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संगीतकार इस्माइल दरबार ने दावा किया है कि एआर रहमान ने ऑस्कर अवॉर्ड खरीदा था। रहमान को फिल्म 'स्लमडॉग मिलेनियर' के लिए दो−दो ऑस्कर मिले थे। नागपुर के एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस्माइल दरबार ने कहा कि 'स्लमडॉग मिलेनियर' के संगीत में ऐसा कुछ भी नहीं था कि उसे ऑस्कर मिल जाए। उन्होंने कहा कि 'रोजा' और 'बॉम्बे' का संगीत कहीं बेहतर है और उसके लिए उन्हें ऑस्कर मिलता तो खुशी भी होती। दरबार ने कहा कि उन्हें पता है कि ये अवॉर्ड खरीदा गया है, लेकिन उन्होंने ये नहीं बताया कि आखिर वह ये दावा किन सबूतों के आधार पर कर रहे हैं।
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यह एक लेख है: ब्राजील में एक सैन्य पुलिस हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है जिससे उसमें सवार चार अधिकारियों के मारे जाने की खबर है.
ब्राजील के समाचार चैनल जी1 ने कल शाम को खबर दी कि रियो डी जेनेरियो की झुग्गी बस्ती वाले इलाके में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ. अभी यह पता नहीं चल पाया है कि हेलीकॉप्टर कैसे दुर्घटनाग्रस्त हुआ और क्या जमीन पर कोई हताहत हुआ.
बताया जाता है कि यह हेलीकॉप्टर इलाके में चलाए जा रहे मादक द्रव्य विरोधी अभियान में मदद कर रहा है.टिप्पणियां
सैन्य पुलिस प्रवक्ता मेजर इवान्स ब्लैज ने जी1 को बताया कि शुरुआती संकेतों के अनुसार, हेलीकॉप्टर को नीचे उतारा जा रहा है। उन्होंने हालांकि विस्तृत ब्यौरा नहीं दिया. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
ब्राजील के समाचार चैनल जी1 ने कल शाम को खबर दी कि रियो डी जेनेरियो की झुग्गी बस्ती वाले इलाके में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ. अभी यह पता नहीं चल पाया है कि हेलीकॉप्टर कैसे दुर्घटनाग्रस्त हुआ और क्या जमीन पर कोई हताहत हुआ.
बताया जाता है कि यह हेलीकॉप्टर इलाके में चलाए जा रहे मादक द्रव्य विरोधी अभियान में मदद कर रहा है.टिप्पणियां
सैन्य पुलिस प्रवक्ता मेजर इवान्स ब्लैज ने जी1 को बताया कि शुरुआती संकेतों के अनुसार, हेलीकॉप्टर को नीचे उतारा जा रहा है। उन्होंने हालांकि विस्तृत ब्यौरा नहीं दिया. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बताया जाता है कि यह हेलीकॉप्टर इलाके में चलाए जा रहे मादक द्रव्य विरोधी अभियान में मदद कर रहा है.टिप्पणियां
सैन्य पुलिस प्रवक्ता मेजर इवान्स ब्लैज ने जी1 को बताया कि शुरुआती संकेतों के अनुसार, हेलीकॉप्टर को नीचे उतारा जा रहा है। उन्होंने हालांकि विस्तृत ब्यौरा नहीं दिया. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सैन्य पुलिस प्रवक्ता मेजर इवान्स ब्लैज ने जी1 को बताया कि शुरुआती संकेतों के अनुसार, हेलीकॉप्टर को नीचे उतारा जा रहा है। उन्होंने हालांकि विस्तृत ब्यौरा नहीं दिया. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: हालिया प्रदर्शित फिल्म 'हैप्पी न्यू ईयर' ने अपने शुरुआती सप्ताहांत में ही 108.86 करोड़ रुपये कमा लिए हैं। इससे एक बार फिर साबित हो गया है कि सिनेमा प्रेमियो के दिलों और बॉक्स ऑफिस पर सुपरस्टार शाहरुख खान की बादशाहत बरकरार है।
एक बयान में कहा गया कि शाहरुख खान की फिल्म निर्माण कंपनी रेड चिलीज एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड (आरसीई) द्वारा निर्मित 'हैप्पी न्यू ईयर' ने 104.10 करोड़ रुपये कमा लिए हैं।
फिल्म के तेलुगू में डब संस्करण ने 2.92 करोड़ रुपये और तमिल में डब संस्करण ने 1.84 करोड़ रुपये की कमाई की है। इसके साथ ही यह शुरुआती सप्ताहांत में अब तक तेजी से सर्वाधिक कमाई करने वाली फिल्म बन गई है।
आरसीई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सीईओ वेंकी मैसूर ने कहा, हम रोमांचित हैं कि 2013 में 'चेन्नई एक्सप्रेस' के नया रिकॉर्ड बनाने के बाद अब 'हैप्पी न्यू ईयर' ने एक नया आयाम स्थापित कर दिया है। हम दर्शकों से मिल रहे इस प्यार और सहयोग के शुक्रगुजार हैं।
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गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले वरिष्ठ कांग्रेसी नेता माखन लाल फोतेदार ने प्रियंका गांधी को लेकर बड़ा दावा किया है. फोतेदार के मुताबिक, अपनी हत्या से कुछ दिन पहले ही इंदिरा गांधी ने राजनीतिक उत्तराधिकारी के तौर पर प्रियंका का नाम सुझाया था.
प्रियंका
की कुशलता और स्वभाव के कारण वह उन्हें राजनीतिक अपनी उत्तराधिकारी मानती थीं. उन्हें प्रियंका में राजनीतिक कुशलता नजर आती थी. हालांकि सोनिया गांधी को यह बात अब तक जमी नहीं है.
इंदिरा ने किया था कश्मीर दौरा
इंदिरा गांधी के आखिरी दिनों का जिक्र करते हुए माखन लाल फोतेदार ने कहा कि अक्टूबर 1984 में उन्होंने कश्मीर का दौरा किया था. इस दौरान वह हिंदू और मुस्लिम धार्मिक स्थलों में गईं. तभी उन्होंने इस बात का जिक्र किया था.
गौरतलब है कि 30 अक्टूबर को फोतेदार की किताब 'चिनार लीव्स' लॉन्च हो रही है. इस किताब में ही फोतेदार ने गांधी परिवार को लेकर कई बड़े खुलासे किए हैं. फोतेदार ने कहा कि इंदिरा ने बेहद भावुक अंदाज में प्रियंका के बारे में चर्चा शुरू की थी और 'भावी नेता' के तौर पर प्रियंका की पहचान बनाने की बात कही थी.
