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'बिग बॉस 10' कंटेस्टेंट अकांक्षा शर्मा घर से बाहर आ चुकी हैं. घर से बाहर आने के बाद उन्होंने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. घर में जाने से पहले उन्होंने युवराज सिंह की मां शबनम पर उनकी शादी तोड़ने के आरोप लगाए थे. घर के अंदर तो अकांक्षा विवादों में नहीं रहीं लेकिन बाहर शबनम उनके बारे में मीडिया को बयान दे रहीं थीं. युवराज सिंह की मां ने 'बिग बॉस 10' कंटेस्टेंट अकांक्षा शर्मा के आरोपों को किया खारिज घर में अकांक्षा को अपने पर्सनल लाइफ के बारे में ज्यादा बात करते हुए नहीं देखा गया लेकिन घर से बाहर आने के बाद उन्होंने इस मुद्दे पर खुल कर बोला. आइए जानते हैं अकांक्षा ने युवराज के घर वालों के बारे में क्या-क्या कहा: 1. शबनम ने अकांक्षा पर आरोप लगाया था कि वो ड्रग्स लेती थीं. इस पर अकांक्षा ने कहा, मैंने अकेले नहीं जोरावर के साथ ड्रग्स लिया था और युवराज ने भी मुझे बताया कि वो भी ड्रग्स ले चुके हैं. 2 .अकांक्षा अपने पति जोरावर के बारे में भी खुलासे किए. उन्होंने कहा, 'घर में सिर्फ एक ही बच्चे को अटेंशन मिलती थी. जोरावर बचपन से ही अलग पड़ गए. जोरावर की अपनी कोई सोच नहीं है. वो अपनी मां के हाथों की कठपुतली हैं.' 3. अकांक्षा ने यह भी कहा कि शबनम ने उन्हें सेक्स के लिए फोर्स किया लेकिन जोरावर ऐसे नहीं थे. मुझे लगा मैंने दो लोगों से शादी की है. एक जोरावर से और दूसरी उनकी मां से. 4. घर में चार कुक होने के बावजूद उनकी मां चाहती थी कि मैं हमेशा किचन में रहूं. अकांक्षा ने इंटरव्यू में यह भी खुलासा किया कि पूरा घर युवराज के पैसों पर ही चलता है. 5 . जब उनसे पूछा गया कि क्या आपने सुसाइड की धमकी देकर घरवालों से पैसे लेने की कोशिश की है. इस पर अकांक्षा कहती हैं, मैं फाइटर हूं. मैं ऐसी धमकी क्यों दूंगी. शादी के बाद भी मैं अपने घरवालों से पैसे लेती थी.
बमोरी विधानसभा सीट 2008 के चुनाव से अस्तित्व में आई. गुना के अंतर्गत 4 विधानसभा सीटें आती हैं, उन्हीं में से बमोरी भी एक है. इस क्षेत्र में सहरिया-आदिवासी और अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों की संख्या ज्यादा है. फिलहाल कांग्रेस के महेंद्र सिंह सिसोदिया यहां के विधायक हैं. 2008 में बमोरी विधानसभा सीट पर हुए पहले चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल की थी. बीजेपी के कन्हैया लाल रमेश्वर अग्रवाल ने 28767 वोटों के साथ चुनाव जीता था. वहीं कांग्रेस के महेंद्र सिंह सिसोदिया 23989 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर थे. दोनों के बीच हार-जीत का अंतर 4 हजार से ज्यादा वोटों का था. वहीं 2013 में हुए दूसरे चुनाव में इस बार कांग्रेस मे जीत हासिल की. 2008 के चुनाव में दूसरे स्थान पर रहने वाले महेंद्र सिंह सिसोदिया 71804 वोट हासिल कर यहां के विधायक बने. बीजेपी के कन्हैया लाल रमेश्वर अग्रवाल 53243 वोट के साथ दूसरे स्थान पर थे. दोनों में इस बार हार-जीत का अंतर ज्यादा था. सिसोदिया ने अग्रवाल को 18 हजार से ज्यादा वोटों से हराया. वहीं बीजेपी के रमेश डाबर तीसरे स्थान पर थे. सहरिया-आदिवासी की संख्या है ज्यादा यहां पर हुए अब तक 2 चुनावों में सहरिया-आदिवासी और अजा वर्ग ही निर्णायक मतदाता की भूमिका में रहे हैं. वहीं किरार-धाकड़ व अन्य समाज चुनाव की दिशा तय करने वाले साबित होते रहे हैं. यहां सहरिया-आदिवासी और अनुसूचित जाति वर्ग का बाहुल्य है. इनकी संख्या लगभग 80 हजार है. इस सीट पर पानी, सड़क, बिजली, रोजगार जैसी समस्याए हैं. ऐसे में 2018 का चुनाव क्षेत्र के विकास, रोजगार और मूलभूत जरूरतों के आधार पर ही लड़ा जाएगा. 2018 के चुनाव में बीजेपी एक बार  कन्हैया लाल रमेश्वर अग्रवाल को टिकट दे सकती है. वहीं कांग्रेस की ओर से मौजूदा विधायक महेंद्र सिंह सिसोदिया मैदान में उतर सकते हैं.
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: संघ लोक सेवा आयोग ( यूपीएससी ) ने कहा है कि सिविल सेवा परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवारों की मार्कशीट का 15 दिनों के भीतर खुलासा कर दिया जाएगा। सामान्य श्रेणी में 499, अन्य पिछड़ा वर्ग में 314, अनुसूचित जाति से 176 और अनुसूचित जनजाति से 89 सहित कुल 1078 उम्मीदवार मंगलवार को घोषित परीक्षा परिणाम में पास हुए हैं।टिप्पणियां यूपीएससी ने कहा है, ‘‘परिणाम की घोषणा की तारीख से 15 दिन के भीतर यूपीएससी की  वेबसाइट www.upsc.gov.in पर मार्कशीट उपलब्ध होगी।’’ 2015 की सिविल सेवा परीक्षा में दिल्ली की टीना डाबी ने शीर्ष स्थान हासिल किया है। प्रतीक्षा सूची में 172 अन्य उम्मीदवारों का नाम है। सामान्य श्रेणी में 499, अन्य पिछड़ा वर्ग में 314, अनुसूचित जाति से 176 और अनुसूचित जनजाति से 89 सहित कुल 1078 उम्मीदवार मंगलवार को घोषित परीक्षा परिणाम में पास हुए हैं।टिप्पणियां यूपीएससी ने कहा है, ‘‘परिणाम की घोषणा की तारीख से 15 दिन के भीतर यूपीएससी की  वेबसाइट www.upsc.gov.in पर मार्कशीट उपलब्ध होगी।’’ 2015 की सिविल सेवा परीक्षा में दिल्ली की टीना डाबी ने शीर्ष स्थान हासिल किया है। प्रतीक्षा सूची में 172 अन्य उम्मीदवारों का नाम है। यूपीएससी ने कहा है, ‘‘परिणाम की घोषणा की तारीख से 15 दिन के भीतर यूपीएससी की  वेबसाइट www.upsc.gov.in पर मार्कशीट उपलब्ध होगी।’’ 2015 की सिविल सेवा परीक्षा में दिल्ली की टीना डाबी ने शीर्ष स्थान हासिल किया है। प्रतीक्षा सूची में 172 अन्य उम्मीदवारों का नाम है। प्रतीक्षा सूची में 172 अन्य उम्मीदवारों का नाम है।
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: भारत के महेश भूपति और रोहन बोपन्ना की पांचवीं वरीयता प्राप्त जोड़ी को एटीपी वर्ल्ड टूर फाइनल्स टेनिस टूर्नामेंट के युगल स्पर्धा के फाइनल में हार का सामना करना पड़ा है। एटीपी के मुताबिक, सोमवार को खेले गए फाइनल मुकाबले में छठी वरीयता प्राप्त मार्सेल ग्रानोलर्स और मार्क लोपेज की स्पेनिश जोड़ी ने भूपति और बोपन्ना को 7-5, 3-6, 10-3 से पराजित किया।टिप्पणियां भूपति यहां पांचवीं बार उपविजेता बने हैं। इससे पहले, भूपति 1997, 1999 और 2000 में लिएंडर पेस के साथ जोड़ी बनाकर उपविजेता रहे थे जबकि 2010 में भी उन्हें बेलारूस के मैक्स मिर्नी के साथ यहां उपविजेता से ही संतोष करना पड़ा था। उल्लेखनीय है कि इस इस वर्ष भूपति और बोपन्ना ने दो खिताब जीते जिनमें दुबई और पेरिस मास्टर्स शामिल है। एटीपी के मुताबिक, सोमवार को खेले गए फाइनल मुकाबले में छठी वरीयता प्राप्त मार्सेल ग्रानोलर्स और मार्क लोपेज की स्पेनिश जोड़ी ने भूपति और बोपन्ना को 7-5, 3-6, 10-3 से पराजित किया।टिप्पणियां भूपति यहां पांचवीं बार उपविजेता बने हैं। इससे पहले, भूपति 1997, 1999 और 2000 में लिएंडर पेस के साथ जोड़ी बनाकर उपविजेता रहे थे जबकि 2010 में भी उन्हें बेलारूस के मैक्स मिर्नी के साथ यहां उपविजेता से ही संतोष करना पड़ा था। उल्लेखनीय है कि इस इस वर्ष भूपति और बोपन्ना ने दो खिताब जीते जिनमें दुबई और पेरिस मास्टर्स शामिल है। भूपति यहां पांचवीं बार उपविजेता बने हैं। इससे पहले, भूपति 1997, 1999 और 2000 में लिएंडर पेस के साथ जोड़ी बनाकर उपविजेता रहे थे जबकि 2010 में भी उन्हें बेलारूस के मैक्स मिर्नी के साथ यहां उपविजेता से ही संतोष करना पड़ा था। उल्लेखनीय है कि इस इस वर्ष भूपति और बोपन्ना ने दो खिताब जीते जिनमें दुबई और पेरिस मास्टर्स शामिल है। उल्लेखनीय है कि इस इस वर्ष भूपति और बोपन्ना ने दो खिताब जीते जिनमें दुबई और पेरिस मास्टर्स शामिल है।
हिन्दीवाणी हिन्दी के लिये एक टैक्स्ट टू स्पीच इंजन है। यह सॅण्ट्रल इलॅक्ट्रॉनिक्स इंजनियरिंग रिसर्च इंस्टीच्यूट नई दिल्ली द्वारा विकसित किया गया है। यह डॉस प्रचालन तन्त्र पर कार्य करता है। एक हिन्दी सम्पादित्र में पाठ लिखा जाता है यह एक वर्णों के उच्चारणों के डेटाबेस के आधार पर कार्य करता है। इन्हें भी देखें पाठ से वाक ध्वनि (पाठ से वाक) वॉजमी फैस्टिवल (पाठ से वाक) वाचक (पाठ से वाक) शक्ति (पाठ से वाक) बाहरी कड़ियाँ TDIL पर हिन्दीवाणी बारे जानकारी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर हिन्दी कम्प्यूटिंग इण्डिक कम्प्यूटिंग
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी ने बुधवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और हम चाहेंगे कि सरकार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को भी वापस ले. सोनी ने जम्मू-कश्मीर को दो केन्द्र शासित प्रदेश में विभाजित किये जाने पर भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यहां की जनता विशेषकर युवा इस फैसले से "अपमानित" महसूस कर रहे हैं. कांग्रेस महासचिव सोनी ने पत्रकारों से कहा कि भूतपूर्व रियासत जम्मू-कश्मीर पूरा का पूरा भारत का अभिन्न अंग है...अगर वे पीओके (पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर) को वापस लेने में सक्षम हैं तो इससे बेहतर क्या होगा." उन्होंने कहा, "...उसे वापस लेना अभी बाकी है और हम चाहेंगे के वे उसे वापस लें क्योंकि वह हमारा अंग है." उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों या देश के किसी व्यक्ति से परामर्श किए बिना राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया. उन्होंने कहा कि लोग विशेषकर युवा अपमानित महसूस कर रहे हैं और उन्हें यह निर्णय स्वीकार नहीं है.
पंजाब के पूर्व मुख्‍यमंत्री दिवंगत बेअंत सिंह‍ के पोते 40 साल के हरकीरत सिंह ने रविवार को खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली. चंडीगढ़ के सेक्‍टर 5 स्थित अपने आवास पर दोपहर हुई घटना के बाद फौरन उन्हें पीजीआई ले जाया गया. वहां डॉक्टर्स ने उन्‍हें मृत घोषित कर दिया गया. सोमवार को पीजीआई में होगा पोस्टमार्टम चंडीगढ़ सेक्‍टर तीन के एसएचओ नीरज शर्मा के मुताबिक, हरकीरत सिंह ने अपने आवास पर खुद को लाइसेंसी रिवॉल्‍वर से गोली मार ली. उन्‍होंने कहा कि पीजीआई के डॉक्‍टर्स ने हरकीरत को मृत घोषित किया. सोमवार को पीजीआई में ही हरकीरत का पोस्‍टमार्टम किया जाएगा. बरकरार है परिवार का राजनीतिक रुतबा लुधियाना जिले में बेअंत सिंह के मूल गांव कोटली के हरकीरत सिंह सरपंच थे. साल 2013 में उन्हें गांव का मुखिया चुना गया था. उनके भाई गुरकीरत सिंह खन्‍ना से कांग्रेस विधायक हैं. उनके पिता तेजेश्‍वर सिंह‍ पंजाब के पूर्व यातायात मंत्री रह चुके हैं. लंबे समय से तनाव के मरीज थे हरकीरत हरकीरत सिंह के एक भाई रवनीत सिंह बिट्टू ने बताया कि वह लंबे समय से तनाव से जूझ रहे थे. बीते 15 दिनों से वह गहरे अवसाद में जी रहे थे. 1994 से ही उनका इलाज चल रहा था. वह अपनी दिक्कतों के बारे में बातचीत करते थे, मगर जिंदा नहीं रहने की मंशा के बारे में कभी जाहिर नहीं दिया. अब उन्‍होंने खुद को गोली मार ली. पत्नी और नौकर से नजर बचाकर खुद को गोली मारी हरकीरत अपनी पत्नी और एक नौकर के साथ चंडीगढ़ में रहते थे. उन्की पत्नी ने बताया कि रविवार सुबह वह सुखना लेक से टहलकर लौटे और स्नान की इच्छा जताई. इस बीच नौकर उनके नाश्ते के लिए जूस बनाने लगा. तभी उन्होंने लाइसेंसी रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली .
पूर्वी दिल्ली में लक्ष्मीनगर स्थित धराशायी इमारत के मलबे से गुरुवार सुबह एक शव निकाले जाने के साथ ही इस हादसे में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 72 हो गई. दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘सुबह साढ़े सात बजे के आसपास मलबे से एक युवक का शव मिला, जिसे अस्पताल अधिकारियों के सुपुर्द कर दिया गया.’’ इस हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 72 हो गई है. इनमें 29 महिलाएं और 17 बच्चे भी शामिल हैं. ज्यादातर मृतक पश्चिम बंगाल से आए मजदूर हैं, जो इस पंद्रह साल पुरानी इमारत में रह रहे थे. इमारत की पांचवी मंजिल अवैध रूप से बनाई जा रही थी. हादसे में घायल 82 लोगों का शहर के विभिन्न अस्पतालों में उपचार किया जा रहा है. दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने बुधवार को एक सदस्यीय न्यायिक आयोग बनाया जो इस हादसे की जांच करेगा. दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश लोकेश्वर प्रसाद इसकी जांच करेंगे और घटना के सभी पहलुओं की पड़ताल करेंगे. वहीं एमसीडी ने पूर्वी दिल्ली इलाके में ‘खतरनाक’ स्थिति में पहुंच चुकी 38 इमारतों में रहने वालों से इमारत खाली करने के लिए कहा है. दिल्ली सरकार के निर्देश पर एक सर्वेक्षण के बाद यह निर्णय लिया गया.
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा एवं पंजाब प्रांत सहित विभिन्न इलाकों में रविवार को रिक्टर पैमाने पर 5.3 तीव्रता के भूकम्प के झटके महसूस किए गए। जियो न्यूज के अनुसार शाम पांच बजे के करीब आए भूकम्प के झटकों का केंद्र अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा की पहाड़ियों में स्थित था।टिप्पणियां भूकम्प के कारण लोगों में भय फैल गया। इससे जनधन की हानि का कोई समाचार नहीं है। भूकम्प के झटके इस्लामाबाद, रावलपिंडी, सरगोधा, मीरपुर, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर, नौशेरा, स्वात और हजारा डिवीजन में महसूस किए गए। जियो न्यूज के अनुसार शाम पांच बजे के करीब आए भूकम्प के झटकों का केंद्र अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा की पहाड़ियों में स्थित था।टिप्पणियां भूकम्प के कारण लोगों में भय फैल गया। इससे जनधन की हानि का कोई समाचार नहीं है। भूकम्प के झटके इस्लामाबाद, रावलपिंडी, सरगोधा, मीरपुर, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर, नौशेरा, स्वात और हजारा डिवीजन में महसूस किए गए। भूकम्प के कारण लोगों में भय फैल गया। इससे जनधन की हानि का कोई समाचार नहीं है। भूकम्प के झटके इस्लामाबाद, रावलपिंडी, सरगोधा, मीरपुर, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर, नौशेरा, स्वात और हजारा डिवीजन में महसूस किए गए। भूकम्प के झटके इस्लामाबाद, रावलपिंडी, सरगोधा, मीरपुर, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर, नौशेरा, स्वात और हजारा डिवीजन में महसूस किए गए।
उड़ीसा के हिंसाग्रस्‍त कंधमाल जिले में पिछले हफ्तों के दौरान कई ईसाइयों ने अपनी जानमाल की हिफाजत के लिए हिंदू धर्म अपना लिया है. एक सरकारी अधिकारी ने शुक्रवार को इस बात की पुष्टि की. जिले के एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि हमें इस तरह की लगभग पचास शिकायतें मिली हैं, जिनमें ईसाइयों ने आरोप लगाया है कि जानमाल की हिफाजत के एवज में उन्‍हें हिंदू बनने को मजबूर किया जा रहा है. अधिकारी ने बताया कि इन सभी शिकायतों की जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ समुचित कार्रवाई की जाएगी. हालांकि कुछ व्‍यक्तियों ने लिखित रूप से भी यह सूचित किया है कि उन्‍होंने अपनी मर्जी से बगैर किसी दबाव में हिंदू धर्म स्‍वीकार किया है. गौरतलब है कि कंधमाल जिले में हिंसा के दौरान अब तक कम से कम 36 लोग मारे जा चुके हैं और हजारों घर जलाए जा चुके हैं. हिंसा के कारण 20 हजार से अधिक लोग शिविरों में शरण लिए हुए हैं.
दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ भारती की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. इसके साथ ही कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की अपील पर उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया है. मंगलवार को अब सोमनाथ हाई कोर्ट जाने की तैयारी में हैं. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजय गर्ग ने इस मामले में सोमनाथ को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया. उनपर गुरुवार को पश्चिमी दिल्ली के द्वारका नॉर्थ पुलिस थाने में घरेलू हिंसा और हत्या की कोशिश के मामले में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी. पुलिस ने कहा कि उन्होंने सोमनाथ की पत्नी लिपिका मित्रा की 10 जून की शिकायत के आधार पर यह प्राथमिकी दर्ज की है. लिपिका ने अपनी शिकायत में सोमनाथ पर साल 2010 में शादी के बाद से ही प्रताड़ित करने और मारपीट करने का आरोप लगाया है. वहीं, दिल्ली पुलिस सरगरमी से सोमनाथ की तलाश कर रही है.
दक्षिण अफ्रीका में रविवार रात एक बस दुर्घटना में आठ लोगों की मौत हो गई और 62 अन्य घायल हो गए। सोमवार को एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।टिप्पणियां समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने समाचार एजेंसी एसएपीए के हवाले से बताया कि बस क्वाजुलु-नताल प्रांत स्थित मेलमोथ शहर में एक हाईवे पर यात्रा करते हुए पलटी और सड़क से नीचे उतर, स्टील के अवरोधकों से जा टकराई। हादसे में दो महिलाओं और छह व्यक्तियों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। एक अधिकारी ने बताया कि स्टील के अवरोधकों ने बस के आगे के हिस्से में छेद कर दिए थे। बस मेलमोथ से करीब सौ किलोमीटर आगे नोंगोमा शहर में एक नृत्य समारोह के लिए लोगों को लेकर जा रही थी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने समाचार एजेंसी एसएपीए के हवाले से बताया कि बस क्वाजुलु-नताल प्रांत स्थित मेलमोथ शहर में एक हाईवे पर यात्रा करते हुए पलटी और सड़क से नीचे उतर, स्टील के अवरोधकों से जा टकराई। हादसे में दो महिलाओं और छह व्यक्तियों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। एक अधिकारी ने बताया कि स्टील के अवरोधकों ने बस के आगे के हिस्से में छेद कर दिए थे। बस मेलमोथ से करीब सौ किलोमीटर आगे नोंगोमा शहर में एक नृत्य समारोह के लिए लोगों को लेकर जा रही थी। हादसे में दो महिलाओं और छह व्यक्तियों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। एक अधिकारी ने बताया कि स्टील के अवरोधकों ने बस के आगे के हिस्से में छेद कर दिए थे। बस मेलमोथ से करीब सौ किलोमीटर आगे नोंगोमा शहर में एक नृत्य समारोह के लिए लोगों को लेकर जा रही थी।
देश के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश से तबाही की खबरें लगातार आ रही हैं. ओडिशा में शनिवार को आकाशीय बिजली गिरने से अलग-अलग इलाकों में कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई और तीन दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं. सबसे ज्यादा नुकसान भद्रक जिले में हुआ है. यहां 8 लोगों की मौत बिजली गिरने से हुई है. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बारिश और बिजली गिरने से लोगों की मौत पर दुख जताया है. उन्होंने अधिकारियों को प्रभावित लोगों के परिवारों को मदद पहुंचाने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने बिजली गिरने से मरने वाले लोगों के परिवार वालों के 50-50 हजार रुपये की मदद का ऐलान किया है. बालासोर में 7, खुर्द में 5, मयूरभंज में 3 और केंद्रपाड़ा, जाजपुर, नयागढ़ जिलों में 1-1 व्यक्ति की मौत हुई है.
दिवाली से 3 दिन पहले मनाए गए वसुबारस के शुभ अवसर पर पुणे का ऐतहासिक शनिवारवाडा हजारों दियों की रोशनी से जगमगा उठा. कभी पेशवाओं के जमाने में इसका खास अंदाज हुआ करता था, जिसे फिर से संवारा जा रहा है. इस तरह दिवाली की शुरुआत दीपोत्सव से करने की परंपरा 1734 में पेशवाओं के राज में शुरू की गई थी और ये दीपोत्सव की परंपरा 1818 तक बरकरार रही जब तक शनिवारवाडे पर मराठा राज का झंडा लहराता रहा. शनिवारवाडा की यह शानदार परंपरा सालों तक बंद रही लेकिन 1999 में इस परंपरा की फिर से शुरुआत की गई. 19 वर्ष पहले पुणे के चैतन्य हास्य क्लब द्वारा यह परंपरा फिर से शुरू की गई. वसुबारस की श्याम शनिवारवाडा को 80 हजार दियो से सजाया जाता है. इस परंपरा की जानकारी देते हुए चैतन्य हास्य क्लब के सदस्य प्रभाकर घुले ने बताया कि पेशवाओं के राज में ये दीपोत्सव मनाया जाता था, लेकिन अंग्रेजों ने इस परंपरा को बंद करवा दिया, जब चैतन्य हास्य क्लब को यह जानकारी की मालूम हुई तो 19 वर्ष पहले इस दीपोत्सव की परंपरा फिर से शुरुआत की गई. शनिवारवाडा के सामने हजारों दियों से मानो रंगोली बनायी हो, आकाश से दृश्य मन लुभाने वाला था, शनिवारवाडा मानो फिर से अतीत में चला गया हो ऐसे लग रहा था.
चान यूएन टिंग (जन्म 7 अक्टूबर 1988) एक पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी और कोच है। 2016 में, वह एक राष्ट्र की शीर्ष लीग की चैंपियनशिप के लिए पुरुषों की पेशेवर फुटबॉल टीम की कोच बनने वाली पहली महिला बनीं। 2017 में, वह शीर्ष उड़ान महाद्वीपीय प्रतियोगिता में पुरुष फुटबॉल क्लब की कोच बनने वाली पहली महिला बनीं जब उन्होंने एएफसी चैंपियंस लीग में गुआंगज़ौ एवरग्रांडे के खिलाफ एक टीम का प्रबंधन किया। व्यवसाय दिसंबर 2015 में, चान को हांगकांग प्रीमियर लीग में ईस्टर्न स्पोर्ट्स क्लब के प्रबंधक के रूप में नियुक्त किया गया था, और येओंग चिंग क्वांग की जगह ली गई थी। वह लीग में पहली महिला प्रबंधक थीं। चान डेविड बेकहम के लिए एक किशोर के रूप में अपने प्रशंसा के माध्यम से एसोसिएशन फुटबॉल में रुचि रखती थी। चान ने 2010 में भूगोल की डिग्री के साथ चीनी हांगकांग विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की, और पेगासस और दक्षिणी में अपने समय के दौरान खेल विज्ञान और स्वास्थ्य प्रबंधन में मास्टर डिग्री हासिल की। अपने माता-पिता की प्रारंभिक इच्छा के बावजूद कि चान एक अधिक स्थिर कैरियर का पीछा करते हैं, विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद उनका पहला स्थान हांगकांग पेगासस एफसी (तब टीएसडब्ल्यू पेगासस एफसी के रूप में जाना जाता है) के लिए एक डेटा विश्लेषक था। ईस्टर्न स्पोर्ट्स क्लब में शामिल होने से पहले, उसने हांगकांग प्रीमियर लीग क्लब पेगासस एफसी और दक्षिणी जिला एफसी में सहायक प्रबंधक के रूप में काम किया। उन्होंने हांगकांग महिला राष्ट्रीय संघ फुटबॉल और फुटसल टीमों के साथ कोचिंग भूमिकाएँ भी निभाईं और शा टिन की एक टीम के लिए गैर-पेशेवर क्लब स्तर पर खेलती हैं। पेगासस एफसी के साथ अपने समय के दौरान, चान ने अपनी अंडर -18 टीम को तीन ट्रॉफियों तक पहुंचाया। चान ने 2015-16 का सीजन जीतने के लिए पूर्वी का नेतृत्व किया, चान ने पदभार संभालने के बाद से खेले गए पंद्रह खेलों में से केवल एक को ही गंवाया। पूर्वी की जीत के साथ, चान देश की शीर्ष लीग की चैंपियनशिप के लिए एक पुरुष पेशेवर एसोसिएशन फुटबॉल टीम की कोच बनने वाली पहली महिला बन गईं। पूर्वी ने चान की नियुक्ति के केवल एक महीने बाद 2015-16 की हांगकांग सीनियर चैलेंज शील्ड भी जीती। मार्च 2016 के एक साक्षात्कार में, चैन ने एशिया में अन्य जगहों पर टीमों का प्रबंधन करने में रुचि व्यक्त की, जिनकी फुटबॉल संस्कृतियां अधिक स्थापित थीं, लेकिन यह भी कि उन्हें उम्मीद है कि उनकी सफलता हांगकांग में फुटबॉल में निवेश करती है। 2016 में, उन्हें बीबीसी की 100 महिलाओं में से एक के रूप में चुना गया था। 2017 में, वह एक शीर्ष-फ़ुट-फ्लाइट कॉन्टिनेंटल प्रतियोगिता में पुरुष फुटबॉल क्लब की कोच बनने वाली पहली महिला बनीं जब उन्होंने एएफसी चैंपियंस लीग में गुआंगज़ौ एवरग्रांडे के खिलाफ पूर्वी प्रबंधन किया। चान ने मई 2017 में तनाव का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया, 2016-17 के अभियान के दौरान ट्रॉफी देने में असफलता और उसके एएफसी प्रो लाइसेंस पाठ्यक्रमों को पूरा करने की उसकी इच्छा। 18 जुलाई 2018 को, चैन ने पूर्वी के मुख्य कोच की भूमिका के रूप में वापसी की। उसने सात महीने से भी कम समय बाद 4 फरवरी 2019 को इस्तीफा दे दिया, 10 मैचों में केवल एक जीत का पीछा किया। वर्ष के हांगकांग कोच : 2016 एएफसी महिला कोच ऑफ द ईयर: 2016 संदर्भ 1988 में जन्मे लोग जीवित लोग
बैंकों की कर्ज में फंसी राशि (एनपीए) लगातार बढ़ने से चिंतित सरकार ने आज बैंकों से कहा है कि वह समय पर कर्ज नहीं लौटाने वाले बड़े कर्जदारों (डिफॉल्टर) पर ध्यान केन्द्रित कर और उनके खिलाफ कारवाई करें। वित्तमंत्री चिदंबरम ने आज यहां सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, हमने बैंकों से कहा है कि आप बड़े कर्जदार जो समय पर वापसी नहीं कर रहे हैं, पर अपना ध्यान केन्द्रित रखिये, इसके साथ ही उन खातों पर भी गौर करना होगा, जो बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रत्येक बैंक अपने उन 30 प्रमुख खातों पर नजदीकी से निगाह रखेगा, जिनमें कर्ज वापसी नहीं हो रही है, वापसी में चूक करने वाले ऐसे कर्जदारों के खिलाफ कारवाई की जाएगी। चिदंबरम ने कहा कि बैंकों की कर्ज में फंसी राशि (एनपीए) में इन्हीं बड़े 30 खातों का ज्यादा हिस्सा होता है, जिनमें वापसी समय पर नहीं हो रही है।टिप्पणियां अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में सुस्ती के चलते बैंकों का एनपीए बढ़ता जा रहा है। मार्च 2013 के अंत तक भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक सहित सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ बैंकों का कुल एनपीए उनकी कुल कर्ज का चार प्रतिशत से ऊपर पहुंच गया। मार्च 2011 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल एनपीए जहां 71,080 करोड़ रुपये पर था वहीं दिसंबर 2012 तक यह बढ़कर 1.55 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। वित्तमंत्री चिदंबरम ने आज यहां सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, हमने बैंकों से कहा है कि आप बड़े कर्जदार जो समय पर वापसी नहीं कर रहे हैं, पर अपना ध्यान केन्द्रित रखिये, इसके साथ ही उन खातों पर भी गौर करना होगा, जो बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रत्येक बैंक अपने उन 30 प्रमुख खातों पर नजदीकी से निगाह रखेगा, जिनमें कर्ज वापसी नहीं हो रही है, वापसी में चूक करने वाले ऐसे कर्जदारों के खिलाफ कारवाई की जाएगी। चिदंबरम ने कहा कि बैंकों की कर्ज में फंसी राशि (एनपीए) में इन्हीं बड़े 30 खातों का ज्यादा हिस्सा होता है, जिनमें वापसी समय पर नहीं हो रही है।टिप्पणियां अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में सुस्ती के चलते बैंकों का एनपीए बढ़ता जा रहा है। मार्च 2013 के अंत तक भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक सहित सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ बैंकों का कुल एनपीए उनकी कुल कर्ज का चार प्रतिशत से ऊपर पहुंच गया। मार्च 2011 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल एनपीए जहां 71,080 करोड़ रुपये पर था वहीं दिसंबर 2012 तक यह बढ़कर 1.55 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में सुस्ती के चलते बैंकों का एनपीए बढ़ता जा रहा है। मार्च 2013 के अंत तक भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक सहित सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ बैंकों का कुल एनपीए उनकी कुल कर्ज का चार प्रतिशत से ऊपर पहुंच गया। मार्च 2011 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल एनपीए जहां 71,080 करोड़ रुपये पर था वहीं दिसंबर 2012 तक यह बढ़कर 1.55 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। मार्च 2011 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल एनपीए जहां 71,080 करोड़ रुपये पर था वहीं दिसंबर 2012 तक यह बढ़कर 1.55 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
रेलवे संकेतक प्रणाली (Railway signal system) का व्यवहार रेलगाड़ी के चालकों को रेलपथ की आगे की दशा की सूचना देने के लिए किया जाता है। सिगनल प्रणाली ही आज गाड़ियों के सुरक्षित तथा तीव्र गति संचालन की कुंजी है। रेलवे सिगनल साधारणतः रेलपथ पर लगे हुए उन स्थावर संकेतकों को कहते हैं जिनसे रेल चालक को रेलपथ के अगले खंड की दशा का ज्ञान हो सके। ऐतिहासिक प्रगति प्रारंभ में ऐसे सिगनलों की व्यवस्था नहीं थी तथा डारलिंगटन से स्टाकटन जाने वाली पहली रेलगाड़ी के आगे कुछ घुड़सवार संत्री रास्ता साफ करने के लिए चले थे। उसके बाद इस काम को निश्चित दूरियों पर संत्रियों को खड़ा करके किया जाने लगा। समय की प्रगति के साथ इन संत्रियों के स्थान पर स्थावर सिंगनल लगाए जाने लगे। संसार का पहला सिगनल इंग्लैंड के हाट्लपूल स्टेशन के स्टेशन मास्टर की मेज पर मोमबत्ती लगाकर बनाया गया था। इसके बाद ही तश्तरी जैसे गोल सिगनल चालू हुए। अमेरिका में सन् १८३२ में जब वाष्पचालित इंजनों द्वारा गाड़ियों का परिवहन प्रचलित किया गया, तब न्यूकैसिल तथा फ्रेंच टाउन के बीच १७ मील की दूलरी से गेंदनूमा सिगनलों की प्रणाली प्रयोग में लाई गई। इस प्रणाली में तीन-तीन मील पर लगभग ३० फुट ऊँचे खंभे लगाए गए। जैसे ही एक गाड़ी एक ओर से चलाई जाती, वहाँ का झंडी वाला एक सफेद गेंद खंभे की पूरी ऊँचाई पर चढ़ा देता। अगले खंभे के पास का झंडीवाला इस गेंद को अपनी दूरबीन द्वारा देखकर इसी प्रकार की एक सफेद गेंद अपने खंभे पर चोटी से कुछ नीचे तक चढ़ा देता। हर अगले खंभेवाला इसी प्रकार पिछले खंभे को देखकर अपनी-अपनी गेंद चढ़ा देता। इस प्रकार कुछ ही मिनटों में दूसरी ओर से स्टेशन को गाड़ी के चलने का पता चल जाता और वे सतर्क हो जाते। यदि गाड़ी अपने समय पर नहीं चल पाती, तो सफेद गेंद के स्थान पर काली गेंद चढ़ा दी जाती। इस प्रकार तार द्वारा सूचना देने का आविष्कार होने से पहले यह प्रणाली गाड़ी चलाने में बड़ी सहायक सिद्ध हुई। पर उस समय सिगनल का काँटे और पारपथ में कोई अंतःपाशन (Interlocking) नहीं होता था और काँटे पारपथ की प्रतिकूल दशा में होते हुए भी संकेतक 'अनुकूल' अवस्था में किया जा सकता था। इस कारण पूरी सुरक्षा नहीं होती थी तथा किसी भी मानवीय त्रुटि के कारण दुर्घटना की संभावना हो जाती थी। इसको दूर करने के लिए संकेतक तथा काँटे पारपथ (क्रासिंग) का अंतःपाशन किया गया जिससे यदि काँटे क्रासिंग हों तो संकेतक को 'अनुकूल' नहीं किया जा सकता था। आरंभ में यह अंतःपाशन यांत्रिक होता था। पर विज्ञान की प्रगति तथा रिले (Relay) के आविष्कार से अब विद्युत अंतःपाशन होता है। यांत्रिक अंतःपाशन का प्रयोग इंग्लैंड में सर्वप्रथम ब्रिकेलयर-आर्म जंक्शन पर सन् १८४३ में हुआ था। अमेरिका में इसका प्रयोग सन् १८७४ में प्रारंभ हुआ तथा भारत में सन् १९१२ में। सन् १८७१ में ट्रैक सरकिट का आविष्कार हो जाने से स्वचालित सिगनल प्रणाली का प्रयोग भी संभव हो गया। इसकी सहायता से गाड़ियों के आने-जाने के साथ ही अपने आप बिना किसी बाह्य सहायता के विद्युत द्वारा संकेतक अगले खंड की दशा के अनुसार अनुकूल 'सतर्कता' अथवा 'संकट' अवस्था में पहुँच जाते हैं। ट्रैक सरकिट तथा रिले की सहायता से यातायात नियंत्रण के लिए संकेतक व्यवस्था की प्रगति आशातीत हुई है। अब तो एक दूरवर्ती केंद्रीय स्थान से यातायात का सुगमतापूर्वक संचालन किया जा सकता है। ऐसे संचालन को केंद्रीकृत यातायात नियंत्रण (centralised traffic control) कहते हैं। भारत की रेलवे संकेतक प्रणाली आरंभ के संकेतक भारत में जिस समय रेल परिवहन प्रारंभ हुआ उस समय घूमने वाले तश्तरीनुमा या अलग-अलग रंग के शीशों की हाथ-रोशनी वाले संकेतक प्रयोग में लाए गए। तश्तरीनुमा गोल संकेतक यदि लाइन से समकोण बनाता तो आगे 'संकट' का सूचक होता कि आगे रास्ता 'अनुकूल' है और गाड़ी जा सकती है। उसके बाद स्टेशनों पर एक ही खंभे पर दोनों दिशा के लिए संकेतक लगाए गए। इनमें हर दिशा के लिए एक अलग-अलग ऊपर नीचे गिरने वाला भुजा संकेतक होता था और स्टेशन मास्टर जिस ओर की गाड़ी को आने की आज्ञा देना चाहता था उसी ओर के संकेतक को गिरा देता था। ऐसे संकेतकों का तो २५ साल पहले तक भी कुछ भागों में व्यवहार होता रहा है। लिस्ट और मोर्स प्रणाली सन् १८९२ तक भारत में कोई व्यवस्थित सिगनल प्रणाली नहीं थी। इस साल नार्थ-वेस्टर्न रेलवे पर श्री जी.एच. लिस्टन ने क्रासिंग स्टेशनों पर एक विशेष यंत्र लगाकर सिगनलों का तथा कांटे क्रासिंग के अंतःपाशन की व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण कार्य किया। इस यंत्र की सहायता से इस बात का आश्वासन हो जाता था कि यदि संकेतक 'अनुकूल' है तो काँटे क्रासिंग अवश्य ही अनुकूल होंगे और इसीलिए गाड़ी की गति धीमी करने की आवश्यकता नहीं है जो बिना इस प्रणाली के अत्यावश्यक थी। सन् १८९४ में श्री ए. मोर्स के सहयोग से अपने यंत्र में आवश्यक संशोधन करके लिस्ट और मोर्स प्रणाली को प्रचलित किया। इस प्रणाली के कारण ही लिस्ट और मोर्स को भारत की सिगनल प्रणाली का 'जनक' कहा जाता है। हेपर ट्रांसमिटर सन् १९०४ तक सिगनल तथा काँटे क्रासिंग के अंतःपाशन की चाभी स्टेशन मास्टर के पास वाहक द्वारा भेजी जाती थी जिसे देखकर वह संकेतक को 'अनुकूल' कर देता था, पर इससे चाभी ले जाने और लाने में व्यर्थ समय नष्ट होता था और यातायात की गति में रुकावट पड़ती थी। इसको दूर करने के लिए मेजर लालेस हेपर ने (जिनको बाद में 'सर' की उपाधि भी मिली), जो नार्थ वेस्टर्न रेलवे के सिगनल इंजीनियर थे और आगे चलकर जी.आई.पी. रेलवे के जनरल मैनेजर भी बने, बिजली द्वारा इस चाभी को स्टेशन मास्टर के पास पहुँचाने का प्रबंध किया। ऐसी चाभियों को 'हेपर ट्रांसमिटर' (Heppers key transmitter) कहते हैं और इस आविष्कार से यातायात की गति को बड़ी सहायता मिली। केबिन अंतःपाशन (Cabin Interlocking) केबिन अंतःपाशन का आविष्कार जान सैक्सबी ने किया था और आरंभ में इसका प्रयोग ब्रिटिश रेलों में हुआ था। बीसवीं शताब्दी के शुरू में भारतीय रेलों में भी इसका प्रचलन शुरू हुआ। इसकी कुछ योजनाएँ तो मेसर्स सेक्स्बी और फार्मर (इंडिया) फर्म ने सन् १८९३ में ही तैयार कर ली थीं पर इसकी गाड़ियों की चाल तथा यातायात बढ़ने पर, उसे सुरक्षितश् रखने के लिए अंतःपाशन की आवश्यकता प्रतीत होने पर ही अपनाया गया। सबसे पहले जी.आई.