text
stringlengths
1
1.24M
बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी पर गुरुवार को चौतरफा हमला करते हुए चुनाव आयोग से उसकी मान्यता समाप्त करने की मांग की और उस पर झूठे प्रचार करने का आरोप लगा कर कहा कि हिटलर के कुख्यात प्रचार मंत्री जोसफ गोयबेल्स का अगर पुनर्जन्म हुआ होता तो वह आम आदमी पार्टी में शामिल होता. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने व्यंग्य करते हुए गोयबेल्स की उस कुख्यात उक्ति को उद्धृत किया जिसमें उसने कहा था, अगर आप एक बड़ा झूठ बोलें और उसे दोहराते रहें, तो जनता अंतत: उसमें विश्वास करने लगेगी. उन्होंने केजरीवाल पर प्रहार करते हुए कहा कि यह भारत में वैकल्पिक राजनीति के पैरोकार की एक सामान्य रणनीति है जो अब किसी से छिपी नहीं रह गई है. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि गुजरात में केजरीवाल को न तो गिरफ्तार किया गया और न ही हिरासत में लिया गया. लेकिन दुनियाभर में यह झूठ फैलाया गया कि गुजरात के मुख्यमंत्री के खिलाफ उन्हीं के राज्य में प्रचार करने के लिए वहां की पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. आम आदमी पार्टी को अराजकता फैला कर बीजेपी और नरेंद्र मोदी को सत्ता में आने से रोकने लिए कांग्रेस की भाड़े की गुंडा ब्रिगेड बताने वाली बीजेपी ने चुनाव आयोग का दरवाजा भी खटखटाया और आप की मान्यता समाप्त करने की मांग की. बीजेपी ने आरोप लगाया कि देश में अस्थिरता पैदा करने के लिए उसके मुख्यालय पर हिंसक प्रदर्शन जैसी घटनाओं के पीछे कुछ विदेशी ताकतें हैं और इस मामले में जांच होनी चाहिए.
पद्म श्री या पद्मश्री, भारत सरकार द्वारा आम तौर पर सिर्फ भारतीय नागरिकों को दिया जाने वाला सम्मान है जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि, कला, शिक्षा, उद्योग, साहित्य, विज्ञान, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा और सार्वजनिक जीवन आदि में उनके विशिष्ट योगदान को मान्यता प्रदान करने के लिए दिया जाता है। भारत के नागरिक पुरस्कारों के पदानुक्रम में यह चौथा पुरस्कार है इससे पहले क्रमश: भारत रत्न, पद्म विभूषण और पद्म भूषण का स्थान है। इसके अग्रभाग पर, "पद्म" और "श्री" शब्द देवनागरी लिपि में अंकित रहते हैं। 2021 (आजतक) तक, 3225 व्यक्ति इस पुरस्कार को प्राप्त कर चुके हैं। पद्म श्री पुरस्कार (१९५४-५९) पद्म श्री पुरस्कार (१९६०-६९) पद्म श्री पुरस्कार (१९७०-७९) पद्म श्री पुरस्कार (१९८०–१९८९) पद्म श्री पुरस्कार (१९९०–१९९९) वर्ष १९९० में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता वर्ष १९९१ में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता वर्ष १९९२ में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता वर्ष १९९३ में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता वर्ष १९९४ में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता वर्ष १९९५ में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता वर्ष १९९६ में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता वर्ष १९९७ में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता वर्ष १९९८ में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता वर्ष १९९९ में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता पद्म श्री पुरस्कार (२०००–२००९) वर्ष २००० में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता वर्ष २००१ में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता वर्ष २००२ में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता वर्ष २००३ में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता वर्ष २००४ में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता वर्ष २००५ में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता वर्ष २००६ में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता वर्ष २००७ में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता वर्ष २००८ में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता वर्ष २००९ में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता पद्मश्री पुरस्कार (२०१०–२०१९) वर्ष २०१० में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता वर्ष २०११ में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता वर्ष २०१२ में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता वर्ष २०१३ में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता वर्ष २०१४ में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता वर्ष २०१५ में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता वर्ष २०१६ में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता वर्ष २०१७ में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता वर्ष २०१८ में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता वर्ष २०१९ में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता पद्मश्री पुरस्कार (२०२०–२०२९) वर्ष २०२० में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता वर्ष २०२१ में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता वर्ष २०२२ में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता वर्ष २०२३ में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता बाहरी कड़ियाँ गृह मंत्रालय की वैबसाइट पर पद्म पुरस्कार विजेताओं की पूरी सूची सन्दर्भ सम्मान पद्म श्री
दीनबंधु मित्र (१८२९-१८७४) बंगला नाटककार थे। वे बंकिम चंद्र चट्टोपध्याय के समकालीन थे। जीवन परिचय उनका जन्म उत्तरी चौबीस परगना के चौबेरिया गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम कलाचन्द मित्र था। उनका मूल नाम गंधर्व नारायण था किन्तु उन्होने इसे बदलकर अपना नाम 'दीनबन्धु मित्र' रख लिया। कृतियाँ उनका प्रथम नाटक 'नीलदर्पण' (ढाका, १८६०) तत्कालीन ग्रामीण किसानों पर निलेह गोरों के अत्याचारों की कथावस्तु पर आधारित है। यद्यपि शिल्प की द्दृष्टि से यह बहुत सफल कृति नहीं कही जा सकती, तथापि रंगमंच पर नाटक काफी प्रभावकारी सिद्ध हुआ। 'नवीन तपस्विनी' (कृष्णनगर, १८६३) भी तकनीक और शैली में बहुत महत्व नहीं रखता। 'सधवार एकादशी' (१८६६) मित्र की सर्वोत्तम रचना है और निश्चय ही बंगला साहित्य को एक महत्वपूर्ण योगदान है। इसमें चरित्रचित्रण की सूक्ष्मता निस्संदेह प्रशंसनीय है। मित्र के अन्य नाटकों में 'लीलावती' (१८६७) 'जमाई बारिक' (१८७२) और 'कमलकामिनी' (१८७३) उल्लेखनीय है। नील दर्पण 'नील दर्पण’ एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण नाट्यकृति है, जो अपने समय का एक सशक्त दस्तावेज भी है। 1860 में जब यह प्रकाशित हुआ था तब बंगाली समाज और शासक दोनों में तीव्र प्रतिक्रिया हुई थी। एक ओर बंगाली समाज ने इसका स्वागत किया तो दूसरी ओर अंग्रेज शासक इससे तिलमिला उठे। जेम्स लॉग ने नील दर्पण का अंग्रेजी अनुवाद प्रकाशित किया तो अँग्रेज सरकार ने उन्हें एक माह की जेल की सजा सुनायी। बांग्ला के पहले सार्वजनिक, टिकट बिक्री से चलने वाले नाट्यमंच पर यह नाटक जब 1872 में खेला गया तो एक ओर दर्शकों की भीड़ उमड़ पड़ी और दूसरी ओर अँग्रेजी अखबारों में इस पर बड़ी तीखी टिप्पणी हुई। ऐसे नाटकों में विद्रोही भावना के दमन हेतु अंग्रेजी सरकार ने 1876 में ‘ड्रेमेटिक परफॉर्मेन्सेज कन्ट्रोल एक्ट’ जारी किया। बाहरी कड़ियाँ नील दर्पण (हिन्दी रूपान्तर) (रूपान्तरकार: नेमिचन्द्र जैन) बांग्ला साहित्यकार
यूं तो प्रधानमंत्री हर साल दिल्ली की रामलीला में दशहरे के दिन शिरकत करते हैं लेकिन ये पहला मौका जब प्रधानमंत्री, देश की सबसे पुरातन रामलीलाओं में एक लखनऊ की ऐशबाग रामलीला में रावण बध देखेंगे. भले ही इसपर सियासत हो कि चुनावी साल में पीएम मोदी लखनऊ की रामलीला में शिरकत कर रहे हैं लेकिन दूसरा सच ये भी है कि पिछले 70 सालों से लखनऊ की ऐशबाग रामलीला समिति हरबार प्रधानमंत्री को न्योता भेजती है, लेकिन पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने उस रामलीला का आमंत्रण स्वीकार किया है जिसे खुद गोस्वामी तुलसीदास ने अपने जीवनकाल मे शुरू किया था और ये तब से आजतक ये रामलीला अनवरत जारी है. ?p ऐशबाग के बारे में कहा जाता है कि पहली रामलीला खुद गोस्वामी तुलसीदास ने यहां देखी थी. गंगा-जमुनी तहजीब की प्रतीक, ऐशबाग की रामलीला के बारे में कहा जाता है कि खुद तुलसीदास ने इसकी शुरुआत की थी लकिन ऐशबाग की रामलीला को असल पहचान दी अवध के नबाब असफउद्दौला ने जिसने लखनऊ के ऐशबाग इलाके में रामलीला के लिए साढे छह एकड़ जमीन दी थी. इस नबाव असफउद्दौला को इस गंगा-जमुनी तहजीब का जनक माना जाता है क्योंकि कहा जाता कि नवाब ने न सिर्फ रामलीला के लिए जमीन दी बल्कि खुद भी इस रामलीला मे बतौर पात्र शिरकत करते रहे. यही असफउद्दौला हैं जिन्होंने लखनऊ में एक साथ बराबर-बराबर ईदगाह और रामलीला को 6.5 एक़ड जमीन एक साथ दी थी जो गंगा-जमुनी तहजीब के प्रतीक के तौर पर खड़ा है. 500 साल पहले शुरू हुई थी रामलीला इस रामलीला के बारे में माना जाता है कि करीब पांच सौ साल पहले सबसे पहले रामलीला की शुरुआत यहीं से हुई थी जब गोस्वामी तुलसीदास ने एक साथ चित्रकूट, वाराणसी और लखनऊ में इसकी नींव रखी. कहते हैं पहले ये रामलीला नहीं बल्कि राम कथा का मंचन होता था जिसमें इस जगह पर अयोध्या के आए साधु-संत रामकथा का नाटक खेलते थे. माना जाता है कि चौमासा में जब अयोध्या से साधु-संत निकलते थे तो चार महीनों के लिए इसी ऐशबाग में उनका डेरा डलता था और दशहरे के वक्त इस मैदान में वो लोग रामकथा और रामकथा का पात्र अभिनय भी करते थे. अवध के नवाबों के वक्त यहां मैदानी रामलीला होती थी, जहां मैदान में पात्र अभिनय करते थे और लोग ऊंचे पर बैठकर देखते थे. तुलसीदास से लेकर गदर के वक्त यानि 1857 तक यहां दशहरे में साधुओं का डेरा लगता था और मैदानी रामलीला का मंचन होता था जहां सिर्फ रामनाम की गाथा और रामचरित मानस का अभिनय हुआ करता था. कुछ सालों तक बंद रही रामलीला गदर के वक्त यानी 1857 से 1859 तक ये रामलीला बंद रही लेकिन 1860 में पहली बार ऐशबाग रामलीला कमिटी का गठन हुआ तब से लेकर आजतक यानी करीब डेढ़ सौ सालों के बाद भी यहां रामलीला का मंचन मुसलसल चला आ रहा है. पहले इस रामलीला मैदान के बीचोंबीच बने तालाबनुमा मैदान में रामलीला होती थी और चारों ओर ऊंचाई पर बैठे लोग इसे देखते थे. रामलीला बीचोंबीच होती थी और लोग चारोंतरफ होते थे लेकिन पिछले कुछ दशकों से मंचपर रामलीला होने लगी तो तब से इसका स्वरूप बदलता गया. पहले लोग मैदानी रामलीला देखते थे लेकिन वक्त के साथ यहां की रामलीला भी बदलती गई, अब इस रामलीला में तकनीक का पूरा प्रयोग होता है, बड़े एलईडी स्क्रीन,लेजर लाइट्स और बड़े कलाकार इस रामलीला के मंच की शोभा बढ़ाते हैं. जमीन को रामलीला के नाम किया इतिहासकार बताते हैं असफउद्दौला को रामलीला देखने और खेलने का बड़ा शौक था. वो हर साल दस दिनों तक इसके मंचन का आनंद लेता था और इसका पात्र भी बनता था, चूंकि साधुओं का जमावड़ा हर वक्त होता था. इसलिए उसने यहां की जमीन को ही रामलीला के नाम कर दिया. बताते हैं जब इस नवाब में इसकी वसीयत लिखी तो ईदगाह और रामलीला मैदान को एकसाथ वसीयत किया. कहते हैं गोस्वामी तुलसीदास ने खुद चार रामलीलाओं का जिक्र किया है जिसमें लखनऊ के इस रामलीला का भी जिक्र है. पूरे उत्तर भारत में जितनी भी रामलीला होती है उसमें सबसे बड़ी भव्य और बड़ी रामलीला इसी ऐशबाग में होती है. यहां की रामलीला कमिटी हर साल प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को पिछले 70 सालों से इसमें आने का निमंत्रण भेजती रही है लेकिन पहली बार कोई प्रधानमंत्री यहां रहा है. 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री एक घंटे के लिए इस रामलीला मे आएंगे, वो दिल्ली से सीधे सिर्फ इस कार्यक्रम के लिए आ रहे हैं और रामलीला में रावण वध का मंचन देखकर वापस दिल्ली चले जाएंगे.
लेख: गुजरात के सूरत जिले में वलथान गांव के पास एक कार के नहर में गिर जाने से उसमें सवार पांच लोगों की मौत हो गई। ये लोग एक हिल स्टेशन की सैर करने निकले थे। पुलिस ने कहा कि कार में सवार सभी लोग मित्र थे और सपुतारा हिल स्टेशन जा रहे थे। यह दुर्घटना रविवार सुबह कामरेज तहसील में घटी। कामरेज पुलिस थाना के निरीक्षक पीएन पटेल ने कहा, 'इस दुर्घटना में मारे गए लोग वाराछा इलाके के निवासी थे। जब वे वलथान गांव के करीब पहुंचे, उनकी कार सड़क किनारे एक नहर में जा गिरी जो हाल के बारिश की वजह से पूरी भरी हुई थी। चूंकि कार तुरंत ही पानी में डूब गई, उसमें सवार पांचों लोग समय पर बाहर नहीं निकल सके और पानी में डूब गए।'टिप्पणियां पुलिस ने बताया कि मृतकों की पहचान संजय गोलकिया, कल्पेश दियोरा, प्रकाश गोलकिया, विजय कनानी और राजेश लिबानी के रूप में की गई है। वे सभी मित्र थे और एंब्रायडरी एवं हीरा तराशने के कारोबार से जुड़े थे। (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) कामरेज पुलिस थाना के निरीक्षक पीएन पटेल ने कहा, 'इस दुर्घटना में मारे गए लोग वाराछा इलाके के निवासी थे। जब वे वलथान गांव के करीब पहुंचे, उनकी कार सड़क किनारे एक नहर में जा गिरी जो हाल के बारिश की वजह से पूरी भरी हुई थी। चूंकि कार तुरंत ही पानी में डूब गई, उसमें सवार पांचों लोग समय पर बाहर नहीं निकल सके और पानी में डूब गए।'टिप्पणियां पुलिस ने बताया कि मृतकों की पहचान संजय गोलकिया, कल्पेश दियोरा, प्रकाश गोलकिया, विजय कनानी और राजेश लिबानी के रूप में की गई है। वे सभी मित्र थे और एंब्रायडरी एवं हीरा तराशने के कारोबार से जुड़े थे। (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) पुलिस ने बताया कि मृतकों की पहचान संजय गोलकिया, कल्पेश दियोरा, प्रकाश गोलकिया, विजय कनानी और राजेश लिबानी के रूप में की गई है। वे सभी मित्र थे और एंब्रायडरी एवं हीरा तराशने के कारोबार से जुड़े थे। (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मुजून अलमीलेहन: Muzoon Almellehan ( अरबी ) एक सीरियाई कार्यकर्ता और शरणार्थी यूनाइटेड किंगडम में बसा है। वह सीरियाई लड़कियों को स्कूल में रखने के अपने काम के लिए जानी जाती हैं, और उन्हें "सीरिया की मलाला " के रूप में संदर्भित किया जाता है। जून 2017 में, वह यूनिसेफ की सबसे युवा गुडविल एंबेसडर बन गई हैं। जीवनी अल्मेलेहन का जन्म अप्रैल 1999 में इमान और रकन अल्मेलेहन के यह हुआ था, और उनका जन्म सीरिया के शहर दारा में हुआ था । उसके पिता एक स्कूली छात्र थे। उसके दो भाई और एक बहन हैं, जो उससे एक से चार साल छोटे हैं। सीरियाई गृहयुद्ध छिड़ जाने के बाद, उनके शहर को सरकार ने घेर लिया। 2014 की शुरुआत में, उनका परिवार जॉर्डन चला गया जब 2014 में लड़ाई गंभीर हो गई और तीन साल तक शरणार्थी शिविरों में रहे। अल्लेलेहन परिवार को कई बार स्थानांतरित करने के लिए मजबूर किया गया था। जब उसका परिवार पहली बार जॉर्डन शरणार्थी शिविरों में शरण लेने के लिए दारा से भाग गया था, तो वह दावा करती है कि सभी उसे अपने साथ ले गए थे क्योंकि किताबें उसके लिए थीं क्योंकि शिक्षा उसके लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज थी। पहले शिविर वे में रहते थे ज़त्तरी और अज़राक , जार्डन में शिविर। वहाँ रहते हुए, उसके परिवार को कनाडा या स्वीडन जाने का प्रस्ताव मिला। अल्मेलेहन के पिता ने इन्हें तार्किक कारणों से खारिज कर दिया। बाद में अल्मेलेलन ने डेविड कैमरन , द्वारा सितंबर 2015 में घोषित योजना के तहत यूनाइटेड किंगडम में अपने परिवार के कदम के लिए बातचीत की, जिसके द्वारा ब्रिटिश सरकार ने 20,000 सीरियाई शरणार्थियों को स्वीकार करने की योजना बनाई। परिवार को ढाई महीने बाद न्यूकैसल लाया गया, ब्रिटेन में भर्ती होने वाले पहले सीरियाई शरणार्थियों के बीच। अलमीनेहन बच्चों को एक स्थानीय स्कूल में दाखिला दिया गया था। केंटन स्कूल के नौ शरणार्थी बच्चों में अल्मेलहान शामिल थे, और उन्होंने एक पत्रकार बनने में रुचि व्यक्त की है। उसने कहा है कि उसने अंग्रेजी के स्थानीय संस्करण को समायोजित करना मुश्किल पाया। सक्रियतावाद अल्मेलेहन को लड़कियों की शिक्षा की वकालत करने के लिए नेतृत्व किया गया था, इस बात से कि ज़ाटारी में उनकी कक्षा की 40 लड़कियों में से आधी शादी करने के लिए स्कूल से बाहर चली गईं। बाल विवाह , हालाँकि सीरिया में विशेष रूप से आम नहीं है, गृह युद्ध शुरू होने के बाद नाटकीय रूप से बढ़ गया। अलमीलेहन माता-पिता को अपने बच्चों, विशेष रूप से लड़कियों, शरणार्थी स्कूलों में जल्दी शादी करने की बजाय छोड़ने के लिए मनाने के लिए जाना जाता है। उसने बच्चों को स्कूल में बने रहने और बाल विवाह को रोकने के लिए मनाने की भी कोशिश की। अल्मेलेहन मलाला यूसुफजई का दोस्त है, जिसे वह 2014 में मिली थी जब यूसुफजई शरणार्थी शिविर का दौरा कर रही थी और अल्मेलेहन अंदर रह रही थी। यूसुफजई ने बाद में अल्मेलेहान को उस समारोह में आमंत्रित किया, जिस पर पूर्व में नोबेल शांति पुरस्कार मिला था । यूसुफजई ब्रिटेन में बाद के आगमन पर अल्मेलेहन भी गए। अल्लेलेहन की सक्रियता को कई देशों में मान्यता मिली, और उसके कारण उन्हें "सीरिया का मलाला" का सम्मान मिला। 16 अक्टूबर, 2017 को, मुजून युद्ध से त्रस्त देश के छात्रों से मिलने, समर्थन करने और उनकी मदद करने के लिए प्रवास के बाद पहली बार जॉर्डन की यात्रा की, जो देश के भीतर सबसे कठिन परिस्थितियों में भी शिक्षा हासिल करने के लिए दृढ़ थी। यह भी देखें मलाला यूसूफ़जई जीवित लोग 1999 में जन्मे लोग
बिहार के उपमुख्यमंत्री और BJP नेता सुशील कुमार मोदी लगातार RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद पर आरोप लगा रहे हैं. मंगलवार को सुशील मोदी ने लालू पर नए आरोप लगाए और दावा किया कि उन्होंने लालू और उनके परिवार द्वारा किए गए एक और भ्रष्टाचार का खुलासा किया है. सुशील मोदी ने आरोप लगाया कि लालू की बेटी मीसा भारती को एक और दानकर्ता चंद्रकांता देवी ने 318 डिसमिल जमीन दान में दी है. इससे पहले पिछले 6 महीने के दौरान सुशील मोदी लालू और उनके परिवार वालों को दान देने वाले 10 दानकर्ताओं का खुलासा कर चुके हैं. सुशील मोदी के दावे के अनुसार चंद्रकांता देवी 11वीं दानकर्ता हैं. मंगलवार को किए गए नए खुलासे के बारे में सुशील मोदी ने कहा, "मीसा भारती यह दावा करती हैं कि चंद्रकांता देवी उनकी सास हैं और राजेश्वर सिंह उनके ससुर, जबकि हकीकत यह है कि मीसा भारती के ससुर का नाम रामबाबू पथिक है, ना कि राजेश्वर सिंह. चंद्रकांता देवी ने 8 दिसंबर 2006 को पटना के मनेर इलाके में 8 लाख और 6 हजार रुपए कीमत की 318 डिसमिल जमीन मीसा भारती को दान कर दी." सुशील मोदी ने यह भी आरोप लगाया कि जमीन दान किए जाने के दौरान रोहिणी आचार्य को मीसा भारती बताकर पेश किया गया, जबकि डीड में मीसा भारती का हस्ताक्षर बतौर गवाह दर्ज है, लेकिन इस गिफ्ट डीड में फोटो मीसा भारती की लगी हुई और डीड में नीचे लिखा हुआ है- "I have accepted the gift". सुशील मोदी ने इस गिफ्ट डीड को लेकर लालू और उनके परिवार पर कई सवाल दागे. उन्होंने कहा, "आखिर चंद्रकांता देवी ने 318 डिसमिल जमीन मीसा भारती को दान में क्यों दी? मीसा भारती ने चंद्रकांता देवी की क्या सेवा या मदद कि, जिससे खुश होकर उन्होंने अपने बच्चों के रहते यह 318 डिसमिल जमीन मीसा भारती को दान कर दी? सुशील मोदी ने कहा कि लालू परिवार को दान और वसीयत करने वालों का अंतहीन सिलसिला जारी है और इसको लेकर वह आगे भी खुलासे करते रहेंगे. सुशील मोदी द्वारा लालू और उनके परिवार को दान देने वाले 10 लोग -: 1. रघुनाथ झा 2. कांति सिंह 3. ललन चौधरी 4. हृदयानंद चौधरी 5. प्रभुनाथ यादव 6. मोहम्मद शमीम 7. सोफिया तबस्सुम 8. राकेश रंजन 9. सीमा वर्मा 10. सुभाष चौधरी
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: सीआरपीएफ ने अपने एक महानिरीक्षक की ओर से दी गयी फर्जी मुठभेड़ मामले की रिपोर्ट सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया है. सीआरपीएफ ने दलील दी कि अर्धसैन्य बलों को सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम से जानकारी देने से छूट है. असम में सुरक्षा बलों के संयुक्त दस्ते द्वारा एक फर्जी मुठभेड़ में दो लोगों की हत्या से जुड़ी रिपोर्ट की प्रति मांगे जाने पर सीआरपीएफ ने अपने जवाब में आरटीआई अधिनियम की धारा 24 का हवाला दिया. फर्जी मुठभेड़ में हत्या मानवाधिकारों का उल्लंघन है और कुछ संगठनों को आरटीआई अधिनियम के तहत जानकारी देने से मिली छूट के दायरे में नहीं आती. अधिनियम कहता है कि जब मानवाधिकार उल्लंघन से जुड़ी सूचनायें मांगी जाती हैं तो केंद्रीय सूचना आयोग :सीआईसी: से मंजूरी मिलने के 45 दिन के अंदर इसे उपलब्ध कराना होगा. लेकिन सीआरपीएफ ने मामले को सीआईसी को संदर्भित करने के बजाय आवेदन को 'खारिज' कर दिया. गुजरात कैडर के 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी रजनीश राय ने सीआरपीएफ के सर्वोच्च अधिकारियों को एक रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें क्रमवार तरीके से बताया गया था कि कैसे सेना, असम पुलिस और सीआरपीएफ की कोबरा इकाई तथा सशस्त्र सीमा बल के संयुक्त दस्ते ने चिरांग जिले के सिमलागुड़ी इलाके में 29-30 मार्च को एक मुठभेड़ दो लोगों को मार दिया जिन्हें उन्होंने प्रतिबंधित संगठन एनडीएफबी:एस: का हिस्सा बताया.टिप्पणियां राय ने अपनी 13 पन्नों की रिपोर्ट में कथित तौर पर कहा गया कि घटना के बारे में सूचना और बलों के संयुक्त दस्ते द्वारा दर्ज कराई गयी एफआईआर इस ऑपरेशन का एक 'काल्पनिक विवरण' पेश करती है जिसमें 'हिरासत में लिये गये दो लोगों की पूर्व नियोजित हत्या को छिपाकर इसे पेशेवराना उपलब्धि से जुड़े बहादुरी भरे कृत्य के तौर पर पेश किया गया.' गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट मिलने की पुष्टि की है और कहा कि इसका अध्ययन किया जायेगा और इसकी विषयवस्तु पर जल्द ही कार्रवाई की जायेगी.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) अधिनियम कहता है कि जब मानवाधिकार उल्लंघन से जुड़ी सूचनायें मांगी जाती हैं तो केंद्रीय सूचना आयोग :सीआईसी: से मंजूरी मिलने के 45 दिन के अंदर इसे उपलब्ध कराना होगा. लेकिन सीआरपीएफ ने मामले को सीआईसी को संदर्भित करने के बजाय आवेदन को 'खारिज' कर दिया. गुजरात कैडर के 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी रजनीश राय ने सीआरपीएफ के सर्वोच्च अधिकारियों को एक रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें क्रमवार तरीके से बताया गया था कि कैसे सेना, असम पुलिस और सीआरपीएफ की कोबरा इकाई तथा सशस्त्र सीमा बल के संयुक्त दस्ते ने चिरांग जिले के सिमलागुड़ी इलाके में 29-30 मार्च को एक मुठभेड़ दो लोगों को मार दिया जिन्हें उन्होंने प्रतिबंधित संगठन एनडीएफबी:एस: का हिस्सा बताया.टिप्पणियां राय ने अपनी 13 पन्नों की रिपोर्ट में कथित तौर पर कहा गया कि घटना के बारे में सूचना और बलों के संयुक्त दस्ते द्वारा दर्ज कराई गयी एफआईआर इस ऑपरेशन का एक 'काल्पनिक विवरण' पेश करती है जिसमें 'हिरासत में लिये गये दो लोगों की पूर्व नियोजित हत्या को छिपाकर इसे पेशेवराना उपलब्धि से जुड़े बहादुरी भरे कृत्य के तौर पर पेश किया गया.' गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट मिलने की पुष्टि की है और कहा कि इसका अध्ययन किया जायेगा और इसकी विषयवस्तु पर जल्द ही कार्रवाई की जायेगी.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) लेकिन सीआरपीएफ ने मामले को सीआईसी को संदर्भित करने के बजाय आवेदन को 'खारिज' कर दिया. गुजरात कैडर के 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी रजनीश राय ने सीआरपीएफ के सर्वोच्च अधिकारियों को एक रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें क्रमवार तरीके से बताया गया था कि कैसे सेना, असम पुलिस और सीआरपीएफ की कोबरा इकाई तथा सशस्त्र सीमा बल के संयुक्त दस्ते ने चिरांग जिले के सिमलागुड़ी इलाके में 29-30 मार्च को एक मुठभेड़ दो लोगों को मार दिया जिन्हें उन्होंने प्रतिबंधित संगठन एनडीएफबी:एस: का हिस्सा बताया.टिप्पणियां राय ने अपनी 13 पन्नों की रिपोर्ट में कथित तौर पर कहा गया कि घटना के बारे में सूचना और बलों के संयुक्त दस्ते द्वारा दर्ज कराई गयी एफआईआर इस ऑपरेशन का एक 'काल्पनिक विवरण' पेश करती है जिसमें 'हिरासत में लिये गये दो लोगों की पूर्व नियोजित हत्या को छिपाकर इसे पेशेवराना उपलब्धि से जुड़े बहादुरी भरे कृत्य के तौर पर पेश किया गया.' गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट मिलने की पुष्टि की है और कहा कि इसका अध्ययन किया जायेगा और इसकी विषयवस्तु पर जल्द ही कार्रवाई की जायेगी.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) गुजरात कैडर के 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी रजनीश राय ने सीआरपीएफ के सर्वोच्च अधिकारियों को एक रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें क्रमवार तरीके से बताया गया था कि कैसे सेना, असम पुलिस और सीआरपीएफ की कोबरा इकाई तथा सशस्त्र सीमा बल के संयुक्त दस्ते ने चिरांग जिले के सिमलागुड़ी इलाके में 29-30 मार्च को एक मुठभेड़ दो लोगों को मार दिया जिन्हें उन्होंने प्रतिबंधित संगठन एनडीएफबी:एस: का हिस्सा बताया.टिप्पणियां राय ने अपनी 13 पन्नों की रिपोर्ट में कथित तौर पर कहा गया कि घटना के बारे में सूचना और बलों के संयुक्त दस्ते द्वारा दर्ज कराई गयी एफआईआर इस ऑपरेशन का एक 'काल्पनिक विवरण' पेश करती है जिसमें 'हिरासत में लिये गये दो लोगों की पूर्व नियोजित हत्या को छिपाकर इसे पेशेवराना उपलब्धि से जुड़े बहादुरी भरे कृत्य के तौर पर पेश किया गया.' गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट मिलने की पुष्टि की है और कहा कि इसका अध्ययन किया जायेगा और इसकी विषयवस्तु पर जल्द ही कार्रवाई की जायेगी.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) राय ने अपनी 13 पन्नों की रिपोर्ट में कथित तौर पर कहा गया कि घटना के बारे में सूचना और बलों के संयुक्त दस्ते द्वारा दर्ज कराई गयी एफआईआर इस ऑपरेशन का एक 'काल्पनिक विवरण' पेश करती है जिसमें 'हिरासत में लिये गये दो लोगों की पूर्व नियोजित हत्या को छिपाकर इसे पेशेवराना उपलब्धि से जुड़े बहादुरी भरे कृत्य के तौर पर पेश किया गया.' गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट मिलने की पुष्टि की है और कहा कि इसका अध्ययन किया जायेगा और इसकी विषयवस्तु पर जल्द ही कार्रवाई की जायेगी.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले में देश भर में रह रहे रोहिग्याओं को बसाने की साजिश रची जा रही है. खुफिया सूत्रों ने इस बात का खुलासा किया है. सूत्रों के मुताबिक ऐसे 35 से ज्यादा सगठनों की पहचान की गई है जो इन रोहिंग्याओं को बसाने के लिए देश भर से पैसे इकट्ठा कर रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बंग्लादेश ,जम्मू, हैदराबाद समेत देश के दूसरे राज्यों में रहने वाले रोहिंग्या लोगों से अपील की जा रही है कि वो 24 परगना में आकर रहें. यही नहीं, रोहिग्याओं को बसाने के लिए इन 35 से ज्यादा संगठनों ने पिछले कुछ दिनों में ही देश के अलग-अलग हिस्सों में करीब 50 बार से ज्यादा गुप्त बैठक की है. खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि रोहिंग्या लोगों की मदद के लिए कई जगहों पर ये संगठन पैसे इकट्ठा कर रहे हैं और इन लोगों को भारत की नागरिकता दिलाने की मांग कर रहे हैं. ये संगठन जम्मू, हैदराबाद, बांग्लादेश में रह रहे रोहिग्यां से कह रहे हैं कि अगर वो देश के किसी भी हिस्से में सुरक्षित महसूस न कर रहे हों तो वो पश्चिम बंगाल में आ कर रह सकते हैं. रोहिंग्या लोगों को लेकर एजेंसियां अलर्ट हैं और उन्हें मदद पहुंचाने के लिए काम रहे इन संगठनों पर नजर बनाए हुए है. सूत्रों के मुताबिक, ऐसी ही एक जानकारी खुफिया एजेंसी ने गृह मंत्रालय को भी दी है.
पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना, उनकी बहन फातिमा जिन्ना और पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान द्वारा दान में दी गई (वक्फ की गई) संपत्तियां भी पाकिस्तान के अवैध कब्जा माफिया के चंगुल से नहीं बच सकी हैं. माफिया ने इन पर अवैध कब्जा कर लिया है. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, लाहौर क्षेत्र के भ्रष्टाचार रोधी विभाग (एसीई) ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है.  रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन्ना, फातिमा जिन्ना और लियाकत अली खान ने अपनी अरबों की संपत्ति दान में दी थी. इसमें सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि एसीई अधिकारियों ने पटवार सर्किल अछहरा से इन संपत्तियों पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.  इस मामले में लाहौर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को भी नोटिस जारी कर उन्हें एसीई के समक्ष रिकार्ड के साथ पेश होने के लिए कहा गया है. जांच के बाद अरबों की संपत्तियों को अवैध कब्जे से मुक्त कराने का अभियान शुरू किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहला वादा पूरा करने जा रहे हैं. भाजपा सरकार के 'संकल्प पत्र पर अमल के तहत लखनऊ पुलिस जोन के 11 जिलों में महिलाओं से छेड़खानी रोकने के लिए 'एंटी रोमियो दल' बनाने के आदेश दिए गए हैं. लखनऊ जोन के पुलिस महानिरीक्षक ए. सतीश गणेश ने मंगलवार को कहा कि जोन के 11 जिलों में एक माह का विशेष अभियान शुरू किया है और वह हर सप्ताह इसकी कार्रवाई की समीक्षा करेंगे. उन्होंने कहा कि इस अभियान के प्रमुख बिंदुओं में महिलाओं/ छात्राओं के साथ छेड़खानी और अभद्र टिप्पणी की रोकथाम के लिये सम्बन्धित थाना स्तर पर 'एंटी रोमियो स्क्वॉड' का गठन करके कार्यवाही सुनिश्चित करने का आदेश शामिल है. साथ ही ऐसे अपराधी, जिनके खिलाफ महिलाओं के साथ छेड़खानी/बलात्कार जैसे गम्भीर अपराधों में आरोप पत्र दाखिल किया गया है, उनके खिलाफ गुण्डा एक्ट के तहत कार्यवाही की जाए.टिप्पणियां मालूम हो कि भाजपा ने अपने चुनाव घोषणापत्र में वादा किया था कि महिलाओं और लड़कियों से छेड़छाड़ की घटनाओं पर सख्ती से रोक लगाने के लिए 'एंटी रोमियो दल' बनाए जाएंगे. इस तरह से योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले वादू को पूरा करने की दिशा में कदम उठा दिए हैं. पुलिस महानिरीक्षक के आदेश में गौकशी पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाते हुए ऐसे मामलों में नामजद किये गये या प्रकाश में आये अभियुक्तों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने तथा पशु तस्करी पर कड़ाई से रोक लगाने को कहा गया है. गणेश ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि भूमाफिया तथा अवैध शराब की बिक्री तथा तस्करी करने वाले माफियाओं का चिन्हीकरण करके उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, गैंगस्टर एक्ट, गुण्डा एक्ट, शस्त्र निरस्त्रीकरण तथा हिस्ट्रीशीट खोली जाए. साथ ही पैरोल पर छूटे ऐसे अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी की जाए, जो पैरोल की शर्तो का उल्लंघन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस अभियान के प्रमुख बिंदुओं में महिलाओं/ छात्राओं के साथ छेड़खानी और अभद्र टिप्पणी की रोकथाम के लिये सम्बन्धित थाना स्तर पर 'एंटी रोमियो स्क्वॉड' का गठन करके कार्यवाही सुनिश्चित करने का आदेश शामिल है. साथ ही ऐसे अपराधी, जिनके खिलाफ महिलाओं के साथ छेड़खानी/बलात्कार जैसे गम्भीर अपराधों में आरोप पत्र दाखिल किया गया है, उनके खिलाफ गुण्डा एक्ट के तहत कार्यवाही की जाए.टिप्पणियां मालूम हो कि भाजपा ने अपने चुनाव घोषणापत्र में वादा किया था कि महिलाओं और लड़कियों से छेड़छाड़ की घटनाओं पर सख्ती से रोक लगाने के लिए 'एंटी रोमियो दल' बनाए जाएंगे. इस तरह से योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले वादू को पूरा करने की दिशा में कदम उठा दिए हैं. पुलिस महानिरीक्षक के आदेश में गौकशी पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाते हुए ऐसे मामलों में नामजद किये गये या प्रकाश में आये अभियुक्तों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने तथा पशु तस्करी पर कड़ाई से रोक लगाने को कहा गया है. गणेश ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि भूमाफिया तथा अवैध शराब की बिक्री तथा तस्करी करने वाले माफियाओं का चिन्हीकरण करके उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, गैंगस्टर एक्ट, गुण्डा एक्ट, शस्त्र निरस्त्रीकरण तथा हिस्ट्रीशीट खोली जाए. साथ ही पैरोल पर छूटे ऐसे अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी की जाए, जो पैरोल की शर्तो का उल्लंघन कर रहे हैं. मालूम हो कि भाजपा ने अपने चुनाव घोषणापत्र में वादा किया था कि महिलाओं और लड़कियों से छेड़छाड़ की घटनाओं पर सख्ती से रोक लगाने के लिए 'एंटी रोमियो दल' बनाए जाएंगे. इस तरह से योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले वादू को पूरा करने की दिशा में कदम उठा दिए हैं. पुलिस महानिरीक्षक के आदेश में गौकशी पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाते हुए ऐसे मामलों में नामजद किये गये या प्रकाश में आये अभियुक्तों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने तथा पशु तस्करी पर कड़ाई से रोक लगाने को कहा गया है. गणेश ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि भूमाफिया तथा अवैध शराब की बिक्री तथा तस्करी करने वाले माफियाओं का चिन्हीकरण करके उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, गैंगस्टर एक्ट, गुण्डा एक्ट, शस्त्र निरस्त्रीकरण तथा हिस्ट्रीशीट खोली जाए. साथ ही पैरोल पर छूटे ऐसे अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी की जाए, जो पैरोल की शर्तो का उल्लंघन कर रहे हैं. पुलिस महानिरीक्षक के आदेश में गौकशी पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाते हुए ऐसे मामलों में नामजद किये गये या प्रकाश में आये अभियुक्तों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने तथा पशु तस्करी पर कड़ाई से रोक लगाने को कहा गया है. गणेश ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि भूमाफिया तथा अवैध शराब की बिक्री तथा तस्करी करने वाले माफियाओं का चिन्हीकरण करके उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, गैंगस्टर एक्ट, गुण्डा एक्ट, शस्त्र निरस्त्रीकरण तथा हिस्ट्रीशीट खोली जाए. साथ ही पैरोल पर छूटे ऐसे अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी की जाए, जो पैरोल की शर्तो का उल्लंघन कर रहे हैं.
सानिया मिर्जा के लिए साल 2015 शानदार रहा। इस साल उन्होंने 2 ग्रैंड स्लैम और 10 एटीपी टाइटल जीते। इस शानदार प्रदर्शन के साथ ही टेनिस की डब्लूटीए डबल्स रैंकिंग में सानिया मिर्जा नंबर वन पोजिशन पर बरकरार हैं। बता दें, सानिया मिर्जा और मार्टिना हिंगिस दोनों के 11355 प्वाइंट्स हैं।टिप्पणियां सिंगल्स में भारत के नंबर वन खिलाड़ी यूकी भाम्बरी दो पायदान नीचे खिसककर 93वें नंबर पर आ गए हैं। साकेत मायनेनी ताजा रैंकिंग में 171वीं पोजिशन पर ही बरकरार हैं, जबकि सोमदेव देववर्मन की सिंगल्स रैंकिंग में गिरावट आई है, वो अब दुनिया के 181वें नंबर के खिलाड़ी हो गए हैं। पुरुष डबल्स में रोहन बोपन्ना की रैंकिंग भी न तो बढ़ी है और न ही घटी है। वो नंबर 9 पोजिशन पर बने हुए हैं, जबकि पुरुष डबल्स में लिएंडर पेस की रैंकिंग 41वीं है। सिंगल्स में भारत के नंबर वन खिलाड़ी यूकी भाम्बरी दो पायदान नीचे खिसककर 93वें नंबर पर आ गए हैं। साकेत मायनेनी ताजा रैंकिंग में 171वीं पोजिशन पर ही बरकरार हैं, जबकि सोमदेव देववर्मन की सिंगल्स रैंकिंग में गिरावट आई है, वो अब दुनिया के 181वें नंबर के खिलाड़ी हो गए हैं। पुरुष डबल्स में रोहन बोपन्ना की रैंकिंग भी न तो बढ़ी है और न ही घटी है। वो नंबर 9 पोजिशन पर बने हुए हैं, जबकि पुरुष डबल्स में लिएंडर पेस की रैंकिंग 41वीं है। पुरुष डबल्स में रोहन बोपन्ना की रैंकिंग भी न तो बढ़ी है और न ही घटी है। वो नंबर 9 पोजिशन पर बने हुए हैं, जबकि पुरुष डबल्स में लिएंडर पेस की रैंकिंग 41वीं है।
सड़क हादसे में एक व्यक्ति की मौत के आरोपी को शहर की एक अदालत ने बरी कर दिया और पीड़ित को उसकी खुद की मौत का दोषी करार दिया क्योंकि पीड़ित शराब के नशे में था और बाइक चलाते वक्त उसने हेलमेट नहीं पहन रखा था. अदालत ने तेज गति और लापरवाही से गाड़ी चलाने तथा इसकी वजह से किसी की मौत का कारण बनने के आरोपों से केरल निवासी नेबू मैथ्यू को बरी करते हुए कहा, हादसा मृतक (पीड़ित) की वजह से हुआ, कानून का पालन उसने नहीं किया था.टिप्पणियां अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट संदीप गर्ग ने कहा, मृतक की मेडिकल रिपोर्ट को देखने पर पता चलता है कि उसने मोटरसाइकिल चलाते वक्त हेलमेट नहीं पहना था और वह शराब के नशे में भी था. इससे यह साबित होता है कि यह मृतक ही था जिसकी वजह से दुर्घटना हुई और उसी ने कानून का उल्लंघन किया था. मामला 27 अक्तूबर 2012 का है. दक्षिण दिल्ली के साकेत इलाके में पीड़ित विक्रांत की बाइक और आरोपी नेबू मैथ्यू की बाइक के बीच टक्कर हो गई थी. हादसे में विक्रांत की मौत हो गई थी और उसकी बाइक पर पीछे बैठी चांदनी ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) अदालत ने तेज गति और लापरवाही से गाड़ी चलाने तथा इसकी वजह से किसी की मौत का कारण बनने के आरोपों से केरल निवासी नेबू मैथ्यू को बरी करते हुए कहा, हादसा मृतक (पीड़ित) की वजह से हुआ, कानून का पालन उसने नहीं किया था.टिप्पणियां अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट संदीप गर्ग ने कहा, मृतक की मेडिकल रिपोर्ट को देखने पर पता चलता है कि उसने मोटरसाइकिल चलाते वक्त हेलमेट नहीं पहना था और वह शराब के नशे में भी था. इससे यह साबित होता है कि यह मृतक ही था जिसकी वजह से दुर्घटना हुई और उसी ने कानून का उल्लंघन किया था. मामला 27 अक्तूबर 2012 का है. दक्षिण दिल्ली के साकेत इलाके में पीड़ित विक्रांत की बाइक और आरोपी नेबू मैथ्यू की बाइक के बीच टक्कर हो गई थी. हादसे में विक्रांत की मौत हो गई थी और उसकी बाइक पर पीछे बैठी चांदनी ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट संदीप गर्ग ने कहा, मृतक की मेडिकल रिपोर्ट को देखने पर पता चलता है कि उसने मोटरसाइकिल चलाते वक्त हेलमेट नहीं पहना था और वह शराब के नशे में भी था. इससे यह साबित होता है कि यह मृतक ही था जिसकी वजह से दुर्घटना हुई और उसी ने कानून का उल्लंघन किया था. मामला 27 अक्तूबर 2012 का है. दक्षिण दिल्ली के साकेत इलाके में पीड़ित विक्रांत की बाइक और आरोपी नेबू मैथ्यू की बाइक के बीच टक्कर हो गई थी. हादसे में विक्रांत की मौत हो गई थी और उसकी बाइक पर पीछे बैठी चांदनी ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
एक मां ने अपने तीन बेटों की हत्या कर दी. सुनने में यह भले ही अजीब लगे, लेकिन सच है. घटना अमेरिका के ओहायो की है. एक मां ने अपने तीन बेटों की इसलिए हत्या कर दी क्योंकि उसका पति उसकी बेटी के बजाए बेटों पर ज्यादा ध्यान देता था. महिला ने पिछले 13 महीनों में अपने तीन बेटों की अलग-अलग घटनाओं में हत्या करने की बात स्वीकार की है . खुद ही दी थी पुलिस को सूचना ब्रिटनी पिलकिंगटन ने बीते सोमवार को रात करीब तीन बजे पुलिस को फोन करके बताया कि उसका तीन महीने का बेटा नोआह सांस नहीं ले रहा है. पुलिस ने कहा कि उसने तत्काल जांच शुरू की क्योंकि यह एक जैसी परिस्थितियों में एक ही आवास पर हुई ऐसी तीसरी घटना थी. ब्रिटनी के तीन महीने के एक और पुत्र नियाल को उसके पिता जोसेफ पिलकिंगटन ने पिछले साल जुलाई में मृत पाया था. इसके बाद जोसेफ को उसका चार वर्षीय बेटा गेविन भी मृत मिला था. पुलिस ने एक बयान में बताया कि ब्रिटनी ने स्वीकार किया कि उसने अपने तीनों बेटों को जानबूझकर मार डाला. सने कथित रूप से अपने बेटों के मुंह पर कंबल डालकर और उनका दम घोटकर उनकी हत्या कर दी. उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उसका पति उसके बेटों पर अपनी बेटी के बजाय ज्यादा ध्यान दिया करता था. (इनपुट: भाषा)
यह लेख है: मुंबई हमलों में शामिल होने के आरोप से शिकागो की एक अदालत द्वारा बरी तहव्वुर राणा को 26/11 हमलों के बारे में पहले से जानकारी थी और वह इसके अंदरूनी जानकारों में था। अमेरिकी अभियोजकों के मुताबिक, आसन्न हमलों के बारे में उसे लश्कर-ए-तय्यबा के पाशा ने दुबई में एक बैठक के दौरान जानकारी दी। सहायक अटॉर्नी विक्टोरिया पीटर्स ने शिकागो की अदालत में राणा की सुनवाई से पहले न्यायधीशों को एक बंद कमरे में सुनवाई के दौरान बताया, मुंबई शहर पर हमला राणा के लिए अनपेक्षित नहीं था। उसे हमलों के बारे में जानकारी थी। वह पहले से ही इस बारे में जानता था। पीटर्स ने कहा, हमलों के बारे में उसे डेविड हेडली ने बताया था और वह इसलिए भी इस बारे में जानता था क्योंकि दुबई में पाशा ने उसे जानकारी दी थी। उन्होंने कहा कि 2008 की गर्मियों में राणा को उसके बचपन के दोस्त हेडली ने हमले की पूरी साजिश के बारे में बताया था। हेडली ने मुंबई हमलों में शामिल होने की बात स्वीकार की है। उन्होंने कहा, वह जानता था कि लश्कर लड़ाके मुंबई पर हमले की योजना को अंतिम रूप दे रहे हैं। सहायक अटॉर्नी ने बताया, राणा को हेडली ने हमलों के बारे में बताया था लेकिन पाशा ने भी उसे इस बाबत जानकारी दी थी। हेडली ने पाशा से कहा था कि वह अमेरिका वापस लौटते हुए राणा को मुंबई में नहीं रूकने के कहे। दुबई में पाशा ने वही किया। उसने राणा को इस बारे में चेताया। आप राणा के दिए बयानों से ही जानते हैं कि उसे मुंबई हमलों के बारे में पहले से जानकारी थी। पीटर्स ने इस सिलसिले में राणा और हेडली के बीच हुई बातचीत का लिखित ब्यौरा अदालत में पेश किया। ब्यौरा के मुताबिक, हेडली ने पूछा, क्या पाशा ने ऐसा नहीं कहा? राणा : हां हेडली : उसने इसका जिक्र कब किया राणा : क्या, हेडली :पाशा ने बताया था कि दुबई में इस प्रकार.. और राणा ने कहा, और उसने मुझे भी ऐसा कहा अमेरिकी अटॉर्नी ने बताया कि पाशा ने राणा को चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा, ज्यूरी के सदस्यों, हेडली और राणा के बीच यह बातचीत अहम है। इससे मालूम चलता है कि पाशा ने उसे चेताया था कि हमलें आसन्न हैं? उन्होंने कहा, यह बातचीत बताती है कि पाशा को मालूम था कि राणा अंदरूनी जानकारों में था। पाशा राणा पर भरोसा कर सकता था। पाशा को मालूम है कि राणा को जानकारी है। क्या हो अगर राणा अंदरूनी जानकारों में नहीं था? क्या हो अगर राणा को बिल्कुल जानकारी नहीं थी कि मुंबई पर हमला होने जा रहा है? सहायक अटॉर्नी ने कहा, इस बारे में सोचिए। क्या आप उम्मीद नहीं करते कि अगर उसे जानकारी थी कि हमले आसन्न हैं, क्या आप उससे उम्मीद नहीं करते जब हमले हुए और मुंबई को जब इन सशस्त्र हमालवरों ने तीन दिनों तक बंधक बनाए रखा तो वह एफबीआई, पुलिस या किसी अन्य के पास जाता और कहता, देखिए, पाशा नाम का एक व्यक्ति है जिससे मैं दुबई में मिला और उसने हमलों के पहले मुझे जानकारी दी कि मैं मुंबई नहीं जाऊं। उन्होंने कहा, अगर राणा उसी दल का सदस्य नहीं था तो पाशा ने उसे जानकारी क्यों दी? पाशा को राणा पर विश्वास था। वह जानता है कि राणा हेडली का विश्वसनीय दोस्त है, इसलिए इसमें कोई जोखिम नहीं है। यह चेतावनी देने में कोई जोखिम नहीं है।
A post shared by #Kajal#♡ #Raghwani#♡ (@kajalraghwani) on Oct 25, 2018 at 6:32am PDT
देश के शेयर बाजारों में सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को तेजी का रुख रहा. प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स सुबह लगभग 9.23 बजे 10.89 अंकों की तेजी के साथ 20,258.22 पर और निफ्टी भी लगभग इसी समय 1.35 अंकों की मामूली तेजी के साथ 6,171.25 पर कारोबार करते देखे गए. बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 20.27 अंकों की तेजी के साथ 20,267.60 पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 3.05 अंकों की तेजी के साथ 6,172.95 पर खुला.
