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यह एक लेख है: भारत के पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी एचएस प्रणॉय को शनिवार को इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरीज प्रीमियर टूनार्मेंट के सेमीफाइनल में हार मिली. जापान के काजूमासा साकाई ने प्रणॉय को कठिन मुकाबले में 21-17, 26-28, 18-21 से हराया और फाइनल में जगह बनाई. 27 साल के साकाई का सामना भारत के किदाम्बी श्रीकांत और विश्व के नम्बर-1 खिलाड़ी सोन वान हो के बीच होने वाले मुकाबले के विजेता से होगा. प्रणॉय ने दूसरे दौर में छह बार के चैम्पियन ली चोंग वेई को हराया था और फिर क्वार्टर फाइनल में उन्होंने ओलम्पिक, विश्व और एशियाई चैम्पियन चीन के चेन लोंग को परास्त किया था. उन्होंने पहले गेम में 8-3 की बढ़त ले ली थी. इसके बाद भारतीय खिलाड़ी ने इसे कायम रखते हुए 19 मिनट में पहला गेम अपने नाम किया. जापानी खिलाड़ी ने दूसरे गेम में शानदार वापसी की और 11-5 की बढ़त ले ली थी.
भारतीय खिलाड़ी ने हालांकि दमदारा खेल दिखाते हुए स्कोर 18-18 से बराबर कर लिया लेकिन, वह पांच मैच प्वाइंट लेने में असफल रहे और जापानी खिलाड़ी ने दूसरा गेम जीत मैच तीसरे गेम में पहुंचा दिया.
निर्णायक गेम में साकाई 6-2 से आगे थे. इस स्कोर को उन्होंने 11-9 कर लिया. ब्रेक के बाद भी जापानी खिलाड़ी ने बढ़त को कायम रखा और स्कोर 17-11 तक ले गए. प्रणॉय ने कोशिश की लेकिन वह सिर्फ अंकों के अंतर को कम कर पाए और अंतत: मैच हार गए. टिप्पणियां
अब श्रीकांत के रूप में भारत की एकमात्र चुनौती इस टूर्नामेंट में बची है. श्रीकांत शनिवार को ही अपना सेमीफाइनल मैच खेलेंगे.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
भारतीय खिलाड़ी ने हालांकि दमदारा खेल दिखाते हुए स्कोर 18-18 से बराबर कर लिया लेकिन, वह पांच मैच प्वाइंट लेने में असफल रहे और जापानी खिलाड़ी ने दूसरा गेम जीत मैच तीसरे गेम में पहुंचा दिया.
निर्णायक गेम में साकाई 6-2 से आगे थे. इस स्कोर को उन्होंने 11-9 कर लिया. ब्रेक के बाद भी जापानी खिलाड़ी ने बढ़त को कायम रखा और स्कोर 17-11 तक ले गए. प्रणॉय ने कोशिश की लेकिन वह सिर्फ अंकों के अंतर को कम कर पाए और अंतत: मैच हार गए. टिप्पणियां
अब श्रीकांत के रूप में भारत की एकमात्र चुनौती इस टूर्नामेंट में बची है. श्रीकांत शनिवार को ही अपना सेमीफाइनल मैच खेलेंगे.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
निर्णायक गेम में साकाई 6-2 से आगे थे. इस स्कोर को उन्होंने 11-9 कर लिया. ब्रेक के बाद भी जापानी खिलाड़ी ने बढ़त को कायम रखा और स्कोर 17-11 तक ले गए. प्रणॉय ने कोशिश की लेकिन वह सिर्फ अंकों के अंतर को कम कर पाए और अंतत: मैच हार गए. टिप्पणियां
अब श्रीकांत के रूप में भारत की एकमात्र चुनौती इस टूर्नामेंट में बची है. श्रीकांत शनिवार को ही अपना सेमीफाइनल मैच खेलेंगे.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अब श्रीकांत के रूप में भारत की एकमात्र चुनौती इस टूर्नामेंट में बची है. श्रीकांत शनिवार को ही अपना सेमीफाइनल मैच खेलेंगे.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
कैबिनेट मंत्री
बेनी प्रसाद वर्मा के बड़बोलेपन
पर कांग्रेस ने लगाम दी है. बुधवार को बेनी बाबू को पार्टी दफ्तर में तलब किया गया और उन्हें बेवजह की बयानबाजी बंद करने के निर्देश जारी किए गए.
पिछले कुछ दिनों से बेनी प्रसाद लगातार समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे. बेनी बाबू की बयानबाजी को लेकर समाजवादी पार्टी उनके इस्तीफे की भी मांग कर रही थी. लेकिन सूत्रों का कहना है कि बेनी बाबू को कैबिनेट से हटाने का फैसला सिर्फ कांग्रेस लेगी, किसी दूसरे के सलाह की जरुरत नहीं है.
बेनी बनाम मुलायम
गौरतलब है सारा विवाद बेनी प्रसाद वर्मा के उस बयान से शुरू हुआ था, जिसमें उन्होंने कहा था कि मुलायम सिंह यादव गुंडा हैं और उनके संबंध आतंकवादियों से हैं . बाद में उन्होंने संसद में अपने बयान को दोहराया, जिस पर काफी हो-हल्ला मचा.
बाद में इस विवादित बयान पर बेनी प्रसाद वर्मा ने खेद जताया. खेद जताने के बाद मामला कुछ दिन के लिए ठंडा पड़ गया था.
हालांकि बेनी प्रसाद यही नहीं रुके. एक बार फिर समाजवादी पार्टी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव की पार्टी सिर्फ चार सीटें ही जीत पाएगी और
पार्टी का जनाजा
निकल जाएगा.
जिसके बाद सपा नेता शिवपाल यादव ने केंद्रीय मंत्री पर ‘अफीम की तस्करी करने’ और चरस इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. |
अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पीओके में टेरर लॉन्चपैड में खूंखार आतंकियों का जमावड़ा
एलओसी से सटे सीमावर्ती इलाकों में अनुच्छेद 370 हटाए जाने का नहीं दिख रहा असर
मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 को हटाते हुए जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया, जिसका असर दिखने लगा है. वहीं, मोदी सरकार के इस कदम से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और सीमा पार से लगातार आतंकी घुसपैठ कराने की कोशिश कर रहा है. हालांकि भारतीय सेना की चौकसी के चलते खूंखार आतंकी घुसपैठ करने में नाकाम हो रहे हैं.
श्रीनगर स्थिति 15 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने बताया कि पीओके में टेरर लॉन्चपैड में खूंखार आतंकियों का जमावड़ा लग गया है. अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तानी आतंकी रोजाना रात को घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं, जिसको भारतीय सेना लगातार विफल कर रही है. हालांकि सीमा पर सीजफायर का उल्लंघन बंद है.
ढिल्लन ने कहा कि पाकिस्तान क्या-क्या कर रहा है, इसकी हमको पूरी जानकारी है. सीमा पर पाकिस्तान की हर नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. इसके लिए भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार है.
एलओसी से सटे इलाकों में पाकिस्तानी गोलाबारी का खौफ
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) से सटे जम्मू-कश्मीर के इलाकों में अनुच्छेद 370 के हटाए जाने का कोई खास असर देखने को नहीं मिल रहा है. नियंत्रण रेख (एलओसी) से सटे इलाकों के लोगों को 370 के हटने या न हटने से कोई लेना-देना नहीं है. नियंत्रण रेखा (एलओसी) से सटे तंगधार इलाके में लोगों को सिर्फ पाकिस्तान की नापाक हरकत और गोलाबारी का डर सता रहा है.
सीमावर्ती इलाकों में 370 हटाने का नहीं दिखा असर
तंगधार में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती भी ज्यादा नहीं देखने को मिल रही है. वहीं, जम्मू-कश्मीर के दूसरे हिस्सों में भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है. कश्मीर घाटी के कुछ हिस्सों में छिटपुट हिंसा की खबरें भी आई हैं. हालांकि एलओसी से सटे सीमावर्ती इलाकों में शांति का माहौल है. पहले की तरह ही बाजार खुलते हैं और लोग खरीददारी करते हैं. तंगधार इलाका गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ी लोगों की आबादी वाला है. ये लोग ज्यादातर कश्मीर घाटी से पूरी तरह से कटे रहते हैं.
एक अधिकारी ने बताया कि कश्मीर घाटी की हलचल का पीओके से सटे इलाकों पर कोई असर नहीं है. तंगधार इलाके के स्थानीय लोगों का कहना है कि उन लोगों की कश्मीर से अलग पहचान है. उनकी अपनी स्थानीय बोली है, जो पंजाबी से काफी हद तक मिलती-जुलती है. यहां के लोगों की सबसे बड़ी समस्याएं पाकिस्तान के गोलाबारी का खतरा, गरीबी और सर्दी के मौसम में कश्मीर घाटी से संपर्क टूटना हैं. यहां की आबादी की राजनीति में हिस्सेदारी भी बेहद कम है.
ठंडी के मौसम में घाटी से कट जाते हैं सीमावर्ती इलाके
ठंडी के मौसम में बर्फबारी के चलते इस इलाके का कश्मीर घाटी से संपर्क टूट जाता है. यह इलाका बेहद पिछड़ा हुआ है. जब आजतक ने तंगधार में दुकान चलाने वाले मोहम्मद मकबूल से अनुच्छेद 370 को लेकर बातचीत की गई, तो उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाए जाने की उनको कोई जानकारी नहीं है. उनका कहना है कि अनुच्छेद 370 का हमारे जीवन पर कोई असर नहीं है. हमको सिर्फ पाकिस्तान के गोलाबारी से सुरक्षा चाहिए. हम सरकार से अपील करते हैं कि वो यहां बंकर बनवाए और पाकिस्तानी गोलाबारी से हमारी सुरक्षा करे.
सीमावर्ती इलाकों के लोगों की मांग- बंकर बनाए सरकार
30 जून को पाकिस्तान ने तंगधार के इलाके में भारी गोलाबारी की थी. इसमें कई इमारतों को नुकसान पहुंचा था और कई लोग घायल हो गए थे. हालांकि इस बार की गोलाबारी में किसी की मौत की खबर नहीं है. स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने इतनी ज्यादा गोलाबारी इससे पहले दशकों से नहीं देखी थी.
इसके बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया था, जिसमें कई पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे. हालांकि यहां के लोगों को हमेशा पाकिस्तान की गोलाबारी का डर सताता रहता है. यहां के लोग लंबे समय से सरकार से बंकर बनवाने की मांग कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक एलओसी से सटे इलाकों में 3000 बंकर बनाने की मंजूरी मिल गई है और जल्द ही इनका काम शुरू हो जाएगा. |
दिल्ली के प्रसाद नगर थाना इलाके में 8 साल की बच्ची की
बलात्कार
की शिकार हुई है. रेप का आरोपी फरार है.
पीडि़ता की हालत नाजुक बनी हुई है, उसे इलाज के लिए दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल में दाखिल कराया गया है. अभी इस मामले में ज्यादा जानकारी का इंतजार है. |
देश के नामी आईटी संस्थानों में शुमार इलाहाबाद की ट्रिपल आईटी (Indian Institute Of Information & Technology ) में एमटेक की एक छात्रा के यौन उत्पीड़न का सनसनीखेज मामला सामने आया है. यौन उत्पीड़न का आरोप संस्थान में कार्यरत एसोसिएट प्रोफ़ेसर के ऊपर लगा है.
आरोपी शिक्षक की हरकतों से आजिज आकर छात्रा ने संस्थान के निदेशक चीफ प्रॉक्टर, डीन स्टूडेंट एक्टिविटी और महिला यौन उत्पीड़न रोकथान समिति की अध्यक्ष को शिकायती पत्र देकर कड़ी कार्रवाई किये जाने के मांग की है. इसके साथ ही छात्रा ने धूमनगंज थाने में प्रोफ़ेसर के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया है.
इस मामले के सामने आने के बाद संस्थान में हड़कंप मचा हुआ है. घटना की जानकारी होने के बाद संस्थान के निदेशक ने एक जांच समिति का गठन किया है. जो पूरे मामले की छानबीन करेगी. वही पुलिस ने प्रोफ़ेसर के खिलाफ केस दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है.
शिक्षक पर आरोप लगाने वाली छात्रा एमटेक लास्ट इयर की स्टूडेंट है. पीड़ित प्रोफ़ेसर डॉ. शिवा प्रसाद के अंडर में बायोइंफॉर्मेटिक्स डिवीज़न में किसी प्रोजेक्ट पर काम कर रही है. छात्रा का आरोप है की शिवा प्रसाद एक साल से उसे मानसिक रूप से परेशान कर रहा है. साथ ही बेवजह रात नौ बजे तक चैंबर में बिठा कर अश्लील बातें करता है. इस दौरान प्रोफेसर ने कई बार हाथ पकड़ा और गलत तरीके से छूने की कोशिश की.
छात्रा का आरोप है कि प्रोफेसर मोबाइल पर अश्लील एसएमएस भी भेजा करता है और विरोध करने पर करियर बर्बाद करने की धमकी देता है.
छात्रा की शिकायत के बाद संस्थान के निदेशक ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया है. निदेशक ने कहा कि अगर प्रोफेसर दोषी पाए गए तो उन्हें बख्शा नहीं जायेगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी. दूसरी तरफ पुलिस भी मामले की जांच कर सच्चाई सामने लाने का दावा कर रही है. |
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बंगलुरू (IIMB) ने पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन इंटरप्राइज मैनेजमेंट (PGPEM) के एंट्रेंस एग्जाम के लिए ऑनलाइन एप्लीकेशन फॉर्म जारी कर दिया है.
यह दो साल का वीकेंड रेसिडेंशियल मैनेजमेंट प्रोग्राम है. यह मास्टर लेवल का डिप्लोमा है. यह कोर्स एग्जीक्यूटिव पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम (EPGP) के बराबर है. इसके क्लासेज शुक्रवार और शनिवार को 22 महीने तक दोपहर में चलते हैं.
कौन कर सकता है आवेदन
किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएट होना आवश्यक है.
किसी भी इंडस्ट्री में कम से कम तीन साल का अनुभव हासिल हो.
चयन प्रक्रिया
आवेदकों को पहले लिखित परीक्षा के लिए बुलाया जाता है. बाद में इंटरव्यू के आधार पर उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया जाता है. अंतिम चयन पिछला कार्य अनुभव और प्रोफाइल के आधार पर किया जाता है.
कैसे करें आवेदन
इच्छुक उम्मीदवारों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा
महत्वपूर्ण तारीखें
आवेदन करने की अंतिम तारीख 31 जनवरी 2015 है.
परीक्षा की तारीख 8 फरवरी 2015 है.
लिखित परीक्षा के बाद इंटरव्यू के लिए 21 और 22 जनवरी को बुलाया जाएगा.
संपर्क पता
Admission Office,
Indian Institute of Management Bangalore,
Bannerghatta Road,
Bangalore- 560076 |
एनामेलोमास
एनामेलोमास दांतों की वह असामान्यता है जिसमे दांतों के कुछ हिस्सों पर इनेमल पाया जाता है जहा इनेमल नही होना चाहिए| यह जड़ो के बीच के हिस्सों में पाया जाता है, जिसे दाड का विभाजन भी बोलते है| एनामेलोमास सबसे ज्यादा हेरतविग उपकला जड़ म्यान से बनते है|एनामेलोमास के दौरान दांतों के निकलने के समय दांत की जड़े ढह जाता है जिसके कारण जड़ो की उपरी सतह ख़राब हो जाती है ताकि दांतों की कोशिकाए प्रीडेनटायन के संपर्क में आकर जब दांतों की सतह और सीमेंटोब्लास्ट को विभाजित करते है तो उस समय दांतों की सतह पर सीमेनटम जमा होने लग जाता है जो की आगे जेक एनामेलोमास में परिवर्तित हो जाता है| कभी कभी दांतों की सतह पर इनेमल छोटी-छोटी बूंदों के रूप में भी नज़र आता है जिसको इनेमल पर्ल भी कहते है क्यूंकि यह इनेमल दांतों परे मोती सामान दीखता है|एनामेलोमास की स्थति में कभी-कभी प्रीडेनटायन उपकला जड़ म्यान से जुडा रहता है जिससे इनेमल की संख्या का भी पता लग जाता है|
सन्दर्भ
Kahn, Michael A. Basic Oral and Maxillofacial Pathology. Volume 1. 2001.
दंत चिकित्सा
न्यायालयिक विज्ञान |
बियर में आनुपातिक 3% से ऊपर अल्कोहल (आयतक के अनुसार) से लेकर लगभग 30% से भी अधिक अल्कोहल की मात्रा वाली श्रेणियों में होते हैं। बियर में अल्कोहल का परिमाण स्थानीय प्रथा या बियर कि शैली के अनुसार घटती-बढ़ती रहती है। पीले लेगर्स जिससे अधिकांश ग्राहक अच्छी तरह परिचित है वे 4 से 6% कि रेंज वाली श्रेणी में पड़ते है जो अल्कोहल की विशिष्ट रूप से 5% से अधिक है। ब्रिटिश एल्स की प्रथागत काफीकम होती है, जिसमें कई सेशन बियर्स लगभग 4% से ऊपर होते हैं। कुछ बियर्स में, जैसे कि टेबिल बियर में अल्कोहल कि मात्रा कम (1% - 4%) तक होती है जिस वजह से उन्हें शीतल पेय के स्थान पर कुछ स्कूलों में पान के लिए पेश किया जाता है।बियर में अल्कोहल शर्करा कि किण्वन के दौरान उत्पादन किया जाता है के चयापचय से मुख्य रूप से आता है जो किण्वन के दौरान पैदा होते हैं। पौधे में उफनने योग्य शर्करा की मात्रा तथा खानीर के विभिन्न प्रकार जो पौधे के किण्वन के लिए व्यवहृत होते हैं, वे ही मुख्य कारक है जो फाइनल बियर में अल्कोहल की मात्रा तय करते हैं। अतिरिक्त किण्वनीय शर्करा कभी-कभी अल्कोहल की मात्रा को बढ़ने के लिए मिलाई जाती है और एंजाइम्स भी अक्सर कुछ शैली के बियर (मुख्यतः हल्के बियर्स) के लिए पौधे में मिला दी जाते है ताकि अधिक जटिल कार्बोहाइड्रेट्स को किण्वनीय शर्करा में रूपांतरित किया जा सके. अल्कोहल खमीर के चयापचय का उपोत्पाद है और खमीर के लिए विषाक्त है; विचित्र किण्वन 12% खमीर से अधिक आयतन के अल्कोहल में अल्कोहल की सांद्रता में बच नहीं पाता. निम्न तापक्रम और बहुत ही कम किण्वन का समय खमीर की प्रभावोत्पादकता को कम कर देते हैं और इसके फलस्वरूप शराब की मात्रा घट जाती है। |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: पश्चिम बंगाल में एक विकलांग लड़की के साथ बलात्कार का मामला सामने आया है। आरोप है कि बांकुरा स्टेट मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एक जूनियर डॉक्टर ने लड़की के साथ बलात्कार किया।
लड़की के माता−पिता ने इस सिलसिले में एफआईआर दर्ज कराया है। राज्य सरकार ने इस घटना की जांच के लिए दो सदस्यों की एक टीम भेजी है हालांकि अस्पताल ने लड़की की मेडिकल जांच कराई है लेकिन अस्पताल के ही कर्मचारी पर आरोप होने की वजह से इसकी अलग से जांच कराने का फैसला किया गया है। इसके लिए लड़की को जांच के लिए कोलकाता भेजा गया है।
लड़की के माता−पिता ने इस सिलसिले में एफआईआर दर्ज कराया है। राज्य सरकार ने इस घटना की जांच के लिए दो सदस्यों की एक टीम भेजी है हालांकि अस्पताल ने लड़की की मेडिकल जांच कराई है लेकिन अस्पताल के ही कर्मचारी पर आरोप होने की वजह से इसकी अलग से जांच कराने का फैसला किया गया है। इसके लिए लड़की को जांच के लिए कोलकाता भेजा गया है। |
बरेली के एक मदरसे में पढ़ने वाले मोहम्मद फरमान नियाजी दो दिन पहले अलीगढ़ से बरेली जा रहे थे. इस दौरान राजघाट नारोरा स्टेशन से कुछ युवा ट्रेन में चढ़े और नियाजी की टोपी देखकर उनपर पर जातिवादी टिप्पणी करने लगे और थोड़ी देर बाद पिटाई शुरू कर दी. नियाजी मॉब लिंचिंग की उस घटना को याद कर सिहर उठते हैं. कहते हैं, 'उन्होंने मुझे लात मारी और मेरी टोपी को ट्रेन से बाहर फेंक दिया. मेरे कपड़े फाड़ दिए और मेरा चश्मा भी तोड़ दिया. यह देखकर कोई भी यात्री मुझे बचाने के लिए आगे नहीं आया. उनकी यातना तब तक जारी रही, जब तक मैंने अपने होश न खो दिए. जब मुझे होश आया तो खुद को खैर क्षेत्र के एक गांव के बाहरी इलाके में पाया'. आधार कार्ड की मदद से स्थानीय लोगों ने नियाजी को बस से अलीगढ़ भेजा और वह अपने मदरसे में वापस आ गए.
पीड़ित युवा ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो डाला है, जिसमें उसने पूरे घटनाक्रम का जिक्र किया है. इसके साथ ही उसने जवान पुलिस स्टेशन में शिकायत भी दर्ज कराई है. एसपी (सिटी) अशोक कुमार ने कहा कि नियाजी द्वारा दर्ज कराए गए एफआईआर के आधार पर कार्रवाई की जाएगी. आपको बता दें कि बीते दिनों झारखंड के धतकिडीज गांव में तबरेज अंसारी (22) को बाइक चुराने के शक में बुरी तरह पीटा गया था, इसके बाद 23 जून को एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी. पुलिस के अनुसार, उसके कब्जे से चोरी की मोटरसाइकिल तथा कुछ अन्य वस्तुएं बरामद की गई थीं. यह मामला एक वीडियो के वायरल होने के बाद प्रकाश में आया, जिसमें आरोपी पंकज मंडल पेड़ से बंधे तबरेज अंसारी को पीटते हुए दिख रहा है. |
भारत की अग्रणी महिला बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु और पुरुष खिलाड़ी समीर वर्मा रविवार को यहां जारी योनेक्स सनराइज हांगकांग ओपन टूर्नामेंट के एकल वर्ग के फाइनल मुकाबले में हार गए. रियो ओलिम्पिक में रजत पदक जीतने वाली सिंधु को हांगकांग कोलोजियम-1 में हुए खिताबी मुकाबले में चीनी ताइपे की ताए जू यिंग ने 21-15, 21-17 से हराया.
सिंधु को 41 मिनट तक चले मुकाबले में हराने वाली ताए ने सेमीफाइनल में विश्व की सर्वोच्च वरीयता प्राप्त खिलाड़ी स्पेन की केरोलिना मॉरिन को हराया था. सिंधु और ताए के बीच यह अब तक का आठवां मुकाबला था. इससे पहले चार मैचों में ताए विजयी रहीं थीं जबकि तीन में सिंधु ने बाजी मारी थी. रियो में भी दोनों खिलाड़ी आमने-सामने हुईं थीं, जिसमें सिंधु ने जीत हासिल की थी.टिप्पणियां
सिंधु का यह तीसरा सुपर सीरीज फाइनल था. इससे पहले 2015 में डेनमार्क ओपन के फाइनल में सिंधु को हार मिली थी जबकि इस साल सिंधु ने चाइना ओपन का खिताब जीता था. इसके बाद पुरुष एकल फाइनल में समीर को भी हार मिली. समीर को हांगकांग के नग का लोंग अंगुस ने 21-14, 10-21, 21-11 से हराया. यह मैच 50 मिनट चला. समीर ने शनिवार को सेमीफाइनल मैच में तीसरे वरीय डेनमार्क के जान ओ जोर्गेनसेन को 21-19, 24-22 से हराया था लेकिन वह अंगुस की चुनौती सामना नहीं कर सके. समीर और अंगुस के बीच इससे पहले दो मुकाबले हुए थे और दोनों ही बार समीर की जीत हुई थी. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सिंधु को 41 मिनट तक चले मुकाबले में हराने वाली ताए ने सेमीफाइनल में विश्व की सर्वोच्च वरीयता प्राप्त खिलाड़ी स्पेन की केरोलिना मॉरिन को हराया था. सिंधु और ताए के बीच यह अब तक का आठवां मुकाबला था. इससे पहले चार मैचों में ताए विजयी रहीं थीं जबकि तीन में सिंधु ने बाजी मारी थी. रियो में भी दोनों खिलाड़ी आमने-सामने हुईं थीं, जिसमें सिंधु ने जीत हासिल की थी.टिप्पणियां
सिंधु का यह तीसरा सुपर सीरीज फाइनल था. इससे पहले 2015 में डेनमार्क ओपन के फाइनल में सिंधु को हार मिली थी जबकि इस साल सिंधु ने चाइना ओपन का खिताब जीता था. इसके बाद पुरुष एकल फाइनल में समीर को भी हार मिली. समीर को हांगकांग के नग का लोंग अंगुस ने 21-14, 10-21, 21-11 से हराया. यह मैच 50 मिनट चला. समीर ने शनिवार को सेमीफाइनल मैच में तीसरे वरीय डेनमार्क के जान ओ जोर्गेनसेन को 21-19, 24-22 से हराया था लेकिन वह अंगुस की चुनौती सामना नहीं कर सके. समीर और अंगुस के बीच इससे पहले दो मुकाबले हुए थे और दोनों ही बार समीर की जीत हुई थी. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सिंधु का यह तीसरा सुपर सीरीज फाइनल था. इससे पहले 2015 में डेनमार्क ओपन के फाइनल में सिंधु को हार मिली थी जबकि इस साल सिंधु ने चाइना ओपन का खिताब जीता था. इसके बाद पुरुष एकल फाइनल में समीर को भी हार मिली. समीर को हांगकांग के नग का लोंग अंगुस ने 21-14, 10-21, 21-11 से हराया. यह मैच 50 मिनट चला. समीर ने शनिवार को सेमीफाइनल मैच में तीसरे वरीय डेनमार्क के जान ओ जोर्गेनसेन को 21-19, 24-22 से हराया था लेकिन वह अंगुस की चुनौती सामना नहीं कर सके. समीर और अंगुस के बीच इससे पहले दो मुकाबले हुए थे और दोनों ही बार समीर की जीत हुई थी. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन ने अगले साल होने वाले यूनिवर्सिटी ग्रॉन्ट्स कमीशन के नेशनल एलिजिबिलिटी एग्जामिनेशन (NET) के लिए ऑफिशियल नोटिफिकेशन जारी किया है. नोटिफिकेशन के मुताबिक, यह परीक्षा रविवार, 22 जनवरी 2017 को होगी.
अधिक जानकारी के लिए उम्मीदवार ऑफिशियल वेबसाइट www.cbsenet.nic.in पर जा सकते हैं. 8 सितम्बर को सीबीएसई ने एक स्टेटमेंट जारी कर कहा था, 'सीबीएसई जूनियर रिसर्च फेलोशिप और असिस्टेंट प्रोफेसर की योग्यता के लिए यूजीसी-नेट एग्जाम भारत के कुछ चुनिंदा शहरों में 22 जमवरी 2017 को आयोजित करेगा.'
इस साल बोर्ड नें यह एग्जाम 10 जुलाई को श्रीनगर के अलावा सभी शहरों में आयोजित किया था.
श्रीनगर
में यह एग्जाम 28 अगस्त को आयोजित किया गया था.
परीक्षा के बारे में:
सीबीएसई
नेट एग्जाम साल में 2 बार आयोजित करता है. यह एग्जाम लोगों को असिस्टेंट प्रोफेसर/लेक्चरर और
जूनियर
रिसर्च फिलोशिप के लिए आयोजित किया जाता है. |
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और वर्तमान टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी को आईसीसी ने बड़ा झटका दिया है. आईसीसी ने धोनी को अपने दस्ताने से 'बलिदान बैज' का निशान हटाने को कहा है.
दरअसल, धोनी ने पैरा स्पेशल फोर्सेज को सम्मान देने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया था. उन्होंने साउथ अफ्रीका के खिलाफ बुधवार को खेले गए मैच के दौरान 'बलिदान बैज' के निशान वाला ग्लव्स पहना था जिसे आईसीसी के कहने के बाद अब उन्हें उतारना होगा.
दरअसल, उनके ग्लव्स पर दिखे इस अनोखे निशान (प्रतीक चिह्न) को हर कोई इस्तेमाल में नहीं ला सकता. यह बैज पैरा-कमांडो लगाते हैं. इस बैज को 'बलिदान बैज' के नाम से जाना जाता है.
बलिदान बैज
क्या है बलिदान बैज?
पैराशूट रेजिमेंट के विशेष बलों के पास उनके अलग बैज होते हैं, जिन्हें 'बलिदान' के रूप में जाना जाता है. इस बैज में 'बलिदान' शब्द को देवनागरी लिपि में लिखा गया है. यह बैज चांदी की धातु से बना होता है, जिसमें ऊपर की तरफ लाल प्लास्टिक का आयत होता है. यह बैज केवल पैरा-कमांडो द्वारा पहना जाता है.
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धोनी के ग्लव्स पर ये निशान कैसे? क्या है फैक्ट -
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को क्रिकेट में उनकी उपलब्धियों के कारण 2011 में प्रादेशिक सेना में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक दी गई थी. धोनी यह सम्मान पाने वाले कपिल देव के बाद दूसरे भारतीय क्रिकेटर हैं.
धोनी को मानद कमीशन दिया गया क्योंकि वह एक युवा आइकन हैं और वह युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित कर सकते हैं. धोनी एक प्रशिक्षित पैराट्रूपर हैं. उन्होंने पैरा बेसिक कोर्स किया है और पैराट्रूपर विंग्स पहनते हैं.
धोनी के ग्लव्स पर 'बलिदान बैज'
महेंद्र सिंह धोनी ने प्रादेशिक सेना (टीए) की 106 पैराशूट रेजिमेंट में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में अपनी रैंक को साबित कर दिखाया है.
धोनी अगस्त 2015 में प्रशिक्षित पैराट्रूपर बन गए थे. आगरा के पैराट्रूपर्स ट्रेनिंग स्कूल (पीटीएस) में भारतीय वायु सेना के एएन-32 विमान से पांचवीं छलांग पूरी करने के बाद उन्होंने प्रतिष्ठित पैरा विंग्स प्रतीक चिह्न (Para Wings insignia) लगाने की अर्हता प्राप्त कर ली थी. यानी इसी के साथ धोनी को इस बैज के इस्तेमाल की योग्यता हासिल हो गई.
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धोनी की कैप पर भी 'बलिदान'
गौरतलब है कि तब धोनी 1,250 फीट की ऊंचाई से कूद गए थे और एक मिनट से भी कम समय में मालपुरा ड्रॉपिंग जोन के पास सफलतापूर्वक उतरे थे.
धोनी को 2018 में पद्म भूषण से नवाजा गया
नवंबर 2011 में धोनी को प्रादेशिक सेना (TA) में लेफ्टिनेंट कर्नल के मानद रैंक से सम्मानित किया गया था. तब उन्होंने कहा था कि वह सेना में अधिकारी बनना चाहते थे, लेकिन किस्मत ने उन्हें क्रिकेटर बना दिया. |
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ‘संडे टाइम्स’ की रिपोर्ट पर जांच करवाने के लिए तैयार है, जिसमें दावा किया गया है कि भारतीय सट्टेबाज इंग्लैंड काउंटी मैचों और अंतरराष्ट्रीय मैचों के परिणाम फिक्स करा रहे हैं।
अखबार की जांच में पता चला है कि सट्टेबाजों ने खिलाड़ियों को हजारों पाउंड की पेशकश की। इसमें 44,000 पाउंड बल्लेबाजों को धीमी गति से रन बनाने के लिए, गेंदबाजों को रन गंवाने के लिए 50,000 पाउंड और 7,50,000 पाउंड उस खिलाड़ी को या अधिकारी को पेश किए गए, जो मैच के परिणाम की गारंटी दे सके।
इसमें यह भी खुलासा किया गया कि भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले साल विश्व कप के सेमीफाइनल में भी भ्रष्टाचार किया गया। दिल्ली के सट्टेबाज ने अखबार को बताया कि काउंटी क्रिकेट ‘अच्छा बाजार है’ क्योंकि इसमें ‘‘छोटे स्तर के मैच होते हैं और कोई भी इन पर नजर नहीं रखता। इसलिये इसमें बिना किसी झंझट के अच्छा पैसा कमाया जा सकता है।’’टिप्पणियां
अखबार ने जो भी सूचनाएं इस जांच के लिए इकट्ठी की उसे आईसीसी को दे दिया है, जिसने कहा कि वह इन ‘गंभीर आरोपों’ की जांच करेगी। आईसीसी प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम आपके द्वारा दी गई सूचना के आभारी हैं और इन गंभीर आरोपों की जल्द ही जांच करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्रिकेट पर सट्टा कानूनी और गैर कानूनी बाजार में तेजी से बढ़ रहा है और प्रत्येक मैच पर लाखों डॉलर सट्टे में लगाए जाते हैं।’’
कुछ हफ्ते पहले ही एसेक्स के पूर्व गेंदबाज मर्विन वेस्टफील्ड भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाने वाले पहले इंग्लिश क्रिकेटर थे। उन्होंने 2009 सितंबर में डरहम के खिलाफ मैच फिक्स करने के लिए धन राशि लेने की बात स्वीकारी थी। पिछले साल तीन पाकिस्तानी क्रिकेटरों सलमान बट, मोहम्मद आसिफ और मोहम्मद आमिर को भी ब्रिटेन में इंग्लैंड के खिलाफ 2010 टेस्ट मैच के दौरान स्पॉट फिक्सिंग के लिए जेल की सजा सुनाई गई थी।
अखबार की जांच में पता चला है कि सट्टेबाजों ने खिलाड़ियों को हजारों पाउंड की पेशकश की। इसमें 44,000 पाउंड बल्लेबाजों को धीमी गति से रन बनाने के लिए, गेंदबाजों को रन गंवाने के लिए 50,000 पाउंड और 7,50,000 पाउंड उस खिलाड़ी को या अधिकारी को पेश किए गए, जो मैच के परिणाम की गारंटी दे सके।
इसमें यह भी खुलासा किया गया कि भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले साल विश्व कप के सेमीफाइनल में भी भ्रष्टाचार किया गया। दिल्ली के सट्टेबाज ने अखबार को बताया कि काउंटी क्रिकेट ‘अच्छा बाजार है’ क्योंकि इसमें ‘‘छोटे स्तर के मैच होते हैं और कोई भी इन पर नजर नहीं रखता। इसलिये इसमें बिना किसी झंझट के अच्छा पैसा कमाया जा सकता है।’’टिप्पणियां
अखबार ने जो भी सूचनाएं इस जांच के लिए इकट्ठी की उसे आईसीसी को दे दिया है, जिसने कहा कि वह इन ‘गंभीर आरोपों’ की जांच करेगी। आईसीसी प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम आपके द्वारा दी गई सूचना के आभारी हैं और इन गंभीर आरोपों की जल्द ही जांच करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्रिकेट पर सट्टा कानूनी और गैर कानूनी बाजार में तेजी से बढ़ रहा है और प्रत्येक मैच पर लाखों डॉलर सट्टे में लगाए जाते हैं।’’
कुछ हफ्ते पहले ही एसेक्स के पूर्व गेंदबाज मर्विन वेस्टफील्ड भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाने वाले पहले इंग्लिश क्रिकेटर थे। उन्होंने 2009 सितंबर में डरहम के खिलाफ मैच फिक्स करने के लिए धन राशि लेने की बात स्वीकारी थी। पिछले साल तीन पाकिस्तानी क्रिकेटरों सलमान बट, मोहम्मद आसिफ और मोहम्मद आमिर को भी ब्रिटेन में इंग्लैंड के खिलाफ 2010 टेस्ट मैच के दौरान स्पॉट फिक्सिंग के लिए जेल की सजा सुनाई गई थी।
इसमें यह भी खुलासा किया गया कि भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले साल विश्व कप के सेमीफाइनल में भी भ्रष्टाचार किया गया। दिल्ली के सट्टेबाज ने अखबार को बताया कि काउंटी क्रिकेट ‘अच्छा बाजार है’ क्योंकि इसमें ‘‘छोटे स्तर के मैच होते हैं और कोई भी इन पर नजर नहीं रखता। इसलिये इसमें बिना किसी झंझट के अच्छा पैसा कमाया जा सकता है।’’टिप्पणियां
अखबार ने जो भी सूचनाएं इस जांच के लिए इकट्ठी की उसे आईसीसी को दे दिया है, जिसने कहा कि वह इन ‘गंभीर आरोपों’ की जांच करेगी। आईसीसी प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम आपके द्वारा दी गई सूचना के आभारी हैं और इन गंभीर आरोपों की जल्द ही जांच करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्रिकेट पर सट्टा कानूनी और गैर कानूनी बाजार में तेजी से बढ़ रहा है और प्रत्येक मैच पर लाखों डॉलर सट्टे में लगाए जाते हैं।’’
कुछ हफ्ते पहले ही एसेक्स के पूर्व गेंदबाज मर्विन वेस्टफील्ड भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाने वाले पहले इंग्लिश क्रिकेटर थे। उन्होंने 2009 सितंबर में डरहम के खिलाफ मैच फिक्स करने के लिए धन राशि लेने की बात स्वीकारी थी। पिछले साल तीन पाकिस्तानी क्रिकेटरों सलमान बट, मोहम्मद आसिफ और मोहम्मद आमिर को भी ब्रिटेन में इंग्लैंड के खिलाफ 2010 टेस्ट मैच के दौरान स्पॉट फिक्सिंग के लिए जेल की सजा सुनाई गई थी।
अखबार ने जो भी सूचनाएं इस जांच के लिए इकट्ठी की उसे आईसीसी को दे दिया है, जिसने कहा कि वह इन ‘गंभीर आरोपों’ की जांच करेगी। आईसीसी प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम आपके द्वारा दी गई सूचना के आभारी हैं और इन गंभीर आरोपों की जल्द ही जांच करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्रिकेट पर सट्टा कानूनी और गैर कानूनी बाजार में तेजी से बढ़ रहा है और प्रत्येक मैच पर लाखों डॉलर सट्टे में लगाए जाते हैं।’’
कुछ हफ्ते पहले ही एसेक्स के पूर्व गेंदबाज मर्विन वेस्टफील्ड भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाने वाले पहले इंग्लिश क्रिकेटर थे। उन्होंने 2009 सितंबर में डरहम के खिलाफ मैच फिक्स करने के लिए धन राशि लेने की बात स्वीकारी थी। पिछले साल तीन पाकिस्तानी क्रिकेटरों सलमान बट, मोहम्मद आसिफ और मोहम्मद आमिर को भी ब्रिटेन में इंग्लैंड के खिलाफ 2010 टेस्ट मैच के दौरान स्पॉट फिक्सिंग के लिए जेल की सजा सुनाई गई थी।
कुछ हफ्ते पहले ही एसेक्स के पूर्व गेंदबाज मर्विन वेस्टफील्ड भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाने वाले पहले इंग्लिश क्रिकेटर थे। उन्होंने 2009 सितंबर में डरहम के खिलाफ मैच फिक्स करने के लिए धन राशि लेने की बात स्वीकारी थी। पिछले साल तीन पाकिस्तानी क्रिकेटरों सलमान बट, मोहम्मद आसिफ और मोहम्मद आमिर को भी ब्रिटेन में इंग्लैंड के खिलाफ 2010 टेस्ट मैच के दौरान स्पॉट फिक्सिंग के लिए जेल की सजा सुनाई गई थी। |
दिल्ली हाईकोर्ट ने सुरक्षा की दृष्टि से स्टूडेंट्स के लिये खतरा बने परिसरों में स्थित गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को बिना किसी देरी के बंद करने का निर्देश दिल्ली सरकार और दिल्ली विकास प्राधिकरण को दिया है.
मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ की पीठ ने अधिकारियों से कहा कि वे मान्यता देने के सवाल पर जल्द फैसला करें और बचे हुए गैर
मान्यता प्राप्त स्कूलों
को बंद करें.
न्यायाधीशों ने कहा, हम
दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय
, नगर निगम, नई दिल्ली नगर परिषद, पूर्वी दिल्ली नगर निगम और दिल्ली विकास प्राधिकरण को निर्देश देते हैं कि उन गैर मान्यताप्राप्त स्कूलों को तत्काल बंद या स्थानांतरित किया जाये जो बच्चों की सुरक्षा की दृष्टि से खतरा हो सकते हैं.
न्यायाधीशों ने कहा, हम संबंधित प्राधिकारियों को यह निर्देश भी देते हैं कि नियमन के मसले पर, यदि किसी को देना है या फिर स्कूलों को मान्यता देने के पैमाने में कोई बदलाव करना है तो उस पर शीघ्र फैसला किया जाये.
हम सरकारी एजेंसियों को शिक्षा के अधिकार कानून की धारा 18 और 19 (2) का ध्यान दिलाना चाहते हैं जिस पर उन्हें अमल करना है. अदालत ने गैर सरकारी संगठन सोशल ज्यूरिस्ट की याचिका पर यह आदेश दिया. इस संगठन का कहना था कि अदालत के फरवरी, 2008 के आदेश के बावजूद शिक्षा निदेशालय ने अभी भी कुछ नहीं किया है. अदालत ने आदेश दिया था कि राजधानी में किसी भी गैर मान्यताप्राप्त स्कूल को अनुमति नहीं होगी.
इनपुट:
भाषा |
दिग्विजय ने कमलनाथ को वचन पत्र की दिलाई याद
शिक्षकों से किए चुनाव में वादे पूरा करें कमलनाथ
शिक्षक दिवस पर दिग्विजय ने शिक्षकों की दी बधाई
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की रार कम होती नजर नहीं आ रही है. कैबिनेट मंत्री उमंग सिंघार से विवाद के बाद अब दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक बार फिर कांग्रेस का वादा याद दिलाया. उन्होंने शिक्षक दिवस के बहाने कमलनाथ से चुनावी घोषणा पत्र के वादों को पूरा करने की नसीहत दी है.
दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को कहा, 'शिक्षक दिवस पर सभी शिक्षकों को हार्दिक शुभकामनाएं. अतिथि शिक्षक व अतिथि विद्वान शिक्षकों को कांग्रेस वचन पत्र में किए गये वादों को हमें पूरा करना है. मुझे विश्वास है मुख्य मंत्री कमल नाथ कांग्रेस वचन पत्र में किया गया हर वचन पूरा करेंगे.'