पी. रेलवे पर बंबई और दिल्ली के मार्ग में ही केबिन अंतःपाशन का बहुत बड़े पैमाने पर प्रयोग हुआ। यह अवस्था सन् १९१२ में पूरी होकर चालू की गई। इसी प्रकार बाद में अन्य रेलों के मुख्य मार्गों पर भी इन्हें चालू किया गया। दोहरे तार की संकेतक प्रणाली यांत्रिक संकेत प्रणाली में दोहरे तार के संकेतकों का प्रमुख स्थान हो गया है। इसमें केबिन से काँटे, पाशदंडों (Lock-Bars) परिचायकों (Detectors) तथा संकेतकों के परिचालन के लिए दो तारों का प्रयोग किया जाता है। यह प्रणाली अब भारतीय रेलों पर विस्तृत रूप से प्रचलित हो गई है तथा दूसरी यांत्रिक संकेत प्रणालियों से (जिनमें सामान्य रूप से प्रचलित प्रणाली में इकहरे तार द्वारा संकेत का प्रचालन, तथा छड़ों द्वारा पारपथों का संचालन करके दोनों का एक ढाँचे में अंतःपाशन किया जाता है) अधिक उत्तम मानी जाती है। दोहरे तार की संकेतक प्रणाली में सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि इसके द्वारा अधिक लंबी नपी हुई चाल प्राप्त की जा सकती है और इस कारण अधिक दूरी तक बिना कठिनाई के संकेतकों पर नियंत्रण किया जा सकता है। छड़ों द्वारा ५०० गज की जगह इस प्रणाली द्वारा काँटे क्रासिंगों का ८०० गज तक दक्षता से संचालन किया जा सकता है तथा संकेतक तो १५०० गज की दूरी तक कार्य कर सकता है। इस प्रणाली में संकेतकों के 'संकट' स्थिति में वापस लाने के लिए प्रतिभार (Counter-weight) जैसे अविश्वसनीय तरीके को अपनाने की भी आवश्यकता नहीं रहती है और संकेतक को पूर्व दशा में लाने के लिए लिवर को सक्रिय रूप में खींचना होता है। इस कारण दोहरे तार की संकेतक प्रणाली में अनधिकृत संचालन असंभव हो जाता है। साथ ही स्वचालित प्रतिपूरकों (automatic compensators) के प्रयोग द्वारा संकेतकों की चाल में ताप परिवर्तन का भी कोई प्रभाव नहीं पड़ता। इस प्रणाली का उपयोग आर्थिक दृष्टि से भी लाभदायक है क्योंकि इसमें आसानी से १००० गज लंबी या इससे अधिक तक की लूप लाइन के स्टेशनों का केंद्रीय केबिन से ही संचालन किया जा सकता है जिसके कारण एक केबिन तथा उसके संचालन के व्यय की बचत हो जाती है। लिवर ढाँचा (Lever Frame) दोहरी तार प्रणाली के लिए लिवर ढाँचा दो १० इंच-३ इंच की चैनलों को जोड़कर उसके बीच में लिवर लगाकर बनाया जाता है। ये चैनलें केबिन की शहतीरों में बोल्ट द्वारा जुड़ी रहती है। लिवर एक ढोल के आकार का होता है जिसमें उपयुक्त माप का एक हैंडिल लगा रहता है जिसके द्वारा ढोल को १८० अंश तक घुमाया जा सकता है और इस प्रकार इच्छित निर्दिष्ट मात्रा में घुमाने से संकेतक की दशा बदली जा सकती है। हर लिवर अलग-अलग जुड़ा होने के कारण उनमें से किसी को भी आसानी से बदला जा सकता है। संकेत चालक यंत्र (Signal Mechanism) संकेत यंत्र का प्रयोग संकेतक के संचालन के लिए किया जाता है। इसके द्वारा संकेतक को ० अंश, ४५ अंश, या ९० अंश कोण पर किसी भी दशा में लाया जा सकता है। इनका परिकल्पन इस प्रकार होता है कि इसमें संकेतक के किसी और कोण या दशा में रह सकने की संभावना नहीं रहती तथा तार टूटने की दशा में संकेतक फौरन 'संकट' सूचक दशा में पहुँच जाता है। काँटा चालक यंत्र (Point Mechanism) -काँटे की चाल के लिए एक दाँतदार छड़ यंत्रचक्र के साथ फँसा रहता है। यह छड़ काँटे को चाल देता है तथा पाशन छड़ को भी चलाता है जिसके कारण काँटा अपने स्थान पर पहुँचने के साथ ही पाशित हो जाता है। साथ ही ऐसा प्रबंध भी होता है कि तार के टूट जाने पर काँटा अपने स्थान पर ही स्थित रहता है और उसमें कोई गति नहीं की जा सकती। परिचालक (Detector) -दोहरे तार की संकेत प्रणाली में एक और अत्यंत उपयोगी साधन जो काम में लाया जाता है 'परिचायक' है। इसका कार्य पारपथ के काँटे के ठीक जगह पर पहुँचने की जाँच करना है। परिवहन सुरक्षा में इस जाँच का महत्वपूर्ण स्थान है। इस जाँच के साथ ही परिचायक तार टूट जाने पर काँटे को अपने स्थान पर जकड़ भी देता है। परिचायक काँटे के पास ही लगाया हुआ एक चक्र होता है जो संकेत प्रणाली के तारों के साथ जुड़ा रहता है और उनकी चाल के साथ ही घूमता है। इस पहिए के बाहरी हिस्से में खाँचे कटे हुए होते हैं जो काँटों की चाल के साथ चलने वाली लोहे की रोकों में अटक जाते हैं। इस प्रकार यदि काँटा 'प्रतिकूल' दशा में है, तो संकेतक का 'अनुकूल' दिशा में किया जा सकना असंभव हो जाता है। स्वचालित सिगनल प्रणाली (Automatic Stock Bignalling)-बीसवीं शताब्दी के आरंभ में रेल लाइन को बिजली द्वारा सिगनल से संबंधित करने की प्रथा ट्रैक सरकिटिंग, (Track circuiting) निकली और क्रमशः भारत के बड़े-बड़े स्टेशनों पर चालू की गईं। ट्रैक सरकिटिंग से बिजली द्वारा यह ज्ञात हो जाता है कि आगे की राह पर कोई गाड़ी या किसी और किस्म की कोई रुकावट तो नहीं है। ट्रैक सरकिटिंग के द्वारा स्वचालित सिगनल प्रणाली भी संभव हो सकी है। इससे दोहरी लाइनों पर एक के पीछे एक गाड़ियों को कुछ मिनटों के अंतर पर चलाना संभव हो गया है। जैसे ही गाड़ी किसी खंड में पदार्पण करती है, उस खंड के प्रारंभ वाला संकेतक 'संकट' दशा का प्रदर्शन करने लगता है तथा उससे पहले खंड के प्रारंभ का संकेतक 'सतर्कता' सूचना देता है। जैसे ही गाड़ी खंड से बाहर निकल जाती है, संकेतक फिर अपने आप 'अनुकूल' दशा में आ जाता है। इस प्रकार गाड़ी के चालक को पता रहता है कि अगले खंडों में कोई गाड़ी या रुकावट तो नहीं है। यदि होती है तो वह सतर्कता से काम लेता है और गाड़ी रोक देता है। संकेतकों के प्रकार यातायात के लिए प्रयोग किए जाने वाले संकेतक मुख्यतः पाँच प्रकार के होते हैं: (१) सीमाफोर (Semaphore) भुजा संकेतक (२) रंगीन प्रकाश (Colour light) संकेतक (३) प्रकाश स्थिति (Position light) संकेतक (४) रंगीन प्रकाश (Colour position light) संकेतक (५) चालक कोष्ठ संकेतक (Cab signal) सीमाफोर खंभे पर भुजा की दशा से विभिन्न संकेत देने वाले संकेतक को सीमाफोर संकेतक कहते हैं। भुजा की चाल नीचे की ओर निचले वृत्त पाद (lower quad rant) या ऊपर की ओर ऊपरी वृत्त पाद (Upper quadrant) हो सकती है। नीचे की ओर चाल वाले संकेतक दो ही दशाओं के द्योतक होते हैं। भुजा की अनुप्रस्थ दशा 'संकट' सूचक होती है तथा ४५ अंश का कोण बनाती हुई दशा 'सुरक्षा' सूचक होती है। इसके विपरीत ऊपरी चाल वाले संकेतक तीन दशाओं के द्योतक होते हैं। इनमें भी भुजा की अनुप्रस्थ दशा संकट सूचक होती है। दूसरी दशा में भुजा ऊपर की ओर ४५ अंश का कोण बनाती है। यह 'सतर्कता' सूचक होती है। तीसरी दशा में भुजा एकदम ऊपर को सीधी हो जाती है और 'अनुकूल' होती है जिससे यह पता चलता है कि रास्ता एकदम साफ है तथा चालक पूरे वेग से जा सकता है। ऊपरी चाल में तीन दशाओं की सूचना हो सकने के कारण चालक को 'संकट' से पहले रोक सकने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है और इसलिए यदि संकेतक की भुजा सुरक्षा दशा में हैं, तो वह बिना हिचक पूरी गति पर चल सकता है। भुजा संकेतक रात्रि के समय कार्य में नहीं लाए जा सकते। इस कारण रात्रि में उनके स्थान पर रंगीन रोशनी द्वारा संकेत किया जाता है। 'संकट' की सूचना के लिए लाल रोशनी का संकेत होता है। 'सतर्कता' के लिए पीली तथा 'अनुकूल पथ' के लिए हरी रोशनी का प्रयोग करते हैं। रंगीन प्रकाश संकेतक विद्युत तथा लेंसों (Lens) की सहायता से संकेतक की रोशनी इतनी तेजी कर दी जाती है कि रोशनी द्वारा दिन में भी रंगीन प्रकाश द्वारा संकेत दिए जा सकें। इस प्रकार आधुनिक संकेतक दिन रात में एक ही तरह का संकेत देते हैं तथा बहुत दूर से दिखाई दे सकते हैं। प्रकाश स्थिति संकेतक इस प्रकार के संकेतक बहुत कम स्थानों में प्रयुक्त होते हैं। इनमें दो या अधिक प्रकाशों की स्थिति द्वारा संकेत दिया जाता है तथा पीले रंग की बत्ती काम में लाई जाती है। रंगीन प्रकाश स्थिति अमरीका में एक रेल प्रशासन पर इसका प्रयोग होता है। लाल बत्तियाँ अनुप्रस्थ दशा में संकट की सूचना देती हैं। ४५ अंश कोण पर पीली बत्तियाँ सतर्कता सूचक होती हैं तथा सीधी खड़ी अवस्था में हरी बत्ती 'अनुकूल' की द्योतक होती हैं। कोष्ठ संकेतक चालक के सामने कोष्ठ में स्थित संकेतक को कोष्ठ संकेतक कहते हैं और अगले खंड की अवस्था के अनुसार कोष्ठ में लगातार संकेत मिलता रहता है। यह कोष्ठ संकेत ट्रैक सरकिट के आविष्कार द्वारा ही संभव हो पाया है तथा इसकी सहायता से चालक को बराबर यह पता रहता है कि कितनी दूर तक आगे लाइन साफ है और इस प्रकार वह उसी के अनुसार अपनी गाड़ी की गति पर नियंत्रण रख सकता है। अंतःपाशन रेलवे परिभाषा में अंतःपाशन का अर्थ सिगनल तथा काँटे और पारपथों की चाल पर इस प्रकार नियंत्रण करना होता है कि वे एक-दूसरे के प्रतिकूल कार्य न कर सकें। ऐतिहासिक प्रगति का वर्णन करते हुए बताया जा चुका है कि आरंभ में अंतःपाशन यांत्रिक होता था पर विज्ञान की प्रगति के साथ अंतःपाशन में भी विद्युत तथा रिले द्वारा अत्यधिक प्रगति हुई तथा अब कहीं-कहीं अंतःपाशन की ऐसी व्यवस्था हो गई है कि एक राह स्थापित करके उसके संकेतक अनुकूल होते ही अन्य संकेतक तथा काँटे पारपथ अपने आप इस प्रकार फंस जाते हैं कि काँटे वाले की गलती से भी किसी विरोधाभासी संचालन की संभावना नहीं रह जाती। मुख्यतः दो प्रकार के अंतःपाशन होते हैं (1) यांत्रिक अंतःपाशन तथा (२) विद्युत अंतःपाशन। यांत्रिक अंतःपाशन में लिवर की चाल से ही अन्य लिवरों के खाँचों में इस प्रकार यांत्रिक फँसाव कर दिया जाता है कि विरोधाभासी लिवरों की चाल रुक जाती है। विद्युत अंतःपाशन में लिवरों की चाल से विद्युत प्रवाह में इस प्रकार की रुकावट पैदा कर दी जाती है कि विरोधाभासी लिवर न चल सके। विद्युत अंतःपाशन की प्रगति में निम्नलिखित प्रणालियाँ उल्लेखनीय हैं तथा विभिन्न स्थानों पर कार्य में लाई जा रही हैं। अंतःपाशन तथा ब्लाक प्रणाली (Lock and block System) इस प्रणाली में संकेतक इस प्रकार ब्लाक यंत्र से अंतःपाशित रहता है कि जब तक गाड़ी खंड को पार करके उसके बाहर नहीं हो जाती, दूसरी गाड़ी के लिए लाइन क्लीयर नहीं दिया जा सकता तथा संबंधित संकेतक भी 'अनुकूल' नहीं किया जा सकता। विद्युयांत्रिक अंतःपाशन (Elactro-mechanical Interlocking) विद्युत शक्ति संचालित संकेतकों के प्रयोग के बाद ही विद्युयांत्रिक अंतःपाशन का उपयोग प्रारंभ हुआ। इसका यंत्र यांत्रिक अंतःपाशन के यंत्र की ही भाँति होता है जिसके ऊपर विद्युत नियंत्रक अथवा लिवर लगे होते हैं जो कि एक लिवर की चाल के बाद दूसरे विरोधाभासी यंत्रों की चाल रोक देते हैं। काँटे पारपथों तथा पाशों का यांत्रिक लिवरों द्वारा पाइप तथा लौहदंड की सहायता से परिचालन किया जाता है। विद्युत संकेतकों का नियंत्रण बिजली के लिवर की सहायता से करते हैं। विद्युत वायुदाबी अंतःपाशन (Electro-pneumatic Interlocking) इस प्रकार के अंतःपाशन के काँटों के संचालन का कार्य दाबित वायु द्वारा किया जाता है तथा दाबित वायु के सिलिंडरों के वाल्ब इ. का नियंत्रण विद्युत द्वारा होता है। इसके लिए १२ वोल्ट की बिजली इस्तेमाल होती है। काँटों के संचालन के लिए ७५ पाउंड प्रति वर्ग इंच के दबाव की वायु प्रयोग में लाई जाती है। इस प्रकार के यंत्र का प्रयोग ऐसे स्थानों में होता है जहाँ काँटों का संचालन शीघ्रता से करना होता है। विद्युत अंतःपाशन (Electric Interlocking) इस प्रकार के अंतःपाशन में काँटों की चाल तथा संकेतकों का सब कार्य विद्युत से किया जाता है। काँटों के संचालन के लिए बिजली के मोटर लगाए जाते हैं। इस यंत्र का संचालन अधिकतर ११० वोल्ट दिष्ट धारा द्वारा होता है पर कहीं-कहीं ११९ वोल्ट प्रत्यावर्ती धारा भी काम में लाते हैं। इस अंतःपाशन में काँटा जब तक अपनी पूरी चाल प्राप्त नहीं कर लेता, तब तक संकेतक अनुकूल दशा नहीं दिखा सकता और इस तरह कांटे की चाल के बीच में अटकने पर भी गाड़ी के लाईन से उतर जाने की दुर्घटना असंभव हो जाती है। विद्युत संघनित्र अंतःपाशता में भी यह व्यवस्था रहती है। इस प्रकार के अंतःपाशन का प्रयोग दिल्ली के पास सब्जी मंडी स्टेशन पर किया गया था। विद्युत अंतःपाशन का व्यवहार ऐसे स्थानों पर नहीं किया जा सकता जहाँ बरसात में बाढ़ आकर विद्युत मोटरों के डूबने का खतरा रहता हो। रिले अंतःपाशन यांत्रिक अंतःपाशन के स्थान पर अब रिले अंतःपाशन का पर्याप्त प्रयोग होने लगा है। रिले द्वारा विद्युत सरकिट इस प्रकार नियंत्रित किए जाते हैं कि यदि एक सरकिट कार्य कर रहा है तो दूसरा सरकिट जिसमें विरोधी संकेतक या काँटों की चाल होती है कार्य न कर पाए। रिले के आविष्कार से अंतःपाशन का कार्य काफी सुविधा से होने लगा है और बड़े-बड़े स्टेशनों का कार्य थोड़े से स्थान में अल्प जनसंख्या से किया जा सकता है। पथ रिले अंतःपाशन रिले अंतःपाशन के बाद नवीनतम प्रगति अंतःपाशन की हुई है। इसके द्वारा संचालक यदि एक पथ किसी गाड़ी के लिए निर्धारित करके स्थापित कर देता है, तो सारे विरोधी पथ, जिनसे किसी और गाड़ी के उस पथ पर आने की संभावना हो, अंतःपाशित हो जाते हैं और स्थापित नहीं किए जा सकते। इस प्रकार के पथ, स्थापित करने में विविध संकेतकों तथा काँटों की चालों के बटनों को दबाना पड़ता है। इसके स्थान पर अब ऐसी व्यवस्था भी होने लगी है कि विविध बटनों के स्थान पर एक पथ के स्थापन के लिए केवल एक बटन दबाते ही सारा पथ स्थापित हो जाता है और उसके संकेत अनुकूल दशा में आ जाते हैं। साथ ही सब विरोधी पथ अंतःपाशित हो जाते हैं जिससे वे स्थापित न हो सकें। किसी भी स्थापित पथ को रद्द भी किया जा सकता है, यदि किसी समय उस पथ के स्थान पर दूसरे पथ को स्थापित करने की आवश्यकता हो। इसके लिए हर पथ के लिए रद्द करने वाले बटन लगे रहते हैं। एक बटन से पथ स्थापन की व्यवस्था को एक नियंत्रण-स्विच-व्यवस्था कहते हैं तथा इसके द्वारा यातायात बहुत घना होने पर भी अति सुगमता से हो सकता है। पथ रिले अंतःपाशन तथा एक नियंत्रण-स्विच-व्यवस्थाओं में संचालक के सामने सारे यार्ड का नक्शा रहता है जिसकी लाइनों में वल्बों द्वारा रोशनी हो सकती है। एक पथ के स्थापित होते ही उसमें रोशनी हो जाती है तथा जैसे ही उस पथ पर गाड़ी आ जाती है वहाँ सफेद के स्थान पर लाल रोशनी हो जाती है। गाड़ी के पथ खाली कर देते ही रोशनी बुझ जाती है और दूसरा पथ स्थापित किया जा सकता है। इस प्रकार संचालक तेजी से एक के बाद दूसरा पथ भिन्न दिशाओं से आने वाली गाड़ियों के लिए सथापित करता चला जाता है। भारत में रिले अंतःपाशन तो बहुत से स्थानों पर प्रयोग में लाया जाता रहा है, पर मद्रास, बंबई, दिल्ली के कई स्टेशनों पर पथ अंतःपाशन भी प्रयुक्त हा था। बंबई के पास कुर्ला स्टेशन पर जहाँ यातायात का घनत्व बहुत अधिक था, नियंत्रण स्विच व्यवस्था प्रयोग में लाई गई थी। इस व्यवस्था के द्वारा कुर्ला में एक ही केबिन से १२५ भिन्न पथ स्थापित किए जा सकते थे, तथा ५० संकेतकों और ९४ काँटों का संचालन विद्युतीय दाबित वायु अंतःपाशन प्रणाली से होता था। यह सब कार्य जुलाई, १९५९ (जब वह व्यवस्था शुरू की गई) से पहले ६ केबिनों में २७२ लिवरों द्वारा किया जाता था। केंद्रीकृत परिवहन नियंत्रण प्रणाली (Centralised Traffic Control Systems) इस प्रणाली में हर स्टेशन पर मास्टर के रखने की आवश्यकता नहीं होती बल्कि एक केंद्रीय स्थान से ही गाड़ियों का नियंत्रण किया जाता है। सुदूर यंत्रों द्वारा वहीं से बटन दबाकर पारपथों तथा संकेतकों का संचालन किया जाता है। स्वचालित गाड़ी नियंत्रण (automatic train Controls) ऐसी व्यवस्था की जाती है कि यदि चालक किसी गलती के कारण संकेतक को 'संकट' दशा में पार कर जाए तो पहले तो ड्राइवर को सावधान करने के लिए एक घंटी या हूटर बजता है, पर यदि गाड़ी फिर भी न रोकी जाए तो अपने आप ही ब्रेक लगाकर गाड़ी रुक जाती है। इस प्रकार ड्राइवर की गफलत, बेहोशी, कोहरे के कारण सिगनल देख पाने या किसी अन्य कारण 'संकट' सिगनल पर गाड़ी न रोकी जाने पर भी सुरक्षा हो जाती है। इस व्यवस्था को स्वचालित गाड़ी रोक या स्वचालित गाड़ी सतर्कता व्यवस्था भी कहते हैं। इसका यंत्र दो भागों में होता है। एक भाग तो रेलपथ में लगा होता है तथा संकेतक के साथ जुड़ा रहता है तथा दूसरा भाग इंजन में लगा होता है और संकेतक यदि 'अनुकूल' दशा में है तब रेलपथ का भाग भी अनुकूल ही रहता है और इंजनवाले भाग पर कोई असर नहीं पड़ता। पर यदि संकेतक 'संकट' अथवा प्रतिकूल अवस्था में है, तो रेलपथ वाला भाग क्रियात्मक रहता है और इंजन वाले भाग को भी क्रियात्मक कर देता है। इस व्यवस्था के अंत या तो यांत्रिक युक्ति के होते हैं या विद्युत-चुंबकीय युक्ति के। यांत्रिक युक्ति में इंजन वाला भाग रेल पथ के भाग से टकरा कर अपने स्थान से हट जाता है जिसके घंटी बजने तथा ब्रेक लगने कि क्रिया आरंभ हो जाती है। विद्युत चुंबकीय यंत्रों में इन दोनों भागों के टकराने की आवश्यकता नहीं रहती तथा एक भाग के दूसरे भाग के ऊपर से चले जाते समय ही चुंबकीय प्रभाव से क्रिया शुरू हो जाती है। यांत्रिक युक्ति में आपसी टकराव के कारण इन भागों में टूटने फूटने का काफी खतरा रहता है। अन्य प्रगतिशील देशों में तो यह व्यवस्था काफी काम में लाई जा रही है। सन् १९४४ में एक स्वचालित गाड़ी नियंत्रण समिति बनी थी जिसने जी.आई.पी. रेलवे तथा बी.बी.सी.आई. रेलवे पर इस संबंध में प्रयोग किए तथा इस निष्कर्ष पर पहुँची कि रेलपथ पर लगाए हुए समानों की पूरी सुरक्षा नहीं हो सकती है और उसके चोरी हो जाने से यह व्यवस्था असफल हो जाती है। इसकी सफलता के लिए यह आवश्यक है कि किसी समय भी धोखा न हो। अभी उपयुक्त समय नहीं आया है कि भारत में इसका प्रयोग हो सके। जब या तो इस बात की समुचित व्यवस्था हो जाएगी कि रेलपथ पर लगे हुए यंत्रों के साथ कोई छेड़छाड़ न करे या फिर ऐसे यंत्र बनने लगें कि उनके साथ छेड़छाड़ हो ही न सके, तभी इस व्यवस्था का प्रयोग भारत में किया जा सकेगा। सन्दर्भ इन्हें भी देखें संकेत (विद्युत) संकेत प्रसंस्करण रेलवे संकेतन रेलवे अधःसंरचना
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे ने बाघ बचाने के लिए पुरस्कारों की घोषणा की है. राज ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में जो वन्य अधिकारी बाघ के शिकारियों को गोली मारेगा उसे पांच लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा. उन्होंने कहा, 'मैं एमएनएस की तरफ से उन वन्य अधिकारियों को पांच लाख रुपये का पुरस्कार दूंगा जो इस क्षेत्र में बाघ का शिकार कर रहे असली शिकारियों को गोली मारेंगे. इसके अतिरिक्त शिकारियों के विषय में सही सूचना मुहैया कराने पर ग्रामीणों या जंगल में रहने वाले लोगों को दो लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा.' राज बाघों के मरने की खबरों के बीच विदर्भ क्षेत्र में वनों के आंतरिक इलाकों का मुआयना कर रहे थे.
अब फेसबुक फ्रेन्ड्स को करें 'म्यूट', आया नया 'स्नूज' बटन हाल के दिनों में फेसबुक ने अपने साइट में कुछ बदलाव किया है साथ ही कुछ नए फीचर्स भी जारी किए हैं. इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए कंपनी ने एक नया फीचर लॉन्च किया है, जिससे यूजर्स को उनके न्यूज फीड में कंटेट को लेकर ज्यादा कंट्रोल मिलेगा. दरअसल  फेसबुक ने अपने न्यूज फीड में नया स्नूज फीचर जारी किया है. Jio ने लॉन्च की ये नई सेवा, केवल जियो यूजर्स को मिलेगा लाभ
भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष एन श्रीनिवास ने कहा कि स्वदेश में होने वाले टेस्ट मैचों के लिये टर्निंग नहीं बल्कि जीवंत विकेट तैयार किये जाएंगे. श्रीनिवासन ने कहा, ‘हमारा लक्ष्य एक टीम को लाभ पहुंचाने वाल नहीं बल्कि जीवंत विकेट तैयार करना है.’ श्रीनिवासन ने यह टिप्पणी इस सवाल पर की क्या भारत को स्वदेश में स्पिनरों के अनुकूल पिच तैयार करनी चाहिए. भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने ऑस्ट्रेलिया पर तेज गेंदबाजों के अनुकूल पिचें तैयार करने का आरोप लगाया और सुझाव दिया कि भारत को घरेलू श्रृंखलाओं में टर्न लेने वाली पिच तैयार करने में नहीं हिचकिचाना चाहिए. बीसीसीआई अध्यक्ष ने उम्मीद जतायी कि भारतीय टीम अगले महीने शुरू होने वाली त्रिकोणीय श्रृंखला में वापसी करने में सफल रहेगी. इसमें भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका की टीमें भाग लेंगी. उन्होंने कहा, ‘टीम वहां है और अभी श्रृंखला चल रही है. उम्मीद है कि वह वापसी करेगी. मेरे कहने का मतलब है कि उन्हें भी मौका मिलेगा. हमें उनके साथ एकदिवसीय श्रृंखला खेलनी है. मुझे पूरा विश्वास है कि टीम वापसी करेगी.’ श्रीनिवासन ने कहा कि भारत को विदेशों में भी जीत दर्ज करनी होगी. उन्होंने कहा, ‘टीम जब भी बाहर जाती है तो निश्चित तौर पर लक्ष्य जीत ही होता है. बीसीसीआई भी केवल घरेलू पिचों पर जीत दर्ज करके संतुष्ट नहीं है.’
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के गवर्नर रघुराम राजन ने मौद्रिक नीति की समीक्षा करते हुए 29 सितंबर को ब्याज दरों में 50 आधार अंकों की कटौती कर सबको चकित कर दिया. उनका यह फैसला उनकी छवि के उलट था. सवाल उठता है कि ब्याज दरों में इस कटौती का अर्थव्यवस्था के लिए क्या मतलब है? इससे शायद बैंकों के कर्ज खाते में कुछ उछाल आए. करीब छह माह से यह 10 फीसदी के नीचे मंडरा रहा है. राजन ने साथ ही कुछ ऐसे बुनियादी मसलों को उठाया जो वैश्विक अस्थिरता के दौर में भारतीय अर्थव्यवस्था को नाजुक बनाते हैं. लिहाजा, उन्होंने भारत की संभावित विकास दर को पूर्ववर्ती 7.6 फीसदी से घटाकर 7.4 फीसदी कर डाला है. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के प्रणब सेन कहते हैं कि भारत की ब्याज दरें दुनिया की सर्वाधिक दरों में एक हैं. इसे अपेक्षित स्तरों पर लाना, जो जानकारों के मुताबिक 2.5 से 4 फीसदी के बीच कुछ भी हो सकता है, 400 आधार अंकों की कटौती की मांग करता है जो तकरीबन नामुमकिन है. राजन ज्यादा से ज्यादा 50 आधार अंक की कटौती कर सकते थे पर जरूरी नहीं कि बैंक इसका लाभ अपने ग्राहकों को पहुंचाएं. ब्याज दर में कटौती का असर बस धारणा के मामले में पड़ सकता है. अब गेंद सरकार के पाले में है. उसे इस कदम के प्रसार को सुनिश्चित करना होगा और क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, “राजकोष के मामले में कमखर्ची का रास्ता” अपनाना होगा. भारत की राजकोषीय नीति ऐसी हो जो घरेलू मांग बढ़ा सके, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि संबंधी चिंताओं को संबोधित कर सके तथा कारोबार के मामले में देश को प्रतिस्पर्धी बना सके. ये चुनौतियां भयावह प्रतीत हो रही हैं. वहीं अर्न्स्ट ऐंड यंग इंडिया में चीफ पॉलिसी एडवाइजर डी.के. श्रीवास्तव कहते हैं, “वैश्विक अर्थव्यवस्था की कमजोरी हमारी अर्थव्यवस्था को भी कमजोर रखेगी.” चीन समेत अन्य उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में आई सुस्ती वैश्विक वृद्धि को धीमा कर सकती है. अगस्त में चीन ने डॉलर के मुकाबले अपनी मुद्रा का 4.4 फीसदी अवमूल्यन कर दिया जो एक मौद्रिक जंग छेडऩे की कुव्वत रखता है. सो, भारतीय निर्यातक भी रुपए को और कमजोर करने के लिए सरकार को हस्तक्षेप करने कह रहे हैं. राजन ने जब ब्याज दरों में कटौती की, उसी वक्त अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने शून्य ब्याज दर पर यथास्थिति को बनाए रखना तय किया. यह फैसला भी वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़ी चिंताओं के कारण ही लिया गया. वैश्विक अर्थव्यवस्था में मौजूदा सुस्ती 2008 की मंदी की याद दिलाती है. अर्थशास्त्री इस बार की स्थिति के लिए श्सेकुलर गतिरोध्य जैसा शब्द प्रयोग कर रहे हैं. इसका मतलब होता है सुस्त वृद्धि की लंबी अवधि. इस बार संकट चीन से पैदा हो रहा है. श्रीवास्तव बताते हैं कि यह संकट गैर-वित्तीय कर्ज, खासकर सरकारी कर्ज के उच्च स्तर से संबंधित है. बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (बीआइएस) की ताजा विज्ञप्ति के अनुसार फिलहाल कुल कर्ज अनुपात 2007 के अधिकतम स्तर के मुकाबले काफी ज्यादा है. उभरती हुई बाजार अर्थव्यवस्थाओं में सरकारी और निजी कर्ज मिलाकर जीडीपी के 167 फीसदी पर आ गया है जो  50 फीसदी का इजाफा है. बीआइएस के मुताबिक, अतीत में इतने बड़े पैमाने पर कर्ज में वृद्धि के बाद कोई न कोई बड़ा वित्तीय संकट जरूर आया है. पेरिस स्थित ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक कोऑपरेशन ऐंड डेवलपमेंट ने वित्तीय वर्ष 2016 में भारत की अनुमानित वृद्धि को 7.3 फीसदी पर रखा है. इसके मुताबिक, भारत को अगर 7 फीसदी की वृद्धि करनी है तो सरकारी और निजी मांग दोनों को 12 फीसदी बढऩा होगा. फिलहाल सरकारी मांग 2-3 फीसदी है जबकि निजी निवेश की मांग भी 5-6 फीसदी के कमजोर स्तर पर है. आरबीआइ के हाल के एक अध्ययन में वित्तीय वर्ष 2012 से लगातार पूंजीगत व्यय के संकुचित होने की बात कही गई थी. इसने यह भी दिखाया था कि 2016 में नियोजित निवेश करीब खत्म हो चुका है. ऐसे में मांग को प्रोत्साहन देने के दो ही तरीके हैं. एक यह है कि सरकार पूंजीगत व्यय को तरजीह दे और उसे टिकाए रखे. दूसरा मौद्रिक उपाय है यानी ब्याज दरों में कटौती. सरकार के सामने एक बड़ी दिक्कत यह है कि उसकी उधार लेने की एक सीमा है, क्योंकि उसे अपने वित्तीय घाटे का लक्ष्य भी पूरा करना है. इसके अलावा वह व्यय को न बढ़ा सकती है और न कटौती कर सकती है क्योंकि अधिकांश पहले से तय हैं. करीब 80 फीसदी राजस्व व्यय वेतन, पेंशन और ब्याज भुगतान की मद में तय है. सरकार अगर अपना व्यय बढ़ाती भी है तो उसे टिकाए रखना मुश्किल होगा. अगले तीन साल दुनिया की अर्थव्यवस्था ऐसे ही सुस्त रहेगी. इससे न सिर्फ भारत के निर्यात पर असर पड़ेगा बल्कि मेक इन इंडिया अभियान भी प्रभावित होगा. चीन जैसे देशों के पास विकसित क्षमता है, सो ज्यादा संभावना है कि वे भारत में ही अपनी बिक्री बढ़ाएंगे. दूसरी ओर भारत में विनिर्माण की जीडीपी में हिस्सेदारी महज 13 फीसदी है. सरकार की प्राथमिकता देश की लडख़ड़ाती हुई ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए एक समग्र नीति तैयार करने की होनी चाहिए. अर्थशास्त्रियों के मुताबिक, सहकारी संघीयता को आगे बढ़ाने का यह अच्छा वक्त है. इसके तहत राज्यों को बाजार से सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के निर्धारित तीन फीसदी से ज्यादा उधारी लेने की छूट दी जा सकती है. वहीं राज्यों को बुनियादी ढांचे पर ज्यादा खर्च करने का प्रयास करना होगा. सार्वजनिक उपक्रम और केंद्रीय उपक्रम इस दौरान अपना विस्तार कर सकते हैं. श्रीवास्तव कहते हैं, “हो सकता है कि ऐसे उपाय निजी निवेश को प्रोत्साहित करें.” क्रिसिल में मुख्य अर्थशास्त्री डी.के. जोशी कहते हैं, “सरकार बस इतना कर सकती है कि कारोबार करना सहज बनाती जाए क्योंकि ब्याज दरें तो वृद्धि में मामूली सहयोग ही दे सकती हैं. राजकोषीय व्यय से भी सहयोग की जरूरत होगी.” उम्मीद है कि यह संदेश नॉर्थ ब्लॉक तक पहुंच चुका होगा.
देविंदर सिंह कांग विश्‍व एथलेटिक्‍स चैंपियनशिप के अपने अपने ऐतिहासिक फाइनल राउंड में देश की उम्‍मीदों पर खरे नहीं उतर पाए हैं. पुरुष वर्ग की जैवलिन थ्रो इवेंट में वे निराशाजनक प्रदर्शन करते हुए 12वें स्थान पर रहे. इसके साथ ही भारत का यहां विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में निराशाजनक प्रदर्शन जारी रहा. विश्व चैम्पियनशिप की जैवलिन थ्रो इवेंट के फाइनल के लिये क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय ने काफी लचर प्रदर्शन किया और वह ओलिंपिक स्टेडियम में अपने तीसरे प्रयास में 80.02 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंक सके. उन्होंने 75.40 मीटर से शुरुआत की और 13 एथलीटों में अपने दूसरे प्रयास में फाउल कर बैठे. तीन राउंड के बाद वह बाहर हो गये जबकि शीर्ष आठ एथलीटों ने स्पर्धा जारी रखी. कांग का सत्र और व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 84.57 मीटर का है. सत्र में शीर्ष पर रहने वाले जर्मनी के जोहानेस वेटर ने 89.89 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास से स्वर्ण पदक जीता जबकि चेक गणराज्य के दो एथलीट जाकुब वाडलेजिच (89.73 मीटर) और पेट्र फ्रिडिच (88.32 मीटर) ने क्रमश: रजत और कांस्य पदक अपने नाम किया. मौजूदा ओलंपिक चैम्पियन थामस रोहलर 88.26 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास से चौथे स्थान पर रहे. यह भी पढ़ें : अपनी आख़िरी रेस में घायल हुए उसेन बोल्‍ट, टूट गया गोल्‍ड का सपना 28 वर्षीय कांग को गांजा लेने का पॉजिटिव पाया गया था लेकिन फिर भी वह भारतीय टीम में जगह बनाने में सफल रहे थे क्योंकि इससे खिलाड़ी निलंबित नहीं होता. हालांकि उनके दायें कंधे चोटिल था, यह चोट उन्हें मई में लगी थी. दूसरे थ्रो के बाद वह अपने हाथ को दबाए हुए दिखे थे.टिप्पणियां कांग ने स्पर्धा के बाद कहा, ‘मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश की लेकिन दायें कंधे की चोट के कारण मुझे दर्द था, यह काफी तेज था और इसकी वजह से मैं अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका. मैं कोई बहाना नहीं बनाना चाहता लेकिन अगर मैं चोटिल नहीं होता तो मैं इससे बेहतर कर सकता था. मैं निराश हूं, मैंने देश को निराश कर दिया. ’ हालांकि पंजाब का यह एथलीट फिर भी विश्व चैम्पियनशिप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला भारतीय एथलीट रहा. कांग ने गुरुवार को इतिहास रच दिया था जबकि हमवतन नीरज चोपड़ा से काफी उम्मीदें की जा रही थीं लेकिन वह निराशाजनक प्रदर्शन से क्वालीफिकेशन राउंड में बाहर हो गये थे. उन्होंने 75.40 मीटर से शुरुआत की और 13 एथलीटों में अपने दूसरे प्रयास में फाउल कर बैठे. तीन राउंड के बाद वह बाहर हो गये जबकि शीर्ष आठ एथलीटों ने स्पर्धा जारी रखी. कांग का सत्र और व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 84.57 मीटर का है. सत्र में शीर्ष पर रहने वाले जर्मनी के जोहानेस वेटर ने 89.89 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास से स्वर्ण पदक जीता जबकि चेक गणराज्य के दो एथलीट जाकुब वाडलेजिच (89.73 मीटर) और पेट्र फ्रिडिच (88.32 मीटर) ने क्रमश: रजत और कांस्य पदक अपने नाम किया. मौजूदा ओलंपिक चैम्पियन थामस रोहलर 88.26 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास से चौथे स्थान पर रहे. यह भी पढ़ें : अपनी आख़िरी रेस में घायल हुए उसेन बोल्‍ट, टूट गया गोल्‍ड का सपना 28 वर्षीय कांग को गांजा लेने का पॉजिटिव पाया गया था लेकिन फिर भी वह भारतीय टीम में जगह बनाने में सफल रहे थे क्योंकि इससे खिलाड़ी निलंबित नहीं होता. हालांकि उनके दायें कंधे चोटिल था, यह चोट उन्हें मई में लगी थी. दूसरे थ्रो के बाद वह अपने हाथ को दबाए हुए दिखे थे.टिप्पणियां कांग ने स्पर्धा के बाद कहा, ‘मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश की लेकिन दायें कंधे की चोट के कारण मुझे दर्द था, यह काफी तेज था और इसकी वजह से मैं अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका. मैं कोई बहाना नहीं बनाना चाहता लेकिन अगर मैं चोटिल नहीं होता तो मैं इससे बेहतर कर सकता था. मैं निराश हूं, मैंने देश को निराश कर दिया. ’ हालांकि पंजाब का यह एथलीट फिर भी विश्व चैम्पियनशिप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला भारतीय एथलीट रहा. कांग ने गुरुवार को इतिहास रच दिया था जबकि हमवतन नीरज चोपड़ा से काफी उम्मीदें की जा रही थीं लेकिन वह निराशाजनक प्रदर्शन से क्वालीफिकेशन राउंड में बाहर हो गये थे. यह भी पढ़ें : अपनी आख़िरी रेस में घायल हुए उसेन बोल्‍ट, टूट गया गोल्‍ड का सपना 28 वर्षीय कांग को गांजा लेने का पॉजिटिव पाया गया था लेकिन फिर भी वह भारतीय टीम में जगह बनाने में सफल रहे थे क्योंकि इससे खिलाड़ी निलंबित नहीं होता. हालांकि उनके दायें कंधे चोटिल था, यह चोट उन्हें मई में लगी थी. दूसरे थ्रो के बाद वह अपने हाथ को दबाए हुए दिखे थे.टिप्पणियां कांग ने स्पर्धा के बाद कहा, ‘मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश की लेकिन दायें कंधे की चोट के कारण मुझे दर्द था, यह काफी तेज था और इसकी वजह से मैं अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका. मैं कोई बहाना नहीं बनाना चाहता लेकिन अगर मैं चोटिल नहीं होता तो मैं इससे बेहतर कर सकता था. मैं निराश हूं, मैंने देश को निराश कर दिया. ’ हालांकि पंजाब का यह एथलीट फिर भी विश्व चैम्पियनशिप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला भारतीय एथलीट रहा. कांग ने गुरुवार को इतिहास रच दिया था जबकि हमवतन नीरज चोपड़ा से काफी उम्मीदें की जा रही थीं लेकिन वह निराशाजनक प्रदर्शन से क्वालीफिकेशन राउंड में बाहर हो गये थे. 28 वर्षीय कांग को गांजा लेने का पॉजिटिव पाया गया था लेकिन फिर भी वह भारतीय टीम में जगह बनाने में सफल रहे थे क्योंकि इससे खिलाड़ी निलंबित नहीं होता. हालांकि उनके दायें कंधे चोटिल था, यह चोट उन्हें मई में लगी थी. दूसरे थ्रो के बाद वह अपने हाथ को दबाए हुए दिखे थे.टिप्पणियां कांग ने स्पर्धा के बाद कहा, ‘मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश की लेकिन दायें कंधे की चोट के कारण मुझे दर्द था, यह काफी तेज था और इसकी वजह से मैं अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका. मैं कोई बहाना नहीं बनाना चाहता लेकिन अगर मैं चोटिल नहीं होता तो मैं इससे बेहतर कर सकता था. मैं निराश हूं, मैंने देश को निराश कर दिया. ’ हालांकि पंजाब का यह एथलीट फिर भी विश्व चैम्पियनशिप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला भारतीय एथलीट रहा. कांग ने गुरुवार को इतिहास रच दिया था जबकि हमवतन नीरज चोपड़ा से काफी उम्मीदें की जा रही थीं लेकिन वह निराशाजनक प्रदर्शन से क्वालीफिकेशन राउंड में बाहर हो गये थे. कांग ने स्पर्धा के बाद कहा, ‘मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश की लेकिन दायें कंधे की चोट के कारण मुझे दर्द था, यह काफी तेज था और इसकी वजह से मैं अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका. मैं कोई बहाना नहीं बनाना चाहता लेकिन अगर मैं चोटिल नहीं होता तो मैं इससे बेहतर कर सकता था. मैं निराश हूं, मैंने देश को निराश कर दिया. ’ हालांकि पंजाब का यह एथलीट फिर भी विश्व चैम्पियनशिप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला भारतीय एथलीट रहा. कांग ने गुरुवार को इतिहास रच दिया था जबकि हमवतन नीरज चोपड़ा से काफी उम्मीदें की जा रही थीं लेकिन वह निराशाजनक प्रदर्शन से क्वालीफिकेशन राउंड में बाहर हो गये थे. कांग ने स्पर्धा के बाद कहा, ‘मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश की लेकिन दायें कंधे की चोट के कारण मुझे दर्द था, यह काफी तेज था और इसकी वजह से मैं अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका. मैं कोई बहाना नहीं बनाना चाहता लेकिन अगर मैं चोटिल नहीं होता तो मैं इससे बेहतर कर सकता था. मैं निराश हूं, मैंने देश को निराश कर दिया. ’ हालांकि पंजाब का यह एथलीट फिर भी विश्व चैम्पियनशिप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला भारतीय एथलीट रहा. कांग ने गुरुवार को इतिहास रच दिया था जबकि हमवतन नीरज चोपड़ा से काफी उम्मीदें की जा रही थीं लेकिन वह निराशाजनक प्रदर्शन से क्वालीफिकेशन राउंड में बाहर हो गये थे.
