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प्रिया पुनिया (जन्म: 6 अगस्त 1996) एक भारतीय क्रिकेटर हैं। वे राजस्थान की प्रतिभाशाली महिला अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेटर हैं। प्रिया पुनियां ने 2019 में साउथ अफ्रिका के खिलाफ अपने एकदिवसिय करियर की शुरूआत की। 9 जुलाई से शुरू होने वाले टी20 मैच में BCCI ने बांग्लादेश खिलाफ खेले जाने वाली वनडे सीरीज लिए भारतीय महिला टीम का ऐलान किया जिसमें प्रिया पूनिया का सिलेक्शन हुआ है। सन्दर्भ जीवित लोग 1996 में जन्मे लोग भारत के खिलाड़ी
खपरैल एवं चौके (टाइल) प्रायः छतों, फर्श, एवं दीवारों को ढकने के काम आते हैं। इन्हें किसी सिरैमिक, पत्थर, धातु या कांच जैसी कठिनाई से घिसने वाले पदार्थ से बनाया जाता है। प्रकार भारतवर्ष में मिट्टी की पकाई हुई खपरैल तथा चौके तीन प्रकार के बनाए जाते है : 1-छत के लिए विभिन्न प्रकार की खपरैलें तथा चौके 2-फर्श के लिए चौके 3-नाली के लिए नाल तथा अर्धगोल खपरैल इनके अलावा चीनी मिट्टी के ग्लेज किए हुए तथा सीमेंट के चौके फर्श तथा दीवाल पर जड़ने के लिए भी बनाए जाते हैं, जो कई आकृतियाँ तथा रंगों के होते हैं। छत छाने के लिए ऐसबेस्टस तथा अन्य वस्तुओं के भी तरह तरह के चौके अथवा टाइलें भिन्न भिन्न आवश्यकताओं के लिए प्रयोग में आती हैं जैसे संगमर्मर, स्लेट, टेराकोटा इत्यादि के चौके। निर्माण मिट्टी के चौके और खपरैल प्राय: उसी प्रकार बनाई जाती हैं जैसे ईंट; पर इनके बनाने में अधिक मेहनत और ध्यान देना पड़ता है। इन खपरैलों तथा चौकों की तरह तरह की डिजाइनों के लिए फर्मा बहुत सावधानी से तथा सच्चा बनाना पड़ता है और उनके पकाने और निकासी में बहुत सावधानी रखनी पड़ती है। छत छाने के लिए स्थानीय देशी खपरैल से लेकर स्यालकोट, इलाहाबाद, मँगलौर इत्यादि में अच्छे मेल की खपरैल काफी बनती थीं, पर इनका प्रचलन अब धीरे धीरे सीमेंट कंक्रीट तथा प्रबलित ईंटों (reinforecd-bricks) के कारण कम होता जा रहा है। देशी खपरैलों में दो प्रकार की खपरैलें अधिक प्रचलित हैं। एक में दो अधगोली नालीदार खपरैलें एक दूसरे पर औंधाकर रख दी जाती हैं। दूसरे में दो चौकोर चौके, जिनके किनारे, थोड़ा सा ऊपर मुड़े रहते हैं, अगल बगल रखकर उन दोनों के ऊपर एक अधगोली खपरैल उलटकर रख दी जाती है, जिससे दोनों चौकों के बीच की जगह ढक जाए। करीब 1,200 खपरैलें 100 वर्गफुट छत छाने के लिए अपेक्षित होती हैं। मँगलोर चौके चिपटे होते हैं। इनमें आपस में एक दूसरे को फँसाने के लिए खाँचा बना रहता है। करीब 130 दक्षिणी चौके या 100 कानपुरी चौके 100 वर्गफुट छत छाने के लिए आवश्यक होते हैं। इलाहाबादी टाइल से एकहरी या दोहरी छवाई की जाती है। उभरे हुए भाग (ridge), कटि प्रदेश (hip) तथा निम्न भूमि (valley) के लिए विशेष टाइलें बनानी पड़ती हैं। नाली के लिए जो टाइल या चौके बनते हैं, या तो चिपटेबनाकर सुखाने तथा पकाने से पहले लकड़ी के गोल फर्मे पर मोड़ लिए जाते हैं, अथवा आरंभ में ही अधगोले के आकार में मशीन द्वारा ढाल लिए जाते हैं। ग्लेज़ किए हुए चीनी मिट्टी के चौके महँगे होते हैं और स्नानागार अस्पताल तथा अन्य स्थानों पर सौंदर्य तथा सफाई के विचार से फर्श या दीवाल में सीमेंट द्वारा बैठा दिए जाते हैं। अब सीमेंट के मोजे़इक टाइल भी बहुत बनने लगे हैं और इनका प्रचलन दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। ये सब कई डिजाइनों तथा रंगों के बनते हैं और इनसे बने फर्श बहुत सुंदर लगते हैं। इन्हें भी देखें निर्माण सामग्री बाहरी कड़ियाँ Ceramic Tile History मृत्तिका शिल्प भवन निर्माण सिविल अभियान्त्रिकी कुट्टिम छत खपरैल फ़र्श छतें सजावटी कलाएँ मोज़ेक
यह एक लेख है: उत्तर प्रदेश में एटा जिले के अलीगंज थाना क्षेत्र में चार अज्ञात युवकों ने 17 साल की छात्रा के साथ कथित रूप से गैंगरेप किया और इसके बाद उसके गहने लूट लिए।टिप्पणियां पुलिस सूत्रों ने बुधवार को बताया कि 1 जून को स्कूल में फीस जमा करने के बाद साइकिल से घर लौट रही नौवीं कक्षा की छात्रा को चार अज्ञात युवकों ने अगवा कर लिया और फिर चारों ने उसे सुनसान जगह पर ले जाकर उसके साथ गैंगरेप किया। उन्होंने बताया कि अभियुक्तों ने छात्रा के गहने और उसके पास जो पैसे थे, वह भी लूट लिए। पुलिस ने बताया कि इस संबंध में पीड़िता के पिता ने मंगलवार को शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद मुकदमा दर्ज करके मामले की छानबीन की जा रही है और अभियुक्तों का पता लगाया जा रहा है। पुलिस सूत्रों ने बुधवार को बताया कि 1 जून को स्कूल में फीस जमा करने के बाद साइकिल से घर लौट रही नौवीं कक्षा की छात्रा को चार अज्ञात युवकों ने अगवा कर लिया और फिर चारों ने उसे सुनसान जगह पर ले जाकर उसके साथ गैंगरेप किया। उन्होंने बताया कि अभियुक्तों ने छात्रा के गहने और उसके पास जो पैसे थे, वह भी लूट लिए। पुलिस ने बताया कि इस संबंध में पीड़िता के पिता ने मंगलवार को शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद मुकदमा दर्ज करके मामले की छानबीन की जा रही है और अभियुक्तों का पता लगाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अभियुक्तों ने छात्रा के गहने और उसके पास जो पैसे थे, वह भी लूट लिए। पुलिस ने बताया कि इस संबंध में पीड़िता के पिता ने मंगलवार को शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद मुकदमा दर्ज करके मामले की छानबीन की जा रही है और अभियुक्तों का पता लगाया जा रहा है।
विशेष 2जी अदालत ने पूर्व दूरसंचार सचिव श्यामल घोष को 2002 के अतिरिक्त स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले से बरी कर दिया है. इस मामले में फैसला देते हुए विशेष अदालत ने कहा कि सीबीआई ने मामले में ‘झूठा और गढ़ा हुआ’ आरोपपत्र दाखिल किया. साथ ही सीबीआई निदेशक से ‘दोषी अधिकारियों’के खिलाफ जांच शुरू करने को भी कहा गया है. विशेष अदालत ने इस मामले में तीन आरोपी दूरसंचार कंपनियों हचिसन मैक्स लिमिटेड, स्टर्लिंग सेलुलर लिमिटेड और भारती सेलुलर लिमिटेड को भी बरी कर दिया है. आपको बता दें कि मामला ये है कि दूरसंचार विभाग ने 2002 में हचिसन मैक्स लिमिटेड, स्टर्लिंग सेलुलर लिमिटेड और भारती सेलुलर लिमिटेड इन तीन दूरसंचार कंपनियों को अतिरिक्‍त स्‍पेक्‍ट्रम आवंटित किए थे. उस दौरान श्यामल घोष टेलीकॉम सचिव थे. सस्ते दाम में टेलीकॉम कंपनियों को अतिरिक्त स्पेक्ट्रम आवंटन करने से सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ. सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत चार्जशीट दाखिल किया गया.
यह लेख है: जागरुक कार्यकर्ता संपत पाल फिल्म 'गुलाब गैंग' के निर्माताओं से जरूर क्रोधित हो सकती हैं, लेकिन माधुरी दीक्षित के चरित्र से वह खुद को जुड़ा हुआ पाती हैं। उन्हें माधुरी के चरित्र में खुद की छवि नजर आती है। संपत के अनुसार, यह बिल्कुल ऐसा है, जैसे पर्दे पर मैं ही हूं। जागरुक समूह 'गुलाब गैंग' की संस्थापक पाल ने कहा, फिल्म को लेकर मेरी लड़ाई अब भी जारी है। जब तक मेरी मांग नहीं मान ली जाती, तब तक मैं अपनी लड़ाई जारी रखूंगी। हालांकि माधुरी ने निश्चित ही अपनी अभिनय क्षमता से मुझे प्रभावित किया है। उन्होंने कहा, अपने जीवन के जिस दौर से मैं गुजर चुकी हूं, माधुरी के अभिनय ने वे यादें ताजा कर दीं। उन्होंने यह भी कहा कि अभिनेत्रियों को लेकर उनका कोई विरोध नहीं है, उनका विरोध अभिनव सिन्हा सहित फिल्म के निर्माताओं से है। फिल्म की रिलीज रोकने के लिए पाल ने अदालत का रुख किया था। उन्होंने दावा किया था कि फिल्म बनाने से पहले उनकी मंजूरी नहीं ली गई थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह मानहानि का मामला है, जिससे उनकी प्रतिष्ठा प्रभावित हुई है। गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने देश भर में फिल्म को रिलीज करने की अनुमति दी थी, लेकिन कोर्ट ने यह निर्देश दिया था कि फिल्म दिखाने से पहले यह खंडन संदेश प्रसारित किया जाए कि फिल्म की कहानी का पाल के जीवन या उनके संगठन से कोई संबंध नहीं है।
साल 2018 के पहले ही दिन भीषण ट्रैफिक जाम से जूझने के बाद 2 जनवरी को भी दिल्ली में ट्रैफिक जाम देखने को मिला. आश्रम से मूलचंद तो वहीं यमुना बाज़ार इलाके में मंगलवार को ट्रैफिक जाम देखने को मिला. नए साल का पहला मंगलवार होने के कारण यमुना बाज़ार के हनुमान मंदिर में दर्शन करने वालों का तांता लगा रहा जिसके चलते वहां पैदल चलने वालों की संख्या रोज़ के मुकाबले ज़्यादा रही. इसके अलावा जो लोग अपनी गाड़ियों से मंदिर पहुंचे थे, उन्होंने गाड़ियां सड़कों पर ही पार्क कर दी, जिसके चलते वहां ट्रैफिक रेंग रेंग कर चला. आपको बता दें कि पूर्वी दिल्ली, आईटीओ और साउथ दिल्ली से कश्मीरी गेट आईएसबीटी जाने वाले लोग इसी रोड का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में यहां यातायात का दवाब पहले ही बहुत ज़्यादा होता है और मंदिर में दर्शन करने आए लोगों के कारण भीड़ और ज़्यादा बढ़ गई. आखिरकार दोपहर बाद दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने छत्ता रेल से हनुमान मंदिर की ओर जाने वाले रोड को बंद कर दिया जिसकी जानकारी ट्विटर पर साझा की गई. इसके अलावा आश्रम से मूलचंद और एम्स जाने वाली सड़क पर भी लोगों को घंटों ट्रैफिक जाम से दो चार होना पड़ा. यहां रिंग रोड पर बने लाजपत नगर फ्लाईओवर पर मरमम्त का काम चल रहा है जिसके चलते पुल पर यातायात को रोक दिया गया है और वैकल्पिक रास्तों से ट्रैफिक को निकाला जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद मंगलवार को यहां भारी ट्रैफिक जाम देखने को मिला. दरअसल नोएडा से डीएनडी के ज़रिए दिल्ली आने वाले लोग हों या फिर पूर्वी दिल्ली और गाजियाबाद से सराय काले खां होते हुए मूलचंद और एम्स के साथ साथ गुरुग्राम जाने वाले लोग रिंग रोड के इसी हिस्से का सबसे ज़्यादा इस्तेमाल करते हैं और ट्रैफिक पुलिस द्वारा सुझाए गए वैकल्पिक रास्ते के बावजूद बडी संख्या में इस सड़क का इस्तेमाल करने के कारण मंगलवार को यहां जाम देखने को मिला. दरअसल तीन दिनों की छुट्टी के बाद मंगलवार को बड़ी संख्या में लोग अपने दफ्तरों के लिए निकले जिसके चलते सड़क पर गाड़ियों का दवाब बहुत ज्यादा रहा और यही ट्रैफिक जाम का एक बड़ा कारण बना.
फोर्ड वी फेरारी जेम्स मैंगोल्ड द्वारा निर्देशित और Jez बटरवर्थ, जॉन-हेनरी बटरवर्थ, और जेसन केलर द्वारा लिखित एक 2019 अमेरिकी स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म है। इसमें मैट डेमन और क्रिश्चियन बेल, जॉन बर्नथल, कैटरियन बाल्फे, ट्रेसी लेट्स, जोश लुकास, नूह ज्यूप, रेमो गिरेन और रे मैककिनोन के साथ सहायक भूमिकाओं में हैं। मोटर वाहन दूरदर्शी कैरोल शेल्बी और उनके ब्रिटिश ड्राइवर, केन माइल्स के नेतृत्व में प्लॉट अमेरिकी इंजीनियरों और डिजाइनरों की एक निर्धारित टीम का अनुसरण करता है, जिन्हें हेनरी फोर्ड II और ली इकोका द्वारा फोर्ड जीटी 40 के निर्माण के मिशन के साथ एक नई रेसिंग कार के साथ भेजा जाता है। अंततः 1966 24 घंटे फ्रांस में ले मैन्स की दौड़ में फेरारी रेसिंग टीम के प्रमुख हारने की क्षमता। फिल्म के निर्माण के शुरुआती चरणों में, टॉम क्रूज़ और ब्रैड पिट को अभिनीत भूमिकाओं में रखा गया, लेकिन वे योजनाएँ गिर गईं। मैंगोल्ड को फिर फरवरी 2018 में काम पर रखा गया और डेमन, बेल और बाकी कलाकार उस गर्मी में शामिल हुए। जुलाई 2018 में कैलिफोर्निया में फिल्मांकन शुरू हुआ और दो महीने तक चला। इस फिल्म का 30 अगस्त, 2019 को टेलुराइड फिल्म फेस्टिवल में वर्ल्ड प्रीमियर हुआ था, और संयुक्त राज्य अमेरिका में 15 नवंबर को 20 वीं शताब्दी फॉक्स द्वारा रिलीज़ किया गया था। फिल्म ने दुनिया भर में $ 222 मिलियन की कमाई की है और आलोचकों से प्रशंसा प्राप्त की, जिन्होंने प्रदर्शन और रेसिंग दृश्यों की सराहना की। इसे नेशनल बोर्ड ऑफ रिव्यू ने वर्ष की दस सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक के रूप में चुना था, और 92 वें अकादमी पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ नामांकन सहित चार नामांकन प्राप्त किए। यह पहली ऑटो रेसिंग-संबंधित फिल्म है, जिसके लिए नामांकन किया गया। बेस्ट पिक्चर ऑस्कर। उनके प्रदर्शन के लिए, बेल को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए गोल्डन ग्लोब पुरस्कार - ड्रामा और प्रमुख भूमिका में पुरुष अभिनेता द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए स्क्रीन एक्टर्स गिल्ड अवार्ड के लिए नामित किया गया था। भूखंड अमेरिकी कार डिजाइनर कैरोल शेल्बी और ड्राइवर केन माइल्स ने 1966 में ली मैन्स के 24 घंटों में फेरारी को हराने के लिए फोर्ड के लिए एक क्रांतिकारी दौड़ कार बनाने के लिए कॉर्पोरेट हस्तक्षेप और भौतिकी के नियमों का युद्ध किया। उत्पादन फोर्ड और फेरारी के बीच ले मैंस धीरज की दौड़ में वर्चस्व के लिए प्रतिद्वंद्विता पर आधारित एक फिल्म लंबे समय से 21 वें फॉक्स में काम करती थी। शुरुआत में, यह जेसन केलर की एक मूल पटकथा से टॉम क्रूज़ और ब्रैड पिट को अभिनीत करने जा रहा था, लेकिन लेखक जेज़ बटरवर्थ और जॉन-हेनरी बटरवर्थ ने एक स्क्रिप्ट का मसौदा तैयार किया और जोसफ कोसिंस्की को निर्देशन के लिए लाया गया था। 5 फरवरी, 2018 को, यह घोषणा की गई कि जेम्स मैंगोल्ड को जेसन केलर, जेज़ बटरवर्थ और जॉन-हेनरी बटरवर्थ द्वारा पिछली स्क्रिप्ट के आधार पर फिल्म का निर्देशन करने के लिए लाया गया था। बाद में, कैटरियन बाल्फ़, जॉन बर्नथल और नूह ज्यूप ईसाई भूमिकाओं और मैट डेमन के साथ मुख्य भूमिकाओं में शामिल हुए। जुलाई 2018 में, जैक मैकमुलेन को माइल्स के प्रमुख ब्रिटिश यांत्रिकी में से एक की भूमिका निभाने के लिए फिल्म में लिया गया था, और ट्रेसी लेट्स भी जो विलियमसन के साथ, हेनरी फोर्ड II की भूमिका निभाने में शामिल हो गए। अगस्त 2018 में, जे जे फील्ड को ऑटोमोटिव इंजीनियर रॉय लून, इंग्लैंड में फोर्ड एडवांस्ड वाहनों के प्रमुख और हेनरी फोर्ड II के दाहिने हाथ वाले व्यक्ति की भूमिका निभाने के लिए चुना गया था। संगीतकार मार्को बेल्ट्रामी ने एक साक्षात्कार में पुष्टि की कि वह फिल्म स्कोरिंग करेंगे, बेल्ट्रामी ने इससे पहले 3:10 पर युमा, द वूल्वरिन और लोगान के साथ काम किया था। 30 जुलाई, 2018 को फिल्मांकन शुरू हुआ, और 67 दिनों तक चला, कैलिफोर्निया में हुआ; न्यू ऑरलियन्स, लुइसियाना; अटलांटा ; सावन ; और स्टेट्सबोरो, जॉर्जिया, साथ ही ले मैन्स, फ्रांस। डेटोना के रूप में फिल्म में दिखाई देने वाले रेस दृश्य फोंटाना में ऑटो क्लब स्पीडवे पर फिल्माए गए थे; कई अन्य रेस दृश्यों को होंडा टेस्ट ट्रैक ( रिवरसाइड इंटरनेशनल रेसवे के लिए दोहरीकरण) में मोजावे घाटी और कार्सन में पोर्श अनुभव ( डियरबॉर्न टेस्ट ट्रैक के लिए) में फिल्माया गया था। जॉर्जिया में पटरियों पर कुछ दृश्य फिल्माए गए। ल माँ grandstands, गड्ढ़े, और गैरेज में दोहराया गया Agua Dulce Airpark में अगुआ Dulce । हैंगर ऐसा क्षेत्र है जहां कारों विकसित किए गए (मूल रूप से LAX पर) में फ़िल्माया गया ओंटारियो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में ओंटारियो । रिलीज़ इस फिल्म का 30 अगस्त 2019 को टेलुराइड फिल्म फेस्टिवल में प्रीमियर किया, और 9 सितंबर, 2019 को टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित किया गया। इसे बाद में संयुक्त राज्य अमेरिका में 15 नवंबर को 20 वीं सेंचुरी फॉक्स द्वारा 2 डी, आईमैक्स और डॉल्बी सिनेमा प्रारूपों में जारी किया गया था। यह पहले 28 जून को रिलीज़ होने वाली थी। बॉक्स ऑफिस 5 फरवरी, 2020 तक, फोर्ड वी फेरारी ने संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में $ 115.6 मिलियन और अन्य प्रदेशों में $ 106.6 मिलियन की कमाई की, जो कि दुनिया भर में कुल 222.2 मिलियन डॉलर है। संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में, फिल्म चार्लीज़ एंजेल्स और द गुड लायर के साथ रिलीज़ हुई थी, और इसके शुरुआती सप्ताहांत में 3528 थिएटरों से $23-30 मिलियन की सकल कमाई का अनुमान लगाया गया था। इसने अपने पहले दिन 10.9 मिलियन डॉलर कमाए, जिसमें गुरुवार रात के साक्षात्कार से $ 2.1 मिलियन भी शामिल थे। यह बॉक्स ऑफिस पर टॉप करने के लिए $ 31.5 मिलियन की शुरुआत हुई। अपने दूसरे सप्ताहांत में फिल्म 50% से $ 15.7 मिलियन तक गिर गई, दूसरे में नवागंतुक फ्रोजन द्वितीय से पीछे रह गई, और फिर अपने तीसरे सप्ताहांत में $ 16 मिलियन कमाए (तीसरे दिन पांच मिलियन धन्यवाद सहित)। इसके बाद के हफ्तों में यह अच्छी तरह से जारी रहा, $ 6.7 मिलियन और $ 3.1 मिलियन अपने चौथे और पांचवें सप्ताहांत में। संदर्भ बाहरी कड़ियाँ अंग्रेज़ी फ़िल्में अमेरिकी फ़िल्में 2019 की फ़िल्में
सिकंदर लोदी का मकबरा, जो कि लोधी गार्डन, नई दिल्ली, भारत में स्थित है। यह मकबरा लोदी वंश के दूसरे शासक सिकंदर लोदी (शासनकाल: 1489-1517 ईस्वी) का मकबरा है, जो कि उनके बेटे इब्राहिम लोदी द्वारा 1517-1518 ईस्वी मे बनाया गया था। यह् स्मारक बड़ा गुंबद से 100 मीटर की दूरी पर स्थित है और जिस क्षेत्र में यह स्थित है उसे औपचारिक रूप से ग्राम खैरपुर कहा जाता था। इतिहास सिकंदर लोदी जिनके जन्म का नाम निजाम खान था वह बहलुल लोदी के पुत्र थे। वह 1489 और 1517 के बीच दिल्ली के सुल्तान थे और 1489 में अपने पिता की मृत्यु के बाद, सिकंदर लोधी ने उसी वर्ष शासन संभाला और 1517 ईस्वी में अपनी मृत्यु तक शासन किया। 1517 ई. में सिकंदर लोदी की मृत्यु के बाद उनके पुत्र इब्राहिम लोदी ने उनका मकबरा बनवाया। सिकंदर लोदी का मकबरा मुहम्मद शाह के मकबरे से कुछ हिस्सों में प्रेरित था जो कि लोधी गार्डन में हि स्थित है। निर्माण और वास्तुकला सिकंदर लोदी का मकबरा मुहम्मद शाह के मकबरे से काफी हिस्सों में प्रेरित था। यह एक अष्टकोणीय बनावट है और इसकि स्थापत्य शैली इंडो-इस्लामिक है। यह मकबरा भारतीय उपमहाद्वीप में पहला उद्यान मकबरा है और भारत का सबसे पुराना सुरक्षित संलग्न उद्यान मकबरा है। यह मकबरा एक किलाबन्द परिसर के भीतर संलग्न है, जिसका प्रवेश द्वार दक्षिण की ओर से किया गया है। जिसमें मुख्य प्रवेश द्वार के साथ दो छत्र के आकार के गुंबद (मंडप) हैं, जिसे इमारत के समरूप और सापेक्ष अनुपात को संरक्षित करने के लिए बनाया गया था। सामने चबूतरे पर दोनों मंडपों में नीली टाइलों के अवशेष हैं।[8] मकबरा एक बड़े बगीचे और ऊंची चारदीवारी के बीच में स्थित है। मकबरे का कक्ष एक विस्तृत बरामदे से घिरा हुआ है जिसमें नक्काशीदार खंभे हैं जिनमें से प्रत्येक पक्ष तीन मेहराबों से छेदा गया है और कोण ढलान वाले बटों द्वारा कब्जा कर लिया गया है। मकबरे की दीवारों पर मुगल वास्तुकला के डिजाइन हैं और दीवारों पर कई विदेशी भाषाएं खुदी हुई हैं। मकबरे को विभिन्न रंगों की तामचीनी टाइलों से सजाया गया है। परिसर के अंदर, पश्चिमी दीवार कि एक दीवार को मस्जिद के रूप में दर्शया गया है क्योंकि किबला को मेहराब और सामने के पक्के क्षेत्र के माध्यम से दर्शाया गया है। इन्हें भी देखें इब्राहिम लोदी का मकबरा सन्दर्भ दिल्ली के दर्शनीय स्थल
अमीचन्द (मृत्यु 1767 ई.), संभवतः वास्तविक नाम अमीरचंद का बंगाली उच्चारण। उन षयन्त्रों के रचने में उसकी प्रमुख भूमिका थी जिनके परिणामस्वरूप प्लासी के युद्ध हुआ था। नितान्त स्वार्थ लाभ से प्रेरित होकर इसने अँग्रेजों की यथेष्ट सहायता की और अँगरेजों के व्यावसायिक संपर्क में आकर बहुत सारा धन अर्जित कर लिया। किंतु, इतिहास में उसका नाम अपरिचित ही रहता यदि प्लासी युद्ध के पूर्व क्लाइव के अनैतिक आचरण से इंग्लैंड की पार्लियामेंट में तथा अँग्रेज इतिहासकारों द्वारा क्लाइव के कार्य की कटु आलोचना न हुई होती। सामयिक अंग्रेजों ने तथा उन्हीं के आधार पर इतिहासकार मेकाले ने उसे बंगाली बताया है; किन्तु वस्तुतः वह अमृतसर का रहनेवाला सिक्ख व्यवसायी था और दीर्घ काल से कलकते में बस गया था। अँग्रेजों के प्रभुत्व का प्रसार सर्वप्रथम दक्षिण में हुआ, किन्तु अँग्रेजी साम्राज्य के संस्थापन की नींव बंगाल में ही पड़ी। बंगाल में, व्यवसायलाभ की भावना से प्रेरित होकर अँग्रेजों के सर्वप्रथम सम्पर्क में आनेवाले भारतीय व्यवसायी ही थे। अलीवर्दी खाँ के कठोर नियन्त्रण में तो अँग्रेज अपने प्रभुत्व का विस्तार करने में असमर्थ रहे; किंतु अल्पवयस्क, अपरिपक्वबुद्धि तथा उद्धतप्रकृति सिराजुद्दौला के राज्यारोहण से यह सम्भव हो सका। नितान्त स्वार्थ लाभ से प्रेरित होकर अमीचंद ने अँग्रेजों की यथेष्ट सहायता की; किंतु, इतिहास में उसका नाम अपरिचित ही रहता यदि प्लासी युद्ध के पूर्व क्लाइव के अनैतिक आचरण से इंग्लैंड की पार्लियामेंट में तथा अँग्रेज इतिहासकारों द्वारा क्लाइव के कार्य की कटु आलोचना न हुई होती। अमीचंद ने अँगरेजों के व्यावसायिक संपर्क में आकर यथेष्ट धन अर्जित कर लिया था। कूटनीतिज्ञता के दृष्टिकोण से वैध या अवैध उपायों से, अँग्रेजों के सामूहिक तथा व्यक्तिगत लाभ की अभिवृद्धि के लिए, सिराजुद्दौला के राज्यारोहण के बाद सिराजुद्दौला के प्रभुत्व का दमन कर अव्यवस्थित शासन को और भी अव्यवस्थित बनाना तत्कालीन अँग्रेजों की दृष्टि से वांछनीय था। इस घटनाक्रम में सिराजुद्दौला ने अंग्रेजों के मुख्य व्यावसायिक केंद्र कलकत्ता पर आक्रमण करने का निश्चय किया। इस आक्रमण के पूर्व अँग्रेजों ने केवल संदेह के आधार पर अमीचंद को बंदी बनाने के लिए सिपाही भेजे। सिपाहियों ने अमीचंद के अंतःपुर पर आक्रमण कर दिया। अममानित होने से बचने के लिए अंत:पुर की तेरह स्त्रियों की हत्या कर दी गई। ऐसे मर्मातक अपमान के होने पर भी अमीचंद ने अंग्रेजों का साथ दिया। कलकत्ता पतन के बाद उसने अनेक अँग्रेज शरणार्थियों को आश्रय दिया तथा अन्य प्रकारों से भी सहायता प्रदान की। क्लाइव ने अमीचंद को वाट्स का दूत बनाकर नवाब की राजधानी मुर्शिदाबाद भेजा। इस स्थिति में उसने अँग्रेजों को अमूल्य सहायता प्रदान की। संभवतः, चंद्रनगर पर अँग्रेजों के आक्रमण के लिए नवाब से अनुमति दिलवाने में अमीचन्द का ही हाथ था। उसी ने नवाब के प्रमुख अधिकारी महाराज नंदकुमार को सिराजुद्दौला से विमुख कर अँग्रेजों का तरफदार बनाया। नवाब के विरुद्ध जगतसेठ ने मीरजाफ़र के साथ अंग्रेजों ने जिस गुप्त षड्यंत्र का आयोजन किया था उसमें भी अमीचंद का बहुत बड़ा हाथ था। बाद में, जब क्लाइव के साथ मीरजाफर की संधिवार्ता चल रही थी, अमीचंद ने अँग्रेजों को धमकी दी कि यदि सिराजुद्दौला की पदच्युति के बाद प्राप्त खजाने का पाँच प्रतिशत उसे न दिया जाएगा तो वह सब भेद नवाब पर प्रकट कर देगा। अमीचंद को विफलप्रयत्न करने के लिए दो संधिपत्र तैयार किए गए। एक नकली, जिसमें अमीचंद को पाँच प्रतिशत भाग देना स्वीकार किया गया था; दूसरा असली, जिसमें यह अंश छोड़ दिया गया था। ऐडमिरल वाट्सन ने नकली संधिपत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। तब क्लाइव ने उसपर वाट्सन के हस्ताक्षर नकल कर, वह नकली संधिपत्र अमीचंद को दिखा, उसे आश्वस्त कर दिया। सामयिक इतिहासकार ओर्मी का कथन है कि सिराजुद्दौला की पदच्युति के बाद जब वास्तविक स्थिति अमीचंद को बताई गई तो इस आघात से उसका मस्तिष्क विकृत हो गया तथा कुछ समय उपरान्त उसकी मृत्यु हो गई। किन्तु, इतिहासकार बेवरिज के मतानुसार वह दस वर्ष और जीवित रहा। अँग्रेजों से उसके संपर्क बने रहे जिसका प्रमाण यह है कि उसने फाउंड्लिंग अस्पताल को दो हजार पाउण्ड दान दिए जिसकी भित्ति पर 'कलकत्ते के काले व्यवसायी' की सहायता स्वीकृत है। उसने लन्दन के मेग्डालेन अस्पताल को भी दान दिया था। सन्दर्भ इन्हें भी देखें भारत में ब्रिटिश काल में भ्रष्टाचार भारत का इतिहास भ्रष्टाचार
८०-९५ से.मी. लंबा यह मध्यम आकार का गिद्ध औसतन भारतीय गिद्ध जितना ही लंबा होता है। यह क़रीब पूरा ही स्लेटी रंग का होता है। जांघों में सफ़ेद पंख होते हैं। इसकी गर्दन लंबी, काली तथा गंजी होती है। कानों के छिद्र खुले हुये और साफ़ दिखाई देते हैं।
यह एक लेख है: वैश्विक कारकों को रुपये की कीमत में गिरावट की वजह बताते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गर्वनर डी सुब्बाराव ने गुरुवार को कहा कि यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि भारतीय मुद्रा के मूल्य में कब तक सुधार होगा। इंदौर से करीब 60 किलोमीटर दूर खुर्दा गांव में आरबीआई के वित्तीय साक्षरता और समावेशन कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं ने जब सुब्बाराव से पूछा कि रुपये की कीमत में कब तक सुधार होने का अनुमान है, तो उन्होंने जवाब दिया, ‘यह कहना मुश्किल है। पिछले छह हफ्तों से रुपये की कीमत वैश्विक कारकों के चलते गिर रही है। यह भी सच है कि हमारा चालू खाता घाटा ऊंचे स्तर पर रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘हमें यह भी स्वीकार करना होगा कि पिछले दिनों कई वैश्विक घटनाक्रम हुए, जिनसे भारत समेत कई उभरते देशों की मुद्राओं के विनिमय दरों में तेज उठापटक हुई है।’ सुब्बाराव ने कहा, ‘कहना मुश्किल है कि यह असर कब तक बरकरार रहेगा, क्योंकि ये कारक हमारे नियंत्रण से बाहर हैं।’ देश में सोने के आयात के कायदे कड़े किए जाने और इसके आयात पर शुल्क बढ़ाने से इस पीली धातु की तस्करी बढ़ने के खतरे के सवाल पर आरबीआई गवर्नर ने कहा, ‘जाहिर तौर पर सरकार विश्वस्त है कि वह सोने की तस्करी पर अंकुश लगा सकती है और इस धातु के आयात पर शुल्क बढ़ाकर इसे (आयात को) नियंत्रित कर सकती है।’ देश में नए बैंक खोलने के लिए सरकारी और निजी क्षेत्र की दिग्गज कम्पनियों के आवेदनों पर सुब्बाराव ने कहा, ‘हम कायदों के मुताबिक इन आवेदनों का मूल्यांकन करेंगे। हो सकता है कि सभी योग्य आवेदकों को बैंक खोलने के लायसेंस मिलना संभव न हो।’टिप्पणियां पिछले तीन महीनों में रुपये में करीब नौ प्रतिशत की गिरावट आई है और यह इसी सप्ताह 61.21 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर तक चला गया था। हालांकि, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख बेन बर्नान्के के इस बयान के बाद कि अमेरिका में मौद्रिक प्रात्साहनों को अभी जारी रखने की जरूरत है, रुपये में सुधार हुआ है। पिछले वित्त वर्ष में कैड सकल घरेलू उत्पाद के रिकॉर्ड उच्च स्तर 4.8 प्रतिशत पर पहुंच गया। खुर्दा गांव के कार्यक्रम में सुब्बाराव ने कहा कि केंद्रीय बैंक महंगाई पर नियंत्रण को प्रमुख प्राथमिकता देगा, जो अभी भी ऊंची बनी हुई है। इंदौर से करीब 60 किलोमीटर दूर खुर्दा गांव में आरबीआई के वित्तीय साक्षरता और समावेशन कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं ने जब सुब्बाराव से पूछा कि रुपये की कीमत में कब तक सुधार होने का अनुमान है, तो उन्होंने जवाब दिया, ‘यह कहना मुश्किल है। पिछले छह हफ्तों से रुपये की कीमत वैश्विक कारकों के चलते गिर रही है। यह भी सच है कि हमारा चालू खाता घाटा ऊंचे स्तर पर रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘हमें यह भी स्वीकार करना होगा कि पिछले दिनों कई वैश्विक घटनाक्रम हुए, जिनसे भारत समेत कई उभरते देशों की मुद्राओं के विनिमय दरों में तेज उठापटक हुई है।’ सुब्बाराव ने कहा, ‘कहना मुश्किल है कि यह असर कब तक बरकरार रहेगा, क्योंकि ये कारक हमारे नियंत्रण से बाहर हैं।’ देश में सोने के आयात के कायदे कड़े किए जाने और इसके आयात पर शुल्क बढ़ाने से इस पीली धातु की तस्करी बढ़ने के खतरे के सवाल पर आरबीआई गवर्नर ने कहा, ‘जाहिर तौर पर सरकार विश्वस्त है कि वह सोने की तस्करी पर अंकुश लगा सकती है और इस धातु के आयात पर शुल्क बढ़ाकर इसे (आयात को) नियंत्रित कर सकती है।’ देश में नए बैंक खोलने के लिए सरकारी और निजी क्षेत्र की दिग्गज कम्पनियों के आवेदनों पर सुब्बाराव ने कहा, ‘हम कायदों के मुताबिक इन आवेदनों का मूल्यांकन करेंगे। हो सकता है कि सभी योग्य आवेदकों को बैंक खोलने के लायसेंस मिलना संभव न हो।’टिप्पणियां पिछले तीन महीनों में रुपये में करीब नौ प्रतिशत की गिरावट आई है और यह इसी सप्ताह 61.21 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर तक चला गया था। हालांकि, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख बेन बर्नान्के के इस बयान के बाद कि अमेरिका में मौद्रिक प्रात्साहनों को अभी जारी रखने की जरूरत है, रुपये में सुधार हुआ है। पिछले वित्त वर्ष में कैड सकल घरेलू उत्पाद के रिकॉर्ड उच्च स्तर 4.8 प्रतिशत पर पहुंच गया। खुर्दा गांव के कार्यक्रम में सुब्बाराव ने कहा कि केंद्रीय बैंक महंगाई पर नियंत्रण को प्रमुख प्राथमिकता देगा, जो अभी भी ऊंची बनी हुई है। उन्होंने कहा, ‘हमें यह भी स्वीकार करना होगा कि पिछले दिनों कई वैश्विक घटनाक्रम हुए, जिनसे भारत समेत कई उभरते देशों की मुद्राओं के विनिमय दरों में तेज उठापटक हुई है।’ सुब्बाराव ने कहा, ‘कहना मुश्किल है कि यह असर कब तक बरकरार रहेगा, क्योंकि ये कारक हमारे नियंत्रण से बाहर हैं।’ देश में सोने के आयात के कायदे कड़े किए जाने और इसके आयात पर शुल्क बढ़ाने से इस पीली धातु की तस्करी बढ़ने के खतरे के सवाल पर आरबीआई गवर्नर ने कहा, ‘जाहिर तौर पर सरकार विश्वस्त है कि वह सोने की तस्करी पर अंकुश लगा सकती है और इस धातु के आयात पर शुल्क बढ़ाकर इसे (आयात को) नियंत्रित कर सकती है।’ देश में नए बैंक खोलने के लिए सरकारी और निजी क्षेत्र की दिग्गज कम्पनियों के आवेदनों पर सुब्बाराव ने कहा, ‘हम कायदों के मुताबिक इन आवेदनों का मूल्यांकन करेंगे। हो सकता है कि सभी योग्य आवेदकों को बैंक खोलने के लायसेंस मिलना संभव न हो।’टिप्पणियां पिछले तीन महीनों में रुपये में करीब नौ प्रतिशत की गिरावट आई है और यह इसी सप्ताह 61.21 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर तक चला गया था। हालांकि, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख बेन बर्नान्के के इस बयान के बाद कि अमेरिका में मौद्रिक प्रात्साहनों को अभी जारी रखने की जरूरत है, रुपये में सुधार हुआ है। पिछले वित्त वर्ष में कैड सकल घरेलू उत्पाद के रिकॉर्ड उच्च स्तर 4.8 प्रतिशत पर पहुंच गया। खुर्दा गांव के कार्यक्रम में सुब्बाराव ने कहा कि केंद्रीय बैंक महंगाई पर नियंत्रण को प्रमुख प्राथमिकता देगा, जो अभी भी ऊंची बनी हुई है। सुब्बाराव ने कहा, ‘कहना मुश्किल है कि यह असर कब तक बरकरार रहेगा, क्योंकि ये कारक हमारे नियंत्रण से बाहर हैं।’ देश में सोने के आयात के कायदे कड़े किए जाने और इसके आयात पर शुल्क बढ़ाने से इस पीली धातु की तस्करी बढ़ने के खतरे के सवाल पर आरबीआई गवर्नर ने कहा, ‘जाहिर तौर पर सरकार विश्वस्त है कि वह सोने की तस्करी पर अंकुश लगा सकती है और इस धातु के आयात पर शुल्क बढ़ाकर इसे (आयात को) नियंत्रित कर सकती है।’ देश में नए बैंक खोलने के लिए सरकारी और निजी क्षेत्र की दिग्गज कम्पनियों के आवेदनों पर सुब्बाराव ने कहा, ‘हम कायदों के मुताबिक इन आवेदनों का मूल्यांकन करेंगे। हो सकता है कि सभी योग्य आवेदकों को बैंक खोलने के लायसेंस मिलना संभव न हो।’टिप्पणियां पिछले तीन महीनों में रुपये में करीब नौ प्रतिशत की गिरावट आई है और यह इसी सप्ताह 61.21 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर तक चला गया था। हालांकि, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख बेन बर्नान्के के इस बयान के बाद कि अमेरिका में मौद्रिक प्रात्साहनों को अभी जारी रखने की जरूरत है, रुपये में सुधार हुआ है। पिछले वित्त वर्ष में कैड सकल घरेलू उत्पाद के रिकॉर्ड उच्च स्तर 4.8 प्रतिशत पर पहुंच गया। खुर्दा गांव के कार्यक्रम में सुब्बाराव ने कहा कि केंद्रीय बैंक महंगाई पर नियंत्रण को प्रमुख प्राथमिकता देगा, जो अभी भी ऊंची बनी हुई है। देश में सोने के आयात के कायदे कड़े किए जाने और इसके आयात पर शुल्क बढ़ाने से इस पीली धातु की तस्करी बढ़ने के खतरे के सवाल पर आरबीआई गवर्नर ने कहा, ‘जाहिर तौर पर सरकार विश्वस्त है कि वह सोने की तस्करी पर अंकुश लगा सकती है और इस धातु के आयात पर शुल्क बढ़ाकर इसे (आयात को) नियंत्रित कर सकती है।’ देश में नए बैंक खोलने के लिए सरकारी और निजी क्षेत्र की दिग्गज कम्पनियों के आवेदनों पर सुब्बाराव ने कहा, ‘हम कायदों के मुताबिक इन आवेदनों का मूल्यांकन करेंगे। हो सकता है कि सभी योग्य आवेदकों को बैंक खोलने के लायसेंस मिलना संभव न हो।’टिप्पणियां पिछले तीन महीनों में रुपये में करीब नौ प्रतिशत की गिरावट आई है और यह इसी सप्ताह 61.21 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर तक चला गया था। हालांकि, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख बेन बर्नान्के के इस बयान के बाद कि अमेरिका में मौद्रिक प्रात्साहनों को अभी जारी रखने की जरूरत है, रुपये में सुधार हुआ है। पिछले वित्त वर्ष में कैड सकल घरेलू उत्पाद के रिकॉर्ड उच्च स्तर 4.8 प्रतिशत पर पहुंच गया। खुर्दा गांव के कार्यक्रम में सुब्बाराव ने कहा कि केंद्रीय बैंक महंगाई पर नियंत्रण को प्रमुख प्राथमिकता देगा, जो अभी भी ऊंची बनी हुई है। पिछले तीन महीनों में रुपये में करीब नौ प्रतिशत की गिरावट आई है और यह इसी सप्ताह 61.21 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर तक चला गया था। हालांकि, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख बेन बर्नान्के के इस बयान के बाद कि अमेरिका में मौद्रिक प्रात्साहनों को अभी जारी रखने की जरूरत है, रुपये में सुधार हुआ है। पिछले वित्त वर्ष में कैड सकल घरेलू उत्पाद के रिकॉर्ड उच्च स्तर 4.8 प्रतिशत पर पहुंच गया। खुर्दा गांव के कार्यक्रम में सुब्बाराव ने कहा कि केंद्रीय बैंक महंगाई पर नियंत्रण को प्रमुख प्राथमिकता देगा, जो अभी भी ऊंची बनी हुई है। खुर्दा गांव के कार्यक्रम में सुब्बाराव ने कहा कि केंद्रीय बैंक महंगाई पर नियंत्रण को प्रमुख प्राथमिकता देगा, जो अभी भी ऊंची बनी हुई है।
इन्फोसिस को बुरे समय से निकालने के पुराने दिनों को याद करते हुये चेयरमैन एनआर नारायणमूर्ति ने कहा कि इन्फोसिस को फिर से मनचाही ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए कम से कम तीन साल का समय लगेगा और इसके लिए कुछ कड़े फैसले लेने होंगे जो पीड़ादायक हो सकते हैं। सेवानिवृति के बाद एक बार फिर इन्फोसिस की कमान संभालने वाले मूर्ति ने कंपनी की 32वीं सालाना आम बैठक में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा ‘चुनौती कड़ी है और काम मुश्किल।’ सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की अग्रणी कंपनी इन्फोसिस पिछले कुछ समय से निराशाजनक परिणाम दे रही है जिससे निवेशकों में चिंता बढ़ गई है। कंपनी को फिर से ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए दो सप्ताह पहले ही नारायणमूर्ति को कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त किया गया।टिप्पणियां शेयरधारकों को संबोधित करते हुए मूर्ति ने कहा ‘कुशल गुणवत्ता और पूरी लगन के साथ काम करने वाली टीम होने के बावजूद जैसा हम चाहते हैं उस तरह का इन्फोसिस बनाने में कम से कम 36 महीने का समय लगेगा। इस प्रक्रिया में कुछ कड़े फैसले लेने होंगे जो कि बाद में पीड़ादायक हो सकते हैं।’ मूर्ति ने अगले तीन साल के दौरान कंपनी की इस अहम यात्रा में शेयरधारकों से उनके समर्थन का आह्वान किया। स्थिति को समझने, समर्थन देने और आगे बढ़ने में प्रोत्साहन की अपील की। मूर्ति ने इन्फोसिस के कार्यकारी की भूमिका सात साल पहले छोड़ दी थी और अगस्त 2011 को वह कंपनी से सेवानिवृत्त हो गए थे। केवी कामत के स्थान पर एक जून 2013 को फिर से उन्हें कंपनी का कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त किया गया। कामत के कार्यकाल में कंपनी के शेयर 15 प्रतिशत गिर गए थे। सेवानिवृति के बाद एक बार फिर इन्फोसिस की कमान संभालने वाले मूर्ति ने कंपनी की 32वीं सालाना आम बैठक में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा ‘चुनौती कड़ी है और काम मुश्किल।’ सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की अग्रणी कंपनी इन्फोसिस पिछले कुछ समय से निराशाजनक परिणाम दे रही है जिससे निवेशकों में चिंता बढ़ गई है। कंपनी को फिर से ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए दो सप्ताह पहले ही नारायणमूर्ति को कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त किया गया।टिप्पणियां शेयरधारकों को संबोधित करते हुए मूर्ति ने कहा ‘कुशल गुणवत्ता और पूरी लगन के साथ काम करने वाली टीम होने के बावजूद जैसा हम चाहते हैं उस तरह का इन्फोसिस बनाने में कम से कम 36 महीने का समय लगेगा। इस प्रक्रिया में कुछ कड़े फैसले लेने होंगे जो कि बाद में पीड़ादायक हो सकते हैं।’ मूर्ति ने अगले तीन साल के दौरान कंपनी की इस अहम यात्रा में शेयरधारकों से उनके समर्थन का आह्वान किया। स्थिति को समझने, समर्थन देने और आगे बढ़ने में प्रोत्साहन की अपील की। मूर्ति ने इन्फोसिस के कार्यकारी की भूमिका सात साल पहले छोड़ दी थी और अगस्त 2011 को वह कंपनी से सेवानिवृत्त हो गए थे। केवी कामत के स्थान पर एक जून 2013 को फिर से उन्हें कंपनी का कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त किया गया। कामत के कार्यकाल में कंपनी के शेयर 15 प्रतिशत गिर गए थे। शेयरधारकों को संबोधित करते हुए मूर्ति ने कहा ‘कुशल गुणवत्ता और पूरी लगन के साथ काम करने वाली टीम होने के बावजूद जैसा हम चाहते हैं उस तरह का इन्फोसिस बनाने में कम से कम 36 महीने का समय लगेगा। इस प्रक्रिया में कुछ कड़े फैसले लेने होंगे जो कि बाद में पीड़ादायक हो सकते हैं।’ मूर्ति ने अगले तीन साल के दौरान कंपनी की इस अहम यात्रा में शेयरधारकों से उनके समर्थन का आह्वान किया। स्थिति को समझने, समर्थन देने और आगे बढ़ने में प्रोत्साहन की अपील की। मूर्ति ने इन्फोसिस के कार्यकारी की भूमिका सात साल पहले छोड़ दी थी और अगस्त 2011 को वह कंपनी से सेवानिवृत्त हो गए थे। केवी कामत के स्थान पर एक जून 2013 को फिर से उन्हें कंपनी का कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त किया गया। कामत के कार्यकाल में कंपनी के शेयर 15 प्रतिशत गिर गए थे। मूर्ति ने इन्फोसिस के कार्यकारी की भूमिका सात साल पहले छोड़ दी थी और अगस्त 2011 को वह कंपनी से सेवानिवृत्त हो गए थे। केवी कामत के स्थान पर एक जून 2013 को फिर से उन्हें कंपनी का कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त किया गया। कामत के कार्यकाल में कंपनी के शेयर 15 प्रतिशत गिर गए थे।
आस्ट्रेलिया में लापता हो गये 21 वर्षीय एक भारतीय विद्यार्थी का शव सोमवार को विक्टोरिया के मैरीजविले क्षेत्र में मिला. पुलिस ने उसे ढूंढने के लिए एक स्थानीय बांध तक को खाली करा दिया था. मेलबर्न में शुक्रवार सुबह विश्वविद्यालय के छात्र पोशिक शर्मा की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी गयी थी. बृहस्पतिवार दोपहर तक वह अपने दोस्तों के साथ था. 'द एज' ने पुलिस के हवाले से खबर दी है कि सोमवार को मैरीजविले के बाहरी इलाके में झाड़ियों में पोशिक का शव मिला. बृहस्पतिवार को वह दोस्तों से मामूली कहासुनी होने के बाद मैरीजविले के एक पब से अकेला निकल गया था. पुलिस ने कहा कि इस मौत को संदेहास्पद के तौर पर नहीं लिया जा रहा है.  विक्टोरिया पुलिस, स्टेट इमरजेंसी सर्विस, कंट्री फायर ऑथोरिटी और विशेषज्ञ टीम के 90 से अधिक लोग पोशिक को ढूंढने में मैरीजविले और उसके आसपास जुटे थे. बचाव एवं राहत दल ने तो एक पूरे बांध को खाली करा दिया था. इस दल के अगुवा पुलिस इंस्पेक्टर डेविड रेयान ने कहा, 'उन्हें (परिवारवालों को) आशा थी कि जो प्रयास किया जा रहा है, उससे हम पोशिक को ढूंढ लेंगे लेकिन यह अच्छा नतीजा नहीं रहा' दरअसल शर्मा मेलबर्न के उपनगरीय क्षेत्र वेरीबे में रह रहा था और वह अपने दोस्तों के साथ लेक माउंटेन घूमने मैरीजविले गया था.