राजीव और सोनिया दोनों को बताई थी ख्वाहिश
वरिष्ठ
कांग्रेस नेता
ने कहा कि इंदिरा की हत्या के बाद उन्होंने राजीव गांधी और सोनिया गांधी को भी इस बात से वाकिफ कराया था. हालांकि दोनों ने इस पर कभी ज्यादा गंभीरता से विचार नहीं किया. अपनी किताब में वह इस बात का भी
खुलासा
करेंगे कि किन परिस्थितियों में सोनिया गांधी को राजनीति में आना पड़ा?
बता दें कि लोकसभा चुनाव के समय कांग्रेस में जोरशोर से मांग उठी थी कि प्रियंका गांधी को सामने लाया जाए और पार्टी में ओहदा दिया जाए. हालांकि कार्यकर्ताओं की इस मांग को पार्टी आलाकमान ने अब तक स्वीकार नहीं किया है.
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परवेज़ मुशर्रफ़ (उर्दू: پرويز مشرف; जन्म अगस्त 11, 1943) पाकिस्तान के राष्ट्रपति और सेना प्रमुख रह चुके हैं। इन्होंने साल 1999 में नवाज़ शरीफ की लोकतान्त्रिक सरकार का तख्ता पलट कर पाकिस्तान की बागडोर संभाली और 20 जून, 2001 से 18 अगस्त 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे। 5 फरवरी 2023 को दुबई में निधन हो गया ।
प्रारंभिक जीवन
मुशर्रफ़ का जन्म दिल्ली शहर में दरियागंज में हुआ था। भारत के विभाजन के बाद उनका परिवार कराची में जाकर बसा।
पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष
अप्रैल से जून 1999 तक भारत और पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध के दौरान मुशर्रफ़ ही पाकिस्तान के सेना-प्रमुख थे।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति
अक्टूबर 1999 में नवाज़ शरीफ़ ने जब मुशर्रफ़ को उनके पद से हटाने की कोशिश की तो मुशर्रफ़ के प्रति वफ़ादार जनरलों ने शरीफ़ का ही तख्ता पलट करके सरकार पर कब्जा कर लिया। मई 2000 में पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि पाकिस्तान में चुनाव कराए जाएं। मुशर्रफ़ ने जून 2001 में तत्कालीन राष्ट्रपति रफीक़ तरार को हटा दिया व खुद राष्ट्रपति बन गए। अप्रैल 2002 में उन्होंने राष्ट्रपति बने रहने के लिए जनमत-संग्रह कराया जिसका अधिकतर राजनैतिक दलों ने बहिष्कार किया। अक्टूबर 2002 में पाकिस्तान में चुनाव हुए जिसमें मुशर्रफ़ का समर्थन करने वाली मुत्ताहिदा मजलिस-ए-अमाल पार्टी को बहुमत मिला। इनकी सहायता से मुशर्रफ़ ने पाकिस्तान के संविधान में कई परिवर्तन कराए जिनसे 1999 के तख्ता-पलट और मुशर्रफ़ के अन्य कई आदेशों को वैधानिक सम्मति मिल गई। {{तथ्य}
मुशर्रफ़ के शासन के दौरान भारत पर उग्रवादी हमले बढ़े, लेकिन बाद में दोनों देशों के बीच शान्ति की बात-चीत भी आगे बढ़ी। 2005 में परेड पत्रिका ने मुशर्रफ़ को दुनिया के 10 सबसे बुरे तानाशाहों की सूची में शामिल किया। २४ नवम्बर २००७ को उन्होने सेना प्रमुख का पद त्याग दिया तथा असैन्य राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।
पाकिस्तान के शासक के रूप में कार्यकाल के दौरान प्रमुख घटनाएं
अमेरिका पर आतंकवादी हमला (9/11)
11 सितम्बर 2001 के हमले के बाद जब संयुक्त राज्य अमरीका ने अफ़गानिस्तान और ईराक पर युद्ध शुरु किया तो मुशर्रफ़ ने अमेरिका का पूरा समर्थन किया।
नवाब बुग्ती हत्याकांड
नवाब अकबर खान बुगती पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के एक राष्ट्रवादी नेता थे जो बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग एक देश बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। 2006 में बलूचिस्तान के कोहलू जिले में एक सैन्य कार्रवाई में अकबर बुगती और उनके कई सहयोगियों की हत्या कर दी गई थी। इस अभियान का आदेश जनरल परवेज़ मुशर्रफ ने दिया था जो तब देश के सैन्य प्रमुख और राष्ट्रपति दोनों थे।
आपातकाल
मुशर्रफ ने पाकिस्तान में 2007 में आपातकाल लागू कर दिया।
बेनजीर भुट्टो की हत्या
बेनजीर भुट्टो दिसम्बर 2007 में रावलपिंडी में एक चुनावी रैली के बाद एक आत्मघाती हमले में मारी गई। मुशर्रफ पर उन्हें जरूरी सुरक्षा मुहैया नहीं कराने के आरोप लगे।
लाल मस्जिद पर हमला
मुशर्रफ के आदेश पर 2007 में लाल मस्जिद पर सैन्य कार्रवाई की गई जिसमें लगभग 90 धार्मिक विद्यार्थियों की मृत्यु हो गई थी।
आगरा शिखर वार्ता
भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ आगरा में पाकिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष के रूप में मुलाकात की। इस मुलाकात का दोनों देशों के रिश्तों पर कोई खास असर नहीं पडा।
शीर्ष न्यायाधीश की बर्खास्तगी
9 मार्च 2007 को उन्होंने शीर्ष न्यायाधीश इफ्तिखार मोहम्मद चौधरी को जबरन पदमुक्त कर दिया। उनके इस कदम के बाद समूचे पाकिस्तान में वकीलों ने मुशर्रफ के खिलाफ आंदोलन कर दिया।
शासन के अंत के बाद के प्रमुख घटनाक्रम
मुशर्रफ का शासन समाप्त होने के बाद उन्होंने कुछ समय के लिए देश छोड़ दिया। किंतु वापस आते ही उन पर कई मुकद्दमे चलाए गए और इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
मुकद्दमे तथा गिरफ्तारी
पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो तथा बलूचिस्तान के राष्ट्रवादी नेता अकबर खान बुगती की हत्या तथा लाल मस्जिद की करवाई के सिलसिले में उन्हें गिरफ्तार किया गया।
2007 में आपातकाल के दौरान जजों को हिरासत में लिए जाने के मामले में भी केस चलाया गया।
2013 में नवाज शरीफ सरकार ने उन पर राजद्रोह का मुकद्दमा शुरू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया। पाकिस्तान में इस आरोप के सही साबित होने पर मृत्युदंड तक का प्रावधान है।
सन्दर्भ
पाकिस्तान के तानाशाह
पाकिस्तान
पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष
दिल्ली के लोग
1943 में जन्मे लोग
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: आगामी राष्ट्रपति चुनाव से पहले विपक्षी दलों की तरफ से एक साझा उम्मीदवार खड़ा करने की कवायद तेज़ हो गई है. सोमवार को कई कद्दावर नेता एक मंच पर जुटे. बहाना समाजवादी नेता मधु लिमये के 95वें जन्मदिन का था, लेकिन कोशिश सबको साथ लाने की भी दिखी.