देश की ताकतवर महिला राजनेताओं में शुमार की जाने वाली जे. जयललिता का चेन्नई के अपोलो अस्पताल में सोमवार ( 5 दिसंबर 2016) रात निधन हो गया. वह 68 वर्ष की थीं और पिछले करीब 3 माह से अस्पताल में भर्ती थीं.
जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिला सांबा के चिचवाल गांव के 70 वर्षीय पूर्व सैनिक प्रेम सिंह 24 जुलाई की सुबह जब बॉर्डर फेंसिंग के साथ लगे अपने खेत पहुंचे तो वहां का नजारा देखकर हैरान रह गए. खेत में काफी गहरे दो बडे़-बडे़ गड्ढा बने हुए थे. प्रेम ने फौरन बीएसएफ के संतरी को खबर पहुंचाई. बीएसएफ ने अपने जवानों से वहां खुदाई करवाई, गहराई 25 फुट नीचे तक थी. फिर 27 जुलाई की सुबह प्रेम के भाई का 22 वर्षीय बेटा सुखदेव सिंह अपने खेत में गया तो उसने एक और गहरा गड्ढा उसी लाइन में देखा. इसके तुरंत बाद ही बीएसएफ ने दिल्ली में अपने अधिकारियों को अलर्ट कर दिया. अभी तक बीएसएफ को जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के विशेषज्ञों की मदद से भारत-पाक सीमा की जीरो लाइन से 375 मीटर लंबी, 25 फुट गहरी और करीब 4 फुट चौड़ी सुरंग मिली है. खुफिया एजेंसियों का मानना है कि इतनी ही लंबी सुरंग पाकिस्तान ने अपनी पोस्ट सिंबली के आगे तक बनाई होगी. जम्मू पुलिस के आइजी दिलबाग सिंह ने सुरंग देखने के बाद बताया, ''यह पाकिस्तान की बड़ी साजिश है जो बिना पाकिस्तानी फौज, रेंजरों और आइएसआइ के अधिकारियो की मदद से नहीं बन सकती.'' दिलबाग सिंह कहते हैं कि ''सुरंग का आकार जिस तरह से बनाया गया है और ऑक्सीजन की पाइप जिस तरह अंदर तक पहुंचाई गई हैं, ऐसे में पाकिस्तानी फौज की एक बटालियन को सीमा के दूसरी ओर भेजा जा सकता है.'' सूत्र बताते हैं कि 25 फुट गहरी सुरंग को आइएसआइ और पाकिस्तानी सेना के इंजीनियरों की मदद से मशीनों से बनाया गया है और खोदी गई मिट्टी को रोलिंग की मदद से बाहर निकाला गया. सूत्रों का यह भी कहना है कि पाक की 24 पंच नद रेंजर (पीएनआर) के कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) राजा सईद को खास तौर पर इस इलाके में तैनात किया गया है ताकि उनकी निगरानी में यह टनल बनाई जाए. राजा सईद, यहां की पोस्टिंग से पहले आइएसआइ मुख्यालय में तैनात था और उसे सुरंगें बनाने में काफी माहिर माना जाता है. लेकिन अब उन्हें तुरंत इस बटालियन से शिफ्ट किया जा रहा है. बीएसएफ के महानिदेशक यू.के. बंसल ने सुरंग की पूरी तरह से जांच करने के बाद यह माना कि जहां एक ओर भारत-पाक संबंधों में बेहतरी लाने के लिए दोनों देशों की सरकारें कोशिश में लगी हैं, वहीं इस तरह की हरकतें शांति प्रक्रिया को खटाई में डाल सकती हैं. सूत्रों ने बताया कि ऐसी सुरंगें पाकिस्तान ने कई और गांवों में भी बनाई होंगी क्योंकि 12 जुलाई, 2009 को जब फौज ने कश्मीर घाटी के सीमावर्ती कुपवाड़ा के शम्सवाड़ी इलाके में दो पाकिस्तानी नागरिक और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों मोहम्मद शफाखत और मोहम्मद इदनान को गिरफ्तार किया था तो उन्होंने पाकिस्तानियों द्वारा सुरंग बनाए जाने की जानकारी दी थी. लश्कर के आतंकवादी मोहम्मद इदनान ने खुफिया एजेसियों को यहां तक बताया कि पाकिस्तान लश्कर एक ऐसा फिदायीन जत्था बना रहा है जो जम्मू के रामबन जिले के चंद्रकोट इलाके में 450 मेगावाट के बगलियार हाइडल पावर प्रोजेक्ट पर हमला करने की तैयारी में है. चिनाब नदी पर बनाए जा रहे इस प्रोजेक्ट पर पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय अदालत में भारत के खिलाफ केस भी किया था मगर वहां उसे मुंह की खानी पड़ी. इस तरह की रिपोर्ट मिलने के बावजूद भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने इसे हल्कव् में लिया. बीएसएफ का दावा है कि सुरंग अभी बनाई जा रही थी लेकिन आतंकियों ने इसका इस्तेमाल नहीं किया था. दिल्ली में बीएसएफ मुख्यालय में तैनात आइजी एस.के. मिश्र कहते हैं, ''चिचवाल में सुरंग की जांच का काम चल रहा है. अभी अपनी तरफ से सुरंग के छोर को ढूंढने की कोशिश की जा रही है. ऐसी कितनी और सुरंगें पाकिस्तान ने सीमा पर बनाई होंगी इस बारे में अभी कुछ कहना मुश्किल है.'' मिश्र सीमा पार पाकिस्तानी इलाकों में आतंकियों की मूवमेंट की बात भी कहते हैं. अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ और एलओसी पर फौज की चौकसी और फेंसिंग लगने से आतंकी घुसपैठ करने में नाकाम हो रहे हैं. यह कारण भी हो सकता है कि पाकिस्तान सुरंगों के जरिए आतंकियों को इस तरफ भेजने की ताक में है. अगर आतंकियों का यह ऑप्रेशन कामयाब हो जाता तो किसी बड़ी घटना को अंजाम दिया सकता था. सुरक्षा बलों को इससे सबक लेते हुए भविष्य में इस तरह की गतिविधियों का ध्यान रखना होगा. -
The Indian Film Industry should come out in open and take a stand against the humilation of National Film Awardees who are going to skip the award ceremony today. Dark day in the history of #NationalFilmAwards Respected @rashtrapatibhvn, #NationalAwards are 1 of the few genuine & dignified awards that we in the #FilmIndustry wait for. We work hard for it & expect respect for what we create. Pained to know that u don’t hv time to be with the winners & aren’t presenting all the awards I think it is happening for the first time in 65 years that awardees of #NationalFilmAwards wont be felicitated by @rashtrapatibhvn. Only 11 out of 141 will get awards from the President. This is how the best of Indian Cinema is being treated.#Sad It is unfortunate Hon’ble President of India has not been able to find time to present ALL National Film Awards that show Case India’s creativity,performing Arts& Soft Power. President should reconsider as awards presented by the office he represents carries different GRAVITAS Sadly, even the President doesn't care for the #NationalFilmAwards. He's allocated just one hour from his 'busy' schedule, to distribute trophies. The idea of state honouring artists anyway is distasteful. And then to pick & choose a select few for the award ceremony is humiliating them further, and doing disservice to, almost mocking, their talents. #NationalFilmAwardshttps://t.co/36EjN8lD7K one of the reason the National Film Awards are prestigious is because they are handed by the @rashtrapatibhvn -not a minister. This is a moment of a lifetime for Film makers ; please don’t deprive them of their merit / glory #NationalFilmAwards@smritiirani@Ra_THORe (इनपुट भाषा से भी)
पैट्रिक विक्टर मार्टिनडेल व्हाइट () (28 मई 1912 – 30 सितम्बर 1990) इंग्लैंड में जन्मे ऑस्ट्रेलियाई लेखक थे, जिन्हें व्यापक रूप से 20वी सदी के अंग्रेजी भाषा के सबसे महत्वपूर्ण उपन्यासकारों में से एक माना जाता है। 1935 से लेकर अपनी मृत्यु तक इन्होंने कुल 12 उपन्यास, दो छोटी कहानी संग्रह और आठ नाटको को प्रकाशित किया था। वर्ष 1973 में अपने कार्य के लिए इन्हें साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यह सम्मान प्राप्त करने वाले व्हाइट एकमात्र ऑस्ट्रेलियाई नागरिक थे। सन्दर्भ नोबेल पुरस्कार विजेता साहित्यकार 1912 में जन्मे लोग १९९० में निधन
बिग बॉस से बाहर हुईं सपना चौधरी फेसबुक पर हुईं लाइव, हिना खान पर पूछे गए सवाल का दिया ये जवाब. वहीं एक बड़े सवाल-'बुर्के में मिस वर्ल्ड से सुंदर PAK की लड़कियां?' का मिस वर्ल्ड मानुषी छिल्लर ने दिया शानदार जवाब. बुर्के में मिस वर्ल्ड से सुंदर PAK की लड़कियां? पढ़ें मानुषी का जवाब मिस वर्ल्ड का ताज जीतने के बाद मानुषी छिल्लर भारत लौट आई हैं. उन्होंने बाद सोमवार को मुंबई में मीडिया से बात की. इस दौरान मानुषी ने कई सवालों के मजेदार जवाब दिए. जब मानुषी से पूछा गया कि पाकिस्तान में डिबेट है कि हिंदुस्तान से ज्यादा सुंदर लड़कियां हैं वहां, पर बुर्के में? इसके जवाब में मानुषी बोलीं, 'मैं बस ये कहना चाहूंगी. ये सिर्फ बाहरी सुंदरता की बात नहीं है. हर लड़की बहुत ही सुंदर होती है. अपनी बाहरी सुंदरता का इस्तेमाल कर आप आगे बढ़ सकते हैं. ये मैटर नहीं करता कि आप किस देश से हैं, आप पूरे दुनिया को रिप्रेंजेंट करती हैं.' Bigg Boss से बाहर हुई सपना चौधरी, हिना खान पर सवाल पूछा तो... बिग बॉस से बाहर आने के बाद सपना चौधरी मंगलवार को पहली बार फेसबुक पर लाइव नजर आईं. फेसबुक लाइव वीडियो में सपना ने फैन्स से उनके बॉलीवुड आइटम नंबर से लेकर बिग बॉस कंटेस्टेंट के बारे में कई सवाल पूछे. बिग बॉस से बाहर आने के बाद फैन्स द्वारा पूछे गए सवालों का सपना ने जवाब दिया. फेसबुक लाइव के दौरान ज्यादातर लोगों ने सपना चौधरी का हाल पूछा? सभी को शुक्रिया बोलते हुए सपना ने जवाब दिया कि वो बहुत अच्छी हैं. उन्होंने कहा, आप लोगों की दुआओं की वजह से मैं बहुत अच्छी हूं. इसके बाद एक यूजर ने सपना चौधरी से बिग बॉस 11 की कंटेस्टेंट हिना खान के बारे में जानना चाहा. उसने पूछा- हिना कैसी लड़की हैं? सपना इस सवाल का जवाब देने से बचती नजर आईं. उन्होंने कहा, 'मैं उनके बारे में कुछ नहीं बता सकती. आप यहां मुझसे मेरी पहली बॉलीवुड फिल्म के आइटम सॉंग 'लव बाइट' के बारे में पूछे. 'रेस 3' में ऐसा होगा बॉबी का लुक, सोशल मीडिया पर फोटो VIRAL सलमान खान की फिल्म 'रेस 3' की शूटिंग शुरू हो गई है. फिल्म में सलमान खान का लुक कैसा होगा इसे पहले ही रिलीज कर दिया गया है. सलमान के बाद अब बॉबी देओल का फर्स्ट लुक सोशल मीडिया पर धमाल मचा रहा है. बॉबी फोटो में काफी फिट नजर आ रहे हैं. बॉबी देओल ने अपनी ये फोटो इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर की है. फिल्म के लिए जिम में पसीना बहा रहे बॉबी को 8 किलो वेट अभी भी कम करना है. 'फिरंगी' की रिलीज से दो दिन पहले कपिल की हीरोइन बनीं दुल्हन, इस्कॉन टेंपल में शादी कपि‍ल शर्मा की फिल्म फिरंगी से बतौर लीड हीरोइन डेब्यू करने वाली एक्ट्रेस इशि‍ता दत्ता 28 नवंबर को शादी करने जा रही हैं. स्पॉटबॉयई की खबर के मुताबिक इशिता की शादी जुहू, मुंबई के इस्कॉन टेंपल में होगी. फिल्म रिलीज के कुछ दिन पहले हो रही इस शादी की डेट पहले से ही तय थी. क्योंकि कपिल शर्मा की फिल्म फिरंगी पहले 24 नवंबर को रिलीज होने वाली थी. दूल्हा कौन है अभी इस बात की कोई भी जानकारी नहीं मिल पाई है. पद्मावती विवाद: मंत्रियों की बयानबाजी को लेकर SC की केंद्र सरकार को फटकार पद्मावती पर जारी विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जमकर खरी-खोटी सुनाई. सुप्रीम कोर्ट के निशाने पर वो मुख्यमंत्री, मंत्री और जनप्रतिनिधि भी रहे जिन्होंने हाल के दिनों में पद्मावती को लेकर गैर जिम्मेदार बयान दिए. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को हिदायत दी कि सेंसर बोर्ड की क्लीयरेंस से पहले फिल्म के खि‍लाफ बयानबाजी बंद करें. इससे खराब माहौल बन रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने की टिप्पणी एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान की. सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि जो फिल्म सेंसर बोर्ड से क्लीयर नहीं हुई है, जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग उस पर कैसे टिप्पणी कर सकते हैं? हिना के बाद प्रियांक शर्मा पर भड़के करन पटेल, ऐसे उड़ाया मजाक बिग बॉस-11 अब तक का सबसे चर्चित सीजन रहा है. पिछले कई दिनों से टीवी के हिट शो 'ये हैं मोहब्ब्तें' के रमन भल्ला यानि करण पटेल बिग बॉस पर लगातार टिप्पणियां कर रहे हैं. टीवी की लाडली बहू हिना खान को छाड़ लगाने के बाद अब उनके निशाने पर प्रियांक शर्मा आ गए हैं. इन दिनों प्रियांक शर्मा घर में विकास गुप्ता के साथ अपनी लड़ाईयों की वजह से छाए हुए हैं. कभी दोस्त रहे ये दोनों शो में एक-दूसरे के खिलाफ खेल रहे हैं. घर में अक्सर ये लड़ते दिखते हैं. इन दोनों घरवालों की इस नोकझोंक पर अब करन पटेल ने ट्वीट किया है. क्या बिग बॉस ने बंदगी-पुनीश के MAKE OUT वीडियो को हटाया? बिग बॉस शो का अब तक का सबसे हॉट कपल बन चुका पुनीश और बंदगी को घर में देखकर वाकई ये लगता है कि अब उन्हें घर के किसी भी दूसरे सदस्य से कोई मतलब नहीं है. एक ही बेड शेयर करने, लिपलॉक से लेकर दोनों की इंटीमेसी किसी से छ‍िपी नहीं. अब इस हॉट कपल को लेकर रिपोर्ट ये आ रही हैं कि बिग बॉस के कैमरा में दोनों कीऐसी हरकतें भी कैद हुई हैं जिन्हें बि‍ग बॉस को डि‍लीट करने पड़े हैं. बॉलीवुड लाइफ में छपी खबर के मुताबिक बंदगी और पुनीश ने बिना बाकी सदस्यों और कैमरा की परवाह किए बिना सारी हदें पार कर दीं. चर्चा है कि इस का कपल का मेकआउट मोमेंट्स कैमरा में कैद हुए हैं जिन्हें बिग बॉस को हटाना पड़ा है.
विक्रम सूद भारत की विदेशी खुफिया एजेंसी , रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW) के पूर्व प्रमुख और नई दिल्ली में एक स्वतंत्र सार्वजनिक नीति थिंक टैंक ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के सलाहकार हैं। सूद भारतीय डाक सेवा (IPoS) के एक अधिकारी थे, और बाद में वे खुफिया संगठन R&AW में शामिल हो गए. आगे चल कर वे 2000 से 2003 तक इसके संगठन प्रमुख के पद पर सेवा की। वह 31 मार्च 2003 को 31 साल की सेवा के साथ एक कैरियर खुफिया अधिकारी के रूप में सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने बी रमन की मेंटरशिप के तहत प्रशिक्षण लिया। वे 2018 में प्रकाशित द अनेंडिंग गेम: ए फॉर्मर आर एंड एडब्ल्यू चीफ्स इनसाइट्स इन एस्पियनज नामक पुस्तक के लेखक हैं, जो सूद के अनुसार एक संस्मरण नहीं, बल्कि बुद्धिमत्ता और जासूसी के लिए शुरुआती मार्गदर्शक है। शिक्षा सूद ने दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से अर्थशास्त्र में एमए किया। सूद भारतीय डाक सेवा (IPoS), भारत की नागरिक सेवाओं का एक हिस्सा थे, और 1966 में रिसर्च एंड एनालिसिस सर्विस (RAS) कैडर में गए । रेडिफ में एक व्यक्तिगत श्रद्धांजलि में, सूद कहते हैं कि उनके संरक्षक बी रमन थे , जो आर एंड एडब्ल्यू के संस्थापकों में से एक थे। 1972 में वह रमन से परिचित हुए, जब उन्हें उनकी भूमिका को समझने और बाद में 1974 तक उन्हें संभालने का काम सौंपा गया। सूद को 1983 में एक बार फिर रमन से कार्यभार संभालने के लिए कहा गया, जब 1994 में रमन के सेवानिवृत्त हुए । सूद की नियुक्ति दूसरों से अलग थी, क्योंकि वह पुलिस अधिकारी के रूप में कार्य किए बिना R & AW प्रमुख बन गए थे। सूद ने एस सुंदरराजन का स्थान लिया था जो दिल्ली कैडर के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी थे। सूद 2000 से 2003 के दौरान उस समय के आरएडब्ल्यूए के प्रमुख के रूप में कार्य करते थे जब अटल बिहारी वाजपेयी भारत के प्रधानमंत्री थे। वह 31 मार्च 2003 को 31 साल की सेवा के साथ एक कैरियर खुफिया अधिकारी के रूप में सेवानिवृत्त हुए। R & AW के प्रमुख के रूप में वह नामित सचिव (R) और सुरक्षा महानिदेशक थे। 2019 तक, सूद नई दिल्ली में एक स्वतंत्र सार्वजनिक नीति थिंक टैंक, ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के सलाहकार के रूप में काम कर रहा है। वह राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेशी संबंधों और रणनीतिक मुद्दों पर नियमित रूप से लिखते हैं। अपने पुस्तक लॉन्च के लिए, द अनेंडिंग गेम में , सूद ने कहा कि पाकिस्तान सेना "पाकिस्तान में सबसे बड़ी कॉर्पोरेट इकाई" है और कश्मीर का उपयोग पाकिस्तान सेना द्वारा केवल पाकिस्तान में सत्ता बनाए रखने के लिए एक औचित्य के रूप में किया जा रहा है। सूद ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि पाकिस्तान को "आतंकवाद की मशीनरी को बंद करने" की जरूरत है और यह सबूत देना होगा कि बातचीत होने के लिए बदलाव हो रहे हैं। 2016 में उन्होंने इसी तरह की सख्त राय दी थी, जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान के साथ बातचीत निरर्थक है और जब तक पाकिस्तान अपना दृष्टिकोण नहीं बदलता, दोनों देशों के बीच बातचीत नहीं होनी चाहिए। कुलभूषण जाधव, एक भारतीय नागरिक जो मार्च 2016 से पाकिस्तान की हिरासत में है और एक सैन्य अदालत द्वारा R & AW एजेंट होने के कथित आरोपों पर मुकदमा चलाया जा रहा है, के बारे में सूद का कहना है कि इस मामले के कारण पाकिस्तान का भारत पर कोई "दबाव" नहीं है। 2019 में एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, "कोई असली जासूस अपने पासपोर्ट के साथ कभी नहीं पकड़ा जाता। उनके खिलाफ लगाए गए आरोप हंसी के पात्र हैं। " जब चीन-पाकिस्तान के सबंध की बात आती है, तो सूद का मानना है कि चीन यूएनसीएस में मसूद अजहर के संबंध में पाकिस्तान का समर्थन करने जैसी कार्रवाई करता है क्योंकि चीन को शिनजियांग (चीन में एक स्वायत्त क्षेत्र जो की पाकिस्तान की सीमा के पास है) में इस्लामिक समूहों से जवाबी कार्रवाई करने का डर है. सीपीईसी के संबंध में गिलगित-बाल्टिस्तान और बलूचिस्तान में अपने हितों की रक्षा करने के लिए भी चीन, पाकिस्तान का समर्थन करता है । जब सिर्फ चीन की बात आती है, तो सूद कहते हैं कि चीन की क्षमताएं पाकिस्तान से बहुत अधिक हैं और भारत को इस पर ध्यान देना चाहिए। यह बयान पुलवामा हमले के तीन दिन बाद 17 फरवरी 2019 को एक सेमिनार के दौरान किया गया था, जिसमें उन्होंने यह भी कहा था, "पाकिस्तान के नियंत्रण में चीन और भी बदतर है।" प्रकाशन 2018 में सूद ने द अनेंडिंग गेम: ए फॉर्मर आर एंड एडब्ल्यू चीफ्स इनसाइट्स इन एस्पियनज लिखी, जो पेंगुइन वाइकिंग द्वारा प्रकाशित हुई। सूद के अनुसार, उनकी पुस्तक एक संस्मरण नहीं है, बल्कि जासूसी के लिए एक शुरुआती मार्गदर्शिका एवं खुफिया पर एक संदर्भ पुस्तिका है। पुस्तक को तीन अवधारणा से संबंधित खंडों में विभाजित किया गया है, जिन्हें "ट्रेडक्राफ्ट", "इनसाइड इंटेलिजेंस" और "व्हाट्स लाइज़ अहेड" के रूप में शीर्षक दिया गया है, दो विश्व युद्धों, गुप्त समाजों, भारत में मनोवैज्ञानिक युद्ध, केजीबी और सी आइ ए के जासूसों द्वारा भारतीय राजनीती में हस्तकक्षेप को भी शामिल करता है। पाकिस्तान और आई एस आई के अलावा 11 सितम्बर 2001 के हमले और 26/11 मुंबई हमले जैसी जासूसी विफलताओ को भी पुस्तक में सम्मिलित किया गया है । विपला बालाचंद्रन ने पुस्तक की समीक्षा करते हुए लिखा कि यह "एक लो-प्रोफाइल लेकिन ठोस योगदान" है। सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ विक्रम सूद का ब्लॉग जीवित लोग Pages with unreviewed translations भारतीय जासूस
देश के शेयर बाजारों में लगातार छठे सप्ताह तेजी रही। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स इस सप्ताह 0.82 फीसदी या 143.73 अंकों की तेजी के साथ 17,748.69 पर और निफ्टी 1.05 फीसदी या 55.75 अंकों की तेजी के साथ 5,381.60 पर बंद हुआ। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 2.15 फीसदी या 370.98 अंकों की तेजी के साथ 17,604.96 पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी 2.32 फीसदी या 121.15 अंकों की तेजी के साथ पिछले सप्ताह शुक्रवार को 5,325.85 पर बंद हुआ था। इस साल की शुरुआत से ही शेयर बाजारों में तेजी देखी जा रही है। सेंसेक्स पिछले साल के आखिरी कारोबारी दिन 30 दिसम्बर की तुलना में 14.84 फीसदी या 2293.77 अंक चढ़ चुका है। पिछले साल के आखिरी कारोबारी सत्र में सेंसेक्स 15,454.92 पर बंद हुआ था। इस सप्ताह सेंसेक्स में सोमवार, बुधवार और गुरुवार को तेजी रही, जबकि मंगलवार और शुक्रवार को गिरावट दर्ज की गई। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में गत सप्ताह तीन फीसदी से अधिक तेजी रही। मिडकैप पिछले सप्ताह के मुकाबले इस सप्ताह शुक्रवार को 3.32 फीसदी या 200.51 अंकों की तेजी के साथ 6,246.61 पर बंद हुआ। मिडकैप पिछले सप्ताह शुक्रवार को 6,046.10 पर बंद हुआ था। स्मॉलकैप इसी दौरान 3.06 फीसदी या 204.30 अंकों की तेजी के साथ 6,890.85 पर बंद हुआ। यह पिछले सप्ताह शुक्रवार को 6,686.55 पर बंद हुआ था। बीएसई के 13 सेक्टरों में इस सप्ताह 12 सेक्टरों में तेजी रही। रियल्टी (5.79 फीसदी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (5.77 फीसदी), धातु (4.12 फीसदी), बैंकिंग (2.95 फीसदी) और सार्वजनिक कम्पनियों (2.5 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।टिप्पणियां बीएसई के एक सेक्टर स्वास्थ्य सेवा (1.01 फीसदी) में इस सप्ताह गिरावट रही। शुक्रवार को सेंसेक्स 82.06 अंकों की गिरावट के साथ जबकि निफ्टी 30.75 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 2.15 फीसदी या 370.98 अंकों की तेजी के साथ 17,604.96 पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी 2.32 फीसदी या 121.15 अंकों की तेजी के साथ पिछले सप्ताह शुक्रवार को 5,325.85 पर बंद हुआ था। इस साल की शुरुआत से ही शेयर बाजारों में तेजी देखी जा रही है। सेंसेक्स पिछले साल के आखिरी कारोबारी दिन 30 दिसम्बर की तुलना में 14.84 फीसदी या 2293.77 अंक चढ़ चुका है। पिछले साल के आखिरी कारोबारी सत्र में सेंसेक्स 15,454.92 पर बंद हुआ था। इस सप्ताह सेंसेक्स में सोमवार, बुधवार और गुरुवार को तेजी रही, जबकि मंगलवार और शुक्रवार को गिरावट दर्ज की गई। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में गत सप्ताह तीन फीसदी से अधिक तेजी रही। मिडकैप पिछले सप्ताह के मुकाबले इस सप्ताह शुक्रवार को 3.32 फीसदी या 200.51 अंकों की तेजी के साथ 6,246.61 पर बंद हुआ। मिडकैप पिछले सप्ताह शुक्रवार को 6,046.10 पर बंद हुआ था। स्मॉलकैप इसी दौरान 3.06 फीसदी या 204.30 अंकों की तेजी के साथ 6,890.85 पर बंद हुआ। यह पिछले सप्ताह शुक्रवार को 6,686.55 पर बंद हुआ था। बीएसई के 13 सेक्टरों में इस सप्ताह 12 सेक्टरों में तेजी रही। रियल्टी (5.79 फीसदी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (5.77 फीसदी), धातु (4.12 फीसदी), बैंकिंग (2.95 फीसदी) और सार्वजनिक कम्पनियों (2.5 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।टिप्पणियां बीएसई के एक सेक्टर स्वास्थ्य सेवा (1.01 फीसदी) में इस सप्ताह गिरावट रही। शुक्रवार को सेंसेक्स 82.06 अंकों की गिरावट के साथ जबकि निफ्टी 30.75 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ। इस साल की शुरुआत से ही शेयर बाजारों में तेजी देखी जा रही है। सेंसेक्स पिछले साल के आखिरी कारोबारी दिन 30 दिसम्बर की तुलना में 14.84 फीसदी या 2293.77 अंक चढ़ चुका है। पिछले साल के आखिरी कारोबारी सत्र में सेंसेक्स 15,454.92 पर बंद हुआ था। इस सप्ताह सेंसेक्स में सोमवार, बुधवार और गुरुवार को तेजी रही, जबकि मंगलवार और शुक्रवार को गिरावट दर्ज की गई। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में गत सप्ताह तीन फीसदी से अधिक तेजी रही। मिडकैप पिछले सप्ताह के मुकाबले इस सप्ताह शुक्रवार को 3.32 फीसदी या 200.51 अंकों की तेजी के साथ 6,246.61 पर बंद हुआ। मिडकैप पिछले सप्ताह शुक्रवार को 6,046.10 पर बंद हुआ था। स्मॉलकैप इसी दौरान 3.06 फीसदी या 204.30 अंकों की तेजी के साथ 6,890.85 पर बंद हुआ। यह पिछले सप्ताह शुक्रवार को 6,686.55 पर बंद हुआ था। बीएसई के 13 सेक्टरों में इस सप्ताह 12 सेक्टरों में तेजी रही। रियल्टी (5.79 फीसदी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (5.77 फीसदी), धातु (4.12 फीसदी), बैंकिंग (2.95 फीसदी) और सार्वजनिक कम्पनियों (2.5 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।टिप्पणियां बीएसई के एक सेक्टर स्वास्थ्य सेवा (1.01 फीसदी) में इस सप्ताह गिरावट रही। शुक्रवार को सेंसेक्स 82.06 अंकों की गिरावट के साथ जबकि निफ्टी 30.75 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ। इस सप्ताह सेंसेक्स में सोमवार, बुधवार और गुरुवार को तेजी रही, जबकि मंगलवार और शुक्रवार को गिरावट दर्ज की गई। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में गत सप्ताह तीन फीसदी से अधिक तेजी रही। मिडकैप पिछले सप्ताह के मुकाबले इस सप्ताह शुक्रवार को 3.32 फीसदी या 200.51 अंकों की तेजी के साथ 6,246.61 पर बंद हुआ। मिडकैप पिछले सप्ताह शुक्रवार को 6,046.10 पर बंद हुआ था। स्मॉलकैप इसी दौरान 3.06 फीसदी या 204.30 अंकों की तेजी के साथ 6,890.85 पर बंद हुआ। यह पिछले सप्ताह शुक्रवार को 6,686.55 पर बंद हुआ था। बीएसई के 13 सेक्टरों में इस सप्ताह 12 सेक्टरों में तेजी रही। रियल्टी (5.79 फीसदी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (5.77 फीसदी), धातु (4.12 फीसदी), बैंकिंग (2.95 फीसदी) और सार्वजनिक कम्पनियों (2.5 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।टिप्पणियां बीएसई के एक सेक्टर स्वास्थ्य सेवा (1.01 फीसदी) में इस सप्ताह गिरावट रही। शुक्रवार को सेंसेक्स 82.06 अंकों की गिरावट के साथ जबकि निफ्टी 30.75 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में गत सप्ताह तीन फीसदी से अधिक तेजी रही। मिडकैप पिछले सप्ताह के मुकाबले इस सप्ताह शुक्रवार को 3.32 फीसदी या 200.51 अंकों की तेजी के साथ 6,246.61 पर बंद हुआ। मिडकैप पिछले सप्ताह शुक्रवार को 6,046.10 पर बंद हुआ था। स्मॉलकैप इसी दौरान 3.06 फीसदी या 204.30 अंकों की तेजी के साथ 6,890.85 पर बंद हुआ। यह पिछले सप्ताह शुक्रवार को 6,686.55 पर बंद हुआ था। बीएसई के 13 सेक्टरों में इस सप्ताह 12 सेक्टरों में तेजी रही। रियल्टी (5.79 फीसदी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (5.77 फीसदी), धातु (4.12 फीसदी), बैंकिंग (2.95 फीसदी) और सार्वजनिक कम्पनियों (2.5 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।टिप्पणियां बीएसई के एक सेक्टर स्वास्थ्य सेवा (1.01 फीसदी) में इस सप्ताह गिरावट रही। शुक्रवार को सेंसेक्स 82.06 अंकों की गिरावट के साथ जबकि निफ्टी 30.75 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ। स्मॉलकैप इसी दौरान 3.06 फीसदी या 204.30 अंकों की तेजी के साथ 6,890.85 पर बंद हुआ। यह पिछले सप्ताह शुक्रवार को 6,686.55 पर बंद हुआ था। बीएसई के 13 सेक्टरों में इस सप्ताह 12 सेक्टरों में तेजी रही। रियल्टी (5.79 फीसदी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (5.77 फीसदी), धातु (4.12 फीसदी), बैंकिंग (2.95 फीसदी) और सार्वजनिक कम्पनियों (2.5 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।टिप्पणियां बीएसई के एक सेक्टर स्वास्थ्य सेवा (1.01 फीसदी) में इस सप्ताह गिरावट रही। शुक्रवार को सेंसेक्स 82.06 अंकों की गिरावट के साथ जबकि निफ्टी 30.75 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ। बीएसई के 13 सेक्टरों में इस सप्ताह 12 सेक्टरों में तेजी रही। रियल्टी (5.79 फीसदी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (5.77 फीसदी), धातु (4.12 फीसदी), बैंकिंग (2.95 फीसदी) और सार्वजनिक कम्पनियों (2.5 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।टिप्पणियां बीएसई के एक सेक्टर स्वास्थ्य सेवा (1.01 फीसदी) में इस सप्ताह गिरावट रही। शुक्रवार को सेंसेक्स 82.06 अंकों की गिरावट के साथ जबकि निफ्टी 30.75 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ। बीएसई के एक सेक्टर स्वास्थ्य सेवा (1.01 फीसदी) में इस सप्ताह गिरावट रही। शुक्रवार को सेंसेक्स 82.06 अंकों की गिरावट के साथ जबकि निफ्टी 30.75 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ। शुक्रवार को सेंसेक्स 82.06 अंकों की गिरावट के साथ जबकि निफ्टी 30.75 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ।
होंडा और टोयोटा जैसी जैसी कंपनियों द्वारा करीब दस छोटी और प्रदूषण रहित कारों के वैश्विक स्तर पर पेश किये जाने के साथ दिल्‍ली में मंगलवार से 10वां आटो एक्सपो शुरू होगा. यह प्रदर्शनी देखने आने वाले लोगों के लिहाज से विश्व की सबसे बड़ी है. सोसायटी आफ आटोमोबाइल मैन्यूफैक्चर्स (सियाम) के अध्यक्ष पवन गोयनका ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ भारतीय आटो एक्सपो का दर्जा बढ़ रहा है. अंतरराष्ट्रीय स्तर के मूल उपकरण बनाने वाली कंपनियां अपने वैश्विक मोडल लांच करेंगी जैसा कि वे विश्व की अन्य वाहन प्रदर्शनियों में करती हैं. ’’ उन्होंने कहा कि वाहनों की इस प्रदर्शनी में लगभग 50 गाड़ियों को पेश किए जाएगा जिनमें 10 का लांच वैश्विक स्तर पर होगा. होंडा और टोयोटा जैसी कपंनियां अपनी काम्पैक्ट कारों का वैश्विक लांच करेंगी और यहां वाहन कंपनियां अपनी प्रदूषण रहित प्रौद्योगिकी की प्रदर्शनी करेंगी. इसके पिछले महीने सियाम के महानिदेशक दिलीप शेनाय ने कहा था कि एक्सपो में संभवत: सबसे ज्यादा लोग आएंगे और प्रदर्शनी में भाग लेने वालों के लिहाज से फ्रैंकफर्ट और शंघाई बाद सबसे बड़ी प्रदर्शनी है. आटो एक्स्पो स्टीयरिंग कमिटी के अध्यक्ष राजीव कौल ने कहा ‘‘ प्रगति मैदान में आयोजित होने वाली प्रदर्शनियों में से यह सबसे बड़ी प्रदर्शनी होगी और भारत में आयोजित आटो एक्स्पो में सबसे बड़ा होगा. इस प्रदर्शनी में कुल 2, 105 भागीदार हैं जिनमें से से 800 विदेशी हैं. इसमें करीब 20 लाख लोगों के आने की संभावना है.
