text
stringlengths
1
1.24M
नोएडा के सेक्टर 58 स्थित पार्क में नमाज पढ़ने पर हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. आज शुक्रवार की नमाज के चलते प्रशासन पहले से सतर्क है. पार्क के अंदर और बाहर दोनों जगह भारी पुलिस टीम तैनात है. लोगों को पार्क में इकट्ठा होने से रोकने के लिए प्रशासन ने पार्क में पानी भरवा दिया है. आज सुबह से पार्क में जनरेटर चलवाकर पूरे पार्क में पानी भरवाया जा रहा है. अथॉरिटी की तरफ से वहां काम कर रहे लोगों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पार्क में पानी छिड़काव का काम रूटीन का है. पानी ज्यादा भरने पर उन्होंने तर्क दिया कि पानी की मोटर खराब हो गई है. इसके चलते पानी भर गया है. पार्क में सर्दियों में पार्क में इतना पानी भरने से प्रशासन के इस रवैये पर एक बार फिर से सवाल उठ गए हैं. इधर पुलिस ने भी पार्क में घूमने आए लोगों को सुरक्षा-व्यवस्था का हवाला देते हुए पार्क से बाहर कर दिया. पानी भरने पर पुलिस ने कहा कि ये अथॉरिटी का काम है. पुलिस लोगों को न जुटने देने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है. इससे पहले ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 37 में भी प्रशासन ने श्रीमद्भागवत कथा रोक दी थी. ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारी दस्ते के साथ पहुंचे और टेंट उखाड़ दिया. उन्होंने तर्क दिया कि इस धार्मिक आयोजन के लिए जरूरी परमीशन नहीं ली गई है. प्रशासन के इस रवैये की भी आलोचना हुई. नमाज पढ़ने से रोकने पर जमकर सियासत भी हो रही है. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने कहा कि नोएडा पुलिस मुस्लिमों को एक सार्वजनिक पार्क में नमाज अदा करने से रोकने का आदेश 'भेदभावपूर्ण और गैरजिम्मेदाराना' है.  इसका मकसद 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा सरकार की विफलताओं को छिपाना है. वहीं एआईएडीएमके के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी यूपी सरकार की आलोचना की.
अयोध्या में राम मंदिर बनाने को लेकर संसद का संयुक्त सत्र बुलाना चाहिए या नहीं, यह बीजेपी की नई दुविधा बन गई है. खबर है कि विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) के कुछ नेता बीजेपी पर ऐसा दबाव बना रहे हैं. हालांकि वीएचपी ने बीजेपी को ऐसी कोई औपचारिक चिट्ठी नहीं दी है, लेकिन इसके कुछ नेताओं ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेताओं से इस बारे में बात की है. बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के एक बयान के बाद वीएचपी नेता सक्रिय हुए हैं. वीएचपी के एक कार्यक्रम में राजनाथ ने कहा था कि राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत न होना राम मंदिर निर्माण में बड़ी बाधा है. पिछले हफ्ते अयोध्या में विहिप के एक वरिष्ठ नेता के एक कार्यक्रम के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा, 'राज्य सभा में बीजेपी के पास बहुमत न होने के कारण राम मंदिर निर्माण के लिए संसद में कोई कानून बनाने का अभी समय नहीं है.'गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर भी संसद में संयुक्त सत्र बुलाया था. विहिप के नेताओं को संयुक्त सत्र के जरिए रास्ता नजर आ रहा है. विहिप नेता सुरेन्द्र कुमार जैन ने कहा, 'हमें नहीं पता कि सरकार क्या करेगी और कैसे करेगी. बीजेपीने अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि अयोध्या में मंदिर बनेगा. लेकिन अगर वो अपना वादा पूरा नहीं करते हैं तो जनता इसका जवाब देगी.'
तापीवा मुफुदजा (जन्म 20 सितंबर 1990) जिम्बाब्वे के एक क्रिकेटर हैं। मुफुदजा एक ऑफ स्पिनर रहे हैं जब से उन्होंने हाईफील्ड, हरारे में एमबीजी प्राइमरी स्कूल में खेल शुरू किया था। पर्वतारोहियों द्वारा भर्ती किए जाने से पहले वह हरारे में ताकाशिंगा क्रिकेट क्लब के लिए खेले। उन्होंने 2011-12 में पर्वतारोहियों के लिए अपना पहला मैच खेला, और 2012-13 में खुद को टीम में स्थापित किया, जब उन्होंने राष्ट्रीय प्रथम श्रेणी गेंदबाजी औसत का नेतृत्व करने के लिए 14.92 के औसत से 13 विकेट लिए। सदर्न रॉक्स के खिलाफ लोगान कप मैच में उन्होंने 10वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 39 रन बनाए, फिर 116 रन की जीत में 46 रन देकर 2 विकेट और 27 रन देकर 5 विकेट लिए। मशोनलैंड ईगल्स के खिलाफ जिम्बाब्वे टी20 प्रतियोगिता के फाइनल में उन्होंने गेंदबाजी की शुरुआत की और 14 रन देकर 4 विकेट लिए। पर्वतारोहियों ने मैच जीता और उन्हें मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला। उन्होंने 2014 में टेम्स वैली क्रिकेट लीग में कुकहम डीन के लिए खेला, जिसमें 14.86 की औसत से 80 विकेट लिए और 27.72 की औसत से 499 रन बनाए। दिसंबर 2014 में लोगान कप में उन्होंने मिड वेस्ट राइनोस के खिलाफ दूसरी पारी में 31 रन देकर 7 विकेट लिए, जिसमें पहले छह विकेट गिरे थे, ताकि पर्वतारोहियों की जीत सुनिश्चित हो सके। जनवरी 2015 में उन्होंने कनाडा के खिलाफ जिम्बाब्वे ए के लिए 50 ओवर के दो मैच खेले, जिसमें 20 ओवर में 56 रन देकर दो विकेट लिए। उस महीने के अंत में, मैशोनलैंड ईगल्स के खिलाफ लिस्ट ए मैच में गेंदबाजी की शुरुआत करते हुए, उन्होंने 28 रन देकर 4 विकेट लिए। दिसंबर 2020 में, उन्हें 2020-21 लोगान कप में ईगल्स के लिए खेलने के लिए चुना गया था। अप्रैल 2021 में, मुफुदज़ा को पाकिस्तान के खिलाफ ट्वेंटी 20 अंतर्राष्ट्रीय (टी20आई) श्रृंखला के लिए जिम्बाब्वे की टीम में नामित किया गया था। सन्दर्भ 1990 में जन्मे लोग जीवित लोग
सीबीएसई की 12वीं परीक्षा के मैथ्स पेपर में पूछे गए कठिन सवालों का मुद्दा बुधवार को संसद में भी उठाया गया. केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू ने कहा कि इस मामले की जांच जरूरी है और वो इस बारे में शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी से बात करेंगे. कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल और आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन ने भी इससे पहले यह मसला उठाया था. वेणुगोपाल ने कहा कि मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि इस मामले की जांच करके जरूरी कदम उठाए. नायडू ने पेपर कठिन होने के साथ-साथ गणित परीक्षा के सवाल लीक होने के बारे में भी अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि मीडिया खबरों के मुताबिक पेपर लीक हो गया था और पेपर बाजार में भी बिका था. यह मुद्दा स्टूडेंट्स के भविष्य से जुड़ा है और इसकी जांच जरूरी होनी चाहिए.
लेख: कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को पासपोर्ट देने के मुद्दे पर जम्मू-कश्मीर की पीडीपी-बीजेपी गंठबंधन सरकार के बीच एक बार फिर तनातनी शुरू हो गयी है, वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय का कहना है कि क्‍योंकि गिलानी 'प्रायर सिक्योरिटी क्लियरेंस' कैटेगरी में आते हैं इसीलिए उन्हें पासपोर्ट दिया जाये या न दिया जाये इस पर फैसला केंद्र सरकार, राज्य सरकार से मशविरा करने के बाद लेगी। राज्य की पुलिस के मुताबिक गिलानी ने फिलहाल ऑनलाइन पासपोर्ट फॉर्म भरा है। उन्हें खुद पासपोर्ट ऑफिस जाकर बायो मैट्रिक्स की ऑपचारिकताएं यानी अपनी उंगलियों के निशान और तस्वीर खिचवानी होगी तभी कार्रवाई आगे बढ़ेगी। राज्य पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, 'गिलानी तर्क दे रहे थे कि वो हाउस अरेस्ट में हैं इसलिये नहीं जा सकते, हमने पहरा उठा लिया है, वो जब चाहे जा सकते हैं।' केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक गिलानी 'प्रायर सिक्योरिटी क्लियरेंस' लिस्ट में आते हैं यानी कुछ लोगों की सूचि होती हैं जिन्हें पासपोर्ट देने से पहले केंद्र सरकार तक उनकी फाइल आती है। ऐसे मामलों में गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय फैसला लेते हैं। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने गिलानी को पासपोर्ट देने की पैरवी की है, जबकि बीजेपी ने उनके भारत विरोधी कार्यों के लिए उनसे माफी की मांग की है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि गिलानी एक बुजुर्ग व्यक्ति हैं और वह अपनी बीमार बेटी से भेंट करने अगर जेद्दा जाना चाहते हैं। इसलिए उन्हें यात्रा के लिए जरूरी दस्तावेज जारी करने में दिक्कत नहीं होनी चाहिए।टिप्पणियां उल्लेखनीय है कि सैयद अली शाह गिलानी ने पासपोर्ट बनाने के लिए आवेदन दिया है। उधर केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंदर सिंह ने कहा, ‘विदेश मंत्रालय मुद्दे पर संज्ञान लेगा और उस पर निर्णय करेगा। मुझे विश्वास है कि विदेश मंत्रालय उस पर निर्णय करेगा। मैं उस पर कोई फैसला देने की स्थिति में नहीं हूं।’ यद्यपि बीजेपी की जम्मू-कश्मीर इकाई ने कहा कि गिलानी यदि भारतीय पासपोर्ट चाहते हैं तो उन्हें पहले यह मानना चाहिए कि वह एक भारतीय हैं और अपनी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए ‘माफी’ मांगनी चाहिए। बीजेपी प्रवक्ता खालिद जहांगीर ने कहा है कि जब तक वे पिछले 25 साल में अपनी गलतियों के लिए माफी नहीं मांगते तब तक उन्हें पासपोर्ट नहीं दिया जा सकता है। दरअसल, गिलानी अपनी अस्वस्थ बेटी को देखने सउदी अरब जाना चाहते हैं। राज्य की पुलिस के मुताबिक गिलानी ने फिलहाल ऑनलाइन पासपोर्ट फॉर्म भरा है। उन्हें खुद पासपोर्ट ऑफिस जाकर बायो मैट्रिक्स की ऑपचारिकताएं यानी अपनी उंगलियों के निशान और तस्वीर खिचवानी होगी तभी कार्रवाई आगे बढ़ेगी। राज्य पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, 'गिलानी तर्क दे रहे थे कि वो हाउस अरेस्ट में हैं इसलिये नहीं जा सकते, हमने पहरा उठा लिया है, वो जब चाहे जा सकते हैं।' केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक गिलानी 'प्रायर सिक्योरिटी क्लियरेंस' लिस्ट में आते हैं यानी कुछ लोगों की सूचि होती हैं जिन्हें पासपोर्ट देने से पहले केंद्र सरकार तक उनकी फाइल आती है। ऐसे मामलों में गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय फैसला लेते हैं। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने गिलानी को पासपोर्ट देने की पैरवी की है, जबकि बीजेपी ने उनके भारत विरोधी कार्यों के लिए उनसे माफी की मांग की है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि गिलानी एक बुजुर्ग व्यक्ति हैं और वह अपनी बीमार बेटी से भेंट करने अगर जेद्दा जाना चाहते हैं। इसलिए उन्हें यात्रा के लिए जरूरी दस्तावेज जारी करने में दिक्कत नहीं होनी चाहिए।टिप्पणियां उल्लेखनीय है कि सैयद अली शाह गिलानी ने पासपोर्ट बनाने के लिए आवेदन दिया है। उधर केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंदर सिंह ने कहा, ‘विदेश मंत्रालय मुद्दे पर संज्ञान लेगा और उस पर निर्णय करेगा। मुझे विश्वास है कि विदेश मंत्रालय उस पर निर्णय करेगा। मैं उस पर कोई फैसला देने की स्थिति में नहीं हूं।’ यद्यपि बीजेपी की जम्मू-कश्मीर इकाई ने कहा कि गिलानी यदि भारतीय पासपोर्ट चाहते हैं तो उन्हें पहले यह मानना चाहिए कि वह एक भारतीय हैं और अपनी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए ‘माफी’ मांगनी चाहिए। बीजेपी प्रवक्ता खालिद जहांगीर ने कहा है कि जब तक वे पिछले 25 साल में अपनी गलतियों के लिए माफी नहीं मांगते तब तक उन्हें पासपोर्ट नहीं दिया जा सकता है। दरअसल, गिलानी अपनी अस्वस्थ बेटी को देखने सउदी अरब जाना चाहते हैं। राज्य पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, 'गिलानी तर्क दे रहे थे कि वो हाउस अरेस्ट में हैं इसलिये नहीं जा सकते, हमने पहरा उठा लिया है, वो जब चाहे जा सकते हैं।' केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक गिलानी 'प्रायर सिक्योरिटी क्लियरेंस' लिस्ट में आते हैं यानी कुछ लोगों की सूचि होती हैं जिन्हें पासपोर्ट देने से पहले केंद्र सरकार तक उनकी फाइल आती है। ऐसे मामलों में गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय फैसला लेते हैं। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने गिलानी को पासपोर्ट देने की पैरवी की है, जबकि बीजेपी ने उनके भारत विरोधी कार्यों के लिए उनसे माफी की मांग की है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि गिलानी एक बुजुर्ग व्यक्ति हैं और वह अपनी बीमार बेटी से भेंट करने अगर जेद्दा जाना चाहते हैं। इसलिए उन्हें यात्रा के लिए जरूरी दस्तावेज जारी करने में दिक्कत नहीं होनी चाहिए।टिप्पणियां उल्लेखनीय है कि सैयद अली शाह गिलानी ने पासपोर्ट बनाने के लिए आवेदन दिया है। उधर केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंदर सिंह ने कहा, ‘विदेश मंत्रालय मुद्दे पर संज्ञान लेगा और उस पर निर्णय करेगा। मुझे विश्वास है कि विदेश मंत्रालय उस पर निर्णय करेगा। मैं उस पर कोई फैसला देने की स्थिति में नहीं हूं।’ यद्यपि बीजेपी की जम्मू-कश्मीर इकाई ने कहा कि गिलानी यदि भारतीय पासपोर्ट चाहते हैं तो उन्हें पहले यह मानना चाहिए कि वह एक भारतीय हैं और अपनी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए ‘माफी’ मांगनी चाहिए। बीजेपी प्रवक्ता खालिद जहांगीर ने कहा है कि जब तक वे पिछले 25 साल में अपनी गलतियों के लिए माफी नहीं मांगते तब तक उन्हें पासपोर्ट नहीं दिया जा सकता है। दरअसल, गिलानी अपनी अस्वस्थ बेटी को देखने सउदी अरब जाना चाहते हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक गिलानी 'प्रायर सिक्योरिटी क्लियरेंस' लिस्ट में आते हैं यानी कुछ लोगों की सूचि होती हैं जिन्हें पासपोर्ट देने से पहले केंद्र सरकार तक उनकी फाइल आती है। ऐसे मामलों में गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय फैसला लेते हैं। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने गिलानी को पासपोर्ट देने की पैरवी की है, जबकि बीजेपी ने उनके भारत विरोधी कार्यों के लिए उनसे माफी की मांग की है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि गिलानी एक बुजुर्ग व्यक्ति हैं और वह अपनी बीमार बेटी से भेंट करने अगर जेद्दा जाना चाहते हैं। इसलिए उन्हें यात्रा के लिए जरूरी दस्तावेज जारी करने में दिक्कत नहीं होनी चाहिए।टिप्पणियां उल्लेखनीय है कि सैयद अली शाह गिलानी ने पासपोर्ट बनाने के लिए आवेदन दिया है। उधर केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंदर सिंह ने कहा, ‘विदेश मंत्रालय मुद्दे पर संज्ञान लेगा और उस पर निर्णय करेगा। मुझे विश्वास है कि विदेश मंत्रालय उस पर निर्णय करेगा। मैं उस पर कोई फैसला देने की स्थिति में नहीं हूं।’ यद्यपि बीजेपी की जम्मू-कश्मीर इकाई ने कहा कि गिलानी यदि भारतीय पासपोर्ट चाहते हैं तो उन्हें पहले यह मानना चाहिए कि वह एक भारतीय हैं और अपनी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए ‘माफी’ मांगनी चाहिए। बीजेपी प्रवक्ता खालिद जहांगीर ने कहा है कि जब तक वे पिछले 25 साल में अपनी गलतियों के लिए माफी नहीं मांगते तब तक उन्हें पासपोर्ट नहीं दिया जा सकता है। दरअसल, गिलानी अपनी अस्वस्थ बेटी को देखने सउदी अरब जाना चाहते हैं। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने गिलानी को पासपोर्ट देने की पैरवी की है, जबकि बीजेपी ने उनके भारत विरोधी कार्यों के लिए उनसे माफी की मांग की है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि गिलानी एक बुजुर्ग व्यक्ति हैं और वह अपनी बीमार बेटी से भेंट करने अगर जेद्दा जाना चाहते हैं। इसलिए उन्हें यात्रा के लिए जरूरी दस्तावेज जारी करने में दिक्कत नहीं होनी चाहिए।टिप्पणियां उल्लेखनीय है कि सैयद अली शाह गिलानी ने पासपोर्ट बनाने के लिए आवेदन दिया है। उधर केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंदर सिंह ने कहा, ‘विदेश मंत्रालय मुद्दे पर संज्ञान लेगा और उस पर निर्णय करेगा। मुझे विश्वास है कि विदेश मंत्रालय उस पर निर्णय करेगा। मैं उस पर कोई फैसला देने की स्थिति में नहीं हूं।’ यद्यपि बीजेपी की जम्मू-कश्मीर इकाई ने कहा कि गिलानी यदि भारतीय पासपोर्ट चाहते हैं तो उन्हें पहले यह मानना चाहिए कि वह एक भारतीय हैं और अपनी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए ‘माफी’ मांगनी चाहिए। बीजेपी प्रवक्ता खालिद जहांगीर ने कहा है कि जब तक वे पिछले 25 साल में अपनी गलतियों के लिए माफी नहीं मांगते तब तक उन्हें पासपोर्ट नहीं दिया जा सकता है। दरअसल, गिलानी अपनी अस्वस्थ बेटी को देखने सउदी अरब जाना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि सैयद अली शाह गिलानी ने पासपोर्ट बनाने के लिए आवेदन दिया है। उधर केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंदर सिंह ने कहा, ‘विदेश मंत्रालय मुद्दे पर संज्ञान लेगा और उस पर निर्णय करेगा। मुझे विश्वास है कि विदेश मंत्रालय उस पर निर्णय करेगा। मैं उस पर कोई फैसला देने की स्थिति में नहीं हूं।’ यद्यपि बीजेपी की जम्मू-कश्मीर इकाई ने कहा कि गिलानी यदि भारतीय पासपोर्ट चाहते हैं तो उन्हें पहले यह मानना चाहिए कि वह एक भारतीय हैं और अपनी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए ‘माफी’ मांगनी चाहिए। बीजेपी प्रवक्ता खालिद जहांगीर ने कहा है कि जब तक वे पिछले 25 साल में अपनी गलतियों के लिए माफी नहीं मांगते तब तक उन्हें पासपोर्ट नहीं दिया जा सकता है। दरअसल, गिलानी अपनी अस्वस्थ बेटी को देखने सउदी अरब जाना चाहते हैं। यद्यपि बीजेपी की जम्मू-कश्मीर इकाई ने कहा कि गिलानी यदि भारतीय पासपोर्ट चाहते हैं तो उन्हें पहले यह मानना चाहिए कि वह एक भारतीय हैं और अपनी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए ‘माफी’ मांगनी चाहिए। बीजेपी प्रवक्ता खालिद जहांगीर ने कहा है कि जब तक वे पिछले 25 साल में अपनी गलतियों के लिए माफी नहीं मांगते तब तक उन्हें पासपोर्ट नहीं दिया जा सकता है। दरअसल, गिलानी अपनी अस्वस्थ बेटी को देखने सउदी अरब जाना चाहते हैं।
टीवी कलाकार प्रत्यूषा बनर्जी ने पुलिस पर बदसलूकी करने का आरोप लगाया है. प्रत्यूषा ने बताया कि पुलिस की ड्रेस पहने कुछ लोग कांदीवली के उनके फ्लैट में आए और छेड़छाड़ की. प्रत्यूषा ने कांदिवली थाने में पुलिसवालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. प्रत्यूषा का आरोप है कि कार लोन की रिकवरी के सिलसिले में कुछ लोग नशे की हालत में 30 दिसंबर को उनके फ्लैट पर आए थे. उन लोगों ने प्रत्यूषा और उनके दोस्त के साथ झगड़ा किया था. प्रत्यूषा ने उन्हें लोन के पांच हजार रुपये दिए थे, बाद में उनके दोस्त ने रिकवरी करने आए लोगों को खदेड़ दिया था. बताया जाता है कि उन्हीं लोगों ने पुलिस में प्रत्यूषा के दोस्त के खिलाफ शिकायत की थी. इसी सिलसिले में पुलिस उनके घर पहुंची थी. प्रत्यूषा का आरोप है कि पुलिसवालों ने उनके साथ बदसलूकी की. जब इसकी शिकायत दर्ज कराने कांदिवली थाने पहुंची तो उन्हें चार घंटे इंतजार करना पड़ा. आखिरकार उनकी मदद को डॉली बिंद्रा आई तब केस दर्ज हुआ. प्रत्यूषा कलर्स चैनल के मशहूर धारावाहिक 'बालिका वधू' में आनंदी का किरदार निभाती रही हैं. इसके अलावा प्रत्यूषा 'बिग बॉस' में भी हिस्सा ले चुकीं हैं. हाल ही में उन्हें सोनी टीवी के शो 'पॉवर कपल' में देखा गया था. इसके अलावा वे कलर्स के एक और रिएलिटी शो 'झलक दिखला जा' में भी हिस्सा ले चुकी हैं.
विश्व के सर्वोच्च वरीयता प्राप्त सर्बियाई खिलाड़ी नोवाक जोकोविक को स्पेन के क्वालीफायर डेनियल गिमेनो-ट्रेवर के खिलाफ जीत हासिल करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। इस जीत के साथ जोकोविक मेड्रिड ओपन मास्टर्स टेनिस टूर्नामेंट के अंतिम-16 में प्रवेश कर गए। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, जोकोविक को विवादास्पद ब्लू क्ले सतह पर खेलने में समस्या हो रही थी और उन्हें कोर्ट पर दो बार फिसलते हुए भी देखा गया जिसके बाद वह काफी नाराज दिखे। मंगलवार को खेले गए पुरुषों की एकल स्पर्धा के दूसरे दौर के मुकाबले में जोकोविक ने ट्रेवर को 6-2, 2-6, 6-3 से पराजित किया। जोकोविक को इस मुकाबले को जीतने के लिए एक घंटे और 46 मिनट तक कोर्ट पर पसीना बहाना पड़ा। पहले दौर में जोकोविक को बाई मिली थी। स्थानीय खिलाड़ी फेलिसियानो लोपेज को हार का सामना करना पड़ा है। जर्गेन मेल्जर के खिलाफ लोपेज पहले दौर के मुकाबले में 6-3, 6-7, 4-6 से हार गए।टिप्पणियां छठी वरीयता प्राप्त बर्डिच ने दक्षिण अफ्रीका के केविन एंडरसन को 6-4, 6-3 से पटखनी दी। पूर्व फाइनलिस्ट डेविड नलबैंडियन को पहले दौर में कनाडा के माइलोस राओनिक के हाथों पराजित होना पड़ा नलबैंडियन 4-6, 4-6 से मुकाबला हार गए। 12वीं वरीयता प्राप्त फ्रांस के गाएल मोनफिल्स को पहले दौर में फिलिप कोश्रेयबर के खिलाफ जीत दर्ज करने में संघर्ष करना पड़ा। मोनफिल्स ने कोश्रेयबर को 7-5, 6-7(2), 6-3 से पराजित किया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, जोकोविक को विवादास्पद ब्लू क्ले सतह पर खेलने में समस्या हो रही थी और उन्हें कोर्ट पर दो बार फिसलते हुए भी देखा गया जिसके बाद वह काफी नाराज दिखे। मंगलवार को खेले गए पुरुषों की एकल स्पर्धा के दूसरे दौर के मुकाबले में जोकोविक ने ट्रेवर को 6-2, 2-6, 6-3 से पराजित किया। जोकोविक को इस मुकाबले को जीतने के लिए एक घंटे और 46 मिनट तक कोर्ट पर पसीना बहाना पड़ा। पहले दौर में जोकोविक को बाई मिली थी। स्थानीय खिलाड़ी फेलिसियानो लोपेज को हार का सामना करना पड़ा है। जर्गेन मेल्जर के खिलाफ लोपेज पहले दौर के मुकाबले में 6-3, 6-7, 4-6 से हार गए।टिप्पणियां छठी वरीयता प्राप्त बर्डिच ने दक्षिण अफ्रीका के केविन एंडरसन को 6-4, 6-3 से पटखनी दी। पूर्व फाइनलिस्ट डेविड नलबैंडियन को पहले दौर में कनाडा के माइलोस राओनिक के हाथों पराजित होना पड़ा नलबैंडियन 4-6, 4-6 से मुकाबला हार गए। 12वीं वरीयता प्राप्त फ्रांस के गाएल मोनफिल्स को पहले दौर में फिलिप कोश्रेयबर के खिलाफ जीत दर्ज करने में संघर्ष करना पड़ा। मोनफिल्स ने कोश्रेयबर को 7-5, 6-7(2), 6-3 से पराजित किया। मंगलवार को खेले गए पुरुषों की एकल स्पर्धा के दूसरे दौर के मुकाबले में जोकोविक ने ट्रेवर को 6-2, 2-6, 6-3 से पराजित किया। जोकोविक को इस मुकाबले को जीतने के लिए एक घंटे और 46 मिनट तक कोर्ट पर पसीना बहाना पड़ा। पहले दौर में जोकोविक को बाई मिली थी। स्थानीय खिलाड़ी फेलिसियानो लोपेज को हार का सामना करना पड़ा है। जर्गेन मेल्जर के खिलाफ लोपेज पहले दौर के मुकाबले में 6-3, 6-7, 4-6 से हार गए।टिप्पणियां छठी वरीयता प्राप्त बर्डिच ने दक्षिण अफ्रीका के केविन एंडरसन को 6-4, 6-3 से पटखनी दी। पूर्व फाइनलिस्ट डेविड नलबैंडियन को पहले दौर में कनाडा के माइलोस राओनिक के हाथों पराजित होना पड़ा नलबैंडियन 4-6, 4-6 से मुकाबला हार गए। 12वीं वरीयता प्राप्त फ्रांस के गाएल मोनफिल्स को पहले दौर में फिलिप कोश्रेयबर के खिलाफ जीत दर्ज करने में संघर्ष करना पड़ा। मोनफिल्स ने कोश्रेयबर को 7-5, 6-7(2), 6-3 से पराजित किया। जोकोविक को इस मुकाबले को जीतने के लिए एक घंटे और 46 मिनट तक कोर्ट पर पसीना बहाना पड़ा। पहले दौर में जोकोविक को बाई मिली थी। स्थानीय खिलाड़ी फेलिसियानो लोपेज को हार का सामना करना पड़ा है। जर्गेन मेल्जर के खिलाफ लोपेज पहले दौर के मुकाबले में 6-3, 6-7, 4-6 से हार गए।टिप्पणियां छठी वरीयता प्राप्त बर्डिच ने दक्षिण अफ्रीका के केविन एंडरसन को 6-4, 6-3 से पटखनी दी। पूर्व फाइनलिस्ट डेविड नलबैंडियन को पहले दौर में कनाडा के माइलोस राओनिक के हाथों पराजित होना पड़ा नलबैंडियन 4-6, 4-6 से मुकाबला हार गए। 12वीं वरीयता प्राप्त फ्रांस के गाएल मोनफिल्स को पहले दौर में फिलिप कोश्रेयबर के खिलाफ जीत दर्ज करने में संघर्ष करना पड़ा। मोनफिल्स ने कोश्रेयबर को 7-5, 6-7(2), 6-3 से पराजित किया। छठी वरीयता प्राप्त बर्डिच ने दक्षिण अफ्रीका के केविन एंडरसन को 6-4, 6-3 से पटखनी दी। पूर्व फाइनलिस्ट डेविड नलबैंडियन को पहले दौर में कनाडा के माइलोस राओनिक के हाथों पराजित होना पड़ा नलबैंडियन 4-6, 4-6 से मुकाबला हार गए। 12वीं वरीयता प्राप्त फ्रांस के गाएल मोनफिल्स को पहले दौर में फिलिप कोश्रेयबर के खिलाफ जीत दर्ज करने में संघर्ष करना पड़ा। मोनफिल्स ने कोश्रेयबर को 7-5, 6-7(2), 6-3 से पराजित किया। 12वीं वरीयता प्राप्त फ्रांस के गाएल मोनफिल्स को पहले दौर में फिलिप कोश्रेयबर के खिलाफ जीत दर्ज करने में संघर्ष करना पड़ा। मोनफिल्स ने कोश्रेयबर को 7-5, 6-7(2), 6-3 से पराजित किया।
अपहरण वर्ष 2005 में बनी अपराध-ड्रामा पर आधारित निर्देशक प्रकाश झा की हिन्दी भाषा की फिल्म है। फिल्म की मुख्य भुमिकाओं में अजय देवगन, नाना पाटेकर तथा बिपाशा बसु आदि ने अभिनय किया है। फिल्म का मुख्य विषय आदर्शवादी पिता और महत्वाकांक्षी पुत्र के मध्य उन विरोधाभासी टकराव पर केंद्रीत है जिनके पृष्ठभूमि पर बिहार जैसे उत्तरी भारत के प्रांतों में अपहरण का राजनीतिकरण के चलते अपराधिक गतिविधियों के लिए उद्योग का रूप ले रहा है। सामाजिक संवेदनशील मुद्दे पर बनी फिल्म 'अपहरण' भारतीय बाॅक्स-ऑफिस में औसत प्रदर्शन करती है। संक्षेप अजय शास्त्री (अजय देवगन) एक मेधावी स्नातकोत्तर और ईमानदार युवक है जिसका सपना है कि वह भी पुलिस ऑफिसर बने। उसके पिता रघुवंशी शास्त्री (मोहन अगाशे) एक सेवानिवृत्त पूर्वशिक्षक है जो आदर्शवादी सिद्धांतों और गांधीवादी नीति का पालन करते हैं जो सामाजिक कार्यों में अपने को सक्रिय रखते हैं। प्रोफेसर शास्त्री को जितना अपने आदर्शवाद सिद्धांतों का विश्वास है उतना ही वे अपने बेटे अजय से उनपर चलने की अपेक्षा रखते हैं। पर कई बार यही नैतिक सिद्धांतों के चलते अजय को अपने महत्वाकांक्षाओं की राह में खटकते हैं, जिससे पिता-पुत्र के विचारों में दरार की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। अजय अपने दोस्त काशीनाथ (आयूब खान) के साथ मूरली से काफी बड़ी रकम कर्ज लेते है ताकि पुलिस बहाली की मेरिट लिस्ट में अपने नाम के चयन के लिए रिश्वत दे सके। लेकिन अजय की उम्मीद तब बिखर जाती है जब उसके पिता द्वारा पुलिस बहाली में हुए धांधली को मीडिया में उजागर करते हैं, परिणामस्वरूप सभी अभ्यार्थियों के साथ अजय का नाम भी कट जाता है। वहीं मुरली उन पर जल्द कर्ज चुकाने का दबाव डालता है। मजबूरन अजय अपने साथियों के साथ मिलकर अपहरण की कोशिश करते हैं, वे सफल भी हो जाते हैं लेकिन जल्द ही उनको आभास होता है कि उनका बंधक गया सिंह (यशपाल शर्मा) के अधीन है और वह विधायक तबरेज़ आलम (नाना पाटेकर) का वफादार गुर्गा है। चरित्र मुख्य कलाकार ▪अजय देवगन - अजय शास्त्री ▪बिपाशा बसु - मेघा बसु ▪नाना पाटेकर - तबरेज़ आलम (विधायक) ▪यशपाल शर्मा - गया सिंह ▪मोहन अगाशे - प्रोफेसर रघुवंश शास्त्री ▪आयुब खान - काशी नाथ ▪अनूप सोनी - आकाश रंजन (प्रेस पत्रकार) ▪मुकेश तिवारी - पुलिस अधीक्षक अनवर खान ▪चेतन पण्डित - दया शंकर ▪पंकज त्रिपाठी - गया सिंह का आदमी ▪एहसान खान - डी.एस.पी वीरेन्द्र शुक्ला ▪मुरली शर्मा - मुरलीधर ▪बृजगोपाल - जगन्नाथ मण्डल ▪अखिलेन्द्र मिश्रा - बृजनाथ मिश्रा (मुख्यमंत्री) ▪राधाकृष्णा दत्ता - सेठ सूरजमल ▪मुकुल नाग - उस्मान ▪चेतन पण्डित - दिनकर पाण्डे (गृहमंत्री) ▪पद्म सिंह - धरम सिंह ▪पृथ्वी जुत्थी - द्वारका ▪खालिद सिद्दीकी - कमल किशोर ▪मृलनालिणी शर्मा ▪राज खान - सेठ चाँदमल ▪प्रथमेश मेहता ▪खान जहांगीर खान - सलीम खान दल संगीत रोचक तथ्य परिणाम बौक्स ऑफिस समीक्षाएँ नामांकन और पुरस्कार फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार 2006 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ खलनायक पुरस्कार - नाना पाटेकर बाहरी कड़ियाँ अपहरण
बिहार में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) से पहले एनडीए (NDA) में बुधवार को थोडी उथल-पुथल देखने को मिली. सीतामढ़ी से जदयू ने अपने नए उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है और उसने डॉ वरुण कुमार की जगह सुनील पिंटू (सुनील कुमार पिंटू) को अपना उम्मीदवार बनाया है. दरअसल नामांकन से पहले ही सीतामढ़ी से जनता दल यूनाइटेड (JDU) के उम्मीदवार डॉक्टर वरुण कुमार ने अपना टिकट लौटा दिया और चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया. इसके बाद जदयू के भीतर भी गहमागहमी शुरू हो गई. आनन-फानन में बीजेपी नेता सुनील कुमार पिंटू को बीजेपी से जदयू में शामिल किया गया और फिर उन्हें सीतामढ़ी सीट से टिकट दिया गया.  डॉ वरुण कुमार द्वारा टिकट लौटाए जाने के बाद नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व विधायक और बिहार सरकार में मंत्री रह चुके सुनील कुमार पिंटू को सीतामढ़ी से लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया. इसकी जानकारी बुधवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जदूय नेता राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने दी. खास बात रही कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ही पहले सुनील कुमार पिंटू को जेडीयू की सदस्यता दिलाई गई और उनके उम्मीदवारी की घोषणा की गई. बता दें कि बुधवार को सुबह खबर आई कि वरुण ने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से मिलकर चुनाव लड़ने में असमर्थता जताई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्हें न तो जनता दल यूनाइटेड का और न ही भाजपा का कोई नेता बहुत महत्व दे रहा था. वे इसलिए काफी परेशान थे. इसलिए उन्होंने नामांकन से पहले ही टिकट लौटा दिया. बता दें, सीतामढ़ी में 6 मई को मतदान हैं. बिहार में नीतीश कुमार की जदयू, भाजपा और रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ रही है. भाजपा और जदयू 17-17 और लोजपा छह सीटों पर चुनाव लड़ रही है.  जदयू ने जिन सुनील कुमार पिंटू को सीतामढ़ी सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है, राजनीति में उनका कद काफी बड़ा है. सुनील कुमार 4 बार विधायक रह चुके हैं और नीतीश सरकार में मंत्री भी. वह बीजेपी के कद्दावर नेता रहे हैं. वह इससे पहले तक बीजेपी के टिकट पर ही विधानसभा चुनाव जीतते आ रहे हैं.
शहर के सर्फाबाद गांव में शुक्रवार को तड़के लगी भीषण आग से करीब 150 झुग्गियां जलकर खाक हो गईं और एक व्यक्ति झुलस गया. आग पर काबू पाने में 14 दमकल गाड़ियों को तीन घंटे का वक्त लगा. मुख्य दमकल अधिकारी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि सेक्टर 49 थाना क्षेत्र के सर्फाबाद गांव में बनी झुग्गियों में शुक्रवार को सुबह-सुबह करीब 3 बजे भयंकर आग लग गई. हादसे में कम से कम 150 झुग्गियां जल गईं. सिंह ने बताया कि सूचना मिलते ही 14 दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंचीं. आग पर काबू पाने में तीन घंटे का वक्त लगा. उन्होंने बताया कि घटना में अमजद दफादार नामक व्यक्ति झुलस गया है. उसे नोएडा के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हादसे में कुछ अन्य लोग भी जख्मी हुए लेकिन उन्हें मरहम-पट्टी के बाद छुट्टी दे दी गई. सिंह ने कहा कि आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है. झुग्गियों में रखे गैस सिलिंडर के फटने से आग ने और विकराल रूप धारण कर लिया था. प्रशासन फिलहाल हादसे के कारण बेघर हुए लोगों के लिए प्रबंध करने में जुटा है.
करावल नगर पुलिस ने पत्‍नी की हत्‍या के मामले में राहुल शर्मा नाम के एक व्‍यक्ति को गिरफ्तार किया है. शुक्रवार शाम पुलिस को घर के अंदर ही एक बैग में महिला की गला कटी लाश मिली थी. पुलिस का दावा है कि 20 वर्षीय खुशबू ने अपने घरवालों की मर्जी के खिलाफ लव मैरिज की थी, लेकिन उसी के पति ने उसको मौत के घाट उतार दिया. पुलिस ने बताया कि अपनी पत्‍नी का कत्‍ल करने के बाद अगले ही दिन आरोपी ने बुलंदशहर में दूसरी शादी रचाई, जिसमें उसके घरवाले भी शामिल हुए थे. करावल नगर के अंबिका विहार कॉलोनी में रहने वाला आरोपी राहुल प्रॉपर्टी का कारोबार करता था और उसे गाजियाबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया. इस तरह से पुलिस का दावा है कि उसने 48 घंटे के अन्दर ही बोरे में बंद लाश की मिस्ट्री को सुलझा लिया है. शुक्रवार शाम को घर में ही बोरे में खुशबू की लाश मिलने से कॉलोनी में हड़कंप मच गया था. अंबिका विहार कॉलोनी स्थित मकान की दूसरी मंजिल के कमरे से बदबू आने पर मकान मालिक को कुछ शक हुआ तो उन्‍होंने पुलिस को सूचना दे दी. पुलिस ने बंद कमरे में लगे ताले को तोड़ा तो एक बोरे में खुशबू की सिरकटी लाश देखकर सभी के होश उड़ गए. सोमवार को शव का पोस्ट मॉर्टम कराया जाएगा. 21 साल के राहुल शर्मा ने 18 नवंबर की देर रात तेज धारदार हथियार से अपनी पत्‍नी खुशबू की हत्या कर दी थी और शव को ठिकाने लगाने के इरादे से बोरे में भर लिया था. इतना ही नहीं राहुल ने हत्या के बाद 20 नवंबर को दूसरी शादी भी रचा ली. उसका इरादा था कि दूसरी शादी के बाद वह खुशबू की लाश को ठिकाने लगा देगा, लेकिन इससे पहले ही उसकी साजिश का खुलासा हो गया.
