी रैम + 64 जीबी स्टोरेज मॉडल को 12,999 रुपये में बेचा जाएगा। दोनों ही वेरिएंट ऑनिक्स ब्लैक, रूबी रेड और सेफायर ब्लू रंग में बिकेंगे। यह भी पढ़ें-  Redmi Note 7S में कितना दम? पहली नज़र में... Xiaomi ने Redmi Note 7 Pro (रिव्यू) के दो वेरिएंट उपलब्ध कराए हैं। 4 जीबी रैम + 64 जीबी स्टोरेज वेरिएंट को 13,999 रुपये में बेचा जाएगा। ग्राहक रेडमी नोट 7 प्रो के 6 जीबी + 128 जीबी वर्ज़न की कीमत 16,999 रुपये है। यह नेप्ट्यून ब्लू, नेब्यूला रेड और स्पेस ब्लैक रंग में उपलब्ध होगा। दोनों ही फोन ई-कॉमर्स साइट फ्लिपकार्ट, मी डॉट कॉम और मी होम स्टोर पर दोपहर 12 बजे से मिलेंगे। Redmi Note 7S के साथ मिलने वाले ऑफर्स की बात करें तो फ्लिपकार्ट और मी डॉट कॉम पर एचडीएफसी बैंक कार्ड पर 500 रुपये की छूट मिलेगी। लॉन्च ऑफर्स की बात करें तो Redmi Note 7 Pro के साथ टेलीकॉम कंपनी Airtel की तरफ से 1,120 जीबी तक डेटा के साथ अनलिमिटेड कॉलिंग और एयरटेल थैंक्स बेनिफिट और Airtel TV का मुफ्त सब्सक्रिप्शन मिलेगा। Jio यूज़र्स को 198 रुपये या उससे अधिक के प्रीपेड रीचार्ज पर डबल डेटा ऑफर मिलेगा। याद करा दें कि Redmi Note 7S को पिछले महीने भारत में लॉन्च किया गया था तो वहीं दूसरी ओर रेडमी नोट 7 प्रो को इस साल फरवरी में भारतीय मार्केट में उतारा गया था। डुअल-सिम (नैनो) वाला रेडमी नोट 7एस एंड्रॉयड ओरियो पाई पर आधारित मीयूआई 10 पर चलेगा। इसमें 6.3 इंच का फुल एचडी+ (1080x2340 पिक्सल) एलटीपीएस डिस्प्ले है जिसका आस्पेक्ट रेशियो 19.5:9 है। स्क्रीन प्रोटेक्शन के लिए कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लास 5 और 2.5 डी कर्व्ड ग्लास का इस्तेमाल हुआ है। स्पीड और मल्टीटास्किंग के लिए 2.2 गीगाहर्ट्ज़ स्नैपड्रैगन 660 ऑक्टा-कोर प्रोसेसर के साथ 3 जीबी/ 4 जीबी रैम मिलेंगे। स्टोरेज के दो विकल्प हैं- 32 जीबी और 64 जीबी। कैमरा सेटअप की बात करें तो Redmi Note 7S में दो रियर कैमरे हैं। एलईडी फ्लैश के साथ एफ/ 1.8 अपर्चर वाला 48 मेगाापिक्सल का प्राइमरी कैमरा है। इसके साथ 5 मेगापिक्सल का सेकेंडरी कैमरा है। सेल्फी के लिए 13 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया गया है। फोन में जान फूंकने के लिए 4,000 एमएएच की बैटरी दी गई है जो क्विक चार्ज 4 सपोर्ट के साथ आती है। कनेक्टिविटी के लिए यूएसबी टाइप-सी पोर्ट, 3.5 मिलीमीटर ऑडियो जैक, 4 जी वीओएलटीई, ब्लूटूथ और वाई-फाई सपोर्ट शामिल है।     रेडमी नोट 7 प्रो भी रेडमी नोट 7 की तरह “ऑरा डिज़ाइन” के साथ आता है। इसमें 6.3 इंच की फुल-एचडी+ स्क्रीन है, 19.5:9 आस्पेक्ट रेशियो और वाटरड्रॉप नॉच के साथ। फोन के फ्रंट और बैक पैनल पर 2.5डी कर्व्ड गोरिल्ला ग्लास 5 का इस्तेमाल हुआ है। स्मार्टफोन में 11एनएम प्रोसेस से बने क्वालकॉम ऑक्टा-कोर स्नैपड्रैगन 675 प्रोसेसर का इस्तेमाल हुआ है। रैम और स्टोरेज पर आधारित फोन के दो विकल्प हैं- 4 जीबी रैम के साथ 64 जीबी स्टोरेज और 6 जीबी रैम के साथ 128 जीबी स्टोरेज। दोनों ही वेरिएंट 256 जीबी तक के माइक्रोएसडी कार्ड को सपोर्ट करते हैं। फोन एंड्रॉयड पाई पर आधारित मीयूआई 10 पर चलेगा। फोन की बैटरी 4,000 एमएएच की है और यह क्विक चार्ज 4.0 को सपोर्ट करेगी। इस फोन में रियर फिंगरप्रिंट सेंसर है। यूएसबी टाइप-सी पोर्ट, 3.5 एमएम ऑडियो जैक और डुअल सिम कनेक्टिविटी फीचर इस फोन का हिस्सा हैं। Redmi Note 7 Pro 4जी एलटीई, वाई-फाई, ब्लूटूथ 5.0 और इंफ्रारेड के साथ आता है।   अन्य स्पेसिफिकेशन की बात करें तो Redmi Note 7 Pro डुअल कैमरा सेटअप के साथ आता है। इसमें एफ/ 1.79 अपर्चर वाला 48 मेगापिक्सल का प्राइमरी सेंसर है। इसके साथ 5 मेगापिक्सल का सेकेंडरी डेप्थ सेंसर दिया गया है। फोन में एआई सीन डिटेक्शन, एआई पोर्ट्रेट मोड और नाइट मोड जैसे कैमरा फीचर हैं। इसके अलावा फोन में 13 मेगापिक्सल का सेल्फी सेंसर है। इस फोन के रियर कैमरे से यूज़र 4K वीडियो रिकॉर्ड कर पाएंगे।
बुद्धचरितम्, संस्कृत का महाकाव्य है। इसके रचयिता अश्वघोष हैं। इसकी रचनाकाल दूसरी शताब्दी है। इसमें गौतम बुद्ध का जीवनचरित वर्णित है। इस महाकाव्य का आरम्भ बुद्ध के गर्भाधान से तथा इसकी परिणति बुद्धत्व-प्राप्ति में होती है। यह महाकव्य भगवान बुद्ध के संघर्षमय सफल जीवन का ज्वलन्त, उज्ज्वल तथा मूर्त चित्रपट है। इसकी कथा का रूप-विन्यास वाल्मीकिकृत रामायण से मिलता-जुलता है। सन् 420 में धर्मरक्षा ने इसका चीनी भाषा में अनुवाद किया तथा ७वीं एवं ८वीं शती में इसका अत्यन्त शुद्ध तिब्बती अनुवाद किया गया। दुर्भाग्यवश यह महाकाव्य मूल रूप में अपूर्ण ही उपलब्ध है। 28 सर्गों में विरचित इस महाकाव्य के द्वितीय से लेकर त्रयोदश सर्ग तक तथा प्रथम एवं चतुर्दश सर्ग के कुछ अंश ही मिलते हैं। इस महाकाव्य के शेष सर्ग संस्कृत में उपलब्ध नहीं है। इस महाकाव्य के पूरे 28 सर्गों का चीनी तथा तिब्बती अनुवाद अवश्य उपलब्ध है। इसका चीनी भाषा में अनुवाद पांचवीं शताब्दी के प्रारम्भ में 'धर्मरक्ष', 'धर्मक्षेत्र' अथवा 'धर्माक्षर' नामक किसी भारतीय विद्वान ने ही किया था तथा तिब्बती अनुवाद ९वीं शताब्दी से पूर्ववर्ती नहीं है। कथास्रोत बुद्धचरित का कथानक, प्रख्यात कोटि का कथानक है। बुद्ध के जीवन से सम्बन्ध रखने वाली अनेक घटनाओं का श्रवण एवं पठन यत्र-तत्र आज भी पाया जाता है। बुद्धचरित महाकाव्य का कथानक किस निश्चित स्रोत से लिया गया है, इस प्रश्न का उत्तर पूर्णतः निश्चित नहीं है। बील के अनुसार अश्वघोष के इस काव्य का आधार महापरिनिर्वाणसूत्र था। मैक्समूलर के अनुसर भी बुद्धचरित के कथानक का स्रोत महापरिनिर्वाणसूत्र ही है। किन्तु कीथ के अनुसार बुद्धचरित का आधार ग्रन्थ बुद्ध के प्रति भक्तिभावना से युक्त हीनयान सम्प्रदाय से सम्बन्धित "ललितविस्तर" नामक ग्रन्थ है। वस्तुतः बुद्धचरित की कथावस्तु महावस्तु, ललितविस्तर, निदानकथा तथा जातक कथाओं से अत्यधिक साम्य प्राप्त करती है, किसी एक ग्रन्थ से नहीं। बुद्धचरित के सर्ग बुद्धचरित 28 सर्गों में था जिसमें 14 सर्गों तक बुद्ध के जन्म से बुद्धत्व-प्राप्ति तक का वर्णन है। किन्तु बुद्धचरितम् मूल रूप में अपूर्ण ही उपलब्ध है। 28 सर्गों में विरचित इस महाकाव्य के दूसरे सर्ग से लेकर तेरहवें सर्ग तक पूर्ण रूप से तथा पहला एवं चौदहवाँ सर्ग के कुछ अंश ही मिलते हैं। प्रथम सर्ग के प्रारम्भ के सात श्लोक और चतुर्दश सर्ग के बत्तीस से एक सौ बारह तक (81 श्लोक) मूल में नहीं मिलते हैं। चौखम्बा संस्कृत सीरीज तथा चौखम्बा विद्याभवन की प्रेरणा से उन श्लोकों की रचना श्री रामचन्द्रदास ने की है। उन्हीं की प्रेरणा से इस अंश का अनुवाद भी किया गया है। इस महाकाव्य के शेष सर्ग संस्कृत में उपलब्ध नहीं है। 15 से 28 सर्गों की मूल संस्कृत प्रति भारत में बहुत दिनों से अनुपलब्ध है। उसका अनुवाद तिब्बती भाषा में मिला था। उसके आधार पर किसी चीनी विद्वान ने चीनी भाषा में अनुवाद किया तथा आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से संस्कृत अध्यापक डाक्टर जॉन्सटन ने उसे अंग्रेजी में लिखा। इसका अनुवाद श्रीसूर्यनारायण चौधरी ने हिन्दी में किया है, जिसको श्री रामचन्द्रदास ने संस्कृतपद्यमय काव्य में परिणत किया है। बुद्धचरित के 28 सर्गो में भगवत्प्रसूति, संवेगोत्पत्ति, अभिनिष्क्रमण, तपोवन प्रवेश, अंतःपुर विलाप, कुमारान्वेषणम्, श्रेणभिगमनम्, बुद्धत्वप्राप्ति, महाशिष्याणा प्रव्रज्या प्रमुख हैं। प्रथम तेरह सर्गों के नाम इस प्रकार हैं- भगवत्प्रसूति, अन्तःपुरविहार संवेगोत्पत्तिः स्त्रीविघातन अभिनिष्क्रमण छन्दकनिवर्तनम् तपोवनप्रवेशम् अन्तःपुरविलाप कुमारान्वेषणम् श्रेणभिगमनम् कामविगर्हणम् आराडदर्शन मारविजय बुद्धचरित की कथावस्तु प्रथम सर्ग "भगवत्प्रसूतिः" नामक इस सर्ग की महत्वपूर्ण कथा बुद्ध के जन्म की है जिसमें बताया गया है कि इक्ष्वाकुवंश रूपी समुद्र में शुद्धोदन नाम का शाक्यों में एक राजा हुआ उसकी पत्नी का नाम माया था। रानी ने लोककल्याण के लिए गर्भधारण किया। गर्भधारण के बाद रानी ने स्वप्न में अपने अन्दर एक सफेद हाथी प्रवेश करते देखा। एक दिन रानी ने नन्दन वन सदृश लुम्बिनी वन में जाने की इच्छा की। राजा रानी को लुम्बिनी वन में ले गया, वहां पुष्य नक्षत्र के आने पर एक बालक का जन्म हुआ। जन्म होते ही वह बालक सप्तर्षि तारा की तरह सात पग चला तथा गम्भीर स्वर में बोला- विश्वकल्याण के लिए एवं ज्ञान प्राप्ति के लिए मैंने यह जन्म ग्रहण किया है, संसार में यह मेरा अन्तिम जन्म है। (बोधाय जातोऽस्मि जगद्वितार्थमन्त्या भवोत्पत्तिरियं मामेति। -- बुद्धचरित 1/15)। ब्राह्मणों ने उस बालक के सम्बन्ध में विचार किया तथा राजा से कहा, "हे राजन ! यह आपका पुत्र शुभ लक्षणों से युक्त है, यह समय आने पर गुणों का निधान होगा और बुद्धों में ऋषि होगा अथवा अत्यन्त राज्य श्री प्राप्त करेगा (दीपप्रभोऽयं कनकोज्जवलाङ्ग, सुलक्षणैर्यस्तु समन्वितोऽस्ति। निधिर्गुणानां समये स मन्ता बुद्धर्षिभावं परमां प्रियं वा॥-- बु०च० 1/34)। जिस प्रकार धातुओं में शुद्ध स्वर्ण, पर्वत में सुमेरु, जलाशयों में समुद्र, ताराओं में चन्द्रमा तथा अग्नियों में सूर्य श्रेष्ठ हैं, उसी प्रकार मनुष्यों में आपका पुत्र श्रेष्ठ है। यथा हिरण्यं शुचि धातुमध्ये मेरुगिरीणां सरस समुद्रः। तारासु चन्द्रस्तपतां च सूर्यः पुत्रस्तथा ते द्विपदेषु वर्थः ॥ (बुद्धचरित 1/37) तब राजा को आश्चर्य हुआ कि ब्राह्मणों द्वारा कथित ये गुण इसमें कैसे आयेंगे, जो पूर्वजों में नहीं थे। तब ब्राह्मणों ने बहुत दृष्टान्त देकर बताया कि ऐसे बहुत व्यक्ति हैं, जो अपने से पूर्व किसी ने नहीं किया वो उन लोगों ने कर दिया। उन्होने वाल्मीकि, जनकादि का उदाहरण दिया और कहा कि न तो अवस्था ही प्रमाण होती है और न वंश ही। संसार में कोई भी कहीं भी श्रेष्ठता प्राप्त कर सकता है क्योंकि राजाओं एवं ऋषियों के पुत्रों ने वे कर्म किये जो उनके पूर्वजों ने नहीं किया। तस्मात् प्रमाणं न वयो न वंशः न कश्चित् क्वचिन्ह श्रेष्ठ्यमुपैतिलोके। राज्ञामृषीणां च हि तानि तानि कृतानि पुत्रैरकृतानि पूर्वैः ॥ (बुद्धचरित 1/46) इसके बाद राजा ने ब्राह्मणों को प्रसन्नतापूर्वक, सत्कारपूर्वक धन दिया, इस उद्देश्य से कि वह (बालक) राजा होवे और वृद्धावस्था को ही बन को जाय। तदन्तर महर्षि असित, तपोबल से जन्मान्तकर का जन्म हुआ, ऐसा जानकर सद्धर्म की जिज्ञासा से शाक्यराज के घर आये। राजा ने आसन पर बैठाकर पाद्यार्ध्य से उनकी पूजा की। महर्षि असित अपने आने का प्रयोजन बताया, "मैं आपके पूत्र का दर्शन करने आया हूँ, मार्ग में ही मैने सुना कि बुद्धत्व प्राप्ति के लिए आपका पुत्र उत्पन्न हुआ है।" राजा ने धाई की गोद से बालक को महर्षि की गोद में दे दिया। महर्षि ने आश्चर्य से देखा कि उसके पैरों में चक्र के चिन्ह थे, अंगुलियों, हाथों एवं पैरों में रेखाओं का जाल विछा हुआ था, भौहें बालों से युक्त थीं एवं अण्डकोश हाथी के समान सूक्ष्म थे। चक्राङ्कपादं स ततो महर्षिर्जालावनद्धानुलिपाणिपादम्। सोर्णभ्रुवं वारणवस्तिकोशं सविस्मयं राजसुतं ददर्श ॥ (बुद्धचरित 1/60) इसके बाद महर्षि असित ने राजा से उनके पुत्र के विषय में बहुत सारी बातें बताया कि आपका पुत्र अत्यन्त विलक्षण गुण वाला है और यह धर्म का राजा होगा, एवं बुद्धत्व प्राप्त करके मोहपाश से बँधे हुए दुःख से पीड़ित जगत् का बन्धन खोलेगा। इस प्रकार महर्षि असित पुत्रसम्बन्धी नियत बात बताकर आकाश मार्ग से जैसे आये थे, वैसे ही चले गये। राजा ने अपने राज्य के सभी कैदियों को छोड़ दिया। पुत्र का जातक आदि संस्कार करवाया। पुत्र के मंगल के लिए जप, होम, दान आदि मांगलिक कृत्य किया और उसके बाद मंगल शुभ मुहूर्त आने पर वहां से राज्य में प्रवेश किया। द्वितीय सर्ग "अन्तःपुरविहार" नामक इस सर्ग में बताया गया है कि उस पुत्र के जन्म से उस शाक्यराज के राज्य में सारी सम्पत्तियाँ अनायास प्राप्त होने लगीं। वह राजा प्रतिदिन धन-धान्य, हॉथी-घोड़ों से इस प्रकार बढ़ने लगा जिस प्रकार जल के प्रवाह से नदी बढ़ती है। उसके राज्य में केवल सन्यासियों ने ही भिक्षावृत्ति की, अन्य किसी ने नहीं किया। उसका राज्य चोर और शत्रुओं से रहित था। सूर्यपुत्र मनु के राज्य की तरह उसके राज्य में उस बालक के जन्म से हर्ष का सञ्चार हुआ, पाप का नाश हुआ, धर्म प्रज्वलित हुआ, कलुषता मिट गयी। बालक के जन्म के कारण राजकुल की ऐसी सर्वार्थसिद्धि हुई कि राजा ने उसका नाम 'सर्वाथसिद्ध' रखा। उस बालक की माता माया देवी अपने पुत्र का देवर्षि सदृश विशाल प्रभाव देखकर उत्पन्न हर्ष को न सम्भाल सकी, अतः निवास के लिए स्वर्ग चली गयीं। तब माता के सदृश मौसी ने विशेष प्यार एवं भाव से सगे की भाँति उस देवतुल्य बालक का पालन-पोषण किया। वह बालक शुक्ल पक्ष के चन्द्रमा की तरह क्रमशः बढ़ने लगा। उस बालक ने बाल्यावस्था को बिताकर उचित समय में उपनयनादि संस्कार से विधिवत सुसंस्कृत होकर बहुत वर्षों में सीखी जाने वाली अपने कुल के अनुसार विद्या थोड़े ही दिनों में सीख ली। वयश्च कौमारमतीत्य सम्यक् सम्प्राप्य काले प्रतिपत्तिकर्म। अल्पैरहोभिर्बहुवर्षगम्या जग्राह विद्याः स्वकुलानुरूपाः ॥ (बुद्धचरितम् 2/24) इसके बाद राजा ने विषयों में उसकी आसक्ति उत्पन्न करने की इच्छा से उसका विवाह यशोधरा नाम की कन्या से सम्पन्न करा दिया ताकि बालक वन को न जावे। मन को क्षुभित करने वाला कोई प्रतिकूल दृश्य यह बालक किसी तरह न देख सके, ऐसा विचार कर वह राजा उस कुमार के लिए महल के अन्दर रहने की ही आज्ञा देता था, बाहर घुमने की नहीं। इस प्रकार वह कुमार महलों में ही स्त्रियों के मनोरम तूर्य, वीणा आदि नाद के बीच विहार करने लगा। अनेक सुन्दर युवतियों ने अपने कटाक्ष एवं भूविलास से उसको रमाने का प्रयास किया। राजा ने उस कुमार की दीर्घायु के लिए अग्नि में आहुति एवं ब्राह्मणों को गाय, स्वर्ण इत्यादि दान दिया। उत्तम गुण वाली यशोधरा ने एक पुत्र को जन्म दिया जिसका नाम राहु के समान मुख होने के कारण राहुल रखा गया। अब राजा को अपने वंश के विस्तार का पूर्ण विश्वास हुआ तथा जिस प्रकार पुत्र जन्म से प्रसन्ता हुयी थी, उसी प्रकार पौत्र जन्म से भी हुयी। 'मेरे ही समान मेरे पुत्र को भी अपने पुत्र में प्रेम होवें', इस प्रसन्नता से उस राजा ने यथासमय तत् तत् धर्म का आचरण किया। सत्पुरुषों द्वारा सेवित एवं वेदप्रतिपादित विविध धर्मो का सेवन किया, एवं पुत्र का मुख देखकर यह प्रार्थना की कि मेरा पुत्र किसी भी प्रकार वन न जावे। तृतीय सर्ग "संवेगउत्पत्ति:" नामक इस सर्ग में महात्मा बुद्ध के मन में विभिन्न कारणों से वैराग्य उत्पन्न होने की चर्चा की गयी है। बताया गया है कि किसी समय सिद्धार्थ ने वन के विषय में सुना कि कोमल तृणों से सम्पन्न है और वहाँ के वृक्ष कोयलों के विवाद से विवादित हैं तथा कमलों के तालाबों से सुशोभित गीत से निबद्ध हैं। इस प्रकार जब सिद्धार्थ ने स्त्रियों के प्रिय नगर के उद्यानों की सुन्दरता सुनी तब राजकुमार ने बाहर जाने की इच्छा की। राजकुमार के मनोगत भाव को जानकर राजा ने वनविहारयात्रा की आज्ञा दे दी। राजकुमार के मन में रोगादि से पीड़ित व्यक्तियों को देखकर संवेग न उत्पन्न हो जाय, अतः ऐसे लोगों का मार्गों में आवागमन रोक दिया गया। कर्मचारियों ने राजपथ से अङ्गहीनों, इन्द्रियहीनों, वृद्धों, रोगियों एवं गरीब जनों को परम शान्ति से हटाकर मार्ग को बहुत सजाया। प्रत्यङ्गहीनान्विकलेन्द्रियांश्च जीर्णातुरादीन् कृपणांश्च दिक्षु। ततः समुत्सार्य परेण सान्न! शोभां परां राजपथस्य चक्रुः॥ (बुद्धचरित 3/5) राजपथ के सज जाने पर राजा से आज्ञा लेकर राजकुमार स्वर्ण के आभूषणों से अलङ्कृत, चार अश्वों से संयुक्त, कुशल सारथी वाले सुवर्णमय रथ पर सवार हुए। नगर के लोगों ने उसका अभिनन्दन किया। स्त्रियाँ उसको देखने की इच्छा से अटारियों पर चढ़ गयीं। राजमार्ग पर जाते समय राजकुमार को वन में जाने के लिए प्रेरित करने हेतु शुद्धाधिवास देवयोनि विशेषों ने एक वृद्ध पुरूष का निर्माण किया। तब राजकुमार ने जर्जर से उस व्यक्ति को देखकर स्तब्ध होते हुए सारथी से कहा- हे सूत! यह कौन मनुष्य आया है। सफेद केशों से युक्त, हाँथों में लाठी पकड़े हुए, भौहों से आँखे ढंकी हैं, शिथिलता के कारण शरीर झुका है। क्या यह विकार है अथवा स्वभाव या अनायास ऐसा हो गया है? क ऐष भो सूत नरोऽभ्युपेतः केशैः सितैर्यष्टिविषक्तहस्तः । भूसंवृताक्षः शिथिलानताङ्गः किं विक्रियैषा प्रकृतिर्यदृच्छा॥ (बुद्धचरित ३/२८) इस प्रकार बुद्ध के द्वारा पूछे जाने पर देवताओं के प्रभाव से बुद्धिमोह को प्राप्त उस सारथी ने बिना कुछ छिपाये उस अवस्था के विषय में सब कुछ बता दिया। सारथी ने कहा, "रूप को नष्ट करने वाली, बल के लिए विपत्ति स्वरूप, शोक की जननी, आनन्द का निधन, स्मृति का नाश एवं इन्द्रियों का शत्रु यह जरावस्था है जिसने इसे तोड़ डाला है।ऐसा कहे जानेपर राजकुमार ने सारथी से पूछा क्या यह मुझे भी दोष होगा? तब सारथी ने कहा, "आयुष्मन! यह किसी को नहीं छोड़ती, अतः आपको भी अवश्यम्भावी है"। इस प्रकार सुनकर वह कुमार उद्विनग्मन हो सारथी से रथ लौटाने को कहा। सारथी ने रथ लौटाया और महल में प्रवेश किया। 'जरा-जरा' का चिन्तन करते हुए जब राजकुमार को शान्ति नहीं आयी तब राजा की आज्ञा से दूसरी बार भी पुनः उसी क्रम से बाहर गया। अनन्तर व्याधिग्रस्त दूसरे मनुष्य का भी मार्ग में उसी देवों ने निर्माण किया। तब राजकुमार ने फिर सारथी से पूछा कि दूसरे का आश्रय लेकर दुःखित स्वर में जो माँ-माँ चिल्ला रहा है यह कौन है? तब सारथी ने बताया कि हे सौम्य! रसादि धातु के प्रकोप से बढ़ा हुआ रोग नामक यह महान अनर्थ है, जिसने इस समर्थ को भी पराधीन कर दिया है। ततोऽब्रवीत्सारथिरस्य सौम्य धातुप्रकोपप्रभवः प्रवृद्धः। रोगाभिधानः येमहाननर्थः शक्तोऽपि पेनैष कृतोऽस्वतन्त्रः ॥ (बुद्धचरित 3/421) तदनन्तर राजकुमार के द्वारा पूछे जाने पर कि यह रोग इसी को हुआ है या सबको होता है, सारथी ने कहा कि यह रोग सबको होता है। इस प्रकार के सारथी के वचन को सुनकर उद्विग्नमन राजकुमार ने फिर रथ लौटाने को कहा और रथ लौटकर महल में प्रवेश किया। राजकुमार के लौटने पर राजा का मन बहुत दुःखित हुआ कि कहीं यह पुत्र मुझे छोड़ न दे। राजा ने पुनः सारथी एवं रथ का परिवर्तन कर राजमार्ग को सजवा कर सुदृढ व्यवस्था कराकर भली प्रकार से मार्ग का परीक्षण कर बाहर भेजा। फिर उन्हीं शुद्धाधिवास देवों ने एक मृतक का निर्माण किया। उस मृतक को मार्ग में जाते हुए केवल राजकुमार एवं सारथी ने देखा, अन्य कोई नहीं। तब राजकुमार ने सारथि से पूछा कि चार पुरुषों से ढोया जा रहा यह कौन है? राजकुमार के पूछने पर देवों के द्वारा अभिभूत चित्त वाले सारथी ने न कहने योग्य यह बात भी राजकुमार से कह दी कि बुद्धि, इन्द्रिय, प्राण और गुणों से वियुक्त यह चेतन रहित तृण या लकड़ी के समान कोई सदा के लिए सो गया हैं, अभी तक प्रेमी स्वजनों ने इसे पाला-पोसा, अब छोड़ रहे हैं। राजकुमार ने रथवाहक का यह वचन सुनकर फिर पूछा कि यह सबको होता है या इसी का 'धर्म' है, तब सारथी ने बताया कि सब प्राणियों का यही अन्तिम कर्म है। उत्तम, मध्यम, नीच कोई भी हो, विनाश सबका निश्चित है। ततः प्रणेतावदति स्म तस्मै सर्वप्रजानामिदमन्तकर्म। हीनस्य मध्यस्य महात्मनो वा सर्वस्य लोके नियतो विनाशः॥ (बुद्धचरित 3/59) इस प्रकार सारथी के कहने पर राजकुमार ने गम्भीर स्वर से बोला, "प्राणियों की यह मृत्यु निश्चित है, किन्तु भय को छोड़कर लोग भूल कर रहे हैं। मै समझता हूँ कि मनुष्यों का मन कठिन है, जो इस प्रकार मृत्युपथ पर चलते हुए भी सुखी हैं। अतः हे सुत! यह विहार करने का समय उपयुक्त नहीं, रथ लौटाओ। विनाश को जानता हुआ भी बुद्धिमान विपत्ति काल में विभोर कैसे रह सकता है? इस प्रकार राजकुमार के कहने पर भी सूत ने रथ नहीं लौटाया और राजा की आज्ञा से विशेष सुन्दरता से युक्त नन्दनवन के सामन राजकुमार को पभषण्ड नामक बन को ले गया। चतुर्थ सर्ग नगर की स्त्रियाँ नगर उद्यान से बाहर निकलकर उस राजपुत्र के पास आयीं और कमल सदृश करों से स्वागत कीं। यद्यपि वे स्त्रियां उस राजकुमार को रागाभिमुख करने के उद्देश्य से वहाँ आयीं थीं, किन्तु उसके प्रभाव से निरूद्ध होकर कुछ बोल न सकीं, मात्र देखती ही रहीं। तब ऐसा देखकर पुरोहित पुत्र उदायी ने कहा कि आप लोग सब कला को जानने वाली हो, भावग्रहण में पण्डिता हो, चातुर्य से सम्पन्न हो, अपने गुणों से प्रधानता को प्राप्त हुयी हो, स्त्रियों का तेज महान होता है। इस प्रकार कहते हुए उदायी ने अनेक दृष्टान्त दिया। कहा कि स्त्रियों ने स्त्रियों के विषय में अनभिज्ञ ऋष्यश्रृङ्ग का भी अपहरण किया। विश्वामित्र ने जो महान तपस्वी थे, घृताची अप्सरा से अपहृत होकर दस वर्ष को एक दिन समझा। इस प्रकार जब स्त्रियों ने ऐसे लोगों को विकार उत्पन्न करवाया तो यह सुन्दर एवं युवा राजपुत्र क्या चीज है। तुम लोग निश्चित रूप से ऐसा प्रयत्न करो जिससे राजा के वंश की शोभा यहाँ से विरक्त होकर न जावे। उदायी की ऐसी बात सुनकर स्त्रियों ने उस राजकुमार को लुभाने के लिए अनेक विशिष्ट प्रयत्न प्रारम्भ किया। किसी ने लोकलज्जा छोड़ वस्त्रावरण शरीर से हटा दिया, तो किसी ने उसका चुम्बन किया। इस प्रकार नाना प्रकार के हाव-भावों से प्रभावति करने का प्रयास किया। लेकिन वह राजकुमार इस प्रकार आकृष्ट किये जाने पर भी विचलित नहीं हुआ और धीरचित्त से सोचनें लगा- क्या ये स्त्रियाँ यौवन को क्षणिक नही समझतीं, जिसको वृद्धावस्था नष्ट कर देगी। क्या ये किसी को रोगग्रस्त नहीं देखतीं, जिससे भय त्यागकर प्रसन्न हैं। सब कुछ हर लेने वाली मृत्यु से ये अनभिज्ञ हैं तभी तो स्वस्थ एवं उद्वेगरहित होकर खेलती और हँसती हैं। कौन वृद्ध रोगी एवं मृतक को देखकर ऐसे प्रसन्न रहेगा। जो ऐसे प्रसन्न रहेगा वह निश्चित ही अचेतन सदृश है। इस प्रकार ध्यानमग्न होकर वह सोच रहा था कि उदायी ने, जो नीतिशास्त्र का ज्ञाता था, उसको ध्यानमग्न एवं विषयों से निस्पृह देख मित्रता पूर्वक बोला- मैं तुम्हारा मित्र हूँ, मित्रता के नाते कुछ कहना चाहता हूँ। अहित में निषेध करना, हित में नियुक्त्त करना, विपत्ति में भी न छोड़ना ये ही मित्र के तीन लक्षण हैं। अहितात् प्रतिषेधश्च हिते चानुप्रवर्तनम्। व्यसने चापरित्यागस्त्रिविधं मित्रं लक्षणम्॥ (बुद्धचरित 4/64) अतः मित्र होने के नाते मैं कहता हूँ कि स्त्रियों के प्रति इस प्रकार की उदासीनता तुम जैसे सुन्दर पुरुष के अनुरूप नहीं है। दुर्लभ विषय को पाकर तुम्हे उसकी अवहेलना नहीं करनी चाहिए। इन्द्र ने भी गौतम पत्नी अहल्या के साथ काम का सेवन किया। इसी प्रकार वृहस्पति-ममता, पराशर-काली जैसे अनेक प्रमाण प्रस्तुत कर उदायी समझा रहा था कि उदायी की बात सुनकर राजकुमार ने उत्तर दिया- मैं विषयों की उपेक्षा नहीं करता, संसार को तदात्मक जानता हूँ, किन्तु जगत् को अनित्य मानकर मेरा मन इसमें नहीं रम रहा है। नावजानामि विषयान् जाने लोकं तदात्मकम्। अनित्यं तु जगन्मत्वा नात्र मेरमते मनः ॥ यदि जरा, व्याधि एवं मृत्यु नहीं होते तो इस मनोहर विषयों में मेरा भी मन रमता। मै तो जन्म, मृत्यु और व्याधि से होने वाले भय को देखकर अत्यन्त भयातुर एवं विकल हूँ। अग्नि से जलते हुए के समान जगत को देखते हुए मुझे न शान्ति है न धैर्य ही। मृत्यु, व्याधि एवं जरा स्वरूप मनुष्य यदि मृत्यु व्याधि और रूप आदि विषयों में रमता है तो वह मृग पक्षियों के समान है। इस प्रकार जब कुमार ने काम-मूल को नष्ट करने वाली निश्चयात्मक बातें कहीं, तब स्त्रियाँ सूर्य को अस्तचल को जाते देख अपने गुणों तथा प्रेमलीलाओं के निष्फल हो जाने पर काम भाव को अपने में निरुद्ध कर विवश होकर नगर को लौट गयीं। और राजकुमार भी प्रासाद में प्रवेश किया। लेकिन राजा ने जब सुना कि कुमार का मन विषयों में नहीं रमा, तो उसे ऐसे दुख हुआ मानो उसके हृदय में बाण चुभ गया हो। रात्रि में उसे नींद भी नहीं आयी। पञ्चम सर्ग जब राजकुमार को धैर्य नहीं हुआ तो राजा की आज्ञा पाकर एक बार फिर वन प्रान्त में घूमने के उद्देश्य से बाहर निकला। वन-दर्शन के लोभ से और पृथ्वी के गुण विशेष से आकृष्ट होकर सुदूर वन के अन्त की भूमि की ओर गया तथा जलतरङ्ग की भाँति विकृत हल से जुतते हुए उसने पृथ्वी को देखा। हल जुतने से तृण, कुशायें छिन्न-भिन्न हो गयी थीं। छोटे-छोटे कीड़े-मकोड़े मर कर बिछ गये थे। वैसे उस बसुधा को देखकर अत्यन्त शोक किया, मानो स्वजन का बध हुआ हो। वहाँ वह हरित तृण युक्त सुन्दर पवित्र भूमि पर बैठा और विश्व के जन्म-मृत्यु की गवेषणा करते हुए मन की एकाग्रता के मार्ग का सहारा लिया। इसी समय दूसरे के द्वारा न देखा जाता हुआ एक पुरूष भिक्षु वेष में उसके पास आया। राजपुत्र ने उससे पूछा, कहो कौन हो? तब उसने उससे कहा, "नरश्रेष्ठ! जन्म-मृत्यु से डरा हुआ मैं सन्यासी हूँ तथा मोक्ष के लिए सन्यास लिया हूँ। नश्वर जगत में मोक्ष की इच्छा वाला मैं, प्रसिद्ध कल्याणमय अविनाशी पद खोज रहा हूँ। निज और पराये में समान बुद्धि होकर, विषयों के राग-द्वेष से रहित हो गया हूँ। जहाँ कहीं, जो कुछ मिल जाता है, वही लेकर खा लेता हूँ और आशारहित हो घूम रहा हूँ। ऐसा कहकर वह आकाश में उड़ गया। वह उसकी स्मृति जगाने वाला देव विशेष था। इस प्रकार आकाश में उड़ते उसे देख वह कुमार अत्यन्त प्रसन्न और आश्चर्यचकित हो घर को पुनः प्रस्थान किया। घर जाकर उसने राजा के पास जाकर करबद्ध प्रणाम कर बोला- "हे नरदेव! मुझे शुभ आज्ञा देवें, मैं मोक्ष के लिए सन्यास लेना चाहता हूं क्योंकि एक दिन इस व्यक्ति विशेष से अवश्य वियोग होगा।" इस प्रकार की उसकी वाणी सुनकर राजा कम्पित हो गया और अश्रुपूर्ण सजल नेत्र वाला होकर बोला- हे तात! इस बुद्धि को लौटाओ, धर्मसेवन का तुम्हारा समय नहीं हैं। प्रथम अवस्था में मन चञ्चल होने के कारण बुद्धजन धर्माचरण में बहुत दोष बताते हैं। अतः तुम इस वैभवशाली लक्ष्मी का सेवन कर सुखपूर्वक जीवन व्यतीत करो। राजा की यह बात सुनकर कुमार ने उत्तर दिया- हे राजन! यदि चार बातों में रक्षक बनें तो मै वन का आश्रय न लूँ। मेरा जीवन मरण के लिए न हो, रोग मेरे इस आरोग्य को न हरे, बुढ़ापा यौवन को विक्षिप्त न करे और विपत्ति मेरी इस सम्पत्ति को न हरे। न भवेन्मरणाय जीवितं न विहरत्स्वास्थ्यमिदं च मे न रोगः । न च यौवनमाक्षिपेज्जरा मे न च सम्पत्तिमिमा हरेद्विपतिः ॥ (बुद्धचरित 5/35) ऐसी असम्भव बात सुनकर राजा ने कहा, पुत्र! अप्राप्य की कामना करने वाले का उपहास होता है। राजकुमार ने कहा- हे पिताजी! घर से मोक्ष की कामना वाले को भागने से रोकना उचित नहीं है। पुत्र का ऐसा निश्चय सुनकर राजा ने रक्षा की विशेष व्यवस्था की, और विषय भोगों का उसके लिए विशिष्ट विधान किया। राजकुमार ने अपने महल में प्रवेश किया। रात्रि में युवतियाँ बाजे-गाजे के साथ उसके पास उपस्थित हुईं। प्रतीत होता था मानो किसी देव श्रेष्ठ के पास अप्सराओं का झुण्ड आया हो। उन युवतियों के द्वारा लुभाने एवं बाजे बजाने पर भी वह नरश्रेष्ठ न तो सुखी हुआ और न प्रसन्न ही। तब श्रेष्ठ देवों ने उसके अभिप्राय को जानकर वहां सब प्रमादाओं को एक साथ निद्रित तथा उनकी मात्र चेष्टाओं को विकृत कर दिया। यद्यपि उनके शरीर सुन्दर थे एवं वाणी मधुर थी, फिर भी अभद्र तरीके से सोने के कारण उनकी आकृतियाँ विकृत एवं चेष्टायें चञ्चल थीं, जिसे देखकर राजपुत्र ने निन्दा की। इस संसार में वनिताओं का ऐसा विकराल तथा अपवित्र स्वभाव है, तथापि वस्त्राभूषणों से वञ्चित पुरुष स्त्रियों के विषय में राग करता है। इस प्रकार सो रही उन स्त्रियों की निन्दा करते हुए वे राजकुमार महल के ऊपरी भाग से निचले भाग प्रथम कक्ष में आये। शीघ्रगामी अश्वरक्षक को जगाकर कन्धक नामक या जाति विशेष अश्व को शीघ्र लाने के लिए कहा और कहा कि मोक्ष पाने के लिए यहाँ से जाने की मेरी इच्छा है। अश्वरक्षक छन्दक ने अन्यमनस्क मन से ही राजकुमार की आज्ञा को स्वीकार करते हुए अश्व को लाया। तब राजकुमार उस अश्व की पीठ पर चढ़कर सिंहनाद करते हुए कहा, "जन्म एवं मृत्यु का अन्त देखे बिना इस कपिलवस्तु नगर में प्रवेश नहीं करूँगा। इस प्रकार उसकी बात सुनकर देवताओं ने प्रसन्नतापूर्वक प्रफुल्लित चित्त से उसका मनोरथ सिद्ध करने का संकल्प किया। कुछ अन्य देवताओं ने अग्निरूप धारण करके उसे वर्फीले मार्ग में प्रकाश किया और वह घोड़ा सूर्य की किरणों से आकाश के तारे मलिन नहीं हो पाये (अर्थात रात में ही) इतने ही समय में अनेकों योजन दूर निकल गया। षष्ठ सर्ग कुछ मुहूर्त में भगवान भास्कर के उदित हो जाने पर उस नरश्रेष्ठ ने भार्गव का आश्रम देखा। अश्वपीठ से उतरकर उसको सहलाया और कहा 'तुमने मुझको पार कर दिया। इसके बाद स्निग्ध दृष्टि से छन्दक से कहा, हे सौम्य! तुमने अपनी अतुलनीय भक्ति मुझमें दिखाई, तुम्हारे इस फलकामना रहित कर्म से मैं सन्तुष्ट हूँ। अब तुम अश्व लेकर लौट जाओ। इतना कहकर उसने अपना सब आभूषण उतार कर उसको दे दिया तथा दीपक का काम करने वाली एक तेजस्वी मणि मुकुट से लेकर कहा कि हे छन्दक इस मणि से राजा को बारम्बार प्रणाम करते हुए कहना कि यथार्थ में स्वर्ग की तृष्णा से नहीं और न वैराग्य तथा क्रोध से अपितु जरामरण नाश के लिए मैं तपोवन में आया हूँ, अतः इस प्रकार निकलने वाले मेरे लिए शोक नहीं करना चाहिए। ऐसी बात सुनकर छन्दक ने अश्रुग्रसित वाणी से उत्तर दिया, हे स्वामिन्! बन्धुओं को कष्ट देने वाले आपके इस भाव से मेरा मन व्यथित हो रहा है। अतः हे महाबाहो! पुत्र में उत्कठित प्रेम एवं वृद्ध राजा को आप इस प्रकार न छोड़ें जिस प्रकार नास्तिक सद्धर्म को छोड़ता है। पालन-पोषण वाली उस अपनी दूसरी माता को भी उसी प्रकार न छोड़ें जैसे कृतघ्न सत्कार को भुला देता है। हे श्रेष्ठ! पतिव्रता यशोधरा और पुत्र राहुल भी आपके द्वारा नहीं छोड़ा जाना चाहिए। और यदि आपने सबको त्यागने का निश्चय भी किया है तो मुझे न छोड़ें। मैं सुमन्त्र की तरह राम (आप)को छोड़कर घर नहीं जाना चाहता। तब कुमार ने शोकसंतप्त छन्दक की बात सुनकर इस प्रकार कहा, हे छन्दक! मेरे वियोग सम्बन्धी इस संताप को छोड़ो। पृथक-पृथक जाति (योनि) वाले देहधारियों में वियोग होना एवं नानाभाव होना नियत है। मेरे विचार में जैसे बादल मिलकर फिर विलग हो जाते हैं, उसी प्रकार प्राणियों का भी वियोग होता है। इसके बाद उसने कन्धक को भी "हे कन्थक! अश्रुपात न करो" ऐसा कहते हुए सान्त्वना दिया और कृपाण निकालकर अपने मुकुट को काटा और आकाश में फेंक दिया। देवताओं ने उस छिन्न-भिन्न मुकुट को आदर से लेकर स्वर्गीय सामग्री से उसकी पूजा की। तदन्तर पवित्र अन्तःकरण वाला एक देवता उसका अभिप्राय जानकर शिकारी के वेष में काषाय वस्त्र धारण कर उसके पास गया। राजकुमार ने कहा कि हे सौम्य, यदि तुम्हें इस वस्त्र में ममता न हो तो यह मेरा वस्त्र लेकर तुम हमें यह वस्त्र दे दो। तब उस व्याध (शिकारी) ने परम हर्ष से अपना वस्त्र दे दिया। कुमार ने काषाय वस्त्र धारण किया और व्याध भी शुक्ल वस्त्र लेकर दिव्य शरीर धारण कर स्वर्ग चला गया। इसके बाद कुमार और छन्दक दोनों आश्चर्यचकित हुए। काषाय वस्त्रधारी कुमार ने छन्दक को लौटाकर आश्रम की ओर जाने वाले एक मार्ग से चल दिया। छन्दक स्वामी के इस वेष को देखकर बहुत विलाप किया और घोड़े को लेकर केवल शरीर मात्र से लौटा लेकिन चित्त से नहीं। सप्तम सर्ग छन्दक को विसर्जित कर, वन में स्वच्छन्दता की इच्छा से, सर्वार्थसिद्ध सिंह के समान शरीर की शोभा वाला, आश्रम को आक्रान्त करके वह वहाँ पहुँचा। आश्रम में पहुंचते ही सभी आश्रमवासियों का चित्त उसकी ओर आकृष्ट हुआ। सब लोगों ने निरनिमेष दृष्टि से उसको देखा। निश्चल बुद्धि तपस्वीयों ने भी उसको उसी प्रकार देखा, अपने मठो में वे उस समय नहीं गये। मोक्षाभिलाषी धीर उस कुमार ने स्वर्गाभिलाषी पुण्यकर्मी जनों से परिपूर्ण उस आश्रम को तथा वहाँ की विविध तपस्याओं को देखते हुए विचरण किया। उस शान्त कुमार ने उस तपोवन में तपोधनों की तपस्या के प्रकार को देखकर तत्व ज्ञान की इच्छा से कहा- मेरा यह प्रथम आश्रम दर्शन है। मैं इस धर्म विधि को नहीं जानता हूँ अतः आपकी जिसके प्रति यह प्रवृत्ति है, और जो आपका निश्चय है, मुझे बतावें। तब तपोविहारी द्विजाति ने उससे तपस्याओं की विशेषताएँ एवं तपस्या का फल बताया। उन्होंने कहा कि- जल में जायमान फल, कन्द, मूलादि ही मुनियों की आजीविका है। कुछ लोग पक्षी की तरह चुन कर धान्य का सेवन करते हैं। कुछ मृगों की तरह तृण चरते हैं, कुछ लोग अग्नि में दो बार हवन करते हैं। इस प्रकार बहुत काल में सञ्चित श्रेष्ठ तपों से स्वर्ग में जाते हैं। इस प्रकार इन वचनों से नरश्रेष्ठ को सन्तोष नहीं हुआ, वह मन्दस्वर से स्वगत ही कहा कि विविध प्रकार की तपस्याएँ दुःख रूप हैं, और तपस्या का प्रमुख फल स्वर्ग है, तथा समस्त लोक बदलते रहने वाले हैं, अतः आश्रमवासियों का यह परिश्रम सचमुच में लघुफल के लिए है। तपस्याओं की परीक्षा करता हुआ उसने कुछ रात्रि वहाँ निवास किया और संक्षेप में सभी तपों को समझकर वहाँ से चल दिया। आश्रमवासी उसके पीछे-पीछे जाने लगे। उसमें से एक वृद्ध ने अत्यन्त आदर से कहा कि, हे सौम्य! आपके आने से यह आश्रम भर गया, आप यहाँ से जाइए मत। ये तपोधन आपको अपनी तपस्या का सहायक बनाना चाहते हैं। इस प्रकार तपस्वीयों के कहने पर उसने कहा कि आप सबका धर्म स्वर्ग के लिए है, किन्तु मेरी अभिलाषा मोक्ष की है। इसी कारण से इस वन में रहने की मेरी इच्छा नहीं है क्योंकि प्रवृति से निवृति धर्म भिन्न है। तदनन्तर एक द्विज ने उसकी ऐसी विचारधारा को जानकर कहा कि हे प्रज्ञ! आपका निश्चय सचमुच उदार है जो कि आपने युवावस्था में ही जन्मगत दोषों को देखा। अतः आपकी बुद्धि निश्चित (दृढ़) है, तो आप शीघ्र विन्ध्य कोष्ठ को जाँय। वहाँ पर अराड मुनि निवास करते हैं। आप उनसे तत्वमार्ग सुनेंगे एवं रूचि होने पर स्वीकार भी करेंगे। लेकिन मै समझता हूँ कि आपकी बुद्धि उनकी बुद्धि का भी तिरस्कार कर चली जाएगी। तब नृपात्मज "अति उत्तम" ऐसा कहकर उन ऋषियों का अभिनन्दन कर वहाँ से निकल गया, वे ऋषिगण भी तपोवन में प्रवेश किए। अष्टम सर्ग नरश्रेष्ठ के वन में चले जाने पर छन्दक एवं कन्धक अश्वों ने शोक रोकने का प्रयत्न किया लेकिन नहीं रोक पाये। जिस मार्ग में वो एक रात्रि में गये थे उसी मार्ग से विरहकातर यो आठ दिन में लौटे। नगर में आते ही लोगों ने कुमार को न देखकर आश्चर्य किया। कुछ लोगों ने क्रोधपूर्वक छन्दक को खरी-खोटी सुनाई। छन्दक ने लोगों से कहा कि इसमें हमारा कोई दोष नही है, हम लोगों ने उनको नहीं छोड़ा, वे ही हम लोगों को छोड़ दिये। कुमार आये है, ऐसा जानकर नगर की स्त्रियाँ अट्टारियों पर चढ़ गयीं, किन्तु उनको न देख अत्यन्त दुःखित हुईं। नगर में दुःखपूर्ण वातावरण हो गया। पालन-पोषण करने वाली माता सदृश गौतमी कन्धक को खाली देख हतप्रभ हो पृथ्वी पर गीर पड़ीं। अन्य स्त्रियाँ भी वैसे ही विलाप करने लगीं। यशोधरा जिसके अंगप्रत्यङ्ग काँप रहे थे, क्रोध से आँखे लाल हो गयीं थीं, बोली- हे छन्दक! एक साथ गये तुम तीन में से दो को देखकर मेरा मन काँप रहा है, हे निर्दय! ऐसा अशोभन बैरी कर्म करके, और रो रहे हो, आँसू रोको, प्रसन्नचित हो जाओ, ठीक ही कहा जाता है- मनुष्य का पण्डित शत्रु अच्छा होता है किन्तु मूर्ख मित्र अच्छा नहीं होता। अपने के मित्र कहने वाले तुझ मूर्ख ने इस कुल का नाश कर दिया। निश्चय ही यह कन्धक तुरङ्ग भी अनर्थकारी है। जिस प्रकार रात में सोने पर चोर, चोरी कर लेता है, वैसे ही इसने भी मेरा सर्वस्व हर लिया। इस प्रकार की विलाप एवं दुःख भरी वाणी सुनकर छन्दक ने कहा, "हे देवि! इसमें हम लोगों को दोष नही देना चाहिए, हम दोनों निर्दोष हैं। इसमें दैवी प्रेरणा ही प्रतीत होती है। जिस समय राजकुमार बाहर निकलने लगे तब द्वार स्वयं ही खुल गए, रात्रि का अन्धकार नष्ट हो गया सभी दरवान सो गये, कोई भी जागा नहीं। मैने चाह कर भी विपरीत आचरण नहीं कर पाया। अतः हे नरदेवि! इसके जाने के प्रति हम दोनों का दोष नहीं हैं, न मेरी इच्छा से यह कार्य हुआ, न इस कन्धक की। वह तो देवताओं की प्रेरणा से हो गया। इस प्रकार इधर नगर में माता, पत्नी, सभी नगरवासी नर-नारी विलाप कर रहे थे, तब तक राजा पुत्र के मंगलपूर्वक प्राप्ति के लिए हवन पूजादि कर्म करके मन्दिर से बाहर आये। राजा भी कन्धक और छन्दक को देख मूर्छित हो पृथ्वी पर गिर पड़े। तब मन्त्री और बृद्ध पुरोहित ने राजा को समझाया और राजा से आदेश ले उस नरश्रेष्ठ से मिलने के लिए तथा समझाकर वापस लाने के लिए उस वन की ओर चल दिया। नवम सर्ग मन्त्री और पुरोहित दोनों उस वन में भार्गव के आश्रम पहुंचकर भार्गव मुनि से प्रश्न किये कि हमलोग उसको खोज रहे हैं जो जरामृत्यु के भय से आपके पास आया था। वह राजपुत्र कहाँ गया? तब भार्गव ने बताया कि इस धर्म को पुनर्जन्मप्रद जानकर वह दीर्घबाहु कुमार अराड की ओर तत्वज्ञान की जिज्ञासा से चला गया। ऐसा जानकर वे दोनों मन्त्री और पुरोहित उसी आश्रम की ओर कुछ दूर चलने पर उस कुमार को देख वे दोनों उसके पास गये और आदरपूर्वक उसके पास बैठे। बैठने के बाद पुरोहित ने उस राजकुमार से कहा, हे कुमार! राजा ने तुम्हारे शोक के हृदय में चुभने पर क्षण भर के लिए पृथ्वी पर बेहोश होते हुए आँसू पोंछकर जो कहा वह सुनो- "धर्म के प्रति तुम्हारा विश्वास है, यह जानता हूँ। यह तुम्हारा अवश्यम्भावी होनहार था, यह भी जानता हूँ। किन्तु असमय में तुमने वन का आश्रय लिया है, अतः अग्नि तुल्य शोकाग्नि से जल रहा हूँ। हे धर्मप्रिय! मेरा प्रिय करने के लिए इस बुद्धि को त्यागो। चौथेपन में वन को जाना। इस सम्बन्ध में चौथेपन में बन जाने वाले अनेक राजाओं का नाम गिनाया गया है तथा गृहस्थ होने पर भी मोक्ष प्राप्त करने वाले जनकादि का नाम गिनाया गया है।" इस प्रकार पुरोहित ने माता गौतमी, यशोधरा, पुत्र रोहित सबके शोक जन्य दुःख का वर्णन राजा के शब्दों में किया किन्तु राजकुमार ने उनके वचनों का उत्तर दिया और वन से घर लौटने को तैयार नहीं हुआ। उन्होंने कहा, "धर्म के लिए समय नहीं होता" और कहा कि विषय भोग के लिए अकाल होता है, उसी प्रकार धनोपार्जन में काल का विधान है। काल सदैव जगत को खींचता है। मोक्ष के सम्बन्ध में कोई निश्चित काल नहीं है। पुरोहित के बाद मन्त्री ने भी बहुत दर्शनयुक्त वाक्यों के द्वारा और मोक्ष तथा स्वर्ग का वर्णन, पुनर्जन्म का वर्णन, करते हुए उसको समझाने का प्रयत्न किया। लेकिन वह नरश्रेष्ठ लौटने को तैयार नहीं हुआ और कहा कि मैं प्रज्वलित अग्नि में प्रवेश कर लूँगा किन्तु असफल होकर घर में प्रवेश नहीं करूँगा। और ऐसी प्रतिज्ञाकर उठकर वहाँ से एक ओर चल दिया। तब मन्त्री और पुरोहित दोनों उसके दृढ़ विचार सुनकर दुःखी हुए एवं म्लानमुख रोते हुए कुछ दूर उसके पीछे-पीछे गये। फिर हताश होकर शनैःशनैः नगर की ही ओर चलने लगे। दशम सर्ग वह राजकुमार मन्त्री और पुरोहित को छोड़कर चलायमान तरंगों वाली गंगा को पार कर लक्ष्मी-सम्पन्न भवनों से युक्त राजगृह को गया। उसे देखकर, जो दूसरी ओर जा रहा था रूक गया; जो रूका हुआ था, पीछे-पीछे गया; जो तेजी से जा रहा था, वह धीरे-धीरे चला; एवं जो बैठा था, वह उठकर खड़ा हो गया। किसी ने हाथों से उसकी पूजा की, किसी ने सत्कार करके सिर से प्रणाम किया, किसी ने प्रिय वचन से अभिनन्दन किया, उसकी पूजा किये बिना कोई नहीं रहा। तब मगध राज के राजा श्रेष्ठ (बिम्बसार) ने महल से देखा कि बाहर विशाल जनसमुदाय है, उसका कारण पूछा। तब एक राजपुरुष ने उसको बताया कि यही विप्रों के द्वारा कथित मोक्ष धर्माभिलाषी शाक्यराज का पुत्र परिव्राजक हो गया है। लोग उसे देख रहे है। तब राजा ने कहा, पता लगाओ कहाँ जा रहा है। वह पुरूष "अच्छा" कह कर उसके पीछे-पीछे गया। वह भिक्षुश्रेष्ठ भिक्षा माँग रहा था। भिक्षा में जो कुछ मिल गया उसे लेकर पर्वत के पास एकान्त में खाया और खाकर पाण्डव पर्वत पर चढ़ गया। उस राजपुरूष ने वहाँ से आकर राजा को बताया। राजा यह सुनकर अनुचरों के साथ वहाँ प्रस्थान किया। न्यायवेत्ताओं में वरिष्ठ उस कुमार के पास जाकर राजा ने उससे आरोग्य पूछा। उसने भी राजा को आरोग्य बताया। इसके बाद राजा ने उससे कहा कि आपके कुल से परम्परागत एवं परीक्षित मेरी बड़ी प्रीति है। आपका कुल महान है। सूर्य से प्रारम्भ हुआ है। आपकी अवस्था नयी है। यह शरीर भी देदीप्यमान है। किस कारण आपकी गति भिक्षा में रमी, राज्य में न रमी, आपका शरीर रक्त चन्दन लेप के समान है, काषाय के योग्य नहीं, यह हाथ प्रजापालन के योग्य है, भिक्षा के योगय नहीं। अतः हे सौम्य! यदि पिता से स्नेहवश पैतृक राज्य पराक्रम से नहीं लेना चाहते तो मेरा ही आधा राज्य भोगिये। मैं यह बात स्नेह से कह रहा हूँ, ऐश्वर्य के राग से नहीं। जबतक वृद्धावस्था नहीं आ जाती, तब तक विषयोपभोग करिये, फिर समय से धर्म कीजिए। बूढ़ा आदमी धर्म प्राप्त कर सकता है। कामोपभोग में बुढ़ापे की गति नही होती। अतः युवा के लिए काम, मध्य के लिए धन, एवं वृद्ध के लिए धर्म कहते है। यदि आपको धर्म ही करना है, तो यज्ञ कीजिए। यज्ञ करना आपका कुलधर्म है। राजार्षि लोग यज्ञ के द्वारा उसी गति को प्राप्त हुए, जिस गति को कठिन तपस्या के द्वारा महर्षिगण। एकादश सर्ग इस प्रकार जब मगधराज बिम्बसार ने ऐसी बात कही तब क्षुब्ध शाक्यश्रेष्ठ ने इस प्रकार कहा- "विशाल चन्द्रवंश में उत्पन्न आपके लिए ऐसा कहना आश्चर्यजनक नहीं, क्योंकि हे मित्रकामी! विशुद्ध व्यवहार वाले आपकी मित्र के पक्ष में ऐसी भावना है। संसार में जो मनुष्य धन क्षीण होने पर मित्रों के समान सहायक होते हैं, उन्हीं को मैं अपनी बुद्धि के अनुसार मित्र समझता हूँ। सम्पन्न व्यक्ति की बढ़ती में कौन मित्र नहीं होता? हे राजन! मित्रता एवं सज्जनता के कारण मेरे प्रति आपका जो यह निश्चय हुआ है, इस विषय में मित्रता से ही मैं अनुनय करूँगा। मैं जरा एवं मृत्यु का भय जानकर मोक्ष की इच्छा से इस धर्म की शरण में आया हूँ। पहले अशुभ के हेतु भूत कामों को, फिर बाद में रोते हुए बन्धुओं को छोड़कर आया हूँ। मैं विषधरों से उतना नहीं डरता, और न आकाश से गिरे हुए वज्रों से, और न वायु मिश्रति अग्नि से, जितना की विषयों से डरता हूँ। काम अनित्य हैं, ज्ञानरूप धन के चोर है, माया सदृश हैं, एवं संसार में उसकी आशा करने पर भी मनुष्यों के मन को मोह में डाल देते हैं। फिर यदि अन्दर स्थिर हो तो क्या कहना। कामा ह्यनित्याः कुशलार्थ चौरा रिक्ताश्च माया सदृशाश्च लोके। आशास्यमाना अपि मोहयन्ति चित्तं नृणां किं पुनरात्मसंस्थाः ॥ (बुद्धचरितम् ११/९) इस संसार में प्राणी को काम से तृप्ति नहीं होती। इस सम्बन्ध में मान्धाता, नहुष इत्यादि राजाओं का उदाहरण दिया और कहा कि इनको भी तृप्ति नहीं हुयी। काम मनुष्य को नाश को प्राप्त कराता है। इस सम्बन्ध में कहा कि कौरव, वृष्णि, अन्धक, सुन्द-उपसुन्द जिस काम के चलते नष्ट हो गये, उस काम में किस आत्मवान को सुख होगा। गीतों से हिरण बध के लिए फुसलाये जाते हैं, रूप के निमित्त पतंगे अग्नि में गिरते है। मांस के लिए मछली लोहे का कांटा लील जाती है। अतः विषयों का फल विपत्ति है। अतः कल्याण एवं मंगलमय कार्य में प्रयुक्त हुआ मै बहकाया नहीं जा सकता हूँ। मित्रत्व का स्मरण करके आप मुझसे बारम्बार यह कहें कि आप अपनी प्रतिज्ञा पालन करें। जिस पद में न जरा, न भय, न रोग, न जन्म, न मृत्यु और न व्याधि है- उसको ही मैं परम पुरुषार्थ मानता हूँ। जिसमें बार-बार कर्म नहीं करना पड़ता। आपने जो कहा कि "वृद्धावस्था की प्रतीक्षा करो", नई अवस्था में विकार होता है- यह भी निश्चित नहीं, क्योंकि बहुधा देखा गया है वृद्धावस्था में अधीरता एवं युवावस्था में धैर्य रहता है। जब विनाश का समय अनिश्चित है तब ऐसा जानकर कल्याण चाहने वाला व्यक्ति वृद्धावस्था की प्रतीक्षा क्यों करे? आपने जो कहा "कुलोचित यज्ञ करो"। उन यज्ञों के लिए नमस्कार है। मैं ऐसा सुख नहीं चाहता जो दुसरों को दुःख देकर किए जाते है। मनुष्य को दूसरों को दुःख देकर सुख प्राप्ति की कामना नहीं करनी चाहिए। हे राजन! यहाँ से मैं शीघ्र ही मोक्ष वादी अराड मुनि के दर्शन की इच्छा से जा रहा हूँ। आपका कल्याण हो। मेरे इस सत्य निष्ठुर वचन को क्षमा करें। तब राजा बड़े अनुराग से हाथ जोड़कर कहा, आप अपना अभिष्ट निर्विघ्न प्राप्त करें और मेरे ऊपर भी अनुकम्पा करें। तब "वैसा ही हो" इस प्रकार कह कर वहां से वह वैश्वन्तर आश्रम को गया और राजा भी गिरिव्रज को प्रस्थान किया। द्वादश सर्ग वह इक्ष्वाकु वंश का चन्द्रमा अराड मुनि के आश्रम में गया। मुनि ने उसको आदरपूर्वक बैठाया तथा कहा कि शिष्य को अच्छी तरह जान लेने के बाद शास्त्र का वर्णन किया जाता है लेकिन मैं तुम्हारे उद्योग से प्रसन्न हूँ और तुम्हारी परीक्षा नहीं करूँगा। तब कुमार के प्रेमपूर्वक आग्रह करने पर मुनि ने प्रकृति, विकृति, अहंकार, बुद्धि, पञ्च महाभूत, क्षेत्र, क्षेत्रज्ञ, मोह, माया, सन्देह, अभिसम्पलव, ज्ञान, अज्ञान, विषाद इत्यादि का शास्त्र रीति से उपदेश किया। मुनि ने बताया कि "द्रष्टा, श्रोता, ज्ञाता, कार्य एवं कारण मै ही हूँ" - ऐसा मानता हुआ व्यक्ति संसार में भटकता है। ये ही पुनर्जन्म के हेतु हैं। हेतु के अभाव में फल का अभाव होता है। बुद्धिमान को चार बातें अच्छी तरह जाननी चाहिए- प्रतिबुद्ध, अप्रयुद्ध, व्यक्त एवं अव्यक्त। क्षेत्रज्ञ इनको अच्छी तरह जानता है। अतः वह अक्षर पद पाता है। इसीलिए ब्रह्मवादी बह्ममचर्य का आचरण करते हैं। इस प्रकार अराड ने ब्रह्म और मोक्ष की भी व्याख्या की और कहा कि मैंने आपको मोक्ष और उपाय भी बताया, यदि आपकी रूचि हो तो ग्रहण करें। किन्तु यह व्यक्ति अराड का धर्म जानकर सन्तुष्ट नहीं हुआ। "यह धर्म अपूर्ण है" - ऐसा जानकर वहाँ से चला गया। वह विशेष जानने की इच्छा से उद्रक के आश्रम में गया किन्तु आत्मा को स्वीकार करने के कारण उसका भी दार्शनिक विचार उसने ग्रहण नहीं किया। इसके बाद कल्याण की इच्छा से निश्चय करके वह राज ऋषि गय के पास नगरी नामक आश्रम गया तथा आनन्द पाने वाला मुनि ने नैरञ्जना नदी के तट पर निवास किया। वहाँ उसने पाँच भुक्षुओं को देखा। तदनन्तर वह निराहार रह कर छः वर्ष तक दुष्कर तप करते हुए अपने को कृश किया। संसार से डरने वाला वह मुनि "कठिन तपस्या से सत्य ही शरीर को व्यर्थ कष्ट होता है" - ऐसा सोचते हुए विचार किया, यह धर्म न वैराग्य दे सकता है, न बोध, न मुक्ति। इस प्रकार चिन्तन कर वह कुछ खाने की इच्छा किया और नैरञ्जना नदी के तट से धीरे-धीरे ऊपर चढ़ा। उसी समय देवताओं से प्रेरित गोपराज की कन्या नन्दबाला वहाँ आयी और प्रसन्नता पूर्वक उनको पायस दिलवाया। पाँच भिक्षुओं ने उसे 'ब्रत भङ्ग' समझकर छोड़ दिया। तब बोध पाने के लिए निश्चय करके वह एक अश्वत्थ मूल में निश्चय के साथ गया। उसी समय गजराज के समान पराक्रमी 'काल' नामक महासर्प ने "बोधि प्राप्ति के लिए आया है" ऐसा जानकर उसकी स्तुति की। तब भुजङ्ग श्रेष्ठ के द्वारा स्तुति किये जाने पर "जब तक कृतार्थ नहीं हो जाऊँगा तब तक पृथ्वी पर इस आसन को नहीं तोड़ूँगा" ऐसा निश्चय करके उत्तम अचल एवं सोये हुए सर्प के फण के समान पिण्डाकार पर्यङ्क आसन उस महावृक्ष के मूल में बाँधा। त्रयोदश सर्ग राजर्षि वंश में उत्पन्न होने वाले उस महर्षि के मोक्ष के लिए वहाँ प्रतिज्ञा पूर्वक बैठ जाने पर संसार तो प्रसन्न हुआ किन्तु सद्धर्म का शत्रु मार भयभीत हुआ। कामदेव के विभ्रम, हर्ष एवं दर्प तीन पुत्र तथा अरति, प्रीति एवं तृषा तीन कन्यायें हैं। अपने पुत्रों और कन्याओं के द्वारा खिन्न मन का कारण पूर्छ जाने पर वह कहा कि यह मुनि निश्चय का कवच एवं सत्य रूप धनुष धारण कर बुद्धिरूप बाण तान कर हमारे विषयों को जीतना चाहता है। अतः मुझे यही दुःख है। इस प्रकार अपने दुख का कारण बताकर वह कामदेव, पुष्प, धनुष एवं संसार को मोहित करने वाले पाँच वाणों का प्रहार किया किन्तु उस मुनि ने उसकी उपेक्षाकर दी। तब कामदेव अपने पुत्र एवं पुत्रियों को आगे कर प्रहार किया, इसकी परवाह मुनि के द्वारा न की गयी। आश्चर्यचकित मार अपनी सेना का स्मरण कर उसकी शान्ति को भंग करने का बहुत ही प्रयास किया जिससे संसार में सद्धर्मीयों के बीच दुःखमय वातावरण हो गया। किन्तु इस प्रकार कामदेव के द्वारा दुष्टता किये जाने पर आकाश से एक जीव विशेष ने आकाशवाणी के माध्यम से कहा, "हे कामदेव! व्यर्थ परश्रिम मत करो। हत्यारापन छोड़ो, शान्त हो जाओ। तुम इसे उसी प्रकार नहीं डिगा सकते हो जिस प्रकार सुमेरु को हवा।" तब उसका वचन सुनकर वह मार महामुनि की अचलता देख निष्फल प्रयास वाला होकर वहाँ से चला गया। उसकी सेना भी वहाँ से लौट गयी। इस प्रकार मार के सेना सहित चले जाने एवं मुनि की विजय होने पर आकाश से सुगन्धित जल युक्त पुष्प वृष्टि हुयी। चतुर्दश सर्ग इसके बाद उस ध्यान निपुण ने मार की सेना को धैर्य एवं शान्ति से जीतकर परमतत्व जानने की इच्छा से ध्यान लगाया तथा सब प्रकार की ध्यान विधियों में पूर्ण प्रभुता प्राप्त करके प्रथम प्रहर में अपने पूर्व जन्मों की परम्परा का स्मरण किया। अमुक स्थान में मैं अमुक था। वहाँ से गिरकर यहाँ आया- इस प्रकार हजारों जन्मों को मानो प्रत्यक्ष अनुभव करते हुए स्मरण किया। द्वितीय प्रहर आने पर उस मुनि ने दिव्य चक्षु पाया। तब उसने उस दिव्य चक्षु से अखिल विश्व को देखा। उसने देखा कि नभचरों द्वारा नभचारी एवं जलचरों द्वारा जलचारी तथा स्थलचरों द्वारा स्थलचारी परस्पर सताये जाते हैं। इस प्रकार विचार कर वह महामुनि संसार के दुःख के कारणों एवं उसके विरोध का सम्यक ज्ञान प्राप्त किया। तदनन्तर उस मुनि ने पूर्व प्रतिज्ञा के अनुसार संसार में शान्ति के उपदेश की इच्छा की। तब उस मुनि के पास दो स्वर्गवासी देवता आये और महामुनि को संसार में उपदेश करने के लिए प्रेरित कर चले गये। तब मुनि ने जगत की मुक्ति के लिए अपना मन लगाया। दिशाओं के देवताओं ने आकर उस मुनि को भिक्षा पात्र दिये। मुनि ने प्रसन्नता पूर्वक उन सबको एक कर लिया। उस समय जाते हुए काफिले के दो सेठों ने उनकी पूजा कर प्रथम भिक्षा कराया। मुनि ने धर्म ग्रहण करने में समर्थ अराड एवं उद्रक को दिवङ्गत जानकर पाँच भिक्षुओं का स्मरण किया और भीमरथ की प्रिय मनोहर धन्य नगरी को जाने लगे। तब मुनि ने काशी जाने की इच्छा की और बोधि वृक्ष के ऊपर अपना शरीर घुमाकर सुदृढ एवं शुभ दृष्टि डाली। पञ्चदश सर्ग जब महात्मा बुद्ध काशी जाने लगे तब मार्ग में किसी अन्तःशुद्ध भिक्षु ने हाथ जोड़कर कहा, "हे सौम्य! आप देदीप्यामान तेज से तत्ववेत्ता की तरह शोभा पा रहे हैं, आप निश्चय ही इन्द्रियों पर स्वामित्व प्राप्त कर चुके हैं। आपका क्या नाम है? किस गुरू से यह उत्तम सिद्धि पाये है? तब भगवान ने बताया, "न मेरा कोई गुरू है, न सम्माननीय है, और न निन्दनीय है। मैने निवार्ण प्राप्त किया है। मुझे धर्म का स्वामी जानो। धर्मभेरी बजाने के लिए मैं काशी जा रहा हूँ। न सुख के लिए, न यश के लिए अपितु आर्तों की रक्षा के लिए। तत्पश्चात् वह भिक्षु मन ही मन प्रशंसा करता हुआ अपने गन्तव्य को चल दिया और महात्मा बुद्ध वहाँ से काशी जाकर महानाम, अश्वजित, वाष्प, कौण्डिन्य एवं भद्रजित नामक ये पाँच भिक्षु जहाँ थे, वहाँ गये। ये लोग उनको देखकर कहने लगे बुद्ध आ रहा है, तपभ्रष्ट है, हम लोग इसका सत्कार नहीं करेंगे। लेकिन भगवान के आने पर वे लोग शिष्य भाव को प्राप्त हो गये लेकिन नाम लेकर बोलना नही छोड़े। तब सुगत ने उन्हें शिष्टाचार एवं धर्म का उपदेश दिया, और पूछा कि क्या तुम लोगों को ज्ञान प्राप्त हुआ। तब मुनियों ने कहा, "हाँ हम सबको अवश्य ज्ञान प्राप्त हुआ।" उन लोगों ने उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा की। षोडश सर्ग इसके बाद उस सुगत ने मुनियों को दीक्षित किया। तदनन्तर यशनाम कुलपुत्र, जिसके मन में सोई स्त्रियों को देखकर क्षोभ उत्पन्न हुआ था, महात्मा बुद्ध ने उसको उपदेश देकर उसके साथ 54 व्यक्तियों को दीक्षित किया और विचरण करने का आदेश दिया तथा "मैं गया को जाता हूँ" ऐसा कहकर स्वयं भी चल दिया। वहाँ से जाकर सुगत ने मुनिश्रेष्ठ काश्यप को देखा। सुगत के निवास योग्य भूमि की याचना करने पर काश्यप ने ईर्ष्यावश मार डालने की इच्छा से वह अग्निशाला दी जिसमें करला सर्प रहता था। उस महासर्प ने शान्त बैठे उसको देखकर विष की ज्वालायें उगली, फिर भी न जलने पर वह महासर्प आश्चर्यचकित हो प्रणाम किया। आश्रम के लोगों में कोलाहल हुआ- "गौतम मर गया", लेकिन प्रातःकाल होने पर सुगत ने काश्य को भिक्षा पात्र में वह सर्प लाकर दिखाया। काश्यप आश्चर्यचकित हो गया। महात्मा बुद्ध ने काश्यप की बुराइयों को उपदेश-जल से धोकर उसे पवित्र किया। काश्यप का मत परिवर्तित होते देखकर औरूबिल्व भी अपने 900 शिष्यों के साथ सौगत धर्म स्वीकार किया। गय और नदी काश्यप के दो छोटे भाई भी इस धर्म को स्वीकार किये। गय-शीर्ष नामक पहाड़ पर सुगत ने तीनों काश्य बन्धुओं सहित अपने शिष्यों को निर्वाण का उपदेश किया। इसके बाद सुगत अपने पूर्व वचन के अनुसार तीन काश्यपों के साथ मगध राज्य को कृतार्थ करने के लिए राजगृह पधारे। सुगत को आते देख मगधराज ने आगे बढ़ नगरवासियों के साथ स्वागत किया। काश्यप को शिष्टता प्राप्त देख नगरवासियों में आश्चर्य हुआ। सुगत के आदेशानुार काश्यप ने नगरवासियों के सामने "मैं शिष्यता प्राप्त कर लिया हूँ, यही धर्म श्रेष्ठ है" ऐसा कह आकाश में उड़ गया। वह कहीं बजली की तरह चमका, कहीं बादल की तरह बरषा, कभी एक ही साथ दोनों काम किया। इस प्रकार यह निश्चय होने के बाद कि यह गौतम ही सर्वश्रेष्ठ धर्मज्ञ है, महात्मा बुद्ध ने धर्म का उपदेश किया। इस प्रकार मगध राज तथा सभी नगर वासी उस उपदेशामृत का पानकर कृतार्थ हो परमपद को प्राप्त किये। सप्तदश सर्ग राजा विम्बसार ने वेणु वन में निवास के लिए बुद्ध ने निवेदन किया। महात्मा बुद्ध उस वन में शान्तचित्त हो रहने लगे। एक दिन अश्वजित नामक जितेन्द्रिय भिक्षु भिक्षा के लिए नगर में गया। रास्ते में जाते हुए उस भिक्षु को देखकर शारद्वती पुत्र कापिलेय सन्यासी ने बहुत से शिष्यों के साथ उससे कहा- हे सौम्य! तुम्हारे इस नवीन वेष को देखकर मेरा मन आश्चर्य में है। आपका गुरू कौनहै? उसकी शिक्षा क्या है? तब अश्वजित ने कहा मेरे गुरु महात्मा बुद्ध हैं। उनकी शिक्षा में भली प्रकार नहीं बता सकता क्योंकि मैं अभी नया हूँ लेकिन संक्षेप में सुनो। इस प्रकार कह उस अश्वजित ने सभी धर्मो को कारण से उत्पन्न होने वाला तथा निरोध और निरोध मार्ग की व्याख्या की। पहली बार ऐसा सुन वह ब्राह्मणश्रेष्ठ बड़ा प्रभावित हुआ। अश्वजित ने अपने धर्म का उपदेश किया। वह ब्राह्मण उसके साथ सुगत के पास आया। अश्वजित ने इनका परिचय बता प्रयोजन कहा। तदनन्तर सुगत ने भी धर्म का उपदेश किया। अश्वजित और मौद्गल्यायन ये दोनेा मुनि को प्रणाम कर क्रमशः नैतिक पद को प्राप्त किये। एक और काश्यपवंशीय धनी ब्राह्मण अपनी पत्नी और सम्पत्ति का त्यागकर शरणागत ग्रहण की। अष्टादश सर्ग कोशल देश का सुदत्त नाम का विख्यात राजा मुनि के निवास को जनकर उनके पास आया। और दण्ड की भांति गिरकर प्रणाम किया। मुनि ने कहा हे राजन! तुम नैष्ठिक पद पाने के अधिकारी हो। जगत में बारम्बार जन्म, जरा एवं मृत्यु के दुःख को देखते हुए मुक्ति के लिए प्रयत्नशील हो जाओ। इस प्रकार सुगत ने राजा को उपदेश दिया। राजा उपदेश से परमपद का लाभ प्राप्त कर मुनि से विनम्र भाव से बोला, "हे मानद! मैं अपनी श्रावस्ती में आपके निवास के लिए विहार (मठ) बनवाना चाहता हूँ। अतः आप मुझ दीन पर कृपाकर वहाँ निवास कर हमें कृतार्थ करें। इस प्रकार राजा के कहने पर मुनि ने कहा, "जो अन्न दान देता है वह बल देता है, जो वस्त्र देता है वह सौन्दर्य देता है, किन्तु जो मुनियों को निवास देता है वह 'सब प्रकार का दान कर दिया' ऐसा कहलाता है। इस प्रकार वह स्वीकृति प्रदान की। स्वीकृति पाकर प्रसन्न राजा उपतिष्य के साथ वहाँ से चला गया। राजा ने जेतवन में जाकर जेत से खरीदने की इच्छा से प्रार्थना की। देने की न इच्छा वाला जेत बिहार की बात सुन तैयार हो गया। राजा ने विपुल धन देकर उस वन को खरीदकर शीघ्र ही उपतिष्य के निर्देशन में बिहार निर्माण प्रारम्भ करा दिया। वह विहार उस राजा के शक्ति की, उसके वैभव की, एवं उसके ज्ञान की, कीर्ति के समान हुआ। उन्नीसवाँ सर्ग ज्ञान के द्वारा अनेकों शास्त्रज्ञों को जीतकर महात्मा बुद्ध राजगृह से अपने पिता के नगर में गये। पुत्र के आने का समाचार सुनकर राजा नगरवासियों के साथ आया। काषाय वस्त्र में देख राजा को बड़ा दुःख हुआ। जब बुद्ध ने देखा कि मेरे पिता मुझे पुत्र ही मानते हैं, तब यो तुरन्त योग बल से आकाश में उड़ गये। वहां वो कहीं बिजली की तरह चमके, कहीं मेघ की तरह बरषे। सब लोग आश्चर्यचकित हो गये। आकाश में स्थित हो उन्होंने उपदेश दिया। राजा से कहा कि हे राजन! पुत्रशोक त्यागकर धर्मानन्द प्राप्त करें। उस समय बहुत से लोगों ने घर त्यागने का निश्चय किया। अनेक राजकुमार कृमिल, नन्द, उपनन्द, अनिरुद्ध, आनन्द, देवदत्त, उपालि तथा राजा शुद्धोदन भी भाइयों पर राज्यभार छोड़ सौगत मत को ग्रहण किया। उन दीक्षितों तथा पुरवासियों के साथ बुद्ध नगर में गये। नगर की स्त्रियाँ विलाप करते हुए उन्हें देख रही थीं लेकिन बुद्ध अनासक्त भाव से भिक्षा लेकर न्यग्रोध वन को चले गये। बीसवाँ सर्ग महात्मा बुद्ध कपिलवस्तु में कुछ समय निवास करके प्रसेनजित के रम्य नगर में गये, वहाँ से जेतवन को गये। वहाँ राजा सुदत्त ने कलश में जल लेकर, तथागत की पूजा कर, जेतवन उन्हें दे दिया। उस समय दर्शन की इच्छा से राजा प्रसेनजित वहाँ आया ओर प्रणाम कर कहा, हे दयासिंधो! मुझ अधम को निरन्तर आपका दर्शन होता रहे। हे साधो! मैं राग और राजधर्म से अत्यन्त पीड़ित हूँ। इस प्रकार प्रसेनजित की बात सुन, बुद्ध ने उसको उपदेश दिया तथा कहा, "सद्धर्म में मन लगाओ, साधुओं का सत्संग करो।" इस प्रकार मुनि का उपदेश ग्रहण कर राज्य को नश्वर समझकर वह राजा श्रावस्ती को लोटे गया। पण्डितों एवं राजा के अनुरोध पर सौगत चमत्कार दिखाते हुए आकाश में सूर्य की तरह उदित हुए। इस प्रकार आश्चर्यजनक शक्तियों का प्रदर्शन कर महात्मा बुद्ध अपनी माता को धर्म की दीक्षा देने के लिए स्वर्ग चले गये। वहाँ दीक्षा देकर उन्होंने चातुर्मास किया एवं देवों से भिक्षा ग्रहण कर फिर पृथ्वी की ओर प्रस्थान किया। इक्कीसवाँ सर्ग स्वर्ग में अपनी माता तथा देवों को दीक्षा देने के बाद तथागत ने अन्य दीक्षा पाने योग्य लोगों को दीक्षित करने के लिए पृथ्वी पर भ्रमण किया। भ्रमण में अनेक राजाओं, यक्षों और ब्राह्मणों को अपने धर्म में दीक्षित किया जिससे उनकी प्रतिष्ठा बहुत बढ़ गयी। बुद्ध की इस बृद्धि को देख ईर्ष्यावश देवदत्त संघ में फूट डाल दिया। उनको मार डालने की इच्छा से एक हाथी, जो मतवाला था, को ललकारा। लोगों में हाहाकार मच गया, लेकिन वह मतवाला होथी सुगत के पास जाकर शान्त हो गया। सुगत ने उसके मस्तक पर हाथ फेरा। सुगत ने गंधार नगर में रहनेवाले एक विषधर को भी विषहीन और जितेन्द्रिय बना दिया। इस प्रकार मुनि ने अजातशत्रु आदि अनेक राजाओं नर-नारियों को दीक्षित एवं अद्भुत चमत्कार कर संसार में एक नयी धर्मधारा प्रवाहित की। देवदत्त निन्दित कार्य कर विगर्हणा को प्राप्त हुआ। बाइसवाँ सर्ग महात्मा बुद्ध कुछ समय बाद राजगृह से पाटलिपुत्र को आये। मगधराज के मंत्री वर्षकार के द्वारा लिच्छवियों के लिए निर्मित एक किले में देवताओं द्वारा स्वर्ग से धन लाये जाते तुए देखकर बुद्ध ने उसे "विश्व में यह प्रमुख नगर होगा", ऐसा कहा। वर्षकार ने विधिवत उनकी पूजा की। वहाँ से ये गङ्गा के किनारे आये। जिस द्वार से निकले उस द्वार का नम गौतम द्वार हुआ। वो मुनि अपने योग बल से गङ्गा के उस पार आकाश मार्ग से चले गये। उस स्थान का नाम गौतम तीर्थ हुआ। वहीं से कुटी ग्राम में जाकर शम धर्म का उपदेश कर नदी ग्राम को गये, वहीं से वैशाली नगरी में जाकर आम्रपाली के उपवन में कुछ दिन ठहरे। मुनि आगमन का समाचार सुनकर आम्रपाली दर्शन हेतु यहाँ आयी। आम्रपाली को आते देख अपने शिष्यों को उपदेश दिया कि दुर्बलों के मन को पीड़ित करने वाली आम्रपाली आ रही है। अतः तुम लोग बोध रूपी औषधि से स्वयं को संयत करके ज्ञान में स्थिर हो जाओ। इस प्रकार उपदेश करते ही आम्रपाली आ गयी। मुनि को प्रणाम कर वह हाथ जोड़ बैठ गयी। मुनि ने कहा, "युवा स्त्रियों में धर्म की जिज्ञाषा बहुत कठिनाई से होती है, वैठो"। फिर धर्म का उपदेश किया। तेइसवाँ सर्ग तदनन्तर आम्रपाली के घर चले जाने पर मुनि आगमन का समाचार सुनकर लिच्छवियों ने वहाँ दर्शन हेतु पधारा। जाकर लिच्छवियों ने प्रणाम कर भूमि पर आसन ग्रहण किया। उनका राजा सिंहासन पर। तब महात्मा बुद्ध ने प्रसन्न हो जन्म, जरा, मृत्यु आदि महाव्याधि से मुक्ति पाने के लिए तत्वज्ञानरूप दिव्य औषधि प्रदान किया। लिच्छवियों ने प्रणाम कर घर ले जाने की उत्सुकता से निवेदन किया। लेकिन "आम्रपाली को बचन दे चुका हूँ" ऐसा कह मुनि ने आम्रपाली का आतिथ्य स्वीकार किया। वहाँ से चातुर्मास व्रत के बाद सर्वज्ञ मुनि पुनः वैशाली लौट आये और मर्कट नामक सरोवर के तट पर बैठ गये। वहाँ वृक्ष मूल में बैठे मुनि को देखकर मार उनके पास आकर बोला, "हे मुनि! नैरञ्जना के तट पर मैने कहा था अब आपका कार्य समाप्त हो चुका है। निर्वाण में मन लगाइये। तब आपने कहा था, जब तक पापियों का उद्धार न कर लूँ, तब तक नहीं। अब तो निर्वाण लें। तब मुनि ने कहा, "आज से तीसरे महीने मैं निर्वाण लूंगा। सोचो मत। मार वहाँ से चला गया। इसके बाद मुनि ने देह से वायु को खींचकर चित्त में लाकर चित्त को प्राण में समाधान करके प्राण को योग से जोड़ दिया। उस समय पहाड़ों सहित पृथ्वी हिल गयी। तब मुनि ने ऐसा संक्षोभ देख कहा, "अब मैं भयवन्धन देने वाली आयु से निकल चुका हूँ।" चौबीसवाँ सर्ग आनन्द उस भूकम्प को देखकर काँप गया और सर्वज्ञ से कारण पूछा। तब महामुनि ने कहा मेरा भूलोक का निवास समाप्त हो चुका है। भूकम्प का यही कारण है। अब मेरी आयु मात्र तीन महीने शेष है। ऐसा सुनकर आनन्द को मर्माघात जैसा शोक हुआ। तब बुद्ध ने कहा, "मैं शरीर रखूँ या त्यागूँ, दोनों मेरे लिए समान है। बुद्ध, धर्म मूर्ति होता है, मर्त्य देह से तुम्हें क्या लाभ?" ऐसा कहते हुए बहुविध उपदेश दिया। ऐसा उपदेश देने के बाद शीघ्र ही यह वृतान्त सुनकर लिच्छवि वहाँ पधारे। तब मुनि ने लिच्छवियों को समझाया, "समय पर सूर्य भी आकाश से गिर जाता है, देवलोक से देवता भी गिरते हैं, सैकड़ों इन्द्र समाप्त हो गये। यहाँ सदा कोई रहने वाला नही है।" ऐसा समझाते हुए तथा धर्मरत रहने का उपदेश देकर मुनि ने लिच्छवियों को घर जाने के लिए कहा। तब वो लिच्छवि पराधीन होकर सन्तप्त शरीर मृतक के समान घर लौटे। पच्चीसवाँ सर्ग महात्मा बुद्ध को निर्वाण की इच्छा से वैशाली छोड़कर चल देने पर लिच्छवियों के राजा सिंह ने बहुत विलाप किये। महात्मा बुद्ध ने पीछे मुड़कर कहा, "हे भाई, हे वैशाली! इस जन्म में मैं पुनः नहीं देखूँगा। ऐसा कह पीछे आते हुए सबको लौटने को कहा और यहाँ से वो महात्मा भोगवती नगरी को गये। वहाँ कुछ क्षण रुक कर अनुचरों को कुछ उपदेश दिया। तदनन्तर महात्मा बुद्ध पावापुरी को गये। वहाँ मल्लों ने उनका स्वागत किया। यहाँ दयानिधि ने चुन्द के घर अन्तिम भोजन किया। वहाँ से चुन्द को उपदेश देकर वे कुशीनगर को गये। वहीं हिरण्यवती नदी में स्नानकर बुद्ध ने आनन्द से "शयन स्थान रचो" ऐसा आदेश दिया। तब उस स्थान में निर्वाण मुद्रा में बैठकर नरश्रेष्ठ ने कहा, "आनन्द! अब मेरे अन्तिम समय में दर्शन के लिए मेरे भक्त मल्लों को भी सूचना कर दो जिससे वो बाद में पश्चाताप न करें।" इस प्रकार मल्लों को बुलाकर महात्मा बुद्ध ने अपना अन्तिम उपदेश दिया तथा आलस्य छोड़कर विनय युक्त धर्म का आचरण करने को कहा। इस प्रकार मल्ल समूह मुनि की वाणी से बोध प्राप्त कर विषाद मन घर को आये। छब्बीसवाँ सर्ग इसके बाद 'सुभद्र' नाम का एक त्रिदण्डी मुनि को देखने के लिए आया और कहा- "निर्वाण के अन्तिम क्षण में मुनि को मैं देखने के लिए आया हूँ। किन्तु 'यह धर्म पूछने के बहाने बाद-विवाद न कर दे', इस आशंका से आनन्द ने दर्शन से रोक दिया। तब लोगों के आशय को जानने वाले मुनि ने कहा, "हे आनन्द! उसको मत रोको"। मुनि के कहने पर वह दर्शन हेतु समीप गया और कहा, हे कृपापुंज! सभी दार्शनिकों से भिन्न आप अपना मार्ग हमको बतायें। तब बुद्ध ने उसको आरोग्य मार्ग को व्याख्याकर के बताया। तब उस विप्र ने बुद्ध मत को जानकर पूर्व मत का परित्याग कर उस उत्तम मन्त्र को स्वीकार किया और गुरु के निर्वाण के पहले ही प्राण त्याग दिया। संस्कार के ज्ञाता मुनि ने शिष्यों को उसका अन्तिम संस्कार करने को आदेश दिया। इसके बाद महात्मा बुद्ध ने अपने जाने के बाद अपने उपदेशों को ही श्रेष्ठ मानकर तदनुसार आचरण करने को कह अपना वह शरीर ध्यानविधि के सहारे छोड़ दिया और सदा के लिए शान्त हो गये। सत्ताइसवाँ सर्ग जब महात्मा बुद्ध सदा के लिए शान्त हो गये तब मल्लों ने उनके पार्थिव शरीर को स्वर्णमयी शिविका में रखा, और उस शिविका को कन्धे पर रख नगरद्वार से निकल कर हिरण्यवती नदी के पार मुकुट चैत्य के नीचे सुन्दर चिता रचा। उस समय आकाश से देवताओं ने सुन्दर नन्दन वन के पुष्पों की वर्षा की, गन्धर्वो ने नृत्य गीतादि किया। कुछ लोगों ने मुनि के स्तोत्रों का पाठ किया। इस प्रकार चिता पर शरीर रखकर तीन बार आग लगाने पर भी चिता नहीं जली क्योंकि उनका शिष्य कश्यप दर्शन के लिए आ रहा था। जब वह आया तब उसके दर्शन के बाद चिता स्वयं जल उठी। अग्नि ने मुनि के चर्म, मांस आदि जला दिये लेकिन हड्डियों को नहीं जला पाये। मल्लों ने उन हड्डियों को धोकर स्वर्ण कलश में रखकर अपने सुन्दर नगर में स्थापित किया। अट्ठाइसवाँ सर्ग कुछ समय बाद पड़ोसी राजाओं के दूत मल्लों से उस मुनि की धातु को लेने के लिए आये। किन्तु मल्लों द्वारा देना अस्वीकार कर देने पर वे दूत राजाओं से जाकर कहे। तब सात राजाओं का समूह मल्लों पर चढ़ाई कर दिया। उसी समय 'द्रोण' नाम का एक ब्राह्मण आया और उनको समझाया। तब राजाओं ने कहा, "हम तो शान्ति चाहते ही हैं लेकिन ये मल्ल नहीं चाहते।" तब उस ब्राह्मण ने राजाओं से कहने के बाद मल्लों के पास जाकर उनको भी समझाया। मल्ल तैयार हो ये। मल्लों ने उस धातु का आठ भाग किया। सात भाग सात राजाओं को दिया तथा एक भाग अपने ले लिया। राजाओं ने उस धातु से सात स्तूप बनवाया। इस द्रोण ब्राह्मण ने अपने देश में स्तूप बनवाने के लिए केवल घट ले लिया तथा पिसल मुनि ने भक्ति के कारण केवल भस्म लिया। इस तरह पृथ्वी पर धातुगर्भित आठ, घटगर्भित नवाँ एवं भस्मगर्भित दसवाँ - ये दस स्तूप बने। कुछ समय बाद पाँच भिक्षुओं ने एक गोष्ठी कर आनन्द को निश्चित कर तथागत के उपदेश को फिर दुहराने के लिए कहा, जिससे वे उपदेश ग्रन्थ के रूप में प्रतिष्ठित किए गए। इसके बाद कालान्तर में धर्मप्रिय अशोक का जन्म हुआ। कुशल अशोक ने उन सात स्तूपों से मुनि की धातु लेकर एक दिन के अन्दर अस्सी हजार स्तूपों में क्रमशः स्थापित किया। रामपुर में आठवाँ स्तूप था, जहाँ विश्वासी सर्पो द्वारा उसकी रक्षा होती थी, उससे कोई भी धातु न ले सका। राज्य के विविध सुखोपभोग होने पर भी घर में रहते हुए विशुद्ध चित्त अशोक ने उत्तम धर्म लाभ किया। इस प्रकार जिस किसी ने मुनि का पूजन किया, करता है, करेगा, वह अवश्य उत्तम फल पाया, पाता है और पायेगा। जीवित मुनि को नमस्कार कर जो फल लोग पाते थे, वही फल धातु-पूजा से पावेंगे- इसमें संशय नहीं है। बुद्धचरित में प्राप्त ऐतिहासिक सामग्री बुद्धचरित एक अत्यन्त ही महत्वपूर्ण ग्रन्थ है। इसमें जगह-जगह अनेक ऐतिहासिक तथ्य उपलब्ध होते हैं। इस ग्रन्थ का आधार ही एक इतिहास प्रसिद्ध व्यक्ति का जीवनचरित है। श्रीमद्भागवत भी कलियुग के सम्प्रवृत्त होने पर, बुद्ध को विष्णु के भावी अवतार के नाम से 'बौधावतार' घोषित कर भविष्यवाणी करता है- ततः कलौ सम्प्रवृत्ते सम्मोहाय सुरद्विषाम्। बुद्ध नाम्ना जनसुतः कीकटेषु भविष्यति॥ तथा बौध धर्म की भिन्नता होने पर भी आज भी अनेकों स्थितियों में सनातन धर्म के कर्मकाण्डों में संकल्प लेते समय "बौधावतरे" (बौद्धावतार में) बोला जाता है। अर्थात बुद्ध को भी विष्णु के अवतारों से पृथक् नहीं किया जा सकता। गीतगोविन्द स्तोत्र में भी- "केशव धृत बुद्ध शरीरं जय जगदीश हरे" ऐसा गान किया गया है जिससे ये विष्णु के अवतार सिद्ध होते हैं। हिन्दुओं के अनुसार भी विष्णु के अवतार, सिद्ध, अद्वितीय, विलक्षण प्रतिभा सम्पन्न महात्मा बुद्ध के वर्णन के साथ ही इस ग्रन्थ में कवि द्वारा रामायण, महाभारत एवं पुराणों एवं पालि साहित्य आदि में प्राप्त अनेकों ऐतिहासिक महापुरूषों, राजाओं एवं ऋषियों का उल्लेख संकेत रूप में प्राप्त होता है। वैराग्य का कारण बुद्ध के वैराग्यप्राप्ति का कारण था? इसका उत्तर राजकुमार के प्रथम विहार के समय मार्ग में जाते हुए वृद्ध को देखकर सारथी से पूछा गया प्रशन और सारथी द्वारा दिया गया उत्तर में मिल सकता है- क एष भोः सूत! नरोऽभ्युपेतः ? केशैः सितैर्यष्टिविषक्तहस्तः। भ्रूसंवृताक्षः शिथिलानतांगः , किं विक्रियैषा प्रकृतिर्यदृच्छा ॥ बुद्धच. ३-२८ (हे सारथि! सफेद बालों से युक्त, लाठी पर टिके हुए हाथ वाला, भौंहों से ढके हुए नेत्रों वाला, ढीले और झुके हुए अंगों वाला, सामने आया हुआ यह मनुष्य कौन है? क्या यह विकार है अथवा स्वाभाविक रूप है अथवा यह कोई संयोग है?) सारथी ने इसका समुचित उत्तर दिया- रूपस्य हन्त्री व्यसनं बलस्य, शोकस्य योनिर्निधनं रतीनाम्। नाशः स्मृतीनां रिपुरिन्द्रियाणाम् एषा जरा नाम ययैष भग्नः ॥ बुद्धच. ३-३० (यह रूप का विनाश करने वाला, बल के लिए संकटस्वरूप, दुःख की उत्पत्ति का मूल कारण, कामसुखों को समाप्त करने वाला, स्मृति को नष्ट करने वाला, इन्द्रियों का शत्रु बुढ़ापा है, जिसके द्वारा यह पुरुष टूट गया है।) सारथी ने पुनः कहा- पीतं ह्यनेनापि पयः शिशुत्वे, कालेन भूयः परिमृष्टमुर्व्याम्। क्रमेण भूत्वा च युवा वपुष्मान्, क्रमेण तेनैव जरामुपेतः ॥ बुद्धच. ३-३१ (निश्चय ही इसने भी बचपन में दूध पीया है, समय के अनुसार पृथ्वी पर लोट लगायी है और क्रम से सुन्दर शरीर वाला युवा होकर उसी क्रम में बुढ़ापे को प्राप्त किया है। तात्पर्य यह है कि इस (वृद्ध) की ऐसी अवस्था अकस्मात् ही नहीं हो गयी है, वरन् एक निश्चित कम-जन्म, बाल्यावस्था, युवावस्था, प्रौढ़ावस्था, अधेड़ावस्था, वृद्धावस्था के अनुसार हुई है।) जब राजकुमार द्वितीय विहार पर बाहर निकले तब उन्हीं देवताओं ने एक रोगी मनुष्य का सृजन कर उनके सामने दर्शाया। उसे देखकर गौतम ने सूत से पूछा- स्थूलोदरः श्वासचलच्छरीरः स्रस्तांसबाहुः कृशपाण्डुगात्रः। अम्बेति वाचं करुणं ब्रुवाणः परं समाश्लिष्य नरः क एषः? ॥ (मोटे पेट वाला, साँस लेने से काँपते हुए शरीर वाला, झुके हुए ढीले कन्धे और भुजा वाला, दुर्बल और पीले शरीर वाला, दूसरे का सहारा लेकर 'हाय माता!' इस प्रकार के करुणापूर्ण वचन कहता हुआ यह मनुष्य कौन है?) तब सूत ने उनसे कहा, " रोगाभिधानः सुमहाननर्थः" इति। (रोगग्रस्त होना महान अनर्थ है।) राजकुमार के तृतीय विहार के समय देवताओं ने एक नया दृष्य प्रस्तुत किया जिसमें एक मृत मनुष्य के शव को चार मनुष्य उठा कर ले जा रहे थे। राजकुमार ने पूछा, ये चार लोग क्या ले जा रहे हैं? सूत ने उत्तर दिया- बुद्धीन्द्रियप्राणगुणैर्वियुक्तः सुप्तो विसंज्ञः तृणकाष्ठभूतः। संवर्ध्य संरक्ष्य च यत्नवद्भिः प्रियाप्रियैस्त्यज्यत एष कोऽपि॥ (बुद्धि, इन्द्रियों, पुराणों और गुणों से बिछुड़ा हुआ महानिन्द्रा में सोया हुआ, चेतना से शून्य, तृण और काष्ठ के समान निर्जीव, यह कोई (मृत मनुष्य) यत्न करने वाले प्रिय और अप्रिय लोगों के द्वारा अच्छी तरह बाँधकर और भली-भाँति रक्षा करके (सदा के लिए) छोड़ा जा रहा है।) यह सुनकर गौतम का मन दुख से भर गया। सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ बुद्धचरित (संगणकीकृत बौद्धसंस्कृतत्रिपिटकम्) बुद्धचरित (देवनागरी में) बुद्धचरितम् (देवनागरी में, विकिस्रोत) बुद्धचरित (रामचंद्र शुक्ल द्वारा हिन्दी भावानुवाद) Cowell's edition in Roman characters with supplements from Johnson's edition Cowell's text and translation (verse by verse) Cowell's translation (only) Buddhist Studies: Buddhacarita संस्कृत ग्रन्थ बौद्ध ग्रंथ