Wii को आम तौर पर सकारात्मक समीक्षाएँ मिली हैं। E3 2006 में इसकी प्रदर्शनी के बाद सिस्टम को खूब सराहना मिली। इस कार्यक्रम में, निनटेंडो के कंसोल ने बेस्ट ऑफ शो और बेस्ट हार्डवेयर के लिए गेम क्रिटिक्स अवार्ड्स जीते। पॉपुलर साइंस के दिसंबर 2006 अंक में, कंसोल को होम एंटरटेनमेंट में ग्रैंड अवार्ड विजेता नामित किया गया था। स्पाइक टीवी के वीडियो गेम्स अवार्ड में Wii की अग्रणी तकनीक का हवाला दिया गया। गेमस्पॉट ने अपने "सर्वश्रेष्ठ और सबसे खराब 2006" पुरस्कारों में कंसोल को सर्वश्रेष्ठ हार्डवेयर के रूप में चुना। इस प्रणाली को पीसी वर्ल्ड पत्रिका के वर्ष के 20 सबसे नवीन उत्पादों में से एक के रूप में भी चुना गया था। कंसोल को गोल्डन जॉयस्टिक अवार्ड्स में वर्ष 2007 के इनोवेशन के लिए गोल्डन जॉयस्टिक प्राप्त हुआ। वीडियो गेम और प्लेटफार्मों के निर्माण और कार्यान्वयन के लिए इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी की श्रेणी में, निनटेंडो को नेशनल एकेडमी ऑफ टेलीविज़न आर्ट्स एंड साइंसेज द्वारा गेम कंट्रोलर इनोवेशन के लिए एमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2009 में, IGN ने Wii को अब तक का 10वां सबसे बड़ा कंसोल (25 में से) का नाम दिया। Wii की सफलता ने तीसरे पक्ष के डेवलपर्स को आश्चर्यचकित कर दिया, जिससे उन्हें अपने शुरुआती गेम की गुणवत्ता के लिए माफी मांगनी पड़ी। जर्मन समाचार पत्रिका डेर स्पीगल के साथ एक साक्षात्कार में, यूबीसॉफ्ट के यवेस गुइल्मोट और एलेन कोर्रे ने स्वीकार किया कि भविष्य की परियोजनाओं को अधिक गंभीरता से लेने का वादा करते हुए, उन्होंने अपने लॉन्च शीर्षकों को जल्दी से आगे बढ़ाने में गलती की। टेक-टू इंटरएक्टिव, जिसने निंटेंडो गेमक्यूब के लिए कुछ गेम जारी किए, ने Wii पर उच्च प्राथमिकता देकर निंटेंडो के प्रति अपना रुख बदल दिया। उसी समय, Wii रिमोट और Wii हार्डवेयर विनिर्देशों की आलोचना सामने आई थी। गेमस्पॉट के पूर्व संपादक और Giantbomb.com के संस्थापक जेफ गेर्स्टमैन ने कहा कि नियंत्रक का स्पीकर निम्न-गुणवत्ता वाली ध्वनि पैदा करता है, जबकि फैक्टर 5 के अध्यक्ष जूलियन एगेब्रेच ने हार्डवेयर ऑडियो की आलोचना करते हुए इसे अपनी पीढ़ी के कंसोल के लिए घटिया बताया। यूके स्थित डेवलपर फ्री रेडिकल डिज़ाइन ने कहा कि Wii हार्डवेयर में अन्य सातवीं पीढ़ी के कंसोल पर रिलीज़ के लिए निर्धारित सॉफ़्टवेयर को चलाने के लिए आवश्यक शक्ति का अभाव है। Wii की ऑनलाइन कनेक्टिविटी की भी आलोचना की गई; आईजीएन के मैट कैसमैसिना ने इसकी तुलना निंटेंडो डीएस के लिए प्रदान की गई "पूरी तरह से अनजान" सेवा से की। गेम डिजाइनर और द सिम्स के निर्माता विल राइट ने सातवीं कंसोल पीढ़ी के संदर्भ में Wii पर अपने विचार साझा किए: "केवल अगली पीढ़ी का सिस्टम I' हमने Wii को देखा है - PS3 और Xbox 360 पिछले संस्करण के बेहतर संस्करण की तरह लगते हैं, लेकिन वृद्धिशील सुधार के साथ काफी हद तक वही गेम है। लेकिन Wii एक बड़ी छलांग की तरह महसूस होता है - ऐसा नहीं है कि ग्राफिक्स अधिक शक्तिशाली हैं, बल्कि यह कि यह एक पूरी तरह से अलग जनसांख्यिकीय को प्रभावित करता है।" Wii को अन्य गेम कंसोल की तुलना में अधिक शारीरिक रूप से मांग के रूप में देखा जाता है।
देश में इस वक्त नया निवेश लगभग नहीं के बराबर हो रहा है। एक सर्वेक्षण में जितनी कंपनियों से बात की गई, उनमें से करीब आधे ने कहा कि इस साल उनकी विशेष निवेश करने की योजना नहीं है। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) और लेखापरीक्षण कम्पनी प्राइस वाटरहाउसकूपर्स (पीडब्ल्यूसी) ने संयुक्त तौर पर किए गए एक सर्वेक्षण (इंडिया मैन्यूफैक्च रिंग बैरोमीटर) के मुताबिक सुस्त आर्थिक विकास और उत्पादन में गिरावट के कारण विनिर्माण कंपनियां फूंक-फूंक कर कदम रख रही हैं। सर्वेक्षण में शामिल 73 फीसदी कंपनियों ने कहा कि वैश्विक आर्थिक स्थिति और घरेलू सुस्ती के कारण ग्राहकों की जरूरत और उम्मीदें बदल गई हैं।टिप्पणियां 42 फीसदी कंपनियां अपने उत्पादों में अतिरिक्त सुविधा देना चाहती हैं, जबकि 76 फीसदी कंपनियों ने कहा कि कीमत घटाने की कोशिश कर रही हैं। पीडब्ल्यूसी इंडिया के औद्योगिक उत्पाद प्रमुख बिमल तन्ना ने रिपोर्ट में कहा, "सुस्त आर्थिक विकास के माहौल में कंपनियों द्वारा दिखाई जा रही सतर्कता आश्चर्यजनक नहीं है। लेकिन ऐसा लगता है कि कंपनियां इस अवधि का उपयोग सुधार करने और भविष्य के लिए तैयार होने में कर रही हैं।" फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) और लेखापरीक्षण कम्पनी प्राइस वाटरहाउसकूपर्स (पीडब्ल्यूसी) ने संयुक्त तौर पर किए गए एक सर्वेक्षण (इंडिया मैन्यूफैक्च रिंग बैरोमीटर) के मुताबिक सुस्त आर्थिक विकास और उत्पादन में गिरावट के कारण विनिर्माण कंपनियां फूंक-फूंक कर कदम रख रही हैं। सर्वेक्षण में शामिल 73 फीसदी कंपनियों ने कहा कि वैश्विक आर्थिक स्थिति और घरेलू सुस्ती के कारण ग्राहकों की जरूरत और उम्मीदें बदल गई हैं।टिप्पणियां 42 फीसदी कंपनियां अपने उत्पादों में अतिरिक्त सुविधा देना चाहती हैं, जबकि 76 फीसदी कंपनियों ने कहा कि कीमत घटाने की कोशिश कर रही हैं। पीडब्ल्यूसी इंडिया के औद्योगिक उत्पाद प्रमुख बिमल तन्ना ने रिपोर्ट में कहा, "सुस्त आर्थिक विकास के माहौल में कंपनियों द्वारा दिखाई जा रही सतर्कता आश्चर्यजनक नहीं है। लेकिन ऐसा लगता है कि कंपनियां इस अवधि का उपयोग सुधार करने और भविष्य के लिए तैयार होने में कर रही हैं।" सर्वेक्षण में शामिल 73 फीसदी कंपनियों ने कहा कि वैश्विक आर्थिक स्थिति और घरेलू सुस्ती के कारण ग्राहकों की जरूरत और उम्मीदें बदल गई हैं।टिप्पणियां 42 फीसदी कंपनियां अपने उत्पादों में अतिरिक्त सुविधा देना चाहती हैं, जबकि 76 फीसदी कंपनियों ने कहा कि कीमत घटाने की कोशिश कर रही हैं। पीडब्ल्यूसी इंडिया के औद्योगिक उत्पाद प्रमुख बिमल तन्ना ने रिपोर्ट में कहा, "सुस्त आर्थिक विकास के माहौल में कंपनियों द्वारा दिखाई जा रही सतर्कता आश्चर्यजनक नहीं है। लेकिन ऐसा लगता है कि कंपनियां इस अवधि का उपयोग सुधार करने और भविष्य के लिए तैयार होने में कर रही हैं।" 42 फीसदी कंपनियां अपने उत्पादों में अतिरिक्त सुविधा देना चाहती हैं, जबकि 76 फीसदी कंपनियों ने कहा कि कीमत घटाने की कोशिश कर रही हैं। पीडब्ल्यूसी इंडिया के औद्योगिक उत्पाद प्रमुख बिमल तन्ना ने रिपोर्ट में कहा, "सुस्त आर्थिक विकास के माहौल में कंपनियों द्वारा दिखाई जा रही सतर्कता आश्चर्यजनक नहीं है। लेकिन ऐसा लगता है कि कंपनियां इस अवधि का उपयोग सुधार करने और भविष्य के लिए तैयार होने में कर रही हैं।" पीडब्ल्यूसी इंडिया के औद्योगिक उत्पाद प्रमुख बिमल तन्ना ने रिपोर्ट में कहा, "सुस्त आर्थिक विकास के माहौल में कंपनियों द्वारा दिखाई जा रही सतर्कता आश्चर्यजनक नहीं है। लेकिन ऐसा लगता है कि कंपनियां इस अवधि का उपयोग सुधार करने और भविष्य के लिए तैयार होने में कर रही हैं।"
भारत में बिना नकद लेनदेन एक पहल है जिसके अंतर्गत रोजमर्रा की वस्तुओं को खरीदने के लिए एक ग्राहक, विक्रेताओं को भुगतान नकद से करने के बजाय एक फीचर फोन (प्राथमिक मोबाइल फोन) के माध्यम से सीधे अपने बैंक खाते से करता है। स्मार्ट फोन या मोबाइल फोन के विपरीत एक फीचर फोन इस काम के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं करता है। बिना नकद लेनदेन की प्रक्रिया एक बिना नकद लेनदेन करने के लिए बुनियादी रूप से एक सिम कार्ड सक्रिय, फीचर फोन, मोबाइल फोन या एक स्मार्ट फोन की आवश्यकता होती है। ग्राहक एक विशिष्ट फोन नंबर पर फोन कर किसी लेनदेन को संचालित करने के लिए आवश्यक निर्देश प्राप्त कर सकता है। इस प्रक्रिया के दूसरे सिरे पर स्थित विक्रेता को भी खुद को किसी राष्ट्रीय बैंक के साथ पंजीकृत कराना होता है जहाँ से विक्रेता को एक विशेष कोड प्रदान किया जाता है। जागरूकता कार्यक्रम भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में एक बिना नकद अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने और एक नकद मुक्त समाज बनाने पर जोर दिया है। नरेंद्र मोदी का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए बिना नकद लेनदेन का उपयोग करना आवश्यक है। भारतीय लोग अपने मोबाइल फोन पर एक मोबाइल बटुये या इंटरनेट बैंकिंग का प्रयोग कर बिना नकद लेनदेन कर सकते हैं। बिना नकद लेनदेन के कार्यान्वयन से संबंधित जागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य विक्रेताओं और दुकानदारों को ऐसे लेनदेनों के लिए प्रोत्साहित कर नकद भुगतान पर अंकुश लगाना है। सन्दर्भ इन्हें भी देखें नकदीविहीन समाज भारत में नकदरहित लेनदेन भारत की अर्थव्यवस्था नकदरहित अर्थव्यवस्था
VIDEO: यूपी निकाय चुनाव : सीएम योगी बोले, 'जो गुजरात जीतने चले थे वो अमेठी भी हार गए'
एक ननद की खुशियों की चाबी – मेरी भाभी एक भारतीय हिन्दी धारावाहिक है, जिसका प्रसारण स्टार प्लस पर 17 जून 2013 से 12 अप्रैल 2014 तक हुआ। यह धारावाहिक शेरगिल परिवार की एक ननद एवं भाभी के प्यार भरे रिश्ते पर आधारित है। इस धारावाहिक का शीर्षक पहले शेर दिल शेरगिल रखा गया था जिसे बाद में बदल दिया। पात्र सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ भारतीय स्टार टीवी कार्यक्रम स्टार प्लस के धारावाहिक भारतीय टेलीविजन धारावाहिक
जेट एयरवेज ने स्विस खातों में काला धन रखने के आरोप से इनकार किया और कहा कि उसके चेयरमैन नरेश गोयल के नाम से जिनेवा के एचएसबीसी बैंक में कोई खाता नहीं है। हालांकि गोयल भारत के बाहर बैंक खाता रखने के लिए अधिकृत हैं क्योंकि वह प्रवासी भारतीय हैं। जेट एयरवेज ने बयान में कहा, ‘...स्विस बैंक में नरेश गोयल के नाम से कोई खाता नहीं है। हालांकि गोयल जनवरी 1991 से प्रवासी भारतीय (एनआरआई) हैं और वह भारत के बाहर बैंक खाता रख सकते हैं।’ बयान में कहा गया है,‘स्विस खातों में काला धन रखने का जो आरोप लगाया गया है, वह पूरी तरह गलत है।’टिप्पणियां जेट एयरवेज ने कहा कि गोयल एनआरआई हैं और उन्हें ऑइल ऑफ मैन स्थित मेसर्स तलविंड्स लि. के एचएसबीसी जिनेवा में खाते के बारे में निरंतर जांच पत्र आते रहते हैं। बयान के मुताबिक, ‘मेसर्स तलविंड्स के बारे में भारत सरकार के विभिन्न विभागों को पूरी जानकारी दी गई है। आयकर विभाग को सभी सवालों का संतोषप्रद जवाब दिया गया है।’ जेट एयरवेज ने बयान में कहा, ‘...स्विस बैंक में नरेश गोयल के नाम से कोई खाता नहीं है। हालांकि गोयल जनवरी 1991 से प्रवासी भारतीय (एनआरआई) हैं और वह भारत के बाहर बैंक खाता रख सकते हैं।’ बयान में कहा गया है,‘स्विस खातों में काला धन रखने का जो आरोप लगाया गया है, वह पूरी तरह गलत है।’टिप्पणियां जेट एयरवेज ने कहा कि गोयल एनआरआई हैं और उन्हें ऑइल ऑफ मैन स्थित मेसर्स तलविंड्स लि. के एचएसबीसी जिनेवा में खाते के बारे में निरंतर जांच पत्र आते रहते हैं। बयान के मुताबिक, ‘मेसर्स तलविंड्स के बारे में भारत सरकार के विभिन्न विभागों को पूरी जानकारी दी गई है। आयकर विभाग को सभी सवालों का संतोषप्रद जवाब दिया गया है।’ जेट एयरवेज ने कहा कि गोयल एनआरआई हैं और उन्हें ऑइल ऑफ मैन स्थित मेसर्स तलविंड्स लि. के एचएसबीसी जिनेवा में खाते के बारे में निरंतर जांच पत्र आते रहते हैं। बयान के मुताबिक, ‘मेसर्स तलविंड्स के बारे में भारत सरकार के विभिन्न विभागों को पूरी जानकारी दी गई है। आयकर विभाग को सभी सवालों का संतोषप्रद जवाब दिया गया है।’ बयान के मुताबिक, ‘मेसर्स तलविंड्स के बारे में भारत सरकार के विभिन्न विभागों को पूरी जानकारी दी गई है। आयकर विभाग को सभी सवालों का संतोषप्रद जवाब दिया गया है।’
बेल्वेडियर एस्टेट, भारत के राज्य पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में स्थित एक ऐतिहासिक महत्व का स्थान है। बेल्वेडियर एस्टेट परिसर में "बेल्वेडियर हाउस" है, जिसमें 1948 से भारत का राष्ट्रीय पुस्तकालय कार्यरत है। बेल्वेडियर एस्टेट में बेल्वेडियर हाउस के अलावा एक 30 एकड़ (12 हेक्टेयर) का मैदान भी है। यह कोलकाता के इलाके अलीपुर में, कोलकाता चिड़ियाघर के निकट स्थित है। राष्ट्रीय पुस्तकालय की शुरुआत से पहले बेल्वेडियर हाउस भारत के वायसराय और उसके बाद में बंगाल के राज्यपाल का आधिकारिक निवास भी था। उन्नीसवीं शताब्दी के शुरुआती दिनों तक बेल्वेडियर हाउस, गवर्नर-जनरल का आधिकारिक निवास स्थान था और उस समय गवर्नमेंट हाउस (वर्तमान में राजभवन) का निर्माण कार्य चल रहा था। गवर्नर-जनरल के गवर्नमेंट हाउस में जाने के बाद, बेल्वेदेयर हाउस को बंगाल के उपराज्यपाल (लेफ्टिनेंट-गवर्नर) का निवास बना दिया गया। 1912 में जब कोलकाता से बदलकर दिल्ली को राजधानी बनाया गया, और बंगाल के लेफ्टिनेंट-गवर्नर को गवर्नर के रूप में प्रोन्नत किया गया तो वह भी बेल्वेदेयर हाउस को छोड़ कर गवर्नमेंट हाउस में रहने चले गए। सन्दर्भ भारत में आधिकारिक आवास
लेख: पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के नेता व पूर्व मंत्री मदन मित्रा शनिवार को जेल से रिहा हो गए, लेकिन अदालत की शर्तों के कारण वह अपने घर नहीं जा सके. करोड़ों रुपये के शारदा चिटफंड मामले में मित्रा जेल में बंद थे, जिन्हें शुक्रवार को जमानत मिली थी. घर जाने की बजाय वह कोलकाता के भवानीपुर पुलिस थाना क्षेत्र में स्थित एक लॉज में ठहरे हैं. जेल में 21 महीने बिताने के बाद अलीपुर जेल से सुबह सात बजे के आसपास वह रिहा हो गए, जिसके बाद उन्हें घर की बजाय एक होटल में ले जाया गया. दरअसल, उनका निवास कालिघा पुलिस थाना क्षेत्र में है. उन्होंने कहा, 'अब मैं पूरा आराम करूंगा. मैं बेहद खुश हूं. मैं अपने परिवार और पोते महारूप के साथ वक्त बिताऊंगा. मैं अदालत की सभी शर्तों का पालन करुंगा.' जेल से निकलने के बाद मित्रा ने कहा, 'मैं सीबीआई का तहे दिल से सहयोग करुंगा. मैं कानून नहीं तोड़ूंगा. अब मैं दुर्गा पूजा की खुशियां मनाना चाहता हूं.' उनके राजनीतिक भविष्य के बारे में पूछे जाने पर मित्रा ने कहा कि डॉक्टरों ने मुझे फिलहाल किसी भी राजनीतिक चर्चा से दूर रहने को कहा है. उन्होंने कहा, 'मैं अपने परिजनों के साथ समय व्यतीत करने का इंतजार कर रहा हूं. समय साबित कर देगा कि मैं निर्दोष हूं.' मित्रा के वकीलों ने जमानत आदेश में एक संशोधन के लिए अदालत का रुख करने का फैसला किया है, ताकि वे घर लौट सकें. अलीपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी उत्तम कुमार नंदी ने शुक्रवार को मित्रा को 15 लाख रुपये के दो मुचलके पर जमानत दे दी. इसके अलावा, उनके पासपोर्ट को सीबीआई के पास जमा करा दिया गया है. अदालत ने मित्रा को शहर न छोड़ने तथा सीबीआई के समक्ष समय-समय पर पेश होने का आदेश दिया है. मित्रा को 12 दिसंबर, 2014 को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद से वह जेल की सलाखों के पीछे थे. अक्टूबर 2015 में एक निचली अदालत ने उन्हें जमानत दी थी, लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट ने बाद में उनकी जमानत रद्द कर दी थी. इस बीच, सीबीआई मित्रा की जमानत के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में अपील कर सकती है. उधर, प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मदन मित्रा की रिहाई पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. वेटिकन व जर्मनी के एक सप्ताह लंबे दौरे के बाद वापस लौटने पर हवाईअड्डे पर संवाददाताओं ने सवालों की बौछार कर दी. उन्होंने कहा, 'मैं कुछ नहीं कहूंगी.'टिप्पणियां शारदा घोटाले में धोखाधड़ी, साजिश व आपराधिक विश्वासघात के आरोप में पूर्व परिवहन व खेल मंत्री मित्रा को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जांच को अपने हाथ में लेने के बाद गिरफ्तार किया था.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) जेल में 21 महीने बिताने के बाद अलीपुर जेल से सुबह सात बजे के आसपास वह रिहा हो गए, जिसके बाद उन्हें घर की बजाय एक होटल में ले जाया गया. दरअसल, उनका निवास कालिघा पुलिस थाना क्षेत्र में है. उन्होंने कहा, 'अब मैं पूरा आराम करूंगा. मैं बेहद खुश हूं. मैं अपने परिवार और पोते महारूप के साथ वक्त बिताऊंगा. मैं अदालत की सभी शर्तों का पालन करुंगा.' जेल से निकलने के बाद मित्रा ने कहा, 'मैं सीबीआई का तहे दिल से सहयोग करुंगा. मैं कानून नहीं तोड़ूंगा. अब मैं दुर्गा पूजा की खुशियां मनाना चाहता हूं.' उनके राजनीतिक भविष्य के बारे में पूछे जाने पर मित्रा ने कहा कि डॉक्टरों ने मुझे फिलहाल किसी भी राजनीतिक चर्चा से दूर रहने को कहा है. उन्होंने कहा, 'मैं अपने परिजनों के साथ समय व्यतीत करने का इंतजार कर रहा हूं. समय साबित कर देगा कि मैं निर्दोष हूं.' मित्रा के वकीलों ने जमानत आदेश में एक संशोधन के लिए अदालत का रुख करने का फैसला किया है, ताकि वे घर लौट सकें. अलीपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी उत्तम कुमार नंदी ने शुक्रवार को मित्रा को 15 लाख रुपये के दो मुचलके पर जमानत दे दी. इसके अलावा, उनके पासपोर्ट को सीबीआई के पास जमा करा दिया गया है. अदालत ने मित्रा को शहर न छोड़ने तथा सीबीआई के समक्ष समय-समय पर पेश होने का आदेश दिया है. मित्रा को 12 दिसंबर, 2014 को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद से वह जेल की सलाखों के पीछे थे. अक्टूबर 2015 में एक निचली अदालत ने उन्हें जमानत दी थी, लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट ने बाद में उनकी जमानत रद्द कर दी थी. इस बीच, सीबीआई मित्रा की जमानत के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में अपील कर सकती है. उधर, प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मदन मित्रा की रिहाई पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. वेटिकन व जर्मनी के एक सप्ताह लंबे दौरे के बाद वापस लौटने पर हवाईअड्डे पर संवाददाताओं ने सवालों की बौछार कर दी. उन्होंने कहा, 'मैं कुछ नहीं कहूंगी.'टिप्पणियां शारदा घोटाले में धोखाधड़ी, साजिश व आपराधिक विश्वासघात के आरोप में पूर्व परिवहन व खेल मंत्री मित्रा को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जांच को अपने हाथ में लेने के बाद गिरफ्तार किया था.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने कहा, 'अब मैं पूरा आराम करूंगा. मैं बेहद खुश हूं. मैं अपने परिवार और पोते महारूप के साथ वक्त बिताऊंगा. मैं अदालत की सभी शर्तों का पालन करुंगा.' जेल से निकलने के बाद मित्रा ने कहा, 'मैं सीबीआई का तहे दिल से सहयोग करुंगा. मैं कानून नहीं तोड़ूंगा. अब मैं दुर्गा पूजा की खुशियां मनाना चाहता हूं.' उनके राजनीतिक भविष्य के बारे में पूछे जाने पर मित्रा ने कहा कि डॉक्टरों ने मुझे फिलहाल किसी भी राजनीतिक चर्चा से दूर रहने को कहा है. उन्होंने कहा, 'मैं अपने परिजनों के साथ समय व्यतीत करने का इंतजार कर रहा हूं. समय साबित कर देगा कि मैं निर्दोष हूं.' मित्रा के वकीलों ने जमानत आदेश में एक संशोधन के लिए अदालत का रुख करने का फैसला किया है, ताकि वे घर लौट सकें. अलीपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी उत्तम कुमार नंदी ने शुक्रवार को मित्रा को 15 लाख रुपये के दो मुचलके पर जमानत दे दी. इसके अलावा, उनके पासपोर्ट को सीबीआई के पास जमा करा दिया गया है. अदालत ने मित्रा को शहर न छोड़ने तथा सीबीआई के समक्ष समय-समय पर पेश होने का आदेश दिया है. मित्रा को 12 दिसंबर, 2014 को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद से वह जेल की सलाखों के पीछे थे. अक्टूबर 2015 में एक निचली अदालत ने उन्हें जमानत दी थी, लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट ने बाद में उनकी जमानत रद्द कर दी थी. इस बीच, सीबीआई मित्रा की जमानत के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में अपील कर सकती है. उधर, प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मदन मित्रा की रिहाई पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. वेटिकन व जर्मनी के एक सप्ताह लंबे दौरे के बाद वापस लौटने पर हवाईअड्डे पर संवाददाताओं ने सवालों की बौछार कर दी. उन्होंने कहा, 'मैं कुछ नहीं कहूंगी.'टिप्पणियां शारदा घोटाले में धोखाधड़ी, साजिश व आपराधिक विश्वासघात के आरोप में पूर्व परिवहन व खेल मंत्री मित्रा को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जांच को अपने हाथ में लेने के बाद गिरफ्तार किया था.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उनके राजनीतिक भविष्य के बारे में पूछे जाने पर मित्रा ने कहा कि डॉक्टरों ने मुझे फिलहाल किसी भी राजनीतिक चर्चा से दूर रहने को कहा है. उन्होंने कहा, 'मैं अपने परिजनों के साथ समय व्यतीत करने का इंतजार कर रहा हूं. समय साबित कर देगा कि मैं निर्दोष हूं.' मित्रा के वकीलों ने जमानत आदेश में एक संशोधन के लिए अदालत का रुख करने का फैसला किया है, ताकि वे घर लौट सकें. अलीपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी उत्तम कुमार नंदी ने शुक्रवार को मित्रा को 15 लाख रुपये के दो मुचलके पर जमानत दे दी. इसके अलावा, उनके पासपोर्ट को सीबीआई के पास जमा करा दिया गया है. अदालत ने मित्रा को शहर न छोड़ने तथा सीबीआई के समक्ष समय-समय पर पेश होने का आदेश दिया है. मित्रा को 12 दिसंबर, 2014 को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद से वह जेल की सलाखों के पीछे थे. अक्टूबर 2015 में एक निचली अदालत ने उन्हें जमानत दी थी, लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट ने बाद में उनकी जमानत रद्द कर दी थी. इस बीच, सीबीआई मित्रा की जमानत के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में अपील कर सकती है. उधर, प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मदन मित्रा की रिहाई पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. वेटिकन व जर्मनी के एक सप्ताह लंबे दौरे के बाद वापस लौटने पर हवाईअड्डे पर संवाददाताओं ने सवालों की बौछार कर दी. उन्होंने कहा, 'मैं कुछ नहीं कहूंगी.'टिप्पणियां शारदा घोटाले में धोखाधड़ी, साजिश व आपराधिक विश्वासघात के आरोप में पूर्व परिवहन व खेल मंत्री मित्रा को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जांच को अपने हाथ में लेने के बाद गिरफ्तार किया था.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) अलीपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी उत्तम कुमार नंदी ने शुक्रवार को मित्रा को 15 लाख रुपये के दो मुचलके पर जमानत दे दी. इसके अलावा, उनके पासपोर्ट को सीबीआई के पास जमा करा दिया गया है. अदालत ने मित्रा को शहर न छोड़ने तथा सीबीआई के समक्ष समय-समय पर पेश होने का आदेश दिया है. मित्रा को 12 दिसंबर, 2014 को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद से वह जेल की सलाखों के पीछे थे. अक्टूबर 2015 में एक निचली अदालत ने उन्हें जमानत दी थी, लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट ने बाद में उनकी जमानत रद्द कर दी थी. इस बीच, सीबीआई मित्रा की जमानत के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में अपील कर सकती है. उधर, प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मदन मित्रा की रिहाई पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. वेटिकन व जर्मनी के एक सप्ताह लंबे दौरे के बाद वापस लौटने पर हवाईअड्डे पर संवाददाताओं ने सवालों की बौछार कर दी. उन्होंने कहा, 'मैं कुछ नहीं कहूंगी.'टिप्पणियां शारदा घोटाले में धोखाधड़ी, साजिश व आपराधिक विश्वासघात के आरोप में पूर्व परिवहन व खेल मंत्री मित्रा को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जांच को अपने हाथ में लेने के बाद गिरफ्तार किया था.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) मित्रा को 12 दिसंबर, 2014 को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद से वह जेल की सलाखों के पीछे थे. अक्टूबर 2015 में एक निचली अदालत ने उन्हें जमानत दी थी, लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट ने बाद में उनकी जमानत रद्द कर दी थी. इस बीच, सीबीआई मित्रा की जमानत के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में अपील कर सकती है. उधर, प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मदन मित्रा की रिहाई पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. वेटिकन व जर्मनी के एक सप्ताह लंबे दौरे के बाद वापस लौटने पर हवाईअड्डे पर संवाददाताओं ने सवालों की बौछार कर दी. उन्होंने कहा, 'मैं कुछ नहीं कहूंगी.'टिप्पणियां शारदा घोटाले में धोखाधड़ी, साजिश व आपराधिक विश्वासघात के आरोप में पूर्व परिवहन व खेल मंत्री मित्रा को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जांच को अपने हाथ में लेने के बाद गिरफ्तार किया था.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) इस बीच, सीबीआई मित्रा की जमानत के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में अपील कर सकती है. उधर, प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मदन मित्रा की रिहाई पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. वेटिकन व जर्मनी के एक सप्ताह लंबे दौरे के बाद वापस लौटने पर हवाईअड्डे पर संवाददाताओं ने सवालों की बौछार कर दी. उन्होंने कहा, 'मैं कुछ नहीं कहूंगी.'टिप्पणियां शारदा घोटाले में धोखाधड़ी, साजिश व आपराधिक विश्वासघात के आरोप में पूर्व परिवहन व खेल मंत्री मित्रा को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जांच को अपने हाथ में लेने के बाद गिरफ्तार किया था.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) शारदा घोटाले में धोखाधड़ी, साजिश व आपराधिक विश्वासघात के आरोप में पूर्व परिवहन व खेल मंत्री मित्रा को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जांच को अपने हाथ में लेने के बाद गिरफ्तार किया था.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
राष्ट्रीय डोपिंग निरोधी एजेंसी (नाडा) ने शनिवार को देश के अग्रणी खेल संस्थानों में से एक पटियाला स्थित राष्ट्रीय खेल संस्थान (एनआईएस) परिसर में छापा मारा। नाडा की चार सदस्यीय टीम ने एनआईएस परिसर और खिलाड़ियों के रहने के कमरों की तलाशी ली। साथ ही टीम ने खिलाड़ियों के नमूने भी एकत्रित किए। नाडा के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया, हमने चार सदस्यीय टीम को एनआईएस में तलाशी के लिए भेजा है। यह टीम एथलीटों के कमरों की तलाशी ले रही है। साथ ही साथ टीम एथलीटों के नमूने भी जमा कर रही है। आठ प्रमुख एथलीटों के नाडा और विश्व डोपिंग निरोधी एजेंसी (वाडा) द्वारा कराए गए डोप टेस्ट में नाकाम होने के बाद एनआईएस चर्चा के केंद्र में है। देश में अधिकांश एथलीटों को भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के इसी केंद्र पर प्रशिक्षित किया जाता है। खेल मंत्रालय ने डोपिंग स्कैंडल के बाद जांच के आदेश दिए हैं। मंत्रालय जानना चाहता है कि देश में अब तक के सबसे बड़े डोपिंग स्कैंडल में साई के कोचों, सहयोगी स्टाफ और भारतीय एथलेटिक्स महासंघ की क्या भूमिका है?
अमेरिकी अंतरिक्ष संगठन नासा के यान इंडीवर के दो अंतरिक्ष यात्रियों ने सोमवार को अंतरिक्ष में अपनी अंतिम चहलकदमी की शुरूआत की. सूत्रों के अनुसार एक बार फिर अंतरराष्‍ट्रीय अंतरक्षि केंद्र (आईएसए) के सौर पैनलों के जोड़ों की मरम्‍मत के लिए बाहर निकले. इस चहलकदमी के दौरान शेन किब्रोग और स्‍टीव बोवेन को सोलर राटरी ज्‍वाइंट (एसएआरजे) पर कुछ उपकरण स्‍थापित करने थे. इंडीवर को गुरुवार को आईएसएस से वापसी की उड़ान भरनी है लेकिन अवशिष्‍ट पदार्थों को पेयजल में बदलने वाली प्रणाली की मरम्‍मत के लिए उन्‍हें संभवत: एक दिन और वहां रूकना पड़ सकता है.
बांग्लादेश में बीडीआर की बगावत को शेख हसीना सरकार को अस्थिर करने के प्रयास के रूप में देखते हुए भारत ने सोमवार को शेख हसीना सरकार के साथ एकजुटता दिखई. विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को लिखे पत्र में पूरे घटनाक्रम पर गहरा अफसोस जताया है. विदेश मंत्री ने मुश्किल की इस घड़ी में हसीना और उनकी सरकार के प्रति अपनी एकजुटता व्यक्त की और कहा कि इस समय बांग्लादेश को जो भी समर्थन और सहयोग की जरूरत होगी, भारत उसे मुहैया कराने के लिए तैयार है. मुखर्जी ने विद्रोह के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति भारत सरकार और भारत के लोगों की तरफ से गहरी संवेदना व्यक्त की है. गौरतलब है कि बीडीआर जवानों ने बीते सप्ताह बल के मुख्यालय में बगावत कर दी थी और बीडीआर प्रमुख समेत 73 सैन्यकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था. बल के जवानों ने बाद में सेना के हस्‍तक्षेप के बाद आत्मसमर्पण कर दिया था.
पुलिसकर्मियों ने बताया कि यान को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. इस हादसे के बाद एक बार फिर बेंगलुरु की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ खड़े हुए हैं.
३आई इन्फोटेक लिमिटेड (आईसीआईसीआई इन्फोटेक लिमिटेड के रूप में स्थापित) एक भारतीय आईटी कंपनी है, जिसे १९९३ में निगमित किया गया था। इतिहास ३आई इन्फोटेक आईसीआईसीआई/आईसीआईसीआई बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी थी, जिसके बाद आईसीआईसीआई ने मार्च २००२ में अधिकांश शेयर बेच दिए। फिर कंपनी आईसीआईसीआई की सहायक कंपनी नहीं रह गई। कार्यालय उत्पाद और सेवाएँ कंपनी बीमा, बैंकिंग, पूंजी बाजार, म्यूचुअल फंड और परिसंपत्ति प्रबंधन, धन प्रबंधन, सरकार, विनिर्माण और खुदरा सहित विभिन्न उद्योगों के लिए सॉफ्टवेयर आईटी सेवाएं और बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग प्रदान करती है। संदर्भ बाहरी संबंध आधिकारिक वेबसाइट बंबई स्टॉक एक्स्चेंज में सूचित कंपनियां मुंबई आधारित कम्पनियाँ
यह लेख है: इस बार थउबल विधानसभा सीट का चुनाव बेहद दिलचस्प होगा. वजह है यहां से इरोम शर्मिला का खड़ा होना. सामाजिक कार्यकर्ता इरोम शर्मिला ने थउबल विधानसभा सीट से पर्चा दाखिल किया है. पहली बार चुनाव लड़ रहीं शर्मिला ने पीपुल्स रिसर्जेंस एंड जस्टिस एलाइंस (पीआरजेए- (Peoples’ Resurgence and Justice Alliance)) की ओर से नामांकन पत्र दाखिल किया है. नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए इरोम ने अपने समर्थकों के साथ साइकिल पर इंफाल से 20 किलोमीटर की दूरी तय की और थाउबल पहुंचीं. आयरन लेडी के नाम से मशहूर इरोम थउबल विधानसभा सीट से कांग्रेस नेता और राज्य के मुख्यमंत्री ओकरम इबोबी सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं. भाजपा ने एल बशंता सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है.  सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (एएफएसपीए- अफस्पा  के खिलाफ 16 वर्ष तक भूख हड़ताल पर रहीं शर्मिला को राज्य के मुख्यमंत्री इबोबी सिंह का प्रमुख प्रतिद्वंद्वी समझा जा रहा है. शर्मिला ने अगस्त 2016 में अपनी भूख हड़ताल खत्म की थी.  पीआरजेए वैकल्पिक राजनीति के जरिये सूबे में प्रभाव कायम करने की कोशिश में जुटी है. वहीं वर्ष 2002, 2007 और 2012 में जीत हासिल करने वाले मणिपुर के तीन बार के मुख्यमंत्री इबोबी सिंह की निगाहें चौथी बार जीत हासिल करने पर होगी. अक्टूबर, 2016 में इरोम चानू शर्मिला ने पीपल्स रीसर्जेंस एंड जस्टिस एलांयस (पीआरजेए) का गठन किया और मार्च में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है जिसका एक मात्र एजेंडा मणिपुर से अफस्पा को हटाना है.टिप्पणियां मणिपुर विधानसभा चुनाव से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत कर रहीं इरोम शर्मिला का कहना है कि उन्होंने विवादित कानून एएफएसपीए के खिलाफ अपनी लड़ाई छोड़ी नहीं है बल्कि इसे ख़त्म करवाने की रणनीति में थोड़ा बदलाव किया है.  मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए चार और आठ मार्च को दो चरणों में चुनाव होना है. चुनाव के परिणाम 11 मार्च को घोषित किए जाएंगे. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 42 सीटों पर जीत हासिल की थी और ओ इबोबी सिंह एक बार फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. आयरन लेडी के नाम से मशहूर इरोम थउबल विधानसभा सीट से कांग्रेस नेता और राज्य के मुख्यमंत्री ओकरम इबोबी सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं. भाजपा ने एल बशंता सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है.  सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (एएफएसपीए- अफस्पा  के खिलाफ 16 वर्ष तक भूख हड़ताल पर रहीं शर्मिला को राज्य के मुख्यमंत्री इबोबी सिंह का प्रमुख प्रतिद्वंद्वी समझा जा रहा है. शर्मिला ने अगस्त 2016 में अपनी भूख हड़ताल खत्म की थी.  पीआरजेए वैकल्पिक राजनीति के जरिये सूबे में प्रभाव कायम करने की कोशिश में जुटी है. वहीं वर्ष 2002, 2007 और 2012 में जीत हासिल करने वाले मणिपुर के तीन बार के मुख्यमंत्री इबोबी सिंह की निगाहें चौथी बार जीत हासिल करने पर होगी. अक्टूबर, 2016 में इरोम चानू शर्मिला ने पीपल्स रीसर्जेंस एंड जस्टिस एलांयस (पीआरजेए) का गठन किया और मार्च में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है जिसका एक मात्र एजेंडा मणिपुर से अफस्पा को हटाना है.टिप्पणियां मणिपुर विधानसभा चुनाव से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत कर रहीं इरोम शर्मिला का कहना है कि उन्होंने विवादित कानून एएफएसपीए के खिलाफ अपनी लड़ाई छोड़ी नहीं है बल्कि इसे ख़त्म करवाने की रणनीति में थोड़ा बदलाव किया है.  मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए चार और आठ मार्च को दो चरणों में चुनाव होना है. चुनाव के परिणाम 11 मार्च को घोषित किए जाएंगे. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 42 सीटों पर जीत हासिल की थी और ओ इबोबी सिंह एक बार फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (एएफएसपीए- अफस्पा  के खिलाफ 16 वर्ष तक भूख हड़ताल पर रहीं शर्मिला को राज्य के मुख्यमंत्री इबोबी सिंह का प्रमुख प्रतिद्वंद्वी समझा जा रहा है. शर्मिला ने अगस्त 2016 में अपनी भूख हड़ताल खत्म की थी.  पीआरजेए वैकल्पिक राजनीति के जरिये सूबे में प्रभाव कायम करने की कोशिश में जुटी है. वहीं वर्ष 2002, 2007 और 2012 में जीत हासिल करने वाले मणिपुर के तीन बार के मुख्यमंत्री इबोबी सिंह की निगाहें चौथी बार जीत हासिल करने पर होगी. अक्टूबर, 2016 में इरोम चानू शर्मिला ने पीपल्स रीसर्जेंस एंड जस्टिस एलांयस (पीआरजेए) का गठन किया और मार्च में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है जिसका एक मात्र एजेंडा मणिपुर से अफस्पा को हटाना है.टिप्पणियां मणिपुर विधानसभा चुनाव से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत कर रहीं इरोम शर्मिला का कहना है कि उन्होंने विवादित कानून एएफएसपीए के खिलाफ अपनी लड़ाई छोड़ी नहीं है बल्कि इसे ख़त्म करवाने की रणनीति में थोड़ा बदलाव किया है.  मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए चार और आठ मार्च को दो चरणों में चुनाव होना है. चुनाव के परिणाम 11 मार्च को घोषित किए जाएंगे. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 42 सीटों पर जीत हासिल की थी और ओ इबोबी सिंह एक बार फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. पीआरजेए वैकल्पिक राजनीति के जरिये सूबे में प्रभाव कायम करने की कोशिश में जुटी है. वहीं वर्ष 2002, 2007 और 2012 में जीत हासिल करने वाले मणिपुर के तीन बार के मुख्यमंत्री इबोबी सिंह की निगाहें चौथी बार जीत हासिल करने पर होगी. अक्टूबर, 2016 में इरोम चानू शर्मिला ने पीपल्स रीसर्जेंस एंड जस्टिस एलांयस (पीआरजेए) का गठन किया और मार्च में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है जिसका एक मात्र एजेंडा मणिपुर से अफस्पा को हटाना है.टिप्पणियां मणिपुर विधानसभा चुनाव से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत कर रहीं इरोम शर्मिला का कहना है कि उन्होंने विवादित कानून एएफएसपीए के खिलाफ अपनी लड़ाई छोड़ी नहीं है बल्कि इसे ख़त्म करवाने की रणनीति में थोड़ा बदलाव किया है.  मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए चार और आठ मार्च को दो चरणों में चुनाव होना है. चुनाव के परिणाम 11 मार्च को घोषित किए जाएंगे. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 42 सीटों पर जीत हासिल की थी और ओ इबोबी सिंह एक बार फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. अक्टूबर, 2016 में इरोम चानू शर्मिला ने पीपल्स रीसर्जेंस एंड जस्टिस एलांयस (पीआरजेए) का गठन किया और मार्च में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है जिसका एक मात्र एजेंडा मणिपुर से अफस्पा को हटाना है.टिप्पणियां मणिपुर विधानसभा चुनाव से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत कर रहीं इरोम शर्मिला का कहना है कि उन्होंने विवादित कानून एएफएसपीए के खिलाफ अपनी लड़ाई छोड़ी नहीं है बल्कि इसे ख़त्म करवाने की रणनीति में थोड़ा बदलाव किया है.  मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए चार और आठ मार्च को दो चरणों में चुनाव होना है. चुनाव के परिणाम 11 मार्च को घोषित किए जाएंगे. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 42 सीटों पर जीत हासिल की थी और ओ इबोबी सिंह एक बार फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. मणिपुर विधानसभा चुनाव से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत कर रहीं इरोम शर्मिला का कहना है कि उन्होंने विवादित कानून एएफएसपीए के खिलाफ अपनी लड़ाई छोड़ी नहीं है बल्कि इसे ख़त्म करवाने की रणनीति में थोड़ा बदलाव किया है.  मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए चार और आठ मार्च को दो चरणों में चुनाव होना है. चुनाव के परिणाम 11 मार्च को घोषित किए जाएंगे. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 42 सीटों पर जीत हासिल की थी और ओ इबोबी सिंह एक बार फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए चार और आठ मार्च को दो चरणों में चुनाव होना है. चुनाव के परिणाम 11 मार्च को घोषित किए जाएंगे. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 42 सीटों पर जीत हासिल की थी और ओ इबोबी सिंह एक बार फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने थे.
बिहार के नक्सल प्रभावित औरंगाबाद के तीन हार्डकोर नक्सलियों ने बुधवार को पुलिस के सामने हथियार के साथ आत्मसमर्पण कर दिया. इन पर बिहार सरकार ने एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था. पुलिस अधीक्षक बाबू राम के अनुसार, मदनपुर में तीनों नक्सलियों ने हथियार के साथ आत्मसमर्पण कर दिया. इनमें एरिया कमांडर आनंदी सिंह, नागेश्वर सिंह और सब जोनल कमांडर संजय यादव शामिल हैं. आनंदी सिंह ने पुलिस से लूटी गई एक रायफल और 15 गोली, नागेश्वर सिंह ने एक देसी कार्बाइन देकर आत्मसमर्पण किया. तीनों नक्सलियों पर एक-एक लाख रुपये का इनाम सरकार ने घोषित कर रखा था. इनके पुनर्वास में सहायता दी जाएगी.
