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लगातार चार दिन की गिरावट के बाद शुक्रवार को रुपया कुछ मजबूत हुआ है। गुरुवार को डॉलर के मुकाबले 54.30 तक पहुंच गया रुपया आज 53 के नीचे चला आया है। गुरुवार को ही आरबीआई ने बैंकों के जरिए डॉलर बेचे हैं और फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट पर रोक लगाई है। जानकार मान रहे हैं कि इस दखल ने रुपये को मजबूत किया है। आज रिजर्व बैंक की क्रेडिट पॉलिसी आने वाली है। माना जा रहा है कि ब्याज दरें कम होंगी तो बाजार को कुछ और राहत मिलेगी।
1945 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। धधतध 17 जून-धोनी आइसलैण्ड को डेनमार्क से स्वतन्त्रता मिली। जर्मनी ने द्वितीय विश्व युद्ध में समर्पण किया। 6 जुलाई- महात्मा गाँधी को पहली बार नेताजी सुभाषचन्द्र बोस ने राष्ट्रपिता कहा। १७ जुलाई - अमेरिका के कैलिफोर्निया में गोला बारूद से लदे दो जहाजों में विस्फोट होने से ३२२ लोगों की मौत हो गयी। 2 अगस्त- तुर्की ने जर्मनी के साथ राजनयिक सम्बन्ध तोड़े। 19 अगस्त- भारत से जापान की अन्तिम सैन्य टुकडी को खदेड़ा गया 22 अगस्त- अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और चीन के प्रति‍निधियों ने संयुक्त राष्ट्र के गठन की योजनाओं को लेकर बैठक की। 10 अक्टूबर- द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नरसंहार में 800 जीप्सी बच्चों को मार डाला गया था। अज्ञात तारीख़ की घटनाएँ जन्म 20 जनवरी - फ़रहाद मेहराद ईरानी संगीतकार 11 फरवरी - बुद्धदेव दासगुप्ता 20 अगस्त- राजीव गांधी, भारत के प्रधानमंत्री 23 अगस्त - सायरा बानो 24 नवम्बर - अमोल पालेकर निधन अप्रैल-जून जुलाई-सितम्बर अक्टूबर-दिसम्बर पुरस्कार/सम्मान प्रकाशित पुस्तकें शेखर एक जीवनी, दूसरा भाग- अज्ञेय द्वारा लिखित प्रसिद्ध हिन्दी उपन्यास १९४४ १९४४
चुनाव आयोग ने 72 घंटे के लिए जुबान पर ताला लगाया तो भोपाल से बीजेपी टिकट पर चुनाव लड़ रहीं साध्वी प्रज्ञा ने पूजा पाठ का सहारा लिया. झाल मंजीरा बजाया. हनुमान चालीसा पढ़ा. गायों को चारा खिलाया. इसके साथ ही चुनाव आयोग से बैन की अवधि को कम करने की अपील भी कर दी, लेकिन उन्हें रियायत मिलेगी? इसकी उम्मीद कम है. साध्वी की रिव्यू याचिका पर आज यानी शुक्रवार को चुनाव आयोग सुनवाई कर सकता है. इस बीच नजदीकी सूत्रों की मानें तो साध्वी प्रज्ञा आज भी मंदिर जा सकती हैं और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के स्वास्थ्य की जानकारी लेने जा सकती हैं. हालांकि आधिकारिक कार्यक्रम माना जा रहा है अब शुक्रवार सुबह ही तय होगा. साध्वी पर क्यों लगा बैन आतंकवाद की आरोपी साध्वी प्रज्ञा ने पाकिस्तान से आए आतंकियों से लोहा लेते हुए अपनी शहादत देने वाले हेमंत करकरे पर अपमानजनक टिप्पणी की थी. इतना ही नहीं बीच चुनाव में साध्वी प्रज्ञा अपनी बहादुरी को बाबरी मस्जिद की आखिरी गुंबद को तोड़ने तक ले गई थीं. इन दो बयानों का चुनाव आयोग ने नोटिस लिया और साध्वी प्रज्ञा पर 72 घंटे के लिए चुनाव प्रचार पर पाबंदी लगा दी, जिसका समय शुरु हुआ गुरुवार सुबह 6 बजे से. Congress Bhopal candidate Digvijaya Singh: BJP couldn't find a single member from their party who could fight me? So they got Sadhvi ji. Good, I welcome her. EC has barred her for 3 days from campaigning, though we want to her campaign and keep giving statements, it helps us. pic.twitter.com/ETXsqwXp5R — ANI (@ANI) May 2, 2019 साध्वी प्रज्ञा भी कहां शांत बैठने वाली थीं गुरुवार सुबह करीब 10 बजे वह भजन मंडली के साथ दुर्गा मंदिर पहुंच गईं. पहले मां दुर्गा की पूजा की. ध्यान लगाया. हनुमान चालीसा पाठ किया. साध्वी उसी तरह भक्ति में जुट गईं जिस तरह चुनाव आयोग ने अली-बजरंगबली वाले बयान पर योगी पर बैन लगाया था तो योगी बजरंगबली की शरण में चले गए थे. वहीं, साध्वी ने गुरुवार शाम को भोपाल के शौर्य स्मारक जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. देश के सैनिकों को समर्पित शौर्य स्मारक में जाकर साध्वी ने सैनिकों के अदम्य साहस की कहानियां देखीं और उनके बलिदान को नमन किया.इस दौरान साध्वी ने अमर जवान ज्योति पर जाकर शहीदों को सलाम भी किया. रियायत मिलने की उम्मीद कम इस बीच साध्वी प्रज्ञा ने चुनाव आयोग से बैन की अवधि को 12 घंटे करने की अपील की. अपनी रिव्यू याचिका में साध्वी ने कहा कि अब वह ऐसा कोई बयान नहीं देंगी, जिससे आचार संहिता का उल्लंघन हो. हालांकि, चुनाव आयोग ने उनके रिव्यू याचिका पर अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है, लेकिन माना जा रहा है कि उसका जवाब न में ही होगा, क्योंकि चुनाव आयोग ने न तो मायावती को रियायत दी थी और न ही योगी को. चुनाव आयोग की इस पाबंदी के बाद साध्वी प्रज्ञा के मंदिर दर्शन की भी कांग्रेस ने शिकायत की है. हालांकि, भोपाल से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा पर चुनाव आयोग का प्रतिबंध हट जाना चाहिए, क्योंकि वे जितना बोलेंगी, उतना ही कांग्रेस को फायदा होगा. वीवीआईपी सीटों में से एक भोपाल सीट पर 6 मई को मतदान होना है और प्रत्याशी 4 मई शाम 5 बजे तक चुनाव प्रचार कर सकता है. साध्वी प्रज्ञा पर 72 घंटे तक प्रतिबंध 4 मई को सुबह 6 बजे खत्म होगा. अब ऐसे में सवाल उठता है कि साध्वी प्रज्ञा क्या अगले 48 घंटे भी मंदिरों में ही गुजारेंगी? चुनाव की हर ख़बर मिलेगी सीधे आपके इनबॉक्स में. आम चुनाव की ताज़ा खबरों से अपडेट रहने के लिए सब्सक्राइब करें आजतक का इलेक्शन स्पेशल न्यूज़ लेटर
भारतीय रेलवे का नेटवर्क दुनिया के टॉप-5 नेटवर्क में से एक है और करीब 15 लाख कर्मचारियों को रोजगार देने वाला सबसे बड़ा विभाग है. अब भारतीय रेल देश के कोने-कोने तक पहुंच रही है, लेकिन क्या आप देश की पहली ट्रेन के बारे में जानते हैं? बता दें कि आज ही के दिन साल 1853 में भारत में पहली ट्रेन पटरी पर दौड़ी थी. आइए जानते हैं उस वक्त कैसा नजारा था और कैसी थी पहली ट्रेन...? - बता दें कि 16 अप्रैल 1853 को पहली ट्रेन चलाई गई थी और यह ट्रेन 35 किलोमीटर की दूरी पर चलाई गई. जिस वक्त यह ट्रेन पटरी पर दौड़ी उस वक्त समय हो रहा था दोपहर के तीन बजकर 35 मिनट. - यह ट्रेन बोरीबंदर (छत्रपति शिवाजी टर्मिनल) से ठाणे के बीच चलाई गई थी. ट्रेन में बजते हैं ये 11 तरह के हॉर्न, जानें- किस का क्या है मतलब - इस रेलगाड़ी को ब्रिटेन से मंगवाए गए तीन भाप इंजन सुल्तान, सिंधु और साहिब ने खींचा था. - 20 डिब्बों की इस ट्रेन में 400 यात्रियों ने सफर किया था. - यह ट्रेन दोपहर 3.30 बजे बोरीबंदर (छत्रपति शिवाजी टर्मिनल) से प्रारंभ हुई और शाम 4.45 बजे ठाणे पहुंची. इस रेलगाड़ी ने 34 किलोमीटर का सफर तय किया था. - बता दें कि साल 1845 में कलकत्ता में ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेल कंपनी की स्थापना हुई. 1850 में इस कंपनी ने मुंबई से ठाणे तक रेल लाइन बिछाने का काम शुरू किया था. बिल नहीं दिया तो ट्रेन में फ्री में मिलेगा खाना, जानें नया नियम - भारत में 1856 में भाप के इंजन बनना शुरू हुए. इसके बाद धीरे-धीरे रेल की पटरियां बिछाई गईं. पहले नैरोगेज पर रेल चली, उसके बाद मीटरगेज और ब्रॉडगेज लाइन बिछाई गई. 1 मार्च 1969 को देश की पहली सुपरफास्ट ट्रेन ब्रॉडगेज लाइन पर दिल्ली से हावड़ा के बीच चलाई गई. - जॉर्ज स्टीफेंसन ने 1814 में भाप का इंजन बनाया, जो शक्तिशाली तो था ही, साथ ही अपने से भारी वस्तुओं को खींचने में भी सक्षम था. 27 सितंबर 1825 को भाप इंजन की सहायता से 38 रेल डिब्बों को खींचा गया जिनमें 600 यात्री सवार थे. इस पहली रेलगाड़ी ने लंदन के डार्लिंगटन से स्टॉकटोन तक का 37 मील का सफर 14 मील प्रति घंटे की रफ्तार से तय किया. इस घटना के बाद अनेक देश रेल के इंजन और डिब्बे बनाने में जुट गए.
ऑटो, बैंकिंग और आईटी कंपनियों के शेयरों में विदेशी निवेशकों की लिवाली से बंबई स्टाक एक्सचेंज का सेंसेक्स सोमवार को 108.11 अंक चढ़कर छह सप्ताह के उच्च स्तर पर 17,102.60 अंक पर बंद हुआ. नेशनल स्टाक एक्सचेंज के निफ्टी में भी 35.30 अंक का सुधार हुआ और यह 5124 अंक पर बंद हुआ. दिन में यह 5,147 तक चला गया था. ब्रोकरों के मुताबिक, वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के इस बयान का बाजार पर सकारात्मक असर पड़ा कि उम्मीद से पहले भारत की आर्थिक वृद्धि दर 9 प्रतिशत वार्षिक के स्तर पर पहुंच जाएगी. वैश्विक बाजारों में तेजी से भी स्थानीय बाजार का हौसला बढ़ा है. सबसे अधिक लाभ ऑटो कंपनियों में दिखा. फरवरी में वाहनों की रिकार्ड बिक्री की रिपोर्ट और ऑटो बाजार में तेजी बने रहने की उम्मीदों से ऑटो शेयरों की धारणा मजबूत हुई. महिन्द्रा एंड महिन्द्रा और हीरो होंडा के शेयरों में तेज बढ़त दर्ज की गई. बढ़त हासिल करने में दूसरे पायदान पर बैंकिंग शेयर रहे. आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, इनफोसिस और एसबीआई में जबरदस्त तेजी के बल पर सेंसेक्स ने फिर से 17,000 का स्तर हासिल कर लिया. हालांकि, भारती एयरटेल, रिलायंस इंडस्ट्रीज और हिंदुस्तान युनिलीवर जैसी कंपनियों के शेयर मुनाफा वसूली के शिकार हुए. एसएमसी ग्लोबल के उपाध्यक्ष राजेश जैन का कहना है, ‘डालर में कमजोरी और विदेशी फंडों द्वारा भारतीय शेयरों में लिवाली बढ़ने से बाजार में यह तेजी आई. अंतरराष्ट्रीय बाजारों में इस समय तेजी का दौर बना हुआ है.’ उधर, विदेशी फंडों द्वारा भारतीय शेयरों में निवेश बढ़ाए जाने से डालर के मुकाबले रुपया दो महीने के उच्च स्तर 45.46 प्रति डालर के स्तर पर पहुंच गया. विदेशी फंड भारतीय शेयरों में बजट के बाद एक अरब डालर से अधिक का निवेश कर चुके हैं. सीएनआई रिसर्च के चेयरमैन किशोर पी. ओस्तवाल ने कहा, ‘मध्य सत्र में निवेशकों द्वारा मुनाफा वसूली करने से बाजार भारी तेजी कायम नहीं रख सका. एनएमडीसी का इश्यू आने तक बाजार सतर्कता बरत रहा है.’
फिल्म ‘डर्टी पिक्चर’ में बॉलीवुड अभिनेत्री विद्या बालन के नये अवतार में सामने आने के बाद हिन्दी फिल्म जगत में ‘साइज जीरो’ को लेकर बहस फिर तेज हो गयी है. बिंदास बयानों और किरदारों के लिये पहचानी जाने वाली फिल्म अदाकारा नेहा धूपिया का कहना है कि उन्होंने ‘साइज जीरो’ पर कभी भरोसा नहीं किया. अपनी अगली फिल्म ‘पप्पू कांट डांस साला’ के प्रचार के लिये इंदौर पहुंची नेहा ने विद्या के नये अवतार को लेकर पूछे गये सवाल पर कहा, ‘मैं हमेशा से कहती आ रही हूं कि मैं साइज जीरो पर कभी भरोसा नहीं करती. हम जैसे हैं, हमको वैसा ही लगना चाहिये...मगर हां, हमें स्वस्थ और चुस्त दुरुस्त रहना चाहिये.’ उन्होंने बॉलीवुड के सदाबहार अभिनेता देव आनंद के निधन पर गहरा अफसोस जताते हुए कहा, ‘वह हमारे लिये हमेशा से प्रेरणा का जरिया रहे हैं. उन्होंने अपने करियर में जो हासिल किया, अगर हम उसका रत्ती भर भी हासिल कर सके तो यह हमारे लिये बहुत बड़ी उपलब्धि होगी.’ सौरभ शुक्ला निर्देशित फिल्म ‘पप्पू कांट डांस साला’ में नेहा मशहूर अभिनेता विनय पाठक की मराठी पड़ोसन के रूप में नजर आयेंगी. ‘भेजा फ्राय’ सीरीज की फिल्मों से दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाने वाले पाठक की मानें तो इस फिल्म की कहानी उनकी पिछली फिल्मों की पटकथाओं से एकदम अलग है. वह कहते हैं, ‘बॉलीवुड में इन दिनों हर तरह की फिल्में सामने आ रही हैं, क्योंकि हर तरह की कहानी कहने वाले लोग सामने आ रहे हैं. यह हिन्दी सिनेमा के लिये शुभ संकेत है और इससे फिल्मों में चरित्र अभिनेताओं के लिये नयी जगह बनी है.’
यह एक लेख है: हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादी बुरहान वानी के पिता और आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर के बीच शनिवार को बेंगलुरु में श्री श्री के आश्रम में मुलाकात हुई. जम्मू कश्मीर में 8 जुलाई को भारतीय सैन्य बलों द्वारा आतंकवादी बुरहान वानी मार गिराया गया था जिसके बाद से कश्मीर में विरोध प्रदर्शनों और हिंसा का दौर कायम है. शनिवार शाम श्री श्री ने ट्विटर पर अपनी और बुरहान के पिता की तस्वीर पोस्ट की. उन्होंने लिखा- मुजफ्फर वानी, बुरहान वानी के पिता, दो दिन आश्रम में रहे. हमने कई मसलों पर बातचीत की. दोनों के बीच की मुलाकात की खबर आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन ने रीट्वीट भी की. आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन की ओर से कहा गया- श्री मुजफ्फर वानी दो दिन के लिए आश्रम में थे. दोनों के बीच वर्तमान हालातों, तकलीफों पर बात हुई. इस पर भी बात की गई कि घाट में किस प्रकार से शांति और सामान्य माहौल कायम किया जा सकता है. बातचीत एकदम निजी और मानवीय कोण से हुई. मीटिंग के बाद मुजफ्फर वानी ने कहा- मैं वहां इलाज के लिए गया था और किसी बीमारी के इलाज के लिए आश्रम में रहा. श्री श्री ने मुझसे कुछ नहीं मांग. उन्होंने ज्यादा से ज्यादा मुझसे लगभग पांच मिनट बात की. वानी ने यह बात स्थानीय अखबार कश्मीर रीडर से फोन पर बातचीत के दौरान बेंगलुरु से लौटकर कही. उन्होंने कहा- मैं अपने लिए कुछ दवाएं लेकर आया. बस.टिप्पणियां बता दें कि कश्मीर में बुरहान वानी की मौत के बाद पनपी सुरक्षा बलों और विरोध प्रदर्शनकारियों के बीच की झड़पों के चलते 70 लोग मारे जा चुके हैं और 11 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. इस बीच जम्मू कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती हालात को संभालने संबंधी कदमों पर चर्चा आदि के लिए शनिवार को पीएम मोदी से मिलीं.   शनिवार शाम श्री श्री ने ट्विटर पर अपनी और बुरहान के पिता की तस्वीर पोस्ट की. उन्होंने लिखा- मुजफ्फर वानी, बुरहान वानी के पिता, दो दिन आश्रम में रहे. हमने कई मसलों पर बातचीत की. दोनों के बीच की मुलाकात की खबर आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन ने रीट्वीट भी की. आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन की ओर से कहा गया- श्री मुजफ्फर वानी दो दिन के लिए आश्रम में थे. दोनों के बीच वर्तमान हालातों, तकलीफों पर बात हुई. इस पर भी बात की गई कि घाट में किस प्रकार से शांति और सामान्य माहौल कायम किया जा सकता है. बातचीत एकदम निजी और मानवीय कोण से हुई. मीटिंग के बाद मुजफ्फर वानी ने कहा- मैं वहां इलाज के लिए गया था और किसी बीमारी के इलाज के लिए आश्रम में रहा. श्री श्री ने मुझसे कुछ नहीं मांग. उन्होंने ज्यादा से ज्यादा मुझसे लगभग पांच मिनट बात की. वानी ने यह बात स्थानीय अखबार कश्मीर रीडर से फोन पर बातचीत के दौरान बेंगलुरु से लौटकर कही. उन्होंने कहा- मैं अपने लिए कुछ दवाएं लेकर आया. बस.टिप्पणियां बता दें कि कश्मीर में बुरहान वानी की मौत के बाद पनपी सुरक्षा बलों और विरोध प्रदर्शनकारियों के बीच की झड़पों के चलते 70 लोग मारे जा चुके हैं और 11 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. इस बीच जम्मू कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती हालात को संभालने संबंधी कदमों पर चर्चा आदि के लिए शनिवार को पीएम मोदी से मिलीं.   दोनों के बीच की मुलाकात की खबर आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन ने रीट्वीट भी की. आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन की ओर से कहा गया- श्री मुजफ्फर वानी दो दिन के लिए आश्रम में थे. दोनों के बीच वर्तमान हालातों, तकलीफों पर बात हुई. इस पर भी बात की गई कि घाट में किस प्रकार से शांति और सामान्य माहौल कायम किया जा सकता है. बातचीत एकदम निजी और मानवीय कोण से हुई. मीटिंग के बाद मुजफ्फर वानी ने कहा- मैं वहां इलाज के लिए गया था और किसी बीमारी के इलाज के लिए आश्रम में रहा. श्री श्री ने मुझसे कुछ नहीं मांग. उन्होंने ज्यादा से ज्यादा मुझसे लगभग पांच मिनट बात की. वानी ने यह बात स्थानीय अखबार कश्मीर रीडर से फोन पर बातचीत के दौरान बेंगलुरु से लौटकर कही. उन्होंने कहा- मैं अपने लिए कुछ दवाएं लेकर आया. बस.टिप्पणियां बता दें कि कश्मीर में बुरहान वानी की मौत के बाद पनपी सुरक्षा बलों और विरोध प्रदर्शनकारियों के बीच की झड़पों के चलते 70 लोग मारे जा चुके हैं और 11 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. इस बीच जम्मू कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती हालात को संभालने संबंधी कदमों पर चर्चा आदि के लिए शनिवार को पीएम मोदी से मिलीं.   मीटिंग के बाद मुजफ्फर वानी ने कहा- मैं वहां इलाज के लिए गया था और किसी बीमारी के इलाज के लिए आश्रम में रहा. श्री श्री ने मुझसे कुछ नहीं मांग. उन्होंने ज्यादा से ज्यादा मुझसे लगभग पांच मिनट बात की. वानी ने यह बात स्थानीय अखबार कश्मीर रीडर से फोन पर बातचीत के दौरान बेंगलुरु से लौटकर कही. उन्होंने कहा- मैं अपने लिए कुछ दवाएं लेकर आया. बस.टिप्पणियां बता दें कि कश्मीर में बुरहान वानी की मौत के बाद पनपी सुरक्षा बलों और विरोध प्रदर्शनकारियों के बीच की झड़पों के चलते 70 लोग मारे जा चुके हैं और 11 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. इस बीच जम्मू कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती हालात को संभालने संबंधी कदमों पर चर्चा आदि के लिए शनिवार को पीएम मोदी से मिलीं.   उन्होंने कहा- मैं अपने लिए कुछ दवाएं लेकर आया. बस.टिप्पणियां बता दें कि कश्मीर में बुरहान वानी की मौत के बाद पनपी सुरक्षा बलों और विरोध प्रदर्शनकारियों के बीच की झड़पों के चलते 70 लोग मारे जा चुके हैं और 11 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. इस बीच जम्मू कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती हालात को संभालने संबंधी कदमों पर चर्चा आदि के लिए शनिवार को पीएम मोदी से मिलीं.   बता दें कि कश्मीर में बुरहान वानी की मौत के बाद पनपी सुरक्षा बलों और विरोध प्रदर्शनकारियों के बीच की झड़पों के चलते 70 लोग मारे जा चुके हैं और 11 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. इस बीच जम्मू कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती हालात को संभालने संबंधी कदमों पर चर्चा आदि के लिए शनिवार को पीएम मोदी से मिलीं.
सोमालिया के राष्ट्रपति ने कहा है कि उन्होंने अपनी सरजमीं के दक्षिण में चरमपंथियों के खिलाफ केन्या की एक सप्ताह से जारी सैन्य कार्रवाई पर विरोध जताया है। नैरोबी पर हुए ग्रेनेड हमलों ने विद्रोहियों की तरफ से भी कड़े प्रतिरोध की आशंका को जाहिर कर दिया है। प्रतिशोध में इस्लामी चरमपंथियों ने जहां जवाबी हमले की बात कही है, वहीं सोमालिया के राष्ट्रपति शरीफ शेख अहमद ने सीमा के भीतर प्रवेश कर देश में हमले किए जाने पर चिंता जाहिर की है। शरीफ ने मोगादिशु में संवाददाताओं से कहा, सोमालिया सरकार और उसके नागरिक अपनी जमीं पर बिना किसी पूर्व करार के सैन्य बलों को प्रवेश की अनुमति नहीं देंगे। केन्याई सैन्य बलों के बारे में हम केवल एक चीज जानते हैं और वह यह कि सोमालिया की राष्ट्रीय सेना को उनका प्रशिक्षण देने का प्रस्ताव है। अपनी जमीं से कुछ विदेशियों को अगवा करने और उसे सीमा पार ले जाने के बाद केन्या ने आठ दिन पहले अभूतपूर्व सैन्य कार्रवाई आरंभ की थी। केन्या ने अपने सैनिकों और टैंकों को अल कायदा से जुड़े शबाब नियंत्रित दक्षिणी सोमालिया में सौ किलोमीटर भीतर तक भेज दिया।
प्रचालन तंत्र (अंग्रेज़ी:ऑपरेटिंग सिस्टम) साफ्टवेयर का समूह है जो कि आंकड़ों एवं निर्देश के संचरण को नियंत्रित करता है। यह हार्डवेयर एवं साफ्टवेयर के बीच सेतु का कार्य करता है और कंप्यूटर का सॉफ्टवेयर घटक होता है। इसकी सहायता से ही कंप्यूटर में स्थापित प्रोग्राम चलते हैं। ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर का मेरुदंड होता है, जो इसके सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर को नियंत्रण में रखता है। यह अनाधिकृत व्यक्ति को कंप्यूटर के गलत प्रयोग करने से रोकता है। वह इसमें भी विभेद कर सकता हैं कि कौन सा निवेदन पूरा करना है और कौन सा नहीं, इसके साथ ही इनकी वरीयता भी ध्यान रखी जाती है। इसकी मदद से एक से ज्यादा सीपीयू में भी प्रोगाम चलाए जा सकते हैं। इसके अलावा संगणक संचिका को पुनः नाम देना, डायरेक्टरी की विषय सूची बदलना, डायरेक्टरी बदलना आदि कार्य भी प्रचालन तंत्र के द्वारा किए जाते है। डॉस (DOS), यूनिक्स, मैक ओएस एक्स, लिनक्स (उबण्टू डेबियन, आदि), विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम (३.१, ९५, ९८, २०००, एक्स पी, विस्टा, विंडोज ७, विंडोज १० ) और एण्ड्रॉयड आदि कुछ प्रमुख प्रचालन तंत्र हैं। कार्य प्रचालन तंत्र कंप्यूटर से जुड़े कई मौलिक कार्यों को संभालता है, जैसे कुंजी पटल से इनपुट लेना, डिस्प्ले स्क्रीन को आउटपुट भेजना, डाइरेक्टरी और संगणक संचिका को डिस्क में ट्रॅक करना, इत्यादि। बड़े कंप्यूटरों में इसका काम और अधिक होता है। वह इनमें लगातार यह जांच करता है कि एक ही समय पर कंप्यूटर में चलने वाले प्रोगामों, फाइलों और एक ही समय पर खुलने वाली साइटों में दोहराव न हो। इतिहास आरंभिक दौर में प्रचालन तंत्र मेनफ्रेम कंप्यूटरों पर बड़े कामों के लिए ही हुआ करता था। बाद में धीरे-धीरे माइक्रोकम्प्यूटर्स में भी मिलने लगा, लेकिन उस समय इसमें एक समय पर केवल एक ही प्रोगाम रन करा सकते थे। मेनफ्रेम कंप्यूटर में १९६० में पहली बार बहुकार्यिक (मल्टीटास्किंग) सिस्टम आया था। इससे एक समय में एक से ज्यादा उपयोक्ता काम कर सकते थे। १९७० लिनक्स ने पहली बार पीडीपी-७ में प्रचालन तंत्र निकाला, जो मुख्यतया मल्टीटास्किंग, स्मृति प्रबंधन (मेमोरी मैनेजमेंट), स्मृति संरक्षण (मेमोरी प्रोटेक्शन) जैसे कार्य करता था। विशेषताएँ स्मृति प्रबंधन (मेमोरी मैनेजमेंट) बहु कार्यकलापन (मल्टी प्रोग्रामिंग) मल्टी प्रोसेसिंग मल्टी टास्किंग मल्टी थ्रेडिंग रियल टाइम प्रकार उपयोगकर्ता के आधार पर प्रकार एकल उपयोगकर्ता: इस में समय में केवल एक उपयोगकर्ता काम कर सकता है। बहुल उपयोगकर्ता: इस में एक से अधिक उपयोगकर्ता एक ही समय में काम कर सकते हैं। वास्तविक समय प्रचालन तन्त्र वास्तविक समय प्रचालन तन्त्र एक बहुकर्यिक प्रचालन तन्त्र है जो वास्तविक समय अनुप्रयोगो को क्रियन्वित करता है। वास्तविक समय ऑपरेटिंग सिस्टम अक्सर विशेष समयबद्धन एल्गोरिदम का उपयोग करता है कि वे व्यवहार के एक नियतात्मक प्रकृति को प्राप्त कर सके। वास्तविक समय ऑपरेटिंग सिस्टम का मुख्य लक्षय किसी भी घटना (event) का तुरन्त और उम्मीद के मुताबिक प्रतिक्रिया करना। वास्तविक समय प्रचालन तन्त्र में एवेन्ट ड्रिवन (event-driven) या समय साझा(time-sharing) या दोनो का मिलाप हो सकता है। एक एवेन्त ड्रिवन ऑपरेटिंग सिस्टम घटनाओ को उनकि प्रथमिकतओ या बाह्य घटनाओ के आधार पर करता है जबकि समय साक्षा ऑपरेटिंग सिस्टम घटनाओ को एक निशचित आबन्टित समय में पुरा करने कि कोशिश करता है, अगर कोई घटना एक निशचित समय में पुरा नहीं हो पता है तो ऑपरेटिंग सिस्टम दुसरे घटन को करता है और पहली घटना का देरी का कारण खोजता है, इस अवस्था को समय सीमा की समप्ति(deadline overrun) कहते है। बहुकार्यिक एवम् एकलकार्यिक प्रचालन तन्त्र (multitasking and single tasking): जब कोई प्रचालन तन्त्र (operating system) एक समय में एक ही प्रोग्राम को चलाने की अनुमती देता है, उसे एकलकार्यिक प्रचालन तन्त्र कहते है। और जब प्रचालन तन्त्र एक से ज्यादा प्रोग्राम को चलाने की अनुमती देता है तो उसे बहुकार्यिक प्रचालन तन्त्र कहते है। बहुकार्यिक प्रचालन तन्त्र मुख्यत: दो प्रकार के होते है सहकारी (co-operative) और रिक्तीपुर्व (pre-emptive). संलग्न ऑपरेटिंग सिस्टम : जब कोई ऑपरेटिंग सिस्टम किसी एक छोटे यन्त्र के लिये छोटे स्तर पर काम कर ता है तो उसे संलग्न ऑपरेटिंग सिस्टम (embedded operating system) कहते है। ये सनलग्न ऑपरेटिंग सिस्टम घडी, वशिङग् मशीन तथा अन्य घरेलू सामानों में होते हैं। काम करने के आधार पर प्रकार कैरेक्टर यूजर इंटरफेस: इस में उपयोगकर्ता सिस्टम के साथ कैरेक्टर के द्वारा सूचना देता है। उदाहरण: डॉस,यूनिक्स ग्राफिकल यूजर इंटरफेस: इस में उपयोगकर्ता कम्प्यूटर से चित्रो के द्वारा सूचना का आदान प्रदान करता है। उदाहरण: विन्डोज़, लाईन्कस प्रमुख ऑपरेटिंग सिस्टम विंडोज ऑपरेटिग सिस्टम : यह सबसे प्रसिद्ध ऑपरेटिंग सिस्टम है जो डेस्कटॉप कंप्यूटर और पीसी में उपयोग किया जाता है. यह एक ग्राफिकल यूजर इंटरफ़ेस ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसे टेक कम्पनी माइक्रोसॉफ्ट ने विकसित किया है. एंड्राइड ऑपरेटिंग सिस्टम : स्मार्टफोन में यह सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसे Andy Rubin ने डेवलप किया था और अब यह गूगल के अधीन है. लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम : लिनक्स भी एक प्रसिद्ध ऑपरेटिंग सिस्टम है जो ओपन सोर्स है। वेब सर्वर के लिए लिनक्स का सबसे अधिक इस्तेमाल होता है क्योकि यह फ्री और ओपन सोर्स है। आई ऑपरेटिंग सिस्टम ( iOS ) : इस ऑपरेटिंग सिस्टम को एप्पल नाम की टेक कंपनी ने बनाया है जो आईफोन में उपयोग होता है। पर्दे पर प्रचालन तंत्र की छवियाँ इन्हें भी देखें लिनक्स एंड्रॉइड (प्रचालन तंत्र) विंडोज १० सकाल प्रचालन तंत्र (रीयल-टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम) लिनक्स वितरणों की सूची सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में विस्तृत सामग्री ये सॉफ्टवेयर क्या होता है ? (तकनीक.कॉम) आपरेटिंग सिस्टम प्रचालन प्रणाली आइये कम्प्यूटर सीखें! सॉफ्टवेर, एप्लीकेशन, ऑपरेटिंग सिस्टम एवं नेटवर्क कितने बदल गए ऑपरेटिंग सिस्टम (1981 से लेकर अब तक का सफर, तस्वीरों में) Develop Your Own Operating System in C# or VB.NET (year 2010) Building your own operating system (By S Keller ; 11 Oct 2006) कंप्यूटर प्रचालन तंत्र गूगल परियोजना हिन्दी विकि डीवीडी परियोजना
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से उस जनहित याचिका पर जवाब देने को कहा है, जिसमें टेलीफोन कॉल की टैपिंग पर कानूनी प्रावधानों को निरस्त करने की मांग की गई है. याचिका में दावा किया गया है कि इसका अंधाधुंध इस्तेमाल मौलिक अधिकारों का हनन है. याचिका में उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करके अवैध तरीके से धड़ल्ले से की जा रही फोन टैपिंग की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की गई है. दूरसंचार मंत्रालय, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के महानिदेशक और गृह मंत्रालय के सचिव को नोटिस जारी कर मुख्य न्यायाधीश डी मुरुगेसन और न्यायमूर्ति वी के जैन ने उनसे 22 मई तक जवाब देने को कहा. अदालत अधिवक्ता एस के रुंगटा के जरिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सरकारी तंत्र लोगों के टेलीफोन को टैप करने का आदेश जारी करते वक्त उच्चतम न्यायालय के मौजूदा दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करता है. जनहित याचिका में कहा गया है, ‘टेलीफोन को टैप करने के लिए गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए जाने वाले आदेश हमेशा यांत्रिक और पारंपरिक होते हैं जिसे एक समूह में एक और सभी आरोपों के लिए कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रियाओं को लागू किए बिना जारी कर दिया जाता है.' याचिका में यह भी कहा गया है, ‘सरकारी तंत्र द्वारा अवैध तरीके से अंधाधुंध टेलीफोन टैपिंग को रोकने के लिए एक आदेश दे. इसकी वजह से संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 का उल्लंघन होता है.'
राज्य के कर्तव्य एवं अधिकारों हेतु माण्ट्वीडियो सम्मेलन एक माँट्वीडियो, युरुगुए में December 26, 1933 को अमरीकी राज्यों पर सातवें सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षरित संधि थी। इस अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन में संयुक्त राज्य के राष्ट्रपति श्री। फ्रैंक्लिन डी रूज़वेल्ट एवं संयुक्त राष्ट्र राज्य सचिव :Cordell Hull ने अच्छे पडो़सी नीति को घोषित किया, जो कि सं राज्य के सशस्त्र मध्यवर्त को अन्तर-अमरीकी घटनाओं में रोकती थी। यह श्री रूज़वेल्ट द्वारा एक कूटनितिक प्रयास था ":en:Yankee imperialism," के प्रत्यक्ष ज्ञान की दिशा को पलटने में, जो कि उनके पूर्व अधिकारी थेओडोर रूज़वेल्ट द्वारा चलाया गया था। यह प्रथा 19 राज्यों द्वारा हस्ताक्षरित है जिनमें 3 कुछ आरक्षण सहित हैं सम्युक्त राज्य, ब्राजील एवं पेरू।). The convention sets out the definition, rights and duties of statehood. Most well-known is article 1, which sets out the four criteria for statehood that have sometimes been recognized as an accurate statement of customary international law: The state as a person of international law should possess the following qualifications: (a) a permanent population; (b) a defined territory; (c) government; and (d) capacity to enter into relations with the other states. Furthermore, the first sentence of article 3 explicitly states that "The political existence of the state is independent of recognition by the other states." This is known as the declarative theory of statehood. Some have questioned whether these criteria are sufficient, as they allow less-recognized entities like the Republic of China or even entirely non-recognized entities like the Principality of Sealand to claim full status as states. According to the alternative constitutive theory of statehood, a state exists only insofar as it is recognized by other states. It should not be confused with the Estrada doctrine. There have also been attempts to further broaden the convention's definition, although they have gained less support. Founders of non-territorial micronations commonly assert that the requirement in the Montevideo Convention of a defined territory is in some way wrong-headed, for largely unspecified reasons. Some non-territorial entities, notably the Sovereign Military Order of Malta, are indeed considered subjects of international law, but these do not aspire to statehood. हस्ताक्षरी The states that signed this convention are: Honduras, United States of America, El Salvador, Dominican Republic, Haiti, Argentina, Venezuela, Uruguay, Paraguay, Mexico, Panama, Guatemala, Brazil, Ecuador, Nicaragua, Colombia, Chile, Peru, Cuba. However, as a restatement of customary international law, the Montevideo Convention merely codified existing legal norms and its principles therefore do not apply merely to the signatories, but to all subjects of international law as a whole. The European Union, in the principal statement of its Badinter Committee, follows the Montevideo Convention in its definition of a state: by having a territory, a population, and a political authority. The committee also found that the existence of states was a question of fact, while the recognition by other states was purely declaratory and not a determinative factor of statehood. Switzerland, although not a member of the European Union, adheres to the same principle, stating that "neither a political unit needs to be recognized to become a state, nor does a state have the obligation to recognize another one. At the same time, neither recognition is enough to create a state, nor does its absence abolish it." इन्हें भी देखें सार्वभौमिकता Dollar diplomacy सन्दर्भ Treaties History of the United States (1918–1945)
सन टीवी का शेयरों में सोमवार के कारोबार में भारी गिरावट दर्ज हुई है. सुबह से इन शेयरों में लगभग 28 फीसदी तक गिरावट दर्ज की जा चुकी है. दरअसल केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने कलानिधि मारन के नेतृत्व वाली कंपनी के 33 टेलीविजन चैनलों को सुरक्षा मंजूरी देने की सिफारिश को नकार दिया है. गौरतलब है कि केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने गृह मंत्रालय को सिफारिश की थी कि इन टीवी चैनलों को सुरक्षा मंजूरी दी जाए. बंबई शेयर बाजार में कंपनी का शेयर 27.59 प्रतिशत गिरकर 258 रुपये पर आ गया है. सन टीवी के शेयर गिरावट के बाद पिछले 52 हफ्ते के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है. वहीं नैशनल स्टॉक एक्सचेंज पर सन टीवी का शेयर 27.76 फीसदी गिरकर 257.45 रुपये पर कारोबार कर रहा है. यह एनएसई पर कंपनी के शेयरों का एक साल का न्यूनतम स्तर है. इससे पहले सन टीवी समूह के 40-50 रेडियो चैनल को सुरक्षा मंजूरी नहीं मिली था. गृह मंत्रालय के फैसले के बाद माना जा रहा है कि सन टीवी के पास अब अदालत का दरवाजा खटखटाने का विकल्प बचा है.
अमेरिका में 2016 में ट्रम्प कैम्पेन के लिए वोटरों को लुभाने के वास्ते इंग्लैंड स्थित कंपनी ‘कैम्ब्रिज एनालिटिका’ ने फेसबुक से अमेरिकी नागरिकों की निजी जानकारी से जुड़ा डेटा उड़ाकर जैसे इस्तेमाल किया, उससे कहीं खुल्लमखुल्ला और बेखौफ ढंग से भारत में इस गोरखधंधे को अंजाम दिया जा रहा है. ये खुलासा इंडिया टुडे की स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम की जांच में हुआ है. भारत सरकार ने कैम्ब्रिज एनालिटिका और फेसबुक दोनों को ही 10 मई की डेडलाइन देते हुए विस्तृत जवाब देने के लिए कहा है. उनसे पूछा गया है कि भारतीयों से जुड़े डेटा को लेकर कहीं उल्लंघन हुआ है तो उसका पूरा ब्यौरा दिया जाए. फेसबुक को तभी से बुरे संकट का सामना करना पड़ रहा है जब से ये आरोप दुनिया के सामने जाहिर हुए कि कैम्ब्रिज एनालिटिका ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मौजूद 8 करोड़ 70 लाख लोगों की जानकारी से जुड़े डेटा को बटोरा. लेकिन ये उस खतरे के सामने कुछ भी नहीं जो सवा अरब आबादी वाले भारत में हो सकता है, जहां करीब आधी आबादी की अब इंटरनेट तक पहुंच है. वो भी ऐसी स्थिति में जहां भारत जैसे विकासशील देश में निगरानी का वैसा माहौल नहीं है जैसा कि अमेरिका जैसे विकसित देशों में. इंडिया टुडे की अंडर कवर जांच में ऐसे कई राजनीतिक सलाह देने वाले देसी ठिकाने बेनकाब हुए जिन्होंने तमाम तरह के स्रोतों से नागरिकों के डेटा जुटा रखे हैं. फेसबुक और ट्विटर को एक तरफ रखें तो भी इनके पास नागरिकों से जुटी जानकारी हासिल करने के अनेक रास्ते हैं. जांच में सामने आया कि ये देसी ठिकाने राजनीतिक पार्टियों के लिए वोटरों के प्रोफाइल छान रहे हैं जिससे कि चुनाव कैम्पेन के वक्त लक्षित संदेशों को उन तक पहुंचाया जा सके. नई दिल्ली स्थित चुनाव प्रबंधन कंपनी ‘जनाधार’ के संस्थापक मनीष ने अंडर कवर रिपोर्टर को नागरिकों से जुड़े तमाम तरह के डेटा उपलब्ध कराने की पेशकश की. ये डेटा रिटेल चेन्स, जॉब पोर्टल्स, शॉपिंग ऐप्स, बैंक, टेलीकॉम, डीटीएच कंपनियों जैसे तमाम स्रोतों से इकट्ठा किया गया जिससे कि उसका वोटरों पर ‘मनोवैज्ञानिक युद्ध’ छेड़ने के लिए इस्तेमाल किया जा सके. मनीष से इंडिया टुडे के अंडर कवर रिपोर्टर ने कर्नाटक चुनाव में हिस्सा लेने वाले राजनीतिक दल के काल्पनिक एजेंट के तौर पर बात की. मनीष ने कहा, ‘हम सर्वे, रणनीति, अमल, डिलिवरी से शुरु करेंगे. सब कुछ साथ, हम सब कुछ करेंगे.’ रिपोर्टर- ‘डिलिवरी से क्या मायने? क्या वो वोटों में तब्दील होगा.’ मनीष- ‘हां, अगर आपके कहने का ये मतलब है कि कैम्पेन पर खर्च किए जाने वाले पैसे का रिटर्न मिलेगा. कुल मिलाकर हम आपको ऑफलाइन और ऑनलाइन स्रोतों से सब कुछ उपलब्ध कराएंगे. हम आपको बाजार की सूचना भी मुहैया कराएंगे. साथ ही ये भी बताएंगे कि आपके बारे में वोटर क्या बात करता है.’ मनीष ने ये भी बताया कि जानकारी का चुनाव प्रचार के दौरान क्या इस्तेमाल किया जा सकता है- ठीक वैसे ही जैसे कि डोनाल्ड ट्रम्प के अभियान के दौरान 2016 में एनालिटिका के डेटा का इस्तेमाल किया गया. मनीष ने कहा, ‘हम आपको बताएंगे कि उनका खरीददारी का पैटर्न क्या है. क्या वो (वोटर्स) शॉपिंग के आदि हैं, वो कौन सा क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं. कैम्ब्रिज एनालिटिका भी यही सब है. आपको आपके कार्ड पर एक एसएमएस मिलेगा. इसी एसएमएस को डिलिवर (मोबाइल फोन्स पर) किया जाएगा, तो मेरे पास आपके लिए सब कुछ है.’ इंडिया टुडे का अंडर कवर रिपोर्टर दोबारा मनीष से मिलता, इससे पहले ही उसने दक्षिण बेंगलुरु निर्वाचन क्षेत्र के दो लाख लोगों के ईमेल डेटा जुटा कर रखे हुए थे. नमूने के तौर पर मनीष ने नागरिकों से जुड़ी जानकारी की 10 एक्सेल शीट भी भेजीं. इसमें नागरिकों के नाम, पते, पैन कार्ड, आधार, मोबाइल नंबर, सिम के साथ साथ आर्थिक जानकारियां भी दर्ज थीं. मनीष ने कहा, ‘अगर कोई जॉब में है और उसका सीवी जॉब पोर्टल पर है तो आपको सब कुछ मिल जाएगा जो आप चाहते हैं. अगर किसी के पास क्रेडिट कार्ड है तो वो डेटा मुहैया करा दूंगा. अगर किसी के पास लाइफस्टाइल (सर्विस) की लॉयल्टी मेंबरशिप है तो मैं वो डेटा दूंगा. जहां कहीं भी डेटा दिया गया है, वो मैं दूंगा.’ एक बार ये डेटा साम-दाम-दंड-भेद जैसे भी तरीके से जुटा लिया जाता है तो फिर वोटरों पर संदेशों की बौछार कर दी जाती है. इसके लिए उनकी आर्थिक हैसियत, पेशा, व्यक्तित्व का ध्यान रखा जाता है. ये वोटर से बिना अनुमति लिए किया जाता है. मनीष ने कहा, ‘इसके लिए ‘360 डिग्री बमबारी’ (संदेशों की) की जाती है. सुबह जागेंगे तो अखबार में पर्चा मिलेगा. ऑफिस पहुंचेंगे तो हमारा ईमेल (कैम्पेन का) मिलेगा. जब फेसबुक खोलोगे तो फोटो (विज्ञापन) दिखेगा. तो यहां जो किया जाता है वो ये है कि वोटर को चारों दिशाओं से घेरा जाए. एक ही चीज को बार बार दोहराया जाएगा. अगर आप प्रवासियों का कल्याण चाहते हैं तो मुझे वोट दीजिए’. ये वोटर के दिमाग में अच्छी तरह बिठा दिया जाएगा. ये रट्टा लगवाने जैसा है.’ मनीष ने अंडर कवर रिपोर्टर को ये सब उपलब्ध कराने के बदले में जो रकम मांगी वो हैरान करने वाली थी. बेंगलुरु के एक निर्वाचन क्षेत्र के डेटा के लिए 1 करोड़ 20 लाख रुपए मांगे. मनीष ने साथ ही दावा किया कि रकम ऊंची है तो उसके बदले में लाभ भी ऊंचा ही मिलेगा. मनीष ने फिर समझाने के लहजे में कहा, ‘मैं आपको बता रहा हूं कि इससे 50 फीसदी (वोट शेयर में) बढ़ोतरी होगी.’ इंडिया टुडे की अंडर कवर टीम ने फिर रुख किया कंसल्टेंसी के नाम पर चलाए जा रहे एक और देसी ठिकाने- ‘पोलस्टार’ का.  यहां से भी ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों प्लेटफार्म्स से जुटाए गए वोटरों के प्रोफाइल्स का खजाना मुहैया कराने का दावा किया गया. इसके  संस्थापक मनीष तिवारी ने कबूल किया कि उसकी टीम ने दक्षिण बेंगलुरु में कुछ टेलीकॉम अधिकारियों से साठगांठ कर वहां स्थित सभी सेल टॉवर से जुड़ा मोबाइल डेटा जुटा रखा है. तिवारी ने कहा, निर्वाचन क्षेत्र में टॉवर्स पर साढ़े चार लाख सक्रिय फोन नंबर हैं. इनमें से डेढ़ लाख वॉटसऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं. तिवारी के डेटा जुटाने के पारंपरिक तरीकों में भी छल की पूरी छाप थी. जैसे कि पहचान बदलवा कर अपने स्टाफ को रिहाइशी बस्तियों में भेजना जिससे कि किसी वोटर के बारे में पड़ौसियों से जानकारी जुटाई जा सके. तिवारी ने कहा, ‘हमारी टीमें डेटा इकट्ठा करने के लिए करीब 25,000 घरों में जाएंगी. वो वहां मतदान के लिए जागरूकता जगाने जाएंगे. लोगों से वोट करने की अपील की जाएगी. हम एक एनजीओ के नाम पर ये मुहिम चलाएंगे. यही सब करते हुए बुनियादी जानकारी जैसे कि फोन नंबर, परिवार में कितने सदस्य आदि. अगर हम ऐसे डेटा को लक्ष्य करेंगे तो कम से कम 5-6 फीसदी (वोट शेयर) को प्रभावित किया जा सकेगा.’ दिल्ली स्थित मावरिक डिजिटल कंपनी के निदेशक विवेक बांका ने राजनीतिक ग्राहकों समेत अनेक स्टेकहोल्डर्स के लिए अनेक मार्केटिंग कैम्पेन चलाने का दावा किया. बांका ने कहा कि विरोधी खेमे के वोटरों को भी लक्षित संदेश भेजना कोई मुद्दा नहीं है. हमारे संदेश उन तक भी पहुंचेंगे. मान लीजिए कि अगर कांग्रेस चाहती है कि उसका डिजिटल कंटेंट बीजेपी समर्थकों को भी दिखे, तो उन्हें भी ये 100 फीसदी मिलेगा. बांका के मुताबिक चुनाव के दौरान लोगों के मूड की जानकारी भी मुहैया कराई जा सकती है. बांका ने फिर ये भी बताया कि ये सब जुटाने के लिए क्या तरीके अपनाए जाते हैं. बांका ने कहा, ‘इसके लिए हमें तह तक जाना होता है. मान लीजिए कि किसी वोटर की प्रतिक्रिया रणनीतिक दृष्टि से अहम है तो हमें उसी वोटर विशेष के लिए खास डिवाइस का इस्तेमाल करना होता है.’ रिपोर्टर- वो क्या होता है? बांका ने कहा, ‘ये मूल रूप से मूड का विश्लेषण करने वाला ट्रैकर होता है. वोटर्स, नागरिक क्या बात कर रहे हैं, सकारात्मक, नकारात्मक और तटस्थ. उसी के हिसाब से ये तीन सेगमेंट्स में बंटा होता है. हमें इसके लिए खास टूल (युक्ति) डिजाइन करना होगा.’ बांका ने फिर उसकी कीमत बताते हुए कहा, ‘ये आपको दो से चार लाख रुपए में पड़ेगा. इसकी असीमित क्षमता होगी. कीमत कम ज्यादा हो सकती है. पहले जरूरत क्या है ये पहचान कर ली जाए. उसी के हिसाब से टूल को बनाया जाएगा. मैं जानता हूं दूसरे राजनीतिक दल भी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं.’ बांका के साथी और कंपनी के क्रिएटिव हेड ओम देव शर्मा ने फिर बताया कि इस तरह के जासूसी ऐप्स किस तरह काम करते हैं. शर्मा ने बताया, पेड-फॉर टूल्स इस्तेमाल किए जाते हैं. इनमें कीवर्ड्स सेट होते हैं. कौन किस पार्टी के लिए काम कर रहा है- बीजेपी, कांग्रेस, बीएसपी, एसपी. विरोधी पार्टियों के लोग क्या बात कर रहे हैं. उनके एजेंडा पर क्या है. कौन से हैशटेग वो इस्तेमाल कर रहे हैं. ये सकारात्मक है या नकारात्मक. फीडबैक क्या है. हम सभी का विश्लेषण करते हैं और अपना फीडबैक तैयार करते हैं. मुंबई स्थित क्रोनो डिजिटल मार्केटिंग कंपनी के बिजनेस हेड तरुण जैन ने अज्ञात वेंडर्स से फेसबुक डेटा खरीदने और फिर राजनीतिक ग्राहकों को उपलब्ध कराने की बात कबूल की. जैन ने कहा, ‘आप मुझे दिल्ली या कर्नाटक के पिन कोड्स बताएं. आप जिस लोकेशन का चाहेंगे वहां का सेम्पल डेटा दिखा देंगे. डेटा पहले से ही मेरे पास है. हम इसे रोज खरीदते हैं. हम इसके बिना काम नहीं कर सकते. मैं हर दिन 40 सेवाओं को अंजाम देता हूं, इनमें एसएमएस, वॉट्सऐप और ईमेल्स शामिल हैं. बिना डेटा के ये सब मैं कैसे कर सकता हूं.’
