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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के छठे संस्करण में बुधवार को सवाई मान सिंह स्टेडियम में होने वाले 23वें मुकाबले मे राजस्थान रॉयल्स का मुकाबला मुंबई इंडियंस से होगा। मुंबई ने अब तक चार मुकाबले खेले हैं। तीन जीत और एक हार के साथ मुंबई अंक तालिका में शीर्ष पर चल रहा है। टूर्नामेंट का सबसे बड़ा स्कोर बनाने वाली मुंबई ने अपने पिछले मैच में पुणे वॉरियर्स को हराया था। वहीं, राजस्थान रॉयल्स ने भी अब तक चार मैच खेले हैं, जिनमें से तीन में उसे जीत और एक मैच में हार नसीब हुई है। राजस्थान ने अपने पिछले मुकाबले में अपने घर में किंग्स इलेवन पंजाब को हराया था। राजस्थान के मुकाबले मुंबई की बल्लेबाजी काफी मजबूत है। दिनेश कार्तिक, रोहित शर्मा और कीरन पोलार्ड बेहतरीन फॉर्म में चल रहे हैं। शुरुआती मैचों में मुंबई के लिए अच्छी शुरुआत न मिलना चिंता की बात थी, लेकिन पिछले मुकाबले में सचिन तेंदुलकर और रिकी पोंटिंग ने टीम को बेहतरीन शुरुआत देकर टीम प्रबंधन की इस चिंता को भी कम कर दिया। राजस्थान की ओर से राहुल द्रविड़, अजिंक्य रहाणे अच्छी फॉर्म में चल रहे हैं। द्रविड टूर्नामेंट में दो अर्द्धशतक लगा चुके हैं। शेन वॉटसन हालांकि अभी तक अपनी बल्लेबाजी से प्रभावित नहीं कर पाए हैं। टिप्पणियां गेंदबाजी में मुंबई के पास लसिथ मलिंगा, मिशेल जॉनसन, हरभजन सिंह, मुनाफ पटेल और प्रज्ञान ओझा शामिल हैं। वहीं, राजस्थान के पास केवन कूपर, शांताकुमारन श्रीसंत और सिद्धार्थ त्रिवेदी मौजूद हैं। मुंबई के लिए राजस्थान को उसके घर में हराना काफी मुश्किल होगा, क्योंकि यहां हुए दो मुकाबलों में राजस्थान ने दोनों में जीत हासिल की है। जयपुर का विकेट गेंदबाजों के लिए मददगार है। इस मैदान पर अब तक हुए मुकाबलों में 144 रन सबसे बड़ा स्कोर है। मुंबई ने अब तक चार मुकाबले खेले हैं। तीन जीत और एक हार के साथ मुंबई अंक तालिका में शीर्ष पर चल रहा है। टूर्नामेंट का सबसे बड़ा स्कोर बनाने वाली मुंबई ने अपने पिछले मैच में पुणे वॉरियर्स को हराया था। वहीं, राजस्थान रॉयल्स ने भी अब तक चार मैच खेले हैं, जिनमें से तीन में उसे जीत और एक मैच में हार नसीब हुई है। राजस्थान ने अपने पिछले मुकाबले में अपने घर में किंग्स इलेवन पंजाब को हराया था। राजस्थान के मुकाबले मुंबई की बल्लेबाजी काफी मजबूत है। दिनेश कार्तिक, रोहित शर्मा और कीरन पोलार्ड बेहतरीन फॉर्म में चल रहे हैं। शुरुआती मैचों में मुंबई के लिए अच्छी शुरुआत न मिलना चिंता की बात थी, लेकिन पिछले मुकाबले में सचिन तेंदुलकर और रिकी पोंटिंग ने टीम को बेहतरीन शुरुआत देकर टीम प्रबंधन की इस चिंता को भी कम कर दिया। राजस्थान की ओर से राहुल द्रविड़, अजिंक्य रहाणे अच्छी फॉर्म में चल रहे हैं। द्रविड टूर्नामेंट में दो अर्द्धशतक लगा चुके हैं। शेन वॉटसन हालांकि अभी तक अपनी बल्लेबाजी से प्रभावित नहीं कर पाए हैं। टिप्पणियां गेंदबाजी में मुंबई के पास लसिथ मलिंगा, मिशेल जॉनसन, हरभजन सिंह, मुनाफ पटेल और प्रज्ञान ओझा शामिल हैं। वहीं, राजस्थान के पास केवन कूपर, शांताकुमारन श्रीसंत और सिद्धार्थ त्रिवेदी मौजूद हैं। मुंबई के लिए राजस्थान को उसके घर में हराना काफी मुश्किल होगा, क्योंकि यहां हुए दो मुकाबलों में राजस्थान ने दोनों में जीत हासिल की है। जयपुर का विकेट गेंदबाजों के लिए मददगार है। इस मैदान पर अब तक हुए मुकाबलों में 144 रन सबसे बड़ा स्कोर है। वहीं, राजस्थान रॉयल्स ने भी अब तक चार मैच खेले हैं, जिनमें से तीन में उसे जीत और एक मैच में हार नसीब हुई है। राजस्थान ने अपने पिछले मुकाबले में अपने घर में किंग्स इलेवन पंजाब को हराया था। राजस्थान के मुकाबले मुंबई की बल्लेबाजी काफी मजबूत है। दिनेश कार्तिक, रोहित शर्मा और कीरन पोलार्ड बेहतरीन फॉर्म में चल रहे हैं। शुरुआती मैचों में मुंबई के लिए अच्छी शुरुआत न मिलना चिंता की बात थी, लेकिन पिछले मुकाबले में सचिन तेंदुलकर और रिकी पोंटिंग ने टीम को बेहतरीन शुरुआत देकर टीम प्रबंधन की इस चिंता को भी कम कर दिया। राजस्थान की ओर से राहुल द्रविड़, अजिंक्य रहाणे अच्छी फॉर्म में चल रहे हैं। द्रविड टूर्नामेंट में दो अर्द्धशतक लगा चुके हैं। शेन वॉटसन हालांकि अभी तक अपनी बल्लेबाजी से प्रभावित नहीं कर पाए हैं। टिप्पणियां गेंदबाजी में मुंबई के पास लसिथ मलिंगा, मिशेल जॉनसन, हरभजन सिंह, मुनाफ पटेल और प्रज्ञान ओझा शामिल हैं। वहीं, राजस्थान के पास केवन कूपर, शांताकुमारन श्रीसंत और सिद्धार्थ त्रिवेदी मौजूद हैं। मुंबई के लिए राजस्थान को उसके घर में हराना काफी मुश्किल होगा, क्योंकि यहां हुए दो मुकाबलों में राजस्थान ने दोनों में जीत हासिल की है। जयपुर का विकेट गेंदबाजों के लिए मददगार है। इस मैदान पर अब तक हुए मुकाबलों में 144 रन सबसे बड़ा स्कोर है। राजस्थान के मुकाबले मुंबई की बल्लेबाजी काफी मजबूत है। दिनेश कार्तिक, रोहित शर्मा और कीरन पोलार्ड बेहतरीन फॉर्म में चल रहे हैं। शुरुआती मैचों में मुंबई के लिए अच्छी शुरुआत न मिलना चिंता की बात थी, लेकिन पिछले मुकाबले में सचिन तेंदुलकर और रिकी पोंटिंग ने टीम को बेहतरीन शुरुआत देकर टीम प्रबंधन की इस चिंता को भी कम कर दिया। राजस्थान की ओर से राहुल द्रविड़, अजिंक्य रहाणे अच्छी फॉर्म में चल रहे हैं। द्रविड टूर्नामेंट में दो अर्द्धशतक लगा चुके हैं। शेन वॉटसन हालांकि अभी तक अपनी बल्लेबाजी से प्रभावित नहीं कर पाए हैं। टिप्पणियां गेंदबाजी में मुंबई के पास लसिथ मलिंगा, मिशेल जॉनसन, हरभजन सिंह, मुनाफ पटेल और प्रज्ञान ओझा शामिल हैं। वहीं, राजस्थान के पास केवन कूपर, शांताकुमारन श्रीसंत और सिद्धार्थ त्रिवेदी मौजूद हैं। मुंबई के लिए राजस्थान को उसके घर में हराना काफी मुश्किल होगा, क्योंकि यहां हुए दो मुकाबलों में राजस्थान ने दोनों में जीत हासिल की है। जयपुर का विकेट गेंदबाजों के लिए मददगार है। इस मैदान पर अब तक हुए मुकाबलों में 144 रन सबसे बड़ा स्कोर है। राजस्थान की ओर से राहुल द्रविड़, अजिंक्य रहाणे अच्छी फॉर्म में चल रहे हैं। द्रविड टूर्नामेंट में दो अर्द्धशतक लगा चुके हैं। शेन वॉटसन हालांकि अभी तक अपनी बल्लेबाजी से प्रभावित नहीं कर पाए हैं। टिप्पणियां गेंदबाजी में मुंबई के पास लसिथ मलिंगा, मिशेल जॉनसन, हरभजन सिंह, मुनाफ पटेल और प्रज्ञान ओझा शामिल हैं। वहीं, राजस्थान के पास केवन कूपर, शांताकुमारन श्रीसंत और सिद्धार्थ त्रिवेदी मौजूद हैं। मुंबई के लिए राजस्थान को उसके घर में हराना काफी मुश्किल होगा, क्योंकि यहां हुए दो मुकाबलों में राजस्थान ने दोनों में जीत हासिल की है। जयपुर का विकेट गेंदबाजों के लिए मददगार है। इस मैदान पर अब तक हुए मुकाबलों में 144 रन सबसे बड़ा स्कोर है। गेंदबाजी में मुंबई के पास लसिथ मलिंगा, मिशेल जॉनसन, हरभजन सिंह, मुनाफ पटेल और प्रज्ञान ओझा शामिल हैं। वहीं, राजस्थान के पास केवन कूपर, शांताकुमारन श्रीसंत और सिद्धार्थ त्रिवेदी मौजूद हैं। मुंबई के लिए राजस्थान को उसके घर में हराना काफी मुश्किल होगा, क्योंकि यहां हुए दो मुकाबलों में राजस्थान ने दोनों में जीत हासिल की है। जयपुर का विकेट गेंदबाजों के लिए मददगार है। इस मैदान पर अब तक हुए मुकाबलों में 144 रन सबसे बड़ा स्कोर है। जयपुर का विकेट गेंदबाजों के लिए मददगार है। इस मैदान पर अब तक हुए मुकाबलों में 144 रन सबसे बड़ा स्कोर है।
महाराष्ट्र के विवादित सिंचाई घोटाले में एनसीपी विधायक अजीत पवार के फैसले जांच के दायरे में आ चुके हैं. ठाणे ACB से इस मामले में दायर हालिया चार्जशीट से इस बात का खुलासा हो रहा है. NDTV इंडिया के पास चार्जशीट का वह हिस्सा एक्सक्लूसिव है जिसमें अजीत पवार की जांच का जिक्र हुआ है. ठाणे एंटी करप्शन ब्यूरो ने सोमवार को करोड़ों रुपये की लागत से बने बालगंगा सिंचाई प्रोजेक्ट मामले में 30 हजार पन्ने की चार्जशीट फ़ाइल की. इस चार्जशीट में अजीत पवार की जांच का जिक्र स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है. हाईकोर्ट में दायर याचिका पर जारी सुनवाई के तहत जिन 13 सिंचाई प्रोजेक्ट्स की जांच राज्य सरकार ने ACB को करने को कहा है, रायगढ़ जिले में स्थित बालगंगा उसी में से एक प्रोजेक्ट है. चार्जशीट का एक पन्ना स्पष्ट रूप से कहता है कि, "हमनें 27/7/2016 को, बालगंगा प्रोजेक्ट के सन्दर्भ में तत्कालीन सिंचाई मंत्री अजीत पवार ने लिए हुए नीतिगत फैसलों के बारे में राज्य के सिंचाई विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखा है. इस मामले में जांच बाकी है." चार्जशीट में बतौर आरोपियों की फेहरिस्त में भले ही अजीत पवार का नाम न हो लेकिन इस जिक्र से उनकी भूमिका पर सवाल जरूर उठे हैं. यही नहीं बल्कि महाराष्ट्र सरकार की अनुमति लिए बगैर सरकारी संस्था सिडको द्वारा बालगंगा प्रोजेक्ट को पैसे मुहैया करना भी जांच के दायरे में आ चुका है. गौरतलब है कि सिडको बोर्ड पर भी एनसीपी का कब्ज़ा था. जिस बोर्ड ने गैरकानूनी रूप से कोंकण सिंचाई विकास बोर्ड के साथ MoU करने की बात चार्जशीट में कही गई है. चार्जशीट के अगले खुलासे में बालगंगा प्रोजेक्ट के सर्वे का काम संदेहास्पद बताकर इसलिए 52 लाख 28 हजार 226 रु पायोनियर फाउंडेशन को दे देना भी जांच के दायरे में लाया गया है.टिप्पणियां महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बनने से पहले करीब बारह साल अजीत पवार ने सिंचाई विभाग का जिम्मा महाराष्ट्र में संभाला. इसी दौरान उन पर 32 सिंचाई प्रोजेक्टों की लागत 17 हजार करोड़ रुपये बढ़ाने का प्रमुख आरोप लगा है. बालगंगा प्रोजेक्ट को 2009 में मंजूरी मिलने के बाद महज 6 महीने में ही उसकी लागत 414 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1600 करोड़ रुपये कर दी गई थी. ज्ञात हो कि, ACB ने बालगंगा प्रोजेक्ट के मामले में केस दायर करने के बाद अजीत पवार की 2 घंटे जांच भी की है. ठाणे एंटी करप्शन ब्यूरो ने सोमवार को करोड़ों रुपये की लागत से बने बालगंगा सिंचाई प्रोजेक्ट मामले में 30 हजार पन्ने की चार्जशीट फ़ाइल की. इस चार्जशीट में अजीत पवार की जांच का जिक्र स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है. हाईकोर्ट में दायर याचिका पर जारी सुनवाई के तहत जिन 13 सिंचाई प्रोजेक्ट्स की जांच राज्य सरकार ने ACB को करने को कहा है, रायगढ़ जिले में स्थित बालगंगा उसी में से एक प्रोजेक्ट है. चार्जशीट का एक पन्ना स्पष्ट रूप से कहता है कि, "हमनें 27/7/2016 को, बालगंगा प्रोजेक्ट के सन्दर्भ में तत्कालीन सिंचाई मंत्री अजीत पवार ने लिए हुए नीतिगत फैसलों के बारे में राज्य के सिंचाई विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखा है. इस मामले में जांच बाकी है." चार्जशीट में बतौर आरोपियों की फेहरिस्त में भले ही अजीत पवार का नाम न हो लेकिन इस जिक्र से उनकी भूमिका पर सवाल जरूर उठे हैं. यही नहीं बल्कि महाराष्ट्र सरकार की अनुमति लिए बगैर सरकारी संस्था सिडको द्वारा बालगंगा प्रोजेक्ट को पैसे मुहैया करना भी जांच के दायरे में आ चुका है. गौरतलब है कि सिडको बोर्ड पर भी एनसीपी का कब्ज़ा था. जिस बोर्ड ने गैरकानूनी रूप से कोंकण सिंचाई विकास बोर्ड के साथ MoU करने की बात चार्जशीट में कही गई है. चार्जशीट के अगले खुलासे में बालगंगा प्रोजेक्ट के सर्वे का काम संदेहास्पद बताकर इसलिए 52 लाख 28 हजार 226 रु पायोनियर फाउंडेशन को दे देना भी जांच के दायरे में लाया गया है.टिप्पणियां महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बनने से पहले करीब बारह साल अजीत पवार ने सिंचाई विभाग का जिम्मा महाराष्ट्र में संभाला. इसी दौरान उन पर 32 सिंचाई प्रोजेक्टों की लागत 17 हजार करोड़ रुपये बढ़ाने का प्रमुख आरोप लगा है. बालगंगा प्रोजेक्ट को 2009 में मंजूरी मिलने के बाद महज 6 महीने में ही उसकी लागत 414 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1600 करोड़ रुपये कर दी गई थी. ज्ञात हो कि, ACB ने बालगंगा प्रोजेक्ट के मामले में केस दायर करने के बाद अजीत पवार की 2 घंटे जांच भी की है. चार्जशीट का एक पन्ना स्पष्ट रूप से कहता है कि, "हमनें 27/7/2016 को, बालगंगा प्रोजेक्ट के सन्दर्भ में तत्कालीन सिंचाई मंत्री अजीत पवार ने लिए हुए नीतिगत फैसलों के बारे में राज्य के सिंचाई विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखा है. इस मामले में जांच बाकी है." चार्जशीट में बतौर आरोपियों की फेहरिस्त में भले ही अजीत पवार का नाम न हो लेकिन इस जिक्र से उनकी भूमिका पर सवाल जरूर उठे हैं. यही नहीं बल्कि महाराष्ट्र सरकार की अनुमति लिए बगैर सरकारी संस्था सिडको द्वारा बालगंगा प्रोजेक्ट को पैसे मुहैया करना भी जांच के दायरे में आ चुका है. गौरतलब है कि सिडको बोर्ड पर भी एनसीपी का कब्ज़ा था. जिस बोर्ड ने गैरकानूनी रूप से कोंकण सिंचाई विकास बोर्ड के साथ MoU करने की बात चार्जशीट में कही गई है. चार्जशीट के अगले खुलासे में बालगंगा प्रोजेक्ट के सर्वे का काम संदेहास्पद बताकर इसलिए 52 लाख 28 हजार 226 रु पायोनियर फाउंडेशन को दे देना भी जांच के दायरे में लाया गया है.टिप्पणियां महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बनने से पहले करीब बारह साल अजीत पवार ने सिंचाई विभाग का जिम्मा महाराष्ट्र में संभाला. इसी दौरान उन पर 32 सिंचाई प्रोजेक्टों की लागत 17 हजार करोड़ रुपये बढ़ाने का प्रमुख आरोप लगा है. बालगंगा प्रोजेक्ट को 2009 में मंजूरी मिलने के बाद महज 6 महीने में ही उसकी लागत 414 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1600 करोड़ रुपये कर दी गई थी. ज्ञात हो कि, ACB ने बालगंगा प्रोजेक्ट के मामले में केस दायर करने के बाद अजीत पवार की 2 घंटे जांच भी की है. चार्जशीट में बतौर आरोपियों की फेहरिस्त में भले ही अजीत पवार का नाम न हो लेकिन इस जिक्र से उनकी भूमिका पर सवाल जरूर उठे हैं. यही नहीं बल्कि महाराष्ट्र सरकार की अनुमति लिए बगैर सरकारी संस्था सिडको द्वारा बालगंगा प्रोजेक्ट को पैसे मुहैया करना भी जांच के दायरे में आ चुका है. गौरतलब है कि सिडको बोर्ड पर भी एनसीपी का कब्ज़ा था. जिस बोर्ड ने गैरकानूनी रूप से कोंकण सिंचाई विकास बोर्ड के साथ MoU करने की बात चार्जशीट में कही गई है. चार्जशीट के अगले खुलासे में बालगंगा प्रोजेक्ट के सर्वे का काम संदेहास्पद बताकर इसलिए 52 लाख 28 हजार 226 रु पायोनियर फाउंडेशन को दे देना भी जांच के दायरे में लाया गया है.टिप्पणियां महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बनने से पहले करीब बारह साल अजीत पवार ने सिंचाई विभाग का जिम्मा महाराष्ट्र में संभाला. इसी दौरान उन पर 32 सिंचाई प्रोजेक्टों की लागत 17 हजार करोड़ रुपये बढ़ाने का प्रमुख आरोप लगा है. बालगंगा प्रोजेक्ट को 2009 में मंजूरी मिलने के बाद महज 6 महीने में ही उसकी लागत 414 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1600 करोड़ रुपये कर दी गई थी. ज्ञात हो कि, ACB ने बालगंगा प्रोजेक्ट के मामले में केस दायर करने के बाद अजीत पवार की 2 घंटे जांच भी की है. चार्जशीट के अगले खुलासे में बालगंगा प्रोजेक्ट के सर्वे का काम संदेहास्पद बताकर इसलिए 52 लाख 28 हजार 226 रु पायोनियर फाउंडेशन को दे देना भी जांच के दायरे में लाया गया है.टिप्पणियां महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बनने से पहले करीब बारह साल अजीत पवार ने सिंचाई विभाग का जिम्मा महाराष्ट्र में संभाला. इसी दौरान उन पर 32 सिंचाई प्रोजेक्टों की लागत 17 हजार करोड़ रुपये बढ़ाने का प्रमुख आरोप लगा है. बालगंगा प्रोजेक्ट को 2009 में मंजूरी मिलने के बाद महज 6 महीने में ही उसकी लागत 414 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1600 करोड़ रुपये कर दी गई थी. ज्ञात हो कि, ACB ने बालगंगा प्रोजेक्ट के मामले में केस दायर करने के बाद अजीत पवार की 2 घंटे जांच भी की है. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बनने से पहले करीब बारह साल अजीत पवार ने सिंचाई विभाग का जिम्मा महाराष्ट्र में संभाला. इसी दौरान उन पर 32 सिंचाई प्रोजेक्टों की लागत 17 हजार करोड़ रुपये बढ़ाने का प्रमुख आरोप लगा है. बालगंगा प्रोजेक्ट को 2009 में मंजूरी मिलने के बाद महज 6 महीने में ही उसकी लागत 414 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1600 करोड़ रुपये कर दी गई थी. ज्ञात हो कि, ACB ने बालगंगा प्रोजेक्ट के मामले में केस दायर करने के बाद अजीत पवार की 2 घंटे जांच भी की है. ज्ञात हो कि, ACB ने बालगंगा प्रोजेक्ट के मामले में केस दायर करने के बाद अजीत पवार की 2 घंटे जांच भी की है.
भारत में सरकार पर विदेशों में जमा कालेधन को वापस लाने के लिए समाज और राजनीतिक दलों के बढ़ते दबाव के बीच वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय बिरादरी अपील की कि वह कालेधन की पनाहगाहों पर बैंकिंग और कर संबंधी सूचनायें उपलब्ध कराने के लिए दबाव बढ़ाए। मुखर्जी ने एशियाई विकास बैंक (एडीबी) गवर्नर्स संगोष्ठी में कहा कालाधन रखने वालों की पनाहगाह माने जाने वाले देशों की सरकारों को नियमित प्रावधानों के जरिए कर सूचनाओं का आदान प्रदान करना चाहिए। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी कहा कि वह इन देशों के असहयोगात्मक रवैये के खिलाफ उन पर दबाव बनाएं। मुखर्जी ने कहा कि कर अपवंचना और कर मामलों में धोखाधड़ी के बीच कोई फर्क नहीं होना चाहिए और न ही कर सूचनाओं के मामले में कोई रुकावट आनी चाहिए। कई देश और विशेषअधिकार वाले क्षेत्र ऐसे हैं जहां कर मामलों में धोखाधड़ी और कर अपवंचना को अलग अलग माना जाता है। ऐसा अंतर माने जाने से कर अपवंचना को बढावा मिलता है और सूचनाओं के प्रभावी आदान-प्रदान में रुकावट खड़ी होती है। विदेशों में रखी गई काली कमाई को लेकर कटघरे में खड़ी सरकार ने 11 देशों के साथ कर सूचनाओं के आदान प्रदान और 13 देशों के साथ दोहरे कराधान से बचने के समझौते किए हैं इनमें मौजूदा ऐसे समझौते के मौजूदा 10 प्रावधानों में संशोधन किया गया है। फ्रांस के वित्त मंत्री क्रिस्टीने लागार्डे ने इस मौके पर कहा हमें भ्रष्टाचार और असहयोगात्मक रवैया रखने वाले देशों और क्षेत्रों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा। दुनिया के समूह 20 के देशों का लक्ष्य ही मजबूत, सतत् और संतुलित वृद्धि के लिये एक खाका तैयार करना है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक प्रणाली में सुधार पर भी जोर दिया।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को मिजोरम विश्वविद्यालय के 10वें वार्षिक समारोह में कहा कि केंद्र और दिल्ली सरकार ने पूर्वोत्तर के लोगों के खिलाफ होने वाली वारदातों को रोकने के लिए कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से देश की बहुलतावादी प्रकृति को कमजोर नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, कुछ समय पहले राजधानी दिल्ली में पूर्वोत्तर के नौजवानों पर हमलों की कई वारदातें सामने आईं हैं. केंद्र और राज्य सरकार दोनों ने दोषियों को सिर्फ पकड़ने और दंडित करने की ही कार्रवाई नहीं की बल्कि कई कदम भी उठाए ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हो सकें. उन्होंने कहा, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे देश की एकता और उसके बहुलतावादी चरित्र को इस तरह की अस्वीकार्य घटनाएं कमोजर न बनाएं. भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी एम.पी. बेजबरुआ के नेतृत्व में गृह मंत्रालय ने दिल्ली में पूर्वोत्तर के लोगों पर हो रहे हमलों पर एक समिति गठित की थी. इस समिति ने कहा था कि 2005 से 2013 के बीच दो लाख से ज्यादा लोग पूर्वोत्तर के राज्यों से दिल्ली आए हैं. इनमें से 86 फीसदी लोगों को किसी न किसी तरह के नस्लीय भेदभाव का सामना करना पड़ा है. शिक्षा पर राष्ट्रपति ने कहा कि विश्व के सर्वेक्षणों में शीर्ष 200 में भारत का एक भी संस्थान शामिल नहीं है. मिजोरम को प्राकृतिक सुंदरता का खजाना बताते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि अपने पश्चिम में बांग्लादेश और दक्षिण और पूर्व में म्यांमार के साथ तकरीबन 700 किलोमीटर अंतर्राष्ट्रीय सीमा के साथ मिजोरम अच्छी स्थिति बनाए हुए है. यह खुशी की बात है कि मिजोरम विश्वविद्यालय को एनएएसी (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) ने 2014 में 'ए' श्रेणी की मान्यता दी थी. उन्होंने कहा, कुलपतियों के सम्मेलन में यह फैसला हुआ था कि प्रत्येक केंद्रीय विश्वविद्यालय कम से कम पांच गावों को गोद लेगा और उनका विकास करेगा. मुझे भरोसा है कि यह विश्वविद्यालय उम्मीदों पर खरा उतरेगा. -इनपुट IANS
नाम: राजेंद्र प्रसाद सिंह पिताः काशीनाथ सिंह पार्टीः भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशीः दिनारा उम्रः 49 साल शिक्षाः एल.एल.बी पेशाः कृषि राजनीतिक सफर: राजेंद्र सिंह बिहार बीजेपी के अग्रणी नेताओं में से एक हैं. इन्होंने 2014 में हुए झारखंड चुनाव में बीजेपी की जीत में अहम किरदार निभाया. बिहार के रोहतास जिले में रहने वाले 49 वर्षीय सिंह संघ के प्रचारक रह चुके हैं. एक दशक पहले उन्हें बीजेपी से जोड़ा गया. 2015 विधानसभा चुनाव में उन्हें दिनारा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है. हालांकि इस सीट पर पिछले चुनाव में बीजेपी ने उम्मीदवार नहीं उतारा था क्योंकि तब इस पर जेडीयू चुनाव लड़ी थी. यहां से 2010 में जेडीयू उम्मीदवार जय कुमार सिंह विधायक हैं. सिंह बिहार विधानसभा चुनाव के लिए इस साल जुलाई में गठित चार सदस्यीय अमित शाह की टीम के सदस्य हैं. बीजेपी ने इस बार पूरे क्षेत्र को चार भाग में विभाजित कर दिया है. अमित शाह की कोर टीम के इन चार सदस्यों को इनमें से एक-एक क्षेत्र की देखरेख का जिम्मा सौंपा गया है. राजेंद्र सिंह पर पटना-मगध मंडल की जिम्मेवारी है. जिसके अंतर्गत 9 जिले और 58 विधानसभा सीटें आती हैं. आमतौर पर बीजेपी अपने महासचिवों को चुनाव लड़ने के लिए नहीं उतारती है क्योंकि इन पर पार्टी और संघ के बीच समन्वय स्थापित करने की बड़ी जिम्मेदारी होती है. हालांकि, हाल के चुनावों में कुछ अपवाद देखने को जरूर मिले और इसके सबसे बड़े उदाहरण खुद प्रधानमंत्री मोदी, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर हैं. कुल मिलाकर इस बड़ी जिम्मेदारी के बावजूद उन्हें चुनाव में उतारा जाना इस बात का संकेत तो जरूर है कि उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. हालांकि बिहार की फिजाओं में उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर भी चर्चाएं हैं.
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु में बाढ़ के कारण जान गंवाने वाले लोगों में से प्रत्येक के परिजन को शनिवार रात दो-दो लाख रुपये की सहायता देने का ऐलान किया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्विटर पर डाले गए एक पोस्ट में बताया ‘‘प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु में बाढ़ के कारण जान गंवाने वाले लोगों में से प्रत्येक के परिजन को पीएमएनआरएफ (प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष) से दो-दो लाख रुपये की सहायता देने का ऐलान किया।’’ मोदी ने 3 दिसंबर को तमिलनाडु के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे किया था और प्राकृतिक आपदा से बेहाल राज्य में राहत एवं पुनर्वास कार्य के लिए 1,000 करोड़ रुपये की तत्काल सहायता का ऐलान किया था। यह सहायता केंद्र द्वारा पूर्व में जारी की गई 940 करोड़ रुपये की मदद राशि के अतिरिक्त है। इसी बीच केंद्र ने पुडुचेरी सरकार को सूचित किया कि बाढ़ से प्रभावित केंद्र शासित प्रदेश में राहत अभियानों के लिए पहली किस्त के तौर पर 50 करोड़ रुपये जारी किए जा रहे हैं। टिप्पणियां मुख्यमंत्री एन रंगासामी के कार्यालय से जारी एक विज्ञप्ति में आज बताया गया है कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उन्हें सूचित किया है कि केंद्र पुडुचेरी में राहत सहायता के लिए 50 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी कर रहा है। पुडुचेरी भी पिछले कुछ दिनों से बारिश होने की वजह से बाढ़ का सामना कर रहा है और रंगासामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा सिंह से राहत कार्यों के लिए 183.45 करोड़ रुपये की सहायता की मांग की है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्विटर पर डाले गए एक पोस्ट में बताया ‘‘प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु में बाढ़ के कारण जान गंवाने वाले लोगों में से प्रत्येक के परिजन को पीएमएनआरएफ (प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष) से दो-दो लाख रुपये की सहायता देने का ऐलान किया।’’ मोदी ने 3 दिसंबर को तमिलनाडु के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे किया था और प्राकृतिक आपदा से बेहाल राज्य में राहत एवं पुनर्वास कार्य के लिए 1,000 करोड़ रुपये की तत्काल सहायता का ऐलान किया था। यह सहायता केंद्र द्वारा पूर्व में जारी की गई 940 करोड़ रुपये की मदद राशि के अतिरिक्त है। इसी बीच केंद्र ने पुडुचेरी सरकार को सूचित किया कि बाढ़ से प्रभावित केंद्र शासित प्रदेश में राहत अभियानों के लिए पहली किस्त के तौर पर 50 करोड़ रुपये जारी किए जा रहे हैं। टिप्पणियां मुख्यमंत्री एन रंगासामी के कार्यालय से जारी एक विज्ञप्ति में आज बताया गया है कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उन्हें सूचित किया है कि केंद्र पुडुचेरी में राहत सहायता के लिए 50 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी कर रहा है। पुडुचेरी भी पिछले कुछ दिनों से बारिश होने की वजह से बाढ़ का सामना कर रहा है और रंगासामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा सिंह से राहत कार्यों के लिए 183.45 करोड़ रुपये की सहायता की मांग की है। मोदी ने 3 दिसंबर को तमिलनाडु के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे किया था और प्राकृतिक आपदा से बेहाल राज्य में राहत एवं पुनर्वास कार्य के लिए 1,000 करोड़ रुपये की तत्काल सहायता का ऐलान किया था। यह सहायता केंद्र द्वारा पूर्व में जारी की गई 940 करोड़ रुपये की मदद राशि के अतिरिक्त है। इसी बीच केंद्र ने पुडुचेरी सरकार को सूचित किया कि बाढ़ से प्रभावित केंद्र शासित प्रदेश में राहत अभियानों के लिए पहली किस्त के तौर पर 50 करोड़ रुपये जारी किए जा रहे हैं। टिप्पणियां मुख्यमंत्री एन रंगासामी के कार्यालय से जारी एक विज्ञप्ति में आज बताया गया है कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उन्हें सूचित किया है कि केंद्र पुडुचेरी में राहत सहायता के लिए 50 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी कर रहा है। पुडुचेरी भी पिछले कुछ दिनों से बारिश होने की वजह से बाढ़ का सामना कर रहा है और रंगासामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा सिंह से राहत कार्यों के लिए 183.45 करोड़ रुपये की सहायता की मांग की है। यह सहायता केंद्र द्वारा पूर्व में जारी की गई 940 करोड़ रुपये की मदद राशि के अतिरिक्त है। इसी बीच केंद्र ने पुडुचेरी सरकार को सूचित किया कि बाढ़ से प्रभावित केंद्र शासित प्रदेश में राहत अभियानों के लिए पहली किस्त के तौर पर 50 करोड़ रुपये जारी किए जा रहे हैं। टिप्पणियां मुख्यमंत्री एन रंगासामी के कार्यालय से जारी एक विज्ञप्ति में आज बताया गया है कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उन्हें सूचित किया है कि केंद्र पुडुचेरी में राहत सहायता के लिए 50 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी कर रहा है। पुडुचेरी भी पिछले कुछ दिनों से बारिश होने की वजह से बाढ़ का सामना कर रहा है और रंगासामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा सिंह से राहत कार्यों के लिए 183.45 करोड़ रुपये की सहायता की मांग की है। मुख्यमंत्री एन रंगासामी के कार्यालय से जारी एक विज्ञप्ति में आज बताया गया है कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उन्हें सूचित किया है कि केंद्र पुडुचेरी में राहत सहायता के लिए 50 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी कर रहा है। पुडुचेरी भी पिछले कुछ दिनों से बारिश होने की वजह से बाढ़ का सामना कर रहा है और रंगासामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा सिंह से राहत कार्यों के लिए 183.45 करोड़ रुपये की सहायता की मांग की है। पुडुचेरी भी पिछले कुछ दिनों से बारिश होने की वजह से बाढ़ का सामना कर रहा है और रंगासामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा सिंह से राहत कार्यों के लिए 183.45 करोड़ रुपये की सहायता की मांग की है।
मुंबई पर 26/11 के आतंकवादी हमले के पांच महीने पहले ही भारत ने अमेरिका को पाक-अफगान सीमा पर स्थित आतंकवादी शिविरों में ‘गोरे चेहरों’ की बढ़ती संख्या और जिहादी समूहों द्वारा ‘डर्टी बम से आगे जाकर क्रूड बम’ बनाने के लिये विखंडनीय सामग्री हासिल करने के प्रयासों के बारे में बता दिया था. विकीलीक्स द्वारा जारी किये गये 30 मई 2008 के अमेरिकी राजनयिक केबल के मुताबिक भारत के तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम के नारायणन ने नयी दिल्ली आये अमेरिकी सीनेटर रूस फेइनगोल्ड और बॉब केसी के साथ मुलाकात में इसकी जानकारी दी थी. केबल के मुताबिक नारायणन ने सीनेटरों से कहा कि अमेरिका और भारत के संबंध सिर्फ व्यापार संबंधों, रक्षा सौदों से बढ़कर है. नारायणन ने आतंकवाद के बारे में कहा कि पाकिस्तान-अफगानिस्तान की सीमा पर स्थित आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर और अधिक ‘गोरे चेहरों’ को आकषिर्त कर रहे हैं. केबल में कहा गया है, ‘उन्होंने यह भी कहा कि जेहादी समूहों ने विखण्डनीय सामग्री हासिल करने की कोशिश की है और उनके अंदर डर्टी बम से आगे बढ़कर विस्फोटक उपकरण बनाने की क्षमता है.’ नारायणन ने राष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों में वर्ष 2006 में मुंबई में हुए विस्फोटों के समय एक समझ की कमी होने को खेदजनक करार दिया था. केबल के मुताबिक नारायणन ने अनुमान लगाया कि अमेरिका ज्यादा लंबे समय तक भारत में होने वाले आतंकवादी हमलों को अनदेखा नहीं कर सकता है क्योंकि इस साझा खतरे से निपटने के लिये उसने एक ज्यादा ‘सहयोगकारी रूख’ अपनाया है. केबल में कहा गया है, ‘भारतीय गुप्तचरों ने दक्षिणी और उत्तरीपूर्वी यूरोप, सोमालिया और पश्चिम एशिया में विभिन्न लक्ष्यों का पता लगाया था लेकिन इसमें अमेरिका नहीं था. नारायणन ने भविष्यवाणी की थी कि आतंकवादी अपने असंयमित युद्ध को बढ़ा सकते हैं. उन्होंने पाक-अफगान सीमा पर आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर में बढ़ते गोरे चेहरों के बारे में बताया था. इसकी सूचना भारतीय खुफिया एजेंसियों ने दी थी.’ नारायणन ने ध्यान दिलाया, ‘इन रंगरूटों को भारत या एशियाई देशों के खिलाफ इस्तेमाल नहीं किया जायेगा.’ लेकिन उन्होंने इस घटनाक्रम पर अपने समकक्षों को चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा कि भारत ने पाया है कि विखंडनीय सामग्री हासिल करने के प्रयास बड़े पैमाने पर हो रहे हैं हालांकि आतंकवादियों ने अभी तक इसे हासिल नहीं किया है.
महाराष्ट्र में दो सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव में शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने अपना कब्जा बरकरार रखा है. बांद्रा सीट पर शिवसेना उम्मीदवार तृप्ति सावंत ने जीत दर्ज की, वहीं सांगली जिले के तासगांव सीट पर एनसीपी की सुमन पाटिल ने जीत दर्ज की. शिवसेना के दिवगंत नेता बाला सावंत की पत्नी तृप्ति ने 19,000 वोटों के अंतर से पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे को हराया. इस सीट पर मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुसलिमीन (एआईएमआईएम) के राजा राहबर खान तीसरे स्थान पर रहे. पूर्व उप मुख्यमंत्री आरआर पाटिल की विधवा सुमन पाटिल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के स्वप्निल पाटिल को 112,000 लाख मतों के अंतर से हराया. बांद्रा पूर्व सीट शिवसेना के कद्दावर नेता और विधायक बाला सावंत के निधन के कारण, जबकि तासगांव सीट विधायक व पूर्व उप मुख्यमंत्री आरआर पाटिल के निधन के कारण खाली हो गई थी. लोगों को समर्पित है जीत: शि‍वसेना शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, 'हम इस जीत को बांद्रा के लोगों को समर्पित करते हैं.' तीसरे स्थान पर आए एआईएमआईएम के उम्मीदवार की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि यहां तक कि मुसलमान मतदाताओं ने भी वोट बैंक की राजनीति का प्रयास करने वाली उस पार्टी को नकार दिया. लोगों ने भावनात्मक अधार पर वोट किया: राणे चुनाव के नतीजे को राणे के राजनीतिक भविष्य को झटके के रूप में देखा जा रहा है. प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राणे ने कहा, 'मैं लोगों का जनादेश स्वीकार करता हूं. उन्होंने भावनात्मक आधार पर वोट दिया न कि विकास के आधार पर, जो मेरा मुद्दा था. मैं कांग्रेस कार्यकर्ताओं व नेताओं का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने नए उत्साह के साथ मेरा सहयोग किया. हालांकि मुझे किसी को यह सलाह देने की जरूरत नहीं है कि मुझे भविष्य में क्या करना चाहिए.' महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने हार को महत्व न देते हुए कहा कि राणे मजबूत नेता हैं और हार उन्हें डिगा नहीं सकती. चव्हाण ने कहा, 'वह पार्टी के एक वरिष्ठ नेता हैं और भविष्य में हमारा नेतृत्व जारी रखेंगे. चुनाव परिणाम का उनके भविष्य पर प्रभाव डालने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता.' प्रदेश में चव्हाण द्वारा कांग्रेस की पतवार थामने और दो महीने पहले ही संजय निरूपम को मुंबई कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने के बाद यह चुनाव कांग्रेस के लिए बेहद महत्वपूर्ण था. -इनपुट IANS से
लेख: रक्षा क्षेत्र के बाद वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने तेज रफ्तार वाली ट्रेन प्रणाली तथा मालगाड़ियों के लिए अलग लाइन में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रस्ताव के जरिये क्षेत्र में एफडीआई नियमों में ढील देने की पहल शुरू की है। सूत्रों के मुताबिक वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन आने वाला औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) ने मामले में अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श के लिए कैबिनेट नोट का मसौदा जारी किया है। सूत्रों के अनुसार, विभाग रेलवे में उन सभी क्षेत्रों पर गौर कर रहा है, जहां एफडीआई की मंजूरी दी जा सकती है। इससे रेलवे के विकास में मदद मिलेगी। देश की आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए रेलवे प्रमुख क्षेत्र है और इसमें जीडीपी में एक प्रतिशत वृद्धि करने की क्षमता है। तीव्र गति की रेल तथा मालगाड़ियों के लिए अलग रेलवे लाइन के अलावा उपनगरीय गलियारों तथा बंदरगाहों, खानों तथा बिजली इकाइयों को जोड़ने वाली रेलवे लाइनों में विदेशी निवेश की अनुमति देने का भी प्रस्ताव है। हालांकि मौजूदा यात्री तथा माल ढुलाई के नेटवर्क को विदेशी निवेशकों के लिए नहीं खोला जाएगा। सूत्रों के अनुसार रेल नेटवर्क को आधुनिक रूप देने, मजबूत बनाने तथा उसके विस्तार की तत्काल जरूरत महसूस की गई है, जिसके लिए बड़े पैमाने पर पूंजी निवेश की जरूरत है। फिलहाल मास रैपिड ट्रांसपोर्ट प्रणाली को छोड़कर रेलवे में किसी प्रकार के एफडीआई पर प्रतिबंध है। विभिन्न मंत्रालयों से प्रतिक्रिया प्राप्त करने के बाद नोट को मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा। भाजपा की अगुवाई वाली सरकार रक्षा क्षेत्र में शत-प्रतिशत एफडीआई के लिए पहले ही कैबिनेट नोट जारी कर चुकी है।
जापान के भूकम्प प्रभावित इलाके में स्थित फुकुशिमा परमाणु संयंत्र संख्या एक में विस्फोट के कारण इसकी चार इमारतों में से एक ढह गई। जापान के समाचार चैनल एनएचके ने शनिवार को यह जानकारी दी। चैनल ने कहा कि प्रत्यक्षदर्शियों ने विस्फोट की आवाज सुनी और संयंत्र से धुआं उठते हुए देखा। विस्फोट के कारण का पता नहीं चल पाया है। समाचार एजेंसी क्योडो के मुताबिक टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कम्पनी के संयंत्र संचालक ने कहा कि विस्फोट में चार लोग घायल हुए हैं। संयंत्र को पिघलने से बचाने के लिए तकनीकी कर्मचारी संयंत्र में दबाव घटाने का प्रयास कर रहे थे। इससे पहले संयंत्र में विकिरण की मात्रा में भारी वृद्धि दर्ज की गई थी। शनिवार सुबह संयंत्र के पास रेडियोधर्मी पदार्थ सीजियम बरामद किया गया था जिसे संयंत्र के पिघलने की प्रक्रिया की शुरुआत का संकेत माना जा रहा था। अधिकारियों ने शनिवार सुबह कहा कि फुकुशिमा संयंत्र के आसपास के खाली कराए जाने वाले इलाके का दायरा बढ़ाकर 10 किलोमीटर कर दिया गया है। शुक्रवार को भूकम्प के बाद बिजली आपूर्ति बंद होने से संयंत्र के प्रशीतक तंत्र ने काम करना बंद कर दिया था। समाचार माध्यम बीबीसी के मुताबिक अधिकारियों ने संयंत्र के 60 किलोमीटर के दायरे में खतरा होने की चेतावनी दी है। फुकुशिमा संयंत्र दो के आसपास के तीन किलोमीटर इलाके को भी खाली कराने का आदेश जारी किया गया है।
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे जन लोकपाल विधेयक को पारित करवाने के लिए मंगलवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर रहे हैं. महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में मंगलवार सुबह छह डिग्री सेल्सियस तापमान था. इसके बावजूद अन्ना हजारे हर रोज की तरह सुबह की सैर पर निकले. इसके बाद उन्होंने अपने नए संगठन जनतंत्र मोर्चा के बैनर के तहत यादवबाबा मंदिर के पास अनशन शुरू किया. डॉक्‍टरों ने अन्‍ना को 72 घंटों से ज्‍यादा अनशन ना रखने की सलाह दी है. जन लोकपाल विधेयक या सिटीजन्स ओम्बुड्समैन बिल भ्रष्टाचार विरोधी कानून है, जिसे नागरिक समाज के कार्यकताओं ने तैयार किया है. इस कानून के तहत भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए एक स्वतंत्र समिति की नियुक्ति की मांग रखी गई है. अन्ना ने सोमवार को कहा था, ‘हमसे लगातार वादा किया जाता रहा कि विधेयक को पारित किया जाएगा. लेकिन एक वर्ष से भी अधिक समय बीतने के बावजूद ऐसा नहीं किया गया. सरकार ने जनता को धोखा दिया है.’ उन्होंने कहा कि विधेयक को संसद के मौजूदा सत्र में पारित किया जाना चाहिए. वह तब तक भूख हड़ताल करेंगे जब तक कि विधेयक पारित नहीं हो जाता. इस बार अन्ना अहमदनगर के अपने गांव रालेगण सिद्धि में स्थित यादवबाबा मंदिर के पास अनशन पर बैठेंगे. अन्ना ने कहा कि रामलीला मैदान के अनशन के दौरान प्रधानमंत्री ने लिखित वादा किया था और वह अपने वादे से मुकर गए. अन्ना ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय केवल पत्र लिखकर आश्वासन देता है. कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है. आश्वासन बहुत हुए अब करेंगे या मरेंगे. उन्होंने कहा कि लोगों में सरकार के प्रति गुस्सा है, जो कि कल घोषित हुए चार राज्यों के विधानसभा परिणामों से जाहिर हो गया है. हार के कई कारण होंगे, लेकिन लोकपाल न लाना कांग्रेस की हार का एक मुख्य कारण है. अगर शीतकालीन सत्र में भी विधेयक पास नहीं होता है तो आने वाले लोकसभा चुनाव में जनता उसे सबक सिखाएगी. उसे हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों से भी ज्यादा गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे. अन्ना ने कहा कि पिछली बार सरकार ने मुझे लिखित आश्वसान दिया, इस वजह से मैंने अपना अनशन खत्म कर दिया था. मुझे नहीं मालूम था कि सरकार धोखाधड़ी करेगी. सरकार ने अपने लिखित आश्वासन का दो साल गुजरने के बाद भी पालन नहीं किया. जब वह दंगा विधेयक को इसी सत्र में पास करने के लिए आतुर हैं, तो वह ऐसी ही इच्छाशक्ति लोकपाल विधेयक को पारित करने के मामले में क्यों नहीं दिखा रहे हैं.