पंजाब कांग्रेस को विश्वास है कि वह आगामी लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी 13 सीटों पर अपने बलबूते जीत हासिल कर लेगी. इस चुनाव में कांग्रेस ने किसी भी पार्टी से चुनावी गठबंधन करने से इनकार कर दिया है.टिप्पणियां पंजाब कांग्रेस ने बुधवार को पार्टी के शीर्ष नेताओं से कहा कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए प्रदेश में पार्टी को गठबंधन करने की आवश्यकता नहीं है. पार्टी अपने दम पर सभी 13 सीटों पर जीत हासिल करेगी.     पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पार्टी की गठबंधन समिति को अपने विचारों से अवगत करा दिया है. सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि बैठक के दौरान पार्टी मामलों पर चर्चा हुई, खास तौर से आगामी लोकसभा चुनाव से जुड़े मसलों पर.     (इनपुट भाषा से) पंजाब कांग्रेस ने बुधवार को पार्टी के शीर्ष नेताओं से कहा कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए प्रदेश में पार्टी को गठबंधन करने की आवश्यकता नहीं है. पार्टी अपने दम पर सभी 13 सीटों पर जीत हासिल करेगी.     पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पार्टी की गठबंधन समिति को अपने विचारों से अवगत करा दिया है. सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि बैठक के दौरान पार्टी मामलों पर चर्चा हुई, खास तौर से आगामी लोकसभा चुनाव से जुड़े मसलों पर.     (इनपुट भाषा से) पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पार्टी की गठबंधन समिति को अपने विचारों से अवगत करा दिया है. सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि बैठक के दौरान पार्टी मामलों पर चर्चा हुई, खास तौर से आगामी लोकसभा चुनाव से जुड़े मसलों पर.     (इनपुट भाषा से)
अमेरिकी एनएसए के पूर्व कर्मचारी और अब व्हिसलब्लोअर बने एडवर्ड स्नोडेन ने खुलासा किया है कि एनएसए ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की जासूसी कराई थी। स्नोडेन के मुताबिक अमेरिकी एजेंसी एनएसए ने दुनिया की छह राजनैतिक पार्टियों की जासूसी का आदेश दिया था और बीजेपी भी उनमें से एक थी। सूत्रों के मुताबिक भारत ने इस मामले पर कड़ी आपत्ति जताने के लिए दिल्ली में अमेरिकी राजनयिकों को तलब किया। भारत ने अमेरिका से आश्वासन मांगा है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो। सरकार ने साफ कर दिया है कि भारत को इस तरह की जासूसी बर्दाश्त नहीं है। इस खबर के आते ही भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह अमेरिकी अधिकारियों के सामने इस मुद्दे को जरूर उठाएगा और अपनी आपत्ति दर्ज कराएगा। इस मामले का खुलासा करने वाले स्नोडन फिलहाल रूस में शरण लिए हुए हैं, जबकि अमेरिका उन्हें गिरफ्तार करने की हरसंभव कोशिशों में जुटा हुआ है। 'द वाशिंगटन पोस्ट' द्वारा मंगलवार को सार्वजनिक किए गए दस्तावेज के अनुसार भाजपा का नाम लेबनान की अमाल, मिस्र की मुस्लिम ब्रदरहुड और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के साथ उन विदेशी राजनीतिक दलों की सूची में शामिल है, जिन पर निगरानी रखने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) को इजाजत दी गई। अखबार के मुताबिक दस्तावेज में 193 विदेशी सरकारों और विदेशी दलों तथा लोगों के नाम हैं, जो फॉरेन इंटेलीजेंस सर्विलांस कोर्ट द्वारा मंजूर 2010 के एक प्रमाणपत्र का हिस्सा हैं। इस सूची में भारत का भी नाम है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने कहा कि पहले जब इस तरह की जानकारी हमें मिली थी, तो मुद्दे को नई दिल्ली और वाशिंगटन में, दोनों जगह अमेरिकी अधिकारियों के साथ उठाया गया था। उन्होंने कहा, हम इसी प्रक्रिया को अपनाएंगे, क्योंकि अगर यह सच है, तो किसी भारतीय संगठन, भारतीय नागरिक की निजता का हनन पूरी तरह अस्वीकार्य है।
सामाजिक उद्यमिता का कार्य करने वाले सामाजिक उद्यमी कहलाते हैं। सामाजिक उद्यमी अपनी-अपनी नज़र से समाज में व्याप्त किसी समस्या की पहचान करता है। उसके बाद सामाजिक उद्यमिता के सिद्धान्तों का सहारा लेते हुए वह सामाजिक परिवर्तन करके उस समस्या का समाधान निकाला जाता है। जहां व्यापारिक उद्यमी अपना कार्य लाभ और हानि के रूप में मापते हैं, सामाजिक उद्यमी अपनी सफलता का मूल्यांकन समाज पर अपने कार्य द्वारा पडे प्रभाव के रूप में मापते हैं। अधिकांश सामाजिक उद्यमी बिना लाभ के काम करने वाली संस्थाओं अथवा नागरिक समूहों के रूप में कार्य करते हैं। जिस प्रकार व्यापारिक उद्यमिता में नवाचारी उत्पादों या नवाचारी सेवाओं का बहुत महत्व है, उसी तरह सामाजिक उद्यमी के कार्य में सामाजिक नवाचार का बहुत महत्व है। यद्यपि इस शब्द का प्रयोग १९८०/१९९० के दशक से शुरू हुआ, इतिहास में हर काल और हर देश में सामाजिक उद्यमी भरे पडे हैं। महात्मा गांधी, विनोबा भावे, फ्लोरेंस नाइटइंगेल, राबर्ट ओवेन आदि कुछ प्रमुख सामाजिक उद्यमी हैं। आज के समय मे यदि अधिक से अधिक लोग सामाजिक उद्यमिता के क्षेत्र मे आगे आते है तो कै ऐसे काम हो सकते है जिसके लिये सरकारी तन्त्र के आगे हाथ फैलना पडता है। बाहरी कड़ियाँ Social Entrepreneurship: The Case for Definition, Sally Osberg and Roger Martin Everyone a Changemaker: Social Entrepreneurship's Ultimate Goal, Bill Drayton The Importance of Social Entrepreneurship for Development, Jürgen Nagler Enterprising Social Innovation: the most intriguing form of social entrepreneurship, Greg Dees and Beth Anderson
VIDEO : बॉर्डर पर लगातार उकसा रहा है पाकिस्तान
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने दावा किया है कि पार्टी दिल्ली के दंगल में दो तिहाई बहुमत से जीत दर्ज करेगी. 'आज तक' से खास बातचीत में उन्होंने केजरीवाल से बीजेपी के पांच सवालों का जवाब मांगा है. अमित शाह ने यह भी कहा कि किरण बेदी की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी को लेकर पार्टी में कोई मतभेद नहीं है. पार्टी में किसी तरह की दरार से इनकार करते हुए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि आगामी दिल्ली चुनाव में दो तिहाई बहुमत के साथ बीजेपी विजेता बनकर उभरेगी. उन्होंने टीम अन्ना की पूर्व सदस्य किरण बेदी को पार्टी का मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाए जाने की मजबूरी न होने का दावा किया और कहा कि पार्टी को बेदी की साफ सुथरी छवि का फायदा मिलेगा. शाह ने पार्टी में कोई अंदरूनी कलह न होने की बात पर जोर देते हुए कहा कि किसी राजनीतिक पार्टी में इस तरह की भावनाओं को छिपा कर नहीं रखा जा सकता और वे सामने आ जाती हैं. बीजेपी का एक भी उम्मीदवार बागी नहीं है, ऊपर से लेकर नीचे तक सब एकजुट हैं. उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी में नेतृत्व संकट का प्रचार करने से सिर्फ यह जाहिर होता है कि मीडिया के पास पार्टी के खिलाफ मुद्दों का टोटा पड़ गया है. इंटरव्यू के आखिर में जाते-जाते अमित शाह ने दोहराया, 'हमें प्रचंड बहुमत मिलेगा. 10 तारीख को दोपहर 12 बजे का इंतजार कीजिए. अप्रत्याशित परिणाम आएंगे. हम दो-तिहाई बहुमत से सरकार बनाएंगे.' बीजेपी अध्यक्ष ने दावा किया कि बीजेपी को दिल्ली में हर वर्ग का समर्थन हासिल है और वह जनता की नब्ज जानती है. अब देखना है मोदी के चाणक्य कहे जानेवाले अमित शाह दिल्ली के इम्तिहान में पास होते हैं या फेल. गौरतलब है कि बीजेपी दिल्ली में पूरी ताकत के साथ चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान कर चुकी है. शुक्रवार को भी अमित शाह, सुषमा स्वराज और अरुण जेटली दिल्ली में चुनावी सभाएं करेंगे.
विदेश से अपने देश में पैसे भेजने के मामले में भारतीय सबसे आगे रहे हैं. उन्होंने 2018 में भी शीर्ष स्थान को बरकरार रखा है. विश्वबैंक की रिपोर्ट के अनुसार, प्रवासी भारतीयों ने इस वर्ष 80 अरब डॉलर भारत भेजे हैं. इसके बाद चीन का नंबर है. यहां के नागरिकों ने चीन को 67 अरब डॉलर भेजे हैं. भारत और चीन के बाद मैक्सिको (34 अरब डॉलर), फिलिपीन (34 अरब डॉलर) और मिस्त्र (26 अरब डॉलर) का स्थान है.  विश्वबैंक की ‘माइग्रेशन एंड रेमिटेंस' रिपोर्ट के हालिया संस्करण के मुताबिक, धन प्रेषण के मामले में भारतीय सबसे आगे रहे हैं. बैंक ने अपने अनुमान में कहा कि विकासशील देशों को आधिकारिक रूप से भेजा गया धन 2018 में 10.8 प्रतिशत बढ़कर 528 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. पिछले साल इसमें 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी थी. दुनिया भर के देशों में भेजा जाने वाला धन इस दौरान 10.3 प्रतिशत बढ़कर 689 अरब डॉलर होने की उम्मीद है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले तीन वर्षों में विदेश से भारत को भेजे गये धन में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई .टिप्पणियां 2016 में यह 62.7 अरब डॉलर से बढ़कर 2017 में 65.3 अरब डॉलर हो गया है. 2017 में विदेश से भेजे गये धन की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 2.7 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. विश्वबैंक ने कहा कि विकसित देशों खासकर अमेरिका में आर्थिक परिस्थितियों में मजबूती और तेल की कीमतों में वृद्धि का संयुक्त अरब अमीरात जैसे जीसीसी देशों से निकासी पर सकारात्मक प्रभाव से धन प्रेषण में वृद्धि हुयी है. अमीरात से निकासी में 2018 की पहली छमाही में 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है. बैंक ने कहा कि बांग्लादेश और पाकिस्तान में उनके प्रवासी नागरिकों द्वारा भेजे जाने वाले धन में क्रमश: 17.9 और 6.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) विश्वबैंक की ‘माइग्रेशन एंड रेमिटेंस' रिपोर्ट के हालिया संस्करण के मुताबिक, धन प्रेषण के मामले में भारतीय सबसे आगे रहे हैं. बैंक ने अपने अनुमान में कहा कि विकासशील देशों को आधिकारिक रूप से भेजा गया धन 2018 में 10.8 प्रतिशत बढ़कर 528 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. पिछले साल इसमें 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी थी. दुनिया भर के देशों में भेजा जाने वाला धन इस दौरान 10.3 प्रतिशत बढ़कर 689 अरब डॉलर होने की उम्मीद है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले तीन वर्षों में विदेश से भारत को भेजे गये धन में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई .टिप्पणियां 2016 में यह 62.7 अरब डॉलर से बढ़कर 2017 में 65.3 अरब डॉलर हो गया है. 2017 में विदेश से भेजे गये धन की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 2.7 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. विश्वबैंक ने कहा कि विकसित देशों खासकर अमेरिका में आर्थिक परिस्थितियों में मजबूती और तेल की कीमतों में वृद्धि का संयुक्त अरब अमीरात जैसे जीसीसी देशों से निकासी पर सकारात्मक प्रभाव से धन प्रेषण में वृद्धि हुयी है. अमीरात से निकासी में 2018 की पहली छमाही में 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है. बैंक ने कहा कि बांग्लादेश और पाकिस्तान में उनके प्रवासी नागरिकों द्वारा भेजे जाने वाले धन में क्रमश: 17.9 और 6.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) 2016 में यह 62.7 अरब डॉलर से बढ़कर 2017 में 65.3 अरब डॉलर हो गया है. 2017 में विदेश से भेजे गये धन की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 2.7 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. विश्वबैंक ने कहा कि विकसित देशों खासकर अमेरिका में आर्थिक परिस्थितियों में मजबूती और तेल की कीमतों में वृद्धि का संयुक्त अरब अमीरात जैसे जीसीसी देशों से निकासी पर सकारात्मक प्रभाव से धन प्रेषण में वृद्धि हुयी है. अमीरात से निकासी में 2018 की पहली छमाही में 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है. बैंक ने कहा कि बांग्लादेश और पाकिस्तान में उनके प्रवासी नागरिकों द्वारा भेजे जाने वाले धन में क्रमश: 17.9 और 6.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
भारतीय महिला टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा और स्विटजरलैंड की मार्टिना हिंगिस की जोड़ी फैमिली सर्किल कप के फाइनल में पहुंच गई है. अगर सानिया-हिंगिस की जोड़ी ये खिताब जीत लेती है तो सानिया महिला डबल्स में दुनिया की नंबर वन खिलाड़ी बन सकती हैं. इससे पहले शनिवार को टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में सानिया-हिंगिस की जोड़ी ने एला कुद्रयात्सेव और एनस्तासिया पावलूचेंकोवा की जोड़ी को 6-4, 1-6, 10-7 से हरा दिया. सानिया-हिंगिस को फाइनल में कैसी डेलाक्वा और दारिजा जुराक की जोड़ी से भिड़ना है. डेलाक्वा-जुराक की जोड़ी मारिना एराकोविक और एंद्रीया पेटकोविक की जोड़ी को 6-4, 1-6, 10-5 से हराकर फाइनल में पहुंची है. यानी खिताबी मुकाबले में पहुंचने वाली दोनों जोड़ियों ने सेमीफाइनल में लगभग बराबर अंतर से अपने अपने प्रतिद्वंद्वियों को मात दी है. सानिया ने सेमीफाइनल मैच के बाद कहा, 'बारिश से बाधित मैच में खेलना हमेशा मुश्किल होता है. बारिश के बाद विपक्षी जोड़ी ने बेहद आक्रामक अंदाज में खेलना शुरू किया और लगातार छह प्वॉइंट्स हासिल कर लिए. लेकिन हमें खुद पर यकीन था और इसी की बदौलत हम जीत गए.' IANS से इनपुट
यह एक लेख है: बांग्लादेश में भारत-बांग्लादेश 'मैत्री एक्सप्रेस' के यात्री आज उस समय बाल-बाल बच गए, जब विपक्षी कार्यकर्ताओं ने कोलकाता से आने वाली ट्रेन पर पेट्रोल बम फेंके। यह हमला ऐसे समय हुआ है जब बांग्लादेश में विपक्षी बीएनपी की ओर से आहूत देशव्यापी परिवहन नाकेबंदी जारी है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि संदिग्ध नाकेबंदी समर्थकों ने आज अपराह्न इसवर्दी रेलवे स्टेशन पर उस समय ट्रेन पर कई पेट्रोल बम फेंके जब ट्रेन ढाका आ रही थी। रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस हमले में कोई यात्री घायल नहीं हुआ और इससे इंजन को मामूली क्षति हुई, क्योंकि बम इंजन के चक्के के पास फूटे। यह हमला बांग्लादेश में जारी राजनीति हिंसा में सबसे ताजा है। इस हिंसा में अभी तक 75 लोग मारे गए हैं। विपक्षी बीएनपी ने पूरे देश में अनिश्चितकालीन नाकेबंदी आहूत की है। दो दिन पहले ऐसी ही एक घटना में तीन बच्चों सहित कम से कम नौ लोग जिंदा जल गए थे जब विपक्षी कार्यकर्ताओं ने यात्रियों से भरी एक बस और एक ट्रक पर पेट्रोल बम फेंका था। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बीएनपी की ओर से गत छह फरवरी को राजमार्गों, रेलवे और जलमार्ग की नाकाबंदी शुरू किए जाने के बाद से यह देश में ट्रेनों पर होने वाला आठवां ऐसा हमला है। बीएनपी मध्यावधि चुनाव की मांग को लेकर विरोध कर रही है। बांग्लादेश रेलवे के सहायक निदेशक सैयदुर रहमान ने बताया कि मैत्री एक्सप्रेस पर हमले के बाद बाद में एक दूसरा इंजन लगाया गया। हमलावरों की तलाश जारी है।
2003 में दीवाली को व्हाइट हाउस में पहली बार मनाया गया और पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज वॉकर बुश द्वारा 2007 में संयुक्त राज्य अमेरिका कांग्रेस द्वारा इसे आधिकारिक दर्जा दिया गया। 2009 में बराक ओबामा, व्हाइट हाउस में व्यक्तिगत रूप से दीवाली में भाग लेने वाले पहले राष्ट्रपति बने। संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में भारत की अपनी पहली यात्रा की पूर्व संध्या पर, ओबामा ने दीवाली की शुभकामनाएं बांटने के लिए एक आधिकारिक बयान जारी किया। 2009 में काउबॉय स्टेडियम में, दीवाली मेला में 100,000 लोगों की उपस्थिति का दावा किया था। 2009 में, सैन एन्टोनियो आतिशबाजी प्रदर्शन सहित एक अधिकारिक दीवाली उत्सव को प्रायोजित करने वाला पहला अमेरिकी शहर बन गया; जिसमे 2012 में, 15,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया था। वर्ष 2011 में न्यूयॉर्क शहर, पियरे में, जोकि अब टाटा समूह के ताज होटल द्वारा संचालित हैं, ने अपनी पहली दीवाली उत्सव का आयोजन किया। संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 3 लाख हिंदू हैं। ब्रिटेन में भारतीय लोग बड़े उत्साह के साथ दिवाली मनाते हैं। लोग अपने घरों को दीपक और मोमबत्तियों के साथ सजाते और स्वच्छ करते हैं। दीया एक प्रकार का प्रसिद्ध मोमबत्ति हैं। लोग लड्डू और बर्फी जैसी मिठाइयो को भी एक दूसरे में बाटते है, और विभिन्न समुदायों के लोग एक धार्मिक समारोह के लिए इकट्ठा होते है और उसमे भाग लेते हैं। भारत में परिवार से संपर्क करने और संभवतः उपहार के आदान प्रदान के लिए भी यह एक बहुत अच्छा अवसर है। व्यापक ब्रिटिश के अधिक गैर-हिंदु नागरिकों को सराहना चेतना के रूप में दीपावली के त्योहार की स्वीकृति मिलना शुरू हो गया है और इस अवसर पर वो हिंदू धर्म का जश्न मानते है। हिंदुओ के इस त्यौहार को पूरे ब्रिटेन भर में मनाना समुदाय के बाकी लोगों के लिए विभिन्न संस्कृतियों को समझने का अवसर लाता है। पिछले दशक के दौरान प्रिंस चार्ल्स (en:Charles, Prince of Wales) जैसे राष्ट्रीय और नागरिक नेताओं ने ब्रिटेन के Neasden में स्थित स्वामीनारायण मंदिर जैसे कुछ प्रमुख हिंदू मंदिरों में दीवाली समारोह में भाग लिया है, और ब्रिटिश जीवन के लिए हिंदू समुदाय के योगदान की प्रशंसा करने के लिए इस अवसर का उपयोग किया। वर्ष 2013 में प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और उनकी पत्नी, दीवाली और हिंदू नववर्ष अंकन Annakut त्योहार मनाने के लिए Neasden में बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में हजारों भक्तों के साथ शामिल हो गए। 2009 के बाद से, दीवाली हर साल ब्रिटिश प्रधानमंत्री के निवास स्थान, 10 डाउनिंग स्ट्रीट, पर मनाया जा रहा है। वार्षिक उत्सव, गॉर्डन ब्राउन द्वारा शुरू करना और डेविड कैमरन द्वारा जारी रखना, ब्रिटिश प्रधानमंत्री द्वारा की मेजबानी की सबसे प्रत्याशित घटनाओं में से एक है। लीसेस्टर (en:Leicester) भारत के बाहर कुछ सबसे बड़ी दिवाली समारोह के लिए मेजबान की भूमिका निभाता है। न्यूजीलैंड में, दीपावली दक्षिण एशियाई प्रवासी के सांस्कृतिक समूहों में से कई के बीच सार्वजनिक रूप से मनाया जाता है। न्यूजीलैंड में एक बड़े समूह दिवाली मानते हैं जो भारत-फ़ीजी समुदायों के सदस्य हैं जोकि प्रवासित हैं और वहाँ बसे हैं। दिवाली 2003 में, एक अधिकारिक स्वागत के बाद न्यूजीलैंड की संसद पर आयोजित किया गया था। दीवाली हिंदुओं द्वारा मनाया जाता है। त्योहार अंधकार पर प्रकाश, अन्याय पर न्याय, अज्ञान से अधिक बुराई और खुफिया पर अच्छाई, की विजय का प्रतीक हैं। लक्ष्मी माता को पूजा जाता है। लक्ष्मी माता प्रकाश, धन और सौंदर्य की देवी हैं। बर्फी और प्रसाद दिवाली के विशेष खाद्य पदार्थ हैं। फिजी में, दीपावली एक सार्वजनिक अवकाश है और इस धार्मिक त्यौहार को हिंदुओं (जो फिजी की आबादी का करीब एक तिहाई भाग का गठन करते है) द्वारा एक साथ मनाया जाता है, और सांस्कृतिक रूप से फिजी के दौड़ के सदस्यों के बीच हिस्सा लेते है और यह बहुत समय इंतजार करने के बाद साल में एक बार आता है। यह मूल रूप से 19 वीं सदी के दौरान फिजी के तत्कालीन कालोनी में ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीय उपमहाद्वीप से आयातित गिरमिटिया मजदूरों द्वारा मनाया है, सरकार की कामना के रूप में फिजी के तीन सबसे बड़े धर्मों, यानि, ईसाई धर्म, हिंदू धर्म और इस्लाम के प्रत्येक की एक अलग से धार्मिक सार्वजनिक छुट्टी करने की स्थापना के लिए यह 1970 में स्वतंत्रता पर एक छुट्टी के रूप में स्थापित किया गया था। फिजी में, भारत में दिवाली समारोह से एक बड़े पैमाने पर मनाया जाने के रूप में दीपावली पर अक्सर भारतीय समुदाय के लोगों द्वारा विरोध किया जाता है, आतिशबाजी और दीपावली से संबंधित घटनाओं को वास्तविक दिन से कम से कम एक सप्ताह शुरू पहले किया जाता है। इसकी एक और विशेषता है कि दीपावली का सांस्कृतिक उत्सव (अपने पारंपरिक रूप से धार्मिक उत्सव से अलग), जहां फिजीवासियों भारतीय मूल या भारत-फिजीवासियों, हिंदू, ईसाई, सिख या अन्य सांस्कृतिक समूहों के साथ मुस्लिम भी फिजी में एक समय पर दोस्तों और परिवार के साथ मिलने और फिजी में छुट्टियों के मौसम की शुरुआत का संकेत के रूप में दीपावली का जश्न मनाते है। व्यावसायिक पक्ष पर, दीपावली कई छोटे बिक्री और मुफ्त विज्ञापन वस्तुएँ के लिए एक सही समय है। फिजी में दीपावली समारोह ने, उपमहाद्वीप पर समारोह से स्पष्ट रूप से अलग, अपने खुद के एक स्वभाव पर ले लिया है। समारोह के लिए कुछ दिन पहले नए और विशेष कपड़े, साथ साड़ी और अन्य भारतीय कपड़ों में ड्रेसिंग के साथ सांस्कृतिक समूहों के बीच खरीदना, और सफाई करना, दीपावली इस समय का प्रतिक होता है। घरों को साफ करते हैं और तेल के लैंप या दीये जलाते हैं। सजावट को रंगीन रोशनी, मोमबत्तियाँ और कागज लालटेन, साथ ही धार्मिक प्रतीकों का उपयोग कर रंग के चावल और चाक से बाहर का एक रंगीन सरणी साथ गठन कर के घर के आसपास बनाते है। परिवार, दोस्तों और पड़ोसियों और घरों के लिए बनाए गये निमंत्रण पत्र खुल जाते है। उपहार बनते हैं और प्रार्थना या पूजा हिन्दुओं द्वारा किया जाता है।
भारत के स्टार गोल्फ खिलाड़ी जीव मिल्खा सिंह ने 50 लाख डॉलर इनाम वाले बार्कलेस सिंगापुर ओपन गोल्फ टूर्नामेंट का खिताब जीत लिया है. देश के शीर्ष वरीयता प्राप्त खिलाड़ी जीव ने इस जीत के साथ 'एशियाई ऑर्डर ऑफ मेरिट' खिताब भी अपने नाम कर लिया है. रविवार को खेले गए आखिरी दौर में जीव ने खिताब पर कब्जा किया. रविवार को ही तीसरे दौर के अंतिम क्षणों का भी खेल हुआ था, जिसके बाद जीव संयुक्त रूप से सातवें स्थान पर कायम थे. तीसरे दौर की समाप्ति तक जीव ने फाइव-अंडर 208 स्कोर हासिल किया था. तीसरे दौर के आखिर में जीव ने चार होल में चार पार हासिल करते हुए 67 का कार्ड खेला था. तीसरे दौर के इसी प्रदर्शन से उनकी स्थिति काफी बेहतर गई थी और उनके कम से दूसरे या तीसरे स्थान पर आने की उम्मीद जताई जाने लगी थी.