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह, सीपीएम महसचिव सीताराम येचुरी, एनसीपी के नेता डीपी त्रिपाठी, जेडी (यू) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव और प्रधान महासचिव केसी त्यागी, सीपीआई नेता डी. राजा समेत कई अहम विपक्षी नेता एक ही मंच पर दिखे. सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने एनडीटीवी से कहा कि विपक्ष ऐसा साझा उम्मीदवार खड़ा करना चाहता हैं जो संविधान की सुरक्षा कर सके.टिप्पणियां
सीताराम येचुरी ने कहा, 'कोशिश है कि राष्ट्रपति ऐसा व्यक्ति बने जो गणतंत्र की सुरक्षा कर सके. ऐसे व्यक्ति पर सहमति बनाने की कोशिश हो रही है. अभी किसी उम्मीदवार का नाम लेने का समय नहीं आया है. हम चाहेंगे कि हमारी कोशिश सफल हो.'
दरअसल, ये कवायद आगामी राष्ट्रपति चुनाव से पहले विपक्ष को एक ही मंच पर लाने की शुरूआत है. जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने एनडीटीवी से कहा कि एनसीपी नेता शरद पवार एक सशक्त उम्मीदवार हो सकते हैं.
केसी त्यागी ने कहा, 'संविधान संकट में है. हमारे लिए ये महत्वपूर्ण है कि ऐसा व्यक्ति राष्ट्रपति बने जिससे संविधान महफूज रहे. उम्मीद है कि विपक्ष से सशक्त उम्मीदवार उतरेगा.'
जब एनडीटीवी ने पूछा कि क्या शरद पवार वह सशक्त उम्मीदवार हो सकते हैं? इस पर त्यागी ने कहा, 'शरद पवार सशक्त उम्मीदवार हो सकते हैं ये फैसला सभी बड़े विपक्षी दलों के नेताओं को करना है.'
हाल के दिनों में ये पहला मौका है कि जब एक ही मंच पर कई अहम विपक्षी दलों के नेता एकसाथ दिखे हैं. राष्ट्रपति चुनाव से पहले विपक्षी दलों को एकजुट करने की कवायद ज़ोर पकड़ रही है. अब एक साझा उम्मीदवार खड़ा करने की जद्दोजहद के दौरान ये देखना महत्वपूर्ण होगा कि अलग-अलग राज्यों में एकदूसरे के सामने खड़े विपक्षी दल किस हद तक अपने-अपने राजनीतिक हितों को पीछे कर एक ही मंच पर आने में कामयाब हो पाते हैं.
सीताराम येचुरी ने कहा, 'कोशिश है कि राष्ट्रपति ऐसा व्यक्ति बने जो गणतंत्र की सुरक्षा कर सके. ऐसे व्यक्ति पर सहमति बनाने की कोशिश हो रही है. अभी किसी उम्मीदवार का नाम लेने का समय नहीं आया है. हम चाहेंगे कि हमारी कोशिश सफल हो.'
दरअसल, ये कवायद आगामी राष्ट्रपति चुनाव से पहले विपक्ष को एक ही मंच पर लाने की शुरूआत है. जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने एनडीटीवी से कहा कि एनसीपी नेता शरद पवार एक सशक्त उम्मीदवार हो सकते हैं.
केसी त्यागी ने कहा, 'संविधान संकट में है. हमारे लिए ये महत्वपूर्ण है कि ऐसा व्यक्ति राष्ट्रपति बने जिससे संविधान महफूज रहे. उम्मीद है कि विपक्ष से सशक्त उम्मीदवार उतरेगा.'
जब एनडीटीवी ने पूछा कि क्या शरद पवार वह सशक्त उम्मीदवार हो सकते हैं? इस पर त्यागी ने कहा, 'शरद पवार सशक्त उम्मीदवार हो सकते हैं ये फैसला सभी बड़े विपक्षी दलों के नेताओं को करना है.'
हाल के दिनों में ये पहला मौका है कि जब एक ही मंच पर कई अहम विपक्षी दलों के नेता एकसाथ दिखे हैं. राष्ट्रपति चुनाव से पहले विपक्षी दलों को एकजुट करने की कवायद ज़ोर पकड़ रही है. अब एक साझा उम्मीदवार खड़ा करने की जद्दोजहद के दौरान ये देखना महत्वपूर्ण होगा कि अलग-अलग राज्यों में एकदूसरे के सामने खड़े विपक्षी दल किस हद तक अपने-अपने राजनीतिक हितों को पीछे कर एक ही मंच पर आने में कामयाब हो पाते हैं.
जब एनडीटीवी ने पूछा कि क्या शरद पवार वह सशक्त उम्मीदवार हो सकते हैं? इस पर त्यागी ने कहा, 'शरद पवार सशक्त उम्मीदवार हो सकते हैं ये फैसला सभी बड़े विपक्षी दलों के नेताओं को करना है.'
हाल के दिनों में ये पहला मौका है कि जब एक ही मंच पर कई अहम विपक्षी दलों के नेता एकसाथ दिखे हैं. राष्ट्रपति चुनाव से पहले विपक्षी दलों को एकजुट करने की कवायद ज़ोर पकड़ रही है. अब एक साझा उम्मीदवार खड़ा करने की जद्दोजहद के दौरान ये देखना महत्वपूर्ण होगा कि अलग-अलग राज्यों में एकदूसरे के सामने खड़े विपक्षी दल किस हद तक अपने-अपने राजनीतिक हितों को पीछे कर एक ही मंच पर आने में कामयाब हो पाते हैं.