इस नए टीवी मॉडल को तीन साइज में उतारा गया है. ये नया स्मार्ट टीवी मॉडल पैचवॉल UI पर चलता है Xiaomi ने अपने TV पोर्टफोलियो को विस्तार देते हुए Mi Full Screen TV Pro लॉन्च कर दिया है. इसे चीन में एक इवेंट के दौरान लॉन्च किया गया. मी फुल स्क्रीन टीवी प्रो को 43-इंच, 55-इंच और 65-इंच में उतारा गया है. इन तीनों मॉडलों में 4K डिस्प्ले और पतले बेजल्स दिए गए हैं. स्लिक डिजाइन के अलावा शाओमी के नए टीवी मॉडलों में 8K वीडियो प्लेबैक सपोर्ट दिया गया है. Mi Full Screen TV Pro के सबसे छोटे 43-इंच मॉडल की कीमत CNY 1,499 (लगभग 15,000 रुपये), 55-इंच वेरिएंट की कीमत CNY 2,399 (लगभग 24,000 रुपये), वहीं 65-इंच वेरिएंट की कीमत CNY 3,399 (लगभग 34,000 रुपये) रखी गई है. चीन में इनकी बिक्री 27 सितंबर से शुरू हो सकती है. फिलहाल भारत में इनकी लॉन्चिंग के संदर्भ में कोई जानकारी सामने नहीं आई है. Mi Full Screen TV Pro के स्पेसिफिकेशन्स डिजाइन की बात करें तो इस टीवी मॉडल में प्रीमियम लुक के लिए एल्युमिनियम अलॉय फ्रेम का दिया गया है और यहां बैक में 3D कार्बन फाइबर पैटर्न मौजूद है. तीनों मॉडलों में डिस्प्ले 4K रिजोल्यूशन वाला है और इनमें 9th जनरेशन इमेज प्रोसेसिंग इंजन दिया गया है. Mi Full Screen TV Pro में 8K वीडियो प्लेबैक सपोर्ट दिया गया है और दावे के मुताबिक इस फीचर वाला सेगमेंट का ये पहला प्रोडक्ट है. पतले बेजल्स की वजह से इसका स्क्रीन-टू-बॉडी रेश्यो 97 प्रतिशत है. Mi Full Screen TV Pro में 2GB रैम और 32GB स्टोरेज के साथ 1.9GHz कस्टम 12nm क्वॉड कोर Amlogic T972 प्रोसेसर दिया गया है. शाओमी का ये नया टीवी मॉडल PatchWall UI पर चलता है और इसमें बिल्ट-इन  XiaoAi असिस्ट दिया गया है. साथ ही इसमें वॉयस कमांड भी दिया गया है.
2जी स्‍पेक्‍ट्रम घोटाले पर जेपीसी की बैठक में अब बीजेपी शामिल होगी. पिछले चार बार से बीजेपी नेता जेपीसी की बैठक का बहिष्कार कर रहे थे. पार्टी नेताओं की मांग थी कि 2जी मामले में प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री को भी बतौर गवाह बुलाया जाए. इसी को लेकर पार्टी नेता लगातार जेपीसी का बहिष्कार कर रहे थे. फिलहाल पार्टी के नेताओं का कहना है कि बैठक में शामिल होकर वो अपनी मांग को मानने पर जोर डालेंगे. उनके पास इस मसले पर कुछ और सबूत भी आ गया है.
जॉन फ्रांसिस क्लॉसर (/ ˈklaʊzər/; जन्म 1 दिसंबर, 1942) एक अमेरिकी सैद्धांतिक और प्रायोगिक भौतिक विज्ञानी हैं, जिन्हें क्वांटम यांत्रिकी की नींव में योगदान के लिए जाना जाता है, विशेष रूप से क्लॉसर-हॉर्न-शिमोनी-होल्ट असमानता। क्लॉसर को भौतिकी में 2022 के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया, संयुक्त रूप से एलेन एस्पेक्ट और एंटोन ज़िलिंगर के साथ "उलझे हुए फोटॉनों के साथ प्रयोगों के लिए, बेल असमानताओं के उल्लंघन की स्थापना और क्वांटम सूचना विज्ञान में अग्रणी"। क्लॉसर को 2010 में एलेन एस्पेक्ट और एंटोन ज़िलिंगर के साथ भौतिकी में वुल्फ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इन तीनों को संयुक्त रूप से 2022 में भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। संदर्भ नोबेल पुरस्कार विजेता भौतिक विज्ञानी जीवित लोग 1942 में जन्मे लोग
वानखेड़े स्टेडियम में शनिवार को होने वाला विश्व कप का फाइनल मुकाबला कई लिहाज से अहम होगा। सर्वप्रथम, विश्व कप के इतिहास में पहली बार दो एशियाई टीमें फाइनल में भिड़ेंगी और दूसरा यह मैच विश्व क्रिकेट के धुरंधर स्पिन गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन का अंतिम विश्व कप मैच होगा। इस मैच के बाद मुरलीधरन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लेंगे। भारत के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले के बाद पाकिस्तान के शोएब अख्तर ने भी संन्यास ले लिया। इसकी कुछ खास चर्चा नहीं हुई, लेकिन मुरलीधरन का अगले विश्व कप में नहीं खेलना क्रिकेट प्रेमियों को बेहद खलेगा। मुरलीधरन टेस्ट मैचों में 800वां विकेट झटकने के बाद इस विधा से संन्यास ले चुके हैं और उसके तुरंत बाद मुरली ने कहा था कि वह इस विश्व कप के बाद एकदिवसीय मैचों से भी संन्यास ले लेंगे। श्रीलंकाई कप्तान कुमार संगकारा ने कहा है कि उनकी टीम टेस्ट मैचों में 800 और एकदिवसीय मैचों में 534 विकेट लेने वाले इस चैम्पियन गेंदबाज के लिए खिताब जीतने का प्रयास करेगी। दूसरी ओर, 36 वर्षीय सचिन के लिए भी संभवत: यह आखिरी विश्व कप होगा, लेकिन वह आगे भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सक्रिय रहेंगे। मुरली से उलट सचिन को अब तक इस बात का मलाल है कि विश्व क्रिकेट के बल्लेबाजी के तमाम रिकॉर्ड अपने नाम करने के बावजूद उन्हें अब भी विश्व कप ट्रॉफी की कमी खल रही है। मुरली का मामला इससे भिन्न है, क्योंकि वह 1996 में विश्व कप जीतने वाली टीम के सदस्य रहे हैं। भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और उनके सभी साथी चाहेंगे कि वे सचिन को विश्व कप की समाप्ति तक यह तोहफा दें और इसी लिहाज से फाइनल मैच के रोचक और रोमांचक होने की उम्मीद है। दो एशियाई टीमें पहली बार फाइनल में पहुंचकर अपने एक-एक महान खिलाड़ियों को शानदार ढंग से विश्व कप से विदाई देना चाहेंगी। सचिन के लिए यह मैच एक और वजह से खास है। वह अब तक 99 अंतरराष्ट्रीय शतक लगा चुके हैं। मोहाली में वह 15 रनों से शतक से चूक गए थे, लेकिन अगर उनका 100वां शतक मुंबई में लगता है और उसकी मदद से भारत खिताब जीतता है, तो यह भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों और खुद सचिन के लिए किसी सपने के सच होने से कम नहीं होगा।
लेख: आम आदमी पार्टी (आप) ने पार्टी पदाधिकारियों को कड़ा संदेश देते हुए टिकट दिलाने के बदले में धन मांगने के आरोप में आज उत्तर प्रदेश के दो पार्टी नेताओं को निष्कासित कर दिया। दिल्ली में तिलक लेन स्थित अपने निवास पर आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन में अवध जोन की संयोजक अरुणा सिंह और हरदोई के कोषाध्यक्ष अशोक कुमार को लोकसभा चुनाव में टिकट दिलाने के लिए पैसे मांगने के आरोप में बर्खास्त करने की घोषणा की। केजरीवाल ने कहा, ‘पिछले कुछ दिनों के दौरान हमें शिकायत मिली कि जिला स्तर पर हमारे पार्टी कार्यकर्ता पार्टी टिकट के बदले पैसे ले रहे हैं। हमने शुरू में इसे झूठ पाया’। उन्होंने कहा ‘इन दोनों ने संभावित उम्मीदवारों को टिकट दिलाने के लिए पैसे मांगे। हमें शिकायत मिली, जिसके बाद हमने सबूत मांगा। जब पार्टी ने सबूत पर गौर किया तब आरोप सही निकले’।  उन्होंने कहा, ‘लेकिन, किसी तरह का लेन-देन नहीं हुआ। सबूत के आधार पर हमने दोनों को बर्खासस्त करने का फैसला किया’। आप संयोजक ने कहा कि पार्टी 3-4 और मामलों की जांच कर रही है। पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा कि सीतापुर के राजेश कुमार ने आरेाप लगाया था कि टिकट के बदले पैसे लिए जा रहे हैं, जिसके बाद एक खबरिया चैनल द्वारा स्टिंग किया गया। केजरीवाल ने मीडिया और पार्टी से टिकट की उम्मीद पाले लोगों से भी किसी के द्वारा टिकट के बदले धन मांगने पर स्टिंग ऑपरेशन करने को कहा। उन्होंने कहा, ‘मैं स्पष्ट संदेश दे रहा हूं कि जो कोई भी टिकट के लिए पैसा देगा, उसका पैसा बर्बाद चला जाएगा। हम उस उम्मीदवार का टिकट भी रद्द कर देंगे जिसने पैसा दिया है’। हालांकि उन्होंने उत्तर पश्चिम दिल्ली से आप की उम्मीदवार और दिल्ली की पूर्व मंत्री राखी बिड़लान पर लगे आरोपों का खंडन किया। राखी ने पूर्व आप प्रत्याशी महेंद्र सिंह का स्थान लिया है। आरोप लगाया गया था बिड़लान ने सिंह के लिए प्रचार करने के लिए सात लाख रुपया मांगा था। केजरीवाल ने कहा, ‘हमने उनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच की। वे असत्य हैं’। उन्होंने कहा कि महेंद्र सिंह ने पार्टी को नहीं बताया था कि वह जेल भेजे गए थे। इसके अलावा गुजरात सरकार द्वारा पक्ष लिए जाने के आरोपों का रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा खंडन किए जाने पर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जवाब रिलायंस इंडस्ट्रीज के बजाय गुजरात सरकार से आया जान पड़ता है और यह ‘जनसंपर्क कवायद’ है। रिलायंस ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर इसका खंडन किया था कि गुजरात के एक मंत्री से उसे लाभ मिला। उसने उसे बेबुनियाद बताया। बताया जाता है कि उक्त मंत्री कंपनी प्रमुख मुकेश अंबानी के रिश्तेदार हैं।
दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी में संकट और गहराता जा रहा है. सूत्रों की माने तो पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने इंडिया टुडे से बातचीत में दावा किया है कि कुमार विश्वास ने पार्टी के कुछ विधायकों से मुलाकात की थी और कहा था कि दिल्ली को अगले तीन दिनों में नया मुख्यमंत्री मिलेगा. पार्टी के कुछ विधायकों ने इसकी जानकारी केजरीवाल के करीबी नेता को दी. इसके बाद पार्टी साफ तौर पर दो खेमों में बंटी नजर आ रही है. दोनों ही खेमे अपनी-अपनी जोर आजमाइश में लगे हैं कि कैसे दिल्ली के 64 विधायकों को अपने पाले में लाया जा सके. अब विधायकों के ये फैसला लेना है कि वो किसके साथ जाने को तैयार हैं. सोमवार को पार्टी विधायक अमानतुल्ला खान की ओर से कुमार विश्वास के खिलाफ बयान दिया गया था जिसके बाद केजरीवाल ने पार्टी की पीएसी सदस्यता से खान का इस्तीफा मंजूर कर लिया था. अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए कुमार विश्वास पीएसी की बैठक में गैरमौजूद रहे . पार्टी विधायक खान ने कुमार विश्वास पर पार्टी में फूट डालने का आरोप लगाया था. बैठक के दौरान दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पार्टी के सभी नेताओं और विधायकों को सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी ना करने की चेतावनी दी थी. मंगलवार सुबह कुमार विश्वास के करीबी विधायकों ने घर जाकर विश्वास से मुलाकात की और अमानतुल्ला खान को पार्टी से भी निकलवाने की मांग की है. आपको बता दें कि पंजाब, गोवा के अलावा दिल्ली एमसीडी चुनाव हराने के बाद आम आदमी पार्टी में संकट गहराता जा रहा है. पार्टी के शीर्ष नेता और विधायक सार्वजनिक रूप से एक-दूसरे पर इस हार की जिम्मेदारी थोप रहे हैं जिसके बाद पार्टी साफ तौर पर खेमों में बंटी नजर आ रही है.
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: बिहार की बेगूसराय (Begusarai) लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई (CPI) उम्मीदवार कन्हैया कुमार द्वारा डोनेशन के लिए शुरू की गई वेबसाइट डाउन हो गई है. वेबसाइट ओपन करने पर 'वी विल बी बैक सून' लिखा नजर रहा है. आपको बता दें कि कन्हैया कुमार इस वेबसाइट के जरिये ही चुनाव लड़ने के लिए लोगों से आर्थिक सहयोग मांग रहे हैं. उन्होंने पिछले 28 घंटे में 28 लाख रुपये भी जुटा लिये, लेकिन बृहस्पतिवार की सुबह वेबसाइट डाउन हो गई.  कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) ने इस बारे में अपने फेसबुक पेज पर लिखा, 'पिछले दो दिनों से लगातार साइबर अटैक करके बार-बार हमारी डोनेशन वाली वेबसाइट को बंद कराने की कोशिश की गई. वेबसाइट की तकनीकी टीम ने कई बार वेबसाइट को ठीक किया और आज उन्हें सर्वर डाउन करके एक बार फिर वेबसाइट को ठीक करना पड़ रहा है'' कन्हैया कुमार ने आगे लिखा, 'जिन्होंने सहयोग राशि भेजी है, वे निश्चिंत रहें क्योंकि उनका पैसा सुरक्षित है. हम जल्द-से-जल्द वेबसाइट ठीक करवाने की कोशिश कर रहे हैं. उम्मीद है कि आप यह जानकारी शेयर करके हमारी बात दूर तक पहुंचाने में मदद करेंगे. साज़िशें हारेंगी, हमारी एकता जीतेगी'. आपको बता दें कि कन्हैया कुमार बेगूसराय सीट से चुनाव मैदान में हैं. पूरे देश की नजर इस सीट पर टिक गई है. कन्हैया का मुकाबला बीजेपी नेता गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) से है. तो वहीं, RJD ने बेगूसराय से तनवीर हसन को उम्मीदवार बनाया है. कन्हैया चुनाव के लिए लोगों से आर्थिक सहयोग मांग रहे हैं और ऑनलाइन 70 लाख रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है.
अवायवीय अपघटन या 'अवायवीय पाचन' (Anaerobic digestion) कई प्रक्रियाओं के समूह का नाम है जिसमें सूक्ष्मजीव आक्सीजन की अनुपस्थिति में जैव-अपघटनीय पदार्थों को विघटित कर देते हैं। अवायवीय अपघटन की यह प्रक्रिया बहुत उपयोगी है और औद्योगिक तथा घरेलू कचरा के प्रबन्धन या/एवं ईंधन (बायोगैस) के उत्पादन में प्रयोग की जाती है। इसके अलावा खाद्य पदार्थ तथा पेय बनाने के लिये जिस किण्वन का उपयोग किया जाता है वह भी अवायवीय अपघटन पर ही आधारित है। अवायवीय अपघटन प्राकृतिक रूप से बहुत सी मृदाओं में होता है। यह झीलों और समुद्रों के द्रोणी (बेसिन) के तलछटों में भी होता है। वोल्टा ने १७७६ में जो मार्श गैस (मीथेन) खोजी थी उसका स्रोत यही था। इन्हें भी देखें बायोगैस अनाक्सी श्वसन अवायुजीवी जीव (anaerobic organism) वाहितमल उपचार (सीवेज ट्रीटमेण्ट) जैवनिम्‍ननीय अपशिष्ट प्रबंधन जैव ईंधन पर्यावरण अभियांत्रिकी संधारणीय प्रौद्योगिकियाँ जल प्रौद्योगिकी गैस प्रौद्योगिकियाँ अक्षय ऊर्जा
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असम में नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजंस (एनआरसी) के पहले प्रारूप में शामिल किए गए करीब डेढ़ लाख लोगों को अंतिम प्रारूप में सम्मिलित नहीं किया जाएगा. क्योंकि इनके सत्यापन प्रक्रिया के दौरान विसंगतियां पाई गई हैं. अंतिम प्रारूप 30 जुलाई को प्रकाशित किया जाना है. एनआरसी के राज्य समन्वयक प्रतीक हजेला ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के दो जुलाई के आदेश के मुताबिक उन नामों को निकाला जाएगा. उच्चतम न्यायालय असम में अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए एनआरसी को अपडेट करने की प्रक्रिया की निगरानी कर रहा है. हजेला ने भाषा से कहा कि एनआरसी के पहले प्रारूप में करीब डेढ़ लाख लोगों को शामिल नहीं किया जाएगा. एनआरसी का पहला प्रारूप पिछले साल 31 दिसंबर को प्रकाशित किया गया था जिसमें शामिल 65,694 लोगों को वंशावली (फैमली ट्री) के सत्यापन की प्रक्रिया के दौरान अस्वीकार्य कर दिया गया. हजेला ने कहा कि यह भी पाया कि 19,783 लोगों को गलती से शामिल कर लिया गया था. इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने संवाददाताओं से कहा, 'यह कैसे संभव है कि पहले प्रारूप में डेढ़ लाख विदेशियों को शामिल कर लिया जाए.' कौन अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार हैं. यह साबित करता है कि शुरू से ही एनआरसी का काम ठीक तरीके से नहीं हो रहा है.
रानू मंडल (Ranu Mondal) और हिमेश रेशमिया (Himesh Reshammiya) के नए गाने 'आशिकी में तेरी '  (Ashiqui Mein Teri ) का टीजर रिलीज हो गया है. इस गाने के टीजर ने रिलीज होते ही यूट्यूब (YouTube) पर कोहराम मचा दिया है. रानू मंडल और हिमेश रेशमिया का यह गाना नंबर वन पर ट्रेंड कर रहा है. इस गाने के वीडियो में हिमेश रेशमिया का कैप वाला लुक फिर से दिखाई दे रहा है. इस गाने को रिलीज हुए अभी एक घंटे भी नहीं हुए हैं और इसे लाखों लोग व्यूज मिल चुके हैं. रानू मंडल और हिमेश रेशमिया (Ranu Mondal and Himesh Reshammiya Song) की जोड़ी ने फिर से धमाल मचा दिया है. रानू मंडल (Ranu Mondal) और हिमेश रेशमिया (Himesh Reshammiya) का यह गाना फिल्म 'हैपी हार्ड एंड हीर' (Happy Hardy And Heer) का है. इस फिल्म में हिमेश रेशमिया नए अंदाज में नजर आएंगे. यह फिल्म जल्द ही रिलीज होने वाली है. इस फिल्म में रानू मंडल ने दो-तीन गाने गाए हैं. वैसे भी रानू मंडल का कोई भी गाना सोशल मीडिया पर तहलका मचा देता है. इस समय वो सोशल मीडिया सेंसेशन के नाम से भी जानी जाती हैं. A post shared by HOME OF ENTERTAINMENTS (@home_of_entertainments) on Oct 29, 2019 at 7:29pm PDT बता दें कि रानू मंडल (Ranu Mondal) अपने एक वीडियो के जरिए ही सुपरस्टार बनी थीं. उनका यह वीडियो राणाघाट रेलवे स्टेशन का था, जिसमें वह लता मंगेशकर का 'एक प्यार का नगमा है' गाती दिखाई दे रही थीं. रानू मंडल की आवाज से इम्प्रेस होकर ही हिमेश रेशमिया (Himesh Reshammiya) ने उन्हें अपनी फिल्म में गाना गाने का ऑफर दिया था. खास बात यह है कि रानू मंडल ने हिमेश रेशमिया के साथ एक नहीं, बल्कि तीन-तीन गाने गाए हैं, जिसमें तेरी मेरी कहानी, आदत और आशिकी में तेरी शामिल है. हिमेश रेशमिया के अलावा रानू की प्रसिद्धि देखकर खुद लता मंगेशकर ने भी उनकी तारीफ की थी.
अब आप ATM में पुलिस कम्‍प्लेन लिखवा सकते हैं. बेंगलुरु पुलिस ऐसी ही व्यवस्था करने जा रही है. इसके तहत आपके पड़ोस में एटीएम जैसा एक कियोस्क बना होगा, जिसमें वीडियो कैमरा भी लगा होगा. आपको वहां जाकर कैमरे के सामने अपनी शिकायत बोलकर दर्ज करानी होगी. एक अंग्रेजी अखबार ने इस आशय की खबर दी है. यह वीडियो एक खास जगह पर पहुंच जाएगा. वहां से उसे संबंधित पुलिस स्टेशन को सौंप दिया जाएगा. इस ऑडियो-विजुअल को पुलिस एफआईआर में बदल देगी. उसके बाद शिकायतकर्ता को उसकी सूचना दे दी जाएगी. उसे उस मामले की जांच के बारे में भी बता दिया जाएगा. यह व्यवस्था पहले बेंगलुरू में होगी और उसके बाद कर्नाटक के अन्य शहरों में होगी. ऐसा ही एक प्रयोग भुवनेश्वर की पुलिस ने किया था. इसी साल ओडिशा की राजधानी में 'आई क्लिक' नाम से कियोस्क बनाया गया. वहां हर दिन पांच शिकायतें आती हैं. इसे देखकर ही कर्नाटक सरकार ने यह फैसला किया है. उसका मानना है कि इससे लोगों की शिकायत दर्ज होगी और उनका पुलिस पर विश्वास बढ़ेगा. इससे महिलाओं के प्रति अपराध करने वालों पर कार्रवाई हो सकेगी. इसके तहत शिकायत करने वालों के नाम और पते गुप्त रखे जाएंगे.
न दवा न तेल. आपके गिरते बालों की समस्या को ठीक करने के लिए आहार में बदलाव जरूरी है. बालों का गिरना अपकी सेहत से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है. सेहत में खामी आते ही बालों का गिरना शुरू हो जाता हैऋ ऐसे में अगर आप अपने गिरते बालों की रोकथाम चाहती हैं तो अपने खानपान में ये जरूरी बदलाव करें. अगर आप बाल झड़ने की समस्या से पीड़ित हैं, तो भोजन पर ध्यान देने की जरूरत है. पौष्टिक भोजन की मदद से बाल झड़ने की समस्या पर काबू पाया जा सकता है. यहां पढ़िए उन पांच खाद्य पदार्थों के बारे में जिन्हें खाने में शामिल कर आप बाल गिरने की समस्या को रोक सकते हैं. अंडा: बायोटिन और विटामिन से भरपूर अंडा बालों के विकास और स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है . अंडा खाने के अलावा इसे ऑलिव ऑयल के साथ मिक्स करके बालों में लगाया जा सकता है. 2 अंडे के साथ 4 चम्मच ऑलिव की मात्रा का प्रयोग करें. पतला पेस्ट बनाए और सिर पर लगा लें. पालक: आयरन और फोलेट का बेहतरीन स्त्रोत, बालों के विकास के लिए पालक मददगार होगी. इसके साथ ही फोलेट लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में भी मदद करती है, जो बालों को ऑक्सीजन पहुंचाती है. भोजन में पालक को सलाद के रूप में भी लिया जा सकता है. शिमला मिर्च: लाल, पीला और हरे रंग में मिलने वाली शिमला मिर्च विटामिन सी से भरपूर होती है, जो कि बालों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी होती है. विटामिन सी इस बात को सुनिश्चित करने के लिए जरूरी होती है कि लाल रक्त कोशिकाओं में लौह की पर्याप्त मात्रा है. विटामिन सी की कमी की वजह बालों में रूखापन बढ़ जाता है और जल्दी टूटने लगते हैं. मसूर की दाल: टोफू, सोयाबीन, स्टार्चयुक्त बीन्स और मटर शाकाहारी लोगों के लिए आयरन से भरपूर प्रोटीन के महत्वपूर्ण सोर्स है. ये सभी पदार्थ बालों के विकास के लिए बेहद जरूरी है. शकरकंद: विटामिन और बीटा कैरोटिन से भरपूर बालों के विकास के लिए सबसे बढ़िया है. बीटा कैरोटिन के दूसरे अन्य स्त्रोतों में गाजर और कद्दू हैं.
कांग्रेस के विद्रोही सांसद वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने सोमवार को कांग्रेस और लोकसभा पद से इस्तीफा देने की घोषणा की. जगनमोहन ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस उनके परिवार को ‘अपमानित’ कर रही है. जगनमोहन के पांच पन्नों के एक खुले पत्र को आज सुबह सबसे पहले ‘साक्षी’ टीवी पर पढ़ा गया. इस पत्र में आन्ध्र प्रदेश के दिवंगत मुख्यमंत्री वाईएसआर के पुत्र एवं कडप्पा से सांसद जगनमोहन ने कहा है कि पुलिवेंदुला से विधायक उनकी मां विजयम्मा भी कांग्रेस पार्टी और विधायक पद से अपना इस्तीफा दे रही हैं. कांग्रेस के खिलाफ ताल ठोकने वाले जगनमोहन ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस नेतृत्व, उनके चाचा वाई एस विवेकानंद रेड्डी को प्रदेश सरकार में मंत्री पद का प्रस्ताव देकर उनके परिवार में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है. विवेकानंद रेड्डी इस समय राज्य विधान परिषद के सदस्य हैं.
सीरियल दिल से दिल तक से टीवी की दुनिया में पहचान बनाने वाली एक्ट्रेस जैस्मिन भसीन एक अच्छी और  ग्लैमरस नागिन दिखने के लिए भरपूर कोशिश कर रही हैं. जैस्मिन सीरियल नागिन 4 में काम कर रही हैं और इस सीरियल में अच्छा दिखने के लिए वे स्पेशल डाइट लेने लगी हैं. जैस्मिन का कहना है कि अपने किरदार में बेस्ट दिखने के लिए उन्होंने बटर चिकन और पिज्जा खाना बंद दिया है. असल में जैस्मिन, एकता कपूर के आने वाले शो नागिन 4 में नयनतारा का रोल निभा रही हैं. नयनतारा एक नई नागिन होगी. जैस्मिन ने कहा, 'मैंने नागिन 4 को चुना क्योंकि वे एक नंबर शो है. तो मुझे  लगता है कि ये मेरे लिए अच्छा मौका था इस शो का हिस्सा बनने का और मैंने इसलिए इसे चुना. वैसे जब तक मैंने इसकी कहानी नहीं सुनी थी तब तक मैं इस बारे में पूरी तरह आश्वत  नहीं थी. जैसे ही मेरी मीटिंग हुई और मुझे सीरियल की कहानी पता चली तो मैंने फैसला  किया कि मैं इस सीरियल में काम करूंगी.' बता दें कि नागिन के पिछले सीजनों में मौनी रॉय, अदा खान, सुरभि ज्योति, अनीता हसनंदानी और करिश्मा तन्ना ने नागिन के किरदारों को निभाया है. View this post on Instagram . Welcome to the world of Nagins @jasminbhasin2806 . @jasminbhasin2806 in and as NAGIN Bhagya ka zehreela Khel .... A post shared by Erk❤️rek (@ektaravikapoor) on Nov 13, 2019 at 8:09am PST इस बात को देखते हुए जैस्मिन ने कहा 'मुझपर अच्छा परफॉर्म करने का प्रेशर है क्योंकि बाकी सभी सीजन सुपरहिट रहे हैं. इस सीजन का सुपरहिट होना बहुत जरूरी है. परफॉरमेंस बहुत जरूरी चीज होती है और यही प्रेशर मेरे ऊपर है.' शो के लिए मेहनत करने के लिए बारे में जैस्मिन ने बताया, 'शो के लिए जो खास तैयारी मुझे करनी पड़ रही है वो है अपने फिगर को ठीक करना और शेप में आना. पिछले सीजन की लीडिंग एक्ट्रेसेज ने स्टैंडर्ड बहुत बढ़ा दिया है और इसलिए मैंने अपने प्यार का त्याग कर दिया है, जो कि खाना है. मैंने हेल्थी चीजें  खा रही हूं और वर्क आउट कर रही हूं क्योंकि मैं बेस्ट दिखना चाहती हूं. मैंने इस शो से पहले शोज में जो भी सीखा उसे भुला दिया है क्योंकि ये सीरियल सभी से अलग है.' उन्होंने आगे बताया, 'जब मुझे नागिन के लिए कॉल आया तब मैंने सोचा कि अब तो मुझे एक सुन्दर और सेक्सी नागिन बनना होगा और पतला होना होगा. मैंने कहा जैस्मिन अब तो तुझे बटर चिकन और पिजा खाना छोड़ना पड़ेगा.' जैस्मिन का मानना है कि सुपरनैचुरल शोज की फैन फॉलोइंग काफी ज्यादा है. इसलिए उनके सभी सीजन अच्छे जाते हैं.
शुरूआती दो टेस्ट मैच ड्रॉ रहने के बाद अगर भारतीय टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला का तीसरा मैच भी ड्रॉ खेलता है तो उसे चार रेटिंग अंक गंवाने पड़ेंगे. दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम भारत इस श्रृंखला के शुरू होने से पहले आठवें स्थान पर काबिज न्यूजीलैंड पर 50 अंकों की बढत बनाए हुए था लेकिन दोनों टेस्ट ड्रा रहने के बाद यह स्पष्ट है कि टीम इंडिया को रेटिंग अंक गंवाने पड़ सकते हैं. आईसीसी की यहां जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि अगर भारत तीसरा टेस्ट जीतता है तो वह एक अंक गंवाकर 129 अंकों पर पहुंच जाएगा जबकि न्यूजीलैंड दो अंक लेकर 80 अंकों पर पहुंच जाएगा. अगर न्यूजीलैंड यह मैच जीत लेता है तो उसे नौ अंक मिलेंगे और उसके 87 अंक हो जाएंगे जबकि भारत छह अंक गंवाकर 124 अंकों पर खिसक जाएगा. अगर श्रृंखला ड्रा रहती है तो भारत चार अंक गंवाएगा जबकि न्यूजीलैंड को पांच अंक मिल जाएंगे.