इस्लाम विरोधी अमेरिकी फिल्म को लेकर मुस्लिम देशों में चल रहे अमेरिका विरोधी प्रदर्शनों को लेकर सत्य और अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी के संदेश का हवाला देते हुए कहा है कि ‘अनगढ़ और घृणित’ वीडियो उनके देश पर हमले का बहाना नहीं हो सकता. ओबामा ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में वैश्विक नेताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही. छह नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले यह उनका अंतिम अंतराष्ट्रीय संबोधन था. उन्होंने कहा, ‘बेनगाजी में हमारे में नागरिकों पर हमला अमेरिका पर हमला था. इसमें संदेह नहीं होना चाहिए कि हम हत्याओं का पता लगाने और उन्हें न्याय के जद में लाने को आतुर हैं.’ ओबामा ने अपने संबोधन की शुरुआत बेनगाजी हमले में मारे गए अमेरिकी राजदूत क्रिस्टोफर स्टीवंस को याद करते हुए की. उन्होंने कहा, ‘भविष्य उन लोगों का नहीं हो सकता जो इस्लाम के पैगम्बर का अनादर करते हैं. हां, जो लोग इसकी निंदा करते हैं, उन्हें ईसा मसीह की तस्वीर के साथ छेड़छाड़ की भी निंदा जरूर करनी चाहिए.’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘यह वक्त गांधी के उन शब्दों को याद करने का है कि ‘असहिष्णुता भी अपने आप में एक हिंसा है और लोकतांत्रिक भावना के विकास में बाधक है.’ ओबामा ने कहा, ‘यह वीडियो न सिर्फ मुसलमानों का अपमान है, बल्कि अमेरिका का भी अपमान है क्योंकि हम एक ऐसा देश हैं जो सभी धर्मों और नस्ल के लोगों का स्वागत करते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘हमारे यहां पूरे देश में मुसलमान इबादत करते हैं. हम न सिर्फ धार्मिक आजादी का सम्मान करते हैं, बल्कि हमारे यहां ऐसे कानून हैं जो सभी लोगों की सुरक्षा करते हैं.’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘हमें इस बात पर जोर देना चाहिए कि भविष्य क्रिस स्टीवंस जैसे लोगों के जरिए पहचाना जाए, न कि उनके हत्यारों से.’ ओबामा ने कहा कि अमेरिका ने अपने यहां लोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के करने के कारण इस वीडियो पर पाबंदी नहीं लगाने का फैसला किया. उन्होंने कहा, ‘इस वीडियो पर प्रतिबंध नहीं लगाने का यह बिल्कुल मतलब नहीं है कि अमेरिका नफरत भरे भाषण का समर्थन करता है. मैं जानता हूं कि कुछ लोग यह कहते हैं कि आप इस तरह के वीडियो पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाते. इसका जवाब हमारे संविधान में है. संविधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करता है.’
अगर आज आप दिल्ली मेट्रो से कहीं जाने वाले हैं, तो आपको थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। दिल्ली मेट्रो के मेन स्टेशनों पर आज मॉक ड्रिल की जा रही है। इस मॉक ड्रिल का मकसद इमरजेंसी के हालात में तैयारियों का जायजा लेना है। जिन मेट्रो स्टेशनों पर यह ड्रिल होगी, उनके नाम हैं- द्वारका सेक्टर 11, सेंट्रल सेक्रेटेरियट, पीतमपुरा, आजादपुर, बदरपुर, कीर्ति नगर, चांदनी चौक, अक्षरधाम, शहादरा, करोलबाग, नोएडा सिटी सेंटर और गुरु द्रोणाचार्य स्टेशन गुड़गांव।टिप्पणियां राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की मदद से दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से यह अभ्यास किया जा रहा है। इस अभ्यास से मेट्रो की लाइनें एक घंटे तक प्रभावित रह सकती हैं। दिल्ली सरकार के मंडल आयुक्त विजय देव ने संवाददाताओं को बताया कि इस अभ्यास के दौरान विस्फोट, भूकंप और आतंकवादी हमले जैसी परिस्थितियों से निपटने के इंतजामों का जायजा लिया जाएगा। जिन मेट्रो स्टेशनों पर यह ड्रिल होगी, उनके नाम हैं- द्वारका सेक्टर 11, सेंट्रल सेक्रेटेरियट, पीतमपुरा, आजादपुर, बदरपुर, कीर्ति नगर, चांदनी चौक, अक्षरधाम, शहादरा, करोलबाग, नोएडा सिटी सेंटर और गुरु द्रोणाचार्य स्टेशन गुड़गांव।टिप्पणियां राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की मदद से दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से यह अभ्यास किया जा रहा है। इस अभ्यास से मेट्रो की लाइनें एक घंटे तक प्रभावित रह सकती हैं। दिल्ली सरकार के मंडल आयुक्त विजय देव ने संवाददाताओं को बताया कि इस अभ्यास के दौरान विस्फोट, भूकंप और आतंकवादी हमले जैसी परिस्थितियों से निपटने के इंतजामों का जायजा लिया जाएगा। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की मदद से दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से यह अभ्यास किया जा रहा है। इस अभ्यास से मेट्रो की लाइनें एक घंटे तक प्रभावित रह सकती हैं। दिल्ली सरकार के मंडल आयुक्त विजय देव ने संवाददाताओं को बताया कि इस अभ्यास के दौरान विस्फोट, भूकंप और आतंकवादी हमले जैसी परिस्थितियों से निपटने के इंतजामों का जायजा लिया जाएगा। दिल्ली सरकार के मंडल आयुक्त विजय देव ने संवाददाताओं को बताया कि इस अभ्यास के दौरान विस्फोट, भूकंप और आतंकवादी हमले जैसी परिस्थितियों से निपटने के इंतजामों का जायजा लिया जाएगा।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के दो-दिवसीय बिहार-झारखंड बंद के दौरान नक्सलियों ने पूर्व मध्य रेलवे के हाजीपुर रेलवे स्टेशन के करीब रेल पटरी उड़ा दी, जिससे इस रेलखंड पर चार घंटे तक रेल परिचालन ठप रहा। पुलिस के अनुसार हाजीपुर-मुजफ्फरपुर रेलखंड के घोसवर गुमटी के समीप रेल पटरी को नक्सलियों ने विस्फोटक लगाकर उड़ा दिया। इस घटना के तुरंत बाद लखनऊ-बरौनी एक्सप्रेस गुजरने वाली थी।टिप्पणियां पूर्व-मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अमिताभ प्रभाकर ने बताया कि इस घटना के बाद करीब चार घंटे तक इस रेलखंड पर रेल परिचालन बाधित रहा। बाद में रेलवे के कर्मचारियों द्वारा रेल पटरी दुरुस्त की गई तथा इस रेलखंड पर रेल परिचालन प्रारंभ हो गया। उन्होंने कहा कि घटना के कारण लंबी दूरी तक चलने वाली करीब छह ट्रेनें जहां की तहां रोक दी गई थीं। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों झारखंड के चतरा में नक्सली संगठन तृतीय प्रस्तुति कमिटि के नक्सलियों द्वारा भाकपा (माओवादी) के 10 नक्सलियों के मारे जाने के विरोध में भाकपा (माओवादी) ने शनिवार और रविवार को बंद का आह्वान किया है। पुलिस के अनुसार हाजीपुर-मुजफ्फरपुर रेलखंड के घोसवर गुमटी के समीप रेल पटरी को नक्सलियों ने विस्फोटक लगाकर उड़ा दिया। इस घटना के तुरंत बाद लखनऊ-बरौनी एक्सप्रेस गुजरने वाली थी।टिप्पणियां पूर्व-मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अमिताभ प्रभाकर ने बताया कि इस घटना के बाद करीब चार घंटे तक इस रेलखंड पर रेल परिचालन बाधित रहा। बाद में रेलवे के कर्मचारियों द्वारा रेल पटरी दुरुस्त की गई तथा इस रेलखंड पर रेल परिचालन प्रारंभ हो गया। उन्होंने कहा कि घटना के कारण लंबी दूरी तक चलने वाली करीब छह ट्रेनें जहां की तहां रोक दी गई थीं। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों झारखंड के चतरा में नक्सली संगठन तृतीय प्रस्तुति कमिटि के नक्सलियों द्वारा भाकपा (माओवादी) के 10 नक्सलियों के मारे जाने के विरोध में भाकपा (माओवादी) ने शनिवार और रविवार को बंद का आह्वान किया है। पूर्व-मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अमिताभ प्रभाकर ने बताया कि इस घटना के बाद करीब चार घंटे तक इस रेलखंड पर रेल परिचालन बाधित रहा। बाद में रेलवे के कर्मचारियों द्वारा रेल पटरी दुरुस्त की गई तथा इस रेलखंड पर रेल परिचालन प्रारंभ हो गया। उन्होंने कहा कि घटना के कारण लंबी दूरी तक चलने वाली करीब छह ट्रेनें जहां की तहां रोक दी गई थीं। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों झारखंड के चतरा में नक्सली संगठन तृतीय प्रस्तुति कमिटि के नक्सलियों द्वारा भाकपा (माओवादी) के 10 नक्सलियों के मारे जाने के विरोध में भाकपा (माओवादी) ने शनिवार और रविवार को बंद का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि घटना के कारण लंबी दूरी तक चलने वाली करीब छह ट्रेनें जहां की तहां रोक दी गई थीं। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों झारखंड के चतरा में नक्सली संगठन तृतीय प्रस्तुति कमिटि के नक्सलियों द्वारा भाकपा (माओवादी) के 10 नक्सलियों के मारे जाने के विरोध में भाकपा (माओवादी) ने शनिवार और रविवार को बंद का आह्वान किया है।
महिंद्रा एंड महिंद्रा ने गुरुवार को कहा कि वह सांगयोग मोटर के वाहनों को भारत में बेचने पर विचार करेगी। कंपनी दक्षिण कोरिया की इस कंपनी को पटरी पर लाने की योजना के तहत अफ्रीका में विस्तार की मंशा रखती है। महिंद्रा एंड महिंद्रा के उपाध्यक्ष आनंद महिंद्रा ने गोयांग में सोल मोटर शो के अवसर पर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, 'भारतीय बाजार लगातार बढ़ रहा है और हमें उम्मीद है कि इसका फायदा सांगयोंग को भी होगा।' उल्लेखनीय है कि महिंद्रा एंड महिंद्रा ने सांगयोंग को खरीदने का सौदा मार्च में ही पूरा किया है। उन्होंने हालांकि सांगयोंग के वाहन को भारतीय बाजार में पेश करने के संबंध कोई समयसीमा तय नहीं की लेकिन कहा कि वे सांगयोंग के कोरनाडो तथा रेक्सटॉन एसयूएवी को भारत ले जाना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि ये वाहन कंपनियां अन्य क्षेत्रों में संयुक्त विपणन गतिविधियां शुरू करने पर विचार कर रही हैं। महिंद्रा ने कहा कि सांगयोंग के साथ मिलकर अ्रफीका में बड़ा कदम उठाया जा सकता है।
यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) ने कंबाइंड कंप्यूटर बेस्ड रिक्रूटमेंट टेस्ट (CBRT) की परीक्षा तारीख की घोषणा कर दी है. यह परीक्षा 10 मई को दोपहर दो बजे से चार बजे तक आयोजित की जाएगी. इस परीक्षा का आयोजन सीनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर ग्रेड-I और ग्रेड-II के पदों के लिए किया जाएगा. इस परीक्षा के लिए देश भर में कई एग्जाम सेंटर्स बनाए गए हैं. इस परीक्षा में जनरल इंग्लिश और जनरल एबिलिटी से सवाल पूछे जाएंगे. कुल 100 मार्क्स के सवाल होंगे.  सारे सवाल ऑब्जेक्टिव टाइप के पूछे जाएंगे. परीक्षा सेंटर: भोपाल दिसपुर चेन्नई लखनऊ पोर्ट ब्लेयर जम्मू
लेख: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री तथा जनता दल (सेक्युलर) नेता एचडी कुमारस्वामी की अग्रिम जमानत याचिका को बेंगलुरू की एक कोर्ट ने नामंजूर कर दिया है. याचिका रद्द होने पर कुमारस्वामी की कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है. उन पर अवैध खनन के आरोप हैं.  गौरतलब है कि वर्ष 2006-2007 के दौरान मुख्यमंत्री रहते हुए उन पर एक निजी खनन कंपनी जनथाकल खनन कंपनी को फायदा पहुंचाकर बड़े पैमाने पर खनन घोटाले को अंजाम देने के आरोप हैं. जनथाकल कंपनी पर अवैध रूप से बड़े पैमाने पर लौह अयस्क की ढुलाई करने का आरोप है. हालांकि कुमारस्वामी ने जनथाकल खनन मामले में स्वयं पर लगे आरोपों को गलत बताते हुए इसे एक राजनीतिक साजिश करार दिया था.  कुमारस्वामी पर ये भी आरोप हैं कि उन्होंने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान तत्कालीन खनन आयुक्त गंगाराम बदेरिया पर दबाव डालकर जनथाकल खनन फर्म के पक्ष में एक फाइल पास करवाई थी. इस दौरान इस कंपनी की माइनिंग लीज खत्म हो रही थी और कुमारस्वामी ने कंपनी के लाइसेंस को 40 सालों के लिए रिन्यू करवाया था और वह भी बिना कोई वैध दस्तावेजों के. इस मामले में कंपनी ने कुमारस्वामी के बेटे के नाम 10 लाख का एक चैक जारी करने के मामला भी उजागर हुआ था.  टिप्पणियां बाद में लोकायुक्त की विशेष जांच टीम ने जांच के दौरान बदेरिया को जनथाकल समेत कई मामलों में गड़बड़ करने के आरोप में 15 मई को गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि जनथाकल इंटरप्राइजेज के स्वामी और खनन कारोबारी विनोद गोयल को धोखाधड़ी में आरोप में 2015 में ही गिरफ्तार कर लिया गया था.  कर्नाटक में अवैध खनन के मामलों की जांच के दौरान राजनीतिज्ञों की संलिप्ता कोई नई बात नहीं है. इससे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा पर अवैध खनने के आरोप लग चुके हैं.  कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2008 में जीत के बाद वे कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने थे. वे किसी भी दक्षिण भारतीय राज्य में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री थे. मुख्यमंत्री रहते हुए उन पर उन्हीं के मंत्री और खनन माफिया रेड्डी बंधुओं को अवैध खनन में सरंक्षण देने के आरोप लगे थे.  गौरतलब है कि वर्ष 2006-2007 के दौरान मुख्यमंत्री रहते हुए उन पर एक निजी खनन कंपनी जनथाकल खनन कंपनी को फायदा पहुंचाकर बड़े पैमाने पर खनन घोटाले को अंजाम देने के आरोप हैं. जनथाकल कंपनी पर अवैध रूप से बड़े पैमाने पर लौह अयस्क की ढुलाई करने का आरोप है. हालांकि कुमारस्वामी ने जनथाकल खनन मामले में स्वयं पर लगे आरोपों को गलत बताते हुए इसे एक राजनीतिक साजिश करार दिया था.  कुमारस्वामी पर ये भी आरोप हैं कि उन्होंने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान तत्कालीन खनन आयुक्त गंगाराम बदेरिया पर दबाव डालकर जनथाकल खनन फर्म के पक्ष में एक फाइल पास करवाई थी. इस दौरान इस कंपनी की माइनिंग लीज खत्म हो रही थी और कुमारस्वामी ने कंपनी के लाइसेंस को 40 सालों के लिए रिन्यू करवाया था और वह भी बिना कोई वैध दस्तावेजों के. इस मामले में कंपनी ने कुमारस्वामी के बेटे के नाम 10 लाख का एक चैक जारी करने के मामला भी उजागर हुआ था.  टिप्पणियां बाद में लोकायुक्त की विशेष जांच टीम ने जांच के दौरान बदेरिया को जनथाकल समेत कई मामलों में गड़बड़ करने के आरोप में 15 मई को गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि जनथाकल इंटरप्राइजेज के स्वामी और खनन कारोबारी विनोद गोयल को धोखाधड़ी में आरोप में 2015 में ही गिरफ्तार कर लिया गया था.  कर्नाटक में अवैध खनन के मामलों की जांच के दौरान राजनीतिज्ञों की संलिप्ता कोई नई बात नहीं है. इससे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा पर अवैध खनने के आरोप लग चुके हैं.  कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2008 में जीत के बाद वे कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने थे. वे किसी भी दक्षिण भारतीय राज्य में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री थे. मुख्यमंत्री रहते हुए उन पर उन्हीं के मंत्री और खनन माफिया रेड्डी बंधुओं को अवैध खनन में सरंक्षण देने के आरोप लगे थे.  कुमारस्वामी पर ये भी आरोप हैं कि उन्होंने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान तत्कालीन खनन आयुक्त गंगाराम बदेरिया पर दबाव डालकर जनथाकल खनन फर्म के पक्ष में एक फाइल पास करवाई थी. इस दौरान इस कंपनी की माइनिंग लीज खत्म हो रही थी और कुमारस्वामी ने कंपनी के लाइसेंस को 40 सालों के लिए रिन्यू करवाया था और वह भी बिना कोई वैध दस्तावेजों के. इस मामले में कंपनी ने कुमारस्वामी के बेटे के नाम 10 लाख का एक चैक जारी करने के मामला भी उजागर हुआ था.  टिप्पणियां बाद में लोकायुक्त की विशेष जांच टीम ने जांच के दौरान बदेरिया को जनथाकल समेत कई मामलों में गड़बड़ करने के आरोप में 15 मई को गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि जनथाकल इंटरप्राइजेज के स्वामी और खनन कारोबारी विनोद गोयल को धोखाधड़ी में आरोप में 2015 में ही गिरफ्तार कर लिया गया था.  कर्नाटक में अवैध खनन के मामलों की जांच के दौरान राजनीतिज्ञों की संलिप्ता कोई नई बात नहीं है. इससे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा पर अवैध खनने के आरोप लग चुके हैं.  कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2008 में जीत के बाद वे कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने थे. वे किसी भी दक्षिण भारतीय राज्य में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री थे. मुख्यमंत्री रहते हुए उन पर उन्हीं के मंत्री और खनन माफिया रेड्डी बंधुओं को अवैध खनन में सरंक्षण देने के आरोप लगे थे.  बाद में लोकायुक्त की विशेष जांच टीम ने जांच के दौरान बदेरिया को जनथाकल समेत कई मामलों में गड़बड़ करने के आरोप में 15 मई को गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि जनथाकल इंटरप्राइजेज के स्वामी और खनन कारोबारी विनोद गोयल को धोखाधड़ी में आरोप में 2015 में ही गिरफ्तार कर लिया गया था.  कर्नाटक में अवैध खनन के मामलों की जांच के दौरान राजनीतिज्ञों की संलिप्ता कोई नई बात नहीं है. इससे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा पर अवैध खनने के आरोप लग चुके हैं.  कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2008 में जीत के बाद वे कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने थे. वे किसी भी दक्षिण भारतीय राज्य में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री थे. मुख्यमंत्री रहते हुए उन पर उन्हीं के मंत्री और खनन माफिया रेड्डी बंधुओं को अवैध खनन में सरंक्षण देने के आरोप लगे थे.  कर्नाटक में अवैध खनन के मामलों की जांच के दौरान राजनीतिज्ञों की संलिप्ता कोई नई बात नहीं है. इससे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा पर अवैध खनने के आरोप लग चुके हैं.  कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2008 में जीत के बाद वे कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने थे. वे किसी भी दक्षिण भारतीय राज्य में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री थे. मुख्यमंत्री रहते हुए उन पर उन्हीं के मंत्री और खनन माफिया रेड्डी बंधुओं को अवैध खनन में सरंक्षण देने के आरोप लगे थे.
यह एक लेख है: दिल्ली के बंगला साहिब गुरुद्वारे में सुजोक थेरेपी से हजारों की तादात में रोगी ईलाज कराने पहुंचे. रंगीन पेन और छल्लों से कई गंभीर बीमारियों का इलाज करने के लिए 23 देशों के सुजाक विशेषज्ञ इकट्ठा हुए. बंगला साहिब में कोरिया, रूस और अमरीका से आए करीब 250 जानकार इलाज में जुटे हैं. सुजोक थरेपी के करीब एक लाख विशेषज्ञ भारत में है. दरअसल सुजोक थरेपी मूलतौर पर कोरिया के ईलाज की पद्धति है. जानकारों का दावा है कि हाथों और पैरों के खास बिंदुओ को दबाने से  भीतरी अंगों पर प्रभाव पड़ता है. जिससे बिना किसी साइड इफेक्ट के कई तरह के रोगों को ठीक करने में मदद मिलती है. इस थेरपी में दाल के दाने, रंगीन पेन और चुंबकीय छल्ले का प्रयोग किया जाता है. लेकिन उपचार की ये पद्धति कितनी कारगर है ये ठीक होने वाले लोग ही ज्यादा बता सकते हैं.  बंगला साहिब गुरुद्वारे में सुजोक थेरेपी कैंप अंतरराष्ट्रीय सुजोक एसोसियशन द्वारा लगाया गया. दो दिवसीय कैंप में हजारों लोगों ने इस कोरियन थेरैपी का निशुल्क लाभ लिया. बता दें कि संयुक्त रूप से भारत सहित 23 देशों के तकरीबन 250 सुजोक विशेषज्ञों को इस थेरैपी से उपचार करने के लिए बुलाया गया था. कोरिया, रशिया, यूरोप, अमेरिका, यूएई, से आये विशेषज्ञों ने कैम्प में आये रोगियों को सुजोक थेरैपी दी. दरअसल सुजोक थेरैपी बिना किसी हानि के किया जाने वाला उपचार है. सुजोक का अविष्कार कोरिया में हुआ था जो हांथों और पैरों के बिंदु से जुड़ी पद्धति है. मानव शरीर के हांथों और पैरों के बिंदुओं को दबाने से शरीर के आंतरिक अंगों पर इसका प्रभाव पड़ता है. सुजोक थेरैपी से बिना किसी साइड इफेक्ट के कैंसर से लेकर जैनेटिक रोगों को ठीक करने का दावा किया जा रहा हैं. इंटरनेशल सुजौक असोसिएशन के ग्लोबल प्रसिडेंट डॉक्टर पार्क मिनचुल का कहना है कि 1991 में सुजौक थेरैपी भारत में आई और इस 30 साल के भीतर 1 लाख सुजौक के डॉक्टर भारत में मौजूद हैं. सुजौक शरीर में रोगों के उपचार की हानि रहित वो पद्धति है जो आजकल की महंगी एलोपैथिक दवाओं का विकल्प है. सुजौक से उपचार का तरीका सस्ता ओर आसान भी है. इस तरह के कैंप के आयोजन से इस कोरियन उपचार के बारे में लोग जानेगें साथ ही अपने रोगों का इलाज खुद ही कर सकेंगे.
महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को बम्बई उच्च न्यायालय से कहा कि उसने दो कार्यरत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारियों को आदर्श आवासीय घोटाले में कथित रूप से शामिल रहने के आरोप के कारण निलम्बित कर दिया. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 29 जनवरी को दाखिल प्राथमिकी में अधिकारी प्रदीप व्यास और जयराज पाठक का नाम शामिल किया था. घोटाला जिस अवधि में हुआ था, उस वक्त व्यास मुम्बई के कलेक्टर थे और पाठक नगर निगम के आयुक्त थे. व्यास को सीबीआई ने बुधवार को गिरफ्तार किया था. राज्य सरकार ने गुरुवार को उच्च न्यायालय में जमा की गई स्थिति रिपोर्ट में कहा कि दोनों अधिकारी इस घोटाले की जांच पूरी होने तक निलम्बित रहेंगे. महाराष्ट्र सरकार ने अदालत से कहा कि आदर्श घोटाले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आयकर विभाग और सीबीआई की एक उच्च स्तरीय बैठक की गई है. सीबीआई के मुताबिक व्यास ने अगस्त 2002 से मई 2005 के दौरान कथित तौर पर गलत दस्तावेजों को आय के प्रमाण के तौर पर स्वीकार किया और ऐसे लोगों को आदर्श सोसाइटी की सदस्यता दी, जो इसके लिए योग्य नहीं थे. उनकी पत्नी सीमा व्यास भी एक आईएएस अधिकारी हैं, जबकि उनका भी एक फ्लैट इस इमारत में है. सीबीआई ने प्राथमिकी में कहा कि जयराज पाठक ने बीएमसी आयुक्त के अपने कार्यकाल में एक सितम्बर 2007 को इमारत की ऊंचाई को 97 मीटर से बढ़ाकर 107 मीटर करने को मंजूरी दी थी. व्यास के अलावा सीबीआई ने बुधवार को तीन और लोगों-पूर्व एमएलसी के.एल. गिडवाणी, मेजर जेनरल (सेवानिवृत्त) ए.आर. कुमार और मेजर जेनरल (सेवानिवृत्त) टी.के. कौल-को गिरफ्तार किया था. इस घोटाले में सीबीआई ने मंगलवार को भी तीन लोगों-सेवानिवृत्त डिफेंस एस्टेट्स अधिकारी आर.सी. ठाकुर, ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) एम.एम. वांचू और राज्य शहरी विकास विभाग के पूर्व उप सचिव पी.वी. देशमुख-को गिरफ्तार किया था.
दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को जासूसी कांड में गिरफ्तार पांच लोगों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इन आरोपियों में बीएसएफ का एक हेड कांस्टेबल भी शामिल है. इन पर आरोप है कि इन्होंने महत्वपूर्ण भारतीय दस्तावेज पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई तक पहुंचाए हैं. पुलिस हिरासत खत्म होने के बाद इन्हें अदालत में पेश किया गया था. मुख्य महानगर दंडाधिकारी संजय खानाग्वाल ने बीएसएफ के हेड कांस्टेबल अब्दुल राशिद, सेना के हवलदार (सेवानिवृत्त) मुनव्वर अहमद मीर, सरकारी स्कूल शिक्षक साबर, सैनिक फरीद अहमद और लाइब्रेरी सहायक कैफेतुल्ला खान उर्फ मास्टर रजा को न्यायिक हिरासत में भेजा. दिल्ली पुलिस ने अदालत से कहा कि आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की अब जरूरत नहीं है. बताते चलें कि फरीद अहमद को पश्चिम बंगाल से पकड़ा गया था. वहीं मीर तथा साबर को दिल्ली पुलिस और जम्मू एवं कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में पकड़ा गया था. राजौरी के रहने वाले 44 वर्षीय कैफेतुल्ला के बारे में कहा जा रहा है कि वह आईएसआई एजेंट है. उसे 26 नवंबर को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से पकड़ा गया. कैफेतुल्ला से पूछताछ के बाद राशिद को पकड़ा गया था.
विवादित बयानों की वजह से अक्सर चर्चा में रहने वाले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने इस बार श्रीदेवी पर निशाना साधा है. राज ठाकरे ने श्रीदेवी को राजकीय सम्मान देने पर सवाल उठाते हुए कहा कि श्रीदेवी ने अपने जीवन में ऐसा क्या किया था जो उन्हें यह सम्मान दिया गया. किस आधार पर उन्हें तिरंगे में लपेटा गया. ये सरकार की सबसे बड़ी गलती थी. राज ठाकरे ने कहा कि श्रीदेवी की मौत शराब के कारण हुई थी. राज ठाकरे  गुड़ी पड़वा पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की रविवार को मुंबई में आयोजित रैली के दौरान सभा को संबोधित कर रहे थे. Nirav Modi was the talk of the town, then issue of Sridevi came in. This was brought to change the issue. When a person like Sridevi dies, you wrap her in Tri-color & you say you did that because she was a Padma Shri. It was all fault of the Maharashtra government: Raj Thackeray pic.twitter.com/b8z8U17559 — ANI (@ANI) March 19, 2018 राज ठाकरे ने यह भी कहा कि मीडिया ने श्रीदेवी की मौत की खबर को काफी हाइलाइट किया. इस खबर को बढ़ा चढ़ाकर दिखाया गया. इसके पीछे की वजह थी कि श्रीदेवी की खबर के पीछे नीरव मोदी का मैटर छिपाया जाए और इस मैटर से लोगों का ध्यान हट सके. उन्होंने ने कहा आज की मीडिया सरकार के दबाव में काम कर रही है. अक्षय कुमार को लिया आड़े हाथ ठाकरे ने कहा कि पैडमैन, टॉयलेट एक प्रेमकथा सब सरकार प्रायोजित खबरें थीं. अक्षय कुमार बढ़िया अभिनेता है लेकिन भारत-भारत कर रहा है. वे भारत का नागरिक भी नहीं है. वह कनाडियन नागरिक है और उसके पास वहां का पासपोर्ट है. खामोश होकर वतन आईं थी 'चांदनी' बता दें पहले चर्चा थी कि श्रीदेवी की मौत कार्डियक अरेस्ट की वजह से ह्रदयगति रुकने से हुई. लेकिन फॉरेंसिक जांच में सामने आया कि उनकी मौत की वजह बाथटब में डूबना था. दुबई की लोकल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ बाथरूम में नियंत्रण खो देने से श्रीदेवी पानी से भरे बाथटब में गिर गईं और डूबने से उनकी मौत हो गई. श्रीदेवी एक रिश्तेदार की शादी में शामिल होने के लिए परिवार समेत दुबई आई हुई थीं.
सुबह के पौने 5 बजे थे. यह रात और सुबह के बीच का आखिरी पहर था. वो पहर जब नींद सबसे ज्यादा हावी होती है. पूरी दिल्ली की तरह तब करोल बाग की उस गली में भी सन्नाटा था. लेकिन ठीक इसी पहर में गली के अंदर एक-एक कर छह औरतें नजर आती हैं. उनमें से कुछ एक दुकान के बाहर बैठ जाती हैं और फिर कुछ ऐसा करती हैं जिसे सुनकर आप दांतों तले ऊंगली दबा लेंगे. दरअसल, ये औरतें चोर हैं और उनकी चोरी का तरीका भी अनूठा है. गली के अंदर घुसते ही उनमें से चार सीधे जिस दुकान के शटर के बाहर बैठती हैं वह उनका निशाना था. वह शटर केएल ज्वेलर्स का था. जिस समय यह सब हो रहा था, तभी दुकान के बाहर एक स्कूर भी खड़ा था. 4 बजकर 47 मिनट: पर्दा और पर्दे की पीछे आगे की कहानी बड़ी दिलचस्‍प लेकिन साथ ही हैरान करने वाली है. उन चार औरतों से एक औरत जो आगे बैठी थी अचानक उठती है और अपनी शॉल उतार कर फैला देती है. इसके अगले ही पल दूसरी औरत भी ठीक वैसा ही करती है और फिर बीच में बैठी तीसरी औरत भी अपनी शॉल उसी तरह फैला देती है. अब शॉल का पर्दा तन चुका था. कुछ इस तरह कि शॉल के पीछे क्या हो रहा है, कुछ दिखाई ना दे. पर तभी शायद गली में कोई आवाज आती है. सारी औरतें अचानक चौकन्नी हो जाती हैं. शॉल का पर्दा हट जाता है और सभी आराम से बैठ जाती हैं, ऐसे जैसे अभी गप्पें मार रही हों. 4 बजकर 49 मिनट जब सबको यकीन हो जाता है कि गली में कोई नहीं है तो फिर से वही पर्दा तन जाता है. शॉल के पर्दे के पीछे से अब पहली बार अचानक एक टॉर्च की रोशनी कौंधती है. पर्दे के पीछे काम जारी था. काम जौहरी की दुकान के शटर का निचला हिस्सा खोलने या तोड़ने का. उधर पीछे शटर तोड़ने का काम चल रहा था इधर पर्दा ताने आगे की तरफ बैठी औरतें गली के दोनों तरफ, ऊपर नीचे तरफ लगातार नजरें गड़ाई थीं. 4 बजकर 56 मिनट अभी पीछे शटर तोड़ने का काम जारी ही था कि तभी एक औरत उठती है और गली की दाईं तरफ चल पड़ती है. करीब 21 सेकेंड बाद वही औरत फिर से नजर आती है. वो वापस आ रही है पर इस बार उसके हाथ में छोटा थैला या छोटी बोरी जैसा कुछ सामन है. उसके अंदर शायद कुछ औजार है. वो वापस आती है और फिर से उसी तरह अपनी जगह पर बैठ जाती है. 4 बजकर 57 मिनट: दुकान के अंदर शायद शटर खोलने का काम पूरा हो चुका था इसीलिए उनमें से एक औरत अब खड़ी हो जाती है. आखिरकार वो घड़ी आ ही गई. शटर के बाहर आकर बैठने के करीब नौ मिनट शायद शटर के नीचे इतनी जगह बन चुकी थी कि अब दुकान में दाखिल हुआ जा सके. इसके बाद एक औरत अपना शॉल हटाती है और किसी तरह घिसटते हुए दुकान के अंदर घुस जाती है. इन छह औरतों में सबसे दुबली-पतली यही थी और इसिलिए उसे ही दुकान के अंदर जाना था. 4 बजकर 58 मिनट: फिर से सन्‍नाटा दुकान के अंदर घुसते ही अगले पांच सेकेंड में बाकी की पांचों औरतें उठ खड़ी होती हैं और फिर गली की बाईं तरफ चल पड़ती हैं. अपनी छठी साथी को छोड़कर. वही छठी औरत जो अब दुकान के अंदर है और शटर एक बार फिर से गिरा हुआ. गली में एक बार फिर सन्नाटा पसर जाता है. 5 बजकर 11 मिनट लगभग 15 मिनट के बाद पांचों औरतें अपनी छठी साथी के पास लौटती हैं. वही छठी साथी जिसे उन्‍होंने दुकान के अंदर छोड़ा था. एक बार फिर औरतें उसी अंदाज में शॉल का पर्दा बनाती हैं और उनमें से एक शटर को हल्‍के से पीटती हैं जैसे अपनी साथी को इशारा कर रही हों. 5 बजकर 13 मिनट: हो गया सफाया दुकान के अंदर से शटर के नीचे से वही दुबली-पतली औरत अब निकलती है. उसके हाथ में बहुत सारा सामान है जो वह अपनी साथी का देती है. सभी वहां से पलक झपकते गायब हो जाती हैं और एक बार फिर गली में सन्‍नाटा छा जाता है. ऐसे जैसे कभी कुछ हुआ ही नहीं. लाखों की चोरी और सीसीटीवी सुबह होती है और दुकान का मालिक जब दुकान खोलता है तो हक्‍का बक्‍का रह जाता है. शटर टूटा है. शटर के अंदर शीशे का दरवाजा है, जिसके लॉक को बड़ी सावधानी के साथ काट दिया गया है. दुकान से लाखों का माल गायब है और दुकान के सामने लगे सीसीटीवी कैमरे में चोरी की यह पूरी दास्‍तान कैद है. दिल्‍ली पुलिस का कहना है कि इससे पहले भी उसने कई महिला चोरों को पकड़ा है. लेकिन चोरी का तरीका नया है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में लगी है और चोर आजाद है.
लेख: म्यांमार से एक उच्च-स्तरीय मिलेट्री डेलिगेशन दिल्ली आ रहा है। इसका मकसद है उग्रवादियों के खिलाफ साझा ऑपरेशन का खाका तैयार करना। सूत्रों के मुताबिक ये दल इस बात पर चर्चा करेगा कि भारत-म्यांमार सीमा के साथ साथ सेजियांग इलाके में फैले उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई कैसे हो। म्यांमार का ये डेलिगेशन सेना के उच्च अधिकारियों के अलावा विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक करेगा। इसके बाद ये डेलीगेशन ईस्टर्न आर्मी कमांड हेडक्वार्टर, कोलकाता जाएगा, जहां उग्रवादियों के खिलाफ ऑपरेशन का रोड मैप तैयार होगा। म्यांमार सरकार ने अपना मिलेट्री डेलिगेशन फैसला भेजने का फैसला तब किया, जब पिछले हफ्ते राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने म्यांमार में उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की । डोभाल के साथ विदेश सचिव एस जयशंकर और ईस्टर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एमएमएस राय भी थे। म्यांमार के राष्ट्रपति थिन सेन सहित मौजूदा लीडरशीप ने भारत को भरोसा दिलाया है कि नार्थ ईस्ट में सक्रिय उग्रवादियों को म्यांमार भारत विरोधी गतिविधियों के लिए अपनी जमीन के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देगा। वहीं भारतीय प्रतिनिधि मंडल ने म्यांमार को कहा कि भारत से लगी सरहद पर म्यांमार सेना काफी कम तादाद में होने की वजह से उग्रवादियों की गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगाना संभव नहीं है। म्यांमार सेना की व्यवहारिक दिक्कतों को देखते हुए भारत ने कहा कि वो सरहद पर निगरानी और उग्रवादियों के बारे में खुफिया जानकारी साझा करने को तैयार है। म्यांमार, भारतीय सेना के साथ किए जाने वाले संयुक्त कार्रवाई के विरोध में नहीं है।टिप्पणियां इस यात्रा के दौरान म्यांमार की टीम उग्रवादियों के खिलाफ किए जाने वाले ऑपरेशन का पूरा खाका तैयार करेगी, जिससे कि दोनों देशों के बीच एक बेहतर सामरिक तालमेल बन सके। पश्चिमी म्यांमार में एसएस खपलांग सहित कई उग्रवादियों के ग्रुप सक्रिय हैं। 9 जून को भारत के स्पेशल फोर्सेज ने म्यांमार में मौजूद दो उग्रवादी कैंपों को तबाह कर दिया था। उधर, म्यांमार सरकार ने भारत को यकीन दिलाया है कि वो सीमा पर उग्रवादी संगठनों पर नजर रखेगा, साथ ही भारत से लगी सीमा पर ज्यादा से ज्यादा सेना की तैनाती भी करेगा। ईस्टर्न कमांड भी भारत-म्यांमार सीमा पर असम राइफल्स की तैनाती और बढ़ाएगा। सूत्रों के मुताबिक ये दल इस बात पर चर्चा करेगा कि भारत-म्यांमार सीमा के साथ साथ सेजियांग इलाके में फैले उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई कैसे हो। म्यांमार का ये डेलिगेशन सेना के उच्च अधिकारियों के अलावा विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक करेगा। इसके बाद ये डेलीगेशन ईस्टर्न आर्मी कमांड हेडक्वार्टर, कोलकाता जाएगा, जहां उग्रवादियों के खिलाफ ऑपरेशन का रोड मैप तैयार होगा। म्यांमार सरकार ने अपना मिलेट्री डेलिगेशन फैसला भेजने का फैसला तब किया, जब पिछले हफ्ते राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने म्यांमार में उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की । डोभाल के साथ विदेश सचिव एस जयशंकर और ईस्टर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एमएमएस राय भी थे। म्यांमार के राष्ट्रपति थिन सेन सहित मौजूदा लीडरशीप ने भारत को भरोसा दिलाया है कि नार्थ ईस्ट में सक्रिय उग्रवादियों को म्यांमार भारत विरोधी गतिविधियों के लिए अपनी जमीन के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देगा। वहीं भारतीय प्रतिनिधि मंडल ने म्यांमार को कहा कि भारत से लगी सरहद पर म्यांमार सेना काफी कम तादाद में होने की वजह से उग्रवादियों की गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगाना संभव नहीं है। म्यांमार सेना की व्यवहारिक दिक्कतों को देखते हुए भारत ने कहा कि वो सरहद पर निगरानी और उग्रवादियों के बारे में खुफिया जानकारी साझा करने को तैयार है। म्यांमार, भारतीय सेना के साथ किए जाने वाले संयुक्त कार्रवाई के विरोध में नहीं है।टिप्पणियां इस यात्रा के दौरान म्यांमार की टीम उग्रवादियों के खिलाफ किए जाने वाले ऑपरेशन का पूरा खाका तैयार करेगी, जिससे कि दोनों देशों के बीच एक बेहतर सामरिक तालमेल बन सके। पश्चिमी म्यांमार में एसएस खपलांग सहित कई उग्रवादियों के ग्रुप सक्रिय हैं। 9 जून को भारत के स्पेशल फोर्सेज ने म्यांमार में मौजूद दो उग्रवादी कैंपों को तबाह कर दिया था। उधर, म्यांमार सरकार ने भारत को यकीन दिलाया है कि वो सीमा पर उग्रवादी संगठनों पर नजर रखेगा, साथ ही भारत से लगी सीमा पर ज्यादा से ज्यादा सेना की तैनाती भी करेगा। ईस्टर्न कमांड भी भारत-म्यांमार सीमा पर असम राइफल्स की तैनाती और बढ़ाएगा। म्यांमार का ये डेलिगेशन सेना के उच्च अधिकारियों के अलावा विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक करेगा। इसके बाद ये डेलीगेशन ईस्टर्न आर्मी कमांड हेडक्वार्टर, कोलकाता जाएगा, जहां उग्रवादियों के खिलाफ ऑपरेशन का रोड मैप तैयार होगा। म्यांमार सरकार ने अपना मिलेट्री डेलिगेशन फैसला भेजने का फैसला तब किया, जब पिछले हफ्ते राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने म्यांमार में उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की । डोभाल के साथ विदेश सचिव एस जयशंकर और ईस्टर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एमएमएस राय भी थे। म्यांमार के राष्ट्रपति थिन सेन सहित मौजूदा लीडरशीप ने भारत को भरोसा दिलाया है कि नार्थ ईस्ट में सक्रिय उग्रवादियों को म्यांमार भारत विरोधी गतिविधियों के लिए अपनी जमीन के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देगा। वहीं भारतीय प्रतिनिधि मंडल ने म्यांमार को कहा कि भारत से लगी सरहद पर म्यांमार सेना काफी कम तादाद में होने की वजह से उग्रवादियों की गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगाना संभव नहीं है। म्यांमार सेना की व्यवहारिक दिक्कतों को देखते हुए भारत ने कहा कि वो सरहद पर निगरानी और उग्रवादियों के बारे में खुफिया जानकारी साझा करने को तैयार है। म्यांमार, भारतीय सेना के साथ किए जाने वाले संयुक्त कार्रवाई के विरोध में नहीं है।टिप्पणियां इस यात्रा के दौरान म्यांमार की टीम उग्रवादियों के खिलाफ किए जाने वाले ऑपरेशन का पूरा खाका तैयार करेगी, जिससे कि दोनों देशों के बीच एक बेहतर सामरिक तालमेल बन सके। पश्चिमी म्यांमार में एसएस खपलांग सहित कई उग्रवादियों के ग्रुप सक्रिय हैं। 9 जून को भारत के स्पेशल फोर्सेज ने म्यांमार में मौजूद दो उग्रवादी कैंपों को तबाह कर दिया था। उधर, म्यांमार सरकार ने भारत को यकीन दिलाया है कि वो सीमा पर उग्रवादी संगठनों पर नजर रखेगा, साथ ही भारत से लगी सीमा पर ज्यादा से ज्यादा सेना की तैनाती भी करेगा। ईस्टर्न कमांड भी भारत-म्यांमार सीमा पर असम राइफल्स की तैनाती और बढ़ाएगा। म्यांमार सरकार ने अपना मिलेट्री डेलिगेशन फैसला भेजने का फैसला तब किया, जब पिछले हफ्ते राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने म्यांमार में उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की । डोभाल के साथ विदेश सचिव एस जयशंकर और ईस्टर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एमएमएस राय भी थे। म्यांमार के राष्ट्रपति थिन सेन सहित मौजूदा लीडरशीप ने भारत को भरोसा दिलाया है कि नार्थ ईस्ट में सक्रिय उग्रवादियों को म्यांमार भारत विरोधी गतिविधियों के लिए अपनी जमीन के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देगा। वहीं भारतीय प्रतिनिधि मंडल ने म्यांमार को कहा कि भारत से लगी सरहद पर म्यांमार सेना काफी कम तादाद में होने की वजह से उग्रवादियों की गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगाना संभव नहीं है। म्यांमार सेना की व्यवहारिक दिक्कतों को देखते हुए भारत ने कहा कि वो सरहद पर निगरानी और उग्रवादियों के बारे में खुफिया जानकारी साझा करने को तैयार है। म्यांमार, भारतीय सेना के साथ किए जाने वाले संयुक्त कार्रवाई के विरोध में नहीं है।टिप्पणियां इस यात्रा के दौरान म्यांमार की टीम उग्रवादियों के खिलाफ किए जाने वाले ऑपरेशन का पूरा खाका तैयार करेगी, जिससे कि दोनों देशों के बीच एक बेहतर सामरिक तालमेल बन सके। पश्चिमी म्यांमार में एसएस खपलांग सहित कई उग्रवादियों के ग्रुप सक्रिय हैं। 9 जून को भारत के स्पेशल फोर्सेज ने म्यांमार में मौजूद दो उग्रवादी कैंपों को तबाह कर दिया था। उधर, म्यांमार सरकार ने भारत को यकीन दिलाया है कि वो सीमा पर उग्रवादी संगठनों पर नजर रखेगा, साथ ही भारत से लगी सीमा पर ज्यादा से ज्यादा सेना की तैनाती भी करेगा। ईस्टर्न कमांड भी भारत-म्यांमार सीमा पर असम राइफल्स की तैनाती और बढ़ाएगा। म्यांमार के राष्ट्रपति थिन सेन सहित मौजूदा लीडरशीप ने भारत को भरोसा दिलाया है कि नार्थ ईस्ट में सक्रिय उग्रवादियों को म्यांमार भारत विरोधी गतिविधियों के लिए अपनी जमीन के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देगा। वहीं भारतीय प्रतिनिधि मंडल ने म्यांमार को कहा कि भारत से लगी सरहद पर म्यांमार सेना काफी कम तादाद में होने की वजह से उग्रवादियों की गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगाना संभव नहीं है। म्यांमार सेना की व्यवहारिक दिक्कतों को देखते हुए भारत ने कहा कि वो सरहद पर निगरानी और उग्रवादियों के बारे में खुफिया जानकारी साझा करने को तैयार है। म्यांमार, भारतीय सेना के साथ किए जाने वाले संयुक्त कार्रवाई के विरोध में नहीं है।टिप्पणियां इस यात्रा के दौरान म्यांमार की टीम उग्रवादियों के खिलाफ किए जाने वाले ऑपरेशन का पूरा खाका तैयार करेगी, जिससे कि दोनों देशों के बीच एक बेहतर सामरिक तालमेल बन सके। पश्चिमी म्यांमार में एसएस खपलांग सहित कई उग्रवादियों के ग्रुप सक्रिय हैं। 9 जून को भारत के स्पेशल फोर्सेज ने म्यांमार में मौजूद दो उग्रवादी कैंपों को तबाह कर दिया था। उधर, म्यांमार सरकार ने भारत को यकीन दिलाया है कि वो सीमा पर उग्रवादी संगठनों पर नजर रखेगा, साथ ही भारत से लगी सीमा पर ज्यादा से ज्यादा सेना की तैनाती भी करेगा। ईस्टर्न कमांड भी भारत-म्यांमार सीमा पर असम राइफल्स की तैनाती और बढ़ाएगा। म्यांमार सेना की व्यवहारिक दिक्कतों को देखते हुए भारत ने कहा कि वो सरहद पर निगरानी और उग्रवादियों के बारे में खुफिया जानकारी साझा करने को तैयार है। म्यांमार, भारतीय सेना के साथ किए जाने वाले संयुक्त कार्रवाई के विरोध में नहीं है।टिप्पणियां इस यात्रा के दौरान म्यांमार की टीम उग्रवादियों के खिलाफ किए जाने वाले ऑपरेशन का पूरा खाका तैयार करेगी, जिससे कि दोनों देशों के बीच एक बेहतर सामरिक तालमेल बन सके। पश्चिमी म्यांमार में एसएस खपलांग सहित कई उग्रवादियों के ग्रुप सक्रिय हैं। 9 जून को भारत के स्पेशल फोर्सेज ने म्यांमार में मौजूद दो उग्रवादी कैंपों को तबाह कर दिया था। उधर, म्यांमार सरकार ने भारत को यकीन दिलाया है कि वो सीमा पर उग्रवादी संगठनों पर नजर रखेगा, साथ ही भारत से लगी सीमा पर ज्यादा से ज्यादा सेना की तैनाती भी करेगा। ईस्टर्न कमांड भी भारत-म्यांमार सीमा पर असम राइफल्स की तैनाती और बढ़ाएगा। इस यात्रा के दौरान म्यांमार की टीम उग्रवादियों के खिलाफ किए जाने वाले ऑपरेशन का पूरा खाका तैयार करेगी, जिससे कि दोनों देशों के बीच एक बेहतर सामरिक तालमेल बन सके। पश्चिमी म्यांमार में एसएस खपलांग सहित कई उग्रवादियों के ग्रुप सक्रिय हैं। 9 जून को भारत के स्पेशल फोर्सेज ने म्यांमार में मौजूद दो उग्रवादी कैंपों को तबाह कर दिया था। उधर, म्यांमार सरकार ने भारत को यकीन दिलाया है कि वो सीमा पर उग्रवादी संगठनों पर नजर रखेगा, साथ ही भारत से लगी सीमा पर ज्यादा से ज्यादा सेना की तैनाती भी करेगा। ईस्टर्न कमांड भी भारत-म्यांमार सीमा पर असम राइफल्स की तैनाती और बढ़ाएगा। उधर, म्यांमार सरकार ने भारत को यकीन दिलाया है कि वो सीमा पर उग्रवादी संगठनों पर नजर रखेगा, साथ ही भारत से लगी सीमा पर ज्यादा से ज्यादा सेना की तैनाती भी करेगा। ईस्टर्न कमांड भी भारत-म्यांमार सीमा पर असम राइफल्स की तैनाती और बढ़ाएगा।
JNU में हॉस्टल फीस में बदलाव के बाद भी छात्र शांत नहीं स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के पास अभद्र नारे लिखे गए छात्र नेताओं ने कहा- आंदोलन से ध्यान भटकाने की कोशिश जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में हॉस्टल फीस के ढांचे में बदलाव के बावजूद छात्रों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है. छात्र एक बार फिर गुरुवार को प्रशासनिक भवन में घुसे और हंगामा किया. इस बीच कुछ शरारती तत्वों ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर अभद्र टिप्पणियां कर दीं. उधर, छात्र नेताओं ने एक बयान जारी कर कहा कि उनका मकसद छात्रों की बुनियादी सुविधाएं के लिए संघर्ष करना है. उन्होंने प्रतिमा की खुद सफाई करके कहा कि ऐसी हरकतों के जरिए मुद्दे को भटकाने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी. छात्रों का हड़ताल आज भी जारी रहेगा. विकेकानंद की मूर्ति के पास आपत्तिजनक नारे कैंपस में कपड़े से ढककर रखी गई विकेकानंद की मूर्ति के आसपास आपत्तिजनक नारे लिखे गए थे. दीवारों पर वीसी के खिलाफ भी नारे लिखे गए. यह मूर्ति जनवरी में प्रशासन की ओर से लागई गई थी, लेकिन अब तक इसका अनावरण नहीं हुआ है. जेएनयू छात्र संघ का कहना है कि इस घटना के जरिए आंदोलन से ध्यान भटकाने की कोशिश हो रही है. एनएसयूआई अध्यक्ष सनी धीमान ने इस घटना की निंदा करते कहा कि मुझे नहीं लगता है कि जेएनयू का कोई भी छात्र ऐसा कर सकता है. उन्होंने बताया कि मूर्ति को क्षतिग्रस्त नहीं किया गया, बल्कि इस पर कुछ लिख दिया गया था. हालांकि अब हमने इसे साफ कर दिया है. वहीं, जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के छात्रों के विरोध-प्रदर्शन के बाद मोदी सरकार ने आखिरकार बढ़ी हुई हॉस्टल फीस रिवाइज कर दी है जो कि आंशिक रूप से प्रस्तावित फीस स्ट्रक्चर से कम है. साथ ही गरीब छात्रों को आर्थिक सहायता देने के लिए एक योजना प्रस्तावित की गई है.
कोच के पद से बर्खास्‍त किये जाने के बाद अपने आंसुओं पर काबू पाने की कोशिश में जुटे डिएगो माराडोना ने कहा कि अर्जेंटीना टीम के निदेशक कालरेस बिलाडरे ने उनके साथ विश्वासघात किया और अर्जेंटीना फुटबाल संघ के अध्यक्ष जूलियो ग्रोंडोना से झूठ बोला. एएफए के फैसले के एक दिन बाद माराडोना ने दावा किया कि बिलाडरे उनका पत्ता साफ करना चाहते थे जबकि ग्रोंडोना उनके काम पर खुशी जता चुके थे. अर्जेंटीना विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में जर्मनी से 4-0 से हारकर बाहर हो गया था. माराडोना ने कहा, ‘‘ग्रोंडोना ने मुझसे झूठ बोला. बिलाडरे ने मेरे साथ धोखा किया. जब हम जर्मनी के हाथों हार के सदमे में थे, तब बिलाडरे ने मुझे बाहर करने की साजिश रचनी शुरू कर दी थी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरी तकनीकी टीम और मैं काम जारी रखने को तैयार थे. ग्रोंडोना ने दक्षिण अफ्रीका में चेंजिंग रूम में मुझसे कहा था कि वह मेरे काम से खुश हैं और चाहते हैं कि मैं पद पर बना रहूं, लेकिन अर्जेंटीना पहुंचते ही हालात बदलने लगे.’’ बिलाडरे उस समय अर्जेंटीना के कोच थे और माराडोना स्टार खिलाड़ी थे जब 1986 में टीम ने विश्व कप जीता था. एएफए ने कई सप्ताह पहले कहा था कि वह माराडोना के साथ चार साल का नया करार करना चाहते हैं लेकिन माराडोना ने कहा कि ग्रोंडोना ने सोमवार को हुई बैठक में उनसे कहा कि वह अपने सात सहयोगियों के बिना काम जारी रख सकते हैं. माराडोना ने कहा कि यह शर्त उन्हें नागवार थी.
थेटा स्कोर्पाए (θ Sco, θ Scorpii), जिसका बायर नामांकन भी यही है, वॄश्चिक तारामंडल का एक तारा है। यह पृथ्वी से दिखने वाले सभी तारों में से ३९वाँ सब से रोशन तारा है। यह पृथ्वी से लगभग २७० प्रकाश वर्ष की दूरी पर है और पृथ्वी से इसका औसत सापेक्ष कांतिमान (यानि चमक का मैग्निट्यूड) १.८६ है। अन्य भाषाओँ में मध्य पूर्व की सुमेर सभ्यता थेटा स्कोर्पाए को "सरगस" के नाम से जानती थी। अंग्रेज़ी में "थेटा स्कोर्पाए" के पहले शब्द का उच्चारण "थ़ेटा" (theta) किया जाता है, जिसमें 'थ़' का उच्चारण 'थ' से ज़रा भिन्न है। विवरण थेटा स्कोर्पाए F1 II श्रेणी का एक पीले रंग का दानव तारा है। इसका व्यास (डायामीटर) सूरज के व्यास का २० गुना है और इसका द्रव्यमान सूरज के द्रव्यमान का ३.७ गुना है। इसकी निहित चमक (निरपेक्ष कान्तिमान) सूरज से ९६० गुना है। इन्हें भी देखें वॄश्चिक तारामंडल सबसे रोशन तारों की सूची दानव तारा सन्दर्भ तारे दानव तारे वॄश्चिक तारामंडल हिन्दी विकि डीवीडी परियोजना
भारतीय रिजर्व बैंक ने उपयोग की सुविधा बढ़ाने और सोशल मीडिया के जरिए अधिक लोगों तक पहुंचने के लिए अपनी वेबसाइट में सुधार किया है. यह बात एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताई. मुख्य महाप्रबंधक अल्पना किलावाला ने मुंबई से फोन पर कहा, 'हमने तीसरी बार सुझावों के आधार पर वेबसाइट में सुधार किया है. प्रौद्योगिकी के साथ तालमेल बिठाने के लिए सुधार किया जाता है. उन्होंने कहा कि नई वेबसाइट में सूचनाओं का पहले से ज्यादा वर्गीकरण किया गया है. इस नई वेबसाइट में सर्च सुविधा अधिक सक्षम है. उन्होंने यह भी कहा कि आरबीआई विभिन्न घोषणाओं की संक्षिप्त सूचनाएं ट्विटर पर भेजेगा और प्रेस विज्ञप्तियों, वरिष्ठ अधिकारियों के साक्षात्कारों को यूट्यूब पर डालेगा. उन्होंने कहा कि वेबसाइट के नवीनीकरण में छह महीने का समय लगा और हमारी साइट का आकार 60-70 जीबी है. -इनपुट IANS
रियलिटी शो 'बिग बॉस 5' के साथ भारत में लोकप्रियता हासिल कर चुकीं अभिनेत्री सनी लियोन अपनी आगामी एडल्ट कॉमेडी फिल्म 'मस्तीजादे' का प्रचार करने के लिए 'बिग बॉस 9' के घर में एक बार फिर प्रवेश करेंगी. सनी ने ट्विटर पर लिखा कि सभी को सुप्रभात! सोचो क्या! यह एक बार फिर होने वाला है! Morning everyone!Guess what!!??It's happening all over again!Going back 2my roots... @BiggBoss house @MastizaadeFilm pic.twitter.com/TwDV4Kdzwy — Sunny Leone (@SunnyLeone) January 17, 2016 'मस्तीजादे' के लिए 'बिग बॉस' के घर में वापसी. मिलाप जवेरी द्वारा निर्देशित 'मस्तीजादे' 29 जनवरी को रिलीज होगी. इसमें तुषार कपूर और वीर दास जैसे कलाकार हैं. सनी लियोन हाल में एक एलबम सॉन्‍ग 'सुपर गर्ल फ्रॉम चाइना' में नजर आई थीें. इसके अलावा जल्दी ही वो 'बेईमान लव' और 'वन नाइट स्टैंड' में भी नजर आएंगी. साल 2015 में वह 'एक पहेली लीला' और 'कुछ कुछ लोचा है' में लीड रोल कर चुकी हैं.
यह एक लेख है: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में जहरीली मिठाई खाने से तीन बच्चों सहित 14 लोगों की मौत हो गई। पुलिस के अनुसार यहां से करीब 325 किलोमीटर दूर लायाह जिले की एक दुकान से मिठाई एक बच्चे के जन्मदिन के मौके पर खरीदी गई थी।टिप्पणियां मिठाई परिवार के सात सदस्यों को दी गई और उनकी हालत बिगड़ने के बाद उनको अस्पताल ले जाया गया। कार्यकारी जिला अधिकारी अमीर अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा, ‘इन सातों के अलावा गांव के अन्य 25 लोगों ने उसी दुकान से खरीदी मिठाई खाई। इनमें से 14 लोगों की कल और आज के बीच मौत हो गई।’ उन्होंने कहा कि पांच और लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। मरने वालों में तीन बच्चे भी शामिल हैं। दुकान के मालिक खालिद महमूद के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) मिठाई परिवार के सात सदस्यों को दी गई और उनकी हालत बिगड़ने के बाद उनको अस्पताल ले जाया गया। कार्यकारी जिला अधिकारी अमीर अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा, ‘इन सातों के अलावा गांव के अन्य 25 लोगों ने उसी दुकान से खरीदी मिठाई खाई। इनमें से 14 लोगों की कल और आज के बीच मौत हो गई।’ उन्होंने कहा कि पांच और लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। मरने वालों में तीन बच्चे भी शामिल हैं। दुकान के मालिक खालिद महमूद के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
जर्मनी की ऑटो दिग्गज Volkswagen ने भारत में सब कॉम्पैक्ट सेडान Ameo लॉन्च की है. मुंबई एक्स शोरूम में इसकी शुरुआती कीमत 5.14 लाख रुपये है. कंपनी के मुताबिक यह मेड इन इंडिया और मेड फॉर इंडिया कार है. फिलहाल इसका पेट्रोल वैरिएंट ही उपलब्ध होगा. आपको बता दें कि भारत में Volkswagen की यह पहली 4 मीटर सेडान है. इसके तीन ट्रिम ऑप्शन्स हैं - ट्रेंडलाइन, कॉम्फर्टलाइन और हाइलाइन. इनकी कीमत 5.14 लाख रुपये से 6.91 लाख रुपये हैं. इसमें 1.2 लीटर MPI (तीन सिलिंडर) पेट्रोल इंजन के साथ 5-स्पीड मैनुअल गियर बॉक्स दिया गया है. सेफ्टी के लिए इसमें डुअल फ्रंट एयरबैग और एबीएस स्टैंडर्ड दिया गया है. इसकी बिक्री जुलाई से शुरू होगी. फीचर्स फीचर्स और स्टाइलिंग के मामले में यह काफी बेहतर है. इसके एक्सटीरियर में प्रोजेक्टर हेडलैंप्स, न्यू फ्रंट बंपर, फॉग लैंप्स और नया एलॉय व्हील लगाया गया है. इसके अलावा इसमें क्रूज कंट्रोल , रेन सेंसर वाइपर्स, एंटी पिंच पावर विंडो, फ्रंट आर्म रेस्ट और स्टैटिक कॉर्नरिंग लाइट्स दिए गए हैं.
प्रिया रैना एक भारतीय टेलीविजन अभिनेत्री, आरजे, हास्य अभिनेता, मेजबान और आवाज कलाकार है। वह सोनी टीवी के कॉमेडी शो कॉमेडी सर्कस का नया द्वार तथा सजन रे फिर झूठ मत बोलो के लिए सबसे अच्छी तरह से जाने जाते हैं। वह अन्य कॉमेडी कलाकारों के साथ जम्मू विश्वविद्यालय में एक कॉमेडी शो जी याहान कॉन् हंसा में दिखाई दी हैं।. उन्होंने रियलिटी शो इंडियाज गॉट टैलेंट में रंगों में भाग लेने के बाद बिग एफएम के साथ एक रेडियो जॉकी के रूप में अपना करियर शुरू किया। व्यक्तिगत जीवन प्रिया रैना का जन्म 5 नवंबर को कश्मीर, भारत में शुबन लाल रैना और रेखा रैना से हुआ था, जो कश्मीरी पंडितों की पीढ़ियों से संबंधित थे। [3] बिग एफएम के साथ उन्होंने रेडियो जॉकी के रूप में अपना करियर शुरू किया। इन्हें भी देखें मन्नत नूर कांची कौल चाहत खन्ना सना दुआ मोहित रैना सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ भारतीय टेलीविज़न अभिनेत्री भारतीय अभिनेत्री हिन्दी अभिनेत्री
जीएसटी लागू होने के बाद से भारतीय सेना को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. यही वजह है कि सेना ने भारतीय सरकार से कहा है कि उन्हें गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) से बाहर रखा जाए. सेना के एक उच्च अधिकारी ने पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि सेना ने सरकार से इसको लेकर अपील दे दी है और इस मुद्दे को बड़ी गंभीरता से उठाया है. टैक्स के नये नियमों के मुताबिक 2.5 लाख से ऊपर की हर खरीददारी पर GST लगाने का प्रावधान है. सेना के सूत्रों के अनुसार भारतीय सेना की यूनिट्स लगातार अपने ठिकानों में बदलाव करते रहती है. भारतीय सेना के सूत्रों के अनुसार ऐसे में उसे GST के लिए हर बार अलग से रजिस्टर करवाना पड़ता है क्योंकि वह राज्य आधारित है.  सेना के सूत्र ने बताया कि ऐसे में उसे हर बार जब तक नया रजिस्ट्रेशन न हो कोई स्थानीय खरीददारी नहीं हो सकती है. सेना बदलते रहती है लोकेशन सूत्र के अनुसार भारतीय सेना के यूनिट हर दो साल और कभी-कभी हर साल अपने ठिकानों में बदलाव करती है. साथ ही ऑपरेशनल कारणों की वजह से कई यूनिट्स राजधानी में तैनात न होकर राज्यों की सीमा में तैनात होती हैं. ऐसे में इससे अकाउंटिंग और प्रशासनिक दिक्कतें आती हैं. ठिकानों का पता चलने का खतरा यूनिट के एक जगह से दूसरे जगह जाने पर सिर्फ रजिस्ट्रेशन करना ही एक दिक्कत नहीं है. ज्योग्राफी और लोकेशन आधारित GST रजिस्ट्रेशन होने की वजह से यूनिट की कई जानकारी उसमें चली जाती है. इससे सुरक्षा का खतरा उत्पन्न हो सकता है. सूत्र के अनुसार ऐसे में सेना अपनी डिप्लॉयमेंट डिटेल्स और ज्योग्राफिक लोकेशन साझा करने में अच्छा महसूस नहीं कर रही है. सेना ने दिए दो विकल्प सूत्र के अनुसार सेना ने सरकार को दो विकल्प दिए हैं. एक उन्हें GST से बाहर किया जाए. दूसरा प्रिंसिपल कंपट्रोलर डिफेंस अकाउंट्स (PCDA) को सेना की ऑडिट और अकाउंट मैनेज करने का जिम्मा सौंपा जाए. GST के तहत PCDA को रजिस्टर किया जाए और उस रजिस्ट्रेशन पर सेना के यूनिट्स खरीददारी करे.
उत्तर प्रदेश में एक मुस्लिम परिवार पर बुधवार को एक चलती ट्रेन में भीड़ ने हमला कर दिया. हमलवारों ने रॉड से पिटाई करने के साथ ही परिवार को लूटा और सांप्रदायिक गालियां दी. यूपी के फर्रुखाबाद में हुए इस हमले के बाद पीड़ित परिवार के सदस्यों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इनमें महिला, पुरुष के साथ दिव्यांग बच्चा भी घायल है. ईद पर जुनैद के गांव का हाल, काली पट्टी बांधकर पढ़ी नमाजः ट्रेन में हुआ था मर्डर पुलिस ने बताया कि परिवार के 8 लोग गंभीर रूप से घायल हैं. इसमें कुछ की हालत गंभीर है. पुलिस ने तीन लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. हालांकि अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. दस लोगों का परिवार एक शादी कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद अपने शहर लौट रहा था. हालांकि हमले का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है. कुछ खबरों के मुताबिक दिव्यांग बच्चे से मोबाइल छीने जाने का परिवार के सदस्यों ने विरोध किया था. पुलिस के मुताबिक इसी के चलते भीड़ ने परिवार पर हमला कर दिया. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक कहासुनी के बाद हमले की आशंका के चलते परिवार ने अपने कंपार्टमेंट के दरवाजे बंद कर दिए थे, लेकिन दर्जनों की संख्या वाली भीड़ फिर भी बोगी में घुस गई. अस्पताल में भर्ती परिवार की एक महिला सदस्य ने कहा कि वे लोग हमें लगातार पीटते रहे, हमारे गहने लूट ले गए. परिवार के एक व्यक्ति ने रोते हुए कहा कि उनके छोटे बच्चे को भीड़ ने थप्पड़ मारे और पिटाई की. परिवार का दावा है कि इमरजेंसी 100 हेल्पलाइन नंबर काम नहीं कर रही थी और पुलिस समय पर नहीं आई. पिछले महीने इसी तरह का एक हमला नाबालिग जुनैद खान पर हुआ था, जो अपने दोस्त के साथ हरियाणा की एक ट्रेन में यात्रा कर रहा था. सीट को लेकर हुए झगड़े में 16 साल के जुनैद की जान चली गई. हत्यारी भीड़ ने जुनैद और उसके साथियों को बीफ खाने वाला बताकर पिटाई की थी.
मूल रूप से, विकिपीडिया क्लिफ्फोर्ड एडम्स (पहला चरण) द्वारा पर्ल में लिखे गए यूजमोडविकी पर चलता था, जिसे प्रारंभ में लेख हाइपरलिंक के लिए केमलकेस की आवश्यकता होती थी; वर्तमान डबल ब्रेकेट प्रणाली का समावेश बाद में किया गया।
ललित मोदी के मामले पर जो विवाद उठा है उस पर विपक्ष ने एक तरफ जहां सुषमा और वसुंधरा पर निशाना साधा हुआ है वहीं प्रधानमंत्री पर भी हमला तेज कर दिया है। कांग्रेस के सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री से कहा है कि बात बात पर ट्वीट करने वाले अब मौन क्यों हैं, क्या वे मौन मोदी बन गए हैं और उन्हें इस पर मन की बात करनी चाहिए। सरकार की दिक्कत ये है कि ललित मोदी को इमीग्रेशन के कागजात दिलवाने के फैसले को पूरी सरकार का फैसला ठहरा चुकी है और चिदंबरम यही सवाल उठा रहे हैं कि यदि यह पूरी सरकार का फैसला था तो प्रधानमंत्री की जिम्मेवारी ही बनती है। बीजेपी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर मौन व्रत रखने का आरोप लगाती रही थी और अब मौका कांग्रेस को मिला है और वह मोदी को मौन मोदी कह रही है। ये बात तो सही है कि सब यह सुनना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर क्या सोचते हैं। बीजेपी इसलिए चुप हो गई कि यदि इस मामले में वसुंधरा राजे पर कोई कारवाई की तो राजस्थान में पार्टी संकट में आ जाएगी क्योंकि राजस्थान बीजेपी खासकर विधायक दल वसुंधरा के पीछे पूरी तरह से खड़ा है। वसुंधरा और केन्द्रीय बीजेपी के बीच टकराव कोई नया नहीं है। पहले भी जब एक बार बीजेपी वसुंधरा को विपक्ष के नेता पद से हटाना चाहती थी तो वसुंधरा ने एक तरह से बगावत कर दी थी और अपने विधायकों को दिल्ली भेज दिया था। कई जानकार मानते हैं कि वसुंधरा पर कार्रवाई करने पर राजस्थान में बीजेपी टूट सकती है। दूसरे यदि वसुंधरा पर कार्रवाई हुई तो सुषमा का बचाव करना सरकार के लिए मुश्किल हो जाएगा और फिर बात प्रधानमंत्री तक जाएगी। ऐसे हालात में प्रधानमंत्री की चुप्पी थोड़ी असहज लग रही है क्योंकि प्रधानमंत्री अपने दिल की बात कहने के लिए जाने जाते हैं, सोशल मीडिया का उपयोग शानदार ढंग से करते हैं, उनको अपनी बात कहने के लिए किसी मंच की जरूरत नहीं है।टिप्पणियां ट्वीटर, फेसबुक से लेकर अब तो उनका अपना ऐप भी आ गया है। इसके आलावा भी उनके पास ढेरों साधन हैं जिससे वो लोगों तक इस मुद्दे पर अपनी राय बता सकते हैं। वैसे 28 जून को झारखंड में प्रधानमंत्री की एक रैली है, लोगों को उम्मीद है कि वहां प्रधानमंत्री जरूर ललित मोदी मुद्दे पर कुछ कहेंगे क्योंकि अक्सर रैलियों में वे अपने विरोधियों को जम कर अपने अंदाज में जबाब देते हैं। लोग मानते हैं कि भले ही प्रधानमंत्री अभी मौन मोदी बने हुए हैं मगर सही वक्त पर वे इसका करारा जबाब देंगे क्योंकि चुप रहना उनकी फितरत नहीं है। भले ही मनमोहन सिंह कहते थे कि हजारों जबाबों से अच्छी है खामोशी मेरी न जाने कितने सवालों की आबरू रख ली, मगर मौजूदा प्रधानमंत्री हर सवाल का करारा जबाब दिया जाएगा में विश्वास रखते हैं। इंतजार कीजिए थोड़े वक्त तक। सरकार की दिक्कत ये है कि ललित मोदी को इमीग्रेशन के कागजात दिलवाने के फैसले को पूरी सरकार का फैसला ठहरा चुकी है और चिदंबरम यही सवाल उठा रहे हैं कि यदि यह पूरी सरकार का फैसला था तो प्रधानमंत्री की जिम्मेवारी ही बनती है। बीजेपी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर मौन व्रत रखने का आरोप लगाती रही थी और अब मौका कांग्रेस को मिला है और वह मोदी को मौन मोदी कह रही है। ये बात तो सही है कि सब यह सुनना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर क्या सोचते हैं। बीजेपी इसलिए चुप हो गई कि यदि इस मामले में वसुंधरा राजे पर कोई कारवाई की तो राजस्थान में पार्टी संकट में आ जाएगी क्योंकि राजस्थान बीजेपी खासकर विधायक दल वसुंधरा के पीछे पूरी तरह से खड़ा है। वसुंधरा और केन्द्रीय बीजेपी के बीच टकराव कोई नया नहीं है। पहले भी जब एक बार बीजेपी वसुंधरा को विपक्ष के नेता पद से हटाना चाहती थी तो वसुंधरा ने एक तरह से बगावत कर दी थी और अपने विधायकों को दिल्ली भेज दिया था। कई जानकार मानते हैं कि वसुंधरा पर कार्रवाई करने पर राजस्थान में बीजेपी टूट सकती है। दूसरे यदि वसुंधरा पर कार्रवाई हुई तो सुषमा का बचाव करना सरकार के लिए मुश्किल हो जाएगा और फिर बात प्रधानमंत्री तक जाएगी। ऐसे हालात में प्रधानमंत्री की चुप्पी थोड़ी असहज लग रही है क्योंकि प्रधानमंत्री अपने दिल की बात कहने के लिए जाने जाते हैं, सोशल मीडिया का उपयोग शानदार ढंग से करते हैं, उनको अपनी बात कहने के लिए किसी मंच की जरूरत नहीं है।टिप्पणियां ट्वीटर, फेसबुक से लेकर अब तो उनका अपना ऐप भी आ गया है। इसके आलावा भी उनके पास ढेरों साधन हैं जिससे वो लोगों तक इस मुद्दे पर अपनी राय बता सकते हैं। वैसे 28 जून को झारखंड में प्रधानमंत्री की एक रैली है, लोगों को उम्मीद है कि वहां प्रधानमंत्री जरूर ललित मोदी मुद्दे पर कुछ कहेंगे क्योंकि अक्सर रैलियों में वे अपने विरोधियों को जम कर अपने अंदाज में जबाब देते हैं। लोग मानते हैं कि भले ही प्रधानमंत्री अभी मौन मोदी बने हुए हैं मगर सही वक्त पर वे इसका करारा जबाब देंगे क्योंकि चुप रहना उनकी फितरत नहीं है। भले ही मनमोहन सिंह कहते थे कि हजारों जबाबों से अच्छी है खामोशी मेरी न जाने कितने सवालों की आबरू रख ली, मगर मौजूदा प्रधानमंत्री हर सवाल का करारा जबाब दिया जाएगा में विश्वास रखते हैं। इंतजार कीजिए थोड़े वक्त तक। बीजेपी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर मौन व्रत रखने का आरोप लगाती रही थी और अब मौका कांग्रेस को मिला है और वह मोदी को मौन मोदी कह रही है। ये बात तो सही है कि सब यह सुनना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर क्या सोचते हैं। बीजेपी इसलिए चुप हो गई कि यदि इस मामले में वसुंधरा राजे पर कोई कारवाई की तो राजस्थान में पार्टी संकट में आ जाएगी क्योंकि राजस्थान बीजेपी खासकर विधायक दल वसुंधरा के पीछे पूरी तरह से खड़ा है। वसुंधरा और केन्द्रीय बीजेपी के बीच टकराव कोई नया नहीं है। पहले भी जब एक बार बीजेपी वसुंधरा को विपक्ष के नेता पद से हटाना चाहती थी तो वसुंधरा ने एक तरह से बगावत कर दी थी और अपने विधायकों को दिल्ली भेज दिया था। कई जानकार मानते हैं कि वसुंधरा पर कार्रवाई करने पर राजस्थान में बीजेपी टूट सकती है। दूसरे यदि वसुंधरा पर कार्रवाई हुई तो सुषमा का बचाव करना सरकार के लिए मुश्किल हो जाएगा और फिर बात प्रधानमंत्री तक जाएगी। ऐसे हालात में प्रधानमंत्री की चुप्पी थोड़ी असहज लग रही है क्योंकि प्रधानमंत्री अपने दिल की बात कहने के लिए जाने जाते हैं, सोशल मीडिया का उपयोग शानदार ढंग से करते हैं, उनको अपनी बात कहने के लिए किसी मंच की जरूरत नहीं है।टिप्पणियां ट्वीटर, फेसबुक से लेकर अब तो उनका अपना ऐप भी आ गया है। इसके आलावा भी उनके पास ढेरों साधन हैं जिससे वो लोगों तक इस मुद्दे पर अपनी राय बता सकते हैं। वैसे 28 जून को झारखंड में प्रधानमंत्री की एक रैली है, लोगों को उम्मीद है कि वहां प्रधानमंत्री जरूर ललित मोदी मुद्दे पर कुछ कहेंगे क्योंकि अक्सर रैलियों में वे अपने विरोधियों को जम कर अपने अंदाज में जबाब देते हैं। लोग मानते हैं कि भले ही प्रधानमंत्री अभी मौन मोदी बने हुए हैं मगर सही वक्त पर वे इसका करारा जबाब देंगे क्योंकि चुप रहना उनकी फितरत नहीं है। भले ही मनमोहन सिंह कहते थे कि हजारों जबाबों से अच्छी है खामोशी मेरी न जाने कितने सवालों की आबरू रख ली, मगर मौजूदा प्रधानमंत्री हर सवाल का करारा जबाब दिया जाएगा में विश्वास रखते हैं। इंतजार कीजिए थोड़े वक्त तक। बीजेपी इसलिए चुप हो गई कि यदि इस मामले में वसुंधरा राजे पर कोई कारवाई की तो राजस्थान में पार्टी संकट में आ जाएगी क्योंकि राजस्थान बीजेपी खासकर विधायक दल वसुंधरा के पीछे पूरी तरह से खड़ा है। वसुंधरा और केन्द्रीय बीजेपी के बीच टकराव कोई नया नहीं है। पहले भी जब एक बार बीजेपी वसुंधरा को विपक्ष के नेता पद से हटाना चाहती थी तो वसुंधरा ने एक तरह से बगावत कर दी थी और अपने विधायकों को दिल्ली भेज दिया था। कई जानकार मानते हैं कि वसुंधरा पर कार्रवाई करने पर राजस्थान में बीजेपी टूट सकती है। दूसरे यदि वसुंधरा पर कार्रवाई हुई तो सुषमा का बचाव करना सरकार के लिए मुश्किल हो जाएगा और फिर बात प्रधानमंत्री तक जाएगी। ऐसे हालात में प्रधानमंत्री की चुप्पी थोड़ी असहज लग रही है क्योंकि प्रधानमंत्री अपने दिल की बात कहने के लिए जाने जाते हैं, सोशल मीडिया का उपयोग शानदार ढंग से करते हैं, उनको अपनी बात कहने के लिए किसी मंच की जरूरत नहीं है।टिप्पणियां ट्वीटर, फेसबुक से लेकर अब तो उनका अपना ऐप भी आ गया है। इसके आलावा भी उनके पास ढेरों साधन हैं जिससे वो लोगों तक इस मुद्दे पर अपनी राय बता सकते हैं। वैसे 28 जून को झारखंड में प्रधानमंत्री की एक रैली है, लोगों को उम्मीद है कि वहां प्रधानमंत्री जरूर ललित मोदी मुद्दे पर कुछ कहेंगे क्योंकि अक्सर रैलियों में वे अपने विरोधियों को जम कर अपने अंदाज में जबाब देते हैं। लोग मानते हैं कि भले ही प्रधानमंत्री अभी मौन मोदी बने हुए हैं मगर सही वक्त पर वे इसका करारा जबाब देंगे क्योंकि चुप रहना उनकी फितरत नहीं है। भले ही मनमोहन सिंह कहते थे कि हजारों जबाबों से अच्छी है खामोशी मेरी न जाने कितने सवालों की आबरू रख ली, मगर मौजूदा प्रधानमंत्री हर सवाल का करारा जबाब दिया जाएगा में विश्वास रखते हैं। इंतजार कीजिए थोड़े वक्त तक। कई जानकार मानते हैं कि वसुंधरा पर कार्रवाई करने पर राजस्थान में बीजेपी टूट सकती है। दूसरे यदि वसुंधरा पर कार्रवाई हुई तो सुषमा का बचाव करना सरकार के लिए मुश्किल हो जाएगा और फिर बात प्रधानमंत्री तक जाएगी। ऐसे हालात में प्रधानमंत्री की चुप्पी थोड़ी असहज लग रही है क्योंकि प्रधानमंत्री अपने दिल की बात कहने के लिए जाने जाते हैं, सोशल मीडिया का उपयोग शानदार ढंग से करते हैं, उनको अपनी बात कहने के लिए किसी मंच की जरूरत नहीं है।टिप्पणियां ट्वीटर, फेसबुक से लेकर अब तो उनका अपना ऐप भी आ गया है। इसके आलावा भी उनके पास ढेरों साधन हैं जिससे वो लोगों तक इस मुद्दे पर अपनी राय बता सकते हैं। वैसे 28 जून को झारखंड में प्रधानमंत्री की एक रैली है, लोगों को उम्मीद है कि वहां प्रधानमंत्री जरूर ललित मोदी मुद्दे पर कुछ कहेंगे क्योंकि अक्सर रैलियों में वे अपने विरोधियों को जम कर अपने अंदाज में जबाब देते हैं। लोग मानते हैं कि भले ही प्रधानमंत्री अभी मौन मोदी बने हुए हैं मगर सही वक्त पर वे इसका करारा जबाब देंगे क्योंकि चुप रहना उनकी फितरत नहीं है। भले ही मनमोहन सिंह कहते थे कि हजारों जबाबों से अच्छी है खामोशी मेरी न जाने कितने सवालों की आबरू रख ली, मगर मौजूदा प्रधानमंत्री हर सवाल का करारा जबाब दिया जाएगा में विश्वास रखते हैं। इंतजार कीजिए थोड़े वक्त तक। ट्वीटर, फेसबुक से लेकर अब तो उनका अपना ऐप भी आ गया है। इसके आलावा भी उनके पास ढेरों साधन हैं जिससे वो लोगों तक इस मुद्दे पर अपनी राय बता सकते हैं। वैसे 28 जून को झारखंड में प्रधानमंत्री की एक रैली है, लोगों को उम्मीद है कि वहां प्रधानमंत्री जरूर ललित मोदी मुद्दे पर कुछ कहेंगे क्योंकि अक्सर रैलियों में वे अपने विरोधियों को जम कर अपने अंदाज में जबाब देते हैं। लोग मानते हैं कि भले ही प्रधानमंत्री अभी मौन मोदी बने हुए हैं मगर सही वक्त पर वे इसका करारा जबाब देंगे क्योंकि चुप रहना उनकी फितरत नहीं है। भले ही मनमोहन सिंह कहते थे कि हजारों जबाबों से अच्छी है खामोशी मेरी न जाने कितने सवालों की आबरू रख ली, मगर मौजूदा प्रधानमंत्री हर सवाल का करारा जबाब दिया जाएगा में विश्वास रखते हैं। इंतजार कीजिए थोड़े वक्त तक। लोग मानते हैं कि भले ही प्रधानमंत्री अभी मौन मोदी बने हुए हैं मगर सही वक्त पर वे इसका करारा जबाब देंगे क्योंकि चुप रहना उनकी फितरत नहीं है। भले ही मनमोहन सिंह कहते थे कि हजारों जबाबों से अच्छी है खामोशी मेरी न जाने कितने सवालों की आबरू रख ली, मगर मौजूदा प्रधानमंत्री हर सवाल का करारा जबाब दिया जाएगा में विश्वास रखते हैं। इंतजार कीजिए थोड़े वक्त तक।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तहत बुधवार को शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुए तीसरे चरण के मतदान में 57 से 58 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकर का इस्तेमाल किया। मुख्य निर्वाचन अधिकारी उमेश सिन्हा ने आईएएनएस को बताया कि अनुमान है कि 57 से 58 फीसदी मतदान हुआ है। यह आंकड़ा पिछले चुनाव की तुलना में अधिक है। पिछले विधानसभा चुनाव में 42.6 फीसदी मतदान हुआ था। इस तरह कुल 1,018 प्रत्याशियों की किस्मत इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में कैद हो गई। तीसरे चरण में 10 जिलों की 56 सीटों के लिए मतदान हुआ।टिप्पणियां जिन 10 जिलों में मतदान संपन्न हुआ उनमें छत्रपति शाहूजी महाराजनगर, सुल्तानपुर, कौशाम्बी, जौनपुर, वाराणसी, सोनभद्र, मिर्जापुर, इलाहबाद, भदोही और चंदौली शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि पहले चरण में 62 फीसदी और दूसरे चरण में 59 फीसदी मतदान हुआ था। मुख्य निर्वाचन अधिकारी उमेश सिन्हा ने आईएएनएस को बताया कि अनुमान है कि 57 से 58 फीसदी मतदान हुआ है। यह आंकड़ा पिछले चुनाव की तुलना में अधिक है। पिछले विधानसभा चुनाव में 42.6 फीसदी मतदान हुआ था। इस तरह कुल 1,018 प्रत्याशियों की किस्मत इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में कैद हो गई। तीसरे चरण में 10 जिलों की 56 सीटों के लिए मतदान हुआ।टिप्पणियां जिन 10 जिलों में मतदान संपन्न हुआ उनमें छत्रपति शाहूजी महाराजनगर, सुल्तानपुर, कौशाम्बी, जौनपुर, वाराणसी, सोनभद्र, मिर्जापुर, इलाहबाद, भदोही और चंदौली शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि पहले चरण में 62 फीसदी और दूसरे चरण में 59 फीसदी मतदान हुआ था। इस तरह कुल 1,018 प्रत्याशियों की किस्मत इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में कैद हो गई। तीसरे चरण में 10 जिलों की 56 सीटों के लिए मतदान हुआ।टिप्पणियां जिन 10 जिलों में मतदान संपन्न हुआ उनमें छत्रपति शाहूजी महाराजनगर, सुल्तानपुर, कौशाम्बी, जौनपुर, वाराणसी, सोनभद्र, मिर्जापुर, इलाहबाद, भदोही और चंदौली शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि पहले चरण में 62 फीसदी और दूसरे चरण में 59 फीसदी मतदान हुआ था। जिन 10 जिलों में मतदान संपन्न हुआ उनमें छत्रपति शाहूजी महाराजनगर, सुल्तानपुर, कौशाम्बी, जौनपुर, वाराणसी, सोनभद्र, मिर्जापुर, इलाहबाद, भदोही और चंदौली शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि पहले चरण में 62 फीसदी और दूसरे चरण में 59 फीसदी मतदान हुआ था। उल्लेखनीय है कि पहले चरण में 62 फीसदी और दूसरे चरण में 59 फीसदी मतदान हुआ था।
भोपाल के आकांक्षा मर्डर केस के आरोपी साइकोपैथ किलर उदयन दास की आकांक्षा के अलावा भी 11 गर्लफ्रेंड थीं. यह खुलासा पुलिस ने जांच के बाद किया है. यही नहीं सोशल साइट्स पर इस शातिर के सौ से ज्यादा खाते मौजूद हैं. जिनका इस्तेमाल यह लड़कियों को फंसाने के लिए करता था. एक दर्जन गर्लफ्रेंड 32 साल के साइको किलर उदयन की एक नहीं बल्कि एक दर्जन गर्लफ्रेंड थीं. यह खुलासा खुद आरोपी से पूछताछ करने वाली बांकुरा पुलिस ने किया है. आरोपी ने पुलिस को बताया कि आकांक्षा के अलावा उसकी कई गर्लफ्रेंड थीं. ऐसे में पुलिस के सामने बड़ा सवाल है कि आखिर उसकी अन्य ग्यारह गर्लफ्रेंड कहां हैं? कौन हैं वो लड़कियां? इन सवालों के जवाब जानने के लिए पुलिस उदयन के मोबाइल फोन से मिले लड़कियों के नंबरों की जांच कर रही है. फेसबुक पर सैंकडो फर्जी अकाउंट इंजीनियरिंग में दो बार फेल हो चुका साइकोपैथ किलर उदयन लड़कियों को फंसाने के लिए अपने फेसबुक अकाउंट का इस्तेमाल करता था. पुलिस को जांच में पता चला है कि उसने फेसबुक पर एक नहीं, दो नहीं बल्कि 110 फर्जी अकाउंट बना रखे थे. वो अधिकांश खाते रेयान, करण ग्रोवर, राजीव और अंजलि के नाम से ऑपरेट करता था. इन्हीं खातों के जरिए वह लड़कियों से दोस्ती करता था. आकांक्षा से भी उसकी दोस्ती फेसबुक पर ही हुई थी. पुलिस रिमांड पर उदयन भोपाल से वेस्ट बंगाल के बांकुरा लाए जाने के बाद उदयन दास को बांकुरा की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पेश किया गया था. जहां से उसे कोर्ट ने आठ दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया. दास पर आरोप है कि उसने अपने माता-पिता और गर्लफ्रेंड को मौत के घाट उतार कर उन्हें जमीन में दफना दिया था. ढाई हजार अंग्रेजी फिल्मों की सीडी बरामद आरोपी उदयन दास के कब्जे से पुलिस ने अंग्रेजी फिल्मों की 2500 सीडी बरामद की हैं. वह अक्सर अंग्रेजी फिल्में ही देखा करता था. पुलिस को पूछताछ में पता चला कि उसे आकांक्षा के कत्ल की साजिश का आइडिया भी एक अमेरिकन फिल्म देखकर ही मिला था. उसी फिल्म की तर्ज पर उसने अपनी गर्लफ्रेंड का मर्डर किया था. तीन कत्ल का इल्जाम अब तक 3 कत्ल को अंजाम देने की सनसनीखेज हकीकत को स्वीकार करने वाले साइको किलर उद्यन दास के दिलो दिमाग में ना जाने कितनी और डरावनी सच्चाइयां दफ्न हैं. 2011 में पहले अपने मां बाप का रायपुर में मर्डर किया. फिर 2016 के आखिरी महीने में अपनी गर्लफ्रेंड आकांक्षा शर्मा को मौत के घाट उतार दिया. यही नहीं उसकी लाश को कमरे में ही दफ्न कर दिया था. बांकुरा पुलिस कर रही है पूछताछ उदयन दास से पश्चिम बंगाल की बांकुरा पुलिस पूछताछ कर रही है. पूछताछ में कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं. किलर उद्यन की जुबां और सबूतों ने जो साक्ष्य पेश किए हैं. उसे जानकर पुलिस वालों के भी होश उड़ गए हैं. आरोपी उदयन एक के बाद एक खुलासे कर रहा है. अपने जुर्म के पन्ने खोल रहा है. पुलिस को उम्मीद है कि उदयन से पूछताछ के दौरान अभी और चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं.
पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमत में प्रति लीटर 1.57 रुपये की वृद्धि हुई है। इसके बाद पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमत प्रति लीटर 135 रुपये हो गई है। जियो टीवी के अनुसार, पाकिस्तान के तेल एवं गैस नियामक प्राधिकरण ने पेट्रोल की कीमत में वृद्धि की घोषणा की। प्राधिकरण ने हालांकि डीजल की कीमत में 3.52 रुपये प्रति लीटर तथा केरोसिन की कीमत में 4.23 रुपये प्रति लीटर की कमी की। जियो टीवी के अनुसार, पाकिस्तान के तेल एवं गैस नियामक प्राधिकरण ने पेट्रोल की कीमत में वृद्धि की घोषणा की। प्राधिकरण ने हालांकि डीजल की कीमत में 3.52 रुपये प्रति लीटर तथा केरोसिन की कीमत में 4.23 रुपये प्रति लीटर की कमी की।
फिल्म का नाम: डोंट ब्रीद डायरेक्टर: फेदे अल्वारेज स्टार कास्ट: जेन लेवी, दिल्लैन मिन्नेट, डेनियल जोवैटो , स्टीफन लैंग अवधि: 1 घंटा 30 मिनट सर्टिफिकेट: A रेटिंग: 3.5 स्टार डायरेक्टर फेदे अल्वारेज ने अपने करियर की शुरुआत में कई सारी शॉर्ट फिल्में बनाने के बाद साल 2013 में 'ईविल डेड' नामक फिल्म डायरेक्ट की. सुपरनैचुरल पावर्स पर आधारित फिल्म 'ईविल डेड' को अच्छा रिस्पॉन्स भी मिला और अब, लगभग तीन साल के बाद फेड ने हॉरर थ्रिलर फिल्म 'डोंट ब्रीद' बनाई है, आइए फिल्म जानते हैं कैसी है यह फिल्म. कहानी यह 3 दोस्तों के ग्रुप की कहानी है, जिसमें रॉकी (जेन लेवी), एलेक्स (दिल्लैन मिन्नेट) और मनी (डेनियल जोवैटो) हैं. ये तीनो युवा, युद्ध में अपनी आंखे गंवा चुके एक अमीर मिलिट्री मैन (स्टीफन लैंग) के घर में चोरी करने के लिए घुसते हैं. उन्हें लगता है कि वे अपने काम में सफल हो जाएंगे लेकिन कहानी में कई सारे उतार-चढ़ाव आते हैं और अंत में इन तीनो युवाओं को जिंदा रहने के लिए मिलिट्री मैन से मुकाबला करना पड़ता है. अब क्या ये युवा, चोरी कर पाने में सफल हो पाते हैं या कोई और ट्विस्ट आता है, इसका पता आपको फिल्म देखने के बाद ही चलेगा. स्क्रिप्ट फिल्म की कहानी काफी दिलचस्प है और सबसे बड़ी बात इसका स्क्रीनप्ले है. जिस तरह से फेड ने रोडो सयागेस के साथ मिलकर इतनी क्रिस्प कहानी लिखी है, वो काबिल-ए-तारीफ है. उससे भी बड़ी बात है जिस तरह से 90 मिनट के भीतर इस पूरी कहानी को दर्शाया गया है वो भी एक सराहनीय बात है, फिल्म में पेड्रो ल्यूक की सिनेमेटोग्राफी कमाल की है और पोस्ट प्रोडक्शन में किया गया काम और इफेक्ट्स भी काफी उम्दा हैं. अभिनय फिल्म के हर किरदार जैसे जेन लेवी, दिल्लैन मिन्नेट,डेनियल जोवैटो, स्टीफेन लैंग और जेन ग्रेव्स ने अपना-अपना किरदार बखूबी निभाया है. स्टीफेन और डेनियल के बीच की फाइट सिक्वेंस भी कमाल की है. कमजोर कड़ी फिल्म का क्लाइमेक्स थोड़ा और बेहतर किया जा सकता था और कुछ किरदारों को ज्यादा एस्टेब्लिश नहीं किया गया है, अगर ऐसा होता तो फिल्म और भी ज्यादा दिलचस्प बन जाती. आर्मी मैन की बेटी के किरदार को अच्छे तरीके से दर्शाना चाहिए था. संगीत फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर कमाल का है जिसके लिए रॉक बैनस की प्रशंसा की जाएगी. मौके की नजाकत के हिसाब से ही उन्होंने संगीत बनाया है. क्यों देखें अगर आपको बेहतर सस्पेंस थ्रिलर फिल्में पसंद हैं, तो जरूर देखें.