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महिलाओं के खिलाफ अपराध के लिए नए कानून पर जस्टिस वर्मा कमेटी ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट सौंपने के बाद जस्टिस वर्मा ने कहा, दिल्ली गैंगरेप मामले में कार्रवाई को लेकर जब गृह सचिव ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर की तारीफ की तो वह हैरान रह गए। उन्होंने कहा है कि अगर वह गृह सचिव होते तो पुलिस कमिश्नर से माफी मांगने के लिए कहते।टिप्पणियां
रिपोर्ट में जस्टिस वर्मा ने सभी लोगों के सुझावों का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्ग के लोगों ने सुझाव भेजे हैं। उन्होंने कहा कि हमने सभी सुझाव पढ़े हैं और उस पर विचार किया है। कुल 80 हजार सुझाव मिले। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट तैयार करने में 29 दिनों का वक्त लगा।
जस्टिस वर्मा ने कहा कि गैंगरेप के बाद लोगों का गुस्सा स्वाभाविक था। उन्होंने कहा कि देश के युवा असली हीरो हैं। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट बनाते वक्त सामाजिक कार्यकर्ताओं से भी बात की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार की नाकामी महिलाओं की असुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। जस्टिस वर्मा ने कहा कि संसद के अगले सत्र में सिफारिशों पर विचार किया जाए।
रिपोर्ट में जस्टिस वर्मा ने सभी लोगों के सुझावों का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्ग के लोगों ने सुझाव भेजे हैं। उन्होंने कहा कि हमने सभी सुझाव पढ़े हैं और उस पर विचार किया है। कुल 80 हजार सुझाव मिले। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट तैयार करने में 29 दिनों का वक्त लगा।
जस्टिस वर्मा ने कहा कि गैंगरेप के बाद लोगों का गुस्सा स्वाभाविक था। उन्होंने कहा कि देश के युवा असली हीरो हैं। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट बनाते वक्त सामाजिक कार्यकर्ताओं से भी बात की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार की नाकामी महिलाओं की असुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। जस्टिस वर्मा ने कहा कि संसद के अगले सत्र में सिफारिशों पर विचार किया जाए।
जस्टिस वर्मा ने कहा कि गैंगरेप के बाद लोगों का गुस्सा स्वाभाविक था। उन्होंने कहा कि देश के युवा असली हीरो हैं। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट बनाते वक्त सामाजिक कार्यकर्ताओं से भी बात की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार की नाकामी महिलाओं की असुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। जस्टिस वर्मा ने कहा कि संसद के अगले सत्र में सिफारिशों पर विचार किया जाए।
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प्रोपेन की खोज 1857 में फ्रांसीसी रसायनज्ञ मार्सेलिन बर्थेलॉट द्वारा की गई थी। इसे 1864 में एडमंड रोनाल्ड्स द्वारा पेंसिल्वेनिया के हल्के कच्चे तेल में घुला हुआ पाया गया था। यू.एस. ब्यूरो ऑफ माइन्स के वाल्टर ओ. स्नेलिंग ने 1910 में इसे गैसोलीन में एक अस्थिर घटक के रूप में उजागर किया था, जो था संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रोपेन उद्योग की शुरुआत। अपरिष्कृत गैसोलीन के उच्च वाष्प दबाव के कारण इन हल्के हाइड्रोकार्बन की अस्थिरता के कारण उन्हें "जंगली" कहा जाने लगा। 31 मार्च, 1912 को, न्यूयॉर्क टाइम्स ने तरलीकृत गैस के साथ स्नेलिंग के काम पर रिपोर्ट दी, जिसमें कहा गया था कि "एक स्टील की बोतल में तीन सप्ताह तक एक सामान्य घर को रोशन करने के लिए पर्याप्त गैस होगी"। यह इस समय के दौरान था, स्नेलिंग, फ्रैंक पी के सहयोग से पीटरसन, चेस्टर केर और आर्थर केर ने गैसोलीन के शोधन के दौरान एलपी गैसों को द्रवीकृत करने के तरीके बनाए। साथ में, उन्होंने अमेरिकन गैसोल कंपनी की स्थापना की, जो प्रोपेन का पहला वाणिज्यिक विपणनकर्ता था। स्नेलिंग ने 1911 तक अपेक्षाकृत शुद्ध प्रोपेन का उत्पादन किया था, और 25 मार्च 1913 को, एलपी गैसों के प्रसंस्करण और उत्पादन की उनकी विधि को पेटेंट #1,056,845 जारी किया गया था। संपीड़न के माध्यम से एलपी गैस के उत्पादन की एक अलग विधि फ्रैंक पीटरसन द्वारा बनाई गई थी और इसका पेटेंट 2 जुलाई, 1912 को दिया गया था। 1920 के दशक में एलपी गैस के उत्पादन में वृद्धि देखी गई, 1922 में पहले वर्ष में कुल 223,000 यूएस गैलन (840 एम 3) का रिकॉर्ड उत्पादन दर्ज किया गया था। 1927 में, वार्षिक विपणन एलपी गैस उत्पादन 1 मिलियन अमेरिकी गैलन (3,800 एम3) तक पहुंच गया, और 1935 तक, एलपी गैस की वार्षिक बिक्री 56 मिलियन अमेरिकी गैलन (210,000 एम3) तक पहुंच गई थी। 1930 के दशक में प्रमुख उद्योग विकासों में रेलरोड टैंक कार परिवहन, गैस गंधीकरण और स्थानीय बोतल भरने वाले संयंत्रों का निर्माण शामिल था। वर्ष 1945 पहला वर्ष था जब वार्षिक एलपी गैस की बिक्री एक अरब गैलन तक पहुँची। 1947 तक, सभी अमेरिकी घरों में से 62% खाना पकाने के लिए या तो प्राकृतिक गैस या प्रोपेन से सुसज्जित थे। 1950 में, शिकागो ट्रांजिट अथॉरिटी द्वारा 1,000 प्रोपेन-ईंधन वाली बसों का ऑर्डर दिया गया था, और 1958 तक, अमेरिका में बिक्री 7 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई थी। गैलन (26,000,000 m3) प्रतिवर्ष। 2004 में, यह बताया गया कि अमेरिका में प्रति वर्ष 15 बिलियन अमेरिकी गैलन (57,000,000 m3) से अधिक प्रोपेन का उपयोग होने के कारण यह 8 बिलियन डॉलर से 10 बिलियन डॉलर तक का उद्योग बन रहा है। "प्रोपेन" में पाई जाने वाली "प्रोप-" जड़ और इसके नाम तीन-कार्बन श्रृंखलाओं वाले अन्य यौगिक "प्रोपियोनिक एसिड" से प्राप्त हुए थे, जिसका नाम ग्रीक शब्द प्रोटोस (पहला अर्थ) और पियोन (वसा) के नाम पर रखा गया था।