बीजेपी अपने हाथ से कोयले का मसला क्यों नहीं छोड़ना चाहती...? संसद ठप है तो रहे... एक बीजेपी सांसद ने समझाया कि कोयले पर नारे लिखवाए जा रहे हैं। बीजेपी कोयले के रंग के साथ सरकार के कामकाज, उसकी इमेज और फैसलों को जोड़कर चमत्कारी नारों की उम्मीद लगाए बैठी है जो पब्लिक का मूड बदल दे। कुछ वैसे ही जैसे बोफोर्स ने राजीव की छवि का किया था...। भले ही तोप सबसे अच्छी थी मगर राजीव को सरकार से हाथ धोना पड़ा और मिस्टर क्लीन की इमेज पर भी आंच आई। इसलिए, बीजेपी को लगता है कि 2जी का मामला वे जनता को नहीं समझा पाए मगर कोयला का काला जादू चला तो क्या पता सत्ता मिल जाए...।
अन्ना हजारे के अनशन स्थल यहां के रामलीला मैदान में उनके समर्थकों का जमावड़ा शुरू हो गया है ताकि वे सुबह दस बजे हजारे का अनशन टूटने के ऐतिहासिक क्षणों के प्रत्यक्ष गवाह बन सकें. करीब चार हजार लोग रात में मैदान में डटे रहे जबकि अन्य ने सुबह होते ही वहां पहुंचना शुरू कर दिया. देखें कैसे गिरफ्तार हुए अन्‍ना हजारे गाजियाबाद निवासी रमेश कुमार ने कहा कि मैं सुबह पांच बजे चला क्योंकि मैं यह सुनिश्चित कर लेना चाहता था कि मुझे आगे वाली पंक्ति में बैठने की जगह मिल जाए और मैं अन्ना द्वारा अनशन तोड़े जाने के क्षणों का गवाह बन सकूं. अन्ना के आंदोलन पर आपकी भेजी तस्वीरें रामलीला मैदान में जश्न का माहौल है. लोग अन्ना हजारे की जीत पर गा रहे हैं और ढोल नगाड़ों पर थिरक रहे हैं. लखनऊ से आए हजारे के समर्थक विजय गुप्ता ने कहा कि वह अपने परिवार के साथ आए हैं और ऐतिहासिक पल का हिस्सा बनकर उन्हें खुशी महसूस हो रही है. अन्‍ना के समर्थन में उतरा जनसैलाब उन्होंने नारेबाजी करते हुए कहा कि सरकार द्वारा हजारे की मांगें माने जाने से मैं बहुत खुश हूं. हम मजबूत लोकपाल विधेयक चाहते हैं क्योंकि हर आदमी भ्रष्टाचार से त्रस्त है. इस बीच रामलीला मैदान के अंदर और इसके आसपास भारी पुलिस दल तैनात कर दिया गया है. लोग झंडे लहरा रहे हैं और नारेबाजी कर रहे हैं जिससे उत्सव जैसा माहौल है.
कश्मीर में शांति की बहाली के लिए केंद्र की ‘‘गुपचुप वार्ता’’ की पेशकश को हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी माने जाने वाले वरिष्ठ नेता शब्बीर अहमद शाह ने ठुकरा दिया. शाह ने कहा कि लंबे समय से चल रहे इस मुद्दे का समाधान संयुक्त राष्ट्र या किसी निष्पक्ष देश की निगरानी में त्रिपक्षीय वार्ता के जरिए ही किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि कश्मीर 1.30 करोड़ लोगों के भविष्य से जुड़ा मुद्दा है.
मुंबई सहित आसपास के इलाकों में लगातार बरसात होने से जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. मुंबई से सटे ठाणे शहर में एक इमारत की कम्पाउंड वाल गिर जाने से पार्किंग में खड़ी कई गाड़ियां इसकी चपेटे में आ गई. हालांकि जान-माल की कोई हानि नहीं हुई. ठाणे शहर के घोडबंदर रोड इलाके के तिकुजिनी वाडी के पास बुद्ध देव इमारत की कम्पाउंड वाल शुक्रवार सुबह करीब साढे नौ बजे तेज आवाज के साथ गिर पड़ी. पहले तो लोगों को लगा की इमारत ही गिर रही है, आनन-फानन में सभी लोग इमारत से नीचे आ गए और देखा कि उनकी गाड़ियों पर इमारत की कम्पाउंड वाल गिर पड़ी है. लोगों का आरोप है की बगल में हाल ही में बनी कल्पतरु की इमारत का नाला उनकी कम्पाउंड के पास घुमाने की वजह से यह दीवार गिरी है. खबर लगते ही ठाणे अग्निशमन दल के जवानों ने दबी हुई गाड़ियों को निकालने का काम शुरू किया.
23 साल के फिल्मी करियर में एक्ट्रेस काजोल हमेशा अपने पहले नाम से ही जानी गई हैं. अजय एक्टर देवगन से शादी के बाद भी उन्होंने 'देवगन' सरनेम अपने नाम के साथ नहीं लगाया. लेकिन शादी के 16 साल बाद अब वो इस फैमिली नाम को ऑन-स्क्रीन इस्तेमाल करेंगी. आने वाली फिल्म 'दिलवाले' की स्टारकास्ट में काजोल का नाम 'काजोल देवगन' के तौर पर लिखा होगा. सूत्रों की मानें तो काजोल ने फिल्म इंडस्ट्री में न तो कभी अपने पिता का सरनेम मुखर्जी इस्तेमाल किया और न ही अपनी मां का सरनेम 'समर्थ'. लेकिन इस बार फिल्म 'दिलवाले' में काजोल अपने नाम के साथ 'देवगन' सरनेम इस्तेमाल करेंगी. खबरें तो ये भी हैं कि फिल्म की स्टारकास्ट में काजोल का नाम शाहरुख के बाद आएगा. साल 2014 में शाहरुख ने ऐसी घोषणा की थी कि उनकी फिल्मों में लीडिंग एक्ट्रेस का नाम उनसे पहले आया करेगा. लेकिन 'दिलवाले' की स्टारकास्ट में शाहरुख का नाम पहले दिखाया जाना आपसी निर्णय से तय हुआ है, क्यूंकि फैन्स की नजर में दोनों एक्टर्स की जोड़ी 'शाहरुख और काजोल' के नाम से मशहूर है. इसके अलावा इंडस्ट्री में ऐसी भी अफवाहें हैं कि एक्ट्रेस विद्या बालन भी जल्दी ही अपने नाम के आगे अपने पति सिद्धार्थ रॉय कपूर का सरनेम इस्तेमाल किया करेंगी.
2015 के कनाडियाई संघीय चुनाव (आधिकारिक: 42nd Canadian general election) अक्टूबर १९, २०१५ को बयालीसवीं कनाडियाई संसद या कनाडा की संसद के सदस्यों को चुनने के लिये आयोजित किये गये थे। चुनावों की घोषणा ४ अगस्त २०१५ को कनाडा के गवर्नर जनरल डेविड जॉन्सटन ने की थी। चुनाव प्रचार इकतालीसवीं संसद के भंग होने से चुनाव के दिन तक ७८ दिनों तक चला। यह चुनाव अभियान कनाडा के इतिहास के सबसे लंबे चुनाव प्रचारों में से एक था। कनाडा की लिबरल पार्टी ने जस्टिन ट्रुडेउ के नेतृत्व में १८४ सीटें जीते, और अब कनाडा में बहुमत की सरकार बनाने की ओर अग्रसर है। जस्टिन पदनामित प्रधानमंत्री हैं। कनाडा की कंज़र्वेटिव पार्टी जिसका नेतृत्व वर्तमान प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर कर रहे थे ने कुल ९९ सीटें जीतीं और ९ वर्षों बाद कनाडियाई संसद में आधिकारिक विपक्ष की भूमिका के लिये चुनी गई है। थॉमस मुलकेयर के नेतृत्व वाली न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी ४४ सीटें जीतकर हाउस ऑफ़ कॉमन्स में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप उभरी है। अन्य छोटे दलों ने ११ सीटें जीती हैं: बीक़्यु ने १० और कनाडा की ग्रीन पार्टी ने १ सीट जीती है। पिछले चुनावों के मुकाबले लिबरल पार्टी की 148 सीटों से बढोत्तरी कनाडा के चुनावी इतिहास में पहली बार हुई है। लिबरलों ने इस बार कंज़र्वेटीवों से 60 और न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के 51 सीटें हथिया लीं। १९८४ के संघीय चुनावों के बाद से कनाडा में किसी भी दल का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इस चुनाव से पहले तक लिबरलों के पास सिर्फ 36 सीटें थीं और इस लिहाज़ से इतनी कम से इतने ज्यादा सीटें जीतना कनाडा में एक कीर्तिमान है। लिबरल दल कनाडा का पहला ऐसा दल हो गया है जिसने सरकार या आधिकारिक विपक्ष में ना रहते हुए भी किसी संघीय चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं। इस बार लिबरलों के अलावा हाउस ऑफ़ कामन्स में बैठे हर दल ने अपने लोकप्रिय मत प्रतिशत में कमी देखी है। चुनाव के बाद हार्पर ने ट्रुडेउ के सामने हार मान ली और उन्हें बधाई देते हुए प्रधानमंत्री और कंज़र्वेटिव दल के नेता पद से त्याग पत्र दे दिया। चुनावी सर्वेक्षण सन्दर्भ कनाडा के संघीय चुनाव
असम की आबादी साढ़े तीन करोड़ ही है. नागरिकता रजिस्टर के नाम राज्य ने 1600 करोड़ फूंक दिए. राज्य के करीब 4 साल बर्बाद हुए. 2019 के अगस्त में जब अंतिम सूची आई तो मात्र 19 लाख लोग उसमें नहीं आ सके. इनमें से भी 14 लाख हिन्दू हैं. बाकी 5 लाख के भी कुछ रिश्तेदार भारतीय हैं और कुछ नहीं. इन सबको फॉरेन ट्रिब्यूनल में जाने का मौका मिलेगा. उसके बाद तय होगा कि आप भारत के नागरिक हैं या नहीं. वहां भी केस को पूरा होने में छह महीने से साल भर कर समय लग सकता है. हम सरकार का खर्च जोड़ते हैं. कभी इसका भी हिसाब कीजिए कि असम के आम आदमी का कितना खर्च हुआ. एक एक सर्टिफिकेट बनाने में 5000 से 15000 तक खर्च हुए. बिहार और यूपी से गए लोगों के वंशज वापस अपने गांवों में आकर रिश्वत देकर सर्टिफिकेट बनवाते रहे. ट्रिब्यूनल के लिए वकीलों की फीस भी जोड़ लें. साढ़े तीन करोड़ लोग चाहे वो हिन्दू थे या मुस्लिम, नेशनल रजिस्टर के लिए अपनी जेब से 5 से 50 हज़ार तक ख़र्च कर रहे थे. किसी की मामले में एक लाख रुपये तक. अब अगर भारत भर में हुआ तो सोच लें कि आप सब पर नोटबंदी की तरह एक और बोगस योजना थोपी जाने वाली है. असम में इतनी बड़ी कवायद का नतीज़ा एक तरह से ज़ीरो निकला. दशकों से नेता हिंदी प्रदेश के लोगों पर यह झूठ थोपते रहे कि एक करोड़ घुसपैठिया आ गए हैं. किसी ने 40 लाख कहा तो किसी ने कहा कि सारा भारत घुसपैठियों से भर गया है. यह धारणा इतनी मज़बूत हो गई कि नेशनल रजिस्टर की नौबत आ गई. राजीव गांधी सरकार और असम के छात्र आंदोलन के बीच जो असम समझौता हुआ था, उसमें भी यह बात थी. 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि नेशनल रजिस्टर का काम शुरू हो. असम गण परिषद भी घुसपैठियों को निकालने की राजनीति करती थी, लेकिन उसने हिन्दू घुसपैठिया या मुस्लिम घुसपैठिया में फर्क नहीं किया. फर्क अब किया जा रहा है. संदिग्ध नागरिकों की जो संख्या निकली है वो उतनी तो नहीं है जो हमारे नेता अपने भाषणों में लोगों पर थोपते हैं. करोड़ों घुसपैठियों का भूत दिखाया गया, जबकि मिले 3 से 5 लाख वो भी अभी साबित नहीं है. इसके बाद भी अब पूरे भारत में एनआरसी की बात हो रही है. ज़ाहिर है पूरे भारत को लंबे समय के लिए एक और हिन्दू मुस्लिम डिबेट में फंसाया जा रहा है. गृहमंत्री को भरोसा है कि सिर्फ मुसलमान को छोड़कर हिन्दू, ईसाई, सिख, जैन पारसी और बौद्ध को नागरिकता दने से विपक्ष जब विरोध करेगा तो लोग अपने आप समझ जाएंगे कि मुसलमानों को नागरिकता देने की वकालत हो रही है. और यह उनके काम आएगी. एक सवाल है. इस सूची में ईसाई क्यों हैं? ईसाई हैं तो मुसलमान क्यों नहीं? क्या अंतर्राष्ट्रीय छवि या दबाव के डर से ईसाई को शामिल किया गया है? संघ परिवार अपने शुरुआती दिनों में ईसाई मिशनरियों पर धर्मांतरण के आरोप लगाता था. ओडिशा में ग्राहम स्टेंस को जलाकर मार दिया गया था. अब धर्मांतरण की बात क्यों नहीं हो रही है? फिर मुसलमान को हटा कर नागरिकता के नियम को धर्म के आधार पर क्यों बांटा जा रहा है? आपको लगता है यह सही है तो भारत के इतिहास के इस पन्ने को पलट लीजिए. 20 अगस्त 1906 को दक्षिण अफ्रीका के ट्रांसवाल शहर में नियम बनता है कि पुरानी परमिट रद्द की जाएगी. एशियाई मूल को लोगों को रजिस्टार के दफ्तर में जाकर नया रजिस्ट्रेशन कराना होगा और अंगूठे के निशान देने होंगे. यह फैसला भारत और चीन के लोगों को प्रभावित करता था. नया परमिट नहीं दिखाने पर जेल का प्रावधान था. गांधी जी ने मानने से इंकार कर दिया. 11 सितंबर 1906 को जोहानेसबर्ग के पुराने एम्पायर थियेटर में 3000 भारतीयों की सभा होती है. गांधी जी के साथ गुजरात के व्यापारी सेठ हाजी हबीब भी थे. उन्होंने कह दिया कि हम सभी ईश्वर की शपथ लेंगे कि इस नियम को नहीं मानेंगे. गांधी जी स्तब्ध हो गए. उन्होंने कहा कि हम ऐसा नहीं कर सकते. ईश्वर की शपथ लेकर तोड़ नहीं सकते. हमें ठीक से विचार करना चाहिए. सबने सोच लिया और तय किया कि नए परमिट को नहीं मानेंगे. उस दिन सत्याग्रह का जन्म हुआ. आज उसी सेठ हाजी हबीब का भारत बदल गया है. उसमें अब नैतिक बल नहीं रहा कि वह ईश्वर की शपथ लेकर हाजी हबीब के लिए खड़ा हो जाए. बस सोचिए कि हिन्दू मुस्लिम की राजनीति आपको कहां धकेल रही है. रजिस्टर की लाइन में खड़ा कर आपसे भी नागरिकता का प्रमाण मांग रही है. कायदे से तो पूरे भारत को इस एनआरसी के खिलाफ सत्याग्रह करना चाहिए और एनआरसी जैसे ख़्याल के लिए गांधी और सेठ हाजी हबीब से मांफी मांगनी चाहिए.
खनपो जिगमेद फुनछोगस् (तिब्बती: འཇིགས་མེད་ཕུན་ཚོགས་འབྱུང་གནས།, Wylie: 'jig med phun tshogs 'byung gnas; 1933-2004) एक ञिङमा लामा से Sertha के Amdo(dhomay)। उनके परिवार के थे खानाबदोशहै। दो साल की उम्र में उन्होंने पहचान की थी के रूप में पुनर्जन्म के Terton Sogyal, Lerab Lingpa (1852-1926)। उन्होंने अध्ययन Dzogchen पर Nubzor मठ, प्राप्त नौसिखिया समन्वय 14 पर और पूरा समन्वय पर 22 या (1955)। खेनपो जिग्मे Phuntsok था सबसे प्रभावशाली लामा की ञिङमा परंपरा के तिब्बती बौद्ध धर्म में समकालीन तिब्बत (अनुसार करने के लिए खेनपो Samdup था, जो अपने शिष्य)। एक तिब्बती बौद्ध ध्यान गुरु और प्रसिद्ध शिक्षक के महान पूर्णता (Dzogchen), वह की स्थापना की Sertha बौद्ध संस्थान, 1980 में स्थानीय रूप से जाना जाता है के रूप में Larung Gar, एक गैर सांप्रदायिक अध्ययन केंद्र के साथ लगभग 10,000 भिक्षुओं, नन, और रखना, छात्रों को अपने उच्चतम पर भरोसा है। वह खेला एक महत्वपूर्ण भूमिका में सशक्त शिक्षण तिब्बती बौद्ध धर्म के बाद के उदारीकरण के धार्मिक अभ्यास 1980 में. खेनपो जिग्मे Phuntsok भी था एक असाधारण Terton (बौद्ध खजाना revealer), uncovering कई खजाने ग्रंथों तिब्बत में, के रूप में अच्छी तरह के रूप में चीन के अन्य हिस्सों के हैं, और भारत. 1990 के दशक में, वह शुरू किया, के लिए एक अपील पारंपरिक तिब्बती याक चरवाहों से बचना करने के लिए व्यावसायिक बिक्री के पशुधन के लिए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कारणों से है कि में हो गया है एंटी-वध का आंदोलन है। जीवनी खेनपो जिग्मे Phuntsok 1933 में पैदा हुआ था, तीसरे दिन के पहले महीने के वर्ष के जल पक्षी, में Golog Serthar Amdo क्षेत्र के तिब्बत), या बीहड़ washul Sertar क्षेत्र के तिब्बती सांस्कृतिक क्षेत्र के Amdo, एक विशाल अन्तर के उच्च पठार घास के मैदानों. वह अपनाया Manjusri के रूप में अपने व्यक्तिगत देवता है और वह है करने के लिए कहा था की दृष्टि उसे कई बार सहित, एक बार 1987 में जब वह का दौरा किया माउंट Wutai, पवित्र पहाड़ के निवास Majushri चीन में है। पांच साल की उम्र में, खेनपो था के रूप में मान्यता प्राप्त पुनर्जन्म के Tertön Sogyal, गुरु के लिए 13वें दलाई लामा Thubten Gyatsho, और एक साधु बन गया पर Nubzur Gonpa, की एक शाखा Palyul मठ में Sertar. उन्होंने प्राप्त औपचारिक धार्मिक प्रशिक्षण के तहत Thubga रिनपोछे पर Changma Rithro में Dzachukha और चयनित किया गया था बनने के लिए महंत के Nubzur बीस साल की उम्र में-चार। की वृद्धि से चीन की पीपुल्स रिपब्लिक, खेनपो के धार्मिक जीवन में काफी कटौती की है, बात करने के लिए 1959 में उन्होंने वापस ले लिया सुदूर पहाड़ों में, herding के एक छोटे से झुंड बकरी और भेड़। वहां उन्होंने ध्यान में लगे हुए हैं और शिक्षण के लिए छोटे लोगों की संख्या में सक्षम था और जारी रखने के लिए अपने धार्मिक प्रथा है। 1987 में, खेनपो के नेतृत्व में सैकड़ों की अपने चेलों से Serthar पर संस्थान के लिए एक तीर्थ यात्रा, पवित्र पहाड़ों के माउंट Wutai चीन के शांक्सी प्रांत है। रास्ते में बीजिंग में, वह मुलाकात के 10वें पंचेन लामा और शिक्षाओं पर 37 प्रथाओं के बोधिसत्व की एक मण्डली के 5,000 से अधिक लोगों को, सहित तिब्बतियों, चीनी, मंगोलों, और अन्य बौद्ध चिकित्सकों. पर माउंट Wutai, मण्डली के लिए उनकी शिक्षाओं से बढ़कर 10,000 अवसरों पर है। वह भी चलाया retreats में पवित्र स्थानों और गुफाओं हैं। खेनपो व्यापक भर में यात्रा तिब्बत और चीन के बाकी हिस्सों शिक्षण ञिङमा पारंपरिक बौद्ध धर्म और तलाशने छिपे खजाने. 1990 में, के निमंत्रण पर Penor रिनपोछे, वह भारत का दौरा किया, जहां उन्होंने में पढ़ाया जाता है विभिन्न मठों सहित ञिङमा संस्थान में मैसूर. पर धर्मशाला, 14 वें दलाई लामा प्राप्त शिक्षाओं से खेनपो दो सप्ताह के लिए। 1993 में, खेनपो आमंत्रित किया गया था यात्रा करने के लिए और सिखाने पर बौद्ध केन्द्रों में यूरोप और उत्तरी अमेरिका में है। वहाँ, वह मोहभंग हो गया व्यावसायीकरण के साथ बौद्ध शिक्षाओं के पश्चिम में है। 1993 में, खेनपो जिग्मे Phuntsok विस्तारित उसके बाद शिक्षण के दौरान पर्यटन के संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, इंग्लैंड, फ्रांस, जापान, ताइवान, हांगकांग, भारत, नेपाल, और भूटान. वित्तीय प्रसाद बनाया उसे करने के लिए इस दौरे के दौरान वित्त पोषित एक प्रमुख निर्माण कार्यक्रम में संस्थान. 29 दिसंबर 2003 में, 70 साल की उम्र में, खेनपो जिग्मे Phuntsok में भर्ती कराया गया था करने के लिए सैन्य अस्पताल 363 में चेंग्दू, चीन की राजधानी के सिचुआन प्रांत, दिल के साथ समस्याओं, और वहाँ मर गया पर 7 जनवरी 2004. बौद्ध संस्थान 1980 में, खेनपो जिग्मे Phuntsok स्थापित किया Serthar संस्थान के रूप में जाना जाता Larung गर बौद्ध अकादमी, में Larung घाटी के शहर के पास Sêrtar, Garzê प्रान्त, सिचुआन प्रांत. संस्थान का उद्देश्य किया गया है प्रदान करने के लिए एक दुनियावी प्रशिक्षण में तिब्बती बौद्ध धर्म और को पूरा करने के लिए की जरूरत के नवीकरण के लिए ध्यान और छात्रवृत्ति भर तिब्बत में चीन की सांस्कृतिक क्रांति के 1966-76. बावजूद इसके दूरस्थ स्थान में, यह वृद्धि हुई है से एक मुट्ठी भर के चेलों सभा में खेनपो के घर से एक होने के लिए सबसे बड़ा और सबसे प्रभावशाली अध्ययन के लिए केंद्र के तिब्बती बौद्ध धर्म, दुनिया में क्रमांकन के लिए लगभग 10,000 भिक्षुओं, नन, और जब्री चेलों द्वारा वर्ष 2000 के लिए। कुल मिलाकर, छात्र शरीर के Serthar संस्थान बनाया गया था के भिक्षुओं, नन, रखना "व्रत-धारकों" के दोनों तिब्बती और चीनी मूल के हैं, और तांत्रिक चिकित्सकों. वे अध्ययन के तहत चार प्रमुख धार्मिक डिवीजनों में संस्थान: Ngarig Nangten Lobling, अंतरराष्ट्रीय धार्मिक समिति, पेमा Khandro Duling ज़नाना मठ, और Lektso Charbeb लिंग। Ngarig Nangten Lobling के शामिल 2,500 तिब्बती भिक्षुओं। Lektso Charbeb लिंग खंड है कि प्रशिक्षित 1,000 से अधिक रखना तिब्बती "व्रत-धारकों" और तांत्रिक चिकित्सकों से Sêrtar और अन्य क्षेत्रों में तिब्बत के. पेमा Khandro Duling ज़नाना मठ के लिए घर गया था अध्ययन करने के लिए लगभग 3,500-4,000 नन के सभी क्षेत्रों से तिब्बत है। आधे से अधिक उन लोगों के लिए आया था, जो Serthar महिलाओं के थे और पाठ्यक्रम की अनुमति दी नन को प्राप्त करने के लिए एक प्रतिष्ठित खेनपो डिग्री में पहली बार के लिए तिब्बती इतिहास है। में प्रवेश की संख्या अपेक्षाकृत छोटे nunneries में मौजूद है कि अन्य क्षेत्रों में तिब्बत के सीमित है, लेकिन Serthar खुला था करने के लिए वस्तुतः किसी को भी, जो जो वास्तव में मांग बनने के लिए एक छात्र के खेनपो जिग्मे Phuntsok दुनियावी दृष्टि है। खेनपो की भतीजी, Jetsunma Mumso, मान्यता प्राप्त किया गया था के रूप में एक tulku और सिर के आदेश नन. शब्द वर्णनात्मक है के कुछ शिक्षकों तिब्बत में कर रहे हैं, जो सोचा धारण करने से अधिक पीढ़ियों के एक नंबर है। मोटे तौर पर दस प्रतिशत के लगभग 10,000 छात्रों में भाग लेने के Serthar थे जातीय हान लोगों को. वे भाग अलग-अलग कक्षाओं में पढ़ाया जाता है, मानक चीनी , जबकि बड़ी कक्षाओं में सिखाया जाता था मानक तिब्बती. अंतरराष्ट्रीय धार्मिक समिति oversaw 1,000 चेलों से क्षेत्र की पीपुल्स गणतंत्र की चीन और अन्य एशियाई देशों के। Serthar संस्थान संचालित है के साथ एक स्थायी कार्यकारी समिति के सात सीखा लामाओं, लेकिन प्रमुख निर्णयों की पुष्टि की थी और कार्यान्वित साथ परामर्श के बाद ही खेनपो जिग्मे Phuntsok. Serthar संस्थान किया गया है करने के लिए घर पर 500 khenpos—धारकों के स्नातक की डिग्री में देवत्व और व्यापक रूप से प्रसिद्ध के लिए उच्च गुणवत्ता के दोनों अपने धार्मिक और धर्मनिरपेक्ष शिक्षा है। अंग्रेजी, चीनी और तिब्बती भाषाओं और आधुनिक कंप्यूटर के अध्ययन सिखाया गया है के साथ पारंपरिक गैर-सांप्रदायिक बौद्ध पाठ्यक्रम. तेरमा (निधि) "Terma" एक तिब्बती शब्द है जिसका अर्थ है "खजाने" और संदर्भित करने के लिए, बौद्ध धर्म ग्रंथों में, अनुष्ठान के रूप में वस्तुओं की प्रतिमाओं, या चेस्ट गया हो सकता है कि छुपा द्वारा पद्मसंभव या अन्य बौद्ध स्वामी है। दिखा रहा है terma एक बहुत ही महत्वपूर्ण परंपरा के ञिङमा स्कूल के तिब्बती बौद्ध धर्म है। आधुनिक तिब्बत, खेनपो जिग्मे Phuntsok था एक बौद्धिक और धार्मिक विद्वान के रूप में अच्छी तरह के रूप में एक प्रसिद्ध Tertön (खजाना revealer)। वहाँ रहे हैं कई मिथकीय और करिश्माई कहानियों की अपनी क्षमता को उजागर करने के लिए Terma. 1990 में, वह की खोज की एक पवित्र स्थल गया था कि एक महल के महान राजा Gesar. है कि नेतृत्व करने के लिए एक पुरातात्विक खुदाई ऊपर कर दिया है कि प्राचीन इमारत पत्थर और कई खजाना चेस्ट. अपने निष्कर्षों की नई पवित्र स्थलों और गुफाओं संबंधित है कि करने के लिए पिछले बुद्ध और वहाँ रहे हैं कई तिब्बत में है। उन्होंने यह भी पाया पवित्र स्थानों के अन्य भागों में दुनिया. अपनी यात्रा के दौरान माउंट Wutai चीन और भारत में, द्वारा चमत्कारी संकेत उन्होंने बताया यादों के पिछले जीवन की खोज की और ध्यान पीछे हटना साइटों है कि पहले से अनजान थे। खेनपो जिग्मे Phuntsok की क्षमता को उजागर करने के लिए Terma एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है में प्रेरणादायक भक्ति के पुनरुद्धार में तिब्बती बौद्ध धर्म में समकालीन तिब्बत है। वह विशेष रूप से पश्चिम में जाना जाता के लिए "की एक शाखा Kilaya तंत्र Gurkhukma कहा जाता है: एकमात्र Kilaya के पवित्र बंधन के दिल।" एंटी-वध आंदोलन खेनपो जिग्मे Phuntsok पहली बार शुरू की एंटी-वध आंदोलन 1990 के दशक में, बाद में वृद्धि देख वध की दर से पशुधन तिब्बती परिवारों और रास्ते में है कि पशुधन का सामना करना पड़ा परिवहन में करने के लिए घरेलू चीनी बाजार. के रूप में एक धार्मिक शिक्षक के साथ, वह अनुरोध पारंपरिक चरवाहों को कम करने के लिए उनकी बिक्री के पशुधन के लिए वाणिज्यिक बाजार के लिए या पूरी तरह से बंद है। अपने छात्रों और कई अन्य लामाओं बनाया इसी तरह की अपील करने के लिए चरवाहों से बचना करने के लिए बिक्री के पशुधन के लिए वाणिज्यिक के लिए वध. बड़ी संख्या के चरवाहों के द्वारा प्रतिक्रिया व्यक्त की एक शपथ लेने के लिए रोकने के लिए एक तीन साल की अवधि (या हमेशा के लिए)। आज, अभ्यास के चरवाहों vowing से बचना करने के लिए व्यावसायिक गतिविधि के साथ उनके याक झुंड में बनाया गया है कि एक आंदोलन में शुरू हुआ Sertha और प्रसार के लिए बड़े भौगोलिक क्षेत्रों के पूर्वी तिब्बती पठार और जातीय तिब्बती देहाती क्षेत्रों के सिचुआन, Qinghai, गांसु, और तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर)। सरकार के साथ संबंधों के दौरान 1959 के तिब्बती विद्रोह वह महत्वपूर्ण निर्णय में रहने के लिए बल्कि तिब्बत से पलायन करने के लिए भारतहै। 1960 और 1980 के बीच वह करने के लिए लौट आए एक खानाबदोश जीवन शैली से बचने के क्रम में सांस्कृतिक क्रांतिहै। 1980 में जिग्मे Phuntsok की स्थापना की Serthar बौद्ध संस्थान (भी बुलाया Larung गर बौद्ध संस्थान, के शहर के पास Sêrtar (चीनी Seda)। संस्थान की लोकप्रियता में वृद्धि हुई है जब तक वहाँ थे 8500 छात्रों साइट पर सहित, के बारे में 1000 जातीय चीनी के रूप में अच्छी तरह के रूप में छात्रों से ताइवान, हांगकांग, सिंगापुर और मलेशिया. 1987 में जिग्मे Phuntsok मिले और दोस्ती नौवें पंचेन लामाहै। 1989 में उन्होंने यह भी मुलाकात की और 14 वें दलाई लामा, जिसे उसने मना कर दिया निंदा करने के लिए, ज्यादा करने के लिए की चिढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी है। इस के बाद चीनी सरकार ने इनकार कर दिया उसे यात्रा करने की अनुमति के लिए किसी भी कारण है। खेनपो व्यापक भर में यात्रा तिब्बत और चीन, शिक्षण और खुलासा terma. 1990 में, के निमंत्रण पर Kyabjé Penor रिनपोछे, वह भारत का दौरा किया, जहां उन्होंने में पढ़ाया जाता है विभिन्न मठों सहित ञिङमा संस्थान मैसूर में है। पर धर्मशाला, दलाई लामा फिर से शुरू कनेक्शन वह और खेनपो था में उनके पिछले जीवन से प्राप्त शिक्षाओं से खेनपो दो सप्ताह के लिए। की गर्मियों में 1993, वह का दौरा किया विभिन्न धर्म केन्द्रों में Inida, भूटान, हांगकांग, सिंगापुर, मलेशिया, ताइवान, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और फ्रांस सहित Lerab लिंग, जहां वह उसे छोड़ दिया empowerments और शिक्षाओं सहित empowerments के Tertön Sogyal के termas, Tendrel Nyesel और Vajrakilaya, के रूप में अच्छी तरह के रूप में अपने स्वयं के terma के खजाने मंजुश्री और Vajrakilaya, Dzogchen और शिक्षाओं. 1999 के आसपास के सिचुआन संयुक्त काम के सामने उसे दबाया के मुद्दे पर उनके समर्थन के लिए दलाई लामा, और मांग की है कि वह कम संख्या में छात्रों के संस्थान के लिए या तो (150 या करने के लिए 1400 के आधार पर, रिपोर्ट)। जिग्मे Phuntsok से इनकार कर दिया है। गर्मियों में 2001 के कई हजार सदस्यों की पीपुल्स सशस्त्र पुलिस और सार्वजनिक सुरक्षा ब्यूरो पर उतरा साइट को गिराने, अपनी संरचनाओं और छितरी हुई है, अपने छात्रों है। खेनपो जिग्मे Phuntsok की मृत्यु हो गई, दिल की विफलता, 2004 में 70 वर्ष की उम्र में तिब्बतहै। इन्हें भी देखें लारुङ बौद्ध विद्यापीठ सन्दर्भ आगे पढ़ने Matteo Pistono. की छाया में बुद्ध: गुप्त यात्रा, पवित्र इतिहास, और आध्यात्मिक खोज में तिब्बत, Dutton, 2011. ISBN 978-0525951193 बाहरी कड़ियाँ खेनपो जिग्मे Phuntsok दूर से गुजरता है, 8 जनवरी 2004 का अनुवाद से ग्रंथों और के बारे में जिग्मे Phuntsok 1933 में जन्मे लोग २००४ में निधन
एशिया के तेल बाजार में भारी उथल पुथल मची हुई है। इसमें गेम चेंजर के तौर पर देखे जा रहे हैं दो देश- भारत और चीन। भारत और चीन के रिफाइनरों ने जापान जैसे बड़े खिलाड़ियों के करीब-करीब एकाधिकार वाले इस बाजार में सेंध लगा दी है और अमेरिका जैसे सबसे बड़े ऑयल कंज्यूमर को भी चुनौती दे कर रख दी है। तेल कंपनियां ने भारत और चीन के बाजार को ध्यान में रखते हुए न सिर्फ ट्रेडिंग के नियम बदले हैं बल्कि पेमेंट और कारोबारी डील संबंधी पुरातन तरीकों में भी आमूलचूल बदलाव करने की ओर अग्रसर दिखाई दे रही हैं।टिप्पणियां चीन और भारत की दुनिया के तेल बाजार में कुल हिस्सेदादरी 1990 से लेकर अब तक 16 फीसदी तक बढ़ चुकी है। यह तीन गुना बढ़ी है। अमेरिका का इस बाजार में हिस्सा करीब 20 फीसदी था और ऐसे में चीन और भारत की हिस्सेदारी का इस आंकड़े (16 फीसदी) तक पहुंचना एक प्रकार से बतौर कंज्यूमर बाजार के एकाधिकार में सेंध लगाना है। ऐसे में तेल कंपनियां भी चीन और भारत की डिमांड के मांग और जरूरतों के मुताबिक, कारोबार के नियमों में फेरबदल कर रही हैं। इन क्षेत्रों में पहले कई देश लॉन्ग टर्म डील किया करते थे लेकिन अब तेल कंपनियां इन दोनों देशों की मांग के मुताबिक कैश कार्गोज़ भी ले रही हैं और लॉन्ग टर्म डील कम कर रही हैं। पहले एशिया के बड़े तेल खरीददार जापान से थे। ये तेल कंपनियां ग्लोबल डिमांड के 10 फीसदी हिस्सा हुआ करती थीं। ये लॉन्ग टर्म कॉन्ट्रैक्ट किया करते थे। लेकिन अब चीन और भारत ने चूंकि एशियाई बाजार में महती भूमिका निभानी शुरू कर दी है, तब ये कंपनियां स्पॉट बेसिस ट्रेडिंग पर ज्यादा जोर दे रही हैं। इन कंपनियां की प्राथमिकता है कीमत और सुनिश्चित शिपमेंट शेड्यूल को लेकर डिलिवरी संबंधी लचीलापन। तेल कंपनियां ने भारत और चीन के बाजार को ध्यान में रखते हुए न सिर्फ ट्रेडिंग के नियम बदले हैं बल्कि पेमेंट और कारोबारी डील संबंधी पुरातन तरीकों में भी आमूलचूल बदलाव करने की ओर अग्रसर दिखाई दे रही हैं।टिप्पणियां चीन और भारत की दुनिया के तेल बाजार में कुल हिस्सेदादरी 1990 से लेकर अब तक 16 फीसदी तक बढ़ चुकी है। यह तीन गुना बढ़ी है। अमेरिका का इस बाजार में हिस्सा करीब 20 फीसदी था और ऐसे में चीन और भारत की हिस्सेदारी का इस आंकड़े (16 फीसदी) तक पहुंचना एक प्रकार से बतौर कंज्यूमर बाजार के एकाधिकार में सेंध लगाना है। ऐसे में तेल कंपनियां भी चीन और भारत की डिमांड के मांग और जरूरतों के मुताबिक, कारोबार के नियमों में फेरबदल कर रही हैं। इन क्षेत्रों में पहले कई देश लॉन्ग टर्म डील किया करते थे लेकिन अब तेल कंपनियां इन दोनों देशों की मांग के मुताबिक कैश कार्गोज़ भी ले रही हैं और लॉन्ग टर्म डील कम कर रही हैं। पहले एशिया के बड़े तेल खरीददार जापान से थे। ये तेल कंपनियां ग्लोबल डिमांड के 10 फीसदी हिस्सा हुआ करती थीं। ये लॉन्ग टर्म कॉन्ट्रैक्ट किया करते थे। लेकिन अब चीन और भारत ने चूंकि एशियाई बाजार में महती भूमिका निभानी शुरू कर दी है, तब ये कंपनियां स्पॉट बेसिस ट्रेडिंग पर ज्यादा जोर दे रही हैं। इन कंपनियां की प्राथमिकता है कीमत और सुनिश्चित शिपमेंट शेड्यूल को लेकर डिलिवरी संबंधी लचीलापन। चीन और भारत की दुनिया के तेल बाजार में कुल हिस्सेदादरी 1990 से लेकर अब तक 16 फीसदी तक बढ़ चुकी है। यह तीन गुना बढ़ी है। अमेरिका का इस बाजार में हिस्सा करीब 20 फीसदी था और ऐसे में चीन और भारत की हिस्सेदारी का इस आंकड़े (16 फीसदी) तक पहुंचना एक प्रकार से बतौर कंज्यूमर बाजार के एकाधिकार में सेंध लगाना है। ऐसे में तेल कंपनियां भी चीन और भारत की डिमांड के मांग और जरूरतों के मुताबिक, कारोबार के नियमों में फेरबदल कर रही हैं। इन क्षेत्रों में पहले कई देश लॉन्ग टर्म डील किया करते थे लेकिन अब तेल कंपनियां इन दोनों देशों की मांग के मुताबिक कैश कार्गोज़ भी ले रही हैं और लॉन्ग टर्म डील कम कर रही हैं। पहले एशिया के बड़े तेल खरीददार जापान से थे। ये तेल कंपनियां ग्लोबल डिमांड के 10 फीसदी हिस्सा हुआ करती थीं। ये लॉन्ग टर्म कॉन्ट्रैक्ट किया करते थे। लेकिन अब चीन और भारत ने चूंकि एशियाई बाजार में महती भूमिका निभानी शुरू कर दी है, तब ये कंपनियां स्पॉट बेसिस ट्रेडिंग पर ज्यादा जोर दे रही हैं। इन कंपनियां की प्राथमिकता है कीमत और सुनिश्चित शिपमेंट शेड्यूल को लेकर डिलिवरी संबंधी लचीलापन। पहले एशिया के बड़े तेल खरीददार जापान से थे। ये तेल कंपनियां ग्लोबल डिमांड के 10 फीसदी हिस्सा हुआ करती थीं। ये लॉन्ग टर्म कॉन्ट्रैक्ट किया करते थे। लेकिन अब चीन और भारत ने चूंकि एशियाई बाजार में महती भूमिका निभानी शुरू कर दी है, तब ये कंपनियां स्पॉट बेसिस ट्रेडिंग पर ज्यादा जोर दे रही हैं। इन कंपनियां की प्राथमिकता है कीमत और सुनिश्चित शिपमेंट शेड्यूल को लेकर डिलिवरी संबंधी लचीलापन।
क्लाइंट किसी कम्प्यूटर या कम्प्यूटर प्रोग्राम को कहते हैं, जो किसी और कम्प्यूटर (सर्वर) द्वारा प्रदत्त सेवाओ का उपभोग करता है। क्लाइंट सामान्यतः किसी साझा (सार्वजनिक) नेटवर्क के सन्साधनों का उपभोग करता है और उसे सर्वर द्वारा स्वयं को प्रामाणिकृत (Authenticate) कराना पड़ता है। एक सर्वर कई अलग अलग क्लायन्टों को सेवा दे सकता है और एक क्लायन्ट कई अलग अलग सर्वरों की सेवा ले सकता है। क्लायन्ट और सर्वर निजि (Private) नेटवर्को में भी हो सकते हैं। प्रकार क्लाइंट की प्रकृति एवमं कार्य के आधार पर इन्हें तीन भागो में विभक्त किया जा सकता है-- 1. फैट क्लाइंट (fat client)- इसके माध्यम से विभिन्न प्रकार के आँकड़ो को सरलता से प्राप्त किया जा सकता है। इसकी निर्भरता सर्वर पर आंशिक रूप से होती है। इसका प्रमुख उदहारण पर्सनल कंप्यूटर होता है, जिसमे विभिन्न प्रकार के आँकड़े भरे होते हैं। 2.थिन क्लाइंट (thin client)- इसके द्वारा उस कंप्यूटर के श्रोतों का उपयोग किया जाता है जोकि पोषक या मुख्य श्रोत के रूप में कार्य करता है। जैसे विभिन्न प्रकार के आँकड़े ऑफिस वेब apps के माध्यम से प्राप्त किए जा सकते हैं। 3.हाइब्रिड क्लाइंट (hybrid client)- यह फैट और थिन क्लाइंट का संयुक्त रूप माना जाता है। फैट क्लाइंट के रूप में यह स्थानीय रूप से आँकड़ो के संग्रहण का कार्य करता है परंतु इस प्रक्रिया में इसको सर्वर के ऊपर निर्भरता प्रदर्शित करनी पड़ती है। दूसरे शब्दों में फैट क्लाइंट की तरह यह मल्टीमीडिया का समर्थन करता है तथा थीं क्लाइंट की तरह प्रबंधकीय क्षमता एवम् लोचशीलता का प्रदर्शन करता है। सन्दर्भ संगणक अभियान्त्रिकी