अभिनेत्री सोहा अली खान का कहना है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को दर्शकों के साथ बच्चों जैसा व्यवहार करना बंद करना चाहिए. सोहा की मां शर्मिला टैगोर भी एक समय इस निकाय की प्रमुख रह चुकी हैं. सोहा की फिल्म '31 अक्टूबर' को सेंसर बोर्ड से पास होने के लिए संघर्ष करना पड़ा था. '31 अक्टूबर' पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के दंगों और उसके परिणाम पर आधारित है. फिल्म के संवेदनशील विषय पर बने होने के कारण इसके निर्माताओं को सीबीएफसी की तरफ से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. एक संवाददाता सम्मेलन में यह पूछे जाने पर कि यह कितना निराशाजनक था, सोहा ने कहा, "यह निश्चित तौर पर निराशाजनक था. हम कलाकार सेंसरशिप में यकीन नहीं करते. हम प्रमाणन में यकीन करते हैं. मुझे लगता है कि कभी-कभी वे बहुत ज्यादा (दृश्यों में) कांट-छांट कर देते हैं." सोहा (37) ने कहा कि बोर्ड दर्शकों के साथ बच्चों जैसा सलूक करता है. यह बेहद निराशाजनक है. अभिनेत्री का कहना है कि फिल्म के निर्माता व लेखक हैरी सचदेवा के लिए यह फिल्म बेहद खास है. इसीलिए उन्होंने कूटनीतिक रास्ता अपनाया. निर्माता इस बात को लेकर आक्रामक नहीं हुए और धीरे-धीरे वह सेंसर बोर्ड को भरोसा दिलाने में कामयाब रहे. टिप्पणियां सोहा ने कहा कि पहले तो सेंसर ने 40 कट लगाने के लिए कहा, लेकिन फिर कोई कट नहीं लगाया गया. सचदेवा ने कहा कि रचनात्मकता में कोई हस्तक्षेप नहीं होनी चाहिए.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) '31 अक्टूबर' पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के दंगों और उसके परिणाम पर आधारित है. फिल्म के संवेदनशील विषय पर बने होने के कारण इसके निर्माताओं को सीबीएफसी की तरफ से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. एक संवाददाता सम्मेलन में यह पूछे जाने पर कि यह कितना निराशाजनक था, सोहा ने कहा, "यह निश्चित तौर पर निराशाजनक था. हम कलाकार सेंसरशिप में यकीन नहीं करते. हम प्रमाणन में यकीन करते हैं. मुझे लगता है कि कभी-कभी वे बहुत ज्यादा (दृश्यों में) कांट-छांट कर देते हैं." सोहा (37) ने कहा कि बोर्ड दर्शकों के साथ बच्चों जैसा सलूक करता है. यह बेहद निराशाजनक है. अभिनेत्री का कहना है कि फिल्म के निर्माता व लेखक हैरी सचदेवा के लिए यह फिल्म बेहद खास है. इसीलिए उन्होंने कूटनीतिक रास्ता अपनाया. निर्माता इस बात को लेकर आक्रामक नहीं हुए और धीरे-धीरे वह सेंसर बोर्ड को भरोसा दिलाने में कामयाब रहे. टिप्पणियां सोहा ने कहा कि पहले तो सेंसर ने 40 कट लगाने के लिए कहा, लेकिन फिर कोई कट नहीं लगाया गया. सचदेवा ने कहा कि रचनात्मकता में कोई हस्तक्षेप नहीं होनी चाहिए.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) एक संवाददाता सम्मेलन में यह पूछे जाने पर कि यह कितना निराशाजनक था, सोहा ने कहा, "यह निश्चित तौर पर निराशाजनक था. हम कलाकार सेंसरशिप में यकीन नहीं करते. हम प्रमाणन में यकीन करते हैं. मुझे लगता है कि कभी-कभी वे बहुत ज्यादा (दृश्यों में) कांट-छांट कर देते हैं." सोहा (37) ने कहा कि बोर्ड दर्शकों के साथ बच्चों जैसा सलूक करता है. यह बेहद निराशाजनक है. अभिनेत्री का कहना है कि फिल्म के निर्माता व लेखक हैरी सचदेवा के लिए यह फिल्म बेहद खास है. इसीलिए उन्होंने कूटनीतिक रास्ता अपनाया. निर्माता इस बात को लेकर आक्रामक नहीं हुए और धीरे-धीरे वह सेंसर बोर्ड को भरोसा दिलाने में कामयाब रहे. टिप्पणियां सोहा ने कहा कि पहले तो सेंसर ने 40 कट लगाने के लिए कहा, लेकिन फिर कोई कट नहीं लगाया गया. सचदेवा ने कहा कि रचनात्मकता में कोई हस्तक्षेप नहीं होनी चाहिए.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) सोहा (37) ने कहा कि बोर्ड दर्शकों के साथ बच्चों जैसा सलूक करता है. यह बेहद निराशाजनक है. अभिनेत्री का कहना है कि फिल्म के निर्माता व लेखक हैरी सचदेवा के लिए यह फिल्म बेहद खास है. इसीलिए उन्होंने कूटनीतिक रास्ता अपनाया. निर्माता इस बात को लेकर आक्रामक नहीं हुए और धीरे-धीरे वह सेंसर बोर्ड को भरोसा दिलाने में कामयाब रहे. टिप्पणियां सोहा ने कहा कि पहले तो सेंसर ने 40 कट लगाने के लिए कहा, लेकिन फिर कोई कट नहीं लगाया गया. सचदेवा ने कहा कि रचनात्मकता में कोई हस्तक्षेप नहीं होनी चाहिए.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) सोहा ने कहा कि पहले तो सेंसर ने 40 कट लगाने के लिए कहा, लेकिन फिर कोई कट नहीं लगाया गया. सचदेवा ने कहा कि रचनात्मकता में कोई हस्तक्षेप नहीं होनी चाहिए.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी लोकसेवा आयोग (UPPSC) के अध्यक्ष अनिरुद्ध सिंह यादव को तलब किया है. परीक्षा में किसी खास जाति को विशेष तरजीह मिलने की शिकायतों के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह कदम उठाया है. ऐसा कहा जा रहा है. एएनआई के अनुसार यूपी पीएससी के अध्यक्ष अनिरुद्ध सिंह यादव आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने वाले हैं.टिप्पणियां कहा जा रहा है कि अनिरुद्ध यादव से पूछा जाएगा कि क्या वाकई इतनी प्रतिष्ठित परीक्षा में ऐसा किया गया. इलाहाबाद में जब बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक हुई थी, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगे कई समुदायों के प्रतिनधियों ने यह बात उठाई थी. यूपी में आज और कल का दिन काफी अहम है क्योंकि सीएम योगी अब अफसरों की क्लास लेंगे. सभी मुख्य सचिवों से उनके विभागों के प्रजेंटेशन देने को कहा गया है. मुख्य सचिव 20 अप्रैल तक ऐसा करेंगे. उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद राज्य में एक जाति के लोगों को सरकारी नौकरी में वरीयता दिए जाने के आरोप लगाए थे. इससे पहले भी राज्य की समाजवादी पार्टी सरकार एक जाति विशेष के लोगों को सरकारी नौकरी में ज्यादा तवज्जो देने के आरोप लगते चले आ रहे थे. बताया जाता है कि यह सबसे बड़ी वजह रही कि राज्य का युवा इस बार समाजवादी पार्टी से छिटक कर अन्य दलों की चला गया जिससे पार्टी को चुनाव में भारी नुकसान उठाना पड़ा है. इन्हीं सब आरोपों को चलते राज्य की नई सरकार ने यूपी पीएससी में बदलाव का मन बनाया है. कहा जा रहा है कि अनिरुद्ध यादव से पूछा जाएगा कि क्या वाकई इतनी प्रतिष्ठित परीक्षा में ऐसा किया गया. इलाहाबाद में जब बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक हुई थी, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगे कई समुदायों के प्रतिनधियों ने यह बात उठाई थी. यूपी में आज और कल का दिन काफी अहम है क्योंकि सीएम योगी अब अफसरों की क्लास लेंगे. सभी मुख्य सचिवों से उनके विभागों के प्रजेंटेशन देने को कहा गया है. मुख्य सचिव 20 अप्रैल तक ऐसा करेंगे. उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद राज्य में एक जाति के लोगों को सरकारी नौकरी में वरीयता दिए जाने के आरोप लगाए थे. इससे पहले भी राज्य की समाजवादी पार्टी सरकार एक जाति विशेष के लोगों को सरकारी नौकरी में ज्यादा तवज्जो देने के आरोप लगते चले आ रहे थे. बताया जाता है कि यह सबसे बड़ी वजह रही कि राज्य का युवा इस बार समाजवादी पार्टी से छिटक कर अन्य दलों की चला गया जिससे पार्टी को चुनाव में भारी नुकसान उठाना पड़ा है. इन्हीं सब आरोपों को चलते राज्य की नई सरकार ने यूपी पीएससी में बदलाव का मन बनाया है. उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद राज्य में एक जाति के लोगों को सरकारी नौकरी में वरीयता दिए जाने के आरोप लगाए थे. इससे पहले भी राज्य की समाजवादी पार्टी सरकार एक जाति विशेष के लोगों को सरकारी नौकरी में ज्यादा तवज्जो देने के आरोप लगते चले आ रहे थे. बताया जाता है कि यह सबसे बड़ी वजह रही कि राज्य का युवा इस बार समाजवादी पार्टी से छिटक कर अन्य दलों की चला गया जिससे पार्टी को चुनाव में भारी नुकसान उठाना पड़ा है. इन्हीं सब आरोपों को चलते राज्य की नई सरकार ने यूपी पीएससी में बदलाव का मन बनाया है.
दिल्ली के दरियागंज (Daryaganj CAA Protest) में शुक्रवार रात नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने डीसीपी दफ्तर के बाहर खड़ी एक कार को आग के हवाले कर दिया था. लोगों को काबू में करने के लिए पुलिस ने कथित तौर पर लाठीचार्ज और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया. इस मामले में पुलिस ने 40 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें 8 नाबालिग शामिल थे. नाबालिगों को हिरासत में लेकर थाने में रखने पर अदालत ने पुलिस को फटकार लगाई है. दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अरुल वर्मा ने कहा, 'नाबालिगों को पुलिस स्टेशन में हिरासत में रखना कानून का खुला उल्लंघन है.' अदालत ने पुलिस को निर्देश दिए थे कि हिरासत में लिए गए लोगों को उनके वकील से मिलने दिया जाए और कानूनी सहायता मुहैया कराई जाए. इस मामले में वकीलों ने चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट से उनके घर जाकर मुलाकात की थी. वकीलों ने मजिस्ट्रेट से मांग की थी कि उन्हें हिरासत में लिए गए लोगों से मिलने दिया जाए. मजिस्ट्रेट ने पुलिस को कस्टडी में रखे गए घायलों का इलाज कराने के भी निर्देश दिए थे. गौरतलब है कि दरियागंज हिंसा मामले में अभी तक 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने जिस 16वें शख्स को गिरफ्तार किया है वह भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) हैं. पुलिस ने आजाद को शनिवार तड़के जामा मस्जिद इलाके से गिरफ्तार किया था. सभी लोगों को तीस हजारी कोर्ट में पेश किए जाने को लेकर कार्यवाही जारी है. बताते चलें कि शुक्रवार रात प्रदर्शनकारियों ने डीसीपी दफ्तर के बाहर खड़ी एक कार को आग के हवाले कर दिया था. आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने कई और गाड़ियों में भी आगजनी की. पुलिस ने लाठीचार्ज और वॉटर कैनन का इस्तेमाल कर लोगों को काबू में किया. इस घटना में 8 पुलिसकर्मियों सहित करीब 36 लोग घायल हुए. घायलों को लोकनायक अस्पताल में भर्ती कराया गया. दूसरी ओर दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किए जाने से इंकार किया है. पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए उन्होंने हल्का बल प्रयोग और वॉटर कैनन का ही इस्तेमाल किया था. गाजियाबाद में हुई हिंसा को लेकर भी पुलिस ने 3600 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. पुलिस हिंसा में शामिल लोगों की पहचान कर रही है.
दिल्लीवाले भले ही दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को सुविधाएं उपलब्ध कराने में फिसड्डी मानते हों लेकिन एक अंतरराष्ट्रीय एजेंसी ने इस नगरीय निकाय को वित्त और योजना प्रबंधन के मामले में डबल ए का तमगा दिया है। फिच रेटिंग्स नाम की एजेंसी ने अपनी हालिया रिपोर्ट में एमसीडी को राष्ट्रीय स्तर पर डबल ए का दर्जा दिया है और कहा है कि इकाई का दृष्टिकोण स्थिर है। इसने हालांकि आगाह किया है कि यदि आय में वृद्धि किए बिना एमसीडी अपने ऊपर लगातार ऋण का बोझ बढ़ाती रही तो उसकी रेटिंग गिर सकती है। इसने इस नगर निकाय को यह कहकर राजस्व में वृद्धि की सलाह दी है कि इससे इसके वित्तीय मामलों और कार्यों में रेटिंग सकारात्मक होने में मदद मिलेगी। एजेंसी ने राजस्व एवं पूंजी लेखा जोखा के बेहतर प्रबंधन कर एवं गैर कर राजस्व में वृद्धि तथा ई परियोजनाएं शुरू करने के लिए एमसीडी की जमकर तारीफ की है और कहा है कि दिल्ली में ठोस कचरा निस्तारण सेवा भारत के अन्य बड़े शहरों के मामले में काफी बेहतर है। इस वैश्विक एजेंसी ने उल्लेख किया है कि भारत के अन्य शहरों की तुलना में दिल्ली में सड़कों की गुणवत्ता और अन्य सुविधाओं की स्थिति काफी बेहतर है। हालांकि रेटिंग एजेंसी ने एमसीडी की जेएनएनयूआरएम परियोजनाओं की यह कहकर आलोचना की है कि फिच का मानना है कि एमसीडी निवेश के लिए चिह्नित की गईं सभी परियोजनाओं को कार्यान्वित करने में सक्षम नहीं हो सकती। एजेंसी ने एमसीडी को टोल टैक्स से होने वाली आमदनी को रेखांकित करते हुए कहा है कि इससे दिल्ली नगर निगम को जबर्दस्त आय होगी। 2008-09 में एमसीडी ने टोल टैक्स से 162.23 करोड़ रुपये की आमदनी की जबकि अगले वित्त वर्ष में यह 196.02 करोड़ रुपये हो गई।
पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने आज कहा कि अल्पसंख्यकों के लिए नौकरी में आरक्षण से उनकी समस्या का समाधान नहीं हो सकता. युवा मामलों के विभाग और कोलकाता नगर निगम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बुद्धदेव ने कहा, ‘‘ पिछले 60 सालों से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिये जाने के बावजूद उनके स्तर में मामूली सुधार हुआ है. बुद्धदेव ने कहा कि अल्पसंख्यकों के लिए शिक्षा एवं नौकरी आधारित प्रशिक्षण से उनको सरकारी नौकरी मिलने में मदद मिलेगी एवं अन्य समुदायों के साथ उनके अंतर में कमी आएगी.
यह लेख है: भारतीय हॉकी टीम के कप्तान सरदार सिंह ने शनिवार को कहा कि उनकी टीम ने पिछले दो साल में काफी सुधार किया है और इस साल रियो खेलों में 2012 लंदन ओलिंपिक के लचर प्रदर्शन में सुधार करने के लिए सही राह पर है। भारतीय पुरुष हॉकी टीम 2012 लंदन ओलंपिक में 12वें और अंतिम स्थान पर रही थी, लेकिन सरदार ने कहा कि टीम रियो में काफी बेहतर प्रदर्शन करेगी। सरदार ने एक कार्यक्रम के इतर कहा, '2014 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के बाद टीम ने पिछले डेढ़ साल में काफी सुधार किया है। इस बार रियो में हम लंदन में अपने निराशाजनक प्रदर्शन से कहीं बेहतर प्रदर्शन करेंगे।' उन्होंने कहा, 'हमारा लक्ष्य रियो में पदक जीतना है। वैसे भी आपको रियो में कहीं बेहतर प्रदर्शन देखने को मिलेगा।'टिप्पणियां रियो ओलिंपिक के लिए टीम की तैयारियों के बारे में पूछने पर सरदार ने कहा, 'जहां तक तैयारियों का सवाल है, हम सही राह पर हैं। हमें अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेलने को मिल रहे हैं। रविवार से राष्ट्रीय शिविर शुरू हो रहा है और कोच तथा प्रबंधन रियो से पहले टीम में जो भी कोई खामियां हैं, उसे दूर करने पर काम कर रहे हैं।' ब्रिटेन की 21 साल की एक महिला ने फरवरी में सरदार के खिलाफ उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था, लेकिन उन्होंने कहा कि वह इस मामले को पीछे छोड़ चुके हैं और उनका ध्यान अब हॉकी पर है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) सरदार ने एक कार्यक्रम के इतर कहा, '2014 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के बाद टीम ने पिछले डेढ़ साल में काफी सुधार किया है। इस बार रियो में हम लंदन में अपने निराशाजनक प्रदर्शन से कहीं बेहतर प्रदर्शन करेंगे।' उन्होंने कहा, 'हमारा लक्ष्य रियो में पदक जीतना है। वैसे भी आपको रियो में कहीं बेहतर प्रदर्शन देखने को मिलेगा।'टिप्पणियां रियो ओलिंपिक के लिए टीम की तैयारियों के बारे में पूछने पर सरदार ने कहा, 'जहां तक तैयारियों का सवाल है, हम सही राह पर हैं। हमें अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेलने को मिल रहे हैं। रविवार से राष्ट्रीय शिविर शुरू हो रहा है और कोच तथा प्रबंधन रियो से पहले टीम में जो भी कोई खामियां हैं, उसे दूर करने पर काम कर रहे हैं।' ब्रिटेन की 21 साल की एक महिला ने फरवरी में सरदार के खिलाफ उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था, लेकिन उन्होंने कहा कि वह इस मामले को पीछे छोड़ चुके हैं और उनका ध्यान अब हॉकी पर है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) रियो ओलिंपिक के लिए टीम की तैयारियों के बारे में पूछने पर सरदार ने कहा, 'जहां तक तैयारियों का सवाल है, हम सही राह पर हैं। हमें अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेलने को मिल रहे हैं। रविवार से राष्ट्रीय शिविर शुरू हो रहा है और कोच तथा प्रबंधन रियो से पहले टीम में जो भी कोई खामियां हैं, उसे दूर करने पर काम कर रहे हैं।' ब्रिटेन की 21 साल की एक महिला ने फरवरी में सरदार के खिलाफ उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था, लेकिन उन्होंने कहा कि वह इस मामले को पीछे छोड़ चुके हैं और उनका ध्यान अब हॉकी पर है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
Cortana का विकास 2009 में Microsoft स्पीच उत्पाद टीम में महाप्रबंधक ज़िग सेराफिन और मुख्य वैज्ञानिक लैरी हेक के साथ शुरू हुआ। हेक और सेराफिन ने माइक्रोसॉफ्ट के डिजिटल-पर्सनल-असिस्टेंट के लिए विजन, मिशन और लंबी दूरी की योजना की स्थापना की और उन्होंने कॉर्टाना के लिए प्रारंभिक प्रोटोटाइप बनाने के लिए विशेषज्ञता के साथ एक टीम बनाई। इन शुरुआती प्रयासों में कुछ प्रमुख शोधकर्ताओं में माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च शोधकर्ता डिलेक हक्कानी-टूर, गोखन टूर, एंड्रियास स्टोलके और मैल्कम स्लेनी शामिल थे। अनुसंधान सॉफ्टवेयर डेवलपर मधु चिंताकुंटा, और उपयोगकर्ता-अनुभव डिजाइनर लिसा स्टिफ़ेलमैन। Cortana डिजिटल सहायक विकसित करने के लिए, टीम ने मानव व्यक्तिगत सहायकों का साक्षात्कार लिया। इन साक्षात्कारों ने कॉर्टाना में सहायक की "नोटबुक" सुविधा सहित कई अनूठी विशेषताओं को प्रेरित किया। मूल रूप से कॉर्टाना का मतलब केवल एक कोडनेम था, लेकिन विंडोज फोन की यूजरवॉइस साइट पर एक याचिका जो लोकप्रिय साबित हुई, ने कोडनेम को आधिकारिक बना दिया।
माध्यिका () सांख्यिकी और प्रायिकता सिद्धांत में वह मान है जो सांख्यिकीय जनसंख्या, प्रायिकता बंटन या प्रतिचयन के पदों को दो बराबर भागों में इस प्रकार बांटता है कि आधे पद इससे बड़े तथा आधे पद इससे छोटे हों। जब पदों को परिमाण अनुसार आरोही या अवरोही क्रम में व्यवस्थित किया जाता है तब बीच वाला पद माध्यिका या मध्यक कहलाता है। माध्य की तुलना में डेटा का वर्णन करने में माध्यिका की मूल विशेषता यह है कि यह बहुत बड़े या छोटे मूल्यों के एक छोटे अनुपात से विषमता नहीं दर्शाता है, और इसलिए केंद्र का बेहतर निरूपण प्रदान करता है। संख्याओं का परिमित डेटा समूह जब संख्याओं की एक परिमित सूची को सबसे छोटे से सबसे बड़े क्रम में सूचीबद्ध किया जाता है तब उन संख्याओं की माध्यिका "मध्य" की संख्या होती है। यदि डेटा समूह में विषम संख्या में अवलोकन हैं, तो बीच की संख्या का चयन किया जाता है। उदाहरण के लिए, सात संख्याओं की निम्न सूची: 1, 3, 3, 6, 7, 8, 9 की माध्यिका 6 है, जो दोनों तरफ से चौथा मान है। यदि डेटा समूह में विषम संख्या में अवलोकन हैं, तो कोई विशिष्ट मध्य मान नहीं होता है और माध्यिका को आमतौर पर दो मध्य मानों के अंकगणितीय माध्य के रूप में परिभाषित किया जाता है। उदाहरण के लिए, यह डेटा 8 अंको का समूह है 1, 2, 3, 4, 5, 6, 8, 9 इसका औसत मान 4.5 है, अर्थात . सामान्य तौर पर माध्यिका को निम्नानुसार परिभाषित किया जा सकता है: आरोही क्रम में डेटा समूह के तत्वों के लिए यदि विषम हो तो , यदि सम हो तो, सन्दर्भ गणित सांख्यिकी प्रायिकता सिद्धांत
उपलब्ध होने पर दही (दही) और करी मांस (मसु) या मछली (माछा) को साइड डिश के रूप में परोसा जाता है। चिकन (कुखुरा) और मछली आमतौर पर खस ब्राह्मण (बहुन) जाति सहित सभी को स्वीकार्य हैं। चौकस हिंदू कभी भी गोमांस (गाइको मसु) नहीं खाते। वे गाय के समान होने के कारण भैंस और याक के मांस से भी परहेज करते हैं। घरेलू सूअर का मांस (सुंगुरको मसु) परंपरागत रूप से केवल आदिवासियों द्वारा खाया जाता था, हालांकि जंगली सूअर (बांगुर को मसू) का पारंपरिक रूप से शिकार किया जाता था और मगरों द्वारा खाया जाता था। जंगली सूअर से प्राप्त नस्ल को अब कैद में पाला जाता है और मांस के लिए उपयोग किया जाता है जो पहाड़ी जातीयताओं और उन जातियों में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है जो पारंपरिक रूप से सूअर का मांस नहीं खाते हैं।
इराक की राजधानी बगदाद में शुक्रवार को हुए सीरियल ब्लास्ट में 30 लोगों की मौत हो गई है और 90 लोग घायल हो गए.आंतरिक मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक पूर्वी बगदाद के स्पोर्ट्स क्लब के नजदीक हो रही चुनावी रैली के दौरान एक के बाद एक तीन विस्फोट हुए. यह आतंकी हमला इराकी शिया इस्लामिस्ट समूह असाएब अहल अल-हक की राजनीतिक इकाई सादिकुन के चुनाव प्रचार के दौरान हुआ. आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक और लेवांट ने हमले की जिम्मेदारी ली है. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है. यह संगठन अलकायदा का हिस्सा रहा है. बताया जा रहा है कि यह हमला, सुन्नियों की हत्या और उन्हें प्रताड़ित किए जाने की घटना का बदला लेने के लिए किया गया. बुधवार को इराक में संसदीय चुनाव होने जा रहे हैं.
कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार गिरफ्तार सोमवार को ईडी ने की थी पूछताछ मनी लॉन्ड्रिंग का लगा है आरोप मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून (PMLA) के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार को गिरफ्तार कर लिया है. पिछले कई दिनों से डीके शिवकुमार से ईडी की टीम पूछताछ कर रही है. कर्नाटक के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार सोमवार को ईडी के सामने कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तीसरी बार पूछताछ के लिए पेश हुए थे. ईडी ने इस मामले में शुक्रवार और शनिवार को 13 घंटे से अधिक समय तक कांग्रेस नेता से पूछताछ की थी. ईडी ने कांग्रेस नेता पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 का उल्लंघन करते हुए हवाला लेनदेन में शामिल होने का आरोप लगाया है. 'बदले की राजनीति का शिकार' कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने अपनी गिरफ्तारी पर ट्वीट किया है. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) पर तंज कसा है. डीके शिवकुमार ने लिखा, 'मैं अपने बीजेपी के मित्रों को बधाई देना चाहता हूं, अंतत: उन्हें, मुझे गिरफ्तार करने के मकसद में कामयाबी मिली है. आईटी और ईडी के मामले जो मेरे खिलाफ दर्ज कराए गए हैं, वे राजनीति से प्रेरित हैं. मैं बीजेपी के प्रतिशोधात्मक राजनीति से पीड़ित हूं.' I congratulate my BJP friends for finally being successful in their mission of arresting me. The IT and ED cases against me are politically motivated and I am a victim of BJP's politics of vengeance and vendetta. — DK Shivakumar (@DKShivakumar) September 3, 2019 एक अन्य ट्वीट में डीके शिवकुमार ने लिखा, 'मैं अपने पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों से अपील करता हूं कि वे मायूस न हों. मैंने कुछ गलत नहीं किया है. मुझे ईश्वर और देश की न्यायपालिका में पूरा भरोसा है. मुझे पूरा विश्वास है कि मैं न्यायिक और राजनीतिक, दोनों तरह से बदले की राजनीतिक को हराने में सफल रहूंगा.' 'देश का ध्यान भटकाने के लिए कांग्रेस पर निशना' कांग्रेस के दिग्गज नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि ज्यादार इंडस्ट्री बेरोजगारी की मार से जूझ रही है. इन सबसे देश का ध्यान भटकाने के लिए कांग्रेस नेताओं पर प्रतिशोध की भावना से काम किया जा रहा है. बीजेपी जान ले, डूबती हुई अर्थव्यवस्था, डूबता हुआ रुपया और आर्थिक आपातकाल से बीजेपी बच नहीं सकती है.' श्री @DKShivakumar की राजनीति-प्रेरित गिरफ्तारी पर श्री @rssurjewala का बयान:- #BJPVendettaPolitics pic.twitter.com/PezCZGtmV8 — Congress (@INCIndia) September 3, 2019 कांग्रेस नेताओं का विरोध प्रदर्शन डीके शिवकुमार के वकील उनकी जमानत के लिए कोर्ट में अपील दाखिल करेंगे. दिल्ली स्थित ईडी के दफ्तर के बाहर कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध जता रहे हैं. कांग्रेस कार्यकर्ता बड़ी संख्या में ईडी मुख्यालय के बाहर इकट्ठे हुए हैं. Delhi: Ruckus outside the Enforcement Directorate (ED) office as supporters of Congress leader DK Shivakumar gather in large numbers. He has been arrested by the agency, under Prevention of Money Laundering Act (PMLA). pic.twitter.com/v7Kg7dm2IG — ANI (@ANI) September 3, 2019 कांग्रेस ने गिरफ्तारी पर जताया ऐतराज कांग्रेस ने डीके शिवकुमार की गिरफ्तारी की निंदा की है. कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर पेज से कहा गया है कि राज्य की गड़बड़ होती अर्थव्यवस्था से जनता का ध्यान भटकाने के लिए राजनीति की जा रही है. सरकार कांग्रेस नेताओं के साथ राजनीतिक प्रतिशोध की भावना रख कार्रवाई कर रही है. We strongly condemn the high-handed tactics & vendetta politics being deployed against Congress leaders. The arrest of Shri @DKShivakumar is yet another attempt by the govt to distract the public from their failed policies & the sorry state of the economy. #BJPVendettaPolitics — Congress (@INCIndia) September 3, 2019 कुमारस्वामी ने जताया विरोध कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जेडी(एस) नेता एचडी कुमारस्वामी ने ट्वीट कर कहा है कि एक दिन की पूछताछ के बाद त्योहार तक के लिए छुट्टी नहीं दी गई, ईडी अब शिवकुमार पर असयोग का आरोप लगा रही है. सत्तारूढ़ सरकार जांच एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्ष को दबाने के लिए कर रही है. After days of interrogation, without allowing even a day's break for the festival, ED now cites non-cooperation to arrest @DKShivakumar . The ruling govt is using investigation agencies to oppress those opposition leaders who they think are a threat to their interests. — H D Kumaraswamy (@hd_kumaraswamy) September 3, 2019 एजेंसी ने शिवकुमार से उनकी संपत्तियों के साथ ही नकदी से भरे बैग के बारे में पूछताछ की थी, जो उन्होंने अपने सहयोगियों के माध्यम से चांदनी चौक स्थित एक ट्रैवल कंपनी के मालिक को भेजे थे. शिवकुमार ने इससे पहले इस साल जनवरी और फरवरी में ईडी द्वारा जारी किए गए समन को नजरअंदाज कर दिया था. लेकिन पिछले सप्ताह ही वित्तीय जांच एजेंसी की ओर से होने वाली गिरफ्तारी से अंतरिम राहत पाने के लिए उनकी याचिका को कर्नाटक हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था. ईडी की रडार पर शिवकुमार शिवकुमार 2016 में नोटबंदी के बाद से ही आयकर विभाग और ईडी के रडार पर हैं. उनके नई दिल्ली स्थित फ्लैट से दो अगस्त, 2017 को आयकर विभाग की तलाशी के दौरान 8.59 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की थी. इसके बाद आयकर विभाग ने कांग्रेस नेता और उनके चार अन्य सहयोगियों के खिलाफ आयकर अधिनियम 1961 की धारा 277 और 278 के तहत और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120 (बी), 193 और 199 के तहत मामले दर्ज किए. आयकर विभाग के आरोप-पत्र के आधार पर ईडी ने शिवकुमार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया. शिवकुमार ने उन्हें और राज्य के अन्य विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा पर आरोप लगाया है. (IANS इनपुट के साथ)
राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को न्यूनतम तापमान पिछले 41 वर्ष के इतिहास में सबसे ज्यादा रहा. दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में धूल भरी आंधी के कारण छह लोगों की मौत हो गई. कानपुर, फिरोजाबाद और औरय्या में तेज हवाओं के कारण कई स्थानों पर दीवारें और पेड़ गिर गए. दिल्ली में आज रात का न्यूनतम पारा 34.7 डिग्री से. दर्ज हुआ, जो सामान्य से छह डिग्री ज्यादा और पिछले 41 साल में सबसे ज्यादा रहा. दिल्ली में आज अधिकतम पारा 41.2 डिग्री रहा, जबकि कल यह 42.8 डिग्री था. दिल्लीवासियों को आज धूल भरी आंधी के कारण भी परेशानी का सामना करना पड़ा. कई स्थानों पर दृश्यता घट कर 500 मीटर रह जाने से वाहनों की आवाजाही भी प्रभावित हुई. इस बीच हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के कई भागों में आज कुछ स्थानों पर वष्रा हुई, जिससे लोगों को भीषण गर्मी से कुछ हद तक राहत मिली. शिमला में आज अधिकतम पारा 27.1 डिग्री दर्ज हुआ, जो कल 30.5 डिग्री था. राजस्थान में भी पिछले कई दिनों के बाद पारे में गिरावट दर्ज हुई. सीकर आज 42.5 डिग्री से. के साथ सबसे गर्म रहा, वहीं चूरू में पारा 41.8 डिग्री, श्रीगंगानगर में 41.2 डिग्री और जैसलमेर में 40.7 डिग्री दर्ज हुआ. जयपुर में आज 0.4 मिमी बारिश भी हुई. पंजाब और हरियाणा में आज हिसार 42.7 डिग्री से. के साथ सबसे गर्म रहा. चंडीगढ़ में आज पारा 41.2 डिग्री रहा.