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले दिए गए वचन पत्र में प्रदेश के अतिथि शिक्षकों को नियमित करने का वादा किया था. कांग्रेस ने कहा था कि सत्ता में आने के तीन महीने के भीतर शिक्षकों को नियमित कर दिया जाएगा.
पूर्व में कांग्रेस कार्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस करके गुरुजियों की भांति अतिथि शिक्षकों को भी नियमित करने की घोषणा की थी, जिसकी गारंटी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने ली थी, और कहा था कि 90 दिनों के भीतर अतिथि शिक्षकों का नियमितिकरण किया जाएगा. कांग्रेस को प्रदेश की सत्ता में आए 8 महीने हो गए हैं, लेकिन यह वादा पूरा नहीं हो सका है. यही वजह है कि दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ से शिक्षक दिवस पर शिक्षकों से किए गए वादे को पूरा करने की याद दिलाई है.
गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह इससे पहले भी मुख्यमंत्री कमलनाथ को वचन पत्र निभाने का वादा याद दिला चुके हैं. चुनावी नतीजे आने के बाद कमलनाथ को जब विधायक दल का नेता चुना गया था, उसी समय दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करके कहा था, 'कांग्रेस विधायक दल द्वारा सर्वसम्मति से कमलनाथ को नेता चुन लेने पर सभी नव निर्वाचित विधायकों को हार्दिक धन्यवाद व बधाई. अब कमलनाथ कि जिम्मेदारी है कि खुद के द्वारा बनाए गए वचन पत्र का हर वचन पूरा करें. ताकि मप्र की जनता का विश्वास कांग्रेस में बना रहे.'
मध्य प्रदेश में कांग्रेस को 15 साल बाद मिली सत्ता के महज 8 महीने ही हुए हैं. मध्यप्रदेश कांग्रेस की गुटबाजी अब चारदीवारी से बाहर सड़क पर आ गई है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में आपसी रस्साकसी का ही नमूना है कि कमलनाथ सरकार के वन मंत्री दिग्विजय सिंह को ब्लैकमेलर कहते हैं.
वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक खुलकर अपने नेता को मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे हैं. इसके साफ जाहिर है कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के बीच जबर्दस्त गुटबाजी जगजाहिर है. |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: 'आर्थिक, नैतिक और स्वामित्व' जैसे कारकों के आधार पर साइरस मिस्त्री को हटाया गया था. ये बात रतन टाटा के वकील अभिषेक मनु सिंघवी का एनडीटीवी से चर्चा करते हुए की. उन्होंने ये बात अपने क्लाइंट रतन टाटा के साथ दो घंटे की मुलाकात के बाद कही जिन्हें हाल ही में टाटा समूह का चेयरमैन बनाया गया है.
वहीं, साइरस मिस्त्री के कार्यालय का कहना है कि 'इस स्थिति में' मिस्त्री की चेयरमैन पद से हटाए जाने के मामले को चुनौती देने की कोई योजना नहीं है. साइरस मिस्त्री ने बोर्ड मेंबर्स को भेजे पांच पेज के ईमेल में रतन टाटा पर लगातार 'अनुचित हस्तक्षेप' का आरोप लगाया.टिप्पणियां
सिंघवी ने मिस्त्री के बोर्ड को दिए उस बयान पर आक्षेप किया जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें गलत तरीके से हटाया गया. सिंघवी ने कहा, "क्या साइरस यहा मानते हैं कि पूरा बोर्ड नासमझ है? बोर्ड के सभी सदस्यों का मिस्त्री ने विश्वास खो दिया था." बोर्ड के नौ सदस्यों में से छह ने साइरस मिस्त्री को हटाने के पक्ष में वोट दिया था; वहीं दो सदस्यों ने मतदान में भाग नहीं लिया.
मिस्त्री के कार्यालय ने कल एनडीटीवी को बताया था कि हितों के टकराव का आरोप सही नहीं है क्योंकि वर्ष 2012 में टाटा ग्रुप की कमान संभालने के बाद उन्होंने अपने पारिवारिक साम्राज्य की कंपनी शपूर्जी पलौंजी ग्रुप को टाटा फर्म के अनुबंध नहीं देने यह आदेश दिया था जो कि टाटा संस में सबसे बड़ी हिस्सेदार कंपनी है.
अपने पांच पेज के ईमेल में साइरस मिस्त्री ने बोर्ड से कहा कि उनकी हैसियत कमजोर हुई है और यह कि चेयरमैन का पद संभालने के वक्त स्वायत्ता का भरोसा दिया जाने के बाद नियम बदले गए.
इन आरोपों को नकारते हुए टाटा की वकील ने एनडीटीवी को बताया कि समूह के वरिष्ठ सदस्य 'कठपुतली का खेल दिखाने वाले नहीं हैं'. उन्हें बोर्ड की मीटिंग में शामिल होने का अधिकार था.
वहीं, साइरस मिस्त्री के कार्यालय का कहना है कि 'इस स्थिति में' मिस्त्री की चेयरमैन पद से हटाए जाने के मामले को चुनौती देने की कोई योजना नहीं है. साइरस मिस्त्री ने बोर्ड मेंबर्स को भेजे पांच पेज के ईमेल में रतन टाटा पर लगातार 'अनुचित हस्तक्षेप' का आरोप लगाया.टिप्पणियां
सिंघवी ने मिस्त्री के बोर्ड को दिए उस बयान पर आक्षेप किया जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें गलत तरीके से हटाया गया. सिंघवी ने कहा, "क्या साइरस यहा मानते हैं कि पूरा बोर्ड नासमझ है? बोर्ड के सभी सदस्यों का मिस्त्री ने विश्वास खो दिया था." बोर्ड के नौ सदस्यों में से छह ने साइरस मिस्त्री को हटाने के पक्ष में वोट दिया था; वहीं दो सदस्यों ने मतदान में भाग नहीं लिया.
मिस्त्री के कार्यालय ने कल एनडीटीवी को बताया था कि हितों के टकराव का आरोप सही नहीं है क्योंकि वर्ष 2012 में टाटा ग्रुप की कमान संभालने के बाद उन्होंने अपने पारिवारिक साम्राज्य की कंपनी शपूर्जी पलौंजी ग्रुप को टाटा फर्म के अनुबंध नहीं देने यह आदेश दिया था जो कि टाटा संस में सबसे बड़ी हिस्सेदार कंपनी है.
अपने पांच पेज के ईमेल में साइरस मिस्त्री ने बोर्ड से कहा कि उनकी हैसियत कमजोर हुई है और यह कि चेयरमैन का पद संभालने के वक्त स्वायत्ता का भरोसा दिया जाने के बाद नियम बदले गए.
इन आरोपों को नकारते हुए टाटा की वकील ने एनडीटीवी को बताया कि समूह के वरिष्ठ सदस्य 'कठपुतली का खेल दिखाने वाले नहीं हैं'. उन्हें बोर्ड की मीटिंग में शामिल होने का अधिकार था.
सिंघवी ने मिस्त्री के बोर्ड को दिए उस बयान पर आक्षेप किया जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें गलत तरीके से हटाया गया. सिंघवी ने कहा, "क्या साइरस यहा मानते हैं कि पूरा बोर्ड नासमझ है? बोर्ड के सभी सदस्यों का मिस्त्री ने विश्वास खो दिया था." बोर्ड के नौ सदस्यों में से छह ने साइरस मिस्त्री को हटाने के पक्ष में वोट दिया था; वहीं दो सदस्यों ने मतदान में भाग नहीं लिया.
मिस्त्री के कार्यालय ने कल एनडीटीवी को बताया था कि हितों के टकराव का आरोप सही नहीं है क्योंकि वर्ष 2012 में टाटा ग्रुप की कमान संभालने के बाद उन्होंने अपने पारिवारिक साम्राज्य की कंपनी शपूर्जी पलौंजी ग्रुप को टाटा फर्म के अनुबंध नहीं देने यह आदेश दिया था जो कि टाटा संस में सबसे बड़ी हिस्सेदार कंपनी है.
अपने पांच पेज के ईमेल में साइरस मिस्त्री ने बोर्ड से कहा कि उनकी हैसियत कमजोर हुई है और यह कि चेयरमैन का पद संभालने के वक्त स्वायत्ता का भरोसा दिया जाने के बाद नियम बदले गए.
इन आरोपों को नकारते हुए टाटा की वकील ने एनडीटीवी को बताया कि समूह के वरिष्ठ सदस्य 'कठपुतली का खेल दिखाने वाले नहीं हैं'. उन्हें बोर्ड की मीटिंग में शामिल होने का अधिकार था.
अपने पांच पेज के ईमेल में साइरस मिस्त्री ने बोर्ड से कहा कि उनकी हैसियत कमजोर हुई है और यह कि चेयरमैन का पद संभालने के वक्त स्वायत्ता का भरोसा दिया जाने के बाद नियम बदले गए.
इन आरोपों को नकारते हुए टाटा की वकील ने एनडीटीवी को बताया कि समूह के वरिष्ठ सदस्य 'कठपुतली का खेल दिखाने वाले नहीं हैं'. उन्हें बोर्ड की मीटिंग में शामिल होने का अधिकार था. |
तमिलनाडु में पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की मौत के बाद राजनीति में जो उफान आया था, उसमें सोमवार को बड़ा मोड़ आया. लंबी खींचतान रही और आखिरकार 6 महीने बाद ओ. पलानीसामी और ओ. पन्नीरसेल्वम एक मंच पर आ गए. मंच से दोनों ने विलय का ऐलान कर दिया.
चेन्नई में दोनों नेता एक साथ एक मंच पर आए. इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीसेल्वम ने नया नारा दिया और पार्टी की फूट को दूर कर दिया. पन्नीरसेल्वम ने एक मां, एक पार्टी, एक परिवार' का नारा देते हुए AIADMK के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया.
जयललिता की मौत के बाद पार्टी महासचिव बनीं के. शशिकला फिलहाल जेल में हैं. मगर दोनों गुटों के इस विलय के पीछे बीजेपी की रणनीति मानी जा रही है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ईपीएस और ओपीएस गुट को एक करने में बीजेपी नेतृत्व ने अहम भूमिका निभाई है.
इसके पीछे कुछ वाजिब तर्क भी हैं. हाल ही में जब दक्षिण के नेता वेंकैया नायडू ने उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली तो ई पलानीसामी और ओ पन्नीरसेल्वम दोनों को बुलाया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों नेताओं से अलग-अलग मुलाकात भी की.
दोनों गुटों के एक साथ आने के पीछे पार्टी पर वर्चस्व को लेकर चल रही खींचतान भी एक बड़ी वजह बनी. शशिकला भ्रष्टाचार के केस में जेल गईं तो अपने भतीजे
टीटीवी दिनाकरण
को उप-महासचिव नियुक्त कर दिया. इसके बाद से ही पार्टी और सरकार संभाल रहे पलानीसामी से दिनाकरण का टकराव शुरू हो गया. पार्टी में वर्चस्व को लेकर गहरा घमासान देखने को मिला. अब विलय के बाद जहां ये संकट दूर हो गया, वहीं जेल में सजा काट रहीं शशिकाल को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाकर कलह की आशंकाओं को ही खत्म कर दिया गया. इस कदम के बाद ये स्पष्ट हो गया है कि AIADMK की कमान EPS और OPS के हाथ में आ गई. शशिकला के साथ उनका परिवार भी पॉलिटिकल गेम से आउट हो गया.
वहीं पार्टी में गुटबाजी के बाद चुनाव आयोग ने उनके विभाजन को तो मान्यता दे दी थी, लेकिन दोनों गुटों के दावे के बाद एआईएडीएमके के चुनावी चिह्न "दो पत्तियों" को ज़ब्त कर लिया था. अब विलय के बाद दोनों गुट समझौता कर चुनाव चिन्ह भी आसानी से वापस हासिल कर सकते हैं. माना जा रहा है कि
एआईडीएमके की अंदरूनी लड़ाई
ने बीजेपी को तमिलनाडु में राजनीतिक गेम खेलने का मौका दिया.
ये कहा जा रहा है कि इस विलय के बाद AIADMK का NDA में विलय हो जाएगा. जिससे तमिलनाडु में महज ढाई फीसदी वोट हासिल करने वाली बीजेपी को सियासी फायदा मिलेगा. बीजेपी ने 2019 लोकसभा चुनाव के लिए 350 से ज्यादा सीटों का लक्ष्य रखा है, जो तमिलनाडु जैसे बड़े राज्य में दखल के बिना मुमकिन नजर नहीं आता. साथ ही फिलहाल कांग्रेस के बाद सबसे ज्यादा सांसद AIADMK के पास हैं, ऐसे में विलय के बाद अगर एनडीए में एआईएडीएमके का गठबंधन हो जाता है तो मोदी सरकार को संसद में भी मजबूती मिलेगी. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी तमिलनाडु के दौरे पर जाने वाले थे, मगर उन्होंने राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए अपना दौरा रद्द कर दिया था.
पहले भी NDA का हिस्सा रही AIADMK
इससे पहले भी AIADMK एनडीए सरकार का हिस्सा रह चुकी है. साथ ही बाहर से भी एनडीए का समर्थन कर चुकी है. 1998-1999 में अटल बिहारी वाजपेयी के वक्त एआईएडीएमके एनडीए का हिस्सा थी. इसके बाद 2004-2006 तक भी वो NDA का हिस्सा रही. |
यह लेख है: ट्रेन में चोरी और झपटमारी की वारदातें आम हैं लेकिन ऐसा कम ही होता है कि ऐसे शातिर चोर जल्द पकड़ में आ जाएं. एक ऐसे ही चोर ने नई दिल्ली से भोपाल जा रही शताब्दी ट्रेन में रेलवे की महिला टिकट इंस्पेक्टर का बैग लूटा. लूट की वारदात CCTV कैमरे में कैद हो गई. आरोपी चलती ट्रेन से तुरंत नीचे भी कूद गया. लेकिन नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पुलिस ने पकड़ लिया. पकड़े गए शख्स की पहचान दानिश उर्फ पेपे के तौर पर हुई है.
23 सितम्बर को वारदात रेलवे में महिला चीफ टिकट इंस्पेक्टर के साथ हुई. आलम खान नाम की सीटीआई 23 सितम्बर को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से भोपाल जाने के लिए भोपाल शताब्दी में बैठीं थीं. और जैसे करीब 6 बजे रेलवे प्लेटफॉर्म से निकली, तभी चलती ट्रेन में एक बदमाश चढ़ा और महिला टिकट इंस्पेक्टर का बैग लूटकर फरार हो गया. ये वारदात सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गई.
सीसीटीवी के फुटेज के आधार पर पुलिस ने उसे धर पकड़ा. 24 वर्षीय दानिश इससे पहले भी इस तरह की कई चोरियों को अंजाम दे चुका है. दानिश को चोरी करने और चलती ट्रेन से भागने में महज 10 सेकंड लगते थे. वह अक्सर शताब्दी जैसी ट्रेनों में चोरी करता था. |
लेख: बोकारो स्टील प्लांट भर्ती प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं के संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पूर्व केंद्रीय इस्पात मंत्री रामविलास पासवान से पूछताछ कर सकती है। इस मामले में कुछ जाने माने लोगों के रिश्तेदार एजेंसी की जांच के दायरे में हैं।
एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि आगामी आम चुनावों के लिए बिहार में सीटों के बंटवारे पर वार्ता कर रहे पासवान कुछ दस्तावेजों की बरामदगी के बाद जांच के घेरे में हैं। इन दस्तावेजों में संकेत मिलते हैं कि हो सकता है कि पासवान के कार्यालय से जुड़े लोग कुछ अभ्यार्थियों को लाभ पहुंचाने में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं।
सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'संबंधित मंत्री की मंजूरी के बगैर निचले स्तर के कर्मचारी इस तरह के कदम नहीं उठा सकते। हम इस संबंध में उनसे (पासवान) पूछताछ कर सकते हैं। पूछताछ को लेकर अंतिम फैसला जांच आगे बढ़ने के बाद किया जा सकता है।'
सूत्रों ने कहा कि कुछ सफल अभ्यार्थियों द्वारा सौंपे गए दस्तावेजों में पासवान के आधिकारिक आवास 12 जनपथ की सील और बोकारो इस्पताल संयंत्र में जगह देने के लिए उनके नामों की सिफारिश करने वाले उनके स्टाफ के पत्र मौजूद हैं। पासवान मई 2004 से मई 2009 के बीच संप्रग सरकार के दौरान केंद्रीय रसायन, उर्वरक और इस्पात मंत्री थे और इन नियुक्तियों में कथित घपला उनके कार्यकाल के दौरान हुआ।
सीबीआई ने जनवरी में वर्ष 2008 में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम में मध्यम और कनिष्ठ प्रबंधन स्तर पर नियुक्तियों में कथित अनियमितताओं से संबंधित दो अलग अलग मामले दर्ज किए थे जिसमें संयंत्र के एक पूर्व कार्यकारी निदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को आरोपी बनाया गया था। |
फ्रांस के नीस शहर में नेशनल डे के जश्न में डूबे लोगों के बीच एक तेज रफ्तार ट्रक जा घुसा, जिसमें कम से कम 84 लोगों की मौत हो गई. जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. आइए जानते हैं बीते 18 महीनों में कितनी बार हमलों से दहला है फ्रांस.
1. 'चार्ली एब्दो' हमला
साल 2015 में फ्रांस की व्यंग्य पत्रिका पर 7 से 9 जनवरी तक चले हमले में 17 लोगों की मौत हो गई थी. पत्रिका पर हमला करने वाले लोग इसमें छपे पैगंबर मुहम्मद के कार्टून से नाराज थे. पत्रिका काफी समय अपने कथित 'इस्लाम विरोधी' कंटेंट की वजह से
कट्टरपंथियों
के निशाने पर थी.
2. यहूदी सामुदायिक सेंटर के बाहर हमला
फ्रांस के नीस में साल 2015 की 3 फरवरी को यहूदी सामुदायिक केंद्र के बाहर खड़े तीन सैनिकों पर चाकू से हमला किया गया था.
3. महिला की हत्या
19 अप्रैल 2015 में पेरिस में अल्जीरियाई मूल के आईटी के एक छात्र को एक महिला का
कार में कत्ल
कर देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
4. बॉस का सर कलम
साल 2015, 26 जून को एक एक शख्स ने अपने बॉस का सिर कलम कर उसकी हत्या कर दी थी. इसके बाद हमलावर ने गैस प्लांट को उड़ाने की कोशिश भी की थी.
5. ट्रेन पर हमला
21 अगस्त 2015 को पेरिस एम्सटर्डम से पेरिस आ रही ट्रेन में एक शख्स ने गोलीबारी शुरू कर दी थी. लेकिन यात्रियों के सामने हमलावर के हौसलें पस्त हो गए.
6. बाताक्लां म्यूजिक कॉन्सर्ट हॉल पर हमला
13 नवंबर 2015 को पेरिस के बाताक्लां म्यूजिक कॉन्सर्ट हॉल में हुए हमले में
130 लोगों की मौत
हो गई थी. आठ आतंकियों ने 6 जगहों पर हमले किए थे.
7. पुलिस स्टेशन पर हमला
7 जनवरी 2016 को मोरक्को मूल के एक कसाई ने पेरिस में पुलिस स्टेशन पर हमला करने की कोशिश की थी.
8. मस्जिद की रखवाली कर रहे सैनिकों पर हमला
फ्रांस के वैलेंस में 1 जनवरी 2016 को एक मस्जिद की रखवाली करने वाले सैनिकों पर हमला करने की कोशिश कर रहा था एक शख्स.
9. पुलिस अफसर की हत्या
13 जून 2016 को फ्रांस के मैग्नेनविले में चाकू से हुए हमले में एक पुलिस अफसर और उसकी पत्नी की हत्या कर दी गई थी.
10 नीस ट्रक हमला
फ्रांस के नेशनल डे के जश्न में डूबे लोगों के बीच एक ट्रक ने घुसकर कम से कम 84 लोगों को रौंद दिया. इस हमले में 202 घायल, 25 लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर और 52 की हालत नाजुक बताई जा रही है. |
लेख: साल 2015 में भारत से 4,000 ऐसे अमीर लोग विदेश जाकर बस गए, जिनकी हैसियत 10 लाख डॉलर यानी मौजूदा विनिमय दर के हिसाब से करीब 6.7 करोड़ रुपये या उससे अधिक है। दुनिया में उच्च संपदा (एचएनआई) लोगों द्वारा दूसरे देश में जाकर बसने के मामले में भारत चौथे स्थान पर है।
न्यू वर्ल्ड वेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार, 2015 में भारत के 4,000 अति धनाढ्यों ने अपना निवास स्थान बदला। फ्रांस से सबसे अधिक 10,000 अमीर दूसरे देश जाकर बसे। रिपोर्ट में हालांकि कहा गया है कि चीन और भारत से धनाढ्यों के दूसरे देश जाकर बसने में चिंता की कोई बात नहीं है।टिप्पणियां
रिपोर्ट कहती है कि भारत और चीन से अमीरों का विदेश में बस जाना चिंता की बात नहीं है, क्योंकि ये देश जितने करोड़पति गंवा रहे हैं, उससे ज्यादा करोड़पति ये पैदा कर रहे हैं। इसमें कहा गया है कि एक बार इन देशों में जीवनस्तर में सुधार के बाद कई अमीर वापस अपने देश लौट आएंगे। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
न्यू वर्ल्ड वेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार, 2015 में भारत के 4,000 अति धनाढ्यों ने अपना निवास स्थान बदला। फ्रांस से सबसे अधिक 10,000 अमीर दूसरे देश जाकर बसे। रिपोर्ट में हालांकि कहा गया है कि चीन और भारत से धनाढ्यों के दूसरे देश जाकर बसने में चिंता की कोई बात नहीं है।टिप्पणियां
रिपोर्ट कहती है कि भारत और चीन से अमीरों का विदेश में बस जाना चिंता की बात नहीं है, क्योंकि ये देश जितने करोड़पति गंवा रहे हैं, उससे ज्यादा करोड़पति ये पैदा कर रहे हैं। इसमें कहा गया है कि एक बार इन देशों में जीवनस्तर में सुधार के बाद कई अमीर वापस अपने देश लौट आएंगे। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
रिपोर्ट कहती है कि भारत और चीन से अमीरों का विदेश में बस जाना चिंता की बात नहीं है, क्योंकि ये देश जितने करोड़पति गंवा रहे हैं, उससे ज्यादा करोड़पति ये पैदा कर रहे हैं। इसमें कहा गया है कि एक बार इन देशों में जीवनस्तर में सुधार के बाद कई अमीर वापस अपने देश लौट आएंगे। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) |
देश के शेयर बाजारों में सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को तेजी दर्ज की गई. प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 467.51 अंकों की तेजी के साथ 24,684.85 पर और निफ्टी 132.55 अंकों की तेजी के साथ 7,362.50 पर बंद हुआ.
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 151.62 अंकों की तेजी के साथ 24,368.96 पर खुला और 467.51 अंकों यानी 1.93 फीसदी की तेजी के साथ 24,684.85 पर बंद हुआ. दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 24,709.09 के ऊपरी और 24,270.20 के निचले स्तर को छुआ.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 34.10 अंकों की तेजी के साथ 7,264.05 पर खुला और 132.55 अंकों यानी 1.83 फीसदी की तेजी के साथ 7,362.50 पर बंद हुआ. दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 7,368.60 के ऊपरी और 7,239.50 के निचले स्तर को छुआ.
बीएसई के मिडकैप सूचकांक और स्मॉलकैप सूचकांक में भी तेजी दर्ज की गई. मिडकैप सूचकांक 183.30 अंकों की तेजी के साथ 8,650.52 पर और स्मॉलकैप सूचकांक 181.19 अंकों की तेजी के साथ 9,196.92 पर बंद हुआ.
बीएसई के 12 में से 10 सेक्टरों में तेजी दर्ज की गई. पूंजीगत वस्तुएं (4.93 फीसदी), बैंकिंग (3.28 फीसदी), तेल एवं गैस (2.85 फीसदी), बिजली (2.38 फीसदी) और धातु (1.86 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी दर्ज की गई.
बीएसई के स्वास्थ्य सेवाएं (0.92 फीसदी) और तेज खपत उपभोक्ता वस्तुएं (0.82 फीसदी) में गिरावट दर्ज की गई. |
बीजेपी के गुजरात प्रभारी, भूपेंद्र यादव ने कहा, "कांग्रेस हमेशा ही सत्ता में आकर संवैधानिक संस्थाओं को कठपुतली बनाने का प्रयास करती रही है. एमएस गिल को कांग्रेस ने उसी दिन पार्टी में शामिल कराया जिस दिन वह रिटायर हुए...फिर उन्हें सांसद बनाया गया और फिर मंत्री...टीएन शेषन को भी चुनाव कांग्रेस ने लड़वाया था." साफ है, ये तीखा टकराव बताता है कि गुजरात की लड़ाई बिल्कुल नाक की लड़ाई हो चुकी है. |
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के लोगों को सतर्क रहने का आह्वान किया है. ममता ने साथ ही कहा है कि राज्य में सौहार्द को बिगाड़ने की किसी भी कोशिश को नाकाम करने के लिए लोगों को सजग रहना चाहिए. पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग की ओर से आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में ममता ने कहा, "लोग अपने आसपड़ोस को लेकर सतर्क रहें. बारीकी से नजर रखें कि कोई आपके क्षेत्र में साम्प्रदायिक दंगा कराने की कोशिश ना करे.'
हालिया महीनों में राज्य में साम्प्रदायिक घटनाओं में तेजी से बढोतरी हुई है. मालदा के कालियाचक, उत्तरी 24 परगना के नैहाती, पश्चिमी मिदनापोर के खड़गपुर और चंद्राकोना जैसे राज्य के कई क्षेत्रों से हिंसा की खबरें आईं. हाल के समय में देखा गया है कि दुर्गा विसर्जन के दिनों में इस तरह की घटनाएं बढ़ जाती हैं.
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तनाव के बाद सरकारी स्कूल बंद, 2000 छात्रों का भविष्य अधर में
इस हफ्ते के शुरू में हावड़ा के तेहाट्टा में एक सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल में अल्पसंख्यक समुदाय की ओर से सरस्वती पूजा का विरोध किए जाने से क्षेत्र में तनाव हो गया. तेहाट्टा हाईस्कूल के प्रबंधन की ओर से दावा किया गया कि मुस्लिम कट्टरपंथियों की ओर से स्कूल परिसर में 'नबी दिवस' का आयोजन करने के लिए दबावा डाला जा रहा था.
बीते साल दिसंबर में हावड़ा के धुलागढ़ में 'ईद-मिलाद-उन-नबी' के जुलूस को लेकर तनाव हुआ था. पिछले हफ्ते अज्ञात शरारती तत्वों ने मेटियाबुरुज इलाके में स्थित एक मंदिर में कथित तौर पर मांस फेंक कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की थी. इस घटना के बाद कोलकाता पोर्ट इलाके में तनाव हो गया था.
ममता बनर्जी ने इस तरह की घटनाओं के लिए निहित स्वार्थों की अफवाहबाजी को जिम्मेदार ठहराया. ममता ने कहा, 'कुछ लोग हिंसा भड़काने के इरादे से अफवाहें फैलाते हैं. ऐसी अफवाहों और उकसाने वाली बातों के जाल में ना फंसे. शांति और सौहार्द के साथ रहें. जिन लोगों के पास कोई काम नहीं है वही दंगे फैलाते हैं.' |
भारत में जन्मे अरबपति उद्यमी और समाजसेवी मनोज भार्गव ने मंगलवार को नई दिल्ली में एक इवेंट के दौरान डॉक्यूमेंट्री फिल्म- बिलियन्स इन चेंज 2 में दिखाए गए नए अविष्कारों का लाइव डेमो दिखाया. बिलियन्स इन चेंज 2 इस तरह की आई पहली डॉक्यूमेंट्री की अगली कड़ी है और इसमें पूरी तरह से नए पांच आविष्कारों की जानकारी दी गई है जो कि बुनियादी जरूरतों का सीधा समाधान करते हैं.
इवेंट के दौरान भार्गव ने पोर्टेबल सोलर डिवाइस हंस 300 पावरपैक और हंस सोलर को भारतीय बाजार में उतारने की जानकारी दी. हंस पावरपैक डिवाइस न सिर्फ इलेक्ट्रिसिटी का प्रोडक्शन करता है बल्कि ये इलेक्ट्रिसिटी स्टोर भी करता है. इसी तरह हंस सोलर ब्रिफकेस एक तरह का सोलर पावर स्टेशन है. भार्गव के दावे के मुताबिक इससे भारी तादाद में जरुरतमंद लोगों को बिजली मुहैया कराई जा सकती है.
हंस 300 पावरपैक इतनी बिजली पैदा करता है कि इससे कई बल्ब, टीवी, पंखे जैसी मूलभूत आवश्यकता वाली चीजें चलाई जा सकती हैं. इसे इवेंट के दौरान 130 घंटे और 300 घंटे का पावर देने वाले दो वैरिएंट में पेश किया गया. इनकी कीमत क्रमश:
10,000 रुपये और 14,000 रुपये
रखी गई है. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि इसकी गारंटी 12 सालों की है. यानी 12 साल तक बिजली के बिल से आजादी. इससे संबंधित जानकारियां BIC2.in से ली जा सकती है.
भारत में इसे अगले साल मई में लाने की योजना है. भार्गव ने कहा कि, हंस पावरपैक और हंस सोलर ब्रिफकेस के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की जरुरतों को पूरा किया जा सकता है और इसके लिए उन्हें बिल भी नहीं चुकाना होगा. उन्होंने आगे कहा कि, बिजली एक मूलभूत जरुरत है, जिससे शिक्षा, रोजगार और संचार जैसी अवसरों के दरवाजे खुल जाते हैं. इसके बावजूद दुनिया की आधी आबादी को केवल हर दिन 2-3 घंटे ही बिजली मिल पाती है.
इवेंट के दौरान दो रेनमेकर फिल्ट्रेशन यूनिट्स को भी दिखाया गया है, जिससे खारे और गंदे पानी को साफ कर कृषि और पीने योग्य बनाया जा सकता है. बकौल भार्गव आज की तारीख में बहुत सी गंभीर बिमारियों की वजह खराब पानी है, ऐसे में हमारा उद्देश्य लोगों तक शुद्धपेयजल पहुंचाना है ताकी वे अच्छी जिंदगी महसूस कर सकें.
इसके अलावा इवेंट में भार्गव ने शिवांश फर्टीलाइजर मेथड की जानकारियां भी दीं, जिससे वेस्ट मटेरियल से न्यूट्रीयंट से भरपूर खाद बनाए जा सकते हैं. वो भी सिर्फ 18 घंटे में. किसान इसे कृषि में यूरियो के विकल्प के रूप में प्रयोग कर सकते हैं. |
टीम इंडिया के कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी इन दिनों क्रिकेट से दूर हैं. बांग्लादेश वनडे सीरीज गंवाने के बाद वो जिंबाब्वे दौरे पर नहीं गए. टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके धोनी को 12 अगस्त से शुरू हो रहे श्रीलंका दौरे पर भी नहीं जाना है.
क्रिकेट से दूर धोनी
इन दिनों अपनी
बोकारो में अपनी क्रिकेट अकैडमी
को लेकर व्यस्त हैं इसके अलावा एक और काम के जरिए उन्होंने अपने समय का सदुपयोग किया.
धोनी ने इस ब्रेक के दौरान अपनी बाइक्स और कार की सफाई की. उन्होंने अपनी सारी बाइक्स को चमचमा कर साफ किया. इसका खुलासा उनकी पत्नी साक्षी ने किया.
साक्षी ने ट्वीट किया-
Some serious deep-cleaning of his toys ... Personally done by " the man " himself !!!
pic.twitter.com/k7ypGCAjzF
— Sakshi Singh Dhoni (@SaakshiSRawat)
July 17, 2015
धोनी के लिए उनकी गाड़ी और बाइक्स खिलौनानुमा हैं. साक्षी ने दो तस्वीरें ट्वीट की हैं. जिसमें एक में धोनी की बाइक्स नजर आ रही हैं जबकि दूसरी फोटो में साक्षी हमर कार के साथ दिख रही हैं. |
यह लेख है: व्यापमं घोटाले की सीबीआई जांच की मांग को सुप्रीम कोर्ट में मान लिए जाने से सबसे ज़्यादा ख़ुश होने वालों में दिग्विजय सिंह शामिल हैं। आख़िर इसके लिए वह लंबे समय से दबाव जो बना रहे थे। लेकिन सवाल है कि क्या सीबीआई जांच असल में शिवराज के लिए पॉलिटिकल सेफ़ पैसेज है? क्योंकि राजनीति में कुछ भी संभव है।
सुप्रीम कोर्ट ने जैसे ही व्यापमं घोटाले की सीबीआई जांच को मंज़ूरी दी, कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने इसे बीजेपी और शिवराज सिंह चौहान की नैतिक हार बताया, लेकिन कोर्ट का यही फ़ैसला शिवराज के लिए एक राजनीतिक जीवनदान भी लेकर आया है।
शिवराज पर इस्तीफ़े का जो दबाव बना था, मामला सीबीआई को सौंपे जाने के बाद से वह अब ख़त्म हो गया है। क्योंकि अगर अब कांग्रेस इस्तीफा मांगती है, तो शिवराज कहेंगे कि सीबीआई जांच चल रही है, मैं क्यों दूं इस्तीफा!
शिवराज सिंह सालों से सीबीआई जांच की मांग को ठुकराते आ रहे थे, लेकिन दिग्विजय सिंह अब इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट के दरवाज़े पर पहुंच गए, तो शिवराज भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने भी हाईकोर्ट में सीबीआई जांच की अर्ज़ी लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने भी विरोध नहीं किया। इससे हालात अब उल्टे हो गए हैं।
व्यापमं की जांच जब तक मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई एसटीएफ़ के हवाले थी, शिवराज पर लीपापोती के आरोप को लेकर नैतिक दबाव था। लगातार हो रही संदेहास्पद मौतों ने उनके लिए और राजनीतिक मुश्किलें खड़ी कर दी थी। अब दिग्विजय भी सीधे तौर पर उनसे इस्तीफा नहीं मांग रहे। टिप्पणियां
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह से जब एनडीटीवी इंडिया ने पूछा कि अब भी क्या आप कठोर शब्दों में शिवराज सिंह चौहान से इस्तीफ़ा मांग रहे हैं? दिग्विजय ने जवाब दिया, कांग्रेस मांग रही है, तो मैं भी पार्टी के साथ खड़ा हूं।
अब सारा दारोमदार सीबीआई पर है कि वो व्यापमं की कितनी गहराई में जाकर कितनी बड़ी मछलियों तक पहुंच पाती है या फिर ऊपर-ऊपर पानी मार कर निकल जाती है। सीबीआई जांच में जो निकल कर आएगा और जब भी निकल कर आएगा तब आएगा, लेकिन ये तो तय है कि फ़िलहाल शिवराज का सीएम पद नहीं जाएगा।
ख़ुद को पाक साफ़ बताने वाले शिवराज सिंह सीबीआई जांच में अगर बिना दाग के निकलते हैं, तो कांग्रेस के पास कुछ बोलने को नहीं रहेगा। फिर वो ये कर सकती है कि सीबीआई पर पक्षपात के बहाने वह मोदी सरकार को निशाने पर ले।
शिवराज पर इस्तीफ़े का जो दबाव बना था, मामला सीबीआई को सौंपे जाने के बाद से वह अब ख़त्म हो गया है। क्योंकि अगर अब कांग्रेस इस्तीफा मांगती है, तो शिवराज कहेंगे कि सीबीआई जांच चल रही है, मैं क्यों दूं इस्तीफा!
शिवराज सिंह सालों से सीबीआई जांच की मांग को ठुकराते आ रहे थे, लेकिन दिग्विजय सिंह अब इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट के दरवाज़े पर पहुंच गए, तो शिवराज भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने भी हाईकोर्ट में सीबीआई जांच की अर्ज़ी लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने भी विरोध नहीं किया। इससे हालात अब उल्टे हो गए हैं।
व्यापमं की जांच जब तक मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई एसटीएफ़ के हवाले थी, शिवराज पर लीपापोती के आरोप को लेकर नैतिक दबाव था। लगातार हो रही संदेहास्पद मौतों ने उनके लिए और राजनीतिक मुश्किलें खड़ी कर दी थी। अब दिग्विजय भी सीधे तौर पर उनसे इस्तीफा नहीं मांग रहे। टिप्पणियां
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह से जब एनडीटीवी इंडिया ने पूछा कि अब भी क्या आप कठोर शब्दों में शिवराज सिंह चौहान से इस्तीफ़ा मांग रहे हैं? दिग्विजय ने जवाब दिया, कांग्रेस मांग रही है, तो मैं भी पार्टी के साथ खड़ा हूं।
अब सारा दारोमदार सीबीआई पर है कि वो व्यापमं की कितनी गहराई में जाकर कितनी बड़ी मछलियों तक पहुंच पाती है या फिर ऊपर-ऊपर पानी मार कर निकल जाती है। सीबीआई जांच में जो निकल कर आएगा और जब भी निकल कर आएगा तब आएगा, लेकिन ये तो तय है कि फ़िलहाल शिवराज का सीएम पद नहीं जाएगा।
ख़ुद को पाक साफ़ बताने वाले शिवराज सिंह सीबीआई जांच में अगर बिना दाग के निकलते हैं, तो कांग्रेस के पास कुछ बोलने को नहीं रहेगा। फिर वो ये कर सकती है कि सीबीआई पर पक्षपात के बहाने वह मोदी सरकार को निशाने पर ले।
व्यापमं की जांच जब तक मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई एसटीएफ़ के हवाले थी, शिवराज पर लीपापोती के आरोप को लेकर नैतिक दबाव था। लगातार हो रही संदेहास्पद मौतों ने उनके लिए और राजनीतिक मुश्किलें खड़ी कर दी थी। अब दिग्विजय भी सीधे तौर पर उनसे इस्तीफा नहीं मांग रहे। टिप्पणियां
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह से जब एनडीटीवी इंडिया ने पूछा कि अब भी क्या आप कठोर शब्दों में शिवराज सिंह चौहान से इस्तीफ़ा मांग रहे हैं? दिग्विजय ने जवाब दिया, कांग्रेस मांग रही है, तो मैं भी पार्टी के साथ खड़ा हूं।
अब सारा दारोमदार सीबीआई पर है कि वो व्यापमं की कितनी गहराई में जाकर कितनी बड़ी मछलियों तक पहुंच पाती है या फिर ऊपर-ऊपर पानी मार कर निकल जाती है। सीबीआई जांच में जो निकल कर आएगा और जब भी निकल कर आएगा तब आएगा, लेकिन ये तो तय है कि फ़िलहाल शिवराज का सीएम पद नहीं जाएगा।
ख़ुद को पाक साफ़ बताने वाले शिवराज सिंह सीबीआई जांच में अगर बिना दाग के निकलते हैं, तो कांग्रेस के पास कुछ बोलने को नहीं रहेगा। फिर वो ये कर सकती है कि सीबीआई पर पक्षपात के बहाने वह मोदी सरकार को निशाने पर ले।
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह से जब एनडीटीवी इंडिया ने पूछा कि अब भी क्या आप कठोर शब्दों में शिवराज सिंह चौहान से इस्तीफ़ा मांग रहे हैं? दिग्विजय ने जवाब दिया, कांग्रेस मांग रही है, तो मैं भी पार्टी के साथ खड़ा हूं।
अब सारा दारोमदार सीबीआई पर है कि वो व्यापमं की कितनी गहराई में जाकर कितनी बड़ी मछलियों तक पहुंच पाती है या फिर ऊपर-ऊपर पानी मार कर निकल जाती है। सीबीआई जांच में जो निकल कर आएगा और जब भी निकल कर आएगा तब आएगा, लेकिन ये तो तय है कि फ़िलहाल शिवराज का सीएम पद नहीं जाएगा।
ख़ुद को पाक साफ़ बताने वाले शिवराज सिंह सीबीआई जांच में अगर बिना दाग के निकलते हैं, तो कांग्रेस के पास कुछ बोलने को नहीं रहेगा। फिर वो ये कर सकती है कि सीबीआई पर पक्षपात के बहाने वह मोदी सरकार को निशाने पर ले।
ख़ुद को पाक साफ़ बताने वाले शिवराज सिंह सीबीआई जांच में अगर बिना दाग के निकलते हैं, तो कांग्रेस के पास कुछ बोलने को नहीं रहेगा। फिर वो ये कर सकती है कि सीबीआई पर पक्षपात के बहाने वह मोदी सरकार को निशाने पर ले। |
गैंग रेप की घटना पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस अल्तमस कबीर ने कहा है कि ये लड़की की आत्मा के खिलाफ अपराध है.
साकेत कोर्ट में फास्ट ट्रैक कोर्ट का उद्घाटन करते हुए जस्टिस कबीर ने कहा कि जब तक कोई बड़ी घटना नहीं होती कानून का पालन नहीं किया जाता. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने काले शीशे हटाने का आदेश दिया था, अगर शीशे हटाए जाते तो शायद ये घटना नहीं घटती.
पीड़ित लड़की के नाम से कानून बनाने की मांग
उधर पीड़ित लड़की के नाम से कानून बनाए जाने की सिफारिश कर शशि थरूर ने एक नई बहस को हवा दे दी है. कांग्रेस पार्टी ने इस बारे में कुछ भी ठोस कहने के बदले शशि थरूर को झिड़क दिया है. बीजेपी ने य़ू टर्न ले लिया है और कानून कहता है कि बलात्कार पीड़ित का नाम सार्वजनिक नहीं किया जा सकता.