एक्ट्रेस काजोल अपने साफगोई से भरे एटीट्यूड के लिए जानी जाती हैं और इंडस्ट्री में अच्छा-खासा स्टारडम देख चुकी हैं. हालांकि वे मानती हैं कि मौजूदा दौर के सितारों के साथ उनका कनेक्शन उतना स्ट्रॉन्ग नहीं है जितना उनके समकालीन सितारों के साथ था. उन्होंने हाल ही में फिल्मफेयर के साथ इस बारे में बात की थी. फिल्मफेयर के साथ बातचीत में काजोल ने बताया, मुझे अपने दौर के सितारे काफी पसंद है. पिछले 10-15 सालों में कई ऐसे सितारे हुए हैं जो काफी लोकप्रिय हुए लेकिन मैं काफी ज्यादा मेसेज और चैटिंग नहीं करती हूं तो मुझे उनके बारे में ज्यादा पता नहीं है. लेकिन करिश्मा, रवीना, अक्षय, आमिर, सैफ जैसे सितारों से जब भी मुलाकात होती है तो हमेशा एक अच्छी याद रहती है. हम लोग हाल चाल पूछते हैं, एक दूसरे के बारे में पूछते हैं. उनकी भी मेरे प्रति ऐसी ही फीलिंग्स होती हैं. हम भले ही सोशल मीडिया पर खास बात ना करते हों लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि हम एक दूसरे के दोस्त नहीं रहे हैं. वर्कफ्रंट पर बिजी हैं काजोल काजोल ने इसके अलावा अपने कमबैक के बारे में भी बात की थी. उन्होंने कहा था कि कि मैं जब भी कोई फिल्म करती हूं तो लोग उसे कमबैक से जो़ड़ देते हैं. मुझे लगता है कि ये मेरा 105वां कमबैक हो गया है. भले ही मेरी पिछली फिल्म दो महीने पहले आई हो लेकिन इसके बाद भी लोग इसे कमबैक बता देते हैं. मैं बस कमबैक ही कर रही हूं. वर्कफ्रंट की बात करें तो काजोल फिल्म तानाजी: द अनसंग वॉरियर में काम कर रही हैं. इस फिल्म में अजय देवगन और सैफ अली खान भी उनके साथ हैं. अजय इस फिल्म में सूबेदार तानाजी मालुसरे का किरदार निभा रहे हैं वही फिल्म में काजोल अजय की ऑनस्क्रीन पत्नी सावित्री मालुसरे की भूमिका में नजर आएंगी.
बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार की नई फिल्म हाउसफुल 4 जल्द ही सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए तैयार है. फिल्म में अक्षय के अलावा बॉबी देओल, रितेश देशमुख, कृति सेनन, कृति खरबंदा और पूजा हेगड़े नजर आएंगे. हर बार की तरह इस पार्ट में भी चंकी पांडे फिल्म का अहम हिस्सा हैं. उन्होंने इसके पहले पार्ट 'हाउसफुल' में 'आखिरी पास्ता' का रोल प्ले किया था जो काफी फेमस हुआ था. तब से वे लगातार इस फ्रैंचाइजी से जुड़े हुए हैं. हाउसफुल फ्रैंचाइजी की फिल्मों के निर्देशक पहले साजिद खान थे लेकिन मीटू में नाम आने के बाद उन्हें फिल्म से बाहर का रास्ता दिखा गया था. शायद ही कोई जानता होगा कि चंकी पांडे, साजिद की हर फिल्म में नजर आते हैं. चंकी पांडे, साजिद खान के साथ हाउसफुल, हाउसफुल 2 और हमशकल्स जैसी फिल्मों में काम कर चुके हैं. उनकी हर फिल्म में चंकी अहम किरदार में होते हैं. इसके पीछे एक दिलचस्प वजह बताई जाती हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो चंकी की पत्नी भावना पांडे, साजिद को राखी बांधती हैं. एक बार राखी के दौरान भावना ने साजिद से अपनी हर फिल्म में चंकी को रोल देने के मांग की थी और साजिद खान ने भी इसके लिए अपनी हामी भर दी थी. तब से लेकर आज तक चंकी, साजिद की हर फिल्म में नजर आ ही जाते हैं. View this post on Instagram Batman&Joker, Bala&Pasta #HF4. 33 years, 4 films and a million memories. Thank you my Friend @akshaykumar 😘❤😍🤩💣 A post shared by Chunky Panday (@chunkypanday) on Sep 27, 2019 at 5:01am PDT View this post on Instagram Smoke on the water Fire in the sky😎 World Premiere @prassthanamfilm in Doha 💃🕺 A post shared by Chunky Panday (@chunkypanday) on Sep 19, 2019 at 4:18am PDT View this post on Instagram Mama Mia! Best Birthday gift ever ❤🤗🙏 Thank you team Housefull4 and All you beautiful people for Loving Aakhri Pasta😘 Now just imagine 2 of them 💣😜 I'm a Joking 🤣😂😅 A post shared by Chunky Panday (@chunkypanday) on Sep 26, 2019 at 3:52am PDT अगर साजिद खान को फिल्म हाउसफुल 4 से बाहर नहीं निकाला जाता तो एक बार फिर चंकी और साजिद साथ काम करते नजर आते. हालांकि साजिद के इस फिल्म से अलग होने के बाद फरहाद सामजी ने डायरेक्शन की कमान संभाली है. फिल्म में इस बार पुनर्जन्म और कॉमेडी का तड़का देखने को मिलेगा. फिल्म को बड़े लेवल पर तैयार किया गया है. अब देखना है कि 25 अक्टूबर को ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर क्या कमाल दिखा पाती है.
स्मार्टफोन की बैटरी इसकी बड़ी समस्या है, चाहे कोई भी स्मार्टफोन हो अगर आप लगातार यूज करें तो एक दिन भर भी मुश्किल से चलेंगे. हर जगह आपको पावर सॉकेट तो मिलेंगे नहीं. इसलिए पावर बैंक अब लोगों के लिए बेहद जरूरी हो गया है. इसे फुल चार्ज करके आप अपने मोबाइल या टैबलेट को दो या तीन बार चार्ज कर सकते हैं. बाजार में और ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर हजारों पावर बैंक्स उपलब्ध हैं. लेकिन इनमें से ज्यादातर या तो आपके स्मार्टफोन खराब करते हैं या खुद ही खराब हो जाते हैं. ऐसे में जब आप पावर खरीदने जाएं तो कुछ बातों का जरूर ध्यान रखें. हम आपको कुछ बेहतरीन पावर बैंक्स के बारे में भी बताएंगे जिन्हें लेने के बाद आपको पछताना नहीं पड़ेगा. साइज - सबसे पहले यह तय कर लें कि आप पावर बैंक को यूज कैसे करना चाहते हैं . अगर घर या दफ्तर में रखकर यूज करना चाहते हैं तो आप बड़े साइज का ले सकते हैं. लेकिन अगर आपको जेब में रखना है या इधर उधर लेकर घूमना है तो आपको छोटा और हल्का पावर बैंक लेना होगा. बैटरी पावर - बाजार में 1,000mAh से लेकर 20,000mAh के पावर बैंक मौजूद हैं. आप पहले यह चेक कर लें कि आपकी स्मार्टफोन की बैटरी कितने mAh की है. आमतौर पर स्मार्टफोन्स की बैटरियां 2,000mAh से 4,000 mAh की होती हैं. अगर आपके पास 3,000 mAh बैटरी वाला स्मार्टफोन है तो आप 10,000mAh से कम वाला पावर बैंक न लें. 10,000mAh से ज्यादा वाले पावर बैंक के जरिए आप इसे 2 बार से ज्यादा अपने मोबाइल को फुल चार्ज कर सकते हैं. ब्रांड - पावर बैंक सीधे तौर पर आपके स्मार्टफोन को नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए किसी अच्छी कंपनी का ही पावर बैंक खरीदें. यह सुनिश्चित कर लें उसमें लगी बैटरी अच्छी क्वॉलिटी की है. सेफ्टी प्रोटेक्शन्स - बैटरी फटने की खबर होगी ही, इसलिए पावर बैंक लेने से पहले उसमें दिए गए सर्टिफिकेशन जरूर देख लें. इममें टेंप्रेचर प्रोटेक्शन, शॉर्ट सर्किट प्रोटेक्शन, रीसेट प्रोटेक्शन, इनपुट ओवर वोल्टेज प्रोटेक्शन, ऐडेप्टर प्रोटेक्शन, रिवर्स डायरेक्ट प्रोटेक्शन और आउटपुट ओवर हीट प्रोटेक्शन शामिल हैं. फास्ट चार्जिंग ऑप्शन- अब पावर बैंक में क्विक चार्ज स पोर्ट भी दिया जा रहा है. हालांकि यह महंगे होते हैं, लेकिन अगर आपको स्मार्टफोन की बैटरी जल्दी चार्ज करनी है तो क्विक चार्ज सपोर्ट वाला ही पावर बैंक खरीदें. मल्टिपल कनेक्टर - एक बार में एक से ज्यादा डिवाइस चार्ज करना चाहते हैं तो दो यूएसबी कनेक्टर वाला पावर बैंक खरीदें. ज्यादातर पावर बैंक में सिर्फ एक यूएसबी कनेक्टर दिए जाते हैं. ये हैं कुछ बेहतरीन पावर बैंक. छोटा और पावरफुल - Asus Zenpower में 10,050 mAh की बैटरी लगी है और यह क्रेडिट कार्ड के साइज का है. यह आम पावरबैंक के मुकाबले तेजी से बैटरी चार्ज करता है और इसमें 11 तरह के सेफ्टी फीचर्स दिए गए हैं. इसकी कीमत लगभग 1,400 रुपये है. दमदार पावरबैंक - शाओमी ने हाल ही में 20,000mAh का पावर बैंक लॉन्च किया है जिससे आप 4 से 5 बार अपने स्मार्टफोन को चार्ज कर सकते हैं. इसकी कीमत 2,199 रुपये है. फास्ट चार्जिंग पावरबैंक - Aukery Quick Charge 2.0 पावर बैंक के जरिए आप स्मार्टफोन को तेजी से चार्ज कर सकते हैं. इसमें क्वॉल्कॉम क्विक चार्ज फीचर दिया गया है और इसकी बैटरी पावर 10,400mAh की है. इसकी कीमत लगभग 4,500 रुपये है. हालांकि शाओमी ने भी 10,000 का Mi Pro फास्ट चार्जिंग वाला पावरबैंक लाया है जिसकी कीमत 2,000 रुपये है. लेकिन अभी उपलब्ध नहीं है. सस्ता और अच्छा पावर बैंक - Ambrane का 13,000mAh का पावरबैंक भारत में काफी पॉपुलर है और ई-कॉमर्स पर यह बेस्ट सेलिंग है. इसकी कीमत लगभग 900 रुपये है.
पंजाब के बठिंडा लोकसभा सीट पर 19 मई को अंतिम चरण में वोट डाले गए. इस दौरान 74.10 फीसदी मतदान रिकॉर्ड किया गया. इस लोकसभा सीट पर 27 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. यहां पर कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी में त्रिकोणीय मुकाबला है. शिरोमणि अकाली दल की ओर से यहां पर हरसिमरत कौर बादल मैदान में हैं. कांग्रेस ने यहां से अमरिंदर सिंह राजा को टिकट दिया है वहीं आम आदमी पार्टी ने बलजिंदर कौर को चुनावी मैदान में उतारा है. फिलहाल इस सीट से हरसिमरत कौर बादल सांसद हैं. बठिंडा के तलवंडी साबो इलाके में हिंसा देखने को मिली. इस दौरान हुई फायरिंग में शिरोमणि अकाली दल के तीन कार्यकर्ता घायल हो गए. यह घटना जिस पोलिंग बूथ के पास हुई, वहां मतदान तक बंद करना पड़ा. हालांकि अभी तक हिंसा की वजह का पता नहीं चल पाया है. वहीं, हरसिमरत कौर ने आरोप लगाया कि शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ताओं पर हमले की शिकायत चुनाव आयोग से की गई, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. 2014 के चुनाव में हरसिमरत कौर बादल ने 19,395 वोटों से जीत हासिल की थी. उन्होंने कांग्रेस के मनप्रीत सिंह बादल को हराया था. इस चुनाव हरसिमरत कौर को 43.73 फीसदी वोट शेयर के साथ 5,14,727 वोट मिला था, जबकि कांग्रेस के मनप्रीत को 42.09 फीसदी वोट के साथ कुल 4,95,332 वोट पड़े थे. तीसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी के जसराज सिंह लोंगिया रहे थे, जिन्हें 87,901 मत प्राप्त हुआ था. बठिंडा लोकसभा की बात करें तो इस सीट 1952 से अब तक 18 बार चुनाव हुए हैं, जिसमें 6 बार कांग्रेस को जीत मिली है, जबकि 1996 से 2014 के बीच में केवल एक बार 1999 में कम्यूनिस्ट पार्टी और इंडिया के उम्मीदवार चतिन सिंह समौन को जीत मिली थी. 1952 में यहां पहला लोकसभा चुनाव हुआ था, जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सरदार हुकुम सिंह विजयी रहे थे. कांग्रेस को बठिंडा सीट पर 1951, 1957, 1980 और 1991 से जीत मिली. बाकी 1962, 1977, 1984 में यह सीट अकाली दल, 1967 में अकाली दल (संत गुट), 1971 में कम्युनिस्ट पार्टी, 1989 में शिरोमणि अकाली दल (मान), 1996, 1998, 2004, 2009 में शिरोमणि अकाली दल के पास गई. दिनभर ऐसे चला मतदान - बठिंडा लोकसभा सीट पर रविवार शाम 6 बजे तक 62.24 फीसदी मतदान रिकॉर्ड किया गया. - बठिंडा लोकसभा सीट पर रविवार शाम 5 बजे तक 54.14 फीसदी मतदान रिकॉर्ड किया गया. - बठिंडा लोकसभा सीट पर रविवार दोपहर 3 बजे तक 50.54 फीसदी मतदान रिकॉर्ड किया गया. - पंजाब की बठिंडा लोकसभा सीट पर रविवार दोपहर 1 बजे तक 39.28 फीसदी मतदान रिकॉर्ड किया गया. - पंजाब की बठिंडा लोकसभा सीट पर रविवार सुबह 11 बजे तक 26.64 फीसदी मतदान रिकॉर्ड किया गया. चुनाव की हर ख़बर मिलेगी सीधे आपके इनबॉक्स में. आम चुनाव की ताज़ा खबरों से अपडेट रहने के लिए सब्सक्राइब करें आजतक का इलेक्शन स्पेशल न्यूज़लेटर
इस कारोबारी हफ्ते के चौथे दिन शेयर बाजार ने रफ्तार भरी है. गुरुवार को भारत की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैं‍क‍िंग सुधरने से निवेशकों का सेंटीमेंट मजबूत हुआ है. इसके बूते सेंसेक्स 160 अंक मजबूत होकर खुला है. गुरुवार को सेंसेक्स ने 160.97 अंकों की बढ़त के साथ 34603.02 के स्तर पर कारोबार शुरू किया है. निफ्टी ने भी तेज शुरुआत की. यह 38.60 अंकों की बढ़त के साथ 10425.20 के स्तर पर कारोबार शुरू करने में कामयाब रहा है. शुरुआती कारोबार में ऑटोमोबाइल, इंफ्रास्ट्रक्चर, ऊर्जा और मेटल सेक्टर हरे निशान के ऊपर कारोबार कर रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ, निफ्टी और फार्मास्युटिकल कंपनियों के शेयर लाल निशान के नीचे बने हुए हैं. एलएंडटी के शेयर शुरुआती कारोबार में 5.84 फीसदी चढ़ गए हैं. एलएंडटी के अलावा हिंदुस्तान पेट्रोलियम, यस बैंक, इंड‍ियन ऑयल कंपनी और जेएसडब्लू स्टील के शेयर भी टॉप गेनर में शामिल हुए हैं. दूसरी तरफ, आईटी शेयरों में गिरावट का दौर है. गुरुवार को टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, विप्रो, टीसीएस और गेल के शेयर लाल निशान के नीचे कारोबार कर रहे हैं.
भोजपुरी सिनेमा (Bhojpuri Cinema) की मशहूर एक्ट्रेस व गायिका अक्षरा सिंह (Akshara Singh) के शो के नाम पर दर्शकों को गुमराह करने का मामला सामने आया है. जानकारी मिलते ही अक्षरा सिंह (Akshara Singh) ने तत्काल वीडियो जारी कर बताया कि वह इस शो का हिस्सा नहीं हैं और न ही उनको इस बात की कोई जानकारी ही है. अक्षरा सिंह ने अपने पीआरओ उदय भगत के माध्यम से सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी जारी किया है. आपको बता दें कि इसके पहले भी एक बार खगड़िया में इस तरह का मामला सामने आया था. फिलहाल अक्षरा सिंह द्वारा जानकारी देने के बाद अब इसपर विराम जरूर लगेगा. भोजपुरी इंडस्ट्री के कलाकार अपने शो के लिए देश के अलग-अलग शहरों में इंवेट्स करते रहते हैं.   अक्षरा सिंह (Akshara Singh) अपने डांसिंग, एक्टिंग और सिंगिंग के लिए ही नहीं पहचानी जाती, बल्कि सोशल मीडिया पर शॉर्ट वीडियो के लिए काफी वायरल होने लगी हैं. अक्षरा सिंह आए दिन अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर कोई न कोई वीडियो या तस्वीर अपलोड करती रहती हैं. बता दें, भोजपुरी सिनेमा (Bhojpuri Cinema) की पॉपुलर अभिनेत्री अक्षरा सिंह (Akshara Singh) वैसे भी कह चुकी हैं कि उन्हें फिलहाल अपने काम पर ध्यान लगाना है, ताकि वे अपने करियर को और ऊंचाई तक ले जा पाएं. यही वजह है कि आज भोजपुरी इंडस्ट्री (Bhojpuri Industry) में अक्षरा अकेले दम पर मेल सिंगर-एक्टर के कदम से कदम मिला कर आगे बढ़ रही हैं. अक्षरा सिंह (Akshara Singh) के बारे में उनके पीआरओ संजय भूषण पटियाला ने बताया कि साल 2018 में उन्हें लोगों ने जिस तरह से प्यार दिया है, वो उनके लिए एनर्जी और इंसप्रेसन है.
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश को अलर्ट क्या किया, पूरे देश में अफरातफरी मच गई, और पुलिस के एक के बाद एक होक्स कॉल मिलने शुरू हो गए। इस अफवाहों के इस खेल में सोशल मीडिया के औजारों का काफी इस्तेमाल हो रहा है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एनडीटीवी को बताया, "सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए केंद्र सरकार ने एक कमेटी बनाई है, जिसमें सब तरह के विशेषज्ञ होंगे... यह ज़रूरी भी है, क्योंकि इसी मीडिया के जरिये अफवाहें फैलाई जाती हैं..." राजनाथ सिंह ने बताया, NTRO से लेकर आईबी और हर तरह की तकनीकी जानकारी रखने वालो से इसमें मदद ली जा रही है। बताया गया है कि मोबाइल एप्लिकेशन 'व्हॉट्सऐप' पर अफवाह फैलाने वाले इन लोगों की खास नजर है, और गृह मंत्रालय के अलर्ट के बाद 'व्हॉट्सऐप' पर ही बाकायदा ऐसे मैसेज धड़ल्ले से भेजे जा रहे हैं, जिनमें स्कूलों और मॉल्स को खतरे में बताया जा रहा है। ऊपर से तुर्रा यह है कि हवाला गृह मंत्रालय के अलर्ट का ही दिया जा रहा है कि अगला टारगेट कौन-सा शहर है। गृहमंत्री ने कहा कि ऐसे अलर्ट से डरने की ज़रूरत नहीं है। उन्होंने कहा, "हमें सिर्फ चौकन्ना रहने की ज़रूरत है, घबराने की नहीं..." उल्लेखनीय है कि गुरुवार को गुड़गांव में एक मॉल में बम की खबर मिली तो दिल्ली में भी एक बाजार से बम की अफवाह प्राप्त हुई। इस पर दिल्ली के पुलिस कमिशर बीएस बस्सी ने कहा है कि पुलिस को टेरर हेल्पलाइन (1090) पर कोई भी जानकारी दे सकता है, और हम हर जानकारी पर कार्रवाई करते हैं, भले ही जानकारी सही हो या अफवाह..." दरअसल, पिछले दो दिनों में इस तरह की कई अफवाहें साने आई हैं। गुड़गांव पुलिस को गुरुवार सुबह भी 60 जगह बम रखे होने की ख़बर मिली थी। इस बीच, जम्मू से पंजाब आ रही राजधानी एक्सप्रेस में बम की ख़बर के बाद उसे भी पठानकोट स्टेशन पर रोककर तलाशी लेनी पड़ी। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी राजेंद्रा ने बताया, "गाड़ी जम्मू से निकल चुकी थी, इसलिए हमने पंजाब पुलिस को सूचना देकर गाड़ी की चेकिंग करवाई..." जाहिर है, इसके पीछे कुछ शरारती तत्व हैं। इनमें से कुछ गिरफ्तार भी हो जाते हैं। बेंगलुरू की पुलिस लोगों को एसएमएस भेजकर उन्हें सुरक्षा का आश्वासन दे रही है, क्योंकि पुलिस के लिए अफवाहें दोहरी चुनौती होती हैं। एक तरफ अफवाहें फैलने से रोकना उनका काम है, और दूसरी तरफ जनता को भरोसा दिलाना भी उन्हीं की ज़िम्मेदारी है कि वे लोग सुरक्षित हैं।
रांधा नदी अपने बच्चों के लिए जाने कब से आंचल फैलाए हुए है. उसी की ममता ऐसी है कि खेत प्यासे नहीं रहते. उसी ने खेतिहरों को भूख से बचाया. धान की बालियों को अपने दूध से लबालब किया. भुट्टे के खेतों को मोतियों से सजाया. लेकिन वह इतनी खुश तो कभी नहीं रही होगी. केशकाल के जंगलों में चुपचाप बह रही है रांधा. उसका नाम बस उन्हें ही पता है, जो उसके दुलार पर जी रहे हैं. रांधा ही नहीं, छत्तीसगढ़ में उसकी कई बहनें और सखी-सहेलियां भी हैं, मगर गुमनाम. रांधा पूरी ताकत लगा देती होगी, लेकिन तब भी बुधराम जैसे अपने बच्चों की क्षुधा पूरी तरह शांत नहीं कर पाई. अपना पानी उनके खेतों तक नहीं पहुंचा पाई. फसल इतनी कम होती कि पांच एकड़ खेत का मालिक बुधराम सोचा करता कि जब नुकसान की खेती ही करनी है तो क्यों न शहर में रोजी-मजूरी कर ले. सात लोगों का पेट पाटना उसके लिए हमेशा बड़ी चुनौती रही. वह खेती छोड़ ही देता, अगर उम्मीद नहीं जागती. मातेंगा के इस किसान को नई आस तब नजर आई, जब अपने जैसे दुखियारों का दुख दूर होते देखा. उसके जैसे किसानों के खेत अनाज उगलते नजर आए. उसने देखा कि रांधा का पानी खेतों तक पहुंचाना अब किसी के लिए भी बड़ी बात नहीं रही. रांधा और उसके जैसे छोटे-बड़े नदी नालों के किनारों के खेत अब बारहों महीना हरियाए होते हैं. इन खेतों में अब मोटरपंपों से धकाधक पानी पहुंचाया जा सकता है. इन पंपों के संगीत में धान की बालियां झूमने लगी हैं. बुधराम अब खेती छोड़कर कहीं और जाने की सोच ही नहीं सकता. पिछले नौ साल में जीवन में आहिस्ता-आहिस्ता बदलाव शुरू हुआ. सूखे मौसम में जो खेत मुंह चिढ़ाया करते थे, वही खेत अब ठिठोली करते हैं. खिलखिलाते हैं. पूछते हैं, "बोल, का साग खाबे बुधराम?" (कहो, क्या सब्जी खाना चाहोगे बुधराम?) बुधराम के खेतों में अब धान के साथ सब्जियां भी उगाई जा सकती हैं. तरह-तरह की सब्जियां. इन्हें वह खा भी सकता है और बाजार में बेच कर चार पैसे कमा भी सकता है. उसने सोचा नहीं था कि उसे पंप इतनी आसानी से मिल जाएगा. कुछ कागजों में थोड़ी बहुत लिखा पढ़ी करनी पड़ी और बस, मिल गया पंप. वह कहता है कि इतना तो करना ही पड़ता और पत्थर तोड़कर उसे उपजाऊ खेतों में बदल देने वाले किसी किसान के लिए ये कोई मुश्किल काम थोड़े ही है. पंप मिल जाने से अब वह दोनों मौसम में धान की फसल ले पाएगा. सरकार पहले ही धान का अच्छा रेट दे रही है और अब तो हर बोरे में 270 रुपये का इनाम भी मिल रहा है. बोनस के रूप में मेहनत के लिए शाबासी मिल रही है. खाद-बीज में मदद कर रही है. केशकाल इलाके में बुधराम जैसे ने सरकारी मदद मिल जाने से चमत्कार कर दिखाया है. पहले इस इलाके में एक हेक्टेयर में औसतन 10 क्विंटल ही धान हो पाता था, अब दोगुना होता है. औसतन 20 क्विंटल तक. कोई-कोई तो 80 क्विंटल तक उत्पादन ले रहा है. इस इलाके में पिछले चार सालों में ढाई सौ किसानों को सरकार ने पंप उपलब्ध कराए हैं. इसी साल 58 लोगों को पंप दिए गए. इनमें बिजली से चलने वाले पंप भी हैं और डीजल पंप भी. डीजल पंपों से कहीं ज्यादा बिजली के पंप किसानों ने लिए हैं, यानी बिजली उनके खेतों तक पहुंच गई है. बुधाराम के खेतों की खुशबू लेनी हो तो कभी आइए केशकाल.
गया (Gaya) भारत के बिहार राज्य के गया ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय और बिहार राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। इस क्षेत्र के लोग मगही भाषा बोलते हैं और गया भारत के अतंरराष्ट्रीय पर्यटक स्थलों मे से एक हैं यहाँ पर विदेशी पर्यटकों लाखों की संख्या मे आते हैंइस नगर का हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्मों में गहरा ऐतिहासिक महत्व है। शहर का उल्लेख रामायण और महाभारत में मिलता है। गया तीन ओर से छोटी व पथरीली पहाड़ियों से घिरा है, जिनके नाम मंगला-गौरी, श्रृंग स्थान, रामशिला और ब्रह्मयोनि हैं। नगर के पूर्व में फल्गू नदी बहती है। विवरण वैदिक कीकट प्रदेश के धर्मारण्य क्षेत्र मे स्थापित नगरी है गया। वाराणसी की तरह गया की प्रसिद्धि मुख्य रूप से एक धार्मिक नगरी के रूप में है। पितृपक्ष के अवसर पर यहाँ हजारों श्रद्धालु पिंडदान के लिये जुटते हैं। गया सड़क, रेल और वायु मार्ग द्वारा पूरे भारत से जुड़ा है। नवनिर्मित गया अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा द्वारा यह थाइलैंड से भी सीधे जुड़ा हुआ है। गया से 13 किलोमीटर की दूरी पर बोधगया स्थित है जो बौद्ध तीर्थ स्थल है और यहीं बोधि वृक्ष के नीचे भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। गया बिहार के महत्वपूर्ण तीर्थस्थानों में से एक है। यह शहर खासकर हिन्दू तीर्थयात्रियों के लिए काफी प्रसिद्ध है। यहां का विष्णुपद मंदिर पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु के पांव के निशान पर इस मंदिर का निर्माण कराया गया है। हिन्दू धर्म में इस मंदिर को अहम स्थान प्राप्त है। गया पितृदान के लिए भी प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि यहां फल्गु नदी के तट पर पिंडदान करने से मृत व्यक्ति को बैकुण्ठ की प्राप्ति होती है। गया, मध्य बिहार का एक महत्वपूर्ण शहर है, जो फल्गु नदी के तट पर स्थित है। यह बोधगया से 13 किलोमीटर उत्तर तथा राजधानी पटना से 100 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है। यहां का मौसम मिलाजुला है। गर्मी के दिनों में यहां काफी गर्मी पड़ती है और ठंड के दिनों में औसत सर्दी होती है। मानसून का भी यहां के मौसम पर व्यापक असर होता है। लेकिन वर्षा ऋतु में यहां का दृश्य काफी रोचक होता है। कहा जाता है कि गयासुर नामक दैत्य का बध करते समय भगवान विष्णु के पद चिह्न यहां पड़े थे जो आज भी विष्णुपद मंदिर में देखे जा सकते है।मुक्तिधाम के रूप में प्रसिद्ध गया (तीर्थ) को केवल गया न कह कर आदरपूर्वक 'गया जी' कहा जाता है। इतिहास गया का उल्लेख महाकाव्य रामायण में भी मिलता है। गया मौर्य काल में एक महत्वपूर्ण नगर था। खुदाई के दौरान सम्राट अशोक से संबंधित आदेश पत्र पाया गया है। मध्यकाल में बिहार मुगल सम्राटों के अधीन था।मुगलकाल के पतन के उपरांत गया पर अंग्रेजो ने राज किया। 1787 में होल्कर वंश की( बुंदेलखंड की) साम्राज्ञी महारानी अहिल्याबाई ने विष्णुपद मंदिर का पुनर्निर्माण कराया था। मेगास्थनीज़ की इण्डिका, फाह्यान तथा ह्वेनसांग के यात्रा वर्णन में गया का एक समृद्ध धर्म क्षेत्र के रूप मे वर्णन है। पवित्र स्थल विष्णुपद मंदिर फल्गु नदी के पश्चिमी किनारे पर स्थित यह मंदिर पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण भगवान विष्णु के पदचिन्हों पर किया गया है। यह मंदिर 30 मीटर ऊंचा है जिसमें आठ खंभे हैं। इन खंभों पर चांदी की परतें चढ़ाई हुई है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु के 40 सेंटीमीटर लंबे पांव के निशान हैं। इस मंदिर का 1787 में इंदौर की महारानी अहिल्या बाई ने नवीकरण करवाया था। पितृपक्ष के अवसर पर यहां श्रद्धालुओं की काफी भीड़ जुटती है। रामानुज मठ(भोरी) स्वामी धरणीधराचार्य स्थापित भोरी का वैष्णव मठ वैदिक शिक्षा तथा हिन्दू आस्था का प्रमुख केन्द्र है। बाबा सिद्धनाथ,बराबर बराबर पर्वत पर सिद्ध नाथ तथा दशनाम परंपरा के नागाओं के प्रमुख आस्था का केन्द्र है सिद्धनाथ मंदिर, पास में ही नारद लोमस आदि ऋषियों की गुफायें हैं। माना जाता है कि इन गुफाओं मे प्राचीन ऋषियों ने तप किया था। जामा मस्जिद जो दिल्ली में है, वह अलग है, ील बोध गया मंदिर के पीछे जाम मस्जिद नामक एक मस्जिद है , बिहार की सबसे बडी मस्जिद यही है। यह तकरीबन २०० साल पुरानी है। इसमे हजारो लोग साथ नमाज अदा कर सकते हैं। मुख्य नगर से १० कि॰मी॰ दूर गया पटना मार्ग पर स्थित एक पवित्र धर्मिक स्थल है। यहाँ नवी सदी हिज‍री में चिशती अशरफि सिलसिले के प्रख्यात सूफी सत हजरत मखदूम सयद दर्वेश अशरफ ने खानकाह अशरफिया की स्थापना की थी। आज भी पूरे भारत से श्रदालू यहाँ दर्शन के लिये आते है। हर साल इस्लामी मास शाबान की १० तारीख को हजरत मखदूम सयद दर्वेश अशरफ का उर्स गया जी मनाया जाता है। बानाबर (बराबर) पहाड़ गया से लगभग 20 किलोमीटर उत्तर बेलागंज से 10 किलोमीटर पूरब में स्थित है| इसके ऊपर भगवान शिव का मन्दिर है, जहाँ हर वर्ष हजारों श्रद्धालू सावन के महीने में जल चढ़ते है। कहते हैं इस मन्दिर को बानासुर ने बनवाया था। पुनः सम्राट अशोक ने मरम्मत करवाया। इसके नीचे सतघरवा की गुफा है, जो प्राचीन स्थापत्य कला का नमूना है। इसके अतिरिक्त एक मार्ग गया से लगभग 30 किमी उत्तर मखदुमपुर से भी है। इस पर जाने हेतु पातालगंगा, हथियाबोर और बावनसीढ़ी तीन मार्ग है, जो क्रमशः दक्षिण, पश्चिम और उत्तर से है, पूरब में फलगू नदी है। और गया से लगभग 25 किलोमीटर पूरब में टनकुप्पा प्रखंड में चोवार एक गाँव है जो की गया जिले में एक अलग ही बिशेषता रखता है!इस गाँव में एक प्राचीन शिव मंदिर है जो अपने आप में ही एक बहुत बड़ी महानता रखता है!इस मंदिर में भगवान शिव को चाहे जितना भी जल क्यों नहीं चढ़ाये पर आजतक इसका पता नहीं लग पाया है!और इसी गाँव में खुदाई में बहुत ही प्राचीन अष्टधातु की मूर्तियाँ और चाँदी के बहुतें सिक्के मिले है!इस गाँव में एक ताड़ का पेड़ भी है,जो की बहुत ही अद्भुत है। इस ताड़ के पेड़ की विशेषता यह है कि इस पेड़ में तिन डाल है जो की भगवान शिव की त्रिशूल की आकार का है,ये गाँव की शोभा बढ़ाता है जी हाँ ये चोवार गाँव की विशेषता है। प्राचीन एबं अद्भुत शिव मंदिर (चोवार गॉव) चोवार गया शहर से 35 किलोमीटर पूर्व में एक गाँव है चोवार जो की अपने आप में बहुत ही अद्भुत है इस गाँव में एक बहुत ही प्राचीन शिव मंदिर है जहा सैकड़ो श्रद्धालु बाबा बालेश्वरनाथ के ऊपर जल चढाते है पर आजतक ये जल कहाँ जाता है कुछ पता नहीं चलता है इसके पीछे के कारण किसी को नहीं पता चला। लगभग हजारो सालों से ये चमत्कार की जाँच करने आये सैकड़ो बैज्ञानिको ने भी ये दाबा किया है कि ये भगवान शिव का चमत्कार है।इसी गाँव में कुछ सालों पहले सड़क निर्माण के दौरान यहाँ एक बहुत ही बड़ा घड़ा निकला जिसमे हजारो शुद्ध चाँदी के सिक्के निकले थे।आज भी इस गाँव से अष्टधातु की अनेको मूर्तियाँ शिव मंदिर में देखने को मिलता है। . इस गाँव में एक अद्भूत ताड़ का पेड़ भी है जो इस चोवार गाँव की शोभा बढ़ाता है।इस ताड की खास बात ये है कि ताड का पेड़ भगवान के त्रिशुल के तरह त्रिशाखायुक्त है!दूर-दूर से लोग इस पेड़ को देखने के लिये आते हैं। यहां काफी प्राचीन एक कुआं भी है जिसमे कुछ-कुछ घंटों (समय) के बाद पानी का रंग बदलता रहता है। कुएं का पानी का रंग भिन्न भिन्न रंगो में परिवर्तित होते रहता है। कोटेश्ववरनाथ यह अति प्राचीन शिव मन्दिर मोरहर-दरधा नदी के संगम किनारे मेन-मंझार गाँव में स्थित है। यहाँ हर वर्ष शिवरात्रि में मेला लगता है। यहाँ पहुँचने हेतु गया से लगभग ३० किमी उत्तर पटना-गया मार्ग पर स्थित मखदुमपुर से पाईबिगहा समसारा होते हुए जाना होता है। गया से पाईबिगहा के लिये सीधी बस सेवा उपलब्ध है। पाईबिगहा से इसकी दूरी लगभग २ किमी है।गया से टिकारी होकर भी यहां पहुंचा जा सकता है। किवदन्ती है कि प्राचीन काल में बाण पुत्री उषा ने यह मंदिर बनवाया था।किन्तु प्राप्त लिखित इतिहास तथा पुरातात्विक विश्लेषण से ये सिद्ध है कि ६ सदी में नाथ परंपरा के ३५वे सहजयानी सिद्ध बाबा कुचिया नाथ द्वारा स्थापित मठ है।इसलिए इसे कोचामठ या बुढवा महादेव भी कहते है।माना जाता है कि मेन के पाठक बाबा तथा मंझार के रामदेव बाबू को यहाँ भगवान शिव का साक्षात्कार हुआ था।वर्तमान समय मे मठ के जीर्णोद्धार का स्वप्नादेश भगवान शिव ने उन्ही रामदेव बाबू के पुत्र भोलानाथ शर्मा जी को किया , जातिभेद के वैमनस्य से क्रंदन कर रहे क्षेत्र मे शिव जी के प्रेरणा से सांस्कृतिक साहित्यिक एकता का प्रयत्न भोलानाथ शर्मा छ्त्रवली शर्मा नित्यानन्द शर्मा आदि ने प्रारंभ किया। सांस्कृतिक एकता की यात्रा ने मंदिर के जीर्णोद्धार के साथ बृहद् सांस्कृतिक केंद्र के रुप मे इसे स्थापित किया ।[] सूर्य मंदिर सूर्य मंदिर प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर के 20 किलोमीटर उत्तर और रेलवे स्टेशन से 3 किलोमीटर दूर स्थित है। भगवान सूर्य को समर्पित यह मंदिर सोन नदी के किनारे स्थित है। दिपावली के छ: दिन बाद बिहार के लोकप्रिय पर्व छठ के अवसर पर यहां तीर्थयात्रियों की जबर्दस्त भीड़ होती है। इस अवसर पर यहां मेला भी लगता है। ब्रह्मयोनि पहाड़ी इस पहाड़ी की चोटी पर चढ़ने के लिए ४४० सीढ़ियों को पार करना होता है। इसके शिखर पर भगवान शिव का मंदिर है। यह मंदिर विशाल बरगद के पेड़ के नीचे स्थित हैं जहां पिंडदान किया जाता है। इस स्थान का उल्लेख रामायण में भी किया गया है। दंतकथाओं पर विश्‍वास किया जाए तो पहले फल्गु नदी इस पहाड़ी के ऊपर से बहती थी। लेकिन देवी सीता के शाप के प्रभाव से अब यह नदी पहाड़ी के नीचे से बहती है। यह पहाड़ी हिन्दुओं के लिए काफी पवित्र तीर्थस्थानों में से एक है। यह मारनपुर के निकट है। मंगला गौरी पहाड पर स्थित यह मंदिर मां शक्ति को समर्पित है। यह स्थान १८ महाशक्तिपीठों में से एक है। माना जाता है कि जो भी यहां पूजा कराते हैं उनकी मन की इच्छा पूरी होती है। इसी मन्दिर के परिवेश में मां काली, गणेश, हनुमान तथा भगवान शिव के भी मन्दिर स्थित हैं। बराबर गुफा यह गुफा गया से 20 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। इस गुफा तक पहुंचने के लिए 7 किलोमीटर पैदल और 10 किलोमीटर रिक्शा या तांगा से चलना होता है। यह गुफा बौद्ध धर्म के लिए महत्वपूर्ण है। यह बराबर और नागार्जुनी श्रृंखला के पहाड़ पर स्थित है। इस गुफा का निर्माण बराबर और नागार्जुनी पहाड़ी के बीच सम्राट अशोक और उनके पोते दशरथ के द्वारा की गई है। इस गुफा उल्लेख ई॰एम. फोस्टर की किताब ए पैसेज टू इंडिया में भी किया गया है। इन गुफओं में से 7 गुफाएं भारतीय पुरातत्व विभाग की देखरख में है। देवी मंदिर नियाजीपुर, गया बिहार देवी मंदिर नियाजीपुर का निर्माण सन 1961 में हुई और इसका उद्घाटन फ़रवरी 1961 में किया गया, इसका निर्माण नियाजीपुर गया के मूल निवासी स्वर्गीय राम उग्रह सिंह द्वारा किया गया था| इसका उद्घाटन एक बहुत बड़े यज्ञ से हुआ था|इस समय मंदिर की देखभाल एक ट्रस्ट के माध्यम से की जाती है जिसके ट्रस्टी राम उग्रह सिंह के सबसे छोटे पुत्र श्री राज नंदन सिंह हैं। यह मंदिर एक तालाब के किनारे स्थित है जो इसकी खूबसूरती मे चार चाँद लगा देता है | बाबा जमुनेश्वर धाम गया शहर से पास में ही दक्षिण बिहार विश्वविद्यालय के जाने वाली रोड SH 79 के पास में ही जमुने बसा हुआ है। यह पवित्र जमूने नदी के तट पर बसा हुआ है। यहां पर काफी पुराना शिव मंदिर हैं जो कहा जाता है की टेकारी नरेश गोपाल सरण के द्वारा निर्माण करवाया गया था। स्थानीय लोगो का मानना है की बाबा जमुनेश्वर का महिमा बहुत ही अपार है। महाशिवरात्रि और श्रवण में यह श्रद्धालु की काफी भीड़ जुटती है। पास में ही सूर्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है,जहा एक धाम बन गया है विवाह के लगन के समय यह विवाह और कार्यक्रम करने वालो को बहुत भीड़ होती है। छठ पूजा पर आप यहां अपने परिवार के साथ यहां के घाट पर जरूर पधारे आपको एक अपनापन का एहसास दिलाएगा बाबा जमुनेश्वर का ये धाम। सूर्य मंदिर कुजापी गया शहर में गया जंक्शन से पश्चिमी ओर करीब 3 किमी दूर कुजापी गांव में एक खूबसूरत और विशाल सूर्य मंदिर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण कार्य सन 2012 ईस्वी में पूरा हुआ एवं इस मंदिर का उद्घाटन सन 2013 ईस्वी में एक विशाल महायज्ञ से हुआ जिसमें लगभग 4000 श्रद्धालु भक्तजनों ने कलश यात्रा में भाग लिया था। इस मंदिर का निर्माण कुजापी के तत्कालीन मुखिया श्री अभय कुशवाहा के द्वारा करवाया गया था जोकि टिकारी विधानसभा से विधायक भी रह चुके हैं। इस मंदिर के ठीक सामने कृष्ण मंदिर है। इस मंदिर परिसर में एक विशाल सरोवर, मुंद्रा सरोवर का निर्माण करवाया गया है जिसमें प्रति वर्ष छठ के दिन श्रद्धालु भक्तजन अर्ध देते हैं। ऐतिहासिक गांव ढीबर गया-रजौली रोड पर गया से 20 किमी दूर ढीबर नामक गांव है| यहां के गढ़ पे हजारो साल पुराना भगवान बुद्ध की अनेक मूर्तियाँ हैं|ये मूर्तियां खंडित हैं| यहां एक बहुत पुराना देवी मंदिर भी है यह मंदिर किसने और कब बनवाया यह कोई नहीं जानता | यहां बांसी नाला हॉल्ट नाम का एक रेलवे स्टेशन भी है जो यात्रा को आसान और तेज़ बनाता है|By sagar singh chandravanshi सूर्य मंदिर (पाई बिगहा) मखदुमपुर से ६ किमी दूर स्थित पाईबिगहा मोरहर किनारे बसा टिकारी राज्य का प्रमुख बाजार रहा है, हैमिल्टन बुचनन को यहाँ ई. पू. प्रथम सदी के प्राचीन शिव मंदिर के जीर्ण अवशेष मिले थे , बाजार के बीचोबीच उसी स्थान पर नया महादेव स्थान स्थापित है। पाईबिगहा मंझार रोड पर स्थित है एक प्राचीन सूर्य मंदिर जो जन आस्था का केन्द्र है।