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क्राइस्टचर्च मस्जिद में गोलीबारी, न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च के अल नूर मस्जिद और लिनवुड इस्लामिक सेंटर में 15 मार्च 2019 को 13:40 बजे (00:40 UTC ) हुई। गोलीबारी में कम से कम 49 लोग मारे गए हैं और कम से कम 20 लोग घायल हुए हैं। पुलिस को दो कार बम मिली, जिन्हें अधिकारियों द्वारा नाकाम कर दिया गया है। पुलिस ने एक महिला समेत चार संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस हमले को प्रधानमंत्री जैकिंडा अर्डर्न और कई सरकारों द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवादी हमला बताया गया है।
घटना
हमला क्राइस्टचर्च के दो मस्जिदों में हुआ है। कुल 49 लोगों के मारे जाने की खबर है। 1997 के राउरिमु नरसंहार, के बाद से न्यूज़ीलैंड में यह पहला सामूहिक गोलीबारी है और 1943 के युद्ध शिविर दंगा के बाद से न्यूजीलैंड में सबसे घातक हमला है। गोलीबारी को प्रधान मंत्री जैकिंडा अर्डर्न और कई सरकारों द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवादी हमले के रूप में वर्णित किया गया है।
पुलिस ने वहीं दो वाहनों पर लगे तात्कालिक विस्फोटक उपकरण (IED) की खोज की। इनमें एक अज्ञात डिवाइस से जुड़े कई पेट्रोल कंटेनर शामिल थे।न्यूजीलैंड की रक्षा सेना ने बिना किसी दुर्घटना के उन्हें नाकाम कर दिया है।
संदिग्ध
पुलिस आयुक्त माइक बुश ने कहा कि दो मस्जिदों में हमलों के सिलसिले में तीन पुरुषों और एक महिला को गिरफ्तार किया गया हैं। जिसमें एक 28 वर्षीय व्यक्ति, ऑस्ट्रेलियाई है। इन चारों को चरमपंथी विचार रखने वाला कहा गया है। संदिग्धों में से एक की पहचान हमले में शामिल नहीं होने के बाद छोड़ दिया गया है।
घटना के बाद
घटना से घायल लोगों को क्राइस्टचर्च अस्पताल सहित आसपास के अस्पतालों में पहुंचाया गया। घटना के परिणामस्वरूप, कैंटरबरी जिला स्वास्थ्य बोर्ड (सीडीएचबी) ने अपनी सामूहिक दुर्घटना योजना को सक्रिय कर दिया है।
घटना के मद्देनजर कई स्कूलों को बंद कर दिया गया। अधिकारियों ने देश के सभी मस्जिदों को अगली सूचना तक बंद करने की सलाह दी और सभी स्थानों को सुरक्षित करने के लिए पुलिस को भेजा है। क्राइस्टचर्च हवाई अड्डे से प्रस्थान करने वाली सभी एयर न्यूजीलैंड लिंक उड़ानों को एहतियात के तौर पर सुरक्षा जांच के अभाव में रद्द कर दिया गया है।
16 मार्च से क्राइस्टचर्च में हेगले ओवल में खेला जाने वाला न्यूजीलैंड और बांग्लादेश के बीच तीसरा टेस्ट क्रिकेट मैच सुरक्षा चिंताओं के कारण रद्द कर दिया गया। बांग्लादेशी टीम के कुछ सदस्य अल नूर मस्जिद में नमाज़ पढ़ने के लिये अन्दर जाने ही वाली थे कि यह घटना शुरू हो गई। इसके बाद खिलाड़ी पैदल ही हेगली ओवल की ओर भाग गए और उन्हें स्टेडियम के ड्रेसिंग रूम में सुरक्षित रखा गया और पूरी टीम घटना में सुरक्षित है।
प्रतिक्रियाँ
प्रधान मंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने इस घटना को "अत्यधिक और अभूतपूर्व हिंसा का कार्य" कहा। उन्होंने कहा, "यह न्यूजीलैंड के सबसे काले दिनों में से एक है"; "यह एक आतंकवादी हमला है"; और "हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए"। पहले संदिग्धों में से एक के विस्फोटक पहनने की सूचना दी गई थी लेकिन अर्डर्न ने इसे नकार दिया। उन्होंने क्राइस्टचर्च अस्पताल में गोलीबारी की प्रारंभिक रिपोर्टों से भी इनकार किया।
सन्दर्भ
विकिडेटा पर उपलब्ध निर्देशांक
2019 में आतंकवादी घटना
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देश भर में नवोदय विद्यालयों में अलग-अलग कैटेगरी में 2422 पद खाली हैं. मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने इस बात को माना और राज्यसभा को बताया कि नवोदय विद्यालयों के लिए स्वीकृत किए गए कुल 13,947 पदों में से 11,525 पद भरे हुए हैं जबकि 2422 पद अभी भी खाली हैं.
उन्होंने बताया कि नवोदय विद्यालयों में प्रिंसीपल के 587 पदों में से 94 पद खाली हैं और वाइस प्रिंसीपल के 443 स्वीकृत पदों में से 52 पद खाली हैं.
उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि पीजीटी के स्वीकृत 4570 पदों में से 1140 पद खाली हैं, टीजीटी के स्वीकृत 5265 पदों में से 826 पद खाली हैं, इसके अलावा विविध शिक्षकों के स्वीकृत 3082 पदों में से 310 पद खाली हैं.
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा से एक माह पहले भारत ने द्विपक्षीय सम्बंधों में किसी तरह के तनाव से इनकार करते हुए कहा कि भारतीय विदेश नीति के लिए रूस शीर्ष प्राथमिकता है और भारत रूस के साथ अधिक व्यापक आर्थिक सम्बंध चाहता है।
विदेश सचिव रंजन मथाई ने इस सप्ताह की शुरुआत में छठे भारत-रूस संवाद में कहा था कि वैश्विक राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव के बावजूद रूस के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी सम्भवत: अधिक महत्वपूर्ण और निर्णायक है।टिप्पणियां
भारत के नागरिक परमाणु उत्तरदायित्व कानून को लेकर रूस के साथ मतभेदों के बाजवूद मथाई ने रूस को देश के नागरिक परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में रूस को भारत का महत्वपूर्ण सहयोगी करार दिया।
थिंक टैंक ऑबजर्वर रिसर्च फाउंडेशन की ओर से आयोजित परिचर्चा में मथाई ने कहा कि कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (केएनपीपी) का इकाई-एक जल्द शुरू होगा और यह हमारे परमाणु सहयोग के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि संयंत्र की सुरक्षा को लेकर कई वैज्ञानिक अध्ययन किए गए। वैज्ञानिकों ने इसकी सुरक्षा को लेकर विश्वसनीय आश्वासन दिए हैं।
विदेश सचिव रंजन मथाई ने इस सप्ताह की शुरुआत में छठे भारत-रूस संवाद में कहा था कि वैश्विक राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव के बावजूद रूस के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी सम्भवत: अधिक महत्वपूर्ण और निर्णायक है।टिप्पणियां
भारत के नागरिक परमाणु उत्तरदायित्व कानून को लेकर रूस के साथ मतभेदों के बाजवूद मथाई ने रूस को देश के नागरिक परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में रूस को भारत का महत्वपूर्ण सहयोगी करार दिया।
थिंक टैंक ऑबजर्वर रिसर्च फाउंडेशन की ओर से आयोजित परिचर्चा में मथाई ने कहा कि कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (केएनपीपी) का इकाई-एक जल्द शुरू होगा और यह हमारे परमाणु सहयोग के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि संयंत्र की सुरक्षा को लेकर कई वैज्ञानिक अध्ययन किए गए। वैज्ञानिकों ने इसकी सुरक्षा को लेकर विश्वसनीय आश्वासन दिए हैं।
भारत के नागरिक परमाणु उत्तरदायित्व कानून को लेकर रूस के साथ मतभेदों के बाजवूद मथाई ने रूस को देश के नागरिक परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में रूस को भारत का महत्वपूर्ण सहयोगी करार दिया।
थिंक टैंक ऑबजर्वर रिसर्च फाउंडेशन की ओर से आयोजित परिचर्चा में मथाई ने कहा कि कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (केएनपीपी) का इकाई-एक जल्द शुरू होगा और यह हमारे परमाणु सहयोग के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि संयंत्र की सुरक्षा को लेकर कई वैज्ञानिक अध्ययन किए गए। वैज्ञानिकों ने इसकी सुरक्षा को लेकर विश्वसनीय आश्वासन दिए हैं।
थिंक टैंक ऑबजर्वर रिसर्च फाउंडेशन की ओर से आयोजित परिचर्चा में मथाई ने कहा कि कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (केएनपीपी) का इकाई-एक जल्द शुरू होगा और यह हमारे परमाणु सहयोग के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि संयंत्र की सुरक्षा को लेकर कई वैज्ञानिक अध्ययन किए गए। वैज्ञानिकों ने इसकी सुरक्षा को लेकर विश्वसनीय आश्वासन दिए हैं।
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आयकर विभाग ने टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) काटने वाले नियोक्ताओं को चेताया है कि जनवरी-मार्च तिमाही में काटे गए टीडीएस की जानकारी 31 मई तक फाइल करें. तय तारीख तक टीडीएस की जानकारी देने में नाकाम रहने पर 200 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना देना होगा. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (
सीबीडीटी
) ने इस संबंध में विज्ञापन जारी किया है.
आय कर विभाग की तरफ से जारी विज्ञापन में कहा गया है कि जनवरी-मार्च तिमाही का
टीडीएस फाइल
करने की अंतिम तिथि 31 मई है. टीडीएस फाइल करने में देरी होने पर प्रतिदिन 200 रुपये का जुर्माना लगेगा.
आगे कहा गया है कि जिन नियोक्ता ने टैक्स की कटौती की है और निर्धारित तिथि तक उसे जमा नहीं किया वे 'तुरंत' इसे जमा करें और इसके लिए उन्हें खुद को
आयकर विभाग
की आधिकारिक वेबसाइट 'www.tdscpc.gov.in' पर पंजीकृत करना होगा.
विभाग ने नियोक्ताओं को टीएएन
(टैक्स कटौती एवं संग्रह खाता संख्या)
सही भरने और टीडीएस का भुगतान करने वालों का पैन (स्थायी खाता संख्या) संख्या सही भरने की सलाह दी है ताकि वे आसानी से 'टैक्स क्रेडिट' प्राप्त कर सकें.
टीडीएस की जानकरी में पैन और टीएएन संख्या नहीं होने पर जुर्माना लग सकता है. आयकर विभाग के नियमों के मुताबिक, कटौतीकर्ता (नियोक्ता) कर्मचारी के वेतन से
टीडीएस की कटौती
करता है तो उसे हर तिमाही या तीन महीने का विवरण आयकर विभाग के साथ साझा करना होता है.
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लेख: अगर आप 5-6 कप कॉफी रोजाना पीते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। शोधकर्ताओं का कहना है कि ज्यादा कॉफी पीने से नॉन अल्कोहलिक फैटी लीवर रोग (एनएएफएलडी) से सुरक्षा मिलती है। रोजाना कॉफी पीने से लीवर में सुधार होता है। यह प्रयोग चूहों पर किया गया जो मनुष्यों को रोजाना 6 कप एक्सप्रेसो कॉफी के बराबर है।
इटली के नापोली विश्वविद्यालय के विनसेंजो लेंबो ने बताया, "पिछले शोधों से भी एनएएफएलडी से हुए नुकसान की कॉफी से भरपाई की पुष्टि की है। लेकिन यह पहली बार पता चला है कि यह आंत की पारगम्यता को प्रभावित कर सकता है।"
इस शोध से पता चला है कि कॉफी एनएएफएलडी संबंधी समस्याओं जैसे लीवर कोशिका के खराब होने को ठीक कर सकता है। एनएएफएलडी से पीड़ित लोगों में लीवर पर घाव हो जाता है जिसे फाइब्रोसिस कहा जाता है। इससे मरीज की जान भी जा सकती है। लेकिन ज्यादा कॉफी पीने से इससे भी बचा जा सकता है।टिप्पणियां