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: भारतीय स्टार खिलाड़ी चौथी वरीय साइना नेहवाल ने बुधवार को लंदन में प्री क्वार्टर फाइनल में हालैंड की याओ जेई को सीधे गेम में हराकर लंदन ओलिंपिक खेलों की महिला एकल बैडमिंटन स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाते हुए ओलिंपिक पदक की ओर मजबूत कदम बढ़ाए। दुनिया की पांचवें नंबर की भारतीय खिलाड़ी ने प्री क्वार्टर फाइनल में हालैंड की 14वीं वरीय खिलाड़ी को 38 मिनट में 21-14, 21-16 से हराकर लगातार दूसरी बार ओलिंपिक खेलों की महिला एकल स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। साइना ने याओ जेई के खिलाफ शानदार खेल दिखाया और उनके स्मैश तथा ड्राप शाप दमदार थे। भारतीय खिलाड़ी ने हालांकि कुछ गलतियां की भी जिससे उन्होंने कुछ आसान अंक भी गंवाए और अगर उन्हें अपने पदक के अभियान को आगे बढ़ाना है तो गलतियों से बचना होगा। चौथी वरीय साइना को सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए डेनमार्क की पांचवीं वरीय टाइन बाउन और जापान की 12वीं वरीय सयाका सातो के बीच होने वाले एक अन्य प्री क्वार्टर फाइनल की विजेता से भिड़ना होगा। साइना ने तेज शुरूआत की और विरोधी खिलाड़ी को परखने के बाद पहले गेम में उसे कोई मौका नहीं दिया। साइना ने 4-4 के स्कोर पर लगातार चार अंक जीतकर 8-4 की बढ़त बनाई और फिर इसे 14-5 तक पहुंचाया। भारतीय खिलाड़ी ने कुछ शानदार ड्राप शाट लगाए जबकि उसके क्रास कोर्ट शाट भी जानदार थे। साइना को याओ जेई के दिशाहीन खेल का भी फायदा मिला जिन्होंने कई शाट बाहर मारे जबकि उनके स्मैश में भी खास दम नहीं था। भारतीय खिलाड़ी ने 20-10 के स्कोर पर गेम प्वाइंट हासिल किया। साइना ने इसके बाद कुछ गलतियां की जिससे हालैंड की खिलाड़ी ने चार गेम प्वाइंट बचाए। साइना ने हालांकि 18 मिनट में पहला गेम अपने नाम कर लिया जब भारतीय खिलाड़ी का शाट नेट से टकराकर हालैंड की खिलाड़ी की तरफ गिर गया। भारतीय खिलाड़ी ने दूसरे गेम में भी दमदार शुरूआत की और विरोधी खिलाड़ी को पूरे कोर्ट में घूमकर शाट खेलने के लिए मजबूर करते हुए 5-1 की बढ़त बना ली। हालैंड की खिलाड़ी ने इस बीच जोरदार वापसी की और साइना के कुछ कमजोर शाट का पूरा फायदा उठाते हुए 6-5 की बढ़त बना ली।टिप्पणियां हालैंड की खिलाड़ी पर इस बीच थकान हावी होने लगी थी और साइना ने जल्द ही इस बात को भांप लिया। भारतीय खिलाड़ी ने इसके बाद अपने खेल में अधिक रैलियों को शामिल किया और मौका मिलने पर कुछ करारे शाट लगाकर आसानी से अंक जुटाए। दुनिया की पांचवें नंबर की भारतीय खिलाड़ी ने जल्द ही दोबारा बढ़त हासिल करते हुए स्कोर 11-7 तक पहुंचाया। साइना ने इसके बाद आसानी से स्कोर 20-15 तक पहुंचाकर मैच प्वाइंट हासिल किया और फिर 20-16 के स्कोर पर याओ जेई के शाट बाहर मारने के साथ गेम और मैच अपने नाम कर लिया। इससे पहले पारूपल्ली कश्यप ने पुरुष एकल क्वार्टर फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया। वह यह कारनामा करने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी हैं। कश्यप ने प्री क्वार्टर फाइनल में श्रीलंकाई के निलुका करूणारत्ने के खिलाफ 21-14, 15-21, 21-9 से संघर्षपूर्ण जीत हासिल की। उनकी आगे की राह हालांकि आसान नहीं होगी क्योंकि उन्हें क्वार्टर फाइनल में शीर्ष वरीय और दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी मलेशिया के ली चोंग वेई का सामना करना है। दुनिया की पांचवें नंबर की भारतीय खिलाड़ी ने प्री क्वार्टर फाइनल में हालैंड की 14वीं वरीय खिलाड़ी को 38 मिनट में 21-14, 21-16 से हराकर लगातार दूसरी बार ओलिंपिक खेलों की महिला एकल स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। साइना ने याओ जेई के खिलाफ शानदार खेल दिखाया और उनके स्मैश तथा ड्राप शाप दमदार थे। भारतीय खिलाड़ी ने हालांकि कुछ गलतियां की भी जिससे उन्होंने कुछ आसान अंक भी गंवाए और अगर उन्हें अपने पदक के अभियान को आगे बढ़ाना है तो गलतियों से बचना होगा। चौथी वरीय साइना को सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए डेनमार्क की पांचवीं वरीय टाइन बाउन और जापान की 12वीं वरीय सयाका सातो के बीच होने वाले एक अन्य प्री क्वार्टर फाइनल की विजेता से भिड़ना होगा। साइना ने तेज शुरूआत की और विरोधी खिलाड़ी को परखने के बाद पहले गेम में उसे कोई मौका नहीं दिया। साइना ने 4-4 के स्कोर पर लगातार चार अंक जीतकर 8-4 की बढ़त बनाई और फिर इसे 14-5 तक पहुंचाया। भारतीय खिलाड़ी ने कुछ शानदार ड्राप शाट लगाए जबकि उसके क्रास कोर्ट शाट भी जानदार थे। साइना को याओ जेई के दिशाहीन खेल का भी फायदा मिला जिन्होंने कई शाट बाहर मारे जबकि उनके स्मैश में भी खास दम नहीं था। भारतीय खिलाड़ी ने 20-10 के स्कोर पर गेम प्वाइंट हासिल किया। साइना ने इसके बाद कुछ गलतियां की जिससे हालैंड की खिलाड़ी ने चार गेम प्वाइंट बचाए। साइना ने हालांकि 18 मिनट में पहला गेम अपने नाम कर लिया जब भारतीय खिलाड़ी का शाट नेट से टकराकर हालैंड की खिलाड़ी की तरफ गिर गया। भारतीय खिलाड़ी ने दूसरे गेम में भी दमदार शुरूआत की और विरोधी खिलाड़ी को पूरे कोर्ट में घूमकर शाट खेलने के लिए मजबूर करते हुए 5-1 की बढ़त बना ली। हालैंड की खिलाड़ी ने इस बीच जोरदार वापसी की और साइना के कुछ कमजोर शाट का पूरा फायदा उठाते हुए 6-5 की बढ़त बना ली।टिप्पणियां हालैंड की खिलाड़ी पर इस बीच थकान हावी होने लगी थी और साइना ने जल्द ही इस बात को भांप लिया। भारतीय खिलाड़ी ने इसके बाद अपने खेल में अधिक रैलियों को शामिल किया और मौका मिलने पर कुछ करारे शाट लगाकर आसानी से अंक जुटाए। दुनिया की पांचवें नंबर की भारतीय खिलाड़ी ने जल्द ही दोबारा बढ़त हासिल करते हुए स्कोर 11-7 तक पहुंचाया। साइना ने इसके बाद आसानी से स्कोर 20-15 तक पहुंचाकर मैच प्वाइंट हासिल किया और फिर 20-16 के स्कोर पर याओ जेई के शाट बाहर मारने के साथ गेम और मैच अपने नाम कर लिया। इससे पहले पारूपल्ली कश्यप ने पुरुष एकल क्वार्टर फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया। वह यह कारनामा करने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी हैं। कश्यप ने प्री क्वार्टर फाइनल में श्रीलंकाई के निलुका करूणारत्ने के खिलाफ 21-14, 15-21, 21-9 से संघर्षपूर्ण जीत हासिल की। उनकी आगे की राह हालांकि आसान नहीं होगी क्योंकि उन्हें क्वार्टर फाइनल में शीर्ष वरीय और दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी मलेशिया के ली चोंग वेई का सामना करना है। साइना ने याओ जेई के खिलाफ शानदार खेल दिखाया और उनके स्मैश तथा ड्राप शाप दमदार थे। भारतीय खिलाड़ी ने हालांकि कुछ गलतियां की भी जिससे उन्होंने कुछ आसान अंक भी गंवाए और अगर उन्हें अपने पदक के अभियान को आगे बढ़ाना है तो गलतियों से बचना होगा। चौथी वरीय साइना को सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए डेनमार्क की पांचवीं वरीय टाइन बाउन और जापान की 12वीं वरीय सयाका सातो के बीच होने वाले एक अन्य प्री क्वार्टर फाइनल की विजेता से भिड़ना होगा। साइना ने तेज शुरूआत की और विरोधी खिलाड़ी को परखने के बाद पहले गेम में उसे कोई मौका नहीं दिया। साइना ने 4-4 के स्कोर पर लगातार चार अंक जीतकर 8-4 की बढ़त बनाई और फिर इसे 14-5 तक पहुंचाया। भारतीय खिलाड़ी ने कुछ शानदार ड्राप शाट लगाए जबकि उसके क्रास कोर्ट शाट भी जानदार थे। साइना को याओ जेई के दिशाहीन खेल का भी फायदा मिला जिन्होंने कई शाट बाहर मारे जबकि उनके स्मैश में भी खास दम नहीं था। भारतीय खिलाड़ी ने 20-10 के स्कोर पर गेम प्वाइंट हासिल किया। साइना ने इसके बाद कुछ गलतियां की जिससे हालैंड की खिलाड़ी ने चार गेम प्वाइंट बचाए। साइना ने हालांकि 18 मिनट में पहला गेम अपने नाम कर लिया जब भारतीय खिलाड़ी का शाट नेट से टकराकर हालैंड की खिलाड़ी की तरफ गिर गया। भारतीय खिलाड़ी ने दूसरे गेम में भी दमदार शुरूआत की और विरोधी खिलाड़ी को पूरे कोर्ट में घूमकर शाट खेलने के लिए मजबूर करते हुए 5-1 की बढ़त बना ली। हालैंड की खिलाड़ी ने इस बीच जोरदार वापसी की और साइना के कुछ कमजोर शाट का पूरा फायदा उठाते हुए 6-5 की बढ़त बना ली।टिप्पणियां हालैंड की खिलाड़ी पर इस बीच थकान हावी होने लगी थी और साइना ने जल्द ही इस बात को भांप लिया। भारतीय खिलाड़ी ने इसके बाद अपने खेल में अधिक रैलियों को शामिल किया और मौका मिलने पर कुछ करारे शाट लगाकर आसानी से अंक जुटाए। दुनिया की पांचवें नंबर की भारतीय खिलाड़ी ने जल्द ही दोबारा बढ़त हासिल करते हुए स्कोर 11-7 तक पहुंचाया। साइना ने इसके बाद आसानी से स्कोर 20-15 तक पहुंचाकर मैच प्वाइंट हासिल किया और फिर 20-16 के स्कोर पर याओ जेई के शाट बाहर मारने के साथ गेम और मैच अपने नाम कर लिया। इससे पहले पारूपल्ली कश्यप ने पुरुष एकल क्वार्टर फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया। वह यह कारनामा करने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी हैं। कश्यप ने प्री क्वार्टर फाइनल में श्रीलंकाई के निलुका करूणारत्ने के खिलाफ 21-14, 15-21, 21-9 से संघर्षपूर्ण जीत हासिल की। उनकी आगे की राह हालांकि आसान नहीं होगी क्योंकि उन्हें क्वार्टर फाइनल में शीर्ष वरीय और दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी मलेशिया के ली चोंग वेई का सामना करना है। चौथी वरीय साइना को सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए डेनमार्क की पांचवीं वरीय टाइन बाउन और जापान की 12वीं वरीय सयाका सातो के बीच होने वाले एक अन्य प्री क्वार्टर फाइनल की विजेता से भिड़ना होगा। साइना ने तेज शुरूआत की और विरोधी खिलाड़ी को परखने के बाद पहले गेम में उसे कोई मौका नहीं दिया। साइना ने 4-4 के स्कोर पर लगातार चार अंक जीतकर 8-4 की बढ़त बनाई और फिर इसे 14-5 तक पहुंचाया। भारतीय खिलाड़ी ने कुछ शानदार ड्राप शाट लगाए जबकि उसके क्रास कोर्ट शाट भी जानदार थे। साइना को याओ जेई के दिशाहीन खेल का भी फायदा मिला जिन्होंने कई शाट बाहर मारे जबकि उनके स्मैश में भी खास दम नहीं था। भारतीय खिलाड़ी ने 20-10 के स्कोर पर गेम प्वाइंट हासिल किया। साइना ने इसके बाद कुछ गलतियां की जिससे हालैंड की खिलाड़ी ने चार गेम प्वाइंट बचाए। साइना ने हालांकि 18 मिनट में पहला गेम अपने नाम कर लिया जब भारतीय खिलाड़ी का शाट नेट से टकराकर हालैंड की खिलाड़ी की तरफ गिर गया। भारतीय खिलाड़ी ने दूसरे गेम में भी दमदार शुरूआत की और विरोधी खिलाड़ी को पूरे कोर्ट में घूमकर शाट खेलने के लिए मजबूर करते हुए 5-1 की बढ़त बना ली। हालैंड की खिलाड़ी ने इस बीच जोरदार वापसी की और साइना के कुछ कमजोर शाट का पूरा फायदा उठाते हुए 6-5 की बढ़त बना ली।टिप्पणियां हालैंड की खिलाड़ी पर इस बीच थकान हावी होने लगी थी और साइना ने जल्द ही इस बात को भांप लिया। भारतीय खिलाड़ी ने इसके बाद अपने खेल में अधिक रैलियों को शामिल किया और मौका मिलने पर कुछ करारे शाट लगाकर आसानी से अंक जुटाए। दुनिया की पांचवें नंबर की भारतीय खिलाड़ी ने जल्द ही दोबारा बढ़त हासिल करते हुए स्कोर 11-7 तक पहुंचाया। साइना ने इसके बाद आसानी से स्कोर 20-15 तक पहुंचाकर मैच प्वाइंट हासिल किया और फिर 20-16 के स्कोर पर याओ जेई के शाट बाहर मारने के साथ गेम और मैच अपने नाम कर लिया। इससे पहले पारूपल्ली कश्यप ने पुरुष एकल क्वार्टर फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया। वह यह कारनामा करने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी हैं। कश्यप ने प्री क्वार्टर फाइनल में श्रीलंकाई के निलुका करूणारत्ने के खिलाफ 21-14, 15-21, 21-9 से संघर्षपूर्ण जीत हासिल की। उनकी आगे की राह हालांकि आसान नहीं होगी क्योंकि उन्हें क्वार्टर फाइनल में शीर्ष वरीय और दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी मलेशिया के ली चोंग वेई का सामना करना है। साइना ने तेज शुरूआत की और विरोधी खिलाड़ी को परखने के बाद पहले गेम में उसे कोई मौका नहीं दिया। साइना ने 4-4 के स्कोर पर लगातार चार अंक जीतकर 8-4 की बढ़त बनाई और फिर इसे 14-5 तक पहुंचाया। भारतीय खिलाड़ी ने कुछ शानदार ड्राप शाट लगाए जबकि उसके क्रास कोर्ट शाट भी जानदार थे। साइना को याओ जेई के दिशाहीन खेल का भी फायदा मिला जिन्होंने कई शाट बाहर मारे जबकि उनके स्मैश में भी खास दम नहीं था। भारतीय खिलाड़ी ने 20-10 के स्कोर पर गेम प्वाइंट हासिल किया। साइना ने इसके बाद कुछ गलतियां की जिससे हालैंड की खिलाड़ी ने चार गेम प्वाइंट बचाए। साइना ने हालांकि 18 मिनट में पहला गेम अपने नाम कर लिया जब भारतीय खिलाड़ी का शाट नेट से टकराकर हालैंड की खिलाड़ी की तरफ गिर गया। भारतीय खिलाड़ी ने दूसरे गेम में भी दमदार शुरूआत की और विरोधी खिलाड़ी को पूरे कोर्ट में घूमकर शाट खेलने के लिए मजबूर करते हुए 5-1 की बढ़त बना ली। हालैंड की खिलाड़ी ने इस बीच जोरदार वापसी की और साइना के कुछ कमजोर शाट का पूरा फायदा उठाते हुए 6-5 की बढ़त बना ली।टिप्पणियां हालैंड की खिलाड़ी पर इस बीच थकान हावी होने लगी थी और साइना ने जल्द ही इस बात को भांप लिया। भारतीय खिलाड़ी ने इसके बाद अपने खेल में अधिक रैलियों को शामिल किया और मौका मिलने पर कुछ करारे शाट लगाकर आसानी से अंक जुटाए। दुनिया की पांचवें नंबर की भारतीय खिलाड़ी ने जल्द ही दोबारा बढ़त हासिल करते हुए स्कोर 11-7 तक पहुंचाया। साइना ने इसके बाद आसानी से स्कोर 20-15 तक पहुंचाकर मैच प्वाइंट हासिल किया और फिर 20-16 के स्कोर पर याओ जेई के शाट बाहर मारने के साथ गेम और मैच अपने नाम कर लिया। इससे पहले पारूपल्ली कश्यप ने पुरुष एकल क्वार्टर फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया। वह यह कारनामा करने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी हैं। कश्यप ने प्री क्वार्टर फाइनल में श्रीलंकाई के निलुका करूणारत्ने के खिलाफ 21-14, 15-21, 21-9 से संघर्षपूर्ण जीत हासिल की। उनकी आगे की राह हालांकि आसान नहीं होगी क्योंकि उन्हें क्वार्टर फाइनल में शीर्ष वरीय और दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी मलेशिया के ली चोंग वेई का सामना करना है। साइना को याओ जेई के दिशाहीन खेल का भी फायदा मिला जिन्होंने कई शाट बाहर मारे जबकि उनके स्मैश में भी खास दम नहीं था। भारतीय खिलाड़ी ने 20-10 के स्कोर पर गेम प्वाइंट हासिल किया। साइना ने इसके बाद कुछ गलतियां की जिससे हालैंड की खिलाड़ी ने चार गेम प्वाइंट बचाए। साइना ने हालांकि 18 मिनट में पहला गेम अपने नाम कर लिया जब भारतीय खिलाड़ी का शाट नेट से टकराकर हालैंड की खिलाड़ी की तरफ गिर गया। भारतीय खिलाड़ी ने दूसरे गेम में भी दमदार शुरूआत की और विरोधी खिलाड़ी को पूरे कोर्ट में घूमकर शाट खेलने के लिए मजबूर करते हुए 5-1 की बढ़त बना ली। हालैंड की खिलाड़ी ने इस बीच जोरदार वापसी की और साइना के कुछ कमजोर शाट का पूरा फायदा उठाते हुए 6-5 की बढ़त बना ली।टिप्पणियां हालैंड की खिलाड़ी पर इस बीच थकान हावी होने लगी थी और साइना ने जल्द ही इस बात को भांप लिया। भारतीय खिलाड़ी ने इसके बाद अपने खेल में अधिक रैलियों को शामिल किया और मौका मिलने पर कुछ करारे शाट लगाकर आसानी से अंक जुटाए। दुनिया की पांचवें नंबर की भारतीय खिलाड़ी ने जल्द ही दोबारा बढ़त हासिल करते हुए स्कोर 11-7 तक पहुंचाया। साइना ने इसके बाद आसानी से स्कोर 20-15 तक पहुंचाकर मैच प्वाइंट हासिल किया और फिर 20-16 के स्कोर पर याओ जेई के शाट बाहर मारने के साथ गेम और मैच अपने नाम कर लिया। इससे पहले पारूपल्ली कश्यप ने पुरुष एकल क्वार्टर फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया। वह यह कारनामा करने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी हैं। कश्यप ने प्री क्वार्टर फाइनल में श्रीलंकाई के निलुका करूणारत्ने के खिलाफ 21-14, 15-21, 21-9 से संघर्षपूर्ण जीत हासिल की। उनकी आगे की राह हालांकि आसान नहीं होगी क्योंकि उन्हें क्वार्टर फाइनल में शीर्ष वरीय और दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी मलेशिया के ली चोंग वेई का सामना करना है। हालैंड की खिलाड़ी पर इस बीच थकान हावी होने लगी थी और साइना ने जल्द ही इस बात को भांप लिया। भारतीय खिलाड़ी ने इसके बाद अपने खेल में अधिक रैलियों को शामिल किया और मौका मिलने पर कुछ करारे शाट लगाकर आसानी से अंक जुटाए। दुनिया की पांचवें नंबर की भारतीय खिलाड़ी ने जल्द ही दोबारा बढ़त हासिल करते हुए स्कोर 11-7 तक पहुंचाया। साइना ने इसके बाद आसानी से स्कोर 20-15 तक पहुंचाकर मैच प्वाइंट हासिल किया और फिर 20-16 के स्कोर पर याओ जेई के शाट बाहर मारने के साथ गेम और मैच अपने नाम कर लिया। इससे पहले पारूपल्ली कश्यप ने पुरुष एकल क्वार्टर फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया। वह यह कारनामा करने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी हैं। कश्यप ने प्री क्वार्टर फाइनल में श्रीलंकाई के निलुका करूणारत्ने के खिलाफ 21-14, 15-21, 21-9 से संघर्षपूर्ण जीत हासिल की। उनकी आगे की राह हालांकि आसान नहीं होगी क्योंकि उन्हें क्वार्टर फाइनल में शीर्ष वरीय और दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी मलेशिया के ली चोंग वेई का सामना करना है। साइना ने इसके बाद आसानी से स्कोर 20-15 तक पहुंचाकर मैच प्वाइंट हासिल किया और फिर 20-16 के स्कोर पर याओ जेई के शाट बाहर मारने के साथ गेम और मैच अपने नाम कर लिया। इससे पहले पारूपल्ली कश्यप ने पुरुष एकल क्वार्टर फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया। वह यह कारनामा करने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी हैं। कश्यप ने प्री क्वार्टर फाइनल में श्रीलंकाई के निलुका करूणारत्ने के खिलाफ 21-14, 15-21, 21-9 से संघर्षपूर्ण जीत हासिल की। उनकी आगे की राह हालांकि आसान नहीं होगी क्योंकि उन्हें क्वार्टर फाइनल में शीर्ष वरीय और दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी मलेशिया के ली चोंग वेई का सामना करना है।
बिहार में इस वर्ष रक्षाबंधन के मौके पर भाइयों की कलाइयों पर छोटा भीम, मिकी माउस, मिस्टर बीन के साथ-साथ ओलिंपिक का पांच छल्लों वाला लोगो भी सजने वाला है। भाई-बहन के रिश्ते के पवित्र त्योहार रक्षाबंधन पर बाजार में कार्टून किरदारों वाली राखियां बच्चों की पहली पसंद बनी हुई हैं।   पटना के मुख्य बाजारों से लेकर गली-मुहल्लों तक में राखियों की अस्थायी दुकानें खुल गई हैं, जिन्हें आकर्षक रूप से सजाया गया है। लेकिन इन तमाम राखियों का मुख्य स्रोत पटना का मच्छरहट्टा बाजार है। इस वर्ष राखियों के मूल्यों में 15 से 20 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। राखी के थोक कारोबारी रमेश कुमार कहते कि कुछ वर्ष पहले तक पटनिया राखी का खूब प्रचलन था लेकिन अब दिल्ली, मुम्बई, कोलकता और सूरत की राखियां बाजार में आ गई हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों की पसंद वाली टेडीवियर राखियां 25 से 150 रुपये दर्जन तक में यहां बिक रही हैं तो रेशम की डोरी वाली राखियां 60 से 300 रुपये तक में उपलब्ध हैं। वैसे इन पारम्परिक राखियों के अलावा अब बाजार में सोने-चांदी की राखियां भी बिक रही हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों के लिए बाजार में मिकी माउस, छोटा भीम, स्पाइडर मैन, मिस्टर बीन आदि राखियां हैं, जो कम उम्र के भाई-बहनों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। कम उम्र के भाई-बहनों के लिए छोटा भीम वाली राखी पहली पसंद बनी हुई है। वह कहते हैं कि इस वर्ष लंदन में जारी ओलिंपिक की पहचान पांच छल्लों वाले लोगो की राखी भी बहनों और भाइयों के लिए पसंदीदा बनी हुई है।   एक सर्राफा कारोबारी मनोज कुमार के मुताबिक बाजार में सोने और चांदी की राखियां भी उपलब्ध हैं। इन राखियों का लोग दोहरा इस्तेमाल करते हैं। इस तरह की राखियां रक्षाबंधन के दिन राखी का तो अन्य दिनों में ब्रेसलेट की तरह इस्तेमाल होंगी। उन्होंने बताया कि ऐसी राखियों की कीमत उनके वजन के अनुसार निर्धारित होती है। इधर, कुछ व्यापारियों का मानना है कि इस रक्षाबंधन पर महंगाई की मार पड़ी है। व्यापारी मानते हैं कि त्योहार के कई दिन पहले से राखियों की दुकानें सज जाती थीं लेकिन इस वर्ष रक्षाबंधन के तीन-चार दिन बचे हैं और बाजार में ग्राहक नहीं हैं।   पटना के एक अन्य दुकानदार कहते हैं कि अन्य शहरों की राखियां 15 दिन पूर्व ही पहुंच गई थीं लेकिन ग्राहकों की कमी देखी जा रही है। थोक बाजार के राखी विक्रेता शंकर शर्मा कहते हैं कि इस बाजार में मुख्य रूप से कोलकाता से बुटीक जरदोजी वर्क की राखियां, अहमदाबाद और राजकोट से डोरी की राखियां, दिल्ली से स्पंज और फैंसी राखियां मंगाई जाती हैं। अलग-अलग किस्म की राखियां 10 से 500 रुपये तक कीमत में उपलब्ध हैं।टिप्पणियां इधर, त्योहार को देखते हुए मिठाई की दुकानों की तैयारियां भी अंतिम चरण में है, वैसे मिठाई दुकानदारों में भी रक्षाबंधन को लेकर विशेष उत्साह नहीं है। पटना के चर्चित माता दी स्वीट्स के मालिक रामाशंकर बताते हैं कि मिठाई की किस्में तो अवश्य बढ़ा दी गई हैं, लेकिन पहले की तरह अधिक मात्रा में मिठाईयां तैयार नहीं कराई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि काजू बाइट, पिस्ता बाइट, मेवा बाइट, काजू स्ट्राबेरी को खासतौर पर रक्षाबंधन को देखते हुए तैयार किया जा रहा है। रक्षा बंधन के दिन भाई और बहन का एक-दूसरे को मिठाई खिलाने का चलन है। उल्लेखनीय है कि रक्षाबंधन सावन महीने के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा को मनाया जाता है। पटना के मुख्य बाजारों से लेकर गली-मुहल्लों तक में राखियों की अस्थायी दुकानें खुल गई हैं, जिन्हें आकर्षक रूप से सजाया गया है। लेकिन इन तमाम राखियों का मुख्य स्रोत पटना का मच्छरहट्टा बाजार है। इस वर्ष राखियों के मूल्यों में 15 से 20 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। राखी के थोक कारोबारी रमेश कुमार कहते कि कुछ वर्ष पहले तक पटनिया राखी का खूब प्रचलन था लेकिन अब दिल्ली, मुम्बई, कोलकता और सूरत की राखियां बाजार में आ गई हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों की पसंद वाली टेडीवियर राखियां 25 से 150 रुपये दर्जन तक में यहां बिक रही हैं तो रेशम की डोरी वाली राखियां 60 से 300 रुपये तक में उपलब्ध हैं। वैसे इन पारम्परिक राखियों के अलावा अब बाजार में सोने-चांदी की राखियां भी बिक रही हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों के लिए बाजार में मिकी माउस, छोटा भीम, स्पाइडर मैन, मिस्टर बीन आदि राखियां हैं, जो कम उम्र के भाई-बहनों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। कम उम्र के भाई-बहनों के लिए छोटा भीम वाली राखी पहली पसंद बनी हुई है। वह कहते हैं कि इस वर्ष लंदन में जारी ओलिंपिक की पहचान पांच छल्लों वाले लोगो की राखी भी बहनों और भाइयों के लिए पसंदीदा बनी हुई है।   एक सर्राफा कारोबारी मनोज कुमार के मुताबिक बाजार में सोने और चांदी की राखियां भी उपलब्ध हैं। इन राखियों का लोग दोहरा इस्तेमाल करते हैं। इस तरह की राखियां रक्षाबंधन के दिन राखी का तो अन्य दिनों में ब्रेसलेट की तरह इस्तेमाल होंगी। उन्होंने बताया कि ऐसी राखियों की कीमत उनके वजन के अनुसार निर्धारित होती है। इधर, कुछ व्यापारियों का मानना है कि इस रक्षाबंधन पर महंगाई की मार पड़ी है। व्यापारी मानते हैं कि त्योहार के कई दिन पहले से राखियों की दुकानें सज जाती थीं लेकिन इस वर्ष रक्षाबंधन के तीन-चार दिन बचे हैं और बाजार में ग्राहक नहीं हैं।   पटना के एक अन्य दुकानदार कहते हैं कि अन्य शहरों की राखियां 15 दिन पूर्व ही पहुंच गई थीं लेकिन ग्राहकों की कमी देखी जा रही है। थोक बाजार के राखी विक्रेता शंकर शर्मा कहते हैं कि इस बाजार में मुख्य रूप से कोलकाता से बुटीक जरदोजी वर्क की राखियां, अहमदाबाद और राजकोट से डोरी की राखियां, दिल्ली से स्पंज और फैंसी राखियां मंगाई जाती हैं। अलग-अलग किस्म की राखियां 10 से 500 रुपये तक कीमत में उपलब्ध हैं।टिप्पणियां इधर, त्योहार को देखते हुए मिठाई की दुकानों की तैयारियां भी अंतिम चरण में है, वैसे मिठाई दुकानदारों में भी रक्षाबंधन को लेकर विशेष उत्साह नहीं है। पटना के चर्चित माता दी स्वीट्स के मालिक रामाशंकर बताते हैं कि मिठाई की किस्में तो अवश्य बढ़ा दी गई हैं, लेकिन पहले की तरह अधिक मात्रा में मिठाईयां तैयार नहीं कराई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि काजू बाइट, पिस्ता बाइट, मेवा बाइट, काजू स्ट्राबेरी को खासतौर पर रक्षाबंधन को देखते हुए तैयार किया जा रहा है। रक्षा बंधन के दिन भाई और बहन का एक-दूसरे को मिठाई खिलाने का चलन है। उल्लेखनीय है कि रक्षाबंधन सावन महीने के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा को मनाया जाता है। राखी के थोक कारोबारी रमेश कुमार कहते कि कुछ वर्ष पहले तक पटनिया राखी का खूब प्रचलन था लेकिन अब दिल्ली, मुम्बई, कोलकता और सूरत की राखियां बाजार में आ गई हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों की पसंद वाली टेडीवियर राखियां 25 से 150 रुपये दर्जन तक में यहां बिक रही हैं तो रेशम की डोरी वाली राखियां 60 से 300 रुपये तक में उपलब्ध हैं। वैसे इन पारम्परिक राखियों के अलावा अब बाजार में सोने-चांदी की राखियां भी बिक रही हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों के लिए बाजार में मिकी माउस, छोटा भीम, स्पाइडर मैन, मिस्टर बीन आदि राखियां हैं, जो कम उम्र के भाई-बहनों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। कम उम्र के भाई-बहनों के लिए छोटा भीम वाली राखी पहली पसंद बनी हुई है। वह कहते हैं कि इस वर्ष लंदन में जारी ओलिंपिक की पहचान पांच छल्लों वाले लोगो की राखी भी बहनों और भाइयों के लिए पसंदीदा बनी हुई है।   एक सर्राफा कारोबारी मनोज कुमार के मुताबिक बाजार में सोने और चांदी की राखियां भी उपलब्ध हैं। इन राखियों का लोग दोहरा इस्तेमाल करते हैं। इस तरह की राखियां रक्षाबंधन के दिन राखी का तो अन्य दिनों में ब्रेसलेट की तरह इस्तेमाल होंगी। उन्होंने बताया कि ऐसी राखियों की कीमत उनके वजन के अनुसार निर्धारित होती है। इधर, कुछ व्यापारियों का मानना है कि इस रक्षाबंधन पर महंगाई की मार पड़ी है। व्यापारी मानते हैं कि त्योहार के कई दिन पहले से राखियों की दुकानें सज जाती थीं लेकिन इस वर्ष रक्षाबंधन के तीन-चार दिन बचे हैं और बाजार में ग्राहक नहीं हैं।   पटना के एक अन्य दुकानदार कहते हैं कि अन्य शहरों की राखियां 15 दिन पूर्व ही पहुंच गई थीं लेकिन ग्राहकों की कमी देखी जा रही है। थोक बाजार के राखी विक्रेता शंकर शर्मा कहते हैं कि इस बाजार में मुख्य रूप से कोलकाता से बुटीक जरदोजी वर्क की राखियां, अहमदाबाद और राजकोट से डोरी की राखियां, दिल्ली से स्पंज और फैंसी राखियां मंगाई जाती हैं। अलग-अलग किस्म की राखियां 10 से 500 रुपये तक कीमत में उपलब्ध हैं।टिप्पणियां इधर, त्योहार को देखते हुए मिठाई की दुकानों की तैयारियां भी अंतिम चरण में है, वैसे मिठाई दुकानदारों में भी रक्षाबंधन को लेकर विशेष उत्साह नहीं है। पटना के चर्चित माता दी स्वीट्स के मालिक रामाशंकर बताते हैं कि मिठाई की किस्में तो अवश्य बढ़ा दी गई हैं, लेकिन पहले की तरह अधिक मात्रा में मिठाईयां तैयार नहीं कराई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि काजू बाइट, पिस्ता बाइट, मेवा बाइट, काजू स्ट्राबेरी को खासतौर पर रक्षाबंधन को देखते हुए तैयार किया जा रहा है। रक्षा बंधन के दिन भाई और बहन का एक-दूसरे को मिठाई खिलाने का चलन है। उल्लेखनीय है कि रक्षाबंधन सावन महीने के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा को मनाया जाता है। वैसे इन पारम्परिक राखियों के अलावा अब बाजार में सोने-चांदी की राखियां भी बिक रही हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों के लिए बाजार में मिकी माउस, छोटा भीम, स्पाइडर मैन, मिस्टर बीन आदि राखियां हैं, जो कम उम्र के भाई-बहनों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। कम उम्र के भाई-बहनों के लिए छोटा भीम वाली राखी पहली पसंद बनी हुई है। वह कहते हैं कि इस वर्ष लंदन में जारी ओलिंपिक की पहचान पांच छल्लों वाले लोगो की राखी भी बहनों और भाइयों के लिए पसंदीदा बनी हुई है।   एक सर्राफा कारोबारी मनोज कुमार के मुताबिक बाजार में सोने और चांदी की राखियां भी उपलब्ध हैं। इन राखियों का लोग दोहरा इस्तेमाल करते हैं। इस तरह की राखियां रक्षाबंधन के दिन राखी का तो अन्य दिनों में ब्रेसलेट की तरह इस्तेमाल होंगी। उन्होंने बताया कि ऐसी राखियों की कीमत उनके वजन के अनुसार निर्धारित होती है। इधर, कुछ व्यापारियों का मानना है कि इस रक्षाबंधन पर महंगाई की मार पड़ी है। व्यापारी मानते हैं कि त्योहार के कई दिन पहले से राखियों की दुकानें सज जाती थीं लेकिन इस वर्ष रक्षाबंधन के तीन-चार दिन बचे हैं और बाजार में ग्राहक नहीं हैं।   पटना के एक अन्य दुकानदार कहते हैं कि अन्य शहरों की राखियां 15 दिन पूर्व ही पहुंच गई थीं लेकिन ग्राहकों की कमी देखी जा रही है। थोक बाजार के राखी विक्रेता शंकर शर्मा कहते हैं कि इस बाजार में मुख्य रूप से कोलकाता से बुटीक जरदोजी वर्क की राखियां, अहमदाबाद और राजकोट से डोरी की राखियां, दिल्ली से स्पंज और फैंसी राखियां मंगाई जाती हैं। अलग-अलग किस्म की राखियां 10 से 500 रुपये तक कीमत में उपलब्ध हैं।टिप्पणियां इधर, त्योहार को देखते हुए मिठाई की दुकानों की तैयारियां भी अंतिम चरण में है, वैसे मिठाई दुकानदारों में भी रक्षाबंधन को लेकर विशेष उत्साह नहीं है। पटना के चर्चित माता दी स्वीट्स के मालिक रामाशंकर बताते हैं कि मिठाई की किस्में तो अवश्य बढ़ा दी गई हैं, लेकिन पहले की तरह अधिक मात्रा में मिठाईयां तैयार नहीं कराई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि काजू बाइट, पिस्ता बाइट, मेवा बाइट, काजू स्ट्राबेरी को खासतौर पर रक्षाबंधन को देखते हुए तैयार किया जा रहा है। रक्षा बंधन के दिन भाई और बहन का एक-दूसरे को मिठाई खिलाने का चलन है। उल्लेखनीय है कि रक्षाबंधन सावन महीने के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा को मनाया जाता है। एक सर्राफा कारोबारी मनोज कुमार के मुताबिक बाजार में सोने और चांदी की राखियां भी उपलब्ध हैं। इन राखियों का लोग दोहरा इस्तेमाल करते हैं। इस तरह की राखियां रक्षाबंधन के दिन राखी का तो अन्य दिनों में ब्रेसलेट की तरह इस्तेमाल होंगी। उन्होंने बताया कि ऐसी राखियों की कीमत उनके वजन के अनुसार निर्धारित होती है। इधर, कुछ व्यापारियों का मानना है कि इस रक्षाबंधन पर महंगाई की मार पड़ी है। व्यापारी मानते हैं कि त्योहार के कई दिन पहले से राखियों की दुकानें सज जाती थीं लेकिन इस वर्ष रक्षाबंधन के तीन-चार दिन बचे हैं और बाजार में ग्राहक नहीं हैं।   पटना के एक अन्य दुकानदार कहते हैं कि अन्य शहरों की राखियां 15 दिन पूर्व ही पहुंच गई थीं लेकिन ग्राहकों की कमी देखी जा रही है। थोक बाजार के राखी विक्रेता शंकर शर्मा कहते हैं कि इस बाजार में मुख्य रूप से कोलकाता से बुटीक जरदोजी वर्क की राखियां, अहमदाबाद और राजकोट से डोरी की राखियां, दिल्ली से स्पंज और फैंसी राखियां मंगाई जाती हैं। अलग-अलग किस्म की राखियां 10 से 500 रुपये तक कीमत में उपलब्ध हैं।टिप्पणियां इधर, त्योहार को देखते हुए मिठाई की दुकानों की तैयारियां भी अंतिम चरण में है, वैसे मिठाई दुकानदारों में भी रक्षाबंधन को लेकर विशेष उत्साह नहीं है। पटना के चर्चित माता दी स्वीट्स के मालिक रामाशंकर बताते हैं कि मिठाई की किस्में तो अवश्य बढ़ा दी गई हैं, लेकिन पहले की तरह अधिक मात्रा में मिठाईयां तैयार नहीं कराई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि काजू बाइट, पिस्ता बाइट, मेवा बाइट, काजू स्ट्राबेरी को खासतौर पर रक्षाबंधन को देखते हुए तैयार किया जा रहा है। रक्षा बंधन के दिन भाई और बहन का एक-दूसरे को मिठाई खिलाने का चलन है। उल्लेखनीय है कि रक्षाबंधन सावन महीने के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा को मनाया जाता है। इधर, कुछ व्यापारियों का मानना है कि इस रक्षाबंधन पर महंगाई की मार पड़ी है। व्यापारी मानते हैं कि त्योहार के कई दिन पहले से राखियों की दुकानें सज जाती थीं लेकिन इस वर्ष रक्षाबंधन के तीन-चार दिन बचे हैं और बाजार में ग्राहक नहीं हैं।   पटना के एक अन्य दुकानदार कहते हैं कि अन्य शहरों की राखियां 15 दिन पूर्व ही पहुंच गई थीं लेकिन ग्राहकों की कमी देखी जा रही है। थोक बाजार के राखी विक्रेता शंकर शर्मा कहते हैं कि इस बाजार में मुख्य रूप से कोलकाता से बुटीक जरदोजी वर्क की राखियां, अहमदाबाद और राजकोट से डोरी की राखियां, दिल्ली से स्पंज और फैंसी राखियां मंगाई जाती हैं। अलग-अलग किस्म की राखियां 10 से 500 रुपये तक कीमत में उपलब्ध हैं।टिप्पणियां इधर, त्योहार को देखते हुए मिठाई की दुकानों की तैयारियां भी अंतिम चरण में है, वैसे मिठाई दुकानदारों में भी रक्षाबंधन को लेकर विशेष उत्साह नहीं है। पटना के चर्चित माता दी स्वीट्स के मालिक रामाशंकर बताते हैं कि मिठाई की किस्में तो अवश्य बढ़ा दी गई हैं, लेकिन पहले की तरह अधिक मात्रा में मिठाईयां तैयार नहीं कराई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि काजू बाइट, पिस्ता बाइट, मेवा बाइट, काजू स्ट्राबेरी को खासतौर पर रक्षाबंधन को देखते हुए तैयार किया जा रहा है। रक्षा बंधन के दिन भाई और बहन का एक-दूसरे को मिठाई खिलाने का चलन है। उल्लेखनीय है कि रक्षाबंधन सावन महीने के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा को मनाया जाता है। पटना के एक अन्य दुकानदार कहते हैं कि अन्य शहरों की राखियां 15 दिन पूर्व ही पहुंच गई थीं लेकिन ग्राहकों की कमी देखी जा रही है। थोक बाजार के राखी विक्रेता शंकर शर्मा कहते हैं कि इस बाजार में मुख्य रूप से कोलकाता से बुटीक जरदोजी वर्क की राखियां, अहमदाबाद और राजकोट से डोरी की राखियां, दिल्ली से स्पंज और फैंसी राखियां मंगाई जाती हैं। अलग-अलग किस्म की राखियां 10 से 500 रुपये तक कीमत में उपलब्ध हैं।टिप्पणियां इधर, त्योहार को देखते हुए मिठाई की दुकानों की तैयारियां भी अंतिम चरण में है, वैसे मिठाई दुकानदारों में भी रक्षाबंधन को लेकर विशेष उत्साह नहीं है। पटना के चर्चित माता दी स्वीट्स के मालिक रामाशंकर बताते हैं कि मिठाई की किस्में तो अवश्य बढ़ा दी गई हैं, लेकिन पहले की तरह अधिक मात्रा में मिठाईयां तैयार नहीं कराई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि काजू बाइट, पिस्ता बाइट, मेवा बाइट, काजू स्ट्राबेरी को खासतौर पर रक्षाबंधन को देखते हुए तैयार किया जा रहा है। रक्षा बंधन के दिन भाई और बहन का एक-दूसरे को मिठाई खिलाने का चलन है। उल्लेखनीय है कि रक्षाबंधन सावन महीने के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा को मनाया जाता है। इधर, त्योहार को देखते हुए मिठाई की दुकानों की तैयारियां भी अंतिम चरण में है, वैसे मिठाई दुकानदारों में भी रक्षाबंधन को लेकर विशेष उत्साह नहीं है। पटना के चर्चित माता दी स्वीट्स के मालिक रामाशंकर बताते हैं कि मिठाई की किस्में तो अवश्य बढ़ा दी गई हैं, लेकिन पहले की तरह अधिक मात्रा में मिठाईयां तैयार नहीं कराई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि काजू बाइट, पिस्ता बाइट, मेवा बाइट, काजू स्ट्राबेरी को खासतौर पर रक्षाबंधन को देखते हुए तैयार किया जा रहा है। रक्षा बंधन के दिन भाई और बहन का एक-दूसरे को मिठाई खिलाने का चलन है। उल्लेखनीय है कि रक्षाबंधन सावन महीने के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा को मनाया जाता है। उल्लेखनीय है कि रक्षाबंधन सावन महीने के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा को मनाया जाता है।
पाटलि पथ (जिसे एम्स-दीघा एलिवेटेड कॉरिडोर के रूप में भी जाना जाता है) बिहार की राजधानी पटना में एक एलिवेटेड रोड है। इसका उद्घाटन 30 नवंबर 2020 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया। इस एलिवेटेड रोड के उद्घाटन के समय यह बिहार की सबसे लंबी और भारत की सातवीं एलिवेटेड रोड थी। 12.47 किमी लंबी यह एलिवेटेड रोड जेपी सेतु को फुलवारी शरीफ और इसके विपरीत से जोड़ती है। सड़क का लगभग 8.5 किमी हिस्सा ऊंचा ढांचा है और शेष 4 किमी सड़क अर्ध-ऊंचा है। एम्स पटना के पास NH-98 से सड़क का पहला 2 किमी एक दो-लेन अर्ध-ऊंचा ढांचा है। दीघा एम्स एलिवेटेड रोड सड़क दो-लेन दीघा ब्रिज लिंक रोड के समानांतर चलती है, और यह रूपसपुर नहर (दीघा-दानापुर नहर) के ऊपर बनी है। इस परियोजना के तहत खगौल में रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) का निर्माण होना था। इतिहास एम्स-दीघा एलिवेटेड कॉरिडोर कॉरिडोर का शिलान्यास 2 नवंबर 2013 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था। इसका निर्माण 1,289.25 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। इस परियोजना का क्रियान्वयन गैमन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। सितंबर 2013 में, बिहार राज्य सड़क विकास निगम (बीएसआरडीसी) ने इस परियोजना को गैमन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को सौंप दिया, जिसने 717.14 करोड़ रुपये की सबसे कम बोली लगाई। इन्हें भी देखें अशोक राजपथ दानापुर-बिहटा एलिवेटेड रोड जेपी गंगा पथ सन्दर्भ बिहार में सड़कें
फिल्मकार यश चोपड़ा की मौत कथित तौर पर डेंगू से होने की खबरों के बीच बीएमसी के अधिकारी इस बात की जांच करेंगे कि क्या वाकई दिवंगत फिल्मकार के निधन का वास्तविक कारण डेंगू से जुड़ा विषाणु ही था. हिट रोमांटिक फिल्मों का दूसरा नाम... यश चोपड़ा सूत्रों ने बताया कि बीएमसी के आला अधिकारी चोपड़ा की मौत की समीक्षा कर रहे हैं ताकि मौत के असल कारण का पता लगाकर नतीजे से स्वास्थ्य मंत्रालय को अवगत कराया जा सके. अधिकारियों ने कहा कि उप-नगरीय बांद्रा के लीलावती अस्पताल से भी जानकारी मांगी गयी है. चोपड़ा 13 अक्‍टूबर से लीलावती अस्पताल में ही भर्ती थे. रविवार शाम पांच बजकर 30 मिनट पर उनका निधन हुआ था. यश चोपड़ा का आखिरी इंटरव्‍यू बीएमसी ने यह कदम तब जाकर उठाया है जब चेन्नई में डेंगू की समीक्षा के लिए आयोजित एक बैठक में स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने यह कहा कि डेंगू से होने वाली हर एक मौत की जांच की जानी चाहिए. अक्‍टूबर में डेंगू का प्रभाव सबसे अधिक होने के कारण स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को एक बार फिर परामर्श जारी कर कहा है कि वे डेंगू के फैलाव को रोकें और इससे होने वाली हर मौत से केंद्र को अवगत कराएं. ऐसा रहा रोमांस के 'यशस्‍वी किंग' का सफर... राज्यों के साथ-साथ अस्पतालों से भी कहा गया है कि वे डेंगू के मामलों की जानकारी दें ताकि इस समस्या से निपटने के प्रयासों को और तेज किए जाने में मदद मिले.