प्रति वर्ष छठपूजा मे मंदिर प्रांगण मे बडा मेला लगता है।दूर दूर से आकर लोग यहाँ छ्ठ पर्व मनाते हैं।माई जी नाम से सुविख्यत महिला भगवान् सूर्य की प्रमुख भक्त थी जिनके विषय मे कहा जाता है कि उन्हें इसी मंदिर प्रांगण में नारायण रुप मे सूर्य देव ने दर्शन दिया था। संत कारुदास मंदिर (कोरमत्थू) एक प्रसिद्ध कहावत है गया के राह कोरमत्थू। जी वही कोरमत्थु जहाँ जमुने किनारे भगवान राम ने गया जाते समय विश्राम किया था तथा एक शिवलिंग स्थापित की थी। वही शिवलिंग जिसकी खोज मे सिद्ध संप्रदाय के बाबा कारुदास हिमालय छोड कोरमत्थु के चैत्यवन आ पहुंचे। यहाँ प्राचीन शिवलिंग ठाकुरबाडी तथा कारूदास जी का मंदिर है। गया त्रिवेणी अखाडा से कोरमत्थु के लिए सीधी बस सेवा है । यहाँ से मंझार होते हुए बाबा कोटेश्वर नाथ धाम भी आसानी से पहुंचा जा सकता है। माँ तारा मंदिर, केसपा प्राचीन इतिहास मे मगध मे प्रमुख रूप से चैत्य वन तथा सिद्ध वन दो प्रमुख क्षेत्र थे। चैत्य वन मे मोरहर तथा पुनपुन का क्षेत्र केसपा कहा जाता था । पूर्व में माँ तारा के मंदिर के समीप से पुनपुन का प्रवाह था , तथा मंझार के पूर्व से मोरहर का । अर्थात मंझार से लेकर केसपा तक का संपूर्ण क्षेत्र केसपा के नाम से जाना जाता था। इस चैत्य वन के काश्यलपा क्षेत्र में मेन मंझार का क्षेत्र मंदार वन के नाम से जाना जाता था जहाँ कुचियानाथ का मठ था। कुचिया नाथ से भी बहुत पहले गया कश्यप नाम के बौद्ध संत का मठ था माँ तारा पीठ। बुचनन ने इसे बौद्ध - हिन्दु दोनो संप्रदायों का प्रमुख स्थान माना है।[] दुर्लभ पीपल वृक्ष ( मेन-मंझार) कोटेश्वरनाथ मंदिर से ३०० मीटर उत्तर में दुर्लभ प्रजाति का पीपल वृक्ष है।दूर देश से वैज्ञानिक इस पर शोध करने आते हैं। श्रद्धालुओं के लिए यह कौतुक का विषय है क्योंकि वृक्ष की सभी शाखाएँ दक्षिण के तरफ उपर से नीचे आ जमीन को छूती हैं (मानो भगवान शिव को प्रणाम कर रही हों )फिर ऊपर जाती है। बोधगया बोधगया बौद्ध धर्म की राजधानी है।जिस पीपल वृक्ष के नीचे भगवान बुद्ध सिद्धर्थ को ज्ञान प्राप्त हुआ था वो बोधिवृक्ष बौद्ध आस्था का केन्द्र है। माँ काली मंदिर(बेलागंज) गुप्तकालीन काली मंदिर मगध क्षेत्र मे शाक्त परंपरा का प्रमुख धरोहर है। प्राचीन विष्णु मंदिर(घेजन) पाई बिगहा से २ किमी पश्चिम घेजन प्रमुख पुरातात्विक रुचि का केन्द्र है।यहाँ से प्राप्त भगवान् बुद्ध की २५० ई पू की भगवान् बुद्ध तथा भगवान विष्णु की प्रतिमा पटना संग्रहालय मे सुरक्षित है।यहाँ का मंदिर अति प्राचीन है, बेलगार ने इसे गुप्त कालीन बताया है। कोचेश्वरनाथ कोच स्थित कोचेश्वरनाथ मठ अति प्राचीन शैव आस्था का केंद्र है।[] खेतेश्वर महादेव(मेन) मेन मंझार शैव परंपरा का जागृत स्थान है जहाँ प्रतिवर्ष छोटे बडे एक या एक से अधिक शिवलिंग स्वयम् प्रकट हो ही जाते हैं।इस पूरे क्षेत्र में छोटे बडे १२७ शिवलिंग हैं जो स्वयं प्रकट हुए हैं , जिनमें ११ प्रमुख हैं। इन ११ में कोटेश्वरनाथ खेतेश्वर महादेव तथा गौरी शंकर तीन अति प्रमुख हैं। खेतेश्वर महादेव मोरहर नदी के उफान और बाढ मे भी नही डूबता जबकि ये न तो ऊँचाई पर स्थित है न हीं इनका आकार बहुत बडा है। आस पास के सभी ऊँचे टीले डूब जाते हैं पर उन सब से काफी कम ऊँचाई का यह स्वयंभू शिवलिंग कभी नही डूबता। अक्षय वट प्रसिद्ध अक्षय वट विष्णु पाद मंदिर के पास के क्षेत्र में स्थित है। अक्षय वट को सीता देवी ने अमर होने का वरदान दिया था और कभी भी किसी भी मौसम में इसके पत्तों को नहीं बहाया जाता है। रामशिला पहाडी गया के दक्षिण-पूर्व की ओर स्थित रामशिला हिल को सबसे पवित्र स्थान माना जाता है क्योंकि यह माना जाता है कि भगवान राम ने पहाड़ी पर ’पिंडा’ की पेशकश की थी।पहाड़ी का नाम भगवान राम से जुड़ा है। प्राचीन काल से संबंधित कई पत्थर की मूर्तियां पहाड़ी के आसपास और आसपास के स्थानों पर देखी जा सकती हैं, जो कि बहुत पहले के समय से कुछ पूर्व संरचनाओं या मंदिरों के अस्तित्व का सुझाव देती हैं। पहाड़ी की चोटी पर स्थित मंदिर जिसे रामेश्वरा या पातालेश्वर मंदिर कहा जाता है, मूल रूप से 1014 A.D में बनाया गया था, लेकिन सफल अवधि में कई बहाली और मरम्मत से गुजरा।मंदिर के सामने हिंदू भक्तों द्वारा अपने पूर्वजों के लिए पितृपक्ष के दौरान "पिंड" चढ़ाया जाता है। प्रेतशिला पहाडी रामशिला पहाड़ी से लगभग 10 किलोमीटर दूर है। पहाड़ी के नीचे ब्रह्म कुंड स्थित है।इस तालाब में स्नान करने के बाद लोग 'पिंड दान' के लिए जाते हैं।पहाड़ी की चोटी पर, इंदौर की रानी, ​​अहिल्या बाई, ने 1787 में एक मंदिर बनाया था जिसे अहिल्या बाई मंदिर के नाम से जाना जाता था।यह मंदिर हमेशा अपनी अनूठी वास्तुकला और शानदार मूर्तियों के कारण पर्यटकों के लिए एक आकर्षण रहा है। सीताकुंड विष्णु पद मंदिर के विपरीत तरफ, सीता कुंड फल्गु नदी के दूसरे किनारे पर स्थित है।उस स्थान को दर्शाते हुए एक छोटा सा मंदिर है जहाँ माता सीता ने अपने ससुर के लिए पिंडदान किया था। डूंगेश्वरी मंदिर / डुंगेश्वरी हिल माना जाता है कि गौतम सिद्धार्थ ने अंतिम आराधना के लिए बोधगया जाने से पहले 6 साल तक इस स्थान पर ध्यान किया था।बुद्ध के इस चरण को मनाने के लिए दो छोटे मंदिर बनाए गए हैं।कठोर तपस्या को याद करते हुए एक स्वर्ण क्षीण बुद्ध मूर्तिकला गुफा मंदिरों में से एक में और एक बड़ी (लगभग 6 'ऊंची) बुद्ध की प्रतिमा दूसरे में विहित है। गुफा मंदिर के अंदर एक हिंदू देवी देवता डुंगेश्वरी को भी रखा गया है। थाई मठ,बोधगया थाई मोनास्ट्री बोधगया का सबसे पुराना विदेशी मठ है।जो कि सजावटी रीगल थाई स्थापत्य शैली में निर्मित है।बाहरी और साथ ही आंतरिक की भव्यता बेहद विस्मयकारी है। मंदिर सामने आँगन में एक शांत पूल के ऊपर लाल और सुनहरे मणि की तरह दिखाई देता है।बुद्ध के जीवन को दर्शाती भित्ति चित्रों के साथ शानदार बुद्ध की मूर्ति और कुछ आधुनिक घटनाओं जैसे कि शैली में चित्रित पेड़ लगाने का महत्व पूरी तरह से अद्भुत है।यह बोधगया में महाबोधि मंदिर के बगल में स्थित है।घूमने का समय: सुबह 7:00 से दोपहर 12:00, दोपहर 02:00 से शाम 06:00 तक। धर्म चक्र 200 क्विंटल लोहे से बना धर्म चक्र पर्यटको में चर्चा का विषय रहा है।कहा जाता है कि इस चक्र को घुमाने पर पापो से मुक्ती मिल जाती है। जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार इस जिले की जनसंख्या: शहरी क्षेत्र:- 3863888 देहाती क्षेत्र:- 575495 कुल:- 4379383 गम्यता हवाई मार्ग बिहार एवं झारखण्ड के एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा, गया विमानक्षेत्र, है। अब झारखंड[देवघर] में भी हवाईअड्डा बन गया है। रेल मार्ग गया जन्कशन बिहार का दूसरा बड़ा रेलस्टेशन है। यह एक विशाल परिसर में स्थित है। इसमे ९ प्लेटफार्म है। गया से पटना, रांची,धनबाद,कोलकाता, पुरी, बनारस, चेन्नई, मुम्बई, नई दिल्ली, नागपुर, गुवाहाटी, जयपुर, अजमेरशरीफ, हरिद्वार, ऋषिकेश, जम्मू-तवी आदि के लिए सीधी ट्रेनें है। सड़क मार्ग गया राजधानी पटना और राजगीर, रांची, धनबाद,बनारस आदि के लिए बसें जाती हैं। गया में दो बस स्टैंड हैं। दोनों स्टैंड फल्गु नदी के तट पर स्थित है। गांधी मैदान बस स्टैंड नदी के पश्चिमी किनार पर स्थित है। यहां से बोधगया के लिए नियमित तौर पर बसें जाती हैं। इंजीनियरिंग कॉलेज गया कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग, गया बुद्धा इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी इन्हें भी देखें फल्गू नदी बोधगया गया विमानक्षेत्र गया ज़िला बाहरी कड़ियाँ पितृपक्ष (गया एवं अन्य धार्मिक स्थलों के बारे में) सोन भण्डार गुफा, राजगीर सन्दर्भ गया जिला बिहार के शहर गया ज़िले के नगर बिहार में पर्यटन आकर्षण
इस द्वीप में एक बड़ा झुका हुआ पठार और सात छोटी पहाड़ियों (इसलिए स्थानीय नाम "हफ़्ट तलार" या "सेवन हिल्स") की एक श्रृंखला है, जिसमें गहरी खाइयाँ और दरारें हैं, जो कई फीट चौड़ी हैं। द्वीप पर कई प्राकृतिक गुफाएँ और खाड़ियाँ हैं। द्वीप का दक्षिणी चेहरा धीरे-धीरे ढलान पर है जबकि उत्तरी चेहरा एक तेज ऊर्ध्वाधर गिरावट के साथ चट्टान जैसा है।
एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल ने 2.5 से 4 करोड़ यात्री वर्ग में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को दुनिया का दूसरा सर्वश्रेष्ठ हवाई अड्डा नामित किया है। इस हवाई अड्डे को सभी श्रेणियों में दुनिया के 199 हवाई अड्डों में चौथा सर्वश्रेष्ठ हवाई अड्डा घोषित किया गया है।टिप्पणियां एयरपोर्ट कांउसिल इंटरनेशनल (एसीआई) द्वारा इस्तांबुल (तुर्की) में आयोजित पुरस्कार समारोह में हवाई अड्डा ऑपरेटर दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (डायल), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), एयरपोर्ट ऑपरेशंस कंट्रोल और एयर इंडिया के प्रतिनिधियों वाले नौ-सदस्यीय दल ने 'एसीआई एएसक्यू पुरस्कार' हासिल किया। आईजीआई हवाई अड्डे ने हवाई अड्डा सेवा गुणवत्ता (एएसक्यू) पैमाने में 5 में से 4.83 अंक हासिल किए। आईजीआई ने 2.5 करोड़ से 4 करोड़ यात्री वर्ग में दूसरा सर्वश्रेष्ठ हवाई अड्डा होने का अपना खिताब बरकरार रखा। हवाई अड्डे ने साल 2007 में 3.02 एएसक्यू अंक हासिल किया था और दुनिया के 101 भागीदार हवाई अड्डों में उसका अंतिम स्थान था। एयरपोर्ट कांउसिल इंटरनेशनल (एसीआई) द्वारा इस्तांबुल (तुर्की) में आयोजित पुरस्कार समारोह में हवाई अड्डा ऑपरेटर दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (डायल), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), एयरपोर्ट ऑपरेशंस कंट्रोल और एयर इंडिया के प्रतिनिधियों वाले नौ-सदस्यीय दल ने 'एसीआई एएसक्यू पुरस्कार' हासिल किया। आईजीआई हवाई अड्डे ने हवाई अड्डा सेवा गुणवत्ता (एएसक्यू) पैमाने में 5 में से 4.83 अंक हासिल किए। आईजीआई ने 2.5 करोड़ से 4 करोड़ यात्री वर्ग में दूसरा सर्वश्रेष्ठ हवाई अड्डा होने का अपना खिताब बरकरार रखा। हवाई अड्डे ने साल 2007 में 3.02 एएसक्यू अंक हासिल किया था और दुनिया के 101 भागीदार हवाई अड्डों में उसका अंतिम स्थान था। आईजीआई हवाई अड्डे ने हवाई अड्डा सेवा गुणवत्ता (एएसक्यू) पैमाने में 5 में से 4.83 अंक हासिल किए। आईजीआई ने 2.5 करोड़ से 4 करोड़ यात्री वर्ग में दूसरा सर्वश्रेष्ठ हवाई अड्डा होने का अपना खिताब बरकरार रखा। हवाई अड्डे ने साल 2007 में 3.02 एएसक्यू अंक हासिल किया था और दुनिया के 101 भागीदार हवाई अड्डों में उसका अंतिम स्थान था।
JioPhone के लिए प्री बुकिंग 24 अगस्त की शाम से शुरू हुई. इसके लिए कस्टमर्स ने ऑनलाइन और ऑफलाइन बुकिंग की हैं. कुछ समय के लिए वेबसाइट क्रैश भी कर गई. हालांकि इसके बाद बुकिंग शुरू हुई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक जियो के 4G फीचर फोन के लिए 3-4 मिलियन कस्टमर्स ने बुकिंग कराई है. हालांकि जियो ने अभी तक आधिकारिक आंकड़े नहीं बताए हैं. प्री बुकिंग फिलहाल दो दिन तक चली और शनिवार से कंपनी ने इसे बंद कर दिया है. फिलहाल न तो ऑनलाइन और न ही ऑफलाइन प्री बुकिंग हो रही है. हालांकि इसके लिए भी कंपनी ने आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा है. लेकिन वेबसाइट पर लिखा है कि लाखों लोगों ने जियो फोन को प्री बुक किया है. प्री बुकिंग फिर से शुरू होने पर हम आपको जानकारी देंगे. गौरतलब है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की 40वीं एनुअल जेनरल मीटिंग के दौरान कंपनी ने कहा था कि हर हफ्ते 50 लाख जियो फोन उपलब्ध कराए जाएंगे. लेकिन प्री बुकिंग को टार्गेट से बेहतर रिस्पॉन्स मिला है. जियो के एक प्रवक्ता ने ईटी से बताया है कि कस्टमर्स अभी भी प्री बुकिंग के लिए रजिस्टर कर सकते हैं और बाद में इसके लिए प्री बुकिंग शुरू होगी. लेकिन यह साफ नहीं किया गया है कि प्री बुकिंग शुरू कब से होगी. कनॉट प्लेस टेलीपैथी मोबाइल स्टोर के मोहित अरोड़ा काफी पहले से JioPhone के लिए प्री बुकिंग ले रहे हैं. जियोफोन ऐलान के बाद से हर दिन लगभग 150 लोग इसके बारे में पूछने आते हैं. अभी तक 1,600 से ज्यादा लोगों ने प्री बुकिंग करा ली है. उन्होंने बताया है कि 8  से 12 सितंबर से युनिट्स आ सकते हैं. कंपनी ने जियो फोन के फीचर्स जारी कर दिए हैं. इस जियोफोन में वॉयस कमांड्स के जरिए टास्क कर सकते हैं. इसकी स्क्रीन 2.4 इंच की है और इसमें एफएम रेडियो और टॉर्चलाइट दिया गया है. इसकी इंटरनल मेमोरी 4GB की होगी जिसे माइक्रो एसडी कार्ड से बढ़ा कर 32GB तक किया जा सकता है.  इस फोन के साथ केबल दिया जाएगा जिसके जरिए इसके कॉन्टेंट को टीवी में भी देखा जा सकेगा. हालांकि इसके लिए 303 रुपये वाला प्लान लेना होगा. फिलहाल यह साफ नहीं है कि इस फोन में व्हाट्सऐप चलाया जा सकेगा कि नहीं . हालांकि हाल ही में एक रिपोर्ट आई थी जिसमें कहा गया था कि व्हाट्सऐप के साथ जियो बातचीत कर रही है और आने वाले समय में व्हाट्सऐप का एक खास वर्जन लॉन्च किया जाएगा जो सिर्फ जियोफोन पर चलेगा. हालांकि न तो व्हाट्सऐप और न रिलायंस जियो ने इस पर आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहा है.
सूरजकुंड घूमने गए JNU छात्रों से मारपीट, छात्रा से रेप की कोशिश हरियाणा के फरीदाबाद स्थित सूरजकुंड घूमने गए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के दो छात्रों और एक छात्रा से कार सवार चार युवकों ने मारपीट की. इस दौरान एक आरोपी ने छात्रा से रेप की भी कोशिश की. आरोपियों ने उन्होंने गाय चुराने वाला बताते हुए उनसे मारपीट की. पत्नी ने छोड़ा घर, पति ने खुदकुशी से पहले बनाया अपनी मौत का VIDEO मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. डिप्रेशन की समस्या से जूझ रहे युवक ने अपनी मौत को मोबाइल फोन में रिकॉर्ड कर लिया था. दरअसल मृतक की पत्नी घर छोड़कर चली गई थी. जिस वजह से उसने यह खौफनाक कदम उठाया. निकाय चुनाव हारने का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सकी महिला नेता, दे दी जान पश्चिम बंगाल में निकाय चुनाव हारने पर एक महिला उम्मीदवार के सुसाइड की खबर सामने आई है. बताया जा रहा है कि जैसे ही चुनाव नतीजे घोषित हुए, महिला ने खुद को कमरे में बंद कर नींद की गोलियां खाईं, जिससे उसकी मौत हो गई. अमेरिका ने हिजबुल मुजाहिदीन पर कसा शिकंजा, अब कैसे बचेगा सलाउद्दीन भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी सैयद सलाहुद्दीन उर्फ सैयद मोहम्मद यूसुफ शाह को अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कर दिया है. इसी के साथ ही अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने हिजबुल मुजाहिदीन को विदेशी आतंकवादी संगठन और खासतौर पर नामित वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित किया है. जिसे भारत के लिए बड़ी कामयाबी बताया जा रहा है. दिल्ली: नारकोटिक्स ब्यूरो ने पकड़ी 40 करोड़ की कोकीन, महिला समेत दो गिरफ्तार दिल्ली नारकोटिक्स टीम ने एक तंजानियन महिला को लगभग 40 करोड़ की कोकीन के साथ गिरफ्तार कर लिया. यह कार्रवाई नारकोटिक्स ब्यूरो ने एक गुप्त सूचना के आधार पर की. कोकीन को बड़े शातिराना अंदाज में पैक किया गया था. इस संबंध में एक नाइजीरियन युवक को भी गिरफ्तार किया गया है.
यह एक लेख है: टीवी सीरियल 'नागिन' से मशहूर हुईं मौनी रॉय अब जल्द ही बड़े पर्दे पर नजर आएंगी. ऐसी खबरें हैं कि मौनी फिल्म 'तुम बिन 2' में नजर आने वाली हैं.   वैसे मौनी अपनी ग्लैमरस तस्वीरों के कारण आए दिन इंटरनेट पर छाई रहती हैं, चाहे वह उनके गोव ट्रिप की तस्वीरें हों या फिर उनके उदयपुर हॉलीडे की.   एक हिन्दी न्यूज साइट दैनिक जागरण में प्रकाशित एक खबर के अनुसार मौनी अनुभव सिन्हा की फिल्म 'तुम बिन 2' में एक आयटम सांग करने वाली हैं. 'तुम बिन 2' में सिर्फ 5 गाने हैं, जबकि इसके पहले भाग 'तुम बिन' में 13 गाने थे, जो उस दौर में काफी लोकप्रिय हुए थे.   गौरतलब है कि 'तुम बिन' की कामयाबी का बड़ा क्रेडिट इसके संगीत को ही दिया गया था. लिहाजा प्रोड्यूसर भूषण कुमार फिल्म को म्यूजिकल बनाना चाहते हैं. इसलिए फिल्म में एक पंजाबी फ्लेवर का गाना शामिल करने पर भी विचार किया जा रहा है.   फिलहाल मौनी टेलीविजन धारावाहिक 'नागिन 2' में एक बार फिर एकता कपूर के साथ काम कर रहीं हैं. वह 'नागिन 2' में दोहरी भूमिका में नजर आ रही हैं.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में महामना एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई. यह ट्रेन सप्ताह में तीन दिन वाराणसी से दिल्ली के बीच चलेगी. दिल्ली से वाराणसी की दूरी को ये 14 घंटे में तय करेगी. ट्रेन कई नई सुविधाओं से लैस है. इस दौरान पीएम ने दिव्यांगों को तोहफे भी बांटे. मोदी ने दिव्यांगों को इलेक्ट्रॉनिक हियरिंग एड और चलने की छड़ी बांटी. पीएम मोदी ने यहां लोगों को संबोधित भी किया. अपने भाषण के दौरान उन्होंने दिव्यांगों के बारे में ज्यादा बात की. मोदी अपने विरोधियों पर निशाना साधने से भी नहीं बचे. प्रधानमंत्री के भाषण के खास 10 बिन्दु ये हैं: 1. कुछ दिन पहले जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे काशी आए थे. जापान में उन्होंने अपने भाषण में मां गंगा की आरती के समय का वर्णन किया. मैंने इंटरनेट पर उनका भाषण सुना और हर काशीवासी को इस गुणगान पर गर्व होता है. 2. जब लोकसभा के चुनाव पूरे हुए और संसद के सेंट्रल हॉल में एनडीए के सभी सांसदों ने मुझे नेता के रूप में चुना. उस दिन मैंने कहा था कि ये सरकार गरीबों को समर्पित है.' 3. हमारी सरकार ने दिव्यांगों के लिए साल भर में 1800 कैंप लगाए. 1992 से 2014 तक बड़ी मुश्किल से 100 कैंप लगे थे. 4. बिचौलिओं की दुकानें बंद हो गई हैं. उनको तकलीफ हो रही हैं लेकिन उनकी परेशानी से मुझे कोई तकलीफ नहीं. 5. मुझ पर चारों तरफ से हमले होते हैं. लेकिन मैं विचलित नहीं होता. मैं लोगों की मदद करना चाहता हूं. मेरा काम गरीबों के लिए काम करना है. 6. मोदी ने कहा कि हम ऐसी व्यवस्था विकसित करेंगे जिससे दिव्यांगों को ट्रेन और बसों से आवागमन करने में कोई दिक्कत नहीं होगी. 7. जहां कानूनी बदलाव लाना होगा वहां कानूनी बदलाव करेंगे. जहां नियमों में बदलाव की जरूरत है वहां नियमों को बदलेंगे. 8. पीएम बोले- मैंने यहां मंदबुद्धि को कंप्यूटर दिया और तुरंत उसने उसे चालू कर दिया. उसकी यह कोशिश उसके परिवार के लिए आशा लेकर आई है. 9. मुझे गरीबों की दुर्दशा देखकर बहुत तकलीफ होती है. मैं हमेशा उनके साथ हूं. 10. दिव्यांगों में आत्मविश्वास का भाव विकसित करने के लिए हम काम करेंगे.
ब्रह्मोस एक कम दूरी की रैमजेट, सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है। इसे पनडुब्बी से, पानी के जहाज से, विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है। रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया (NPO Mashinostroeyenia) तथा भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने संयुक्त रूप से इसका विकास किया है। यह रूस की पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की प्रौद्योगिकी पर आधारित है। ब्रह्मोस के समुद्री तथा थल संस्करणों का पहले ही सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है तथा भारतीय सेना एवं नौसेना को सौंपा जा चुका है। ब्रह्मोस भारत और रूस के द्वारा विकसित की गई अब तक की सबसे आधुनिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली है और इसने भारत को मिसाइल तकनीक में अग्रणी देश बना दिया है। परिचय ब्रह्मोस एक सुपरसॉनिक क्रूज़ प्रक्षेपास्त्र है। क्रूज़ प्रक्षेपास्त्र उसे कहते हैं जो कम ऊँचाई पर तेजी से उड़ान भरती है और इस तरह से रडार की आँख से बच जाती है। ब्रह्मोस की विशेषता यह है कि इसे जमीन से, हवा से, पनडुब्बी से, युद्धपोत से यानी कि लगभग कहीं से भी दागा जा सकता है। यही नहीं इस प्रक्षेपास्त्र को पारम्परिक प्रक्षेपक के अलावा उर्ध्वगामी यानी कि वर्टिकल प्रक्षेपक से भी दागा जा सकता है। ब्रह्मोस के मेनुवरेबल संस्करण का हाल ही में सफल परीक्षण किया गया। जिससे इस मिसाइल की मारक क्षमता में और भी बढोत्तरी हुई है। ब्रह्मोस का विकास ब्रह्मोस कोर्पोरेशन के द्वारा किया जा रहा है। यह कम्पनी भारत के डीआरडीओ और रूस के एनपीओ मशीनोस्त्रोयेनिशिया का सयुंक्त उपक्रम है। ब्रह्मोस नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी पर रखा गया है। रूस इस परियोजना में प्रक्षेपास्त्र तकनीक उपलब्ध करवा रहा है और उड़ान के दौरान मार्गदर्शन करने की क्षमता भारत के द्वारा विकसित की गई है। प्रक्षेपास्त्र तकनीक में दुनिया का कोई भी प्रक्षेपास्त्र तेज गति से आक्रमण के मामले में ब्रह्मोस की बराबरी नहीं कर सकता। इसकी खूबियाँ इसे दुनिया की सबसे तेज़ मारक मिसाइल बनाती है। यहाँ तक की अमरीका की टॉम हॉक मिसाइल भी इसके आगे फिसड्डी साबित होती है। मेनुवरेबल तकनीक मेनुवरेबल तकनीक यानी कि दागे जाने के बाद अपने लक्ष्य तक पहुँचने से पहले मार्ग को बदलने की क्षमता। उदाहरण के लिए टैंक से छोड़े जाने वाले गोलों तथा अन्य मिसाइलों का लक्ष्य पहले से निश्चित होता है और वे वहीं जाकर गिरते हैं। या फिर लेज़र गाइडेड बम या मिसाइल होते हैं जो लेजर किरणों के आधार पर लक्ष्य को साधते हैं। परंतु यदि कोई लक्ष्य इन सब से दूर हो और लगातार गतिशील हो तो उसे निशाना बनाना कठीन हो सकता है। यहीं यह तकनीक काम आती है। ब्रह्मोस मेनुवरेबल मिसाइल है। दागे जाने के बाद लक्ष्य तक पहुँचते पहुँचते यदि उसका लक्ष्य मार्ग बदल ले तो यह मिसाइल भी अपना मार्ग बदल लेती है और उसे निशाना बना लेती है। ब्रह्मोस की विशेषताएँ यह हवा में ही मार्ग बदल सकती है और चलते फिरते लक्ष्य को भी भेद सकती है। इसको वर्टिकल या सीधे कैसे भी प्रक्षेपक से दागा जा सकता है। यह मिसाइल तकनीक थलसेना, जलसेना और वायुसेना तीनों के काम आ सकती है। यह 10 मीटर की ऊँचाई पर उड़ान भर सकती है और रडार की पकड में नहीं आती। रडार ही नहीं किसी भी अन्य मिसाइल पहचान प्रणाली को धोखा देने में सक्षम है। इसको मार गिराना लगभग असम्भव है। ब्रह्मोस अमरीका की टॉम हॉक से लगभग दुगनी अधिक तेजी से वार कर सकती है, इसकी प्रहार क्षमता भी टॉम हॉक से अधिक है। आम मिसाइलों के विपरित यह मिसाइल हवा को खींच कर रेमजेट तकनीक से ऊर्जा प्राप्त करती है। यह मिसाइल 1200 यूनिट ऊर्जा पैदा कर अपने लक्ष्य को तहस नहस कर सकती है। भविष्य की योजना ब्रह्मोस कोर्प। अगले 10 साल में करीब 2000 ब्रह्मोस मिसाइल बनाएगा। इन मिसाइलों को रूस से लिए गए सुखोई लड़ाकू जहाजों में लगाया जाएगा। ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल है, परंतु भविष्य में ब्रह्मोस-२ नाम से हाइपर सोनिक मिसाइल भी बनाई जाएगी जो 7 मैक की गति से वार करेगी। भारत अपनी स्वदेशी सबसोनिक मिसाइल निर्भय भी बना रहा है। ब्रह्मोस-२ करीब 6,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के साथ 290 किलोमीटर दूरी तक लक्ष्य भेद सकेगी। लेकिन इससे अधिक दूरी की मिसाइल का विकास रूस के साथ मिलकर सम्भव नहीं है क्योंकि रूस अंतरराष्ट्रीय मिसाइल तकनीक नियंत्रण संधि (एमटीसीआर) का हस्ताक्षरकर्ता है। इससे वह 300 किमी से अधिक मारक क्षमता वाली मिसाइल के विकास में अन्य देशों को मदद नहीं दे सकता है। परीक्षण 18 दिसम्बर २००९ को भारत ने गुरुवार को बंगाल की खाड़ी में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया। इस मिसाइल का निर्माण भारत और रूस के संयुक्त सैन्य उपक्रम ने किया है। प्रक्षेपण रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के एक अधिकारी ने बताया, ब्रह्मोस मिसाइल को बंगाल की खाड़ी में एक युध्दपोत से प्रक्षेपित किया गया। परीक्षण को एक मोबाइल प्रक्षेपक से अंजाम दिया गया। मिसाइल ने लक्ष्यों को सफलतापूर्वक भेद दिया। यह पहली बार है जब ब्रह्मोस का प्रक्षेपण एक नए जहाज पर लगाए गए यूनीवर्सल वर्टिकल लांचर से किया गया। अधिकारी ने कहा, आज अधिकतर जहाजों पर वर्टिकल लांचर लगे हुए हैं ऐसे में ब्रह्मोस का यह परीक्षण काफी मायने रखता है। क्षमता मिसाइल की मारक क्षमता 290 किलोमीटर है और यह 300 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री अपने साथ ले जा सकता है। मिसाइल की गति ध्वनि की गति से करीब तीन गुना अधिक है। भारतीय नौसेना ने बृहस्पतिवार को 290 किलोमीटर तक मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को सफलतापूर्वक पहली बार लंबवत अवस्था में प्रक्षेपित किया। इसके साथ ही ब्रह्मोस दुनिया की पहली और एकमात्र सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल बन गई है जिसे नौसैनिक प्लेटफार्म से लंबवत और झुकी हुई दोनों अवस्था में प्रक्षेपित किया जा सकता है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि ब्रह्मोस मिसाइल को आज बंगाल की खाड़ी में एक भारतीय नौसैनिक जहाज से लंबवत-प्रक्षेपण अवस्था में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया। यह परीक्षण राजदूत श्रेणी के चलित युद्धक जहाज से किया गया। प्रक्षेपण में इस्तेमाल लंबवत प्रक्षेपक की रचना और विकास भारत-रूस के संयुक्त उपक्रम ब्रह्मोस कार्पोरेशन ने किया। सूत्रों के मुताबिक परीक्षण ने कार्पोरेशन द्वारा तैयार और विकसित नए वैश्विक लंबवत प्रक्षेपक को प्रदर्शित और साबित किया है। सूत्रों ने कहा कि परीक्षण के उद्देश्यों को पूरी तरह हासिल किया गया है। प्रक्षेपण वरिष्ठ नौसैनिक अधिकारियों और डीआरडीओ के वैज्ञानिकों की मौजूदगी में संपन्न हुआ। इन्हें भी देखें सूर्या प्रक्षेपास्त्र पृथ्वी प्रक्षेपास्त्र डी एफ-41 अग्नि-५ बाहरी कड़ियाँ अब भारत ने तैयार की 'मिनी ब्रह्मोस' (नवभारत) देसी ब्रह्मोस मिसाइलें मजबूत करेंगी भारत की प्रहार क्षमता (प्रभासाक्षी) सन्दर्भ प्रक्षेपास्त्र भारत के प्रक्षेपास्त्र
नॉरलैंड, जो लगभग 60% स्वीडिश क्षेत्र को कवर करता है, में बहुत कम जनसंख्या घनत्व है (5 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर के नीचे)। पहाड़ और दूरस्थ तटीय क्षेत्र अधिकांशतः गैर आबादी वाले हैं। 1820 से 1930 के बीच, लगभग 1.3 मिलियन स्वीडिश, देश की आबादी का एक तिहाई, उत्तरी अमेरिका में आ कर बस गए, जिनमें से अधिकांश संयुक्त राज्य अमेरिका में बसें। 2006 के अमेरिकी जनगणना ब्यूरो के अनुमान के अनुसार 4.4 मिलियन से अधिक स्वीडिश-अमेरिकी हैं। कनाडा में, स्वीडिश लोगों का समुदाय 330,000 से अधिक है।जातीयता पर कोई आधिकारिक आंकड़े नहीं हैं, लेकिन स्वीडन के सांख्यिकी विभाग के अनुसार, 2017 में स्वीडन में लगभग 3,193,089 (31.5%) निवासी विदेशी पृष्ठभूमि के थे, जिसमें या तो वे खुद विदेश में पैदा हुए थे या उनके माता-पिता में से कम से कम एक विदेश में पैदा हुए है। आकर बसे लोगों में सीरिया (1.70%), फिनलैंड (1.4 9%), इराक (1.3 9%), पोलैंड (0.90%), ईरान (0.73%) और सोमालिया (0.66%) आदि देशों के प्रमुख हैं।
हर कहानी का अंत खूबसूरत नहीं होता। लेकिन कुछ कहानियों का जरूर होता है। लेबनान में बेरूत की सड़कों पर सीरिया से आया शरणार्थी अब्दुल व्यक्ति पेन बेच रहा था। उसकी बेटी रीम उस वक्त उसके कंधे पर सो रही थी। उस दौरान उसकी तस्वीर एक्टिवस्ट गिसर साइमनरसन (Gissur Simonarson) ने खींच ली और ट्विटर पर पोस्ट कर दी। 25 अगस्त को पोस्ट की गई इस तस्वीर के साथ नॉर्वे के इस एक्टिविस्ट ने लिखा-   इसके बाद उनकी टाइमलाइन पर कई लोगों द्वारा मदद की पेशकश की गई। उन्होंने यह तस्वीर फिर से पोस्ट की और लोगों से अपील की कि उसे ढूंढें ताकि उसकी मदद की जा सके। #BuyPens नाम से ट्विटर अकाउंट क्रिएट किया गया। 30 मिनट में ही 5 हजार डॉलर तक इकट्ठा हो गए। शुक्रवार सुबह तक डोनेशन 38 हजार डॉलर तक हो गई थी।   अब्दुल के बारे में पता चला कि वह सीरिया का रहने वाला शरणार्थी है जो दमासकस के यारमॉक कैंप में रह रहा है। जिस बच्ची के साथ उसकी तस्वीर वायरल हुई है उसके अलावा उसका एक बेटा भी है।   अगर आप भी अब्दुल की मदद करना चाहते हों तो यहां क्लिक कर डोनेट करें 25 अगस्त को पोस्ट की गई इस तस्वीर के साथ नॉर्वे के इस एक्टिविस्ट ने लिखा-   इसके बाद उनकी टाइमलाइन पर कई लोगों द्वारा मदद की पेशकश की गई। उन्होंने यह तस्वीर फिर से पोस्ट की और लोगों से अपील की कि उसे ढूंढें ताकि उसकी मदद की जा सके। #BuyPens नाम से ट्विटर अकाउंट क्रिएट किया गया। 30 मिनट में ही 5 हजार डॉलर तक इकट्ठा हो गए। शुक्रवार सुबह तक डोनेशन 38 हजार डॉलर तक हो गई थी।   अब्दुल के बारे में पता चला कि वह सीरिया का रहने वाला शरणार्थी है जो दमासकस के यारमॉक कैंप में रह रहा है। जिस बच्ची के साथ उसकी तस्वीर वायरल हुई है उसके अलावा उसका एक बेटा भी है।   अगर आप भी अब्दुल की मदद करना चाहते हों तो यहां क्लिक कर डोनेट करें
पितृत्व विवाद में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायण दत्त तिवारी को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाइकोर्ट ने कहा है कि तिवारी को डीएनए टेस्ट के लिए ब्लड सैंपल देना होगा और जरूरत पड़ने पर इसके लिए पुलिस की भी मदद ली जाएगी। यह याचिका उनका बेटा होने का दावा करने वाले रोहित शेखर ने दायर की थी।टिप्पणियां इससे पहले हाईकोर्ट ने तिवारी को इस मामले में डीएनए सैंपल देने के लिए कहा था जिसके विरोध में तिवारी सुप्रीम कोर्ट चले गए थे और वहां से भी उन्हें स्टे नहीं मिला था। गौरतलब है कि रोहित शेखर नाम के एक 32 वर्षीय युवक ने पितृत्व संबंधी मुकदमा दायर कर यह दावा किया है कि तिवारी ही उसके सगे पिता हैं। सितंबर, 2011 में हाईकोर्ट की एकल पीठ की ओर से दिए गए फैसले को दरकिनार करते हुए मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एके सीकरी और न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ की पीठ ने कहा कि यदि तिवारी डीएनए जांच के आदेशों को नहीं मानते हैं, तो उन पर पुलिस बल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने आदेश दिया था कि आंध्र प्रदेश के पूर्व राज्यपाल 86 साल के तिवारी को डीएनए जांच के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। इससे पहले हाईकोर्ट ने तिवारी को इस मामले में डीएनए सैंपल देने के लिए कहा था जिसके विरोध में तिवारी सुप्रीम कोर्ट चले गए थे और वहां से भी उन्हें स्टे नहीं मिला था। गौरतलब है कि रोहित शेखर नाम के एक 32 वर्षीय युवक ने पितृत्व संबंधी मुकदमा दायर कर यह दावा किया है कि तिवारी ही उसके सगे पिता हैं। सितंबर, 2011 में हाईकोर्ट की एकल पीठ की ओर से दिए गए फैसले को दरकिनार करते हुए मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एके सीकरी और न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ की पीठ ने कहा कि यदि तिवारी डीएनए जांच के आदेशों को नहीं मानते हैं, तो उन पर पुलिस बल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने आदेश दिया था कि आंध्र प्रदेश के पूर्व राज्यपाल 86 साल के तिवारी को डीएनए जांच के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। सितंबर, 2011 में हाईकोर्ट की एकल पीठ की ओर से दिए गए फैसले को दरकिनार करते हुए मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एके सीकरी और न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ की पीठ ने कहा कि यदि तिवारी डीएनए जांच के आदेशों को नहीं मानते हैं, तो उन पर पुलिस बल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने आदेश दिया था कि आंध्र प्रदेश के पूर्व राज्यपाल 86 साल के तिवारी को डीएनए जांच के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
एशेज के दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने इंग्लैंड के बल्लेबाज केविन पीटरसन और इयान बेल को पवेलियन भेजकर जीत की ओर कदम बढ़ा दिया है. इंग्लैंड को मैच जीतने के लिए आखिरी दिन 284 रन बनाने होंगे, जबकि उसके खाते में बस चार विकेट बचे हैं. पीटर सिडल ने पीटरसन (53 रन) को बोल्ड कर ऑस्ट्रेलिया को अहम सफलता दिलाई, जिससे इंग्लैंड की इस सीरीज में पहली शतकीय साझेदारी खत्म हो गई. चाय से कुछ समय पहले बेल छह रन पर कामचलाऊ लेग स्पिनर स्टीव स्मिथ की गेंद का सही आकलन नहीं कर सके और पवेलियन लौट गए. पीटरसन ने जो रूट के साथ तीसरे विकेट के लिये 111 रन की साझेदारी कर ली थी. फिलहाल इंग्लैंड की ओर से स्टुअर्ट ब्रॉड 22 और मैट प्रायर 31 रन बनाकर खेल रहे हैं. इससे पहले इंग्लैंड ने सुबह के सत्र में सलामी बल्लेबाज एलिस्टर कुक और माइकल कारबेरी के विकेट सस्ते में खो दिए. ऑस्ट्रेलिया के लिए पीटरसन का विकेट काफी बड़ा रहा, जिन्होंने इस मैदान पर पिछले दो एशेज टेस्ट में 227 और 158 रन बनाये हैं. सिडल ने टेस्ट मैचों में नौंवी बार पीटरसन का विकेट झटका, जो इस मैच में दूसरी बार था. जीत के लिए 531 रन का लक्ष्य का पीछा कर रही इंग्लैंड के चाय तक चार विकेट पर 143 रन थे. चौथे दिन का खेल खत्म होने तक इंग्लैंड ने 6 विकेट पर 247 रन बना लिए हैं. ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 570 रनों पर पारी घोषित की थी, जिसके बाद इंग्लैंड पहली पारी में महज 172 रनों पर सिमट गई थी. दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया ने 3 विकेट पर 132 रन बनाकर पारी घोषित कर दी थी.