अलगू राय शास्त्री ( जन्म २९ जनवरी १९०० ) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, राजनेता, शिक्षाविद् एवं कानूनविद् थे वे पहली लोकसभा के आजमगढ़ पूर्व से सदस्य थे, जिसे अब घोसी कहा जाता है। वे संविधान सभा के सदस्य थे। वे उत्तर प्रदेश काँग्रेस के प्रेसिडेंट थे। संविधान सभा में उन्होंने अपने वाक-चातुर्य से सबको प्रभावित किया। हिंदी को राजभाषा बनाए जाने के सवाल पर उनकी वक्तृता ने राष्ट्रभाषा के गौरव को स्थापित किया। शास्त्री जी का जन्म २९ जनवरी १९०० में अमिला गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम द्वारिका राय तथा माता का नाम कमल देवी था। इनकी प्रारंभिक शिक्षा अमिला व उच्च शिक्षा काशी विद्यापीठ वाराणसी से पूरा हुआ। १९२० में असहयोग आंदोलन में विद्यार्थी होते हुए भी जेल यात्रा किए। जेल से छूटने के बाद १९२३ में विद्यापीठ से शास्त्री की डिग्री प्राप्त कर सक्रिय राजनीति में भागीदारी की। आपने राजनीति के आलवा साहित्य के क्षेत्र में भी काम किया। सन्दर्भ माटी के लाल - http://thesharpreporter.com/?p=13375 प्रथम लोक सभा सदस्य उत्तर प्रदेश के लोग आज़मगढ़ के महत्वपूर्ण व्यक्तित्व
तलाक़ के बाद भी अभिनेता पुलकित सम्राट और उनकी तलाकशुदा पत्नी श्वेता रोहिरा एक दूसरे पर आरोप लगाने से नहीं रुक रहे हैं। इस बार आरोप लगाया है श्वेता रोहिरा ने और उन्होंने यामी गौतम को अपनी शादी टूटने का जिम्मेदार ठहराते हुए यामी को घर तोड़ने वाली महिला कहा है। जब से पुलकित और श्वेता का तलाक हुआ है तभी से इस तलाक की वजह यामी गौतम को माना जा रहा था क्योंकि फिल्म 'सनम रे' की शूटिंग के दौरान दोनों की दोस्ती और क़रीबी चर्चा में आई थी। मगर 2-3 दिन पहले एक अख़बार को दिए इंटरव्यू में पुलकित ने यामी को बेक़सूर कहते हुए तलाक का जिम्मेदार अपनी सास यानी श्वेता की मां को कहा था। पुलकित ने कहा था कि श्वेता की मां हमारी घरेलू ज़िन्दगी में ज़रुरत से ज़यादा दखल दे रही थी और श्वेता का कोई भी फ़ैसला उसका खुद का नहीं, उसकी मां का होता था। अब श्वेता ने एक अख़बार को इंटरव्यू दिया और कहा कि उनकी शादी टूटने की वजह यामी गौतम है जो सनम रे की शूटिंग के दौरान पुलकित के करीब आई और उसी ने मेरा घर तोड़ा है। श्वेता ने यामी को घर तोड़ने वाली महिला भी कहा। टिप्पणियां श्वेता ने अपनी और पुलकित की शादी को लेकर एक और खुलासा किया जिसमें कहा कि 2014 में जो शादी हुई थी, वह दूसरी शादी थी। वे 2010 में ही शादी कर चुके थे। कुछ पारिवारिक उलझनों की वजह से वह शादी सामने नहीं आई थी और 2014 में दोबारा इन दोनों ने शादी की।   जब से पुलकित और श्वेता का तलाक हुआ है तभी से इस तलाक की वजह यामी गौतम को माना जा रहा था क्योंकि फिल्म 'सनम रे' की शूटिंग के दौरान दोनों की दोस्ती और क़रीबी चर्चा में आई थी। मगर 2-3 दिन पहले एक अख़बार को दिए इंटरव्यू में पुलकित ने यामी को बेक़सूर कहते हुए तलाक का जिम्मेदार अपनी सास यानी श्वेता की मां को कहा था। पुलकित ने कहा था कि श्वेता की मां हमारी घरेलू ज़िन्दगी में ज़रुरत से ज़यादा दखल दे रही थी और श्वेता का कोई भी फ़ैसला उसका खुद का नहीं, उसकी मां का होता था। अब श्वेता ने एक अख़बार को इंटरव्यू दिया और कहा कि उनकी शादी टूटने की वजह यामी गौतम है जो सनम रे की शूटिंग के दौरान पुलकित के करीब आई और उसी ने मेरा घर तोड़ा है। श्वेता ने यामी को घर तोड़ने वाली महिला भी कहा। टिप्पणियां श्वेता ने अपनी और पुलकित की शादी को लेकर एक और खुलासा किया जिसमें कहा कि 2014 में जो शादी हुई थी, वह दूसरी शादी थी। वे 2010 में ही शादी कर चुके थे। कुछ पारिवारिक उलझनों की वजह से वह शादी सामने नहीं आई थी और 2014 में दोबारा इन दोनों ने शादी की।   अब श्वेता ने एक अख़बार को इंटरव्यू दिया और कहा कि उनकी शादी टूटने की वजह यामी गौतम है जो सनम रे की शूटिंग के दौरान पुलकित के करीब आई और उसी ने मेरा घर तोड़ा है। श्वेता ने यामी को घर तोड़ने वाली महिला भी कहा। टिप्पणियां श्वेता ने अपनी और पुलकित की शादी को लेकर एक और खुलासा किया जिसमें कहा कि 2014 में जो शादी हुई थी, वह दूसरी शादी थी। वे 2010 में ही शादी कर चुके थे। कुछ पारिवारिक उलझनों की वजह से वह शादी सामने नहीं आई थी और 2014 में दोबारा इन दोनों ने शादी की।   श्वेता ने अपनी और पुलकित की शादी को लेकर एक और खुलासा किया जिसमें कहा कि 2014 में जो शादी हुई थी, वह दूसरी शादी थी। वे 2010 में ही शादी कर चुके थे। कुछ पारिवारिक उलझनों की वजह से वह शादी सामने नहीं आई थी और 2014 में दोबारा इन दोनों ने शादी की।
महाद्वीपीय यूरोप में जारी होने वाली ज्यूरिख 4 और 6 पहली डाक टिकटें थीं जिन्हें, 1 मार्च 1843 को जारी किया गया था। दोनों टिकटों के शीर्ष पर ज्यूरिख लिखा था। 4-रैपन की टिकट के सबसे नीचे "Local-Taxe" (स्थानीय कर) अंकित था, जिसका अर्थ था कि यह टिकट सिर्फ स्थानीय डाक के इस्तेमाल के लिए ही थी। जबकि 6-रैपन की टिकट के नीचे "Cantonal-Taxe" (कैण्टन कर) अंकित था और इसे पूरे कैण्टन में डाक भेजने के लिए प्रयोग किया जा सकता था। सन्दर्भ डाक टिकट
हितकारिणी सभा मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्थित एक ऐतिहासिक, शैक्षणिक संस्था है। यह संस्था इस क्षेत्र के कुछ सबसे पुराने शिक्षण संस्थान संचालित करती है। इसकी स्थापना १८६८ में राज बलवन्त राव खेर, दीवान बिहारीलाल खजांची, तथा श्री अम्बिका चरण बनर्जी ने की थी। सेठ गोविन्ददास के अनुरोध पर हितकारिणी सभा ने राष्ट्रवादी विचारों को पोषण देना आरम्भ किया। इसके द्वारा संचालित विद्यालयों के विद्यार्थियों ने स्वराज आन्दोलन में बढ़चढ़कर भाग लिया। इस सभा ने हिन्दी भाषा के विकास में महती भूमिका निभायी। 1871 में हुई एक बैठक में सभा ने न्यायालयों में प्रयुक्त भाषा के प्रश्न पर विचार किया। १० में से ८ सदस्यों ने माना कि इस कार्य के लिये उर्दू की अपेक्षा हिन्दी अधिक उपयुक्त है। संस्था ने कुछ समय तक एक साहित्यिक पत्रिका का भी प्रकाशन किया तथा प्रमुख हिन्दी लेखकों के सम्मेलन भी आयोजित किये।सेठ गोविन्ददास इस सभा के ट्रस्टी के थे। उनके परिवार के अन्य सदस्य भी इस सभा की सेवा करते आ रहे हैं। रविशंकर शुक्ल, रजनीश, महर्षि महेश योगी, गजानन माधव मुक्तिबोध आदि विद्वान इस सभा द्वारा संचालित संस्थाओं से ही निखरे थे। सन्दर्भ हिन्दी सेवी संस्थाएँ
यह लेख है: सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) सरकार को बड़ा झटका दिया है. कोर्ट ने फ़िल्म "भविष्येर भूत" पर प्रतिबंध के मामले में ममता सरकार को फटकार लगाते हुए 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. सुप्रीम कोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार (Mamata Banerjee Government) को कहा कि वे 20 लाख रुपये बांग्ला फिल्म निर्देशक अनिक दत्त और सिनेमा हॉल के मालिकों को दें.  दरसअल पश्चिम बंगाल में भविष्येर भूत पर बिना वजह प्रतिबंध को लगाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. गौरतलब है कि इस फिल्म में कथित तौर पर राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल काग्रेस समेत अन्य राजनीतिक पार्टियों पर कटाक्ष किया गया था. इसी वजह से पिछले महीने फिल्म रिलीज होने के एक दिन बाद इसे राज्य भर के सभी सिनेमा हॉल से हटा दिया गया था.  फिल्म निर्देशक अनिक दत्त ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर ही सभी सिनेमा हॉल में उनकी फिल्म का प्रदर्शन बंद किया गया है. बाद में इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि 15 फरवरी को यह फिल्म प्रदर्शित हुई थी लेकिन 16 फरवरी के बाद इसे बिना किसी कारण के कोलकाता के सभी सिनेमा हॉलों से हटा दिया गया था. सिनेमा हॉल प्रबंधन की ओर से कहा गया था कि ऊपर से आदेश है लेकिन ऊपर से किसने आदेश दिया, यह किसी ने भी नहीं बताया था. इसके खिलाफ पूरी बांग्ला फिल्म इंडस्ट्री सड़कों पर उतर गई थी लेकिन सिनेमा हॉल वालों की हिम्मत नहीं हुई कि इस फिल्म को दोबारा प्रदर्शित कर सके इसलिए इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई, जहां से फिल्म के प्रदर्शन को हरी झंडी दे दी गई.
मुंबई की विशेष अदालत ने पीएनबी से 13 हजार करोड़ के घोटाले के आरोपी नीरव मोदी के घर से जब्त 173 महंगी पेंटिंग्स और 11 लग्जरी कारों को नीलाम करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने ईडी को आदेश दिया है कि अगले हफ्ते इन पेंटिंग्स और कारों को नीलाम करें. इन पेंटिंग्स की कीमत 52.72 करोड़ रुपए है. ईडी ने 75 ठिकानों पर छापे मार कर नीरव मोदी की करीब 1900 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की थी. इनमें महंगे सामान, जेवर, कारें और पेंटिंग्स शामिल हैं. इसके अलावा हांगकांग, स्विट्जरलैंड, इंग्लैंड, अमेरिका, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात में 961.49 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की थी. बता दें कि भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को बुधवार को लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया है. उसे वेस्टमिंस्टर कोर्ट में पेश किया जाएगा. इसी कोर्ट ने उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था. बीते दिनों उसे लंदन में देखा गया था. इसके बाद भारतीय जांच एजेंसियों उसे भारत वापस लाने की कवायद में जुट गई है. जनवरी, 2018 में नीरव मोदी भारत से फरार हुआ था. नीरव मोदी की लग्जरी कारों का बेड़ा. इसमें मर्सडीज, लेक्सस, रोल्स रॉयस और पोर्श जैसी महंगी गाड़ियां शामिल हैं. नीरव मोदी पर आरोप नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी ने विदेश में कर्ज लेने के लिए धोखे से गारंटी पत्र (एलओयू) हासिल करके पंजाब नेशनल बैंक को करीब 13000 करोड़ रुपए का चूना लगाया. इस दौरान इन दोनों ने कई फर्जी कंपनियों को बनाया, फर्जी डायरेक्टर को बनाया और बैंक के साथ धोखा किया.
आलिकदम उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के बन्दरबान ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल ७ उपज़िले हैं, और मुख्यालय बन्दरबान सदर उपजिला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। जनसांख्यिकी यहाँ की आधिकारिक स्तर की भाषाएँ बांग्ला और अंग्रेज़ी है। तथा बांग्लादेश के किसी भी अन्य क्षेत्र की तरह ही, यहाँ की भी प्रमुख मौखिक भाषा और मातृभाषा बांग्ला है। बंगाली के अलावा अंग्रेज़ी भाषा भी कई लोगों द्वारा जानी और समझी जाती है, जबकि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक निकटता तथा भाषायी समानता के कारण, कई लोग सीमित मात्रा में हिंदुस्तानी(हिंदी/उर्दू) भी समझने में सक्षम हैं। यहाँ का बहुसंख्यक धर्म, इस्लाम है, जबकि प्रमुख अल्पसंख्यक धर्म, हिन्दू धर्म है। चट्टग्राम विभाग में, जनसांख्यिकीक रूप से, इस्लाम के अनुयाई, आबादी के औसतन ८६.९८% है, जबकि शेष जनसंख्या प्रमुखतः हिन्दू धर्म की अनुयाई है, तथा, चट्टग्राम विभाग के पार्वत्य इलाकों में कई बौद्ध जनजाति के लोग निवास करते हैं। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। अवस्थिति आलिकदम उपजिला बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्वी भाग में, चट्टग्राम विभाग के बन्दरबान जिले में स्थित है। इन्हें भी देखें बांग्लादेश के उपजिले बांग्लादेश का प्रशासनिक भूगोल बरिशाल विभाग उपज़िला निर्वाहि अधिकारी सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ उपज़िलों की सूची (पीडीएफ) (अंग्रेज़ी) जिलानुसार उपज़िलों की सूचि-लोकल गवर्नमेंट इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट, बांग्लादेश http://hrcbmdfw.org/CS20/Web/files/489/download.aspx (पीडीएफ) श्रेणी:चट्टग्राम विभाग के उपजिले बांग्लादेश के उपजिले
हैदराबाद राज्य, ब्रिटिश भारत की रियासत थी। इसमें वर्तमान तेलंगाना, मराठवाडा, उत्तर कर्नाटक, विदर्भ के कुछ भाग सम्मिलित थे। सन् १७२४ से सन् १९४८ तक निजाम हैदराबाद राज्य के शासक थे। स्वतंत्रता सेनानियों के प्रदीर्घ हैदराबाद मुक्ति संग्राम के उपरान्त १९४८ में भारत सरकार द्वारा निजाम शासन के विरुद्ध पुलीस कारवाई करके हैदराबाद को भारत में समाहित कर लिया गया। 17 सितम्बर 1948 का दिन भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में वास्तव में एक निर्णायक मोड़ था। हैदराबाद की जनता की सामूहिक इच्छा-शक्ति ने न केवल इस क्षेत्र को एक स्वतंत्र देश बनाने हेतु निजाम के प्रयासों को निष्फल कर दिया बल्कि इस प्रांत को भारत संघ में मिलाने का भी निश्चय किया। जब 15 अगस्त 1947 को पूरा भारत स्वतंत्रता दिवस मना रहा था तो निजाम के राजसी शासन के लोग हैदराबाद राज्य को भारत में मिलाने की मांग करने पर अत्याचार और दमन का सामना कर रहे थे। हैदराबाद की जनता ने निजाम और उसकी निजी सेना 'रजाकारों' की क्रूरता से निडर होकर अपनी आजादी के लिए पूरे जोश से लड़ाई जारी रखी। भारत के तत्कालीन गृहमंत्री एवं 'लौह पुरूष' सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा पुलिस कार्रवाई करने हेतु लिए गए साहसिक निर्णय ने निजाम को 17 सितम्बर 1948 को आत्म-समर्पण करने और भारत संघ में सम्मिलित होने पर मजबूर कर दिया। इस कार्यवाई को 'आपरेशन पोलो' नाम दिया गया था। इसलिए शेष भारत को अंग्रेजी शासन से स्वतंत्रता मिलने के बाद हैदराबाद की जनता को अपनी आजादी के लिए 13 महीने और 2 दिन संघर्ष करना पड़ा था। यदि निजाम को उसके षड़यंत्र में सफल होने दिया जाता तो भारत का नक्शा वह नहीं होता जो आज है। इन्हें भी देखें ऑपरेशन पोलो आसफ़ जाही राजवंश मीर उस्मान अली ख़ान
जुमे की नमाज के दौरान ऐतिहासिक मक्का मस्जिद में विस्फोट में 58 लोग घायल हो गए थे. यह घटना 18 मई 2007 को हुई थी. स्थानीय पुलिस की शुरुआती छानबीन के बाद मामला सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया गया. सीबीआई ने एक आरोपपत्र दाखिल किया. इसके बाद 2011 में सीबीआई से यह मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के पास गया.   सीबीआई ने एक आरोपपत्र दाखिल किया. इसके बाद 2011 में सीबीआई से यह मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के पास गया.
गोवा सरकार ने पणजी स्मार्ट सिटी के लिए 981.11 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और उसे मंगलावार को केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को सौंपा जाएगा. गोवा राज्य बुनियादी ढांचा विकास निगम के प्रबंध निदेशक संजीत रॉड्रिग्स ने कहा, 'प्रस्ताव में आर्थिक गतिशीलता, सार्वजनिक परिवहन प्रणाली और संरक्षण क्षेत्र में सुधार पर ज्यादा जोर दिया गया है. रॉड्रिग्स ने कहा कि सरकार को भरोसा है कि पणजी उन पहले 19 शहरों में शामिल होगा जो इस साल धन प्राप्त करेंगे.' मुख्य सचिव आर के श्रीवास्तव की अध्यक्षता में स्मार्ट सिटी पर उच्चाधिकार संयोजन समिति (एचपीसीसी) ने सोमवार को प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी दी जिसे मंगलवार केंद्र को सौंपा जाएगा. रॉड्रिग्स ने कहा कि प्रस्ताव के मुताबिक अगले पांच साल में केंद्र और राज्य सरकार के बीच 304.22 करोड़ रुपये की साझीदारी की उम्मीद है. इसके अलावा 299.98 करोड़ रुपये का वित्तपोषण सार्वजनिक निजी भागीदारी के जरिए होने की उम्मीद है. इनपुट: भाषा
न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान मार्टिन क्रो ने गुरुवार को कहा कि अपने 13 साल के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर के दौरान हुई बीमारियों के कारण उन्हें लिम्फोमा कैंसर से जूझना पड़ रहा है. क्रो ने कहा कि कैंसर का उपचार किया जा सकता है और वह इससे भी अपने खेल के दिनों की प्रतिबद्धता की तरह ही जंग लड़ेंगे. उन्होंने कहा, ‘जिस तरह मैं टेस्ट मैचों में लंबी पारी खेलने के लिये खुद को तैयार करता था उसी तरह से इस बीमारी से लड़ने की तैयारी भी कर रहा हूं. मैं अभी केवल मेरे आगे जो सबसे महत्वपूर्ण चीज है उस पर ध्यान दे रहा हूं और किसी अन्य चीज पर नहीं.’ पचास वर्षीय क्रो ने कहा कि उन्हें लगता है कि जब वह न्यूजीलैंड की तरफ से खेला करते थे तब बीमारियों की वजह से हुई उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो गयी थी जिससे उन्हें कैंसर जैसी बीमारी हो गयी. उनके अनुसार यह ग्रेड दो का फोलिकुलार लिम्फोमा है. उन्होंने कहा, ‘अपने क्रिकेट करियर में दौरों के दौरान मैं साल्मोनेला और ग्रंथियों के बुखार से पीड़ित रहा. इस वजह से पिछले दो दशक में मेरे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो गयी और यही कारण है कि मुझे इस तरह की बीमारी लगी है.’ न्यूजीलैंड की तरफ से 77 टेस्ट मैच में 17 शतक जड़ने वाले मार्टिन क्रो को देश का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज माना जाता है.
यह एक लेख है: निर्वासित बलूच नेता ब्रह्मदाग बुगती ने सोमवार को कहा कि वह जल्द ही भारत में शरण के लिए आवेदन करेंगे. बुगती पाकिस्तान के खिलाफ बलूच आंदोलन में अग्रिम मोर्चे पर रहे हैं. बलूच राष्ट्रवादी नेता नवाब अकबर खान बुगती के पोते ब्रह्मदाग ने कहा कि वह शरण के लिए जिनेवा स्थित भारतीय दूतावास के जरिए भारत सरकार के समक्ष आवेदन दायर करेंगे. 10 साल पहले पाकिस्तानी बलों ने नवाब अकबर खान बुगती की हत्या कर दी थी. ब्रह्मदाग बुगती ने संवाददाताओं से कहा, 'हमने भारत सरकार के समक्ष जल्द ही शरण दस्तावेज दायर करने का फैसला किया है. हम आवेदन की कानूनी प्रक्रिया का पालन करेंगे.' बुगती फिलहाल स्विटजरलैंड में निर्वासन में रह रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि बलूच रिपब्लिकन पार्टी ने पाकिस्तानी सेना के जनरलों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत से संपर्क करने का भी फैसला किया है. बुगती ने कहा कि बलूच रिपब्लिकन पार्टी ने चीन के खिलाफ भी अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत में मामला दायर करने का फैसला किया है और इस काम में मदद के लिए पार्टी भारत, अफगानिस्तान तथा बांग्लादेश से भी संपर्क करेगी. टिप्पणियां पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में बलूचिस्तान की स्थिति का मुद्दा उठाने पर बुगती ने उनका धन्यवाद व्यक्त किया था.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) 10 साल पहले पाकिस्तानी बलों ने नवाब अकबर खान बुगती की हत्या कर दी थी. ब्रह्मदाग बुगती ने संवाददाताओं से कहा, 'हमने भारत सरकार के समक्ष जल्द ही शरण दस्तावेज दायर करने का फैसला किया है. हम आवेदन की कानूनी प्रक्रिया का पालन करेंगे.' बुगती फिलहाल स्विटजरलैंड में निर्वासन में रह रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि बलूच रिपब्लिकन पार्टी ने पाकिस्तानी सेना के जनरलों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत से संपर्क करने का भी फैसला किया है. बुगती ने कहा कि बलूच रिपब्लिकन पार्टी ने चीन के खिलाफ भी अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत में मामला दायर करने का फैसला किया है और इस काम में मदद के लिए पार्टी भारत, अफगानिस्तान तथा बांग्लादेश से भी संपर्क करेगी. टिप्पणियां पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में बलूचिस्तान की स्थिति का मुद्दा उठाने पर बुगती ने उनका धन्यवाद व्यक्त किया था.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने यह भी कहा कि बलूच रिपब्लिकन पार्टी ने पाकिस्तानी सेना के जनरलों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत से संपर्क करने का भी फैसला किया है. बुगती ने कहा कि बलूच रिपब्लिकन पार्टी ने चीन के खिलाफ भी अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत में मामला दायर करने का फैसला किया है और इस काम में मदद के लिए पार्टी भारत, अफगानिस्तान तथा बांग्लादेश से भी संपर्क करेगी. टिप्पणियां पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में बलूचिस्तान की स्थिति का मुद्दा उठाने पर बुगती ने उनका धन्यवाद व्यक्त किया था.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में बलूचिस्तान की स्थिति का मुद्दा उठाने पर बुगती ने उनका धन्यवाद व्यक्त किया था.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
यह लेख है: सैराट के दृश्य बार बार आंखों पर समंदर की लहरों के थपेड़े जैसे लगते हैं। दिल दिमाग़ कहीं और उलझा रहता है अचानक फ़िल्म की तस्वीर ज़ेहन में कहीं से उभर आती है। जब से सैराट देखी है सैराट से भाग नहीं पा रहा हूं। ऐसा लगता है कि किसी ने घर के कोने कोने में सैराट की एक एक तस्वीर फ्रेम कराकर टांग दी है। बहुत दिनों बाद ऐसी ललकारी फ़िल्म देखी है। सैराट मराठी में बनी है मगर इसके दृश्य बिना भाषा की मदद के क्रूर समाजों में पसर जाने की क्षमता रखते हैं। यदि आप तमिलनाडु की दलित और ओबीसी की हिंसा, मुज़फ़्फ़रनगर से लेकर आगरा तक के लव जिहादियों, हरियाणा के खाप पंचायतों, राजस्थान में एक दलित लड़की डेल्टा के साथ हुए बलात्कार, मध्य प्रदेश के गांवों में दलित दूल्हे को घोड़े पर न चढ़ने देने की घटना को सामान्य रूप से पचा लेते हैं तो आप सैराट के दर्शक कैसे हो सकते हैं। मैं यही सोच कर बेचैन हूं कि इसे देखने वाला समाज बदल गया है, बदल चुका है या कुछ भी कर लो फ़िल्म देख लेगा मगर बदलेगा नहीं। कौन लोग हैं ये जिन्हें सैराट पसंद आ रही है। वायलिन और बीथोवन की सिम्फनी की धुनों के सहारे इसके संगीत आपको अपनी सीट से हवा में उछाल देते हैं, आप उछले रहे होते हैं। इसीलिए उन तमाम आधुनिक पलों को उपलब्ध करवा देते हैं जो आप भारत के किसी कस्बाई अंचल में रहते हुए दिल्ली मुंबई आने से पहले पाना चाहते हैं। घर लौट कर सैराट के गाने को बार बार सुनता रहा। लगा ही नहीं कि मराठी जानने की ज़रूरत है। निर्देशक नागराज की टीम ने संगीत से जो कमाल किया है वह उनके दृश्यों के कमाल से कम नहीं है। इसके गाने नचा देते हैं। खेतों में दौड़ा देते हैं। झूमा देते हैं। उड़ा देते हैं। गाने के स्केल में सबसे नीचे चीत्कार की धुनें आहट देती रहती हैं जिन्हें आगे चलकर तलवार की तरह सीने में धंस जाना होता है। अवसाद में डुबा देने से पहले उल्लास का ऐसा मस्त जश्न याद नहीं कब देखा था। पिछले हफ्ते मुंबई में एक दिन के लिए था। पान वाले से लेकर कार चलाने वाले जिससे भी पूछा कि सैराट देखी क्या। सब जवाब देते देते खो गए जैसे उस वक्त सैराट ही देख रहे हों। सुबह की फ्लाइट के लिए जो कार चालक आया था, उससे भी यही पूछा कि मुझे सैराट के पोस्टर नहीं दिख रहे हैं। ताज विवांता से निकलते ही वह मुझसे ज़्यादा बेचैन हो गया। मुझे किसी तरह पोस्टर दिखा देना चाहता था। साहब मुंबई में फ़िल्म बनती है मगर यहां हर जगह पोस्टर नहीं लगते। चलिए रास्ते में खोजते हैं। हम दोनों सैराट का पोस्टर खोजने लगे। नहीं खोज पाए। हवाई अड्डा आ गया। हाल ही में इंडियन एक्सप्रेस में दलित लड़की और ओबीसी लड़के की प्रेम कहानी को काट काट कर ख़त्म कर दिये जाने की घटना को पढ़ते पढ़ते यही हालत हो गई थी। कुछ भी हो जाए यहां के लोगों के क्रूर हो जाने की क्षमता को कभी कम मत आंकना। वे अभी अभी तो कांगों के प्रतिभाशाली लड़के को मार कर लौटे हैं और उन्हें किसी और को मारने जाना है। एक झटके में बिना किसी अफ़सोस के मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिये जाने लायक एक केंद्रीय मंत्री का कहना है कि यह मामूली घटना है। लेकिन क्या उस मंत्री की तरह हम सभी ऐसी घटनाओं को मामूली समझ कर आगे नहीं बढ़ जाते हैं। मुझे अपने देश के लोगों से डर लगता है। उनके भीड़ बन जाने की स्वाभाविक प्रवृत्ति से डर लगता है। दुनिया भर में लोग भीड़ बन जाते हैं। मुझे दुनिया से मतलब नहीं है। मुझे वहां से मतलब है जहां मैं रहता हूं। हर समय एक भीड़ आती जाती दिखाई देती है। लोगों का घर चूल्हा हो गया है जिसकी आंच तेज़ रहे इसलिए हर चूल्हे के सामने एक टेबल फैन रखा है जिसे हम टेलिविज़न कहते हैं। घर में बैठे बैठे लोगों को भीड़ में बदलने का हथियार। आखिर अख़बार और चैनल इतनी आसानी से सत्ता के सामान कैसे हो जाते हैं? भीड़ बनाने के हथियार कैसे हो जाते हैं? ख़ैर उस चूल्हे के सामने लगे टेबल फैन के सामने एक एंकर आता है फूंक मारता है, आग लग जाती है और भीड़ बन जाती है। नागराज ने उसी टीवी पर महल से लेकर झोपड़ी तक में मनोरंजन के कार्यक्रम चलते दिखाया है। समाज का यथार्थ कुछ और है और टीवी का कुछ और। सैराट का कैमरा असली कहानीकार है। इस कैमरे ने अपनी आंखों से हमारे भीतर क्रूरता बनने की तमाम संभावनों और पलों को सूक्ष्मता से पकड़ा है। कैमरे ने महाराष्ट्र के कस्बाई अंचल को मुंबई के स्टारडमीय दृश्यों पर ऐसा हावी करता है कि आप आर्ची को देखते हुए सिर्फ आर्ची को देखते हैं। सोनम कपूर कटरीना या दीपिका के आने का इंतज़ार नहीं करते हैं। आर्ची नायिका नहीं है। नागरिक है। परस्या नायक नहीं है। नागरिक है। एक सामान्य नागरिक होकर आपके जीवन का अधिकार आपका नहीं है। समाज और उसकी परंपराओं का है। इस देश में संविधान से ज़्यादा परंपराएं संविधान हैं। इसलिए मुझे लोगों के भीड़ बन जाने से डर लगता है। यह फ़िल्म इसलिए भी पढ़ी और पढ़ाई जाएगी कि इस हिन्दुस्तान में एक नौजवान लड़की तभी तक घुड़सवारी, बुलेट और ट्रैक्टर चला सकती है जब तक वह अपने पिता के ताक़तवर संसार और उसके पाटिल होने की परंपरा की छत्र छाया में है। उसके हाथ से गोली चलते ही उसकी बहादुरी की सारी गारंटी समाप्त हो जाती है। उसके बाद के सारे प्रसंग उस यथार्थ के करीब ले जाते हैं जहां आज की अर्थव्यवस्था से बेदख़ल कर दिये गए लोग रहते हैं जिन्हें हम झुग्गी कहते हैं। समाज से बेदख़ल हुए प्रेमियों को भी उसी स्लम में आकर रहना पड़ता है। आर्ची नदी के किनारे सखियों के संग नहाने वाली या स्वीमिंग पूल में किसी नायक के साथ अटखेलियां करने वाली नायिका नहीं है। वह किसी गहरे कुएं में कूद जाने का साहस रखने वाली नागरिक है। यह साहस उसे प्रेम का चुनाव तो करवा लेता है मगर बचा नहीं पाता। क्योंकि, हमारा समाज ऐसा ही है। वह सब कुछ थम जाने के बाद चुपचाप लौटता है। मार देता है। फ़िल्म एक दूजे के लिए में प्रेमी प्रेमिकाओं को जो मौत नसीब हुई उसने दक्षिण और उत्तर की खाई को गहरा ही किया था। समाज से बाहर गए तो यही अंजाम होगा। यही तो बताया था कि सिर्फ तिरंगा लेकर दौड़ जाने से सारा देश देश नहीं हो जाता है। क़यामत से क़यामत तक में जाति की शान से प्रेमी मार दिये जाते हैं। देश ज़रूर बदला है। हमारे युवा इन प्रश्नों को समझते तो हैं मगर ज़्यादातर सैराट का दर्शक बनने की योग्यता भी खो देते हैं। उससे शादी नहीं करते जिसे पूरी जवानी चिट्ठी लिखते रहते हैं। व्यवस्था से प्यार करने वाली ऐसी बेकार जवानियां मैंने नहीं देखी। ये जवानी ऐप बना सकती है प्रेमी नहीं हो सकती। मुझे भारत का हर नौजवान असफल और कुंठित प्रेमी की तरह दिखता है। सैराट का पाटिल लगता है।टिप्पणियां नागराज की यह फ़िल्म भारतीय दर्शक समाज में मराठी के विस्तार का वाहक बनेगी। इसके दृश्य भाषा की दीवार को पार कर जाते हैं। हमने महाराष्ट्र के कुओं को सिर्फ सूखते देखा है। सैराट में पानी से लबालब भरे इन कुओं को देखकर लगा कि जीवन की कितनी संभावनाएं अब भी बची हैं। बहुत दिनों बाद किसी फ़िल्म में नदी जैसी कोई नदी दिखी है। साफ सुथरी मछलियों से भरी हुई। क़स्बे के फ़िल्मों में दृश्यों का महानगरों की तुलना में कितना विस्तार है। उनका आकाश कितना बड़ा है। ज़मीन कितनी हरी है। महाराष्ट्र कितना सुंदर है। सबकुछ है मगर किसी पाटिल की बेटी किसी मछुआरे के बेटे से प्यार नहीं कर सकती है। लोकतंत्र में हम लोग सिर्फ मतदान के दिन बराबर होते हैं। ऑनर किलिंग का हम आज तक माक़ूल देसी शब्द नहीं खोज सके लेकिन पूरे देश में इस हत्या का एक ही देसी रूप आपको मिलेगा। आप मराठी नहीं समझते तो भी सैराट देखिये। लैपटॉप पर बिल्कुल न देखें। सिनेमा हॉल पर जाकर देखिये। नागराज ने दृश्यों को शब्द में बदल दिया है। आप मराठी में सैराट देख रहे होंगे लेकिन आपको आपकी भाषा सुनाई देगी। आपका समाज दिखाई देगा। मुझे यह अफ़सोस ज़रूर हुआ कि मराठी क्यों नहीं जानता। जानता तो सैराट के एक एक शब्द को समेट लेता। सैराट सब देख रहे हैं। आप भी देख लीजियेगा। सैराट मराठी में बनी है मगर इसके दृश्य बिना भाषा की मदद के क्रूर समाजों में पसर जाने की क्षमता रखते हैं। यदि आप तमिलनाडु की दलित और ओबीसी की हिंसा, मुज़फ़्फ़रनगर से लेकर आगरा तक के लव जिहादियों, हरियाणा के खाप पंचायतों, राजस्थान में एक दलित लड़की डेल्टा के साथ हुए बलात्कार, मध्य प्रदेश के गांवों में दलित दूल्हे को घोड़े पर न चढ़ने देने की घटना को सामान्य रूप से पचा लेते हैं तो आप सैराट के दर्शक कैसे हो सकते हैं। मैं यही सोच कर बेचैन हूं कि इसे देखने वाला समाज बदल गया है, बदल चुका है या कुछ भी कर लो फ़िल्म देख लेगा मगर बदलेगा नहीं। कौन लोग हैं ये जिन्हें सैराट पसंद आ रही है। वायलिन और बीथोवन की सिम्फनी की धुनों के सहारे इसके संगीत आपको अपनी सीट से हवा में उछाल देते हैं, आप उछले रहे होते हैं। इसीलिए उन तमाम आधुनिक पलों को उपलब्ध करवा देते हैं जो आप भारत के किसी कस्बाई अंचल में रहते हुए दिल्ली मुंबई आने से पहले पाना चाहते हैं। घर लौट कर सैराट के गाने को बार बार सुनता रहा। लगा ही नहीं कि मराठी जानने की ज़रूरत है। निर्देशक नागराज की टीम ने संगीत से जो कमाल किया है वह उनके दृश्यों के कमाल से कम नहीं है। इसके गाने नचा देते हैं। खेतों में दौड़ा देते हैं। झूमा देते हैं। उड़ा देते हैं। गाने के स्केल में सबसे नीचे चीत्कार की धुनें आहट देती रहती हैं जिन्हें आगे चलकर तलवार की तरह सीने में धंस जाना होता है। अवसाद में डुबा देने से पहले उल्लास का ऐसा मस्त जश्न याद नहीं कब देखा था। पिछले हफ्ते मुंबई में एक दिन के लिए था। पान वाले से लेकर कार चलाने वाले जिससे भी पूछा कि सैराट देखी क्या। सब जवाब देते देते खो गए जैसे उस वक्त सैराट ही देख रहे हों। सुबह की फ्लाइट के लिए जो कार चालक आया था, उससे भी यही पूछा कि मुझे सैराट के पोस्टर नहीं दिख रहे हैं। ताज विवांता से निकलते ही वह मुझसे ज़्यादा बेचैन हो गया। मुझे किसी तरह पोस्टर दिखा देना चाहता था। साहब मुंबई में फ़िल्म बनती है मगर यहां हर जगह पोस्टर नहीं लगते। चलिए रास्ते में खोजते हैं। हम दोनों सैराट का पोस्टर खोजने लगे। नहीं खोज पाए। हवाई अड्डा आ गया। हाल ही में इंडियन एक्सप्रेस में दलित लड़की और ओबीसी लड़के की प्रेम कहानी को काट काट कर ख़त्म कर दिये जाने की घटना को पढ़ते पढ़ते यही हालत हो गई थी। कुछ भी हो जाए यहां के लोगों के क्रूर हो जाने की क्षमता को कभी कम मत आंकना। वे अभी अभी तो कांगों के प्रतिभाशाली लड़के को मार कर लौटे हैं और उन्हें किसी और को मारने जाना है। एक झटके में बिना किसी अफ़सोस के मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिये जाने लायक एक केंद्रीय मंत्री का कहना है कि यह मामूली घटना है। लेकिन क्या उस मंत्री की तरह हम सभी ऐसी घटनाओं को मामूली समझ कर आगे नहीं बढ़ जाते हैं। मुझे अपने देश के लोगों से डर लगता है। उनके भीड़ बन जाने की स्वाभाविक प्रवृत्ति से डर लगता है। दुनिया भर में लोग भीड़ बन जाते हैं। मुझे दुनिया से मतलब नहीं है। मुझे वहां से मतलब है जहां मैं रहता हूं। हर समय एक भीड़ आती जाती दिखाई देती है। लोगों का घर चूल्हा हो गया है जिसकी आंच तेज़ रहे इसलिए हर चूल्हे के सामने एक टेबल फैन रखा है जिसे हम टेलिविज़न कहते हैं। घर में बैठे बैठे लोगों को भीड़ में बदलने का हथियार। आखिर अख़बार और चैनल इतनी आसानी से सत्ता के सामान कैसे हो जाते हैं? भीड़ बनाने के हथियार कैसे हो जाते हैं? ख़ैर उस चूल्हे के सामने लगे टेबल फैन के सामने एक एंकर आता है फूंक मारता है, आग लग जाती है और भीड़ बन जाती है। नागराज ने उसी टीवी पर महल से लेकर झोपड़ी तक में मनोरंजन के कार्यक्रम चलते दिखाया है। समाज का यथार्थ कुछ और है और टीवी का कुछ और। सैराट का कैमरा असली कहानीकार है। इस कैमरे ने अपनी आंखों से हमारे भीतर क्रूरता बनने की तमाम संभावनों और पलों को सूक्ष्मता से पकड़ा है। कैमरे ने महाराष्ट्र के कस्बाई अंचल को मुंबई के स्टारडमीय दृश्यों पर ऐसा हावी करता है कि आप आर्ची को देखते हुए सिर्फ आर्ची को देखते हैं। सोनम कपूर कटरीना या दीपिका के आने का इंतज़ार नहीं करते हैं। आर्ची नायिका नहीं है। नागरिक है। परस्या नायक नहीं है। नागरिक है। एक सामान्य नागरिक होकर आपके जीवन का अधिकार आपका नहीं है। समाज और उसकी परंपराओं का है। इस देश में संविधान से ज़्यादा परंपराएं संविधान हैं। इसलिए मुझे लोगों के भीड़ बन जाने से डर लगता है। यह फ़िल्म इसलिए भी पढ़ी और पढ़ाई जाएगी कि इस हिन्दुस्तान में एक नौजवान लड़की तभी तक घुड़सवारी, बुलेट और ट्रैक्टर चला सकती है जब तक वह अपने पिता के ताक़तवर संसार और उसके पाटिल होने की परंपरा की छत्र छाया में है। उसके हाथ से गोली चलते ही उसकी बहादुरी की सारी गारंटी समाप्त हो जाती है। उसके बाद के सारे प्रसंग उस यथार्थ के करीब ले जाते हैं जहां आज की अर्थव्यवस्था से बेदख़ल कर दिये गए लोग रहते हैं जिन्हें हम झुग्गी कहते हैं। समाज से बेदख़ल हुए प्रेमियों को भी उसी स्लम में आकर रहना पड़ता है। आर्ची नदी के किनारे सखियों के संग नहाने वाली या स्वीमिंग पूल में किसी नायक के साथ अटखेलियां करने वाली नायिका नहीं है। वह किसी गहरे कुएं में कूद जाने का साहस रखने वाली नागरिक है। यह साहस उसे प्रेम का चुनाव तो करवा लेता है मगर बचा नहीं पाता। क्योंकि, हमारा समाज ऐसा ही है। वह सब कुछ थम जाने के बाद चुपचाप लौटता है। मार देता है। फ़िल्म एक दूजे के लिए में प्रेमी प्रेमिकाओं को जो मौत नसीब हुई उसने दक्षिण और उत्तर की खाई को गहरा ही किया था। समाज से बाहर गए तो यही अंजाम होगा। यही तो बताया था कि सिर्फ तिरंगा लेकर दौड़ जाने से सारा देश देश नहीं हो जाता है। क़यामत से क़यामत तक में जाति की शान से प्रेमी मार दिये जाते हैं। देश ज़रूर बदला है। हमारे युवा इन प्रश्नों को समझते तो हैं मगर ज़्यादातर सैराट का दर्शक बनने की योग्यता भी खो देते हैं। उससे शादी नहीं करते जिसे पूरी जवानी चिट्ठी लिखते रहते हैं। व्यवस्था से प्यार करने वाली ऐसी बेकार जवानियां मैंने नहीं देखी। ये जवानी ऐप बना सकती है प्रेमी नहीं हो सकती। मुझे भारत का हर नौजवान असफल और कुंठित प्रेमी की तरह दिखता है। सैराट का पाटिल लगता है।