रेस २ टिप्स म्यूज़िक के बैनर तले बनी, अब्बास-मस्तान द्वारा निर्देशित एक्शन थ्रिलर फ़िल्म है। यह २००८ की फ़िल्म रेस की उत्तरकृत्ति है जिसमें अभिनय कलाकारों में अल्प बदलाव भी किया गया है जिसमें अनिल कपूर और सैफ़ अली ख़ान क्रमशः अपने रोबर्ट डीकोस्टा और रणवीर सिंह की अभिनय भूमिका में हैं जबकि दीपिका पादुकोण, जॉन अब्राहम, जैकलिन फर्नांडीस और अमीषा पटेल अतिरिक्त कलाकारों के रूप में जुड़े हैं। बिपाशा बसु ने अपना सोनिया मार्टिन का अभिनय अतिथि भूमिका के रूप में निभाया है। इसका कुल बजट था, रेस 2 25 जनवरी 2013 को जारी की गई और समालोचकों से मिली जुली समीक्षा प्राप्त की और टिकट खिड़की पर अच्छा प्रदर्शन करते हुए घरेलू सिनेमाघरों में कमाए। यह २०१३ में प्रदर्शित फ़िल्मों में प्रथम फ़िल्म है जो १०० करोड़ क्लब में शामील हुई। बॉक्स ऑफिस इंडिया के अनुसार फ़िल्म घरेलू सिनेमा में अर्ध-सफल रही और विश्वस्तर पर सफल फ़िल्म रही। पटकथा एक डकेती होती है जिसमें यूरोपीय प्रिटींग प्रेस की प्लेट चोरी हो जाती हैं। व्यवसाई रणवीर सिंह (सैफ़ अली ख़ान) इस समाचार को दूरदर्शन (टीवी) पर देखता है और पिछले नुकसान की भरपाई के लिए इसका लाभ उठाने का प्रयास करता है। रणवीर यूरो प्रिटींग प्लैटों को चोरी करने का नाटक करके विक्रम थापर (राजेश खट्टर) को ठगता है और अपनी योजना में सफल हो जाता है। वह विक्रम को इतनी बुरी तरह से लुटता है कि वह इस्तांबुल, तुर्की में स्थित अपने कैसीनो भी खो बैठता है। यह लूट रणवीर एक योजना के तहत करता है जो उसने एक सप्ताह पहले पूर्व सड़क सेनानी और वर्तमान माफिया नेता अरमान मलिक (जॉन अब्राहम) के साथ करता है। रणवीर का अरमान से परिचय उसका दोस्त रोबर्ट डीकोस्टा (अनिल कपूर) और उसकी मंद बुद्धि सहायिका चेरी (अमीषा पटेल) द्वारा करवाया जाता है। इस लूट के बाद केवल १०% धन में थापर के कैसीनों का मालिकाना हक अरमान को देता है। इस समझोते के साथ रणवीर और अरमान की दोस्ती हो जाती है। रणवीर अरमान की चोटी बहन एलिना (दीपिका पादुकोण) के साथ रोमांस भी करता है, जो उसके सभी उपक्रमों में ५०% की भागीदारी भी रखती है और साझेदारी आरम्भ करने के लिए उसके साथ एक रात भी बिताती है। अरमान और एलिना द्वारा रखी गई एक दावत में रणवीर अरमान की गर्लफ्रैण्ड ओमिशा (जैकलिन फर्नांडीस) से मिलता है और रणवीर अपनी बीवी सोनिया (बिपाशा बसु) की एक तस्वीर उसके बटुए में देखता है। वह वहाँ करतबबाजियों से उसे अपनी और आकर्षित करता है जहाँ वह उसकी जानकारी के बिना ही उसकी पोषाक को काट देता है और उसे देखे बिना ही वहाँ से चला जाता है। रणवीर अरमान के साथ एक और सौदे पर विचार-विमर्श करता है जिससे वो अपार धन प्राप्त कर सकें। अरमान पुनः तैयार हो जाता है। बाद में, रणवीर आरडी को बताता है कि वह अरमान को धनवान बनाने की योजना नहीं बना रहा बल्कि वास्तव में वह अरमान को इतनी बुरी तरह से लुटने की योजना बना रहा है कि वह अपनी पूरी सम्पति खो देगा और गलियों का भिखारी बनने को मजबूर हो जायेगा। सोनिया की अरमान के हाथों हत्या का बदला लेना रणवीर की योजना का एक हिस्सा है। वह प्रतिज्ञा करता है कि जब तक अरमान को बर्बाद नहीं कर देता, तब तक वह सोनिया के अन्तिम क्रियाक्रम पूरे नहीं करेगा। रणवीर इसके बाद ओमिशा के साथ सम्पर्क स्थापित करता है, जो उसे बताती है कि वह सोनिया की बहन तान्या है और वह भी बदला लेना चाहती है। ओमिशा रणवीर की इस योजना में सहायता करने के लिए सहमत हो जाती है। मगर, रणवीर के वहाँ से निकलते ही, रणवीर ओमिशा के घर का पता लगाता है, जहाँ यह पता चलता है कि वह वास्तव में सोनिया की बहन नहीं है, लेकिन अरमान के लिए काम करती है। तथापि, रणवीर यह नहीं जानता और अब भी विश्वास करता है कि वह सोनिया की बहन है। कलाकार दीपिका पादुकोण - एलिना मलिक सैफ़ अली ख़ान - रणवीर सिंह अनिल कपूर - रोबर्ट डि'कोस्टा (आरडी) जॉन अब्राहम - अरमान मलिक जैकलिन फर्नांडीस - ओमिशा अमीषा पटेल - चेरी बिपाशा बसु - सोनिया (नी मार्टिन) (केमियो) राजेश खट्टर - विकम थापर आदित्य पंचोली - गोडफादर आन्ज़ा आतिफ़ असलम - "बे इन्तेहाँ" गाने में केमियो उपस्थिति में स्वयं प्रदर्शन रेस 2 भारत में एक साथ 3200 पर्दों पर प्रदर्शित की गई; यह तब तक की तीसरा सबसे बड़ा प्रदर्शन था, इससे अधिक पर्दों पर प्रदर्शित होने वाली फ़िल्मों में एक था टाइगर (3300 पर्दे) और दबंग 2 (3700 पर्दे) थी। टिकट खिड़की भारत बॉक्स ऑफ़िस इण्डिया के अनुसार रेस 2 ने मल्टीप्लेक्स (बहुपर्दा) और एकल पर्दा सिनेमाघरों में "मजबूत शुरुआत" की अय्र लगभग 60%–70% सिनेमा घर दर्शकों से भरे रहे। इस फ़िल्म का पहला दिन बहुत अच्छा रहा और कुल की कमाई की। इसने अपने दूसरे दिन भी अच्छी बढ़त प्राप्त की और लगभग की कमाई की तथा शनिवार की कमाई के आधार पर तब तक की चौथी सबसे बड़ी फ़िल्म साबित हुई। रेस 2 की प्रथम सप्ताह की कमाई अच्छी रही और रविवार को अर्जित करते हुए कुल कमाई तक पहुँचा दी। रेस 2 सोमवार को गिर गई और मात्र ही अर्जित कर पायी। भारत से बाहर संगीत गीत सूची फ़िल्म रेस २ का संगीत प्रीतम मे तैयार किया है। इसमें पाँच और भी गाने हैं। सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ आधिकारिक जालस्थल भारतीय फ़िल्में हिन्दी फ़िल्में 2013 में बनी हिन्दी फ़िल्म
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: बॉलीवुड में पांच दशकों से अपना परचम लहराने वाले मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने कहा कि वह इस बात से अभिभूत हैं कि युवा अभिनेता उनसे प्रेरणा लेते हैं और उन्हें आज भी आदर्श माना जा रहा है। अमिताभ ने 1969 में ‘सात हिन्दुस्तानी’ फिल्म से अपने कैरियर की शुरुआत की और फिल्म 'जंजीर' से उन्हें स्टार के रूप में पहचान मिली। उन्होंने अब तक 180 फिल्मों में काम किया और अभी वह बुलंदी के साथ बॉलीवुड में आगे बढ़ रहे हैं।टिप्पणियां अमिताभ ने कहा,  मैं इस बात से अभिभूत हूं कि लोग अभी भी मुझे आदर्श मानते हैं। यह देखना काफी सुखद है कि सभी स्थानों से युवा लड़के और लड़कियां सामने आ रहे हैं जो पेशेवर रूप से प्रशिक्षित हों या नहीं हों लेकिन शानदार काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा,  जब हमने काम शुरू किया था, उस समय की स्थिति की तुलना करें तब वे हमसे काफी बेहतर हैं। मैं खुशकिस्मत हूं कि मैं ऐसे कलाकारों के समय में हूं जिनसे मुझे मुलाकात करने और काम करने का असवर मिला। अमिताभ ने 1969 में ‘सात हिन्दुस्तानी’ फिल्म से अपने कैरियर की शुरुआत की और फिल्म 'जंजीर' से उन्हें स्टार के रूप में पहचान मिली। उन्होंने अब तक 180 फिल्मों में काम किया और अभी वह बुलंदी के साथ बॉलीवुड में आगे बढ़ रहे हैं।टिप्पणियां अमिताभ ने कहा,  मैं इस बात से अभिभूत हूं कि लोग अभी भी मुझे आदर्श मानते हैं। यह देखना काफी सुखद है कि सभी स्थानों से युवा लड़के और लड़कियां सामने आ रहे हैं जो पेशेवर रूप से प्रशिक्षित हों या नहीं हों लेकिन शानदार काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा,  जब हमने काम शुरू किया था, उस समय की स्थिति की तुलना करें तब वे हमसे काफी बेहतर हैं। मैं खुशकिस्मत हूं कि मैं ऐसे कलाकारों के समय में हूं जिनसे मुझे मुलाकात करने और काम करने का असवर मिला। अमिताभ ने कहा,  मैं इस बात से अभिभूत हूं कि लोग अभी भी मुझे आदर्श मानते हैं। यह देखना काफी सुखद है कि सभी स्थानों से युवा लड़के और लड़कियां सामने आ रहे हैं जो पेशेवर रूप से प्रशिक्षित हों या नहीं हों लेकिन शानदार काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा,  जब हमने काम शुरू किया था, उस समय की स्थिति की तुलना करें तब वे हमसे काफी बेहतर हैं। मैं खुशकिस्मत हूं कि मैं ऐसे कलाकारों के समय में हूं जिनसे मुझे मुलाकात करने और काम करने का असवर मिला। उन्होंने कहा,  जब हमने काम शुरू किया था, उस समय की स्थिति की तुलना करें तब वे हमसे काफी बेहतर हैं। मैं खुशकिस्मत हूं कि मैं ऐसे कलाकारों के समय में हूं जिनसे मुझे मुलाकात करने और काम करने का असवर मिला।
पाकिस्तान के पेशावर में कुछ आत्मघाती हमलावरों ने एक न्यायालय परिसर में हमला कर चार लोगों को मौत के घाट उतार दिया और कुछ लोगों के साथ कर्मचारियों को बंधक बना लिया है।टिप्पणियां फिलहाल किसी भी संगठन से इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। राज्य के सूचनामंत्री मियां इफ्तिखार हुसैन का कहना है कि यह हमला जेल में बंद आतंकियों को छुड़ाने की कोशिश है। पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर ली है। फिलहाल किसी भी संगठन से इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। राज्य के सूचनामंत्री मियां इफ्तिखार हुसैन का कहना है कि यह हमला जेल में बंद आतंकियों को छुड़ाने की कोशिश है। पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर ली है। पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर ली है।
नोटबंदी का एक साल पूरा होने पर केंद्र सरकार और विपक्ष में आर-पार की लड़ाई चल रही है. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कांग्रेस की ओर से मोर्चा संभाला हुआ है. मनमोहन सिंह ने सीधा पीएम मोदी पर हमला बोला है. अब भारतीय जनता पार्टी ने भी नोटबंदी का एक साल पूरा होने पर एक वीडियो जारी किया है. वीडियो में एक भ्रष्ट नेता किस तरह नोटबंदी के फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोस रहा है, ये दर्शाया गया है. वीडियो में भ्रष्ट नेता पीएम मोदी को सलाह दे रहे हैं कि वह दोबारा रेलवे स्टेशन पर जाकर चाय बेचे. और एक बार हमें सत्ता में आने दें फिर ये देशभक्ति बहुत महंगी पड़ेगी. Watch how corrupt politicians lost as the nation won after demonetisation. #DemoWins pic.twitter.com/fUDvxv1nR4 — BJP (@BJP4India) November 7, 2017 आपको बता दें कि 8 नवंबर को नोटबंदी की पहली सालगिरह है. इस मौके पर पूरे देश में विपक्ष कालाधन दिवस मनाएगा और सरकार के इस फैसले का विरोध करेगा. तो वहीं दूसरी तरफ सरकार की ओर से भी एंटी ब्लैक मनी डे मनाने की तैयारी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद रैलियों में इसका ऐलान कर चुके हैं. गुजरात पहुंचे मनमोहन ने मोदी को दिलाई गांधी की याद, पूछे 7 सख्त सवाल दो दिनों से हमलावर है मनमोहन सिंह मनमोहन सिंह ने पिछले दो दिनों में केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है. पहले उन्होंने नोटबंदी को एक ब्लंडर बताया और फिर जीएसटी और अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर भी मोदी सरकार को घेरा. मनमोहन सिंह ने अहमदाबाद में कहा कि जीएसटी को लाने के लिए हमारी सोच थी कि टैक्स सिस्टम को सरल करना. जिससे छोटे कारोबारियों का भला हो सके, लेकिन इस जीएसटी में कुछ नहीं हुआ. इस सरकार ने हमारी बात ही नहीं सुनी. ये वाला जीएसटी एक बुरे सपने के जैसा बन गया है. GST-नोटबंदी-अर्थव्यवस्था पर वार, लेकिन मोदी के इस फैसले की मनमोहन ने की तारीफ वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में कहा कि नोटबंदी और जीएसटी ऐतिहासिक कदम हैं. इसकी वजह से अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ा है. जेटली ने बताया कि नोटबंदी को सिर्फ अकेले नहीं देखना चाहिए, पिछले 3 साल में सरकार ने जो कदम उठाएं हैं. उस हिसाब से आप कदम को देखें.
हिन्‍दू धर्म में अमावस्‍या (Amavasya) का विशेष महत्‍व है. स्‍नान, दान और विशेषकर पितरों के तर्पण के लिए अमावस्‍या को बेहद शुभकारी और मंगलकारी माना जाता है. वैसे तो अमावस्‍या हर महीने आती है, लेकिन भाद्रपद यानी कि भादो महीने की अमावस्‍या (Bhadrapad Amavasya) का महत्‍व बहुत ज्‍यादा है. दरअसल, भादो कृष्‍ण के जन्‍म का महीना है और इस दौरान पड़ने वाली अमावस्‍या और पूर्णिमा के व्रत का प्रभाव कई गुना माना जाता है. भाद्रपद अमावस्‍या या पिठोरी अमावस्‍या (Pithori Amavasya) इसलिए भी खास है क्‍रूोंकि इस दिन धार्मिक कार्यों के लिए कुशा यानी कि घास एकत्रित की जाती है. मान्‍यता है कि धार्मिक कार्यों के लिए पिठोरी अमावस्‍या के दिन इकट्ठा की गई घास बहुत फलदाई होती है. इसके अलावा पिठोरी अमावस्‍या के दिन महिलाएं अपने बच्‍चों और पति के लिए व्रत रखती हैं और माता दुर्गा की पूजा करती हैं.
जम्मू कश्मीर में सामने आई दिल दहला देने वाली एक घटना में पांच लोगों के एक गिरोह ने कथित तौर पर एक महिला के कपड़े उतार दिए और घटना का वीडियो इंटरनेट पर अपलोड कर दिया। उधमपुर जिला आयुक्त ने कहा, 'उधमपुर के जगानू इलाके में पांच लोगों ने सरेआम एक महिला के कपड़े उतार दिए। आरोपी ने घटना को मोबाइल फोन के कैमरे से रिकॉर्ड कर लिया, यह व्हाट्सएप पर वायरल हो गया है।टिप्पणियां पुलिस ने घटना का स्वत: संज्ञान लिया और तीन लोगों को गिरफ्तार किया। जिला आयुक्त ने कहा कि महिला मोटरसाइकिल पर पीछे सवार होकर जा रही थी। गिरोह ने मोटरसाइकिल को रोक लिया और उसके साथ बदसलूकी शुरू की। जब उसने विरोध किया तो आरोपी ने उसे पकड़ लिया और सरेआम उसके कपड़े उतार दिए। उन्होंने बताया कि पुलिस ने घटना के सिलसिले में मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है। उधमपुर जिला आयुक्त ने कहा, 'उधमपुर के जगानू इलाके में पांच लोगों ने सरेआम एक महिला के कपड़े उतार दिए। आरोपी ने घटना को मोबाइल फोन के कैमरे से रिकॉर्ड कर लिया, यह व्हाट्सएप पर वायरल हो गया है।टिप्पणियां पुलिस ने घटना का स्वत: संज्ञान लिया और तीन लोगों को गिरफ्तार किया। जिला आयुक्त ने कहा कि महिला मोटरसाइकिल पर पीछे सवार होकर जा रही थी। गिरोह ने मोटरसाइकिल को रोक लिया और उसके साथ बदसलूकी शुरू की। जब उसने विरोध किया तो आरोपी ने उसे पकड़ लिया और सरेआम उसके कपड़े उतार दिए। उन्होंने बताया कि पुलिस ने घटना के सिलसिले में मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है। पुलिस ने घटना का स्वत: संज्ञान लिया और तीन लोगों को गिरफ्तार किया। जिला आयुक्त ने कहा कि महिला मोटरसाइकिल पर पीछे सवार होकर जा रही थी। गिरोह ने मोटरसाइकिल को रोक लिया और उसके साथ बदसलूकी शुरू की। जब उसने विरोध किया तो आरोपी ने उसे पकड़ लिया और सरेआम उसके कपड़े उतार दिए। उन्होंने बताया कि पुलिस ने घटना के सिलसिले में मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है। जिला आयुक्त ने कहा कि महिला मोटरसाइकिल पर पीछे सवार होकर जा रही थी। गिरोह ने मोटरसाइकिल को रोक लिया और उसके साथ बदसलूकी शुरू की। जब उसने विरोध किया तो आरोपी ने उसे पकड़ लिया और सरेआम उसके कपड़े उतार दिए। उन्होंने बताया कि पुलिस ने घटना के सिलसिले में मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है।
दिल्ली में प्रचंड बहुमत से बनी AAP सरकार आज अपने 49 दिन पूरे कर रही है. इसका पिछला कार्यकाल महज 49 दिनों का रहा था. लिहाजा यह उत्सुकता लोगों में है कि इस बार के 49 दिनों में AAP सरकार का प्रदर्शन कैसा रहा. पार्टी सांगठनिक स्तर पर भले ही कलह और दो-फाड़ की स्थिति से जूझ रही हो, लेकिन केजरीवाल सरकार ने 49 दिनों में कई उपलब्धियां हासिल की हैं. 1. AAP सरकार ने यह चुनाव से पहले का सबसे बड़ा वादा काफी पहले पूरा कर दिया. सरकार ने 400 यूनिट तक बिजली के दाम सब्सिडी देकर आधे कर दिए. प्रदेश के 3,66,428 परिवारों को इसका सीधा लाभ मिलने का दावा किया जा रहा है. 2. साथ ही हर महीने हर घर में 20 हजार लीटर पानी मुफ्त दिया जा रहा है. इसके साथ ही सीवर चार्ज भी खत्म कर दिया गया है. राजधानी के 1,80,000 परिवारों को इसका लाभ मिलने का दावा किया जा रहा है. 3. कुछ शर्तों के साथ अनाधिकृत कॉलोनियों की रजिस्ट्री की मंजूरी दी. मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने शहर की 1650 अनधिकृत कालोनियों की सीमाओं को अंतिम रूप देने का आदेश दिया. इससे लाखों लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है. 4. दिल्ली के 30 हजार अनाथ बुजुर्गों के लिए पेंशन की घोषणा की. इसके लिए फास्ट ट्रैक बेसिस पर 50 हजार से ज्यादा बुजुर्गों की वेरिफिकेशन कराई गई. आने वाले दो महीनों में और लोगों की वेरिफिकेशन की योजना है. 5. ज्यादा फीस लेने के लिए दिल्ली के 200 प्राइवेट स्कूलों को नोटिस भेजा. 6. यह आदेश पास किया कि जब तक नियमित भर्तियां शुरू नहीं होतीं, ठेके पर काम कर रहा कोई कर्मचारी नौकरी से न निकाला जाए. 7. हालांकि यह एक विवादित विषय है लेकिन दिल्ली में बहुत सारे लोग मानते हैं कि चबाने वाले तंबाकू उत्पादों पर बैन लगाना एक साहसिक फैसला है और स्वास्थ्य और सफाई के क्षेत्र में इसका सकारात्मक असर देखने को मिलेगा. 8. स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों को EWS बेड के इस्तेमाल के मुद्दे पर सख्त लहजे में चेतावनी दी. सरकार ने कहा कि इन बेड का इस्तेमाल न करने पर अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मालूम हो कि दिल्ली के निजी अस्पतालों में आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लिए 623 बेड हैं. स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के मुताबिक, इनका इस्तेमाल न करके निजी अस्पताल 75 करोड़ रुपये सालाना का मुनाफा बनाते हैं. 9. AAP सरकार ने वैट की प्रक्रिया को आसान बनाने की शुरुआत भी कर दी है. व्यापारियों को बड़ी राहत देते हुए दिल्ली सरकार ने वैल्यू ऐडेड टैक्स (वैट) कानून में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी. व्यापारियों को कच्चे माल की खरीद पर दिये गये टैक्स पर छूट का दावा अगले वित्त वर्ष में भी करने की सुविधा के लिये यह संशोधन प्रस्तावित है जिसे अब विधानसभा में पास किया जाना है. 10. भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए दिल्ली कैबिनेट ने एंटी-करप्शन ब्रांच (एसीबी) का बजट लगभग दोगुना करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है. 8 करोड़ के मुकाबले इस बार 15 करोड़ रुपये आवंटित किए जाने की योजना है.
यह एक लेख है: नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ी गर्मजोशी से हाथ मिलाया। गौरतलब है कि दोनों नेता एक-दूसरे के धुर विरोधी माने जाते हैं और अक्सर एक-दूसरे पर प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से सियासी हमला करते हुए देखे जाते हैं। कांग्रेस शासित नौ राज्यों के मुख्यमंत्री और पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश तथा ओडिशा के मुख्यमंत्री बुधवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की संचालन परिषद की बैठक से दूर रहे। इस बैठक में भूमि विधेयक समेत विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया।टिप्पणियां नीति आयोग की संचालन परिषद की इस दूसरी बैठक में हालांकि, एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने भाग लिया। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद भी बैठक में भाग लेने वालों में शामिल रहे। लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु की जे. जयललिता, ओडिशा के नवीन पटनायक और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बैठक में नहीं पहुंचे। नीति आयोग की संचालन परिषद में सभी मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल शामिल हैं जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री हैं। मोदी ने विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक सहित विभिन्न मुद्दों पर राज्यों के साथ विचार करने के लिए यह बैठक बुलाई थी। बैठक में गरीबी, स्वास्थ्य और केंद्र प्रायोजित योजनाओं जैसे मुद्दों पर भी विचार किया जाना था। कांग्रेस नेताओं ने इससे पहले कहा था कि पार्टी के मुख्यमंत्री इस बैठक में भाग नहीं लेंगे, ताकि सरकार को विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक के साथ आगे बढ़ाने से रोका जा सके। कांग्रेस शासित नौ राज्यों के मुख्यमंत्री और पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश तथा ओडिशा के मुख्यमंत्री बुधवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की संचालन परिषद की बैठक से दूर रहे। इस बैठक में भूमि विधेयक समेत विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया।टिप्पणियां नीति आयोग की संचालन परिषद की इस दूसरी बैठक में हालांकि, एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने भाग लिया। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद भी बैठक में भाग लेने वालों में शामिल रहे। लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु की जे. जयललिता, ओडिशा के नवीन पटनायक और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बैठक में नहीं पहुंचे। नीति आयोग की संचालन परिषद में सभी मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल शामिल हैं जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री हैं। मोदी ने विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक सहित विभिन्न मुद्दों पर राज्यों के साथ विचार करने के लिए यह बैठक बुलाई थी। बैठक में गरीबी, स्वास्थ्य और केंद्र प्रायोजित योजनाओं जैसे मुद्दों पर भी विचार किया जाना था। कांग्रेस नेताओं ने इससे पहले कहा था कि पार्टी के मुख्यमंत्री इस बैठक में भाग नहीं लेंगे, ताकि सरकार को विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक के साथ आगे बढ़ाने से रोका जा सके। नीति आयोग की संचालन परिषद की इस दूसरी बैठक में हालांकि, एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने भाग लिया। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद भी बैठक में भाग लेने वालों में शामिल रहे। लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु की जे. जयललिता, ओडिशा के नवीन पटनायक और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बैठक में नहीं पहुंचे। नीति आयोग की संचालन परिषद में सभी मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल शामिल हैं जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री हैं। मोदी ने विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक सहित विभिन्न मुद्दों पर राज्यों के साथ विचार करने के लिए यह बैठक बुलाई थी। बैठक में गरीबी, स्वास्थ्य और केंद्र प्रायोजित योजनाओं जैसे मुद्दों पर भी विचार किया जाना था। कांग्रेस नेताओं ने इससे पहले कहा था कि पार्टी के मुख्यमंत्री इस बैठक में भाग नहीं लेंगे, ताकि सरकार को विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक के साथ आगे बढ़ाने से रोका जा सके। नीति आयोग की संचालन परिषद में सभी मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल शामिल हैं जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री हैं। मोदी ने विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक सहित विभिन्न मुद्दों पर राज्यों के साथ विचार करने के लिए यह बैठक बुलाई थी। बैठक में गरीबी, स्वास्थ्य और केंद्र प्रायोजित योजनाओं जैसे मुद्दों पर भी विचार किया जाना था। कांग्रेस नेताओं ने इससे पहले कहा था कि पार्टी के मुख्यमंत्री इस बैठक में भाग नहीं लेंगे, ताकि सरकार को विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक के साथ आगे बढ़ाने से रोका जा सके।
शांता कुमार ने शिवराज सिंह चौहान के मसले पर शर्मिंदगी महसूस की. शशि थरूर को कांग्रेस का बिलावजह संसद न चलने देना नागवार गुजर रहा था. शांता कुमार ने चिट्ठी लिखकर इजहार किया तो, शशि थरूर ने भरी सभा में मन की बात कर दी. "तेरी ये जुर्रत!" सीन - एक आग इधर भी लगी थी, उधर भी धधक रही थी. आलाकमान को आगबबूला भी होना ही था. डांट तो पड़नी ही थी. आखिर आलाकमान होते किसलिए हैं? "आप हमेशा ऐसा करते हो..." हेडफोन में ऑक्सफोर्ड में तालियों की गड़गड़ाहट अब तक गूंज रही थी. ईको के साथ. लेकिन अचानक ऑडियो लेवल जीरो पर पहुंच गया. फिल्म वांटेड में सलमान के वॉर पर प्रकाश राज वाली साइलेंस फीलिंग देते देते सीन में जम्प कट आया और कब वो शोले के शॉट में तब्दील हो गए समझ में नहीं आया. "क्या सोचा था, मैडम खुस होगा... साबासी देगा... " एक बार दाहिने. फिर बाएं. नजर घुमाकर देखी. सारे चेहरे चुप थे. भावशून्यता का मास्क लगाए. खामोशी किसी भी सूरत में सन्नाटे का साथ छोड़ने को तैयार न थी. पूरा पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें या www.ichowk.in पर जाएं. आईचौक को फेसबुक पर लाइक करें. आप ट्विटर (@iChowk_) पर भी फॉलो कर सकते हैं.
लेख: कांग्रेस ने सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह द्वारा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे पत्र के लीक होने के पीछे की स्थितियों पर बुधवार को सवाल खड़े किए। कांग्रेस ने इसे एक संवेदनशील मामला बताया है।टिप्पणियां कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने संवाददाताओं से कहा, "यह पत्र लिखा क्यों गया और यह लीक होकर मीडिया तक कैसे पहुंचा.. इसे लेकर ढेर सारे प्रश्न उठते हैं, जिनके जवाब दिए जाने की जरूरत है, क्योंकि यह देश की सुरक्षा से सम्बंधित मामला है।" ज्ञात हो कि सेना प्रमुख ने 12 मार्च को प्रधानमंत्री को लिखा था कि देश की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है, क्योंकि टैंकों के लिए विस्फोटक समाप्त हो चले हैं, हवाई रक्षा पुराना हो चला है और पैदल सेना बगर आधुनिक हथियारों के काम कर रही है। उन्होंने सेना की तत्परता बढ़ाने के लिए उचित निर्देश देने की अपील की थी। सेना प्रमुख ने सोमवार को यह भी खुलासा किया था कि उन्हें एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने 14 करोड़ रुपये रिश्वत की पेशकश की थी। कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने संवाददाताओं से कहा, "यह पत्र लिखा क्यों गया और यह लीक होकर मीडिया तक कैसे पहुंचा.. इसे लेकर ढेर सारे प्रश्न उठते हैं, जिनके जवाब दिए जाने की जरूरत है, क्योंकि यह देश की सुरक्षा से सम्बंधित मामला है।" ज्ञात हो कि सेना प्रमुख ने 12 मार्च को प्रधानमंत्री को लिखा था कि देश की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है, क्योंकि टैंकों के लिए विस्फोटक समाप्त हो चले हैं, हवाई रक्षा पुराना हो चला है और पैदल सेना बगर आधुनिक हथियारों के काम कर रही है। उन्होंने सेना की तत्परता बढ़ाने के लिए उचित निर्देश देने की अपील की थी। सेना प्रमुख ने सोमवार को यह भी खुलासा किया था कि उन्हें एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने 14 करोड़ रुपये रिश्वत की पेशकश की थी। ज्ञात हो कि सेना प्रमुख ने 12 मार्च को प्रधानमंत्री को लिखा था कि देश की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है, क्योंकि टैंकों के लिए विस्फोटक समाप्त हो चले हैं, हवाई रक्षा पुराना हो चला है और पैदल सेना बगर आधुनिक हथियारों के काम कर रही है। उन्होंने सेना की तत्परता बढ़ाने के लिए उचित निर्देश देने की अपील की थी। सेना प्रमुख ने सोमवार को यह भी खुलासा किया था कि उन्हें एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने 14 करोड़ रुपये रिश्वत की पेशकश की थी।
पत्नी संग खाई थी साथ जीने-मरने की कसम नहीं निभा सके साथ पत्‍नी संग मरने का वादा 27 साल से संजोकर रखी हैं पत्नी की अस्थियां बिहार के पूर्णिया से पति-पत्नी के अटूट रिश्ते का एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां पत्नी के मरने के 27 साल बाद भी पति अपनी कसम निभा रहा है. दरअसल, पत्नी की मौत हुए 27 साल हो गए लेकिन पति आज भी उसका उतनी ही ख्याल रखता है, जैसे पहले रखता था. पति ने पिछले 27 वर्षों से अपनी पत्नी की अस्थियों को इस उम्मीद में संभाल कर रखा है जिससे जब उसकी मौत हो तो पत्नी की अस्थियां भी उसके कफन में मौजूद रहें. पूर्णिया के 87 वर्षीय साहित्यकार भोलानाथ आलोक ने अपनी पत्नी से किया वादा निभाने के लिए अपनी पत्नी की अस्थियों को संजोकर रखा है. उन्होंने पत्नी के मरने से पहले साथ-साथ जीने और मरने की कसम खाई थी. यह कसम ऐसी थी जिसे दोनों को निभाना था लेकिन ऐसा हो न सका और उनकी पत्नी पद्या रानी असमय ही भोलानाथ आलोक का दामन छोड़कर चली गईं. अब उस वादे को 27 सालों से भोलानाथ आलोक अकेले निभा रहे हैं. उन्होंने अपने बच्चों से अपनी पत्नी के साथ जीने-मरने के वादे को पूरा करने की खातिर अपनी मौत के बाद अस्थियों को चिता में एक साथ अग्नि के हवाले करने की बात कह रखी है. आज के जमाने में पति-पत्नी की बेवफाई के किस्से आम हो गए हैं. पति या पत्नी की मौत के बाद लोग ज्यादा साल उसकी यादों को संजोकर नहीं रख पाते और शादी कर लेते हैं. ऐसे में 27 साल तक अपने रिश्ते को निभाने और पति-पत्नी के प्रेम की एक अनोखी मिसाल पेश करते हुए बिखरते और टूटते रिश्ते के लिए नसीहत देने वाली सच्चाई है. भोलानाथ आलोक ने अपने घर में एक पेड़ पर अपनी पत्नी की अस्थियों को संभाल कर रखा है. जब भी वह अकेले होते हैं तो पेड़ पर एक पोटली में टंगी उन अस्थियों को निहारते रहते हैं. भोलानाथ आलोक का कहना है कि उनकी बचपन में ही शादी हो गई थी. पत्नी बेहद ही सरल स्वभाव की थीं. दोनों ने तब कसम खाई थी कि साथ जिएंगे और साथ मरेंगे. साथ मरने का वादा तो निभा नहीं सका. इसलिए उनकी अस्थियां सहेज कर रख ली हैं जिससे किए गए वादे को पूरा कर सकूं. भोलानाथ आलोक के दामाद का कहना है कि यह उनके अटूट प्रेम को दर्शाता है, जो कहीं ना कहीं एक सुखद अनुभूति भी देता है. इसके साथ ही समाज में बिखरते और टूटते रिश्तों को एक नसीहत भी दे रहा है. बता दें कि भोलानाथ आलोक की सिर्फ एक बेटी है, जो उनके साथ ही रहती है.
मुंबई इंडियंस के स्टार खिलाड़ी युवराज सिंह ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ गुरुवार को खेले गए आईपीएल मैच में एक बार फिर दर्शकों का दिल जीत लिया. पारी के 14वें ओवर में युवराज ने छक्कों की हैट्रिक लगाई और लोगों को लगा कि इतिहास एक बार फिर दोहराया जाएगा लेकिन अगली ही गेंद पर वो पवेलियन लौट गए. दरअसल, युजवेंद्र चहल पारी का 14वां ओवर लेकर आए. उनके सामने थे सिक्सर किंग युवराज सिंह. चहल ने पहली गेंद फेंकी और युवराज ने उस पर स्ट्रेट छक्का जड़ दिया. इसके बाद चहल ने दूसरी गेंद डाली और युवी ने इस पर भी गेंद को बाउंड्री के पार पहुंचा दिया. लगातार दो छक्कों के बाद स्टेडियम युवी के नाम से गूंज पड़ा. इसके बाद चहल ने तीसरी गेंद फेंकी और युवी ने इसे भी लहराते हुए सीमा रेखा से बाहर पहुंचा दिया. 6, 6, 6 https://t.co/ZahS2iNr9t via @ipl — bishwa mohan mishra (@mohanbishwa) March 28, 2019 युवराज के बल्ले से लगातार तीन छक्के लगते ही लोगों जहन में एक बार फिर 2007 का टी-20 वर्ल्ड कप की यादें ताजा हो गईं. बता दें कि साउथ अफ्रीका में खेले गए इस टी-20 मुकाबले में युवराज ने इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड की 6 गेंदों पर लगातार 6 छक्के जड़कर तहलका मचा दिया था. गुरुवार को युवी के बल्ले से जब लगातार 3 छक्के निकले तो लोगों को लगा कि इस बार भी इतिहास दोहराया जाएगा. लेकिन चहल ने लोगों की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए अपने ओवर की चौथी गेंद पर युवराज को बाउंड्री पर मोहम्मद सिराज के हाथों कैच कराया और उनकी पारी का अंत कर दिया.
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अपने को उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा उम्मीदवार बताये जाने को मजाक बताते हुए कहा कि अभी तक उन्होंने भाजपा में वापस आने के बारे में ही कोई निर्णय नहीं लिया है. उमा ने कहा, ‘न जाने कैसे यह चर्चा चल पड़ी है कि मैं उत्तर प्रदेश में भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री पद की दावेदार के रुप में पेश की जाने वाली हूं. यह वर्ष 2010 का सबसे बड़ा मजाक है. लोगों को इससे सावधान रहना चाहिए. इसलिए भी कि अभी तक मैंने भाजपा में वापस आने के बारे में कोई निर्णय ही नही लिया है.’ उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा नेताओं के साथ जब कभी उनकी बात हुई थी तो उन्होंने.(उमा) 2014 के लोकसभा चुनावों में उम्मीदवार बनने की बात कही थी न कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में, जो 2012 में होने वाले हैं. उमा ने कहा कि पिछले दिनों अपनी मां समान भाभी की मौत हो जाने से वह काफी दुखी थी और कुछ समय के लिए राजनीति से विरत हो गयी थी. उमा ने कहा, ‘भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और अध्यक्ष नितिन गडकरी से उनकी बातचीत हुई थी और दोनों ने उन्हें भाजपा में पार्टी के पदाधिकारी के रुप में वापस लाये जाने की इच्छा जतायी थी.मगर उनके इस प्रस्ताव पर मैंने कहा था कि मैं अपनी पार्टी (भारतीय जनशक्ति पार्टी) के साथ राजग में एक घटक के रुप में शामिल होना चाहती हूं. मैंने अभी भाजपा में पुन: शामिल होने के बारे में कोई निर्णय नही लिया.’ सभी राजनीतिक दलों से भ्रष्टाचार और राजनीति के अपराधीकरण पर अपना रुख स्पष्ट करने की मांग करते हुए उमा भारती ने कहा कि फिलहाल कुछ और दिनों तक वह सक्रिय राजनीति से दूर रहना चाहती हैं. वरिष्ठ भाजपा नेता की तरफ से भाजपा में उनकी वापसी के बारे में आये बयान पर उमा ने कहा, ‘आडवाणी जी मेरे पिता तुल्य हैं जो कह रहे हैं, सही कह रहे हैं, मगर मैं जो कह रही हूं वह भी सही है. ’ उमा रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या जाने वाली थी, मगर आज सुबह ही मध्य प्रदेश में अपनी एक करीबी की मौत की सूचना के बाद वह लौट गयीं. वहीं, उमा भारती ने कांग्रेस पर ‘गैर जिम्मेदार’ राजनीतिक पार्टी होने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी पर भी निशाना साधा. उमा भारती ने आरोप लगाया, ‘कांग्रेस एक गैर-जिम्मेदार पार्टी है. पहले यह आतंकवाद का आयोजन करती है और फिर उसी के नाम पर वोट मांगती है.’ उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘राहुल दिग्विजय सिंह से नोट(लिखित बयान) लेते हैं, राहुल पहले पढ़ा करें. हमसे क्लास लें. वह एक अच्छे परिवार के जिम्मेदार व्यक्ति हैं. उन्हें गैर-जिम्मेदाराना बयान से बचना चाहिए. ’ उन्होंने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह राहुल गांधी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विरोध में बयान देने को पढ़ाते हैं. सिंह को गैर-जिम्मेदाराना बयान देने का आदी बताते हुए उमा ने कहा कि राहुल को चाहिए कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना सिमी के साथ करने से पहले संघ के इतिहास के बारे में पढ़ लें. उन्होंने हिन्दू संगठनों के बारे में राहुल की कथित टिप्पणियों की आलोचना करते हुए कहा, ‘जवाहर लाल नेहरु ने कश्मीर के मुद्दे पर संघ का सहयोग लिया था और यहां तक कि गणतंत्र दिवस परेड में संघ के स्वयंसेवको ने भाग लिया था. यह ऐतिहासिक तथ्य है जिसकी जानकारी राहुल गांधी को होनी चाहिए.’
