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‏राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष एक जर्नलिस्ट को अपनी कार में लेकर जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का ये वीडियो उस समय का है जब वे अपने काफिले के साथ लौट रहे थे. उस समय एक पत्रकार का हादसे का शिकार हो गए और राहुल गांधी ने अपने काफिले को रोककर उस पत्रकार को एम्स अस्पताल में पहुंचाया. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का ये वीडियो Twitter पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है. हालांकि बॉलीवुड डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) ने राहुल गांधी के इस वीडियो को लेकर तंज कसा है.  Today is world theatre day. pic.twitter.com/8WhPts8ZDJ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का ये वीडियो तेजी के साथ ट्विटर पर वायरल हो रहा है. बॉलीवुड डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) ने इस वीडियो को रिट्वीट करते हुए लिखा हैः 'आज विश्व रंगमंच दिवस (World Theatre Day) है. ' राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आज राष्ट्र के नाम संदेश के बाद कुछ इसी तरह का ट्वीट किया था. इस वीडियो में राहुल गांधी पत्रकार का पसीना पोंछ रहे हैं और पोज देते नजर आ रहे हैं. पत्रकार राहुल गांधी से फिर ऐसा करने के लिए कहता है और राहुल गांधी ऐसा करते हैं. इस तरह राहुल गांधी का ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब देखा जा रहा है.  कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के इस वीडियो पर तंज कसने वाले फिल्म डायरेक्टर  विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri)  की फिल्म 'द ताशकंद फाइल्स' इन दिनों में चर्चा में है. फिल्म 12 अप्रैल को रिलीज होनी है. विवेक अग्निहोत्री की फिल्म भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के निधन पर आधारित है. फिल्म में नसीरूद्दीन शाह और मिठुन चक्रवर्ती लीड रोल में हैं. हालांकि फिल्म को लेकर विवाद पैदा हो गए हैं.
बाहरी दिल्ली के मुंडका के पास टीकरी कलां पर पीवीसी स्क्रैप मार्केट में भयंकर आग लग गई है. आधा किलोमीटर से ज्यादा एरिया में आग फैल गई. रात के करीब 12 बजे आग लगी थी. सुबह 6 बजे तक 40 से ज्यादा दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंच चुकी हैं, लेकिन आग पर काबू पाने में मुश्किल आ रही है. दरअसल यह पूरा इलाका पीवीसी स्क्रैप मार्केट का है. आग की चपेट में तकरीबन डेढ़ सौ छोटे-मोटे गोदाम आ गए हैं, चूंकि पीवीसी प्लास्टिक कचरे से बनता है, इसी वजह से आग तेजी से फैल रही है. Delhi: Massive fire broke out in Scrap market in Mundka, 33 fire tenders on the spot pic.twitter.com/lvorwxIM9Y — ANI (@ANI_news) November 18, 2016
अमरजीत सिंह दुलत (जन्म 1940) एक स्पाईमास्टर और भारतीय खुफिया ब्यूरो के पूर्व विशेष निदेशक और 1999 से 2000 तक रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के पूर्व सचिव थे। सेवानिवृत्ति के बाद, उन्हें प्रधान मंत्री के कार्यालय में जम्मू और कश्मीर के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था। और वहां जनवरी 2000 से मई 2004 तक सेवा की। आजीविका एक सिख दुलत खत्री परिवार में जन्मे, दुलत 1965 में राजस्थान कैडर से भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हुए, और मार्च 1969 में, इंटेलिजेंस ब्यूरो में शामिल हुए। उन्होंने बिशप कॉटन स्कूल, शिमला में शिक्षा प्राप्त की और पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से स्नातक किया। दुलत ने 1988 से 1990 तक इंटेलिजेंस ब्यूरो में संयुक्त निदेशक के रूप में कश्मीर में सेवा की, जो यकीनन घाटी में सबसे परेशानी भरा समय था। 1990 में कश्मीर की राजनीति में उनका अवरोधन शब्बीर शाह के माध्यम से था, जिसे उन्होंने "आतंकवादियों का बड़ा पिता" कहा, जिसके अंतर्राष्ट्रीय संबंध थे। इसके बाद दुलत इंटेलिजेंस ब्यूरो चले गए जहां उन्हें विशेष निदेशक के पद पर पदोन्नत किया गया। 1999 में, वे अपनी दिसंबर 2000 की सेवानिवृत्ति तक रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के प्रमुख बने। 2015 में, वह अपनी पुस्तक कश्मीर: द वाजपेयी इयर्स के कारण बहुत सारी मीडिया अटकलों के केंद्र में आ गए। 2018 में, उन्होंने इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस के पूर्व प्रमुख असद दुर्रानी के साथ द स्पाई क्रॉनिकल्स: रॉ, आईएसआई और द इल्यूजन ऑफ पीस का सह-लेखन किया। ग्रन्थसूची कश्मीर: द वाजपेयी ईयर्स (आदित्य सिन्हा के साथ) (हार्पर कॉलिन्स, 2015) आईएसबीएन 978-9351770664 द स्पाई क्रॉनिकल्स: रॉ, आईएसआई एंड द इल्यूजन ऑफ पीस (असद दुर्रानी और आदित्य सिन्हा के साथ) (हार्पर कॉलिन्स, 2018) आईएसबीएन 978-9352779253 ए लाइफ इन द शैडोज़: ए मेमॉयर (हार्पर कॉलिन्स, 2022) आईएसबीएन 978-9356295964 सन्दर्भ आसूचना ब्यूरो भारतीय पुलिस अधिकारी
मिश्रित प्रणाली शिक्षा या ब्लेंडेड शिक्षा एक औपचारिक शिक्षा कार्यक्रम हैं जिसमे विद्यार्थी पाठ्यक्रम का एक भाग कक्षा में पूरा करता हैं और दूसरा भाग डिजिटल एवं ऑनलाइन संसाधानो का प्रयोग करके सिद्ध करता हैं। ब्लेंडेड शिक्षा में समय, जगह, विधि तथा गति का नियंत्रण विद्यार्थी के हाथ में है। ब्लेंडेड शिक्षा में ईंट और चुने से बने विद्यालय में पढ़ाये गये पाठ के साथ कंप्यूटर समर्थित विद्या का मिश्रण होता है। ब्लेंडेड शिक्षा के समर्थकों का कहना है कि यह कार्यक्रम द्वारा डेटा संग्रह तथा व्यक्तिगत अनुदेश एवं मूल्यांकन का लाभ मिलता है। शब्दावली अन्वेषण साहित्य में ब्लेंडेड शिक्षा को प्रौद्योगिक समर्थित विद्या, वेब-वर्धित शिक्षा और मिश्रित प्रणाली शिक्षा भी कहा जाता है। ब्लेंडेड शिक्षा का विचार बहुत सालों से है लेकिन इसका संकल्प इक्कीसवीं सदी के शुरूवात में ज़्यादा प्रचलित हुआ है। ब्लेंडेड शिक्षा की सही परिभाषा, सन 2006 में बॉंक तथा ग्राहम के द्वारा लिखी पुस्तिका में पहली बार हुई। आज, इंटरनेट एवं डिजिटल आधारित शिक्षा और कक्षा में पढ़ाये गये विद्या के मिश्रित शिक्षा कार्यक्रम को ब्लेंडेड कक्षा कहा जाता है। एतिहासिक मूल प्रौद्योगिक शिक्षा सन 1960 में पारंपरिक कक्षा विद्या के विकल्प में उभरा। एक अध्यापक सिर्फ कुछ ही लोगो को पढ़ा सकता था। मेनफ्रेम तथा मिनी-कंप्यूटर को प्रयोग करते इस पद्धति का मुख्य लाभ था कि यह बहुत सारे लोगों को पढ़ा सकता था। प्रकार हालांकि ब्लेंडेड शिक्षा की परिभाषा में पूरी सहमति नहीं है, ब्लेंडेड शिक्षा के विशिष्ट तरीकों का सुझाव कयि विद्वानों और शोधकर्ताओं ने दिया है। ब्लेंडेड शिक्षा को छह प्रकार में वर्गीकृत किया गया है। रु बरु संचालन - जिसमे अध्यापक अपना उपदेश डिजिटल उपकरणों द्वारा करते हैं। नियमित आवर्तन - जिसमे विद्यार्थी नियत परिसंख्या का अनुसरण करके इंटरनेट पर स्वय-अध्ययन और कक्षा के रु-बरु संचालन द्वारा पढ़ता है। फ्लेक्स - जिसमे विद्यार्थी लगभग अपनी पूरा अध्ययन इंटरनेट तथा डिजिटल संसाधन का प्रयोग करके पूरा करता है। अध्यापक यहाँ सिर्फ़ योगदान और परामर्श देता है। प्रयोगशाला - जिसमे विद्यार्थी लगभग अपनी पूरा अध्ययन एक समान स्थान में इंटरनेट तथा डिजिटल संसाधन का प्रयोग करके पूरा करता है। स्वतः ब्लेंड - जिसमे विद्यार्थी खुद कि प्रेरणा से अपनी पाठ्यक्रम को ऑनलाइन साधनों द्वारा दुबारा दोहराता है। ऑनलाइन संचालन - जिसमे पूरा पाठ्यक्रम ऑनलाइन साधनों द्वारा पढ़ाया जाता है। गुण केवल ऑनलाइन शिक्षा या केवल कक्षा में पदाए गये पाठ से ब्लेंडेड शिक्षा का प्रभाव अधिक माना जाता है। ब्लेंडेड शिक्षा के समर्थकों का मानना है कि "अतुल्यकालिक इंटरनेट संचार टेक्नालजी" को उच्च्तर अधय्यन में शामिल करने से समकालिक, स्वतंत्र तथा सहयोगी शिक्षात्मक अनुभव मिलता है। इस संस्थापन का विद्यार्थियों के शिक्षात्मक रवैया, संतोष तथा सफलता में प्रमुख योगदान है। सूचना प्रौद्योगिकी द्वारा अध्यापक और छात्र के बीच संचार बेहतर हो जाता है। छात्र अपनी शिक्षा की समझ का गुणात्मक तथा मात्रत्मक मूल्यांकन कंप्यूटर आधारित अंदाज़ में करते हैं। अवगुण ब्लेंडेड शिक्षा तकनीकी साधनों पर निर्भर है। इस शिक्षा का सार्थक असर होने के लिए यह साधन विश्वसनीय और अद्यतन होने चाहिए। इनका प्रयोग आसान होना चाहिए। IT literacy can serve as a significant barrier for students attempting to get access to the course materials, making the availability of high-quality technical support paramount. कहा गया है कि व्याख्यान अभिलेख तकनीक छात्रों को अक्सर पढ़ाई में पीछा छोड़ देता है। एक शोध अध्ययन में यह जानकारी पाई गयी कि चार विश्वविद्यालयों के सिर्फ़ आधे छात्र व्याख्यान के वीडियो देखते हैं। असल में 40% विद्यार्थी एक ही बार में सारे वीडियोस देखते थे। सन्दर्भ शिक्षा की पद्धतियां
लंदन इंडियन फिल्म फेस्टिवल (एलआईएफएफ) के रेड कारपेट पर हिंदी फिल्म एक्टर-प्रोड्यूसर अजय देवगन और उनकी बेटी  न्यासा एक दूसरे के साथ उतरे. 13 साल की न्यासा अजय और काजोल की बेटी हैं. इनका एक बेटा युग भी है. अजय और नायसा ने यहां सिनेवर्ल्ड सिनेमाज में एलआईएफएफ के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लिया. रेड कारपेट पर पहली बार उतरी अजय की बेटी ब्लू कलर की ड्रेस में बेहद खूबसूरत लग रही थी. रेड कारपेट पर अपनी बेटी के साथ एक तस्वीर पोस्ट करते हुए देवगन ने कुछ इस तरह ट्विटर पर अपनी खुशी जाहिर की. Empowering the girl child. Walking the red carpet with my power besides me. She's my true strength #MyGirlMyStrength pic.twitter.com/BOPU4haYnR — Ajay Devgn (@ajaydevgn) July 14, 2016 फिलहाल लंदन में बेटी संग छुट्टियां मना रहे अजय ने एक और तस्वीर इंस्टाग्राम पर शेयर की है जिसमें वह अपनी बेटी के साथ मॉल में शॉपिंग का लुत्फ उठाते नजर आ रहे हैं. this just about describes what exactly we did today :) - Nys A photo posted by Ajay Devgn (@ajaydevgn) on Jul 13, 2016 at 6:50am PDT
Kumkum Bhagya Written Update: जी टीवी के शो 'कुमकुम भाग्य (Kumkum Bhagya)' में इन दिनों काफी हंगामा चल रहा है. 'कुमकुम भाग्य (Kumkum Bhagya)' के पिछले एपिसोड में दिखाया गया कि पूरब, आलिया को छोड़ने की धमकी देता है. वहीं, दिशा का एक्सीडेंट हो जाता है, प्राची आलिया को दिशा का एक्सीडेंट करते देख लेती है. प्राची (Mugdha Chapekar) पुलिस को अपना बयान देती है और पुलिस आलिया को जेल में बंद कर देती है, हालांकि रिया उसे जल्दी ही छुड़वा लेती है. दूसरी ओर आलिया पूरब से पूछती है कि क्या वह उसे दिशा के साथ मिलकर धोखा दे रहा है.  समुद्र किनारे मस्ती में झूमती नजर आईं सुष्मिता सेन, वायरल हुआ Video सृति झा (Sriti Jha) और शब्बीर आहलुवालिया (Shabir Ahluwalia) के शो 'कुमकुम भाग्य (Kumkum Bhagya)' के पिछले एपिसोड में दिखाया गया कि पूरब गुस्से में आलिया से मना कर देता है और वहां से चला जाता है. इसके बाद आलिया, अभि से पूछती है कि क्या वह उसपर विश्वास नहीं करता. अभि, आलिया पर चिल्लाते हुए कहता है कि वह अपने झूठे आंसू दिखाना बंद करे और उसे पता है कि आलिया ने दिशा को गलती से नहीं मारा, बल्कि दिशा को मारने की कोशिश की थी.  लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल के समर्थन में पड़े वोट तो ऋचा चड्ढा बोलीं- भगवान हमारी रक्षा करे... सीरियल 'कुमकुम भाग्य (Kumkum Bhagya)' के अपकमिंग एपिसोड में दिखाया जाएगा कि रास्ते में प्राची गुंडों को एक शख्स को पीटते हुए देख लेगी. उसके बाद गुंडे प्राची का पीछा करेंगे और उसे पकड़ लेंगे. दूसरी ओर प्रज्ञा (Sriti Jha), प्राची को लेकर चिंता में होगी. प्रज्ञा को यह आभास हो जाएगा कि प्राची (Mugdha Chapekar) किसी मुश्किल में है और वह प्राची को ढूंढने के लिए बाहर जाएगी. अब देखना होगा कि क्या प्रज्ञा, प्राची को गुंडों से बचा पाएगी.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सोमवार से 10 दिनों तक अपने कामकाज और राजनीति से पूरी तरह दूर रहेंगे. सीएम केजरीवाल 1 अगस्त से 11 अगस्त तक हिमाचल के धर्मशाला में ध्यान करने जा रहे हैं. विपश्यना केंद्र में केजरीवाल सोमवार को पहुंचेंगे और मंगलवार से सत्र में शामिल होंगे. केजरीवाल को इस दौरान अखबारों, टीवी और सोशल मीडिया से पूरी तरह दूरी बनाकर रखनी होगी. इस बीच दिल्ली में उनकी जिम्मेदारी उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया संभालेंगे. इससे पहले अरविंद केजरीवाल बंगलुरु में विपश्यना के लिए जा चुके हैं. हालांकि दिलचस्प बात ये है कि पिछले साल विपश्यना में जाने के बाद से आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार का मोदी सरकार के साथ झगड़ा थमा नहीं है. हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करते हुए केजरीवाल ने पीएम मोदी पर जान से मारने का आरोप भी लगाया था.
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: अमेरिका में मुसलमानों की कट्टरता पर शुरू हो रहे विवादित कांग्रेस सम्मेलन की पूर्व संध्या पर व्हाइट हाउस ने कहा कि ओबामा प्रशासन यह मानता है कि अमेरिका में रह रहे मुसलमान परेशानियों का नहीं बल्कि वे समाधान का हिस्सा हैं। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जे कार्नी ने संवाददाताओं से कहा, हम यह मानते हैं कि अमेरिकी मुसलमान हल का एक हिस्सा हैं, परेशानी का नहीं। यह मुसलमानों के सहयोग का ही नतीजा है कि हम इस मुद्दे को संबोधित कर रहे हैं। कार्नी ने कहा, हमने कहा था कि हम इस मुद्दे पर कांग्रेस सम्मेलन का स्वागत करते हैं । हमें लगता है कि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। अमेरिका के राष्ट्रीय उप सुरक्षा सलाहकार डेनिस मैकडोंग ने इस मुद्दे और हिंसात्मक चरमपंथ पर व्हाइट हाउस की स्थिति के बारे में बात की और कहा कि प्रशासन की सोच बिल्कुल सही है। आंतरिक सुरक्षा समिति के अध्यक्ष पीटर किंग ने कहा ,अमेरिकी मुसलमान समुदाय में कट्टरपंथ का विस्तार और इस विषय पर समुदाय की प्रतिक्रिया पर सुनवायी के लिए शुक्रवार का दिन निर्धारित किया गया है।
एक ओर दिल्ली यूनिवर्सिटी राष्ट्रवाद पर दंगल का अखाड़ा बनी है, वहीं पिछले साल जेएनयू में राष्ट्रविरोधी नारेबाजी पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने चार्जशीट तैयार कर ली है. आजतक के सूत्रों का दावा है कि चार्जशीट फिलहाल दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को सौंपी गई है. कानूनी सलाह के बाद उसे दायर करने पर फैसला लिया जाएगा. चार्जशीट में क्या है? -जिस वक्त ये बवाल खड़ा हुआ, जेएनयू के छात्र नेता पर देशविरोधी नारेबाजी का आरोप लगाया गया. लेकिन जांच में इस बात का कोई सबूत नहीं मिला. हालांकि सूत्र मानते हैं कि कन्हैया ने विवादित कार्यक्रम को होने से नहीं रोका. दिल्ली पुलिस उनके खिलाफ केस चलाने का फैसला अदालत पर छोड़ सकती है. -चार्जशीट के मुताबिक एक राष्ट्रीय चैनल पर दिखाया गया नारेबाजी का वीडियो फर्जी नहीं था. सीएफएसएल की रिपोर्ट में इस बात की तस्दीक हुई है. इस धुंधले वीडियो में कुछ छात्र नारे लगा रहे हैं और सुरक्षा गार्ड विरोधी गुट को टकराव से रोक रहे हैं. हालांकि मामले में जारी हुए एक और वीडियो में कन्हैया कुमार को देशविरोधी नारेबाजी करते हुए दिखाया गया था. लेकिन ये वीडियो फर्जी निकला था लिहाजा इसे जांच में शामिल नहीं किया गया. -चार्जशीट में अनिर्बान और उमर खालिद पर देशद्रोह की धाराएं लगाई गई हैं. -चार्जशीट में नारेबाजी करते हुए कुल 9 लोगों की शिनाख्त की गई है. ये सभी कश्मीरी हैं. पुलिस को शक है कि इनमें से कुछ नौकरीशुदा हैं और कुछ दूसरे विश्वविद्यालयों में पढ़ते हैं. -जांच में जेएनयू प्रशासन और एबीवीपी छात्रों के अलावा डेमोक्रेटिक स्टुडेंट्स यूनियन और सुरक्षा गार्ड्स को गवाह बनाया गया है. साथ ही कार्यक्रम की आयोजन समिति के सदस्यों के भी बयान लिए गए हैं. खबरों का खंडन दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता दीपेंद्र पाठक ने चार्जशीट को लेकर चल रही खबरों को कयास कहकर खारिज किया है. उनका कहना था कि अनुमान के आधार पर खबरें चलाना गलत है. अभी इस मामले की जांच चल रही है और अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता. वहीं, उमर खालिद ने भी कहा है कि उन्हें पुलिस से चार्जशीट के बारे में कोई इत्तला नहीं मिली है. उनका कहना था कि अगर उन्हें ऐसी रिपोर्ट मिलती है तो वो कोर्ट में जवाब देंगे. क्या था मामला? जेएनयू में पिछले साल 9 फरवरी को अफजल गुरु और मकबूल भट्ट की बरसी पर कार्यक्रम आयोजित किया गया था. कार्यक्रम के दौरान देशविरोधी नारेबाजी का वीडियो मीडिया में आने के बाद देशभर में राष्ट्रवाद पर बहस छिड़ गई थी. दिल्ली पुलिस ने कन्हैया कुमार के अलावा अनिर्बान और उमर खालिद पर भी देशद्रोह की धाराएं लगाई थीं. फिलहाल ये तीनों जमानत पर रिहा हैं.
मणिपुर में 60-सदस्यीय राज्य विधानसभा के लिए शनिवार को हुए प्रथम चरण के चुनाव में 84 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. चुनाव आयोग ने कहा कि मतदान प्रतिशत अभी बढ़ सकता है, क्योंकि शाम 4 बजे तक 72 प्रतिशत मतदान केंद्रों का ही मतदान प्रतिशत उपलब्ध हुआ था. बाकी 28 प्रतिशत मतदान केंद्रों पर मतदान के लिए पहुंचे मतदाताओं की संख्या रविवार को ही पता लग पाएगी, क्योंकि उन इलाकों में संचार व्यवस्था खराब है. इन क्षेत्रों से मतदान टीमों को रविवार को हवाई मार्ग से लेकर आया जाएगा. आयोग के महानिदेशक सुदीप जैन ने छह जिलों में 38 सीटों के लिए हुए प्रथम चरण के मतदान के बारे में बताया कि 2009 के बाद यह अब तक का सबसे अधिक मतदान प्रतिशत है. 2009 में मतदान 76 प्रतिशत, जबकि 2012 के विधानसभा चुनाव में यह 77.18 प्रतिशत था. 2014 के लोकसभा चुनाव में मतदान 78.2 प्रतिशत था. अभी तक मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे लोगों से चुनाव अधिकारियों ने 1.93 करोड़ रुपये नकद, 77.38 लाख रुपये की शराब, 76.02 लाख रुपये के 109 किलोग्राम मादक पदार्थ जब्त किए गए हैं. जैन ने कहा कि प्रथम चरण का चुनाव शांतिपूर्ण सम्पन्न हो गया, हालांकि मतदाताओं को धमकी देने के कुछ संदिग्ध मामले सामने आए हैं. दूसरे चरण के चुनाव में राज्य की बाकी की 22 विधानसभा सीटों के लिए मतदान 8 मार्च को होगा. मणिपुर के इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम, बिशनुपुर और पर्वतीय जिलों चूड़ाचन्द्रपुर और कांगपोकपी के 38 विधानसभा क्षेत्रों के 1643 मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ.टिप्पणियां मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी के देवनगन ने इंफाल में संवाददाताओं को बताया कि आंकड़ा अभी प्रारंभिक हैं, क्योंकि उचित संचार के अभाव में 28 प्रतिशत मतदान केंद्रों से रिपोर्ट अभी मिलनी बाकी है. उन्होंने बताया कि 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान इन्हीं विधानसभा सीटों पर 77.18 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था. उन्होंने कहा कि कांगपोकपी जिले के सायकुल विधानसभा क्षेत्र में अज्ञात उपद्रवियों की ओर से मतदाताओं को कथित रूप से धमकाने की सूचना है. इसकी जांच की जाएगी.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) आयोग के महानिदेशक सुदीप जैन ने छह जिलों में 38 सीटों के लिए हुए प्रथम चरण के मतदान के बारे में बताया कि 2009 के बाद यह अब तक का सबसे अधिक मतदान प्रतिशत है. 2009 में मतदान 76 प्रतिशत, जबकि 2012 के विधानसभा चुनाव में यह 77.18 प्रतिशत था. 2014 के लोकसभा चुनाव में मतदान 78.2 प्रतिशत था. अभी तक मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे लोगों से चुनाव अधिकारियों ने 1.93 करोड़ रुपये नकद, 77.38 लाख रुपये की शराब, 76.02 लाख रुपये के 109 किलोग्राम मादक पदार्थ जब्त किए गए हैं. जैन ने कहा कि प्रथम चरण का चुनाव शांतिपूर्ण सम्पन्न हो गया, हालांकि मतदाताओं को धमकी देने के कुछ संदिग्ध मामले सामने आए हैं. दूसरे चरण के चुनाव में राज्य की बाकी की 22 विधानसभा सीटों के लिए मतदान 8 मार्च को होगा. मणिपुर के इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम, बिशनुपुर और पर्वतीय जिलों चूड़ाचन्द्रपुर और कांगपोकपी के 38 विधानसभा क्षेत्रों के 1643 मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ.टिप्पणियां मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी के देवनगन ने इंफाल में संवाददाताओं को बताया कि आंकड़ा अभी प्रारंभिक हैं, क्योंकि उचित संचार के अभाव में 28 प्रतिशत मतदान केंद्रों से रिपोर्ट अभी मिलनी बाकी है. उन्होंने बताया कि 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान इन्हीं विधानसभा सीटों पर 77.18 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था. उन्होंने कहा कि कांगपोकपी जिले के सायकुल विधानसभा क्षेत्र में अज्ञात उपद्रवियों की ओर से मतदाताओं को कथित रूप से धमकाने की सूचना है. इसकी जांच की जाएगी.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) अभी तक मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे लोगों से चुनाव अधिकारियों ने 1.93 करोड़ रुपये नकद, 77.38 लाख रुपये की शराब, 76.02 लाख रुपये के 109 किलोग्राम मादक पदार्थ जब्त किए गए हैं. जैन ने कहा कि प्रथम चरण का चुनाव शांतिपूर्ण सम्पन्न हो गया, हालांकि मतदाताओं को धमकी देने के कुछ संदिग्ध मामले सामने आए हैं. दूसरे चरण के चुनाव में राज्य की बाकी की 22 विधानसभा सीटों के लिए मतदान 8 मार्च को होगा. मणिपुर के इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम, बिशनुपुर और पर्वतीय जिलों चूड़ाचन्द्रपुर और कांगपोकपी के 38 विधानसभा क्षेत्रों के 1643 मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ.टिप्पणियां मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी के देवनगन ने इंफाल में संवाददाताओं को बताया कि आंकड़ा अभी प्रारंभिक हैं, क्योंकि उचित संचार के अभाव में 28 प्रतिशत मतदान केंद्रों से रिपोर्ट अभी मिलनी बाकी है. उन्होंने बताया कि 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान इन्हीं विधानसभा सीटों पर 77.18 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था. उन्होंने कहा कि कांगपोकपी जिले के सायकुल विधानसभा क्षेत्र में अज्ञात उपद्रवियों की ओर से मतदाताओं को कथित रूप से धमकाने की सूचना है. इसकी जांच की जाएगी.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) दूसरे चरण के चुनाव में राज्य की बाकी की 22 विधानसभा सीटों के लिए मतदान 8 मार्च को होगा. मणिपुर के इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम, बिशनुपुर और पर्वतीय जिलों चूड़ाचन्द्रपुर और कांगपोकपी के 38 विधानसभा क्षेत्रों के 1643 मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ.टिप्पणियां मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी के देवनगन ने इंफाल में संवाददाताओं को बताया कि आंकड़ा अभी प्रारंभिक हैं, क्योंकि उचित संचार के अभाव में 28 प्रतिशत मतदान केंद्रों से रिपोर्ट अभी मिलनी बाकी है. उन्होंने बताया कि 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान इन्हीं विधानसभा सीटों पर 77.18 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था. उन्होंने कहा कि कांगपोकपी जिले के सायकुल विधानसभा क्षेत्र में अज्ञात उपद्रवियों की ओर से मतदाताओं को कथित रूप से धमकाने की सूचना है. इसकी जांच की जाएगी.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी के देवनगन ने इंफाल में संवाददाताओं को बताया कि आंकड़ा अभी प्रारंभिक हैं, क्योंकि उचित संचार के अभाव में 28 प्रतिशत मतदान केंद्रों से रिपोर्ट अभी मिलनी बाकी है. उन्होंने बताया कि 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान इन्हीं विधानसभा सीटों पर 77.18 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था. उन्होंने कहा कि कांगपोकपी जिले के सायकुल विधानसभा क्षेत्र में अज्ञात उपद्रवियों की ओर से मतदाताओं को कथित रूप से धमकाने की सूचना है. इसकी जांच की जाएगी.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
लेख: वरिष्‍ठ आईएएस अधिकारी राजीव महर्षि देश के नए गृह सचिव बन गए हैं। राजस्‍थान काडर के 1978 बैच के IAS अधिकारी राजीव, एलसी गोयल की जगह ली।टिप्पणियां गोयल ने व्‍यक्तिगत कारणों से स्‍वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) मांगी थी, जिसे प्रधानमंत्री ने मंजूरी दे दी। गोयल 1979 काडर के आईएएस अफसर थे। इसके साथ ही फ़िलहाल वित्‍त सचिव के रूप में कार्य कर रहे राजीव महर्षि को नए गृह सचिव के रूप में नियुक्‍त करने की भी प्रधानमंत्री ने स्‍वीकृति दे दी। दरअसल, राजीव महर्षि आज रिटायर हो रहे थे, लेकिन सरकार ने उन्‍हें दो साल का सेवा विस्‍तार देकर गृह सचिव के ओहदे पर नियुक्‍त करने का निर्णय लिया। गोयल ने व्‍यक्तिगत कारणों से स्‍वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) मांगी थी, जिसे प्रधानमंत्री ने मंजूरी दे दी। गोयल 1979 काडर के आईएएस अफसर थे। इसके साथ ही फ़िलहाल वित्‍त सचिव के रूप में कार्य कर रहे राजीव महर्षि को नए गृह सचिव के रूप में नियुक्‍त करने की भी प्रधानमंत्री ने स्‍वीकृति दे दी। दरअसल, राजीव महर्षि आज रिटायर हो रहे थे, लेकिन सरकार ने उन्‍हें दो साल का सेवा विस्‍तार देकर गृह सचिव के ओहदे पर नियुक्‍त करने का निर्णय लिया। इसके साथ ही फ़िलहाल वित्‍त सचिव के रूप में कार्य कर रहे राजीव महर्षि को नए गृह सचिव के रूप में नियुक्‍त करने की भी प्रधानमंत्री ने स्‍वीकृति दे दी। दरअसल, राजीव महर्षि आज रिटायर हो रहे थे, लेकिन सरकार ने उन्‍हें दो साल का सेवा विस्‍तार देकर गृह सचिव के ओहदे पर नियुक्‍त करने का निर्णय लिया।
बॉलीवुड एक्ट्रेस करीना कपूर को बॉलीवुड का फैशन आइकॉन माना जाता है. एक्टिंग के साथ ही उनका फैशन सेंस हमेशा चर्चा में रहता है. जिम सेशन से लेकर हर तरह के इवेंट और पार्टी के लिए करीना अपने ड्रेसिंग को लेकर काफी चूजी हैं. लेकिन इस बार चर्चा का विषय ड्रेस नहीं बल्कि उनका ब्रेसलेट है. इसकी कीमत जानकर आप हैरान हो जाएंगे. दरअसल, सोशल मीडिया पर करीना कपूर की मुंबई एयरपोर्ट की कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं. उन्होंने Coco Chanel की लॉन्ग टी शर्ट पहन रखी हैं. इसके अलावा वह व्हाइट स्नीकर भी पहने हुए हैं. इस दौरान करीना के रेनबो ब्राइट ब्रेसलेट ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया. रिपोर्ट्स की मानें तो इस ब्रेसलेट की कीमत करीब 15 हजार रुपये है. पिछले कुछ दिनों से करीना अपने काम को लेकर लगातार लंदन और भारत के बीच आना जाना कर रही हैं. वह वापस मुबई लौटी हैं, लेकिन अब यह कहना मुश्किल है कि वह कब तक भारत में रुकेंगी. View this post on Instagram Kareena is back in Mumbai for Dance India Dance ✨😍❤️ she looks so cute!!!! my baby 🥺 A post shared by Kareena Kapoor Khan Fanclub (@kareenafc) on Jul 24, 2019 at 10:06pm PDT View this post on Instagram a day in london with bebo tim, soha inni & prianka kai 💜 A post shared by Kareena Kapoor Khan Fanclub (@kareenafc) on Jul 24, 2019 at 6:30am PDT वर्क फंट्र की बात करें तो करीना कपूर, आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा में मुख्य किरदार निभाएंगी. रिपोर्ट्स की मानें तो इस फिल्म में दोनों सितारें चार अलग अलग लुक में नजर आएंगे. फिल्म के डायरेक्टर अद्वैत चंदन और आमिर खान ने कई लुक्स पर रिसर्च की है. बताया जा रहा है कि टाइम फ्रेम के हर पार्ट के लिए एक्टर्स के 4-5 अलग लुक होंगे. गौरतलब है कि करीना ने रियलिटी शो डांस इंडिया डांस से जरिए छोटे परदे पर डेब्यू किया है. इसमें वह जज का किरदार निभा रही हैं. कुछ समय पहले काम के सिलसिले से करीना देश से बाहर थीं तो उनकी बहन करिश्मा कपूर ने शो को उनकी जगह जज किया था. यह बताते चलें कि करीना कपूर ने हाल ही में गुड न्यूज और अंग्रेजी मीडियम की शूटिंग पूरी कर की है.
यह एक लेख है: मुंबई में बीजेपी सांसद और अभिनेत्री हेमा मालिनी को डांस एकेडमी के लिए आवंटित ज़मीन का मामला तूल पकड़ने लगा है। शनिवार को महिला कांग्रेस ने उनके बंगले तक मोर्चा निकालकर आवंटित ज़मीन वापस लेने की मांग की।टिप्पणियां डांस एकेडमी के नाम पर बीजेपी सांसद हेमा मालिनी को मिले ज़मीन के मुद्दे पर कांग्रेसी कार्यकर्ता तांडव की मुद्रा में नजर आए। मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम ने कहा, 'एक तरफ सरकार सालों पहले हमारी संस्था या किसी अख़बार को दी गई ज़मीन के लिए जांच कराती हैं, दूसरी तरफ अपनी हिरोइन को सस्ते दाम में ज़मीन देती है, ये घोटाला नहीं है क्या... देवेन्द्र फडणवीस हेमा मालिनी को दी गई ज़मीन फौरन वापस लें।' मुंबई के जुहू इलाके में 2 हज़ार स्क्वायर मीटर का करोड़ों का ये प्लॉट हेमा को 70,000 रुपये में मिला। लेकिन उन्हें 2002 में ऐसी ही ज़मीन एकेडमी के लिए मिली थी, जिसे महाराष्ट्र सरकार ने वापस नहीं लिया आरटीआई से ये जानकारी मिली है। सरकार का कहना है कि हेमा के ट्रस्ट को दी गई ज़मीन के लिए 1976 के रेट पर कीमत वसूली गई, 1983 में बने कानून के मुताबिक। इस मामले में अभी तक हेमा मालिनी की तरफ कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। डांस एकेडमी के नाम पर बीजेपी सांसद हेमा मालिनी को मिले ज़मीन के मुद्दे पर कांग्रेसी कार्यकर्ता तांडव की मुद्रा में नजर आए। मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम ने कहा, 'एक तरफ सरकार सालों पहले हमारी संस्था या किसी अख़बार को दी गई ज़मीन के लिए जांच कराती हैं, दूसरी तरफ अपनी हिरोइन को सस्ते दाम में ज़मीन देती है, ये घोटाला नहीं है क्या... देवेन्द्र फडणवीस हेमा मालिनी को दी गई ज़मीन फौरन वापस लें।' मुंबई के जुहू इलाके में 2 हज़ार स्क्वायर मीटर का करोड़ों का ये प्लॉट हेमा को 70,000 रुपये में मिला। लेकिन उन्हें 2002 में ऐसी ही ज़मीन एकेडमी के लिए मिली थी, जिसे महाराष्ट्र सरकार ने वापस नहीं लिया आरटीआई से ये जानकारी मिली है। सरकार का कहना है कि हेमा के ट्रस्ट को दी गई ज़मीन के लिए 1976 के रेट पर कीमत वसूली गई, 1983 में बने कानून के मुताबिक। इस मामले में अभी तक हेमा मालिनी की तरफ कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। मुंबई के जुहू इलाके में 2 हज़ार स्क्वायर मीटर का करोड़ों का ये प्लॉट हेमा को 70,000 रुपये में मिला। लेकिन उन्हें 2002 में ऐसी ही ज़मीन एकेडमी के लिए मिली थी, जिसे महाराष्ट्र सरकार ने वापस नहीं लिया आरटीआई से ये जानकारी मिली है। सरकार का कहना है कि हेमा के ट्रस्ट को दी गई ज़मीन के लिए 1976 के रेट पर कीमत वसूली गई, 1983 में बने कानून के मुताबिक। इस मामले में अभी तक हेमा मालिनी की तरफ कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
चन्द्रगुप्त मौर्य के साम्राज्य की शासनव्यवस्था का ज्ञान प्रधान रूप से मेगस्थनीज़ के वर्णन के अवशिष्ट अंशों और कौटिल्य के अर्थशास्त्र से होता है। अर्थशास्त्र में यद्यपि कुछ परिवर्तनों के तीसरी शताब्दी के अन्त तक होने की सम्भावना प्रतीत होती है, यही मूल रूप से चन्द्रगुप्त मौर्य के मन्त्री की कृति थी। राजा शासन के विभिन्न अंगों का प्रधान था। शासन के कार्यों में वह अथक रूप से व्यस्त रहता था। अर्थशास्त्र में राजा की दैनिक चर्या का आदर्श कालविभाजन दिया गया है। मेगेस्थनीज के अनुसार राजा दिन में नहीं सोता वरन्‌ दिनभर न्याय और शासन के अन्य कार्यों के लिये दरबार में ही रहता है, मालिश कराते समय भी इन कार्यों में व्यवधान नहीं होता, केशप्रसाधन के समय वह दूतों से मिलता है। स्मृतियों की परम्परा के विरुद्ध अर्थशास्त्र में राजाज्ञा को धर्म, व्यवहार और चरित्र से अधिक महत्व दिया गया है। मेगेस्थनीज और कौटिल्य दोनों से ही ज्ञात होता है कि राजा के प्राणों की रक्षा के लिये समुचित व्यवस्था थी। राजा के शरीर की रक्षा अस्त्रधारी स्त्रियाँ करती थीं। मेगेस्थनीज का कथन है कि राजा को निरन्तर प्राणभ्य लगा रहता है जिससे हर रात वह अपना शयनकक्ष बदलता है। राजा केवल युद्धयात्रा, यज्ञानुष्ठान, न्याय और आखेट के लिये ही अपने प्रासाद से बाहर आता था। आखेट के समय राजा का मार्ग रस्सियों से घिरा होता था जिनकों लाँघने पर प्राणदण्ड मिलता था। अर्थशास्त्र में राजा की सहायता के लिये मन्त्रिपरिषद् की व्यवस्था है। कौटिल्य के अनुसार राजा को बहुमत मानना चाहिए और आवश्यक प्रश्नों पर अनुपस्थित मन्त्रियों का विचार जानने का उपाय करना चाहिए। मन्त्रिपरिषद् की मन्त्रणा को गुप्त रखते का विशेष ध्यान रखा जाता था। मेगेस्थनीज ने दो प्रकार के अधिकारियों का उल्लेख किया है - मन्त्री और सचिव। इनकी सख्या अधिक नहीं थी किन्तु ये बड़े महत्वपूर्ण थे और राज्य के उच्च पदों पर नियुक्त होते थे। अर्थशास्त्र में शासन के अधिकारियों के रूप में 18 तीर्थों का उल्लेख है। शासन के विभिन्न कार्यों के लिये पृथक्‌ विभाग थे, जैसे कोष, आकर, लक्षण, लवण, सुवर्ण, कोष्ठागार, पण्य, कुप्य, आयुधागार, पौतव, मान, शुल्क, सूत्र, सीता, सुरा, सून, मुद्रा, विवीत, द्यूत, वन्धनागार, गौ, नौ, पत्तन, गणिका, सेना, संस्था, देवता आदि, जो अपने अपने अध्यक्षों के अधीन थे। मेगस्थनीज के अनुसार राजा की सेवा में गुप्तचरों की एक बड़ी सेना होती थी। ये अन्य कर्मचारियों पर कड़ी दृष्टि रखते थे और राजा को प्रत्येक बात की सूचना देते थे। अर्थशास्त्र में भी चरों की नियुक्ति और उनके कार्यों को विशेष महत्व दिया गया है। मेगस्थनीज ने पाटलिपुत्र के नगरशासन का वर्णन किया है जो संभवत: किसी न किसी रूप में अन्य नगरों में भी प्रचलित रही होगी। (देखिए 'पाटलिपुत्र') अर्थशास्त्र में नगर का शसक नागरिक कहलाता है औरउसके अधीन स्थानिक और गोप होते थे। शासन की इकाई ग्राम थे जिनका शासन ग्रामिक ग्रामवृद्धों की सहायता से करता था।
सोमवार को सिंगर मीका सिंह के घर पर चोरी हुई है. जिससे उन्हें 3 लाख की चपत लगी है. मीका ने मुंबई के ओशिवारा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है. उनके घर से चोर 3 लाख का सामान लेकर भागे. जिसमें करीब 2 लाख की गोल्ड ज्वैलरी शामिल थी. सिंगर द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. Mumbai: Singer Mika Singh has lodged a complaint at Oshiwara Police Station reporting a theft of around Rs 3 Lakh, including gold jewellery worth Rs 2 Lakh, which took place at his house yesterday. Police has registered a case and further investigation has started. (file pic) pic.twitter.com/2gHif4qxgY — ANI (@ANI) July 30, 2018 Video:मीका ने बुक किया पूरा बिजनेस क्लास, शान ने ऐसे उड़ाया मजाक कुछ दिनों पहले मीका सोशल मीडिया पर ट्रोल होने की वजह से चर्चा में आए थे. दरअसल, मीका सिंह दुबई के लिए रवाना हुए थे. इस दौरान उन्होंने शो-ऑफ के लिए फ्लाइट के बिजनेस क्लास का पूरा कंपार्टमेंट बुक कर लिया. फिर इसका वीडियो बनाया. जब वीडियो सोशल मीडिया पर आया तो लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया. एक यूज़र ने लिखा, 'एक सीट के पैसे किसी गरीब को देकर देखिए. लाइफ फर्स्ट क्लास हो जाएगी.' वहीं एक यूज़र ने लिखा, 'जब ज़रूरत से ज़्यादा पैसा आ जाए तो ऐसे ही काटता है.' Good morning, I have just landed in Dubai.. booked the whole 1st class for fun🤗🤗😂😂😎😎...‬ ‪@emirates is the best .... yeah baby I’m loaded 😂😂😂😂😂 A post shared by Mika Singh (@mikasingh) on Jul 9, 2018 at 1:37am PDT एक अन्य यूज़र ने लिखा है, 'यह कोई अच्छा काम नहीं किया, जो इतना पैसा बर्बाद किया जाए. यदि इतना पैसा था तो अपने रब को राज़ी करते. किसी गरीब की मदद करते या फिर दान दे देते. तुम तुम ज़्यादा लोगों के दिल में जगह बना सकते थे. पहले मेरे दिल में तुम्हारे लिए इज्ज़त थी, लेकिन इस वीडियो को देखने के बाद अब नहीं है.' सिंगर मीका सिंह ने किया अपनी शादी का ऐलान ट्रोल करने वालों में सिंगर शान भी शामिल थे. शान ने एक वीडियो शेयर किया. जिसमें वो मीका के ही स्टाइल में कह रहे हैं कि मैं और मेरी फैमिली जहां भी जाते हैं हम पूरी बॉलिंग एली बुक कर लेते हैं, ताकि हमें कोई और डिस्टर्ब न करें. हम मीका को फॉलो कर रहे हैं. Inspired by @MikaSingh booking entire First Class of Emirates.. dekhiye main kya kar baitha 😂😂😂 pic.twitter.com/GFmSQcqtmy — Shaan (@singer_shaan) July 12, 2018
वोडाफोन इंडिया ने देश भर में अपने 2जी व 3जी ग्राहकों के लिए मोबाइल इंटरनेट शुल्क दरों को दोगुना कर दिया है. इसका कार्यान्वयन चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है. इसके तहत प्रीपेड व पोस्टपेड उपभोक्‍ताओं के लिए पे एज यू गो (पीएवाईजी) 4 पैसे प्रति 10 केबी रहेगी जो पहले 10 केबी के लिए 2 पैसा थी. कंपनी ने नवंबर 2013 में ही दरों में 80 प्रतिशत कटौती कर इन्हें 2 पैसा प्रति 10 केबी किया था. कंपनी के प्रवक्ता ने संपर्क करने पर कहा कि वोडाफोन ने पीएवाईजी यूजर्स के लिए मोबाइल इंटरेनट शुल्क में संशोधन किया है. उन्होंने कहा कि यह बदलाव सभी सर्कलों पर लागू होगा लेकिन इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है.
एक महत्वपूर्ण फैसले के तहत यह समझा जाता है कि सरकार ने संसद पर हमले के दोषी मोहम्मद अफजल गुरु की दया याचिका को खारिज कर देने की राष्ट्रपति के पास सिफारिश भेजी है. अफजल को मौत की सजा सुनायी गयी है. अफजल गुरु कांग्रेस का दामाद है क्‍या: गडकरी माना जाता है कि गृह मंत्रालय ने वर्ष 2001 में संसद पर हुए आतंकवादी हमले के मामले में दोषी करार दिये गये अफजल की दया याचिका को खारिज करने संबंधी फाइल राष्ट्रपति के पास भेज दी है. अफजल को सुनायी गयी मौत की सज़ा को उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने बरकरार रखा है. अफजल गुरु की फांसी पर वोट की राजनीति? यह भी माना जाता है कि गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार की उस सिफारिश का हवाला दिया है जिसमें अफजल को फांसी दिये जाने का पक्ष लिया गया है. यह एक ऐसा मुद्दा है जो पिछले सात वर्ष से लंबित है और इस पर काफी राजनीतिक विवाद हुआ है. इस तरह के संकेत सबसे पहले दिन में तब मिले जब गृह राज्य मंत्री मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने राज्यसभा को एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि गृह मंत्रालय ने अफजल की दया याचिका को निर्णय के लिए राष्ट्रपति सचिवालय के पास भेज दिया है. रामचंद्रन ने बताया, ‘‘मौत की सजा के लिए दोषसिद्ध हो चुके मोहम्मद अफजल गुरु की दया याचिका का मामला निर्णय के लिए 27 जुलाई 2011 को राष्ट्रपति सचिवालय को प्रस्तुत किया गया है.’’ मंत्री से भाजपा के प्रकाश जावडेकर ने अफजल को फांसी दिये जाने में हो रहे विलंब से संबंधित सवाल पूछा था. जावडेकर ने पूछा था कि क्या मौत की सजा नहीं देने की मांग करने वाली किसी ‘दया याचिका’ पर फैसला करने के लिये क्रम के आधार पर चलने का कोई संवैधानिक प्रावधान है, इस पर रामचंद्रन ने कहा, ‘‘ऐसा कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है. सभी मामलों के साथ निष्पक्ष और त्वरित बर्ताव सुनिश्चित कराने का प्रशासनिक फैसला होता है.’’ अफजल गुरु को दिसम्बर 2001 में संसद पर हुए हमले की साजिश रचने के मामले में दोषी पाया गया था और उच्चतम न्यायालय ने उसे सुनायी गयी मौत की सजा को वर्ष 2004 में बरकरार रखा था. उसे 20 अक्तूबर 2006 को फांसी दी जानी थी. बहरहाल, अफजल की पत्नी की दया याचिका के बाद उसकी फांसी रोक दी गयी. इस बीच, कांग्रेस अफजल गुरु को जल्द फांसी दिये जाने से जुड़े सवाल पर सीधा जवाब देने से बचती नजर आयी. पार्टी ने कहा कि राष्ट्रपति के पास सौंपी जा चुकी दया याचिका पर प्रतिक्रिया करना उचित नहीं होगा. पार्टी प्रवक्ता राशिद अल्वी ने संवाददाताओं से कहा कि यह व्यवस्था का एक हिस्सा है. मामला राष्ट्रपति के पास है. न्यायालय के विचाराधीन मामलों की ही तरह राष्ट्रपति को सौंपे गये मुद्दों पर भी कुछ कहना उचित नहीं होता.