राष्ट्रीय दूरसंवेदी केंद्र भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का एक प्रमुख केंद्र है। यह हैदराबाद में स्थित है। यहाँ दूरसंवेदी गतिविधियाँ होती हैं। यहाँ उपग्रह द्वारा लिए गए चित्रों को उपयोगकर्ताओं एवं जनसामान्य तक पहुँचाने का कार्य किया जाता है। नगरीय योजना, कृषि, खनन और मात्स्यिकी में इस केंद्र का योगदान उल्लेखनीय है। इन्हें भी देखें सुदूर संवेदन भौगोलिक सूचना तंत्र भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह प्रणाली सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ आधिकारिक वेबसाइट भौगोलिक सूचना तंत्र सुदूर संवेदन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन
यह लेख है: अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि उस कांड के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा को कोई चोट नहीं पहुंची है जिसमें विवाहेत्तर संबंधों के कारण सीआईए के निदेशक डेविड पेट्रियास को पद छोड़ना पड़ा।टिप्पणियां इस प्रकरण में पेट्रियास का नाम सामने आने के बाद से पहली बार सार्वजनिक तौर पर ओबामा ने टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि अभी इस क्षण उनके पास ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जिससे ऐसा लगे कि राष्ट्रीय हित को चोट पहुंची है। दूसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने के बाद पहली बार संवाददाता सम्मेलन में ओबामा ने कहा, ‘‘अभी हमारे पास ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि गोपनीय सूचनाओं में जो कुछ देखा है उससे राष्ट्रीय सुरक्षा पर कोई चोट पहुंची है।’’ इस प्रकरण में पेट्रियास का नाम सामने आने के बाद से पहली बार सार्वजनिक तौर पर ओबामा ने टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि अभी इस क्षण उनके पास ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जिससे ऐसा लगे कि राष्ट्रीय हित को चोट पहुंची है। दूसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने के बाद पहली बार संवाददाता सम्मेलन में ओबामा ने कहा, ‘‘अभी हमारे पास ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि गोपनीय सूचनाओं में जो कुछ देखा है उससे राष्ट्रीय सुरक्षा पर कोई चोट पहुंची है।’’ दूसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने के बाद पहली बार संवाददाता सम्मेलन में ओबामा ने कहा, ‘‘अभी हमारे पास ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि गोपनीय सूचनाओं में जो कुछ देखा है उससे राष्ट्रीय सुरक्षा पर कोई चोट पहुंची है।’’
यूपीए द्वारा हामिद अंसारी को उप राष्ट्रपति के तौर पर उतारने के बाद विपक्षी खेमे से जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष शरद यादव को मुकाबले में उतारे जाने की तैयारी है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा के कुछ नेता और अन्य पार्टियों के कुछ नेताओं ने शरद यादव से इस संबंध में बात भी की है। माना जा रहा है कि वह अन्य दलों का समर्थन भी जुटा सकते हैं। 2010 और 2012 में पेट्रोल के दामों में इजाफे के बाद शरद यादव ही ‘भारत बंद’ के आयोजन में आगे रहे थे जिसको वाम दलों और दक्षिणपंथी दलों का भी समर्थन मिला था। जद (यू) कहता आया है कि उप राष्ट्रपति चुनाव राष्ट्रपति चुनावों से अलग होगा और इसमें विपक्ष एकजुट रहेगा।टिप्पणियां राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के सहयोगी दल जद(यू) और शिवसेना ने भाजपा के विपरीत जाकर यूपीए उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी को समर्थन दिया है। उप राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार के तौर पर पहले अकाली दल के प्रमुख प्रकाश सिंह बादल और भाजपा नेता जसवंत सिंह का भी नाम चर्चा में था। सूत्रों के अनुसार, भाजपा के कुछ नेता और अन्य पार्टियों के कुछ नेताओं ने शरद यादव से इस संबंध में बात भी की है। माना जा रहा है कि वह अन्य दलों का समर्थन भी जुटा सकते हैं। 2010 और 2012 में पेट्रोल के दामों में इजाफे के बाद शरद यादव ही ‘भारत बंद’ के आयोजन में आगे रहे थे जिसको वाम दलों और दक्षिणपंथी दलों का भी समर्थन मिला था। जद (यू) कहता आया है कि उप राष्ट्रपति चुनाव राष्ट्रपति चुनावों से अलग होगा और इसमें विपक्ष एकजुट रहेगा।टिप्पणियां राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के सहयोगी दल जद(यू) और शिवसेना ने भाजपा के विपरीत जाकर यूपीए उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी को समर्थन दिया है। उप राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार के तौर पर पहले अकाली दल के प्रमुख प्रकाश सिंह बादल और भाजपा नेता जसवंत सिंह का भी नाम चर्चा में था। 2010 और 2012 में पेट्रोल के दामों में इजाफे के बाद शरद यादव ही ‘भारत बंद’ के आयोजन में आगे रहे थे जिसको वाम दलों और दक्षिणपंथी दलों का भी समर्थन मिला था। जद (यू) कहता आया है कि उप राष्ट्रपति चुनाव राष्ट्रपति चुनावों से अलग होगा और इसमें विपक्ष एकजुट रहेगा।टिप्पणियां राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के सहयोगी दल जद(यू) और शिवसेना ने भाजपा के विपरीत जाकर यूपीए उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी को समर्थन दिया है। उप राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार के तौर पर पहले अकाली दल के प्रमुख प्रकाश सिंह बादल और भाजपा नेता जसवंत सिंह का भी नाम चर्चा में था। जद (यू) कहता आया है कि उप राष्ट्रपति चुनाव राष्ट्रपति चुनावों से अलग होगा और इसमें विपक्ष एकजुट रहेगा।टिप्पणियां राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के सहयोगी दल जद(यू) और शिवसेना ने भाजपा के विपरीत जाकर यूपीए उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी को समर्थन दिया है। उप राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार के तौर पर पहले अकाली दल के प्रमुख प्रकाश सिंह बादल और भाजपा नेता जसवंत सिंह का भी नाम चर्चा में था। राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के सहयोगी दल जद(यू) और शिवसेना ने भाजपा के विपरीत जाकर यूपीए उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी को समर्थन दिया है। उप राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार के तौर पर पहले अकाली दल के प्रमुख प्रकाश सिंह बादल और भाजपा नेता जसवंत सिंह का भी नाम चर्चा में था। उप राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार के तौर पर पहले अकाली दल के प्रमुख प्रकाश सिंह बादल और भाजपा नेता जसवंत सिंह का भी नाम चर्चा में था।
पेट्रोलियम कंपनियों के रोज पेट्रोल-डीजल के दाम बदलने के प्रस्ताव के विरोध में डीलरों द्वारा आहूत हड़ताल बुधवार को वापस ले ली गई है. इसके साथ ही शुक्रवार (16 जून) से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में रोज बदलाव का रास्ता साफ हो गया है. सरकार ने डीलरों की यह मांग मान ली है कि कीमतों की घोषणा आधी रात को करने के बजाए सुबह छह बजे की जाए. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को यहां पत्रकारों से कहा कि डीलर नए समय और देशव्यापी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में संशोधन 16 जून से करने पर राजी हो गए हैं. वर्तमान में, सरकारी तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों के आधार पर खुदरा ईंधन के मूल्य की हर पखवाड़े समीक्षा करती हैं और उसे संशोधित करती हैं. इसके बाद मध्यरात्रि से संशोधन प्रभावी होता है. डीलरों का कहना था कि रोज रात में कीमतें बदले के लिए उन्हें अलग से रात में आदमी लगाने पड़ेंगे, इसलिए इसे सुबह से किया जाए. प्रधान ने कहा, "कुछ व्यावहारिक कठिनाइयां थीं, जो हमने आज सभी तीन पेट्रोलियम डीलरों एसोसिएशन के नेतृत्व के साथ बैठक के दौरान हल कर ली है. दैनिक कीमतें सुबह छह बजे बदली जाएंगी". फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया पेट्रोलियम ट्रेडर्स (एफएआईपीटी) के अध्यक्ष अशोक बधवार ने कहा कि वे शुक्रवार को बंद का आह्वान वापस ले रहे हैं, क्योंकि सरकार ने सार्वजनिक हित में दैनिक मूल्य संशोधन का निर्णय लिया है. खुदरा बिक्री मूल्य (आरएसपी) में रोज बदलाव पहले ही एक मई से उदयपुर, जमशेदपुर, विशाखापट्टनम, चंडीगढ़ और पुडुचेरी में पायलट आधार पर लागू किया जा चुका है. पांच शहरों में पायलट परियोजना की सफलता के बाद, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने अब इसे देश भर में लागू करने का फैसला किया है. इंडियन ऑयल ने एक बयान में कहा, "यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि अंतरराष्‍ट्रीय तेल की कीमतों में भी सबसे छोटे परिवर्तन का लाभ डीलरों और अंत में ग्राहकों को दिया जाए". दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन ने मंगलवार को कहा कि राजधानी में ज्यादातर पंपों पर तेल कंपनियों द्वारा स्थापित मशीनें ऑटोमेटिक कीमत परिवर्तन का समर्थन नहीं करती हैं. ऐसे में इसे बदलने के लिए कार्यबल की जरूरत होगी. एसोसिएशन ने कहा, "मैनुअल तरीके से बदलने से गलतियों की संभावना है और पेट्रोल पंप के संचालन में भी देरी होगी".टिप्पणियां वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में हाल की अस्थिरता के कारण भारत ने गतिशील मूल्य निर्धारण का विकल्प चुना है, जो कई विकसित देशों में प्रचलित है. (इनपुट आईएएनएस से) वर्तमान में, सरकारी तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों के आधार पर खुदरा ईंधन के मूल्य की हर पखवाड़े समीक्षा करती हैं और उसे संशोधित करती हैं. इसके बाद मध्यरात्रि से संशोधन प्रभावी होता है. डीलरों का कहना था कि रोज रात में कीमतें बदले के लिए उन्हें अलग से रात में आदमी लगाने पड़ेंगे, इसलिए इसे सुबह से किया जाए. प्रधान ने कहा, "कुछ व्यावहारिक कठिनाइयां थीं, जो हमने आज सभी तीन पेट्रोलियम डीलरों एसोसिएशन के नेतृत्व के साथ बैठक के दौरान हल कर ली है. दैनिक कीमतें सुबह छह बजे बदली जाएंगी". फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया पेट्रोलियम ट्रेडर्स (एफएआईपीटी) के अध्यक्ष अशोक बधवार ने कहा कि वे शुक्रवार को बंद का आह्वान वापस ले रहे हैं, क्योंकि सरकार ने सार्वजनिक हित में दैनिक मूल्य संशोधन का निर्णय लिया है. खुदरा बिक्री मूल्य (आरएसपी) में रोज बदलाव पहले ही एक मई से उदयपुर, जमशेदपुर, विशाखापट्टनम, चंडीगढ़ और पुडुचेरी में पायलट आधार पर लागू किया जा चुका है. पांच शहरों में पायलट परियोजना की सफलता के बाद, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने अब इसे देश भर में लागू करने का फैसला किया है. इंडियन ऑयल ने एक बयान में कहा, "यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि अंतरराष्‍ट्रीय तेल की कीमतों में भी सबसे छोटे परिवर्तन का लाभ डीलरों और अंत में ग्राहकों को दिया जाए". दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन ने मंगलवार को कहा कि राजधानी में ज्यादातर पंपों पर तेल कंपनियों द्वारा स्थापित मशीनें ऑटोमेटिक कीमत परिवर्तन का समर्थन नहीं करती हैं. ऐसे में इसे बदलने के लिए कार्यबल की जरूरत होगी. एसोसिएशन ने कहा, "मैनुअल तरीके से बदलने से गलतियों की संभावना है और पेट्रोल पंप के संचालन में भी देरी होगी".टिप्पणियां वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में हाल की अस्थिरता के कारण भारत ने गतिशील मूल्य निर्धारण का विकल्प चुना है, जो कई विकसित देशों में प्रचलित है. (इनपुट आईएएनएस से) डीलरों का कहना था कि रोज रात में कीमतें बदले के लिए उन्हें अलग से रात में आदमी लगाने पड़ेंगे, इसलिए इसे सुबह से किया जाए. प्रधान ने कहा, "कुछ व्यावहारिक कठिनाइयां थीं, जो हमने आज सभी तीन पेट्रोलियम डीलरों एसोसिएशन के नेतृत्व के साथ बैठक के दौरान हल कर ली है. दैनिक कीमतें सुबह छह बजे बदली जाएंगी". फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया पेट्रोलियम ट्रेडर्स (एफएआईपीटी) के अध्यक्ष अशोक बधवार ने कहा कि वे शुक्रवार को बंद का आह्वान वापस ले रहे हैं, क्योंकि सरकार ने सार्वजनिक हित में दैनिक मूल्य संशोधन का निर्णय लिया है. खुदरा बिक्री मूल्य (आरएसपी) में रोज बदलाव पहले ही एक मई से उदयपुर, जमशेदपुर, विशाखापट्टनम, चंडीगढ़ और पुडुचेरी में पायलट आधार पर लागू किया जा चुका है. पांच शहरों में पायलट परियोजना की सफलता के बाद, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने अब इसे देश भर में लागू करने का फैसला किया है. इंडियन ऑयल ने एक बयान में कहा, "यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि अंतरराष्‍ट्रीय तेल की कीमतों में भी सबसे छोटे परिवर्तन का लाभ डीलरों और अंत में ग्राहकों को दिया जाए". दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन ने मंगलवार को कहा कि राजधानी में ज्यादातर पंपों पर तेल कंपनियों द्वारा स्थापित मशीनें ऑटोमेटिक कीमत परिवर्तन का समर्थन नहीं करती हैं. ऐसे में इसे बदलने के लिए कार्यबल की जरूरत होगी. एसोसिएशन ने कहा, "मैनुअल तरीके से बदलने से गलतियों की संभावना है और पेट्रोल पंप के संचालन में भी देरी होगी".टिप्पणियां वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में हाल की अस्थिरता के कारण भारत ने गतिशील मूल्य निर्धारण का विकल्प चुना है, जो कई विकसित देशों में प्रचलित है. (इनपुट आईएएनएस से) प्रधान ने कहा, "कुछ व्यावहारिक कठिनाइयां थीं, जो हमने आज सभी तीन पेट्रोलियम डीलरों एसोसिएशन के नेतृत्व के साथ बैठक के दौरान हल कर ली है. दैनिक कीमतें सुबह छह बजे बदली जाएंगी". फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया पेट्रोलियम ट्रेडर्स (एफएआईपीटी) के अध्यक्ष अशोक बधवार ने कहा कि वे शुक्रवार को बंद का आह्वान वापस ले रहे हैं, क्योंकि सरकार ने सार्वजनिक हित में दैनिक मूल्य संशोधन का निर्णय लिया है. खुदरा बिक्री मूल्य (आरएसपी) में रोज बदलाव पहले ही एक मई से उदयपुर, जमशेदपुर, विशाखापट्टनम, चंडीगढ़ और पुडुचेरी में पायलट आधार पर लागू किया जा चुका है. पांच शहरों में पायलट परियोजना की सफलता के बाद, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने अब इसे देश भर में लागू करने का फैसला किया है. इंडियन ऑयल ने एक बयान में कहा, "यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि अंतरराष्‍ट्रीय तेल की कीमतों में भी सबसे छोटे परिवर्तन का लाभ डीलरों और अंत में ग्राहकों को दिया जाए". दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन ने मंगलवार को कहा कि राजधानी में ज्यादातर पंपों पर तेल कंपनियों द्वारा स्थापित मशीनें ऑटोमेटिक कीमत परिवर्तन का समर्थन नहीं करती हैं. ऐसे में इसे बदलने के लिए कार्यबल की जरूरत होगी. एसोसिएशन ने कहा, "मैनुअल तरीके से बदलने से गलतियों की संभावना है और पेट्रोल पंप के संचालन में भी देरी होगी".टिप्पणियां वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में हाल की अस्थिरता के कारण भारत ने गतिशील मूल्य निर्धारण का विकल्प चुना है, जो कई विकसित देशों में प्रचलित है. (इनपुट आईएएनएस से) फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया पेट्रोलियम ट्रेडर्स (एफएआईपीटी) के अध्यक्ष अशोक बधवार ने कहा कि वे शुक्रवार को बंद का आह्वान वापस ले रहे हैं, क्योंकि सरकार ने सार्वजनिक हित में दैनिक मूल्य संशोधन का निर्णय लिया है. खुदरा बिक्री मूल्य (आरएसपी) में रोज बदलाव पहले ही एक मई से उदयपुर, जमशेदपुर, विशाखापट्टनम, चंडीगढ़ और पुडुचेरी में पायलट आधार पर लागू किया जा चुका है. पांच शहरों में पायलट परियोजना की सफलता के बाद, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने अब इसे देश भर में लागू करने का फैसला किया है. इंडियन ऑयल ने एक बयान में कहा, "यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि अंतरराष्‍ट्रीय तेल की कीमतों में भी सबसे छोटे परिवर्तन का लाभ डीलरों और अंत में ग्राहकों को दिया जाए". दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन ने मंगलवार को कहा कि राजधानी में ज्यादातर पंपों पर तेल कंपनियों द्वारा स्थापित मशीनें ऑटोमेटिक कीमत परिवर्तन का समर्थन नहीं करती हैं. ऐसे में इसे बदलने के लिए कार्यबल की जरूरत होगी. एसोसिएशन ने कहा, "मैनुअल तरीके से बदलने से गलतियों की संभावना है और पेट्रोल पंप के संचालन में भी देरी होगी".टिप्पणियां वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में हाल की अस्थिरता के कारण भारत ने गतिशील मूल्य निर्धारण का विकल्प चुना है, जो कई विकसित देशों में प्रचलित है. (इनपुट आईएएनएस से) खुदरा बिक्री मूल्य (आरएसपी) में रोज बदलाव पहले ही एक मई से उदयपुर, जमशेदपुर, विशाखापट्टनम, चंडीगढ़ और पुडुचेरी में पायलट आधार पर लागू किया जा चुका है. पांच शहरों में पायलट परियोजना की सफलता के बाद, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने अब इसे देश भर में लागू करने का फैसला किया है. इंडियन ऑयल ने एक बयान में कहा, "यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि अंतरराष्‍ट्रीय तेल की कीमतों में भी सबसे छोटे परिवर्तन का लाभ डीलरों और अंत में ग्राहकों को दिया जाए". दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन ने मंगलवार को कहा कि राजधानी में ज्यादातर पंपों पर तेल कंपनियों द्वारा स्थापित मशीनें ऑटोमेटिक कीमत परिवर्तन का समर्थन नहीं करती हैं. ऐसे में इसे बदलने के लिए कार्यबल की जरूरत होगी. एसोसिएशन ने कहा, "मैनुअल तरीके से बदलने से गलतियों की संभावना है और पेट्रोल पंप के संचालन में भी देरी होगी".टिप्पणियां वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में हाल की अस्थिरता के कारण भारत ने गतिशील मूल्य निर्धारण का विकल्प चुना है, जो कई विकसित देशों में प्रचलित है. (इनपुट आईएएनएस से) पांच शहरों में पायलट परियोजना की सफलता के बाद, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने अब इसे देश भर में लागू करने का फैसला किया है. इंडियन ऑयल ने एक बयान में कहा, "यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि अंतरराष्‍ट्रीय तेल की कीमतों में भी सबसे छोटे परिवर्तन का लाभ डीलरों और अंत में ग्राहकों को दिया जाए". दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन ने मंगलवार को कहा कि राजधानी में ज्यादातर पंपों पर तेल कंपनियों द्वारा स्थापित मशीनें ऑटोमेटिक कीमत परिवर्तन का समर्थन नहीं करती हैं. ऐसे में इसे बदलने के लिए कार्यबल की जरूरत होगी. एसोसिएशन ने कहा, "मैनुअल तरीके से बदलने से गलतियों की संभावना है और पेट्रोल पंप के संचालन में भी देरी होगी".टिप्पणियां वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में हाल की अस्थिरता के कारण भारत ने गतिशील मूल्य निर्धारण का विकल्प चुना है, जो कई विकसित देशों में प्रचलित है. (इनपुट आईएएनएस से) इंडियन ऑयल ने एक बयान में कहा, "यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि अंतरराष्‍ट्रीय तेल की कीमतों में भी सबसे छोटे परिवर्तन का लाभ डीलरों और अंत में ग्राहकों को दिया जाए". दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन ने मंगलवार को कहा कि राजधानी में ज्यादातर पंपों पर तेल कंपनियों द्वारा स्थापित मशीनें ऑटोमेटिक कीमत परिवर्तन का समर्थन नहीं करती हैं. ऐसे में इसे बदलने के लिए कार्यबल की जरूरत होगी. एसोसिएशन ने कहा, "मैनुअल तरीके से बदलने से गलतियों की संभावना है और पेट्रोल पंप के संचालन में भी देरी होगी".टिप्पणियां वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में हाल की अस्थिरता के कारण भारत ने गतिशील मूल्य निर्धारण का विकल्प चुना है, जो कई विकसित देशों में प्रचलित है. (इनपुट आईएएनएस से) दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन ने मंगलवार को कहा कि राजधानी में ज्यादातर पंपों पर तेल कंपनियों द्वारा स्थापित मशीनें ऑटोमेटिक कीमत परिवर्तन का समर्थन नहीं करती हैं. ऐसे में इसे बदलने के लिए कार्यबल की जरूरत होगी. एसोसिएशन ने कहा, "मैनुअल तरीके से बदलने से गलतियों की संभावना है और पेट्रोल पंप के संचालन में भी देरी होगी".टिप्पणियां वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में हाल की अस्थिरता के कारण भारत ने गतिशील मूल्य निर्धारण का विकल्प चुना है, जो कई विकसित देशों में प्रचलित है. (इनपुट आईएएनएस से) वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में हाल की अस्थिरता के कारण भारत ने गतिशील मूल्य निर्धारण का विकल्प चुना है, जो कई विकसित देशों में प्रचलित है. (इनपुट आईएएनएस से) (इनपुट आईएएनएस से)
शनिवार यानि अप्रैल फूल के दिन पाकिस्तान के पूर्व गृहमंत्री रहमान मलिक एक वेबसाइट की उस फर्ज़ी खबर के झांसे में आ गए जिसे अप्रैल फूल प्रैंक की तरह छापा गया था. एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने 'अप्रैल फूल' के मौके पर एक खबर छापी जिसमें लिखा गया कि पाकिस्तान सरकार ने तय किया है कि इस्लामाबाद के एयरपोर्ट का नाम बदलकर चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के नाम पर रखा जाएगा.टिप्पणियां इस प्रैंक के कई घंटों बाद सिनेटर रहमान मिलक की एक गंभीर प्रतिक्रिया आई जिसमें उन्होंने एयरपोर्ट के नए नामकरण पर 'चिंता' जताई. उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट का नाम पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की नेता बेनज़ीर भुट्टो पर रखा गया है और अगर इसे बदला गया तो उनकी पार्टी इस मुद्दे को बहुत दूर तक ले जाएगी. उन्होंने सरकार को चेतावनी भी दे डाली कि वह एयरपोर्ट का नाम बदलने के बारे में सोचे भी नहीं. इस 'अप्रैल फूल' के मज़ाक से अनजान मलिक ने मीडिया को एक बयान जारी कर दिया जिसमें उन्होंने लिखा कि 'सरकार को ऐसे कदम उठाने से बचना चाहिए जिससे जनता की भावनाएं आहत हो जाएं. पहले भी ऐसा कोई उदाहरण नहीं है जब राष्ट्रीय हीरो के नाम से सजी संस्थाओं को फिर से नामकरण किया गया हो.' एकस्प्रेस ट्रिब्यून ने अपनी वेबसाइट में साफ किया है कि बार बार संपर्क करने पर भी इस खबर को लेकर वह मलिक से संपर्क नहीं कर पाए हैं. इस प्रैंक के कई घंटों बाद सिनेटर रहमान मिलक की एक गंभीर प्रतिक्रिया आई जिसमें उन्होंने एयरपोर्ट के नए नामकरण पर 'चिंता' जताई. उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट का नाम पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की नेता बेनज़ीर भुट्टो पर रखा गया है और अगर इसे बदला गया तो उनकी पार्टी इस मुद्दे को बहुत दूर तक ले जाएगी. उन्होंने सरकार को चेतावनी भी दे डाली कि वह एयरपोर्ट का नाम बदलने के बारे में सोचे भी नहीं. इस 'अप्रैल फूल' के मज़ाक से अनजान मलिक ने मीडिया को एक बयान जारी कर दिया जिसमें उन्होंने लिखा कि 'सरकार को ऐसे कदम उठाने से बचना चाहिए जिससे जनता की भावनाएं आहत हो जाएं. पहले भी ऐसा कोई उदाहरण नहीं है जब राष्ट्रीय हीरो के नाम से सजी संस्थाओं को फिर से नामकरण किया गया हो.' एकस्प्रेस ट्रिब्यून ने अपनी वेबसाइट में साफ किया है कि बार बार संपर्क करने पर भी इस खबर को लेकर वह मलिक से संपर्क नहीं कर पाए हैं. इस 'अप्रैल फूल' के मज़ाक से अनजान मलिक ने मीडिया को एक बयान जारी कर दिया जिसमें उन्होंने लिखा कि 'सरकार को ऐसे कदम उठाने से बचना चाहिए जिससे जनता की भावनाएं आहत हो जाएं. पहले भी ऐसा कोई उदाहरण नहीं है जब राष्ट्रीय हीरो के नाम से सजी संस्थाओं को फिर से नामकरण किया गया हो.' एकस्प्रेस ट्रिब्यून ने अपनी वेबसाइट में साफ किया है कि बार बार संपर्क करने पर भी इस खबर को लेकर वह मलिक से संपर्क नहीं कर पाए हैं.
यह लेख है: सरकार ने अप्रैल में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से 1.03 लाख करोड़ रुपये का संग्रह किया. पिछले साल जुलाई में जीएसटी लागू होने के बाद यह पहला मौका है जब जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा है. यह नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के स्थिर होने का संकेत है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उम्मीद जतायी कि जीएसटी संग्रह में वृद्धि की प्रवृत्ति बनी रहेगी. मार्च में जीएसटी संग्रह 89,264 करोड़ रुपये था. पूरे वित्त वर्ष 2017-18 में माल एवं सेवा कर संग्रह 7.41 लाख करोड़ रुपये रहा. वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘कुल सकल जीएसटी राजस्व संग्रह अप्रैल 2018 में 1,03,458 करोड़ रुपये रहा. इसमें सीजीएसटी 18,652 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 25,074 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 50,548 करोड़ रुपये (इसमें 21,246 करोड़ रुपये आयात से प्राप्त राजस्व शामिल) हैं. इसमें उपकर 8,554 करोड़ रुपये है जिसमें आयात से प्राप्त 702 करोड़ रुपये शामिल हैं. मंत्रालय के अनुसार जीएसटी संग्रह में वृद्धि अर्थव्यवस्था में तेजी और बेहतर अनुपालन को दर्शाता है. जेटली ने ट्विटर पर लिखा है कि बेहतर आर्थिक माहौल, ई-वे बिल और बेहतर जीएसटी अनुपालन से अप्रत्यक्ष कर संग्रह में सकारात्मक चलन आगे भी जारी रहेगा. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘अप्रैल में जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक होना महत्वपूर्ण उपलब्धि है और इससे आर्थिक गतिविधियां बढ़ने की पुष्टि होती है जिसके बारे में अन्य रिपोर्टों में कहा जा रहा है.’’  वित्त मंत्री ने जोर देकर देकर कहा कि कर संग्रह में वृद्धि से आर्थिक दायरा बढ़ाने तथा नई ऊंचाई पर ले जाने में मदद मिलेगी. मंत्रालय के अनुसार हालांकि सामान्य तौर पर यह देखा जाता है कि वित्त वर्ष के अंतिम महीने में लोग पिछले महीने के बकाये का भी भुगतान करने की कोशिश करते हैं और इसीलिए अप्रैल 2018 के राजस्व को भविष्य के लिये प्रवृत्ति नहीं माना जा सकता.टिप्पणियां अप्रैल, 2018 में निपटान के बाद केंद्र सरकार तथा राज्य सरकारों की कुल राजस्व प्राप्ति केंद्रीय जीएसटी के रूप में 32,493 करोड़ रुपये तथा राज्य जीएसटी के रूप में 40,257 करोड़ रुपये रही. मार्च के लिये जहां तक जीएसटीआर 3बी रिटर्न की संख्या का सवाल है, 30 अप्रैल तक कुल 69.5 प्रतिशत ने रिटर्न फाइल किये. कुल 87.12 लाख के मुकाबले 60.47 लाख ने मार्च के लिये रिटर्न फाइल किये. कंपोजिशन योजना अपनाने वाले कुल 19.31 लाख कारोबारियों में से 11.47 लाख ने जीएसटीआर -4 दाखिल कियस और कुल 579 करोड़ रुपये कर का भुगतान किया. यह 1.03 लाख करोड़ रुपये के कुल जीएसटी संग्रह में शामिल है. मार्च में जीएसटी संग्रह 89,264 करोड़ रुपये था. पूरे वित्त वर्ष 2017-18 में माल एवं सेवा कर संग्रह 7.41 लाख करोड़ रुपये रहा. वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘कुल सकल जीएसटी राजस्व संग्रह अप्रैल 2018 में 1,03,458 करोड़ रुपये रहा. इसमें सीजीएसटी 18,652 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 25,074 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 50,548 करोड़ रुपये (इसमें 21,246 करोड़ रुपये आयात से प्राप्त राजस्व शामिल) हैं. इसमें उपकर 8,554 करोड़ रुपये है जिसमें आयात से प्राप्त 702 करोड़ रुपये शामिल हैं. मंत्रालय के अनुसार जीएसटी संग्रह में वृद्धि अर्थव्यवस्था में तेजी और बेहतर अनुपालन को दर्शाता है. जेटली ने ट्विटर पर लिखा है कि बेहतर आर्थिक माहौल, ई-वे बिल और बेहतर जीएसटी अनुपालन से अप्रत्यक्ष कर संग्रह में सकारात्मक चलन आगे भी जारी रहेगा. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘अप्रैल में जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक होना महत्वपूर्ण उपलब्धि है और इससे आर्थिक गतिविधियां बढ़ने की पुष्टि होती है जिसके बारे में अन्य रिपोर्टों में कहा जा रहा है.’’  वित्त मंत्री ने जोर देकर देकर कहा कि कर संग्रह में वृद्धि से आर्थिक दायरा बढ़ाने तथा नई ऊंचाई पर ले जाने में मदद मिलेगी. मंत्रालय के अनुसार हालांकि सामान्य तौर पर यह देखा जाता है कि वित्त वर्ष के अंतिम महीने में लोग पिछले महीने के बकाये का भी भुगतान करने की कोशिश करते हैं और इसीलिए अप्रैल 2018 के राजस्व को भविष्य के लिये प्रवृत्ति नहीं माना जा सकता.टिप्पणियां अप्रैल, 2018 में निपटान के बाद केंद्र सरकार तथा राज्य सरकारों की कुल राजस्व प्राप्ति केंद्रीय जीएसटी के रूप में 32,493 करोड़ रुपये तथा राज्य जीएसटी के रूप में 40,257 करोड़ रुपये रही. मार्च के लिये जहां तक जीएसटीआर 3बी रिटर्न की संख्या का सवाल है, 30 अप्रैल तक कुल 69.5 प्रतिशत ने रिटर्न फाइल किये. कुल 87.12 लाख के मुकाबले 60.47 लाख ने मार्च के लिये रिटर्न फाइल किये. कंपोजिशन योजना अपनाने वाले कुल 19.31 लाख कारोबारियों में से 11.47 लाख ने जीएसटीआर -4 दाखिल कियस और कुल 579 करोड़ रुपये कर का भुगतान किया. यह 1.03 लाख करोड़ रुपये के कुल जीएसटी संग्रह में शामिल है. मंत्रालय के अनुसार जीएसटी संग्रह में वृद्धि अर्थव्यवस्था में तेजी और बेहतर अनुपालन को दर्शाता है. जेटली ने ट्विटर पर लिखा है कि बेहतर आर्थिक माहौल, ई-वे बिल और बेहतर जीएसटी अनुपालन से अप्रत्यक्ष कर संग्रह में सकारात्मक चलन आगे भी जारी रहेगा. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘अप्रैल में जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक होना महत्वपूर्ण उपलब्धि है और इससे आर्थिक गतिविधियां बढ़ने की पुष्टि होती है जिसके बारे में अन्य रिपोर्टों में कहा जा रहा है.’’  वित्त मंत्री ने जोर देकर देकर कहा कि कर संग्रह में वृद्धि से आर्थिक दायरा बढ़ाने तथा नई ऊंचाई पर ले जाने में मदद मिलेगी. मंत्रालय के अनुसार हालांकि सामान्य तौर पर यह देखा जाता है कि वित्त वर्ष के अंतिम महीने में लोग पिछले महीने के बकाये का भी भुगतान करने की कोशिश करते हैं और इसीलिए अप्रैल 2018 के राजस्व को भविष्य के लिये प्रवृत्ति नहीं माना जा सकता.टिप्पणियां अप्रैल, 2018 में निपटान के बाद केंद्र सरकार तथा राज्य सरकारों की कुल राजस्व प्राप्ति केंद्रीय जीएसटी के रूप में 32,493 करोड़ रुपये तथा राज्य जीएसटी के रूप में 40,257 करोड़ रुपये रही. मार्च के लिये जहां तक जीएसटीआर 3बी रिटर्न की संख्या का सवाल है, 30 अप्रैल तक कुल 69.5 प्रतिशत ने रिटर्न फाइल किये. कुल 87.12 लाख के मुकाबले 60.47 लाख ने मार्च के लिये रिटर्न फाइल किये. कंपोजिशन योजना अपनाने वाले कुल 19.31 लाख कारोबारियों में से 11.47 लाख ने जीएसटीआर -4 दाखिल कियस और कुल 579 करोड़ रुपये कर का भुगतान किया. यह 1.03 लाख करोड़ रुपये के कुल जीएसटी संग्रह में शामिल है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘अप्रैल में जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक होना महत्वपूर्ण उपलब्धि है और इससे आर्थिक गतिविधियां बढ़ने की पुष्टि होती है जिसके बारे में अन्य रिपोर्टों में कहा जा रहा है.’’  वित्त मंत्री ने जोर देकर देकर कहा कि कर संग्रह में वृद्धि से आर्थिक दायरा बढ़ाने तथा नई ऊंचाई पर ले जाने में मदद मिलेगी. मंत्रालय के अनुसार हालांकि सामान्य तौर पर यह देखा जाता है कि वित्त वर्ष के अंतिम महीने में लोग पिछले महीने के बकाये का भी भुगतान करने की कोशिश करते हैं और इसीलिए अप्रैल 2018 के राजस्व को भविष्य के लिये प्रवृत्ति नहीं माना जा सकता.टिप्पणियां अप्रैल, 2018 में निपटान के बाद केंद्र सरकार तथा राज्य सरकारों की कुल राजस्व प्राप्ति केंद्रीय जीएसटी के रूप में 32,493 करोड़ रुपये तथा राज्य जीएसटी के रूप में 40,257 करोड़ रुपये रही. मार्च के लिये जहां तक जीएसटीआर 3बी रिटर्न की संख्या का सवाल है, 30 अप्रैल तक कुल 69.5 प्रतिशत ने रिटर्न फाइल किये. कुल 87.12 लाख के मुकाबले 60.47 लाख ने मार्च के लिये रिटर्न फाइल किये. कंपोजिशन योजना अपनाने वाले कुल 19.31 लाख कारोबारियों में से 11.47 लाख ने जीएसटीआर -4 दाखिल कियस और कुल 579 करोड़ रुपये कर का भुगतान किया. यह 1.03 लाख करोड़ रुपये के कुल जीएसटी संग्रह में शामिल है. मंत्रालय के अनुसार हालांकि सामान्य तौर पर यह देखा जाता है कि वित्त वर्ष के अंतिम महीने में लोग पिछले महीने के बकाये का भी भुगतान करने की कोशिश करते हैं और इसीलिए अप्रैल 2018 के राजस्व को भविष्य के लिये प्रवृत्ति नहीं माना जा सकता.टिप्पणियां अप्रैल, 2018 में निपटान के बाद केंद्र सरकार तथा राज्य सरकारों की कुल राजस्व प्राप्ति केंद्रीय जीएसटी के रूप में 32,493 करोड़ रुपये तथा राज्य जीएसटी के रूप में 40,257 करोड़ रुपये रही. मार्च के लिये जहां तक जीएसटीआर 3बी रिटर्न की संख्या का सवाल है, 30 अप्रैल तक कुल 69.5 प्रतिशत ने रिटर्न फाइल किये. कुल 87.12 लाख के मुकाबले 60.47 लाख ने मार्च के लिये रिटर्न फाइल किये. कंपोजिशन योजना अपनाने वाले कुल 19.31 लाख कारोबारियों में से 11.47 लाख ने जीएसटीआर -4 दाखिल कियस और कुल 579 करोड़ रुपये कर का भुगतान किया. यह 1.03 लाख करोड़ रुपये के कुल जीएसटी संग्रह में शामिल है. अप्रैल, 2018 में निपटान के बाद केंद्र सरकार तथा राज्य सरकारों की कुल राजस्व प्राप्ति केंद्रीय जीएसटी के रूप में 32,493 करोड़ रुपये तथा राज्य जीएसटी के रूप में 40,257 करोड़ रुपये रही. मार्च के लिये जहां तक जीएसटीआर 3बी रिटर्न की संख्या का सवाल है, 30 अप्रैल तक कुल 69.5 प्रतिशत ने रिटर्न फाइल किये. कुल 87.12 लाख के मुकाबले 60.47 लाख ने मार्च के लिये रिटर्न फाइल किये. कंपोजिशन योजना अपनाने वाले कुल 19.31 लाख कारोबारियों में से 11.47 लाख ने जीएसटीआर -4 दाखिल कियस और कुल 579 करोड़ रुपये कर का भुगतान किया. यह 1.03 लाख करोड़ रुपये के कुल जीएसटी संग्रह में शामिल है. कुल 87.12 लाख के मुकाबले 60.47 लाख ने मार्च के लिये रिटर्न फाइल किये. कंपोजिशन योजना अपनाने वाले कुल 19.31 लाख कारोबारियों में से 11.47 लाख ने जीएसटीआर -4 दाखिल कियस और कुल 579 करोड़ रुपये कर का भुगतान किया. यह 1.03 लाख करोड़ रुपये के कुल जीएसटी संग्रह में शामिल है.
अपने करियर का 100वां शतक पूरा करने वाले भारत के धुरंधर बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने शुक्रवार को स्वीकार किया कि शतकों के शतक का दबाव उनके ऊपर मनोवैज्ञानिक तौर पर हावी हो रहा था क्योंकि बीते एक साल से मैच दर मैच इसकी चर्चा जारी थी. सचिन ने बांग्लादेश के खिलाफ शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में 114 रनों की पारी खेली. उनके नाम टेस्ट मैचों में 51 और एकदिवसीय मैचों में 49 शतक दर्ज हैं. सचिन का 100वां शतक 370 दिनों के बाद सामने आया क्योंकि उन्होंने अपना 99वां शतक 12 मार्च, 2011 को नागपुर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ लगाया था. सचिन ने कहा, 'यह मायने नहीं रखता कि आपने किसके खिलाफ शतक लगाया है और कैसे लगाया है. यह मायने रखता है कि आपका शतक टीम के कितने काम आया है. मेरे लिए यह शतक काफी अहम है क्योंकि इसके साथ ही मेरे मन पर से एक बोझ उतर गया, जो बीते एक साल से मुझ पर हावी था.' 'मैं जहां भी जाता, महाशतक की चर्चा होती. लोग मुझे राय देते. हर आदमी यह कहता कि आखिरकार मैं शतक पूरा क्यों नहीं कर पा रहा हूं. स्टेडियम में मीडिया और रेस्तरां में आम लोग उसे लेकर सुझाव देते. मैं समझ नहीं पा रहा था कि मेरे शतक को लेकर लोग इतने उतावले क्यों हैं. मीडिया ने तो इसे लेकर एक लिहाज का दबाव बना दिया था.' आने वाली पीढ़ी को क्या सलाह देंगे, यह पूछे जाने पर सचिन ने कहा कि खेल का लुत्फ लो और अपने सपनों का पीछा करो क्योंकि सपने पूरे होते हैं. सचिन ने कहा, 'मेरा सपना विश्व कप जीतना था, जो मैंने अपने करियर के 21 साल बाद जीता. इस लिहाज से मैं सबको यही कहूंगा कि कभी भी सपने देखना और उसकी पीछा करना बंद मत करो क्योंकि सपने पूरे होते हैं.'
वैकेंसी के संबंध में और अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक कर ऑफिशियल नोटिफिकेशन चेक करें.
ताबूत घोटाले के संबंध में सीबीआई के आरोपपत्र में अपना नाम नहीं आने के बाद पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस ने आज कांग्रेस से माफी मांगने की मांग की. कांग्रेस ने वर्ष 2002 में हुए ताबूत घोटाले में शामिल रहने का आरोप उन पर लगाया था. मेरे कार्यकाल में कोई घोटाला नहीं जद यू नेता ने एक बयान जारी कर कहा कि यह जानने के लिए मुझे सीबीआई से क्लीनचिट की जरूरत नहीं कि अल्युमिनियम के बक्सों की खरीद का मुद्दा मेरे रक्षा मंत्री रहने के दौरान कभी मेरे सामने नहीं आया, शहीदों का खून पीने की बात को तो छोड़ ही दीजिए जैसा कांग्रेस ने मुझ पर आरोप लगाया था. कारगिल के समय ताबूतों को लेकर शक के घेरे में थे जार्ज फर्नांडिस उस समय जांच के घेरे में आ गए थे जब यह आरोप लगाया कि कारगिल शहीदों के शवों को भेजने के लिए अमेरिका से खराब गुणवत्ता वाले एल्युमिनियम के ताबूतों का आयात ‘‘अत्यधिक कीमतों’’ पर किया गया है. सीबीआई ने ताबूत घोटाले के मामले में इस महीने की 19 तारीख को चार लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया. इसमें सेना के एक अधिकारी तथा दो अवकाश प्राप्त अधिकारी शामिल हैं. इस आरोपपत्र में पूर्व मंत्री का नाम नहीं है. ‘‘झूठे राजनीतिक हमले’’ से सैनिकों का ‘‘मनोबल गिराने’’ का कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए फर्नांडिस ने कहा, ’’क्या हम माफी मांगने की उम्मीद करें.’’
पूर्वोत्तर में विरोध प्रदर्शन के बीच कई जगहों पर हिंसक झड़प अमेरिका-फ्रांस ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पूर्वोत्तर के राज्यों में विरोध प्रदर्शन के बीच कई जगहों पर हिंसक झड़प हुई है. पूर्वोत्तर भारत में विशेषकर असम और त्रिपुरा में हिंसक विरोध प्रदर्शन की खबरें हैं. भारत में नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए अमेरिका और फ्रांस ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है. जिसमें अपने देश के नागरिकों को असम ना जाने की सलाह दी गई है. हालांकि असम में फिलहाल शांति है और गुवाहाटी में लगाए गए कर्फ्यू में भी ढील दी गई है. इससे पहले संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि वह भारत के नागरिकता (संशोधन) कानून के प्रभाव की करीब से समीक्षा कर रहा है. महासचिव अंतानियो गुतेरेस के उपप्रवक्ता फरहान हक ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, "हमें इस बात की जानकारी है कि भारतीय संसद के उच्च और निचले सदन ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक को पारित कर दिया है और हम इस संबंध में सार्वजनिक रूप से व्यक्त की जा रही चिंताओं से भी अवगत हैं. संयुक्त राष्ट्र कानून के संभावित परिणामों को लेकर विश्लेषण कर रहा है." हक ने यह भी कहा कि हमारे कुछ प्रतिवेदकों समेत मानवाधिकार तंत्रों ने पहले ही कानून की प्रकृति को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की थीं. बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों का असर भारत-जापान समिट पर पड़ा है. यह समिट असम के गुवाहाटी में रविवार से होनी थी, लेकिन जापानी के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने अपना भारत दौरा स्थगित कर दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर इसकी पुष्टि की है. अपने ट्वीट में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि जल्द ही इस समिट के लिए दोनों देशों के बीच आपसी सहमति से नई तिथि निर्धारित की जाएगी.
CBSE class 10, 12 results 2019: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड मई के तीसरे सप्ताह में कक्षा 10वीं और 12वीं परीक्षाओं के परिणामों की घोषणा करेगा. कक्षा 12वीं के परिणाम पहले घोषित किए जाएंगे, जिसके बाद सीबीएसई कक्षा 10वीं के परिणाम  दो से तीन दिनों के बाद जारी कर देगा. इंडियन एक्सप्रैस की रिपोर्ट के अनुसार बोर्ड सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा है कि  "कक्षा 10वीं और 12वीं के परिणाम 13 से 17 मई, 2019 के बीच घोषित होने की संभावना है.  जो छात्र बोर्ड परीक्षा में उपस्थित हुए थे. वह  cbse.nic.in और cbseresults.nic.in. की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर परिणाम चेक कर सकते हैं. बता दें, बोर्ड कॉपियों की मूल्यांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है. वहीं सीबीएसई ने कुछ स्कूलों और शिक्षकों को नोटिस भेजा है क्योंकि उन्होंने मूल्यांकन प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया, ऐसे में सीबीएसई उनसे जवाब मांग रही है. सीबीएसई के सचिव ने कहा है कि “हमने शिक्षा निदेशालय (DoE) को स्कूल अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश करने के लिए नोटिस लिखा है. सीबीएसई सचिव ने कहा कि बोर्ड ने इन सभी स्कूलों को 50,000 रुपये का जुर्माना देने की भी सिफारिश की है. बोर्ड के अनुसार, लगभग 35,000 शिक्षकों ने 14 मार्च, 2019 को शुरू हुई मूल्यांकन प्रक्रिया में भाग नहीं लिया था. 1.7 करोड़ कॉपियों की मूल्यांकन प्रक्रिया मई के पहले सप्ताह तक पूरी होने की संभावना है, जिसके बाद बोर्ड होगा परिणाम घोषणा के लिए प्रक्रिया शुरू करेगा.  आपको बता दें, पिछले साल रिजल्ट की तारीख की घोषणा रिजल्ट से 1 दिन पहले की गई थी. कंपार्टमेंट परीक्षा इस साल कंपार्टमेंट परीक्षा में शामिल होने के लिए उम्मीदवारों को तीन मौके दिए जाएंगे. बोर्ड के अनुसार जो छात्र फेल हो जाएंगे उन्हें अगले साल परीक्षा देने का अवसर मिलेगा और उनके प्रेक्टिकल परीक्षा के अंक वही रहेंगे.  सीबीएसई के अनुसार, कंपार्टमेंट परीक्षा देने वाला छात्र जुलाई या अगस्त में आयोजित होने वाली परीक्षा के लिए फिर से उपस्थित हो सकता है.  और अगले साल मार्च / अप्रैल में दूसरा मौका भी पा सकता है.  अधिक जानकारी के लिए उम्मीदवार  वेबसाइट Cbse.nic.in और CBSEguide.com पर जा सकते हैं. इस साल कक्षा 10वीं-12वीं की परीक्षा के लिए 31 लाख से अधिक छात्र उपस्थित हुए थे.
लेख: पांच अगस्त से रियो में होने वाले ओलम्पिक खेलों में डोपिंग रोधी कार्यक्रम के तहत 4,500 मूत्र और 1,000 खून के नमूनों के परीक्षण किए जाएंगे। अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (आईओसी) के अध्यक्ष थॉमस बाक ने रविवार को यह बात कही। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, रूस में हुए डोपिंग कांड के कारण पांच अगस्त से ब्राजील के शहर रियो डि जेनेरियो में खेले जाने वाले ओलिंपिक में सभी का ध्यान इस पर रहेगा। बाक ने कहा कि आईओसी ड्रग लेने वालों को ओलिंपिक से दूर रखने का हरसंभव प्रयास करेगी। बाक ने कहा कि ड्रग लेने वालों को खेलों से दूर रखने के लिए कड़े प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, "हमे पहले परीक्षण कार्यक्रम बनाया है जिसके तहत 2,200 एथलीटों को चुना गया है और उन पर नजर रखी जा रही है। इसके बाद हमारे पास अतिरिक्त परीक्षण की 700 सिफारिशें आई हैं। जो 13 अंतरराष्ट्रीय महासंघों, 62 राष्ट्रीय डोपिंगरोधी एजेंसी के पास हैं।" रियो ओलिंपिक में पहली बार ऐसा होगा कि खेल पंचाट न्यायालय (सीएएस) ड्रग मामलों पर अपनी नजर रखेगा। टिप्पणियां बाक ने कहा, "पहली बार ऐसा होगा कि डोप परीक्षण में दोषी पाए जाने के बाद खिलाड़ी की जांच आईओसी नहीं करेगा। उनके मामले सीधे सीएएस जाएंगे।" ओलिंपिक में डोपिंग के मामलों की देखरेख के लिए सीएएस ने रियो में अपने दो अस्थायी कार्यालय बनाए हैं।   समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, रूस में हुए डोपिंग कांड के कारण पांच अगस्त से ब्राजील के शहर रियो डि जेनेरियो में खेले जाने वाले ओलिंपिक में सभी का ध्यान इस पर रहेगा। बाक ने कहा कि आईओसी ड्रग लेने वालों को ओलिंपिक से दूर रखने का हरसंभव प्रयास करेगी। बाक ने कहा कि ड्रग लेने वालों को खेलों से दूर रखने के लिए कड़े प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, "हमे पहले परीक्षण कार्यक्रम बनाया है जिसके तहत 2,200 एथलीटों को चुना गया है और उन पर नजर रखी जा रही है। इसके बाद हमारे पास अतिरिक्त परीक्षण की 700 सिफारिशें आई हैं। जो 13 अंतरराष्ट्रीय महासंघों, 62 राष्ट्रीय डोपिंगरोधी एजेंसी के पास हैं।" रियो ओलिंपिक में पहली बार ऐसा होगा कि खेल पंचाट न्यायालय (सीएएस) ड्रग मामलों पर अपनी नजर रखेगा। टिप्पणियां बाक ने कहा, "पहली बार ऐसा होगा कि डोप परीक्षण में दोषी पाए जाने के बाद खिलाड़ी की जांच आईओसी नहीं करेगा। उनके मामले सीधे सीएएस जाएंगे।" ओलिंपिक में डोपिंग के मामलों की देखरेख के लिए सीएएस ने रियो में अपने दो अस्थायी कार्यालय बनाए हैं।   बाक ने कहा कि आईओसी ड्रग लेने वालों को ओलिंपिक से दूर रखने का हरसंभव प्रयास करेगी। बाक ने कहा कि ड्रग लेने वालों को खेलों से दूर रखने के लिए कड़े प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, "हमे पहले परीक्षण कार्यक्रम बनाया है जिसके तहत 2,200 एथलीटों को चुना गया है और उन पर नजर रखी जा रही है। इसके बाद हमारे पास अतिरिक्त परीक्षण की 700 सिफारिशें आई हैं। जो 13 अंतरराष्ट्रीय महासंघों, 62 राष्ट्रीय डोपिंगरोधी एजेंसी के पास हैं।" रियो ओलिंपिक में पहली बार ऐसा होगा कि खेल पंचाट न्यायालय (सीएएस) ड्रग मामलों पर अपनी नजर रखेगा। टिप्पणियां बाक ने कहा, "पहली बार ऐसा होगा कि डोप परीक्षण में दोषी पाए जाने के बाद खिलाड़ी की जांच आईओसी नहीं करेगा। उनके मामले सीधे सीएएस जाएंगे।" ओलिंपिक में डोपिंग के मामलों की देखरेख के लिए सीएएस ने रियो में अपने दो अस्थायी कार्यालय बनाए हैं।   उन्होंने कहा, "हमे पहले परीक्षण कार्यक्रम बनाया है जिसके तहत 2,200 एथलीटों को चुना गया है और उन पर नजर रखी जा रही है। इसके बाद हमारे पास अतिरिक्त परीक्षण की 700 सिफारिशें आई हैं। जो 13 अंतरराष्ट्रीय महासंघों, 62 राष्ट्रीय डोपिंगरोधी एजेंसी के पास हैं।" रियो ओलिंपिक में पहली बार ऐसा होगा कि खेल पंचाट न्यायालय (सीएएस) ड्रग मामलों पर अपनी नजर रखेगा। टिप्पणियां बाक ने कहा, "पहली बार ऐसा होगा कि डोप परीक्षण में दोषी पाए जाने के बाद खिलाड़ी की जांच आईओसी नहीं करेगा। उनके मामले सीधे सीएएस जाएंगे।" ओलिंपिक में डोपिंग के मामलों की देखरेख के लिए सीएएस ने रियो में अपने दो अस्थायी कार्यालय बनाए हैं।   रियो ओलिंपिक में पहली बार ऐसा होगा कि खेल पंचाट न्यायालय (सीएएस) ड्रग मामलों पर अपनी नजर रखेगा। टिप्पणियां बाक ने कहा, "पहली बार ऐसा होगा कि डोप परीक्षण में दोषी पाए जाने के बाद खिलाड़ी की जांच आईओसी नहीं करेगा। उनके मामले सीधे सीएएस जाएंगे।" ओलिंपिक में डोपिंग के मामलों की देखरेख के लिए सीएएस ने रियो में अपने दो अस्थायी कार्यालय बनाए हैं।   बाक ने कहा, "पहली बार ऐसा होगा कि डोप परीक्षण में दोषी पाए जाने के बाद खिलाड़ी की जांच आईओसी नहीं करेगा। उनके मामले सीधे सीएएस जाएंगे।" ओलिंपिक में डोपिंग के मामलों की देखरेख के लिए सीएएस ने रियो में अपने दो अस्थायी कार्यालय बनाए हैं।   ओलिंपिक में डोपिंग के मामलों की देखरेख के लिए सीएएस ने रियो में अपने दो अस्थायी कार्यालय बनाए हैं।
भारत की पहली बिना इंजन वाली ट्रेन 'T-18' का सफल परीक्षण सोमवार को हुआ. इसे देश की सबसे तेज गति वाली ट्रेन भी कहा जा रहा है. परीक्षण के दौरान भी इसकी स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा रही. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने इसे सोमवार को लॉन्च किया. इंटिग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) द्वारा यहां सौ करोड़ रुपये की लागत से तैयार देश की पहली इंजन-रहित ट्रेन ‘ट्रेन 18’ का सोमवार को रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने अनावरण किया. ट्रेन की पांच और इकाइयों का निर्माण वर्ष 2019-20 के अंत तक आईसीएफ द्वारा निर्माण किया जाएगा. कुल 16 कोच वाली यह ट्रेन सामान्य शताब्दी ट्रेन के मुकाबले करीब 15 प्रतिशत कम समय लेगी. भारत ने पहली बार ऐसी ट्रेन का निर्माण किया है और वह भी आईसीएफ ने महज 18 महीने में इस काम को अंजाम दिया है. निर्माण वर्ष 2018-19 के अंदर ट्रेन की एक और इकाई का निर्माण हो जाएगा और चार और इकाइयों का उत्पादन निर्माण वर्ष 2019-20 के अंत तक कर लिया जाएगा. ट्रेन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यात्री ड्राइवर के केबिन के अंदर देख सकते हैं. ट्रेन में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और ट्रेन 18 के मध्य में दो एक्जिक्यूटिव कंपार्टमेंट होंगे. प्रत्येक में 52 सीट होंगी, वहीं सामान्य कोच में 78 सीटें होंगी.