यह लेख है: ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने लिंग भेद खत्म करने के लिए एक अनोखी पहल की है. इस पहल के तहत काफी जमीनी स्तर पर लोगों ने सोचा और यह निर्णय लिया कि एक-दूसरे के संबोधन में बदलाव किया जाएगा. अब ऑक्सफोर्ड में लड़के-लड़कियां एक-दूसरे को 'ही' और 'शी' नहीं 'ज़ी' कहकर बुलाएंगे, ताकि स्त्री-पुरुष का भेदभाव खत्म हो. यूनिवर्सिटी ने इस संबंध में गाइडलाइन जारी की है और कहा है कि ज़ी बोलने से ट्रांसजेंडर स्टूडेंट्स असहज नहीं महसूस करेंगे. 'ज़ी' शब्द का प्रयोग अक्सर ट्रांसजेंडर लोगों द्वारा किया जाता है. इससे लैंगिक समानता भी आएगी. यूनिवर्सिटी संघ की ओर से छात्रों के लिए जारी की गई पुस्तिका में जेंडर न्यूट्रल प्रोनाउन्स का जिक्र किया गया है. इसमें यह भी कहा गया है कि यह कदम ट्रांसजेंडर स्टूडेंट्स के खिलाफ हिंसा को कम करने के लिए उठाया गया है. ऑक्सफोर्ड में बिहेवियर कोड (सामान्य व्यवहार) के मुताबिक कोई भी व्यक्ति ट्रांसजेंडर स्टूडेंट्स के लिए गलत टिप्पणी नहीं कर सकता है. छात्रों का आशा है कि यह प्रयास आने वाले समय में यूनिवर्सिटी के लेक्चर्स और सेमिनार्स में भी देखने को मिलेगा. ट्रांसजेंडर स्टूडेंट फ्रैंकी सिजंस कहते हैं 'जेंडर न्यूट्रल प्रोनाउन्स बहुत ही अच्छा कदम है. यह तो लेक्चर्स में भी होना चाहिए.' एलजीबीटी अधिकारों को लेकर कैंपेन चलाने वाले पीटर टशेल कहते हैं कि 'यह काफी पॉजीटिव चीज है. इससे लिंग भेद खत्म होगा. जेंडर न्यूट्रल प्रोनाउन्स उन लोगों के लिए काफी अच्छा है जो ऐसा चाहते हैं, लेकिन इसे अनिवार्य नहीं किया जाना चाहिए. यह ऐसा विषय है जिसे राजनीतिक तौर पर कोई सेंसर नहीं कर सकता है. जरूरत लैंगिंग भेद को लेकर मानसिकता बदलने की है. लोगों की पहचान पुरुष और महिला से नहीं होनी चाहिए.'टिप्पणियां यूनिवर्सिटी के ऑक्सफोर्ड कॉलेज में इस गाइडलाइन को लागू कर दिया गया है. ऐसा करने वाला यह पहला संस्थान है. सेंट कैथरीन कॉलेज को उम्मीद है कि पूरी यूनिवर्सिटी में इस तरह के प्रयास को अपनाया जाएगा. साथ ही महिला और पुरुष के लिए शौचालय के नए साइन भी बनाए जाएंगे. वहीं, कैंब्रिज विश्वविद्यालय ने भी इस तरह के कदम उठाने के संकेत दिए हैं. इससे पहले ब्रिटेन के कुछ स्कूलों ने भी ऐसी पहल की हैं. स्कूलों ने पैरेंट्स को पत्र लिखकर कहा था कि वे लड़के और लड़कियों को एक जैसे यूनीफार्म में ही स्कूल भेजें. इसके अलावा कुछ कॉलेजों ने भी महिला पुरुष लिखने को भी मना कर दिया है. अब ऑक्सफोर्ड में लड़के-लड़कियां एक-दूसरे को 'ही' और 'शी' नहीं 'ज़ी' कहकर बुलाएंगे, ताकि स्त्री-पुरुष का भेदभाव खत्म हो. यूनिवर्सिटी ने इस संबंध में गाइडलाइन जारी की है और कहा है कि ज़ी बोलने से ट्रांसजेंडर स्टूडेंट्स असहज नहीं महसूस करेंगे. 'ज़ी' शब्द का प्रयोग अक्सर ट्रांसजेंडर लोगों द्वारा किया जाता है. इससे लैंगिक समानता भी आएगी. यूनिवर्सिटी संघ की ओर से छात्रों के लिए जारी की गई पुस्तिका में जेंडर न्यूट्रल प्रोनाउन्स का जिक्र किया गया है. इसमें यह भी कहा गया है कि यह कदम ट्रांसजेंडर स्टूडेंट्स के खिलाफ हिंसा को कम करने के लिए उठाया गया है. ऑक्सफोर्ड में बिहेवियर कोड (सामान्य व्यवहार) के मुताबिक कोई भी व्यक्ति ट्रांसजेंडर स्टूडेंट्स के लिए गलत टिप्पणी नहीं कर सकता है. छात्रों का आशा है कि यह प्रयास आने वाले समय में यूनिवर्सिटी के लेक्चर्स और सेमिनार्स में भी देखने को मिलेगा. ट्रांसजेंडर स्टूडेंट फ्रैंकी सिजंस कहते हैं 'जेंडर न्यूट्रल प्रोनाउन्स बहुत ही अच्छा कदम है. यह तो लेक्चर्स में भी होना चाहिए.' एलजीबीटी अधिकारों को लेकर कैंपेन चलाने वाले पीटर टशेल कहते हैं कि 'यह काफी पॉजीटिव चीज है. इससे लिंग भेद खत्म होगा. जेंडर न्यूट्रल प्रोनाउन्स उन लोगों के लिए काफी अच्छा है जो ऐसा चाहते हैं, लेकिन इसे अनिवार्य नहीं किया जाना चाहिए. यह ऐसा विषय है जिसे राजनीतिक तौर पर कोई सेंसर नहीं कर सकता है. जरूरत लैंगिंग भेद को लेकर मानसिकता बदलने की है. लोगों की पहचान पुरुष और महिला से नहीं होनी चाहिए.'टिप्पणियां यूनिवर्सिटी के ऑक्सफोर्ड कॉलेज में इस गाइडलाइन को लागू कर दिया गया है. ऐसा करने वाला यह पहला संस्थान है. सेंट कैथरीन कॉलेज को उम्मीद है कि पूरी यूनिवर्सिटी में इस तरह के प्रयास को अपनाया जाएगा. साथ ही महिला और पुरुष के लिए शौचालय के नए साइन भी बनाए जाएंगे. वहीं, कैंब्रिज विश्वविद्यालय ने भी इस तरह के कदम उठाने के संकेत दिए हैं. इससे पहले ब्रिटेन के कुछ स्कूलों ने भी ऐसी पहल की हैं. स्कूलों ने पैरेंट्स को पत्र लिखकर कहा था कि वे लड़के और लड़कियों को एक जैसे यूनीफार्म में ही स्कूल भेजें. इसके अलावा कुछ कॉलेजों ने भी महिला पुरुष लिखने को भी मना कर दिया है. 'ज़ी' शब्द का प्रयोग अक्सर ट्रांसजेंडर लोगों द्वारा किया जाता है. इससे लैंगिक समानता भी आएगी. यूनिवर्सिटी संघ की ओर से छात्रों के लिए जारी की गई पुस्तिका में जेंडर न्यूट्रल प्रोनाउन्स का जिक्र किया गया है. इसमें यह भी कहा गया है कि यह कदम ट्रांसजेंडर स्टूडेंट्स के खिलाफ हिंसा को कम करने के लिए उठाया गया है. ऑक्सफोर्ड में बिहेवियर कोड (सामान्य व्यवहार) के मुताबिक कोई भी व्यक्ति ट्रांसजेंडर स्टूडेंट्स के लिए गलत टिप्पणी नहीं कर सकता है. छात्रों का आशा है कि यह प्रयास आने वाले समय में यूनिवर्सिटी के लेक्चर्स और सेमिनार्स में भी देखने को मिलेगा. ट्रांसजेंडर स्टूडेंट फ्रैंकी सिजंस कहते हैं 'जेंडर न्यूट्रल प्रोनाउन्स बहुत ही अच्छा कदम है. यह तो लेक्चर्स में भी होना चाहिए.' एलजीबीटी अधिकारों को लेकर कैंपेन चलाने वाले पीटर टशेल कहते हैं कि 'यह काफी पॉजीटिव चीज है. इससे लिंग भेद खत्म होगा. जेंडर न्यूट्रल प्रोनाउन्स उन लोगों के लिए काफी अच्छा है जो ऐसा चाहते हैं, लेकिन इसे अनिवार्य नहीं किया जाना चाहिए. यह ऐसा विषय है जिसे राजनीतिक तौर पर कोई सेंसर नहीं कर सकता है. जरूरत लैंगिंग भेद को लेकर मानसिकता बदलने की है. लोगों की पहचान पुरुष और महिला से नहीं होनी चाहिए.'टिप्पणियां यूनिवर्सिटी के ऑक्सफोर्ड कॉलेज में इस गाइडलाइन को लागू कर दिया गया है. ऐसा करने वाला यह पहला संस्थान है. सेंट कैथरीन कॉलेज को उम्मीद है कि पूरी यूनिवर्सिटी में इस तरह के प्रयास को अपनाया जाएगा. साथ ही महिला और पुरुष के लिए शौचालय के नए साइन भी बनाए जाएंगे. वहीं, कैंब्रिज विश्वविद्यालय ने भी इस तरह के कदम उठाने के संकेत दिए हैं. इससे पहले ब्रिटेन के कुछ स्कूलों ने भी ऐसी पहल की हैं. स्कूलों ने पैरेंट्स को पत्र लिखकर कहा था कि वे लड़के और लड़कियों को एक जैसे यूनीफार्म में ही स्कूल भेजें. इसके अलावा कुछ कॉलेजों ने भी महिला पुरुष लिखने को भी मना कर दिया है. ऑक्सफोर्ड में बिहेवियर कोड (सामान्य व्यवहार) के मुताबिक कोई भी व्यक्ति ट्रांसजेंडर स्टूडेंट्स के लिए गलत टिप्पणी नहीं कर सकता है. छात्रों का आशा है कि यह प्रयास आने वाले समय में यूनिवर्सिटी के लेक्चर्स और सेमिनार्स में भी देखने को मिलेगा. ट्रांसजेंडर स्टूडेंट फ्रैंकी सिजंस कहते हैं 'जेंडर न्यूट्रल प्रोनाउन्स बहुत ही अच्छा कदम है. यह तो लेक्चर्स में भी होना चाहिए.' एलजीबीटी अधिकारों को लेकर कैंपेन चलाने वाले पीटर टशेल कहते हैं कि 'यह काफी पॉजीटिव चीज है. इससे लिंग भेद खत्म होगा. जेंडर न्यूट्रल प्रोनाउन्स उन लोगों के लिए काफी अच्छा है जो ऐसा चाहते हैं, लेकिन इसे अनिवार्य नहीं किया जाना चाहिए. यह ऐसा विषय है जिसे राजनीतिक तौर पर कोई सेंसर नहीं कर सकता है. जरूरत लैंगिंग भेद को लेकर मानसिकता बदलने की है. लोगों की पहचान पुरुष और महिला से नहीं होनी चाहिए.'टिप्पणियां यूनिवर्सिटी के ऑक्सफोर्ड कॉलेज में इस गाइडलाइन को लागू कर दिया गया है. ऐसा करने वाला यह पहला संस्थान है. सेंट कैथरीन कॉलेज को उम्मीद है कि पूरी यूनिवर्सिटी में इस तरह के प्रयास को अपनाया जाएगा. साथ ही महिला और पुरुष के लिए शौचालय के नए साइन भी बनाए जाएंगे. वहीं, कैंब्रिज विश्वविद्यालय ने भी इस तरह के कदम उठाने के संकेत दिए हैं. इससे पहले ब्रिटेन के कुछ स्कूलों ने भी ऐसी पहल की हैं. स्कूलों ने पैरेंट्स को पत्र लिखकर कहा था कि वे लड़के और लड़कियों को एक जैसे यूनीफार्म में ही स्कूल भेजें. इसके अलावा कुछ कॉलेजों ने भी महिला पुरुष लिखने को भी मना कर दिया है. एलजीबीटी अधिकारों को लेकर कैंपेन चलाने वाले पीटर टशेल कहते हैं कि 'यह काफी पॉजीटिव चीज है. इससे लिंग भेद खत्म होगा. जेंडर न्यूट्रल प्रोनाउन्स उन लोगों के लिए काफी अच्छा है जो ऐसा चाहते हैं, लेकिन इसे अनिवार्य नहीं किया जाना चाहिए. यह ऐसा विषय है जिसे राजनीतिक तौर पर कोई सेंसर नहीं कर सकता है. जरूरत लैंगिंग भेद को लेकर मानसिकता बदलने की है. लोगों की पहचान पुरुष और महिला से नहीं होनी चाहिए.'टिप्पणियां यूनिवर्सिटी के ऑक्सफोर्ड कॉलेज में इस गाइडलाइन को लागू कर दिया गया है. ऐसा करने वाला यह पहला संस्थान है. सेंट कैथरीन कॉलेज को उम्मीद है कि पूरी यूनिवर्सिटी में इस तरह के प्रयास को अपनाया जाएगा. साथ ही महिला और पुरुष के लिए शौचालय के नए साइन भी बनाए जाएंगे. वहीं, कैंब्रिज विश्वविद्यालय ने भी इस तरह के कदम उठाने के संकेत दिए हैं. इससे पहले ब्रिटेन के कुछ स्कूलों ने भी ऐसी पहल की हैं. स्कूलों ने पैरेंट्स को पत्र लिखकर कहा था कि वे लड़के और लड़कियों को एक जैसे यूनीफार्म में ही स्कूल भेजें. इसके अलावा कुछ कॉलेजों ने भी महिला पुरुष लिखने को भी मना कर दिया है. जेंडर न्यूट्रल प्रोनाउन्स उन लोगों के लिए काफी अच्छा है जो ऐसा चाहते हैं, लेकिन इसे अनिवार्य नहीं किया जाना चाहिए. यह ऐसा विषय है जिसे राजनीतिक तौर पर कोई सेंसर नहीं कर सकता है. जरूरत लैंगिंग भेद को लेकर मानसिकता बदलने की है. लोगों की पहचान पुरुष और महिला से नहीं होनी चाहिए.'टिप्पणियां यूनिवर्सिटी के ऑक्सफोर्ड कॉलेज में इस गाइडलाइन को लागू कर दिया गया है. ऐसा करने वाला यह पहला संस्थान है. सेंट कैथरीन कॉलेज को उम्मीद है कि पूरी यूनिवर्सिटी में इस तरह के प्रयास को अपनाया जाएगा. साथ ही महिला और पुरुष के लिए शौचालय के नए साइन भी बनाए जाएंगे. वहीं, कैंब्रिज विश्वविद्यालय ने भी इस तरह के कदम उठाने के संकेत दिए हैं. इससे पहले ब्रिटेन के कुछ स्कूलों ने भी ऐसी पहल की हैं. स्कूलों ने पैरेंट्स को पत्र लिखकर कहा था कि वे लड़के और लड़कियों को एक जैसे यूनीफार्म में ही स्कूल भेजें. इसके अलावा कुछ कॉलेजों ने भी महिला पुरुष लिखने को भी मना कर दिया है. यूनिवर्सिटी के ऑक्सफोर्ड कॉलेज में इस गाइडलाइन को लागू कर दिया गया है. ऐसा करने वाला यह पहला संस्थान है. सेंट कैथरीन कॉलेज को उम्मीद है कि पूरी यूनिवर्सिटी में इस तरह के प्रयास को अपनाया जाएगा. साथ ही महिला और पुरुष के लिए शौचालय के नए साइन भी बनाए जाएंगे. वहीं, कैंब्रिज विश्वविद्यालय ने भी इस तरह के कदम उठाने के संकेत दिए हैं. इससे पहले ब्रिटेन के कुछ स्कूलों ने भी ऐसी पहल की हैं. स्कूलों ने पैरेंट्स को पत्र लिखकर कहा था कि वे लड़के और लड़कियों को एक जैसे यूनीफार्म में ही स्कूल भेजें. इसके अलावा कुछ कॉलेजों ने भी महिला पुरुष लिखने को भी मना कर दिया है. वहीं, कैंब्रिज विश्वविद्यालय ने भी इस तरह के कदम उठाने के संकेत दिए हैं. इससे पहले ब्रिटेन के कुछ स्कूलों ने भी ऐसी पहल की हैं. स्कूलों ने पैरेंट्स को पत्र लिखकर कहा था कि वे लड़के और लड़कियों को एक जैसे यूनीफार्म में ही स्कूल भेजें. इसके अलावा कुछ कॉलेजों ने भी महिला पुरुष लिखने को भी मना कर दिया है.
सावन के पहले सोमवार के दिन द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख स्थान रखने वाले बाबा काशी विश्वनाथ की नगरी काशी में शिव भक्तों का सैलाब आ गया है. पूरी काशी में चारों तरफ सिर्फ बोल बम, बोल बम और हर हर महादेव के गगनभेदी स्वर गूंज रहे हैं. मंदिर को जाने वाले सारे रास्तों पर सिर्फ केसरिया ही केसरिया का नजारा दिख रहा है. इस वक्त शिव की नगरी काशी में हाथों में गंगा जल की लुटिया, मन में बाबा विश्वनाथ के प्रति अटूट श्रद्धा और आस्था का समन्दर सब कुछ है. कहते हैं की काशी के कण-कण में शंकर विराजमान रहते हैं, लेकिन सावन में इससे इतर रूप दिखता है. देश के दूरदराज इलाकों से काशी आने वाले बाबा के भक्तों की श्रद्धा का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि सावन के सोमवार को बाबा के दर्शन करने और जलाभिषेक करने के लिए भक्तों को पंद्रह से 20 घंटों तक भी कतारे में खड़े रहना पड़ता है. सावन में कांवडि़यों के भारी संख्या में आने के मद्देनजर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गए हैं. भोले की इस नगरी में पूरे सावन भक्तों का जमावड़ा रहता है. मान्यता है कि 12 ज्योतिर्लोंगों में अहम स्थान रखने वाले बाबा विश्वनाथ को यदि सावन के पहले सोमवार जल चढ़ाया जाए तो मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है. सावन में कनखन का महत्व मान्यता है कि सावन के पूरे महीने शिव अपनी ससुराल कनखल में ही निवास कर यहीं से सृष्टि का संचालन और लोगों का कल्याण करते हैं. सावन के पहले सोमवार हरिद्वार के शिव मंदिरों में भोले शिव का जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगता है. शिव भक्त भोले का जलाभिषेक कर रहे हैं. कहा जाता है कि समुद्र मंथन के बाद जब चन्द्रमा राहू से बचकर भाग रहे थे, तो उन्हें शिव ने ही अभयदान दिया था. शिव ने चन्द्रमा को अपने मस्तक पर धारण किया था. तब चन्द्र ने अपना प्रिय सोमवार शिव को अर्पित कर दिया था और कहा था कि जो भी सोमवार के दिन शिव का जलाभिषेक करेगा, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी. दक्षेश्वर महादेव मंदिर कनखल के पुजारी पंडित विश्वेश्वरानंद कहते हैं, 'चूंकि ये भगवान शंकर की ससुराल है, पृथ्वी का ये मंदिर सभी पीठों में महत्वपूर्ण है. भगवान शिव को भक्त अपनी श्रद्धानुसार जो जल, बेल पत्र आदि चढ़ाता है, उनकी मनोकामना पूरी होती है.'
यह एक लेख है: पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने विरोधियों को करारा जवाब देते हुए छह स्थानीय निकायों के चुनाव में से चार स्थान पर जीत हासिल की है जबकि शेष दो में से एक-एक सीट कांग्रेस और विपक्षी वाम मार्चे को मिली है। तृणमूल ने उत्तर में जलपाईगुड़ी जिले की धूपगुड़ी नगरपालिका में वामपंथी दलों को हराकर जीत हासिल की। इसे तृणमूल की बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि पिछले साल राज्य विधानसभा चुनाव में हार के बावजूद वाम दल यहां अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे थे। तृणमूल ने बर्धवान जिले में दुर्गापुर नगर निगम के चुनाव में भी जीत हासिल की, जहां वाम मोर्चे की पिछले 15 साल में पहली बार हार हुई। तृणमूल पूर्वी मिदनापुर जिले में पंसकुरा नगरपालिका भी बचाने में कामयाब रही, लेकिन उसकी सबसे महत्वपूर्ण जीत बीरभूम जिले में नलहटी नगरपालिका में रही, जहां केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के बेटे और नलहटी से कांग्रेस के विधायक अभिजीत स्वयं पार्टी के पक्ष में चुनाव प्रचार की कमान सम्भाले हुए थे। टिप्पणियां वाम मोर्चा हालांकि पूर्वी मिदनापुर जिले में हल्दिया नगरपालिका पर अपना कब्जा बरकरार रखने में सफल रहा। यह नंदीग्राम के पास है, जहां तृणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी ने वामपंथी मोर्चे के खिलाफ सफल प्रदर्शन किया था। कांग्रेस के लिए एकमात्र सांत्वना की बात यह रही कि वह नादिया जिले में कूपर्स कैम्प नगरपालिका में अपना कब्जा बरकरार रखने में सफल रही। तृणमूल ने उत्तर में जलपाईगुड़ी जिले की धूपगुड़ी नगरपालिका में वामपंथी दलों को हराकर जीत हासिल की। इसे तृणमूल की बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि पिछले साल राज्य विधानसभा चुनाव में हार के बावजूद वाम दल यहां अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे थे। तृणमूल ने बर्धवान जिले में दुर्गापुर नगर निगम के चुनाव में भी जीत हासिल की, जहां वाम मोर्चे की पिछले 15 साल में पहली बार हार हुई। तृणमूल पूर्वी मिदनापुर जिले में पंसकुरा नगरपालिका भी बचाने में कामयाब रही, लेकिन उसकी सबसे महत्वपूर्ण जीत बीरभूम जिले में नलहटी नगरपालिका में रही, जहां केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के बेटे और नलहटी से कांग्रेस के विधायक अभिजीत स्वयं पार्टी के पक्ष में चुनाव प्रचार की कमान सम्भाले हुए थे। टिप्पणियां वाम मोर्चा हालांकि पूर्वी मिदनापुर जिले में हल्दिया नगरपालिका पर अपना कब्जा बरकरार रखने में सफल रहा। यह नंदीग्राम के पास है, जहां तृणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी ने वामपंथी मोर्चे के खिलाफ सफल प्रदर्शन किया था। कांग्रेस के लिए एकमात्र सांत्वना की बात यह रही कि वह नादिया जिले में कूपर्स कैम्प नगरपालिका में अपना कब्जा बरकरार रखने में सफल रही। तृणमूल ने बर्धवान जिले में दुर्गापुर नगर निगम के चुनाव में भी जीत हासिल की, जहां वाम मोर्चे की पिछले 15 साल में पहली बार हार हुई। तृणमूल पूर्वी मिदनापुर जिले में पंसकुरा नगरपालिका भी बचाने में कामयाब रही, लेकिन उसकी सबसे महत्वपूर्ण जीत बीरभूम जिले में नलहटी नगरपालिका में रही, जहां केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के बेटे और नलहटी से कांग्रेस के विधायक अभिजीत स्वयं पार्टी के पक्ष में चुनाव प्रचार की कमान सम्भाले हुए थे। टिप्पणियां वाम मोर्चा हालांकि पूर्वी मिदनापुर जिले में हल्दिया नगरपालिका पर अपना कब्जा बरकरार रखने में सफल रहा। यह नंदीग्राम के पास है, जहां तृणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी ने वामपंथी मोर्चे के खिलाफ सफल प्रदर्शन किया था। कांग्रेस के लिए एकमात्र सांत्वना की बात यह रही कि वह नादिया जिले में कूपर्स कैम्प नगरपालिका में अपना कब्जा बरकरार रखने में सफल रही। तृणमूल पूर्वी मिदनापुर जिले में पंसकुरा नगरपालिका भी बचाने में कामयाब रही, लेकिन उसकी सबसे महत्वपूर्ण जीत बीरभूम जिले में नलहटी नगरपालिका में रही, जहां केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के बेटे और नलहटी से कांग्रेस के विधायक अभिजीत स्वयं पार्टी के पक्ष में चुनाव प्रचार की कमान सम्भाले हुए थे। टिप्पणियां वाम मोर्चा हालांकि पूर्वी मिदनापुर जिले में हल्दिया नगरपालिका पर अपना कब्जा बरकरार रखने में सफल रहा। यह नंदीग्राम के पास है, जहां तृणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी ने वामपंथी मोर्चे के खिलाफ सफल प्रदर्शन किया था। कांग्रेस के लिए एकमात्र सांत्वना की बात यह रही कि वह नादिया जिले में कूपर्स कैम्प नगरपालिका में अपना कब्जा बरकरार रखने में सफल रही। वाम मोर्चा हालांकि पूर्वी मिदनापुर जिले में हल्दिया नगरपालिका पर अपना कब्जा बरकरार रखने में सफल रहा। यह नंदीग्राम के पास है, जहां तृणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी ने वामपंथी मोर्चे के खिलाफ सफल प्रदर्शन किया था। कांग्रेस के लिए एकमात्र सांत्वना की बात यह रही कि वह नादिया जिले में कूपर्स कैम्प नगरपालिका में अपना कब्जा बरकरार रखने में सफल रही। कांग्रेस के लिए एकमात्र सांत्वना की बात यह रही कि वह नादिया जिले में कूपर्स कैम्प नगरपालिका में अपना कब्जा बरकरार रखने में सफल रही।
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में आग लगने की एक घटना में एक सुरंग परियोजना में काम कर रहे दस लोग मारे गए। मारे गए लोगों में अधिकतर मजदूर हैं।टिप्पणियां जम्मू के आईजीपी दानिश राणा ने बताया, आज तड़के 1 बजे के आसपास रामबन जिले के चंद्रकोट इलाके में तलावास में एक सुरंग परियोजना में काम कर रहे मजदूरों के बैरकों में संभवत: शॉट सर्किट के कारण आग लग गई। उन्होंने बताया कि इस आग में दस लोग मारे गए जबकि चार अन्य घायल हो गए। पुलिस तथा अन्य बचाव एजेंसियों ने बचाव अभियान चलाया तथा दस शवों को निकाला। ये शव इतनी बुरी तरह झुलस गए थे कि इनकी पहचान संभव नहीं थी। राणा ने बताया कि घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जम्मू के आईजीपी दानिश राणा ने बताया, आज तड़के 1 बजे के आसपास रामबन जिले के चंद्रकोट इलाके में तलावास में एक सुरंग परियोजना में काम कर रहे मजदूरों के बैरकों में संभवत: शॉट सर्किट के कारण आग लग गई। उन्होंने बताया कि इस आग में दस लोग मारे गए जबकि चार अन्य घायल हो गए। पुलिस तथा अन्य बचाव एजेंसियों ने बचाव अभियान चलाया तथा दस शवों को निकाला। ये शव इतनी बुरी तरह झुलस गए थे कि इनकी पहचान संभव नहीं थी। राणा ने बताया कि घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस तथा अन्य बचाव एजेंसियों ने बचाव अभियान चलाया तथा दस शवों को निकाला। ये शव इतनी बुरी तरह झुलस गए थे कि इनकी पहचान संभव नहीं थी। राणा ने बताया कि घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्रस्वा या प्रोसीयन, जिसका बायर नाम "अल्फ़ा कैनिस माइनौरिस" (α Canis Minoris या α CMi) है, हीनश्वान तारामंडल का सब से रोशन तारा है और पृथ्वी से दिखने वाले तारों में से सातवा सब से रोशन तारा है। बिना दूरबीन के आँखों से यह एक तारा लगता है पर दरअसल द्वितारा है, जिनमें से एक "प्रस्वा ए" नाम का सफ़ेद मुख्य अनुक्रम तारा है जिसकी श्रेणी F5 VI-V है और दूसरा "प्रस्वा बी" नामक धुंधला-सा सफ़ेद बौना तारा है जिसकी श्रेणी DA है। वैसे तो प्रस्वा कोई ख़ास चमक (निरपेक्ष कान्तिमान) नहीं रखता लेकिन पृथ्वी के पास होने से ज़्यादा रोशन लगता है। यह पृथ्वी से ११.४१ प्रकाश-वर्ष दूर है। भारतीय नक्षत्रों में प्रस्वा पुनर्वसु नक्षत्र का भाग माना जाता था, लेकिन उस नक्षत्र में और भी तारे शामिल हैं। अन्य भाषाओं में प्रस्वा को अंग्रेज़ी में "प्रोसीयन" (Procyon) कहते हैं। इसका मूल यूनानी भाषा का "प्रोकूओन" (προκύον) है, जिसका मतलब है "कुत्ते से पहले"। यह आकाश में व्याध तारे से आगे चलता है और व्याध को "कुत्ता तारा" (Dog star) भी कहा जाता है। अरबी भाषा में प्रस्वा को "अश-शीरा अश-शामिया" () कहा जाता है जिसका अर्थ है "शाम (सीरिया) का निशान"। सीरिया अरबी क्षेत्र में उत्तर की ओर पड़ता है और प्रस्वा भी व्याध तारे से उत्तर की ओर नज़र आता है। "प्रस्वा ए" को अंग्रेज़ी में "प्रोसीयन ए" (Procyon A) और "प्रस्वा बी" को "प्रोसीयन बी" (Procyon B) लिखा जाता है। विवरण प्रस्वा ए का सतही तापमान ६,५३० कैल्विन है जिस से वह सफ़ेद लगता है। अपनी श्रेणी के हिसाब से इसमें रोशनी अधिक है, जिससे यह शक़ होता है के शायद यह एक उपदानव तारा है। इसका व्यास (डायामीटर) सूरज के व्यास से लगभग दुगना, द्रव्यमान सौर द्रव्यमान का १.४ गुना और रौशनी सूरज से ७.५ गुना है। माना जाता है के १-१० करोड़ साल के अन्दर यह फूलना शुरू हो जाएगा और अपने वर्तमान आकार से ८०-१५० गुना बड़ा होगा। प्रस्वा बी का द्रव्यमान सूरज का ०.६ गुना है, यानि आधे से ज़रा अधिक। इसका अनुमानित सतही तापमान ७,७४० कैल्विन है। इन्हें भी देखें हीनश्वान तारामंडल सबसे रोशन तारों की सूची सन्दर्भ हीनश्वान तारामंडल हिन्दी विकि डीवीडी परियोजना द्वितारे सफ़ेद बौने तारे ऍफ़-प्रकार मुख्य अनुक्रम तारे ऍफ़-प्रकार उपदानव तारे
कर्नाटक के कोप्पल में चुनावी रैली के दौरान बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह राज्य के सीएम सिद्धारमैया और कांग्रेस पार्टी पर जमकर बरसे. अमित शाह ने सत्ताधारी कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार केंद्र से जो पैसा भेजती है वह सिद्धारमैया सरकार की जेब में चला जाता है. अमित शाह ने कहा कि कर्नाटक में बीजेपी नेताओं की रैलियों में उमड़ी भीड़ देखकर लगता है यहां बीजेपी की आंधी नहीं सुनामी चल रही है. उन्होंने कहा कि इस सुनामी में कांग्रेस उड़ने वाली है. शाह ने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार के गठन के बाद कर्नाटक के लिए दी जाने वाली राशि को बढ़ा दिया गया है. शाह ने कहा कि 13वें वित्त आयोग में राज्य को 88,583 करोड़ रुपये मिले थे, जिसे बढ़ाकर 2,19, 506 करोड़ रुपये किया गया. अमित शाह ने न सिर्फ कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा बल्कि राज्य के सीएम सिद्धारमैया पर व्यक्तिगत हमले भी किए. शाह ने कहा कि कितने लोग 40 लाख रुपये की घड़ी पहन सकते हैं, लेकिन सिद्धारमैया 40 लाख की घड़ी पहनते हैं और इससे साबित होता है कि राज्य में उन्होंने किस तरह से भ्रष्टाचार किया है. बीजेपी अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि सिद्धारमैया सरकार ने राज्य के विकास के लिए कुछ भी नहीं किया. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर भी निशाना साधा. उन्होंने वंदे मातरम् विवाद का जिक्र करते हुए कहा कि जिस राहुल गांधी के मन में वंदे मातरम के लिए सम्मान नहीं उसपर देश की जनता कैसे भरोसा कर सकती है. उन्होंने कहा कि सिद्धारमैया की भ्रष्ट सरकार की बदौलत भी राहुल गांधी सोचते हैं कि कर्नाटक में कांग्रेस चुनाव जीत जाएगी.
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भारत की ओर से वन-डे इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे अधिक रन बनाने वाले कप्तानों की सूची में मोहम्मद अजहरुद्दीन को पछाड़कर शीर्ष पर पहुंच गए हैं। वॉन्डरर्स मैदान में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए शृंखला के पहले वन-डे इंटरनेशनल मैच में 65 रनों की अपनी पारी के दौरान महेंद्र सिंह धोनी ने यह उपलब्धि हासिल की। अब भारतीय कप्तान के रूप में उनके नाम 152 मैचों में 58.64 की औसत से 5,278 रन दर्ज हो गए हैं। इससे पहले, भारतीय कप्तान के रूप में मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 174 वन-डे इंटरनेशनल मैचों में 39.39 की औसत से 5,239 रन बनाए थे। वन-डे इंटरनेशनल क्रिकेट में 5,000 से अधिक रन बनाने वाले सात कप्तानों की सूची में महेंद्र सिंह धोनी एकमात्र कप्तान हैं, जिनका औसत 50 या उससे अधिक है। वैसे, भारत की ओर से इसी मैच में विराट कोहली ने भी 31 रन बनाए और इस साल खेले 32 मैचों में 55.13 की औसत से 1,268 रनों के साथ वर्ष 2013 में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में वह शीर्ष पर हैं। उधर, दक्षिण अफ्रीकी कप्तान एबी डिविलियर्स ने 47 गेंदों में 77 रन की पारी खेली और वह इस साल 1,000 या अधिक रन बनाने वाले पहले दक्षिण अफ्रीकी और कुल सातवें बल्लेबाज बन गए। उन्होंने इस साल अब तक 25 मैचों में 50.04 की औसत से 1,051 रन जुटाए हैं। इसके अलावा इस मैच में दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों ने अपनी पारी के दौरान 13 छक्के जड़े, जो भारत के खिलाफ एक रिकॉर्ड है।
इनसाइक्लोपीडिया ऑफ इस्लाम (ईआई): इस्लाम का विश्वज्ञानकोश है, ब्रिल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस्लामी अध्ययनों का अंग्रेज़ी में विश्वकोश (डेटाबेस) है، इसे इस्लामी अध्ययन के क्षेत्र में मानक संदर्भ कार्य माना जाता है। पहला संस्करण 1913-1938 में, दूसरा 1954-2005 12 खंडों में और तीसरा 2007 में प्रकाशित हुआ था। इसे पूरा करने में चालीस वर्ष लगे। कई भाषा में अनुवाद हुआ। सामग्री ब्रिल के अनुसार, ईआई में "हर उम्र और भूमि के विशिष्ट मुसलमानों पर, जनजातियों और राजवंशों पर, शिल्प और विज्ञान पर, राजनीतिक और धार्मिक संस्थानों पर, विभिन्न देशों के भूगोल, नृवंशविज्ञान, वनस्पतियों और जीवों पर लेख शामिल हैं।" प्रमुख कस्बों और शहरों का इतिहास, स्थलाकृति और स्मारक। इसके भौगोलिक और ऐतिहासिक दायरे में यह पुराने अरब-इस्लामिक साम्राज्य, ईरान के इस्लामी देशों, मध्य एशिया, भारतीय उप-महाद्वीप और इंडोनेशिया, तुर्क साम्राज्य और सभी को शामिल किया है। अनुवाद यह पहली बार 1913 से 1938 तक अंग्रेजी , फ्रेंच और जर्मन में प्रकाशित हुआ था । बाद में इसके कुछ भाग उर्दू , तुर्की और अरबीभाषाओं में इसका अनुवाद भी किया गया है। उर्दू में इसे 1953 से 1993 तक जामिया पंजाब (पंजाब यूनिवर्सिटी), लाहौर द्वारा शॉर्ट उर्दू डायरा मारीफ इस्लामिया के नाम से अलग-अलग हिस्सों में प्रकाशित किया गया । उर्दू मुख्य लेख: उर्दू दायरा मारिफ इस्लामिया पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित उर्दू दायरा मारिफ इस्लामिया नामक 23 खंडों में इसका अनुवाद उर्दू में किया गया था। इस्लाम से संबंधित विश्वकोशों की सूची हिंदी 'कुरआन मजीद की इन्साइक्लोपीडिया', लेखक प्रोफेसर जियाउर्रहमान आज़मी, 2010 में मर्कजी जमीअत अहले हदीस हिन्द द्वारा प्रकाशित फारसी दानिशनामा जहाने इस्लाम : इस्लामी दुनिया का विश्वकोश, इस्लाम की शुरुआत से लेकर वर्तमान समय तक इस्लामी धर्म की शिक्षाओं और मुस्लिम राष्ट्रों की सभ्यता और संस्कृति के बारे में एक विश्वकोश है। इस एनसाइक्लोपीडिया से, जो कुल मिलाकर 40 खंड होंगे, इस्लामिक इनसाइक्लोपीडिया फाउंडेशन के प्रयासों से अब तक इसमें से 27 खंड जिनमें हजारों लेख शामिल हैं, प्रकाशित किए जा चुके हैं। अरबी इस्लामी न्यायशास्त्र में सार्वजनिक मुद्दों का विश्वकोश : (अरबी:موسوعة مسائل الجمهور في الفقه الإسلامي) पुस्तक को न्यायशास्त्र अध्ययन में रुचि रखने वाले छात्रों और शोधकर्ताओं के हित में वर्गीकृत किया गया है। यह न्यायशास्त्र के विज्ञान और विश्वास, हदीस, पैगंबर की जीवनी, और कानूनी विज्ञान की अन्य शाखाओं से संबंधित विषयों में विशेषज्ञता के दायरे में आता है। बांग्ला उर्दू मुख्य लेख: उर्दू दायरा मारिफ इस्लामिया पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित उर्दू दायरा मारिफ इस्लामिया नामक 23 खंडों में इसका अनुवाद उर्दू में किया गया था। अंग्रेज़ी तुर्की इस्लाम इनसीक्लोपेडेसी, धार्मिक मामलों का निदेशालय,1988–2013,सामान्य - इस्लामी अध्ययन के लिए एक तुर्की शैक्षणिक विश्वकोश है। इन्हें भी देखें इस्लाम से संबंधित विश्वकोशों की सूची सन्दर्भ पुस्तकें अंग्रेजी साहित्य इस्लाम इस्लाम का इतिहास इस्लाम-पूर्व अरब अंग्रेज़ी विकिपीडिया से अनूदित पृष्ठ इस्लाम के विश्वकोश बाहरी कड़ियाँ इनसाइक्लोपीडिया ऑफ इस्लाम'– online access, ब्रिल प्रकाशन कुरआन मजीदकी इन्साइक्लोपीडिया] हिंदी पीडीऍफ़ ''कुरआन एकत्र एनसाइक्लोपीडिया
यह एक लेख है: दक्षिण अफ्रीका के दिवंगत पूर्व कप्तान हैंसी क्रोन्ये के पिता एवी क्रोन्ये ने कहा है कि 13 बरस पुराने मैच फिक्सिंग मामले में अब उनके बेटे पर आरोप तय करने के दिल्ली पुलिस के फैसले में उन्हें कोई तुक नजर नहीं आती। एवी क्रोन्ये ने अफ्रीकी डेली बील्ड से कहा कहा, उस समय हैंसी पर आरोप तय करने का मौका था, लेकिन उस समय उसके खिलाफ कुछ नहीं मिला। अब उन्हें क्या मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह अच्छा है कि जिन पेशेवर सटोरियों की वजह से यह सब हुआ, अब उन्हें सजा मिल सकेगी। उन्होंने हालांकि संदेह जताया कि नए घटनाक्रम से कोई नतीजा निकलेगा।टिप्पणियां हैंसी ने 2000 में मैच फिक्सिंग की बात स्वीकार की थी, लेकिन उनके पिता ने कहा कि वह उतना दोषी नहीं था, जितना कि उसे उस समय बताया गया और वह अकेला ही शामिल नहीं था। हर्शल गिब्स के साथ निकी बोए का नाम भी इस मामले में उभरा था। बोए ने कहा कि अब सटोरियो के खिलाफ आरोप तय होने ही चाहिए थे। गिब्स ने भी कहा कि भारतीय अधिकारियों को सटोरियों को पकड़ना चाहिए। एवी क्रोन्ये ने अफ्रीकी डेली बील्ड से कहा कहा, उस समय हैंसी पर आरोप तय करने का मौका था, लेकिन उस समय उसके खिलाफ कुछ नहीं मिला। अब उन्हें क्या मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह अच्छा है कि जिन पेशेवर सटोरियों की वजह से यह सब हुआ, अब उन्हें सजा मिल सकेगी। उन्होंने हालांकि संदेह जताया कि नए घटनाक्रम से कोई नतीजा निकलेगा।टिप्पणियां हैंसी ने 2000 में मैच फिक्सिंग की बात स्वीकार की थी, लेकिन उनके पिता ने कहा कि वह उतना दोषी नहीं था, जितना कि उसे उस समय बताया गया और वह अकेला ही शामिल नहीं था। हर्शल गिब्स के साथ निकी बोए का नाम भी इस मामले में उभरा था। बोए ने कहा कि अब सटोरियो के खिलाफ आरोप तय होने ही चाहिए थे। गिब्स ने भी कहा कि भारतीय अधिकारियों को सटोरियों को पकड़ना चाहिए। हैंसी ने 2000 में मैच फिक्सिंग की बात स्वीकार की थी, लेकिन उनके पिता ने कहा कि वह उतना दोषी नहीं था, जितना कि उसे उस समय बताया गया और वह अकेला ही शामिल नहीं था। हर्शल गिब्स के साथ निकी बोए का नाम भी इस मामले में उभरा था। बोए ने कहा कि अब सटोरियो के खिलाफ आरोप तय होने ही चाहिए थे। गिब्स ने भी कहा कि भारतीय अधिकारियों को सटोरियों को पकड़ना चाहिए। हर्शल गिब्स के साथ निकी बोए का नाम भी इस मामले में उभरा था। बोए ने कहा कि अब सटोरियो के खिलाफ आरोप तय होने ही चाहिए थे। गिब्स ने भी कहा कि भारतीय अधिकारियों को सटोरियों को पकड़ना चाहिए।
दिल्ली विश्वविद्यालय ने दाखिले के लिए दूसरी कट ऑफ लिस्ट जारी कर दी. कैंपस के पॉपुलर कॉलेजों में कट ऑफ में मामूली गिरावट आई है जबकि ऑफ कैंपस कॉलेजों में करीब 5 फीसदी तक कटऑफ डाउन गई है. एसआरसीसी ने बीकॉम ऑनर्स की कट ऑफ में सिर्फ 0.5 फीसदी की कमी की है. यहां पहली लिस्ट में बीकॉम ऑनर्स के लिए 98 फीसदी अंक मांगे गए थे लेकिन दूसरी कट ऑफ में 97.5 फीसदी अंक मांगे गए हैं. इसके अलावा अब बीए इकोनॉमिक्स ऑनर्स में दाखिले के लिए 97.75 फीसदी अंक चाहिए जबकि पहली कट ऑफ में 98.25 फीसदी कट ऑफ रखी गई थी. किरोड़ीमल कॉलेज ने बीए संस्कृत ऑनर्स और हिस्ट्री ऑनर्स की कट ऑफ नहीं निकाली है यानी इन कोर्सेज की सीटें फुल हो गई हैं. डीयू के नॉर्थ कैंपस में स्थित प्रतिष्ठित कॉलेज में अब प्रोग्राम के लिए मार्क्‍स की जरूरत होगी जो है: बीए प्रोग्राम के लिए 95 फीसदी बीए इंग्लिश ऑनर्स के लिए 96 फीसदी बीए पॉलिटिकल साइंस के लिए 95.5 फीसदी बीए इकोनॉमिक्स ऑनर्स के लिए 97.5 फीसदी बीकॉम ऑनर्स के लिए 97 फीसदी बीकॉम के लिए 96.25 फीसदी बीएससी फिजिक्स ऑनर्स के लिए 96 फीसदी मार्क्स पहली लिस्ट में रामजस कॉलेज के बीकॉम ऑनर्स की कट ऑफ 99.25 फीसदी तक पहुंच गई थी. अब दूसरी लिस्ट में यह गिरकर 97.75 फीसदी पर आ गई है. यहां बीए प्रोग्राम के लिए 94 फीसदी, बीए इकोनॉमिक्स ऑनर्स - 97.5, बीए इंग्लिश ऑनर्स - 96.5, बीए पॉलिटिकल साइंस - 97, बीए हिंदी ऑनर्स - 90, बीकॉ़म - 97.25, बीएससी केमिस्ट्री - 96.66, बीएससी फिजिक्स - 96.66 फीसदी कट ऑफ है. एलएसआर में हिंदी ऑनर्स और सोशोलॉजी ऑनर्स के एडमिशन बंद हो गए हैं. यहां अन्य कोर्सेज की कटऑफ लिस्ट इस प्रकार है: बीकॉम ऑनर्स - 97.50 फीसदी बीए ऑनर्स इकोनॉमिक्स- 97.50 फीसदी बीए ऑनर्स इंग्लिश- 97.50 बीएस ऑनर्स पॉलिटिकल साइंस- 97.25 बीए ऑनर्स हिस्ट्री- 96.75 बीए ऑनर्स जर्नलिज्म- 97.25 बीए प्रोग्राम- 96.75 बीए ऑनर्स फिलॉस्फी- 93 फीसदी जिन स्‍टूडेंट्स का नाम पहली लिस्ट में आया था, लेकिन वो किसी वजह से एडमिशन नहीं ले सके, तो उन्हें भी दूसरी कट ऑफ में एडमिशन लेने का अवसर मिलेगा. लेकिन ऐसे छात्र यह पहले सुनिश्चित कर लें कि जिस कॉलेज में एडमिशन लेने जा रहे हैं वहां सीट खाली हो. तीसरी कटऑफ 11 जुलाई को आएगी.
द बिग पिक्चर एक भारतीय हिंदी भाषा का टेलीविजन गेम शो है जो कलर्स टीवी पर 16 अक्टूबर 2021 से 9 जनवरी 2022 तक प्रसारित हुआ। इसे रणवीर सिंह ने होस्ट किया था। अवलोकन द बिग पिक्चर एक 12-स्टेज ट्रिविया-आधारित गेम शो है जिसमें प्रतिभागी बड़ी स्क्रीन पर उनके सामने दिखाई देने वाली छवियों से संबंधित बहुविकल्पीय प्रश्नों का उत्तर देते हैं। क्विज गेम शो दर्शकों को भाग्य जीतने का मौका देता है। तीन लाइफलाइन की मदद से प्रतियोगी को इनामी राशि जीतने के लिए विजुअल आधारित 12 सवालों के जवाब देने होंगे। क्विज शो प्रतियोगियों के ज्ञान और दृश्य स्मृति का परीक्षण करता है और उन्हें 5 करोड़ रुपये जीतने का मौका देता है। इस शो को बॉलीवुड अभिनेता रणवीर सिंह होस्ट कर रहे हैं उत्पादन पहला प्रोमो 3 जुलाई 2021 को शुरू हुआ, जिसमें रणवीर सिंह होस्ट के रूप में थे। संदर्भ कलर्स चैनल के कार्यक्रम भारतीय गेम शो भारतीय टेलीविजन धारावाहिक भारतीय वास्तविकता टेलीविजन श्रृंखला
नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक शेख अब्दुल्ला की 114वीं जयंती मकबरे के पास किसी आयोजन की नहीं मिली इजाजत 5 अगस्त से ही नजरबंद हैं घाटी के प्रमुख नेता जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छीने जाने के बाद से ही घाटी के सभी प्रमुख नेता नजरबंद हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता देवेंद्र सिंह राणा ने गुरुवार को केंद्र सरकार से सभी प्रमुख नेताओं पर लगी पाबंदी हटाने की अपील की है. बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक शेख अब्दुल्ला की आज (गुरुवार) को 114वीं जयंती थी. इस मौके पर श्रीनगर के नसीमबाग इलाके में शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के मकबरे के पास किसी आयोजन की इजाजत नहीं दी गई. ऐसे में नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता देवेंद्र सिंह राणा की अगुआई में जम्मू स्थित पार्टी ऑफिस में ही खास कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस मौके पर पार्टी के 100 से अधिक नेताओं ने दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दी. देवेंद्र सिंह राणा ने पार्टी कार्यकर्ताओं से घाटी में सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारा बनाए रखने की अपील की है. वहीं केंद्र सरकार पर हमला करते हुए राणा ने कहा, ''मोबाइल और इंटरनेट सेवा बंद होने की वजह से घाटी के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. घाटी के सभी प्रमुख नेताओं को जल्द से जल्द रिलीज किया जाए.'' वहीं आजतक से बात करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने कहा, ''प्रशासन कम से कम आज के दिन हमारे दोनों प्रमुख नेता फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला को बाहर निकलने की इजाजत दे. जिससे वो पार्टी संस्थापक के मकबरे पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें.'' घाटी में पार्टी का अगला कदम क्या होगा? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारे दोनों नेताओं के बाहर निकलने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा. क्या पर्दे के पीछे फारूक अब्दुल्ला के साथ सरकार की कोई बातचीत चल रही है? इस सवाल के जवाब में देवेंद्र सिंह राणा ने कहा कि उनके पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है. बता दें, शेख अब्दुल्ला के 8 सितंबर 1982 को निधन के बाद जम्मू-कश्मीर के इतिहास में यह पहला मौका है जब उनके जन्मदिन पर फातिहा पढ़ने (विशेष दुआ) की इजाजत नहीं दी गई.