यूरोपियन एसोसिएशन फॉर स्टडी ऑफ लीवर (ईएएसएल) के महासचिव प्रोफेसर लैरेंट केसटेरा का कहना है, "इस शोध से आंतों की आंतरिक कार्यप्रणाली पर कॉफी के असर को समझने में मदद मिलती है। इससे भविष्य में भी एनएएफएलडी से मुकाबला करने में कॉफी की भूमिका पर भविष्य के अनुसंधानों में मदद मिलेगी।"
यह शोध बार्सिलोना, स्पेन में हुए अंतर्राष्ट्रीय लीवर कांग्रेस में प्रस्तुत किया गया।
इटली के नापोली विश्वविद्यालय के विनसेंजो लेंबो ने बताया, "पिछले शोधों से भी एनएएफएलडी से हुए नुकसान की कॉफी से भरपाई की पुष्टि की है। लेकिन यह पहली बार पता चला है कि यह आंत की पारगम्यता को प्रभावित कर सकता है।"
इस शोध से पता चला है कि कॉफी एनएएफएलडी संबंधी समस्याओं जैसे लीवर कोशिका के खराब होने को ठीक कर सकता है। एनएएफएलडी से पीड़ित लोगों में लीवर पर घाव हो जाता है जिसे फाइब्रोसिस कहा जाता है। इससे मरीज की जान भी जा सकती है। लेकिन ज्यादा कॉफी पीने से इससे भी बचा जा सकता है।टिप्पणियां
यूरोपियन एसोसिएशन फॉर स्टडी ऑफ लीवर (ईएएसएल) के महासचिव प्रोफेसर लैरेंट केसटेरा का कहना है, "इस शोध से आंतों की आंतरिक कार्यप्रणाली पर कॉफी के असर को समझने में मदद मिलती है। इससे भविष्य में भी एनएएफएलडी से मुकाबला करने में कॉफी की भूमिका पर भविष्य के अनुसंधानों में मदद मिलेगी।"
यह शोध बार्सिलोना, स्पेन में हुए अंतर्राष्ट्रीय लीवर कांग्रेस में प्रस्तुत किया गया।
इस शोध से पता चला है कि कॉफी एनएएफएलडी संबंधी समस्याओं जैसे लीवर कोशिका के खराब होने को ठीक कर सकता है। एनएएफएलडी से पीड़ित लोगों में लीवर पर घाव हो जाता है जिसे फाइब्रोसिस कहा जाता है। इससे मरीज की जान भी जा सकती है। लेकिन ज्यादा कॉफी पीने से इससे भी बचा जा सकता है।टिप्पणियां
यूरोपियन एसोसिएशन फॉर स्टडी ऑफ लीवर (ईएएसएल) के महासचिव प्रोफेसर लैरेंट केसटेरा का कहना है, "इस शोध से आंतों की आंतरिक कार्यप्रणाली पर कॉफी के असर को समझने में मदद मिलती है। इससे भविष्य में भी एनएएफएलडी से मुकाबला करने में कॉफी की भूमिका पर भविष्य के अनुसंधानों में मदद मिलेगी।"
यह शोध बार्सिलोना, स्पेन में हुए अंतर्राष्ट्रीय लीवर कांग्रेस में प्रस्तुत किया गया।
यूरोपियन एसोसिएशन फॉर स्टडी ऑफ लीवर (ईएएसएल) के महासचिव प्रोफेसर लैरेंट केसटेरा का कहना है, "इस शोध से आंतों की आंतरिक कार्यप्रणाली पर कॉफी के असर को समझने में मदद मिलती है। इससे भविष्य में भी एनएएफएलडी से मुकाबला करने में कॉफी की भूमिका पर भविष्य के अनुसंधानों में मदद मिलेगी।"
यह शोध बार्सिलोना, स्पेन में हुए अंतर्राष्ट्रीय लीवर कांग्रेस में प्रस्तुत किया गया।
यह शोध बार्सिलोना, स्पेन में हुए अंतर्राष्ट्रीय लीवर कांग्रेस में प्रस्तुत किया गया।
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अपाचे स्पार्क बड़े पैमाने पर डेटा प्रोसेसिंग के लिए एक ओपन-सोर्स एकीकृत एनालिटिक्स इंजन है। स्पार्क अंतर्निहित डेटा समानता और दोष सहनशीलता के साथ प्रोग्रामिंग क्लस्टर के लिए एक इंटरफ़ेस प्रदान करता है। मूल रूप से कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले के एएमपीलैब में विकसित, स्पार्क कोडबेस को बाद में अपाचे सॉफ्टवेयर फाउंडेशन को दान कर दिया गया, जिसने तब से इसे बनाए रखा है।
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गोल्डन ब्रिज पश्चिमी भारत के गुजरात राज्य में अंकलेश्वर को भरूच से जोड़ता है। यह 1881 में ब्रिटिशों द्वारा बनाया गया था, जिन्हें बम्बई (अब मुंबई कहा जाता है) में व्यापार और प्रशासन के अधिकारियों के लिए बेहतर पहुंच बनाने के लिए नर्मदा नदी के पार एक पुल की जरूरत थी। ब्रिज को नर्मदा ब्रिज भी कहा जाता है।
निर्माण
ब्रिटिश ने 7 दिसंबर 1877 को पुल का निर्माण करने के लिए काम शुरू किया था। इस पुल का निर्माण 16 मई 1881 को 45.65 लाख रुपए की लागत से किया गया था और इसे नर्मदा ब्रिज कहा जाता था। भारी खर्च किए जाने के कारण बाद में इसे गोल्डन ब्रिज के रूप में जाना जाने लगा। आजादी के बाद, यह राष्ट्रीय राजमार्ग का हिस्सा था। हालांकि, एक नया राष्ट्रीय राजमार्ग बनाया जाने के बाद भारी यातायात का प्रवाह प्रतिबंधित था। यह लोहा से बना है।
गोल्डन ब्रिज ने भूकंप जैसे कई बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया है, लेकिन यह 132 वर्ष तक खड़ा हुआ है और अंकलेश्वर और भरूच के लोगों को दैनिक परिवहन प्रदान करते हैं।
गोल्डन ब्रिज की लंबाई 1412 मीटर है।निर्देशांक: 21°41′40″N 73°00′15″E / 21.6943777°N 73.004263°E / 21.6943777; 73.004263
विकिडेटा पर उपलब्ध निर्देशांक
भरूच ज़िला
नर्मदा नदी
भरूच
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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 16 दिसंबर, 2012 को हुए गैंगरेप की घटना के बाद देशभर में व्याप्त नाराजगी के संदर्भ में लोगों से समझदारी व संयम बनाए रखने की अपील की. प्रधानमंत्री ने कहा कि भावुकता में विवेक और तर्क नहीं खोना चाहिए.
प्रधानमंत्री ने ये बातें राष्ट्रीय राजधानी में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन में कही. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी दिनचर्या को नियंत्रित करने वाले कानून स्पष्ट, स्थिर और उचित होने चाहिए.
प्रधानमंत्री ने अदालतों में लंबित पड़े मामलों पर चिंता जताते हुए कहा कि राज्य सरकारों को इनके जल्द निपटारे के लिए न्यायिक अधिकारियों की संख्या दोगुनी करनी चाहिए और न्यायिक बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाना चाहिए.
सम्मेलन को सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर ने भी संबोधित किया. उन्होंने अभियुक्तों को दोषी ठहराए जाने में कमी और जांच के दोषपूर्ण होने का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इन दिनों जांच वैसी नहीं हो रही है, जैसी होनी चाहिए.