लेख: पूर्वोत्तर सीरिया के तीन रेस्तरां में हुए बम विस्फोटों में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई है और 30 लोग घायल हो गए हैं। इन हमलों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट समूह ने ली है। ब्रिटेन आधारित सीरियाई मानवाधिकार वेधशाला ने बताया कि कमिश्ली शहर में हुए विस्फोटों में से कम से कम एक विस्फोट को आत्मघाती हमलावर ने अंजाम दिया।टिप्पणियां शहर में एएफपी के एक संवाददाता ने कहा कि आत्मघाती हमला ईसाई समुदाय की बहुलता वाले इलाके के पड़ोस में स्थित एक रेस्तरां में हुआ। वेधशाला के निदेशक रामी अब्देल रहमान ने एएफपी को बताया, हसका प्रांत के कमिश्ली शहर में तीन विस्फोट हुए। एक हमला आत्मघाती बम हमलावर द्वारा रेस्तरां के भीतर किया गया। इस्लामिक स्टेट के जिहादियों का समर्थन करने वाली समाचार एजेंसी अमाक ने कहा कि समूह ने शहर में हुए हमलों की जिम्मेदारी ली है। यह शहर तुर्की के साथ लगने वाली सीमा और इराक के निकट है। एजेंसी ने कहा, इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों द्वारा कमिश्ली शहर के विभिन्न हिस्सों में किए गए बम विस्फोटों में दर्जनों लोग मारे गए और घायल हो गए। कमिश्ली सीरियाई शासन और कुर्द अधिकारियों के साझा नियंत्रण में है। वेधशाला के अनुसार, जिन तीन रेस्तरां में विस्फोट हुए हैं, वे शासन बलों के नियंत्रण क्षेत्र में आते हैं। शहर में एएफपी के एक संवाददाता ने कहा कि आत्मघाती हमला ईसाई समुदाय की बहुलता वाले इलाके के पड़ोस में स्थित एक रेस्तरां में हुआ। वेधशाला के निदेशक रामी अब्देल रहमान ने एएफपी को बताया, हसका प्रांत के कमिश्ली शहर में तीन विस्फोट हुए। एक हमला आत्मघाती बम हमलावर द्वारा रेस्तरां के भीतर किया गया। इस्लामिक स्टेट के जिहादियों का समर्थन करने वाली समाचार एजेंसी अमाक ने कहा कि समूह ने शहर में हुए हमलों की जिम्मेदारी ली है। यह शहर तुर्की के साथ लगने वाली सीमा और इराक के निकट है। एजेंसी ने कहा, इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों द्वारा कमिश्ली शहर के विभिन्न हिस्सों में किए गए बम विस्फोटों में दर्जनों लोग मारे गए और घायल हो गए। कमिश्ली सीरियाई शासन और कुर्द अधिकारियों के साझा नियंत्रण में है। वेधशाला के अनुसार, जिन तीन रेस्तरां में विस्फोट हुए हैं, वे शासन बलों के नियंत्रण क्षेत्र में आते हैं। एजेंसी ने कहा, इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों द्वारा कमिश्ली शहर के विभिन्न हिस्सों में किए गए बम विस्फोटों में दर्जनों लोग मारे गए और घायल हो गए। कमिश्ली सीरियाई शासन और कुर्द अधिकारियों के साझा नियंत्रण में है। वेधशाला के अनुसार, जिन तीन रेस्तरां में विस्फोट हुए हैं, वे शासन बलों के नियंत्रण क्षेत्र में आते हैं।
लेख: मेजबान श्रीलंकाई क्रिकेट टीम ट्वेंटी-20 विश्व कप के अंतर्गत सोमवार को पाल्लेकेले अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में खेले जाने वाले सुपर-8 के ग्रुप-'एक' मुकाबले में मौजूदा चैम्पियन इंग्लैंड के खिलाफ जीत दर्ज कर सेमीफाइनल में पहुंचने की अपनी दावेदारी को मजबूत करने के इरादे से उतरेगा। सुपर-8 में श्रीलंका ने अब तक दो मैच खेले हैं और दोनों में उसे जीत हासिल हुई है। श्रीलंका चार अंकों के साथ अपने ग्रुप में शीर्ष पर है। इस मुकाबले को जीतने के साथ ही उसके छह अंक हो जाएंगे और वह आसानी से सेमीफाइनल में पहुंच जाएगा। इंग्लैंड ने सुपर-8 में अब तक दो मैच खेले हैं जिनमें से उसे एक में जीत जबकि दूसरे में हार मिली है। दो अंक लेकर बेहतर नेट रनरेट के आधार पर इंग्लिश टीम ग्रुप-'एक' में दूसरे स्थान पर है। श्रीलंका ने अपने पिछले मुकाबले में वेस्टइंडीज को नौ विकेट से हराया था। इस मुकाबले में कप्तान माहेला जयवर्धने ने नाबाद 65 रनों की मैच जिताऊ पारी खेली थी। अनुभवी विकेट कीपर बल्लेबाज कुमार संगकारा भी अच्छी लय में हैं। विस्फोटक सलामी बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान अकेले अपनी बल्लेबाजी के दम पर मैच का रुख  मोड़ने का माद्दा रखते हैं। मध्यक्रम में एंजेलो मैथ्यूज, लाहिरू थिरिमाने, थिसारा परेरा और जीवन मेंडिस के रूप में अच्छे खिलाड़ी हैं जो बड़े-बड़े शॉट्स लगाने में माहिर हैं। श्रीलंका के पास अबूझ स्पिनर अजंता मेंडिस के रूप में बेहतरीन गेंदबाज है जो इस समय बेहतरीन फॉर्म में हैं। तेज गेंदबाजी का दारोमदार लसिथ मलिंगा और नुवान कुलासेकरा के कंधों पर होगा।टिप्पणियां दूसरी ओर, इंग्लिश टीम ने अपने पिछले मुकाबले में न्यूजीलैंड को छह विकेट से हराया था। इस जीत से इंग्लैंड के हौंसले बुलंद है। कीवी टीम के खिलाफ ल्यूक राइट ने 76 रनों की बेहतरीन पारी खेली थी। क्रेग कीसवेटर, इयन मोर्गन, जॉनी बेयरस्टो, एलेक्स हालेस के रूप में इंग्लैंड के पास अच्छे गेंदबाज हैं जो शानदार बल्लेबाजी करने के लिए सक्षम हैं। कप्तान स्टुअर्ट ब्रॉड, स्टीवन फिन और टिम ब्रेस्नन तेज आक्रमण की जिम्मेदारी सम्भालेंगे जबकि स्पिन का दारोमदार ग्रीम स्वान के कंधों पर रहेगा। सुपर-8 में श्रीलंका ने अब तक दो मैच खेले हैं और दोनों में उसे जीत हासिल हुई है। श्रीलंका चार अंकों के साथ अपने ग्रुप में शीर्ष पर है। इस मुकाबले को जीतने के साथ ही उसके छह अंक हो जाएंगे और वह आसानी से सेमीफाइनल में पहुंच जाएगा। इंग्लैंड ने सुपर-8 में अब तक दो मैच खेले हैं जिनमें से उसे एक में जीत जबकि दूसरे में हार मिली है। दो अंक लेकर बेहतर नेट रनरेट के आधार पर इंग्लिश टीम ग्रुप-'एक' में दूसरे स्थान पर है। श्रीलंका ने अपने पिछले मुकाबले में वेस्टइंडीज को नौ विकेट से हराया था। इस मुकाबले में कप्तान माहेला जयवर्धने ने नाबाद 65 रनों की मैच जिताऊ पारी खेली थी। अनुभवी विकेट कीपर बल्लेबाज कुमार संगकारा भी अच्छी लय में हैं। विस्फोटक सलामी बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान अकेले अपनी बल्लेबाजी के दम पर मैच का रुख  मोड़ने का माद्दा रखते हैं। मध्यक्रम में एंजेलो मैथ्यूज, लाहिरू थिरिमाने, थिसारा परेरा और जीवन मेंडिस के रूप में अच्छे खिलाड़ी हैं जो बड़े-बड़े शॉट्स लगाने में माहिर हैं। श्रीलंका के पास अबूझ स्पिनर अजंता मेंडिस के रूप में बेहतरीन गेंदबाज है जो इस समय बेहतरीन फॉर्म में हैं। तेज गेंदबाजी का दारोमदार लसिथ मलिंगा और नुवान कुलासेकरा के कंधों पर होगा।टिप्पणियां दूसरी ओर, इंग्लिश टीम ने अपने पिछले मुकाबले में न्यूजीलैंड को छह विकेट से हराया था। इस जीत से इंग्लैंड के हौंसले बुलंद है। कीवी टीम के खिलाफ ल्यूक राइट ने 76 रनों की बेहतरीन पारी खेली थी। क्रेग कीसवेटर, इयन मोर्गन, जॉनी बेयरस्टो, एलेक्स हालेस के रूप में इंग्लैंड के पास अच्छे गेंदबाज हैं जो शानदार बल्लेबाजी करने के लिए सक्षम हैं। कप्तान स्टुअर्ट ब्रॉड, स्टीवन फिन और टिम ब्रेस्नन तेज आक्रमण की जिम्मेदारी सम्भालेंगे जबकि स्पिन का दारोमदार ग्रीम स्वान के कंधों पर रहेगा। इंग्लैंड ने सुपर-8 में अब तक दो मैच खेले हैं जिनमें से उसे एक में जीत जबकि दूसरे में हार मिली है। दो अंक लेकर बेहतर नेट रनरेट के आधार पर इंग्लिश टीम ग्रुप-'एक' में दूसरे स्थान पर है। श्रीलंका ने अपने पिछले मुकाबले में वेस्टइंडीज को नौ विकेट से हराया था। इस मुकाबले में कप्तान माहेला जयवर्धने ने नाबाद 65 रनों की मैच जिताऊ पारी खेली थी। अनुभवी विकेट कीपर बल्लेबाज कुमार संगकारा भी अच्छी लय में हैं। विस्फोटक सलामी बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान अकेले अपनी बल्लेबाजी के दम पर मैच का रुख  मोड़ने का माद्दा रखते हैं। मध्यक्रम में एंजेलो मैथ्यूज, लाहिरू थिरिमाने, थिसारा परेरा और जीवन मेंडिस के रूप में अच्छे खिलाड़ी हैं जो बड़े-बड़े शॉट्स लगाने में माहिर हैं। श्रीलंका के पास अबूझ स्पिनर अजंता मेंडिस के रूप में बेहतरीन गेंदबाज है जो इस समय बेहतरीन फॉर्म में हैं। तेज गेंदबाजी का दारोमदार लसिथ मलिंगा और नुवान कुलासेकरा के कंधों पर होगा।टिप्पणियां दूसरी ओर, इंग्लिश टीम ने अपने पिछले मुकाबले में न्यूजीलैंड को छह विकेट से हराया था। इस जीत से इंग्लैंड के हौंसले बुलंद है। कीवी टीम के खिलाफ ल्यूक राइट ने 76 रनों की बेहतरीन पारी खेली थी। क्रेग कीसवेटर, इयन मोर्गन, जॉनी बेयरस्टो, एलेक्स हालेस के रूप में इंग्लैंड के पास अच्छे गेंदबाज हैं जो शानदार बल्लेबाजी करने के लिए सक्षम हैं। कप्तान स्टुअर्ट ब्रॉड, स्टीवन फिन और टिम ब्रेस्नन तेज आक्रमण की जिम्मेदारी सम्भालेंगे जबकि स्पिन का दारोमदार ग्रीम स्वान के कंधों पर रहेगा। श्रीलंका ने अपने पिछले मुकाबले में वेस्टइंडीज को नौ विकेट से हराया था। इस मुकाबले में कप्तान माहेला जयवर्धने ने नाबाद 65 रनों की मैच जिताऊ पारी खेली थी। अनुभवी विकेट कीपर बल्लेबाज कुमार संगकारा भी अच्छी लय में हैं। विस्फोटक सलामी बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान अकेले अपनी बल्लेबाजी के दम पर मैच का रुख  मोड़ने का माद्दा रखते हैं। मध्यक्रम में एंजेलो मैथ्यूज, लाहिरू थिरिमाने, थिसारा परेरा और जीवन मेंडिस के रूप में अच्छे खिलाड़ी हैं जो बड़े-बड़े शॉट्स लगाने में माहिर हैं। श्रीलंका के पास अबूझ स्पिनर अजंता मेंडिस के रूप में बेहतरीन गेंदबाज है जो इस समय बेहतरीन फॉर्म में हैं। तेज गेंदबाजी का दारोमदार लसिथ मलिंगा और नुवान कुलासेकरा के कंधों पर होगा।टिप्पणियां दूसरी ओर, इंग्लिश टीम ने अपने पिछले मुकाबले में न्यूजीलैंड को छह विकेट से हराया था। इस जीत से इंग्लैंड के हौंसले बुलंद है। कीवी टीम के खिलाफ ल्यूक राइट ने 76 रनों की बेहतरीन पारी खेली थी। क्रेग कीसवेटर, इयन मोर्गन, जॉनी बेयरस्टो, एलेक्स हालेस के रूप में इंग्लैंड के पास अच्छे गेंदबाज हैं जो शानदार बल्लेबाजी करने के लिए सक्षम हैं। कप्तान स्टुअर्ट ब्रॉड, स्टीवन फिन और टिम ब्रेस्नन तेज आक्रमण की जिम्मेदारी सम्भालेंगे जबकि स्पिन का दारोमदार ग्रीम स्वान के कंधों पर रहेगा। विस्फोटक सलामी बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान अकेले अपनी बल्लेबाजी के दम पर मैच का रुख  मोड़ने का माद्दा रखते हैं। मध्यक्रम में एंजेलो मैथ्यूज, लाहिरू थिरिमाने, थिसारा परेरा और जीवन मेंडिस के रूप में अच्छे खिलाड़ी हैं जो बड़े-बड़े शॉट्स लगाने में माहिर हैं। श्रीलंका के पास अबूझ स्पिनर अजंता मेंडिस के रूप में बेहतरीन गेंदबाज है जो इस समय बेहतरीन फॉर्म में हैं। तेज गेंदबाजी का दारोमदार लसिथ मलिंगा और नुवान कुलासेकरा के कंधों पर होगा।टिप्पणियां दूसरी ओर, इंग्लिश टीम ने अपने पिछले मुकाबले में न्यूजीलैंड को छह विकेट से हराया था। इस जीत से इंग्लैंड के हौंसले बुलंद है। कीवी टीम के खिलाफ ल्यूक राइट ने 76 रनों की बेहतरीन पारी खेली थी। क्रेग कीसवेटर, इयन मोर्गन, जॉनी बेयरस्टो, एलेक्स हालेस के रूप में इंग्लैंड के पास अच्छे गेंदबाज हैं जो शानदार बल्लेबाजी करने के लिए सक्षम हैं। कप्तान स्टुअर्ट ब्रॉड, स्टीवन फिन और टिम ब्रेस्नन तेज आक्रमण की जिम्मेदारी सम्भालेंगे जबकि स्पिन का दारोमदार ग्रीम स्वान के कंधों पर रहेगा। मध्यक्रम में एंजेलो मैथ्यूज, लाहिरू थिरिमाने, थिसारा परेरा और जीवन मेंडिस के रूप में अच्छे खिलाड़ी हैं जो बड़े-बड़े शॉट्स लगाने में माहिर हैं। श्रीलंका के पास अबूझ स्पिनर अजंता मेंडिस के रूप में बेहतरीन गेंदबाज है जो इस समय बेहतरीन फॉर्म में हैं। तेज गेंदबाजी का दारोमदार लसिथ मलिंगा और नुवान कुलासेकरा के कंधों पर होगा।टिप्पणियां दूसरी ओर, इंग्लिश टीम ने अपने पिछले मुकाबले में न्यूजीलैंड को छह विकेट से हराया था। इस जीत से इंग्लैंड के हौंसले बुलंद है। कीवी टीम के खिलाफ ल्यूक राइट ने 76 रनों की बेहतरीन पारी खेली थी। क्रेग कीसवेटर, इयन मोर्गन, जॉनी बेयरस्टो, एलेक्स हालेस के रूप में इंग्लैंड के पास अच्छे गेंदबाज हैं जो शानदार बल्लेबाजी करने के लिए सक्षम हैं। कप्तान स्टुअर्ट ब्रॉड, स्टीवन फिन और टिम ब्रेस्नन तेज आक्रमण की जिम्मेदारी सम्भालेंगे जबकि स्पिन का दारोमदार ग्रीम स्वान के कंधों पर रहेगा। श्रीलंका के पास अबूझ स्पिनर अजंता मेंडिस के रूप में बेहतरीन गेंदबाज है जो इस समय बेहतरीन फॉर्म में हैं। तेज गेंदबाजी का दारोमदार लसिथ मलिंगा और नुवान कुलासेकरा के कंधों पर होगा।टिप्पणियां दूसरी ओर, इंग्लिश टीम ने अपने पिछले मुकाबले में न्यूजीलैंड को छह विकेट से हराया था। इस जीत से इंग्लैंड के हौंसले बुलंद है। कीवी टीम के खिलाफ ल्यूक राइट ने 76 रनों की बेहतरीन पारी खेली थी। क्रेग कीसवेटर, इयन मोर्गन, जॉनी बेयरस्टो, एलेक्स हालेस के रूप में इंग्लैंड के पास अच्छे गेंदबाज हैं जो शानदार बल्लेबाजी करने के लिए सक्षम हैं। कप्तान स्टुअर्ट ब्रॉड, स्टीवन फिन और टिम ब्रेस्नन तेज आक्रमण की जिम्मेदारी सम्भालेंगे जबकि स्पिन का दारोमदार ग्रीम स्वान के कंधों पर रहेगा। दूसरी ओर, इंग्लिश टीम ने अपने पिछले मुकाबले में न्यूजीलैंड को छह विकेट से हराया था। इस जीत से इंग्लैंड के हौंसले बुलंद है। कीवी टीम के खिलाफ ल्यूक राइट ने 76 रनों की बेहतरीन पारी खेली थी। क्रेग कीसवेटर, इयन मोर्गन, जॉनी बेयरस्टो, एलेक्स हालेस के रूप में इंग्लैंड के पास अच्छे गेंदबाज हैं जो शानदार बल्लेबाजी करने के लिए सक्षम हैं। कप्तान स्टुअर्ट ब्रॉड, स्टीवन फिन और टिम ब्रेस्नन तेज आक्रमण की जिम्मेदारी सम्भालेंगे जबकि स्पिन का दारोमदार ग्रीम स्वान के कंधों पर रहेगा। क्रेग कीसवेटर, इयन मोर्गन, जॉनी बेयरस्टो, एलेक्स हालेस के रूप में इंग्लैंड के पास अच्छे गेंदबाज हैं जो शानदार बल्लेबाजी करने के लिए सक्षम हैं। कप्तान स्टुअर्ट ब्रॉड, स्टीवन फिन और टिम ब्रेस्नन तेज आक्रमण की जिम्मेदारी सम्भालेंगे जबकि स्पिन का दारोमदार ग्रीम स्वान के कंधों पर रहेगा।
भारतीय तेज गेंदबाजों से प्रभावित पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज वसीम अकरम का मानना है कि मोहम्मद शमी अगर अपना रनअप ठीक कर ले और जसप्रीत बुमराह कुछ समय काउंटी क्रिकेट खेलें तो वे इंग्लैंड दौरे पर कहर बरपा सकते हैं. दुनिया के सर्वकालिक श्रेष्ठ तेज गेंदबाजों में शुमार अकरम का मानना है कि मौजूदा भारतीय पेस अटैक आत्मविश्वास से ओतप्रोत है. उन्होंने कहा, ‘शमी अच्छा गेंदबाज है, लेकिन कई बार मुझे लगता है कि वह सुस्त है. तेज गेंदबाज होने के नाते उसे चुस्ती के साथ बल्लेबाज को गलती करने पर मजबूर करते रहना चाहिए.' पीटीआई के मुताबिक अकरम ने कहा, ‘अपने रनअप के समय शमी कई बार क्रीज पर पहुंचने से ठीक पहले छोटे कदम लेता है. कई बार लय से भटकने पर कदम छोटे हो जाते हैं और गेंद सटीक नहीं पड़ती. इससे गेंदबाज की रफ्तार भी कम हो जाती है.' 'विराट' पारी से कोहली का बजा डंका, विरोधी भी बोले- तुस्सी ग्रेट हो शमी का घुटने की चोटों का इतिहास रहा है और अकरम ने स्वीकार किया कि यह चिंता की बात है. उन्होंने कहा ,‘शमी के साथ मसला रहेगा. शोएब अख्तर को भी घुटने ने परेशान किया. उसे शरीर के निचले हिस्से की मांसपेशियों पर काम करना होगा.' माइकल होल्डिंग ने हाल ही में कहा था कि बुमराह को अपने गेंदबाजी एक्शन के कारण इंग्लैंड में सफलता नहीं मिलेगी लेकिन अकरम का मानना है कि इस पर काम हो सकता है. उन्होंने कहा ,‘मैं माइक (होल्डिंग) से इत्तेफाक रखता हूं कि इंग्लैंड की पिचों पर इस तरह के एक्शन से कामयाबी नहीं मिल सकती, लेकिन यह अनुभव के साथ ही आएगा. बीसीसीआई अपने प्रमुख खिलाड़ियों को काउंटी क्रिकेट नहीं खेलने देता.' फिटनेस की मिसाल बने कोहली, 160 में से 100 रन दौड़कर लिए, गांगुली छूटे पीछे उन्होंने कहा ,‘बुमराह अगर कम से कम एक महीने काउंटी क्रिकेट खेले तो वह बेहतर गेंदबाज हो सकता है. भारतीय बोर्ड को बुमराह को बताना होगा कि आईपीएल छोड़कर एक महीना काउंटी खेले.' अकरम ने कहा कि मौजूदा भारतीय तेज गेंदबाजों में भुवनेश्वर कुमार सर्वश्रेष्ठ है. उन्होंने कहा ,‘मुझे भुवनेश्वर कुमार अफ्रीका में सबसे प्रभावी तेज गेंदबाज लगा. वह दोनों तरफ से गेंद को स्विंग करा रहा है. अब अधिक रफ्तार के साथ वह और प्रभावी हो गया है.'
अलग अलग पाली (शिफ्ट) में काम करने, ‘जेट लैग’ और बॉडी क्लॉक को बाधित करने वाले अन्य प्रकार के दुष्प्रभावों को कम करने में व्यायाम अहम भूमिका निभा सकता है. व्यायाम व्यस्त दिनचर्या से पैदा होने वाली थकान से निपटने में भी लोगों की मदद कर सकता है. ‘जेट लैग’ अलग-अलग टाइम जोन में यात्रा करने पर व्यक्ति की नींद में आने वाली दिक्कत को कहते हैं. अमेरिका के कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन डिएगो एवं एरिजोना विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने इस विषय पर अध्ययन के लिए करीब पांच दिन तक 101 प्रतिभागियों में व्यायाम के बाद शरीर की गतिविधियों का परीक्षण किया. ‘द जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी’ में प्रकाशित अध्ययन में पता चला कि सुबह सात बजे या दिन में एक से चार बजे के बीच व्यायाम ‘बॉडी क्लॉक’ को थोड़ा पहले कर देता है जबकि शाम सात बजे से रात दस बजे के बीच व्यायाम ‘बॉडी क्लॉक’ को आगे बढ़ा देता है. एरिजोना विश्वविद्यालय के शॉन यंगस्टेट ने कहा कि ‘बॉडी क्लॉक’ पर व्यायाम के प्रभाव की तुलना करने वाला यह पहला अध्ययन है और यह अध्ययन ‘जेट लैग’ और अलग अलग पाली में काम करने के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में मदद हेतु व्यायाम के इस्तेमाल की संभावना बता सकता है.
टीवी कार्यक्रमों में अश्लीलता को लेकर दर्शकों एवं महिला संगठनों की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने चैनलों से कहा है कि वे ‘‘बिग बॉस’’ और ‘‘राखी का इंसाफ’’ जैसे कार्यक्रमों को रात 11 बजे से सुबह पांच बजे के बीच ही प्रसारित करें. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि दोनों शो आम दर्शकों के लिए नहीं हैं और उनका प्रसारण विशेष समय में ही किया जाना चाहिए. अधिकारियों ने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है कि मंत्रालय ने लोकप्रिय टीवी कार्यक्रमों के प्रसारण समय में अनिवार्य रूप से परिवर्तन करने को कहा है. उन्होंने कहा कि इन शो का पुन:प्रसारण भी नहीं किया जा सकता और न ही उन्हें खबरों से संबंधित कार्यक्रमों में दिखाया जा सकता है. ‘‘बिग बास’’ का प्रसारण कलर्स चैनल पर होता है जबकि ‘‘राखी का इंसाफ’’ एनडीटीवी इमेजिन पर. मंत्रालय ने अश्लीलता के आरोप में तेलुगु एसएस म्यूजिक चैनल पर सात दिनों के लिए प्रतिबंध लगा दिया है. यह फैसला एक अंतर.मंत्रालयीय बैठक में किया गया. बैठक में गृह, महिला एवं बाल विकास, विदेश और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया. अधिकारियों ने बताया कि फैसले तत्काल प्रभाव से बुधवार से ही लागू होंगे. राष्ट्रीय महिला आयोग सहित और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इन कार्यक्रमों के खिलाफ शिकायतें की थी.
फिल्म 'पीकू' की सफलता का लुत्फ उठा रहे निर्देशक शूजित सरकार ने कहा है कि महानायक अमिताभ बच्चन अपने काम के प्रति इतने संजीदा हैं कि सेट पर सह-कलाकार मिलने पर वह स्पॉट ब्वॉय के साथ ही सीन की प्रैक्टिस शुरू कर देते हैं. ईरानी कैफे इक्सेलीअर में पॉएटिक लाइसेंस की ताजातरीन कार्यशाला में शूजित ने 'पीकू' के निर्माण के बारे में बातें की. उन्होंने फिल्म के कलाकारों की एक्टिंग पर बात करते हुए कहा, 'माननीय अमिताभ बच्चन अगर सेट पर अभ्यास करने के लिए कोई सह-कलाकार ना मिले, तो स्पॉट ब्वॉय के साथ ही अभ्यास शुरू कर देते हैं.' शूजित सरकार ने कहा, ' इरफान खान पूर्वाभ्यास नहीं करते, लेकिन चीजों में रच-बस जाते हैं. पटकथा उनके खून और नसों में है.' उन्होंने कहा, ' दीपिका स्वभाविक अभिनेत्री हैं. वह ज्यादा पूर्वाभ्यास नहीं करतीं. उन्हें लगता है कि अगर उन्होंने ऐसा किया, तो वह अपनी स्वाभाविकता खो देंगी.' शूजित ने कहा कि रंगमंच की तकनीक और अनुशासन ने उन्हें फिल्म 'पीकू' बनाने में मदद की. IANS से इनपुट
दिल्ली सरकार ने जानलेवा प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली में अगले साल से ही BS-6 पेट्रोल और डीजल लाने का फैसला किया है. खबर आते ही यह सवाल सबके मन में है कि सिर्फ पेट्रोल-डीजल बदलने से प्रदूषण किस हद तक रुकेगा. यह सवाल उठना इसलिए वाजिब है क्योंकि सरकार दिल्ली में अगले साल से भारत स्टेज 6 का पेट्रोल और डीजल तो ला रही है लेकिन बीएस-6 गाड़ियां लाने की समय सीमा फिलहाल नहीं बदली गई है जो कि 2020 है. पहले भारत स्टेज 6 की गाड़ियां और पेट्रोल-डीजल दोनों को लाने की समय सीमा 2020 ही थी. लेकिन दिल्ली के जानलेवा प्रदूषण पर जब हाहाकार मचा तब सरकार ने आनन-फानन में यह फैसला कर लिया कि दिल्ली में अप्रैल 2018 से और पूरे एनसीआर में 2019 से बीएस-6 पेट्रोल और डीजल ही बेचा जाएगा. पेट्रोलियम के एक्सपर्ट नरेंद्र तनेजा का कहना है कि सरकार के इस फैसले से दिल्ली का प्रदूषण कम करने में काफी मदद मिलेगी और लोगों को राहत महसूस होगी. उनका कहना है कि बीएस-4 के मुकाबले बीएस-6 डीजल में प्रदूषण फैलाने वाले खतरनाक पदार्थ 70 से 75 फीसदी तक कम होते हैं. नरेंद्र तनेजा का कहना है कि गाड़ियां BS-6 नहीं होने की वजह से तत्काल इसका पूरा फायदा तो नहीं मिलेगा लेकिन इसके बावजूद प्रदूषण में कमी होगी. इसके आने पर खासतौर से डीजल की गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण में बड़ी राहत मिलेगी क्योंकि नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड सल्फर डाइऑक्साइड और पार्टिकुलेट मैटर के मामले में BS-6 लेवल का डीजल काफी बेहतर होगा. ये वो खतरनाक प्रदूषण फैलाने वाले पदार्थ हैं जिनके शरीर में जाने से कैंसर, अस्थमा से लेकर फेफड़ों तक की तमाम तरह की बीमारियां होती हैं. खास बात यह है कि भारत के तमाम प्राइवेट और कुछ सरकारी तेल कंपनियां पहले से ही BS-6 पेट्रोल और डीजल का उत्पादन कर तो रही हैं लेकिन देश में कोई नियम नहीं होने की वजह से यह दूसरे विकसित देशों को निर्यात किया जा रहा था लेकिन भारत में नहीं बेचा जा रहा था. लेकिन बड़े स्तर पर पूरे दिल्ली और एनसीआर में BS-6 पेट्रोल डीजल सप्लाई करने के लिए या तो सरकार को सरकारी तेल कंपनियों से फौरन अपनी टेक्नोलॉजी बेहतर करने को कहना होगा या फिर प्राइवेट तेल कंपनियों से तेल खरीदना होगा. नरेंद्र तनेजा का कहना है कि बीएस-6 पेट्रोल और डीजल का उत्पादन महंगा है और पूरे देश में इसे लागू करने के लिए तेल कंपनियों को 50 हजार से लेकर 70 हजार करोड़ रुपए का खर्च करके अपनी रिफाइनरी को आधुनिक बनाना होगा. एक चुनौती यह होगी कि सिर्फ दिल्ली में अगले साल से BS-6 पेट्रोल-डीजल तो मिलने लगेगा लेकिन एनसीआर में यह फैसला 2019 से लागू होगा. इसका मतलब यह हुआ कि नोएडा, गुरुग्राम, सोनीपत, फरीदाबाद, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा जैसी जगहों से बीएस-4 पेट्रोल और डीजल लेकर गाड़ियां बेधड़क दिल्ली में आती जाती रहेंगी और प्रदूषण फैलाती रहेंगी . डीजल की गाड़ियां प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है और उनसे निकलने वाले जहरीले पदार्थ सेहत के लिए सबसे खतरनाक हैं. इसीलिए जब तक यह फैसला कम से कम पूरे एनसीआर में लागू नहीं होता तब तक इसका असर तो दिखेगा लेकिन कोई बहुत बड़ा फर्क देखने के लिए थोड़ा और इंतजार करना होगा जब 2019 से BS-6 डीजल और पेट्रोल पूरे एनसीआर में मिलने लगेगा.
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का दिल्ली के एम्स में गुरुवार शाम निधन हो गया. उन्होंने पांच बजकर पांच मिनट पर आखिरी सांस ली. वाजपेयी के निधन के बाद देशभर में शोक की लहर दौड़ गई. पूर्व पीएम के निधन के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पत्रकारों को संबोधित किया. इस दौरान उनके साथ केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल और जेपी नड्डा भी मौजूद थे. अमित शाह के साथ कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद बेहद भावुक अंदाज में दिखे. अमित शाह ने अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर बीजेपी की ओर से गहरी संवेदना व्यक्त की. वाजपेयी के निधन पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के देहावसान के साथ ही भारतीय राजनीति के आकाश का ध्रुवतारा नहीं रहा. वो बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. उनके जाने के साथ ही देश ने एक अजातशत्रु राजनेता खोया है. बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि साहित्य ने एक कवि को खोया है. पत्रकारिता ने एक स्वभावगत पत्रकार को खोया है. देश की संसद ने गरीबों की आवाज को खोया है. With his demise, we lost the pole star of the Indian sky. He was multifaceted. The nation lost a tall leader, BJP lost its first National President, crores of youth lost their inspiration. It is impossible to fill that void: BJP President Amit Shah #AtalBihariVajpayee pic.twitter.com/42r1ESvtTf — ANI (@ANI) August 16, 2018 केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद भी शाह के साथ ही आगे वाली लाइन में खड़े थे. शाह जब तक पत्रकारों को संबोधित करते रहे, रविशंकर प्रसाद उनके बगल में खड़े चुपचाप आंसू बहाते रहे. उन्होंने पत्रकारों को संबोधित नहीं किया, लेकिन पूरे समय उनके आंसुओं को कैमरों की नजर से पूरा देश देखता रहा. अटलजी को श्रद्धांजलि देने के लिए यहां क्लिक करें शाह ने कहा कि बीजेपी ने अपना पहला राष्ट्रीय अध्यक्ष खोया है और करोड़ों युवाओं ने अपनी प्रेरणा को खोया है. अटल जी के न रहने से देश की राजनीति में जो रिक्तता पैदा हुई है उसका भरना असंभव है. शाह ने कहा कि उनका व्यक्तित्व बहु आयामी था. अटल जी ने हम सभी कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शक किया है. उन्होंने कहा कि देशभक्ति की जहां भी संसद में जरूरत होती थी अटल जी उसके आवाज बने. न केवल बीजेपी, सभी को विश्वास होता था कि अटल जो कहेंगे वो देश के हित में होगा. बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी के लिए ये अपूर्ण क्षति है. इसकी पूर्ति कभी नहीं हो सकती है. अमित शाह ने कहा कि अटल जी ने कई मौकों पर चाहे वो इमरजेंसी के खिलाफ लड़ाई हो, चाहे कश्मीर के लिए यूएन में आवाज बुलंद करनी हो, चाहे दलगत राजनीति से ऊपर उठकर बांग्लादेश की लड़ाई के वक्त स्टैंड लेना हो, अटल जी ने बीजेपी के नेता होने के नाते काम नहीं किया. उन्होंने सार्वजनिक जीवन के एक देशभक्त नेता होने के नाते पूरे देश का मार्गदर्शन किया है. देखिए, जब प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे तो कैसे रोते रहे रविशंकर
टीम इंडिया के इंटरनेशनल मैच से महंगा बिका IPL का एक मैच स्टार इंडिया ने आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) के टीवी और डिजिटल ब्रॉडकास्ट के मीडिया अधिकार को 16,347.50 करोड़ रुपये में खरीद लिया है. अब 2018 से 2022 तक आईपीएल के मीडिया राइट्स स्टार इंडिया के पास रहेंगे. इससे पहले आईपीएल के मीडिया राइट्स सोनी के पास थे. इसके साथ ही अब बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को ) को एक आईपीएल मैच के लिए करीब 55 करोड़ रुपये मिलेंगे. जबकि टीम इंडिया के एक इंटरनेशनल मैच की टीवी फी 43 करोड़ रु. बैठती है. जेटली मानहानि केस में केजरीवाल पर HC सख्त, लगाया 5 हजार रुपये का जुर्माना दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मानहानि के एक मामले में अदालत की अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ा है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा दायर 10 करोड़ रुपये के एक नए मानहानि के मुकदमे में केजरीवाल पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया है.केजरीवाल पर यह जुर्माना जवाब देने में देरी के चलते लगाया गया है. केजरीवाल के खिलाफा 10 करोड़ रुपये के मानहानि के एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी द्वारा आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने को लेकर जेटली ने केजरीवाल के खिलाफ 10 करोड़ रुपये का ही एक और मुकदमा कर दिया. PM मोदी के दौरे से पहले म्यांमार बॉर्डर पर भारतीय सेना की बड़ी कार्रवाई, आतंकी कैंप तबाह भारतीय सेना ने म्‍यांमार बॉर्डर पर एक आतंकवादी कैंप को नष्‍ट कर दिया है. भारत-म्यांमार सीमा पर नागा आतंकी संगठन एनएससीएन (के) एक आतंकवादी कैंप को नष्ट कर दिया गया है. साथ ही इस कार्रवाई में एक आतंकी संगठन एनएससीएन (के) का एक आतंकवादी भी मारा गया है. अरुणाचल प्रदेश के लॉन्‍ग्‍ाडिंग जिले में हुए इस ऑपरेशन में सेना को भारी सफलता हाथ लगी है. खुफिया सूचनाओं के आधार पर सेना को इस कैंप की जानकारी बहुत पहले हो गई थी और यह ऑपरेशन 2-3 दिन से एक्‍टिव था. हालांकि सेना ने सोमवार सुबह 7:30 बजे कैंप पर हमला बोला. इस कार्रवाई में सेना के 21 पैरा (एसएफ) के जवान शामिल हैं. चीन और जापान ने दूर किया डर, तानाशाह के H बम परीक्षण से नहीं फैला हानिकारक रेडिएशन अमेरिका की चेतावनी को अनसुना करते हुए उत्तर कोरिया ने एक बार फिर हाईड्रोजन बम का परीक्षण किया. इस परीक्षण के बाद से आसपास के इलाकों में परमाणु विकिरण फैलने की बात कही गई थी. हालांकि चीन की माने तो उत्‍तर कोरिया के परमाणु परीक्षण से सीमा पार कोई विकिरण नहीं हुआ. उत्‍तर कोरिया के भूमिगत परमाणु परीक्षण के दौरान जमीन से इसका रिसाव होने की आशंकाओं के बीच जापान और चीन ने सोमवार को कहा कि उत्‍तर कोरिया के इस परीक्षण के बाद उन्हें वायुमंडल में अब तक किसी विकिरण का पता नहीं चला है. Jio की टक्कर में Airtel का धमाका, एक साथ कई बड़े आफर्स जियो की आंधी से बचने के लिए एयरटेल हर मुमकिन कोशिश करते नजर आ रहा है. कंपनी ने फिर कुछ नए प्लान्स की घोषणा की है. जो ग्राहकों को लुभाने और ट्रेंड को ध्यान में रखकर पेश किए गए हैं. इतना ही नहीं एयरटेल ने कुछ कैशबैक ऑफर्स की भी घोषणा की है. पहले बात करते हैं 349 रुपये वाले पैक की इसमें कंपनी 28 दिनों के लिए 28GB डेटा दे रही है, जिसमें हर दिन 1GB डेटा ग्राहकों को उपयोग के लिए मिलेगा. साथ ही इसमें अनलिमिटेड STD और लोकल कॉल भी दिया जा रहा है.
सभी पक्षों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश की दलील एसजी तुषार मेहता की दलील पर सिब्बल ने दिया जबाव सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र मामले पर सभी पक्षों की तरफ से दलील पेश की गई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और एनसीपी नेता अजित पवार की ओर से पेश वकीलों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट में शिवसेना की तरफ से कपिल सिब्बल और एनसीपी की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें दीं. फौरन फ्लोर टेस्ट की मांग राज्यपाल की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि बहुमत फ्लोर टेस्ट कब किया जाना चाहिए, इसका फैसला स्पीकर पर छोड़ जाना चाहिए. वहीं सिंघवी और कपिल सिब्बल ने फौरन फ्लोर टेस्ट की मांग की. सिंघवी ने कहा कि फ्लोर टेस्ट की डेडलाइन 48 घंटे नहीं, बल्कि 24 घंटे रखी जानी चाहिए. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सिंघवी से कहा कि यह फैसला हम पर छोड़ दिया जाना चाहिए. कोर्ट में मुकुल रोहतगी ने कहा कि फ्लोर टेस्ट कभी भी हो सकता है. ये फैसला स्पीकर के ऊपर है. आज वो कह रहे हैं कि उनके पास 54 विधायक हैं, कल मैं भी ये कह सकता हूं. फ्लोर टेस्ट कराना स्पीकर की जिम्मेदारी है, इसमें कोर्ट की जिम्मेदारी क्या है? होर्स ट्रेडिंग का सवाल नहीं मुकुल रोहतगी ने कहा कि कोर्ट का कोई सवाल ही नहीं है. यहां पर होर्स ट्रेडिंग का सवाल नहीं है, बल्कि पूरा ग्रुप ही दूसरी ओर चला गया है. अगर राज्यपाल कहते हैं कि आज फ्लोर टेस्ट नहीं होना चाहिए और उन्हें अपना काम करने दिया जाए. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी ये पोजिशन नहीं है. इस प्रकार के कई केस हैं, जिनमें 24 घंटे के अंदर फ्लोर टेस्ट हुआ है. सॉलिसिटर जनरल ने इस पर जवाब दिया कि ये राज्यपाल का फैसला है, क्या विधानसभा का एजेंडा अदालत तय करेगी? इसके दूरगामी परिणाम होंगे. कपिल सिब्बल की दलील सुप्रीम कोर्ट में तीखी बहस चली. तुषार मेहता ने जहां पूरे अस्तबल के गायब होने का दावा किया था उस पर कपिल सिब्बल ने जवाब दिया. कपिल सिब्बल ने कहा कि सिर्फ घुड़सवार ही भागा है, घोड़े वहीं के वहीं हैं. मुकुल रोहतगी ने कहा कि विधायकों को होटल में बंद किया गया था, फैसला जल्दी होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर 24 घंटे या 48 घंटे में निर्देश दिया तो किसे देगा? सदन की व्यवस्था तो स्पीकर ही देखेंगे. कपिल सिब्बल ने कहा कि 22 नवंबर की रात को प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई जिसमें कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना ने सरकार बनाने की बात कही. सभी ने कहा कि उद्धव सीएम होंगे लेकिन सुबह 5 बजे ही फडणवीस सीएम बन गए. उन्होंने कहा कि ऐसी कौन-सी इमरजेंसी थी कि सुबह सवा 5 बजे राष्ट्रपति शासन हटाया गया और शपथ दिलवा दी गई. इमरजेंसी का खुलासा होना चाहिए.