कपिल शर्मा एक बार फिर विवादों में हैं. दरअसल अपने शो के दौरान उन्होंने एक्टर संजय दत्त से उनकी गर्लफ्रेंड्स से जुड़ा जोक किया और ये गलत कारणों से वायरल होने लगा. कपिल ने संजय से पूछा था कि आखिर उन्होंने कैसे इतनी लड़कियों को गर्लफ्रेंड्स बनने के लिए राजी किया? इस पर संजय ने कहा कि वे अब भी अपनी गर्लफ्रेंड्स का काउंट रखते हैं. संजय ने जोक करते हुए कहा था कि उनकी को-स्टार कृति सेनन आसानी से उनकी 309वीं गर्लफ्रेंड हो सकती हैं क्योंकि वे उनकी पानीपत में परफॉर्मेंस से काफी प्रभावित हुए  हैं. वॉर एक्टर दीपानिता शर्मा और कई सोशल मीडिया यूजर्स ने कपिल के इस जोक की जमकर आलोचना की है. उन्होंने इसे एक बेहद असंवेदनशील जोक बताया है. दीपानिता ने ट्वीट किया था - एक एक्टर शो पर अपनी नई रिलीज फिल्म को प्रमोट करने जाता है और अपनी 300 से ज्यादा गर्लफ्रेंड्स के बारे में बात करता है. शो के होस्ट और ऑडियन्स हंसते हैं. अगर यही बात किसी महिला ने कही होती तो ? क्या तब भी इसे जोक की तरह लिया जाता ? जेंडर में ये बेसिक भेदभाव हमेशा से गलत रहा है. यही सारे फसाद की जड़ भी है. An actor on a show to promote his next release talks about his score of over 300 girlfriends.The host & audience laughs in good jest.What If a woman said the same thing on a show?Would that be a joke too?This basic gender bias is what has always been wrong.The root of all evil ! — Dipannita Sharma (@Dipannitasharma) December 5, 2019 दीपानिता की इस बात का कई फैंस ने समर्थन किया था. एक फैन ने कहा था कि लड़कियों को महज एक संख्या तक सीमित कर दिया है जो बेहद शर्मनाक है. कपिल शर्मा को बेहतर सेंस ऑफ ह्यूमर का प्रदर्शन करना चाहिए था. हालांकि कई लोग ऐसे भी थे जिन्होंने दीपानिता की इस बात पर कपिल का समर्थन किया था और इन लोगों ने कहा कि ये जोक वल्गर या असंवेदनशील किसी भी सेंस में नहीं था. कुछ समय पहले भी विवादों में आए थे कपिल इससे कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर कपिल शर्मा के लगातार अर्चना पूरन सिंह के बॉडी टाइप को लेकर जोक्स पर भी आपत्ति जताई थी. ट्विटर पर इन आलोचनाओं के बाद कपिल ने अर्चना को लेकर जोक्स की टोन भी थोड़ी कम की है और उन्होंने अर्चना के साथ इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर भी पोस्ट की थी जिसमें उन्होंने बताया था कि वे अर्चना की बेहद इज्जत करते हैं.
अभिनेत्री रेखा शनिवार को 61 साल की हो गई हैं. बॉलीवुड के सितारों ने सदाबहार अभिनेत्री को बधाई दी है. जहां कुछ ने उन्हें 'चिरयुवा' बताया वहीं कुछ ने उन्हें 'प्रेरणादायक' कहा. 'मुकद्दर का सिकन्दर', 'खूबसूरत', 'सिलसिला', 'उत्सव', 'खून भरी मांग' जैसी लोकप्रिय फिल्मों में अपने किरदार के लिए पहचानी जाने वाली अभिनेत्री रेखा को पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. उन्हें आखिरी बार अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म 'शमिताभ' में देखा गया था. बॉलीवुड सितारों के ट्वीट : Wow!so many birthday babies!happy bday🎊🎁😊🎂 @ssrajamouli sir,ageless gorgeous aunty#Rekha, @latasrinivasan , #vadivelu sir n my baby😚 #yaathra 🎉🎂 — Aishwaryaa.R.Dhanush (@ash_r_dhanush) October 10, 2015 ऐश्वर्य आर. धनुष : वाह इतने सारे जन्मदिन. चिरयुवा, खूबसूरत रेखा को जन्मदिन मुबारक हो. Rekha Rani badi siyani! Wish you a very Happy Birthday. God Bless you with loads of happiness! Much much love- US pic.twitter.com/G6dOO6CPyK — rishi kapoor (@chintskap) October 10, 2015 ऋषि कपूर : रेखा रानी बड़ी सयानी. जन्मदिन की बधाई हो. भगवान आपको बहुत-सी खुशियां दें. बहुत-सारा प्यार. Happy birthday dear dear Rekha. May you shine on..lots of love — Azmi Shabana (@AzmiShabana) October 10, 2015 शबाना आजमी : प्रिय रेखा को जन्मदिन की शुभकामनाएं. आपकी चमक बरकरार रहे, बहुत सारा प्यार. A very Happy Birthday to thestunning Bollywood Legend,Rekha! We hope you have a greatone! — Yami Gautam (@YamiOfficiaI) October 10, 2015 यामी गौतम : बॉलीवुड की खूबसूरत दिग्गज रेखा को जन्मदिन की शुभकामनाएं. इनपुट: IANS
देश के शेयर बाजारों में मंगलवार को गिरावट का रुख रहा। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 43.01 अंकों की गिरावट के साथ 25,580.34 पर और निफ्टी 6.65 अंकों की गिरावट के साथ 7,784.65 पर बंद हुआ। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 121.35 अंकों की तेजी के साथ 25,744.70 पर खुला और 43.01 अंकों या 0.17 फीसदी गिरावट के साथ 25,580.34 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 25,766.76 के ऊपरी और 25,513.75 के निचले स्तर को छुआ।टिप्पणियां नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 37.10 अंकों की तेजी के साथ 7,828.40 पर खुला और 6.65 अंकों या 0.09 फीसदी गिरावट के साथ 7,784.65 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 7,831.20 के ऊपरी और 7,763.25 के निचले स्तर को छुआ। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में हालांकि तेजी का रुख रहा। मिडकैप 61.98 अंकों की तेजी के साथ 11,172.43 पर और स्मॉलकैप 92.97 अंकों की तेजी के साथ 11,900.79 पर बंद हुआ। बीएसई के 19 में से 12 सेक्टरों में तेजी रही। धातु (2.20 फीसदी), तेल एवं गैस (1.93 फीसदी), आधारभूत सामग्री (1.63 फीसदी), रियल्टी (1.39 फीसदी) और ऊर्जा (1.07 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। बीएसई के के गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे दूरसंचार (0.55 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.42 फीसदी), प्रौद्योगिकी (0.41 फीसदी), बैंकिंग (0.32 फीसदी) और वाहन (0.31 फीसदी)। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 37.10 अंकों की तेजी के साथ 7,828.40 पर खुला और 6.65 अंकों या 0.09 फीसदी गिरावट के साथ 7,784.65 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 7,831.20 के ऊपरी और 7,763.25 के निचले स्तर को छुआ। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में हालांकि तेजी का रुख रहा। मिडकैप 61.98 अंकों की तेजी के साथ 11,172.43 पर और स्मॉलकैप 92.97 अंकों की तेजी के साथ 11,900.79 पर बंद हुआ। बीएसई के 19 में से 12 सेक्टरों में तेजी रही। धातु (2.20 फीसदी), तेल एवं गैस (1.93 फीसदी), आधारभूत सामग्री (1.63 फीसदी), रियल्टी (1.39 फीसदी) और ऊर्जा (1.07 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। बीएसई के के गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे दूरसंचार (0.55 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.42 फीसदी), प्रौद्योगिकी (0.41 फीसदी), बैंकिंग (0.32 फीसदी) और वाहन (0.31 फीसदी)। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में हालांकि तेजी का रुख रहा। मिडकैप 61.98 अंकों की तेजी के साथ 11,172.43 पर और स्मॉलकैप 92.97 अंकों की तेजी के साथ 11,900.79 पर बंद हुआ। बीएसई के 19 में से 12 सेक्टरों में तेजी रही। धातु (2.20 फीसदी), तेल एवं गैस (1.93 फीसदी), आधारभूत सामग्री (1.63 फीसदी), रियल्टी (1.39 फीसदी) और ऊर्जा (1.07 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। बीएसई के के गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे दूरसंचार (0.55 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.42 फीसदी), प्रौद्योगिकी (0.41 फीसदी), बैंकिंग (0.32 फीसदी) और वाहन (0.31 फीसदी)।
केंद्रीय मंत्री और गाजियाबाद से बीजेपी के उम्मीदवार जनरल वीके सिंह ने सीएम योगी आदित्यनाथ के 'मोदी की सेना' वाले बयान पर टिप्पणी की है. वीके सिंह ने कहा कि जो मुझे बोलना था बोल चुका, अब उसको और न तोड़ा-मरोड़ा जाए. सीएम योगी ने जो कहा है आप (पत्रकार) लोगों ने उसको भी तोड़ा मरोड़ा है. सीएम योगी आदित्यनाथ को मिले नोटिस पर जनरल वीके सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग तो 100 चीजों के लिए नोटिस देता है. दरअसल, चुनाव आयोग ने 'मोदी की सेना' वाले बयान पर योगी आदित्यनाथ को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि मोदी जी की सेना ने आतंकियों को घर में घुसकर मारा है. सीएम योगी के इस बयान के बाद विपक्ष पार्टियों ने सवाल उठाया था. ओवैसी साध चुके हैं निशाना सीएम योगी के बयान पर AIMIM के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा कि योगी हिंदुस्तान की सेना को मोदी की सेना कहते हैं, उन्हें समझना चाहिए कि वो किसी एक व्यक्ति की नहीं बल्कि हिंदुस्तान की सेना है. योगी के भाषण पर आयोग की नजर योगी आदित्यनाथ को नोटिस जारी कर चुनाव आयोग उनके भाषण पर नजर रखना शुरू कर दिया है. गुरुवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यूपी सीएम की जितनी भी सभाएं हुईं उसमें चुनाव आयोग की टीम मौजूद रही थी. इस दौरान योगी के भाषण की रिकॉर्डिंग की गई थी, ताकि किसी भी तरह के बयान का सबूत इकट्ठा किया जा सके. नकवी को भी मिल चुका है नोटिस 'मोदी की सेना' कहकर संबोधित करने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ बीजेपी के कोई अकेले नेता नहीं है. केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी भी भारतीय सेना को ‘मोदी की सेना’ कहकर संबोधित कर चुके हैं. ये बयान नकवी को महंगा पड़ा और चुनाव आयोग ने उनको भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. दरअसल मुख्तार अब्बास नकवी ने उत्तर प्रदेश के रामपुर में कहा कि मोदी की सेना तो आतंकवादियों को घर में घुसकर मार रही है. चुनाव की हर ख़बर मिलेगी सीधे आपके इनबॉक्स में. आम चुनाव की ताज़ा खबरों से अपडेट रहने के लिए सब्सक्राइब करें आजतक का इलेक्शन स्पेशल न्यूज़लेटर
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: बिहार के पूर्वी चंपारण के पश्चिमी सुंदरापुर पंचायत के मलाही टोला में भीषण आग लगने से करीब पांच सौ झोपडियां जलकर राख हो गयी. चकिया पुलिस उपाधीक्षक मुंद्रिका प्रसाद ने बुधवार को बताया कि केसरिया अंचल के पश्चिमी सुंदरापुर पंचायत के मलाही टोला में मंगलवार देर शाम भीषण आग लगी में करीब पांच सौ झोपडियां जलकर राख हो गयी. उन्होंने बताया कि एक घर में खाना बनाने के क्रम में लगी आग अन्य घरों में फैल गयी. अग्निशमन के तीन गाडियों की मदद से आग पर काबू पाया गया. प्रसाद ने बताया कि इस हादसे में एक महिला झुलस गयी जो कि खतरे से बाहर है. कुछ मवेशियों के झुलसकर मरने की खबर है.टिप्पणियां उन्होंने बताया कि केसरिया पुलिस एवं अंचलाधिकारी द्वारा नुकसान का आकलन किया जा रहा है. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने बताया कि एक घर में खाना बनाने के क्रम में लगी आग अन्य घरों में फैल गयी. अग्निशमन के तीन गाडियों की मदद से आग पर काबू पाया गया. प्रसाद ने बताया कि इस हादसे में एक महिला झुलस गयी जो कि खतरे से बाहर है. कुछ मवेशियों के झुलसकर मरने की खबर है.टिप्पणियां उन्होंने बताया कि केसरिया पुलिस एवं अंचलाधिकारी द्वारा नुकसान का आकलन किया जा रहा है. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) प्रसाद ने बताया कि इस हादसे में एक महिला झुलस गयी जो कि खतरे से बाहर है. कुछ मवेशियों के झुलसकर मरने की खबर है.टिप्पणियां उन्होंने बताया कि केसरिया पुलिस एवं अंचलाधिकारी द्वारा नुकसान का आकलन किया जा रहा है. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने बताया कि केसरिया पुलिस एवं अंचलाधिकारी द्वारा नुकसान का आकलन किया जा रहा है. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दो दिनों के दौरे पर रहेंगे. इस दौरान वह कई इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन करेंगे. साथ ही पीएम कई सभाएं भी करेंगे. प्रधानमंत्री जुलाहों और हथकरघा उद्योग में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए ट्रेड सेंटर के दूसरे चरण की शुरुआत करेंगे. साथ ही प्रधानमंत्री वाराणसी से वडोदरा जाने वाली तीसरी महामाना एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे.
2021 एसोसिएट इंटरनेशनल क्रिकेट सीज़न मई से सितंबर 2021 तक था। आईसीसी के एसोसिएट सदस्यों के बीच सभी आधिकारिक बीस ओवर के मैच पूर्ण ट्वेंटी 20 अंतर्राष्ट्रीय (टी20आई) या महिला ट्वेंटी 20 अंतरराष्ट्रीय (मटी20आई) की स्थिति के लिए पात्र थे, क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने 1 जुलाई 2018 (महिला टीम) और 1 जनवरी 2019 (पुरुष टीम) से अपने सभी सदस्यों के बीच मैचों को टी20आई का दर्जा दिया था। सीज़न में आईसीसी एसोसिएट सदस्यों को शामिल करने वाली सभी टी20आई/मटी20आई क्रिकेट सीरीज़ शामिल हैं, जो 2021 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में कवर की गई सीरीज़ की तुलना में कम स्थिरता वाली थीं। सीजन अवलोकन मई 2021 मध्य यूरोप कप जून 2021 क्विबुका महिला टी20 टूर्नामेंट 2021 सोफिया ट्वेंटी20 सीरीज 2021 आईसीसी टी20 विश्व कप यूरोप क्वालीफायर बी कोविड-19 महामारी के कारण टूर्नामेंट रद्द कर दिया गया था। जुलाई 2021 आईसीसी टी20 विश्व कप यूरोप क्वालीफायर सी कोविड-19 महामारी के कारण टूर्नामेंट रद्द कर दिया गया था। 2021 आईसीसी टी20 विश्व कप यूरोप क्वालीफायर ए कोविड-19 महामारी के कारण टूर्नामेंट रद्द कर दिया गया था। माल्टा में बेल्जियम जर्मनी में फ्रांस की महिलाएं जर्सी में ग्वेर्नसे महिलाएं श्रृंखला को कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित कर दिया गया था। बेल्जियम में ऑस्ट्रिया 2021 आईसीसी टी20 विश्व कप अमेरिका क्वालीफायर कोविड-19 महामारी के कारण टूर्नामेंट स्थगित कर दिया गया था। अगस्त 2021 जर्मनी त्रि-राष्ट्र श्रृंखला इटली में ऑस्ट्रिया की महिलाएं 2021 बाल्टिक कप बाल्टिक कप में खेले गए मैचों में टी20आई का दर्जा नहीं था क्योंकि केवल एस्टोनिया ही आईसीसी के सदस्य थे। डेनमार्क में स्वीडन रवांडा में घाना 2021 पुर्तगाल त्रिकोणीय राष्ट्र श्रृंखला फिनलैंड में स्वीडन 2021 आईसीसी महिला टी20 विश्व कप यूरोप क्वालीफायर ग्लोबल क्वालीफायर के लिए आगे बड़े। स्वीडन में नॉर्वे की महिलाएं सितंबर 2021 कॉन्टिनेंटल कप स्पेन में जर्मनी यह भी देखें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट 2021 क्रिकेट पर कोविड-19 महामारी का प्रभाव टिप्पणियाँ संदर्भ 2021 में क्रिकेट
यह एक लेख है: सड़क हादसे डरावने होते हैं, और कभी-कभी उनका डर इतना ज़्यादा हावी होता है कि हादसे में चोट से बच जाने के बावजूद जान के लिए खतरा पैदा हो जाता है. ठीक ऐसा ही हुआ, अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में रहने वाले हैदराबाद के एक युवक के साथ, जब वह एक्सीडेंट की चपेट में आने से बच गया, लेकिन दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई. समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, युवक की पहचान सैयद वसीम अली के रूप में हुई है, जो वॉलनट एवेन्यू में रहता था. वसीम के भाई मुबीन ने बताया, "सैयद वसीम अली रविवार को एक और शख्स के साथ कार में सफर कर रहा था... जब वे सैन फ्रांसिस्को की बे व्यू डिस्ट्रिक्ट में थर्ड स्ट्रीट के चौराहे पर पहुंचे, दूसरी दिशा से बेहद तेज़ गति से आ रही एक कार ने उनकी कार को टक्कर मारी... टक्कर के बाद वसीम कार से उतर गया, और कार्डियक अरेस्ट हो जाने की वजह से गिर पड़ा..." सैयद वसीम अली का परिवार उसका अंतिम संस्कार करने के लिए अमेरिका पहुंचने में सरकार से मदद ले रहा है, क्योंकि शव को भारत लाने में कई दिन लग सकते हैं. Video: विवादों में घिरी यूपी पुलिस, नियमित चेकिंग के दौरान लोगों पर तानी बंदूक
यह एक लेख है: शहर के एक कॉलेज द्वारा तय किए गए नए 'विचित्र नियमों' से छात्र चकित और नाराज हैं. सेंट अलॉयसिस कॉलेज ने लड़कियों से कहा है कि वे लड़कों से दूरी बनाकर रखें और कोई लड़का और लड़की एक दूसरे को छुएंगे नहीं. यह नियम पिछले सप्‍ताह ओरीएन्टेशन क्‍लास में सामने आए थे और पिछले हफ्ते एक पूर्व छात्र द्वारा इन्‍हें सोशल मीडिया पर पोस्‍ट किया गया. पोस्‍ट के अनुसार, कॉलेज ने कहा है कि बालों का जूड़ा नहीं बनाएंगे और न ही हेयर कलर करेंगे. काजल और लिपिस्टिक नही लगाएंगे. यहां तक की हाथ में मेहंदी लगाने के लिए अनुमति लेनी होगी. सोशल मीडिया पोस्‍ट में यह भी दावा किया गया है कि कॉलेज द्वारा लड़कियों से सभ्‍यतापूर्ण पोशाक पहनने को कहा गया है. लड़कों से दूरी बनाए रखने और ब्रेक्‍स के दौरान अन्‍य क्‍लासों के लड़कों से न मिलने को कहा गया है. साथ ही किसी एक लड़की का लड़कों के समूहों या किसी एक लड़के की लड़कियों के समूहों से कोई बातचीत नहीं होनी चाहिए. सेंट अलॉयसिस कॉलेज, का संचालन लगभग तीन दशकों से जेसुइट पादरियों द्वारा किया जा रहा है. कॉलेज कॉ-एड है. टिप्पणियां हालांकि कॉलेज के प्रिंसिपल मेलवेन मेंडोंसा ने इन नियमों को लागू किए जाने से इंकार किया है. उन्‍होंने यह भी दावा किया कि उनके कॉलेज में जिले के अन्‍य शिक्षण संस्‍थानों के मुकाबले प्रतिबंध कम हैं और उनका लक्ष्‍य है कि छात्रों में अधिक नैतिक मूल्‍य हो और उनका पढ़ाई पर अधिक ध्‍यान हो. छात्रों द्वारा इस फरमान को अत्‍याचार बताकर काफी शेयर किया जा रहा है. छात्रों के एक समूह द्वारा कॉलेज को एक खुला पत्र भी लिखा गया है. सेंट अलॉयसिस कॉलेज ने लड़कियों से कहा है कि वे लड़कों से दूरी बनाकर रखें और कोई लड़का और लड़की एक दूसरे को छुएंगे नहीं. यह नियम पिछले सप्‍ताह ओरीएन्टेशन क्‍लास में सामने आए थे और पिछले हफ्ते एक पूर्व छात्र द्वारा इन्‍हें सोशल मीडिया पर पोस्‍ट किया गया. पोस्‍ट के अनुसार, कॉलेज ने कहा है कि बालों का जूड़ा नहीं बनाएंगे और न ही हेयर कलर करेंगे. काजल और लिपिस्टिक नही लगाएंगे. यहां तक की हाथ में मेहंदी लगाने के लिए अनुमति लेनी होगी. सोशल मीडिया पोस्‍ट में यह भी दावा किया गया है कि कॉलेज द्वारा लड़कियों से सभ्‍यतापूर्ण पोशाक पहनने को कहा गया है. लड़कों से दूरी बनाए रखने और ब्रेक्‍स के दौरान अन्‍य क्‍लासों के लड़कों से न मिलने को कहा गया है. साथ ही किसी एक लड़की का लड़कों के समूहों या किसी एक लड़के की लड़कियों के समूहों से कोई बातचीत नहीं होनी चाहिए. सेंट अलॉयसिस कॉलेज, का संचालन लगभग तीन दशकों से जेसुइट पादरियों द्वारा किया जा रहा है. कॉलेज कॉ-एड है. टिप्पणियां हालांकि कॉलेज के प्रिंसिपल मेलवेन मेंडोंसा ने इन नियमों को लागू किए जाने से इंकार किया है. उन्‍होंने यह भी दावा किया कि उनके कॉलेज में जिले के अन्‍य शिक्षण संस्‍थानों के मुकाबले प्रतिबंध कम हैं और उनका लक्ष्‍य है कि छात्रों में अधिक नैतिक मूल्‍य हो और उनका पढ़ाई पर अधिक ध्‍यान हो. छात्रों द्वारा इस फरमान को अत्‍याचार बताकर काफी शेयर किया जा रहा है. छात्रों के एक समूह द्वारा कॉलेज को एक खुला पत्र भी लिखा गया है. पोस्‍ट के अनुसार, कॉलेज ने कहा है कि बालों का जूड़ा नहीं बनाएंगे और न ही हेयर कलर करेंगे. काजल और लिपिस्टिक नही लगाएंगे. यहां तक की हाथ में मेहंदी लगाने के लिए अनुमति लेनी होगी. सोशल मीडिया पोस्‍ट में यह भी दावा किया गया है कि कॉलेज द्वारा लड़कियों से सभ्‍यतापूर्ण पोशाक पहनने को कहा गया है. लड़कों से दूरी बनाए रखने और ब्रेक्‍स के दौरान अन्‍य क्‍लासों के लड़कों से न मिलने को कहा गया है. साथ ही किसी एक लड़की का लड़कों के समूहों या किसी एक लड़के की लड़कियों के समूहों से कोई बातचीत नहीं होनी चाहिए. सेंट अलॉयसिस कॉलेज, का संचालन लगभग तीन दशकों से जेसुइट पादरियों द्वारा किया जा रहा है. कॉलेज कॉ-एड है. टिप्पणियां हालांकि कॉलेज के प्रिंसिपल मेलवेन मेंडोंसा ने इन नियमों को लागू किए जाने से इंकार किया है. उन्‍होंने यह भी दावा किया कि उनके कॉलेज में जिले के अन्‍य शिक्षण संस्‍थानों के मुकाबले प्रतिबंध कम हैं और उनका लक्ष्‍य है कि छात्रों में अधिक नैतिक मूल्‍य हो और उनका पढ़ाई पर अधिक ध्‍यान हो. छात्रों द्वारा इस फरमान को अत्‍याचार बताकर काफी शेयर किया जा रहा है. छात्रों के एक समूह द्वारा कॉलेज को एक खुला पत्र भी लिखा गया है. सोशल मीडिया पोस्‍ट में यह भी दावा किया गया है कि कॉलेज द्वारा लड़कियों से सभ्‍यतापूर्ण पोशाक पहनने को कहा गया है. लड़कों से दूरी बनाए रखने और ब्रेक्‍स के दौरान अन्‍य क्‍लासों के लड़कों से न मिलने को कहा गया है. साथ ही किसी एक लड़की का लड़कों के समूहों या किसी एक लड़के की लड़कियों के समूहों से कोई बातचीत नहीं होनी चाहिए. सेंट अलॉयसिस कॉलेज, का संचालन लगभग तीन दशकों से जेसुइट पादरियों द्वारा किया जा रहा है. कॉलेज कॉ-एड है. टिप्पणियां हालांकि कॉलेज के प्रिंसिपल मेलवेन मेंडोंसा ने इन नियमों को लागू किए जाने से इंकार किया है. उन्‍होंने यह भी दावा किया कि उनके कॉलेज में जिले के अन्‍य शिक्षण संस्‍थानों के मुकाबले प्रतिबंध कम हैं और उनका लक्ष्‍य है कि छात्रों में अधिक नैतिक मूल्‍य हो और उनका पढ़ाई पर अधिक ध्‍यान हो. छात्रों द्वारा इस फरमान को अत्‍याचार बताकर काफी शेयर किया जा रहा है. छात्रों के एक समूह द्वारा कॉलेज को एक खुला पत्र भी लिखा गया है. सेंट अलॉयसिस कॉलेज, का संचालन लगभग तीन दशकों से जेसुइट पादरियों द्वारा किया जा रहा है. कॉलेज कॉ-एड है. टिप्पणियां हालांकि कॉलेज के प्रिंसिपल मेलवेन मेंडोंसा ने इन नियमों को लागू किए जाने से इंकार किया है. उन्‍होंने यह भी दावा किया कि उनके कॉलेज में जिले के अन्‍य शिक्षण संस्‍थानों के मुकाबले प्रतिबंध कम हैं और उनका लक्ष्‍य है कि छात्रों में अधिक नैतिक मूल्‍य हो और उनका पढ़ाई पर अधिक ध्‍यान हो. छात्रों द्वारा इस फरमान को अत्‍याचार बताकर काफी शेयर किया जा रहा है. छात्रों के एक समूह द्वारा कॉलेज को एक खुला पत्र भी लिखा गया है. हालांकि कॉलेज के प्रिंसिपल मेलवेन मेंडोंसा ने इन नियमों को लागू किए जाने से इंकार किया है. उन्‍होंने यह भी दावा किया कि उनके कॉलेज में जिले के अन्‍य शिक्षण संस्‍थानों के मुकाबले प्रतिबंध कम हैं और उनका लक्ष्‍य है कि छात्रों में अधिक नैतिक मूल्‍य हो और उनका पढ़ाई पर अधिक ध्‍यान हो. छात्रों द्वारा इस फरमान को अत्‍याचार बताकर काफी शेयर किया जा रहा है. छात्रों के एक समूह द्वारा कॉलेज को एक खुला पत्र भी लिखा गया है. छात्रों द्वारा इस फरमान को अत्‍याचार बताकर काफी शेयर किया जा रहा है. छात्रों के एक समूह द्वारा कॉलेज को एक खुला पत्र भी लिखा गया है.
छोग्याल (संस्कृत: धर्मराज) पूर्व के सिक्किम अधिराज्य और लद्दाख जो अभी भारत में हैं के राजा हुआ करते थें, जो नामग्याल राजवंश के अलग अलग शाखाओं में शासन करते थें। छोग्याल 1642 से 1975 के बीच सिक्किम का पूर्ण महाराजा हुआ करते थें। 1975 में उनका राज-पाठ निरस्त कर दिया गया जब वहां के लोगों ने जनमत-संग्रह में सिक्किम को भारत का 22वां राज्य बनाने के लिए मत दिया। इन्हें भी देखें सिक्किम सिक्किम का इतिहास सिक्किम सिक्किम का इतिहास
वह जून, 2011 की एक तपती दोपहरी थी, जब 18 साल की लक्ष्मी अपने घर के आंगन में चूल्हा जलाए रोटियां सेंक रही थी. तभी किवाड़ खटखटाने की अवाज सुनाई दी. जैसी कि लक्ष्मी की हमेशा आदत थी, वह चूल्हा जलता छोड़ दरवाजे की ओर लपकी. द्वार पर चार अजनबी चेहरे थे, जिन्हें वह पहली बार देख रही थी. इससे पहले कि वह पूछती कि 'कौन हो, किससे मिलना है'. पीछे से लक्ष्मी की मां नमूदार हुईं और झटके से उसकी ओढऩी चेहरे पर खींच दी, 'अंदर जा, तेरे सासरे वाले आए हैं.' उस दिन लक्ष्मी को पहली बार पता चला कि वह शादीशुदा है. बचपन में जब नानी के गुजरने पर वह ननिहाल गई थी, तभी मामा ने वहीं एक साल की लक्ष्मी का ब्याह करवा दिया था. गोदी में उठाकर फेरे लगवाए और इस तरह उसकी पूरी जिंदगी दो साल के राकेश नाम के एक लड़के के संग सात फेरों में बांध दी. लेकिन लक्ष्मी ने समाज द्वारा तय की गई उस जिंदगी को सिर झुकाकर मानने से इनकार कर दिया और अपने परिवार के फैसले के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. अब वह हिंदुस्तान की पहली ऐसी लड़की बन गई है, जिसके बाल-विवाह को बाकायदा कोर्ट ने बाल विवाह निषेध अधिनियम, 1929 के तहत रद्द करार दिया है. राजस्थान में जोधपुर जिला मुख्यालय से तकरीबन 40 किमी दूर स्थित गांव लोणी में रहने वाली अनुसूचित जनजाति की इस लड़की और एक दिहाड़ी मजूदर की बेटी से किसी ने ऐसी उम्मीद नहीं की थी. घरवालों ने सोचा भी नहीं था कि तीखी आंखों वाली साधारण-सी दिखने वाली यह लड़की सात फेरों और माथे के सिंदूर को चुनौती भी दे सकती है. लक्ष्मी के पिता 50 वर्षीय तेजाराम उस दिन को याद करते हुए कहते हैं, 'पूरे दिन बावली बने फिरे थी. रो-रोकर बुरा हाल हो गया.' लक्ष्मी ने फरमान सुना दिया, 'मुझे नहीं जाना ससुराल. मैं नहीं मानती इस शादी को. मैं उस लड़के को जानती नहीं.' यह बहुत बड़ा फैसला था. गांव की 90 फीसदी लड़कियों को गोदी में बिठाकर ही फेरे लगाए गए थे. लक्ष्मी की मां 45 वर्षीया सुक्खी देवी अपना हवाला देतीं, 'मेरा ब्याह भी ऐसे ही हुआ था. तेरी बहन का भी ऐसे ही हुआ. सबका ऐसे होता है. क्यों नहीं जाएगी ससुराल.' लेकिन मजाल कि लक्ष्मी टस से मस हो. लक्ष्मी के चाचा 45 वर्षीय ताराराम कहते हैं, 'लक्ष्मी बचपन से ही बहुत तेज-तर्रार थी. कोई चीज ठान ले तो ठान ले. कोई जबरदस्ती नहीं कर सकता.' लक्ष्मी के जीजा 25 वर्षीय भादाराम आगे का किस्सा सुनाते हैं, 'लक्ष्मी घर पर लड़ती रही, गुस्से में भूखी सोती रही और ससुराल वालों के चक्कर पर चक्कर लगते रहे. लेकिन तभी हमें पता चला कि राकेश का चाल-चलन भी ठीक नहीं है. वह कुछ कमाता नहीं, शराब पीता है और बुरी संगत में रहता है.' इससे पहले कि घरवाले कुछ और समझ पाते, पुलिस उनके घर पहुंच गई. तेजाराम कहते हैं, 'हम गरीब लोग हैं. कोरट-कचहरी, पुलिस-थाना हम क्या जानें.' घरवाले लक्ष्मी का साथ देना चाहते थे, लेकिन पुलिस और कचहरी के नाम से वे भी डर गए. फिर थाने में पेशी हुई. पुलिस ने सुलह कराने की कोशिश की. लक्ष्मी को डराया-धमकाया भी, लेकिन उसका फैसला नहीं बदला. राकेश का परिवार अपेक्षाकृत धनी था. उसके पिता ताराचंद ठेकेदारी करते थे. एक दिन वे बुलेरो गाड़ी में दो-चार लठैत लेकर लोणी पहुंच गए. उस दिन भी लक्ष्मी उसी आंगन में रोटियां सेंक रही थी और दरवाजा भी उसी ने खोला था. फिर पूरे गांव की पंचायत बैठी. अब क्या किया जाए. लड़की मर जाने को तैयार है, लेकिन ससुराल जाने को नहीं. लेकिन तभी गांव के एक अखबार वाले ने एक कागज पर लिखकर अनपढ़ लक्ष्मी को एक पता दिया. यह पता था जोधपुर के सारथी ट्रस्ट का, जिसकी संचालक कृति भारती की मदद से आखिरकार लक्ष्मी न्यायालय तक पहुंच पाई और कोर्ट ने अपने फैसले में उसके बाल विवाह को रद्द करार दिया. भारती कहती हैं, 'लक्ष्मी जब मेरे पास आई तो बहुत डरी हुई थी. उसे ससुराल ले जाने के लिए राकेश के घरवालों ने पुलिस से लेकर गुंडों तक का सहारा लिया. लेकिन यह उस लड़की की हिम्मत ही थी कि वह उनके आगे झुकी नहीं.' राकेश शुरू में इस फैसले को मानने के लिए तैयार नहीं था, लेकिन ट्रस्ट द्वारा काउंसिलिंग किए जाने के बाद आखिरकार नोटरी के सामने वह उस एफिडेविट पर साइन करने के लिए राजी हो गया, जिसके मुताबिक एक साल की उम्र में हुए बाल विवाह को रद्द करार दिया गया. यह घटना 24 अप्रैल, 2012 की है. कोर्ट के फैसले के तकरीबन एक साल बाद अब लक्ष्मी ने दोबारा ब्याह किया है अपनी पसंद के लड़के से. जोधपुर से 30 किमी दूर स्थित गांव रोहट निवासी महेंद्र सरगारा से लक्ष्मी की पहली मुलाकात अपने पड़ोसी के घर में हुई थी. दोनों ने एक-दूसरे को देखा, प्रेम में पड़ गए और अब शादी के बाद लक्ष्मी अपनी नई ससुराल में बहुत खुश है. महेंद्र दिहाड़ी मजदूर है, लेकिन लक्ष्मी से काम नहीं करवाना चाहता. वह कहता है, 'मैं लक्ष्मी से प्यार करता हूं और अपनी मेहनत से उसे हर तरह खुश रखना चाहता हूं.' लक्ष्मी भी सिर्फ हिम्मत ही नहीं, बल्कि आत्मसम्मान से छलकती हुई स्त्री है. उसका घर टूटा झोंपड़ा है तो क्या हुआ, उसके पिता और पति दिहाड़ी मजदूर हैं तो क्या हुआ, उसे बरदाश्त नहीं कि कोई उसे कमतर समझे या दबाए. कोई जर्नलिस्ट अगर झाडू लगाते हुए उसकी तस्वीर खींचना चाहता है तो वह बिदक जाती है. 'हम नहीं लगाएंगे झाडू, हमको नहीं खिंचवानी फोटो.' राजस्थान में बाल विवाह एक गंभीर समस्या है. गैर-कानूनी होने और राज्य सरकार द्वारा तमाम कोशिशों के बावजूद यह पूरी तरह खत्म नहीं हो पाई है. 1992 का चर्चित भंवरी देवी केस हमारे सामने है, जिन्हें अपने गांव में हो रहे बाल विवाह को रोकने के जुर्म में ऊंची जाति के लोगों के सामूहिक बलात्कार का शिकार होना पड़ा था. लेकिन उम्मीद की जानी चाहिए कि अब शिक्षा से स्थिति में थोड़ा सुधार आया है. तभी तो लोणी और रोहट से लेकर पूरे राजस्थान में बाल विवाह की शिकार और फिर अनचाहे पति के साथ जीवन बिताने को मजबूर लड़कियों के लिए लक्ष्मी एक मिसाल बन गई है. रोहट की सरपंच 25 वर्षीया विमला पटेल कहती हैं, 'लक्ष्मी हमारे गांव की लड़कियों के लिए प्रेरणास्रोत है. लक्ष्मी को देखकर कई लड़कियां ससुराल जाने से इनकार कर रही हैं.' खुद लक्ष्मी के परिवार को भी इस घटना से सबक मिला है. ताराराम कहते हैं, 'हमें समझ में आ गया है कि बाल विवाह कितना गलत है. अब हम अपने किसी बच्चे की बचपन में शादी नहीं करेंगे.' राजस्थान की महिला एवं बाल विकास मंत्री बीना काक भी अभिभूत हैं. वे कहती हैं, 'लक्ष्मी से राजस्थान की बहुत सारी लड़कियों को प्रेरणा मिलेगी. वह बहादुरी की मिसाल है.' लक्ष्मी से प्रेरित होकर 23 फरवरी को जोधपुर की दो लड़कियों 18 वर्षीया तरुणा और 15 वर्षीया भारती ने भी अपना बाल विवाह निरस्त करवाने के लिए याचिका दायर की है. भारती कहती हैं, 'हमारे पास आने वाली ऐसी लड़कियों की संख्या बढ़ गई है, जो अपने बाल विवाह को रद्द करवाना चाहती हैं.' मनो-चिकित्सक सुधीर कक्कड़ हंसते हुए कहते हैं, 'परंपरावादी लोग कहेंगे कि यह सब लड़कियों को पढ़ाने का नतीजा है. चार अक्षर पढ़कर चुनौती देने लगी हैं. लेकिन यही सच है. कानून बनाकर बाल विवाह को नहीं रोका जा सकता, लेकिन लड़कियों को शिक्षा देकर उसे रद्द जरूर करवाया जा सकता है.'
बंबई हाई कोर्ट ने बहुचर्चित आरूषि तलवार मर्डर मिस्ट्री पर आधारित बॉलीवुड फिल्म ‘रहस्य’ की रिलीज पर 13 जून तक के लिए रोक लगा दी लेकिन निर्माताओं को इस फिल्म के प्रोमो बनाने से रोकने से इनकार कर दिया. जस्टिस वीएम कनाडे और जस्टिस अनिल मेनन ने शुक्रवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्माताओं को फिल्म के प्रोमो बनाने या इसके प्रचार पर रोक लगाने से इनकार कर दिया क्योंकि इस राहत के लिए पहली नजर में कोई मामला नहीं बनता है. हालांकि, जजों ने कहा कि वे अंतिम सुनवाई के लिए इस याचिका को रख रहे हैं और फिल्म की रिलीज पर फैसला 13 जून को किया जाएगा. बेटी आरूषि की हत्या के मामले में उसके माता-पिता नूपुर और राजेश तलवार को दोषी ठहराया गया है और वे फिलहाल जेल में सजा काट रहे हैं. आरोपी दंपति ने हाई कोर्ट से इस फिल्म की रिलीज पर प्रतिबंध की मांग करते हुए कहा था कि यह फिल्म उनकी बेटी की हत्या के बारे में ‘तोड़ मरोड़ कर’ पेश किए गए तथ्यों पर आधारित है. निर्देशक मनीष गुप्ता और निर्माता वाईवीआई फिल्म्स प्रोडक्शन लिमिटेड की ओर से वकील अतुल दामले ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि फिल्म 13 जून को याचिका की सुनवाई की अंतिम तारीख तक रिलीज नहीं की जाएगी. वकील ने कोर्ट को यह भी आश्वासन दिया कि प्रोमो और विज्ञापन में वे यह बात लिखेंगे कि फिल्म काल्पनिक है और उसका किसी जीवित या मृत व्यक्ति कोई संबंध नहीं है.
हालाँकि मूल पायलट को नहीं उठाया गया था, इसके रचनाकारों को इसे फिर से तैयार करने और दूसरा पायलट तैयार करने का अवसर दिया गया था। वे शेष कलाकारों को लेकर आए और शो को उसके अंतिम प्रारूप में फिर से तैयार किया। केटी की जगह पेनी (कैली कुओको) ने ले ली। मूल अप्रसारित पायलट को कभी भी आधिकारिक तौर पर जारी नहीं किया गया, लेकिन यह इंटरनेट पर प्रसारित हो गया है। शो के विकास पर चक लॉरे ने कहा, "हमने लगभग ढाई साल पहले 'बिग बैंग पायलट' किया था, और यह बेकार था... लेकिन दो उल्लेखनीय चीजें थीं जो पूरी तरह से काम करती थीं, और वह थे जॉनी और जिम . हमने उस चीज़ को पूरी तरह से फिर से लिखा और फिर हमें कैली और साइमन और कुणाल का आशीर्वाद मिला।" यह पूछे जाने पर कि क्या दुनिया भविष्य में किसी डीवीडी रिलीज पर मूल पायलट को देख पाएगी, लॉरे ने कहा, "वाह, यह कुछ होगा। हम देखेंगे। अपनी विफलताएं दिखाएं..." द बिग बैंग थ्योरी के पहले और दूसरे पायलट थे जेम्स बरोज़ द्वारा निर्देशित, जिन्होंने शो जारी नहीं रखा। 14 मई, 2007 को सीबीएस द्वारा दोबारा तैयार किए गए दूसरे पायलट के कारण 13-एपिसोड का ऑर्डर मिला। सीबीएस पर प्रसारित होने से पहले, पायलट एपिसोड आईट्यून्स पर निःशुल्क वितरित किया गया था। इस शो का प्रीमियर 24 सितंबर, 2007 को हुआ और इसे 19 अक्टूबर, 2007 को पूरे 22-एपिसोड सीज़न के लिए चुना गया। शो को लाइव दर्शकों के सामने फिल्माया गया है, और वार्नर ब्रदर्स टेलीविज़न और चक लॉरे प्रोडक्शंस द्वारा निर्मित है। राइटर्स गिल्ड ऑफ अमेरिका की हड़ताल के कारण 6 नवंबर 2007 को उत्पादन रोक दिया गया था। लगभग तीन महीने बाद, 4 फरवरी, 2008 को, श्रृंखला को अस्थायी रूप से एक अल्पकालिक सिटकॉम, वेलकम टू द कैप्टन से बदल दिया गया। श्रृंखला 17 मार्च 2008 को पहले के समय स्लॉट में वापस आई और अंततः पहले सीज़न के लिए केवल 17 एपिसोड का निर्माण किया गया। हड़ताल समाप्त होने के बाद, शो को दूसरे सीज़न के लिए चुना गया, 2008-2009 सीज़न में प्रसारित किया गया, जिसका प्रीमियर हुआ 22 सितंबर, 2008 को उसी समय स्लॉट में। बढ़ती रेटिंग के साथ, शो को 2009 में 2010-11 सीज़न के दौरान दो साल का नवीनीकरण मिला। 2011 में, शो को तीन और सीज़न के लिए चुना गया था। मार्च 2014 में, शो को 2016-17 सीज़न के माध्यम से तीन और वर्षों के लिए फिर से नवीनीकृत किया गया। यह दूसरी बार है जब श्रृंखला को तीन साल का नवीनीकरण प्राप्त हुआ। मार्च 2017 में, श्रृंखला को दो अतिरिक्त सीज़न के लिए नवीनीकृत किया गया, जिससे इसकी कुल संख्या 12 हो गई, और 2018-19 टेलीविज़न सीज़न तक चली। द बिग बैंग थ्योरी के कई अभिनेताओं ने पहले सिटकॉम रोसेन में एक साथ काम किया था, जिसमें जॉनी गेल्की भी शामिल थे। सारा गिल्बर्ट, लॉरी मेटकाफ (जो शेल्डन की मां, मैरी कूपर की भूमिका निभाती हैं), और मेगन फे (जो बर्नाडेट की मां की भूमिका निभाती हैं)। इसके अतिरिक्त, लॉरे कई सीज़न तक श्रृंखला के लेखक थे।
भ्रष्टाचार मामलों की जांच के लिये जेपीसी के गठन की विपक्ष की मांग के पलटवार के रूप में कांग्रेस द्वारा बी. एस येदियुरप्पा का इस्तीफा मांगे जाने पर भाजपा ने आज कहा कि अगर किसी अधिकृत रिपोर्ट में कर्नाटक के मुख्यमंत्री दोषी पाये जाते हैं तो पार्टी उचित फैसला करेगी. राज्यसभा में भाजपा के उप नेता एस एस अहलूवालिया ने यहां संवाददाताओं से कहा कि 2-जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में आयी कैग की रिपोर्ट में आवंटन प्रक्रिया के कारण सरकार को 1.76 लाख करोड़ का नुकसान होने की बात कही गयी है. उन्होंने कहा कि इसी तरह आदर्श आवासीय सोसायटी घोटाला मामले में रक्षा मंत्रालय की जमीन पर तमाम नियमों का उल्लंघन कर बहुमंजिला इमारत खड़ी करने की बात उजागर हुई है और रक्षा मंत्री इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की खुद सिफारिश भी कर चुके हैं. वहीं, राष्ट्रमंडल खेलों में अनियमितताएं होने का जिक्र भी कैग की रिपोर्ट में है. भाजपा नेता ने कहा कि इन्हीं तथ्यों के कारण भाजपा ने इन मामलों की जेपीसी से जांच कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इन मामलों के विपरीत अवैध खनन मामले में येदियुरप्पा को अभी किसी अधिकृत रिपोर्ट में दोषी नहीं ठहराया गया है. राज्य में लोकपाल की जांच चल रही है. लोकपाल की रिपोर्ट या किसी अन्य अधिकृत रिपोर्ट में अगर येदियुरप्पा को दोषी ठहराया जाता है तो पार्टी उचित फैसला करेगी. भाजपा नेता से यह पूछा गया था कि जब पार्टी महाराष्ट्र के आदर्श आवासीय सोसायटी घोटाला मामले की जांच के लिये जेपीसी का गठन करने की मांग कर रही है तो क्या वह कर्नाटक के अवैध खनन मामलों के लिये भी जेपीसी गठित करने पर सहमत होगी.
दिल्ली से सटे यूपी के नोएडा में पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान बदमाशों के एक गिरोह को धर दबोचा. जिसमें चार शातिर बदमाश शामिल हैं. हालांकि गिरोह का सरगना अभी फरार है. इनके पास से पुलिस ने अवैध हथियार, बाइक और कुछ नगदी बरामद की है. पुलिस के मुताबिक कुछ दिन पहले इन बदमाशों ने एक बड़ी लूट की वारदात को अंजाम दिया था. नोएडा के एक्सप्रेस वे पर पुलिस वाहनों की चेकिंग कर रही थी. उसी दौरान पुलिस ने चार बदमाशों को धर दबोचा. आरोपियों की पहचान राकेश, नरेश, सचिन और विवेक के रूप में हुई है. इनके गिरोह का सरगना रिजवान है. हालांकि रिजवान अभी फरार है. यह गिरोह कई बड़ी लूटपाट को अंजाम दे चुका है. पूछताछ में आरोपियों ने कई जुर्म कबूले हैं. बीते मई महीने में आरोपियों ने एक्सप्रेस-वे पर एक कलेक्शन एजेंट अमरपाल सिंह से 14 की लूट की थी. जिसके बाद 10 सितंबर में एक प्राइवेट कपंनी एचसीएल के सुपरवाइजर से मोबाइल, एटीएम कार्ड और लगभग डेढ़ लाख रुपए लूटे थे. पुलिस काफी समय से इस गिरोह की तलाश में दबिश दे रही थी. पुलिस के मुताबिक, आरोपी पहले भी कई वारदातों में लिप्त रहे हैं. पूछताछ के दौरान आरोपियों ने अपने कई जुर्म कबूल भी किए हैं. इनके पास से पुलिस ने अवैध हथियार, एक बाइक और लगभग 2 लाख रुपए बरामद किए हैं. फिलहाल केस दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है.