गृह मंत्रालय के सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक भारतीय दंड विधान में ऐसे कोई प्रावधान नहीं है कि किसी व्यक्ति विशेष के नाम से कानून बने. हालांकि सामाजिक कार्यकर्ता और दूसरे लोग पैरवी कर रहे हैं कि पीड़ित लड़की के सम्मान के लिए ऐसा किया जाना चाहिए. |
लेख: अर्जेंटीना में दुर्घटनाग्रस्त पाइपर अपाचे विमान का मलबा एक दशक बाद चार शवों के साथ अर्जेंटीना में मिल गया है। अर्जेंटीना की राष्ट्रीय समाचार एजेंसी डीन ने इसकी जानकारी दी है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, इस विमान में सवार सभी चार लोग पायलट थे। जिनमें पैन अमेरिकन अर्जेंटीना ऑयल कॉरपोरेशन के मुख्य इंजीनियर मिगुएल सांचेज नवारो और दो अन्य इंजीनियर शामिल थे।
यह विमान 19 अक्टूबर, 1964 को चुबुत प्रांत के दक्षिणी क्षेत्र की कोल्हुई ह्वापि झील में दुर्घटनाग्रस्त होकर गहराई में गिर गया था। इस विमान की वर्ष 1964 से 1980 के बीच काफी खोज की गई, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। इस मलबे की जानकारी सोमवार को हुई, जब एक स्थानीय व्यक्ति ने एक विमान के पंख को जमीन पर पड़ा देखा। विमान का बाकी का हिस्सा जमीन में दफन था। जांचकर्ताओं का कहना है कि झील के सूखने के कारण यह मलबा मिल सका है।
यह विमान 19 अक्टूबर, 1964 को चुबुत प्रांत के दक्षिणी क्षेत्र की कोल्हुई ह्वापि झील में दुर्घटनाग्रस्त होकर गहराई में गिर गया था। इस विमान की वर्ष 1964 से 1980 के बीच काफी खोज की गई, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। इस मलबे की जानकारी सोमवार को हुई, जब एक स्थानीय व्यक्ति ने एक विमान के पंख को जमीन पर पड़ा देखा। विमान का बाकी का हिस्सा जमीन में दफन था। जांचकर्ताओं का कहना है कि झील के सूखने के कारण यह मलबा मिल सका है। |
अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों में आई दरार से चीन को मौक मिल गया है और वह इसको भुनाने की फिराक में है. अमेरिका द्वारा 1.15 अरब डॉलर की सुरक्षा मदद और सैन्य उपकरणों की आपूर्ति रोकने जाने से पाकिस्तान तिलमिलाया हुआ है. उसको अब कुछ समझ में नहीं आ रहा है और वह अमेरिका की इस कार्रवाई का आरोप भारत पर मढ़ रहा है.
गुरुवार को
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ
ने कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत की भाषा बोल रहे हैं. वहीं, ट्रंप की लताड़ के बाद पाकिस्तान के पक्ष में बयान जारी कर चीन ने हमदर्दी दिखाई थी. उसकी इस हमदर्दी के पीछे अपना खुद का बड़ा स्वार्थ छिपा है.
इसे भी पढ़िएः US का PAK को दूसरा बड़ा झटका, 2 अरब डॉलर की मदद और हथियारों की आपूर्ति रोकी
पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह में निवेश करने के बाद अब चीन की निगाह जिवानी द्वीप पर है. वह यहां अपना सैन्य ठिकाना बनाने की फिराक में है. सामरिक नजरिए से बेहद अहम जिवानी द्वीप पाकिस्तान के ग्वादर जिले में आता है.
चाबहार बंदरगाह के करीब है जिवानी द्वीप
जिवानी द्वीप ईरान सीमा से सटा हुआ है. इससे अहम बात यह है कि यह भारत द्वारा विकसित चाबहार बंदरगाह से बेहद करीब है. ऐसे में चीन की इस चाल से भारत की भी चिंता बढ़ सकती है. अगर चीन जिवानी द्वीप में अपना सैन्य ठिकाना बनाने में कामयाब होता है, तो पाकिस्तान में यह उसका दूसरा सैन्य ठिकाना होगा. भारत के चाबहार बंदरगाह के जवाब में चीन जिवानी द्वीप में सैन्य ठिकाना बनाना चाहता है.
चीन के और करीब आएगा पाकिस्तान
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया है कि अमेरिका ने भारत के साथ संबंध मजबूत करने के इरादे से पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की है. इससे पाकिस्तान और चीन के बीच सैन्य व कारोबारी संबंध और मजबूत होंगे. चीनी अखबार ने कहा कि पाकिस्तान और चीन के बीच पहले से ही अच्छे रिश्ते हैं, लेकिन ट्रंप प्रशासन द्वारा मदद रोकने से दोनों देशों के बीच संबंध और प्रगाढ़ होंगे. इससे दोनों देशों के बीच सैन्य नजदीकियां भी बढ़ेंगी.
PAK को चीन वो नहीं दे सकता, जो हम देते हैं: US
वहीं, चीन और पाकिस्तान के करीब आने की अटकलों के बीच अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ''मेरा मानना है कि वे (पाकिस्तान) दोनों देशों के साथ मजबूत संबंध बनाना चाहते हैं, लेकिन यह जरुरी नहीं कि जो अमेरिका से मिलेगा, वहीं उन्हें चीन से मिलेगा. इस बात से पाकिस्तान भी भलीभांति वाकिफ है.''
उन्होंने कहा, ''हमारे पास यह क्षमता नहीं है कि हम बैंकों और कंपनियों को पाकिस्तान में 55 अरब डॉलर निवेश करने के निर्देश दें, लेकिन साथ ही चीन के पास भी यह क्षमता नहीं है कि वह दुनिया को सर्वोच्च गुणवत्ता के सैन्य उपकरण मुहैया कराए.''
अमेरिकी अखबार पहले ही कर चुका है चीन के मंसूबे का खुलासा
जिवानी द्वीप पर सैन्य ठिकाना बनानेे के चीन के मंसूबे का एक अमेरिकी अखबार पहले ही खुलासा कर चुका है. हाल ही में
अमेरिकी
अखबार वॉशिंगटन टाइम्स ने दावा किया था कि ग्वादर बंदरगाह के पास चीन अपना सैन्य ठिकाना बनाना चाहता है और इसके लिए पाकिस्तान से बातचीत भी कर रहा है. हालांकि बाद में चीन ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था.
आतंकवाद को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ने लगाई थी लताड़
नववर्ष पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई थी. उन्होंने ट्वीट किया था, ''पिछले 15 वर्षों में अमेरिका ने मूर्खतापूर्वक पाकिस्तान को 33 अरब डॉलर से ज्यादा की आर्थिक मदद दी, लेकिन पाकिस्तान ने इसके जवाब में झूठ और धोखा के सिवाय कुछ नहीं दिया. वह हमारे नेताओं को मूर्ख समझता है. उसने उन आतंकियों को सुरक्षित पनाह दिया, जिनके खिलाफ अफगानिस्तान में हम अभियान चला रहे हैं. अब ऐसा नहीं होगा.''
The United States has foolishly given Pakistan more than 33 billion dollars in aid over the last 15 years, and they have given us nothing but lies & deceit, thinking of our leaders as fools. They give safe haven to the terrorists we hunt in Afghanistan, with little help. No more!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump)
January 1, 2018
ट्रंप की इस लताड़ के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान को सुरक्षा सहायता के तौर पर 1.15 अरब डॉलर से अधिक धन और सैन्य उपकरणों की आपूर्ति पर रोक भी लगा दी. अमेरिका का कहना है कि तालिबान और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करने में पाकिस्तान विफल रहा. वह अपनी सरजमीं से आतंकियों के पनाहगाह को भी नेस्तनाबूद करने में नाकाम रहा. |
हरियाणा के जींद में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भूना की बंसल कालोनी में 25 हजार रुपये लेकर गर्भपात करते हुए एक एएनएम को पकड़ा है. आरोपी से 25 हजार रुपये भी बरामद कर लिए गए हैं. पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
जानकारी के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग को सूचना मिली थी कि एक महिला गर्भपात करती है. टीम ने अपना एक ग्राहक तैयार किया जिसने संबंधित बिचौलिये से संपर्क साधा. इसके बाद गर्भवती महिला पटियाला चौक पहुंची. उसे बताया गया कि वह उचाना आ जाए.
वह महिला फिर पटियाला चौक से उचाना पहुंची, लेकिन काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी कोई रिस्पांस नहीं मिला. शाम छह बजे उसे उचाना से उकलाना के लिए बुलाया गया. उकलाना में उसे बताया गया कि यहां भी उसका काम नहीं होगा और उसे भूना आना होगा.
इसके बाद महिला भूना पहुंची, जहां उसे बंसल कालोनी में रहने वाली आरसीएच के तहत लगी एएनएम बबीता पूनिया से मिलवाया गया. 25 हजार रुपये में सौदा तय हुआ. इसके बाद गर्भवती
महिला
को अंदर ले जाया गया और उसे इंजेक्शन दे दिया गया.
इस दौरान महिला ने उसके पीछे आ रही टीम को अंदर आने का संकेत दिया. सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग और
पुलिस
की टीम ने अंदर जाकर छापा मारा, जहां टीम ने एएनएम बबीता पूनिया को गर्भपात करते हुए पकड़ लिया. गर्भपात में प्रयोग होने वाले उपकरण भी बरामद हुए हैं. |
यह एक लेख है: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा, "21वीं शताब्दी में वह (नरेंद्र मोदी) प्रधानमंत्री बन पाएं, ऐसा कतई मुमकिन नहीं है... लेकिन यदि वह यहां (कांग्रेस अधिवेशन में) आकर चाय बेचना चाहें तो हम उनके लिए जगह बना सकते हैं..." इस बयान पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के सहयोगी दल नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता तथा जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, "भले ही (नरेंद्र) मोदी के कई नकारात्मक पहलू हों, लेकिन उनकी साधारण पृष्ठभूमि ऐसा सकारात्मक पहलू है, जिसका दावा हममें से कई लोग नहीं कर सकते... इस तरह उनका (नरेंद्र मोदी का) मज़ाक बनाकर हम अपने प्रचार अभियान को कोई लाभ नहीं पहुंचा रहे हैं..."
दरअसल, मणिशंकर अय्यर ने यह टिप्पणी नई के दिल्ली तालकटोरा स्टेडियम में की थी, जहां शुक्रवार को कांग्रेस के लगभग 3,000 नेता और कार्यकर्ता अधिवेशन में शामिल हो रहे हैं। इस अधिवेशन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू राहुल गांधी को पार्टी का प्रधानमंत्री पद का दावेदार घोषित करना माना जा रहा था, लेकिन गुरुवार को ही पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस घोषणा के लिए साफ इनकार कर दिया, जिसके बाद भाजपा ने कहा कि यह हार के डर से लिया गया फैसला है।
उल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी अपनी गरीब पृष्ठभूमि का ज़िक्र बार-बार अपने संबोधनों में करते रहे हैं, कि उन्होंने कैसे एक चाय बेचने वाले लड़के से लेकर गुजरात के मुख्यमंत्री पद तक का सफर तय किया, और वह हमेशा इस सफर का श्रेय भारतीय जनता पार्टी को देते हैं। भाजपा प्रवक्ता राजूव प्रताप रूडी ने मणिशंकर अय्यर के बयान को खारिज करते हुए कहा, "मणिशंकर अय्यर की ओर से इससे बेहतर किसी बयान की कल्पना भी नहीं की जा सकती..."
वैसे, भाजपा ने भी कांग्रेस की खिल्ली उड़ाने के अंदाज़ में कहा था कि पार्टी ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी इसीलिए घोषित नहीं किया, क्योंकि वह राहुल का नरेंद्र मोदी से सीधा मुकाबला नहीं चाहते, क्योंकि वे जानते हैं कि राहुल हार जाएंगे। |
उत्तर प्रदेश सरकार ने माध्यमिक शिक्षा परिषद् की हाई स्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में टॉप स्थान हासिल करने वाले छात्रों के नाम सड़कों के नाम रखने जा रही है. सरकार ने यह फैसला इसलिए किया गया है, जिससे कि जन-सामान्य और अन्य विद्यार्थियों को मेधावी छात्रों से प्रेरणा मिले.
भाषा के अनुसार इस फैसले की जानकारी देते हुए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य की हाई स्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में उच्च स्थान पाने वाले मेधावियों के गांव को चिह्नित कर कार्य-योजना बना ली है. उन्होंने बताया कि अब तक हाई स्कूल के 10 तथा इण्टरमीडिएट के कुल 14 विद्यार्थियों को चिह्नित कर उनके गांव के सम्पर्क मार्गों के निर्माण हेतु शासन ने स्वीकृति दे दी है.
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उप मुख्यमंत्री ने बताया कि इंटरमीडिएट के मेधावी छात्रों में जनपद कानपुर देहात के ग्राम भवनपुर से भावना, कानपुर के यशोदा नगर से शताक्षी मिश्रा, बारहवीं वाहिनी गाजीपुर से विजयलक्ष्मी, थनैत सीतापुर से अनुराग वर्मा, छोटा धुसाय बलरामपुर से शिवम मोदनवाल, जखेला हमीरपुर से सपना, इचैली कौशाम्बी से अनुराधा पाण्डेय, रूकनापुर हरदोई से यशवीर सिंह और लोहटा बलिया से सुधा कुमारी गुप्ता और जनपद फतेहपुर के ग्राम हरिहर गंज से प्रियांशी, कृष्णा कालोनी से सोनम सिंह, ग्राम भिखारीपुर से प्रियंका द्विवेदी, ग्राम शामियाना से दर्शिका सिंह और ग्राम रघुवंशपुर से आकांक्षा सिंह का चयन किया गया है.
उन्होंने बताया कि हाई स्कूल परीक्षा में उच्च स्तरीय प्रदर्शन करने वाले छात्रों में जनपद हरदोई के बरहुआ से रवि पटेल, ग्राम मुनव्वरपुर से क्षितिज, बाजपुर नकटौरा से नवीन कुमार दिवाकर, जनपद बाराबंकी के ग्राम टांड़पुरवा से प्रियांशु वर्मा, हज्जाजी मोहल्ला से अमीना खातून, नीदनपुर से प्रगति सिंह और जनपद गोंडा के ग्राम दत्त नगर से निशा यादव, जनपद फतेहपुर के ग्राम अमरौली से तेजस्वनी देवी, देवमयी से प्रिया अवस्थी व ग्राम बैजानी से ऊषा देवी का चयन किया गया है.
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मौर्य ने कहा कि इन सभी मेधावियों के गांव के सम्पर्क मार्ग शीर्ष प्राथमिकता से बनाये जाने के निर्देश दे दिए गए हैं. यह प्रक्रिया लगातार चलती रहेगी. उन्होंने समाज के सभी वर्गों से अपील की है कि देश और प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में नाम रोशन करने वाली हस्तियों के नाम उनके पूरे परिचय के साथ प्रस्तुत करें, ताकि प्रदेश सरकार उनकी गावों की सड़कों का कायाकल्प कर उसे विकास की मुख्यधारा से जोड़ सके. |
निहारी () पाकिस्तान, भारत और बांग्लादेशी पकवान है। इसे समान्यतः कम पकाये हुए भैंसे, मेमने अथवा बकरी के मास के सहित इनके मस्तिष्क या अस्थि मज्जा साथ परोसा जाता है।
== यह पकवान मुख्यतः सुबह के समय खाया जाता है।
सुबह के नाश्ते पे खाने जानेवाला व्यंजन उत्तर भारतीय भाषाओं में निहारी कहते है।
इतिहास
कुछ स्रोतों के अनुसार: निहारी का उत्पत्ति मुग़ल साम्राज्य के पतन के समय अट्ठारवीं सदी के दौरान पुरानी दिल्ली (जामा मस्जिद एवं दरियागंज इलाकों में) हुआ। मुसलमान नवाब शुबह जल्दी उठकर निहारी का सेवन करते थे और बाद में लम्बे समय तक विराम करने के पश्चात दोपहर की नमाज पढ़ने जाते थे। उसके बाद यह मजदूर लोगों में भी प्रचलन में आ गयी और नाश्ते के रूप में प्रसिद्ध भोजन बना।
अन्य वैकल्पिक कथाओं के अनुसार यह वर्तमान उत्तर प्रदेश के लखनऊ की शाही रसोइयों से होते हुए प्रसिद्धि हासिल करने के बाद मुस्लिम नवाबों की रसोई में पहुँचा।
निहारी दक्षिण एशियाई मुसलमानों के समग्र भोजन के साथ विकसित हुआ। यह बांग्ला देश के कुछ भागो, मुख्यतः ढाका चिटगाँव में पुराने समाय से लोकप्रिय है। लोग एक पूरी रात के लिए इसे पकाते थे और सुबह सूर्योदय के समय इसका भोजन किया करते थे। यह पाकिस्तान में राष्ट्रीय व्यंजन के रूप में प्रसिद्ध खाद्य है। भोजन परोसते समय इसे थाली में चरपराहट और स्वाद के लिए रखा जाता है। यह भोजन में मूल रूप से चरपराहट और बनावट पर असंख्य विविधताएँ लाने में सहायक है।
दवा के रूप में
निहारी का उपयोग जुकाम, नासास्त्राव और बुखार के समय घरेलू उपचार की तरह किया जाता है। पुरानी मनगढ़ंत कथाओं के अनुसार सैकड़ों वर्ष पूर्व दिल्ली में हाकिमों द्वारा इसे दवा के रूप में दिया जाता था।
सर्वमान्यता
निहारी मुख्यतः दिल्ली के मुस्लिमों का व्यंजन था जो पाकिस्तान की स्वतंत्रता के पश्चात बहुत से रसोइये कराची सहित कुछ पूर्वी भागों (जो अब बांग्लादेश में हैं) में विस्थापित हो गये और भोजनालय स्थापित कर लिए। कराची में, निहारी ने पुरी तरह से सफलता प्राप्त की और शीघ्र ही पुरे पाकिस्तान में लोकप्रिय हो गया।
विविधता
निहारी का हैदराबादी रूप में गोस्त अस्थि और जीभ को साथ में परोसा जाता है। निहारी के अन्य रूपों में कई ब्राण्ड कम्पनियों द्वारा शिघ्र पकने वाले मसाला व्यंजनों के प्रसार के कारण लोकप्रिय व्यंजन है।
लखनऊ में निहारी को बहुपरती कुल्चा के रूप में परोसा जाता है। यह गोल दरवाजा, चौक क्षेत्र के निकट की टुण्डे कबाब की दुकानों पर उपलब्द्ध है।
नल्ली निहारी इसका ही एक और रूपांतरण है जो मज्जा अस्ति के साथ बनाया जाता है।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
निहारी व्यंजन
हाजी नूरा की निहारी
निहारी व्यंजन बनाने के लिए विडियो
पाया निहारी व्यंजन - हैदराबाद प्लैनेट डॉट कॉम
खानापकाना डॉट कॉम पर निहारी व्यंजन
पाकिस्तानी सूप और मुरब्बा
पाकिस्तानी मांस व्यंजन
मुहाजिर व्यंजन
हैदराबादी खाना
मुग़ल व्यंजन
लाहौर व्यंजन
दक्षिण एशियाई व्यंजन |
अगर आप 12वीं के बाद किसी अच्छे इंजीनियरिंग
कॉलेज
में एडमिशन लेना चाहते हैं तो आपको एंट्रेंस एग्जाम क्वालिफाई करना होगा. इंजीनियरिंग के लिए कई एंट्रेंस एग्जाम होते हैं. यहां पर हम आपको इंजीनियरिंग से संबंधित
टॉप
एंट्रेंस एग्जाम के बारे में जानकारी दे रहे हैं:
1. ज्वॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE):
यह एंट्रेंस एग्जाम स्टूडेंट्स की पहली पसंद है. हर साल 15 लाख से ज्यादा स्टूडेंट इस एग्जाम के लिए एप्लाई करते हैं. देश के सबसे बड़े इंजीनियरिंग संस्थानों IIT और NIIT में एडमिशन लेने के लिए JEE क्रैक करना जरूरी है. JEE एग्जाम दो चरणों में होता है:
(1)
JEE MAIN
(2)
JEE एडवांस. जो स्टूडेंट JEE MAIN क्लियर करते हैं उन्हें ही JEE एडवांस में बैठने का मौका मिलता है.
2. VITEEE
(वेल्लूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) :
ये एंट्रेंस एग्जाम VIT के इंजीनियरिंग कोर्सेज में एडमिशन के लिए होता है.
3. BITSAT:
यह कंप्यूटर बेस्ड ऑनलाइन टेस्ट है. इस एग्जाम को क्वालिफाई करने वाले स्टूडेंट्स को BITS पिलानी के गोवा, पिलानी और हैदराबाद कैंपस में चलने वाले इंटीग्रेटेड डिग्री प्रोग्राम में एडमिशन मिलता है. 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स में कम से कम 75 फीसदी अंक लाने वाले स्टूडेंट्स ही इस एंट्रेंस एग्जाम में बैठ सकते हैं.
4. WBJEE
(वेस्ट बंगाल ज्वॉइंट एंट्रेंस एग्जाम): इस एंग्जाम को वेस्ट बंगाल एग्जामिनेशन बोर्ड कंडक्ट करता है. WBJEE में बैठने के लिए
12वीं
(फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स) में कम से कम 60 फीसदी अंक होने चाहिए.
5. MHCET
(महाराष्ट्र कॉमन एंट्रेंस टेस्ट): महाराष्ट्र के विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए MHCET क्वालिफाई करना जरूरी है. 12वीं (फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स) में कम से कम 50 फीसदी अंक लाने वाले स्टूडेंट ही इस एंट्रेंस एग्जाम के लिए एप्लाई कर सकते हैं.
6. EAMCET (इंजीनियरिंग एग्रीकल्चर एंड मेडिकल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट):
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के कुछ इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए EAMCET एंट्रेंस एग्जाम क्वालिफाई करना जरूरी है. इस एग्जाम को जवाहरलाल नेहरू टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी हैदराबाद (JNTUH) कंडक्ट करती है.
7. KCET (कर्नाटक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट):
कर्नाटक यूनिवर्सिटी उन उम्मीदवारों के लिए इस एग्जाम को कंडक्ट करती है जो मेडिकल, इंजीनियरिंग और डेंटल से जुड़े अंडरग्रेजुएट डिग्री कोर्सेज़ में एडमिशन लेना चाहते हैं.
8. KIITEE (कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी एंट्रेंस एग्जामिनेशन):
ओडिशा की राजाधानी भुवनेश्वर स्थित कलिंगा यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग कोर्सेज में एडमिशन के लिए KIITEE एग्जाम क्वालिफाई करना अनिवार्य है. 12वीं (फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स) में कम से कम 60 फीसदी अंक लाने वाले स्टूडेंट ही इस एंट्रेंस एग्जाम में बैठ सकते हैं. |
संसद का मॉनसून सत्र आरंभ हो गया है। अपने भाषण में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विपक्ष से सहयोग की अपील की है। पीएम ने विपक्ष से कहा कि कई अहम मुद्दे फिलहाल कोर्ट में लंबित हैं और कोर्ट को अपना काम करने देना चाहिए। पीएम ने अन्ना हजारे के अनशन पर जाने की धमकी पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कानून संसद में बनते हैं और किसी भी प्रकार का दबाव सही नहीं है।संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद लोकसभा की कार्यवाही को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। दूसरी ओर, राज्यसभा की कार्यवाही को भी मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। राज्य सभा में विपक्ष ने सत्र के आरंभ होते ही अध्यक्ष से प्रश्नकाल स्थगित कर 2जी पर बहस और वोटिंग कराने की मांग कर जोरदार हंगामा किया। सरकार की ओर से कहा गया कि बिना किसी का नाम लिए वह इस मुद्दे पर बहस को तैयार है। किंतु विपक्ष का सीधे प्रधानमंत्री और यूपीए अध्यक्षा सोनिया गांधी का पर आरोप लगाने के बाद बात नहीं बन पाई और कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। आज से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में काफी हंगामा होने के आसार व्यक्त किए जा रहे थे। भ्रष्टाचार के मुद्दों पर सरकार को घेरने के संबंध में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पहले ही कह दिया था कि उन्हें किसी बात का खौफ नहीं है, क्योंकि विपक्ष के बहुत से शर्मिन्दा करने वाले राज़ हैं। उधर, विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि प्रधानमंत्री के तरकश में जितने तीर हैं, चला कर देख लें और यह देखा जाएगा कि कौन किस पर वार करता है। प्रधानमंत्री और विपक्ष की नेता ने एक दूसरे को ललकारने वाली ये बातें उस सर्वदलीय बैठक के बाद कहीं जिसे लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने संसद को सुचारू रूप से चलाने के बारे में चर्चा के लिए बुलाया था। |
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) मेडिकल कॉलेज में रैगिंग की घटनाओं से दो-चार होने वाले छात्रों के लिए नई एंटी रैगिंग हेल्पलाइन जारी करेगा.
इसके अतिरिक्त रात के समय
छात्रावास परिसर
में निगरानी रखने के लिए चार टीमों का गठन किया जाएगा और प्रत्येक टीम में चार सदस्य होंगे.
एम्स के निदेशक एम.सी. मिश्र ने कहा, "कॉलेज और छात्रावास में हो रही रैगिंग की वारदातों को ध्यान में रखते हुए
चौबीस घंटे चलने वाली हेल्पलाइन
बनाए जाने का फैसला किया गया है. हेल्पलाइन प्रशासन को रैगिंग के मामलों से जुड़ी जानकारी देगा , ऐसा किए जाने से दोषी छात्रों को पकड़ने में मदद मिलेगी."
यह फैसला एमबीबीएस और एमडी/एमएस का नया सत्र शुरू होने से पहले हुई समीक्षा बैठक के दौरान किया गया.
मिश्र ने यह भी कहा कि दिल्ली पुलिस से आग्रह किया गया है कि वह छात्रावास परिसर के बाहर दो पीसीआर (पुलिस नियंत्रण कक्ष) गाड़ियां तैनात रखे. एक पीसीआर लड़कों के छात्रावास के लिए, तो दूसरी लड़कियों के छात्रावास के लिए होगी.
उन्होंने कहा, "इन सभी इंतजामों के माध्यम से हम यह संदेश देना चाहते हैं कि रैंगिग के खिलाफ किसी भी प्रकार की सहनशीलता नहीं बरती जाएगी." कॉलेज परिसर में नई सार्वजनिक घोषणा प्रणाली भी स्थापित की जाएगी.
इसके अतिरिक्त एक नई संदेश प्रणाली भी शुरू की जाएगी, जिसके द्वारा अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के सभी छात्रों को सेमिनार, विचार विमर्श और व्याख्यान सहित महत्वपूर्ण विषयों पर याद दिलाने वाले संदेश भेजे जाएंगे. |
भारतीय स्टार खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत को दुबई सुपर सीरीज बैडमिंटन टूर्नामेंट में गुरुवार को लगातार दूसरी हार का सामना करना पड़ा है. उन्हें पुरुष एकल वर्ग के ग्रुप-बी के दूसरे मैच में चीनी ताइपे के चाउ टीन चेन ने मात दी. चाउ ने श्रीकांत को 21-18, 21-18 से मात दी. यह श्रीकांत की अपने ग्रुप में लगातार दूसरी हार है.
एजेंसी के मुताबिक इससे पहले उन्हें बुधवार को पहले मैच में डेनमार्क के विक्टर एक्सलसेन ने मात दी थी. 43 मिनट तक चले इस मैच में श्रीकांत पहले गेम में अपने विपक्षी के सामने नतमस्तक दिखे और लागतार पांच अंक गंवा बैठे.
इसके बाद उन्होंने एक अंक लिया. हालांकि फिर भी वह 8-16 से पीछे थे. अंत में उन्होंने अंक तो लिए लेकिन वह पहला गेम जीत नहीं पाए और 18-21 से हार गए.
दूसरे गेम में श्रीकांत ने शुरू से ही अपने विपक्षी को अच्छी टक्कर दी और उन पर हावी रहे. वह 7-4 से आगे थे. इस बढ़त को उन्होंने 14-12 कर लिया था, लेकिन यहां से चेन ने शानदार वापसी की और 18-18 से बराबरी करने के बाद दूसरा गेम भी 21-18 से जीत मैच अपने नाम कर लिया. तीसरे मैच में श्रीकांत का सामना शुक्रवार को चीन के शि युकी से होगा. |
इतिहास की किताबों में भले ही मन:स्थितियों को ज्यादा तवज्जो नहीं दी जाती हो लेकिन साहित्य इसे ही कसौटी पर कसता है. साहित्य की किताबों में मनुष्य के आचार विचार पर बेहद ध्यान दिया जाता है, फिर चाहे किताब किसी आम आदमी पर आधारित हो या ऐतिहासिक हस्ती पर. यही बात शाजी जमां के उपन्यास ’‘अकबर’’ को मुगल बादशाह पर लिखी गई बाकी किताबों से अलग करती है. इस किताब में लेखक ने अकबर से जुड़ी घटनाओं की पड़ताल उनकी मन:स्थितियों की रौशनी में की है.
शाजी जमां ने किताब के उद्घाटन के मौके पर इसकी विषयवस्तु, इसके किरदारों पर विस्तार से बात की. उन्होंने बताया कि यह किताब अकबर पर लिखी गई अन्य किताबों और उन पर बनी फिल्मों और धारावाहिकों से कैसे अलग है.
उन्होंने बताया कि इतिहास घटनाओं को दर्ज करता है, मन:स्थितियों को नहीं और ‘अकबर’ उपन्यास के माध्यम से उन्होंने बादशाह की मन:स्थितियों को उनकी जिंदगी में घटी घटनाओं को जोड़कर बताने की कोशिश की है.
शाजी जमां ने किताब में बयां की गई अकबर की मन:स्थिति का जिक्र कार्यक्रम में भी किया. इस मन:स्थिति को अकबर के दरबारियों ने हालत-ए-अजीब बताया था. इस हालत-ए-अजीब को समझने के लिए जमां ने ऑक्सफोर्ड के डॉक्टरों का सहारा लिया जिन्होंने बताया कि अकबर एक तरह से मानसिक विसंगति के शिकार थे.
अकबर की मानसिक हालत के अलावा इस किताब में अकबर के दिल में दबी ख्वाहिशों का भी जिक्र है. उन्होंने बताया कि अकबर इस बात का खास ध्यान रखते थे कि लोग उन्हें कैसे जानें. हर शासक की तरह अकबर भी अपनी खास छवि बनाना चाहते थे और इसके लिए वह उस दौर में बनाए जाने वाले चित्रों पर अपना नियंत्रण रखना चाहते थे. अकबर इन लघु चित्रों की हर बारिकी का अध्ययन गौर से करते थे.टिप्पणियां
लेखक ने किताब में अकबर द्वारा चलाए गए सुलह-ए-कुल और दीन-ए-इलाही पर भी प्रकाश डाला है. उन्होंने बताया कि अकबर का एक तरह से अपने समय में मौजूद धार्मिक पंडितों और उलेमाओं से टकराव हो गया था और बार-बार अकबर को यह विश्वास हो रहा था कि इस देश में धार्मिक सत्ता उनकी सत्ता से भी बड़ी है. उपन्यास की ऐतिहासिकता और प्रमाणिकता से जुड़े सवाल के जवाब में जमां ने बताया कि जो हिस्सा प्रमाणिक रूप से ऐतिहासिक है उसके साथ किताब में छेड़छाड़ नहीं की गई है.
इस किताब को लिखने के लिए जमां ने 20 वषरें तक शोध किया और दुनिया भर में अकबर के बारे में मौजूद चीजों का अध्ययन किया.
शाजी जमां ने किताब के उद्घाटन के मौके पर इसकी विषयवस्तु, इसके किरदारों पर विस्तार से बात की. उन्होंने बताया कि यह किताब अकबर पर लिखी गई अन्य किताबों और उन पर बनी फिल्मों और धारावाहिकों से कैसे अलग है.
उन्होंने बताया कि इतिहास घटनाओं को दर्ज करता है, मन:स्थितियों को नहीं और ‘अकबर’ उपन्यास के माध्यम से उन्होंने बादशाह की मन:स्थितियों को उनकी जिंदगी में घटी घटनाओं को जोड़कर बताने की कोशिश की है.
शाजी जमां ने किताब में बयां की गई अकबर की मन:स्थिति का जिक्र कार्यक्रम में भी किया. इस मन:स्थिति को अकबर के दरबारियों ने हालत-ए-अजीब बताया था. इस हालत-ए-अजीब को समझने के लिए जमां ने ऑक्सफोर्ड के डॉक्टरों का सहारा लिया जिन्होंने बताया कि अकबर एक तरह से मानसिक विसंगति के शिकार थे.
अकबर की मानसिक हालत के अलावा इस किताब में अकबर के दिल में दबी ख्वाहिशों का भी जिक्र है. उन्होंने बताया कि अकबर इस बात का खास ध्यान रखते थे कि लोग उन्हें कैसे जानें. हर शासक की तरह अकबर भी अपनी खास छवि बनाना चाहते थे और इसके लिए वह उस दौर में बनाए जाने वाले चित्रों पर अपना नियंत्रण रखना चाहते थे. अकबर इन लघु चित्रों की हर बारिकी का अध्ययन गौर से करते थे.टिप्पणियां
लेखक ने किताब में अकबर द्वारा चलाए गए सुलह-ए-कुल और दीन-ए-इलाही पर भी प्रकाश डाला है. उन्होंने बताया कि अकबर का एक तरह से अपने समय में मौजूद धार्मिक पंडितों और उलेमाओं से टकराव हो गया था और बार-बार अकबर को यह विश्वास हो रहा था कि इस देश में धार्मिक सत्ता उनकी सत्ता से भी बड़ी है. उपन्यास की ऐतिहासिकता और प्रमाणिकता से जुड़े सवाल के जवाब में जमां ने बताया कि जो हिस्सा प्रमाणिक रूप से ऐतिहासिक है उसके साथ किताब में छेड़छाड़ नहीं की गई है.
इस किताब को लिखने के लिए जमां ने 20 वषरें तक शोध किया और दुनिया भर में अकबर के बारे में मौजूद चीजों का अध्ययन किया.
उन्होंने बताया कि इतिहास घटनाओं को दर्ज करता है, मन:स्थितियों को नहीं और ‘अकबर’ उपन्यास के माध्यम से उन्होंने बादशाह की मन:स्थितियों को उनकी जिंदगी में घटी घटनाओं को जोड़कर बताने की कोशिश की है.
शाजी जमां ने किताब में बयां की गई अकबर की मन:स्थिति का जिक्र कार्यक्रम में भी किया. इस मन:स्थिति को अकबर के दरबारियों ने हालत-ए-अजीब बताया था. इस हालत-ए-अजीब को समझने के लिए जमां ने ऑक्सफोर्ड के डॉक्टरों का सहारा लिया जिन्होंने बताया कि अकबर एक तरह से मानसिक विसंगति के शिकार थे.
अकबर की मानसिक हालत के अलावा इस किताब में अकबर के दिल में दबी ख्वाहिशों का भी जिक्र है. उन्होंने बताया कि अकबर इस बात का खास ध्यान रखते थे कि लोग उन्हें कैसे जानें. हर शासक की तरह अकबर भी अपनी खास छवि बनाना चाहते थे और इसके लिए वह उस दौर में बनाए जाने वाले चित्रों पर अपना नियंत्रण रखना चाहते थे. अकबर इन लघु चित्रों की हर बारिकी का अध्ययन गौर से करते थे.टिप्पणियां
लेखक ने किताब में अकबर द्वारा चलाए गए सुलह-ए-कुल और दीन-ए-इलाही पर भी प्रकाश डाला है. उन्होंने बताया कि अकबर का एक तरह से अपने समय में मौजूद धार्मिक पंडितों और उलेमाओं से टकराव हो गया था और बार-बार अकबर को यह विश्वास हो रहा था कि इस देश में धार्मिक सत्ता उनकी सत्ता से भी बड़ी है. उपन्यास की ऐतिहासिकता और प्रमाणिकता से जुड़े सवाल के जवाब में जमां ने बताया कि जो हिस्सा प्रमाणिक रूप से ऐतिहासिक है उसके साथ किताब में छेड़छाड़ नहीं की गई है.
इस किताब को लिखने के लिए जमां ने 20 वषरें तक शोध किया और दुनिया भर में अकबर के बारे में मौजूद चीजों का अध्ययन किया.
शाजी जमां ने किताब में बयां की गई अकबर की मन:स्थिति का जिक्र कार्यक्रम में भी किया. इस मन:स्थिति को अकबर के दरबारियों ने हालत-ए-अजीब बताया था. इस हालत-ए-अजीब को समझने के लिए जमां ने ऑक्सफोर्ड के डॉक्टरों का सहारा लिया जिन्होंने बताया कि अकबर एक तरह से मानसिक विसंगति के शिकार थे.
अकबर की मानसिक हालत के अलावा इस किताब में अकबर के दिल में दबी ख्वाहिशों का भी जिक्र है. उन्होंने बताया कि अकबर इस बात का खास ध्यान रखते थे कि लोग उन्हें कैसे जानें. हर शासक की तरह अकबर भी अपनी खास छवि बनाना चाहते थे और इसके लिए वह उस दौर में बनाए जाने वाले चित्रों पर अपना नियंत्रण रखना चाहते थे. अकबर इन लघु चित्रों की हर बारिकी का अध्ययन गौर से करते थे.टिप्पणियां
लेखक ने किताब में अकबर द्वारा चलाए गए सुलह-ए-कुल और दीन-ए-इलाही पर भी प्रकाश डाला है. उन्होंने बताया कि अकबर का एक तरह से अपने समय में मौजूद धार्मिक पंडितों और उलेमाओं से टकराव हो गया था और बार-बार अकबर को यह विश्वास हो रहा था कि इस देश में धार्मिक सत्ता उनकी सत्ता से भी बड़ी है. उपन्यास की ऐतिहासिकता और प्रमाणिकता से जुड़े सवाल के जवाब में जमां ने बताया कि जो हिस्सा प्रमाणिक रूप से ऐतिहासिक है उसके साथ किताब में छेड़छाड़ नहीं की गई है.
इस किताब को लिखने के लिए जमां ने 20 वषरें तक शोध किया और दुनिया भर में अकबर के बारे में मौजूद चीजों का अध्ययन किया.
अकबर की मानसिक हालत के अलावा इस किताब में अकबर के दिल में दबी ख्वाहिशों का भी जिक्र है. उन्होंने बताया कि अकबर इस बात का खास ध्यान रखते थे कि लोग उन्हें कैसे जानें. हर शासक की तरह अकबर भी अपनी खास छवि बनाना चाहते थे और इसके लिए वह उस दौर में बनाए जाने वाले चित्रों पर अपना नियंत्रण रखना चाहते थे. अकबर इन लघु चित्रों की हर बारिकी का अध्ययन गौर से करते थे.टिप्पणियां
लेखक ने किताब में अकबर द्वारा चलाए गए सुलह-ए-कुल और दीन-ए-इलाही पर भी प्रकाश डाला है. उन्होंने बताया कि अकबर का एक तरह से अपने समय में मौजूद धार्मिक पंडितों और उलेमाओं से टकराव हो गया था और बार-बार अकबर को यह विश्वास हो रहा था कि इस देश में धार्मिक सत्ता उनकी सत्ता से भी बड़ी है. उपन्यास की ऐतिहासिकता और प्रमाणिकता से जुड़े सवाल के जवाब में जमां ने बताया कि जो हिस्सा प्रमाणिक रूप से ऐतिहासिक है उसके साथ किताब में छेड़छाड़ नहीं की गई है.
इस किताब को लिखने के लिए जमां ने 20 वषरें तक शोध किया और दुनिया भर में अकबर के बारे में मौजूद चीजों का अध्ययन किया.
लेखक ने किताब में अकबर द्वारा चलाए गए सुलह-ए-कुल और दीन-ए-इलाही पर भी प्रकाश डाला है. उन्होंने बताया कि अकबर का एक तरह से अपने समय में मौजूद धार्मिक पंडितों और उलेमाओं से टकराव हो गया था और बार-बार अकबर को यह विश्वास हो रहा था कि इस देश में धार्मिक सत्ता उनकी सत्ता से भी बड़ी है. उपन्यास की ऐतिहासिकता और प्रमाणिकता से जुड़े सवाल के जवाब में जमां ने बताया कि जो हिस्सा प्रमाणिक रूप से ऐतिहासिक है उसके साथ किताब में छेड़छाड़ नहीं की गई है.
इस किताब को लिखने के लिए जमां ने 20 वषरें तक शोध किया और दुनिया भर में अकबर के बारे में मौजूद चीजों का अध्ययन किया.
इस किताब को लिखने के लिए जमां ने 20 वषरें तक शोध किया और दुनिया भर में अकबर के बारे में मौजूद चीजों का अध्ययन किया. |
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की प्रशंसा करते हुए उन्हें 'माटी का सपूत' बताया और कहा कि राज्य ने विज्ञान एवं अन्य क्षेत्रों में बेहतरीन प्रतिभाएं दी हैं.
भारतीय विज्ञान कांग्रेस के उद्घाटन सत्र के दौरान अपने संबोधन में ममता ने कहा कि मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि बंगाल भारत में विज्ञान का मस्तिष्क है और राज्य के लोगों ने विज्ञान से लेकर साहित्य और कला से संगीत तक जीवन के हर क्षेत्र में योगदान दिया है. राष्ट्रपति मुखर्जी की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राष्ट्रपति भी माटी के सपूत हैं.
उन्होंने आगे कहा कि बंगाल ने भारत को सबसे ज्यादा नोबल पुरस्कार से सम्मानित होने वाले लोग दिए हैं और राज्य ने कई लोकप्रिय वैज्ञानिक दिए हैं.
केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार से नाता तोड़ने के बाद यह पहला मौका था जब ममता का सामना प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से हुआ.
पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव में ममता ने प्रणब मुखर्जी की उम्मीदवारी का पुरजोर विरोध किया था और उनके खिलाफ अन्य दलों को गोलबंद करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया था. |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: नरेंद्र मोदी सरकार ने 2016 में उज्ज्वला योजना (Ujjwala Yojana) शुरू की थी. इसका मक़सद ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब लोगों को चूल्हे से निजात दिलाना और गैस सिलेंडर मुहैया कराना था. प्रधानमंत्री मोदी ने ये योजना पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले से शुरू की थी. तीन साल बाद एनडीटीवी ने ज़मीनी हक़ीक़त का जायज़ा लिया और पाया कि गैस चूल्हा और सिलेंडर तो घरों में पहुंच चुका है, लेकिन खाना पकाने के पारंपरिक तौर-तरीक़े ही प्रचलित हैं. बलिया की गुड्डी देवी एक ईंट भट्ठा मज़दूर की पत्नी हैं और तीन बच्चों की मां हैं. 2016 में उन्हें प्रधानमंत्री की उज्ज्वला योजना (Ujjwala Yojana) के तहत गैस सिलिंडर मिला था. पूर्वी उत्तर प्रदेश के इस ज़िले में एक कार्यक्रम में उन्हें ये सिलिंडर सीधे प्रधानमंत्री के हाथों से मिला था.