लेख: राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर दो दिन पहले प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ लामबंदी करते दिखने के बाद अचानक पलटे समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने कहा कि यूपीए प्रत्याशी प्रणब मुखर्जी की उम्मीदवारी का समर्थन करने के लिए उन्होंने कोई सौदा नहीं किया है। यादव ने पार्टी के राज्य मुख्यालय में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान इस संबंध में पूछे गए सवाल पर कहा,‘डील तो दलाल करते हैं। सपा दलालों के खिलाफ है। कोई डील नहीं हुई है।’ उन्होंने कहा कि मुखर्जी अनुभवी, योग्य और सभी को साथ लेकर चलने की क्षमता रखने वाले नेता हैं। इसीलिए सपा ने उन्हें समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति किसी दल का नहीं होता, वह तो देश का होता है। यह सिर्फ कांग्रेस का नहीं बल्कि पूरे देश का मामला है। सपा प्रमुख ने केन्द्र की यूपीए सरकार में शामिल होने का आमंत्रण मिलने की स्थिति में पार्टी के संभावित रुख के बारे में पूछे जाने पर दो टूक कहा ‘सरकार में शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता।’ गौरतलब है कि मुलायम सिंह यादव ने पिछले दिनों प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से नई दिल्ली में मुलाकात करके राष्ट्रपति पद के लिए पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का नाम प्रस्तावित किया था। हालांकि शुक्रवार को अचानक सपा प्रमुख ने अपने रुख से पलटते हुए राष्ट्रपति पद के लिए संप्रग के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी को समर्थन देने का ऐलान कर दिया।
प्रत्यासूचना ( =प्रति + आसूचना / Counterintelligence) वह गतिविधि है जिसका उद्देश्य अपनी गुप्तचर सेवा द्वारा किसी विपक्षी गुप्तचर सेवा के विरुद्ध चलाए जा रहे गुप्त कार्यक्रम की रक्षा करना है। इसी प्रकार, विदेशी शक्तियों, संगठनों या व्यक्तियों, अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी गतिविधियों, या कभी-कभी कर्मियों, भौतिक दस्तावेज या संचार सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए या उसके लिए आयोजित जासूसी, अन्य खुफिया गतिविधियों, तबाही या हत्याओं का मुकाबला करने के लिए एकत्रित जानकारी और गतिविधियों को भी प्रतिगुप्तचरी कहा जाता है। सन्दर्भ गुप्तचरी
हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खराब लिखावट को लेकर तीन डॉक्टर्स पर 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. वहीं मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित महात्मा गांधी मैमोरियल मेडिकल कॉलेज (MGM) ने घोषणा की है वह इस कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को लिखावट सुधारने के लिए ट्रेंनिंग देगा, ताकि जो भी दवाई का नाम वह लिखकर दें, उसे पढ़ने में मरीजों को किसी भी तरह की दिक्कत न हो. एमजीएम की डीन डॉक्टर ज्योति बिंदल ने रविवार को कहा कि कॉलेज में अब छात्रों की लिखाई को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं. ताकि वह साफ-सुधरी और समझने लायक लिखाई लिख सके. उन्हें समझाया जाएगा कि एक डॉक्टर के तौर पर दवाइयों का नाम सही और साफ लिखना कितना जरूरी है. आपको बता दें, डॉक्टर ज्योति बिंदल ने कहा लंबे समय से डॉक्टर्स की खराब लिखावट को लेकर शिकायतें बढ़ रही थी. कई बार ऐसा होता था खराब लिखावट के चलते मरीज गलत दवाई लेकर आ जाता था. ऐसा मरीज के लिए एक बड़ा खतरा हो सकता था. हाल ही में मोदी सरकार ने 'आयुष्मान योजना' लॉन्च की है. जिसमें इस बात को लेकर महत्वपूर्ण निर्देश दिया है कि डॉक्टर्स जो दवा साफ लिखावट में ही लिखकर दें. डॉक्टर्स की खराब लिखावट के चलते उन पर कानूनी कार्यवाही हो सकती है. ऐसे में कुछ डॉक्टरों ने अपने मरीजों को डिजिटल पर्ची देनी शुरू कर दी है. एक अधिकारी  ने न्यूज एंजेसी 'पीटीआई' को बताया-  खराब लिखावट के चलते मरीजों की दिक्कतों को देखते हुए डॉक्टरों की लिखावट सुधारने के लिए साल 2015 में स्वास्थ्य मंत्रालय ने पर्ची को बड़े अक्षरों (कैपिटल लेटर्स) में लिखना अनिवार्य कर दिया था, जिससे मरीज और दवा दुकानदार आसानी से पर्ची पर लिखी दवाई समझ सके.
घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों में नक्सलियों के ठिकानों का पता लगाने और उग्रवादियों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए पहली बार मानवरहित वायुयानों (यूएवी) का इस्तेमाल किया जाएगा ताकि सुरक्षाकर्मी सटीक हमले कर सकें. कई राज्‍यों के लिए मददगार कैमरों, डाटा और वीडियो लिंक से सुसज्जित यह यूएवी सूचनाओं को इकट्ठा करने के साथ साथ रिकार्ड भी करेंगे, जिसे विशेष तौरपर छत्तीसगढ़, झारखंड, उड़ीसा, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में नक्सलरोधी अभियान चला रहे सुरक्षा बलों के साथ साझा किया जाएगा. जंगलों में किए जाएंगे और परीक्षण हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड द्वारा विकसित यूएवी के परीक्षण हाल में हिसार और दिल्ली में किये गये जबकि जल्द ही छत्तीसगढ़ और झारखंड के जंगलों में और परीक्षण किये जाएंगे. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हम हिसार और दिल्ली में यूएवी के परीक्षणों से संतुष्ट हैं. अगर हम परीक्षणों की अगली श्रृंखला से भी संतुष्ट रहे, तो हम नक्सलियों के खिलाफ अभियान में यूएवी का इस्तेमाल करेंगे.’’
ये बदलाव जीत की गारंटी भले ही साबित न हों लेकिन ये वह विकल्प ज़रूर हैं जिन पर भारतीय टीम के कप्तान और मैनेजमेंट को विचार करना होगा, क्योंकि हाथ पर हाथ धरे बैठे रहने से और अगले मैच में बल्लेबाज़ों के एक अलग पिच पर चलने की उम्मीद पर टिकने से सीरीज़ भारतीय टीम के हाथों से फिसल सकती है..
प्रथम एशियाई खेलों का आयोजन दिल्ली, भारत में किया गया था, जिसने १९८२ (1982) में पुनः इन खेलों की मेज़बानी की। एशियाई खेलों के नवीनतम संस्करण का आयोजन २०१८ में इण्डोनेशिया के जकार्ता तथा पालेमबांग नगरों में सम्पन्न हुए। अगला संस्करण २०२२ में होगा जो चीन के हांगझोऊ नगर द्वारा आयोजित किया जायेगा।
उस्ताद: (फारसी: استاد) मध्य पूर्व, दक्षिण एशिया और दक्षिणपूर्व एशिया में उपयोग किए जाने वाले व्यक्ति के लिए एक सम्मानजनक शीर्षक है। इसका इस्तेमाल मुस्लिम दुनिया की विभिन्न भाषाओं में किया जाता है, जिसमें फारसी , उर्दू, बंगाली, पंजाबी, पश्तो , तुर्की और कुर्द शामिल हैं। उपयोग इस शीर्षक नाम ऐतिहासिक रूप से आमतौर पर अच्छी तरह से सम्मानित शिक्षकों और कलाकारों के लिए उपयोग किया जाता था, जैसे संगीतकार, तबलावादक, आदि सम्मानजनक के अलावा, शब्द का प्रयोग आमतौर पर उर्दू, बंगाली, पंजाबी में किसी भी शिक्षक, मास्टर या विशेषज्ञ को संदर्भित करने के लिए अपने शाब्दिक अर्थ से किया जाता है। फारसी और अरबी भाषी दुनिया में, यह एक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर को भी संदर्भित करता है। यह शीर्षक इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस और सिंगापुर में योग्य इस्लामी विद्वानों के लिए भी प्रयोग किया जाता है। यह अरब दुनिया में शेख और भारतीय उपमहाद्वीप में मावलाना जैसे शब्दों के प्रत्यक्ष बराबर है। मालदीव में, शीर्षक उन लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है जिन्हें मालदीव में कानून का अभ्यास करने के लिए लाइसेंस प्राप्त है। सन्दर्भ इस्लामी शब्दावली इस्लाम
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पवित्र गंगा नदी की गरिमा बहाल करने पर जोर देते हुए मंगलवार को कहा कि इस दिशा में तुरंत कदम उठाए जाने चाहिए। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गंगा नदी की गरिमा बहाल करने के लिए तत्काल व प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है, जो 11 राज्यों में देश की 40 प्रतिशत आबादी को पानी मुहैया कराती है। प्रधानमंत्री ने माना कि गंगा नदी का संरक्षण एक जटिल काम है, जिसे हिन्दुओं ने देवी का दर्जा दे रखा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस दिशा में पहले के प्रयास बहुत सफल नहीं रहे। इसलिए बौद्धिक व व्यावहारिक कदम उठाने की आवश्यकता है, न कि टुकड़ों में काम करने की जरूरत है। बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारे समक्ष बहुत जटिल काम है। यदि हमें इस चुनौती से पार पाना है तो हमें इसमें अपने बौद्धिक एवं भौतिक संसाधनों का समन्वित एवं संगत इस्तेमाल करना होगा।" यह बैठक गंगा नदी को बचाने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के पूर्व प्रोफेसर व पर्यावरणविद जीडी अग्रवाल (80) के इस साल जनवरी में आमरण अनशन पर बैठने के बाद बुलाई गई। अग्रवाल ने सरकार से 17 अप्रैल को प्राधिकरण की बैठक बुलाने का आश्वासन आश्वासन मिलने के बाद 23 मार्च को अपना अनशन समाप्त कर दिया था। अग्रवाल ने सरकार ने कई मांगें रखी थी, जिसमें एक यह भी थी।टिप्पणियां प्राधिकरण का गठन वर्ष 2009 में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गंगा की सफाई के लिए किया गया था, लेकिन गठन से अब तक इसकी केवल दो बार बैठक हुई। बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारे पास समय नहीं है और हमें तेजी से काम करना होगा। साथ ही हम जो कुछ भी करें, वह टुकड़ों में नहीं होना चाहिए, बल्कि यह बौद्धिक एवं व्यावहारिक दृष्टिकोण से होना चाहिए, जिसमें सभी पक्षों के हितों का खयाल रखा गया हो।" प्रधानमंत्री राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गंगा नदी की गरिमा बहाल करने के लिए तत्काल व प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है, जो 11 राज्यों में देश की 40 प्रतिशत आबादी को पानी मुहैया कराती है। प्रधानमंत्री ने माना कि गंगा नदी का संरक्षण एक जटिल काम है, जिसे हिन्दुओं ने देवी का दर्जा दे रखा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस दिशा में पहले के प्रयास बहुत सफल नहीं रहे। इसलिए बौद्धिक व व्यावहारिक कदम उठाने की आवश्यकता है, न कि टुकड़ों में काम करने की जरूरत है। बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारे समक्ष बहुत जटिल काम है। यदि हमें इस चुनौती से पार पाना है तो हमें इसमें अपने बौद्धिक एवं भौतिक संसाधनों का समन्वित एवं संगत इस्तेमाल करना होगा।" यह बैठक गंगा नदी को बचाने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के पूर्व प्रोफेसर व पर्यावरणविद जीडी अग्रवाल (80) के इस साल जनवरी में आमरण अनशन पर बैठने के बाद बुलाई गई। अग्रवाल ने सरकार से 17 अप्रैल को प्राधिकरण की बैठक बुलाने का आश्वासन आश्वासन मिलने के बाद 23 मार्च को अपना अनशन समाप्त कर दिया था। अग्रवाल ने सरकार ने कई मांगें रखी थी, जिसमें एक यह भी थी।टिप्पणियां प्राधिकरण का गठन वर्ष 2009 में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गंगा की सफाई के लिए किया गया था, लेकिन गठन से अब तक इसकी केवल दो बार बैठक हुई। बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारे पास समय नहीं है और हमें तेजी से काम करना होगा। साथ ही हम जो कुछ भी करें, वह टुकड़ों में नहीं होना चाहिए, बल्कि यह बौद्धिक एवं व्यावहारिक दृष्टिकोण से होना चाहिए, जिसमें सभी पक्षों के हितों का खयाल रखा गया हो।" प्रधानमंत्री ने माना कि गंगा नदी का संरक्षण एक जटिल काम है, जिसे हिन्दुओं ने देवी का दर्जा दे रखा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस दिशा में पहले के प्रयास बहुत सफल नहीं रहे। इसलिए बौद्धिक व व्यावहारिक कदम उठाने की आवश्यकता है, न कि टुकड़ों में काम करने की जरूरत है। बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारे समक्ष बहुत जटिल काम है। यदि हमें इस चुनौती से पार पाना है तो हमें इसमें अपने बौद्धिक एवं भौतिक संसाधनों का समन्वित एवं संगत इस्तेमाल करना होगा।" यह बैठक गंगा नदी को बचाने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के पूर्व प्रोफेसर व पर्यावरणविद जीडी अग्रवाल (80) के इस साल जनवरी में आमरण अनशन पर बैठने के बाद बुलाई गई। अग्रवाल ने सरकार से 17 अप्रैल को प्राधिकरण की बैठक बुलाने का आश्वासन आश्वासन मिलने के बाद 23 मार्च को अपना अनशन समाप्त कर दिया था। अग्रवाल ने सरकार ने कई मांगें रखी थी, जिसमें एक यह भी थी।टिप्पणियां प्राधिकरण का गठन वर्ष 2009 में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गंगा की सफाई के लिए किया गया था, लेकिन गठन से अब तक इसकी केवल दो बार बैठक हुई। बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारे पास समय नहीं है और हमें तेजी से काम करना होगा। साथ ही हम जो कुछ भी करें, वह टुकड़ों में नहीं होना चाहिए, बल्कि यह बौद्धिक एवं व्यावहारिक दृष्टिकोण से होना चाहिए, जिसमें सभी पक्षों के हितों का खयाल रखा गया हो।" बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारे समक्ष बहुत जटिल काम है। यदि हमें इस चुनौती से पार पाना है तो हमें इसमें अपने बौद्धिक एवं भौतिक संसाधनों का समन्वित एवं संगत इस्तेमाल करना होगा।" यह बैठक गंगा नदी को बचाने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के पूर्व प्रोफेसर व पर्यावरणविद जीडी अग्रवाल (80) के इस साल जनवरी में आमरण अनशन पर बैठने के बाद बुलाई गई। अग्रवाल ने सरकार से 17 अप्रैल को प्राधिकरण की बैठक बुलाने का आश्वासन आश्वासन मिलने के बाद 23 मार्च को अपना अनशन समाप्त कर दिया था। अग्रवाल ने सरकार ने कई मांगें रखी थी, जिसमें एक यह भी थी।टिप्पणियां प्राधिकरण का गठन वर्ष 2009 में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गंगा की सफाई के लिए किया गया था, लेकिन गठन से अब तक इसकी केवल दो बार बैठक हुई। बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारे पास समय नहीं है और हमें तेजी से काम करना होगा। साथ ही हम जो कुछ भी करें, वह टुकड़ों में नहीं होना चाहिए, बल्कि यह बौद्धिक एवं व्यावहारिक दृष्टिकोण से होना चाहिए, जिसमें सभी पक्षों के हितों का खयाल रखा गया हो।" यह बैठक गंगा नदी को बचाने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के पूर्व प्रोफेसर व पर्यावरणविद जीडी अग्रवाल (80) के इस साल जनवरी में आमरण अनशन पर बैठने के बाद बुलाई गई। अग्रवाल ने सरकार से 17 अप्रैल को प्राधिकरण की बैठक बुलाने का आश्वासन आश्वासन मिलने के बाद 23 मार्च को अपना अनशन समाप्त कर दिया था। अग्रवाल ने सरकार ने कई मांगें रखी थी, जिसमें एक यह भी थी।टिप्पणियां प्राधिकरण का गठन वर्ष 2009 में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गंगा की सफाई के लिए किया गया था, लेकिन गठन से अब तक इसकी केवल दो बार बैठक हुई। बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारे पास समय नहीं है और हमें तेजी से काम करना होगा। साथ ही हम जो कुछ भी करें, वह टुकड़ों में नहीं होना चाहिए, बल्कि यह बौद्धिक एवं व्यावहारिक दृष्टिकोण से होना चाहिए, जिसमें सभी पक्षों के हितों का खयाल रखा गया हो।" प्राधिकरण का गठन वर्ष 2009 में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गंगा की सफाई के लिए किया गया था, लेकिन गठन से अब तक इसकी केवल दो बार बैठक हुई। बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारे पास समय नहीं है और हमें तेजी से काम करना होगा। साथ ही हम जो कुछ भी करें, वह टुकड़ों में नहीं होना चाहिए, बल्कि यह बौद्धिक एवं व्यावहारिक दृष्टिकोण से होना चाहिए, जिसमें सभी पक्षों के हितों का खयाल रखा गया हो।" बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारे पास समय नहीं है और हमें तेजी से काम करना होगा। साथ ही हम जो कुछ भी करें, वह टुकड़ों में नहीं होना चाहिए, बल्कि यह बौद्धिक एवं व्यावहारिक दृष्टिकोण से होना चाहिए, जिसमें सभी पक्षों के हितों का खयाल रखा गया हो।"
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया में आईएसआईएस पर जीत का दावा करते हुए अपने 2 हजार सैनिकों को वापस बुलाने का आदेश दिया है. ट्रंप के इस कदम का मध्य पूर्व एशिया में बड़ा असर पड़ सकता है. इसके चलते अमेरिका के समर्थन से इस्लामिक स्टेट के जिहादियों से लोहा ले रहे कुर्दिश लड़ाकों की तकदीर अधर में लटक गई है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट किया, ‘हमने सीरिया में आईएसआईएस को हरा दिया है. हम वहां आईएसआईएस की वजह से ही थे.’ हालांकि रक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ट्रंप ने सैनिकों को वापस बुलाने का काम 30 दिनों में पूरा करने का निर्देश दिया है. अमेरिका के अधिकारी ने कहा कि (सैनिकों की वापसी का) फैसला मंगलवार को किया गया. जब उनसे पूछा गया कि पूरे सीरिया से सैनिक वापस बुला लिए जाएंगे तो उन्होंने कहा, ‘पूर्ण वापसी, सभी मतलब सभी.’ हालांकि अधिकारी ने कोई समय सीमा नहीं बताई. उन्होंने कहा, ‘हम सुनिश्चित करेंगे कि बल की सुरक्षा बरकरार रहे, लेकिन जितना जल्दी हो सके, उतना.’ फिलहाल सीरिया में करीब 2000 अमेरिकी सैन्यबल हैं. उनमें से ज्यादा सैनिक उन स्थानीय बलों के प्रशिक्षण मिशन में लगे हैं जो आईएसआईएस से दो-दो हाथ कर रहे हैं. सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज नामक मुख्य संघर्ष बल की एक बड़ी टुकड़ी कुर्दिश की है जिसे तुर्की आतंकवादी समूह के रूप में देखता है.
टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद साइरस मिस्त्री ने ग्रुप पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. मिस्त्री ने आरोप लगाया है कि उन्हें चेयरमैन रहते हुए काम करने की पूरी आजादी नहीं थी. टाटा संस ने साइरस मिस्त्री के आरोपों को बेबुनियाद और दुर्भावनापूर्ण करार दिया है. मिस्त्री के आरोपों पर कंपनी का जवाब मिस्त्री के आरोपों के जवाब में कंपनी ने दावा किया है कि वे अब बेवजह की बातें कर रहे हैं उन्हें चेयरमैन के रूप में काम करने की पूरी आजादी थी, और अगर उनके साथ ऐसा कुछ हो रहा था कि तो फिर उन्होंने पद पर रहते हुए इसका जिक्र क्यों नहीं किया. यही आरोपों की सफाई पर टाटा समूह ने कहा कि मिस्त्री तथ्यहीन बातें कर रहे हैं और इस तरह के बेबुनियाद आरोपों के ऊपर सार्वजनिक बहस में उतरना टाटा संस की गरिमा के खिलाफ है. मिस्त्री के नीतियों पर उठाए सवाल टाटा ग्रुप की मानें तो उसके पास काफी रिकार्ड्स हैं जो मिस्त्री के आरोपों को गलत साबित करने काफी है और आवश्यकता पड़ने पर उपयुक्त फोरम में सबूतों को रखा जाएगा. कंपनी का दावा है कि मिस्त्री ने बोर्ड मेंबरों का भरोसा खो दिया था. कंपनी का तर्क है कि मिस्त्री साल 2006 से कंपनी के बोर्ड में थे और 28 दिसम्बर 2012 को उन्हें कंपनी का अध्यक्ष बनाया गया था. इतने लंबे समय तक विभिन्न पदों पर काम करने के बाद उन्हें ग्रुप की परंपरा, प्रचालन, परिचालन की जानकारी होनी चाहिए थी. बोर्ड में मिस्त्री को लेकर असंतोष का दावा यही नहीं, टाटा कंपनी ने मिस्त्री के द्वारा बोर्ड को भेजा गया ईमेल लीक होने पर भी ऐतराज जताया है और इसे अशोभनीय करार दिया है. कंपनी का कहना है कि मिस्त्री ने कर्मचारियों की नजरों में ग्रुप की छवि पर कीचड़ उछालने की कोशिश की है, यह अक्षम्य है. टाटा संस ने एक बयान में कहा कि ग्रुप की ताकत महज बोर्डरूम के मूल्यों और सिद्धातों तक सीमित नहीं होकर 6 लाख से अधिक कर्मचारियों तक फैली है. मिस्त्री ने कर्मचारियों की निगाहों में समूह की छवि खराब करने की कोशिश की है. एक कार्यकारी अध्यक्ष होने के नाते समूह को आगे ले जाना उनकी जिम्मेदारी बनती थी. लेकिन उनके कई निर्णयों से बोर्ड में असंतोष था और इसी कारण उन्हें पद से हटाया गया. टाटा कंपनी के शेयर में गिरावट मिस्त्री को हटाए जाने के बाद 3 दिन में टाटा ग्रुप की कंपनियों का मार्केट कैप 26,000 करोड़ रुपये तक गिर गया है. गुरुवार को टीसीएस को छोड़ ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयर भाव नीचे आ गए. टाटा टेलीसर्विसेज में सबसे ज्यादा 9.72 फीसदी की गिरावट रही. टाटा मोटर्स के शेयर भाव 1.44%, टाटा पावर के 1.36% और टाटा स्टील के 0.44% नीचे चले गए. गौरतलब है कि सोमवार को मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से अचानक हटा दिया गया और उनका स्थान उनके पूर्ववर्ती रतन टाटा ने लिया है. जिसके बाद कंपनी के बोर्ड को भेजे ईमेल में मिस्त्री ने कई गंभीर आरोप लगाए थे. बुधवार को यह ईमेल सार्वजनिक हो गया था.
हाल ही में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों ने नोटा की भूमिका पर चर्चा को एक बार फिर से गर्मा दिया है. मीडिया रिपोर्ट में नोटा को जीत-हार तय करने में प्रमुख भूमिका तय करने वाला बताया जा रहा है लेकिन मीडिया रिपोर्ट के इस नैरेटिव को तथ्यों की कसौटी पर परखने के लिए चुनाव परिणामों में सबसे पहले नोटा के रुझानों का अध्ययन आवश्यक है. भारत निर्वाचन आयोग के आकड़ो के आधार पर छत्तीसगढ़ में नोटा को कुल डाले गए मतों का 2 प्रतिशत (282744 मत) प्राप्त हुए है जो की इन पांच राज्यों के परिणामों में सबसे ज्यादा है. मत प्राप्त करने के मामले में नोटा छठे स्थान पर है और 7 राजनैतिक दलों से आगे है. छत्तीसगढ़ के पिछले विधानसभा चुनावों में नोटा के पक्ष में 3.06 प्रतिशत (401058 मत) मतदान का राष्ट्रीय रिकार्ड बना था और नोटा तीसरे स्थान पर था. मत प्रतिशत के आधार पर यह रिकॉर्ड अभी तक अछूता है और यह दिखाता है की छत्तीसगढ़ में नोटा के पक्ष मे वोटिंग पहले भी अन्य राज्यों की तुलना में ज्यादा हुई है. वहीं मध्य प्रदेश में नोटा के पक्ष में मतदान 1.4 प्रतिशत (542295 मत) हुआ और मत प्राप्त करने के मामले में नोटा छठे स्थान पर रहा और 6 राजनीतिक दलों से आगे रहा है. पिछले विधानसभा चुनावों में नोटा चौथे स्थान पर रहा था और नोटा को 1.9 प्रतिशत मत मिले थे, जो कि (643144 मत) थे. इस आधार पर देखा जाए तो मध्य प्रदेश में पिछली बार की तुलना में नोटा का मत प्रतिशत कम हुआ है. राजस्थान में नोटा के पक्ष में मतदान 1.3 प्रतिशत (467781 मत) हुआ है और नोटा मत प्राप्त करने के मामले में छठे स्थान पर है साथ ही 8 राजनीतिक दलों से आगे है. पिछले विधानसभा चुनावों में नोटा की हिस्सेदारी 1.9 प्रतिशत (589923 मत) रही थी और पांचवे स्थान पर था. इस तरह से राजस्थान में भी नोटा के मत प्रतिशत में गिरावट है. मिजोरम में नोटा के पक्ष में मतदान 0.5 प्रतिशत (2917) मत हुआ है और मत प्राप्त करने के मामले में नोटा छठे स्थान पर है साथ ही एक पार्टी से आगे है. पिछले विधानसभा आम चुनावों में मिजोरम में नोटा को 0.7 प्रतिशत  (8810 मत) प्राप्त हुए थे और दो राजनैतिक दलों से नोटा आगे था. नए राज्य के तौर पर तेलंगाना में नोटा के पक्ष में 1.1 प्रतिशत (224709 मत) प्राप्त हुआ है और राजनैतिक दलों में मत प्राप्त करने में आठवें स्थान पर है और 8 अन्य राजनैतिक दलों से आगे भी है. तेलंगाना में पिछली विधानसभा के चुनाव आंध्र प्रदेश विधानसभा के लिए आम चुनावों के साथ 2014 में प्रथम चरण आयोजित हुए थे. ऐसे में तेलंगाना राज्य के लिए नोटा के आंकड़ों को लेकर स्पष्ट तुलनात्मक अध्ययन नहीं हो पाएगा. पंरतु पूरे आंध्र प्रदेश की 294 विधानसभा सीटों के लिए पिछले विधानसभा चुनावों में नोटा को 0.6 प्रतिशत 308286 मत प्राप्त हुए थे और मत प्राप्त करने में नोटा नौंवे स्थान पर था. पिछले विधानसभा चुनावों में तेलंगाना के लिए प्रथम चरण की 119 सीटो के लिए हुए मतदान में 152438 नोटा मत प्राप्त हुए थे. इस बार अकेले तेलंगाना की 119 विधानसभा सीटों के लिए नोटा को 224709 मत की प्राप्ति हुई है. निश्चित तौर पर तेलंगाना में नोटा के वोट प्रतिशत में इस बार 47.4 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. राज्य 2018 विधानसभा परिणाम  में नोटा का मत प्रतिशत पिछले विधानसभा (2013) परिणाम में नोटा का मत प्रतिशत 2018 विधानसभा परिणाम  में नोटा के मत प्राप्ति की संख्या पिछले विधानसभा (2013) परिणाम में नोटा के मत प्राप्ति की संख्या 2018 विधानसभा परिणाम में मत प्राप्ति में स्थान पिछले  विधानसभा (2013) परिणाम में मत प्राप्ति में स्थान छत्तीसगढ़ 2.0 प्रतिशत 3.06 282744 401058 6 3 मध्य प्रदेश 1.4 प्रतिशत 1.9 542295 401058 6 4 राजस्थान 1.3 प्रतिश 1.9 589923 467781 6 5 मिजोरम 0.5 प्रतिशत 0.7 8810 2917 6 7 तेलंगाना 1.1 प्रतिशत ---- 224709 ------- 8 ------- (नोट- नोटा मत प्राप्ति में स्थान की गणना करने में स्वतंत्र उम्मीदवारों को सम्मिलित नहीं किया गया है।) नोटा का चुनावों में सर्वप्रथम प्रयोग 2013 के विधानसभा चुनावों में हुआ था. ऐसे में आंकड़ों का तुलनात्मक अध्ययन करने पर हमें नोटा के बारे में जो रुझान दिख रहे है, वो मीडिया द्वारा नोटा के बारे में केवल जीत-हार का निर्णय करने वाले केवल एक पक्ष को प्रचारित कर रहे है, जबकि नोटा के कई अन्य गंभीर रुझान भी है जिन्हें मीडिया ने तवज्जों नहीं दी है. पहला रुझान यह है कि विधानसभा स्तर पर नोटा जीत-हार तय करने में प्रभावी रहा है और मीडिया रिपोर्ट भी इस बात की तस्दीक कर रही है. खासकर उन विधानसभा क्षेत्रों के परिणामों में जहां जीत-हार का अंतर नोटा को प्राप्त मतों के या तो आस-पास है या कम है. नोटा को जीत-हार के अंतर से बहुत ज्यादा मत मिलने पर नोटा का निर्णायक प्रभाव कम हो गया है. दूसरा रुझान ये है की तेलंगाना में नोटा के पक्ष में मतदान की बढ़ोत्तरी ने ये दिखाया है कि परिणामों को निर्धारित करने में नोटा मारक भूमिका निभा सकता है. लेकिन यहां एक बात समझना आवश्यक है की गोपनीय मतदान के प्रावधानों के चलते मीडिया रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि कैसे हो जा रही है कि जो मत नोटा के पक्ष में दिए गए हैं, वे परिणामों में दूसरे नंबर पर आ रहे उम्मीदवार को मिल जाते तो वह जीत जाता. अभी असल में गोपनीय मतदान के प्रावधान के चलते यह पता लगाना संभंव नहीं है. यह भी हो सकता है कि नोटा को दिए गए मत जीतने वाले उम्मीदवार के वोट बैंक से भी कटे हो या नोटा में डाले गए मत विविध राजनैतिक दलों के जनाधार से आये हो जैसा की तेलंगाना में दिख रहा है. ऐसे में यह कहना अर्थपूर्ण नहीं होगा कि नोटा में जो वोट गए वे केवल परिणाम में दूसरे नंबर में रहने वाले उम्मीदवारों को मिलने वाले थे. ऐसे में मीडिया में आई ऐसी रिपोर्ट का कोई मजबूत आधार न होकर बल्कि एक संभावित कयास है. वहीं तीसरा रुझान दिखाता है कि तेलंगाना को छोड़कर हर राज्य में नोटा को समेकित तौर पर पिछली विधानसभा की तुलना में कम मत मिले है और मतदाताओ ने अपने मत को उम्मीदवारों के पक्ष में ही ज्यादा प्रयोग किया है. नोटा के पक्ष में मतदान की दिलचस्पी में कमी आई है. इसकी पुष्टि चुनाव आयोग के आंकड़े कर रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद नोटा इस बार भी कई राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों से मत पाने में आगे रहा है. नोटा के इन चुनावी रुझानों को देखते हुए यह माना जा सकता है कि भारतीय चुनाव प्रणाली में नोटा राजनैतिक दलों और उनके उम्मीदवारों के लिए चिंता का विषय हो सकता है लेकिन चुनाव आयोग का लक्ष्य राजनीतिक दलों की जीत-हार न होकर नोटा का प्रावधान कर, मतदाता को मतपत्र में उल्लेखित उम्मीदवारों को नकार कर मतदान करने का लोकतांत्रिक विकल्प उपलब्ध कराना रहा है और चुनाव आयोग अपने इस लोकतांत्रिक प्रयास में बखूबी सफल हुआ है. लेखक बिहार में निर्वाचन अधिकारी हैं और चुनाव सुधार व प्रक्रियाओं के बारे में लिखते हैं. ये लेखक के निजी विचार हैं.
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा आगरा के ताजमहल में प्रतिबंध लगाने के बावजूद नमाज पढ़ने के बाद तनातनी बढ़ गई है. अब इस विवाद में बजरंग दल भी कूद पड़ा है और ऐलान किया है कि वह भी ताजमहल परिसर में पूजा-पाठ करेगा. दरअसल, ASI के बैन को ठेंगा दिखाते हुए ताजमहल इंतजामिया कमेटी (टीएमआईसी) के सदस्यों ने मंगलवार को ताजमहल परिसर में नमाज पढ़ी थी. हालांकि, 'वजू टैंक' (जहां नमाज पढ़ने से पहले नमाजी अपना शरीर साफ करते हैं) में रोज की तरह ताला ही लगा रहा और नमाजियों ने नमाज पढ़ने से पहले पीने के पानी से खुद को साफ किया. इस दौरान पुरातत्व विभाग के अधिकारीयों ने रोकने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने. ताजमहल के अंदर नमाज पढ़ने का वीडियो इन दिनों वायरल हो रहा है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 19 जुलाई 2018 को आदेश दिया था कि सिर्फ शुक्रवार को ताजमहल मस्जिद में नमाज अदा हो सकती है. साथ ही स्थानीय लोग ही यहां नमाज अदा करेंगे. बावजूद इसके मंगलवार को कुछ लोग ताजमहल पहुंच गए, जिनमें से आधा दर्जन लोगों ने नमाज अदा की. शुक्रवार को ताजमहल बंद रहता है, लेकिन नमाजियों के लिए दोपहर में दो घंटे के लिए इसे खोला जाता है. इस बीच, इस विवाद में हिंदूवादी संगठन बजरंग दल भी कूद चुका है. बजरंग दल से जुड़े गोविंद परासर ने कहा कि जब उन लोगों ने ताजमहल में आरती की मांग की थी उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी गई थी. अब कैसे लोग नमाज पढ़ रहे हैं. इसलिए हम भी अब पूजा करेंगे.
केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे की ओर से बिहार के लोगों के खिलाफ की गई टिप्पणी को खारिज करते हुए कहा है कि नागरिकों को पूरे देश में आने-जाने का पूरा अधिकार है. उद्धव की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर शिंदे ने कहा, ‘यह देश हित में नहीं है कि संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन किया जाए.’ उन्होंने कहा, ‘हर नागरिक का अधिकार है कि वह देश में कहीं भी आजाद होकर आ-जा सकता है. हमारे संविधान से भी हर किसी को समान अधिकार दिए हैं.’ उद्धव ने कहा था कि मुंबई में बिहार से आने वालों लोगों के लिए परमिट सिस्टम शुरू किया जाना चाहिए.
बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी की ओर से लगातार यह बयानबाजी हो रही है कि जनता इस बार गो-भक्षक या गो-रक्षक में से किसी एक को चुनेगी. लालू यादव की ओर से बीफ को लेकर दिए गए बयान पर राजनीति गर्म हुई तो रणनीति के तहत बीजेपी सबसे पहले मैदान में कूद पड़ी. जिससे चुनाव में ध्रुवीकरण की संभावना प्रबल हो गई है. लेकिन बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह अपनी ओर से ध्रुवीकरण के सवाल को बेहद कठोरता से खारिज करते हैं. अमित शाह का कहना है , “ आप बताइए, गोमांस का मुद्दा किसने उठाया? हम पर क्यों आरोप कर रहे हैं. तुष्टिकरण करने के लिए गोमांस का मुद्दा हमने नहीं उठाया, हमने तो सिर्फ जवाब दिया.” इसी से जुड़े एक पूरक सवाल में दादरी से निकला मुद्दा बिहार चुनाव में पहंच गया तो जवाब में शाह ने कहा, “तो क्या यह मुद्दा हमने उठाया है? बीजेपी के किसी कार्यकर्ता ने उठाया क्या? गोमांस का मुद्दा हमने नहीं उठाया. अगर सामने वाला कोई बयान देगा तो जवाब देंगे.” लेकिन गोमांस से जुड़े एक मामले में जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में बीजेपी विधायक की ओर से निर्दलीय विधायक की पिटाई करना कौन सी संस्कृति है. तो शाह बचाव की मुद्रा में कहते हैं, “बीजेपी विधानमंडलों और संसद के सदनों में इस तरह की घटना की निंदा करती है, भर्त्सना करती है. हम इसका समर्थन नहीं करते हैं.” बीजेपी नेताओं की भड़काऊ बयानबाजी पर नकेल क्यों नहीं कस पा रही? शाह ने इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में इस सवाल के साथ-साथ आरक्षण, गोमांस, दादरी की घटना से बिहार चुनाव में ध्रुवीकरण, मोदी सरकार के कामकाज, नौकरशाही के हावी होने, कालाधन, बिहार चुनाव में परिवारवाद, बीजेपी की चुनौतियां और संगठन से जुड़े तमाम सवालों के जवाब दिए. पूरी बातचीत के लिए इंडिया टुडे के आगामी अंक की प्रतीक्षा करें.
रोमन कैथोलिक चर्च के सर्वोच्च धर्म गुरु, रोम के बिशप एवं वैटिकन के राज्याध्यक्ष को पोप कहते हैं। 'पोप' का शाब्दिक अर्थ 'पिता' होता है। यह लैटिन के "पापा" (papa) से व्युत्पन्न हा है जो स्वयं ग्रीक के पापास् (πάπας, pápas) से व्युत्पन्न है। इस समय (फरवरी, २००९) बेनेडिक्ट सोलहवें (Benedict XVI) इस पद पर आसीन हैं जिन्हें १९ अप्रैल २००५ को चुना गया था। वे २६५वें पोप हैं।
लड़कियों के साथ छेड़छाड़ को लेकर कई शॉर्ट फिल्में बनी हैं, उनमें आपने लड़कियों को चुप रहकर ऐसी घटनाएं सहते हुए या फिर मारपीट करके इसका विरोध करते हुए देखा. लेकिन इस शॉर्ट फिल्म में लड़की से थप्पड़ खाने के बाद एक लड़का जो करता है वो देखकर आप हैरान रह जाएंगे. शॉर्ट फिल्म की शुरुआत में दिखाया गया है, दो लड़के बस स्टैंड पर बैठे होते हैं और एक लड़की आकर उनकी तरफ पीठ करके बस का इंतजार करती है. एक लड़का पहले लड़की को देखकर सीटी बजाता है और फिर गाना गाता है. पीछे मुड़कर लड़की देखती है, तो उसे लगता है कि वहां मौजूद दूसरा लड़का ये हरकत कर रहा है और वो उसे थप्पड़ रसीद कर देती है. ये देखकर छेड़छाड़ करने वाला लड़का वहां से चंपत हो जाता है. लड़की थप्पड़ मारने के बाद उस लड़के को खरी खोटी सुनाती है. सबकुछ सुनने के बाद लड़का उस लड़की को इशारे से बताता है कि वो सुन और बोल नहीं सकता. लेकिन इसके बाद उस लड़के की हरकत आपका दिल जीत लेगी. वो लड़का उस लड़की को एक कागज देता है, जिस पर लिखा होता है- 'आपने गलत इंसान को थप्पड़ मारा है, लेकिन मुझे खुशी है कि आपने थप्पड़ मारा.' देखें पूरा वीडियोः
डिजिटल वॉलेट कंपनी पेटीएम ने गुरूवार को ऐलान किया कि वो क्रेडिट कार्ड से वॉलेट में पैसे लोड करने पर 2% टैक्स लेगी. लेकिन अब कंपनी ने अपने इस फैसले को वापस लेने का ऐलान किया है. पेटीएम के इस ऐलान के बाद इस मौके का फायदा उठाते हुए दूसरी वॉलेट कंपनी मोबीक्विक ने ऐलान किया कि वो क्रेडिट कार्ड से पैसे लोड करने पर कोई भी एक्स्ट्रा चार्ज नहीं लेगी. कंपनी ने अपने ट्वीट में खासतौर पर पेटीएम के इस फैसले के बाद लिखा कि वो 2% एक्स्ट्रा चार्ज नहीं केरगी. इसके अलावा मोबिक्विक ने एक ऑफर भी शुरू कर दिया जिसके तहत कोड यूज करके 2% कैशबैक भी लिया जा सकता है. कंपनी ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि इस फैसले के बाद यूजर्स नाराज हो गए. पेटीएम ने एक स्टेटमेंट में कहा है कि हमारा ये फैसला उन यूजर्स के लिए मुश्किल भरा होता जो असली क्रेडिट कार्ड यूजर्स हैं. इसलिए अब क्रेडिट कार्ड से वॉलेट में पैसे लोड करने पर एक्स्ट्रा चार्ज नहीं लगेगा बल्कि कंपनी क्रेडिट कार्ड मिस यूज को रोकने के लिए नया सिस्टम लेकर आएगी. पेटीएम के आधिकारिक ब्लॉग पोस्ट में कहा था कि क्रेडिट कार्ड यूज करने पर पेटीएम इसके लिए बैंक को पैसे देता है. यानी यूजर जब क्रेडिट कार्ड से पेटीएम पर पैसे लोड करके उसे बैंक में ट्रांसफर करता है तो इससे उन्हें नुकसान होता है. पेटीएम ने इसके लिए उन लोगों पर इल्जाम लगाया था जो किसी फाइनैंशियल संस्थान के कर्मचारी हैं या फिर ऐसे ट्रांजैक्शन को अच्छे से समझते हैं. कंपनी के मुताबिक वो क्रेडिट कार्ज के जरिए पेटीएम का पैसा लगा कर पैसे रोटेट करते थे.