अवेंजर्स मार्वल कॉमिक्स द्वारा प्रकाशित अमेरिकी कॉमिक पुस्तकों में प्रदर्शित एक काल्पनिक सुपरहीरो टीम है। यह टीम पहली बार अवेंजर्स #१ (कवर-दिनांक सितम्बर १९६३) में दिखाई दी, जो लेखक-संपादक स्टैन ली और कलाकार/सहयोगी जैक किर्बी द्वारा बनाई गई थी। अवेंजर्स ली और किर्बी की पिछली सुपर हीरो टीम, ऑल-विनर्स स्क्वाड का नवीकरण है, जो मार्वल कॉमिक्स की पूर्ववर्ती कॉमिक किताब, टाइमली कॉमिक्स में प्रकाशित हुईं थी। "अर्थ्स माइटिएस्ट सुपरहीरोज़" (पृथ्वी के सबसे महान नायक) लेबल वाली इस टीम के संस्थापक सदस्य ऐंट-मैन, हल्क, आयरन मैन, थॉर, और वास्प थे। ऐंट-मैन इश्यू #२ द्वारा जायंट मैन बन गया था। इश्यू #४ में बर्फ में फंसे कैप्टन अमेरिका की खोज की गई, और फिर पुनर्जीवित होने के बाद वह इस समूह में शामिल हो गया। "अवेंजर्स अस्सेम्ब्ल!" के युद्धघोष के लिए प्रसिद्ध इस टीम में मनुष्य, म्यूटेंट, अमानुष, एंड्राइड, एलियंस, अलौकिक प्राणी, और यहां तक ​​कि पूर्व खलनायक भी शामिल किये जा चुके हैं। यह टीम कॉमिक पुस्तकों के बाहर भी कई तरह की माध्यमों में प्रकाशित हुई है, जिसमें कई एनिमेटेड टेलीविज़न श्रृंखलाएं और वीडियो फिल्में शामिल हैं। जोस विडन द्वारा निर्देशित २०१२ की लाइव एक्शन फीचर फिल्म द अवेंजर्स ने बॉक्स ऑफिस पर कई रिकॉर्ड सेट करे थे, जिसमें से एक २०७.४ मिलियन डॉलर की सप्ताहांत कमाई के साथ उत्तरी अमेरिका में सबसे बड़ी शुरुआत था। अवेंजर्स पर आधारित दूसरी फिल्म, अवेंजर्स: एज ऑफ़ अल्ट्रॉन १ मई २०१५ को जारी की गई, और इसके बाद ४ मई २०१८ को अवेंजर्स: इन्फिनिटी वॉर और ३ मई २०१९ में इसी कड़ी की एक अज्ञात फिल्म रिलीज़ किया जाना निर्धारित है। इन्हें भी देखें अवेंजर्स के सदस्यों की सूची मार्वल कॉमिक्स सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ Avengers at the Superhero Database Avengers Comic Book Sales History—Sales figures from 1966–present MDP:Avengers—Marvel Database Project (wiki) Avengers Assemble!—Archives and Database The Avengers at Don Markstein's Toonopedia. Archived from the original on April 7, 2012. कॉमिक्स के पात्र
कांग्रेस महासचिव गुरुदास कामत ने सोमवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कहा कि वह पार्टी से रिटायर हो रहे हैं. इसके बाद उन्होंने पार्टी सदस्यों के नाम एक भावुक खत भी लिखा. 44 साल से कांग्रेस में थे कामत कामत ने खत में लिखा कि बीते 44 साल से आप सबके साथ मिलकर मैंने कांग्रेस की सेवा की. बीते कुछ महीनों से मैं ऐसा महसूस कर रहा हूं कि मुझे पीछे आकर दूसरों के लिए मौका छोड़ना चाहिए. दस दिन पहले पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर मैंने उन्हें अपने विचारों से अवगत करा दिया था. सोनिया-राहुल ने नहीं दिया खत का जवाब कामत ने लिखा कि मैंने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को खत लिखकर भी पार्टी छोड़ने के अपने विचारों के बारे में बता दिया था. अभी तक उसका कोई जवाब नहीं आया है. मैं राजनीति से रिटायर होना चाहता हूं. मैं पार्टी के हरेक मेंबर को साथ देने के लिए शुक्रिया कहता हूं. बीजेपी के किरीट सोमैया के सामने मिली हार गौरतलब है कि आठवीं, दसवीं, बारहवीं और पंद्रहवीं लोकसभा के सदस्य चुने गए गुरुदास कामत कांग्रेस के सीनियर नेताओं में एक रहे हैं. 2014 लोकसभा चुनाव में उन्हें बीजेपी के किरीट सोमैया के सामने हार का सामना करना पड़ा. इससे पहले यूपीए सरकार में उन्होंने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को निभाया था.
ISO 9000 गुणवत्ता प्रबंधन प्रणालियों के मानकों का एक वर्ग है। ISO 9000 की देखभाल ISO, अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन द्वारा की जाती है और मान्यता एवं प्रमाणन निकायों द्वारा इसका प्रबंधन किया जाता है। समय के साथ आवश्यकताओं से प्रेरित परिवर्तनों के अनुसार नियमों का अद्यतन किया जाता है। ISO 9001:2008 (जो ISO 9000 वर्ग के मानकों में से एक है) की आवश्यकताओं में से कुछ जो शामिल हैं कार्यप्रणालियों का एक सेट जिसमें व्यवसाय की सभी प्रमुख प्रक्रियाएं समाविष्ट हो; यह सुनिश्चित करने के लिए प्रक्रियाओं पर निगरानी रखना कि वे प्रभावी हैं; पर्याप्त रिकॉर्ड रखना; जहां आवश्यक हो, उपयुक्त और सुधारात्मक कार्यवाही के साथ दोषों के लिए उत्पादन की जांच करना; प्रभावशीलता के लिए नियमित रूप से व्यक्तिगत प्रक्रियाओं और गुणवत्ता प्रणाली की समीक्षा करना; और निरंतर सुधार की सुविधा प्रदान करना एक कंपनी या संगठन, जिसका ISO 9001 के अनुरूप काम करने के लिए स्वतंत्र रूप से लेखा-परीक्षण और प्रमाणन किया जा चुका है, सार्वजनिक रूप से स्पष्ट कर सकता है कि यह "ISO 9001 प्रमाणित" या "ISO 9001 पंजीकृत" है। एक ISO 9001 मानक का प्रमाणन अंतिम रूप से उत्पादों और सेवाओं की किसी भी गुणवत्ता की गारंटी नहीं देता है; बल्कि, यह प्रमाणित करता है कि औपचारिक व्यावसायिक प्रक्रियाओं को लागू किया जा रहा है। विपणन विभाग सार्वजनिक भ्रम और ISO 9000 सम्बन्धी अज्ञानता का फायदा उठाते हैं। उत्कृष्ट माल और सेवाएं अपने ISO 9000 दर्जे की घोषणा करते हैं। अधिकांश उपभोक्ताओं को लगता है कि ISO 9000 ISO 9001 के समान ही है। हालांकि मानकों की उत्पत्ति विनिर्माण में हुई है, लेकिन उन्हें अब कई प्रकार के संगठनों में नियोजित किया जाता है। ISO की शब्दावली में एक "उत्पाद" का अर्थ एक एक भौतिक वस्तु, सेवाएं, या सॉफ्टवेयर हो सकता है। गुणवत्ता एक "संस्कृति" है - ISO 9001 की "गुणवत्ता" एक प्राप्त करने योग्य महत्वपूर्ण प्रत्यायन है, यह साझा किए गए सूचना से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए भी आवश्यक है ताकि व्यवसाय की संस्कृति गुणवत्ता की संस्कृति के सन्निहित होने की बात को सुनिश्चित कर सके ISO 9001 की विषय-वस्तु ISO 9001:2008 गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली — आवश्यकताएं लगभग 30 पृष्ठों का एक प्रलेख है जो प्रत्येक देश के राष्ट्रीय मानक संगठन से उपलब्ध है। रूपरेखा की विषय-वस्तु निम्नानुसार हैं: पृष्ठ iv: प्राक्कथन पृष्ठ v से vii तक: अनुभाग 0 परिचय पृष्ठ 1 से 14: आवश्यकताएं अनुभाग 1: कार्यक्षेत्र अनुभाग 2: निर्देशात्मक संदर्भ अनुभाग 3: नियम एवं परिभाषाएं (ISO 9001 के लिए विशिष्ट, ISO 9000 में निर्दिष्ट नहीं) पृष्ठ 2 से 14 132 1 अनुभाग 4: गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली अनुभाग 5: प्रबंधन दायित्व अनुभाग 6: संसाधन प्रबंधन अनुभाग 7: उत्पाद साकार अनुभाग 8: माप, विश्लेषण और सुधार प्रभावी रूप से, उपयोगकर्ताओं को 1 से 8 तक लिए सभी अनुभागों को संबोधित करने की आवश्यकता है, लेकिन एक QMS के भीतर केवल 4 से 8 तक लागू करने की आवश्यकता है। पृष्ठ 15 से 22: ISO 9001 और अन्य मानकों के बीच पत्राचार की सारणियां पृष्ठ 23: ग्रंथ-सूची मानक छह अनिवार्य प्रलेखों को निर्दिष्ट करता है: प्रलेखों का नियंत्रण (4.2.3) अभिलेखों का नियंत्रण (4.2.4) आंतरिक लेखा-परीक्षण (8.2.2) गैर-समनुरूप उत्पाद/सेवा का नियंत्रण (8.3) सुधारात्मक कार्यवाही (8.5.2) निवारक कार्यवाही (8.5.3) इनके अलावा, ISO 9001:2008 के लिए एक गुणवत्ता नीति और गुणवत्ता पुस्तिका की आवश्यकता है (जिसमें उपर्युक्त प्रलेख शामिल हो भी सकते हैं या नहीं भी). अनौपचारिक भाषा में ISO 9001:2008 का सारांश गुणवत्ता की नीति प्रबंधन का एक औपचारिक वक्तव्य है, जो व्यवसाय और विपणन की योजना और ग्राहकों की आवश्यकताओं से निकटता से जुड़ा हुआ है। गुणवत्ता नीति को सभी स्तरों पर और सभी कर्मचारियों के द्वारा समझा और उसका पालन किया जाता है। प्रत्येक कर्मचारी को इस दिशा में काम करने के लिए परिमेय उद्देश्यों की आवश्यकता है। गुणवत्ता प्रणाली के बारे में निर्णय दर्ज आंकड़ों के आधार पर किया जाता है और अनुरूपण और प्रभावशीलता के लिए प्रणाली का नियमित रूप से लेखा-परीक्षण और मूल्यांकन किया जाता है। उत्पादों और समस्याओं के स्रोत का पता लगाने के लिए अभिलेखों को यह दिखाना चाहिए कि कच्चे माल और उत्पादों को कैसे और कहां संसाधित किया गया था। आपको उत्पाद सूचना, पूछताछ, अनुबंध, आदेश, प्रतिपुष्टि और शिकायतों के बारे में ग्राहकों की आवश्यकताओं का निर्धारण और ग्राहकों के साथ संचार करने के लिए प्रणाली बनाने की आवश्यकता है। नए उत्पादों के विकास के समय, आपको विकास के चरणों की योजना बनाने की आवश्यकता है और साथ ही साथ प्रत्येक चरण में उपयुक्त परीक्षण करने की आवश्यकता है। आपको इस बात का परीक्षण और प्रलेख तैयार करने की आवश्यकता है कि उत्पाद डिजाइन की आवश्यकताओं, नियामक आवश्यकताओं और उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं को पूरा करता है या नहीं. आपको आंतरिक लेखा-परीक्षण और बैठकों के माध्यम से नियमित रूप से निष्पाद की समीक्षा करने की आवश्यकता है। निर्धारित करें कि गुणवत्ता प्रणाली काम कर रही है या नहीं और उनमे कौन-कौन से सुधार किए जा सकते हैं। पिछली समस्याओं और संभावित समस्याओं से निपटें. इन गतिविधियों और परिणामी निर्णयों का रिकॉर्ड रखें और उनकी प्रभावशीलता पर नज़र रखें (ध्यान दें: आंतरिक लेखा-परीक्षण के लिए आपकों एक प्रलेखित कार्यप्रणाली की आवश्यकता है). वास्तविक और संभावित गैर-अनुरूपण समस्याओं (समस्याएं जो आपूर्तिकर्ताओं या ग्राहकों से जुड़े हो, या आंतरिक समस्याएं) से निपटने के लिए आपको प्रलेखित कार्यप्रणालियों की आवश्यकता है। सुनिश्चित करें कि कोई भी व्यक्ति ख़राब उत्पाद का प्रयोग न करें, निर्धारित करें कि ख़राब उत्पाद का क्या करना है, प्रणाली में सुधार लाने के लिए अभिलेखों की मांग करके और उन्हें एक उपकरण के रूप में प्रयोग करके समस्या के मूल कारण से निपटें. गुणवत्ता प्रणाली पुस्तिका-आर. अदनान त्राई सुबियांतो 15/11/08 को संशोधित ISO 9001:2008 विषय-वस्तुओं की सारणी विषय-वस्तु पृष्ठ 1.0 कार्यक्षेत्र 3 2.0 निर्देशात्मक संदर्भ 3 3.0 नियम एवं परिभाषाएं 3 4.0 गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली 3 4.1 सामान्य 3 4.2 प्रलेखीकरण 3 5.0 प्रबंधन दायित्व 4 5.1 प्रबंधन प्रतिबद्धता 4 5.2 ग्राहक संकेंद्रित 5 5.3 गुणवत्ता नीति 5 5.4 योजना – गुणवत्ता उद्देश्य 5 5.5 उत्तरदायित्व, अधिकार और संचार 5 5.6 प्रबंधन समीक्षा 6 6.0 संसाधन प्रबंधन 6 6.1 संसाधनों के प्रावधान 6 6.2 मानव संसाधन 6 6.3 आधारभूत संरचना 7 6.4 काम का वातावरण 7 7.0 उत्पाद प्रस्तुति 7 7.1 उत्पाद प्रस्तुति की योजना 7 7.2 ग्राहक से संबंधित प्रक्रियाएं 7 7.3 डिजाइन और विकास 8 7.4 खरीद 8 7.5 उत्पादन और सेवा प्रावधान 9 7.6 मापने और निगरानी के उपकरणों का नियंत्रण 10 8.0 माप, विश्लेषण और सुधार 10 8.1 सामान्य 10 8.2 निगरानी और माप 10 8.3 गैर-समनुरूपक उत्पाद का नियंत्रण 11 8.4 आंकड़ों का विश्लेषण 11 8.5 सुधार 12 1.0 कार्यक्षेत्र (कार्यक्षेत्र यहां डालें) (कंपनी नाम) ने इस गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली को विकसित और कार्यान्वित किया है ताकि यह निरंतर उत्पाद प्रदान करने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर सके जो ग्राहक और वैधानिक एवं नियामक आवश्यकताओं को पूरा करता हो और इसे विकसित और कार्यान्वित करने का एक और उद्देश्य है और वह यह है कि प्रणाली के प्रभावशाली अनुप्रयोग के माध्यम से ग्राहक की संतुष्टि का पता लग सके और जिसमें निरंतर सुधार और अवज्ञा की रोकथाम भी शामिल हो. (कंपनी नाम) ने (कंपनी नाम) की प्रकृति और उत्पादों के कारण ISO 9001:2008 की प्रयोजनीय आवश्यकताओं से अनुभाग 7.3 डिजाइन और विकास को निकाल दिया है। सभी प्रमुख उत्पाद विशेषताओं को ग्राहकों या उनके सलाहकारों द्वारा निर्दिष्ट किया जाता है। यह बहिष्करण ग्राहक और प्रयोजनीय वैधानिक एवं नियामक आवश्यकताओं को पूरा करने वाले उत्पाद को प्रदान करने की (कंपनी नाम) की क्षमता, या दायित्व को प्रभावित नहीं करता है। 2.0 निर्देशात्मक संदर्भ निम्नलिखित निर्देशात्मक प्रलेख में वे प्रावधान शामिल हैं जो इस पाठ के संदर्भ के माध्यम से ISO 9001:2008 के प्रावधानों का गठन करता है। दिनांक सन्दर्भों के लिए, अनुवर्ती संशोधन, या परिशोधन, इनमें से कोई भी प्रकाशन लागू नहीं है। हालांकि, ISO 9001:2008 के आधार पर समझौता करने वाले पक्षों को नीचे दर्शाए गए निर्देशात्मक प्रलेख के सबसे हाल के संस्करण को लागू करने की सम्भावना की जांच करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। अदिनांकित सन्दर्भों के लिए, निर्देशात्मक प्रलेख के नवीनतम संस्करण को लागू करने के लिए संदर्भित किया जाता है। ISO 9000: 2005 गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली, मूल-सिद्धांत और शब्दावली. 3.0 नियम एवं परिभाषाएं "आपूर्तिकर्ता" एवं "विक्रेता" समानार्थक हैं और (कंपनी नाम) द्वारा ख़रीदे गए उत्पादों को प्राप्त करने के लिए प्रयोग किए गए बाहरी स्रोत को संदर्भित करते हैं। 4.0 गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली 4.1 सामान्य आवश्यकताएं (कंपनी नाम) एक गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली का प्रलेखन, कार्यान्वयन और रखरखाव करता है और ISO 9001:2008 अंतर्राष्ट्रीय मानक की आवश्यकताओं के अनुसार अपनी प्रभावशीलता में निरंतर सुधार करता है। (कंपनी नाम): a) पूरे (कंपनी नाम) में गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली और उनके अनुप्रयोग के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं को निर्धारित करता है, b) इन प्रक्रियाओं के क्रम और संपर्क को निर्धारित करता है, c) इन प्रक्रियाओं का परिचालन और नियंत्रण दोनों प्रभावी हैं, यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक मानदंड और विधियों को निर्धारित करता है, d) इन प्रक्रियाओं का परिचालन और निगरानी में सहायता प्रदान करने के लिए आवश्यक संसाधनों और सूचना की उपलब्धता को सुनिश्चित करता है, e) इन प्रक्रियाओं की निगरानी करता है, जहां लागू हो वहां इनकी माप करता है और विश्लेषण करता है और f) इन प्रक्रियाओं के योजनाबद्ध परिणामों को प्राप्त करने और निरंतर सुधार करने के लिए आवश्यक कार्रवाइयों को लागू करता है। इन प्रक्रियाओं का प्रबंधन ISO 9001:2008 अंतर्राष्ट्रीय मानक की आवश्यकताओं के अनुसार (कंपनी नाम) द्वारा किया जाता है। जहां (कंपनी नाम) किसी प्रक्रिया को आउटसोर्स करने का चयन करता है जो आवश्यकताओं के अनुरूप उत्पाद को प्रभावित करता हो, वहां (कंपनी नाम) ऐसी प्रक्रियाओं पर नियंत्रण को सुनिश्चित करता है। आउटसोर्स की जाने वाली ऐसी प्रक्रियाओं के निर्यंत्रण के प्रकार और हद को गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली के भीतर पहचाना जाता है। ध्यान दें: उपर्युक्त उल्लिखित गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं में प्रबंधन गतिविधियों, संसाधनों के प्रावधान, उत्पाद प्रस्तुति, माप, विश्लेषण और सुधार की प्रक्रियाएं अंतर्भुक्त हैं। 4.2 प्रलेखन की आवश्यकताएं 4.2.1 सामान्य गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली प्रलेखीकरण में शामिल हैं: a) गुणवत्ता नीति और गुणवत्ता उद्देश्यों के प्रलेखित कथन, b) एक गुणवत्ता पुस्तिका, c) ISO 9001:2008 अंतर्राष्ट्रीय मानक द्वारा अपेक्षित प्रलेखित कार्यप्रणालियां एवं अभिलेख, d) (कंपनी नाम) द्वारा निर्धारित अभिलेखों सहित प्रलेख, जो इसकी प्रक्रियाओं की प्रभावी योजना, परिचालन और नियंत्रण के लिए आवश्यक हो ध्यान दें 1: जहां शब्द "प्रलेखित कार्यप्रणाली" ISO 9001:2008 अंतर्राष्ट्रीय मानक भीतर दिखाई देता है, उसका अर्थ है कि एक कार्यप्रणाली को स्थापित, प्रलेखित, कार्यान्वित और संपोषित किया गया है। ध्यान दें 2: प्रलेखीकरण माध्यम के किसी भी रूप या प्रकार में हो सकता है। 4.2.2 गुणवत्ता पुस्तिका (कंपनी नाम) एक ऐसी गुणवत्ता पुस्तिका की स्थापना करता है और उसका रखरखाव करता है जिसमें शामिल हैं a) किसी भी बहिष्करण के विवरणों और उसके औचित्य सहित गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली का कार्यक्षेत्र, b) गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली के लिए, या उनके सन्दर्भ में, स्थापित की गई प्रलेखित कार्यप्रणालियां और c) गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली की प्रक्रियाओं के बीच बातचीत का एक विवरण. 4.2.3 प्रलेखों का नियंत्रण गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली के लिए आवश्यक प्रलेखों को नियंत्रित किया जाता है। गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली के लिए आवश्यक अभिलेखों को 4.2.4 में दी गई आवश्यकताओं के अनुसार नियंत्रित किया जाता है। निम्नलिखित बातों के लिए आवश्यक नियंत्रणों को परिभाषित करने के लिए एक प्रलेखित कार्यप्रणाली की स्थापना की जाती है: a) जारी करने से पहले पर्याप्तता के लिए प्रलेखों को अनुमोदित करना, b) प्रलेखों की समीक्षा करना और आवश्यकतानुसार अद्यतित करना और फिर से अनुमोदित करना, c) यह सुनिश्चित करना कि परिवर्तन और प्रलेखों की वर्तमान संशोधन स्थिति की पहचान हो गई है, d) यह सुनिश्चित करना कि प्रयोजनीय प्रलेखों प्रासंगिक संस्करण प्रयोग स्थल पर उपलब्ध हैं, e) यह सुनिश्चित करना कि प्रलेख सुपाठ्य और सहज रूप से पहचान योग्य स्थिति में हैं, f) यह सुनिश्चित करना कि गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली के योजना-निर्माण और परिचालन के लिए आवश्यक बनाने के लिए संगठन द्वारा निर्धारित बाहरी मूल के प्रलेखों की पहचान हो गई है और उनके वितरण पर नियंत्रण प्राप्त कर लिया गया है और g) अप्रचलित प्रलेखों के अनपेक्षित उपयोग को रोकना और यदि उन्हें किसी उद्देश्य के लिए रखा जाता है तो उनके लिए उपयुक्त पहचान लागू करना. सहायक प्रलेखन QOP-42-01 प्रलेखों का नियंत्रण 4.2.4 अभिलेखों का नियंत्रण आवश्यकताओं की अनुरूपता के प्रमाण उपलब्ध कराने और या गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली के प्रभावी परिचालन की व्यवस्था करने के लिए स्थापित अभिलेखों को नियंत्रित किया जाएगा. (कंपनी नाम) अभिलेखों की पहचान, भंडारण, संरक्षण, पुनर्प्राप्ति, अवधारण समय और स्वभाव के लिए आवश्यक नियंत्रणों को परिभाषित करने के लिए एक प्रलेखित कार्यप्रणाली की स्थापना करेगा. अभिलेख सुपाठ्य, आसानी से पहचान और पुनर्प्राप्ति योग्य स्थिति में रहेंगे. सहायक प्रलेखन QOP-42-02 अभिलेखों का नियंत्रण 5.0 प्रबंधन का उत्तरदायित्व 5.1 प्रबंधन की प्रतिबद्धता शीर्ष प्रबंधन गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली के विकास और कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध होता है और इसकी प्रभावशीलता में निम्न तरीके से निरंतर सुधार करता है: a) ग्राहक के साथ-साथ वैधानिक और नियामक आवश्यकताओं को पूरा करने के महत्त्व के बारे में (कंपनी नाम) को सूचित करके, b) एक गुणवत्ता नीति की स्थापना करके, c) गुणवत्ता के उद्देश्यों की स्थापना करके, d) प्रबंधन की समीक्षाओं की व्यवस्था करके और e) संसाधनों की उपलब्धता को सुनिश्चित करके. 5.2 ग्राहक संकेंद्रित शीर्ष प्रबंधन सुनिश्चित करता है कि ग्राहकों की आवश्यकताओं का निर्धारण हो गया है और ग्राहकों की संतुष्टि बढ़ाने के उद्देश्य के साथ इन आवश्यकताओं को पूरा कर दिया गया है। (7.2.1 और 8.2.1 देखें) 5.3 गुणवत्ता नीति "(कंपनी नाम) हमारी गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली के कार्यान्वयन और निरंतर सुधार के माध्यम से ग्राहक की बढ़ती उम्मीदों के लिए प्रतिबद्ध है। पूर्ण ग्राहक संतुष्टि ही उम्मीद है और एक प्रतिस्पर्धी मूल्य पर, समय पर, एक बेहतर उत्पाद की आपूर्ति के माध्यम से प्राप्त किया जाएगा." शीर्ष प्रबंधन सुनिश्चित करता है कि गुणवत्ता नीति a) गुणवत्ता नीति के प्रयोजन के लिए उपयुक्त है, b) गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली की आवश्यकताओं का अनुपालन करने और निरंतर प्रभावशीलता में सुधार करने की प्रतिबद्धता शामिल है, c) गुणवत्ता के उद्देश्यों की स्थापना और समीक्षा करने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करती है, d) को (कंपनी नाम) के भीतर संचारित और समझा गया है और e) की समीक्षा उपयुक्तता को जारी रखने के लिए की गई है। 5.4 योजना-निर्माण 5.4.1 गुणवत्ता के उद्देश्य शीर्ष प्रबंधन सुनिश्चित करता है कि गुणवत्ता के उद्देश्यों को (कंपनी नाम) के भीतर प्रासंगिक कृत्यों और स्तरों में स्थापित किया जाता है जिनमें वे उद्देश्य भी शामिल हैं जो उत्पाद की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आवश्यक हैं [7.1 a देखें]. गुणवत्ता के उद्देश्य परिमेय और गुणवत्ता नीति के अनुरूप हैं। 1. प्रभावी संचार और ग्राहकों की आवश्यकताओं की समीक्षा द्वारा ग्राहकों की अपेक्षाओं को पूरा करना या उससे अधिक कर दिखाना. 2. हमारे ग्राहकों को समय पर और एक उचित कीमत पर, उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद और सेवाएं प्रदान करना 3. बेहतर ग्राहक संतुष्टि प्रदान करने के लिए हमारे उत्पादों, प्रक्रियाओं और सेवाओं का प्रभावी प्रबंधन करना. 4. प्रशिक्षण और शिक्षा के माध्यम से कर्मचारियों की सुरक्षा, जागरूकता और कल्याण को बढ़ावा देना. 5.4.2 गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली की योजना का निर्माण शीर्ष प्रबंधन सुनिश्चित करता है कि: a) गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली की योजना का निर्माण 4.1 में दिए गए आवश्यकताओं के साथ-साथ गुणवत्ता के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए की गई है और b) गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली के परिवर्तनों की योजना का निर्माण और उनका कार्यान्वयन हो जाने पर गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली की अखंडता का रखरखाव किया गया है। 5.5 उत्तरदायित्व, अधिकार और संचार 5.5.1 उत्तरदायित्व और अधिकार शीर्ष प्रबंधन सुनिश्चित करता है कि गुणवत्ता प्रणाली के प्रभावी प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए (कंपनी नाम) के भीतर उत्तरदायित्वों और अधिकारों को परिभाषित और संचारित किया गया है। एक संगठनात्मक तालिका QMS को प्रभावित करने वाली गतिविधियों का प्रबंधन, प्रदर्शन और पुष्टि करने वाले कर्मी के उत्तरदायित्व और उससे संबंधित अधिकार की एक मिसाल देती है। ये परिवर्तन बदलती परिस्थितियों, जैसे - उत्पाद, प्रक्रिया, क्षमता या अन्य परिचालनात्मक या संगठनात्मक परिवर्तनों के प्रतिक्रियास्वरूप; या गुणवत्ता प्रणाली की प्रभावशीलता और क्षमता में सुधार लाने के लिए हो सकते हैं। सहायक प्रलेखन संगठनात्मक तालिका 5.5.2 प्रबंधन प्रतिनिधि शीर्ष प्रबंधन ने संगठन के प्रबंधन के एक सदस्य को नियुक्त किया है जिसके पास अन्य दायित्वों के अनपेक्ष जो दायित्व और अधिकार होता है उसमें शामिल है a) सुनिश्चित करना कि गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं की स्थापना, कार्यान्वयन और रखरखाव किया गया है, b) गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली के प्रदर्शन और सुधार की किसी भी आवश्यकता पर शीर्ष प्रबंधन को प्रतिवेदित करना और c) (कंपनी नाम) भर में ग्राहकों की आवश्यकताओं की जागरूकता के प्रोत्साहन को सुनिश्चित करना. ध्यान दें कि एक प्रबंधन प्रतिनिधि के दायित्व में गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली से संबंधित मामलों पर बाहरी पक्षों के साथ संपर्क शामिल हो सकता है। 5.5.3 आंतरिक संचार शीर्ष प्रबंधन सुनिश्चित करता है कि उपयुक्त संचार प्रक्रियाओं को (कंपनी नाम) के भीतर स्थापित किया गया है और यह भी कि संचार गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली की प्रभावशीलता के बारे में होता है। 5.6 प्रबंधन की समीक्षा 5.6.1 सामान्य शीर्ष प्रबंधन गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली की सतत उपयुक्तता, पर्याप्तता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए योजना-बद्ध अंतराल पर (कंपनी नाम) की गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली की समीक्षा करता है। समीक्षा में गुणवत्ता नीति और गुणवत्ता के उद्देश्यों सहित सुधार के अवसरों और गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली में परिवर्तन की आवश्यकता का आकलन भी शामिल होता है। प्रबंधन की समीक्षाओं के अभिलेखों का रखरखाव किया जाता है (4.2.4 देखें). सहायक प्रलेखन QOP-56-01 प्रबंधन समीक्षा 5.6.2 समीक्षा हेतु उत्पादक सामग्री प्रबंधन की समीक्षा के इनपुट में निम्न बातों की सूचना शामिल होती है: a) लेखा-परीक्षण के परिणाम, b) ग्राहक की प्रतिपुष्टि, c) प्रक्रिया प्रदर्शन और उत्पाद अनुरूपता, d) निवारक और सुधारात्मक कार्रवाइयों की स्थिति, e) पिछले प्रबंधन समीक्षाओं से आगे की कार्यवाही, f) गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली को प्रभावित कर सकने वाले परिवर्तन और g) सुधार की सिफारिशें. 5.6.3 समीक्षा का आउटपुट प्रबंधन की समीक्षा के आउटपुट में निम्नलिखित बातों से संबंधित कोई भी निर्णय और कार्यवाही शामिल होता है: a) गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली और इसकी प्रक्रियाओं की प्रभावशीलता में सुधार, b) ग्राहकों की आवश्यकताओं से संबंधित उत्पाद में सुधार और c) संसाधन की आवश्यकताएं. 6.0 संसाधन प्रबंधन 6.1 संसाधनों का प्रावधान (कंपनी नाम) निम्नलिखित बातों के लिए आवश्यक संसाधन निर्धारित और प्रदान करता है a) गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली को लागू करने और बनाए रखने के लिए और इसकी प्रभावशीलता में निरंतर सुधार करने के लिए और b) ग्राहकों की आवश्यकताओं को पूरा करके ग्राहकों की संतुष्टि बढ़ाने के लिए. 6.2 मानव संसाधन 6.2.1 सामान्य उत्पाद की आवश्यकताओं की अनुरूपता को प्रभावित करने वाले काम का प्रदर्शन करने वाले कर्मी उपयुक्त शिक्षा, प्रशिक्षण, कौशल और अनुभव के आधार पर सक्षम होते हैं। 6.2.2 क्षमता, प्रशिक्षण और जागरूकता (कंपनी नाम) : a) उत्पाद की आवश्यकताओं की अनुरूपता को प्रभावित करने वाले काम का प्रदर्शन करने वाले कर्मियों के लिए आवश्यक क्षमता का निर्धारण करता है, b) जहां लागू हो, प्रशिक्षण प्रदान करता है या आवश्यक क्षमता हासिल करने के लिए अन्य कार्यवाही करता है, c) की गई कार्रवाइयों की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करता है, d) सुनिश्चित करता है कि इसके कर्मी अपनी-अपनी गतिविधियों की प्रासंगिकता और महत्त्व के बारे में जानते हैं और गुणवत्ता के उद्देश्यों की उपलब्धि में वे कैसे योगदान करते हैं और e) शिक्षा, प्रशिक्षण, कौशल और अनुभव के उपयुक्त अभिलेखों का रखरखाव करता है (4.2.4 देखें). सहायक प्रलेखन QOP-62-01 क्षमता, प्रशिक्षण और जागरूकता 6.3 आधारभूत संरचना (कंपनी नाम) उत्पाद की आवश्यकताओं की अनुरूपता प्राप्त करने के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना को निर्धारित, प्रदान और रखरखाव करता है। आधारभूत संरचना में, जैसा लागू हो, शामिल हैं: a) भवन, कार्यस्थल और संबंधित उपयोगिताएं, b) प्रक्रिया का उपकरण (हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों) और c) सहायक सेवाएं (जैसे परिवहन, संचार या सूचना व्यवस्थाएं). सहायक प्रलेखन QOP-63-01 उपकरण रखरखाव 6.4 काम का माहौल (कंपनी नाम) उत्पाद की आवश्यकताओं की अनुरूपता प्राप्त करने के लिए आवश्यक काम के माहौल का निर्धारण और प्रबंध करता है। 7.0 उत्पाद प्रस्तुति 7.1 उत्पाद प्रस्तुति की योजना का निर्माण (कंपनी नाम) उत्पाद प्रस्तुति के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं की योजना का निर्माण करता है और उसे विकसित करता है। उत्पाद प्रस्तुति की योजना गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली की अन्य प्रक्रियाओं की आवश्यकताओं के समान होते हैं (4.1 देखें). उत्पाद प्रस्तुति की योजना का निर्माण करने के समय, (कंपनी नाम), जैसा उपयुक्त हो, निम्नलिखित बातों को निर्धारित करता है: a) उत्पाद की गुणवत्ता के उद्देश्य और आवश्यकताएं, b) उत्पाद की प्रक्रियाओं और प्रलेखों को स्थापित करने और उत्पाद के लिए विशिष्ट संसाधनों को प्रदान करने की आवश्यकता, c) उत्पाद और उत्पाद की स्वीकृति के मानदंड के लिए विशिष्ट और अपेक्षित वैधीकरण, सत्यापन, निगरानी, माप, निरीक्षण और परीक्षण गतिविधियां और d) प्रस्तुति प्रक्रियाओं और परिणामी उत्पाद आवश्यकताओं को पूरा करते हैं, इस बात का साक्ष्य प्रदान करने के लिए आवश्यक अभिलेख (4.2.4 देखें). योजना का आउटपुट (कंपनी नाम) के परिचालन विधि के एक उपयुक्त रूप में होता है। ध्यान दें 1 - एक विशेष उत्पाद, परियोजना या अनुबंध में लागू किए जाने वाले गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली की प्रक्रियाओं (उत्पाद प्रस्तुति की प्रक्रिया सहित) और संसाधनों को निर्दिष्ट करने वाले एक प्रलेख को गुणवत्ता योजना के रूप में संदर्भित किया जाता है। ध्यान दें 2 - (कंपनी नाम) उत्पाद प्रस्तुति की प्रक्रिया के विकास के लिए 7.3 में दी गई आवश्यकताओं को भी लागू करता है। सहायक प्रलेखन QOP-71-01 उत्पाद प्रस्तुति की योजना का निर्माण 7.2 ग्राहक सम्बन्धी प्रक्रियाएं 7.2.1 उत्पाद से संबंधित आवश्यकताओं का निर्धारण (कंपनी नाम) निर्धारित करता है: a) ग्राहक द्वारा निर्दिष्ट आवश्यकताओं को, जिनमें वितरण और वितरण के बाद की कार्रवाइयों की आवश्यकताएं भी शामिल होती हैं, b) उन आवश्यकताओं को, जिनका उल्लेख ग्राहक द्वारा नहीं किया गया है लेकिन निर्दिष्ट या अभीष्ट उपयोग के लिए आवश्यक है, जहां मालूम हो, c) उत्पाद के लिए प्रयोजनीय वैधानिक और नियामक आवश्यकताओं को और d) (कंपनी नाम) द्वारा आवश्यक समझी गई किसी भी अतिरिक्त आवश्यकताओं को. सहायक प्रलेखन QOP-72-02 आदेश प्रसंस्करण और समीक्षा 7.2.2 उत्पाद से संबंधित आवश्यकताओं की समीक्षा (कंपनी नाम) उत्पाद से संबंधित आवश्यकताओं की समीक्षा करता है। इस समीक्षा की व्यवस्था (कंपनी नाम) द्वारा ग्राहक को एक उत्पाद की आपूर्ति करने की (जैसे, निविदाओं की प्रस्तुति, अनुबंध या आदेशों की स्वीकृति, अनुबंध या आदेश में परिवर्तन की स्वीकृति) प्रतिबद्धता से पहले की जाती है और यह सुनिश्चित करता है कि: a) उत्पाद की आवश्यकताओं को परिभाषित कर दिया गया हैं, b) पहले व्यक्त आवश्यकताओं से अलग अनुबंध या आदेश की आवश्यकताओं का हल हो गया है और c) (कंपनी नाम) के पास परिभाषित आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता है। समीक्षा के परिणामों और समीक्षा से उत्पन्न होने वाली कार्रवाइयों के अभिलेखों का रखरखाव किया जाता है (4.2.4 देखें). जहां ग्राहक आवश्यकता का कोई प्रलेखित कथन प्रदान नहीं करता है, वहां ग्राहकों की आवश्यकताओं की पुष्टि स्वीकार करने से पहले (कंपनी नाम) द्वारा की जाती है। जहां उत्पाद की आवश्यकताओं में परिवर्तन होता है, वहां (कंपनी नाम) सुनिश्चित करता है कि संबंधित प्रलेखों में संशोधन हो गया है और यह भी कि संबंधित कर्मियों को परिवर्तित आवश्यकताओं से अवगत करा दिया गया है। ध्यान दें - कुछ परिस्थितियों में, एक औपचारिक समीक्षा प्रत्येक आदेश के लिए अव्यावहारिक है। इसकी जगह समीक्षा में प्रासंगिक उत्पाद सूचना, जैसे - सूची या विज्ञापन सामग्री, को शामिल कर सकते हैं। सहायक प्रलेखन QOP-72-02 आदेश प्रसंस्करण और समीक्षा 7.2.3 ग्राहक संचार (कंपनी नाम) निम्नलिखित बातों के संबंध में ग्राहकों के साथ संचार करने के लिए प्रभावी व्यवस्था निर्धारित और लागू करता है: a) उत्पाद सूचना, b) संशोधनों सहित, पूछ-ताछ, अनुबंध, या आदेश प्रबंधन और c) ग्राहक की शिकायतों सहित ग्राहक की प्रतिपुष्टि. सहायक प्रलेखन QOP-72-02 आदेश प्रसंस्करण और समीक्षा QOP-85-02 ग्राहकों की शिकायतें 7.3 डिजाइन और विकास अपवर्जित (1.0 कार्यक्षेत्र देखें) 7.4 खरीद 7.4.1 खरीद प्रक्रिया (कंपनी नाम) सुनिश्चित करता है कि खरीदा गया उत्पाद निर्दिष्ट खरीद आवश्यकताओं के अनुरूप है। आपूर्तिकर्ता और ख़रीदे गए उत्पाद के लिए लागू किए जाने वाले नियंत्रण का प्रकार और सीमा अनुवर्ती उत्पाद प्रस्तुति या अंतिम उत्पाद पर ख़रीदे गए उत्पाद के प्रभाव पर निर्भर करता है। सहायक प्रलेखन QOP-74-01 खरीद 7.4.2 खरीद सूचना खरीद सूचना ख़रीदे जाने वाले उत्पाद की व्याख्या करता है, जिसमें जहां उपयुक्त हो निम्नलिखित आवश्यकताएं शामिल होती हैं a) उत्पाद, कार्यप्रणालियों, प्रक्रियाओं और उपकरण के अनुमोदन की आवश्यकताएं, b) कार्मिकों की योग्यता की आवश्यकताएं और c) गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली की आवश्यकताएं. (कंपनी नाम) आपूर्तिकर्ता तक निर्दिष्ट खरीद आवश्यकताओं के संचार से पहले इन आवश्यकताओं की पर्याप्तता सुनिश्चित करता है। सहायक प्रलेखन QOP-74-01 खरीद 7.4.3. ख़रीदे गए उत्पाद का सत्यापन ख़रीदा गया उत्पाद निर्दिष्ट उत्पाद आवश्यकताओं को पूरा करता है, इसे सुनिश्चित करने के लिए (कंपनी नाम) निरीक्षण या अन्य आवश्यक गतिविधियों को स्थापित और लागू करता है। जहां (कंपनी नाम) या इसके ग्राहक आपूर्तिकर्ता के परिसर में सत्यापन का प्रदर्शन करने की इच्छा रखते हैं, वहां (कंपनी नाम) इच्छित सत्यापन व्यवस्थाओं और खरीद सूचना में उत्पाद विमोचन की विधि निर्धारित करता है। सहायक प्रलेखन QOP-74-02 खरीद उत्पाद का सत्यापन 7.5 उत्पादन और सेवा के प्रावधान 7.5.1 उत्पादन और सेवा के प्रावधान का नियंत्रण जैसा लागू हो, (कंपनी नाम) नियंत्रित परिस्थितियों के तहत उत्पादन और सेवा के प्रावधानों की योजना बनाता है और उसे कार्यान्वित करता है। नियंत्रित परिस्थितियों में शामिल हैं: a) सूचना की उपलब्धता जो उत्पाद की विशेषताओं की व्याख्या करती है, b) कार्य निर्देशों की उपलब्धता, जैसा आवश्यक हो, c) उपयुक्त उपकरण का उपयोग, d) निगरानी और मापने के उपकरण की उपलब्धता और उपयोग, e) निगरानी और मापन गतिविधियों का क्रियान्वयन और f) उत्पाद विमोचन, वितरण और वितरण के बाद की गतिविधियों का कार्यान्वयन. सहायक प्रलेखन QOP-75-01 कार्य आदेश और उत्पादन अभिलेख QOP-63-01 उपकरण का रखरखाव QOP-76-01 मापने और निगरानी करने का उपकरण QOP-84-02 अंतिम निरीक्षण QOP-75-06 नौवहन 7.5.2 उत्पादन और सेवा के प्रावधान की प्रक्रियाओं का वैधीकरण (कंपनी नाम) उत्पादन और सेवा के प्रावधान की प्रक्रियाओं का वैधीकरण करता है जहां परिणामी आउटपुट को अनुवर्ती निगरानी या मापन के जरिए सत्यापित नहीं किया जा सकता है और परिणामस्वरूप, कमियां केवल तभी प्रकट हो जाती हैं जब उत्पाद उपयोग में हो या सेवा प्रदान की जा चुकी हो. वैधीकरण योजनाबद्ध परिणामों को हासिल करने में इन प्रक्रियाओं की क्षमता दर्शाता है। जैसा लागू हो, (कंपनी नाम) इन प्रक्रियाओं की व्यवस्था की स्थापना करता है जिनमें शामिल हैं: a) प्रक्रियाओं की समीक्षा और अनुमोदन के निर्धारित मानदंड, b) उपकरण और कर्मियों की योग्यता का अनुमोदन, c) विशिष्ट विधियों और कार्यप्रणालियों का उपयोग, d) अभिलेखों के लिए आवश्यकताएं (4.2.4 देखें) और e) पुनर्वैधीकरण. ध्यान दें: (कंपनी नाम) के पास इस समय कोई विशेष प्रक्रिया नहीं है। 7.5.3 पहचान और अनुरेखता जहां उपयुक्त हो, (कंपनी नाम) उत्पाद प्रस्तुति के दौर में उचित तरीके से उत्पाद की पहचान करता है। (कंपनी नाम) उत्पाद प्रस्तुति के दौर में निगरानी और माप की आवश्यकताओं के सन्दर्भ में उत्पाद की स्थिति की पहचान करता है। जहां अनुरेखता एक आवश्यकता हो, वहां (कंपनी नाम) उत्पाद की अद्वितीय पहचान का नियंत्रण करता है और अभिलेखों का रखरखाव करता है (4.2.4). सहायक प्रलेखन QOP-75-04 उत्पाद की पहचान और अनुरेखता 7.5.4 ग्राहक की संपत्ति (कंपनी नाम) ग्राहक की संपत्ति की देखभाल करता है जब यह (कंपनी नाम) के नियंत्रण के अधीन होता है या (कंपनी नाम) द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा होता है। (कंपनी नाम) उत्पाद में उपयोग या शामिल करने के लिए प्रदान किए गए ग्राहक की संपत्ति की पहचान, सत्यापन, संरक्षण और सुरक्षा करता है। यदि ग्राहक की संपत्ति में किसी प्रकार का कोई नुकसान होता है, क्षतिग्रस्त हो जाता है या नहीं तो उपयोग के लिए अनुपयुक्त पाया जाता है, तो (कंपनी नाम) ग्राहक को इस बात की सूचना देगा और अभिलेखों का रखरखाव करेगा (4.2.4 देखें). ध्यान दें: ग्राहक संपत्ति में बौद्धिक संपदा और व्यक्तिगत दिनांक शामिल हो सकता है। ध्यान दें: (कंपनी नाम) के पास इस समय कोई ग्राहक संपत्ति नहीं है। 7.5.5 उत्पाद का परिरक्षण (कंपनी नाम) आवश्यकताओं की अनुरूपता बनाए रखने के लिए इच्छित गंतव्य के आंतरिक प्रसंस्करण और वितरण के दौरान उत्पाद का परिरक्षण करता है। जैसा लागू हो, परिरक्षण में पहचान, हैंडलिंग, पैकेजिंग, भंडारण और संरक्षण शामिल है। परिरक्षण एक उत्पाद के घटक भागों में भी लागू होता है। 7.6 निगरानी और मापने के उपकरण का नियंत्रण (कंपनी नाम) किए जाने वाले निगरानी और माप का तथा निर्धारित आवश्यकताओं के लिए उत्पाद की अनुरूपता का साक्ष्य उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक निगरानी और मापने के उपकरण का निर्धारण करता है। (कंपनी नाम) यह सुनिश्चित करने के लिए प्रक्रियाओं को स्थापित करता है कि निगरानी और माप किया जा सकता है और एक ऐसे तरीके से किया जाता है जो निगरानी और माप की आवश्यकताओं के अनुकूल हो. जहां वैध परिणामों को सुनिश्चित करने की आवश्यकता हो, वहां माप उपकरण को: a) अंतर्राष्ट्रीय या राष्ट्रीय माप के मानकों का पता लगाने योग्य माप के मानकों के खिलाफ निर्दिष्ट अंतराल पर, या उपयोग से पहले अंशांकित, सत्यापित या दोनों किया जाता है; जहां ऐसा कोई मानक मौजूद नहीं होता है, वहां अंशांकन या सत्यापन के लिए उपयोग किए गए आधार को दर्ज किया जाएगा, b) आवश्यकतानुसार समायोजित या पुन: समायोजित किया जाता है, c) इसकी अंशांकन स्थिति को निर्धारित करने के लिए पहचान की जाती है, d) उन समायोजनों से रक्षा की जाती है जो माप के परिणाम को अमान्य या अवैध कर देंगे और e) हैंडलिंग, रखरखाव और भंडारण के दौरान नुकसान और विकृति से बचाया जाता है। इसके अलावा, जब उपकरण आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं पाया जाता है तब (कंपनी नाम) पिछले मापन परिणामों की वैधता का मूल्यांकन और अभिलेखन करता है। (कंपनी नाम) उपकरण और किसी भी प्रभावित उत्पाद पर उचित कार्यवाही करता है। अंशांकन और सत्यापन के परिणामों के अभिलेखों का रखरखाव किया जाता है (4.2.4 देखें). ध्यान दें: इच्छित अनुप्रयोग को संतुष्ट करने वाले कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की क्षमता की पुष्टि में आम तौर पर इसके इस्तेमाल की उपयुक्तता का रखरखाव करने वाले इसके सत्यापन और विन्यास प्रबंधन शामिल होंगे. सहायक प्रलेखन QOP-76-01 निगरानी और मापने का उपकरण 8.0 माप, विश्लेषण और सुधार 8.1 सामान्य (कंपनी नाम) निम्न बातों के लिए आवश्यक निगरानी, माप, विश्लेषण और सुधार की प्रक्रियाओं को योजनाबद्ध और लागू करता है: a) उत्पाद आवश्यकताओं की अनुरूपता को प्रदर्शित करने के लिए, b) गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली की अनुरूपता को सुनिश्चित करने के लिए और c) गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली की प्रभावशीलता में निरंतर सुधार करने के लिए. इसमें सांख्यिकीय तकनीकों सहित, प्रयोजनीय विधियों और उनके उपयोग की सीमा का निर्धारण शामिल है। 