लेकिन तीन साल बाद भी उज्ज्वला योजना (Ujjwala Scheme) का चेहरा बनीं जिग्नी ख़ास गांव की गुड्डी देवी हर सुबह कोयले और लकड़ी से अपना चूल्हा जलाती हैं. गुड्डी कहती हैं कि परिवार हर महीने सिलिंडर भराने का ख़र्च नहीं उठा सकता और पुराना चूल्हा जलाना सस्ता पड़ता है. जो गैस एजेंसी है, वो गढ़वार में गुड्डी के घर से तीन किलोमीटर दूर है. उसे 25 गांवों के एक हज़ार घरों में उज्ज्वला कनेक्शन की ज़िम्मेदारी मिली हुई है. इनमें गुड्डी देवी का कनेक्शन भी है. एजेंसी के कर्मचारी कहते हैं, पहले मुफ़्त गैस सिलिंडर के बाद, शायद ही कोई नियमित गैस सिलिंडर भरवाता हो. हर गांव में लगभग यही कहानी है. आउंदी में कलावंती कनौजिया और उनकी बहू पिंकी को दो साल पहले अलग-अलग सिलिंडर मिले. वो दोनों दो परिवार चलाती हैं. दोनों के पति ईंट भट्ठे में मज़दूर हैं. दोनों का कहना है कि वो इतना नहीं कमाते कि हर महीने सिलिंडर भरवा सकें. |
लखनऊ में बुधवार को राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा के नेता रईस खान ने सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के खिलाफ तहरीर देकर मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की. रईस खान ने हजरतगंज कोतवाली में पुलिस को ये तहरीर दी है और अयोध्या में कार सेवकों पर गोली चलवाने के बयान पर मुलायम के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
अयोध्या गोलीकांड पर दिया था बयान
बीते 27 अगस्त को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में एक कार्यक्रम में पहुंचे
मुलायम ने अयोध्या
में कार सेवकों पर गोली चलवाने को लेकर बयान दिया था. अपने इस बयान में मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि अगर उनको अयोध्या गोलीकांड में 16 के बजाय 30 कार सेवक भी मर जाते तब भी वो पीछे न हठते.
हजरतगंज कोतवाली में हुई शिकायत
अपने इस बयान को लेकर मुलायम मुश्किल में पड़ते दिखाई दे रहे हैं. मुलायम के इस बयान को लेकर कई संगठन गुस्से में है. बुधवार को राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा ने भी इस बयान पर कड़ा
विरोध
जताया और हजरतगंज कोतवाली में मुलायम सिह के खिलाफ लिखित शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है.
मुलायम के खिलाफ कार्रवाई की मांग
मोर्चा के नेता रईस खान का कहना है कि मुलायम के बयान पर साफ हो जाता है कि अयोध्या में राम मंदिर को लेकर उठे बवाल पर उस वक्त मुलायम के कहने पर
कारसेवकों
पर गोलियां चलाई गई थी, जिसमें कई लोगों की मौत हुई थी. लिहाजा इनके इस बयान को आधार बनाकर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
अमिताभ ठाकुर मामले में भी फंसे थे मुलायम
मुस्लिम मोर्चा की दी गई तहरीर को पुलिस ने ले तो लिया है. लेकिन ये बड़ा सवाल है क्या सपा सुप्रीमो मुलायम के खिलाफ लखनऊ पुलिस मुकदमा दर्ज कर कोई कार्रवाई करेगी भी या नहीं. इससे पहले भी मुलायम आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को फोन पर धमकी देने के मामले में भी विवादों में फंस चुके हैं. |
कांग्रेस ने रविवार को दिल्ली से अपना चुनावी शंखनाद फूंक दिया है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भाजपा की रामधुन पर जोरदार हमला किया.
सोनिया गांधी ने कहा कि राम नाम का बार-बार इस्तेमाल करने वाली बीजेपी आतंक से क्या टक्कर लेगी. अगले चुनाव में आतंक को मुख्य मुद्दा देखते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि उनके धैर्य को कमजोरी ना समझी जाए. कांग्रेस आतंक फैलाने की हर कोशिश का मुंहतोड़ जवाब देगा.
सोनिया गांधी ने नाम लिया इंदिरा गांधी का और कहा कि इंदिरा गांधी ही उनकी आदर्श हैं. सोनिया गांधी आज दिल्ली में ब्लॉक और जिला कांग्रेस अध्यक्षों के सम्मेलन में बोल रही थी. जाहिर है सोनिया के निशाने पर थी बीजेपी और मकसद था, बीजेपी की झोली से आतंक का मुद्दा छीन लेना.
कांग्रेस के ब्लाक अध्यक्षों और ज़िला अध्यक्षों के इस सम्मेलन के लिए पार्टी के नेताओं ने ज़बरदस्त होमवर्क किया है. सम्मेलन की शुरुआत सोनिया गांधी के भाषण से हुई. इस सम्मेलन में लोकसभा चुनाव की तैयारी और पार्टी संगठन के मुद्दों पर चर्चा हो रही है. अंदाज़ा है कि इस सम्मेलन में क़रीब 12 हज़ार प्रतिनिधि शिरकत हो रहें हैं.
कांग्रेस के युवराज राहुल भी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. पार्टी में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने की मुहिम काफ़ी समय से चल रही है, हालांकि ख़ुद सोनिया ये साफ़ कर चुकी हैं कि पीएम की कुर्सी संभालने के लिए फ़िलहाल मनमोहन ही सबसे बेहतर हैं. |
The lovebirds of #Dhadak... Janhvi and Ishaan... An adaptation of Marathi blockbuster #Sairat... Directed by Shashank Khaitan... 20 July 2018 release. pic.twitter.com/eRZ8SxVaNL
#6monthstoDHADAK#dhadak releasing 20th JULY 2018! Directed by @ShashankKhaitan and PRESENTING #janhvi and #Ishaan@DharmaMovies@[email protected]/ECM0IYFOUo
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने भारत और पाकिस्तान दोनों देशों से अपने मतभेदों का शांतिपूर्वक हल करने के लिए कहा है।
बान इस सप्ताह पाकिस्तान की यात्रा कर रहे हैं, जहां वह देश के स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेंगे और शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे।
संरा महासचिव के उप-प्रवक्ता एडुआडरे डेल बुएथे ने कहा, महासचिव दोनों ही पक्षों से इस विवाद का शांतिपूर्ण हल खोजने के लिए कह रहे हैं। एडुआडरे ने कहा कि इस्लामाबाद में महासचिव राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों से मिलेंगे। वह राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रमुख के साथ चर्चा भी करेंगे और राष्ट्रीय आपदा संकट में कमी लाने के लिए उसकी ओर से किए जा रहे प्रयासों की जानकारी लेंगे।टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि महासचिव सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रसार और प्रोत्साहन पर चर्चा के लिए इस्लामाबाद में छात्रों से मिलेंगे।
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने बताया कि बान पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस समारोह में भी शामिल होंगे। वह अंतरराष्ट्रीय शांति और स्थायित्व केंद्र का उद्घाटन करेंगे। वह संयुक्त राष्ट्र की शांति प्रक्रियाओं में योगदान देने में पाकिस्तान की भूमिका पर भी चर्चा करेंगे।
बान इस सप्ताह पाकिस्तान की यात्रा कर रहे हैं, जहां वह देश के स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेंगे और शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे।
संरा महासचिव के उप-प्रवक्ता एडुआडरे डेल बुएथे ने कहा, महासचिव दोनों ही पक्षों से इस विवाद का शांतिपूर्ण हल खोजने के लिए कह रहे हैं। एडुआडरे ने कहा कि इस्लामाबाद में महासचिव राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों से मिलेंगे। वह राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रमुख के साथ चर्चा भी करेंगे और राष्ट्रीय आपदा संकट में कमी लाने के लिए उसकी ओर से किए जा रहे प्रयासों की जानकारी लेंगे।टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि महासचिव सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रसार और प्रोत्साहन पर चर्चा के लिए इस्लामाबाद में छात्रों से मिलेंगे।
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने बताया कि बान पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस समारोह में भी शामिल होंगे। वह अंतरराष्ट्रीय शांति और स्थायित्व केंद्र का उद्घाटन करेंगे। वह संयुक्त राष्ट्र की शांति प्रक्रियाओं में योगदान देने में पाकिस्तान की भूमिका पर भी चर्चा करेंगे।
संरा महासचिव के उप-प्रवक्ता एडुआडरे डेल बुएथे ने कहा, महासचिव दोनों ही पक्षों से इस विवाद का शांतिपूर्ण हल खोजने के लिए कह रहे हैं। एडुआडरे ने कहा कि इस्लामाबाद में महासचिव राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों से मिलेंगे। वह राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रमुख के साथ चर्चा भी करेंगे और राष्ट्रीय आपदा संकट में कमी लाने के लिए उसकी ओर से किए जा रहे प्रयासों की जानकारी लेंगे।टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि महासचिव सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रसार और प्रोत्साहन पर चर्चा के लिए इस्लामाबाद में छात्रों से मिलेंगे।
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने बताया कि बान पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस समारोह में भी शामिल होंगे। वह अंतरराष्ट्रीय शांति और स्थायित्व केंद्र का उद्घाटन करेंगे। वह संयुक्त राष्ट्र की शांति प्रक्रियाओं में योगदान देने में पाकिस्तान की भूमिका पर भी चर्चा करेंगे।
उन्होंने कहा कि महासचिव सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रसार और प्रोत्साहन पर चर्चा के लिए इस्लामाबाद में छात्रों से मिलेंगे।
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने बताया कि बान पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस समारोह में भी शामिल होंगे। वह अंतरराष्ट्रीय शांति और स्थायित्व केंद्र का उद्घाटन करेंगे। वह संयुक्त राष्ट्र की शांति प्रक्रियाओं में योगदान देने में पाकिस्तान की भूमिका पर भी चर्चा करेंगे।
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने बताया कि बान पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस समारोह में भी शामिल होंगे। वह अंतरराष्ट्रीय शांति और स्थायित्व केंद्र का उद्घाटन करेंगे। वह संयुक्त राष्ट्र की शांति प्रक्रियाओं में योगदान देने में पाकिस्तान की भूमिका पर भी चर्चा करेंगे। |
बालीवुड एक्टर शाहरुख खान की फिल्म 'रईस' जल्द ही रिलीज होने वाली है. इस फिल्म के डायलॉग्स पहले ही लोगों की जुबान पर चढ़ चुके हैं. शाहरुख के एक ऐसे ही फैन ने अपनी दुकान पर उनकी इस फिल्म के एक डायलॉग का पोस्टर बनवाकर लगा रखा है. हाल में शाहरुख अपने इस फैन से मिलने पहुंचे.
आते ही हिट 'रईस' का 'जालिमा', बनाया सबसे तेज एक लाख लाइक्स का रिकॉर्ड
श्याम को एक मीडिया कॉन्फ्रेंस में
शाहरुख खान
से मिलने का मौका मिला और इस बात को जानकर वो थोड़ा नर्वस थे तो साथ ही इस सपने के पूरा होने की खुशी भी उनके चेहरे पर साफ दिख रही थी. शाहरुख ने मिलते ही उन्हें जोर से गले लगा लिया और उनसे मिलने की खुशी भी जाहिर की.
मुंबई के ग्रामीण इलाके में रहने वाले मोची श्याम बहादुर रोहिडा ने अपनी जूतों की दुकान में इस फिल्म के डायलॉग 'कोई धंधा छोटा नहीं होता और धंधे से बड़ा कोई धर्म नहीं होता' का पोस्टर लगा रखा है.
शाहरुख खान ने दिखाई 'रईस' की 'जालिमा' की झलक
फिल्म का ट्रेलर देखने के बाद मूलत: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के रहने वाले
श्याम बहादुर
ने रईस के डायलॉग को प्रिंट करवाकर अपनी रोड पर बनी दुकान पर लगा दिया. श्याम का कहना है कि फिल्में असल जिंदगी से जुड़ी होती हैं और इसी वजह से उन्हें फिल्म का ये डायलॉग बहुत अच्छा लगा.
बॉक्स ऑफिस पर होगी रितिक की 'काबिल' और शाहरुख की 'रईस' की भिड़ंत!
श्याम बहादुर खुद मोची हैं लेकिन उनके दोस्त डॉक्टर, इंजीनियर जैसी फील्ड से जुड़ हुए हैं. हालातों की वजह से उन्हें ये काम करना पड़ रहा है. इसलिए शाहरुख का ये डायलॉग उनपर एकदम सटीक बैठता है. |
तारा देवी तुलाधर (21 मई 1931 – 27 जुलाई 2012) नेपाल की पहली महिला रक्त दाता और एक सामाजिक कार्यकर्ता थीं। उन्होंने समाज की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।
प्रारंभिक जीवन
तारा देवी का जन्म तन्तालि (तनलाछी), काठमांडू में एक पुराने व्यापारी परिवार में हुआ था। उनके पिता त्रिरुणा माने तुलाधर एक ल्हासा नेवार व्यापारी थे। उनके दादा धर्म माने तुलाधर 1918 में स्वयंभू स्तूप की मरम्मत के लिए सबसे प्रसिद्ध व्यक्ति थे।
1930 के दशक में केवल कुछ ही विद्यालय थे क्योंकि राणा शासन सामान्य नागरिकों को शिक्षा देना नहीं चाहता था। लड़कियों के लिए, स्कूल में शामिल होना अधिक मुश्किल था। इसलिए तारा देवी को घर पर अनौपचारिक शिक्षण प्राप्त हुआ।
1948 में, उनके परिवार ने उन्हें भारत में कलिम्पोंग में सेंट जोसेफ कॉन्वेंट में अध्ययन करने के लिए भेजा था। काठमांडू लौटकर, वे कन्या हाई स्कूल में दाख़िल हुई। और अपनी 10 वीं कक्षा पास की। 1953 में, वह इलाहाबाद, भारत, गई और कमला नेहरू मेमोरियल हॉस्पिटल में नर्स बनने के अपने लक्ष्य को प्राप्त किया। दो साल बाद, उन्होंने मिडवाइफी में डिप्लोमा प्राप्त किया।
वे बचपन में सुनी कहानियों से नर्स बनने के लिए प्रेरित थीं की केसे, काठमांडू में 1934 के बड़े भूकंप के दौरान नर्स विद्याबाटी कानसाकर ने घायलों की देखभाल की थी।
कैरियर
1960 में, तारा देवी ने प्रसूतिगरी मातृत्व अस्पताल, काठमांडू में सेवा शुरू की। 1964 में नई दिल्ली में कॉलेज ऑफ नर्सिंग से पोस्ट ग्रेजुएट इन नर्सिंग करने के बाद, वह काठमांडू के नर्सिंग स्कूल में एक वरिष्ठ शिक्षक बन गई।
1961 में, वह एक मरीज को रक्त दान करके नेपाल में पहली महिला का रक्तदाता बन गया था जो सर्जरी और आवश्यक रक्त के लिए तत्पर था। 1990 में सेवानिवृत्त होने से पहले वह त्रिभुवन विश्वविद्यालय टीचिंग अस्पताल में पर्यवेक्षक थी।.
सामाजिक सेवा
1961 में, वह एक मरीज को रक्त दान करके नेपाल में पहली महिला का रक्तदाता बन गया था जो सर्जरी और आवश्यक रक्त के लिए तत्पर था। 1990में सेवानिवृत्त होने से पहले वह त्रिभुवन विश्वविद्यालय टीचिंग अस्पताल में पर्यवेक्षक थे।
तारा देवी ने काठमांडू में एक समुदाय क्लिनिक, जन चिकित्सालय में स्वेच्छा से काम किया। पारोपर संगठन के एक कार्यकारी बोर्ड के सदस्य के रूप में सेवा करने के अलावा, नेपाल में पहला आधुनिक धर्मार्थ संगठन जो 19 52 में स्थापित किया गया था, वह उदय समुदाय के एक सामाजिक संगठन उदय समाज के सलाहकार थे। तारा देवी अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए अविवाहित रहे।
प्रकाशन
तारा देवी ने दो पुस्तकें लिखी हैं, एक नेपाली में और दूसरा नेपाल भाषा में है।
पोषण विज्ञान , त्रिभुवन विश्वविद्यालय, चिकित्सा संस्थान, द्वारा प्रकाशित 1991
Thāybhu: एक विवरण दावत की सामग्री, की एक पुस्तिका तैयार करने और पेश करने के अनुष्ठान में खाद्य पदार्थों नेपाल भाषा बौद्ध परंपरा द्वारा प्रकाशित Chhusinsyar, 2011
सन्दर्भ
1931 में जन्मे लोग
२०१२ में निधन
नेपाल के लोग |
बाटी चोखा देरी से खिलाने पर गाड़ी ड्राइवर का चालान
वीडियो वायरल हुआ तो SSP ने SI को किया सस्पेंंड
लखनऊ में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. यहां बाटी चोखा खिलाने में देर करने पर सब इंस्पेक्टर ने बाटी चोखा वाले की गाड़ी का चालान कर दिया. इस दौरान इंस्पेक्टर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इस वीडियो में इंस्पेक्टर लगातार बाटी चोखा वाले से यह कह रहा है कि तुम जितनी बार यहां पर बाटी चोखा लगाओगे, उतनी बार मैं तुम्हारा गाड़ी का चालान करूंगा. तुमने बाटी चोखा देने में देरी की है.
यह वीडियो वायरल होने के बाद लखनऊ एसएसपी ने इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया है. सभी को कड़ी हिदायत दी है कि किसी का द्वेष भावना के तहत चालान ना किया जाए.
SSP-LKO
@ipsnaithani
की कड़ी कार्यवाही,द्वेष-वश ग़लत चालान करने व पुलिस की छवि धूमिल करने वाले उप-निरीक्षक दिनेश चंद्र को किया निलम्बित, इस सम्बन्ध में दी गई बाइट ।
@Uppolice
@dgpup
@adgzonelucknow
@Igrangelucknow
@ANINewsUP
@CMOfficeUP
@UPGovt
@WeUttarPradesh
@NBTLucknow
pic.twitter.com/wIpIE9uA4L
— LUCKNOW POLICE (@lkopolice)
September 25, 2019
जानकारी के मुताबिक थाना तालकटोरा के पास कन्हैया लाल अपनी बाटी चोखा की गाड़ी लगाता है. बुधवार दोपहर में सब इंस्पेक्टर दिनेश सिंह ने दुकानदार से बाटी चोखा मंगवाया. बाटी चोखा उपलब्ध ना होने के कारण बाटी चोखा पहुंचाने में दुकानदार को देर हो गई जिसकी वजह से नाराज इंस्पेक्टर दिनेश सिंह ने बाटी चोखा की गाड़ी चालान कर दिया. यही नहीं, इस दौरान वहां मौजूद किसी व्यक्ति ने उनकी बातचीत का एक वीडियो बना लिया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.
इसके बाद हरकत में आए एसएसपी लखनऊ ने द्वेष भावना से चालान किए जाने की वजह से इंस्पेक्टर दिनेश सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. साथ ही ऐसे लोगों को कड़ी हिदायत भी दी है कि किसी भी व्यक्ति के साथ द्वेष भावना से चालान ना किया जाए.
एसएसपी ने बताया कि दोपहर में मामला आया था, जिसमें कन्हैयालाल तालकटोरा में बाटी चोखा की एक दुकान लगाते हैं. वहां पर इंस्पेक्टर दिनेश सिंह की ड्यूटी थी जिन्होंने चालान करने की धमकी दी. इसका वीडियो सामने आया जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया और सभी से कहा गया है कि किसी प्रकार की द्वेष भावना से काम ना करें. |
लेख: केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम से जुड़ी सेवाएं देने का काम शुरू करने के लिए जरूरी नियमों का पालन नहीं करने वाले 103 लाइसेंसधारकों पर उसने 290 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। सरकार ने 2जी लाइसेंसधारकों पर यह जुर्माना तब लगाया जब उन्होंने यह कहा कि लाइसेंस निरस्त किया जाना जनहित में नहीं होगा। 2जी घोटाले से जुड़े मामले में एक हलफनामे में सरकार ने कहा कि 85 अयोग्य कंपनियों को उनके लाइसेंस निरस्त करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। ये लाइसेंस पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा के कार्यकाल में जारी किए गए थे। हलफनामे में कंपनियों की ओर से अपने बचाव में दिए गए तर्क के बारे में भी कहा गया जिन्होंने सेवाएं देने का काम शुरू करने के लिए जरूरी नियमों का पालन करने में नाकाम रहने पर लाइसेंस निरस्त किए जाने का विरोध किया था। हलफनामे में कहा गया है कि लाइसेंसधारकों का अपने बचाव में दिया गया तर्क यह है कि पूरी दुनिया के अनुभव से पता चलता है कि सेवा की शुरुआत में देरी हो सकती है। इसकी वजह से जुर्माना लगाया जा सकता है लेकिन इससे लाइसेंस निरस्त नहीं किए जा सकते। |
बछवारा (विधान सभा) () एक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में बेगूसराय जिले में भारतीय राज्य, बिहार का एक गांव है।
अवलोकन
के रूप में प्रति परिसीमन के संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में आदेश, 2008, सं 142 बछवारा (विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र) से बना है: Bachhwara, Mansoorchak और Bhagwanpur सामुदायिक विकास ब्लॉक हैं ।
Bachhwara (विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र) का हिस्सा है नंबर 24 बेगूसराय (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र).
चुनाव परिणाम
में 2010 में राज्य विधानसभा चुनाव, अवधेश कुमार राय के भाकपा जीता Bachhwara सीट को हराने के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी अरविंद कुमार सिंह, स्वतंत्र है । प्रतियोगिता में वर्षों से किए गए बहु कब्जा है, लेकिन केवल विजेताओं और उप विजेता रहे हैं उल्लेख किया जा रहा है । रामदेव राय के कांग्रेस पराजित अवधेश कुमार राय के सीपीआई में अक्टूबर 2005.
रामदेव राय, स्वतंत्र, पराजित अवधेश कुमार राय के सीपीआई में फरवरी 2005. Uttam Kumar यादव के राजद को हराया अवधेश कुमार राय के सीपीआई 2000 में. अवधेश कुमार राय के भाकपा पराजित रामदेव राय कांग्रेस के 1995 में और 1990. अयोध्या प्रसाद सिंह के भाकपा पराजित प्रेम लता देवी के कांग्रेस 1985 में. रामदेव राय कांग्रेस के (मैं) को हराया अयोध्या प्रसाद सिंह के सीपीआई में 1980. रामदेव राय कांग्रेस के अयोध्या प्रसाद सिंह के भाकपा पराजित किशोरी शरण Karamshil में 1977.
विधान सभा के सदस्य
1951: Mithan चौधरी, इंडियन नेशनल कांग्रेस
1957: बैद्यनाथ प्रसाद सिंह, PSP
1962: गिरीश कुमारी सिंह, इंडियन नेशनल कांग्रेस
1967: V. P. Singh, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1969: Bhuveneshwar राय, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1972: रामदेव राय, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1977: Ramdep राय, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1980: रामदेव राय, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (I)
1985: अयोध्या प्रसाद सिंह, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया
1990: अवधेश राय, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया
1995: Abdhesh कुमार रॉय, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया
2000: एक Uttam Kumar यादव, राष्ट्रीय जनता दल
2005: रामदेव राय, स्वतंत्र
2005: रामदेव राय, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
2010: Abdhesh कुमार राय, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया
2015: रामदेव राय, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
2020: सुरेंद्र मेहता, भारतीय जनता पार्टी
संदर्भ
बिहार के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र
Pages with unreviewed translations |
एसीसी महिला एशिया कप एक अंतरराष्ट्रीय एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय और ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट एशिया से महिला क्रिकेट टीमों से चुनाव लड़ा है। यह तिथि करने के लिए पांच बार खेला गया है।
एसीसी महिला एशिया कप की सूची
एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय
2004
पहली महिला एशिया कप अप्रैल 2004 में श्रीलंका में खेला गया था। केवल दो टीमों ले लिया हिस्सा, भारत और श्रीलंका और वे एक दूसरे के खिलाफ पांच मैचों की वनडे अंतर्राष्ट्रीय श्रृंखला खेला था। भारत के सभी पांच मैच जीते और पहली बार महिला एशिया कप जीता।
2005-2006
कराची, पाकिस्तान दिसंबर 2005 और जनवरी 2006 में दूसरी महिला एशिया कप की मेजबानी की। पाकिस्तान टूर्नामेंट में अपनी पहली उपस्थिति बना दिया। भारत फिर से टूर्नामेंट जीता, फाइनल में 97 रन से श्रीलंका को हराकर।
2006-2007
तीसरे महिला एशिया कप टूर्नामेंट दिसंबर 2006 में जयपुर, भारत में खेला गया था। टूर्नामेंट बहुत ज्यादा पिछले घटना की तरफ गई। भारत ने आठ विकेट से फाइनल में, इस समय में श्रीलंका को हराया।
2008
चौथी महिला एशिया कप टूर्नामेंट मई 2008 में श्रीलंका में खेला गया था। भारत फिर से टूर्नामेंट जीता, फाइनल में 177 रन से श्रीलंका को पराजित किया।
ट्वेंटी-20 क्रिकेट
2012
पांचवीं महिला एशिया कप टूर्नामेंट 24-31 अक्टूबर 2012 से गुअंग्गोंग क्रिकेट स्टेडियम, गुआंगज़ौ, चीन में खेला गया था। भारत फाइनल में 19 रन से हरा पाकिस्तान
2016
छठे महिला एशिया कप टूर्नामेंट थाईलैंड में 26 नवम्बर 2016 से खेला जाएगा।
2018
सातवीं महिला एशिया कप टूर्नामेंट मलेशिया में 3 जून से 10 जून 2018 तक खेला गया था। बांग्लादेश ने फाइनल में अपने पहले एशिया कप खिताब जीतने के लिए छह विकेट से विजेता भारत को 3 विकेट से हराया।
2022
एक टूर्नामेंट 2020 में बांग्लादेश में होने वाला था, लेकिन कोविड-19 विश्वमारी के कारण 2021 (और अंततः 2022) के लिए स्थगित कर दिया गया था। टूर्नामेंट का 2022 संस्करण 1 अक्टूबर से 16 अक्टूबर 2022 तक बांग्लादेश के सिलहट में होने वाला है। भारत ने फाइनल में श्रीलंका को इस बार आठ विकेट से हराकर 65 के मामूली लक्ष्य का पीछा किया और 7वीं बार विजेता बना। जेमिमा रोड्रिग्स इस टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने वाली खिलाड़ी थीं।
परिणाम सारांश
परिणाम
सन्दर्भ
क्रिकेट प्रतियोगितायें
महिला क्रिकेट |
ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में कार्निवाल का खुमार छाने लगा है. ब्राजील कार्निवाल की तैयारियों अपने आखिरी चरण में पहुंच गई हैं.
सांबा शहर रियो डि जेनेरियों में कार्निवाल की शुरुआत रविवार से हो रही है. रविवार को होने वाली इस मुख्य परेड के लिए करीब 350 वर्कर कार्निवाल में पहने जाने वाले कपड़ों को दिन-रात बनाने में लगे हुए हैं. इस कार्निवाल में शहर के कुल 12 स्कूलों के बच्चे शामिल हो रहे हैं. |
यह लेख है: दूरसंचार मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि वह 3जी सेवाओं के लिए रोमिंग समझौता करने वाली कंपनियों के खिलाफ शीघ्र ही कार्रवाई करेगा क्योंकि इस तरह का समझौते लाइसेंस नियम व शर्तों के खिलाफ हैं। दूरसंचार सचिव आर चंद्रशेखर ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर विधि सहित अन्य मंत्रालयों की राय मिल गई है और 'व्यापक राय यही बन रही है कि इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती।' एसोचैम के एक कार्य्रकम के अवसर पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि मंत्रालय शीघ्र ही कार्रवाई करेगा लेकनि इसका और ब्यौरा देने से इनकार किया। यह मामला भारती एयरटेल, वोडाफोन एस्सार तथा आइडिया सेल्यूलर सहित प्रमुख दूरसंचार कंपनियों के बीच समझौतों से जुड़ा है जो इन्होंने देश भर में 3जी रोमिंग नेटवर्क उपलब्ध कराने के लिए किया है। टाटा टेलीसर्विसेज व एयरसेल जैसी अन्य कंपनियों ने भी छह सर्कलों में सेवाओं की पेशकश के लिए समझौते किए हैं। दूरसंचार मंत्रालय ने इस मामले में दूरसंचार विभाग की कानूनी राय मांगी थी और उसने विभाग की राय का समर्थन किया है। दूरसंचार विभाग ने एक आंतरिक परिपत्र में कहा था कि दूरसंचार कंपनियों में 3जी सेवाओं के लिए रोमिंग समझौते से सरकार को राजस्व के रूप में अच्छा खासा नुकसान होगा। |
यह लेख है: लोकसभा चुनाव से पहले बड़ी खबर सामने आ रही है. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बहुप्रतीक्षित गठबंधन के लिये दोनों दलों के शीर्ष नेतृत्व ने ‘सैद्धांतिक सहमति' दे दी है और गठजोड़ का ऐलान बहुत जल्द होगा. बैंकों का लोन लेकर फरार चल रहा शराब कारोबारी विजय माल्या को PMLA कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया है. वहीं, चर्चित IAS अधिकारी बी. चंद्रकला (IAS B Chandrakala) के लखनऊ स्थित घर पर आज सीबीआई ने छापेमारी की है. दूसरी तरफ, नए साल 2019 का पहला ग्रहण (Grahan) 6 जनवरी को पड़ रहा है. इस पूरे साल में तीन सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) और दो चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) पड़ेंगे. बॉलीवुड की बात करें तो ‘द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर' में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) का किरदार निभा रहे अनुपम खेर (Anupam Kher) ने अपने इंस्टाग्राम (Instagram) पर एक वीडियो पोस्ट किया है.
समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बहुप्रतीक्षित गठबंधन के लिये दोनों दलों के शीर्ष नेतृत्व ने ‘सैद्धांतिक सहमति‘ दे दी है.
बताया जा रहा है कि ये छापेमारी खनन से जुड़े घोटाले की जांच के लिए हुई है. सीबीआई टीम के 11 सदस्य आज सुबह विधानसभा एनेक्सी के पास सफायर अपार्टमेंट में बी.चंद्रकला के घर पहुंचे और क़रीब 2 घंटे जांच की.
नए साल 2019 का पहला ग्रहण (Grahan) 6 जनवरी को पड़ रहा है. इस पूरे साल में तीन सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) और दो चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) पड़ेंगे.
‘द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर' में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) का किरदार निभा रहे अनुपम खेर (Anupam Kher) ने अपने इंस्टाग्राम (Instagram) पर एक वीडियो पोस्ट किया है. |
सचिन तेंदुलकर
ने भले ही पिछले साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतकों का शतक पूरा किया लेकिन यह स्टार बल्लेबाज पिछले तीन साल से टेस्ट मैचों में शतक नहीं लगा पाया है.
तेंदुलकर
ने 16 मार्च 2012 को बांग्लादेश के खिलाफ मीरपुर में एकदिवसीय मैच में अपना 100वां अंतरराष्ट्रीय शतक पूरा किया था लेकिन टेस्ट मैचों में उन्होंने आखिरी सैकड़ा चार जनवरी 2010 को लगाया था. इसके बाद से वह 31 पारियों में शतक नहीं लगा पाये. इस बीच दो बार वह जरूर नर्वस नाइंटीज के शिकार बने थे.
तेंदुलकर ने अपने करियर में शतक के लिये कभी इतना लंबा इंतजार नहीं किया और वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 22 जनवरी से शुरू होने वाली चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला में बड़ी पारियां खेलने के लिये प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने हाल में ईरानी कप में शतक लगाया और ऑस्ट्रेलियाई टीम भी रनों की उनकी भूख देखकर चिंतित है. ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क का मानना है कि उनकी टीम के लिये अब भी तेंदुलकर का विकेट सबसे महत्वपूर्ण होगा.
क्लार्क के अनुसार, ‘सचिन ने हाल में शतक लगाया था इसलिए मुझे लगता है कि वह शानदार फार्म में हैं. भारत के लिये वह बहुत बड़ा खिलाड़ी है और हम उन्हें जल्द से जल्द आउट करने की कोशिश करेंगे क्योंकि वह जानता है कि कैसे ढेरों रन और बड़े शतक बनाये जाते हैंय.’
सचिन के अनुभव के सामने कहीं नहीं ठहरती ऑस्ट्रेलियाई टीम
शास्त्री ने कहा, ‘वह भूखा होगा. वह वास्तव में भूखा होगा. यदि ऑस्ट्रेलिया उन्हें पहले दो मैचों में रन बनाने देता है तो यह तेंदुलकर के लिये बहुत बड़ी श्रृंखला होगी.’ जहां तक अनुभव की बात है तो तेंदुलकर पूरी ऑस्ट्रेलियाई टीम पर भारी पड़ते हैं. तेंदुलकर ने अब तक 194 टेस्ट मैचों में 15, 645 रन बनाये हैं जबकि ऑस्ट्रेलिया की 17 सदस्यीय टीम के सभी खिलाड़ियों के कुल टेस्ट रनों की संख्या 16233 ही बनती है. वह इस श्रृंखला में भाग ले रहे खिलाड़ियों में अकेले बल्लेबाज हैं जिनके नाम पर 25,000 से अधिक प्रथम श्रेणी रन दर्ज हैं.
सचिन तोड़ सकते हैं और कई रिकॉर्ड
ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर के शब्दों में, ‘मुझे लगता है कि जिस खिलाड़ी ने प्रथम श्रेणी में 25,000 रन बनाये हैं, वह महान है. उनके आंकड़े बताते हैं कि उन्हें कितना अनुभव है. वह मैच में 100 गेंद में या 200 गेंद में 100 रन बना सकते हैं.’ तेंदुलकर के नाम पर अभी 51 टेस्ट शतक दर्ज हैं. इनमें से उन्होंने 11 शतक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगाये हैं. इस श्रृंखला में वह जैक हाब्स के 12 शतकों के रिकार्ड को तोड़ने की कोशिश करेंगे. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सर्वाधिक रन (3636) बनाने का रिकार्ड भी हाब्स के नाम ही दर्ज है और तेंदुलकर उनसे केवल 198 रन पीछे हैं. |
अगर आप शहद पर लेख ढूंढ रहे हैं तो मधु देखिये
मधु बहुत सी हिन्द-आर्य भाषाओँ में प्रयोग होने वाले शब्द है जिसका अर्थ 'शहद' या 'मीठा' होता है। इसका एक अन्य अर्थ 'शराब' भी होता है, विशेषकर 'शहद से बनने वाली शराब', जिसे अंग्रेज़ी में मीड (mead) कहते हैं। यह संस्कृत का शब्द है और बहुत प्राचीन जड़े रखने के कारण बहुत हिन्द-यूरोपीय भाषाओँ में इसके सजातीय शब्द (कॉगनेट) हैं।
शराब और मधु
'मधु' और उस से सम्बंधित 'मद' और 'मदिरा' शब्दों का अर्थ 'शहद' के साथ-साथ 'शराब' भी होता है। यह सभी शब्द मूलतः संस्कृत के हैं और इसके कुछ सजातीय शब्द अंग्रेज़ी का 'mead', यूनानी का 'μέθν', अवस्ताई का 'मदु', फ़ारसी का 'मय' और प्राचीन चर्च स्लावोनिक का 'मेदू' (medŭ) हैं। इस 'शराब' वाले अर्थ के साथ मधु और मद के कई और शब्द बनते हैं, जैसे कि 'मधुशाला' और 'मदिरालय', यानि वह जगह जहाँ शराब परोसी जाती हो। इसी तरह 'मदमस्त' शब्द है जिसका अर्थ है 'शराब के नशे में मस्त होना' लेकिन जिसका अलंकारिक प्रयोग उस स्थिति के लिए भी होता है जिसमें प्रेम की तीव्र भावना की वजह से बिना शराब पिए ही नशे की भावना का होना।
रूपकालंकार में प्रयोग
'मधु' शुरू में केवल 'शहद' का मतलब रखता था लेकिन हिन्दु संस्कृत ग्रंथों में इसका प्रयोग 'शराब' और फिर शराब से सम्बन्धी रूपकालंकार में होना शुरू हो गया। बृहदारण्यक उपनिषद् में, जिसकी कृति एक हज़ार वर्ष ईसापूर्व से पहले हुई मानी जाती है, एक 'मधु ब्राह्मण' नामक अध्याय है। अन्य जगहों पर 'वेदों के रहस्यात्मक सार को मधु विद्या कहा गया है'। अंग्रेज़ी में 'वाइन' (wine) शब्द का भी ऐसा प्रयोग देखा जाता है, मसलन 'वाइन ऑफ़ ट्रूथ' ('wine of truth' यानि 'सत्य की शराब')। इतिहासकार 'मधु' के इस अलंकारिक प्रयोग को वेदों की कृति के समय के पास जन्मा मानते हैं। सोम को भी, जो प्राचीन हिन्द-ईरानी लोगों का धार्मिक पेय था और जिसे ईरानी अवस्ताई में 'हओमा' कहते थे, वेदों में कभी-कभी 'मधु' पुकारा जाता है। लेकिन यह हिन्द-आर्य शाखा में ही मिलता है, क्योंकि 'अवस्ता, जो सोम की परिभाषाओं को लेकर वेद के बहुत क़रीब है, सोम और मधु के सम्बन्ध को नहीं जानती'।
नामों में प्रयोग
'मधु' से उत्पन्न हुए कई नाम हिन्दु समुदाय में रखे जाते हैं, जैसे कि 'मधुर', 'माधुरी', 'मधुकर', 'मधुसूदन', 'मधुलिका' और 'मधुबाला'।
इन्हें भी देखें
मधु (शहद)
सजातीय शब्द
हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार
सन्दर्भ
संस्कृत शब्द
फ़ारसी शब्द
अंग्रेज़ी शब्द
सजातीय शब्द |
बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं, और वे ट्विटर के जरिये अपने फैन्स के साथ लगातार जुड़े भी रहते हैं. अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) सोशल मीडिया पर कई बड़ी हस्तियों के साथ मुखातिब होते हैं, और उनकी ये सार्वजनिक बातचीत चर्चा में भी आती है. कुछ दिन पहले 'बिग बी' को लेकर आनंद महिंद्रा और अमिताभ बच्चन की बातचीत को काफी पसंद किया गया था. लेकिन अब अमिताभ बच्चन ने एक ट्वीट करके मदद की गुहार लगाई है. अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने मदद की ये गुहार एक खोई हुई चीज के लिए लगाई है.
अरे भैया मदद कीजिए । अभी मैंने जब 'संचय जल बेहतर कल ' अभियान के लिए एक video बना के उसे प्रकाशित किया था यहाँ , एक सज्जन Ef ने कुछ अपनी तरफ़ से दो शब्द लिखे थे , वो मिल नहीं रहे मुझे ।। कृपा उसे फिर से लिख दीजिए : शायद कुछ ऐसा लिखा था ,, की धरती जब संचालित करेगी जल etc ,,
अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया हैः 'अरे भैया मदद कीजिए. अभी मैंने जब 'संचय जल बेहतर कल ' अभियान के लिए एक video बना के उसे प्रकाशित किया था यहां, एक सज्जन Ef ने कुछ अपनी तरफ से दो शब्द लिखे थे, वो मिल नहीं रहे मुझे. कृपा उसे फिर से लिख दीजिए: शायद कुछ ऐसा लिखा था कि 'धरती जब संचालित करेगी जल' etc.'
इस तरह अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने अपने ट्विटर परिवार से मदद मांगी है और इस कोट को वापस मांगा है. वैसे भी अमिताभ बच्चन लगातार सामाजिक सरोकारों के साथ भी जुड़े रहते हैं. अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) इन दिनों अपनी अगली फिल्म 'गुलाबो सिताबो' फिल्म की शूटिंग में व्यस्त हैं. इसके अलावा अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) की आने वाली फिल्मों में 'झुंड' में भी है. |
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और अजय माकन की जगह लेने वालीं कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) ने बुधवार को कहा कि अभी तक आम आदमी पार्टी से गठबंधन को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई है. आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी दोनों हमारे लिए समान चुनौती हैं. हम चुनौतियों को एक साथ सामना करेंगे. बता दें कि अजय माकन के इस्तीफे के बाद शीला दीक्षित दिल्ली कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष बनी हैं और तीन बार मुख्यमंत्री भी रह चुकी हैं.
कांग्रेस की दिल्ली इकाई की अध्यक्ष के रूप मे कार्यभार ग्रहण करने से पहले दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा कि राजनीति चुनौतियों से भरी होती है, और हम उसी के अनुसार रणनीति तैयार करेंगे. BJP और AAP दोनों ही चुनौती हैं, हम इनका एक साथ मुकाबला करेंगे. AAP के साथ गठबंधन पर फिलहाल कुछ भी नहीं है.
80 वर्षीय शीला दीक्षित ने आम आदमी पार्टी से किसी तरह के गठबंधन को लेकर अपनी आपत्ति के संकेत दिये और कहा कि दिल्ली विधानसभा में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को लेकर चर्चा काफी खराब थी. उन्होंने कहा कि विधानसभा में जिस तरीके से राजीव गांधी को लेकर उन्होंने बातें कीं, उससे हम काफी आहत हुए और यह कतई सही नहीं था. वहीं, एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के साथ अब तक कोई बातचीत नहीं हई है.
बता दें कि हाल ही में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर इस्तीफा देने वाले अजय माकन से शीला दीक्षित को यह जिम्मेवारी सौंपी गई है. ऐसी अटकलें थीं कि अजय माकन आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं थे और कांग्रेस के महागठबंधन की कवायदों की राह में अजय मानक रोड़ा थे.
बुधवार को शीला दीक्षित ने कहा कि राजनीति चुनौतियों का खेल है. हम इसी के अनुसार अपनी रणनीति बनाएंगे. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस हाई कमान ही गठबंधन और महागठबंधन के नफे-नुकसान पर फैसला लेंगे. हाई कमान जो फैसला लेगा हम उसी का पालन करेंगे.
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि हम चाहते हैं कि राहुल गांधी देश के प्रधानमंत्री बने. हालांकि, यह सब समय पर निर्भर करता है. बता दें कि शीला दीक्षित को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर आम आदमी पार्टी ने हमला तेज कर दिया. |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: अमेरिका में नस्ली हिंसा का शिकार इंजीनियर श्रीनिवास कुचीभोटला का शव सोमवार को हैदराबाद लाया जाएगा. ऑलेथ शहर के एक बार में पूर्व नौसैनिक द्वारा नस्ली हमले के तहत की गयी गोलीबारी में मारे गए भारतीय इंजीनियर श्रीनिवास कुचीभोटला की पत्नी ने कहा कि उन्हें पहले ही अमेरिका में रहने पर संदेह था, लेकिन उनके पति ने उनसे कहा था कि 'अमेरिका में अच्छी चीजें होती हैं'.
जीपीएस बनाने वाली कंपनी गार्मिन की ओर से आयोजित एक प्रेस वार्ता में सुनयना डुमाला ने कहा कि अमेरिका में पक्षपात की खबरें अल्पसंख्यकों में डर पैदा करती हैं. अपना यह डर जाहिर करते हुए उन्होंने सवाल किया कि 'क्या हम यहां से नाता रखते हैं?' कुचीभोटला गार्मिन में ही काम करते थे.