यह लेख है: पाकिस्तानी सेना प्रमुख, जनरल अशफाक परवेज कयानी ने पाकिस्तानी सीमा चौकियों पर उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के हमले के बाद प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा की। इसके साथ ही गिलानी ने कहा है कि अमेरिका और नाटो के साथ सम्बंधों की समीक्षा की जाएगी। पिछले महीने हुए नाटो के हमले में 24 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई थी। पाकिस्तान की सरकारी समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान (एपीपी) के अनुसार, जनरल कयानी ने शुक्रवार को यहां गिलानी से मुलाकात की। यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के स्वास्थ्य को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। जरदारी मंगलवार को अचानक दुबई चले गए थे। उसके बाद सैन्य तख्तापलट की अफवाह फैल गई थी, जिसे अमेरिका ने रोका था। एपीपी द्वारा जारी रपट के अनुसार, कयानी ने पाकिस्तानी सीमा में किसी सम्भावित घुसपैठ से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए पश्चिमी सीमा पर रक्षा क्षमताओं को चुस्त करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी।  ज्ञात हो कि गत 26 नवम्बर को मोहमंद एजेंसी में दो पाकिस्तानी सीमा चौकियों पर नाटो द्वारा किए गए हवाई हमले में 24 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। इसके बाद पाकिस्तान ने तीखी प्रतिक्रया व्यक्त की थी और अपने देश के रास्ते से अफगानिस्तान जाने वाली नाटो की आपूर्ति तत्काल रोक दी थी और अमेरिका को शम्सी हवाई ठिकाना खाली करने के लिए कह दिया था। गिलानी ने कहा कि लोकतांत्रिक सरकार देश की सम्प्रभुता पर इस तरह के हमलों को इजाजत नहीं देगी और भविष्य में इस तरह के किसी भी दुस्साहस का मुहतोड़ जवाब दिया जाएगा। गिलानी ने कहा कि सरकार और पाकिस्तान की जनता रक्षा एवं पेशेवर क्षमताओं को बढ़ाने के लिए सेना को सभी संसाधन मुहैया कराने के लिए तैयार है। गिलानी ने एक अन्य मौके पर कहा कि उनका देश अमेरिका और नाटो के साथ अपने सम्बंधों की समीक्षा कर रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अमेरिका और नाटो के साथ सहयोग की शर्ते फिर से तय करने जा रहा है। गिलानी, पाकिस्तान चिकित्सा विज्ञान संस्थान में उन मरीजों का हाल जानने गए थे, जिनकी आंखों का ऑपरेशन चीनी शल्य चिकित्सकों ने 'ब्राइट लाइट टूर' नामक एक कार्यक्रम के तहत किया है। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के भविष्य पर केंद्रित पांच दिसम्बर के बॉन सम्मेलन का बहिष्कार कर दिया था। एपीपी के अनुसार, गिलानी ने कहा कि पाकिस्तान-अमेरिका के सम्बंधों में उतार-चढ़ाव आता रहा है। पाकिस्तानी सुरक्षा बलों पर नाटो के हमले के सम्बंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में गिलानी ने कहा कि इस मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा सम्बंधी संसदीय समिति के पास भेज दिया गया है, जो अमेरिका और नाटो के साथ सम्बंधों की समीक्षा करने की सिफारिश करेगी। गिलानी ने कहा, "हम इस घटना की जांच भी कर रहे हैं।" इससे अलग, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस, 10 दिसम्बर के मौके पर जारी एक संदेश में गिलानी ने कहा है कि पाकिस्तान मानवाधिकारों की रक्षा करने और उसे बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। गिलानी ने कहा कि उनके देश का संविधान अल्पसंख्यकों सहित अपने सभी नागरिकों को आजादी की गारंटी देता है।
Our trio of Steve Jobs items at auction is getting a lot of international attention. Read all about it here: https://t.co/BBAQA8pNHr -- Bidding starts March 8; preview all the items here: https://t.co/ZgwRsYcFqW#RRAuction#SteveJobs#Applepic.twitter.com/Oo11qB0bVy तीन साल बाद उन्होंने अपने दोस्त के साथ मिलकर एप्पल कंपनी शुरू की. यह नीलामी 8 से 15 मार्च के बीच होगी. इस नीलामी में कई अन्य चीजें भी नीलाम की जाएंगी.
जब दिग्गज राजनीतिक जेल में बंद हो रहे हैं, ऐसे समय में दिल्ली की तिहाड़ जेल को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है. एक ओर जहां दिल्ली की यह प्रसिद्ध जेल राज्‍यसभा सांसद अमर सिंह, पूर्व केंद्रीय संचार मंत्री ए. राजा, कांग्रेस के सांसद सुरेश कलमाडी और द्रमुक सांसद कणिमोलि जैसी हस्तियों के अपने यहां कैद होने पर नाज कर रही थी, वहीं दूसरी ओर बंगलुरू की परप्पना अग्रहारा जेल में जाने वाले राजनीतिकों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. पूर्व मुख्यमंत्री और दक्षिण में भाजपा के शुभंकर बी.एस. येद्दियुरप्पा उसमें जाने वाले नवीनतम कैदी हैं. उनके मंत्रिमंडल के दो अन्य सदस्य-पूर्व उद्योग मंत्री कट्टा सुब्रमण्य नायडू और पूर्व मुजराई (धर्मादा) मंत्री कृष्णैया शेट्टी भी उनके साथ अंदर हैं. सभी राजनीतिक परप्पना अग्रहारा जेल के एक ही ब्लॉक में बंद हैं. येद्दियुरप्पा को सर्वाधिक सुरक्षा मिल रही है. उन्हें कोठरियां दी गई हैं जिनके साथ में शौचालय हैं और उन्हें कभी-कभी टेलीविजन सेट भी मिल जाता है. उनके साथ कुछ और लोग भी शामिल हो सकते हैं. पूर्व लोकायुक्त संतोष हेगड़े की रिपोर्ट में गैरकानूनी खनन और जमीन हथियाने के मामले में नाम आने के बाद जनार्दन रेड्डी के भाई और पूर्व राजस्व मंत्री करुणाकर, उनके सहयोगी और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बी. श्रीरामुलु और वर्तमान आवास मंत्री वी. सोमन्ना भी घिर गए हैं. उनके अलावा पूर्व खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री एच. हलप्पा बलात्कार के एक मामले का सामना कर रहे हैं. उन्हें भी कैद हो सकती है. येद्दियुरप्पा का तत्कालीन 28 सदस्यीय मंत्रिमंडल अपराधियों की तस्वीरों के संग्रह की तरह लगता है. कर्नाटक के एक मंत्री का कहना है, ''पहले लोग बिहार और उत्तर प्रदेश को भ्रष्ट राजनीतिकों का अड्डा कहते थे. आज उन राज्‍यों की जगह कर्नाटक ने ले ली है. इन सभी घोटालों के सामने आने के बाद हमारे राजनीतिक ही नहीं, हमारे अधिकारियों के साथ भी उपेक्षापूर्ण बर्ताव किया जा रहा है.'' इस बार येद्दियुरप्पा के उत्तराधिकारी डी.वी. सदानंद गौड़ा के मंत्रिमंडल के एक अन्य मंत्री सी.पी. योगेश्वर कॉर्पोरेट धोखेबाजी का सामना कर रहे हैं और उन्हें भी जेल भेजा जा सकता है. मंत्रियों का मानना है कि सूचना का अधिकार मिलने के साथ ही ढेर सारे घोटाले सामने आने और सभी घटनाओं के बारे में टेलीविजन पर विस्तार से बताए जाने की वजह से राजनेताओं की गिरफ्तारी संभव हो सकी. उस मंत्री का कहना है, ''अण्णा हजारे के आंदोलन और भ्रष्टाचार के खिलाफ  लोगों के आक्रोश के बाद न्यायपालिका भी बहुत सक्रिय हो गई है. येद्दियुरप्पा के खिलाफ  एक निजी शिकायत पर दीवानी मामला दर्ज किया गया था. उनको जमानत देने से इनकार करने की कोई जरूरत नहीं थी, लेकिन न्यायाधीश ने हवा का रुख देखकर फैसला सुनाया.'' सत्तारूढ़ और विपक्षी सदस्यों के मुताबिक, येद्दियुरप्पा की गलती यह है कि उन्होंने और उनके पुत्रों-लोकसभा सांसद बी.वाई. राघवेंद्र और बी.वाई. विजयेंद्र-ने भ्रष्टाचार के ढेर सारे कागजी सबूत छोड़ दिए, जिसे लोगों ने आरटीआइ का इस्तेमाल करके सार्वजनिक कर दिया. एक अन्य मंत्री का कहना है, ''पुराने राजनीतिकों को अधिकारी सिखाते थे कि ऐसे सौदे कैसे किए जाएं जिसमें कोई सबूत न बचे. लेकिन हमें किसी ने नहीं बताया और इसी वजह से हमारे साथी पकड़े जा रहे हैं.'' भ्रष्टाचार के मामलों सिर्फ येद्दियुरप्पा और उनके भाजपा के मंत्री ही नहीं घिरे हैं बल्कि जनता दल (सेक्युलर) के पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी और उनकी विधायक पत्नी अनिता भी येद्दियुरप्पा जैसे मामले का सामना कर रहे हैं और उन्हें भी जेल की हवा खानी पड़ सकती है. कुमारस्वामी के भाई बालकृष्ण गौड़ा के यहां भी आय से अधिक संपत्ति के मामले में लोकायुक्त पुलिस ने छापा मारा था. देश और खासकर प्रदेश में जनमानस को देखते हुए लगता है कि उन्हें भी जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया जा सकता है. लोकायुक्त की रिपोर्ट में कांग्रेस के राज्‍यसभा सांसद अनिल लाड और पूर्व खान मंत्री वी. मुनियप्पा के नाम हैं. यही नहीं, कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री एन. धरम सिंह का नाम पिछली रिपोर्ट में है. ये सारे मामले तूल पकड़ सकते हैं. विपक्ष के नेता, कांग्रेस के सिद्धरमैया का कहना है, ''यह दलगत राजनीति से ऊपर है, लेकिन मुझे खुशी है कि राजनीतिकों को जेल भेजा जा रहा है. इससे लोगों का कानून के शासन में विश्वास बहाल हुआ है और उम्मीद जगी है कि राजनीति में मूल्य और नैतिकता वापस लौट सकते हैं.''
राष्ट्रीय राजधानी में आज की सुबह खुशनुमा रही और न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. साथ ही मौसम विभाग ने गणतंत्र दिवस के आसपास बारिश होने या गरज के साथ छीटें पड़ने का पूर्वानुमान जताया है. सुबह साढ़े पांच बजे सफदरजंग में दृश्यता का स्तर 300 मीटर दर्ज किया गया जो तीन घंटे के बाद बढ़ कर 500 मीटर हो गया. मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पालम में सुबह साढ़े पांच बजे दृश्यता का स्तर 200 मीटर था जो साढ़े आठ बजे घट कर 50 मीटर तक रह गया. सुबह धुंध पड़ने के कारण 30 ट्रेन देरी से चल रही हैं जबकि सात के समय में बदलाव किया गया है.टिप्पणियां सुबह साढ़े आठ बजे आद्रर्ता का स्तर 100 प्रतिशत दर्ज किया गया. मौसम विभाग ने आज आसमान में आंशिक रूप से बादल छाये रहने और अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस के करीब बने रहने का अनुमान व्यक्त किया है. कल का न्यूनतम और अधिकतम तापमान क्रमश: 8.4 और 23.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. इससे पूर्व मौसम विभाग ने गणतंत्र दिवस पर गरज के साथ छींटे पड़ने और बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया है. देश के पूर्वी हिस्से में धूप खिलने से लोगों को राहत मिली है. वहीं  हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में जबरदस्त शीतलहर जारी रही और ऊंचाई वाले इलाकों में तापमान शून्य से नीचे 15 से 22 डिग्री सेल्सियस तक चला आया.  लाहौल एवं स्पीति में केलोंग और कल्पा एवं किन्नौर जिलों में तापमान क्रमश: शून्य से नीचे 6.7 डिग्री और शून्य से नीचे 2.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि मनाली और सोलन में यह दो डिग्री, शिमला में चार डिग्री, पालमपुर एवं नाहन में 7.5 डिग्री, धर्मशाला में 7.8 डिग्री और उना में 8.6 डिग्री सेल्सियस रहा. सुबह साढ़े आठ बजे आद्रर्ता का स्तर 100 प्रतिशत दर्ज किया गया. मौसम विभाग ने आज आसमान में आंशिक रूप से बादल छाये रहने और अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस के करीब बने रहने का अनुमान व्यक्त किया है. कल का न्यूनतम और अधिकतम तापमान क्रमश: 8.4 और 23.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. इससे पूर्व मौसम विभाग ने गणतंत्र दिवस पर गरज के साथ छींटे पड़ने और बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया है. देश के पूर्वी हिस्से में धूप खिलने से लोगों को राहत मिली है. वहीं  हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में जबरदस्त शीतलहर जारी रही और ऊंचाई वाले इलाकों में तापमान शून्य से नीचे 15 से 22 डिग्री सेल्सियस तक चला आया.  लाहौल एवं स्पीति में केलोंग और कल्पा एवं किन्नौर जिलों में तापमान क्रमश: शून्य से नीचे 6.7 डिग्री और शून्य से नीचे 2.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि मनाली और सोलन में यह दो डिग्री, शिमला में चार डिग्री, पालमपुर एवं नाहन में 7.5 डिग्री, धर्मशाला में 7.8 डिग्री और उना में 8.6 डिग्री सेल्सियस रहा. इससे पूर्व मौसम विभाग ने गणतंत्र दिवस पर गरज के साथ छींटे पड़ने और बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया है. देश के पूर्वी हिस्से में धूप खिलने से लोगों को राहत मिली है. वहीं  हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में जबरदस्त शीतलहर जारी रही और ऊंचाई वाले इलाकों में तापमान शून्य से नीचे 15 से 22 डिग्री सेल्सियस तक चला आया.  लाहौल एवं स्पीति में केलोंग और कल्पा एवं किन्नौर जिलों में तापमान क्रमश: शून्य से नीचे 6.7 डिग्री और शून्य से नीचे 2.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि मनाली और सोलन में यह दो डिग्री, शिमला में चार डिग्री, पालमपुर एवं नाहन में 7.5 डिग्री, धर्मशाला में 7.8 डिग्री और उना में 8.6 डिग्री सेल्सियस रहा.
शिक्षा को सुगम बनाने की पहल को आगे बढ़ाते हुए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) ने महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली और मध्यप्रदेश के सुदूर खंडवा में अलग से पाठ्यक्रम शुरू किया है. इसके अलावा केंद्रीय विद्यालय संगठन और पूर्वोत्तर में शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का बीड़ा भी उठाया है. इग्नू के कुलपति प्रो. मोहम्मद असलम ने कहा, ‘हम देश के सुदूर क्षेत्रों, गांवों, पंचायतों और पिछड़े इलाकों में बच्चों को ज्ञान की धारा से जोड़ने की पहल कर रहे हैं. महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में हमने ‘होम बेस्ड हेल्थ मैनेजमेंट’ पाठ्यक्रम शुरू किया था और इसके तहत 48 बच्चियों का दाखिला लिया गया था. कोर्स समाप्त होने पर केयर अस्पताल ने सभी 48 बच्चियों को नौकरी दे दी. इस तरह से ऐसे सुदूर क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्लेसमेंट हुआ.' उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के खंडवा से कोई भी बच्चा कोर्स नहीं कर रहा था. हमने सर्टिफिकेट कोर्स इन फूड एंड न्यूट्रिशन के तहत 200 छात्रों का दाखिला लिया, जिसमें से 50 बच्चियां थी. पंचायत स्तर तक पहुंच बनाते हुए हमने सुदूर क्षेत्रों के बच्चों को ज्ञान की मुख्यधारा से जोड़ने का निर्णय किया है. असलम ने कहा, ‘हमने पूर्वोत्तर के पांच राज्यों में शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का कार्य शुरू किया है. इसके तहत अरूणाचल प्रदेश और मणिपुर में कार्य शुरू हो गया है. इस पहल के तहत पूर्वोत्तर के 33 हजार शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे.’ इग्नू के कुलपति ने कहा, ‘शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के सिलसिले में हमारी केंद्रीय विद्यालय संगठन के साथ भी सहमति बनी है. हम केंद्रीय विद्यालयों के 24 हजार शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे. यह कार्य शुरू हो गया है.’ असलम ने कहा कि एक सप्ताह पहले हीरो कंपनी के साथ इग्नू ने सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है. इसके तहत ‘मोटर मैकेनिक रिपेयर प्रोग्राम’ पेश किया गया है. यह तीन महीने का कोर्स है. इसके तहत हीरो कंपनी और इग्नू सर्टिफिकेट प्रदान करेगी. कम्यूनिटी कालेज प्रोग्राम बंद होने की खबर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह अदालत के एक फैसले के अनुरूप करीब दो साल पहले किया गया था. अदालत ने कहा था कि इग्नू को दूरस्थ शिक्षा की प्रकृति को देखते हुए कोई भी ऐसा कोर्स नहीं चलाना चाहिए जिसमें ‘फेस टू फेस’ संवाद हो. हमने इसके तहत उस समयावधि में दाखिला लेने वाले छात्रों की सभी चिंताओं का निराकरण कर दिया था. असलम ने कहा कि इग्नू गरीब छात्रों, सुदूर क्षेत्रों, देहातों में रहने बच्चों को शिक्षा प्रदान करने को प्रयासरत है और इसे सतत रूप से आगे बढ़ाया जा रहा है.
सान साईतानो गिरजाघर, जिसे सान मिलान ऐ सान साईंतानो भी कहा जाता है, बारोक शैली में बना हुआ एक गिरजाघर है। ये स्पेन में माद्रिद में स्थित है। इतिहास इसकी वर्तमान ईमारत नुएस्त्रा दे सेनोरा देल फावोर की साथ ही बना हुआ है। इसकी नीव 1612ई. में देगो दे वेरा ऐ ओरदोनेज़ दे विल्कुइन ने रखी थी। तीस साल बाद पादरी प्लासीदो मिरतो ( Plácido Mirto ) ठेतिन अंदाज़ (Theatine Order) में मठ बनाया। ये गिरजाघर ठैन के संत काजेत्न को समरपित है। इस गिरजाघर को 1980ई. में बिएन दे इंतेरेस कल्चरल की सूची में शामिल किया गया। सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ La iglesia de San Cayetano, del siglo XVIII, en peligro de ruina inminente, El País, 11 de mayo de 1980 Iglesia de San Cayetano. Madrid Histórico. Intervención de Pedro de Ribera en la Iglesia de San Cayetano. Boletín de la Real Academia de Bellas Artes de San Fernando. Segundo semestre de 1993. Número 77 ' Translated from Spanish Wikipedia entry. स्पेन के स्मारक श्रेणी : स्पेन के गिरजाघर
आज यानि 20 अगस्त को दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 74वीं जयंती है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें और देश के प्रति उनके योगदान को याद किया. राजीव गांधी का जन्म आज ही के दिन 1944 में हुआ था. 21 मई, 1991 को उनकी हत्या कर दी गई थी. मोदी ने ट्वीट किया कि हम पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी और देश के प्रति उनके योगदान को उनकी जयंती पर याद करते हैं. On his birth anniversary, we remember former PM Shri Rajiv Gandhi & recall his contribution to the nation. — Narendra Modi (@narendramodi) 20 August 2017 लेकिन दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता तेजिंदर बग्गा ने पूर्व पीएम राजीव गांधी को लेकर एक विवादास्पद ट्वीट किया है. बग्गा ने ट्वीट किया- क्या आज मॉब लिंचर राजीव गांधी का जन्मदिन है? बीजेपी नेता ने जो वीडियो ट्वीट किया है, उसमें राजीव गांधी पूर्व प्रधानमंत्री और अपनी मां इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए दंगों का जिक्र कर रहे हैं. इस वीडियो में वो कह रहे हैं कि जब बड़ा पेड़ गिरता है तो जमीन हिलती ही है. Is it Mob Lyncher #RajivGandhi Birthday today ? pic.twitter.com/0416wCZdWE — Tajinder Bagga (@TajinderBagga) 20 August 2017 राजीव गांधी की जयंती पर पूरे गांधी परिवार ने उन्‍हें श्रद्धांजलि अर्पित की. कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और उनके पति रॉबर्ट वाड्रा ने उनकी समाधि पर फूल अर्पित करते हुए याद किया. इस अवसर पर बेटी मिराया भी साथ में मौजूद थीं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को उनकी 73वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की. राजीव गांधी 1984 से 1989 तक प्रधानमंत्री रहे. तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदुर में 21 मई, 1991 को आम चुनाव के प्रचार के दौरान एलटीटीई के एक आत्मघाती हमलावर ने राजीव गांधी की हत्या कर दी थी. Rahul Gandhiji, Priyanka Gandhiji & granddaughter pay tribute to Rajiv Gandhiji on his birth anniversary at Veer Bhumi earlier this morning pic.twitter.com/5S9VwTv85s — Congress (@INCIndia) 20 August 2017 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद वह भारी बहुमत के साथ प्रधानमंत्री बने. राजीव गांधी की राजनीति में कोई रूचि नहीं थी और वो एक एयरलाइन पायलट की नौकरी करते थे और उसी में खुश थे. लेकिन आपातकाल के उपरान्त जब इंदिरा गांधी को सत्ता छोड़नी पड़ी थी. वहीं साल 1980 में छोटे भाई संजय गांधी की हवाई जहाज दुर्घटना में मृत्यु हो जाने के बाद माता इंदिरा का सहयोग देने के लिए उन्होंने राजनीति में प्रवेश कर लिया.
इसकी सादगी के कारण, समानता का उपयोग कई हार्डवेयर अनुप्रयोगों में किया जाता है जहां कठिनाई के मामले में एक ऑपरेशन दोहराया जा सकता है, या जहां त्रुटि का पता लगाना सहायक होता है। उदाहरण के लिए, एससीएसआई और पीसीआई बसें ट्रांसमिशन त्रुटियों का पता लगाने के लिए समता का उपयोग करती हैं, और कई माइक्रोप्रोसेसर अनुदेश कैश में समता संरक्षण शामिल होता है। क्योंकि आई-कैश डेटा केवल मुख्य मेमोरी की एक प्रति है, यदि यह दूषित पाया जाता है तो इसे अनदेखा किया जा सकता है और पुनः प्राप्त किया जा सकता है।
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: बॉलीवुड एक्टर तुषार कपूर (Tusshar Kapoor) ने वेब सीरीज 'बू सबकी फटेगी (Booo:Sabki Phategi)' से डिजिटल के क्षेत्र में अपना डेब्यू किया है. तुषार  (Tusshar Kapoor) की बहन एकता कपूर (Ekta Kapoor) इसकी निर्माता हैं. तुषार (Tusshar Kapoor) का कहना है कि बचपन में दोनों एक-दूसरे से बहुत लड़ा करते थे, लेकिन अब वे दोस्त से भी बढ़कर हैं. यह पहली बार नहीं है, जब दोनों एक-दूसरे के साथ काम कर रहे हैं. जब तुषार (Tusshar Kapoor) से यह पूछा गया कि दोनों की निजी करीबी रिश्ते का प्रभाव पेशेवर जिंदगी पर कैसा है? इस पर तुषार ने बताया कि बचपन में मैं एकता (Ekta Kapoor) संग बहुत लड़ा करता था. चूंकि हमारे बीच उम्र का अंतर उतना ज्यादा नहीं है, हम हर चीज को लेकर लड़ते थे..चाहे वह गेम हो या टीवी देखना और हर वह छोटी चीज जिस पर भाई-बहन लड़ते हैं. हम एक ही कमरे में रहते थे." बीते दिनों तुषार (Tusshar Kapoor) और एकता (Ekta Kapoor), कपिल शर्मा के शो (The Kapil Sharma Show) में अपनी वेब सीरीज के प्रमोशन के लिए पहुंचे थे. वहां एकता कपूर  (Ekta Kapoor) ने बताया कि मेरे और तुषार के बीच बचपन में काफी लड़ाइयां होती थीं. एकता उम्र में तुषार से बड़ी हैं बावजूद इसके तुषार उनकी पिटाई कर दिया करते थे. एकता ने एक घटना को याद करते हुए बताया कि हम पूरे परिवार के साथ घूमने के लिए गए थे. वहां किसी छोटी सी बात पर तुषार और एकता के बीच झड़प हो गई. गुस्से में तुषार (Tusshar Kapoor) ने एकता को पंच मार दिया जोकि उनकी नाक पर लगा था और नाक से खून निकलने लगा था. एकता  (Ekta Kapoor) ने गुस्से में पुलिस को फोन कर दिया था. एकता और तुषार ने हंसते हुए बताया कि फिर पिता जितेंद्र ने हस्तक्षेप किया और मामले का निपटाया था.  एक इंटरव्यू के दौरान तुषार (Tusshar Kapoor) ने बताया कि लेकिन मुझे लगता है कि जब हमने काम करना शुरू किया और वक्त के साथ अब हम दोनों परिपक्व हो गए हैं. वह बहुत ही प्रतिभाशाली निर्माता हैं और अपने काम को लेकर उसमें बहुत जुनून है. तुषार 'क्या कूल है हम', 'गुड बॉय बैड बॉय', 'क्या सुपर कूल हैं हम' और 'मस्तीजादे' जैसी फिल्मों में नजर आ चुके है. क्या वक्त के साथ प्रासंगिक रहने के लिए उन्होंने डिजिटल मनोरंजन क्षेत्र में कदम रखा है, क्योंकि वेब प्लेटफॉर्म की पहुंच एक बार में कई दर्शकों तक होती है? तुषार  (Tusshar Kapoor) ने कहा कि नहीं, ऐसा नहीं है. सिनेमा के अलावा मैंने कुछ भी नहीं किया जैसे कि टीवी शोज, क्योंकि यह बहुत ज्यादा वक्त लेता है. टीवी हमेशा से ही एक बड़ी प्रतिबद्धता है, लेकिन एक वेब सीरीज के लिए हम इसे एक फिल्म की तरह से शूट करते हैं और जब यह एक बार रिलीज हो जाती है, वह हमेशा के लिए वहीं बनी रहती है. चूंकि यह शो भी एक मजेदार, मस्ती और हॉरर कॉमेडी है, शूट करने के लिए इसकी एक मनोरंजक कहानी थी, इसलिए मैं तैयार हो गया.  'बू सबकी फटेगी' में मल्लिका शेरावत, कृष्णा अभिषेक, संजय मिश्रा, किकू शारदा और श्वेता गुलाटी भी हैं.
ब्रिटेन के एंडी मरे और नोवाक जोकोविक एटीपी टूर फाइनल्स टेनिस टूर्नामेंट के फाइनल में आमने सामने होंगे और इस दौरान दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी की रैंकिंग दांव पर लगी होगी. इस महीने की शुरुआत में मरे ने जोकोविक के लगातार 122 हफ्तों तक टॉप पर बने रहने के क्रम को तोड़ा था. जोकोविक के पास है बदला लेने का शानदार मौका जोकोविक के पास अब बदला चुकता करने का मौका है और दोनों खिलाड़ियों में से जो भी खिताब जीतेगा वह साल का अंत दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी के रूप में करेगा. ब्रिटेन के मरे ने पहला सेट गंवाने के बाद जोरदार वापसी करते हुए सेमीफाइनल में कनाडा के मिलोस राओनिक को 5-7, 7-6, 7-6 से हराया. कौन मारेगा बाजी ? डिफेंडिंग चैंपियन सर्बिया के जोकोविक को हालांकि जापान के केई निशिकोरी को एक दूसरे सेमीफाइनल में 6-1, 6-1 से हराने के लिए अधिक पसीना नहीं बहाना पड़ा. बहरहाल मरे और जोकोविक की भिड़ंत को देखने के लिए खेल प्रेमी पूरी तरह से तैयार हैं.
क्रिकेटर युवराज सिंह ने निर्धारण वर्ष 2012-13 के लिये 1.75 करोड़ रुपये का अग्रिम कर जमा कराया है. इसके साथ ही वह चंडीगढ़ आयकर क्षेत्र में व्यक्तिगत करदाता श्रेणी में सबसे ज्यादा कर देने वाले व्यक्ति बन गये हैं. आयकर विभाग के आंकड़ों के अनुसार सितंबर में युवराज सिंह ने पिछले साल सितंबर की तुलना में 84 प्रतिशत अधिक अग्रिम कर का भुगतान किया. पिछले साल सितंबर में उन्होंने 95 लाख रुपये का अग्रिम कर दिया था. कंपनियों की श्रेणी में स्टेट बैंक ऑफ पटियाला सबसे ज्यादा कर भुगतान करने वाले दस कंपनी करदाताओं में सबसे ऊपर रहा है. बैंक ने सितंबर में 139 करोड़ रुपये का अग्रिम कर भुगतान किया है जो कि पिछले साल सितंबर की तुलना में 54 प्रतिशत अधिक रहा है. इस साल बैंक का कुल अग्रिम कर जून में किये गये भुगतान सहित 203 करोड़ रुपये तक पहुंच गया.
यह एक लेख है: आज का दिन भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बुरी ख़बर लेकर आया है, मगर भारतीय मूल के अर्थशास्त्री के लिए बहुत ही अच्छी ख़बर लाया है. विश्व बैंक ने भारत की जीडीपी का अनुमान डेढ़ प्रतिशत घटा दिया है. 7.5 प्रतिशत से घटा कर 6 प्रतिशत कर दिया है. डेढ़ प्रतिशत की कमी बहुत होती है. दूसरी तरफ जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में एमए करने वाले अभिजीत विनायक बनर्जी को अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार मिला है. जेएनयू पर ख़ास ज़ोर है, क्योंकि इस यूनिवर्सिटी को बदनाम करने के लिए मीडिया ने क्या-क्या नहीं किया. अभिजीत विनायक बनर्जी के साथ उनकी पत्नी एस्टर डुफलो और माइकल क्रेमर को भी नोबेल पुरस्कार मिला है. 1983 में जेएनयू से एमए करने से पहले अभिजीत बनर्जी ने कोलकाता के प्रेसिडेंसी कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक किया था. कोलकाता के साउथ प्वाइंट स्कूल से उन्होंने स्कूली शिक्षा ग्रहण की थी. पैदा मुंबई में हुए थे. 1988 में अभिजीत ने हार्वड से पीएचडी की थी. दुनिया में गरीबी दूर करने के अर्थशास्त्र के उपायों के कारण अभिजीत बनर्जी को नोबेल पुरस्कार दिया गया है. इस वक्त बनर्जी MIT में फोर्ड फाउंडेशन इंटरनेशनल प्रोफेसर हैं. MIT दुनिया की पांचवे नंबर की यूनिवर्सिटी है. 2012 में अभिजीत बनर्जी ने एस्टर डुफलो के साथ मिलकर पुअर इकॉनमिक्स नाम की किताब लिखी थी. 499 रुपये की यह किताब पेंग्विन ने छापी है. एस्टर का भी नाम इस साल नोबेल पाने वालों की सूची में है. एस्टर भी MIT में ही हैं. माइकल क्रेमर हार्वर्ड में पढ़ाते हैं. 2003 में अभिजीत ने अब्दुल लतीफ जमील पावटी एक्शन लैब की स्थापना की थी. इन्होंने 10 साल के भीतर कई देशों में रैंडमाइज़्ड कंट्रोल ट्रायल के जरिए 568 फील्ड एक्सपेरिमेंट किए थे. इसमें गुजरात में मनरेगा पर किया गया प्रयोग भी शामिल था. तमिलनाडु सरकार के साथ मिलकर भी कई प्रयोग किए हैं. 2019 के चुनावों में कांग्रेस की न्याय योजना की रुपरेखा तैयार करने में भी अभिजीत बनर्जी की भूमिका थी. कांग्रेस घोषणा पत्र में 'न्याय' योजना के तहत आबादी के 20 प्रतिशत गरीब लोगों को हर महीने 6000 रुपये देने का वादा किया था. मगर पार्टी का भविष्य ही अनिश्चित हो गया, जब जनता ने नकार दिया. अभिजीत को 2009 में इंफोसिस प्राइज़ भी मिल चुका है. रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेस ने नोबल पुरस्कार देते समय कहा है कि इनका रिसर्च ग़रीबी से लड़ने में मदद कर रहा है. दो दशक के भीतर में ही इनके नए प्रयोगों के कारण डेवलपमेंट इकॉनमिक्स ही बदल गया है. दुनिया में 70 करोड़ बेहद मामूली आय पर गुज़ारा कर रहे हैं. हर साल 50 लाख बच्चे बीमारियों से मर जाते हैं, जिनका इलाज हो सकता था. दुनिया के आधे से अधिक बच्चे स्कूल से अक्षरों और अंकों की पहचान की योग्यता हासिल किए बग़ैर स्कूल छोड़ देते हैं. जिन्हें नोबेल पुरस्कार दिया जा रहा है उन लोगों ने गरीबी से लड़ने के ठोस उपाय बताए हैं. उनकी मां निर्मला बनर्जी कोलकाता में रहती हैं, जिनसे मोनीदीपा बनर्जी ने बात की. अभिजीत के पिता दीपक बनर्जी प्रेसिडेंसी कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष रह चुके हैं और स्नातक के छात्रों में एक बेहतरीन शिक्षक की पहचान रखते थे. प्रेसिडेंसी से ही हैं प्रोफेसर अमर्त्य सेन जिन्हें नोबेल पुरस्कार मिल चुका है. प्रेसिडेंसी को दो-दो नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुए तो इसी के साथ जेएनयू के खाते में भी पहला नोबेल पुरस्कार आया. जेएनयू के वाइस चांसलर ने भी कहा है कि हम उन पर गर्व कर रहे हैं. यहां से पढ़े हुए छात्र जेएनयू का नाम रौशन कर रहे हैं. हमें गर्व है. पोलेंड की ओल्गा तुगार्चुक को 2018 का साहित्य का नोबेल मिला तो वहां के शहर ने एलान किया है कि जो कोई ओल्गा की किताब लेकर पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तमाल करेगा, इस सप्ताहांत उसका किराया माफ होगा. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बधाई संदेश में कहा है कि 2019 का अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिए जाने पर अभिजीत बनर्जी को बधाई. राहुल गांधी ने भी अभिजीत बनर्जी को बधाई दी. राहुल ने ट्वीट किया, 'अर्थशास्त्र मे नोबेल पुरस्कार मिलने पर अभिजीत बनर्जी को बधाई. अभिजीत ने न्याय योजना की अवधारणा में मदद की थी, जिसमें ग़रीबी दूर करने और भारत की अर्थव्यवस्था में तेज़ी लाने की क्षमता थी. अब इसकी जगह हमारे पास मोदीनॉमिक्स है. जो भारत की अर्थव्यवस्था को नष्ट कर रही है और ग़रीबी बढ़ा रही है. वहीं, योगेंद्र यादव ने भी अभिजीत को बधाई दी. योगेंद्र यादव ने कहा कि जेएनयू को पहला नोबेल पुरस्कार मिला है. 1981-83 के बीच अभिजीत मेरे बैचमेट थे. सेंटर फॉर इकॉनमिक्स स्टडीज़ से अर्थशास्त्र की पढ़ाई की थी. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी पत्र लिखकर अभिजीत बनर्जी और उनकी पत्नी को बधाई दी है. 9 अक्तूबर को न्यूयॉर्क से चार घंटे दूर प्रोवेडेंस स्थित ब्राउन यूनिवर्सिटी में रघुराम राजन और अभिजीत बनर्जी ने भाषण दिया था. इसी भाषण में रघुराम राजन ने कहा था कि बहुसंख्यकवाद से आप एक बार चुनाव जीत सकते हैं, लेकिन यह भारत को को अंधेरे और अनिश्चित रास्ते की तरफ ले जा रहा है. बहुसंख्यकवाद में यकीन करने वाले लोग राष्ट्रीय सुरक्षा को मज़बूत नहीं करते हैं. कमज़ोर करते हैं. आर्थिक विकास से ही राष्ट्रीय सुरक्षा मज़बूत होगी. राजन के भाषण के कई बिन्दुओं से असहमत होते हुए अभिजीत बनर्जी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था की चुनौतियां अब इतनी बड़ी हो चुकी हैं कि सही रास्ते पर लाने के लिए प्रार्थना ही की जा सकती है. अभिजीत बनर्जी का कहना है कि या तो किसानों को अनाज के अधिक दाम देने होंगे, लोगों की मज़दूरी बढ़ानी होगी, या फिर रुपये की कीमत को गिरने देना होगा. तभी कुछ हो सकता है. इस भाषण का कुछ हिस्सा आप सुन सकते हैं, अंग्रेज़ी में है लेकिन वे बता रहे हैं कि कैसे यूपीए के समय की कमज़ोरियां एनडीए के समय में रुप बदल कर जारी रहती है और नुकसान हो रहा होता है. दोनों ने ओपी जिंदल लेक्चर में अपना परचा पढा था. अभिजीत बनर्जी ने ब्राउन यूनिवर्सिटी में एक और भाषण दिया, जिसमें कहा कि मोदी सरकार के पास राजनीतिक दृष्टि तो है मगर आर्थिक दृष्टि नहीं है. उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय के काम करने के तरीके की आलोचना की. यही नहीं मार्च के महीने में 108 अर्थशास्त्रियों ने सरकार को पत्र लिखा था कि सरकारी आंकड़ों में हेरफर हो रही है. अभिजीत बनर्जी ने पत्र लिखने वालों में शामिल थे. टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस के राम कुमार भी शामिल थे. राम कुमार ने अभिजीत बनर्जी के रैंडमाइज़ इम्पैक्ट इवेलुएशन मॉडल की आलोचना की है. इसे इस तरह भी देखा जा सकता है कि अगर आप बिहार में एक इलाके का सैंपल लेते हैं तो क्या वह पूरे राज्य के लिए लागू होगा. क्या दूसरे देश के छोटे से सैंपल के साथ किया गया प्रयोग किसी तीसरे देश में लागू होगा. इस आधार पर अभिजीत बनर्जी की आलोचना होती है. इसे विद्वानों में मतभेद का मॉडल कहा जाता है. अभिजीत बनर्जी के लैब में काम कर चुके आदित्य बालासुब्रमण्यन से हमने बात की. आदित्य ऑस्ट्रेलियन नैशनल यूनिवर्सिटी में इकॉनमिक हिस्ट्री पढ़ाते हैं. दिल्ली में 2011-12 में अभिजीत के अब्दुल लतीफ जमील पावटी एक्शन लैब में काम किया था. विश्व बैंक ने भारत के बारे में अप्रैल में जो अनुमान पेश किया था उसमें भारी कमी कर दी है. अप्रैल में विश्व बैंक ने कहा था कि भारत की जीडीपी 7.5 प्रतिशत होगी, लेकिन अब इस साल की जीडीपी के 6 प्रतिशत से भी नीचे रहने के अनुमान हैं. जिस विश्व बैंक को छह महीने के भीतर अपने अनुमान में डेढ़ प्रतिशत की कमी करनी पड़ी हो वो यह भी बता रहा है कि 2020 में भी बहुत सुधार नहीं होगा. भारत की जीडीपी 6.9 तक ही पहुंच पाएगी. विश्व बैंक के अनुसार इस साल की जीडीपी 6 प्रतिशत से कम होगी. रेटिंग एजेंसी मूडी के अनुसार जीडीपी 5.8 प्रतिशत होगी. भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुसार जीडीपी 6.1 प्रतिशत होगी. उधर, कश्मीर में 72 दिनों बाद पोस्ट पेड मोबाइल सेवा चालू हो गई है. दावा किया गया है कि बीएसएनल का नेटवर्क चालू हो गया है. 40 लाख पोस्ट पेड मोबाइल फोन के चालू होने की बात कही जा रही है, लेकिन प्री पेड मोबाइल सेवा के 20 लाख से अधिक ग्राहकों को इंतज़ार करना होगा. राज्यपाल ने कहा है कि हालात में सुधार होता गया तो जल्दी ही इंटरनेट सेवा बहाल होगी. हमारे सहयोगी नज़ीर ने श्रीनगर में कुछ लोगों से बात की है.
चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिह धोनी ने दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाफ सोमवार को मिली रोमांचक जीत का श्रेय टीम की ओपनिंग साझेदारी (102 रन) को दिया है. यह साझेदारी शेन वॉटसन और फाफ डु प्लेसिस की बीच हुई थी. जिसकी बदौलत बदौलत चेन्नई ने 4 विकेट पर 211 रन का विशाल स्कोर बनाया था. जिसका पीछा करते हुए दिल्ली की टीम 20 ओवरों में 198/5 रन ही बना पाई थी. IPL: धोनी का खुलासा- पीठ दर्द की वजह से नहीं कर पा रहा प्रैक्टिस उधर, ऑस्ट्रेलियाई धुरंधर वॉटसन भी चेन्नई की ओर से धोनी की टीम में खेलते हुए बहुत खुश हैं. उन्होंने धोनी की सफलता और 'कैप्टन कूल' छवि के पीछे के राज का खुलासा किया है. 37 साल के होने जा रहे वॉटसन ने आईपीएलटी-20 डॉट कॉम से धोनी से जुड़ी दिलचस्प बात साझा की है. उन्होंने कहा, 'हम एमएस (धोनी) को दोपहर के भोजन और नाश्ते के समय नहीं के बराबर देखते हैं. उन्हें अपनी नींद बहुत प्यारी है. चेन्नई के लिए खेलना उनके लिए उनके लिए बहुत मायने रखता है, जिसका जादू हर किसी पर चलता है.' वॉटसन ने बताया, 'एमएस एक अविश्वसनीय खिलाड़ी है. वह किसी भी विकेट पर किसी भी गेंदबाज के छक्के छुड़ा सकते हैं. खासकर दबाव में बहुत अच्छा खेलते हैं. लक्ष्य का पीछा करते हुए रन रेट को ऊंचा उठता देख वह खुद को पहले ही तैयार कर लेते हैं और गेंदबाज को भांप लेते हैं. यह आश्चर्यजनक है कि वह इस दौरान कितना शांत रहते हैं.' IPL: धोनी ने मारा दूसरा सबसे लंबा छक्‍का, ये बल्‍लेबाज है आगे इससे पहले चेन्नई सुपर किंग्स के बल्लेबाज फाफ डु प्लेसिस ने भी धोनी की खुलकर प्रशंसा की है. उन्होंने गेंदबाजों की धुनाई करने की कप्तान धोनी की क्षमता की तारीफ करते हुए कहा कि वह किसी भी विरोधी कप्तान के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं. डुप्लेसिस ने कहा ,‘धोनी इस समय शानदार फॉर्म में हैं, लिहाजा उनके सामने गेंदबाजी करना काफी कठिन है. उनके पास काफी विकल्प हैं और किसी भी गेंदबाज या कप्तान के लिए वह परेशानी का सबब बन सकते हैं, क्योंकि किसी भी गेंद को पीट सकते हैं.’
पुलिस की मार और लाठी के वार से कौन खौफ नहीं खाता. लाठी लेकर चलता पुलिसवाला अच्छे अच्छों की चाल सीधी कर देता है. इस लाठी में कई चमत्कार हैं. पुलिस की लाठी टूटती नहीं है. जिसपर पड़ जाए उसकी राजनीति चमक जाती है. पहलवान को भी जवानी में पड़ी लाठी बुढ़ापे की सर्दियों तक दर्द देती है. ऐसी कितनी ही धारणाएं हैं लाठी के बारे में. तो चलिए, आज कहानी सुनाते हैं लाठी की. पुलिस की लाठी की. किसी कर्नल का डंडा नहीं, संघ का दंड नहीं, हरवाहे की लग्घी नहीं... पुलिस की लाठी. इसके पुलिस का हथियार बनने की शुरुआत से आधुनिक और फैशनेबुक होने तक का सफर. अक्सर पुलिस भांजती है लाठियां देश में भर में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी (NRC) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इस दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने और भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस लाठी चार्ज कर रही है. लाठियां भांजकर ही भीड़ को नियंत्रित किया जाता है. एक से एक अत्याधुनिक हथियार होने के बावजूद लाठी यानी बेंत का इस्तेमाल पुलिस ज्यादा करती है. पुलिस की बेंत कोई आम लाठी नहीं होती. बल्कि इसे विशेष रूप से बनाया जाता है. यही नहीं इसे चलाने के लिए बकायदा पुलिसकर्मियों से लेकर अफसरों तक को ट्रेनिंग भी दी जाती है. ब्रिटिशकाल से हो रहा है इस्तेमाल जब भारत में अंग्रेजों का शासन था, तो वे भारतीयों पर बहुत जुल्म ज्यादती करते थे. कर वसूलने के लिए हर तरीका इस्तेमाल करते थे. स्वतंत्रता संग्राम में शामिल लोगों की भीड़ को काबू करने के लिए लाठी डंडों का इस्तेमाल करते थे. तभी से लाठी का चलन पुलिस में आया. इसे बनाने के लिए ठोस लकड़ी नहीं बल्कि लचीली बेंत का इस्तेमाल होता था. उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक और वर्तमान में यूपीएससी के सदस्य आलोक प्रसाद बताते हैं कि पुलिस में बेंत का इस्तेमाल ब्रिटिशकाल से ही होता आया है. बेंत लचीला होता है. इसके वार से फ्रैक्चर नहीं होता. इसका मकसद किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं होता. उद्देश्य ये होता है कि चोट लगे लेकिन इससे बड़ा नुकसान ना हो. इसे पुलिस का एक मानवीय पहलू भी कह सकते हैं. लाठी चलाने का प्रशिक्षण मुरादाबाद पुलिस अकादमी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि बेंत यानी लाठी चलाना भी राइट कंट्रोल ड्रिल का एक अहम पार्ट होता है. पुलिस अकादमी में सभी पुलिसकर्मियों को बकायदा इसकी ट्रेनिंग दी जाती है. लाठी ड्रिल के दौरान इस बात का ख्याल रखा जाता है कि बेंत इंसान के शरीर पर किसी ऐसे हिस्से पर ना पड़े, जहां उसे गंभीर चोट लग सकती हो. अक्सर धड़ से नीचे पैरों के पीछे की तरफ लाठी मारी जाती है. असली उद्देश्य भीड़ को तितर-बितर करना ही होता है. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में आईपीएस अधिकारियों को भी बेंत चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है. मुज़फ्फरनगर में बनती हैं लाठियां उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर जिले में बेंत या लाठी बनाने का काम किया जाता है. इस जिले में कई परिवार वर्षों से बेंत बनाने का काम करते आ रहे हैं. बेंत बनाने वाले आग की भट्टियों में बांस को तपा कर बेंत और लाठी तैयार करते हैं. मुज़फ्फरनगर के गऊशाला रोड बेंत बनाने वाले कई कारखाने मौजूद हैं. बेंत बनाने के लिए बांस बिहार और आसाम से मंगाया जाता है. कारखानों बांस को साफ कर आग में तपाया जाता है. फिर रंग रोगन कर इन्हें खूबसूरत बनाया जाता है. मिर्जापुर की बेंत भी कम नहीं यूपी के ही मिर्जापुर की बेंत या लाठी भी काफी मशहूर है. जिसे नेपाल तक भेजा जाता है. मिर्जापुर के कुशियरा और इलाहाबाद के मांडा के जंगलों में एक खास तरह के बांस पाए जाते हैं. इनसे भी कड़ी मशक्कत के बाद बेंत बनाई जाती हैं. जानकारों के मुताबिक बांस की कोठ में लकड़ी टेढ़ी-मेढ़ी होती है. तब कारीगर देर तक उसकी सफाई करते हैं. बेंत को सीधा करते हैं. उसे तेल लगाकर खुले आसमान के नीचे रखा जाता है. तब जाकर बेंत तैयार होती है. कुछ पुलिसकर्मी बताते हैं कि मिर्जापुर की बेंत तेज चोट करती है. आधुनिक होती पुलिस की लाठी दौर बदला तो पुलिस भी बदली. और ऐसे बदल गई पुलिस की लाठी. लाठी ने भी आधुनिक रूप धारण कर लिया. दरअसल, कुछ साल पहले बेंत की बजाय फाइबर की लाठी भी चलन में आ गई. पुलिस फाइबर की लाठी का इस्तेमाल करने लगी. फाइबर की लाठी भी बिल्कुल बेंत जैसी हल्की और लचीली होती है. हालांकि इसका इस्तेमाल करने वाले कहते हैं कि फाइबर की लाठी हल्की तो है लेकिन बेंत की बात ही कुछ और होती है.
यह एक लेख है: पाकिस्तान में विश्वविद्यालय के छात्रावास के अपने कमरे में सितंबर में रहस्यमयी परिस्थितियों में मृत मिली एक हिंदू मेडिकल छात्रा की अंतिम ऑटोप्सी रिपोर्ट में खुलासा हुआ है. इस रिपोर्ट में बताया गया कि हत्या से पहले उसके साथ दुष्कर्म किया गया था. निमृता कुमारी का शव 16 सितंबर को लरकाना स्थित शहीद मोहतरमा बेनजीर भुट्टो मेडिकल यूनिवर्सिटी (एसबीबीएमयू) के छात्रावास में उनके कमरे में सीलिंग पंखे से लटकता पाया गया था. वह विश्वविद्यालय के बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस) प्रोग्राम की अंतिम वर्ष छात्रा थीं. अंतिम ऑटोप्सी रिपोर्ट लरकाना के चंदका मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (सीएमसीएच) द्वारा जारी की गई. सीएमसीएच वीमेन मेडिको-लीगल ऑफिसर डॉ. अमृता के अनुसार, निमृता की मौत दम घुटने से हुई थी. वहीं एक डीएनए परीक्षण ने मृतका के शरीर में पुरुष डीएनए होने की पुष्टि की. मृतका के कपड़ों पर वीर्य के अवशेष मिले थे. इसके साथ ही पीड़िता के साथ दुष्कर्म होने की भी पुष्टि हुई है. इस ऑटोप्सी रिपोर्ट ने मृतका के भाई विशाल के दावों को सही ठहराया. विशाल ने अपनी बहन की हत्या होने की बात कही थी. उसके अनुसार निमृता न तो अवसादग्रस्त थी न ही अपने जीवन से परेशान थी, जिससे वह आत्महत्या जैसा कदम उठाए. घटना को लेकर बड़े पैमाने पर हो रहे विरोध-प्रदर्शन के बाद सिंध सरकार ने इस मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए थे. सिंध हाईकोर्ट (एसएचसी) के निर्देश पर लरकाना जिला और सत्र न्यायाधीशों की निगरानी में हत्या की आगे की जांच जारी है.
मध्य प्रदेश में रबी मौसम में सिंचाई के लिये कृषि पंपों का भार बढने के साथ ही बिजली की घरेलू व औद्योगिक मांग अधिक होने से प्रदेश की अधिकतम बिजली की मांग 8,521 मेगावाट तक पहुंच गई है. उर्जा विभाग के सूत्रों के अनुसार इस मांग की पूर्ति के लिये उर्जा विभाग द्वारा हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं. बिजली की मांग के उलट इसकी उपलब्धता 7,076 मेगावाट है. मांग तथा उपलब्धता के अंतर को कम करने के लिये बैंकिंग तथा विद्युत का खरीद कर प्रदाय किया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि जब प्रणाली की फ्रिक्वेंसी अधिक होती है तो विद्युत का आहरण कर लिया जाता है जिससे प्रदेश के उपभोक्ता ज्यादा से ज्यादा बिजली प्राप्त कर सकें. प्रदेश की दो बंद ताप विद्युत इकाइयां आज से क्रियाशील हो गई हैं. सूत्रों के अनुसार मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी द्वारा ताप विद्युतगृहों के रख-रखाव का कार्य तेजी से किया जा रहा है. इसके फलस्वरुप अमरकंटक ताप विद्युतगृह की इकाई क्रमांक-4 जो गत एक नवंबर से बंद थी उसे आज चालू कर दिया गया. साथ ही सतपुडा की 210 मेगावाट की इकाई क्रमांक-9 जो गत 11 नवंबर से बंद थी उसे भी आज चालू कर दिया गया. सूत्रों ने बताया कि इसी प्रकार सतपुडा ताप विद्युतगृह की 210 मेगावाट की इकाई क्रमांक-8 गत 9 सितम्बर से बंद थी. इसे भी आगामी 16 नवंबर को क्रियाशील कर दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि सभी ताप विद्युतगृहों का संचालन अत्यधिक सावधानीपूर्वक किया जा रहा है, जिससे तकनीकी खराबी के चलते कम से कम विद्युत इकाइयां बंद हों. इस बार ताप विद्युतगृहों में कम से कम खराबी हो इसके लिये एनटीपीसी से भी सहयोग लिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि केन्द्रीय क्षेत्र की कवास गैस आधारित विद्युतगृह से बिजली भी क्रय नहीं की जा रही है क्योंकि इसकी लागत अत्यधिक है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा इसकी लागत कम करने के लिये केन्द्र सरकार से सस्ती गैस उपलब्ध कराने हेतु बार-बार अनुरोध भी किया जा रहा है.
बहिर्जात जीएच के साथ उपचार केवल सीमित परिस्थितियों में संकेत दिया जाता है, और दुष्प्रभावों की आवृत्ति और गंभीरता के कारण नियमित निगरानी की आवश्यकता होती है। जीएच का उपयोग उन वयस्कों में प्रतिस्थापन चिकित्सा के रूप में किया जाता है जिनमें जीएच की कमी या तो बचपन में शुरू होती है या वयस्क-शुरुआत में होती है (आमतौर पर एक अधिग्रहीत पिट्यूटरी ट्यूमर के परिणामस्वरूप)। इन रोगियों में, लाभों में वसा द्रव्यमान में कमी, दुबला द्रव्यमान में वृद्धि, हड्डियों के घनत्व में वृद्धि, लिपिड प्रोफाइल में सुधार, हृदय संबंधी जोखिम कारकों में कमी और मनोसामाजिक कल्याण में सुधार शामिल है।
यह एक लेख है: अखिल भारतीय टेनिस संघ (AITA) ने कहा है कि डेविस कप कप्तान महेश भूपति को लिएंडर पेस के प्रति सम्मान दिखाते हुए उन्हें यहां पहुंचने से पहले स्पष्ट तौर पर कहना चाहिए था कि वह उज्बेकिस्तान के खिलाफ टीम का हिस्सा नहीं होंगे. गौरतलब है कि डेविस कप चयन को लेकर इन दोनों खिलाड़ियों के बीच सार्वजनिक बयानबाजी चली. जहां पेस ने कहा कि भूपति ने उनके प्रति अपमानजनक रवैया अपनाया और उन्हें सीधे नहीं बताया कि वह खेलने वाली टीम में नहीं हैं.दूसरी ओर, कप्तान भूपति ने कहा कि उन्होंने कभी पेस से किसी स्थान का वादा नहीं किया था. AITAके महासचिव हिरणमय चटर्जी ने कहा कि गैरखिलाड़ी कप्तान को भारतीय टेनिस में पेस के रूतबे को ध्यान में रखना चाहिए था. चटर्जी ने कहा, ‘अगर महेश ने लिएंडर के पहुंचने से पहले उन्हें बता दिया होता कि वह अंतिम चार खिलाड़ियों में शामिल नहीं है तो हम उसकी तारीफ करते. मुझे लगता है कि देश के लिये 27 साल तक खेलने के बाद वह (पेस) इस सम्मान का हकदार है.’इस सीनियर अधिकारी ने कहा कि वह इन दोनों दिग्गज खिलाड़ियों से परिपक्व व्यवहार की उम्मीद करते हैं. पेस ने आरोप लगाया था कि उन्हें टीम से बाहर करने के लिए भूपति ने अपने पद का उपयोग किया. इसके जवाब में भूपति ने कल दोनों के बीच हुई बातचीत को सार्वजनिक किया था. चटर्जी ने कहा, ‘हम इन सीनियर खिलाड़ियों से अधिक परिपक्वता की उम्मीद करते हैं. इस मसले को लेकर उन्होंने जिस तरह का व्यवहार किया वह हमें पसंद नहीं है. हम उनसे बात करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि वे अधिक परिपक्व तरीके से व्यवहार करें.’चटर्जी ने कहा कि पेस को मुकाबले के दौरान बाहर किये जाने को लेकर टिप्पणी करने से बचना चाहिए था. उन्होंने कहा, ‘जब मुकाबला चल रहा था तब लिएंडर को इस पर बात नहीं करनी चाहिए थी. महेश ने सही किया कि उन्होंने मुकाबला समाप्त होने के बाद इस पर बात की. ' सीनियर एआईटीएफ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने पेस और भूपति के बीच वाट्सएप पर बातचीत देखी थी और उनका प्रयास अब उन्हें साथ में बिठाकर मामला सुलझाना है. उन्होंने कहा, ‘मैंने भी इसे देखा था और इस पर लिएंडर से बात की.जब भी मुझे समय मिलेगा. मैं उन दोनों के साथ बैठकर इस मसले पर बात करूंगा. मेरा इरादा उन दोनों को साथ में लाना है. उन्हें इसे सुलझाना होगा. वे परिपक्व हैं लेकिन उन्होंने जो प्रतिक्रिया की वह और बेहतर हो सकती थी. ’ भूपति ने अपनी फेसबुक पोस्ट में उल्लेख किया था कि उन्हें अपने हिसाब से काम करने की स्वतंत्रता मिली है क्योंकि वह टीम को फिर से विश्व ग्रुप में पहुंचाना चाहते हैं. चटर्जी ने भी गैर खिलाड़ी कप्तान की बातों में सहमति जताई. उन्होंने कहा, ‘हां वह जो कुछ भी करना चाहता है और उन्होंने जो कुछ भी कहा, निश्चित तौर पर वह महासंघ के संपर्क में रहा है और इसमें कोई संदेह नहीं है. उन्होंने हमारे साथ हर चीज पर चर्चा की है. यह कोई मसला नहीं है.’ भूपति के इस दावे के बाद कि पेस को बाहर करना उनके एजेंडा में शामिल नहीं था, भारत की तरफ से सर्वाधिक डेविस कप मैच खेलने वाले खिलाड़ी ने कहा कि उन्हें सीधे तौर पर कभी नहीं बताया गया कि वह अंतिम चार खिलाड़ियों में शामिल नहीं होंगे और उन्हें यह अपमानजनक लगा. पेस और भूपति का युग नब्बे के दशक के आखिरी वर्षों से शुरू हुआ और उनके बीच के मतभेद भारतीय टेनिस में हमेशा चर्चा के विषय रहे.टिप्पणियां  (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) AITAके महासचिव हिरणमय चटर्जी ने कहा कि गैरखिलाड़ी कप्तान को भारतीय टेनिस में पेस के रूतबे को ध्यान में रखना चाहिए था. चटर्जी ने कहा, ‘अगर महेश ने लिएंडर के पहुंचने से पहले उन्हें बता दिया होता कि वह अंतिम चार खिलाड़ियों में शामिल नहीं है तो हम उसकी तारीफ करते. मुझे लगता है कि देश के लिये 27 साल तक खेलने के बाद वह (पेस) इस सम्मान का हकदार है.’इस सीनियर अधिकारी ने कहा कि वह इन दोनों दिग्गज खिलाड़ियों से परिपक्व व्यवहार की उम्मीद करते हैं. पेस ने आरोप लगाया था कि उन्हें टीम से बाहर करने के लिए भूपति ने अपने पद का उपयोग किया. इसके जवाब में भूपति ने कल दोनों के बीच हुई बातचीत को सार्वजनिक किया था. चटर्जी ने कहा, ‘हम इन सीनियर खिलाड़ियों से अधिक परिपक्वता की उम्मीद करते हैं. इस मसले को लेकर उन्होंने जिस तरह का व्यवहार किया वह हमें पसंद नहीं है. हम उनसे बात करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि वे अधिक परिपक्व तरीके से व्यवहार करें.’चटर्जी ने कहा कि पेस को मुकाबले के दौरान बाहर किये जाने को लेकर टिप्पणी करने से बचना चाहिए था. उन्होंने कहा, ‘जब मुकाबला चल रहा था तब लिएंडर को इस पर बात नहीं करनी चाहिए थी. महेश ने सही किया कि उन्होंने मुकाबला समाप्त होने के बाद इस पर बात की. ' सीनियर एआईटीएफ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने पेस और भूपति के बीच वाट्सएप पर बातचीत देखी थी और उनका प्रयास अब उन्हें साथ में बिठाकर मामला सुलझाना है. उन्होंने कहा, ‘मैंने भी इसे देखा था और इस पर लिएंडर से बात की.जब भी मुझे समय मिलेगा. मैं उन दोनों के साथ बैठकर इस मसले पर बात करूंगा. मेरा इरादा उन दोनों को साथ में लाना है. उन्हें इसे सुलझाना होगा. वे परिपक्व हैं लेकिन उन्होंने जो प्रतिक्रिया की वह और बेहतर हो सकती थी. ’ भूपति ने अपनी फेसबुक पोस्ट में उल्लेख किया था कि उन्हें अपने हिसाब से काम करने की स्वतंत्रता मिली है क्योंकि वह टीम को फिर से विश्व ग्रुप में पहुंचाना चाहते हैं. चटर्जी ने भी गैर खिलाड़ी कप्तान की बातों में सहमति जताई. उन्होंने कहा, ‘हां वह जो कुछ भी करना चाहता है और उन्होंने जो कुछ भी कहा, निश्चित तौर पर वह महासंघ के संपर्क में रहा है और इसमें कोई संदेह नहीं है. उन्होंने हमारे साथ हर चीज पर चर्चा की है. यह कोई मसला नहीं है.’ भूपति के इस दावे के बाद कि पेस को बाहर करना उनके एजेंडा में शामिल नहीं था, भारत की तरफ से सर्वाधिक डेविस कप मैच खेलने वाले खिलाड़ी ने कहा कि उन्हें सीधे तौर पर कभी नहीं बताया गया कि वह अंतिम चार खिलाड़ियों में शामिल नहीं होंगे और उन्हें यह अपमानजनक लगा. पेस और भूपति का युग नब्बे के दशक के आखिरी वर्षों से शुरू हुआ और उनके बीच के मतभेद भारतीय टेनिस में हमेशा चर्चा के विषय रहे.टिप्पणियां  (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने कहा, ‘जब मुकाबला चल रहा था तब लिएंडर को इस पर बात नहीं करनी चाहिए थी. महेश ने सही किया कि उन्होंने मुकाबला समाप्त होने के बाद इस पर बात की. ' सीनियर एआईटीएफ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने पेस और भूपति के बीच वाट्सएप पर बातचीत देखी थी और उनका प्रयास अब उन्हें साथ में बिठाकर मामला सुलझाना है. उन्होंने कहा, ‘मैंने भी इसे देखा था और इस पर लिएंडर से बात की.जब भी मुझे समय मिलेगा. मैं उन दोनों के साथ बैठकर इस मसले पर बात करूंगा. मेरा इरादा उन दोनों को साथ में लाना है. उन्हें इसे सुलझाना होगा. वे परिपक्व हैं लेकिन उन्होंने जो प्रतिक्रिया की वह और बेहतर हो सकती थी. ’ भूपति ने अपनी फेसबुक पोस्ट में उल्लेख किया था कि उन्हें अपने हिसाब से काम करने की स्वतंत्रता मिली है क्योंकि वह टीम को फिर से विश्व ग्रुप में पहुंचाना चाहते हैं. चटर्जी ने भी गैर खिलाड़ी कप्तान की बातों में सहमति जताई. उन्होंने कहा, ‘हां वह जो कुछ भी करना चाहता है और उन्होंने जो कुछ भी कहा, निश्चित तौर पर वह महासंघ के संपर्क में रहा है और इसमें कोई संदेह नहीं है. उन्होंने हमारे साथ हर चीज पर चर्चा की है. यह कोई मसला नहीं है.’ भूपति के इस दावे के बाद कि पेस को बाहर करना उनके एजेंडा में शामिल नहीं था, भारत की तरफ से सर्वाधिक डेविस कप मैच खेलने वाले खिलाड़ी ने कहा कि उन्हें सीधे तौर पर कभी नहीं बताया गया कि वह अंतिम चार खिलाड़ियों में शामिल नहीं होंगे और उन्हें यह अपमानजनक लगा. पेस और भूपति का युग नब्बे के दशक के आखिरी वर्षों से शुरू हुआ और उनके बीच के मतभेद भारतीय टेनिस में हमेशा चर्चा के विषय रहे.टिप्पणियां  (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) भूपति ने अपनी फेसबुक पोस्ट में उल्लेख किया था कि उन्हें अपने हिसाब से काम करने की स्वतंत्रता मिली है क्योंकि वह टीम को फिर से विश्व ग्रुप में पहुंचाना चाहते हैं. चटर्जी ने भी गैर खिलाड़ी कप्तान की बातों में सहमति जताई. उन्होंने कहा, ‘हां वह जो कुछ भी करना चाहता है और उन्होंने जो कुछ भी कहा, निश्चित तौर पर वह महासंघ के संपर्क में रहा है और इसमें कोई संदेह नहीं है. उन्होंने हमारे साथ हर चीज पर चर्चा की है. यह कोई मसला नहीं है.’ भूपति के इस दावे के बाद कि पेस को बाहर करना उनके एजेंडा में शामिल नहीं था, भारत की तरफ से सर्वाधिक डेविस कप मैच खेलने वाले खिलाड़ी ने कहा कि उन्हें सीधे तौर पर कभी नहीं बताया गया कि वह अंतिम चार खिलाड़ियों में शामिल नहीं होंगे और उन्हें यह अपमानजनक लगा. पेस और भूपति का युग नब्बे के दशक के आखिरी वर्षों से शुरू हुआ और उनके बीच के मतभेद भारतीय टेनिस में हमेशा चर्चा के विषय रहे.टिप्पणियां  (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)  (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पाकिस्तान में पहली बार किसी हिंदू को एक बहुत बड़ा पद दिया जा रहा है. पूर्व जज राणा भगवान को पाकिस्तान का मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) बनाया जा रहा है. पाकिस्तान की वेबसाइट नेशन.कॉम ने एक टीवी चैनल के हवाले से यह खबर दी है. उसके मुताबिक पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज राणा भगवानदास को आज देश का मुख्य चुनाव आयुक्त बनाया गया है. इस सिलिसिले में पाकिस्तान के वित्त मंत्री सय्यद खुर्शीद शाह ने विपक्ष के नेता से मुलाकात करके उनकी सहमति ली. जस्टिस भगवानदास को सीईसी बनाने में कुछ अड़चनें हैं, जिन्हें दूर करने के लिए पाकिस्तान सरकार नेशनल असेंबली में संशोधन प्रस्ताव रखेगी. जिसके पारित होने के बाद उन्हें यह महत्वपूर्ण पद दिया जा सकता है. पाकिस्तान में अभी सीईसी का पद खाली पड़ा हुआ है. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस नसीरुल मलिक को इसका अस्थायी कार्य भार दिया गया है. पिछले सीईसी फखरूद्दीन जी इब्राहिम ने इस्तीफा दे दिया था.
निरुपा रॉय ने छोटी उम्र से ही फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था. उन्होंने 15 साल की उम्र से लीड एक्ट्रेस के रूप में फिल्मों में अपने करियर का आगाज किया. 1946 में उन्होंने बॉलीवुड इंडस्ट्री में कदम रखा. लंबे वक्त तक लीड एक्ट्रेस का रोल प्ले किया. मुख्य तौर पर उन्हें फिल्मों में मां की भूमिकाएं अदा करने के लिए याद किया जाता है. 1- निरुपा रॉय का जन्म साल 1931 में एक गुजराती फैमिली में हुआ. बचपन में उनका नाम कोकिला किशोरचंद्र बलसारा था. 2-  महज 15 साल की उम्र में कमल रॉय से उनकी शादी हो गई थी. शादी के बाद वे मुंबई चली गई थी. योगेश और किरन नाम से इनके दो बच्चे थे. 3-  रनकदेवी से उन्होंने फिल्मों में आगाज किया. 1946 में उनके पति ने एक गुजराती अखबार में ऐड देखा. एक फिल्म बन रही थी जिसमें कलाकार चाहिए था. उन्होंने निरुपा का प्रोफाइल भेजा और चुन ली गईं. 4- इसी साल उनकी पहली हिंदी फिल्म के लिए डायरेक्टर होमी वाडिया ने उनको कास्ट किया. फिल्म का नाम अमर राज था. उनके साथ हीरो थे त्रिलोक कपूर. 5- त्रिलोक कपूर के साथ इनकी जोड़ी सबसे ज्यादा हिट रही. दोनों ने एक साथ 18 फिल्मों में काम किया. 6- निरुपा रॉय ने करियर की शुरुआत में कई फिल्मों में देवी के रोल किए. लोग सच्ची में देवी समझ उनका आशीर्वाद लेने घर तक आने लगे. 7- अमिताभ बच्चन की कई सारी फिल्मों में निरुपा रॉय ने उनकी मां का रोल प्ले किया. 8- निरुपा ने अपने करियर में ढाई सौ के आस पास फिल्में की. उनको साल 2004 में लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. 9- साल 2001 में निरुपा दहेज मांगने के जुर्म में अरेस्ट हो गई थी. साथ में पति कमल रॉय और बेटा किरन रॉय भी जेल चले गए थे. बहू ऊना रॉय ने दहेज उत्पीड़न का केस कर दिया था. 10- 13 अक्टूबर 2004 को हार्ट अटैक से मौत हो गई. उस वक्त 72 साल की उम्र थी.
यह एक लेख है: नोएडा और गुड़गांव में यूनिटेक के 41 प्रोजेक्ट से जुड़े मामले में खरीदारों को समय पर फ्लैट नहीं देने पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाते हुए यूनटेक के डायरेक्टरों को कोर्ट में पेश होने को कहा है. अगली सुनवाई 5 मई को होगी. मामले में याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील एमएल लाहोटी के मुताबिक नोएडा और गुड़गांव में करीब 41 प्रोजेक्ट हैं जिनमें हजारों फ्लैट हैं और खरीदारों ने करोड़-करोड़ के निवेश किए हैं लेकिन तीन साल में फ्लैट की डिलिवरी नहीं हुई, तब ये मामला कोर्ट के सामने आया है. इनमें बॉयर्स या तो फ्लैट चाहते हैं या फिर रिफंड चाहते हैं. पिछली सुनवाई के दौरान बिल्डर कंपनी ने एक रोड मैप पेश करने की बात कही थी कि किस तरह से कितने दिनों में पोजेशन दिया जाएगा और रिफंड किस तरह से होगा. सोमवार को सुनवाई के दौरान इसके लिए बिल्डर कंपनी ने कुछ और वक्त मांगा तब कोर्ट ने नाराजगी जताई और यूनिटेक के तमाम डायरेक्टरों को पेश होने का निर्देश दिया है और कहा है कि इस मामले में पेशी से छूट नहीं दी जाएगी. पिछली सुनवाई के दौरान बिल्डर कंपनी ने एक रोड मैप पेश करने की बात कही थी कि किस तरह से कितने दिनों में पोजेशन दिया जाएगा और रिफंड किस तरह से होगा. सोमवार को सुनवाई के दौरान इसके लिए बिल्डर कंपनी ने कुछ और वक्त मांगा तब कोर्ट ने नाराजगी जताई और यूनिटेक के तमाम डायरेक्टरों को पेश होने का निर्देश दिया है और कहा है कि इस मामले में पेशी से छूट नहीं दी जाएगी.
दिल्ली पुलिस ने स्पॉट फिक्सिंग मामले में कुछ लोगों के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया है। पुलिस ने आधिकारिक प्रसारक सेटमैक्स से राजस्थान रॉयल्स के सभी मैचों के मूल फुटेज की मांग की है। सूत्रों ने कहा कि चूंकि सट्टेबाजों से जुड़े कुछ लोग फरार हैं इसलिए उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया है ताकि वे देश नहीं छोड़ सकें। पुलिस ने इन लोगों की पहचान बताने से इनकार कर दिया और कहा कि इससे जांच में बाधा आ सकती है। उन्होंने सेटमैक्स के सिंगापुर मुख्यालय से राजस्थान रॉयल्स के सभी मैचों के मूल फुटेज की मांग की है। सूत्रों ने कहा कि आरोपियों के अलावा मामले में वे ‘अन्य’ लोगों से भी बात कर रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि अगर कोई विश्वसनीय साक्ष्य या जानकारी है तो वे खिलाड़ियों को यहीं रुकने को कह सकते हैं। टिप्पणियां उन्होंने कहा, ‘अभी तक अन्य खिलाड़ियों की संलिप्तता के बारे में बताने के लिए कुछ भी नहीं है।’ पुलिस ने दक्षिण भारत के विभिन्न स्थानों पर दलों को भेजा है। फिक्सिंग के सिलसिले में पिछले वृहस्पतिवार से कम से कम 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें आईपीएल के तीन खिलाड़ी, चार पूर्व खिलाड़ी और 11 सट्टेबाज शामिल हैं। आईपीएल के तीन खिलाड़ियों अजित चांदीला, श्रीसंत और अंकित चव्हाण को गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों ने कहा कि चूंकि सट्टेबाजों से जुड़े कुछ लोग फरार हैं इसलिए उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया है ताकि वे देश नहीं छोड़ सकें। पुलिस ने इन लोगों की पहचान बताने से इनकार कर दिया और कहा कि इससे जांच में बाधा आ सकती है। उन्होंने सेटमैक्स के सिंगापुर मुख्यालय से राजस्थान रॉयल्स के सभी मैचों के मूल फुटेज की मांग की है। सूत्रों ने कहा कि आरोपियों के अलावा मामले में वे ‘अन्य’ लोगों से भी बात कर रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि अगर कोई विश्वसनीय साक्ष्य या जानकारी है तो वे खिलाड़ियों को यहीं रुकने को कह सकते हैं। टिप्पणियां उन्होंने कहा, ‘अभी तक अन्य खिलाड़ियों की संलिप्तता के बारे में बताने के लिए कुछ भी नहीं है।’ पुलिस ने दक्षिण भारत के विभिन्न स्थानों पर दलों को भेजा है। फिक्सिंग के सिलसिले में पिछले वृहस्पतिवार से कम से कम 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें आईपीएल के तीन खिलाड़ी, चार पूर्व खिलाड़ी और 11 सट्टेबाज शामिल हैं। आईपीएल के तीन खिलाड़ियों अजित चांदीला, श्रीसंत और अंकित चव्हाण को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इन लोगों की पहचान बताने से इनकार कर दिया और कहा कि इससे जांच में बाधा आ सकती है। उन्होंने सेटमैक्स के सिंगापुर मुख्यालय से राजस्थान रॉयल्स के सभी मैचों के मूल फुटेज की मांग की है। सूत्रों ने कहा कि आरोपियों के अलावा मामले में वे ‘अन्य’ लोगों से भी बात कर रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि अगर कोई विश्वसनीय साक्ष्य या जानकारी है तो वे खिलाड़ियों को यहीं रुकने को कह सकते हैं। टिप्पणियां उन्होंने कहा, ‘अभी तक अन्य खिलाड़ियों की संलिप्तता के बारे में बताने के लिए कुछ भी नहीं है।’ पुलिस ने दक्षिण भारत के विभिन्न स्थानों पर दलों को भेजा है। फिक्सिंग के सिलसिले में पिछले वृहस्पतिवार से कम से कम 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें आईपीएल के तीन खिलाड़ी, चार पूर्व खिलाड़ी और 11 सट्टेबाज शामिल हैं। आईपीएल के तीन खिलाड़ियों अजित चांदीला, श्रीसंत और अंकित चव्हाण को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने सेटमैक्स के सिंगापुर मुख्यालय से राजस्थान रॉयल्स के सभी मैचों के मूल फुटेज की मांग की है। सूत्रों ने कहा कि आरोपियों के अलावा मामले में वे ‘अन्य’ लोगों से भी बात कर रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि अगर कोई विश्वसनीय साक्ष्य या जानकारी है तो वे खिलाड़ियों को यहीं रुकने को कह सकते हैं। टिप्पणियां उन्होंने कहा, ‘अभी तक अन्य खिलाड़ियों की संलिप्तता के बारे में बताने के लिए कुछ भी नहीं है।’ पुलिस ने दक्षिण भारत के विभिन्न स्थानों पर दलों को भेजा है। फिक्सिंग के सिलसिले में पिछले वृहस्पतिवार से कम से कम 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें आईपीएल के तीन खिलाड़ी, चार पूर्व खिलाड़ी और 11 सट्टेबाज शामिल हैं। आईपीएल के तीन खिलाड़ियों अजित चांदीला, श्रीसंत और अंकित चव्हाण को गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों ने कहा कि आरोपियों के अलावा मामले में वे ‘अन्य’ लोगों से भी बात कर रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि अगर कोई विश्वसनीय साक्ष्य या जानकारी है तो वे खिलाड़ियों को यहीं रुकने को कह सकते हैं। टिप्पणियां उन्होंने कहा, ‘अभी तक अन्य खिलाड़ियों की संलिप्तता के बारे में बताने के लिए कुछ भी नहीं है।’ पुलिस ने दक्षिण भारत के विभिन्न स्थानों पर दलों को भेजा है। फिक्सिंग के सिलसिले में पिछले वृहस्पतिवार से कम से कम 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें आईपीएल के तीन खिलाड़ी, चार पूर्व खिलाड़ी और 11 सट्टेबाज शामिल हैं। आईपीएल के तीन खिलाड़ियों अजित चांदीला, श्रीसंत और अंकित चव्हाण को गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों ने कहा कि अगर कोई विश्वसनीय साक्ष्य या जानकारी है तो वे खिलाड़ियों को यहीं रुकने को कह सकते हैं। टिप्पणियां उन्होंने कहा, ‘अभी तक अन्य खिलाड़ियों की संलिप्तता के बारे में बताने के लिए कुछ भी नहीं है।’ पुलिस ने दक्षिण भारत के विभिन्न स्थानों पर दलों को भेजा है। फिक्सिंग के सिलसिले में पिछले वृहस्पतिवार से कम से कम 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें आईपीएल के तीन खिलाड़ी, चार पूर्व खिलाड़ी और 11 सट्टेबाज शामिल हैं। आईपीएल के तीन खिलाड़ियों अजित चांदीला, श्रीसंत और अंकित चव्हाण को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा, ‘अभी तक अन्य खिलाड़ियों की संलिप्तता के बारे में बताने के लिए कुछ भी नहीं है।’ पुलिस ने दक्षिण भारत के विभिन्न स्थानों पर दलों को भेजा है। फिक्सिंग के सिलसिले में पिछले वृहस्पतिवार से कम से कम 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें आईपीएल के तीन खिलाड़ी, चार पूर्व खिलाड़ी और 11 सट्टेबाज शामिल हैं। आईपीएल के तीन खिलाड़ियों अजित चांदीला, श्रीसंत और अंकित चव्हाण को गिरफ्तार किया गया है। फिक्सिंग के सिलसिले में पिछले वृहस्पतिवार से कम से कम 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें आईपीएल के तीन खिलाड़ी, चार पूर्व खिलाड़ी और 11 सट्टेबाज शामिल हैं। आईपीएल के तीन खिलाड़ियों अजित चांदीला, श्रीसंत और अंकित चव्हाण को गिरफ्तार किया गया है।
इंग्लिश प्रीमियर लीग क्लब मैनचस्टर युनाइटेड के प्रबंधक चुने गए डेविड मोयेस इस बात को लेकर खुश हैं कि 27 साल तक क्लब की देखरेख करने वाले सर एलेक्स फर्ग्‍युसन ने उनका नाम इस पद के लिए आगे किया. मैनचेस्टर युनाइटेड प्रबंधन ने गुरुवार को आधिकारिक तौर पर मोयेस को प्रबंधक चुना और इसमें एलेक्स की काफी बड़ी भूमिका मानी जा रही है. मोयेस ने कहा है कि वह इस बात को लेकर और भी ज्यादा खुश हैं कि ओल्ड ट्रेफर्ड (क्लब का मुख्यालय) में वह एलेक्स के उत्तराधिकारी के तौर पर काम करेंगे लेकिन यह एक चुनौती भरी जिम्मेदारी है. क्लब द्वारा जारी बयान में मोयेस ने कहा, ‘यह एक महान सम्मान है. इस क्लब के साथ जुड़ने और इस काम के लिए सर एलेक्स की पसंद बनने पर मुझे गर्व है. सर एलेक्स के प्रति मेरे मन में काफी सम्मान है. उन्होंने इंग्लिश फुटबाल को जिस ऊंचाई तक पहुंचाया है, उसके लिए हर कोई उनका सम्मान करता है.’ मोयेस बोले, ‘सर एलेक्स का स्थान लेना एक बात है और उनकी उपलब्धियों को कायम रखना दूसरी बात है. मेरे सामने चुनौती है. मैं जानता हूं कि अब तक के सबसे अच्छे प्रबंधक का स्थान लेना कितना कठिन है. मैनचेस्टर युनाइटेड जैसे क्लब का प्रबंधक बार-बार बनने का मौका नहीं मिलता और इसी कारण मैं इस मौके को एक उपलब्धि और चुनौती की तरह देख रहा हूं.’