यह लेख है: चेन्नई स्थित मौसम कार्यालय को उपग्रह से प्राप्त बादलों की नवीनतम तस्वीरें यह दर्शाती हैं कि चक्रवाती तूफान महासेन चेन्नई तट से करीब 850 किलोमीटर दक्षिणपूर्व दिशा में बंगाल की खाड़ी में स्थित है। मौसम अधिकारियों ने कहा, ‘यह तूफान शाम सात बजे से आगामी 36 घंटे तक पश्चिमोत्तर दिशा में आगे बढ़ेगा और उसके बाद पूर्वोत्तर दिशा की ओर बांग्लादेश-म्यामां तट की ओर मुड़ जाएगा।’ पहले 36 घंटे के पूर्वानुमान के अनुसार तमिलनाडु, पुदुचेरी, तटवर्ती आंध्र प्रदेश और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में कुछ स्थानों पर वर्षा या गरज-चमक के साथ छींटे पड़ सकते हैं।टिप्पणियां केरल, रायलसीमा, तटवर्ती कर्नाटक और लक्षद्वीप में कहीं-कहीं वर्षा या गरज-चमक के साथ छींटें पड़ सकते हैं जबकि तेलंगाना और उत्तर आंतरिक कर्नाटक में मौसम शुष्क रहेगा। चेन्नई शहर में आसमान में आंशिक बादल छाये रहेंगे जबकि कुछ क्षेत्रों में वर्षा या गरज-चमक के साथ छींटे पड़ सकते हैं। मौसम अधिकारियों ने कहा, ‘यह तूफान शाम सात बजे से आगामी 36 घंटे तक पश्चिमोत्तर दिशा में आगे बढ़ेगा और उसके बाद पूर्वोत्तर दिशा की ओर बांग्लादेश-म्यामां तट की ओर मुड़ जाएगा।’ पहले 36 घंटे के पूर्वानुमान के अनुसार तमिलनाडु, पुदुचेरी, तटवर्ती आंध्र प्रदेश और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में कुछ स्थानों पर वर्षा या गरज-चमक के साथ छींटे पड़ सकते हैं।टिप्पणियां केरल, रायलसीमा, तटवर्ती कर्नाटक और लक्षद्वीप में कहीं-कहीं वर्षा या गरज-चमक के साथ छींटें पड़ सकते हैं जबकि तेलंगाना और उत्तर आंतरिक कर्नाटक में मौसम शुष्क रहेगा। चेन्नई शहर में आसमान में आंशिक बादल छाये रहेंगे जबकि कुछ क्षेत्रों में वर्षा या गरज-चमक के साथ छींटे पड़ सकते हैं। पहले 36 घंटे के पूर्वानुमान के अनुसार तमिलनाडु, पुदुचेरी, तटवर्ती आंध्र प्रदेश और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में कुछ स्थानों पर वर्षा या गरज-चमक के साथ छींटे पड़ सकते हैं।टिप्पणियां केरल, रायलसीमा, तटवर्ती कर्नाटक और लक्षद्वीप में कहीं-कहीं वर्षा या गरज-चमक के साथ छींटें पड़ सकते हैं जबकि तेलंगाना और उत्तर आंतरिक कर्नाटक में मौसम शुष्क रहेगा। चेन्नई शहर में आसमान में आंशिक बादल छाये रहेंगे जबकि कुछ क्षेत्रों में वर्षा या गरज-चमक के साथ छींटे पड़ सकते हैं। केरल, रायलसीमा, तटवर्ती कर्नाटक और लक्षद्वीप में कहीं-कहीं वर्षा या गरज-चमक के साथ छींटें पड़ सकते हैं जबकि तेलंगाना और उत्तर आंतरिक कर्नाटक में मौसम शुष्क रहेगा। चेन्नई शहर में आसमान में आंशिक बादल छाये रहेंगे जबकि कुछ क्षेत्रों में वर्षा या गरज-चमक के साथ छींटे पड़ सकते हैं। चेन्नई शहर में आसमान में आंशिक बादल छाये रहेंगे जबकि कुछ क्षेत्रों में वर्षा या गरज-चमक के साथ छींटे पड़ सकते हैं।
कारगिल विजय दिवस स्वतंत्र भारत के सभी देशवासियों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिवस है। भारत में प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को यह दिवस मनाया जाता है। इस दिन भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध हुआ था जो लगभग 60 दिनों तक चला और 26 जुलाई के दिन उसका अंत हुआ और इसमें भारत विजय हुआ। कारगिल विजय दिवस युद्ध में शहीद हुए भारतीय जवानों के सम्मान हेतु यह दिवस मनाया जाता है। इतिहास 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद भी कई दिन सैन्य संघर्ष होता रहा। इतिहास के मुताबित दोनों देशों द्वारा परमाणु परीक्षण के कारण तनाव और बढ़ गया था। स्थिति को शांत करने के लिए दोनों देशों ने फरवरी 1999 में लाहौर में घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए। जिसमें कश्मीर मुद्दे को द्विपक्षीय वार्ता द्वारा शांतिपूर्ण ढंग से हल करने का वादा किया गया था लेकिन पाकिस्तान ने अपने सैनिकों और अर्ध-सैनिक बलों को छिपाकर नियंत्रण रेखा के पार भेजने लगा और इस घुसपैठ का नाम "ऑपरेशन बद्र" रखा था। इसका मुख्य उद्देश्य कश्मीर और लद्दाख के बीच की कड़ी को तोड़ना और भारतीय सेना को सियाचिन ग्लेशियर से हटाना था। पाकिस्तान यह भी मानता है कि इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के तनाव से कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने में मदद मिलेगी। प्रारम्भ में इसे घुसपैठ मान लिया था और दावा किया गया कि इन्हें कुछ ही दिनों में बाहर कर दिया जाएगा लेकिन नियंत्रण रेखा में खोज के बाद इन घुसपैठियों के नियोजित रणनीति के बारे मे पता चला जिससे भारतीय सेना को एहसास हो गया कि हमले की योजना बहुत बड़े पैमाने पर की गयी है। इसके बाद भारत सरकार ने ऑपरेशन विजय नाम से 2,00,000 सैनिकों को कारगिल क्षेत्र मे भेजा। यह युद्ध आधिकारिक रूप से 26 जुलाई 1999 को समाप्त हुआ। इस युद्ध के दौरान 527 सैनिकों ने अपने जीवन का बलिदान दिया और 1400 के करीब घायल हुए थे। सन्दर्भ कारगिल युद्ध भारत का सैनिक इतिहास
सेना के पूर्व प्रमुख वी पी मलिक ने कहा कि आदर्श कापरेटिव घोटाले में सेना के कुछ अधिकारियों के शामिल होने से सेना की छवि पर धब्बा लगा है. जनरल (सेवानिवृत्त) मलिक ने कहा, ‘हां इसके (घोटाले के) कारण सेना की छवि पर धब्बा लगा और खासकर उन वरिष्ठ अधिकारियों के कारण जो इसका प्रस्ताव करने में और इसकी अनुमति दिलाने में शामिल थे.’ उन्होंने कहा कि हम यह सुनकर प्रसन्न हैं कि वर्तमान सेना प्रमुख ने सभी संबद्ध लोगों को चेतावनी दी है.
यूजीसी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सभी कॉलेजों औ यूनिवर्सिटीज को 6 महीने के भीतर खाली पदों को भरने के लिए कहा है.UGC ने ये गाइडलाइन जारी करते हुए सभी केंद्रीय यूनिवर्सिटी, कॉलेजों के अलावा डीम्ड विश्वविद्यालयों को भी सभी पद भरने को कहा है. यूजीसी की ओर से देश के सभी कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और डीम्ड विश्वविद्यालयों को रिक्त पदों को भरने के लिए छह महीने की समय सीमा दी गई है. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इसी सप्ताह ये आदेश सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को दिया है. आदेश के मुताबिक शिक्षण संस्थानों में खाली पदों की पहचान से लेकर उम्मीदवारों के चयन तक का शेड्यूल जारी किया गया है. कुल छह माह की समय सीमा में ये पद भरने हैं. इसमें सामान्य और आरक्षित श्रेणी के पदों को भरते समय रोस्टर नियमों का पालन करने के निर्देश भी दिए गए हैं. विश्वविद्यालयों के कुलपति को लिखे गए पत्र में यूजीसी ने कहा है कि उच्च शैक्षिक संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण टीचिंग फैकल्टी की कमी एक बड़ी चिंता है. इसे सुधारने के लिए तत्काल यह कदम उठाना वक्त की मांग थी. बता दें कि देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में टीचरों की कमी है, इसका असर शिक्षा की गुणवत्ता पर पड़ रहा है. केंद्रीय विश्वविद्यालयों, डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपतियों और शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों को इस आदेश पर तुरंत अमल करने को कहा गया है. ऐसा न करने पर अनुदान तक वापस ली जा सकती है. 5  लाख से ज्यादा पद खाली एक अध्ययन के मुताबिक देश भर के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में कम से कम पांच लाख पद खाली हैं. सिर्फ 48 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कम से कम 5,000 पद खाली हैं. यूजीसी देश भर के 900 विश्वविद्यालयों और 40,000 से अधिक कॉलेजों की देखरेख करता है. 20 जून तक देनी है जानकारी यूजीसी ने कहा है कि छह महीने की समयावधि में रिक्त पदों पहचान करके 15 दिनों तक इसकी जानकारी NHERC पोर्टल पर 20 जून, 2019 तक अपलोड करना है. 30 दिनों के भीतर प्रत्येक संस्थान के सक्षम प्राधिकारी को इसकी स्वीकृति देने की आवश्यकता होती है. पदों को अगले 15 दिनों में विज्ञापित किया जाना चाहिए, फिर चयन समितियों का गठन और उनकी बैठकों के लिए तारीखें निर्धारित की जानी चाहिए. चौथे महीने के अंत तक आवेदनों की जांच की जानी चाहिए और शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को भेजे गए साक्षात्कार पत्र संस्थान की वेबसाइट पर भी अपलोड किए जाने चाहिए. चौथे महीने के अंत तक, आवेदनों की जांच की जानी चाहिए और शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को भेजे गए साक्षात्कार पत्र संस्थान की वेबसाइट पर भी अपलोड किए जाने चाहिए. पांचवा महीना साक्षात्कार आयोजित करने और अंतिम उम्मीदवारों के चयन करने के लिए आरक्षित है. इसके बाद छह महीने के अंत तक नियुक्ति पत्र जारी करें.
टीम इंडिया ने टी20 में अजेय रहने का सिलसिला जारी रखते हुए एशिया कप में श्रीलंका को पीटकर फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली. टीम इंडिया की इस जीत में मैन ऑफ द मैच विराट कोहली का बड़ा योगदान रहा. लेकिन इस जीत में कोहली के साथ रैना की साझेदारी और युवराज सिंह की धुंआधार पारी को भी नकारा नहीं जा सकता. आइए आपको बताते हैं टीम इंडिया की इस बड़ी जीत के महारथियों के बारे में पंड्या ने जमाया 'हार्दिक' रंग ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या ने इस मैच से फिर एक बार सीमित ओवरों के खेल में अपनी अहमियत साबित की. पहले तो उन्होंने खतरनाक बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान को सटीक बाउंसर पर अश्विन के हाथों कैच आउट कराकर श्रीलंका को करारा झटका दिया. इसके बाद पंड्या ने श्रीलंकाई कप्तान और सीमित ओवरों के धांसू बैट्समैन एंजेलो मैथ्यूज को बोल्ड कर श्रीलंका की बैटिंग की कमर तोड़ दी. इतना ही नहीं उन्होंने बुमराह की गेंद पर स्वीपर कवर बाउंड्री पर जबरदस्त कैच लेकर इस मैच में श्रीलंका की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले कप्पुगेदरा की पारी का भी अंत किया. चला अश्विन की फिरकी का जादू श्रीलंका के खिलाफ अच्छे प्रदर्शन के लिए जाने जाने वाले स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को इस मैच में देरी से अटैक पर लगाया गया. हालांकि अश्विन पर इसका कोई खास असर नहीं हुआ और उन्होंने श्रीलंकाई बल्लेबाजी को दो करारे झटके दिए. अपने पहले दो ओवरों में विकेट लेने में नाकाम रहे अश्विन ने अपने तीसरे ओवर की पहली ही गेंद पर खतरनाक होते जा रहे सिरिवर्दना को लॉन्ग ऑन पर रैना के हाथो लपकवाया. इसी ओवर में अश्विन ने रोहित शर्मा की जबरदस्त फील्डिंग से मिले मौके को भुनाते हुए शनाका को रनआउट किया. अपने अंतिम ओवर में अश्विन ने तेजी से रन जुटा रहे थिसारा परेरा को कप्तान धोनी के हाथों स्टंप कराया. विकेट के पीछे धोनी का धमाल टीम इंडिया के कैप्टन कूल को इस मैच में विनिंग शॉट जमाने का मौका तो नहीं मिला लेकिन उन्होंने इस मैच में विकेट के पीछे जबरदस्त खेल दिखाया. धोनी ने इस मैच में तीन शिकार करने के साथ ही विराट कोहली के थ्रो पर एक रनआउट भी किया. माही ने सबसे पहले नेहरा की गेंद पर चांदीमल का कैच पकड़कर उन्हें पैवेलियन भेजा. इसके बाद उन्होंने बुमराह की गेंद पर जयसूर्या का शिकार किया और फिर अश्विन की वाइड गेंद पर जबरदस्त रिफ्लेक्सेज दिखाते हुए परेरा को स्टंप किया. एमएसडी ने इसके बाद कोहली के थ्रो पर बिजली सी तेजी दिखाते हुए कुलसेकरा को रनआउट किया. कोहली की बैटिंग और रैना का साथ मात्र 16 रनों पर दोनों ओपनरों के विकेट खोने से संकट में आती टीम इंडिया को पिछले मैच की तरह इस बार भी कोहली ने ही संभाला. उन्होंने तीसरे विकेट के लिए सुरेश रैना के साथ तीसरे विकेट के लिए 7.5 ओवरों में 54 रनों की तेज साझेदारी की. रैना ने इस साझेदारी में महत्वपूर्ण 25 रनों का योगदान दिया. कोहली ने समझदारी से खेलते हुए अंत तक विकेट पर खड़े रहकर शानदार फिनिशिंग स्किल्स दिखाईं और टीम इंडिया को जीत दिलाकर ही लौटे. उन्होंने 47 गेंदों पर सात चौकों की मदद से नाबाद 56 रन बनाए. मैदान पर आया युवराज का तूफान 12वें ओवर में 70 रनों के कुल स्कोर पर रैना के आउट होने के बाद क्रीज पर आए युवराज 17वें ओवर में जब आउट हुए तो स्कोर बोर्ड पर 121 रन टंग चुके थे. उन्होंने कोहली के साथ चौथे विकेट के लिए मात्र 34 गेंदों में 51 रनों की ताबड़तोड़ साझेदारी की. युवी मैदान पर आते ही लंकाई गेंदबाजों पर टूट पड़े और मात्र 18 गेंदों में तीन चौकों और तीन छक्कों की मदद से 35 रन कूट डाले. युवी इतने कातिलाना मूड में थे कि अगर वो एक ओवर भी और टिक जाते तो मैच वहीं खत्म हो जाता. अपनी इस पारी से वो टी20 इंटरनेशनल में सबसे ज्यादा छक्के लगाने वाले बल्लेबाजों की लिस्ट में चौथे नंबर पर आ गए. उन्होंने अब तक खेले 49 मैचों की 43 पारियों में 68 छक्के जमाए हैं. दिलचस्प बात ये है कि उन्होंने अपने टी20 इंटरनेशनल करियर में इतने ही चौके भी लगाए हैं.
अनशन पर टीम अन्ना आज से टीम अन्ना अनशन पर बैठ रही है. भ्रष्टाचार के खिलाफ छेड़ी गई टीम अन्ना की मुहिम में इस बार अन्ना अनशन पर नहीं बैठ रहे हैं. टीम अन्ना के सदस्य इस अनशन पर बैठ रहे हैं. पांचवे दिन से अन्ना भी हड़ताल पर बैठेंगे. प्रणब मुखर्जी लेंगे शपथ देश के नए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी सुबह 11:30 बजे शपथ लेंगे. पार्लियामेंट के सेंटर हॉल में होगा शपथ ग्रहण समारोह. शपथ लेने से पहले प्रणब जाएंगे राजघाट, शांति वन, शक्ति स्थल और वीरभूमि. NCP की होगी बैठक शरद पवार की प्रमुखता वाली नैशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) की आज बैठक होगी. इस बैठक में UPA में NCP-कांग्रेस के बीच रिश्तों पर चर्चा की जाएगी. NCP नेता शरद पवार फिलहाल कांग्रेस से काफी नाराज चल रहे हैं. 'काका' की अस्थियां लाई जाएंगी हरिद्वार बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना की अस्थियों को आज हरिद्वार ले जाया जाएगा. 18 जुलाई को राजेश खन्ना का निधन हुआ था, जबकि 19 जुलाई को उनका शरीर पंचतत्व में विलीन हुआ था. डिंपल खन्ना और रिंकी खन्ना मुंबई से हरिद्वार ले जाएंगी अस्थियां. पाक राष्ट्रपति जरदारी की किस्मत का फैसला! पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री अशरफ को राष्ट्रपति जरदारी के खिलाफ रिश्वत के केस फिर से खोलने के लिए आज की ही डेडलाइन दी थी. इस मुद्दे पर पड़ोसी देश में कुछ हलचल होने की संभावना. गुवाहाटी छेड़छाड़ मामले में पूछताछ गुवाहाटी में 11वीं कक्षा की छात्रा के साथ हुई छेड़छाड़ मामले में आरोपी अमरज्योति कलीता को आज गुवाहाटी लाया जाएगा साथ ही पुलिस उससे पूरे मामले में पूछताछ भी करेगी. बंगाल में टैक्सीवालों की हड़ताल बंगाल टैक्सी असोसिएशन आज एक दिन की हड़ताल पर रहेगा. किराया बढ़ाने के सरकार के फैसले के विरोध में ये हड़ताल की जा रही है. सोमनाथ चटर्जी का जन्मदिन आज पूर्व लोकसभा स्पीकर सोमनाथ चटर्जी का जन्मदिन है, इसके अलावा महान लेखक जिम कार्बेट का भी आज के ही दिन हुआ था.
राम ने बालि का वध कर के सुग्रीव को किष्किन्धा का राज्य तथा बालि के पुत्र अंगद को युवराज का पद दे दिया। राज्य प्राप्ति के बाद सुग्रीव विलास में लिप्त हो गया और वर्षा तथा शरद् ऋतु व्यतीत हो गई। राम की नाराजगी पर सुग्रीव ने वानरों को सीता की खोज के लिये भेजा। सीता की खोज में गये वानरों को एक गुफा में एक तपस्विनी के दर्शन हुये। तपस्विनी ने खोज दल को योगशक्ति से समुद्रतट पर पहुंचा दिया जहां पर उनकी भेंट सम्पाती से हुई। सम्पाती ने वानरों को बताया कि रावण ने सीता को लंका अशोकवाटिका में रखा है। जाम्बवन्त ने हनुमान को समुद्र लांघने के लिये उत्साहित किया। हनुमान ने लंका की ओर प्रस्थान किया। सुरसा ने हनुमान की परीक्षा ली और उसे योग्य तथा सामर्थ्यवान पाकर आशीर्वाद दिया। मार्ग में हनुमान ने छाया पकड़ने वाली राक्षसी का वध किया और लंकिनी पर प्रहार करके लंका में प्रवेश किया। उनकी विभीषण से भेंट हुई। जब हनुमान अशोकवाटिका में पहुँचे तो रावण सीता को धमका रहा था। रावण के जाने पर त्रिजटा ने सीता को सान्तवना दी। एकान्त होने पर हनुमान जी ने सीता माता से भेंट करके उन्हें राम की मुद्रिका दी। हनुमान ने अशोकवाटिका का विध्वंस करके रावण के पुत्र अक्षय कुमार का वध कर दिया। मेघनाथ हनुमान को नागपाश में बांध कर रावण की सभा में ले गया। रावण के प्रश्न के उत्तर में हनुमान ने अपना परिचय राम के दूत के रूप में दिया। रावण ने हनुमान की पूँछ में तेल में डूबा हुआ कपड़ा बांध कर आग लगा दिया इस पर हनुमान ने लंका का दहन कर दिया। हनुमान सीता के पास पहुँचे। सीता ने अपनी चूड़ामणि दे कर उन्हें विदा किया। वे वापस समुद्र पार आकर सभी वानरों से मिले और सभी वापस सुग्रीव के पास चले गये। हनुमान के कार्य से राम अत्यन्त प्रसन्न हुये। राम वानरों की सेना के साथ समुद्रतट पर पहुँचे। उधर विभीषण ने रावण को समझाया कि राम से बैर न लें इस पर रावण ने विभीषण को अपमानित कर लंका से निकाल दिया। विभीषण राम के शरण में आ गया और राम ने उसे लंका का राजा घोषित कर दिया। राम ने समुद्र से रास्ता देने की विनती की। विनती न मानने पर राम ने क्रोध किया और उनके क्रोध से भयभीत होकर समुद्र ने स्वयं आकर राम की विनती करने के पश्चात् नल और नील के द्वारा पुल बनाने का उपाय बताया। जाम्बवन्त के आदेश से नल-नील दोनों भाइयों ने वानर सेना की सहायता से समुद्र पर पुल बांध दिया। श्री राम ने श्री रामेश्वर की स्थापना करके भगवान शंकर की पूजा की और सेना सहित समुद्र के पार उतर गये। समुद्र के पार जाकर राम ने डेरा डाला। पुल बंध जाने और राम के समुद्र के पार उतर जाने के समाचार से रावण मन में अत्यन्त व्याकुल हुआ। मन्दोदरी के राम से बैर न लेने के लिये समझाने पर भी रावण का अहंकार नहीं गया। इधर राम अपनी वानरसेना के साथ सुबेल पर्वत पर निवास करने लगे। अंगद राम के दूत बन कर लंका में रावण के पास गये और उसे राम के शरण में आने का संदेश दिया किन्तु रावण ने नहीं माना। शान्ति के सारे प्रयास असफल हो जाने पर युद्ध आरम्भ हो गया। लक्ष्मण और मेघनाद के मध्य घोर युद्ध हुआ। शक्तिबाण के वार से लक्ष्मण मूर्छित हो गये। उनके उपचार के लिये हनुमान सुषेण वैद्य को ले आये और संजीवनी लाने के लिये चले गये। गुप्तचर से समाचार मिलने पर रावण ने हनुमान के कार्य में बाधा के लिये कालनेमि को भेजा जिसका हनुमान ने वध कर दिया। औषधि की पहचान न होने के कारण हनुमान पूरे पर्वत को ही उठा कर वापस चले। मार्ग में हनुमान को राक्षस होने के सन्देह में भरत ने बाण मार कर मूर्छित कर दिया परन्तु यथार्थ जानने पर अपने बाण पर बैठा कर वापस लंका भेज दिया। इधर औषधि आने में विलम्ब देख कर राम प्रलाप करने लगे। सही समय पर हनुमान औषधि लेकर आ गये और सुषेण के उपचार से लक्ष्मण स्वस्थ हो गये। रावण ने युद्ध के लिये कुम्भकर्ण को जगाया। कुम्भकर्ण ने भी रावण को राम की शरण में जाने की असफल मन्त्रणा दी। युद्ध में कुम्भकर्ण ने राम के हाथों परमगति प्राप्त की। लक्ष्मण ने मेघनाद से युद्ध करके उसका वध कर दिया। राम और रावण के मध्य अनेकों घोर युद्ध हुऐ और अन्त में रावण राम के हाथों मारा गया। विभीषण को लंका का राज्य सौंप कर राम, सीता और लक्ष्मण के साथ पुष्पकविमान पर चढ़ कर अयोध्या के लिये प्रस्थान किया। उत्तरकाण्ड राम कथा का उपसंहार है। सीता, लक्ष्मण और समस्त वानरसेना के साथ राम अयोध्या वापस पहुँचे। राम का भव्य स्वागत हुआ, भरत के साथ सर्वजनों में आनन्द व्याप्त हो गया। वेदों और शिव की स्तुति के साथ राम का राज्याभिषेक हुआ। अभ्यागतों की विदाई दी गई। राम ने प्रजा को उपदेश दिया और प्रजा ने कृतज्ञता प्रकट की। चारों भाइयों के दो दो पुत्र हुये।
अमेरिका में गिरफ्तार मुम्बई हमले के संदिग्ध तहव्वुर हुसैन राणा के मामले की सुनवाई के लिए 17 मई को जूरी चयन प्रक्रिया से कोई 20 उम्मीदवारों को बाहर कर दिया गया। चयन प्रक्रिया से बाहर किए जाने के कारणों में मुसलमानों के खिलाफ पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण रखने के साथ ही कई अन्य कारण शामिल रहे। न्यायाधीश जेम्स लीनिनवेबर ने पूरे दिन सम्भावित जूरी सदस्यों का साक्षात्कार लिया। लीनिनवेबर ने साक्षात्कार के दौरान मुख्यरूप से यह जानने की कोशिश की कि सम्भावित जूरी सदस्य इस्लाम के बारे में और मुसलमानों के बारे में कहीं नकारात्मक दृष्टिकोण तो नहीं रखते। जहां अधिकांश सम्भावित जूरी सदस्यों ने कहा कि उन्हें इस्लाम और मुसलमानों से कोई द्वेष नहीं है, वहीं कुछ ऐसे भी थे, जिन्होंने कहा कि वे इस्लाम का आदर नहीं करते। संख्या-14 वाला सम्भावित जूरी सदस्य ऐसा ही था। 16 मई को जो प्रश्न तालिका सम्भावित 100 जूरी सदस्यों को सौंपी गई थी, उसमें इस खास सदस्य ने सम्भवत: लिखा था, "आतंकवादी मुख्यरूप से मुस्लिम हैं, क्या मैं गलत कह रहा हू?" न्यायाधीश ने राणा के लिए निष्पक्ष सुनवाई के हित में इस उम्मीदवार को तत्काल खारिज कर दिया। निजता और निजी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जूरी सदस्यों की पहचान के लिए संख्याओं का इस्तेमाल किया गया है। संख्या-15 वाले उम्मीदवार को इसलिए बाहर कर दिया गया, क्योंकि इस्लाम के बारे में सख्त दृष्टिकोण के कारण वह निष्पक्ष नहीं हो सकती थीं। वह दक्षिण पूर्व एशियाई मूल की महिला थीं। एक और सम्भावित जूरी सदस्य, संख्या-21 को इसलिए खारिज कर दिया गया, क्योंकि दूसरों पर फैसला पारित करने में उन्हें एक नैतिक समस्या थी। उनके बाद वाले उम्मीदवार ने कहा कि उसे दांत और कंधे में बराबर दर्द रहता है, जिसके कारण वह हाथ में आए काम पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते। उन्होंने कहा कि चूंकि वह बेरोजगार हैं, लिहाजा वह कोई स्वास्थ्य बीमा भी नहीं करा पाए हैं। इन महाशय को भी चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया। जूरी सदस्य संख्या-28 एक महिला थीं। उन्हें इसलिए मुक्त कर दिया गया, क्योंकि उन्होंने बताया कि एक पुलिसकर्मी द्वारा उनकी बहन की कथितरूप से हत्या किए जाने के बाद से उनकी दिमागी हालत ठीक नहीं है। इसी तरह जूरी संख्या-36 को इसलिए खारिज कर दिया गया, क्योंकि उन्होंने कहा कि वह सरकार पर विश्वास नहीं करतीं और आतंकवाद की समस्या बढ़ाचढ़ा कर पेश की गई है। न्यायाधीश ने चयन प्रक्रिया के दौरान सम्भावित जूरी सदस्यों से यह भी सवाल पूछा कि क्या वे अमेरिकी नागरिकों और गैर अमेरिकी नागरिकों के लिए समान कानूनी अधिकार चाहते हैं या नहीं। कई इसके बारे में अनिश्चित थे, मगर कई ऐसे भी थे जो समान अधिकार दिए जाने के खिलाफ थे, जबकि अमेरिकी संविधान समान अधिकार की गारंटी देता है। ज्ञात हो कि राणा पर पाकिस्तानी मूल के उसके अमेरिकी मित्र डेविड कोलमैन हेडली को मदद मुहैया कराने का आरोप है। हेडली 26 नवम्बर, 2008 को मुम्बई में हुए आतंकवादी हमले की साजिश रचने में लिप्त रहा है। हेडली व राणा हाईस्कूल में साथ पढ़े हैं। राणा (50) अपने वकीलों के साथ अदालत कक्ष में मौजूद था और सम्भावित जूरी सदस्यों के कुछ जवाबों पर मुस्कराता था। कभी-कभी वह कुछ लिखता था। जूरी चयन की प्रक्रिया गुरुवार तक चलने की सम्भावना है। इसके तहत 12 वास्तविक जूरी सदस्यों, छह वैकल्पिक सदस्यों और 20 अन्य जूरी सदस्यों का चयन किया जाएगा, ताकि अभियोजन एवं बचाव पक्ष को आपत्तिजनक सदस्यों को खारिज करने का मौका दिया जा सके। बचाव पक्ष को 10 चयनित सदस्यों को खारिज करने का अधिकार है, तो वहीं अभियोजन पक्ष छह जूरी सदस्यों को खारिज कर सकता है। मामले की सुनवाई 23 मई से शुरू होगी।
सिंगापुर के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंगलवार को शानदार स्वागत हुआ. उनके सम्मान में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. दौरे के दूसरे दिन मोदी ने सिंगापुर के राष्ट्रपति टोनी तान केंग याम से मुलाकात के बाद वहां के पीएम के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता की. इस दौरान द्विपक्षीय महत्व के तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई. दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में 10 महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर भी हुए. PM Narendra Modi meets Singapore's Emeritus Senior Minister Goh Chok Tong at Istana. pic.twitter.com/ZU9lKmNLkq — ANI (@ANI_news) November 24, 2015 दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच द्विपक्षीय बातचीत में व्यापार और सुरक्षा, तस्करी समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. रक्षा सहयोग, जहाजरानी, नागरिक उड्डयन, शहरी योजना, साइबर सुरक्षा, नार्कोटिक ड्रग्स की तस्करी पर रोक, सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर सहमति बनी. (1/2) India-Singapore to sign 10 MoUs on Defence cooperation, shipping, cultural exchange, civil aviation.. — ANI (@ANI_news) November 24, 2015 (2/2) Urban planning, cyber security, combating illicit trafficking in narcotic drugs. — ANI (@ANI_news) November 24, 2015 डिनर के बाद मोदी की सेल्फी इसके पहले सोमवार रात पीएम मोदी ने सिंगापुर में अपने समकक्ष ली सिन लूंग और उनकी पत्नी के साथ एक भारतीय रेस्तरां में डिनर किया. इस दौरान की तस्वीर भी उन्होंने ट्विटर पर साझा की. उन्होंने लिखा- 'दिवाली की रोशनी और स्वादिष्ट भारतीय पकवान. थैंक यू ली सिन लूंग.' यही नहीं, PM मोदी ने ली और उनकी पत्नी हो चिन के साथ सेल्फी भी शेयर की. Joint India-Singapore postage stamp launched by PM Modi and PM Lee Hsien Loong pic.twitter.com/bukN5OEmEs — ANI (@ANI_news) November 24, 2015 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिंगापुर के अग्रणी कारोबारियों से मिले. पीएम मोदी और ली सिन लूंग ने दोनों देशों का एक साझा पोस्टल स्टाम्प भी जारी किया. पीएम मोदी ने कहा कि सिंगापुर के साथ हुए समझौते भारत के रिश्तों को मजबूत करेंगे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्विटर पर लिखा, 'दिन की शुरुआत के लिए नाश्ते का प्रबंध है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुबह सिंगापुर के अग्रणी कारोबारियों से मुलाकात हुई.' प्रधानमंत्री मोदी मलेशिया का दौरा कर सिंगापुर पहुंचे हैं. मलेशिया में प्रधानमंत्री आसियान और पूर्वी एशिया  सम्मेलन में शामिल हुए. पीएम  ने पूर्वी एशिया के देशों के साथ संबंधों में सुधार को प्राथमिकता में रखा है और एक्ट ईस्ट का नारा दिया है. सिंगापुर को ‘एशिया का आर्थिक शेर’ बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत के लगभग हर क्षेत्र में आए बदलाव में यह एक बड़ा भागीदार है. सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग की ओर से मोदी के सम्मान में दिये गए दोपहर के भोज में भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा, ‘एशियाई शेर अभी तक केवल गुजराज में ही पाया जाता है, लेकिन एशिया का आर्थिक शेर यहां सिंगापुर में है’ PM @narendramodi praises the "energy, sense of purpose and enterprise in the Singapore air." pic.twitter.com/eUnhhimKWZ — Vikas Swarup (@MEAIndia) November 24, 2015 बाद में PM मोदी ने ट्विट किया कि उन्होंने सिंगापुर के प्रधानमंत्री को 1849 के सिंगापुर के नक्शे की एक प्रति भेंट की. Presented PM @leehsienloong a reproduction of a map of the island of Singapore dating back to 1849. pic.twitter.com/Can6vnurOP — Narendra Modi (@narendramodi) November 24, 2015 उन्होंने कहा, ‘52 इंच लम्बा और 52 इंच चौड़ा यह नक्शा 1842.45 के बीच हुए सर्वेक्षण पर आधारित है. इस नक्शे में सिंगापुर का विस्तृत भौगोलिक ब्यौरा दर्ज है. नक्शे में सिंगापुर के उच्च एवं निम्न जलधाराओं एवं शहर के विभिन्न स्थालों को भी दर्शाया गया है.’
यह एक लेख है: सीरिया में रूस की वायुसेना की ओर किए गए हवाई हमलों में कुख्यात आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) के 19 आतंकवादी मारे गए हैं। सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा कि सीरिया में आईएस की पकड़ वाले अल-कर्मा और पूर्वी अल-रका प्रांत के आसपास के इलाकों में 15 आतंकवादी मारे गए हैं। चार अन्य आतंकवादी होम्स प्रांत के प्राचीन शहर पाल्मायरा में आईएस ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए हवाई हमलों में मारे गए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस की वायुसेना ने अल-कर्मा और पाल्मायरा में 34 सैन्य अभियान चलाए, जिसमें दो शस्त्रागार और 12 वाहन नष्ट हो गए।टिप्पणियां रूस और सीरिया के अधिकारियों के अनुसार, रूस 30 सितंबर से सीरिया में हवाई बमबारी के जरिए आईएस के ठिकानों को निशाना बनाता आ रहा है। उधर, विपक्षी कार्यकर्ताओं ने रूस के हवाई हमलों की यह कहते हुए निंदा की है कि हमलों में आईएस आतंकवादियों को नहीं, बल्कि नागरिकों और विपक्षी लड़ाकों को निशाना बनाया गया है। चार अन्य आतंकवादी होम्स प्रांत के प्राचीन शहर पाल्मायरा में आईएस ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए हवाई हमलों में मारे गए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस की वायुसेना ने अल-कर्मा और पाल्मायरा में 34 सैन्य अभियान चलाए, जिसमें दो शस्त्रागार और 12 वाहन नष्ट हो गए।टिप्पणियां रूस और सीरिया के अधिकारियों के अनुसार, रूस 30 सितंबर से सीरिया में हवाई बमबारी के जरिए आईएस के ठिकानों को निशाना बनाता आ रहा है। उधर, विपक्षी कार्यकर्ताओं ने रूस के हवाई हमलों की यह कहते हुए निंदा की है कि हमलों में आईएस आतंकवादियों को नहीं, बल्कि नागरिकों और विपक्षी लड़ाकों को निशाना बनाया गया है। रूस और सीरिया के अधिकारियों के अनुसार, रूस 30 सितंबर से सीरिया में हवाई बमबारी के जरिए आईएस के ठिकानों को निशाना बनाता आ रहा है। उधर, विपक्षी कार्यकर्ताओं ने रूस के हवाई हमलों की यह कहते हुए निंदा की है कि हमलों में आईएस आतंकवादियों को नहीं, बल्कि नागरिकों और विपक्षी लड़ाकों को निशाना बनाया गया है। उधर, विपक्षी कार्यकर्ताओं ने रूस के हवाई हमलों की यह कहते हुए निंदा की है कि हमलों में आईएस आतंकवादियों को नहीं, बल्कि नागरिकों और विपक्षी लड़ाकों को निशाना बनाया गया है।
प्रमिला बिशोई (जन्म 15 सितम्बर 1948 ) ओड़ीसा की एक सामाजिक कार्यकर्ता और लोकसभा सदस्य हैं। वे 'शक्ति' नामक स्वयं-सहायता समूह की संचालिका हैं। प्रमिला बिशोई का जन्म ओड़ीसा के गंजाम जिले के अस्का विकासखण्ड के चेरमारिया गाँव में हुआ था। उन्होने तीसरी कक्षा तक पढ़ायी की है। वे सार्वजनिक जीवन में स्त्रियों की भागीदारी की पक्षधर हैं। उन्होने स्त्रियों के रोजगार के लिये भी कार्य किया है। वे १८ से भी अधिक वर्ष से स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं। केवल ५ वर्ष की आयु में ही उनका विवाह हो गया । सन्दर्भ सामाजिक कार्यकर्ता लोक सभा सदस्य
नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण से पहले ही बीजेपी के साथ जेडीयू की तकरार सामने आई है. दरअसल, इस बार मोदी सरकार में जेडीयू ने कोई भी मंत्री पद नहीं लिया है. जिसके बाद जनता दल यूनाईटेड (JDU) के प्रधान महासचिव केसी त्यागी का कहना है कि इसका असर बिहार विधानसभा चुनाव पर देखने को मिलेगा. दरअसल, जेडीयू की मांग थी कि उनके कोटे से तीन मंत्री होने चाहिए, लेकिन बीजेपी की तरफ से उन्हें 1 ही मंत्री पद ऑफर किया गया. नीतीश कुमार चाहते थे कि आरसीपी सिंह और लल्लन सिंह को केंद्रीय मंत्री बनाया जाए और संतोष कुशवाहा को राज्यमंत्री का दर्जा मिले. नीतीश कुमार अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर जातिगत समीकरण बैठाने की कोशिश में लगे हैं. लेकिन ऐसा हो नहीं सका. केसी त्यागी ने कहा, 'हमने पहले ही अमित शाह से कहा था कि हम निश्चित प्रतिनिधित्व चाहते हैं, लेकिन उन्होंने इसे नहीं सुना. इसका असर बिहार चुनाव पर पड़ेगा. सुबह तक हम पीएम और अमित शाह के फोन का इंतजार कर रहे थे. हालांकि शाम तक हालात नहीं बने. जिसके बाद हमें इसका (सरकार में शामिल नहीं होने का) ऐलान करना पड़ा.' Bihar CM Nitish Kumar: They wanted only 1 person from JDU in the cabinet, so it would have been just a symbolic participation.We informed them that it is ok we don't need it. It is not a big issue, we are fully in NDA and not upset at all.We are working together,no confusion. pic.twitter.com/AsDa8EUnUN — ANI (@ANI) May 30, 2019 वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि मंत्रिमंडल में जेडीयू से केवल 1 व्यक्ति चाहते थे, इसलिए यह सिर्फ एक प्रतीकात्मक भागीदारी थी. हमने उन्हें सूचित किया कि हमें मंत्री पद की जरूरत नहीं है. यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है. हम पूरी तरह से एनडीए में हैं और परेशान नहीं हैं. हम एक साथ काम कर रहे हैं, कोई भ्रम नहीं है.