सुनयना ने कहा कि अब वह देखना चाहती हैं कि अमेरिकी सरकार अल्पसंख्यकों के खिलाफ इस तरह के घृणा अपराधों को रोकने के लिये क्या कदम उठाएगी.
सुनयना ने कहा कि वह अमेरिका में होने वाली गोलीबारी की घटनाओं से चिंतित हैं और वह पूर्व में भी अमेरिका में रहने को लेकर संदेह में थी. लेकिन तब उनके पति ने उन्हें यह कहकर आश्वासित किया था कि 'अमेरिका में अच्छी चीजें होती हैं.'
ह्यूस्टन में भारत के महावाणिज्य दूत अनुपम राय मौजूदा स्थिति का निरीक्षण कर रहे हैं और शोक संतृप्त परिवार और कंसास के ऑलेथ इलाके में रहने वाले समुदाय को हर संभव मदद मुहैया करवा रहे हैं.टिप्पणियां
अनुपम राय ने कहा, 'घटना होने के तत्काल बाद ही महावाणिज्य दूतावास ने डिप्टी काउंसल आर डी जोशी और वाइस काउंसल एच सिंह को कंसास के लिए रवाना कर दिया था. ' उन्होंने कहा कि वे तभी से श्रीनिवास के परिवार के साथ वहां मौजूद हैं और इस दुख की घड़ी में उन्होंने सुनयना को हर संभव मदद और सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
जीपीएस बनाने वाली कंपनी गार्मिन की ओर से आयोजित एक प्रेस वार्ता में सुनयना डुमाला ने कहा कि अमेरिका में पक्षपात की खबरें अल्पसंख्यकों में डर पैदा करती हैं. अपना यह डर जाहिर करते हुए उन्होंने सवाल किया कि 'क्या हम यहां से नाता रखते हैं?' कुचीभोटला गार्मिन में ही काम करते थे.
सुनयना ने कहा कि अब वह देखना चाहती हैं कि अमेरिकी सरकार अल्पसंख्यकों के खिलाफ इस तरह के घृणा अपराधों को रोकने के लिये क्या कदम उठाएगी.
सुनयना ने कहा कि वह अमेरिका में होने वाली गोलीबारी की घटनाओं से चिंतित हैं और वह पूर्व में भी अमेरिका में रहने को लेकर संदेह में थी. लेकिन तब उनके पति ने उन्हें यह कहकर आश्वासित किया था कि 'अमेरिका में अच्छी चीजें होती हैं.'
ह्यूस्टन में भारत के महावाणिज्य दूत अनुपम राय मौजूदा स्थिति का निरीक्षण कर रहे हैं और शोक संतृप्त परिवार और कंसास के ऑलेथ इलाके में रहने वाले समुदाय को हर संभव मदद मुहैया करवा रहे हैं.टिप्पणियां
अनुपम राय ने कहा, 'घटना होने के तत्काल बाद ही महावाणिज्य दूतावास ने डिप्टी काउंसल आर डी जोशी और वाइस काउंसल एच सिंह को कंसास के लिए रवाना कर दिया था. ' उन्होंने कहा कि वे तभी से श्रीनिवास के परिवार के साथ वहां मौजूद हैं और इस दुख की घड़ी में उन्होंने सुनयना को हर संभव मदद और सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सुनयना ने कहा कि अब वह देखना चाहती हैं कि अमेरिकी सरकार अल्पसंख्यकों के खिलाफ इस तरह के घृणा अपराधों को रोकने के लिये क्या कदम उठाएगी.
सुनयना ने कहा कि वह अमेरिका में होने वाली गोलीबारी की घटनाओं से चिंतित हैं और वह पूर्व में भी अमेरिका में रहने को लेकर संदेह में थी. लेकिन तब उनके पति ने उन्हें यह कहकर आश्वासित किया था कि 'अमेरिका में अच्छी चीजें होती हैं.'
ह्यूस्टन में भारत के महावाणिज्य दूत अनुपम राय मौजूदा स्थिति का निरीक्षण कर रहे हैं और शोक संतृप्त परिवार और कंसास के ऑलेथ इलाके में रहने वाले समुदाय को हर संभव मदद मुहैया करवा रहे हैं.टिप्पणियां
अनुपम राय ने कहा, 'घटना होने के तत्काल बाद ही महावाणिज्य दूतावास ने डिप्टी काउंसल आर डी जोशी और वाइस काउंसल एच सिंह को कंसास के लिए रवाना कर दिया था. ' उन्होंने कहा कि वे तभी से श्रीनिवास के परिवार के साथ वहां मौजूद हैं और इस दुख की घड़ी में उन्होंने सुनयना को हर संभव मदद और सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सुनयना ने कहा कि वह अमेरिका में होने वाली गोलीबारी की घटनाओं से चिंतित हैं और वह पूर्व में भी अमेरिका में रहने को लेकर संदेह में थी. लेकिन तब उनके पति ने उन्हें यह कहकर आश्वासित किया था कि 'अमेरिका में अच्छी चीजें होती हैं.'
ह्यूस्टन में भारत के महावाणिज्य दूत अनुपम राय मौजूदा स्थिति का निरीक्षण कर रहे हैं और शोक संतृप्त परिवार और कंसास के ऑलेथ इलाके में रहने वाले समुदाय को हर संभव मदद मुहैया करवा रहे हैं.टिप्पणियां
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ह्यूस्टन में भारत के महावाणिज्य दूत अनुपम राय मौजूदा स्थिति का निरीक्षण कर रहे हैं और शोक संतृप्त परिवार और कंसास के ऑलेथ इलाके में रहने वाले समुदाय को हर संभव मदद मुहैया करवा रहे हैं.टिप्पणियां
अनुपम राय ने कहा, 'घटना होने के तत्काल बाद ही महावाणिज्य दूतावास ने डिप्टी काउंसल आर डी जोशी और वाइस काउंसल एच सिंह को कंसास के लिए रवाना कर दिया था. ' उन्होंने कहा कि वे तभी से श्रीनिवास के परिवार के साथ वहां मौजूद हैं और इस दुख की घड़ी में उन्होंने सुनयना को हर संभव मदद और सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अनुपम राय ने कहा, 'घटना होने के तत्काल बाद ही महावाणिज्य दूतावास ने डिप्टी काउंसल आर डी जोशी और वाइस काउंसल एच सिंह को कंसास के लिए रवाना कर दिया था. ' उन्होंने कहा कि वे तभी से श्रीनिवास के परिवार के साथ वहां मौजूद हैं और इस दुख की घड़ी में उन्होंने सुनयना को हर संभव मदद और सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
रिजर्व बैंक के गवर्नर डी सुब्बाराव ने महंगाई के रुख को समझाने के लिए अपने कम होते बाल और हजाम की बढ़ती फीस की तुलना की।टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि वह बीस साल पहले बाल कटवाने के लिए 25 रुपये भुगतान किया करते थे जो अब बढ़कर 50 रुपये हो गया भले ही उनके बाल काफी कम हो गए हैं। हालांकि, बीते कुछ समय में बाल बढ़ने की रफ्तार लगभग रुक सी गई है, वह बाल कटवाने के लिए नाई को 150 रुपये दे रहे हैं।
सुब्बाराव ने कहा, ‘‘अब जब मेरे सिर पर कुछ ही बाल बचे हैं, मैं बाल कटवाने के लिए 150 रुपये देता हूं।’’ गवर्नर ने कहा, ‘‘मैं यह तय करने की जद्दोजहद करता हूं कि इसमें मुद्रास्फीति कितनी है और कितना नाई के लिए प्रीमियम कितना है जो गवर्नर के सर के नदारद हो चुके बाल काटने के विशेषाधिकार के लिए देना पड़ता है।’’
उन्होंने कहा कि वह बीस साल पहले बाल कटवाने के लिए 25 रुपये भुगतान किया करते थे जो अब बढ़कर 50 रुपये हो गया भले ही उनके बाल काफी कम हो गए हैं। हालांकि, बीते कुछ समय में बाल बढ़ने की रफ्तार लगभग रुक सी गई है, वह बाल कटवाने के लिए नाई को 150 रुपये दे रहे हैं।
सुब्बाराव ने कहा, ‘‘अब जब मेरे सिर पर कुछ ही बाल बचे हैं, मैं बाल कटवाने के लिए 150 रुपये देता हूं।’’ गवर्नर ने कहा, ‘‘मैं यह तय करने की जद्दोजहद करता हूं कि इसमें मुद्रास्फीति कितनी है और कितना नाई के लिए प्रीमियम कितना है जो गवर्नर के सर के नदारद हो चुके बाल काटने के विशेषाधिकार के लिए देना पड़ता है।’’
सुब्बाराव ने कहा, ‘‘अब जब मेरे सिर पर कुछ ही बाल बचे हैं, मैं बाल कटवाने के लिए 150 रुपये देता हूं।’’ गवर्नर ने कहा, ‘‘मैं यह तय करने की जद्दोजहद करता हूं कि इसमें मुद्रास्फीति कितनी है और कितना नाई के लिए प्रीमियम कितना है जो गवर्नर के सर के नदारद हो चुके बाल काटने के विशेषाधिकार के लिए देना पड़ता है।’’ |
नियंत्रण रेखा के पास स्थित आतंकवादी ठिकानों पर भारतीय सेना द्वारा किए गए लक्षित हमलों के बाद बांग्लादेश ने गुरुवार को कहा कि भारत को अपनी संप्रभुता और सीमा पर हुए किसी भी हमले का जवाब देने का "कानूनी और वैश्विक रूप से स्वीकार्य अधिकार" है. हालांकि बांग्लादेश ने सभी पक्षों से 'धैर्य' बनाए रखने की अपील की.
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के सलाहकार इकबाल चौधरी ने कहा, "भारत को अपनी संप्रभुता और अपनी धरती पर हुए किसी भी हमले का जवाब देने का पूरा कानूनी और वैश्विक रूप से स्वीकार्य अधिकार है." कश्मीर मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि यह "द्विपक्षीय विवाद" है और "दूसरे पक्ष से भी उल्लंघन" हुए हैं.
चौधरी ने कहा, "यह (कश्मीर) लंबा और लगातार चलने वाला विवाद है और दूसरे पक्ष की ओर से भी उल्लंघन हुए हैं. बांग्लादेश का हमेशा से मानना रहा है कि स्वतंत्रता की संप्रभुता और देश के कानूनी अधिकारों के खिलाफ आक्रमकता या हमला स्वीकार्य नहीं है. बांग्लादेश हमेशा मानता है कि किसी भी देश को तीसरे राष्ट्र की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए."
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के सलाहकार इकबाल चौधरी ने कहा कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सत्ता में आने के बाद जोर देकर कहा था कि किसी भी आतंकवादी समूह को पनाह लेने, योजना बनाने, या भारतीय सीमा में हमले या आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बांग्लादेश की धरती का प्रयोग नहीं करने दिया जाएगा.
इसे लेकर हम इतने प्रतिबद्ध हैं कि ऐसी किसी भी गतिविधि को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा रहा है."
चौधरी ने फोन पर एक भारतीय टीवी चैनल से कहा, "मुझे लगता है कि भारत सरकार और वहां के लोगों को अपने पड़ोसी देश द्वारा किसी भी कोने में, किसी भी रूप में दिखाई गई आक्रामकता का जवाब देने का पूरा अधिकार है."टिप्पणियां
हालांकि, उन्होंने शांतिपूर्ण पड़ोस के लिए सभी पक्षों से 'धैर्य' रखने की अपील की.उन्होंने कहा, "बांग्लादेश को हमेशा लगता है कि इस तरह के मामलों में, सभी पक्षों की ओर से धैर्य रखा जाना चाहिए क्योंकि हम मानते हैं कि दक्षेस देशों में हमें सभी सदस्य देशों के संप्रभु अधिकारों का सम्मान करते हुए शांतिपूर्ण वातावरण में रहना चाहिए."(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के सलाहकार इकबाल चौधरी ने कहा, "भारत को अपनी संप्रभुता और अपनी धरती पर हुए किसी भी हमले का जवाब देने का पूरा कानूनी और वैश्विक रूप से स्वीकार्य अधिकार है." कश्मीर मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि यह "द्विपक्षीय विवाद" है और "दूसरे पक्ष से भी उल्लंघन" हुए हैं.
चौधरी ने कहा, "यह (कश्मीर) लंबा और लगातार चलने वाला विवाद है और दूसरे पक्ष की ओर से भी उल्लंघन हुए हैं. बांग्लादेश का हमेशा से मानना रहा है कि स्वतंत्रता की संप्रभुता और देश के कानूनी अधिकारों के खिलाफ आक्रमकता या हमला स्वीकार्य नहीं है. बांग्लादेश हमेशा मानता है कि किसी भी देश को तीसरे राष्ट्र की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए."
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के सलाहकार इकबाल चौधरी ने कहा कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सत्ता में आने के बाद जोर देकर कहा था कि किसी भी आतंकवादी समूह को पनाह लेने, योजना बनाने, या भारतीय सीमा में हमले या आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बांग्लादेश की धरती का प्रयोग नहीं करने दिया जाएगा.
इसे लेकर हम इतने प्रतिबद्ध हैं कि ऐसी किसी भी गतिविधि को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा रहा है."
चौधरी ने फोन पर एक भारतीय टीवी चैनल से कहा, "मुझे लगता है कि भारत सरकार और वहां के लोगों को अपने पड़ोसी देश द्वारा किसी भी कोने में, किसी भी रूप में दिखाई गई आक्रामकता का जवाब देने का पूरा अधिकार है."टिप्पणियां
हालांकि, उन्होंने शांतिपूर्ण पड़ोस के लिए सभी पक्षों से 'धैर्य' रखने की अपील की.उन्होंने कहा, "बांग्लादेश को हमेशा लगता है कि इस तरह के मामलों में, सभी पक्षों की ओर से धैर्य रखा जाना चाहिए क्योंकि हम मानते हैं कि दक्षेस देशों में हमें सभी सदस्य देशों के संप्रभु अधिकारों का सम्मान करते हुए शांतिपूर्ण वातावरण में रहना चाहिए."(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
चौधरी ने कहा, "यह (कश्मीर) लंबा और लगातार चलने वाला विवाद है और दूसरे पक्ष की ओर से भी उल्लंघन हुए हैं. बांग्लादेश का हमेशा से मानना रहा है कि स्वतंत्रता की संप्रभुता और देश के कानूनी अधिकारों के खिलाफ आक्रमकता या हमला स्वीकार्य नहीं है. बांग्लादेश हमेशा मानता है कि किसी भी देश को तीसरे राष्ट्र की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए."
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के सलाहकार इकबाल चौधरी ने कहा कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सत्ता में आने के बाद जोर देकर कहा था कि किसी भी आतंकवादी समूह को पनाह लेने, योजना बनाने, या भारतीय सीमा में हमले या आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बांग्लादेश की धरती का प्रयोग नहीं करने दिया जाएगा.
इसे लेकर हम इतने प्रतिबद्ध हैं कि ऐसी किसी भी गतिविधि को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा रहा है."
चौधरी ने फोन पर एक भारतीय टीवी चैनल से कहा, "मुझे लगता है कि भारत सरकार और वहां के लोगों को अपने पड़ोसी देश द्वारा किसी भी कोने में, किसी भी रूप में दिखाई गई आक्रामकता का जवाब देने का पूरा अधिकार है."टिप्पणियां
हालांकि, उन्होंने शांतिपूर्ण पड़ोस के लिए सभी पक्षों से 'धैर्य' रखने की अपील की.उन्होंने कहा, "बांग्लादेश को हमेशा लगता है कि इस तरह के मामलों में, सभी पक्षों की ओर से धैर्य रखा जाना चाहिए क्योंकि हम मानते हैं कि दक्षेस देशों में हमें सभी सदस्य देशों के संप्रभु अधिकारों का सम्मान करते हुए शांतिपूर्ण वातावरण में रहना चाहिए."(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के सलाहकार इकबाल चौधरी ने कहा कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सत्ता में आने के बाद जोर देकर कहा था कि किसी भी आतंकवादी समूह को पनाह लेने, योजना बनाने, या भारतीय सीमा में हमले या आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बांग्लादेश की धरती का प्रयोग नहीं करने दिया जाएगा.
इसे लेकर हम इतने प्रतिबद्ध हैं कि ऐसी किसी भी गतिविधि को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा रहा है."
चौधरी ने फोन पर एक भारतीय टीवी चैनल से कहा, "मुझे लगता है कि भारत सरकार और वहां के लोगों को अपने पड़ोसी देश द्वारा किसी भी कोने में, किसी भी रूप में दिखाई गई आक्रामकता का जवाब देने का पूरा अधिकार है."टिप्पणियां
हालांकि, उन्होंने शांतिपूर्ण पड़ोस के लिए सभी पक्षों से 'धैर्य' रखने की अपील की.उन्होंने कहा, "बांग्लादेश को हमेशा लगता है कि इस तरह के मामलों में, सभी पक्षों की ओर से धैर्य रखा जाना चाहिए क्योंकि हम मानते हैं कि दक्षेस देशों में हमें सभी सदस्य देशों के संप्रभु अधिकारों का सम्मान करते हुए शांतिपूर्ण वातावरण में रहना चाहिए."(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
चौधरी ने फोन पर एक भारतीय टीवी चैनल से कहा, "मुझे लगता है कि भारत सरकार और वहां के लोगों को अपने पड़ोसी देश द्वारा किसी भी कोने में, किसी भी रूप में दिखाई गई आक्रामकता का जवाब देने का पूरा अधिकार है."टिप्पणियां
हालांकि, उन्होंने शांतिपूर्ण पड़ोस के लिए सभी पक्षों से 'धैर्य' रखने की अपील की.उन्होंने कहा, "बांग्लादेश को हमेशा लगता है कि इस तरह के मामलों में, सभी पक्षों की ओर से धैर्य रखा जाना चाहिए क्योंकि हम मानते हैं कि दक्षेस देशों में हमें सभी सदस्य देशों के संप्रभु अधिकारों का सम्मान करते हुए शांतिपूर्ण वातावरण में रहना चाहिए."(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
हालांकि, उन्होंने शांतिपूर्ण पड़ोस के लिए सभी पक्षों से 'धैर्य' रखने की अपील की.उन्होंने कहा, "बांग्लादेश को हमेशा लगता है कि इस तरह के मामलों में, सभी पक्षों की ओर से धैर्य रखा जाना चाहिए क्योंकि हम मानते हैं कि दक्षेस देशों में हमें सभी सदस्य देशों के संप्रभु अधिकारों का सम्मान करते हुए शांतिपूर्ण वातावरण में रहना चाहिए."(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: बंबई उच्च न्यायालय ने कहा कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को हवाई सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय दिशानिर्देशों को आंख मूंदकर नहीं अपनाना चाहिए और अपनी ‘स्वतंत्र समझ’ का इस्तेमाल कर यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए. न्यायमूर्ति नरेश पाटिल और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की पीठ ने डीजीसीए से कहा कि वह इस बारे में उचित कदम उठाए जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि इंडिगो एयरलाइंस और गो एयर के प्रभावित विमान जरूरी सुरक्षा मानदंड हासिल कर सकें.
पीठ शहर के निवासी हरीश अग्रवाल की जनहित याचिका की सुनवाई कर रही है. याचिका में नागर विमानन अधिकारियों को ए 320 नियो विमानों में प्रैट और व्हिटनी इंजनों के बारे में समुचित निर्देश देने की अपील की गई है. अदालत ने यह निर्देश तब दिया जबकि केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल अनिल सिंह ने पीठ को बताया कि वह इस बारे में डीजीसीए द्वारा उठाए गए कदमों से संतुष्ट है. टिप्पणियां
सिंह ने अदालत में हलफनामा देकर कहा कि डीजीसीए ने उन सभी विमानों को खड़ा करने का निर्देश दिया है जिनका एक या अधिक पीएंडडब्ल्यू इंजन प्रभावित है.
पीठ ने सरकार से पूछा कि क्या वह यह सुनिश्चित कर रही है कि सभी ए 320 नियो विमानों में सुरक्षित इंजनों का इस्तेमाल हो रहा है. पीएंडडब्ल्यू इंजन की जगह लगाए जा रहे नए इंजन उड़ान के लिए कितने सुरक्षित हैं. अदालत ने कहा कि आंख मूंदकर अंतरराष्ट्रीय नियमों को नहीं अपनाया जाए बलिक अपनी समझ का इस्तेमाल कर यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.
पीठ शहर के निवासी हरीश अग्रवाल की जनहित याचिका की सुनवाई कर रही है. याचिका में नागर विमानन अधिकारियों को ए 320 नियो विमानों में प्रैट और व्हिटनी इंजनों के बारे में समुचित निर्देश देने की अपील की गई है. अदालत ने यह निर्देश तब दिया जबकि केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल अनिल सिंह ने पीठ को बताया कि वह इस बारे में डीजीसीए द्वारा उठाए गए कदमों से संतुष्ट है. टिप्पणियां
सिंह ने अदालत में हलफनामा देकर कहा कि डीजीसीए ने उन सभी विमानों को खड़ा करने का निर्देश दिया है जिनका एक या अधिक पीएंडडब्ल्यू इंजन प्रभावित है.
पीठ ने सरकार से पूछा कि क्या वह यह सुनिश्चित कर रही है कि सभी ए 320 नियो विमानों में सुरक्षित इंजनों का इस्तेमाल हो रहा है. पीएंडडब्ल्यू इंजन की जगह लगाए जा रहे नए इंजन उड़ान के लिए कितने सुरक्षित हैं. अदालत ने कहा कि आंख मूंदकर अंतरराष्ट्रीय नियमों को नहीं अपनाया जाए बलिक अपनी समझ का इस्तेमाल कर यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.
सिंह ने अदालत में हलफनामा देकर कहा कि डीजीसीए ने उन सभी विमानों को खड़ा करने का निर्देश दिया है जिनका एक या अधिक पीएंडडब्ल्यू इंजन प्रभावित है.
पीठ ने सरकार से पूछा कि क्या वह यह सुनिश्चित कर रही है कि सभी ए 320 नियो विमानों में सुरक्षित इंजनों का इस्तेमाल हो रहा है. पीएंडडब्ल्यू इंजन की जगह लगाए जा रहे नए इंजन उड़ान के लिए कितने सुरक्षित हैं. अदालत ने कहा कि आंख मूंदकर अंतरराष्ट्रीय नियमों को नहीं अपनाया जाए बलिक अपनी समझ का इस्तेमाल कर यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.
पीठ ने सरकार से पूछा कि क्या वह यह सुनिश्चित कर रही है कि सभी ए 320 नियो विमानों में सुरक्षित इंजनों का इस्तेमाल हो रहा है. पीएंडडब्ल्यू इंजन की जगह लगाए जा रहे नए इंजन उड़ान के लिए कितने सुरक्षित हैं. अदालत ने कहा कि आंख मूंदकर अंतरराष्ट्रीय नियमों को नहीं अपनाया जाए बलिक अपनी समझ का इस्तेमाल कर यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. |
Thank you Bharat team for liking Bharat... shukriya bhaiyon for watching #Bharat in England...best wishes for the upcoming matches... pura #Bharat apke sath hai... #BharatJeetegahttps://t.co/jusDppfvOc
सलमान खान (Salman Khan) ने लिखा: "भारत की टीम को 'भारत' को पसंद करने के लिए धन्यवाद....शुक्रिया भाइयों इंग्लैंड में फिल्म भारत देखने के लिए. आने वाले मैचों के लिए शुभकामनाएं. पूरा भारत आपके साथ है. भारत जीतेगा." बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान ने इस तरह भारतीय टीम (Indian Team) को आने वाले मैच के लिए शुभकामनाएं दी हैं और फिल्म 'भारत' देखने के लिए धन्यवाद दिया है. सलमान खान का यह रिएक्शन खूब वायरल हो रहा है.
BHARAT KI TEAM BHARAT MOVIE KE BAAD @hardikpandya7@msdhoni@klrahul11@SDhawan25@atulreellife@BeingSalmanKhan@aliabbaszafar@nikhilnamit@Bharat_TheFilmpic.twitter.com/zv4jgtSkhK
भारतीय क्रिकेटर केदार जाधव (Kedar Jadhav) ने तस्वीर को शेयर कर लिखा था: "भारत की टीम भारत मूवी के बाद." सलमान खान (Salman Khan) ने उनके इसी पोस्ट पर अपना रिएक्शन दिया है. 'भारत' (Bharat) को रिलीज हुए अभी 7 दिन हुए हैं और फिल्म ने इंडिया में कमाई का आंकड़ा 170 करोड़ के पास पहुंचा दिया है, जबकि फिल्म का ओवरऑल कलेक्शन 250 करोड़ के पार पहुंच चुका है. फिल्म में सलमान खान, कैटरीना कैफ और दिशा पटानी की तिकड़ी लोगों को खूब पसंद आ रही है. |
बांग्लादेश को हराकर
टीम इंडिया
सेमीफाइनल में पहुंच गई है. इस जीत के बाद हर तरफ रोहित शर्मा की तारीफ हो रही है. कप्तान धोनी के बाद सुरेश रैना ने भी रोहित को बड़े मैच का खिलाड़ी कहा.
रैना ने कहा, 'रोहित के साथ बल्लेबाजी करने में हमेशा मजा आता है. वह बड़े मैच का खिलाड़ी है और उसने आज फिर से यह साबित किया. इससे पता चलता है कि वह जिम्मेदारी ले रहा है. असली खेल बल्लेबाजी पावरप्ले से शुरू हुआ और आखिरी दस ओवर तक चला. इस चरण में अच्छा प्रदर्शन करना महत्वपूर्ण था.'
उन्होंने कहा, 'हम इस बारे में नहीं सोच रहे हैं कि सेमीफाइनल में हमारा प्रतिद्वंद्वी कौन होगा. हम केवल रात में जीत का जश्न मनाने के बारे में सोच रहे हैं.' बांग्लादेश के कप्तान मशरेफ मुर्तजा ने कहा कि 300 रन से अधिक का लक्ष्य हासिल करना मुश्किल था. उन्होंने कहा, '300 का लक्ष्य हासिल करना मुश्किल था, लेकिन 280 बेहतर लक्ष्य हो सकता था. यदि हम टास जीत जाते तो पहले बल्लेबाजी करते, लेकिन इस पर हमारा नियंत्रण नहीं है. रूबेल और शाकिब ने शुरू में अच्छी गेंदबाजी की, लेकिन हम इसे बरकरार नहीं रख पाए.'
मुर्तजा ने कहा, 'आज को छोड़कर हमारे प्रशंसकों को खुश होना चाहिए. हमारे अधिकतर खिलाड़ियों ने अभी करियर की शुरुआत की है और उन्हें अपने प्रयास से काफी खुश होना चाहिए.'
इनपुट: भाषा |
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले महाराष्ट्र में सियासी हलचल तेज हो गई है. इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता आशीष शेलार ने कहा कि हम अजित पवार को ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) विधायक दल का नेता मानते हैं. उनके पत्र के आधार पर ही राज्यपाल ने शपथ दिलाई थी. जयंत पाटिल का दावा सिर्फ प्रतिदावा है और अधिकार है. इस मामले में कानूनन प्रक्रिया के तहत कार्यवाही होनी चाहिए. शेलार ने कहा, विधायक दल के नेता के बदलाव की सूचना राज्यपाल को नहीं दी गई है.
BJP leader Ashish Shelar in Mumbai: We are confirmed that Ajit Pawar is the leader of NCP on the Floor of the House, and his whip will hold as leader of legislature party
pic.twitter.com/4fUADA26c3
— ANI (@ANI)
November 26, 2019
बात दें, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने
जयंत पाटिल
को विधायक दल का नेता बनाया है. महाराष्ट्र विधानसभा के सचिव ने इसकी जानकारी दी. एनसीपी के पत्र के आधार पर अब विधानसभा में एनसीपी विधायक दल के नेता जयंत पाटिल होंगे और उनका
व्हीप
ही अंतिम होगा.
दो दिन पहले
एनसीपी
ने अजित पवार को हटाकर जयंत पाटिल को विधायक दल का नया नेता चुना था. इससे पहले अजित पवार इस पद पर थे. आगे के सारे अधिकार
शरद पवार
और प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते पाटिल को दिए गए हैं. आगे क्या रणनीति अपनानी है, क्या करना है, वह शरद पवार तय करेंगे. |
यह एक लेख है: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चुनाव आयोग ने किसी भी अप्रिय घटना को टालने के लिए नक्सल प्रभावित आदिवासी बहुल जंगमहल इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी है। यहां सोमवार को मतदान होना है। इस इलाके में सोमवार को 18 सीटों पर मतदान होने जा रहा है।
बहुस्तरीय सुरक्षा के तहत हवाई निगरानी के लिए हेलीकॉप्टरों की मदद ली जाएगी और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की कई कंपनियां भी तैनात की गई हैं। अधिकारियों ने बताया, 'इलाके में दो हेलीकॉप्टर उड़ान भर रहे हैं। सुरक्षा बलों ने अपना मोर्चा संभाल लिया है और विश्वास बहाली उपाय के लिए गश्त कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि सोमवार को मतदाता बड़ी संख्या में आएं।'
बहुस्तरीय सुरक्षा घेरे में केंद्रीय और राज्य बल शामिल हैं। चिकित्सा की आपात स्थिति से निपटने के लिए आयोग ने एक हवाई एंबुलेंस को तैयार रखा है।
चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया, 'वहां बहुस्तरीय सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। वामपंथी उग्रवाद प्रभावित इलाके में मतदान केंद्र पर कम से कम बल के एक अनुभाग को तैनात किया जाएगा, जबकि अन्य मतदान केंद्रों पर कम से कम बल के आधे अनुभाग को तैनात किया जाएगा।' बल के एक अनुभाग में लगभग 10 सुरक्षा कर्मी होते हैं।
उन्होंने बताया कि वहां सेक्टर बल और त्वरित प्रतिक्रिया दल (RAF) समेत कम से कम तीन स्तरीय सुरक्षा होगी। अधिकारी ने बताया कि सभी मतदान केंद्रों पर केंद्रीय बल मौजूद रहेंगे।टिप्पणियां
हवाई निगरानी के लिए, दो हेलिकॉप्टर नियमित रूप से उड़ानों का संचालन करेंगे और किसी भी अवांछनीय घटना का पता चलने पर जमीन पर बल को इसकी जानकारी देंगे।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
बहुस्तरीय सुरक्षा के तहत हवाई निगरानी के लिए हेलीकॉप्टरों की मदद ली जाएगी और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की कई कंपनियां भी तैनात की गई हैं। अधिकारियों ने बताया, 'इलाके में दो हेलीकॉप्टर उड़ान भर रहे हैं। सुरक्षा बलों ने अपना मोर्चा संभाल लिया है और विश्वास बहाली उपाय के लिए गश्त कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि सोमवार को मतदाता बड़ी संख्या में आएं।'
बहुस्तरीय सुरक्षा घेरे में केंद्रीय और राज्य बल शामिल हैं। चिकित्सा की आपात स्थिति से निपटने के लिए आयोग ने एक हवाई एंबुलेंस को तैयार रखा है।
चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया, 'वहां बहुस्तरीय सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। वामपंथी उग्रवाद प्रभावित इलाके में मतदान केंद्र पर कम से कम बल के एक अनुभाग को तैनात किया जाएगा, जबकि अन्य मतदान केंद्रों पर कम से कम बल के आधे अनुभाग को तैनात किया जाएगा।' बल के एक अनुभाग में लगभग 10 सुरक्षा कर्मी होते हैं।
उन्होंने बताया कि वहां सेक्टर बल और त्वरित प्रतिक्रिया दल (RAF) समेत कम से कम तीन स्तरीय सुरक्षा होगी। अधिकारी ने बताया कि सभी मतदान केंद्रों पर केंद्रीय बल मौजूद रहेंगे।टिप्पणियां
हवाई निगरानी के लिए, दो हेलिकॉप्टर नियमित रूप से उड़ानों का संचालन करेंगे और किसी भी अवांछनीय घटना का पता चलने पर जमीन पर बल को इसकी जानकारी देंगे।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
बहुस्तरीय सुरक्षा घेरे में केंद्रीय और राज्य बल शामिल हैं। चिकित्सा की आपात स्थिति से निपटने के लिए आयोग ने एक हवाई एंबुलेंस को तैयार रखा है।
चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया, 'वहां बहुस्तरीय सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। वामपंथी उग्रवाद प्रभावित इलाके में मतदान केंद्र पर कम से कम बल के एक अनुभाग को तैनात किया जाएगा, जबकि अन्य मतदान केंद्रों पर कम से कम बल के आधे अनुभाग को तैनात किया जाएगा।' बल के एक अनुभाग में लगभग 10 सुरक्षा कर्मी होते हैं।
उन्होंने बताया कि वहां सेक्टर बल और त्वरित प्रतिक्रिया दल (RAF) समेत कम से कम तीन स्तरीय सुरक्षा होगी। अधिकारी ने बताया कि सभी मतदान केंद्रों पर केंद्रीय बल मौजूद रहेंगे।टिप्पणियां
हवाई निगरानी के लिए, दो हेलिकॉप्टर नियमित रूप से उड़ानों का संचालन करेंगे और किसी भी अवांछनीय घटना का पता चलने पर जमीन पर बल को इसकी जानकारी देंगे।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया, 'वहां बहुस्तरीय सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। वामपंथी उग्रवाद प्रभावित इलाके में मतदान केंद्र पर कम से कम बल के एक अनुभाग को तैनात किया जाएगा, जबकि अन्य मतदान केंद्रों पर कम से कम बल के आधे अनुभाग को तैनात किया जाएगा।' बल के एक अनुभाग में लगभग 10 सुरक्षा कर्मी होते हैं।
उन्होंने बताया कि वहां सेक्टर बल और त्वरित प्रतिक्रिया दल (RAF) समेत कम से कम तीन स्तरीय सुरक्षा होगी। अधिकारी ने बताया कि सभी मतदान केंद्रों पर केंद्रीय बल मौजूद रहेंगे।टिप्पणियां
हवाई निगरानी के लिए, दो हेलिकॉप्टर नियमित रूप से उड़ानों का संचालन करेंगे और किसी भी अवांछनीय घटना का पता चलने पर जमीन पर बल को इसकी जानकारी देंगे।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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हवाई निगरानी के लिए, दो हेलिकॉप्टर नियमित रूप से उड़ानों का संचालन करेंगे और किसी भी अवांछनीय घटना का पता चलने पर जमीन पर बल को इसकी जानकारी देंगे।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
हवाई निगरानी के लिए, दो हेलिकॉप्टर नियमित रूप से उड़ानों का संचालन करेंगे और किसी भी अवांछनीय घटना का पता चलने पर जमीन पर बल को इसकी जानकारी देंगे।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) |
ट्विंकल खन्ना (Twinkle Khanna) को उनके पति और बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार (Akshay Kumar) ने एक ऐसा गिफ्ट दिया है, जो उनके दिल को छू गया. जी हां, अक्षय कुमार, जोकि आजकल अपनी आने वाली फिल्म 'गुड न्यूज' (Good Newwz) के प्रमोशन में व्यस्त हैं, हाल ही में कपिल शर्मा के शो (Kapil Sharma show) पर पहुंचे थे. यहां उन्हें एक ऐसी चीज दिखी, जो वो शायद पहले उनकी सह कलाकार करीना कपूर (Kareena Kapoor) को दिखाई गई, लेकिन उन्हें वह खास प्रभावित नहीं कर पाई. लेकिन अक्षय कुमार को यकीन था कि अपनी पत्नी ट्विंकल खन्ना (Twinkle Khanna) को वह यकीनन पसंद आएगी. फिर क्या था बॉलीवुड कलाकार उसे ले आए अपनी पत्नी के लिए बतौर गिफ्ट.
TikTok Viral Video: दुनिया की सबसे 'महंगी कलाकृति' है प्याज से बना यह आर्ट पीस
My partner returns from performing at the Kapil Sharma show and says, ‘They were showing this to Kareena, I don't think she was too impressed, but I knew you would enjoy them so I got them for you.' Sometimes it's the smallest things, the silliest things that can touch your heart. #onionearrings #bestpresentaward
A post shared by Twinkle Khanna (@twinklerkhanna) on Dec 12, 2019 at 8:07am PST
ट्विंकल खन्ना आजकल प्याज की बढ़ी कीमतों को लेकर कई बार बात कर चुकी हैं. ऐसे में जब अपनी फिल्म 'गुड न्यूज' (Good Newwz) के प्रमोशन के लिए अक्षय कपिल शर्मा के शो पर पहुंचे थे और वहां उन्हें प्याज वाले झुमके नजर आए तो वे ये झुमके ट्विंकल खन्ना के लिए ले आए.
Akshay Kumar को कभी कॉफी बनाने के लिए क्यों नहीं कहतीं Twinkle Khanna, एक तस्वीर ने खोला राज...
अक्षय कुमार (Akshay Kumar) से यह गिफ्ट लेकिर ट्विंकल खन्ना (Twinkle Khanna) को अच्छा लगा. इस तस्वीर को साझा करते हुए ट्विंकल ने कैप्शन में लिखा- ''मेरे पार्टनर द कपिल शर्मा शो में परफॉर्म कर वापस आए और उन्होंने कहा, "ये झुमके वहां पर करीना को दिखा रहे थे, मुझे लगा कि वह ज्यादा प्रभावित नहीं हुई, लेकिन मुझे पता था कि तुम्हें यह पसंद आएंगे इसलिए मैं ये तुम्हारे लिए ले आया." इस कैप्शन में आगे अपनी भावनाएं बताते हुए ट्विंकल खन्ना ने लिखा है - ''कई बार छोटी चीजें भी आपका दिल छू लेती हैं."
Healthy Breakfast: सोया सैंडविच है सुबह के नाश्ते के लिए बेहतरीन, प्रोटीन से भरपूर ये ब्रेकफास्ट वजन घटाने में है कमाल!
अक्षय कुमार की आने वाली फिल्म गुड़ न्यूज में उनके साथ करीना कपूर (Kareena Kapoor), दिलजीत दोसांझ (Diljit Dosanjh) और कियारा अडवाणी (Kiara Advani) नजर आएंगे. अक्षय कुमार (Akshay Kumar) की फिल्म गुड न्यूज इसी महीने 27 तारीख को रिलीज हो रही है.
बीवी ने कहा 'लहसुन छीलो', तो सर्जन पति ने खोजा लहसुन छीलने का ये गजब तरीका...
ट्विंकल इससे पहले भी अपने फूड लव और फैमिली के साथ तस्वीरें साझा करती रहती हैं. कुछ रोज पहले ही उन्होनें प्याज की बढ़ी कीमतों पर चिंता जाहिर करते हुए इसकी तुलना ऐवकाडो से की थी.
Onions are the new Avocados! My bit this week for @tweakindia Repost @tweakindia "Though I spent most of my college years studying accounts, home science is what I have honed over the last 19-odd years. Inherently frugal by nature, I vigorously apply these skills when I am trying to balance the household budget. When onion prices started soaring to the point of daylight robbery, I again applied my acquired home science skills." — Says Twinkle Khanna Click on the link ( linkin.bio/tweakindia ) in @tweakindia description and tap on the corresponding image to read her piece and her selection of onion-free recipes. What are your solutions for coping with the rising prices?
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फायदे ही नहीं नुकसान भी पहुंचा सकती है अलसी, खाएं तो जरा संभल कर...