श्रीलंका में बाढ़ और भूस्खलन से 15 लोगों की मौत और नौ लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं। सेना की मदद से बचावकर्मी विस्थापित लोगों की सहायता में जुटे हैं। समाचार एजेंसी डीपीए के मुताबिक अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि देश के पूर्वी, मध्य और उत्तरमध्य हिस्सों में तीन दिनों तक मूसलाधार बारिश हुई। इससे 80,000 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि खासकर धान की फसलों का नुकसान हुआ है। आपदा प्रबंधन केंद्र ने बताया कि देश के मध्य भाग कैंडी में सात लोगों की मौत भूस्खलन से हुई, जबकि अन्य लोग की मौतें बाढ़ से हुई। उल्लेखनीय है कि 125,000 से अधिक लोगों को अस्थायी शिविरों में रखा जा रहा है, जबकि ज्यादातर विस्थापितों ने स्कूलों, मंदिरों और चर्चो में शरण ले रखी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जी-20 समिट के लिए चीन यात्रा से कुछ दिन पहले चीन के टॉप स्टील्थ (सीक्रेट) लड़ाकू विमान जे 20 (J-20) की तस्वीरें सामने आई हैं. रिपोर्टों के अनुसार यह तिब्बत में दाओचेंग येडिंग एयरपोर्ट पर देखा गया. यह इलाका भारत के अरुणाचल प्रदेश के पूर्व में स्थित है. चीन ने इस खास लड़ाकू विमान को दुनिया से काफी दिनों तक छिपा कर रखा था. ये तस्वीरें ट्विटर और डिफेंस की www.abovetopsecret.com और www.alert5.com साइट्स पर दिखाई दी हैं. चीन का यह कदम भारत की उस घोषणा के बाद आया है, जिसमें भारत ने साफ कहा था कि वह अरुणाचल प्रदेश में अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए ब्रह्मोस मिसाइल की तैनाती कर रहा है. चीन ने भारत के इस कदम का विरोध किया था और भारत ने अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने की आजादी की बात कही थी. उल्लेखनीय है, पीएम मोदी शनिवार को वियतनाम दौरे पर ब्रह्मोस मिसाइल पर बात करने वाले हैं. वियतनाम ने इस मिसाइल में दिलचस्पी दिखाई है. इस मिसाइल की जमीन और समुद्र में मारक क्षमता 290 किलोमीटर की दूरी से ज्यादा है. पीएम मोदी की वियतनाम यात्रा से पहले विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि भारत और वियतनाम के संबंध काफी मजबूत हैं और भारत हर उस मुद्दे पर गौर करेगा, जो द्विपक्षीय वार्ता में सामने आएंगे. जे 20 विमान की तस्वीर कपड़े (तारपेलिन) से ढकी हुई है और यह दाओचेंग येडिंग एयरपोर्ट पर है. यह एयरपोर्ट समुद्र तल से 14000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. इसीलिए यह दुनिया का सबसे ऊंचे स्थान पर स्थित सिविलयन एयरपोर्ट भी है. बताया जा रहा है कि इतनी ऊंचाई पर जे 20 फाइटर को दिखाने का मकसद यह संदेश भी देना है कि यह विमान इतनी ऊंचाई में भी कामयाबी से काम कर सकता है. अमूमन इतनी ऊंचाई पर विमान में ईंधन और गोला बारूद लेने की क्षमता में कमी आ जाती है.टिप्पणियां चीन का चेंगदू जे 20 लड़ाकू विमान दो इंजन वाला है और इसके कुछ ऐसे फीचर हैं, जिसकी वजह से यह रेडार की पकड़ में नहीं आता है. यह खासियत इसे पुराने लड़ाकू विमानों से अलग करती है. दिसंबर 2010 में सुपरसोनिक जे 20 लड़ाकू विमान की खबर सामने आने के बाद से इसका उत्पादन कम संख्या में शुरू किया गया था. इसे चेंगदू एयरक्राफ्ट डिजाइन इंस्टीट्यूट में तैयार किया गया है. जनवरी 2011 में इस विमान ने पहली उड़ान भरी थी. उसके बाद से इस विमान के नए मॉडल सामने आए, जिसमें और बेहतर इंजनों का प्रयोग किया गया था. भारत के पास अभी तक इस कैटेगरी का लड़ाकू विमान नहीं है. चीन ने इस खास लड़ाकू विमान को दुनिया से काफी दिनों तक छिपा कर रखा था. ये तस्वीरें ट्विटर और डिफेंस की www.abovetopsecret.com और www.alert5.com साइट्स पर दिखाई दी हैं. चीन का यह कदम भारत की उस घोषणा के बाद आया है, जिसमें भारत ने साफ कहा था कि वह अरुणाचल प्रदेश में अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए ब्रह्मोस मिसाइल की तैनाती कर रहा है. चीन ने भारत के इस कदम का विरोध किया था और भारत ने अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने की आजादी की बात कही थी. उल्लेखनीय है, पीएम मोदी शनिवार को वियतनाम दौरे पर ब्रह्मोस मिसाइल पर बात करने वाले हैं. वियतनाम ने इस मिसाइल में दिलचस्पी दिखाई है. इस मिसाइल की जमीन और समुद्र में मारक क्षमता 290 किलोमीटर की दूरी से ज्यादा है. पीएम मोदी की वियतनाम यात्रा से पहले विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि भारत और वियतनाम के संबंध काफी मजबूत हैं और भारत हर उस मुद्दे पर गौर करेगा, जो द्विपक्षीय वार्ता में सामने आएंगे. जे 20 विमान की तस्वीर कपड़े (तारपेलिन) से ढकी हुई है और यह दाओचेंग येडिंग एयरपोर्ट पर है. यह एयरपोर्ट समुद्र तल से 14000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. इसीलिए यह दुनिया का सबसे ऊंचे स्थान पर स्थित सिविलयन एयरपोर्ट भी है. बताया जा रहा है कि इतनी ऊंचाई पर जे 20 फाइटर को दिखाने का मकसद यह संदेश भी देना है कि यह विमान इतनी ऊंचाई में भी कामयाबी से काम कर सकता है. अमूमन इतनी ऊंचाई पर विमान में ईंधन और गोला बारूद लेने की क्षमता में कमी आ जाती है.टिप्पणियां चीन का चेंगदू जे 20 लड़ाकू विमान दो इंजन वाला है और इसके कुछ ऐसे फीचर हैं, जिसकी वजह से यह रेडार की पकड़ में नहीं आता है. यह खासियत इसे पुराने लड़ाकू विमानों से अलग करती है. दिसंबर 2010 में सुपरसोनिक जे 20 लड़ाकू विमान की खबर सामने आने के बाद से इसका उत्पादन कम संख्या में शुरू किया गया था. इसे चेंगदू एयरक्राफ्ट डिजाइन इंस्टीट्यूट में तैयार किया गया है. जनवरी 2011 में इस विमान ने पहली उड़ान भरी थी. उसके बाद से इस विमान के नए मॉडल सामने आए, जिसमें और बेहतर इंजनों का प्रयोग किया गया था. भारत के पास अभी तक इस कैटेगरी का लड़ाकू विमान नहीं है. चीन ने भारत के इस कदम का विरोध किया था और भारत ने अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने की आजादी की बात कही थी. उल्लेखनीय है, पीएम मोदी शनिवार को वियतनाम दौरे पर ब्रह्मोस मिसाइल पर बात करने वाले हैं. वियतनाम ने इस मिसाइल में दिलचस्पी दिखाई है. इस मिसाइल की जमीन और समुद्र में मारक क्षमता 290 किलोमीटर की दूरी से ज्यादा है. पीएम मोदी की वियतनाम यात्रा से पहले विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि भारत और वियतनाम के संबंध काफी मजबूत हैं और भारत हर उस मुद्दे पर गौर करेगा, जो द्विपक्षीय वार्ता में सामने आएंगे. जे 20 विमान की तस्वीर कपड़े (तारपेलिन) से ढकी हुई है और यह दाओचेंग येडिंग एयरपोर्ट पर है. यह एयरपोर्ट समुद्र तल से 14000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. इसीलिए यह दुनिया का सबसे ऊंचे स्थान पर स्थित सिविलयन एयरपोर्ट भी है. बताया जा रहा है कि इतनी ऊंचाई पर जे 20 फाइटर को दिखाने का मकसद यह संदेश भी देना है कि यह विमान इतनी ऊंचाई में भी कामयाबी से काम कर सकता है. अमूमन इतनी ऊंचाई पर विमान में ईंधन और गोला बारूद लेने की क्षमता में कमी आ जाती है.टिप्पणियां चीन का चेंगदू जे 20 लड़ाकू विमान दो इंजन वाला है और इसके कुछ ऐसे फीचर हैं, जिसकी वजह से यह रेडार की पकड़ में नहीं आता है. यह खासियत इसे पुराने लड़ाकू विमानों से अलग करती है. दिसंबर 2010 में सुपरसोनिक जे 20 लड़ाकू विमान की खबर सामने आने के बाद से इसका उत्पादन कम संख्या में शुरू किया गया था. इसे चेंगदू एयरक्राफ्ट डिजाइन इंस्टीट्यूट में तैयार किया गया है. जनवरी 2011 में इस विमान ने पहली उड़ान भरी थी. उसके बाद से इस विमान के नए मॉडल सामने आए, जिसमें और बेहतर इंजनों का प्रयोग किया गया था. भारत के पास अभी तक इस कैटेगरी का लड़ाकू विमान नहीं है. उल्लेखनीय है, पीएम मोदी शनिवार को वियतनाम दौरे पर ब्रह्मोस मिसाइल पर बात करने वाले हैं. वियतनाम ने इस मिसाइल में दिलचस्पी दिखाई है. इस मिसाइल की जमीन और समुद्र में मारक क्षमता 290 किलोमीटर की दूरी से ज्यादा है. पीएम मोदी की वियतनाम यात्रा से पहले विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि भारत और वियतनाम के संबंध काफी मजबूत हैं और भारत हर उस मुद्दे पर गौर करेगा, जो द्विपक्षीय वार्ता में सामने आएंगे. जे 20 विमान की तस्वीर कपड़े (तारपेलिन) से ढकी हुई है और यह दाओचेंग येडिंग एयरपोर्ट पर है. यह एयरपोर्ट समुद्र तल से 14000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. इसीलिए यह दुनिया का सबसे ऊंचे स्थान पर स्थित सिविलयन एयरपोर्ट भी है. बताया जा रहा है कि इतनी ऊंचाई पर जे 20 फाइटर को दिखाने का मकसद यह संदेश भी देना है कि यह विमान इतनी ऊंचाई में भी कामयाबी से काम कर सकता है. अमूमन इतनी ऊंचाई पर विमान में ईंधन और गोला बारूद लेने की क्षमता में कमी आ जाती है.टिप्पणियां चीन का चेंगदू जे 20 लड़ाकू विमान दो इंजन वाला है और इसके कुछ ऐसे फीचर हैं, जिसकी वजह से यह रेडार की पकड़ में नहीं आता है. यह खासियत इसे पुराने लड़ाकू विमानों से अलग करती है. दिसंबर 2010 में सुपरसोनिक जे 20 लड़ाकू विमान की खबर सामने आने के बाद से इसका उत्पादन कम संख्या में शुरू किया गया था. इसे चेंगदू एयरक्राफ्ट डिजाइन इंस्टीट्यूट में तैयार किया गया है. जनवरी 2011 में इस विमान ने पहली उड़ान भरी थी. उसके बाद से इस विमान के नए मॉडल सामने आए, जिसमें और बेहतर इंजनों का प्रयोग किया गया था. भारत के पास अभी तक इस कैटेगरी का लड़ाकू विमान नहीं है. पीएम मोदी की वियतनाम यात्रा से पहले विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि भारत और वियतनाम के संबंध काफी मजबूत हैं और भारत हर उस मुद्दे पर गौर करेगा, जो द्विपक्षीय वार्ता में सामने आएंगे. जे 20 विमान की तस्वीर कपड़े (तारपेलिन) से ढकी हुई है और यह दाओचेंग येडिंग एयरपोर्ट पर है. यह एयरपोर्ट समुद्र तल से 14000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. इसीलिए यह दुनिया का सबसे ऊंचे स्थान पर स्थित सिविलयन एयरपोर्ट भी है. बताया जा रहा है कि इतनी ऊंचाई पर जे 20 फाइटर को दिखाने का मकसद यह संदेश भी देना है कि यह विमान इतनी ऊंचाई में भी कामयाबी से काम कर सकता है. अमूमन इतनी ऊंचाई पर विमान में ईंधन और गोला बारूद लेने की क्षमता में कमी आ जाती है.टिप्पणियां चीन का चेंगदू जे 20 लड़ाकू विमान दो इंजन वाला है और इसके कुछ ऐसे फीचर हैं, जिसकी वजह से यह रेडार की पकड़ में नहीं आता है. यह खासियत इसे पुराने लड़ाकू विमानों से अलग करती है. दिसंबर 2010 में सुपरसोनिक जे 20 लड़ाकू विमान की खबर सामने आने के बाद से इसका उत्पादन कम संख्या में शुरू किया गया था. इसे चेंगदू एयरक्राफ्ट डिजाइन इंस्टीट्यूट में तैयार किया गया है. जनवरी 2011 में इस विमान ने पहली उड़ान भरी थी. उसके बाद से इस विमान के नए मॉडल सामने आए, जिसमें और बेहतर इंजनों का प्रयोग किया गया था. भारत के पास अभी तक इस कैटेगरी का लड़ाकू विमान नहीं है. जे 20 विमान की तस्वीर कपड़े (तारपेलिन) से ढकी हुई है और यह दाओचेंग येडिंग एयरपोर्ट पर है. यह एयरपोर्ट समुद्र तल से 14000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. इसीलिए यह दुनिया का सबसे ऊंचे स्थान पर स्थित सिविलयन एयरपोर्ट भी है. बताया जा रहा है कि इतनी ऊंचाई पर जे 20 फाइटर को दिखाने का मकसद यह संदेश भी देना है कि यह विमान इतनी ऊंचाई में भी कामयाबी से काम कर सकता है. अमूमन इतनी ऊंचाई पर विमान में ईंधन और गोला बारूद लेने की क्षमता में कमी आ जाती है.टिप्पणियां चीन का चेंगदू जे 20 लड़ाकू विमान दो इंजन वाला है और इसके कुछ ऐसे फीचर हैं, जिसकी वजह से यह रेडार की पकड़ में नहीं आता है. यह खासियत इसे पुराने लड़ाकू विमानों से अलग करती है. दिसंबर 2010 में सुपरसोनिक जे 20 लड़ाकू विमान की खबर सामने आने के बाद से इसका उत्पादन कम संख्या में शुरू किया गया था. इसे चेंगदू एयरक्राफ्ट डिजाइन इंस्टीट्यूट में तैयार किया गया है. जनवरी 2011 में इस विमान ने पहली उड़ान भरी थी. उसके बाद से इस विमान के नए मॉडल सामने आए, जिसमें और बेहतर इंजनों का प्रयोग किया गया था. भारत के पास अभी तक इस कैटेगरी का लड़ाकू विमान नहीं है. बताया जा रहा है कि इतनी ऊंचाई पर जे 20 फाइटर को दिखाने का मकसद यह संदेश भी देना है कि यह विमान इतनी ऊंचाई में भी कामयाबी से काम कर सकता है. अमूमन इतनी ऊंचाई पर विमान में ईंधन और गोला बारूद लेने की क्षमता में कमी आ जाती है.टिप्पणियां चीन का चेंगदू जे 20 लड़ाकू विमान दो इंजन वाला है और इसके कुछ ऐसे फीचर हैं, जिसकी वजह से यह रेडार की पकड़ में नहीं आता है. यह खासियत इसे पुराने लड़ाकू विमानों से अलग करती है. दिसंबर 2010 में सुपरसोनिक जे 20 लड़ाकू विमान की खबर सामने आने के बाद से इसका उत्पादन कम संख्या में शुरू किया गया था. इसे चेंगदू एयरक्राफ्ट डिजाइन इंस्टीट्यूट में तैयार किया गया है. जनवरी 2011 में इस विमान ने पहली उड़ान भरी थी. उसके बाद से इस विमान के नए मॉडल सामने आए, जिसमें और बेहतर इंजनों का प्रयोग किया गया था. भारत के पास अभी तक इस कैटेगरी का लड़ाकू विमान नहीं है. चीन का चेंगदू जे 20 लड़ाकू विमान दो इंजन वाला है और इसके कुछ ऐसे फीचर हैं, जिसकी वजह से यह रेडार की पकड़ में नहीं आता है. यह खासियत इसे पुराने लड़ाकू विमानों से अलग करती है. दिसंबर 2010 में सुपरसोनिक जे 20 लड़ाकू विमान की खबर सामने आने के बाद से इसका उत्पादन कम संख्या में शुरू किया गया था. इसे चेंगदू एयरक्राफ्ट डिजाइन इंस्टीट्यूट में तैयार किया गया है. जनवरी 2011 में इस विमान ने पहली उड़ान भरी थी. उसके बाद से इस विमान के नए मॉडल सामने आए, जिसमें और बेहतर इंजनों का प्रयोग किया गया था. भारत के पास अभी तक इस कैटेगरी का लड़ाकू विमान नहीं है. दिसंबर 2010 में सुपरसोनिक जे 20 लड़ाकू विमान की खबर सामने आने के बाद से इसका उत्पादन कम संख्या में शुरू किया गया था. इसे चेंगदू एयरक्राफ्ट डिजाइन इंस्टीट्यूट में तैयार किया गया है. जनवरी 2011 में इस विमान ने पहली उड़ान भरी थी. उसके बाद से इस विमान के नए मॉडल सामने आए, जिसमें और बेहतर इंजनों का प्रयोग किया गया था. भारत के पास अभी तक इस कैटेगरी का लड़ाकू विमान नहीं है.
राजधानी दिल्ली से 19 साल की एक छात्रा द्वारा खुदकुशी किए जाने का मामला सामने आया है. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस ने बताया कि खुदकुशी की वजह अब तक पता नहीं चल सकी है. मृतका ने भी खुदकुशी करने से पहले कोई सुसाइड नोट नहीं छोड़ा है. घटना साऊथ दिल्ली के संगम विहार में इंद्रा कॉलोनी की है. पुलिस ने बताया कि मृतका कविता सिंह दिल्ली यूनिवर्सिटी में बीकॉम फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट थी. घटना वाले दिन उसने अपनी एक सहेली को भी घर पर बुलाया था. लेकिन सहेली के जाने के बाद जब काफी देर तक वह अपने कमरे से बाहर नहीं आई तो घरवालों को चिंता हुई. मृतका की बड़ी बहन ने सबसे पहले मृतका का शव कमरे में पंखे से लटकते देखा. घरवालों ने पुलिस को बताया कि दोपहर के वक्त कविता अपनी एक सहेली को घर पर लेकर आई थी. दोनों काफी देर कविता के कमरे में साथ रहीं. लेकिन सहेली के चले जाने के बाद भी कविता अपने कमरे से काफी देर तक बाहर नहीं निकली. काफी समय बीत जाने के बाद जब कविता की बहन ने कमरा खोलने की कोशिश की तो कमरा अंदर से बंद था. काफी खटखटाने के बाद जब दरवाजा नहीं खुला तो उसकी बहन ने दूसरी तरफ से कमरे में झांक कर देखा. कमरे में देखते ही कविता की बहन चौंक गई. कमरे में कविता का शव पंखे से लटका हुआ था. घरवालों ने तुरंत पुलिस की इसकी सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस और क्राइम टीम ने शव को पंखे से नीचे उतारा और कविता के शव को पोस्टमार्टम के लिए एम्स भेज दिया.
#WATCH "We don't go to mosques or madrasas because we don't have the right to go. Why did they go to temple with an intention to destroy Hindu Sabhyata?," says BJP MLA Rajkumar Thukral on Sub Inspector Gagandeep Singh rescuing a Muslim man from a mob in #Uttarakhand’s Ramnagar pic.twitter.com/5rTLwBUs3X गौरतलब है कि नैनीताल जिले के रामनगर में एक मंदिर के पास हिंदू लड़की के साथ कथित रूप से आपत्तिजनक स्थिति में मिले मुस्लिम युवक को आक्रोशित भीड़ के चंगुल से उत्तराखंड के एक जाबांज सिख पुलिसकर्मी द्वारा बचाये जाने का वीडियो वायरल हुआ है. यह घटना मंगलवार बीते की थी, जब मुस्लिम युवक हिंदू लड़की से मिलने रामनगर से करीब 15 किलोमीटर दूर गर्जियादेवी मंदिर गया था. सोशल मीडिया पर सिख पुलिसकर्मी की जमकर तारीफ हो रही है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि स्थानीय लोगों को इस बात की भनक लग गई और वे प्रेमी युगल को सबक सिखाने के लिए मंदिर पहुंच गए. क्षेत्र में हंगामा होने की सूचना मिलने पर उपनिरीक्षक गगनदीप सिंह मौके पर पहुंचे. वहां, हिंदू समुदाय के उग्र हो गए लोग लड़का-लड़की के ​कथित रूप से आपत्तिजनक हालत में मिलने का आरोप लगाते उन पर हमले की तैयारी कर रहे थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन की कहानी परदे पर दिखाई देगी. उनकी बायोपिक का निर्माण किया जा रहा है. मोदी की भूमिका ख्यात कलाकार और सांसद परेश रावल निभाएंगे. जानकारी के अनुसार, फिल्म की स्क्रिप्ट फाइनल हो चुकी है और कास्टिंग का काम पूरा हो गया है. लीड रोल के लिए परेश रावल का नाम तय है. हाल ही में परेश ने कहा, "ये रोल कोई और मुझसे नहीं छीन सकता. मुझे भरोसा है कि आप सबको मेरा काम पसंद आएगा." परेश रावल का ट्वीट- मोदी हैं जीजा, सालियों की तरह राह रोक रहा है विपक्ष बता दें कि पहले मोदी के किरदार के लिए पहले शत्रुघ्न सिन्हा का नाम सामने आया था, लेकिन बाद में परेश रावल तय हुए. परेश ने कहा, 'मोदी का रोल करना बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. मैं मोदी को जीता हूं.' जानकारी के अनुसार, फिल्म की शूटिंग सितंबर में शुरू होगी. परेश इस फिल्म के प्रोड्यूसर भी है.
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जाटों को भी अन्य पिछड़े वर्ग में आरक्षण का लाभ देने की अधिसूचना के खिलाफ दायर याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने जाटों को अन्य पिछड़े वर्गों की श्रेणी में शामिल करने के निर्णय से संबंधित सारी सामग्री और फाइलें पेश करने का केंद्र को निर्देश दिया है. कोर्ट ने केंद्र से इस बारे में नौ अप्रैल तक अपना पक्ष दाखिल करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने इसे गंभीर मसला बताते हुए इस मामले में अटॉर्नी जनरल की भी मदद मांगी है. सुप्रीम कोर्ट इस प्रकरण पर नौ अप्रैल को अब सुनवाई करेगा. केंद्र सरकार की ओर से हाल में जाटों को रिजर्वेशन देने का फैसला चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है. मालूम हो कि देश के नौ राज्‍यों (बिहार, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्‍यप्रदेश, राजस्‍थान, उत्‍तराखंड, उत्‍तर प्रदेश, दिल्‍ली और एनसीआर) में करीब नौ लाख जाट रहते हैं.
बॉलीवुड अभिनेता फरहान अख्तर अब अपनी अगली फिल्म 'तूफान' में नजर आने वाले हैं. इस फिल्म के लिए फरहान कड़ी मेहनत भी कर रहे हैं. इस फिल्म से जुड़ा एक पोस्टर भी फरहान ने अब अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है. फिल्म तूफान में फरहान एक बॉक्सर की भूमिका में नजर आने वाले हैं. फिल्म से जुड़ी एक फोटो भी फरहान ने अब शेयर की है. इस फोटो में फरहान हाथों में बॉक्सिंग ग्लव्स पहने हुए हैं. इस फोटो को शेयर करते हुए फरहान ने लिखा है, 'Storming into the weekend.' View this post on Instagram Storming into the weekend. #toofaninthemaking #bts #boxerlife #fitnessgoals #drillsforskills #everydaycounts 🥊 @drewnealpt 🏋🏽 @samir_jaura 🤼‍♂️ @darrellfoster A post shared by Farhan Akhtar (@faroutakhtar) on Nov 15, 2019 at 11:55pm PST फरहान ने की कड़ी मेहनत इस फिल्म के किरदार के तौर पर फिट बैठने के लिए फरहान ने जिम में काफी पसीना बहाया है. साथ ही उन्होंने बॉक्सिंग की बारिकियों को समझने के लिए भी काफी काम किया है ताकि वे फिल्म में अपने किरदार में परफेक्शन ला सकें. इसके लिए उन्होंने बॉक्सिंग के कई लेसन भी सीखें हैं. इस फिल्म से जुड़ा पहला लुक भी जारी किया जा चुका है. Toofan Uthega!! FIRST LOOK! #TOOFAN releasing 2nd October 2020!! 🥊❤️ @excelmovies @ROMPPictures @RakeyshOmMehra @ritesh_sid @mrunal0801 @SirPareshRawal @urfvijaymaurya @ShankarEhsanLoy @Javedakhtarjadu @ZeeMusicCompany #AnjumRajabali #AAfilms pic.twitter.com/iahhC48gDd — Farhan Akhtar (@FarOutAkhtar) September 30, 2019 इस फिल्म की शूटिंग के दौरान एक ऐसा मौका भी आया जब फरहान घायल हो गए. फिल्म शूट के दौरान फरहान के हाथ में चोट लग गई थी. इनके कलाई के पास के हिस्से में फ्रैक्चर हो गया था. फरहान अख्तर की ये फिल्म अगले साल रिलीज होने वाली है. फिल्म तूफान 2 अक्टूबर 2020 को बड़े पर्दे पर रिलीज होगी. इस फिल्म को राकेश ओमप्रकाश मेहरा डायरेक्ट कर रहे हैं. फरहान 6 साल बाद मेहरा के साथ काम कर रहे हैं. पिछली बार दोनों ने एथलीट मिल्खा सिंह की बायोपिक 'भाग मिल्खा भाग' में साथ काम किया था. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई थी.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
FIS Global Business Solution India pvt. Ltd, गुड़गांव में एग्जीक्यूटिव के लिए वैकेंसी निकली है. इच्छुक उम्मीदवार इंटरव्यू दे सकते हैं. इंटरव्यू की तारीख: 7-8 मई समय: 12:00-5:00 PM योग्यता: ग्रेजुएट वेन्यू: FIS Global Business Solutions India Pvt Ltd 402, i Park, plot no.15 ,Udyog Vihar Ph-IV, 4th Floor, Gurgaon -122016, Haryana, India Desk: +91.124.3927305 People Interactive (I) Pvt Ltd, कानपुर में प्रोडक्ट एडवाइजर के लिए वैकेंसी निकली है. इच्छुक उम्मीदवार इंटरव्यू दे सकते हैं. इंटरव्यू की तारीख: 7 मई समय: 11 AM योग्यता: 12वीं पास वेन्यू: Shaadi Centre: Plot no. 16/80,B, Civil Lines Kanpur-208001, Contact Person: Ms Bhavana Saxena (9580424843) Integreon, मुंबई में एसोसिएट के लिए वैकेंसी निकली है. इच्छुक उम्मीदवार इंटरव्यू दे सकते हैं. इंटरव्यू की तारीख: 7-8 समय: 11 AM योग्यता: ग्रेजुएट वेन्यू: 402, Building No. 4Infinity ParkGeneral A.K. Vaidya Marg, Malad EastMUMBAI,Maharashtra,India 400097
एशियन गेम्स में मोगा के 23 साल के तजिंदरपाल सिंह तूर ने 20.75 मीटर तक गोला फेंककर नए रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता था. तजिंदर गोल्ड मेडल जीत की खुशी अपने पिता के साथ मनाते उससे पहले ही कैंसर की वजह से उनके पिता का निधन हो गया. इसी के साथ ही तजिंदर के पिता का बेटे का गोल्ड मेडल देखने का सपना अधूरा रह गया. जकार्ता में एशियन गेम्स में हिस्सा लेने के बाद दिल्ली पहुंचकर तजिंदर पंजाब के मोगा स्थित अपने घर जाने वाले थे, उसी वक्त उन्हें अपने पिता के निधन की खबर मिली. तजिंदर को यह उम्मीद नहीं रही होगी कि उनके पिता से वह आखिरी वक्त में नहीं मिल पाएंगे. तजिंदर ने जब एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीता था तो उन्होंने कहा,  ‘यह पदक मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि इसके लिए मैंने काफी त्याग किए हैं. पिछले दो साल से मेरे पिता (करम सिंह) कैंसर से जूझ रहे हैं. मेरे परिवार ने कभी भी मेरा ध्यान भंग नहीं होने दिया. उन्होंने मुझे सपना पूरा करने की ओर बढ़ाए रखा.' एशियाड के 2 गोल्ड मेडलिस्टों को IOA ने नहीं दिया ब्लेजर, कोच का आरोप तजिंदर ने कहा, 'अब मैं अपने पिता से मिलूंगा, लेकिन मैं दो दिन में ही वहां पहुंच पाऊंगा. मुझे अब अगली चुनौती के लिए तैयार होना होगा.’बता दें कि पिता की बीमारी के बाद भी तजिंदर अपने जुनून के प्रति मजबूत बने रहे और उनके इन सभी त्यागों का फल उन्हें एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक के रूप में मिला. तूर के पिता के निधन पर ऐथेलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (AFI) ने ट्वीट कर शोक जताया है. AFI ने कहा, 'हम गहरे सदमे में हैं. हमारे एशियन शॉटपुट चैंपियन गोल्ड मेडलिस्ट एयरपोर्ट से होटल जाने के रास्ते पर थे, तब ही हमारे पास उनके पिता के निधन की दुखद खबर पहुंची. उनकी आत्मा को शांति मिले. तजिंदर और उनके परिवार के साथ हमारी संवदनाएं हैं.' AFI is in deep shock.We received Tejinder Toor,our Asian Shot Put Champion Gold Medalist at the airport last night & as he was on his way to hotel, sad news of his father's demise reached us. May his soul rest in eternal peace. Our heartfelt condolences to Tajinder & his family. pic.twitter.com/ZmtAvrhh3r — Athletics Federation of India (@afiindia) September 4, 2018
आजतक के पंचायत गुजरात कार्यक्रम के अहम सत्र अल्पसंख्यकों के मुद्दे में आसमा खान पठान, सूफी महबूब अली चिश्ती,  गयासुद्दीन शेख और नूरजहां दीवान ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन पुण्य प्रसून वाजपेयी ने किया. प्रधानमंत्री मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने सद्भावना उपवास किया था. इस उपवास में सभी धर्मों की भागीदारी हो इसकी जिम्मेदारी सूफी महबूब अली चिश्ती को थी. आजतक के मंच पर पुण्य प्रसून ने सूफी महबूब को याद दिलाया कि इस उपवास में मोदी ने टोपी पहनने से मना कर दिया था. क्या यही गुजरात का मॉडल है. इस सवाल का जवाब देते हुए सूफी महबूब अली चिश्ती ने कहा कि टोपी पहनना और पहनाना देश की राजनीति नहीं है. मुसलमानों को रोजगार की मुख्यधारा में लाना अहम मुद्दा है. गुजरात बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सूफी महबूब अली चिस्ती ने कहा कि टोपी पहनना और टोपी पहनाना ही क्या विकास है. गांधी से लेकर सरदार पटेल तक ने क्या टोपी कभी पहनी. हालांकि इसी विवाद पर सफाई देते हुए सूफी चिश्ती ने कहा कि मौलाना इमाम बुखारी को निमंत्रण नहीं दिया गया था लेकिन जब वह वहां पहुंचे तो उन्हें मंच पर जगह दे दी गई. उन्होंने टोपी के जरिए अपनी राजनीति करने की कोशिश की. आसमा खान पठान से सवाल पूछा गया कि क्या गुजरात में हिंदुओं के इलाके में और मुस्लिमों को हिंदुओं के इलाके में रहने नहीं दिया जाता. इसपर आसमा ने कहा कि ऐसा न सिर्फ गुजरात में है. यही चुनौती महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी देखने को मिलती है. आसमा ने कहा कि कांग्रेस के दौर में तुष्टिकरण की राजनीति हो रही थी और यही राजनीति मुस्लिम समाज के पिछड़ने की अहम वजह है. नूरजहां दीवान ने कहा कि हिंदू स्कूलों में मुस्लिम बच्चों को दाखिला नहीं दिया जाता. अपनी आप बीती सुनाते हुए दीवान ने बताया कि उन्हें मजबूरी में अपनी बेटी का दाखिला हमदर्द स्कूल में कराना पड़ा. हालांकि मंच से गयासुद्दीन शेख ने दावा किया कि यूपीए कार्यकाल में अल्पसंख्यक बच्चों को वजीफा देने का ऐलान किया था लेकिन राज्य में बीजेपी सरकार ने तीन साल तक उस वजीफे को जारी नहीं किया. यही मोदी सरकार के सबका साथ और सबका विकास के नारे को बेबुनियाद कर देती है. एक सवाल के जवाब में शेख ने कहा कि गुजरात में आज मुसलमान समुदाय सबसे ज्यादा कमाई करता है. लेकिन उनकी कमाई का श्रेय राज्य की बीजेपी सरकार के कारण नहीं है. ऐसा महज इसलिए संभव हो पाया है कि गुजरात में हिंदू और मुसलमान कंधा से कंधा मिलाकर काम करते हैं और इसी के चलते उन्हें कमाई के अच्छे मौके मिले. सूफी ने कहा कि आज गुजरात में एक बेहतर माहौल है, लोग बीजेपी से जुड़ रहे हैं. मुस्लिम पंचायत से लेकर नगर पलिका के चुनाव में जीतकर आ रहे है. गुजरात इसीलिए दंगामुक्त, अपराध मुक्त है. मुस्लिम समाज बीजेपी से जुड़ रहा है, इसीलिए कांग्रेस बेचैन है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के दौर में हर साल दंगे होते रहे हैं. गुजरात के सीएम बच्चों के एडमिशन के लिए मुस्लिम के दरवाजे पर जा रहे हैं. राष्ट्रीय वक्फ विकास कार्पोरेशन की निदेशक असमा पठान ने कहा कि हिंदू मुस्लिम के बीच जहर बोने का काम कांग्रेस ने किया है. 2002 के बाद गुजरात में आजतक कोई दंगा नहीं हुआ है. मुसलमानों ने 60 साल कांग्रेस की गुलामी किया लेकिन क्या किया. मोदी जी ने केंद्र में आते ही अल्पसंख्यक मंत्रालय का फंड बढ़ाया. कांग्रेस विधायक ग्यासुद्दीन शेख ने कहा कि गुजरात में मुस्लिम बच्चों स्कॉलरशिप बीजेपी सरकार नहीं दे रही है. मुसलमानों का विकास हिंदु भाई से ज्यादा नहीं चाहिए लेकिन बराबर का विकास तो चाहिए.
लखनऊ के गोमतीनगर में बने जनेश्वर मिश्र पार्क में 22 वर्षीय बीटेक छात्र शिवम सिंह की झील में डूबने से मौत हो गई है. हादसा उस वक्त हुआ जब शिवम अपने तीन दोस्तों के साथ पार्क में घूमने पहुंचा था. मृतक शिवम के पिता श्रीपाल सिंह सचिवालय में समीक्षा अधिकारी के पद पर तैनात हैं. लखनऊ के गोमतीनगर में बने जनेश्वर मिश्र पार्क में शुक्रवार को शिवम सिंह अपने दोस्तों के साथ पार्क में घूमने गया था. तभी शिवम ने किसी अन्य व्यक्ति को देखकर पैर से झील के पानी को छूने की कोशिश की. तभी उसका संतुलन बिगड़ गया और वो सीधा झील में जा गिरा. जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई. दोस्त ने की बचाने की कोशिश शिवम को बचाने के लिए उसका एक दोस्त आकाश पानी में कूदा लेकिन शिवम को तैराकी नहीं आने की वजह से उसको पकड़ने की कोशिश में आकाश भी पानी में डूबने लगा. आसपास के लोगों ने जब ये नाजरा देखा तो उन्होंने झील में छलांग लगा दी और दोनों दोस्तों को बाहर निकाला. आकाश तो बाहर आने के बाद ठीक था लेकिन शिवम की हालत को देखते हुए उसे अस्पताल पहुंचाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. नोएडा से बीटेक कर रहा था शिवम शिवम नोएडा में रहकर बीटेक की पढाई कर रहा था. कुछ दिन पहले ही वह अपने घर लखनऊ आया था. शिवम के पिता श्रीपाल सिंह लखनऊ सचिवालय में समीक्षा अधिकारी के पद पर तैनात हैं. पुलिस ने शिवम के शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
बॉलीवुड में जो खबर इस समय सबसे ज्यादा चर्चा में है वो है बड़े स्टार्स की शादियां. दीपिका और रणवीर ने अपनी शादी की आधिकारिक घोषणा कर दी है. इसके अलावा प्रियंका और निक जोनस की शादी की चर्चाएं भी जोरों पर चल रही हैं. प्रियंका की शादी और दीपिका की शादी के रिसेप्शन के क्लैश होने की भी खबरे हैं. मगर ताजा रिपोर्ट्स से इस कयास पर पूर्णविराम लगता नजर आ रहा है. 14-15 नवंबर को दीपिका-रणवीर की शादी के बाद इंडिया में दो रिसेप्शन रखे जाएंगे. इसमें एक मुंबई में 21 नवंबर को आयोजित होगा और दूसरा दीपिका के होम टाउन बेंगलुरु में 28 नवंबर को रखा जाएगा. पहले इस रिसेप्शन के 1 दिसंबर को होने की खबरें थीं. वहीं सूत्रों के मुताबिक प्रियंका और निक की शादी दोनों रिसेप्शन के खत्म होने के बाद होगी. दोनों की शादी 30 नवंबर से 1 दिसंबर तक चलेगी. दोनों जोधपुर के उमैद भवन पैलेस में शादी रचाएंगे. 21 अक्टूबर को दीपिका और रणवीर ने सोशल मीडिया पर कार्ड जारी कर अपने शादी की डेट बताई. इसके बाद से ही दोनों को हर तरफ से बधाइयां मिलने लगीं. रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों लेक कोमो इटली के आलीशान विला डेल बालबियानेलो में शादी कर सकते हैं. दोनों की शादी में 30 मेहमानों के शामिल होने की खबरें हैं. शादी में केवल परिवार वाले और कुछ करीबी ही शामिल होंगे. दोनों इटली की सबसे खूबसूरत जगहों में शुमार विला डेल बालबियानेलो में शादी रचाएंगे. मानचेस्टर यूनाइटेड के क्रिस स्मेलिंग और उनकी पत्नी सैम कूक की शादी भी यहीं पर हुई थी. रॉयल शादियों के लिए ये जगह मशहूर है.
यह लेख है: भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को दावा किया कि राज्यसभा सदस्य मीसा भारती के गिरफ्तार सीए राजेश अग्रवाल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष स्वीकारा है कि एक शेल कंपनी के जरिए 1.20 करोड़ रुपये के कालेधन को सफेद बनाया. सुशील ने यह भी दावा किया कि इस 1.20 करोड़ रुपये की राशि से मीसा ने दिल्ली के बिजवासन इलाके में एक फार्म हाउस खरीदा. हालांकि इस आरोप पर मीसा भारती की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.   उन्होंने कहा कि मीडिया में आयी रिपोर्ट के अनुसार राज्यसभा सदस्य मीसा भारती के आज गिरफ्तार चाटर्ड एकाउंटेंट राजेश अग्रवाल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष स्वीकारा है कि मिशैल पकर्स एंड प्रिंटर्स प्रा0 लि0 नामक शेल कंपनी के जरिए 1.20 करोड़ रुपये का कालाधन को सफेद बनाया गया. गत 13 मार्च को राजद प्रमुख लालू प्रसाद की बड़ी पुत्री मीसा भारती पर उक्त आशय का आरोप लगाने वाले सुशील ने कहा कि डिलाइट मार्केटिंग प्रा0 लि0 की दो बीघा जमीन जिस पर मॉल का निर्माण किया जा रहा है, जिसको छोड़कर लालू के परिवार अन्य बेनामी संपत्तियों के बारे में न तो स्वीकारा है और न ही इनकार किया है.   बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सुशील ने कहा कि लालू के परिवार को केएचके होल्डिंग, एबी एक्सपोर्ट, एके इंफोसिस्टम्स जिसके जरिए उन्होंने बेनामी संपत्ति इकट्ठा के बारे में जनता को बताना चाहिए, नहीं तो ईडी द्वारा इन शेल कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने पर उन्हें बेवजह शोर नहीं मचाना चाहिए.   मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टालरेंस की नीति का उल्लेख करते हुए सुशील ने उनसे अपील किया कि नीतीश कुमार को बिहार सरकार के क्षेत्राधिकार में पड़ने वाले शेल कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने महागठबंधन में शामिल राजद के नेतृत्व का बचाव नहीं करने के लिए जदयू की तारीफ करते हुए कांग्रेस और राजद से केंद्रीय एजेंसी को अपना काम करने देने को कहा. सुशील ने कहा कि आप (राजद) अपनी रैली करें. कौन इसे करने से रोक रहा है. कोई भी उक्त रैल से भयभीत नहीं है. राजद के विधायकों की संख्या 170 से घटकर अब 80 हो गई है. नीतीश कुमार की तरह लालू प्रसाद के लिए भी सत्ता बने रहना मजबूरी है.
अगर आप जम्मू एवं कश्मीर से हैं, तो दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित एक रेस्तरां की सुपर साइज थाली पर 370 रुपये की छूट पा सकते हैं. इस बड़े आकार की थाली में लगभग सभी राज्यों का स्वाद चखने को मिलता है. आडरेर 2.1 नामक रेस्तरां अपने दिलचस्प व्यंजनों के लिए प्रसिद्ध है. यहां पर फिलहाल जम्मू एवं कश्मीर का आधिकारिक पहचान पत्र दिखाकर 'अनुच्छेद 370' थाली पर पूरे 370 रुपये की विशेष छूट की पेशकश की जा रही है. यहां शाकाहारी थाली की कीमत 2,370 रुपये और गैर शाकाहारी (नॉन वेज) थाली की कीमत 2,669 रुपये (कर रहित) है. जम्मू एवं कश्मीर के शाकाहारी मेनू में कश्मीरी पुलाव, खमीर की रोटी, नदरू की शमी, दम आलू और कहवा शामिल हैं. वहीं नॉन-वेज में कश्मीरी पुलाव, खमीर की रोटी, नदरू की शमी, रोगन जोश और कहवा को शामिल किया गया है. रेस्तरां इससे पहले भी कुछ अलग तरह की थाली शुरू करने के लिए प्रसिद्ध रहा है. यहां 'मोदी जी 56 इंच थाली' से 'बाहुबली पिक्चर' जैसी थाली भी काफी लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो चुकी है. इसके अलावा आम चुनावों का जश्न मनाने के लिए इस रेस्तरां ने 'युनाइटेड इंडिया थाली' भी पेश की थी.
दिल्ली समेत उत्तर भारत के तमाम इलाकों में इस बार कड़कड़ाती सर्दी नहीं पड़ रही है. इस समय की बात करें तो दिसंबर खत्म होने जा रहा है और जनवरी की शुरूआत होने जा रही है लेकिन पूरे इलाके से घना कोहरा पूरी तरह से नदारद है. पूरा उत्तर भारत रहेगा कम ठंडा मौसम की इस अजब पहेली का हाल ये है कि हिमाचल, उत्तराखंड, पंजाब, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, सौराष्ट्र, कच्छ और राजस्थान के तमाम इलाकों में तापमान सामान्य के मुकाबले 2 से 5 डिग्री सेल्सियस ऊपर रिकॉर्ड किए जा रहे हैं. राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां पर न्यूनतम तापमान सामान्य के मुकाबले 5 डिग्री सेल्सियस ऊपर दर्ज किया गया है. मौसम विभाग का अनुमान है कि राजधानी दिल्ली में जनवरी की शुरुआत तक मौसम में कोई खास बदलाव नहीं देखा जाएगा. यानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में पारे में जबरदस्त गिरावट की कोई संभावना नही है और दिन में धूप खिली रहेगी खिली धूप का ये नजारा गंगा-यमुना के तमाम मैदानी इलाकों में बना रहेगा. जानकारों का कहना है कि इस बार मॉनसून की बारिश उत्तर भारत में कम रही थी और साथ ही उसके बाद इन इलाकों में इस बार बारिश भी न के बराबर हुई है लिहाजा मिट्टी में नमी की भारी कमी है. ऐसे में तापमान में गिरावट की संभावना न होने की वजह से मैदानी इलाकों में ज्यादातर जगहों पर कोहरा नदारद है. यानी सर्दी के महीनों में खिली धूप और चढे हुए तापमान के बीच नया साल दस्तक देने जा रहा है. सर्दी के महीनों में इस बार उस तरह की ठंड नहीं पड़ रही है जैसी कि अमूमन इस समय पड़ती है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह बताई जा रही है बार-बार आ रहे कमजोर वेस्टर्न डिस्टर्बेंस. कमजोर वेस्टर्न डिस्टर्बेंस जम्मू-कश्मीर और हिमाचल के ऊंचाई वाले इलाकों में ही बर्फबारी देते हैं. लिहाजा मैदानी इलाका पूरी तरह से इनकी ठंड से अछूता रह जाता है. ठंडी हवाओं की बजाए इन कमजोर वेस्टर्न डिस्टर्बेंसों के चलते मैदानी इलाकों में तापमान ऊपर चढ़ जाते हैं. 31 दिसंबर को ऐसा ही एक कमजोर वेस्टर्न डिस्टरबेंस कश्मीर में दस्तक देने जा रहा है. इसकी वजह से कश्मीर में ऊंचाई वाले इलाकों में 31 दिसंबर और 1 जनवरी को हल्की बर्फबारी की संभावना है. लेकिन वेस्टर्न डिस्टर्बेंस कमजोर रहने की वजह से नए साल पर उत्तर भारत में ज्यादातर जगहों पर धूप खिली रहेगी.
भारतीय जनता पार्टी के नए अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने पार्टी नेताओं को सार्वजनिक स्थानों पर कुछ भी बोलने से पहले सावधानी बरतने की सलाह देते हुए कहा है कि नेताओं को धैर्य का परिचय देना चाहिए। नए पार्टी अध्यक्ष का कहना है कि पार्टी के नेताओं को अच्छा भाषण देना चाहिए और व्यवहार में भी बदलाव लाना चाहिए। राजनाथ सिंह ने पार्टी के नेताओं से अपील की कि वे पार्टी को मजबूत करने के लिए कदम उठाएं और ऐसी बात न बोलें जो पार्टी हित में न हो। माना जा रहा है कि यह बात राजनाथ सिंह ने यशवंत सिन्हा और राम जेठमलानी जैसे नेताओं के नरेंद्र मोदी को 2014 में पीएम पद का उम्मीदवार बनाने के समर्थन में अपनी बात रखने के जवाब में कही है। सोमवार को यशवंत सिन्हा ने कहा था कि आम लोगों और पार्टी के तमाम कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि पार्टी नरेंद्र मोदी को पार्टी का पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दे। सिन्हा का मानना है कि ऐसा कर देने से पार्टी को चुनावों में काफी फायदा होगा। टिप्पणियां वहीं, एनडीए के प्रमुख घटक दल जदयु के नेता शरद यादव ने साफ कर दिया है कि इस प्रकार की बातें 15 साल पुराने गठबंधन पर प्रभाव डालेंगी। इसके अलावा अन्य घटक दल शिवसेना का कहना है कि वह सुषमा स्वराज के समर्थन में है। इसके अलावा अकाली दल ने साफ कर दिया है कि उसे नरेंद्र मोदी से कोई आपत्ति नहीं है। नए पार्टी अध्यक्ष का कहना है कि पार्टी के नेताओं को अच्छा भाषण देना चाहिए और व्यवहार में भी बदलाव लाना चाहिए। राजनाथ सिंह ने पार्टी के नेताओं से अपील की कि वे पार्टी को मजबूत करने के लिए कदम उठाएं और ऐसी बात न बोलें जो पार्टी हित में न हो। माना जा रहा है कि यह बात राजनाथ सिंह ने यशवंत सिन्हा और राम जेठमलानी जैसे नेताओं के नरेंद्र मोदी को 2014 में पीएम पद का उम्मीदवार बनाने के समर्थन में अपनी बात रखने के जवाब में कही है। सोमवार को यशवंत सिन्हा ने कहा था कि आम लोगों और पार्टी के तमाम कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि पार्टी नरेंद्र मोदी को पार्टी का पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दे। सिन्हा का मानना है कि ऐसा कर देने से पार्टी को चुनावों में काफी फायदा होगा। टिप्पणियां वहीं, एनडीए के प्रमुख घटक दल जदयु के नेता शरद यादव ने साफ कर दिया है कि इस प्रकार की बातें 15 साल पुराने गठबंधन पर प्रभाव डालेंगी। इसके अलावा अन्य घटक दल शिवसेना का कहना है कि वह सुषमा स्वराज के समर्थन में है। इसके अलावा अकाली दल ने साफ कर दिया है कि उसे नरेंद्र मोदी से कोई आपत्ति नहीं है। राजनाथ सिंह ने पार्टी के नेताओं से अपील की कि वे पार्टी को मजबूत करने के लिए कदम उठाएं और ऐसी बात न बोलें जो पार्टी हित में न हो। माना जा रहा है कि यह बात राजनाथ सिंह ने यशवंत सिन्हा और राम जेठमलानी जैसे नेताओं के नरेंद्र मोदी को 2014 में पीएम पद का उम्मीदवार बनाने के समर्थन में अपनी बात रखने के जवाब में कही है। सोमवार को यशवंत सिन्हा ने कहा था कि आम लोगों और पार्टी के तमाम कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि पार्टी नरेंद्र मोदी को पार्टी का पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दे। सिन्हा का मानना है कि ऐसा कर देने से पार्टी को चुनावों में काफी फायदा होगा। टिप्पणियां वहीं, एनडीए के प्रमुख घटक दल जदयु के नेता शरद यादव ने साफ कर दिया है कि इस प्रकार की बातें 15 साल पुराने गठबंधन पर प्रभाव डालेंगी। इसके अलावा अन्य घटक दल शिवसेना का कहना है कि वह सुषमा स्वराज के समर्थन में है। इसके अलावा अकाली दल ने साफ कर दिया है कि उसे नरेंद्र मोदी से कोई आपत्ति नहीं है। माना जा रहा है कि यह बात राजनाथ सिंह ने यशवंत सिन्हा और राम जेठमलानी जैसे नेताओं के नरेंद्र मोदी को 2014 में पीएम पद का उम्मीदवार बनाने के समर्थन में अपनी बात रखने के जवाब में कही है। सोमवार को यशवंत सिन्हा ने कहा था कि आम लोगों और पार्टी के तमाम कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि पार्टी नरेंद्र मोदी को पार्टी का पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दे। सिन्हा का मानना है कि ऐसा कर देने से पार्टी को चुनावों में काफी फायदा होगा। टिप्पणियां वहीं, एनडीए के प्रमुख घटक दल जदयु के नेता शरद यादव ने साफ कर दिया है कि इस प्रकार की बातें 15 साल पुराने गठबंधन पर प्रभाव डालेंगी। इसके अलावा अन्य घटक दल शिवसेना का कहना है कि वह सुषमा स्वराज के समर्थन में है। इसके अलावा अकाली दल ने साफ कर दिया है कि उसे नरेंद्र मोदी से कोई आपत्ति नहीं है। सोमवार को यशवंत सिन्हा ने कहा था कि आम लोगों और पार्टी के तमाम कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि पार्टी नरेंद्र मोदी को पार्टी का पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दे। सिन्हा का मानना है कि ऐसा कर देने से पार्टी को चुनावों में काफी फायदा होगा। टिप्पणियां वहीं, एनडीए के प्रमुख घटक दल जदयु के नेता शरद यादव ने साफ कर दिया है कि इस प्रकार की बातें 15 साल पुराने गठबंधन पर प्रभाव डालेंगी। इसके अलावा अन्य घटक दल शिवसेना का कहना है कि वह सुषमा स्वराज के समर्थन में है। इसके अलावा अकाली दल ने साफ कर दिया है कि उसे नरेंद्र मोदी से कोई आपत्ति नहीं है। वहीं, एनडीए के प्रमुख घटक दल जदयु के नेता शरद यादव ने साफ कर दिया है कि इस प्रकार की बातें 15 साल पुराने गठबंधन पर प्रभाव डालेंगी। इसके अलावा अन्य घटक दल शिवसेना का कहना है कि वह सुषमा स्वराज के समर्थन में है। इसके अलावा अकाली दल ने साफ कर दिया है कि उसे नरेंद्र मोदी से कोई आपत्ति नहीं है। इसके अलावा अन्य घटक दल शिवसेना का कहना है कि वह सुषमा स्वराज के समर्थन में है। इसके अलावा अकाली दल ने साफ कर दिया है कि उसे नरेंद्र मोदी से कोई आपत्ति नहीं है।
बॉलीवुड में कहने को तो कई सारे लव बर्ड्स  है जिनकी चर्चा होती ही रहती है, लेकिन एक कपल ऐसा भी है जिनकी हर तस्वीर एक कहानी बयां करती है. जिनकी हर तस्वीर में उनका प्यार नए परवान चढ़ते दिखता है. हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड एक्टर फरहान अख्तर और शिबानी दंडेकर की जो काफी समय से सुर्खियों में बने हुए हैं. ये बॉलीवुड का एक ऐसा कपल है जिसने अपने रिश्ते के बारे काफी खुलकर बात की है. सिर्फ यहीं नहीं रोज की कोई ना कोई तस्वीर शेयर करना,एक दूसरे की पोस्ट पर क्यूट कमेंट लिखना, ये सब फरहान और शिबानी लगातार करते रहते हैं. एक बार फिर फरहान और शिबानी की एक तस्वीर चर्चाओं में है. दरअसल कुछ दिन पहले दोनों फरहान और शिबानी ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की जिसमे वो प्यार से एक दूसरे की आंखों में देख रहे हैं. अब कहने को तो ये तस्वीर साधारण सी ही है लेकिन फरहान अख्तर ने इस तस्वीर के लिए कुछ मजेदार लिख दिया है. ये तस्वीर शेयर करते हुए फरहान लिखते हैं 'हम जब एक दूसरे के लिए खड़े हैं तो टूथपेस्ट ब्रांड की क्या जरूरत है. View this post on Instagram Who needs a toothpaste brand when we have each other..!! 😬😘 @shibanidandekar ❤️#youmakemesmile A post shared by Farhan Akhtar (@faroutakhtar) on Dec 5, 2019 at 12:08am PST ' फरहान का ये मजाकिया अंदाज फैंस के साथ-साथ उनके करीबी दोस्तों को भी खूब भाया. एक्ट्रेस नेहा धूपिया और दिया मिर्जा ने तस्वीर पर प्यारे कमेंट भी लिखे. इस फोटो के लिए एक जगह फरहान शर्टलेस लुक में दिख रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ शिबानी भी स्कर्ट में जंच रही हैं. बता दें, काफी समय से इस बात की चर्चा हो रही है कि फरहान और शिबानी अगले साल फरवरी या मार्च में शादी के बंधन में बंध सकते हैं. लेकिन अभी तक ये खबर सिर्फ एक चर्चा ही है क्योंकि दोनों में से किसी ने भी इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है. वर्क फ्रंट की बात करें तो फरहान अख्तर  आज कल राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म तूफान की तैयारियों में व्यस्त चल रहे हैं. ये फिल्म एक बॉक्सर के जीवन पर आधारित बताई जा रही है. तूफान अगले साल अक्टूबर 2 को रिलीज हो सकती है.