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि आज उत्तर कोरिया ने जापान के सागर की ओर बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण किया है। ऐसा माना जा रहा है कि उत्तर कोरिया ने अमेरिकी मिसाइल रक्षा प्रणाली की योजनाबद्ध तैनाती पर प्रतिक्रिया देते हुए यह कदम उठाया है। दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि मिसाइल को पश्चिमी शहर उनयुल के पास से स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजकर पचास मिनट पर प्रक्षेपित किया गया। इस परीक्षण से पहले 19 जुलाई को तीन बैलिस्टिक मिसाइलों का प्रक्षेपण किया गया। उत्तर कोरिया ने इसे दक्षिण कोरिया पर कृत्रिम परमाणु हमला बताया था। संयुक्त राष्ट्र के कड़े प्रतिबंधों को दरकिनार करते हुए प्योंगयांग ने इस साल एक के बाद एक कई मिसाइल परीक्षण किए और यह संकल्प लिया कि वह दक्षिण में अमेरिकी मिसाइल रक्षा प्रणाली की योजनाबद्ध तैनाती के विरोध में ठोस कार्रवाई करेगा। संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के तहत उत्तर कोरिया को बैलिस्टिक मिसाइल तकनीक विकसित करने से प्रतिबंधित किया गया है।टिप्पणियां प्योंगयांग ने दक्षिण कोरिया और अमेरिका के खिलाफ उनसे पहले ही उन पर परमाणु हमले बोल देने की कई बार चेतावनी दी है। हालांकि परमाणु हथियार विकसित करने के पीछे उसका प्रमुख इरादा अमेरिका के खिलाफ एक प्रत्यक्ष हमले का खतरा पैदा करना है। (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि मिसाइल को पश्चिमी शहर उनयुल के पास से स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजकर पचास मिनट पर प्रक्षेपित किया गया। इस परीक्षण से पहले 19 जुलाई को तीन बैलिस्टिक मिसाइलों का प्रक्षेपण किया गया। उत्तर कोरिया ने इसे दक्षिण कोरिया पर कृत्रिम परमाणु हमला बताया था। संयुक्त राष्ट्र के कड़े प्रतिबंधों को दरकिनार करते हुए प्योंगयांग ने इस साल एक के बाद एक कई मिसाइल परीक्षण किए और यह संकल्प लिया कि वह दक्षिण में अमेरिकी मिसाइल रक्षा प्रणाली की योजनाबद्ध तैनाती के विरोध में ठोस कार्रवाई करेगा। संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के तहत उत्तर कोरिया को बैलिस्टिक मिसाइल तकनीक विकसित करने से प्रतिबंधित किया गया है।टिप्पणियां प्योंगयांग ने दक्षिण कोरिया और अमेरिका के खिलाफ उनसे पहले ही उन पर परमाणु हमले बोल देने की कई बार चेतावनी दी है। हालांकि परमाणु हथियार विकसित करने के पीछे उसका प्रमुख इरादा अमेरिका के खिलाफ एक प्रत्यक्ष हमले का खतरा पैदा करना है। (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) संयुक्त राष्ट्र के कड़े प्रतिबंधों को दरकिनार करते हुए प्योंगयांग ने इस साल एक के बाद एक कई मिसाइल परीक्षण किए और यह संकल्प लिया कि वह दक्षिण में अमेरिकी मिसाइल रक्षा प्रणाली की योजनाबद्ध तैनाती के विरोध में ठोस कार्रवाई करेगा। संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के तहत उत्तर कोरिया को बैलिस्टिक मिसाइल तकनीक विकसित करने से प्रतिबंधित किया गया है।टिप्पणियां प्योंगयांग ने दक्षिण कोरिया और अमेरिका के खिलाफ उनसे पहले ही उन पर परमाणु हमले बोल देने की कई बार चेतावनी दी है। हालांकि परमाणु हथियार विकसित करने के पीछे उसका प्रमुख इरादा अमेरिका के खिलाफ एक प्रत्यक्ष हमले का खतरा पैदा करना है। (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) प्योंगयांग ने दक्षिण कोरिया और अमेरिका के खिलाफ उनसे पहले ही उन पर परमाणु हमले बोल देने की कई बार चेतावनी दी है। हालांकि परमाणु हथियार विकसित करने के पीछे उसका प्रमुख इरादा अमेरिका के खिलाफ एक प्रत्यक्ष हमले का खतरा पैदा करना है। (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की इजराइल की तीन दिनों की ऐतिहासिक यात्रा के दौरान दोनों देश एक दोहरी कराधन बचाव संधि पर हस्ताक्षर करेंगे. इसके साथ ही विविध क्षेत्रों में संबंधों को बढ़ावा देने के तरीके ढूंढ़ेंगे. मुखर्जी का दौरा मंगलवार से शुरू होगा. प्रणब मुखर्जी इजराइल के दौरे पर जाने वाले भारत के पहले राष्ट्रपति होंगे. यात्रा से पहले इजराइल ने दौरे को ऐतिहासिक राजनीतिक मील का पत्थर करार देते हुए कहा कि इस दौरे में मुख्य ध्यान राजनीतिक पक्ष पर होगा, हालांकि दोनों देश कई क्षेत्रों में संबंधों को बढ़ावा देने पर विचार विमर्श करेंगे. अक्षय उर्जा और जल क्षेत्र में भी समझौता इजराइली दूतावास के प्रवक्ता ओहद होर्सांदी ने कहा कि दोनों देश सांस्कृतिक आदान प्रदान पर एक समझौता करेंगे, लेकिन मुखर्जी की ऐतिहासिक यात्रा के दौरान जिन सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर की योजना है उन्हें अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है. दोनों देश अक्षय उर्जा और जल क्षेत्र से जुड़े सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर करने के लिए बातचीत कर रहे हैं. कराधान बचाव संधि से कर चोरी से संबंधित खामियों को पाटने में मदद मिलेगी और सुनिश्चित होगा कि स्थाई प्रतिष्ठान होने पर ही भारतीय या इजराइली कंपनियों पर कर लगे. राष्ट्रपति सोमवार को जॉर्डन की अपनी यात्रा पूरी कर फलीस्तीन पहुंचे. वह मंगलवार को इजराइल का तीनों दिनों का दौरा शुरू करेंगे और इस दौरान इजराइली राष्ट्रपति रियूवेन रिवलीन और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू समेत अन्य महत्वपूर्ण लोगों से बातचीत करेंगे. -इनपुट भाषा से
सरकार ने अपने खजाने की हालात बेहतर बनाने के लिये 9,400 से अधिक शत्रु संपत्तियों को बेचने की प्रक्रिया शुरू की है जिससे उसके खजाने में करीब एक लाख करोड़ रुपये आ सकते हैं. अधिकारियों ने कहा कि सरकार ने इस संबंध में दिशानिर्देश जारी किये हैं तथा संरक्षण कार्यालयों को तीन महीने के भीतर इस तरह की चल- अचल संपत्तियों की सूची देने को कहा है. गृह मंत्रालय ने इस संबंध में जिला स्तर पर मूल्यांकन समितियां गठित की है जिसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी करेंगे. इसके साथ ही एक अतिरिक्त सचिव की अध्यक्षता में अंतर- मंत्रिस्तरीय निस्तारण समिति भी गठित की गयी हैं ताकि प्रक्रिया को समयसीमा में पूरा किया जा सके. यह कदम शत्रु संपत्ति (संशोधन एवं वैधीकरण) अधिनियम 2017 तथा शत्रु संपत्ति (संशोधन) नियम 2018 में संशोधन के बाद उठाया गया है. संशोधन के बाद प्रावधान किया गया है कि विभाजन के दौरान या उसके बाद पाकिस्तान या चीनचले गये लोगों के वंशज भारत में छूट गयी संपत्तियों पर कोई दावा नहीं कर सकते हैं. मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान या चीन की नागरिकता लेने वाले लोगों की जो संपत्तियां देश में रह गयी हैं उन्हें शत्रु संपत्ति कहा जाता है. पाकिस्तान गये लोगों की देश में ऐसी 9,280 संपत्तियां हैं तथा चीन गये लोगों से संबंधित 126 शत्रु संपत्तियां हैं. इन सभी संपत्तियों को भारत के शत्रु संपत्ति संरक्षक के अधीन रखा गया है. टिप्पणियां गृह मंत्रालय ने कहा कि संरक्षण कार्यालय को ऐसी सारी संपत्तियों की सूची केंद्र सरकार को सौंपनी होंगी। उसने कहा, ‘‘ संरक्षकों को इस तरह की सारी संपत्तियों (चल एवं अचल) की सूची तैयार करनी होगी ताकि आदेश के प्रकाशन के तीन महीने के भीतर इसे केंद्र सरकार को सौंपा जा सके.’’  पाकिस्तान गये लोगों से संबंधित 9,280 शत्रु संपत्तियों में उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 4,991 संपत्तियां हैं. इसके बाद पश्चिम बंगाल में 2,735 और दिल्ली में 487 संपत्तियां हैं. चीन गये लोगों से संबंधित 126 शत्रु संपत्तियों में मेघालय में 57 और पश्चिम बंगाल में 29 संपत्तियां हैं. असम में ऐसी सात संपत्तियां हैं.  केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने राज्य सभा को इससे पहले बताया था, ‘‘ सभी शत्रु संपत्तियों की अनुमानित कीमत करीब एक लाख करोड़ रुपये है.’’ गृह मंत्रालय ने इस संबंध में जिला स्तर पर मूल्यांकन समितियां गठित की है जिसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी करेंगे. इसके साथ ही एक अतिरिक्त सचिव की अध्यक्षता में अंतर- मंत्रिस्तरीय निस्तारण समिति भी गठित की गयी हैं ताकि प्रक्रिया को समयसीमा में पूरा किया जा सके. यह कदम शत्रु संपत्ति (संशोधन एवं वैधीकरण) अधिनियम 2017 तथा शत्रु संपत्ति (संशोधन) नियम 2018 में संशोधन के बाद उठाया गया है. संशोधन के बाद प्रावधान किया गया है कि विभाजन के दौरान या उसके बाद पाकिस्तान या चीनचले गये लोगों के वंशज भारत में छूट गयी संपत्तियों पर कोई दावा नहीं कर सकते हैं. मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान या चीन की नागरिकता लेने वाले लोगों की जो संपत्तियां देश में रह गयी हैं उन्हें शत्रु संपत्ति कहा जाता है. पाकिस्तान गये लोगों की देश में ऐसी 9,280 संपत्तियां हैं तथा चीन गये लोगों से संबंधित 126 शत्रु संपत्तियां हैं. इन सभी संपत्तियों को भारत के शत्रु संपत्ति संरक्षक के अधीन रखा गया है. टिप्पणियां गृह मंत्रालय ने कहा कि संरक्षण कार्यालय को ऐसी सारी संपत्तियों की सूची केंद्र सरकार को सौंपनी होंगी। उसने कहा, ‘‘ संरक्षकों को इस तरह की सारी संपत्तियों (चल एवं अचल) की सूची तैयार करनी होगी ताकि आदेश के प्रकाशन के तीन महीने के भीतर इसे केंद्र सरकार को सौंपा जा सके.’’  पाकिस्तान गये लोगों से संबंधित 9,280 शत्रु संपत्तियों में उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 4,991 संपत्तियां हैं. इसके बाद पश्चिम बंगाल में 2,735 और दिल्ली में 487 संपत्तियां हैं. चीन गये लोगों से संबंधित 126 शत्रु संपत्तियों में मेघालय में 57 और पश्चिम बंगाल में 29 संपत्तियां हैं. असम में ऐसी सात संपत्तियां हैं.  केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने राज्य सभा को इससे पहले बताया था, ‘‘ सभी शत्रु संपत्तियों की अनुमानित कीमत करीब एक लाख करोड़ रुपये है.’’ मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान या चीन की नागरिकता लेने वाले लोगों की जो संपत्तियां देश में रह गयी हैं उन्हें शत्रु संपत्ति कहा जाता है. पाकिस्तान गये लोगों की देश में ऐसी 9,280 संपत्तियां हैं तथा चीन गये लोगों से संबंधित 126 शत्रु संपत्तियां हैं. इन सभी संपत्तियों को भारत के शत्रु संपत्ति संरक्षक के अधीन रखा गया है. टिप्पणियां गृह मंत्रालय ने कहा कि संरक्षण कार्यालय को ऐसी सारी संपत्तियों की सूची केंद्र सरकार को सौंपनी होंगी। उसने कहा, ‘‘ संरक्षकों को इस तरह की सारी संपत्तियों (चल एवं अचल) की सूची तैयार करनी होगी ताकि आदेश के प्रकाशन के तीन महीने के भीतर इसे केंद्र सरकार को सौंपा जा सके.’’  पाकिस्तान गये लोगों से संबंधित 9,280 शत्रु संपत्तियों में उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 4,991 संपत्तियां हैं. इसके बाद पश्चिम बंगाल में 2,735 और दिल्ली में 487 संपत्तियां हैं. चीन गये लोगों से संबंधित 126 शत्रु संपत्तियों में मेघालय में 57 और पश्चिम बंगाल में 29 संपत्तियां हैं. असम में ऐसी सात संपत्तियां हैं.  केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने राज्य सभा को इससे पहले बताया था, ‘‘ सभी शत्रु संपत्तियों की अनुमानित कीमत करीब एक लाख करोड़ रुपये है.’’ गृह मंत्रालय ने कहा कि संरक्षण कार्यालय को ऐसी सारी संपत्तियों की सूची केंद्र सरकार को सौंपनी होंगी। उसने कहा, ‘‘ संरक्षकों को इस तरह की सारी संपत्तियों (चल एवं अचल) की सूची तैयार करनी होगी ताकि आदेश के प्रकाशन के तीन महीने के भीतर इसे केंद्र सरकार को सौंपा जा सके.’’  पाकिस्तान गये लोगों से संबंधित 9,280 शत्रु संपत्तियों में उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 4,991 संपत्तियां हैं. इसके बाद पश्चिम बंगाल में 2,735 और दिल्ली में 487 संपत्तियां हैं. चीन गये लोगों से संबंधित 126 शत्रु संपत्तियों में मेघालय में 57 और पश्चिम बंगाल में 29 संपत्तियां हैं. असम में ऐसी सात संपत्तियां हैं.  केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने राज्य सभा को इससे पहले बताया था, ‘‘ सभी शत्रु संपत्तियों की अनुमानित कीमत करीब एक लाख करोड़ रुपये है.’’ पाकिस्तान गये लोगों से संबंधित 9,280 शत्रु संपत्तियों में उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 4,991 संपत्तियां हैं. इसके बाद पश्चिम बंगाल में 2,735 और दिल्ली में 487 संपत्तियां हैं. चीन गये लोगों से संबंधित 126 शत्रु संपत्तियों में मेघालय में 57 और पश्चिम बंगाल में 29 संपत्तियां हैं. असम में ऐसी सात संपत्तियां हैं.  केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने राज्य सभा को इससे पहले बताया था, ‘‘ सभी शत्रु संपत्तियों की अनुमानित कीमत करीब एक लाख करोड़ रुपये है.’’
'वन डायरेक्शन' बैंड के पूर्व मेंबर जायन मलिक अपनी पहली सिंगल एलबम 'माइंड ऑफ माइन' की रिलीज का जश्न मना रहे हैं. उन्होंने अपनी एलबम के गानों में से एक गाने पर एक म्यूजिक वीडियो लॉन्च किया है. एक हॉलीवुड वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, आईट्यून्स पर शुक्रवार को एलबम के रिलीज होने के तुरंत बाद जायन ने 'बीफॉर' के दृश्य भी जारी कर दिए. इस वीडियो में जायन मलिक के एक दिन का ब्यौरा दिया गया है कि वह अपना दिन कैसे बिताते हैं. उन्हें बॉक्सिंग जिम जाते हुए, दोस्तों के साथ अलग-अलग जगह पर जाते हुए और पार्किंग लॉट जाते हुए जैसे उनके पूरे रूटीन को दिखाया गया है, वीडियो में उनके कुछ दोस्त नाच गा रहे हैं. मलिक के 'वन डायरेक्शन' छोड़ने के एक साल बाद 'माइंड ऑफ माइन' रिलीज हुई है. इससे पहले जायन की 'पिलॉटॉक' रिलीज हुई थी. अपनी इस एलबम को प्रमोट करने के लिए जायन गुरुवार को 'द टुनाइट शो स्टारिंग जिमी फॉलन' पर भी पहुंचे, जहां उन्होंने अपने नए गाने 'लाइक आई वुड' पर परफॉर्म किया. देखें वीडियो:
7 अक्टूबर 1998 को नाइटविश ने उनका दूसरा पूरी लंबाईवाला एल्बम ओशनबॉर्न, केवल फिनलैंड में रीलिज किया। एन्जिल्स फॉल फर्स्ट से भी अधिक तकनीकी और प्रगतिशील ध्वनि अपनाने से एक अधिक है, ओशनबॉर्न ने देखा कि बैंड उनके शुरुआती रीलिज से अधिक महत्त्वाकांक्षी व लोक साधन लाए, जिसमें सिर्फ एक अपवाद था त्याग ज्यादा की पर मौजूद तत्वों "मूनडांस". टुरुनेन के विरुद्ध महिला गायिका के साथ ही, टॉमस गाना नहीं चाहते थे इसलिए एल्बम में अतिथि गायक के रूप में टापियो विल्स्का (पूर्व फिनट्रोल) भी नज़र आए. टापियो विल्स्का नैटविन्डेंस ग्राट के भी है पूर्व सदस्य के है।ओशनबॉर्न को ऑलम्युज़िक के की ओर से यह लिखते हुए कि पूरा एल्बम "बहुत प्रभावी" गानों के साथ "जो एकसाथ अच्छा काम करता है" अच्छी मान्यता मिली. ओशनबॉर्न को फिनलैंड में एक ताबड़तोड़ सफलता मिली, फिन्निश वह एल्बम चार्ट में नंबर 5 पर पहुंच गया। एल्बम का पहला एकल, "सैक्रेमेंट ऑफ वाइल्डरनेस" फिन्निश एकल चार्ट पर कई हफ्तों तक नंबर 1 पर फिनिश एकल पर रहा. एलबम का रिलीज प्रारंभ में फिनलैंड तक सीमित था, लेकिन"सैक्रेमेंट ऑफ वाइल्डरनेस" की सफलता के कारण, स्पाइनफार्म ने 1999 के वसंत में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर Oceanborn. को रीलिज़ किया।मई 1999 में, नाइटविश ने एकल "स्लीपिंग सन (फोर बॅलाड्स ऑफ द एक्लिप्स)/0} रिकार्ड किया, जिसकी एक महीने में अकेले में जर्मनी, 15000 प्रतियां बेची गई। बैंड की पहली अंतरराष्ट्रीय सफलता के बाद, नाइटविश को रेज के 1999 यूरोपीय दौरे के लिए स्वागत बैंड के रूप में जोड़ा गया है। दोनों एलबम ओशनबॉर्न और एकल "सैक्रेमेंट ऑफ वाइल्डनेस" और "वॉकिंग इन द एयर" को फिनलैंड में अगस्त 1999 में गोल्ड प्रमाणपत्र दिया गया .2000 की शुरुआत में स्टूडियो में रहते हुए अपने तीसरे एलबम पर काम करते हुए नाइटविश को फिन्निश यूरोविजन साँग कन्टेस्ट में "द स्लीपवॉकर" के लिए स्वीकृत किया गया। () सार्वजनिक वोट जीतने के बावजूद, नाइटविश ने अंततः दूसरा स्थान पाया, जिसमें जूरी ने स्थानीय गोस्पेल गायिका नीना एस्ट्रोम को फिनलैंड का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना.
तीसरे दौर की वोटिंग के लिए चुनाव प्रचार खत्म होने में सिर्फ एक दिन बचा है. ऐसे में कोई पार्टी वोटरों को लुभाने का मौका नहीं छोड़ना चाहती. कांग्रेस के स्टार प्रचारक राहुल गांधी आज जम्मू-कश्मीर में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचेगे. राहुल अनंतनाग में सभा को संबोधित करेंगे. वहीं दूसरी ओर बंगाल में कांग्रेस औऱ तृणमूल काग्रेस की साझा रैली होगी. इस रैली में सोनिया गांधी और ममता बनर्जी के साथ ही प्रणव मुखर्जी भी मौजूद रहेंगे. यूपी में भी चुनाव प्रचार जोरों पर होगा. लखनऊ में वरुण गांधी और मायावती होंगे आमने-सामने. मायावती और वरुण दोनों की ही आज लखनऊ में रैली होगी. इसके अलावा गुजरात में बीजेपी के पीएम इन वेटिंग लालकृष्ण आडवाणी का रोड शो होगा.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण के कसते शिकंजे को खत्म करने के लिए मंगलवार को एनसीआर डवलपमेंट प्लानिंग बोर्ड की मीटिंग हुई. जिसमें प्रदूषण को कम करने के लिए कदम उठाते हुए हरियाणा सरकार अपने किसानों को फसलों के अवशेष यानी पराली को जलाने के बजाय इकट्ठा करने की मशीने मुहैया कराएगी, इतना ही नहीं बल्कि पराली से बायो फ्यूल बनाने की तकनीक उपलब्ध कराने में भी मदद करेगी. ताकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण को रोका जा सके. इसके अलावा एनसीआर में आबादी या नेशनल हाईवे के आसपास लगे ईंट भट्ठों को भी दूरदराज के इलाकों में शिफ्ट करने की योजना पर भी तेजी से काम हो रहा है. बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने की, नायडू ने कहा कि बढ़ता प्रदूषण बहुत बड़ी चुनौती है. एनसीआर के तहत आने वाले पांचों राज्यों को इस बारे में बेहतर तालमेल करना होगा तभी इससे पार पाया जा सकता है. आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों की ओर से प्रदूषण की वजहें और उनसे निपटने के लिए तैयार की गई कार्ययोजना पर भी पांचों राज्यों के नुमाइंदों ने विचार किया. कार्ययोजना में यातायात के लिए अत्याधुनिक उपयुक्त ईंधन का इस्तेमाल करने, कुदरती संसाधनों को बढ़ावा देने और प्रदूषण रोकने के लिए कई तरह के व्यावहारिक और सरल उपाय करने की तकनीक बताई गई है. इस पर चर्चा के बाद राज्यों ने इस पर काम करने के लिए जिम्मेदारी भी ली. हालांकि बोर्ड की बैठक बुलाने की अहम वजह थी दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश से बना दबाव. कोर्ट ने दिल्ली में लगातार बढ़ते खतरनाक प्रदूषण से निपटने के लिए तीन हफ्ते में बोर्ड की बैठक बुलाकर अब तक किये गये काम की जानकारी मांगी थी. साथ ही बोर्ड से ये भी बताने को कहा गया था कि आखिर भविष्य के लिए क्या कार्ययोजना अपनाने पर सहमति बनी है. पांच राज्यों में से सिर्फ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ही मीटिंग में मौजूद रहे. खट्टर ने कहा कि राजधानी में प्रदूषण और ट्रैफिक को सुचारू करने के लिए हरियाणा में कुण्डली, मानेसर पलवल एक्सप्रेस वे का काम फरवरी 2018 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है. इसके पहले अगस्त 2018 में पूरा होने की मियाद थी लेकिन अब इसे छह महीना पहले पूरा कर लिये जाने की उम्मीद है.
लेख: दिल्ली हाईकोर्ट ने टिप्पणी की है कि हिन्दू कानून के तहत शादी एक ‘पवित्र बंधन’ है और ‘एक अनुबंध नहीं है’’ जिसमें एक दस्तावेज को अमल में लाकर प्रवेश किया जा सकता है. अदालत ने यह टिप्पणी एक महिला की उस याचिका को खारिज करते हुए की जिसमें उसने उसे कानूनी रूप से विवाहित पत्नी घोषित करने से इनकार करने वाले एक आदेश को चुनौती दी थी. महिला ने अदालत में अर्जी दायर करके अपने कथित पति की मौत के बाद अनुकंपा आधार पर नौकरी पर नियुक्ति की मांग की थी. उसका पति शहर के एक सरकारी अस्पताल में सफाई कर्मचारी था. उसने चिकित्सा अधीक्षक को उसे ड्यूटी करने की इजाजत देने के निर्देश देने की मांग की थी. उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि उसने जून 1990 में विवाह संबंधी दस्तावेज के जरिए इस तथ्य पर सवाल उठाए बिना व्यक्ति से शादी की कि वह उस समय अपनी पहली पत्नी के साथ रह रहा था, जिसका मई 1994 में निधन हो गया. न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी ने कहा कि अपीलकर्ता :महिला: की दलील थी कि उसने दो जून 1990 को एक वैवाहिक दस्तावेज और एक हलफनामे के जरिए व्यक्ति से शादी की. उसने इस बात पर कोई सवाल नहीं किया कि दो जून 1990 को व्यक्ति की पत्नी उसके साथ रह रही थी और 11 मई 1994 को उसकी मृत्यु हुई. उन्होंने कहा कि हिन्दू कानून के तहत शादी एक ‘पवित्र बंधन’ :पवित्र प्रतिज्ञा: है और यह कोई अनुबंध नहीं है जिसमें विवाह संबंधी किसी दस्तावेज पर अमल के जरिए प्रवेश किया जा सकता है. दो जून 1990 को व्यक्ति की पत्नी जीवित थी.टिप्पणियां उच्च न्यायालय ने कहा कि निचली अदालत ने सही कहा है कि महिला कथित शादी के आधार पर व्यक्ति की वैध विवाहित पत्नी की हैसियत का दावा नहीं कर सकती है और उसके आदेश को अवैध नहीं ठहराया जा सकता है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) महिला ने अदालत में अर्जी दायर करके अपने कथित पति की मौत के बाद अनुकंपा आधार पर नौकरी पर नियुक्ति की मांग की थी. उसका पति शहर के एक सरकारी अस्पताल में सफाई कर्मचारी था. उसने चिकित्सा अधीक्षक को उसे ड्यूटी करने की इजाजत देने के निर्देश देने की मांग की थी. उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि उसने जून 1990 में विवाह संबंधी दस्तावेज के जरिए इस तथ्य पर सवाल उठाए बिना व्यक्ति से शादी की कि वह उस समय अपनी पहली पत्नी के साथ रह रहा था, जिसका मई 1994 में निधन हो गया. न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी ने कहा कि अपीलकर्ता :महिला: की दलील थी कि उसने दो जून 1990 को एक वैवाहिक दस्तावेज और एक हलफनामे के जरिए व्यक्ति से शादी की. उसने इस बात पर कोई सवाल नहीं किया कि दो जून 1990 को व्यक्ति की पत्नी उसके साथ रह रही थी और 11 मई 1994 को उसकी मृत्यु हुई. उन्होंने कहा कि हिन्दू कानून के तहत शादी एक ‘पवित्र बंधन’ :पवित्र प्रतिज्ञा: है और यह कोई अनुबंध नहीं है जिसमें विवाह संबंधी किसी दस्तावेज पर अमल के जरिए प्रवेश किया जा सकता है. दो जून 1990 को व्यक्ति की पत्नी जीवित थी.टिप्पणियां उच्च न्यायालय ने कहा कि निचली अदालत ने सही कहा है कि महिला कथित शादी के आधार पर व्यक्ति की वैध विवाहित पत्नी की हैसियत का दावा नहीं कर सकती है और उसके आदेश को अवैध नहीं ठहराया जा सकता है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि उसने जून 1990 में विवाह संबंधी दस्तावेज के जरिए इस तथ्य पर सवाल उठाए बिना व्यक्ति से शादी की कि वह उस समय अपनी पहली पत्नी के साथ रह रहा था, जिसका मई 1994 में निधन हो गया. न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी ने कहा कि अपीलकर्ता :महिला: की दलील थी कि उसने दो जून 1990 को एक वैवाहिक दस्तावेज और एक हलफनामे के जरिए व्यक्ति से शादी की. उसने इस बात पर कोई सवाल नहीं किया कि दो जून 1990 को व्यक्ति की पत्नी उसके साथ रह रही थी और 11 मई 1994 को उसकी मृत्यु हुई. उन्होंने कहा कि हिन्दू कानून के तहत शादी एक ‘पवित्र बंधन’ :पवित्र प्रतिज्ञा: है और यह कोई अनुबंध नहीं है जिसमें विवाह संबंधी किसी दस्तावेज पर अमल के जरिए प्रवेश किया जा सकता है. दो जून 1990 को व्यक्ति की पत्नी जीवित थी.टिप्पणियां उच्च न्यायालय ने कहा कि निचली अदालत ने सही कहा है कि महिला कथित शादी के आधार पर व्यक्ति की वैध विवाहित पत्नी की हैसियत का दावा नहीं कर सकती है और उसके आदेश को अवैध नहीं ठहराया जा सकता है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी ने कहा कि अपीलकर्ता :महिला: की दलील थी कि उसने दो जून 1990 को एक वैवाहिक दस्तावेज और एक हलफनामे के जरिए व्यक्ति से शादी की. उसने इस बात पर कोई सवाल नहीं किया कि दो जून 1990 को व्यक्ति की पत्नी उसके साथ रह रही थी और 11 मई 1994 को उसकी मृत्यु हुई. उन्होंने कहा कि हिन्दू कानून के तहत शादी एक ‘पवित्र बंधन’ :पवित्र प्रतिज्ञा: है और यह कोई अनुबंध नहीं है जिसमें विवाह संबंधी किसी दस्तावेज पर अमल के जरिए प्रवेश किया जा सकता है. दो जून 1990 को व्यक्ति की पत्नी जीवित थी.टिप्पणियां उच्च न्यायालय ने कहा कि निचली अदालत ने सही कहा है कि महिला कथित शादी के आधार पर व्यक्ति की वैध विवाहित पत्नी की हैसियत का दावा नहीं कर सकती है और उसके आदेश को अवैध नहीं ठहराया जा सकता है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने कहा कि हिन्दू कानून के तहत शादी एक ‘पवित्र बंधन’ :पवित्र प्रतिज्ञा: है और यह कोई अनुबंध नहीं है जिसमें विवाह संबंधी किसी दस्तावेज पर अमल के जरिए प्रवेश किया जा सकता है. दो जून 1990 को व्यक्ति की पत्नी जीवित थी.टिप्पणियां उच्च न्यायालय ने कहा कि निचली अदालत ने सही कहा है कि महिला कथित शादी के आधार पर व्यक्ति की वैध विवाहित पत्नी की हैसियत का दावा नहीं कर सकती है और उसके आदेश को अवैध नहीं ठहराया जा सकता है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उच्च न्यायालय ने कहा कि निचली अदालत ने सही कहा है कि महिला कथित शादी के आधार पर व्यक्ति की वैध विवाहित पत्नी की हैसियत का दावा नहीं कर सकती है और उसके आदेश को अवैध नहीं ठहराया जा सकता है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पांच बार की महिला विश्व चैम्पियन और लंदन ओलिम्पिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय मुक्केबाज मैरी कॉम इस साल रियो ओलिम्पिक में हिस्सा नहीं ले पाएंगी, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय ओलिम्पिक संघ (आईओसी) ने मैरी कॉम के लिए वाइल्ड कार्ड की गुज़ारिश को नकार दिया है।टिप्पणियां आईओसी के मुताबिक पिछले दो ओलिम्पिक खेलों में जिस देश के आठ या उससे ज़्यादा मुक्केबाज़ शामिल हुए थे, उन्हें वाइल्ड कार्ड नहीं दिया जाएगा, और चूंकि पिछले दोनों ही खेलों में भारत के आठ या आठ से ज्यादा मुक्केबाज शामिल थे, इसलिए मैरी कॉम की वाइल्ड कार्ड की गुज़ारिश को ठुकराया गया। भारतीय मुक्केबाज़ी एडहॉक कमेटी के चेयरमैन किशन नारसी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संघ के इस फैसले को हमें मानना ही होगा। इस नए नियम के पीछे अंतरराष्ट्रीय ओलिम्पिक संघ का मकसद यह है कि नए मुल्कों में इस खेल को और बढ़ावा मिले, और वाइल्ड कार्ड उन्हीं देशों के मुक्केबाज़ों को दिए जाएं, जिन्हें पिछले कुछ खेलों में ज़्यादा नुमाइंदगी नहीं मिली है। आईओसी के मुताबिक पिछले दो ओलिम्पिक खेलों में जिस देश के आठ या उससे ज़्यादा मुक्केबाज़ शामिल हुए थे, उन्हें वाइल्ड कार्ड नहीं दिया जाएगा, और चूंकि पिछले दोनों ही खेलों में भारत के आठ या आठ से ज्यादा मुक्केबाज शामिल थे, इसलिए मैरी कॉम की वाइल्ड कार्ड की गुज़ारिश को ठुकराया गया। भारतीय मुक्केबाज़ी एडहॉक कमेटी के चेयरमैन किशन नारसी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संघ के इस फैसले को हमें मानना ही होगा। इस नए नियम के पीछे अंतरराष्ट्रीय ओलिम्पिक संघ का मकसद यह है कि नए मुल्कों में इस खेल को और बढ़ावा मिले, और वाइल्ड कार्ड उन्हीं देशों के मुक्केबाज़ों को दिए जाएं, जिन्हें पिछले कुछ खेलों में ज़्यादा नुमाइंदगी नहीं मिली है। भारतीय मुक्केबाज़ी एडहॉक कमेटी के चेयरमैन किशन नारसी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संघ के इस फैसले को हमें मानना ही होगा। इस नए नियम के पीछे अंतरराष्ट्रीय ओलिम्पिक संघ का मकसद यह है कि नए मुल्कों में इस खेल को और बढ़ावा मिले, और वाइल्ड कार्ड उन्हीं देशों के मुक्केबाज़ों को दिए जाएं, जिन्हें पिछले कुछ खेलों में ज़्यादा नुमाइंदगी नहीं मिली है।
जम्मू-कश्मीर के उरी में आज सुबह एक बार फिर पाकिस्तानी सेना की ओर से सीजफायर का उल्लंघन किया गया. भारतीय पोस्ट पर करीब 20 मिनट तक फायरिंग की गई, जिसे घुसपैठ की कोशिश कर रहे आतंकियों को कवर फायर देने के तौर पर देखा जा रहा है. इससे पहले मंगलवार को उड़ी सेक्टर के लच्छीपुरा में सेना ने घुसपैठ की कोशिश कर रहे 8 से 10 आतंकियों को ढेर कर दिया. इस बीच बीती रात हंदवाड़ा के नौगाम सेक्टर में पाक घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करने में सेना का एक जवान शहीद हो गया, जबकि दो जख्मी हुए हैं. नौगाम और उड़ी में पूरी रात ऑपरेशन जारी रहा है हालांकि मौसम खराब होने की वजह से ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है.टिप्पणियां हालांकि इस दौरान पांच आतंकवादियों के वापस पाकिस्तान की ओर भागने में कामयाब रहने की खबर है. घुसपैठ की कोशिश कर रहे इन आतंकवादियों की मदद के लिए पाकिस्तानी सेना भी लगातार गोलीबारी करती रही. उसकी कोशिश थी कि सेना आतंकवादियों के शव बरामद न कर पाए. पाकिस्तान ऐसा इसलिए कर रहा है ताकि उसकी पोल एक बार फिर न खुल जाए, क्योंकि उरी बटालियन हेडक्वार्टर्स में हुए हमले में आतंकियों से बरामद सामान पाकिस्तान के गले की हड्डी बन गया है. गौरतलब है कि रविवार को सीमा पार से आए चार पाकिस्तानी आतंकियों ने आर्मी बेस पर हमला कर दिया था. उन्होंने जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग की और ग्रेनेड फेंके. इन चारों आतंकवादियों को तीन घंटे की भीषण मुठभेड़ के बाद मार गिराया गया था. इस हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे. भारत ने उरी हमले के लिए सीधे तौर पर पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है और सोमवार को सरकार ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने की कोशिश करने का फैसला किया है. इससे पहले मंगलवार को उड़ी सेक्टर के लच्छीपुरा में सेना ने घुसपैठ की कोशिश कर रहे 8 से 10 आतंकियों को ढेर कर दिया. इस बीच बीती रात हंदवाड़ा के नौगाम सेक्टर में पाक घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करने में सेना का एक जवान शहीद हो गया, जबकि दो जख्मी हुए हैं. नौगाम और उड़ी में पूरी रात ऑपरेशन जारी रहा है हालांकि मौसम खराब होने की वजह से ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है.टिप्पणियां हालांकि इस दौरान पांच आतंकवादियों के वापस पाकिस्तान की ओर भागने में कामयाब रहने की खबर है. घुसपैठ की कोशिश कर रहे इन आतंकवादियों की मदद के लिए पाकिस्तानी सेना भी लगातार गोलीबारी करती रही. उसकी कोशिश थी कि सेना आतंकवादियों के शव बरामद न कर पाए. पाकिस्तान ऐसा इसलिए कर रहा है ताकि उसकी पोल एक बार फिर न खुल जाए, क्योंकि उरी बटालियन हेडक्वार्टर्स में हुए हमले में आतंकियों से बरामद सामान पाकिस्तान के गले की हड्डी बन गया है. गौरतलब है कि रविवार को सीमा पार से आए चार पाकिस्तानी आतंकियों ने आर्मी बेस पर हमला कर दिया था. उन्होंने जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग की और ग्रेनेड फेंके. इन चारों आतंकवादियों को तीन घंटे की भीषण मुठभेड़ के बाद मार गिराया गया था. इस हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे. भारत ने उरी हमले के लिए सीधे तौर पर पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है और सोमवार को सरकार ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने की कोशिश करने का फैसला किया है. हालांकि इस दौरान पांच आतंकवादियों के वापस पाकिस्तान की ओर भागने में कामयाब रहने की खबर है. घुसपैठ की कोशिश कर रहे इन आतंकवादियों की मदद के लिए पाकिस्तानी सेना भी लगातार गोलीबारी करती रही. उसकी कोशिश थी कि सेना आतंकवादियों के शव बरामद न कर पाए. पाकिस्तान ऐसा इसलिए कर रहा है ताकि उसकी पोल एक बार फिर न खुल जाए, क्योंकि उरी बटालियन हेडक्वार्टर्स में हुए हमले में आतंकियों से बरामद सामान पाकिस्तान के गले की हड्डी बन गया है. गौरतलब है कि रविवार को सीमा पार से आए चार पाकिस्तानी आतंकियों ने आर्मी बेस पर हमला कर दिया था. उन्होंने जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग की और ग्रेनेड फेंके. इन चारों आतंकवादियों को तीन घंटे की भीषण मुठभेड़ के बाद मार गिराया गया था. इस हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे. भारत ने उरी हमले के लिए सीधे तौर पर पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है और सोमवार को सरकार ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने की कोशिश करने का फैसला किया है. गौरतलब है कि रविवार को सीमा पार से आए चार पाकिस्तानी आतंकियों ने आर्मी बेस पर हमला कर दिया था. उन्होंने जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग की और ग्रेनेड फेंके. इन चारों आतंकवादियों को तीन घंटे की भीषण मुठभेड़ के बाद मार गिराया गया था. इस हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे. भारत ने उरी हमले के लिए सीधे तौर पर पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है और सोमवार को सरकार ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने की कोशिश करने का फैसला किया है.
मार्च की 2 तारीख को युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस (वाइएसआरसी) प्रमुख जगन मोहन रेड्डी हैदराबाद में त्रिदंडी चिन्ना जियार स्वामी से मिले. जाहिर है, उन्होंने आंध्र प्रदेश में होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी की चुनावी सफलता के लिए आशीर्वाद लिया. दिलचस्प बात यह है कि स्वामी से जगन की मुलाकात के पीछे तेलंगाना के मुख्यमंत्री और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) प्रमुख के. चंद्रशेखर राव भूमिका निभा रहे थे. लेकिन, तेलंगाना के अलग राज्य बनने का विरोध करने वाले जगन और आंध्र प्रदेश में राज्य के बंटवारे के लिए जिम्मेदार माने जाने वाले चंद्रशेखर राव के बीच नजदीकी सपाट राजनीति में फिट नहीं दिख रही. खासकर, तब जब आंध्र प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा तथा तेलंगाना में लोकसभा का चुनाव होने में एक महीने से भी कम समय बचा है. दरअसल, दोनों नेताओं के बीच उभर रहे सियासी समीकरण की डोर हैदराबाद से 1,500 किलोमीटर दूर स्थित दिल्ली से जुड़ी है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को रोकने के लिए पूरा विपक्ष और एक-दूसरे के कट्टर दुश्मन रहे दल भी मोदी के खिलाफ एकजुट हो गए हैं. ऐसे में राजग सहयोगियों की लगातार घटती संख्या और बचे हुए सहयोगियों की मुखरता से भाजपा को भरोसेमंद भावी सहयोगियों (चुनाव बाद समर्थन देने वाली पार्टी) की जरूरत का एहसास हो गया है. इसी जरूरत के लिहाज से केसीआर और जगन को राजग खेमा एक-साथ लाने और साधने की कोशिश में है. दरअसल, 2014 में केंद्र में मोदी के नेतृत्व में राजग सरकार बनने के बाद से इस गठबंधन के 14 दलों ने भाजपा का साथ छोड़ दिया. वैसे, जनता दल (यूनाइटेड) के रूप में बिहार में भाजपा को एक मजबूत सहयोगी जरूर मिला, लेकिन तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के रूप में राजग कुनबे से एक बड़ा घटक (16 सांसद) बाहर चला गया. राजग के जो मौजूदा सहयोगी हैं उनमें शिवसेना, जद (यू), शिरोमणि अकाली दल और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कडगम (अन्नाद्रमुक) प्रभावी तो हैं, लेकिन भाजपा के साथ इनका विश्वास का संकट पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. भाजपा सूत्रों का कहना है कि महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ भाजपा का पहले जैसा विश्वास अब नहीं रहा. दोनों दलों के रिश्ते इस हद तक बिगड़ चुके थे कि शिवसेना ने पिछले साल पार्टी की कार्यकारिणी में यह प्रस्ताव तक पारित कर दिया था कि वह 2019 का लोकसभा और विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेगी. हालांकि भाजपा किसी तरह से शिवसेना के साथ गठबंधन बचाने में सफल रही लेकिन दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के बीच वैमनस्य चरम पर पहुंच चुका है. दोनों दलों में गठबंधन के बावजूद स्थिति यह है कि महाराष्ट्र भाजपा की प्रभारी और महासचिव सरोज पांडे को पार्टी कार्यकर्ता, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के घर जाकर उनसे मिलने से रोकते हैं. महाराष्ट्र भाजपा के एक नेता बताते हैं, ''ठाकरे सिर्फ मोदी और अमित शाह को बराबरी का दर्जा देकर बात करते हैं. भाजपा के अन्य नेता अगर उनके घर जाकर उनसे मिलते हैं तो उन्हें बैठने के लिए छोटी कुर्सी दी जाती है. यह देखकर भाजपा कार्यकर्ता खुद को अपमानित महसूस करते हैं. दोनों दल सिर्फ इस वजह से साथ आए हैं ताकि चुनाव में उन्हें नुक्सान नहीं हो. दोनों दलों में भरोसे की कमी साफ देखी जा सकती है.'' बिहार में ऐसी ही स्थिति है. यहां राजग के पाले में अभी जद (यू) और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) शामिल हैं लेकिन लोजपा को साधने के लिए भाजपा को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. हालांकि केंद्रीय राज्यमंत्री गिरिराज सिंह कहते हैं, ''भाजपा मजबूत स्थिति में है, इसलिए राजग में शामिल सभी दलों को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व का लाभ मिलेगा.'' लेकिन वे यह जोडऩा नहीं भूलते, ''अगर भाजपा दमदार नहीं होती या नरेंद्र मोदी का नेतृत्व नहीं होता तो यह कहना मुश्किल है कि कौन साथी कब साथ रहे और कब छोड़ दे.'' गिरिराज के इस नजरिए को बिहार भाजपा के एक वरिष्ठ नेता व्यावहारिक मानते हैं. उनका कहना है, ''वैचारिक रूप से भाजपा से भिन्न मत रखने वाले दल तभी तक भाजपा के साथ हैं जब तक उन्हें चुनावी जीत के लिए भाजपा की जरूरत महसूस होती है. चुनाव के बाद कौन-सी पार्टी कहां जाएगी, यह कहना मुश्किल है.'' बिहार से ताल्लुक रखने वाले एक केंद्रीय राज्यमंत्री कहते हैं, ''2014 में उपेंद्र कुशवाहा हमारे साथ थे. इस बार वे राजद के साथ चले गए क्योंकि वहां उन्हें अधिक फायदा दिख रहा है. यह कहना मुश्किल है कि कल कोई और दल साथ छोड़ दे या साथ आ जाए.'' भाजपा नेता यह भी मानकर चल रहे हैं कि जब तक सीटों पर तालमेल नहीं बन जाता तब तक गठबंधन के दलों में विरोधाभासी स्वर सुनाई देंगे. बिहार और महाराष्ट्र में किस सीट पर कौन लड़ेगा, राजग में यह अभी तक तय नहीं हो सका है. चुनाव की तारीख घोषित हो गई है, इसलिए सहयोगी दलों की ओर से भाजपा पर सीटों के तालमेल को लेकर दबाव बढ़ता जा रहा है. भाजपा नेतृत्व यह मानकर चल रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद राजग एक नए रूप में सामने आएगा. जाहिर है, पार्टी इस बात से भी इनकार नहीं कर रही है कि कुछ मौजूदा साथी बाहर जा सकते हैं और कुछ नए साथी पार्टी के साथ आ रहे हैं. ऐसे हालात में भाजपा को राजग का कुनबा बढ़ाने की जरूरत महसूस हो रही है. हालांकि भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद जी.वी.एल. नरसिम्हा राव कहते हैं, ''2019 में भाजपा अपने दम पर 300 से ज्यादा सीट जीतेगी, इसलिए राजग में और दलों की जरूरत नहीं है. जो हमारे साथ हैं हम उन्हीं के साथ चुनाव में जाएंगे.'' उनके इस दावे के बाद भी पार्टी के वरिष्ठ नेता यह स्वीकार करते हैं कि नए साथियों के लिए भाजपा का दरवाजा खुला हुआ है. जाहिर है, सियासी जरूरतों की वजह से कई दल चुनाव पूर्व गठबंधन में शामिल नहीं होते हैं, लेकिन चुनाव बाद ऐसे दल साथ नहीं आएंगे, यह जरूरी नहीं. वित्त मंत्री अरुण जेटली कहते हैं, ''सहयोगी दलों का मतलब हमेशा सरकार या गठबंधन में शामिल दल ही नहीं होते. संसद में या संसद के बाहर भी सरकार को उन दलों का मुद्दा आधारित समर्थन भी मिलता है जो किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं होते हैं. कई बार तो विरोधी गठबंधन में शामिल दलों में से भी कुछ दल सरकार को मुद्दा आधारित समर्थन देते रहे हैं.'' इस सियासी जरूरत को समझते हुए ही भाजपा गठबंधन को लेकर प्लान बी पर भी काम कर रही है. प्लान बी के तहत पार्टी उन दलों को साधने में लगी है, जो 2019 के चुनाव के बाद भाजपा के लिए मुफीद साबित हो सकते हैं. हालांकि पार्टी इस मामले में फूंक-फूंककर कदम रख रही है. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं, ''अगर किसी वजह से भाजपा के मौजूदा साथी दलों का प्रदर्शन चुनाव में बेहतर नहीं रहा तो फिर हमारे पास आगे का विकल्प क्या होगा? इसके लिए जरूरी है कि ऐसे दलों के साथ तालमेल जारी रखा जाए या नए सिरे से तालमेल किया जाए, जो फिलहाल न तो भाजपा के खेमे में हैं और न ही कांग्रेस के खेमे में.'' चूंकि गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेस गठबंधन में शामिल दलों ने अपने-अपने सियासी पत्ते साफ कर दिए हैं, इसलिए अब स्पष्ट है कि तेलंगाना में टीआरएस, आंध्र में वाइएसआरसी और ओडिशा में बीजू जनता दल 2019 लोकसभा चुनाव के बाद राजग के नए साथी बन सकते हैं. ***
तमाम अड़चनों के बाद आखिरकार गुरुवार को राज्यसभा में जीएसटी बिल पास हो गया है. संसद की ऊपरी सदन में बिना कोई संशोधन इस विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया है. केंद्र सरकार के साथ-साथ पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने इस कदम ऐतिहासिक बताया. मनमोहन सिंह ने कहा कि आर्थिक सुधार की दिशा में ये एक बेहतरीन कदम है. राज्यसभा में बिल पास होने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि 1 जुलाई से देशभर में GST कानून लागू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद आम आदमी पर टैक्स का बोझ कम हो जाएगा. हालांकि इससे पहले राज्यसभा में बुधवार को जीएसटी पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कई सवाल खड़े किए थे. शर्मा ने सवाल खड़े किए थे कि जीएसटी के दूरगामी परिणाम क्या होंगे और इससे क्या नफा-नुकसान होगा, इस बात को लेकर स्पष्टता नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा था कि जो नियम लोकसभा से पारित हुए हैं, उसमें गुड्स पर टैक्स को लेकर भी कोई स्पष्टता नहीं है. दरअसल सरकार ने राज्यसभा में जीएसटी बिल को मनी बिल के रूप में पेश किया था. बुधवार को चर्चा में शामिल होने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने सांसदों को व्हिप जारी किया था. पार्टी सांसदों को दो दिन तक चर्चा के दौरान मौजूद रहने का फरमान जारी किया गया था. बता दें, जीएसटी से जुड़े अहम विधेयक लोकसभा से पारित हो चुके हैं. राज्यसभा के बाद विधानसभा का नंबर राज्यसभा के बाद राज्यों की विधानसभा से जीएसटी बिल को मंजूरी दिलानी होगी. सरकार के लिए ये बड़ी चुनौती है. हालांकि सभी राज्यों से बिल पर चर्चा हो चुकी है. ऐसे में सरकार को उम्मीद है कि राज्य विधानसभाओं से बिल को अनुमति मिल जाएगी. दरअसल जीएसटी लागू होने की समय सीमा 15 सितंबर है. लेकिन सरकार 1 जुलाई को इसे हर हाल में लागू करना चाहती है.