यह लेख है: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि केंद्र सरकार देश में संघीय ढांचे को ध्वस्त कर रही है और वह इस मुद्दे पर राष्ट्रपति की राय मांगेगी. ममता ने राज्य सचिवालय 'नाबन्ना' में संवाददाताओं से कहा, 'मोदी सरकार संघीय ढांचे को ध्वस्त कर रही है और संविधान का उल्लंघन कर रही है. वह राज्य सरकारों के कामकाज में दखल दे रही है. हम राष्ट्रपति की राय मांगेगे.' उन्होंने कहा कि दिन के समय राज्य सरकार को केंद्र से पत्र मिला, जिसमें कहा गया है कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं को तर्कसंगत बनाया जा रहा है. ममता ने कहा, 'राज्यों को विश्वास में लिए बिना यह सब जबरन किया जा रहा है... वे सहयोगात्मक संघवाद की बात करते हैं. मैं नहीं जानती कि सहयोगात्मक संघवाद क्या है.' मुख्यमंत्री ने कहा, 'अगर वे राज्यों के कामकाज में दखल देते हैं तो फिर राज्य सरकारों के होने का कोई मतलब नहीं है. यह बहुत गंभीर विषय है.'टिप्पणियां ममता ने कहा, 'नरेंद्र मोदी तानाशाही चला रहे हैं. देश के लोग मोदी के तहत आजादी खो चुके हैं. वे (बीजेपी) यह जानते हुए राष्ट्रपति व्यवस्था वाली सरकार चलाने की कोशिश कर रहे हैं कि अगली बार नहीं जीतेंगे.' उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार में सिर्फ मंत्रालय-रक्षा, विदेश, रेल और वित्त होने चाहिए. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) ममता ने राज्य सचिवालय 'नाबन्ना' में संवाददाताओं से कहा, 'मोदी सरकार संघीय ढांचे को ध्वस्त कर रही है और संविधान का उल्लंघन कर रही है. वह राज्य सरकारों के कामकाज में दखल दे रही है. हम राष्ट्रपति की राय मांगेगे.' उन्होंने कहा कि दिन के समय राज्य सरकार को केंद्र से पत्र मिला, जिसमें कहा गया है कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं को तर्कसंगत बनाया जा रहा है. ममता ने कहा, 'राज्यों को विश्वास में लिए बिना यह सब जबरन किया जा रहा है... वे सहयोगात्मक संघवाद की बात करते हैं. मैं नहीं जानती कि सहयोगात्मक संघवाद क्या है.' मुख्यमंत्री ने कहा, 'अगर वे राज्यों के कामकाज में दखल देते हैं तो फिर राज्य सरकारों के होने का कोई मतलब नहीं है. यह बहुत गंभीर विषय है.'टिप्पणियां ममता ने कहा, 'नरेंद्र मोदी तानाशाही चला रहे हैं. देश के लोग मोदी के तहत आजादी खो चुके हैं. वे (बीजेपी) यह जानते हुए राष्ट्रपति व्यवस्था वाली सरकार चलाने की कोशिश कर रहे हैं कि अगली बार नहीं जीतेंगे.' उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार में सिर्फ मंत्रालय-रक्षा, विदेश, रेल और वित्त होने चाहिए. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) ममता ने कहा, 'राज्यों को विश्वास में लिए बिना यह सब जबरन किया जा रहा है... वे सहयोगात्मक संघवाद की बात करते हैं. मैं नहीं जानती कि सहयोगात्मक संघवाद क्या है.' मुख्यमंत्री ने कहा, 'अगर वे राज्यों के कामकाज में दखल देते हैं तो फिर राज्य सरकारों के होने का कोई मतलब नहीं है. यह बहुत गंभीर विषय है.'टिप्पणियां ममता ने कहा, 'नरेंद्र मोदी तानाशाही चला रहे हैं. देश के लोग मोदी के तहत आजादी खो चुके हैं. वे (बीजेपी) यह जानते हुए राष्ट्रपति व्यवस्था वाली सरकार चलाने की कोशिश कर रहे हैं कि अगली बार नहीं जीतेंगे.' उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार में सिर्फ मंत्रालय-रक्षा, विदेश, रेल और वित्त होने चाहिए. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) ममता ने कहा, 'नरेंद्र मोदी तानाशाही चला रहे हैं. देश के लोग मोदी के तहत आजादी खो चुके हैं. वे (बीजेपी) यह जानते हुए राष्ट्रपति व्यवस्था वाली सरकार चलाने की कोशिश कर रहे हैं कि अगली बार नहीं जीतेंगे.' उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार में सिर्फ मंत्रालय-रक्षा, विदेश, रेल और वित्त होने चाहिए. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
लोगों का विश्‍वास देश की दोनों बड़ी राजनीतिक पार्टियों से उठ गया है. भ्रष्‍टाचार के खिलाफ हमने कई बार आंदोलन चलाए लेकिन सरकार सुनने तक को तैयार नहीं है. कुछ राजनीतिक दल कह रहे हैं कि आप खुद जीत कर आएं और अपने मनमुताबिक कानून बना लें. और जब हमने राजनीतिक विकल्‍प देने की बात की तो इन लोगों ने कहना शुरू कर दिया कि आप राजनीति कर रहे हैं. ये कहना है भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना के आंदोलन के सिपाही अरविंद केजरीवाल का. अरविंद केजरीवाल इंडिया टुडे ग्रुप के माइंड रॉक्‍स यूथ समिट 2012 में युवाओं को संबोधित कर रहे थे. अरविंद में मंच पर कहा कि देश की जनता और आप युवा आगे आ जाएं तो इस देश में बदलाव संभव है. इंडिया टुडे माइंड रॉक्‍स समिट 2012 में ‘योर इंडिया, योर टुडेः हाउ टू मेक योर वोट एण्ड वॉयस काउंट’ सेशन को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस की सत्ता को उखाड़ फेंकने की पुरजोर वकालत की. उन्होंने कहा, जबतक हम सत्ता को नहीं उखाड़ फेंकेंगे तबतक हम चैन नहीं लेंगे.’ अरविंद ने अपने कमिश्नर बनने के समय की बात बताई. अरविंद ने कहा, ‘जब मैं कमिश्नर बना तो पूरे परिवार ने पड़ोस में लड्डू बांटा. किसी ने नहीं कहा कि ये इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में जा रहा है वहां बहुत कमायेगा.’ अरविंद ने कहा कि बीते जमाने के राजनीतिक लोग देशभक्त के रूप में जाने जाते थे लेकिन आज के राजनीतिक लोग सत्तालोभी हो गए हैं. अरविंद ने कहा, ‘बाबा साहब अंबेडकर, सरदार बल्लभ भाई पटेल सरीखे लोगों ने चुनाव लड़ा लेकिन वो देशभक्त थे ना कि सत्ता के लालची.’ अरविंद ने एक प्रसंग का वर्णन किया. उन्होंने कहा, ‘एक बार मैं और मनीष आपस में बात कर रहे थे. मुद्दा था कि क्या पॉलिटिक्स बदल सकती है. वहीं समीप में एक सज्जन बैठे थे. वो हमारी बातें सुन रहे थे.’ मैं मनीष से कह रहा था, ‘ये राजनीतिक क्रांति होगी, अगर ये आंदोलन संसद के अंदर पहुंचता है तो किसी को लालबत्ती की गाड़ी, सुरक्षा और बड़े-बड़े मकान नहीं मिलने चाहिए. उन्हें एक कमरे के मकान में रहना होगा. कोटा बंद हो, एमपी, एमएलए फंड बंद हो’ तभी वो सज्जन उठकर मेरे पास आए और कहा, ‘मैं आपकी पार्टी का टिकट लेने आया था लेकिन आपकी बातें सुनकर यही लगता है कि जब कुछ मिलना नहीं है तो टिकट लेकर क्या करूंगा. तो आज कि पॉलिटिक्स किस जगह पर है ये इसी बात से पता चलता है. ये केवल कुर्सी की ताकत की राजनीति है.’ अरविंद ने कहा, ‘हमारा आंदोलन आम लोगों का आंदोलन था. जनता की मर्जी से विकल्प देने की बात की गई. क्या कांग्रेस पार्टी देश को भविष्य दे सकती है. क्या बीजेपी देश को भविष्य दे सकती है या कोई भी पार्टी देश को भविष्य दे सकती है.’ इस सेशन में कांग्रेस सांसद संदीप दीक्षित भी वक्ता थे और उन्होंने अरविंद के आंदोलन के समर्थन में कहा कि हमारी संस्थाओं में समय के साथ कमजोरियां आई हैं. लेकिन अरविंद और उनके मित्रों के आंदोलन से हमारी राजनीतिक संरचना को संभवतः कुछ बदलाव देखने को मिले. उन्होंने कहा राजनीति में आपके आवाज की महत्ता है, ‘आवाज को प्रभावशाली करने वाले संगठनों की बहुत आवश्यकता है.’ अरविंद के राजनीति में उतरने की सराहना करते हुए संदीप दीक्षित ने कहा, ‘आशा हमेशा ही सकारात्मक होनी चाहिए. पॉलिटिक्स में आपको चेहरा दिखाने वाला आईना भी होना चाहिए. आज आवाज प्रबल करने वाली संस्थाएं भी बहुत जोरों से चाहिए. इससे बेहतर राजनीतिक संरचना का निर्माण होता है.’ उन्होंने कहा, ‘मैं अपनी पार्टी के बचाव में कुछ नहीं कहना चाहता हूं. क्योंकि मैं जिस संगठन से जुड़ा हूं उसमें मेरा पूर्ण विश्वास है.’ हालांकि उन्होंने कहा कि बदलाव अवश्यंभावी है जो बेहतर राजनीतिक व्यवस्था का निर्माण करता है. अरविंद के राजनीति में उतरने का स्वागत करते हुए संदीप दीक्षित ने कहा, ‘मैं आपके आंदोलन और उसके राजनीतिक स्वरूप का स्वागत करता हूं. लोकपाल बिल बनाने के दौरान जिस तरह से आप और आपके साथियों ने कई सुझाव दिए और रास्ता दिखाया मैं उम्मीद करता हूं कि आपका साथ राजनीति के लिए अच्छा होगा.’ सेशन के दौरान अरविंद से जब यह सवाल पूछा गया कि क्या ये वैचारिक सफलता मिलने का पूरा विश्वास है तो उन्होंने दो उदाहरण देकर बताया. उन्होंने कहा, ‘हमारे आंदोलन के दौरान एक पुलिसवाले ने बताया कि वो रिश्वत लेता था लेकिन अन्ना के आंदोलन के प्रभाव में उसने रिश्वत लेना छोड़ दिया. इसी तरह एक व्यक्ति की ऑल्टो गाड़ी चोरी हो गई जो हमारे आंदोलन के दौरान मिल गई और उसपर अन्ना का स्टिकर चिपका था और वाईपर में एक नोट था जिसपर लिखा था अन्ना की गाड़ी अन्ना को मुबारक. तो जिसदिन लोगों में भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरुकता आ जाएगी तो सुधार खुद-ब-खुद हो जाएगा.’ अरविंद से यह पूछने पर कि चुनाव प्रचार के लिए पैसा कहां से आएगा तो उन्होंने कहा, ‘जिस दिन इस देश का हर बच्चा और औरत हमारे लिए प्रचार करने लगा तो हमें पैसे की जरूरत कहां पड़ेगी.’ अरविंद ने अपने संबोधन के दौरान कहा, ‘मुझे लगता है कि ये मौका खो गया तो पता नहीं दूसरा मौका कब मिलेगा. शायद दूसरा मौका 40-50 साल बाद मिलेगा.’ जब अरविंद से यह सवाल पूछा गया कि आप कैसे अच्छे और ईमानदार लोग लाएंगे तो अरविंद ने कहा, ‘हम दूसरे देशों में चुनाव प्रणाली की स्टडी कर रहे हैं. हम अपने कैंडिडेट का डिटेल साइट पर प्रकाशित करेंगे और लोगों को तीन महीने का समय देंगे कि हमारे कैंडिडेट के खिलाफ कोई भ्रष्टाचार का सबूत लाए. इसके अलावा हमारी पार्टी सत्ता में आई तो दस दिन के अंदर जनलोकपाल आना चाहिए. अगर कोई सांसद बनने के बाद भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया तो तीन महीने के अंदर भ्रष्ट सांसद का ट्रायल पूरा होना चाहिए जिससे 6 महीने में उसे जेल भेजा जा सके.’ इसके साथ ही अरविंद ने कहा कि सांसद निकम्मे हैं तो हम 5 साल तक क्यूं करे इंतजार इसके लिए ‘राइट टू रिकॉल’ आना चाहिए.
जॉन एलिया उर्दू के एक महान शायर हैं। इनका जन्म 14 दिसंबर 1931 को अमरोहा में हुआ। यह अब के शायरों में सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले शायरों में शुमार हैं। शायद, यानी,गुमान इनके प्रमुख संग्रह हैं इनकी मृत्यु 8 नवंबर 2002 में हुई। जौन सिर्फ पाकिस्तान में ही नहीं हिंदुस्तान व पूरे विश्व में अदब के साथ पढ़े और जाने जाते हैं। जीवनी जॉन एलिया का जन्म 14 दिसंबर 1931 को उत्तर प्रदेश के अमरोहा में एक प्रमुख परिवार में हुआ था। वह अपने भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। उनके पिता अल्लामा शफ़ीक़ हसन एलियाह एक खगोलशास्त्री और कवि होने के अलावा कला और साहित्य से भी गहरे जुड़े थे। इस सीखने के माहौल ने उसी तर्ज पर जॉन की प्रकृति को आकार दिया। उन्होंने अपनी पहली उर्दू कविता महज 8 साल की उम्र में लिखी थी। वैवाहिक जीवन जॉन एक साहित्यिक पत्रिका, इंशा के संपादक बने, जहाँ उनकी मुलाकात एक और विपुल उर्दू लेखक ज़ाहिद हिना से हुई, जिनसे उन्होंने बाद में शादी की। ज़ादा हिना अपनी शैली में एक प्रगतिशील बौद्धिक हैं और अभी भी दो पत्रिकाओं, जंग और एक्सप्रेस में वर्तमान और सामाजिक विषयों पर लिखती हैं। जॉन से, 2 बेटियों और एक बेटे का जन्म हुआ। उन्होंने 1980 के दशक के मध्य में तलाक ले लिया। उसके बाद, अलगाव के कारण जॉन की स्थिति खराब हो गई। वे क्रोधित हो गए और शराब पीने लगे। पाकिस्तान में आगमन जॉन एलिया कम्युनिस्ट अपने विचारों के कारण [भारत] के विभाजन के सख्त खिलाफ थे, लेकिन बाद में इसे एक समझौता के रूप में स्वीकार किया। 1957 में एलिया पाकिस्तान चले गये और कराची को अपना घर बना लिया। जल्द ही वे शहर के साहित्यिक हलकों में लोकप्रिय हो गए। उनकी कविता उनकी विविध अध्ययन आदतों का स्पष्ट प्रमाण थी, जिसके कारण उन्हें व्यापक प्रशंसा और दृढ़ता मिली। इमेज | 150 पीएक्स | लेफ्ट | जॉन एलिजा की पुस्तक की छवि शिष्टाचार "शायद" जॉन एक विपुल लेखक थे, लेकिन कभी भी उनके लिखित काम को प्रकाशित करने के लिए राजी नहीं किया गया था। उनका पहला कविता संग्रह "हो सकता है" तब प्रकाशित हुआ था जब वह 60 वर्ष के थे। जॉन एलिया द्वारा लिखित "न्यू चिल्ड्रन" नामक इस पुस्तक के अग्रदूत में, उन्होंने उन स्थितियों और संस्कृति पर गहराई से शोध किया है जिसमें उन्हें अपने विचार व्यक्त करने का अवसर मिला था। उनकी कविता का दूसरा खंड, अर्थात् उनकी मृत्यु के बाद [2003] में प्रकाशित हुआ, और तीसरा खंड "गुमान" (2004) नाम से प्रकाशित हुआ। जॉन एलिया धार्मिक समुदाय में कुल एलियंस थे, [एक दकियानूसी] और [एक [नीरज | फ़ुजावी]]। उनके बड़े भाई, रईस अमरोहावी को धार्मिक चरमपंथियों ने मार डाला, जिसके बाद उन्होंने सार्वजनिक सभाओं में बोलते हुए बड़ी सावधानी बरतनी शुरू कर दी। जॉन एलियाह ट्रांसमिशन, एडिटिंग भी इस तरह के अन्य कामों में व्यस्त थे। लेकिन उनके अनुवाद और ग्रंथ आसानी से उपलब्ध नहीं हैं।दर्शनशास्त्र, तर्कशास्त्र, इस्लामिक इतिहास, इस्लामिक सूफी परंपराएँ, इस्लामी विज्ञान, पश्चिमी साहित्य और संयोगवश, कर्बला] जॉन का ज्ञान किसी भी तरह व्यापक था। [स्कोप | एनसाइक्लोपीडिया] इस ज्ञान का सार यह था कि उन्होंने इसे अपनी कविता में भी शामिल किया ताकि वे अपने समकालीनों से अलग पहचान बना सकें। कविता बे-क़रारी सी बे-क़रारी है वस्ल है और फ़िराक़ तारी है जो गुज़ारी न जा सकी हम से हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है निघरे क्या हुए कि लोगों पर अपना साया भी अब तो भारी है बिन तुम्हारे कभी नहीं आई क्या मिरी नींद भी तुम्हारी है आप में कैसे आऊँ मैं तुझ बिन साँस जो चल रही है आरी है उस से कहियो कि दिल की गलियों में रात दिन तेरी इंतिज़ारी है हिज्र हो या विसाल हो कुछ हो हम हैं और उस की यादगारी है इक महक सम्त-ए-दिल से आई थी मैं ये समझा तिरी सवारी है हादसों का हिसाब है अपना वर्ना हर आन सब की बारी है ख़ुश रहे तू कि ज़िंदगी अपनी उम्र भर की उमीद-वारी है मृत्यु जॉन एलिया का लंबी बीमारी के बाद 8 नवंबर, 2002 को कराची में निधन हो गया। सन्दर्भ 1931 में जन्मे लोग उर्दू शायर २००४ में निधन उत्तर प्रदेश के लोग पाकिस्तानी साहित्य
अगर आप विदेश में पढ़ाई करके अपना करियर बनाना चाहते हैं तो आपको विदेश के इंस्टीट्यूट्स और यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के बारे में सब कुछ पता होना जरूरी है. खासतौर पर विदेश में पढ़ाई करने के लिए तैयारी आपको महीनों पहले से करनी होगी. आइए जानते हैं विदेश में पढ़ाई के लिए कैसे करें तैयारी: देश का करें चयन : आपका सबसे पहला पड़ाव पढ़ाई के लिए देश का चयन करना होना चाहिए. ज्यादातर भारतीय स्टूडेंट्स इंग्लैंड, अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में पढ़ना पसंद करते हैं. इसके अलावा चीन, इटली और सिंगापुर में भी भारतीय स्टूडेंट्स की तादात बढ़ी है. इंस्टीट्यूट्स का चयन: विदेश में पढ़ने के लिए सबसे पहले कोर्स और इंस्टीट्यूट का चयन कर लें. कोशिश करें कि आप जिस संस्थान और कोर्स में एडमिशन लेना चाहते हैं , उसकी फैकल्टी अच्छी हो. उदाहरण के लिए अगर आप रिसर्च में एडमिशन लेना चाहते हैं तो कैंब्रिज, हावर्ड और कैलेफॉर्निया यूनिवर्सिटीज अच्छी हैं. आवेदन प्रक्रिया पर रखें नजर: आवेदन प्रक्रिया के लिए आपको कम से कम 6 महीने पहले जानकारी जुटानी होगी. अगर आप अपने मनचाहे कोर्स में एडमिशन चाहते हैं तो संबंधित इंस्टीट्यूट्स की वेबसाइट से जानकारी हासिल कर लें. हो सकता है एक ही कोर्स के एडमिशन की तारीख इंस्टीट्यूट्स में अलग-अलग हो. फाइनांशियल मदद: विदेशी शिक्षा काफी महंगी है इसलिए आप लोन या स्कॉलरशिप के लिए भी पहले से एप्लाई कर दें. भारत में अधिकतर बैंक विदेश में पढ़ाई के लिए लोन ऑफर कराते हैं. जहां तक स्कॉलरशिप की बात है तो संबंधित इंस्टीट्यूट्स के अलावा कई ट्रस्ट भी स्कॉलरशिप उपलब्ध कराते हैं. संबंधित टेस्ट: विदेश में पढ़ाई करने की सोच रहे हैं तो कुछ टेस्ट के बारे में भी आपको पता होना जरूरी है. कई इंस्टीट्यूट्स में इन IELTS, SAT, TOFEL, GRE, GMAT टेस्ट के आधार पर ही एडमिशन मिलता है.
महाराष्ट्र में सत्तासीन शिवसेना ने मुखपत्र 'सामना' के जरिए मुस्लिम धर्म प्रचारक डॉक्टर जाकिर नाइक पर हमला बोला है. 'शांतिदूत की धमकी!' शीर्षक के साथ लिखे संपादकीय में पार्टी ने लिखा है कि देश में हिंदुओं को लाचार और आपराधिक जीवन जीना पड़ रहा है, जबकि नाइक जैसे 'शांतिदूत' जांच एजेंसियों को धमकी दे रहे हैं. शिवसेना ने पुलिस और जांच एजेंसियों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए हैं. संपादकीय में लिखा गया है, 'डॉ. जाकिर नाइक अरब राष्ट्र में बैठकर इस देश के पुलिस महकमे को धमका रहा है और वही पुलिस और जांच एजेंसी 'सनातन'आश्रम मे जाकर मर्दानगी दिखा रही है. हिंदुत्ववादी कार्यकर्ताओं के सामने गर्जना करने वाले इस्लामी संस्थाओं और संगठनों के सामने बिल्ली के बच्चों की तरह चुप बैठ जाते हैं.' कपिल शर्मा पर मुखर तो जाकिर पर क्यों नहीं? जाकिर नाइक को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस की चुप्पी को भी शि‍वसेना ने निशाना बनाया है. संपादकीय में कॉमेडियन कपिल शर्मा का जिक्र करते हुए लिखा गया है, 'कपिल शर्मा द्वारा गैरकानूनी निर्माण कार्य के बारे में शोर मचाते ही मुख्यमंत्री उसका जवाब देते हैं और संबंधित कार्रवाई करने का संकेत देते हैं. कल को डॉ. नाइक की आवाज का भी वे जवाब दे सकते हैं, क्योंकि दुनिया के नक्शे पर स्थित कई इस्लामी राष्ट्र डॉ. नाइक जैसों के पालन-पोषणकर्ता हैं.' नाइक ने खुलेआम दी धमकी 'सामना' ने आगे लिखा है कि 'हिंदुस्थान' में कोई भी उठता है और हिंदू संस्थाओं और संगठनों को अपराधी ठहराता है. हमारी सरकारें भी इन संगठनों को कुचल डालती हैं. डॉ. नाइक जैसे लोगों को इस प्रवृति के कारण बल मिल रहा है. डॉ. नाइक ने खुलेआम कहा है कि उस पर कार्रवाई का मतलब तमाम मुसलमानों पर हमला होगा. इस तरह उसने पुलिस को धमकी दी है. लेख के अंत में लिखा गया है, 'शांतिदूत का अंतर्मन इस कारण स्पष्ट हो गया, यह अच्छा ही हुआ!'
अगर आप कंप्यूटर प्रोग्रामर हैं और अमेरिका जाने की योजना बना रहे हैं तो अब आपके इस सपने पर पानी फिर सकता है. क्योंकि की सरकार ने मौजूदा एच1बी वीजा प्रणाली को बदलने की तैयारी कर ली है. सरकार द्वारा जारी नई पॉलिसी के अनुसार सामान्य कंप्यूटर प्रोग्रामर को अब विशेषज्ञता-प्राप्त पेशेवर नहीं माना जाएगा, जो एच1बी के मामले में अनिवार्य माना शर्त है. H1B वीजा पर ट्रंप सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन, गलत फायदा उठाने वालों पर होगी खास नजर इस कदम का असर एक अक्टूबर 2017 से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष के लिए एच1बी कार्य वीजा का आवेदन करने वाले हजारों भारतीयों पर पड़ सकता है. इसके लिए प्रक्रिया कल शुरू हो गई है. समझने वाली बात यह है कि किसी भी व्यक्त‍ि को वीजा देने से पहले यह बताना होगा कि अमेरिका को उस व्यक्ति की क्यों जरूरत है और उससे अमेरिका कैसे लाभांवित होगा. यूएससीआईएस पॉलिसी मेमोरैंडम में कहा गया है कि कोई व्यक्ति कम्प्यूटर प्रोग्रामर के तौर पर कार्यरत हो सकता और वह सूचना तकनीक कौशल तथा ज्ञान का इस्तेमाल किसी कंपनी को उसके लक्ष्य को हासिल कराने के लिए कर सकता है, लेकिन उसकी नौकरी उसको 'विशिष्ट पेशे' के लिए नियुक्त कराने के लिए पर्याप्त नहीं है. यूएससीआईएस ने तर्क दिया कि पुराना मेमोरेंडम ऑक्यूपेशनल आउटलुक हैंडबुक के 1998-1999 और 2000-01 संस्करणों पर आधारित है, जो कि अब अप्रचलित हो गया है. ओबामा की जलवायु परिवर्तन नीति को राष्ट्रपति ट्रंप ने किया रद्द जारी की गई नई गाइडलाइन के तहत एच1बी वीजा के लि‍ए अप्‍लाई करने वाले कंप्‍यूटर प्रोग्रामर्स को अति‍रि‍क्‍त जानकारी देनी होगी. उनको यह साबित करना होगा कि उनकी जॉब जटि‍ल है और इसके लि‍ए ज्‍यादा एडवांस नॉलेज या एक्‍सपीरि‍यंस की जरूरत है हॉवर्ड यूनि‍वर्सि‍टी के एसोसि‍एट प्रोफेसर रोन हेरा ने कहा कि योग्‍यता को सख्‍त करने की दिशा में यह सही कदम है. रोन हेरा ने एच1बी वीजा पर काफी रिसर्च किया है.
काउंसिल फॉर द इंडियन सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) में 10वीं और 12वीं के कई रिकॉर्ड टूटे हैं. टॉपर्स ने पिछले पांच साल का रिकॉर्ड तोड़ा है. कोलकाता के सौगत चौधरी, नवीं मुंबई के तेजन तपन साहू और मुंबई की अनन्या हर्षद पटवर्धन ने 99.20 फीसदी अंक हासिल करके 10वीं परीक्षा में टॉप किया है. आपको बता दें कि इससे पहले 2011 के टॉपर ने 98.80 फीसदी अंक हासिल किए थे. वहीं, 12वीं की परीक्षा में 99.75 फीसदी अंकों के साथ अर्क्या चटर्जी ने टॉप किया है. दिल्ली एनसीआर में लड़िकयां रिजल्ट के मामले में लड़कों से आगे हैं.  10वीं में कुल 99.14 फीसदी लड़कियां और 97.94 फीसदी लड़कों ने परीक्षा पास की है. लड़कों के मुकाबले 1.20 फीसदी ज्यादा लड़कियों ने सफलता पाई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राजीव गांधी को एक 'भ्रष्ट' राजनेता कहे जाने की 200 से ज्यादा शिक्षकों ने निंदा की है. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को भ्रष्ट बताए जाने पर दिल्ली विश्वविद्यालय के दो सौ से ज्यादा शिक्षकों ने एक आलोचना पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा ने मंगलवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को भ्रष्ट बताए जाने के एक दिन बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी को आड़े हाथ लिया था. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'मोदीजी, लड़ाई खत्म हो चुकी है. आपके कर्म आपका इंतजार कर रहे हैं. खुद के बारे में खुद के भीतर की सोच को मेरे पिता पर थोपना भी आपको नहीं बचा पाएगा. सप्रेम.' Statement by over 200 Delhi University Teachers condemning Narendra Modi for his remarks on the late Rajiv Gandhi with actual signatures... Sharing some of them here. pic.twitter.com/OYcPFSbwJc — Sam Pitroda (@sampitroda) May 7, 2019 बाद में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी मोदी की ट्विटर पर आलोचना की, "शहीदों के नाम पर वोट मांगकर उनकी शहादत को अपमानित करने वाले प्रधानमंत्री ने अपनी बेलगाम सनक में एक नेक और पाक इंसान की शहादत का निरादर किया, जिसने अपना जीवन देश के लिए कुर्बान किया." उन्होंने अमेठी की एक जनसभा में कहा कि जनता जवाब देगी, जिनके लिए राजीव गांधी ने अपनी जान दी. हां मोदीजी, यह देश धोखेबाजी को कभी माफ नहीं करता. राहुल और प्रियंका गांधी की टिप्पणी मोदी के बयान के एक दिन बाद आई थी. मोदी ने उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में एक रैली में उनके पिता पर हमला किया और 'भ्रष्टाचारी नंबर 1' बताया. मोदी ने कहा, "आपके (राहुल गांधी) पिता को उनके दरबारियों द्वारा 'मिस्टर क्लीन' बुलाया जाता था, लेकिन उनका जीवन 'भ्रष्टाचारी नंबर 1' के रूप में समाप्त हुआ." मोदी की यह प्रतिक्रिया कांग्रेस प्रमुख द्वारा राफेल जेट सौदे को लेकर भ्रष्टाचार के लगातार हमलों के बाद आई. चुनाव की हर ख़बर मिलेगी सीधे आपके इनबॉक्स में. आम चुनाव की ताज़ा खबरों से अपडेट रहने के लिए सब्सक्राइब करें आजतक का इलेक्शन स्पेशल न्यूज़ लेटर
सेम्बियान महादेवी गंडारादित्य चोल की पत्नी के रूप में 949 ई. - 957 ई. तक चोल साम्राज्य की रानी और साम्राज्ञी थीं। वह उत्तम चोल की माँ हैं। वह चोल साम्राज्य की सबसे शक्तिशाली साम्राज्ञियों में से एक थीं, जिन्होंने साठ वर्षों की अवधि में कई मंदिरों का निर्माण किया और दक्षिण भारत में कई मंदिरों को उदार उपहार दिए। वह अपने बेटे के शासनकाल के दौरान, यदि पहले नहीं तो, शक 901 का अनुमान लगाती है। 941 के एक शिलालेख के अनुसार, कहा जाता है कि सेम्बियान महादेवी ने एक बंदोबस्ती की थी ताकि शिव देवता के सामने एक दीपक स्थायी रूप से जलाया जा सके (शायद चिदंबरम नटराज (नटराज) पंथ के क्रिस्टलीकरण के कुछ समय बाद)। अपने पति गंडारादित्य चोल की मृत्यु के बाद, उन्होंने तुरंत रानी और महारानी के रूप में अपना खिताब खो दिया और बाद में उन्हें तंजावुर की रानी दहेज (रानी दहेज और राजा की मां) के रूप में जाना जाने लगा। उसने रानी और साम्राज्ञी के रूप में अपनी सारी शक्ति खो दी और केवल सफेद रंग पहना जिसे शोक रंग के रूप में जाना जाता था, जिससे वह जीवन भर शोक में डूबी रही। मधुरान्तक उत्तम चोल की माता वह गंडारादित्य चोल (श्री-गंडारादित्त देवताम पिरट्टियार) की रानी थीं और उन्हें हमेशा उत्तम चोल, उत्तम चोल देवराय तिरु-वायिरु-वैयक्का-उदैया पिरट्टियार श्री सेम्बियान मदेयियार (वह रानी जिसे उत्तम को जन्म देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था) की मां के रूप में जाना जाता है। चोल देव), जिसे सेम्बियन की महान रानी के रूप में भी जाना जाता है। शिलालेखों में यह भेद उन्हें अन्य रानियों से अलग करने के लिए किया गया है, जिन्होंने उनके पहले और बाद दोनों समय यह उपाधि धारण की थी। विभिन्न शिलालेखों से संकेत मिलता है कि वह मझावरयार सरदार की बेटी थी। शुरुआत में, वह लगातार खुद को श्री सेम्बियान माडेय्यर की बेटी के रूप में पहचानती है। कला और वास्तुकला के संरक्षक वह बहुत पवित्र थी और एक शौकीन मंदिर निर्माता थी और उसने कई मंदिरों का निर्माण किया, जिनमें से कुछ कुटरलम, विरुधाचलम, अदुथुराई, वक्करई, अनंगुर आदि में हैं। उसने चोल साम्राज्य की कुछ सबसे भव्य बंदोबस्ती की है। तिरु-आरा-नेरी-अलवर मंदिर उनके द्वारा निर्मित सबसे शुरुआती मंदिरों में से एक था। उन्होंने 967-968 ई. में थिरुनल्लूर या नल्लूर अग्रहारम के कल्याणसुंदरसर मंदिर को कांस्य और आभूषण के कई उपहार दिए, जिसमें आज पूजी जाने वाली नल्लूर मंदिर की देवी की कांस्य मूर्ति (जिसे उमा परमेश्वरी के नाम से जाना जाता है) भी शामिल है, जिसकी शैली सेम्बियन कांस्य की विशिष्ट है। सम्मानित परकेसरीवर्मन उत्तम चोल के एक शिलालेख से, हम जानते हैं कि हर महीने ज्येष्ठ के दिन, जो रानी का जन्म नक्षत्र है, कोनेरीराजपुरम के उमामहेश्वरस्वामिन मंदिर में एक नियमित श्रीबाली समारोह की व्यवस्था की गई है: पवित्र सेम्बियान महादेवी एक उत्कृष्ट मंदिर निर्माता और कला की अत्यधिक सम्मानित संरक्षक थीं। उनके जीवनकाल के दौरान, उनके नाम पर बने सेम्बियन महादेवी शहर के शिव मंदिर में उनके जन्मदिन पर विशेष उत्सव मनाया जाता था, और उनके सम्मान में प्रिय रानी का एक धातु चित्र मंदिर में प्रस्तुत किया गया था, जिसे संभवतः उनके बेटे ने बनवाया था। इस प्रकार, उनके जन्मदिन का जश्न मनाने वाले जुलूसों में इसके उपयोग से इसे सेम्बियान महादेवी के रूप में पहचाना गया होगा। यह उच्च शैली वाली कांस्य छवि प्राचीन भारतीय कला में शाही और दैवीय चित्रण के बीच धुंधली होती रेखाओं का एक उदाहरण है। यह मुद्रा देवी पार्वती की याद दिलाती है। भारतीय कलाकार अक्सर हिंदू देवताओं की सर्वव्यापकता और सर्वशक्तिमानता पर जोर देने के लिए उनकी बांह/हाथ के विवरण पर बहुत ध्यान देकर चित्रित करते हैं। देवताओं की छवियों की मनोदशा और अर्थ को व्यक्त करने के लिए विभिन्न प्रकार के हाथ के इशारों, जिन्हें मुद्रा के रूप में जाना जाता है, का उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, जब हथेली उपासक के सामने उठाई जाती है, तो यह सुरक्षा (अभय) का संकेत है, जबकि नीचे की ओर इशारा करते हुए उंगलियों वाला हाथ भक्त की इच्छाओं को पूरा करने का वादा करता है ( वरदा )। कॉन्ट्रापोस्टो मुद्रा, जिसे भारत में त्रिभंगा, या ट्रिपल-बेंट के नाम से जाना जाता है, एक लोकप्रिय मुद्रा थी; इसने हिलने-डुलने की भावना पैदा की, और अधिकांश छवियां, चाहे मानव हों या दिव्य, इसी प्रकार संतुलित हैं। दृश्य रूपक साहित्य में एक रूपक दो असंबद्ध प्रतीत होने वाली चीजों को आपस में जोड़ता है ताकि उनमें से एक के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं को उजागर किया जा सके। दृश्य कला में भी यही संभव है। सभी अतिरंजित विशेषताओं के साथ, सेम्बियान महादेवी कांस्य का शाब्दिक अर्थ नहीं लिया जाना चाहिए। सेम्बियान महादेवी एक दृश्य रूपक है, फिर भी तंत्रिका संबंधी और सौंदर्य संबंधी दृष्टिकोण से सबसे मायावी है, यह उस समय पुरुषों के लिंग निर्माण को उत्तेजित करने का भी काम करता है। रामचन्द्रन के अनुसार सेम्बियान महादेवी की अतिरंजित विशेषताएं विशिष्ट दैवीय गुणों का प्रतीक हैं। टिप्पणियाँ संदर्भ ललित कला, अंक 3-4, ललित कला अकादमी चोल कांस्य की कला एवं विज्ञान, अभिमुखीकरण तमिलनाडु और केरल राज्यों में शिलालेखों की एक स्थलाकृतिक सूची: टीवी महालिंगम द्वारा तंजावुर जिला प्रारंभिक चोल: गणित कालक्रम का पुनर्निर्माण करता है सेथुरमन द्वारा द इंडियन एंटिक्वेरी - ए जर्नल ऑफ ओरिएंटल रिसर्च वॉल्यूम IV - 1925 सीआईई एडवर्डस द्वारा भारतीय पुरावशेष, खंड 54 ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड के रॉयल एंथ्रोपोलॉजिकल इंस्टीट्यूट द्वारा यह सभी देखें तमिलनाडु का इतिहास चोल राजवंश
उत्तर प्रदेश के बस्ती में घूसखोर अधिकारियों को सबक सिखाने के लिए एक सपेरे ने राजस्व विभाग के दफ्तर में दर्जनों सांप छोड़ दिए। इसके बाद तो जैसे पूरे दफ्तर में हड़कंप मच गया। लोग इधर-उधर भागने लगे। बाद में सांपों को पकड़ने कि लिए वन विभाग को खबर की गई हालांकि इस घटना में किसी को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। हक्कुल ने बाद में बताया कि वह सांपों के संरक्षण को लेकर लम्बे समय से काम कर रहा है और इसी सिलसिले में उसने सरकार से जमीन देने की मांग की थी लेकिन अधिकारी जमीन के बदले उससे रिश्वत मांग रहे थे। इस घटना के बाद यह भरोसा दिया गया है कि उसे जमीन जल्द ही एलॉट कर दी जाएगी।
यह एक लेख है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश में भारतीय गैस प्राधिकरण लिमिटेड (गेल) की पाइपलाइन में आग लगने से मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति संवदेना व्यक्त की और उन्हें प्रधानमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, कैबिनेट सचिव अजित कुमार सेठ और गेल के प्रमुख बीसी त्रिपाठी से भी बात की और उन्हें घटनास्थल पर तत्काल राहत सुनिश्चित करने को कहा। मोदी ने कहा, आंध्र प्रदेश में गेल पाइपलाइन में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री राहत कोष के अलावा पेट्रोलियम मंत्रालय और गेल ने भी राहत सहायता की घोषणा की है। मोदी ने साथ ही हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए लोगों के लिए भी 50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की। आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले में गेल की एक गैस पाइपलाइन में विस्फोट होने के बाद आग लगने से 14 लोग मारे गए और सात अन्य घायल हो गए। पूर्वी गोदावरी जिले की जिलाधिकारी नीतू कुमारी प्रसाद ने कहा कि दुर्घटना अमलापुरम मंडल के नगरम गांव में हुई। उन्होंने साथ ही कहा कि हादसे में तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को पास के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
शेयर बाजार में पिछले दो दिन से जारी गिरावट आज थम गई। रिफाइनरी शेयरों में लिवाली से बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 24 अंक मजबूत होकर बंद हुआ। उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में सेंसेक्स बाजार बंद होने के समय 24.42 अंक सुधर कर 16,906.58 अंक पर रहा। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 6.15 अंक मजबूत होकर 5,120.80 अंक पर टिका।टिप्पणियां ब्रोकरों ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के रुख से रिफाइनरी कंपनियों पर सब्सिडी पर ईंधन की बिक्री करने का बोझ घटने की संभावना है। निवेशकों ने रिफाइनरी कंपनियों के शेयरों में लिवाली की। रिफाइनरी शेयरों में रिलायंस इंडस्ट्रीज 1.05 प्रतिशत, आयल इंडिया 1.50 प्रतिशत और एचपीसीएल 2.36 प्रतिशत मजबूत हुआ। सेंसेक्स में शामिल 30 में से 20 कंपनियों के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए। लंदन में ब्रेंट क्रूड का अगस्त डिलीवरी के लिए भाव 91.43 डॉलर प्रति बैरल चल रहा था। उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में सेंसेक्स बाजार बंद होने के समय 24.42 अंक सुधर कर 16,906.58 अंक पर रहा। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 6.15 अंक मजबूत होकर 5,120.80 अंक पर टिका।टिप्पणियां ब्रोकरों ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के रुख से रिफाइनरी कंपनियों पर सब्सिडी पर ईंधन की बिक्री करने का बोझ घटने की संभावना है। निवेशकों ने रिफाइनरी कंपनियों के शेयरों में लिवाली की। रिफाइनरी शेयरों में रिलायंस इंडस्ट्रीज 1.05 प्रतिशत, आयल इंडिया 1.50 प्रतिशत और एचपीसीएल 2.36 प्रतिशत मजबूत हुआ। सेंसेक्स में शामिल 30 में से 20 कंपनियों के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए। लंदन में ब्रेंट क्रूड का अगस्त डिलीवरी के लिए भाव 91.43 डॉलर प्रति बैरल चल रहा था। ब्रोकरों ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के रुख से रिफाइनरी कंपनियों पर सब्सिडी पर ईंधन की बिक्री करने का बोझ घटने की संभावना है। निवेशकों ने रिफाइनरी कंपनियों के शेयरों में लिवाली की। रिफाइनरी शेयरों में रिलायंस इंडस्ट्रीज 1.05 प्रतिशत, आयल इंडिया 1.50 प्रतिशत और एचपीसीएल 2.36 प्रतिशत मजबूत हुआ। सेंसेक्स में शामिल 30 में से 20 कंपनियों के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए। लंदन में ब्रेंट क्रूड का अगस्त डिलीवरी के लिए भाव 91.43 डॉलर प्रति बैरल चल रहा था। रिफाइनरी शेयरों में रिलायंस इंडस्ट्रीज 1.05 प्रतिशत, आयल इंडिया 1.50 प्रतिशत और एचपीसीएल 2.36 प्रतिशत मजबूत हुआ। सेंसेक्स में शामिल 30 में से 20 कंपनियों के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए। लंदन में ब्रेंट क्रूड का अगस्त डिलीवरी के लिए भाव 91.43 डॉलर प्रति बैरल चल रहा था।
हिमाचल प्रदेश में चंबा के निकट एक बस के खाई में गिर जाने से 15 लोगों की मौत हो गई और करीब 30 लोग घायल हो गए. राहत व बचाव के प्रयास तेज दुर्घटना चंबा के पास सलूनी में हुई. निजी बस के ड्राइवर द्वारा वाहन से नियंत्रण खो देने की वजह से बस करीब 300 फुट गहरी खाई में जा गिरी. बस सलूनी से चंबा की ओर जा रही थी. घायलों को निकट के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है. बहरहाल, दुर्घटनास्‍थल पर राहत और बचाव का काम तेज कर दिया गया है.
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने दो महीने की अनिश्चिय की स्थिति के बाद शुक्रवार को सरकार गठन को लेकर बीजेपी के साथ आगे बढ़ने के संकेत दिए. उन्होंने कहा कि उन्हें इसको लेकर होने वाली आलोचनाओं का भय नहीं है. हालांकि, महबूबा ने यह भी कहा कि वह चाहती हैं कि केंद्र एक संकेत दे कि वह जम्मू-कश्मीर के लोगों के कल्याण के लिए सब कुछ करेगा. पीडीपी प्रमुख ने राज्यपाल एनएन वोहरा से भी मुलाकात की. PDP President Mehbooba Mufti met J&K governor NN Vohra, earlier today pic.twitter.com/xeLKoDTq3D — ANI (@ANI_news) March 4, 2016 महबूबा ने अपने दिवंगत पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद का नाम लेते हुए कहा, 'उन्होंने बीजेपी के साथ एक पार्टी के तौर पर हाथ नहीं मिलाया था, बल्कि वह गठबंधन केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर के लोगों के बीच था. इसका उद्देश्य राज्य के लोगों की भलाई था.' उन्होंने शुक्रवार को जम्मू से अपनी पार्टी का सदस्यता अभियान शुरू किया. 'लोगों का लाभ होता है तो कोई बात नहीं' इस दौरान महबूबा ने कहा, 'हमारे लिए मेरे पिता द्वारा किया गया निर्णय, यदि वह उद्देश्य और वह आकांक्षा की पूर्ति होती है तब मुझे इस बात की परवाह नहीं कि लोग मुझ पर बीजेपी के साथ आगे बढ़ने का आरोप लगाते हैं, चाहे उन्हें अच्छा लगे या बुरा. यदि लोगों को लाभ होता है तो कोई बात नहीं.' 'मैं हठी महिला नहीं हूं' उन्होंने आगे कहा, 'जब लोगों के हित का सवाल आया, मेरे पिता ने पार्टी की कभी परवाह नहीं की. वह सब कुछ से ऊपर उठे और लोगों के कल्याण के लिए बीजेपी के साथ हाथ मिलाया.' महबूबा ने कहा कि वह कोई हठी महिला नहीं हैं. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के नेता सरकार गठन चाहते हैं, लेकिन वह ऐसा तभी करेंगी जब उन्हें महसूस होगा कि वृहद उद्देश्य की पूर्ति हो गई. यदि बीजेपी के साथ गठबंधन का उद्देश्य पूरा होता है, तो उन्हें सरकार बनाने में कोई आपत्ति नहीं है.' 'सीएम बनने में हिचकिचाहट नहीं' महबूबा ने कहा, 'यदि वे ऐसा संकेत देते हैं कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के कल्याण के लिए सब कुछ करेंगे. ये एक ऐसा देश है, उसका खजाना कभी खाली नहीं होगा. यदि मुझे कभी भी यह महसूस होगा कि केंद्र के हृदय में जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए जगह और एक रूपरेखा जो हमने बनाई है और वे उसमें रंग भरने को तैयार हैं तो मुझे इस राज्य की मुख्यमंत्री बनने में कोई हिचकिचाहट नहीं होगी, बल्कि वह एक सम्मान की बात होगी.' राज्य में लागू है गवर्नर रूल गौरतलब है कि 87 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा में महबूबा की पार्टी पीडीपी के 27 विधायक हैं. पीडीपी ने बीजेपी के 25 सदस्यों के साथ मिलकर मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व में 10 महीने तक एक गठबंधन सरकार चलाई. सईद का सात जनवरी को अचानक निधन हो गया. इसके बाद आठ जनवरी से राज्य में राज्यपाल शासन है, क्योंकि अपने पिता की उत्तराधिकारी के तौर पर देखी जा रही महबूबा ने सरकार गठन का कोई दावा पेश नहीं किया.
बीजेपी ने हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री का ऐलान कर दिया है. जयराम ठाकुर हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे. रविवार को शिमला में बीजेपी विधायक दल की बैठक में इसका फैसला हुआ. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने जयराम ठाकुर के नाम का प्रस्ताव रखा, जिस पर मुहर लगी. ठाकुर के अलावा किसी और के नाम कोई प्रस्ताव नहीं हुआ. इस बैठक में दोनों ऑब्जर्वर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा हिमाचल प्रदेश के सभी बीजेपी लोकसभा और राज्यसभा सांसद पहुंचे थे. बैठक के बाद नरेंद्र तोमर ने कहा कि इस बैठक की अध्यक्षता हमारे प्रदेश के अध्यक्ष आदरणीय सतपाल सती ने किया. इस बैठक में नए नेता के चयन की प्रक्रिया पूरी हुई है. उन्होंने कहा कि चर्चा में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और संसदीय बोर्ड के फैसले को सामने रखा गया. इसके बाद विधायक दल की बैठक हुई और हमारे पूर्व मुख्यमंत्री धूमल भी शामिल हुए. बैठक में जयराम ठाकुर को विधायक दल का नेता चुना गया. बता दें कि चुनाव प्रचार के दौरान ही पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने प्रेम कुमार धूमल को सीएम कैंडिडेट घोषित कर दिया था. उनके नेतृत्व में पार्टी ने स्पष्ट बहुमत तो पा लिया, लेकिन वो खुद अपनी सीट बचाने में फेल हो गए. जिसके बाद सीएम कौन बने, इसे लेकर चर्चा शुरू गर्म रही. धूमल जाएंगे राज्यसभा बताया जा रहा है कि बीजेपी प्रेम कुमार धूमल को अप्रैल में राज्यसभा में भेजेगी. जबकि ये भी कहा जा रहा है कि जेपी नड्डा की जगह प्रेम कुमार धूमल या अनुराग ठाकुर को केंद्र सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है. वहीं इस बीच प्रेम कुमार धूमल ने खुद को मुख्यमंत्री की दावेदारी के अलग करते हुए साफ कहा कि इस मामले में पार्टी हाईकमान जो भी निर्णय लेगी, वह माना जाएगा. गौरतलब है कि गुरुवार और शुक्रवार को पार्टी की कोर कमेटी की बैठक के दौरान धूमल और जय राम ठाकुर के समर्थकों द्वारा किए गए हंगामे का पार्टी हाईकमान ने कड़ा संज्ञान लिया है. पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने भी शक्ति प्रदर्शन को गलत बताया था और दोनों टीमों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की बात कही थी.
द इम्पीरियल गजेटियर आफ़ इण्डिया (, ) भारतीय ब्रितानी साम्राज्य द्वारा तैयार किया गया भौगोलिक कोश है जो वर्तमान में एक सन्दर्भ कार्य के रूप में काम में लिया जाता है। अंग्रेजी राज में 19वी शताब्दी के अंत और 20वीं शताब्दी के आरम्भिक दो दशकों में गजेटियर तैयार हुऐ थे। सन् 1881 में इम्पिरियल गजेटियर आॅफ इंडिया का प्रकाशन हुआ। इसकी रूपरेखा विलियम विल्सन हंटर ने सन् 1869 में ही आरम्भ कर दी थी। यह 9 वाल्यूम में प्रकाशित हुआ। इसका दूसरा संस्करण सन् 1885-87 में प्रकाशित हुआ, जिसमें 14 वाल्यूम थे। हंटर भारत में गजेटियर के जन्मदाता कहे जाते है। इनकी मृत्यु के बाद इंपीरियल गजेटियर आॅफ इंडिया का नया संस्करण 26 वाल्यूम में प्रकाशित हुआ। इसी के साथ प्रोविंस सीरिज (1908-1909) के 19 प्रोविंस गजेटियर्स तथा डिस्ट्रिक्ट सीरिज (1903-1914) के गजट भी प्रकाशित हुई। उसने ग्लासगो, पेरिस तथा बान में शिक्षा प्राप्त कर 1862 ई. में 'इंडियन सिविल सर्विस' (भारतीय प्रशासनिक सेवा) में प्रवेश किया और बंगाल में नियुक्त हुआ। उसमें धारा प्रवाह लिखने की अद्भुत शक्ति थी। हन्टर ने 'ग्रामीण बंगाल का क्रमानुसार इतिहास' लिखकर एक राजनेता के रूप में अच्छा नाम कमाया। चार साल बाद 'भारत की अनार्य भाषाओं का तुलनात्मक कोश' प्रकाशित करके अपने पांडित्य का भी परिचय दिया। भारत के सांख्यिकीय सर्वेक्षण का प्रबन्ध किया और 1875-1877 ई. में 'बंगाल का सांख्यिकीय विवरण' 20 खंडों में प्रकाशित किया। 'इम्पीरियल गजेटियर ऑफ़ इंडिया' भी 23 खंडों में तैयार कियाl सन्दर्भ पुस्तकें
बिहार में शराबबंदी के कानून में संशोधन तो होगा लेकिन शराबबंदी के निर्णय से कोई समझौता नहीं होगा. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विश्व मादक निषेध दिवस पर पटना में आयोजित कार्यक्रम में दो टूक ऐसा कहा. बता दें कि पिछले कुछ दिनों से कानून में संशोधन की बात उठने से शराब के शौकीनों को लग रहा था कि शायद शराबबंदी में कुछ छूट मिल सकती है. लेकिन नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी से कोई समझौता नहीं होगा. हालांकि उन्होंने माना कि कानून का दुरुपयोग जरूर हो रहा है इसलिए कानून में संशोधन का प्रस्ताव है. जो बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र में सदन में पेश हो सकता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून में संशोधन का प्रस्ताव आगामी मॉनसून सत्र में आ सकता है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय से अनुमति भी ले ली गई है और इसके लिए अधिकारियों की एक कमेटी बनाई है. गृह विभाग और उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की तरफ से इस पर काम किया जा रहा है. विधि विभाग का मंतव्य लेकर उसको अंतिम रूप देंगे. उन्होंने कहा, 'मॉनसून सत्र आ रहा है. लेकिन हड़बड़ी में हम कुछ नहीं करेंगे. एक बात और साफ है कि हम इस निर्णय के साथ कोई समझौता नहीं कर सकते'. नीतीश कुमार ने कहा, 'नीति आयोग की बैठक में कई मुख्यमंत्रियों ने शराबबंदी के बारे में मुझसे चर्चा की कि मैंने ये कैसे किया. उन्होंने कहा कि शराबबंदी अच्छी चीज है सब मानते हैं लेकिन सब राजस्व को लेकर परेशान रहते हैं. हमने उनसे कहा कि आप अपनी टीम भेज दें. किसी गांव में भेज दें. फिर हमारे अधिकारी चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ से टीम आने वाली है. अन्य जगह से भी टीम आएगी. पड़ोसी राज्य में धंधा बढ़ गया है. यूपी, झारखंड, बंगाल में धंधा बढ़ गया. उनको जो लाभ हो रहा है वो बहुत ही घिनौना लाभ है. आस-पास के लोगों को लगता होगा कि अच्छा लाभ हो रहा है, रिसोर्स बढ़ रहा है.' बेगूसराय में स्पिरिट पीने से 4 लोगों की मौत पर नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने सर्जिकल स्पिरिट का सेवन किया था. वो पीने की चीज नहीं है. कुछ लोग हैं कि मानते नहीं हैं. उन्होंने कहा कि गोपालगंज, रोहतास फिर वैशाली में भी घटना हुई थी. ये कानून और नीति की विफलता नहीं है. ऐसी घटना की व्याख्या ही गलत होती है- फेल हो गया शराबबंदी. कुछ लोग गलत करते ही हैं और प्रचार करने की जरूरत है.