'एक साथ तीन बार तलाक बोलने' को लेकर चल रहे विवाद के बीच केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि सरकार का विचार स्पष्ट है कि पर्सनल लॉ संविधान के दायरे में हों तथा लैंगिक समानता एवं सम्मानपूर्वक जीवन जीने के अधिकार के नियमों के अनुरूप होना चाहिए. 'तीन तलाक और सरकार का हलफनामा' शीषर्क से फेसबुक पर लिखे पोस्ट में जेटली ने कहा कि अतीत में सरकारें ठोस रुख अपनाने से बचती रही हैं कि पर्सनल लॉ को मूल अधिकारों के अनुरूप होना चाहिए, लेकिन वर्तमान सरकार ने इस पर स्पष्ट रुख अपनाया है. उन्होंने लिखा है, "पर्सनल लॉ को संविधान के दायरे में होना चाहिए और ऐसे में 'एक साथ तीन बार तलाक बोलने' को समानता तथा सम्मान के साथ जीने के अधिकार के मानदंडों पर कसा जाना चाहिए. यह कहने की जरूरत नहीं है कि यही मानदंड अन्य सभी पर्सनल लॉ पर भी लागू है." यह रेखांकित करते हुए कि 'एक साथ तीन बार तलाक बोलने' की संवैधानिक वैधता समान नागरिक संहिता से अलग है, जेटली ने लिखा है, वर्तमान में उच्चतम न्यायालय के समक्ष जो मामला है वह सिर्फ 'एक साथ तीन बार तलाक बोलने' की संवैधानिक वैधता के संबंध में है. कानून मंत्रालय ने सात अक्तूबर को उच्चतम न्यायालय में दायर अपने हलफनामे में कहा था कि बहु-विवाह और 'एक साथ तीन बार तलाक बोलने' के चलन को समाप्त करना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसे चलन को 'धर्म के महत्वपूर्ण और अभिन्न अंग के रूप में नहीं देखा जा सकता है.' जेटली ने लिखा है, "समान नागरिक संहिता को लेकर अकादमिक बहस विधि आयोग के समक्ष जारी रह सकती है. लेकिन जिस सवाल का जवाब चाहिए वह यह है कि यह जानते हुए कि सभी समुदायों के अपने पर्सनल लॉ हैं, क्या ये पर्सनल लॉ संविधान के तहत नहीं आने चाहिए?" अरुण जेटली ने लिखा है कि धार्मिक रीति-रिवाजों और नागरिक अधिकारों में मूल अंतर है. उन्होंने लिखा है, "जन्म, गोद लेने, उत्तराधिकार, विवाह, मृत्यु आदि से जुड़े धार्मिक समारोह मौजूदा धार्मिक रिवाजों और प्रथाओं के आधार पर किए जा सकते हैं." उन्होंने लिखा, "क्या जन्म, गोद लेने, उत्तराधिकार, विवाह, तलाक आदि से जुड़े अधिकार धार्मिक प्रथाओं पर आधारित होने चाहिए या संविधान द्वारा मिलने चाहिए? क्या इनमें से किसी भी मामले में मानवीय सम्मान के साथ असमानता या समझौता होना चाहिए?" जेटली ने लिखा है कि समुदायों में तरक्की होने के साथ ही लैंगिक समानता की बातें बढ़ी हैं. उन्होंने लिखा है, "इसके अतिरिक्त सभी नागरिकों, विशेष रूप से महिलाओं को सम्मान के साथ जीने का अधिकार है. प्रत्येक नागरिक के जीवन को प्रभावित करने वाले पर्सनल लॉ क्या समानता के इन संवैधानिक मूल्यों और सम्मान के साथ जीने के अधिकार के अनुरूप नहीं होने चाहिए?"टिप्पणियां ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने दो सितंबर को उच्चतम न्यायालय से कहा था कि सामाजिक सुधार के नाम पर समुदायों के पर्सनल लॉ को फिर से नहीं लिखा जा सकता और उसने तलाक के मामले में मुस्लिम महिलाओं के साथ होने वाली कथित असमानता के मुद्दे पर दायर याचिकाओं का विरोध किया.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) 'तीन तलाक और सरकार का हलफनामा' शीषर्क से फेसबुक पर लिखे पोस्ट में जेटली ने कहा कि अतीत में सरकारें ठोस रुख अपनाने से बचती रही हैं कि पर्सनल लॉ को मूल अधिकारों के अनुरूप होना चाहिए, लेकिन वर्तमान सरकार ने इस पर स्पष्ट रुख अपनाया है. उन्होंने लिखा है, "पर्सनल लॉ को संविधान के दायरे में होना चाहिए और ऐसे में 'एक साथ तीन बार तलाक बोलने' को समानता तथा सम्मान के साथ जीने के अधिकार के मानदंडों पर कसा जाना चाहिए. यह कहने की जरूरत नहीं है कि यही मानदंड अन्य सभी पर्सनल लॉ पर भी लागू है." यह रेखांकित करते हुए कि 'एक साथ तीन बार तलाक बोलने' की संवैधानिक वैधता समान नागरिक संहिता से अलग है, जेटली ने लिखा है, वर्तमान में उच्चतम न्यायालय के समक्ष जो मामला है वह सिर्फ 'एक साथ तीन बार तलाक बोलने' की संवैधानिक वैधता के संबंध में है. कानून मंत्रालय ने सात अक्तूबर को उच्चतम न्यायालय में दायर अपने हलफनामे में कहा था कि बहु-विवाह और 'एक साथ तीन बार तलाक बोलने' के चलन को समाप्त करना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसे चलन को 'धर्म के महत्वपूर्ण और अभिन्न अंग के रूप में नहीं देखा जा सकता है.' जेटली ने लिखा है, "समान नागरिक संहिता को लेकर अकादमिक बहस विधि आयोग के समक्ष जारी रह सकती है. लेकिन जिस सवाल का जवाब चाहिए वह यह है कि यह जानते हुए कि सभी समुदायों के अपने पर्सनल लॉ हैं, क्या ये पर्सनल लॉ संविधान के तहत नहीं आने चाहिए?" अरुण जेटली ने लिखा है कि धार्मिक रीति-रिवाजों और नागरिक अधिकारों में मूल अंतर है. उन्होंने लिखा है, "जन्म, गोद लेने, उत्तराधिकार, विवाह, मृत्यु आदि से जुड़े धार्मिक समारोह मौजूदा धार्मिक रिवाजों और प्रथाओं के आधार पर किए जा सकते हैं." उन्होंने लिखा, "क्या जन्म, गोद लेने, उत्तराधिकार, विवाह, तलाक आदि से जुड़े अधिकार धार्मिक प्रथाओं पर आधारित होने चाहिए या संविधान द्वारा मिलने चाहिए? क्या इनमें से किसी भी मामले में मानवीय सम्मान के साथ असमानता या समझौता होना चाहिए?" जेटली ने लिखा है कि समुदायों में तरक्की होने के साथ ही लैंगिक समानता की बातें बढ़ी हैं. उन्होंने लिखा है, "इसके अतिरिक्त सभी नागरिकों, विशेष रूप से महिलाओं को सम्मान के साथ जीने का अधिकार है. प्रत्येक नागरिक के जीवन को प्रभावित करने वाले पर्सनल लॉ क्या समानता के इन संवैधानिक मूल्यों और सम्मान के साथ जीने के अधिकार के अनुरूप नहीं होने चाहिए?"टिप्पणियां ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने दो सितंबर को उच्चतम न्यायालय से कहा था कि सामाजिक सुधार के नाम पर समुदायों के पर्सनल लॉ को फिर से नहीं लिखा जा सकता और उसने तलाक के मामले में मुस्लिम महिलाओं के साथ होने वाली कथित असमानता के मुद्दे पर दायर याचिकाओं का विरोध किया.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने लिखा है, "पर्सनल लॉ को संविधान के दायरे में होना चाहिए और ऐसे में 'एक साथ तीन बार तलाक बोलने' को समानता तथा सम्मान के साथ जीने के अधिकार के मानदंडों पर कसा जाना चाहिए. यह कहने की जरूरत नहीं है कि यही मानदंड अन्य सभी पर्सनल लॉ पर भी लागू है." यह रेखांकित करते हुए कि 'एक साथ तीन बार तलाक बोलने' की संवैधानिक वैधता समान नागरिक संहिता से अलग है, जेटली ने लिखा है, वर्तमान में उच्चतम न्यायालय के समक्ष जो मामला है वह सिर्फ 'एक साथ तीन बार तलाक बोलने' की संवैधानिक वैधता के संबंध में है. कानून मंत्रालय ने सात अक्तूबर को उच्चतम न्यायालय में दायर अपने हलफनामे में कहा था कि बहु-विवाह और 'एक साथ तीन बार तलाक बोलने' के चलन को समाप्त करना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसे चलन को 'धर्म के महत्वपूर्ण और अभिन्न अंग के रूप में नहीं देखा जा सकता है.' जेटली ने लिखा है, "समान नागरिक संहिता को लेकर अकादमिक बहस विधि आयोग के समक्ष जारी रह सकती है. लेकिन जिस सवाल का जवाब चाहिए वह यह है कि यह जानते हुए कि सभी समुदायों के अपने पर्सनल लॉ हैं, क्या ये पर्सनल लॉ संविधान के तहत नहीं आने चाहिए?" अरुण जेटली ने लिखा है कि धार्मिक रीति-रिवाजों और नागरिक अधिकारों में मूल अंतर है. उन्होंने लिखा है, "जन्म, गोद लेने, उत्तराधिकार, विवाह, मृत्यु आदि से जुड़े धार्मिक समारोह मौजूदा धार्मिक रिवाजों और प्रथाओं के आधार पर किए जा सकते हैं." उन्होंने लिखा, "क्या जन्म, गोद लेने, उत्तराधिकार, विवाह, तलाक आदि से जुड़े अधिकार धार्मिक प्रथाओं पर आधारित होने चाहिए या संविधान द्वारा मिलने चाहिए? क्या इनमें से किसी भी मामले में मानवीय सम्मान के साथ असमानता या समझौता होना चाहिए?" जेटली ने लिखा है कि समुदायों में तरक्की होने के साथ ही लैंगिक समानता की बातें बढ़ी हैं. उन्होंने लिखा है, "इसके अतिरिक्त सभी नागरिकों, विशेष रूप से महिलाओं को सम्मान के साथ जीने का अधिकार है. प्रत्येक नागरिक के जीवन को प्रभावित करने वाले पर्सनल लॉ क्या समानता के इन संवैधानिक मूल्यों और सम्मान के साथ जीने के अधिकार के अनुरूप नहीं होने चाहिए?"टिप्पणियां ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने दो सितंबर को उच्चतम न्यायालय से कहा था कि सामाजिक सुधार के नाम पर समुदायों के पर्सनल लॉ को फिर से नहीं लिखा जा सकता और उसने तलाक के मामले में मुस्लिम महिलाओं के साथ होने वाली कथित असमानता के मुद्दे पर दायर याचिकाओं का विरोध किया.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) कानून मंत्रालय ने सात अक्तूबर को उच्चतम न्यायालय में दायर अपने हलफनामे में कहा था कि बहु-विवाह और 'एक साथ तीन बार तलाक बोलने' के चलन को समाप्त करना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसे चलन को 'धर्म के महत्वपूर्ण और अभिन्न अंग के रूप में नहीं देखा जा सकता है.' जेटली ने लिखा है, "समान नागरिक संहिता को लेकर अकादमिक बहस विधि आयोग के समक्ष जारी रह सकती है. लेकिन जिस सवाल का जवाब चाहिए वह यह है कि यह जानते हुए कि सभी समुदायों के अपने पर्सनल लॉ हैं, क्या ये पर्सनल लॉ संविधान के तहत नहीं आने चाहिए?" अरुण जेटली ने लिखा है कि धार्मिक रीति-रिवाजों और नागरिक अधिकारों में मूल अंतर है. उन्होंने लिखा है, "जन्म, गोद लेने, उत्तराधिकार, विवाह, मृत्यु आदि से जुड़े धार्मिक समारोह मौजूदा धार्मिक रिवाजों और प्रथाओं के आधार पर किए जा सकते हैं." उन्होंने लिखा, "क्या जन्म, गोद लेने, उत्तराधिकार, विवाह, तलाक आदि से जुड़े अधिकार धार्मिक प्रथाओं पर आधारित होने चाहिए या संविधान द्वारा मिलने चाहिए? क्या इनमें से किसी भी मामले में मानवीय सम्मान के साथ असमानता या समझौता होना चाहिए?" जेटली ने लिखा है कि समुदायों में तरक्की होने के साथ ही लैंगिक समानता की बातें बढ़ी हैं. उन्होंने लिखा है, "इसके अतिरिक्त सभी नागरिकों, विशेष रूप से महिलाओं को सम्मान के साथ जीने का अधिकार है. प्रत्येक नागरिक के जीवन को प्रभावित करने वाले पर्सनल लॉ क्या समानता के इन संवैधानिक मूल्यों और सम्मान के साथ जीने के अधिकार के अनुरूप नहीं होने चाहिए?"टिप्पणियां ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने दो सितंबर को उच्चतम न्यायालय से कहा था कि सामाजिक सुधार के नाम पर समुदायों के पर्सनल लॉ को फिर से नहीं लिखा जा सकता और उसने तलाक के मामले में मुस्लिम महिलाओं के साथ होने वाली कथित असमानता के मुद्दे पर दायर याचिकाओं का विरोध किया.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) अरुण जेटली ने लिखा है कि धार्मिक रीति-रिवाजों और नागरिक अधिकारों में मूल अंतर है. उन्होंने लिखा है, "जन्म, गोद लेने, उत्तराधिकार, विवाह, मृत्यु आदि से जुड़े धार्मिक समारोह मौजूदा धार्मिक रिवाजों और प्रथाओं के आधार पर किए जा सकते हैं." उन्होंने लिखा, "क्या जन्म, गोद लेने, उत्तराधिकार, विवाह, तलाक आदि से जुड़े अधिकार धार्मिक प्रथाओं पर आधारित होने चाहिए या संविधान द्वारा मिलने चाहिए? क्या इनमें से किसी भी मामले में मानवीय सम्मान के साथ असमानता या समझौता होना चाहिए?" जेटली ने लिखा है कि समुदायों में तरक्की होने के साथ ही लैंगिक समानता की बातें बढ़ी हैं. उन्होंने लिखा है, "इसके अतिरिक्त सभी नागरिकों, विशेष रूप से महिलाओं को सम्मान के साथ जीने का अधिकार है. प्रत्येक नागरिक के जीवन को प्रभावित करने वाले पर्सनल लॉ क्या समानता के इन संवैधानिक मूल्यों और सम्मान के साथ जीने के अधिकार के अनुरूप नहीं होने चाहिए?"टिप्पणियां ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने दो सितंबर को उच्चतम न्यायालय से कहा था कि सामाजिक सुधार के नाम पर समुदायों के पर्सनल लॉ को फिर से नहीं लिखा जा सकता और उसने तलाक के मामले में मुस्लिम महिलाओं के साथ होने वाली कथित असमानता के मुद्दे पर दायर याचिकाओं का विरोध किया.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) जेटली ने लिखा है कि समुदायों में तरक्की होने के साथ ही लैंगिक समानता की बातें बढ़ी हैं. उन्होंने लिखा है, "इसके अतिरिक्त सभी नागरिकों, विशेष रूप से महिलाओं को सम्मान के साथ जीने का अधिकार है. प्रत्येक नागरिक के जीवन को प्रभावित करने वाले पर्सनल लॉ क्या समानता के इन संवैधानिक मूल्यों और सम्मान के साथ जीने के अधिकार के अनुरूप नहीं होने चाहिए?"टिप्पणियां ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने दो सितंबर को उच्चतम न्यायालय से कहा था कि सामाजिक सुधार के नाम पर समुदायों के पर्सनल लॉ को फिर से नहीं लिखा जा सकता और उसने तलाक के मामले में मुस्लिम महिलाओं के साथ होने वाली कथित असमानता के मुद्दे पर दायर याचिकाओं का विरोध किया.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने दो सितंबर को उच्चतम न्यायालय से कहा था कि सामाजिक सुधार के नाम पर समुदायों के पर्सनल लॉ को फिर से नहीं लिखा जा सकता और उसने तलाक के मामले में मुस्लिम महिलाओं के साथ होने वाली कथित असमानता के मुद्दे पर दायर याचिकाओं का विरोध किया.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
होली के दिन दिल्ली मेट्रो सर्विस दोपहर ढाई बजे तक बंद रहेगी. दोपहर ढाई बजे के बाद मेट्रो रोजाना की तरह चलेगी. 6 मार्च को होली के दिन मेट्रो की एयरपोर्ट लाइन के अलावा के सभी लाइनें दोपहर ढाई बजे तक बंद रहेंगी जबकि मेट्रो बस फीडर सेवा पूरे दिन के लिए बंद रहेगी.
अरुणाचल प्रदेश में नाटकीय घटनाक्रम में कांग्रेस ने आज मुख्यमंत्री के लिए नबाम तुकी के स्थान पर पेमा खांडू को अपना नया नेता चुना जिन्होंने दो निर्दलीयों और 45 पार्टी विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया। तेजी से बदलते घटनाक्रम में खालिको पुल 30 बागी विधायकों के साथ पार्टी में लौट आए। पुल बागी होकर मुख्यमंत्री बने थे जिन्हें उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में अपदस्थ कर दिया था। विधानसभा में शक्ति परीक्षण से कुछ घंटे पहले कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई और विधायक दल ने पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत दोरजी खांडू के बेटे पेमा खांडू को सर्वसम्मति से अपना नेता चुन लिया। तुकी को राज्यपाल ने आज ही विश्वास मत हासिल करने को कहा था। तुकी ने खांडू के नाम प्रस्तावित किया जिन्हें वहां मौजूद 44 विधायकों ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया। विधानसभा अध्यक्ष नबाम रेबिया बैठक में शामिल नहीं हुए जबकि पुल बागी विधायकों के साथ बैठक में पहुंचे । अरुणाचल प्रदेश की 60 सदस्यीय विधानसभा में अब कुल विधायकों की संख्या 58 है। कांग्रेस ने दो निर्दलीय विधायकों समेत 47 विधायकों के समर्थन किा दावा किया है। विधायक दल की बैठक से पहले तुकी ने राज्यपाल से भेंट की। उन्होंने उनके सामने पार्टी विधायक दल के प्रमुख एवं मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने की मंशा प्रकट की। उन्होंने उन्हें नए नेता के चुनाव के कांग्रेस के फैसले से भी अवगत कराया। उन्होंने खांडू की उपस्थिति में संवाददाताओं को बताया कि ऐसे घटनाक्रम में उन्होंने राज्यपाल से कहा कि वह शक्ति परीक्षण नहीं करेंगे। खांडू ने भी मीडिया से कहा कि उन्होंने राज्यपाल के सामने 47 विधायकों के समर्थन के आधार पर सरकार बनाने का दावा पेश किया और उनसे कहा कि उन्हें शपथ दिलायी जाए। उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने उन्हें अब तक कोई वादा तो नहीं किया, लेकिन इतना जरूर कहा कि उन्हें रिकॉर्ड देखना होग और उनके दावे पर गौर करना होगा। पहले भी मंत्री रह चुके खांडू ने कहा, फिलहाल राज्यपाल ने (उनके दावे पर) कोई टिप्पणी नहीं की। शपथ ग्रहण के लिए भी कोई समय नहीं दिया गया है। आज का घटनाक्रम अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस के लिए मनोबल बढ़ाने वाला है। अरुणाचल प्रदेश पिछले साल नवंबर से ही राजनीतिक दलदल में है जहां कांग्रेस की सरकार गिर गई और पुल की अगुवाई में नई सरकार बनी। पुल का बागियों एवं 11 भाजपा विधायकों ने समर्थन किया था। खांडू ने कहा, ‘‘अब कोई मतभेद नहीं है तथा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं उपाध्यक्ष राहुल गांधी के हस्तक्षेप से पार्टी एकजुट है। ’’ तुकी खांडू के साथ राज्यपाल के पास गए और उन्होंने उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा। तुकी ने माना कि पार्टी में कुछ समस्या है लेकिन यह किसी भी परिवार में मतभेद जैसा है। उन्होंने कहा, पिछले कुछ दिनों में मुझसे बार-बार पूछा गया और मैं कहा करता था कि कांग्रेस अरुणाचल प्रदेश में मजबूत और एकजुट है। अब 60 विधायकों में 47 हमारे साथ हैं।टिप्पणियां जब उनसे असम के मंत्री हिमंत विश्वास के इस बयान पर कि पूर्वोत्तर कांग्रेस मुक्त बनेगा, के बारे में पूछा गया तो उन्होंने तपाक से कहा, ‘‘कैसे लोकतंत्र में कोई नेता दूसरे दल को खत्म करने की बात कर सकता है। यह भाजपा की विपक्ष के प्रति असहिष्णुता दर्शाती है। ’’ विधायक दल के नेता चुने जाने पर खांडू ने कहा, ‘‘यह एक बड़ी चुनौती है क्योंकि आकांक्षाएं ऊंची हैं। ’’(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) विधानसभा में शक्ति परीक्षण से कुछ घंटे पहले कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई और विधायक दल ने पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत दोरजी खांडू के बेटे पेमा खांडू को सर्वसम्मति से अपना नेता चुन लिया। तुकी को राज्यपाल ने आज ही विश्वास मत हासिल करने को कहा था। तुकी ने खांडू के नाम प्रस्तावित किया जिन्हें वहां मौजूद 44 विधायकों ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया। विधानसभा अध्यक्ष नबाम रेबिया बैठक में शामिल नहीं हुए जबकि पुल बागी विधायकों के साथ बैठक में पहुंचे । अरुणाचल प्रदेश की 60 सदस्यीय विधानसभा में अब कुल विधायकों की संख्या 58 है। कांग्रेस ने दो निर्दलीय विधायकों समेत 47 विधायकों के समर्थन किा दावा किया है। विधायक दल की बैठक से पहले तुकी ने राज्यपाल से भेंट की। उन्होंने उनके सामने पार्टी विधायक दल के प्रमुख एवं मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने की मंशा प्रकट की। उन्होंने उन्हें नए नेता के चुनाव के कांग्रेस के फैसले से भी अवगत कराया। उन्होंने खांडू की उपस्थिति में संवाददाताओं को बताया कि ऐसे घटनाक्रम में उन्होंने राज्यपाल से कहा कि वह शक्ति परीक्षण नहीं करेंगे। खांडू ने भी मीडिया से कहा कि उन्होंने राज्यपाल के सामने 47 विधायकों के समर्थन के आधार पर सरकार बनाने का दावा पेश किया और उनसे कहा कि उन्हें शपथ दिलायी जाए। उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने उन्हें अब तक कोई वादा तो नहीं किया, लेकिन इतना जरूर कहा कि उन्हें रिकॉर्ड देखना होग और उनके दावे पर गौर करना होगा। पहले भी मंत्री रह चुके खांडू ने कहा, फिलहाल राज्यपाल ने (उनके दावे पर) कोई टिप्पणी नहीं की। शपथ ग्रहण के लिए भी कोई समय नहीं दिया गया है। आज का घटनाक्रम अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस के लिए मनोबल बढ़ाने वाला है। अरुणाचल प्रदेश पिछले साल नवंबर से ही राजनीतिक दलदल में है जहां कांग्रेस की सरकार गिर गई और पुल की अगुवाई में नई सरकार बनी। पुल का बागियों एवं 11 भाजपा विधायकों ने समर्थन किया था। खांडू ने कहा, ‘‘अब कोई मतभेद नहीं है तथा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं उपाध्यक्ष राहुल गांधी के हस्तक्षेप से पार्टी एकजुट है। ’’ तुकी खांडू के साथ राज्यपाल के पास गए और उन्होंने उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा। तुकी ने माना कि पार्टी में कुछ समस्या है लेकिन यह किसी भी परिवार में मतभेद जैसा है। उन्होंने कहा, पिछले कुछ दिनों में मुझसे बार-बार पूछा गया और मैं कहा करता था कि कांग्रेस अरुणाचल प्रदेश में मजबूत और एकजुट है। अब 60 विधायकों में 47 हमारे साथ हैं।टिप्पणियां जब उनसे असम के मंत्री हिमंत विश्वास के इस बयान पर कि पूर्वोत्तर कांग्रेस मुक्त बनेगा, के बारे में पूछा गया तो उन्होंने तपाक से कहा, ‘‘कैसे लोकतंत्र में कोई नेता दूसरे दल को खत्म करने की बात कर सकता है। यह भाजपा की विपक्ष के प्रति असहिष्णुता दर्शाती है। ’’ विधायक दल के नेता चुने जाने पर खांडू ने कहा, ‘‘यह एक बड़ी चुनौती है क्योंकि आकांक्षाएं ऊंची हैं। ’’(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) तुकी ने खांडू के नाम प्रस्तावित किया जिन्हें वहां मौजूद 44 विधायकों ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया। विधानसभा अध्यक्ष नबाम रेबिया बैठक में शामिल नहीं हुए जबकि पुल बागी विधायकों के साथ बैठक में पहुंचे । अरुणाचल प्रदेश की 60 सदस्यीय विधानसभा में अब कुल विधायकों की संख्या 58 है। कांग्रेस ने दो निर्दलीय विधायकों समेत 47 विधायकों के समर्थन किा दावा किया है। विधायक दल की बैठक से पहले तुकी ने राज्यपाल से भेंट की। उन्होंने उनके सामने पार्टी विधायक दल के प्रमुख एवं मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने की मंशा प्रकट की। उन्होंने उन्हें नए नेता के चुनाव के कांग्रेस के फैसले से भी अवगत कराया। उन्होंने खांडू की उपस्थिति में संवाददाताओं को बताया कि ऐसे घटनाक्रम में उन्होंने राज्यपाल से कहा कि वह शक्ति परीक्षण नहीं करेंगे। खांडू ने भी मीडिया से कहा कि उन्होंने राज्यपाल के सामने 47 विधायकों के समर्थन के आधार पर सरकार बनाने का दावा पेश किया और उनसे कहा कि उन्हें शपथ दिलायी जाए। उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने उन्हें अब तक कोई वादा तो नहीं किया, लेकिन इतना जरूर कहा कि उन्हें रिकॉर्ड देखना होग और उनके दावे पर गौर करना होगा। पहले भी मंत्री रह चुके खांडू ने कहा, फिलहाल राज्यपाल ने (उनके दावे पर) कोई टिप्पणी नहीं की। शपथ ग्रहण के लिए भी कोई समय नहीं दिया गया है। आज का घटनाक्रम अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस के लिए मनोबल बढ़ाने वाला है। अरुणाचल प्रदेश पिछले साल नवंबर से ही राजनीतिक दलदल में है जहां कांग्रेस की सरकार गिर गई और पुल की अगुवाई में नई सरकार बनी। पुल का बागियों एवं 11 भाजपा विधायकों ने समर्थन किया था। खांडू ने कहा, ‘‘अब कोई मतभेद नहीं है तथा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं उपाध्यक्ष राहुल गांधी के हस्तक्षेप से पार्टी एकजुट है। ’’ तुकी खांडू के साथ राज्यपाल के पास गए और उन्होंने उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा। तुकी ने माना कि पार्टी में कुछ समस्या है लेकिन यह किसी भी परिवार में मतभेद जैसा है। उन्होंने कहा, पिछले कुछ दिनों में मुझसे बार-बार पूछा गया और मैं कहा करता था कि कांग्रेस अरुणाचल प्रदेश में मजबूत और एकजुट है। अब 60 विधायकों में 47 हमारे साथ हैं।टिप्पणियां जब उनसे असम के मंत्री हिमंत विश्वास के इस बयान पर कि पूर्वोत्तर कांग्रेस मुक्त बनेगा, के बारे में पूछा गया तो उन्होंने तपाक से कहा, ‘‘कैसे लोकतंत्र में कोई नेता दूसरे दल को खत्म करने की बात कर सकता है। यह भाजपा की विपक्ष के प्रति असहिष्णुता दर्शाती है। ’’ विधायक दल के नेता चुने जाने पर खांडू ने कहा, ‘‘यह एक बड़ी चुनौती है क्योंकि आकांक्षाएं ऊंची हैं। ’’(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) अरुणाचल प्रदेश की 60 सदस्यीय विधानसभा में अब कुल विधायकों की संख्या 58 है। कांग्रेस ने दो निर्दलीय विधायकों समेत 47 विधायकों के समर्थन किा दावा किया है। विधायक दल की बैठक से पहले तुकी ने राज्यपाल से भेंट की। उन्होंने उनके सामने पार्टी विधायक दल के प्रमुख एवं मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने की मंशा प्रकट की। उन्होंने उन्हें नए नेता के चुनाव के कांग्रेस के फैसले से भी अवगत कराया। उन्होंने खांडू की उपस्थिति में संवाददाताओं को बताया कि ऐसे घटनाक्रम में उन्होंने राज्यपाल से कहा कि वह शक्ति परीक्षण नहीं करेंगे। खांडू ने भी मीडिया से कहा कि उन्होंने राज्यपाल के सामने 47 विधायकों के समर्थन के आधार पर सरकार बनाने का दावा पेश किया और उनसे कहा कि उन्हें शपथ दिलायी जाए। उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने उन्हें अब तक कोई वादा तो नहीं किया, लेकिन इतना जरूर कहा कि उन्हें रिकॉर्ड देखना होग और उनके दावे पर गौर करना होगा। पहले भी मंत्री रह चुके खांडू ने कहा, फिलहाल राज्यपाल ने (उनके दावे पर) कोई टिप्पणी नहीं की। शपथ ग्रहण के लिए भी कोई समय नहीं दिया गया है। आज का घटनाक्रम अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस के लिए मनोबल बढ़ाने वाला है। अरुणाचल प्रदेश पिछले साल नवंबर से ही राजनीतिक दलदल में है जहां कांग्रेस की सरकार गिर गई और पुल की अगुवाई में नई सरकार बनी। पुल का बागियों एवं 11 भाजपा विधायकों ने समर्थन किया था। खांडू ने कहा, ‘‘अब कोई मतभेद नहीं है तथा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं उपाध्यक्ष राहुल गांधी के हस्तक्षेप से पार्टी एकजुट है। ’’ तुकी खांडू के साथ राज्यपाल के पास गए और उन्होंने उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा। तुकी ने माना कि पार्टी में कुछ समस्या है लेकिन यह किसी भी परिवार में मतभेद जैसा है। उन्होंने कहा, पिछले कुछ दिनों में मुझसे बार-बार पूछा गया और मैं कहा करता था कि कांग्रेस अरुणाचल प्रदेश में मजबूत और एकजुट है। अब 60 विधायकों में 47 हमारे साथ हैं।टिप्पणियां जब उनसे असम के मंत्री हिमंत विश्वास के इस बयान पर कि पूर्वोत्तर कांग्रेस मुक्त बनेगा, के बारे में पूछा गया तो उन्होंने तपाक से कहा, ‘‘कैसे लोकतंत्र में कोई नेता दूसरे दल को खत्म करने की बात कर सकता है। यह भाजपा की विपक्ष के प्रति असहिष्णुता दर्शाती है। ’’ विधायक दल के नेता चुने जाने पर खांडू ने कहा, ‘‘यह एक बड़ी चुनौती है क्योंकि आकांक्षाएं ऊंची हैं। ’’(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) खांडू ने भी मीडिया से कहा कि उन्होंने राज्यपाल के सामने 47 विधायकों के समर्थन के आधार पर सरकार बनाने का दावा पेश किया और उनसे कहा कि उन्हें शपथ दिलायी जाए। उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने उन्हें अब तक कोई वादा तो नहीं किया, लेकिन इतना जरूर कहा कि उन्हें रिकॉर्ड देखना होग और उनके दावे पर गौर करना होगा। पहले भी मंत्री रह चुके खांडू ने कहा, फिलहाल राज्यपाल ने (उनके दावे पर) कोई टिप्पणी नहीं की। शपथ ग्रहण के लिए भी कोई समय नहीं दिया गया है। आज का घटनाक्रम अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस के लिए मनोबल बढ़ाने वाला है। अरुणाचल प्रदेश पिछले साल नवंबर से ही राजनीतिक दलदल में है जहां कांग्रेस की सरकार गिर गई और पुल की अगुवाई में नई सरकार बनी। पुल का बागियों एवं 11 भाजपा विधायकों ने समर्थन किया था। खांडू ने कहा, ‘‘अब कोई मतभेद नहीं है तथा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं उपाध्यक्ष राहुल गांधी के हस्तक्षेप से पार्टी एकजुट है। ’’ तुकी खांडू के साथ राज्यपाल के पास गए और उन्होंने उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा। तुकी ने माना कि पार्टी में कुछ समस्या है लेकिन यह किसी भी परिवार में मतभेद जैसा है। उन्होंने कहा, पिछले कुछ दिनों में मुझसे बार-बार पूछा गया और मैं कहा करता था कि कांग्रेस अरुणाचल प्रदेश में मजबूत और एकजुट है। अब 60 विधायकों में 47 हमारे साथ हैं।टिप्पणियां जब उनसे असम के मंत्री हिमंत विश्वास के इस बयान पर कि पूर्वोत्तर कांग्रेस मुक्त बनेगा, के बारे में पूछा गया तो उन्होंने तपाक से कहा, ‘‘कैसे लोकतंत्र में कोई नेता दूसरे दल को खत्म करने की बात कर सकता है। यह भाजपा की विपक्ष के प्रति असहिष्णुता दर्शाती है। ’’ विधायक दल के नेता चुने जाने पर खांडू ने कहा, ‘‘यह एक बड़ी चुनौती है क्योंकि आकांक्षाएं ऊंची हैं। ’’(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने उन्हें अब तक कोई वादा तो नहीं किया, लेकिन इतना जरूर कहा कि उन्हें रिकॉर्ड देखना होग और उनके दावे पर गौर करना होगा। पहले भी मंत्री रह चुके खांडू ने कहा, फिलहाल राज्यपाल ने (उनके दावे पर) कोई टिप्पणी नहीं की। शपथ ग्रहण के लिए भी कोई समय नहीं दिया गया है। आज का घटनाक्रम अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस के लिए मनोबल बढ़ाने वाला है। अरुणाचल प्रदेश पिछले साल नवंबर से ही राजनीतिक दलदल में है जहां कांग्रेस की सरकार गिर गई और पुल की अगुवाई में नई सरकार बनी। पुल का बागियों एवं 11 भाजपा विधायकों ने समर्थन किया था। खांडू ने कहा, ‘‘अब कोई मतभेद नहीं है तथा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं उपाध्यक्ष राहुल गांधी के हस्तक्षेप से पार्टी एकजुट है। ’’ तुकी खांडू के साथ राज्यपाल के पास गए और उन्होंने उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा। तुकी ने माना कि पार्टी में कुछ समस्या है लेकिन यह किसी भी परिवार में मतभेद जैसा है। उन्होंने कहा, पिछले कुछ दिनों में मुझसे बार-बार पूछा गया और मैं कहा करता था कि कांग्रेस अरुणाचल प्रदेश में मजबूत और एकजुट है। अब 60 विधायकों में 47 हमारे साथ हैं।टिप्पणियां जब उनसे असम के मंत्री हिमंत विश्वास के इस बयान पर कि पूर्वोत्तर कांग्रेस मुक्त बनेगा, के बारे में पूछा गया तो उन्होंने तपाक से कहा, ‘‘कैसे लोकतंत्र में कोई नेता दूसरे दल को खत्म करने की बात कर सकता है। यह भाजपा की विपक्ष के प्रति असहिष्णुता दर्शाती है। ’’ विधायक दल के नेता चुने जाने पर खांडू ने कहा, ‘‘यह एक बड़ी चुनौती है क्योंकि आकांक्षाएं ऊंची हैं। ’’(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) आज का घटनाक्रम अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस के लिए मनोबल बढ़ाने वाला है। अरुणाचल प्रदेश पिछले साल नवंबर से ही राजनीतिक दलदल में है जहां कांग्रेस की सरकार गिर गई और पुल की अगुवाई में नई सरकार बनी। पुल का बागियों एवं 11 भाजपा विधायकों ने समर्थन किया था। खांडू ने कहा, ‘‘अब कोई मतभेद नहीं है तथा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं उपाध्यक्ष राहुल गांधी के हस्तक्षेप से पार्टी एकजुट है। ’’ तुकी खांडू के साथ राज्यपाल के पास गए और उन्होंने उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा। तुकी ने माना कि पार्टी में कुछ समस्या है लेकिन यह किसी भी परिवार में मतभेद जैसा है। उन्होंने कहा, पिछले कुछ दिनों में मुझसे बार-बार पूछा गया और मैं कहा करता था कि कांग्रेस अरुणाचल प्रदेश में मजबूत और एकजुट है। अब 60 विधायकों में 47 हमारे साथ हैं।टिप्पणियां जब उनसे असम के मंत्री हिमंत विश्वास के इस बयान पर कि पूर्वोत्तर कांग्रेस मुक्त बनेगा, के बारे में पूछा गया तो उन्होंने तपाक से कहा, ‘‘कैसे लोकतंत्र में कोई नेता दूसरे दल को खत्म करने की बात कर सकता है। यह भाजपा की विपक्ष के प्रति असहिष्णुता दर्शाती है। ’’ विधायक दल के नेता चुने जाने पर खांडू ने कहा, ‘‘यह एक बड़ी चुनौती है क्योंकि आकांक्षाएं ऊंची हैं। ’’(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) तुकी ने माना कि पार्टी में कुछ समस्या है लेकिन यह किसी भी परिवार में मतभेद जैसा है। उन्होंने कहा, पिछले कुछ दिनों में मुझसे बार-बार पूछा गया और मैं कहा करता था कि कांग्रेस अरुणाचल प्रदेश में मजबूत और एकजुट है। अब 60 विधायकों में 47 हमारे साथ हैं।टिप्पणियां जब उनसे असम के मंत्री हिमंत विश्वास के इस बयान पर कि पूर्वोत्तर कांग्रेस मुक्त बनेगा, के बारे में पूछा गया तो उन्होंने तपाक से कहा, ‘‘कैसे लोकतंत्र में कोई नेता दूसरे दल को खत्म करने की बात कर सकता है। यह भाजपा की विपक्ष के प्रति असहिष्णुता दर्शाती है। ’’ विधायक दल के नेता चुने जाने पर खांडू ने कहा, ‘‘यह एक बड़ी चुनौती है क्योंकि आकांक्षाएं ऊंची हैं। ’’(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) जब उनसे असम के मंत्री हिमंत विश्वास के इस बयान पर कि पूर्वोत्तर कांग्रेस मुक्त बनेगा, के बारे में पूछा गया तो उन्होंने तपाक से कहा, ‘‘कैसे लोकतंत्र में कोई नेता दूसरे दल को खत्म करने की बात कर सकता है। यह भाजपा की विपक्ष के प्रति असहिष्णुता दर्शाती है। ’’ विधायक दल के नेता चुने जाने पर खांडू ने कहा, ‘‘यह एक बड़ी चुनौती है क्योंकि आकांक्षाएं ऊंची हैं। ’’(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