गुजरात उच्च न्यायालय ने प्रदेश में 2002 में गोधरा दंगों के मामले में उन 50 लोगों के खिलाफ वारंट जारी किए हैं, जिन्हें निचली अदालत ने बरी कर दिया था। न्यायमूर्ति आरआर त्रिपाठी और न्यायमूर्ति पीपी भट्ट की खंडपीठ ने इन सभी को बरी करने के खिलाफ प्रदेश सरकार की याचिका स्वीकार करते हुए इनके खिलाफ जमानती वारंट जारी किए। एक मार्च, 2002 को लगभग 1,500 लोगों की भीड़ ने वसाड गांव में लोगों के घर और दुकानें जला दी थीं, जिसके बाद प्रदेश रिजर्व पुलिस बल को बुलाया गया था।
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्षों को संसद सदस्य होने के नाते लाभ के पद से छूट प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करने वाले विधेयक को संसद ने मंजूरी दे दी। संसद निर्हता निवारण संशोधन विधेयक 2013 राज्यसभा में पहले ही पारित हो चुका है। लोकसभा ने विधि मंत्री कपिल सिब्बल द्वारा पेश इस विधेयक को बिना चर्चा के पारित कर दिया। विधेयक राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्षों को संसद सदस्य होने के नाते लाभ के पद से छूट प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करता है।टिप्पणियां इस विधेयक के जरिए संसद निर्हता निवारण कानून 1959 में संशोधन किया गया है जिसकी धारा 3 में भारत सरकार या किसी राज्य सरकार को लाभ के पद की सूची में संशोधन करने का प्रावधान है। संविधान (89वें संशोधन) अधिनियम 2003 के तहत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग को दो भागों में बांटा गया। इसके तहत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग बना और संविधान में एक नया अनुच्छेद 338ए जुड़ा। संसद निर्हता निवारण संशोधन विधेयक 2013 राज्यसभा में पहले ही पारित हो चुका है। लोकसभा ने विधि मंत्री कपिल सिब्बल द्वारा पेश इस विधेयक को बिना चर्चा के पारित कर दिया। विधेयक राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्षों को संसद सदस्य होने के नाते लाभ के पद से छूट प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करता है।टिप्पणियां इस विधेयक के जरिए संसद निर्हता निवारण कानून 1959 में संशोधन किया गया है जिसकी धारा 3 में भारत सरकार या किसी राज्य सरकार को लाभ के पद की सूची में संशोधन करने का प्रावधान है। संविधान (89वें संशोधन) अधिनियम 2003 के तहत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग को दो भागों में बांटा गया। इसके तहत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग बना और संविधान में एक नया अनुच्छेद 338ए जुड़ा। विधेयक राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्षों को संसद सदस्य होने के नाते लाभ के पद से छूट प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करता है।टिप्पणियां इस विधेयक के जरिए संसद निर्हता निवारण कानून 1959 में संशोधन किया गया है जिसकी धारा 3 में भारत सरकार या किसी राज्य सरकार को लाभ के पद की सूची में संशोधन करने का प्रावधान है। संविधान (89वें संशोधन) अधिनियम 2003 के तहत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग को दो भागों में बांटा गया। इसके तहत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग बना और संविधान में एक नया अनुच्छेद 338ए जुड़ा। इस विधेयक के जरिए संसद निर्हता निवारण कानून 1959 में संशोधन किया गया है जिसकी धारा 3 में भारत सरकार या किसी राज्य सरकार को लाभ के पद की सूची में संशोधन करने का प्रावधान है। संविधान (89वें संशोधन) अधिनियम 2003 के तहत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग को दो भागों में बांटा गया। इसके तहत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग बना और संविधान में एक नया अनुच्छेद 338ए जुड़ा। संविधान (89वें संशोधन) अधिनियम 2003 के तहत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग को दो भागों में बांटा गया। इसके तहत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग बना और संविधान में एक नया अनुच्छेद 338ए जुड़ा।
जापानी शेयर बाजारों में शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में हल्की बढ़त के बाद मुनाफावसूली का रुख बन गया। प्रमुख सूचकांक निक्केई 225 करीब 2.55 अंक बढ़कर 10,839.19 अंक पर पहुंच गया वहीं टोपिक्स सूचकांक 0.13 अंक गिरकर 974.01 पर पहुंच गया। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार के सकारात्मक संकेतों के चलते जापानी शेयर बाजार में हल्के उतार-चढ़ाव के बावजूद निचले स्तरों पर मजबूती का रुख रहा।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्रमुख नीतिगत दरों में वृद्धि तथा आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान घटाए जाने से बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 463 अंक की जबर्दस्त गिरावट के साथ बंद हुआ। 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 463.33 अंक की गिरावट के साथ 18,534.69 अंक पर बंद हुआ। इससे पहले, पिछले छह कारोबारी सत्रों में इसमें 604 अंक की गिरावट दर्ज की जा चुकी है। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 136.05 अंक या 2.39 प्रतिशत की गिरावट के साथ 5,565.25 अंक पर बंद हुआ। मुद्रास्फीति पर शिकंजा कसने के लिए रिजर्व बैंक ने रेपो और रिवर्स दरों में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की। साथ ही वहीं आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 8 प्रतिशत कर दिया है। केंद्रीय बैंक के इस कदम से सभी खंडों के शेयरों पर बिकवाली दबाव देखा गया। ब्याज दर से संबद्ध बैंक, जमीन-जायदाद और वाहन खंड के शेयरों में ज्यादा बिकवाली दबाव देखा गया। सेंसेक्स गिरावट के साथ 18,979 पर खुला और बाद में यह 19,024 से 18,502 अंक के दायरे में रहा। अंतत: यह 2.44 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की सतत बिकवाली से भी बाजार धारणा पर असर पड़ा। अस्थायी आंकड़ों के अनुसार एफआईआई ने 261.03 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। घरेलू संस्थागत निवेशकों ने कल 150.52 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे। मोतीलाल ओसवाल के वरिष्ठ विश्लेषक पराग डाक्टर ने कहा, सेंसेक्स 463 अंक गिरकर 6 सप्ताह के निम्न स्तर पर बंद हुआ। बैंक, वाहन तथा रीयल्टी जैसे ब्याज दर से संबद्ध क्षेत्रों के शेयरों में तीव्र गिरावट दर्ज की गई है। उन्होंने कहा, बाजार में ऐसी आशंका है कि रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिए आगे भी ब्याज दरें बढ़ा सकता है।
सेमैन्टिक स्कॉलर वैज्ञानिक साहित्य के लिए एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता -संचालित अनुसंधान उपकरण है जिसे एलन इंस्टीट्यूट फॉर एआई में विकसित किया गया है और नवंबर 2015 में सार्वजनिक रूप से जारी किया गया है यह विद्वानों के कागजात के लिए सारांश प्रदान करने के लिए प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण में प्रगति का उपयोग करता है। सिमेंटिक स्कॉलर टीम प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण, मशीन लर्निंग, मानव-कंप्यूटर इंटरैक्शन और सूचना पुनर्प्राप्ति में कृत्रिम-बुद्धि के उपयोग पर सक्रिय रूप से शोध कर रही है। सिमेंटिक स्कॉलर की शुरुआत कंप्यूटर विज्ञान, भूविज्ञान और तंत्रिका विज्ञान के विषयों से जुड़े एक डेटाबेस के रूप में हुई। हालाँकि, 2017 में इस प्रणाली ने अपने कोष में बायोमेडिकल साहित्य को शामिल करना शुरू कर दिया। , अब उनमें विज्ञान के सभी क्षेत्रों के 20 करोड़ से अधिक प्रकाशन शामिल हैं संदर्भ
छत्तीसगढ़ में विधानसभा सत्र के पहले दिन सोमवार को सदन में हंगामा करने के कारण कांग्रेस के 37 और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के एक विधायक को एक दिन के लिए निलम्बित कर दिया गया। निलम्बित विधायक राज्य में उर्वरकों की किल्लत को लेकर हंगामा कर रहे थे और अध्यक्ष के आसन समीप पहुंचकर नारेबाजी कर रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष धर्मलाल कौशिक ने विधायकों को बार-बार दी गई चेतावनी की अनदेखी करने पर यह कार्रवाई की। विपक्ष के नेता रविन्द्र चौबे के नेतृत्व में विपक्ष ने राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, "किसान दोगुनी-तिगुनी कीमत पर उर्वरक बाजार से खरीदने पर विवश हैं। यह कालाबाजारियों की चंगुल में है।" हंगामा उस वक्त शुरू हुआ जब कार्य स्थगन प्रस्ताव की विपक्ष की मांग को अध्यक्ष ने अस्वीकार कर दिया। 90 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारुढ़ भाजपा के 49, कांग्रेस के 39 एवं बसपा के दो सदस्य हैं।
केंद्र सरकार ने वेमुला, कश्मीर और JNU पर बनी डॉक्यूमेंट्री दिखाने की अनुमति नहीं दी. दलित रोहित वेमुला पर बनी 45 मिनट की डॉक्यूमेंट्री समेत तीन शॉर्ट फिल्मों को अंतरराष्ट्रीय डॉक्यूमेंट्री और शॉर्ट फिल्म महोत्सव में दिखाए जाने के लिए मंजूरी देने से इनकार कर दिया गया है. बता दें कि ये महोत्सव 16 जून को होने वाला है. कथित तौर पर आत्महत्या करने वाले दलित रोहित वेमुला के ऊपर डॉक्यूमेंट्री द अनबियरएबल बीइंग ऑफ लाइटनेस नाम से डॉक्यूमेंट्री बनाई गई. साथ ही युवा कश्मीरी कलाकारों एवं छात्रों के एक समूह की जिंदगियों के बारे में इन द शेड ऑफ फॉलेन चिनार के नाम से डॉक्यूमेंट्री बनी. जेएनयू विरोध प्रदर्शन पर बनी मार्च मार्च मार्च नाम की डॉक्यूमेंट्री बनाई. इन तीनों डॉक्यूमेंट्री को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने महोत्सव में दिखाने की अनुमति नहीं दी. मंजूरी ना दिए जाने पर गुस्सा जताते हुए केरल चलचित्र अकादमी अध्यक्ष और महोत्सव के निदेशक कमल ने कहा कि देश में सांस्कृतिक आपातकाल लगा हुआ हैं. उन्होंने कहा, हम देश में अघोषित आपातकाल से गुजर रहे हैं. हमें क्या खाना चाहिए, क्या पहनना चाहिए, किस बारे में बात करनी चाहिए, यह सब सत्तारूढ़ गठबंधन तय कर रहा है. 262 लघु फिल्मों और डॉक्यूमेंट्री दिखाए जाने की संभावना कला निदेशक बीना पॉल ने कहा कि पांच दिवसीय इस महोत्सव में कम से कम 262 शॉर्ट फिल्मों और डॉक्यूमेंट्री दिखाए जाने की संभावना है. केरल चलचित्र अकादमी, डॉक्यूमेंट्री और शॉर्ट फिल्म आंदोलन को बढ़ावा देने के अपने प्रयास में लगी हुई है. बढ़ावा देने के लिए अकादमी एक महोत्सव का आयोजन कर रही है. पिनरायी विजयन 16 जून को टैगोर थिएटर में इस महोत्सव का उद्घाटन करेंगे.
Redmi Note 8 Pro में 64MP प्राइमरी कैमरा है इसमें MediaTek Helio G90T प्रोसेसर मौजूद है Redmi Note 8 Pro को आज फिर से सेल में उपलब्ध कराया जा रहा है. ग्राहक इस रेडमी फोन को दोपहर 12 बजे से आज खरीद पाएंगे. इसकी बिक्री ऐमेजॉन इंडिया, शाओमी की वेबसाइट और मी होम स्टोर्स के जरिए होगी. इसकी खास बातों का जिक्र करें तो यहां क्वॉड कैमरा सेटअप और MediaTek Helio G90T प्रोसेसर मिलता है. याद के तौर पर बता दें इस स्मार्टफोन को Redmi Note 8 के साथ अक्टूबर में लॉन्च किया गया था. Redmi Note 8 Pro के 6GB + 64GB वेरिएंट की कीमत 14,999 रुपये, 6GB + 128GB वेरिएंट की कीमत 15,999 रुपये और 8GB + 128GB वेरिएंट की कीमत 17,999 रुपये है. इसे ग्राहक गामा ग्रीन, हैलो वाइट, शैडो ब्लैक और इलेक्ट्रीक ब्लू कलर ऑप्शन में खरीद सकते हैं. हाल ही में शाओमी ने ये घोषणा की थी कि Redmi Note 8 और Redmi Note 8 Pro की सेल ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 10 मिलियन यूनिट्स की बिक्री का आंकड़ा पार कर लिया है. साथ ही Redmi Note 8 सीरीज ने भारत में भी 1 मिलियन सेल का आंकड़ा पार कर लिया है. Redmi Note 8 Pro के स्पेसिफिकेशन्स की बात करें तो ये स्मार्टफोन एंड्रॉयड 9 पाई बेस्ड MIUI 10 पर चलता है और इसमें 6.53-इंच फुल-HD+ (1080 x 2340 पिक्सल) HDR डिस्प्ले दिया गया है. इसमें 8GB तक रैम के साथ ऑक्टा-कोर MediaTek Helio G90T प्रोसेसर मिलता है. फोटोग्राफी के लिए इस स्मार्टफोन के रियर में 64MP का प्राइमरी कैमरा, 8MP अल्ट्रा वाइड-एंगल कैमरा, 2MP मैक्रो लेंस और 2MP डेप्थ सेंसर दिया गया है. सेल्फी के लिए इसमें 20MP का कैमरा मौजूद है. इस स्मार्टफोन की इंटरनल मेमोरी 128GB तक की है और इसमें कनेक्टिविटी के लिए 4G VoLTE, Wi-Fi, ब्लूटूथ, GPS/ A-GPS, USB टाइप-C और 3.5mm हेडफोन जैका का सपोर्ट मिलता है. इसकी बैटरी 4,500mAh की है और यहां 18W फास्ट चार्जिंग का भी सपोर्ट मिलता है.
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले में शहीद हुए 40 जवानों का पहला बदला भारत की सेना ने ले लिया है. सोमवार को पुलवामा में ही हुए एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने पुलवामा आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ता गाजी राशिद उर्फ कामरान को मौत के घाट उतार दिया. सिर्फ 100 घंटे के भीतर ने सेना ने इस मोस्टवांटेड आतंकी को उसके किए की सजा दे दी. गाजी के अलावा एक लोकल जैश-ए-मोहम्मद आतंकी हिलाल को मारा गया है. हालांकि, इस मुठभेड़ में सेना के 4 जवान शहीद हो गए हैं. देर रात से चल रहा था एनकाउंटर देश अभी 40 जवानों के शहीद होने का गम ही मना रहा था कि सोमवार सुबह एक और बुरी खबर आ गई. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों के खिलाफ मुठभेड़ लड़ रहे सुरक्षाबलों के चार जवान शहीद हो गए. पुलवामा जिले के पिंगलिना में सुरक्षाबलों ने देर रात को ऑपरेशन चलाया, जिसका मकसद था गाजी राशिद को पकड़ना. वही गाजी जिसने पुलवामा आतंकी हमले की साजिश रची थी. सुरक्षाबल अपने इस मिशन में कामयाब हो गए हैं, क्योंकि गाजी को मार गिराया गया है. सुरक्षाबलों ने भी जैश-ए-कमांडर के दो कमांडरों को मौत के घाट उतार दिया. सुरक्षाबलों ने यहां एक बिल्डिंग को ही उड़ा दिया, जहां आतंकी छिपे बैठे थे. 14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले में 40 जवान शहीद हुए थे, इसकी साजिश गाजी ने ही रची थी. अब चार दिन के भीतर ही सुरक्षाबलों ने बदला पूरा किया है. कैसे हुआ ऑपरेशन... दरअसल, पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद से ही सुरक्षाबलों ने घाटी में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन तेज कर दिया है. इसी कड़ी में रविवार देर रात करीब 12 बजे पुलवामा के पिंगलिना में कुछ आतंकियों के छिपे होने की खबर मिली. पुलवामा के शहीदों को यहां दें श्रद्धांजलि सुरक्षाबलों ने इस इलाके को चारों ओर से घेरा और रात साढ़े 12 बजे ऑपरेशन शुरू हो गया. इस ऑपरेशन को 55RR, CRPF और SOG के जवानों ने मिलकर चलाया. आतंकियों के साथ मुठभेड़ करते हुए हमारे 4 जवान शहीद हो गए. इनमें मेजर डीएस डोंडियाल, हेड कॉन्स्टेबल सेवा राम, सिपाही अजय कुमार और सिपाही हरी सिंह शामिल हैं. एक जवान घायल है जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. कौन है गाजी राशिद? आपको बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर अपने भतीजे के जरिए घाटी में आतंकी हरकतों को अंजाम देता था. लेकिन पिछले साल ऑपरेशन ऑलआउट के दौरान सुरक्षाबलों ने उसे मार गिराया था. जिसके बाद से ही मसूद अजहर ने कश्मीर की जिम्मेदारी  अपने टॉप कमांडर और आईईडी एक्सपर्ट गाजी राशिद को दी थी. ऐसा माना जा रहा है कि गाजी अपने 2 सहयोगियों के साथ दिसंबर में भारत में घुसा और दक्षिण कश्मीर में छिप गया. आपको बता दें कि गाजी को मौलाना मसूद अजहर का भरोसेमंद और करीबी माना जाता है. उसने 2008 में जैश-ए-मोहम्मद ज्वाइन किया और तालिबान में ट्रेनिंग ली. 2010 में वह उत्तरी वजीरिस्तान आ गया था. तभी से आतंक की दुनिया में वह शामिल है. कुछ ही समय बाद उसने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के इलाके में युवा लड़ाकों को ट्रेनिंग करनी शुरू दी थी.
यह एक लेख है: भारतीय क्रिकेट टीम ने फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेले गए चौथे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया को छह विकेट से हराकर रविवार को चार मैचों की शृंखला 4-0 से अपने नाम कर ली। इसके साथ ही भारत ने बीते साल ऑस्ट्रेलिया के हाथों मिली करारी शिकस्त का हिसाब भी बराबर कर लिया और 81 साल के अपने टेस्ट इतिहास में इतने बड़े अंतर से कोई शृंखला जीतने का नया कीर्तिमान स्थापित किया। यही नहीं, महेंद्र सिंह धोनी की युवा टीम ने कोटला में 1987 के बाद से कोई टेस्ट मैच नहीं हारने के रिकार्ड को भी बरकरार रखा है। भारत ने इस मैदान पर अंतिम बार वेस्टइंडीज के हाथों हार का स्वाद चखा था। ऑस्ट्रेलियाई टीम इस मैदान पर 1959 के बाद से अब तक नहीं जीत सकी है। चार मैचों में 29 विकेट चटकाने वाले ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को मैन ऑफ सीरीज चुना गया जबकि गेंद और बल्ले के साथ कमाल करने वाले रवींद्र जडेजा को मैन ऑफ द मैच खिताब से नवाजा गया। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान एलन बॉर्डर ने धोनी को 'बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी' भेंट की। भारत, ऑफ स्पिनर अश्विन (5 विकेट) के नेतृत्व में अपने स्पिन गेंदबाजों के उम्दा प्रदर्शन की बदौलत ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी 262 रनों पर समटने में सफल रहा था। इसके बाद भारत ने अपनी पहली पारी में मुरली विजय (52), चेतेश्वर पुजारा (52) और जडेजा (43) की बदौलत 272 रन बनाकर 10 रनों की बढ़त हासिल कर ली। मैच के तीसरे दिन भारत ने ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी 164 रनों पर समेट दी। इसमें जडेजा की अहम भूमिका रही, जिन्होंने पांच विकेट झटके। अश्विन और प्रज्ञान ओझा को दो-दो विकेट मिले। इस तरह तीसरे ही दिन मैच को खत्म करने के लिए भारत के सामने 37 ओवरों में जीत के लिए 155 रनों की चुनौती थी। टूट चुकी विकेट पर यह लक्ष्य आसान नहीं था। और फिर लियोन ने जिस तरह की गेंदबाजी करते हुए भारत की पहली पारी में सात विकेट झटके थे, उसे देखते हुए तो यह बिल्कुल भी आसान नहीं था। भारत ने इस मुश्किल विकेट पर पुजारा के शानदार 82 रनों की बदौलत एक बेहतरीन जीत दर्ज की। पुजारा ने मुरली (11) का विकेट सस्ते में निकल जाने के बाद विराट कोहली (41) के साथ उम्दा बल्लेबाजी करते हुए दूसरे विकेट के लिए 104 रन जोड़े और जीत के लिए जमीन तैयार की। भारत के महानतम बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर भारत में संभवत: अपनी अंतिम पारी में एक रन बनाकर आउट हुए और पदार्पण करने वाले मुम्बई के अजिंक्य रहाणे ने एक बार फिर निराश किया। रहाणे ने पहली पारी में सात और दूसरी पारी में एक रन बनाया। चार विकेट गिरने के बाद भारत के लिए मुश्किल बढ़ता दिख रहा था लेकिन एक छोर पर डटे पुजारा और कप्तान धोनी (नाबाद 12) टीम को जीत दिलाकर ही लौटे। पुजारा ने अपनी 92 गेंदों की पारी में 11 चौके लगाए।टिप्पणियां इसके साथ भारत ने ऑस्ट्रेलिया पर अब तक के सबसे बड़े अंतर से जीत हासिल की। यही नहीं, उसने अपने 81 साल के टेस्ट इतिहास में किसी शृंखला को सबसे बड़े अंतर से जीता। भारत ने चेन्नई में खेला गया पहला टेस्ट मैच आठ विकेट से जीता था जबकि हैदराबाद में खेले गए दूसरे टेस्ट में उसने एक पारी और 135 रनों से जीत हासिल की थी। मोहाली में खेले गए तीसरे मैच को छह विकेट से जीतकर भारत ने यह शृंखला अपने नाम कर ली थी। यही नहीं, महेंद्र सिंह धोनी की युवा टीम ने कोटला में 1987 के बाद से कोई टेस्ट मैच नहीं हारने के रिकार्ड को भी बरकरार रखा है। भारत ने इस मैदान पर अंतिम बार वेस्टइंडीज के हाथों हार का स्वाद चखा था। ऑस्ट्रेलियाई टीम इस मैदान पर 1959 के बाद से अब तक नहीं जीत सकी है। चार मैचों में 29 विकेट चटकाने वाले ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को मैन ऑफ सीरीज चुना गया जबकि गेंद और बल्ले के साथ कमाल करने वाले रवींद्र जडेजा को मैन ऑफ द मैच खिताब से नवाजा गया। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान एलन बॉर्डर ने धोनी को 'बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी' भेंट की। भारत, ऑफ स्पिनर अश्विन (5 विकेट) के नेतृत्व में अपने स्पिन गेंदबाजों के उम्दा प्रदर्शन की बदौलत ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी 262 रनों पर समटने में सफल रहा था। इसके बाद भारत ने अपनी पहली पारी में मुरली विजय (52), चेतेश्वर पुजारा (52) और जडेजा (43) की बदौलत 272 रन बनाकर 10 रनों की बढ़त हासिल कर ली। मैच के तीसरे दिन भारत ने ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी 164 रनों पर समेट दी। इसमें जडेजा की अहम भूमिका रही, जिन्होंने पांच विकेट झटके। अश्विन और प्रज्ञान ओझा को दो-दो विकेट मिले। इस तरह तीसरे ही दिन मैच को खत्म करने के लिए भारत के सामने 37 ओवरों में जीत के लिए 155 रनों की चुनौती थी। टूट चुकी विकेट पर यह लक्ष्य आसान नहीं था। और फिर लियोन ने जिस तरह की गेंदबाजी करते हुए भारत की पहली पारी में सात विकेट झटके थे, उसे देखते हुए तो यह बिल्कुल भी आसान नहीं था। भारत ने इस मुश्किल विकेट पर पुजारा के शानदार 82 रनों की बदौलत एक बेहतरीन जीत दर्ज की। पुजारा ने मुरली (11) का विकेट सस्ते में निकल जाने के बाद विराट कोहली (41) के साथ उम्दा बल्लेबाजी करते हुए दूसरे विकेट के लिए 104 रन जोड़े और जीत के लिए जमीन तैयार की। भारत के महानतम बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर भारत में संभवत: अपनी अंतिम पारी में एक रन बनाकर आउट हुए और पदार्पण करने वाले मुम्बई के अजिंक्य रहाणे ने एक बार फिर निराश किया। रहाणे ने पहली पारी में सात और दूसरी पारी में एक रन बनाया। चार विकेट गिरने के बाद भारत के लिए मुश्किल बढ़ता दिख रहा था लेकिन एक छोर पर डटे पुजारा और कप्तान धोनी (नाबाद 12) टीम को जीत दिलाकर ही लौटे। पुजारा ने अपनी 92 गेंदों की पारी में 11 चौके लगाए।टिप्पणियां इसके साथ भारत ने ऑस्ट्रेलिया पर अब तक के सबसे बड़े अंतर से जीत हासिल की। यही नहीं, उसने अपने 81 साल के टेस्ट इतिहास में किसी शृंखला को सबसे बड़े अंतर से जीता। भारत ने चेन्नई में खेला गया पहला टेस्ट मैच आठ विकेट से जीता था जबकि हैदराबाद में खेले गए दूसरे टेस्ट में उसने एक पारी और 135 रनों से जीत हासिल की थी। मोहाली में खेले गए तीसरे मैच को छह विकेट से जीतकर भारत ने यह शृंखला अपने नाम कर ली थी। चार मैचों में 29 विकेट चटकाने वाले ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को मैन ऑफ सीरीज चुना गया जबकि गेंद और बल्ले के साथ कमाल करने वाले रवींद्र जडेजा को मैन ऑफ द मैच खिताब से नवाजा गया। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान एलन बॉर्डर ने धोनी को 'बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी' भेंट की। भारत, ऑफ स्पिनर अश्विन (5 विकेट) के नेतृत्व में अपने स्पिन गेंदबाजों के उम्दा प्रदर्शन की बदौलत ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी 262 रनों पर समटने में सफल रहा था। इसके बाद भारत ने अपनी पहली पारी में मुरली विजय (52), चेतेश्वर पुजारा (52) और जडेजा (43) की बदौलत 272 रन बनाकर 10 रनों की बढ़त हासिल कर ली। मैच के तीसरे दिन भारत ने ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी 164 रनों पर समेट दी। इसमें जडेजा की अहम भूमिका रही, जिन्होंने पांच विकेट झटके। अश्विन और प्रज्ञान ओझा को दो-दो विकेट मिले। इस तरह तीसरे ही दिन मैच को खत्म करने के लिए भारत के सामने 37 ओवरों में जीत के लिए 155 रनों की चुनौती थी। टूट चुकी विकेट पर यह लक्ष्य आसान नहीं था। और फिर लियोन ने जिस तरह की गेंदबाजी करते हुए भारत की पहली पारी में सात विकेट झटके थे, उसे देखते हुए तो यह बिल्कुल भी आसान नहीं था। भारत ने इस मुश्किल विकेट पर पुजारा के शानदार 82 रनों की बदौलत एक बेहतरीन जीत दर्ज की। पुजारा ने मुरली (11) का विकेट सस्ते में निकल जाने के बाद विराट कोहली (41) के साथ उम्दा बल्लेबाजी करते हुए दूसरे विकेट के लिए 104 रन जोड़े और जीत के लिए जमीन तैयार की। भारत के महानतम बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर भारत में संभवत: अपनी अंतिम पारी में एक रन बनाकर आउट हुए और पदार्पण करने वाले मुम्बई के अजिंक्य रहाणे ने एक बार फिर निराश किया। रहाणे ने पहली पारी में सात और दूसरी पारी में एक रन बनाया। चार विकेट गिरने के बाद भारत के लिए मुश्किल बढ़ता दिख रहा था लेकिन एक छोर पर डटे पुजारा और कप्तान धोनी (नाबाद 12) टीम को जीत दिलाकर ही लौटे। पुजारा ने अपनी 92 गेंदों की पारी में 11 चौके लगाए।टिप्पणियां इसके साथ भारत ने ऑस्ट्रेलिया पर अब तक के सबसे बड़े अंतर से जीत हासिल की। यही नहीं, उसने अपने 81 साल के टेस्ट इतिहास में किसी शृंखला को सबसे बड़े अंतर से जीता। भारत ने चेन्नई में खेला गया पहला टेस्ट मैच आठ विकेट से जीता था जबकि हैदराबाद में खेले गए दूसरे टेस्ट में उसने एक पारी और 135 रनों से जीत हासिल की थी। मोहाली में खेले गए तीसरे मैच को छह विकेट से जीतकर भारत ने यह शृंखला अपने नाम कर ली थी। भारत, ऑफ स्पिनर अश्विन (5 विकेट) के नेतृत्व में अपने स्पिन गेंदबाजों के उम्दा प्रदर्शन की बदौलत ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी 262 रनों पर समटने में सफल रहा था। इसके बाद भारत ने अपनी पहली पारी में मुरली विजय (52), चेतेश्वर पुजारा (52) और जडेजा (43) की बदौलत 272 रन बनाकर 10 रनों की बढ़त हासिल कर ली। मैच के तीसरे दिन भारत ने ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी 164 रनों पर समेट दी। इसमें जडेजा की अहम भूमिका रही, जिन्होंने पांच विकेट झटके। अश्विन और प्रज्ञान ओझा को दो-दो विकेट मिले। इस तरह तीसरे ही दिन मैच को खत्म करने के लिए भारत के सामने 37 ओवरों में जीत के लिए 155 रनों की चुनौती थी। टूट चुकी विकेट पर यह लक्ष्य आसान नहीं था। और फिर लियोन ने जिस तरह की गेंदबाजी करते हुए भारत की पहली पारी में सात विकेट झटके थे, उसे देखते हुए तो यह बिल्कुल भी आसान नहीं था। भारत ने इस मुश्किल विकेट पर पुजारा के शानदार 82 रनों की बदौलत एक बेहतरीन जीत दर्ज की। पुजारा ने मुरली (11) का विकेट सस्ते में निकल जाने के बाद विराट कोहली (41) के साथ उम्दा बल्लेबाजी करते हुए दूसरे विकेट के लिए 104 रन जोड़े और जीत के लिए जमीन तैयार की। भारत के महानतम बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर भारत में संभवत: अपनी अंतिम पारी में एक रन बनाकर आउट हुए और पदार्पण करने वाले मुम्बई के अजिंक्य रहाणे ने एक बार फिर निराश किया। रहाणे ने पहली पारी में सात और दूसरी पारी में एक रन बनाया। चार विकेट गिरने के बाद भारत के लिए मुश्किल बढ़ता दिख रहा था लेकिन एक छोर पर डटे पुजारा और कप्तान धोनी (नाबाद 12) टीम को जीत दिलाकर ही लौटे। पुजारा ने अपनी 92 गेंदों की पारी में 11 चौके लगाए।टिप्पणियां इसके साथ भारत ने ऑस्ट्रेलिया पर अब तक के सबसे बड़े अंतर से जीत हासिल की। यही नहीं, उसने अपने 81 साल के टेस्ट इतिहास में किसी शृंखला को सबसे बड़े अंतर से जीता। भारत ने चेन्नई में खेला गया पहला टेस्ट मैच आठ विकेट से जीता था जबकि हैदराबाद में खेले गए दूसरे टेस्ट में उसने एक पारी और 135 रनों से जीत हासिल की थी। मोहाली में खेले गए तीसरे मैच को छह विकेट से जीतकर भारत ने यह शृंखला अपने नाम कर ली थी। मैच के तीसरे दिन भारत ने ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी 164 रनों पर समेट दी। इसमें जडेजा की अहम भूमिका रही, जिन्होंने पांच विकेट झटके। अश्विन और प्रज्ञान ओझा को दो-दो विकेट मिले। इस तरह तीसरे ही दिन मैच को खत्म करने के लिए भारत के सामने 37 ओवरों में जीत के लिए 155 रनों की चुनौती थी। टूट चुकी विकेट पर यह लक्ष्य आसान नहीं था। और फिर लियोन ने जिस तरह की गेंदबाजी करते हुए भारत की पहली पारी में सात विकेट झटके थे, उसे देखते हुए तो यह बिल्कुल भी आसान नहीं था। भारत ने इस मुश्किल विकेट पर पुजारा के शानदार 82 रनों की बदौलत एक बेहतरीन जीत दर्ज की। पुजारा ने मुरली (11) का विकेट सस्ते में निकल जाने के बाद विराट कोहली (41) के साथ उम्दा बल्लेबाजी करते हुए दूसरे विकेट के लिए 104 रन जोड़े और जीत के लिए जमीन तैयार की। भारत के महानतम बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर भारत में संभवत: अपनी अंतिम पारी में एक रन बनाकर आउट हुए और पदार्पण करने वाले मुम्बई के अजिंक्य रहाणे ने एक बार फिर निराश किया। रहाणे ने पहली पारी में सात और दूसरी पारी में एक रन बनाया। चार विकेट गिरने के बाद भारत के लिए मुश्किल बढ़ता दिख रहा था लेकिन एक छोर पर डटे पुजारा और कप्तान धोनी (नाबाद 12) टीम को जीत दिलाकर ही लौटे। पुजारा ने अपनी 92 गेंदों की पारी में 11 चौके लगाए।टिप्पणियां इसके साथ भारत ने ऑस्ट्रेलिया पर अब तक के सबसे बड़े अंतर से जीत हासिल की। यही नहीं, उसने अपने 81 साल के टेस्ट इतिहास में किसी शृंखला को सबसे बड़े अंतर से जीता। भारत ने चेन्नई में खेला गया पहला टेस्ट मैच आठ विकेट से जीता था जबकि हैदराबाद में खेले गए दूसरे टेस्ट में उसने एक पारी और 135 रनों से जीत हासिल की थी। मोहाली में खेले गए तीसरे मैच को छह विकेट से जीतकर भारत ने यह शृंखला अपने नाम कर ली थी। इस तरह तीसरे ही दिन मैच को खत्म करने के लिए भारत के सामने 37 ओवरों में जीत के लिए 155 रनों की चुनौती थी। टूट चुकी विकेट पर यह लक्ष्य आसान नहीं था। और फिर लियोन ने जिस तरह की गेंदबाजी करते हुए भारत की पहली पारी में सात विकेट झटके थे, उसे देखते हुए तो यह बिल्कुल भी आसान नहीं था। भारत ने इस मुश्किल विकेट पर पुजारा के शानदार 82 रनों की बदौलत एक बेहतरीन जीत दर्ज की। पुजारा ने मुरली (11) का विकेट सस्ते में निकल जाने के बाद विराट कोहली (41) के साथ उम्दा बल्लेबाजी करते हुए दूसरे विकेट के लिए 104 रन जोड़े और जीत के लिए जमीन तैयार की। भारत के महानतम बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर भारत में संभवत: अपनी अंतिम पारी में एक रन बनाकर आउट हुए और पदार्पण करने वाले मुम्बई के अजिंक्य रहाणे ने एक बार फिर निराश किया। रहाणे ने पहली पारी में सात और दूसरी पारी में एक रन बनाया। चार विकेट गिरने के बाद भारत के लिए मुश्किल बढ़ता दिख रहा था लेकिन एक छोर पर डटे पुजारा और कप्तान धोनी (नाबाद 12) टीम को जीत दिलाकर ही लौटे। पुजारा ने अपनी 92 गेंदों की पारी में 11 चौके लगाए।टिप्पणियां इसके साथ भारत ने ऑस्ट्रेलिया पर अब तक के सबसे बड़े अंतर से जीत हासिल की। यही नहीं, उसने अपने 81 साल के टेस्ट इतिहास में किसी शृंखला को सबसे बड़े अंतर से जीता। भारत ने चेन्नई में खेला गया पहला टेस्ट मैच आठ विकेट से जीता था जबकि हैदराबाद में खेले गए दूसरे टेस्ट में उसने एक पारी और 135 रनों से जीत हासिल की थी। मोहाली में खेले गए तीसरे मैच को छह विकेट से जीतकर भारत ने यह शृंखला अपने नाम कर ली थी। भारत ने इस मुश्किल विकेट पर पुजारा के शानदार 82 रनों की बदौलत एक बेहतरीन जीत दर्ज की। पुजारा ने मुरली (11) का विकेट सस्ते में निकल जाने के बाद विराट कोहली (41) के साथ उम्दा बल्लेबाजी करते हुए दूसरे विकेट के लिए 104 रन जोड़े और जीत के लिए जमीन तैयार की। भारत के महानतम बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर भारत में संभवत: अपनी अंतिम पारी में एक रन बनाकर आउट हुए और पदार्पण करने वाले मुम्बई के अजिंक्य रहाणे ने एक बार फिर निराश किया। रहाणे ने पहली पारी में सात और दूसरी पारी में एक रन बनाया। चार विकेट गिरने के बाद भारत के लिए मुश्किल बढ़ता दिख रहा था लेकिन एक छोर पर डटे पुजारा और कप्तान धोनी (नाबाद 12) टीम को जीत दिलाकर ही लौटे। पुजारा ने अपनी 92 गेंदों की पारी में 11 चौके लगाए।टिप्पणियां इसके साथ भारत ने ऑस्ट्रेलिया पर अब तक के सबसे बड़े अंतर से जीत हासिल की। यही नहीं, उसने अपने 81 साल के टेस्ट इतिहास में किसी शृंखला को सबसे बड़े अंतर से जीता। भारत ने चेन्नई में खेला गया पहला टेस्ट मैच आठ विकेट से जीता था जबकि हैदराबाद में खेले गए दूसरे टेस्ट में उसने एक पारी और 135 रनों से जीत हासिल की थी। मोहाली में खेले गए तीसरे मैच को छह विकेट से जीतकर भारत ने यह शृंखला अपने नाम कर ली थी। भारत के महानतम बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर भारत में संभवत: अपनी अंतिम पारी में एक रन बनाकर आउट हुए और पदार्पण करने वाले मुम्बई के अजिंक्य रहाणे ने एक बार फिर निराश किया। रहाणे ने पहली पारी में सात और दूसरी पारी में एक रन बनाया। चार विकेट गिरने के बाद भारत के लिए मुश्किल बढ़ता दिख रहा था लेकिन एक छोर पर डटे पुजारा और कप्तान धोनी (नाबाद 12) टीम को जीत दिलाकर ही लौटे। पुजारा ने अपनी 92 गेंदों की पारी में 11 चौके लगाए।टिप्पणियां इसके साथ भारत ने ऑस्ट्रेलिया पर अब तक के सबसे बड़े अंतर से जीत हासिल की। यही नहीं, उसने अपने 81 साल के टेस्ट इतिहास में किसी शृंखला को सबसे बड़े अंतर से जीता। भारत ने चेन्नई में खेला गया पहला टेस्ट मैच आठ विकेट से जीता था जबकि हैदराबाद में खेले गए दूसरे टेस्ट में उसने एक पारी और 135 रनों से जीत हासिल की थी। मोहाली में खेले गए तीसरे मैच को छह विकेट से जीतकर भारत ने यह शृंखला अपने नाम कर ली थी। चार विकेट गिरने के बाद भारत के लिए मुश्किल बढ़ता दिख रहा था लेकिन एक छोर पर डटे पुजारा और कप्तान धोनी (नाबाद 12) टीम को जीत दिलाकर ही लौटे। पुजारा ने अपनी 92 गेंदों की पारी में 11 चौके लगाए।टिप्पणियां इसके साथ भारत ने ऑस्ट्रेलिया पर अब तक के सबसे बड़े अंतर से जीत हासिल की। यही नहीं, उसने अपने 81 साल के टेस्ट इतिहास में किसी शृंखला को सबसे बड़े अंतर से जीता। भारत ने चेन्नई में खेला गया पहला टेस्ट मैच आठ विकेट से जीता था जबकि हैदराबाद में खेले गए दूसरे टेस्ट में उसने एक पारी और 135 रनों से जीत हासिल की थी। मोहाली में खेले गए तीसरे मैच को छह विकेट से जीतकर भारत ने यह शृंखला अपने नाम कर ली थी। इसके साथ भारत ने ऑस्ट्रेलिया पर अब तक के सबसे बड़े अंतर से जीत हासिल की। यही नहीं, उसने अपने 81 साल के टेस्ट इतिहास में किसी शृंखला को सबसे बड़े अंतर से जीता। भारत ने चेन्नई में खेला गया पहला टेस्ट मैच आठ विकेट से जीता था जबकि हैदराबाद में खेले गए दूसरे टेस्ट में उसने एक पारी और 135 रनों से जीत हासिल की थी। मोहाली में खेले गए तीसरे मैच को छह विकेट से जीतकर भारत ने यह शृंखला अपने नाम कर ली थी। भारत ने चेन्नई में खेला गया पहला टेस्ट मैच आठ विकेट से जीता था जबकि हैदराबाद में खेले गए दूसरे टेस्ट में उसने एक पारी और 135 रनों से जीत हासिल की थी। मोहाली में खेले गए तीसरे मैच को छह विकेट से जीतकर भारत ने यह शृंखला अपने नाम कर ली थी।
गुजरात हाईकोर्ट में डिस्ट्रिक्ट जज के लिए वैकेंसी निकली हैं. इच्छुक उम्मीदवार 31 अक्टूबर तक आवेदन कर सकते हैं. पद का नाम: डिस्ट्रिक्ट जज कुल पद: 55 योग्यता: लॉ में डिग्री के साथ बेसिक कंप्यूटर नॉलेज और ज्यादा जानकारी के लिए http://hc-ojas.guj.nic.in/AdvtDetails.aspx?sid=EH8a4Q03ASE=&yr=8g5oKlNyF38=&ano=wkO/Ia5mSSk= देखें.