श्रीलंका (आधिकारिक नाम श्रीलंका समाजवादी जनतांत्रिक गणराज्य) दक्षिण एशिया में हिन्द महासागर के उत्तरी भाग में स्थित एक द्वीपीय देश है। भारत के दक्षिण में स्थित इस देश की दूरी भारत से मात्र 31 किलोमीटर है। 1972 तक इसका नाम सीलोन था, जिसे 1972 में बदलकर लंका तथा 1978 में इसके आगे सम्मानसूचक शब्द "श्री" जोड़कर श्रीलंका कर दिया गया। श्रीलंका का सबसे बड़ा नगर कोलम्बो समुद्री परिवहन की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण बन्दरगाह है। उच्च जीवन प्रत्याशा और अपने पड़ोसियों की तुलना में कम मातृ और शिशु मृत्यु दर वाले स्वास्थ्य क्षेत्र में श्रीलंका औसत क्षेत्रीय औसत से अधिक है। 2018 में जीवन प्रत्याशा पुरुषों के लिए 72.1 और दुनिया में देश की 70 वीं रैंकिंग वाली महिलाओं के लिए 78.5 थी। आहार श्रीलंकाई विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ खाते हैं जो एक पौष्टिक और स्वस्थ आहार बना सकते हैं। द्वीप पर शाकाहार के लंबे इतिहास ने कई प्रकार के वनस्पति व्यंजनों का नेतृत्व किया है, जबकि किथुल (चीकू) जैसे प्राकृतिक मिठास का उपयोग करने के लिए लंबे समय से प्रतिबद्धता का अर्थ है कि श्रीलंका ने आहार में चीनी के अति प्रयोग से संबंधित मुद्दों से परहेज किया है। अन्य मीट के बजाय मछली के पर्याप्त उपयोग ने श्रीलंकाई आहार की सेहत भी बढ़ा दी है। जबकि श्रीलंकाई लोग ऐसे भोजन का सेवन करते हैं, जो स्वस्थ आहार प्राप्त करें, जिस तरह से वे लापरवाही से भोजन करते हैं, वह अक्सर भोजन से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है। चावल और अन्य स्टेपल को स्वादिष्ट बनाने, डायबिटीज की संभावना को बढ़ाने के लिए, जबकि सब्जी-आधारित साइड डिश को छोड़ कर, और अक्सर डेयरी-आधारित व्यंजनों को पूरी तरह से छोड़ने के लिए आहार में बहुत अधिक कार्बोहाइड्रेट शामिल हो सकते हैं। आहार संबंधी समस्याओं के कारण के रूप में तेल और नारियल तेल के एक अति प्रयोग की पहचान की गई है। सन्दर्भ श्रीलंका एशियाई माह प्रतियोगिता में निर्मित मशीनी अनुवाद वाले लेख
यह एक लेख है: झूठे वायदे करके सत्ता में आने के कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आरोपों पर गुरुवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने जवाब दिया। शाह ने हैदराबाद में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार दूसरी बार चुनाव में उतरने से पहले अपने सारे चुनावी वायदे पूरे करेगी। उन्होंने कहा, 'कल मैंने सोनिया गांधी का भाषण सुना। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कुछ लोग झूठे वायदे करके सत्ता में आए। मैं कांग्रेस अध्यक्ष को बताना चाहूंगा कि हमें सत्ता में आए हुए 90 दिन भी नहीं हुए हैं। हमारे सारे वायदे पूरे किए जाएंगे। आप चिंता नहीं करें।' शाह ने कहा कि राजग सरकार अगले चुनावों में जाने से पहले अपने चुनावी घोषणापत्र को पूरा करेगी। उन्होंने कहा, 'लेकिन मैं आपसे (सोनिया) कहना चाहूंगा कि आप यह कहकर सत्ता में आए थे कि 100 दिन में महंगाई कम करेंगे। आप दस साल तक सत्ता में रहे। महंगाई कम करने के मुद्दे पर क्या किया।' उन्होंने कहा कि कांग्रेस को दूसरों को सलाह देने के बजाय अपनी पार्टी में देखना चाहिए। भाजपा अध्यक्ष ने दावा किया कि मोदी सरकार ने अपने शुरुआती कुछ दिनों में अनेक विकासोन्मुखी कदम उठाए हैं।
सिगरेट और पान मसाला जैसे हानिकारक ची़जों का सेवन करने वालों के लिए एक बुरी खबर है. उत्तर प्रदेश में सिगरेट, सिगार, पान मसाला और तंबाकू से बने अन्य उत्पादों की कीमत बढ़ने से अब ये चीजें महंगी मिलेंगी. प्रदेश सरकार इन पर वैट 25 से 40 फीसदी तक बढ़ाने जा रही है. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में बुधवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर मंजुरी मिल सकती है. इससे जहां राज्य सरकार का सालाना 200 करोड़ रुपये का राजस्व बढ़ेगा. वहीं सिगरेट और पान मसाला का नशा करने वालों को अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी. इस संबंध में वाणिज्य कर आयुक्त की तरफ से प्रस्ताव दिया गया है कि इन उत्पादों पर वैट की दर 40 फीसदी कर देनी चाहिए. प्रदेश में फिलहाल सिगरेट पर 25 फीसदी की दर से टैक्स लिया जाता है जबकि सादा पान मसाला, खैनी, जर्दा, सुर्ती और तंबाकू से निर्मित सामान पर 30 फीसदी की दर से टैक्स लिया जाता है. एक सिगरेट अब नहीं मिलेगी , पूरा पैकेट खरीदना होगा कैबिनेट बैठक में बुधवार को यह भी फैसला भी लिया जा सकता है जिसके तहत दुकानदार अब पैकेट खोल कर सिगरेट नहीं बेच सकेंगे. इसके पीछे का तर्क यह दिया जा रहा है कि खुली सिगरेट बेडने से इससे होने वाले नुकसान का पता नहीं चलता है.
लेख: दिग्गज राहुल द्रविड़ के अंदर ट्रेनिंग करने वाले संजू सैमसन ने आईपीएल 2017 में पहला शतक जमाया है. 22 वर्षीय सैमसन ने मात्र 63 गेंदों का सामना कर 102 रनों की शानदार पारी खेली, जिसकी बदौलत उनकी टीम दिल्‍ली डेयरडेविल्‍स ने राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स के खिलाफ 4 विकेट खोकर 205 रन बना डाले. टी-20 में सैमसन का यह पहला शतक है जिसे बनाने में उन्‍होंने 4 खूबसूरत चौके और पांच शानदार छक्‍के भी मारे. इससे पहले आईपीएल में वो 5 अर्द्धशतक भी बना चुके हैं. सैमसन तब बल्‍लेबाजी करने उतरे जब डेयरडेविल्‍स ने अपनी पारी की सातवीं ही गेंद पर अपना पहला विकेट गंवा दिया. सलामी बल्‍लेबाज आदित्‍य तारे बिना खाता खोले ही आउट हो गए जिसके बाद संजू मैदान पर उतरे. उसके बाद संजू ने न केवल साझेदारियां कीं बल्कि तेज रन गति भी बनाए रखी. सैमसन तब बल्‍लेबाजी करने उतरे जब डेयरडेविल्‍स ने अपनी पारी की सातवीं ही गेंद पर अपना पहला विकेट गंवा दिया. सलामी बल्‍लेबाज आदित्‍य तारे बिना खाता खोले ही आउट हो गए जिसके बाद संजू मैदान पर उतरे. उसके बाद संजू ने न केवल साझेदारियां कीं बल्कि तेज रन गति भी बनाए रखी.
पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य अस्पताल में भर्ती उन्हें कोलकाता के वुडलैंड्स मल्टीस्पेशिऐलिटी अस्पताल में भर्ती किया गया पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की तबीयत खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 75 वर्षीय बुद्धदेव को कोलकाता के वुडलैंड्स मल्टीस्पेशिऐलिटी अस्पताल में भर्ती किया गया है. अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक उनका ब्लड प्रेशर काफी कम हो गया था. अधिकारी ने बताया, 'भट्टाचार्य को हमारे अस्पताल में शुक्रवार रात 8 बजे के बाद लाया गया. उनकी स्थिति काफी गंभीर है. हम उनका ईलाज आईटीयू में कर रहे हैं. उन्हें सांस लेने में दोपहर में शिकायत हुई और उनका ब्ल्ड प्रेशर चिंताजनक स्थिति तक नीचे आ गया. फिलहाल हम जरूरी जांच कर रहे हैं.' भट्टाचार्य के अस्पताल में भर्ती किए जाने की खबर पाकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी अस्पताल पहुंची और उनका हाल जाना. ममता ने डॉक्टरों से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. भट्टाचार्य कुछ समय से क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) से पीड़ित हैं. वह 2000 से 2011 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे हैं. वह 2018 में अपने बिगड़ते स्वास्थ्य की वजह से सीपीएम के पोलितब्यूरो, केंद्रीय समिति और राज्य सचिवालय से 2018 में हट गए. वह अंतिम बार सार्वजिक रूप से 3 फरवरी को एक महारैली में ब्रिगेड परेड मैदान में दिखाई दिए थे.
मध्य प्रदेश की भिंड लोकसभा सीट पर 12 मई को छठवें चरण में मतदान हुए. इस बार भिंड सीट पर 54.53 फीसदी मतदान दर्ज किया गया, जबकि पिछली बार साल 2014 के लोकसभा चुनाव में 45.28 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया था. इस बार छठवें चरण में 7 राज्यों की 59 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हुई और कुल मतदान 64.39 फीसदी रिकॉर्ड किया गया. वहीं, चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे. इलाके में भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी. अब 23 मई को वोटों की गिनती होगी और उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा. इस सीट पर 18 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. हालांकि यहां पर मुकाबला बीजेपी की पूर्व विधायक संध्या राय और कांग्रेस के इंजीनियर देवाशीष के बीच ही माना जा रहा है. भिंड लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने देवाशीष जरारिया, भारतीय जनता पार्टी ने संध्या राय, बहुजन समाज पार्टी ने बाबूराम जामौर, हिंदुस्तान निर्माण दल ने ओम प्रकाश शाक्य, बहुजन मुक्ति पार्टी ने किशोरी लाल शाक्य, अंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया ने दिलीप कुमार दोहरे, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने मदन छिलवार, जन अधिकार पार्टी ने मनोहर लाल पटवा, भारत प्रभात पार्टी ने रूप सिंह और ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने विजय सिंह पटवा को चुनाव मैदान में उतारा है. इसके अलावा अशोक सिंह, उमेश गर्ग, जितेंद्र सिंह, धर्म सिंह भार्गव, भृखभान दोहरे, राजेश कुमार जाटव, राम नरेश जाटव और हरिकिशोर कोरी बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं. भिंड लोकसभा सीट बीजेपी के मजबूत किलों में से एक है. इस सीट पर विजयाराजे सिंधिया भी चुनाव जीत चुकी हैं, तो वहीं उनकी बेटी और राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी इस सीट पर किस्मत आजमा चुकी हैं. 1984 के चुनाव में वसुंधरा राजे ने यहां से चुनाव लड़ा था, लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा था. फिलहाल इस सीट पर पिछले 8 बार से बीजेपी जीतती आ रही है. कांग्रेस को इस सीट पर सिर्फ 3 बार जीत नसीब हुई. भिंड के पहले IAS अफसर डॉ. भागीरथ प्रसाद यहां के सांसद हैं. 2014 का जनादेश साल 2014 के चुनाव में बीजेपी के टिकट से भागीरथ प्रसाद ने जीत हासिल की थी. डॉ. भागीरथ प्रसाद को 4 लाख 04 हजार 474 (55.48 फीसदी) वोट मिले थे, तो इमरती देवी को 2 लाख 44 हजार 513 (33.54 फीसदी) वोट मिले थे. दोनों के बीच हार जीत का अंतर 15 हजार 9961 वोटों का था. वहीं बसपा 4.64 फीसदी वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रही थी. 2009  का जनादेश इससे पहले साल 2009 के चुनाव में भी यहां पर बीजेपी को जीत मिली थी और अशोक अर्गल सांसद बने थे. उन्होंने कांग्रेस के डॉ. भागीरथ प्रसाद को हराया था. अशोक अर्गल को जहां 2 लाख 27 हजार 376 (43.41 फीसदी) वोट मिले थे, तो वहीं भागीरथ प्रसाद को 2 लाख 08 हजार 479 (39.8 फीसदी) वोट मिले थे. दोनों के बीच हार जीत का अंतर का 18 हजार 897 वोटों का था. बसपा 11.61 फीसदी वोटों के साथ इस चुनाव में तीसरे स्थान पर रही थी. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक भिंड की जनसंख्या 24 लाख 89 हजार 759 है. यहां की 75.3 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्र और 24.7 फीसदी आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है. भिंड में 23.1 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति की और 0.85 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति की है. चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक 2014 में भिंड लोकसभा सीट पर 15 लाख 98 हजार 169 मतदाता थे. यहां पर 8 लाख 90 हजार 851 पुरूष और 7 लाख 07 हजार 318 महिला मतदाता थे. आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने देश की 543 लोकसभा सीटों पर 7 चरणों में लोकसभा चुनाव संपन्न कराने का फैसला लिया है. छठवें चरण के लिए नोटिफिकेशन के लिए 16 अप्रैल और नामांकन के लिए 23 अप्रैल की तारीख तय की गई थी. 24 अप्रैल को स्क्रूटनी के बाद 12 मई को वोटिंग हुई. सभी सातों चरणों के मतदान के नतीजे 23 मई को आएंगे. चुनाव की हर ख़बर मिलेगी सीधे आपके इनबॉक्स में. आम चुनाव की ताज़ा खबरों से अपडेट रहने के लिए सब्सक्राइब करें आजतक का इलेक्शन स्पेशल न्यूज़लेटर
0.999... गणित में यह निरूपित करता है कि दशमलव बिंदु (और इसके पहले एक 0) के बाद दशमलव आवृत्ति में अनंत रूप से कई 9 होते हैं। यह दशमलव आवृत्ति दर्शाती है कि अनुक्रम (0.9, 0.99, 0.999, ...) में सबसे छोटी संख्या प्रत्येक दशमलव संख्या से कम नहीं होती। यह संख्या 1 के बराबर है। दूसरे शब्दों में, "0.999..." और "1" समान संख्या को दर्शाते हैं। सहज युक्ति से गणितीय कठोर प्रमाणों तक इस समानता को दिखाने के कई तरीके हैं। उपयोग की जाने वाली तकनीक लक्षित दर्शकों, पृष्ठभूमि मान्यताओं, ऐतिहासिक संदर्भ और वास्तविक संख्याओं के वरीयताकृत विकास पर निर्भर करती है। आमतौर पर 0.999... को इसी तकनीक वाली प्रणाली में परिभाषित किया गया है। (दूसरी प्रणालियों में 0.999... का समान अर्थ, भिन्न अर्थ या अपरिभाषित भी हो सकता है। ) आमतौर पर, दशमलव को विस्थापित करने वाले गैरशून्य के दो समान प्रतिनिधित्व (उदाहरण के लिए-8.32 और 8.31999...) होते हैं। उपयोगितावादी प्राथमिकता दशमलव विस्थापन प्रतिनिधित्व इस गलत धारणा को बढ़ावा देता है कि वही एकमात्र प्रतिनिधित्व है। इस तथा अन्य कारणों से-मसलन दृढ़ प्रमाण गैर प्राथमिक तकनीकों, गुणों या अनुशासनों पर भरोसा करते हैं-कुछ लोग को समानता को सहज प्रतिवाद लग सकता है जिसपर वे सवाल उठाएँ या खारिज करें। यह गणित शिक्षा में कई अध्ययनों का विषय रहा है। प्राथमिक प्रमाण समीकरण का एक प्राथमिक प्रमाण 0.999...= 1 है, जो कि अधिक परिमित विषयों जैसे कि श्रृंखला, सीमा, वास्तविक संख्या के औपचारिक निर्माण के संदर्भ के बिना (परिमित) दशमलव संख्याओं की तुलना और इसके अलावा गणितीय उपकरणों आदि का उपयोग करता है। स्टिलवेल द्वारा दिए गए प्रमाण तथा अभ्यास इस सहज तथ्य का सीधा नियमन हैं, यदि कोई संख्या रेखा पर 0.9, 0.99, 0.999 आदि को अंकित करता है तो उनके और 1 के बीच संख्या रखने के लिए कोई जगह नहीं बचती। 0.999... अंकन का तात्पर्य-संख्या रेखा पर सभी अंकों 0.9, 0.99, 0.999 आदि के दाहिने सबसे छोटा बिंदु है, क्योंकि अंततः 1 और इन संख्याओं के बीच कोई जगह नहीं है, बिंदु 1 को अनिवार्यतः सबसे छोटा बिंदु होना चाहिए और इसलिए 0.999...=1 है। विश्लेषणात्मक प्रमाण चूंकि 0.999 का प्रश्न गणित के औपचारिक विकास को प्रभावित नहीं करता है, इसीलिए इसे तब तक स्थगित किया जा सकता है जब तक कि वास्तविक विश्लेषण के मानक सिद्धांत साबित नहीं हो जाते। एक आवश्यकता वास्तविक संख्याओं को चिह्नित करने के लिए है, जिसे दशमलव संकेतन में लिखा जा सकता है, जिसमें एक वैकल्पिक चिन्ह, एक पूर्णांक का एक पूर्ण अनुक्रम, एक पूर्णांक भाग, एक दशमलव विभाजक और एक भिन्नात्मक भाग बनाने वाले अंकों का एक क्रम होता है। 0.999... पर चर्चा करने के उद्देश्य से पूर्णांक भाग को b0 के रूप में संक्षेपित किया जा सकता है और नकारात्मक को अनदेखा किया जा सकता है, जिससे कि एक दशमलव विस्तृत रूप ले सके। पूर्णांक भाग के विपरीत अंश भाग, बहुत से अंकों तक सीमित नहीं है। यह एक स्थितिगत संकेतन है, इसलिए उदाहरण के लिए 500 में अंक 5, 50 में 5 के रूप में दस गुना अधिक योगदान देता है, और 0.05 में 5 दसवें भाग के रूप में उतना योगदान देता है जितना 0.5 में 5। अनंत शृंखला और क्रम शायद दशमलव विस्तार का सबसे आम विकास उन्हें अनंत शृंखला के रूप में परिभाषित करना है। सामान्यतः 0.999... के लिए एक ज्यामितीय शृंखला से संबंधित अभिसरण प्रमेय को लागू किया जा सकता है: टिप्पणी संदर्भ This introductory textbook on dynamical systems is aimed at undergraduate and beginning graduate students. (p. ix) A transition from calculus to advanced analysis, Mathematical analysis is intended to be "honest, rigorous, up to date, and, at the same time, not too pedantic." (pref.) Apostol's development of the real numbers uses the least upper bound axiom and introduces infinite decimals two pages later. (pp. 9–11) गणित
राष्ट्रपति से मिलकर समर्थन वापसी का पत्र सौंपने के बाद बुधवार को डीएमके के पांचों मंत्रियों ने अपना इस्तीफा पीएम मनमोहन सिंह से मिलकर उन्हें सौंप दिया हैं। पहले द्रमुक के तीन मंत्रियों एसएस पलानिमक्कम, एस गांधीसेल्वन और एस जगतरक्षकन ने प्रधानमंत्री को अपना इस्तीफा सौंपा। पीएम के साथ एक बैठक के बाद एमके अलागिरी और डी नेपोलियन अलग से अपना इस्तीफा सौंपा। डीएमके संसदीय दल के नेता टीआर बालू ने देर रात राष्ट्रपति से मिलकर समर्नन वापसी की चिट्ठी सौंपी थी। यूपीए सरकार को बाहर से समर्थन जारी रखने के बारे में पूछे जाने पर बालू ने कहा था कि इस बारे में पार्टी अध्यक्ष ही फ़ैसला लेंगे। फिलहाल डीएमके के कोटे से जो मंत्री सरकार में शामिल हैं उनमें एमके अडागिरि रसायन एवं उवर्रक मंत्री हैं। उनके अलावा राज्य मंत्रियों में एसएस पालानिमणिक्कम वित्त राज्यमंत्री डी नेपोलियन सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्री, डॉ एस जगतरक्षकम वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री और एस गांधीसेल्वन स्वास्थ्य और कल्याण राज्यमंत्री शामिल हैं। इससे पहले मंगलवार की सुबह राजनीतिक हल्कों में अचानक गर्मी सी आ गई जब डीएमके ने केंद्र सरकार से समर्थन वापसी का ऐलान किया। डीएमके की मांग है कि सरकार श्रीलंका के ख़िलाफ़ संसद में प्रस्ताव लाए। फिलहाल सरकार इसके लिए तैयार भी लग रही है। डीएमके की समर्थन वापसी के ऐलान के साथ लोग नंबर गिनने लगे, लेकिन सरकार सुरक्षित है। ये ज़रूर है कि पहले से अल्पमत में चल रहे यूपीए पर बाहरी समर्थन की मजबूरी कुछ और बढ़ गई। वैसे सरकार ने अभी हिसाब किताब लगा लिया है- −लोकसभा में फिलहाल 540 सांसद हैं− यानि 271 पर बहुमत बनता है। −डीएमके के समर्थन वापसी के बाद यूपीए के 228 सांसद रह जाते हैं। -इनमें कांग्रेस के 203, एनसीपी के 9, आरएलडी के 5, नेशनल कॉन्फ्रेंस के 3 और अन्य 8 सांसद हैं। − इन्हें बाहर से एसपी के 22, बसपा के 21, आरजेडी के 3, जेडीस के 3 और 9 निर्दलीय सांसदों का समर्थन हासिल है। ये तादाद 58 हो जाती है। −बाहरी समर्थन के साथ यूपीए की कुल संख्या 286 पहुंच जाती है।टिप्पणियां राजनीतिक दृष्टि से भी मायावती को यूपी में अपनी ताकत समेटने के लिए वक्त चाहिए तो मुलायम के राज्य में कानून व्यवस्था सुधारने के लिए। खुद डीएमके और एडीएमके को चुनाव की जल्दी नहीं और लेफ्ट बंगाल में ममता से तुरंत टकराना नहीं चाहेगा। वैसे कांग्रेस डीएमके के प्रस्ताव पास करने की मांग पर विकल्प खुला रखे हुए है, वह ये संदेश कतई नहीं देना चाहेगी कि उसे अपने सहयोगियों के साथ चलना नहीं आता। डीएमके संसदीय दल के नेता टीआर बालू ने देर रात राष्ट्रपति से मिलकर समर्नन वापसी की चिट्ठी सौंपी थी। यूपीए सरकार को बाहर से समर्थन जारी रखने के बारे में पूछे जाने पर बालू ने कहा था कि इस बारे में पार्टी अध्यक्ष ही फ़ैसला लेंगे। फिलहाल डीएमके के कोटे से जो मंत्री सरकार में शामिल हैं उनमें एमके अडागिरि रसायन एवं उवर्रक मंत्री हैं। उनके अलावा राज्य मंत्रियों में एसएस पालानिमणिक्कम वित्त राज्यमंत्री डी नेपोलियन सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्री, डॉ एस जगतरक्षकम वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री और एस गांधीसेल्वन स्वास्थ्य और कल्याण राज्यमंत्री शामिल हैं। इससे पहले मंगलवार की सुबह राजनीतिक हल्कों में अचानक गर्मी सी आ गई जब डीएमके ने केंद्र सरकार से समर्थन वापसी का ऐलान किया। डीएमके की मांग है कि सरकार श्रीलंका के ख़िलाफ़ संसद में प्रस्ताव लाए। फिलहाल सरकार इसके लिए तैयार भी लग रही है। डीएमके की समर्थन वापसी के ऐलान के साथ लोग नंबर गिनने लगे, लेकिन सरकार सुरक्षित है। ये ज़रूर है कि पहले से अल्पमत में चल रहे यूपीए पर बाहरी समर्थन की मजबूरी कुछ और बढ़ गई। वैसे सरकार ने अभी हिसाब किताब लगा लिया है- −लोकसभा में फिलहाल 540 सांसद हैं− यानि 271 पर बहुमत बनता है। −डीएमके के समर्थन वापसी के बाद यूपीए के 228 सांसद रह जाते हैं। -इनमें कांग्रेस के 203, एनसीपी के 9, आरएलडी के 5, नेशनल कॉन्फ्रेंस के 3 और अन्य 8 सांसद हैं। − इन्हें बाहर से एसपी के 22, बसपा के 21, आरजेडी के 3, जेडीस के 3 और 9 निर्दलीय सांसदों का समर्थन हासिल है। ये तादाद 58 हो जाती है। −बाहरी समर्थन के साथ यूपीए की कुल संख्या 286 पहुंच जाती है।टिप्पणियां राजनीतिक दृष्टि से भी मायावती को यूपी में अपनी ताकत समेटने के लिए वक्त चाहिए तो मुलायम के राज्य में कानून व्यवस्था सुधारने के लिए। खुद डीएमके और एडीएमके को चुनाव की जल्दी नहीं और लेफ्ट बंगाल में ममता से तुरंत टकराना नहीं चाहेगा। वैसे कांग्रेस डीएमके के प्रस्ताव पास करने की मांग पर विकल्प खुला रखे हुए है, वह ये संदेश कतई नहीं देना चाहेगी कि उसे अपने सहयोगियों के साथ चलना नहीं आता। यूपीए सरकार को बाहर से समर्थन जारी रखने के बारे में पूछे जाने पर बालू ने कहा था कि इस बारे में पार्टी अध्यक्ष ही फ़ैसला लेंगे। फिलहाल डीएमके के कोटे से जो मंत्री सरकार में शामिल हैं उनमें एमके अडागिरि रसायन एवं उवर्रक मंत्री हैं। उनके अलावा राज्य मंत्रियों में एसएस पालानिमणिक्कम वित्त राज्यमंत्री डी नेपोलियन सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्री, डॉ एस जगतरक्षकम वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री और एस गांधीसेल्वन स्वास्थ्य और कल्याण राज्यमंत्री शामिल हैं। इससे पहले मंगलवार की सुबह राजनीतिक हल्कों में अचानक गर्मी सी आ गई जब डीएमके ने केंद्र सरकार से समर्थन वापसी का ऐलान किया। डीएमके की मांग है कि सरकार श्रीलंका के ख़िलाफ़ संसद में प्रस्ताव लाए। फिलहाल सरकार इसके लिए तैयार भी लग रही है। डीएमके की समर्थन वापसी के ऐलान के साथ लोग नंबर गिनने लगे, लेकिन सरकार सुरक्षित है। ये ज़रूर है कि पहले से अल्पमत में चल रहे यूपीए पर बाहरी समर्थन की मजबूरी कुछ और बढ़ गई। वैसे सरकार ने अभी हिसाब किताब लगा लिया है- −लोकसभा में फिलहाल 540 सांसद हैं− यानि 271 पर बहुमत बनता है। −डीएमके के समर्थन वापसी के बाद यूपीए के 228 सांसद रह जाते हैं। -इनमें कांग्रेस के 203, एनसीपी के 9, आरएलडी के 5, नेशनल कॉन्फ्रेंस के 3 और अन्य 8 सांसद हैं। − इन्हें बाहर से एसपी के 22, बसपा के 21, आरजेडी के 3, जेडीस के 3 और 9 निर्दलीय सांसदों का समर्थन हासिल है। ये तादाद 58 हो जाती है। −बाहरी समर्थन के साथ यूपीए की कुल संख्या 286 पहुंच जाती है।टिप्पणियां राजनीतिक दृष्टि से भी मायावती को यूपी में अपनी ताकत समेटने के लिए वक्त चाहिए तो मुलायम के राज्य में कानून व्यवस्था सुधारने के लिए। खुद डीएमके और एडीएमके को चुनाव की जल्दी नहीं और लेफ्ट बंगाल में ममता से तुरंत टकराना नहीं चाहेगा। वैसे कांग्रेस डीएमके के प्रस्ताव पास करने की मांग पर विकल्प खुला रखे हुए है, वह ये संदेश कतई नहीं देना चाहेगी कि उसे अपने सहयोगियों के साथ चलना नहीं आता। इससे पहले मंगलवार की सुबह राजनीतिक हल्कों में अचानक गर्मी सी आ गई जब डीएमके ने केंद्र सरकार से समर्थन वापसी का ऐलान किया। डीएमके की मांग है कि सरकार श्रीलंका के ख़िलाफ़ संसद में प्रस्ताव लाए। फिलहाल सरकार इसके लिए तैयार भी लग रही है। डीएमके की समर्थन वापसी के ऐलान के साथ लोग नंबर गिनने लगे, लेकिन सरकार सुरक्षित है। ये ज़रूर है कि पहले से अल्पमत में चल रहे यूपीए पर बाहरी समर्थन की मजबूरी कुछ और बढ़ गई। वैसे सरकार ने अभी हिसाब किताब लगा लिया है- −लोकसभा में फिलहाल 540 सांसद हैं− यानि 271 पर बहुमत बनता है। −डीएमके के समर्थन वापसी के बाद यूपीए के 228 सांसद रह जाते हैं। -इनमें कांग्रेस के 203, एनसीपी के 9, आरएलडी के 5, नेशनल कॉन्फ्रेंस के 3 और अन्य 8 सांसद हैं। − इन्हें बाहर से एसपी के 22, बसपा के 21, आरजेडी के 3, जेडीस के 3 और 9 निर्दलीय सांसदों का समर्थन हासिल है। ये तादाद 58 हो जाती है। −बाहरी समर्थन के साथ यूपीए की कुल संख्या 286 पहुंच जाती है।टिप्पणियां राजनीतिक दृष्टि से भी मायावती को यूपी में अपनी ताकत समेटने के लिए वक्त चाहिए तो मुलायम के राज्य में कानून व्यवस्था सुधारने के लिए। खुद डीएमके और एडीएमके को चुनाव की जल्दी नहीं और लेफ्ट बंगाल में ममता से तुरंत टकराना नहीं चाहेगा। वैसे कांग्रेस डीएमके के प्रस्ताव पास करने की मांग पर विकल्प खुला रखे हुए है, वह ये संदेश कतई नहीं देना चाहेगी कि उसे अपने सहयोगियों के साथ चलना नहीं आता। डीएमके की समर्थन वापसी के ऐलान के साथ लोग नंबर गिनने लगे, लेकिन सरकार सुरक्षित है। ये ज़रूर है कि पहले से अल्पमत में चल रहे यूपीए पर बाहरी समर्थन की मजबूरी कुछ और बढ़ गई। वैसे सरकार ने अभी हिसाब किताब लगा लिया है- −लोकसभा में फिलहाल 540 सांसद हैं− यानि 271 पर बहुमत बनता है। −डीएमके के समर्थन वापसी के बाद यूपीए के 228 सांसद रह जाते हैं। -इनमें कांग्रेस के 203, एनसीपी के 9, आरएलडी के 5, नेशनल कॉन्फ्रेंस के 3 और अन्य 8 सांसद हैं। − इन्हें बाहर से एसपी के 22, बसपा के 21, आरजेडी के 3, जेडीस के 3 और 9 निर्दलीय सांसदों का समर्थन हासिल है। ये तादाद 58 हो जाती है। −बाहरी समर्थन के साथ यूपीए की कुल संख्या 286 पहुंच जाती है।टिप्पणियां राजनीतिक दृष्टि से भी मायावती को यूपी में अपनी ताकत समेटने के लिए वक्त चाहिए तो मुलायम के राज्य में कानून व्यवस्था सुधारने के लिए। खुद डीएमके और एडीएमके को चुनाव की जल्दी नहीं और लेफ्ट बंगाल में ममता से तुरंत टकराना नहीं चाहेगा। वैसे कांग्रेस डीएमके के प्रस्ताव पास करने की मांग पर विकल्प खुला रखे हुए है, वह ये संदेश कतई नहीं देना चाहेगी कि उसे अपने सहयोगियों के साथ चलना नहीं आता। वैसे सरकार ने अभी हिसाब किताब लगा लिया है- −लोकसभा में फिलहाल 540 सांसद हैं− यानि 271 पर बहुमत बनता है। −डीएमके के समर्थन वापसी के बाद यूपीए के 228 सांसद रह जाते हैं। -इनमें कांग्रेस के 203, एनसीपी के 9, आरएलडी के 5, नेशनल कॉन्फ्रेंस के 3 और अन्य 8 सांसद हैं। − इन्हें बाहर से एसपी के 22, बसपा के 21, आरजेडी के 3, जेडीस के 3 और 9 निर्दलीय सांसदों का समर्थन हासिल है। ये तादाद 58 हो जाती है। −बाहरी समर्थन के साथ यूपीए की कुल संख्या 286 पहुंच जाती है।टिप्पणियां राजनीतिक दृष्टि से भी मायावती को यूपी में अपनी ताकत समेटने के लिए वक्त चाहिए तो मुलायम के राज्य में कानून व्यवस्था सुधारने के लिए। खुद डीएमके और एडीएमके को चुनाव की जल्दी नहीं और लेफ्ट बंगाल में ममता से तुरंत टकराना नहीं चाहेगा। वैसे कांग्रेस डीएमके के प्रस्ताव पास करने की मांग पर विकल्प खुला रखे हुए है, वह ये संदेश कतई नहीं देना चाहेगी कि उसे अपने सहयोगियों के साथ चलना नहीं आता। राजनीतिक दृष्टि से भी मायावती को यूपी में अपनी ताकत समेटने के लिए वक्त चाहिए तो मुलायम के राज्य में कानून व्यवस्था सुधारने के लिए। खुद डीएमके और एडीएमके को चुनाव की जल्दी नहीं और लेफ्ट बंगाल में ममता से तुरंत टकराना नहीं चाहेगा। वैसे कांग्रेस डीएमके के प्रस्ताव पास करने की मांग पर विकल्प खुला रखे हुए है, वह ये संदेश कतई नहीं देना चाहेगी कि उसे अपने सहयोगियों के साथ चलना नहीं आता। वैसे कांग्रेस डीएमके के प्रस्ताव पास करने की मांग पर विकल्प खुला रखे हुए है, वह ये संदेश कतई नहीं देना चाहेगी कि उसे अपने सहयोगियों के साथ चलना नहीं आता।
Vivo ने हाल ही में दो नए स्मार्टफोन्स Vivo V11 और V11 Pro को भारत में लॉन्च किया था. अब V11 Pro एयरटेल ऑनलाइन स्टोर पर 4,299 रुपये के डाउन पेमेंट पर उपलब्ध है. भारत में इस स्मार्टफोन की कीमत 25,990 रुपये है. एयरटेल ऑफर के तहत Vivo V11 Pro ऑनलाइन स्टोर पर 4,299 रुपये के डाउन पेमेंट पर उपलब्ध है. इसके बाद ग्राहकों को 12 महीने तक हर महीने 2,349 रुपये की EMI देनी होगी. इन सब को जोड़कर कुल कीमत 32,487 रुपये होती है. ऑफर में एयरटेल पोस्टपेड प्लान के फायदे भी शामिल हैं. एयरटेल की ओर से रोलओवर के साथ प्रतिमहीने 100GB डेटा, अनलिमिटेड कॉल (लोकल+एसटीडी), फ्री नेशनल रोमिंग, फ्री अमेजन प्राइम सब्सक्रिप्शन, फ्री एयरटेल सिक्योर और एयरटेल टीवी का फ्री सब्सक्रिप्शन और 12 महीने का फ्री हैंडसेट डैमेज प्रोटेक्शन मिलेगा. हालांकि एयरटेल टीवी का सब्सक्रिप्शन फिलहाल दिसंबर तक ही वैलिड है. यानी कुलमिलाकर एयरटेल ऑनलाइन स्टोर से  V11 Pro को खरीदने पर ग्राहकों को रिचार्ज कराने की समस्या से निजात मिल जाएगी. Vivo V11 Pro स्पेसिफिकेशन्स इस स्मार्टफोन में 19.5:9 रेश्यो के साथ 6.41-इंच फुल-HD+ (1080x2340 पिक्सल) हालो फुलव्यू 3.0 सुपर AMOLED डिस्प्ले दिया गया है. इस स्मार्टफोन में 6GB रैम और Adreno 512 GPU के साथ ऑक्टा-कोर क्वॉलकॉम स्नैपड्रैगन 660 दिया गया है. फोटोग्राफी के सेक्शन की बात करें तो इस स्मार्टफोन के रियर में डुअल कैमरा सेटअप दिया गया है. इसका प्राइमरी कैमरा 12 मेगापिक्सल और सेकेंडरी कैमरा 5 मेगापिक्सल का है. साथ ही इसनें LED फ्लैश और फास्ट फोकस और बेहतर लो-लाइट फोटोग्राफी के लिए 'डुअल पिक्सल' टेक्नोलॉजी दी गई है. इसके फ्रंट कैमरे की बात करें तो यहां AI फीचर्स और AR स्टीकर के साथ 25 मेगापिक्सल का कैमरा सेल्फी के लिए दिया गया है. V11 Pro की इंटरनल मेमोरी 64GB की है जिसे कार्ड की मदद से 256GB तक बढ़ाया जा सकता है. कनेक्टिविटी के लिहाज से इसमें 4G VoLTE, डुअल-बैंड (2.4GHz और 5GHz) Wi-Fi, ब्लूटूथ v4.2, GPS/ A-GPS, माइक्रो-USB और OTG और एक 3.5mm ऑडियो जैक का सपोर्ट दिया गया है. इस स्मार्टफोन की बैटरी 3,400mAh की है और इसका वजन 156 ग्राम है.