टिप्पणियां नागराज की यह फ़िल्म भारतीय दर्शक समाज में मराठी के विस्तार का वाहक बनेगी। इसके दृश्य भाषा की दीवार को पार कर जाते हैं। हमने महाराष्ट्र के कुओं को सिर्फ सूखते देखा है। सैराट में पानी से लबालब भरे इन कुओं को देखकर लगा कि जीवन की कितनी संभावनाएं अब भी बची हैं। बहुत दिनों बाद किसी फ़िल्म में नदी जैसी कोई नदी दिखी है। साफ सुथरी मछलियों से भरी हुई। क़स्बे के फ़िल्मों में दृश्यों का महानगरों की तुलना में कितना विस्तार है। उनका आकाश कितना बड़ा है। ज़मीन कितनी हरी है। महाराष्ट्र कितना सुंदर है। सबकुछ है मगर किसी पाटिल की बेटी किसी मछुआरे के बेटे से प्यार नहीं कर सकती है। लोकतंत्र में हम लोग सिर्फ मतदान के दिन बराबर होते हैं। ऑनर किलिंग का हम आज तक माक़ूल देसी शब्द नहीं खोज सके लेकिन पूरे देश में इस हत्या का एक ही देसी रूप आपको मिलेगा। आप मराठी नहीं समझते तो भी सैराट देखिये। लैपटॉप पर बिल्कुल न देखें। सिनेमा हॉल पर जाकर देखिये। नागराज ने दृश्यों को शब्द में बदल दिया है। आप मराठी में सैराट देख रहे होंगे लेकिन आपको आपकी भाषा सुनाई देगी। आपका समाज दिखाई देगा। मुझे यह अफ़सोस ज़रूर हुआ कि मराठी क्यों नहीं जानता। जानता तो सैराट के एक एक शब्द को समेट लेता। सैराट सब देख रहे हैं। आप भी देख लीजियेगा। वायलिन और बीथोवन की सिम्फनी की धुनों के सहारे इसके संगीत आपको अपनी सीट से हवा में उछाल देते हैं, आप उछले रहे 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हैं। घर में बैठे बैठे लोगों को भीड़ में बदलने का हथियार। आखिर अख़बार और चैनल इतनी आसानी से सत्ता के सामान कैसे हो जाते हैं? भीड़ बनाने के हथियार कैसे हो जाते हैं? ख़ैर उस चूल्हे के सामने लगे टेबल फैन के सामने एक एंकर आता है फूंक मारता है, आग लग जाती है और भीड़ बन जाती है। नागराज ने उसी टीवी पर महल से लेकर झोपड़ी तक में मनोरंजन के कार्यक्रम चलते दिखाया है। समाज का यथार्थ कुछ और है और टीवी का कुछ और। सैराट का कैमरा असली कहानीकार है। इस कैमरे ने अपनी आंखों से हमारे भीतर क्रूरता बनने की तमाम संभावनों और पलों को सूक्ष्मता से पकड़ा है। कैमरे ने महाराष्ट्र के कस्बाई अंचल को मुंबई के स्टारडमीय दृश्यों पर ऐसा हावी करता है कि आप आर्ची को देखते हुए सिर्फ आर्ची को देखते हैं। सोनम कपूर कटरीना या दीपिका के आने का इंतज़ार नहीं करते हैं। आर्ची नायिका नहीं है। नागरिक है। परस्या नायक नहीं है। नागरिक है। एक सामान्य नागरिक होकर आपके जीवन का अधिकार आपका नहीं है। समाज और उसकी परंपराओं का है। इस देश में संविधान से ज़्यादा परंपराएं संविधान हैं। इसलिए मुझे लोगों के भीड़ बन जाने से डर लगता है। यह फ़िल्म इसलिए 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मछुआरे के बेटे से प्यार नहीं कर सकती है। लोकतंत्र में हम लोग सिर्फ मतदान के दिन बराबर होते हैं। ऑनर किलिंग का हम आज तक माक़ूल देसी शब्द नहीं खोज सके लेकिन पूरे देश में इस हत्या का एक ही देसी रूप आपको मिलेगा। आप मराठी नहीं समझते तो भी सैराट देखिये। लैपटॉप पर बिल्कुल न देखें। सिनेमा हॉल पर जाकर देखिये। नागराज ने दृश्यों को शब्द में बदल दिया है। आप मराठी में सैराट देख रहे होंगे लेकिन आपको आपकी भाषा सुनाई देगी। आपका समाज दिखाई देगा। मुझे यह अफ़सोस ज़रूर हुआ कि मराठी क्यों नहीं जानता। जानता तो सैराट के एक एक शब्द को समेट लेता। सैराट सब देख रहे हैं। आप भी देख लीजियेगा। हाल ही में इंडियन एक्सप्रेस में दलित लड़की और ओबीसी लड़के की प्रेम कहानी को काट काट कर ख़त्म कर दिये जाने की घटना को पढ़ते पढ़ते यही हालत हो गई थी। कुछ भी हो जाए यहां के लोगों के क्रूर हो जाने की क्षमता को कभी कम मत आंकना। वे अभी अभी तो कांगों के प्रतिभाशाली लड़के को मार कर लौटे हैं और उन्हें किसी और को मारने जाना है। एक झटके में बिना किसी अफ़सोस के मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिये जाने लायक एक केंद्रीय मंत्री का कहना है कि यह 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महाराष्ट्र के कस्बाई अंचल को मुंबई के स्टारडमीय दृश्यों पर ऐसा हावी करता है कि आप आर्ची को देखते हुए सिर्फ आर्ची को देखते हैं। सोनम कपूर कटरीना या दीपिका के आने का इंतज़ार नहीं करते हैं। आर्ची नायिका नहीं है। नागरिक है। परस्या नायक नहीं है। नागरिक है। एक सामान्य नागरिक होकर आपके जीवन का अधिकार आपका नहीं है। समाज और उसकी परंपराओं का है। इस देश में संविधान से ज़्यादा परंपराएं संविधान हैं। इसलिए मुझे लोगों के भीड़ बन जाने से डर लगता है। यह फ़िल्म इसलिए भी पढ़ी और पढ़ाई जाएगी कि इस हिन्दुस्तान में एक नौजवान लड़की तभी तक घुड़सवारी, बुलेट और ट्रैक्टर चला सकती है जब तक वह अपने पिता के ताक़तवर संसार और उसके पाटिल होने की परंपरा की छत्र छाया में है। उसके हाथ से गोली चलते ही उसकी बहादुरी की सारी गारंटी समाप्त हो जाती है। उसके बाद के सारे प्रसंग उस यथार्थ के करीब ले जाते हैं जहां आज की अर्थव्यवस्था से बेदख़ल कर दिये गए लोग रहते हैं जिन्हें हम झुग्गी कहते हैं। समाज से बेदख़ल हुए प्रेमियों को भी उसी स्लम में आकर रहना पड़ता है। आर्ची नदी के किनारे सखियों के संग नहाने वाली या स्वीमिंग पूल में किसी नायक के साथ अटखेलियां करने वाली नायिका नहीं है। वह किसी गहरे कुएं में कूद जाने का साहस रखने वाली नागरिक है। यह साहस उसे प्रेम का चुनाव तो करवा लेता है मगर बचा नहीं पाता। क्योंकि, हमारा समाज ऐसा ही है। वह सब कुछ थम जाने के बाद चुपचाप लौटता है। मार देता है। फ़िल्म एक दूजे के लिए में प्रेमी प्रेमिकाओं को जो मौत नसीब हुई उसने दक्षिण और उत्तर की खाई को गहरा ही किया था। समाज से बाहर गए तो यही अंजाम होगा। यही तो बताया था कि सिर्फ तिरंगा लेकर दौड़ जाने से सारा देश देश नहीं हो जाता है। क़यामत से क़यामत तक में जाति की शान से प्रेमी मार दिये जाते हैं। देश ज़रूर बदला है। हमारे युवा इन प्रश्नों को समझते तो हैं मगर ज़्यादातर सैराट का दर्शक बनने की योग्यता भी खो देते हैं। उससे शादी नहीं करते जिसे पूरी जवानी चिट्ठी लिखते रहते हैं। व्यवस्था से प्यार करने वाली ऐसी बेकार जवानियां मैंने नहीं देखी। ये जवानी ऐप बना सकती है प्रेमी नहीं हो सकती। मुझे भारत का हर नौजवान असफल और कुंठित प्रेमी की तरह दिखता है। सैराट का पाटिल लगता है।टिप्पणियां नागराज की यह फ़िल्म भारतीय दर्शक समाज में मराठी के विस्तार का वाहक बनेगी। इसके दृश्य भाषा की दीवार को पार कर जाते हैं। हमने महाराष्ट्र के कुओं को सिर्फ सूखते देखा है। सैराट में पानी से लबालब भरे इन कुओं को देखकर लगा कि जीवन की कितनी संभावनाएं अब भी बची हैं। बहुत दिनों बाद किसी फ़िल्म में नदी जैसी कोई नदी दिखी है। साफ सुथरी मछलियों से भरी हुई। क़स्बे के फ़िल्मों में दृश्यों का महानगरों की तुलना में कितना विस्तार है। उनका आकाश कितना बड़ा है। ज़मीन कितनी हरी है। महाराष्ट्र कितना सुंदर है। सबकुछ है मगर किसी पाटिल की बेटी किसी मछुआरे के बेटे से प्यार नहीं कर सकती है। लोकतंत्र में हम लोग सिर्फ मतदान के दिन बराबर होते हैं। ऑनर किलिंग का हम आज तक माक़ूल देसी शब्द नहीं खोज सके लेकिन पूरे देश में इस हत्या का एक ही देसी रूप आपको मिलेगा। आप मराठी नहीं समझते तो भी सैराट देखिये। लैपटॉप पर बिल्कुल न देखें। सिनेमा हॉल पर जाकर देखिये। नागराज ने दृश्यों को शब्द में बदल दिया है। आप मराठी में सैराट देख रहे होंगे लेकिन आपको आपकी भाषा सुनाई देगी। आपका समाज दिखाई देगा। मुझे यह अफ़सोस ज़रूर हुआ कि मराठी क्यों नहीं जानता। जानता तो सैराट के एक एक शब्द को समेट लेता। सैराट सब देख रहे हैं। आप भी देख लीजियेगा। मुझे अपने देश के लोगों से डर लगता है। उनके भीड़ बन जाने की स्वाभाविक प्रवृत्ति से डर लगता है। दुनिया भर में लोग भीड़ बन जाते हैं। मुझे दुनिया से मतलब नहीं है। मुझे वहां से मतलब है जहां मैं रहता हूं। हर समय एक भीड़ आती जाती दिखाई देती है। लोगों का घर चूल्हा हो गया है जिसकी आंच तेज़ रहे इसलिए हर चूल्हे के सामने एक टेबल फैन रखा है जिसे हम टेलिविज़न कहते हैं। घर में बैठे बैठे लोगों को भीड़ में बदलने का हथियार। आखिर अख़बार और चैनल इतनी आसानी से सत्ता के सामान कैसे हो जाते हैं? भीड़ बनाने के हथियार कैसे हो जाते हैं? ख़ैर उस चूल्हे के सामने लगे टेबल फैन के सामने एक एंकर आता है फूंक मारता है, आग लग जाती है और भीड़ बन जाती है। नागराज ने उसी टीवी पर महल से लेकर झोपड़ी तक में मनोरंजन के कार्यक्रम चलते दिखाया है। समाज का यथार्थ कुछ और है और टीवी का कुछ और। सैराट का कैमरा असली कहानीकार है। इस कैमरे ने अपनी आंखों से हमारे भीतर क्रूरता बनने की तमाम संभावनों और पलों को सूक्ष्मता से पकड़ा है। कैमरे ने महाराष्ट्र के कस्बाई अंचल को मुंबई के स्टारडमीय दृश्यों पर ऐसा हावी करता है कि आप आर्ची को देखते हुए सिर्फ आर्ची को देखते हैं। सोनम कपूर कटरीना या दीपिका के आने का इंतज़ार नहीं करते हैं। आर्ची नायिका नहीं है। नागरिक है। परस्या नायक नहीं है। नागरिक है। एक सामान्य नागरिक होकर आपके जीवन का अधिकार आपका नहीं है। समाज और उसकी परंपराओं का है। इस देश में संविधान से ज़्यादा परंपराएं संविधान हैं। इसलिए मुझे लोगों के भीड़ बन जाने से डर लगता है। यह फ़िल्म इसलिए भी पढ़ी और पढ़ाई जाएगी कि इस हिन्दुस्तान में एक नौजवान लड़की तभी तक घुड़सवारी, बुलेट और ट्रैक्टर चला सकती है जब तक वह अपने पिता के ताक़तवर संसार और उसके पाटिल होने की परंपरा की छत्र छाया में है। उसके हाथ से गोली चलते ही उसकी बहादुरी की सारी गारंटी समाप्त हो जाती है। उसके बाद के सारे प्रसंग उस यथार्थ के करीब ले जाते हैं जहां आज की अर्थव्यवस्था से बेदख़ल कर दिये गए लोग रहते हैं जिन्हें हम झुग्गी कहते हैं। समाज से बेदख़ल हुए प्रेमियों को भी उसी स्लम में आकर रहना पड़ता है। आर्ची नदी के किनारे सखियों के संग नहाने वाली या स्वीमिंग पूल में किसी नायक के साथ अटखेलियां करने वाली नायिका नहीं है। वह किसी गहरे कुएं में कूद जाने का साहस रखने वाली नागरिक है। यह साहस उसे प्रेम का चुनाव तो करवा लेता है मगर बचा नहीं पाता। क्योंकि, हमारा समाज ऐसा ही है। वह सब कुछ थम जाने के बाद चुपचाप लौटता है। मार देता है। फ़िल्म एक दूजे के लिए में प्रेमी प्रेमिकाओं को जो मौत नसीब हुई उसने दक्षिण और उत्तर की खाई को गहरा ही किया था। समाज से बाहर गए तो यही अंजाम होगा। यही तो बताया था कि सिर्फ तिरंगा लेकर दौड़ जाने से सारा देश देश नहीं हो जाता है। क़यामत से क़यामत तक में जाति की शान से प्रेमी मार दिये जाते हैं। देश ज़रूर बदला है। हमारे युवा इन प्रश्नों को समझते तो हैं मगर ज़्यादातर सैराट का दर्शक बनने की योग्यता भी खो देते हैं। उससे शादी नहीं करते जिसे पूरी जवानी चिट्ठी लिखते रहते हैं। व्यवस्था से प्यार करने वाली ऐसी बेकार जवानियां मैंने नहीं देखी। ये जवानी ऐप बना सकती है प्रेमी नहीं हो सकती। मुझे भारत का हर नौजवान असफल और कुंठित प्रेमी की तरह दिखता है। सैराट का पाटिल लगता है।टिप्पणियां नागराज की यह फ़िल्म भारतीय दर्शक समाज में मराठी के विस्तार का वाहक बनेगी। इसके दृश्य भाषा की दीवार को पार कर जाते हैं। हमने महाराष्ट्र के कुओं को सिर्फ सूखते देखा है। सैराट में पानी से लबालब भरे इन कुओं को देखकर लगा कि जीवन की कितनी संभावनाएं अब भी बची हैं। बहुत दिनों बाद किसी फ़िल्म में नदी जैसी कोई नदी दिखी है। साफ सुथरी मछलियों से भरी हुई। क़स्बे के फ़िल्मों में दृश्यों का महानगरों की तुलना में कितना विस्तार है। उनका आकाश कितना बड़ा है। ज़मीन कितनी हरी है। महाराष्ट्र कितना सुंदर है। सबकुछ है मगर किसी पाटिल की बेटी किसी मछुआरे के बेटे से प्यार नहीं कर सकती है। लोकतंत्र में हम लोग सिर्फ मतदान के दिन बराबर होते हैं। ऑनर किलिंग का हम आज तक माक़ूल देसी शब्द नहीं खोज सके लेकिन पूरे देश में इस हत्या का एक ही देसी रूप आपको मिलेगा। आप मराठी नहीं समझते तो भी सैराट देखिये। लैपटॉप पर बिल्कुल न देखें। सिनेमा हॉल पर जाकर देखिये। नागराज ने दृश्यों को शब्द में बदल दिया है। आप मराठी में सैराट देख रहे होंगे लेकिन आपको आपकी भाषा सुनाई देगी। आपका समाज दिखाई देगा। मुझे यह अफ़सोस ज़रूर हुआ कि मराठी क्यों नहीं जानता। जानता तो सैराट के एक एक शब्द को समेट लेता। सैराट सब देख रहे हैं। आप भी देख लीजियेगा। नागराज ने उसी टीवी पर महल से लेकर झोपड़ी तक में मनोरंजन के कार्यक्रम चलते दिखाया है। समाज का यथार्थ कुछ और है और टीवी का कुछ और। सैराट का कैमरा असली कहानीकार है। इस कैमरे ने अपनी आंखों से हमारे भीतर क्रूरता बनने की तमाम संभावनों और पलों को सूक्ष्मता से पकड़ा है। कैमरे ने महाराष्ट्र के कस्बाई अंचल को मुंबई के स्टारडमीय दृश्यों पर ऐसा हावी करता है कि आप आर्ची को देखते हुए सिर्फ आर्ची को देखते हैं। सोनम कपूर कटरीना या दीपिका के आने का इंतज़ार नहीं करते हैं। आर्ची नायिका नहीं है। नागरिक है। परस्या नायक नहीं है। नागरिक है। एक सामान्य नागरिक होकर आपके जीवन का अधिकार आपका नहीं है। समाज और उसकी परंपराओं का है। इस देश में संविधान से ज़्यादा परंपराएं संविधान हैं। इसलिए मुझे लोगों के भीड़ बन जाने से डर लगता है। यह फ़िल्म इसलिए भी पढ़ी और पढ़ाई जाएगी कि इस हिन्दुस्तान में एक नौजवान लड़की तभी तक घुड़सवारी, बुलेट और ट्रैक्टर चला सकती है जब तक वह अपने पिता के ताक़तवर संसार और उसके पाटिल होने की परंपरा की छत्र छाया में है। उसके हाथ से गोली चलते ही उसकी बहादुरी की सारी गारंटी समाप्त हो जाती है। उसके बाद के सारे प्रसंग उस यथार्थ के करीब ले जाते हैं जहां आज की अर्थव्यवस्था से बेदख़ल कर दिये गए लोग रहते हैं जिन्हें हम झुग्गी कहते हैं। समाज से बेदख़ल हुए प्रेमियों को भी उसी स्लम में आकर रहना पड़ता है। आर्ची नदी के किनारे सखियों के संग नहाने वाली या स्वीमिंग पूल में किसी नायक के साथ अटखेलियां करने वाली नायिका नहीं है। वह किसी गहरे कुएं में कूद जाने का साहस रखने वाली नागरिक है। यह साहस उसे प्रेम का चुनाव तो करवा लेता है मगर बचा नहीं पाता। क्योंकि, हमारा समाज ऐसा ही है। वह सब कुछ थम जाने के बाद चुपचाप लौटता है। मार देता है। फ़िल्म एक दूजे के लिए में प्रेमी प्रेमिकाओं को जो मौत नसीब हुई उसने दक्षिण और उत्तर की खाई को गहरा ही किया था। समाज से बाहर गए तो यही अंजाम होगा। यही तो बताया था कि सिर्फ तिरंगा लेकर दौड़ जाने से सारा देश देश नहीं हो जाता है। क़यामत से क़यामत तक में जाति की शान से प्रेमी मार दिये जाते हैं। देश ज़रूर बदला है। हमारे युवा इन प्रश्नों को समझते तो हैं मगर ज़्यादातर सैराट का दर्शक बनने की योग्यता भी खो देते हैं। उससे शादी नहीं करते जिसे पूरी जवानी चिट्ठी लिखते रहते हैं। व्यवस्था से प्यार करने वाली ऐसी बेकार जवानियां मैंने नहीं देखी। ये जवानी ऐप बना सकती है प्रेमी नहीं हो सकती। मुझे भारत का हर नौजवान असफल और कुंठित प्रेमी की तरह दिखता है। सैराट का पाटिल लगता है।टिप्पणियां नागराज की यह फ़िल्म भारतीय दर्शक समाज में मराठी के विस्तार का वाहक बनेगी। इसके दृश्य भाषा की दीवार को पार कर जाते हैं। हमने महाराष्ट्र के कुओं को सिर्फ सूखते देखा है। सैराट में पानी से लबालब भरे इन कुओं को देखकर लगा कि जीवन की कितनी संभावनाएं अब भी बची हैं। बहुत दिनों बाद किसी फ़िल्म में नदी जैसी कोई नदी दिखी है। साफ सुथरी मछलियों से भरी हुई। क़स्बे के फ़िल्मों में दृश्यों का महानगरों की तुलना में कितना विस्तार है। उनका आकाश कितना बड़ा है। ज़मीन कितनी हरी है। महाराष्ट्र कितना सुंदर है। सबकुछ है मगर किसी पाटिल की बेटी किसी मछुआरे के बेटे से प्यार नहीं कर सकती है। लोकतंत्र में हम लोग सिर्फ मतदान के दिन बराबर होते हैं। ऑनर किलिंग का हम आज तक माक़ूल देसी शब्द नहीं खोज सके लेकिन पूरे देश में इस हत्या का एक ही देसी रूप आपको मिलेगा। आप मराठी नहीं समझते तो भी सैराट देखिये। लैपटॉप पर बिल्कुल न देखें। सिनेमा हॉल पर जाकर देखिये। नागराज ने दृश्यों को शब्द में बदल दिया है। आप मराठी में सैराट देख रहे होंगे लेकिन आपको आपकी भाषा सुनाई देगी। आपका समाज दिखाई देगा। मुझे यह अफ़सोस ज़रूर हुआ कि मराठी क्यों नहीं जानता। जानता तो सैराट के एक एक शब्द को समेट लेता। सैराट सब देख रहे हैं। आप भी देख लीजियेगा। यह फ़िल्म इसलिए भी पढ़ी और पढ़ाई जाएगी कि इस हिन्दुस्तान में एक नौजवान लड़की तभी तक घुड़सवारी, बुलेट और ट्रैक्टर चला सकती है जब तक वह अपने पिता के ताक़तवर संसार और उसके पाटिल होने की परंपरा की छत्र छाया में है। उसके हाथ से गोली चलते ही उसकी बहादुरी की सारी गारंटी समाप्त हो जाती है। उसके बाद के सारे प्रसंग उस यथार्थ के करीब ले जाते हैं जहां आज की अर्थव्यवस्था से बेदख़ल कर दिये गए लोग रहते हैं जिन्हें हम झुग्गी कहते हैं। समाज से बेदख़ल हुए प्रेमियों को भी उसी स्लम में आकर रहना पड़ता है। आर्ची नदी के किनारे सखियों के संग नहाने वाली या स्वीमिंग पूल में किसी नायक के साथ अटखेलियां करने वाली नायिका नहीं है। वह किसी गहरे कुएं में कूद जाने का साहस रखने वाली नागरिक है। यह साहस उसे प्रेम का चुनाव तो करवा लेता है मगर बचा नहीं पाता। 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संभावनाएं अब भी बची हैं। बहुत दिनों बाद किसी फ़िल्म में नदी जैसी कोई नदी दिखी है। साफ सुथरी मछलियों से भरी हुई। क़स्बे के फ़िल्मों में दृश्यों का महानगरों की तुलना में कितना विस्तार है। उनका आकाश कितना बड़ा है। ज़मीन कितनी हरी है। महाराष्ट्र कितना सुंदर है। सबकुछ है मगर किसी पाटिल की बेटी किसी मछुआरे के बेटे से प्यार नहीं कर सकती है। लोकतंत्र में हम लोग सिर्फ मतदान के दिन बराबर होते हैं। ऑनर किलिंग का हम आज तक माक़ूल देसी शब्द नहीं खोज सके लेकिन पूरे देश में इस हत्या का एक ही देसी रूप आपको मिलेगा। आप मराठी नहीं समझते तो भी सैराट देखिये। लैपटॉप पर बिल्कुल न देखें। सिनेमा हॉल पर जाकर देखिये। नागराज ने दृश्यों को शब्द में बदल दिया है। आप मराठी में सैराट देख रहे होंगे लेकिन आपको आपकी भाषा सुनाई देगी। आपका समाज दिखाई देगा। मुझे यह अफ़सोस ज़रूर हुआ कि मराठी क्यों नहीं जानता। जानता तो सैराट के एक एक शब्द को समेट लेता। सैराट सब देख रहे हैं। आप भी देख लीजियेगा। क्योंकि, हमारा समाज ऐसा ही है। वह सब कुछ थम जाने के बाद चुपचाप लौटता है। मार देता है। फ़िल्म एक दूजे के लिए में प्रेमी प्रेमिकाओं को जो 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का महानगरों की तुलना में कितना विस्तार है। उनका आकाश कितना बड़ा है। ज़मीन कितनी हरी है। महाराष्ट्र कितना सुंदर है। सबकुछ है मगर किसी पाटिल की बेटी किसी मछुआरे के बेटे से प्यार नहीं कर सकती है। लोकतंत्र में हम लोग सिर्फ मतदान के दिन बराबर होते हैं। ऑनर किलिंग का हम आज तक माक़ूल देसी शब्द नहीं खोज सके लेकिन पूरे देश में इस हत्या का एक ही देसी रूप आपको मिलेगा। आप मराठी नहीं समझते तो भी सैराट देखिये। लैपटॉप पर बिल्कुल न देखें। सिनेमा हॉल पर जाकर देखिये। नागराज ने दृश्यों को शब्द में बदल दिया है। आप मराठी में सैराट देख रहे होंगे लेकिन आपको आपकी भाषा सुनाई देगी। आपका समाज दिखाई देगा। मुझे यह अफ़सोस ज़रूर हुआ कि मराठी क्यों नहीं जानता। जानता तो सैराट के एक एक शब्द को समेट लेता। सैराट सब देख रहे हैं। आप भी देख लीजियेगा। नागराज की यह फ़िल्म भारतीय दर्शक समाज में मराठी के विस्तार का वाहक बनेगी। इसके दृश्य भाषा की दीवार को पार कर जाते हैं। हमने महाराष्ट्र के कुओं को सिर्फ सूखते देखा है। सैराट में पानी से लबालब भरे इन कुओं को देखकर लगा कि जीवन की कितनी संभावनाएं अब भी बची हैं। बहुत दिनों बाद किसी फ़िल्म में नदी जैसी कोई नदी दिखी है। साफ सुथरी मछलियों से भरी हुई। क़स्बे के फ़िल्मों में दृश्यों का महानगरों की तुलना में कितना विस्तार है। उनका आकाश कितना बड़ा है। ज़मीन कितनी हरी है। महाराष्ट्र कितना सुंदर है। सबकुछ है मगर किसी पाटिल की बेटी किसी मछुआरे के बेटे से प्यार नहीं कर सकती है। लोकतंत्र में हम लोग सिर्फ मतदान के दिन बराबर होते हैं। ऑनर किलिंग का हम आज तक माक़ूल देसी शब्द नहीं खोज सके लेकिन पूरे देश में इस हत्या का एक ही देसी रूप आपको मिलेगा। आप मराठी नहीं समझते तो भी सैराट देखिये। लैपटॉप पर बिल्कुल न देखें। सिनेमा हॉल पर जाकर देखिये। नागराज ने दृश्यों को शब्द में बदल दिया है। आप मराठी में सैराट देख रहे होंगे लेकिन आपको आपकी भाषा सुनाई देगी। आपका समाज दिखाई देगा। मुझे यह अफ़सोस ज़रूर हुआ कि मराठी क्यों नहीं जानता। जानता तो सैराट के एक एक शब्द को समेट लेता। सैराट सब देख रहे हैं। आप भी देख लीजियेगा। सबकुछ है मगर किसी पाटिल की बेटी किसी मछुआरे के बेटे से प्यार नहीं कर सकती है। लोकतंत्र में हम लोग सिर्फ मतदान के दिन बराबर होते हैं। ऑनर किलिंग का हम आज तक माक़ूल देसी शब्द नहीं 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वैज्ञानिक स्पेन में 4,30,000 साल पुरानी एक खोपड़ी का पता लगाने के बाद संभवत: विश्व की सबसे पुरानी हत्या के रहस्य को सुलझा सकते हैं. रिसर्चरों ने कहा कि खोपड़ी पर मिले घातक घाव के निशान से पुरातात्विक रिकॉर्ड में दर्ज पहले की अंत्येष्टि प्रथाओं के बारे में भी सबूत मिलता है. इस अनुसंधान में एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने सहभागिता के साथ कार्य किया जिसमें बिंघमटन यूनिवर्सिटी के मानव विग्यानी रॉल्फ क्वाम और अन्य कई लोग शामिल थे. यह अनुसंधान उत्तरी स्पेन के पुरातात्विक स्थल सीमा दे लोस हुएसोस में हुआ. एक भूमिगत गुफा में स्थित इस स्थल में कम से कम 28 लोगों के अवशेष मिले हैं ओैर ये सभी 4,30,000 साल पहले के हैं. इस जगह तक पहुंचने का एकमात्र रास्ता एक तेरह मीटर गहरा खड़ा गुहर है. यह अब एक रहस्य है कि इस जगह तक मानव शवों को कैसे ले जाया गया होग. रॉल्फ क्वाम ने कहा कि यह अच्छा सबूत है और इससे उस समय के व्यवहार के बारे में काफी कुछ पता चलता है. यह शोधपत्र पीएलओएस वन जर्नल में प्रकाशित हआ है. -इनपुट भाषा से
परजीवी जनित कारक अक्सर उनको माना जाता है जहां पर सीएसएफ में स्नोफिल्स (एक प्रकार की श्वेत रक्त कणिकाएं) की बहुतायत होती है। सबसे आम आरोपी परजीवी एंजियोस्ट्रॉन्गाएलस कैन्टूनेन्सस, ग्नेथॉस्तमाह स्पाइनिजिरम, शिस्टोस्टोमा तथा साथ ही स्थितियां सिस्टोरकोसिस, टॉक्सोकारियासिस, वेलिसएस्कॉरिसस, पैरागोनिमियासिस हैं और कई सारे दुर्लभ संक्रमण और गैरसंक्रामक परिस्थितियां भी इसमें शामिल हैं।
नई दिल्ली. मार्च 10, 2019 इतवार की एक सुबह जब भारतवासियों की आंख खुली तो दशक की सबसे बड़ी खबर उसका इंतजार कर रही थी. हांफते टीवी ऐंकर चिल्ला रहे थे और नॉर्थ ब्लॉक के ब्रीफिंग रूम में तारों से उलझते रिपोर्टर धक्का-मुक्की कर रहे थे. उन्हें उत्तेजित करने के लिए जिम्मेदार तस्वीरों में हुड वाली काली पोशाक पहने लोगों से घिरा एक उदास, बूढ़ा शख्स खड़ा था जिसने रेशमी पजामा पहना था और उसकी दाढ़ी भी नहीं बनी हुई थी. माइक्रोफोनों के जंगल और चमचमाती फ्लैश लाइट के बीच धीर-गंभीर गृह मंत्री कृष्ण रेड्डी कह रहे थे, “हमने दाऊद इब्राहिम को पकड़ लिया है. उस पर यहीं मुकदमा चलाया जाएगा.” गृह सचिव सुरेश माथुर ने पुष्टि की कि 64 वर्ष की उम्र के इस भगोड़े डॉन की पहचान उस बॉलीवुड अभिनेत्री ने कर दी है जिसके साथ थोड़े से वक्त के लिए उसका निकाह हुआ था. उसका डीएनए मुंबई स्थित डोंगरी की उसकी बहन और भाई से मैच कर रहा है. उससे किसी अज्ञात स्थान पर पूछताछ की जा रही है. 2003 में अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी के रूप में नामजद इस शख्स को जल्द ही महाराष्ट्र पुलिस को सौंप दिया जाएगा जो 257 लोगों की जान लेने वाले 12 मार्च, 1993 के सिलसिलेवार बम धमाकों की साजिश रचने के लिए उस पर मुकदमा चलाएगी. चर्चा गर्म थी कि डॉन ने आत्मसमर्पण किया है. एक अन्य चर्चा के मुताबिक, उसे पश्चिम एशिया के किसी देश में पकड़कर यहां भेजा गया है. लेकिन दिन भर में जो ब्यौरे छनकर आए उनसे एक सनसनीखेज ‘स्नैच ऐंड ग्रैब’ सैन्य अभियान का सुराग मिला, जिसमें रॉ की सैन्य विंग और नौसेना भी शामिल थी. दाऊद को पकडऩे में करीब पांच साल लग गए और उसकी शुरुआत नए नजरिए वाली सरकार ने की थी. ‘ऑपरेशन मारीच’ को बड़ी सफलता तब मिली जब डॉन की सिगरेट पीने की कमजोरी के बारे में पता चला. उसके लिए 50 डॉलर प्रति डिब्बी के दाम वाली ‘ट्रेजरर’ ब्रांड की लग्जरी सिगरेट 1980 के दशक की शुरुआत से ही बर दुबई इलाके में स्थित एक ही दुकान से खरीदी जाती रही है. इसकी खबर भारतीय खुफिया एजेंसियों को लग गई और उन्होंने उस दुकान में अपने भेदिए की घुसपैठ करा दी. 2019 की शुरुआत में उन्हें पता चला कि सिगरेटों को पाम जुमेरा स्थित एक निजी विला तक पहुंचाए जाने वाला है. भारत का सबसे वांछित शख्स अमीरात तट के निकट एक मानव निर्मित द्वीप के प्राइवेट विला पर जाने की योजना बना रहा था. रॉ की एक फ्रंट कंपनी द्वारा संचालित नौका फारस की खाड़ी की तरफ बढ़ रही थी जिसमें नाविकों के रूप में नौसेना के मरीन कमांडो और स्पेशल ग्रुप के सदस्य तैनात थे. स्पेशल ग्रुप रॉ का खुफिया बल है, जो सरसावा में बेस बनाकर रह रहा है. पाम जुमेरा से पांच नॉटिकल मील पहले दर्जन भर कमांडो हवा से फुला कर तैयार की गई जोडियाक नाव में बैठकर द्वीप की तरफ चल पड़े. उन्हें बोट जेटी वाले विला का सटीक ठिकाना मालूम था. कर्नाटक में कारवाड़ के एक निर्जन समुद्र तट पर नकली टारगेट क्षेत्र बनाकर वे दर्जनों बार इस मिशन का अभ्यास कर चुके थे. डॉन की सुरक्षा ज्यादा सख्त नहीं थी. सालों साल से अमीरात के निर्बाध सफर ने उसे लापरवाह बना दिया था. उसके बॉडीगाड्र्स पर काबू पा लिया गया. अचानक हुई इस कार्रवाई से वह स्तब्ध रह गया और फिर खुद को दाऊद इब्राहिम मानने से इनकार कर दिया. वह चिल्लाया, “मैं अनीस हूं.” उसके फर्जी पाकिस्तानी पासपोर्ट पर यही नाम दर्ज है. लेकिन भारतीय गुप्तचरों को इसके बारे में पहले से ही मालूम था और उन्होंने उसकी सारी गतिविधियों के बारे में काफी जानकारी जुटा रखी थी. लिहाजा, उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया गया. उसकी तस्वीरें उतारी गईं और आंखों पर पट्टी बांधकर नाव में बिठा दिया गया. आसमान में चक्कर लगा रहे नौसेना संचार उपग्रह को नाव से कुछ कूट संदेश भेजे गए. नाव उत्तर की तरफ फारस की खाड़ी और अरब सागर को जोडऩे वाले होर्मुज जलडमरूमध्य की ओर बढ़ चली जहां यूएई कोस्ट से परे भारतीय परमाणु पनडुब्बी आइएनएस चक्र उसका इंतजार कर रही थी. नाव के चालक दल ने एक फर्जी संकट संकेत प्रसारित किया और उसके बाद नाव को समुद्र में डुबो दिया गया. इस पूरे घटनाक्रम पर बहुत ऊपर उड़ रहे पी-81 पोसाइडन जासूसी विमान के जरिए नजर रखी जा रही थी. प्रायद्वीप का जोखिमभरा चक्कर लगाकर खाड़ी के उथले पानी की यात्रा करने वाली पनडुब्बी पर बहुमूल्य ‘माल’ को लाद दिया गया. वे अब उसे सतह पर समय बिताते देखे जाने का जोखिम नहीं उठा सकते थे. पनडुब्बी ने डुबकी लगाई और मुंबई की ओर तेज और जलमग्न यात्रा पर चल पड़ी. इस घटना ने राजनयिक तूफान खड़ा कर दिया था. खाड़ी देशों ने इसे आक्रमण करार दिया और आर्थिक तथा राजनयिक प्रतिशोध की योजना बनाने में लग गए. पाकिस्तान आश्चर्यजनक ढंग से खामोश रहा. विपक्ष ने डॉन को गिरफ्तार करने के लिए सशस्त्र बलों और खुफिया एजेंसियों की तारीफ की मगर इस गिरफ्तारी का चुनावी लाभ लेने के लिए सत्तारूढ़ दल की आलोचना की. डॉन को 17वीं लोकसभा के चुनाव के कुछ ही सप्ताह पहले गिरफ्तार किया गया था.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री की डिग्री का मुद्दा उठाकर उन पर हमला बोला है. उन्होंने पीएम की डिग्री पर सवाल उठाते हुए उनकी शिक्षा से जुड़ी जानकारी को सार्वजनिक करने की मांग की है. सीआईसी को जवाब देते हुए पीएम पर हमला दरअसल केजरीवाल से केंद्रीय सूचना आयुक्त ने उनसे जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करने के बारे पूछा, जिसका जवाब देते हुए केजरीवाल ने कहा कि मुझसे संबंधित सरकारी रिकॉर्ड में जितनी भी जानकारियां हैं, उनको सार्वजनिक करने में मुझे कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन मुझे पता चला है कि आपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की डिग्री से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करने पर रोक लगा दी है. आरोप लग रहे हैं कि नरेंद्र मोदी जी के पास कोई डिग्री नहीं है. ऐसे में पूरे देश की जनता सच्चाई जानना चाहती है. फिर भी आपने उनकी डिग्री से संबंधित जानकारी सार्वजनिक करने से मना कर दिया. आपने ऐसे क्यों किया? यह तो गलत है. CIC ने मुझसे पूछा कि क्या मुझसे सम्बन्धित जानकारी जनता को दे दी जाए? मेरा जवाब - pic.twitter.com/HZdPZpVsm0 — Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 28, 2016 इसके अलावा केजरीवाल ने कहा कि आप मेरी तो सारी जानकारी सार्वजनिक करना चाहते हैं, जिस पर मुझे कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन पीएम की डिग्री से जुड़ी जानकारी आप छुपाना चाहते हैं. इस पर मुझे आश्चर्य है. मेरे साथ पीएम की जानकारियां भी हों सार्वजनिक: केजरीवाल दिल्ली के सीएम ने आगे कहा, 'ऐसा करने से जनता के मन में शंका पैदा होगी कि क्या कमीशन वाकई निष्पक्ष है? मेरा आपेस निवेदन है कि मुझसे संबंधित सारी जानकारी सार्वजनिक करने के साथ-साथ आप प्रधानमंत्री की डिग्री से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करने की हिम्मत दिखाएं.
बीते कुछ समय से लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रपात जिस तरह से राजनीतिक बयानबाजी कर रहे हैं, उससे राजद की परेशानियां और बढ़ने लगी हैं. राजनीतिक सक्रियता बढ़ाने को अमादा तेजप्रताप की वजह से राजद में कई बार फूट की खबरें आई हैं. दरअसल, राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं की परेशानी है कि जब से उनकी पार्टी के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने पटना में अपनी राजनीतिक सक्रियता बढ़ायी है, तब से ऐसे कई मौके आए हैं जब पार्टी की किरकिरी और फ़ज़ीहत हुई है. हालांकि, यह बात और है कि अपने बयानों से तेजप्रताप हर दिन मीडिया में सुर्खियां तो बटोर ले रहे हैं. एक बार फिर से नए साल में राजनीतिक बयानबाजी से तेजप्रताप ने राजद नेताओं की मुश्किलें बढ़ा दी है. दरअसल, गुरुवार को तेज प्रताप यादव ने अपनी पार्टी के वरिष्ठ विधायक और मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र को लेकर एक बयान दिया, जिसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. तेजप्रताप यादव ने भाई बीरेंद्र की पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवारी को लेकर कहा कि उनकी क्या औकात है और पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र से उनकी बड़ी बहन मीसा भारती चुनाव लड़ेंगी. दरअसल, कुछ दिनों पहले पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत मनेर विधानसभा सीट से विधायक भाई वीरेंद्र ने इच्छा ज़ाहिर की थी कि अगर पार्टी चाहेगी तो वो पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार बन सकते हैं लेकिन ये बात तेज प्रताप को पसंद नहीं आयी और इस संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने साफ़ कह दिया कि जहां तक प्रत्याशी का सवाल है तो वो मीसा दीदी ही होंगी. तेज प्रताप ने इसके बाद मनीर विधानसभा के अंतर्गत लोगों से मुलाक़ात भी की.  मनेर के विधायक और राजद के मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र के हाल ही में दिये गए उस बयान के बारे में पूछे जाने पर, जिसमें उन्होंने पाटलिपुत्र से चुनाव लड़ने की इच्छा जतायी थी, यादव ने कहा, ‘पाटलिपुत्र के लोग मीसा दीदी को चाहते हैं. मतदाता लालू प्रसाद के नाम पर वोट डालते हैं. इसमें न तो भाई वीरेंद्र और न ही मैं कुछ कर सकता हूं.' इस बीच तेज प्रताप के बयान पर भाई वीरेंद्र ने एक बार फिर कहा कि उनके नेता लालू प्रसाद हैं और किसी और के बयान पर वह संज्ञान नहीं लेते. वहीं लालू यादव के राजनीतिक उत्तराधिकारी और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव से जब इस संबंध में पूछा गया तो उनका कहना था कौन क्या बोलता है उन्हें उससे कोई मतलब नहीं. उप पाटलिपुत्रा का प्रत्याशी हो या किसी और संसदीय क्षेत्र का ये तो पार्टी सुप्रीमो लालू जी ही तय करेंगे. तेजस्वी के बयान से साफ़ है कि वो तेज़ प्रताप के बयान से इत्तेफ़ाक़ नहीं रखते हैं और साथ ही साथ भाई वीरेंद्र जैसे पार्टी के वरिष्ठ विधायकों को भी वो अपने साथ रखना चाहते हैं. पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि तेज प्रताप हर दिन उल-जुलूल बयान देकर मीडिया की सुर्खियों में रहना चाहते हैं और वह राजद के सत्ता केंद्र में आना चाहते हैं. मगर पार्टी में उन्हें कोई गंभीरता से नहीं लेता. बता दें कि परिसीमन के बाद 2008 में बनी पाटलिपुत्र लोकसभा सीट को राजद के 'प्रथम परिवार' के लिए प्रतिष्ठा के रूप में देखा जाता है, क्योंकि लालू प्रसाद और उनकी बेटी दोनों ने यहां से चुनाव लड़ा और दोनों को सफलता नहीं मिली. राजद अध्यक्ष 2009 में एक समय अपने करीबी रहे रंजन यादव से यहां से चुनाव हार गए थे. रंजन यादव जद (यू) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे. इसके बाद मीसा 2014 में यहां से चुनाव लड़ीं और भाजपा के राम कृपाल यादव से हार गईं. रामकृपाल भी एक समय लालू के बहुत करीबी रहे थे.