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२००१ की जनसंख्या अनुसार, कर्नाटक की साक्षरता दर ६७.०४% है, जिसमें ७६.२९% पुरुष तथा ५७.४५% स्त्रियाँ हैं। राज्य में भारत के कुछ प्रतिष्ठित शैक्षिक और अनुसंधान संस्थान भी स्थित हैं, जैसे भारतीय विज्ञान संस्थान, भारतीय प्रबंधन संस्थान, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कर्नाटक और भारतीय राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय।
मार्च २००६ के अनुसार, कर्नाटक में ५४,५२९ प्राथमिक विद्यालय हैं, जिनमें २,५२,८७५ शिक्षक तथा ८४.९५ लाख विद्यार्थी हैं। इसके अलावा ९४९८ माध्यमिक विद्यालय जिनमें ९२,२८७ शिक्षक तथा १३.८४ लाख विद्यार्थी हैं। राज्य में तीन प्रकार के विद्यालय हैं, सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त निजी (सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्राप्त) एवं पूर्णतया निजी (कोई सरकारी सहायता नहीं)। अधिकांश विद्यालयों में शिक्षा का माध्यम कन्नड़ एवं अंग्रेज़ी है। विद्यालयों में पढ़ाया जाने वाला पाठ्यक्रम या तो सीबीएसई, आई.सी.एस.ई या कर्नाटक सरकार के शिक्षा विभाग के अधीनस्थ राज्य बोर्ड पाठ्यक्रम (एसएसएलसी) से निर्देशित होता है। कुछ विद्यालय ओपन स्कूल पाठ्यक्रम भी चलाते हैं। राज्य में बीजापुर में एक सैनिक स्कूल भी है।
विद्यालयों में अधिकतम उपस्थिति को बढ़ावा देने हेतु, कर्नाटक सरकार ने सरकारी एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में विद्यार्थियों हेतु निःशुल्क अपराह्न-भोजन योजना आरंभ की है। राज्य बोर्ड परीक्षाएं माध्यमिक शिक्षा अवधि के अंत में आयोजित की जाती हैं, जिसमें उत्तीर्ण होने वाले छात्रों को द्विवर्षीय विश्वविद्यालय-पूर्व कोर्स में प्रवेश मिलता है। इसके बाद विद्यार्थी स्नातक पाठ्यक्रम के लिए अर्हक होते हैं।
राज्य में यहां के विश्वविद्यालयों जैसे बंगलुरु विश्वविद्यालय,गुलबर्ग विश्वविद्यालय, कर्नाटक विश्वविद्यालय, कुवेंपु विश्वविद्यालय, मंगलौर विश्वविद्यालय तथा मैसूर विश्वविद्यालय, आदि से मान्यता प्राप्त ४८१ स्नातक महाविद्यालय हैं। १९९८ में राज्य भर के अभियांत्रिकी महाविद्यालयों को नवगठित बेलगाम स्थित विश्वेश्वरैया प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अंतर्गत्त लाया गया, जबकि चिकित्सा महाविद्यालयों को राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के अधिकारक्षेत्र में लाया गया था। इनमें से कुछ अच्छे महाविद्यालयों को मानित विश्वविद्यालय का दर्जा भी प्रदान किया गया था। राज्य में १२३ अभियांत्रिकी, ३५ चिकित्सा ४० दंतचिकित्सा महाविद्यालय हैं। राज्य में वैदिक एवं संस्कृत शिक्षा हेतु उडुपी, शृंगेरी, गोकर्ण तथा मेलकोट प्रसिदध स्थान हैं। केन्द्र सरकार की ११वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत्त मुदेनहल्ली में एक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की सथापना को स्वीकृति मिल चुकी है। ये राज्य का प्रथम आई.आई.टी संस्थान होगा। इसके अतिरिक्त मेदेनहल्ली-कानिवेनारायणपुरा में विश्वेश्वरैया उन्नत प्रौद्योगिकी संस्थान का ६०० करोड़ रुपये की लागत से निर्माण प्रगति पर है।
सन्दर्भ
कर्नाटक
भारत में शिक्षा |
लेख: आंध्र प्रदेश के एक मंत्री की जेल में बंद सांसद वाईएस जगमोहन रेड्डी के संबंध में दिए गए बयान को लेकर वाईएसआर कांग्रेस ने शनिवार को मंत्री के खिलाफ राज्यभर में प्रदर्शन किए।
जगमोहन रेड्डी वाइएसआर कांग्रेस के नेता हैं और भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में बंद हैं।
वाईएसआर कांग्रेस के नेताओं ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किया और राज्य के वित्तमंत्री अनाम रामनारायण रेड्डी के पुतले फूंके।
अनाम रामनारायण रेड्डी ने शुक्रवार को कहा था कि भ्रष्टाचार के लिए जगमोहन रेड्डी को फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए।टिप्पणियां
लोगों में जगन के नाम से मशहूर कड़पा से सांसद जगमोहन रेड्डी इन दिनों ज्ञात स्रोतों से ज्यादा संपत्ति जमा करने के आरोप में चंचलगुड़ा जेल मे बंद हैं।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उनके खिलाफ अपने पिता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी के साथ सांठगांठ कर अपने कारोबार में पैसा लगाने वाली कंपनियों और व्यक्तियों को सीमा से परे जाकर मदद कराने का आरोप लगाया है।
जगमोहन रेड्डी वाइएसआर कांग्रेस के नेता हैं और भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में बंद हैं।
वाईएसआर कांग्रेस के नेताओं ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किया और राज्य के वित्तमंत्री अनाम रामनारायण रेड्डी के पुतले फूंके।
अनाम रामनारायण रेड्डी ने शुक्रवार को कहा था कि भ्रष्टाचार के लिए जगमोहन रेड्डी को फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए।टिप्पणियां
लोगों में जगन के नाम से मशहूर कड़पा से सांसद जगमोहन रेड्डी इन दिनों ज्ञात स्रोतों से ज्यादा संपत्ति जमा करने के आरोप में चंचलगुड़ा जेल मे बंद हैं।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उनके खिलाफ अपने पिता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी के साथ सांठगांठ कर अपने कारोबार में पैसा लगाने वाली कंपनियों और व्यक्तियों को सीमा से परे जाकर मदद कराने का आरोप लगाया है।
वाईएसआर कांग्रेस के नेताओं ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किया और राज्य के वित्तमंत्री अनाम रामनारायण रेड्डी के पुतले फूंके।
अनाम रामनारायण रेड्डी ने शुक्रवार को कहा था कि भ्रष्टाचार के लिए जगमोहन रेड्डी को फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए।टिप्पणियां
लोगों में जगन के नाम से मशहूर कड़पा से सांसद जगमोहन रेड्डी इन दिनों ज्ञात स्रोतों से ज्यादा संपत्ति जमा करने के आरोप में चंचलगुड़ा जेल मे बंद हैं।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उनके खिलाफ अपने पिता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी के साथ सांठगांठ कर अपने कारोबार में पैसा लगाने वाली कंपनियों और व्यक्तियों को सीमा से परे जाकर मदद कराने का आरोप लगाया है।
अनाम रामनारायण रेड्डी ने शुक्रवार को कहा था कि भ्रष्टाचार के लिए जगमोहन रेड्डी को फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए।टिप्पणियां
लोगों में जगन के नाम से मशहूर कड़पा से सांसद जगमोहन रेड्डी इन दिनों ज्ञात स्रोतों से ज्यादा संपत्ति जमा करने के आरोप में चंचलगुड़ा जेल मे बंद हैं।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उनके खिलाफ अपने पिता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी के साथ सांठगांठ कर अपने कारोबार में पैसा लगाने वाली कंपनियों और व्यक्तियों को सीमा से परे जाकर मदद कराने का आरोप लगाया है।
लोगों में जगन के नाम से मशहूर कड़पा से सांसद जगमोहन रेड्डी इन दिनों ज्ञात स्रोतों से ज्यादा संपत्ति जमा करने के आरोप में चंचलगुड़ा जेल मे बंद हैं।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उनके खिलाफ अपने पिता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी के साथ सांठगांठ कर अपने कारोबार में पैसा लगाने वाली कंपनियों और व्यक्तियों को सीमा से परे जाकर मदद कराने का आरोप लगाया है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उनके खिलाफ अपने पिता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी के साथ सांठगांठ कर अपने कारोबार में पैसा लगाने वाली कंपनियों और व्यक्तियों को सीमा से परे जाकर मदद कराने का आरोप लगाया है। |
जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवादियों से अपनी जान को खतरा बताते हुए बारामूला जिले के कम से कम 28 सरपंचों और पंचों ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
बारामूला जिले के सोपोर इलाके के 22 सरपंचों और पंचों ने मीडियाकर्मियों से कहा कि वे अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं क्योंकि अलगाववादी आतंकवादियों से उनकी जान को खतरा है। इसी इलाके के अन्य छह ने अपना इस्तीफा दैनिक समाचार पत्र 'ग्रेटर कश्मीर' को सोमवार के अंक में विज्ञापन के रूप में प्रकाशित करने के लिए भेजा है। उन्होंने कहा है कि वे विज्ञापन के शुल्क का भुगतान करेंगे।
ज्ञात हो कि बारामूला जिले के सोपोर के निकट बोमई गांव में एक सरपंच की गोली मारकर हत्या के एक दिन बाद आतंकवादियों ने शनिवार को एक महिला पंच को गोली मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। टिप्पणियां
आतंकवादियों ने सोपोर शहर के हरदा शिवा गांव निवासी मुहम्मद रमजान की पत्नी जूना को गोली मार दी। घायल महिला को श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर मेडिकल साइंस सौरा में रेफर गया है।
उल्लेखनीय है कि बारामूला जिले में शुक्रवार को आतंकवादियों ने एक सरपंच की हत्या कर दी थी। हबीबुल्लाह मीर की यहां से 54 किलोमीटर दूर स्थित सोपोर के गोरीपोरा बोमी स्थित उनके घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। राज्य में पंचायत चुनाव 30 वर्ष बाद 2011 में कराया गया था।
बारामूला जिले के सोपोर इलाके के 22 सरपंचों और पंचों ने मीडियाकर्मियों से कहा कि वे अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं क्योंकि अलगाववादी आतंकवादियों से उनकी जान को खतरा है। इसी इलाके के अन्य छह ने अपना इस्तीफा दैनिक समाचार पत्र 'ग्रेटर कश्मीर' को सोमवार के अंक में विज्ञापन के रूप में प्रकाशित करने के लिए भेजा है। उन्होंने कहा है कि वे विज्ञापन के शुल्क का भुगतान करेंगे।
ज्ञात हो कि बारामूला जिले के सोपोर के निकट बोमई गांव में एक सरपंच की गोली मारकर हत्या के एक दिन बाद आतंकवादियों ने शनिवार को एक महिला पंच को गोली मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। टिप्पणियां
आतंकवादियों ने सोपोर शहर के हरदा शिवा गांव निवासी मुहम्मद रमजान की पत्नी जूना को गोली मार दी। घायल महिला को श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर मेडिकल साइंस सौरा में रेफर गया है।
उल्लेखनीय है कि बारामूला जिले में शुक्रवार को आतंकवादियों ने एक सरपंच की हत्या कर दी थी। हबीबुल्लाह मीर की यहां से 54 किलोमीटर दूर स्थित सोपोर के गोरीपोरा बोमी स्थित उनके घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। राज्य में पंचायत चुनाव 30 वर्ष बाद 2011 में कराया गया था।
ज्ञात हो कि बारामूला जिले के सोपोर के निकट बोमई गांव में एक सरपंच की गोली मारकर हत्या के एक दिन बाद आतंकवादियों ने शनिवार को एक महिला पंच को गोली मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। टिप्पणियां
आतंकवादियों ने सोपोर शहर के हरदा शिवा गांव निवासी मुहम्मद रमजान की पत्नी जूना को गोली मार दी। घायल महिला को श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर मेडिकल साइंस सौरा में रेफर गया है।
उल्लेखनीय है कि बारामूला जिले में शुक्रवार को आतंकवादियों ने एक सरपंच की हत्या कर दी थी। हबीबुल्लाह मीर की यहां से 54 किलोमीटर दूर स्थित सोपोर के गोरीपोरा बोमी स्थित उनके घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। राज्य में पंचायत चुनाव 30 वर्ष बाद 2011 में कराया गया था।
आतंकवादियों ने सोपोर शहर के हरदा शिवा गांव निवासी मुहम्मद रमजान की पत्नी जूना को गोली मार दी। घायल महिला को श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर मेडिकल साइंस सौरा में रेफर गया है।
उल्लेखनीय है कि बारामूला जिले में शुक्रवार को आतंकवादियों ने एक सरपंच की हत्या कर दी थी। हबीबुल्लाह मीर की यहां से 54 किलोमीटर दूर स्थित सोपोर के गोरीपोरा बोमी स्थित उनके घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। राज्य में पंचायत चुनाव 30 वर्ष बाद 2011 में कराया गया था।
उल्लेखनीय है कि बारामूला जिले में शुक्रवार को आतंकवादियों ने एक सरपंच की हत्या कर दी थी। हबीबुल्लाह मीर की यहां से 54 किलोमीटर दूर स्थित सोपोर के गोरीपोरा बोमी स्थित उनके घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। राज्य में पंचायत चुनाव 30 वर्ष बाद 2011 में कराया गया था। |
यूपी की सत्ता में वापसी का सपना देख रही बीजेपी को चुनाव पूर्व एक बड़ी परेशानी से दो-चार होना पड़ सकता है. सूत्रों के मुताबिक़ अनुप्रिया पटेल इस समय बीजेपी से थोड़ी नाराज चल रही है. अनुप्रिया इस बात से नाराज हैं कि जिन सीट पर अपना दल से बंटवारे को लेकर चर्चा चल रही थी उन सीट पर बीजेपी ने अपनी तीसरी सूची में उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है. आपको बता दें कि बीजेपी यूपी में अपना दल और एसबीएसपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है.
ये है गुस्से की वजह
वाराणसी की रोहनिया सीट से अनुप्रिया पटेल 2012 में जीती थीं. दूसरी सीट मिर्ज़ापुर की चुनार सीट है जहां से बीजेपी ने यूपी बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश सिंह के बेटे अनुराग सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. इसके अलावा बांदा की मानिकपुर सीट है जहां से बीजेपी ने आर के पटेल को बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है.
बताया जा रहा है कि अनुप्रिया पटेल ने बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से मिलकर अपनी नाराज़गी जताएगी. बीजेपी में भी गठबंधन को लेकर पहले ही घमासान जारी था. ऐसे में इन सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार उतार देने से माहौल और गर्म हो गया है.
स्टार प्रचारकों में भी नहीं था कोई शामिल
बीजेपी की स्टार प्रचारकों की लिस्ट में भी अपना दल का कोई चेहरा शामिल नहीं था. अपना दल में तीन बड़े नाम हैं और तीनों के तीनों मोदी सरकार में राज्य मंत्री जैसी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. मिर्जापुर से सांसद अनुप्रिया पटेल, चंदौली के सांसद डॉ. मनोज कुमार पाण्डेय और गाजीपुर से सांसद मनोज सिन्हा का नाम बीजेपी की स्टार प्रचारक लिस्ट में शामिल नहीं था.
बीजेपी तैयार नहीं
दरअसल, बीजेपी की सहयोगी अपना दल और एसबीएसपी ने 50 से ज्यादा सीटों पर दावा जता दिया था. लेकिन, बीजेपी इन दोनों ही दलों को एक दर्जन से ज्यादा सीट देने को तैयार नहीं है. कारण ये है कि बिहार में गठबंधन दलों ने सीटें काफी बढ़-चढ़कर ली थीं लेकिन उनका प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा था, इसलिए बीजेपी
यूपी
में ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहती.
अपना दल को बीजेपी ने दी थी 38 सीट
आपको यह भी बता दें कि 2007 में सोनेलाल पटेल के रहते बीजेपी ने अपना दल को 38 सीटें दी थीं. हालांकि इन दिनों अपना दल की भी हालत ठीक नहीं है. अनुप्रिया पटेल और उनकी मां कृष्णा पटेल की वर्चस्व की लड़ाई में पार्टी दो गुटों में बंट चुकी है. कृष्णा पटेल के मुताबिक वे करीब 150 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी. |
6 बदमाशों ने किया था सचिन पाठक का अपहरण
जाम और गाड़ी पंचर होने के कारण बच गई जान
पहले जाम और फिर गाड़ी पंचर हो जाने की वजह से एक युवक की जान बच गई. मामला नोएडा सेक्टर 39 का है. पुलिस के मुताबिक होंडा सीटी कार में सवार 6 बदमाशों ने सचिन पाठक नाम के युवक का 18 नवंबर की सुबह ओखला स्टैंड का पास से जबरन गाड़ी में डाल लिया और उसे लेकर कालिंदी कुंज की तरफ भागने लगे, लेकिन उस तरफ आगे जाम लगा था.
बदमाशों को डर था कि कहीं वो पकड़े ना जए इसलिए उन सबने गाड़ी को रांग साईड में ले लिया और पुश्ता की तरफ भागने लगे, लेकिन जैसे ही वो एक गौशाला के बगल में पहुंचे उनकी गाड़ी पंचर हो गई. इस दौरान उनकी नजर पीछे आ रही वैगन आर कार पर पड़ी. उन बदमाशों ने वैगन आर कार लूटी ली, लेकिन इस दौरान मौके का फायदा उठा कर सचिन पाठक गौशाले की दीवार फांद कर भाग निकला.
पुलिस ने जब मामले की जांच शुरु की तो पता लगा कि जिस होंडा सिटी कार से अपहरण किया गया था वो भी लूटी हुई गाड़ी थी, लिहाजा पुलिस को यकीन हो गया कि सचिन के अपहरण के पीछे किसी ने साजिश रची है. जांच में पता लगा कि सचिन पाठक का बालेंद्र और रहीश नाम के दोनो लोगों से किसी बात पर रंजिश है.
पुलिस के मुताबिक, इन्हीं दोनो ने सचिन पाठक को सबक सिखाने के लिए एक लाख की सुपारी नेमू और मुक्की नाम के बदमाशों को दी थी. सचिन के अपहरण के लिए नेमू और मुक्की ने पहले तो होंडी सिटी गाड़ी चोरी की, फिर 18 की सुबह सचिन का अपहरण किया, लेकिन जाम और टायर पंचर होने की वजह से सचिन बच गया.
पुलिस ने इस मामले में बालेंद्र और रहीश समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनसे पूछताछ कर रही है. पुलिस ने आरोपियों के पास से एक सिल्टल, एक लूटी गई वैगन आर कार और एक चोरी की होंसा सीटी बरामद की है. |
यह लेख है: ब्रिटेन में पिछले कुछ दशकों के सबसे करीबी मुकाबले वाले आम चुनावों के लिए आज मतदान हो रहा है जिसमें प्रधानमंत्री डेविड कैमरन दूसरे कार्यकाल के लिए किस्मत आजमा रहे हैं तो उनकी सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी को विपक्षी लेबर पार्टी से कड़ी टक्कर मिल रही है।
देश में लाखों लोग मतदान करने पहुंचे और अनेक नेता भी सबसे पहले इस प्रक्रिया में भाग लेने वालों में शामिल रहे। मौसम खुशनुमा होने की वजह से बड़ी संख्या में मतदाता निकल रहे हैं। मतदान पहले हल्का फुल्का शुरू हुआ लेकिन इसके धीरे-धीरे बढ़ने की उम्मीद है।
ब्रिटेन में 15 लाख प्रवासियों और 6,15,000 भारतीय मूल के विद्यार्थियों समेत भारतवंशियों की अहम भूमिका है और इस टक्कर के मुकाबले में हर वोट का महत्व है। ब्रिटेन में भारत की तरह ही चुनाव व्यवस्था है जिसमें अधिक मत प्रतिशत के बजाय अधिक वोट बटोरने वाली पार्टी को विजयी माना जाता है।
चुनावी पंडित त्रिशंकु संसद का पूर्वानुमान लगा रहे हैं। 650 सदस्यीय हाउस ऑफ कॉमन्स में बहुमत पाने के लिए 326 सांसदों का जादुई आंकड़े तक पहुंचना होगा। प्रधानमंत्री कैमरन पत्नी सामंथा के साथ ऑक्सफोर्डशायर में अपने निर्वाचन क्षेत्र विटनी में शुरूआती मतदान करने वालों में शामिल रहे।
मतदान शुरू होने से पहले अपने एक आखिरी साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ने मतदाताओं को दिये संदेश में कहा, ‘देश का भविष्य आपके हाथों में है। ऐसा कुछ नहीं करें, जिसका आपको अफसोस हो।’ विपक्ष के नेता और लेबर पार्टी के एड मिलीबैंड ने करीब आधे घंटे पहले डोनकास्टर नॉर्थ निर्वाचन क्षेत्र में पत्नी जस्टिन के साथ मतदान किया। वह देश के नये प्रधानमंत्री के रूप में 10, डाउनिंग स्ट्रीट पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं।
ब्रिटेन में करीब 50,000 मतदान केंद्रों पर वोटिंग शुरू हुई जो स्थानीय समयानुसार रात 10 बजे तक चलेगी। लिबरल डेमोक्रेट निक क्लेग, यूनाइटेड किंगडम इंडिपेंडेंस पार्टी के नाइजल फराज और स्कॉटिश नेशनल पार्टी की निकोला स्टुरजन समेत अन्य पार्टी नेताओं ने भी स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजे मतदान शुरू होने के बाद वोट डाला।
इस चुनाव में कुल 650 सांसदों का चयन होगा और मतदान के लिए करीब पांच करोड़ लोगों ने पंजीकरण कराया है। ये मतदाता आम चुनावों के साथ ही 290 इंग्लिश स्थानीय निकायों की 10,000 से अधिक काउंसिल सीटों के लिए भी वोट डालेंगे। चुनाव में भारतीय मूल के कुछ प्रमुख उम्मीदवारों में लेबर पार्टी के कीथ वाज शामिल हैं।
उनकी लीसेस्टर पूर्व की सीट इस बार भी सुरक्षित लगती है। उनकी बहन वालेरी वैज अपनी वलसाल साउथ सीट को बचाने की कोशिश में हैं। लेबर पार्टी के एक और दिग्गज वीरेंद्र शर्मा ईलिंग साउथॉल से तथा सीमा मल्होत्रा फेल्टहम और हेस्टन से किस्मत आजमा रहे हैं। कंजर्वेटिव पार्टी से भी भाई-बहन की एक भारतवंशी जोड़ी चुनाव लड़ रही है।टिप्पणियां
अरुण और सूरिया फोताय क्रमश: बर्मिंघम यार्डले और वोल्वरहैंपटन साउथ ईस्ट से किस्मत आजमा रहे हैं। कैबिनेट में भूमिका निभा चुकीं प्रीति पटेल अपनी विटहम सीट को सुरक्षित रखने को लेकर आशान्वित हैं। इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायणमूर्ति के दामाद ऋषी सुनक पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं और उनके रिचमंड से इतिहास रचने की उम्मीद है। कुछ लोग डाक मतदान के जरिये पहले ही वोट डाले जा चुके हैं। पहली बार लोगों को ऑनलाइन मतदान के लिए पंजीकरण की सुविधा मिली है।
ताजा सर्वेक्षण बताते हैं कि कंजर्वेटिव और लेबर पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला है और त्रिशंकु संसद आने की पूरी संभावना है। मतदान नहीं करके तटस्थ भूमिका निभाने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय शुक्रवार तक परिणाम घोषित होने के बाद अधिक समर्थन वाले नेता को नयी सरकार बनाने के लिए बुलाएंगी। इसके बाद वह 27 मई को संसद में क्वींस स्पीच देंगी जिसमें नयी सरकार का एजेंडा रेखांकित होगा।
देश में लाखों लोग मतदान करने पहुंचे और अनेक नेता भी सबसे पहले इस प्रक्रिया में भाग लेने वालों में शामिल रहे। मौसम खुशनुमा होने की वजह से बड़ी संख्या में मतदाता निकल रहे हैं। मतदान पहले हल्का फुल्का शुरू हुआ लेकिन इसके धीरे-धीरे बढ़ने की उम्मीद है।
ब्रिटेन में 15 लाख प्रवासियों और 6,15,000 भारतीय मूल के विद्यार्थियों समेत भारतवंशियों की अहम भूमिका है और इस टक्कर के मुकाबले में हर वोट का महत्व है। ब्रिटेन में भारत की तरह ही चुनाव व्यवस्था है जिसमें अधिक मत प्रतिशत के बजाय अधिक वोट बटोरने वाली पार्टी को विजयी माना जाता है।
चुनावी पंडित त्रिशंकु संसद का पूर्वानुमान लगा रहे हैं। 650 सदस्यीय हाउस ऑफ कॉमन्स में बहुमत पाने के लिए 326 सांसदों का जादुई आंकड़े तक पहुंचना होगा। प्रधानमंत्री कैमरन पत्नी सामंथा के साथ ऑक्सफोर्डशायर में अपने निर्वाचन क्षेत्र विटनी में शुरूआती मतदान करने वालों में शामिल रहे।
मतदान शुरू होने से पहले अपने एक आखिरी साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ने मतदाताओं को दिये संदेश में कहा, ‘देश का भविष्य आपके हाथों में है। ऐसा कुछ नहीं करें, जिसका आपको अफसोस हो।’ विपक्ष के नेता और लेबर पार्टी के एड मिलीबैंड ने करीब आधे घंटे पहले डोनकास्टर नॉर्थ निर्वाचन क्षेत्र में पत्नी जस्टिन के साथ मतदान किया। वह देश के नये प्रधानमंत्री के रूप में 10, डाउनिंग स्ट्रीट पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं।
ब्रिटेन में करीब 50,000 मतदान केंद्रों पर वोटिंग शुरू हुई जो स्थानीय समयानुसार रात 10 बजे तक चलेगी। लिबरल डेमोक्रेट निक क्लेग, यूनाइटेड किंगडम इंडिपेंडेंस पार्टी के नाइजल फराज और स्कॉटिश नेशनल पार्टी की निकोला स्टुरजन समेत अन्य पार्टी नेताओं ने भी स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजे मतदान शुरू होने के बाद वोट डाला।
इस चुनाव में कुल 650 सांसदों का चयन होगा और मतदान के लिए करीब पांच करोड़ लोगों ने पंजीकरण कराया है। ये मतदाता आम चुनावों के साथ ही 290 इंग्लिश स्थानीय निकायों की 10,000 से अधिक काउंसिल सीटों के लिए भी वोट डालेंगे। चुनाव में भारतीय मूल के कुछ प्रमुख उम्मीदवारों में लेबर पार्टी के कीथ वाज शामिल हैं।
उनकी लीसेस्टर पूर्व की सीट इस बार भी सुरक्षित लगती है। उनकी बहन वालेरी वैज अपनी वलसाल साउथ सीट को बचाने की कोशिश में हैं। लेबर पार्टी के एक और दिग्गज वीरेंद्र शर्मा ईलिंग साउथॉल से तथा सीमा मल्होत्रा फेल्टहम और हेस्टन से किस्मत आजमा रहे हैं। कंजर्वेटिव पार्टी से भी भाई-बहन की एक भारतवंशी जोड़ी चुनाव लड़ रही है।टिप्पणियां
अरुण और सूरिया फोताय क्रमश: बर्मिंघम यार्डले और वोल्वरहैंपटन साउथ ईस्ट से किस्मत आजमा रहे हैं। कैबिनेट में भूमिका निभा चुकीं प्रीति पटेल अपनी विटहम सीट को सुरक्षित रखने को लेकर आशान्वित हैं। इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायणमूर्ति के दामाद ऋषी सुनक पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं और उनके रिचमंड से इतिहास रचने की उम्मीद है। कुछ लोग डाक मतदान के जरिये पहले ही वोट डाले जा चुके हैं। पहली बार लोगों को ऑनलाइन मतदान के लिए पंजीकरण की सुविधा मिली है।
ताजा सर्वेक्षण बताते हैं कि कंजर्वेटिव और लेबर पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला है और त्रिशंकु संसद आने की पूरी संभावना है। मतदान नहीं करके तटस्थ भूमिका निभाने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय शुक्रवार तक परिणाम घोषित होने के बाद अधिक समर्थन वाले नेता को नयी सरकार बनाने के लिए बुलाएंगी। इसके बाद वह 27 मई को संसद में क्वींस स्पीच देंगी जिसमें नयी सरकार का एजेंडा रेखांकित होगा।
ब्रिटेन में 15 लाख प्रवासियों और 6,15,000 भारतीय मूल के विद्यार्थियों समेत भारतवंशियों की अहम भूमिका है और इस टक्कर के मुकाबले में हर वोट का महत्व है। ब्रिटेन में भारत की तरह ही चुनाव व्यवस्था है जिसमें अधिक मत प्रतिशत के बजाय अधिक वोट बटोरने वाली पार्टी को विजयी माना जाता है।
चुनावी पंडित त्रिशंकु संसद का पूर्वानुमान लगा रहे हैं। 650 सदस्यीय हाउस ऑफ कॉमन्स में बहुमत पाने के लिए 326 सांसदों का जादुई आंकड़े तक पहुंचना होगा। प्रधानमंत्री कैमरन पत्नी सामंथा के साथ ऑक्सफोर्डशायर में अपने निर्वाचन क्षेत्र विटनी में शुरूआती मतदान करने वालों में शामिल रहे।
मतदान शुरू होने से पहले अपने एक आखिरी साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ने मतदाताओं को दिये संदेश में कहा, ‘देश का भविष्य आपके हाथों में है। ऐसा कुछ नहीं करें, जिसका आपको अफसोस हो।’ विपक्ष के नेता और लेबर पार्टी के एड मिलीबैंड ने करीब आधे घंटे पहले डोनकास्टर नॉर्थ निर्वाचन क्षेत्र में पत्नी जस्टिन के साथ मतदान किया। वह देश के नये प्रधानमंत्री के रूप में 10, डाउनिंग स्ट्रीट पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं।
ब्रिटेन में करीब 50,000 मतदान केंद्रों पर वोटिंग शुरू हुई जो स्थानीय समयानुसार रात 10 बजे तक चलेगी। लिबरल डेमोक्रेट निक क्लेग, यूनाइटेड किंगडम इंडिपेंडेंस पार्टी के नाइजल फराज और स्कॉटिश नेशनल पार्टी की निकोला स्टुरजन समेत अन्य पार्टी नेताओं ने भी स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजे मतदान शुरू होने के बाद वोट डाला।
इस चुनाव में कुल 650 सांसदों का चयन होगा और मतदान के लिए करीब पांच करोड़ लोगों ने पंजीकरण कराया है। ये मतदाता आम चुनावों के साथ ही 290 इंग्लिश स्थानीय निकायों की 10,000 से अधिक काउंसिल सीटों के लिए भी वोट डालेंगे। चुनाव में भारतीय मूल के कुछ प्रमुख उम्मीदवारों में लेबर पार्टी के कीथ वाज शामिल हैं।
उनकी लीसेस्टर पूर्व की सीट इस बार भी सुरक्षित लगती है। उनकी बहन वालेरी वैज अपनी वलसाल साउथ सीट को बचाने की कोशिश में हैं। लेबर पार्टी के एक और दिग्गज वीरेंद्र शर्मा ईलिंग साउथॉल से तथा सीमा मल्होत्रा फेल्टहम और हेस्टन से किस्मत आजमा रहे हैं। कंजर्वेटिव पार्टी से भी भाई-बहन की एक भारतवंशी जोड़ी चुनाव लड़ रही है।टिप्पणियां
अरुण और सूरिया फोताय क्रमश: बर्मिंघम यार्डले और वोल्वरहैंपटन साउथ ईस्ट से किस्मत आजमा रहे हैं। कैबिनेट में भूमिका निभा चुकीं प्रीति पटेल अपनी विटहम सीट को सुरक्षित रखने को लेकर आशान्वित हैं। इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायणमूर्ति के दामाद ऋषी सुनक पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं और उनके रिचमंड से इतिहास रचने की उम्मीद है। कुछ लोग डाक मतदान के जरिये पहले ही वोट डाले जा चुके हैं। पहली बार लोगों को ऑनलाइन मतदान के लिए पंजीकरण की सुविधा मिली है।
ताजा सर्वेक्षण बताते हैं कि कंजर्वेटिव और लेबर पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला है और त्रिशंकु संसद आने की पूरी संभावना है। मतदान नहीं करके तटस्थ भूमिका निभाने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय शुक्रवार तक परिणाम घोषित होने के बाद अधिक समर्थन वाले नेता को नयी सरकार बनाने के लिए बुलाएंगी। इसके बाद वह 27 मई को संसद में क्वींस स्पीच देंगी जिसमें नयी सरकार का एजेंडा रेखांकित होगा।
चुनावी पंडित त्रिशंकु संसद का पूर्वानुमान लगा रहे हैं। 650 सदस्यीय हाउस ऑफ कॉमन्स में बहुमत पाने के लिए 326 सांसदों का जादुई आंकड़े तक पहुंचना होगा। प्रधानमंत्री कैमरन पत्नी सामंथा के साथ ऑक्सफोर्डशायर में अपने निर्वाचन क्षेत्र विटनी में शुरूआती मतदान करने वालों में शामिल रहे।
मतदान शुरू होने से पहले अपने एक आखिरी साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ने मतदाताओं को दिये संदेश में कहा, ‘देश का भविष्य आपके हाथों में है। ऐसा कुछ नहीं करें, जिसका आपको अफसोस हो।’ विपक्ष के नेता और लेबर पार्टी के एड मिलीबैंड ने करीब आधे घंटे पहले डोनकास्टर नॉर्थ निर्वाचन क्षेत्र में पत्नी जस्टिन के साथ मतदान किया। वह देश के नये प्रधानमंत्री के रूप में 10, डाउनिंग स्ट्रीट पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं।
ब्रिटेन में करीब 50,000 मतदान केंद्रों पर वोटिंग शुरू हुई जो स्थानीय समयानुसार रात 10 बजे तक चलेगी। लिबरल डेमोक्रेट निक क्लेग, यूनाइटेड किंगडम इंडिपेंडेंस पार्टी के नाइजल फराज और स्कॉटिश नेशनल पार्टी की निकोला स्टुरजन समेत अन्य पार्टी नेताओं ने भी स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजे मतदान शुरू होने के बाद वोट डाला।
इस चुनाव में कुल 650 सांसदों का चयन होगा और मतदान के लिए करीब पांच करोड़ लोगों ने पंजीकरण कराया है। ये मतदाता आम चुनावों के साथ ही 290 इंग्लिश स्थानीय निकायों की 10,000 से अधिक काउंसिल सीटों के लिए भी वोट डालेंगे। चुनाव में भारतीय मूल के कुछ प्रमुख उम्मीदवारों में लेबर पार्टी के कीथ वाज शामिल हैं।
उनकी लीसेस्टर पूर्व की सीट इस बार भी सुरक्षित लगती है। उनकी बहन वालेरी वैज अपनी वलसाल साउथ सीट को बचाने की कोशिश में हैं। लेबर पार्टी के एक और दिग्गज वीरेंद्र शर्मा ईलिंग साउथॉल से तथा सीमा मल्होत्रा फेल्टहम और हेस्टन से किस्मत आजमा रहे हैं। कंजर्वेटिव पार्टी से भी भाई-बहन की एक भारतवंशी जोड़ी चुनाव लड़ रही है।टिप्पणियां
अरुण और सूरिया फोताय क्रमश: बर्मिंघम यार्डले और वोल्वरहैंपटन साउथ ईस्ट से किस्मत आजमा रहे हैं। कैबिनेट में भूमिका निभा चुकीं प्रीति पटेल अपनी विटहम सीट को सुरक्षित रखने को लेकर आशान्वित हैं। इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायणमूर्ति के दामाद ऋषी सुनक पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं और उनके रिचमंड से इतिहास रचने की उम्मीद है। कुछ लोग डाक मतदान के जरिये पहले ही वोट डाले जा चुके हैं। पहली बार लोगों को ऑनलाइन मतदान के लिए पंजीकरण की सुविधा मिली है।
ताजा सर्वेक्षण बताते हैं कि कंजर्वेटिव और लेबर पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला है और त्रिशंकु संसद आने की पूरी संभावना है। मतदान नहीं करके तटस्थ भूमिका निभाने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय शुक्रवार तक परिणाम घोषित होने के बाद अधिक समर्थन वाले नेता को नयी सरकार बनाने के लिए बुलाएंगी। इसके बाद वह 27 मई को संसद में क्वींस स्पीच देंगी जिसमें नयी सरकार का एजेंडा रेखांकित होगा।
मतदान शुरू होने से पहले अपने एक आखिरी साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ने मतदाताओं को दिये संदेश में कहा, ‘देश का भविष्य आपके हाथों में है। ऐसा कुछ नहीं करें, जिसका आपको अफसोस हो।’ विपक्ष के नेता और लेबर पार्टी के एड मिलीबैंड ने करीब आधे घंटे पहले डोनकास्टर नॉर्थ निर्वाचन क्षेत्र में पत्नी जस्टिन के साथ मतदान किया। वह देश के नये प्रधानमंत्री के रूप में 10, डाउनिंग स्ट्रीट पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं।
ब्रिटेन में करीब 50,000 मतदान केंद्रों पर वोटिंग शुरू हुई जो स्थानीय समयानुसार रात 10 बजे तक चलेगी। लिबरल डेमोक्रेट निक क्लेग, यूनाइटेड किंगडम इंडिपेंडेंस पार्टी के नाइजल फराज और स्कॉटिश नेशनल पार्टी की निकोला स्टुरजन समेत अन्य पार्टी नेताओं ने भी स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजे मतदान शुरू होने के बाद वोट डाला।
इस चुनाव में कुल 650 सांसदों का चयन होगा और मतदान के लिए करीब पांच करोड़ लोगों ने पंजीकरण कराया है। ये मतदाता आम चुनावों के साथ ही 290 इंग्लिश स्थानीय निकायों की 10,000 से अधिक काउंसिल सीटों के लिए भी वोट डालेंगे। चुनाव में भारतीय मूल के कुछ प्रमुख उम्मीदवारों में लेबर पार्टी के कीथ वाज शामिल हैं।
उनकी लीसेस्टर पूर्व की सीट इस बार भी सुरक्षित लगती है। उनकी बहन वालेरी वैज अपनी वलसाल साउथ सीट को बचाने की कोशिश में हैं। लेबर पार्टी के एक और दिग्गज वीरेंद्र शर्मा ईलिंग साउथॉल से तथा सीमा मल्होत्रा फेल्टहम और हेस्टन से किस्मत आजमा रहे हैं। कंजर्वेटिव पार्टी से भी भाई-बहन की एक भारतवंशी जोड़ी चुनाव लड़ रही है।टिप्पणियां
अरुण और सूरिया फोताय क्रमश: बर्मिंघम यार्डले और वोल्वरहैंपटन साउथ ईस्ट से किस्मत आजमा रहे हैं। कैबिनेट में भूमिका निभा चुकीं प्रीति पटेल अपनी विटहम सीट को सुरक्षित रखने को लेकर आशान्वित हैं। इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायणमूर्ति के दामाद ऋषी सुनक पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं और उनके रिचमंड से इतिहास रचने की उम्मीद है। कुछ लोग डाक मतदान के जरिये पहले ही वोट डाले जा चुके हैं। पहली बार लोगों को ऑनलाइन मतदान के लिए पंजीकरण की सुविधा मिली है।