महाराष्ट्र के अमरावती में एक गभर्वती महिला को जिंदा जलाने का मामला सामने आया है। आरोप है कि रीना नाम की इस महिला को उसके सास-ससुर, देवर समेत परिवार के आठ लोगों ने मिलकर जिंदा जला डाला। वजह है बेटे की चाह। महिला छह महिने से गभर्वती थी और ससुरालवालों को लग रहा था कि इस बार भी लड़की ही पैदा होगी। रीना को दो साल की एक बेटी भी है। ससुराल वाले गर्भपात कराना चाहते थे।टिप्पणियां बच्चे को बचाने के लिए रीना अपने माता-पिता के घर चली गई लेकिन लड़की पैदा न हो इसलिए ससुराल वालों ने महिला को उसके मायके में जाकर जलाया। उस वक्त रीना के माता-पिता खेतो में काम करने गए थे। रीना की हॉस्पिटल में मौत हो गई है। फिलहाल पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर सास-ससुर समेत आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। महिला छह महिने से गभर्वती थी और ससुरालवालों को लग रहा था कि इस बार भी लड़की ही पैदा होगी। रीना को दो साल की एक बेटी भी है। ससुराल वाले गर्भपात कराना चाहते थे।टिप्पणियां बच्चे को बचाने के लिए रीना अपने माता-पिता के घर चली गई लेकिन लड़की पैदा न हो इसलिए ससुराल वालों ने महिला को उसके मायके में जाकर जलाया। उस वक्त रीना के माता-पिता खेतो में काम करने गए थे। रीना की हॉस्पिटल में मौत हो गई है। फिलहाल पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर सास-ससुर समेत आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। बच्चे को बचाने के लिए रीना अपने माता-पिता के घर चली गई लेकिन लड़की पैदा न हो इसलिए ससुराल वालों ने महिला को उसके मायके में जाकर जलाया। उस वक्त रीना के माता-पिता खेतो में काम करने गए थे। रीना की हॉस्पिटल में मौत हो गई है। फिलहाल पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर सास-ससुर समेत आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर सास-ससुर समेत आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
चालू वित्त वर्ष में पांच करोड़ से अधिक लोगों द्वारा आयकर का भुगतान किए जाने की संभावना है जिसमें से दो करोड़ लोग आयकर का भुगतान करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक माध्यम का उपयोग कर सकते हैं। ऑनलाइन कर सेवा उपलब्ध कराने वाले पोर्टल टैक्ससमडॉटकॉम के चेयरमैन संजय कपाड़िया ने बताया, हमारा अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में पांच करोड़ से अधिक लोग आयकर का भुगतान करेंगे जिसमें से दो करोड़ लोग इसके लिए ऑनलाइन माध्यम का इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ये अनुमान पिछले कुछ वर्ष के दौरान दर्ज किए गए रुख पर आधारित है। कपाड़िया ने कहा कि बीते वित्त वर्ष में 4.1 करोड़ लोगों ने आयकर रिटर्न दाखिल किए जिसमें से 91.57 लाख लोगों ने ऑनलाइन रिटर्न दाखिल किए। उन्होंने अनुमान जताया कि 2015-16 में 10 करोड़ से अधिक लोग रिटर्न दाखिल करेंगे जिसमें से साढ़े सात से आठ करोड़ लोग ऑनलाइन रिटर्न दाखिल करेंगे। उन्होंने कहा कि देश में 120 करोड़ लोगों में से केवल 60 प्रतिशत लोग रोजगार प्राप्त हैं और इनमें से केवल 25 प्रतिशत लोगों की आय 1.8 लाख रुपये (1.8 लाख रुपये तक की आय करमुक्त है) से अधिक है।
यूट्यूब अमेरिका की एक वीडियो देखने वाला प्लेटफॉर्म है, जिसमें पंजीकृत सदस्य वीडियो क्लिप देखने के साथ ही अपना वीडियो अपलोड भी कर सकते हैं। इसे पेपैल के तीन पूर्व कर्मचारियों, चाड हर्ले, स्टीव चैन और जावेद करीम ने मिल कर फरवरी 2005 में बनाया था, जिसे नवम्बर 2006 में गूगल ने 1.65 अरब अमेरिकी डॉलर में खरीद लिया। यूट्यूब अपने पंजीकृत सदस्यों को वीडियो अपलोड करने, देखने, शेयर करने, पसंदीदा वीडियो के रूप में जोड़ने, रिपोर्ट करने, टिप्पणी करने और दूसरे सदस्यों के चैनल की सदस्यता लेने देता है। इसमें सदस्यों से लेकर कई बड़े कंपनियों के तक वीडियो मौजूद रहते हैं। इनमें वीडियो क्लिप, टीवी कार्यक्रम, संगीत वीडियो, फ़िल्मों के ट्रेलर, लाइव स्ट्रीम आदि होते हैं। कुछ लोग इसे वीडियो ब्लॉगिंग के रूप में भी प्रयोग करते हैं। गैर-पंजीकृत सदस्य केवल वीडियो ही देख सकते हैं, वहीं पंजीकृत सदस्य असीमित वीडियो अपलोड कर सकते हैं और वीडियो में टिप्पणी भी जोड़ सकते हैं। कुछ ऐसे वीडियो, जिसमें मानहानि, उत्पीड़न, नग्नता, अपराध करने हेतु प्रेरित करने वाले वीडियो या जो भी 18 वर्ष से कम आयु के लोगों के लिए घातक हो, उन्हें केवल 18+ आयु के पंजीकृत सदस्य ही देख सकते हैं। यूट्यूब अपनी कमाई गूगल एडसेंस से करता है, जो साइट के सामग्री और दर्शकों के अनुसार अपना विज्ञापन दिखाता है। इसमें अधिकांश वीडियो निःशुल्क देखा जा सकता है, परन्तु कुछ वीडियो को देखने के लिए पैसे देने पड़ते हैं। इनमें से एक फिल्में उधार लेकर देखना भी सम्मिलित है, जिसमें आप कुछ पैसे देकर फ़िल्म देख सकते हैं। यूट्यूब प्रीमियम की सदस्यता भी आप पैसे देकर ले सकते हैं, जिससे आप बिना कोई विज्ञापन के कई सारे वीडियो देख सकते हैं और साथ ही यूट्यूब प्रीमियम पर कुछ ऐसे वीडियो भी हैं, जिसे केवल आप यूट्यूब प्रीमियम की सदस्यता खरीद कर ही देख सकते हैं। इतिहास पेपाल के तीन पूर्व कर्मचारी चाड हर्ले, स्टीव चैन, और जावेद करीम] ने मध्य फरवरी 2005 में यूट्यूब बनाई थी। सैन ब्रूनो आधारित सेवा उपयोग कर्ता द्वारा डत्पन्न वीडियॊ सामग़्री जिसमें मूवी क्लिप्स टीवी क्लिप्स और म्यूजिक वीडियो शामिल हैं (user-generated video content) प्रदर्शित करने के एडोब फ़्लैश तकनीक का उपयोग करता है साथ ही शौकिया सामग्री (TV) जैसे छोटे मूल वीडियो (music videos) और वीडियॊ (videoblogging) ब्लॉगिंग अक्टूबर 2006 में, गूगल इंक ने घोषणा की थी कि उसने एक कम्पनी का अधिग्रहण करने के लिए $1.65 अरब स्टाक में एक समझौता किया है। 13 नवम्बर 2006 को यह समझौता पूरा कर लिया गया गूगल ने 14 नवम्बर 2006 को यूट्यूब के साथ समझौता पूर्ण कर दिया। यूट्यूब पर सबसे पहला उपलोड किया गया वीडियो मी ऐट द ज़ू है जिसमें सह-संस्थापक जावेद करीम सैन डिएगो चिड़ियाघर में दिखाए गए हैं। यह 23 अप्रैल 2005 को अपलोड हुआ था। इसे अभी भी यूट्यूब पर देखा जा सकता है। . YouTube के 5 सबसे बड़े चैनल के नाम -: T-Series PewDiePie Mr. beast Coca Melon Bright side एक कहानी जो कि अक्सर मीडिया में दोहराई गयी है उसके अनुसार, हर्ले और चैन, 2005 के शुरुआती महीनों के दौरान सैन फ्रांसिस्को में चेन के अपार्टमेंट में एक डिनर पार्टी में खींचे वीडियो को बाँटने में कठिनाई आई थी और इससे ही यूट्यूब के विचार का जन्म हुआ। करीम पार्टी में शामिल नहीं थे और उन्होंने इस बात से इनकार किया है कि पार्टी हुई थी, लेकिन चैन ने टिप्पणी की है, "यह एक कहानी है और इसे पाच्य बनाने के लिए, चारों ओर विपणन विचारों से मजबूत किया गया था"। करीम ने यूट्यूब के लिए प्रेरणा 2004 में हिन्द महासागर में आई सुनामी के वीडियो क्लिप ऑनलाइन नहीं मिलने को माना है। हर्ले और चेन ने कहा कि यूट्यूब के लिए मूल विचार के लिए एक ऑनलाइन डेटिंग सेवा का एक वीडियो संस्करण था, और हॉट और नॉट" वेबसाइट से प्रभावित था। जल्द से जल्द यूट्यूब वेबसाइट के संस्करण जीवित वेबैक मशीन, 28 अप्रैल 2005 को 19 जून 2013 को लिया गया।। यूट्यूब पर अधिक लोगों द्वारा देखे जाने के लिए, आपको उच्च-गुणवत्ता वाली सामग्री बनानी चाहिए जो वास्तविक प्रशंसकों को आकर्षित करे। इसका मतलब है कि आपको यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि आपके थंबनेल और अन्य चैनल तत्व आपके चैनल की समग्र थीम से मेल खाते हों। यूट्यूब, एक उद्यम वित्त पोषित प्रौद्योगिकी स्टार्टअप के रूप में $11.5 मिलियन के निवेश से नवम्बर 2005 और अप्रैल 2006 में सिकोइया कैपिटल के बीच शुरू हुआ था। यूट्यूब के प्रारम्भिक मुख्यालय साइन मेटिओ, कैलिफोर्निया में एक पिज़्ज़ेरिया और जापानी रेस्त्राँ के ऊपर स्थित थे | डोमेन नाम www.youtube.com 14 फरवरी 2005 को सक्रिय हो गया था, और वेबसाइट बाद के महीनों में विकसित किया गया था। सामाजिक प्रभाव 2005 में यूट्यूब की शुरूआत से पहले, आम कंप्यूटर उपयोगकर्ताओं के लिए ऑनलाइन वीडियो पोस्ट के लिए कुछ सरल तरीके उपलब्ध थे इण्टरफ़ेस का आसानी से उपयोग करने के अलावा यूट्यूब ने यह सम्भव बनाया है कि कोई भी वीडियो पोस्ट करने के लिए कम्प्यूटर का उपयोग कर सकता है जिसे कुछ ही मिनटों में लाखों लोग देख सकते हैं। यूट्यूब ने विविध विषयों के साथ वीडियो साझेदारी को इंटरनेट (Internet culture) कल्चर का सबसे महत्वपूर्ण भाग बना दिया है। यूट्यूब के सामाजिक प्रभाव का का ताजा उदाहरण 2006 में बस अंकल वीडियॊ (Bus Uncle) की सफलता थी यह हांगकांग की बस में एक युवा और बड़े आदमी के बीच एनिमेटेड वार्तालाप दिखाता है और इस पर मुख्यधारा के मीडिया में व्यापक चर्चा की गइ थी व्यापक कवरेज प्राप्त करने के लिए एक और यूट्यूब गिटार है जिसमें पाचेलबेल कैनन (Pachelbel's Canon) की प्रस्तुति एक इलेक्ट्रिक गिटार पर दिखाइ गइ थी (electric guitar) वीडियो में कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले कलाकार का नाम नहीं दिया गया था और इस कार्यक्रम को लाखों दर्शक मिले बाद में न्यूयार्क टाइम्स ने गिटारवादक के नाम का खुलासा २३ साल के जियांग हुन लिम (Jeong-Hyun Lim) के रूप में किया जिसने यह ट्रैक अपने शयन कक्ष में रिकार्ड किया था यूट्यूब प्लेटफॉर्म पर लोग अपने चैनल के साथ इसे बनाने के लिए अलग-अलग उद्देश्य रखते हैं, लेकिन लक्ष्य जो भी हो,यूट्यूब हर व्यक्ति के उद्देश्य को पूरा करता है। कुछ मज़ेदार वीडियो बनाकर लोगों का मनोरंजन करना चाहते हैं, जबकि अन्य अपने व्यवसाय का प्रचार करना चाहते हैं। सेवा की शर्तें यूट्यूब की सेवा शर्तों के अनुसार (terms of service) उपयोगर्ता कापीराइट धारक और वीडियॊ में दिखाए गए लोगों की अनुमित से ही वीडियॊ अपलोड कर सकता है अश्लीलता, नग्नता, मानहानि, उत्पीड़न, वाणिज्यिक और विज्ञापन और आपराधिक आचरण को प्रोत्साहित करने वाली सामग्री निषिद्ध हैं। अपलोड करने वाला यूट़्यूब को अपलोड की हुई सामग्री किसी भी उद्देश्य के लिए वितरित करने या संशोधित करने का अधिकार देता है यह लाइसेंस उस समय रद्द हो जाता है जब अपलोड करने वाला सामग्री साइट से मिटा देता है उपयोगकर्ता साइट पर तभी तक वीडियो देख सकते हैं जब तक कि वे सेवा शर्तों पर सहमत हैं; डाउनलोड करने के लिए अपने माध्यम या वीडियो की नकल की अनुमति नहीं है।यूट्यूब सहयोगी कार्यक्रम में शामिल होने के योग्य बनने के लिए न्यूनतम 1,000 ग्राहकों का होना एक प्रमुख मानदंड है। यूट्यूब की कमाई मई 2007 में, यूट्यूब ने अपना पार्टनर प्रोग्राम (YPP) लॉन्च किया, जो ऐडसेन्स पर आधारित एक प्रणाली है, जो वीडियो के अपलोडर को साइट पर विज्ञापन द्वारा उत्पादित राजस्व को साझा करने की अनुमति देता है (इसी से यूट्यूब से पैसे कमाते है)। यूट्यूब आम तौर पर सहयोगी कार्यक्रम में वीडियो से विज्ञापन राजस्व का 45 प्रतिशत लेता है, जिसमें 55 प्रतिशत अपलोडर के पास जाता है। यूट्यूब सहयोगी कार्यक्रम के दस लाख से अधिक सदस्य हैं। ट्यूबमोगुल के मुताबिक, 2013 में यूट्यूब पर एक प्री-रोल विज्ञापन (जो वीडियो शुरू होने से पहले दिखाया गया है) विज्ञापनदाताओं को प्रति 1000 विचारों पर औसतन 7.60 डॉलर खर्च करता है। रुचि रखने वाले विज्ञापनदाताओं की कमी के कारण आमतौर पर आधे से अधिक योग्य वीडियो में प्री-रोल विज्ञापन नहीं होता है। यूट्यूब नीतियाँ विज्ञापन के साथ मुद्रीकृत किए जा रहे वीडियो में सामग्री के कुछ रूपों को शामिल करने से प्रतिबंधित करती हैं, जिनमें हिंसा, कठोर भाषा, यौन सामग्री, "विवादास्पद या संवेदनशील विषय और घटनाएँ शामिल हैं, जिनमें युद्ध, राजनीतिक संघर्ष, प्राकृतिक आपदाओं और त्रासदियों से संबंधित विषय शामिल हैं, भले ही ग्राफिक इमेजरी नहीं दिखाई गई हो" (जब तक कि सामग्री "आमतौर पर समाचार योग्य या हास्यपूर्ण न हो और निर्माता का इरादा सूचित या मनोरंजन करना हो"), और वीडियो जिनके उपयोगकर्ता टिप्पणियों में "अनुचित" सामग्री होती है। 2013 में, यूट्यूब ने दर्शकों को वीडियो देखने के लिए सशुल्क सब्सक्रिप्शन की आवश्यकता के लिए कम से कम एक हजार ग्राहकों वाले चैनलों के लिए एक विकल्प पेश किया। अप्रैल 2017 में, YouTube ने सशुल्क सब्सक्रिप्शन के लिए 10,000 आजीवन दृश्यों की पात्रता आवश्यकता निर्धारित की। 16 जनवरी, 2018 को, विमुद्रीकरण के लिए पात्रता आवश्यकता को पिछले 12 महीनों के भीतर 4,000 घंटे के वॉच-टाइम और 1,000 ग्राहकों के लिए बदल दिया गया था। इस कदम को यह सुनिश्चित करने के प्रयास के रूप में देखा गया कि वीडियो का मुद्रीकरण विवाद का कारण न बने, लेकिन छोटे यूट्यूब चैनलों को दंडित करने के लिए इसकी आलोचना की गई। यूट्यूब प्ले बटन, यूट्यूब क्रिएटर रिवॉर्ड्स का एक हिस्सा, यूट्यूब द्वारा इसके सबसे लोकप्रिय चैनलों की मान्यता है। निकेल प्लेटेड कॉपर-निकल एलॉय, गोल्डन प्लेटेड ब्रास, सिल्वर प्लेटेड मेटल, रूबी और रेड टिंटेड क्रिस्टल ग्लास से बनी ट्राफियां कम से कम एक लाख, एक मिलियन, दस मिलियन, पचास मिलियन सब्सक्राइबर और एक सौ वाले चैनलों को दी जाती हैं। मिलियन ग्राहक, क्रमशः। "विज्ञापनदाता-अनुकूल सामग्री" पर यूट्यूब की नीतियां मुद्रीकृत किए जा रहे वीडियो में शामिल की जाने वाली सामग्री को प्रतिबंधित करती हैं; इसमें अत्यधिक हिंसा, भाषा, यौन सामग्री, और "विवादास्पद या संवेदनशील विषय और घटनाएँ शामिल हैं, जिनमें युद्ध, राजनीतिक संघर्ष, प्राकृतिक आपदाएँ और त्रासदियाँ शामिल हैं, भले ही ग्राफिक इमेजरी न दिखाई गई हो", जब तक कि सामग्री "आमतौर पर समाचार योग्य या कॉमेडिक और निर्माता का इरादा सूचित करना या मनोरंजन करना है"। सितंबर 2016 में, उपयोगकर्ताओं को इन उल्लंघनों के बारे में सूचित करने के लिए एक उन्नत अधिसूचना प्रणाली शुरू करने के बाद, यूट्यूब की नीतियों की प्रमुख उपयोगकर्ताओं द्वारा आलोचना की गई, जिनमें फिलिप डीफ्रैंको और व्लॉगब्रदर शामिल थे। डेफ्रैंको ने तर्क दिया कि ऐसे वीडियो पर विज्ञापन राजस्व अर्जित करने में सक्षम नहीं होना "एक अलग नाम से सेंसरशिप" था। यूट्यूब के एक प्रवक्ता ने कहा कि जबकि नीति स्वयं नई नहीं थी, सेवा ने "हमारे रचनाकारों के लिए बेहतर संचार सुनिश्चित करने के लिए अधिसूचना और अपील प्रक्रिया में सुधार किया"। बोईंग बोईंग ने 2019 में बताया कि LGBT कीवर्ड्स के परिणामस्वरूप विमुद्रीकरण हुआ। संयुक्त राज्य अमेरिका में नवंबर 2020 और दुनिया भर में जून 2021 तक, YouTube प्लेटफ़ॉर्म पर किसी भी वीडियो का मुद्रीकरण करने का अधिकार सुरक्षित रखता है, भले ही उनका अपलोडर YouTube सहयोगी कार्यक्रम का सदस्य न हो। यह उन चैनलों पर होगा जिनकी सामग्री "विज्ञापनदाता के अनुकूल" मानी जाती है, और अपलोडर को कोई हिस्सा दिए बिना सारा राजस्व सीधे Google को जाएगा। आलोचना कॉपी अधिकार/प्रतिलिप्यधिकार (copyright) के कानून की ऑनलाइन सामग्री का पालन नहीं करने के कारण यू ट्यूब की कई बार आलोचना हो चुकी है एक विडियो के अपलोड करने के समय यूट्यूब के प्रयोगकर्ता को निम्न सन्देश के साथ एक स्क्रीन दिखाया जाता है किसी टी वि शो, संगीत, विडियो, संगीत कंसर्ट या आपके लिए खुद बनाये सामग्री कीअनुमति के बिना व्यापर को अपलोड नही करें कॉपी अधिकार टिप्स पेज और समुदाय निर्देश आपको किसी दुसरे के कॉपी अधिकार के उल्लंघन नही करने में मदद करता है इस सुझाव के बाद अभी भी टेलिविज़न शो, फ़िल्म, म्यूजिक विडियो के बहुत से अनधिकृत क्लिप्स हैं जो यूट्यूब पर है यूट्यूब पोस्टिंग के पहले ऐसे वीडियो को नहीं देखता और डिजीटल मिल्लेनियम कॉपी रिघ्त एक्ट (Digital Millennium Copyright Act) पर धारक को नोटिस जारी करने का जिम्मा होता है विअकोम (Viacom) और इंग्लिश प्रेमिएर लीग (Premier League) समेत संगठनों ने यू ट्यूब के विरुद्ध कॉपी अधिकार रोकने में कम प्रयास करने के आरोप में मुकदमा (lawsuit) किया है $ 1 अरब हर्जाने (damages) की माँग करते हुए विअकोम ने कहा की इसने यू ट्यूब पर 1,50,000 से अधिक अनाध्रिकृत क्लिप्स पाया है " जो 1.5 अरब बार देखा गया है यूट्यूब ने जबाब दिया की सामग्री के मालिक को उसके काम की रक्षा में मदद के लिए उसके कानूनी मजबूरी से अलग है वियाकम के मुकदमा शुरु करने के बाद यूट्यूब ने डिजिटल फिंगरप्रिण्ट के निशानों की एक प्रणाली शुरु की जो अपलोडेड वीडियॊ के कापीराइट उल्लघन के मामलों कॊ रॊकता है जुलाई 2008 में, वियाकम ने अदालत का एक फैसला जीता जिसके तहत यूट्यूब कॊ साइट पर वीडियों देखाने वाले उपयोगकर्ताओं की वीडियो देखने की आदतों का विवरण देना था इस आदेश ने यूट्यूब के लिए परेशानी खड़ी कर दी क्योंकि किसी उपयोगकर्ता की देखने सम्बन्धी आदतों की पहचान उसके आइपी पते (IP address) और लागिन नाम के संयोग से हॊ सकती है इलेक्ट्रॉनिक फ्रंटियर फाउंडेशन (Electronic Frontier Foundation) ने अदालत के फैसले की यह कह कर आलोचना की इससे निजता के अधिकार का उल्लंघन हॊता है। जनपद न्यायालय के न्यायाधीश लुई स्टैंटन (Louis Stanton) ने निजता के अधिकार पर चिन्ता कॊ सट्टा बताते हुए खारिज कर दिया और यूट्यूब को दस्तावेजों जॊ 12 टेराबाइट्स (terabyte) के आँकड़ों के आसपास है। सौंपने का आदेश दिया न्यायाधीश स्टैटन ने वियाकम का यह अनुरॊध ठुकरा दिया कि यूट्यूब (source code) अपने खॊज इजन (search engine) का स्रोत कोड दे अदालत ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि यूट्यूब ने वीडियो कापीराइट का उल्लंघन किया है यूट्यूब को अपने कुछ वीडियो में आपराधिक सामग्री के कारण आलोचना का सामना करना पड़ा हालाँकि यूटयूब की सेवा शर्तें (terms of service) अनुचित या मानहानि (defamatory) की सम्भावना वाले कार्यक्रम अपलोड करने पर रोक लगाता है लेकिन सभी वीडियॊशो आनलाइन होने से पहले देख न पाने के कारण समय समय पर कमियाँ सामने आना स्वाभाविक है वीडियो के लिए विवादास्पद क्षेत्रों में हॊलॊकास्ट इनकार (Holocaust denial) और हिल्सबर्ग आपदा (Hillsborough Disaster) शामिल हैं जिसमें 1989 में लिवरपूल (Liverpool) के 96 फुटबाल प्रशंसकों की कुचल कर मृत्यु हो गई थी। बन्द कर देना यूट्यूब शुरु होने के बाद इस पर कइ देशों जिनमें ट्यूनीशिया थाइलैंड ईरान शामिल है ने रोक लगा दी जिसे बाद में हटा लिया गया 1 अक्टूबर, 2007 में तुर्की में वीडियो के कुछ पेजों पर रोक लगा दी गइ दो दिन बाद यह रॊक हटा ली गयी हाल में २२ जनवरी २००८ में तुर्की में यूट्यूब पर एक बार फिर रोक लगाइ गइ तीन दिन बाद ही यह रोक हटा ली गयी तुर्की में 5 मई 2008 से यूट्यूब पर रोक लगी हुयी। संयुक्त अरब अमीरात में भी कुछ पेजों पर रोक लगी हुयी है On February 23, 2008, Pakistan blocked YouTube due to "offensive material" towards the Islamic faith, including the display of pictures of the prophet Muhammad. पाकिस्तान अधिकारियों का यह काम से कम से कम दो घण्टो के लिए यूट्यूब साइट को दुनिया भर में ब्लॉक कर दिया हजारो पाकिस्तानी होट-स्पॉट शील्ड कहे जाने वाले एक वीपीएन (VPN) सॉफ़्टवेयर प्रयोग कर 3 दिनों का ब्लॉक किया। यू ट्यूब का प्रतिबन्ध 26 फरवरी 2008 को आक्रामक पदार्थो को साइट से हटाने के बाद खत्म हुआ यूट्यूब के बहुत से पदार्थ होने के कारण बहुत से देशों से प्रतिबन्ध का डर भी सहता है मिनालन्द चीन से यह 18 अक्टूबर से तल्वानी झणृडा के रोक के कारण बन्द था यूट्यूब को उ आर एल चीन का अपना सर्च इंजन बिदु (Baidu) को दुबारा निदेशित किया गया यह 31 अक्टूबर को खोला गया कुछ देशों में स्कूल ने छात्रो के दुर्व्यवहार, झगडे जातिगत व्यवहार और बढे बैंडविड्थ प्रयोग और अन्य अनुचित सामग्री के कारण के कारण वीडियो अपलोड को बन्द कर दिया स्पैमिंग ई मेल स्पैम फिल्टरिंग तकनीक के हालिया विकास और उनके व्यापक प्रयोग से स्पम्मेर्स यू ट्यूब को लोकप्रिय विडियो साइट्स के विज्ञापन के रूप में करने लगे हैं इसे रोकने के लिए यू ट्यूब ने उ आर एल के टिपण्णी के साथ उसे रोक २००६ से रोक दिया है, यदि एक प्रयोगकर्ता एक उ आर एल के साथ एक टिपण्णी पोस्ट करना चाहता है तो यह त्याग दिया जाएगा और नहीं दिखाया जाएगा अगस्त २००७ के रूप में यह फेअतुरे प्रोफाइल टिप्पणी तक बढ़ा प्रतीत होता है साथ ही प्रयोगकर्ता को एक संदेश "आपका टिपण्णी प्रक्रिया त्रुटी " प्राप्त करेगा हलाँकि पोस्टिंग लिंक्स अभी भी बुलेटिन निजी संदेश या समूह चर्चा में सम्भव हैं साथ ही, यदि कोई प्रयोगकर्ता एक छूते समय में बहुत सी टिपण्णी पोस्ट करता है तो उससे इक कैप्चा (CAPTCHA) को पूरा करने को कहा जा सकता है, जो एक बाढ़ नियंत्रण में कमी के आरोप का दोषी हो कैप्चा (CAPTCHA) की कमी साईट के कुछ इलाकों में अभी भी मौजूद है स्पम्मेर्स के अन्य उदाहरणों में विडियो की धमकी से अलग शामिल है (इस संदेश को<नम्बर > दोस्तों को पोस्ट करो या आपकी माँ मारेगी <नम्बर> घंटे समेत) वे संदेश को प्रयोगकर्ता के इन्बोक्स में भेज सकते है ये कुछ स्पैम अकाउंट यू ट्यूब पर कुछ अश्लील विडियो भी पोस्ट किए हैं यू ट्यूब की एक नई विशेषता ""अपने दोस्तों को आमंत्रित करो " को ऐ मेल से भेजे का है वास्तव में यह विशेषता यू ट्यूब के प्रयोग से एक बड़ा समुदाय बनने का है जब स्पम्मेर्सने इसे जाना तब वे इसे प्रयोग किए और सब सम्भव ऐ मेल पता को भेज सके और हाँ, वे अब वे व्यवस्था कॊ धॊखा देने में भी सक्षम हॊ गए हैं इन दिनॊं स्पैमर्स ने इस मार्ग का अधिक उपयॊग किया क्योंकि वे इसका उपयॊग स्पैम फिल्टर को हराने के साथ पाठक और शायद views पाने में कर सकते हैं " वे सभी स्पैमर्स के रूप में ही काम करते हैं। . तकनीकी नोट वीडियो प्रारूप यूट्यूब की विडियो प्लेबैक तकनीक मैक्रोमीडिया (Macromedia) के फ्लैश प्लेयर (Flash Player) पर आधारित है यह तकनीक साईट को अधिक गुणवत्ता के साथ स्थपित विडियो प्लेबैक तकनीको को (जैसे विण्डो मीडिया प्लेयर (Windows Media Player),क्विक टाइम (QuickTime) और रियल प्लेयर (RealPlayer) की तुलना में विडियो प्रर्दशित करने की अनुमति देता है जिसकी प्रयोगकर्ता को विडियो देखने के क्रम में एक एक वेब ब्राउजर (web browser) प्लगइन को इंस्टाल और डाउनलोड करने (plugin) की जरूरत होती है फ्लैश को एक प्लगइन की जरूरत होती है पर एडोबे ९० % ऑनलाइन कंप्यूटर पर मौजूद होंगे प्रयोगकर्ता डाउनलोड मोडे या फुल स्क्रीन मोडे में विडियो को देख सकते हैं और प्लेबैक के दौरान अडोब फ्लैश प्लेयर (Adobe Flash Player) के फुल स्क्रीन विडियो के कारण इसे बिना री लोडइंग के स्विच मोड पर संभव है 9विडियो तृतीय पक्ष मीडिया प्लेयर जैसे जीओएम् प्लेयर (GOM Player),किचकिचाना (gnash)विएलसी (VLC) के साथ भी प्ले बेक हो सकता है साथ ही साथऍफ़ऍफ़ एम् पिई (ffmpeg) जी-आधारित विडियो प्लेयर के साथ भी प्ले बैक हो सकता है। यू ट्यूब पर अपलोड किए गए विडियो लम्बाई में दस मिनट और १०२४ मब (1गिगाब्य्ते (Gigabyte)) के एक संचिका साइज़ तक सिमित है। मानक इंटरफेस के द्वारा एक विडियो एक समाया में अपलोड किया जा सकता है और बहु विडियो एक विण्डो (Windows) आधारित प्लगइन (plugin) अपलोड किया जा सकता है। यू ट्यूब विडियो को फ्लैश video (Flash Video) प्रारूप में उप्लोअदिंग में बदलता है यू ट्यूब सामग्री को अन्य प्रारूप में भी बदल सकता है ताकि यह वेब साईट के बाहर भी देखा जा सके (देखें नीचे (below)) YouTube अपलोड विडियो स्वीकार करता है .,WMV (.WMV), .AVI (.AVI), .MOV (.MOV), MPEG (MPEG) और .MP4 (.MP4) स्वरुप हैं यह ३ जीपी (3GP) को समर्थन देता है, विडियो को सीधे मोबाइल फ़ोन से अपलोड करने कि अनुमति देता है स्तरीय और उच्च गुणवत्ता का विडियो A standard-quality YouTube video has a picture 320 pixels wide by 240 pixels high and uses the Sorenson Spark (Sorenson Spark) H.263 (H.263) video codec (codec). विडियो सिग्नल का बिट दर (bit rate) करीब ३१४ के बिट/ एक निर्भर अपलोड विडियो फ्रेम दर के साथ [1] फ्रेम दर के साथ (frame rate)hai मार्च २००८ में यू ट्यूब ने एक फेअतुरे प्रारम्भ किया जिसने, उच् मानक'प्रारूप को देखने की अनुमति दी यह प्रारूप इस तारीख के बाद उप्लोअदेद किसी विडियो के लिए बेहतर विडियो परिभाषा (४०० ३६० पिक्सॅल ३२० २४० पिक्सॅल की जगह) की सम्भावना की अनुमति देता है। यू ट्यूब निर्णय करता है कि कौन सा विडियो वास्तविक अपलोड के इस विकसित मानक का सक्षम है। प्रयोगकर्ताबेहतर गुणवत्ता को अपने अकाउंट पजों में ख़ुद स्विच के लिए विडियो गुणवत्ता सेटिंग पेजों पर "जब उपलब्ध हो तो मुझे हमेशा उच्चा गुणवत्ता दिखाओ"को चुन सकते हैं यू ट्यूब के उच्च गुणवत्ता विडियो दो संस्करणों में उपलब्ध हैं, दोनों के पास ४८० ३६० पिक्सॅल के आकर का एक पिक्चर साइज़ उपलब्ध है एक विडियो के वेब पता पर &ऍफ़एम् टी =६को जोड़ कर, यह एच.२६३ (H.263) कोडएक को मोनो (mono) सोउन्दके प्रयोग के साथ प्ले किया जाता है और &ऍफ़ एम् टी को जोड़ कर, यह एच.२६४/एम् पि ई जी -४ ऐ वि सी (H.264/MPEG-4 AVC) स्तेरेओ अ असीसोउन्दके (stereo) साथ प्रयोग कर (AAC) प्ले किया जाता है जब पूछा गया कि यू ट्यूब ने एच डी (HD) प्रारूप को क्यों नही चुना तब साईट ने उत्तर दिया कि " हमारा सामान्य दर्शन यह सुनिश्चित करना है कि अधिक से अधिक लोग यू ट्यूब को पा सके और वह विडियो तुरत स्टार्ट हो सके और आसानी से प्ले हो सके इसी एक कारण से आप हमें इस"सुपर डुपर यू ट्यूब एच डी"को बुलाते नही देखते हैं, क्योंकि अधिकांश लोग विडियो के प्ले के लिए अधिक देर तक इंतजार नही कर सकते हैं ध्वनि प्रारूप गुणवत्ता मानक के यू ट्यूब विडियो में एक एमपी 3 (MP3)ऑडियो वीडियो स्ट्रीम शामिल करती है गलती से (mono) यह २२०५० एचजेड़ पर नमूने (bit rate) में ६४ के बिट/एस के दर (sampled) पर मोनो में कूटबद्ध है जो करीब १० के एच जेड़ का एक ऑडियो बैंडविड्थ (bandwidth) दे रहा है। गलत बिट दर खरा को डिलीवर करता है पर हाई फाई (hi-fi) ऑडियो मानक को नही.एक स्तरीय यू ट्यूब विडियो के पास एक स्टेरेओ (stereo)ऑडियो ट्रैक का होना सम्भव है यदि मूवी संचिका बदलने के पहले ऍफ़एलवि (FLV) प्रारूप में अपलोड होती है यह कार्यक्रम के साथ हो सकता है, जैसे लिनुक्स और विन्डोज़ (Windows) के लिए ऍफ़ऍफ़पिईजी (ffmpeg) और मसिन्तोश (Macintosh) के लिए फ़ऍफ़पिईजीएक्स (ffmpegX) या वाणिज्यिक रीवा एफेल्वी एनकोडर के लिए windows सामग्री पहुँच यूट्यूब पर यू ट्यूब सामान्य विडियो संचिका फॉर्मेट को स्वीकार करता है और उनको फ्लैश video (Flash Video) में उन्हें ऑनलाइन देखने को उपलब्ध करने के लिए बदलता haiजून २००७ से नया अपलोड विडियो भी एच .२६४ (H.264) के एन्कोडिंग का प्रयोग किया है H.264 (H.264) YouTube बाहर हर यू ट्यूब विडियो एक एच टी एम् एल मर्कुप के टुकड़े से जुदा है जो विडियो को जोड़ने में उपयोग हो सकता है या यह यू ट्यूब वेबसाइट मर्कुप में एक छूटा जूद विडियो को वेबपेज के लोड होने पर ख़ुद प्ले की अनुमति देता है। ये विकल्प खासकर सामजिक नेट्वर्किंग (social networking) के साईट के उपयोगकर्ताओं के साथ लोकप्रिय हैं गूगल (iGoogle) होमपेज के साथ उपलब्ध एक गद्गेत के द्वारा भी यू ट्यूब एक्सेस किया जा सकता hai यू ट्यूब विडियो इन्टरनेट कनेक्शन के साथ भी देखने के लिए डिजाईन किया गया है, और कोई भी विशेषता उन्हें ऑफलाइन डाउनलोड या देखने की अनुमति नहीं देता फिर भी, इस उद्द्देश्य के लिए बहुत से तीसरे पक्ष के वेबसाइट, अनुप्रयोग और ब्राउजर (जैसे firefox विस्तार) मौजूद हैं विकल्प के लिए, ऍफ़ एल वि संचिका को अस्थाई इंटरनेट संचिकाएँ (Temporary Internet Files) विण्डो में फोल्डर या जी एन यू (GNU) स्य्स्तेम में एस्थायी फोल्डर से अस्थायी दिरेक्टोरी में कॉपी किया जा सकता है ऍफ़ एल वि संचिका तब सीधे एडिटेड हो सकती हैं और देखि जा सकती हैं या वि एल सी मीडिया प्लेयर (VLC media player) जैसे विभिन्न अनुप्रयोगों का उपयोग कर दूसरे फॉर्मेट में बदली जा सकती हैं मोबाइल पर यू ट्यूब ने अपना मोबाइल साईट लॉन्च किया, यू ट्यूब मोबाइल १५ जून 2007 से यह एक्स एच टी एम् एल (xHTML) पर आधारित है और ३ पि जी (3GP) विडियो को एच २६३/ऐ एम् आर कोडेक और आर टी पि (RTSP) स्त्रेअमिंग के साथ प्रयोग करता है यह एम्.यू ट्यूब .कॉम या यू ट्यूब मोबाइल जावा प्रयोग के द्वारा एक वेब इंटरफेस पर उपलब्ध है। टीवी पर यू ट्यूब टी वि चैनल इन्फोर्मेशन टी व् 2 (Information TV 2) पर है और यह ७ जनवरी, 2008 को शुरू हुआ चैनल यू ट्यूब वेब साईट से विडियो साझा सामग्री को प्रसारित कर रहा है एप्पल टीवीपर, iPhone (iPhone) आइपॉड और स्पर्श (iPod touch) एप्पल आई एन सी (Apple Inc.) ने २० joon2007 को घुसना की की यू ट्यूब एक फ्री सॉफ्टवेर अपडेट के स्थापना के बाद एप्पल टी व् (Apple TV) पर एक्सेस योग्य होगा कार्य में कातेगोरी से ब्राउजिंग, विडियो सर्च और एप्पल टी व् पर सीधे उनके यू ट्यूब अकाउंट पर लोग ओं करने के लिए सदस्यों की योग्यता को शामिल करता है। हजारो सबसे अधिक ताजा और लोकप्रिय यू ट्यूब विडियो का एक्सेस उपलब्ध है और हर सप्ताह हजारू और विडियो को जुड़ने की योजना है पूरा कात्लोग २००७ में उपलब्ध कराने की लक्ष्य था एप्पल वि पि डेविड मूडी के अनुसार देर का कारण एप्पल के विडियो मानक में हाल के सब यू ट्यूब सामग्री को ट्रांस्कोदे करने की जरूरत थी एच 264 (H.264) एप्पल ने बुधवार २० जून 2007 को घुसना की यू ट्यूब आई फ़ोन पर लॉन्च से उपलब्ध होगा स्त्रेअमिंग वाई - फाई (Wi-Fi) या ई डीजी ई (EDGE) से अधिक है ई फ़ोन के लिए यू ट्यूब पर विडियो एप्पल के चयनित एच .२६४ (H.264) प्रारूप में एनकोडेड है सब विडियो फ़ोन के छितिज़ अभिविन्यास में देखा जाता है जैसा की यू ट्यूब विडियो के पास ४ :३ का और आई फ़ोन के ३:२ का अनुपात है, विडियो को किनारे से काले बार से अवश्य देखना चाहिए प्रारम्भ में सब विडियो आई फ़ोन पर उपलब्ध नहीं थे क्योंकि सारे विडियो एच .२६४ पर रेकॉर्डेड नहीं थे यू ट्यूब के हर विडियो के दू संस्करण है, एक वाई फाई प्रयोग के लिए उच् बैंडविड्थ और एक ई दी जी ई या ३ जी प्रयोग के लिए निम्न संकल्प एप्पल टी वि संस्करण से अलग प्रयोगकर्ता अपने यू ट्यूब अकाउंट में लोग इन नहीं कर सकता पर सिर्फ़ आई फ़ोन के लिए एक अलग पसंदीदा सूची बना सकता hai एनोटेशन जून २००८ में, यू ट्यूब ने एक बेटा टेस्ट (beta test) लॉन्च किया जो नोट को डिसप्ले कर सकता है या एक विडियो में लिंक कर सकता है अन्नातोशन सूचना को जुड़ने के लिए अनुमति देता है, उदहारण के लिए बहुत सी संभावनाओ के साथ कहानिया (आगले दृश्य के चयन लिए दर्शक क्लिक करे) और अन्य यू ट्यूब विडियो के लिंक्स यू ट्यूब वेबसाइट में एम्बेडेड अन्नोटेशन विडियो में दिखी नाही देंगे स्थानीकरण 19 जून, 2007, ई. एरिस को स्च्मिद्त (Eric E. Schmidt)पेरिस में नए स्थानीकरण के लिए लॉन्च किया गया वेबसाइट का पूरा इंटरफेस स्थानीय संस्करण में विविन्न देशों में उपलब्ध है गूगल का लक्ष्य फ्रांस में [[DailyMotion|डेली मोशन (DailyMotion) जैसे विडियो साझे वेबसाइट के साथ प्रतिस्पर्धा करना है इसने स्थानीय टेलिविज़न स्टेशन जैसे एम् 6 (M6) और फ्रांस टेलिविज़न (France Télévisions) के साथ विडियो सामग्री के कानूनी प्रसारण का समझौता किया 17 अक्टूबर (October 17), 2007 को यह घोषणा की गई की एक होन्ग कोंग संस्करण को लॉन्च किया गया था। यू ट्यूब के स्टीव चेन ने कहा इसका अगला लक्ष्य talwan होगा २२ अक्टूबर (October 22)२००७ को न्यू जीलैंड की यह कहते लॉन्च पार्टी थी, की इसका लक्ष्य न्यू जीलैंड में यू ट्यूब सेलिब्रेटी को सहायता करना है यह जल्द स्पष्ट था की ऐसे न्यू जीलैंड के विकास के साथ तीन अच्छे दोस्त को दिखता है जो एक साथ रहते हैं यू ट्यूब को तुर्की के स्थानीय संस्करण में बनने की योजना परेशानी में है, हलाँकि तुर्की के अधिकारीयों ने यू ट्यूब को तुर्की में एक ऑफिस बनाने को कहा है जो तुर्की के कानून के अधीन होगा यू ट्यूब कहता है कि इसे करने का उसका इरादा नहीं हैं और उसके विडियो तुर्की कानूनों के अधीन नहीं हैं तुर्की के अधिकारीयों ने चिंता व्यक्त किया है कि यू ट्यूब ने पोस्ट विडियो का प्रयोग मुस्तफा कमाल अतातुर्क (Mustafa Kemal Atatürk) का अपमान करने और मुस्लिमो (Muslim) के अन्य सामानों पर प्रहार के लिए किया है चैनल प्रकार यू ट्यूब.कॉम के सदस्य को "चैनल टाइप" कहे जाने वाले समूह के हिस्सा बन्ने का प्रस्ताव है जो उनके चैनल को अधिक विशिष्ट बनता है एक बार जब आप निदेशक अकाउंट सेटिंग पर दस्तखत किया तब आप को असीमित विडियो लम्बाई का ऑफर दिया गया पर यह लंबा ऑफर नहीं है, हलाँकि उस समय जिन प्रयोगकर्ताओं ने "निदेशक" समूह को जों किया उन्हें अभी भी असीमित विडियो लेंथ सेटिंग हैं उस समय उनके पास सिमित १०० एम् बी विडियो साइज़ में था पर अब ये अकाउंट १०२४ एम् बी (१ जी बी) पर सिमित है इस प्रकार हैं : यू टूबर, यू ट्यूब का एक सामान्य दर्शक nideshak, मूवी मेकर अपने विडियो को यू ट्यूब दर्शको को दिखाते हैं संगीतकार, संगीतकार या बंद कोवेरिंग सोंग या असली दिखाते या सोंग पर पथ देते, स्केल, चोर्द आदि हास्य कलाकार (Comedian) यू ट्यूब दर्शको को अपना हास्य दिखाते हास्य कलाकार गुरु कुछ ख़ास क्षेत्रों में अनुभवी लोग जो जो करते हैं उसकी विडियो बनते हैं गैर लाभ (Non-profit), एक स्थिति के द्वारा प्राप्त किया 501 (c) (3) का गैर लाभ संगठनों को स्वीकार किए जाते हैं यूट्यूब के गैर लाभ कार्यक्रम है। रिपोर्टर (Reporter) जो स्थानीय समाचार और अंतरराष्ट्रीय या वर्तमान घटनाओं के .विडियो बनने के नागरिक या पेशेवर वीडियो रैंकिंग यू ट्यूब विडियो को सम्मान देता है, इसमे अधिक लोकप्रिय "अधि देखा गया" है जो ४ श्रेणियों में बंटा हैं, आज, इस सप्ताह, इस माह और हर समय.आदर में शामिल हैं सर्वाधिक देखा गया सर्वोच्च श्रेणी सर्वाधिक विचार किया हुआ शीर्ष पसंद बढ़ती वीडियो हाल ही में प्रदर्शित सर्वाधिक उत्तरित वीडियो रैंकिंग पर विवाद कुछ यू ट्यूब के देखे गए विडियो विवाद के विषय रहे हैं हालाकि दावा रहा है कि मात्र को खत्म करने के लिए ख़ुद काम किया गया जो यू ट्यूब के सेवा के नियम (terms of service) माफ़ कर दिया गया मार्च २००८ में ब्राजील के बंद द्वारा केंसी दे सेर सेक्सी म्यूजिक इस माय होत होत सेक्स (Music Is My Hot Hot Sex) के उनोफ्फिसिअल गाने को 1१४ मिलियन (Cansei De Ser Sexy) दर्शको से देखा गया स्वचालित या haiking (hacking) दिखने के आरोप के बाद इसे अस्थायी तरीके से हटा दिया गया, उप्लोअदर के हटाने से पहले यू ट्यूब के एक प्रवक्ता ने कहा की " हम यू ट्यूब पर आकडो की रक्षा के उपाय कर रहे हैं हालाकि यह कैसे होता है यह जानना थोड़ा कठिन है पर यह प्रबल नही है जैसे ही यह हमारा\ऐ ध्यान में अता है की शीर्ष पेज पर आने के लिए इसने किसे ग़लत किया तब हम विडियो या चैनल को हटा देंगेइटली के क्लारुस बर्टेल, जिसने विडियो अपलोड किया उसने इसके रंकिंग को तेज़ करने के प्रयास से इंकार किया, कहा "यह सब मुझसे सम्बंधित नही है "मुझे इससे कोई मतलब नही है गियर के आरोपों से मुझे मेरी ओर से बहुत दुखी हैं . " यू ट्यूब विडियो के अवरिल लाविंगने (Avril Lavigne) गाना girlfriend (Girlfriend) भी अधिक दृश्यों के आरोप में ख़ुद रिफ्रेश मचनिस्म के लिंक है जो एक फंसिते (fansite) अवरिल बंद ऐड्स द्वारा अवरिल लाविगने को समर्पित है लिंक पर क्लिक करने पर हर १५ सेकंड पर गर्लफ्रेंड के विडियो ख़ुद रेलोअद हो जायेंगे अवरिल लाविगने के फेन " इन्टरनेट के ब्रोव्स करने, परीक्षा के लिए पढ़ाई या सोने के लिए भी के समय इस पेज को खोलने" में उत्साहित हैं देखने की अधिक ताकत के लिए इस पेज के दो या अधिक विन्डोज़ ब्राउजर को खोलो " गर्लफ्रेंड के विडियो ने जुद्सों लैप्प्ली (Judson Laipply) द्वारा एवोलुशन ऑफ़ डांस को जुलाई २००८ में यू ट्यूब पर सदाबहार सबसे अधिक देखे विडियो माना अगस्त २००८ में दोनों वीडियों को करीब ९५ मिलियन दर्शको ने देखा अनिमेफ्रेंचिसे evangelion (Evangelion) का यू ट्यूब का विडियो फेअतुरे के ९७ मिलियन दर्शक रहे हैं पर ख़ुद दिखने के कारण यू ट्यूब की सूची से बाहर है यूट्यूब वीडियो पुरस्कार २००६ में यू ट्यूब ने सालाना यू ट्यूब विडियो अवार्ड प्रस्तुत किया श्रेणी में " सबसे अधिक पसंद किया विडियो " शामिल थी यू ट्यूब ने दावेदारों को नामांकित करता है और प्रयोगकर्ता विजेता का निर्णय करते हैं केवल वास्तविक, प्रयोगकर्ता निर्मित विडियो नामांकित होते हैं २००६ के अवार्ड के नामांकित थे पीटर ओकली (गेरित्रिक १९७२) (Peter Oakley (geriatric1927)), लोनली गर्ल १५ (LonelyGirl15), थे विनेकोने (thewinekone), रेनेत्तो (Renetto), नेज्जोमिक (Nezzomic) और चढ़ वादर (Chad Vader) हाल की घटनाएँ राजनीतिक अभियान २००८ के यु एस राष्ट्रपत के चुनाव में राजनितिक उम्मीदवार यू ट्यूब का प्रचार में उपयोग कर रहे हैं i वोटर उम्मीदवार के बयां को देख सकते हैं और राषट्रपति के पद के उम्मीदवार (उद्धरण के लिए उम्मीदवार रों पाल (Ron Paul), हिलेरी क्लिंटन, बरैक ओबामा और जोए बिडेन (Joe Biden)) के पक्ष में (या विपक्ष में) विडियो बना सकते हैं। तीसरे दल के राष्ट्रपती पद के उम्मीदवार ने भी यू ट्यूब का व्यापक प्रयोग कीया है। Libertarian (Libertarian) Steve Kubby (Steve Kubby)'s campaign debuted a short animated film, featuring the faces and voices of campaign contributors who financed its production, on YouTube on September 29th, 2007. यू एस की मीडिया ने प्रायःटिपण्णी किया है कि यू ट्यूब ने रिपब्लिकन सिनेटर जोर्ज एलेन (George Allen) के २००६ की हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया है क्योकि कथित जातिगत टिपण्णी के विडियो क्लिप को यू ट्यूब के दर्शको द्वारा अभियान के दौरान दिखाया गयाजेम्स कोटेकी (James Kotecki) जैसे राजनितिक टीकाकार भी यू ट्यूब के राजनीती की दुनिया में शामिल हैं बहुत से टीकाकार यू ट्यूब पर एक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के विडियो बनते हैं या यू ट्यूब क प्रयोग अपने विचारो को सुनाने के लिए करते हैं हाल ही में फ्रांस और इटली के राजनेता जैसे एंटोनियो डी पिएत्रो (Antonio Di Pietro) भी साईट को अपने अभियान के हिस्से के रूप में करते आ रहे हैं पूर्व ऑस्ट्रलियन प्रधानमंत्री जॉन हॉवर्ड द्वारा २००७ के संघीय चुनाव में लीड के लिए यू ट्यूब का भी प्रयोग किया गया है। सीएनएन के यौतुबे के राष्ट्रपति के बहस २००८ के राष्ट्रपतीय चुनाव में रन उप में, की एन एन ने एक बहस प्रसारित किया जिसमे उम्मीदवारों ने यू ट्यूब के प्रयोगकर्ताओं के सुपुर्द किए पूल से सवालों को पेश किया क्षेत्र के एक बड़े रेंज से सारे सवालों के तकनीक के प्रयोग के कारण फॉरम को पहले से "सर्वाधिक लोकतान्त्रिक राष्ट्रपतीय बहस माना गया है। अप्रैल मूर्खों का मूर्खों के लिए अप्रैल 2008 (April Fools' Day) prank (prank) दिवस है, मुख पृष्ठ पर हर "विडियो" रिक एस्ले (Rick Astley) की दुबारा निदेशित " नेवर गोंना गिव यू उप (Never Gonna Give You Up)" सबको जिसने साईट पर विडियो (rickrolling) देखने का प्रयास किया यू ट्यूब पार्टनर प्रोग्राम 2022 यू ट्यूब सहयोगी कार्यक्रम (YPP) रचनाकारों को अतिरिक्त यू ट्यूब टूल और सुविधाएँ प्रदान करता है जैसे कि निर्माता सहायता टीम तक सीधी पहुँच। यह वीडियो पर पेश किए जा रहे विज्ञापनों से सामग्री पर आय साझा करने की भी अनुमति देता है। यू ट्यूब की मुद्रीकरण नीतियां उन नीतियों की एक सूची है जो यू ट्यूब चैनलों को मुद्रीकृत करने की अनुमति देती हैं। यदि आप एक यू ट्यूब भागीदार हैं, तो आपके अनुबंध, YouTube भागीदार कार्यक्रम नीतियों के अनुसार, अंततः यू ट्यूब पर पैसा बनाने के लिए इन मुद्रीकरण नियमों का पालन करना आवश्यक है। सन्दर्भ बाहरी लिंक यूट्यूब अंतरजाल ऑनलाइन सामाजिक नेटवर्किंग अमेरिकी कम्पनियाँ
देश के शेयर बाजार सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिवस शुक्रवार को गिरावट के साथ बंद हुए। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 156.06 अंक लुढ़ककर 19,135.96 पर जबकि निफ्टी सूचकांक 35.95 अंक गिरकर 5749.50 पर बंद हुआ। इससे पहले शुक्रवार सुबह बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक 0.55 अंक की मामूली बढ़त के साथ 19292.57 पर जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी सूचकांक 2.95 अंकों की गिरावट के साथ 5782.50 पर खुला। सेंसेक्स ने 19356.50 के ऊपरी और 19015.05 के निचले स्तर तक कारोबार किया। इसी तरह निफ्टी ने 5804.30 के ऊपरी और 5706.05 के निचले स्तर को छुआ। बीएसई के सभी सेक्टरों में गिरावट दर्ज की गई। पूंजीगत वस्तु (2.72 फीसदी), रियल्टी (2.66 फीसदी), बैंकिंग (1.76 फीसदी) और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (1.30) सेक्टर में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स में शामिल 30 में से केवल नौ कम्पनियों के शेयरों में तेजी जबकि बाकी में गिरावट दर्ज की गई। हिन्दुस्तान यूनिलीवर (2.24 फीसदी), मारुति सुजुकी (1.27 फीसदी), आरआईएल (0.83 फीसदी), हीरो होंडा (0.80 फीसदी) और विप्रो (0.79 फीसदी) के शेयरों में सबसे अधिक तेजी दर्ज की गई। एल एंड टी (3.87 फीसदी), जिंदल स्टील (3.57 फीसदी), ओएनजीसी (2.79 फीसदी), जयप्रकाश एसोसिएट्स (2.57 फीसदी), डीएलएफ (2.37 फीसदी) और भारती एयरटेल (2.06 फीसदी) के शेयरों में दो फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट देखा गया। मिडकैप 74.19 अंक लुढ़कर 7094.26 पर जबकि स्मॉलकैप 138.77 अंक गिरकर 8715.31 पर बंद हुआ। बीएसई में कारोबार का रुख नकारात्मक रहा। कुल 1960 कम्पनियों के शेयरों में गिरावट जबकि 940 कम्पनियों के शेयरों में तेजी का रुख देखा गया।
यह एक लेख है: दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो ने सोमवार को आरोप लगाया कि कॉल कनेक्शन शुल्कों से नुकसान होने के भारती एयरटेल के दावे तथ्यों की गलत बयानी व आंकड़ों की गलत व्याख्या है. जियो का कहना है कि एयरटेल इंटरकनेक्शन उपयोक्ता शुल्क (आईयूसी) की प्रक्रिया की समीक्षा को प्रभावित करने के लिए ऐसा कर रही है. प्रमुख दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल ने पिछले सप्ताह रिलायंस जियो पर कॉल कनेक्शन शुल्क के मुद्दे पर दूरसंचार नियामक ट्राई व लोगों को भ्रमित करने का आरोप लगाते हुए दावा किया था कि निचले आईयूसी के कारण बीते पांच साल में उसे 6,800 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. जियो का कहना है कि मौजूदा आईयूसी दरों के कारण घाटे संबंधी एयरटेल का बयान बहुत ही गलत व भ्रामक है. जियो ने इस बारे में ट्राई के चेयरमैन आर एस शर्मा को पत्र लिखा है. जियो ने कहा है, ‘हम कहना चाहते हैं कि एयरटेल के सारे तर्क झूठे हैं, तथ्यों पर आधारित नहीं हैं और भ्रामक प्रवृत्ति के हैं. हम प्राधिकरण से आग्रह करते हैं कि इस तरह के शरारतपूर्ण दावे के लिए एयरटेल के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए.’ उक्त आईयूसी दर नियामक ट्राई तय करता है. दूरसंचार कंपनियां अन्य कंपनी के नेटवर्क से आने वाली कॉल पर आईयूसी लगाती हैं. टिप्पणियां इस समय मोबाइल फोन से की जाने वाली कॉल पर आईयूसी की दर 14 पैसे है. इस मुद्दे को लेकर रिलायंस जियो व एयरटेल में आरोप प्रत्यारोप चल रहे हैं. रिलायंस जियो ने ट्राई के समक्ष अपनी प्रस्तुति में कहा था कि मौजूदा दूरसंचार कंपनियों को आईयूसी मद में एक लाख करोड़ रुपए का लाभ हुआ है. इसके जवाब में एयरटेल ने आरोप लगाया कि रिलांयस जियो ने इस मुद्दे पर नियामक व आम जनता को भ्रमित किया.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) जियो ने कहा है, ‘हम कहना चाहते हैं कि एयरटेल के सारे तर्क झूठे हैं, तथ्यों पर आधारित नहीं हैं और भ्रामक प्रवृत्ति के हैं. हम प्राधिकरण से आग्रह करते हैं कि इस तरह के शरारतपूर्ण दावे के लिए एयरटेल के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए.’ उक्त आईयूसी दर नियामक ट्राई तय करता है. दूरसंचार कंपनियां अन्य कंपनी के नेटवर्क से आने वाली कॉल पर आईयूसी लगाती हैं. टिप्पणियां इस समय मोबाइल फोन से की जाने वाली कॉल पर आईयूसी की दर 14 पैसे है. इस मुद्दे को लेकर रिलायंस जियो व एयरटेल में आरोप प्रत्यारोप चल रहे हैं. रिलायंस जियो ने ट्राई के समक्ष अपनी प्रस्तुति में कहा था कि मौजूदा दूरसंचार कंपनियों को आईयूसी मद में एक लाख करोड़ रुपए का लाभ हुआ है. इसके जवाब में एयरटेल ने आरोप लगाया कि रिलांयस जियो ने इस मुद्दे पर नियामक व आम जनता को भ्रमित किया.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) इस समय मोबाइल फोन से की जाने वाली कॉल पर आईयूसी की दर 14 पैसे है. इस मुद्दे को लेकर रिलायंस जियो व एयरटेल में आरोप प्रत्यारोप चल रहे हैं. रिलायंस जियो ने ट्राई के समक्ष अपनी प्रस्तुति में कहा था कि मौजूदा दूरसंचार कंपनियों को आईयूसी मद में एक लाख करोड़ रुपए का लाभ हुआ है. इसके जवाब में एयरटेल ने आरोप लगाया कि रिलांयस जियो ने इस मुद्दे पर नियामक व आम जनता को भ्रमित किया.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
गैंगस्टर अशोक राठी की पत्नी की हत्या के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गुड़गांव से गिरफ्तार किया है. गैंगस्टर की पत्नी की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि खुद उसके गैंगस्टर पति अशोक राठी ने ही करवाई थी. गिरफ्त में आए तीनों आरोपियों ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया है. गैंगस्टर अशोक राठी की पत्नी सुषमा की हत्या अवैध संबंधों के शक के चलते की गई थी. यह खुलासा पुलिस गिरफ्त में आए तीनों आरोपियों ने किया है. दरअसल गैंगस्टर अशोक राठी की पत्नी सुषमा की बीते 2 सितंबर को गुड़गांव के सोहना रोड पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सुषमा की हत्या के शक में पुलिस ने अशोक राठी समेत कुछ लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया था. पुलिस काफी वक्त से हत्या की इस गुत्थी को सुलझाने की कोशिश कर रही थी. वहीं गैंगस्टर अशोक राठी पहले से ही जेल में बंद था. पुलिस को मिली जानकारी के बाद पुलिस आखिरकार तीनों आरोपियों तक पहुंच गई. दोस्ती निभाने के लिए किया कत्ल पुलिस गिरफ्त में आए तीनों आरोपियों ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया. आरोपियों ने पुलिस को बताया कि अशोक राठी ने ही उन्हें सुषमा की हत्या की सुपारी दी थी. अशोक राठी से दोस्ती निभाने के लिए तीनों ने बिना कोई रकम लिए सुषमा की हत्या की थी. अशोक को अपनी पत्नी सुषमा पर शक था कि उसके किसी के साथ अवैध संबंध है. अशोक राठी ने की थी लव मैरिज दरअसल गैंगस्टर अशोक राठी के ऊपर लूट, हत्या, चोरी और फिरौती से जुड़े तकरीबन दो दर्जन से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं. अशोक राठी ने सुषमा से लव मैरिज की थी. जिसके बाद से दोनों एक साथ रह रहे थे. जिसके बाद हत्या के एक मामले में अशोक राठी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. सुषमा ने पुलिस में की थी शिकायत जेल में बंद अशोक को अपनी पत्नी सुषमा पर शक था कि उसके किसी के साथ अवैध संबंध है. इसी के चलते अशोक ने सुषमा को धमकी भी दी थी. सुषमा ने बीते दिनों भौंडसी थाने में शिकायत की थी कि अशोक राठी और उसका भाई उसकी हत्या करवाना चाहते है. जिसके बाद अशोक ने जेल में बैठे-बैठे ही सुषमा को मारने का प्लान बनाया. जेल में तैयार की गई हत्या की साजिश अशोक राठी ने अपनी पत्नी सुषमा की हत्या के लिए दीपक, संजीत और ललित कटारिया से संपर्क किया. तीनों अशोक राठी को पहले से जानते थे. जिसके बाद चारों ने जेल में ही सुषमा को मारने की साजिश रची. पुलिस ने आरोपियों के पास से हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार और गाड़ी बरामद कर ली है. पुलिस तीनों आरोपियों को रिमांड में लेकर उनसे पूछताछ कर रही है.