यह लेख है: एक खूंखार आतंकी को पकड़ने के मिशन पर निकले एक भारतीय जासूस की कहानी पेश करने वाली अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म 'बेबी' पाकिस्तान में प्रदर्शित नहीं की जाएगी, क्योंकि देश के सेंसर बोर्ड ने इसके प्रदर्शन की इजाजत देने से इनकार कर दिया है। 'द डॉन' अखबार की रिपोर्ट में लिखा गया है, "इस्लामाबाद और कराची के सेंसर बोर्डों ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है, क्योंकि यह मुस्लिमों की नकारात्मक छवि पेश करती है और फिल्म के नकारात्मक किरदारों के नाम भी मुस्लिम ही हैं।" फिल्म की सभी सीडी और डीवीडी को भी इस्लामाबाद में प्रतिबंधित कर दिया गया है। फिल्म के वितरक के एक प्रतिनिधि ने अखबार को बताया कि फिल्म को पाकिस्तान में प्रतिबंधित कर दिया गया है। फिल्म को 23 जनवरी को पाकिस्तान में प्रदर्शित होना था। कराची के सिनेमाघरों ने अपनी वेबसाइटों से इसे हटा लिया है, जिसके कारण इसकी स्क्रीनिंग को लेकर कयास लगने शुरू हो गए। फिल्म में पाकिस्तानी टीवी कलाकार मिकाल जुल्फ़ीकार और रशीद नाज़ ने भी अभिनय किया है। रशीद, शोएब मंसूर की फिल्म 'खुदा के लिए' में खलनायक धर्मगुरु की भूमिका निभा चुके हैं। फिल्म के निर्देशक नीरज पांडे के हवाले से कहा जा चुका था कि फिल्म 'पाकिस्तान-विरोधी' नहीं है। पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड नियमित रूप से उन फिल्मों पर प्रतिबंध लगाता है, जिनकी विषयवस्तु 'पाकिस्तान-विरोधी' होती है। बीते समय में स्थानीय सेंसर बोर्ड ने 'एक था टाइगर' पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसमें आईएसआई के एक एजेंट को दिखाया गया था।
खादी ग्रामोद्योग के कैलेंडर में चरखे के साथ इस बार नरेंद्र मोदी के फोटो को लेकर चल रहे विवाद के बीच आध्यात्म गुरु श्री श्री रविशंकर का बड़ा बयान भी सामने आया है. तस्वीर में गांधी जी की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रखने को लेकर उन्होंने इशारों-इशारों में अपना विरोध जाहिर किया है. कोटा में दो दिन के प्रवास पर आए श्री श्री रविशंकर ने इस मामले को लेकर कहा कि चरखा लिए गांधी जी का फोटो बेहद सहज प्रतीत होता था. उसे वैसे ही रहने देना चाहिए था. किसी ने बड़े उत्साह से कुछ किया होगा मगर महात्मा गांधी तो चरखे पर रोज़ काम करते थे. वह एक सहज उनका चित्र था. उन्होंने कहा देश में हर व्यक्ति चरखा नहीं चला सकता. श्री रविशंकर ने कहा कि गांधी जी को एक तरफ न करें और उनको प्रधानता दें. गांधी जी को प्रधानता देते हुए बाकी सब नेता चरखा लेकर बैठें तो उसमें कोई दिक्कत नहीं है. उन्होंने कहा कि अब तो कोई चरखा नहीं चलाता. वो तो उस वक्त की परिस्थितियों की तस्वीर थी.
जम्मू कश्मीर के कुलगाम में एक मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने 3 आतंकियों को मार गिराया है. हालांकि इस मुठभेड़ में एसओजी के डीएसपी अमन ठाकुर समेत दो जवान भी शहीद हो गए. वहीं सेना का मेजर रैंक का एक अधिकारी और एक जवान इस मुठभेड़ में घायल हो गए. मारे गए तीनों आतंकी पुलवामा हमले के गुनहगार आतंकी संगठन जैश-ए मोहम्मद के हैं. पुलिस को खुफिया सूचना मिली थी कुलगाम के तुरिगाम इलाके में कुछ आतंकी छिपे हैं. इसके बाद एसओजी टीम समेत दूसरे सुरक्षाबल मौके पर पहुंचे और आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया गया. इस मुठभेड़ में दोनों तरफ से जमकर फायरिंग हुई, जिसमें डीएसपी अमन ठाकुर और उनके सहयोगी हवलदार घायल हो गए. डीएसपी अमन ठाकुर को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. जबकि एक और जवान की भी शहादत हो गई. जबकि मेजर रैंक के अधिकारी समेत एक और जवान जख्मी हैं. पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद से ही सुरक्षा बलों ने घाटी में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन तेज कर दिया है. हाल ही में सुरक्षा बलों ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी गाजी राशिद उर्फ कामरान को मौत के घाट उतार दिया था. जैश आतंकी गाजी 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड था. गाजी के अलावा एक लोकल जैश-ए-मोहम्मद आतंकी हिलाल को भी सुरक्षा बलों ने मार गिराया था. हालांकि, इस मुठभेड़ में सेना के 4 जवान शहीद हो गए थे. वहीं शुक्रवार को सोपोर में भी सुरक्षा बलों ने जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकियों को ढेर कर दिया था. सुरक्षा बलों ने आतंकियों के पास से भारी मात्रा में असलहे बरामद किए हैं. सेना चला रही है ऑपरेशन-60 बताया जा रहा है कि घाटी में करीब 60 आतंकी सक्रिय हैं. इसमें 35 पाकिस्तानी आतंकी हैं. इन आतंकियों के खिलाफ सुरक्षा बलों ने अभियान छेड़ रखा है. इस अभियान का नाम ऑपरेशन-60 रखा गया है. इसके पहले सेना ने ऑपरेशन-25 चलाया था. इसके तहत सुरक्षाबलों ने आतंकी गाजी राशिद को मार गिराया था. देश ने 45 जवानों को खोया एक ओर जहां सुरक्षा बल आतंकियों को ढेर कर रहे हैं, तो वहीं पिछले कुछ दिनों में 45 जवान शहीद भी हुए हैं. 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में ही 40 जवान शहीद हो गए थे. इस हमले के ठीक दो दिन बाद यानि 16 फरवरी को जम्मू कश्मीर के रजौरी जिले में नियंत्रण रेखा पर बारूदी सुरंग के विस्फोट में मेजर चित्रेश सिंह बिष्ट शहीद हो गए. इसके दो दिन बाद यानि 18 फरवरी को पुलवामा के पिंगलिना में एक मुठभेड़ के दौरान सेना के एक मेजर समेत जवान शहीद हो गए. यानि पिछले एक हफ्ते में हमारे 45 जवान शहीद हो चुके हैं.
दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर दूसरे व्यक्तियों के नाम और आधार कार्डों का इस्तेमाल करके यात्रा कर रहे दो लोगों को सीआईएसएफ ने गिरफ्तार किया है. गणतंत्र दिवस के मद्देनजर सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच यह घटना बहुत संवेदनशील मानी जा रही है. केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है. जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के टर्मिनल भवन के अंदर दो लोगों को संदिग्ध अवस्था में देखा गया. दोनों को एक विमानन कंपनी के काउंटर के पास पकड़ा गया. वे यात्रा के लिए दूसरे व्यक्तियों के नाम और आधार कार्डों का इस्तेमाल कर रहे थे. इसी बीच सुरक्षा बलों ने उनकी जांच शुरू कर दी. दो आरोपी 20 लोगों के एक ग्रुप के साथ गोवा की यात्रा पर जा रहे थे. लेकिन उनके पास अपना पहचान पत्र नहीं था. केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुहम्मद मुश्तकीम और आदिल को दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया है. पुलिस ने उनके खिलाफ एक केस दर्ज करके इसकी जांच कर रही है. बताते चलें कि देश में गणतंत्र दिवस के मद्देनजर आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया गया है. इस अलर्ट के बाद हड़कंप मच गया है. पुलिस द्वारा सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए जा रहे हैं. हाल ही में दिल्ली पुलिस ने 2 और यूपी एटीएस ने मथुरा से एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया था. इन दोनों से सुरक्षा एजेंसियों ने पूछताछ की है. दिल्ली, पंजाब सहित देश के 8 राज्यों पर आतंकी हमले की सूचना के बाद स्पेशल टीमें और आर्इबी टीमें अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर रहीं है. गणतंत्र दिवस के मौके पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआर्इ और आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन, अलकायदा, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा हमले के फिराक में हैं.
दंत स्वास्थ्य विशेषज्ञ एक लाइसेंस प्राप्त दंत पेशा होता है, जो अपने देश के भीतर डेंटल एसोसिएशन या नियामक निकाय के साथ पंजीकृत होता है। क्लिनिकल और लिखित बोर्ड परीक्षाओं को पूरा करने से पहले, पंजीकृत दंत स्वास्थ्य विशेषज्ञ के पास किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज या विश्वविद्यालय से डेंटल हाइजीन में सहयोगी या स्नातक की डिग्री होनी चाहिए। एक बार पंजीकृत होने के बाद, दंत चिकित्सक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर होते हैंजो पूर्ण मौखिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के लिए दंत चिकित्सकों और अन्य दंत पेशेवरों के साथ स्वतंत्र रूप से या उनके साथ काम करते हैं। उनके पास प्रशिक्षण और शिक्षा है जो कई मौखिक रोगों की रोकथाम और उपचार पर ध्यान केंद्रित करती है। अग्रिम पाठन Mueller-Joseph, L., & Petersen, M. (1995). Dental Hygiene Process: Diagnosis and Care Planning. Albany, NY: Delmar. Dental Hygienists' Association of Australia Inc. (2014). "What is a Dental Hygienist?" Retrieved from Information Brochure - DHAA: Dental Hygienists' Association of Australia Inc. Supporting uniformity of Practice & growth of the dental hygienist profession सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ Important Facts About Dental Hygienists on American Dental Hygienists' Association दंत चिकित्सा
1986 में जन्मी बॉड गर्ल के नाम से प्रसिद्ध ब्रिटिश अभिनेत्री। उनका जन्म डडब्रिटेन]] के निम्न वर्गीए परिवार में हुआ था। उनकी मां सफाईकर्मी थी तथा उनके पिता वेल्डर का काम करते थे। गेम्मा को बचपन में राजकुमारी बनने का शौक था। अपने शौक को पूरा करने के लिए वह राजा रानी का उपन्यास पढ़ती थी। बाद में उन्होंने इस शौक को डडप्रिंस ऑफ पर्शिया]] और डडद सेंडम ऑफ टाइम]] में राजकुमारी की भूमिका निभा कर पूरा किया। सहायक एवं संदर्भ श्रोत राजकुमारी बनना चाहती थी बॉड गर्ल- दैनिक भास्कर आधार ब्रिटिश अभिनेत्री 1986 में जन्मे लोग जीवित लोग
महाराष्‍ट्र में गढ़चिरौली के यरकाद गांव में नक्सलियों ने सलवा-जुडूम से जुड़े रहे एक पूर्व विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) की कथित रूप से गोली मारकर हत्या कर दी. नक्सलियों को संदेह था कि वे पुलिस के मुखबिर के रूप में काम कर रहे थे. पुलिस ने कहा कि हथियारबंद नक्सली शनिवार दोपहर दिलीप नागरोटे के घर में घुस आए और नजदीक से उसे गोली मार दी. पुलिस ने कहा कि सलवा-जुडूम को प्रतिबंधित किए जाने के बाद दिलीप सीआरपीएफ के एक बटालियन के लिए एसपीओ के तौर पर काम करता था. पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि हाल में उसने पुलिस भर्ती अभियान में हिस्सा लिया था.
गैरी मार्शल की आने वाली फिल्म 'मदर्स डे' भारत में 29 अप्रैल को रिलीज होगी, जबकि मदर्स डे 8 मई को मनाया जाएगा. 'प्रीटी वुमन', 'रेजिंग हेलन', 'द प्रिंसेस डायरीज' और 'वैलेंटाइन्स डे' जैसी फिल्मों के लिए पहचाने जाने मार्शल सभी के जीवन में महिलाओं को जरूरी मानते हैं. यह फिल्म तीन मां की कहानी पर आधारित है, इसमें कई तरह के लोगों की भावनाओं और रिश्तों की जटिलताओं को दिखाया गया है. साथ ही इस फिल्म की भारत में मार्केटिंग पीवीआर पिक्चर्स की ओर से किया जा रहा है. इस फिल्म में मां की जीवन में क्या भूमिका होती है इस बात की बहुत ही गहराई से दिखाया गया है. उम्मीद है कि मदर्स डे से पहले रिलीज हो रही इस फिल्म को मां पर बनी दूसरी फिल्मों जैसा ही अच्छा रिस्पॉन्स मिलेगा.
लेख: जहां तक सवाल कोलकाता पुलिस कमिश्नर का कहना तो विराग गुप्ता का कहना है कि कानून के अनुसार दस्तावेज़ और साक्ष्यों को SIT के जांच अधिकारी द्वारा CBI के जांच अधिकारी को सौंपा जाना चाहिए.  आपको बता दें कि राजीव कुमार अप्रैल, 2013 में राज्य सरकार द्वारा गठित SIT के मुखिया थे, जिसके बाद 2014 में CBI को जांच सौंप दी गई. लैपटॉप, मोबाइल, पेन ड्राइव, डायरी और कुछ दस्तावेज़ कथित तौर पर SIT द्वारा CBI को नहीं सौंपे गए हैं. CBI के संयुक्त निदेशक के अनुसार चार समन जारी होने के बावजूद पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार द्वारा जांच में सहयोग नहीं किया जा रहा. सुप्रीम कोर्ट में दायर अर्ज़ी के अनुसार राजीव कुमार के सरेंडर करने की मांग की गई है. आपको बता दें कि शारदा चिटफंड घोटाला मामले में तृणमूल कांग्रेस के कई नेता जेल में जा चुके हैं. बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ममता बनर्जी ने सुदीप बंदोपाध्याय, मदन मित्रा की गिरफ्तारी पर खामोश रहीं लेकिन इस पुलिस कमिश्नर को लेकर वह धरने पर बैठ गईं, यह संदेहास्पद है.
1991 और 2000 के बीच, अमेज़न में लुप्त हुए जंगल का कुल क्षेत्रफल 415,000 से बढ़कर 587,000 वर्ग किलोमीटर (160,000 से 227,000 वर्ग मील) हो गया, जिसमें अधिकांश लुप्त हुए जंगल मवेशियों के लिए चारागाह बन गए। अमेज़न में पूर्व के वनों की सत्तर प्रतिशत भूमि, और 1970 के बाद से काटे गए जंगल की 91% ज़मीन का उपयोग पशुधन की देखभाल के लिए किया जाता है। वर्तमान में, संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद ब्राजील विश्व का दूसरा सबसे बड़ा सोयाबीन उत्पादक है। हालांकि लेडिमेरे ओलिवेरा एट अल द्वारा किए गए नए शोध ने दिखाया है कि अमेज़ॅन में जितना अधिक वर्षा-वन लॉग होता है, अन्य क्षेत्र में उतनी कम वर्षा होती है और इसलिए प्रति हेक्टेयर कम उपज होती है। इसलिए लोकप्रिय धारणा के बावजूद, वर्षा-वन क्षेत्रों को लॉग करने और उन्हें चरागाह क्षेत्रों में परिवर्तित करने से ब्राजील को कोई आर्थिक लाभ नहीं हुआ है।
नेताजी सुभाष राष्ट्रीय क्रीडा संस्थान पटियाला में स्थित एशिया का सबसे बड़ा खेल संस्थान है। यह भारतीय खेल प्राधिकरण का शैक्षणिक संस्थान है। पहले इसका नाम 'राष्ट्रीय खेल संस्थान' था। परिचय यह संस्थान 268 एकड़ के क्षेत्र में बना हुआ है। इस संस्थान में शैक्षणिक कार्यक्रमों तथा खेल प्रशिक्षण की विशाल सुविधायें हैं और विद्यार्थियों, राष्ट्रीय खिलाड़ियों तथा प्रशिक्षकों को सुविधाजनक ठहराने के लिये चार छात्रावास हैं। संस्थान में 115 कमरे हैं जिनमें कार्यालय, पुस्तकालय, संग्रहालय, क्लास रूम तथा स्टाॅफ क्लब बनाये गये हैं। पहले यह स्थान पटियाला के महाराजा का घर था। यह पुराने मोती बाग पैलेस में है, लेकिन अब यह भारतीय खेल प्राधिकरण की एकेडमिक विंग है। 7 मई, 1961 को इसे भारत सरकार द्वारा खेलों को विकसित करने और विभिन्न खेलों में प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करने के मुख्य उद्देश्य के साथ स्थापित किया गया था। 23 जनवरी, 1973 को इसका नाम बदलकर नेताजी सुभाष राष्ट्रीय खेल संस्थान (NSNIS) कर दिया गया। विभाग खेल औषधि विभाग व्यायाम कार्यिकी (Exercise Physiology) विभाग जैवरसायन विभाग नृमिति (Anthropometry) विभाग क्रीडा मनोविज्ञान (Sports Psychology) विभाग क्रीडा-पोषण विभाग सामान्य सिद्धान्त एवं प्रशिक्षण विधि विभाग जैवयांत्रिकी (Biomechanics) विभाग खेल सुविधाएँ व्यायामशाला और तरण ताल कुश्ती, भारोत्तोलन, बॉक्सिंग]], बास्केटबाल, बैडमिंटन, टेबल टेनिस के लिए तीन अन्तःभवन (इनडोर) हाल वॉलीबाल, हैंडबाल और जूडो स्क्वाश (squash) के दो मैदान सायकिल चालन के लिए वेलोड्रोम हॉकी का मैदान और तीन घास के मैदान दौड़ का पथ - सिन्थेटिक (8 लेन), घास (4 लेन) और सिन्डर (8 लेन फेंकने के लिए क्षेत्र बास्केटबाल के दो सीमेन्ट के मैदान फुटबाल के दो मैदान हैंडबाल के दो मैदान टेनिस (3 कठोर और 3 घास के मैदान) वॉलीबाल के चार मैदान टर्फ क्रिकेट का मैदान तथा ६ क्रिकेट नेट धनुर्विद्या (Archery) का मैदान जॉगिंग (अंगुलिगमन) के पाँच लेन तथा क्रास-कन्ट्री ट्रैक वुशु प्रशिक्षण केन्द्र फेंसिंग प्रशिक्षण स्थल सन्दर्भ इन्हें भी देखें लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा विश्वविद्यालय, ग्‍वालियर बाहरी कड़ियाँ नेताजी सुभाष राष्ट्रीय क्रीडा संस्थान, पटियाला का जालघर भारत के शैक्षणिक संस्थान खेल
मेजर जनरल (संक्षिप्त एमजी, मेजर जनरल और समान) कई देशों में एक सैन्य रैंक है। यह सार्जेंट मेजर जनरल के पुराने रैंक से ली गई है। राष्ट्रमंडल और संयुक्त राज्य अमेरिका में, यह एक डिवीज़न कमांडर का पद है जो लेफ्टिनेंट जनरल के पद के अधीन है और ब्रिगेडियर और ब्रिगेडियर जनरल के रैंकों के वरिष्ठ है। राष्ट्रमंडल में, प्रमुख जनरल रियर एडमिरल के नौसेना रैंक के बराबर है, और एक अलग रैंक संरचना के साथ वायु सेना में, यह वायु वाइस मार्शल के बराबर है। कुछ देशों में, पूर्वी यूरोप के अधिकांश सहित, प्रमुख जनरल सामान्य अधिकारी श्रेणी में सबसे कम है,जिसकी कोई ब्रिगेडियर-समकक्ष रैंक नहीं है। भारत भारतीय सेना में, मेजर जनरल, भारतीय वायु सेना में वायु मार्शल के, और, भारतीय नौसेना के रीयर एडमिरल के बराबर है और सामान्य जनरल रैंकों में सबसे कम है, ब्रिगेडियर की तुलना में वरिष्ठ और लेफ्टिनेंट जनरल की तुलना में कनिष्ठ रैंक है। संदर्भ सैन्य पारिभाषिकी
आमिर खान की 'दंगल' रिलीज हो चुकी है. चारों ओर से मिल रही अच्छी प्रतिक्रियाओं के बीच सलमान खान ने एक अलग ही अंदाज में इसकी तारीफ की है. उन्होंने लिखा है कि वह आमिर खान से 'नफरत' करते हैं. नफरत की वजह कोई रंजिश नहीं है बल्कि यह है कि सलमान के परिवार ने 'दंगल' देखी और उसे सलमान की 'सुल्तान' से बेहतर बताया है.टिप्पणियां सलमान की ‘सुल्तान’ जहां हरियाणा के एक पहलवान की काल्पनिक कहानी थी वहीं आमिर की ‘दंगल’ पहलवान महावीर सिंह फोगट के वास्तविक जीवन पर आधारित है. फिल्म में आमिर ने पहलवान महावीर सिंह की भूमिका निभाई है जो अपनी बेटी गीता और बबीता को एक पेशेवर पहलवान बनने का ट्रेनिंग देते हैं. ‘दंगल’ में साक्षी तंवर, फातिमा, सना शेख और जायरा वसीम भी हैं. सलमान ने ट्वीट मे उन्होंने लिखा कि वह आमिर खान को निजी तौर पर प्यार करते हैं, लेकिन प्रोफेशनली नफरत करते हैं. My Family saw #Dangal today evening and thought it was a much better film than #Sultan. Love u personally Aamir but hate u professionally ! pic.twitter.com/sJlDG7u95c — Salman Khan (@BeingSalmanKhan) December 22, 2016 इस पर आमिर खान भी जवाब दिया है. उन्होंने लिखा है कि सल्लू तुम्हारी नफरत में भी मुझे सिर्फ प्यार दिखता है. आई लव यू लाइक आई हेट यू... दरअसल, ये लाइनें उन्होंने देह्ली बैली के गाने आई लव यू लाइक आई हेट यू से ली हैं. इस गाने में आमिर खान एक अलग लुक में थिरके थे और लोगों को झूमने को मजबूर कर दिया था. @BeingSalmanKhan Sallu, in your "hate" I feel only love. "I love you like I hate you" — Aamir Khan (@aamir_khan) December 22, 2016 वहीं खबर यह भी है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने आज ‘दंगल’ को मनोरंजन कर से मुक्त कर दिया है. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में ‘दंगल’ को मनोरंजन कर से मुक्त करने का निर्णय लिया गया. आमिर खान की मुख्य भूमिका वाली फिल्म दंगल के निर्देशक नितेश तिवारी हैं. सलमान की ‘सुल्तान’ जहां हरियाणा के एक पहलवान की काल्पनिक कहानी थी वहीं आमिर की ‘दंगल’ पहलवान महावीर सिंह फोगट के वास्तविक जीवन पर आधारित है. फिल्म में आमिर ने पहलवान महावीर सिंह की भूमिका निभाई है जो अपनी बेटी गीता और बबीता को एक पेशेवर पहलवान बनने का ट्रेनिंग देते हैं. ‘दंगल’ में साक्षी तंवर, फातिमा, सना शेख और जायरा वसीम भी हैं. सलमान ने ट्वीट मे उन्होंने लिखा कि वह आमिर खान को निजी तौर पर प्यार करते हैं, लेकिन प्रोफेशनली नफरत करते हैं. My Family saw #Dangal today evening and thought it was a much better film than #Sultan. Love u personally Aamir but hate u professionally ! pic.twitter.com/sJlDG7u95c — Salman Khan (@BeingSalmanKhan) December 22, 2016 इस पर आमिर खान भी जवाब दिया है. उन्होंने लिखा है कि सल्लू तुम्हारी नफरत में भी मुझे सिर्फ प्यार दिखता है. आई लव यू लाइक आई हेट यू... दरअसल, ये लाइनें उन्होंने देह्ली बैली के गाने आई लव यू लाइक आई हेट यू से ली हैं. इस गाने में आमिर खान एक अलग लुक में थिरके थे और लोगों को झूमने को मजबूर कर दिया था. @BeingSalmanKhan Sallu, in your "hate" I feel only love. "I love you like I hate you" — Aamir Khan (@aamir_khan) December 22, 2016 वहीं खबर यह भी है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने आज ‘दंगल’ को मनोरंजन कर से मुक्त कर दिया है. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में ‘दंगल’ को मनोरंजन कर से मुक्त करने का निर्णय लिया गया. आमिर खान की मुख्य भूमिका वाली फिल्म दंगल के निर्देशक नितेश तिवारी हैं. सलमान ने ट्वीट मे उन्होंने लिखा कि वह आमिर खान को निजी तौर पर प्यार करते हैं, लेकिन प्रोफेशनली नफरत करते हैं. My Family saw #Dangal today evening and thought it was a much better film than #Sultan. Love u personally Aamir but hate u professionally ! pic.twitter.com/sJlDG7u95c — Salman Khan (@BeingSalmanKhan) December 22, 2016 इस पर आमिर खान भी जवाब दिया है. उन्होंने लिखा है कि सल्लू तुम्हारी नफरत में भी मुझे सिर्फ प्यार दिखता है. आई लव यू लाइक आई हेट यू... दरअसल, ये लाइनें उन्होंने देह्ली बैली के गाने आई लव यू लाइक आई हेट यू से ली हैं. इस गाने में आमिर खान एक अलग लुक में थिरके थे और लोगों को झूमने को मजबूर कर दिया था. @BeingSalmanKhan Sallu, in your "hate" I feel only love. "I love you like I hate you" — Aamir Khan (@aamir_khan) December 22, 2016 वहीं खबर यह भी है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने आज ‘दंगल’ को मनोरंजन कर से मुक्त कर दिया है. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में ‘दंगल’ को मनोरंजन कर से मुक्त करने का निर्णय लिया गया. आमिर खान की मुख्य भूमिका वाली फिल्म दंगल के निर्देशक नितेश तिवारी हैं. My Family saw #Dangal today evening and thought it was a much better film than #Sultan. Love u personally Aamir but hate u professionally ! pic.twitter.com/sJlDG7u95c @BeingSalmanKhan Sallu, in your "hate" I feel only love. "I love you like I hate you"
चार दिवसीय पश्चिम एशियाई देशों की यात्रा पर निकले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना फिलीस्तीन दौरा पूरा कर संयुक्त अरब अमीरात पहुंचे. संयुक्त अरब अमीरात में यह पीएम मोदी की दूसरी यात्रा है. फिलिस्तीन में पीएम मोदी ने  हिंसा का चक्र तोड़ने का मंत्र देते हुए कहा कि गहन बातचीत से ही हिंसा से मुक्ति पाई जा सकती है. पीएम मोदी के इस ऐतिहासिक दौरे में दोनों देशों के बीच छह करार हुए. फिलीस्तीन में मोदी को ग्रैंड कॉलर सम्मान फिलीस्तीन के रामल्लाह में कदम रखते ही फिलीस्तीन की यात्रा करने वाले मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गए. इस दौरान दोनों देशों के नेताओं के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई. वहीं, पीएम मोदी को राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने ग्रैंड कॉलर प्रदान किया. ग्रांड कॉलर विदेशी मेहमान को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान होता है. अपने दौरे के पहले दिन पीएम मोदी जॉर्डन की राजधानी अम्मान पहुंचे थे. जिसके बाद वो फिलीस्तीन के रामल्लाह पहुंचे. यहां फिलीस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने प्रोटोकॉल तोड़कर उनका स्वागत किया. रामल्लाह में पीएम मोदी ने सबसे पहले दिवंगत फिलीस्तीनी नेता यासिर अराफात की समाधि पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस दौरान मोदी के साथ राष्ट्रपति महमूद भी मौजूद रहे. From the ceremonial welcome for PM @narendramodi in Palestine. pic.twitter.com/XbTPAab8Ih — PMO India (@PMOIndia) February 10, 2018 इसके बाद पीएम मोदी फिलीस्तीन के राष्ट्रपति भवन पहुंचे, जहां राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने उनका औपचारिक स्वागत किया. राष्ट्रपति भवन में पीएम मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. रामल्लाह में भारत और फिलीस्तीन के बीच सहमति पत्रों का आदान-प्रदान हुआ. प्रेस वार्ता के दौरान पहले  फिलीस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने पीएम मोदी का स्वागत किया. फिलीस्तीनी राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय नेतृत्व ने फिलीस्तीन में हमेशा शांति का पक्ष लिया. राष्ट्रपति ने स्वतंत्रता की दिशा में दोनों ही देश के लिए अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की. फिलीस्तीनियों के साहस को मोदी का सलाम वहीं पीएम मोदी ने इस मौके पर फिलीस्तीनियों की संकल्प शक्ति और साहस की तारीफ करते हुए कहा कि जिन कठिनाइयों और चुनौतियों के बीच फिलीस्तीन के लोग आगे बढ़े हैं, वो सराहनीय है. पीएम मोदी ने द्विपक्षीय स्तर पर दोनों देशों के बीच संबंधों को और गहन बनाने में सहमति का जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि भारत फिलीस्तीन की तरह युवाओं का देश है, भारत के युवाओं जैसी आकांक्षा फिलीस्तीन के युवाओं के लिए भी है. पीएम ने दोनों देशों के बीच युवाओं के एक्सेंज को 50 से बढ़ाकर 100 करने की बात कही. मोदी बोले- बहुत कुछ दांव पर है पीएम ने कहा कि भारत फिलीस्तीनी लोगों के हितों का ध्यान रखने के लिए वचनबद्ध है. पीएम मोदी ने बताया कि राष्ट्रपति अब्बास संग हाल के क्षेत्रीय और वैश्विक विकास पर विचार किया गया है. मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत शांति और स्थिरता के पक्ष में है. शांतिपूर्ण सहअस्तित्व आसान नहीं है, लेकिन कोशिश होनी चाहिए क्योंकि बहुत कुछ दांव पर है. अंत में पीएम ने फिलीस्तीन के लोगों को प्रगति और समृद्धि की हार्दिक शुभकामनाएं दी. अरबी में किया ट्वीट वहीं इससे पहले पीएम मोदी ने रामल्लाह पहुंचते ही अरबी भाषा में ट्वीट किया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि फिलिस्तीन की इस ऐतिहासिक यात्रा से दोनों देशों के बीच सहयोग मजबूत होगा. الوصول الى فلسطين .هذة زيارة تاريخية سوف تقود الى تعاون ثنائي اقوى. pic.twitter.com/NMCIjK8OMx — Narendra Modi (@narendramodi) February 10, 2018 अबु धाबी में मंदिर का करेंगे शिलान्यास पीएम मोदी अबु धाबी में रविवार को भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे. साथ ही अबु धाबी में पहले मंदिर का शिलान्यास करेंगे. 11 फरवरी को सुबह लगभग 9:30 बजे जब प्रधानमंत्री प्रवासी भारतीयों को संबोधित कर रहे होंगे. तब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अबु धाबी के पहले मंदिर का शिला पूजन होगा. इस मंदिर के निर्माण की जिम्मेदारी स्वामीनारायण ट्रस्ट को दी गई है. जॉर्डन में जोरदार स्वागत शुक्रवार को पीएम मोदी जॉर्डन पहुंचे और यहां उन्होंने किंग अबदुल्ला बिन अल हुसैन से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद मोदी जब फोर सीजंश होटल में पहुंचे तो वहा मौजूद भारतीय मूल के लोगों ने उनका स्वागत किया. यहां लोगों में मोदी के साथ सेल्फी लेने की होड़ लग गई. इस दौरान, 'भारत माता की जय' के नारे गूंजते रहे.
माओवादियों ने उड़ीसा में हिंसा तेज करते हुए राज्य के कोरापुट जिले में आज बारुदी सुरंग विस्फोट किया, जिसमें दस सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गयी और इतने ही करीब जख्मी हो गये. विस्फोट उस समय किया गया है, जब गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने पड़ोसी पश्चिम बंगाल में लालगढ़ का दौरा किया है और उग्रवादियों को बातचीत का प्रस्ताव दिया. पुलिस ने कहा कि नक्सल विरोधी विशेष कार्य समूह (एसओजी) के जवान मल्कानगिरी जिले में एक अभियान के बाद वाहन में सवार होकर लौट रहे थे, तभी उग्रवादियों ने यहां से करीब 55 किलोमीटर दूर तांगिनीगुडा में विस्फोट कर दिया. घायलों को पास के अस्पताल पहुंचा दिया गया है. इलाके में कार्रवाई के लिए चिकित्सा दल और एंबुलेंस के साथ अतिरिक्त बलों को भेज दिया गया है. सूत्रों ने कहा कि सुरक्षा कर्मियों और विद्रोहियों के बीच विस्फोट स्थल के पास मामूली गोलीबारी भी हुई.
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के एक रिटायर्ड कमांडेंट को एक नाबालिग लड़की को दो दिन तक बंधक बनाकर उसके साथ बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।टिप्पणियां पुलिस ने शनिवार को बताया कि श्रवण राठौर (53) का विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र में एक फ्लैट है, जबकि वह थाटीपुर में खुद के मकान में रहता है। उन्होंने बताया कि राठौर ने काम करने वाली महिला को फ्लैट में रहने दिया तथा दो दिन पूर्व जब महिला अपनी 14 साल की बच्ची को काम के लिए अकेला छोड़कर मायके चली गई, तब राठौर ने बच्ची को नशीला पदार्थ खिलाकर उसके साथ कथित रूप से दुष्कर्म किया और उसे बंद कर चला गया। सूत्रों के अनुसार दूसरे दिन बच्ची को होश आया तो राठौर ने पुन: उसे नशीला पदार्थ खिला दिया और उसे बंद कर चला गया। इसके बाद बच्ची ने होश आने के बाद खिड़की से मदद की गुहार लगाई तथा पड़ोसियों ने उसे रिहा कराकर इसकी सूचना पुलिस को दी। चिकित्सीय परीक्षण में बलात्कार की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने राठौर को बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने शनिवार को बताया कि श्रवण राठौर (53) का विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र में एक फ्लैट है, जबकि वह थाटीपुर में खुद के मकान में रहता है। उन्होंने बताया कि राठौर ने काम करने वाली महिला को फ्लैट में रहने दिया तथा दो दिन पूर्व जब महिला अपनी 14 साल की बच्ची को काम के लिए अकेला छोड़कर मायके चली गई, तब राठौर ने बच्ची को नशीला पदार्थ खिलाकर उसके साथ कथित रूप से दुष्कर्म किया और उसे बंद कर चला गया। सूत्रों के अनुसार दूसरे दिन बच्ची को होश आया तो राठौर ने पुन: उसे नशीला पदार्थ खिला दिया और उसे बंद कर चला गया। इसके बाद बच्ची ने होश आने के बाद खिड़की से मदद की गुहार लगाई तथा पड़ोसियों ने उसे रिहा कराकर इसकी सूचना पुलिस को दी। चिकित्सीय परीक्षण में बलात्कार की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने राठौर को बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। सूत्रों के अनुसार दूसरे दिन बच्ची को होश आया तो राठौर ने पुन: उसे नशीला पदार्थ खिला दिया और उसे बंद कर चला गया। इसके बाद बच्ची ने होश आने के बाद खिड़की से मदद की गुहार लगाई तथा पड़ोसियों ने उसे रिहा कराकर इसकी सूचना पुलिस को दी। चिकित्सीय परीक्षण में बलात्कार की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने राठौर को बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।
माइक्रोसॉफ्ट अपने बहुचर्चित डुअल सिम स्मार्टफोन लुमिया 535 को लॉन्च करने जा रही है. लुमिया 535 फोन 26 नवंबर को लॉन्च होगा. यह फोन डुअल सिम है और कंपनी की वेबसाइट में सूचीबद्ध है. माइक्रोसॉफ्ट लुमिया ब्रांड का यह पहला फोन है. इस फोन को सेल्फी के शौकीनों को ध्यान में रखकर बनाया गया है और इसका फ्रंट कैमरा 5 मेगापिक्सल वाइड ऐंगल के साथ है. कंपनी ने फोन की कीमत का अभी ऐलान नहीं किया है. माइक्रोसॉफ्ट लुमिया 535 डुअल सिम फोन की खास बातें * स्क्रीन: 5 इंच (960x540 पिक्सल), आईपीएस गोरिल्ला ग्लास 3 प्रोटेक्शन * प्रोसेसर:1.2 जीएचजेड क्वॉड कोर क्वॉलकॉम स्नैपड्रैगन 200 प्रोसेसर * रैम:1 जीबी रैमस 8 जीबी इंटरनल मेमरी* ओएस-विंडोज फोन 8.1 लुमिया डेनिम के साथ * कैमरा-5 एमपी रियर, एलईडी फ्लैश के साथ, 5 एमपी फ्रंट कैमरा वाइड ऐंगल के साथ * मोटाई: 8.8 मिमी, वजन-146 ग्राम * ऑडियो: 3.5 मिमी ऑडियो जैक, एफएम रेडियो * अन्य फीचर: 3जी, वाई-फाई 802.11, ब्लूटुथ 4.0, जीपीएस * बैटरी: 1905 एमएएच * सिम: डुअल सिम
दिल्ली के भाटी माइंस इलाके में झील में डूबकर एक युवक की मौत की घटना सामने आई है. गौरतलब है कि फरीदाबाद से सटी इस झील को खूनी झील के रूप में जाना जाता है, जहां दर्जनों लोगों की डूबकर मौत हो चुकी है. लेकिन हैरानी की बात यह है कि झील में न नहाने को लेकर प्रशासन ने चेतावनी का बोर्ड तक नहीं लगाया है. पुलिस ने भी इस मामले में लापरवाही भरा रवैया बरता. घंटों पुलिस सीमा विवाद में उलझी रही. कई घंटे के बाद दिल्ली पुलिस ने एनडीआरएफ और गोताखोरों की मदद से करीब 14 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन में युवक का शव झील से बाहर निकाला. भाटी माइंस इलाके में नीली झील पर नहाने गए एक 20 साल के युवक की डूबने से दर्दनाक मौत हो गई. मरने वाले युवक का नाम बंटी है. जो कि भाटी गांव का रहने वाला था. जानकारी के मुताबिक, बंटी झील पर नहाने पहुंचा था और इसी दौरान वह गहरे पानी में डूब गया. युवक के डूबने के बाद जब पुलिस को सूचित किया गया तो पुलिस सीमा विवाद में उलझी रही, क्योंकि झील का बड़ा हिस्सा फरीदाबाद में पड़ता है, जबकि झील का एक किनारा भाटी माइंस से सटा हुआ है. कई घंटे तक सीमा विवाद चलने के बाद आखिरकार दिल्ली पुलिस ने एनडीआरएफ की टीम और गोताखोरों की मदद से सर्च ऑपरेशन शुरू किया. गोताखोरों को युवक का शव मिल ही नहीं रहा था और काफी मशक्कत करनी पड़ी. करीब 14 घंटे तक तले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद युवक का शव मिला. फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. सबसे हैरानी की बात ये है कि यहां प्रशासन की तरफ से कोई चेतावनी बोर्ड या सुरक्षा का इंतजाम नहीं है, जिसकी वजह से लोग यहां नीली झील पर पिकनिक स्पॉट की तरह घूमने चले जाते हैं. इलाके के लोगों के मुताबिक यह कोई पहली घटना नहीं है, जब इस तरह का हादसा हुआ है. इससे पहले भी यहां झील में डूबकर दर्जनों मौतें हो चुकी हैं.
मध्यप्रदेश में अभी तक के रुझानों और नतीजों की बात करें तो बीजेपी ने हैट्रिक मार दी है. बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें फोन करके जीत की बधाई भी दे दी है, लेकिन राज्य के गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता का मानना है कि मध्यप्रदेश में बीजेपी की हैट्रिक का क्रेडिट मोदी को नहीं सिर्फ और सिर्फ शिवराज सिंह चौहान को जाता है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता का कहना है कि बीजेपी पूरे प्रदेश में जीत रही है और उसका श्रेय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जाता है. उन्होंने कहा, जो जनता की सेवा की है उसके परिणाम अब सामने आ रहे हैं और फिर से एक बार शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सरकार यहां बनेगी. गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में कभी किसी पार्टी की हैट्रिक नहीं लगी है. उमाशंकर गुप्ता से पूछे जाने पर कि वो हैट्रिक का श्रेय किसको देगें मोदी को, शिवराज सिंह चौहान को या दोनों को. उन्होंने कहा कि पूरा श्रेय शिवराज सिंह चौहान को है. मोदी जी भी हमारे बहुत बड़े नेता हैं, लेकन मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नाम पर ही जनता ने बीजेपी को वोट दिया है. उधर बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता और बीजेपी के उम्मीदवार रामेश्वर शर्मा का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान बंगले में बंद नहीं बल्कि जनता के बीच रहे हैं और जनता के लिए निरंतर काम किया है. जनता ने उन्हें अपना आर्शीवाद दिया है.