थाईलैंड की गुफा में फंसे 12 फुटबॉल खिलाड़ी और उनके कोच को निकालने का प्रयास लगातार जारी है. खराब मौसम और ऑक्सीजन की कमी की वजह से ऑपरेशन में काफी दिक्कतें आ रही हैं. ये खिलाड़ी 23 जून से इस गुफा के भीतर फंसे हैं, जिसके चारों ओर पानी भरा है. इस बीच थाई अधिकारियों ने रविवार को कहा कि अब वे सबसे पहले उत्तरी थाईलैंड में गुफा के आसपास के क्षेत्र को खाली करने की योजना बना रहे हैं, जिससे खिलाड़ियों और उनके कोच को बचाने का काम किया जा सके. यह घोषणा तब हुई है जब रविवार की सुबह देश के उत्तरी पहाड़ बारिश की चपेट में आ गए. खिलाड़ियों और उनके 25 वर्षीय कोच को बचाने के लिए बचाव दल को पानी और समय के साथ जंग लड़नी पड़ रही है. गुफा में फंसे फुटबॉल खिलाड़ियों की उम्र 11 से 16 साल के बीच है. आपको बता दें कि मौसम विभाग ने 15 जुलाई तक भारी बारिश की आशंका जताई है. बच्चों को बचाने के क्या हैं प्लान गुफा के भीतर पानी भरा हुआ है और बाहर आने के लिए 5-6 घंटे तक का वक्त लग सकता है. गोताखोर ऑक्सीजन सिलंडर के साथ तैरकर अंदर जा सकते हैं लेकिन बच्चों के लिए सिलंडर के साथ इतने लंबे वक्त तक तैरना मुमकिन नहीं होगा. साथ ही बच्चे काफी थके हुए हैं और खाने की कमी की वजह से कमजोर भी हो गए हैं. ऐसे में अगर बारिश की वजह से पानी का स्तर बढ़ जाता है तो बच्चों को निकालना मुश्किल होगा. जानकारी के मुताबिक एक बच्चे को गुफा से बाहर लाने के लिए कम से कम 2 गोताखोर लगाने होंगे. ट्यूब के जरिए निकालने की कोशिश गुफा में ट्यूब डालकर बच्चों के बाहर निकालने के उपाय पर भी विचार किया जा रहा है. स्थानीय कंस्ट्रक्शन कंपनी ने बचाव दल को सुझाव दिया है कि वह बाहर से भीतर तक जाने वाले ट्यूब के रास्ते बच्चों को बाहर ला सकते हैं. यह ट्यूब पानी के भीतर डाले जाएंगे जिनके अंदर पानी नहीं होगा. लेकिन इसके भीतर भी ऑक्सीजन की कमी और घुटन से जूझना पड़ सकता है. चिमनियों से बाहर निकालने पर विचार बचाव दल ने गुफा के ऊपर पहाड़ पर चिमनियां बनाकर बच्चों को बाहर निकालने की कोशिश पर भी काम करना शुरू कर दिया है. इसके लिए 100 से ज्यादा चिमनियां तैयार की गई हैं. इन्हें 400 मीटर गहाराई तक डाला जाएगा लेकिन इस काम में दिक्कत यह है कि अभी तक बच्चों की लोकेशन का सटीक पता नहीं लगाया जा सका है. गुफा की गहराई इससे ज्यादा भी हो सकती है. भारत समेत दुनिया के कई मुल्कों ने थाई सरकार के सामने ऑपरेशन में मदद करने की पेशकश की है. इसके अलावा नेवी सील कंमाडो से लेकर सेना और स्पेशल फोर्स को इस काम में लगाया गया है. दुनियाभर की मीडिया यहां रेस्क्यू ऑपरेशन को कवर कर पहुंची हुई है. भारत से 'आजतक' ऐसा पहला चैनल है जो मौके पर मौजूद है. स्थानीय लोग विदेश से आने वाले मीडियाकर्मियों की मदद में जुटे हैं और उन्हें ऑपरेशन की जगह पहुंचाने का इंतजाम भी कर रहे हैं.
संदिग्ध बॉलिंग एक्शन के चलते पाकिस्तान की वर्ल्ड कप टीम से बाहर रहे सईद अजमल की पाक टीम में वापसी हो गई है. बांग्लादेश दौरे के लिए घोषित की गई पाक टीम में अजमल को टेस्ट, वनडे और टी-20 तीनों फॉर्मेटों में जगह मिल गई. आईसीसी ने लगाया था बैन पाकिस्तान का यह दौरा 17 अप्रैल से शुरू होना है. आईसीसी ने पिछले साल सितंबर में संदिग्ध बॉलिंग एक्शन की वजह से अजमल के खेलने पर बैन लगा दिया था, जिसके चलते वह वर्ल्ड कप में नहीं खेल सके थे. अब हालांकि सुधार के बाद आईसीसी ने उनके एक्शन को मंजूरी दे दी है. अजमल ने क्रिकेट के सभी तीन फॉर्मेटों में 209 मैच में 446 विकेट हासिल किए हैं. विकेटकीपर-बल्लेबाज उमर अकमल को टीम में जगह नहीं मिल सकी है. सलामी बल्लेबाज अहमद शहजाद को वनडे और टेस्ट टीम में शामिल नहीं किया गया है. जुनैद और हफीज की वापसी वर्ल्ड कप में चोटिल हुए तेज गेंदबाज मोहम्मद इरफान भी टीम में शामिल नहीं किए गए हैं. जुनैद खान की हालांकि वापसी हुई है और टेस्ट तथा टी-20 टीम में उन्हें चुना गया है. चोट के चलते जुनैद विश्व कप में नहीं खेल सके थे. ऑलराउंडर मोहम्मद हफीज भी वापसी करने में कामयाब हुए हैं. वर्ल्ड कप में निराशाजनक प्रदर्शन करने वाले सलामी बल्लेबाज नासिर जमशेद को एकदिवसीय टीम से बाहर का रास्ता दिख दिया गया है. जमशेद ने वनडे में आखिरी अर्धशतक जुलाई 2013 में बनाया था. पाकिस्तानी टीम बांग्लादेश दौरे पर तीन वनडे, दो टेस्ट और एक टी-20 मैच लेगी. पहला टेस्ट 28 अप्रैल और दूसरा 6 मई से शुरू होगा. एकमात्र टी-20 मैच 24 अप्रैल को खेला जाएगा. -इनपुट IANS से
कश्मीर में आए दिन सेना और पुलिस पर पत्थरबाजी की घटनाएं होती हैं. सवाल ये है कि इन पत्थरबाजों के हाथ में कौन थमाता है पत्थर और क्या है इस पत्थरबाजी का मसला? आज तक की खुफिया टीम जब पत्थरबाजों की हकीकत तलाशने कश्मीर पहुंची तो बेहद चौंकाने वाले राज सामने आए. आज तक के खुफिया कैमरे पर भाड़े के इन पत्थरबाजों ने कबूल किया कि पैसे लेकर वो कश्मीर में कहीं भी पत्थर या पेट्रोल बम फेंक सकते हैं. पत्थर फेंकने के बदले इन्हें पैसे, कपड़े और जूते मिलते हैं. ऐसे ही पत्थरबाजों की मिलीभगत से पिछले साल बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद तीन महीने तक पूरा कश्मीर सुलगता रहा था. आज तक की तफ्तीश में ऐसे राज से परदा उठा है, जो हैरान कर देता है. स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम पैसे लेकर पत्थर फेंकने वालों तक पहुंची और खुफिया कैमरे के सामने इन पत्थरबाजों ने खुद ही अपने राज एक-एक कर खोल दिए. पैसे लेकर पत्थरबाजी करने वाले ये वो कश्मीरी हैं, जो आम लोगों की भीड़ में चुपचाप शामिल हो जाते हैं और इनके निशाने पर होती है भारतीय फोर्स. पत्थरबाज जाकिर अहमद भट ने बताया कि पत्थरबाजी के लिए उसे 5 , 6 , 7 हजार रुपये महीना तक मिलता है, साथ ही जूते कपड़े अलग से. पत्थर सेना, जम्मू कश्मीर पुलिस, विधायकों पर फेंके जाते हैं. बीच-बीच में पेट्रोल बम लगाने के अलग से 500 से 700 तक रुपये मिलते हैं. बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद हुई पत्थरबाजी में जाकिर भी शामिल था और उसने लगातार पत्थऱबाजी की थी. इन पत्थऱबाजों ने सेना की गाड़ी भी जलाई थी, जिसके चलते ये फरार चल रहे हैं. गाड़ी जलाना तो इनके लिए मामूली काम है, जाकिर ने तो अफ़ज़ल गुरु की फांसी के बाद पुलिस के दो जवानों को जलाकर मार डाला था. ज़ाकिर अहमद बट कश्मीर में पैसे लेकर 9 सालों से पत्थरबाजी कर रहा है. उसके हाथों से निकले पत्थरों ने सेना और पुलिस के जाने कितने जवानों को लहूलुहान किया है. उसका भी उसके पास पूरा रिकॉर्ड है. जाकिर ने ये भी खुलासा किया कि वो और उसके साथी हर महीने पत्थरबाजी से 10 से 11 हजार रुपये तक कमा लेते हैं. पैसे लेकर ये कहीं भी पत्थर फेंकने के लिए तैयार रहते हैं.
बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार चाहते हैं कि 23 जनवरी को रिलीज़ हुई उनकी फ़िल्म 'बेबी' को पाकिस्तान में भी रिलीज़ होनी चाहिए। अक्षय कुमार ने कहा, 'सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया और पाकिस्तान खुद भी आतंकवाद से जूझ रहा है इसलिए इस फ़िल्म को पाकिस्तान में रिलीज़ होनी चाहिए।' फ़िल्म 'बेबी' की कहानी आतंकवाद के इर्द-गिर्द घूमती है और अक्षय कुमार आतंकवाद से लड़ने वाले आर्मी की भूमिका में हैं। फ़िल्म में हाफिज सईद से प्रेरित एक आतंकवादी का किरदार है और इसी लिए इस फ़िल्म पर पाकिस्तान में प्रतिबंध लगा और फिल्म वहां रिलीज़ नहीं हो पाई। अक्षय ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'मुझे दुख है की फ़िल्म पर पकिस्तान ने प्रतिबंध लगा दिया। ऐसा नहीं होना चाहिए था क्योंकि यह फिल्म आतंकवाद से लड़ रही है। मैं पाकिस्तान से दरख्वास्त करता हूं की 'बेबी' को पाकिस्तान में रिलीज़ किया जाए और वहां के लोगों को भी दिखाया जाए। फिलहाल भारत में इस फिल्म को काफी तालियां मिल रही हैं और इससे खुश अक्षय कहते हैं कि 'दर्शकों को मैं धन्यवाद देता हूं और कहता हूं की इस फिल्म को मनोरंजन के लिए नहीं, बल्कि एक भारतीय होने के नाते देखें।' फ़िल्म के निर्देशक नीरज पाण्डे ने कहा, 'हमने बहुत उम्मीद लेकर फिल्म नहीं बनाई थी, मगर कहीं न कहीं विश्वास था कि फिल्म की सराहना होगी'। वहीं फिल्म के निर्माता भूषण कुमार कहते हैं की 'हम पहली बार देखकर ही समझ गए थे की यह दर्शकों को आकर्षित करेगी। 'बेबी' ने हमें पैसे के साथ-साथ इज्जत भी दी है।'
नेपाल के प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई इस महीने न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र आमसभा की बैठक में शिरकत करने के बाद भारत दौरे पर जाएंगे। नेपाल का प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली विदेश यात्रा को लेकर उठने वाले पुराने विवाद को उन्होंने समाप्त कर दिया है। पिछले महीने नेपाल के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र रहे भट्टराई (57) ने बुधवार को नेपाल में भारत के राजदूत जयंत प्रसाद का स्वागत किया और प्रसाद से अपनी पहली आधिकारिक भारत यात्रा के बारे में चर्चा की। प्रधानमंत्री और भारतीय राजदूत के बीच करीब डेढ़ घंटी तक चली बैठक में भट्टराई की पत्नी वरिष्ठ माओवादी नेता और पूर्व मंत्री हिसिला यामी भी शामिल हुईं। यामी ने पत्रकारों को बताया कि भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निमंत्रण पर भट्टराई न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र की 66वीं आमसभा की बैठक में हिस्सा लेने के बाद भारत दौरे पर जाएंगे। ज्ञात हो कि भट्टराई ने देश में कमजोर पड़ी शांति प्रक्रिया को 45 दिनों में पूरा करने का वादा किया है। वह संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में 17 या 19 सितम्बर को एक छोटे-से प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे और 24 सितम्बर को काठमांडू लौटेंगे। यह लगातार तीसरा वाकया है, जब नेपाल के प्रधानमंत्रियों ने भारत या चीन का दौरा करने के बदले कूटनीतिक और क्षेत्रीय बैठकों की ओर रुख किया है। भट्टराई से पहले कम्युनिस्ट प्रधानमंत्री झलनाथ खनाल ने अपनी पहली विदेश यात्रा के रूप में तुर्की को चुना था। उन्होंने मई में तुर्की में हुई अल्प विकसित देशों की चौथी शिखर बैठक में हिस्सा लिया था। खनाल के पूर्ववर्ती व उन्हीं की पार्टी के माधव कुमार नेपाल ने अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए काहिरा को चुना था। वहां उन्होंने गुट निरपेक्ष आंदोलन की 15वीं शिखर बैठक में 2010 में हिस्सा लिया था। नेपाली प्रधानमंत्रियों की पहली विदेश यात्रा को लेकर सावधानी बरतने का सिलसिला उस समय से शुरू हुआ है, जब नेपाल के पहले माओवादी प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल प्रचंड ने आरोप लगाया था कि ओलम्पिक खेलों के समापन समारोह में हिस्सा लेने के लिए 2008 में उनके चीन दौरे से भारत नाराज हो गया। उसके अगले वर्ष अपनी सरकार के पतन के लिए उन्होंने नई दिल्ली को जिम्मेदार ठहराया था। पारम्परिक रूप से नेपाली प्रधानमंत्री पद सम्भालने के बाद पहले भारत की ही यात्रा करते रहे हैं।
मुख्य द्वीप, ग्रांडे टेरे, क्षेत्रफल में 6,675 किमी2 (2,577 वर्ग मील) है और यह 300 छोटे द्वीपों और टापुओं से घिरा हुआ है, जो 7,215 किमी2 (2,786 वर्ग मील) का एक द्वीपसमूह बनाता है। पूरे वर्ष लगातार तेज़ हवाओं के साथ जलवायु कच्ची और ठंडी रहती है। आसपास के समुद्र आमतौर पर ऊबड़-खाबड़ हैं और वे साल भर बर्फ रहित रहते हैं। यहां कोई मूल निवासी नहीं हैं, लेकिन फ्रांस 45 से 100 सैनिकों, वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और शोधकर्ताओं की स्थायी उपस्थिति बनाए रखता है। द्वीपों पर कोई हवाई अड्डा नहीं है, इसलिए बाहरी दुनिया से सभी यात्रा और परिवहन जहाज द्वारा संचालित होते हैं।
डॉ. गायत्री शंकरन ने कर्नाटक गायन और वायलिन के प्रदर्शन में विशेषज्ञता हासिल की हुई है। वे एक नेत्रहीन भारतीय कर्नाटक संगीतज्ञ और गायिका हैं। जीवनी गायत्री शंकरन का जन्म भारत के आंध्र प्रदेश राज्य के समालकोट में हुआ था। उन्होंने अपनी माँ, सुब्बुलक्ष्मी गुरुनाथन और बाद में अल्लमाराजू सोमेश्वर राव से तीन साल की उम्र में संगीत सीखना शुरू किया। गायत्री शंकरन, भारत के राष्ट्रपति से प्रतिष्ठित पद्म श्री प्राप्त करने वाली पहली दृष्टिबाधित संगीतकार हैं।भारत सरकार ने उन्हें २००६ में संगीत में उनके योगदान के लिए चौथा सर्वोच्च भारतीय नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया। वे ऑल इंडिया रेडियो (AIR) की एक प्रतिष्ठित कर्नाटक संगीत गायिका भी हैं। वे अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्प, अनुशासन और समर्पण की समान रूप से प्रेरक थीं। वे एक ऐसी कलाकार हैं जिसने पूरे भारत और विदेशों में 500 से अधिक संगीत कार्यक्रमों में प्रस्तुति दी है। गायत्री को औपचारिक रूप से 1988 से ऑल इंडिया रेडियो द्वारा नियोजित किया गया था। वहाँ उन्होंने प्रशासनिक कार्य किए, संगीत कार्यक्रम किए है। उन्होंने संगीत के माध्यम से दिव्यदेसम की व्याख्या की। विदेश में कर्नाटक संगीत के 70 से अधिक छात्रों के लिए एक शिक्षक और मित्र के रूप में उनकी भूमिका उनके करियर में एक और आयाम है। वह तिरुवनमियूर में इंटरनेट और फोन के माध्यम से घर और लंबी दूरी की कक्षाएं संचालित करती है। एक शिक्षक के रूप में, वह रोगी और दयालु तरीके से जानी जाती है जिसमें वह अपने छात्रों को उनका जुनून खोजने में मदद करती है। उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से अपनी थीसिस कलिदिइकुरि वेदांत भगवतार का स्टाइलिस्ट एनालिसिस के लिए डॉक्टरेट की उपाधि (PhD) हासिल की है। सन्दर्भ लोक गायिका पद्मश्री प्राप्तकर्ता आंध्र प्रदेश के लोग
यह एक लेख है: समस्याओं से जूझ रहे फिल्म अभिनेता संजय दत्त ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश के दतिया जिले में स्थित तांत्रिक पीठ पीताम्बरा देवी के मंदिर में पहुंचकर पूजा अर्चना की और अपने व परिवार की खुशहाली की कामना की।   मिली जानकारी के अनुसार संजय दत्त अपने पारिवारिक करीबियों के साथ विशेष हवाई जहाज से गुना पहुंचे और वहां से दतिया के लिए रवाना हुए। संजय दत्त ने दतिया के पीतांबरा मंदिर पहुंचकर बगुलामुखी देवी की पूजा की। ओम नारायण शास्त्री ने पूरे विधिविधान से पूजा अर्चना कराई। मान्यता है कि बगुलामुखी देवी की पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है।टिप्पणियां ज्ञात हो कि संजय दत्त को सर्वोच्च न्यायालय ने हथियार रखने के आरोप में पांच वर्ष की सजा सुनाई है। इस फैसले के बाद से संजय दत्त व उनका परिवार काफी परेशान चल रहा है। इतना ही नहीं वे तामाम मंदिरों में पूजा अर्चना कर मनौती मांग रहे हैं। उसी क्रम में शुक्रवार को दतिया पहुंचे। संजय दत्त के आने की खबर मिलते ही गुना हवाई अड्डा और दतिया के मंदिर के बाहर उनके प्रशंसकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। सुरक्षा कारणों से संजय दत्त को दतिया के मंदिर में पिछले दरवाजे से ले जाया गया। ज्ञात हो कि संजय दत्त को सर्वोच्च न्यायालय ने हथियार रखने के आरोप में पांच वर्ष की सजा सुनाई है। इस फैसले के बाद से संजय दत्त व उनका परिवार काफी परेशान चल रहा है। इतना ही नहीं वे तामाम मंदिरों में पूजा अर्चना कर मनौती मांग रहे हैं। उसी क्रम में शुक्रवार को दतिया पहुंचे। संजय दत्त के आने की खबर मिलते ही गुना हवाई अड्डा और दतिया के मंदिर के बाहर उनके प्रशंसकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। सुरक्षा कारणों से संजय दत्त को दतिया के मंदिर में पिछले दरवाजे से ले जाया गया। संजय दत्त के आने की खबर मिलते ही गुना हवाई अड्डा और दतिया के मंदिर के बाहर उनके प्रशंसकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। सुरक्षा कारणों से संजय दत्त को दतिया के मंदिर में पिछले दरवाजे से ले जाया गया।
विराट कोहली मैदान पर बेहद आक्रामक रवैये के लिए जाने जाते हैं, लेकिन मैदान के बाहर उनका बर्ताव बिलकुल अलग है। वेस्टइंडीज दौरे पर रवाना होने से पहले टीम इंडिया के कप्तान कोहली और अनिल कुंबले पत्रकारों के सवालों का जवाब दे ही रहे थे कि एक पत्रकार ने कोहली से सवाल पूछना शुरू किया। अपने सवाल की शुरुआत उन्होंने "कोहली सर .. मैं जानना चाहता हूं ... " से की। तो कोहली ने पत्रकार को वहीं रोका और कहा, "आप मुझसे बड़े हैं, आप मुझे सर न कहें.. इस कमरे में एक ही सर हैं, वो हैं अनिल कुंबले सर, आप मुझे सिर्फ़ विराट ही कहें।"टिप्पणियां कोहली के इस जवाब ने माहौल को काफी आरामदायक कर दिया और करीब 1 घंटे तक कोहली और कुंबले ने मीडिया के हर सवाल का जवाब दिया। दो राय नहीं कि कोहली के बर्ताव में पिछले 18 महीनों में काफी बदलाव आया है। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर विराट कोहली ने एक पत्रकार को जमकर भला-बुरा कहा था। उस समय बीसीसीआई ने कोहली को हिदायत दी थी कि वह पत्रकारों के साथ ऐसा व्यवहार न करें। अब वक्त बदल चुका है और उसके साथ विराट का बर्ताव भी। देखना यह है कि वह अपने अच्छे मूड को कुछ कड़े सवालों के दौरान भी बरकरार रख पाते हैं या नहीं।   अपने सवाल की शुरुआत उन्होंने "कोहली सर .. मैं जानना चाहता हूं ... " से की। तो कोहली ने पत्रकार को वहीं रोका और कहा, "आप मुझसे बड़े हैं, आप मुझे सर न कहें.. इस कमरे में एक ही सर हैं, वो हैं अनिल कुंबले सर, आप मुझे सिर्फ़ विराट ही कहें।"टिप्पणियां कोहली के इस जवाब ने माहौल को काफी आरामदायक कर दिया और करीब 1 घंटे तक कोहली और कुंबले ने मीडिया के हर सवाल का जवाब दिया। दो राय नहीं कि कोहली के बर्ताव में पिछले 18 महीनों में काफी बदलाव आया है। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर विराट कोहली ने एक पत्रकार को जमकर भला-बुरा कहा था। उस समय बीसीसीआई ने कोहली को हिदायत दी थी कि वह पत्रकारों के साथ ऐसा व्यवहार न करें। अब वक्त बदल चुका है और उसके साथ विराट का बर्ताव भी। देखना यह है कि वह अपने अच्छे मूड को कुछ कड़े सवालों के दौरान भी बरकरार रख पाते हैं या नहीं।   कोहली के इस जवाब ने माहौल को काफी आरामदायक कर दिया और करीब 1 घंटे तक कोहली और कुंबले ने मीडिया के हर सवाल का जवाब दिया। दो राय नहीं कि कोहली के बर्ताव में पिछले 18 महीनों में काफी बदलाव आया है। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर विराट कोहली ने एक पत्रकार को जमकर भला-बुरा कहा था। उस समय बीसीसीआई ने कोहली को हिदायत दी थी कि वह पत्रकारों के साथ ऐसा व्यवहार न करें। अब वक्त बदल चुका है और उसके साथ विराट का बर्ताव भी। देखना यह है कि वह अपने अच्छे मूड को कुछ कड़े सवालों के दौरान भी बरकरार रख पाते हैं या नहीं।
क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि लॉन्ग ड्रेसेज और ज्वैलरी पुरूषों के लिए बनाई गई थी. रह गए ना आप भी दंग! लेकिन सच्चाई यही है... हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे कुछ चीजों के बारे में जो बनी तो पुरूषों के लिए थी लेकिन धीरे-धीरे उसका प्रयोग महिलाएं करने लगी. 1. सेनिटरी नेपकिन: फ्रांस में एक युद्ध को दौरान नर्सों ने सेनिटरी नेपकिन बनाया था. सैनिकों के ब्लीडिंग को रोकने के लिए यह बनाया गया था. 2. हाई हील: फारसी आर्मी के योद्धा घोड़े पर चढ़ने के लिए हाई हील का प्रयोग करते थे. 3. पिंक कलर: पिंक को पिछले कुछ समय से लड़कियों का रंग माना जाने लगा है. 18वीं सदी तक गुलाबी रंग, लाल रंग का एक रूप माना जाता था, जिसे युद्ध से जोड़कर देखा जाता था. 4. ईयररिंग: सबसे पहले ईयररिंग पर्सेपोलिस, फारसी पुरुषों ने पहना था. वहां के महलों में मौजूद नक्काशियों में फारसी सौनिकों के कान में ईयररिंग्स नजर आते हैं. 5. थॉन्ग्स: ये सबसे पहले पुरुषों द्वारा पहना गया था. इसका प्रयोग पुरुषों के जननांगों की रक्षा करने, उनका सपोर्ट करने या उन्हें छुपाने के लिए किया जाता था.
सीएम केजरीवाल ने किया नए प्लान का ऐलान एक टीम 25 किमी सड़क का करेगी अवलोकन दिल्ली सरकार अब लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकार क्षेत्र में आने वाली 1260 किलोमीटर सड़क को गड्ढा मुक्त करने की तैयारी में है. मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसके लिए नए प्लान का ऐलान किया. उन्होंने बताया कि 5 अक्टूबर को दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाली सड़कों का सरकार की टीम मुआयना करेगी. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस टीम में एक विधायक के साथ पीडब्ल्यूडी के दो इंजीनियर होंगे. एक टीम 25 किलोमीटर के दायरे में सड़कों का अवलोकन करेगी. इस दायरे में टीम सड़क के आने-जाने वाली, दोनों लेन का मुआयना करेगी. जिसके बाद वह खराब सड़कों या गड्ढे के बारे में रिपोर्ट देगी. खराब होती है देश की छवि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में दुनियाभर से लोग आते हैं. यहां की सड़कें खराब होने से देश की छवि खराब होती है. इस कारण दिल्ली सरकार ने निर्णय लिया है कि अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली सड़क की मरम्मत कराई जाएगी. पांच अक्टूबर तक डाटा तैयार हो जाएगा. इसके बाद सड़कों को तत्काल ठीक कराया जाएगा. एप पर डालनी होगी तस्वीर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि गड्ढे या खराब सड़क की फोटो सर्वे के दौरान लेकर एप पर डालनी होगी. एप को इस प्रकार तैयार किया गया है कि जहां विधायक द्वारा गड्ढे की फोटो ली जाएगी, वहां की लोकेशन एप रजिस्टर करेगा. पांच अक्टूबर की शाम तक यह डाटा तैयार हो जाएगा कि कितने गड्ढे ठीक करने हैं. तीन प्रकार की कमियां निकालेंगे विधायक मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन स्थिति में सड़कें हो सकती हैं. वर्गीकरण करते हुए उन्होंने कहा कि गड्ढा हो सकता है, खराब हो सकती है या कोई काम चल रहा हो. अगर किसी विभाग का काम चल रहा है तो काम पूरा होने तक का इंतजार किया जाएगा. अन्य स्थिति में सड़क की तुरंत मरम्मत कराई जाएगी. मुखुयमंत्री केजरीवाल ने कहा कि इसके अलावा कई स्थानों पर बारिश के कारण भी गड्ढे बन गए हैं. इससे भी लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार दिल्ली की सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.
अन्ना हजारे एक मई से भ्रष्‍टाचार के खिलाफ एक बार फिर से बिगुल बजाने वाले हैं. महाराष्ट्र में अन्ना जगह-जगह जाकर लोगों को भ्रष्‍टाचार के प्रति जागरूक करेंगे. अन्ना हज़ारे ने अपने महामिशन की शुरुआत कर दी है. मकसद है महाराष्ट्र में मज़बूत लोकपाल बिल. अन्ना हजारे ने ऐलान किया कि वे 1 मई से महाराष्ट्र के दौरे पर निकलेंगे, लेकिन उससे पहले वे सूबे के आला नेताओं से मिलना चाहते हैं. इसी मकसद से अन्‍ना मुंबई जाकर सबसे पहले आरपीआई अध्यक्ष रामदास आठवले से उनके घर पर मिलेंगे. 26 अप्रैल को अन्ना की मुलाक़ात शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे से होनी है. बाल ठाकरे ने पहले अन्ना के आंदोलन में ख़र्चों को लेकर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने कहा था कि टीम अन्ना के पास आंदोलन के लिए पैसे कहां से आ रहे हैं, इसकी जांच होनी चाहिए. वैसे अन्ना और शिवसेना के रिश्तों में कड़वाहट पुरानी है. हालांकि पिछले साल अगस्त में बाल ठाकरे के पोते और युवासेना के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे ने अन्ना के आंदोलन में शिरकत की थी. उसके बाद शिवसेना अन्ना विरोधी तेवर में आ गई. ऐसे में अन्ना और बाल ठाकरे की मुलाकात पर सबकी नजर रहेगी. बाल ठाकरे के बाद अन्ना हजारे मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण से भी मिलेंगे. मजबूत लोकायुक्त के लिए अन्ना पहले भी सीएम को चिठ्ठी लिख चुके हैं. अन्ना चाहते हैं कि बिल का ड्राफ्ट तैयार करने में सिविल सोसाइटी के लोग भी शामिल हों. अन्ना हजारे के महाराष्ट्र दौरे का आगाज 1 मई को शिरडी से होना है, लेकिन माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री चव्हाण, अन्ना को मनाने की कोशिश करेंगे. यहां एक और बात ग़ौर करने वाली है कि अभी तक एनसीपी ने अन्ना के आंदोलन को लेकर अपना रुख़ साफ़ नहीं किया है.
अब जब कि देश कि सारे कॉलेज और विश्वविद्यालयों में नए सत्र की शुरुआत हो रही है. नए स्टूडेंट दाखिला ले रहे हैं, तो इसी के मद्देनजर मानव संसाधन मंत्रालय ने रैगिंग पर रोक लगाने के लिए फंड जारी किया है. ऐसा लंबे समय से देखा जाता रहा है कि कई तरह के जागरुकता अभियान चलाने के बावजूद अब भी कॉलेज व कैंपसों में रैंगिंग जारी है. अब जब कि देश के बहुप्रतिष्ठित दिल्ली विश्वविद्यालय में भी बीते 20 जुलाई से नए सत्र की शुरुआत की है. मंत्रालय ने भी देश के सारे विश्वविद्यालयों को देखते हुए फंड जारी किए हैं. इस बाबत पूरी जानकारी प्रकाश जावड़ेकर ने साझा की है. प्रपोजल का डिटेल... मानव संसाधन मंत्रालय ने यूजीसी को 5 करोड़ रुपये दिए हैं ताकि वे रैगिंग को लेकर देश के तमाम उच्च संस्थानों में जागरुकता अभियान चला सकें. इसके अलावा यूजीसी ने स्टूडेंट, शिक्षकों और आम जनता के बीच भी जागरुकता फैलाने की बात कही है. यूजीसी ने रैगिंग की रोकथाम के मद्देनजर पोस्टर, लोगो, आइकन डिजाइनिंग, स्लोगन और लेख प्रतियोगिता के आयोजन की बात कही है. अब तक देश के अलग-अलग हिस्सों से रैगिंग के 390 मामले प्रकाश में आए हैं. इनमें से उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. हालिया बयान में मंत्रालय ने कहा है कि यूजीसी ने अब तक 4.78 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. इनमें दूरदर्शन पर एंटी रैगिंग कैंपेन चलाना, NFDC द्वारा फिल्मों का निर्माण, एफएम रेडियो से कवरेज, DAVP द्वारा पोस्टरों की प्रिंटिंग और मेलिंग और प्रसार भारती के माध्यम से ऑल इंडिया रेडियो पर प्रसारण भी शामिल है. इसके अलावा मंत्रालय ने कहा कि रैंगिंग की परिभाषा को भी विस्तार दिया गया है.
हाल ही में भारत सरकार ने उन्नत भारत अभियान को "स्वस्थ भारत, स्वच्छ भारत, स्वावलंबी भारत एवं संपन्न भारत" स्लोगन के साथ लांच किया है. इस कार्यक्रम के अंतर्गत उच्च शिक्षण संस्थान ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर स्वास्थ, पानी, स्वच्छता और सफाई को लेकर जागरुक करने के साथ टेक्नॉलजी के माध्यम से इससे जुड़ी समस्याओं को भी सुलाझाएंगे. इस कार्यक्रम को 11 नवंबर 2014 को नेशनल एजूकेशन डे के दिन लांच किया गया था. वर्तमान में इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए 18 इंस्टीट्यूशन को जोड़ा गया है. प्रोग्राम के तहत सभी उच्च संस्थान गांवों को गोद लेंगे, जिससे की वहां सुचारू रूप से काम किया जा सके. आईआईटी दिल्ली ने हरियाणा, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश के 32 गांवों को गोद लिया है. इसी तरह बांबे आईआईटी ने भी 27 और आईआईटी मद्रास ने 11 गांवों को गोद लिया है. सरकार द्वारा चलाए गए इस कार्यक्रम के तहत ग्रामीण इलाकों में बस रही देश की 70 प्रतिशत आबादी को फायदा होगा.