प्रमुख स्वास्थ्य सेवा प्रदाता कंपनी फोर्टिस ने कहा है कि वह अपने सभी स्वास्थ्य सेवा कारोबार का एक कंपनी में एकीकरण करेगी। कंपनी अपना नाम भी फोर्टिस हेल्थकेयर इंडिया से बदलकर फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड करेगी। कंपनी द्वारा जारी बयान में कहा गया, फोर्टिस हेल्थकेयर इंडिया के निदेशक मंडल ने आज कंपनी के मालिकों की एक अन्य कंपनी आरएचसी फाइनेंशियल सर्विसेज (मॉरीशस) लिमिटेड से फोर्टिस हेल्थकेयर इंटरनेशनल का अधिग्रहण करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। स्वतंत्र निदेशकों द्वारा नियुक्त एजेंसी कंपनी के मूल्य का आकलन करेगी। एकीकरण के बाद कंपनी के पास 74 से अधिक अस्पताल, 12,000 बिस्तर, 580 प्राथमिक देखभाल केंद्र, 188 डे-केयर स्पेशिलिटी केंद्र, 190 डायग्नोस्टिक केंद्र और 23,000 से अधिक कर्मचारियों का नेटवर्क होगा। इससे यह एशिया-प्रशांत क्षेत्र के सबसे बड़े नेटवर्क वाली स्वास्थ्य सेवा कंपनियों में से एक हो जाएगा। एकीकरण के बाद अस्तित्व में आने वाला नया नया ढांचा कंपनी के भारत सहित सम्पपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय कारोबार का प्रबंधन करेगा। एकीकरण के बाद मलविंदर मोहन सिंह कार्यकारी अध्यक्ष होंगे और आदित्य विज भारतीय कारोबार के मुख्य कार्यकारी अधिकारी होंगे। समूह के अध्यक्ष मलविंदर सिंह ने कहा, इस क्षेत्र में बढ़ते शहरीकरण, अधेड़ लोगों की संख्या में वृद्धि और नई स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी उपलब्ध होने के कारण बेहतर स्वास्थ्य सेवा की मांग काफी तेजी से बढ़ रही है। फोर्टिस इस अवसर को भुनाना चाहता है। इस एकीकरण से हमें इस अवसर का लाभ उठाने में मदद मिलेगी।
बॉलीवुड डीवा सोनम कपूर की शादी, संगीत और रिसेप्शन के वीडियो सोशल मीडिया पर ट्रेंड हो रहे हैं. मंगलवार रात को हुई रिसेप्शन पार्टी में बॉलीवुड सेलेब्स ने जमकर मस्ती की. न्यूलीवेड कपल के साथ सेलेब्स और घरवालों ने डांस किया. पार्टी में सलमान-शाहरुख ने अपने स्वैग से चार चांद लगा दिए. सोनम के रिसेप्शन का एक वीडियो चर्चा में है. इसमें बॉलीवुड के दो खान यानि सलमान-शाहरुख एक्ट्रेस सोनम कपूर की मां सुनीता के लिए करन-अर्जुन का टाइटल ट्रैक गाते दिखे. सोनम के रिसेप्शन में सलमान-शाहरुख का डांस, Videos वायरल Hahahaha this is hilarious... Salman and Shah Rukh singing for Sunita Kapoor #salmankhan #shahrukhkhan #mikasingh #sonamkapoor #anandahuja #indianwedding #sonamanandwedding #sonamdiwedding #sonamkishaadi #filmychutzpah #weddingreception #everydayphenomenal A post shared by Filmy Chutzpah (@filmy_chutzpah) on May 8, 2018 at 1:05pm PDT सलमान और शाहरुख का ये अंदाज देखकर सुनीता कपूर भी शरमा गईं. वे काफी ब्लस कर रही थीं. वहीं डांस फ्लोर के पास खड़े न्यूलीवेड कपल सोनम-आनंद, अनिल कपूर, मीका सिंह, रणवीर सिंह मुस्कुराते दिखे. Regrann from @planetsalman - #Salman #srk #varundhawan #ranveersingh #anilkapoor #sonamanandreception #sonamkishaadi #Salman #SalmanKhan #Race3 #bharat #DusKaDum3 #dabangg3 #kick2 #BeingSalmanKhan #BeingHuman #tiger #sultan - #regrann A post shared by 🔯Sena Çınar🔯 (@beingsenakhan) on May 8, 2018 at 8:37pm PDT ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस स्पेशल मूमेंट को एक्ट्रेस स्वरा भास्कर अपने फोन में कैप्चर करती नजर आईं. सिनेप्रेमियों द्वारा ये वीडियो काफी पंसद किया जा रहा है. सोनम के हिट सॉन्ग प्रेम रतन... पर करण जौहर का डांस, देखें Video इसके अलावा पार्टी में सोनम कपूर और आनंद आहूजा ने भी जमकर डांस किया. देखें वीडियो... That's a wrap #sonamkapoor #anandahuja #indianwedding #sonamanandwedding #sonamdiwedding #sonamkishaadi #filmychutzpah #weddingreception #everydayphenomenal #shahrukhkhan #ranveersingh #anilkapoor #varundhawan #arjunkapoor #salmankhan A post shared by Filmy Chutzpah (@filmy_chutzpah) on May 8, 2018 at 1:29pm PDT Kareena Saif join the Kapoors on the dance floor #anilkapoor #arjunkapoor #kareenakapoor #sonamkapoor #anandahuja #indianwedding #sonamanandwedding #sonamdiwedding #sonamkishaadi #filmychutzpah #weddingreception #everydayphenomenal A post shared by Filmy Chutzpah (@filmy_chutzpah) on May 8, 2018 at 12:39pm PDT And everybody joins in #sonamkapoor #anandahuja #indianwedding #sonamanandwedding #sonamdiwedding #sonamkishaadi #filmychutzpah #weddingreception #everydayphenomenal A post shared by Filmy Chutzpah (@filmy_chutzpah) on May 8, 2018 at 11:00am PDT #ranveersingh #salmankhan #shahrukhkhan #mikasingh #sonamkapoor #anandahuja #indianwedding #sonamanandwedding #sonamdiwedding #sonamkishaadi #filmychutzpah #weddingreception #everydayphenomenal A post shared by Filmy Chutzpah (@filmy_chutzpah) on May 8, 2018 at 1:03pm PDT The bride and groom join in the madness #salmankhan #shahrukhkhan #ranveersingh #anilkapoor #sonamkapoor #anandahuja #indianwedding #sonamanandwedding #sonamdiwedding #sonamkishaadi #filmychutzpah #weddingreception #everydayphenomenal A post shared by Filmy Chutzpah (@filmy_chutzpah) on May 8, 2018 at 12:55pm PDT
यह लेख है: जम्मू कश्मीर के ताज़ा हालत पर सभी दलों के प्रतिनिधिमंडलों से चर्चा करने घाटी पहुंचे गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाक़ात का राज्य कांग्रेस ने विरोध किया है। कांग्रेस का कहना है कि राज्य और केंद्र की सरकारें सिर्फ़ मुलाक़ातों में ही रुचि लेती दिख रही हैं। लोगों के हित में कोई क़दम उठाने से इस सरकार को कोई सरोकार नहीं है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीए मीर ने कहा कि 21 जुलाई को ही मुख्यमंत्री की बुलाई सर्वदलीय बैठक में हमलोग शामिल हुए थे। जहां बीजेपी के मंत्री और नेता भी मौजूद थे। दो दिन हो गए, लेकिन अब तक लोगों के हित में कोई क़दम नहीं उठाए गए हैं, दुर्भाग्य है कि न तो पीएम मोदी और न ही गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने स्थानीय लोगों पर हुए अत्याचार की निंदा की है।टिप्पणियां इस बीच उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में नेशनल कान्फ़्रेंस का छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आज गृह मंत्री से मिलकर राज्य सरकार की लगातार नाकामियों पर ज्ञापन सौंपेगा। इससे पहले शनिवार को भी राजनाथ सिंह प्रतिनिधिमंडलों और स्थानीय लोगों से मिले थे।   प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीए मीर ने कहा कि 21 जुलाई को ही मुख्यमंत्री की बुलाई सर्वदलीय बैठक में हमलोग शामिल हुए थे। जहां बीजेपी के मंत्री और नेता भी मौजूद थे। दो दिन हो गए, लेकिन अब तक लोगों के हित में कोई क़दम नहीं उठाए गए हैं, दुर्भाग्य है कि न तो पीएम मोदी और न ही गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने स्थानीय लोगों पर हुए अत्याचार की निंदा की है।टिप्पणियां इस बीच उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में नेशनल कान्फ़्रेंस का छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आज गृह मंत्री से मिलकर राज्य सरकार की लगातार नाकामियों पर ज्ञापन सौंपेगा। इससे पहले शनिवार को भी राजनाथ सिंह प्रतिनिधिमंडलों और स्थानीय लोगों से मिले थे।   इस बीच उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में नेशनल कान्फ़्रेंस का छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आज गृह मंत्री से मिलकर राज्य सरकार की लगातार नाकामियों पर ज्ञापन सौंपेगा। इससे पहले शनिवार को भी राजनाथ सिंह प्रतिनिधिमंडलों और स्थानीय लोगों से मिले थे।
देश में समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी में रखने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली समलैंगिक कार्यकर्ताओं की सुधारात्मक याचिका पर सर्वोच्च अदालत में मंगलवार को ओपन कोर्ट सुनवाई होगी. चीफ जस्टिस टी.एस. ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ सुप्रीम कोर्ट के 11 दिसंबर, 2013 के फैसले के खिलाफ समलैंगिक अधिकारों के लिए प्रयत्नशील कार्यकर्ताओं और गैर सरकारी संगठन नाज फाउंडेशन की सुधारात्मक याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई. कोर्ट ने इस फैसले में अप्राकृतिक यौन अपराधों से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धारा 377 की वैधता बरकरार रखी थी. न्यायालय ने इसके बाद जनवरी, 2014 में इस निर्णय पर पुनर्विचार के लिए दायर याचिकाए भी खारिज कर दी थीं. याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में पेश की ये दलील सुधारात्मक याचिका कोर्ट के माध्यम से अन्याय के निदान हेतु उपलब्ध अंतिम न्यायिक उपाय है. आमतौर पर सुधारात्मक याचिकाओं पर जस्टिस अपने चैंबर में ही विचार करते हैं लेकिन बिरले मामलों में ही कोर्ट में इन पर सुनवाई की जाती है. याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में दलील दी है कि शीर्ष अदालत का 11 दिसंबर, 2013 का फैसला त्रुटिपूर्ण है क्योंकि यह पुराने कानून पर आधारित है. याचिका में कहा गया कि मामले पर सुनवाई 27 मार्च, 2012 को पूरी हुई थी और निर्णय करीब 21 महीने बाद सुनाया गया और इस दौरान कानून में संशोधन सहित अनेक बदलाव हो चुके थे, जिन पर फैसला सुनाने वाली पीठ ने विचार नहीं किया. 'हजारों लोगों ने जाहिर कर दी है पहचान' समलैंगिक अधिकारों के समर्थक कार्यकर्ताओं ने कहा था कि हाई कोर्ट के निर्णय के बाद पिछले चार चाल के दौरान इस समुदाय के हजारों लोगों ने अपनी यौन पहचान सार्वजनिक कर दी थी. इस वर्ग का तर्क है कि समलैंगिक यौन संबंधों को अपराध की श्रेणी में रखने से इस समुदाय के मौलिक अधिकारों का हनन होता है.
त्योहारों के मौसम में दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ के मद्देनजर रेलवे ने दोनों महानगरों के बीच 11 अक्तूबर से हफ्ते में तीन दिन एसी सुपरफास्ट सुविधा एक्सप्रेस चलाने का फैसला किया है. हफ्ते में तीन दिन चलेगी ट्रेन यह ट्रेन नई दिल्ली से मुंबई मध्य स्टेशन के लिए प्रत्येक सोमवार, बृहस्पतिवार और शनिवार को रवाना होगी जबकि मुंबई मध्य स्टेशन से प्रत्येक रविवार, बुधवार और शुक्रवार को नई दिल्ली के लिए चलेगी. इस बीच उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक के नेतृत्व में वरिष्ठ अधिकारियों ने सोमवार को कालका-शिमला ट्वॉय ट्रेन लाइन का विस्तृत निरीक्षण किया ताकि इस मार्ग पर किसी संभावित हादसे को टाला जा सके.
A post shared by Shilpa Shinde (@shilpa_shinde_official) on Apr 3, 2018 at 1:27am PDT
दरअसल, कैराना, गोरखपुर और फूलपुर के लोकसभा उपचुनाव के नतीजों से ही तय हो गया था कि Uttar Pradesh में महागठबंधन ही बीजेपी को चुनौती दे सकता है. इसी मद्देनजर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी साथ आए. पुरानी दुश्मनी को दरकिनार कर मायावती और अखिलेश यादव ने हाथ मिलाने का फैसला किया. लेकिन Loksabha Election 2019 में हो रही वोटों की गिनती कुछ और कहानी बयां कर रही है. नरेंद्र मोदी एक बार फिर उत्तर प्रदेश की पहली पसंद बनते दिख रहे हैं. अब सवाल उठता है कि ऐसा कैसे हो गया? क्या उत्तर प्रदेश की जनता ने जातीय समीकरण से ऊपर उठकर वोट डाला है. शुरुआती रुझान तो यही कहते हैं. वैसे, ये रुझान हैं. इन पर आखिरी मत ना बनाएं. एनडीटीवी इंडिया पर स्वारज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि हिंदू- मुस्लिम ध्रुवीकरण का काट सिर्फ जातीय समीकरण ही है, इस अवधारणा को सही नहीं माना जा सकता. अगर कोई पार्टी मंच से सिर्फ दलित, यादव और मुस्लिम के ही वोट मांगेगी तो इसके विपरीत नतीजे भी सामने आ सकते हैं. ऐसा होता दिख रहा है. खबर लिखे जाने तक भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में 55 से ज़्यादा सीटों पर बढ़त बनाई हुई थी. यह पिछले लोकसभा चुनाव में जीती गई सीटों की तुलना में कम है, लेकिन पार्टी के अंदरखाने में भी Loksabha Elections 2019 में 50 के आसपास ही सीटें जीतने की चर्चा थी. अगर ये आकंड़ें नतीजे में तब्दील होते हैं. तो मान लिया जाए कि नरेंद्र मोदी का काट ना तो जातीय समीकरण के आधार पर बने सपा-बसपा गठबंधन के पास है. और ना ही राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की जुगलबंदी के. ज्ञात हो कि यह लेख शुरुआती रुझानों पर आधारित हैं. सीटों की स्थिति बदल सकती है. लेकिन इतना तय दिख रहा है कि महागठबंधन या कांग्रेस को अभी उत्तर प्रदेश से अच्छी खबर नहीं मिल रही है. अपने राज्‍य का लोकसभा चुनाव परिणाम (Election Results 2019) यहां देखें LIVE  Uttar Pradesh Election Results 2019।West Bengal Election Results 2019।Bihar Election Results 2019।Delhi Election Results 2019।Jharkhand Election Results 2019।Gujarat Election Results 2019।Haryana Election Results 2019। Madhya Pradesh Election Results 2019।Maharashtra Election Results 2019।Punjab Election Results 2019।Rajasthan Election Results 2019।Odisha Election Results 2019।Andhra Pradesh Election Results 2019।Arunachal Pradesh Election Results 2019।Assam Election Results 2019।Chhattisgarh Election Results 2019।Goa Election Results 2019।Himachal Pradesh Election Results 2019।Jammu & Kashmir Election Results 2019।Karnataka Election Results 2019।Kerala Election Results 2019।Manipur Election Results 2019।Meghalaya Election Results 2019।Mizoram Election Results 2019।Nagaland Election Results 2019।Sikkim Election Results 2019।Tamil Nadu Election Results 2019।Telangana Election Results 2019।Tripura Election Results 2019।Uttarakhand Election Results 2019।Andaman and Nicobar Islands Election Results 2019।Chandigarh Election Results 2019।Dadra and Nagar Haveli Election Results 2019।Daman & Diu Election Results 2019। Lakshadweep Election Results 2019।Puducherry Election Results 2019  अपनेलोकसभा क्षेत्र का चुनाव परिणाम (Election Results 2019) यहां देखें LIVE
दिग्गज फॉर्मूला वन ड्राइवर माइकल शूमाकर से संबंधित दस्तावेज चोरी हो गये हैं और चोर दावा कर रहे हैं कि ये दस्तावेज शूमाकर के कोमा में जाने से संबंधित चिकित्सा कागजात हैं. शूमाकर के प्रबंधन ने यह जानकारी दी है. साथ ही यह भी बताया गया कि इसे मीडिया को बेचने का प्रस्ताव दिया जा रहा है. शूमाकर की प्रवक्ता सबीने कहम ने एक बयान में कहा, ‘कई दिनों से चोरी के दस्तावेज और कागजात की बिक्री का प्रस्ताव दिया जा रहा है. प्रस्ताव देने वाले इन कागजात को माइकल शूमाकर की मेडिकल फाइल होने का दावा कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘हम यह फैसला नहीं कर सकते कि ये दस्तावेज असली हैं या नहीं. हालांकि, दस्तावेज निश्चित रूप से चोरी हुए हैं. चोरी की शिकायत की गई है. अधिकारी तलाश में लगे हैं.’ सबीने ने कहा, ‘किसी भी मेडिकल फाइल की सामग्री पूरी तरह से निजी और गुप्त है और इसे लोगों को उपलब्ध नहीं कराया जाना चाहिए.’ उन्होंने चेताया कि अगर कोई मेडिकल फाइल के संदर्भ में कुछ या इसकी कोई सामग्री प्रकाशित करता है तो उसके खिलाफ मामला दर्ज कराया जाएगा. गौरतलब है कि शूमाकर दिसंबर में स्कीइंग के दौरान घायल होकर कोमा में चले गये थे और उन्हें इसी महीने कोमा से बाहर आने के बाद एक फ्रेंच अस्पताल से स्विट्जरलैंड के एक केन्द्र में भेजा गया है.
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह के खिलाफ अप्राकृतिक कृत्य के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने बताया कि बरसाना क्षेत्र निवासी पीड़ित बालक के पिता ने अपनी तहरीर में कहा है कि उसका 12 वर्षीय बालक पिछले दिनों राधाष्टमी के मौके पर कोसीकलां क्षेत्र के एक गांव में अपने बड़े भाई के पास आया था, जो एक मंदिर में महंत है. सात सितम्बर की शाम अचानक उसका पुत्र लापता हो गया. काफी खोजबीन करने के बाद भी उसका पता नहीं लगा. बालक के पिता ने तहरीर में कहा है कि देर शाम गांव के कुछ लोगों ने बताया कि बसपा जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह और सुरवारी गांव के पूर्व प्रधान चंद्रभान बालक को अपने साथ बाइक पर ले गये हैं. काफी खोजबीन के बाद उसका पुत्र गांव के बाहर एक झोंपड़ी में बेहोश पड़ा मिला. बालक ने परिजनों को अपने साथ अप्राकृतिक कृत्य होने के बारे में बताया.  बालक को उपचार के लिए कोसीकलां के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां से चिकित्सकों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया. अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद पीड़ित पक्ष ने रविवार को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. प्रभारी निरीक्षक दुर्गेश कुमार ने बताया, 'पीड़ित पक्ष रविवार की रात थाने पहुंचा था, जहां उनकी तहरीर पर इन दोनों लोगों के खिलाफ भादवि की धारा 377 एवं पॉक्सो अधिनियम में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.' इस बीच बसपा जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह का कहना है कि उन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं. गांव में चल रहे एक मुकदमे में उन पर दबाव बनाने के लिए साजिश के तहत उन्हें फंसाया गया है. उनका इस घटना से कोई लेना देना नहीं है.
वियतनाम के राष्ट्रपति अपनी भारत यात्रा के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चर्चा करेंगे. क्वांग यहां लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भी मुलाकात करेंगे. (इनपुट एजेंसियों से)
जयपुर की नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) स्पेशल कोर्ट अजमेर दरगाह ब्लास्ट मामले में अब 8 मार्च को अपना फैसला सुनाएगी. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े हिंदूवादी संगठनों के 13 लोग इस मामले में आरोपी हैं. स्वामी असीमानंद, देवेंद्र गुप्ता, चंद्रशेखर लेवे, मुकेश वासनानी, लोकेश शर्मा, हर्षद भारत, मोहन रातिश्वर, संदीप डांगे, रामचंद कलसारा, भवेश पटेल, सुरेश नायर और मेहुल इस ब्लास्ट केस में आरोपी हैं. एक आरोपी सुनील जोशी की हत्या हो चुकी है. वहीं आरोपियों में से संदीप डांगे और रामचंद कलसारा अभी तक गायब हैं. बदला लेने के लिए रची थी ब्लास्ट की साजिश चार्जशीट के अनुसार, आरोपियों ने 2002 में अमरनाथ यात्रा और रघुनाथ मंदिर पर हुए हमले का बदला लेने के लिए अजमेर शरीफ दरगाह और हैदराबाद की मक्का मस्जिद में बम ब्लास्ट की साजिश रची थी. पुलिस ने ब्लास्ट की जगह से दो सिम कार्ड और एक मोबाइल बरामद किया था. सिम कार्ड झारखंड और पश्चिम बंगाल से खरीदे गए थे. घटनास्थल से एक बैग में रखा जिंदा बम बरामद किया गया था. 11 अक्टूबर, 2007 को हुआ था दरगाह में ब्लास्ट गौरतलब है कि 11 अक्टूबर, 2007 की शाम करीब सवा छह बजे अजमेर दरगाह में ब्लास्ट हुआ था. इस ब्लास्ट में तीन लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 15 लोग घायल हुए थे. इस मामले में कुल 184 लोगों के बयान दर्ज किए गए, जिसमें 26 महत्वपूर्ण गवाह अपने बयानों से मुकर गए थे. CBI और NIA पर लगा आरोप मुकरने वाले गवाहों में झारखंड के मंत्री रणधीर सिंह भी शामिल थे. मामले की जांच के बाद कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें कुछ आरोपियों ने मजिस्ट्रेट के सामने बम ब्लास्ट के आरोप कबूल भी किए थे. बाद में सभी आरोपियों और गवाहों ने सीबीआई और एनआईए पर डरा-धमकाकर बयान दर्ज करवाने का आरोप लगाया. आरएसएस के इंद्रेश कुमार का नाम भी शामिल खास बात यह है कि चार्जशीट में बतौर साजिशकर्ता आरएसएस के इंद्रेश कुमार का भी नाम शामिल किया गया. चार्जशीट में इंद्रेश कुमार के जयपुर के गुजराती भवन में बैठक कर ब्लास्ट की प्लानिंग की बात लिखी है. वहीं एनआईए ने इंद्रेश कुमार को आरोपी नहीं बनाया. भवेश पटेल नामक शख्स ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पर उसे धमकाकर बम ब्लास्ट की बात स्वीकारने का आरोप लगाया था. NIA के वकील ने BJP सरकार पर लगाया आरोप 'आज तक' से बातचीत में एनआईए के सरकारी वकील ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार के दबाव में सारे गवाह और आरोपी अपने दिए बयान से पलट रहे हैं.
लेख: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के मुलाकात पर सहमति बन गई है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को पुष्टि की कि वह 12 जून को सिंगापुर में ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन के दौरान उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन से मिलेंगे. डोनाल्ड ट्रंप की ओर से यह घोषणा उत्तरी कोरिया के दूतावास अधिकारी किम योंग चोल के साथ व्हाइट हाउस के ओवल कार्यालय में दो घंटे की बैठक के बाद आई है.  बता दें कि उत्तर कोरिया के वरिष्ठ अधिकारी किम योंग चोल ने दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच ऐतिहासिक बैठक से पहले न्यूयॉर्क में अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो से मुलाकात की और इस पर सहमति बनाने में बड़ा रोल निभाया. चोल ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पेओ के साथ वार्ता कर सिंगापुर शिखर सम्मेलन में दोनों शीर्ष नेताओं के मुलाकात पर सहमति बनाई. टिप्पणियां किम योंग चोल के व्हाइट हाउस से रवाना होने के तुरंत बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि 'हम 12 जून को सिंगापुर में किम जोंग-उन के साथ बैठक कर रहे हैं. आखिरकार यह सफल होने जा रहा है. मैं 12 जून को सिंगापुर यात्रा करूंगा. रिश्तों का निर्माण हो रहा है. यह एक शुरुआत होगी. मैंने कभी नहीं कहा कि यह एक बैठक में हो जाएगा.  मुझे लगता है कि एक बैठक में हमारे सामने सकारात्मक परिणाम आएंगे.' बता दें कि उत्तर कोरियाई राजदूत किम योंग चोल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपने नेता किम जोंग उन का पत्र सौंपने व्हाइट हाउस गये. उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच यह वार्ता इस माह की शुरुआत में होनी थी लेकिन अमेरिका - दक्षिण कोरिया के वायु सेना अभ्यासों से नाराज उत्तर कोरिया ने वार्ता रद्द कर दी थी.    किम योंग चोल के व्हाइट हाउस से रवाना होने के तुरंत बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि 'हम 12 जून को सिंगापुर में किम जोंग-उन के साथ बैठक कर रहे हैं. आखिरकार यह सफल होने जा रहा है. मैं 12 जून को सिंगापुर यात्रा करूंगा. रिश्तों का निर्माण हो रहा है. यह एक शुरुआत होगी. मैंने कभी नहीं कहा कि यह एक बैठक में हो जाएगा.  मुझे लगता है कि एक बैठक में हमारे सामने सकारात्मक परिणाम आएंगे.' बता दें कि उत्तर कोरियाई राजदूत किम योंग चोल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपने नेता किम जोंग उन का पत्र सौंपने व्हाइट हाउस गये. उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच यह वार्ता इस माह की शुरुआत में होनी थी लेकिन अमेरिका - दक्षिण कोरिया के वायु सेना अभ्यासों से नाराज उत्तर कोरिया ने वार्ता रद्द कर दी थी.    बता दें कि उत्तर कोरियाई राजदूत किम योंग चोल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपने नेता किम जोंग उन का पत्र सौंपने व्हाइट हाउस गये. उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच यह वार्ता इस माह की शुरुआत में होनी थी लेकिन अमेरिका - दक्षिण कोरिया के वायु सेना अभ्यासों से नाराज उत्तर कोरिया ने वार्ता रद्द कर दी थी.
यह लेख है: नवरात्रि (Navratri) के तीसरे दिन दुर्गा मां (Durga Maa) के चंद्रघंटा (Chandraghanta) रूप की पूजा की जाती है. नौ दिनों तक चलने वाली नवरात्रि के दौरान मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है. मां का तीसरा रूप राक्षसों का वध करने के लिए जाना जाता है. मान्यता है कि वह अपने भक्तों के दुखों को दूर करती हैं इसीलिए उनके हाथों में तलवार, त्रिशूल, गदा और धनुष होता है. इनकी उत्पत्ति ही धर्म की रक्षा और संसार से अंधकार मिटाने के लिए हुई. मान्‍यता है कि मां चंद्रघंटा (Maa Chandraghanta) की उपासना साधक को आध्यात्मिक और आत्मिक शक्ति प्रदान करती है. नवरात्री के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की साधना कर दुर्गा सप्तशती का पाठ करने वाले उपासक को संसार में यश, कीर्ति और सम्मान मिलता है. यहां जानिए मां दुर्गा के इस तीसरे रूप के बारे में सबकुछ.  दस हाथों में अस्त्र शस्त्र रखे खडग संग बांद। घंटे के शब्द से हरती दुष्ट के प्राण॥ सिंह वाहिनी दुर्गा का चमके सवर्ण शरीर। करती विपदा शान्ति हरे भक्त की पीर॥ मधुर वाणी को बोल कर सब को देती ग्यान। जितने देवी देवता सभी करें सम्मान॥ अपने शांत सवभाव से सबका करती ध्यान। भव सागर में फसा हूं मैं, करो मेरा कल्याण॥ नवरात्रों की मां, कृपा कर दो मां। जय माँ चंद्रघंटा, जय मां चंद्रघंटा॥
पाकिस्तान के हिंसाग्रस्त दक्षिण वजीरिस्तान क्षेत्र में युद्धक विमानों और तोपखाने से की गयी गोलीबारी में रविवार को कम से कम 7 सैनिक और 8 आतंकवादी मारे गये. साथ ही अधिकारियों ने तालिबान प्रमुख बैतुल्ला महसूद को जिंदा या मुर्दा पकड़ने में मदद पहुंचाने के लिये सूचना देने वाले को ईनाम देने की घोषणा की है. तालिबान के 2 ठिकाने ध्‍वस्‍त टीवी चैनलों के मुताबिक देर रात किये गये हवाई हमले में 8 आतंकवादी मारे गये हैं और इसमें तालिबान के 2 ठिकाने भी ध्वस्त कर दिये गये. दक्षिण वजीरिस्तान में जमीनी अभियान चलाने से पहले विमानों और तोपखाने से किये गये हमले में आतंकवादियों के मोर्चे को निशाना बनाया गया. यह कार्रवाई इस क्षेत्र में ऑपरेशन राह-ए-निजरत के कूट नाम से जमीनी अभियान चलाने से पहले की गयी है. महसूद के प्रभाव वाले इलाकों पर निशाना इस ताजा हवाई हमले में महसूद कबीले के प्रभाव वाले साम लंगरखेल और अन्य इलाकों को निशाना बनाया गया. अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान 6 पाकिस्तानी सैनिक रविवार को उस वक्त मारे गये जब तालिबान आतंकवादियों ने उत्तरी वजीरिस्तान के वाचाबीबी गांव में उनके काफिले पर हमला किया. इस इलाके के एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि इस काफिले पर किये हमले में 6 सैनिकों के मारे जाने के अलावा 15 अन्य घायल हो गये. कई आतंकियों पर भारी-भरकम ईनाम देश के तालिबान प्रमुख बैतुल्ला महसूद के बारे में सूचना देने वाले को 5 करोड़ रुपये का ईनाम देने की घोषणा की गयी है. 11 अन्य आतंकवादी कमांडरों को जिंदा या मुर्दा पकड़ने के बारे में सूचना देने वाले को भी भारी रकम देने का विज्ञापन जारी किया है. पश्चिमोत्तर सीमांत प्रांत सरकार ने एक विज्ञापन जारी कर बजौर कबयाली क्षेत्र में तालिबान के उप प्रमुख मौलवी फकीर मुहम्मद के सिर पर डेढ़ करोड़ रुपये के ईनाम की घोषणा की है. जारी है सेना का अभियान सेना ने बताया कि वाना के नजदीक तनाई दुर्ग में आतंकवादियों के हमले में गैर कमीशन प्राप्त एक अधिकारी की मौत हो गयी, जबकि टीवी चैनलों के मुताबिक इस हमले में 2 सैनिक मारे गये और 3 अन्य घायल हो गये. उधर पश्चिमोत्तर सीमांत प्रांत के हिंसाग्रस्त स्वात घाटी में सुरक्षा बलों ने 3 आतंकवादियों को पकड़ लिया. इनमें 2 कमांडर और आत्मघाती हमले का एक प्रशिक्षक शमिल है. सैनिकों ने कोकारई के आसपास के इलाके को खाली करा लिया है. सुरक्षा बलों ने एक गुप्त सूचना के आधार पर गरई में भारी मात्र में हथियार और गोला बारूद बरामद किया.
शोधकर्ताओं का कहना है कि काम के दबाव का, शरीर में कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ने तथा फेफड़े, स्तन एवं प्रोस्टेट कैंसर से कोई रिश्ता नहीं है। कैंसर के 90 प्रतिशत मामलों में पर्यावरणीय कारक जिम्मेदार होते हैं। खासकर पराबैगनी किरणें और तंबाकू सेवन कैंसर के लिए जिम्मेदार पाए गए हैं। किसी भी मानसिक कारक, जैसे दबाव का कैंसर जैसी बीमारी से कोई लेना-देना नहीं है। इस तथ्य का पता लगाने के लिए फिनिश इंस्टीट्यूट ऑफ ऑक्यूपेशनल हेल्थ एंड युनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने 12 अध्ययनों का मूल्यांकन किया।टिप्पणियां शोध में अलग-अलग देशों से 17 से 70 वर्ष के  116,000 प्रतिभागियों को शामिल किया गया। शोध के परिणाम में यह पाया गया कि कैंसर रोग से पीड़ित प्रतिभागी 12 वर्षों के दौरान तंबाकू सेवन या अन्य पर्यावरणीय कारणों से कैंसर का शिकार हुए। काम के दबाव का बीमारी से कोई रिश्ता नहीं था। कैंसर के 90 प्रतिशत मामलों में पर्यावरणीय कारक जिम्मेदार होते हैं। खासकर पराबैगनी किरणें और तंबाकू सेवन कैंसर के लिए जिम्मेदार पाए गए हैं। किसी भी मानसिक कारक, जैसे दबाव का कैंसर जैसी बीमारी से कोई लेना-देना नहीं है। इस तथ्य का पता लगाने के लिए फिनिश इंस्टीट्यूट ऑफ ऑक्यूपेशनल हेल्थ एंड युनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने 12 अध्ययनों का मूल्यांकन किया।टिप्पणियां शोध में अलग-अलग देशों से 17 से 70 वर्ष के  116,000 प्रतिभागियों को शामिल किया गया। शोध के परिणाम में यह पाया गया कि कैंसर रोग से पीड़ित प्रतिभागी 12 वर्षों के दौरान तंबाकू सेवन या अन्य पर्यावरणीय कारणों से कैंसर का शिकार हुए। काम के दबाव का बीमारी से कोई रिश्ता नहीं था। इस तथ्य का पता लगाने के लिए फिनिश इंस्टीट्यूट ऑफ ऑक्यूपेशनल हेल्थ एंड युनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने 12 अध्ययनों का मूल्यांकन किया।टिप्पणियां शोध में अलग-अलग देशों से 17 से 70 वर्ष के  116,000 प्रतिभागियों को शामिल किया गया। शोध के परिणाम में यह पाया गया कि कैंसर रोग से पीड़ित प्रतिभागी 12 वर्षों के दौरान तंबाकू सेवन या अन्य पर्यावरणीय कारणों से कैंसर का शिकार हुए। काम के दबाव का बीमारी से कोई रिश्ता नहीं था। शोध में अलग-अलग देशों से 17 से 70 वर्ष के  116,000 प्रतिभागियों को शामिल किया गया। शोध के परिणाम में यह पाया गया कि कैंसर रोग से पीड़ित प्रतिभागी 12 वर्षों के दौरान तंबाकू सेवन या अन्य पर्यावरणीय कारणों से कैंसर का शिकार हुए। काम के दबाव का बीमारी से कोई रिश्ता नहीं था। शोध के परिणाम में यह पाया गया कि कैंसर रोग से पीड़ित प्रतिभागी 12 वर्षों के दौरान तंबाकू सेवन या अन्य पर्यावरणीय कारणों से कैंसर का शिकार हुए। काम के दबाव का बीमारी से कोई रिश्ता नहीं था।
अगर आप होम लोन लेने की इच्छा रखते हैं तो आपके लिए बड़ी खबर है. अब आपको मकान की कुल लागत का 90 प्रतिशत तक लोन मिलेगा. नेशनल हाउसिंग बैंक इस आशय के प्रस्ताव पर काम कर रही है. इसके तहत 20 लाख रुपये से अधिक लोन लेने वालों को यह सुविधा मिलेगी. द इकोनॉमिक टाइम्स ने यह खबर दी है. वर्तमान में बैंक प्रॉपर्टी की कुल कीमत का 80 प्रतिशत लोन देते हैं. नेशनल हाउसिंग बैंक हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों का रेगुलेटर है और वह ही उनका मार्गदर्शन करता है. नेशनल हाउसिंग बैंक के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर आरवी वर्मा ने बताया कि हम कुल कीमत के अनुपात में कर्ज के मामले पर विचार करेंगे. यह उन पर लागू होगा, जो गिरवी की गांरटी देते हों. यानी प्रॉपर्टी आरबीआई के पास रजिस्टर्ड किसी कंपनी के पास गिरवी रखी हो, इससे डिफॉल्ट का खतरा कम हो जाता है. नई व्यवस्था के तहत एक करोड़ रुपये तक का मकान खरीदने वालों को 90 लाख रुपये तक का लोन मिल सकेगा.
कमजोर अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों और सऊदी अरब में तनाव के बीच वैश्विक बाजार में गिरावट के रुख और विदेशी फंडों की बिकवाली से बंबई स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 127 अंक कमजोर खुला। पिछले सत्र में 141.97 अंक टूटने वाला सेंसेक्स और 127 अंक की गिरावट के साथ 18,200.37 अंक पर खुला। इस दौरान मेटल, आईटी और कैपिटल गुड्स शेयरों पर बिकवाली दबाव रहा। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 43.80 अंक की गिरावट के साथ 5,450.60 अंक पर खुला।
Pages using infobox television with unnecessary name parameter स्पेशल स्क्वाड एक भारतीय क्राइम ड्रामा थ्रिलर टेलीविजन श्रृंखला है, जिसका प्रीमियर नवंबर 2004 में स्टार वन पर हुआ था। श्रृंखला बिजेश जयराजन द्वारा लिखी गई थी और नंद कुमार काले और सत्यम त्रिपाठी द्वारा निर्देशित थी। इसे देवेन खोटे, जरीना मेहता और रोनी स्क्रूवाला ने प्रोड्यूस किया था। स्पेशल स्क्वाड के निदेशक, नंद कुमार काले ने बाद में 2006 से 2016 तक एक और जासूसी शो सीआईडी का निर्देशन किया। इस शो ने CID और अन्य अपराध संबंधी शो को हराकर ITA अवार्ड्स 2006 में 'सर्वश्रेष्ठ थ्रिलर' का पुरस्कार जीता। कास्ट और कैरेक्टर एसीपी आर्यन खन्ना ( भानु उदय ) वह एक सहायक पुलिस आयुक्त और विशेष दस्ते के प्रमुख हैं। वह फोरेंसिक टॉक्सिकोलॉजिस्ट भी हैं। एक फोरेंसिक टॉक्सिकोलॉजिस्ट होने के नाते, उन्होंने डॉ. वेद और पापाजी से कोई लीड नहीं होने पर लीड प्रदान की। वह एक मजबूत लेकिन शांत किस्म के व्यक्ति हैं। वह एक बहुत ही बुद्धिमान, प्रतिभाशाली और कट्टर अन्वेषक प्रतीत होता है और वह केवल वह व्यक्ति है जो फोरेंसिक रिपोर्ट को विस्तार से पढ़ता है। वह अपराधियों से नफरत करता है क्योंकि उसकी पत्नी और बेटी को "बॉम्बर" ( मुरली शर्मा ) नामक एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी द्वारा मार दिया गया था, लेकिन यह मामला उसके लिए अनसुलझा है और वह उस एक विफलता के लिए खुद को माफ नहीं कर सका। उसका अपराधबोध उसे अनसुलझे मामलों को भी सुलझाने के लिए ले जाता है जब दीपिका दस्ते में प्रवेश करती है और उसे बताती है कि वे अपने अधूरे कागजी कार्य के कारण नए मामले नहीं ले सकते। आर्यन को बाद में मुखिया से पदावनत कर दिया जाता है और वह खुद ही अपराधियों को नीचे गिराता हुआ दिखाई देता है। वह आखिरी एपिसोड में, अपराधी भगवान अन्ना कार्तूस के साथ एक क्रॉस फायर के दौरान मारा जाता है। शाइना सिंह ( कुलजीत रंधावा ) वह एक आपराधिक मनोवैज्ञानिक है। वह पूछताछ में विशेषज्ञ है और अक्सर दस्ते के अन्य सदस्यों के साथ लाइव मामलों की जांच करती है। वह कट्टर अपराधियों पर सख्त है और अक्सर जानकारी निकालने के लिए प्रक्रियाओं को तोड़ती है। उसका पति उसे छोड़कर चला गया और उसका आठ साल का एक बेटा है। वह हमेशा इस बात को लेकर चिंतित रहती है कि क्या वह एक सिंगल मदर के रूप में अच्छा काम कर रही है जो वास्तव में उसे बाहर कठिन बनाता है। जब आर्यन को एक हत्या के लिए फंसाया जाता है, तो उसे अस्थायी रूप से विशेष दस्ते का प्रमुख बना दिया जाता है। वह अपने बेटे की देखभाल करने के लिए दस्ते को छोड़ देती है, जब उसे पता चलता है कि वह अपने बेटे को ज्यादा समय नहीं दे सकती है। डॉ. वेद प्रकाश (परितोष रेत) फोरेंसिक विभाग के प्रमुख हैं और महान कौशल वाले एक चिकित्सक हैं जिन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों को सुलझाने में मदद की जब विशेष दस्ते के पास कोई सुराग नहीं था। उनकी एक बेटी है जिसकी शुरुआती एपिसोड में हत्या कर दी गई थी। स्पेशल स्क्वॉड हेड के पद के लिए उन्हें कई बार पास किया गया है। एक बार, भ्रष्ट पुलिस अधिकारी राजा द्वारा ब्लैकमेल किए जाने के बाद, वह आर्यन को गिरफ्तार होने देता है और उन सबूतों को चुरा लेता है जो उसकी बेगुनाही साबित कर सकते हैं। बाद में, उन्होंने इसे पूरी टीम के सामने स्वीकार कर लिया और इस्तीफा दे दिया। उसके बाद डॉ. दीपिका घोष को मुखिया के रूप में पेश किया जाता है। डॉ. दीपिका घोष ( गौरी प्रधान तेजवानी ) डॉ. प्रकाश के कार्यवाहक प्रमुख के रूप में इस्तीफा देने के बाद वह संगठन में शामिल हो गईं। वह एक फोरेंसिक विशेषज्ञ हैं। आर्यन खन्ना के दोषमुक्त होने के बाद, उन्हें अस्थायी रूप से विशेष दस्ते का प्रमुख बनाया गया है। वह अत्यधिक पेशेवर है और एक अधिकारी के रूप में नियमों के प्रति बहुत सख्त है लेकिन वह नरम स्वभाव की है। डॉ जोगिंदर "पापा जी" आनंद (विनीत सभरवाल) एक फोरेंसिक विश्लेषक हैं और अपराधियों को पकड़ने में बहुत मदद करते हैं। स्पेशल स्क्वॉड के लिए उनकी राय काफी मायने रखती है। वह एक शराबी है लेकिन बहुत नरम व्यक्ति है। डॉ. प्रकाश के इस्तीफे के बाद वे फोरेंसिक विभाग के प्रमुख बने। अब्बास "बॉक्सर" अली ( इकबाल आज़ाद ) संगठन का एक अन्य अन्वेषक है। उन्हें एक बार एक छोटे से अपराध के लिए एक बच्चे के रूप में गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार करने वाले निरीक्षक ने उन्हें दूसरा मौका देते हुए एक हल्के वाक्य पर छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने पुलिस बनने का फैसला किया। वह, आर्यन और अजय बहुत अच्छे दोस्त हैं और अक्सर एक साथ काम करते हैं, अक्सर "अपरंपरागत" तरीकों से अपराधियों से पूछताछ करते हैं। अजय देसाई ( पंकित ठक्कर ) संगठन के एक अन्य अन्वेषक हैं। वह एक तेजतर्रार और मजाकिया कैसानोवा है और समय-समय पर नियमों को तोड़ता भी है। वह बहादुर और साहसी है और अक्सर अपराधों को सुलझाने के लिए व्यक्तिगत जोखिम उठाता है। उनके अनुशासन की कमी अक्सर शीर्ष अधिकारियों को नाराज करती है, लेकिन आर्यन खन्ना जो उनके काम की प्रशंसा करते हैं, उन्हें शामिल करते हैं और अक्सर नियमों और जांच के अवैध तरीकों के लिए वरिष्ठों का सामना करने से बचाते हैं। सीरीज के बीच में वह नेहा की तरफ आकर्षित हो जाता है। सुब्रत "शॉटगन" मित्रा (राज बनर्जी) एक फोरेंसिक फार्मासिस्ट और संगठन में रासायनिक प्रयोगशाला के प्रमुख हैं। उनका मानना है कि फोरेंसिक अन्य जांचों की तुलना में अपराधों को सुलझाने में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। स्कॉटलैंड यार्ड के साथ उनका करियर शानदार रहा लेकिन बीमार मां के कारण उन्हें भारत आना पड़ा। मामलों को सुलझाने में उनके महत्वपूर्ण कार्यों के कारण उनके गौरवपूर्ण रवैये को पूरी स्पेशल स्क्वॉड टीम को सहन करना पड़ता है। अजय और बॉक्सर आमतौर पर उसकी टांग खींचते हैं। नेहा नायर ( मानव नाइक ) स्पेशल स्क्वॉड की कंप्यूटर विशेषज्ञ लगती हैं . उसने अपने पिता के दमनकारी और अपमानजनक व्यवहार के कारण अपना घर छोड़ दिया। वह आर्यन खन्ना के कई अपरंपरागत ऑपरेशनों में एक चारा के रूप में भी काम करती है। उसके एक भतीजे सहित अन्य रिश्तेदार भी हैं। वह उन मामलों के बारे में बहुत चिंतित हैं जहां महिलाओं को धोखा दिया गया है या उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया है और ऐसे समय में उनका एक जुझारू पक्ष अचानक सामने आ जाता है। वह कंप्यूटर फोरेंसिक और इलेक्ट्रॉनिक्स की विशेषज्ञ हैं। वह और अजय श्रृंखला के बीच में रहना शुरू करते हैं और यह विपरीतों को आकर्षित करने का एक आदर्श मामला है। विवेक जोशी (ऋषि डोगरा) दस्ते के युवा प्रशिक्षु सिपाही और सीपी के भतीजे हैं। जुबिन ड्राइवर एक ऐसा व्यक्ति है जो नेशनल ज्योग्राफिक पर अपनी तस्वीरें प्राप्त करना चाहता है। वह एक पारसी बालक है जो फोटोग्राफिक विशेषज्ञ होने के साथ-साथ स्केच कलाकार भी है। वह बहुत फुर्तीले और फुर्तीले हैं। तस्वीरें क्लिक करने के दौरान अपने दखल देने वाले स्वभाव के लिए वह स्पेशल स्क्वॉड में बहुत सारे चुटकुलों का हिस्सा हैं। हर कोई सोचता है कि वह बहुत अधिक समय लेता है। संदर्भ स्टार वन के धारावाहिक भारतीय अपराध धारावाहिक
वरुण धवन, नवाजुद्दीन सिद्दिकी और हुमा कुरैशी स्टारर फिल्म 'बदलापुर' का ट्रेलर रिलीज हो गया है. इस ट्रेलर में वरुन का लुक उनकी रिलीज हुईं बाकी फिल्मों से बिलकुल अलग है. इस लुक में वरुण एंग्री यंग मैन के लुक में नजर आ रहे हैं. ट्रेलर देखने के बाद यह साफ है कि इस फिल्म में भरपूर एक्शन के साथ-साथ खूब इमोशनल ड्रामा भी देखने को मिलेगा. फिल्म में एक्ट्रेस दिव्या दत्ता और यामी गौतम भी नजर आएंगी. अगले साल 22 फरवरी को रिलीज होने जा रही इस फिल्म को इरोज इंटरनेशनल कंपनी, दिनेश विजान की मैडोक फिल्म्स प्रोडक्शन एक साथ मिलकर बना रहे हैं. ये दोनों बैनर इससे पहले 'लव आज कल', 'एजेंट विनोद', 'कोकटेल' और 'गो गोवा गोन' जैसी फिल्मों में मिलकर काम कर चुके हैं. फिल्म 'बदलापुर' का ट्रेलर:
आयरलैंड क्रिकेट टीम वर्तमान में अफगानिस्तान क्रिकेट टीम के खिलाफ तीन एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (वनडे) खेलने के लिए दिसंबर 2017 में संयुक्त अरब अमीरात के दौरे कर रहे हैं। आईसीसी क्रिकेट विश्व कप क्वालीफायर 2018 के लिए मैचों का उपयोग वार्मअप के रूप में किया जा रहा है, जो कि मार्च 2018 में जिम्बाब्वे में आयोजित होने वाली है। आयरलैंड ने श्रृंखला 2-1 जीती। वनडे सीरीज 1ला वनडे 2रा वनडे 3रा वनडे सन्दर्भ आयरलैंड क्रिकेट टीम के संयुक्त अरब अमीरात दौरे २०१७ में क्रिकेट अफ़्गानिस्तान क्रिकेट टीम के संयुक्त अरब अमीरात दौरे
जब राहुल गांधी ने कुछ दिनों पहले लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिए कहा था कि वह अच्छा लड़का है, तो इसकी काफी चर्चा हुई थी. अब अखिलेश यादव ने उसी अंदाज में राहुल गांधी को जवाब दिया और कहा कि राहुल भी अच्छे लड़के हैं. अखिलेश बोले- दोस्ती होगी राहुल गांधी इन दिनों उत्तर प्रदेश में किसान यात्रा पर हैं और घर-घर जाकर किसानों गरीबों से मिल रहे हैं और समाजवादी पार्टी सरकार की बुराइयां भी गिना रहे हैं. गुरुवार को राहुल गांधी की यात्रा के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश यादव ने कहा कि अच्छा है कि वह घूम रहे हैं. वह जितना ज्यादा उत्तर-प्रदेश घूमेंगे उतना अच्छा है. अगर यहां ज्यादा आएंगे तो दोस्ती होगी. अखिलेश यादव ने यहां तक कहा कि अगर दो अच्छे लोग मिल जाए तो इसमें बुरी बात क्या है. लेकिन जब उनसे पूछा गया कि क्या दो अच्छे लोगों के मिल जाने का मतलब यह है कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का चुनाव में गठबंधन भी हो सकता है तो उन्होंने इसका कोई साफ जवाब नहीं दिया. जोर देकर पूछे जाने पर उन्होंने सिर्फ यही कहा की वह राजनीति की नहीं दो व्यक्तियों की बात कर हैं. खाट सभा पर ली चुटकी अखिलेश यादव राहुल गांधी की खाट सभा पर भी चुटकी लेने से नहीं चूके और कहा कि जिस तरह से राहुल गांधी की सभा के बाद लोग खाट लेकर भाग गए अगर यह काम समाजवादी पार्टी की सभा में हुआ होता तो लोग कहते हैं कि समाजवादी पार्टी के गुंडे खाट उठा ले गए. उन्होंने कहा कि लोगों को खाट की बजाए साइकिल भा रही है क्योंकि साइकिल लोगों के रोजमर्रा के काम आती है. 'बहुत जल्द बटेंगे मुफ्त' गुरुवार को कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ऐलान किया कि बहुत जल्द ही प्रदेश में मुफ्त मोबाइल बांटने की योजना का शुभारंभ किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मोबाइल से लोगों का जीवन तो आसान होगा ही सरकार को भी अपनी बात और अपने काम सीधे लोगों तक पहुंचाने में सुविधा होगी. अखिलेश यादव ने कहा कि कुछ लोग चुनाव आयोग में मुफ्त मोबाइल बांटने की योजना के खिलाफ शिकायत करने जा रहे हैं लेकिन यह वोटरों को रिश्वत नहीं है बल्कि लोगों का जीवन आसान करने की सरकार की पहल है.
देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर से दरिंदगी का चेहरा सामने आया है. सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर एक माता पिता ने गंभीर आरोप लगाए हैं. परिजनों के अनुसार स्कूल में उनकी 3 साल की बच्ची के साथ यौन शोषण हुआ है. यही नहीं माता पिता ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा है कि शिकायत करने पर उनको ही केस नहीं करने के लिए धमकाया जा रहा है. सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडिया में माता पिता लोगों से अनुरोध कर रहे हैं कि वह उनकी बेटी के लिए इंसाफ की लड़ाई में उनका साथ दें. 9 सितंबर को जारी हुए इस वीडियो में परिजनों ने दावा किया है कि स्कूल में उनकी बेटी के साथ दुर्व्यवहार हुआ. माता पिता ने वीडियो में आरोप लगाया है कि स्कूल से जब उनकी बेटी वापस आई तो उसके कपड़ों में खून लगा हुआ था. माता पिता ने बताया कि अस्पताल में जाकर दिखाने पर डॉक्टरों ने दुर्व्यवहार की घटना की पुष्ट‍ि की. इसके बाद उन्होंने पुलिस में केस करने की कोशिश तो उलटा उन्हें धमकाया जाने लगा. माता पिता का आरोप है कि पुलिस ने कहा इस घटना से स्कूल का कोई लेना देना नहीं है और घटना स्कूल से बाहर हुई है. इसके साथ ही पुलिस उनपर ही केस करने की धमकी देने लगी. माता पिता का आरोप है कि स्कूल प्रशासन ने भी मामला दबाने की कोशिश की और बच्ची को अकेले ले जाकर समझाने की कोशिश की.वहीं पुलिस उनपर ही POCSO एक्ट लगाने की धमकी दे रही थी. आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर वीडियो जारी होने के बाद इसे 1 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं और इसे अबतक 35 हजार से ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है. माता पिता द्वारा वीडियो जारी होने के बाद कई लोग समर्थन में आ गए हैं. नॉर्थ दिल्ली में स्थित इस स्कूल के बाहर कई लोगों और पैरेंट्स असोएिशन ने प्रोटेस्ट किया. इसके साथ ही कैंडल मार्च निकालने के बाद विक्ट‍िम बच्ची के परिजनों के साथ लोग धरने पर बैठ गए. परिजनों की मांग है कि इस मामले की CBI/SIT की जांच हो. वहीं अब इस मामले में बच्ची को न्याय दिलाने की मुहिम से जुड़े लोग अनिश्च‍ितकालिन भूख हड़ताल पर भी बैठने जा रहे हैं.
ताइवान की स्मार्टफोन मेकर Asus ने भारत में फ्लिप सेल्फी कैमरा वाला Asus 6Z लॉन्च कर दिया है. चूंकि आज कल सेल्फी कैमरे को अजीबोगरीब तरह का बना कर लॉन्च करने का ट्रेंड है इसलिए ज्यादातर कंपनियां ऐसा कर रही हैं. सैमसंग, ओपो, वीवो के बाद अब Asus का इस तरह का स्मार्टफोन भारत आ चुका है. बहरहाल ये एक हाई एंड स्मार्टफोन है और आइए जानते हैं इसमें क्या कुछ है खास. कीमत और मेमोरी वेरिएंट 6GB/64GB: Rs 31,999 6GB/128GB: Rs 34,999 8GB/256GB: Rs 39,999 इस स्मार्टफोन की बिक्री 26 जून से ई-कॉमर्स वेबसाइट फ्लिपकार्ट पर होगी. Asus 6Z की डिस्प्ले 6.53 इंच की AMOLED है. यह फुल एचडी प्लस है और इसमें आईपीएस पैनल का यूज किया गया है. इस स्मार्टफोन में Qualcomm Snpadragon 855 प्रॉसेसर दिया गया है. इस स्मार्टफोन की बैटरी 5,000 mAh की है. इस स्मार्टफोन में Android 9.0 Pie बेस्ड कंपनी का कस्टम यूजर इंटरफेस Zen UI दिया गया है. इस स्मार्टफओन में फास्ट चार्जिंग का सपोर्ट भी दिया गया है. Asus 6Z में फोटॉग्रफी के लिए दो कैमरे दिए गए हैं. एक लेंस 48 मेगापिक्सल का है, जबकि दूसरा 13 मेगापिक्सल का है. आपको बता दें कि ये फ्लिप कैमरा है और यही सेल्फी के लिए भी काम आएगा. यानी रियर कैमरा और सेल्फी कैमरा एक ही है. Asus 6Z में डुअल सिम का सपोर्ट दिया गया है. कनेक्टिविटी के लिए इसमें USB Type C सहित 4G, WiFi और Bluetooth 5 जैसे स्टैंडर्ड फीचर्स दिए गए हैं. फोन के रियर में फिंगरप्रिंट स्कैनर दिया गया है. हालांकि इस सेग्मेंट के स्मार्टफोन्स में आज कल अंडर डिस्प्ले फिंगरप्रिंट स्कैनर दिया जाता है.
10 मई को मुंबई में जस्ट‍िन बीबर का म्यूजिकल कंसर्ट होने वाला है. जस्ट‍िन के इस शो के टिकट की न्यूनतम कीमत 4000 रुपये है. दुनिया भर में 9.3 करोड़ फैनफॉलवर्स के मालिक जस्ट‍िन की एक झलक के लिए भारत में भी लोग बेताब हैं ओर अब उनके शो की लाखों टिकटें बुक हो चुकी हैं. लेकिन अपने गानों और लुक्स के जरिये करोड़ों को अपना दीवाना बनाने वाले बीबर अपनी पढ़ाई को लेकर उतने सीरियस नहीं हैं. वो अपने कंसर्ट के चाहे जितनी मेहनत कर लें पर पढ़ाई के लिए की जाने वाली मेहनत से उन्हें डर लगता है. कम उम्र में कैसे मिलती है सक्सेस, जस्ट‍िन बीबर से सीखें लेकिन जस्ट‍िन की मॉम चाहती थीं कि जस्ट‍िन अपनी कला के जरिये चाहे जितनी शोहरत और नाम कमा लें, पर उनकी पढ़ाई पर इसका कोई असर नहीं होना चाहिए और यही वजह है कि जस्ट‍िन को अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना पड़ा. डेली मेल में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार जस्ट‍िन ने साल 2012 में हाई स्कूल पास किया. उस समय जस्ट‍िन ने कहा कि मैंने हाई स्कूल पास कर लिया है. अब मैं आजाद हूं. हर दिन के काम के साथ स्कूल की पढ़ाई करना, वाकई मुश्क‍िल काम है. क्रिकेट के जुनून ने सत्‍य नाडेला को बना दिया माइक्रोसॉफ्ट का CEO बीबर की मां पैटी मैलेट का मानना है कि जस्ट‍िन के पास गानों के अलावा दूसरा बैकअप प्लान भी होना चाहिए, जिसके लिए पढ़ाई जरूरी है. जस्ट‍िन ने कहा कि मेरी मां चाहती थीं कि मैं पढ़ाई करूं, इसलिए उनकी खातिर हाई स्कूल पास किया. मैं पूरी दुनिया में यात्रा करता हूं, पर स्कूल में आपको बहुत लिखना और पढ़ना पड़ता है, जो मेरा स्टफ नहीं है. मैं वाकई इससे दूर रहना चाहता हूं. बेन स्टोक्स पर कभी लगा था इंग्लैंड को WC हराने का आरोप, अब पुणे ने 14.5 करोड़ में खरीदा फॉर्ब्स मैगजीन में प्रकाश‍ित एक रिपोर्ट के अनुसार जस्ट‍िन भले ही कम उम्र में संगीत की दुनिया के सुपरस्टार बन गए हैं पर उनकी मेहनत किसी बड़े रॉकस्टार से कम नहीं है. जस्ट‍िन की सफलता के पीछे की कहानी कुछ ऐसी थी... 1. जस्ट‍िन अपनी आवाज को पहचान दिलाने के‍ लिए मॉल्स और रोड पर गाने की बजाय रेडियो स्टेशनों के चक्कर काटते थे. उन्होंने करीब-करीब हर रेडियो स्टेशन का दरवाजा खटखटाया और ऐसा एक बार नहीं, बल्क‍ि लगातार तब तक करते रहे, जब तक उन्हें सफलता नहीं मिली. आख‍िरकार जस्ट‍िन को अपनी आवाज सुनाने का मौका मिला. IPL के सबसे महंगे खि‍लाड़ी को आता है जल्दी गुस्सा, तोड़ चुके हैं हड्ड‍ियां 2. आने वाले ईमेल का जवाब देना भी एक चुनौती है. छोटी उम्र में ही जस्ट‍िन को ये बात समझ आ गई थी कि सफलता पानी है तो ईमेल का जवाब जल्दी देना होगा और फैसले भी जल्दी ही लेने होंगे. 3. बीबर ये मानते हैं कि जीवन में कभी 'कभी नहीं' नहीं कहना चाहिए. सफलता तक पहुंचने में यह सबसे बड़ी रुकावट है. 4. अच्छी संगत जरूरी है. आप कितना भी अच्छा करने की कोश‍िश कर लें, लेकिन अगर आपकी संगती अच्छी नहीं है तो आप वहां तक नहीं पहुंच सकते, जो आप डिजर्व करते हैं. 5. अगर आपकी आवाज में दम है तो उसे कोई रोक नहीं सकता. एक अच्छे उत्पाद को कोई बेकार कह कर रिजेक्ट नहीं कर सकता.
उत्तर प्रदेश के अमेठी से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार गायत्री प्रजापति रैली के दौरान मंच पर रो पड़े. आपको बता दें कि गैंगरेप के आरोप झेल रहे प्रजापति इसी बात को लेकर भावुक हो गए. प्रजापति मंच से रोते हुए नीचे उतर गए. इतना ही नहीं गायत्री प्रजापति ने गैंगरेप मामले में आरोपों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि उनपर गैंगरेप का आरोप लगाकर अमित शाह और मोदी ने उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा है. प्रजापति ने कहा कि 'जब 6 महीने पहले इस महिला ने आरोप लगाया तो मैंने सीएम से कहा था सीबीआई से जांच करा लीजिये. लेकिन बिना कोई इंतजार किए सुप्रीम कोर्ट में मामला दर्ज करवाया गया.' उन्होंने ये भी कहा कि 'उस महिला ने ऐसे ही एक और व्यक्ति पर आरोप लगाया है. वो महिला बीजेपी की पूर्व सभासद है. उस महिला के खिलाफ झुठे केस में फसाने के लिए एफआईआर भी हुआ है.' प्रजापति ने आरोप लगाया कि मामला लेकर निचली अदालत या हाई कोर्ट नहीं गए सीधे सुप्रीम कोर्ट चले गए. मैं अदालत का सम्मान करता हूं मुझे न्याय मिलेगा. ये कहते हुए प्रजापति मंच से उतर गए. गौरतलब हो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार को उत्‍तर प्रदेश सरकार में मंत्री गायत्री प्रजापति समेत पांच लोगों के खिलाफ लखनऊ के गौतमपल्‍ली थाने में एफआईआर दर्ज हो गई. गायत्री प्रजापति समेत अन्‍य लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 511, 376 डी पॉक्‍सो एक्‍ट 3/4 में मामला दर्ज हुआ है.
भोपाल में कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह व्यापम घोटाले की जांच कर रही एसआईटी के सामने पहुंचे और उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तनखा के साथ जाकर अपना प्रेजेंटेशन दिया. हालांकि व्यापम घोटाले को लेकर दिग्विजय सिंह शाम पांच बजे खुलासा करने वाले हैं. दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर यू टर्न का आरोप लगाया और शरद पवार के साथ संबंध स्पष्ट करने के लिए कहा. दिग्विजय ने कहा कि या तो मोदी पहले गलत थे या अभी गलत हैं. दिग्विजय ने कहा कि केजरीवाल सिर्फ 2010 के अन्ना आंदोलन के सेट एजेंडे के तहत करप्शन की बात करते हैं, लेकिन उनकी कोई दूसरी पॉलिसी या विचारधारा सामने नहीं आई है. मोदी जी ने बारामती के भाषण में कहा था एनसीपी का मतलब है नेचुरली करप्ट पार्टी और साल भर भी नहीं हुआ और शरद पवार की तारीफ करके आए हैं कि शरद पवार मेरे मित्र हैं. लेकिन मोदी जी पहले गलत बोल रहे थे या आज हो गया यू टर्न. सिंह ने कहा कि साल 2010 में मीटिंग हुई थी उसमे गुरुमूर्ति जी, बाबा रामदेव और केजीवाल जी थे. सभी ने अन्ना को सपोर्ट किया. आज तक केजरीवाल जी ने अपनी विचारधारा नहीं बताई है. वह सिर्फ भ्रष्टाचार मिटाने की बात करते हैं.
इन दिनों 'ए दिल है मुश्किल' में रणबीर कपूर और एश्‍वर्या राय के इंटीमेट सींस की ही चर्चा है. कई लोग तो इस फिल्‍म को इन सींस की वजह से से ही देखने जाने का प्‍लान कर रहे हैं. अब इसमें नया तड़का रणबीर कपूर ने लगा दिया है. इस फिल्‍म के प्रमोशन के वक्‍त एक रेडियो को दिए इंटरव्‍यू में रणबीर ने कहा कि उन्‍हें तो इन सींस को देने में झिझक महसूस हो रही थी लेकिन ऐश्‍वर्या ने उन्‍हें समझाया कि वे जो करें मन लगाकर करें. रणबीर से जब यह पूछा गया कि वे ऐश्‍वर्या से पहली बार वे कब मिले थे तो उन्‍होंने कहा, 'मैंने तब 10वीं पास की थी जब मैं उनसे मिला था. वो मेरे पापा की फिल्‍म 'आ अब लौट चलें' में काम कर रही थीं. मैं फिल्‍म का एसिसटेंट डायरेक्‍टर था. वहां हमारी दोस्‍ती हो गई थी. मैं उन्‍हें देखकर उनसे प्‍यार कर बैठा था.' 'ए दिल है मुश्किल' का जो डायलॉग सबकी जुबां पर है, वो शाहरुख का है! इसके बाद रणबीर कपूर ने यह भी माना कि उनका उस समय दिल टूट गया था. 'ऐ दिल है मुश्किल' के कैरेक्टर ने फिल्म की स्टोरी लाइन का किया खुलासा फिल्‍म में उनके और ऐश्‍वर्या राय के इंटीमेट सींस के बारे में पूछा गया तो उन्‍होंने कहा, 'कभी-कभी मैं उनके गाल को छूने में झिझकता था. फिर उन्‍होंने ही कहा, तुम्‍हारे साथ क्‍या प्राब्‍लम है, हम केवल एक्टिंग कर रहे हैं, अब जो करो ठीक से करो. फिर मैंने सोचा, कभी ऐसा मौका मिलेगा नहीं, इसलिए मैंने भी मौके पर चौका मार दिया.'
दिल्ली पुलिस ने राजधानी में अलर्ट जारी किया है. दरअसल, खुरासान गुट के दो फरार आतंकियों के दिल्ली की ओर आने का शक जताया जा रहा है. इसके बाद पहाड़गंज और उसके आसपास के होटलों में गहन चैकिंग जारी है. संसद भवन, मंदिरों और ऐतिहासिक इमारतों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. आतंकियों के पास विस्फोटक होन की भी संभावना जताई गई है.सभी डीसीपी को निर्देश दिए गए वे धार्मिक स्थलों और ऐतिहासिक इमारतों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दें. आशंका है कि ये आतंकी होली के दौरान गड़बड़ी फैला सकते हैं और इनका निशाना भीड़भाड़ वाली जगह हो सकती हैं.टिप्पणियां ये संदिग्ध आतंकी बाराबंकी, बनारस और सारनाथ के धार्मिक स्थलों में हमला करने की फ़िराक में हैं. सभी जगह सुरक्षा बढ़ाई गई हैं. मोहम्मद फैसल के लैपटॉप से कुछ वीडियो मिले हैं. ये प्रेशर कुकर बम और मोबाइल बम बनाने के वीडियो हैं. सूत्रों के मुताबिक- सैफ़ुल्ला के साथियों की तलाश उत्तर प्रदेश की पुलिस कर रही है. कानपुर और उसके आसपास कई जगह दो संदिग्धों की तलाश के लिए छापे भी मार रही है. दो संदिग्ध आतंकवादियों मोहम्मद फैसल खान और फखरे आलम को उनके ठिकानों से (कानपुर और इटावा से) गिरफ्तार किया गया. फैसल के बड़े भाई मोहम्मद इमरान को भी एक अलग ऑपरेशन के दौरान उन्नाव से गिरफ्तार किया गया और एटीएस ने उनसे पूछताछ शुरू कर दी थी, लेकिन दो लोगों की तलाश अभी चल रही है. ये संदिग्ध आतंकी बाराबंकी, बनारस और सारनाथ के धार्मिक स्थलों में हमला करने की फ़िराक में हैं. सभी जगह सुरक्षा बढ़ाई गई हैं. मोहम्मद फैसल के लैपटॉप से कुछ वीडियो मिले हैं. ये प्रेशर कुकर बम और मोबाइल बम बनाने के वीडियो हैं. सूत्रों के मुताबिक- सैफ़ुल्ला के साथियों की तलाश उत्तर प्रदेश की पुलिस कर रही है. कानपुर और उसके आसपास कई जगह दो संदिग्धों की तलाश के लिए छापे भी मार रही है. दो संदिग्ध आतंकवादियों मोहम्मद फैसल खान और फखरे आलम को उनके ठिकानों से (कानपुर और इटावा से) गिरफ्तार किया गया. फैसल के बड़े भाई मोहम्मद इमरान को भी एक अलग ऑपरेशन के दौरान उन्नाव से गिरफ्तार किया गया और एटीएस ने उनसे पूछताछ शुरू कर दी थी, लेकिन दो लोगों की तलाश अभी चल रही है. सूत्रों के मुताबिक- सैफ़ुल्ला के साथियों की तलाश उत्तर प्रदेश की पुलिस कर रही है. कानपुर और उसके आसपास कई जगह दो संदिग्धों की तलाश के लिए छापे भी मार रही है. दो संदिग्ध आतंकवादियों मोहम्मद फैसल खान और फखरे आलम को उनके ठिकानों से (कानपुर और इटावा से) गिरफ्तार किया गया. फैसल के बड़े भाई मोहम्मद इमरान को भी एक अलग ऑपरेशन के दौरान उन्नाव से गिरफ्तार किया गया और एटीएस ने उनसे पूछताछ शुरू कर दी थी, लेकिन दो लोगों की तलाश अभी चल रही है.
पाकिस्तान की टिकटॉक स्टार हरीम शाह एक बार फिर सुर्खियों में हैं. शाह दुबई में एक स्टोर के उद्घाटन समारोह के दौरान अतिथि बनकर पहुंची थी, जहां वह भीड़ की अभद्रता का शिकार हो गईं. उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर वीडियो साझा करते हुए अपना दुख बयां किया है. डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, शाह ने एक ट्वीट में कहा, "मैं दुबई के ओसिस मॉल की ओपनिंग पर मेहमान के तौर पर आमंत्रित की गई थी. वहां सैकड़ों पाकिस्तानी युवकों ने मुझे धक्का दिया, गालियां दी और कुछ ने तो मुझे लातें तक मारी. क्या आप इसी तरह अपनी महिलाओं के साथ व्यवहार करते हैं?" उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी हरीम शाह उत्पीड़न का शिकार हो चुकी हैं. दरअसल एक कार्यक्रम के दौरान उन्हें युवकों ने तस्वीर लेने के बहाने घेर लिया था. उस वक्त उन्होंने बताया था, "तस्वीर लेने के बहाने एक युवक ने मेरा हाथ पकड़ा और मेरे साथ गलत हरकत करने की कोशिश की, लेकिन मैं समय रहते उस व्यक्ति से दूर हो गई." गौरतलब है कि हरीम करीब दो महीने पहले पाकिस्तान के फॉरेन अफेयर्स कमेटी रूम में टिकटॉक वीडियो बनाने के कारण विवादों में आ गईं थीं. इस मुद्दे पर जमकर विवाद हुआ था और सवाल पूछे गए थे कि टिकटॉक वीडियो के लिए उन्हें अनुमति कैसे मिली.
भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्‍यक्ष और सांसद अनुराग ठाकुर ने आम आदमी पार्टी (आप) पर निशाना साधते हुए बुधवार को कहा कि वो अब गाली गलौज पर उतर आई है. अनुराग ने ट्वीट कर कहा कि आम आदमी पार्टी की बयानों की प्रतिक्रिया की भाषा आपत्तिजनक हो चुकी है. आजकल वह असंसदीय शब्‍दों का इस्‍तेमाल करने लगी है. इसके अलावा वह लोगों को दिग्‍भ्रमित कर उनमें कभी न हकीकत में बदलने वाली आकांक्षाएं पैदा कर रही है. पार्टी में कोई ही सिस्‍टम ही नहीं है. अनुराग का यह ट्वीट पार्टी की ओर से हाल में बीजेपी पर निशाना साधने की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है. उधर, हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एचपीसीए) को लालपानी क्रिकेट अकादमी मामले में कोर्ट ने राहत दे दी है. शिमला की जिला व सत्र अदालत ने अकादमी को गिराने के शिमला नगर निगम के आदेशों पर रोक लगा दी है. नगर निगम आयुक्त की अदालत ने पिछले हफ्ते अकादमी को अवैध बताते हुए इसे गिराने के आदेश दिए थे. हिमाचल क्रिकेट एसोसिएशन को एक सप्ताह के भीतर अकादमी को गिराने को कहा गया था.
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: देश के 73 प्रमुख शहरों के स्वच्छता सर्वेक्षण में मैसूरु स्वच्छ शहरों की श्रेणी में अव्वल आया, जबकि धनबाद निचले पायदान पर रहा। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम. वैंकेया नायडू ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में 'स्वच्छ सर्वेक्षण 2016' के परिणाम जारी किए। इसमें 10 लाख से ज्यादा की आबादी वाले 53 शहरों और 22 राज्यों की राजधानियों को शामिल किया गया था। नोएडा और कोलकाता ने भी अगले दौर के सर्वेक्षण में शामिल होने की इच्छा जताई है। इसके तहत स्‍वच्‍छता व स्‍वास्‍थ्‍य के संबंध में प्रमुख 10 शहरों की श्रेणी में मैसूरु (कर्नाटक), चंडीगढ़, तिरूचनापल्‍ली (तमिलनाडु), नई दिल्‍ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी), विशाखापट्टनम (आंध्र प्रदेश), गुजरात से सूरत और राजकोट, गंगटोक (सिक्‍किम), महाराष्‍ट्र से पिंपरी छिंदवाड़ और ग्रेटर मुंबई शामिल हैं। इस साल के सर्वेक्षण में 10 प्रमुख स्‍वच्‍छ शहरों में स्‍थान बनाते हुए विशाखापट्टनम, सूरत, राजकोट और गंगटोक (सिक्‍किम) ने अपनी श्रेणियों में सुधार किया है। निचले पायदान के 10 शहरों में कल्‍याण डोम्‍बिविली (महाराष्‍ट्र 64वां नंबर), जमशेदपुर (झारखंड), वाराणसी, गाजियाबाद (उत्‍तरप्रदेश), रायपुर (छत्‍तीसगढ़), मेरठ (उत्‍तर प्रदेश), पटना (बिहार), र्इंटानगर (अरुणाचल प्रदेश), आसनसोलन (पश्‍चिम बंगाल) और धनबाद 73वां नंबर पर हैं। स्‍वच्‍छता के लिए पिछला सर्वेक्षण एक लाख और इससे अधिक की जनसंख्‍या वाले 476 शहरों में साल 2014 में किया गया था। इस सर्वेक्षण को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले साल अक्‍टूबर में शुरू किए गए 'स्‍वच्‍छ भारत अभियान' से पहले किया गया था। इन शहरों के 2014 के सर्वेक्षण के परिणाम 'स्‍वच्‍छ भारत अभियान' के घटकों जैसे शौचालयों का निर्माण, ठोस अपशिष्‍ट प्रबंधन और व्‍यक्‍तिगत निगरानी व व्‍यापक मानदंडों के संबंध में उनके प्रदर्शन पर आधारित थे। इससे 'स्‍वच्‍छ भारत अभियान' के प्रभाव के आकलन के लिए दोनों सर्वेक्षणों के परिणामों की तुलना करने में मदद मिली। इस साल के सर्वेक्षण के परिणामों के साथ आगे भी तुलना करने के लिए 2014 में अपनी श्रेणियों में पहुंचे अंकों के आधार पर 73 शहरों के सर्वेक्षण में उनको इस बार भी श्रेणियां दी गईं। नायडू ने कहा कि जिन 73 शहरों में सर्वेक्षण किया गया, उनमें से 32 शहरों की रैंकिंग में पिछले सर्वेक्षण के मुकाबले सुधार देखने को मिला है। इनमें उत्‍तर भारत के 17, पश्चिमी भारत के 6, दक्षिण भारत के 5 और पूर्वी एवं पूर्वोत्‍तर भारत के 2-2 शहर शामिल हैं। उन्‍होंने कहा कि इससे यह साबित हो जाता है कि उत्‍तर भारत के शहर अब साफ-सफाई के लिए कहीं ज्‍यादा प्रयास कर रहे हैं और शीर्ष स्‍वच्‍छ शहरों में शामिल दक्षिण एवं पश्चिमी भारत के शहरों के वर्चस्‍व को नए शहर चुनौती दे रहे हैं। इन 32 शहरों में शामिल जिन चोटी के 10 शहरों ने साल 2016 के सर्वेक्षण में अपनी रैंकिंग में ज्‍यादा सुधार किया है, उनमें ये भी सम्मिलित हैं : इलाहाबाद (रैंकिंग में 45 पायदान का सुधार), नागपुर (40 पायदानों का सुधार), विशाखापट्टनम (39 पायदान का सुधार), ग्‍वालियर (34 पायदानों का सुधार), भुवनेश्‍वर (32 पायदान का सुधार), हैदराबाद (31 पायदान का सुधार), गुड़गांव (29 पायदान का सुधार), विजयवाड़ा (23 पायदान का सुधार) और लखनऊ (23 पायदान का सुधार)।टिप्पणियां राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) दिल्ली में नगरपालिका निकायों के बीच एनडीएमसी की रैंकिंग साल 2014 के सातवें पायदान से सुधरकर साल 2016 में चौथे पायदान पर पहुंच गई। इसी तरह दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की रैंकिंग 47वें पायदान से सुधर कर 39वें पायदान पर और उत्‍तरी दिल्‍ली नगर निगम की रैंकिंग 47वें स्‍थान से सुधर कर 43वें स्‍थान पर आ गई है, जबकि पूर्वी दिल्‍ली नगर निगम की रैंकिंग वर्ष 2014 के 47वें पायदान से फिसलकर साल 2016 में 52वें पायदान पर आ गई है। साल 2016 में जिन शीर्ष 10 शहरों की रैंकिंग काफी नीचे आई है उनमें जमशेदपुर, कोच्चि, शिलांग, चेन्‍नई, गुवाहाटी, आसनसोल, बेंगलुरू, रांची, कल्याण-डोम्बीवली और नासिक शामिल हैं। जहां एक ओर जमशेदपुर की रैंकिंग इस साल 53 पायदान नीचे आ गई है, वहीं नासिक की रैंकिंग 23 पायदान फिसल गई है। इसके तहत स्‍वच्‍छता व स्‍वास्‍थ्‍य के संबंध में प्रमुख 10 शहरों की श्रेणी में मैसूरु (कर्नाटक), चंडीगढ़, तिरूचनापल्‍ली (तमिलनाडु), नई दिल्‍ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी), विशाखापट्टनम (आंध्र प्रदेश), गुजरात से सूरत और राजकोट, गंगटोक (सिक्‍किम), महाराष्‍ट्र से पिंपरी छिंदवाड़ और ग्रेटर मुंबई शामिल हैं। इस साल के सर्वेक्षण में 10 प्रमुख स्‍वच्‍छ शहरों में स्‍थान बनाते हुए विशाखापट्टनम, सूरत, राजकोट और गंगटोक (सिक्‍किम) ने अपनी श्रेणियों में सुधार किया है। निचले पायदान के 10 शहरों में कल्‍याण डोम्‍बिविली (महाराष्‍ट्र 64वां नंबर), जमशेदपुर (झारखंड), वाराणसी, गाजियाबाद (उत्‍तरप्रदेश), रायपुर (छत्‍तीसगढ़), मेरठ (उत्‍तर प्रदेश), पटना (बिहार), र्इंटानगर (अरुणाचल प्रदेश), आसनसोलन (पश्‍चिम बंगाल) और धनबाद 73वां नंबर पर हैं। स्‍वच्‍छता के लिए पिछला सर्वेक्षण एक लाख और इससे अधिक की जनसंख्‍या वाले 476 शहरों में साल 2014 में किया गया था। इस सर्वेक्षण को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले साल अक्‍टूबर में शुरू किए गए 'स्‍वच्‍छ भारत अभियान' से पहले किया गया था। इन शहरों के 2014 के सर्वेक्षण के परिणाम 'स्‍वच्‍छ भारत अभियान' के घटकों जैसे शौचालयों का निर्माण, ठोस अपशिष्‍ट प्रबंधन और व्‍यक्‍तिगत निगरानी व व्‍यापक मानदंडों के संबंध में उनके प्रदर्शन पर आधारित थे। इससे 'स्‍वच्‍छ भारत अभियान' के प्रभाव के आकलन के लिए दोनों सर्वेक्षणों के परिणामों की तुलना करने में मदद मिली। इस साल के सर्वेक्षण के परिणामों के साथ आगे भी तुलना करने के लिए 2014 में अपनी श्रेणियों में पहुंचे अंकों के आधार पर 73 शहरों के सर्वेक्षण में उनको इस बार भी श्रेणियां दी गईं। नायडू ने कहा कि जिन 73 शहरों में सर्वेक्षण किया गया, उनमें से 32 शहरों की रैंकिंग में पिछले सर्वेक्षण के मुकाबले सुधार देखने को मिला है। इनमें उत्‍तर भारत के 17, पश्चिमी भारत के 6, दक्षिण भारत के 5 और पूर्वी एवं पूर्वोत्‍तर भारत के 2-2 शहर शामिल हैं। उन्‍होंने कहा कि इससे यह साबित हो जाता है कि उत्‍तर भारत के शहर अब साफ-सफाई के लिए कहीं ज्‍यादा प्रयास कर रहे हैं और शीर्ष स्‍वच्‍छ शहरों में शामिल दक्षिण एवं पश्चिमी भारत के शहरों के वर्चस्‍व को नए शहर चुनौती दे रहे हैं। इन 32 शहरों में शामिल जिन चोटी के 10 शहरों ने साल 2016 के सर्वेक्षण में अपनी रैंकिंग में ज्‍यादा सुधार किया है, उनमें ये भी सम्मिलित हैं : इलाहाबाद (रैंकिंग में 45 पायदान का सुधार), नागपुर (40 पायदानों का सुधार), विशाखापट्टनम (39 पायदान का सुधार), ग्‍वालियर (34 पायदानों का सुधार), भुवनेश्‍वर (32 पायदान का सुधार), हैदराबाद (31 पायदान का सुधार), गुड़गांव (29 पायदान का सुधार), विजयवाड़ा (23 पायदान का सुधार) और लखनऊ (23 पायदान का सुधार)।टिप्पणियां राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) दिल्ली में नगरपालिका निकायों के बीच एनडीएमसी की रैंकिंग साल 2014 के सातवें पायदान से सुधरकर साल 2016 में चौथे पायदान पर पहुंच गई। इसी तरह दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की रैंकिंग 47वें पायदान से सुधर कर 39वें पायदान पर और उत्‍तरी दिल्‍ली नगर निगम की रैंकिंग 47वें स्‍थान से सुधर कर 43वें स्‍थान पर आ गई है, जबकि पूर्वी दिल्‍ली नगर निगम की रैंकिंग वर्ष 2014 के 47वें पायदान से फिसलकर साल 2016 में 52वें पायदान पर आ गई है। साल 2016 में जिन शीर्ष 10 शहरों की रैंकिंग काफी नीचे आई है उनमें जमशेदपुर, कोच्चि, शिलांग, चेन्‍नई, गुवाहाटी, आसनसोल, बेंगलुरू, रांची, कल्याण-डोम्बीवली और नासिक शामिल हैं। जहां एक ओर जमशेदपुर की रैंकिंग इस साल 53 पायदान नीचे आ गई है, वहीं नासिक की रैंकिंग 23 पायदान फिसल गई है। इस साल के सर्वेक्षण में 10 प्रमुख स्‍वच्‍छ शहरों में स्‍थान बनाते हुए विशाखापट्टनम, सूरत, राजकोट और गंगटोक (सिक्‍किम) ने अपनी श्रेणियों में सुधार किया है। निचले पायदान के 10 शहरों में कल्‍याण डोम्‍बिविली (महाराष्‍ट्र 64वां नंबर), जमशेदपुर (झारखंड), वाराणसी, गाजियाबाद (उत्‍तरप्रदेश), रायपुर (छत्‍तीसगढ़), मेरठ (उत्‍तर प्रदेश), पटना (बिहार), र्इंटानगर (अरुणाचल प्रदेश), आसनसोलन (पश्‍चिम बंगाल) और धनबाद 73वां नंबर पर हैं। स्‍वच्‍छता के लिए पिछला सर्वेक्षण एक लाख और इससे अधिक की जनसंख्‍या वाले 476 शहरों में साल 2014 में किया गया था। इस सर्वेक्षण को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले साल अक्‍टूबर में शुरू किए गए 'स्‍वच्‍छ भारत अभियान' से पहले किया गया था। इन शहरों के 2014 के सर्वेक्षण के परिणाम 'स्‍वच्‍छ भारत अभियान' के घटकों जैसे शौचालयों का निर्माण, ठोस अपशिष्‍ट प्रबंधन और व्‍यक्‍तिगत निगरानी व व्‍यापक मानदंडों के संबंध में उनके प्रदर्शन पर आधारित थे। इससे 'स्‍वच्‍छ भारत अभियान' के प्रभाव के आकलन के लिए दोनों सर्वेक्षणों के परिणामों की तुलना करने में मदद मिली। इस साल के सर्वेक्षण के परिणामों के साथ आगे भी तुलना करने के लिए 2014 में अपनी श्रेणियों में पहुंचे अंकों के आधार पर 73 शहरों के सर्वेक्षण में उनको इस बार भी श्रेणियां दी गईं। नायडू ने कहा कि जिन 73 शहरों में सर्वेक्षण किया गया, उनमें से 32 शहरों की रैंकिंग में पिछले सर्वेक्षण के मुकाबले सुधार देखने को मिला है। इनमें उत्‍तर भारत के 17, पश्चिमी भारत के 6, दक्षिण भारत के 5 और पूर्वी एवं पूर्वोत्‍तर भारत के 2-2 शहर शामिल हैं। उन्‍होंने कहा कि इससे यह साबित हो जाता है कि उत्‍तर भारत के शहर अब साफ-सफाई के लिए कहीं ज्‍यादा प्रयास कर रहे हैं और शीर्ष स्‍वच्‍छ शहरों में शामिल दक्षिण एवं पश्चिमी भारत के शहरों के वर्चस्‍व को नए शहर चुनौती दे रहे हैं। इन 32 शहरों में शामिल जिन चोटी के 10 शहरों ने साल 2016 के सर्वेक्षण में अपनी रैंकिंग में ज्‍यादा सुधार किया है, उनमें ये भी सम्मिलित हैं : इलाहाबाद (रैंकिंग में 45 पायदान का सुधार), नागपुर (40 पायदानों का सुधार), विशाखापट्टनम (39 पायदान का सुधार), ग्‍वालियर (34 पायदानों का सुधार), भुवनेश्‍वर (32 पायदान का सुधार), हैदराबाद (31 पायदान का सुधार), गुड़गांव (29 पायदान का सुधार), विजयवाड़ा (23 पायदान का सुधार) और लखनऊ (23 पायदान का सुधार)।टिप्पणियां राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) दिल्ली में नगरपालिका निकायों के बीच एनडीएमसी की रैंकिंग साल 2014 के सातवें पायदान से सुधरकर साल 2016 में चौथे पायदान पर पहुंच गई। इसी तरह दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की रैंकिंग 47वें पायदान से सुधर कर 39वें पायदान पर और उत्‍तरी दिल्‍ली नगर निगम की रैंकिंग 47वें स्‍थान से सुधर कर 43वें स्‍थान पर आ गई है, जबकि पूर्वी दिल्‍ली नगर निगम की रैंकिंग वर्ष 2014 के 47वें पायदान से फिसलकर साल 2016 में 52वें पायदान पर आ गई है। साल 2016 में जिन शीर्ष 10 शहरों की रैंकिंग काफी नीचे आई है उनमें जमशेदपुर, कोच्चि, शिलांग, चेन्‍नई, गुवाहाटी, आसनसोल, बेंगलुरू, रांची, कल्याण-डोम्बीवली और नासिक शामिल हैं। जहां एक ओर जमशेदपुर की रैंकिंग इस साल 53 पायदान नीचे आ गई है, वहीं नासिक की रैंकिंग 23 पायदान फिसल गई है। स्‍वच्‍छता के लिए पिछला सर्वेक्षण एक लाख और इससे अधिक की जनसंख्‍या वाले 476 शहरों में साल 2014 में किया गया था। इस सर्वेक्षण को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले साल अक्‍टूबर में शुरू किए गए 'स्‍वच्‍छ भारत अभियान' से पहले किया गया था। इन शहरों के 2014 के सर्वेक्षण के परिणाम 'स्‍वच्‍छ भारत अभियान' के घटकों जैसे शौचालयों का निर्माण, ठोस अपशिष्‍ट प्रबंधन और व्‍यक्‍तिगत निगरानी व व्‍यापक मानदंडों के संबंध में उनके प्रदर्शन पर आधारित थे। इससे 'स्‍वच्‍छ भारत अभियान' के प्रभाव के आकलन के लिए दोनों सर्वेक्षणों के परिणामों की तुलना करने में मदद मिली। इस साल के सर्वेक्षण के परिणामों के साथ आगे भी तुलना करने के लिए 2014 में अपनी श्रेणियों में पहुंचे अंकों के आधार पर 73 शहरों के सर्वेक्षण में उनको इस बार भी श्रेणियां दी गईं। नायडू ने कहा कि जिन 73 शहरों में सर्वेक्षण किया गया, उनमें से 32 शहरों की रैंकिंग में पिछले सर्वेक्षण के मुकाबले सुधार देखने को मिला है। इनमें उत्‍तर भारत के 17, पश्चिमी भारत के 6, दक्षिण भारत के 5 और पूर्वी एवं पूर्वोत्‍तर भारत के 2-2 शहर शामिल हैं। उन्‍होंने कहा कि इससे यह साबित हो जाता है कि उत्‍तर भारत के शहर अब साफ-सफाई के लिए कहीं ज्‍यादा प्रयास कर रहे हैं और शीर्ष स्‍वच्‍छ शहरों में शामिल दक्षिण एवं पश्चिमी भारत के शहरों के वर्चस्‍व को नए शहर चुनौती दे रहे हैं। इन 32 शहरों में शामिल जिन चोटी के 10 शहरों ने साल 2016 के सर्वेक्षण में अपनी रैंकिंग में ज्‍यादा सुधार किया है, उनमें ये भी सम्मिलित हैं : इलाहाबाद (रैंकिंग में 45 पायदान का सुधार), नागपुर (40 पायदानों का सुधार), विशाखापट्टनम (39 पायदान का सुधार), ग्‍वालियर (34 पायदानों का सुधार), भुवनेश्‍वर (32 पायदान का सुधार), हैदराबाद (31 पायदान का सुधार), गुड़गांव (29 पायदान का सुधार), विजयवाड़ा (23 पायदान का सुधार) और लखनऊ (23 पायदान का सुधार)।