8.2 निगरानी और माप 8.2.1 ग्राहक संतुष्टि गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली के प्रदर्शन की मापों में से एक के रूप में, (कंपनी नाम) ग्राहक की धारणा से संबंधित सूचना पर नज़र रखता है जैसे कि क्या (कंपनी नाम) ने ग्राहकों की आवश्यकताओं को पूरा किया है। इस सूचना को प्राप्त करने और इसके उपयोग करने की विधियों को निर्धारित किया जाता है। सहायक प्रलेखन QOP-82-01 ग्राहक संतुष्टि 8.2.2 आंतरिक लेखा-परीक्षण (कंपनी नाम) यह निर्धारित करने के लिए योजनाबद्ध अंतरालों पर आंतरिक लेखा-परीक्षण का आयोजन करता है कि क्या गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली: a) योजनाबद्ध आवश्यकताओं (7.1 देखें), ISO 9001:2008 की आवश्यकताओं और (कंपनी नाम) द्वारा स्थापित गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली की आवश्यकताओं के अनुरूप है और b) को प्रभावशाली ढंग से कार्यान्वित और रखरखाव किया गया है। पिछले लेखा-परीक्षणों के साथ-साथ लेखा-परीक्षण की जाने वाली प्रक्रियाओं और क्षेत्रों की स्थिति और महत्त्व को ध्यान में रखकर लेखा-परीक्षण कार्यक्रम की योजना बनाई जाती है। लेखा-परीक्षण के मानदंड, कार्यक्षेत्र, आवृत्ति और विधियों को परिभाषित किया जाता है। लेखा-परीक्षकों का चयन और लेखा-परीक्षण का परिचालन लेखा-परीक्षण की प्रक्रिया की वस्तुनिष्ठता और निष्पक्षता सुनिश्चित करते हैं। लेखा परीक्षक अपने स्वयं के काम का लेखा-परीक्षण नहीं करते हैं। लेखा-परीक्षणों की योजना बनाने और उसका आयोजन करने, तथा परिणामों को प्रतिवेदित करने और अभिलेखों (4.2.4 देखें) का रखरखाव करने के दायित्वों और आवश्यकताओं को एक प्रलेखित कार्यप्रणाली में परिभाषित किया जाता है। प्रबंधन, जो लेखा-परीक्षण किए जा रहे क्षेत्र के लिए जिम्मेदार होता है, सुनिश्चित करता है कि पता लगाए गए गैर-अनुरूपताओं और उनके कारणों को समाप्त करने के लिए बिना किसी अनुचित देरी के कोई भी आवश्यक सुधार और सुधारात्मक कार्यवाही की गई है। अनुवर्ती गतिविधियों में की गई कार्रवाइयों का सत्यापन और सत्यापन के परिणामों का प्रतिवेदन शामिल होता हैं (8.5.2 देखें). सहायक प्रलेखन QOP-82-02 आंतरिक गुणवत्ता लेखा-परीक्षण 8.2.3 प्रक्रियाओं की निगरानी और माप (कंपनी नाम) गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली की प्रक्रियाओं की निगरानी और जहां लागू हो, उन प्रक्रियाओं की माप के लिए उचित तरीके लागू करता है। ये तरीके योजनाबद्ध परिणामों को हासिल करने के लिए प्रक्रियाओं की क्षमता प्रदर्शित करते हैं। जब योजनाबद्ध परिणाम हासिल नहीं होते हैं, तब जैसा उपयुक्त हो, सुधार और सुधारात्मक कार्यवाही की जाती है। 8.2.4 उत्पाद की निगरानी और माप (कंपनी नाम) यह सत्यापित करने के लिए उत्पाद की विशेषताओं की निगरानी करता है और माप ज्ञात करता है कि उत्पाद की आवश्यकताओं को पूरा कर दिया गया है। इसे योजनाबद्ध व्यवस्थाओं के अनुसार उत्पाद प्रस्तुति प्रक्रिया के उपयुक्त स्तरों पर किया जाता है (7.1 देखें). स्वीकृति के मानदंडों के साथ अनुरूपता के साक्ष्य का रखरखाव किया जाता है। अभिलेखों से ग्राहक को वितरण करने के लिए उत्पाद के विमोचन को प्राधिकृत करने वाले व्यक्ति (यों) का संकेत मिलता है (4.2.4 देखें). जब तक योजनाबद्ध व्यवस्थाओं (7.1 देखें) को संतोषजनक ढंग से पूरा नहीं कर लिया जाता, या एक प्रासंगिक प्राधिकारी द्वारा और जहां लागू हो, ग्राहक द्वारा अनुमोदित नहीं कर दिया जाता, तब तक ग्राहक के लिए उत्पाद के विमोचन और सेवा के वितरण का काम आगे नहीं बढ़ता है। सहायक प्रलेखन QOP-82-03 प्रक्रियाधीन निरीक्षण QOP-82-04 अंतिम निरीक्षण 8.3 गैर-अनुरूपक उत्पाद का नियंत्रण (कंपनी नाम) सुनिश्चित करता है कि उत्पाद, जो उत्पाद की आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं है, की पहचान की गई है और उसके अनपेक्षित उपयोग या वितरण को रोकने के लिए उसे नियंत्रित किया गया है। गैर-अनुरूपक उत्पादों के नियंत्रणों और उनसे निपटने के लिए संबंधित दायित्वों और अधिकारों को परिभाषित करने के लिए एक प्रलेखित कार्यप्रणाली की स्थापना की जाती है। जहां लागू हो (कंपनी नाम) निम्न तरीकों में से एक या अनेक तरीकों से गैर-अनुरूपक उत्पाद से निपटता है: a) पता लगाए गए गैर-अनुरूपता को समाप्त करने के लिए कार्यवाही करके, b) एक प्रासंगिक प्राधिकारी द्वारा या जहां लागू हो, ग्राहक द्वारा रियायत के तहत इसके उपयोग, विमोचन या स्वीकृति को प्राधिकृत करके और c) इसके मूल अपेक्षित उपयोग या अनुप्रयोग को बाधित करने के लिए कार्यवाही करके. d) वितरण या उपयोग के शुरू होने के बाद गैर-अनुरूपक उत्पाद का पता लगने पर गैर-अनुरूपता के प्रभावों, या संभावित प्रभावों के लिए उपयुक्त कार्यवाही करके. जब गैर-अनुरूपक उत्पाद सही हो जाता है, तब वह उत्पाद आवश्यकताओं के अनुरूप प्रदर्शन करने के लिए फिर से सत्यापन के अधीन हो जाता है। जब वितरण या उपयोग शुरू हो जाने पर गैर-अनुरूपक उत्पाद का पता लगता है तो (कंपनी नाम) गैर-अनुरूपता के प्रभावों, या संभावित प्रभावों के लिए उपयुक्त कार्यवाही करता है। रियायतें प्राप्त रियायतों सहित गैर-अनुरूपता की प्रकृति और बाद में की गई किसी भी कार्यवाही के अभिलेखों का रखरखाव किया जाता है (4.2.4 देखें). सहायक प्रलेखन QOP-83-01 गैर-अनुरूपक उत्पाद का नियंत्रण 8.4 आंकड़ों का विश्लेषण (कंपनी नाम) गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली की उपयुक्तता और प्रभावशीलता का प्रदर्शन करने के लिए और कहां गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली की प्रभावशीलता का निरंतर सुधार किया जा सकता है, इसका मूल्यांकन करने के लिए उपयुक्त डाटा का निर्धारण, संग्रहण और विश्लेषण करता है। इसमें निगरानी और माप के परिणामस्वरूप उत्पन्न और अन्य प्रासंगिक स्रोतों से प्राप्त डाटा शामिल हैं। आंकड़ों का विश्लेषण निम्न से संबंधित सूचना प्रदान करता है: a) ग्राहक संतुष्टि (8.2.1 देखें), b) उत्पाद आवश्यकताओं की अनुरूपता (8.2.4 देखें), c) निवारक कार्यवाही के अवसरों सहित प्रक्रियाओं और उत्पादों की विशेषताएं और प्रवृत्तियां (8.2.3 और 8.2.4 देखें), d) आपूर्तिकर्ता (7.4 देखें), सहायक प्रलेखन QOP-56-01 प्रबंधन की समीक्षा 8.5 सुधार 8.5.1 निरंतर सुधार (कंपनी नाम) गुणवत्ता नीति, गुणवत्ता उद्देश्यों, लेखा-परीक्षण के परिणामों, डाटा के विश्लेषण, सुधारात्मक और निवारक कार्रवाइयों और प्रबंधन की समीक्षाओं के उपयोग के माध्यम से गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली की प्रभावशीलता में निरंतर सुधार करता रहता है। सहायक प्रलेखन QOP-85-01 निरंतर सुधार 8.5.2 सुधारात्मक कार्रवाई (कंपनी नाम) गैर-अनुरूपता की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए इसके कारणों को समाप्त करने के लिए कार्यवाही करता है। सुधारात्मक कार्रवाइयां प्राप्त गैर-अनुरूपता के प्रभावों के लिए उपयुक्त होती हैं। निम्नलिखित कार्रवाइयों की आवश्यकताओं को परिभाषित करने के लिए एक प्रलेखित कार्यप्रणाली की स्थापना की जाती है: a) (ग्राहक की शिकायतों सहित) गैर-अनुरूपता की समीक्षा करना, b) गैर-अनुरूपता के कारणों का निर्धारण करना, c) गैर-अनुरूपता की पुनरावृत्ति नहीं होती है, यह सुनिश्चित करने के लिए कार्यवाही की आवश्यकता का मूल्यांकन करना, d) आवश्यक कार्यवाही को निर्धारित और कार्यान्वित करना, e) की गई कार्यवाही के परिणामों के अभिलेख (4.2.4 देखें) और f) की गई सुधारात्मक कार्यवाही के प्रभाव की समीक्षा करना. सहायक प्रलेखन QOP-85-02 ग्राहकों की शिकायतें QOP-85-03 सुधारात्मक और निवारक कार्रवाइयां 8.5.3 निवारक कार्रवाई (कंपनी नाम) गैर-अनुरूपता के होने से रोकने के लिए संभावित गैर-अनुरूपता के कारणों को समाप्त करने के लिए कार्रवाइयों का निर्धारण करता है। निवारक कार्रवाइयां संभावित समस्याओं के प्रभाव के लिए उपयुक्त हैं। निम्नलिखित कार्रवाइयों की आवश्यकताओं को परिभाषित करने के लिए एक प्रलेखित कार्यप्रणाली की स्थापना की जाती है: a) संभावित गैर-अनुरूपता और उनके कारणों का निर्धारण करना, b) गैर-अनुरूपता की घटना को रोकने के लिए कार्यवाही की आवश्यकता का मूल्यांकन करना, c) आवश्यक कार्यवाही को निर्धारित और कार्यान्वित करना, d) की गई कार्यवाही के परिणामों के अभिलेख (4.2.4 देखें) और e) की गई निवारक कार्यवाही की प्रभावशीलता की समीक्षा करना. सहायक प्रलेखन QOP-85-03 सुधारात्मक और निवारक कार्रवाइयां वर्ष 1987 का संस्करण ISO 9000:1987 की संरचना UK स्टैण्डर्ड BS 5750 के समान ही थी, जिसके साथ गुणवत्ता प्रबंधन प्रणालियों के तीन "मॉडल" थे, जिसका चयन संगठन की गतिविधियों के कार्य-क्षेत्र पर आधारित था: डिजाइन, विकास, उत्पादन, अधिष्ठापन और सेवा की गुणवत्ता के आश्वासन का मॉडल ISO 9001:1987 उन कंपनियों और संगठनों के लिए था जिनकी गतिविधियों में नए उत्पादों का निर्माण शामिल था। उत्पादन, अधिष्ठापन और सेवा की गुणवत्ता के आश्वासन के मॉडल ISO 9001:1987 में बुनियादी तौर पर ISO 9001 के समान सामग्री थी लेकिन इसमें नए उत्पादों का निर्माण शामिल नहीं था। अंतिम निरीक्षण और परीक्षण की गुणवत्ता के आश्वासन के मॉडल ISO 9003:1987 में केवल तैयार उत्पाद का अंतिम निरीक्षण शामिल था जिसमें इस बात पर चिंता नहीं की जाती थी कि उत्पाद का उत्पादन कैसे हुआ। ISO 9000:1987 मौजूदा अमेरिकी और अन्य डिफेन्स स्टैण्डर्ड ("MIL SPECS") से भी प्रभावित था और इसलिए विनिर्माण के लिए बहुत अनुकूल था। प्रबंधन की समग्र प्रक्रियाओं के बजाय कार्यप्रणालियों के साथ अनुरूपण पर विशेष जोर दिया गया—जो वास्तविक आशय के समान था। वर्ष 1994 का संस्करण ISO 9000:1994 ने अंतिम उत्पाद की केवल जांच करने के बजाय निवारक कार्रवाइयों के माध्यम से गुणवत्ता आश्वासन पर जोर दिया और प्रलेखित कार्यप्रणालियों के अनुपालन के साक्ष्य की मांग करता रहा. पहले संस्करण के साथ यही कमी थी कि ताकों को कार्यप्रणाली की पुस्तिकाओं से भरकर और ISO की नौकरशाही के बोझ तले दबकर इसकी आवश्यकताओं को लागू करना ही कंपनियों की प्रवृत्ति थी। कुछ कंपनियों में, प्रक्रियाओं का अनुकूलन और सुधार वास्तव में गुणवत्ता प्रणाली द्वारा बाधित हो सकता था। वर्ष 2000 का संस्करण ISO 9001:2000 तीन मानकों 9001, 9002 और 9003 को एक साथ जोड़ देता है जिसे 9001 कहते हैं। डिजाइन और विकास की कार्यप्रणालियां केवल तभी आवश्यक हैं जब एक कंपनी वास्तव में नए उत्पादों के निर्माण में संलग्न हो. 2000 के संस्करण ने वास्तव में आगे और मध्य के प्रक्रिया प्रबंधन की अवधारणा प्रस्तुत करके सोच में एक आमूल परिवर्तन लाने की मांग की ("प्रक्रिया प्रबंधन" अंतिम उत्पाद का केवल निरीक्षण करने के बजाय कंपनी के कार्यों और गतिविधियों की निगरानी कर रहा था और उन्हें अनुकूल बना रहा था). 2000 का संस्करण व्यवसाय व्यवस्था में गुणवत्ता को एकीकृत करने और कनिष्ठ प्रशासकों के लिए गुणवत्ता कृत्यों के प्रत्यायोजन के लिए ऊपरी अधिकारियों की सहभागिता की भी मांग करता है। एक और लक्ष्य प्रक्रिया प्रदर्शन मेट्रिक्स के माध्यम से प्रभावशीलता में सुधार लाना है जो कार्यों और गतिविधियों की प्रभावशीलता की संख्यात्मक माप है। निरंतर प्रक्रिया सुधार की अपेक्षाओं और ग्राहक संतुष्टि के मार्गन को स्पष्ट किया गया। ISO 9000 के मानक को स्थायी तकनीकी समितियों और सलाहकार समूहों द्वारा निरंतर संशोधित किया जाता रहा है, जो उन पेशेवर लोगों से प्रतिपुष्टि प्राप्त करते हैं जो मानक को कार्यान्वित कर रहे हैं। ISO 9001:2008 ही ISO 9001:2000 की मौजूदा आवश्यकताओं के स्पष्टीकरण और ISO 14001:2004 के लिए स्थिरता के साथ सुधार करने के उद्देश्य से कुछ परिवर्तनों से परिचय कराता है। ISO 9001:2008 में परिवर्तनों की व्याख्या के लिए कोई नई आवश्यकता नहीं है। उन्नयन किए जा रहे एक गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली को सिर्फ यह देखने के लिए जांच करने की आवश्यकता है कि क्या यह संशोधित संस्करण में प्रस्तुत स्पष्टीकरण का पालन कर रहा है।स्व-मूल्यांकन जांच-सूची सहित ISO 9001:2008 के कार्यान्वयन की व्यावहारिक मार्ग-दर्शिका प्रमाणन ISO स्वयं संगठनों को प्रमाणित नहीं करता है। कई देशों ने प्रमाणन निकायों को प्राधिकृत करने के लिए प्रत्यायन निकायों का गठन किया है, जो ISO 9001 के अनुपालन के प्रमाणन के लिए आवेदन करने वाले संगठनों का लेखा-परीक्षण करते हैं। हालांकि आम तौर पर ISO 9000:2000 प्रमाणन के रूप में संदर्भित किया जाने वाला वास्तविक मानक, जिसके आधार पर किसी संगठन के गुणवत्ता प्रबंधन को प्रमाणित किया जा सकता है, ISO 9001:2008 है। प्रत्यायन निकाय और प्रमाणन निकाय दोनों अपनी-अपनी सेवाओं के लिए शुल्क लेते हैं। विभिन्न प्रत्यायन निकाय यह सुनिश्चित करने के लिए एक-दूसरे के साथ आपसी समझौते करते हैं कि प्रत्यायित प्रमाणन निकायों (CB) में से किसी एक के द्वारा जारी किए गए प्रमाण-पत्रों को दुनिया भर में स्वीकृति प्राप्त हो. आवेदनकारी संगठन को इसके स्थलों, कृत्यों, उत्पादों, सेवाओं और प्रक्रियाओं के एक व्यापक नमूने के आधार पर मूल्यांकित किया जाता है; समस्याओं ("कार्रवाई अनुरोध" या "गैर-अनुपालन") की एक सूची की जानकारी प्रबंधन को दी जाती है। यदि इस सूची पर कोई बड़ी समस्या न हो, या किस तरह किसी भी समस्या का हल निकाला जाएगा, इसे समझाने वाले प्रबंधन से एक संतोषजनक सुधार योजना प्राप्त कर लेने के बाद, प्रमाणन निकाय स्वयं द्वारा दर्शन किए गए प्रत्येक भौगोलिक स्थल के लिए एक ISO 9001 प्रमाण-पत्र जारी करेगा. एक ISO प्रमाण-पत्र एक बार और सब के लिए प्राप्त होने वाला पुरस्कार नहीं है, बल्कि इसे प्रमाणन निकाय के सुझाव के अनुसार नियमित अंतरालों पर, आम तौर पर तीन साल के आसपास, अवश्य नवीनीकृत किया जाना चाहिए. क्षमता परिपक्वता मॉडल की तुलना में ISO 9001 के भीतर क्षमता की कोई श्रेणी नहीं होती है। 😂😂 लेखा-परीक्षण मानक से पंजीकृत होने के लिए दो प्रकार के लेखा-परीक्षणों: एक बाहरी प्रमाणन निकाय द्वारा लेखा-परीक्षण (बाहरी लेखा-परीक्षण) और इस प्रक्रिया के लिए प्रशिक्षित आतंरिक कर्मचारियों द्वारा लेखा-परीक्षण (आतंरिक लेखा-परीक्षण), की आवश्यकता है। समीक्षा और मूल्यांकन की एक निरंतर प्रक्रिया ही इसका लक्ष्य है जिसके तहत - यह सत्यापित किया जाता है कि सिस्टम उसी तरह काम कर रहा है जिस तरह से इसे करना चाहिए, पता लगाया जाता है कि इसमें कहां सुधार हो सकता है और पहचानी गई समस्याओं को सही या रोकथाम किया जाता है। आतंरिक लेखा-परीक्षकों के लिए इसे गुणकारी माना जाता है जब वे अपने सामान्य प्रबंधन रेखा से बाहर लेखा-परीक्षण करते हैं, जिससे कि उनके निर्णय में स्वतंत्रता की एक डिग्री लाई जा सके. 1994 के मानक के तहत, लेखा-परीक्षण की प्रक्रिया को पर्याप्त रूप से "अनुपालन लेखा-परीक्षण" का प्रदर्शन करके संबोधित किया जा सकता था: मुझे बताएं आप क्या करते हैं (व्यवसाय की प्रक्रिया का वर्णन करें) मुझे दिखाएं जहां इसका वर्णन है (कार्यप्रणाली की पुस्तिकाओं के सन्दर्भ प्रस्तुत करें) साबित करें कि यही हुआ है (प्रलेखित अभिलेखों में साक्ष्य दिखाएं) 2000 मानक एक अलग दृष्टिकोण का उपयोग करता है। लेखा-परीक्षकों से जोखिम, स्थिति और महत्त्व पर प्रकाश डालकर "अनुपालन" को कंठस्थ करने की केवल लेखा-परीक्षण के पार जाने की उम्मीद की जाती है। इसका मतलब यह है कि उनसे यही उम्मीद की जाती है कि औपचारिक रूप से क्या निर्धारित है, केवल इसी का पालन करने के बजाय, क्या प्रभावशाली है, इस पर अधिक गौर करें. पिछले मानक से इसके अंतर को इस प्रकार समझाया जा सकता है: वर्ष 1994 के संस्करण के तहत, मोटे तौर पर यही सवाल किया जाता था कि "क्या आप वही कर रहे हैं जो पुस्तिका में वर्णित है कि आपको क्या करना चाहिए?", जबकि वर्ष 2000 के संस्करण के तहत, अधिक सवाल है "क्या यह प्रक्रिया आपके कथित उद्देश्यों को पाने में आपकी मदद करेगा? क्या यह एक अच्छी प्रक्रिया है या इसे बेहतर तरीके से करने के लिए क्या कोई उपाय है?" लेखा-परीक्षण के लिए ISO 19011 का मानक अन्य प्रबंधन प्रणालियों, जैसे - EMS (ISO 14001), FSMS (ISO 22000) इत्यादि, के अतिरिक्त ISO 9001 में भी लागू होता है। उद्योग-विशिष्ट व्याख्याएं ISO 9001 मानक सामान्यीकृत और अमूर्त है। इसके हिस्सों की व्याख्या सावधानी से की जानी चाहिए जिससे इसके एक विशेष संगठन के भीतर होने का अर्थ निकल सके. सॉफ्टवेयर का विकास करना, पनीर तैयार करने या परामर्श सेवा प्रदान करने जैसा नहीं है; फिर भी ISO 9001 के दिशा-निर्देशों को इनमें से प्रत्येक में लागू किया जा सकता है क्योंकि वे व्यवसाय प्रबंधन के दिशा-निर्देश हैं। विभिन्न संगठनों—पुलिस विभाग (US), पेशेवर फुटबॉल टीम (मेक्सिको) और नगर परिषद् (UK)—ने ISO 9001:2000 की प्रणालियों को सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया है। समय के साथ, विभिन्न उद्योग क्षेत्रों ने अपने दिशा-निर्देशों की व्याख्याओं को अपने विपणन-स्थल के भीतर मानकीकृत करने की कामना की है। यह आंशिक रूप से यह सुनिश्चित करने के लिए है कि ISO के संस्करणों की अपनी विशिष्ट आवश्यकताएं हैं, बल्कि यह भी कोशिश और सुनिश्चित करना है कि अधिक उपयुक्त प्रशिक्षित और अनुभवी लेखा-परीक्षकों को उनका मूल्यांकन करने के लिए भेजा जाता है। TickIT दिशानिर्देश सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग, विशेष रूप से सॉफ्टवेयर विकास, की प्रक्रियाओं के अनुकूल होने के लिए UK के बोर्ड ऑफ़ ट्रेड द्वारा प्रस्तुत ISO 9000 की एक व्याख्या है। AS9000 एयरोस्पेस बेसिक गुणवत्ता प्रणाली मानक है, जो प्रमुख एयरोस्पेस निर्माताओं द्वारा विकसित एक व्याख्या है। उन प्रमुख निर्माताओं में अलाइड-सिग्नल (AlliedSignal), एलीसन इंजिन (Allison Engine), बोइंग (Boeing), जनरल इलेक्ट्रिक एयरक्राफ्ट इंजिन्स (General Electric Aircraft Engines), लॉकहीड-मार्टिन (Lockheed-Martin), मैक-डॉनल डगलस (McDonnell Douglas), नॉर्थरोप ग्रममैन (Northrop Grumman), प्रैट एण्ड ह्विटनी (Pratt & Whitney), रॉकवेल-कॉलिन्स (Rockwell-Collins), सिकोर्स्की एयरक्राफ्ट (Sikorsky Aircraft) और संडस्ट्रैंड (Sundstrand) शामिल हैं। वर्तमान संस्करण AS9100 है। PS 9000 फार्मास्युटिकल पैकेजिंग मैटेरियल्स के मानक का एक अनुप्रयोग है। क्वालिटी एश्योरेंस (IQA) के संस्थान के फार्मास्युटिकल क्वालिटी ग्रुप (PQG) ने PS 9000:2001 को विकसित किया है। इसका लक्ष्य फार्मास्युटिकल पैकेजिंग आपूर्ति उद्योग के भीतर सबसे अच्छे अभ्यास के एक व्यापक रूप से स्वीकृत आधारभूत GMP ढांचा प्रदान करना है। यह फार्मास्युटिकल मुद्रित और संपर्क पैकेजिंग सामग्रियों के लिए ISO 9001: 2000 को लागू करता है। QS 9000 प्रमुख मोटर वाहन निर्माताओं (GM, फोर्ड (Ford), क्रिसलर (Chrysler)) की एक सहमति-प्राप्त व्याख्या है। इसमें FMEA और APQP जैसी तकनीकें शामिल हैं। QS 9000 की जगह अब ISO/TS 16949 ने ले ली है। ISO/TS 16949:2009 प्रमुख मोटर वाहन निर्माताओं (अमेरिकी और यूरोपीय निर्माता) की एक सहमति-प्राप्त व्याख्या है; नवीनतम संस्करण ISO 9001:2008 पर आधारित है। प्रक्रिया के एक दृष्टिकोण पर जोर ISO 9001:2008 की तुलना में मजबूत है। ISO/TS 16949:2009 में ISO 9001:2008 और मोटर वाहन उद्योग की विशिष्ट आवश्यकताओं की पूरी विषय-वस्तु शामिल हैं। TL 9000 दूरसंचार गुणवत्ता प्रबंधन और मापन प्रणाली मानक है, जो क्वेस्ट फोरम (QuEST Forum) नामक दूरसंचार संघ द्वारा विकसित एक व्याख्या है। वर्तमान संस्करण 4.0 है और ISO 9001 या उपर्युक्त क्षेत्र के मानकों के विपरीत, TL 9000 में मानकीकृत उत्पाद माप शामिल है जिन्हें चिह्नित किया जा सकता है। 1998 में क्वेस्ट फोरम ने दुनिया भर में दूरसंचार उद्योग की आपूर्ति शृंखला गुणवत्ता आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए TL 9000 गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली का विकास किया। ISO 13485:2003 चिकित्सा उद्योग के ISO 9001:2000 के समतुल्य है। जबकि जिन मानकों को यह प्रतिस्थापित करता है, वे इनकी व्याख्या थे कि चिकित्सा उपकरणों में ISO 9001 और ISO 9002 को कैसे लागू किया जाए, ISO 13485:2003 एक लाजवाब मानक है। ISO 13485 के साथ अनुपालन का मतलब जरूरी तौर पर ISO 9001:2000 के के साथ अनुपालन नहीं है। ISO/TS 29001 पेट्रोलियम, पेट्रोकेमिकल और प्राकृतिक गैस उद्योगों के उत्पादों के डिजाइन, विकास, उत्पादन, स्थापना और सेवा के लिए गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली की आवश्यकता है। यह मोनोग्राम चयक के बिना API स्पेक Q1 के बराबर है। प्रभावशीलता सामान्यतः ISO 9000 की प्रभावशीलता पर बहस का केंद्र निम्नलिखित प्रश्न हैं: क्या मूल्य के ISO 9001:2000 में गुणवत्ता सिद्धांत हैं? (ध्यान दें कि संस्करण तिथि महत्वपूर्ण है: वर्ष 2000 के संस्करण में ISO ने ISO 9000:1994 के कई मुद्दों और आलोचनाओं को संबोधित करने का प्रयास किया). क्या यह एक ISO 9001:2000 अनुरूप गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली को लागू करने में मदद करता है? क्या यह ISO 9001:2000 प्रमाण पत्र प्राप्त करने में मदद करता है? लाभ इसे व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है कि उचित गुणवत्ता प्रबंधन अक्सर निवेश, शेयर विपणन, बिक्री वृद्धि, बिक्री मार्जिन, प्रतिस्पर्धी लाभ और मुकदमेबाजी के परिहार पर एक सकारात्मक प्रभाव डालकर व्यवसाय में सुधार लाता है। वेड, और बार्न्स के अनुसार ISO 9000:2000 के गुणवत्ता सिद्धांत भी बहुत अच्छे हैं, जो कहते हैं "ISO 9000 के दिशा-निर्देश गुणवत्ता प्रबंधन प्रणालियों के लिए एक व्यापक मॉडल प्रदान करते हैं जो किसी भी कंपनी को प्रतिस्पर्धी बना सकते हैं।" बार्न्स लॉयड के रजिस्टर क्वालिटी एश्योरेंस के एक सर्वेक्षण का भी उद्धृत देते हैं जिसने संकेत दिया कि ISO 9000 ने शुद्ध लाभ में बढ़ोत्तरी की, तथा वह एक और सर्वेक्षण का उद्धृत प्रस्तुत करते हैं जिसे डेलॉयट-टच ने किया था जिसने खबर दी कि पंजीकरण की लागत को तीन सालों में वसूला गया। प्रोविडेंस बिज़नेस न्यूज़ के अनुसार ISO का कार्यान्वयन निम्नलिखित लाभ प्रदान करता है: एक अधिक कुशल, प्रभावी परिचालन का निर्माण करता है ग्राहकों की संतुष्टि और प्रतिधारण को बढाता है लेखा-परीक्षणों को कम कर देता है विपणन का विस्तार करता है कर्मचारी की प्रेरणा, जागरूकता और मनोबल में सुधार लाता है अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देता है लाभ में वृद्धि करता है अपव्यय को कम करता है और उत्पादकता को बढ़ाता है हालांकि, 800 स्पेनिश कंपनियों के एक व्यापक सांख्यिकीय अध्ययन से पता चला कि ISO 9000 पंजीकरण अपने आप में ही थोड़ा-बहुत सुधार लाता है क्योंकि इसमें रुचि लेने वाली कंपनियों ने आम तौर पर पहले से ही गुणवत्ता प्रबंधन को कुछ इस तरह की प्रतिबद्धता की है और पंजीकरण से पहले बस ऐसे ही उसका प्रदर्शन कर रही थी। समस्याएं ISO 9001 की एक आम आलोचना पंजीकरण के लिए आवश्यक धनराशि, समय और कागजी कार्यवाही है। बार्न्स के अनुसार, "विरोधियों का दावा है कि यह केवल प्रलेखन के लिए है। समर्थकों का मानना है कि अगर एक कंपनी ने अपनी गुणवत्ता प्रणालियों को प्रलेखित किया है, तो अधिकांश कागजी कार्यवाही पहले से ही पूरी हो चुकी है।" ISO 9001 किसी भी तरह से इस बात का संकेत नहीं है कि इसकी प्रमाणित प्रणालियों के इस्तेमाल से उत्पादित उत्पाद किसी भी तरह से अच्छे हैं। एक कंपनी ख़राब गुणवत्ता वाले उत्पाद का उत्पादन करने का इरादा कर सकता है और लगातार एवं उचित प्रलेखन के साथ इस पर ISO 9001 का मोहर लगा सकता है। सेड्डन के अनुसार, ISO 9001 समझ और सुधार के बजाय विनिर्देशन, नियंत्रण और कार्यप्रणालियों को बढ़ावा देता है। वेड का तर्क है कि ISO 9000 एक दिशानिर्देश के रूप में प्रभावी है, लेकिन इसे एक मानक के रूप में बढ़ावा देने पर "यह कंपनियों की सोच को गुमराह करने में मदद करता है कि प्रमाणन का मतलब बेहतर गुणवत्ता है, ... [खोखली बातें हैं] जिससे संगठन को अपने खुद के गुणवत्ता मानकों को स्थापित करने की आवश्यकता होती है।" सविस्तार के तौर पर, वेड का तर्क है कि ISO 9001 के विनिर्देशनों पर भरोसा करने से एक सफल गुणवत्ता प्रणाली की गारंटी नहीं मिलती है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त होने पर भी ज्यादातर अमेरिकी उपभोक्ता ISO 9000 के बारे में जानते नहीं हैं और यह उनके लिए कोई महत्त्व रखती है। प्रमाणित करने और उसके बाद प्रमाण पत्र का रखरखाव करने की अतिरिक्त लागत को उचित नहीं ठहराया जा सकता है अगर उत्पाद के अंतिम उपयोगकर्ताओं को ISO 9000 की आवश्यकता नहीं है। वास्तव में इस लागत से एक कंपनी को एक गैर ISO 9000 प्रमाणित कंपनी के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करते समय एक प्रतिस्पर्धात्मक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। इस मानक को खासकर विफलता के खतरे के रूप में देखा जाता है जब एक कंपनी की रुचि गुणवत्ता से पहले प्रमाणन में हो. वास्तव में प्रमाणन अक्सर गुणवत्ता में सुधार लेने की इच्छा के बजाय ग्राहक के संविदात्मक आवश्यकताओं पर आधारित होते हैं। "यदि आप केवल दीवार पर प्रमाण पत्र देखना चाहते हैं, तो हो सकता है, आप एक ऐसी कागजी प्रणाली का निर्माण करेंगे जिसके लिए आपको ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है जिस तरह से आप अपने व्यवसाय को चलाना चाहते हो," ISO के रोजर फ्रॉस्ट ने कहा. एक स्वतंत्र लेखा परीक्षक द्वारा प्रमाणन को अक्सर एक समस्या क्षेत्र के रूप में देखा जाता है और बार्न्स के अनुसार "परामर्श सेवाएं बढ़ाने का एक माध्यम बन गया है।" वास्तव में, ISO खुद सलाह देता है कि ISO 9001 को प्रमाणन के बिना, केवल गुणवत्ता के लाभ के लिए जिसे हासिल किया जा सकता है, लागू किया जा सकता है। एक और सूचित समस्या कई प्रमाणन निकायों के बीच की प्रतिस्पर्धा है, जो एक फर्म की गुणवत्ता प्रणाली के परिचालन में देखे गए दोषों के एक सहज दृष्टिकोण तक ले जाता है। अब्राहमसन की दलील थी कि फैशनबल प्रबंधन संवाद, जैसे - गुणवत्ता के दायरे, में घंटी की वक्रता के रूप में एक जीवन-चक्र का अनुसरण करने की प्रवृत्ति होती है जो शायद एक प्रबंधन सनक का संकेत है। सारांश बार्नस द्वारा ISO 9000 के प्रभावी इस्तेमाल के लिए एक अच्छा सिंहावलोकन प्रदान किया गया है: इन्हें भी देखें अनुरूपता का मूल्यांकन—ISO प्रकाशित मानक युक्त ISO 10006—गुणवत्ता प्रबंधन—परियोजनाओं में गुणवत्ता प्रबंधन के दिशानिर्देश ISO 14001—परिवेशी प्रबंधन मानक ISO 19011—गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली लेखा-परीक्षण और परिवेशी प्रबंधन प्रणाली लेखा-परीक्षण के दिशा-निर्देश ISO/TS 16949—स्वचालित सम्बन्धी उत्पाद आपूर्तिकर्ताओं के लिए गुणवत्ता प्रणाली की आवश्यकताएं ISO/IEC 27001—सूचना सुरक्षा प्रबंधन AS 9100 - ISO 9000/1 का एयरोस्पेस उद्योग कार्यान्वयन ISO मानकों की सूची गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली परीक्षण प्रबंधन सत्यापन और वैधीकरण सन्दर्भ https://web.archive.org/web/20110111052006/http://www.iso.org/iso/survey2007.pdf - वर्ष 2007 के ISO के प्रमाणपत्रों के सर्वेक्षण का एक सार https://web.archive.org/web/20110805201012/http://www.iso.org/iso/survey2008.pdf - वर्ष 2008 के ISO के प्रमाणपत्रों के सर्वेक्षण का एक सार आगे पढ़ें बैमफोर्ड, रॉबर्ट; डीब्लर, विलियम (2003). ISO 9001: 2000 फॉर सॉफ्टवेयर एण्ड सिस्टम्स प्रोवाइडर्स: एन इंजीनियरिंग अप्रोच (प्रथम संस्करण). CRC-प्रेस. ISBN 0-8493-2063-1, ISBN 978-0-8493-2063-7 नावेह. ई., मार्कस, ए. (2004). "ISO 9000 गुणवत्ता आश्वासन मानक कब प्रदर्शन में सुधार लाता है?", IEEE ट्रांज़ैक्शंस ऑन इंजीनियरिंग मैनेजमेंट, 51(3), 352–363. बाहरी कड़ियाँ ISO 9000 और ISO 14000 का परिचय ISO (अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन) ISO 9001 का कार्यान्वयन गुणवत्ता प्रबंधन और गुणवत्ता आश्वासन पर ISO की तकनीकी समिति 176 तकनीकी समिति नं. 176, उप-समिति नं. 2, जिस पर ISO 9000 के मानकों के विकास का उत्तरदायित्व है। ISO 9000 के विकास पर आधारभूत सूचना ISO 9000 FAQs ISO 9000 FAQs तुर्की ISO के मानक गुणवत्ता प्रबंधन
आजकल प्रोफेशनल पढ़ाई में एजुकेशन लोन काफी अहम भूमिका निभाता है. आप एजुकेशन लोन लेकर पैसों के अभाव में भी आसानी से पढ़ाई कर सकते हैं लेकिन छात्रों के लिए एजुकेशन लोन पर ब्‍याज दर का बोझ और लोन लेने की प्रोसेस से परेशानी बढ़ जाती है. हालांकि छात्र-छात्राओं को इस बात की उम्‍मीद है कि आगामी 5 जुलाई को पेश होने वाले आम बजट में सरकार एजुकेशन लोन और उसके ब्‍याज दर से जुड़े अहम फैसले ले सकती है. एजुकेशन लोन के बारे में एजुकेशन लोन में मुख्‍य तौर पर कोर्स की बेसिक फीस और कॉलेज के दूसरे खर्च कवर होते हैं. इस लोन के लिए पढ़ाई करने वाला छात्र या उनके माता-पिता अप्‍लाई कर सकते हैं. अधिकतर बैंक स्‍कूली पढ़ाई या उच्च शिक्षा के लिए एजुकेशन लोन दे रहे हैं. इसके अलावा विदेश जाने वाले छात्रों के लिए भी बैंकों द्वारा एजुकेशन लोन मुहैया कराया जाता है. लोन लेकर फुल टाइम, पार्ट टाइम या वोकेशनल कोर्स किये जा सकते हैं. इसके अलावा इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, मेडिकल, होटल मैनेजमेंट और आर्किटेक्चर आदि में ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए लोन लिया जा सकता है. 'बजट 2019 की व‍िस्तृत कवरेज के ल‍िए यहां क्ल‍िक करें' बता दें कि लोन की रकम और ब्‍याज दर बैंक पर निर्भर करते हैं. रकम और रीपेमेंट की अवधि के हिसाब से एजुकेशन लोन की ब्‍याज दर तय होती है. रिजर्व बैंक के मुताबिक एजुकेशन लोन के लिए उम्र की अधिकतम सीमा नहीं है, लेकिन कुछ बैंकों ने सीमा तय कर रखी है. वहीं लोन की जरूरत के हिसाब से बैंक 100 फीसदी तक फाइनेंस कर सकते हैं. हालांकि भारत में पढ़ाई करने के लिए लोन की रकम का 5 फीसदी तक और विदेश में पढ़ाई के लिए 15 फीसदी मार्जिन मनी देनी होती है. इसके अलावा लोन की रकम बढ़ने की स्थिति में बैंक कुछ गिरवी रखने के लिए बोल सकते हैं. अंतरिम बजट में छात्र-छात्राओं के लिए क्‍या था ? बीते फरवरी महीने में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश किया था. इस बजट में स्कूल और उच्च शिक्षा के लिए संयुक्त रूप से 93,847.64 करोड़ रुपये आवंटित किए गए. स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के लिए 56 हजार 386 करोड़ रुपये का बजट आवंटित हुआ. बता दें कि पिछले साल 50,000 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे. पीयूष गोयल ने उच्च शिक्षा विभाग के लिए 37 हजार 461.01 करोड़ रुपये आवंटित किए.
नेपाल में बेहतर ढंग से बुजुर्गों की देखभाल सुनिश्चित कराने के लिए सरकार एक कानून लाने जा रही है. इसमें संतानों के लिए अपनी आय का एक निश्चित अंश अपने माता-पिता के बैंक खाते में जमा करवाना अनिवार्य होगा. यह जानकारी नेपाल के एक वरिष्ठ मंत्री ने दी. नेपाल सरकार के प्रवक्ता और संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री गोकुल प्रसाद बासकोटा ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रकार के प्रावधान के साथ वरिष्ठ नागरिक अधिनियम-2006 में संशोधन का एक विधेयक संसद में लाने का फैसला लिया गया है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने एक रिपोर्ट में उनके उस बयान का जिक्र किया है जिसमें उन्होंने कहा, "प्रस्तावित विधेयक का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वरिष्ठ नागरिकों का जीवन सरल व सुरक्षित हो." उन्होंने कहा, "ऐसे उदाहरण देखने को मिल रहे हैं जहां लाखों रुपये (नेपाली मुद्रा) की दौलत वाले लोग भी अपने माता-पिता की देखभाल नहीं करते हैं और उनके साथ बुरा बर्ताव करते हैं. इसलिए हम ऐसी प्रवृत्ति पर लगाम लगाने के लिए कानून लाने जा रहे हैं. बुजुर्गों की जिंदगियां सुरक्षित करना भी देश के लिए सम्मान की बात है."
भारत का आईसीसी वर्ल्ड कप 2019 से बाहर जाना सभी के लिए हैरानी वाली बात थी. इस बात की उम्मीद किसी ने नहीं की थी. कम से कम भारतीय टीम को देखकर तो ऐसा ही लगता है. इस अप्रत्याशित हार के बाद भारतीय टीम मैनचेस्टर में ही फंस गई है और टीम यहां रविवार तक रहेगी. एक सूत्र ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि टीम के लिए वापसी के टिकट बुक कर लिए हैं और खिलाड़ी रविवार तक मैनचेस्टर में ही रहेंगे. सूत्र ने कहा, 'कई खिलाड़ी 14 जुलाई तक मैनचेस्टर में ही रहेंगे और इसके बाद यहां से निकलेंगे. कल हार के बाद टीम के वापसी के टिकट बुक कर लिए हैं.' धोनी के संन्यास की चर्चाएं हुईं तेज, सचिन तेंदुलकर ने दिया बड़ा बयान भारत को अब वर्ल्ड कप के बाद वेस्टइंडीज का दौरा करना है और इस दौरे पर कप्तान विराट कोहली, जसप्रीत बुमराह जैसे सीनियर खिलाड़ियों को आराम दिया जा सकता है. यह दोनों हालांकि टेस्ट सीरीज के लिए टीम में लौट आएंगे. भारत को बुधवार को आईसीसी वर्ल्ड कप 2019 के पहले सेमीफाइनल मैच में न्यूजीलैंड के हाथों 18 रनों से हार का सामना करना पड़ा था.
संगठित क्षेत्र में रोजगार सृजन के मोर्चे पर थोड़ी राहत मिली है. बीते फरवरी के मुकाबले मार्च में अधिक नौकरियों का सृजन हुआ है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक मार्च महीने में 8.14 लाख नई नौकरियां मिली हैं जबकि फरवरी में यह आंकड़ा 7.88 लाख था. यानी फरवरी में 7.88 लाख नई नौकरियां मिली थीं. वहीं अगर साल के आधार पर बात करें तो 2018-19 में 67.59 लाख रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ. आंकड़ों के मुताबिक मार्च, 2019 में सबसे अधिक नौकिरयां 22 से 25 साल के आयुवर्ग के लोगों को मिली. इस वर्ग के लोगों के लिए 2.25 लाख रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ.  इसके बाद 18 से 21 साल के आयु वर्ग में रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ. वित्त वर्ष 2018-19 में 8.31 लाख के आंकड़े के साथ नौकरियों में बढ़ोतरी का सबसे ऊंचा आंकड़ा जनवरी, 2019 में रहा. पिछले माह जारी प्रारंभिक आंकड़ों में जनवरी 2019 का यह आंकड़ा 8.94 लाख बताया गया था. इन आंकड़ों के अनुसार सितंबर, 2017 से मार्च, 2018 के दौरान ईपीएफओ में कुल मिला कर 15.52 लाख नए सदस्य जुड़े. नौकरियों के अवसर में कमी! अप्रैल, 2019 में जारी नौकरियों के आंकड़ों में मार्च, 2018 के आंकड़ों में बड़ा संशोधन किया गया था. इसमें नौकरियों के अवसरों में 55,934 की कमी दिखाई गई है. इस कमी के बारे में ईपीएफओ ने कहा कि मार्च के आंकड़े नकारात्मक इसलिए हैं कि माह के दौरान काफी सदस्य इससे बाहर हुए हैं.  ईपीएफओ के मुताबिक ये आंकड़े अस्थायी हैं. इन अनुमानों में अस्थायी कर्मचारी भी शामिल हैं जिनका योगदान संभवत: पूरे साल के लिए नहीं होता है. सदस्यों के आंकड़ों को आधार पहचान से जोड़ा गया है.  बता दें कि ईपीएफओ संगठित या अर्द्धसंगठित क्षेत्र में कर्मचारियों के सामाजिक सुरक्षा फंड का प्रबंधन करता है. इसके सक्रिय सदस्यों की संख्या 6 करोड़ है. ईपीएफओ अप्रैल, 2018 से नौकरी के आंकड़े जारी कर रहा है. इसमें सितंबर, 2017 से शुरू हुई अवधि के आंकड़े शामिल हैं.
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने मंगलवार को कहा कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिनों की सबसे बड़ी उपलब्धि में जम्मू कश्मीर (Kashmir) का विशेष दर्जा समाप्त करना शामिल है और हमारा अगला एजेंडा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाना है. जितेंद्र सिंह ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (Kashmir) के मुद्दे पर कहा, ‘‘यह केवल मेरी या मेरी पार्टी की प्रतिबद्धता नहीं है बल्कि यह 1994 में पीवी नरसिंह राव के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा सर्वसम्मति से पारित संकल्प है. यह एक स्वीकार्य रुख है.'' अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान समाप्त करने पर पाकिस्तान की ओर से शुरू किये गए दुष्प्रचार अभियान पर जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने कहा कि विश्व का रुख भारत के अनुकूल है. उन्होंने कहा, ‘‘कुछ देश जो भारत के रुख से सहमत नहीं थे, अब वे हमारे रुख से सहमत हैं.'' उन्होंने कहा कि कश्मीर में आम आदमी मिलने वाले लाभों को लेकर खुश है. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कश्मीर मंगलवार को कहा था कि कश्मीर न तो बंद है और ना ही कर्फ्यू के साए में है, बल्कि वहां सिर्फ कुछ पाबंदियां लगी हुई हैं. उन्होंने देश विरोधी ताकतों को चेतावनी दी कि उन्हें जल्द उस मानसिकता को बदलना होगा कि वे कुछ भी करने के बाद बच निकलेंगे. जितेंद्र सिंह ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमें ऐसे बयानों (कश्मीर कर्फ्यू के साए में है और पूरी तरह से बंद है) की निंदा करने की जरूरत है. कश्मीर बंद नहीं है. वहां कर्फ्यू नहीं है. अगर कर्फ्यू होता तो लोगों को ‘कर्फ्यू पास' के साथ बाहर निकलना होता.'' उन्होंने कहा, ‘‘किसी व्यक्ति से कर्फ्यू पास नहीं मांगा गया लेकिन उनसे उम्मीद की जाती है कि वे शांति भंग नहीं करें. वहां कुछ प्रतिबंध है.'' वह नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की प्रथम 100 दिन की उपलब्धियां गिनाने के लिए यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कश्मीर में धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं.  इंटरनेट सेवा बंद रखने के बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘‘हम इसे जल्द से जल्द बहाल करना चाहते हैं। एक कोशिश की गई थी लेकिन सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो डाले जाने लगा और फैसले की दोबारा समीक्षा करनी पड़ी.'' उन्होंने कहा कि सरकार इन पाबंदियों को खत्म करने और इंटरनेट पर रोक हटाने को इच्छुक है. आतंकियों द्वारा आम लोगों की हत्या के बारे में उन्होंने कहा कि इसमें पाकिस्तान का हाथ है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘यह मानसिकता है कि आप कुछ भी करके बच निकलेंगे. अब आप बच कर निकल नहीं पाएंगे, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए आपको कीमत चुकानी होगी.''