नाना-तनुश्री मामले पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के नेता राज ठाकरे का बयान आ गया है. एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता ने नाना पाटेकर पर साल 2008 में फिल्म 'हॉर्न ओके प्लीज' की शूटिंग के दौरान छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था. इतना ही नहीं तनुश्री ने कहा था कि नाना पाटेकर ने उनकी कार के साथ तोड़फोड़ करने के लिए गुंडे भेजे थे जिसमें उन्होंने MNS की मदद ली थी. कैसे तनुश्री दत्ता का बयान बन गया अभियान? उखड़ गए मंत्रीजी के पांव भारत में MeToo मूवमेंट को लेकर किए जा रहे एक इंटरव्यू के दौरान तनुश्री ने ये बातें कहीं जिसके बाद उस घटना के वक्त का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. अब तनुश्री ने पुलिस और महिला आयोग में शिकायत दर्ज करा दी है और कड़े एक्शन की मांग की है. नाना ने तनुश्री को लीगल नोटिस भेजा था जिसके जवाब में उन्होंने यह एक्शन लिया है. #MeToo: बप्पी लाहिड़ी बोले- जब उत्पीड़न हुआ तब क्यों नहीं की FIR हाल ही में तनुश्री ने अपना बयान दर्ज कराया था. अब मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने इस पर बयान दिया है. टाइम्स नाऊ से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, "मैं नाना को जानता हूं, वह थोड़े रूखे मिजाज के हैं, कई बार अजीब चीजें करने लगते हैं लेकिन मुझे नहीं लगता कि वह ऐसी हरकत कर सकते हैं. कोर्ट इस मामले को देखेगा. मीडिया को इससे क्या लेना देना है?" #MeToo: नंद‍िता दास के प‍िता जत‍िन पर सेक्सुअल हैरेसमेंट का आरोप ठाकरे ने कहा कि MeToo एक गंभीर मामला है लेकिन इस पर ट्विटर पर बहस ठीक नहीं है. मालूम हो कि हाल ही में नाना ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा, "10 साल पहले जो सच था वो आज भी सच है." बता दें कि माना जाता है कि नाना के मनसे के साथ काफी अच्छे संबंध रहे हैं.
उद्योगपति लक्ष्मी मित्तल के भाई प्रमोद मित्तल बोस्निया में गिरफ्तार प्रमोद मित्तल बोस्निया के बड़े कारोबारी माने जाते हैं. प्रमोद मित्तल पर बोस्निया की पुलिस ने संगठित अपराध में लिप्त रहने का आरोप लगाया है. दुनिया के जाने-माने उद्योगपति लक्ष्मी मित्तल के छोटे भाई प्रमोद मित्तल को बोस्निया में गिरफ्तार कर लिया गया है. प्रमोद मित्तल भी स्टील कारोबारी हैं और दुनिया के कई देशों में कारोबार करते हैं. बोस्निया के एक सरकारी वकील ने बताया कि धोखाधड़ी और पद का दुरुपयोग करने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया है. हालांकि बोस्निया पुलिस ने आरोपों के बारे में ज्यादा विस्तार से नहीं बताया है. बता दें कि प्रमोद मित्तल स्टील बनाने से जुड़ी कंपनी GIKIL का संचालन कर रहे हैं. वे इस कंपनी के सुपरवाइजरी बोर्ड के अध्यक्ष हैं. ये कंपनी बोस्निया के टॉप एक्सपोर्टर्स में शामिल है. बोस्निया के प्रॉसिक्यूशन डिपार्टमेंट के अधिकारी कैजिन सेरथालिक ने कहा कि प्रमोद मित्तल के अलावा GIKIL के जनरल मैनेजर परमेश भट्टाचार्य और राजीव दास को भी गिरफ्तार किया गया है. राजीव दास GIKIL  के बोर्ड मेंबर हैं.  कैजिन सेरथालिक ने कहा, "उन्हें संगठित अपराध करने की आशंका और पद का दुरुपयोग करने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया है, ये सब 2003 से ही चलता आ रहा था." समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक एक वेबसाइट ने दावा किया है कि प्रमोद मित्तल और दूसरे आरोपियों पर 2.8 मिलियन डॉलर रकम के हेरफेर का आरोप है. समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक इस घटनाक्रम पर कंपनी की ओर से अबतक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. रिपोर्ट के मुताबिक उन्हें अबतक उत्तरी बोस्नियां के लुकावाक में स्थित कंपनी के कैंपस में रखा गया है. सरकारी अधिकारी कंपनी की तलाशी ले रहे हैं. इसके बाद आगे की कार्रवाई के लिए उन्हें तुजला प्रॉसिक्यूशन डिपार्टमेंट ले जाया जाएगा. बोस्निया के गृह मंत्रालय ने GIKIL पर छापेमारी की खबरों की पुष्टि की. हालांकि उन्होंने इस बावत ज्यादा जानकारी देने से इनकार किया.
सागरपुर में कल सुबह लूटने के चक्कर में एक शख्स को चाकू मार दी शख्स की मौत के बाद जांच शुरू, पुलिस ने 3 युवकों को गिरफ्तार किया दिल्ली के साउथ वेस्ट जिले के सागरपुर इलाके में 26 सितंबर को सुबह हुई हत्या के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. तीन लूटेरों ने एक युवक से बैग लूटने के दौरान चाकू से वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया था. इस मामले में पुलिस को कोई चश्मदीद नहीं मिला है, लेकिन सीसीटीवी कैमरे में तीनों बदमाशों की तस्वीर कैद हो गई है. दिल्ली में अपराध की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. बदमाश बेखौफ आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि 26 सितंबर की तड़के 4 बजे 3 युवक एक लड़के से सामान छीनने की कोशिश कर रहे हैं, जिसका वो लड़का विरोध कर रहा है, लेकिन इस बीच लुटेरे उसे चाकू मार देते हैं जिससे उसकी मौत हो जाती है. Delhi Police: Three arrested for stabbing a person to death, in Sagarpur yesterday. — ANI (@ANI) September 27, 2019 सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि लुटेरे उस लड़के का काफी देर से पीछा कर रहे थे, और सुनसान रास्ता मिलने पर उसके साथ लूटपाट की घटना को अंजाम देते हैं. सागरपुर में हुआ था ब्लाइंड मर्डर केस इससे पहले पिछले महीने दिल्ली पुलिस ने सागरपुर में ही हुए महिला के ब्लाइंड मर्डर केस को सुलझा लिया था. पति अपनी पत्नी को जिस्मफरोशी के धंधे में धकेलना चाहता था जब उसने मना किया तो पति ने उसकी हत्या कर दी. पुलिस ने इस मर्डर केस को सुलझाने की हर संभव कोशिश की और सोशल मीडिया के मदद से शख्स की पहचान हो पाई. पुलिस की पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि पति ने ही पत्नी के गले में फंदा लगाकर उसकी हत्या कर दी. इतना ही नहीं हत्या की वारदात छुपाने के लिए अपनी पत्नी की लाश को बोरी में बंद करके सागरपुर इलाके में फेंक दिया और दिल्ली से फरार हो गया. कब थमेगी वारदात दिल्ली में वारदात कम होने का नाम नहीं ले रही. लूटपाट, कत्ल आदि की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. आखिर राजधानी दिल्ली में कब थमेगी वारदात.
यह एक लेख है: बीसीसीआई ने अगले महीने होने वाली चैम्पियंस ट्राफी में भारतीय क्रिकेट टीम के प्रतिनिधित्व को  रविवार को स्वीकृति दे दी जिससे एक पखवाड़े से चली आ रही भ्रम की स्थिति भी खत्म हो गई. इस तरह भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के शुरुआती आक्रामक रवैये में नरमी आई है.बोर्ड अपने अपनी आम सभा की विशेष बैठक में यह फैसला किया जहां यह भी घोषणा की गई कि एक जून से शुरू हो रही आठ टीमों की चैम्पियंस ट्राफी के लिए टीम की घोषणा कल की जाएगी. यह भी फैसला किया गया कि प्रशासकों की समिति के फरमान के अनुसार आईसीसी के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी. एसजीएम में टीम को भेजने और आईसीसी को नोटिस नहीं भेजने के सीओए के निर्देशों का पालन किया गया है.आईसीसी ने विवादास्पद ‘बिग थ्री’ प्रशासनिक ढांचे में आमूलचूल बदलाव करके बीसीसीआई के राजस्व हिस्से को लगभग आधा कर दिया है और उसके कार्यकारी अधिकारियों में भी कमी की है.यह बीसीसीआई से बाहर किए गए एन श्रीनिवासन से जुड़े गुट के लिए झटका है जो आक्रामक रूख अपनाना चाहता था. अपना नजरिया रखने के लिए श्रीनिवासन स्काइप के जरिये चर्चा से जुड़े थे लेकिन उन्होंने टकराव वाला रवैया नहीं अपनाया.   आईपीएल संचालन परिषद के सदस्य राजीव शुक्ला ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘बैठक का नतीजा सकारात्मक रहा। भारत चैम्पियंस ट्राफी में हिस्सा लेगा। टूर्नामेंट से नहीं हटेगा । कल टीम आईसीसी को भेज दी जाएगी.’’ एसजीएम में टीम को भेजने और आईसीसी को नोटिस नहीं भेजने के सीओए के निर्देशों का पालन किया गया है.आईसीसी ने विवादास्पद ‘बिग थ्री’ प्रशासनिक ढांचे में आमूलचूल बदलाव करके बीसीसीआई के राजस्व हिस्से को लगभग आधा कर दिया है और उसके कार्यकारी अधिकारियों में भी कमी की है.यह बीसीसीआई से बाहर किए गए एन श्रीनिवासन से जुड़े गुट के लिए झटका है जो आक्रामक रूख अपनाना चाहता था. अपना नजरिया रखने के लिए श्रीनिवासन स्काइप के जरिये चर्चा से जुड़े थे लेकिन उन्होंने टकराव वाला रवैया नहीं अपनाया.   आईपीएल संचालन परिषद के सदस्य राजीव शुक्ला ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘बैठक का नतीजा सकारात्मक रहा। भारत चैम्पियंस ट्राफी में हिस्सा लेगा। टूर्नामेंट से नहीं हटेगा । कल टीम आईसीसी को भेज दी जाएगी.’’
यह लेख है: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी सरकार पर हमला बोला है. भूपेश बघेल ने NDTV से बातचीत में कहा, "लोकतंत्र में चुनी गई सरकार को सत्ता और पैसे के प्रभाव से गिराएंगे, तो लोकतंत्र के लिए घातक होगा... BJP अनेक प्रदेशों में ऐसा कर रही है, जो ठीक नहीं है... आप चाहते हैं कि आपके अलावा कोई न रहे, तो यह तानाशाही प्रवृत्ति है... छत्तीसगढ़ में ऐसा हो पाने की कोई गुंजाइश नहीं है... कर्नाटक में कर लिया, लेकिन मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी नहीं कर पाएंगे." बता दें कि कांग्रेस ने कर्नाटक के अपने उन 14 'पूर्व विधायकों' को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में मंगलवार को निष्कासित कर दिया है, जिन्हें कुछ दिन पहले ही विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अयोग्य ठहराया गया था. पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक कर्नाटक (Karnataka) कांग्रेस की ओर से दिए गए प्रस्ताव को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने स्वीकृति प्रदान कर दी. कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इन नेताओं को पार्टी से निकालने की अनुशंसा की थी. इन 14 नेताओं ने कुछ हफ्ते पहले पार्टी से बगावत करते हुए इस्तीफा सौंपा था जिसके बाद पार्टी ने इनके खिलाफ दलबदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई की मांग की थी. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष ने सभी बागी विधायकों की सदस्यता रद्द की थी. इसके बाद ही बीएस येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता और भी आसान हुआ था. कर्नाटक (Karnataka) विधानसभा स्पीकर ने इससे पहले तीन विधायकों को दलबदल कानून के तहत अयोग्य ठहराया था. कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार द्वार निष्कासित किए जाने के बाद जेडीएस-कांग्रेस के 17 बागी विधायक कर्नाटक विधानसभा के सदस्य नहीं रहे थे.
वित्त मंत्री पी चिदंबरम की अगुवाई वाले दूरसंचार पर अधिकार प्राप्त मंत्री समूह की एक बैठक गुरुवार को हुई. इसमें स्पेक्ट्रम नीलामी से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ. हालांकि, इस पर अंतिम फैसला नहीं हो पाया. अब अधिकार प्राप्त मंत्री समूह की बैठक 7 जनवरी को फिर होगी. बताया जा रहा है सरकार उन दूरसंचार कंपनियों के लिए कोई विकल्प तलाश रही है जिनका 2जी लाइसेंस 18 जनवरी के बाद रद्द हो जाएगा. ये ऐसी कंपनियां हैं जो भारत में परिचालन जारी रखने को इच्छुक हैं. एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र ने कहा, 'यदि लाइसेंस समाप्त हो रहा है, तो कौन उच्चतम न्यायालय जाएगा. इन मुद्दों पर निश्चित रूप से फैसला होना है. लेकिन निश्चित रूप से उनके कारोबार को पूरी तरह बंद नहीं किया जा सकता. कुछ न कुछ तो करना ही होगा.' सूत्र ने हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या सरकार अगली नीलामी पूरी होने तक लाइसेंस के विस्तार की मांग के लिए उच्चतम न्यायालय जाएगी. सूत्र ने कहा कि यह मुद्दा मंत्री स्तर पर तय हो जाएगा. इसके लिए अधिकार प्राप्त मंत्री समूह तक जाने की जरूरत नहीं होगी. पिछले साल फरवरी में जिन दूरसंचार कंपनियों का लाइसेंस उच्चतम न्यायालय के आदेश से रद्द हुआ है उनको 18 जनवरी, 2013 तक परिचालन की अनुमति है. इसके बाद वे परिचालन तभी जारी रख पाएंगी, जब वे नीलामी में स्पेक्ट्रम हासिल कर चुकी होंगी. कंपनियों की सूची शीर्ष अदालत के आदेशानुसार सिस्तेमा श्याम टेलीसर्विसेज के 21 लाइसेंस, टेलीनॉर के नियंत्रण वाली यूनिनॉर के 16, वीडियोकॉन के 15 और टाटा टेलीसर्विसेज के 3 सीडीएमए लाइसेंस 18 जनवरी से रद्द हो जाएंगे. टेलीनॉर यूनिनॉर के 6 लाइसेंस नई इकाई टेलीविंग्स कम्युनिकेशंस को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया में है. इसे हाल में स्पेक्ट्रम मिला है. सूत्रों ने कहा कि स्पेक्ट्रम की नीलामी 18 जनवरी से पहले होने की संभावना नहीं है. यह संभवत: मार्च में होगी.
अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपने अभियान में नई उपलब्धि जोड़ते हुए एक नए 'माइक्रोवेव थ्रस्टर सिस्टम' का सफल परीक्षण किया है. यह ऐसा उपकरण है, जिसमें बल उत्पन्न करने के लिए किसी प्रणोदक की आवश्यकता नहीं पड़ती. यह इंजन बिजली की सहायता से खुद ही प्रणोदन उत्पादन करता है और इसके लिए इंजन को अतिरिक्त प्रेरक की आवश्यकता नहीं पड़ती है.नासा के वैज्ञानिकों ने एक बयान में कहा कि उन्होंने नए इंजन के परीक्षण में 30 से 50 माइक्रो न्यूटंस बल दर्ज किया. इस खोज से उपग्रहों की यात्रा में कक्षा की स्थिरता को बनाए रखने के खर्च में भी कटौती होगी. नासा ने एक बयान में कहा, 'यह अनोखा बिजली प्रणोदन उपकरण अपने आप से बल उत्पन्न करता है और क्वोंटम वैक्यूम वर्चुअल प्लाजमा के साथ संपर्क स्थापित करता है.' अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अब अपनी इस खोज को नया आयाम देने के लिए और शोध करेगी.
रामल्ला में भारत का प्रतिनिधित्व फिलिस्तीन राज्य के लिए भारत का सर्वोच्च राजनयिक प्रतिनिधित्व है। वर्तमान प्रतिनिधि रेनू यादव हैं। इतिहास प्रतिनिधित्व 1996 में गाजा शहर में स्थापित किया गया था, फिर 2003 में बेतुनिया, रामल्ला और अल-बिरेह गवर्नरेट में महात्मा गांधी स्ट्रीट में स्थानांतरित कर दिया गया। घटना अप्रैल 2021 से 6 मार्च, 2022 तक भारतीय मिशन मुकुल आर्या के प्रतिनिधित्व के अंतर्गत था, जब उनकी अचानक मृत्यु हुई। वर्तमान प्रतिनिधित्व रेनु यादव कर रही हैं। संदर्भ भारत के राजनयिक मिशन भारत के वास्तविक राजनयिक मिशन फिलिस्तीन में राजनयिक मिशन
पीएम मोदी 29 से 31 मई तक इंडोनेशिया के दौरे पर जा रहे हैं. उनकी इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच 'सामरिक साझेदारी' को मजबूत करना है. लेकिन दुनिया के सबसे बड़ी मुस्लिम जनसंख्या वाले इस देश के दौरे में पीएम मोदी का जोर कई तरह की डिप्लोमेसी पर होगा. इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी पद्मनाभन मंदिर में रामायण बैले का प्रदर्शन देखेंगे, जिसमें सभी कलाकार मुस्लिम होंगे. इंडोनेशिया का हाल में भारत के साथ राजनयिक संपर्क बढ़ा है. इंडोनेशिया भी भारत की तरह आतंकवाद से पीड़ित है. इसलिए पीएम मोदी के सामने यह मौका है कि इस महत्वपूर्ण मुस्लिम देश को भारत के साथ लाएं ताकि पाकिस्तान या कश्मीर के मसले पर मुस्लिम सहयोग संगठन (OIC) के देशों के मंच पर भारत की तरफदारी करने वाला कोई देश हो. इसके अलावा, प्रतिरक्षा, सुरक्षा और स्पेस के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने पर दोनों देशों के नेताओं के बीच बातचीत हो सकती है. पीएम मोदी 29 मई को इंडोनेशिया पहुंचेंगे. पहले यह योजना थी कि पीएम मोदी पोर्ट ब्लेयर होते हुए समुद्री रास्ते से इंडोनेशिया के एसेह पहुंचें, लेकिन खराब मौसम के पूर्वानुमान की वजह से यह योजना बदलनी पड़ी और अब पीएम फ्लाइट से जाएंगे. वह इस दिन शाम को जकार्ता पहुंचेंगे. पीएम का आधिकारिक कार्यक्रम 30 मई से शुरू होगा. इस दिन सबसे पहले वह कुसुमानेगरा हीरोज सेमिटेरी (कब्रिस्तान) जाएंगे जिसे सेमाकी हीरोज सेमिटेरी भी कहते है. यहां तमाम सैन्य और असैन्य नायकों को दफन किया गया है. पीएम मोदी यहां इंडोनेशिया के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि देंगे. वह इंडोनेशिया के राष्ट्रीय स्मारक मोनास टावर भी जाएंगे. इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के आधिकारिक निवास इंडीपेन्डेंस पैलेस में पीएम मोदी का भव्य स्वागत खुद राष्ट्रपति जोको विडोडो करेंगे. इसके बाद आधिकारिक बातचीत होगी और संयुक्त बयान जारी होंगे. तीन भाषाओं में दस्तावेज एक सूत्र के मुताबिक इस दौरान दोनों देश आपसी रक्षा सहयोग समझौते का नवीनीकरण कर सकते हैं, जिसकी समय-सीमा समाप्त हो गई है. दोनों देशों के बीच प्रतिरक्षा, अंतरिक्ष सहयोग, पॉलिसी प्लानिंग आदि में कई समझौतों पर दस्तखत हो सकते हैं. इस बार की खास बात यह है कि सभी दस्तावेज तीन भाषाओं हिंदी, अंग्रेजी और इंडोनेशियाई में जारी होंगे. उड़ेगी पतंग पीएम मोदी दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक रिश्ते बढ़ाने पर जोर दे सकते हैं. दोनों नेता पतंग उड़ा सकते हैं जिसमें कि गुजरात-बाली संपर्क देखने लायक होगा. इसके बाद पीएम भारतीय समुदाय के एक कार्यक्रम में शामिल होंगे. इंडोनेशिया में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं. भारत और इंडोनेशिया के बीच रामायण के माध्यम से एक मजबूत सांस्कृतिक जुड़ाव है. इंडोनेशिया में राम और सीता का काफी सम्मान है और वहां की रामलीलाएं काफी मशहूर हैं. रोजा रखने वाले मुस्लिम कलाकार करेंगे रामायण बैले का प्रदर्शन धार्मिक डिप्लोमेसी के तहत पीएम मोदी 31 मई को योग्याकार्ता जाएंगे, जहां उनका स्वागत सुल्तान हमेंगकुबुवोनो 10 करेंगे. पीएम मोदी ऐतिहासिक रूप से प्रसिद्ध हिंदू पद्मनाभन मंदिर जाएंगे और वह बोरुबुदूर में 9वीं शताब्दी के बौद्ध मंदिर भी जाएंगे. भारत और इंडोनेशिया के धार्मिक संपर्क में रामायण का काफी महत्व है और यह पीएम मोदी के 'रामायण सर्किट' के विजन के अनुरूप है. इस दौरान पद्मनाभन मंदिर में रामायण बैले का प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें सभी कलाकार मुस्लिम होंगे. यह कलाकर हर दिन शाम को रामायण बैले का प्रदर्शन करते हैं. गौरतलब है कि इस दौरान रोजा भी है और तमाम कलाकार रोजा रखते हुए भी रामायण बैले का प्रदर्शन करेंगे.
सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री शशि थरूर को एसडीएम से क्लीनचिट मिलने की खबर है. बीते शुक्रवार सुनंदा पुष्कर का शव संदिग्ध हालात में दिल्ली के होटल 'लीला' के कमरा नंबर 345 से मिला था. सूत्रों के मुताबिक, सुनंदा के परिवार वालों से पूछताछ के बाद ये आशंका खारिज हो गई है कि दहेज की मांग की वजह से सुनंदा किसी दबाव में थी. लिहाजा दहेज हत्या की आशंका खारिज हो गई है. दरअसल, एसडीएम को ये पता लगाने के लिए ही जांच सौपी गई थी कि कहीं ये दहेज हत्या का मामला तो नहीं. शादी के सात साल के भीतर महिला की संदिग्ध मौत होने पर कानूनी तौर पर इसकी जांच जरूरी है. सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है. क्राइम ब्रांच ये पता लगाएगी कि सुनंदा के शरीर में जहर कैसे गया? क्या ये दवा के ओवरडोज से हुआ? अगर दवा के ओवरडोज से हुआ तो गलती से ऐसा हुआ या जान-बूझकर या फिर किसी साजिश के तहत? सुनंदा की बांह पर चोट का निशान भी पुलिस के लिए पहेली बना हुआ है.
लेख: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने मुंबई के रणजी खिलाड़ी हिकेन शाह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। बीसीसीआई का कहना है कि शाह एंटी करप्शन कोड के नियमों के उल्लंघन के दोषी पाए गए हैं, और जब तक बोर्ड की अनुशासनात्मक समिति इस बारे में अंतिम फैसला नहीं दे देती शाह किसी भी तरह का क्रिकेट नहीं खेल सकते हैं।टिप्पणियां बोर्ड के मुताबिक शाह ने आईपीएल 2015 के दौरान एक खिलाड़ी से फिक्सिंग करने को कहा था, जिसने तत्काल इस बात की जानकारी फ्रैंचाइजी को दी। फ्रैंचाइजी ने पूरे मामले की जानकारी बीसीसीआई की एंटी करप्शन यूनिट को दे दी। मामला सामने आने के बाद बोर्ड अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने एसीयू को जांच का ज़िम्मा सौंपा। मामले की विस्तार से जांच के बाद हिकेन शाह को धारा 2.1.1, 2.1.2, और 2.1.4 के तहत दोषी पाया गया। आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित लोढ़ा कमेटी मंगलवार को दोषियों के लिए सज़ा का ऐलान भी करने वाली है। बोर्ड के मुताबिक शाह ने आईपीएल 2015 के दौरान एक खिलाड़ी से फिक्सिंग करने को कहा था, जिसने तत्काल इस बात की जानकारी फ्रैंचाइजी को दी। फ्रैंचाइजी ने पूरे मामले की जानकारी बीसीसीआई की एंटी करप्शन यूनिट को दे दी। मामला सामने आने के बाद बोर्ड अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने एसीयू को जांच का ज़िम्मा सौंपा। मामले की विस्तार से जांच के बाद हिकेन शाह को धारा 2.1.1, 2.1.2, और 2.1.4 के तहत दोषी पाया गया। आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित लोढ़ा कमेटी मंगलवार को दोषियों के लिए सज़ा का ऐलान भी करने वाली है। मामले की विस्तार से जांच के बाद हिकेन शाह को धारा 2.1.1, 2.1.2, और 2.1.4 के तहत दोषी पाया गया। आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित लोढ़ा कमेटी मंगलवार को दोषियों के लिए सज़ा का ऐलान भी करने वाली है।
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष स्थान दक्षिण अफ्रीका के जाक कैलिस को गंवा दिया. वहीं वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट में शतक जमाने वाले राहुल द्रविड़ नौ पायदान की छलांग लगाकर शीर्ष 20 में पहुंच गए हैं. आईसीसी की विज्ञप्ति के अनुसार खब्बू बल्लेबाज सुरेश रैना भी 26 पायदान चढ़कर 61वें स्थान पर पहुंच गए. वेस्टइंडीज दौरे से ब्रेक लेने वाले तेंदुलकर फिलहाल दूसरे स्थान पर है. किसी खिलाड़ी को एक टेस्ट नहीं खेलने पर रेटिंग अंक का एक प्रतिशत गंवाना पड़ता है. तेंदुलकर अगले दो टेस्ट भी नहीं खेल रहे हैं लिहाजा उनके अंक और कम होंगे. वह इंग्लैंड के खिलाफ अगले महीने टेस्ट श्रृंखला खेलेंगे. द्रविड़ सबीना पार्क पर 112 रन की पारी खेलकर 20वें स्थान पर पहुंच गए. नवंबर 2010 के बाद यह उनकी सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग है. द्रविड़ 2004 में आईसीसी क्रिकेटर और वर्ष के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट खिलाड़ी रह चुके हैं. वीवीएस लक्ष्मण पांच पायदान गिरकर 13वें स्थान पर आ गए. महेंद्र सिंह धोनी दो पायदान नीचे 38वें स्थान पर है. गेंदबाजों में ईशांत शर्मा तीन पायदान चढकर 11वें स्थान पर पहुंच गए है. वेस्टइंडीज के सलामी बल्लेबाज एड्रियन बराथ ने 29 पायदान की छलांग लगाकर 62वें स्थान पर कब्जा कर लिया. गेंदबाजों में स्पिनर देवेंद्र बिशू 49वें स्थान पर है. वह 12 पायदान उपर चढ़े हैं. दक्षिण अफ्रीका के डेल स्टेन, इंग्लैंड के ग्रीम स्वान और जेम्स एंडरसन पहले तीन स्थान पर हैं.
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब इसे नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख उमर अब्दुल्ला ने हवा दी है. उमर अब्दुल्ला ने महबूबा मुफ्ती नीत जम्मू-कश्मीर सरकार को आगाह किया कि भाजपा अनुच्छेद 370 रद्द करने के लिए न्यायपालिका का इस्तेमाल कर सकती है क्योंकि ‘वह समझ चुकी है कि वे उसे रद्द करने के लिए विधायिका का रास्ता नहीं अपना सकते.’ उमर ने राज्य विधानसभा में कहा, भाजपा ने शायद अपनी ओर से यह मान लिया है कि वे अनुच्छेद 370 समाप्त करने के लिए विधायिका का इस्तेमाल नहीं कर सकते जो राज्य को विशेष शक्तियां प्रदान करता है. जब वे (अनुच्छेद 370 रद्द करने के लिए) विधायिका के रास्ते ऐसा नहीं कर सकते, तो वे न्यायपालिका का इस्तेमाल कर सकते हैं. उन्होंने कहा, जो यह मानते हैं कि भाजपा ने अनुच्छेद 370 पर अच्छा काम किया है और यह कि पार्टी ने मान लिया है कि अनुच्छेद से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती..वे गलत हैं. विधानसभा में मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी थीं जिन्होंने अपने मंत्रालयों गृह, योजना, पर्यटन आदि के लिए अनुदान पेश किए हाल ही में उमर अब्दुल्ला ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से घाटी में छह महीने तक जारी रही हिंसा के दौरान हुई नागरिकों की मौत की जिम्मेदारी लेने को कहा था. उन्होंने कहा कि घाटी में 2008 से 2010 के बीच भी हिंसा जारी रही थी, लेकिन 'तब हमने इसके लिए विपक्ष को दोषी नहीं ठहराया था.'टिप्पणियां उमर ने महबूबा पर निशाना साधते हुए कहा था कि आपने राज्य में आतंकवाद के लिए जवाहर लाल नेहरू, मेरे पिता, मेरे दादा और पुलिस को जिम्मेदार ठहराया. क्या कश्मीर में सामान्य स्थिति बहाल करने में अपनी नाकामी के लिए आपने कभी खुद को जिम्मेदार ठहराया?उमर ने कहा था कि राज्य सरकार पिछले साल 8 जुलाई को आतंकवादी कमांडर बुरहान वानी के सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से स्थिति को संभालने में पूरी तरह नाकाम रही है.   उन्होंने कहा, जो यह मानते हैं कि भाजपा ने अनुच्छेद 370 पर अच्छा काम किया है और यह कि पार्टी ने मान लिया है कि अनुच्छेद से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती..वे गलत हैं. विधानसभा में मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी थीं जिन्होंने अपने मंत्रालयों गृह, योजना, पर्यटन आदि के लिए अनुदान पेश किए हाल ही में उमर अब्दुल्ला ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से घाटी में छह महीने तक जारी रही हिंसा के दौरान हुई नागरिकों की मौत की जिम्मेदारी लेने को कहा था. उन्होंने कहा कि घाटी में 2008 से 2010 के बीच भी हिंसा जारी रही थी, लेकिन 'तब हमने इसके लिए विपक्ष को दोषी नहीं ठहराया था.'टिप्पणियां उमर ने महबूबा पर निशाना साधते हुए कहा था कि आपने राज्य में आतंकवाद के लिए जवाहर लाल नेहरू, मेरे पिता, मेरे दादा और पुलिस को जिम्मेदार ठहराया. क्या कश्मीर में सामान्य स्थिति बहाल करने में अपनी नाकामी के लिए आपने कभी खुद को जिम्मेदार ठहराया?उमर ने कहा था कि राज्य सरकार पिछले साल 8 जुलाई को आतंकवादी कमांडर बुरहान वानी के सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से स्थिति को संभालने में पूरी तरह नाकाम रही है.   हाल ही में उमर अब्दुल्ला ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से घाटी में छह महीने तक जारी रही हिंसा के दौरान हुई नागरिकों की मौत की जिम्मेदारी लेने को कहा था. उन्होंने कहा कि घाटी में 2008 से 2010 के बीच भी हिंसा जारी रही थी, लेकिन 'तब हमने इसके लिए विपक्ष को दोषी नहीं ठहराया था.'टिप्पणियां उमर ने महबूबा पर निशाना साधते हुए कहा था कि आपने राज्य में आतंकवाद के लिए जवाहर लाल नेहरू, मेरे पिता, मेरे दादा और पुलिस को जिम्मेदार ठहराया. क्या कश्मीर में सामान्य स्थिति बहाल करने में अपनी नाकामी के लिए आपने कभी खुद को जिम्मेदार ठहराया?उमर ने कहा था कि राज्य सरकार पिछले साल 8 जुलाई को आतंकवादी कमांडर बुरहान वानी के सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से स्थिति को संभालने में पूरी तरह नाकाम रही है.   उमर ने महबूबा पर निशाना साधते हुए कहा था कि आपने राज्य में आतंकवाद के लिए जवाहर लाल नेहरू, मेरे पिता, मेरे दादा और पुलिस को जिम्मेदार ठहराया. क्या कश्मीर में सामान्य स्थिति बहाल करने में अपनी नाकामी के लिए आपने कभी खुद को जिम्मेदार ठहराया?उमर ने कहा था कि राज्य सरकार पिछले साल 8 जुलाई को आतंकवादी कमांडर बुरहान वानी के सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से स्थिति को संभालने में पूरी तरह नाकाम रही है.   उमर ने कहा था कि राज्य सरकार पिछले साल 8 जुलाई को आतंकवादी कमांडर बुरहान वानी के सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से स्थिति को संभालने में पूरी तरह नाकाम रही है.
चक्रवाती तूफान ‘फानी' (Fani Cyclone 2019) ओडिशा में तबाही मचाने के बाद पश्चिम बंगाल पहुंच गया है. तूफान की वजह से कम आठ लोगों की मौत हो गई है. तूफान फानी की वजह से पश्चिम बंगाल (West Bengal) में तेज बारिश हो रही है और हवा चल रही है. इससे पूर्वी मिदनापुर जिले में 50 घर तबाह हो गए हैं. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चक्रवाती तूफान ‘फानी' के कारण एम्स पीजी 2019 परीक्षा के लिए भुवनेश्वर में परीक्षा केन्द्र रद्द किये जाने की शुक्रवार को घोषणा की और सूचना तथा सहायता उपलब्ध कराने के लिए एक 24x7 हेल्पलाइन नम्बर की शुरूआत की. केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सुदान ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने का आग्रह किया और किसी भी सूचना के लिए हेल्पलाइन नम्बर- 011 23061302/23063205/ 23061469 (फैक्स) पर कॉल करने के लिए कहा.
यह लेख है: बिहार के नक्सल प्रभावित मुंगेर जिले के ऋषिकुंड जंगल क्षेत्र से पुलिस ने सोमवार को नक्सलियों के संरक्षण में चलाए जा रहे पांच अवैध मिनी बंदूक कारखाने का भंडाफोड़ किया. पुलिस ने यहां से चार स्वचालित पिस्तौल बरामद किए हैं. इस सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया गया है. मुंगेर के पुलिस अधीक्षक अशीष भारती ने बताया कि सहायक पुलिस अधीक्षक (अभियान) राणा नवीन के नेतृत्व में शाहपुर थाना क्षेत्र के ऋषिकुंड पहाड़ी क्षेत्र में चलाए गए छापेमारी अभियान के दौरान पांच अवैध मिनी बंदूक कारखाने का भंड़ाफोड किया गया है. घटनास्थल से चार चार स्वचालित पिस्तौल और बड़ी मात्रा में हथियार बनाने में प्रयुक्त होने वाली सामग्री बरामद की गई है.टिप्पणियां उन्होंने बताया कि इस मामले में श्रीमंत कुमार नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जबकि चार से पांच लोग पुलिस को देख भागने में सफल हो गए. पुलिस गिरफ्तार व्यक्ति से पूछताछ कर रही है. उल्लेखनीय है कि मुंगेर अवैध हथियार निर्माण के मामले में पूरे देश में चर्चित है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) मुंगेर के पुलिस अधीक्षक अशीष भारती ने बताया कि सहायक पुलिस अधीक्षक (अभियान) राणा नवीन के नेतृत्व में शाहपुर थाना क्षेत्र के ऋषिकुंड पहाड़ी क्षेत्र में चलाए गए छापेमारी अभियान के दौरान पांच अवैध मिनी बंदूक कारखाने का भंड़ाफोड किया गया है. घटनास्थल से चार चार स्वचालित पिस्तौल और बड़ी मात्रा में हथियार बनाने में प्रयुक्त होने वाली सामग्री बरामद की गई है.टिप्पणियां उन्होंने बताया कि इस मामले में श्रीमंत कुमार नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जबकि चार से पांच लोग पुलिस को देख भागने में सफल हो गए. पुलिस गिरफ्तार व्यक्ति से पूछताछ कर रही है. उल्लेखनीय है कि मुंगेर अवैध हथियार निर्माण के मामले में पूरे देश में चर्चित है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने बताया कि इस मामले में श्रीमंत कुमार नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जबकि चार से पांच लोग पुलिस को देख भागने में सफल हो गए. पुलिस गिरफ्तार व्यक्ति से पूछताछ कर रही है. उल्लेखनीय है कि मुंगेर अवैध हथियार निर्माण के मामले में पूरे देश में चर्चित है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी ओसामा बिन लादेन के मारे जाने या जीवित होने के बारे में बरकरार रहस्य के बीच एक नया आडियो टेप सामने आया है जिसे अल कायदा की ओर से अमेरिकी जनता के नाम संबोधन करार दिया गया है और इसमें सुनायी देने वाली आवाज को लादेन की आवाज बताया गया है. लादेन की स्थिर तस्‍वीर और ऑडियो बयान 11 सितंबर 2001 को अमेरिका पर हुए भीषण आतंकी हमले की आठवीं बरसी के दो दिन बाद आए इस टेप में लादेन की एक स्थिर तस्वीर तथा एक ऑडियो बयान है. अमेरिका के आतंकी निगरानी समूह इंटेल सेंटर ने कल बताया कि यह टेप अलकायदा की मीडिया इकाई अस साहब द्वारा जारी किया गया है. इंटेलसेंटर ने कहा कि वीडियो में लादेन की एक स्थिर तस्वीर और ऑडियो बयान है. इसमें कोई वीडियो फुटेज या अन्य कोई सामग्री नहीं है. इससे पहले 3 जून को जारी हुआ था ऑडियो अलकायदा की मीडिया इकाई ने इस टेप को अमेरिकी लोगों के नाम संबोधन’’ करार दिया. यह वैसा ही बयान है जो अलकायदा हर साल सितंबर या अक्तूबर के महीने में जारी करता रहता है. इससे पहले लादेन का अंतिम ऑडियो टेप तीन जून को जारी किया गया था.
लग्जरी कार कंपनी मर्सिडीज-बेंज ने डीजल मॉडल ई-क्लास की मंहगी कार E350 पेश की, जो इस साल पेश होने वाले 10 मॉडल में से आठवां है. कंपनी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी एबरहार्ड केर्न ने इस मौके पर संवाददाताओं से कहा कि E-350 की कीमत पुणे में 57.42 लाख रुपये से शुरू होगी और यह पुणे के चाकन संयंत्र में असेंबल किया गया छठा मॉडल है. ई-क्लास की कारों में E200, E250, E350 और E63 एएमजी शामिल हैं, जो डीजल और पेट्रोल दोनों मॉडल में उपलब्ध हैं. केर्न ने कहा कि नई E350 स्पोर्ट्स में 6 सिलिंडर, तीन लीटर (3000cc) का इंजन है और इसमें कई अन्य तरह की विशेषताएं हैं.
लंदन के एक स्कूल में टीचर ने बच्चों को कुछ ऐसा लिखने को दे दिया, जिसे सुनकर आप हैरत में पड़ जाएंगे. टीचर ने कक्षा में पढ़ने वाले 60 टीनएज स्टूडेंट्स को होमवर्क में suicide note लिखने को दे दिया. हालांकि टीचर ने इसे शेक्सपियर की त्रासदी मैकबेथ पर एक मॉड्यूल का हिस्सा बताया, पर छात्रों और अभिभावकों के नाराज होने पर टीचर और स्कूल ने माफी भी मांग ली. ये घटना लंदन के किडब्रुक स्थ‍ित थॉमस टैलिस स्कूल की है, जहां छात्रों को कहा गया कि वो अपने प्रिय जनों के नाम एक खत लिखें. शिक्षक ने यह शेक्सपियर के मशहूर नाटक में उस हिस्से को पढ़ाने के बाद कहा, जिसमें मैकबेथ आत्महत्या कर लेती है. NEET 2017: टॉपर नवदीप ने कहा- 17 घंटे पढ़ा, सोशल मीडिया से रहा दूर मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसे देखकर छात्रों के अभिभावक गुस्से में आ गए और इसे स्कूल की संवेदनशीलता की कमी बताया. एक छात्रा की मां ने कहा कि उनकी बेटी अपने तीन दोस्तों को आत्महत्या के कारण खो चुकी है. इसके बावजूद उसने अपनी मां से ऐसा खत लिखने को कहा. छात्रा की मां ने कहा कि उनकी बेटी इस तरह की घटनाओं और मुद्दों से परेशान हो जाती है. इससे पहले उसने अपनी टीचर को भी इस बारे में बताया था. ऐसे छात्रा की मां ने कहा कि इस उम्र में बच्चों को स्कूल में अच्छी बातें सिखाई जानी चाहिए. छात्रों से suicide note लिखाया जाना अच्छा विचार नहीं है और किसी भी हाल में ऐसा नहीं होना चाहिए था. वहीं दूसरे अभिभावकों ने भी इसे घृणित और असंवेदनशील बताया. छात्रों के माता-पिता ने कहा कि असाइंमेंट देते वक्त छात्रों के उम्र का ध्यान भी नहीं रखा गया. NEET 2017: काउंसलिंग डेट से लेकर कॉलेज एलॉटमेंट तक, जानिये सब कुछ अभिभाकों की प्रतिक्रिया के बाद स्कूल के प्रमुख संचालिका कैरोलीन रोबर्ट्स आगे आईं और कहा कि इसे लेकर मेरे पास माता-पिता की शिकायत आई है और हम इसकी सराहना करते हैं कि अभिभावक इस मुद्दे को टीचर्स से डिस्कस कर रहे हैं. कैरोलीन ने कहा कि वो कुछ माता-पिता से मिली हैं और इसकी माफी भी मांगी है. पेरेंट्स उन्हें माफ भी कर दिया है.