लेख: उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद आरुषि हत्याकांड मामले में तलवार दंपति (आरुषि के माता-पिता) चार फरवरी को विशेष सीबीआई अदालत में पेश होंगे। उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2008 में हुए इस हत्याकांड में नूपुर तलवार और राजेश तलवार की खुद पर चल रहे मुकदमे को समाप्त करने की अपील को खारिज कर दिया।टिप्पणियां शुक्रवार को ही शीर्ष न्यायालय की न्यायमूर्ति एके गांगुली और न्यायमूर्ति जेएस खेहर की पीठ ने तलवार दंपति की याचिका खारिज की थी। तलवार दंपति अब चार फरवरी को विशेष सीबीआई मजिस्ट्रेट प्रीति सिंह की अदालत में पेश होंगे। उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2008 में हुए इस हत्याकांड में नूपुर तलवार और राजेश तलवार की खुद पर चल रहे मुकदमे को समाप्त करने की अपील को खारिज कर दिया।टिप्पणियां शुक्रवार को ही शीर्ष न्यायालय की न्यायमूर्ति एके गांगुली और न्यायमूर्ति जेएस खेहर की पीठ ने तलवार दंपति की याचिका खारिज की थी। तलवार दंपति अब चार फरवरी को विशेष सीबीआई मजिस्ट्रेट प्रीति सिंह की अदालत में पेश होंगे। शुक्रवार को ही शीर्ष न्यायालय की न्यायमूर्ति एके गांगुली और न्यायमूर्ति जेएस खेहर की पीठ ने तलवार दंपति की याचिका खारिज की थी। तलवार दंपति अब चार फरवरी को विशेष सीबीआई मजिस्ट्रेट प्रीति सिंह की अदालत में पेश होंगे। तलवार दंपति अब चार फरवरी को विशेष सीबीआई मजिस्ट्रेट प्रीति सिंह की अदालत में पेश होंगे।
यह एक लेख है: राजनीतिक चिंतक केएन गोविंदाचार्य ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी का गठबंधन 'अनैतिक' होगा। गोविंदाचार्य ने संवाददाताओं से कहा, जम्मू-कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी के बीच यदि गठबंधन होता है, तो वह अनैतिक गठबंधन होगा। उन्होंने कहा कि अल्पकालिक फायदे के लिए दीर्घकालिक नुकसान सही नहीं है और बीजेपी के लिए यह कतई अनुचित होगा। गोविंदाचार्य की यह टिप्पणी जम्मू-कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी द्वारा गठबंधन सरकार बनाने की संभावनाओं के बीच आई है। हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में पीडीपी ने 28 और बीजेपी ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की है। उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा, मोदी की नीयत पर संदेह नहीं है, लेकिन नीतियों और नीतियों की प्राथमिकता पर ऐतराज है...देश को गरीबपरस्त नीतियों की जरूरत है, लेकिन सरकार अमीरपरस्त नीतियां दे रही हैं। भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को किसानों के लिए 'जानलेवा' बताते हुए उन्होंने कहा कि इस अध्यादेश से किसानों और देश का नहीं, बल्कि औद्योगिक घरानों का विकास होगा। गोविंदाचार्य ने आरोप लगाया कि जिस तरह पूर्व में अधिगृहीत जमीनें या तो लावारिस बंजर पड़ी हैं या फिर उनका इस्तेमाल औद्योगिक घराने कर रहे हैं, उसी तरह वर्तमान भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के तहत अधिग्रहीत जमीनें भी केवल औद्योगिक घरानों के ही काम आने वाली हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान एनडीए सरकार के घटक दलों ने पिछली सरकार के अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ जनसमर्थन हासिल किया था, लेकिन सरकार में आने के बाद एनडीए के लोग पिछली सरकार से भी ज्यादा खतरनाक अध्यादेश लेकर आए हैं। यह किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं हो।
विद्युतचुंबकीय व्यतिकरण (Electromagnetic interference या EMI) से तात्पर्य वाह्य स्रोत से उत्पन्न किसी ऐसे विक्षोभ (डिस्टर्बैंस) से है जो किसी विद्युत परिपथ के सामान्य कार्य को प्रभावित करे। इसे रेडियो-आवृत्ति व्यतिकरण (RFI) भी कहते हैं। विद्युतचुम्बकीय विकिरण दो रूपों में हो सकता है - विद्युतचुम्बकीय प्रेरण और विद्युतचुम्बकीय विकिरण। ऐसे विक्षोभ से परिपथ का कार्य थोड़ा बहुत प्रभावित हो सकता है या कभी-कभी पूरी तरह बिगड़ जाता है। विद्युतचुम्बकीय व्यतिकरण का स्रोत कोई भी प्राकृतिक या कृत्रिम वस्तु हो सकती है जिसमें तेजी से बदलने वाली विद्युत-धारा प्रवाहित हो रही हो। विद्युतचुंबकीय व्यतिकरण का उपयोग (जानबूझकर) रेडियो संबाधन (radio jamming) के लिये किया जा सकता है जैसा कि कुछ प्रकार के एलेक्ट्रानिक युद्धों में किया जाता है। किन्तु यह अधिकांशतः अनभिप्रेत (unintentional) होता है। किसी कार के पास से गुजरने या बिजली चमकने पर एएम रेडियो में आने वाली घर्घराहट वास्तव में विद्युतचुम्बकीय व्यतिकरण के कारण ही होता है। इससे सेल फोन, एफएम रेडियो और दूरदर्शन भी प्रभावित होते हैं, किन्तु अपेक्षाकृत कम मात्रा में। व्यतिकरण और रव (noise) यद्यपि व्यतिकरण और रव दोनो ही उपयोगी संकेत के लिये अनावश्यक विक्षोभ हैं, फिर भी दोनों अलग-अलग हैं। दोनों की प्रकृति अलग है। व्यतिकरण एक वाह्य स्रोत से होता है जिसे हटाने पर व्यतिकरण हट जाता है। उपयुक्त उपाय करके इसे कम भी किया जा सकता है। किन्तु किसी युक्ति या तंत्र का रव उसके अपने अन्दर से उत्पन्न होता है। रव बिल्कुल ही यादृच्छ प्रकृति का होता है जबकि विद्युतचुम्बकीय व्यतिकरण की प्रकृति (आवृति, आयाम आदि) स्रोत में प्रवाहित संकेत के आवृत्ति, आयाम आदि से जुड़ी होती है। बाहरी कड़ियाँ ARRL, RFI Interference Handbook EMC Design Fundamentals Introduction to EMC Clemson's EMC Page (EMI Tools and Information) Interference Technology Magazine EMC Tutorials एलेक्ट्रॉनिकी टेलिविज़न
वेदों में कहा गया है कि विद्यालयों में मिलने वाला ज्ञान ही ज्योति है क्योंकि अज्ञान अंधकार है, असत्य अंधकार है. असतो मा सदगमय मतलब अगर सत्य की ज्योति ज्ञान के प्रकाश से जगमगाए तो अमृत यानी अक्षय ब्रह्म की ओर आगे बढ़ा जा सकता है. तभी वेद के ऋषियों ने गाया. तमसो मा ज्योतिर्गमय ! असतो मा सदगमय ! मृत्योर्मामृतं गमय ! अब वेद की ये ऋचाएं सवालों के कटघेरे में है. 50 सालों से देश के केंद्रीय विद्यालयों में यह प्रार्थना हर सुबह होती आई है. शिक्षक और छात्र मिलकर एक सुर से सुर मिलाकर प्रार्थना गाते  रहें हैं. लेकिन बुधवार को ये प्रार्थना सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर ला खड़ी कर दी गई. प्रार्थना का कसूर इतना है कि नैतिकता की शिक्षा देने के बावजूद उसकी भाषा संस्कृत है. और संस्कृत में लिखी चीजें हिंदू धर्म को बढ़ावा देती हैं ऐसा कैसे हो सकता है ? स्कूल तो सरकार चलाती है और अगर सरकार सेक्यूलर है तो प्रार्थना संस्कृत में क्यों ? वहीं जब कोर्ट की चौखट पर यह प्रार्थना आ गई तो कोर्ट ने भी बड़ी संजीदगी से कहा कि मामला गंभीर है. अब प्रार्थना संस्कृत में है तो सुनवाई भी करनी होगी. इस पर तुरंत जवाब तलबी भी हुई और नोटिस भी जारी कर दी गई. अब इस पर याचिकार्ता का कहना है कि वो तो तर्कवादी और नास्तिक है. कोई ईश्वर नहीं तो प्रार्थना किसकी और क्यों ? जब मैं ऐसा हुं तो हमारे बच्चे क्यों प्रार्थना करें. लेकिन शायद वो ये भूल गए कि आप भले ही नास्तिक या तर्कवादी हो लेकिन आप अपने बच्चों पर अपनी मान्यता और आस्था थोप नहीं सकते. देश का संविधान आपको ऐसा करने का अख्तियार नहीं देता. वही जब प्रार्थना से इतना परहेज है तो फिर नाम विनायक क्यों ? यह तो और भी धार्मिक है. खैर मामला तो नोटिस भेज कर एक बार ठिठक गया है क्योंकि अब सरकार और केंद्रीय विद्यालय इसका जवाब देंगे. फिलहाल विद्यालयों में यह प्रार्थना एक और ऋचा के साथ अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है. ऊं सहना ववतु सहनौ ! भुनक्तु सहवीर्यं करवाव है ! तेजस्विना वधीतमस्तु माविद्विषाव है ! ऊं शांति शांति शांति ! लेकिन इससे बढ़ गई अशांति. दरअसल वेद की इस ऋचा का मतलब है हम सब साथ रहें, साथ खायें और हमारी शक्ति बढ़े. हम ज्ञान के तेज से जगें और इससे हमारे बीच विद्वेष ना हो. लेकिन अब हैरानी है कि बात यह है कि इसी पर द्वेष बढ़ गया है. क्योंकि बात भाव पर नहीं भाषा पर अटक गई है. वैसे प्रार्थना तो दरअसल आत्मा और परमात्मा के बीच का संवाद है. और इसमें विवाद हो ही नहीं सकता क्योंकि किसी तीसरे की गुंजाइश है ही नहीं. और विवाद जिन शब्दों को लेकर हो रहा है वो तो एक मशहूर फिल्मी प्रार्थना भी है, ' ऐ मालिक तेरे बंदे हम,  ऐसे हों हमारे करम,  नेकी पर चलें और बदी से डरें ताकि हंसते हुए निकले दम.' वहीं मशहूर शायर इकबाल ने भी लिखा है ' लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी,  ज़िंदगी शम्मा की सूरत हो खुदाया मेरी, मेरे अल्लाह बुराई से बचाना मुझको, नेक जो राह हो उसी रह पर चलाना मुझको.' बरसों से स्कूलों और मदरसों में गाई जाती हैं लेकिन आजतक किसी को उस पर आपत्ति नहीं हुई, और आपत्ति होनी भी नहीं चाहिए. प्रार्थना परमात्मा के साथ संवाद का मामला है विवाद का नहीं.
भारत का ‘मंगलयान’ पहली ही बार में सफलतापूर्वक मंगल की कक्षा में स्थापित हुआ तो इससे देशभर में खुशी की लहर दौड़ गई थी. दुनियाभर से शुभकामनाएं मिलीं, लेकिन इस कारनामे को कर दिखाने वाली भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ‘इसरो’ के अनुसार ये तो अभी शुरुआत भर है. इसरो का कहना है कि दूसरा मंगलयान 2018 या 2020 से पहले संभव नहीं है. इसरो के अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन ने कहा कि हमने लाल गृह की कक्षा में यान स्थापित करने की अपनी क्षमता दुनिया को दिखा दी है. उन्होंने कहा, दूसरा मंगलयान यानी MOM 2 कब अपनी यात्रा शुरू करेगा इसके बारे में अभी तक तय नहीं है, लेकिन उन्होंने ये जरूर बता दिया कि यह 2016 में लॉन्च नहीं होगा. राधाकृष्णन ने कहा, 2018 या 2020 से पहले ऐसा करना संभव नहीं है और यान तभी भेजा जाएगा जब इसकी जरूरत महसूस की जाएगी. उन्होंने बताया कि ‘चंद्रयान 2’ के अलावा सूर्य की जांच के लिए संशोधि‍त ‘आदित्य मिशन’ व कई अन्य प्रोजेक्ट भी अभी लाइन में हैं. संशोधित आदित्य मिशन के बारे में उन्होंने बताया कि इस स्पेसक्राफ्ट में और ज्यादा उपकरण लगे होंगे. राधाकृष्णन ने कहा, हम इस मिशन के लॉन्च के लिए सही समय का इंतजार कर रहे हैं और यह सोलर साइकल से जुड़ा हुआ है. पल्लव बागला और सुभद्रा मेनन की किताब ‘रीचिंग फॉर द स्टार्स: इंडियाज जर्नी टू मार्स एंड बियोंड’ के लॉन्च के मौके पर राधाकृष्णन ने ये बातें कहीं. जब उनसे पूछा गया कि क्या 15 महीने की उस यात्रा के दौरान कभी भी इसरो को मंगलयान की सफलता को लेकर संदेह हुआ था. उन्होंने कहा, हमारे सामने तार्किक और तकनीकी बाधाएं थीं, लेकिन इसरो में हम कभी ना नहीं कहते. हमारा काम असंभव को संभव बनाना है.
यह एक लेख है: भारत और साउथ अफ्रीका रविवार को वर्ल्ड कप में चौथी बार एक-दूसरे से भिड़ने जा रहे हैं। अगर इतिहास के नजरिये से देखा जाए तो आज तक खेले गए तीन मैचों में साउथ अफ्रीका ने भारत को आसानी से हराकर यह साबित किया है कि वह भारत से आगे है। भारत को साउथ अफ्रीका से वर्ल्ड कप में ज्यादा मैच खेलने का अनुभव है, लेकिन भारत के खिलाफ साउथ अफ्रीका की जीत का प्रतिशत 100 रहा है। भारत वर्ल्ड कप में अपना पहला मैच 1975 से खेल रहा है, जबकि साउथ अफ्रीका की एंट्री 1992 में हुई है। रंग भेदभाव की वजह से साउथ अफ्रीका पर 1970 से अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन 11  फरवरी 1990 को नेल्सन मंडेला जेल से रिहा होने के बाद साउथ अफ्रीका को अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के लिए अनुमति मिल गई, लेकिन 1992 में चुने गई साउथ अफ्रीका की वर्ल्ड कप टीम में सिर्फ एक श्वेत खिलाड़ी ओमर हेनरी को टीम में जगह मिली थी, जिसकी वजह से साउथ अफ्रीका के सेलेक्टर्स को समालोचना का सामना करना पड़ा था। सबको लग रहा था कि अनुभव न होने की वजह से साउथ अफ्रीका अपने पहले वर्ल्ड कप में अच्छा नहीं खेलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भारत को हराने के साथ-साथ साउथ अफ्रीका अपने 8 मैचों में पांच जीत के साथ सेमीफाइनल में पहुंचा था। जब साउथ-अफ्रीका इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए जीत की तरफ बढ़ रहा था तब बारिश ने साउथ-अफ्रीका से यह जीत छीन ली थी। साउथ अफ्रीका को जीत के लिए आखिर 7 गेंदों में 21 रनों की जरूरत थी, लेकिन बारिश की वजह से डकवर्थ -लेविस नियम के तहत साउथ अफ्रीका को एक गेंद पर 21 रन बनाने का टारगेट दिया गया था, जो नामुमकिन था। भारत के साथ खेले गए मैच में साउथ अफ्रीका ने भारत को छह विकेट से हराया था। बारिश की वजह से मैच ओवर 50 से घटाकर 30 ओवर कर दिया गया था। भारत पूरा 30 ओवर खेलते हुए 180 रन बना पाया था। कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन शानदार 79 रनों की पारी खेले थे। साउथ अफ्रीका ने 29.1 ओवर में चार विकेट खोकर यह मैच जीत लिया था। इस मैच के बाद कृष्णमाचारी श्रीकांत ने एकदिवसीय मैच से सन्यास ले लिया था।   1992 की तरह 1999 में भी मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में भारत साउथ अफ्रीका के खिलाफ वर्ल्ड कप इतिहास का दूसरा मैच खेल था। 15 मई 1999 को खेले गए इस मैच में साउथ-अफ्रीका ने भारत को चार विकेट से हराया था। भारत के कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने टॉस जीतने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए 253 रन बनाए थे। भारत के ओपनर सौरभ गांगुली ने इस मैच में 97 रनों की शानदार पारी खेली थी। 254 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए साउथ अफ्रीका ने 47.2 ओवर में 6 विकेट पर विजय लक्ष्य प्राप्त कर लिया था। साउथ अफ्रीका की तरफ कालिस 96 रनों की पारी खले थे और उन्हें मैन ऑफ़ द मैच का ख़िताब मिला था। 1999  वर्ल्ड कप में भी साउथ अफ्रीका शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए सेमी-फाइनल तक पहुंचा था, लेकिन 1992 की तरह 1999 में भी भाग्य ने उनका साथ नहीं दिया था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गया सेमी-फाइनल मैच टाई हो गया था और अच्छे रन रेट के वजह से ऑस्ट्रेलिया फाइनल में पहुंचा था।   12 मार्च 2011 में भारत और साउथ अफ्रीका के बीच वर्ल्ड कप इतिहास का तीसरा मैच नागपुर में खेला गया। ऐसा लग रहा था कि घरेलू मैदान पर भारत साउथ अफ्रीका को हरा देगा। सचिन तेंदुलकर के शानदार शतक के बावजूद भी भारत यह मैच जीत नहीं पाया था। पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने साउथ अफ्रीका के सामने 298 रनों का लक्ष्य रखा था, लेकिन साउथ अफ्रीका ने इस मैच को तीन विकेट से जीत लिया था। डेल स्टेन ने इस मैच कमाल की गेंदबाजी करते हुए पांच विकेट लिए थे और उन्हें मैन ऑफ़ द मैच का अवार्ड मिला था।   भारत और साउथ अफ्रीका के बीच खेले गए तीन मैचों में से तीन बार भारत ने टॉस जीता है और तीन बार पहले बैटिंग करते हुए मैच हारा है। सचिन तेंदुलकर एक ऐसे खिलाड़ी हैं, जो भारत और साउथ अफ्रीका के बीच अभी तक खेले गए हर वर्ल्ड कप मैच में खेल चुके हैं।
यह लेख है: मुंबई के जुहू बीच पर तैरने के लिए गए दो युवकों के समुद्र में डूब जाने की आशंका है जबकि उनके तीन साथियों को बचा लिया गया। सांताक्रूज थाने के एक अधिकारी ने बताया कि जुहू कोलियावाडा इलाके से पांच मित्र तैरने के लिए दिन में करीब साढ़े बारह बजे प्रसिद्ध जुहू बीच पर गए थे।टिप्पणियां  मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रभात रहानगडाले ने बताया कि ड्यूटी पर तैनात लाइफगार्ड और अग्निशमन के कर्मियों ने उन्हें समुद्र में न जाने के लिए चेतावनी भी दी थी। लेकिन ये युवक मुख्य बीच से दूर कहीं और गए तथा वहां से समुद्र में चले गए। शीघ्र ही वे डूबने लगे। रहानगडाले ने बताया कि उनमें से तीन को लाइफगार्डों और अग्निशमन कर्मियों ने बचा लिया जबकि बाकी दो का पता नहीं चला है। पुलिस के अनुसार जिन दो के डूब जाने की आशंका है उनकी पहचान राजेंद्र चौधरी (20) और समीर शेख (18) के रूप में हुई है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)  मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रभात रहानगडाले ने बताया कि ड्यूटी पर तैनात लाइफगार्ड और अग्निशमन के कर्मियों ने उन्हें समुद्र में न जाने के लिए चेतावनी भी दी थी। लेकिन ये युवक मुख्य बीच से दूर कहीं और गए तथा वहां से समुद्र में चले गए। शीघ्र ही वे डूबने लगे। रहानगडाले ने बताया कि उनमें से तीन को लाइफगार्डों और अग्निशमन कर्मियों ने बचा लिया जबकि बाकी दो का पता नहीं चला है। पुलिस के अनुसार जिन दो के डूब जाने की आशंका है उनकी पहचान राजेंद्र चौधरी (20) और समीर शेख (18) के रूप में हुई है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
भारत के सर्वोच्च वरीयता प्राप्त एकल टेनिस खिलाड़ी सोमदेव देवबर्मन ने वर्ष 2012 में शीर्ष-50 खिलाड़ियों में जगह बनाने के साथ-साथ लंदन ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करने का लक्ष्य बनाया है। वैश्विक खेल विपणन कम्पनी 'आईएमजी' द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक सोमदेव ने कहा, "निश्चित तौर पर मेरा ध्यान ओलिंपिक पर है। मैं इस समय अपने खेल को सुधारने में लगा हुआ हूं। विश्व के शीर्ष-50 खिलाड़ियों में शामिल होना वास्तव में अच्छा होगा।" चेन्नई ओपन दो से आठ जनवरी, 2012 तक खेला जाएगा। इसके सभी मुकाबले एसडीएटी नुंगाम्बाक्कम टेनिस स्टेडियम में खेले जाएंगे। टूर्नामेंट में भाग लेने वाले बेहतरीन खिलाड़ियों में विश्व के नौवीं वरीयता प्राप्त सर्बिया के जांको टिप्सारेविक और 10वीं वरीयता प्राप्त निकोलस अल्माग्रो का नाम शामिल है। विश्व के 84वीं वरीयता प्राप्त सोमदेव वर्ष 2009 में इस टूर्नामेंट के खिताबी मुकाबले में जगह बनाने में कामयाब हुए थे। बकौल सोमदेव, "निश्चित तौर पर मैं इस टूर्नामेंट में वर्ष 2009 के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश करूंगा। चेन्नई में खेलना मुझे अच्छा लगता है। यहां का वातावरण बेहतरीन होता है। लोग आपको समर्थन करते हैं। यहां खेलना अद्भुत है।" इस वर्ष सितम्बर में सोमदेव को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। सोमदेव ने कहा, "घरेलू दर्शकों के सामने खेलना आसान नहीं है। आप अच्छा खेलना चाहते हैं। दर्शकों को आपसे बेहतर प्रदर्शन की अपेक्षा होती है इसलिए आप पर दबाव होता है।" उल्लेखनीय है कि सोमदेव ने पिछले वर्ष नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में एकल स्पर्धा का स्वर्ण पदक अपने नाम किया था जबकि उसी वर्ष चीन के क्वांगचो में सम्पन्न एशियाई खेलों में उन्होंने एकल और युगल वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर खूब सुर्खियां बटोरी थी।
यह लेख है: मलेशिया एयरलाइंस के लापता विमान के पायलटों और नियंत्रण टॉवर के बीच अंतिम 54 मिनट की बातचीत का खुलासा एक अखबार ने किया है। द टेलीग्राफ के मुताबिक, लापता मलेशियाई विमान एमएच 370 के को-पायलट फारिक अब्दुल हामिद और नियंत्रण टावर के बीच 8 मार्च को बातचीत रात 12:15 बजे शुरू हुई। रात 1:19 बजे हामिद ने अंतिम संदेश में कहा था, 'सब ठीक है, शुभरात्रि।' जांकर्ताओं का दावा है कि बातचीत की शुरुआत तब हुई जब विमान में छेड़छाड़ हो चुकी थी और उनकी रिपोर्ट में कहा गया है कि बातचीत 'पूरी तरह रोजमर्रा' की जैसी प्रतीत होती है, लेकिन फिर भी दो असामान्य बातें निकल कर आती हैं। विश्लेषकों की दृष्टि में पहली असामान्य बात यह है कि रात 1:07 बजे संदेश में कहा गया कि विमान 35000 फुट की ऊंचाई पर है। यही संदेश छह मिनट के अंतराल पर दोहराया गया। एयरक्राफ्ट कम्युनिकेशन एड्रेसिंग एंड रिपोर्टिंग सिस्टम (एसीएआरएस) भी अंतिम संदेश भेजे जाने के 30 मिनट बाद संभवत: जानबूझकर निष्क्रिय कर दिया गया। जांकर्ताओं का मानना है कि एसीएआरएस को हामिद के 1:19 बजे अंतिम संदेश देने के पहले बंद कर दिया गया था। एक अलग ट्रांसपोंडर को 1:21 बजे बंद कर दिया गया था। दूसरी असामान्य बात जांचकर्ताओं की नजर में यह है कि विमान की गुमशुदगी दुर्घटना नहीं है। संपर्क टूट जाने के बाद विमान को पश्चिम की दिशा में उस बिंदु पर मोड़ दिया गया, जब कुआलालंपुर के वायु यातायात नियंत्रक उसका नियंत्रण हो ची मिन्ह के हवाले करते हैं। बोइंग 777 उड़ा चुके ब्रिटिश एयरवेज के एक पूर्व पायलट स्टीफन बजडेगन ने कहा, 'यदि मुझे विमान को चुराना होता तो मैं उसी बिंदु पर ऐसा करता। विमान यातायात नियंत्रकों के बीच कुछ दूरी डेड स्पेस होती है। यही वह वक्त होता है जिस दौरान विमान को जमीन से नहीं देखा जा सकता।' इस नए खुलासे से इस अनुमान को बल मिलने वाला है कि क्या लापता एमएच 370 किसी दुर्घटना का या अपहरण का शिकार हुआ। यदि पायलटों का गुमशुदगी में हाथ होता है तो वे अपनी मंशा छिपाने में अत्यंत सतर्क रहते हैं।
कोयम्बटूर कृष्णराव प्रहलाद (जन्म: सन् १९४१ - १६ अप्रैल २०१०) भारत के उद्यमी, सलाहकार एवं प्रबन्धन विशेषज्ञ थे। वे पॉल ऐण्ड रूथ मैकक्रैकेन डिस्टिंग्विश्ड विश्वविद्यालय में 'कारपोरेट रणनीति' के प्रोफेसर थे। उन्हें सन २००९ में भारत सरकार द्वारा साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। इसके पहले उन्हें सन् २००९ का प्रवासी भारतीय सम्मान भी प्रदान किया गया था। मिशीगन विश्वविद्यालय में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के प्रोफेसर सी. के। प्रहलाद दुनिया के 10 शीर्ष प्रबंधन चिंतकों और गुरुओं की सूची में शामिल किया गया है। वे कॉरपोरेट रणनीति के विशेषज्ञ माने जाते थे। वर्ष 2009 में दुनिया के 50 बेहतरीन बिजनेस गुरुओं की सूची में सीके प्रहलाद को लगातार दूसरी बार सर्वाधिक प्रभावशाली बिजनेस गुरु चुना गया थ। उन्हें साल में दो बार जारी होने वाली प्रबंधन से जुड़े दिग्गजों की सूची में यह स्थान मिला था। सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ प्रबन्धन गुरु सीके प्रह्लाद का निधन (प्रभात खबर) Faculty page at the University of Michigan Business Week Article on his ideas Can C.K. Prahalad Pass the Test?, Fast Company, August 2001 The Fortune at the Bottom of the Pyramid, The: Eradicating Poverty Through Profits How strategy guru C.K. Prahalad is changing the way CEOs think The Indus Entrepreneurs Home page of TIBCO, the company that bought Praja C.K Prahalad, Emerging Hi-Tech Ecosystems, Software 2006 Conference, April 4, 2006 The New Age of Innovation book on Amazon The blog for his new book The New Age of Innovation Video interview on The Magazine Post २००९ पद्म भूषण प्रबन्धन गुरू भारतीय उद्योगपति 1941 में जन्मे लोग २०१० में निधन
कॉलेज का नाम: डॉ. वाईएसआर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट, हैदराबाद कॉलेज का विवरण: इस कॉलेज की स्थापना 2004 में हुई थी, लेकिन औपचारिक उद्घाटन 16 मार्च 2005 को सोनिया गांधी ने किया था. इस कॉलेज को टूरिज्म मिनिस्ट्री, भारत सरकार और आंध्र प्रदेश सरकार से मान्यता प्राप्त है. इसके अलावा यह जवाहरलाल नेहरू टेक्निकल यूनिवर्सिटी से भी एफिलीएटेड है. संपर्क करें : डॉ. वाईएसआर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट, टेलीकॉम नगर, गाचीबोली, हैदराबाद - 500032, आंध्रप्रदेश फोन : 040-23000472/473 ईमेल: [email protected] वेबसाइट: www.nithm.ac.in इस कॉलेज में टूरिज्म मैनेजमेंट से संबंधित निम्‍नलिखित कोर्स कराए जाते हैं. कोर्स का नाम: पीजीडीएम टूरिज्म मैनेजमेंट कोर्स का विवरण: इस कोर्स में प्रिंसिपल एंड प्रैक्टिस ऑफ मैनेजमेंट, कल्चरल हेरिटेज ऑफ इंडिया, मार्केटिंग फॉर टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी, टूरिज्म प्रोडक्ट मैनेजमेंट, कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं. डिग्री: पीजी अवधि: 2 साल योग्यता: 50 फीसदी अंको के साथ बैचलर्स. इसके साथ मैट, आईसीईटी और कैट के स्कोर एडमिशन प्रक्रिया: इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्‍यू क्वालीफाई करना होता है. कोर्स का नाम: मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन(टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी) डिग्री: एमबीए अवधि: 2 साल योग्यता: 50 फीसदी अंको के साथ बैचलर्स. इसके साथ मैट, आईसीईटी और कैट के स्कोर एडमिशन प्रक्रिया: इस कोर्स में एडमिशन मेरिट के आधार पर होता है. साथ ही ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्‍यू क्वालीफाई करना अनिवार्य है. कोर्स का नाम: बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी) डिग्री: एमबीए अवधि: 3 साल उम्र सीमा: 22 साल योग्यता: 12वीं पास, ट्रैवल एंड टूरिज्म में डिप्लोमा 3 साल का डिप्‍लोमा , या 3 साल का हॉस्पिटैलिटी एंड केटरिंग टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा. एडमिशन प्रक्रिया: इस कोर्स में मेरिट के आधार पर एडमिशन होता है. साथ ही ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्‍यू भी क्‍वालिफाई करना अनिवार्य है. कोर्स का नाम: डिप्लोमा प्रोग्राम इन रूरल टूरिज्म डिग्री: सर्टिफिकेट अवधि: 6 महीने फीस: 20,000 योग्यता: 50 फीसदी अंको के साथ ग्रैजुएशन कोर्स का विवरण: इस कोर्स में अंडरस्टैंडिंग ऑफ रूरल टूरिज्म, करेंट स्टेटस ऑफ रूरल टूरिज्म इन इंडिया, गवर्मेंट रोल एंड पॉलिसी, इश्‍यू एंड चैलेंजेज ऑफ रूरल टूरिज्म जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं. एडमिशन प्रक्रिया : एडमिशन के लिए पर्सनल इंटरव्‍यू क्‍वालिफाई करना अनिवार्य है.
टीम इंडिया ने श्रीलंका को इंदौर के होल्कर स्टेडियम में खेले गए तीन मैचों की टी-20 सीरीज के दूसरे मुकाबले में पीटकर 2-0 से अजेय बढ़त बना ली है. इसी के साथ ही भारतीय टीम ने इस जीत से एक बहुत बड़ी उपलब्धि अपने नाम कर ली है. दरअसल, टीम इंडिया एक साल में सबसे ज्यादा इंटरनेशनल मैचों में जीत दर्ज करने वाली दुनिया की दूसरी टीम बन गई है. टीम इंडिया ने साल 2017 में क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट्स को मिलाकर कुल 36 इंटरनेशनल मैचों में जीत दर्ज की है. टीम इंडिया से आगे केवल ऑस्ट्रेलियाई टीम है, जिसने साल 2003 में सबसे ज्यादा 38 इंटरनेशनल मैचों में जीत दर्ज कर यह वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था. हालांकि, टीम इंडिया के पास ऑस्ट्रेलिया के इस वर्ल्ड रिकॉर्ड की बराबरी करने का कोई मौका नहीं है, क्योंकि मुंबई में खेले जाने वाले तीसरे टी-20 मैच के साथ ही भारतीय टीम इस साल (2017) का अंत करेगी. ऐसे में वह 37 का आकड़ा जरूर छू सकती है, लेकिन 38 का नहीं. एक साल में सबसे ज्यादा इंटरनेशनल मैचों में जीत का रिकॉर्ड 1. ऑस्ट्रेलिया (साल 2003) - मैच : 47, जीते : 38, हारे : 8, टाई : 0, ड्रॉ : 1, बेनतीजा : 0 2. भारत (साल 2017) - मैच : 52, जीते : 36, हारे : 12, टाई : 0, ड्रॉ : 3, बेनतीजा : 1 3. ऑस्ट्रेलिया (साल 1999) - मैच : 51, जीते : 35, हारे : 12, टाई : 2, ड्रॉ : 2, बेनतीजा : 0 4. ऑस्ट्रेलिया (साल 2007) - मैच : 47, जीते : 33, हारे : 12, टाई : 0, ड्रॉ : 0, बेनतीजा : 2 5. पाकिस्तान (साल 2011) - मैच : 47, जीते : 34, हारे : 9, टाई : 0, ड्रॉ : 3, बेनतीजा : 1 आपको बता दें कि अगला साल भारतीय टीम के लिए चुनौतियां लेकर आएगा, क्योंकि पहले तो भारत को साउथ अफ्रीका दौरे पर 3 टेस्ट, 6 वनडे और 3 मैचों की टी-20 सीरीज खेलनी है, इसके बाद इंग्लैंड में 5 टेस्ट, 3 वनडे, 3 टी-20 मैच खेलने हैं. वहीं साल के अंत में भारत को ऑस्ट्रेलियाई चुनौती का सामना करना पड़ेगा.