शुरुआती रिपोर्ट के हवाले से प्रवक्ता ने कहा ऐसा इस वजह से हुआ होगा कि पायलटों ने यह देखकर कि वे गलत हवाई पट्टी पर उतर गए हैं, ब्रेक लगाए होंगे. डीजीसीए के अधिकारी ने कहा कि दोनों पायलटों को रोस्टर से हटा दिया गया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
गैंग्स ऑफ फिल्मिस्तान एक हिंदी स्टैंड-अप कॉमेडी शो है जो स्टार भारत पर प्रसारित होता है और डिजिटल रूप से डिज्नी + हॉटस्टार पर उपलब्ध है। शो में स्टैंड-अप कॉमेडियन सुनील ग्रोवर, शिल्पा शिंदे और अन्य कलाकार हैं। यह शो लील फ्रोडो प्रोडक्शन हाउस के बैनर तले प्रीति सिमोस और नीति सिमोस द्वारा निर्मित है। आधार यह शो भिंडी भाई पर आधारित है, जो एक डॉन है। डॉन ने अपना घर किराए पर दे दिया। लेकिन किराया लेने के बजाय, वह उनसे उनका मनोरंजन करने के लिए कहता है। कलाकार भिंडी भाई के रूप में सुनील ग्रोवर, एक डॉन शिल्पा शिंदे सुगंधा मिश्रा संकेत भोसले परितोष त्रिपाठी उपासना सिंह जतिंदर सूरी सिद्धार्थ सागर देवोलीना भट्टाचार्जी मोहम्मद नाजिमी अनूप जलोटा शक्ति कपूर यह सभी देखें स्टार भारत द्वारा प्रसारित कार्यक्रमों की सूची संदर्भ बाहरी संबंध Gangs of Filmistaan on Hotstar Pages with unreviewed translations स्टार भारत के धारावाहिक भारतीय हास्य टेलीविजन कार्यक्रम भारतीय टेलीविजन धारावाहिक
आर्थिक वृद्धि दर में नरमी, बढ़ते राजकोषीय और चालू खाते के घाटे तथा ऊंची मुद्रास्फीति से भारतीय अर्थव्यवस्था संकट में है। आर्थिक शोध संस्थान एनसीएईआर के एक अध्ययन में यह बात कही गई है। नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकनॉमिक रिसर्च ने कहा है, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था संकट में है। वृद्धि दर घट रही है, ऊंचे चालू खाते के घाटे, ऊंचे राजकोषीय घाटे और ऊंची मुद्रास्फीति से अर्थव्यवस्था की स्थिति खराब है।’’ दिसंबर 2012-13 में समाप्त तिमाही में देश का चालू खाते का घाटा सकल घरेलू उत्पाद के रिकॉर्ड स्तर 6.7 प्रतिशत पर पहुंच गया। अध्ययन में कहा गया है कि तेल, कोयला एवं सोने का आयात बढ़ने की वजह से चालू खाते का घाटा बढ़ा है। एनसीएईआर ने कहा कि ऊंचे चालू खाते के घाटे को पाटने के लिए अधिक विदेशी निवेश की जरूरत है। इसमें कहा गया है कि वैश्विक वित्तीय उतार-चढ़ाव के मद्देनजर यह एक जोखिमपूर्ण परिस्थिति है। अध्ययन में कहा गया है कि इसमें लगातार बढ़ोतरी से वृहद आर्थिक जोखिम बढ़ेंगे, क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था की विदेशी भुगतान प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की क्षमता पर सवाल खड़े होते हैं। एनसीएईआर के अध्ययन में कहा गया है कि वस्तुओं का निर्यात बढ़ाने की जरूरत है, जिससे व्यापार घाटे को कम किया जा सके। रिपोर्ट में कहा गया है कि कई क्षेत्रों में भारत का विनिर्माण अभी भी प्रतिस्पर्धापूर्ण नहीं है। अध्ययन में कहा गया है कि दीर्घकालिक कारकों पर ध्यान देने की जरूरत है। इनमें बुनियादी ढांचा, श्रम कानून और संचालन सुधार शामिल हैं। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने से विनिर्मित वस्तुओं में भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।टिप्पणियां इसमें कहा गया है कि भारत को अन्य एशियाई देशों के साथ व्यापार एकीकरण को मजबूत करने के लिए अग्रसारी कदम उठाने चाहिए। अध्ययन में कहा गया है कि एशिया के साथ व्यापार और निवेश संबंधों भारत के निर्यात को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसके साथ ही एनसीएईआर ने कहा है कि भारत को अपनी द्विपक्षीय करारों को मजबूत करने के लिए कदम उठाने चाहिए। इसके अलावा उसे आसियान प्लस 6 जैसे समूहों के साथ विदेश व्यापार करारों को पूरा करना चाहिए। आसियान के बाहर के 6 देश हैं : ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और न्यूजीलैंड। नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकनॉमिक रिसर्च ने कहा है, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था संकट में है। वृद्धि दर घट रही है, ऊंचे चालू खाते के घाटे, ऊंचे राजकोषीय घाटे और ऊंची मुद्रास्फीति से अर्थव्यवस्था की स्थिति खराब है।’’ दिसंबर 2012-13 में समाप्त तिमाही में देश का चालू खाते का घाटा सकल घरेलू उत्पाद के रिकॉर्ड स्तर 6.7 प्रतिशत पर पहुंच गया। अध्ययन में कहा गया है कि तेल, कोयला एवं सोने का आयात बढ़ने की वजह से चालू खाते का घाटा बढ़ा है। एनसीएईआर ने कहा कि ऊंचे चालू खाते के घाटे को पाटने के लिए अधिक विदेशी निवेश की जरूरत है। इसमें कहा गया है कि वैश्विक वित्तीय उतार-चढ़ाव के मद्देनजर यह एक जोखिमपूर्ण परिस्थिति है। अध्ययन में कहा गया है कि इसमें लगातार बढ़ोतरी से वृहद आर्थिक जोखिम बढ़ेंगे, क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था की विदेशी भुगतान प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की क्षमता पर सवाल खड़े होते हैं। एनसीएईआर के अध्ययन में कहा गया है कि वस्तुओं का निर्यात बढ़ाने की जरूरत है, जिससे व्यापार घाटे को कम किया जा सके। रिपोर्ट में कहा गया है कि कई क्षेत्रों में भारत का विनिर्माण अभी भी प्रतिस्पर्धापूर्ण नहीं है। अध्ययन में कहा गया है कि दीर्घकालिक कारकों पर ध्यान देने की जरूरत है। इनमें बुनियादी ढांचा, श्रम कानून और संचालन सुधार शामिल हैं। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने से विनिर्मित वस्तुओं में भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।टिप्पणियां इसमें कहा गया है कि भारत को अन्य एशियाई देशों के साथ व्यापार एकीकरण को मजबूत करने के लिए अग्रसारी कदम उठाने चाहिए। अध्ययन में कहा गया है कि एशिया के साथ व्यापार और निवेश संबंधों भारत के निर्यात को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसके साथ ही एनसीएईआर ने कहा है कि भारत को अपनी द्विपक्षीय करारों को मजबूत करने के लिए कदम उठाने चाहिए। इसके अलावा उसे आसियान प्लस 6 जैसे समूहों के साथ विदेश व्यापार करारों को पूरा करना चाहिए। आसियान के बाहर के 6 देश हैं : ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और न्यूजीलैंड। दिसंबर 2012-13 में समाप्त तिमाही में देश का चालू खाते का घाटा सकल घरेलू उत्पाद के रिकॉर्ड स्तर 6.7 प्रतिशत पर पहुंच गया। अध्ययन में कहा गया है कि तेल, कोयला एवं सोने का आयात बढ़ने की वजह से चालू खाते का घाटा बढ़ा है। एनसीएईआर ने कहा कि ऊंचे चालू खाते के घाटे को पाटने के लिए अधिक विदेशी निवेश की जरूरत है। इसमें कहा गया है कि वैश्विक वित्तीय उतार-चढ़ाव के मद्देनजर यह एक जोखिमपूर्ण परिस्थिति है। अध्ययन में कहा गया है कि इसमें लगातार बढ़ोतरी से वृहद आर्थिक जोखिम बढ़ेंगे, क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था की विदेशी भुगतान प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की क्षमता पर सवाल खड़े होते हैं। एनसीएईआर के अध्ययन में कहा गया है कि वस्तुओं का निर्यात बढ़ाने की जरूरत है, जिससे व्यापार घाटे को कम किया जा सके। रिपोर्ट में कहा गया है कि कई क्षेत्रों में भारत का विनिर्माण अभी भी प्रतिस्पर्धापूर्ण नहीं है। अध्ययन में कहा गया है कि दीर्घकालिक कारकों पर ध्यान देने की जरूरत है। इनमें बुनियादी ढांचा, श्रम कानून और संचालन सुधार शामिल हैं। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने से विनिर्मित वस्तुओं में भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।टिप्पणियां इसमें कहा गया है कि भारत को अन्य एशियाई देशों के साथ व्यापार एकीकरण को मजबूत करने के लिए अग्रसारी कदम उठाने चाहिए। अध्ययन में कहा गया है कि एशिया के साथ व्यापार और निवेश संबंधों भारत के निर्यात को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसके साथ ही एनसीएईआर ने कहा है कि भारत को अपनी द्विपक्षीय करारों को मजबूत करने के लिए कदम उठाने चाहिए। इसके अलावा उसे आसियान प्लस 6 जैसे समूहों के साथ विदेश व्यापार करारों को पूरा करना चाहिए। आसियान के बाहर के 6 देश हैं : ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और न्यूजीलैंड। इसमें कहा गया है कि वैश्विक वित्तीय उतार-चढ़ाव के मद्देनजर यह एक जोखिमपूर्ण परिस्थिति है। अध्ययन में कहा गया है कि इसमें लगातार बढ़ोतरी से वृहद आर्थिक जोखिम बढ़ेंगे, क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था की विदेशी भुगतान प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की क्षमता पर सवाल खड़े होते हैं। एनसीएईआर के अध्ययन में कहा गया है कि वस्तुओं का निर्यात बढ़ाने की जरूरत है, जिससे व्यापार घाटे को कम किया जा सके। रिपोर्ट में कहा गया है कि कई क्षेत्रों में भारत का विनिर्माण अभी भी प्रतिस्पर्धापूर्ण नहीं है। अध्ययन में कहा गया है कि दीर्घकालिक कारकों पर ध्यान देने की जरूरत है। इनमें बुनियादी ढांचा, श्रम कानून और संचालन सुधार शामिल हैं। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने से विनिर्मित वस्तुओं में भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।टिप्पणियां इसमें कहा गया है कि भारत को अन्य एशियाई देशों के साथ व्यापार एकीकरण को मजबूत करने के लिए अग्रसारी कदम उठाने चाहिए। अध्ययन में कहा गया है कि एशिया के साथ व्यापार और निवेश संबंधों भारत के निर्यात को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसके साथ ही एनसीएईआर ने कहा है कि भारत को अपनी द्विपक्षीय करारों को मजबूत करने के लिए कदम उठाने चाहिए। इसके अलावा उसे आसियान प्लस 6 जैसे समूहों के साथ विदेश व्यापार करारों को पूरा करना चाहिए। आसियान के बाहर के 6 देश हैं : ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और न्यूजीलैंड। एनसीएईआर के अध्ययन में कहा गया है कि वस्तुओं का निर्यात बढ़ाने की जरूरत है, जिससे व्यापार घाटे को कम किया जा सके। रिपोर्ट में कहा गया है कि कई क्षेत्रों में भारत का विनिर्माण अभी भी प्रतिस्पर्धापूर्ण नहीं है। अध्ययन में कहा गया है कि दीर्घकालिक कारकों पर ध्यान देने की जरूरत है। इनमें बुनियादी ढांचा, श्रम कानून और संचालन सुधार शामिल हैं। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने से विनिर्मित वस्तुओं में भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।टिप्पणियां इसमें कहा गया है कि भारत को अन्य एशियाई देशों के साथ व्यापार एकीकरण को मजबूत करने के लिए अग्रसारी कदम उठाने चाहिए। अध्ययन में कहा गया है कि एशिया के साथ व्यापार और निवेश संबंधों भारत के निर्यात को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसके साथ ही एनसीएईआर ने कहा है कि भारत को अपनी द्विपक्षीय करारों को मजबूत करने के लिए कदम उठाने चाहिए। इसके अलावा उसे आसियान प्लस 6 जैसे समूहों के साथ विदेश व्यापार करारों को पूरा करना चाहिए। आसियान के बाहर के 6 देश हैं : ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और न्यूजीलैंड। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने से विनिर्मित वस्तुओं में भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।टिप्पणियां इसमें कहा गया है कि भारत को अन्य एशियाई देशों के साथ व्यापार एकीकरण को मजबूत करने के लिए अग्रसारी कदम उठाने चाहिए। अध्ययन में कहा गया है कि एशिया के साथ व्यापार और निवेश संबंधों भारत के निर्यात को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसके साथ ही एनसीएईआर ने कहा है कि भारत को अपनी द्विपक्षीय करारों को मजबूत करने के लिए कदम उठाने चाहिए। इसके अलावा उसे आसियान प्लस 6 जैसे समूहों के साथ विदेश व्यापार करारों को पूरा करना चाहिए। आसियान के बाहर के 6 देश हैं : ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और न्यूजीलैंड। इसमें कहा गया है कि भारत को अन्य एशियाई देशों के साथ व्यापार एकीकरण को मजबूत करने के लिए अग्रसारी कदम उठाने चाहिए। अध्ययन में कहा गया है कि एशिया के साथ व्यापार और निवेश संबंधों भारत के निर्यात को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसके साथ ही एनसीएईआर ने कहा है कि भारत को अपनी द्विपक्षीय करारों को मजबूत करने के लिए कदम उठाने चाहिए। इसके अलावा उसे आसियान प्लस 6 जैसे समूहों के साथ विदेश व्यापार करारों को पूरा करना चाहिए। आसियान के बाहर के 6 देश हैं : ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और न्यूजीलैंड। इसके साथ ही एनसीएईआर ने कहा है कि भारत को अपनी द्विपक्षीय करारों को मजबूत करने के लिए कदम उठाने चाहिए। इसके अलावा उसे आसियान प्लस 6 जैसे समूहों के साथ विदेश व्यापार करारों को पूरा करना चाहिए। आसियान के बाहर के 6 देश हैं : ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और न्यूजीलैंड।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम. वीरप्पा मोइली ने शनिवार को कहा कि लोकसभा चुनावों में पार्टी ने अगर जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) के साथ गठबंधन नहीं किया होता तो वह 15 से 16 सीटों पर चुनाव जीतती. उन्होंने कहा कि गठबंधन पर विश्वास करना ‘भूल' थी. उन्होंने कहा, ‘‘सौ फीसदी... केवल यहीं (चिकाबल्लापुर) नहीं... कई लोकसभा क्षेत्रों में... अगर गठबंधन नहीं होता तो कांग्रेस को निश्चित तौर पर 15- 16 सीटें हासिल होतीं.'' मोइली एक सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या अगर गठबंधन नहीं होता तो वह चिकाबल्लापुर में जीत जाते. चिकाबल्लापुर में संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि गठबंधन पर विश्वास करना भूल थी. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लोगों ने भी मेरा विरोध किया... यह स्पष्ट है.''    यह पूछने पर कि कांग्रेस के लोग उनका विरोध क्यों कर रहे हैं, उन्होंने विस्तार से जानकारी नहीं दी और कहा कि यह ताकत या धन के लिए हो सकता है.आपको बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री मोइली सत्तारूढ़ कांग्रेस - जद (एस) के संयुक्त उम्मीदवार थे. चिकबल्लापुर में भाजपा के उम्मीदवार बी एन बाचे गौड़ा ने उन्हें एक लाख 82 हजार 110 मतों से पराजित किया था. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और जद (एस) गठबंधन राज्य में केवल एक सीट जीतने में कामयाब रहा जबकि भाजपा ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की. लोकसभा चुनाव में मिली हार का कांग्रेस में मंथन जारी है लेकिन इसी बीच उसके वरिष्ठ नेताओं ने हार पर मीडिया में खुलकर बोलना शुरू कर दिया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा है कि चुनाव में पीएम की लोकप्रियता इतनी थी कि उसके आगे कोई खड़ा नहीं हो पाया. खुर्शीद ने एएनआई से बातचीत में आगे कहा, लेकिन एक बात अच्छी रही कि सुनामी आया उसने सब कुछ बहा दिया लेकिन कम से कम हम जिंदा रहे और आपसे बात तो कर सकते हैं.
बिग बॉस में लगातार आ रहे नए ट्विस्ट एंड टर्न्स से दर्शकों को भरपूर एंटरटेनमेंट मिल रहा है. इस हफ्ते के कैप्टेंसी टास्क BB जंक्शन में हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिलेगा. अपकमिंग एपिसोड में बड़ा ट्विस्ट आने वाला है. दरअसल, पारस छाबड़ा के बिग बॉस का सफर खत्म होने की चर्चा है. गुरुवार को दिखाए जाने वाले शो के प्रोमो से ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि पारस एविक्ट हो गए हैं. हालांकि, वीडियो को काफी मिसलीड कर दिखाया गया है. साफ-साफ एविक्शन की बात नहीं की गई है. मगर जिस तरह पारस बाकी घरवालों से मिल रहे हैं और शहनाज गिल फूट फूट कर रो रही हैं, उससे पारस के एविक्शन के कयास तेज हैं. View this post on Instagram A post shared by BIGG BOSS (@biggbossofficial13_) on Dec 4, 2019 at 10:25am PST पारस ने संचालक बनकर की हेराफेरी अपकमिंग एपिसोड में दिखाया जाएगा कि कैप्टेंसी टास्क में पारस छाबड़ा जमकर हेराफेरी और चीटिंग करते हैं. घरवाले पारस का जमकर विरोध करते हैं. खुद पारस के दोस्त उन्हें ऐसा ना करने को कहते हैं. लेकिन पारस किसी की नहीं सुनते और संचालक की पावर का जमकर गलत फायदा उठाते हैं. क्या सीक्रेट रूम में जाएंगे पारस छाबड़ा इसके बाद ऐसा कुछ होता है कि बिग बॉस पारस का नाम लेकर कुछ अनाउंस करते हैं. बिग बॉस का आदेश सुनने के बाद पारस घरवालों से अलविदा लेते दिखते हैं. शहनाज गिल पारस के गले लगकर खूब रोती हैं. इस दौरान शहनाज इस बात को कबूल करती हैं कि उन्हें पारस छाबड़ा से प्यार है. पारस के एविक्शन की खबर जानकर उनके फैंस काफी निराश हैं और एपिसोड के टेलीकास्ट होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. बिग बॉस फैनक्लब पर दावा है कि पारस को सीक्रेट रूम में भेजा गया है.
पच्चीस साल पहले उत्तर प्रदेश के पीलीभीत फर्जी मुठभेड़ केस में सीबीआर्इ की विशेष अदालत ने सोमवार को सभी 47 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई. एक अप्रैल को कोर्ट ने मुठभेड़ को फर्जी करार देते हुए इस मामले में 47 पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया था. मुकदमे की सुनवाई के दौरान 10 आरोपी पुलिसकर्मियों की मौत हो गर्इ है. सजा में उम्रकैद के अलावा जुर्माना इसके अलावा पुलिसकर्मियों पर क्रमश: दरोगा के लिए 10 लाख रुपये, सब इंस्पेक्टर के लिए 8 लाख रुपये और सिपाहियों के लिए 2.75 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट में जमा कराए जाने के बाद इस रकम से मुठभेड़ में मारे गए 11 लोगों के परिवारों को 14-14 लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाएगी. सजा सुनाए जाने के बाद दोषियों ने कोर्ट में हंगामा भी किया. कोर्ट में कुल 38 आरोपी पुलिसकर्मी मौजूद थे. पुलिस ने अगवा कर 10 युवकों की जान ली सीबीआई के विशेष न्यायाधीश लल्लू सिंह ने एक अप्रैल को अपने आदेश में कहा था कि 12 जुलाई 1991 को तीर्थ यात्रा के लिए जा रही बस से पुलिसवालों ने 10 सिख युवकों को नदी के किनारे उतार कर नीली बस में बैठा लिया था. दिन भर इधर-उधर घुमाने के बाद रात में युवकों को तीन गुटों में बांट लिया. एक दल ने 4, दूसरे दल ने 4 और तीसरे दल ने दो युवकों को कब्जे में लेकर अलग-अलग थाना क्षेत्रों के जंगलों में ले जाकर मार डाला था. युवकों पर नहीं हुई कानूनी कार्रवाई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि जब पुलिस ने युवकों को पकड़ लिया था और उनके पास कोई हथियार भी बरामद नहीं हुआ था तो उन सबको कानून के सामने लाना चाहिए था. उनके खिलाफ कानूनी तरीके से मुकदमा चलाकर कार्रवाई करनी चाहिए थी. अलग-अलग ले जाकर की युवकों की हत्या थाना बिलसंडा के फगुनईघट में चार सिखों की हत्या और पोस्टमार्टम के बाद आननफानन में अंतिम संस्कार कर दिया गया था. थाना न्यूरिया के धमेला कुआं और थाना पूररनपुर के पत्ताबोझी जंगल में भी सिखों की हत्या की गई थी. कोर्ट ने कहा था कि पेश सबूत और गवाहों से पता चलता है जो सिख युवक मारे गए उनको अंतिम बार पुलिस ने अपने कब्जे में लिया. उसके 24 घंटे के अंदर उन सबकी लाशें मिलीं. आतंकवाद के दौर का उठाया फायदा आतंकवाद चरम पर होने के दौर में पुलिस ने इस घटना को अंजाम दिया. बस में यात्रा करने वाले कुछ यात्रियों की पृष्ठभूमि आतंकवाद की थी. उन पर मुकदमे चल रहे थे. इसी को लेकर पुलिस ने युवकों को बस से उतार कर अगवा किया. बाद में प्रमोशन और विभागीय तारीफ के चक्कर में उन सबकी हत्या कर दी. मुठभेड़ को सही करार देने के लिए पुलिस ने फर्जी कागजात भी बना लिए थे. एक यात्री की अब भी खबर नहीं साल 1991 की 12 जुलाई को नानक मथा, पटना साहिब, हुजूर साहिब और अन्य तीर्थ स्थलों की यात्रा करते हुए 25 सिख यात्रियों का जत्था बस से वापस लौट रहा था. इस बीच कछाला घाट के पास पुलिसवालों ने बस को रोक लिया. बस से 11 युवकों को उतार अपनी नीली बस में बैठा लिया. 24 घंटे के भीतर इनमें से दस की लाश मिली. पुलिस ने इन मामलों में फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी. जनहित याचिका से खुली पुलिस की पोल सीनियर वकील आरएस सोढी ने सुप्रीम कोर्ट में इस मुठभेड़ के खिलाफ जनहित याचिका दाखिल की थी. इस पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 15 मई 1992 को मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी. सीबीआई ने मामले की विवेचना के बाद 57 पुलिसकर्मियों के खिलाफ सुबूतों के आधार पर 20 जनवरी 2003 को चार्जशीट दायर की थी.
गुजरात के मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी के खासमखास रहे डी जी वंजारा ने अब उन्‍हीं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वंजारा ने पुलिस सेवा से इस्तीफा देने के लिए जेल से जो 10 पन्नों की चिट्ठी लिखी, उसमें कहा कि मोदी उनके लिए भगवान थे, लेकिन मोदी ने उन्‍हें जेल में छोड़ दिया. इस हमले के बावजूद मोदी अब तक खामोश हैं. वैसे मोदी किसी भी मुद्दे पर प्रतिक्रिया देने में सबसे आगे रहते हैं, लेकिन जब से वंजारा की यह चिट्ठी सामने आई है तब से वे चुप्‍पी साधे हुए हैं. इसी मुद्दे पर आज तक के कार्यक्रम 'हल्‍ला बोल' में आज का सवाल है- वंजारा के भगवान खामोश क्‍यों हैं? नीचे दिए कॉमेंट्स बॉक्‍स में अपनी राय देकर आप भी इस बहस में शामिल हो सकते हैं. सबसे बढ़िया कॉमेंट्स आज शाम 6:00 बजे आज तक पर दिखाए जाएंगे.
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: दिल्ली मेट्रो में अब यात्री और भारी सामान ले जा सकेंगे क्योंकि अब अधिकतम वजन ले जाने की सीमा 15 किलोग्राम से बढ़ाकर 25 किलोग्राम कर दी गई है. केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय की ओर से 27 अगस्त को अधिसूचित नियम के मुताबिक मेट्रो ट्रेन में यात्रियों को 25 किलोग्राम वजन तक का केवल एक बैग ले जाने की अनुमति होगी, लेकिन यह गठरी नहीं होनी चाहिए. सरकार ने इसके लिए मेट्रो रेलवे (भाड़ा और टिकट) नियमावली-2014 में बदलाव किया है. अधिसूचना के मुताबिक, ‘‘मेट्रो रेलवे प्रशासन की मंजूरी के बिना कोई भी व्यक्ति मेट्रो ट्रेन में यात्रा के दौरान एक से अधिक बैग नहीं ले जा सकता. इस बैग का आकार 80 सेंटीमीटर गुना 50 सेंटीमीटर गुना 30 सेंटीमीटर के आकार और 25 किलोग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए.'' हवाई अड्डों को जोड़ने वाली मेट्रो ट्रेन में मंत्रालय ने अधिकतम 32 किलोग्राम वजन ले जाने की अनुमति दी है. एयरपोर्ट मेट्रो ट्रेन में भी गठरी के रूप में सामान ले जाने की अनुमति नहीं होगी. अधिसूचना में कहा गया, ‘‘मेट्रो रेलवे प्रशासन की मंजूरी के बिना कोई भी व्यक्ति हवाई अड्डों को जोड़ने वाली मेट्रो ट्रेन में यात्रा के दौरान एक से अधिक बैग नहीं ले जा सकता. इस बैग का आकार 90 सेंटीमीटर गुना 75 सेंटीमीटर गुना 45 सेंटीमीटर के आकार और 32 किलोग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए.''
VIDEO: आज का एजेंडा : क्या पाक से उम्मीद बेमानी है?(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
कर्नाटक के बेल्लारी में भारतीय जनता पार्टी के एक स्थानीय दलित नेता की हत्या कर दी गई. एक अज्ञात व्यक्ति ने हत्या की इस वारदात को उस वक्त अंजाम दिया जब वह नेता सड़क के किनारे स्थित भोजनालय पर मौजूद था. बेल्लारी पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 35 वर्षीय बांदी रमेश बीजेपी के जिला एससी मोर्चा के अध्यक्ष थे. वह किसी काम से सड़क के किनारे बने एक भोजनालय पर गए थे. तभी एक अज्ञात हमलावर ने उन पर तेजधार हथियार से हमला कर दिया. उसने बांदी पर इतने वार किए कि मौके पर ही उसकी मौत हो गई. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर जा पहुंची और शव को कब्जे में ले लिया. पंचनामे की कार्रवाई के बाद बांदी रमेश के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. पुलिस अधिकारी ने बताया कि रमेश की हत्या का कारण आपसी रंजिश जान पडता है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
यह एक लेख है: देश के शेयर बाजारों में गुरुवार को तेजी दर्ज की गई। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 247.83 अंकों की मजबूती के साथ 28,446.12 पर और निफ्टी 84.25 अंकों की मजबूती के साथ 8,608.05 पर बंद हुआ। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 61.41 अंकों की मजबूती के साथ 28,259.70 पर खुला और 247.83 अंकों या 0.88 फीसदी मजबूती के साथ 28,446.12 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 28,478.43 के ऊपरी और 28,245.81 के निचले स्तर को छुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 22.35 अंकों की बढ़त के साथ 8,546.15 पर खुला और 84.55 अंकों या 0.99 फीसदी की मजबूती के साथ 8,608.05 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 8,616.10 के ऊपरी और 8,542.90 के निचले स्तर को छुआ।टिप्पणियां बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी मजबूती रही। मिडकैप 146.58 अंकों की मजबूती के साथ 11,198.24 पर और स्मॉलकैप 86.74 अंकों की मजबूती के साथ 11,665.43 पर बंद हुआ। बीएसई के सभी 12 सेक्टरों में मजबूती दर्ज की गई, जिनमें उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं (2.06 फीसदी), बैंकिंग (1.91 फीसदी), बिजली (1.17 फीसदी), स्वास्थ्य सेवा (1.06 फीसदी) और तेल एवं गैस (1.00 फीसदी) में सर्वाधिक मजबूती रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 61.41 अंकों की मजबूती के साथ 28,259.70 पर खुला और 247.83 अंकों या 0.88 फीसदी मजबूती के साथ 28,446.12 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 28,478.43 के ऊपरी और 28,245.81 के निचले स्तर को छुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 22.35 अंकों की बढ़त के साथ 8,546.15 पर खुला और 84.55 अंकों या 0.99 फीसदी की मजबूती के साथ 8,608.05 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 8,616.10 के ऊपरी और 8,542.90 के निचले स्तर को छुआ।टिप्पणियां बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी मजबूती रही। मिडकैप 146.58 अंकों की मजबूती के साथ 11,198.24 पर और स्मॉलकैप 86.74 अंकों की मजबूती के साथ 11,665.43 पर बंद हुआ। बीएसई के सभी 12 सेक्टरों में मजबूती दर्ज की गई, जिनमें उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं (2.06 फीसदी), बैंकिंग (1.91 फीसदी), बिजली (1.17 फीसदी), स्वास्थ्य सेवा (1.06 फीसदी) और तेल एवं गैस (1.00 फीसदी) में सर्वाधिक मजबूती रही। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 22.35 अंकों की बढ़त के साथ 8,546.15 पर खुला और 84.55 अंकों या 0.99 फीसदी की मजबूती के साथ 8,608.05 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 8,616.10 के ऊपरी और 8,542.90 के निचले स्तर को छुआ।टिप्पणियां बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी मजबूती रही। मिडकैप 146.58 अंकों की मजबूती के साथ 11,198.24 पर और स्मॉलकैप 86.74 अंकों की मजबूती के साथ 11,665.43 पर बंद हुआ। बीएसई के सभी 12 सेक्टरों में मजबूती दर्ज की गई, जिनमें उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं (2.06 फीसदी), बैंकिंग (1.91 फीसदी), बिजली (1.17 फीसदी), स्वास्थ्य सेवा (1.06 फीसदी) और तेल एवं गैस (1.00 फीसदी) में सर्वाधिक मजबूती रही। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी मजबूती रही। मिडकैप 146.58 अंकों की मजबूती के साथ 11,198.24 पर और स्मॉलकैप 86.74 अंकों की मजबूती के साथ 11,665.43 पर बंद हुआ। बीएसई के सभी 12 सेक्टरों में मजबूती दर्ज की गई, जिनमें उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं (2.06 फीसदी), बैंकिंग (1.91 फीसदी), बिजली (1.17 फीसदी), स्वास्थ्य सेवा (1.06 फीसदी) और तेल एवं गैस (1.00 फीसदी) में सर्वाधिक मजबूती रही। बीएसई के सभी 12 सेक्टरों में मजबूती दर्ज की गई, जिनमें उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं (2.06 फीसदी), बैंकिंग (1.91 फीसदी), बिजली (1.17 फीसदी), स्वास्थ्य सेवा (1.06 फीसदी) और तेल एवं गैस (1.00 फीसदी) में सर्वाधिक मजबूती रही।
दिल्ली-एनसीआर में फिर बिगड़ी हवा एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से ऊपर दिल्ली सहित एनसीआर की हवा लगातार तीसरे दिन very poor category  में बनी हुई है. जिसके कारण सेहत को लेकर खतरा बना हुआ है. दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर खतरनाक बना हुआ है. दिल्ली एनसीआर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से ऊपर जा चुका है, जो कि खतरे की घंटी है. कुल मिलाकर दिल्ली में हवा का स्तर यानी एक्यूआई 306 अंक पर पहुंच गया है. इलाके के हिसाब से देखें तो डीयू में 309 अंक, आयानगर में 311 अंक, एयरपोर्ट पर 315 अंक और लोधी रोड पर यह आंकड़ा 302 अंक पर पहुंच गया है. इसके अलावा एनसीआर में भी हालात कुछ खास ठीक नहीं है. एनसीआर के इलाकों में भी हवा का स्तर काफी गिरा हुआ है. दिल्ली से सटे नोएडा में 305 अंक और गुरुग्राम में यह 314 अंक पर पहुंच गया है.
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियां वेतन देने के मामले में दुनिया में 10 सबसे फिसड्डी नियोक्ताओं में आती हैं. यहां मध्यम से वरिष्ठ स्तर के कर्मचारियों को सालाना 38,767 डालर (लगभग 21.5 लाख रुपये) का औसत वेतन दिया जाता है, जो स्विट्जरलैंड की आईटी कंपनियों की तुलना में एक-चौथाई से भी कम है. वैश्विक स्तर पर स्विट्जरलैंड की आईटी कंपनियां वेतन देने के मामले में सबसे आगे हैं. वैश्विक नियुक्ति सेवा प्रदाता कंपनी माईहाइरिंगक्लब.कॉम द्वारा के अध्ययन के अनुसार, आईटी क्षेत्र में सबसे ज्यादा वेतन स्विट्जरलैंड की कंपनियां देती हैं. स्विट्जरलैंड में आईटी कंपनियां अपने कर्मचारियों को सालाना औसतन 1,68,211 डालर (लगभग 93 लाख रुपये) का वेतन देती हैं. अध्ययन के अनुसार, वैश्विक स्तर पर सबसे खराब वेतन देने वाली कंपनियों की सूची में भारत का स्थान आठवां है. यह अध्ययन इस साल अगस्त में किया गया। इसमें भारत और दुनिया के अन्य देशों की आईटी कंपनियों में कार्यरत ऐसे कर्मचारियांे के वेतन का विश्लेषण किया गया जिन्‍हें चार साल या अधिक का अनुभव है. रिपोर्ट में दुनिया के 40 देशों की 6,000 से ज्यादा कंपनियों के कर्मचारियों के नकद वेतन और अन्य भत्‍तों का विश्लेषण किया गया. रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिमी यूरोप की आईटी कंपनियां वेतन देने के मामले में सबसे बेहतर हैं.
ओडिशा के गंजाम जिले के समीगुड़ा में एक सरकारी स्कूल में मिडडे मील खाने से कम से कम 77 बच्‍चे बीमार हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अस्का इलाके के एक स्कूल में छात्रों को परोसे गए खाने में कथित रूप से एक मृत छिपकली मिली थी। यह घटना शनिवार की है। सहायक जिला शिक्षा पदाधिकारी (एडीईओ) बिनिता सेनापति ने बताया कि बीमार छात्रों को अस्का अस्पताल में भर्ती कराया गया। सभी छात्रों की हालत खतरे से बाहर है। डॉक्टरों ने हालांकि उन्हें कुछ घंटों के लिए निगरानी में रखा है। वह अभी अस्का की प्रभारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी भी हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) सनातन पांडा ने एडीईओ को घटना की जांच का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि जांच में दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।टिप्पणियां अधिकारी ने बताया कि स्कूल में पहली से आठवीं तक की पढ़ाई होती है और इसमें कुल 108 छात्र हैं। शनिवार को करीब 80 बच्चे उपस्थित थे और उन्होंने स्कूल में दोपहर का खाना खाया था। एडीईओ ने कहा कि एक छात्र की थाली में एक मृत छिपकली मिली। इसके बाद बच्चों ने पेट दर्द और मितली की शिकायत की। सभी बच्चों को एंबुलेंस में अस्पताल ले जाया गया। सहायक जिला शिक्षा पदाधिकारी (एडीईओ) बिनिता सेनापति ने बताया कि बीमार छात्रों को अस्का अस्पताल में भर्ती कराया गया। सभी छात्रों की हालत खतरे से बाहर है। डॉक्टरों ने हालांकि उन्हें कुछ घंटों के लिए निगरानी में रखा है। वह अभी अस्का की प्रभारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी भी हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) सनातन पांडा ने एडीईओ को घटना की जांच का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि जांच में दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।टिप्पणियां अधिकारी ने बताया कि स्कूल में पहली से आठवीं तक की पढ़ाई होती है और इसमें कुल 108 छात्र हैं। शनिवार को करीब 80 बच्चे उपस्थित थे और उन्होंने स्कूल में दोपहर का खाना खाया था। एडीईओ ने कहा कि एक छात्र की थाली में एक मृत छिपकली मिली। इसके बाद बच्चों ने पेट दर्द और मितली की शिकायत की। सभी बच्चों को एंबुलेंस में अस्पताल ले जाया गया। जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) सनातन पांडा ने एडीईओ को घटना की जांच का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि जांच में दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।टिप्पणियां अधिकारी ने बताया कि स्कूल में पहली से आठवीं तक की पढ़ाई होती है और इसमें कुल 108 छात्र हैं। शनिवार को करीब 80 बच्चे उपस्थित थे और उन्होंने स्कूल में दोपहर का खाना खाया था। एडीईओ ने कहा कि एक छात्र की थाली में एक मृत छिपकली मिली। इसके बाद बच्चों ने पेट दर्द और मितली की शिकायत की। सभी बच्चों को एंबुलेंस में अस्पताल ले जाया गया। अधिकारी ने बताया कि स्कूल में पहली से आठवीं तक की पढ़ाई होती है और इसमें कुल 108 छात्र हैं। शनिवार को करीब 80 बच्चे उपस्थित थे और उन्होंने स्कूल में दोपहर का खाना खाया था। एडीईओ ने कहा कि एक छात्र की थाली में एक मृत छिपकली मिली। इसके बाद बच्चों ने पेट दर्द और मितली की शिकायत की। सभी बच्चों को एंबुलेंस में अस्पताल ले जाया गया। एडीईओ ने कहा कि एक छात्र की थाली में एक मृत छिपकली मिली। इसके बाद बच्चों ने पेट दर्द और मितली की शिकायत की। सभी बच्चों को एंबुलेंस में अस्पताल ले जाया गया।
विशाल डडलानी के जैन मुनि तरुण सागर को लेकर किए गए विवादित ट्वीट को बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने सोची समझी साजिश करार दिया है. मनोज तिवारी ने आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल पर साजिश का आरोप लगाया है. इस संबंध में उन्होंने गृह मंत्री राजनाथ सिंह को चिट्ठी लिखकर पूरे मामले में कार्रवाई करने की मांग की है. 'जैन समुदाय हुआ आहत' सांसद और गायक मनोज तिवारी ने विशाल डडलानी के ट्वीट को एक दुखद घटना बताते हुए 'आज तक' से कहा कि केजरीवाल और उनके साथी लगातार देश की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे हैं. मैं समझता हूं कि पूरे देश के धर्म में विश्वास करने वाले लोगों को दुख पहुंचा है. जैन धर्म में आक्रोश है. इस पर तुरंत गृह मंत्री को चिट्ठी लिख रहा हूं कि किसी को अधिकार नहीं है, धार्मिक भावना से खिलवाड़ करने का. 'तरुण सागर के पास जाकर मांगे माफी' हालांकि विवाद जैसे-जैसे बढ़ता गया विशाल डडलानी एक के बाद एक ट्वीट करके माफी मांगते भी नजर आए. लेकिन बीजेपी सांसद मनोज तिवारी को ये माफी झूठी नजर आ रही है. उनका कहना है कि विशाल डडलानी बच्चे नहीं हैं. वो केजरीवाल के साथ प्रचार के लिए खड़े होते हैं. मैं समझता हूं उनको सजा होनी चाहिए. ये संगीन अपराध है, कार्रवाई उसी आधार पे होनी चाहिए. मांफी सिर्फ ट्विटर पर मांगने से कुछ नहीं होगा, क्योंकि ट्विटर से तो आपने आग लगा दी है. आपको सच में माफी मांगनी है तो तरुण सागर के पास जाकर माफी मांगनी चाहिए, और विधानसभा में मौजूद उन सभी लोगों से माफी मांगनी चाहिए, जिन्होंने उस धर्म को आदर देने के लिए बुलाया था. केजरीवाल पर बरसे मनोज तिवारी मनोज तिवारी के मुताबिक विशाल डडलानी का विवादित ट्वीट एक सोची समझी साजिश का हिस्सा है. आरोप लगाते हुए तिवारी ने केजरीवाल से सवाल पूछा कि मुनि जी का जो अनादर हुआ है क्या वो वापिस ले सकते हैं? इसमें कोई साजिश है. अरविंद केजरीवाल क्षमा मांगकर हट जाएं ऐसा होता नहीं है. इसके बहाने वो किसी को खुश करना चाहते हैं. जिन शब्दों का प्रयोग हुआ वो गलती नहीं हो सकती है. इसके पीछे केजरीवाल की साजिश लगती है. क्या पंजाब में किसी को खुश करना चाहते हैं? ये जांच का विषय है.
Hyundai मोटर्स यूके ने आज दुनिया की पहली ड्रोन से कार भेजने वाली सेवा की शुरुआत की है, जिसका नाम कंपनी ने 'क्लिक टू फ्लाई' रखा है. इस सेवा की शुरुआत ऑनलाइन वेबसाइट क्लिक टू बाय वेबसाइट की सफलता के बाद की गई है. BS-III स्टैंडर्ड वाली बाइक्स पर 22 हजार से 2 लाख रुपये तक की छूट इस सर्विस के तहत ग्राहकों को कंपनी के द्वारा बनाए गए ड्रोन की मदद से खरीदे गए नए Hyundai कार को स्टॉक में रहने पर 2 घंटे के भीतर ही पहुंचा दिया जाएगा. क्लिक टू फ्लाई एक्सप्रेस डिलिवरी सर्विस में सेलेक्टेड कार को कंपनी एक बड़े से बॉक्स में पैक करती है उसके बाद इस बॉक्स से चार Hy-ड्रोन से सुरक्षित तरीके से अटैच किया जाता है. पढ़ें- क्या है BS-III नॉर्म्स जिससे कबाड़ बन गई हैं 8 लाख से ज्यादा गाड़ियां ये ड्रोन अपने साथ 2000 किलोग्राम का वजन उठा कर उड़ने में सक्षम है, साथ ही ये 190 knots की स्पीड से चल सकते हैं. इसके सेफ्टी फीचर की बात करें तो इसमें मार्शियन ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम दिया गया है जो ट्रैकिंग और तेज डिलिवरी सुनिश्चित करता है. यह Hyundai की तरफ से April Fool Day पर किया गया एक प्रैंक था. अक्सर ऐसी कंपनियां ऐसा मजाक करती रहती हैं.
चुनावी मौसम में फायदा उठाने के लिए क्रिकेट से बेहतर क्या हो सकता है? इसलिए पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने आइपीएल टीम कोलकाता नाइट राइडर्स से उसका नारा 'कोरबो, लोड़बो, जीतबो रे' उधार लेने की योजना बनाई है. बीरभूम से तृणमूल की विधायक नीलावती साहा ने अपने फेसबुक पोस्ट में इसका इस्तेमाल किया तो पार्टी को भी इसके इस्तेमाल की तरकीब सूझी. अब पार्टी के आइटी सेल ने सभी विधायकों को ऐसा करने का निर्देश दिया है. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केकेआर टीम के मालिक शाहरुख खान के साथ अच्छे रिश्ते हैं, इसलिए शाहरुख तृणमूल के इस कदम पर ऐतराज नहीं करेंगे. शाहरूख हाल ही में राज्य सचिवालय पहुंचे और ममता को गले लगाकर चुनावों के लिए शुभकामनाएं दीं. दीदी ने भी जोश में कहा, ''हम सब जीतेंगे, शाहरुख." दीदी का इशारा अपने विरोधियों के साथ-साथ क्रिकेट में शाहरुख के विरोधियों की ओर भी था. शाहरुख सत्ता पक्ष के पसंदीदा नहीं हैं, सो चुप ही रहे. ***
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा के राजनीतिक एंट्री को लेकर पिछले काफी समय से ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है, मगर इस पर अब खुद रॉबर्ट वाड्रा ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच एजेंसी की जांच का सामना कर रहे रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि जब तक उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग केस में साफ (बेदाग) नहीं हो जाता, वह न तो देश छोड़कर भागेंगे और न ही अभी एक्टिव पॉलिटिक्स में आएंगे.  एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'मैं इस देश में हूं, ऐसे लोग हैं जिन्होंने देश को लूटा है और भाग गए हैं, उनके बारे में क्या है? मैं हमेशा इस देश में रहने जा रहा हूं. जब तक मेरा नाम साफ नहीं हो जाता, तब तक न तो देश छोड़ूंगा और न ही सक्रिय राजनीति में में आऊंगा. यह मेरा वादा है.' दरअसल, 28 फरवरी को रॉबर्ट वाड्रा ने सक्रिय राजनीति में शामिल होने के लिए अपनी रुचि का संकेत दिया था. उन्होंने यह भी संकेत दिया था कि अगर जब भी वह चुनाव लड़ेंगे तो वह मुरादाबाद से लड़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि 'मैं मुरादाबाद में पैदा हुआ हूं और उत्तर प्रदेश में बचपन बिताया है और मुझे लगता है कि मैं उस क्षेत्र को समझता हूं. हालांकि, मैं कहीं भी रह सकता हूं और मुझे विश्वास है कि मैं उन्हें समझ पाऊंगा.' बता दें कि दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी अंतरिम जमानत 19 मार्च तक बढ़ा दी. पटियाला हाउस अदालत ने रॉबर्ट वाड्रा के करीबी सहयोगी मनोज अरोड़ा की अग्रिम जमानत की सुनवाई भी स्थगित कर दी. अगली सुनवाई 19 मार्च को होगी.
भारतीय क्रिकेट टीम और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच जारी दूसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन रविवार को वीरेन्द्र सहवाग का विकेट चटकाने के बाद ऑस्‍ट्रेलियाई गेंदबाज पूरे दिन सफलता हासिल करने के लिए तरसते रहे. पुजारा-विजय ने तोड़ा 65 साल पुराना रिकॉर्ड यह नजारा बिल्कुल वैसा ही था, जैसा वर्ष 2001 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दूसरे टेस्ट मैच में भारत की दूसरी पारी के दौरान देखने को मिला था. उस वक्त भारत के अनुभवी बल्लेबाज राहुल द्रविड़ और वी.वी.एस. लक्ष्मण अपनी शानदार बल्लेबाजी केबूते भारतीय टीम को हार के कगार से शानदार स्थिति में ले आए थे. दोनों के बीच 376 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी हुई थी. लक्ष्मण और द्रविड़ मैच के तीसरे तीन बल्लेबाजी करने उतरे थे और चौथे दिन नाबाद लौटे थे. कंगारू गेंदबाज चौथे दिन विकेट के लिए प्रयास करते रहे, लेकिन लक्ष्मण और द्रविड़ दीवार बनकर उनकी हर नीति का मुंह तोड़ जवाब देते रहे. द्रविड़ ने इस मैच में 180 और लक्ष्मण ने 281 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली थी, जिसकी मदद से भारत 171 रनों से विजयी रहा था. हैदराबाद के उप्पल स्थित राजीव गांधी अंतरराष्‍ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में जारी टेस्ट मैच के दूसरे दिन मुरली विजय और चेतेश्वर पुजारा ने जिस तरह का खेल दिखाया उससे लक्ष्मण और द्रविड़ की यादें एक बार फिर से ताजा हो गईं. दोनों युवा बल्लेबाज अंतरराष्‍ट्रीय क्रिकेट का अधिक अनुभव नहीं होने के बावजूद मंजे हुए टेस्ट बल्लेबाजों की शैली में खेले. दोनों ने सहवाग के आउट होने के बाद कंगारूओं के दबाव बनाने के मंसूबों पर पानी फेर दिया. मुरली ने जहां अपना दूसरा टेस्ट शतक लगाया वहीं पुजारा ने चौथा अंतरराष्‍ट्रीय टेस्ट शतक जड़कर अपने टेस्ट बल्लेबाज होने के दावे को और अधिक मजबूत किया. पुजारा अभी तक 251 गेंदों पर 25 चौके और एक छक्का लगा चुके हैं, जबकि मुरली ने 288 गेंद खेलकर 17 चौके और दो छक्के लगाए हैं. दोनों के बीच 298 रनों की साझेदारी हो चुकी है. दिन का खेल खत्म होने तक भारतीय टीम ने एक विकेट के नुकसान पर 311 रन बना लिए हैं, जिसके परिणामस्वरूप उसे 74 रनों की बढ़त भी हासिल हो गई है. मुरली 129 और पुजारा 162 रनों पर नाबाद लौटे. दिन के पहले सत्र में मुरली और पुजारा ने काफी धीमा खेलते हुए केवल 49 रन जोड़े थे, लेकिन भोजनावकाश के बाद दोनों ने तेजी से खेलना शुरू किया और चायकाल तक टीम के कुल योग में 106 रन और जोड़े. इससे पहले, शनिवार के नाबाद लौटे बल्लेबाज बल्लेबाज वीरेन्द्र सहवाग (4) और बिना खाता खोले खेल रहे मुरली ने रविवार को दिन के खेल की शुरुआत की. भारतीय टीम का पहला विकेट सहवाग के रूप में गिरा. सहवाग इस मैच में भी प्रभावी प्रदर्शन नहीं कर सके और छह रन बनाकर पवेलियन लौट गए. वह तेज गेंदबाज पीटर सिडल की गेंद पर विकेटकीपर मैथ्यू वेड को कैच थमा बैठे. शनिवार को टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्‍ट्रेलियाई टीम ने अपनी पहली पारी नौ विकेट के नुकसान पर 237 रनों पर घोषित कर दी थी. कप्तान माइकल क्लार्क (91) और मैथ्यू वेड (62) के अलावा कोई भी ऑस्‍ट्रेलियाई बल्लेबाज टिककर नहीं खेल सका था. दोनों के बीच 145 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी हुई. अन्य बल्लेबाजों में वाटसन (23), फिल ह्यूज (19), ग्लेन मैक्सवेल (13), डेविड वार्नर (6) और एड कोवान चार रन बनाकर आउट हो गए थे. भारत की ओर से भुवनेश्वर और जडेजा ने तीन-तीन विकेट चटकाए, जबकि हरभजन को दो और अश्विन को एक सफलता मिली.
पुडुचेरी की उप राज्यपाल किरण बेदी ने वीआईपी कारों में सायरनों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. इन कारों में उपराज्यपाल का वाहन भी शामिल होगा. हालांकि एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को सायरन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध से छूट रहेगी. पुलिस सेवा के अपने कार्यकाल के दौरान ट्रैफिक व्यवस्था की निगरानी कर चुकीं किरण बेदी ने यह भी निर्देश जारी किया है कि वीआईपी लोगों की कारों को ट्रैफिक रोक दिए जाने जैसी कोई विशेष सुविधा नहीं दी जाएगी. वे भी आम लोगों की तरह ही ट्रैफिक से गुजरेंगें ताकि लोगों का आना-जाना बाधित न हो. वी. नारायणसामी ने ली CM पद की शपथ पूर्व केंद्रीय मंत्री वी. नारायणसामी ने सोमवार को पुडुचेरी के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. वह पुडुचेरी के 10वें मुख्यमंत्री बने हैं. 30 सदस्यीय पुडुचेरी विधानसभा में कांग्रेस गठबंधन ने 17 सीटों पर जीत दर्ज की थी. नारायणसामी यूपीए-2 सरकार में प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री थे, जबकि यूपीए-1 में वह संसदीय कार्य राज्य मंत्री थे. नारायणसामी ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था, ऐसे में अब किसी चुने हुए नेता को इस्तीफा देना होगा, जिससे उपचुनाव में वह विधायक बन सकें.
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: शतरंज की दुनिया के दो सुपरस्टार विश्वनाथन आनंद और मैग्नस कार्लसन एक साल बाद फिर आमने−सामने हैं। और दांव पर है विश्व चैंपियन का ताज और 10 करोड़ रुपये की इनामी रकम भी। जब दांव पर इतना कुछ लगा हो तो शतरंज के इन धुरंधरों ने तैयारी भी खूब की है। कई महीनों की शारीरिक और मानसिक ट्रेनिंग के बाद एक बार आनंद और कालर्सन बिसात की बादशाहत की जंग लड़ने को तैयार हैं। इस बार मुकाबला रूस के सोची शहर में हो रहा है। यहीं शनिवार से शतरंज की बादशाहत की जंग शुरू होगी। चैम्पियनशिप में 12 बाजियों का मुकाबला होगा। इसमें हर जीत पर एक अंक मिलेंगे, जबकि ड्रॉ मुकाबले में आधा−आधा अंक, जिस खिलाड़ी को पहले 6.5 अंक हासिल होगा, वह वर्ल्ड चैंपियन बनेगा। अगर आप सोच रहे हो कि दोनों खिलाडि़यों के 6−6 अंक हों तो चैंपियन कौन बनेगा, ऐसी सूरत में मुकाबला टाईब्रेकर में जाएगा जहां शतरंज की बाजियां पेनल्टी शूट ऑउट की रफ्तार में खेली जाएंगी, लेकिन ऐसा तभी होगा, जब दोनों खिलाड़ी अपना जोरदार प्रदर्शन दिखाएंगे। विश्वनाथन आनंद इस साल पूरी लय में हैं। वर्ल्ड चैंपियनशिप में कार्लसन को चुनौती देने की पात्रता हासिल करने वाले चैलेंजर टूर्नामेंट में उन्होंने दुनिया के तमाम दूसरे दिग्गजों को हराया है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है वह कार्लसन को चुनौती देंगे, लेकिन यह इतना आसान भी नहीं होगा, क्योंकि कार्लसन जब अपनी लय में हों तो उनके सामने किसी दूसरे खिलाड़ी के टिकने की उम्मीद नहीं होती। पिछले साल चेन्नई में वह आनंद को हराकर इसे जाहिर कर चुके हैं। यही वजह है कि पहली बाजी को बेहद अहम माना जा रहा है। अगर कार्लसन यह मुकाबला जीत लेते हैं तो आनंद के लिए वापसी बेहद मुश्किल होगी, वहीं दूसरी ओर अगर आनंद शुरुआती बाजियों को ड्रॉ रखने में कामयाब हुए तो वे कभी भी कार्लसन की एकाग्रता को डिगा सकते हैं। साफ है कि विश्व शतरंज चैंपियनशिप में अनुभव का मुकाबला जोश उत्साह से है, जीतेगा वही जो अंतिम समय तक खुद को टिकाए रखेगा।