यह सूची मुम्बई के फ़िल्म उद्योग बॉलीवुड द्वारा निर्मित फ़िल्मों की सूची का वर्ष और दशक अनुसार उनके जारी होने के क्रम की है। यद्यपि "बॉलीवुड" फ़िल्मों को हिन्दी भाषा की फ़िल्मों के रूप में माना जाता है जिनमें अल्प मात्रा में उर्दू और पंजाबी और अक्सर अन्य भी मिश्रित होती हैं। हिन्दी फ़िल्मों का वितरण भारत के 29 राज्यों में से कम से कम 22 में राष्ट्रीय स्तर पर सम्भव है। हिन्दी, उर्दू और पंजाबी भाषी लोग बॉलीवुड की मिश्रित भाषा को समझने में समर्थ होते हैं अतः भारतीय उपमहाद्वीप में (पूरे भारत और इसके पड़ोसी देशों में) दर्शकों की संख्या बढ़ाने के लिए ऐसी भाषा का प्रयोग करता है। इसके कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं – आंशिक अंग्रेज़ी: कल हो ना हो, कभी अलविदा ना कहना, धूम 2 और ओम शांति ओम; आंशिक उर्दू: फ़ना, सांवरिया, जोधा अकबर और क़ुरबान; आंशिक पंजाबी: जब वी मेट, सिंह इज़ किंग, पटियाला हाउस और ठंडे कोयले। वीर-ज़ारा में हिन्दी, पंजाबी और उर्दू समान मात्रा में मिश्रित की गई हैं। 2020 का दशक 2023 की हिंदी फिल्मों की सूची 2022 की बॉलीवुड फिल्मों की सूची 2021 की बॉलीवुड फ़िल्में2020 की बॉलीवुड फ़िल्में 2010 का दशक 2019 की बॉलीवुड फ़िल्में 2018 की बॉलीवुड फ़िल्में 2017 की बॉलीवुड फ़िल्में 2016 की बॉलीवुड फ़िल्में 2015 की बॉलीवुड फ़िल्में 2014 की बॉलीवुड फ़िल्में 2013 की बॉलीवुड फ़िल्में 2012 की बॉलीवुड फ़िल्में 2011 की बॉलीवुड फ़िल्में 2010 की बॉलीवुड फ़िल्में 2000 का दशक 2009 की बॉलीवुड फ़िल्में 2008 की बॉलीवुड फ़िल्में 2007 की बॉलीवुड फ़िल्में 2006 की बॉलीवुड फिल्में 2005 की बॉलीवुड फ़िल्में 2004 की बॉलीवुड फिल्में 2003 की बॉलीवुड फिल्में 2002 की बॉलीवुड फिल्में 2001 की बॉलीवुड फ़िल्में 2000 की बॉलीवुड फिल्में 1990 का दशक 1999 की बॉलीवुड फ़िल्में 1998 की बॉलीवुड फ़िल्में 1997 की बॉलीवुड फ़िल्में 1996 की बॉलीवुड फ़िल्में 1995 की बॉलीवुड फ़िल्में 1994 की बॉलीवुड फ़िल्में 1993 की बॉलीवुड फ़िल्में 1992 की बॉलीवुड फ़िल्में 1991 की बॉलीवुड फ़िल्में 1990 की बॉलीवुड फ़िल्में 1980 का दशक 1989 की बॉलीवुड फ़िल्में 1988 की बॉलीवुड फ़िल्में 1987 की बॉलीवुड फ़िल्में 1986 की बॉलीवुड फ़िल्में 1985 की बॉलीवुड फ़िल्में 1984 की बॉलीवुड फ़िल्में 1983 की बॉलीवुड फ़िल्में 1982 की बॉलीवुड फ़िल्में 1981 की बॉलीवुड फ़िल्में 1980 की बॉलीवुड फ़िल्में 1970 का दशक 1979 की बॉलीवुड फ़िल्में 1978 की बॉलीवुड फ़िल्में 1977 की बॉलीवुड फ़िल्में 1976 की बॉलीवुड फ़िल्में 1975 की बॉलीवुड फ़िल्में 1974 की बॉलीवुड फ़िल्में 1973 की बॉलीवुड फ़िल्में 1972 की बॉलीवुड फ़िल्में 1971 की बॉलीवुड फ़िल्में 1970 की बॉलीवुड फ़िल्में 1960 का दशक 1969 की बॉलीवुड फ़िल्में 1968 की बॉलीवुड फ़िल्में 1967 की बॉलीवुड फ़िल्में 1966 की बॉलीवुड फ़िल्में 1965 की बॉलीवुड फ़िल्में 1964 की बॉलीवुड फ़िल्में 1963 की बॉलीवुड फ़िल्में 1962 की बॉलीवुड फ़िल्में 1961 की बॉलीवुड फ़िल्में 1960 की बॉलीवुड फ़िल्में 1950 का दशक 1959 की बॉलीवुड फ़िल्में 1958 की बॉलीवुड फ़िल्में 1957 की बॉलीवुड फ़िल्में 1956 की बॉलीवुड फ़िल्में 1955 की बॉलीवुड फ़िल्में 1954 की बॉलीवुड फ़िल्में 1953 की बॉलीवुड फ़िल्में 1952 की बॉलीवुड फ़िल्में 1951 की बॉलीवुड फ़िल्में 1950 की बॉलीवुड फ़िल्में 1940 का दशक 1949 की बॉलीवुड फ़िल्में 1948 की बॉलीवुड फ़िल्में 1947 की बॉलीवुड फ़िल्में 1946 की बॉलीवुड फ़िल्में 1945 की बॉलीवुड फ़िल्में 1944 की बॉलीवुड फ़िल्में 1943 की बॉलीवुड फ़िल्में 1942 की बॉलीवुड फ़िल्में 1941 की बॉलीवुड फ़िल्में 1940 की बॉलीवुड फ़िल्में 1930 का दशक 1939 की बॉलीवुड फ़िल्में 1938 की बॉलीवुड फ़िल्में 1937 की बॉलीवुड फ़िल्में 1936 की बॉलीवुड फ़िल्में 1935 की बॉलीवुड फ़िल्में 1934 की बॉलीवुड फ़िल्में 1933 की बॉलीवुड फ़िल्में 1932 की बॉलीवुड फ़िल्में 1931 की बॉलीवुड फ़िल्में 1930 की बॉलीवुड फ़िल्में 1920 का दशक 1929 की बॉलीवुड फ़िल्में 1928 की बॉलीवुड फ़िल्में 1927 की बॉलीवुड फ़िल्में 1926 की बॉलीवुड फ़िल्में 1925 की बॉलीवुड फ़िल्में 1922 की बॉलीवुड फ़िल्में 1921 की बॉलीवुड फ़िल्में 1920 की बॉलीवुड फ़िल्में इन्हें भी देखें हिंदी फिल्मों की सूची हिन्दी फिल्मों की सूची (वर्णक्रमानुसार) बॉलीवुड फ़िल्मों की सूची भारतीय फिल्मों की सूची हिन्दी अभिनेताओं की सूची भारतीय फ़िल्म अभिनेताओं की सूची बॉलीवुड अभिनेत्रियों की सूची भारतीय फ़िल्म अभिनेत्रियों की सूची हिंदी सिनेमा सन्दर्भ हिन्दी फ़िल्में हिन्दी फ़िल्में वर्षानुसार वर्ष द्वारा वर्गीकृत फ़िल्में भारतीय फ़िल्मों से संबंधित सूचियाँ
सामान्यत: मुद्रण का अर्थ छपाई से है, जो कागज, कपड़ा, प्लास्टिक, टाट इत्यादि पर हो सकता है। डाकघरों में लिफाफों, पोस्टकार्डों व रजिस्टर्ड चिट्ठियों पर लगने वाली मुहर को भी 'मुद्रण' कहते हैं। प्रसिद्ध अंग्रेजी विद्वान चार्ल्स डिक्नस ने मुद्रण की महत्ता को बताते हुए कहा है कि स्वतंत्र व्यक्ति के व्यक्तित्व को बनाए रखने में मुद्रण महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। प्रारंभिक युग में मुद्रण एक कला था, लेकिन आधुनिक युग में पूर्णतया तकनीकी आधारित हो गया है। मुद्रण कला पत्रकारिता के क्षेत्र में पुष्पित, पल्लवित, विकसित तथा तकनीकी के रूप में परिवर्तीत हुई है। वैदिक सिद्धांत के अनुसार- परमेश्वर की इच्छा से ब्रह्माण्ड की रचना और जीवों की उत्पत्ति हुई। इसके बाद 'ध्वनि' प्रकट हुआ। ध्वनि से 'अक्षर' तथा अक्षरों से च्शब्दज् बनें। शब्दों के योग को 'वाक्य' कहा गया। इसके बाद पिता से पुत्र और गुरू से शिष्य तक विचारों, भावनाओं, मतों व जानकारियों का आदान-प्रदान होने लगा। भारतीय ऋषि-मुनियों ने सुनने की क्रिया को श्रुति और समझने को प्रक्रिया को स्मृति का नाम दिया। ज्ञान के प्रसार का यह तरीका असीमित तथा असंतोषजनक था, जिसके कारण मानव ने अपने पूर्वजों और गुरूजनों के श्रेष्ठ विचारों, मतों व जानकारियों को लिपिबद्ध करने की आवश्यकता महसूस की। इसके लिए लिपि का आविष्कार किया तथा पत्थरों व वृक्षों की छालों पर खोदकर लिखने लगा। इस तकनीकी से भी विचारों को अधिक दिनों तक सुरक्षित रखना संभव नहीं था। इसके बाद लकड़ी को नुकिला छीलकर ताड़पत्रों और भोजपत्रों पर लिखने की प्रक्रिया प्रारंभ हुई। प्राचीन काल के अनेक ग्रंथ भोजपत्रों पर लिखे मिले हैं। सन् १०५ ई. में चीनी नागरिक टस्-त्साई लून ने कपस एवं सलमल की सहयता से कागज का आविष्कार हुआ। सन् ७१२ ई. में चीन में एक सीमाबद्ध एवं स्पष्ट ब्लाक प्रिंटिंग की शुरूआत हुई। इसके लिए लकड़ी का ब्लाक बनाया गया। चीन में ही सन् ६५० ई. में हीरक सूत्र नामक संसार की पहली मुद्रित पुस्तक प्रकाशित की गयी। सन् १०४१ ई. में चीन के पाई शेंग नामक व्यक्ति ने चीनी मिट्टी की मदद से अक्षरों को तैयार किया। इन अक्षरों को आधुनिक टाइपों का आदि रूप माना जा सकता है। चीन में ही दुनिया का पहला मुद्रण स्थापित हुआ, जिसमें लकड़ी के टाइपों का प्रयोग किया गया था। टाइपों के ऊपर स्याही जैसे पदार्थ को पोतकर कागज के ऊपर दबाकर छपाई का काम किया जाता था। इस प्रकार, मुद्रण के आविष्कार और विकास का श्रेय चीन को जाता है। यह कला यूरोप में चीन से गई अथवा वहां स्वतंत्र रूप से विकसित हुयी, इसके संदर्भ में कोई अधिकारिक विवरण उपलब्ध नहीं है। एक अनुमान के मुताबिक कागज बनाने की कला चीन से अरब देशों में तथा वहां से यूरोप में पहुंची होगी। एक अन्य अनुमान के मुताबिक १४वीं-१५वीं सदी के दौरान यूरोप में मुद्रण-कला का स्वतंत्र रूप से विकास हुआ। उस समय यूरोप में बड़े-बड़े चित्रकार होते थे। उनके चित्रों की स्वतंत्र प्रतिक्रिया को तैयार करना कठिन कार्य था। इसे शीघ्रतापूर्वक नहीं किया जा सकता था। अत: लकड़ी अथवा धातु की चादरों पर चित्रों को उकेर कर ठप्पा बनाया जाने लगा, जिस पर स्याही लगाकर पूर्वोक्त रीति से ठप्पे को दो तख्तों के बीच दबाकर उनके चित्रों की प्रतियां तैयार की जाती थी। इस तरह के अक्षरों की छपाई का काम आसान नहीं था। अक्षरों को उकेर कर उनके छप्पे तैयार करना बड़ा ही मुश्किल काम था। उसमें खर्च भी बहुत ज्यादा पड़ता था। फिर भी उसकी छपाई अच्छी नहीं होती थी। इन असुविधाओं ने जर्मनी के लरेंस जेंसजोन को छुट्टे टाइप बनाने की प्रेरणा दी। इन टाइपों का प्रयोग सर्वप्रथम सन् १४०० ई. में यूरोप में हुआ। जर्मनी के जॉन गुटेनबर्ग ने सन् १४४० ई. में ऐसे टाइपों का आविष्कार किया, जो बदल-बदलकर विभिन्न सामग्री को बहुसंख्या में मुद्रित कर सकता था। इस प्रकार के टाइपों को पुनरावत्र्तक छापे (रिपीटेबिल प्रिण्ट) के वर्ण कहते हैं। इसके फलस्वरूप बहुसंख्यक जनता तक बिना रूकावट के समाचार और मतों को पहुंचाने की सुविधा मिली। इस सुविधा को कायम रखने के लिए बराबर तत्पर रहने का उत्तरदायित्व लेखकों और पत्रकारों पर पड़ा। जॉन गुटेनबर्ग ने ही सन् १४५४-५५ ई. में दुनिया का पहला छापाखाना (प्रिंटिंग-प्रेस) लगाया तथा सन् १४५६ ई. में बाइबिल की ३०० प्रतियों को प्रकाशित कर पेरिस भेजा। इस पुस्तक की मुद्रण तिथि १४ अगस्त १४५६ निर्धारित की गई है। जॉन गुटेनबर्ग के छापाखाने से एक बार में ६०० प्रतियां तैयार की जा सकती थी। परिणामत: ५०-६० वर्षों के अंदर यूरोप में करीब दो करोड़ पुस्तकें प्रिंट हो गयी थी। इस प्रकार, मुद्रण कला जर्मनी से आरंभ होकर यूरोपीय देशों में फैल गयी। कोलने, आगजवर्ग बेसह, टोम, पेनिस, एन्टवर्ण, पेरिस आदि में मुद्रण के प्रमुख केंद्र बने। सन् १४७५ ई. में सर विलियम केकस्टन के प्रयासों के चलते ब्रिटेन का पहला प्रेस स्थापित हुआ। ब्रिटेन में राजनैतिक और धार्मिक अशांति के कारण छापाखाने की सुविधा सरकार के नियंत्रण में थी। इसे स्वतंत्र रूप से स्थापित करने के लिए सरकार से विधिवत आज्ञा लेना बड़ा ही कठिन कार्य था। पुर्तगाल में इसकी शुरूआत सन् १५४४ ई. में हुई। मुद्रण के इतिहास की पड़ताल से स्पष्ट है कि छापाखाना का विकास धार्मिक-क्रांति के दौर में हुआ। यह सुविधा मिलने के बाद धार्मिक ग्रंथ बड़े ही आसानी से जन-सामान्य तक पहुंचने लगे। इन धार्मिक ग्रंथों का विभिन्न देशों की भाषाओं में अनुवाद करके प्रकाशित होने लगे। पूर्तगाली धर्म प्रचार के लिए मुद्रण तकनीकी को सन् १५५६ ई. में गोवा लाये और धर्मग्रंथों को प्रकाशित करने लगे। सन् १५६१ ई. में गोवा में प्रकाशित बाइबिल पुस्तक की एक प्रति आज भी न्यूयार्क लाइब्रेरी में सुरक्षित है। इससे उत्साहित होकर भारतीयों ने भी अपने धर्मग्रंथों को प्रकाशित करने का साहस दिखलाया। भीम जी पारेख प्रथम भारतीय थे, जिन्होंने दीव में सन् १६७० ई. में एक उद्योग के रूप में प्रेस शुरू किया। सन् १६३८ ई. में पादरी जेसे ग्लोभरले ने एक छापाखाना जहाज में लादकर संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए प्रस्थान किया, लेकिन रास्ते में ही उसकी मृत्यु हो गयी। उसके बाद उनके सहयोगी म्याश्यु और रिटेफेन डे ने उक्त छापाखाना (प्रिंटिंग-प्रेस) को स्थापित किया। सन् १७९८ ई. में लोहे के प्रेस का आविष्कार हुआ, जिसमें एक लिवर के द्वारा अधिक संख्या में प्रतियां प्रकाशित करने की सुविधा थी। सन् १८११ ई. के आस-पास गोल घूमने वाले सिलेण्डर चलाने के लिए भाप की शक्ति का इस्तेमाल होने लगा, जिसे आजकल रोटरी प्रेस कहा जाता है। हालांकि इसका पूरी तरह से विकास सन् १८४८ ई. के आस-पास हुआ। १९वीं सदी के अंत तक बिजली संचालित प्रेस का उपयोग होने लगा, जिसके चलते न्यूयार्क टाइम्स के १२ पेजों की ९६ हजार प्रतियों का प्रकाशन एक घंटे में संभव हो सका। सन् १८९० ई. में लिनोटाइप का आविष्कार हुआ, जिसमें टाइपराइटर मशीन की तरह से अक्षरों के सेट करने की सुविधा थी। सन् १८९० ई. तक अमेरिका समेत कई देशों में रंग-बिरंगे ब्लॉक अखबार छपने लगे। सन् १९०० ई. तक बिजली संचालित रोटरी प्रेस, लिनोटाइप की सुविधा और रंग-बिरंगे चित्रों को छापने की सुविधा, फोटोग्राफी को छापने की व्यवस्था होने से सचित्र समाचार पत्र पाठको तक पहुंचने लगे। एक दृष्टि में ब्लॉक द्वारा मुद्रण (ब्लॉक प्रिन्टिंग) स्टेंसिल मुवेबल टाइप चपटे आधार के प्रिंटिंग प्रेस घूर्णी प्रिंटिंग प्रेस (रोटरी प्रिंटिंग प्रेस) लिथो छपाई (१७९६) रंगीन छपाई आफसेट छपाई (१८७०) आवरण मुद्रण (स्क्रीन प्रिंटिंग) फ्लेक्सोग्राफी फोटोकॉपियर (१९६०) लेजर मुद्रण (१९६९) डॉट मैट्रिक्स प्रिंटिंग (१९७०) डिजिटल प्रेस (१९९३) digital means (computer & printing ) मुद्रण
देश में बीफ पर प्रतिबंध को लेकर चल रही बहस के बीच केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू ने मंगलवार को कहा कि वह खुद भी मांसाहारी हैं और भोजन हर व्यक्ति की अपनी पसंद का विषय है. उन्होंने इससे साफ इनकार किया कि भाजपा 'सभी को शाकाहारी' बनाना चाहती है. मुंबई में औपचारिक संवाददाता सम्मेलन से पहले पत्रकारों से बातचीत में नायडू ने कहा, 'कुछ पागल लोग ऐसी बातें करते रहते हैं (कि भाजपा सभी को शाकाहारी बनाना चाहती है). यह लोगों की पसंद है कि वह क्या खाना चाहते हैं और क्या नहीं.' उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति हो रही है. वेंकैया ने कहा, 'एक राजनीतिक दल ने टिप्पणी की थी कि भाजपा सभी को शाकाहारी बनाना चाहती है और इसपर टीवी डिबेट भी हुआ. मैंने अपने पत्रकार मित्रों को बताया कि मैं हैदराबाद में राज्य (भाजपा) प्रमुख था और मांसाहारी भी हूं, फिर भी मैं पार्टी अध्यक्ष बना.'टिप्पणियां गौरतलब है कि पिछले तीन सालों में देश के विभिन्न हिस्सों से गौरक्षकों द्वारा हिंसक घटनाओं की खबरें आई हैं. केंद्र सरकार ने हाल ही में एक आदेश जारी कर मवेशी बाजार में वध के लिए पशुओं के क्रय-विक्रय पर रोक लगा दी थी. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने इससे साफ इनकार किया कि भाजपा 'सभी को शाकाहारी' बनाना चाहती है. मुंबई में औपचारिक संवाददाता सम्मेलन से पहले पत्रकारों से बातचीत में नायडू ने कहा, 'कुछ पागल लोग ऐसी बातें करते रहते हैं (कि भाजपा सभी को शाकाहारी बनाना चाहती है). यह लोगों की पसंद है कि वह क्या खाना चाहते हैं और क्या नहीं.' उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति हो रही है. वेंकैया ने कहा, 'एक राजनीतिक दल ने टिप्पणी की थी कि भाजपा सभी को शाकाहारी बनाना चाहती है और इसपर टीवी डिबेट भी हुआ. मैंने अपने पत्रकार मित्रों को बताया कि मैं हैदराबाद में राज्य (भाजपा) प्रमुख था और मांसाहारी भी हूं, फिर भी मैं पार्टी अध्यक्ष बना.'टिप्पणियां गौरतलब है कि पिछले तीन सालों में देश के विभिन्न हिस्सों से गौरक्षकों द्वारा हिंसक घटनाओं की खबरें आई हैं. केंद्र सरकार ने हाल ही में एक आदेश जारी कर मवेशी बाजार में वध के लिए पशुओं के क्रय-विक्रय पर रोक लगा दी थी. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) वेंकैया ने कहा, 'एक राजनीतिक दल ने टिप्पणी की थी कि भाजपा सभी को शाकाहारी बनाना चाहती है और इसपर टीवी डिबेट भी हुआ. मैंने अपने पत्रकार मित्रों को बताया कि मैं हैदराबाद में राज्य (भाजपा) प्रमुख था और मांसाहारी भी हूं, फिर भी मैं पार्टी अध्यक्ष बना.'टिप्पणियां गौरतलब है कि पिछले तीन सालों में देश के विभिन्न हिस्सों से गौरक्षकों द्वारा हिंसक घटनाओं की खबरें आई हैं. केंद्र सरकार ने हाल ही में एक आदेश जारी कर मवेशी बाजार में वध के लिए पशुओं के क्रय-विक्रय पर रोक लगा दी थी. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) गौरतलब है कि पिछले तीन सालों में देश के विभिन्न हिस्सों से गौरक्षकों द्वारा हिंसक घटनाओं की खबरें आई हैं. केंद्र सरकार ने हाल ही में एक आदेश जारी कर मवेशी बाजार में वध के लिए पशुओं के क्रय-विक्रय पर रोक लगा दी थी. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
ये विदर्भराज भोज की बहन, राजा अज की पत्नी और दशरथ की माता थी। पूर्व जन्म में यह (हारिणी) अप्सरा थीं। इंद्र ने इन्हें तृणबिंदु ऋषि की तपस्या भंग करने के लिए भेजा था। ऋषि ने इन्हें मनुष्य योनि में जन्म पाने का अभिशाप दे दिया था। इनके अत्यंत विनय करने पर ऋषि ने इनको स्वर्गीय पुष्प का प्रदर्शन करने पर फिर से इंद्र लोक में वापस हो सकने का वचन प्रदान किया था। एक बार जब ये अज के साथ वाटिका विहार कर रही थी उस समय इन्हें नींद आ गई। ये लता मंडप में सोइ हुई थी। नारद जी, जो उसी समय संयोग वश स्वर्ग से आ रहे थे, वीणा से पारिजात की माला इनके ऊपर गिर पड़ी। फलतः ये दिवंगत होकर पुनः इंद्रलोक पहुँच गई। सन्दर्भ हिंदी साहित्य कोश- भाग-2, पृष्ठ- 41 पौराणिक/साहित्यिक चरित्र
लेख: भारत की महिला एथलीटों का डोप टेस्ट में नाकाम होने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। दो एथलीटों के डोप टेस्ट में नाकाम होने के बाद सोमवार को दो अन्य के इसमें नाकाम होने की खबर आई है। अश्विनी अकुन्जी और प्रियंका पवार को राष्ट्रीय डोपिंग निरोधी संस्था (नाडा) द्वारा औचक तरीके से कराए गए डोप टेस्ट में नाकाम बताया जा रहा है। अश्विनी राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली रिले टीम की सदस्य रही हैं। प्रियंका और अश्विनी ने सात जुलाई को कोबो में होने वाली एशियाई चैम्पियनशिप के लिए चुनी गई रिले टीम में शामिल किया गया था। एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा,  "नाडा ने अश्विनी और प्रियंका का 27 जून को डोप टेस्ट किया था, जिसमें दोनों एथलीट नाकाम रही हैं।" "इस आउट ऑफ कम्पिटीशन टेस्ट के बाद दोनों खिलाड़ियों को मेथाएनडाइनोन के सेवन का दोषी पाया गया है। यह एक प्रकार का स्टेरॉयड है, जो नाडा की सूची में प्रतिबंधित है।"
उद्धव ठाकरे ने सीएम पद के सवाल को लेकर दिए संकेत आदित्य ठाकरे को सीएम बनाने की मांग हुई तेज महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे अब आ गये हैं. इन नतीजों से स्‍पष्‍ट है कि महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को बहुमत मिला है. हालांकि इसी बीच राज्‍य में शिवसेना का मुख्यमंत्री बनाने की मांग होने लगी है. वहीं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी पार्टी के सीएम पद को लेकर बड़े संकेत दिए हैं. दोपहर बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब पत्रकार ने पूछा कि अगला सीएम शिवसेना से होगा तो उद्धव ठाकरे ने कहा कि आपके मुंह में घी शक्कर. इस बीच, शिवसेना विधायक सुशील शिंदे ने बड़ा बयान दिया है. सुशील शिंदे की तरफ से मांग उठाई गई है कि आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाया जाए, क्योंकि ऐसी जनता की इच्छा है. बता दें कि चुनाव से पहले भी शिवसेना की तरफ से शीर्ष पद की मांग उठती रही है. फडणवीस ने क्‍या कहा? वहीं महाराष्‍ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जनता का शुक्रिया अदा किया. इसके साथ ही सीटें घटने पर कहा कि पिछले चुनाव में उनका स्ट्राइक रेट 47 का था, जो अब बढ़कर 70 हो गया है. फडणवीस ने कहा कि हमारा वोट प्रतिशत भी बढ़ा है, लेकिन सतारा और परली के रिजल्ट से हम हैरान हैं. चुनाव नतीजों के मुताबिक, बीजेपी और शिवसेना गठबंधन को 161 सीटों पर जीत मिली है. इनमें 105 पर बीजेपी और 56 सीटों पर शिवसेना जीती है. जबकि कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन 98 सीटें जीती हैं, जिनमें 44 पर कांग्रेस और 54 पर एनसीपी जीती है. जबकि एक सीट पर MNS और 2 सीटों पर AIMIM जीती है.
ग्रीस को आर्थिक संकट से बाहर निकालने के लिए आईएमएफ और यूरोपियन यूनियन के नए मसौदे को ग्रीस की जनता ने नकार दिया है. देश के 61 फीसदी मतदाताओं ने वोट के लिए आए कड़ी शर्तों से भरे प्रस्ताव को खारिज कर दिया और मात्र 39 फीसदी लोगों ने इसके पक्ष में वोट दिया. रविवार का रेफरेंडम के नतीजे जहां प्रधानमंत्री एलेक्सिस शिप्रास के लिए बड़ी जीत मानी जा रही है, वहीं विपक्ष इस कदर दबाव में आ गया कि नेता विपक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री एंतोनी समारास ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. अब क्या होगा अगला कदम- दो दिन हैं अहम सोमवार रेफेरेंडम के नतीजों के बाद सोमवार को जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद पेरिस में मुलाकात कर सकते हैं. गौरतलब है कि दोनों ही देशों ने ग्रीस को बड़ा कर्ज दिया है और रेफेरेंडम के नतीजों के बाद वह अपनी आगे की रणनीति तय करेंगे. गौरतलब है कि दोनों ही देश नहीं चाहते कि ग्रीस को यूरोपियन यूनियन से बाहर किया जाए. मंगलवार मंगलवार को यूरोजोन देशों के प्रमुखों और वित्त मंत्रियों के समूह की इमरजेंसी बैठक होगी. रेफेरेंडम के बाद ग्रीस की कोशिश होगी कि वह इस बैठक में मजबूती के साथ अपना पक्ष रखते हुए एक बार फिर बातचीत की शुरुआत करे. इसके साथ ही ग्रीस की यह कोशिश रहेगी कि वह अगले 48 घंटों में यूरोजोन के अन्य देशों और आईएमएफ से व्यवहारिक समझौता करने में कामयाब हो जाए. यूरोजोन के अन्य देशों की प्रतिक्रिया हालांकि, ग्रीस के लिए आगे का रास्ता इतना आसान नहीं है क्योंकि यूरोप के कई दिग्गज देश अब ग्रीस के साथ अपना सब्र खो चुके हैं. यूरो क्षेत्र के वित्त मंत्रियों के समूह के प्रमुख जेरोन दिजसेलब्लोएम ने जनमत संग्रह के परिणाम को ग्रीस के भविष्य के लिए बहुत अफसोसजनक बताया. नीदरलैंड नीदरलैंड के वित्तमंत्री दिजसेलब्लोएम ग्रीस के धुर विरोधी रहे हैं. उन्होंने कहा, ग्रीस की अर्थव्यवस्था के सुधार के लिए कड़े कदम व सुधार बेहद जरूरी हैं. अब हम ग्रीक अधिकारियों की पहल का इंतजार करेंगे. जर्मनी जर्मनी के वित्त मंत्री सिगमर गेब्रिएल ने कहा है कि ग्रीस की सरकार अपने लोगों पर एक कमजोर अर्थव्यवस्था थोप कर उन्हें नाउम्मीदी की राह पर ले जा रही है. बेल्जियम बेल्जियम के वित्तमंत्री जाहन वान ओवरवेड्त ने नरम प्रतिक्रिया देते हुए जनमत संग्रह के परिणामों को जटिल मुद्दा करार दिया और कहा, बातचीत बहाल करने के लिए दरवाजे खुले हैं. क्या ग्रीस यूरोजोन से बाहर आएगा? यूरोजोन की स्थापना के बाद से कोई भी देश यूरो करेंसी से बाहर नहीं निकला है. हालांकि अब माना जा रहा है कि इसकी संभावना बढ़ गई है, खासतौर पर अगर प्रमुख कर्जदाता जैसे यूरोपियन सेंट्रल बैंक (ECB) दोबारा बातचीत शुरू करने से मना कर दे. ग्रीस के लिए नए बेलआउट पर सहमति नहीं होने की स्थिति में अगले कुछ दिनों में ग्रीस के बैंकों में पैसा खत्म हो जाएगा. इस स्थिति में उसे आईओयू विकल्प का सहारा लेते हुए सैलेरी और पेंशन का भुगतान करना पड़ सकता है, या फिर यूरोजोन की करेंसी से बाहर निकल कर अपनी करेंसी ड्राचमा का इस्तेमाल करना पड़ सकता है. हालांकि रेफेरेंडम में ग्रीस के 70 फीसदी लोगों ने यूरो को छोड़ने के खिलाफ अपना मत दिया है.
श्वार्जनेगर 1968 सितंबर में 21 वर्ष की आयु में संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए, तब उन्हें अंग्रेजी कम बोलना आता था। "स्वाभाविक रूप से, जब मैं इस देश में आया, मेरा उच्चारण बहुत बुरा था और मेरा लहजा भी बहुत मज़बूत था, जो एक बाधा के रूप में था, जब मैंने अभिनय का प्रयास किया।" वहां वे सांता मोनिका, कैलिफोर्निया के गोल्ड जिम में जो वेइडर के अधीन प्रशिक्षण लेते थे। 1970 से 1974 तक श्वार्ज़नेगर के एक भार प्रशिक्षण के भागीदारों में से एक रिक द्रसिन थे, एक पेशेवर पहलवान, जिन्होंने 1973 में मूल गोल्ड जिम का लोगो डिजाइन किया था। श्वार्ज़नेगर पेशेवर पहलवान "सुपरस्टार" बिली ग्राहम के भी अच्छे दोस्त बन गये। 1970 में, 23 साल की उम्र में उन्होंने न्यूयॉर्क में अपने पहले मि.ओलंपिया खिताब पर कब्जा किया और खिताब को कुल सात बार जीता। 1960 या 1970 के दशक के शुरू में श्वार्ज़नेगर ने कुछ हद तक वीजा की शर्तों का कुछ बिंदु पर उल्लंघन कर अवैध देशांतर किया हो। 1969 में श्वार्ज़नेगर एक अंग्रेजी शिक्षिका बारबरा आउटलैंड बेकर से मिले, जिसके साथ वे 1974 तक साथ रहते थे। श्वार्जनेगर ने बारबरा के बारे में 1977 में अपने संस्मरण में लिखा है: "मूल रूप से यह निष्कर्ष निकला: वह एक बेहद संतुलित औरत थी जो एक साधारण, भरपूर जीवन चाहती थी और मैं एक अच्छा संतुलित आदमी नहीं था और मुझे आम जीवन के विचार से नफरत थी।" बेकर ने श्वार्जनेगर को "[एक] खुशनुमा व्यक्तित्व वाला, पूरी तरह से करिश्माई, साहसी और पुष्ट व्यक्ति" बताया लेकिन रिश्ता खत्म होने के बाद वह "असह्य – प्रतिष्ठित अभिमानी – जिसकी दुनिया अपने ही चारों ओर घूमता है, करार दिया". बेकर ने 2006 में अपना संस्मरण प्रकाशित कराया, जिसका शीर्षक था अर्नोल्ड एंड मी: इन द शैडो ऑफ़ द ऑस्ट्रियाई ओक . हालांकि बेकर ने उस समय अपने पूर्व प्रेमी का अनाकर्षक चित्र उकेरा था, श्वार्जनेगर ने वास्तव में किताब में यह सब बताने के लिए भूमिका लिखी थी और बेकर के साथ मुलाकात कर उसके साथ तीन घंटे बिताये. उदाहरण के लिए बेकर का दावा है कि अलग होने के बाद केवल उसके विश्वासघात से उसने सीखा है कि एक उग्र और उत्कट प्रेम जीवन की क्या बातें होती हैं। श्वार्जनेगर ने स्पष्ट किया है कि उनकी संबंधित घटनाओं की यादें अलग-अलग हो सकती हैं। युगल की पहली मुलाकात अमेरिका – में अपने आगमन के छह से आठ महीने बाद हुई। उनकी पहली डेट टेलीविजन पर पहली बार अपोलो मून लैंडिंग देखते समय हुई। वे साढ़े तीन साल तक सांता मोनिका के एक अपार्टमेंट में साझे तौर पर रहते थे और उनके पास पैसा कम होने के कारण समुद्र तट पर दिन भर घूमते थे अथवा पिछवाड़े सींक पर भूनी हुई चीजें खाते थे। हालांकि बेकर का दावा है कि जब वह पहली बार उनसे मिली, उन्हें "सभ्य समाज की समझ कम थी" और उनमें उसे एक मोड़ मिला, वह कहती है, वे एकदम अपने बलबूते बने (सेल्फ मेड) व्यक्ति लगे, उनसे जितना भी संभव हो सका, – उन्हें कभी भी अपने माता-पिता, अपने परिवार, अपने भाई से प्रोत्साहन नहीं मिला। उनके पास अपने को साबित करने के लिए सिर्फ विशाल संकल्प था और वह बहुत ही आकर्षक था। .. मैं तब गंभीर हो गयी जब मैंने जाना कि अर्नोल्ड मुझसे प्यार करते हैं।श्वार्जनेगर जुलाई 1977 में अपनी अगली प्रेमिका सूए मोरी से वेनिस समुद्र तट पर मिले, जो बेवर्ली हिल्स की हेयरड्रेसर की असिस्टेंट थी। मोरी के अनुसार युगल के बीच उन्मुक्त सम्बंध था: "जब हम LA... में रहते थे तो दोनों वफादार रहते थे लेकिन जब वे शहर से बाहर रहते थे, जो हम चाहते थे करने के लिए मुक्त थे।" श्वार्जनेगर मारिया श्राइवर से रॉबर्ट F. कैनेडी टेनिस टूर्नामेंट में 1977 अगस्त में मिले थे और अगस्त 1978 तक दोनों महिलाओं से उनका सम्बंध रहा, जब मोरी (जो श्राइवर के साथ उनके सम्बंधों के बारे में जानती थी) ने एक अंतिम चेतावनी जारी की। श्वार्ज़नेगर ने कहा है कि 10 साल की उम्र से ही उनका बड़ा सपना अमेरिका जाने का रहा है। उनसे सवाल किया गया था कि वे आस्ट्रिया में "खेत में" क्या करते और क्या उन्हें विश्वास था कि बॉडीबिल्डिंग उनका "अमेरिका का टिकट" होगा: "मुझे यकीन था कि मैं अमेरिका जाऊंगा और मि. यूनिवर्स जीतूंगा." ला वीकली ने 2002 में लिखा था कि श्वार्जनेगर अमेरिका में सबसे प्रसिद्ध आप्रवासी हैं, जिन्होंने अपने मोटे ऑस्ट्रियाई उच्चारण पर विजय पायी और शरीर सौष्ठव के कम संभावना वाली पृष्ठभूमि के बावजूद 1990 के दशक में फिल्मी दुनिया के बड़े सितारे बने।
अरुणाचल प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद 2004 में मौजूदा कीमतों पर 706 मिलियन अमेरिकी डॉलर और 2012 में मौजूदा कीमतों पर 1.75 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान लगाया गया था। कृषि मुख्य रूप से अर्थव्यवस्था को चलाती है। झूम खेती के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला स्थानीय शब्द झूम आदिवासी समूहों के बीच व्यापक रूप से प्रचलित है, हालांकि हाल के वर्षों में आय के अन्य स्रोतों की क्रमिक वृद्धि के कारण, इसका अभ्यास उतनी प्रमुखता से नहीं किया जा रहा है जितना पहले था। अरुणाचल प्रदेश में लगभग 61,000 वर्ग किलोमीटर वन हैं, और वन उत्पाद अर्थव्यवस्था का अगला सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं। यहां उगाई जाने वाली फसलों में चावल, मक्का, बाजरा, गेहूं, दालें, गन्ना, अदरक और तिलहन हैं। अरुणाचल बागवानी और फलों के बागानों के लिए भी आदर्श है। इसके प्रमुख उद्योग चावल मिलें, फल संरक्षण और प्रसंस्करण इकाइयाँ और हथकरघा हस्तशिल्प हैं। सॉमिल और प्लाइवुड व्यापार कानून के तहत निषिद्ध हैं। एपी में कई आरा मिलें हैं। भारत की अप्रयुक्त जलविद्युत क्षमता का एक बड़ा हिस्सा अरुणाचल प्रदेश में है। 2008 में, अरुणाचल प्रदेश सरकार ने लगभग 42 जलविद्युत योजनाओं की योजना बनाने वाली विभिन्न कंपनियों के साथ कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए, जो 27,000 मेगावाट से अधिक बिजली का उत्पादन करेंगे। ऊपरी सियांग जलविद्युत परियोजना का निर्माण, जिससे 10,000 से 12,000 मेगावाट के बीच उत्पादन होने की उम्मीद है, अप्रैल 2009 में शुरू हुआ।