तिएर्रा देल फ़ुएगो (Tierra del Fuego) दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के दक्षिणी कोने पर स्थित एक द्वीपसमूह है। इसका मुख्य द्वीप चिली और आरजेन्टीना में बंटा हुआ ४८,१०० वर्ग किमी क्षेत्रफल का इस्ला ग्रान्दे दे तिएर्रा देल फ़ुएगो नामक टापु है। इस बड़े मुख्य-द्वीप के अलावा तिएर्रा देल फ़ुएगो समूह में केप होर्न और दिएगो रामीरेस जैसे कई अन्य द्वीप हैं। तिएर्रा देल फ़ुएगो और पृथ्वी के दक्षिणतम महाद्वीप अंटार्कटिका के अंटार्कटिक प्रायद्वीप में केवल १,००० किमी की समुद्री दूरी है। पुर्तगाली खोजयात्रि फ़रदिनान्द मेगेलन सन् १५२० में तिएर्रा देल फ़ुएगो पहुँचने वाला पहला यूरोपीय था लेकिन यहाँ पर यूरोपीय मूल के लोगों का घुसपैठ १८५० के बाद ही शुरु हुआ जब यहाँ सोना मिला और ऊन और माँस के लिए भेड़-पालन आरम्भ हुआ। इस द्वीपसमूह के पूर्व में अन्ध महासागर और पश्चिम में प्रशान्त महासागर है। इन्हें भी देखें अंटार्कटिक प्रायद्वीप सन्दर्भ तिएर्रा देल फ़ुएगो अर्जेण्टीना के द्वीप चिली के द्वीप प्रशांत महासागर के द्वीपसमूह अटलांटिक महासागर के द्वीपसमूह
टियोडोरो ओबिआंग नगयेमा मबासोगो ( स्पेनिश उच्चारण:  [te.o.ðo.ɾo o.βjãŋɡ ŋ.ɡe.ma m.ba.so.go] ; जन्म 5 जून 1942) एक है Equatoguinean राजनीतिज्ञ जो कर दिया गया है इक्वेटोरियल गिनी के राष्ट्रपति के बाद से 1979. उन्होंने अपने चाचा, फ्रांसिस्को मैकास न्गुमे को एक अगस्त 1979 के सैन्य तख्तापलट में बेदखल कर दिया और 1990 के दशक में इक्वेटोरियल गिनी के एक महत्वपूर्ण तेल उत्पादक के रूप में उभरने की निगरानी की। ओबियांग 31 जनवरी 2011 से 29 जनवरी 2012 तक अफ्रीकी संघ के अध्यक्षथे । वे कैमरून के पॉल बिया के बाद दुनिया के दूसरे सबसे लंबे समय तक सेवा न देने वाले राष्ट्रीय नेता हैं ।। ओबियांग पर व्यापक रूप से भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है । अधिकांश अफ्रीका में लोकतंत्र की ओर रुझान के विपरीत, इक्वेटोरियल गिनी वर्तमान में एक प्रमुख-पार्टी राज्य है , जिसमें ओबियांग की डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इक्वेटोरियल गिनी (PDGE) राष्ट्र में लगभग सभी शासन सत्ता रखती है। संविधान में ओबियांग स्वीपिंग शक्तियां प्रदान की गई हैं, जिसमें डिक्री द्वारा शासनकरने का अधिकार शामिल है , जिससे उनकी सरकार प्रभावी रूप से कानूनी तानाशाही कर रही है। प्रारंभिक जीवन संपादित करें सैंटियागो न्गुएमा एनीमे और मारिया माबागासो नगुई के पुत्र एकाकाम में एसंगुई कबीले में जन्मे। ओबियांग इक्वेटोरियल गिनी के औपनिवेशिक काल के दौरान सेना में शामिल हो गए और ज़रागोज़ा , स्पेन में जनरल मिलिट्री अकादमी में भाग लिया । उन्होंने अपने चाचा, फ्रांसिस्को मैकिस नगुएमा केबाद लेफ्टिनेंट का पद हासिल किया , उन्हें देश का पहला राष्ट्रपति चुना गया। Macias के तहत, ओबिंग विभिन्न पदों के गवर्नर सहित बिओको और के नेता नेशनल गार्ड ।  वह ब्लैक बीच जेल का प्रमुख भी था , जो अपने कैदियों को बुरी तरह से प्रताड़ित करने के लिए कुख्यात था। प्रेसीडेंसी संपादित करें अधिक जानकारी: इक्वेटोरियल गिनी में मानवाधिकार मैकियास ने अपने परिवार के कई सदस्यों की हत्याओं का आदेश देने के बाद, जिसमें ओबियांग के भाई, ओबियांग और मैकियास के अंदरूनी सर्कल के अन्य लोग शामिल थे, को आशंका थी कि राष्ट्रपति पागल हो गए हैं। ओबियांग ने 3 अगस्त 1979 को एक खूनी तख्तापलट ,  अपने चाचा को उखाड़ फेंका और पिछले एक दशक में बूबी लोगों के नरसंहार सहित अपने कार्यों के लिए परीक्षण पर रखा । मैकियास को 29 सितंबर 1979 को फायरिंग दस्ते द्वारा मौत की सजा दी गई थी। फायरिंग दस्ते के गठन के लिए एक नए मोरक्को के राष्ट्रपति गार्ड की आवश्यकता थी, क्योंकि स्थानीय सैनिकों को उसकी कथित जादुई शक्तियों का डर था। ओबियांग ने घोषणा की कि नई सरकार मैकियास की क्रूर और दमनकारी शासन से एक नई शुरुआत करेगी। उन्होंने राजनीतिक कैदियों को माफी दी, और पिछले श्रम की जबरन व्यवस्था को समाप्त कर दिया। हालाँकि, उन्होंने अपने चाचा के शासन में हुए अत्याचारों में अपनी भूमिका का कोई उल्लेख नहीं किया। नया संविधान संपादित करें ओ मोनियांग (मई 1982) में ओबियांग और लियोपोल्डो कैल्वो-मोटेलो । (  1982 में थोड़ा कम अधिनायकवादी संविधान लागू करने के साथ, देश मुख्य रूप से नागरिक शासन में लौट आया । उसी समय, ओबियांग को राष्ट्रपति के रूप में सात साल के कार्यकाल के लिए चुना गया; वह एकमात्र उम्मीदवार था। उन्हें एकमात्र उम्मीदवार के रूप में 1989 में फिर से चुना गया था। 1992 में अन्य दलों को नामांकित करने की अनुमति देने के बाद, उन्हें 1996 और 2002 में 98 प्रतिशत वोट के साथ दोबारा चुना गया  चुनावों में अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षकों द्वारा धोखे के रूप में निंदा की गई।  2002 में, उदाहरण के लिए, कम से कम एक सीमा ओबिंग मतदान का 103 प्रतिशत देने के रूप में दर्ज किया गया था। मतदाता धोखाधड़ी और डराने-धमकाने के आरोपों के बीच,  से विपक्षी नेता प्लासीडो मिको अबोगो के आरोपों के बीच 2009 में चौथे कार्यकाल के लिए उन्हें चौथे कार्यकाल के लिए फिर से चुना गया । ओबियांग का शासन पहले अपने चाचा की तुलना में अधिक मानवीय माना जाता था। हालांकि, कुछ खातों से, यह तेजी से क्रूर हो गया है, और अफ्रीका में अधिक से अधिक लोकतंत्र की ओर बड़ा रुझान बढ़ा है। अधिकांश घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षक दुनिया के सबसे भ्रष्ट, जातीय , दमनकारी और अलोकतांत्रिक राज्यों में से एक को मानते हैं। इक्वेटोरियल गिनी मूल रूप से ओबैंग की डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इक्वेटोरियल गिनी (पीडीजीई) के प्रभुत्व वाला एक पार्टी राज्य है । संविधान में ओबियांग स्वीपिंग शक्तियों को शामिल किया गया है, जिसमें डिक्री द्वारा शासन करने की शक्ति भी शामिल है । हालाँकि 1992 में विपक्षी दलों को वैध कर दिया गया था, लेकिन PDGE में विधायिका का वर्चस्व बना हुआ है, और निकाय के भीतर ओबियांग के फैसलों का कोई विरोध नहीं है। चैम्बर में आठ से अधिक विपक्षी दल कभी नहीं रहे हैं। वर्तमान में, सभी प्रतिनियुक्ति लेकिन एक या तो पीडीजीई से संबंधित है या इसके साथ संबद्ध है। सभी इरादों और उद्देश्यों के लिए, ओबियांग राष्ट्र में सभी शासी शक्ति रखता है। विपक्ष को मुश्किल से सहन किया जाता है; वास्तव में, डेर स्पीगेल के एक 2006 के लेख में ओबियांग को यह कहते हुए उद्धृत किया गया, "सरकार के कार्यों की आलोचना करने के लिए विपक्ष के पास क्या अधिकार है?"  उनके विचारों के लिए एक वाहन के रूप में स्वतंत्र प्रेस की कमी से विपक्ष बुरी तरह से बाधित है। कोई भी समाचार पत्र नहीं है और सभी प्रसारण मीडिया या तो सरकार के पास हैं या उसके सहयोगियों द्वारा नियंत्रित हैं। अंतर्राष्ट्रीय संबंध संपादित करें संयुक्त राज्य अमेरिका संपादित करें 2009 में न्यूयॉर्क शहर में एक स्वागत समारोह में अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा और यूएस फर्स्ट लेडी मिशेल ओबामा , ओबियांग और उनकी पत्नी के साथ, फर्स्ट लेडी कॉन्स्टैंसिया मंगू डी ओबियांग । संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ इक्वेटोरियल गिनी के संबंधों को 1993 में ठंडा कर दिया गया था, जब राजदूत जॉन ई। बेनेट पर द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उनके विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने पर मारे गए 10 ब्रिटिश एयरमैन की कब्र पर जादू टोना करने का आरोप लगाया गया था। बेनेट ने 1994 में मालाबो में अमेरिकी दूतावास में एक मौत की धमकी मिलने के बाद छोड़ दिया ।  अपने विदाई संबोधन में, उन्होंने सार्वजनिक रूप से सरकार के सबसे कुख्यात प्रताड़ितों को नामित किया, जिसमें इक्वेटोरियल गिनी के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री, मैनुअल न्गुमा माबा , एक अन्य ओबियांग शामिल हैं। चाचा। कोई नया दूत नियुक्त नहीं किया गया था, और 1996 में दूतावास को बंद कर दिया गया था, जिससे उसके मामलों को पड़ोसी कैमरून में दूतावास द्वारा नियंत्रित किया जा रहा था । 2001 में न्यूयॉर्क और वाशिंगटन पर आतंकवादी हमलों केबाद ओबियांग शासन के लिए चीजें बदल गईं , जिसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका ने प्रमुख अफ्रीकी राज्यों के साथ अपने व्यवहार को फिर से प्राथमिकता दी। 25 जनवरी 2002 को, इंस्टीट्यूट फॉर एडवांस्ड स्ट्रेटेजिक एंड पॉलिटिकल स्टडीज , एक नियोकॉनसर्वेटिव इज़राइली-आधारित थिंक टैंक, वाशिंगटन में यूनिवर्सिटी क्लब में "अफ्रीकन ऑयल: ए प्रायोरिटी फॉर यूएस नेशनल सिक्योरिटी एंड अफ्रीकन डेवलपमेंट" पर एक मंच प्रायोजित किया। कि "पश्चिम अफ्रीकी तेल ... मध्य पूर्व को स्थिर करने, मुस्लिम आतंक को समाप्त करने और ऊर्जा सुरक्षा के एक उपाय को सुरक्षित करने में मदद कर सकता है"। IASPS फोरम में बोलते हुए, अफ्रीका के सहायक विदेश मंत्री वाल्टर एच। कांस्टीनरकहा, "अफ्रीकी तेल हमारे लिए राष्ट्रीय रणनीतिक हित का है, और यह आगे बढ़ने के साथ-साथ बढ़ेगा और अधिक महत्वपूर्ण हो जाएगा।" मार्च से अप्रैल 2006 तक एक लंबी राजकीय यात्रा में, राष्ट्रपति ओबियांग ने अमेरिका में बंद दूतावास को फिर से खोलने की मांग करते हुए कहा कि "अमेरिकी राजनयिक उपस्थिति की कमी निश्चित रूप से आर्थिक विकास को रोक रही है।"  राष्ट्रपति ओबियांग को राज्य सचिव कोंडोलीज़ा राइस ने हार्दिक बधाई दी , जिन्होंने उन्हें "अच्छा दोस्त" कहा।  जनसंपर्क कंपनी कैसिडी एंड एसोसिएट्सओबियांग और संयुक्त राज्य अमेरिका सरकार के बीच टोन में बदलाव के लिए आंशिक रूप से जिम्मेदार हो सकती है। 2004 से, कासिडी को तानाशाह सरकार ने कम से कम $ 120,000 प्रति माह की दर से नियोजित किया था। अक्टूबर 2006 तक, हालांकि, सीनेट की विदेश संबंध समिति ने ओबियांग के स्वामित्व वाली भूमि पर नए दूतावास के निर्माण के प्रस्ताव के बारे में चिंता जताई थी, जिसे संयुक्त राष्ट्र आयोग ने मानवाधिकार पर सीधे विरोधियों की यातना का आरोप लगाया था।  २०१३ में नए दूतावास का चेंबर खोला गया। विवाद संपादित करें जुलाई 2003 में, राज्य संचालित रेडियो ने ओबियांग को " पुरुषों और चीजों पर पूरी शक्ति" के साथ " देश का भगवान " घोषित किया । इसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति "सर्वशक्तिमान के साथ स्थायी संपर्क में थे" और "बिना किसी को बुलाए उसे मारने का फैसला कर सकते हैं और बिना नरक में जा सकते हैं।" उन्होंने 1993 में व्यक्तिगत रूप से इसी तरह की टिप्पणी की थी। मैकियास ने खुद को एक भगवान भी घोषित किया था। ओबियांग ने यह सुनिश्चित करने के लिए अपने व्यक्तित्व के पंथ को प्रोत्साहित किया कि सार्वजनिक भाषण गणतंत्र के बजाय खुद के लिए अच्छी तरह से कामना करते हैं। कई महत्वपूर्ण इमारतों में एक राष्ट्रपति लॉज है, कई कस्बों और शहरों में मैकियास के खिलाफ ओबियांग के तख्तापलट की याद में सड़कें हैं, और कई लोग उनके चेहरे पर मुद्रित कपड़े पहनते हैं। अपने पूर्ववर्ती और अन्य अफ्रीकी तानाशाहों जैसे कि ईदी अमीन और मोबुतु सेसे सेको की तरह , ओबियांग ने खुद को अपने रचनात्मक खिताब सौंपे हैं। उनमें से "बायको, एनाबोन और रियो मुनि के महान द्वीप के सज्जन हैं।"  वह खुद को एल जेफ (बॉस) भी कहते हैं।  [ उद्धरण वांछित ] 2008 में, अमेरिकी पत्रकार पीटर Maass ओबिंग अफ्रीका के सबसे खराब तानाशाह, से भी बदतर बुलाया रॉबर्ट मुगाबेकी जिम्बाब्वे । अक्टूबर 2011 में मुअम्मर गद्दाफी के पतन के बाद से , ओबियांग दुनिया का दूसरा सबसे लंबा शासक गैर-शाही राज्य बन गया है । सीएनएन पर अक्टूबर 2012 के एक साक्षात्कार में, क्रिस्टियन अमनपोर ने ओबियांग से पूछा कि क्या वह तीस साल से अधिक के अपने शासनकाल में कम से कम चार बार पुन: चुने जाने के बाद से तत्कालीन वर्तमान कार्यकाल (2009-2016) के अंत में पद छोड़ देंगे। अपनी प्रतिक्रिया में, ओबियांग ने स्पष्ट रूप से 2011 के संविधान में शब्द सीमा के बावजूद पद के अंत में पद छोड़ने से इनकार कर दिया । गालियाँ संपादित करें ओबियांग के तहत दुर्व्यवहारों में "सुरक्षा बलों द्वारा गैरकानूनी हत्याएं; सरकार द्वारा स्वीकृत अपहरण, सुरक्षा बलों द्वारा कैदियों और बंदियों की व्यवस्थित यातना, जेलों में जीवन की धमकी देने वाली स्थितियां और निरोध सुविधाएं; अशुद्धता, मनमाना गिरफ्तारी, हिरासत और इनकंपनीडो हिरासत शामिल हैं। धन संपादित करें इसे भी देखें: Biens mal अधिग्रहण फोर्ब्स पत्रिका ने कहा है कि 600 मिलियन अमेरिकी डॉलर की संपत्ति के साथ ओबियांग दुनिया के सबसे धनी राष्ट्राध्यक्ष हैं। 2003 में, ओबियांग ने अपनी नागरिकता को बताया कि उन्होंने राष्ट्रीय सेवकों को भ्रष्ट आचरण में लिप्त होने से बचाने के लिए राष्ट्रीय खजाने का पूर्ण नियंत्रण लेने के लिए मजबूर महसूस किया। ओबिंग तो खुद को और अपने परिवार पर द्वारा नियंत्रित साठ खातों की तुलना में अधिक में डॉलर आधे बिलियन से अधिक एक जमा रिग्स बैंकवाशिंगटन, डीसी में, एक अमेरिकी संघीय अदालत अग्रणी उसे ऐसा करने के लिए अनुमति देने के लिए बैंक $ 16 मिलियन ठीक करने के लिए।  एक अमेरिकी सीनेट ने2004 में जांच में पाया गया है कि वाशिंगटन स्थित रिग्स बैंक से ओबिंग की ओर से भुगतान में $ 300 मिलियन लिया था एक्सॉन मोबिल और हेस निगम । 2008 में, देश एक्स्ट्रेक्टिव इंडस्ट्रीज ट्रांसपेरेंसी इनिशिएटिव के लिए एक उम्मीदवार बन गया  - एक अंतरराष्ट्रीय परियोजना जिसका उद्देश्य सरकारी तेल राजस्व के बारे में खुलेपन को बढ़ावा देना था - लेकिन कभी भी योग्य नहीं हुआ और अप्रैल 2010 की समय सीमा समाप्त हो गई। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल में बारह सबसे भ्रष्ट राज्यों की सूची में इक्वेटोरियल गिनी शामिल है। 2007 में ओबियांग और कई अन्य अफ्रीकी राज्य के नेताओं ने भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के लिए धन के उपयोग की जांच शुरू की। उन्हें अपने और अपने परिवार के लिए निजी हवेली और अन्य विलासिता के लिए सार्वजनिक धन का उपयोग करने का संदेह था। वह और उनके बेटे, विशेष रूप से, फ्रांस में कई संपत्तियों और सुपरकारों के मालिक थे। ओबियांग के बेटे के खिलाफ अमेरिकी अदालतों में कई शिकायतें भी दर्ज की गईं। वकीलों ने जोर देकर कहा कि ओबियांग द्वारा विनियोजित धन को कानूनी रूप से इक्वेटोगुइन कानूनों के तहत लिया गया था, भले ही वे कानून अंतरराष्ट्रीय मानकों से सहमत न हों। अमेरिकी न्याय विभाग ने आरोप लगाया कि ओबिंग और उनके बेटे भ्रष्टाचार के माध्यम से करोड़ों डॉलर के सैकड़ों विनियोजित किया था।  २०११ और २०१२ की शुरुआत में, ओबियांग और उसके बेटे की फ्रांसीसी और अमेरिकी सरकारों द्वारा कई संपत्ति जब्त की गई, जिसमें हवेली, शराब संग्रह और सुपरकार शामिल थीं। संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस और स्पेन सभी ने ओबियांग परिवार के सार्वजनिक धन के उपयोग की जांच की है।  भ्रष्टाचार की जांच जारी है। ओबियांग, उनके मंत्रिमंडल और उनके परिवार को कथित रूप से राष्ट्र के तेल उत्पादन से प्रत्येक वर्ष अघोषित तेल राजस्व में अरबों प्राप्त हुए हैं । मैराथन ऑयल ने 2 मिलियन डॉलर से अधिक के लिए ओबियांग के निजी निवेश वाहन अबाक से जमीन खरीदी; जून 2004 में बिक्री लंबित थी, लेकिन मैराथन ने पहले ही ओबियांग को किए गए चेक के साथ $ 611,000 का पहला भुगतान किया था। मैराथन भी GEOGAM के साथ दो गैस संयंत्रों को संचालित करने के लिए एक संयुक्त उद्यम में शामिल था , जो एक अर्ध-राज्य फर्म है जिसमें अबयक ने 75% हिस्सेदारी नियंत्रित की थी। हालाँकि कैबिनेट ने सामाजिक खर्चों में मामूली वृद्धि की है, लेकिन ये राष्ट्रपति भवन के खर्चों के हिसाब से बहुत कम हैं।  इसके अलावा, ओबियांग प्रशासन को असंतुष्टों और विदेशी अधिकारियों के उत्पीड़न की विशेषता है, जो शर्तों पर रिपोर्ट करना चाहते हैं। ओबियांग ने फ्रांस की एक अदालत में एक संगठन के खिलाफ एक मानहानि का मुकदमा दायर किया, उनका मानना ​​था कि उनकी छवि यह कहकर तोड़ रही थी कि उनकी सरकार ने इस तरह के कृत्य किए थे, लेकिन मामला खारिज कर दिया गया था। ओबियांग ने खुले प्रशासन, भ्रष्टाचार को कम करने, पारदर्शिता बढ़ाने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने और अपने नागरिकों की बुनियादी स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध होने के लिए कई वचन दिए हैं। [ उद्धरण वांछित ] आलोचकों का कहना है कि ओबियांग की सरकार ने हालांकि इस लक्ष्य की दिशा में बहुत कम प्रगति की है।  कई अंतरराष्ट्रीय समूहों ने ओबियांग के लिए कहा है: सभी सरकारी राजस्व को प्रकाशित करके और विदेशों में सहित सरकारी खातों के वार्षिक ऑडिट का संचालन और प्रकाशन, और अधिकारियों को संपत्ति घोषित करने के लिए राजकोषीय पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना प्राकृतिक संसाधन राजस्व का खुलासा करें गरीबी को कम करने पर खर्च में वृद्धि राजनीतिक स्वतंत्रता और अधिकारों को उजागर किया न्यायिक प्रथाओं को अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा करने की अनुमति दें अपने आलोचकों को परेशान करना और बाधा डालना बंद करें विदेशी निरीक्षकों और समूहों को स्वतंत्र रूप से यात्रा करने की अनुमति दें, अनधिकृत और अनचाही। अमेरिकी न्याय विभाग ने आरोप लगाया है कि ओबिंग के बेटे भी जितना 500% द्वारा ठेकेदार भुगतान बढ़ा-चढ़ाकर द्वारा लकड़ी और निर्माण कंपनियों से धन उगाही, तो अपने ही इस्तेमाल के लिए एक निजी खाते में धन funneled। ओबियांग और उनके मंत्रिमंडल ने किकी का बचाव किया है, क्योंकि उनके बेटे को जाना जाता है। वकीलों ने अमेरिकी और फ्रांसीसी दोनों अदालतों में अपनी बेगुनाही को बरकरार रखते हुए कहा कि उन्हें कानूनी रूप से वैध व्यापार उद्यम के रूप में धनराशि मिली है। इन आरोपों के सामने आने के कुछ समय बाद, ओबियांग ने अपने बेटे इक्वेटोरियल गिनी के उप स्थायी प्रतिनिधि का नाम यूनेस्को रखा , जो संभवतः उसे अभियोजन से राजनयिक छूट दे रहा था । ओबियांग ने सरकार में सार्वजनिक आंकड़ों के व्यय और वित्तीय समीक्षा, भ्रष्टाचार के लिए स्क्रीन, और वित्तीय पारदर्शिता बढ़ाने के लिए एक स्वतंत्र ऑडिट टास्क फोर्स बनाया है। हालांकि, इस टास्क फोर्स के प्रमुख की नियुक्ति खुद ओबियांग ने की थी। वित्त संपादित करें ओबियांग का वाशिंगटन डीसी स्थित रिग्स बैंक के साथ घनिष्ठ संबंध था । ऐसा कहा जाता है कि उनका स्वागत शीर्ष रिग्स अधिकारियों द्वारा किया गया था, जिन्होंने उनके सम्मान में लंच आयोजित किया था।  इस संबंध के बारे में प्रचार बाद में रिग्स के पतन में योगदान देगा। 10 नवंबर 2010 को, फ्रांस के सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि 2 दिसंबर 2008 को फ्रांस में ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा दायर एक शिकायत वहां की अदालत प्रणाली के लिए स्वीकार्य थी। निर्णय ने एक जांच न्यायाधीश की नियुक्ति और न्यायिक जांच के दावे की अनुमति दी कि ओबियांग ने फ्रांस में निजी संपत्ति खरीदने के लिए राज्य के धन का इस्तेमाल किया। फोर्ब्स पत्रिका में प्रकाशित 2010 के एक लेख ने सुझाव दिया कि ओबियांग अमेरिकी बैंक खातों में देश की संपत्ति का लगभग $ 700 मिलियन इकट्ठा करता है। नरभक्षण का दावा संपादित करें नगुमे के विरोधियों ने उन पर यह दावा करने के संदर्भ में नरभक्षण का आरोप लगाया है कि उन्होंने शक्ति प्रदर्शन के लिए अपने दुश्मनों के अंगों का उपभोग किया है। व्यक्तिगत जीवन संपादित करें ओबियांग कथित तौर पर अपने बेटे टेओदोरो न्गुएमा ओबियांग मंगे को सफल बनाने के पक्षधर हैं । सम्मान संपादित करें फिलिपींस : ग्रैंड कॉलर ऑफ़ द ऑर्डर ऑफ़ लकंदुला , सुप्रीमो रैंक (19 मई, 2006) सूरीनाम : ग्रांड ऑफिसर ऑफ़ द यलो स्टार का मानद आदेश 1942 में जन्मे लोग जीवित लोग
नोटबंदी के बाद देश के बैंकों के भीतर इकट्ठे हुए 500 और 1000 रुपये के नोटों का इस्तेमाल एक बड़ा सवाल बन गया है. हर किसी के दिमाग में ये सवाल कौंधते रहते हैं कि आखिर इन नोटों का क्या होगा. गुरुवार को अहमदाबाद में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (NID) ने इन्हीं नोटों के टुकड़ों का दुबारा इस्तेमाल कर कुछ नया बनाने की प्रतियोगिता शुरू की. इस प्रतियोगीता को वैल्यू ऑफ मनी नाम दिया गया है. इस प्रतियोगिता में देश के भीतर अलग-अलग डिजाइन इंस्टीट्यूट के छात्र हिस्सा ले रहे हैं. यहां 500 ओर 1000 रुपये के नोटों के छोटे-छोटे टुकड़े कर उनका रॉ मैटेरियल तैयार किया गया है. करेन्सी नोट होने की वजह से ये पानी में डाले जाने पर भी जल्दी गलते नहीं हैं. यहां तक कि उसका कलर भी नही जाता है. ऐसे में कोशिश है कि इस प्रतियोगिता में कुछ ऐसा बने जो लोगों के इस्तेमाल में आ सके. इस प्रतियोगिता में जीतने वाले छात्र को पहले इनाम के तौर पर 1 लाख, दूसरे को 75 हजार ओर तीसरे को 50 हजार दिए जाएंगे. इस प्रतियोगिता से छात्र काफी उत्साहित हैं. इस कार्यक्रम का उद्घाटन बीते दिन गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने किया.
सूरा अर-रहमान (इंग्लिश: Ar-Rahman) इस्लाम के पवित्र ग्रन्थ कुरआन का 55 वां सूरा (अध्याय) है। इसमें 78 आयतें हैं। नाम सूरा अर-रहमानया सूरा अर्-रह़मान पहले ही शब्द को इस सूरा का नाम दिया गया है। इसका अर्थ यह है कि यह वह सूरा है जो अर-रहमान (कृपाशील) शब्द से आरम्भ होती है। फिर भी यह नाम सूरा के विषय से भी गहरा सम्पर्क रखता है, क्योंकि इसमें आरम्भ से अन्त तक अल्लाह की दयालुता के गुण-सूचक चिह्नों और परिणामों का उल्लेख किया गया है। अवतरणकाल मक्की सूरा अर्थात् पैग़म्बर मुहम्मद के मक्का के निवास के समय हिजरत से पहले अवतरित हुई। टीकाकार विद्वान् साधारणतः इस सूरा को मक्की घोषित करते हैं। यद्यपि कुछ उल्लेखों में हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास (रजि.), इक्रमा (रजि.) और क़तादा (रजि.) का यह कथन उद्धृत है कि यह सूरा मदनी है, किन्तु एक तो इन्हीं महानुभावों से कुछ दूसरे उल्लेखों में इसके विपरीत भी उद्धृत है। दूसरे इसका विषय मदनी सूरतों की अपेक्षा मक्की सूरतों के अधिक अनुरूप है, बल्कि अपने विषय की दृष्टि से यह मक्का के भी आरम्भिक काल की मालूम होती है। और इसके अतिरिक्त तदधिक विश्वस्त उल्लेखों से इस बात का प्रमाण मिलता है यह मक्का मुअज़्ज़मा में ही हिजरत से कई वर्ष पूर्व अवतरित हुई थी। विषय और वार्ताएँ इस्लाम के विद्वान मौलाना सैयद अबुल आला मौदूदी लिखते हैं कि कुरआन मजीद की एकमात्र यही सूरा है जिसमें मानव के साथ धरती के दूसरे स्वतंत्र प्राणी जिन्नों को भी प्रत्यक्षतः सम्बोधित किया गया है। यद्यपि पवित्र कुरआन में विभिन्न स्थानों पर विवरण मौजूद हैं जिनसे मामूल होता है कि मनुष्यों की तरह जिन्न भी एक स्वतंत्र और उत्तरदायी प्राणी हैं और उनमें भी मनुष्यों ही की तरह काफ़िर और ईमानवाले और आज्ञाकारी और अवज्ञाकारी पाए जाते हैं। उनमें भी ऐसे गिरोह मौजूद हैं जो नबियों (अलै.) और आसमानी किताबों (ईश्वरीय ग्रंथों) पर ईमान लाए हैं, लेकिन यह सूरा निश्चित रूप से इस बात को स्पष्ट करती है कि अल्लाह के रसूल (सल्ल.) और कुरआन मजीद का आह्वान जिन्न और मानव दोनों के लिए है और नबी (सल्ल.) की पैग़म्बरी केवल मनुष्यों तक ही सीमित नहीं है। सूरा के आरम्भ में तो सम्बोधन का रुख़ मानवों की तरफ़ ही है , क्योंकि धरती में अधिपत्य उन्हीं को प्राप्त है। अल्लाह के रसूल (पैग़म्बर ) उन्हीं में से आए हैं। और ईश्वरीय ग्रंथ उन्हीं की भाषाओं में अवतरित किए गए हैं। लेकिन आगे चलकर आयत 13 से मनुष्य और जिन्न दोनों को समान रूप से सम्बोधित किया गया है और एक आमंत्रण दोनों के समक्ष प्रस्तुत किया गया है । सूरा की वार्ताएँ छोटे-छोटे वाक्यों में एक विशिष्ट क्रम से प्रस्तुत हुई है : आयत 1-4 तक इस विषय का वर्णन किया गया है कि इस कुरआन की शिक्षा अल्लाह की ओर से है और यह ठीक उसकी दयालुता को अपेक्षित है कि वह इस शिक्षा से मानव-जाति के मार्गदर्शन का प्रबन्ध करे। आयत 5-6 में बताया गया है कि जगत् की सम्पूर्ण व्यवस्था अल्लाह के शासन के अन्तर्गत चल रही है और धरती और आकाश की हर चीज़ उसके आदेश के अधीन है। आयत 7-9 में एक दूसरा महत्त्वपूर्ण तथ्य यह वर्णित है कि अल्लाह ने जगत् की सम्पूर्ण व्यवस्था एवं प्रणाली को ठीक-ठीक संतुलन के साथ न्याय पर स्थापित किया है और इस प्रणाली की प्रकृति यह चाहती है कि इसमें रहनेवाले अपने अधिकार-सीमा में भी न्याय ही पर स्थिर हों और संतुलन न बिगाड़े। आयत 10-25 तक अल्लाह की सामर्थ्य के चमत्कार और कौशल को वर्णित करने के साथ-साथ उसके प्रसादों और प्रदान की हुई निधियों की ओर संकेत किए गए हैं, जिनसे मनुष्य और जिन्न लाभान्वित हो रहे हैं। आयत 26-30 तक मनुष्य और जिन्न दोनों को इस सत्य का स्मरण कराया गया है कि इस जगत् में एक ईश्वर के अतिरिक्त कोई अक्षय और नित्य नहीं है, और छोटे-से-बड़े तक कोई अस्तित्ववान् ऐसा नहीं जो अपने अस्तित्व और अस्तित्वगत आवश्यकताओं के लिए ईश्वर पर आश्रित न हो। आयत 31-36 तक इन दोनों गिरोहों को सावधान किया गया है कि शीघ्र ही वह समय आनेवाला है जब तुमसे कड़ी पूछगछ होगी। इस पूछगछ से बचकर तुम कहीं नहीं जा सकते। आयत 37-38 में बताया गया है कि यह कड़ी पूछगछ क़ियामत के दिन होनेवाली है। आयत 39-45 तक अपराधी मानवों और जिन्नों का परिणाम बताया गया है। और आयत 46 से सूरा के अन्त तक विस्तारपूर्वक उन पारितोषिकों और अनुग्रहदानों का उल्लेख किया गया है जो परलोक में पुण्यवान् मानवों और जिन्नों को प्रदान किए जाएंगे । सुरह "अर-रहमान'' का अनुवाद बिस्मिल्ला हिर्रह्मा निर्रहीम अल्लाह के नाम से जो दयालु और कृपाशील है। इस सूरा का प्रमुख अनुवाद: क़ुरआन की मूल भाषा अरबी से उर्दू अनुवाद "मौलाना मुहम्मद फ़ारूक़ खान", उर्दू से हिंदी "मुहम्मद अहमद" ने किया। बाहरी कडियाँ इस सूरह का प्रसिद्ध अनुवादकों द्वारा किया अनुवाद क़ुरआन प्रोजेक्ट पर देखें Ar-Rahman 55:1 सन्दर्भ इन्हें भी देखें क़ुरआन मुहम्मद क़ुरआन का हिन्दी अनुवाद सूरा आयत (क़ुरआन) इस्लामी शब्दावली सूरा
खट्टा पालक जिसे कभी-कभी खट्टा साग भी कहा जाता है, एक छोटे आकार की हरे पत्तों वाली वनस्पति जाति है जो सरसरी रूप से पालक जैसी दिखती है। यह विश्व की कई घासभूमियों व अन्य स्थानों में जंगली उगती है लेकिन इसे खाने के लिए भी उगाया जाता है। इसका स्वाद पालक से अलग और ज़रा खट्टा व तीखा होता है जिसका कारण इसके पत्तों में उपस्थित ऑक्सैलिक अम्ल होता है। बहुत बड़ी मात्रा में खाने पर इसके प्रभाव विषैले भी हो सकते हैं। कई कीट-शिशु इसके पत्तों को खाते हैं। इन्हें भी देखें पालक ऑक्सैलिक अम्ल वनस्पति सन्दर्भ रूमेक्स जड़ी-बूटियाँ पत्तेदार सब्ज़ियाँ
फूलन देवी की 2001 में सनसनीखेज हत्या के मामले में एकमात्र दोषी शेर सिंह राणा को दिल्ली की एक अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई और उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश भरत पाराशर ने खचाखच भरे अदालत कक्ष में सजा का आदेश सुनाया। अदालत में राणा के कुछ परिजन और समर्थक भी मौजूद थे। न्यायाधीश ने कहा, आईपीसी की धारा 302-34 के तहत अपराध के लिए मैं तुम्हें उम्रकैद की सजा सुनाता हूं और 50,000 रुपये का जुर्माना लगाता हूं। धारा 307 के तहत अपराध के लिए मैं तुम्हें उम्रकैद की सजा सुनाता हूं और 50,000 रुपये का जुर्माना लगाता हूं। उन्होंने कहा कि अगर राणा ने जुर्माना अदा नहीं किया तो उन्हें प्रत्येक मामले में छह महीने की कैद भुगतनी होगी। न्यायाधीश ने जैसे ही फैसला सुनाया, राणा के कुछ परिजनों और समर्थकों की आंखों में आंसू आ गए। अदालत ने 8 अगस्त को राणा को दोषी ठहराया था। अदालत ने फूलन की हत्या के सिलिसिले में 10 अन्य सह-आरोपियों को बरी कर दिया। फूलन देवी उस समय समाजवादी पार्टी से लोकसभा की सदस्य थीं। राणा को मामले में आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या की कोशिश) और 34 (समान इरादे) के तहत अपराधों का दोषी ठहराया गया। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से सांसद 37वर्षीय फूलन को 25 जुलाई 2001 को यहां उनके अशोक रोड स्थित आवास के सामने तीन नकाबपोश बंदूकधारियों ने नजदीक से गोली मार दी थी। इस घटना के वक्त फूलन देवी लोकसभा की कार्यवाही में भाग लेने के बाद दोपहर के भोजन के लिए घर लौट रहीं थीं। इससे पहले सजा को लेकर दलीलों के दौरान अभियोजन पक्ष ने राणा के लिए मौत की सजा की मांग की थी और कहा था कि उन्होंने पूर्व-नियोजित तरीके से फूलन की हत्या की थी। अभियोजन पक्ष ने कहा था कि राणा को जघन्य अपराध के लिए कड़ी सजा दी जानी चाहिए क्योंकि उसके जैसा शख्स समाज के लिए खतरा है। हालांकि राणा के वकील ने अभियोजन पक्ष की दलीलों का विरोध करते हुए कहा था कि पुलिस हत्या के पीछे मकसद साबित नहीं कर सकी। राणा ने अदालत से नरमी बरतने की मांग करते हुए कहा था कि अदालत को उसे एक बार माफ कर देना चाहिए और पुलिस ने उसके खिलाफ झूठे मामले दर्ज करके उसकी छवि खराब की है। राणा ने न्यायाधीश से कहा, आप (जज) भगवान की कुर्सी पर बैठे हैं और आप जो कहेंगे वह भगवान के मुंह से निकली बात होगी। आपने इस मामले में अभियोजन पक्ष को माफ किया है और इसलिए कृपया मुझे भी माफ कीजिए। आरोपी प्रदीप सिंह के खिलाफ मुकदमा बंद हो गया क्योंकि उसकी पिछले साल नवंबर में तिहाड़ जेल में मौत हो गई थी।
उत्तर प्रदेश के बीजेपी उपाध्यक्ष दया शंकर सिंह ने बीएसपी प्रमुख मायवती के लिए आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया. बीजेपी नेता ने टिकट बिक्री मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मायावती जिस तरह से मोलभाव कर रही हैं इस तरह एक वेश्या भी अपने पेशे को लेकर नहीं करती. दया शंकर सिंह ने मऊ में यह विवादित बयान दिया. इस मामले पर कार्रवाई करते हुए बीजेपी ने दयाशंकर सिंह को पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष पद से हटा दिया है. दयाशंकर को पार्टी से बाहर करे बीजेपी: मायावती यूपी बीजेपी उपाध्यक्ष के बयान पर मायावती ने राज्यसभा में जवाब दिया. उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता ने यह बयान मायावती को नहीं, बल्कि‍ अपनी बेटी-बहन के लिए कहे हैं. बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि पूरा देश बीजेपी को माफ नहीं करेगा. उन्होंने बीजेपी से दयाशंकर सिंह को पार्टी से बाहर निकालने की भी मांग की. मायावती ने सदन में कहा, 'यूपी बीजेपी के उपाध्यक्ष ने खराब भाषा का इस्तेमाल किया. मैंने अपना पूरा जीवन दलितों के उत्थान के लिए लगा दिया. कांशीराम के बताए रास्ते पर आंदोलन चला रहे हैं. उनकी भाषा की निंदा करने के लिए सदन का आभार. मैंने अपने भाषण में कभी अपशब्द नहीं कहे.' मायावती चाहें तो जेल जाने को तैयार हूं: दयाशंकर इस बीच, दयाशंकर सिंह ने अपने बयान पर मायावती से माफी मांगी है. उन्होंने बयान पर खेद जताते हुए कहा कि अगर मायावती चाहती हैं तो वो जेल जाने को भी तैयार हैं. दयाशंकर ने सफाई दी कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा है. उन्होंने कहा कि अगर मेरी बात से कोई आहत है तो मैं खेद प्रकट करता हूं. बीजेपी नेता ने कहा है कि आरके चौधरी और स्वामी प्रसाद मौर्य ने आरोप लगाया था कि मायावती पैसा लेकर टिकट देती है और टिकट काट भी देती है तो ये उनके चरित्र में है और मैंने कहा था कि ये चरित्र संकट है. क्या कहा था यूपी बीजेपी उपाध्यक्ष ने दरअसल बीएसपी प्रमुख मायावती पर विधानसभा चुनाव को लेकर टिकट बिक्री का लगातार आरोप लग रहे हैं. बीजेपी उपाध्यक्ष ने कहा कि मायावती के टिकट बिक्री के मोलभाव के तंग आकर स्वामी प्रसाद मौर्य, आर के चौधरी और जुगल किशोर जैसे नेताओं ने पार्टी छोड़ दी. ये नेता कांशीराम के साथ जुड़े थे और इन नेताओं ने साफ आरोप लगाया है कि मायावती टिकट बेच रही हैं. इससे पहले बीजेपी नेता के आरोपों पर मायावती ने कहा कि बीजेपी नेता यूपी में पार्टी की पकड़ ढीली होने से बौखला गए हैं. इस तरह का बयान हताशा का परिचय है. WATCH: UP BJP VP Dayashankar Singh uses derogatory language against BSP Chief Mayawati, compares her to a prostitute https://t.co/vic0uDhbkq — ANI UP (@ANINewsUP) July 20, 2016 These kind of derogatory statements show that BJP is frustrated with the growing public support for BSP: Mayawati pic.twitter.com/oOxu4DnCLy — ANI UP (@ANINewsUP) July 20, 2016 कांशीराम को बदनाम करने में जुटी हैं मायावती यूपी बीजेपी उपाध्यक्ष दया शंकर सिंह ने कहा, 'मायावती कांशीरान के नाम बदनाम करने जुटी हैं, विधानसभा के टिकट को लेकर हर रोज नए रेट तय हो रहे हैं. किसी से एक करोड़ रुपये में तय होने के बाद अगर कोई दूसरा 2 करोड़ रुपये देने के लिए तैयार हो जाता है तो फिर एक करोड़ वाले को धोखा दे दिया जाता है. इस तरह तो एक वेश्या भी अपनी जुबान से नहीं पलटती है'. उन्होंने कहा कि मायावती की बात की कीमत एक वेश्या की बात की कीमत से भी बदतर है.
देश के कई हिस्सों में स्वाइन फ्लू का असर बढ़ता जा रहा है. गुजरात में इसकी वजह से अबतक सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं. पिछले 24 घंटों में ही गुजरात में 10 लोग स्वाइन फ्लू के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं. सिर्फ गुजरात में ही स्वाइन फ्लू के कारण मरने वालों की संख्या 316 हो गई है. आपको बता दें कि गुजरात में साल 2017 की शुरुआत से अब तक स्वाइन फ्लू के 3 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं. सरकार ने रोकथाम के लिए मेलों के आयोजन पर भी रोक लगाने का फैसला किया है. हाल ही में इस मामले में गुजरात हाईकोर्ट में स्वाइन फ्लू पर दायर की गई एक जनहित याचिका पर सरकार ने माना कि स्वाइन फ्लू को लेकर गुजरात में वायरस का पैटर्न बदल गया है. वहीं सरकार ने इस मामले में 45 पन्नों की एक रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश की थी. कोर्ट में स्वाइन फ्लू से हुई मौतों की जवाबदेही के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. कोर्ट में दिए जवाब में गुजरात सरकार ने कहा था कि सभी अस्पतालों में 599 वेंटीलेटर मुहैया करवाये गये हैं साथ ही राज्य के अस्पतालों में स्वाइन फ्लू के मरीजों के लिए एक हजार से भी ज्यादा बैड की व्यवस्था की गई है. गुजरात में फिलहाल 1795 लोग इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती हैं. सौराष्ट्र में सबसे ज्यादा स्वाइन फ्लू ने अपना कहर बरपाया है, यहां 95 लोगों की मौत हुई इस वायरस के चलते हुई है. बाकी राज्यों में भी बिगड़े हालात सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश भर में अबतक स्वाइन फ्लू के 22 हजार 186 मामले पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनमें से 1094 मरीजों की मौत स्वाइन फ्लू के चपेट में आने से हुई है. देश की राजधानी दिल्ली भी स्वाइन फ्लू के वायरस से दूर नहीं है. दिल्ली में 20 अगस्त तक स्वाइन फ्लू के 1719 मामले सामने आए हैं. स्वाइन फ्लू के वायरस की चपेट में आकर दिल्ली में सिर्फ 5 मौतें हुई है, जिनमें से 2 की मौत दिल्ली और 3 मौतें बाहरी दिल्ली में दर्ज की गई हैं.
सेम में विटामिन बी 6, थायमीन, पैंथोथेनिक एसिड और नियासिन पाया जाता है. ये सभी तत्व शरीर की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करते हैं. इसके अलावा सेम में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो खून को साफ करने का काम करते हैं. खून साफ रहने से त्वचा संबंधी रोग होने की आशंका बहुत कम हो जाती है. एक अध्ययन के अनुसार, सेम में भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा बहुत कम हो जाता है. सेम खाने से एनर्जी लेवल भी बेहतर बना रहता है और इससे आयरन की कमी भी नहीं होती है. महिलाओं को खासतौर पर सेम खाने की सलाह दी जाती है. खासतौर पर उन औरतों को जिन्हें अनियमित पीरियड्स की शिकायत हो. सेम खाने के फायदे: 1. कब्ज की समस्या में राहत के लिए. 2. स्क‍िन प्रॉब्लम्स को दूर करने के लिए. 3. खून साफ करने में मददगार. 4. सामान्य बुखार हो जाने पर सेम की पत्त‍ियों का रस पीना फायदेमंद होता है. 5. कीड़े-मकोड़े काट लें तो भी सेम की पत्त‍ियों का रस लगाना फायदेमंद होता है. 6. सेम खाने से एनर्जी मिलती है. इसके अलावा अगर आप दुबलेपन से परेशान हैं तो भी सेम खाना आपके लिए फायदेमंद रहेगा. यूं तो ये सभी घरेलू उपाय हैं और इनसे किसी तरह का नुकसान होने का खतरा नहीं होता लेकिन बेहतर होगा कि कोई भी उपाय अपनाने से पहले आप एकबार डॉक्टर से सलाह ले लें.