महाभारत को मॉर्डन अंदाज में पेश करने वाली शॉर्ट फिल्म 'मम्माज ब्वॉयज' के खिलाफ कुछ हिंदू संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है. शॉर्ट फिल्म में पांच पांडवों और द्रोपदी के विवाहित जीवन को 2016 का परिवेश देने की कोशिश की गई है. फिल्म में द्रोपदी का किरदार बॉलीवुड एक्ट्रेस अदिति राव हैदरी ने निभाया है. मॉडर्न लुक के साथ मुकुट, मांगपट्टी और ज्वैलरी से सजे फिल्म के इन किरदारों में भीम को जिम में वर्कआउट करते दिखाया गया है तो सारे पात्र धड़ल्ले से इंग्लिश में बात भी करते भी नजर आ रहे हैं. फिल्म का निर्देशन फिल्म 'डेल्ही बैली' और 'एक मैं और एक तू' जैसी बॉलीवुड फिल्में बनाने वाले अक्षत वर्मा ने किया है. 'मम्माज ब्वॉयज' में कुंती के किरदार में नीना गुप्ता हैं. इस शॉर्ट फिल्म को यूट्यूब पर दो दिन में ही 2 लाख, 80 हजार से ज्यादा दर्शक मिल चुके हैं. 'मम्माज ब्वॉयज' को लेकर अखिल भारतीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चक्रपाणि ने कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे हिंदू समाज के खिलाफ साजिश करार दिया है. चक्रपाणि के मुताबिक उन्होंने अपने संगठन के लोगों को फिल्म से जुड़े सभी लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए कहा है. चक्रपाणि ने कहा, 'जिसने फिल्म बनाई, जिन्होंने इसमें काम किया, उन सभी के जेल जाने का योग बन चुका है.' 'हिन्दू सेना' के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने चेतावनी दी है कि इस फिल्म को यूट्यूब से नहीं हटाया गया तो फिल्म से जुड़े लोगों को हमारे संगठन के लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि ये फिल्म एक बड़े महाग्रंथ का मजाक बनाकर भारतीय संस्कृति को बदनाम करने की साजिश है. वहीं 'मम्माज ब्वॉयज' की प्रोड्यूसर अशी दुआ ने कहा है कि इस फिल्म को सिर्फ फिक्शन की तरह देखा जाना चाहिेए. उन्होंने कहा कि हमारा फिल्म बनाने का उद्देश्य किसी धर्म की भावनाओं को आहत करना नहीं है.
लेख: माता वैष्णों देवी के दर्शन के लिए जाने श्रद्धालुओं ने इस साल एक नया रिकॉर्ड कायम किया है. बता दें कि इस साल रिकॉर्ड 62.71 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने माता वैष्णो देवी के दर्शन किए. इनमें से 3,64,643 श्रद्धालुओं ने केवल नवरात्र में देवी के दर्शन किए. यह आंकड़ा पिछले कुछ वर्षों में सर्वाधिक है. वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या के बारे में बताते हुए अधिकारियों ने कहा कि पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद से 15 लाख से अधिक श्रद्धालु वैष्णो देवी के दर्शन कर चुके हैं.  बता दें कि वैष्णो देवी तीर्थ स्थल जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में त्रिकुटा पहाड़ी पर स्थित है. अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाने के बाद जम्मू संभाग में लगी पाबंदियों में एक सप्ताह के भीतर ढील दे दी गई थी, लेकिन कश्मीर में अब भी जनजीवन सामान्य नहीं हो सका है. वहीं माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की स्थापना 1986 में की गई थी. तब से श्रद्धालुओं की संख्या में भारी वृद्धि हुई है. सन 2012 में यह संख्या एक करोड़ तक पहुंच गई थी. अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष जनवरी में श्रद्धालुओं की संख्या पांच लाख से अधिक पहुंच गई थी, जो फरवरी में गिर कर 2.69 लाख रह गई थी. पुलवामा हमले और उसके बाद के घटनाक्रम के कारण मार्च में केवल 4.62 लाख श्रद्धालुओं ने ही तीर्थ के दर्शन किए.  वहीं सोमवार को जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने गृह विभाग द्वारा जारी परामर्श को 10 अक्टूबर से वापस लेने का निर्देश दिया है. वैष्णो देवी गुफा के प्रवेश स्थान पर हाल ही में स्वर्ण द्वार बनाया गया है जिस पर देवी दुर्गा की नौ छवियां अंकित हैं. इसके अलावा हाल ही में शुरू की गई वन्दे भारत ट्रेन भी इस वर्ष नवरात्र के आकर्षण का केंद्र रही. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली से कटरा तक चलने वाली वन्दे भारत ट्रेन को श्रद्धालुओं के लिए नवरात्र का तोहफा बताया. गृह मंत्री अमित शाह ने इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाते हुए जम्मू कश्मीर के विकास के लिए बड़ा तोहफा बताया था.
नतालिया परवेज (जन्म 25 दिसंबर 1995) एक पाकिस्तानी क्रिकेटर हैं जो दाएं हाथ के मध्यम गेंदबाज और दाएं हाथ के बल्लेबाज के रूप में खेलते हैं। वह 2017 और 2018 में पाकिस्तान के लिए तीन एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय और 11 ट्वेंटी 20 अंतर्राष्ट्रीय में दिखाई दीं। वह उच्च शिक्षा आयोग, हैदराबाद और स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के लिए घरेलू क्रिकेट खेल चुकी हैं। उन्होंने 9 नवंबर 2017 को न्यूजीलैंड के खिलाफ ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया। उन्होंने 20 मार्च 2018 को श्रीलंका महिला के खिलाफ एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया। अक्टूबर 2018 में, उन्हें वेस्टइंडीज में 2018 आईसीसी महिला विश्व ट्वेंटी 20 टूर्नामेंट के लिए पाकिस्तान की टीम में नामित किया गया था। सन्दर्भ 1995 में जन्मे लोग जीवित लोग
कहते हैं हिचकी आए तो समझ लीजिए आपको कोई याद कर रहा है. लेकिन ऐसा नहीं है. अचानक से मौसम बदलने, गर्म के बाद कुछ ठंडा खा लेने, सिगरेट पीने से और यहां तक कि ज्यादा चिंता करने तक से हिचकी आने लगती है. जब हिचकी आने लगती है तो यह कुछ देर तक परेशान भी करती है. आम तौर पर माना जाता है कि हिचकी आए तो कुछ पल के लिए सांसें थाम लेनी चाहिए. या पानी पीना चाहिए. लेकिन डॉक्टर्स का कहना है कि हिचकी आने पर अगर कान रगड़ा जाए तो यह तभी रुक जाती है. एक शोध के मुताबिक अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट्स से पता चला है कि गर्भ में दो महीने का भ्रूण, जब तक उसकी सांस लेने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो जाती, हिचकी लेता है. यहां हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे ही आसान उपाय जिससे कुछ सेकेंड्स में ही हिचकी बंद की जा सकती है - 1- एक गि‍लास ठंडा पानी पिएं ऐसा माना जाता है कि हिचकी आने पर तुरंत ठंडा पानी पिया जाए तो यह रुक जाती है. कुछ लोग का कहना है कि पानी पीते समय आपको अपनी नाक भी बंद करनी चाहिए. वहीं गि‍लास को घुमाकर दूसरे छोर से पानी पीना भी बेहतर होता है. 2- कुछ पल के लिए रोकें सांस जानकारों का कहना है कि जब हिचकी आए तो अपनी सांसों को कुछ पल के लिए रोक लेना चाहिए. यह बहुत ही पुराना नुस्खा है और इससे हिचकी रोकने में मदद भी खूब मिलती है. 3- एक चम्मच शहद एक थ्योरी कहती है कि हिचकी आने पर एक चम्मच शहद खाना फायदेमंद रहता है. अचानक से शरीर को मिलने वाली शहद की मिठास नर्व्स को संतुलित करती है . 4- उंगलियों को मुंह में डालें यह तरीका हो सकता है कि आपको पसंद न आए लेकिन अगर बहुत ही ध्यान से अपनी उंगली को मुंह में ले जाने से भी हिचकी रोकने में मदद मिलती है. ध्यान रहे जल्दबाजी में ऐसा करने से आपको खासी आ सकती है. इसलिए यह प्रक्रि‍या ध्यान से करें और उंगली को मुंह में वहां तक ले जाएं, जब तक कि मुंह अपने आप ही हल्का-सा बंद न हो जाए. 5- अपने घुटनों को छाती तक लाएं जैसे ही हिचकी आए आप तुरंत बैठ जाएं और अपने घुटनों को सीने तक ले आएं. इससे फेफड़ों पर दबाव पड़ता है और मांशपेशियों की सिकुड़न भी दूर होती है. 6- एक चम्मच पीनट बटर खाएं बताया जाता है कि पीनट बटर खाने से भी हिचकी दूर हो जाती है. जब यह आपके दांत और जीभ से होते हुए खाने की नली में उतरता है तो इससे सांस लेने की क्रिया भी प्रभावित होती है और यह हिचकी रोकती है. 7- गर्दन पर आइस बैग रखें हिचकी आने पर गर्दन पर आइस बैग या ठंडे पानी में भीगा कपड़ा रखने से भी मदद मिलती है. 8- अचानक से ध्यान भटकना जानकारों का कहना है कि जब हिचकी आए और उसी समय कोई आपको हैरान कर देने वाली बात बताए तो इससे भी हिचकी रोकने में मदद मिलती है. दरअसल ध्यान भटकने से भी हिचकी रुक जाती है. 9- पेपर बैग में सांस लें पेपर बैग में दस बार सांस अंदर लेने और छोड़ने से भी हिचकी रुक जाती है. इससे खून में कार्बन डाई ऑक्साइड का लेवल थोड़ा बढ़ जाता है जो नर्व्स को रिलैक्स करता है. इससे भी हिचकी रुक जाती है. 10- नींबू चबाना अगर एल्कोहॉल पीने की वजह से हिचकी आ रही है तो नींबू चबाकर भी हिचकी रोक सकते हैं. नींबू का एक चौथाई टुकड़ा काट कर मुंह में डालें. फौरन हिचकी में आराम आ जाएगा.
यह एक लेख है: यौन उत्पीड़न के आरोप में फंसे आसाराम के कुछ और राज सामने आने वाले हैं। जोधपुर पुलिस के सामने आसाराम का एक पुराना सेवादार पेश हुआ है, जिसने कई चौकाने वाले खुलासे किए हैं। पुलिस ने इस सेवादार का बयान दर्ज किया है।टिप्पणियां यह सेवादार हरियाणा से है। पुलिस ने मामले गंभीरता को देखते हुए इस सेवादार की सुरक्षा का इंतजाम किया है। पुलिस का कहना है कि इन नए तथ्यों से आसाराम के खिलाफ केस को और मजबूती मिलेगी। साथ ही वह सूरत पुलिस को भी सहयोग करेंगे। कुछ दिन पहले सूरत में आसाराम और उनके बेटे नारायण पर बलात्कार का मामला दर्ज किया गया था। नारायण को सूरत की पुलिस तलाश कर रही है। यह सेवादार हरियाणा से है। पुलिस ने मामले गंभीरता को देखते हुए इस सेवादार की सुरक्षा का इंतजाम किया है। पुलिस का कहना है कि इन नए तथ्यों से आसाराम के खिलाफ केस को और मजबूती मिलेगी। साथ ही वह सूरत पुलिस को भी सहयोग करेंगे। कुछ दिन पहले सूरत में आसाराम और उनके बेटे नारायण पर बलात्कार का मामला दर्ज किया गया था। नारायण को सूरत की पुलिस तलाश कर रही है। कुछ दिन पहले सूरत में आसाराम और उनके बेटे नारायण पर बलात्कार का मामला दर्ज किया गया था। नारायण को सूरत की पुलिस तलाश कर रही है।
माकपा के आधिकारिक रुख को दरकिनार कर कुडनकुलम जाने के लिए तैयार पार्टी के वरिष्ठ नेता वी एस अच्युतानंदन को तमिलनाडु पुलिस ने मंगलवार को सीमावर्ती शहर केलीक्काविला के समीप रोक दिया. अच्युतानंदन पमराणु विरोधी प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए कुडनकुलम जाने वाले थे. माकपा नेता की कार जैसे ही सीमावर्ती शहर में पहुंची, उसे तमिलनाडु पुलिस के एक अधिकारी ने रोक कर 88 वर्षीय नेता से सुरक्षा संबंधी कारणों का हवाला देते हुए आगे न जाने का अनुरोध किया. अच्युतानंदन ने यह अनुरोध मान लिया. उन्होंने कहा कि वह परमाणु विरोधी प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए तमिलनाडु के तटवर्ती गांव न जा पाने के कारण निराश हैं लेकिन वह समीपवर्ती राज्य के लिए कानून व्यवस्था की समस्या खड़ी नहीं करना चाहते. केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों से कहा, ‘मैं नहीं चाहता कि आपके राज्य में कानून व्यवस्था की समस्या हो. मैं केवल तमिलनाडु में शांति चाहता हूं. इसलिए मैं आपका अनुरोध स्वीकार कर लौट रहा हूं.’ अच्युतानंदन ने हालांकि कहा कि उनका दृढ़ मत है कि परमाणु संयंत्र खतरनाक हैं. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने भारत अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते के विरोध में संप्रग सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. पार्टी नेतृत्व पर कटाक्ष करते हुए अच्युतानंदन ने कहा, ‘मैंने तब से अब तक अपना रुख नहीं बदला है.’ उन्होंने कहा, ‘मेरा इरादा उदयकुमार की अगुवाई में चल रहे परमाणु संयंत्र विरोधी आंदोलन के प्रति एकजुटता दिखाना था. मैं वहां नहीं पहुंच सका और अपना संदेश उन्हें नहीं दे सका, इसकी वजह से निराश हूं.’ सीमा के दोनों ओर बड़ी संख्या में लोग खड़े थे और अच्युतानंदन के पक्ष में नारे लगा रहे थे. माकपा के केंद्रीय और राज्य नेतृत्व ने अच्युतानंदन के फैसले से दूरी बना रखी है. पार्टी ने स्पष्ट कर दिया था कि वह परमाणु ऊर्जा के खिलाफ नहीं है. माकपा के महासचिव प्रकाश करात ने पार्टी के मुखपत्र ‘देशाभिमानी’ में कहा है कि 15,000 करोड़ रुपये खर्च होने के बाद तैयार हुए संयंत्र को बंद करने की मांग न तो व्यवहारिक है और न ही देश के हित में है.
लेख: पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने लंदन में हुए आतंकी हमले में शामिल पाकिस्तानी मूल के एक आतंकवादी के एक रिश्तेदार के होटल पर मंगलवार को छापा मारा. गत शनिवार को लंदन ब्रिज और बोरो मार्केट में हुए दोहरे आतंकी हमले में सात लोग मारे गए थे और दर्जनों घायल हो गए थे. इन्हें तीन आतंकियों ने अंजाम दिया था और तीनों बाद में पुलिस की कार्रवाई में मारे गए थे. ब्रिटिश पुलिस ने सोमवार को दो हमलावरों की पहचान की थी, जिनमें एक पाकिस्तानी मूल का 27 साल का खुर्रम बट और दूसरा मोरक्को-लीबियाई नागरिक राशिद रदाउन था. अधिकारियों एवं मीडिया की खबरों के अनुसार मंगलवार सुबह पाकिस्तान में सादे कपड़ों में दर्जनों अधिकारियों ने पंजाब प्रांत के झेलम इलाके में ग्रैंड ट्रंक रोड पर स्थित एक होटल में तलाशी ली. होटल बट के एक रिश्तेदार का है. 'द टेलीग्राफ' की खबर के अनुसार समझा जा रहा है कि ये अधिकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के थे. उन्हें एक परिसर के बाहर देखा गया, जो इलाके के एक प्रसिद्ध कारोबारी नासिर बट का बताया जा रहा है. घटनास्थल पर मौजूद एक अधिकारी के अनुसार ब्रिटिश अधिकारियों ने कहा कि उन्हें संदेह है कि बट में पाकिस्तान में नहीं, बल्कि ब्रिटेन में चरमपंथ का जहर भरा गया, लेकिन कहा कि वे एहतियाती उपाय के तौर पर परिजनों के घरों की तलाशी ले रहे हैं. अधिकारी ने कहा कि वे बट के रिश्तेदारों के घरों की तलाशी ले रहे हैं और परिवार के लोगों द्वारा किए गए सभी फोन कॉल का पता लगा रहे हैं. इस्लामाबाद स्थित सूत्रों ने कहा कि किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है लेकिन पुलिस अधिकारियों, आतंकवाद रोधी विभाग एवं खुफिया एजेंसियों ने परिसर की गहन तलाशी ली. समझा जाता है कि बट का जन्म झेलम इलाके में हुआ था और उसके पिता सैफ की यहां फर्नीचर की एक दुकान हुआ करती थी. बाद में सैफ 1988 में अपने परिवार के साथ ब्रिटेन चले गए.टिप्पणियां इसी बीच, ब्रिटिश पुलिस ने मैनचेस्टर में हुए हमले में शामिल आत्मघाती हमलावर सलमान आबेदी के भाई इस्माइल आबेदी को रिहा कर दिया. उसे हमले के एक दिन बाद 23 मई को गिरफ्तार किया गया था. मैनचेस्टर एरिना में हुए हमले में सात बच्चों सहित 22 लोग मारे गए थे. ग्रेटर मैनचेस्टर पुलिस ने कहा कि पूछताछ के लिए 10 लोग अब भी हिरासत में हैं, जबकि आठ लोगों को बिना किसी मामले के रिहा कर दिया गया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) ब्रिटिश पुलिस ने सोमवार को दो हमलावरों की पहचान की थी, जिनमें एक पाकिस्तानी मूल का 27 साल का खुर्रम बट और दूसरा मोरक्को-लीबियाई नागरिक राशिद रदाउन था. अधिकारियों एवं मीडिया की खबरों के अनुसार मंगलवार सुबह पाकिस्तान में सादे कपड़ों में दर्जनों अधिकारियों ने पंजाब प्रांत के झेलम इलाके में ग्रैंड ट्रंक रोड पर स्थित एक होटल में तलाशी ली. होटल बट के एक रिश्तेदार का है. 'द टेलीग्राफ' की खबर के अनुसार समझा जा रहा है कि ये अधिकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के थे. उन्हें एक परिसर के बाहर देखा गया, जो इलाके के एक प्रसिद्ध कारोबारी नासिर बट का बताया जा रहा है. घटनास्थल पर मौजूद एक अधिकारी के अनुसार ब्रिटिश अधिकारियों ने कहा कि उन्हें संदेह है कि बट में पाकिस्तान में नहीं, बल्कि ब्रिटेन में चरमपंथ का जहर भरा गया, लेकिन कहा कि वे एहतियाती उपाय के तौर पर परिजनों के घरों की तलाशी ले रहे हैं. अधिकारी ने कहा कि वे बट के रिश्तेदारों के घरों की तलाशी ले रहे हैं और परिवार के लोगों द्वारा किए गए सभी फोन कॉल का पता लगा रहे हैं. इस्लामाबाद स्थित सूत्रों ने कहा कि किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है लेकिन पुलिस अधिकारियों, आतंकवाद रोधी विभाग एवं खुफिया एजेंसियों ने परिसर की गहन तलाशी ली. समझा जाता है कि बट का जन्म झेलम इलाके में हुआ था और उसके पिता सैफ की यहां फर्नीचर की एक दुकान हुआ करती थी. बाद में सैफ 1988 में अपने परिवार के साथ ब्रिटेन चले गए.टिप्पणियां इसी बीच, ब्रिटिश पुलिस ने मैनचेस्टर में हुए हमले में शामिल आत्मघाती हमलावर सलमान आबेदी के भाई इस्माइल आबेदी को रिहा कर दिया. उसे हमले के एक दिन बाद 23 मई को गिरफ्तार किया गया था. मैनचेस्टर एरिना में हुए हमले में सात बच्चों सहित 22 लोग मारे गए थे. ग्रेटर मैनचेस्टर पुलिस ने कहा कि पूछताछ के लिए 10 लोग अब भी हिरासत में हैं, जबकि आठ लोगों को बिना किसी मामले के रिहा कर दिया गया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) 'द टेलीग्राफ' की खबर के अनुसार समझा जा रहा है कि ये अधिकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के थे. उन्हें एक परिसर के बाहर देखा गया, जो इलाके के एक प्रसिद्ध कारोबारी नासिर बट का बताया जा रहा है. घटनास्थल पर मौजूद एक अधिकारी के अनुसार ब्रिटिश अधिकारियों ने कहा कि उन्हें संदेह है कि बट में पाकिस्तान में नहीं, बल्कि ब्रिटेन में चरमपंथ का जहर भरा गया, लेकिन कहा कि वे एहतियाती उपाय के तौर पर परिजनों के घरों की तलाशी ले रहे हैं. अधिकारी ने कहा कि वे बट के रिश्तेदारों के घरों की तलाशी ले रहे हैं और परिवार के लोगों द्वारा किए गए सभी फोन कॉल का पता लगा रहे हैं. इस्लामाबाद स्थित सूत्रों ने कहा कि किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है लेकिन पुलिस अधिकारियों, आतंकवाद रोधी विभाग एवं खुफिया एजेंसियों ने परिसर की गहन तलाशी ली. समझा जाता है कि बट का जन्म झेलम इलाके में हुआ था और उसके पिता सैफ की यहां फर्नीचर की एक दुकान हुआ करती थी. बाद में सैफ 1988 में अपने परिवार के साथ ब्रिटेन चले गए.टिप्पणियां इसी बीच, ब्रिटिश पुलिस ने मैनचेस्टर में हुए हमले में शामिल आत्मघाती हमलावर सलमान आबेदी के भाई इस्माइल आबेदी को रिहा कर दिया. उसे हमले के एक दिन बाद 23 मई को गिरफ्तार किया गया था. मैनचेस्टर एरिना में हुए हमले में सात बच्चों सहित 22 लोग मारे गए थे. ग्रेटर मैनचेस्टर पुलिस ने कहा कि पूछताछ के लिए 10 लोग अब भी हिरासत में हैं, जबकि आठ लोगों को बिना किसी मामले के रिहा कर दिया गया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) घटनास्थल पर मौजूद एक अधिकारी के अनुसार ब्रिटिश अधिकारियों ने कहा कि उन्हें संदेह है कि बट में पाकिस्तान में नहीं, बल्कि ब्रिटेन में चरमपंथ का जहर भरा गया, लेकिन कहा कि वे एहतियाती उपाय के तौर पर परिजनों के घरों की तलाशी ले रहे हैं. अधिकारी ने कहा कि वे बट के रिश्तेदारों के घरों की तलाशी ले रहे हैं और परिवार के लोगों द्वारा किए गए सभी फोन कॉल का पता लगा रहे हैं. इस्लामाबाद स्थित सूत्रों ने कहा कि किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है लेकिन पुलिस अधिकारियों, आतंकवाद रोधी विभाग एवं खुफिया एजेंसियों ने परिसर की गहन तलाशी ली. समझा जाता है कि बट का जन्म झेलम इलाके में हुआ था और उसके पिता सैफ की यहां फर्नीचर की एक दुकान हुआ करती थी. बाद में सैफ 1988 में अपने परिवार के साथ ब्रिटेन चले गए.टिप्पणियां इसी बीच, ब्रिटिश पुलिस ने मैनचेस्टर में हुए हमले में शामिल आत्मघाती हमलावर सलमान आबेदी के भाई इस्माइल आबेदी को रिहा कर दिया. उसे हमले के एक दिन बाद 23 मई को गिरफ्तार किया गया था. मैनचेस्टर एरिना में हुए हमले में सात बच्चों सहित 22 लोग मारे गए थे. ग्रेटर मैनचेस्टर पुलिस ने कहा कि पूछताछ के लिए 10 लोग अब भी हिरासत में हैं, जबकि आठ लोगों को बिना किसी मामले के रिहा कर दिया गया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) इस्लामाबाद स्थित सूत्रों ने कहा कि किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है लेकिन पुलिस अधिकारियों, आतंकवाद रोधी विभाग एवं खुफिया एजेंसियों ने परिसर की गहन तलाशी ली. समझा जाता है कि बट का जन्म झेलम इलाके में हुआ था और उसके पिता सैफ की यहां फर्नीचर की एक दुकान हुआ करती थी. बाद में सैफ 1988 में अपने परिवार के साथ ब्रिटेन चले गए.टिप्पणियां इसी बीच, ब्रिटिश पुलिस ने मैनचेस्टर में हुए हमले में शामिल आत्मघाती हमलावर सलमान आबेदी के भाई इस्माइल आबेदी को रिहा कर दिया. उसे हमले के एक दिन बाद 23 मई को गिरफ्तार किया गया था. मैनचेस्टर एरिना में हुए हमले में सात बच्चों सहित 22 लोग मारे गए थे. ग्रेटर मैनचेस्टर पुलिस ने कहा कि पूछताछ के लिए 10 लोग अब भी हिरासत में हैं, जबकि आठ लोगों को बिना किसी मामले के रिहा कर दिया गया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) समझा जाता है कि बट का जन्म झेलम इलाके में हुआ था और उसके पिता सैफ की यहां फर्नीचर की एक दुकान हुआ करती थी. बाद में सैफ 1988 में अपने परिवार के साथ ब्रिटेन चले गए.टिप्पणियां इसी बीच, ब्रिटिश पुलिस ने मैनचेस्टर में हुए हमले में शामिल आत्मघाती हमलावर सलमान आबेदी के भाई इस्माइल आबेदी को रिहा कर दिया. उसे हमले के एक दिन बाद 23 मई को गिरफ्तार किया गया था. मैनचेस्टर एरिना में हुए हमले में सात बच्चों सहित 22 लोग मारे गए थे. ग्रेटर मैनचेस्टर पुलिस ने कहा कि पूछताछ के लिए 10 लोग अब भी हिरासत में हैं, जबकि आठ लोगों को बिना किसी मामले के रिहा कर दिया गया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) इसी बीच, ब्रिटिश पुलिस ने मैनचेस्टर में हुए हमले में शामिल आत्मघाती हमलावर सलमान आबेदी के भाई इस्माइल आबेदी को रिहा कर दिया. उसे हमले के एक दिन बाद 23 मई को गिरफ्तार किया गया था. मैनचेस्टर एरिना में हुए हमले में सात बच्चों सहित 22 लोग मारे गए थे. ग्रेटर मैनचेस्टर पुलिस ने कहा कि पूछताछ के लिए 10 लोग अब भी हिरासत में हैं, जबकि आठ लोगों को बिना किसी मामले के रिहा कर दिया गया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
A post shared by ♛TATTOOGRAPHER KARAN ~ 'KING'♛ (@tattoographer) on Oct 8, 2017 at 7:43pm PDT A post shared by ♛TATTOOGRAPHER KARAN ~ 'KING'♛ (@tattoographer) on Sep 25, 2017 at 9:50am PDT
यह एक लेख है: पंजाब के मशहूर सिंगर अबीर अरोड़ा (Abeer Arora) इन दिनों अपने नए गाने 'किलर' (Killer) को लेकर सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं. अबीर अरोड़ा (Abeer Arora) के गाने  'किलर' (Killer) ने रिलीज होने के बाद से ही सोशल मीडिया पर धमाल मचा दिया है. यह पहली बार नहीं है, जब अबीर अरोड़ा  (Abeer Arora)के गाने को लोगों ने इतना पसंद किया है. इससे पहले अबीर अरोड़ा ने कंगना तेरा नी, बिल्ली अखां वालिये और ड्रंक ऑन यू जैसे गानों से भी लोगों का खूब दिल जीता है. सॉन्ग किलर को म्यूजिक इंडस्ट्री की सबसे बड़ी कंपनी टी-सीरीज के बैनर तले तैयार किया गया है. 28 मई को रिलीज हुए सॉन्ग 'किलर' (Killer) पर अब तक करीब 3 मिलियन से ज्यादा व्यूज आ चुके हैं, साथ ही यह गाना दूसरे प्लैटफॉर्म पर भी काफी वायरल हुआ है.  म्यूजिक वन रिकॉर्ड्स, जी म्यूजिक और वी म्यूजिक जैसी कंपनी के साथ काम कर चुके अबीर अरोड़ा  (Abeer Arora) के लिए टी-सीरीज के साथ काम करना काफी खास रहा.  'किलर' (Killer) के रिलीज होने के बाद अबीर अरोड़ा ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा 'जब मैने अपना यह सफर शुरू किया था, तब मेरे साथ किसी के ज्यादा संबंध नहीं थे. लेकिन अब मैंने कुछ अच्छे और अद्भुत दोस्त बनाए और ऐसे लोगों से मिला, जो जरूरत पड़ने पर हमेशा मेरे पास रहेंगे. लेकिन अब तक मैंने जो कुछ भी सीखा है वो सब धैर्य का खेल है. इस क्षेत्र या किसी दूसरे क्षेत्र में धैर्य और प्रतिभा की बहुत जरूरत होती है. मुझे अपने करियर के दौरान कई प्रोजेक्ट्स मिले, जिनपर मैं काम कर रहा हूं और यह भी बस बेहतर हो रहे हैं.' अपने इंटरव्यू के दौरान अबीर अरोड़ा ने संगीत की दुनिया में अपने सफर और अपने प्रोजेक्ट्स के बारे में बखूबी बताया.  अबीर अरोड़ा  (Abeer Arora) राहत फतेह अली खान और जे बाल्विन जैसे सिंगर्स को अपना आदर्श मानते हैं. अपने स्कूल के दिनों से ही अबीर अरोड़ा ने सॉन्ग्स गाने शुरू कर दिए थे. अपने सिंगिंग करियर में भोजपुरी गीतों से शुरुआत करने वाले अबीर अरोड़ा ने 10वीं कक्षा से ही सिंगर बनने का सफर शुरू कर दिया था. अबीर अरोड़ा के जुनून, मेहनत और उनके धैर्य ने ही उन्हें सिंगिंग की दुनिया में अपनी जगह बनाने में मदद की. बता दें कि अबीर अरोड़ा के फैंस सॉन्ग  'किलर' (Killer)को आई ट्यून्स, हंगाना, विंग, जियो सावन, एप्पल म्यूजिक, अमेजन प्राइम म्यूजिक और स्पोटिफाई जैसे एप पर आसानी से सुन सकते हैं.