दिल्ली के वसंत विहार इलाके के माडर्न स्कूल की छात्रा की मौत के बाद गुरुवार को स्कूल प्रशासन से छात्रा के मां-पिता की झड़प हो गई. स्‍कूल प्रशासन ने छात्रा के अभिभावकों को स्‍कूल में बातचीत के लिए बुलाया था. इससे पहले मॉडर्न स्कूल के छात्रों ने स्कूल के बाहर प्रदर्शन करके प्रिंसिपल के इस्तीफे की मांग की. छात्रों ने कल भी स्कूल के बाहर प्रदर्शन किया था. छात्रों का आरोप है कि स्कूल प्रशासन ने आकृति को अस्पताल ले जाने में देर की, जिसके चलते उसकी मौत हुई. 12 वीं क्लास की छात्रा आकृति भाटिया को मंगलवार को स्कूल में ही अस्थमा का दौरा पड़ा. उसने सुबह करीब 10 बजे सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की. उसने टीचर से अपनी मां को फोन करने के लिए भी कहा. शुरू में उसे स्कूल में ही ऑक्सीजन पर रखा गया. बाद में स्कूल वाले उसे दो किलोमीटर दूर होली एंजल अस्पताल ले गए, लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया. स्कूल के छात्रों और आकृति के घर वालों का आरोप है कि अस्पताल ले जाने में हुई देरी के चलते ही आकृति की मौत हुई.
श्रीमति मीरा कुमार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में से हैं। इन्होंने पंद्रहवीं लोकसभा में बिहार के सासाराम लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था। वह लोकसभा की पहली महिला अध्यक्ष (स्पीकर) के रूप में 3 जून 2009 को निर्विरोध चुनी गयी। इन्होंने 2017 के राष्ट्रपति चुनाव में यू पी ए की उम्मीदवार के रूप में रामनाथ कोविन्द के विरुद्ध चुनाव लड़ा जिसमें वे 34% मतों से पराजित हुईं। जीवन परिचय मीरा कुमार का जन्म 31 मार्च, 1945 को बाबू जगजीवन राम और इन्द्राणी देवी के यहाँ सासाराम बिहार में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के महारानी गायत्री देवी स्कूल में हुई। मीरा कुमार ने दिल्ली के इन्द्रप्रस्थ और मिरांडा हाउस कॉलेजों से एम ए और एल एल बी तक शिक्षा ग्रहण की। वर्ष 1973 में वह भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के लिए चुनी गईं। कुछ वर्षो तक स्पेन, ब्रिटेन और मॉरीशस में उच्चायुक्त रहीं लेकिन उन्हें अफसरशाही रास नहीं आई और उन्होंने राजनीति में कदम बढ़ाने का फैसला किया। वे अंग्रेजी, स्‍‍पेनिश, हिंदी, संस्कृत, भोजपुरी भाषाओ में निपुण है। वे वर्ष 1968 में बिहार की पहली महिला कैबिनेट मंत्री सुमित्रा देवी के बड़े पुत्र मंजुल कुमार से परिणय सूत्र में बंधी। उनके एक पुत्र (अंशुल) एवं दो पुत्रियाँ (स्‍‍वाति और देवांगना) हैं। राजनितिक जीवन राजनीति में उनका प्रवेश अस्सी के दशक में हुआ था। १९८५ में वे पहली बार बिजनौर से संसद में चुन कर आई। उस समय के दो दलित नेता रामविलास पासवान औऱ मायावती भी उनके प्रचार अभियान का हिस्सा रहें। १९९०में वे कांग्रेस पार्टी की कार्यकारिणी समिति की सदस्य और अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की महासचिव भी चुनी गई। १९९६ में वे दूसरी बार सांसद बनीं और तीसरी पारी उन्होंने १९९८ में शुरु की, २००४ में बिहार के सासाराम से लोक सभा सीट जीती। २००४ में यूनाईटेड प्रोग्रेसिव अलायन्स सरकार में उन्हें सामाजिक न्याय मंत्रालय में मंत्री बनाया गया। इस बार वे पाँचवीं बार संसद के लिए चुनी गई हैं। मीरा कुमार भारत की पहली महिला लोकसभा स्पीकर हैं। जीएमएसी बालयोगी के बाद वे दूसरी दलित नेता है जो इस पद तक पहुंचे। प्रिय पुस्तक अभिज्ञान शांकुतलम् जब मैं स्कूल की छात्रा थी, तब कई बार दर्शक दीर्घा से मैंने लोकसभा की कार्यवाही को देखा। उस समय स्वतंत्रता संग्राम के पुरोधा इस सदन में बैठकर देश के लोगों के हित में फैसले लेते थे। खासकर दलितों, वंचितों और कमजोर तथा हाशिए पर खड़े लोगों के लिए वह बड़ी मशक्कत करते थे।मीरा कुमार कहती है कि मैं हमेशा कुछ न कुछ पढ़ती रहती हूं और मेरी प्रिय पुस्तक महाकवि कालिदास की अभिज्ञान शांकुतलम् है। कला और साहित्य से  विशेष लगाव  भारतीय इतिहास में विशेष रुचि रखने वाली मीरा कुमार को कला और साहित्य से भी विशेष लगाव है।उन्हें देश-विदेश की ऐतिहासिक इमारतों का भ्रमण करने का भी शौक है। विदेश सेवा में कार्यरत होने के कारण बड़े पैमाने पर उन्होंने विदेश यात्राएं की हैं। हस्तशिल्प प्रेमी होने के अलावा मीरा कुमार एक अच्छी कवियित्री भी हैं। वह अपना खाली समय किताबें पढ़ने और शास्त्रीय संगीत सुनने में व्यतीत करती हैं। उनकी लिखी कई कविताएं प्रकाशित भी हुई हैं। सन्दर्भ 1945 में जन्मे लोग जीवित लोग ८वीं लोक सभा के सदस्य १२वीं लोक सभा के सदस्य १४वीं लोक सभा के सदस्य १५वीं लोकसभा के सदस्य भारत सरकार के मंत्री बिहार के राजनीतिज्ञ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनीतिज्ञ लोकसभा अध्यक्ष दलित महिलाएँ
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को शुक्रवार को पार्टी की राज्य इकाई का नया अध्यक्ष नियुक्त किया. अमरिंदर की नियुक्ति 2017 में प्रस्तावित राज्य विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हुई है. पार्टी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री अंबिका सोनी विधानसभा चुनाव में पार्टी की प्रचार अभियान समिति की अध्यक्ष होंगी. कांग्रेस विधायक साधु सिंह धरमसोत प्रचार अभियान समिति के उपाध्यक्ष होंगे और रवनीत सिंह बिट्ट (सांसद) इसके संयोजक होंगे. बयान में कहा गया, 'पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से प्रताप सिंह बाजवा के इस्तीफे के बाद सोनिया गांधी ने अमरिंदर सिंह को तत्काल प्रभाव से नया अध्यक्ष नियुक्त किया है.' बयान में कहा गया है, 'अन्य नियुक्तियां जल्द की जाएंगी.' बाजवा ने गुरुवार को अपने पद से इस्तीफा दिया था. पार्टी विधायक दल के नेता सुनील जाखड़ ने भी इस्तीफा दे दिया था. ये दोनों इस्तीफे ऐसे समय में सामने आए हैं, जब पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने चंद दिनों पहले ही राज्य का दौरा किया था.  पार्टी की राज्य इकाई में पहले से गुटबाजी चल रही थी. अमरिंदर सिंह अमृतसर से सांसद हैं और लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता हैं. इनपुट- IANS
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन का कहना है कि अगर उनकी टीम ने बल्लेबाजी में सुधार नहीं किया, तो भारत के खिलाफ होने वाली पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में उसे करारी शिकस्त का सामना करना पड़ेगा. इंग्लैंड ने सोमवार को बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में 22 रनों से जीत दर्ज की. भारत के खिलाफ इंग्लैंड पांच टेस्ट मैचों की सीरीज की शुरुआत नौ नवंबर से करेगा. इंग्लैंड को बल्लेबाजी पर ध्यान देना होगा बीबीसी रेडियो-5 लाइव को दिए बयान में वॉन ने कहा, 'इंग्लिश टीम बांग्लादेश में जिस तरह खेल रही है, उस तरह भारत के खिलाफ खेली तो उसे 5-0 से हार का सामना करना पड़ सकता है.' वॉन ने इंग्लैंड के लिए 1999 से 2008 के बीच 82 टेस्ट मैच खेले थे और 51 मैचों में उन्होंने कप्तानी की थी. उन्होंने कहा कि इग्लैंड की सबसे बड़ी समस्या यही है कि उसने इस बात को अब तक तवज्जो नहीं दी है कि उसके सलामी बल्लेबाज कौन होंगे. भारत दौरा आसान नहीं होगा इंग्लैंड के पूर्व कप्तान वॉन ने कहा, 'इंग्लैंड इतने समय से तीन विकेट के नुकसान पर केवल 30 से 40 रन बनाता आया है. अगर भारत के खिलाफ भी उसका यही स्कोर रहा, तो उन्हें करारी शिकस्त का सामना करना पड़ेगा.' वॉन ने कहा, 'आप जीत का जश्न मना सकते हो, लेकिन इंग्लैंड अपने खेल में बेहतर सुधार को लेकर आश्वस्त रहे.' 'बल्लेबाजी और गेंदबाजी में सुधार लाना होगा' बांग्लादेश के ख्रिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले टेस्ट मैच में सोमवार को मिली जीत के बाद इंग्लैंड के कोच ट्रेवर बेलिस ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि उनकी टीम को बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनो क्रम में सुधार की जरूरत है.
देश की राजधानी दिल्ली में रेप की वारदातें थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं. एक ही दिन में दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में रेप के दो मामले सामने आए हैं. एक घटना में दो भाइयों ने अपने मामा की नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया, वहीं दूसरी घटना में चार सगे भाइयों ने एक युवती से गैंगरेप किया. बलात्कार की पहली घटना ने भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को ही तार-तार कर दिया. पुलिस के मुताबिक, नाबालिग पीड़िता यूपी की रहने वाली है. वह परिवार के साथ शादी में शरीक होने के लिए अपने नाना के घर सुल्तानपुरी आई हुई थी. शादी के बाद किसी परिजन की तबीयत खराब हो गई. वह लोग नाबालिग पीड़िता और उसकी छोटी बहन को घर में छोड़कर अस्पताल चले गए. कुछ देर बाद पीड़िता की बुआ के बेटे घर आए. पीड़िता ने दोनों भाइयों को खाना खिलाया और सोने के लिए चली गई. देर रात कलयुगी भाइयों ने छोटी बहन के सिर पर बंदूक रख बड़ी बहन के साथ रेप किया और वहां से फरार हो गए. दो दिन बाद पीड़िता का स्वास्थ्य खराब होने पर घटना का खुलासा हुआ. पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल करवाने के बाद आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया. फिलहाल पुलिस कलयुगी भाइयों की तलाश में जुटी है. वहीं दूसरी घटना के मुताबिक, 25 वर्षीय एक नर्स के साथ 4 भाइयों ने गैंगरेप किया. नर्स आरोपियों के घर में किराये पर रहती थी. गैंगरेप के बाद सबसे छोटे भाई ने उससे शादी करने का वादा किया. कुछ समय बाद वह मुकर गया. खुद के साथ हुए उत्पीड़न के बाद पीड़िता ने पुलिस में शिकायत की. रेप का मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. वहीं दो आरोपियों की तलाश जारी है.
रितिक रोशन की 'मोहनजोदड़ो' और अक्षय कुमार की 'रुस्तम' एक ही दिन यानी कि 12 अगस्त को रिलीज होने वाली है. खबरें आ रही थीं कि दोनों की फिल्मों में टकराव के कारण फिल्म की बिजनेस पर असर पड़ सकता है. लेकिन आपको बता दें कि इस क्लैश से दोनों एक्टर्स के बीच कोई तनाव नहीं है. दोनों एक्टर्स ट्विटर पर एक-दूसरे के साथ मस्ती करते नजर आ रहे हैं. आपको बता दें कि रितिक रोशन और अक्षय कुमार दोनो मुंबई के जुहू इलाके  में रहते हैं. अक्षय ग्राउंड फ्लोर पर और रितिक उसी बिल्डिंग की पहली मंजिल पर रहते हैं. अब यह देखना खास होगा की प्रोफेशनल लेवल पर इनकी फिल्में कितना बड़ा बिजनेस कर पाती हैं. #MohenjoDaro is just 4 days away. And so is #Rustom (wink) @akshaykumar #dostiKiHaiToNibhaniPadegi https://t.co/j4BqTNdscd — Hrithik Roshan (@iHrithik) August 8, 2016 Bas kar pagle ab rulayega kya 😂😂😂 Get ready with your popcorn guys, entertaining weekend ahead 😀 https://t.co/xoKifZ06Os — Akshay Kumar (@akshaykumar) August 8, 2016
आध्यात्मिक गुरु सिद्धेश्वर स्वामी जी ने पद्मश्री पुरस्कार लेने से मना कर दिया है. स्वामी जी ने इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है. कर्नाटक के विजयपुर निवासी स्वामी जी को पद्मश्री देने का ऐलान गुरुवार को ही किया गया था. स्वामी जी ने पद्मश्री पुरस्कार दिए जाने पर भारत सरकार का शुक्रिया जताते हुए कहा कि उन्होंने अब संन्यासी जीवन अपना लिया है. संन्यासी और आध्यात्मिक व्यक्ति होने के नाते पुरस्कार उनके लिए मायने नहीं रखता. उन्होंने कहा कि मैं एक संन्यासी हूं. अब मुझे ऐसे पुरस्कारों की जरूरत नहीं. मैं सम्मानपूर्वक यह पुरस्कार लौटा रहा हूं. Spiritual leader Siddheshwar Swamiji of Vijaypur has written a letter to Prime Minister Narendra Modi declining to accept the Padma Shri award which was conferred upon him. pic.twitter.com/UfQHUTgRFn — ANI (@ANI) January 28, 2018 द हिन्दू को दिए इंटरव्यू में स्वामीजी ने कहा कि उनके अलावा और भी बहुत से लोग हैं, जिन्हें ये पुरस्कार मिलना चाहिए. ये पुरस्कार उन्हें दे दिया जाना चाहिए. गौरतलब है कि आज ही पीएम मोदी ने अपने ‘मन की बात’ में देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा था कि इस बार पद्मश्री पुरस्कार के लिए बड़े शहरों में रहने वालों की बजाए छोटे शहरों में रहने वाले ऐसे लोगों को चुना गया जो समाज की बेहतरी के लिए बेहतरीन काम कर रहे हैं.
मॉडल बिदुशी दास बर्डे के मृत पाए जाने के बाद मुंबई पुलिस ने आज उसके सॉफ्टवेयर इंजीनियर पति का बयान दर्ज किया, लेकिन जांच में अभी कोई सफलता नहीं मिली है।टिप्पणियां सूत्रों ने बताया कि पुलिस को अपराधियों के बारे में कोई निश्चित सुराग नहीं मिले हैं हालांकि, बिदुशी के पति केदार का आज बयान दर्ज किया। पूर्व मिस चेन्नई और दक्षिण भारतीय फिल्म अभिनेत्री 23 वर्षीय बिदुशी उपनगरीय अंधेरी में अपने किराये के अपार्टमेंट में सोमवार की रात को मृत पाई गई थीं। सूत्रों ने बताया कि पुलिस को अपराधियों के बारे में कोई निश्चित सुराग नहीं मिले हैं हालांकि, बिदुशी के पति केदार का आज बयान दर्ज किया। पूर्व मिस चेन्नई और दक्षिण भारतीय फिल्म अभिनेत्री 23 वर्षीय बिदुशी उपनगरीय अंधेरी में अपने किराये के अपार्टमेंट में सोमवार की रात को मृत पाई गई थीं। पूर्व मिस चेन्नई और दक्षिण भारतीय फिल्म अभिनेत्री 23 वर्षीय बिदुशी उपनगरीय अंधेरी में अपने किराये के अपार्टमेंट में सोमवार की रात को मृत पाई गई थीं।
भारत बहुत सारी भाषाओं का देश है, परन्तु सरकारी कामकाज में व्यवहार में लायी जाने वाली दो भाषाऍँ हैं, हिन्दी और अंग्रेज़ी। भारत में द्विभाषी वक्ताओं की संख्या 31.49 करोड़ है, जो 2011 में जनसंख्या का 26% है। हिन्द-आर्य भाषाएँ पालि, प्राकृत, मारवाड़ी/मेवाड़ी, अपभ्रंश, हिंदी, उर्दू, पंजाबी, राजस्थानी, सिंधी, कश्मीरी, मैथिली, भोजपुरी, नेपाली, मराठी, डोगरी, कुरमाली, नागपुरी, कोंकणी, गुजराती, बंगाली, ओड़िआ, असमिया, गुजरी द्रविड़ भाषाएँ तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, तुलू, गोंडी, कुड़ुख ऑस्ट्रो-एशियाई भाषाएँ संथाली, हो, मुंडारी, खासी, भूमिज तिब्बती-बर्मी भाषाएँ नेपाल भाषा, मणिपुरी, खासी, मिज़ो, आओ, म्हार, नागा मातृभाषा के अनुसार बड़ी भारतीय भाषाओं की सूची यहाँ यह ध्यान रखने योग्य बात है कि भारत में द्विभाषिकता एवं बहुभाषिकता का प्रचलन है इसलिए यह सँख्या उन लोगों की है जिन्होंने ने हिन्दी को अपनी प्रथम भाषा के तौर पर १९९१ की जनगणना में दर्ज़ किया था। मान्यता प्राप्त भाषाएं हिंदी भारत के उत्तरी हिस्सों में सबसे व्यापक बोली जाने वाली भाषा है। भारतीय जनगणना "हिंदी" की व्यापक विविधता के रूप में "हिंदी" की व्यापक संभव परिभाषा लेती है। 2011 की जनगणना के अनुसार, 43.63% भारतीय लोगों ने हिंदी को अपनी मूल भाषा या मातृभाषा घोषित कर दिया है। भाषा डेटा 26 जून 2018 को जारी किया गया था। भिली / भिलोदी 1.04 करोड़ वक्ताओं के साथ सबसे ज्यादा बोली जाने वाली गैर अनुसूचित भाषा थी, इसके बाद गोंडी 29 लाख वक्ताओं के साथ थीं। भारत की जनगणना २०११ में भारत की आबादी का 96.71% 22 अनुसूचित भाषाओं में से एक अपनी मातृभाषा के रूप में बोलता है। दस लाख से कम व्यक्तियों द्वारा बोली जाने वाली भाषाएँ संक्षिप्त चिह्न Ang अंग या अंगिका लिपि, Ass. असमिया लिपि, Ben. बंगाली लिपि, Dev. देवनागरी लिपि, Guj. गुजराती लिपि, Gur. गुरमुखी लिपि, Kan. कन्नड़ लिपि, Lat. लैटिन लिपि, Mai. मैथिली लिपि, मिथिलाक्षर, कैथी Mal. मलयालम लिपि, Nep. नेपाली, Ori. ओड़िआ लिपि, Sin. सिंहल लिपि, Tam. तमिल लिपि, Tel. तेलुगु लिपि. सन्दर्भ इन्हें भी देखें भारत का भाषाई इतिहास भारत के भाषा परिवार भारत की आधिकारिक भाषाओं में भारत गणराज्य के नाम भारतीय लिपियाँ भारत की बोलियाँ हिंदी की विभिन्न बोलियाँ और उनका साहित्य बाहरी कड़ियाँ हिन्दी और क्षेत्रीय भाषाओं का परस्परिक सम्बन्ध (डॉ विनोद कुमार) भारत की भाषाएँ (गूगल पुस्तक ; लेखक - डॉ राजमल बोरा) भारतीय भाषाएँ और हिन्दी अनुवाद (गूगल पुस्तक ; लेखक - कैलाशचन्द्र भाटिया) भारतीय भाषाओं की पहचान (डॉ सियाराम तिवारी) भारतीय भाषाएं एवं लिपियाँ सीखें (यहाँ अपनी सुविधा लिपि एवं भाषा के माध्यम से भारत की दूसरी भाषाएँ सीखने की निःशुल्क सुविधा है।) 10 Unusual Facts About Indian Languages. How Many Do You Know? भारतीय भाषा कोश (२१ भारतीय भाषाओं का एकल कोश)
चालू सत्र के दौरान गेहूं की खरीद अब तक दो करोड़ 54 लाख टन हो गई है, जो एक नया रिकॉर्ड है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के बयान में कहा गया है कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में अधिक खरीद की बदौलत यह रिकॉर्ड बना है। इससे पहले 2009-10 में दो करोड़ 53 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी, जो एक कीर्तिमान था। पंजाब में अभी तक एक करोड़ 9 लाख टन गेहूं तथा हरियाणा में 68 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है। मध्य प्रदेश ने 44 लाख टन तथा उत्तर प्रदेश और राजस्थान ने क्रमश: 20.5 लाख टन और 10.3 लाख टन का योगदान किया है। वर्ष 2011-12 में गेहूं के आठ करोड़ 42 लाख टन के रिकॉर्ड उत्पादन के अनुमान को देखते हुए इस बार दो करोड़ 62 लाख टन की खरीद का लक्ष्य है। सरकार चालू सत्र में किसानों को 1,170 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान कर रही है, जिसमें 50 रुपये का बोनस शामिल है।
बिहार बीजेपी के अध्यक्ष नित्यानंद राय ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा था कि उनकी ओर उठने वाली अंगुली या हाथ को तोड़ देना चाहिए, या काट डालना चाहिए. इसी 'धमकी' को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने ट्विटर पर ज़ोरदार तंज कसा है. कपिल सिब्बल ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर लिखा, "बीजेपी की आवाज़ें : मोदी के खिलाफ बोलोगे, अंगुली गंवा बैठोगे... पद्मावती के खिलाफ बोलोगे, सिर गंवा बैठोगे... अन्य आवाज़ें : अगर कुछ नहीं बोलोगे, हिन्दुस्तान गंवा बैठोगे..."   यह भी पढ़ें: नित्यानंद राय का विवादित बयान, बोले - PM मोदी के खिलाफ उठा हर हाथ काट देंगे BJP voices : Speak against Modi , lose your finger Speak for Padmavati , lose your headटिप्पणियां Others : If you don't speak up we may lose India — Kapil Sibal (@KapilSibal) November 21, 2017 Others : If you don't speak up we may lose India
गोमांस खाने की अफवाह पर दादरी के एक बुजुर्ग की हत्या किए जाने के मामले में मीट की जांच रिपोर्ट आ गई है. जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि मीट गाय का नहीं बल्कि बकरे का था. गौमांस नहीं बकरे का मांस गौतम बुद्ध नगर वेटेनरी विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक जिस मांस की जांच की गई है, वो गाय का नहीं बल्कि बकरे का था. इसके अलावा रिपोर्ट कहा गया है कि जांच की पुष्टि के लिए सैंपल को फोरेंसिंक लैब में भेज दिया गया है. गोमांस की अफवाह फैली थी 28 सितंबर को दादरी स्थित बिसहेड़ा गांव में कुछ लोगों ने अखलाक नाम के शख्स के घर पर हमला कर दिया था. किसी ने अफवाह फैलाई थी कि परिवार ने गौमांस खाया है. अचानक हुए इस हमले में बुजुर्ग अखलाख की मौत हो गई थी, जबकि उनका 22 साल का बेटा दानिश गंभीर रूप से घायल हो गया था. अखलाख के घर से मांस भी बरामद हुआ था और इस मामले में गांव के कई लोगों को हिरासत में लिया गया था. पूरे देश में आक्रोश इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. इस घटना की न सिर्फ चौतरफा आलोचना हुई बल्कि कई क्षेत्रों के प्रतिष्ठित लोगों ने इसके विरोध में अपने सरकारी पुरस्कार तक लौटाने शुरू कर दिए थे.
जब भी देश किसी भयानक आपदा का शिकार होता है, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) में उदारतापूर्वक दान देने की अपील सत्ता शिखर से होती है. लेकिन आपको जानकर हैरत होगी कि जितनी उदारता से देश की जनता सहयोग करती है, प्रधानमंत्री कार्यालय उतना उदार नहीं है. दान किसने दिया और उस पैसे से किसको लाभ मिला, प्रधानमंत्री कार्यालय यह बताना नहीं चाहता. इसके पीछे पीएमओ की दलील है कि यह एक निजी संस्था है जो न आम नागरिकों के प्रति जवाबदेह है और न दानकर्ताओं के प्रति, न ही पीएमओ से चंद मिनट के फासले पर स्थित लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर संसद के प्रति. ऐसे में सवाल उठता है कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में ऐसा क्या है जिसे दशकों से छिपाने की कोशिश हो रही है? सूचना का अधिकार कानून लागू होने के बाद जब सवाल पूछे जाने लगे तो पीएमएनआरएफ ने खुद को निजी संस्था बताकर जवाब देने से इनकार कर दिया. लेकिन केंद्रीय सूचना आयोग ने दो बार इस मामले में ऐतिहासिक फैसले दिए और इस कोष को लोक प्राधिकरण के दायरे में बताया क्योंकि यह संस्था देश के सत्ता केंद्र प्रधानमंत्री कार्यालय से चलती है और दो वरिष्ठ अधिकारी इसके प्रबंधन में प्रधानमंत्री का सहयोग करते हैं. लेकिन पीएमओ ने इस मामले पर दिल्ली हाइकोर्ट से स्टे ले लिया जो अब भी लंबित है. लेकिन तमाम पड़ताल के आधार पर जब इंडिया टुडे ने इस कोष के बारे में सवाल उठाए तो सबसे अधिक फोकस पैन नंबर पर किया जिसके आधार पर ही दानकर्ताओं को कर में छूट दी जाती है और इसमें मिलने वाली राशि आयकर के दायरे से बाहर होती है. सरसरी तौर पर भले पीएमएनआरएफ की दलीलें उसके लिहाज से जायज हों, लेकिन इंडिया टुडे ने सबसे पहले यह सवाल उठाया कि जब पीएमएनआरएफ खुद को निजी संस्था बताती है तो उसका पैन कार्ड गवर्नमेंट श्रेणी से क्यों जारी किया गया है. पैन कार्ड का चौथा शब्द धारक की श्रेणी को इंगित करता है. निश्चित तौर से इसका कोई खंडन पीएमओ के पास नहीं था, लिहाजा सरकार ने पैन नंबर ही बदल दिया. (पैन कार्ड में अंतर के लिए देखें बॉक्स) इस बारे में इंडिया टुडे ने सूचना का अधिकार कानून के तहत पैन कार्ड बदलने की वजह और उससे संबंधित फाइल नोटिंग्स मुहैया कराने की मांग की तो राहत कोष ने एक बार फिर लुकाछिपी का खेल किया. पीएमओ ने अपने जवाब में दलील दी कि इस सवाल का जवाब नहीं दिया जा सकता क्योंकि यह आरटीआइ ऐक्ट की धारा 2 (एफ) के दायरे में नहीं आता. अब पीएमएनआरएफ ने पैन कार्ड ट्रस्ट की श्रेणी में जारी कराया है, लेकिन यह गैर पंजीकृत ट्रस्ट है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या गैर पंजीकृत ट्रस्ट पीएमओ से चल सकता है. इस सवाल के जवाब में देश के प्रथम मुख्य सूचना आयुक्त और प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में बतौर संयुक्त सचिव इस राहत कोष की जिम्मेदारी संभाल चुके वजाहत हबीबुल्ला इंडिया टुडे से कहते हैं, ''यह तो पीएमओ को बताना चाहिए. लेकिन मैंने मुख्य सूचना आयुक्त के तौर पर फैसला दिया था कि चूंकि यह संस्था पीएमओ से चलती है और प्रधानमंत्री उसके अध्यक्ष होते हैं, इसलिए उसे सूचना का अधिकार कानून के तहत जवाब देना होगा.'' लेकिन पीएमओ की ओर से आरटीआइ के सवाल के जवाब में फाइल नोटिंग्स और पैन कार्ड बदलने की वजहों का खुलासा करने से इनकार को वे गलत ठहराते हैं. उनका मानना है कि भले पीएमओ ने पैन कार्ड बदलकर उसे ट्रस्ट की श्रेणी में ला दिया हो और वह इसके कामकाज को देखने के लिए किसी सरकारी अफसर की जगह निजी कर्मचारी तैनात कर ले, लेकिन चूंकि प्रधानमंत्री ही इस राहत कोष के अध्यक्ष होते हैं, इसलिए उसे जनता के प्रति जवाबदेह बनना होगा. आरटीआइ एक्टिविस्ट सुभाष अग्रवाल प्रधानमंत्री राहत कोष को नए सिरे से गठित करने की जरूरत बता रहे हैं. उनका कहना है, ''पीएमएनआरएफ की संरचना ही गलत है. यह पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को बसाने के लिए बनाया गया था. तब इसमें प्रधानमंत्री के अलावा कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष, टाटा के ट्रस्टी आदि को प्रबंधन कमेटी में शामिल किया गया था जो आज प्रासंगिक नहीं है.'' इंडिया टुडे ने आरटीआइ में यह भी सवाल पूछा था कि अगर पीएमएनआरएफ एक ट्रस्ट है तो उसके ट्रस्टी कौन-कौन हैं, उसकी पूरी जानकारी दी जाए. लेकिन पीएमओ ने इस पर टका सा जवाब दिया कि इस बाबत प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट देख लें. लेकिन इसकी वेबसाइट में कहीं भी ट्रस्टी का कोई जिक्र नहीं है. आरटीआइ एक्टिविस्ट और पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट अजय कुमार गोयल भी सवाल उठाते हैं, ''अगर यह ट्रस्ट है तो क्या पंडित नेहरू ने आगे किसी को इसका ट्रस्टी बनाया था. इस संबंध में क्या कोई औपचारिक रिकॉर्ड है? ट्रस्ट एक खास मकसद से बनाया गया था, लेकिन बाद में इसमें बहुत-सी चीजें इसके दायरे में जोड़ दी गईं. जबकि ट्रस्ट का गठन एक खास उद्देश्य के साथ होता है, लेकिन यहां तो घर की दुकान की तरह सब कुछ बदल दिया गया.'' वे एक तकनीकी सवाल उठाते हैं कि गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए पीएमओ उन्हीं अस्पतालों को सहायता राशि जारी करता है जो उसके पैनल में है. लेकिन अस्पतालों को जारी की जाने वाली राशि में से टीडीएस नहीं काटा जाता, जबकि आयकर के नियम के मुताबिक ऐसा होना चाहिए. लेकिन आरटीआइ के जवाब में पीएमओ की दलील है कि चूंकि वह टीडीएस नहीं काटता इसलिए उसे टैन नंबर की जरूरत ही नहीं है. यह स्थिति तब है जब देश में गैर कांग्रेसी सरकार है और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शासन की पारदर्शिता पर जोर दे रहे हैं. लेकिन उनका ही कार्यालय उस फंड को जनता के प्रति जवाबदेह नहीं बना रहा जो जनता के पैसे पर ही चलता है. खुद पीएमएनआरएफ की वेबसाइट बताती है कि इस साल 15 जनवरी तक इस कोष में 2,069.84 करोड़ रुपए शेष हैं. निश्चित तौर से इतनी बड़ी रकम वाले फंड को लेकर लुकाछिपी का खेल होगा और तकनीकी बिंदुओं की आड़ लेकर जवाबदेही और पारदर्शिता से बचने की कोशिश होगी तो सवाल उठ सकता है कि कहीं अंदरखाने इसमें कोई महाघोटाला तो नहीं पल रहा. इस आशंका के पीछे भी वजह है. इस फंड से गरीबों को गंभीर बीमारियों के लिए भी मदद मिलती है, लेकिन सहायता राशि दिए जाने का कोई उचित मापदंड नहीं है, जिससे पक्षपात की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है. हालांकि केंद्र की सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने राहत कोष में गुजरात मॉडल को लागू करने की कोशिश की. उन्होंने 19 जुलाई 2014 को समीक्षा बैठक में इस बात पर जोर दिया कि जरूरतमंदों को सहायता देने में व्यापक, वैज्ञानिक तरीका और मानवता को आधार बनाया जाना चाहिए. मोदी ने इसमें गंभीरतम बीमारियों में मेरिट के आधार पर प्राथमिकता देने की बात कही. लेकिन अब भी राहत कोष को अधिकारियों ने रहस्य बना रखा है. पुराना पैन नं AAAGP0033M पैन का चौथा शब्द उसकी श्रेणी बताता है. यानी राहत कोष का पैन गवर्नमेंट श्रेणी का था, इंडिया टुडे ने सवाल उठाया था. नया पैन नं AACTP4637Q अब प्रधानमंत्री कार्यालय ने गैर पंजीकृत ट्रस्ट के रूप में पैन लिया है. लेकिन फाइल नोटिंग्स देने से इनकार किया.
देश के शेयर बाजारों में मंगलवार को तेजी का रुख रहा। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 271.22 अंकों की तेजी के साथ 18,503.28 पर और निफ्टी 87.05 अंकों की तेजी के साथ 5,560.15 पर बंद हुए। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 34.55 अंकों की तेजी के साथ 18,266.61 पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी 18.90 अंकों की तेजी के साथ 5,492.00 पर खुला। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी तेजी दर्ज की गई। मिडकैप 122.50 अंकों की तेजी के साथ 6,910.24 पर और स्मॉलकैप 81.08 अंकों की तेजी के साथ 8,235.72 पर बंद हुए।
हेलिओडोरस प्राचीन भारत का यूनानी राजनयिक था। हेलिओडोरस 'दिया' (दियोन) का पुत्र और तक्षशिला का निवासी था। वह पाँचवें शुंग राजा काशीपुत भागभद्र के राज्य काल के चौदहवें वर्ष में तक्षशिला के यवन राजा एण्टिआल्कीडस (लगभग 140-130 ई.पू.) का दूत बनकर विदिशा आया था। हेलिओडोरस यवन होते हुए भी भागवत धर्म का अनुयायी हो गया था। उसने देवाधिदेव वासुदेव (विष्णु) का एक 'गरुड़ स्तम्भ' बनवाया था, जिसे 'हेलिओडोरस स्तम्भ' भी कहा जाता है। यह सारी सूचना उक्त स्तम्भ पर अंकित है, जिससे प्रकट होता है कि हेलिओडोरस को महाभारत का परिचय था। यह स्तम्भ लेख महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि इससे प्रकट होता है कि ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी में यवनों ने हिन्दू धर्म स्वीकार कर लिया था। इससे वैष्णव धर्म के क्रमिक विकास पर भी प्रकाश पड़ता है जीवन वृत्त वह हेलिओडोरस ''' 'दिया' (दियोन) का पुत्र और तक्षशिला का निवासी था। वह कालांतर में हिंदू मत का अनुयायी हो गया था। 'हेलिओडोरस स्तंभ हेलिओडोरस ने विदिशा में विष्णु) का एक 'गरुड़ स्तम्भ' बनवाया था, यह स्तंभ 'हेलिओडोरस स्तम्भ के नाम से जाना जाता है। इसी स्तंभ पर उत्कीर्ण आलेख से हेलिओडोरस के बारे में सूचना प्राप्त होती है। स्तंभ-लेख इस स्तंभ से प्राप्त आलेख हैं- व देवस वासुदेवस गरुड़ध्वजे अयं रिते इष्य हेलियो दरेण भाग वर्तन दियस पुत्रेण नखसिला केन योन दूतेन आगतेन महाराज स अंतलिकितस उपता सकारु रजो कासी पु (त्र) (भा) ग (भ) द्रस त्रातारस वसेन (चतु) दसेन राजेन वधमानस। अर्थ- "! देवाधिदेव वासुदेव का यह गरुड़ध्वज (स्तम्भ) तक्षशिला निवासी दिय के पुत्र भागवत हेलिओवर ने बनवाया, जो महाराज अंतिलिकित के यवन राजदूत होकर विदिशा में काशी (माता) पुत्र (प्रजा) पालक भागभद्र के समीप उनके राज्यकाल के चौदहवें वर्ष में आये थे।" संदर्भ प्राचीन भारतीय लोग प्राचीन भारत के युनानी
बॉलीवुड एक्ट्रेस जैकलीन, कल्कि और ओलंपिक में मेडल जीतने वाली महिला पहलवाल साक्षी मलिक और मॉडल उज्जवला रावत जैसी नामी हस्तियों ने अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया है. जैकलीन और इन महिलाओं ने मुंबई के जियो गार्डन बीकेसी में हुए 'डू यू' नामक इवेंट में सबसे ज्यादा लोगों द्वारा 'एब्डोमिनल प्लैंक' (एक तरह की पेट की एक्सरसाइज) का वल्ड रिकॉर्ड बनाया. इन सभी ने मिलकर प्‍लैंक पोजीशन में काफी समय तक लेटने के मैक्‍सिमम गर्ल्‍स के पिछले वर्ल्‍ड रिकॉर्ड को तोड़ डाला है. इस इवेंट के दौरान एक्‍ट्रेस जैकलीन फर्नांडिस बोलीं कि टोन्ड बॉडी बनाने के लिए इफेक्‍टिव एक्‍सरसाइज मानी जाने वाली इस प्‍लैंक पोजीशन में लेटकर हमने लड़कियों में अपनी बॉडी के प्रति आत्‍म विश्‍वास जगाने की कोशिश की है. जैकलीन के मुताबिक हम देश और दुनियाभर की लड़कियों को यह बताना चाहते हैं कि फिटनेस की चाहत में अपनी बॉडी को सजा न दें बल्कि खुद के लिए बेस्‍ट और आसान एक्‍सरसाइज चुनें और अपनी बॉडी को लेकर खुश और संतुष्‍ट रहें.
A post shared by Yo Yo Honey Singh (@yyhsofficial) on Apr 16, 2015 at 10:56am PDT A post shared by Yo Yo Honey Singh (@yyhsofficial) on Jun 21, 2015 at 1:22am PDT A post shared by Yo Yo Honey Singh (@yyhsofficial) on May 8, 2016 at 2:15am PDT A post shared by Yo Yo Honey Singh (@yyhsofficial) on May 10, 2015 at 6:57am PDT
A character that will stay with me forever...#Malti Shoot begins today!#Chhapaak Releasing-10th January, 2020.@meghnagulzar@[email protected]/EdmbpjzSJo A team that reads together...#Chhapaak@deepikapadukone@[email protected]/56gOYJ5OVN दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) ने फिल्म 'छपाक' (Chhapaak) के पहले लुक की तस्वीर को शेयर कर एक कैप्शन भी लिखा है, 'एक ऐसा कैरेक्टर, जो हमेशा हमेशा मेरे साथ रहेगा.' उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि फिल्म अगले साल 10 जनवरी को रिलीज होगी.  इस फिल्म को मेघना गुलजार डायरेक्ट करेंगीं. मेघना गुलजार ने भी मालती के रोल के बारे में बताया है. उन्होंने कहा, "वह साहस है.वह आशा है. दीपिका पादुकोण इस फिल्म में मालती का किरदार निभा रही हैं" सोमवार को इस फिल्म की शूटिंग का पहला दिन होगा.  A story of trauma and triumph. And the unquashable human spirit. Elated to collaborate with Fox Star Studios on #Chhapaak@meghnagulzar@masseysahib@foxstarhindi दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) होली के मौके पर राष्ट्रीय राजधानी में थीं, जहां उन्होंने फिल्म के पहले दिन की शूटिंग की तैयारी की. इस फिल्म में दीपिका के को-स्टार विक्रांत मैसे होंगे, जो फिल्म 'छपाक' में मालती के पार्टनर का किरदार निभाएंगे. इस साल की शुरुआत में दीपिका पादुकोण ने इस फिल्म को लेकर एक ट्वीट किया था. रणवीर सिंह (Ranveer Singh) से शादी के बाद दीपिका पादुकोण की यह पहली फिल्म होगी. दीपिका इस फिल्म को फॉक्स स्टार स्टूडियो के साथ मिलकर प्रोड्यूस भी कर रही हैं.
नेवी में जेंडर बदलकर महिला बनने और फिर नेवी से निकालने का मामले मे केंद्र सरकार और नेवी ने हाइकोर्ट से कुछ और वक्त मांगा है. दरअसल नेवी में ये अपनी तरह का पहला मामला है. नेवी कोर्ट की उस सलाह पर गंभीरता से विचार कर रही है जिसमें कोर्ट ने नेवल सेलर के जेंडर बदलने के बाद उसे किसी ग्राउंड ड्यूटी पर लगाने पर विचार करने को कहा है. कोर्ट ने नेवी से उसे निकालने के फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा है. हाइकोर्ट ने फिलहाल नेवी को जवाब देने के लिए 2 हफ्ते का वक्त और दिया है. 6 दिसंबर को इस मामले मे फिर सुनवाई होगी. दरअसल ये कहानी पिछले साल तब शुरू हुई जब नेवी में सेलर के तौर पर काम करने वाले एक व्यक्ति ने अपना जेंडर ऑपरेशन करा कर खुद को महिला बना लिया. उसके बाद नेवी ने इसी महीने की 4 अक्टूबर को उसे नौकरी से निकाल दिया. नौकरी से निकाले जाने के फैसले को इस व्यक्ति ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. जेंडर चेंज कराने वाला यह व्यक्ति 2010 से नेवी में कार्यरत है और इसका एक बच्चा भी है. पिछली सुनवाई मे हाइकोर्ट ने कहा था कि हम नेवी की पॉलिसी में तो कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकते लेकिन मानवीय आधार पर नेवी को दोबारा मामले पर विचार करने के लिए कह रहे है कि जेंडर चेंज करने के बाद महिला बनने के बाद उनको ग्राउंड ड्यूटी पर लगाया जा सकता है, उदाहरण के तौर पर अगर कोई फाइटर पायलट घायल हो जाता है तो उसको ग्राउंड जॉब दी जाती है, इस मामले में भी नेवी इस पर विचार कर सकती है. कोर्ट ने कहा कि अगर वो अपनी जेंडर डिसऑर्डर से जुड़ी चीज को दबा कर रखता तो वो नेवी का सबसे खतरनाक आदमी साबित हो सकता था. बेहतर हुआ कि उसने ये ऑपरेशन करा लिया. जेंडर चेंज करने से पहले यह व्यक्ति नेवी में सेलर के पद पर तैनात था लेकिन जेंडर चेंज करने के बाद उसे नेवी ने नौकरी से निकाल दिया, जिसे दिल्ली हाइकोर्ट में चुनौती दी गई है. नेवी ने मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस की तरफ से अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ये व्यक्ति जेंडर आइडेंटिटी डिसऑर्डर का शिकार है और अनुशासनहीनता के कई और मामले भी उसके खिलाफ है. कई वर्ष वह कई बार बिना बताए छुट्टियों पर लंबे वक्त तक के लिए चला गया और उसने जेंडर चेंज करने की जानकारी भी नेवी को नहीं दी. नेवी ने कहा कि उसकी तैनाती एक पुरुष सेलर की तौर पर हुई थी लेकिन अब जेंडर बदलने के बाद वो महिला बन गई है, लिहाजा उसको नौकरी पर नही रखा जा सकता था. इस मामले में कोर्ट में अगली सुनवाई 6 दिसंबर को होगी.
पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता दिलीप राम की हत्या मामले के मुख्य आरोपियों में से एक को बुधवार को महाराष्ट्र के नागपुर से गिरफ्तार कर लिया गया. बता दें, राज्य के हुगली जिले में हुई घटना के करीब चार महीने बाद यह गिरफ्तारी हुई. एक अधिकारी ने बताया कि गत 29 जून को बंडेल स्टेशन की पटरियों पर राम की गोली मारकर हत्या किए जाने के बाद से आरोपी मोहम्मद अकबर मोहम्मद इस्राइल (33) फरार था. वह पिछले हफ्ते नागपुर आया था और मोमिनपुरा इलाके में अपने रिश्तेदार के घर में छिपा हुआ था. आरोपी इस्राइल पश्चिम बंगाल के बोरोपारा में दिंगलहाट इलाके का निवासी है. पश्चिम बंगाल पुलिस से मिली सूचना पर कार्रवाई करते हुए तहसील थाने की एक टीम ने मोमिनपुरा से इस्राइल को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के मुताबिक राम की हत्या करने के लिए इस्राइल को मुख्य आरोपी शकुंतला यादव उर्फ समुद्री यादव ने कहा था. अधिकारी ने बताया कि उसे बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल पुलिस के हवाले कर दिया जाएगा.
पूर्व वित्त मंत्री और गृह मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है. कार्ति चिदंबरम की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने 16 मार्च तक सीबीआई को नोटिस कर जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने सीबीआई से अब तक की जांच की स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है. हालांकि कार्ति चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई निचली अदालत में भी पेंडिंग है. लिहाजा 16 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई से पहले कार्ति को पटियाला हाउस कोर्ट से अपनी जमानत याचिका वापस लेनी होगी. स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम को फिलहाल 24 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेजते हुए कार्ति चिदंबरम की उस अर्जी को खारिज कर दिया था जिसमें जेल में उन्हें स्पेशल प्रोटेक्शन देने की बात की गई थी. कार्ति के वकील का कहना था कि उनके पिता पी. चिदंबरम ने गृह मंत्री रहते हुए आतंकवादियों को लेकर कई कड़े फैसले लिए, लिहाजा जेल में कार्ति की जान को खतरा हो सकता है. इससे पहले कार्ति चिदंबरम सीबीआई की 12 दिन की कस्टडी में रह चुके हैं. बता दें कि सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया केस में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में कार्ति चिदंबरम को मुख्य आरोपी बनाया है. लंदन से वापस लौटते हुए चेन्नई एयरपोर्ट पर सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) को छोड़ने को लेकर वह जल्द ही कोई फैसला करेंगे. समाचार एजेंसी ऑनलाइन को कुरैशी ने बताया कि वह अपने परिजनों और मित्रों से विचार-विमर्श करने के बाद इस बारे में कोई फैसला करेंगे. पीपीपी के वर्तमान नेतृत्व के बारे में कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान की आवाम राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के कार्यो से खुश नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के कार्यकाल में वफादार रहे लोग अब इस पार्टी में सुरक्षित नहीं हैं.