टिप्पणियां राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) दिल्ली में नगरपालिका निकायों के बीच एनडीएमसी की रैंकिंग साल 2014 के सातवें पायदान से सुधरकर साल 2016 में चौथे पायदान पर पहुंच गई। इसी तरह दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की रैंकिंग 47वें पायदान से सुधर कर 39वें पायदान पर और उत्‍तरी दिल्‍ली नगर निगम की रैंकिंग 47वें स्‍थान से सुधर कर 43वें स्‍थान पर आ गई है, जबकि पूर्वी दिल्‍ली नगर निगम की रैंकिंग वर्ष 2014 के 47वें पायदान से फिसलकर साल 2016 में 52वें पायदान पर आ गई है। साल 2016 में जिन शीर्ष 10 शहरों की रैंकिंग काफी नीचे आई है उनमें जमशेदपुर, कोच्चि, शिलांग, चेन्‍नई, गुवाहाटी, आसनसोल, बेंगलुरू, रांची, कल्याण-डोम्बीवली और नासिक शामिल हैं। जहां एक ओर जमशेदपुर की रैंकिंग इस साल 53 पायदान नीचे आ गई है, वहीं नासिक की रैंकिंग 23 पायदान फिसल गई है। इस साल के सर्वेक्षण के परिणामों के साथ आगे भी तुलना करने के लिए 2014 में अपनी श्रेणियों में पहुंचे अंकों के आधार पर 73 शहरों के सर्वेक्षण में उनको इस बार भी श्रेणियां दी गईं। नायडू ने कहा कि जिन 73 शहरों में सर्वेक्षण किया गया, उनमें से 32 शहरों की रैंकिंग में पिछले सर्वेक्षण के मुकाबले सुधार देखने को मिला है। इनमें उत्‍तर भारत के 17, पश्चिमी भारत के 6, दक्षिण भारत के 5 और पूर्वी एवं पूर्वोत्‍तर भारत के 2-2 शहर शामिल हैं। उन्‍होंने कहा कि इससे यह साबित हो जाता है कि उत्‍तर भारत के शहर अब साफ-सफाई के लिए कहीं ज्‍यादा प्रयास कर रहे हैं और शीर्ष स्‍वच्‍छ शहरों में शामिल दक्षिण एवं पश्चिमी भारत के शहरों के वर्चस्‍व को नए शहर चुनौती दे रहे हैं। इन 32 शहरों में शामिल जिन चोटी के 10 शहरों ने साल 2016 के सर्वेक्षण में अपनी रैंकिंग में ज्‍यादा सुधार किया है, उनमें ये भी सम्मिलित हैं : इलाहाबाद (रैंकिंग में 45 पायदान का सुधार), नागपुर (40 पायदानों का सुधार), विशाखापट्टनम (39 पायदान का सुधार), ग्‍वालियर (34 पायदानों का सुधार), भुवनेश्‍वर (32 पायदान का सुधार), हैदराबाद (31 पायदान का सुधार), गुड़गांव (29 पायदान का सुधार), विजयवाड़ा (23 पायदान का सुधार) और लखनऊ (23 पायदान का सुधार)।टिप्पणियां राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) दिल्ली में नगरपालिका निकायों के बीच एनडीएमसी की रैंकिंग साल 2014 के सातवें पायदान से सुधरकर साल 2016 में चौथे पायदान पर पहुंच गई। इसी तरह दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की रैंकिंग 47वें पायदान से सुधर कर 39वें पायदान पर और उत्‍तरी दिल्‍ली नगर निगम की रैंकिंग 47वें स्‍थान से सुधर कर 43वें स्‍थान पर आ गई है, जबकि पूर्वी दिल्‍ली नगर निगम की रैंकिंग वर्ष 2014 के 47वें पायदान से फिसलकर साल 2016 में 52वें पायदान पर आ गई है। साल 2016 में जिन शीर्ष 10 शहरों की रैंकिंग काफी नीचे आई है उनमें जमशेदपुर, कोच्चि, शिलांग, चेन्‍नई, गुवाहाटी, आसनसोल, बेंगलुरू, रांची, कल्याण-डोम्बीवली और नासिक शामिल हैं। जहां एक ओर जमशेदपुर की रैंकिंग इस साल 53 पायदान नीचे आ गई है, वहीं नासिक की रैंकिंग 23 पायदान फिसल गई है। नायडू ने कहा कि जिन 73 शहरों में सर्वेक्षण किया गया, उनमें से 32 शहरों की रैंकिंग में पिछले सर्वेक्षण के मुकाबले सुधार देखने को मिला है। इनमें उत्‍तर भारत के 17, पश्चिमी भारत के 6, दक्षिण भारत के 5 और पूर्वी एवं पूर्वोत्‍तर भारत के 2-2 शहर शामिल हैं। उन्‍होंने कहा कि इससे यह साबित हो जाता है कि उत्‍तर भारत के शहर अब साफ-सफाई के लिए कहीं ज्‍यादा प्रयास कर रहे हैं और शीर्ष स्‍वच्‍छ शहरों में शामिल दक्षिण एवं पश्चिमी भारत के शहरों के वर्चस्‍व को नए शहर चुनौती दे रहे हैं। इन 32 शहरों में शामिल जिन चोटी के 10 शहरों ने साल 2016 के सर्वेक्षण में अपनी रैंकिंग में ज्‍यादा सुधार किया है, उनमें ये भी सम्मिलित हैं : इलाहाबाद (रैंकिंग में 45 पायदान का सुधार), नागपुर (40 पायदानों का सुधार), विशाखापट्टनम (39 पायदान का सुधार), ग्‍वालियर (34 पायदानों का सुधार), भुवनेश्‍वर (32 पायदान का सुधार), हैदराबाद (31 पायदान का सुधार), गुड़गांव (29 पायदान का सुधार), विजयवाड़ा (23 पायदान का सुधार) और लखनऊ (23 पायदान का सुधार)।टिप्पणियां राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) दिल्ली में नगरपालिका निकायों के बीच एनडीएमसी की रैंकिंग साल 2014 के सातवें पायदान से सुधरकर साल 2016 में चौथे पायदान पर पहुंच गई। इसी तरह दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की रैंकिंग 47वें पायदान से सुधर कर 39वें पायदान पर और उत्‍तरी दिल्‍ली नगर निगम की रैंकिंग 47वें स्‍थान से सुधर कर 43वें स्‍थान पर आ गई है, जबकि पूर्वी दिल्‍ली नगर निगम की रैंकिंग वर्ष 2014 के 47वें पायदान से फिसलकर साल 2016 में 52वें पायदान पर आ गई है। साल 2016 में जिन शीर्ष 10 शहरों की रैंकिंग काफी नीचे आई है उनमें जमशेदपुर, कोच्चि, शिलांग, चेन्‍नई, गुवाहाटी, आसनसोल, बेंगलुरू, रांची, कल्याण-डोम्बीवली और नासिक शामिल हैं। जहां एक ओर जमशेदपुर की रैंकिंग इस साल 53 पायदान नीचे आ गई है, वहीं नासिक की रैंकिंग 23 पायदान फिसल गई है। इन 32 शहरों में शामिल जिन चोटी के 10 शहरों ने साल 2016 के सर्वेक्षण में अपनी रैंकिंग में ज्‍यादा सुधार किया है, उनमें ये भी सम्मिलित हैं : इलाहाबाद (रैंकिंग में 45 पायदान का सुधार), नागपुर (40 पायदानों का सुधार), विशाखापट्टनम (39 पायदान का सुधार), ग्‍वालियर (34 पायदानों का सुधार), भुवनेश्‍वर (32 पायदान का सुधार), हैदराबाद (31 पायदान का सुधार), गुड़गांव (29 पायदान का सुधार), विजयवाड़ा (23 पायदान का सुधार) और लखनऊ (23 पायदान का सुधार)।टिप्पणियां राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) दिल्ली में नगरपालिका निकायों के बीच एनडीएमसी की रैंकिंग साल 2014 के सातवें पायदान से सुधरकर साल 2016 में चौथे पायदान पर पहुंच गई। इसी तरह दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की रैंकिंग 47वें पायदान से सुधर कर 39वें पायदान पर और उत्‍तरी दिल्‍ली नगर निगम की रैंकिंग 47वें स्‍थान से सुधर कर 43वें स्‍थान पर आ गई है, जबकि पूर्वी दिल्‍ली नगर निगम की रैंकिंग वर्ष 2014 के 47वें पायदान से फिसलकर साल 2016 में 52वें पायदान पर आ गई है। साल 2016 में जिन शीर्ष 10 शहरों की रैंकिंग काफी नीचे आई है उनमें जमशेदपुर, कोच्चि, शिलांग, चेन्‍नई, गुवाहाटी, आसनसोल, बेंगलुरू, रांची, कल्याण-डोम्बीवली और नासिक शामिल हैं। जहां एक ओर जमशेदपुर की रैंकिंग इस साल 53 पायदान नीचे आ गई है, वहीं नासिक की रैंकिंग 23 पायदान फिसल गई है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) दिल्ली में नगरपालिका निकायों के बीच एनडीएमसी की रैंकिंग साल 2014 के सातवें पायदान से सुधरकर साल 2016 में चौथे पायदान पर पहुंच गई। इसी तरह दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की रैंकिंग 47वें पायदान से सुधर कर 39वें पायदान पर और उत्‍तरी दिल्‍ली नगर निगम की रैंकिंग 47वें स्‍थान से सुधर कर 43वें स्‍थान पर आ गई है, जबकि पूर्वी दिल्‍ली नगर निगम की रैंकिंग वर्ष 2014 के 47वें पायदान से फिसलकर साल 2016 में 52वें पायदान पर आ गई है। साल 2016 में जिन शीर्ष 10 शहरों की रैंकिंग काफी नीचे आई है उनमें जमशेदपुर, कोच्चि, शिलांग, चेन्‍नई, गुवाहाटी, आसनसोल, बेंगलुरू, रांची, कल्याण-डोम्बीवली और नासिक शामिल हैं। जहां एक ओर जमशेदपुर की रैंकिंग इस साल 53 पायदान नीचे आ गई है, वहीं नासिक की रैंकिंग 23 पायदान फिसल गई है। साल 2016 में जिन शीर्ष 10 शहरों की रैंकिंग काफी नीचे आई है उनमें जमशेदपुर, कोच्चि, शिलांग, चेन्‍नई, गुवाहाटी, आसनसोल, बेंगलुरू, रांची, कल्याण-डोम्बीवली और नासिक शामिल हैं। जहां एक ओर जमशेदपुर की रैंकिंग इस साल 53 पायदान नीचे आ गई है, वहीं नासिक की रैंकिंग 23 पायदान फिसल गई है।
शैतान (इब्रानी: שָׂטָן; अरबी: شيطان; शाब्दिक अर्थ: दुश्मन, विरोधी या अभियोगी) इब्राहिमी सम्प्रदायों में सबसे दुष्ट अस्तित्वी का नाम है, जो दुनिया की सारी बुराई का प्रतीक है। इन सम्प्रदायों में ईश्वर को सारी अच्छाई प्रदान की जाती है और बुराई शैतान को। हिन्दू पन्थ में शैतान जैसी चीज का कोई अस्तित्व नहीं है, क्योंकि दुनिया में पाप और दुख मनुष्य स्वयं अपने कर्मो और अपने अज्ञान द्वारा उत्पन्न करता है। ईसाई, इस्लाम और यहूदी मतों के अनुसार शैतान पहले ईश्वर का एक फ़रिश्ता था, जिसने ईश्वर से विद्रोह किया और इसके बदले ईश्वर ने उसे स्वर्ग से निकाल दिया। शैतान पृथ्वी पर मानवों को पाप के लिये उकसाता है। कई उसे नरक का राजा भी मानते हैं। शैतान शब्द अन्य दुष्ट भूत-प्रेतों और दुष्ट देवों के लिये भी प्रयुक्त होता है। शैतानी धर्म में शैतान की पूजा की जाती है। परिचय बाइबिल में इस शब्द के अर्थ में क्रमिक विकास हुआ है। इब्रानी पूर्वार्ध में इसका अर्थ है - अभियोक्ता, विरोधी, आक्रामक। प्रारंभ में इसका प्रयोग किसी भी मानवीय विरोधी के लिए हुआ है। इय्योब नामक काव्यग्रंथ में शैतान एक पारलौकिक सत्व है जो ईश्वर के दरबार में इय्योब पर पाखंड का आरोप लगाता है। यहूदियों के निर्वासनकाल के बाद (छठी शताब्दी ई. पू.) शैतान एक पतित देवदूत है जो मनुष्यों को पाप करने के लिए प्रलोभन देता है। बाइबिल के उत्तरार्ध में शैतान बुराई की समष्टिगत अथवा व्यक्तिगत सत्ता का नाम है। उसको पतित देवदूत, ईश्वर का विरोधी, दुष्ट, प्राचीन सर्प, परदार साँप (ड्रैगन), गरजनेवाला सिंह, इहलोक का नायक आदि कहा गया है। जहाँ मसीह अथवा उनके शिष्य जाते, वहाँ शैतान अधिक सक्रिय बन जाता क्योंकि मसीह उसको पराजित करेंगे और उसका प्रभुत्व मिटा देंगे। किंतु मसीह की वह विजय संसार के अंत में ही पूर्ण हो पाएगी (दे. कयामत)। इतने में शैतान को मसीह और उसके मुक्तिविधान का विरोध करने की छुट्टी दी जाती है। दुष्ट मनुष्य स्वेच्छा से शैतान की सहायता करते हैं। संसार के अंत में जो ्ख्राीस्त विरोधी (ऐंटी क्राइस्ट) प्रकट होगा वह शैतान की कठपुतली ही है। उस समय शैतान का विरोध अत्यंत सक्रिय रूप धारण कर लेगा किंतु अंततोगत्वा वह सदा के लिए नर्क में डाल दिया जाएगा। ईसा पर अपने विश्वास के कारण ईसाई शैतान के सफलतापूर्वक विरोध करने में समर्थ समझे जाते हैं। बाइबिल के उत्तरार्ध तथा चर्च की शिक्षा के अनुसार शैतान प्रतीकात्मक शैली की कल्पना मात्र नहीं है; पतित देवदूतों का अस्तित्व असंदिग्ध है। दूसरी ओर वह निश्चित रूप से ईश्वर द्वारा एक सृष्ट सत्व मात्र है जो ईश्वर के मुक्तिविधान का विरोध करते हुए भी किसी भी तरह से ईश्वर के समकक्ष नहीं रखा जा सकता। संदर्भ ग्रंथ डब्ल्यू. बौवर : ग्रीक इंग्लिश लेक्सिकोन ऑव दि न्यू टेस्टामेंट, शिकागो, 1963 इन्हें भी देखिये चुड़ैल शैतान की खुशी इस्लाम ईसाई धर्म यहूदी धर्म
यह एक लेख है: हिमाचल प्रदेश में अगले पांच दिनों में फिर से भारी वर्षा हो सकती है। यह जानकारी मौसम विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को यहां दी। अधिकारी ने कहा कि अगले कुछ दिन फंसे पर्यटकों को बचाने और बारिश से प्रभावित किन्नौर जिले में सड़कों को फिर से खोलने के लिहाज से महत्वपूर्ण होंगे। स्थानीय मौसम विज्ञान विभाग कार्यालय के निदेशक मनमोहन सिंह ने कहा, "27 जून से पूरे राज्य में भारी वर्षा हो सकती है।" उन्होंने कहा कि तबतक इस क्षेत्र में मानसून मंद रहेगा।टिप्पणियां आधिकारिक आकड़ों के अनुसार, लगभग 200 पर्यटक अभी भी सांगला, पूह, काजा, नाको और रेकोंग पेओ में फंसे हुए हैं, जो राज्य के बाकी हिस्से से कट गए हैं। लेकिन स्थानीय आतिथ्य उद्योग के सदस्यों का कहना है कि यह आंकड़ा 500 के पार हो सकता है। फंसे हुए अधिकांश पर्यटक सांगला और चितकुल के बीच हैं। चितकुल चीन की सीमा से लगा ऐसा अंतिम गांव है, जहां वाहन जा सकते हैं। अधिकारी ने कहा कि अगले कुछ दिन फंसे पर्यटकों को बचाने और बारिश से प्रभावित किन्नौर जिले में सड़कों को फिर से खोलने के लिहाज से महत्वपूर्ण होंगे। स्थानीय मौसम विज्ञान विभाग कार्यालय के निदेशक मनमोहन सिंह ने कहा, "27 जून से पूरे राज्य में भारी वर्षा हो सकती है।" उन्होंने कहा कि तबतक इस क्षेत्र में मानसून मंद रहेगा।टिप्पणियां आधिकारिक आकड़ों के अनुसार, लगभग 200 पर्यटक अभी भी सांगला, पूह, काजा, नाको और रेकोंग पेओ में फंसे हुए हैं, जो राज्य के बाकी हिस्से से कट गए हैं। लेकिन स्थानीय आतिथ्य उद्योग के सदस्यों का कहना है कि यह आंकड़ा 500 के पार हो सकता है। फंसे हुए अधिकांश पर्यटक सांगला और चितकुल के बीच हैं। चितकुल चीन की सीमा से लगा ऐसा अंतिम गांव है, जहां वाहन जा सकते हैं। स्थानीय मौसम विज्ञान विभाग कार्यालय के निदेशक मनमोहन सिंह ने कहा, "27 जून से पूरे राज्य में भारी वर्षा हो सकती है।" उन्होंने कहा कि तबतक इस क्षेत्र में मानसून मंद रहेगा।टिप्पणियां आधिकारिक आकड़ों के अनुसार, लगभग 200 पर्यटक अभी भी सांगला, पूह, काजा, नाको और रेकोंग पेओ में फंसे हुए हैं, जो राज्य के बाकी हिस्से से कट गए हैं। लेकिन स्थानीय आतिथ्य उद्योग के सदस्यों का कहना है कि यह आंकड़ा 500 के पार हो सकता है। फंसे हुए अधिकांश पर्यटक सांगला और चितकुल के बीच हैं। चितकुल चीन की सीमा से लगा ऐसा अंतिम गांव है, जहां वाहन जा सकते हैं। आधिकारिक आकड़ों के अनुसार, लगभग 200 पर्यटक अभी भी सांगला, पूह, काजा, नाको और रेकोंग पेओ में फंसे हुए हैं, जो राज्य के बाकी हिस्से से कट गए हैं। लेकिन स्थानीय आतिथ्य उद्योग के सदस्यों का कहना है कि यह आंकड़ा 500 के पार हो सकता है। फंसे हुए अधिकांश पर्यटक सांगला और चितकुल के बीच हैं। चितकुल चीन की सीमा से लगा ऐसा अंतिम गांव है, जहां वाहन जा सकते हैं। फंसे हुए अधिकांश पर्यटक सांगला और चितकुल के बीच हैं। चितकुल चीन की सीमा से लगा ऐसा अंतिम गांव है, जहां वाहन जा सकते हैं।
चेन्नई सुपर किंग्स की टीम ने शानदार गेंदबाजी के बाद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के नाबाद 31 रनों की पारी की बदौलत मौजूदा आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु पर 6 विकेट से आसान जीत दर्ज की. आरसीबी अब 9 में से 6 मैच हार चुकी है, जबकि चेन्नई 10 में से 7 मैच जीतकर अंक तालिका में सनराइजर्स हैदराबाद के बाद दूसरे स्थान पर है. IPL: धोनी की धमाकेदार पारियों का क्या है राज, वॉटसन ने किया खुलासा चेन्नई को जीत के लिए अंतिम 5 ओवरों में 39 रनों की दरकार थी. मैच रोमांचक स्थिति में पहुंच चुका था. धोनी क्रीज पर थे और उन्होंने आरसीबी की चुनौती ध्वस्त कर डाली. 18वें ओवर में उन्होंने अपनी पारी के तीनों छक्के जड़े और ड्वेन ब्रावो (नाबाद 14) ने उस ओवर की अंतिम गेंद पर एक रन लेकर टीम को जीत दिलाई. विराट को आउट कर जडेजा ने क्यों नहीं मनाया जश्न, बताई ये वजह इस मैच के बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के कप्तान विराट कोहली भी धोनी की तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाए. उन्होंने माना, 'धोनी को छक्के मारते हुए सभी देखना चाहते हैं, जिस तरह से आज (शनिवार को) उन्होंने किया.' विराट ने कहा, 'जब वो (धोनी) ऐसे फॉर्म में हों तो आप कुछ नहीं कर सकते. यह भारतीय क्रिकेट के लिए काफी बहुत अच्छा है. उन्होंने अच्छा खेला और वह जीत के हकदार थे.' IPL: हार से दुखी विराट बोले, कैच छोड़ने से मैच नहीं जीते जाते दूसरी तरफ, विराट ने कैच टपकाए जाने पर निराशा जताई . आरसीबी के पार्थिव पटेल और युजवेंद्र चहल ने ड्वेन ब्रावो के कैच टपकाए, जिस समय चेन्नई संकट में लग रही थी. कोहली ने कहा, ‘यह करीबी मुकाबला था. कैच छोड़ने से मैच नहीं जीते जाते.’
मुंबई हमले में इकट्ठा किए गए सबूतों के आधार पर पाकिस्तान अब इंटरपोल को डीएनए प्रोफाइल रिपोर्ट सौंपने को तैयार हो गया है. इंटरपोल का कहना है कि वो पाकिस्तान से भेजे जा रहे डीएनए प्रोफाइल को भारत के जुटाए सबूतों से मैच कराएगी. पाकिस्तान को ये कदम इसलिए उठाना पड़ा है क्योंकि उसके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं. अगर पाक इंटरपोल के साथ अपने जुटाए सबूतों को शेयर नहीं करता है तो उसकी जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठते रहेंगे. समाचार एजेंसी एपी के हवाले से छपी खबर में कहा गया है कि कल इस्लामाबाद में इंटरपोल के सुरक्षा सचिव रोनाल्ड के. नोबल ने पाकिस्तान के गृह मंत्री और फेडरल इनवेस्‍टीगेशन एजेंसी के डॉयरेक्टर तारिक खोसा से मुलाकात की. माना जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद ही पाकिस्तान इंटरपोल को डीएनए प्रोफाइल्स भेजने को राजी हुआ है.
शीत लहर के चलते वायुमंडल में उपस्थित जल वाष्प जब पेड़ पौधों की पत्तियों अथवा किसी ठोस पदार्थ के सम्पर्क में आती है जिनका तापमान 0°सेल्सियस अथवा इससे नीचे है तो यह बर्फ की चादर के रूप में जमने लग जाती है। यह पाला कहलाती है। फसलों पर प्रभाव पाले के कारण पेड़ पौधों की कोशिकाओं व ऊतकों में उपस्थित जल के बर्फ़ में बदल जाने की वजह से इसका आयतन बढ़ जाता है।आयतन बढ़ने से पौधे के ऊतक, कोशिकाएं व संवहनी नलिकाएं आदि फट जाती हैं जिससे पौधे की मृत्यु हो जाती है। सम्पूर्ण फसल भी कई बार नष्ट हो जाती है। इससे बचाव के लिए किसान खेतों में खड़ी फसलों में पानी से सिंचाई करते हैं।इस पानी को पौधा जब अवशोषित कर अपने शरीर मे ग्रहण करता है तो अंदर जमी बर्फ घुल जाती है और पौधे मरने से बच जाते हैं। संदर्भ बर्फ़ जल ठंड बाहरी कड़ियां Guide to frost
देश के शेयर बाजारों में मंगलवार को मामूली गिरावट दर्ज की गई. प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 6.46 अंकों की गिरावट के साथ 22,758.37 पर और निफ्टी 2.30 अंकों की गिरावट के साथ 6,815.35 पर बंद हुए. वहीं सोना और चांदी थोड़े और महंगे हो गए. बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 6.41 अंकों की तेजी के साथ 22,771.24 पर खुला और 6.46 अंकों यानी 0.03 फीसदी की गिरावट के साथ 22,758.37 पर बंद हुआ. दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 22,853.03 के ऊपरी और 22,727.63 निचले स्तर को छुआ. सेंसेक्स के 30 में से 12 शेयरों में तेजी दर्ज की गई. एलएंडटी (1.65 फीसदी), गेल (1.41 फीसदी), एचडीएफसी बैंक (1.36 फीसदी), ओएनजीसी (0.94 फीसदी), और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (0.94 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी दर्ज की गई. गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे एसएसएलटी (4.01 फीसदी), विप्रो (2.80 फीसदी), एसबीआई (1.03 फीसदी), इंफोसिस (0.99 फीसदी) और मारुति सुजुकी (0.90 फीसदी). नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 5.25 अंकों की तेजी के साथ 6,822.90 पर खुला और 2.30 अंकों यानी 0.03 फीसदी की गिरावट के साथ 6,815.35 पर बंद हुआ. दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 6,838.00 के ऊपरी और 6,806.25 के निचले स्तर को छुआ. बीएसई के मिडकैप सूचकांक में गिरावट और स्मॉलकैप में तेजी दर्ज की गई. मिडकैप 11.24 अंकों की गिरावट के साथ 7,386.17 पर और स्मॉलकैप 1.13 अंकों की तेजी के साथ 7,629.10 पर बंद हुए. बीएसई के 12 में से पांच सेक्टरों में तेजी दर्ज की गई. पूंजीगत वस्तु (1.19 फीसदी), तेल एवं गैस (1.15 फीसदी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (0.27 फीसदी), स्वास्थ्य सेवा (0.16 फीसदी) और बैंकिंग (0.16 फीसदी) में तेजी दर्ज की गई. गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे धातु (0.79 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.55 फीसदी), प्रौद्योगिकी (0.52 फीसदी), तेज खपत उपभोक्ता वस्तु (0.46 फीसदी) और वाहन (44 फीसदी). बीएसई में कारोबार का रुझान सकारात्मक रहा. कुल 1525 शेयरों में तेजी और 1324 में गिरावट दर्ज की गई और 125 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ. सोना, चांदी हुए महंगे कमजोर वैश्विक रुख के बावजूद मौजूदा शादी-विवाह सीजन के कारण स्टॉकिस्टों की लिवाली बढ़ने से दिल्ली सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोने के भाव 210 रुपये की तेजी के साथ 30,250 रुपये प्रति दस ग्राम बोले ए. वहीं औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं की मांग बढ़ने से चांदी के भाव 230 रुपये की तेजी के साथ 42,830 रुपये किलो हो गए. बाजार सूत्रों के अनुसार मौजूदा शादी-विवाह वालों की मांग पूरा करने के लिए स्टॉकिस्टों की पुन: लिवाली के चलते सोना, चांदी की कीमतों में तेजी आई. उन्होंने बताया कि डॉलर की तुलना में रुपये कमजोर होने से सोने का आयात मंहगा हो जाता है. इससे भी बाजार धारणा प्रभावित हुई. घरेलू बाजार में सोना 99.9 और 99.5 शुद्ध के भाव 210 रुपये की तेजी के साथ क्रमश: 30,250 रुपये और 30,050 रुपये प्रति दस ग्राम बंद हुए.
सुपरस्टार संजय दत्त की बायोपिक फिल्म 'संजू' 29 जून को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है. फिल्म में एक्टर रणबीर कपूर ने संजय दत्त की भूमिका निभाई है. उन्होंने संजय दत्त की जवानी से लेकर उनके वर्तमान समय तक के रोल्स के लिए खुद को तैयार किया है. फिल्म में संजय दत्त के पिता सुनील दत्त की भूमिका निभा रहे परेश रावल रणबीर के काम से इतने प्रभावित हैं कि उनका मानना है कि इस फिल्म के लिए रणबीर के काम को एक्टिंग स्कूलों में दिखाया जाना चाहिए. साहब बीवी और गैंगस्टर 3 का टीजर, संजय ने लिखा- जी हां मैं हूं खलनायक जब परेश से पूछा गया कि फिल्म में रणबीर ने संजय के किरदार को कैसा निभाया है तो इस पर परेश ने कहा, ''रणबीर ने रोल के साथ हद से ज्यादा इंसाफ किया है. उन्होंने पाथ-ब्रेकिंग परफॉर्मेंस दी है. रणबीर की इस परफॉर्मेंस को एक्टिंग स्कूलों में दिखाना चाहिए. रणबीर ने इस मुश्किल किरदार को मिमिक्री भर ना कर के इसे अद्भुत तरीके से निभाया है. मैंने ऐसी एक्टिंग इससे पहले हॉलीवुड फिल्म गॉडफादर 2 में महान एक्टर रॉबर्ट डी नीरो द्वारा देखी थी.'' क्या सच में संजय दत्त ने कहा था- मेरी रगों में मुस्लिम का खून? उन्होंने कहा, "मैं अपने जीवन को फिल्म के रूप में प्रदर्शित कराने की इजाजत देने के लिए संजय दत्त को 100 बार सलाम करता हूं. संजय ने अपने जीवन में भारी बदलाव किया है. संजय ने ड्रग्स से पूरी तरह से तौबा कर ली है और अब वो इससे दूर ही रहते हैं. ऐसा करना किसी के लिए भी मुश्किल काम है.''
संयुक्त राष्ट्र मानव अधिवासन कार्यक्रम; UN-HABITAT: इसकी स्थापना 1978 में की गयी थी। 1976 में कनाडा के बैंकूवर में मानव अधिवास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (हैबीटेट- प्रथम) का आयोजन हुआ, जिसमे मानव अधिवासन क्रिया-कलापों के संगठन एवं सुदृढ़ीकरण हेतु संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के अधीन एक विशिष्ट निकाय की अनुशंसा की गयी। इसी अनुशंसा के अंतर्गत महासभा द्वारा 1977 में आवास-निर्माण-नियोजन समिति की आर्थिक व सामाजिक परिषद के अधीन मानव अधिवास आयोग (सीएचएस) में बदल दिया गया। 1978 में इस आयोग की सेवाएं प्रदान करने तथा इसके प्रस्तावों को लागू करने के लिए यूएनसीएचएस की स्थापना की गयी इसका केन्द्र नैरौबी में स्थित है। विकास इसके क्रिया-कलापों में सरकारी अधिवासन व नियोजन कार्यक्रमों हेतु तकनीकी सहायता उपलब्ध कराना, विशेषज्ञों की बैठकें व कार्यशालाएं आयोजित करना तथा एक भूमंडलीय सूचनातंत्र के माध्यम से सूचनाओं का वितरण करना शामिल है। सीएचएस द्वारा इस केन्द्र को शासित किया जाता है। तकनीकी सहयोग, विकास व अनुसंधान, सूचना, दृश्य-श्रव्य एवं प्रपत्रीकरण तथा प्रशासन के लिए अलग-अलग प्रभाव मौजूद हैं। हैबीटेट एवं ह्युमेन सेटलमेंट फाउंडेशन वित्तीय स्कंध के रूप में कार्य करता है। गतिविधियां तथा कार्य सभी गतिविधियों का संचालन कार्यकारी निदेशक की देख-रेख में होता है। सीएचएस द्वारा वर्ष 1987 को बेघरों के लिए आश्रय हेतु अंतरराष्ट्रीय वर्ष के रूप में मनाया गया। यूएनसीएचएस अन्य संगठनों व एजेंसियों के साथ प्रासंगिक कार्यक्रमों व गतिविधियों के सम्बंध में सामंजस्य स्थापित करता है। 1988 में सीएचएस द्वारा आश्रय हेतु भूमंडलीय रणनीति को स्वीकृति दी गयी। जून 1996 में इस्ताबुल में हैबीटेट-द्दितीया का आयोजन हुआ, जिसे शहर शिखर सम्मेलन भी कहा जाता है। इस सम्मेलन में शहरी जीवन के पर्यावरण सुधार एवं प्रबंधन, सभी के लिए आश्रय की उपलब्धि तथा आवास अधिकारों पर अत्यधिक बल दिया गया। इस्ताबुल घोषणा ने राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय विकास नीतियों व योजनाओं में मानव अधिवास के महत्व को पुनर्रेखांकित किया। सन्दर्भ संयुक्त राष्ट्र
शिवसेना ने शनिवार को लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की जीत की तारीफ करते हुए कहा कि देश के पास 30 साल के बाद नरेंद्र मोदी जैसे मजबूत नेता के साथ पहली बार पूर्ण बहुमत वाली सरकार है. पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा, 'यह दु:स्वप्न के बाद एक सपने के सच होने जैसा है. ऐसा लग रहा है कि भारतीयों ने जिन देवी देवाताओं की पूजा की है, उन्होंने इस चुनाव परिणाम के जरिये एकसाथ पूरी जनता को आशीर्वाद दिया है.' संपादकीय के मुताबिक, ऐसा लगता है कि यह 1977 में जनता पार्टी नीत गठबंधन से बड़ी जीत है और जनता के पास मोदी की उपलब्धियों के बखान के लिए शब्द नहीं हैं. चुनावी नतीजे को 1947 के बाद आजादी की दूसरी लड़ाई के परिणाम के रूप में मानते हुए शिवसेना ने कहा, 'मोदी एक इंसान की तरह आए, पूरा देश दिल से उनके पीछे खड़ा हो गया और देश को आजाद करने के लिए मतदान के जरिए समर्थन दिया.' मोदी की लहर को अयोध्या की लड़ाई के बाद आई लहर से बड़ी मानते हुए शिवसेना ने कहा कि कई बड़े नेता हार गए हैं, जो कांग्रेस के लिए बड़ी हार है. संपादकीय के मुताबिक, 'यह मनमोहन सिंह सरकार की हार है, लेकिन यह गांधी परिवार के लिए ज्यादा बड़ी असफलता है, वह नतीजों से भाग नहीं सकते.' संपादकीय में कहा गया कि देश भ्रष्टाचार और महंगाई की गिरफ्त में थे. सरकार में बैठे लोगों ने जनता के समक्ष नि:शुल्क भोजन फेंककर उनका मत पाने की उम्मीद की, लेकिन वे पूरी तरह गलत साबित हुए.
पारी के सभी विकेट अकेले चटकाना किसी सपने के सच होने जैसा ही है. मणिपुर के 18 साल के गेंदबाज ने पारी में 10 विकेट झटकने का कारनामा किया है. बाएं हाथ के मीडियम पेसर रेक्स राजकुमार सिंह ने चार दिवसीय अंडर-19 टूर्नामेंट- कूच बिहार ट्रॉफी में अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ एक पारी में 10 विकेट निकाले. मंगलवार को रुरल डेवलपमेंट ट्रस्ट स्टेडियम अनंतपुर में मणिपुर ने अरुणाचल प्रदेश को दूसरी पारी में 36 रनों पर ऑल आउट कर दिया. कमाल की बात यह है कि राजकुमार ने 9.5 ओवरों में 6 मेडन के साथ 11 रन देकर 10 विकेट (9.5-6-11-10) चटकाए. उदीयमान गेंदबाज राजकुमार ने अपनी करिश्माई गेंदबाजी के दौरान पांच खिलाड़ियों को बोल्ड किया. जबकि दो खिलाड़ी एलबीडब्ल्यू , दो कॉट बिहाइंड और एक कैच आउट हुआ. ये भी पढ़ें- इस भारतीय पेसर का बड़ा कारनामा, चटकाए पारी के सभी 10 विकेट अरुणाचल प्रदेश की पहली पारी में 138 रनों के जवाब में मणिपुर की पारी 122 रनों पर सिमट गई थी. आखिरकार दूसरी पारी में अरुणाचल प्रदेश को 36 रनों पर ढेर कर मणिपुर ने जीत के लिए मिले 53 रनों का लक्ष्य बिना किसी नुकसान के हासिल कर लिया. राजकुमार ने पूरे मैच में 15 विकेट झटके, जिसमें पहली पारी में उनके 5 विकेट (5/33) भी शामिल हैं. इस गेंदबाज ने पिछले ही महीने सिक्किम के खिलाफ रणजी मुकाबला खेलकर प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया.
यह लेख है: जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी ने भूमि आवंटन में पद के कथित दुरुपयोग के आरोप में सोमवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि पर मुकदमा चलाने की राज्यपाल से मंजूरी मांगी। स्वामी ने डीएमके प्रमुख करुणानिधि पर मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी सम्बंधी अपनी याचिका, राज्यपाल सुरजीत सिंह बरनाला के सहयोगी (एडीसी) को सोमवार अपराह्न् सौंपी। राजभवन के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में स्वामी ने कहा, "भूमि आवंटन पर तमिलनाडु हाउसिंग बोर्ड (टीएनएचबी) के नियम स्पष्ट हैं। मुख्यमंत्री ने अपने अधिकार का दुरुपयोग किया है। लिहाजा आवंटन रद्द किए जाएं और मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाया जाए।" स्वामी ने आरोप लगाया कि करुणानिधि ने कुछ लोगों को भूमि आवंटित करने में अपने पद का दुरुपयोग किया है। इसलिए "मैंने मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की राज्यपाल से मंजूरी मांगी है।" स्वामी ने कहा, "टीएनएचबी के नियम स्पष्ट रूप से कहते हैं कि धनी लोगों को और जिन लोगों के पास पहले से कोई भूखण्ड या घर हो, उन्हें भूमि आवंटित नहीं की जा सकती। यहां आईएएस अधिकारियों और अन्य लोगों को भूखण्ड आवंटित किए गए हैं।" स्वामी ने अपनी शिकायत में कहा है कि राज्य सरकार ने हाल में विवेकाधीन कोटा समाप्त कर दिया है। अपना आवेदन सौंपने से पहले स्वामी ने कहा था, "राज्यपाल मेरी याचिका को दरकिनार नहीं कर सकते। करुणानिधि के खिलाफ यह मेरा पहला मामला होगा। करुणानिधि के खिलाफ कई अन्य शिकायतें हैं। मेरे पास करुणानिधि के खिलाफ कुल 23 दस्तावेज हैं।" करुणानिधि पर स्वामी का यह दूसरा हमला है। स्वामी ने शनिवार को नई दिल्ली स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक अदालत में अपनी शिकायत में 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में पूर्व संचार मंत्री ए.राजा के साथ करुणानिधि का नाम सहआरोपी के रूप में लिया है। स्वामी ने अदालत में कहा था, "मैंने इस मामले में डीएमके प्रमुख करुणानिधि का नाम लिया है और कई अन्य नाम इसमें अभी शामिल किए जाएंगे।" करुणानिधि ने रविवार को स्वामी को एक कानूनी नोटिस भेजा था। करुणानिधि ने नोटिस में कहा था कि या तो स्वामी 24 घंटे के भीतर अपना बयान वापस लें, अन्यथा मानहानि के लिए आपराधिक कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहें। लेकिन स्वामी ने कहा, "मुझे अभी तक नोटिस नहीं मिला है।" स्वामी ने कहा, "मीडिया को कानूनी नोटिस की प्रतियां मिल गई हैं और मुझे नहीं। मुझे नोटिस नहीं मिला है। नोटिस प्राप्त होने की पावती पर मेरा हस्ताक्षर होना चाहिए।"
बंबई हाईकोर्ट ने 1998 में दायर मानहानि मामले से दिवंगत शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे को बरी करने के खिलाफ दायर समाजवादी पार्टी नेता अबु आसिम आजमी की अपील खारिज कर दी है. कल जब मामला पेश किया गया तो आजमी पेश नहीं हुए जिसके बाद न्यायमूर्ति मृदुला भाटकर ने अपील खारिज कर दी. पहले भी कई बार, आजमी पेश नहीं हुए थे. अदालत ने कहा कि शायद अपीलकर्ता को मामला आगे बढ़ाने में कोई रुचि नहीं है क्योंकि ठाकरे का निधन हो चुका है और इससे कोई मकसद पूरा नहीं होगा. शिवसेना मुखपत्र सामना ने 1 जुलाई 1998 को एक लेख प्रकाशित किया था जिसमें आरोप लगाया गया था कि सपा नेता 1993 बम विस्फोट मामले में आरोपी हैं और उन्होंने धन बल से सुप्रीम कोर्ट से जमानत हासिल कर ली है. इस पर आजमी ने सामना के तत्कालीन संपादक ठाकरे, कार्यकारी संपादक संजय राउत और मुद्रक सुभाष देसाई के खिलाफ मजिस्ट्रेट की अदालत में मानहानि का मामला दायर किया था.