ताजा सर्वेक्षण बताते हैं कि कंजर्वेटिव और लेबर पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला है और त्रिशंकु संसद आने की पूरी संभावना है। मतदान नहीं करके तटस्थ भूमिका निभाने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय शुक्रवार तक परिणाम घोषित होने के बाद अधिक समर्थन वाले नेता को नयी सरकार बनाने के लिए बुलाएंगी। इसके बाद वह 27 मई को संसद में क्वींस स्पीच देंगी जिसमें नयी सरकार का एजेंडा रेखांकित होगा।
ब्रिटेन में करीब 50,000 मतदान केंद्रों पर वोटिंग शुरू हुई जो स्थानीय समयानुसार रात 10 बजे तक चलेगी। लिबरल डेमोक्रेट निक क्लेग, यूनाइटेड किंगडम इंडिपेंडेंस पार्टी के नाइजल फराज और स्कॉटिश नेशनल पार्टी की निकोला स्टुरजन समेत अन्य पार्टी नेताओं ने भी स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजे मतदान शुरू होने के बाद वोट डाला।
इस चुनाव में कुल 650 सांसदों का चयन होगा और मतदान के लिए करीब पांच करोड़ लोगों ने पंजीकरण कराया है। ये मतदाता आम चुनावों के साथ ही 290 इंग्लिश स्थानीय निकायों की 10,000 से अधिक काउंसिल सीटों के लिए भी वोट डालेंगे। चुनाव में भारतीय मूल के कुछ प्रमुख उम्मीदवारों में लेबर पार्टी के कीथ वाज शामिल हैं।
उनकी लीसेस्टर पूर्व की सीट इस बार भी सुरक्षित लगती है। उनकी बहन वालेरी वैज अपनी वलसाल साउथ सीट को बचाने की कोशिश में हैं। लेबर पार्टी के एक और दिग्गज वीरेंद्र शर्मा ईलिंग साउथॉल से तथा सीमा मल्होत्रा फेल्टहम और हेस्टन से किस्मत आजमा रहे हैं। कंजर्वेटिव पार्टी से भी भाई-बहन की एक भारतवंशी जोड़ी चुनाव लड़ रही है।टिप्पणियां
अरुण और सूरिया फोताय क्रमश: बर्मिंघम यार्डले और वोल्वरहैंपटन साउथ ईस्ट से किस्मत आजमा रहे हैं। कैबिनेट में भूमिका निभा चुकीं प्रीति पटेल अपनी विटहम सीट को सुरक्षित रखने को लेकर आशान्वित हैं। इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायणमूर्ति के दामाद ऋषी सुनक पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं और उनके रिचमंड से इतिहास रचने की उम्मीद है। कुछ लोग डाक मतदान के जरिये पहले ही वोट डाले जा चुके हैं। पहली बार लोगों को ऑनलाइन मतदान के लिए पंजीकरण की सुविधा मिली है।
ताजा सर्वेक्षण बताते हैं कि कंजर्वेटिव और लेबर पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला है और त्रिशंकु संसद आने की पूरी संभावना है। मतदान नहीं करके तटस्थ भूमिका निभाने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय शुक्रवार तक परिणाम घोषित होने के बाद अधिक समर्थन वाले नेता को नयी सरकार बनाने के लिए बुलाएंगी। इसके बाद वह 27 मई को संसद में क्वींस स्पीच देंगी जिसमें नयी सरकार का एजेंडा रेखांकित होगा।
इस चुनाव में कुल 650 सांसदों का चयन होगा और मतदान के लिए करीब पांच करोड़ लोगों ने पंजीकरण कराया है। ये मतदाता आम चुनावों के साथ ही 290 इंग्लिश स्थानीय निकायों की 10,000 से अधिक काउंसिल सीटों के लिए भी वोट डालेंगे। चुनाव में भारतीय मूल के कुछ प्रमुख उम्मीदवारों में लेबर पार्टी के कीथ वाज शामिल हैं।
उनकी लीसेस्टर पूर्व की सीट इस बार भी सुरक्षित लगती है। उनकी बहन वालेरी वैज अपनी वलसाल साउथ सीट को बचाने की कोशिश में हैं। लेबर पार्टी के एक और दिग्गज वीरेंद्र शर्मा ईलिंग साउथॉल से तथा सीमा मल्होत्रा फेल्टहम और हेस्टन से किस्मत आजमा रहे हैं। कंजर्वेटिव पार्टी से भी भाई-बहन की एक भारतवंशी जोड़ी चुनाव लड़ रही है।टिप्पणियां
अरुण और सूरिया फोताय क्रमश: बर्मिंघम यार्डले और वोल्वरहैंपटन साउथ ईस्ट से किस्मत आजमा रहे हैं। कैबिनेट में भूमिका निभा चुकीं प्रीति पटेल अपनी विटहम सीट को सुरक्षित रखने को लेकर आशान्वित हैं। इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायणमूर्ति के दामाद ऋषी सुनक पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं और उनके रिचमंड से इतिहास रचने की उम्मीद है। कुछ लोग डाक मतदान के जरिये पहले ही वोट डाले जा चुके हैं। पहली बार लोगों को ऑनलाइन मतदान के लिए पंजीकरण की सुविधा मिली है।
ताजा सर्वेक्षण बताते हैं कि कंजर्वेटिव और लेबर पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला है और त्रिशंकु संसद आने की पूरी संभावना है। मतदान नहीं करके तटस्थ भूमिका निभाने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय शुक्रवार तक परिणाम घोषित होने के बाद अधिक समर्थन वाले नेता को नयी सरकार बनाने के लिए बुलाएंगी। इसके बाद वह 27 मई को संसद में क्वींस स्पीच देंगी जिसमें नयी सरकार का एजेंडा रेखांकित होगा।
उनकी लीसेस्टर पूर्व की सीट इस बार भी सुरक्षित लगती है। उनकी बहन वालेरी वैज अपनी वलसाल साउथ सीट को बचाने की कोशिश में हैं। लेबर पार्टी के एक और दिग्गज वीरेंद्र शर्मा ईलिंग साउथॉल से तथा सीमा मल्होत्रा फेल्टहम और हेस्टन से किस्मत आजमा रहे हैं। कंजर्वेटिव पार्टी से भी भाई-बहन की एक भारतवंशी जोड़ी चुनाव लड़ रही है।टिप्पणियां
अरुण और सूरिया फोताय क्रमश: बर्मिंघम यार्डले और वोल्वरहैंपटन साउथ ईस्ट से किस्मत आजमा रहे हैं। कैबिनेट में भूमिका निभा चुकीं प्रीति पटेल अपनी विटहम सीट को सुरक्षित रखने को लेकर आशान्वित हैं। इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायणमूर्ति के दामाद ऋषी सुनक पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं और उनके रिचमंड से इतिहास रचने की उम्मीद है। कुछ लोग डाक मतदान के जरिये पहले ही वोट डाले जा चुके हैं। पहली बार लोगों को ऑनलाइन मतदान के लिए पंजीकरण की सुविधा मिली है।
ताजा सर्वेक्षण बताते हैं कि कंजर्वेटिव और लेबर पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला है और त्रिशंकु संसद आने की पूरी संभावना है। मतदान नहीं करके तटस्थ भूमिका निभाने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय शुक्रवार तक परिणाम घोषित होने के बाद अधिक समर्थन वाले नेता को नयी सरकार बनाने के लिए बुलाएंगी। इसके बाद वह 27 मई को संसद में क्वींस स्पीच देंगी जिसमें नयी सरकार का एजेंडा रेखांकित होगा।
अरुण और सूरिया फोताय क्रमश: बर्मिंघम यार्डले और वोल्वरहैंपटन साउथ ईस्ट से किस्मत आजमा रहे हैं। कैबिनेट में भूमिका निभा चुकीं प्रीति पटेल अपनी विटहम सीट को सुरक्षित रखने को लेकर आशान्वित हैं। इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायणमूर्ति के दामाद ऋषी सुनक पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं और उनके रिचमंड से इतिहास रचने की उम्मीद है। कुछ लोग डाक मतदान के जरिये पहले ही वोट डाले जा चुके हैं। पहली बार लोगों को ऑनलाइन मतदान के लिए पंजीकरण की सुविधा मिली है।
ताजा सर्वेक्षण बताते हैं कि कंजर्वेटिव और लेबर पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला है और त्रिशंकु संसद आने की पूरी संभावना है। मतदान नहीं करके तटस्थ भूमिका निभाने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय शुक्रवार तक परिणाम घोषित होने के बाद अधिक समर्थन वाले नेता को नयी सरकार बनाने के लिए बुलाएंगी। इसके बाद वह 27 मई को संसद में क्वींस स्पीच देंगी जिसमें नयी सरकार का एजेंडा रेखांकित होगा।
ताजा सर्वेक्षण बताते हैं कि कंजर्वेटिव और लेबर पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला है और त्रिशंकु संसद आने की पूरी संभावना है। मतदान नहीं करके तटस्थ भूमिका निभाने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय शुक्रवार तक परिणाम घोषित होने के बाद अधिक समर्थन वाले नेता को नयी सरकार बनाने के लिए बुलाएंगी। इसके बाद वह 27 मई को संसद में क्वींस स्पीच देंगी जिसमें नयी सरकार का एजेंडा रेखांकित होगा। |
बाद में मैकिन्ले की मृत्यु की सुबह शव परीक्षण किया गया; मान ने 14 चिकित्सकों की एक टीम का नेतृत्व किया। उन्होंने पाया कि गोली पेट से होकर, फिर अनुप्रस्थ बृहदान्त्र से होकर और बाईं किडनी के एक कोने में घुसने के बाद पेरिटोनियम से होकर गायब हो गई। अधिवृक्क ग्रंथियों और अग्न्याशय को भी नुकसान हुआ था। शव परीक्षण में भाग लेने वाले मिंटर ने बाद में अपना विश्वास व्यक्त किया कि गोली पीठ की मांसपेशियों में कहीं फंसी है, हालांकि यह अनिश्चित है क्योंकि यह कभी नहीं मिली थी। चार घंटे के बाद, इडा मैककिनले ने शव परीक्षण समाप्त करने की मांग की। एक मौत का मुखौटा लिया गया, और पांच दिनों के राष्ट्रीय शोक की शुरुआत के लिए शव को बफ़ेलो सिटी और काउंटी हॉल में ले जाने से पहले मिलबर्न हाउस में निजी सेवाएं हुईं। मैकिन्ले के पार्थिव शरीर को औपचारिक रूप से बफ़ेलो से वाशिंगटन और फिर कैंटन ले जाया गया। अंतिम संस्कार के दिन, 19 सितंबर को, जब मैकिन्ले को नॉर्थ मार्केट स्ट्रीट स्थित उनके घर से आखिरी बार ले जाया गया, तो देश में पांच मिनट के लिए सभी गतिविधियां बंद हो गईं। रेलगाड़ियाँ रुक गईं, टेलीफोन और टेलीग्राफ सेवा बंद कर दी गई। लीच ने कहा, "लोगों ने दिवंगत राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि अर्पित की।" गोली से हुए नुकसान के अलावा, शव परीक्षण में यह भी पाया गया कि राष्ट्रपति कार्डियोमायोपैथी (हृदय की मांसपेशियों का वसायुक्त अध: पतन) से पीड़ित थे। इससे उनका दिल कमजोर हो गया होगा और वह ऐसी चोट से उबरने में कम सक्षम हो गए होंगे, और ऐसा माना जाता था कि यह उनके अधिक वजन और व्यायाम की कमी से संबंधित था। आधुनिक विद्वान आम तौर पर मानते हैं कि मैकिन्ले की मृत्यु अग्नाशय परिगलन से हुई, एक ऐसी स्थिति जिसका इलाज करना आज मुश्किल है और उसके समय के डॉक्टरों के लिए यह पूरी तरह से असंभव होता। 23 सितंबर को बफ़ेलो में राज्य अदालत में कोज़ोलगोज़ पर मैकिन्ले की हत्या के लिए मुकदमा चलाया गया। 1901, राष्ट्रपति की मृत्यु के नौ दिन बाद। अभियोजन पक्ष की गवाही में दो दिन लगे और इसमें मुख्य रूप से मैकिन्ले का इलाज करने वाले डॉक्टर और गोलीबारी के विभिन्न प्रत्यक्षदर्शी शामिल थे। बचाव पक्ष के वकील लोरन एल. लुईस और उनके सह-वकील ने कोई गवाह नहीं बुलाया, जिसे लुईस ने अपने समापन तर्क में कोज़ोलगोज़ के उनके साथ सहयोग करने से इनकार करने के लिए जिम्मेदार ठहराया। जूरी को अपने 27 मिनट के संबोधन में, लुईस ने राष्ट्रपति मैककिनले की प्रशंसा करने में कष्ट उठाया; मिलर ने नोट किया कि समापन तर्क वकील के "समुदाय में स्थान की रक्षा करने के लिए अधिक गणना की गई थी, न कि अपने ग्राहक को बिजली की कुर्सी से बचाने के प्रयास के लिए"। केवल आधे घंटे के विचार-विमर्श के बाद, जूरी ने कोज़ोलगोज़ को दोषी ठहराया; बाद में उन्हें मौत की सजा सुनाई गई और 29 अक्टूबर, 1901 को इलेक्ट्रिक चेयर से फाँसी दे दी गई। जेल के कब्रिस्तान में दफनाने से पहले, उनके शरीर को गलाने के लिए ताबूत में एसिड रखा गया था। मैककिनले की हत्या के बाद, देश भर के अखबारों के संपादकीय ने सुरक्षा की कमी की भारी आलोचना की। अमेरिकी राष्ट्रपतियों को प्रदान किया गया। हालाँकि इसमें अभी भी किसी विधायी जनादेश का अभाव था, 1902 तक, सीक्रेट सर्विस (ट्रेजरी की एक इकाई) पूरे समय राष्ट्रपति थियोडोर रूजवेल्ट की सुरक्षा कर रही थी। इससे बहस ख़त्म नहीं हुई. कांग्रेस में कुछ लोगों ने सिफारिश की कि संयुक्त राज्य सेना पर राष्ट्रपति की सुरक्षा का आरोप लगाया जाए। 1906 में, कांग्रेस ने राष्ट्रपति सुरक्षा के प्रभारी एजेंसी के रूप में गुप्त सेवा को आधिकारिक तौर पर नामित करने वाला कानून पारित किया। हत्या के बाद अराजकतावादियों के खिलाफ प्रतिक्रिया देखी गई; बफ़ेलो पुलिस ने गोलीबारी के तुरंत बाद घोषणा की कि उनका मानना है कि कोज़ोलगोज़ ने अकेले कार्रवाई नहीं की थी, और हमले में शामिल होने के संदेह में कई अराजकतावादियों को गिरफ्तार किया गया था। कोज़ोलगोज़ ने पूछताछ के दौरान एम्मा गोल्डमैन के साथ अपने संपर्कों का उल्लेख किया; अधिकारियों ने उसे खुद को आत्मसमर्पण करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उसके परिवार को गिरफ्तार कर लिया, जो उसने 10 सितंबर को किया था। उसने लगभग तीन सप्ताह जेल में बिताए; अन्य सभी गिरफ्तार लोगों की तरह उसे भी कोज़ोलगोज़ के साथ साजिश रचने के बारे में सोचा गया, बिना किसी आरोप के रिहा कर दिया गया। अराजकतावादी उपनिवेशों और समाचार पत्रों पर निगरानीकर्ताओं द्वारा हमला किया गया; हालाँकि किसी की मौत नहीं हुई, लेकिन संपत्ति का काफी नुकसान हुआ। अराजकतावादियों के डर के कारण निगरानी कार्यक्रम शुरू हुए जिन्हें अंततः 1908 में संघीय जांच ब्यूरो के रूप में समेकित किया गया। हत्या के मद्देनजर पारित अराजकतावाद-विरोधी कानून प्रथम विश्व युद्ध के दौरान और बाद में, नए पारित कानूनों के साथ, गैर-नागरिकों के खिलाफ इस्तेमाल किए जाने से पहले कुछ वर्षों तक निष्क्रिय रहे, जिनके विचारों को खतरा माना गया था। दिसंबर 1919 में निर्वासित किए गए लोगों में गोल्डमैन भी शामिल था, जिसके पास अमेरिकी नागरिकता नहीं थी। लीच का मानना था कि मैककिनले की मृत्यु के बाद राष्ट्र ने एक परिवर्तन का अनुभव किया: |
यह लेख है: भारत ने कहा कि वह पाकिस्तान के साथ ‘विश्वास करें, लेकिन परखकर’ की नीति पर अमल करेगा तथा इस्लामाबाद को अपनी सरजमीं से भारत विरोधी आतंकवाद के सभी तरह के ‘बैक्टीरिया’ को खत्म करना होगा।
खुर्शीद ने कहा कि देश में विपक्ष की कड़ी आलोचनाओं के बावजूद यहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात करने वाले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह उनपर ‘विश्वास’ करना चाहते हैं और उन्हें युद्धविराम के उल्लंघन तथा भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के अपने बयान को अमली जामा पहनाने का एक मौका देना चाहते हैं।
विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने इसके साथ ही इस बात को भी रेखांकित किया कि शरीफ पर ‘भरोसा’ करने के साथ ही भारत बंद पड़ी वार्ता प्रक्रिया को बहाल करने की दिशा में कोई कदम उठाने से पहले जमीनी स्तर पर उठाए गए कदमों की भी ‘परख’ करना चाहेगा।टिप्पणियां
खुर्शीद ने कहा कि भारत विरोधी आतंकवाद के ‘‘बैक्टीरिया’ की जड़ें पाकिस्तान में हैं जिनका हर हाल में खात्मा किया जाना चाहिए। फिर चाहे यह ‘‘राज्य प्रायोजित, राज्य नियंत्रित, राज्य समर्थित या राज्य द्वारा प्रोत्साहित क्यों न हो और इस जीवाणु को अपनी जड़ें फैलाकर रचनात्मक सृजनात्मक संबंधों की ‘‘पौध’’ को नष्ट करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
खुर्शीद ने भाजपा के विरोध के बावजूद शरीफ के साथ मनमोहन सिंह की मुलाकात को सही ठहराते हुए कहा, ‘‘हमारे प्रधानमंत्री उन्हें एक मौका देना चाहते हैं, उनपर भरोसा करना चाहते हैं लेकिन जैसा कि सिंह ने कहा है कि हमें तसदीक करनी होगी।’’ भाजपा ने यह कहते हुए सिंह की शरीफ के साथ मुलाकात का विरोध किया था कि पाकिस्तान के संघर्षविराम उल्लंघन करने के कारण मुलाकात का यह सही समय नहीं है।
खुर्शीद ने कहा कि देश में विपक्ष की कड़ी आलोचनाओं के बावजूद यहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात करने वाले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह उनपर ‘विश्वास’ करना चाहते हैं और उन्हें युद्धविराम के उल्लंघन तथा भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के अपने बयान को अमली जामा पहनाने का एक मौका देना चाहते हैं।
विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने इसके साथ ही इस बात को भी रेखांकित किया कि शरीफ पर ‘भरोसा’ करने के साथ ही भारत बंद पड़ी वार्ता प्रक्रिया को बहाल करने की दिशा में कोई कदम उठाने से पहले जमीनी स्तर पर उठाए गए कदमों की भी ‘परख’ करना चाहेगा।टिप्पणियां
खुर्शीद ने कहा कि भारत विरोधी आतंकवाद के ‘‘बैक्टीरिया’ की जड़ें पाकिस्तान में हैं जिनका हर हाल में खात्मा किया जाना चाहिए। फिर चाहे यह ‘‘राज्य प्रायोजित, राज्य नियंत्रित, राज्य समर्थित या राज्य द्वारा प्रोत्साहित क्यों न हो और इस जीवाणु को अपनी जड़ें फैलाकर रचनात्मक सृजनात्मक संबंधों की ‘‘पौध’’ को नष्ट करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
खुर्शीद ने भाजपा के विरोध के बावजूद शरीफ के साथ मनमोहन सिंह की मुलाकात को सही ठहराते हुए कहा, ‘‘हमारे प्रधानमंत्री उन्हें एक मौका देना चाहते हैं, उनपर भरोसा करना चाहते हैं लेकिन जैसा कि सिंह ने कहा है कि हमें तसदीक करनी होगी।’’ भाजपा ने यह कहते हुए सिंह की शरीफ के साथ मुलाकात का विरोध किया था कि पाकिस्तान के संघर्षविराम उल्लंघन करने के कारण मुलाकात का यह सही समय नहीं है।
विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने इसके साथ ही इस बात को भी रेखांकित किया कि शरीफ पर ‘भरोसा’ करने के साथ ही भारत बंद पड़ी वार्ता प्रक्रिया को बहाल करने की दिशा में कोई कदम उठाने से पहले जमीनी स्तर पर उठाए गए कदमों की भी ‘परख’ करना चाहेगा।टिप्पणियां
खुर्शीद ने कहा कि भारत विरोधी आतंकवाद के ‘‘बैक्टीरिया’ की जड़ें पाकिस्तान में हैं जिनका हर हाल में खात्मा किया जाना चाहिए। फिर चाहे यह ‘‘राज्य प्रायोजित, राज्य नियंत्रित, राज्य समर्थित या राज्य द्वारा प्रोत्साहित क्यों न हो और इस जीवाणु को अपनी जड़ें फैलाकर रचनात्मक सृजनात्मक संबंधों की ‘‘पौध’’ को नष्ट करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
खुर्शीद ने भाजपा के विरोध के बावजूद शरीफ के साथ मनमोहन सिंह की मुलाकात को सही ठहराते हुए कहा, ‘‘हमारे प्रधानमंत्री उन्हें एक मौका देना चाहते हैं, उनपर भरोसा करना चाहते हैं लेकिन जैसा कि सिंह ने कहा है कि हमें तसदीक करनी होगी।’’ भाजपा ने यह कहते हुए सिंह की शरीफ के साथ मुलाकात का विरोध किया था कि पाकिस्तान के संघर्षविराम उल्लंघन करने के कारण मुलाकात का यह सही समय नहीं है।
खुर्शीद ने कहा कि भारत विरोधी आतंकवाद के ‘‘बैक्टीरिया’ की जड़ें पाकिस्तान में हैं जिनका हर हाल में खात्मा किया जाना चाहिए। फिर चाहे यह ‘‘राज्य प्रायोजित, राज्य नियंत्रित, राज्य समर्थित या राज्य द्वारा प्रोत्साहित क्यों न हो और इस जीवाणु को अपनी जड़ें फैलाकर रचनात्मक सृजनात्मक संबंधों की ‘‘पौध’’ को नष्ट करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
खुर्शीद ने भाजपा के विरोध के बावजूद शरीफ के साथ मनमोहन सिंह की मुलाकात को सही ठहराते हुए कहा, ‘‘हमारे प्रधानमंत्री उन्हें एक मौका देना चाहते हैं, उनपर भरोसा करना चाहते हैं लेकिन जैसा कि सिंह ने कहा है कि हमें तसदीक करनी होगी।’’ भाजपा ने यह कहते हुए सिंह की शरीफ के साथ मुलाकात का विरोध किया था कि पाकिस्तान के संघर्षविराम उल्लंघन करने के कारण मुलाकात का यह सही समय नहीं है।
खुर्शीद ने भाजपा के विरोध के बावजूद शरीफ के साथ मनमोहन सिंह की मुलाकात को सही ठहराते हुए कहा, ‘‘हमारे प्रधानमंत्री उन्हें एक मौका देना चाहते हैं, उनपर भरोसा करना चाहते हैं लेकिन जैसा कि सिंह ने कहा है कि हमें तसदीक करनी होगी।’’ भाजपा ने यह कहते हुए सिंह की शरीफ के साथ मुलाकात का विरोध किया था कि पाकिस्तान के संघर्षविराम उल्लंघन करने के कारण मुलाकात का यह सही समय नहीं है। |
महेश भूपति और रोहन बोपन्ना की जोड़ी को लंदन ओलंपिक के पुरुष युगल वर्ग में सातवीं वरीयता मिली है. भूपति और बोपन्ना वरीयता क्रम में दुनिया के नंबर दो एकल खिलाड़ी सर्बिया के नोवाक जोकोविच और विक्टर ट्रोइकी से एक पायदान ऊपर हैं.
ओलंपिक में एक जोड़ी के रूप में खेलने के लिये बोपन्ना और भूपति की अखिल भारतीय टेनिस संघ से ठन गई थी. भूपति को पहले लिएंडर पेस के साथ खेलने को कहा गया था लेकिन उन्होंने मना कर दिया था. बाद में पेस की जोड़ी विष्णु वर्धन जैसे निचली रैंकिंग वाले खिलाड़ी के साथ बनाई गई जबकि भूपति और बोपन्ना साथ खेलेंगे.
पेस और वर्धन को ओलंपिक में वरीयता नहीं मिली है. पुरुष युगल में शीर्ष वरीयता अमेरिका के बाब और माइक ब्रायन को दी गई है. दूसरे स्थान पर फ्रांस के माइकल लोद्रा और जो विलफ्राइड सोंगा हैं. यांको टिपसारेविच और नेनाद जिमोंजिच की सर्बियाई जोड़ी तीसरे स्थान पर है.
महिला युगल में सानिया मिर्जा और रश्मि चक्रवर्ती गैर वरीय टीम के रूप में खेलेंगे. पुरुष एकल में विम्बलडन चैम्पियन रोजर फेडरर को शीर्ष वरीयता दी गई है जबकि बीजिंग ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता जोकोविच दूसरे पायदान पर हैं. गत चैम्पियन स्पेन के रफेल नडाल चोट के कारण नहीं खेल रहे हैं. आस्ट्रेलियाई ओपन चैम्पियन बेलारूस की विक्टोरिया अजारेंका को महिला वर्ग में शीर्ष वरीयता मिली है. पोलैंड की एग्निएस्का रेडवांस्का को दूसरी वरीयता है. |
आर्थराइटिस एक दर्द भरी बीमारी है. इस बीमारी में उम्र के साथ घुटनों के दर्द की समस्या उत्पन्न होने लगती है. साथ ही बढ़ती उम्र के साथ जोड़ों में अकड़न होने लगती है. आर्थराइटिस कई अलग-अलग प्रकार के होते हैं. इनमें दो आम प्रकार हैं ऑस्टियोआर्थराइटिस और ह्यूमनॉयड आर्थराइटिस. सही देखभाल और इलाज से इस बीमारी को कंट्रोल में किया जा सकता है. दवाइयों के अलावा आर्थराइटिस के मरीजों को अपनी डाइट पर खास ख्याल देने की जरूरत होती है.
आइए जानें आर्थराइटिस के मरीज को किन-किन चीजों का सेवन करना चाहिए-
1. फैटी फिश
- फैटी फिश जैसे सेलमन, कोड, टूना, ट्राउट आदि में ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन डी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. ये सूजन की समस्या को दूर करने में मदद करते हैं. इसके अलावा सोयाबीन, अखरोट और कैनोला तेल में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाए जाते हैं.
2. फल और सब्जियां-
फल और सब्जियां हेल्दी रहने के लिए बहुत जरूरी होती हैं. आर्थराइटिस के मरीजों को अपनी डाइट में भारी मात्रा में फल और सब्जियां शामिल करनी चाहिए. फल और सब्जियों में डाइजेस्टिव एंजाइम्स, एंटी-इंफ्लामेट्री कंपाउंड शामिल होते हैं, जो आर्थराइटिस की समस्या को दूर करते हैं. फलों में पपीता, पाइनएप्पल और सब्जियों में स्प्राउट्स, ब्रोकोली, गोभी आदि चीजें जरूर शामिल करें.
3. लहसुन-
लहसुन भी आर्थराइटिस की बीमारी में बहुत फायदेमंद होता है. लहसुन के सेवन से जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है.
4. हल्दी-
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन आर्थराइटिस की बीमारी में बहुत मददगार साबित होती है. हल्दी में जोड़ों के दर्द को कम करने के गुण पाए जाते हैं. आर्थराइटिस के मरीज अपनी डाइट में हल्दी जरूर शामिल करें. इसके अलावा कास्टर ऑयल में मिलाकर हल्दी को अपने जोड़ों पर भी लगा सकते हैं. |
भारतीय जनता पार्टी आज से एक बार फिर सदस्यता अभियान की शुरुआत करने जा रही है. वहीं बजट 2019 का असर सबसे पहले पेट्रोल-डीजल के दामों में दिखा है. इसके अलावा जम्मू कश्मीर में आतंकी फिर से एक बड़ा आतंकी हमला करने की फिराक में हैं. पढ़ें शनिवार सुबह की बड़ी खबरें.
1-आज से बीजेपी का मेगा सदस्यता अभियान, 20 करोड़ मेंबर का टारगेट
भारतीय जनता पार्टी आज से एक बार फिर से सदस्यता अभियान की शुरुआत करने जा रही है. बीजेपी का लक्ष्य पार्टी के सदस्यों की संख्या को 11 करोड़ से बढ़ाकर 20 करोड़ करने का है.
2-तेल की कीमतों में लगी आग, बजट के बाद पेट्रोल 2.50 और डीजल 2.30 रुपये महंगा
बजट 2019 का असर सबसे पहले पेट्रोल-डीजल के दामों में दिखा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल और डीजल पर सेस लगाने का ऐलान किया है. जिससे पेट्रोल और डीजल दोनों ही महंगा हो गया.
3-बुरहान की बरसी पर बदले की साजिश, पुलवामा में फिर जवानों को निशाना बना सकते हैं आतंकी
जम्मू कश्मीर में फिर से एक बड़ा आतंकी हमला हो सकता है. खुफिया सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तानी आतंकी एक बार फिर से पुलवामा में सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की फिराक में है. इस बार आतंकी IED और स्नाइपर के जरिए हमला कर सकते हैं.
4-Budget 2019: बजट का आपकी जिंदगी पर क्या पड़ेगा असर, इन 8 प्वॉइंट्स में समझें
इस बार के बजट से सरकार ने अमीरों से लेकर मिडिल क्लास तक की जेब ढीली करना शुरू कर दिया है. ये बजट अमीरों के लिए टैक्स की सबसे बड़ी मार लेकर आया है. वहीं मिडिल क्लास को इनकम टैक्स पर कोई राहत नहीं है.
5-World Cup:आज होगी नंबर एक पर रहने की जंग, भारत को करना होगा यह कमाल
भारत और श्रीलंका के बीच आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 का मुकाबला आज दोपहर 3 बजे से लीड्स के हेडिंग्ले मैदान पर खेला जाएगा. |
ब्लैकबेरी निर्माता कनाडाई कम्पनी रिसर्च इन मोशन (आरआईएम) ने अपने प्लेबुक ब्रांड के टैबलेट की कीमतों में 50 फीसदी की कमी की है।
एप्पल के आईपैड से मिल रही चुनौती को देखते हुए कम्पनी ने 31 दिसम्बर तक अपने ब्रांड के टैबलेट पर भारी छूट की मदद से ग्राहकों को लुभाने का प्रयास किया है।
कम्पनी के प्रवक्ता ने बुधवार को कहा कि प्लेबुक के 16 जीबी मॉडल की कीमत 13,490 रुपये कर दी गई है। भारतीय बाजार में इसकी कीमत 27,990 रुपये थी।
इसी तरह 32 जीबी वाले मॉडल को अब 15990 में खरीदा जा सकता है जबकि 64 जीबी मॉडल की कीमत 37990 से घटकर 24490 रुपये होगी है। अब तक 32 जीबी मॉडल की भारत में कीमत 32990 रुपये थी।
स्मार्टफोन निर्माता कम्पनी ने अपने इस टैबलेट को अप्रैल में लांच किया था लेकिन वह बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रही थी।
2011-12 वित्तीय वर्ष में कम्पनी ने शुरुआती नौ महीनों में दुनियाभर में 800,000 टैबलेट बेचे। इसके जवाब में एप्पल ने सितम्बर के अंत तक दुनियाभर में 1.10 करोड़ टैबलेट बेचे। |
दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को दो लोगों को गिरफ्तार करके करोड़ों रुपये मूल्य के स्यूडोएफेडरीन और हशीश जैसे मादक पदार्थ बरामद किए हैं. इसके साथ राष्ट्रीय राजधानी में मादक पदार्थ संचालन के दो रैकेट का भंडाफोड़ करने का दावा किया.
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) रवीन्द्र यादव ने बताया कि आरोपियों की पहचान राम कुमार (22) और मोहमूद आलम (39) के रूप में की गई है. इन्हें दो अलग-अलग अभियानों में गिरफ्तार किया गया.
मेट्रो स्टेशन के पास पुलिस ने बिछाया जाल
खुफिया सूचनाओं के आधार पर पुलिस ने पूर्वी दिल्ली के निर्माण विहार मेट्रो स्टेशन के नजदीक और शहर के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में दिचुआन-हिरणकुडना रोड पर जाल बिछाया और क्रमश: कुमार और आलम को गिरफ्तार किया.
कुमार के पास से पुलिस ने 50 किलोग्राम स्यूडोएफेडरीन बरामद किया. अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी अनुमानित कीमत करीब पांच करोड़ रुपये है. एक अन्य टीम ने आलम के पास से करीब छह लाख रुपये मूल्य के तीन किलोग्राम हशीश बरामद किया. |
आईसीसी वर्ल्ड कप-2019 का पहला सेमीफाइनल मुकाबला मंगलवार को भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला जाएगा. मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रेफर्ड में होने वाले इस मुकाबले पर बारिश का खतरा मंडरा रहा है. दिन भर आसमान में बादल छाए रहने का अनुमान है. बीच-बीच में बारिश के छींटे पड़ सकते हैं.
एक्यूवेदर डॉट कॉम के मुताबिक, मैनचेस्टर में दो दिन (मंगलवार और बुधवार) बारिश की आशंका है. दोनों दिन आसमान में बादल छाए रहने का अनुमान है. साथ ही रुक-रुककर बारिश भी हो सकती है. बता दें कि भारत-न्यूजीलैंड के कप्तानों के बीच ओल्ड ट्रेफर्ड में स्थानीय समयानुसार सुबह 10 बजे (भारतीय समयानुसार दोपहर 2:30 बजे) टॉस होना है, लेकिन यहां 9 जुलाई को स्थानीय समयानुसार सुबह 10 बजे बारिश होने 40% आशंका है. भारतीय समयानुसार 3.30 बजे बारिश 51% होने की आशंका जताई गई है. ऐसे में टॉस भले ही बिना बारिश के हो जाए, लेकिन इसके बाद खेल में देरी हो सकती है.
ग्राफिक्स-एक्यूवेदर डॉट कॉम
बारिश के चलते मैच नहीं हुआ तो....
आईसीसी ने सेमीफाइनल और फाइनल के लिए रिजर्व डे रखा है. अगर मैच वाले दिन बारिश होती है तो अगले दिन मैच खेला जाएगा. अगर दूसरे दिन भी बारिश होती है और मैच शुरू नहीं होता तो मैच का नतीजा पॉइंट्स के बेस पर निकाला जाएगा और जिस टीम के ज्यादा पॉइंट होंगे, वह फाइनल का टिकट पाएगी. इसी तरह से फाइनल मैच के दिन बारिश होती है तो रिजर्व डे वाले दिन मैच होगा, लेकिन अगले दिन भी बारिश हुई तो दोनों टीमें संयुक्त विजेता घोषित की जाएंगी.
5 मैचों में पहले बैटिंग करने वाली टीम जीती
इस टूर्नामेंट में ओल्ड ट्रेफर्ड के मैदान पर खेले गए पांचों मैच पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम ने जीता है. सेमीफाइनल जैसे बड़े मैच और टूर्नामेंट के रिकॉर्ड को ध्यान में रखते हुए दोनों कप्तान पहले बल्लेबाजी करना चाहेंगे. ऐसे में इस मैच में टॉस सबसे अहम कड़ी माना जा रहा है. |
भारत की सानिया मिर्जा की 2012 सत्र की शुरुआत निराशाजनक रही जब उनकी और नूरिया लागोसतेरा वाइव्स की जोड़ी को चाइना ओपन टेनिस टूर्नामेंट के फाइनल में सीधे सेटों में शिकस्त का सामना करना पड़ा।
भारत और स्पेन की पांचवीं वरीय जोड़ी को एकाटेरिना मकारोवा और एलेना वेस्नीना की रूस की तीसरी वरीय जोड़ी ने एक घंटे और 36 मिनट में 7-5, 7-5 से हराया।
सत्र के अपने पांचवें फाइनल में खेल रही सानिया एक बार फिर अंतिम बाधा को पार करने में नाकाम रही जबकि विरोधी जोड़ी ने मौकों का पूरा फायदा उठाया।
सानिया और नूरिया ने 13 में से सात ब्रेक प्वाइंट बचाए जबकि विरोधी जोड़ी ने 10 में से छह ब्रेक प्वाइंट बचाए।
भारत और स्पेन की जोड़ी सिर्फ चार ब्रेक प्वाइंट को अंक में तब्दील कर सकी जबकि मकारोवा और वेस्नीना ने छह बार विरोधी जोड़ी की सर्विस तोड़ी।टिप्पणियां
सानिया ने इससे पहले पटाया में ऑस्ट्रेलिया की अनास्तासिया रोडियोनोवा जबकि ब्रूसेल्स में अमेरिका की बेथानी माटेक सैंड्स के साथ मिलकर खिताब जीता था।
यह भारतीय खिलाड़ी दुबई और इंडियन वेल्स में वेस्नीना के साथ उप विजेता रही थी।
भारत और स्पेन की पांचवीं वरीय जोड़ी को एकाटेरिना मकारोवा और एलेना वेस्नीना की रूस की तीसरी वरीय जोड़ी ने एक घंटे और 36 मिनट में 7-5, 7-5 से हराया।
सत्र के अपने पांचवें फाइनल में खेल रही सानिया एक बार फिर अंतिम बाधा को पार करने में नाकाम रही जबकि विरोधी जोड़ी ने मौकों का पूरा फायदा उठाया।
सानिया और नूरिया ने 13 में से सात ब्रेक प्वाइंट बचाए जबकि विरोधी जोड़ी ने 10 में से छह ब्रेक प्वाइंट बचाए।
भारत और स्पेन की जोड़ी सिर्फ चार ब्रेक प्वाइंट को अंक में तब्दील कर सकी जबकि मकारोवा और वेस्नीना ने छह बार विरोधी जोड़ी की सर्विस तोड़ी।टिप्पणियां
सानिया ने इससे पहले पटाया में ऑस्ट्रेलिया की अनास्तासिया रोडियोनोवा जबकि ब्रूसेल्स में अमेरिका की बेथानी माटेक सैंड्स के साथ मिलकर खिताब जीता था।
यह भारतीय खिलाड़ी दुबई और इंडियन वेल्स में वेस्नीना के साथ उप विजेता रही थी।
सत्र के अपने पांचवें फाइनल में खेल रही सानिया एक बार फिर अंतिम बाधा को पार करने में नाकाम रही जबकि विरोधी जोड़ी ने मौकों का पूरा फायदा उठाया।
सानिया और नूरिया ने 13 में से सात ब्रेक प्वाइंट बचाए जबकि विरोधी जोड़ी ने 10 में से छह ब्रेक प्वाइंट बचाए।
भारत और स्पेन की जोड़ी सिर्फ चार ब्रेक प्वाइंट को अंक में तब्दील कर सकी जबकि मकारोवा और वेस्नीना ने छह बार विरोधी जोड़ी की सर्विस तोड़ी।टिप्पणियां
सानिया ने इससे पहले पटाया में ऑस्ट्रेलिया की अनास्तासिया रोडियोनोवा जबकि ब्रूसेल्स में अमेरिका की बेथानी माटेक सैंड्स के साथ मिलकर खिताब जीता था।
यह भारतीय खिलाड़ी दुबई और इंडियन वेल्स में वेस्नीना के साथ उप विजेता रही थी।
सानिया और नूरिया ने 13 में से सात ब्रेक प्वाइंट बचाए जबकि विरोधी जोड़ी ने 10 में से छह ब्रेक प्वाइंट बचाए।
भारत और स्पेन की जोड़ी सिर्फ चार ब्रेक प्वाइंट को अंक में तब्दील कर सकी जबकि मकारोवा और वेस्नीना ने छह बार विरोधी जोड़ी की सर्विस तोड़ी।टिप्पणियां
सानिया ने इससे पहले पटाया में ऑस्ट्रेलिया की अनास्तासिया रोडियोनोवा जबकि ब्रूसेल्स में अमेरिका की बेथानी माटेक सैंड्स के साथ मिलकर खिताब जीता था।
यह भारतीय खिलाड़ी दुबई और इंडियन वेल्स में वेस्नीना के साथ उप विजेता रही थी।
भारत और स्पेन की जोड़ी सिर्फ चार ब्रेक प्वाइंट को अंक में तब्दील कर सकी जबकि मकारोवा और वेस्नीना ने छह बार विरोधी जोड़ी की सर्विस तोड़ी।टिप्पणियां
सानिया ने इससे पहले पटाया में ऑस्ट्रेलिया की अनास्तासिया रोडियोनोवा जबकि ब्रूसेल्स में अमेरिका की बेथानी माटेक सैंड्स के साथ मिलकर खिताब जीता था।
यह भारतीय खिलाड़ी दुबई और इंडियन वेल्स में वेस्नीना के साथ उप विजेता रही थी।
सानिया ने इससे पहले पटाया में ऑस्ट्रेलिया की अनास्तासिया रोडियोनोवा जबकि ब्रूसेल्स में अमेरिका की बेथानी माटेक सैंड्स के साथ मिलकर खिताब जीता था।
यह भारतीय खिलाड़ी दुबई और इंडियन वेल्स में वेस्नीना के साथ उप विजेता रही थी।
यह भारतीय खिलाड़ी दुबई और इंडियन वेल्स में वेस्नीना के साथ उप विजेता रही थी। |
1939 में भारत के उत्तर प्रदेश में रामचरण जन्मे राम चरण एक व्यवसाय सलाहकार, वक्ता एवं लेखक हैं।
व्यक्तिगत जीवन
प्रौढ़ होने के समय चरण हापुड़, उत्तर प्रदेश, भारत में अपने परिवार की जूते की दुकान में काम करते थे। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग में डिग्री अर्जित की और बाद में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में अध्ययन किया, जहां उन्हें एमबीए (1965) एवं डॉक्टरेट (1967) की उपाधि प्रदान की गई। 1978 में एक पूर्णकालिक सलाहकार बनने से पहले, उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल, केलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एवं बोस्टन विश्वविद्यालय में शिक्षा प्रदान की.