देश के वाहन बाजार में सुधार के संकेत दिखने लगे हैं. नवंबर में मारुति सुजुकी, हुंदै, होंडा और टोयोटा जैसी कार कंपनियों की बिक्री में अच्छा इजाफा हुआ. वहीं, जनरल मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा और फोर्ड इंडिया जैसी कुछ अन्य कंपनियों की बिक्री में गिरावट आई. देश की प्रमुख कार कंपनी मारुति की घरेलू बाजार में बिक्री 17 प्रतिशत बढ़कर 1,00,024 इकाई पर पहुंच गई. पिछले साल नवंबर में कंपनी की बिक्री 85,510 इकाई रही थी. कंपनी के कॉम्पैक्ट मॉडल स्विफ्ट, एस्टिलो, रिट्ज और डिजायर की बिक्री नवंबर में 13.8 प्रतिशत बढ़कर 37,339 इकाई पर पहुंच गई, जो पिछले साल इसी महीने में 32,804 इकाई रही थी. अक्टूबर में पेश सियाज की कंपनी ने 5,232 इकाइयां बेचीं. नवंबर में कंपनी की सेडान एसएक्स 4 की बिक्री 200 इकाई की रही. इसी तरह कंपनी की ईको और ओमनी वैन की बिक्री 52.1 प्रतिशत बढ़कर 12,203 इकाई हो गई. मारुति की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी हुंडई की नवंबर की बिक्री छह प्रतिशत बढ़कर 35,511 इकाई रही. पिछले साल इसी महीने में कंपनी की बिक्री 33,501 इकाई रही थी.नवंबर में घरेलू बाजार में होंडा के कारों की बिक्री 64 प्रतिशत बढ़कर 15,263 इकाई पर पहुंच गई, जो पिछले साल इसी महीने में 9,332 इकाई रही थी. महिंद्रा एंड महिंद्रा की बिक्री हालांकि इस दौरान 11 प्रतिशत घटकर 32,100 इकाई रह गई, जो पिछले साल इसी महीने में 36,261 इकाई थी. अक्टूबर में त्योहारी सीजन के बावजूद मारुति, हुंडई और महिंद्रा बिक्री में खास बढ़ोतरी दर्ज करने में विफल रही थीं. टोयोटा किलरेस्कर मोटर की घरेलू बाजार में बिक्री 19 प्रतिशत बढ़कर 12,175 इकाई रही, जो पिछले साल इसी महीने में 10,208 इकाई रही थी. फोर्ड इंडिया की घरेलू बाजार में बिक्री 28.42 प्रतिशत घटकर 5,661 इकाई पर आ गई, जो एक साल पहले समान अवधि में 7,909 इकाई रही थी. जनरल मोटर्स इंडिया की बिक्री में भी गिरावट आई. यह 33.1 प्रतिशत घटकर 6,214 से 4,157 इकाई पर आ गई. दुपहिया वाहनों में टीवीएस मोटर की धूम टीवीएस मोटर कंपनी की बिक्री 33 प्रतिशत बढ़कर घरेलू बाजार में 1,79,453 इकाई रही. पिछले साल नवंबर में कंपनी की बिक्री 1,35,218 इकाई रही थी. वहीं, रॉयल एनफील्ड की घरेलू बाजार में बिक्री 53 प्रतिशत बढ़कर 27,198 इकाई रही, जो पिछले साल नवंबर में 17,752 इकाई रही थी. भाषा से इनपुट
2019–20 रणजी ट्रॉफी, रणजी ट्रॉफी का 86 वां सीज़न था, जो कि प्रथम श्रेणी क्रिकेट टूर्नामेंट था। यह भारत में दिसंबर 2019 और मार्च 2020 के बीच हुआ। चंडीगढ़ ने पहली बार रणजी ट्रॉफी में प्रतिस्पर्धा की। विदर्भ गत विजेता थे। जुड़नार के शुरुआती दौर में, विदर्भ के वसीम जाफर रणजी ट्रॉफी में 150 मैचों में खेलने वाले पहले क्रिकेटर बने। जनवरी 2020 में, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच सातवें दौर के मैच में, मध्य प्रदेश के रवि यादव एक प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच में अपने पहले ही ओवर में हैट्रिक लेने वाले पहले गेंदबाज बने। 12 फरवरी 2020 को, चंडीगढ़ और मणिपुर के बीच प्लेट ग्रुप स्थिरता 60,000 वां प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच खेला जाना था। ग्रुप चरण के मैचों के अंतिम दौर के पहले, गुजरात, सौराष्ट्र और आंध्र ने क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था, शेष पांच स्थानों के लिए चौदह टीमों के साथ विवाद हुआ था। दो दिनों के अंदर मिजोरम को हराकर गोवा ने प्लेट ग्रुप से क्वालीफाई किया। अंतिम ग्रुप स्टेज गेम्स के बाद ग्रुप ए से बंगाल, ग्रुप बी से कर्नाटक, ग्रुप सी से जम्मू और कश्मीर, और ग्रुप सी से ओडिशा ने भी क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था। बंगाल, गुजरात, कर्नाटक और सौराष्ट्र सभी क्वार्टर फाइनल से टूर्नामेंट के सेमीफाइनल तक पहुंचे। कर्नाटक को 174 रनों से हराने के बाद, 2006-07 टूर्नामेंट के बाद पहली बार बंगाल फाइनल में पहुंचा। सौराष्ट्र ने पिछले आठ सत्रों में चौथी बार फाइनल में जाने के लिए गुजरात को 92 रन से हराया। फाइनल ड्रॉ में समाप्त हुआ, जिसमें सौराष्ट्र ने मैच की पहली पारी में बढ़त के साथ अपना पहला खिताब जीता। स्वरूप टूर्नामेंट प्रतियोगिता के पिछले संस्करण के समान प्रारूप को बरकरार रखता है। टूर्नामेंट में चार ग्रुप हैं, जिसमें ग्रुप ए, बी और ग्रुप सी और प्लेट ग्रुप में नौ-नौ टीमें हैं। ग्रुप सी की शीर्ष दो टीमें और प्लेट ग्रुप की शीर्ष टीम ग्रुप ए और बी की पांच टीमों के साथ टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में पहुंचेगी। प्रत्येक स्थिरता के लिए विकेट का चयन करने के लिए एक तटस्थ क्यूरेटर नियुक्त किया गया है। जुलाई 2019 में, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने टूर्नामेंट के नॉकआउट सेक्शन में मैचों के लिए डीआरएस के उपयोग पर विचार किया। बीसीसीआई एक "सीमित डीआरएस" प्रणाली का उपयोग करने के लिए सहमत हुआ, जो हॉक-आई और अल्ट्राएडेज का उपयोग नहीं करता है। खिलाड़ी स्थानान्तरण निम्नलिखित खिलाड़ी के स्थानांतरण को सीज़न से पहले अनुमोदित किया गया था। नई टीम, चंडीगढ़ ने पंजाब और हिमाचल प्रदेश के कुछ खिलाड़ियों को स्थानांतरित किया। टीमें पिछले संस्करण के प्रदर्शन के आधार पर टीमों को निम्नलिखित समूहों में रखा गया था। टूर्नामेंट में पहली बार उतरेगी चंडीगढ़। ग्रुप ए आंध्र बंगाल दिल्ली गुजरात हैदराबाद केरल पंजाब राजस्थान विदर्भ ग्रुप बी बड़ौदा हिमाचल प्रदेश कर्नाटक मध्य प्रदेश मुंबई रेलवे सौराष्ट्र तमिलनाडु उत्तर प्रदेश ग्रुप सी असम छत्तीसगढ़ हरियाणा जम्मू और कश्मीर झारखंड महाराष्ट्र ओडिशा सर्विस त्रिपुरा उत्तराखंड प्लेट ग्रुप अरुणाचल प्रदेश बिहार चंडीगढ़ गोवा मणिपुर मेघालय मिजोरम नागालैंड पुदुचेरी सिक्किम लीग चरण ग्रुप ए ग्रुप बी ग्रुप सी प्लेट ग्रुप नॉकआउट चरण क्वार्टर फाइनल सेमीफाइनल फाइनल सन्दर्भ 2020 में भारतीय क्रिकेट
यह लेख है: चुनाव आयोग ने अनंतनाग में लोकसभा उपचुनाव रद्द करते हुए कहा कि फिलहाल की स्थिति चुनाव कराने योग्य नहीं है. यहां 25 मई को चुनाव होना था. कश्मीर घाटी में बिगड़े हालात की वजह से यह फैसला लिया गया है. चुनाव आयोग अनंतनाग के लिए सेना की 600 से ज्यादा कंपनी चाहता है, लेकिन गृहमंत्रालय 300 कंपनी से ज्यादा देने को तैयार नहीं है. गृह मंत्रालय ने चुनाव आयोग को बता दिया था कि वह अनंतनाग के उपचुनाव के लिए सिर्फ़  30,000 अर्धसैनिक बल भेज सकता है. चुनाव आयोग ने मंत्रालय से 74000 सुरक्षाकर्मी मई 12 तक इलाक़े में तैनात करने को कहा था. एक वरिष्ठ अफसर ने एनडीटीवी से कहा कि हमने आयोग को बता दिया है कि सिर्फ़ 300 कंपनियां भेज सकते हैं, इससे ज़्यादा नहीं.टिप्पणियां चुनाव आयोग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से कहा है कि उसे 747 कंपनियां चाहिए जो 12 मई तक उसे मिल जानी चाहिए ताकि तैनाती हो सके. एक कंपनी में 100 सुरक्षाकर्मी होते हैं. चुनाव आयोग की ये मांग इसलिए अद्भुत थी, क्योंकि हाल में पांच राज्यों में चुनाव ख़त्म हुए हैं और सभी राज्यों में कुल मिलाकर 70000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे. सिर्फ़ उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा की सीटें हैं और 80 लोकसभा की. श्रीनगर इलाक़े में 9 अप्रैल को उपचुनाव के लिए मतदान हुआ था लेकिन हिंसा की वारदातों को देखते हुए अनंतनाग में उपचुनाव टाल दिया गया था. गृह मंत्रालय के मुताबिक़ औसतन संसदीय चुनाव के लिए 10 कंपनियां कम्पनिया तैनात की जाती हैं यानी 1000 सुरक्षा कर्मी. केन्द्रीय गृह मंत्रालय चुनाव आयोग से कहने वाला है कि इतनी जल्दी ये संभव नहीं है. आयोग को उसे कुछ समय देना होगा. आज की तारीख़ में 150 कम्पनियां घाटी में तैनात हैं यानी 15000 अर्ध सैनिक बल. कुल मिलाकर अर्ध सैनिक बलों की संख्या दस लाख के क़रीब है लेकिन वो अलग अलग राज्यों में तैनात हैं. हालांकि PDP चुनाव को टालने के लिए आयोग को पहले ही चिट्ठी लिख चुकी है. चुनाव आयोग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से कहा है कि उसे 747 कंपनियां चाहिए जो 12 मई तक उसे मिल जानी चाहिए ताकि तैनाती हो सके. एक कंपनी में 100 सुरक्षाकर्मी होते हैं. चुनाव आयोग की ये मांग इसलिए अद्भुत थी, क्योंकि हाल में पांच राज्यों में चुनाव ख़त्म हुए हैं और सभी राज्यों में कुल मिलाकर 70000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे. सिर्फ़ उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा की सीटें हैं और 80 लोकसभा की. श्रीनगर इलाक़े में 9 अप्रैल को उपचुनाव के लिए मतदान हुआ था लेकिन हिंसा की वारदातों को देखते हुए अनंतनाग में उपचुनाव टाल दिया गया था. गृह मंत्रालय के मुताबिक़ औसतन संसदीय चुनाव के लिए 10 कंपनियां कम्पनिया तैनात की जाती हैं यानी 1000 सुरक्षा कर्मी. केन्द्रीय गृह मंत्रालय चुनाव आयोग से कहने वाला है कि इतनी जल्दी ये संभव नहीं है. आयोग को उसे कुछ समय देना होगा. आज की तारीख़ में 150 कम्पनियां घाटी में तैनात हैं यानी 15000 अर्ध सैनिक बल. कुल मिलाकर अर्ध सैनिक बलों की संख्या दस लाख के क़रीब है लेकिन वो अलग अलग राज्यों में तैनात हैं. हालांकि PDP चुनाव को टालने के लिए आयोग को पहले ही चिट्ठी लिख चुकी है. श्रीनगर इलाक़े में 9 अप्रैल को उपचुनाव के लिए मतदान हुआ था लेकिन हिंसा की वारदातों को देखते हुए अनंतनाग में उपचुनाव टाल दिया गया था. गृह मंत्रालय के मुताबिक़ औसतन संसदीय चुनाव के लिए 10 कंपनियां कम्पनिया तैनात की जाती हैं यानी 1000 सुरक्षा कर्मी. केन्द्रीय गृह मंत्रालय चुनाव आयोग से कहने वाला है कि इतनी जल्दी ये संभव नहीं है. आयोग को उसे कुछ समय देना होगा. आज की तारीख़ में 150 कम्पनियां घाटी में तैनात हैं यानी 15000 अर्ध सैनिक बल. कुल मिलाकर अर्ध सैनिक बलों की संख्या दस लाख के क़रीब है लेकिन वो अलग अलग राज्यों में तैनात हैं. हालांकि PDP चुनाव को टालने के लिए आयोग को पहले ही चिट्ठी लिख चुकी है.
राजधानी दिल्ली में इस साल जनवरी से अगस्त के बीच डेंगू के मामलों में पिछले साल की तुलना में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वहीं इसी अवधि के दौरान मलेरिया के मामलों में गिरावट दर्ज की गई है. दिल्ली नगर निगम की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2012 में एक जनवरी से 10 अगस्त के बीच 10 मामले सामने आये थे जबकि साल 2013 की इसी अवधि के दौरान 41 मामले सामने आये. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जनवरी से अगस्त 2012 के बीच मलेरिया के 122 मामले सामने आये जबकि इस साल अभी तक मलेरिया के 53 मामले सामने आये हैं. उत्तरी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली निगमों के जनसम्पर्क अधिकारी योगेंद्र सिंह मान ने कहा, ‘डेंगू के मामले बारिश के स्वरूप पर निर्भर करते हैं. यदि रुक-रुककर बारिश होगी तो तापमान में गिरावट होगी और मामलों में वृद्धि होगी.’ अगस्त में अभी तक 21 मामले दर्ज किये गए हैं, जबकि मार्च और मई में कोई मामला सामने नहीं आया.
मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने कर्जमाफी के बाद किसानों को एक और तोहफा देते हुए इंदिरा किसान ज्योति योजना को शुरू किया है. इस योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली बिजली की दरों को 50 फीसदी कम कर दिया गया है. पहले जहां किसानों को प्रति यूनिट 88 पैसे देने होते थे. वहीं इस योजना के लागू होने के बाद अब उन्हें 44 पैसे प्रति यूनिट ही देने होंगे. बता दें, कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के पहले जारी किए गए वचनपत्र में 'किसानों का बिजली बिल हाफ़' का भी वचन दिया था और इस लिहाज से कांग्रेस ने मध्यप्रदेश के किसानों से किया गया एक और वादा पूरा किया. इस योजना में 10 हॉर्सपावर तक के किसानों को सस्ते बिलों का फायदा मिल पायेगा. ये योजना इसी साल अप्रैल में शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष से लागू हो जाएगी. सरकार के मुताबिक, अभी तक 10 हॉर्स पावर तक का कनेक्शन वाले किसान का सालाना बिजली बिल करीब करीब 46 हज़ार रुपये बनता था, जिसमें से किसान को 7 हज़ार रुपये देने होते थे और बाकी 39 हज़ार रुपये की उसे सब्सिडी मिलती थी. लेकिन इस योजना के लागू होने के बाद किसान को सालाना सिर्फ 3 हज़ार 500 रुपये देने होंगे और उसे अब 42 हज़ार रुपये की सब्सिडी मिलेगी. मंत्री प्रियवत सिंह के मुताबिक, इससे सरकारी सब्सिडी 9 हजार 700 करोड़ से बढ़कर 10 हजार 400 करोड़ रुपये हो जायेगी. सरकार का दावा है कि इस योजना से मध्यप्रदेश के करीब 29 लाख किसानों को लाभ मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति सुधरने में इससे काफी मदद मिलेगी.
सर क्रीक भारत और पाकिस्तान की सीमा पर 96 किलोमीटर लम्बी एक ज्वारीय एस्चुरी है, यह गुजरात के कच्छ जिले और पाकिस्तान मे सिंध की सीमा से लगी हुई है। यहाँ भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा को लेकर विवाद है लेकिन यह विवाद कम ही चर्चा मे आता है। यह विवाद कच्छ के रण में 96 किलोमीटर लंबे मुहाने को लेकर है जो भारत के गुजरात को पाकिस्तान के सिंध प्रांत से अलग करता है। सर क्रीक की खाडी का विवाद से पुराना रिश्ता रहा है। ईस्ट इंडिया कम्पनी के सेनापति चार्ल्स नैपियर ने 1842 मे सिंध जीतने के बाद उस प्रदेश का प्रशासन मुम्बई राज्य को सौंप दिया था। इसके बाद सिंध मे अपना प्रशासन चला रही अँग्रेज़ सरकार ने सिंध और मुम्बई प्रांत के बीच के सीमा रेखा खींची थी जो कच्छ के मध्य से गुजरती थी। इसमें यह सम्पूर्ण खाडी सिंध प्रांत मे दिखाई गई थी। यानि कि कच्छ के मूल प्रदेश से उसे अलग कर सिंध मे जोड दिया गया था। दूसरी तरफ दिल्ली के अँग्रेज़ सरकार अपने अधिकृत नक्शे में सिंध और कच्छ के बीच की सीमारेखा को कच्छ के रण तक खींचने के बाद खाडी के प्रदेश के पास अटका कर दिखाती थी। स्वतंत्रता के बाद पाकिस्तान ने खाडी के प्रदेश पर अपना मालिकाना हक जताया. इसके जवाब में भारत का प्रस्ताव था कि कच्छ के रण से लेकर खाडी के मुख तक की एक सीधी रेखा को सीमा रेखा मान लेना चाहिए। परंतु यह प्रस्ताव पाकिस्तान को मंजूर नही था। इस प्रकार से सिर की खाडी का करीब 650 वर्ग किलोमीटर का प्रदेश आज भी विवादित प्रदेश है और इस प्रदेश से पाकिस्तानी रेंजरों द्वारा भारतीय मछुआरों को उठा ले जाने की खबरें आती रहती है। सियाचिन के बाद सिर क्रिक भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढाने वाली एक और सीमारेखा है। लेकिन यह सियाचिन जितनी चर्चा मे नही आती है। बाहरी कड़ियाँ India, Pakistan in border talks BBC December 22, 2006 भारत पाकिस्तान विवाद भारत के क्षेत्रीय विवाद भारत के ज्वारनदीमुख गुजरात की स्थलाकृतियाँ
पेट्रोल और डीजल के दाम में मंगलवार को लगातार छठे दिन गिरावट दर्ज की गई. तेल कंपनियों ने पेट्रोल के दाम में 7 पैसे जबकि डीजल के दाम में 20-22 पैसे प्रति लीटर की कटौती की. इन छह दिनों में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में पेट्रोल 63 पैसे प्रति लीटर और डीजल 1 रुपये 13 पैसे प्रति लीटर सस्ता हो गया है. कहां कितनी मिली राहत तेल कंपनियों ने मंगलवार को दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम में 7 पैसे प्रति लीटर की कटौती की, जबकि डीजल के दाम दिल्ली और कोलकाता में 20 पैसे, मुंबई में 21 पैसे और चेन्नई में 22 पैसे लीटर घट गए हैं. बीते 5 दिन पेट्रोल के दाम इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम घटकर क्रमश: 71.23 रुपये, 73.47 रुपये, 76.91 रुपये और 74.01 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं. वहीं डीजल की कीमतों की बात करें तो चारों महानगरों में घटकर क्रमश: 65.56 रुपये, 67.48 रुपये, 68.76 रुपये और 69.36 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं. बीते 5 दिन डीजल के दाम आगे भी कटौती की उम्मीद आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में और गिरावट की उम्मीद की जा रही है. उर्जा विशेषज्ञ नरेंद्र तनेजा का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में आई हालिया गिरावट के बाद भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम में कमी आएगी जिससे आम उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी. उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में तेजी या मंदी का असर भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम पर करीब 2 सप्ताह बाद दिखता है. बता दें कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में 7 दिन से कच्चे तेल के दाम में कटौती देखने को मिल रही है. इस दौरान बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड के दाम में लगभग 10 डॉलर प्रति बैरल की कमी आई है.
कश्मीर घाटी में सेना के ऑपरेशन ऑल आउट की सफलता से बौखलाए आतंकियों ने एक बार फिर पत्थरबाजों को हमले बढ़ाने के लिए कहा है. आतंकियों और उनके आकाओं ने कश्मीर में अब स्कूली बच्चों को अपना निशाना बनाना शुरू कर दिया है. 48 आतंकियों ने की घुसपैठ समीर टाइगर के मारे जाने के बाद पत्थरबाजों ने बुधवार को स्कूली बस को निशाना बनाया. जिसमें कई बच्चे घायल हो गए. सुरक्षाबलों ने आतंकी समीर टाइगर को मौत के घाट उतारने के बाद कश्मीर घाटी में एक बार फिर से तनाव पैदा हो गया है. खुफिया जानकारी के मुताबिक जनवरी से अब तक मर चुके हैं. आतंकियों की साजिश को नाकाम करने की तैयारी ऐसे में अब सेना ने भी आतंकियों की इस नापाक साजिश से निपटने की तैयारी कर ली है. सेना के सूत्रों ने आजतक को बताया कि सेना हर कीमत पर आतंकियों की साजिश को नाकाम करेगी. आतंकियों की इस बदली रणनीति के बीच सेना पूरी मुस्तैदी के साथ दहशतगर्दों की नापाक साजिश को नाकाम करने में जुटी है. आने वाले दिनों में सेना के ऑपरेशन में बाधा डालने वालों के साथ सख्ती से पेश आया जाएगा. 4 महीने में 50 खूंखार आतंकी ढेर सेना की खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक कश्मीर में आतंकियों के ओवर ग्राउंड वर्कर स्थानीय लोगों खासकर युवा और महिलाओं को सेना के खिलाफ भड़का रहे हैं. सीमापार पाकिस्तान से कश्मीर घाटी में मौजूद आतंकियों को सीधा स्पोर्ट मिला रहा है. नई रणनीति के तहत सीमापार लश्कर के आकाओं ने कश्मीर घाटी में मौजूद लोकल कमांडर को सेना के खिलाफ स्थानीय लोगों को भड़काने का काम तेज करने के लिए कहा है. इस बार खासतौर से सेना गर्मियों के दौरान आक्रामक कार्रवाई से आतंकियों का ढूंढकर सफाया कर रही है. पिछले 4 महीने के दौरान सेना ने ऐसे करीब 50 खूंखार आतंकियों को मार गिराया है. पत्थरबाज़ पहले तो सेना और सुरक्षाबलों पर पत्थर चलाया करते थे, लेकिन स्कूली बच्चों पर किए इस हमले ने न सिर्फ अलगाववादियों के चहरे से नक़ाब उठाया बल्कि आतंकियों की बैखलाहट को भी साफ ज़ाहिर किया है.
राज कुंद्रा का बयान, अंडरवर्ल्ड के साथ कारोबारी रिश्ते नहीं ED ने आगे पूछताछ के लिए फिर सोमवार को बुलाया अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति और कारोबारी राज कुंद्रा ने एक बयान में कहा है कि उनके अंडरवर्ल्ड के साथ कभी भी किसी तरह के कारोबारी रिश्ते नहीं रहे. कुंद्रा से प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपने मुंबई दफ्तर में बुधवार को करीब 10 घंटे तक पूछताछ की थी. उन्हें ED ने आगे पूछताछ के लिए फिर सोमवार को समन किया है. पूछताछ में क्या बोले कुंद्रा? कुंद्रा ने अपने बयान में कहा, 'मेरी अंडरवर्ल्ड से ना तो कभी डीलिंग रही और ना ही मैं इससे जुड़े लोगों को निजी तौर पर जानता हूं. ये देखना बड़ा परेशान करने वाला है कि ऐसे नामों को मेरे साथ जोड़ा जा रहा है.' बयान में कुंद्रा ने आगे कहा, '2011 में मैंने एयरपोर्ट के पास मौजूद अपने एक प्लॉट को आरकेडब्ल्यू डेवेलपर्स को बेचने के लिए बातचीत की. आरकेडब्ल्यू डेवेलपर्स के डायरेक्टर का नाम धीरज वधावन था. मेरी सब डील और कॉरेस्पॉन्डेंस सिर्फ धीरज के साथ हुई. 2013 में मैंने प्लॉट का स्वामित्व रखने वाली अपनी कंपनी एसेंशियल हॉस्पिटेलिटी को फुल एंड फाइनल भुगतान के बाद आरकेडब्ल्यू डेवेलपर्स को ट्रांसफर कर दिया. जब मैंने इस कंपनी को आरकेडब्ल्यू को बेचा था तो वो उधारी से पूरी तरह मुक्त थी और उस पर कोई कर्ज़ नहीं लिया गया था.' रंजीत बिंद्रा ने किया मुझसे संपर्क- कुंद्रा रंजीत बिंद्रा से बिजनेस डील को लेकर कुंद्रा ने कहा, 'मार्च 2019 में मैं F & B सेक्टर में निवेश करना चाहता था, तब रंजीत बिंद्रा ने मुझसे संपर्क किया क्योंकि उसने सुना था कि मैं इस क्षेत्र में दिलचस्पी रखता हूं. उसने अपने बैस्चन रेस्तरां में निवेश की पेशकश भी की. मैं इस लोकप्रिय रेस्तरां का नियमित पैट्रन था और मैंने इसके प्रबंध अधिकारों के साथ 50% शेयर खरीदने के लिए निवेश का फैसला किया.' कुंद्रा ने बयान में कहा, 'मुझे ED की ओर से दो डील पर जानकारी देने के लिए बुलाया गया, जैसा कि मैंने किया और जरूरत पड़ने पर आगे भी करता रहूंगा.' ED  अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी इकबाल मिर्ची से जुड़े केस की जांच कर रही है जिसमें रंजीत बिंद्रा एक अभियुक्त है. इस केस में पहली गिरफ्तारी बिंद्रा की ही हुई. सूत्रों के मुताबिक ED अधिकारियों ने भी कहा है कि जांच में कुंद्रा ने सहयोग दिया.
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक बीटेक छात्र की दया याचिका खारिज कर दी, जो पिछले 9 साल से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है और अभी तक डिग्री हासिल नहीं कर पाया है. दरअसल मामला कुछ यूं है कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कुरुक्षेत्र के 2009 बैच के छात्र ने अपनी लंबित 17 कंपार्टमेंट पास करने के लिए याचिका दायर की थी. हालांकि कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए इंजीनियरिंग छात्र को ही फटकार लगा दी. कंपार्टमेंट परीक्षा पास करने के लिए वक्त मांग रहे छात्र को कोर्ट ने कहा कि हमसे दया की अपील मत करो और बस देश पर दया करो और इंजीनियर मत बनो. बता दें कि छात्र को परीक्षा पास करने के लिए चार साल का वक्त दिया गया था, लेकिन वो सफल नहीं हुआ. साथ ही कोर्ट ने कहा कि उन लोगों के लिए कोई दया नहीं है, जो देश के संसाधनों का दुरुपयोग करते हैं. कोर्ट का कहना है कि क्या उसे अंदाजा भी है कि जिस एक सीट को उसने चार साल तक व्यर्थ किया उस पर सरकार का कितना पैसा खर्च हुआ होगा. यह पैसा उसके द्वारा दी गई फीस से कई गुना ज्यादा है. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि उनका समय बर्बाद ना करके देश और कोर्ट का समय खराब ना करे. कोर्ट ने यह भी पूछा, 'अगर आप ने नौ साल में इंजीनियरिंग पास नहीं की तो आप कैसे एक अटेम्ट में 17 कम्पार्टमेंट परीक्षा पास कर सकते हैं.
पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में एक BJP वर्कर की मौत के मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की मानें तो शनिवार की सुबह हाईटेंशन पोल से लटके मिले 30 वर्षीय दुलाल कुमार ने खुदकुशी की थी. पुरुलिया के नवनियुक्त SP आकाश मघारिया ने बताया कि पुलिस को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिल गई है, जिसमें कहा गया है कि दुलाल कुमार की मौत दम घुटने, फंदे पर लटकने से हुई, मतलब दुलाल कुमार ने खुदकुशी की. हम उचित कार्रवाई कर रहे हैं. तीन दिन पहले त्रिलोचन महतो की मौत के मामले में भी जांच सही दिशा में जा रही है. गौरतलब है कि पुरुलिया में बीते चार दिन के अंदर दो लोगों की मौत हुई है और BJP की प्रदेश इकाई ने दोनों को ही अपना कार्यकर्ता बताया है. इससे पहले पुरुलिया जिले में ही 19 वर्षीय त्रिलोचन महतो की लाश एक पेड़ से लटकती पाई गई थी. इन दोनों मौतों ने राज्य की राजनीति को गर्म कर दिया है. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर अपने कार्यकर्ताओं को निशाना बनाकर हत्या किए जाने का आरोप लगाते हुए बीजेपी ने आज बंगाल में दिन भर का बंद बुलाया था. ममता बनर्जी सरकार ने दोनों मौतों की जांच CID को सौंप दी है. इस बीच राजनीतिक दबाव के चलते राज्य सरकार को पुरुलिया के SP जॉय विश्वास को हटाना पड़ा. आकाश मघारिया ने एक दिन पहले ही शनिवार को पुरुलिया के SP का कार्यभार संभाला. बंगाल में हुई इन दो मौतों का मामला केंद्र तक चला गया और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधने का मौका नहीं गंवाया. शाह ने शनिवार को कहा कि ममता बनर्जी की सरकार राज्य में कानून व्यवस्था को बनाए रखने में पूरी तरह असफल रही है. इस बीच दुलाल कुमार के भाई ने भी दावा किया कि 30 मई को कुछ बाइक सवारों ने दुलाल को रोककर उससे पूछा था कि वह किस पार्टी के लिए काम करता है. जब दुलाल कुमार ने उन्हें बताया कि वह बीजेपी का कार्यकर्ता है तो बाइक सवारों ने उसे जान से मारने की धमकी दी थी. एक ही जिले में चार दिन के भीतर दूसरी हत्या चार दिन के भीतर दो व्यक्तियों की लटकती हुई लाश मिलने से पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में अफरा-तफरी मची हुई है. बीते गुरुवार को पुरुलिया के बलरामपुर इलाके के सुपढ़ीह गांव में 19 वर्षीय त्रिलोचन महतो की हत्या कर शव को पेड़ से लटका दिया गया था. इतना ही नहीं त्रिलोचन के पीठ पर एक पोस्टर भी चिपका था, जिस पर लिखा था "बीजेपी के लिए काम करने का यही हश्र होगा." हालांकि पुलिस ने शंका जताई है कि त्रिलोचन महतो की हत्या आपसी रंजिश में की गई. इस बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने तीन दिन पहले त्रिलोचन महतो की हत्या का संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को राज्य सरकार को नोटिस जारी किया और विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. उधर राज्य के DGP से भी कॉलेज स्टूडेंट त्रिलोचन महतो की हत्या पर चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है.
'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' शो के डॉ. हाथी यानी कवि कुमार आजाद का अंतिम संस्कार मंगलवार दोपहर को हुआ. एक्टर की मौत सोमवार सुबह द‍िल का दौरा पड़ने से हुई. कवि कुमार आजाद को आखि‍री बार विदाई देने के लिए शो के कई सितारे शामिल हुए. एक्टर की मौत से बॉलीवुड स्टार वरुण धवन भी दुखी नजर आए. उन्होंने इंस्टा स्टोरी में डॉ हाथी के साथ फोटो शेयर करके उन्हें याद किया. वरुण ने तस्वीर के साथ लिखा, उनके साथ काम करना शानदार रहा…वह काफी खुशमिजाज इंसान थे. कुछ द‍िनों पहले ही एक्टर के ट्व‍िटर अकाउंट से एक तस्वीर पोस्ट की गई थी. इस तस्वीर में एक्टर ने कहा था, किसी ने कहा है कल हो न हो, मैं कहता हूं पल हो न हो. हर लम्हा जियो. एक्टर की मौत से टीवी इंडस्ट्री को बहुत बड़ा झटका लगा है. Photos: डॉ. हाथी को आखि‍री विदाई देने पहुंचे टीवी के ये सितारे जेठालाल के किरदार में दिखाई देने वाले दिलीप जोशी ने इस बार में बात करते हुए कहा कि वो अपनी फैमिली के साथ लन्दन में थे जब उन्हें किसी ने कॉल करके ये ख़बर सुनाई. दिलीप कहते हैं कि मैं यह सुन कर बहुत चौंक गया था और मुझे अब भी विश्वास नहीं है कि कवि कुमार अब हमारे बीच नहीं है. टीवी शो में साथ काम करने वाले कई स्टार ने एक्टर की मौत पर शोक जताया है. I will hold on to this hug... sleep in ease. A post shared by Bhavya Gandhi (@bhavyagandhi97) on Jul 9, 2018 at 7:00am PDT कभी इस एक्टर का वजन 254 किलो था जिसके चलते उन्हें चलने-फिरने में भी काफी तकलीफ होती थी. अक्टूबर, 2010 में उन्होंने बैरियाट्रिक सर्जरी के जरिए अपना वजन 80 किलो तक कम किया था. अपने शरीर में आए इस बदलाव से कवि कुमार बेहद खुश भी थे. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था, "सर्जरी से मेरा 80 किलो कम हो गया था. मानो मेरा जीवन बदल गया. वजन कम होने के बाद मैंने नए सि‍रे से जीवन को शुरू किया. मुझे देखने आने वाले लोग अक्सर हैरान हो जाते थे कि मैं कितना बदल गया हूं."
नायक दिगेन्द्र कुमार (परस्वाल) (३ जुलाई १९६९) महावीर चक्र विजेता, भारतीय सेना की 2 राज राइफल्स में थे। उन्होंने कारगिल युद्ध के समय जम्मू कश्मीर में तोलोलिंग पहाड़ी की बर्फीली चोटी को मुक्त करवाकर १३ जून १९९९ की सुबह चार बजे तिरंगा लहराते हुए भारत को प्रथम सफलता दिलाई जिसके लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा १५ अगस्त १९९९ को महावीर चक्र से अलंकृत किया गया। जीवन परिचय बहादुर बालक दिगेन्द्र का जन्म राजस्थान के सीकर जिले की नीम का थाना तहसील के गाँव झालरा में शिवदान सिंह परसवाल के घर श्रीमती राजकौर उर्फ़ घोटली के गर्भ से ३ जुलाई १९६९ को हुआ। वे स्वयं भी क्रांतिकारी परिवार की संतान थीं। राजकौर के पिता बुजन शेरावत स्वतंत्रता सेनानी थे। वे हरियाणा प्रान्त में महेंद्रगढ़ जिले की नारनौल तहसील में सिरोही भाली गाँव के रहने वाले थे। बुजन शेरावत सुभाषचंद्र बोस की आजाद हिंद फौज के सिपाही थे जो द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान बसरा-बगदाद की लडाई में वीरगति को प्राप्त हुए। दिगेंद्र के पिता शिवदान आर्य समाज के सदस्य थे। देश की स्वतंत्रता एवं जनजागृति के लिए गाँव-गाँव जाकर प्रचार करते थे। वे भजनोपदेशक भी थे। रहबरे आजम दीनबंधु सर छोटूराम के आव्हान पर वे रेवाडी में जाकर सेना में भरती हो गए। १९४८ में पाकिस्तान के साथ युद्ध में पीर बडेसर की पहाड़ी पर साँस की नाली में ताम्बे की गोलियाँ घुस गई जो जीते जी वापिस नहीं निकलवाईं। उनके जबड़े में ११ गोलियां लगी थीं। पिता की प्रेरणा से दिगेंद्र 2 राज राइफल्स में भरती हो गए। सेना में वह हर गतिविधि चाहे दौड़ हो, निशानेबाजी हो, या कोई अन्य कार्य हमेसा प्रथम रहे, तथा उनको भारतीय सेना के सर्वश्रेष्ठ कमांडो के रूप में ख्याति मिली। जम्मू-कश्मीर में १९९३ में दिगेंद्र की सैनिक टुकड़ी जम्मू-कश्मीर के अशांत इलाके कुपवाडा में तैनात थी। पहाड़ी इलाका होने और स्थानीय लोगों में पकड़ होने के कारण उग्रवादियों को पकड़ना कठिन था। मजीद खान एक दिन कंपनी कमांडर वीरेन्द्र तेवतिया के पास आया और धमकाया कि हमारे खिलाफ कोई कार्यवाही की तो उसके गंभीर दुष्परिणाम होंगे। कर्नल तेवतिया ने सारी बात दिगेंद्र को बताई। दिगेंद्र यह सुन तत्काल मजीद खान के पीछे दौड़े। वह सीधे पहाड़ी पर चढा़ जबकि मजीद खान पहड़ी के घुमावदार रस्ते से ३०० मीटर आगे निकल गया था। दिगेंद्र ने चोटी पर पहुँच कर मजीद खान के हथियार पर गोली चलाई। गोली से उसका पिस्टल दूर जाकर गिरा। दिगेंद्र ने तीन गोलियां चलाकर मजीद खान को ढेर कर दिया। उसे कंधे पर उठाया और मृत शरीर को कर्नल के सम्मुख रखा। कुपवाडा में इस बहादुरी के कार्य के लिए दिगेंद्र कुमार को सेना मैडल दिया गया। दूसरी घटना में जम्मू-कश्मीर में मुसलमानों की पावन स्थली मस्जिद हजरत बल दरगाह पर आतंकवादियों ने कब्जा करलिया था तथा हथियारों का जखीरा जमा कर लिया था। भारतीय सेना ने धावा बोला। दिगेंद्र कुमार और साथियों ने बड़े समझ से ऑपरेशन को सफल बनाया। दिगेंद्र ने आतंकियों के कमांडर को मार गिराया व १४४ उग्रवादियों के हाथ ऊँचे करवाकर बंधक बना लिया। इस सफलता पर १९९४ में दिगेंद्र कुमार को बहादुरी का प्रशंसा पत्र मिला। श्रीलंका शान्ति अभियान में अक्टूबर 1987 में श्रीलंका में जब उग्रवादियों को खदेड़ने का दायित्व भारतीय सेना को मिला। इस अभियान का नाम था 'ऑपरेशन ऑफ़ पवन' जो पवनसुत हनुमान के पराक्रम का प्रतीक था। इस अभियान में दिगेंद्र कुमार सैनिक साथियों के साथ तमिल बहुल एरिया में पेट्रोलिंग कर रहे थे। पॉँच तमिल उग्रवादियों ने दिगेंद्र की पेट्रोलिंग पार्टी के पाँच सैनिकों को फायर कर मौत के घाट उतार दिया और भाग कर एक विधायक के घर में घुस गए। दिगेंद्र ने बाकी साथियों के साथ पीछा किया और विधायक के घर का घेरा डलवा दिया। लिटे समर्थक विधायक ने बाहर आकर इसका विरोध किया। दिगेंद्र के फौजी कमांडो ने हवाई फायर किया तो अन्दर से गोलियाँ चलने लगी। एक फौजी ने हमले पर उतारू विधायक को गोली मार दी और पाँचो उग्रवादियों को ढेर कर दिया। एक अन्य घटना में भारतीय सेना के ३६ सैनिकों को तमिल उग्रवादियों ने कैद कर लिया। उन्हें छुडाना बड़ा मुश्किल काम था। टेन पैरा के इन ३६ सैनिकों को कैद में ७२ घंटे हो चुके थे लेकिन बचाव का कोई उपाय नहीं सूझ रहा था। अफसरों की अनेक बैठकें हुईं और जनरल ने दिगेंद्र को बुलाकर उसकी योजना सुनी। दिगेंद्र ने दुशमनों से नजर बचाकर नदी से तैर कर पहुँचने की योजना सुझाई। नदी में १३३ किलोवॉट का विद्युत तरंग बह रहा था, फ़िर भी दुस्साहस कर दिगेंद्र ने पीठ पर ५० किलो गोला बारूद, हथियार और साथियों के लिए बिस्कुट पैकेट लिए जो ७२ घंटे से भूखे थे। हिम्मत कर उन्होंने नदी में गोता लगाया। कटर निकाला और विद्युत तारों को काट कर आगे पार हो गया। . दिगेंद्र ने वायरलेस से सूबेदार झाबर सही स्थान पता किया। गोलाबारूद और खाने का सामान सूबेदार झाबर को दिया और साथियों को पहुचाने के निर्देश देकर चलता बना। दिगेंद्र से उग्रवादियों के ठिकाने छुपे न थे। वह नदी के किनारे एक पेड़ के पीछे छुप गया और बिजली की चमक में उग्रवादियों के आयुध डिपो पर निशाना साधा। दोनों संतरियों को गोली से उड़ा दिया एवं ग्रेनेड का नाका दांतों से उखाड़ बारूद के ज़खीरे पर फेंक दिया। जोर-जोर से सैंकडों धमाके हुए, उग्रवादियों में हड़कंप मच गया। दिगेंद्र की हिम्मत देख बाकी कमांडो भी आग बरसाने लगे. थोड़े ही समय में ३९ उग्रवादियों को ढेर कर दिया गया। जनरल कलकट ने दिगेंद्र को खुश होकर अपनी बाँहों में भर लिया उन्हें बहादुरी का मैडल दिया गया और रोज दाढ़ी बनाने से छूट दी गई।. कारगिल संघर्ष में कारगिल युद्ध में सबसे महत्वपूर्ण काम तोलोलिंग की चोटी पर कब्जा करना था। 2 राजपुताना राइफल्स को यह काम सौंपा गया। जनरल मलिक ने अपनी टुकड़ी से तोलोलिंग पहाड़ी को मुक्त कराने का योजना के विषय में बात की। दिगेंद्र ने १०० मीटर का रूसी रस्सा चाहिये जिसका वजन ६ किलो होता है और १० टन वजन झेल सकता है तथा इसके साथ रूसी कीलों की माँग की जो चट्टानों में आसानी से ठोकी जा सकती थीं। रास्ता विकट और दुर्गम था पर दिगेंद्र कुमार द्वारा दूरबीन से अच्छी तरह जाँचा परखा हुआ था। दिगेंद्र उर्फ़ कोबरा १० जून १९९९ की शाम अपने साथी और सैन्य साज सामान के साथ आगे बढे। कीलें ठोकते गए और रस्से को बांधते हुए १४ घंटे की कठोर साधना के बाद मंजिल पर पहुंचे १२ जून १९९९ को दोपहर ११ बजे जब वे आगे बढ़े तो उनके साथ कमांडो टीम में मेजर विवेक गुप्ता, सूबेदार भंवरलाल भाकर, सूबेदार सुरेन्द्र सिंह राठोर, लांस नाइक जसवीर सिंह, नायक सुरेन्द्र, नायक चमनसिंह, लांसनायक बच्चूसिंह, सी.ऍम.एच. जशवीरसिंह, हवालदार सुल्तानसिंह नरवारिया एवं दिगेंद्र कुमार थे। पाकिस्तानी सेना ने तोलोलिंग पहाड़ी की चोटी पर ११ बंकर बना रखे थे। दिगेंद्र ने प्रथम बंकर उड़ाने की हाँ भरी, ९ सैनिकों ने बाकी के ९ बंकर उड़ाने की सौगंध खाई। ११ वां बंकर दिगेंद्र ने ख़त्म करने का बीड़ा उठाया। कारगिल घटी में बर्फीली हवा, घना अँधेरा था, दुरूह राहों और बार बार दुश्मन के गोलों के धमाकों से निडर वे पहाड़ी की सीधी चढान पर बंधी रस्सी के सहारे चढ़ने लगे और अनजाने में वहाँ तक पहुँच गए जहाँ दुश्मन मशीनगन लगाये बैठा था। वे पत्थरों को पकड़ कर आगे बढ़ रहे थे। अचानक दुश्मन की मशीनगन का बैरल हाथ लगा जो लगातार गोले फेंकते काफी गर्म हो गया था। सच्चाई का भान होते ही उन्होंने बैरल को निकाल कर एक ही पल में हथगोला बंकर में सरका दिया जो जोर के धमाके से फटा। दिगेंद्र का तीर सही निशाने पर लगा था। प्रथम बंकर राख हो गया और धूं-धूं कर आग उगलने लगा। पीछे से २५० कमांडो और आर्टिलरी टैंक गोलों की वर्षा कर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे थे। कोबरा के साथियों ने जमकर फायरिंग की लेकिन गोलों ने इधर से उधर नहीं होने दिया। आग उगलती तोपों का मुहँ एक मीटर ऊपर करवाया और आगे बढे। दिगेंद्र बुरी तरह जख्मी हो चुके थे। उनकी दिगेंद्र की अल.ऍम.जी. भी हाथ से छूट गई। पर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। प्राथमिक उपचार कर बहते खून को रोका। पीछे देखा तो पता लगा सूबेदार भंवरलाल भाकर, लांस नाइक जसवीर सिंह, नायक सुरेन्द्र, नायक चमनसिंह, अन्तिम साँस ले चुके थे। लांसनायक बच्चनसिंह, सुल्तानसिंह, राठोर और मेजर विवेक गुप्ता बहादुरी से दुश्मन का सामना करते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए। अपने सभी साथियों को खो देने के बाद दिगेंद्र ने फ़िर हिम्मत की और ११ बंकरों में १८ हथगोले फेंके। मेजर अनवर खान अचानक सामने आ गया। दिगेंद्र ने छलांग लगाई और अनवर खान पर झपट्टा मारा। दोनों लुढ़कते-लुढ़कते काफी दूर चले गए। अनवर खान ने भागने की कोशिश की तो उसकी गर्दन पकड़ ली। दिगेंद्र जख्मी था पर मेजर अनवर खान के बाल पकड़ कर डायगर सायानायड से गर्दन काटकर भारत माता की जय-जयकार की। दिगेंद्र पहाड़ी की चोटी पर लड़खडाता हुआ चढा और १३ जून १९९९ को सुबह चार बजे वहां तिरंगा झंडा गाड़ दिया.. सन्दर्भ भारतीय सेना के वीर 1969 में जन्मे लोग राजस्थान के लोग कारगिल युद्ध के नायक महावीर चक्र सम्मानित लोग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपनी मां हीराबेन से गांधीनगर के निकट रायसन गांव में मुलाकात की. बता दें, प्रधानमंत्री मोदी सरदार वल्लभभाई पटेल की 144वीं जयंती पर गुजरात में नर्मदा जिले के केवड़िया में 31 अक्टूबर को कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे. प्रधानमंत्री का बुधवार रात को हवाई अड्डे पर राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और कई अन्य प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. राजभवन जाने के दौरान प्रधानमंत्री ने अपनी मां हीराबेन से मुलाकात की. बता दें, हीराबेन अपने छोटे बेटे पंकज मोदी के साथ रहती हैं. प्रधानमंत्री ने अपनी मां के साथ 20 मिनट बिताए और इसके बाद वह राज भवन चले गए. प्रधानमंत्री राज भवन में रात में रूकेंगे. बृहस्पतिवार को मोदी ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' जाएंगे, जहां वह ‘एकता दिवस परेड' में हिस्सा लेंगे.
यह लेख है: बेंगलुरु में शुक्रवार को सुबह वासुसेना का एक लड़ाकू विमान मिराज दुर्घटना ग्रस्त हो गया जिससे इसमें सवार दो पायलटों की मौत हो गई. स्क्वॉर्डन लीडर सिद्धार्थ नेगी और स्क्वॉर्डन लीडर समीर अबरोल की इस हादसे में मौत हो गई. हिंदुस्तान एरोनॉटिकल लिमिटेड यानी HAL में अपग्रेड किया गया लड़ाकू जहाज मिराज शुक्रवार की सुबह टेस्ट फ्लाइट के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इसमें सवार दोनों पायलटों की मौत हो गई. हाल में 10 मिराज दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं और इससे HAL की काबलियत पर एक बार फिर सवाल उठाए जा रहे हैं. इस दुर्घटना में गंभीर रूप से घयल हुए पायलटों को बचाने की तमाम कोशिशें नाकाम हो गईं. उन्हें फौरन कमांड अस्पताल ले जाया गया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. दुर्घटना ग्रस्त अपग्रेडेड मिराज 2000 में सवार एक पायलट फौरन इजेक्शन सिस्टम का इस्तेमाल कर जहाज़ से बाहर निकला लेकिन गहरी चोट की वजह से उसे बचाया नहीं जा सका. दूसरा पायलट विमान से नहीं निकल पाया और पूरी तरह झुलस गया. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि धमाके की आवाज़ सुनाई दी. जहाज़ के चिथड़े उड़ गए और बाहर भी गिरे. धमाके के बाद भीड़ इकट्ठी हो गई. पुलिस ने आकर सभी को भगा दिया. एक अन्य ने बताया कि वे अपने घर की छत पर थे. उन्होंने देखा कि आग लगी हुई है और धुंआ उठ रहा है. सब लोग उसी तरफ भाग रहे थे. वहां पहुंचकर देखा कि प्लेन का मलबा जल रहा था. HAL के मुताबिक यह हादसा 10 बजकर 30 मिनट पर हुआ जब HAL में अपग्रेडेड मिराज 2000 को एयरफोर्स के पायलट टेस्ट फ्लाइट के लिए ले जा रहे थे. टेक ऑफ से पहले ही जहाज बेकाबू होकर बाउंडरी वॉल से टकराया और फिर गोले में बदल गया. एचएएल के मुताबिक इस हादसे में  स्क्वॉर्डन लीडर सिद्धार्थ नेगी और स्क्वॉर्डन लीडर समीर अबरोल  की मौत हो गई.   देहरादून के सिद्धार्थ नेगी को जून 2009 में कमीशन किया गया था जबकि गाज़ियाबाद के समीर अबरोल को जून 2008 में. ये दोनों वायु सेना के एयरक्राफ्ट एंड सिस्टम टेस्टिंग इस्टैब्लिशमेंट से जुड़े थे. हाल में 10 मिराज दुर्घटना के शिकार हुए हैं जिनमें से कुछ जानलेवा थे. लड़ाकू विमानों की कमी से जूझ रही वायु सेना के लिए इसे एक बड़ा झटका माना जा रहा है. हाल की दुर्घटनाओं की वजह से वायु सेना ने विमानों के साथ-साथ प्रशिक्षित बेहतरीन पायलटों को भी खो दिया है.