तत्सम (तत् + सम = उसके समान) आधुनिक भारतीय भाषाओं में प्रयुक्त ऐसे शब्द जिनको संस्कृत से बिना कोई रूप बदले ले लिया गया है। हिन्दी, बांग्ला, कोंकणी, मराठी, गुजराती, पंजाबी, तेलुगू, कन्नड, मलयालम, सिंहल, पुरातन जावी (Old Javanese/Kawi), थाई आदि में बहुत से शब्द लिखित रूप में संस्कृत से सीधे ले लिए गये हैं, (तब भी उनका उच्चारण में बड़ा परिवर्तन हो सकता है, यथा हिन्दी में अन्तिम अकार का लोप, बांग्ला में अकार का ओकार बनना और लिखित संयुक्त व्यंजनों का प्राकृतीकृत उच्चारण, असमिया में ट/त का भेदनाश, तमिल में समान-वर्ग अक्षरों का भेदाभाव, थाई का अकल्पनीय-विशाल लेखन-उच्चारण भेद, इत्यादि) क्योंकि ये भाषाएँ संस्कृत से ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक कारणों से बहुत प्रभावित हैं, उससे जन्मी हों या न। नोट : गुजराती, बंगला, मराठी आदि से हिन्दी में आए शब्द विदेशज की श्रेणी में ही आएंगे। तत्सम शब्दों में समय और परिस्थियों के कारण कुछ परिवर्तन होने से जो शब्द बने हैं उन्हें तद्भव (तत् + भव = उससे उत्पन्न) कहते हैं। भारतीय भाषाओं में तत्सम और तद्भव शब्दों का बाहुल्य है। इसके अलावा इन भाषाओं के कुछ शब्द 'देशज' और अन्य कुछ 'विदेशी' हैं हिन्दी में सभी क्रियापद व सर्वनाम तद्भव हैं। सभी तद्भव शब्दों का तत्सम रूप होना अवश्यम्भावी है।यह एक संस्कृत कि मुख भाषा कि तरह है। संस्कृत कि बोली भी कहते हैं। हिन्दी में प्रयुक्त कुछ तत्सम कुमार शब्दों के तद्भव रूप तत्सम -- तद्भव आभीर -- अहेर आर्य -- आरज अनार्य -- अनाड़ी आश्विन -- आसोज आश्चर्य -- अचरज अक्षर -- अच्छर अगम्य -- अगम अक्षत -- अच्छत अक्षय -- आखा अष्टादश -- अठारह अग्नि -- आग आम्रचूर्ण -- अमचूर आमलक -- आँवला अमूल्य -- अमोल अंगुलि -- अँगुरी अक्षि -- आँख अर्क -- आक अट्टालिका -- अटारी अशीति -- अस्सी ईर्ष्या -- ईर्षा उज्ज्वल -- उजला उद्वर्तन -- उबटन उत्साह -- उछाह ऊषर -- ऊसर उलूखल -- ओखली उच्छवास -- उसास किरण -- किरन कटु -- कड़वा कपर्दिका -- कौड़ी कर्तव्य -- करतब कंकण -- कंगन कुपुत्र -- कपूत काष्ठ -- काठ कृष्ण -- किसन/कान्हा कार्तिक -- कातिक कार्य -- कारज कर्म -- काम किंचित -- कुछ कदली -- केला कुक्षि -- कोख कैवर्त -- केवट क्षीर -- खीर क्षेत्र -- खेत गायक -- गवैया गर्दभ -- गधा ग्रंथि -- गाँठ गोधूम -- गेहूँ ग्रामीण -- गँवार गोमय -- गोबर गृहिणी -- घरनी घृत -- घी चंद्र -- चाँद चंडिका -- चाँदनी चित्रकार -- चितेरा चतुष्पद -- चौपाया चैत्र -- चैत छिद्र -- छेद यमुना -- जमुना यज्ञोपवीत -- जनेऊ ज्येष्ठ -- जेठ जामाता -- जवाई जिह्वा -- जीभ ज्योति -- जोत यव -- जौ दंष्ट्रा -- दाढ़ तपस्वी -- तपसी त्रीणि -- तीन तुंद -- तोंद स्तन -- थन दधि -- दही दंत धावन -- दातुन दीपशलाका -- दीया सलाई दीपावली -- दीवाली दृष्टि -- दीठ दूर्वा -- दूब दुग्ध -- दूध द्विप्रहरी -- दुपहरी धरित्री -- धरती धूम -- धुँआ नक्षत्र -- नखत नापित -- नाई निष्ठुर -- निठुर निद्रा -- नींद नयन -- नैन पर्यंक -- पलंग प्रहर -- पहर पंक्ति -- पंगत पक्वापन -- पकवान पाषाण -- पाहन प्रतिच्छाया -- परछाई पत्र -- पत्ता फाल्गुन -- फागुन वज्रांग -- बजरंग वत्स -- बच्चा/बछड़ा वरयात्रा -- बरात बलीवर्द -- बैल बली वर्द -- वींट विवाह -- ब्याह व्याघ्र -- बाघ भक्त -- भगत भिक्षुकारिन् -- भिखारी बुभुक्षित -- भूखा भाद्रपद -- भादौं मक्षिका -- मक्खी मशक -- मच्छर मिष्ट -- मीठा मौक्तिक -- मोती मर्कटी -- मकड़ी श्मश्रु -- मूँछ राजपुत्र -- राजपूत लौह -- लोहा लवंग -- लौंग लोमशा -- लोमड़ी सप्तशती -- सतसई स्वप्न -- सपना साक्षी -- साखी सौभाग्य -- सुहाग श्वसुर -- ससुर श्यामल -- साँवला श्रेष्ठी -- सेठी शृंगार -- सिंगार हरिद्रा -- हल्दी हास्य -- हँसी एला -- इलायची नारिकेल -- नारियल वट -- बड़ अमृत -- अमिय वधू -- बहू अगणित -- अनगणित अंचल -- आँचल अंगरक्षक -- अँगरखा अज्ञान -- अजान अन्यत्र -- अनत अंधकार -- अँधेरा आशिष् -- असीस अमावस्या -- अमावस अर्पण -- अरपन अंगुष्ट -- अँगूठा आश्रय -- आसरा अद्य -- आज अर्द्ध -- आधा आलस्य -- आलस अखिल -- आखा अंक -- आँक अम्लिका -- इमली आदित्यवार -- इतवार इक्षु -- ईख इष्टिका -- ईंट उत्साह -- उछाह उच्च -- ऊँचा उलूक -- उल्लू एकस्थ -- इकट्ठा कच्छप -- कछुआ क्लेष -- कलेस कर्ण -- कान कज्जल -- काजल कंटक -- काँटा कुमार -- कुँआर कुक्कुर -- कुत्ता कुंभकार -- कुम्हार कष्ट -- कोढ़ कपाट -- किवाड़ कोष्ठ -- कोठा कूप -- कुआँ कर्पट -- कपड़ा कर्पूर -- कपूर कास -- खाँसी क्रूर -- कूर गोस्वामी -- गुसाई गोंदुक -- गेंद ग्राम -- गाँव गोपालक -- ग्वाला गृह -- घर घटिका -- घड़ी गर्मी -- घाम चर्वण -- चबाना चिक्कण -- चिकना चूर्ण -- चूना चतुर्विंशति -- चौबीस क्षति -- छति छाया -- छाँह क्षीण -- छीन क्षत्रिय -- खत्री खटु -- खटवा यज्ञ -- जग/जज्ञ जन्म -- जनम यति -- जति यूथ -- जत्था जंधा -- जाँध युक्ति -- जुगति ज्योति -- जोत झरण -- झरना जीर्ण -- झीना दंष -- डंका ताम्र -- ताँबा तीक्ष्ण -- तीखा तृण -- तिनका तीर्थ -- तीरथ तुरत् -- तुरंत त्रयोदष -- तेरह स्थल -- थल स्थिर -- थिर द्विपट -- दुपट्टा दुर्बल -- दुबला दुःख -- दुख द्वितीय -- दूजा दक्षिण -- दाहिना धूलि -- धूरि धुर् -- धुर धन्नश्रेष्ठी -- धन्नासेठी धैर्य -- धीरज धूम -- धुँआ दंत -- दाँत दद्रु -- दाद दिषांतर -- दिषावर धर्म -- धरम नृत्य -- नाच निर्वाह -- निवाह निम्ब -- नीम नकुल -- नेवला नयन -- नैन नव -- नौ स्नेह -- नेह पक्ष -- पख पथिन् (पन्थाः) -- पंथ परीक्षा -- परख प्रतिवेशिन् -- पड़ोसी पृष्ठ -- पीठ पुष्कर -- पोखर पूर्ण -- पूरा पञ्च -- पाँच पौष -- पूस पूर्व -- पूरब पंचदश -- पंद्रह पक्षी -- पंछी पक्व -- पका पट्टिका -- पाटी प्रकट -- प्रगट वणिज् -- बनिया दौहित्र -- दोहिता देवृ -- देवर पवन -- पौन प्रिय -- पिया पुच्छ -- पूंछ पर्पट -- पापड़ बक -- बगुला बंध्या -- बाँझ वधू -- बहू वंश -- बाँस वृद्ध -- बुड्ढ़ा भगिनी -- बहन विष्ठा -- बींट वृश्चिक -- बिच्छु दीप -- दीया द्विवर -- देवर वीणा -- वीना रक्षा -- राखी रश्मि -- रस्सी राशि -- रास रिक्त -- रीता लज्जा -- लाज लौहकार -- लुहार लवणता -- लुनाई लेपन -- लीपना सर्सप -- सरसों श्रावण -- सावन लक्ष्मण -- लखन शर्करा -- शक्कर सपत्नी -- सौत स्वर्णकार -- सुनार शूकर -- सुअर शाप -- श्राप विकार -- विगाड़ भद्र -- भला भ्रातृजा -- भतीजी भिक्षा -- भीख भ्रमर -- भौंरा भ्रू -- भौं मित्र -- मीत मेध -- मेह मयूर -- मोर मुषल -- मूसल नम्र -- नरम नासिका -- नाक फण -- फन पद्म -- पदम परश्वः -- परसों पाष -- फंदा पुष्प -- पुहुप प्रस्विन्न -- पसीना मनुष्य -- मानुस महिषि -- भैंस मार्ग -- मारग मृत् -- मिट्टी मरीच -- मिर्च रोदन -- रोना ऋक्ष -- रीछ शैया -- सेज शुष्क -- सूखा शृंग -- सींग शिक्षा -- सीख हस्ती -- हाथी हट्ट -- हाट होलिका -- होली हृदय -- हिया हंडी -- हाँड़ी वचन -- बचन व्यथा -- विथा शुक -- सुआ वर्षा -- बरसात विद्युत् -- बिजली श्याली -- साली श्मशान -- मसान सर्प -- साँप यशोदा -- जसोदा मस्तक -- माथा मुख -- मुँह व्याकरण
Sony ने आज भारत में अपने नए स्मार्टफोन Xperia XZs को लॉन्च कर दिया है. स्मार्टफोन को एक इवेंट के दौरान दिल्ली में लॉन्च किया गया. कंपनी ने इसकी कीमत 49,990 रुपये रखी है. इसे फ्लिपकार्ट और ऑफलाइन स्टोर्स से 11 अप्रैल से एक्सक्लूसिव तौर पर खरीदा जा सकता है. मंगलवार से ही इसके लिए प्री बुकिंग की जा सकती है, प्री बुकिंग करने पर 4,990 रुपये का Sony XB-10 वायरलेस स्पीकर आपको मुफ्त मिलेगा. Jio ने पेश किया समर सरप्राइज ऑफर, कहा- ये तो शगुन है Sony Xperia XZs को आइस ब्लू, वार्म सिल्वर और ब्लैक कलर वैरिएंट में बाजार में आने के बाद खरीदा जा सकेगा. उम्मीद के मुताबिक कंपनी ने डुअल सिम वैरिएंट को भारत में पेश किया है. आपको याद दिला दें कि इस स्मार्टफोन को सबसे पहले MWC17 में पेश किया गया था. 5.2-इंच फुल-HD (1080x1920 pixels) डिस्प्ले वाला ये स्मार्टफोन एंड्रायड 7.0 नूगट पर चलता है. इस स्मार्टफोन में क्वॉलकॉम स्नैपड्रैगन 820 प्रोसेसर और 4GB रैम दिया गया है. इसका इंटरनल स्टोरेज 64GB का है जिसे कार्ड की मदद से 256GB तक बढ़ाया जा सकता है. अब 249 रुपये में BSNL दे रहा 10GB डेटा प्रतिदिन और फ्री कॉलिंग इसकी खासियत इसके कैमरे में ज्यादा है. Xperia XZs के रियर में 19 मेगापिक्सल का मोशन आई कैमरा दिया है जिससे सुपर स्लो मोशन वीडियो रिकॉर्डिंग की जा सकती है. वहीं इसके फ्रंट में f/2.0 अपर्चर वाला 13 मेगापिक्सल का कैमरा दिया गया है. बैटरी की बात करें तो इसमें 2900mAh की फास्ट चार्जिंग सपोर्ट वाली बैटरी दी गई है. कनेक्टिविटी के लिहाज से इसमें Wi-Fi 802.11 a/b/g/n/ac, Bluetooth 4.2, GPS + GLONASS, NFC और USB Type-C (USB 3.1) पोर्ट मौजूद है.
रांची टेस्ट में शानदार दोहरे शतक के बाद चेतेश्वर पुजारा ने बताया कि किस तरह वो टेस्ट क्रिकेट में बड़ी बड़ी पारियां खेलते हैं. सौराष्ट्र के इस बल्लेबाज ने रांची में भारत की तरफ से एक पारी में सर्वाधिक गेंदों का सामना करने का नया रिकॉर्ड भी बनाया था. उन्होंने सीरीज में अब तक 348 रन बनाये हैं और वह भारतीय बल्लेबाजों में सबसे ऊपर हैं. 16 साल से घरेलू क्रिकेट में कड़ी मेहनत का मिला फायदा पुजारा ने कहा कि, मुझे लगता है कि जब धैर्य की बात आती है तो यह पूरी तरह से कड़ी मेहनत पर निर्भर करता है. मैंने आठ वर्ष की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था और अपने राज्य की टीम से पहला मैच 13 साल की उम्र में खेला था. इसके बाद से लगातार मैं इस प्रारूप में खेल रहा हूं और मुझे लगता है कि मुझे घरेलू क्रिकेट में खेलने का अनुभव और कड़ी मेहनत का फायदा मिल रहा है. दिमाग को पूरी तरह शांत रखकर खेलता हूं लंबी पारियां उन्होंने कहा, मैं कह सकता हूं कि कई बार मैं ऐसी अवस्था में होता हूं जहां चीजें मेरे अनुकूल हो रही होती हैं क्योंकि मेरे पास अनुभव है और मैं जानता हूं कि चीजों को कैसे अपने अनुकूल करना है, कैसे बल्लेबाजी जारी रखनी और कैसे लंबे अंतराल तक एकाग्रता बनाये रखनी है. मैं बल्लेबाजी करते हुए वास्तव में कुछ नहीं सोचता. मैं अपने दिमाग को पूरी तरह से खाली रखने की कोशिश करता हूं. 500 से अधिक गेंदें खेलने के लिये फिट रहना जरूरी है पुजारा ने बताया कि किस तरह एक टेस्ट पारी में 500 से अधिक गेंदें खेलने के लिये सही समय पर क्या करने की जरूरत पड़ती है और खुद को फिट कैसे बनाये रखा जा सकता है. उन्होंने कहा, मैं अपने खानपान पर ध्यान देता हूं. मैं सही समय पर सोने की कोशिश करता हूं और अच्छी नींद लेता हूं, थकान से उबरने के प्रयास करता हूं और मालिश करवाता हूं. ये छोटी-छोटी चीजें हैं. मैच समाप्त होने के बाद मेरी कुछ दिनचर्या है जिस पर ध्यान देने की कोशिश करता हूं.
ट्रेन से कटकर 3 लोगों की मौत हादसे में 2 लोग घायल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शिवाजी ब्रिज और तिलक ब्रिज रेलवे स्टेशन के बीच चलती ट्रेन से कटकर 3 लोगों की मौत हो गई है, साथ ही 2 लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए. पुलिस टीम मौके पर पहुंची है. मामले की जांच जारी है. बताया जा रहा है कि मारे गए लोग एक परिवार के थे. वे बिहार के भागलपुर के रहने वाले थे. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भागलपुर-दिल्ली साप्ताहिक एक्सप्रेस से दिल्ली आए अरुण (40) और उसके परिवार के सदस्य तिलक ब्रिज रेलवे स्टेशन पर उतरे थे. अरुण बहादुरगढ़ में एक फैक्ट्री में काम करता है. वे लोग रेल पटरी के किनारे चलते हुए बहादुरगढ़ के लिए ट्रेन पकड़ने के वास्ते शिवाजी ब्रिज स्टेशन की ओर जा रहे थे. Delhi: Three people dead & two injured after a train ran over them between Shivaji Bridge and Tilak Bridge stations. More details awaited. — ANI (@ANI) December 17, 2019 इसी दौरान दिल्ली से रवाना हुई एक ट्रेन यहां से गुजर रही थी और वे उसकी चपेट में आ गये. हादसे में अरुण सकुशल बच गया. घायलों को तत्काल राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया ,जहां तीन लोगों ने दम तोड़ दिया.
आजतक ने केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार के कार्यकाल के चार साल पूरे होने पर शनिवार 26 मई को पंचायत बुलाई है. आजतक के इस मंच पर केंद्र सरकार के वरिष्ठतम मंत्रियों समेत विपक्ष के कई बड़े नेता शिरकत करेंगे. नई दिल्ली के होटल ताज पैलेस में दिनभर चलने वाली इस पंचायत में मोदी सरकार के मंत्री अपना-अपना रिपोर्ट कार्ड पेश करेंगे. मंत्रालयों के चार साल का रिपोर्ट कार्ड पेश करने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद समेत रेल और कोयला मंत्रालय के साथ-साथ वित्त मंत्रालय का प्रभार पाए पीयूष गोयल आजतक की इस पंचायत में शरीक होंगे. इनके अलावा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह आजतक पंचायत के मंच से मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल में उपलब्धियों पर अपना मत रखेंगे. आजतक पंचायत के मंच पर केंद्रीय मंत्रियों के अलावा विपक्ष से भी बड़े नेता शरीक होंगे और मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल पर अपना-अपना मत देश की जनता के सामने रखेंगे. इनमें कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला, कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह, वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश अखिलेश यादव समेत कई दिग्गज नेता शिरकत करेंगे. पूरा कार्यक्रम 09:50 - 10:00 बजे: स्वागत भाषण 10:00: 10:30 बजे: 4 साल कितने असरदार राजनाथ सिंह, गृह मंत्री, भारत सरकार 10:30: 11:00 बजे: एक्सप्रेसवे पर सरकार नितिन गडकरी, सड़क परिवहन, राजमार्ग व जहाजरानी, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री 11:00 - 11:30 बजे: 4 साल कितना कमाल? राज्यवर्धन सिंह राठौड़, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री और युवा मामले एवं खेल राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार रणदीप सिंह सुरजेवाला, मीडिया प्रभारी, कांग्रेस 11:30 - 12:15 बजे: 19 का बॉस कौन! प्रकाश जावड़ेकर, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री दिग्विजय सिंह, कांग्रेस महासचिव 12:15 - 12:45 बजे: संविधान और हम रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय कानून एवं सूचना तकनीकी मंत्री 12:45 - 13:15 बजे: कब आएंगे कांग्रेस के अच्छे दिन? कमलनाथ, वरिष्ठ नेता, कांग्रेस 13:15 - 14:00hrs:   लंच 14:00 - 14:30 बजे: लेफ्ट का मिशन 2019!     सीताराम येचुरी, महासचिव, सीपीआई(एम) 14:30 - 15:15 बजे: पावर गेम्स आर के सिंह, बिजली, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनीष तिवारी, वरिष्ठ नेता, कांग्रेस 15:15 - 16:00 बजे: क्या एकजुट होगा विपक्ष? अखि‍लेश यादव, सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश 16:00 - 16:15 बजे – टी ब्रेक 16:15 - 17:00 बजे: किसमें कितना है दम! बाबुल सुप्रियो, भारी उद्योग एवं लोक उद्यम राज्य मंत्री, भारत सरकार आरपीएन सिंह, वरिष्ठ नेता, कांग्रेस अतुल कुमार अंजान, राष्ट्रीय सचिव, सीपीआई संजय सिंह, सांसद, राज्यसभा, आम आदमी पार्टी 17:00 - 17:45 बजे: मोदी शासन के चार साल पी चिदंबरम, वरिष्ठ नेता, कांग्रेस 17:45 - 18:30 बजे: जन धन मन पीयूष गोयल, वित्त, रेल और कोयला मंत्री, भारत सरकार 18:30 - 19:15 बजे: दक्षिण के लिए जंग डॉ. वी. मैत्रेयन, सांसद, राज्यसभा, एआईएडीएमके बी विनोद कुमार, सांसद, लोकसभा, टीआरएस मधु गौड़ याक्षी , वरिष्ठ नेता, कांग्रेस** पी. मुरलीधर राव, राष्ट्रीय महासचिव, बीजेपी 19:15 - 20:00 बजे: सुप्रीम कौन! डॉ. अभि‍षेक मनु सिंघवी,  सीनियर एडवोकेट, सुप्रीम कोर्ट पिंकी आनंद, एडिशनल सोलिसिटर जनरल, भारत सरकार 20:00 - 20:45 बजे: मिशन 2019 अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष
JEE Advanced 2019 परीक्षा की तारीखों में बदलाव किया गया है. अब जेईई एडवांस्ड परीक्षा (JEE Advanced 2019 Exam) अप्रैल की जगह मई में होगी. ये बदलाव लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2019) को ध्यान में रखते हुए किया गया है. आईआईटी रुड़की ने परीक्षा का नया शेड्यूल (JEE Advanced Schedule) जारी कर दिया है. जेईई परीक्षा का शेड्यूल jeeadv.ac.in पर जारी किया गया है. जेईई एडवांस्ड पेपर 1 और पेपर 2 27 मई को आयोजित किया जाएगा. पेपर 1 सुबह 9 से 12 और पेपर 2 दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक होगा. जेईई परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड की तारीख जल्द ही जारी कर दी जाएगी. उम्मीदवारों को अपना एडमिट कार्ड ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर लॉग इन कर डाउनलोड करना होगा. बता दें कि जेईई एडवांस्ड में दोनों पेपर अनिवार्य हैं. परीक्षा पूरी तरह से कंप्यूटर आधारित टेस्ट मोड में आयोजित की जाएगी परीक्षा के दिन को सार्वजनिक अवकाश घोषित किए जाने पर भी शेड्यूल वही रहेगा. बता दें कि संयुक्त प्रवेश बोर्ड (JAB) 2019 के मार्गदर्शन में IIT द्वारा संयुक्त प्रवेश परीक्षा (एडवांस्ड) 2019 का आयोजन किया जाएगा. इस परीक्षा में एक उम्मीदवार का प्रदर्शन स्नातक, एकीकृत मास्टर और दोहरी डिग्री में प्रवेश के लिए आधार बनेगा. JAB 2019 के निर्णय JEE Advanced 2019 और IIT में प्रवेश से संबंधित सभी मामलों में अंतिम होंगे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल 2,24,000 छात्र जेईई एडवांस 2019 की परीक्षा में शामिल होंगे. स्टूडेंट्स को जेईई मेन में प्राप्तांकों के आधार पर जेईई एडवांस में उपस्थित होने के लिए चुना जाता है. इस साल जेईई मेन दो बार आयोजित की जा रही है. जेईई एडवांस 2019 परीक्षा के लिए पात्र होने के लिए कट ऑफ अंक की घोषणा दूसरी जेईई मेन 2019 के परिणाम जारी होने के बाद की जाएगी.
इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एलिस्टेयर कुक अपने संन्यास के बाद कमेंट्री बॉक्स में हाथ आजमाने के बारे में सोच रहे हैं. कुक भारत के खिलाफ जारी पांचवें टेस्ट मैच के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट जगत से संन्यास ले लेंगे. ऐसा माना जा रहा है कि कमेंट्री बॉक्स में शामिल होने के लिए कुक टॉकस्पोर्ट्स के साथ चर्चा कर रहे हैं. ऐसे में वह अगले साल की शुरुआत में कैरीबिया में इंग्लैंड दौरे पर कमेंट्री करते नजर आ सकते हैं. टॉकस्पोर्ट्स ने 2018-19 सीजन में श्रीलंका और कैरीबिया में होने वाली इंग्लैंड सीरीज के ऑडियो प्रसारण अधिकार हासिल कर रखे हैं. ऐसा भी माना जा रहा है कि उसे 2019-20 सीजन के लिए दक्षिण अफ्रीका में होने वाले इंग्लैंड दौरे के अधिकार भी मिल सकते हैं. डेब्यू टेस्ट में हनुमा विहारी का कमाल, फिफ्टी जड़कर बनाया ये रिकॉर्ड कमेंट्री बॉक्स में कुक के शामिल होने के बारे में कोई फैसला अभी नहीं लिया गया है. कुक ने साल 2006 में भारत के खिलाफ ही अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी. इस मैच में उन्होंने शानदार शतक जमाया था. कुक ने इस मैच से पहले 160 टेस्ट मैचों में 44.88 की औसत से 12,254 रन बनाए. उनके नाम पर 32 शतक और 56 अर्धशतक दर्ज है. उनका उच्चतम स्कोर 294 है, जो उन्होंने भारत के खिलाफ 2011 में बर्मिंघम में बनाया था. कुक ने इंग्लैंड की तरफ से 92 वनडे मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने कुल 3204 रन बनाए हैं. इसके अलावा कुक ने चार टी-20 अंतरराष्ट्रीय में 61 रन बनाए हैं.
यह लेख है: बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय (Akash Vijayvargiya) द्वारा इंदौर नगर निगम के एक कर्मचारी की सरेआम बल्ले से पिटाई करने के मामले में बीजेपी नेता और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने प्रतिक्रिया दी है. महाजन (Sumitra Mahajan) ने कहा कि वह आकाश विजयर्गीय के इस बर्ताव को अच्छा कैसे मान सकती हैं? यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा विधायक द्वारा इंदौर नगर निगम के एक भवन निरीक्षक को बल्ले से पीटने के बर्ताव को सही ठहराया जा सकता है, महाजन ने कहा, 'क्या आप (मीडिया) इस व्यवहार को अच्छा मानेंगे? जब आप (इस बर्ताव को) अच्छा नहीं मानेंगे, तो मैं इसे अच्छा कैसे मान सकती हूं?"   सुमित्रा महाजन (Sumitra Mahajan) ने बल्ला काण्ड से जुड़े अलग-अलग प्रश्नों पर आकाश का नाम लिये बगैर कहा, "अब ऐसा होता है न..एक मां के दो-तीन बच्चे रहते हैं. (इनमें से) कोई कैसा रहता है, तो कोई कैसा रहता है, लेकिन मां तो अपने सभी बच्चों को अच्छी शिक्षा ही देती है." भाजपा की वरिष्ठतम नेताओं में शामिल महाजन ने कहा, "ऐसा है कि जब बेटा कोई गलती करता है, तो पहले मां खुद सोचती है कि क्या उसके द्वारा बेटे को संस्कार देने में कोई गलती हो गयी? मां बेटे को सुधारती भी है. अगर उसे बेटे को डांटना है, तो वह उसे डांटती भी है. मगर जरूरी नहीं कि बेटे के गलती करने पर उसे सबके सामने ही डांटा जाये. मगर हां, जो गलत है, उसको गलत तो कहना पड़ेगा."
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने स्टेनोग्राफर के पदों को भरने के लिए आवेदन आंमत्रित किए हैं. इच्छुक उम्मीदवार 21 अप्रैल तक आवेदन कर सकते हैं. पदों की संख्या: 635 योग्यता: इन पदों को भरने की शैक्षिक योग्यता 12वीं पास के साथ-साथ डीओईएसीसी द्वारा सीसीसी या समकक्ष प्रमाणपत्र निर्धारित की गई है. इसके अलावा आवेदकों के पास हिंदी  आशुलेखन और हिंदी टाइपिंग में क्रमशः 80 शब्द प्रति मिनट और 25 शब्द प्रति मिनट की गति का होना जरूरी है. उम्र सीमा: इन पदों के लिए आयु सीमा 18 से 40 साल है. आरक्षित वर्ग को अधिकतम उम्र सीमा में नियमानुसार छूट प्रदान की जाएगी. इन पदों के लिए ऑनलाइन के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है. ऑनलाइन आवेदन 13 मार्च, 2015 से शुरू होंगे और ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तारीख 21 अप्रैल, 2015 है. चयन: इन पदों पर चयन लिखित परीक्षा, स्किल परीक्षण और साक्षात्कार के आधार पर किया जाएगा. भारतीय डाक में सरकारी नौकरी. बैंकों में सरकारी नौकरी वेतनमान: 5,200 से 20,200 रुपये ज्यादा जानकारी के लिए उम्मीदवार यहां क्लिक कर सकते हैं.
हिंदुस्तान में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के एजेंट के साथ चार आतंकी भारत में दाखिल हो गए हैं. इसको लेकर राजस्थान और गुजरात बॉर्डर समेत पूरे देश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. राजस्थान के सिरोही के पुलिस अधीक्षक कल्याणमल मीणा ने बताया कि ये आतंकवादी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई एजेंट के साथ अफगानिस्तानी पासपोर्ट जरिए भारत में दाखिल हुए हैं. इसकी खुफिया रिपोर्ट सामने आने के बाद राजस्थान और गुजरात बॉर्डर समेत पूरे हिंदुस्तान में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. इसकी जानकारी सिरोही के सभी पुलिस थानों को भी दी गई है. इसके बाद से पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट हो गई हैं. भीड़-भाड़ वाले इलाके, होटल, ढाबा, रेलवे स्टेशन और बस अड्डों में सघन चेकिंग की जा रही है. इसके अलावा संदिग्ध वाहनों की आवाजाही नजर रखी जा रही है और उनकी जांच की जा रही है. साथ ही संदिग्ध लोगों पर भी कड़ी निगाह रखी जा रही है. सुरक्षा बलों को पूरी तरह से अलर्ट रहने और संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ करने को कहा गया है. आपको बता दें कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. वो सीमा पर लगातार गोलीबारी कर रहा है और आतंकियों की घुसपैठ कराने में जुटा हुआ है. पाकिस्तानी आतंकी भारत में बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं. इससे पहले 9 अगस्त को इंटेलीजेंस ब्यूरो की खुफिया रिपोर्ट में आतंकी हमले को लेकर अलर्ट किया गया था. इसमें कहा गया था कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की ओर से समर्थित जेहादी आतंकी गुट जम्मू कश्मीर और उसके बाहर बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं. इसके बाद गुजरात के डीजीपी शिवानंद झा ने सूबे से जुड़ती राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा को अलर्ट पर रखने का आदेश दिया था. साथ ही सभी सीमाओं पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर हर आने-जाने वाले पर पैनी नजर रखने को कहा था. खुफिया जानकारी के मुताबिक जन्माष्टमी के अवसर पर आतंकवादी किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं. दरअसल, गुजरात में जन्माष्टमी पर बॉर्डर पर श्यामलाजी, द्वारिका और सौराष्ट्र में मेले लगते हैं, जिसमें हिस्सा लेने देश-विदेश से भारी संख्या में श्रद्धालु कृष्ण जन्मोत्सव मनाने पहुंचते हैं.
यह लेख है: बता दें कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव की तारीखों (Lok Sabha Election 2019 Date) के ऐलान में देरी को लेकर चुनाव आयोग पर निशाना साधा है. विपक्ष का कहना है कि यह देरी इसलिए की जा रही है, ताकि सरकार आचार संहिता लागू होने से पहले कुछ घोषणा कर सके. वहीं चुनाव आयोग (Election Commision) के अधिकारियों ने एनडीटीवी को बुधवार को बताया, 'लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करने में अभी काफी वक्त है और कुछ राजनीतिक दलों द्वारा जानबूझकर देरी के आरोप अनुचित हैं.' एक सीनियर अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया, 'हम प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के अनुसार काम नहीं करते हैं, हमारा अपना कार्यक्रम है.' बता दें, साल 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए पांच मार्च को चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया था. चुनाव की तारीखों का पिछली बार की तरह मार्च के पहले सप्ताह में ऐलान न होने के बाद विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग पर जानबूझकर देरी का आरोप लगाया है ताकि सरकार कुछ घोषणाएं कर सके, जो कि आचार संहिता लागू होने के बाद नही कर पाएंगे. ऐसे ही आरोप गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले भी लगे थे. साथ ही उन्होंने पूछा पूछा, 'क्या चुनाव आयोग आम चुनाव के लिए तिथियों की घोषणा से पहले प्रधानमंत्री के 'आधिकारिक' यात्रा कार्यक्रमों के पूरा होने का इंतजार कर रह है?' अहमद पटेल ने दावा किया, 'सरकारी कार्यक्रमों का इस्तेमाल राजनीतिक सभाओं, टीवी/रेडियो एवं प्रिंट पर राजनीतिक विज्ञापनों लिए हो रहा है. ऐसा लग रहा है कि चुनाव आयोग सरकार को पूरी छूट दे रहा है कि वह आखिरी मिनट तक पैसे का उपयोग करे.' उधर, चुनाव आयोग के सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा (2019 Election Date) मार्च के दूसरे हफ्ते में हो सकती है. बताया जा रहा है कि चुनाव 6 से 7 चरणों में हो सकते हैं. उधर, पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर चुनाव की फर्जी तारीखों की पोस्ट भी वायरल हो रही है. इसे संज्ञान में लेते हुए दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कराया था. मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने फेसबुक और ट्विटर को संबंधित कंटेट के लिए भी कहा था.
कूपर का जन्म 5 जनवरी, 1975 को फिलाडेल्फिया में हुआ था, और वे जेनकिनटाउन और रिडाल के नजदीकी समुदायों में पले-बढ़े। उनकी मां, ग्लोरिया (नी कैम्पानो), स्थानीय एनबीसी सहयोगी के लिए काम करती थीं। उनके पिता, चार्ल्स कूपर, मेरिल लिंच के लिए स्टॉकब्रोकर के रूप में काम करते थे। कूपर के पिता आयरिश वंश के थे, जबकि उनकी मां इतालवी वंश (अब्रूज़ो और नेपल्स से) की थीं। उनकी एक बड़ी बहन, होली है और उनका पालन-पोषण एक रोमन कैथोलिक के रूप में हुआ था। उनके जन्म के तुरंत बाद उनके कान में कोलेस्टीटोमा हो गया था, और जब उन्होंने कम उम्र में गोता लगाना शुरू किया तो उनके कान का पर्दा फट गया।
छोटे पर्दे की हर दिल अजीज बहू 'तुलसी' और 'गांधी परिवार' के गढ़ अमेठी में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ लोकसभा चुनाव में 55120 मतों के अंतर से ऐतिहासिक जीत दर्ज करने वाली स्मृति ईरानी ने एक बड़ा उलटफेर करके राजनीति के गलियारों में अपना कद काफी ऊंचा कर लिया है. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पिछली बार राहुल से अमेठी में एक लाख से अधिक मतों से हार गई थीं. इस बार फिर उसी संसदीय क्षेत्र से बीजेपी ने उन्हें टिकट दिया और पिछले पांच साल से अमेठी में सक्रिय ईरानी ने राहुल गांधी से उस हार का बदला ले लिया. राहुल ने औपचारिक नतीजे घोषित होने से पहले ही अपनी हार स्वीकार करते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्मृति ईरानी को जीत की बधाई भी दे डाली. ईरानी ने अपनी जीत के बाद ट्वीट करके दुष्यंत कुमार की कविता की पंक्तियां लिखी, 'कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता.' राजनीतिक विश्लेषकों का तो यह भी कहना है कि अमेठी में अपनी हार की सुगबुगाहट पाने के बाद ही गांधी ने केरल के वायनाड से भी चुनाव लड़ने का फैसला किया था. पिछली बार चुनाव हारने के बावजूद उन्हें नरेंद्र मोदी सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री बनाया गया और बाद में वह सूचना प्रसारण और फिर कपड़ा मंत्री रहीं.अमेठी में चुनाव अभियान के दौरान अक्सर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से उनका वाकयुद्ध भी हुआ जिन्होंने उन्हें 'बाहरी' करार दिया था. पिछले महीने प्रियंका गांधी ने उन पर आरोप लगाया था कि राहुल का अपमान करने के लिए उन्होंने जूते बांटे और कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष की लोकसभा सीट के मतदाता भिखारी नहीं है. चुनावी राजनीति में उनका पदार्पण 2004 में हुआ जब दिल्ली के चांदनी चौक इलाके से वह कांग्रेस के कपिल सिब्बल से हार गई थीं. कब  और  कितनी  हुई  वोटिंग अमेठी सीट पर वोटिंग पांचवें चरण में 6 मई 2019 को  हुई  थी.  इस सीट पर 54.05 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. इस सीट पर कुल 17,41,033 मतदाता हैं, जिनमें से 9,40,947 मतदाताओं ने अपने वोट डाले हैं. Lok Sabha Election Results 2019 LIVE: देखें पल-पल का अपडेट कौन-कौन हैं प्रमुख उम्मीदवार सामान्य वर्ग वाली इस सीट पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का मुख्य मुकाबला बीजेपी की स्मृति ईरानी से था. इस सीट पर कुल 15 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे. सपा और बसपा ने इस सीट पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारे. 2014 का चुनाव 2014 के लोकसभा चुनाव में अमेठी सीट पर 52.38 फीसदी वोटिंग हुई थी, जिसमें कांग्रेस के राहुल गांधी 46.71 फीसदी (4,08,651) वोट मिले थे और और उनके निकटतम बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी को 34.38 फीसदी (3,00,748)  मिले थे. इसके अलावा बसपा के धर्मेंद्र प्रताप सिंह को महज 6.60 फीसदी (57,716) वोट मिले थे. इस सीट पर कांग्रेस के राहुल गांधी ने 1,07,903 मतों से जीत दर्ज की थी. Uttar Pradesh Election Results Live: यूपी में बाजी किसके हाथ, BJP या गठबंधन? अमेठी सीट का इतिहास आजादी के बार पहली बार लोकसभा चुनाव हुए तो अमेठी संसदीय सीट वजूद में ही नहीं थी. पहले ये इलाका सुल्तानपुर दक्षिण लोकसभा सीट में आता था और यहां से कांग्रेस के बालकृष्ण विश्वनाथ केशकर जीते थे. इसके बाद 1957 में मुसाफिरखाना सीट अस्तित्व में आई, जो फिलहाल अमेठी जिले की तहसील है. केशकर यहां से जीतने में भी सफल रहे. 1962 के लोकसभा चुनाव में राजा रणंजय सिंह कांग्रेस के टिकट पर सांसद बने. रणंजय सिंह वर्तमान राज्यसभा सांसद संजय सिंह के पिता थे. अमेठी लोकसभा सीट 1967 में परिसीमन के बाद वजूद में आई. अमेठी से पहली बार कांग्रेस के विद्याधर वाजपेयी सासंद बने. इसके 1971 में भी उन्होंने जीत हासिल की, लेकिन 1977 में कांग्रेस ने संजय सिंह को प्रत्याशी बनाया, लेकिन वह जीत नहीं सके. इसके बाद 1980 में इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी चुनावी मैदान में उतरे और इस तरह से इस सीट को गांधी परिवार की सीट में तब्दील कर दिया. हालांकि 1980 में ही उनका विमान दुर्घटना में निधन हो गया. इसके बाद 1981 में हुए उपचुनाव में इंदिरा गांधी के बड़े बेटे राजीव गांधी अमेठी से सांसद चुने गए. साल 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए चुनाव में राजीव गांधी एक बार फिर उतरे तो उनके सामने संजय गांधी की पत्नी मेनका गांधी निर्दलीय चुनाव लड़ीं, लेकिन उन्हें महज 50 हजार ही वोट मिल सके. जबकि राजीव गांधी 3 लाख वोटों से जीते. इसके बाद राजीव गांधी ने 1989 और 1991 में चुनाव जीते. लेकिन 1991 के नतीजे आने से पहले उनकी हत्या कर दी गई, जिसके बाद कांग्रेस के कैप्टन सतीश शर्मा चुनाव लड़े और जीतकर लोकसभा पहुंचे. इसके बाद 1996 में शर्मा ने जीत हासिल की, लेकिन 1998 में बीजेपी के संजय सिंह हाथों हार गए. सोनिया गांधी ने राजनीति में कदम रखा तो उन्होंने 1999 में अमेठी को अपनी कर्मभूमि बनाया. वह इस सीट से जीतकर पहली बार सांसद चुनी गईं, लेकिन 2004 के चुनाव में उन्होंने अपने बेटे राहुल गांधी के लिए ये सीट छोड़ दी. इसके बाद से राहुल ने लगातार तीन बार यहां से जीत हासिल की. चुनाव की हर ख़बर मिलेगी सीधे आपके इनबॉक्स में. आम चुनाव की ताज़ा खबरों से अपडेट रहने के लिए सब्सक्राइब करें आजतक का इलेक्शन स्पेशल न्यूज़ लेटर
विदेशी मुद्रा भंडार, या फॉरेक्स रिजर्व्स , मूल अर्थ में केवल नागरिकों एवं मौद्रिक अधिकारियों का विदेशी मुद्रा जमा है। हालांकि, आम प्रचलन में और नीचे दी गई सूची में, इसमें स्वर्ण भंडार , विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) और आईएमएफ भंडार की स्थिति भी शामिल है। इस कुल आंकड़े को अधिक सटीक रूप से आधिकारिक भंडार या अंतरराष्ट्रीय भंडार या आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय भंडार कहा जाता है। विदेशी मुद्रा भंडार का आंकड़ा इसी समग्र रूप में अधिक आसानी से उपलब्ध है और तार्किक रूप से ज्यादा सार्थक भी है। ये जमा विदेशी-मुद्रा केंद्रीय बैंकों और मौद्रिक प्राधिकरणों की वित्तीय संपत्ति हैं जो विभिन्न आरक्षित मुद्राओं (जैसे यूएस डॉलर , यूरो , जापानी येन , पाउंड स्टर्लिंग और चीनी युआन ) में रखी जाती हैं। इनका उपयोग सरकार, केंद्रिय बैंक या सरकारी संस्थाओं अपनी देनदारियों को वापस करने के लिए किया जाता है नीचे दी गई सूची प्रायः नवीनतम उपलब्ध आईएमएफ आँकड़ों पर आधारित है। आइएमएफ को अधिकांश देश विदेशी मुद्रा भंडार के आँकड़े अमेरिकी डॉलर में भेजते हैं किंतु पूर्वी यूरोप के कुछ देश केवल यूरो में अपने आँकड़े भेजते हैं। कुछ अन्य देश विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़े अपनी-अपनी मुद्राओं में भेजते हैं। चूंकि नीचे दिए गए सभी आंकड़े अमेरिकी डॉलर के समतुल्य हैं इसलिए विनिमय दर में उतार-चढ़ाव का अन्य मुद्राओं वाले आंकड़ों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। देश-स्थान तालिका टिप्पणियाँ संदर्भ External links IMF's Data Template on International Reserves and Foreign Currency Liquidity -- Reporting Countries IMF's SDDS subscribers with links to their websites containing data on international reserves Central bank and monetary authority websites at the Bank for International Settlements website Lists of countries Lists of countries by economic indicator Foreign exchange reserves देशों की सूचियाँ विदेशी मुद्रा भंडार अर्थव्यवस्था-सम्बन्धी सूचियाँ
जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों के ऑपरेशन से बौखलाए पाकिस्तान ने शुक्रवार को नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी की. कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सैनिकों के संघर्षविराम उल्लंघन में सेना के 2 अधिकारी शहीद हो गए. सेना के एक अधिकारी ने बताया कि केरन सेक्टर में सुबह 11 बजकर 55 मिनट पर पाकिस्तान ने बिना उकसावे के गोलीबारी की. गोलीबारी में एक जूनियर कमिशंड अधिकारी (JCO) शहीद हो गया और एक अन्य घायल हो गया जिनकी बाद में अस्पताल में मौत हो गई. उन्होंने बताया कि भारतीय सेना ने संघर्षविराम उल्लंघन का करारा जवाब दिया. इधर, जम्मू एवं कश्मीर के बारामूला जिले के एक गांव में शुक्रवार को सुरक्षा बलों ने घेराबंदी कर और तलाशी अभियान शुरू कर दिया है. रफियाबाद क्षेत्र के कुशीपोरा गांव में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया. आतंकियों को बचाने की साजिश रच रहा है पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान भारतीय सुरक्षाबलों के खिलाफ साजिश रचने की तैयारी में लग गया है. सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ मिलकर सीमा पर बांध बना की प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं. यह बांध सीमा से महज 600-700 मीटर की दूरी पर बनाया जा रहा है. सुरक्षा एजेंसियों ने इस बात की जानकारी से संबंधित एक रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भी सौंपी है.