पुजारी बोले- प्रतिमाओं पर मास्क देख लोग होंगे जागरूक उत्तर भारत के शहरों में वायु प्रदूषण, धर्म नगरी वाराणसी भी चपेट में
कर्नाटक के बागी 16 विधायकों को अयोग्य घोषित करने वाला फैसला सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निरस्त किए जाने के बाद राज्य में राजनीतिक सरगर्मी गरमाने लगी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को जहां अपने 11 विधायकों पर मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का समर्थन करने का दबाव बनाया वहीं विपक्षी पार्टियां कांग्रेस एवं जनता दल (सेक्युलर) ने येदियुरप्पा को अपने पद से हटने के लिए कहा। ज्ञात हो कि सर्वोच्च न्यायलय ने 16 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने वाले फैसले को शुक्रवार को खारिज कर दिया। इनमें पांच विधायक निर्दलीय हैं। इस फैसले के लिए न्यायालय ने मुख्यमंत्री येदियुरप्पा और विधानसभा अध्यक्ष केजी बोपैया की भी आलोचना की। इस बीच शनिवार को भाजपा के 11 विधायकों ने नई दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली से मुलाकात की। भाजपा जहां बागी विधायकों का विश्वास जीतने की कोशिश में लगी है वहीं राज्यपाल एचआर भारद्वाज ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि यह एक 'शिष्टाचार भेंट' थी जिसमें कर्नाटक के बारे में चर्चा नहीं हुई। भाजपा के बागी विधायकों में से एक पूर्व मत्स्य पालन मंत्री आनंद असनोतिकर ने शनिवार को नई दिल्ली में कहा कि 11 विधायकों ने पार्टी नहीं छोड़ी है और वे केवल राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की मांग कर रहे हैं। भाजपा सूत्रों ने हालांकि बेंगलुरू में कहा कि पार्टी के केंद्रीय नेताओं को इस बात का भरोसा है कि बागी विधायक मान जाएंगे और वे येदियुरप्पा के तत्काल पद छोड़ने पर जोर नहीं देंगे। उन्होंने कहा, "हमारे केंद्रीय नेतृत्व ने समस्या सुलझाने का वादा किया है।" येदियुरप्पा जिनका राजनीतिक भविष्य इन 11 विधायकों पर टिका है उन्होंने विधायकों को मनाने के लिए तीन मंत्रियों एमपी रेणुकाचार्या, गोविंद कारजोला एवं उमेश कात्ती को नई दिल्ली भेजा। बेंगलुरू में कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) ने जोर देकर कहा कि विधायकों की अयोग्यता खारिज हो जाने पर येदियुरप्पा सरकार अल्पमत में आ गई है और उन्हें तुरंत अपना पद छोड़ देना चाहिए। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष बोपैया के इस्तीफे की भी मांग की है। नई दिल्ली में कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि भाजपा 'गढ़े हुए बहुमत के साथ अल्पमत की सरकार चला रही है।' उन्होंने कहा, "कर्नाटक में भाजपा जो कुछ भी कर रही है वह पूरी तरह से गलत है। चाहे वह संविधान का उल्लंघन हो, चाहे कर्नाटक का साम्प्रदायीकरण हो अथवा वह चाहे प्राकृतिक संसाधनों के लूट का मामला हो।" येदियुरप्पा के इस्तीफे की मांग जहां जोर पकड़ रही है वहीं विधानसभा का सत्र 16 मई से बुलाने के लिए वह राज्यपाल एचआर भारद्वाज की अनुमति की प्रतीक्षा कर रहे हैं। जनता दल (सेक्युलर) और कांग्रेस ने विधानसभा का सत्र बुलाए जाने का विरोध किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी. परमेश्वर एवं विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्दारमैया ने शनिवार को कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद येदियुरप्पा और बोपैया को अपना पद छोड़ देना चाहिए। विधानसभा में (जेडी-एस) के नेता एचडी रेवन्ना आरोप लगाया कि भाजपा 'पार्टी के 11 विधायकों का समर्थन पाने के लिए खरीद-फरोख्त' में जुट गई है। इसलिए राज्यपाल को विधानसभा का सत्र नहीं बुलाना चाहिए। कर्नाटक में राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि भाजपा ने 11 विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह देने, राज्य द्वारा संचालित बोर्डो अथवा सहकारी संस्थाओं का अध्यक्ष बनाने की पेशकश की है। उल्लेखनीय है कि 225 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा के पास विधानसभा अध्यक्ष सहित विधायकों की संख्या 109 है। उसे एक निर्दलीय सदस्य का समर्थन भी है। विधानसभा में कांग्रेस के 71 और (जेडी-एस) के 26 सदस्य हैं।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में लगी मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर देश में सियासी घमासान मचा हुआ है. आजतक की ओर से आयोजित पंचायत 'जिन्ना एक विलेन पर जंग क्यों' पर बहस के दौरान पाकिस्तानी लेखक तारिक फतह ने जिन्ना की तस्वीर लगाने वालों पर करारा हमला बोला. उन्होंने कड़े लहजे में कहा कि जो लोग जिन्ना को नहीं मानने के साथ ही उसकी तस्वीर हटाने का विरोध करते हैं, वो दोगलापन कर रहे हैं. पाकिस्तानी राजनीतिक विश्लेषक तारिक फतह ने कहा कि AMU में जिन्ना की तस्वीर 70 सालों से क्यों छिपाकर रखी गई थी. ईस्ट पाकिस्तान यानी बांग्लादेश में तो आजादी के पहले दिन ही, जो जिन्ना हाल था उसका नाम बदलकर चिटगांव के फ्रीडम फाइटर के नाम पर कर दिया गया. पाकिस्तान बनाने में तो यूपी-बिहार के नवाबों का हाथ था. जिन्ना तो उनके किराए के पिट्ठू थे, जो अंग्रेजों ने दिए थे. सारा पैसा भोपाल के नवाब और हैदराबाद के नवाब के जरिए जाता था. उन्होंने कहा कि साल 1946 के चुनाव में यूपी के नवाब और सेपरेट एलेक्ट में 90 फीसदी लोगों ने पाकिस्तान के लिए वोट दिया. इसके बाद साल 1947 में महात्मा गांधी से पैसे मिलने के बाद भी जिन्ना ने हिंदुस्तान पर हमला किया और एक लाख सैनिक भेजे, जिन्होंने बारामूला समेत जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में महिलाओं के साथ रेप किया. उस वक्त इसको जिहाद कहा गया. कनाडा से स्काइप के जरिए बहस में शामिल हुए तारिक फतह ने कहा कि जिस शख्स ने हिंदुस्तान में हमला किया, उसकी तस्वीर आपने AMU में लगा रखी है. उन्होंने सवाल किया कि सरसैयद अहमद की बनाई हुई यूनिवर्सिटी का जिन्ना से क्या ताल्लुक है? इस दौरान AMU के प्रोफेसर अनवर खुर्शीद ने कहा कि जिन्ना प्रासंगिक है ही नहीं. अगर जिन्ना की बर्थ या डेथ एनिवर्सरी मना रहे होते, तो उसका विरोध समझ में आता. लेकिन हमारे यहां बिल्डिंग राष्ट्रभक्त लोगों के नाम पर है. जिन्ना हमारे इतिहास का हिस्सा है. आप इतिहास को नहीं मिटा सकते. जिन्ना की तस्वीर कई जगहों पर लगी है. इसके अलावा बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि हम जिन्ना की तस्वीर लगाने का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि हम पंथनिरपेक्ष व्यक्ति हैं. जबकि जिन्ना धर्म के आधार पर देश बनाने की पैरवी करता था. डायरेक्ट एक्शन डे यानी 16 अगस्त 1946 के दिन उसने मुसलमानों से कहा था कि अब अपनी ताकत दिखाओ. उस दिन से वो भारत के लिए विलेन बन गया. उस दिन पांच हजार भारतीय मारे गए. एक लाख लोग बेघर हो गए. एक दीवार पर पूरा चित्र तो छोड़ दीजिए, हम उन्हें एक इंच जगह नहीं दे सकते.
प्रकट तौर पर दिख रही खूबसूरती के पीछे कई बार एक 'बदसूरत सच' छिपा होता है. ऊपर दिख रही इस सुंदर महिला की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. उसने हमले का शिकार हुए मलेशियाई विमान MH17 के घटनास्थल से चुराए गए मस्कारा के साथ अपनी फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की और यह फोटो वायरल हो गया. लोग इसे अमानवीय बता रहे हैं और इसके खिलाफ अपने गुस्से का जमकर इजहार कर रहे हैं. एकैटरीना पारखोमेंको यूक्रेन के टॉरेज शहर की रहने वाली हैं. एक ब्लू मस्कारा बॉटल के साथ अपनी तस्वीर उन्होंने हाल ही में एक सोशल नेटवर्किंग साइट पर शेयर की. खबरों के मुताबिक, उसने लिखा, 'एम्सटर्डम का मस्कारा. संक्षेप में कहूं तो सीधे फील्ड का. वेल, आप समझते हैं.' जब एक फॉलोअर ने इस बारे में पूछा तो पारखोमेंको ने बताया कि हमले की साइट पर लूट करने वाले एक शख्स ने उन्हें यह दिया. बताया जाता है कि इस महिला ने भी खुद को अलगाववाद का समर्थक बताया और यूक्रेन से जुड़ी हर चीज़ से नफरत होने की बात कही. गौरतलब है कि मलेशियाई विमान को यूक्रेन के विद्रोहियों ने मिसाइल हमले में मार गिराया था. हमले में 298 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद खबरें आई थीं कि कुछ लोग घटनास्थल पर यात्रियों के बचे-खुचे कीमती सामान को लूटने लगे हैं.
सूंघे जाने वाले ब्रौंकोडाईलेटर प्रयोग की जाने वाली प्राथमिक दवाएं होते हैं और इनका परिणाम थोड़ा सा समग्र लाभ होता है। इनके दो प्रमुख प्रकार हैं, β2 एगोनिस्ट एवं एंटीकोलीनर्जिक्स; दोनों ही लम्बे समय तथा छोटे समय तक कार्य करने वाले रूपों में उपलब्ध हैं। वे सांस की कमी, साँस की घरघराहट तथा व्यायाम न कर सकने को कम करने में सहायक होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप जीवन की गुणवत्ता में सुधार आता है। वे अंतर्निहित रोग की प्रगति को बदलते हैं अथवा नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है।हल्के रोग से पीड़ित लोगों में, लघु अवधि में कार्य करने वाले एजेन्टों की आवश्यकतानुसार उपयोग की अनुशंसा है। गंभीर रोगों से पीड़ित लोगों के लिए दीर्घ अवधि तक काम करने वाले एजेंटों की अनुशंसा की है। यदि दीर्घ अवधि तक कार्य करने वाले ब्रॉन्कोडायलेटर्स अपर्याप्त हों तो आम तौर पर श्वसन किए जाने वाले कॉर्टिकॉस्टरॉएड जोड़े जाते हैं। दीर्घ अवधि तक कार्य करने वाले एजेंटों के संबंध में, यह अस्पष्ट है कि टियोट्रोपियम (दीर्घ अवधि तक काम करने वाला कोलीनधर्मरोधी) या दीर्घ अवधि तक काम करने वाला(ले) बीटा एगोनिस्ट (एलएबीए) में से क्या बेहतर हैं, और दोनो के उपयोग की चेष्टा की जानी चाहिए और जो बेहतर काम करे उसका उपयोग जारी रखना चाहिए। दोनो प्रकार के एजेंट, गंभीर प्रकोपन के जोखिमों को 15-25% तक कम करते दिखते हैं। दोनो का एक साथ उपयोग करना कुछ लाभ प्रदान कर सकता है लेकिन यदि मिलता है तो इस लाभ पर महत्वपूर्ण संशय शेष है।बहुत सारे लघु अवधि β2 एगोनिस्ट उपलब्ध हैं जिनमें सालब्यूटामॉल (वेन्टोलिन) और टरब्यूटालाइन शामिल हैं। वे चार से छः घंटे तक लक्षणों में कुछ आराम देते हैं। दीर्घ-अवधि β2 एगोनिस्ट्स जैसे कि सालमेटेरॉल और फॉरमोटेरॉल अक्सर रखरखाव उपचार के तौर पर उपयोग किया जाता है। कुछ लोगों को लगता है कि लाभ का साक्ष्य सीमित है जबकि अन्य को लगता है कि लाभ का साक्ष्य स्थापित हो गया है। सीओपीडी में दीर्घ अवधि उपयोग सुरक्षित दिखते हैं इसके विपरीत प्रभावों में थरथराहट और दिल में धड़कन का बढ़नाशामिल है। श्वसन द्वारा दिए जाने वाले स्टेरॉएड के साथ उपयोग किए जाने पर वे निमोनिया का जोखिम बढ़ा देते हैं। जबकि स्टीरॉएड्स और एलएबीए एक साथ बेहतर काम कर सकते हैं, यह अस्पष्ट है कि इस हल्का सा बढ़ा हुआ लाभ, बढ़े जोखिमों की तुलना में बेहतर है या नहीं।सीओपीडी में दो मुख्य कोलीनधर्मरोधी उपयोग किए जाते हैं, इप्राट्रोपियम और टियोट्रोपियम। इप्राट्रोपियम एक लघु-अवधि एजेंट एजेंट है जबकि टियोट्रोपियम एक दीर्घ-अवधि एजेंट है। टियोट्रोपियम के कारण प्रकोपन में कमी होती है तथा जीवन की गुणवत्ता बेहतर होती है, और टियोट्रोपियम इंप्राट्रोपियम से अधिक लाभदायक है। यह मृत्यु-दर या समग्र रूप से अस्पताल में भर्ती होने की दर को प्रभावित करता नहीं दिखता है। कोलीनधर्मरोधी के कारण मुंह सूखा -सूखा लग सकता है तथा मूत्र मार्ग संबंधी लक्षण पैदा हो सकते हैं। इनके चलते हृदय रोग या दौरों के जोखिम बढ़ सकते हैं। एक्लीडिनियम, जो कि एक और दीर्घ-अवधि एजेंट है बाज़ार में 2012 में आया, जिसे टियोट्रॉपियम के विकल्प के रूप में उपयोग किया जा रहा है।
पैंडोरा (Pandora) (/pænˈdɔərə/ pan-DOHR-ə; यूनानी : Πανδώρα), शनि का एक आतंरिक उपग्रह है। इसकी खोज वॉयेजर 1 द्वारा ली गई तस्वीरों से 1980 में हुई थी, साथ ही तब अस्थायी तौर पर S/1980 S 26 से पदनामित हुआ था। 1985 के उत्तरार्ध में यह आधिकारिक तौर पर ग्रीक पौराणिक पात्र पैंडोरा पर नामित हुआ था। यह सेटर्न XVII तौर पर भी नामित है। पैंडोरा एफ रिंगEn का एक बाह्य सेफर्ड उपग्रहEn है। यह निकटवर्ती प्रोमेथियस की तुलना में अधिक भारी निर्मित हुआ है, तथा इसके पास 30 किलोमीटर (19 मील) व्यास के कम से कम दो बड़े खड्ड है। मलबे से भरे होने के कारण पैंडोरा पर अधिकांश खड्ड उथले हैं। इस उपग्रह के भूपृष्ठ पर मेड़ व नालियां भी मौजूद है। प्रोमेथियस के साथ चार 118:121 के माध्य गति अनुनादों की एक श्रृंखला के परिणामस्वरूप पैंडोरा की कक्षा अस्तव्यस्त प्रतीत होती है। उनकी कक्षाओं में सबसे बड़ा परिवर्तन तकरीबन हर 6.2 वर्षों में पाया जाता है, जब पैंडोरा का उपशनिच्चर प्रोमेथियस के अपशनिच्चर के सीध में होता है और दोनों की आपसी पहुँच 1,400-किलोमीटर (870 मील) के भीतर होती है। पैंडोरा का माइमस के साथ भी एक 3:2 का माध्य गति अनुनाद है। इसके अति निम्न घनत्व और अपेक्षाकृत उच्च धबलता से लगता है कि पैंडोरा एक अति छिद्रित पिंड है। इन मायनों में अनिश्चितता बहुत ज्यादा है, तथापि, इनकी पुष्टि होना बाकी है।
हेगड़े पर पलटवार करते हुए राव की पत्नी तबस्सुम ने फेसबुक पर लिखा कि वह न तो किसी पार्टी से जुड़ी हैं और न ही किसी सार्वजनिक पद पर हैं. उन्होंने कहा, ‘अपनी सस्ती राजनीति के लिये वह मेरे नाम का इस्तेमाल मोहरे की तरह न करें. मैंने भाजपा के किसी नेता के खिलाफ कोई व्यक्तिगत टीका-टिप्पणी नहीं की. अपनी सस्ती राजनीति के लिए मोहरे की तरह मेरे नाम का इस्तेमाल किया गया, जिस पर मैं कड़ी आपत्ति जताती हूं. हिम्मत है तो अपनी बीवी की साड़ी के पल्लू के पीछे छिपकर पत्थर फेंकने के बजाय वे मेरे पति को राजनीतिक चुनौती दें.' साथ ही उन्होंने लिखा, ‘जी हां, मैं जन्म से मुसलमान हूं लेकिन सबसे पहले हमें भारतीय होने पर गर्व है. भारत का संविधान धर्मनिरपेक्षता की बुनियाद पर आधारित है जो हर नागरिक को सोचने, अभिव्यक्ति, आस्था, धर्म और पूजा की आजादी की गारंटी देता है.' उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री की इस तरह की ‘महिला विरोधी और भड़काऊ' टिप्पणी बिल्कुल असहनीय है. तबस्सुम ने कहा कि उन्होंने हेगड़े को ट्विटर पर जवाब देने की कोशिश की थी लेकिन हेगड़े ने जवाब देने के बजाय उन्हें ब्लॉक कर दिया. बता दें, राव ने ट्वीट करके पूछा, 'केंद्रीय मंत्री या सांसद बनने के बाद आपकी क्या उपलब्धियां हैं? आपने कर्नाटक के विकास में क्या योगदान दिया? मैं कह सकता हूं कि यह खेदजनक है कि ऐसे लोग मंत्री बन गए और सांसद के रूप में चुने गए.' इसके बाद अनंत कुमार हेगड़े ने कांग्रेस नेता के सवालों का जवाब देने की बजाय, उनकी पत्नी तबू राव को बहस के बीच में ले आए. तबू राव मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखती हैं. केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा, 'मैं पक्का दिनेश जी राव के सवालों का जवाब दूंगा, लेकिन पहले वह यह खुलासा कर सकते हैं कि उनकी उपलब्धियों के साथ कौन हैं? मैं केवल उन्हें एक ऐसे शख्स के रूप में जानता हैं, जो कि एक मुस्लिम महिला के पीछे पड़े थे.' इस पर राव ने फिर ट्वीट करते हुए केंद्रीय मंत्री को निशाना बनाते हुए जवाब दिया. राव ने ट्वीट किया, 'अनंत कुमार हेगड़े का इतने नीचे स्तर पर जाकर व्यक्तिगत मुद्दों को बीच में लाना देखकर दुख हुआ. अंदाजा लगाइए क्या ये उनकी संस्कृति की कमी है? क्या उन्होंने हमारे हिंदू धर्मग्रंथों से कुछ नहीं सीखा? अब समय जा चुका है, लेकिन वह अभी भी एक प्रतिष्ठित व्यक्ति बनने की कोशिश कर सकते हैं.'
जोहान्स जैकबस नेस्केंस ( Dutch pronunciation: [ˈjoːɦɑn ˈneːskə(n)s] ; जन्म 15 सितंबर 1951) एक डच फुटबॉल प्रबंधक और पूर्व खिलाड़ी हैं। एक मिडफील्डर, वह नीदरलैंड की राष्ट्रीय टीम का एक महत्वपूर्ण सदस्य था जो 1974 और 1978 के फीफा विश्व कप में उपविजेता के रूप में समाप्त हुआ था और इसे अब तक के सबसे महान मिडफील्डर्स में से एक माना जाता है। 2004 में, फीफा पुरस्कार समारोह में उन्हें 125 महानतम जीवित फुटबॉलरों में से एक नामित किया गया था, जबकि 2017 में उन्हें 64वें स्थान पर 100 सर्वकालिक महान खिलाड़ियों की फोरफोरटू सूची में शामिल किया गया था। 1991 में उनकी सेवानिवृत्ति के बाद, नेस्केंस बार्सिलोना में फ्रैंक रिजकार्ड के सहायक कोच थे, लेकिन 2007-08 सत्र के अंत में रिजकार्ड के साथ बर्खास्त कर दिया गया था। वह बाद में जून 2009 तक नीदरलैंड बी राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच बने, जिस तारीख को उन्हें गैलाटसराय में फ्रैंक रिजकार्ड के सहायक कोच के रूप में नियुक्त किया गया है। नीदरलैंड के फुटबॉल खिलाड़ी जीवित लोग 1951 में जन्मे लोग
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: सीरियल 'पवित्र रिश्‍ता' की लीड कास्‍ट, एक्‍टर सुशांत सिंह राजपूत और उनकी गर्लफ्रेंड रहीं अंकिता लोखंडे की जोड़ी टीवी की सुपरहिट जोड़ी थी. ऑनस्‍क्रीन केमिस्‍ट्री के साथ ही इन दोनों का ऑफ स्‍क्रीन प्‍यार भी काफी लंबा था लेकिन कुछ साल पहले अचानक इस जोड़ी के अलग होने की खबर ने सब को चौंका दिया था. इस सवाल का जवाब हर कोई जानना चाहता था कि आखिर किस वजह ने इस जोड़ी को अलग कर दिया. अपने ब्रेकअप के एक साल बाद खबरे हैं कि यह जोड़ी एक बार फिर कोफी डेट पर साथ नजर आई है. मुंबई मिरर ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि सुशांत सिंह राजपूत और अंकिता लोखंडे, मुंबई के लोखंडवाला इलाके में कोफी डेट पर साथ नजर आए है. वहीं सुशांत से जुड़े सूत्रों ने इस खबर को पूरी तरह गलत भी बताया है. मुंबई मिरर ने अपनी खबर में बताया है कि वह दोनों ज्‍यादा बातें करते नजर नहीं आए हैं बल्कि शांति से साथ बैठे दिखे. वहीं पिंकविला ने सुशांत और अंकिता से जुड़े एक नजदीकी सोर्स के हवाले से खबर दी है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है और यह दोनों किसी कॉफी डेट पर नहीं मिले हैं. पिंकविला की रिपोर्ट में एक सूत्र के माध्‍यम से कहा गया है, 'हालांकि सुशांत और अंकिता ने पूरी स्थिति को हमेशा से बड़ी अच्‍छी तरह से संभाला है, उन्‍होंने किसी कैफे में मिलने की खबर को पूरी तरह गलत ठहराया है.' उन्‍होंने इस खबर को कोरी कल्‍पना बनाया है. सूत्र का कहना है कि इन दोनों की आपस में कोई बात ही नहीं है तो कोफी के लिए किसी डेट पर मिलने का सवाल ही पैदा नहीं होता है.   बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत इन दिनों अपनी आने वाली फिल्‍म 'राबता' के प्रमोशन में अपनी कथित गर्लफ्रेंड कृति सेनन के साथ कर रहे हैं. डायरेक्‍टर दिनेश विजान द्वारा निर्देशित यह फिल्‍म 9 जून को रिलीज होगी. यह सुशांत और कृति की पहली फिल्‍म है. हाल ही में इस फिल्‍म के प्रमोशन के दौरान कृति और सुशांत, अमृतसर की सैर करते नजर आए. मुंबई मिरर ने अपनी खबर में बताया है कि वह दोनों ज्‍यादा बातें करते नजर नहीं आए हैं बल्कि शांति से साथ बैठे दिखे. वहीं पिंकविला ने सुशांत और अंकिता से जुड़े एक नजदीकी सोर्स के हवाले से खबर दी है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है और यह दोनों किसी कॉफी डेट पर नहीं मिले हैं. पिंकविला की रिपोर्ट में एक सूत्र के माध्‍यम से कहा गया है, 'हालांकि सुशांत और अंकिता ने पूरी स्थिति को हमेशा से बड़ी अच्‍छी तरह से संभाला है, उन्‍होंने किसी कैफे में मिलने की खबर को पूरी तरह गलत ठहराया है.' उन्‍होंने इस खबर को कोरी कल्‍पना बनाया है. सूत्र का कहना है कि इन दोनों की आपस में कोई बात ही नहीं है तो कोफी के लिए किसी डेट पर मिलने का सवाल ही पैदा नहीं होता है.   बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत इन दिनों अपनी आने वाली फिल्‍म 'राबता' के प्रमोशन में अपनी कथित गर्लफ्रेंड कृति सेनन के साथ कर रहे हैं. डायरेक्‍टर दिनेश विजान द्वारा निर्देशित यह फिल्‍म 9 जून को रिलीज होगी. यह सुशांत और कृति की पहली फिल्‍म है. हाल ही में इस फिल्‍म के प्रमोशन के दौरान कृति और सुशांत, अमृतसर की सैर करते नजर आए.