कोच भारत के पश्चिम बंगाल तथा असम में रहने वाली एक जनजाति है जिसके बारे में लोगों को बहुत कम पता है। ये लोग जिस भाषा का प्रयोग करते हैं उसे भी 'कोच'koch' 'कोचः कोचा क्रउ' ही कहा जाता है। पश्चिम बंगाल में कोच लोग प्रायः 'आसाम 'मेंघायल'तृपुरा'बांलादेश'जलपाईगुड़ी तथा कूच बिहार में निवास करते हैं। असम के गोयालपाड़ा और कामरूप जिलों में कोच जनजातियाँ पाए जाते हैं। कोच लोग अपने को 'कोच-राभा' भी कहते हैं तथा ऐतिहासिक कोच राज्य से अपना सम्बन्ध बताते हैं। भारत की जनजातियाँ असम के सामाजिक समुदाय कोच जनजाति कोच लोग पश्चिम बंगाल और असम के कुछ जिले मे राभा जनजाति की नाम से एक अल्पज्ञात अनुसूचित जनजाति समुदाय बसा हुआ है। कोच लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा/बोली में एक ही नाम की भी है। पश्चिम बंगाल में कोच लोग मुख्य रूप से जलपाईगुड़ी जिले और कूचबिहार में रहते हैं। इसके अलावा, लगभग, उनमें से 70 फीसदी जलपाईगुड़ी जिले में रहते हैं। असम में कोच मेघालय,गोवालपारा,कोराझार, में ज्यादातर रहते हैं। पूर्वी और पश्चिमी दोअर, के पूरे क्षेत्र कोच के पालने भूमि के रूप में कहा जा सकता है।कोच के रूप में खुद को देखते परखते और ऐतिहासिक कोच राज्य के लिए एक समपर्क पर जोर दिया है। नस्ल और भाषा कोच लोगों की इंडो मंगोल समूह के हैं और इस तरह के मानदाय (गारो), कोचारी(बोडो),राभा आदी जैसे देखते है। ज्यादातर रूप में बोडो समूह के अन्य सदस्यों के साथ समानता है कोच=राभा के रूप में खुद को देखते है, लेकिन उनमें से कुछ अक्सर कोचा के रूप में स्वयं की घोषणा करते है। डॉ फ़्रान्सिस बुकानन-हैमिल्टन के अनुसार, कोच के सामाजिक-धार्मिक और भौतिक जीवन के पहलुओं पाणि-कोच के उन लोगों के साथ समानता है। दूसरी ओर ई डाल्टन, कोच' कोचारी जाति की शाखाएं हैं और गारो के साथ जुड़ा हुआ है कि तर्क है। हॉजसन के अनुसार राभा ग्रेट बोडो या पानी-कोच के हैं और राभा एक ही वंश है और बाद गारो के साथ उनके संबंध नहीं है। एक प्लेफेयर्(1909) भी राभा और गारो के बीच कुछ भाषाई और सांस्कृतिक समानताएं बाहर बताया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि कोच भाषा और राभा बोलियों के बीच एक हड़ताली भाषाई समानता है कि वहां मौजूद टिप्पणी। इस समय के कुछ बिंदु पर वे एक दूसरे के साथ सम्पर्क में रहते थे, को लगता है कि उसे नेतृत्व किया। पश्चिम बंगाल और असम के कोच=राभा आम तौर पर स्थानीय अपने कोचा क्रउ और असमिया बांगली बोलियां बोलते हैं। वन ग्रामों में रहने वाले कोच काफी हद तक उनके मूल कोच भाषा बोली बरकरार रखा है। कोच बोली, जॉर्ज अब्राहम ने कहा कि असम-बर्मी शाखा की भाषाओं के समूह बोडो के अन्तर्गत आता है। अर्थव्यवस्था और समाज सामान्य रूप में राभा के परंपरागत अर्थव्यवस्था, कृषि, वन आधारित गतिविधियों और बुनाई पर आधारित है। अतीत में, कोच जनजाति लोग खेती स्थानांतरण अभ्यास करने के लिए प्रयोग किया जाता है। वे लोग हाङाय-हाबा या हा-हालो जमीन पर खेती करने के लिए जारी रखा। बाद में वे बसे खेती का काम हाथ में लिया और हल के साथ खेती शुरू कर दिया। खेती के अलावा, शिकार भी लोगों की एक पुरानी प्रथा थी। रुन्तूक्-वाय वे लोगों की एक पारंपरिक संस्कृती प्रथा है। एक बार जंगल और व्यवहार बदलता खेती में रहते थे जो कोच, वन सीमाओं की खेती और सीमांकन स्थानांतरण पर प्रतिबंध लगाने, वन विभाग के गठन के बाद से, औपनिवेशिक शासकों द्वारा जंगल में उनके अधिकारों से वंचित थे। नतीजतन, औपनिवेशिक भूमि निपटान प्रणाली के साथ, या तो अपनाया विस्थापित राभा के सबसे खेती बसे या बागान मजदूरों के रूप में वन गाँवों में शरण ली। आजादी के बाद भारत सरकार ने और अधिक या कम राभा जैसे समुदायों के जंगल में उनके अधिकार हासिल नहीं कर सका है, जहां वन प्रबंधन, का एक ही औपनिवेशिक प्रणाली जारी रखा। सफेद कॉलर नौकरियों में उनकी संख्या बहुत अधिक नहीं होगा हालांकि आज, एक, स्कूल के शिक्षकों और सरकारी पदाधिकारियों आदि जैसे सभी आधुनिक व्यवसायों के लिए वन श्रमिकों और किसानों से विविध व्यवसायों में राभा पाता है। धर्म और संस्कृति कोच लोग पारंपरिक रूप से कुछ पशु अनुष्ठानों का अभ्यास करेंगे। आज वे अधिक बार कुछ हिन्दू और कुछ जानवर अनुष्ठानों का एक मिश्रण है, जो एक विश्वास है, का पालन करें। अभी भी किसान के रूप में गाँवों में रहते हैं कि जंगल के गाँवों और राभा में रहने वाले वन राभा के बीच पूजा पद्धतियों में काफी मतभेद हैं। वन राभा मुख्यधारा हिन्दू धर्म के कुछ अनुष्ठानों के साथ मिश्रित परंपरागत पशु प्रथाओं का पालन करें। दूसरी ओर गाँव पर राभा के रूप में अभी तक उनकी धार्मिक प्रथाओं का संबंध है स्थानीय हिन्दुओं के साथ विलय कर दिया है। राभा लोगों की धार्मिक दुनिया विभिन्न आत्माओं और प्राकृतिक वस्तुओं के साथ व्याप्त है। राभा के मुख्य देवता ऋषि कहा जाता है। ऋषि, वन राभा के साथ ही गाँव राभा के लिए, एक पुरुष देवता है। उन्होंने यह भी महाकाल के रूप में जाना जाता है। वन राभा सभी महत्वपूर्ण सामाजिक और धार्मिक अनुष्ठानों में उसे पूजा करते हैं। दुकान के उत्तरी किनारे पर रखा चावल की दो मिट्टी के बर्तन के प्रतिनिधित्व वाले देवताओं रुगतुक और बासेक, वहाँ रहे हैं। इन दो देवताओं ऋषि या महाकाल की बेटियों के रूप में माना जाता है। रुगतुक और बासेक घर के देवताओं और हिन्दू देवी लक्ष्मी की तरह धन की देवी-देवताओं के रूप में माना जाता है। रुगतुक और बासेक, परिवार की उत्तराधिकारिणी से विरासत में मिला रहे हैं। अपने पारंपरिक पुजारी डीओसी, इन देवताओं की नींव के लिए शुभ दिन गिना जाता है। वे रखा जाता है, जहां कमरे में परिवार के मुखिया के कब्जे में है। देवताओं किसी भी मूर्तियों के लिए नहीं है। चावल के साथ भरा एक लाल रंग का मिट्टी का घड़ा देवता रुगतुक का प्रतिनिधित्व करता है। एक अंडा घड़े की गर्दन पर रखा जाता है। जैसे अधिकांश आदिवासी समुदायों, नृत्य और संगीत में राभा के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हर रस्म के बाद वे अपने देवताओं अनुग्रहभाजन करने के लिए विभिन्न नृत्यों प्रदर्शन करते हैं। राभा ज्यादातर महिलाएं गाना और नृत्य कर सकते हैं दोनों। सबसे जनजातीय नृत्यों की तरह, राभा के उन कुछ दैनिक कृषि गतिविधि से जुड़े हैं। वे जंगल नाले में मछली पकड़ने का जश्न मनाने के लिए "नाकचुग रेनी" नाम की एक अनोखी नृत्य शैली है। सभी उम्र के राभा महिलाओं को इस नृत्य पूरे दिल में भाग लेते हैं। आज हिन्दू धर्म और ईसाई धर्म राभा समुदाय के आकार का है कि दो अन्य प्रमुख धार्मिक ताकतों हैं। ईसाई धर्म के प्रभाव शायद अधिक है। हाल के वर्षों में राभा मिशनरियों के माध्यम से शिक्षा प्राप्त की है लेकिन शायद उनकी स्वदेशी संस्कृति और मान्यताओं से दूर चले गए हैं। लेकिन उत्तर बंगाल राभा के कुछ इलाकों में अभी भी जीवन के अपने पारंपरिक तरीकों से संरक्षित करने के लिए कोशिश कर रहे हैं। यह आधुनिकता के फल से दूर मोड़ के बिना उनके पूर्वजों की सदियों पुरानी प्रथाओं को बनाए रखने के लिए एक संघर्ष है। केवल समय ही उत्तर बंगाल के आदिवासी गढ़ में इस सामाजिक कायापलट-जगह लेने के परिणाम को प्रकट कर सकते हैं।
रामधारी सिंह दिनकर अपनी किताब ''संस्कृति के चार अध्याय'' में संकेत देते हैं कि हो सकता है इस प्रकार के पर्व उन अनार्य और जनजातीय महिलाओं द्वारा आर्यों की संस्कृति में प्रविष्ट किए गए हों जिनसे विवाह आर्य लोगों ने इन क्षेत्रों में आगमन के बाद किया था. लेकिन इस तर्क में एक पेंच हैं-जनजातीय लोग प्रकृति पूजक तो थे, लेकिन सूर्योपासक भी थे इस पर संदेह है! सूर्य आर्यों के देवता थे! छठ पर्व की कुछ बातें उल्लेखनीय हैं- सूर्योपासना, पुरोहित या कर्मकांड का न होना, व्यापक समाज की भागीदारी और स्थानीय वस्तुओं, फलों और उत्पादों का प्रयोग. कह सकते हैं कि यह पर्व 'सभ्यता-पूर्व' पर्व है- उस समय का पर्व, जब समाज अपने ठोस रूप में संगठित होना शुरू नहीं हुआ था. शायद इसलिए भी इसमें सभी जाति-वर्ण के लोग एक जैसी श्रद्धा से भाग लेते हैं. छठ का त्योहार नहाय-खाय से शुरू होकर सुबह अर्घ्य देने तक चलता है. नाक से लेकर मांग तक सिंदूर चढ़ाई महिलाएं इस त्योहार को लीड करती हैं, इनमें पुरुषों का काम सिर्फ मदद उपलब्ध कराने वालों का होता है. एक तरह से इस त्योहार को महिलाओं की अगुआई वाला उनकी सशक्तिकरण का त्योहार माना जाना चाहिए. सभी पवनैतिन (व्रती) नहाय-खाय के दिन बाल धो स्नान कर, इस महाअनुष्ठान का प्रण लेती हैं. इस दिन घर में शुद्ध घी में लौकी की सब्ज़ी, दाल और अरवा चावल पकाया जाता है. पहले पवनैतिन भोजन करती हैं, फिर प्रसाद स्वरूप बाकी लोग यही खाते हैं. नहाय-खाय के अगले दिन होता है 'खरना'. इस दिन से उपवास शुरू हो जाता है. छठ प्रकृति खासकर नदियों की उपासना का त्योहार है. पर जब से नदियों में प्रदूषण हुआ है तो घाटों पर शोरगुल बढ़ा है, लोग अपनी छतों पर भी यह त्योहार मनाने लगे हैं. आखिर मन चंगा तो... छठ मूलतः खेतिहर समाज का प्रकृति को दिया धन्यवाद ज्ञापन सरीखा है. उपज का एक अंश सूर्य को समर्पित करना इस त्योहार का अहम हिस्सा है सूर्योपासना के इस पर्व में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है. और समाज का हर वर्ग इसमें हिस्सा लेता है. परिवार के वरिष्ठ सदस्य सिर पर डलिया लेकर प्रसाद और सूपों को छठ के घाट तक ले जाते हैं. डालों को घाट तक ले जाते समय भी स्वच्छता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है. भोर में ही उठतीं हैं पवनैतीन और चूल्हा जलाकर उस पर रख देती हैं, गुड़ और पानी उबलने को. फिर घर के बाकी के लोग जुट जाते हैं खजुरी-ठेकुआ बनाने में. उधर उबलते हुए गुड़ वाले पानी में चावल का आटा मिला 'कसार' कोई बांध रहा होता, तो इधर छठ का गीत गाते हुए कोई तल रही होती है ठेकुआ-ख़जूरी. कैसे सुबह से दोपहर हो जाती है पता भी नहीं चलता. दोपहर में डलिया सजाने और सूप सजाने का काम शुरू हो जाता है. जिसमें रखती हैं वो अदरक-हल्दी के हरे-हरे पौधे, मूली, पान-सुपारी, अरतक पात (लाल रंग का एक शुद्ध गोल पत्ता जिसे बाद में दरवाजे पर चिपकाया जाता है) सूत के धागे, नारंगी रंग का पीपा सिंदूर, सेब, संतरा, केला, नारियल, ईख और घर में बने तमाम पकवान. ईश्वर और उपासक के बीच कोई बिचौलिया नहीं. कोई जातिभेद नहीं. तो मूल रूप से छठ को लोकपर्व माना जाना चाहिए. छठ लोक की रग-रग में बसा देसी त्योहार है. जितना यह पवित्र है, और जिसतरह बाकी सामाजिक और सांस्कृतिक प्रदूषणों से बचा हुआ है, उससे लगता है कि यह प्रासंगिक भी है और महत्वपूर्ण भी. (इस पोस्ट के सभी चित्र अनु रॉय ने उपलब्ध कराएं हैं) ***
सरकार ने आखि‍रकार कट्टरपंथी कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को पासपोर्ट जारी कर दिया है. मंगलवार को जारी किए गए इस पासपोर्ट की वैधता नौ महीने होगी. दो महीने पहले अधूरी जानकारी को आधार बताते हुए गिलानी का पासपोर्ट आवेदन खारिज कर दिया गया था. अधिकारियों का कहना है कि ये निर्णय गिलानी के उस अनुरोध के जवाब में लिया गया, जिसमें उन्होंने सऊदी अरब में रह रहीं अपनी बीमार बेटी को देखने की इच्छा प्रकट की थी. गिलानी के पासपोर्ट को लेकर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी. पिछली बार जब उन्हें पासपोर्ट देने का मामला सामने आया, तो राष्ट्रीयता को लेकर गिलानी के बयान पर बीजेपी ने कड़ी आपत्ति जताई थी. पीडीपी-बीजेपी में दरार गिलानी को पासपोर्ट के मुद्दे पर सत्ताधारी गठबंधन पीडीपी और बीजेपी में दरार देखी गई थी. उस समय अपने पासपोर्ट के आवेदन फॉर्म में गिलानी ने राष्ट्रीयता का कॉलम खाली छोड़ दिया था. बाद में उनका आवेदन रद्द कर दिया गया. गिलानी ने आरोप लगाया कि मानवीयता के आधार पर उन्हें सऊदी अरब जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है. अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि उनका आवेदन फॉर्म अधूरा है. उसके बाद गिलानी ने फॉर्म में राष्ट्रीयता भारतीय लिखी. हालांकि, गिलानी ने ये भी कहा कि वे दिल से भारतीय नहीं है और मजबूरन उन्हें ऐसा लिखना पड़ा है. बीजेपी की कश्मीर इकाई ने पहले ये कहा था कि गिलानी को देश से बाहर यात्रा करने की इजाजत तभी मिलनी चाहिए जब वो पाकिस्तान के समर्थन में बोलना बंद करें.
यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन में वैकेंसी निकली हैं. इच्छुक उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं. पद का नाम: कुक योग्यता: 8 वीं पास उम्र सीमा: 18-27 साल इच्छुक उम्मीदवार विज्ञापन प्रकाशन 45 दिनों के अंदर आवेदन कर सकते हैं. विज्ञापन प्रकाशन की तारीख: 31जनवरी-6 फरवरी ज्यादा जानकारी के लिए 31जनवरी-6 फरवरी का रोजगार समाचार देखें.
अमेरिका के करीब 12 राज्यों में जानलेवा ठंड वहां रह रहे लोगों के जनजीवन पर हावी है. मध्यपश्चिमी क्षेत्र में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. रिपोर्ट्स की मानें तो अमेरिका में अंटार्कटिका से भी ज्यादा ठंड पड़ रही है. ठंड का अंदाजा इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि यहां कई राज्यों में पारा शून्य से 30 डिग्री नीचे चला गया है. मौसम विभाग की मानें तो यह तापमान -70 डिग्री तक पहुंच सकता है. उत्तरी ध्रुव के बर्फीले इलाके में बर्फीली हवाओं के कारण जन-जीवन बिल्कुल ठप पड़ गया है और इसका असर लाखों लोगों पर पड़ा है. ठंड के कारण अमेरिका में विमानों की सेवा भी बाधित हुई है. अमेरिका के 2 एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले 1500 विमानों की उड़ानों को रद्द करना पड़ा. इसके अलावा यहां रेल सेवा भी बाधित हुई है. साथ ही दुनिया की सबसे बड़ी आर्थव्यवस्था पर ब्रेक लग गया है. अलास्का में अंटार्कटिका से भी ज्यादा ठंड महसूस की जा रही है. जानकारी के मुताबिक अमेरिका के शिकागो में पारा -32 डिग्री तक पहुंच गया है. वहीं, बुधवार को अंटार्कटिका के प्रिस्टले ग्लेशियर का न्यूनतम तापमान -27 डिग्री रहा. मौसम विभाग ने बर्फीली हवाओं के साथ अमेरिका में ठंड बढ़ने की चेतावनी जारी की है. मौसम विभाग के मुताबिक यहां का तापमान -70 डिग्री तक गिर सकता है, इसी के मद्दे नजर वहां के लोगों से सतर्क रहने की अपील की है. इस बीच वहां की कंपनियों ने अपने कर्मचारियों से घर से बाहर निकलने के लिए मना किया है. ठंड कहर ऐसा है कि अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है. अमेरिका के विसकॉन्सिन, मिशिगन, इलिनॉय, मिसिसिपी, अलबामा, मिनेसोटा, नॉर्थ डकोटा, साउथ डकोटा, कंसास, मिसौरी और मोंटाना में लोगों पर इस ठंड का सबसे ज्यादा असर पड़ा है. पूरे अमेरिका में 2700 से ज्यादा उड़ानों को रद्द किया गया है. यही नहीं, अमेरिका के छह राज्यों में पोस्टल सर्विस भी बंद कर दी गई है. इस ठंड का असर अमेरिका में रह रहे करीब 21 करोड़ लोगों पर पड़ेगा, क्योंकि यहां तापमान में और गिरावट महसूस की जा सकती है. कई इलाकों में जानलेवा ठंड को देखते हुए पुलिस ने कई इलाकों में दुकानों को बंद रखने का निर्देश दिया है, वहीं लोगों को परेशानी न हो इसके लिए कुछ ग्रॉसरी स्टोर के खुले रखने की अपील की गई है. देश के विसकॉन्सिन, मिशिगन और इलिनॉय में जानलेवा ठंड के कारण आपातकाल घोषित किया जा चुका है.
गुजरात चुनाव में राजनेताओं का एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला इन दिनों चरम पर है. चुनावी सरगर्मी के बीच मुद्दे भी लगातार बढ़ रहे हैं. कश्मीर को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक की रैली में जवाब दिया. अब इसी मुद्दे पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने पीएम मोदी पर पलटवार किया है. सिब्बल ने सोमवार सुबह ट्वीट किया, हमें कश्मीर के लिए आज़ादी नहीं चाहिए, बल्कि इस सरकार के ध्रुवीकरण, लव-जिहाद, गौरक्षकों से आज़ादी चाहिए.  इसकी शुरुआत गुजरात से होनी चाहिए. No 'Azadi' for Kashmir but desire 'Azadi' from this government: polarisation , bigotry, love-jihad , gau rakshaks. Let's begin in Gujarat . — Kapil Sibal (@KapilSibal) October 30, 2017 मोदी ने किया था वार कर्नाटक में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने चिंदबरम का नाम लिए बगैर ही कहा था, 'कश्मीर में आजादी मांग रहे लोगों के साथ स्वर मिला रहे हैं. कश्मीर पर ऐसे बयान देने से ऐसे लोगों को शर्म भी नहीं आती. देश की अखंडता-एकता हम खत्म नहीं होने देंगे.' पीएम मोदी ने कहा कि जो कल तक सत्ता में बैठे थे, वे अचानक यू टर्न ले रहे हैं. बेशर्मी के साथ बयान दे रहे हैं.' गौरतलब है कि चिदंबरम ने जम्मू-कश्मीर को अधिक स्वायत्तता देने की हिमायत की, जिसकी बीजेपी ने तीखी आलोचना की थी. वहीं कांग्रेस पार्टी ने भी चिदंबरम के इस बयान से खुद को अलग कर लिया था. कांग्रेस की ओर से कहा गया था कि जरूरी नहीं कि किसी व्यक्ति की राय ही पार्टी की राय हो.
लेकिन, कश्मीर पर एक साधारण-सा हल पाकिस्तान को समझाने के आइडिया पर नवेद कहते हैं कि यह सब बिलावल भुट्टो के बयान के बाद हुआ। फेसबुक पर कई लोगों ने उनसे इस जुड़ा सवाल करने की सलाह दी। नवेद बताते हैं कि पाकिस्तान में भी उनके काफी फैन हैं। उन्होंने कहा कि बिलावल से बात नहीं हो सकती थी। किसी ने याकूब साहब का नंबर दिया था। सो कर दिया।टिप्पणियां नवेद बताते हैं कि स्टूडियो में पाकिस्तान के लोगों के बहुत फोन आते हैं। वे भी हमारे शो बहुत सुनते हैं और मजा लेते हैं। दुबई में भी लाखों पाकिस्तानी हैं। जब भी जाता हूं, काफी प्यार मिलता है। तमाम लोग फेसबुक पर जुड़े हैं। पाकिस्तानी फैन्स की ख्वाहिश है कि पाकिस्तान का मुर्गा शो शुरू होना चाहिए। नवेद कहते हैं कि  आने वाले वक्त में वहां जरूर जाऊंगा। वहां के लोग भी बहुत मोहब्बत करते हैं। वे बताते हैं कि दिल्ली से ज्यादा कराची में लोग सुनते उनके फैन हैं... यह बात फेसबुक में फैन फॉलोइंग को देखकर समझ में आती है। बता दें कि पाकिस्तान में पिछली सरकार में सत्ताधारी दल पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के कद्दावर नेता बिलावल भुट्टो ने दो साल पहले एक जनसभा में घोषणा की थी कि भारत से कश्मीर की एक-एक इंच जमीन का हिस्सा वापस लेंगे। उनके इस बयान की भारत ने निंदा की थी। नवेद बताते हैं कि स्टूडियो में पाकिस्तान के लोगों के बहुत फोन आते हैं। वे भी हमारे शो बहुत सुनते हैं और मजा लेते हैं। दुबई में भी लाखों पाकिस्तानी हैं। जब भी जाता हूं, काफी प्यार मिलता है। तमाम लोग फेसबुक पर जुड़े हैं। पाकिस्तानी फैन्स की ख्वाहिश है कि पाकिस्तान का मुर्गा शो शुरू होना चाहिए। नवेद कहते हैं कि  आने वाले वक्त में वहां जरूर जाऊंगा। वहां के लोग भी बहुत मोहब्बत करते हैं। वे बताते हैं कि दिल्ली से ज्यादा कराची में लोग सुनते उनके फैन हैं... यह बात फेसबुक में फैन फॉलोइंग को देखकर समझ में आती है। बता दें कि पाकिस्तान में पिछली सरकार में सत्ताधारी दल पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के कद्दावर नेता बिलावल भुट्टो ने दो साल पहले एक जनसभा में घोषणा की थी कि भारत से कश्मीर की एक-एक इंच जमीन का हिस्सा वापस लेंगे। उनके इस बयान की भारत ने निंदा की थी। बता दें कि पाकिस्तान में पिछली सरकार में सत्ताधारी दल पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के कद्दावर नेता बिलावल भुट्टो ने दो साल पहले एक जनसभा में घोषणा की थी कि भारत से कश्मीर की एक-एक इंच जमीन का हिस्सा वापस लेंगे। उनके इस बयान की भारत ने निंदा की थी।
10:26 PM राजकोट में दूसरे टी-20 मुकाबले में टीम इंडिया की हार, न्यूजीलैंड 40 रन से जीता 10:01 PM VIP मूवमेंट के चलते IGI एयरपोर्ट पर 13 उड़ानों में देरी 09:59 PM कमल हासन पर व्यक्तिगत हमले की पिनराई विजयन ने की निंदा 09:58 PM दिल्ली से कटरा जाने वाली श्री शक्ति एक्सप्रेस के ब्रेक शू में लगी आग 09:56 PM केरल: कन्नूर में सड़क दुर्घटना में 5 लोगों की मौत 09:35 PM यूपी में बीजेपी ने जारी की मेयर उम्मीदवारों की लिस्ट 09:31 PM बिहार में बागी भी पैदा होते हैं और प्रेमी भी: हामिद अंसारी 08:59 PM INDvsNZ: लाइट की व्यवस्था ठीक होने के बाद खेल दोबारा शुरू 08:47 PM INDvsNZ: फ्लडलाइट में खराबी के चलते मैच बाधित 08:00 PM वाराणसीः देव दीपावली की आरती, घाट पर आनंदीबेन पटेल भी मौजूद 07:46 PM INDvsNZ: न्यूजीलैंड को पहला झटका, गुप्टिल (45) आउट 07:21 PM कांग्रेस-अकाली के बाद AAP नेताओं ने सुखपाल खैरा का मांगा इस्तीफा 18:54 PM यूपी निकाय चुनावः बीजेपी ने जारी की सभासद उम्मीदवारों की नई सूची 06:36 PM INDvsNZ: दूसरे टी-20 में मोहम्मद सिराज को मौका 06:31 PM INDvsNZ: न्यूजीलैंड ने जीता टॉस, पहले बल्लेबाजी का फैसला 06:10 PM गिनीज रिकॉर्ड अधिकारी बोले- 918 किग्रा खिचड़ी पकाकर भारत ने रिकॉर्ड बनाया 05:30 PM नीतीश पर हामिद अंसारी ने ली चुटकी- कल तक जो प्रेमी थे, आज बागी हो गए हैं 05:22 PM लालू का नीतीश पर बड़ा हमला, बोले- घोटालों का सारा पैसा आरसीपी के पास 04:50 PM 20 फरवरी 2018 से मोदी सरकार के खिलाफ अन्ना हजारे का धरना 04:38 PM मुकुल रॉय की सीडी हमने देखी है, कानून अपना काम करेगाः जेटली 04:35 PM विकास ही हमारे सपनों को पूरा कर सकता हैः PM मोदी 04:16 PM J-K: पुलवामा में पुलिस पार्टी पर आतंकी हमला, 2 पुलिसकर्मी जख्मी 04:05 PM यह चुनाव भव्य, दिव्य हिमाचल निर्माण के लिए है: PM मोदी 04:04 PM हिमाचलः मंडी में PM मोदी बोले- महाराजा की सरकार बहुत देख ली 03:50 PM कश्मीर के लोगों के प्रति राष्ट्र की प्रतिबद्धता है आर्टिकल 370: महबूबा मुफ्ती 03:35 PM कमल हासन के विवादित लेख पर वाराणसी कोर्ट ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया 03:27 PM ऑल इंडिया तंजीम उलेमा ए इस्लाम के प्रतिनिधियों ने राजनाथ सिंह से की मुलाकात 03:18 PM पद्मावती विवाद: उमा भारती ने किया खिलजी के महिमामंडन का विरोध 03:00 PM J-K: शोपियां इमाम साहब में सुरक्ष बलों पर ग्रैनेड हमला 03:00 PM PM मोदी बोले- लोगों के साथ अन्याय करने वालों को जनता भस्म कर देती है 02:41 PM मैं डरने वाला नहीं हूं, मैं सरदार पटेल का चेला हूं: PM मोदी मोदी ने कहा कि कांग्रेस 8 नवंबर को काला दिवस मनाने और मेरा पुतला फूंकने जा रही है. 02:38 PM कांग्रेस की मानसिकता दीमक की तरह हैः PM मोदी 02:29 PM कांग्रेस को अपने पापों की सजा मिल रही हैः PM मोदी 02:26 PM कांग्रेस ने अपने नेताओं का ही विश्वास खो दियाः PM मोदी लिहाजा अब दूसरे पार्टी के बागियों की ओर नजर गड़ाए हुए है. 02:24 PM हिमाचल में PM मोदी बोले- चुनाव भी प्रचार करने नहीं आया कोई सीनियर कांग्रेस नेता No senior Congress leader came here to campaign. They have already left the field leaving everything on fate: PM Modi in Himachal's Raitt pic.twitter.com/RQUAWdfSAS — ANI (@ANI) November 4, 2017 02:21 PM PAK ने बलोच नेता डॉक्टर अल्ला नजर, उनकी बेटी और पत्नी को छोड़ा 02:05 PM दिल्लीः 1100 किलो खिचड़ी बनाने का बना वर्ल्ड रिकॉर्ड 02:03 PM फ्लाइट में बदलसलूकी पर इंडिगो ने PV सिंधु से मांगी माफी 02:03 PM फ्लाइट में बदलसलूकी पर इंडिगो ने PV सिंधु से मांगी माफी 01:39 PM हार्दिक पटेल के खिलाफ जामनगर में लगे पोस्टर्स, पूछा- होटल ताज का रहस्य क्या है? 01:37 PM हैदराबाद से मुंबई उड़ान में बेहद खराब अनुभव रहाः पीवी सिंधु Sorry to say ..i had a very bad experience😤when i was flying by 6E 608 flight to bombay on 4th nov the ground staff by name Mr ajeetesh(1/3) — Pvsindhu (@Pvsindhu1) November 4, 2017 01:31 PM वर्ल्ड फूड इंडिया में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत बोलीं- खिचड़ी हमको एकजुट करती है 01:27 PM पाटीदार आरक्षण पर सोनिया गांधी लेंगी फैसलाः हार्दिक पटेल 01:20 PM NTPC हादसे के पीड़ितों से मिलने लखनऊ सिविल हॉस्पिटल पहुंचे CM योगी 12: 46 PM दिल्लीः तिमारपुर से पूर्व कांग्रेस MLA सुरेद्र पाल सिंह ने AAP का दामन थामा 12: 12 PM दिल्ली के इंडिया गेट में 50 खानसामा खिचड़ी पकाने में जुटे 11: 50 AM सेना प्रमुख बिपिन रावत ने फील्ड मार्शल करिअप्पा को भारत रत्न देने की मांग उठाई Its time to recommend Field Marshal KM Cariappa for the Bharat Ratna: Army Chief General Bipin Rawat pic.twitter.com/RCPDvZWy33 — ANI (@ANI) November 4, 2017 11: 45 AM YSR कांग्रेस की MLA वंताला राजेश्वरी ने तेलुगू देशम पार्टी का दामन थामा 11: 22 AM मोदी बोले- मैं ऐसा PM हूं, जिसने वर्ल्ड बैंक की बिल्डिंग भी नहीं देखी 11: 20 AM PM का कांग्रेस पर तंज, कहा- करना कुछ नहीं और जो कर रहा है...उससे सवाल पूछे जा रहे हैं 11: 07 AM ईज ऑफ डूइंग बिजनेस से जीवन भी आसान हुआः PM मोदी 10:45 AM CM नीतीश ने भगदड़ के मृतक के परिजनों को 4-4 लाख रुपये देने का ऐलान किया 10:38 AM बिहारः बेगूसराय में भगदड़ में 3 की मौत, 10 घायल #SpotVisuals : 3 dead & 10 injured after stampede at Simaria Ghat in #Bihar 's Begusarai. pic.twitter.com/iriqKc4ch4 — ANI (@ANI) November 4, 2017 10:34 AM प्रवासी भारतीय केंद्र में 'India's Business Reforms' कार्यक्रम में पहुंचे PM 10:28 AM बिहारः BJP सांसद भोला सिंह ने बेगूसराय भगदड़ की जांच कराने की मांग की 10:21 AM बिहारः बेगूसराय के DM के मुताबिक भगदड़ में कोई घायल नहीं 10:19 AM बिहारः बेगूसराय के DM ने भगदड़ से मौत होने की बात से इनकार किया 10:13 AM कार्तिक पूर्णिमा पर बिहार के बेगूसराय में भगदड़ में मृतकों की संख्या 3 हुई 10:05 AM कार्तिक पूर्णिमा पर बिहार के बेगूसराय में भगदड़, 2 लोगों की मौत 09: 55 AM शाह-जादा की 'अपार सफलता' के बाद BJP की नई पेशकश-अजित शौर्य गाथा: राहुल 09: 50 AM गांधीनगर: आज 11 बजे अहमदाबाद पहुचेंगे जेटली, BJP मीडिया सेंटर में करेंगे बैठक 09: 45 AM गांधीनगरः आज से अमित शाह 6 दिवसीय गुजरात दौरे पर 09: 25 AM तमिलनाडु के कई हिस्सों में भारी बारिश के बाद जलभराव 09:05 AM हिमाचल चुनाव: PM मोदी 1.30 बजे चांबी में, 3.30 बजे सुंदर नगर में करेंगे जनसभा 09:00 AM राहुल गांधी ने देशवासियों को दीं गुरुनानक जयंती की शुभकामनाएं 08:28 AM AP: YSRCP अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी ने शुरू की 3000 किमी लंबी प्रजा संकल्प यात्रा 08:04 AM PM मोदी ने गुरुनानक जयंती पर श्री गुरुनानक देव जी को नमन किया 07:40 AM मुंबई: लोवर परेल रेलवे स्टेशन की 150 मीटर परिधि नो हॉकर्स जोन घोषित 06:39 AM हिमाचल प्रदेश: राहुल गांधी चंबा में आज चुनावी रैली को करेंगे संबोधित 05:58 AM भारत और न्यूजीलैंड के बीच टी20 सीरीज का दूसरा मैच आज मैच राजकोट के सौराष्ट्र क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाएगा. 05:28 AM आज गुजरात दौरे पर जाएंगे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह 04:19 AM हिमाचल प्रदेश: पीएम मोदी आज शाहपुर और कांगड़ा में जनसभा को करेंगे संबोधित 03:23 AM पीएम मोदी और राहुल गांधी आज हिमाचल प्रदेश का करेंगे चुनावी दौरा 02:14 AM चेन्‍नई: भारी बारिश की वजह से आज बंद रहेंगे स्‍कूल 01:04 AM राहुल गांधी 8 नवंबर को फिर जाएंगे सूरत, उद्यमियों से करेंगे मुलाकात 12:15 AM पीएम मोदी आज सुबह 10 बजे 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' इवेंट में होंगे शामिल 12:13 AM 8 नवंबर को दो दिन के भारत दौरे पर आएंगे ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्‍स 12:03 AM गाजियाबाद के सिहानी गेट इलाके में एनकाउंटर, 1 बदमाश को गोली लगी 12:00 AM एटीपीसी हादसे में गंभीर रूप से घायल 6 लोगों को दिल्ली लाया गया
यह एक लेख है: इस साल 10 वीं और 12 वीं कक्षा की परीक्षा दे चुके छात्रों को बड़ी राहत मिली है. दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को मुश्किल प्रश्नों के लिए ग्रेस मार्क्स देने संबंधी अपनी मॉडरेशन पॉलिसी सत्र 2016-17 के लिए जारी रखने का अंतरिम आदेश दिया है. इस पॉलिसी को खत्म करने के लिए हाल ही में सीबीएसई ने नोटिफिकेशन जारी किया था जिसे कुछ अभिभावकों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. अनुमान है कि इस फैसले से इस साल परीक्षा देने वाले 12वीं कक्षा के करीब 11 लाख छात्रों व 10वीं कक्षा के 9 लाख छात्रों को लाभ मिलेगा. एक्टिंग मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व जस्टिस  प्रतिभा एम सिंह की बेंच ने कहा कि जब इस साल 12वीं कक्षा के लिए छात्र परीक्षा दे चुके हैं तो ऐसे में यह पॉलिसी बदली नहीं जा सकती. सीबीएसई इस पॉलिसी को फिलहाल उन छात्रों के लिए जारी रखे जो इस वर्ष एग्जामिनेशन फार्म जमा कर चुके हैं. जब परीक्षा फार्भ भरे जाते हैं तो सभी को पता होता है कि इसके नियम क्या हैं.  जब खेल शुरू हो चुका हो तो नियम बदले नहीं जा सकते. बेंच ने कहा कि छात्रों को असुरक्षा की भावना पैदा न कीजिए.टिप्पणियां अदालत अभिभावकों व कुछ वकीलों द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है. याचिका में कहा गया है कि सीबीएसई ने ग्रेस मार्क्स देने संबंधी अपनी मॉडरेशन पॉलिसी को खत्म करने का फैसला लिया है. यह गलत है और इससे 12वीं कक्षा के उन छात्रों पर खास तौर पर असर पड़ेगा जिन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय या विदेशों में दाखिले के लिए आवेदन किया है. याची का तर्क था कि केरल, आंधप्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि कुछ राज्यों ने नई नीति को अगले शैक्षणिक सत्र 2017-18 सत्र से लागू करने का फैसला लिया है. ऐसे में इस पर रोक लगाई जाए. याची के अनुसार सीबीएसई ने इस वर्ष 12 वीं की परीक्षा के बाद नई नीति बनाई है. जिसमें ग्रेस मार्क्स न देने की बात कही गई है. इस नीति से 12 वीं कक्षा के छात्रों के अंक कम हो जाएंगे. उन्हें कॉलेज में दाखिला लेने में दिक्कत होगी. 22 मई को अदालत ने मॉडरेशन पालिसी खत्म करने पर सीबीएसई के प्रति नाराजगी जताई थी. पॉलिसी खत्म करने को लापरवाहपूर्ण व अन्यायपूर्ण फैसला कहा था. अदालत ने कहा था कि सीबीएसई क्यों नहीं अपनी नई नीति का अगले शैक्षणिक सत्र 2017-18 में लागू करती. अब कुछ दिनों में ही 12 कक्षा के नतीजे आने वाले हैं. अनुमान है कि इस फैसले से इस साल परीक्षा देने वाले 12वीं कक्षा के करीब 11 लाख छात्रों व 10वीं कक्षा के 9 लाख छात्रों को लाभ मिलेगा. एक्टिंग मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व जस्टिस  प्रतिभा एम सिंह की बेंच ने कहा कि जब इस साल 12वीं कक्षा के लिए छात्र परीक्षा दे चुके हैं तो ऐसे में यह पॉलिसी बदली नहीं जा सकती. सीबीएसई इस पॉलिसी को फिलहाल उन छात्रों के लिए जारी रखे जो इस वर्ष एग्जामिनेशन फार्म जमा कर चुके हैं. जब परीक्षा फार्भ भरे जाते हैं तो सभी को पता होता है कि इसके नियम क्या हैं.  जब खेल शुरू हो चुका हो तो नियम बदले नहीं जा सकते. बेंच ने कहा कि छात्रों को असुरक्षा की भावना पैदा न कीजिए.टिप्पणियां अदालत अभिभावकों व कुछ वकीलों द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है. याचिका में कहा गया है कि सीबीएसई ने ग्रेस मार्क्स देने संबंधी अपनी मॉडरेशन पॉलिसी को खत्म करने का फैसला लिया है. यह गलत है और इससे 12वीं कक्षा के उन छात्रों पर खास तौर पर असर पड़ेगा जिन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय या विदेशों में दाखिले के लिए आवेदन किया है. याची का तर्क था कि केरल, आंधप्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि कुछ राज्यों ने नई नीति को अगले शैक्षणिक सत्र 2017-18 सत्र से लागू करने का फैसला लिया है. ऐसे में इस पर रोक लगाई जाए. याची के अनुसार सीबीएसई ने इस वर्ष 12 वीं की परीक्षा के बाद नई नीति बनाई है. जिसमें ग्रेस मार्क्स न देने की बात कही गई है. इस नीति से 12 वीं कक्षा के छात्रों के अंक कम हो जाएंगे. उन्हें कॉलेज में दाखिला लेने में दिक्कत होगी. 22 मई को अदालत ने मॉडरेशन पालिसी खत्म करने पर सीबीएसई के प्रति नाराजगी जताई थी. पॉलिसी खत्म करने को लापरवाहपूर्ण व अन्यायपूर्ण फैसला कहा था. अदालत ने कहा था कि सीबीएसई क्यों नहीं अपनी नई नीति का अगले शैक्षणिक सत्र 2017-18 में लागू करती. अब कुछ दिनों में ही 12 कक्षा के नतीजे आने वाले हैं. अदालत अभिभावकों व कुछ वकीलों द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है. याचिका में कहा गया है कि सीबीएसई ने ग्रेस मार्क्स देने संबंधी अपनी मॉडरेशन पॉलिसी को खत्म करने का फैसला लिया है. यह गलत है और इससे 12वीं कक्षा के उन छात्रों पर खास तौर पर असर पड़ेगा जिन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय या विदेशों में दाखिले के लिए आवेदन किया है. याची का तर्क था कि केरल, आंधप्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि कुछ राज्यों ने नई नीति को अगले शैक्षणिक सत्र 2017-18 सत्र से लागू करने का फैसला लिया है. ऐसे में इस पर रोक लगाई जाए. याची के अनुसार सीबीएसई ने इस वर्ष 12 वीं की परीक्षा के बाद नई नीति बनाई है. जिसमें ग्रेस मार्क्स न देने की बात कही गई है. इस नीति से 12 वीं कक्षा के छात्रों के अंक कम हो जाएंगे. उन्हें कॉलेज में दाखिला लेने में दिक्कत होगी. 22 मई को अदालत ने मॉडरेशन पालिसी खत्म करने पर सीबीएसई के प्रति नाराजगी जताई थी. पॉलिसी खत्म करने को लापरवाहपूर्ण व अन्यायपूर्ण फैसला कहा था. अदालत ने कहा था कि सीबीएसई क्यों नहीं अपनी नई नीति का अगले शैक्षणिक सत्र 2017-18 में लागू करती. अब कुछ दिनों में ही 12 कक्षा के नतीजे आने वाले हैं. 22 मई को अदालत ने मॉडरेशन पालिसी खत्म करने पर सीबीएसई के प्रति नाराजगी जताई थी. पॉलिसी खत्म करने को लापरवाहपूर्ण व अन्यायपूर्ण फैसला कहा था. अदालत ने कहा था कि सीबीएसई क्यों नहीं अपनी नई नीति का अगले शैक्षणिक सत्र 2017-18 में लागू करती. अब कुछ दिनों में ही 12 कक्षा के नतीजे आने वाले हैं.
पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का नाम खेल और देश की सीमाएं लांघ चुका है. ये बात एक बार फिर साबित हो गई है. धोनी के मुरीदों में नया नाम शामिल हुआ है रियो ओलंपिक-2016 की गोल्ड मेडल विनर एथलीट कैस्टर सेमेन्या का. सेमेन्या दक्षिण अफ्रीका की रनर हैं. सेमेन्या ने पिछले दिनों एमएस धोनी की बायोपिक ‘एमएस धोनी – द अनटोल्ड स्टोरी’ देखी. इसे देखकर वो इतनी प्रेरित हुईं कि ट्वीट कर खुद धोनी की बधाई दे डाली और लिखा कि इस फिल्म ने उन्हें काफी प्रेरणा दी. सेमेन्या ने लिखा कि धोनी की स्टोरी काफी प्रेरित करने वाली है. @msdhoni i have just watched your film.. Inspiring story it is.. #msdhoniuntoldstory ... Salute.. — Caster Semenya (@caster800m) May 3, 2017 दो बार की गोल्ड मेडलिस्ट हैं कैस्टर दक्षिण अफ्रीका की रनर कैस्टर ने रियो ओलंपिक-2016 में 800 मीटर दौड़ में गोल्ड जीता था. इससे पहले वो साल 2012 के ओलंपिक में भी 800 मीटर दौड़ में गोल्ड अपने नाम कर चुकी हैं. रनिंग ट्रैक पर लंबे वक्त से राज कर रहीं सेमेन्या का धोनी से प्रेरित होना इस खिलाड़ी की खेल जगत में प्रभावी मौजूदगी की गवाही देता है. गौरतलब है कि महेंद्र सिंह धोनी की जिंदगी पर बनी फिल्म ‘एमएस धोनी – द अनटोल्ड स्टोरी’ साल 2016 में रिलीज हुई थी. नीरज पाण्डेय ने इस फिल्म का निर्देशन किया था, जिसमें सुशांत सिंह राजपूत ने धोनी का किरदार निभाया था. फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर काफी सराहना मिली थी और इसने बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छा कारोबार किया था. क्यों है महेंद्र सिंह धोनी की साख भारतीय टीम को वनडे विश्वकप, टी-20 विश्वकप, आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जिताने के साथ टेस्ट में नंबर वन बनाने वाले पूर्व कप्तान धोनी की खेल जगत में काफी साख है. धोनी के खेल से इतर उनके धैर्य, मुश्किल परिस्थिति का सामना करने की क्षमता और खेल की समझ के कायल कम नहीं हैं. फिलहाल वो आईपीएल में राइजिंग पुणे सुपरजाएन्ट की ओर से खेल रहे हैं.
इंडोनेशिया के लोगों ने बीती 22 दिसंबर की रात अचानक क़यामत की झलक देखी. उस कयामत की जो आग और पानी की शक्ल में उन पर टूटी. 281 लोग मारे गए. हजार से ऊपर घायल और सैकड़ों अब भी लापता. पर यकीन मानिए क़यामत के बाद की तस्वीरें भी किसी कयामत से कम नहीं हैं. ज्वालामुखी से आई मौत के ज़लज़ले के बाद आंसुओं की सुनामी जब थमी तो लरजती जमीन और खामोश समंदर की लहरें, अपने पीछे बर्बादी की वो कहानियां छोड़ गईं जो बरसों सुनी और सुनाई जाती रहेंगी. सदियों से क़ुदरत ने जब जब अपना तेवर बदला तो तबाही के ऐसे निशान छोड़े जो एक पल में इंसान और इंसानी बस्तियों को मिटा गए. क़ुदरत के क़हर ने कई कई बार अनगिनत ज़िन्दगियों को हमेशा के लिये ख़ामोश कर दिया. मासूम और बेगुनाह क़ुदरती क़हर के आगे बेबस और लाचार नज़र आए. क़ुदरत हर बार बेधड़क क़हर बरपाती रही और इंसानियत उजड़ती रही. क्योंकि क़ुदरत की ताक़त पर इंसानी क़ानून का बस नहीं चलता. माफ कीजिएगा, लेकिन अगर कुदरत भी कहीं इंसानी कानून की ज़द में आता और इंसानों के लिए कुदरत को सज़ा दे पाना मुमकिन होता तो ना मालूम उसे अब तक कितनी बार सज़ा-ए-मौत मिल चुकी होती. गुस्साए समंदर की ऐसी बेलगाम और कातिलाना लहरें उसी कदुरत के बदले तेवर की तस्वीरें हैं. वहां का मंजर देखकर ऐसा लगता है मानो समंदर शहर में उतर आया हो. ये तूफान कुछ और नहीं, समंदर की गुस्साई लहरें हैं, जो शहर को रौंदते हुए बस आगे बढ़ी जा रही हैं. रास्ते में जो भी मिला उसे कुचलते हुए, बहाते हुए, भगाते हुए, बर्बाद करते हुए. क्या घर, क्या बिल्डिंग, क्या गाड़ियां, क्या सड़क. क्या रास्ते ,क्या खेत-खलिहान और क्या इंसान. जो भी इसके रास्ते में आया वही तबाह हो गया. फिलहाल तो 281 लोगों के बहकर मौत के मुंह में समा जाने की खबर है, जबकि हजारों घायल हैं और सैकड़ों लापता. हाल की सबसे बड़ी तबाही की ये तस्वीरें भारत और आस्ट्रेलिया के बीचोबीच चारों तरफ समंदर से घिरे इंडोनेशिया के जावा और सुमात्रा के तटीय इलाक़ों की हैं. तस्वीरें ऐसी जो रौंगटे खड़ी कर दें. तस्वीरें जो कयामत का अहसास करा दें. गुस्साई लहरों की रफ्तार इतनी ऊंची और तेज कि लोगों को अहसास हो उससे पहले ही वो उन्हें बहाकर मलबे में तब्दील कर देतीं. देखिए कैसे लहरों का तूफान बेलगाम बढ़ता जा रहा है. ये आफत थी उस ज्वालामुखी की जो सुनामी की शक्ल में इंडोनेशिया पर टूटी. इस ज्वालामुखी का नाम था क्राकातोआ. 22 दिसंबर की रात क्राकातोआ ज्वालामुखी ने ऐसी आग उगली कि समंदर में सुनामी आ गई. जैसे-जैसे उस रात क्राकातोआ में ज्वालामुखी फूट रहा था, वैसे-वैसे इन लहरों की ऊंचाई बढ़ती जा रही थी. आस-पास के तटीय इलाके देखते ही देखते ताश की पत्तों की तरह गुस्साई लहरों के सामने बिखरते चले गए. हैरानगी इस बात की है कि ज्वालामुखी में लिपटी इस सुनामी ने आने से पहले कोई दस्तक तकी नहीं दी. पूरी दुनिया हैरान है कि बिना भूकंप के सुनामी समंदर में आई कैसे? शनिवार की छुट्टी के दिन सुंडा खाड़ी के दोनों तरफ़ जावा और सुमात्रा के तटीय इलाक़ों में ये सुनामी अचानक आई थी. इसने देखते ही देखते आसपास के तमाम पर्यटक स्थलों को अपनी आगोश में ले लिया. अमूमन सुनामी से पहले मौसम विभाग को चेतावनी जारी करने का वक्त मिल जाता है. मगर इस बार तो उन्हें भी अंदाज़ा नहीं हुआ. आम लोगों की तो बात ही छोड़ दीजिए. समंदर में अचानक ऊपर उठती लहरें दहशत के शोर के साथ आगे बढ़ रही थीं. जैसी ही ये लहरें तटीय इलाकों के नज़दीक आईं. ऐसा लगा जैसे ये पूरे समंदर को ही पलट कर रख देंगीं. लहरें इतनी ऊंचीं थी कि समंदर किनारे लगीं होर्डिंग्स को भी पार किए जा रहीं थी. इस कैमरे से देखिए कैसे समंदर की लहरें बिजली के ट्रांसफॉर्मर को पार करते हुए रिहाइशी इलाकों में घुस रही हैं. लोग चीखे-चिल्लाए. कुछ जान बचाने के लिए भागे भी. पर बहुत से लोगों को जान बचाने का मौका तक नहीं मिला. इसके बाद देखते ही देखते अचानक पूरा शहर समंदर बन गया. चारों तरफ सैलाब ही सैलाब नज़र आ रहा था. समंदर किनारे की इन होर्डिंग्स और इमारतों के परखच्चे उड़े हुए हैं. इमारतों का हिस्सा ज़मीन पर आ गया. होटल और रिजॉर्ट के नामोनिशान मिट गए. मकान के मकान ढह गए. जिन इलाकों को आप अभी बर्बाद हालत में देख रहे हैं, वहां शनिवार की उस काली रात से पहले तक हरियाली और खुशहाली थी. मगर अब यहां इन मलबे और इस समंदर से लाशों को निकलने का काम जारी है. इंडोनेशिया के अधिकारी तो अभी तक यही नहीं समझ पा रहे हैं कि ये तबाही कितनी बड़ी है. शुरूआती जानकारी के मुताबिक 281 लोगों की मौत हो चुकी है. 12 सौ से ज़्यादा लोग ज़ख्मी हैं. हज़ारों लोग बेघर हो चुके हैं. बहुत से लोग अब भी लापता हैं. बताया जा रहा है कि इस सुनामी के चलते सुमात्रा के दक्षिणी लामपुंग और जावा के सेरांग और पांदेलांग इलाके में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. वहीं इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता को भी तबाही झेलनी पड़ी. सुनामी की वजह से इन इलाकों में जान माल का अच्छा खासा नुकसान हुआ है.