किलिमंजारो राष्ट्रीय उद्यान एक तंज़ानिया राष्ट्रीय उद्यान है, जो भूमध्य रेखा के 300 किलोमीटर (190 मील) दक्षिण में और तंजानिया के किलिमंजारो क्षेत्र में स्थित है। उद्यान मोशी शहर के पास स्थित है। 1,688 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को उद्यान कवर करता है। उद्यान को तंजानिया राष्ट्रीय उद्यान प्राधिकरण (TANAPA) द्वारा प्रशासित किया जाता है। उद्यान ने 2013 में 51 मिलियन अमेरिकी डॉलर का राजस्व अर्जित किया। इतिहास बीसवीं सदी की शुरुआत में, माउंट किलिमंजारो और आस-पास के जंगलों को जर्मन औपनिवेशिक सरकार द्वारा एक खेल आरक्षित घोषित किया गया था। 1921 में, यह एक वन आरक्षित के रूप में नामित किया गया था। 1973 में, ट्री लाइन (लगभग 2,700 मीटर (8,900 फीट)) के ऊपर के पहाड़ को राष्ट्रीय उद्यान के रूप में पुनर्निर्मित किया गया था। उद्यान को 1987 में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन द्वारा विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया था। 2005 में, पूरे पर्वतीय वन को शामिल करने के लिए उद्यान का विस्तार किया गया था, जो किलीमंजारो वन अभ्यारण्य का हिस्सा था। पशुवर्ग उद्यान में विभिन्न प्रकार के जानवर पाए जा सकते हैं। टिम्बरलाइन के ऊपर, किलिमंजारो ट्री हाईरेक्स, ग्रे ड्यूकर और कृन्तकों का अक्सर सामना होता है। केप भैंस पर्वतीय जंगल में और कभी-कभी दलदली भूमि और घास भूमि में पाए जाते हैं। हाथियों को नामवाई और तारकिया नदियों के बीच पाया जा सकता है और कभी-कभी अधिक ऊंचाई पर भी पाया जा सकता है। सन्दर्भ तंज़ानिया का भूगोल तंज़ानिया के राष्ट्रीय उद्यान
मायावती सरकार में मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा को बीजेपी में शामिल करने को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के सुर में सुर मिलाते हुए यूपी बीजेपी के नेता रामाशीष राय ने कहा है कि बाबू सिंह कुशवाहा ने बीजेपी की सदस्यता खरीदी है। रामाशीष राय ने कहा कि बाबू सिंह कुशवाहा ने बीजेपी में शामिल होने के लिए काफी पैसे खर्च किए हैं। रामाशीष राय ने पार्टी नेतृत्व से इस पूरे मामले की जांच कराने की मांग की। साथ ही ये भी कहा कि अगर पार्टी नेतृत्व ऐसा नहीं करता है तो इसका मतलब है कि वह भी पैसे के इस खेल में शामिल है। इस बयान के बाद बीजेपी ने रामाशीष राय को पार्टी से सस्पेंड कर दिया है। रामाशीष राय ने कहा कि बाबू सिंह कुशवाहा ने बीजेपी में शामिल होने के लिए काफी पैसे खर्च किए हैं। रामाशीष राय ने पार्टी नेतृत्व से इस पूरे मामले की जांच कराने की मांग की। साथ ही ये भी कहा कि अगर पार्टी नेतृत्व ऐसा नहीं करता है तो इसका मतलब है कि वह भी पैसे के इस खेल में शामिल है। इस बयान के बाद बीजेपी ने रामाशीष राय को पार्टी से सस्पेंड कर दिया है।
इसी महीने 4 अगस्त को केटी प्राइस ने अपने पांचवे बच्चे को जन्म दिया है. इसके बावजूद उनका फिगर पहले की तरह शानदार है और एक हद तक चौंकाने वाला भी है. केटी ने हाल ही में कुछ तस्वीरें साझा कर अपना शानदार फिगर दिखाया है. तस्वीरों में केटी का फिगर देखकर किसी नई-नवेली मॉडल को भी रश्क हो सकता है. 36 साल की इस ग्लैमर मॉडल ने चैरिटी को सपोर्ट करने के लिए YouGossip के पेज पर ये तस्वीरें शेयर की हैं. इन तस्वीरों में केटी ने ग्रे कलर की स्पोर्ट्स ब्रा और पिंक अंडरवियर पहनी है. इन तस्वीरों से साफ है कि यह फिगर पाने और बरकरार रखने के लिए उन्होंने खूब मेहनत की होगी. दूसरी तस्वीर में केटी ने सफेद रंग की बनियान और नियोन अंडरवियर पहनी है. तस्वीर में उनके पैर पर बने टैटू भी नजर आ रहे हैं.
1- गोवा: मुख्यमंत्री पर्रिकर का निधन, प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का निधन हो गया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर उनके निधन की जानकारी दी. राष्ट्रपति कोविंद ने पर्रिकर के निधन पर शोक जताया है. मनोहर पर्रिकर के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने शोक जताते हुए कहा कि मैं बहुत ज्यादा दुखी हूं. 2- मनोहर पर्रिकर के जोश और जज्बे को सलाम, आखिरी दम तक ऐसे की जनता की सेवा गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार को 63 साल की उम्र में निधन हो गया है. वह लंबे समय से बीमार थे और उनकी हालत बेहद नाजुक थी. मनोहर पर्रिकर एडवांस्ड पैंक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे थे. पिछले साल फरवरी में बीमारी का पता चलने के बाद उन्होंने गोवा, मुंबई, दिल्ली और न्यूयॉर्क के अस्पतालों में इलाज कराया, आखिरकार 17 मार्च को कैंसर के आगे वह जिंदगी की जंग हार गए. 3- 4 बार CM, 1 बार रक्षा मंत्री, संघ से था गहरा नाता... कुछ ऐसा था पर्रिकर का राजनीतिक सफर गोवा के मुख्यमंत्री का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वो लंबे से अग्नाशय के कैंसरे से पीड़ित थे. ईमानदारी और सादगी के लिए प्रसिद्ध पर्रिकर चार बार गोवा के मुख्यमंत्री रहे. 2014 में एनडीए सरकार में मनोहर पर्रिकर ने देश के रक्षा मंत्री की भूमिका निभाई. उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शोक जताया है. बता दें कि पर्रिकर की गिनती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसमंद नेताओं में की जाती थी. 4- RSS के ‘मुख्य शिक्षक’ से ऐसे BJP के संकट मोचक बने मनोहर पर्रिकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक से देश के रक्षा मंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे मनोहर पर्रिकर की उनके तटीय गृह राज्य गोवा में छवि एक सीधे सादे, सामान्य व्यक्ति की रही है. 63 वर्षीय पर्रिकर ने चार बार गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में काम किया और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में रक्षा मंत्री के तौर पर तीन वर्ष सेवाएं दीं. 5- पर्रिकर मंत्रालय की बैठकों में भी सादा चप्पल में आते थे: स्मृति ईरानी गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने दुख जताते हुए कहा कि उन्होंने सत्ता को हमेशा से सेवा का माध्यम माना. उन्होंने उंगली थामकर हमें बहुत कुछ सिखाया है. ईरानी ने कहा कि वह गोवा का अभिमान थे और उन्होंने गोवा की सेवा की है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संघर्ष कितना भी बड़ा हो लेकिन वह अंतिम क्षण तक गोवा की सेवा में लगे रहे.
आप इस पर यकीन करें या ना करें, लेकिन एक नए शोध में कहा गया है कि कुत्ते सांस तथा मल के नमूनों को सूंघकर उच्च स्तर की सटीकता के साथ यह पता लगा सकते हैं कि क्या व्यक्ति को आंतों का कैंसर है। शोधकर्ताओं के अनुसार, मानव के सबसे बेहतर दोस्त कहे जाने वाले कुत्तों में सूंघने की क्षमता मनुष्य के मुकाबले एक हजार गुना अधिक होती है। इसके नतीजतन वह कुछ प्रकार के कैंसर में पाये जाने वाले विशिष्ट रासायनिक तत्वों की पहचान कर सकता है। गट पत्रिका में प्रकाशित इस शोध के अनुसार, लेब्रेडॉर नस्ल के कुत्ते नमूनों को सूंघकर 90 फीसदी से अधिक सटीकता के साथ कैंसर का पता लगा सकते हैं। जापानी शोधकर्ताओं ने लेब्रेडॉर नस्ल के एक कुत्ते पर 74 परीक्षण किए। हर परीक्षण में आंत के कैंसर के मरीज का एक नमूना, जबकि स्वस्थ व्यक्ति के चार नमूने शामिल किए। इन नमूनों को पांच अलग-अलग बक्सों में रख दिया गया। आंत के कैंसर के रसायनों को सूंघने के लिए खासतौर पर प्रशिक्षित किए गए इस लेब्रेडॉर ने सबसे पहले कैंसर के मरीज के नमूने को ही सूंघा। यह परीक्षण अलग-अलग बक्सों के साथ बार-बार किया गया। डेली मेल के अनुसार, शोधकर्ताओं ने कहा कि लेब्रेडॉर श्वास के नमूनों में 95 फीसदी और मल के नमूनों में 98 फीसदी सटीकता के साथ कैंसर का पता लगा सकते हैं।
यह लेख है: बिहार में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) की गठबंधन सरकार में जारी अंर्तकलह के बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के एक बयान से राजनीति सरगरमी तेज हो सकती है. उन्होंने जदयू-बीजेपी गठबंधन सरकार के दिनों को याद करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और उनके नेतृत्व की तारीफ की है. अमित शाह (Amit Shah) ने कहा, '1980 के दशक में अर्थशास्त्रियों ने 'बीमारू स्टेट' शब्द का प्रयोग किया था, जिन राज्यों की प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा गई थी, जिसके चलते वहां की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई थी, ऐसे ही राज्यों को बीमारू राज्य कहा गया. बीमारू राज्य में 'बी' से बिहार, 'एम' से मध्य प्रदेश, 'आर' से राजस्थान, 'यू' से उत्तर प्रदेश.' उन्होंने आगे कहा, 'बिहार में नीतीश कुमार जबतक बीजेपी के साथ सरकार चला रही थी, वहां विकास हो रहा था, देश-दुनिया के अर्थशास्त्री मानते हैं कि उस दौर में बिहार बिमारू राज्य से बाहर होने की कगार पर पहुंच गया था.' बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 13 साल से बीजेपी की सरकार है, ये दोनों राज्य विकसित राज्य बनने की कगार पर हैं, राजस्थान भी बीमारू राज्य से बाहर है. यूपी में हमें अभी जनादेश मिला है, पांच साल बाद इस इस राज्य की भी हालत बदल जाएगी. नीतीश कुमार को लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के इस बयान को कई मायने में अहम माना जा सकता है. दरअसल, हाल ही में लालू प्रसाद यादव के बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार का केस दर्ज होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है. जदयू और राजद नेताओं के बीच पिछले कुछ दिनों में कई बार जुबानी जंग भी हुए. टिप्पणियां इसी बीच बिहार के राजनीति गलियारे में ये भी चर्चा है कि जदयू और सीएम नीतीश कुमार लगातार तेजस्वी यादव पर मंत्रिमंडल से बाहर होने का दबाव बना रहे हैं. हालांकि आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने तेजस्वी के इस्तीफे से साफ मना कर दिया है. इसी राजनीतिक गहमागहमी के बीच बिहार बीजेपी के अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा था कि अगर आरजेडी नीतीश कुमार का साथ छोड़ती है तो बीजेपी बाहर से समर्थन कर सरकार गिरने नहीं देगी. अब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने नीतीश कुमार की तारीफ की है. नाजुक मोड़ से गुजर रहे जदयू-राजद और कांग्रेस के महागठबंधन को जहां बचाने की कोशिश जारी है, वहीं अमित शाह का ताजा बयान लालू प्रसाद यादव की चिंता बढ़ा सकती है. अमित शाह दिल्ली में जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी पर लिखी किताब (श्यामा प्रसाद मुखर्जी- हिज विजन ऑफ एजुकेशन) का उद्घाटन करने पहुंचे थे, यहीं उन्होंने नीतीश कुमार और बीजेपी-जदयू सरकार के कार्यकाल की तारीफ की. कार्यक्रम में उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि इसने देश भर में परिवारवाद, जातिवाद और तुष्टिकरण की राजनीति की, जिसका खामियाजा देश के लोगों को भुगतना पड़ा. जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार बनी परिवारवाद, जातिवाद और तुष्टिकरण का खात्मा हो गया.    बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 13 साल से बीजेपी की सरकार है, ये दोनों राज्य विकसित राज्य बनने की कगार पर हैं, राजस्थान भी बीमारू राज्य से बाहर है. यूपी में हमें अभी जनादेश मिला है, पांच साल बाद इस इस राज्य की भी हालत बदल जाएगी. नीतीश कुमार को लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के इस बयान को कई मायने में अहम माना जा सकता है. दरअसल, हाल ही में लालू प्रसाद यादव के बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार का केस दर्ज होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है. जदयू और राजद नेताओं के बीच पिछले कुछ दिनों में कई बार जुबानी जंग भी हुए. टिप्पणियां इसी बीच बिहार के राजनीति गलियारे में ये भी चर्चा है कि जदयू और सीएम नीतीश कुमार लगातार तेजस्वी यादव पर मंत्रिमंडल से बाहर होने का दबाव बना रहे हैं. हालांकि आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने तेजस्वी के इस्तीफे से साफ मना कर दिया है. इसी राजनीतिक गहमागहमी के बीच बिहार बीजेपी के अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा था कि अगर आरजेडी नीतीश कुमार का साथ छोड़ती है तो बीजेपी बाहर से समर्थन कर सरकार गिरने नहीं देगी. अब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने नीतीश कुमार की तारीफ की है. नाजुक मोड़ से गुजर रहे जदयू-राजद और कांग्रेस के महागठबंधन को जहां बचाने की कोशिश जारी है, वहीं अमित शाह का ताजा बयान लालू प्रसाद यादव की चिंता बढ़ा सकती है. अमित शाह दिल्ली में जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी पर लिखी किताब (श्यामा प्रसाद मुखर्जी- हिज विजन ऑफ एजुकेशन) का उद्घाटन करने पहुंचे थे, यहीं उन्होंने नीतीश कुमार और बीजेपी-जदयू सरकार के कार्यकाल की तारीफ की. कार्यक्रम में उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि इसने देश भर में परिवारवाद, जातिवाद और तुष्टिकरण की राजनीति की, जिसका खामियाजा देश के लोगों को भुगतना पड़ा. जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार बनी परिवारवाद, जातिवाद और तुष्टिकरण का खात्मा हो गया.    नीतीश कुमार को लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के इस बयान को कई मायने में अहम माना जा सकता है. दरअसल, हाल ही में लालू प्रसाद यादव के बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार का केस दर्ज होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है. जदयू और राजद नेताओं के बीच पिछले कुछ दिनों में कई बार जुबानी जंग भी हुए. टिप्पणियां इसी बीच बिहार के राजनीति गलियारे में ये भी चर्चा है कि जदयू और सीएम नीतीश कुमार लगातार तेजस्वी यादव पर मंत्रिमंडल से बाहर होने का दबाव बना रहे हैं. हालांकि आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने तेजस्वी के इस्तीफे से साफ मना कर दिया है. इसी राजनीतिक गहमागहमी के बीच बिहार बीजेपी के अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा था कि अगर आरजेडी नीतीश कुमार का साथ छोड़ती है तो बीजेपी बाहर से समर्थन कर सरकार गिरने नहीं देगी. अब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने नीतीश कुमार की तारीफ की है. नाजुक मोड़ से गुजर रहे जदयू-राजद और कांग्रेस के महागठबंधन को जहां बचाने की कोशिश जारी है, वहीं अमित शाह का ताजा बयान लालू प्रसाद यादव की चिंता बढ़ा सकती है. अमित शाह दिल्ली में जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी पर लिखी किताब (श्यामा प्रसाद मुखर्जी- हिज विजन ऑफ एजुकेशन) का उद्घाटन करने पहुंचे थे, यहीं उन्होंने नीतीश कुमार और बीजेपी-जदयू सरकार के कार्यकाल की तारीफ की. कार्यक्रम में उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि इसने देश भर में परिवारवाद, जातिवाद और तुष्टिकरण की राजनीति की, जिसका खामियाजा देश के लोगों को भुगतना पड़ा. जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार बनी परिवारवाद, जातिवाद और तुष्टिकरण का खात्मा हो गया.    इसी बीच बिहार के राजनीति गलियारे में ये भी चर्चा है कि जदयू और सीएम नीतीश कुमार लगातार तेजस्वी यादव पर मंत्रिमंडल से बाहर होने का दबाव बना रहे हैं. हालांकि आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने तेजस्वी के इस्तीफे से साफ मना कर दिया है. इसी राजनीतिक गहमागहमी के बीच बिहार बीजेपी के अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा था कि अगर आरजेडी नीतीश कुमार का साथ छोड़ती है तो बीजेपी बाहर से समर्थन कर सरकार गिरने नहीं देगी. अब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने नीतीश कुमार की तारीफ की है. नाजुक मोड़ से गुजर रहे जदयू-राजद और कांग्रेस के महागठबंधन को जहां बचाने की कोशिश जारी है, वहीं अमित शाह का ताजा बयान लालू प्रसाद यादव की चिंता बढ़ा सकती है. अमित शाह दिल्ली में जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी पर लिखी किताब (श्यामा प्रसाद मुखर्जी- हिज विजन ऑफ एजुकेशन) का उद्घाटन करने पहुंचे थे, यहीं उन्होंने नीतीश कुमार और बीजेपी-जदयू सरकार के कार्यकाल की तारीफ की. कार्यक्रम में उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि इसने देश भर में परिवारवाद, जातिवाद और तुष्टिकरण की राजनीति की, जिसका खामियाजा देश के लोगों को भुगतना पड़ा. जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार बनी परिवारवाद, जातिवाद और तुष्टिकरण का खात्मा हो गया.    अमित शाह दिल्ली में जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी पर लिखी किताब (श्यामा प्रसाद मुखर्जी- हिज विजन ऑफ एजुकेशन) का उद्घाटन करने पहुंचे थे, यहीं उन्होंने नीतीश कुमार और बीजेपी-जदयू सरकार के कार्यकाल की तारीफ की. कार्यक्रम में उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि इसने देश भर में परिवारवाद, जातिवाद और तुष्टिकरण की राजनीति की, जिसका खामियाजा देश के लोगों को भुगतना पड़ा. जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार बनी परिवारवाद, जातिवाद और तुष्टिकरण का खात्मा हो गया.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब वह उनके साथ थे तो उनकी नजरों में 'पीएम मैटेरियल' थे, लेकिन अब अलग हो गए तो किसी काम के नहीं रहे. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सत्येंद्र नारायण सिन्हा की मूर्ति का अनावरण करते हुए नीतीश ने प्रधानमंत्री की ओर से उनके डीएनए पर सवाल उठाने पर उन्हें खुला पत्र लिखा है, जिसके जवाब का उन्हें इंतजार है. 'हमारे DNA में आजादी की लड़ाई के मूल्य' नीतीश ने गुरुवार को फिर कहा कि मैंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर डीएनए वाली बात वापस लेने की अपील की है.' उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री की टिप्पणी देश के सर्वोच्च पद की गरिमा के अनुकूल नहीं है. हमारा डीएनए वही है जो बिहार के लोगों का है. हमारा डीएनए अलग नहीं है. हमारे डीएनए में स्वतंत्रता संग्राम के मूल्य हैं . यह शब्द देश के सर्वोच्च पद की गरिमा के अनुरूप नहीं है इसलिए इसे वापस लिया जाए. इससे बिहार के लोगों की भावनाए आहत हुई हैं.' उन्होंने कहा, 'मैंने तो प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है बीजेपी या एनडीए से कुछ कहा नहीं. इनकी तो कोई मर्यादा है नहीं. कल साथ थे तो पीएम मैटेरियल थे, अब अलग हो गए तो किसी काम के नहीं हैं. हम तो उनकी बातों पर ध्यान ही नहीं देते.' 'हमने विनम्रता कायम रखी है' बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा, 'हमारे खून और दिल और दिमाग में आजादी की लड़ाई के मूल्य हैं जो हमारे राष्ट्र के नागरिकों ने स्थापित किए हैं. उनके पुरखों ने तो आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया नहीं. इसलिए उनसे कोई उम्मीद नहीं है.' उन्होंने कहा कि मैंने पत्र में प्रधानमंत्री से यह नहीं कहा कि आप माफी मांगिए. मैंने अपने पत्र में संस्कार कायम रखा वो संस्कार है- विनम्रता का. हमने उसे कायम रखा है. नीतीश ने हाल में मोदी के साथ मंच साझा करने पर भी सफाई दी. उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री के नाते जो मेरा दायित्व है हम उसे निभाते हैं. पार्टी के लोग कहते थे कि हमने इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि वह बिहार आते तो उन्हें रिसीव करना पड़ता. लेकिन जब वह आए तो हम जाकर मिले भी और उन्हें रिसीव भी किया और मुजफ्फरपुर में उनके भाषण को सुनने के बाद उन्हे सीऑफ भी किया.'
यह लेख है: इसके ख़िलाफ़ या उसके ख़िलाफ़ आपके तर्क सही होंगे मगर आपसी बहस को नफ़रत में मत बदलने दीजिए. ख़ूब गिला शिकवा निकालिए मगर दुकानों को मत जलाइये. किसी पर पत्थर मत फेंकिए. किसी की जान मत लीजिए. आप देखिए आपके कालेजों की हालत क्या है. लाखों छात्रों का बीए नहीं हो रहा है, किसी को नौकरी नहीं मिल रही है और बहुत चालाकी से ये नेता आपको हिन्दू मुसलमान में उलझा चुके हैं. आपको दंगाई बनाया जा रहा है. आप चाहे हिन्दू हों या मुसलमान हों. दंगाई बनने से रोकिए ख़ुद को. मुकदमे वापस लीजिए और गले मिल जाइये.टिप्पणियां आप एक अच्छे नागरिक हैं. अब भी वक्त है कि अपने गुस्से से वापस लौट आने का. वहीं छोड़ कर गले मिलने का. नेता आपका घर जला रहा है तो आप कहां हैं. बिहार कहां हैं. आप लोग बाहर निकलिए. इस राज्य को बचा लीजिए. नेताओं को अब सशक्त वोटर नहीं चाहिए, उन्हें दंगों में उलझा हुआ वोटर चाहिए जो उनसे वादों का हिसाब न पूछे बल्कि अपनी किसी अनजान सुरक्षा के लिए निर्भर हो जाए. उम्मीद है आप खुद को समझाने का एक मौका देंगे. ख़ुद को दंगाई बनाने का कोई मौक़ा नहीं देंगे. आपका, रवीश कुमार आप एक अच्छे नागरिक हैं. अब भी वक्त है कि अपने गुस्से से वापस लौट आने का. वहीं छोड़ कर गले मिलने का. नेता आपका घर जला रहा है तो आप कहां हैं. बिहार कहां हैं. आप लोग बाहर निकलिए. इस राज्य को बचा लीजिए. नेताओं को अब सशक्त वोटर नहीं चाहिए, उन्हें दंगों में उलझा हुआ वोटर चाहिए जो उनसे वादों का हिसाब न पूछे बल्कि अपनी किसी अनजान सुरक्षा के लिए निर्भर हो जाए. उम्मीद है आप खुद को समझाने का एक मौका देंगे. ख़ुद को दंगाई बनाने का कोई मौक़ा नहीं देंगे. आपका, रवीश कुमार आपका, रवीश कुमार
Republic Day 2019: 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड का आयोजन हो गया है. अगर आप सोच रहे हैं कि परेड के आयोजन के साथ ही गणतंत्र दिवस का जश्न समाप्त हो गया है तो ऐसा नहीं है. दरअसल गणतंत्र दिवस पर सिर्फ परेड का ही आयोजन नहीं होता है, बल्कि 26 जनवरी वाले पूरे सप्ताह में कई कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जिसमें बीटिंग द रिट्रीट भी एक है. यह गणतंत्र दिवस आयोजनों का आधिकारिक रूप से समापन करता है. बता दें कि हर साल 29 जनवरी की शाम यानी गणतंत्र के तीसरे दिन बीटिंग द रिट्रीट आयोजन होता है. यह आयोजन तीन सेनाओं के एक साथ मिलकर सामूहिक बैंड वादन से आरंभ होता है. इसमें तीन सेनाओं के बैंड देश के राष्ट्रपति के सामने बैंड बजाते हैं. इस दौरान ड्रमर भी एकल प्रदर्शन (जिसे ड्रमर्स कॉल कहते हैं) करते हैं. इसके अलावा ड्रमर्स की ओर से एबाइडिड विद मी (यह महात्‍मा गांधी की प्रिय धुनों में से एक कहीं जाती है) बजाई जाती है और ट्युबुलर घंटियों की ओर से चाइम्‍स बजाई जाती हैं, जो काफी दूरी पर रखी होती हैं और इससे एक मनमोहक दृश्‍य बनता है. इस दौरान राष्ट्रपति वहां मौजूद होते हैं और यह कार्यक्रम राष्ट्रपति भवन और संसद के पास विजय चौक पर आयोजित किया जाता है. बैंड वादन के बाद रिट्रीट का बिगुल वादन होता है, जब बैंड मास्‍टर राष्‍ट्रपति के समीप जाते हैं और बैंड वापिस ले जाने की अनुमति मांगते हैं. इसका मतलब ये होता है कि 26 जनवरी का समारोह पूरा हो गया है और बैंड मार्च वापस जाते समय लोकप्रिय धुन "सारे जहां से अच्‍छा" बजाते हैं. इस दौरान शाम 6 बजे बगलर्स रिट्रीट की धुन बजाते हैं और राष्‍ट्रीय ध्‍वज को उतार लिया जाता हैं. इसके साथ ही राष्‍ट्रगान गाया जाता है और इस प्रकार गणतंत्र दिवस के आयोजन का औपचारिक समापन होता है.
मदुरै के ओथाकदाई इलाके के समीप बुधवार तड़के एक वैन और बस में भिड़ंत होने से 1 बच्चे सहित 6 व्यक्तियों की मौत हो गई और 22 घायल हो गए. वैन में बैठे लोग कन्याकुमारी जा रहे थे. हादसे में इनमें से 6 लोगों की मौत हो गई. बस तिरुनेलवेली से चेन्नई जा रही थी. पुलिस ने बताया कि घायल हुए 22 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जाती है.
रिवेंज () एक अमेरिकी टेलिविज़न ड्रामा शृंखला है, जिसकी रचना माइक कॅली ने की है तथा जिसमें मुख्य भूमिका में हैं मैडेलिन स्टो व एमिली वैन-कैंप। शृंखला का प्रिमीयर सितम्बर 21, 2012 को एबीसी चॅनल पर हुआ था। मुख्य कथानक फ्रांसीसी लेखक अलेक्जेंडर ड्यूमा द्वारा रचित द काउंट ऑफ़ मॉन्टे क्रिस्टो‎ उपन्यास से प्रेरित है। शृंखला की कहानी न्यू यॉर्क के लॉन्ग आइलैंड के हॅम्पटन शहर में रहने वाले धनी व समृद्ध ग्रेसन परिवार के आसपास घूमती है। कई वर्ष पहले, कॉनरेड और विक्टोरिया ग्रेसन ने अपने मित्र डेविड क्लार्क को आतंकवादी होने व एक विमान दुर्घटना के लिए, जिसमें कई लोगों की जान गई थी, जिम्मेदार होने के लिए फसा दिया था। डेविड को इस अपराध के लिए सजा होती है और जेल में रहते हुए उसकी मृत्यु ही जाती है। वर्षों बाद डेविड की पुत्री अमेंडा क्लार्क अपने पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए एमिली थॉर्न के नाम के साथ हॅम्पटन शहर वापस आती है। शृंखला को आलोचकों ने सराहा था तथा इसे अच्छी टेलिविज़न रेटिंग प्राप्त हुई। अक्टूबर 13, 2011, तक कार्यक्रम के चार एपिसोड पूरें होने के पश्चात एबीसी ने शृंखला को पूरे 22 एपिसोड तक के लिए नवीकृत कर दिया था। मैडेलिन स्टो को कार्यक्रम में अपनी निभाई गई विक्टोरिया ग्रेसन की भूमिका के लिए गोल्डन ग्लोब की बेस्ट ऐक्ट्रेस ड्रामा सीरीज़ (सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री ड्रामा शृंखला) श्रेणी में नामित किया गया था। कथानक शृंखला की कहानी लॉन्ग आइलैंड, न्यू यॉर्क की स्फ़क काउंटी के एक समृद्ध नगर हॅम्पटन में चलती है। शहर में अरबपति एमिली थॉर्न (एमिली वैन-कैंप) रहने के लिए आती है जो असल में अमेंडा क्लार्क है। अमेंडा डेविड क्लार्क की पुत्री है, जिसे 1995 में हुई एक विमान दुर्घटना के कारण 197 यात्रियों की मौत का दोषी समझा जाता है। उसे एफबीआई एजेंटों ने गिरफ्तार कर लिया था और जल्द ही दोषी करार कर दिया। डेविड के दोस्तों व सहकर्मियों, कॉनरेड और विक्टोरिया ग्रेसन (मैडेलिन स्टो), व उसकी सेक्रेटरी लिडिया डेविस ने उसके खिलाफ गवाही दी थी। विक्टोरिया का डेविड के साथ प्रेम प्रसंग था, परन्तु उसे डेविड को धोखा देने पर कॉनरेड ने, यह धमकी दे कर कि वह दोनों के साझे बेटे डैनियल को खो सकती है, मजबूर कर दिया था। डेविड को देशद्रोह के किए दोषी ठहराया गया और कुछ वर्षों के बाद जेल में उसकी मृत्यु हो गई। डेविड की गिरफ्तारी के बाद अमेंडा को पहले एक अनाथालय भेजा गया तथा फिर एक किशोरों के लिए एक बनी विशेष सुधारक सुविधा (जुवेनाइल) में, जहाँ उसकी मुलाकात एमिली थॉर्न से होती है। अनाथालय में जाने से पहले, अमेंडा ने अपने दोस्त जैक पोर्टर को अपना कुत्ता सैमी दे दिया था। जब वह 18 वर्ष होने के पश्चात जुवेनाइल से बहार आती है तब उसे नोलन रॉस लेने आता है; नोलन ने डेविड की मदद से सफलता हासिल की थी और वर्तमान समय में एक करोड़पति है। वह उसे बताता है कि उसके पिता को गलत तरीके से दोषी ठहराया गया था और वह नोलन की कंपनी में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी की मालिक है। वर्षों बाद, अमेंडा उन लोगों से, जिन्होंने उसके परिवार का जीवन नष्ट किया था, बदला लेने के लिए हॅम्पटन शहर एमिली थॉर्न के नाम से आती है। वह उसी घर को किराये पर लेती है जहाँ वर्षी पहले वह अपने पिटा के साथ रहती थी। वर्तमान समय में यह घर डेविड की रखैल लिडिया डेविस के पास है। लिडिया उसके पिता की दोषसिद्धि के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों की सूची में उसका पहला लक्ष्य है। इस बीच, वह विक्टोरिया ग्रेसन के बेटे डैनियल के साथ प्रेम सम्बंध बनाती है, जिसके कारण विक्टोरिया चिन्तित हों जाती है तथा अपनी नवागंतुक पड़ोसी के अतीत के बारे में अपने संसाधनों की मदद से तहकीकात करना शुरू कर देती है। पात्र मुख्य पात्र मैडेलिन स्टो, विक्टोरिया ग्रेसन की भूमिका में — ग्रेसन परिवार की आकर्षक और शक्तिशाली कुलमाता जिसे कई बार "हॅम्पटन की रानी" भी कहा जाता है। विक्टोरिया डैनियल और शार्लेट की माँ व कॉनरेड की पत्नी है, परन्तु वह शादीशुदा होते हुए भी अमेंडा के पिता डेविड क्लार्क से प्रेम करती थी। शार्लेट असल में विक्टोरिया और डेविड की पुत्री है, परन्तु इस रहस्य को विक्टोरिया ने कई वर्षों तक गुप्त रखा था। विक्टोरिया को कॉनरेड ने डेविड को धोखा देने के लिए मजबूर कर दिया था ताकि वह उसकी मदद से डेविड को अपनी गलती द्वारा हुए अपराध के लिए फसा सके। परिणामस्वरूप विक्टोरिया अमेंडा की सबसे बड़ी दुश्मन है और विक्टोरिया अमेंडा पर कभी भी पूरी तरह से विश्वास नहीं करती, हालांकि वह अमेंडा की वास्तविकता से अवगत नहीं है। भावनात्मक रूप से दूसरों से दूर, विक्टोरिया को रूखे स्वभाव का व चतुर दर्शाया गया है, वह कुशलता से अपना काम निकलवाना जानती है। परन्तु निजी क्षणों में यह दिखाया गया है कि अपने परिवार की चिंता व डेविड को हुई सजा के लिए अपने को दोषी समझने के कारण विक्टोरिया का ऐसा कटु स्वभाव है। एमिली वैन-कैंप, अमेंडा क्लार्क/एमिली थॉर्न की भूमिका में — अमेंडा डेविड क्लार्क की पुत्री है जो अपने पिता को हुई गलत सजा व उसके कारण हुई उसकी मृत्यु का बदला लेने के लिए हॅम्पटन शहर एमिली थॉर्न के नाम के साथ आती है, जिसे एक समृद्ध परोपकार काम करने के लिए समर्पित प्रभावयुक्त व्यक्ति दिखाया गया है। एमिली बहुत बुद्धिमान है और अपने पिता का नाम समाशोधन करने और हर उस व्यक्ति, जिसके कारण उसके पिता का पतन हुआ था, से बदला लेने के लिए अपना जीवन समर्पित कर चुकि है। समय के साथ एमिली को अपने पिता की सजा व ग्रेसन परिवार से सम्बंधित कई रहस्य पता चलते हैं, विशेष रूप से यह तथ्य कि शार्लेट ग्रेसन उसकी सौतेली बहन है, जिसका जन्म उसके पिता और विक्टोरिया के प्रेम-प्रसंग के कारण हुआ था। अपने मिशन की पूर्ती के लिए अमेंडा डैनियल ग्रेसन को अपने प्यार में फसा लेती है, परन्तु धीरे-धीरे डैनियल के लिए उसके मन में भावनाएँ जागने लगती हैं। एमिली नोलन रॉस की मित्र है, हालांकि वह कभी इस तथ्य को बहारी तौर पे स्वीकार नहीं करती। एमिली एलिन लिंड छोटी अमेंडा क्लार्क का किरदार निभाती है। गेब्रियल मैन, नोलन रॉस की भूमिका में — प्रतिभाशाली सॉफ्टवेयर आविष्कारक और कंप्यूटर हैकर व एमिली। जब नोलन एक मामूली व्यक्ति था तब उसकी प्रतिभा को देखके डेविड क्लार्क ने उसे आगे बढ़ने के लिए वित्तीय सहायता दी थी जिसकी बदोलत नोलन आज हॅम्पटन शहर की एक सफल शख़्सियत है। डेविड की इस उदारता के कारण नोलन एमिली का सबसे विश्वसनीय सहयोगी है। जुवेनाइल से बहार आने के बाद एमिली की मदद नोलन ने ही की थी, तथा उसे अपनी कम्पनी में 49 प्रतिशत का भागीदार बना लिया। हेनरी चरणी, कॉनरेड ग्रेसन की भूमिका में — विक्टोरिया का पति, डैनियल का पिता व शार्लेट का कानूनी पिता। कॉनरेड ग्रेसन ग्लोबल का सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) है; डेविड क्लार्क इसी कम्पनी में कॉनरेड के अंतर्गत काम करता था। कॉनरेड के अपनी पत्नी विक्टोरिया की भूतपूर्व परम मित्र लिडिया डेविस के साथ शारीरिक संबंध थे। विमान दुर्घटना, जिसके जिम्मेदार आतंकवादियों को वित्तपोषण करने के अपराध में डेविड क्लार्क को सजा हुई थी उसका असली उत्तरदायी कॉनरेड था। डेविड को फसाने की साजिश में कॉनरेड ने अपने सुरक्षा प्रमुख फ्रैंक स्टीवंस व अपनी पत्नी की मदद ली थी। कॉनरेड अपने बच्चों को प्यार करता है व शरुआत से ही इस बात से अवगत था कि उसकी पत्नी व उसके कर्मचारी डेविड के अवैध सम्बंध हैं। जोशुआ बोमन, डैनियल ग्रेसन की भूमिका में — विक्टोरिया और कॉनरेड का पुत्र व शार्लेट का सौतेला भाई। डैनियल जल्द ही एमिली से प्रेमासक्त होकर उससे मंगनी कर लेता है। डैनियल अपनी माँ के ज्यादा नजदीक है। विक्टोरिया के बचाव के लिए वह कई बार अपने पिता के विरुद्ध भी खड़ा हों जाता है। वह अपने माता-पिता के काले अतीत व अपनी मंगेतर की साजिशों से अनभिज्ञ है। निक वॅक्सलर, जैक पोर्टर की भूमिका में — डॅक्लन पोर्टर का भाई व अपने पिता की मृत्यु के बाद उसका कानूनी अभिभावक। जैक एमिली के बचपन का दोस्त है, वर्तमान समय में एमिली के मन में जैक के लिए भावनाएँ हैं, जिन्हें वो समझ नहीं पाती। वह असली एमिली थॉर्न का प्रेमी बन जाता है जब एमिली अमेंडा क्लार्क के नाम से हॅम्पटन रहने आ जाती है। कॉनर पाउलो, डॅक्लन पोर्टर की भूमिका में — जैक पोर्टर का छोटा भाई व शार्लेट ग्रेसन का वर्तमान प्रेमी। डॅक्लन बड़े सपने देखने वाला है व अपने परिवार के आर्थिक रूप से कमजोर जीवन के लिए अपने पिता को उत्तरदायी मानता है, हालांकि पिता की मृत्यु के बाद उसकी सोच में कुछ बदलाव आता है। वह अपने भाई से बहुत प्रेम करता है व उसे कई बार समझाने का प्रयत्न करता है कि उसे दूसरों के भले से ज्यादा अपने बारे में सोचना चाहिए। क्रिस्टा बी॰ एलन, शार्लेट ग्रेसन की भूमिका में — विक्टोरिया और कॉनरेड की बेटी, डैनियल और अमेंडा की सौतेली बहन और डॅक्लन की प्रेमिका। शार्लेट को अपनी माँ से भावनात्मक दूरी के वर्ष सहने पड़े थे, वह इस बात से अंजान थी कि उसकी माँ का उसके प्रति यह रुखा व्यवहार इसलिए था क्योंकि शार्लेट की उपस्थिति विक्टोरिया को डेविड की याद दिलाती थी। शार्लेट को एमिली के प्रति भगिनीवत महसूस करती है। जबा उसे पता चलता है कि एक देशद्रोही, डेविड क्लार्क, उसका जैविक पिता है तो वह बिल्कुल टूट जाती है और यह तथ्य पूरी तरह से उसकी माँ के साथ उसके रिश्ते को नष्ट कर देता है। आवर्ती पात्र शृंखला के पहले सत्र में एक या एक से अधिक विशेष रूप से प्रदर्शित आवर्ती पात्र भी शामिल हैं। यह वह पात्र हैं जो मुख्य कलाकारों की तरह सभी प्रकरणों में नहीं दिखाई दिए। जेम्स टप्पर, डेविड क्लार्क की भूमिका में — अमेंडा व शार्लेट का मृत पिता, जिसका विक्टोरिया ग्रेसन का साथ गुप्त प्रेम-प्रसंग था। कॉनरेड की साजिश में फसने के कारण डेविड अब अमेरिका में सबसे ज्यादा नफरत के साथ याद किए जाने वाले पुरुषों में गिना जाता है। एमिली का परम उद्देश्य अपने पिता के प्रति इस दृष्टिकोण को बदलना है, जिसके लिए वह षड्यंत्र के बारे में सच को उजागर करना चाहती है जिसके कारण उसके पिता को जेल हुई थी। मर्गारिटा लेवियेवा, अमेंडा क्लार्क/एमिली थॉर्न की भूमिका में — असली एमिली थॉर्न जो अमेंडा क्लार्क से जुवेनाइल में मिलती है और दोनों जल्द ही दोस्त बन जाती हैं। एमिली का कोई परिवार नहीं है और अमेंडा को वह अपनी बहन समझती है। एमिली के कहने पे वह उसके साथ अपनी पहचान बदलने के लिए तैयार हो जाती है और जुवेनाइल से बहार आने के कई वर्षों तक अमेंडा क्लार्क बनके रहने लगती है। वह एक स्ट्रिपर (कामुक नर्तकी) बन जाती है। जब कॉनरेड का सुरक्षा प्रमुख फ्रैंक स्टीवंस असली अमेंडा की खोज करता हुआ एमिली के पास पहुँचता है तब यह सोच के कि फ्रैंक को असली अमेंडा क्लार्क और उसके बीच का पहचान बदलने का रहस्य पता चल गया है तो अमेंडा को बचाने के लिए एमिली फ्रैंक की हत्या कर देती है और भाग के एमिली थॉर्न के नाम से हॅम्पटन में रह रही अमेंडा क्लार्क के पास चली जाती है। हीरोयुकी सनाडा, सातोशी टाकेडा की भूमिका में — जापानी कारोबारी जो एक समय एमिली की प्रतिशोध लेने कि खोज में उसका गुरु था व समय-समय पर उसकी मदद करता है। टाकेडा ने ही असल में टाइलर की हत्या करी थी। वह जानबूझकर एमिली के करीबी डैनियल और जैक को इस अपराध में फसा देता है जिससे एमिली अपनी बदला लेने की योजना पर ध्यान केंद्रित कर सके। प्रकरण पुरस्कार और नामांकन सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ रिवेंज को इण्टरनेट मूवी डेटाबेस पर देखें अंग्रेज़ी भाषा के टीवी कार्यक्रम दशक 2010 की अमेरिकी टेलिविज़न शृंखलाएँ अमेरिकी नाटक टेलीविजन शृंखला अमेरिकन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी नेटवर्क कार्यक्रम
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) की स्थापना दिसंबर, 1985 में भारतीय संसद द्वारा पारित कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण अधिनियम के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा की गई। इस अधिनियम (1986 का 2) को गजट असाधारण भाग – II (खण्ड 3 (II) में 13.02.1986 से लागू किया गया। प्राधिकरण ने संसाधित खाद्य निर्यात प्रोत्साहन परिषद का स्थान लिया। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में , अध्यक्ष Dr.M.Agamuthu हैं। अधीन कार्य -ministry of commerce and industry निर्दिष्ट कार्य कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण अधिनियम 1985, (1986 का 2) के अनुसार प्राधिकरण को निम्नलिखित कार्य सौंपे गये हैं- वित्तीय सहायता प्रदान कर या सर्वेक्षण तथा संभाव्यता अध्ययनों, संयुक्त उद्यमों के माध्यम से साम्या पूँजी लगाकर तथा अन्य राहतों व आर्थिक सहायता योजनाओं के द्वारा अनुसूचित उत्पादों के निर्यात से संबद्ध उद्योगों का विकास करना। निर्धारित शुल्क के भुगतान पर अनुसूचित उत्पादों के निर्यातकों के रूप में व्यक्तियों का पंजीकरण करना। निर्यात उद्देश्य के लिए अनुसूचित उत्पादों के लिए मानक और विनिर्देश तय करना। बूचड़खानों, संसाधन संयंत्रों, भंडारण परिसर, वाहनों या अन्य स्थानों में जहाँ ऐसे उत्पाद रखे जाते हैं या उन पर कार्य किया जाता है, उन उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से निरीक्षण करना। अनुसूचित उत्पादों की पैकेजिंग में सुधार लाना। भारत से बाहर अनुसूचित उत्पादों के विपणन में सुधार लाना। निर्यातोन्मुख उत्पादन का प्रोत्साहन और अनुसूचित उत्पादों का विकास। उत्पादन, प्रसंस्करण, पैकेजिंग, विपणन या अनुसूचित उत्पादों के निर्यात में लगे संगठनों या कारखानों के मालिकों या अनुसूचित उत्पादों से सम्बद्ध मामलों के लिए निर्धारित ऐसे अन्य व्यक्तियों से आंकड़े एकत्र करना तथा इस प्रकार एकत्रित किए गए आंकड़ों या उनके किसी एक भाग या उनके उद्धरण प्रकाशित करना। अनुसूचित उत्पादों से जुड़े उद्योगों के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण देना। निर्धारित किए गए अन्य मामले। बाहरी कड़ियाँ कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण का जालघर कृषि‍ एवं प्रसंस्‍कृत खाद्य उत्‍पाद नि‍र्यात वि‍कास प्राधि‍करण(एपीईडीए): किसानों का हि‍तैषी व सहायक (पत्र सूचना कार्यालय) भारतीय नियामक
आतंक का आक़ा अबू बक़र अल बग़दादी वाकई अजीब है. हाल के वक्त में किसी की मौत को लेकर सबसे ज्यादा पहेली बूझी गई है तो वो बस यही है. इसकी ज़िंदगी अगर छलावा है तो मौत एक पहेली. डेढ़ साल से इसने मौत की खामोशी अख्तियार कर रखी थी. अब डेढ़ साल बाद अचानक फिर से बोल उठा है. खबर है कि इराक और सीरिया से बोरिया-बिस्तर बांध दिए जाने के बाद अब आईएसआईएस और उसका सरगना सीरिया से सोमालिया पहुंच गया है. सोमालिया बना आईएसआईएस का नया ठिकाना. सोमालिया में तैयार हो रही है आईएस की नई ज़मीन. सोमालिया में ही छुपा है आईएस का सरगना बग़दादी. अमेरिका की नज़र भी अब सोमालिया पर. आईएस और बगदादी का जिन्न करीब डेढ़ साल बाद एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है. दुनिया के लिए खत्म हो चुका बग़दादी और उसका आईएस अचानक फिर से ज़िंदा हो उठा है. ख़बरों के मुताबिक पहले इराक और फिर सीरिया में अपनी ज़मीन खोने के बाद बगदादी आतंक के अपने लश्कर के साथ सोमालिया की सरज़मीन पर जा पहुंचा है. और अब वहीं से वो आईएस के अंदर एक नई जान फूंकने की कोशिश कर रहा है. अमेरिका समेत बाकी दुनिया अब ये जानने में लगी है कि आखिर बगदादी ने सोमालिया को ही क्यों चुना. दरअसल सोमालिया में गुरबत का आलम ये है कि अब यहां चोरी, किडनैपिंग, समुद्र में जहाज लूटना और फिर फिरौती मांगना सबसे बड़ा व्यवसाय है. कानून से ज़्यादा यहां आतंकी गुटों का राज चलता है. नाकाम प्रशासन और गृहयुद्ध जैसे हालात सोमालिया की सबसे बड़ी दिक्कत है. और मुल्क के ज़्यादातर हिस्सों में आतंकी संगठन अल शबाब का आतंक है. और ये सारे हालात बगदादी को आतंक की नई जमीन तैयार करने में बेहद मददगार साबित हो सकते हैं. ख़बर है कि पिछले साल के आखिर में सीरिया और इराक पर अपना कब्ज़ा खोने के बाद हाल के दिनों में इस्लामिक स्टेट ने सोमालिया में अपनी जड़ें जमानी शुरू कर दी हैं. वहां आईएस के हमले भी बढ़ गए हैं. हाल में ही दक्षिण सोमालिया के लोअर शाबेल इलाके में आईएस ने 14 लोगों को मारने का दावा किया है. जनवरी से जुलाई 2018 तक सोमालिया में आईएस के हमलों से जुड़े आंकड़े बताते हैं कि इस देश में आईएस की गतिविधियां बढ़ रही हैं. आईएस का दावा है कि सोमालिया में उसने सुनियोजित तरीके से कई हमले किए हैं. कुछ हमले जो दिन के समय किए गए उन्हें फिल्माया भी गया है. शुरू में ज़्यादातर हमले दक्षिण-पश्चिमी शहर अफगोये में करने का दावा किया गया. लेकिन हाल में ज्यादातर हमले राजधानी मोगादिशु के आसपास के शहरों में हो रहे हैं. आंकड़ों के मुताबिक आईएस ने इस साल जनवरी से जुलाई तक सोमालिया में 39 हमले किये हैं. इनमें से 27 हमले सिर्फ मई, जून और जुलाई में किए गए. 2017 में आईएस ने पूरे साल के दौरान सोमालिया में 21 हमले करने के दावे किए थे. इसका मतलब है कि सोमालिया में आईएस के हमलों में बढ़ोतरी हो रही है. आईएस ने ज़्यादातर घात लगाकर या गोली मारकर हत्याएं की लेकिन कुछ में इम्प्रूवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस यानी आईईडी का इस्तेमाल भी किया गया. आईएस के निशाने पर ख़ुफ़िया अधिकारी, सोमाली पुलिस और सैन्यकर्मी रहे. हालांकि आईएस की गतिविधियां बढ़ने के बावजूद सोमालिया में इनके हमले फिलहाल छोटे रहे हैं. सोमालिया में आईएस का मुकाबला आतंकी संगठन अल-शबाब के साथ है जो सेना, सरकार और अफ़्रीकी सेनाओं पर अक्सर बड़े और घातक हमले करता है. और असल में अल-शबाब की मौजूदगी सोमालिया में आईएस के विस्तार में रोड़ा है. सोमालिया में आईएस के हमलों की जानकारी उसकी मीडिया विंग अमाक़ दे रही है. अमाक़ की ज़्यादतर रिपोर्ट में हमले या उसके बाद की तस्वीरें या वीडियो होते हैं. जिन्हें देखकर लगता है कि इन्हें बेहद करीब से फिल्माया गया है. इन्हें अक्सर दिन के उजाले और सार्वजनिक इलाकों में लोगों के साथ फ़िल्माया गया है. आईएस ने अब तक सोमालिया को समर्पित एक ही प्रौपेगैंडा वीडियो बनाया. जिसे दिसंबर 2017 में जारी किया गया था. जिसमें क्रिसमस और नए साल के दौरान 'वेस्टर्न टारगेट' के ख़िलाफ़ हमले के लिए उकसाया गया था. आईएस साल 2015 के आखिर से सोमालिया में अपनी उपस्थिति का दावा करता रहा है. इसमें शामिल ज़्यादतर लोग प्रतिद्वंद्वी अल-शबाब से लाए गए हैं. अब्दिकादिर मुमिन को सोमालिया में आईएस चरमपंथियों का सरगना बताया जाता रहा है. मुमिन और उसके कुछ लड़ाके अल-शबाब से आए हैं और अक्तूबर 2015 में वो आईएस के मुखिया अबू बकर अल-बगदादी के साथ एक वीडियो में प्रतिज्ञा लेते हुए दिखाए गए. तब आईएस चरम पर था. इस सौगंध के बाद आईएस का एक मीडिया कैंपेन भी आया जिसमें अल-शबाब के लोगों से आईएस में शामिल होने की अपील की गई थी. हालांकि अल-शबाब के दबदबे की वजह से आईएस लड़ाकों को सोमालिया में अपनी पकड़ बनाने के लिए नाकों चने चबाने पड़ रहे हैं. क्योंकि अल-शबाब देश में आईएस चरमपंथियों का खुलेआम सफ़ाया कर रहा है. यहां तक कि अपने उन सदस्यों का भी जो आईएस में शामिल होना चाहते थे या उनके प्रति झुकाव रखते थे. हालांकि अमरीका का मानना है कि सोमालिया के आईएस लड़ाके यमन से ही हथियार खरीद रहे हैं.