चरण ने शादी नहीं की और उनके कोई बच्चे नहीं हैं। 67 वर्ष की उम्र में, उन्होंने डैलस, टेक्सास में अपना पहला अपार्टमेंट खरीदा। इस खरीद से पहले, उनका कोई घर नहीं था और उन्होंने अपनी हर रात होटल के एक कमरे में या किसी सहयोगी के आवास पर बिताई। डलास में उनके सहायक कूरियर से उन्हें नये कपड़े भेजते थे और वे उन्हें अपने गंदे मैले कपड़े धोने के लिये दे देते थे।
कैरियर
चरण ने जीई, के एल एम, एवं बैंक ऑफ अमेरिका जैसी कंपनियों से संपर्क किया। वे लीडरशिप इन दॅ ईरा ऑफ इकॉनोमिक अन्सर्टनटी: दॅ न्यू रूल्स फॉर गेट्टिंग दॅ राइट थिंग्स डन इन डिफ्फिकल्ट टाइम्स, बोर्ड्स दैट डिलीवर, व्हाट दॅ सीईओ वान्ट्स यू टू नो, बोर्ड्स ऐट वर्क, ऐवरी बिजनेस इज ए ग्रोथ बिजनेस (नोएल टिची के साथ), प्रॉफिटेबल ग्रोथ इज ऐवरीवन्स बिजनेस, कन्फ्रॉन्टिंग रियलिटी, सर्वाधिक बिकने वाली पुस्तक नो हाऊ ऐंड एक्जीक्यूशन (लैरी बॉसिडी एवं चार्ल्स बर्क के साथ) सहित्व्यवसाय से संबंधित कई पुस्तकों के लेखक थे।
चरण डालास टेक्सास में स्थित चरण एसोसिएट्स के नाम से अपनी व्यापार प्रबंधन संबंधी सलाहकार कंपनी चलाते हैं। रिकार्ड यह बताता है कि कंपनी 1981 में स्थापित की गई और उसे टेक्सास में शामिल किया। मौजूदा आकलन यह बताता है कि इस कंपनी की वार्षिक आय 500,000 डॉलर से 1 मिलियन डॉलर है और उसमें लगभग 1 से 4 तक कर्मचारी कार्यरत हैं।चरण ऑस्टिन उद्योग, एसएसए एवं कंपनी (पूर्व में सिक्स सिग्मा कंपनी) तथा टाइको इलेक्ट्रॉनिक्स के बोर्ड के सदस्य हैं।
चरण ने कुशाग्र ज्ञान तैयार करने के लिये केविन कोप और स्टीफन एमआर कॉवे के साथ भागीदारी की. कुशाग्र ज्ञान एवं राम चरण के बीच उनकी पुस्तक "व्हाट दॅ सीईओ वान्ट्स यू टू नो" की अवधारणाओं का प्रयोग करने के लिये आपस में एक सहमति है।राम ने प्रबंधन में एक आवश्यक नेतृत्व संबंधी विशेषता के रूप में व्यावसायिक कुशाग्रता की धारणा को परिभाषित करने एवं उसे लोकप्रिय बनाने में सहायता की है।
चरण को वर्ष 2000 में राष्ट्रीय मानव संसाधन अकादमी का एक अध्येता (फैलो) चुना गया एवं वर्ष 2005 में एक प्रतिष्ठित अध्येता (फैलो) घोषित किया गया। लगभग 400 भारतीय कंपनियों के सीईओ को एक व्याख्यान देने के लिए चरण फरवरी 2010 के महीने में भारत में थे।
पुरस्कार
अमेरिकन सोसायटी फॉर ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट (ए एस टी डी) ने 17 मई 2010 को राम चरण को चैंपियन ऑफ वर्कप्लेस लर्निंग एंड परफॉर्मेन्स पुरस्कार प्रदान किया।
इकॉनोमिक टाइम्स ऑफ इंडिया ने राम चरण को 2010 वर्ष के लिए ग्लोबल इंडियन ऑफ द इयर घोषित किया।
सन्दर्भ
आगे पढ़ें
राम चरण 2009, लीडरशिप इन द इकोनॉमिक अंसरटेंटी: द न्यू रुल्ज़ फॉर गेटिंग द राइट थिंग्स दैन इन डिफिकल्ट टाइम्स, मैकग्रौ-हिल व्यावसायिक. ISBN 978-0-07-162616-3
ग्रंथ-सूची
द गेम-चेंजर: हाओ यू कैन ड्राइव रेवेन्यु एंड प्रौफिट ग्रोथ विद इनोवेशन (2008)
नो-हाओ: द 8 स्किल्स डैट सेपरेट पीपल हो परफॉर्म डोज़ हो डोंट (2007)
लीडर्स एट ऑल लेवेल्स: डीपनिंग योर टैलेंट पुल टू सौल्व द सक्सेशन क्राइसिस (2007)
व्हाट द कस्टमर्स वांट्स यू टू नो (2007)
बोर्ड्स डैट डेलिवर्स: एड्वंसिंग कॉर्पोरेट गवर्नेंस फ्रॉम कम्प्लाइअन्स टू कम्पेटिटिव एडवांटेज (2005)
द सोर्स ऑफ़ सक्सेस: फाइव एन्ड्युरिंग प्रिंसिपल्स एट द हार्ट ऑफ़ रियल लीडरशिप (2005)
कन्फ्रन्टिंग रीऐलटी: डोइंग व्हाट मैटर्स टू गेट थिंग्स राइट (2004)
प्रौफिटेबल ग्रोथ इज़ एवरीवन बिजनिस: 10 टूल्स यू कैन यूज़ मंडे मॉर्निंग (2004)
एक्सक्यूशन: द डिसिप्लिन ऑफ़ गेटिंग थिंग्स डन (2002)
व्हाट द सीइओ (CEO) वांट्स यू टू नो : हाओ योर कंपनी रियली वर्क्स (2001)
द लीडरशिप पाइपलाइन: हाओ टू बिल्ड द लीडरशिप पावर्ड कंपनी (2000)
एवरी बिजनिस इज अ ग्रोथ बिजनिस: हाओ योर कंपनी कैन प्रॉस्पेर इयर आफ्टर इयर (2000)
बाहरी कड़ियाँ
राम चरण : वेबसाइट
चतुरता विद्वत्ता की आधिकारिक वेबसाइट
1939 में जन्मे लोग
संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय अप्रवासी
हार्वर्ड बिज़्निस स्कूल के भूतपूर्व छात्र
बोस्टन विश्वविद्यालय के संकाय
भारतीय व्यवसाय लोग
जीवित लोग
व्यापार वक्ता |
लेख: बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने दो-टूक शब्दों में कहा है कि वह इस्तीफा नहीं देंगे और किसी के दबाव में नहीं आएंगे। मुंबई क्राइम ब्रांच द्वारा गिरफ्तार किए गए अपने दामाद गुरुनाथ मय्यप्पन से मुलाकात करने मुंबई पहुंचे श्रीनिवासन ने एयरपोर्ट पर कहा कि उनका इस्तीफा देने का कोई इरादा नहीं है और उन्हें इस्तीफा देने के लिए डराया या धमकाया नहीं जा सकता है।
श्रीनिवासन ने एनडीटीवी से अलग से बातचीत में कहा, मैं बीसीसीआई अध्यक्ष के तौर पर चुना गया हूं और अपने कार्यकाल में मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है। मुझे ऐसा कोई कारण नहीं दिखता, जिसकी वजह से मुझे इस्तीफा देना चाहिए।
श्रीनिवासन ने कहा, कोई अगर अध्यक्ष बनना चाहता है, तो चुनाव के जरिये बने। अगर मेरा दामाद गिरफ्तार हुआ है, तो कानून अपना काम करेगा। उन्होंने कहा, बहुत से लोग मुझे बीसीसीआई के अध्यक्ष पद पर नहीं देखना चाहते और उन लोगों के नाम सभी को पता हैं, मुझे बताने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई पूरी तरह से अपने नियमों के हिसाब से चलेगा। कानून अपना काम करेगा। श्रीनिवासन ने कहा कि दामाद के जरिये उन्हें फंसाने की कोशिश की जा रही है।
श्रीनिवासन ने दावा किया कि उन्हें अपने दामाद गुरुनाथ मय्यप्पन के सट्टेबाजी में लिप्त होने की जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा और उसके खिलाफ भी उसी तत्परता से कार्रवाई की जाएगी, जैसे कि खिलाड़ियों के मामले में की गई थी।
श्रीनिवासन ने कहा, आप यकीन कर सकते हैं कि बीसीसीआई उसी तत्परता से कार्रवाई करेगा। जहां तक गुरुनाथ का सवाल है, तो हमने जिस तरह की कार्रवाई दूसरों के मामले की, वही उस पर भी लागू होगी। किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा। चेन्नई सुपरकिंग्स के टीम प्रिंसिपल गुरुनाथ के आईपीएल मैचों में सट्टेबाजी में लिप्त रहने के बारे में पूछे जाने पर श्रीनिवासन ने दावा किया कि उन्हें कोई जानकारी नहीं थी।टिप्पणियां
उन्होंने यह कहकर अपने दावे की पुष्टि करने की कोशिश की कि वह बमुश्किल कोई मैच देखते हैं। उन्होंने कहा, मुझे गुरुनाथ के शामिल होने की किसी तरह की जानकारी नहीं थी। सभी जानते हैं कि मैं बमुश्किल कोई मैच देखने के लिए जाता हूं। सभी को पता है कि मैं चेन्नई सुपरकिंग्स के मैचों में नहीं जाता हूं। श्रीनिवासन ने कहा, इसकी जांच की जाएगी। जो भी कदम उठाए जाएंगे, वह निष्पक्ष होंगे।
हालांकि सूत्रों के मुताबिक बीसीसीआई में श्रीनिवासन अलग-थलग पड़ गए हैं और उनके शीर्ष पद से हटाए जाने की हलचल बढ़ गई है। सूत्रों के मुताबिक श्रीनिवासन के इस्तीफा न देने से खफा बोर्ड के कई सदस्य उन्हें निलंबित कर हटाने की प्रक्रिया शुरू करना चाहते हैं। इसके लिए वे पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष शंशाक मनोहर की सेवाएं इस्तेमाल करना चाहते हैं, जिनकी छवि काफी साफ है। बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार जब तक नए अध्यक्ष का चुनाव नहीं होता, तब तक मनोहर ने अंतरिम आधार पर इस पद की जिम्मेदारी संभालने की सहमति दे दी है।
श्रीनिवासन ने एनडीटीवी से अलग से बातचीत में कहा, मैं बीसीसीआई अध्यक्ष के तौर पर चुना गया हूं और अपने कार्यकाल में मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है। मुझे ऐसा कोई कारण नहीं दिखता, जिसकी वजह से मुझे इस्तीफा देना चाहिए।
श्रीनिवासन ने कहा, कोई अगर अध्यक्ष बनना चाहता है, तो चुनाव के जरिये बने। अगर मेरा दामाद गिरफ्तार हुआ है, तो कानून अपना काम करेगा। उन्होंने कहा, बहुत से लोग मुझे बीसीसीआई के अध्यक्ष पद पर नहीं देखना चाहते और उन लोगों के नाम सभी को पता हैं, मुझे बताने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई पूरी तरह से अपने नियमों के हिसाब से चलेगा। कानून अपना काम करेगा। श्रीनिवासन ने कहा कि दामाद के जरिये उन्हें फंसाने की कोशिश की जा रही है।
श्रीनिवासन ने दावा किया कि उन्हें अपने दामाद गुरुनाथ मय्यप्पन के सट्टेबाजी में लिप्त होने की जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा और उसके खिलाफ भी उसी तत्परता से कार्रवाई की जाएगी, जैसे कि खिलाड़ियों के मामले में की गई थी।
श्रीनिवासन ने कहा, आप यकीन कर सकते हैं कि बीसीसीआई उसी तत्परता से कार्रवाई करेगा। जहां तक गुरुनाथ का सवाल है, तो हमने जिस तरह की कार्रवाई दूसरों के मामले की, वही उस पर भी लागू होगी। किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा। चेन्नई सुपरकिंग्स के टीम प्रिंसिपल गुरुनाथ के आईपीएल मैचों में सट्टेबाजी में लिप्त रहने के बारे में पूछे जाने पर श्रीनिवासन ने दावा किया कि उन्हें कोई जानकारी नहीं थी।टिप्पणियां
उन्होंने यह कहकर अपने दावे की पुष्टि करने की कोशिश की कि वह बमुश्किल कोई मैच देखते हैं। उन्होंने कहा, मुझे गुरुनाथ के शामिल होने की किसी तरह की जानकारी नहीं थी। सभी जानते हैं कि मैं बमुश्किल कोई मैच देखने के लिए जाता हूं। सभी को पता है कि मैं चेन्नई सुपरकिंग्स के मैचों में नहीं जाता हूं। श्रीनिवासन ने कहा, इसकी जांच की जाएगी। जो भी कदम उठाए जाएंगे, वह निष्पक्ष होंगे।
हालांकि सूत्रों के मुताबिक बीसीसीआई में श्रीनिवासन अलग-थलग पड़ गए हैं और उनके शीर्ष पद से हटाए जाने की हलचल बढ़ गई है। सूत्रों के मुताबिक श्रीनिवासन के इस्तीफा न देने से खफा बोर्ड के कई सदस्य उन्हें निलंबित कर हटाने की प्रक्रिया शुरू करना चाहते हैं। इसके लिए वे पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष शंशाक मनोहर की सेवाएं इस्तेमाल करना चाहते हैं, जिनकी छवि काफी साफ है। बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार जब तक नए अध्यक्ष का चुनाव नहीं होता, तब तक मनोहर ने अंतरिम आधार पर इस पद की जिम्मेदारी संभालने की सहमति दे दी है।
श्रीनिवासन ने कहा, कोई अगर अध्यक्ष बनना चाहता है, तो चुनाव के जरिये बने। अगर मेरा दामाद गिरफ्तार हुआ है, तो कानून अपना काम करेगा। उन्होंने कहा, बहुत से लोग मुझे बीसीसीआई के अध्यक्ष पद पर नहीं देखना चाहते और उन लोगों के नाम सभी को पता हैं, मुझे बताने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई पूरी तरह से अपने नियमों के हिसाब से चलेगा। कानून अपना काम करेगा। श्रीनिवासन ने कहा कि दामाद के जरिये उन्हें फंसाने की कोशिश की जा रही है।
श्रीनिवासन ने दावा किया कि उन्हें अपने दामाद गुरुनाथ मय्यप्पन के सट्टेबाजी में लिप्त होने की जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा और उसके खिलाफ भी उसी तत्परता से कार्रवाई की जाएगी, जैसे कि खिलाड़ियों के मामले में की गई थी।
श्रीनिवासन ने कहा, आप यकीन कर सकते हैं कि बीसीसीआई उसी तत्परता से कार्रवाई करेगा। जहां तक गुरुनाथ का सवाल है, तो हमने जिस तरह की कार्रवाई दूसरों के मामले की, वही उस पर भी लागू होगी। किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा। चेन्नई सुपरकिंग्स के टीम प्रिंसिपल गुरुनाथ के आईपीएल मैचों में सट्टेबाजी में लिप्त रहने के बारे में पूछे जाने पर श्रीनिवासन ने दावा किया कि उन्हें कोई जानकारी नहीं थी।टिप्पणियां
उन्होंने यह कहकर अपने दावे की पुष्टि करने की कोशिश की कि वह बमुश्किल कोई मैच देखते हैं। उन्होंने कहा, मुझे गुरुनाथ के शामिल होने की किसी तरह की जानकारी नहीं थी। सभी जानते हैं कि मैं बमुश्किल कोई मैच देखने के लिए जाता हूं। सभी को पता है कि मैं चेन्नई सुपरकिंग्स के मैचों में नहीं जाता हूं। श्रीनिवासन ने कहा, इसकी जांच की जाएगी। जो भी कदम उठाए जाएंगे, वह निष्पक्ष होंगे।
हालांकि सूत्रों के मुताबिक बीसीसीआई में श्रीनिवासन अलग-थलग पड़ गए हैं और उनके शीर्ष पद से हटाए जाने की हलचल बढ़ गई है। सूत्रों के मुताबिक श्रीनिवासन के इस्तीफा न देने से खफा बोर्ड के कई सदस्य उन्हें निलंबित कर हटाने की प्रक्रिया शुरू करना चाहते हैं। इसके लिए वे पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष शंशाक मनोहर की सेवाएं इस्तेमाल करना चाहते हैं, जिनकी छवि काफी साफ है। बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार जब तक नए अध्यक्ष का चुनाव नहीं होता, तब तक मनोहर ने अंतरिम आधार पर इस पद की जिम्मेदारी संभालने की सहमति दे दी है।
श्रीनिवासन ने दावा किया कि उन्हें अपने दामाद गुरुनाथ मय्यप्पन के सट्टेबाजी में लिप्त होने की जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा और उसके खिलाफ भी उसी तत्परता से कार्रवाई की जाएगी, जैसे कि खिलाड़ियों के मामले में की गई थी।
श्रीनिवासन ने कहा, आप यकीन कर सकते हैं कि बीसीसीआई उसी तत्परता से कार्रवाई करेगा। जहां तक गुरुनाथ का सवाल है, तो हमने जिस तरह की कार्रवाई दूसरों के मामले की, वही उस पर भी लागू होगी। किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा। चेन्नई सुपरकिंग्स के टीम प्रिंसिपल गुरुनाथ के आईपीएल मैचों में सट्टेबाजी में लिप्त रहने के बारे में पूछे जाने पर श्रीनिवासन ने दावा किया कि उन्हें कोई जानकारी नहीं थी।टिप्पणियां
उन्होंने यह कहकर अपने दावे की पुष्टि करने की कोशिश की कि वह बमुश्किल कोई मैच देखते हैं। उन्होंने कहा, मुझे गुरुनाथ के शामिल होने की किसी तरह की जानकारी नहीं थी। सभी जानते हैं कि मैं बमुश्किल कोई मैच देखने के लिए जाता हूं। सभी को पता है कि मैं चेन्नई सुपरकिंग्स के मैचों में नहीं जाता हूं। श्रीनिवासन ने कहा, इसकी जांच की जाएगी। जो भी कदम उठाए जाएंगे, वह निष्पक्ष होंगे।
हालांकि सूत्रों के मुताबिक बीसीसीआई में श्रीनिवासन अलग-थलग पड़ गए हैं और उनके शीर्ष पद से हटाए जाने की हलचल बढ़ गई है। सूत्रों के मुताबिक श्रीनिवासन के इस्तीफा न देने से खफा बोर्ड के कई सदस्य उन्हें निलंबित कर हटाने की प्रक्रिया शुरू करना चाहते हैं। इसके लिए वे पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष शंशाक मनोहर की सेवाएं इस्तेमाल करना चाहते हैं, जिनकी छवि काफी साफ है। बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार जब तक नए अध्यक्ष का चुनाव नहीं होता, तब तक मनोहर ने अंतरिम आधार पर इस पद की जिम्मेदारी संभालने की सहमति दे दी है।
श्रीनिवासन ने कहा, आप यकीन कर सकते हैं कि बीसीसीआई उसी तत्परता से कार्रवाई करेगा। जहां तक गुरुनाथ का सवाल है, तो हमने जिस तरह की कार्रवाई दूसरों के मामले की, वही उस पर भी लागू होगी। किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा। चेन्नई सुपरकिंग्स के टीम प्रिंसिपल गुरुनाथ के आईपीएल मैचों में सट्टेबाजी में लिप्त रहने के बारे में पूछे जाने पर श्रीनिवासन ने दावा किया कि उन्हें कोई जानकारी नहीं थी।टिप्पणियां
उन्होंने यह कहकर अपने दावे की पुष्टि करने की कोशिश की कि वह बमुश्किल कोई मैच देखते हैं। उन्होंने कहा, मुझे गुरुनाथ के शामिल होने की किसी तरह की जानकारी नहीं थी। सभी जानते हैं कि मैं बमुश्किल कोई मैच देखने के लिए जाता हूं। सभी को पता है कि मैं चेन्नई सुपरकिंग्स के मैचों में नहीं जाता हूं। श्रीनिवासन ने कहा, इसकी जांच की जाएगी। जो भी कदम उठाए जाएंगे, वह निष्पक्ष होंगे।
हालांकि सूत्रों के मुताबिक बीसीसीआई में श्रीनिवासन अलग-थलग पड़ गए हैं और उनके शीर्ष पद से हटाए जाने की हलचल बढ़ गई है। सूत्रों के मुताबिक श्रीनिवासन के इस्तीफा न देने से खफा बोर्ड के कई सदस्य उन्हें निलंबित कर हटाने की प्रक्रिया शुरू करना चाहते हैं। इसके लिए वे पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष शंशाक मनोहर की सेवाएं इस्तेमाल करना चाहते हैं, जिनकी छवि काफी साफ है। बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार जब तक नए अध्यक्ष का चुनाव नहीं होता, तब तक मनोहर ने अंतरिम आधार पर इस पद की जिम्मेदारी संभालने की सहमति दे दी है।
उन्होंने यह कहकर अपने दावे की पुष्टि करने की कोशिश की कि वह बमुश्किल कोई मैच देखते हैं। उन्होंने कहा, मुझे गुरुनाथ के शामिल होने की किसी तरह की जानकारी नहीं थी। सभी जानते हैं कि मैं बमुश्किल कोई मैच देखने के लिए जाता हूं। सभी को पता है कि मैं चेन्नई सुपरकिंग्स के मैचों में नहीं जाता हूं। श्रीनिवासन ने कहा, इसकी जांच की जाएगी। जो भी कदम उठाए जाएंगे, वह निष्पक्ष होंगे।
हालांकि सूत्रों के मुताबिक बीसीसीआई में श्रीनिवासन अलग-थलग पड़ गए हैं और उनके शीर्ष पद से हटाए जाने की हलचल बढ़ गई है। सूत्रों के मुताबिक श्रीनिवासन के इस्तीफा न देने से खफा बोर्ड के कई सदस्य उन्हें निलंबित कर हटाने की प्रक्रिया शुरू करना चाहते हैं। इसके लिए वे पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष शंशाक मनोहर की सेवाएं इस्तेमाल करना चाहते हैं, जिनकी छवि काफी साफ है। बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार जब तक नए अध्यक्ष का चुनाव नहीं होता, तब तक मनोहर ने अंतरिम आधार पर इस पद की जिम्मेदारी संभालने की सहमति दे दी है।
हालांकि सूत्रों के मुताबिक बीसीसीआई में श्रीनिवासन अलग-थलग पड़ गए हैं और उनके शीर्ष पद से हटाए जाने की हलचल बढ़ गई है। सूत्रों के मुताबिक श्रीनिवासन के इस्तीफा न देने से खफा बोर्ड के कई सदस्य उन्हें निलंबित कर हटाने की प्रक्रिया शुरू करना चाहते हैं। इसके लिए वे पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष शंशाक मनोहर की सेवाएं इस्तेमाल करना चाहते हैं, जिनकी छवि काफी साफ है। बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार जब तक नए अध्यक्ष का चुनाव नहीं होता, तब तक मनोहर ने अंतरिम आधार पर इस पद की जिम्मेदारी संभालने की सहमति दे दी है। |
सलमान खान का स्टारडम दुनियाभर में है. हॉलीवुड स्टार भी उनसे लगभग चिर परिचित हैं. लेकिन एक हॉलीवुड एक्टर सलमान खान को लेकर शायद कंफ्यूज हैं. ये हैं सिलवेस्टर स्टेलॉन.
सिलवेस्टर ने सलमान की अपकमिंग फिल्म रेस 3 के लिए उन्हें इंस्टाग्राम पर बधाई दी थी, लेकिन उन्होंने सलमान की जगह बॉबी देओल की तस्वीर पोस्ट कर दी. हालांकि बॉबी देओल भी फिल्म का हिस्सा हैं. लेकिन सिलवेस्टर इस गलती पर सोशल मीडिया पर ट्रोल हो गए.
OK, EVERYBODY let’s try this AGAIN , good luck to the very talented SALMAN KHAN on his upcoming new film RACE 3 ! ( if this is wrong I give up ! ) LOL
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Sly Stallone
(@officialslystallone) on
Mar 26, 2018 at 8:38am PDT
रेस 3 में सलमान खान का होगा ये नाम, Tweet में किया खुलासा
इसके बाद सिलवेस्टर ने अपनी गलती सुधारते हुए दूसरा पोस्ट किया, जिसमें फिल्म का नया पोस्टर लगाया और सलमान को उन्हीं शब्दों में फिर से बधाई लिखी. लेकिन उन्होंने मजाकिया ढंग से लिख दिया कि यदि इस बार भी गलत हुआ तो वे वापस ले लेंगे. सिलवेस्टर इस संदेह पर फिर ट्रॉल हो गए. कहा जाने लगा कि वे सलमान का लेकर संशय में हैं. यूजर्स ने लिखा आप अभी भी कंफ्यूज हैं. जबकि आप उनके पसंदीदा एक्टर हैं. कुछ सलमान के फैन सिलवेस्टर के मजाक पर आक्रामक भी हो गए.
बता दें कि 2015 में सलमान ने एक ट्वीट करते हुए लिखा था कि यदि किसी बाहर के एक्टर को फॉलो करना है तो सिलवेस्टर स्टैलॉन को करो.
बॉबी देओल को बताया सलमान खान तो सिलवेस्टर स्टैलॉन हो गए ट्रोल
सिल्वेस्टर ने अपने कैप्शन में लिखा था, ''बहुत ही टैलेंटेड फिल्म हीरो सलमान खान को उनकी अपकमिंग फिल्म रेस 3 के लिए शुभकामनाएं.'' बता दें कि ये बड़े बजट की फिल्म है. टिप्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा प्रोड्यूस की जा रही 'रेस 3' के निर्माता रमेश एस तौरानी है. इसमें सकीब सलीम, बॉबी देओल और डेजी शाह भी अहम किरदार में नजर आएंगी. फिल्म को रेमो डिसूजा डायरेक्ट कर रहे हैं. |
इस बार का नोबेल शांति पुरस्कार महिलाओं के नाम रहा जो तीन महिलाओें को संयुक्त रूप से दिया गया है। इनमें पश्चिमी अफ्रीका के देश लाइबेरिया की राष्ट्रपति एलेन जॉन समेत लेमाह बोवी और यमन की तवाक्कुल करमान के नाम शामिल है। काफी विचार के बाद नोबेल कमेटी इस नतीजे पर पहुंची कि इन तीनों ने जिस तरह नागरिक सुरक्षा और उनके अधिकारों के लिए अहिंसक संघर्ष किया है वह सम्मान की सही हकदार हैं। |
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टरों ने अस्पताल के कर्मचारियों और ट्रॉमा सेंटर में एक सप्ताह से इलाज करा रहीं राष्ट्रीय स्तर की वॉलीबॉल खिलाड़ी अरुणिमा सिन्हा के एक रिश्तेदार के बीच हुई कहासुनी को लेकर पुलिस से संपर्क किया है। अरुणिमा को बीते सप्ताह बरेली के निटक कुछ उच्चकों ने चलती रेलगाड़ी से नीचे फेंक दिया था, जिस कारण एक दूसरी रेलगाड़ी की चपेट में आने के कारण उनका एक पैर कट गया था। बरेली और लखनऊ में इलाज के बाद अरुणिमा को सोमवार को एम्स लाया गया था। एम्स ने अस्पताल कर्मचारियों और अरुणिमा के रिश्तेदार के बीच हुई कहासुनी के बाद सफदरजंग पुलिस स्टेशन को संपर्क किया। पुलिस ने मामला सुलझा लिया है, लेकिन कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई। एम्स के ट्रॉमा सेंटर के प्रमुख एमसी मिश्रा ने बताया कि अरुणिमा के जीजा कई लोगों के साथ अस्पताल में आए और कहने लगे कि उन्हें अरुणिमा से मिलना है। सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि अरुणिमा का अभी-अभी ऑपरेशन हुआ है और इस कारण उन्हें किसी से मिलने नहीं दिया जा सकता। इस पर अरुणिमा के जीजा बिगड़ गए और शोर मचाने लगे। इसके बाद अस्पताल ने पुलिस कंट्रोल रूम को फोन किया। मिश्रा ने कहा कि पुलिस ने इस मामले को सुलझा लिया। किसी के खिलाफ केस दर्ज नहीं हुआ। समस्या यह है कि अरुणिमा के जीजा इन दिनों बड़ी संख्या में राजनेताओं के साथ अस्पताल पहुंचते हैं और उनसे मिलना चाहते हैं। किसी को भी अरुणिमा से मिलने की अनुमति नहीं है, क्योंकि इससे उन्हें संक्रमण फैलने का खतरा है। डॉक्टरों का कहना है कि अरुणिमा का इलाज तय कार्यक्रम के अनुसार चल रहा है। मनोचिकित्सक उनकी मदद कर रहे हैं और अगले सप्ताह उनके कटे हुए पैर तथा दूसरे पैर की टूटी हुई हड्डियों को यथास्थिति देने के लिए दो ऑपरेशन किए जाएंगे। |
कर्बला (अरबी: كربلاء, कर्बला) मध्य इराक में एक शहर है, बगदाद के लगभग 100 किमी (62 मील) दक्षिण-पश्चिम में स्थित है, और कुछ मील की दूरी पर मिल्खा झील के पूर्व में स्थित है। करबला करबला की राजधानी की राजधानी है, और 1.15 मिलियन लोगों (2012) की अनुमानित आबादी है।
करबला ईराक का एक प्रमुख शहर है। यहा पर इमाम हज़रत हुसैन ने अपने नाना हजरत मुहम्मद स्० के सिधान्तो की रक्षा के लिए बहुत बड़ा बलिदान दिया था। इस स्थान पर आपको और आपके लगभग पूरे परिवार और अनुयायियों को यजिद नामक व्यक्ति के आदेश पर सन् 680 (हिजरी 61) में शहीद किया गया था जो उस समय शासन करता था और इस्लाम धर्म में अपने अनुसार बुराईयाँ जेसे शराबख़ोरी, अय्याशी, वगरह लाना चाहता था।
यह क्षेत्र सीरियाई मरुस्थल के कोने में स्थित है। करबला शिया स्मुदाय में मक्का के बाद दूसरी सबसे प्रमुख जगह है। कई मुसलमान अपने मक्का की यात्रा के बाद करबला भी जाते हैं। इस स्थान पर इमाम हुसैन का मक़बरा भी है जहाँ सुनहले रंग की गुम्बद बहुत आकर्षक है। इसे 1801 में सऊदी के राजा के पूरवजो ने नष्ट भी किया था पर फ़ारस (ईरान) के लोगों द्वारा यह फ़िर से बनाया गया।
इमाम हुसैन (हुसैन बिन अली) के इस बलिदान को मुस्लिम मुहर्रम के रूप में आज भी याद करते हैं।
अधिकांश तीर्थयात्री ईरान, कूर्दिस्तान, अज़रबैजान, बहरीन, भारत और पाकिस्तान से आते हैं।.
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कर्बला का युद्ध
पीरानशहर
सन्दर्भ
इस्लाम
इस्लामी तीर्थ स्थल |
हल्द्वानी जिले में प्लास्टिक के चावल बिकने की खबरें मीडिया में आई थीं. एएनआई ने कुछ तस्वीरें जारी की हैं, जिनमें कहा गया है कि हल्द्वानी में प्लास्टिक के चावल बेचे जा रहे हैं. यही नहीं, एएनआई ने एक और फोटो ज़ारी की है जिसमें कुछ बच्चे चावल से बनी गेंद से खेलते नजर आ रहे हैं. |
बच्चों का खाना मुर्गियों और मवेशियों को खिला देने वाली एनडीटीवी की ख़बर के बाद महाराष्ट्र में राज्यपाल के निर्देश पर कुपोषित बच्चों के लिए कार्यक्रम घोषित किया गया है।
आठ जून को स्टिंग ऑपरेशन के जरिये यह सच्चाई एनडीटीवी इंडिया ने आपको दिखाई थी।टिप्पणियां
महाराष्ट्र में राज्यपाल के शंकरनारायणन ने सरकार को ऐसे वाकये रोकने के न सिर्फ आदेश दिए हैं बल्कि मामले में दिशानिर्देश भी जारी किए हैं।
सरकार ने इस मामले में दो आंगनवाड़ी कर्मचारियों पर कार्रवाई की है।
आठ जून को स्टिंग ऑपरेशन के जरिये यह सच्चाई एनडीटीवी इंडिया ने आपको दिखाई थी।टिप्पणियां
महाराष्ट्र में राज्यपाल के शंकरनारायणन ने सरकार को ऐसे वाकये रोकने के न सिर्फ आदेश दिए हैं बल्कि मामले में दिशानिर्देश भी जारी किए हैं।
सरकार ने इस मामले में दो आंगनवाड़ी कर्मचारियों पर कार्रवाई की है।
महाराष्ट्र में राज्यपाल के शंकरनारायणन ने सरकार को ऐसे वाकये रोकने के न सिर्फ आदेश दिए हैं बल्कि मामले में दिशानिर्देश भी जारी किए हैं।
सरकार ने इस मामले में दो आंगनवाड़ी कर्मचारियों पर कार्रवाई की है।
सरकार ने इस मामले में दो आंगनवाड़ी कर्मचारियों पर कार्रवाई की है। |
खुद्दकनिकाय (पालि भाषा:खुद्दक=छोटा) बौद्ध ग्रंथ त्रिपिटक का सुत्तपिटक का पाँचवा निकाय है। इसमें धम्मपद, उदान, इतिवुत्तक, सुत्तनिपात, थेर-थेरी गाथा, जातक आदि सोलह ग्रंथ संग्रहीत है। इनमें से कुछ में बुद्ध के प्रामाणिक वचनों का संग्रह हैं। यह छोटे सूत्रों का संकलन है।
निकाय विभाजन
इस ग्रंथ में कुल १८ शीर्षक हैं जिनमें से १५ प्रमुख शीर्षक हैं।-
खुद्दक पाठ
धम्मपद
उदान
इतिवुत्तक
सुत्तनिपात
विमानवत्थु
पेतवत्थु
थेरगाथा
थेरीगाथा
जातक
निद्देस
पटिसंभिदामग्ग
अपदान
बुद्धवंस
चरियापिटक
नेत्तिपकरण
पेटकोपदेस
मिलिन्दपन्ह
टीका
बाहरी कड़ियाँ
Khuddaka Nikaya in Pali and English at "MettaNet - Lanka"
Khuddaka Nikaya in English at "Access to Insight"
त्रिपिटक
बौद्ध धर्म
सुत्तपिटक |
पश्चिम बंगाल पुलिस और सशस्त्र सीमा बल ने एक संयुक्त अभियान के तहत किशनगंज से नेपाल के रास्ते विदेश भेजी जा रही भगवान विष्णु की एक हजार साल पुरानी मूर्ति और दुर्लभ प्रजाति की 3 गीको छिपकली बरामद की हैं. मूर्ति की कीमत दो करोड़ रुपये बताई जा रही है जबकि छिपकली की कीमत करीब एक करोड़ रुपये है.
दरअसल, खुफिया सूचना के आधार पर पश्चिम बंगाल पुलिस और सशस्त्र सीमा बल ने किशनगंज में एक टाटा सूमो को रोककर तलाशी ली. गाड़ी से 14 किलोग्राम की भगवान विष्णु की मूर्ति बरामद हुई, जिसकी कीमत दो करोड़ है. यही नहीं एसएसबी ने टाटा सूमो से दुर्लभ प्रजाति की 3 गीको छिपकली भी बरामद की. जिनकी कीमत करीब एक करोड़ बताई जा रही है.
एसएसबी और बंगाल पुलिस ने पकड़ी गई टाटा सूमो से इमैनुअल नाम के
तस्कर
को गिरफ्तार किया है. जिसकी काफी समय से तलाश की जा रही थी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इमैनुअल ने तीन और लोगों के नाम बताएं हैं, जो विदेशों में बैठकर वन्य जीवों और दुर्लभ मूर्तियों की तस्करी के लिए सीमा पार कराने में इसकी मदद करते थे.
बतातें चलें कि भारत की दुर्लभ गीको छिपकलियां दवा बनाने के काम आती हैं. इसलिए इनकी तस्करी होती है. उत्तर पूर्वी भारत से लेजाकर इन छिपकलियों को दक्षिण पूर्वी एशिया में बेचा जाता है. एशिया के कई देशों में लोग इन्हें न सिर्फ खाते हैं, बल्कि एड्स जैसी बीमारियां को ठीक करने वाली दवा भी बनाते हैं.
भारत में सामान्य तौर पर वन्यजीवों पर निगाह रखने वाले लोग बाघ, गैंडे और उनके शरीर के अंगों की
तस्करी
पर ही ध्यान देते हैं. क्योंकि इन्हें भी चीन और दूसरे पूर्वी एशियाई देशों में दवाई के लिए बेचा जाता है. जानकार मानते हैं कि उत्तर पूर्वी भारत के मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और असम में छिपकली तस्करों की संख्या तेजी से बढ़ी है.
म्यांमार में रहने वाले व्यापारी इस चेन के बीच में हैं. वे इन्हें चीन, इंडोनेशिया, फिलीपीन्स और दूसरे दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में बेचते हैं. |
अंतर्राष्ट्रीय सैन्य शिक्षा और प्रशिक्षण (आईएमईटी) संयुक्त राज्य सुरक्षा सहायता कार्यक्रम का शीर्षक है, जो एक प्रकार का छात्र विनिमय कार्यक्रम है। |
कोडुरु ईश्वर वरप्रसाद रेड्डी (जन्म: 17 नवंबर 1948) एक भारतीय उद्यमी और वैक्सीन का उत्पादन करने वाली कंपनी शांत बायोटेकनिक्स के संस्थापक हैं। उन्हें भारत सरकार द्वारा सन २००५ में विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। वे आंध्र प्रदेश राज्य से हैं। उन्हें अपने प्रयासों के कारण श्री वेंकतेश्वर विश्वविद्यालय, गीतम् विश्वविद्यालय और विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट से भी सम्मानित भी किया गया।
शुरुआती जीवन
वरप्रसाद जी का जन्म नेलोर ज़िले के पपीरेड्डी पलम गाँव के एक किसान परिवार में हुआ था। वह अपने माता-पिता के एकमात्र संतान थे। श्रई वेंकतेश्वर विश्वविद्यालय से विज्ञान स्नातक प्राप्त करने के बाद उन्होंने आंध्र विश्वविद्यालय से अभियंता समाप्त की। उसके बाद उन्होंने 1971 वर्ष में पश्चिम जर्मनी के बिब्लिगेन विश्वविद्यालय से कंप्यूटर विज्ञान में डिप्लोमा प्राप्त की। उन्होंने ओस्मेनिया विश्वविद्यालय से व्यवसाय प्रशासन में स्नातक प्राप्त किया।
पेशे में इलेक्ट्रॉनिक्स अभियंता होने के बावजूद उन्होंने 7 वर्षों तक रक्षा वैज्ञानिक के रूप में काम किया, जिसके बाद उन्होंने APIDC (आंध्र प्रदेश औद्योगिक विकास निगम) के लिए भी काम किया। वह 1985 वर्ष में हैदराबाद बैटरी कंपनी में शामिल होकर ठेकेदार बने। इस कंपनी ने रक्षा के काम में आए उच्च-प्रदर्शन के बैटरी बनाए हैं।
शांत बायोटेकनिक्स
वर्ष 1990 में वह एक जेनेवा में एक WHO सभा के हिस्सेदार बने, जहाँ उन्होंने ऐसी बातें सुनीं जो कहती हैं कि भारत हेपाटायटिस बी के लिए कोई हल नहीं निकाल पाया था और इसी बीमारी के चलते देश में हर रोज़ करीब 3 लाख लोगों की मृत्यु होती थी। उन्हें यह सुनने की आशा नहीं थी, और उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मान के साथ चलते हुए आम आदमी तक कम मूल्य के साथ वैक्सीन पहुँचाने के लक्ष्य से शांत बायोटेकनिक्स की शुरुआत की।
वेंकतप्रसाद से सन् 1993 में शांत बायोटेकनिक्स की स्थापना की, जिसने भारत का पहला स्वतंत्र रूप से विकसित किया गया हेपाटायटिस बी वैक्सीन बनाया। Shanvac-B नामक इस वैक्सीन को 1997 में पूरे राष्ट्र में लाया गया।
सन्दर्भ
२००५ पद्म भूषण
1948 में जन्मे लोग
जीवित लोग
भारतीय वैज्ञानिक
भारतीय उद्यमी |
तेलंगाना के वारंगल जेल से फरार एक कैदी को सोमवार रात पुलिस ने बिहार के जहानाबाद जिले के घोसी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार राजेश यादव वारंगल जेल में दो लोगों की हत्या में सजायाफ्ता है. वह पिछले दिनों जेल से फरार हो गया था. तेलंगाना पुलिस राजेश को ले जाएगी.
जहानाबाद के पुलिस अधीक्षक आदित्य कुमार ने मंगलवार को कहा कि तेलंगाना के वारंगल जेल से फरार राजेश यादव को घोसी के सोहो बिगहा गांव से गिरफ्तार किया गया है. आरोपी जहानाबाद नगर थाना क्षेत्र के धनगांवा गांव का रहने वाला है. उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है.
उन्होंने बताया कि वारंगल पुलिस को सूचना मिली थी कि फरार राजेश जहानाबाद में है. इसी सूचना के आधार पर तेलंगाना
पुलिस
रविवार को जहानाबद पहुंची थी. वारंगल
जेल
से फरार होने के बाद राजेश अपने रिश्तेदार शंकर यादव के गांव सोहोबिगहा में छिपकर रह रहा था. |
उत्तर प्रदेश
में एटा जिले के जलेसर कस्बे में शुक्रवार को होली के हुड़दंग के बीच एक आदमी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. रंग में भंग डालने वाली मारपीट की अलग-अलग घटनाओं में आठ लोग घायल भी हो गए.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जलेसर कस्बे के महावीरगंज मोहल्ले में पूरन लोधी (55) नाम का शख्स अपने घर के बाहर होली खेल रहा था. तभी शराब के नशे में धुत मोहल्ले के ही निवासी बुलबुल शर्मा ने किसी बात को लेकर उन्हें गोली मार दी. लोधी की अस्पताल ले जाते हुए रास्ते में ही मौत हो गई.
इस वारदात को लेकर महावीरगंज में तनाव फैल गया. मौके पर पहुंचे उच्च अधिकारियों ने समझा-बुझाकर और कार्रवाई का आश्वासन देकर नाराज लोगों को शांत किया. वहीं, जिले में होली के हुड़दंग के दौरान हुई मारपीट की घटनाओं में गगनपुर में तीन, सत्तारपुर तथा टांडा में दो-दो और बनगांव में एक व्यक्ति घायल हो गया. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
-इनपुट भाषा से |
बीजेपी, जेडीयू में दरार के बाद बिहार में सियासी घमासान मचा है. लेकिन इसी बीच नीतीश कुमार की एक सभा में ऐसा मंजर सामने आया जिससे उनकी ही फजीहत हो रही है. उन्हीं की सभा में उनकी ही पार्टी के ही कार्यकर्ता आपस में हंगामा करने लगे.
बीजेपी और जेडीयू में दरार के बाद बिहार में सियासी घमासान मचा है. लेकिन इसी बीच नीतीश कुमार की एक सभा में ऐसा मंजर सामने आया जिससे उनकी ही फजीहत हो रही है. उन्हीं की सभा में उनकी ही पार्टी के ही कार्यकर्ता आपस में हंगामा करने लगे.
सभा में मंच पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बैठे थे और सामने मौजूद जनता जनार्दन आउट ऑफ कंट्रोल हुई जा रही थी. इन दिनों घमासान जनता जल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी के बीच चल रहा है लेकिन यहां जेडीयू के समर्थक ही आपस में भिड़ गए और कुर्सियां ही इनकी हथियार बन गईं.
घटना बिहार के कटिहार जिले के मनिहारी की है जहां बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सेवा यात्रा की सभा को संबोधित करने पहुंचे थे. भाषण देने से पहले ही मनिहारी के पूर्व विधायक विश्वनाथ सिंह और मौजूदा विधायक मनोहर प्रसाद के समर्थकों में वर्चस्व की जंग छिड़ गई. दरअसल पूर्व विधायक के समर्थकों को वर्तमान विधायक का मंच पर नीतीश के साथ बैठना नागवार गुजर रहा था. शोरगुल के साथ-साथ वो कुर्सियों को पब्लिक पर फेंकने लगे. पुलिस हाथ जोड़कर प्रदर्शनकारियों को शांत रहने की गुहार लगा रही थी. मंजर हंगामेदार था और सबकुछ हो रहा था नीतीश की आंखों के ठीक सामने. तभी जब उनका भाषण देने का वक्त आया तो उन्होंने जनता को काबू में रहने की तुरंत नसीहत दी.
नीतीश कुमार वैसे ही राज्य में 10 साल से भी पुराने सहयोगी दल बीजेपी से बिगड़ते रिश्तों के दौर से गुजर रहे हैं. शायद इसी का तनाव उनके भाषण में भी झलकने लगा. यात्रा का एक मुद्दा बिजली आपूर्ति को दुरुस्त करना भी था. नीतीश ने आश्वासन भी दिया लेकिन थोड़ा तल्ख अंदाज में. नीतीश कुमार के तीखे तेवर शायद ही कभी देखने को मिलते हैं लेकिन मुमकिन है कि मौजूदा हालात की राजनीतिक हलचल उनके अंदाज में बदलाव की वजह बन रही हो. |
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रोड्रिगो टोट (जन्म c.1958) ग्वाटेमाला में एक किसान और स्वदेशी नेता हैं।
वह क्यू'एक्ची' लोगों का सदस्य है। खनन से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान से अपने समुदाय की भूमि की रक्षा करने के प्रयासों के लिए टोट को 2017 में गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
प्रारंभिक जीवन
टोट का जन्म ग्वाटेमाला के क्विच में 60 के दशक की खनन भीड़ से ठीक पहले हुआ था। टोट ने अपने माता-पिता दोनों को कम उम्र में खो दिया और 12 साल की उम्र में अगुआ कैलिएंट में विस्तारित परिवार के साथ रहने चले गए।
करियर
खेती
1985 में, टोट ने अपने समुदाय के 63 अन्य स्वदेशी किसानों के साथ, अपने समुदाय में भूमि पर काम करने के लिए एक संपत्ति का शीर्षक प्राप्त किया। तीन साल बाद, हालांकि, इन खिताबों के रिकॉर्ड गायब हो गए, और, जब शीर्षक के लिए अंतिम भुगतान किया गया, तो लोगों को भूमि के कानूनी शीर्षक से वंचित कर दिया गया।
2004 में, किसानों को उनकी भूमि के अधिकार से वंचित किए जाने के दो साल बाद, ग्वाटेमाला सरकार ने 16 माया समुदायों को कवर करने वाले क्षेत्र के लिए खनन लाइसेंस प्रदान किया। खनन अधिग्रहण के बाद, क्यू'एक्ची' अदालत में अपने भूमि अधिकारों के लिए लड़ने के लिए निकल पड़े। 2011 में, समूह ने अपना मुकदमा जीता और ग्वाटेमाला संवैधानिक न्यायालय ने एक ऐतिहासिक निर्णय जारी किया जिसने क्यू'एक्ची' लोगों के संपत्ति अधिकारों को मान्यता दी।
संदर्भ
1950 दशक में जन्मे लोग
जन्म वर्ष अज्ञात (जीवित लोग)
जीवित लोग
मूल निवासी और पर्यावरण |
दोपहर दो बजे संसद की कार्यवाही एक बार पुन: आरंभ की गई। लोकसभा में इस दौरान विपक्ष ने एक बार फिर सदन के बीचों बीच जाकर नारे बाजी की और इसी शोर में खेल मंत्री अजय माकन ने सरकार की ओर से राष्ट्रमंडल खेल पर एक वक्तव्य पढ़ा जिसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही कल (बुधवार) तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले दोपहर 12 बजे राज्य सभा की कार्यवाही एक बार पुन: आरंभ हुई और विपक्ष पूर्व की ही भांति हंगामा आरंभ कर दिया जिसके के अध्यक्ष हामिद अंसारी से सभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी थी। वहीं, लोकसभा में भी हंगामा के बाद सदन की बैठक को स्थगित कर दिया गया। विपक्ष के सांसद सदन के बीचों बीच खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। विपक्षी सदस्य सुरेश कलमाड़ी के मुद्दे पर बहस की मांग कर रहे थे। भाजपा इस मुद्दे पर धारा 184 के तहत बहस करवाना चाहती है और सरकार ने इस मांग को खारिज कर दिया। दोनों सदनों की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले भी सुबह जब सदन की कार्यवाही आरंभ हुई तभी राष्ट्रमंडल खेलों में हुए घोटालों की जांच कर रहे भारत के महालेखापरीक्षक की रिपोर्ट के बाद जोरदार हंगामा हुआ। इसी के साथ विपक्ष ने महंगाई के मुद्दे पर भी संसद में सरकार को घेरा और शोरशराबा किया। संसद के दोनों सदनों में हंगामे की वजह कायर्वाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। आज सुबह जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ की गई विपक्षी नेताओं प्रश्नकाल स्थगित करने की मांग की और हंगामा आरंभ कर दिया। इसके चलते राज्यसभा के अध्यक्ष हामित अंसारी ने राज्यासभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। वहीं, लोकसभा में इसी मुद्दे पर हंगामें की वजह से स्पीकर मीरा कुमार को कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी। |
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