पूर्व सेनाप्रमुख जनरल वीके सिंह ने मंगलवार को अपने पहले दिए बयान पर सफाई देते हुए कहा है कि जम्मू एवं कश्मीर के मंत्रियों को रिश्वत दिए जाने की बात गलत है। इससे पहले, ख़बरें थीं कि पूर्व सेनाप्रमुख ने दावा किया है कि राज्य के मंत्रियों को सेना पैसे देती रही है, क्योंकि राज्य में स्थायित्व बनाए रखने के लिए उन्हें मंत्रियों से काम लेना होता है। पूर्व जनरल ने खुफिया यूनिट की रिपोर्ट लीक हो जाने की जांच कराने की भी मांग की और कहा कि खुफिया यूनिट और उसकी रिपोर्टों के बारे में सावर्जनिक रूप से बात करना देशद्रोह है। जिस तरह से रिपोर्ट उजागर हुई है, जनरल सिंह ने उसके पीछे भी साज़िश होने की आशंका जताई है।   पूर्व थल सेनाप्रमुख वीके सिंह ने कहा कि यह कहना सरासर गलत है कि किसी मंत्री को रिश्वत दी गई। यह रकम उन लोगों को जनता का दिल जीतने के लिए दी गई थी, और ऐसा राज्य सरकार की मदद के उद्देश्य से किया गया था। जनरल सिंह ने कहा कि दरअसल, सेना की वह सीक्रेट यूनिट राज्य की पृथकतावादी ताकतों के खिलाफ काम करती है। उन्होंने यह भी कहा कि वह खुफिया इकाई उनके नहीं, डीजीएमआई के तहत काम करती थी।   जिस तरह से खुफिया इकाई की रिपोर्ट उजागर हुई, उसके पीछे जनरल सिंह ने साजिश की आशंका जताते हुए कहा कि इसमें देश की छवि का ख्याल नहीं रखा गया, यह देशद्रोह है।   इससे पूर्व जम्मू−कश्मीर के मंत्रियों को सेना से पैसे मिलने के पूर्व सेनाप्रमुख के बयान के बाद राजनीति गरमा गई थी। उनके बयान पर गृहमंत्री सुशील शिंदे ने कहा था कि वीके सिंह राजनीतिज्ञों के नाम बताएं। यदि विवरण दिया जाता है तो हम जांच कर सकते हैं। दरअसल, वीके सिंह ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए बयान में कहा था कि सेना जम्मू−कश्मीर में सभी मंत्रियों को रकम देती है।   जनरल सिंह ने बताया था कि सेना ऐसा राज्य में स्थायित्व बनाए रखने के लिए करती है। उन्होंने कहा कि मंत्रियों को कई चीजें करने के साथ ही कई गतिविधियों को भी अंजाम देना होता है। दरअसल, जनरल ने यह बयान अपने ऊपर लगाए गए आरोपों के जवाब में दिया था। उन पर आरोप है कि अपने कार्यकाल में जम्मू−कश्मीर के मंत्री गुलाम हसन मीर को राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए टेक्निकल सपोर्ट डिवीजन की ओर से एक करोड़ 19 लाख रुपये दिए गए थे।   हालांकि अपने इस बयान के बाद वीके सिंह ने कहा कि हो सकता है सारे मंत्रियों को नहीं, लेकिन कुछ मंत्री और लोग ज़रूर हैं, जिन्हें खास काम करवाने के लिए रकम दी जाती है।   इस बयान पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला का कहना है कि वीके सिंह का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है और इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सेना किसी भी पार्टी के लिए फंडिंग नहीं कर सकती है और अगर ऐसा हुआ है तो गलत है। फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि अब इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए, ताकि पता चल सके कि किसने पैसे लिए हैं, और उस रकम का किस तरह इस्तेमाल किया गया है।   उधर, नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रदेश अध्यक्ष देवेंदर सिंह राना ने कहा कि देश और खासकर सेना के लिए यह दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि पूर्व सेनाप्रमुख इस तरह के आधारहीन बयान दे रहे हैं। वहीं जम्मू-कश्मीर के मंत्री ताज मोहिउद्दीन का कहना है कि अगर वीके सिंह के पास मंत्रियों के नाम हैं तो वह खुलासा करें।   बीजेपी के सुब्रह्मण्यम स्वामी ने इस मसले पर जनरल सिंह का बचाव किया है, जबकि कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा है कि जनरल सिंह को यह बात तभी कहनी चाहिए थी, जब वह सेनाप्रमुख थे।
चुनाव में टिकट नहीं मिलने का दर्द क्या होता है कोई गुड्डू पंडित और उनके भाई मुकेश पंडित से पूछे. जब छलक आए आंसू.. गुरुवार को बुलंदशहर में अपने आवास पर दोनों भाई समर्थकों से मिले तो उनका दर्द आंखों में छलक आया. साथ ही समर्थकों के सामने एलान किया कि क्षेत्र की जनता की सेवा के लिए वो चुनाव में जरूर उतरेंगे. दोनों भाइयों ने अजीत सिंह के राष्ट्रीय लोकदल में शामिल होकर इसी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने के संकेत दिए. फिर दोनों भाई दिल्ली के लिए रवाना हो गए. कहीं नहीं गली दाल दोनों भाई लंबे अर्से से बीजेपी की ओर इसी आस से देख रहे थे कि विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट दिया जाएगा. लेकिन बीजेपी की लिस्ट में दोनों भाइयों के नाम नदारद मिले तो उन्होंने फिर समाजवादी पार्टी का रुख करने की कोशिश की. पिछले दिनों गुड्डू पंडित को लखनऊ में अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव की चौखटों की परिक्रमा करते देखा गया. लेकिन वहां भी दाल नहीं गल सकी. गुड्डू पंडित ने हाल में बीजेपी से टिकट नहीं मिलने के लिए राजस्थान के गवर्नर और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को जिम्मेदार ठहराया था. समाजवादी पार्टी ने किया था बाहर 2012 विधानसभा चुनाव में दोनों भाइयों ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की थी. गुड्डू पंडित बुलंदशहर की डिबाई सीट और मुकेश पंडित शिकारपुर से जीते थे. बाद में दोनों भाई समाजवादी पार्टी से निष्कासित कर दिए गए. इन पर राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने का आरोप लगा था.
यह एक लेख है: वायुसेना में 'सुपरसोनिक युग' की शुरुआत करने वाले और सटीक निशाना साधने की क्षमता के चलते 1971 के भारत-पाक युद्ध की दिशा बदल देने वाले मिग-21 एफएल लड़ाकू जेट विमान बुधवार से इतिहास का हिस्सा बन गया। वायुसेना प्रमुख एनएके ब्राउन ने मिग-21 लड़ाकू विमानों के पहले स्वरूप को विदाई देने के बाद कहा, मेरे मन में मिग-21 के लिए अत्यधिक पेशेवर सम्मान है। मौजूदा दिनों के विमानों में मिग-21 की दक्षता के मेल वाला कोई विमान नहीं है। पश्चिम मेदिनीपुर में कलाईकुंडा वायुसैनिक केंद्र में सबसे युवा ऑपरेशनल कंवर्सन यूनिट पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट एल नागराजन ने मिग-21 एफएल के फॉर्म 700 (किसी विमान का डॉक्यूमेंट लॉग) को वायुसेना प्रमुख के सुपुर्द किया। इसके साथ प्रतीकात्मक तौर पर वायुसेना के इतिहास की एक लंबी कहानी पर पर्दा गिर गया। ब्राउन ने कहा कि विमान अपनी अभूतपूर्व लड़ाकू क्षमता के कारण लंबी अवधि तक वायुसेना के लड़ाकू दस्ते का आधारस्तंभ बना रहा। एयर चीफ मार्शल ब्राउन ने कहा, 1980 और 90 के दशक में वायुसेना के लड़ाकू विमानों में तकरीबन 60 प्रतिशत ये विमान थे। मौजूदा समय में वायुसेना के करीब 90 प्रतिशत पायलट मिग-21 विमानों के एक या अन्य प्रकार में उड़ान भर चुके हैं। मसलन एफएल-77, जो आज बेड़े से बाहर हो गया। उन्होंने कहा कि मिग-21 के सभी स्वरूप बेड़े से बाहर हो जाएंगे। कलाईकुंडा वायुसैनिक केंद्र से संचालित हो रहे कुल 15 मिग-21 एफएल विमानों को बुधवार को विदाई दे दी गई। रस्मी समारोह में चार विमानों ने उड़ान भरी। 1971 के युद्ध में मिग-21 विमानों को लेकर उड़ान भर रहे वायुसेना के पायलटों द्वारा ढाका में गर्वनर्स हाउस पर किया गया सटीक हमला निर्णायक साबित हुआ था। इसके चलते शत्रु खेमे को समर्पण के लिए बाध्य होना पड़ा। करगिल के संघर्ष में भी विमान को तैनात किया गया था।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा है कि सभी क्षेत्रों में कहीं न कहीं बुराई व्याप्त है और सभी को मिलकर ही इसे खत्म करना होगा. हर क्षेत्र में व्‍याप्‍त है बुराई आडवाणी यहां रामलीला मैदान में प्रजापति ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ‘विश्व महोत्सव’ को संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम में आडवाणी ने कहा ‘‘भले ही लोग बुराइयों के लिए राजनीति को दोष देते हों, लेकिन मैं महसूस करता हूं कि राजनीति के साथ हर क्षेत्र में बुराई व्याप्त है, जिन्हें हमें मिलकर दूर करना हैं. ऐसे कार्यक्रमों में भाग लेने से बुराई अवश्य दूर होती है.’’ पूरी मानवता के लिए कार्य उन्होंने कहा ‘‘हम बुराइयों को मिटाने के जिस काम से जुड़े हैं, वह किसी एक देश के लिए नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए है.’’ उन्होंने कहा ‘‘किसी के व्यक्तित्व के आकलन के समय बौद्धिक स्तर के अलावा भावनात्मक स्तर, आध्यात्मिक स्तर और नैतिक स्तर को भी मापने की जरूरत है.’’ कार्यक्रम में 103 देशों के ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों के अलावा हजारों लोग मौजूद थे. एक बुराई छोड़ने की अपील समारोह में राज योगिनी दादी हृदयमोहिनी, आर्य समाज विचारक स्वामी अग्निवेश, जमात-ए-इस्लामी हिंद के मोहम्मद इकबाल मुल्ला ने भी एकजुट होकर देश की सामाजिक बुराइयों को खत्म करने का संकल्प लिया. सभी ने लोगों से कोई एक बुराई छोड़कर एक अच्छाई अपनाने की अपील की. कार्यक्रम के अंत में बुराई रूपी रावण के पुतले का भी दहन किया गया.
गुजरात में उत्तर भारतीय मजदूरों के खिलाफ हिंसा के बीच बिहार में सियासत भी शुरू हो गई है. बिहार में सत्ता पक्ष और मुख्य विपक्षी पार्टी राजद आमने-सामने है. वहीं कांग्रेस बचाव की मुद्रा में है. दरअसल, बिहार कांग्रेस के सह प्रभारी अल्पेश ठाकोर पर गुजरात में बिहार और यूपी के लोगों के खिलाफ हिंसा भड़काने के आरोप लग रहे हैं. यही वजह है कि कांग्रेस बैकफुट पर नजर आ रही है. बिहार के कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि बीजेपी ठाकोर सेना बनाकर बेवजह अल्पेश को बदनाम कर रही है. बता दें कि बिहारियों पर हमले के पीछे ठाकोर सेना का नाम आ रहा है. इसे अल्पेश ठाकोर का संरक्षण मिला हुआ है. अल्पेश का वीडियो वायरल इस बीच अल्पेश का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है. इस वीडियो में वह उत्तर भारतीयों पर गुजरात के लोगों का रोजगार हड़पने का आरोप लगा रहे हैं. यह वीडियो बीते 7 सितंबर का बताया जा रहा है. वीडियो में अल्पेश कह रहे हैं , ''गुजरात के कई लोग मुझसे मिलने आते हैं और बोलते हैं कि उन्हें कोई रोजगार पर नहीं रखता है. हमें कहा जाता है कि आप लोग मजदूरी नहीं कर पाएंगे, हम बाहर से मजदूर लाएंगे.'' बिहार में जेडीयू भी हमलावर जेडीयू प्रवक्ता अजय आलोक ने भी अल्पेश ठाकोर पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने बिहार के कांग्रेस सह प्रभारी अल्पेश ठाकोर को बिहार आने की चुनौती देते हुए कहा कि आइये आपका स्वागत गुलाब से होगा. अजय आलोक ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी की नेतृत्व पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि डर के मारे पलायन कर रहे यूपी- बिहार के लोगों को आश्वस्त नहीं कर सकते तो सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार नहीं है. वहीं जेडीयू नेता प्रशांत किशोर ने भी गुजरात सरकार को इस मामले में कड़े कदम उठाने को कहा.
सूडान के दारफुर में शांतिरक्षकों की हत्या की संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून ने आज भर्त्सना की. उन्होंने सूडान सरकार से हत्यारों को ढूंढ़ निकालने के लिए कहा. बान के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘हमले में तीन शांतिरक्षक मारे गए और एक घायल हो गया.’’ जनवरी 2008 में संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत 20,000 सैनिकों और पुलिसकर्मियों की तैनाती के बाद से सूडान में अब तक कुल 27 शांतिरक्षक मारे जा चुके हैं.
टोरेंट वेबसाइट्स यूज करने वालों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पहले Torrentz.eu फिर Kickass टोरेंट बंद हुआ और अब गूगल ने भी टोरेंट वेबसाइट्स पर लगाम लगाने की तैयारी में है. हालांकि Kickass टोरेंट के कुछ सर्वर्स काम कर रहे हैं और लोग इसे यूज भी कर रहे हैं. लेकिन पहले के मुकाबले इन वेबसाइट्स को खोलना अब मुश्किल है. रिपोर्ट्स के मुताबिक सर्च इंजन गूगल, याहू और बिंग ने मिलकर टोरेंट वेबसाइट्स को बैन करने की तैयारी कर ली है. टोरेंटफ्रीक की रिपोर्ट में कहा गया है कि इन ब्रिटेन के इंटेलेक्चुअल प्रोपर्टी ऑफिस में तीनों कंपनियों के अघिकारियों की बैठक हुई है जहां टोरेंट बैन की इस डील पर हस्ताक्षर भी किया गया है. इस मीटिंग में हॉलीवुड के प्रतिनिधि भी शामिल थे. फिलहाल यह साफ नहीं है कि इस डील में और क्या है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि इस बिल को 1 जून 2017 से लागू किया जा सकता है. डिजिटल इकॉनोमी बिल कमीटी की प्रतिनिधि बारोनेस जेपी ने कहा, ‘पार्लियामेंट में इस आईडिया के बारे में बातचीत की गई थी जिसके बाद इंटेलेक्चुअल प्रोपर्टी ऑफिस के अधिकारियों ने सर्च इंजन और क्रिएटिव इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों के साथ राउंड टेबल मीटिंग की है. गौरतलब है कि कई टोरेंट वेबसाइट्स फिलहाल अपना डोमेन बदल कर चल रही हैं. इनमें एक द पायरेट बे भी है जो बंद होने के बावजूद चल रही है. इसके अलावा एक्स्ट्रा ट्रोरेंट जैसी वेबसाइट्स भी हैं जो अलग अलग डोमेन से मौजूद हैं . अब देखना दिलचस्प होगा कि गूगल, याहू और माइक्रोसॉफ्ट के कदम के बाद टोरेंट लवर्स कौन सा रास्ता अख्तियार करते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुशासन की शैली अब सामने आने लगी है. पीएम मोदी के निर्देश पर उनके कैबिनेट सचिव अजित सेठ ने सरकारी विभागों से कहा है कि वो निर्णय लेने में और अधिक चुस्त बनें. इसके लिए सबसे पहले एक फाइल के गुजरने के डेस्क को कम कर चार तक सीमित करने को कहा गया है. साथ ही यह भी कहा गया है कि ऐसे किसी भी मामले की फाइल को प्रधानमंत्री कार्यालय या मंत्रिमंडल सचिवालय के पास पहुंचा दी जाए जिसको लेकर कोई संशय हो. कैबिनेट सचिव ने एक लेटर जारी कर सभी मंत्रालयों को आवेदन पत्र के आकार को घटाने को लेकर भी निर्देश दिया गया है. इसमें कहा गया है कि आवेदन पत्र को यथासंभव एक पेज तक कर दिया जाए. कैबिनेट सचिव सोमवार को इस बारे में मंत्रालयों के एक्शन प्लान से संबंधित एक मीटिंग लेंगे. कैबिनेट सेक्रेटरी अजित सेठ द्वारा जारी किया गया यह निर्देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस मीटिंग के बाद आया जिसमें सभी मंत्रालयों को सरकारी कामकाज की गुणवत्ता में सुधार और लोगों के लिए सरकारी कामों को आसान बनाने पर फोकस करने को कहा गया था. अनावश्यक पुराने कानूनों को खत्म करें इस मीटिंग में सभी मंत्रालयों को यह बखूबी समझा दिया गया है कि मुख्य फोकस कार्य संस्कृति में सुधार पर है. सभी मंत्रालयों को ऐसे कम से कम 10 नियमों, प्रक्रियाओं और पुराने कानूनों की पहचान कर खत्म करने को कहा गया है जो अब अनावश्यक हैं और जिसे हटाने पर प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का कोई नुकसान न हो. लब्बोलुआब यह है कि अब किसी भी मामले में फाइलें चार परतों से ज्यादा नहीं घुमेंगी. फिलहाल एक फाइल सेक्शन ऑफिसर से शुरू होते हुए उप सचिव या निदेशक के पास जाती है फिर जॉइंट सेक्रेटरी के पास से होते हुए यह सेक्रेटरी के सामने रखी जाती है और अंत में यह मंत्री के मेज तक पहुंचती है. कई मामलों में तो फाइलें सेवा मंत्रालयों यानी कानून, कार्मिक, वित्त और योजना आयोग के हफ्तों चक्कर लगाती रहती हैं. हालांकि यह सर्कुलर इस बात पर कुछ नहीं कहता कि एक फाइल के निपटारे में कितना वक्त लगना चाहिए (पहले इसके लिए तीन दिनों का समय निर्धारित था). फाइलों का रिकार्ड रखना जरूरी कैबिनेट सेक्रेटरी ने यह भी कहा कि फाइलें और कागजें नियमों के अनुसार ही निकालें, इनके रिकार्ड को सहेज कर रखें जिसमें डिजिटलाइजेशन भी शामिल है. साथ ही यह निर्देश भी दिया गया है कि यह पूरा काम तीन से चार हफ्ते में ही खत्म होना चाहिए. सेठ ने विभागाध्यक्षों और सचिवों को यह भी कहा कि जनता की शिकायतों को समय से निपटाने की प्रक्रिया पर ध्यान दें. इसमें यह भी कहा गया है कि पूरा डिपार्टमेंट एक यूनिट की तरह काम करे और इस पूरी प्रक्रिया के दौरान जानकारी दे और इसका मूल्यवर्धन करे. सभी विभागों को यह भी कहा गया है कि यूपीए-2 के लक्ष्यों और उसके स्टेटस का विश्लेषण करें और इसकी सूचना को प्रधानमंत्री के सामने पेश किए जाने वाले प्रेजेंटेशन का हिस्सा बनाएं.
अरविन्द घोष या श्री अरविन्द (बांग्ला: শ্রী অরবিন্দ, जन्म: १८७२, मृत्यु: १९५०) एक योगी एवं दार्शनिक थे। वे १५ अगस्त १८७२ को कलकत्ता में जन्मे थे। इनके पिता एक डाक्टर थे। इन्होंने युवा अवस्था में स्वतन्त्रता संग्राम में क्रान्तिकारी के रूप में भाग लिया, किन्तु बाद में यह एक योगी बन गये और इन्होंने पांडिचेरी में एक आश्रम स्थापित किया। वेद, उपनिषद ग्रन्थों आदि पर टीका लिखी। योग साधना पर मौलिक ग्रन्थ लिखे। उनका पूरे विश्व में दर्शन शास्त्र पर बहुत प्रभाव रहा है और उनकी साधना पद्धति के अनुयायी सब देशों में पाये जाते हैं। यह कवि भी थे और गुरु भी। प्रारम्भिक शिक्षा अरविन्द के पिता डॉक्टर कृष्णधन घोष उन्हें उच्च शिक्षा दिला कर उच्च सरकारी पद दिलाना चाहते थे, अतएव मात्र ७ वर्ष की उम्र में ही उन्होंने इन्हें इंग्लैण्ड भेज दिया। उन्होंने केवल १८ वर्ष की आयु में ही आई० सी० एस० की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी। इसके साथ ही उन्होंने अंग्रेजी, जर्मन, फ्रेंच, ग्रीक एवं इटैलियन भाषाओँ में भी निपुणता प्राप्त की थी। युवावस्था देशभक्ति से प्रेरित इस युवा ने जानबूझ कर घुड़सवारी की परीक्षा देने से इनकार कर दिया और राष्ट्र-सेवा करने की ठान ली। इनकी प्रतिभा से बड़ौदा नरेश अत्यधिक प्रभावित थे अत: उन्होंने इन्हें अपनी रियासत में शिक्षा शास्त्री के रूप में नियुक्त कर लिया। बडौदा में ये प्राध्यापक, वाइस प्रिंसिपल, निजी सचिव आदि कार्य योग्यता पूर्वक करते रहे और इस दौरान हजारों छात्रों को चरित्रवान देशभक्त बनाया। 1896 से 1905 तक उन्होंने बड़ौदा रियासत में राजस्व अधिकारी से लेकर बड़ौदा काॅलेज के फ्रेंच अध्यापक और उपाचार्य रहने तक रियासत की सेना में क्रान्तिकारियों को प्रशिक्षण भी दिलाया था। हजारों युवकों को उन्होंने क्रान्ति की दीक्षा दी थी। वे निजी रुपये-पैसे का हिसाब नहीं रखते थे परन्तु राजस्व विभाग में कार्य करते समय उन्होंने जो विश्व की प्रथम आर्थिक विकास योजना बनायी उसका कार्यान्वयन करके बड़ौदा राज्य देशी रियासतों में अन्यतम बन गया था। महाराजा मुम्बई की वार्षिक औद्योगिक प्रदर्शनी के उद्धाटन हेतु आमन्त्रित किये जाने लगे थे। लार्ड कर्जन के बंग-भंग की योजना रखने पर सारा देश तिलमिला उठा। बंगाल में इसके विरोध के लिये जब उग्र आन्दोलन हुआ तो अरविन्द घोष ने इसमे सक्रिय रूप से भाग लिया। नेशनल लाॅ कॉलेज की स्थापना में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। मात्र ७५ रुपये मासिक पर इन्होंने वहाँ अध्यापन-कार्य किया। पैसे की जरूरत होने के बावजूद उन्होंने कठिनाई का मार्ग चुना। अरविन्द कलकत्ता आये तो राजा सुबोध मलिक की अट्टालिका में ठहराये गये। पर जन-साधारण को मिलने में संकोच होता था। अत: वे सभी को विस्मित करते हुए 19/8 छक्कू खानसामा गली में आ गये। उन्होंने किशोरगंज (वर्तमान में बंगलादेश में) में स्वदेशी आन्दोलन प्रारम्भ कर दिया। अब वे केवल धोती, कुर्ता और चादर ही पहनते थे। उसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय विद्यालय से भी अलग होकर अग्निवर्षी पत्रिका बन्दे मातरम् (पत्रिका) का प्रकाशन प्रारम्भ किया। ब्रिटिश सरकार इनके क्रन्तिकारी विचारों और कार्यों से अत्यधिक आतंकित थी अत: २ मई १९०८ को चालीस युवकों के साथ उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इतिहास में इसे 'अलीपुर षडयन्त्र केस' के नाम से जानते हैं। उन्हें एक वर्ष तक अलीपुर जेल में कैद रखा गया।| अलीपुर जेल में ही उन्हें हिन्दू धर्म एवं हिन्दू-राष्ट्र विषयक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभूति हुई। इस षड़यन्त्र में अरविन्द को शामिल करने के लिये सरकार की ओर से जो गवाह तैयार किया था उसकी एक दिन जेल में ही हत्या कर दी गयी। घोष के पक्ष में प्रसिद्ध बैरिस्टर चितरंजन दास ने मुकदमे की पैरवी की थी। उन्होने अपने प्रबल तर्कों के आधार पर अरविन्द को सारे अभियोगों से मुक्त घोषित करा दिया। इससे सम्बन्धित अदालती फैसले ६ मई १९०९ को जनता के सामने आये। ३० मई १९०९ को उत्तरपाड़ा में एक संवर्धन सभा की गयी वहाँ अरविन्द का एक प्रभावशाली व्याख्यान हुआ जो इतिहास में उत्तरपाड़ा अभिभाषण के नाम से प्रसिद्ध हुआ। उन्होंने अपने इस अभिभाषण में धर्म एवं राष्ट्र विषयक कारावास-अनुभूति का विशद विवेचन करते हुए कहा था:। जब मुझे आप लोगों के द्वारा आपकी सभा में कुछ कहने के लिए कहा गया तो में आज एक विषय हिन्दू धर्म पर कहूँगा। मुझे नहीं पता कि मैं अपना आशय पूर्ण कर पाउँगा या नहीं। जब में यहाँ बैठा था तो मेरे मन में आया कि मुझे आपसे बात करनी चाहिए। एक शब्द पूरे भारत से कहना चाहिये। यही शब्द मुझसे सबसे पहले जेल में कहा गया और अब यह आपको कहने के लिये मैं जेल से बाहर आया हूँ। एक साल हो गया है मुझे यहाँ आए हुए। पिछली बार आया था तो यहाँ राष्ट्रीयता के बड़े-बड़े प्रवर्तक मेरे साथ बैठे थे। यह तो वह सब था जो एकान्त से बाहर आया जिसे ईश्वर ने भेजा था ताकि जेल के एकान्त में वह इश्वर के शब्दों को सुन सके। यह तो वह ईश्वर ही था जिसके कारण आप यहाँ हजारों की संख्या में आये। अब वह बहुत दूर है हजारों मील दूर। प्रमुख शिष्य चम्पकलाल, नलिनि कान्त गुप्त, कैखुसरो दादाभाई सेठना, निरोदबरन, पवित्र, एम पी पण्डित, प्रणब, सतप्रेम, इन्द्र सेन == अ रविन्द का दर्शन == कृतियाँ द मदर लेटर्स ऑन योगा सावित्री योग समन्वय दिव्य जीवन फ्यूचर पोयट्री योगिक साधन "वंदे मातरम" कारा काहिनी (जेलकथा) धर्म ओ जातीयता (धर्म और राष्ट्रीयता) अरबिन्देर पत्र (अरविन्द के पत्र) मुख्य ग्रन्थ हिंदी में दिव्य जीवन ISBN 978-81-7058-239-7 सावित्री (पद्यानुवाद) ISBN 978-93-5210-103-0 योग-समन्वय ISBN 978-81-7058-183-3 श्रीअरविन्द अपने विषय में ISBN 978-93-5210-008-8 माता ISBN 978-81-7058-106-2 भारतीय संस्कृति के आधार ISBN 978-81-7058-691-3 वेद-रहस्य ISBN 978-93-5210-067-5 केन एवं अन्यान्य उपनिषद् ISBN 978-81-7058-858-0 ईशोपनिषद ISBN 978-81-7058-873-3 गीता-प्रबंध ISBN 978-93-5210-135-1 सम्पूर्ण संस्करण श्री अरविन्द की 125 वीं जयन्ती के अवसर पर, 1997 में श्री अरबिंदो आश्रम ने श्री अरविन्द की सम्पूर्ण कृतियों को 37 भागों में प्रकाशित किया। ये भाग निम्नलिखित हैं- 1. Early Cultural Writings. 2. Collected Poems. 3.-4. Collected Plays and Stories. 5. Translations. 6.-7. Bande Mataram. 8. Karmayogin. 9. Writings in Bengali and Sanskrit. 10.-11. Record of Yoga. 12. Essays Divine and Human. 13. Essays in Philosophy and Yoga. 14. Vedic and Philological Studies. 15. The Secret of the Veda. 16. Hymns to the Mystic Fire. 17. Isha Upanishad. 18. Kena and Other Upanishads. 19. Essays on the Gita. 20. The Renaissance of India with a Defence of Indian Culture. 21.-22. The Life Divine. 23.-24. The Synthesis of Yoga. 25. The Human Cycle – The Ideal of Human Unity – War and Self-Determination. 26. The Future Poetry. 27. Letters on Poetry and Art 28.-31. Letters on Yoga. 32. The Mother with Letters on the Mother. 33-34. Savitri – A Legend and a Symbol. 35. Letters on Himself and the Ashram. 36. Autobiographical Notes and Other Writings of Historical Interest. 37. Reference Volume (unpublished) सन्दर्भ इन्हें भी देखें सम्पूर्ण शिक्षा (Integral education) श्री अरविन्द आश्रम बाहरी कड़ियाँ श्री अरविन्द - मेरी दृष्टि में (गूगल पुस्तक; लेखक - रामधारी सिंह दिनकर) अमर योगी—श्री अरविंद घोष श्री अरविन्द घोष Publishers of Books by Sri Aurobindo & the Mother Sri Aurobindo Ashram, Pondicherry, India The Relevance of Aurobindo:Political Life & Teachings - Nadesan Satyendra Auroville - a universal city based on Sri Aurobindo's vision, Near Pondicherry, India The Sri Aurobindo Society Pondicherry, India Sri Aurobindo Information Information on Sri Aurobindo and The Mother Biography of Sri Aurobindo Lotus Press U.S. publisher Sri Aurobindo's writings Meditations On Savitri Sri Aurobindo on Vedas Sri Aurobindo on Upanishads 1872 में जन्मे लोग भारतीय लेखक भारतीय दार्शनिक हिन्दू गुरु १९५० में निधन हिन्दी लेखक
सेरेना विलियम्‍स और स्‍टेफी ग्राफ महिला टेनिस के दो सबसे बड़े नाम हैं. दोनों महान खिलाडि़यों की जीत तो एक जैसी है ही, साथ ही उनका करियर से जुड़ा सफर, जीवन और दूसरी चीजों में भी काफी समानताएं हैं. 1. एक सा कद: दोनों ही प्‍लेयर्स का कद 5 फुट 9 इंच है. 2. दोनों ने टेनिस खेलने की शुरुआत 4 साल की उम्र से कर दी थी. 3. विंबलडन पर राज: दोनों ने अब तक 7-7 बार विंबलडन सिंगल्‍स टाइटल अपने नाम किया है. 4. सोना भी बरसा: दोनों ने ओलंपिक सिंगल का गोल्‍ड मेडल भी जीता है. स्‍टेफी ने साल 1988 में ये कमाल किया और सेरेना ने साल 2012 में जीता. सेरेना के पास डबल्‍स में तीन और गोल्‍ड हैं. 5. किशोरावस्‍था में जलवा: स्‍टेफी 13 साल और सेरेना 14 साल की उम्र में प्रोफेशनल बन गई थी. 6. बच्‍चों का ख्‍याल: दोनों ऐसी चैरिटी में यकीन करती हैं, जो बच्‍चों से जुड़ी हो. स्‍टेफी चिल्‍ड्रन फॉर टोमेरो और सेरेना विलियम्‍स SW फंड से जुड़ी हैं. सौजन्‍य: NEWSFLICKS
बिहार के सीवान जिले में हसनपुरा थाना अंतर्गत सिसवां कला पंचायत में पंचों ने सर्वसम्मति से निर्णय लेकर छोटी और स्कूल कालेज जाने वाली लड़कियों द्वारा मोबाइल फोन के उपयोग और छोटे कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया है। सिसवा कलां पंचायत के सरपंच विजयकांत कुंवर ने गुरुवार को बताया कि बच्चियों के अभिभावकों और छह महिला पंचों की मांग पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर स्कूल और कालेज जाने वाली लड़कियों के अनावश्यक मोबाइल फोन के प्रयोग और छोटे कपड़े पहनने पर रोक लगा दी गई है। हालांकि, उन्होंने बताया कि यह ग्राम पंचायत के अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला है, लेकिन महिला पंचों तथा अभिभावकों की मांग को देखते हुए प्रतिबंध लगाने का लिखित प्रस्ताव सर्वसम्मति से कल पारित किया गया। अभिभावकों और महिला पंचों का मानना था कि मोबाइल फोन पर गाने सुनने, अनावश्यक रूप से दूसरों से फोन पर बात करने और छोटे कपड़े पहनने के कारण लड़कियों के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं। इसलिए दोनों चीजों को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। कुंवर ने बताया कि मोबाइल फोन के उपयोग और छोटे कपड़े पहनने पर प्रतिबंध का अमल कराने की जिम्मेदारी अभिभावकों की ही होगी। इसका उल्लंघन करने पर किसी प्रकार के दंड का प्रावधान नहीं है। बैठक में न्याय सचिव सहित कुल नौ पंच उपस्थित थे। सरपंच ने कहा कि किसे क्या पहनना और ओढ़ना है, वह लोगों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता है। लेकिन अभिभावकों और महिला पंचों की मांग को लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया। जिलाधिकारी गोपाल मीणा ने घटना के संबंध में पूछे जाने कहा कि मीडिया से इस संबंध में जानकारी मिली है। किसी को भी इस प्रकार का फैसला देने का अधिकार नहीं है। मामले की जांच करायी जा रही है।टिप्पणियां बहरहाल, पुलिस अधीक्षक सत्यवीर सिंह ने बताया कि घटना की जानकारी के बाद स्थानीय पुलिस को सिसवा कलां भेजा गया था। पंचायत ने इस प्रकार का कोई भी फरमान दिए जाने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) को सारे मामले की जानकारी लेने को कहा गया है। यह देखने को कहा गया है कि किसी प्रकार की कानून व्यवस्था की समस्या तो नहीं है। सिसवा कलां पंचायत के सरपंच विजयकांत कुंवर ने गुरुवार को बताया कि बच्चियों के अभिभावकों और छह महिला पंचों की मांग पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर स्कूल और कालेज जाने वाली लड़कियों के अनावश्यक मोबाइल फोन के प्रयोग और छोटे कपड़े पहनने पर रोक लगा दी गई है। हालांकि, उन्होंने बताया कि यह ग्राम पंचायत के अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला है, लेकिन महिला पंचों तथा अभिभावकों की मांग को देखते हुए प्रतिबंध लगाने का लिखित प्रस्ताव सर्वसम्मति से कल पारित किया गया। अभिभावकों और महिला पंचों का मानना था कि मोबाइल फोन पर गाने सुनने, अनावश्यक रूप से दूसरों से फोन पर बात करने और छोटे कपड़े पहनने के कारण लड़कियों के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं। इसलिए दोनों चीजों को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। कुंवर ने बताया कि मोबाइल फोन के उपयोग और छोटे कपड़े पहनने पर प्रतिबंध का अमल कराने की जिम्मेदारी अभिभावकों की ही होगी। इसका उल्लंघन करने पर किसी प्रकार के दंड का प्रावधान नहीं है। बैठक में न्याय सचिव सहित कुल नौ पंच उपस्थित थे। सरपंच ने कहा कि किसे क्या पहनना और ओढ़ना है, वह लोगों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता है। लेकिन अभिभावकों और महिला पंचों की मांग को लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया। जिलाधिकारी गोपाल मीणा ने घटना के संबंध में पूछे जाने कहा कि मीडिया से इस संबंध में जानकारी मिली है। किसी को भी इस प्रकार का फैसला देने का अधिकार नहीं है। मामले की जांच करायी जा रही है।टिप्पणियां बहरहाल, पुलिस अधीक्षक सत्यवीर सिंह ने बताया कि घटना की जानकारी के बाद स्थानीय पुलिस को सिसवा कलां भेजा गया था। पंचायत ने इस प्रकार का कोई भी फरमान दिए जाने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) को सारे मामले की जानकारी लेने को कहा गया है। यह देखने को कहा गया है कि किसी प्रकार की कानून व्यवस्था की समस्या तो नहीं है। हालांकि, उन्होंने बताया कि यह ग्राम पंचायत के अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला है, लेकिन महिला पंचों तथा अभिभावकों की मांग को देखते हुए प्रतिबंध लगाने का लिखित प्रस्ताव सर्वसम्मति से कल पारित किया गया। अभिभावकों और महिला पंचों का मानना था कि मोबाइल फोन पर गाने सुनने, अनावश्यक रूप से दूसरों से फोन पर बात करने और छोटे कपड़े पहनने के कारण लड़कियों के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं। इसलिए दोनों चीजों को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। कुंवर ने बताया कि मोबाइल फोन के उपयोग और छोटे कपड़े पहनने पर प्रतिबंध का अमल कराने की जिम्मेदारी अभिभावकों की ही होगी। इसका उल्लंघन करने पर किसी प्रकार के दंड का प्रावधान नहीं है। बैठक में न्याय सचिव सहित कुल नौ पंच उपस्थित थे। सरपंच ने कहा कि किसे क्या पहनना और ओढ़ना है, वह लोगों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता है। लेकिन अभिभावकों और महिला पंचों की मांग को लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया। जिलाधिकारी गोपाल मीणा ने घटना के संबंध में पूछे जाने कहा कि मीडिया से इस संबंध में जानकारी मिली है। किसी को भी इस प्रकार का फैसला देने का अधिकार नहीं है। मामले की जांच करायी जा रही है।टिप्पणियां बहरहाल, पुलिस अधीक्षक सत्यवीर सिंह ने बताया कि घटना की जानकारी के बाद स्थानीय पुलिस को सिसवा कलां भेजा गया था। पंचायत ने इस प्रकार का कोई भी फरमान दिए जाने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) को सारे मामले की जानकारी लेने को कहा गया है। यह देखने को कहा गया है कि किसी प्रकार की कानून व्यवस्था की समस्या तो नहीं है। अभिभावकों और महिला पंचों का मानना था कि मोबाइल फोन पर गाने सुनने, अनावश्यक रूप से दूसरों से फोन पर बात करने और छोटे कपड़े पहनने के कारण लड़कियों के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं। इसलिए दोनों चीजों को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। कुंवर ने बताया कि मोबाइल फोन के उपयोग और छोटे कपड़े पहनने पर प्रतिबंध का अमल कराने की जिम्मेदारी अभिभावकों की ही होगी। इसका उल्लंघन करने पर किसी प्रकार के दंड का प्रावधान नहीं है। बैठक में न्याय सचिव सहित कुल नौ पंच उपस्थित थे। सरपंच ने कहा कि किसे क्या पहनना और ओढ़ना है, वह लोगों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता है। लेकिन अभिभावकों और महिला पंचों की मांग को लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया। जिलाधिकारी गोपाल मीणा ने घटना के संबंध में पूछे जाने कहा कि मीडिया से इस संबंध में जानकारी मिली है। किसी को भी इस प्रकार का फैसला देने का अधिकार नहीं है। मामले की जांच करायी जा रही है।टिप्पणियां बहरहाल, पुलिस अधीक्षक सत्यवीर सिंह ने बताया कि घटना की जानकारी के बाद स्थानीय पुलिस को सिसवा कलां भेजा गया था। पंचायत ने इस प्रकार का कोई भी फरमान दिए जाने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) को सारे मामले की जानकारी लेने को कहा गया है। यह देखने को कहा गया है कि किसी प्रकार की कानून व्यवस्था की समस्या तो नहीं है। कुंवर ने बताया कि मोबाइल फोन के उपयोग और छोटे कपड़े पहनने पर प्रतिबंध का अमल कराने की जिम्मेदारी अभिभावकों की ही होगी। इसका उल्लंघन करने पर किसी प्रकार के दंड का प्रावधान नहीं है। बैठक में न्याय सचिव सहित कुल नौ पंच उपस्थित थे। सरपंच ने कहा कि किसे क्या पहनना और ओढ़ना है, वह लोगों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता है। लेकिन अभिभावकों और महिला पंचों की मांग को लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया। जिलाधिकारी गोपाल मीणा ने घटना के संबंध में पूछे जाने कहा कि मीडिया से इस संबंध में जानकारी मिली है। किसी को भी इस प्रकार का फैसला देने का अधिकार नहीं है। मामले की जांच करायी जा रही है।टिप्पणियां बहरहाल, पुलिस अधीक्षक सत्यवीर सिंह ने बताया कि घटना की जानकारी के बाद स्थानीय पुलिस को सिसवा कलां भेजा गया था। पंचायत ने इस प्रकार का कोई भी फरमान दिए जाने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) को सारे मामले की जानकारी लेने को कहा गया है। यह देखने को कहा गया है कि किसी प्रकार की कानून व्यवस्था की समस्या तो नहीं है। सरपंच ने कहा कि किसे क्या पहनना और ओढ़ना है, वह लोगों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता है। लेकिन अभिभावकों और महिला पंचों की मांग को लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया। जिलाधिकारी गोपाल मीणा ने घटना के संबंध में पूछे जाने कहा कि मीडिया से इस संबंध में जानकारी मिली है। किसी को भी इस प्रकार का फैसला देने का अधिकार नहीं है। मामले की जांच करायी जा रही है।टिप्पणियां बहरहाल, पुलिस अधीक्षक सत्यवीर सिंह ने बताया कि घटना की जानकारी के बाद स्थानीय पुलिस को सिसवा कलां भेजा गया था। पंचायत ने इस प्रकार का कोई भी फरमान दिए जाने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) को सारे मामले की जानकारी लेने को कहा गया है। यह देखने को कहा गया है कि किसी प्रकार की कानून व्यवस्था की समस्या तो नहीं है। जिलाधिकारी गोपाल मीणा ने घटना के संबंध में पूछे जाने कहा कि मीडिया से इस संबंध में जानकारी मिली है। किसी को भी इस प्रकार का फैसला देने का अधिकार नहीं है। मामले की जांच करायी जा रही है।टिप्पणियां बहरहाल, पुलिस अधीक्षक सत्यवीर सिंह ने बताया कि घटना की जानकारी के बाद स्थानीय पुलिस को सिसवा कलां भेजा गया था। पंचायत ने इस प्रकार का कोई भी फरमान दिए जाने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) को सारे मामले की जानकारी लेने को कहा गया है। यह देखने को कहा गया है कि किसी प्रकार की कानून व्यवस्था की समस्या तो नहीं है। बहरहाल, पुलिस अधीक्षक सत्यवीर सिंह ने बताया कि घटना की जानकारी के बाद स्थानीय पुलिस को सिसवा कलां भेजा गया था। पंचायत ने इस प्रकार का कोई भी फरमान दिए जाने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) को सारे मामले की जानकारी लेने को कहा गया है। यह देखने को कहा गया है कि किसी प्रकार की कानून व्यवस्था की समस्या तो नहीं है। उन्होंने कहा कि सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) को सारे मामले की जानकारी लेने को कहा गया है। यह देखने को कहा गया है कि किसी प्रकार की कानून व्यवस्था की समस्या तो नहीं है।
अपने नेतृत्व को लेकर असंतोष का सामना कर रहे कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने शक्ति प्रदर्शन के इरादे से गुरुवार को अपने मंत्रियों की एक बैठक बुलाई। उधर, असंतुष्टों का एक दल आला कमान से येदियुरप्पा की शिकायत करने के लिए गुरुवार को नई दिल्ली रवाना हुआ। मुख्यमंत्री के गृह कार्यालय कृष्णा में बुलाई गई बैठक में 27 मंत्रियों में से 21 मंत्रियों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में येदियुरप्पा ने ठोस संदेश देने और अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने की कोशिश की। यह बैठक राज्य बजट में घोषित कार्यक्रमों और उससे जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से येदियुरप्पा की शिकायत करने के लिए पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष के एस ईश्वरप्पा के नेतृत्व में असंतुष्टों का एक दल आज दिल्ली के लिए रवाना हुआ। ईश्वरप्पा के साथ पूर्व मंत्री अरविंद लिंबावली और पार्टी के राज्य प्रवक्ता सी टी रवि भी थे। भाजपा सूत्रों के अनुसार पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एच एन अनंत कुमार की असंतुष्ट खेमे के साथ पहचान की जा रही है। मुख्यमंत्री के एक अन्य आलोचक तथा ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री जगदीश शेट्टर पहले से ही दिल्ली में हैं। बैठक में पर्यटन और आधारभूत संरचना विकास मंत्री जी जनार्दन रेड्डी तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बी श्रीरामुलू उपस्थित नहीं हुए। वे भी असंतुष्टों का समर्थन कर रहे हैं। अपनी रवानगी से पहले हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत में ईश्वरप्पा ने कहा, राज्य में कुछ समस्याएं हैं। मंत्रियों और विधायकों ने मुझे अपनी समस्याएं बताई हैं। मैं आलाकमान को उनकी शिकायतों से अवगत कराने के लिए दिल्ली जा रहा हूं। रवि ने कहा, पार्टी किसी भी व्यक्ति से ज्यादा महत्वपूर्ण है। हम आला कमान को विधायकों की समस्याओं से अवगत कराएंगे। नयी दिल्ली में कर्नाटक के प्रतिनिधि वी धनंजय कुमार ने ईश्वरप्पा के नेतृत्व में प्रतिमंडल की राष्ट्रीय राजधानी की यात्रा करने को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, दिल्ली जाने की कोई आवश्यकता नहीं है और जो कुछ भी उनकी शिकायतें हैं उन्हें इस बारे में मुख्यमंत्री से चर्चा करनी चाहिए थी।