हर कारोबारी के लिए आय कर रिटर्न में माल एंव सेवा कर का विवरण देना अब आवश्यक हो गया है. इस मामले में प्रोप्राइटर्स और व्यक्तिगत व्यवसायियों के लिए अनुपालन थोड़ा कम है. हालांकि कंपनियों के लिए यह जरूरी है. क्ल‍ियर टैक्स के फाउंडर और सीईओ अर्चित गुप्ता बताते हैं कि कंपनियों के लिए वित्त वर्ष 2017-18 में जीएसटी में पंजीकृत और गैर-पंजीकृत संस्थाओं को किए गए भुगतान का विभाजन करने को कहा गया है. जीएसटी के अनुसार जीएसटीआईएन और टर्नओवर/ ग्रॉस रिसीप्ट आईटीआर-4 में फाइल करते समय रिपोर्ट करना अनिवार्य है. ये तब ही आप पर लागू होता है, जब आप जीएसटी में रजिस्टर्ड हों. वह बताते हैं कि हर कारोबारी को बिक्री / खरीद / व्यय पर भुगतान किए गए सीजीएसटी और एसजीएसटी या आईजीएसटी का विवरण देना होता है. यह डिटेल प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट्स में दिखानी होती है. यह उनके लिए जरूरी है जो आईटीआर-3, आईटीआर-5 और आईटीआर-6 फाइल करते हैं. इसके अलावा अगर 31 मार्च, 2018, तक आपका इनपुट टैक्स क्रेडिट बनता है, जिसे आप ने अभी तक क्लेम नहीं किया है.  इसे आपको 'अनुसूची ओआई' (अन्य जानकारी) में दिखाना होगा. इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के अनुसार कंपनियों को आईटीआर-6 फॉर्म में रिटर्न दाख‍िल करना होता है. इसमें चैरिटेबल उद्देश्य के लिए संपत्ति से आय अर्जित करने वाले शामिल नहीं होते हैं. इन लोगों को आईटीआर-7 दाखिल करना होगा. जब आईटीआर-6 दाखिल करते हैं, तो कंपनियों को अपने कुल खर्च का ब्रेक-अप बताना होता है. जब आप इसका ब्यौरा देते हैं, तो इसमें आपको हर खर्च शामिल करना होता है. इसमें उन संस्थाओं से खरीद भी शामिल होगी, जो जीएसटी में रजिस्टर्ड हों चाहे न हों. या फिर उन्हें 44एबी के तहत अपने अकाउंट्स को ऑडिट कराने की आवश्यकता हो या न हो. आईटीआर-6 की जीएसटी अनुसूची के तहत आने वाले असेसी को निम्नलिखित घोषित करनी चाहिए - जीएसटी लागू होने के बाद वर्ष के दौरान किए गए खर्च की कुल राश‍ि बतानी होगी. - जीएसटी के तहत पंजीकृत संस्थाओं से खरीदी करने या उस पर किए गए खर्च की सूचना दी जानी चाहिए. - जीएसटी के तहत गैर-पंजीकृत संस्थाओं से जुड़े खर्च.
डॉ॰ विश्वनाथ त्रिपाठी (16 फरवरी 1931) हिन्दी के वरिष्ठ आलोचक, कवि और गद्यकार हैं। प्रगतिशील विचारधारा से सम्बद्ध कट्टरतारहित आलोचक के रूप में डॉ॰ त्रिपाठी ने मुख्यतः मध्यकालीन साहित्य से लेकर समकालीन साहित्य तक की आलोचना में गहरी अंतर्दृष्टि का परिचय दिया है। जीवनी एवं संस्मरण लेखन के क्षेत्र में भी उन्होंने महत्त्वपूर्ण मुकाम हासिल किया है। जीवन परिचय विश्वनाथ त्रिपाठी का जन्म उत्तर प्रदेश के बस्ती जिला (अब सिद्धार्थनगर) के बिस्कोहर गाँव में हुआ था। शिक्षा पहले गाँव में, फिर बलरामपुर कस्बे में, उच्च शिक्षा कानपुर और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी में। पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़ से पीएच॰डी॰। 15 नवंबर, 1958 को देवी सिंह बिष्ट महाविद्यालय नैनीताल में अध्यापक नियुक्त हुए। 8 अक्टूबर, 1959 को किरोड़ीमल कॉलेज दिल्ली में नियुक्ति हुई। बाद में दिल्ली विश्वविद्यालय के दक्षिण परिसर में अध्यापन। 15 फरवरी, 1996 को 65 वर्ष पूरे होने के बाद सेवानिवृत्त हो गये। रचनात्मक परिचय त्रिपाठी जी भाषा एवं साहित्य दोनों के गम्भीर अनुसंधित्सु रहे हैं। उनकी पहली पुस्तक 'हिन्दी आलोचना' आज भी अपनी मौलिकता, प्रांजलता, ईमानदार अभिव्यक्ति तथा सटीक एवं व्यापक विश्लेषण के कारण अपने क्षेत्र में अद्वितीय है। त्रिपाठी जी ने बहुत नहीं लिखा है, परन्तु जो भी लिखा है, उसे पढ़ते हुए यह निःसंकोच कहा जा सकता है कि उनकी लिखी हर पंक्ति अत्यधिक महत्त्वपूर्ण और अवश्य ध्यातव्य है। मध्ययुगीन काव्य के समकालीन समीक्षक त्रिपाठी जी ने तुलसीदास तथा मीरा के काव्य पर एक-एक पुस्तक लिखी हैं। तुलसीदास के सन्दर्भ में आचार्य शुक्ल से लेकर डाॅ० रामविलास शर्मा जी तक के विवेचन के बाद कुछ नया और सार्थक जोड़ पाना निश्चय ही एक बड़ी चुनौती जैसी बात है , जिसे त्रिपाठी जी ने बखूबी निभाया है। कवि तुलसी का जो रूप इनकी पुस्तक के प्रकाशित हो जाने के बाद बना, वह पहले नहीं बन पाया था। और यह रूप कितना प्रामाणिक तथा हृदयग्राही है, इसकी झलक इस पुस्तक पर लिखे गये राजेन्द्र यादव के पत्र से बहुत अच्छी तरह मिल जाती है। पूर्व के सारे तर्कों के बावजूद तुलसीदास को अंधविश्वासी, रुढ़िवादी, अपरिवर्तनकामी आदि तथा राम के चरित्र को परम्परापोषक एवं गिलगिले मानने वाले राजेन्द्र यादव जैसे व्यक्ति ने भी यह पुस्तक पढ़कर लिखा है : 'मीरा का काव्य' के तीन अध्यायों में ही लेखक ने वर्णव्यवस्था, नारी और भक्ति आन्दोलन के बहुआयामी (खूबियों-खामियों सहित) परिप्रेक्ष्य में 'मीरा' और उसके 'गिरधर नागर' के सम्बन्धों की -- अत्यधिक वर्जना युक्त समाज में -- यथासम्भव अभिव्यक्ति के माध्यम से यथास्थिति तथा सामाजिक गति की द्वन्द्वात्मकता की काव्यात्मकता का जो निरूपण किया है, उसे 'अनुपम' कहकर भी उसका महत्त्व रेखांकित नहीं किया जा सकता। उसे तो बस पढ़कर ही जाना जा सकता है। और पढ़ सकने के लिए किसी अतिरिक्त साहस की जरूरत नहीं है। बस शुरु कर देना है। फिर तो त्रिपाठी जी की समर्थ परन्तु सहज पारदर्शी भाषा-शैली अपनी स्वच्छ निर्झर की स्वाभाविक वेगमयी धारा में बहाये लिए चली जाती है। समकालीनता के प्रेरक पर्यवेक्षक त्रिपाठी जी का अधिकांश लेखन अपने समय और समाज से जुड़ा हुआ लेखन है। चाहे वह हरिशंकर परसाई के व्यंग्य निबन्धों की विवेचना हो या केदारनाथ अग्रवाल की कविताओं के मर्म का उद्घाटन; कहानी पर केन्द्रित कहानी-आलोचना के उच्चतम सीमान्त को स्पर्श करने वाली दोनों पुस्तकें हों या संस्मरण-जीवनी का बहुआयामी-बहुरंगी संसार -- त्रिपाठी जी का लक्ष्य प्रायः विचलन की हर बिन्दुओं को पहचानते हुए, उससे बचकर तथा लक्षित लेखकों के बचने या बच पाने की कोशिश की प्रक्रिया को समझते-समझाते समाज को सही गति से उपयुक्त दिशा में अग्रसर कर सकने वाली मुकम्मल दृष्टि की सटीक पहचान ही है। इस सबके लिए त्रिपाठी जी ने न तो पोलिमिक्स का सहारा लिया है , न ही किसी गुटबन्दी को स्वीकार किया है। आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के अन्तेवासी तथा प्रियपात्र रहते हुए भी, उनका कुछ मुद्दों पर प्रखर विरोध करने वाले रामविलास शर्मा से भी -- उनकी असीम संभावनाओं, तथा युगान्तरकारी सृजनकार्यों के कारण -- लगातार हार्दिक रूप से जुड़े रहे; तथा शर्मा जी के प्रति निरन्तर आदर प्रकट करते हुए भी उनके विरोध का कोई मौका न गँवाने वाले नामवर सिंह के प्रति भी उनकी अदम्य जिज्ञासाओं के कारण बहुपठनीयता से बहुमुखी जानकारियों, साहित्य की सटीक पहचान तथा आलोचना के 'सचल विश्वविद्यालयी रूप' के कारण हमेशा हार्दिक लगाव बनाये ही रहे हैं। अन्यथा गुरु-शिष्य का सम्बन्ध अथवा सहयोग-सहवर्तिता तथा मैत्री भी आज के युग में कब तक और कितना टिक पाते हैं! संपादित कृतियों में भी डॉ॰ त्रिपाठी ने पूरी निष्ठा एवं गंभीरता से कार्य किया है। डॉ॰ रामविलास शर्मा पर केंद्रित वसुधा के विशेषांक के संदर्भ में मधुरेश का मानना है कि "उनके संपादन में वसुधा का रामविलास शर्मा पर केंद्रित अंक अरुण प्रकाश के सहयोग से, संभवतः रामविलास शर्मा का सर्वाधिक विश्वसनीय मूल्यांकन है।" हिन्दी कहानी-आलोचना का शिखर हिन्दी कहानी-आलोचना के क्षेत्र में सुरेन्द्र चौधरी के बाद नि:सन्देह डाॅ॰ विश्वनाथ त्रिपाठी द्वितीय शिखर आलोचक हैं। सुरेन्द्र चौधरी की तरह ही त्रिपाठी जी ने भी बहुत नहीं लिखा है, और विवेचन के लिए किसी एक पूरे दौर या एक कहानीकार को भी समग्रता में नहीं लिया है। उन्होंने उन्हीं कहानियों पर लिखा है, जिसने अपनी रचनात्मक सामर्थ्य के कारण उनसे लिखवा लिया है। यह एक दृष्टि से सीमा है तो दूसरी दृष्टि से इसी कारण वैसा लेखन सम्भव हो पाया है, जो कई मायने में अद्वितीय है। जब त्रिपाठी जी की कहानी-आलोचना की पहली पुस्तक 'कुछ कहानियाँ : कुछ विचार' प्रकाशित हुई थी तो पुस्तक-समीक्षकों द्वारा उक्त सीमा पर जोर देकर 'सीमाओं में बँधी आलोचना' के रूप में कुछ प्रशंसा, कुछ निन्दा की बहुप्रचलित पद्धति के तहत ही समीक्षा की गयी थी। स्वाभाविक है कि अधिकांशतः समीक्षा देखकर पुस्तक पढ़ने वाले हिन्दी के पाठक लम्बे समय तक पुस्तक से ही वंचित रह गये, तो वैशिष्ट्य से कैसे परिचित होते! जबकि इस पुस्तक के बारे में स्वयं डाॅ॰ नामवर सिंह का स्पष्ट कथन है : इस पुस्तक पर विचार करते हुए इसके अन्तिम दो आलेखों के संदर्भ में डॉ॰ निर्मला जैन का कहना है कि : इस कड़ी की दूसरी पुस्तक 'कहानी के साथ-साथ' उसी ढंग और उसी सामर्थ्य के साथ हाल में (2016 में) प्रकाशित हुई है, जिसके अधिकांश आलेख डाॅ॰ कमला प्रसाद द्वारा प्रबल आग्रह से प्रतिश्रुत करवाकर 'प्रगतिशील वसुधा' के लिए लिखवाये गये थे, तथा उसीके विभिन्न अंकों में प्रकाशित भी हुए थे। जीवनी का एक और मानदंड 'आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी का पुण्य स्मरण' (उपशीर्षक) के रूप में लिखित उनकी पुस्तक व्योमकेश दरवेश वस्तुतः आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी की जीवनी है। यह हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में अब तक लिखी गयी तीन सर्वश्रेष्ठ जीवनियों -- कलम का सिपाही, निराला की साहित्य साधना (जीवनी खण्ड) तथा आवारा मसीहा -- के बाद उसी कड़ी में चौथी श्रेष्ठ जीवनी है। इस पुस्तक की एक अतिरिक्त विशेषता यह है कि इसमें 'रचना और रचनाकार' शीर्षक के अन्तर्गत द्विवेदी जी पर त्रिपाठी जी द्वारा लिखे गये आलोचनात्मक आलेख भी एकत्र संकलित हैं। इस खण्ड को डाॅ॰ नामवर सिंह द्विवेदी जी पर लिखी गयी आलोचनाओं में अद्वितीय मानते हैं; तथा पूरी पुस्तक को मैनेजर पाण्डेय एक शानदार जीवनी के साथ-साथ त्रिपाठी जी की आलोचनात्मक क्षमता का प्रमाण भी मानते हैं। प्रकाशित कृतियाँ हिन्दीआलोचना - 1970 (राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली) लोकवादी तुलसीदास - 1974 (राधाकृष्ण प्रकाशन, नयी दिल्ली) प्रारम्भिक अवधी - 1975 मीरा का काव्य - 1979 (1989 में वाणी प्रकाशन, नयी दिल्ली से पुनर्प्रकाशित) हिन्दी साहित्य का संक्षिप्त इतिहास - 1986 (2003 में हिन्दी साहित्य का इतिहास : सामान्य परिचय नाम से पुनः प्रकाशित) देश के इस दौर में (परसाई केन्द्रित) - 1989 (राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली) हरिशंकर परसाई (विनिबंध) - 2007 (साहित्य अकादेमी, नयी दिल्ली) कुछ कहानियाँ : कुछ विचार - 1998 (राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली) पेड़ का हाथ (केदारनाथ अग्रवाल केन्द्रित) - 2002 (वाणी प्रकाशन, नयी दिल्ली) केदारनाथ अग्रवाल का रचना-लोक - 2013 (प्रकाशन विभाग, भारत सरकार, नयी दिल्ली) जैसा कह सका (कविता संकलन) [2014 में साहित्य भंडार, चाहचंद रोड, इलाहाबाद से प्रकाशित 'प्रेमचन्द बिस्कोहर में' में समाहित] नंगातलाई का गाँव (स्मृति-आख्यान) - 2004 (राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली) गंगा स्नान करने चलोगे (संस्मरण) - 2006 (भारतीय ज्ञानपीठ, नयी दिल्ली) अपना देस-परदेस (विविध विषयक आलेख एवं टिप्पणियाँ) - 2010 (स्वराज प्रकाशन, नयी दिल्ली) व्योमकेश दरवेश (आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी की जीवनी एवं आलोचना) - 2011 (राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली) गुरु जी की खेती-बारी (संस्मरण) - 2015 (राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली) उपन्यास का अन्त नहीं हुआ है - 2015 (साहित्य भंडार, चाहचंद रोड, इलाहाबाद) कहानी के साथ-साथ - 2016 (वाणी प्रकाशन, नयी दिल्ली) आलोचक का सामाजिक दायित्व - 2016 (साहित्य भंडार, चाहचंद रोड, इलाहाबाद) संपादन कार्य आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के साथ अद्दहमाण (अब्दुल रहमान) के अपभ्रंश काव्य सन्देश रासक का संपादन एवं टीका (राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली से) कविताएँ 1963, कविताएँ 1964, कविताएँ 1965 (तीनों अजित कुमार के साथ) हिन्दी के प्रहरी : रामविलास शर्मा (अरुण प्रकाश के साथ; वसुधा अंक-51, जुलाई-सितंबर 2001, 'रामविलास शर्मा विशेषांक' का पुस्तकीय रूप, वाणी प्रकाशन, नयी दिल्ली से) चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी' : प्रतिनिधि संकलन (नेशनल बुक ट्रस्ट) केदारनाथ अग्रवाल : संकलित कविताएँ (नेशनल बुक ट्रस्ट) मध्यकालीन हिन्दी काव्य सम्मान गोकुलचंद्र शुक्ल आलोचना पुरस्कार, डॉ॰ रामविलास शर्मा सम्मान सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार साहित्य सम्मान - हिन्दी अकादमी द्वारा शान्तिकुमारी वाजपेयी सम्मान शमशेर सम्मान मैथिलीशरण गुप्त सम्मान - 2012-13 व्यास सम्मान - 2013 ('व्योमकेश दरवेश' के लिए) भाषा सम्मान - साहित्य अकादमी द्वारा मूर्तिदेवी पुरस्कार - 2014 ('व्योमकेश दरवेश' के लिए) भारत भारती सम्मान - 2015 इन्हें भी देखें डॉ॰ विश्वनाथ प्रसाद तिवारी सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ मैं मनुष्य ही बने रहना चाहता हूँ - विश्वनाथ त्रिपाठी विश्वनाथ त्रिपाठी के अस्सीवें जन्मदिन पर बतकही का लोकार्पण 1931 में जन्मे लोग जीवित लोग हिन्दी साहित्यकार मूर्तिदेवी पुरस्कार प्राप्तकर्ता हिन्दी गद्यकार हिंदी आलोचना हिंदी आलोचक हिन्दी कवि उत्तर प्रदेश के लोग
बिजली का बोझ अब दिल्लीवासियों पर और बढ़ गया है. दिल्ली बिजली नियामक आयोग (डीईआरसी) ने अगले तीन महीने के लिए बिजली की कीमतों में इजाफा करने का फैसला किया है. तिमाही फ्यूल सरचार्ज के रूप में डीईआरसी ने बीआरपीएल को 4.5 प्रतिशत, टाटा पावर को 2.5 प्रतिशत और बीवाईपीएल को 7 फीसदी बिजली के दाम बढ़ाने को मंजूरी दी है. बिजली की बढ़ी हुई कीमतें 15 नवंबर से लागू होंगी. उधर, कीमतों में इजाफे की घोषणा के साथ ही आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर बीजेपी पर निशाना साधा है. केजरीवाल ने अपने ट्वीट में कहा, 'बीजेपी सरकार ने दिल्ली में एक बार फिर बिजली के दाम बढ़ा दिए हैं. बीजेपी ने बिजली की कीमतों में 30 फीसदी कटौती करने का वादा किया था, लेकिन बीजेपी अपने वादे से पलट गईं.' BJP govt again increases power tariff in delhi. BJP promised to reduce it by 30pc. BJP made a U-turn(1/2) — Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 13, 2014 अरविंद केजरीवाल ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा, 'हमने बिजली के दाम आधे करने का वादा किया था और किया भी था. जो कहते हैं, वो करते हैं. आम आदमी पार्टी की जब सरकार बनेगी, बिजली के दाम घटाकर आधे कर देंगे.' We promised to reduce it by half and we did it. Ji kehte hain, wo jarte hain. When AAP forms govt, we will again reduce tariff by half(2/2) — Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 13, 2014 उधर, बीजेपी ने बिजली के दाम बढ़ाने के फैसले को वापस लेने की मांग की है. बीजेपी ने उपराज्यपाल और ऊर्जामंत्री से आग्रह किया है कि कीमतों को लागू ना किया जाए. इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने ट्वीट कर कहा, 'बिजली की कीमतों में इजाफा दिल्लीवासियों के अन्याय है. जब तक डिस्कॉम के खिलाफ कैग की ऑडिटिंग पूरी नहीं हो जाती, कीमतों में इजाफा नहीं होना चाहिए.' Imposition of fuel surcharge on elec consumers is completely unjustified. Tariffs shud nt be touched till CAG audit of discoms is completed — Aam Aadmi Party (@AamAadmiParty) November 13, 2014
कोरियोग्राफर-डायरेक्टर फरहा खान आजकल अपनी पुरानी तस्वीरें इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर रहीं हैं. रितिक रोशन, संजय लीला भंसाली के बाद फरहा ने साजिद नाडियाडवाला के साथ एक तस्वीर पोस्ट की है. सलमान के बाद आमिर से भी हुई शाहरुख की दोस्ती, देखें साथ पहली सेल्फी इस तस्वीर के बैकग्राउंड में सलमान खान और शाहरुख खान भी हैं. तस्वीर देखने से यह लग रहा है कि दोनों किसी बात पर बहस कर रहे हैं. Continuing #blastfromthepast with sajidnadiadwala 2001.. #housewarming don't miss @iamsrk n Salman in rapt conversation behind 😄 A post shared by @farahkhankunder on Mar 1, 2017 at 7:57pm PST शाहरुख और सलमान का रिश्ता हमेशा से ही पेचीदा रहा है. दोनों अक्सर एक-दूसरे से झगड़ जाते हैं. 2008 में कटरीना कैफ के बर्थडे पार्टी में दोनों में लड़ाई हुई थी, उसके बाद 2014 में सलमान की बहन अर्पिता की शादी में दोनों ने अपने बीच का मनमुटाव खत्म कर लिया था. इसके पहले भी 'चलते-चलते' के सेट पर ऐश्वर्या राय को लेकर दोनों में लड़ाई हो चुकी है. शाहरुख की बेटी ने दिखाई एक्टिंग स्किल, बाद में हटाया वीडियो फिल्मों की बात करें तो शाहरुख, अनुष्का के साथ इम्तियाज अली की फिल्म में दिखेंगे तो वहीं सलमान, कबीर खान की फिल्म 'ट्यूबलाइट ' की शूटिंग में बिजी हैं.
बैगा, भारत के मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं झारखण्ड प्रदेशों में पायी जाने वाली जनजाति है। मध्य प्रदेश के मंडला डिंडोरी तथा बालाघाट जिलों में बैगा लोग बहुत बड़ी संख्या में रहते हैं। बिझवार, नरोतिया, भरोतिया, नाहर, राय भैना और काढ़ भैना इनकी कुछ उपजातियाँ हैं। सन् १९८१ की जनगणना के अनुसार उनकी संख्या 248,949 थी। इन्हें भी देखें छत्तीसगढ़ की जातियाँ इस जनजाति में सूअर बलि का प्रचलन है तथा सिक्या नामक खीर विशेष महत्व रखती है बाहरी कड़ियाँ मध्य प्रदेश की बैगा जनजाति बैगा सदियों से मना रहे हैं ‘वीकेन्ड’ (जोश) छतीसगढ़ की जनजातियाँ THE THREATENED TRIBAL:THE BAIGAS भारत की जनजातियाँ
इस्तांबुल के तुरंत बाद वह संयुक्त राज्य अमेरिका के दो और दौरे पर निकलीं और न्यूयॉर्क, डेट्रॉइट और शिकागो में प्रदर्शन किया। 5 जुलाई 1958 को, अमेरिका की अपनी दूसरी यात्रा के दौरान, उन्होंने फ्रैंक अलेक्जेंडर से शादी की। ऐसा लग रहा था कि शादी सिर्फ नाम के लिए ही होगी। अमेरिका में वर्क परमिट प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक था। फिर भी, एस्केनाज़ी अमेरिका से प्यार करती थी और अगर उसका दूसरा प्यार क्रिस्टोस फिलिपोकोपोलोस नहीं होता तो वह वहां चली जाती। वह 1959 में एथेंस लौट आईं ताकि वह उनके साथ रह सकें। उसने उन दोनों को अमेरिका में अर्जित धन से किपौपोली में एक बड़ा घर, साथ ही दो ट्रक और कुछ घोड़े खरीदे। वह और फिलिपाकोपोलोस जीवन भर उस घर में रहेंगे।
By'things' he meant #2 https://t.co/v8Er74Z4Eu I delivered carrom baby#2 on the 21st.She waited out a State-wide shut down thanks to the cyclone AND 5 days of Test cricket at Chepauk She arrived the next day. We Didn't want to steal Appas 'Cricketer of the Year' moment, so telling you guys now. #Pavilionterracebaby So yes,baby girl it is.Santa was kind at the end of a rough and emotionally draining 2016.टिप्पणियां Also RIP sleep in 2017. — Prithi Ashwin(@prithinarayanan) December 26, 2016 Also RIP sleep in 2017. गौरतलब है कि अश्विन और प्रीति नारायणन ने 13 नवंबर, 2011 को प्रेम विवाह किया था. अश्विन का कमिटमेंट देखिए वह शादी के अगले ही दिन वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट खेलने के लिए कोलकाता रवाना हो गए थे.
भारतीयों ने हालांकि हार नहीं मानते हुए हमले जारी रखे और अगले ही मिनट इसका परिणाम पेनल्टी कॉर्नर के रूप में मिला. रुपिंदर ने इसे गोल में बदलकर माहौल फिर जीवंत कर दिया.बेल्जियम ने हालांकि 57वें मिनट में सेड्रिक चार्लियेर के गोल के दम पर फिर वापसी करके मैच को शूटआउट की ओर धकेला. शूटआउट में मैच का फैसला नहीं होने पर 'सडन डेथ' का सहारा लिया गया था.
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: पंजाब के अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में दो गुट आपस में भिड़ गए। नौबत ये आ गई कि दोनों पक्षों की तलवारें आपस में टकरा गईं। यह टकराव उस वक्त शुरू हुआ जब अकाली दल अमृतसर पार्टी के नेता सिमरनजीत सिंह मान ने स्वर्ण मंदिर में अकाल तख्त के पास से लोगों को संबोधित करने की मांग की। इससे अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने इनकार कर दिया। इस पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी यानी एसजीपीसी के समर्थकों और अकाली दल अमृतसर के कार्यकर्ता भिड़ गए और माहौल हिंसक हो गया। इसमें छह से ज्यादा लोग घायल बताए गए हैं। खास बात यह है कि ऑपरेशन ब्लूस्टार की 30वीं बरसी के मौके पर स्वर्ण मंदिर में हिंसा की स्थिति पैदा हुई। इस मामले में अमृतसर से सांसद अमरिंदर सिंह का कहना है कि एसजीपीसी टास्क फोर्स को इस तरह के वाकयों को होने से रोकना चाहिए। गौरतलब है कि ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी के मौके पर स्वर्ण मंदिर के नाम से लोकप्रिय हरमंदिर साहिब के अकाल तख्त में कार्यक्रम आयोजित किया गया था। सूत्रों ने बताया कि इस दौरान शिअद (अमृतसर) कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की। हालात उस समय बिगड़े जब अकाल तख्त प्रमुख गुरबचन सिंह अकाल तख्त से सभा को संबोधित कर रहे थे और मान ने इस दौरान रुकावट पैदा करने की कोशिश की। झड़प के दौरान कई घबराए तीर्थयात्री सुरक्षा के लिए भागे। इस बीच कट्टरपंथी संगठन दल खालसा द्वारा आहूत बंद के मद्देनजर अमृतसर में कई स्थानों पर दंगा विरोधी पुलिस के 1500 जवान तैनात किए गए हैं। ज्ञातव्य है कि जरनैल सिंह भिंडरावाले के नेतृत्व वाले सिखों को स्वर्ण मंदिर से बाहर निकालने के लिए 6 जून 1984 को ऑपरेशन ब्लूस्टार चलाया गया था। इस अभियान के दौरान भिंडरावाले और उनके साथी मारे गए थे।
न्यूजीलैंड दौरे पर आई इंग्लैंड क्रिकेट टीम ने शुक्रवार को हुए पहले ट्वेंटी-20 मुकाबले में न्यूजीलैंड को 40 रनों से हरा दिया। 215 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी न्यूजीलैंड की टीम नौ विकेट पर 174 रन ही बना सकी। न्यूजीलैंड की ओर से सिर्फ मार्टिन गुपटिल ही टिक कर खेल सके। गुपटिल ने 44(32) रनों की पारी खेली। अपनी पारी में गुपटिल ने तीन चौके तथा दो छक्के लगाए। न्यूजीलैंड का पहला विकेट 31 के योग पर चौथे ओवर में हामिश रदरफोर्ड के रूप में गिरा। रदरफोर्ड ने दो चौके तथा एक छक्के की मदद से 11 गेंदों में 18 रन बनाए।टिप्पणियां न्यूजीलैंड की ओर से कॉलिन मुनरो 28(19) तथा रॉनी हिरा ने 20(11) रन बनाए। इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टूअर्ट ब्रॉड ने चार, स्टीवन फिन ने तीन तथा ल्यूक राइट ने दो विकेट हासिल किए। इससे पहले टॉस जीतकर इंग्लैंड को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित करने की न्यूजीलैंड की रणनीति उल्टी पड़ गई तथा इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने सात विकेट पर 214 रनों का बड़ा स्कोर खड़ा कर लिया। इंग्लैंड की तरफ से इयन मोर्गन ने 46(26) तथा ल्यूक राइट ने 42(20) रन बनाए। मोर्गन, रॉनी हिरा की गेंद पर टेलर को कैच थमा बैठे जबकि राइट, एंड्र एलिस की गेंद पर हिरा के हाथों कैच आउट हुए। चौथे विकेट के लिए मोर्गन तथा जॉनी बेयरस्टो के बीच 81 रनों की साझेदारी हुई। मार्गन ने अपनी 26 गेंदों की पारी में चार चौके तथा तीन छक्के लगाए। बेयरस्टो ने भी 22 गेंदों में तीन चौके तथा दो छक्के की सहायता से 38 रनों की पारी खेली। न्यूजीलैंड की तरफ से ट्रेंट बोल्ट, हिरा तथा एलिस दो-दो विकेट हासिल करने में कामयाब रहे तथा मैक्लेहन को एक विकेट मिला। न्यूजीलैंड की ओर से सिर्फ मार्टिन गुपटिल ही टिक कर खेल सके। गुपटिल ने 44(32) रनों की पारी खेली। अपनी पारी में गुपटिल ने तीन चौके तथा दो छक्के लगाए। न्यूजीलैंड का पहला विकेट 31 के योग पर चौथे ओवर में हामिश रदरफोर्ड के रूप में गिरा। रदरफोर्ड ने दो चौके तथा एक छक्के की मदद से 11 गेंदों में 18 रन बनाए।टिप्पणियां न्यूजीलैंड की ओर से कॉलिन मुनरो 28(19) तथा रॉनी हिरा ने 20(11) रन बनाए। इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टूअर्ट ब्रॉड ने चार, स्टीवन फिन ने तीन तथा ल्यूक राइट ने दो विकेट हासिल किए। इससे पहले टॉस जीतकर इंग्लैंड को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित करने की न्यूजीलैंड की रणनीति उल्टी पड़ गई तथा इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने सात विकेट पर 214 रनों का बड़ा स्कोर खड़ा कर लिया। इंग्लैंड की तरफ से इयन मोर्गन ने 46(26) तथा ल्यूक राइट ने 42(20) रन बनाए। मोर्गन, रॉनी हिरा की गेंद पर टेलर को कैच थमा बैठे जबकि राइट, एंड्र एलिस की गेंद पर हिरा के हाथों कैच आउट हुए। चौथे विकेट के लिए मोर्गन तथा जॉनी बेयरस्टो के बीच 81 रनों की साझेदारी हुई। मार्गन ने अपनी 26 गेंदों की पारी में चार चौके तथा तीन छक्के लगाए। बेयरस्टो ने भी 22 गेंदों में तीन चौके तथा दो छक्के की सहायता से 38 रनों की पारी खेली। न्यूजीलैंड की तरफ से ट्रेंट बोल्ट, हिरा तथा एलिस दो-दो विकेट हासिल करने में कामयाब रहे तथा मैक्लेहन को एक विकेट मिला। न्यूजीलैंड की ओर से कॉलिन मुनरो 28(19) तथा रॉनी हिरा ने 20(11) रन बनाए। इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टूअर्ट ब्रॉड ने चार, स्टीवन फिन ने तीन तथा ल्यूक राइट ने दो विकेट हासिल किए। इससे पहले टॉस जीतकर इंग्लैंड को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित करने की न्यूजीलैंड की रणनीति उल्टी पड़ गई तथा इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने सात विकेट पर 214 रनों का बड़ा स्कोर खड़ा कर लिया। इंग्लैंड की तरफ से इयन मोर्गन ने 46(26) तथा ल्यूक राइट ने 42(20) रन बनाए। मोर्गन, रॉनी हिरा की गेंद पर टेलर को कैच थमा बैठे जबकि राइट, एंड्र एलिस की गेंद पर हिरा के हाथों कैच आउट हुए। चौथे विकेट के लिए मोर्गन तथा जॉनी बेयरस्टो के बीच 81 रनों की साझेदारी हुई। मार्गन ने अपनी 26 गेंदों की पारी में चार चौके तथा तीन छक्के लगाए। बेयरस्टो ने भी 22 गेंदों में तीन चौके तथा दो छक्के की सहायता से 38 रनों की पारी खेली। न्यूजीलैंड की तरफ से ट्रेंट बोल्ट, हिरा तथा एलिस दो-दो विकेट हासिल करने में कामयाब रहे तथा मैक्लेहन को एक विकेट मिला। इंग्लैंड की तरफ से इयन मोर्गन ने 46(26) तथा ल्यूक राइट ने 42(20) रन बनाए। मोर्गन, रॉनी हिरा की गेंद पर टेलर को कैच थमा बैठे जबकि राइट, एंड्र एलिस की गेंद पर हिरा के हाथों कैच आउट हुए। चौथे विकेट के लिए मोर्गन तथा जॉनी बेयरस्टो के बीच 81 रनों की साझेदारी हुई। मार्गन ने अपनी 26 गेंदों की पारी में चार चौके तथा तीन छक्के लगाए। बेयरस्टो ने भी 22 गेंदों में तीन चौके तथा दो छक्के की सहायता से 38 रनों की पारी खेली। न्यूजीलैंड की तरफ से ट्रेंट बोल्ट, हिरा तथा एलिस दो-दो विकेट हासिल करने में कामयाब रहे तथा मैक्लेहन को एक विकेट मिला।
अगर आप कम बजट में अच्छा टैबलेट ढूंढ़ रहे हैं तो आपकी तलाश पूरी हो ने वाली है. आईबॉल ने गुरुवार को भारतीय बाजार में अपना नया टैबलेट iBall Slide i701 उतारा है. विंडोज सिस्टम पर चलने वाला ये टैबलेट बेहद शानदार है और इसकी कीमत सिर्फ 4,999 रुपये है. iBall Slide i701 विंडोज 8.1 ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलता है, हालांकि कंपनी ने यह भी कहा है कि इसे बाद में विंडोज 10 में भी अपग्रेड किया जाएगा. विंडोज 10 इस साल के अंत तक आने की उम्मीद है. इसमें एक साल के लिए फ्री माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस सब्सक्रिप्शन है और 1TB का ऑन ड्राइव क्लाउड स्टोरेज भी. 7.1 इंच HD स्क्रीन वाले इस टैबलेट में क्वाड कोर इंटेल एटम प्रोसेसर और 1जीबी रैम भी है. साथ ही 16 जीबी इनबिल्ट मेमोरी भी मिलेगी. इसे 32 जीबी तक बढ़ाया जा सकता है. ये हैं खास फीचर्स... डिस्प्ले- 7.00 इंच प्रोसेसर- quad-core रियर कैमरा- 2 मेगापिक्सल फ्रंट कैमरा- 0.3 मेगापिक्सल मेमोरी- 16जीबी OS- विंडोज 8.1 बैट्री- 3200mAh
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में महिलाओं के लिए मंगलवार को रक्षा बंधन के दिन सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा रहेगी. महिलाएं दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की लो-फ्लोर बसों के साथ ही ऑरेंज क्लस्टर बसों में सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक मुफ्त यात्रा की सुविधा उठा पाएंगी. मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा है, 'अपने भाइयों के स्थानों पर जाकर राखी बांधने वाली बहनों को सुरक्षित, आरामदेह और सुविधाजनक सवारी उपलब्ध कराने के लिए यह निर्णय लिया गया है.'
फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग सोमवार शाम इंडोनेशिया के जकार्ता में मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस में मौजूद थे. अपने खास प्रोजेक्ट 'इंटरनेट डॉट ओआरजी' पर बात करते हुए उन्होंने इंटरनेट से ज्यादा से ज्यादा लोगों को कनेक्ट करने पर भी चर्चा की. लेकिन सबके सामने उन्होंने इस बात का भी उदाहरण दिया कि इंडिया के प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी कैसे फेसबुक यूज करते हैं. जकरबर्ग ने बताया कि मोदी जी ने लोगों से जुड़ने के लिए इंटरनेट को प्राइमरी कैंपेनिंग टूल के तौर पर इस्तेमाल किया. एक ऐसे देश में जहां इंटरनेट का चौतरफा इस्तेमाल एक बड़ा मुद्दा है, वहां जकरबर्ग मोदी के इस स्टाइल से खासा प्रभावित दिखे. इस पर उन्होंने जकार्ता में बच्चों के इंटरनेट एक्सेस के तरीके का भी उदाहरण दिया. पिछले महीने ही फेसबुक ने रिलायंस के साथ मिलकर कई साउथ इंडियन स्टेट्स में 'इंटरनेट डॉट ओआरजी' इनिशिएटिव की नींव रखी. इसके तहत अब रिलायंस डेटा यूजर्स 'इंटरनेट डॉट ओआरजी' एप की मदद से कई वेब सर्विसेज फ्री में प्राप्त कर सकेंगे. कुल 6 राज्यों (तमिलनाडु, महरराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, गुजरात, केरल और तेलंगाना) में न्यूज, मैटरनल हेल्थ, ट्रेवल, लोकल जॉब्स, स्पोर्ट्स, कम्युनिकेशन और लोकल गवर्नमेंट इनफार्मेशन जैसी 3 दर्जन से भी ज्यादा सर्विसेज दी जाएंगी. पिछले साल भी मार्क जकरबर्ग अपने इंडिया दौरे पर पीएम मोदी से मिले थे . उन्होंने बताया था कि वो सिर्फ मोदी को सुनना चाहते हैं और उनसे यह जानना चाहते हैं कि यहां की सरकार की मदद के लिए फेसबुक क्या कर सकता है. सूत्रों के मुताबिक दोनों के बीच इस बात को भी लेकर चर्चा हुई कि हेल्थ केयर और तमाम मुद्दों पर फेसबुक को किस तरह सर्विस डिलीवरी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. जकरबर्ग ने मोदी से वादा भी किया था कि फेसबुक उनके लिए 'स्वच्छ भारत' एप भी बनाएगा, लेकिन बाद में इस प्रोजेक्ट के लिए दूसरी कंपनियों से बात कर ली गई थी.
दिल्ली एयरपोर्ट पर एक बड़े कार्गो विमान बोइंग 747-500 के उतरते समय उसके बाएं विंग का हिस्सा रनवे पर गिर गया। यह घटना हवाई अड्डे के व्यस्ततम समय के दौरान हुई। ऐसे में बड़ा हादसा हो सकता था। रनवे सुरक्षा की निगरानी करने वाले एयरपोर्ट अधिकारियों ने विमान के इस बड़े हिस्से को तुरंत हटा दिया ताकि अन्य विमानों को समस्या से बचाया जा सके।टिप्पणियां दिल्ली एयरपोर्ट पर ट्रैफिक शाम 7 बजे के आसपास सबसे अधिक होता है। इस समय रनवे पर हर दो मिनट में विमान उतरते हैं। इसलिए अन्य विमानों की सुरक्षा की दृष्टि से अधिकारियों को तत्परता दिखाना जरूरी था। यह बोइंग एयरक्राफ्ट हांग-कांग की एयरलाइन कंपनी कैथे पैसिफिक का था, जो 14  साल पुराना है। इसके फ्लैप को परीक्षण के लिए अमेरिका के नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड को भेज दिया गया है। रनवे सुरक्षा की निगरानी करने वाले एयरपोर्ट अधिकारियों ने विमान के इस बड़े हिस्से को तुरंत हटा दिया ताकि अन्य विमानों को समस्या से बचाया जा सके।टिप्पणियां दिल्ली एयरपोर्ट पर ट्रैफिक शाम 7 बजे के आसपास सबसे अधिक होता है। इस समय रनवे पर हर दो मिनट में विमान उतरते हैं। इसलिए अन्य विमानों की सुरक्षा की दृष्टि से अधिकारियों को तत्परता दिखाना जरूरी था। यह बोइंग एयरक्राफ्ट हांग-कांग की एयरलाइन कंपनी कैथे पैसिफिक का था, जो 14  साल पुराना है। इसके फ्लैप को परीक्षण के लिए अमेरिका के नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड को भेज दिया गया है। दिल्ली एयरपोर्ट पर ट्रैफिक शाम 7 बजे के आसपास सबसे अधिक होता है। इस समय रनवे पर हर दो मिनट में विमान उतरते हैं। इसलिए अन्य विमानों की सुरक्षा की दृष्टि से अधिकारियों को तत्परता दिखाना जरूरी था। यह बोइंग एयरक्राफ्ट हांग-कांग की एयरलाइन कंपनी कैथे पैसिफिक का था, जो 14  साल पुराना है। इसके फ्लैप को परीक्षण के लिए अमेरिका के नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड को भेज दिया गया है। यह बोइंग एयरक्राफ्ट हांग-कांग की एयरलाइन कंपनी कैथे पैसिफिक का था, जो 14  साल पुराना है। इसके फ्लैप को परीक्षण के लिए अमेरिका के नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड को भेज दिया गया है।
यह खबर उन लड़कियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है जो इन दिनों अपने जीवनसाथी की तलाश कर रही हैं. तेज बुद्धि वाले पति पाने की एक और खूबसूरत वजह.. यह हमेशा तो सही नहीं होता लेकिन एक अध्ययन के मुताबिक तेज बुद्धि वाले मर्द की पत्नी को धोखा मिलने की आशंका कम होती है. लंदन स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स एंड पॉलिटिकल के ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन को अंजाम दिया और पाया कि बेवफा मर्द अपने वफादार साथी की तुलना में कम बुद्धि वाले होते हैं और इसकी वजह इंसान के क्रमागत विकास में छुपी है. हालांकि अध्ययन में सामाजिक प्रवृत्ति के आधार पर ऐसा कोई भी प्रमाण नहीं पाया गया जो यह बता सके कि बुद्धिमान महिलाएं बाकियों की तुलना में ज्यादा वफादार होती हैं. शोधकर्ताओं ने दो बड़े अमेरिकी सर्वे का विश्लेषण किया जोकि हजारों किशोरों और नौजवानों के आईक्यू और सामाजिक रवैये पर आधारित था. उन्होंने पाया कि जिन मर्दों का आईक्यू ज्यदा होता है वे एक विवाह और यौन विशिष्टता पर पूरा यकीन करते हैं. डेली टेलीग्राफ में प्रकाशित खबर में शीर्ष शोधकर्ता डॉ. सतोशी कानाजवाना ने बताया, ‘विश्लेषण में पाया गया कि तेज बुद्धि वाले शख्स कम बुद्धि वालों की तुलना में एक विवाह की प्रथा और यौन विशिष्टता को बहुत अहमियत देते हैं.’