संसदीय कार्य राज्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि लोकपाल मुद्दे पर गतिरोध तोड़ने के लिए केंद्र ने विभिन्न स्तरों पर टीम अन्ना के साथ वार्ता प्रक्रिया शुरू की है। रावत ने कहा, शुभचिंतकों के माध्यम से विभिन्न स्तरों पर पहले ही वार्ता प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह वार्ता विभिन्न स्तरों पर है जो समानांतर नहीं बल्कि एक दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने कहा कि उनके मन में हजारे और उनकी टीम के प्रति अगाध सम्मान है और उन्हें शीघ्र ही समाधान निकले की उम्मीद है। उन्होंने हजारे से सरकार की संवैधानिक सीमा को समझने की अपील की। रावत ने कहा कि लोकपाल विधेयक संसद की स्थायी समिति के समक्ष है और उसके पारित होने के लिए समयसीमा तय करना मुश्किल है। उन्होंने आरटीआई विधेयक का उदाहरण देते हुए कहा कि समिति के समक्ष सुझाव रखे जा सकते हैं। उन्होंने कहा, हम आरटीआई विधेयक की तर्ज पर लोकपाल विधेयक लाने के पक्ष में हैं। आरटीआई विधेयक में स्थायी समिति ने करीब 160 संशोधन किए थे।
शिक्षा का मतलब ज्ञान,सदाचार,उचित आचरण,तकनीकी शिक्षा तकनीकी दक्षता,विद्या आदि को प्राप्त करने की प्रक्रिया को कहते हैं। शिक्षा में ज्ञान, उचित आचरण और तकनीकी दक्षता, शिक्षण और विद्या प्राप्ति आदि समाविष्ट हैं। इस प्रकार यह कौशलों (skills), व्यापारों या व्यवसायों एवं [[तंत्रिका विकास|मानसिक]Kartikkumawat], नैतिक और सौन्दर्यविषयक के उत्कर्ष पर केंद्रित है। शिक्षा, समाज एक पीढ़ी द्वारा अपने से निचली पीढ़ी को अपने ज्ञान के हस्तांतरण का प्रयास है। इस विचार से शिक्षा एक संस्था के रूप में काम करती है, जो व्यक्ति विशेष को समाज से जोड़ने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है तथा समाज की संस्कृति की निरंतरता को बनाए रखती है। बच्चा शिक्षा द्वारा समाज के आधारभूत नियमों, व्यवस्थाओं, समाज के प्रतिमानों एवं मूल्यों को सीखता है। बच्चा समाज से तभी जुड़ पाता है जब वह उस समाज विशेष के इतिहास से अभिमुख होता है। शिक्षा व्यक्ति की अंतर्निहित क्षमता तथा उसके व्यक्तित्त्व का विकसित करने वाली प्रक्रिया है। यही प्रक्रिया उसे समाज में एक वयस्क की भूमिका निभाने के लिए समाजीकृत करती है तथा समाज के सदस्य एवं एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए व्यक्ति को आवश्यक ज्ञान तथा कौशल उपलब्ध कराती है। शिक्षा शब्द संस्कृत भाषा की ‘शिक्ष्’ धातु में ‘अ’ प्रत्यय लगाने से बना है। ‘शिक्ष्’ का अर्थ है सीखना और सिखाना। ‘शिक्षा’ शब्द का अर्थ हुआ सीखने-सिखाने की क्रिया। जब हम शिक्षा शब्द के प्रयोग को देखते हैं तो मोटे तौर पर यह दो रूपों में प्रयोग में लाया जाता है, व्यापक रूप में तथा संकुचित रूप में। व्यापक अर्थ में शिक्षा किसी समाज में सदैव चलने वाली सोद्देश्य सामाजिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा मनुष्य की जन्मजात शक्तियों का विकास, उसके ज्ञान एवं कौशल में वृद्धि एवं व्यवहार में परिवर्तन किया जाता है और इस प्रकार उसे सभ्य, सुसंस्कृत एवं योग्य नागरिक बनाया जाता है। मनुष्य क्षण-प्रतिक्षण नए-नए अनुभव प्राप्त करता है व करवाता है, जिससे उसका दिन-प्रतिदन का व्यवहार प्रभावित होता है। उसका यह सीखना-सिखाना विभिन्न समूहों, उत्सवों, पत्र-पत्रिकाओं, रेडियो, टेलीविजन आदि से अनौपचारिक रूप से होता है। यही सीखना-सिखाना शिक्षा के व्यापक तथा विस्तृत रूप में आते हैं। संकुचित अर्थ में शिक्षा किसी समाज में एक निश्चित समय तथा निश्चित स्थानों (विद्यालय, महाविद्यालय) में सुनियोजित ढंग से चलने वाली एक सोद्देश्य सामाजिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा विद्यार्थी निश्चित पाठ्यक्रम को पढ़कर संबंधित परीक्षाओं को उत्तीर्ण करना सीखता है। शिक्षा पर विद्वानों के विचार समाजशास्त्रियों, मनोवैज्ञानिकों व नीतिकारों ने शिक्षा के सम्बन्ध में अपने विचार दिए हैं। शिक्षा के अर्थ को समझने में ये विचार भी हमारी सहायता करते हैं। कुछ शिक्षा सम्बन्धी मुख्य विचार यहाँ प्रस्तुत किए जा रहे हैंः - शिक्षा से मेरा तात्पर्य बालक और मनुष्य के शरीर, मन तथा आत्मा के सर्वांगीण एवं सर्वोत्कृष्ट विकास से है। (महात्मा गांधी) मनुष्य की अन्तर्निहित पूर्णता को अभिव्यक्त करना ही शिक्षा है। (स्वामी विवेकानंद) शिक्षा व्यक्ति की उन सभी भीतरी शक्तियों का विकास है जिससे वह अपने वातावरण पर नियंत्रण रखकर अपने उत्तरदायित्त्वों का निर्वाह कर सके। (डॉ लवी गौतम प्रदेश संयोजक उत्तर प्रदेश DARYS) शिक्षा व्यक्ति के समन्वित विकास की प्रक्रिया है। (तथागत बुद्ध) शिक्षा का अर्थ अन्तःशक्तियों का बाह्य जीवन से समन्वय स्थापित करना है। (हर्बट स्पैन्सर) शिक्षा मानव की सम्पूर्ण शक्तियों का प्राकृतिक, प्रगतिशील और सामंजस्यपूर्ण विकास है। (पेस्तालॉजी) शिक्षा राष्ट्र के आर्थिक, सामाजिक विकास का शक्तिशाली साधन है, शिक्षा राष्ट्रीय सम्पन्नता एवं राष्ट्र कल्याण की कुंजी है। (डॉ लवी गौतम प्रदेश संयोजक उत्तर प्रदेश DARYS) शिक्षा बच्चे की बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति का साधन है। ('सभी के लिए शिक्षा' पर विश्वव्यापी घोषणा, 1990) डॉ लवी गौतम जी के द्वारा शिक्षा का मुख्य उद्देश्य ‘मुक्ति’ की चाह रही है ( सा विद्या या विमुक्तये / विद्या उसे कहते हैं जो विमुक्त कर दे )। बाद में जरूरतों के बदलने और समाज विकास से आई जटिलताओं से शिक्षा के उद्देश्य भी बदलते गए। शिक्षा के प्रकार व्यवस्था की दृष्टि से देखें तो शिक्षा के तीन रूप होते हैं - (1) औपचारिक शिक्षा (2) निरौपचारिक शिक्षा (3) अनौपचारिक शिक्षा (4) भौतिक और नूतन शिक्षा औपचारिक शिक्षा वह शिक्षा जो विद्यालयों, महाद्यालयों और विश्वविद्यालयों में चलती हैं, औपचारिक शिक्षा कही जाती है। इस शिक्षा के उद्देश्य, पाठ्यचर्या और शिक्षण विधियाँ, सभी निश्चित होते हैं। यह योजनाबद्ध होती है और इसकी योजना बड़ी कठोर होती है। इसमें सीखने वालों को विद्यालय, महाविद्यालय अथवा विश्वविद्यालय की समय सारणी के अनुसार कार्य करना होता है। इसमें परीक्षा लेने और प्रमाण पत्र प्रदान करने की व्यवस्था होती है। इस शिक्षा की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह व्यक्ति, समाज और राष्ट्र की आवश्यकताओं की पूर्ति करती है। यह व्यक्ति में ज्ञान और कौशल का विकास करती है और उसे किसी व्यवसाय अथवा उद्योग के लिए योग्य बनाती है। परन्तु यह शिक्षा बड़ी व्यय-साध्य होती है। इससे धन, समय व ऊर्जा सभी अधिक व्यय करने पड़ते हैं। निरौपचारिक शिक्षा वह शिक्षा जो औपचारिक शिक्षा की भाँति विद्यालय, महाविद्यालय, और विश्वविद्यालयों की सीमा में नहीं बाँधी जाती है। परन्तु औपचारिक शिक्षा की तरह इसके उद्देश्य व पाठ्यचर्या निश्चित होती है, फर्क केवल उसकी योजना में होता है जो बहुत लचीली होती है। इसका मुख्य उद्देश्य सामान्य शिक्षा का प्रसार और शिक्षा की व्यवस्था करना होता है। इसकी पाठ्यचर्या सीखने वालों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर निश्चित की गई है। शिक्षणविधियों व सीखने के स्थानों व समय आदि सीखने वालों की सुविधानानुसार निश्चित होता है। प्रौढ़ शिक्षा, सतत् शिक्षा, खुली शिक्षा और दूरस्थ शिक्षा, ये सब निरौपचारिक शिक्षा के ही विभिन्न रूप हैं। इस शिक्षा की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसके द्वारा उन बच्चों/व्यक्तियों को शिक्षित किया जाता है जो औपचारिक शिक्षा का लाभ नहीं उठा पाए जैसे - वे लोग जो विद्यालयी शिक्षा नहीं पा सके (या पूरी नहीं कर पाए), प्रौढ़ व्यक्ति जो पढ़ना चाहते हैं, कामकाजी महिलाएँ, जो लोग औपचारिक शिक्षा में ज्यादा व्यय (धन समय या ऊर्जा किसी स्तर पर खर्च) नहीं कर सकते। इस शिक्षा द्वारा व्यक्ति की शिक्षा को निरन्तरता भी प्रदान की जाती है, उन्हें अपने-अपने क्षेत्र के नए-नए अविष्कारों से परिचित कराया जाता है और तत्कालीन आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। अनौपचारिक शिक्षा (Informal Education) वह शिक्षा जिसकी कोई योजना नहीं बनाई जाती है; जिसके न उद्देश्य निश्चित होते हैं न पाठ्यचर्या और न शिक्षण विधियाँ और जो आकस्मिक रूप से सदैव चलती रहती है, उसे अनौपचारिक शिक्षा कहते हैं। यह शिक्षा मनुष्य के जीवन भर चलती है और इसका उस पर सबसे अधिक प्रभाव होता है। मनुष्य जीवन के प्रत्येक क्षण में इस शिक्षा को लेता रहता है, प्रत्येक क्षण वह अपने सम्पर्क में आए व्यक्तियों व वातावरण से सीखता रहता है। बच्चे की प्रथम शिक्षा अनौपचारिक वातावरण में घर में रहकर ही पूरी होती है। जब वह विद्यालय में औपचारिक शिक्षा ग्रहण करने आता है तो एक व्यक्तित्त्व के साथ आता है जो कि उसकी अनौपचारिक शिक्षा का प्रतिफल है। व्यक्ति की भाषा व आचरण को उचित दिशा देने, उसके अनुभवों को व्यवस्थित करने, उसे उसकी रुचि, रुझान और योग्यतानुसार किसी भी कार्य विशेष में प्रशिक्षित करने तथा जन शिक्षा के प्रचार एवं प्रसार के लिए हमें औपचारिक और निरौपचारिक शिक्षा का विधान करना आवश्यक होता है। औपचारिक शिक्षा की प्रणालियाँ शिक्षा प्रणालियों शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए, अक्सर बच्चों और युवाओं के लिए स्थापित की जाती है एक पाठ्यक्रम छात्रों को क्या पता होना चाहिए, बोध और शिक्षा के परिणाम के रूप में करने के लायक समझ को परिभाषित करता है। अध्यापन का पेशा, सीख प्रदान करता है जो विद्या प्राप्ति और नीतियों की एक प्रणाली, नियमों, परीक्षाओं, संरचनाओं और वित्तपोषण को सक्षम बनाता है और वित्तपोषण शिक्षकों को अपनी प्रतिभा के उच्चतम् क्षमता से पढ़ाने में सहायता करता है। कभी कभी शिक्षा प्रणाली सिद्धांतों या आदर्शों एवं ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए प्रयोग की जाती है जिसे सामाजिक अभियंत्रिकी कहा जाता है विशेषतः अधिनायकवादी राज्यों और सरकार में यह व्यवस्था के राजनीतिक दुरुपयोग को बढ़ावा दे सकता है। शिक्षा एक व्यापक माध्यम है, जो छात्रों में कुछ सीख सकने के सभी अनुभवों का विकास करता है। अनुदेश शिक्षक अथवा अन्य रूपों द्वारा वितरित शिक्षण को कहते है जो अभिज्ञात लक्ष्य की विद्या प्राप्ति को जान बूझ कर सरल बनने को लिए हो। शिक्षण एक असल उपदेशक की क्रियाओं को कहते है, जो शिक्षण को सुझाने के लिए आकल्पित की गयी हो। प्रशिक्षण विशिष्ट ज्ञान, कौशल, या क्षमताओं की सीख के साथ शिक्षार्थियों को तैयार करने की दृष्टि से संदर्भित है, जो कि तुरंत पूरा करने पर लागू किया जा सकता है। शिक्षण के स्तर शिक्षण को हम तीन स्तरों में बांट सकते हैं :- 1. स्मृति स्तर (Memory Level) 2. बोध स्तर (Understanding Level) 3. चिंतन स्तर (Reflective Level) स्मृति स्तर प्रवर्तक हरबर्ट स्मृति स्तर में ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न की जाती है, जिससे छात्र पढ़ाई की विषय वस्तु को (Content) आत्मसात कर सकें । इस स्तर पर प्रत्यास्मरण क्रिया पर जोर दिया जाता है । स्मृति शिक्षण में संकेत अधिगम (Signal Learning), शृंखला अधिगम (Chain Learning) पर महत्व दिया जाता है बोध स्तर पर शिक्षण बोध स्तर के शिक्षण में शिक्षक छात्रों के समक्ष पाठ्यवस्तु को इस प्रकार प्रस्तुत करता है कि छात्रों को बोध के लिए अधिक से अधिक अवसर मिले और छात्रों में आवश्यक सूझबूझ उत्पन्न हो। इस प्रकार के शिक्षण में छात्रों की सहभागिता बनी रहती है । यह शिक्षण उद्देश्य केन्द्रीय तथा सूझबूझ से युक्त होता है। बोध स्तर का शिक्षण विचारपूर्ण होता है।बोध स्तर के प्रतिमान के जन्मदाता हेनरी सी. मरिसन है। चिन्तन स्तर पर शिक्षण चिंतन स्तर में शिक्षक अपने छात्रों में चिंतन तर्क तथा कल्पना शक्ति को बढ़ाता है ताकि छात्र दोनों के माध्यम से अपनी समस्याओं का समाधान कर सके । चिंतन स्तर पर शिक्षण समस्या केंद्रित होता है । इस स्तर में अध्यापक बच्चों के सामने समस्या उत्पन्न करता है और बच्चों को उस पर अपने स्वतंत्र चिंतन करने का समय देता है । इस स्तर में बच्चों में आलोचनात्मक तथा मौलिक चिंतन उत्पन्न होता है। सन्दर्भ इसे भी देखें शिक्षाशास्त्र पाठ्यक्रम शैक्षिक मनोविज्ञान शैक्षिक अनुसंधान शैक्षिक प्रौद्योगिकी शिक्षा का इतिहास उच्च शिक्षा व्यावसायिक शिक्षा प्रौढ़ शिक्षा दूरस्थ शिक्षा सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ राष्ट्रीय शिक्षा शिक्षा (विकासपीडिया) बहु-प्रतिभा सिद्धांत - क्या है आपके सीखने की शैली ज्ञानगंगा राजस्‍थान शिक्षा राजस्‍थान के शिक्षा संबंधी समाचारों को समर्पित वेबसाइट शिक्षास्थली हिंदी भाषा में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए फ्री अध्ययन सामग्री प्रदान करने वाली वेबसाइट siksha aur gyan me anter शिक्षा
सीबीएसई ने कक्षा 12वीं के रिजल्‍ट तो जारी कर दिए हैं. पर छात्र अभी इन्‍हें देख नहीं पा रहे हैं. रिजल्‍ट जारी होने की घोषणा के बाद लोगों ने जब वेबसाइट पर जाना आरंभ किया तो 10 बजे पहले 10 मिनट के लिए तो वेबसाइट ब्‍लैंक दिखी. इसके 10 मिनट बाद वेबसाइट ऑनलाइन हुई पर स्‍पीड काफी स्‍लो थी. खबरों के अनुसार, इसके तुरंत बाद फिर से वेबसाइट ब्‍लैंक हो गई. CBSE Class 12th Results घोषित, cbse.nic.in, cbseresults.nic.in पर देखें गौरतलब है कि इस बार 10,98,891 छात्रों ने कक्षा 12वीं की परीक्षा दी थी. जिसमें से 4,60,026 लड़कियां हैं और 6,38, 865 लड़के हैं. रिजल्‍ट आप cbse.nic.in या cbseresults.nic.in पर चेक कर सकते हैं. Bihar 12th board result: इन तीन दिनों में आ सकता है रिजल्ट गौरतलब है कि सीबीएसई ने कल एक प्रेस नोट जारी कर कहा था कि 28 मई यानी आज कक्षा 12वीं के रिजल्‍ट जारी किए जाएंगे.
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने यहां सोमवार को कहा कि शिक्षा के स्तर में सुधार को लेकर अभी तक कुल 191 प्रस्ताव मिले हैं, जिनमें से 95 प्रस्तावों को स्वीकार किया जा चुका है. देशभर के विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों व अन्य शिक्षण संस्थानों में सरकार नए सिरे के अध्यापन के गुणवत्ता मानदंड स्थापित करना चाहती है. केंद्र सरकार ने इस अभियान के लिए मार्च, 2020 तक का समय तय किया है. केंद्रीय मंत्री निशंक के मुताबिक, देश के प्रत्येक राज्य में स्कूलों व कॉलेजों की शिक्षा का स्तर बेहतर बनाने के लिए सरकार 'मदन मोहन मालवीय नेशनल मिशन' पर काम कर रही है. यह मिशन अगले साल मार्च तक शिक्षा की गुणवत्ता का स्तर बढ़ाने का प्रयास करेगा. इस मिशन का उद्देश्य स्कूल व कॉलेजों में उच्च गुणवत्ता वाले अध्यापक मुहैया कराना, प्रतिभाशाली लोगों को शिक्षा के क्षेत्र में लाना और शिक्षा के स्तर को सुधारना है. निशंक ने बताया कि मिशन के अंर्तगत प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड यानी पीएबी 12 बैठकें हो चुकी हैं. इन बैठकों को बोर्ड को मिले शिक्षा में सुधार संबंधी प्रस्तावों में से 95 को मंजूर कर उनपर काम शुरू कर दिया गया है.  इनमें सबसे अधिक 25-25 प्रस्ताव स्कूल्स ऑफ एजुकेशन व टीचिंग लर्निग सेंटर्स को लेकर स्वीकार किए गए हैं. उन्होंने बताया कि मंत्रालय की इस कमेटी ने फैकल्टी डवलेपमेंट सेंटर के लिए 20 प्रस्ताव पास किए हैं.
हॉलीवुड सिंगर मैडोना पर कई ऑनलाइन टिप्पणीकारों ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने अल्बम 'रिबेल हॉर्ट' के प्रचार के लिए पेरिस में हुए आतंकवादी हमले का इस्तेमाल किया है. 'डेली मेल' वेबसाइट के मुताबिक 56 साल की इस गायिका ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर फ्रांस की मैगजीन चार्ली हेब्दो के पेरिस स्थित दफ्तर पर आतंकवादी हमले में मारे गए 12 लोगों को समर्थन देने के लिए तस्वीरों की एक सीरीज जारी की. मैडोना ने सोशल मीडिया पर डाली गई तस्वीरों में प्रोत्साहित करने वाले कैप्शन डाले. उन्होंने कुछ हैशटैग भी दिए, जो कि उनके नए एल्बम के प्रचार के लिए थे. मैडोना ने एक तस्वीर डाली जिसमें लिखा था, 'जे सुइस चार्ली' (मैं भी चार्ली हूं). फोटो के साथ कैप्शन लिखा कि हम जिस दौर में रह रहे हैं वह बहुत डरावना समय है. असहिष्णुता, अज्ञानता और भय को जन्म देती है. अंधेरे में हम रोशनी के साथ ही उड़ान भर सकते हैं. हम सभी चार्ली हैं. रिवॉल्यूशन ऑफ लव रिबेल हार्ट. रिवॉल्यूशन ऑफ लव मैडोना के एल्बम रिबेल हार्ट का एक गाना है. अपनी पोस्ट के बाद उन्होंने दोनों हैशटैग का इस्तेमाल किया. इनपुट IANS से
''तारक मेहता का उल्टा चश्मा'' में दयाबेन की वापसी तय मानी जा रही है. पिछले दिनों शो के नैरेटर शैलेश लोढ़ा ने एक्ट्रेस के कमबैक की पुष्टि की थी. दिशा वकानी सितंबर 2017 से मैटरनिटी लीव पर चल रही हैं. फैंस को दयाबेन की शो में वापसी का बेसब्री से इंतजार है. एक इंटरव्यू में दिशा वकानी के भाई मयूर वकानी से एक्ट्रेस के शो में लौटने पर सवाल किया गया. चलिए जानते हैं मयूर ने क्या जवाब दिया. स्पॉटबॉय से बातचीत में मयूर वकानी ने कहा- ''मैं सिर्फ अपने बारे में ही बात कर सकता हूं. मुझे अकेला छोड़ दो.'' बता दें, मयूर और दिशा वकानी रियल लाइफ में भाई-बहन का रिश्ता शेयर करते हैं. ''तारक मेहता का उल्टा चश्मा'' में मयूर सुंदरलाल का किरदार निभा रहे हैं. मयूर वकानी का रोल भी बेहद पॉपुलर है. मयूर शो के अहम किरदारों में से एक हैं. View this post on Instagram 😎 A post shared by Mayur Vakani (@mayur_vakani) on Apr 18, 2017 at 8:52pm PDT पिछले दिनों मयूर वकानी के भी शो छोड़ने की खबरें आई थीं. खबर सामने आने के बाद मयूर ने कहा था कि वे शो को नहीं छोड़ने जा रहे हैं. मयूर ने इन सभी खबरों को अफवाह करार दिया. साथ ही ये भी कहा कि जब तक ''तारक मेहता का उल्टा चश्मा'' जारी रहेगा वे शो का हिस्सा बने रहेंगे. चर्चा ये भी थी कि ''तारक मेहता का उल्टा चश्मा'' के मेकर्स ने दिशा वकानी को वापसी के लिए 30 दिन का अल्टीमेटम दिया है. कहा गया कि शो के प्रोड्यूसर असित मोदी दिशा की वापसी पर अंतिम फैसला लेना चाहते हैं. अब देखना होगा कि लंबे समय से दयाबेन की वापसी पर जारी सस्पेंस आखिरकार कब खत्म होता है. View this post on Instagram 😀😎😀 A post shared by Mayur Vakani (@mayur_vakani) on Mar 15, 2017 at 8:08pm PDT मालूम हो तारक मेहता... ने दिशा वकानी को घर-घर की फेवरेट बहू बनाया. दिशा वकानी के कॉमिक अंदाज और शानदार एक्टिंग ने उन्हें टीवी जगत की मोस्ट पॉपुलर एक्ट्रेस बनाया है.
उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद के कांठ में करीब एक हफ्ते पहले धार्मिक स्थल से लाउडस्पीकर उतारे जाने को लेकर उपजा विवाद तूल पकड़ता जा रहा है. मुरादाबाद पुलिस ने तनाव के पीछे सीधे-सीधे बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है. एसएसपी ने बयान दिया है कि शुक्रवार को हुए बवाल लिए बीजेपी जिम्मेदार है. बीजेपी की महापंचायत से ही मुरादाबाद में तनाव बढ़ा. एसएसपी धर्मवीर सिन्हा ने कहा कि रेल ट्रैक पर बैठकर बीजेपी समर्थकों ने रास्ता रोका. उन्होंने ठाकुरद्वारा उपचुनाव विधानसभा जीतने के लिए तनाव पैदा किया. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव भी किया जिसमें डीएम की आंख पर गंभीर चोट आई. धर्मवीर सिन्हा ने कहा कि मुरादाबाद से बीजेपी सांसद सर्वेश सिंह ने 16 जून को जबरन माइक लगवाया. इससे तनाव हुआ. दोनों समुदायों को बुलाकर समझाने की भी कोशिश की गई. लेकिन सर्वेश के समर्थकों ने समझौते से साफ मना कर दिया. माइक उतरवाने के बाद महापंचायत बुलाई गई. इसके बाद ही बवाल मचा. गांव के कोई टकराव नहीं होता, नेता लोगों को भड़का रहे हैं. अब तक इस मामले में 62 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. बीजेपी MLA संगीत सोम बोले- UP सरकार नहीं चाहती कि हिंदू-मुस्लिम मिलकर रहें विवाद को लेकर बीजेपी विधायक संगीत सोम ने आज तक के साथ खास बातचीत में कहा कि समाजवादी सरकार यहां (मुरादाबाद में) विवाद पैदा कर रही है. वह इस विवाद के जरिए यूपी में बिजली-पानी और खस्ताहाल कानून व्यस्था से ध्यान बंटाना चाहती है. सोम ने कहा कि यूपी सरकार नहीं चाहती कि हिंदू-मुस्लिम मिलकर रहें. इसलिए वह यहां ऐसा विवाद पैदा कर रही है. सपा नेताओं ने लोगों पर लाठी क्यों चलाईं? यूपी सरकार भेदभाव करती है. हमारी बवाल करने की कोई इच्छा नहीं थी. नमाज के वक्त हम लोग माइक बंद कर देते हैं. आपको बता दें कि संगीत सोम मुजफ्फरनगर दंगों में आरोपी हैं. मुजफ्फरनगर में भी दो समुदायों के बीच विवाद होने महापंचायत बुलाई गई थी. इसके बाद यहां दंगे भड़क गए थे. बीजेपी की पंचायत से बढ़ा मुरादाबाद में तनाव: एसएसपी एसएसपी ने कहा है कि बीजेपी की महपंचायत से मुरादाबाद में तनाव बढ़ा है. रेल ट्रैक पर बैठकर बीजेपी समर्थकों ने रास्ता रोका. उन्होंने ठाकुरद्वारा उपचुनाव विधानसभा जीतने के लिए बीजेपी ने तनाव पैदा किया. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया. रेल सेवा पर असर और तनाव बरकरार शुक्रवार को बीजेपी महापंचायत में हुए हंगामे के बाद से अब तक मुरादाबाद सुलग रहा है. विवाद के चलते मुरादाबाद में रेल सेवा पर पर भी बुरा असर पड़ा है. कई ट्रेनों के रूट बदले गए हैं. मुरादाबाद के कमिश्नर शिवशंकर सिंह ने कहा कि यहां तनाव बरकरार है लेकिन हालात काबू में हैं. यहां अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है. पथराव में घायल हुए डीएम का इलाज चल रहा है. बीजेपी पर वार मुरादाबाद की घटना को लेकर समाजवादी पार्टी ने बीजेपी पर निशाना साधा है. सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा है कि बीजेपी यहां सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ना चाहती है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि बर्दाश्त की भी सीमा होती है, बीजेपी अपनी हरकतों से बाज आए. शुक्रवार को बढ़ा था विवाद कांठ इलाके में महापंचायत आयोजित करने का मुद्दा शुक्रवार को हिंसक संघर्ष में बदल गया था. बीजेपी के चार सांसदों और एक विधायक सहित कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था. कांठ में हाल में हुए विवाद के बाद राज्य सरकार के आदेश का उल्लंघन करते हुए राज्य बीजेपी ने महापंचायत का आयोजन किया था. एक मंदिर से लाउडस्पीकर हटाने को लेकर इलाके में सांप्रदायिक तनाव फैल गया था. सरधना के विधायक संगीत सोम, अमरोहा के सांसद कुंवर सिंह तंवर, संभल के सांसद सत्यपाल सैनी और रामपुर के सांसद नेपाल सिंह को पुलिस ने हिरासत में लिया और पुलिस लाइंस भेज दिया था. आरएसएस और हिंदू महासभा के समर्थकों एवं कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में पार्टी के लोगों ने रेलगाड़ी की लाइनों को जाम कर दिया और पथराव किया जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े थे.
कृष्ण पक्ष की अष्टमी को काल भैरवाष्टमी मनाया जाता है. इस दिन भगवान कालभैरव की पूजा होती है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने कालभैरव अवतार लिया था. काल भैरवाष्टमी 19 नवंबर को यानी आज मनाई जा रही है. भगवान कालभैरव की पूजा-अर्चना करने से परिवार में सुख-शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य की रक्षा होती है. कैस करें भगवान भैरव की पूजा - भैरव जी की पूजा संध्याकाल में करें. - इनके सामने एक बड़े से दीपक में सरसों के तेल का दीपक जलाएं. - इसके बाद उरद की बनी हुई या दूध की बनी हुयी वस्तुएं उन्हें प्रसाद के रूप में अर्पित करें. - विशेष कृपा के लिए इन्हें शरबत या सिरका भी अर्पित करें. - तामसिक पूजा करने पर भैरव देव को मदिरा भी अर्पित की जाती है. - प्रसाद अर्पित करने के बाद भैरव जी के मन्त्रों का जाप करें. भगवान भैरव के पूजा की सावधानियां - गृहस्थ लोगों को भगवान भैरव की तामसिक पूजा नहीं करनी चाहिए. - सामान्यतः बटुक भैरव की ही पूजा करें, यह सौम्य पूजा है. - काल भैरव की पूजा कभी भी किसी के नाश के लिए न करें. - साथ ही काल भैरव की पूजा बिना किसी योग्य गुरु के संरक्षण के न करें. भगवान भैरव के विशेष मंत्र जिनका जप करना लाभदायक होगा. भैरव मंत्र -"ॐ भैरवाय नमः" -"ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ॐ" - "ॐ भं भैरवाय अनिष्टनिवारणाय स्वाहा"
हीरो-हीरोइनों की जोड़ी के बारे में तो आपने काफी कुछ सुना होगा. लेकिन हम आपको एक कमाल की जोड़ी के बारे में बता रहे हैं. यह जोड़ी है अरशद वारसी और बमन ईरानी की. दोनों की जोड़ी बॉलीवुड में काफी धमाल मचा चुकी है. इनकी जोड़ी काफी फिल्मो में देखी गई है जैसे हम तुम और घोस्ट, मुन्ना भाई एमबीबीएस, लगे रहो मुन्ना भाई और दन दना दन गोल और अब ये पांचवी बार सब को हँसाने के लिए फिर से साथ आ रहे हैं. हम बात कर रहे हैं सुभाष कपूर निर्देशित फिल्म जॉली एलएलबी की. फिल्म 15मार्च को रिलीज हो रही है. बमन और अरशद काफी खुश हैं कि जॉली उनकी पांचवी फिल्म है. इस बार भी उनकी तैयारी दर्शकों का दिल जीतने की है. जॉली एलएलबी कॉमेडी ड्रामा फिल्म है, इस फिल्म में अरशद और बमन के आलावा अमृता राव भी नए अंदाज़ में दिखाई देंगी.
भारतीय मोबाइल हैंडसेट निर्माता कंपनी कार्बन सबसे सस्ता एंड्रायड फोन लेकर आई है. इस फोन का नाम है Karbonn A50s. ई कॉमर्स साइट फ्लिपकार्ट पर इस फोन की कीमत है 2,790 रुपये. डुअल सिम वाला यह फोन एंड्रायड के जैली बीन ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलता है. इसे इस सेग्मेंट का सबसे सस्ता फोन बताया जा रहा है. क्या हैं खूबियां इस फोन की- 3.5 टीएफीट एलसीडी टच स्क्रीन 1.2 गीगाहर्ट्ज डुअल कोर प्रोसेसर 256 एमबी रैम 512 एमबी की इंटरनल स्टोरेज माइक्रो एसडी कार्ड के जरिए 32 जीबी तक की मेमोरी 2 मेगापिक्सल का रियर कैमरा, वीजीए फ्रंट स्नैपर एंड्रायड का 4.2.2 जैली बीन ऑपरेटिंग सिस्टम 1100 एमएएच बैटरी डुअल सिम का ऑप्शन दो कलर- ब्लैक और व्हाइट
भले ही अरविन्द केजरीवाल का स्टिंग सामने आया हो, उन पर एक के बाद एक आरोप लग रहे हों लेकिन उनके पिता गोविंद केजरीवाल के मुताबिक, अरविन्द इन बातों को लेकर बिल्कुल विचलित नहीं हैं। बेंगलुरु में आयुर्वेदिक पद्धति से अरविन्द केजरीवाल के साथ इलाज करवा रहे उनके पिता का कहना है कि शाम में थोड़ी देर वह सभी टीवी देखते हैं, खबरों से रूबरू होने के लिए अरविन्द केजरीवाल के सूट में इंटरनेट की व्यवस्था तो नहीं है, लेकिन उनका मोबाइल 3जी इनेबल्ड है। केजरीवाल परिवार का कोर्स रविवार को पूरा हो जाएगा। सोमवार को वह दिल्ली लौटेंगे। उनका इलाज कर रही जिंदल नेचर क्योर इंस्टिट्यूट की प्रमुख बबीना नन्द कुमार का कहना है कि जब अरविन्द वहां भर्ती कराए गए थे तब उनका ब्लड शुगर लेवल 300 था जो अब घटकर 180 पर आ गया है। इसी तरह खांसी में भी काफी कमी आई है। अरविंद केजरीवाल ने बेंगलुरु में इलाज के दौरान एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लिया। वहां उन्होंने गाना गाया, 'इंसान का इंसान से हो भाईचारा, यही पैगाम हमारा....'।
पाकिस्तान की नागरिक और सैन्य सेवाओं में जातीय और भाषाई भेदभाव आम था, जिसमें बंगालियों का प्रतिनिधित्व कम था। पाकिस्तानी केंद्रीय सरकार के पंद्रह प्रतिशत कार्यालयों पर पूर्वी पाकिस्तानियों का कब्ज़ा था, जो सेना का 10 प्रतिशत हिस्सा थे। सांस्कृतिक भेदभाव भी कायम रहा, जिससे पूर्वी पाकिस्तान ने एक अलग राजनीतिक पहचान बनाई। पाकिस्तान ने राज्य मीडिया में बंगाली साहित्य और संगीत पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसमें नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर की रचनाएँ भी शामिल हैं। 1970 में एक चक्रवात ने पूर्वी पाकिस्तान के तट को तबाह कर दिया, जिसमें अनुमानित 500,000 लोग मारे गए, और इसकी खराब प्रतिक्रिया के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की गई। दिसंबर 1970 के चुनावों के बाद, पूर्वी बंगाल की आज़ादी की माँगें तेज़ हो गईं; बंगाली-राष्ट्रवादी अवामी लीग ने नेशनल असेंबली में 169 पूर्वी पाकिस्तानी सीटों में से 167 सीटें जीतीं। लीग ने सरकार बनाने और एक नया संविधान विकसित करने के अधिकार का दावा किया, लेकिन पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (जुल्फिकार अली भुट्टो के नेतृत्व में) ने इसका कड़ा विरोध किया।
न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज काएल मिल्स का कहना है कि वेस्टइंडीज टीम का लगातार अच्छा प्रदर्शन न करना उन्हें मुश्किल प्रतिद्वंद्वी बनाता है। न्यूजीलैंड और वेस्टइंडीज के बीच 30 जून को पहला ट्वेंटी-20 मुकाबला खेला जाएगा। 30 वर्षीय मिल्स ने इस दौरे के लिए रवाना होने से पहले कहा, मैंने देखा है कि वेस्टइंडीज टीम हमेशा मुश्किल प्रतिद्वंद्वी रही है। यह टीम पाकिस्तान की तरह है। यह कभी या तो बहुत उत्कृष्ट प्रदर्शन करती हैं या कभी बेहद खराब। न्यूजीलैंड की टीम इस दौर पर दो ट्वेंटी-20 मैचों की शृंखला खेलेगी। इसके बाद दो टेस्ट और पांच एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों की शृंखला खेली जाएगी।टिप्पणियां वेस्टइंडीज की टीम हाल में इंग्लैंड में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। तीन मैचों की शृंखला वेस्टइंडीज ने 0-2 से गंवाई थी, जबकि एकदिवसीय और एकमात्र ट्वेंटी-20 मुकाबले में भी उसे मुंह की खानी पड़ी थी। मिल्स को उम्मीद है कि उनकी टीम कैरेबियाई टीम के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करेगी। बकौल मिल्स, हमें पहली गेंद से तैयार रहना होगा। पहले मैच के लिए हमारी तैयारी महत्वपूर्ण है। हम लंबे समय से नहीं खेले हैं। हम इस श्रृंखला में तरोताजा होकर उतरेंगे। 30 वर्षीय मिल्स ने इस दौरे के लिए रवाना होने से पहले कहा, मैंने देखा है कि वेस्टइंडीज टीम हमेशा मुश्किल प्रतिद्वंद्वी रही है। यह टीम पाकिस्तान की तरह है। यह कभी या तो बहुत उत्कृष्ट प्रदर्शन करती हैं या कभी बेहद खराब। न्यूजीलैंड की टीम इस दौर पर दो ट्वेंटी-20 मैचों की शृंखला खेलेगी। इसके बाद दो टेस्ट और पांच एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों की शृंखला खेली जाएगी।टिप्पणियां वेस्टइंडीज की टीम हाल में इंग्लैंड में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। तीन मैचों की शृंखला वेस्टइंडीज ने 0-2 से गंवाई थी, जबकि एकदिवसीय और एकमात्र ट्वेंटी-20 मुकाबले में भी उसे मुंह की खानी पड़ी थी। मिल्स को उम्मीद है कि उनकी टीम कैरेबियाई टीम के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करेगी। बकौल मिल्स, हमें पहली गेंद से तैयार रहना होगा। पहले मैच के लिए हमारी तैयारी महत्वपूर्ण है। हम लंबे समय से नहीं खेले हैं। हम इस श्रृंखला में तरोताजा होकर उतरेंगे। वेस्टइंडीज की टीम हाल में इंग्लैंड में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। तीन मैचों की शृंखला वेस्टइंडीज ने 0-2 से गंवाई थी, जबकि एकदिवसीय और एकमात्र ट्वेंटी-20 मुकाबले में भी उसे मुंह की खानी पड़ी थी। मिल्स को उम्मीद है कि उनकी टीम कैरेबियाई टीम के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करेगी। बकौल मिल्स, हमें पहली गेंद से तैयार रहना होगा। पहले मैच के लिए हमारी तैयारी महत्वपूर्ण है। हम लंबे समय से नहीं खेले हैं। हम इस श्रृंखला में तरोताजा होकर उतरेंगे। मिल्स को उम्मीद है कि उनकी टीम कैरेबियाई टीम के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करेगी। बकौल मिल्स, हमें पहली गेंद से तैयार रहना होगा। पहले मैच के लिए हमारी तैयारी महत्वपूर्ण है। हम लंबे समय से नहीं खेले हैं। हम इस श्रृंखला में तरोताजा होकर उतरेंगे।
उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार के हाल ही में हुए पहले मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल किये गये एक कैबिनेट तथा 11 राज्यमंत्रियों को शनिवार रात विभाग आवंटित कर दिये गये. कैबिनेट मंत्री बनाये गये राजेंद्र चौधरी को कारागार विभाग दिया गया है. पहले यह विभाग रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया के पास था. इसके अलावा स्वंतत्र प्रभार के मंत्री के रूप में मंत्रिमण्डल में शामिल किये गये विजय कुमार मिश्र को अतिरिक्त उर्जा स्रोत विभाग दिया गया है. इसके अलावा नये राज्यमंत्रियों में से राममूर्ति सिंह वर्मा को पिछडा वर्ग कल्याण विजय बहादुर पाल को माध्यमिक शिक्षा विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह को माध्यमिक शिक्षा आलोक कुमार शाक्य को प्राविधिक शिक्षा विभाग का कार्य सौपा गया है. इसके अतिरिक्त राम सकल गुर्जर को कार्यक्रम कार्यान्वयन मनोज कुमार पाण्डेय को कृषि विदेश व्यापार कृषि निर्यात एंव कृषि विपणन गायत्री प्रसाद प्रजापति को सिंचाई नितिन अग्रवाल को चिकित्सा एंव स्वास्थ्य योगेश प्रताप सिंह को बेसिक शिक्षा तथा तेज नारायण पाण्डेय उर्फ पवन पाण्डेय को मनोरंजन कर विभाग सौंपा गया है. इसके अलावा कई मंत्रियों के विभागों में फेरबदल भी किया गया है. राजा महेंद्र अरिदमन सिंह से परिवहन विभाग लेकर दुर्गा प्रसाद यादव को दे दिया गया है.
क्लेरेंस क्लाइड सीडॉर्फ (जन्म: 1 अप्रैल 1976) एक डच पेशेवर फुटबॉल प्रबंधक और पूर्व खिलाड़ी है। उन्हें कई लोगों द्वारा उनकी पीढ़ी के सर्वश्रेष्ठ मिडफील्डर्स में से एक माना जाता है। सीडॉर्फ को यूईएफए चैंपियंस लीग के इतिहास में सबसे सफल खिलाड़ियों में से एक माना जाता है, क्योंकि वह तीन क्लबों के साथ चैंपियंस लीग जीतने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं। - एक बार अजाक्स के साथ, 1995 में, एक बार रियल मैड्रिड के साथ, 1998 में और एसी मिलान के साथ दो बार, 2003 और 2007 में। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, उन्होंने 87 मौकों पर नीदरलैंड का प्रतिनिधित्व किया, और तीन यूईएफए यूरोपीय फुटबॉल चैंपियनशिप ( 1996, 2000, 2004 ) और 1998 फीफा विश्व कप में भाग लिया, बाद के तीन टूर्नामेंटों के सेमीफाइनल में पहुंचे। 2004 में, उन्हें पेले द्वारा फीफा 100 के भाग के रूप में चुना गया था। सीडॉर्फ अब तक के सबसे अधिक सजाए गए डच खिलाड़ियों में से एक है, और उसने नीदरलैंड, स्पेन, इटली और ब्राजील के क्लबों के लिए खेलते हुए घरेलू और महाद्वीपीय खिताब जीते हैं। व्यक्तिगत जीवन और अन्य काम सीडॉर्फ धाराप्रवाह छह भाषाएं बोलता है: डच, अंग्रेजी, इतालवी, पुर्तगाली, स्पेनिश और स्रानन टोंगो । उन्हें अक्सर फुटबॉल में एक आध्यात्मिक, बुद्धिमान और मुखर व्यक्ति के रूप में देखा जाता था, और 2011 के एक साक्षात्कार में, सीडॉर्फ ने कहा कि वह मिलान में प्रतिष्ठित बोकोनी विश्वविद्यालय में व्यवसाय में मास्टर डिग्री प्राप्त करने के लिए अध्ययन कर रहे थे; इस वजह से, उन्होंने मिलान में अपने समय के दौरान " इल प्रोफेसर " ("प्रोफेसर") उपनाम अर्जित किया। सीडॉर्फ की शादी ब्राजील की एक महिला लुवियाना सीडॉर्फ से हुई है, जिसके साथ वह मिलान में फिंगर्स नामक एक रेस्तरां का मालिक है। उनके चार बच्चे हैं। 2018 के आसपास संबंध समाप्त होने की अफवाह है, जिसमें सीडॉर्फ को एक नया साथी मिल गया है, सोफिया मकरामती, ईरानी मूल की कनाडाई नागरिक और मुस्लिम धार्मिक पृष्ठभूमि। 4 मार्च 2022 को, सीडॉर्फ ने इंस्टाग्राम पर घोषणा की कि उन्होंने अबू धाबी में इस्लाम धर्म अपना लिया है। इन्हें भी देखें योराम फान क्लावेरेन- डच राजनीतिज्ञ संदर्भ इस्लाम में परिवर्तित लोगों की सूची नीदरलैंड के फुटबॉल खिलाड़ी जीवित लोग 1976 में जन्मे लोग खिलाड़ी
ऐसा लगता है कि पराजय के भय से आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ कांग्रेस पार्टी पिछले कई महीनों से स्थानीय निकाय और पंचायती राज संस्थाओं का चुनाव टाल रही है. आंध्रप्रदेश में स्थानीय निकायों का कार्यकाल सितंबर 2010 में और पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल अगस्त 2011 में समाप्त हो गया. इसके बाद से ही इन संस्थाओं को प्रत्येक छह महीने में विस्तार दिया जा रहा है और विशेष अधिकारी के माध्यम से इनका संचालन किया जा रहा है जो संविधान के 73 और 74 संशोधन के प्रावधानों का उल्लंघन है. राज्य में पिछले आठ वर्ष से सत्तारूढ कांग्रेस की सरकार को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है और पिछले महीने हुए उपचुनाव में दो सीटों के अलावा पिछले दो वर्षों में पार्टी को कोई कामयाबी नहीं मिली. तेलंगाना क्षेत्र में सत्तारूढ पार्टी की स्थिति काफी खराब है क्योंकि पृथक राज्य के बारे में वह अभी तक किसी निर्णय तक नहीं पहुंच सकी है. तेलंगाना मुद्दे के कारण ही सितंबर 2010 में स्थानीय निकायों का कार्यकाल समाप्त होने के तत्काल बाद इसे विशेष अधिकारी के तहत लाया गया. यही स्थिति पंचायती राज संस्थाओं की है. इतिहास इस बात का साक्षी है कि कांग्रेस राज्य में स्थानीय निकाय के चुनाव में कभी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी.