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सड़कों के सुधार के लिए 240करोड़रुपये रखे गए हैं लेकिन जो सड़कें नई बनाई गई हैं, वे भी उधड़ चुकी हैं और अब इससे कहीं ज्यादा खर्चा करना होगा |
ऐसे में कैसा काम किया जाएगा और कैसा लिया जाएगा, क्वॉलिटी की कोई गारंटी नहीं ली जा सकती |
सरकार की तरफ से दावा किया जा रहा था कि गेम्स से एकमहीना पहले दिल्ली दुलहन की तरह दिखाई देने लगेगी लेकिन अभी तो फाउंडेशन भी लगता दिखाई नहीं दे रहा |
अमेरिका और पाकिस्तान में तनातनी बढ़ती जा रही है |
लंबे समय तक पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ अपना सबसे करीबी साथी बताने वाले अमेरिका को संभवतः सच्चाई का एहसास हो गया है |
अमेरिकी सेना ने माना है कि पाकिस्तान की गुप्चतर सेवा इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस आईएसआई के कुछ अफसरों के आतंकवादियों से संबंध हैं |
ये अफसर उन्हें पूरीतरह मदद करते हैं, जिससे पाकिस्तान अफगानिस्तान की सीमा पर आतंकवादियों के खिलाफ लड़े जा रहे युद्ध पर असर पड़ रहा है |
यह संभवतः पहली बार है, जब पेंटागन, जो अमेरिकी सेना का मुख्यालय है ने स्वीकार किया है कि आईएसआई के अफसरों के आतंकवादी नेटवर्क से संबंध हैं |
दूसरी तरफ पाकिस्तान भी अमेरिका पर गंभीर आरोप लगा रहा है हाल ही में अमेरिका ने यूरोप के कई देशों पर आतंकवादी हमले की आशंका जाहिर की थी |
अमेरिका द्वारा जारी टेरर अलर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान अफगानिस्तान सीमा पर चल रहे आतंकवादी शिविरों में बड़े पैमाने पर जर्मन और दूसरे युवकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जो यूरोप के देशों पर मुंबई पर हुए हमले की तर्ज पर हमले करने की तैयारी में हैं |
अब पाकिस्तान का आरोप है कि अमेरिका द्वारा जारी अलर्ट राजनीतिक था |
कॉमनवेल्थ खेलों में अपने तीन अधिकारियों के कार दुर्घटना में घायल होने के मामले की गंभीरता से जांच न कराने का आरोप लगाकर युगांडा ने खेलों से हटने की धमकी दी है |
उनका आरोप है कि खेलों की आयोजन समिति और दिल्लीपुलिस उनसे जांच में सहयोग नहीं कर रही है युगांडा के खेल मंत्री ने इसी नाराजगी में भारतीय खेल मंत्री एमएसगिल द्वारा दिए डिनर का भी बहिष्कार कर दिया |
दोदिन पूर्व खेलगांव के पास हुई एक दुर्घटना में युगांडा के शेफ-डि-मिशन विलियमतुमवाइन, प्रशासनिक अधिकारी आइरन और प्रेस अटैची जूलियट घायल हो गए थे |
उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका प्राथमिक उपचार किया गया तीनों घायलों की हालत अब बेहतर है |
लेकिन युगांडा के शेफ-डि-मिशन विलियमतुमवाइन ने धमकी दी है कि पूरे मामले की जांच में आयोजन समिति और दिल्लीपुलिस सहयोग नहीं कर रही हैं |
और यदि इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई नहीं की गई तो वे खेलों का बहिष्कार कर देंगे |
इसी बीच युगांडा के खेल मंत्री चार्ल्सबाकुबुलिंदी ने भी इस मामले में भारत सरकार को विस्तृत जांच के लिए कहा है उन्होंने कहा कि हमें कमसेकम यह तो पता चले कि आखिर हुआ क्या है |
युगांडा के भारत स्थित उच्चायोग ने बताया कि बाकुबुलिंदी ने भारतीय खेल मंत्री एमएसगिल द्वारा दिए गए डिनर का भी इसी मुद्दे पर नाराज होकर बहिष्कार किया है |
वे युगांडा के अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित हैं |
हाल ही में खबर आई थी कि अमेरिका ने संजयदत्त को वीजा देने से इनकार कर दिया था, लेकिन अब खबर आ रही है कि बॉलीवुड में धमाल मचाने वाली फिल्म 'दबंग' के स्टार सलमानखान को भी अमेरिका ने वीजा नहीं दिया था |
संजूबाबा को बेटी के दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए अमेरिका जाना था, लेकिन सलमान फिल्म की शूटिंग के लिए वहां जाना चाहते थे |
संजयदत्त को 1993 के मुंबई ब्लास्ट केस में उनका नाम होने की वजह से वीजा देने से मना किया गया था, तो सलमान को वीजा नहीं देने की वजह भी यही बताई गई कि उनके खिलाफ कई केस दर्ज हैं |
सलमान पर चिंकारा का शिकारकरने के आरोप में केस दर्ज है |
सलमान जिस फिल्म की शूटिंग के लिए अमेरिका जाना चाहते थे, उसके प्रोड्यूसर को अमेरिकी अधिकारियों ने यहां तक नसीहत दे डाली कि संजय और सलमान जैसे अभिनेताओं के साथ वह फिल्म बनाने से परहेज करें, क्योंकि ऐसी स्थिति में पूरी यूनिट को अमेरिकी वीजा देने से इनकार किया जा सकता है |
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिननेतन्याहू ने इजरायली सैनिकों द्बारा कैदी फिलस्तीनियों के साथ किए अपमानजनक व्यवहार की निंदा की है |
उन्होंने कहा कि इससे देश और उसकी सेना शर्मसार हुई है नेतन्याहू ने यह प्रतिक्रिया इंटरनेट पर दिखाए गए एक फुटेज पर की है |
इसमें एक इजरायली सैनिक नाच रहा है, जबकि उसके पीछे फिलस्तीनी महिला कैदी है, जिसके हाथ बंधे हैं और आंखों पर कपड़ा बांधा गया है |
अन्य इजरायली सैनिक उसे प्रोत्साहित कर रहे हैं प्रधानमंत्री ने कहा, यह इजरायल या यहूदी लोगों से मेल खाता तरीका नहीं है ’ |
इजरायली सेना ने इस मामले में आतंरिक जांच के आदेश दिए हैं |
यह आदेश चैनल10 टेलीविजन द्बारा यूट्यूब पर दिखाये गए फुटेज को प्रसारित करने के बाद दिया गया है नेतन्याहू ने कहा कि यह कृत्य और यह वीडियो इजरायली रक्षा बलों और इजरायली राष्ट्र के लिए शर्म की बात है |
पिछले कुछ वर्षो में इसप्रकार की कई घटनाएं होने की बात स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि इनसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमें भारी नुकसान होता है |
इससे पहले इजरायली सेना की एक हिला सैनिक ईडनएबरगिल ने अगस्त में दुनिया भर में एक विवाद छेड़ दिया था उसने अपने फेसबुक पर एक चित्र लगाया था, जिसमें उसके पीछे एक बंधे हाथ एवं आंखों पर कपड़ा बांधे फिलस्तीनी बंदी था |
इस चित्र का शीर्षक था, इजरायलरक्षाबल-मेरे जीवन का सर्वोत्तम समय ’ इससे पहले इजरायली सैनिकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा चुकी है, क्योंकि उन्होंने उचित व्यवहार नहीं किया |
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई तालिबान को अमेरिकी सेनाओं और उसके सहयोगियों पर हमलाकरने के लिए उकसा रही है |
वॉलस्ट्रीटजर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आईएसआई के खिलाफ यह काफी गंभीर आरोप सामने आए हैं |
कुछ तालिबानी कमांडरों और अमेरिकी अधिकारियों ने भी आईएसआई पर आरोप लगाया है कि वह आतंकियों को सरेंडर न करने के लिए कह रही है |
इसके अलावा यही बात कुछ पकड़े गए आतंकियों ने भी कबूली है |
रिपोर्ट में कुनार प्रांत के तलिबान आतंकी के हवाले से कहा गया है कि आईएसआई उन कमांडरों की गिरफ्तारी चाहती है, जो उसका आदेश नहीं मान रहे हैं |
उसने बताया कि आईएसआई चाहती है कि हम टीचर, इंजीनियर, पुलिसकर्मी, हर किसी को मार दें, लेकिन जब उसने इनकार किया तो उसे गिरफ्तारकरने की कोशिश की गई |
ऑस्ट्रेलिया की तेज महिला धावक सैलीपियरसन से कॉमनवेल्थ खेलों के दौरान हुई 100मीटर दौड़ का स्वर्ण पदक छीन लिया गया है |
पियरसन ने दौड़ 11.28सेकेंड्स में पूरी कर स्वर्ण पदक जीता था लेकिन उनकी दौड़ की शुरुआत विवादास्पद थी ज्यूरी की जांच के बाद उन्हें दोषी पाया गया और विजेता का खिताब छीन लिया गया |
हालांकि इंग्लैंड की लाउराटर्नर को अधिकारियों ने दौड़ने के इशारे संबंधी बंदूक चलाने के पहले ही दौड़ शुरु करने के लिए रेड कार्ड दिखाया था, लेकिन पियरसन ने भी उसी तरीके से दौड़ शुरु की थी, जिस पर अधिकारियों का ध्यान नहीं गया रेस पूरी होने पर टर्नर अंतिम स्थान पर रहीं और ऑस्ट्रेलिया की पियरसन ने मुकाबला जीत लिया |
लेकिन टर्नर ने तब अधिकृत रूप से पियरसन के बारे में अपना विरोध दर्ज कराया |
अपील ज्यूरी ने इसके बाद वीडियो क्लिपिंग्स का निरीक्षण किया और करीब तीनघंटे बाद निर्णय लिया कि पियरसन ने भी गलत तरीके से दौड़ शुरु की थी |
इसके बाद उनका स्वर्ण पदक भी छीन लिया गया रजत पदक विजेता नाइजीरिया की ओसाएमीओलुडामोला को विजेता घोषित किया गया |
तीसरे स्थान पर रही सेंट्सविंस्टन की नताशामेयर्स को रजत और चौथे स्थान पर रही इंग्लैंड की कैथरीनएंडेकॉट को रजत पदक दिया गया |
कॉमनवेल्थ 2010 में यह पहली बार नहीं है जब ऑस्ट्रेलिया खिलाड़ी विवादों में आए हों इसके पहले ऑस्ट्रेलिया पहलवान हसनफकीरी ने भी न केवल जीते हुए भारतीय प्रतिद्वंद्वी से हाथ मिलाने से इंकार कर दिया था बल्कि अंपायरों को भी अश्लील इशारे किए थे |
इसके बाद उनका रजत पदक छीन लिया गया था हालांकि बाद में उन्होंने माफी मांग ली इसीतरह ऑस्ट्रेलिया साइक्लिस्ट भी विवादों में आए |
आस्ट्रेलियाई साइक्लिस्ट शेनपर्किन्स पर आरोप है कि उन्होंने मुकाबले के दौरान खतरनाक ड्राइविंग की जिससे दक्षिणअफ्रीका और स्कॉटलैंड के साइक्लिस्ट आपस में भिड़ गए |
और तो और, इस साइक्ल्स्टि ने अपने किए के लिए माफी मांगने के बजाय अधिकारियों को दो अंगुलियों से सैल्यूट कर उनका मजाक भी उड़ाया |
इन अधिकारियों ने उसे रेस से डिसक्वालीफाई कर दिया |
फोटो कैप्शन-महिलाओं की 100मीटर रेस को 11.28 सेकेंड्स में पूरा कर, जीत का जश्न मनाती सेली पियरसन लेकिन उनकी खुशी ज्यादा समय नहीं रही |
उन पर गलत शुरुआत का आरोप साबित हुआ और स्वर्ण पदक छीन लिया गया |
पाकिस्तान में अमरीका की राजदूत ने नाटो सेना की कार्रवाई में दो पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने की घटना को भयानक हादसा बताते हुए इसके लिए माफी मांगी है |
पाकिस्तान स्थित अमरीकी दूतावास द्वारा जारी बयान के मुताबित एक संयुक्त जांच में पता चला है कि 30सितंबर को अमरीकी हेलीकाप्टर पाकिस्तान की सीमा में घुस आए आतंकवादियों का पीछाकर रहे थे और इसी दौरान गलतफहमी में दो पाकिस्तानी सैनिक मारे गए |
राजदूत एनीपैटरसन ने इस घटना पर माफी मांगी है |
इस घटना के बाद से पाकिस्तान में तनाव व्याप्त हो गया था पाकिस्तान ने विरोध स्वरूप अफगानिस्तान में तैनात नाटो सैनिकों के लिए रसद और ईंधन पहुंचाने वाले टैंकरों का रास्ता रोक दिया था |
इस बीच पाकिस्तान में कल रात कुछ अज्ञात बंदूकधारियों ने नाटो को रसद आपूíत करने वाले ट्रकों पर हमला करके उनमें आग लगा दी |
बिहार में विधानसभा चुनाव जोरो पर हैं सभी दल विकास के नाम पर वोट मांगने की बातकर रहे हैं नीतीशकुमार तो अपने मुख्यमंत्रीकाल के दौरान किए गए विकास कार्यों का गुणगान करने में लगे हैं |
लेकिन अब तक बिहार चुनाव की जो तस्वीर सामने आई है वो सवाल खड़ाकर रही है कि क्या बिहार के 43प्रतिशत लोग अपराधी हैं? हम ये इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि बिहार के लोगों का प्रतिनिधित्व करने के लिए जो लोग सामने आए हैं उनमें से ज्यादातर अपराधी हैं |
बाकी आप हेमंतअत्री की यह रिपोर्ट पढ़कर समझ जाएंगे... |
मात्र 24घंटे पहले चुनाव आयोग की सर्वदलीय बैठक में राजनीति का अपराधीकरण रोकने की खुली वकालत करने वाले सियासी दलों की इस मामले में गंभीरता का अंदाजा बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अबतक जारी प्रत्याशियों की सूचियों के विश्लेषण से लग जाता है |
अब तक चुनाव के लिए पांच प्रमुख दलों ने कुल 526 प्रत्याशी घोषित किए हैं जिनमें से 268 के पुराने रिकॉर्ड मौजूद हैं |
इनमें से 116 प्रत्याशियों 43.28फीसदी के खिलाफ आम मामलों से लेकर हत्या, अवैध हिरासत, फिरौती व लूटपाट जैसे गंभीर मामले लंबित हैं |
हैरानी की बात यह है कि दागी छवि के लोगों को टिकट देने में खुद को पार्टी विद ए डिफरेंस कहने वाली भाजपा सबसे आगे है |
पार्टी द्वारा अबतक घोषित 87 प्रत्याशियों मंे 66 के पुराने शपथपत्र उपलब्ध हैं और इनमें से 41 62.12 फीसदी के खिलाफ आपराधिक मामले जारी हैं |
दूसरा स्थान रामविलासपासवान की अगुआई वाली लोजपा का है जिसके 67 में से 28 प्रत्याशियों का रिकॉर्ड मौजूद हैं और उनमें 13 46.43 फीसदी दागी छवि के हैं |
लालूयादव की राजद के 118 में 57 प्रत्याशियों का रिकॉर्ड उपलब्ध है जिनमें से 22 38.60फीसदी के खिलाफ ऐसे मामले बकाया हैं |
सत्तारूढ़ जनता दल यूनाईटेड भी इसमें पीछे नहीं है और उसके 132 में से 86 प्रत्याशियों का रिकॉर्ड उपलब्ध है इनमें से 31 36.05फीसदी का दागी इतिहास रहा है |
नेशनलइलेक्शनवॉच नामक स्वंयसेवी संस्था द्वारा जुटाए गए आंकड़ों में सोनियागांधी की भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भी दागी छवि के प्रत्याशी उतारने में पीछे नहीं है |
कांग्रेस ने अबतक राज्य में 122 टिकट घोषित किए हैं और इनमें से 31 प्रत्याशियों का पुराना रिकार्ड उपलब्ध है इनमें से नौ प्रत्याशी 29.03फीसदी दागी छवि के हैं |
यह आंकड़ा सभी प्रत्याशियों के नामांकनों के दौरान भरे जाने वाले शपथपत्रों के बाद एकाएक बढ़ जाने की पूरी आशंका है |
यह हालात तब है जब मात्र एकदिन पहले देश के सभी राष्ट्रीय व प्रादेशिक सियासी दलों के अगुआ केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में इसतरह के प्रत्याशियों को मैदान में न उतारे जाने की वकालत खुलकर कर चुके हैं |
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएसकृष्णमूर्ति बिहार में प्रत्याशियों की आपराधिक पृष्ठभूमि को लेकर खासे चिंतित हैं उनका कहना है कि लोकतंत्र में लोगों की इच्छा प्रदर्शित होनी चाहिए |
बाहुबल और धनबल लोगों की इच्छा के प्रतीक नहीं हो सकते ऐसे लोगों को उनका प्रतिनिधि नहीं होना चाहिए |
लोकतंत्र की पवित्रता उसके जनप्रतिनिधियों की पवित्रता में ही निहित है और सभी दलों को प्रत्याशी उतारते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए |
लखनऊ की अदालत ने जमीन के जिस टुकड़े के तीन हिस्से करके बांटने का फैसला दिया है उसके इर्द-गिर्द फिर कुछ सुलगाकर धुंआ फैलाने की कोशिशें की जा रही हैं |
दबे हुए कदमों से ही सही, शुरुआत की जा चुकी है |
वे पक्ष जो अयोध्या की विवादास्पद जमीन के लिए वर्षो से अदालती लड़ाई लड़ रहे थे उनके लिए पूरा मामला आस्थाओं से जुड़े होने का भी हो सकता है और उन्हें फैसले से खुश होने के कारण भी गिनाए जा सकते हैं |
पर जो धीरे-धीरे उभरकर सामने आ रहा है वह इसलिए डर पैदा करने वाला है कि कुछ छद्म शक्तियों द्वारा उक्त फैसले को एक या दूसरी कौम के लिए अस्तित्व की जीत या हार में रूपांतरित करके दिखाने की कोशिशें चल निकली हैं |
कट्टरपंथी या अनुदार किस्म के हिंदुओं और मुसलमानों के दिलों में फैसले की स्वीकार्यता को लेकर वर्तमान में अंदर ही अंदर चल रहे संघर्ष को हवा देने के काम में कुछ कथित धर्म निरपेक्ष जमातों के स्वयंसेवक भी आगे आ गए हैं |
अदालतें केवल फैसले ही कर सकती हैं, मानने का काम या तो संबंधित पक्ष करते हैं या फिर मनवाने के लिए शासन अपनी ओर से पहल करके माहौल बनाता है |
कोई आश्चर्य नहीं कि लखनऊ फैसले के बाद मायावती और मनमोहनसिंह, दोों ही सरकारें किंकर्तव्यविमूढ़ ’ मुद्राओं में हैं |
बताया गया है कि तीनमहीने तक यथास्थिति कायम रखी जानी है और फैसले से प्रभावित कोई भी पक्ष इस बीच सुप्रीमकोर्ट में जाने के लिए स्वतंत्र है |
पर कोई भी यह नहीं बताना चाहता कि पूरे विवाद को किस सीमा तक ले जाने दिया जाएगा और यह भी कि देश की एकता और अखंडता से बड़ी ऐसी कौन सी चीज है जो विवाद के हल की दिशा में दाव पर लगी है |
कोई भी पक्ष या कथित धर्मनिरपेक्ष ताकतें दबी जुबानों से भी नहीं कह रही हैं कि अब अदालतों का कोई काम नहीं बचा है, आगे के फैसले आपसी बातचीत से ही लिए जाने चाहिए |
हो यह रहा है कि शांति और सद्भाव बनाए रखने की कागजी और जुबानी अपीलों के जरिए ही सब कुछ सामान्य हो जाने का जुआ खेला जा रहा है |
साठसालों की यात्रा के बाद तैयार किए गए हाईकोर्ट के फैसले के आठहजार पन्नों के बावजूद अगर विवाद के घाव वैसे ही तेजाबी बने रहने दिए जाते हैं तो फिर क्या गारंटी कि सुप्रीमकोर्ट के पास भी कोई एेसा इलाज उपलब्ध हो जो सभी पक्षों को एकसाथ खुशकर सकेगा |
मुमकिन यही हो सकता है कि समूचा विवाद सुप्रीमकोर्ट में आगे आने वाले कई वर्षो के लिए लंबित हो जाए और फिर संबंधित पक्षों से जुड़ी नई पीढ़ियां कभी नेतृत्व अपने हाथों में लेकर आपसी बातचीत से निपटारा कर लें |
सुप्रीम कोर्ट अगर चाहेगा तो फैसले के खिलाफ पेश की जाने वाली याचिका/याचिकाओं का यथाशीघ्र निपटारा भी कर सकता है |
पर कौन आश्वासन देगा कि इस सबके दौरान लखनऊ फैसले का अपने-अपने तरीके से भाष्य करके सांप्रदायिक भावनाओं को हवा देने वाली ताकतें अपना काम दिखाने में सफल नहीं हो जाएंगी? |
यह आक्षेप अगर सही भी हो कि लखनऊ का फैसला सभी पक्षों को खुश करने की दिशा में एक कोशिश थी तब भी उसे स्वीकारकरने में इतना संघर्ष क्यों मचना चाहिए? वास्तव में संघर्ष फैसले को स्वीकार करने का नहीं बल्कि जो पीछे गुजर गया है उसे भुला पाने और नई वास्तविकताओं का सामनाकर पाने की क्षमताओं के बीच जद्दो का है |
दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि अदालतें तो भावुक होने को तैयार हैं पर प्रभावित होने वाले पक्ष अपनी जमीनी हकीकतों’ पर ही टिके रहना चाहते हैं |
एक नई तरह की नागरिकता ’ का धीरे-धीरे उदय हो रहा है इसे डिजिटल नागरिकता ’ कहा जाता है डिजिटल तकनीक हमारी नई पीढ़ी के सामाजिक डीएनए का हिस्सा बन चुकी है |
वह उसी के साथ पली-बढ़ी है चूंकि इस पीढ़ी ने तकनीक के संसार में ही होश संभाला है, इसलिए इससे उनका नाता उसतरह का नहीं है, जैसा उनसे पहले वाली पीढ़ियों का है |
एक छोटी सी घटना को लें, जो इसी साल अगस्त माह के अंत में घटित हुई और जिसका दुनिया के बहुतेरे लोगों पर प्रभाव पड़ा |
जब वे अपने कंप्यूटरों, पीडीए, आईपैड या लैपटॉप पर ऑनलाइन हुए, तब उन्होंने महसूस किया कि उनकी बातचीत, गपशप, चैटिंग, शेयरिंग सहित ढेर सारी चीजों का सहूलियत भरा दायरा बिना किसी पूर्व सूचना के रातोरात बदल गया है |
एक छोटे से परिवर्तन ने कई नए आयामों को खोल दिया था |