माउंट एवरेस्‍ट को सबसे पहले फतेह करने वाले दो लोगों में से एक तेनजिंग नॉर्गे हैं, इनका जन्‍त 29 मई 1914 को हुआ था. 1. तेनजिंग नॉर्गे की जीवनी को 1955 में टाइगर ऑफ द स्‍नो में पब्लिश किया गया था. 2. टाइम मैगजीन ने उन्‍हें 20वीं सदी के 100 सबसे असरदार लोगों की सूची में शामिल किया. 3. 1959 में उन्‍हें पद्म भूषण से नवाजा गया. 4. अपनी सफलता को हासिल करने के बाद उन्‍होंने कहा था 'यह एक लंबा सफर रहा है, पहाड़ों पर बोझ लेकर चलने वाले कुली से लेकर मेडल लगा कोट पहनने वाले तक' एवरेस्‍ट से जुड़े रोचक फैक्‍ट: 1. अब तक 19 भारतीयों ने एवरेस्‍ट पर चढ़ने में सफलता हासिल की. 2. यहां पहुंचने के लिए 18 रास्‍ते मौजूद हैं. 3. एवरेस्‍ट की चोटी पर जाने के 10 में से 1 सफल अभियान ऐसा रहा जिनका अंत मौत से हुआ. 4. इस चोटी पर पहुंचने के लिए एक व्‍यक्ति का खर्च 80 लाख रुपये है. 5. यहां पहुंचने के लिए दो महीने का समय लगात है. 6. प्रेम दोरपी शेरपा और मोनी मुलेपति पहला ऐसा जोड़ा था, जिसने 20 मई 2005 में एवरेस्‍ट की चोटी पर शादी की.
छिन्नमस्तक भगवान शिव के दस अवतारों में से छठे हैं। भगवान छिन्नमस्तक ही भगवान शंकर के एकमात्र ऐसे रूप हैं जो बहुत प्रचण्ड , भन्यकार और शीशहीन हैं। इनकी शक्ति अथवा पत्नी देवी पार्वती की अवतार देवी छिन्नमस्तिका हैं। भगवान छिन्नमस्तक के एक हाथ में त्रिशूल तथा दूसरे हाथ में स्वयं का कटा सिर है। ऐसा बताया जाता है कि जब देवी पार्वती और उनकी सेना ने असुरों को संहारा तो देवी पार्वती की सेना की रक्त की प्यास नहीं बुझी थी जिस कारण देवी पार्वती ने अपना शीश खड्ग से काट लिया था। भगवान शिव ने ये दृश्य देखते ही अपना शीश भी त्रिशूल द्वारा काट लिया और इसी कारण भगवान शंकर के ये अवतार छिन्नमस्तक के नाम से प्रसिद्ध हुए। देवी छिन्नमस्तिका के मंदिर कुछ ही दूरी पर भगवान छिन्नमस्तक की प्रतिमा है जिसकी बड़े विधि विधान से पूजा होती है। तांत्रिकों और अघोरियों के लिए भगवान शिव के छिन्नमस्तक और माता पार्वती के छिन्नमस्तिका रूप की पूजा अनिवार्य बताई गई है।
दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी रोजर फेडरर के बाहर होने के बाद आज शीर्ष वरीयता प्राप्त महिला खिलाड़ी सेरेना विलियम्स की भी फ्रेंच ओपन टेनिस टूर्नामेंट के एकल से छुट्टी हो गयी. सेरेना को तीन सेट तक चले क्वार्टरफाइनल के बेहद रोमांचक मुकाबले में आस्ट्रेलिया की सामंता स्टोसुर ने 6-2, 6-7, 8-6 से हराया. सेरेना की बड़ी बहन वीनस चौथे दौर में ही हारकर बाहर हो गयी थी. सातवीं वरीयता प्राप्त स्टोसुर सेमीफाइनल में सर्बिया की येलेना यांकोविच से भिड़ेगी. इस चौथी वरीय सर्बियाई खिलाड़ी ने क्वार्टर फाइनल में कजाखस्तान की यारोस्लाव शेदोवा को 7-5, 6-4 से हराया. महिला वर्ग में दूसरा सेमीफाइनल इटली की फ्रांसेस्का शिवोन और रूस की इलेना देमेंतिवा के बीच खेला जाएगा. गोल्ड कोस्ट में 26 वर्षीय स्टोसुर ने बेहद संतुलित खेल दिखाया. उन्होंने पहले सेरेना की तीखी सर्विस का अच्छी तरह से बचाव किया और फिर उन अपने करारे स्ट्रोकों की झड़ी लगा दी. वह लगातार सेट में जीत दर्ज कर सकती थी लेकिन जब वह दूसरे सेट में 5-3 के स्कोर पर मैच के लिये सर्विस कर रही थी तब उन्होंने सेरेना को वापसी का मौका दिया. निर्णायक मुकाबले में हालांकि कड़े संघर्ष के बावजूद सेरेना इस वापसी का फायदा उठाने में नाकाम रही. इस जीत से स्टोसुर लगातार दूसरे साल रोलां गैरां में सेमीफाइनल में पहुंचने में सफल रही. दूसरी तरफ सेरेना का इस हार के साथ एक कैलेंडर वर्ष में चारों ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने का सपना भी टूट गया. आखिरी बार 1988 में स्टेफी ग्राफ ने यह कारनामा दिखाया था.
फिल्ममेकर करण जौहर का चैट शो 'कॉफी विद करण 6' इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है. बीते रविवार को उनके शो में भारतीय क्रिकेटर हार्दिक पांड्या और केएल राहुल ने शिरकत की. शो का ये एपिसोड विवादों में घिरा हुआ है. अब खबर है कि एपिसोड को हॉटस्टार से भी हटा लिया गया है. दरअसल, हार्दिक पांड्या ने शो में कुछ ऐसे बयान दिए, जिसके बाद से वो ट्रोलर्स के निशाने पर हैं. यहां तक कि BCCI भी उन पर कार्रवाई कर सकती है. आलोचनाओं से घिरने के बाद पांड्या ने बुधवार को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर फैंस से माफी मांगी. पांड्या ने लिखा, 'कॉफी विद करण में मेरे बयान पर ध्यान देते हुए मैं उन सभी से माफी मांगता हूं, जिनका मैंने किसी भी तरह दिल दुखाया है. ईमानदारी से कहूं तो मैं शो के अंदाज को देखते हुए ज्यादा खुल गया. मैं किसी की बेइज्जती नहीं करना चाहता था या किसी की भावनाओं को दुख नहीं पहुंचाना चाहता था. रिस्पेक्ट.' pic.twitter.com/O0UlpFm43o — hardik pandya (@hardikpandya7) January 9, 2019 View this post on Instagram Hope your 2019 is as good as the view behind me!! 😚😇 A post shared by Hardik Pandya (@hardikpandya93) on Dec 31, 2018 at 8:56pm PST View this post on Instagram Hard work and hustle ♠️🔥 📸 @colstonjulian A post shared by Hardik Pandya (@hardikpandya93) on Dec 4, 2018 at 1:10am PST किस बयान को लेकर है विवाद? पांड्या ने शो के दौरान अपनी निजी जिंदगी से जुड़े कुछ सवालों का जवाब दिया. उन्होंने इस दौरान रिलेशनशिप, डेटिंग और महिलाओं से जुड़े सवालों के जवाब दिए. पांड्या ने बताया कि उनके परिवारवालों की सोच काफी खुली हुई है. वो अपनी फैमिली से काफी फ्रैंक हैं. जब उन्होंने पहली बार लड़की के साथ शारीरीक संबंध बनाए तो घर आकर बताया था. इसके अलावा उन्होंने बताया कि एक बार वो अपने पैरेंट्स को पार्टी में लेकर गए, जहां मां-पापा ने हार्दिक से पूछा कि किस महिला को देख रहा है? उन्होंने एक के बाद एक सभी महिलाओं की तरफ उंगली दिखाकर बताया कि मैं सभी को देख रहा हूं.
लेख: नेमार के विजयी गोल की मदद से ब्राजील ने कोलंबिया को वर्ल्‍डकप फुटबॉल-2018 के क्वालीफाइंग दौर के मैच में 2-1 से हरा दिया. बार्सिलोना के सुपरस्टार नेमार ने 74वें मिनट में गोल दागा.टिप्पणियां नेमार के लिये यह गोल इसलिये भी खास रहा क्योंकि कोलंबिया के खिलाफ 2014 वर्ल्‍डकप में उन्हें बेहद गंभीर चोट लगी थी. उसी मैच में हारकर ब्राजील टूर्नामेंट से बाहर हो गया था. इससे पहले ब्राजील ने दूसरे मिनट में इंटर मिलान के डिफेंडर मिरांडा के गोल के दम पर बढ़त बनाई. कोलंबिया के लिए बराबरी का गोल नौवें मिनट में मारकिन्होस ने किया.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) नेमार के लिये यह गोल इसलिये भी खास रहा क्योंकि कोलंबिया के खिलाफ 2014 वर्ल्‍डकप में उन्हें बेहद गंभीर चोट लगी थी. उसी मैच में हारकर ब्राजील टूर्नामेंट से बाहर हो गया था. इससे पहले ब्राजील ने दूसरे मिनट में इंटर मिलान के डिफेंडर मिरांडा के गोल के दम पर बढ़त बनाई. कोलंबिया के लिए बराबरी का गोल नौवें मिनट में मारकिन्होस ने किया.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सरकार द्वारा नियुक्त एक जांच समिति ने वॉल-मार्ट द्वारा अमेरिका में लॉबिंग गतिविधियों की जांच के मामले में कंपनी के बड़े अधिकारियों को बुलाने का फैसला किया है। भारत में प्रवेश के लिए कंपनी की कथित लॉबिंग का मुद्दा यहां विवादों के घेरे में है और सरकार द्वारा गठित एक सदस्यीय समिति इस बात की जांच कर रही है कि क्या इस मामले में किसी प्रकार की अनियमितता या भारतीय कानूनों का उल्लंघन हुआ है। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मुकुल मुद्गल इस एक सदस्यीय समिति के प्रमुख हैं। समिति इस बारे में सरकार को अपनी रिपोर्ट अगले महीने सौंपेगी। गत दिसंबर में वालमार्ट की लाबिंग संबंधी खबरों के प्रकाशन के बाद भारत में राजनीतिक शोर शराबे के बाद सरकार ने जांच बिठाने का फैसला किया था और यह समिति बनाई गई। सूत्रों ने बताया कि आज हुई बैठक में समिति ने कंपनी की लॉबिंग गतिविधियों तथा भारत में कारोबारी योजना के बारे में जानकारी लेने के लिए उसके शीर्ष कार्यकारियों को बुलाने का फैसला किया है। इस बैठक में वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हुए। सूत्रों ने कहा कि दुनिया की इस प्रकार खुदरा क्षेत्र की कंपनी के अधिकारियों को इसी महीने बुलाया जा सकता है।टिप्पणियां अपनी जांच में समिति को कारपोरेट मामलों का मंत्रालय प्रशासनिक तथा कामकाज में सहयोग उपलब्ध करा रहा है। मंत्रालय ने पिछले महीने आम जनता से उनके पास वॉल-मार्ट के बारे में मौजूद किसी प्रकार की जानकारी को उपलब्ध कराने को कहा था। रपटों के मुताबिक वॉल-मार्ट ने भारत में प्रवेश के लिए अमेरिका में लॉबिंग की थी। अमेरकी संसद में जमा कराए गए दस्तावेजों के अनुसार कंपनी ने दिसंबर 2013 की तिमाही में ‘भारत में एफडीआई के मुद्दे पर चर्चा’ समेत विभिन्न मदों पर 14.8 लाख डॉलर करीब आठ करोड़ रुपये खर्च किए थे। इस तरह कंपनी का कुल खर्च वर्ष के दौरान 61.3 करोड़ डॉलर (33 करोड़ रुपये) रहा। भारत में प्रवेश के लिए कंपनी की कथित लॉबिंग का मुद्दा यहां विवादों के घेरे में है और सरकार द्वारा गठित एक सदस्यीय समिति इस बात की जांच कर रही है कि क्या इस मामले में किसी प्रकार की अनियमितता या भारतीय कानूनों का उल्लंघन हुआ है। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मुकुल मुद्गल इस एक सदस्यीय समिति के प्रमुख हैं। समिति इस बारे में सरकार को अपनी रिपोर्ट अगले महीने सौंपेगी। गत दिसंबर में वालमार्ट की लाबिंग संबंधी खबरों के प्रकाशन के बाद भारत में राजनीतिक शोर शराबे के बाद सरकार ने जांच बिठाने का फैसला किया था और यह समिति बनाई गई। सूत्रों ने बताया कि आज हुई बैठक में समिति ने कंपनी की लॉबिंग गतिविधियों तथा भारत में कारोबारी योजना के बारे में जानकारी लेने के लिए उसके शीर्ष कार्यकारियों को बुलाने का फैसला किया है। इस बैठक में वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हुए। सूत्रों ने कहा कि दुनिया की इस प्रकार खुदरा क्षेत्र की कंपनी के अधिकारियों को इसी महीने बुलाया जा सकता है।टिप्पणियां अपनी जांच में समिति को कारपोरेट मामलों का मंत्रालय प्रशासनिक तथा कामकाज में सहयोग उपलब्ध करा रहा है। मंत्रालय ने पिछले महीने आम जनता से उनके पास वॉल-मार्ट के बारे में मौजूद किसी प्रकार की जानकारी को उपलब्ध कराने को कहा था। रपटों के मुताबिक वॉल-मार्ट ने भारत में प्रवेश के लिए अमेरिका में लॉबिंग की थी। अमेरकी संसद में जमा कराए गए दस्तावेजों के अनुसार कंपनी ने दिसंबर 2013 की तिमाही में ‘भारत में एफडीआई के मुद्दे पर चर्चा’ समेत विभिन्न मदों पर 14.8 लाख डॉलर करीब आठ करोड़ रुपये खर्च किए थे। इस तरह कंपनी का कुल खर्च वर्ष के दौरान 61.3 करोड़ डॉलर (33 करोड़ रुपये) रहा। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मुकुल मुद्गल इस एक सदस्यीय समिति के प्रमुख हैं। समिति इस बारे में सरकार को अपनी रिपोर्ट अगले महीने सौंपेगी। गत दिसंबर में वालमार्ट की लाबिंग संबंधी खबरों के प्रकाशन के बाद भारत में राजनीतिक शोर शराबे के बाद सरकार ने जांच बिठाने का फैसला किया था और यह समिति बनाई गई। सूत्रों ने बताया कि आज हुई बैठक में समिति ने कंपनी की लॉबिंग गतिविधियों तथा भारत में कारोबारी योजना के बारे में जानकारी लेने के लिए उसके शीर्ष कार्यकारियों को बुलाने का फैसला किया है। इस बैठक में वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हुए। सूत्रों ने कहा कि दुनिया की इस प्रकार खुदरा क्षेत्र की कंपनी के अधिकारियों को इसी महीने बुलाया जा सकता है।टिप्पणियां अपनी जांच में समिति को कारपोरेट मामलों का मंत्रालय प्रशासनिक तथा कामकाज में सहयोग उपलब्ध करा रहा है। मंत्रालय ने पिछले महीने आम जनता से उनके पास वॉल-मार्ट के बारे में मौजूद किसी प्रकार की जानकारी को उपलब्ध कराने को कहा था। रपटों के मुताबिक वॉल-मार्ट ने भारत में प्रवेश के लिए अमेरिका में लॉबिंग की थी। अमेरकी संसद में जमा कराए गए दस्तावेजों के अनुसार कंपनी ने दिसंबर 2013 की तिमाही में ‘भारत में एफडीआई के मुद्दे पर चर्चा’ समेत विभिन्न मदों पर 14.8 लाख डॉलर करीब आठ करोड़ रुपये खर्च किए थे। इस तरह कंपनी का कुल खर्च वर्ष के दौरान 61.3 करोड़ डॉलर (33 करोड़ रुपये) रहा। सूत्रों ने बताया कि आज हुई बैठक में समिति ने कंपनी की लॉबिंग गतिविधियों तथा भारत में कारोबारी योजना के बारे में जानकारी लेने के लिए उसके शीर्ष कार्यकारियों को बुलाने का फैसला किया है। इस बैठक में वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हुए। सूत्रों ने कहा कि दुनिया की इस प्रकार खुदरा क्षेत्र की कंपनी के अधिकारियों को इसी महीने बुलाया जा सकता है।टिप्पणियां अपनी जांच में समिति को कारपोरेट मामलों का मंत्रालय प्रशासनिक तथा कामकाज में सहयोग उपलब्ध करा रहा है। मंत्रालय ने पिछले महीने आम जनता से उनके पास वॉल-मार्ट के बारे में मौजूद किसी प्रकार की जानकारी को उपलब्ध कराने को कहा था। रपटों के मुताबिक वॉल-मार्ट ने भारत में प्रवेश के लिए अमेरिका में लॉबिंग की थी। अमेरकी संसद में जमा कराए गए दस्तावेजों के अनुसार कंपनी ने दिसंबर 2013 की तिमाही में ‘भारत में एफडीआई के मुद्दे पर चर्चा’ समेत विभिन्न मदों पर 14.8 लाख डॉलर करीब आठ करोड़ रुपये खर्च किए थे। इस तरह कंपनी का कुल खर्च वर्ष के दौरान 61.3 करोड़ डॉलर (33 करोड़ रुपये) रहा। सूत्रों ने कहा कि दुनिया की इस प्रकार खुदरा क्षेत्र की कंपनी के अधिकारियों को इसी महीने बुलाया जा सकता है।टिप्पणियां अपनी जांच में समिति को कारपोरेट मामलों का मंत्रालय प्रशासनिक तथा कामकाज में सहयोग उपलब्ध करा रहा है। मंत्रालय ने पिछले महीने आम जनता से उनके पास वॉल-मार्ट के बारे में मौजूद किसी प्रकार की जानकारी को उपलब्ध कराने को कहा था। रपटों के मुताबिक वॉल-मार्ट ने भारत में प्रवेश के लिए अमेरिका में लॉबिंग की थी। अमेरकी संसद में जमा कराए गए दस्तावेजों के अनुसार कंपनी ने दिसंबर 2013 की तिमाही में ‘भारत में एफडीआई के मुद्दे पर चर्चा’ समेत विभिन्न मदों पर 14.8 लाख डॉलर करीब आठ करोड़ रुपये खर्च किए थे। इस तरह कंपनी का कुल खर्च वर्ष के दौरान 61.3 करोड़ डॉलर (33 करोड़ रुपये) रहा। अपनी जांच में समिति को कारपोरेट मामलों का मंत्रालय प्रशासनिक तथा कामकाज में सहयोग उपलब्ध करा रहा है। मंत्रालय ने पिछले महीने आम जनता से उनके पास वॉल-मार्ट के बारे में मौजूद किसी प्रकार की जानकारी को उपलब्ध कराने को कहा था। रपटों के मुताबिक वॉल-मार्ट ने भारत में प्रवेश के लिए अमेरिका में लॉबिंग की थी। अमेरकी संसद में जमा कराए गए दस्तावेजों के अनुसार कंपनी ने दिसंबर 2013 की तिमाही में ‘भारत में एफडीआई के मुद्दे पर चर्चा’ समेत विभिन्न मदों पर 14.8 लाख डॉलर करीब आठ करोड़ रुपये खर्च किए थे। इस तरह कंपनी का कुल खर्च वर्ष के दौरान 61.3 करोड़ डॉलर (33 करोड़ रुपये) रहा। रपटों के मुताबिक वॉल-मार्ट ने भारत में प्रवेश के लिए अमेरिका में लॉबिंग की थी। अमेरकी संसद में जमा कराए गए दस्तावेजों के अनुसार कंपनी ने दिसंबर 2013 की तिमाही में ‘भारत में एफडीआई के मुद्दे पर चर्चा’ समेत विभिन्न मदों पर 14.8 लाख डॉलर करीब आठ करोड़ रुपये खर्च किए थे। इस तरह कंपनी का कुल खर्च वर्ष के दौरान 61.3 करोड़ डॉलर (33 करोड़ रुपये) रहा।
यह लेख है: नेटवर्क में खराबी के कारण तीन घंटे तक बंद रहने के बाद बंबई शेयर बाजार में शेयर कारेाबार फिर से शुरू हुआ। इस बीच दिन में नेटवर्क में खराबी के कारण बंबई शेयर बाजार की संयोजन प्रणाली में गड़बड़ी आई, जिसके कारण शेयर बाजार का कारोबार बंद हो गया। सेंसेक्स सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर 83 अंक की तेजी के साथ खुला और शुरुआती कारोबार में 25,924.25 के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया। हालांकि संयोजन में गड़बड़ी के कारण सुबह 9 बजकर 35 मिनट पर कारोबार रुक गया। बंबई शेयर बाजार ने सुबह कहा कि नेटवर्क में खराबी के कारण बीएसई ने सभी बाजार बंद कर दिए और नेटवर्क सेवा वेंडर एचसीएल बाजार में कारोबार फिर से शुरू करने के लिए प्रयास में जुट गई। प्रवक्ता ने कहा कि ऑर्डर बुक के सभी पूर्व ऑर्डर रद्द कर दिए जाएंगे। कारोबार शुरू होने के 15 मिनट बाद ही शेयर मूल्यांकन के आंकड़े अपडेट होने बंद हो गए। नेटवर्क में गड़बड़ी की वजह से सेंसेक्स के सभी प्लेटफार्म शेयर, मुद्रा और सूचकांक में कारोबार बंद कर दिया गया। हालांकि जल्दी ही सामान्य कारोबार शुरू हो गया। यह पिछले दो महीने में दूसरा मौका है, जबकि बंबई शेयर बाजार को तकनीकी गड़बड़ी का सामना करना पड़ा है।
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राजेन्द्र बाला घोष (1882 -1951) हिंदी-नवजागरण की पहली छापामार लेखिका थीं। उन्होंने अपने आक्रामक लेखन द्वारा पुरुष-सत्तात्मक समाज की चूलें ढीली कर दीं। वे छद्माचार्यों द्वारा आरोपित चारित्रिक लांछनों से न टूटीं और न घबराईं बल्कि नये तेवर के साथ नारी-मुक्ति की लड़ाई जारी रखी। नतीजतन-स्त्री-स्वतंत्रता की बहाली के लिए उनका लेखकीय अभियान फेमिनिस्ट आन्दोलन का प्रथम अध्याय साबित हुआ। वे ' बंग महिला ' के छद्मनाम से लिखतीं थीं। जीवन परिचय राजेन्द्र बाला घोष का जन्म 1882 में वाराणसी में हुआ था। आपके पिता का नाम रामप्रसन्न घोष तथा माताजी का नाम नीदरवासिनी घोष था। उनका परिवार वाराणसी का एक प्रतिष्ठित बंगाली परिवार था। आपके पूर्वज बंगाल से आकर वाराणसी में बस गए थे। बचपन में उन्हें 'रानी' और 'चारुबाला' के नाम से पुकारा जाता था। उनप्रारम्भिक शिक्षा अपनी माताजी के संरक्षण में हुई। आपका विवाह पूर्णचन्द्र देव के साथ हुआ था। आप एक साहित्यिक रुचि वाली महिला थीं। 1904 से 1917 तक बंग महिला की रचनाएँ विभिन्न प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहीं। इसी बीच अपने दो बच्चों के असमय निधन और 1916 में पति के देहान्त से वे बुरी तरह टूट गईं। इन आघातों के कारण आपकी वाणी मौन हो गई और सृजन भी बन्द हो गया। 24 फरवरी 1१५१ को मिरजापुर में आपका देहान्त हो गया। हिन्दी कहानीकारों में बंग महिला का नाम आदर से लिया जाता है। मूलतः हिन्दीभाषी न होते हुए भी आपको हिन्दी से अनन्य अनुराग था। आप बंगला में 'प्रवासिनी' के नाम से लिखती थीं। इनकी प्रमुख कहानी दुलाईवाली है जो 1907 में सरस्वती पत्रिका में प्रकाशित हुई थी। हिन्दी की पहली कहानी कौन सी है, इस विषय में मतभेद है। लेकिन 'पहली हिन्दी कहानी' कही जाने वाली कहानियों में से एक बंग महिला की 'दुलाई वाली' भी है। बंग महिला हिंदी-कहानी लेखन की विचारधारा-सम्पन्न आदि महिला हैं। उन्हीं की बनाई जमीन पर प्रेमचन्द जैसे कहानीकार खड़े हुए। हिंदी कहानियों के लिए नया वस्तु-विधान करने, रचना-प्रक्रिया को अभिनव मोड़ देने और भाषा को समूची प्राण-सत्ता के सा‍थ संचलित करने में बंग महिला का कोई जोड़ नहीं। नारियों को रूढ़ तथा जड़ परम्पराओं के शिकंजे में कसने वाली शास्त्रीय व्यवस्थाओ को नकारती हुई बंग महिला ने स्त्री-शिक्षा का नया माहौल बनाया। उन्होंने नारियों के लिए स्वेच्छया पति का चुनाव करने, तलाक देने और यहाँ तक कि ‘पत्यन्तर’ करने के अधिकार की माँगें पुरजोर कीं। उनके लेखन में नया युग नई करवटें लेने लगा। बंग महिला के जीवन और कृतित्व में समकालीन नारी-लेखन के तमाम-तमाम मुद्दे अन्तर्भूत हैं। वे हिंदी के पुरोधा समीक्षकों की लामबंदी का शिकार हो गई थीं। एक अदना, विधवा बंगाली स्त्री पुरुष-लेखकों का सरताज नहीं हो सकती थी। उन्हें आठ-नौ दशकों तक गुमनाम कर दिया गया। कृतियाँ चंद्रदेव से मेरी बातें 1904 कुंभ में छोटी बहु1906 दुलाईवाली 1907 भाई-बहन (1908) दलिया 1909 बाहरी कड़ियाँ बंग महिला : नारी मुक्ति का संघर्ष (गूगल पुस्तक ; लेखक - भावदेव पाण्डेय) हिन्दी लेखक स्त्री लेखिकाएँ
भारत और पाकिस्तान में ख़सरा एक कृषि-सम्बन्धी क़ानूनी दस्तावेज़ होता है जिसमें किसी गाँव के ज़मीन के किसी टुकड़े और उस पर उगाई जा रही फसलों का ब्यौरा लिखा होता है। इसका प्रयोग एक शजरा नामक दस्तावेज़ के साथ किया जाता है जिसमें पूरे गाँव का मानचित्र होता है जो उस गाँव की सभी भूमि-पट्टियों की जानकारी देता है। इन पट्टियों का ब्यौरा ही ख़सरों में होता है। पारम्परिक रूप से ख़सरों में हर खेत और उसके क्षेत्रफल व अन्य मापों का, उसके मालिक का और उसपर काम करने वालों कृषकों का, उसपर उगने वाली फसलों का, उसकी मिट्टी के प्रकार का और उसपर उग रहे वृक्षों का विवरण होता है। ख़तौनी अगर गाँव के ख़सरों को प्रयोग करके किसी एक व्यक्ति या परिवार के स्वामित्व वाली भूखण्डों की सूची बनाई जाए तो उसे 'ख़तौनी' कहते हैं। यानि किसी व्यक्ति या परिवार के सभी ख़सरों की सूची उस व्यक्ति/परिवार की ख़तौनी में होती है। इतिहास ख़सरों का प्रयोग भारतीय उपमहाद्वीप में सदियों से चला आ रहा है और ब्रिटिश राज से बहुत पहले शुरू हो गया था। मध्यकालीन ख़सरों को देखकर भारत व पाकिस्तान के अलग-अलग क्षेत्रों के आर्थिक इतिहास के बारे में बहुत जानकारी मिलती है। इन्हें भी देखें शजरा [[पटवारी] सन्दर्भ भूमि कानून भारत में कानून
जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की कोशिशें लगातार जारी हैं. इस बीच, केंद्र सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि अभी जम्मू-कश्मीर में 200 आतंकी सक्रिय हैं. सरकार ने ये भी बताया कि इस साल सितंबर महीने तक पाकिस्तान की ओर से 105 आतंकियों ने घुसपैठ की थी. फायरिंग की आड़ में PAK कराता है घुसपैठ जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से घुसपैठ कराने के लिए पाकिस्तान फायरिंग की आड़ लेता है. आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए पाकिस्तानी आर्मी और रेंजर्स अचानक सीमा पार से फायरिंग करते हैं और इस स्थिति का लाभ उठाकर आतंकियों की भारतीय सीमा में घुसपैठ कराने की कोशिश की जाती है. माछिल में तीन जवान शहीद मंगलवार को माछिल में पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की कोशिशों की सूचना पर जब सैनिक गश्त कर रहे थे तो पाकिस्तान ने घात लगाकर हमला किया. इस हमले में तीन जवान शहीद हो गए. इससे पहले भी लगातार सीमा पार से फायरिंग की आड़ में आतंकियों की घुसपैठ की कोशिशें की जाती रही हैं. हर महीने घुसपैठ की 20 कोशिशें सीमा पार से घुसपैठ की पाकिस्तान की कोशिशों के मद्देनजर सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हैं. सुरक्षा एजेंसियों द्वारा केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी एक रिपोर्ट में बर्फबारी से ऐन पहले घुसपैठ की बड़ी साजिश की आशंका जताई गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान की ओर से एलओसी और बॉर्डर पर हर माह कम से कम 20 बार आतंकियों की घुसपैठ कराने की कोशिश हो रही है. इस साल अक्टूबर तक दस महीने में आतंकी घुसपैठ के 201 प्रयास हुए जिसमें 24 आतंकी मारे गए. सेना और बीएसएफ ने 72 आतंकियों को पाकिस्तान की ओर वापस खदेड़ा.
लेख: बीजेपी पिछले दस साल से सत्ता में थी, लेकिन उसके दुष्प्रभाव से बचकर तीसरी बार उसने निगम के सिंहासन पर कब्जा जमाने जा रही है. रुझानों में तीनों निगमों में बीजेपी का कब्जा हो गया है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह पीएम मोदी की लहर को बताया जा रहा है. यूपी में हुई दमदार जीत के बाद सीधे एमसीडी चुनाव में बीजेपी ने एक बार फिर बाजी मार ली है. आइये जानते हैं बीजेपी की जीत के 5 कारण. पुराने सभी पार्षदों के टिकट काटकर बीजेपी ने सत्ता में रहने के साइड इफेक्ट को खत्म किया. कहा जाता है ये सूरत मॉडल था. सूरत निगम के पार्षदों का भी टिकट एक बार काट दिया था. बीजेपी ने निगम की उपलब्धि पर कम और मोदी सरकार के कामकाज पर ज्यादा वोट मांगे.स्थानीय चुनाव को राष्ट्रीय मुद्दे पर लड़ा.मुख्य विपक्षी पार्टी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस बीजेपी की निगम में नाकामयाबी को सही तरीके से लोगों के बीच गिना नहीं सकी.मनोज तिवारी, रवि किशन समेत तमाम केंद्रीय मंत्री और विधायकों की फौज ने तीन हजार से ज्यादा सभा करके पीएम मोदी सरकार के कामकाज और अरविंद केजरीवाल सरकार की जमकर नाकामयाबी गिनाई.दिल्ली बीजेपी में पहले मनोज तिवारी को प्रदेश अध्यक्ष और फिर निगम चुनाव में 38 पूर्वांचली उम्मीदवारों को टिकट देकर पूर्वांचली वोटर को गोलबंद किया.21 नेताओं को निष्कासित करके बीजेपी ने बगावती तेवर वाले नेताओं को सख्त संदेश दिया. सतीश उपाध्याय, रादेश भाटिया और रवींद्र गुप्ता जैसे निगम के दिग्गज पार्षद रहे नेताओं को ओहदा देकर बगावत को दबाने में कामयाब रही. दिल्ली सरकार जानबूझकर निगम को उसके हिस्से का पैसा नहीं दे रही है. इसका प्रचार जोरशोर से किया.
10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में कांस्य जीतकर भारत का लंदन ओलम्पिक में खाता खोलने वाले निशानेबाज गगन नारंग 50 मीटर राइफल 3 पोजिशंस के फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए. गगन के अलावा इस स्पर्धा में एक अन्य भारतीय संजीव राजपूत ने भी निराश किया. गगन रैपिड फायर पिस्टल स्पर्धा में भी असफल रहे थे. सोमवार को आयोजित 50 मीटर राइफल 3 पोजिशंस स्पर्धा के क्वालीफाइंग दौर में 1164 अंकों के साथ गगन 20वें स्थान पर रहे, जबकि संजीव ने 1161 अंकों के साथ 26वां स्थान पाया. इटली के निकोलो कैम्प्रियानी ने 1180 अंकों के साथ नया ओलम्पिक रिकॉर्ड कायम किया. फाइनल में आठ निशानेबाजों को जगह मिली है. फाइनल सोमवार को ही होना है.