स्वराज का शाब्दिक अर्थ है - ‘स्वशासन’ या "अपना राज्य"। भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन के समय प्रचलित यह शब्द आत्म-निर्णय तथा स्वाधीनता की मांग पर बल देता था। स्वराज शब्द का पहला प्रयोग स्वामी दयानन्द सरस्वती ने किया था। प्रारंभिक राष्ट्रवादियों (उदारवादियों) ने स्वाधीनता को दूरगामी लक्ष्य मानते हुए ‘स्वशासन’ के स्थान पर ‘अच्छी सरकार’ (ब्रिटिश सरकार) के लक्ष्य को वरीयता दी। तत्पश्चात् उग्रवादी काल में यह शब्द लोकप्रिय हुआ, इसके बाद इस शब्द का प्रयोग गोपाल कृष्ण गोखले द्वारा 1905 ईस्वी में किया गया फिर यह पहली बार आधिकारिक तौर से इसे दादा भाई नौरोजी द्वारा 1906 में कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में मांग रखा गया यह तब और ज्यादा सुर्खियों में आया जब बाल गंगाधर तिलक ने 1916 में होमरुल लिंग की स्थापना के समय यह उद्घोषणा की कि ‘‘स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा।’’ महात्मा गांधी ने सर्वप्रथम 1920 में कहा कि ‘‘मेरा स्वराज भारत के लिए संसदीय शासन की मांग है, जो वयस्क मताधिकार पर आधारित होगा। गांधी का मत था स्वराज का अर्थ है जनप्रतिनिधियों द्वारा संचालित ऐसी व्यवस्था जो जन-आवश्यकताओं तथा जन-आकांक्षाओं के अनुरूप हो।’’ वस्तुत: गांधीजी का स्वराज का विचार ब्रिटेन के राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक, नौकरशाही, कानूनी, सैनिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं का बहिष्कार करने का आन्दोलन था। पूर्ण स्वराज की मांग पहली बार कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन 1929 में पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा किया गया। यद्यपि गांधीजी का स्वराज का सपना पूरी तरह से प्राप्त नहीं किया जा सका फिर भी उनके द्वारा स्थापित अनेक स्वयंसेवी संस्थाओं ने इस दिशा में काफी प्रयास किए। स्वराज पर गाँधी के विचार गाँधी के 'स्वराज' की अवधारणा अत्यन्त व्यापक है। स्वराज का अर्थ केवल राजनीतिक स्तर पर विदेशी शासन से स्वाधीनता प्राप्त करना नहीं है, बल्कि इसमें सांस्कृतिक व नैतिक स्वाधीनता का विचार भी निहित है। यह राष्ट्र निर्माण में परस्पर सहयोग व मेल-मिलाप पर बल देता है। शासन के स्तर पर यह ‘सच्चे लोकतंत्र का पर्याय’ है। गाँधी का स्वराज ‘निर्धन का स्वराज’ है, जो दीन-दुखियों के उद्धार के लिए प्रेरित करता है। यह आत्म-सयंम, ग्राम-राज्य व सत्ता के विकेन्द्रीकरण पर बल देता है। गाँधी ने ‘सर्वोदय’ अर्थात् सर्व-कल्याण का समर्थन किया। अहिसांत्मक समाजःगाँधी की दृष्टि में आदर्श समाज-व्यवस्था वही हो सकती है, जो पूर्णतः अहिंसात्मक हो। जहाँ हिंसा का विचार ही लुप्त हो जाएगा, वहाँ ‘दण्ड’ या ‘बल-प्रयोग’ की कोई आवश्यकता नहीं रहेगी अर्थात् आदर्श समाज में राजनीतिक शक्ति या राज्य की कोई आवश्यकता नहीं होगी। गाँधी हिंसा तथा शोषण पर आधारित वर्तमान राजनीतिक ढाँचे को समाप्त करके, उसके स्थान पर एक ऐसी व्यवस्था स्थापित करना चाहते थे, जो व्यक्ति की सहमति पर आधारित हो तथा जिसका उद्देश्य अहिंसात्मक तरीकों से जन-कल्याण में योगदान देना हो। राज्य-विहीन समाज गाँधी के अनुसार अहिंसात्मक समाज राज्यविहीन होगा। वह राज्य का विरोध इस आधार पर करते हैं, कि न तो यह स्वाभाविक संस्था है और न ही आवश्यक है। उन्होंने दार्शनिक अराजकतावादी की भाँति इस आधार पर राज्य को अस्वीकार किया- (1) राज्य हिंसा पर आधारित है। यह संगठित रूप में हिंसा की प्रतिनिधित्व करता है, (2) राज्य की बल-शक्ति व्यक्ति की स्वतंत्रता तथा व्यक्तित्व हेतु विनाशकारी है (3) एक अहिंसात्मक समाज में राज्य की कोई आवश्यकता नहीं है। गाँधी के अनुसार राजनीतिक शक्ति साध्य नहीं बल्कि प्रत्येक क्षेत्र में लोगों के विकास में सहयोग देने का साधन है। यह राष्ट्रीय प्रतिनिधियों द्वारा राष्ट्रीय जीवन का नियमन करती है। यदि राष्ट्रीय जीवन इतना परिपूर्ण हो जाए कि आत्मनियमित हो जाऐं तो किसी भी प्रतिनिधि की आवश्यकता नहीं है। ऐसी स्थिति में प्रत्येक अपना शासक स्वयं है। वह स्वयं पर इस प्रकार शासन करता है, कि वह अपने पड़ोसी के लिए बाधा नहीं बनता। ऐसी आदर्श स्थिति में राजनीतिक शक्ति नहीं होती, क्योंकि उसमें कोई राज्य नहीं होता। गाँधी ने उसे ‘‘प्रबुद्ध अराजकता की स्थिति’’ कहा है। यही ‘राम राज्य’ है। टॉलस्टॉय ने इसे ‘‘पृथ्वी पर परमेश्वर का राज्य’’ कहा है। ग्राम : गणराज्यों का संघ गाँधी का राज्याविहीन, वर्गविहीन समाज अनेक स्व-शासित तथा आत्मनिर्भर ग्राम-समुदायों में विभक्त होगा। प्रत्येक ग्राम-समुदाय का प्रशासन पाँच व्यक्तियों की पंचायत चलाएगी, जो ग्रामवासियों द्वारा निर्वाचित होगी। ग्राम पंचायतों को विधायी, कार्यकारी तथा न्यायिक शक्तियाँ प्राप्त होंगी। ग्राम पंचायतों के ऊपर मंडलों की, उनके ऊपर जिलों की तथा जिलों के ऊपर प्रान्तों की पंचायते होंगी। सबसे ऊपर सारे राष्ट्र के लिए केन्द्रीय (संघीय) पंचायत होगी। प्रत्येक गाँव अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति तथा सुरक्षा की दृष्टि से स्वावलम्बी होगा। सैनिक-शक्ति व पुलिस नहीं होगी। बड़े नगर, कानूनी अदालतें, कारागार तथा भारी उद्योग नहीं होंगे। सत्ता का विकेन्द्रीकरण होगा। प्रत्येक गाँव स्वयंसेवी रूप से संघ से सम्बद्ध होगा। गांधी ने इसे ‘वास्तविक स्वराज्य’ कहा है। गाँधी का मानना था कि इस प्रकार के संघ के प्रबन्ध व संपोषण के लिए सरकार आवश्यक होगी। अतः एक आधुनिक आलोचक का मत है कि गाँधी का आदर्श समाज से तात्पर्य मुख्यतः अहिंसक राज्य था, न कि अहिंसात्मक, राज्यविहीन समाज। दूसरी ओर आबिद हुसैन का मत है कि गाँधी का राम राज्य पूर्ण अराजकतावादी राज्यविहीन समाज है, जो नैतिक कानून द्वारा शासित है। इस प्रकार के अहिंसक समाज में शान्ति-व्यवस्था प्रेम की शक्ति या सत्याग्रह के रूप में आत्मबल द्वारा स्थापित होगी। गाँधी के अनुसार सत्याग्रह व्यक्तियों, वर्गों तथा राष्ट्रों के मध्य शोषण तथा दमन का प्रतिरोध करने का प्रभावपूर्ण यंत्र है। गाँधी का मत था कि राज्यविहीन तथा वर्गविहीन अहिंसक समाज की स्थापना का लक्ष्य सहज रूप से प्राप्त नहीं होगा। अतः राज्य को तत्काल समाप्त करना ठीक है। फलतः उनका लक्ष्य राज्य को अहिंसा के सिद्धांतो के अनुरूप ढालना है। अहिंसक राज्य में सामाजिक व्यवहार को नियमित करने हेतु एक प्रकार की सरकार तथा राजनीतिक सत्ता होगी, किन्तु वह कम से कम शासन करेगी, क्योंकि सामाजिक जीवन आत्म नियमित होगा। व्यक्ति को पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त होगी। अधिकांश कार्य स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा सम्पन्न होंगे। गाँधी के ये विचार रसेल, जी0डी0एच0 कोल जैसे गिल्ड समाजवादियों से मिलते-जुलते हैं। आर्थिक विकेन्द्रीकरण गाँधी का जनतांत्रिक समाज एक समाजवादी राज्य होगा। भागवत पुराण से प्रभावित होने के कारण उनका मत था कि - ‘‘सम्पत्ति धारण करने का अर्थ है, भविष्य के लिए पूर्वयोजना बनाना। एक सत्य का खोजी... कल के लिए कुछ नहीं रखता..... सम्पन्न व्यक्तियों के पास वस्तुओं का अतिरिक्त भण्डार होता है, जबकि करोड़ों व्यक्ति भरण-पोषण के अभाव में भूखों मरते हैं। यदि मनुष्य अपने पास इतना ही रखे, जितना आवश्यक है तो कोई भी अभावग्रस्त नहीं होगा तथा सभी सन्तुष्ट जीवन जी सकेंगे।’’ गाँधी निजी सम्पत्ति के समापन के पक्ष में नहीं हैं किन्तु आर्थिक समानता लाना चाहते हैं। आर्थिक समानता से तात्पर्य है-सभी के लिए पर्याप्त व सन्तुलित भोजन, आवास तथा तन ढकने के लिए खादी। वह स्वदेशी का पक्ष लेते हुए कुटीर व लघु उद्योग तथा खादी उद्योगों के विकास पर बल देते हैं। गाँधी ने प्रौद्योगिकी प्रधान उद्योगों या मशीनों द्वारा उत्पादन का विरोध किया तथा इसके स्थान पर श्रम प्रधान उद्योगों को वरीयता दी। उनके अनुसार उत्पादन लोगों द्वारा किया जाए, फैक्ट्रियों द्वारा नहीं। गाँधी ने ‘श्रम-सिद्धांत’’ के अन्तर्गत यह शिक्षा दी कि प्रत्येक व्यक्ति को शारीरिक श्रम करके अपने उपभोग की वस्तुओं में योगदान देना चाहिए। चूँकि इसमें प्रत्येक प्रकार की सेवा (चाहे नाई हो या वकील) या श्रम को एक जैसा सम्मान दिया जाएगा, इसलिए श्रम की गरिमा स्थापित होगी तथा वर्गीय भेद मिट जाने से ‘वर्गविहीन’ समाज की स्थापना होगी। गाँधी ने भूस्वामियों तथा पूँजीपतियों की सम्पत्ति-अधिग्रहण का समर्थन नहीं किया है। ईसाई समाजवादियों की तरह वह पूँजीपतियों की मनोवृत्ति में प्रेम व अनुनय द्वारा परिवर्तन लाकर अपना आर्थिक समानता का लक्ष्य प्राप्त करना चाहते थे। पूँजीपति स्वयं को सम्पत्ति का स्वामी न समझकर ट्रस्टी या न्यासी समझें। जो सम्पत्ति उनके पास है, उसे वे समाज की धरोहर समझें। उसमें से वे अपने लिए उतना ही व्यय करें, जिनकी उनकी सेवाओं के लिए उपयुक्त है, शेष समाज को लोटा दें अर्थात् निर्धनों में बाँट दें। उत्पादन का लक्ष्य मुनाफा ने होकर सम्पूर्ण समाज का हित होना चाहिए। श्रमिकों की प्रबन्ध में भागीदारिता होनी चाहिए। यदि पूँजीपति ट्रस्टी बनना स्वीकार न करें, तो कानून द्वारा राज्य को भूमि तथा उत्पादन के अन्य साधनों पर नियंत्रण कर लेना चाहिए। सर्वोदय सामान्य हित या सर्व कल्याण की दृष्टि से गाँधी ने सर्वोदय के सिद्धांत का प्रतिपादन किया है। यह सिद्धांत ऐसी नीति का समर्थन करता है, जिसका उद्देश्य जात-पात, धर्म-सम्प्रदाय, स्त्री-पुरूष, ऊँच-नीच आदि के भेदभाव मिटाकर समाज के सभी स्तरों पर कल्याण कार्य को बढ़ावा देना है। यह परस्पर सहयोग व सद्भावना का विकास करेगा। गाँधी के सर्वोदय का सिद्धांत राज्य के लक्ष्य का सिद्धांत है। उपयोगितावादी चिंतक बैंथम तथा जे.एस. मिल जहाँ ‘‘अधिकतम लोगों के अधिकतम कल्याण’’ के पक्ष में थे, वहीं जॉन रसकिन ने ‘‘सबसे अन्तिम या उपेक्षित अल्पसंख्यक’’ (अन्तयोदय) का पक्ष लिया। गाँधी ने इन दोनों सिद्धांतों के सम्मिश्रण से एक नया सिद्धांत प्रतिपादित किया, जिसे सर्वोदय या ‘‘समाज के सभी लोगों के उत्थान या कल्याण’’ का सिद्धांत कहा जाता है। बाद में विनोबा भावे ने इसी सिद्धांत का अनुसरण किया। गाँधी परम्परागत अर्थ में न तो राजनीतिक चिन्तक थे और न ही सिद्धांत निर्माता थे, किन्तु वह भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन के अग्रदूत तथा श्रेष्ठ समाज सुधारक थे। एक ओर सत्य और अहिंसा के आधार पर उन्होंने असहयोग, सविनय अवज्ञा तथा भारत छोड़ो आन्दोलन का नेतृत्व किया, दूसरी ओर जातिवाद, साम्प्रदायिकता तथा छुआ-छूत के विरुद्ध अभियान चलाया। मैकयावली के विपरीत उन्होंने राजनीति व नैतिकता में सम्बन्ध स्थापित कर साधन व साध्य में सम्बन्ध स्थापित किया। पाश्चात्य उदारवादियों की तरह उन्होंने व्यक्तिगत स्वतंत्रता तथा प्रतिनिधियात्मक प्रजातंत्र में विश्वास जताया। राज्य के उद्देश्य के रूप में उनकी सर्वोदय की संकल्पना महत्त्वपूर्ण है। कर्मयोगी होने के नाते गाँधी श्रम की गरिमा मे विश्वास रखते थे। गाँधी की वर्गहीन तथा राज्यविहीन समाज की परिकल्पना अव्यवहारिक प्रतीत होती है। स्वयं गाँधी भी इसे स्वीकार करते हैं। किन्तु उनके राजनीतिक व आर्थिक क्षेत्र में विकेन्द्रीकरण, ग्रामीण स्वयत्तशासी व्यवस्था एवं रोजगार, स्वदेशी आदि सम्बन्धी विचारों के महत्त्व को अस्वीकार नहीं किया जा सकता। उनके सत्याग्रह, स्वराज तथा सर्वोदय के सिद्धांतों का राजनीतिक दर्शन में महत्त्वपूर्ण योगदान है। इन्हें भी देखें सर्वोदय स्वदेशी आन्दोलन स्वतन्त्रता ग्राम स्वराज बाहरी कड़ियाँ स्वराज अभियान (हिंदी चिट्ठा) The Swaraj Foundation Kumarappa Institute Of Gram Swaraj महात्मा गांधी भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम
जेएनयू की अकादमिक परिषद की बैठक को बाधित करने के मामले में जेएनयू प्रशासन द्वारा निलंबित किए गए छात्रों ने सोमवार को यूनिवर्सिटी बंद का आगाज किया था. DU ला रहा है ऑनलाइन पोर्टल, देगा PhD की प्रक्रियाओं से जुड़ी रिपोर्ट इसके चलते सोमवार को जेएनयू के लगभग सभी स्कूलों में पढ़ाई ठप्प रही. इस जेएनयू बंद में वैसे तो वामपंथी शिक्षकों का अप्रत्यक्ष समर्थन था, लेकिन जो प्रोफेसर अपने स्कूलों में दाखिल होना भी चाहते थे, उन्हें भी निलंबित छात्रों और उनके समर्थन में खड़े जेएनयू छात्रों ने स्कूल के अंदर नहीं जाने दिया. इस महीने आएगा UPSC सिविल सर्विस नोटिफिकेशन, रहें तैयार इन्हीं में से एक हैं प्रोफेसर मकरंद परांजपे. जब प्रोफेसर परांजपे स्कूल ऑफ लैंग्वेज में दाखिल होना चाहते थे, तो निलंबित छात्रों ने उन्हें यूनिवर्सिटी बंद के नाम पर स्कूल में दाखिल होने से रोक दिया. निलंबित छात्रों और प्रोफेसर परांजपे के बीच जो भी बातचीत हुई उसका जिक्र प्रो परांजपे ने एक के बाद एक ट्वीट करके किया. #JNU : Blocked from entering the School of Languages, I was the only one who succeeded in getting inside in the end. pic.twitter.com/Ftm8Fyt3ep — Makarand R Paranjape (@MakrandParanspe) February 6, 2017 #JNU I tried to reason with so many but they refused to enter into a dialogue, resorting to name-calling and slogan-shouting instead. — Makarand R Paranjape (@MakrandParanspe) February 6, 2017 #JNU Security was so ineffective; it was their responsibility to ensure that those who wanted to go inside the building should be allowed. — Makarand R Paranjape (@MakrandParanspe) February 6, 2017 #JNU In the end, I myself offered satyagraha. I sat down, held the feet of the two students to push them away from the door. 🤣 — Makarand R Paranjape (@MakrandParanspe) February 6, 2017 #JNU In our culture, students touch our feet, even if we don't like it; what's wrong in touching their feet for a change.👍For a good cause. — Makarand R Paranjape (@MakrandParanspe) February 6, 2017 #JNU "I've been teaching since before you were born," I said, "And been a Professor here for sixteen years; don't tell me what JNU is!" — Makarand R Paranjape (@MakrandParanspe) February 6, 2017 #JNU "If I disagree with you, you have to let me discharge my duties, to teach, read, and write; that is JNU culture too, not bullying." — Makarand R Paranjape (@MakrandParanspe) February 6, 2017 हालांकि बाद में निलंबित छात्रों से लंबी बहस के बाद परांजपे स्कूल में दाखिल होने में कामयाब हुए. दरअसल जेएनयू ने पिछले साल 26 दिसंबर को एक अकादमिक परिषद की बैठक को कथित तौर पर बाधित करने के मामले में 11 छात्रों को निलंबित किया था. जेएनयू छात्रों का आरोप है कि AC मीटिंग बिना बहस एमफिल, पीएचडी के वाइवा वेटेज वाले एजेंडे को पास कर दिया गया और विरोध करने पर छात्रों को निलंबित कर दिया गया. इसलिए निलंबित छात्रों का ये संघर्ष जारी रहेगा. CBSE की अहम घोषणा, NEET 2017 की परीक्षा को माना जाएगा पहला अटेंप्‍ट निलंबित छात्रों में से एक छात्रा भोपाली ने तो AC मीटिंग में वाइवा वेटेज पर लिए गए फैसले को वापस नहीं लेने पर 9 फरवरी को आत्मदाह करने की भी धमकी दी है. चीन के स्‍कूल ने बनाया ग्रेड बैंक, अब कर्ज पर ग्रेड लेकर पास हो सकेंगे बच्‍चे! तो वही निलंबित छात्रों ने प्रशासन की उदासीनता को देखते हुए जेएनयू बंद करने के बाद मंगलवार को प्रशासनिक भवन को भी पूरी तरह बंद करने की योजना पर समर्थन जुटाना शुरू कर दिया है.
इला मिश्रा: (जन्म: 12 मार्च 1986, इंग्लिश: Ela Mishra) भारतीय इतिहास की विद्वान, सामाजिक कार्यकर्ता और देवबंद, उत्तर प्रदेश की वक्ता हैं। "रेशमी रुमाल आंदोलन"पर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से इतिहास में पी.एच.डी. की डिग्री प्राप्त की । इला चैरिटेबल ट्रस्ट की संस्थापक हैं। जन्म और शिक्षा डॉ इला मिश्रा का जन्म 12 मार्च 1986 को भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश, के सहारनपुर में एक हिंदू परिवार में हुआ था बी.एड. और एम.एड. की डिग्री महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक , हरियाणा से प्राप्त की। रेशमी पत्र - "रेशमी रुमाल आंदोलन" पर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से इतिहास में पी.एच.डी की डिग्री प्राप्त की। कैरियर डॉक्टर इला मिश्रा की पुस्तक "रेशमी रूमाल षडयंत्र" को भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी  ने फरवरी 2017 में जारी किया था। इला मिश्रा ने 24 अप्रैल 2017 को "इला चैरिटेबल ट्रस्ट" नाम से एक सामाजिक कल्याण ट्रस्ट की स्थापना की।यह ट्रस्ट गरीब मुस्लिम छात्राओं के अच्छा स्वास्थ्य और शिक्षा पर केंद्रित है। साहित्यिक कृतियाँ रेशमी रूमाल षडयंत्र(Hindi) रेशमी रूमाल तहरीक (उर्दू) बाहरी कडियां इला चैरिटेबल ट्रस्ट  की वेबसाइट इन्हें भी देखें उबैदुल्लाह सिंधी जमीयत उलेमा-ए-हिन्द सन्दर्भ: 1986 में जन्मे लोग जीवित लोग महिला लेखक इस्लाम में परिवर्तित लोगों की सूची
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने 11 अगस्त को मोइनुद्दीन परकदावत के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दाखिल किया. इसके साथ ही उमर अल हिंदी आइएसआइएस (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक ऐंड सीरिया) मॉड्यूल के खिलाफ एनआइए के मामले की पूरी कहानी सामने आ गई. इस पूरे मामले में खासे उतार-चढ़ाव और नाटकीय मोड़ भी आए. पिछले साल केरल में एक भीड़ पर ट्रक चढ़ाने की साजिश तब नाकाम हो गई जब बीते अक्तूबर में इसकी सेल के सात सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया. एक और घातक मोड़ तब आया जब अफगानिस्तान में इस साल अमेरिकी हवाई हमले में इसके सरगना की मौत हो गई. परकदावत को इस साल 15 फरवरी को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से लाया गया था. वह पिछले साल एनआइए के हाथों उजागर आइएसआइएस के सेल का सातवां सदस्य था. माना जाता है कि पिछले तीन साल में केरल के कम से कम 54 लोगों ने इस कट्टरपंथी इस्लामी धड़े का दामन थामा है. यह देश के किसी भी राज्य से सबसे बड़ी तादाद है. उमर अल हिंदी मॉड्यूल के मामले में एनआइए की चार्जशीट से एक और राज खुला. इराक, सीरिया और अफगानिस्तान के इलाकों से लोगों को लुभा रहा आइएसआइएस एक साल से भी कम वक्त में वहां आ पहुंचा था जहां उसके विदेशी कर्ताधर्ता हिंदुस्तान की सरजमीं पर हमले करवाने के लिए नए लड़कों का बरगला रहे थे. सुरक्षा एजेंसियों को पक्का पता नहीं है कि ऐसी कितनी सेल सक्रिय हैं. उमर अल हिंदी मॉड्यूल का पर्दाफाश होने से केरल पुलिस इतनी फिक्रमंद हो उठी कि उसने इस साल मई में निगरानी की कार्रवाई 'ऑपरेशन पिजन्य शुरू की. इससे पता चला कि राज्य में आइएसआइएस के कम से कम 60 संभावित सदस्य और हैं. इस लगभग गुपचुप कार्रवाई ने केरल के पहले से भारी-भरकम सुरक्षा खतरों में और इजाफा कर दिया—खासकर तब जब यहां उत्तर में माओवादी हमलों का सामना कर रही है (दो शीर्ष माओवादी—सीपीआइ (माओवादी) सेंट्रल कमेटी के सदस्य कोप्पम देवराजन और अजिता उर्फ कावेरी—पिछले नवंबर में नीलांबर के जंगलों में पुलिस 'मुठभेड़' में मारे गए थे). और साथ ही आरएसएस-सीपीआइ(एम) के बीच सियासी हिंसा का भी, जिसमें मई 2014 के बाद 17 लोगों की जान जा चुकी है. आइएसआइएस के सदस्य अभी तक राज्य पुलिस से आगे रहने में कामयाब रहे हैं. मलप्पुरम का एमटेक छात्र 23 वर्षीय नजीब अब्दुल रहीम अफगानिस्तान में आइएसआइएस में शामिल होने वाला सबसे नया मलयाली नौजवान बन गया है. 26 अगस्त को उसकी वालिदा खमरुनिस्सा को टेलीग्राम के जरिए एक छोटा रूखा-सा संदेश मिला, ''वह जेहाद के रास्ते पर है.'' यह ठीक वैसा ही संदेश था जैसे पूर्वी अफगानिस्तान के खुरासान प्रांत के इस्लामिक स्टेट के कब्जे वाले इलाकों में पहुंच चुके आइएसआइएस लड़ाकों से उनके परिवार वालों को पहले भी मिले थे. केरल की जनता का आइएसआइएस से वास्ता मई 2016 में शुरू हुआ था. राज्य इस खबर से सकते में आ गया था कि पढ़े-लिखे उच्च मध्यमवर्ग के 21 नौजवान अचानक अफगानिस्तान में आइएसआइएस के कब्जे वाले इलाकों के लिए निकल गए हैं. इस घटना से बेखबर पुलिस और केंद्रीय खुफिया एजेंसियां हैरान हो गईं. ऐसा इसलिए था क्योंकि अभी तक हिंदुस्तान ने आइएसआइएस के फंदे में फंसने से इनकार कर दिया था. दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी ने दुनिया भर से जुटाई गई इस स्वयंसेवी फौज में महज 60 सदस्यों का योगदान दिया था. मानवाधिकारों से जुड़ी एजेंसियां इस फौज में तकरीबन 1,00,000 लोगों के होने का अनुमान लगाती हैं. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 3 जून को प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के भारत में पैर नहीं जमा पाने को नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली बीजेपी सरकार की कामयाबियों में गिनाया था. देश भर से आइएसआइएस से हमदर्दी रखने वाले 90 लोग गिरफ्तार किए गए थे. मगर आइएसआइएस के इलाकों तक जाने वाले हिंदुस्तानी युवाओं में बड़ी तादाद केरल वालों की है. वे खासे पढ़े-लिखे, ज्यादातर इंजीनियर, डॉक्टर और एमबीए डिग्री धारी हैं. केरल में मौजूद कट्टरपंथ की तगड़ी अंतर्धारा इसकी एक वजह हो सकती है. 1977 से 2006 के बीच सूबे में स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी), अब्दुल नसीर मदनी का बनाया प्रतिबंधित इस्लामिक सेवक संघ (जिसका नाम बदलकर अब पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया-पीएफआइ- कर दिया गया है) सरीखे इस्लामी धड़ों की मौजूदगी देखी गई थी. मगर बदलाव के दौर से गुजर रहे आइएसआइएस ने एक नई चुनौती पेश कर दी है. माना जा रहा है कि केरल से आइएसआइएस में शामिल होने वाले 54 संदिग्धों में से चार अफगानिस्तान में मारे जा चुके हैं. जांच करने वालों ने पाया कि आइएसआइएस ने राज्य में अपनी जड़ें 2014 में ही जमा ली थीं, जब मॉड्यूल मजहबी बातचीत प्रायोजित कर रहे थे और पेशेवर लोगों को अफगानिस्तान और सीरिया में अपनी लड़ाई में शामिल होने के लिए उकसा रहे थे. दिलो-दिमाग में जहर भरने की ये कोशिशें पिछले साल जुलाई में खून-खराबे की साजिश रचने के खतरनाक पड़ाव पर पहुंच गईं. खुफिया एजेंसियों ने आमिर अली नाम के एक शख्स का पीछा करना शुरू किया जो फेसबुक पर मलयाली में हिंसक संदेश पोस्ट कर रहा था. जांचकर्ताओं को पता चला कि यह अली कोई और नहीं बल्कि केरल के उत्तरी वायनाड जिले में सुलतान बाथरी का मेधावी सिविल इंजीनियर 36 वर्षीय शजीर मंगलासेरी अब्दुल्लाह है. यह पीएफआइ का पूर्व सदस्य था और दुबई में 12 साल काम कर चुका था. पिछले साल जून में वह दुबई छोड़ ईरान के रास्ते अफगानिस्तान के लिए निकल गया. उसके साथ एक साथी भी था—25 वर्षीय मोइनुद्दीन परकदावत. कासरगोड़ जिले का रहने वाला परकदावत अबु धाबी में बतौर सेल्स एग्जीक्यूटिव काम कर रहा था और मंगलासेरी धड़े का सक्रिय सदस्य था. दोनों अफगानिस्तान जाकर आइएसआइएस में शामिल होने के लिए ईरान की सरहद पर मशहद तक पहुंच गए, मगर मंगलासेरी ने उसे वहां से वापस अबु धाबी जाने और केरल की गतिविधियों का समन्वय करने की हिदायत दी. एनआइए ने कई संदेशों का पता लगाया जो मंगलासेरी और परकदावत ने मेसेजिंग सेवा टेलीग्राम पर अक्सर एक दूसरे को भेजे थे. अफगानिस्तान के अपने मोर्चे से मंगलासेरी ने टेलीग्राम पर एक सोशल मीडिया ग्रुप—'अंसार उल-खिलाफ-केरल' शुरू किया. केरल का आइएसआइएस मॉड्यूल अक्तूबर, 2015 में लॉन्च किया गया था. शजीर ने टेलीग्राम पर एक और ग्रुप 'द गेट' बनाया और इस पर बार-बार आइएसआइएस की गतिविधियों के बारे में पोस्ट डालने लगा. उसने राज्य में आइएसआइएस की गतिविधियों के बीच तालमेल का काम भी किया. मॉड्यूल का 'अमीर' होने के नाते उसने नौजवानों को केरल और तमिलनाडु में आतंकी कार्रवाई करने को कहा. यह धड़ा टेलीग्राम के एनक्रिप्टेड मेसेजिंग सॉफ्टवेयर या सुरक्षित और एनक्रिप्टेड ई-मेल टुटानोटा के जरिए संदेशों का आदान-प्रदान करता था. आसन्न खतरे की पहली चेतावनी 9 सितंबर को सामने आई. पुलिस ने जमात-ए-इस्लामी से गुजारिश की थी कि वह अपना शांति और सदभावना सम्मेलन कोच्चि में मरीन ड्राइव के खुले सार्वजनिक मैदान की बजाए नजदीक के स्कूल में आयोजित करे. तभी अल हिंदी सेल की जासूसी के दौरान भीड़ पर ट्रक चढ़ा देने की साजिश का पर्दाफाश हुआ. इसकी प्रेरणा 14 जुलाई, 2016 को फ्रांस में हुए हमले से मिली थी, जिसमें एक इस्लामवादी हमलावर ने नीस में बास्तील डे का जश्न देख रही भीड़ पर ट्रक चढ़ा दिया था और 87 लोगों को मार डाला था. मोइनुद्दीन ने सितंबर, 2016 में वायर ट्रांसफर से 3.8 लाख रु. भेजे. इससे सदस्यों ने कोडाइकनाल में हमले की गरज से एक मारुति वैन खरीदी, मगर यह सड़क हादसे का शिकार हो गई. ट्रक खरीदने के लिए यह रकम कम साबित हुई. आइएसआइएस मॉड्यूल के सदस्य जब 2 अक्तूबर को कन्नूर की कनकमाला पर्वत चोटी पर मुलाकात के लिए पहुंचे तो एनआइए और पुलिस फौरन हरकत में आ गई. जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया, उनमें मंगलासेरी का हिंदुस्तान में सबसे नजदीकी आदमी 30 वर्षीय मनसीद महमूद उर्फ उमर अल हिंदी भी था. कन्नूर का रहने वाला और पीएफआइ का सक्रिय कार्यकर्ता महमूद दोहा में बतौर सेल्स एग्जीक्यूटिव काम कर रहा था. वह अपनी फिलीपीनी पत्नी के साथ छुट्टियां मनाने कन्नूर आया था और उसने केरल और तमिलनाडु में आतंकी हमलों की रणनीति बनाने के लिए सेल के दूसरे सदस्यों को न्योता दिया था. सेल के सदस्यों में त्रिचूर का 25 वर्षीय स्वालिह मोहम्मद, कोयंबतूर का 24 साल का राशिद अली, मलप्पुरम का 30 वर्षीय सफवान पी. और कोझिकोडे का 25 साल का जासिम एन.के. शामिल थे. गैंग के एक और सदस्य 24 वर्षीय रमशाद एन.के. उसी शाम गिरक्रतार कर लिया गया. इन आरोपियों के पास से बरामद डिजिटल उपकरणों यानी मोबाइल फोन, टैबलेट पीसी और स्टोरेज मीडिया के फोरेंसिक विश्लेषण से घातक साजिश का पर्दाफाश हुआ. यह धड़ा विदेशी नागरिकों खासकर इज्राएलियों को निशाना बनाने की तैयारी कर रहा था, जो कोडाइकनाल के नजदीक हिल स्टेशन वट्टाकनाल घूमने आए थे. इसका मंसूबा अहमदिया संप्रदाय और जमात-ए-इस्लामी सरीखे दूसरे इस्लामी समुदायों के सदस्यों और तर्कशील लोगों पर हमले करने का भी था. इस साल 13 अप्रैल को सुरक्षा एजेंसियों ने राहत की सांस ली. अफगानिस्तान के असदखेल में अमेरिकी विमानों ने लेजर से निर्देशित बम बरसाए, जिनमें माना जाता है कि धड़े के सरगना मंगलासेरी की मौत हो गई. उसकी मौत की इत्तिला अफगानिस्तान में केरल के उसके एक साथी अश्फाक ने भेजी. इस संदेश के साथ मंगलासेरी को दफनाए जाने की तस्वीरें भी थीं. उसके अलावा अमेरिकी हवाई हमलों में हाल में ही छह दूसरे आइएसआइएस के लोग भी मारे गए थे. जून में इराक में मोसुल के पतन के बाद माना जाता है कि 2015 में इराक और सीरिया में इस धड़े की जितने बड़े इलाके में तूती बोलती थी, उसका महज 40 फीसदी ही अब इसके कब्जे में रह गया है. सीरिया, इराक और अफगानिस्तान में अमेरिका की अगुआई में गठबंधन की फौजों की लगातार बमबारी और जमीनी हमलों की वजह से इस धड़े के पांव उखड़ गए हैं. यही वह इलाका है जहां से इसके साथी आतंकी धड़े इस्लामिक स्टेट ऑफ खुरासान प्रोविंस ने केरल के युवाओं को लुभाया है. नई दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ पीस ऐंड कनक्रिलक्ट स्टडीज के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अजय साहनी कहते हैं, ''हार के चलते आप अपनी वैधता बड़ी हद तक गंवा बैठते हैं और इस्लामिक स्टेट अब अपने सबसे अहम इलाकों में चैतरफा हार से घिरा है.'' साहनी बताते हैं, ''हिंदुस्तान में ऐसी गतिविधियों या 'दूर से नियंत्रित धड़ों' के हमलों में किसी नाटकीय इजाफे की संभावना नहीं है और वक्त बीतने के साथ यूरोप में भी ऐसे खतरे कम होते जाएंगे.'' अव्वल तो हिंदुस्तान से वहां जाने वालों की, और इसलिए वहां से संभावित लौटने वालों की भी, तादाद काफी कम ही है और इसको देखते हुए यहां सुरक्षा की स्थिति पर किसी बड़े असर का बहुत सीमित जोखिम ही होना चाहिए. उधर तिरुवनंतपुरम के पट्टम में राज्य खुफिया मुख्यालय की लोहे की अलमारियों में एक टॉप सीक्रेट फाइल रखी है जिसमें 60 आदमी और औरतों के नाम दर्ज हैं. ये आदमी और औरतें (इनके नाम गुप्त रखे हैं क्योंकि इन्होंने अब तक कोई जुर्म नहीं किया है) मध्यमवर्गीय जिंदगी बिताते मालूम होते हैं. इनमें से कुछ खाड़ी से लौटकर आए हैं और बेरोजगार हैं. दूसरे सलफी धड़ों या मंगलासेरी की तरह पीएफआइ से नाउम्मीद कट्टरपंथी धड़ों के कार्यकर्ता हैं. इन सभी पर निगाह रखी जा रही है. अगर वे कुछ भी संदिग्ध करने की या देश से भागने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें फौरन हिरासत में लिया जा सकता है. पुलिस मानती है कि ये लोग दबे-छिपे कट्टर इस्लामवादी हैं जिनके आइएसआइएस से गहरे ऑनलाइन रिश्ते हैं और उमर अल हिंदी की तरह इन्हें भी बड़े आतंकी हमले करने के लिए बरगलाया जा सकता है. इन पर 'ऑपरेशन पिजन' के अफसर निगाह रख रहे हैं. यह राज्य में आइएसआइएस से जुड़े कट्टर समूहों या लोगों की पहचान हासिल करने की सबसे तफसीली और लंबी-चौड़ी कोशिश है. इसे उमर अल हिंदी मॉड्यूल का पर्दाफाश होने के तकरीबन सात महीने बाद मई 2017 में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने हरी झंडी दिखाई थी. उसके बाद खुफिया शाखा जानकारियां इकट्ठा करने निकल पड़ी, संदिग्धों के मोबाइल फोन टैप किए गए, सोशल मीडिया की निगरानी और कट्टरपंथियों का साये की तरह पीछा किया गया. तमाम जानकारियों को बड़ी मेहनत से तरतीबवार रखा गया और कच्चे-चिट्ठे तैयार किए गए. फील्ड अफसर को हिदायत दी गई कि वे अपने इलाके में ऐसे हरेक शख्स की पहचान करें और तमाम ब्योरे देते हुए उनका कच्चा चिट्ठा तैयार करें. इस गुप्त कार्रवाई में वायरटैप और पूछताछ के जरिए और साथ ही इंस्टाग्राम, टेलीग्राम और दूसरे सोशल मीडिया मंचों पर तकरीबन 450 संदिग्धों की डाली गई चीजों और संदेशों से खुफिया जानकारी का खजाना जमा हो गया, जिसका फिर विश्लेषण किया गया. राज्य पुलिस ने एनआइए, जो आइएसआइएस से जुड़े मामलों में नोडल एजेंसी है, इंटेलिजेंस ब्यूरो और रॉ की साझा की गई खुफिया जानकारियों पर भी भरोसा किया. संदिग्धों की फेहरिस्त में आखिर में 60 लोग रह गए. एक वरिष्ठ खुफिया अफसर बताते हैं कि इनमें से कोई शख्स भागने की कोशिश करेगा, तो उसके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत कार्रवाई की जाएगी जिसमें उम्र कैद का प्रावधान है. राज्य के डीजीपी, इंटेलिजेंस बी.एस. मोहम्मद यासीन कहते हैं, ''इस्लामिक स्टेट मॉड्यूल वैश्विक खतरा है जिसकी कोई सरहदे नहीं हैं, जबकि हमारी कार्रवाई केवल केरल तक सीमित है.'' राज्य पुलिस दावा करती है कि ऑपरेशन पिजन बेहद कामयाब रहा है और एक ऐसा मामला बताती है जिसमें तुर्की जाने की योजना पर चर्चा कर रहे मलयाली नौजवानों तक को पहचान लिया गया था. उनके आइपी एड्रेस की शिनाख्त की गई और आइएसआइएस से उनके संपर्कों के बारे में उनके माता-पिता को बताया गया. इस तरह इन लड़कों को भटकने से बचा लिया गया. अलबत्ता ऑपरेशन के हिस्से में नाकामियां भी आईं. पुलिस एमटेक छात्र नजीब का पता लगाने में नाकाम रही और पलक्कड़ तथा मलप्पुरम से गायब हुए दो और लोगों के मामलों की भी अभी जांच ही चल रही है. एक बड़े खुफिया अफसर निगरानी में रखे गए 60 संभावित रंगरूटों को 'कट्टर और बेहद दुष्प्रेरित' मानते हैं. वे कहते हैं, ''उन्हें इसमें पेश आने वाले जोखिम की कोई परवाह नहीं है... उनके लिए जेहाद जन्नत का रास्ता है.'' जन्नत के इस रास्ते में अगर केरल में खून-खराबा और अफरातफरी पैदा करना भी शामिल है तो बेशक भारी मुश्किलें तो आएंगी ही. सरकार को 26/11 की तर्ज पर आतंकी हमले या नीस की तर्ज पर ट्रक हमले की आशंका है, तो यह बेवजह नहीं है. एक बड़े खुफिया अफसर मानते हैं, 'राज्य खुशकिस्मत है कि उसे किसी बड़े आतंकी हमले के इम्तिहान से नहीं गुजरना पड़ा है.'' बहरहाल, केरल और पड़ोसी राज्यों को हमेशा सावधान रहना होगा.