इस सम्मेलन का आयोजन केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय ने किया. इसमें जिला एवं अधीनस्थ अदालतों की संख्या दोगुनी करने, उच्च न्यायालयों तथा निचली अदालतों में रिक्तियां भरने, त्वरित अदालतें गठित करने तथा मामलों के जल्द निपटारे के लिए बुनियादी ढांचा बेहतर बनाने पर चर्चा होने वाली है. देश की विभिन्न अदालतों में तीन करोड़ से अधिक मामले लंबित हैं.
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तराना हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के अंतर्गत आने वाली एक गायन शैली है।जो मध्य काल में उपजी,फली फूली और विकसित हुई। इसमें कुछ अरबी के शब्दों जैसे ना,धिर,धिन,ना,तर,तुम, नुम,तेरे,धेरे आदि को किसी राग विशेष में गाया जाता है। इसमें ताल का बहुत महत्व होता है जिसके लिए तबले का प्रयोग किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसकी शुरुआत हज़रत अमीर खुसरो ने की थी। साथ ही संगीत सम्राट तानसेन ने भी कई रागों में इसकी कई बंदिशें बनाई हैं।
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कश्मीर में पत्थरबाजों से निपटने के लिए एक युवक को जीप से बांधकर ढाल की तरह इस्तेमाल करने वाले मेजर लितुल गोगोई पहली बार मीडिया के सामने आए और उस घटना के बारे में विस्तार से बताया. गोगोई ने कहा कि अगर उस दिन उस युवक को जीप से बांधने वाले प्लान पर काम नहीं किया होता तो मौके पर कई लोगों की जानें जातीं.
राष्ट्रीय राइफल्स के मेजर लितुल गोगोई को आर्मी चीफ की ओर से इस घटना के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया है. दूसरी ओर कश्मीर में पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर रखी है. इस पूरे विवाद के बाद मेजर गोगोई पहली बार मीडिया के सामने आए. उन्होंने उस दिन को याद करते हुए बताया कि सुबह साढ़े 10 बजे कॉल आई कि गुंडीपुरा में 1200 लोगों ने पोलिंग स्टेशन को घेर रखा है और उसे पेट्रोल बम से जलाने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि क्विक रिस्पोंस टीम के साथ जब वे वहां पहुंचे तो भीड़ ने उनके काफिले पर पथराव शुरू कर दिया. उन्होंने देखा कि एक युवक पत्थरबाजों को उकसा रहा है और उसी के नेतृत्व में ये पत्थरबाजी हो रही है. उन्होंने उसका पीछा किया तो युवक भागने लगा. लेकिन उनकी टीम किसी तरह उस युवक को पकड़ने में कामयाब रही.
मेजर गोगोई ने कहा कि जब उन्होंने उस युवक को पकड़ा तो पत्थरबाजी बंद हो गई. यहीं से उन्हें ये आईडिया आया कि भीड़ से सुरक्षित बाहर निकलना है और कोई बल-प्रयोग भीड़ पर नहीं करना है तो उस युवक को ही ढाल बनाना होगा. मेजर गोगोई ने कहा कि अगर वो ऐसा नहीं करते और फायरिंग का रास्ता अपनाते तो कई जानें जातीं.
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सिद्धार्थ शुक्ला (Siddharth Shukla) और असीम रियाज (Asim Riaz) बिग बॉस 13 (Bigg Boss 13) के घर में हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं. दोनों की दोस्ती अब तक इस घर में मिसाल रही है. लेकिन बीते एपिसोड में ऐसा कुछ देखने को मिला, जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी. दरअसल, सिद्धार्थ शुक्ला और असीम रियाज के बीच गरमा-गरमी देखने को मिली थी. बिग बॉस में 'राक्षस टास्क' के दौरान दोनों कंटेस्टेंट्स एक दूसरे से सहमत नहीं दिखे और आपस में उलझते दिखे. बिग बॉस के आने वाले एपिसोड का एक प्रोमो वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें यह देखने में आ रहा है कि दोनों एक दूसरे के साथ धक्का-मुक्की करते नजर आ रहे हैं.
Phir ho rahi hai @sidharth_shukla aur #AsimRiaz ke beech jam ke ladaayi! Kya modh legi inki dosti ab?
Dekhiye aaj raat 10:30 baje.
Anytime on @justvoot@vivo_india@AmlaDaburIndia@bharatpeindia@beingsalmankhan#BiggBoss13#BiggBoss#BB13#SalmanKhanpic.twitter.com/Im6CVghpZy
सिद्धार्थ शुक्ला (Siddharth Shukla) और असीम रियाज (Asim Riaz) को लेकर आज के एपिसोड में दिखाया जाएगा कि लगभग दोनों की दोस्ती घर में टूटती दिख रही है. दोनों की दोस्ती में दरार उस समय देखने को मिली जब सिद्धार्थ शुक्ला आसीम से कह रहे हैं कि तुम टास्ट ठीक से नहीं कर रहे हो जबकि दूसरी तरफ अरहान अच्छे से टास्क पूरा कर रहा है. सिद्धार्थ शुक्ला की इस बात पर असीम को काफी गुस्सा आ जाता है कि और वो कहते हैं कि आपने सही से इस टास्क की रणनीति तैयार नहीं की इस वजह से हम हार रहे हैं.
Gharwalon ke tanaav mein kya @VishalSingh713 lenge sahi decision?
Dekhiye aaj raat 10:30 baje
Anytime on @justvoot. @Vivo_India@BeingSalmanKhan#BiggBoss13#BiggBoss#BB13#SalmanKhanpic.twitter.com/aTtA3fgQkT
सिद्धार्थ शुक्ला (Siddharth Shukla) और असीम रियाज (Asim Riyaaz) के बीच इससे पहले आरती सिंह को लेकर भी हल्की-फुल्की अनबन देखने को मिली थी. लेकिन बाद में दोनों मिलकर आपस में इस मसले को सुलझा लेते हैं. सिद्धार्थ शुक्ला और आसीम रियाज का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. अब आज के एपिसोड में यह देखने को मिलेगा कि दोनों का झगड़ा क्या रूप लेता है.
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यमन में सैन्य विद्रोहियों के समर्थन से हजारों प्रदर्शनकारियों ने रिपब्लिकन गार्ड के एक शिविर पर कब्जा जमा लिया, जिससे मुश्किल में पड़े राष्ट्रपति की देश पर पकड़ और कमजोर हो गई है। राजधानी में राष्ट्रपति के बलों ने निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर गोलियां बरसाईं, जिसमें दर्जनों लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इसकी निंदा की है। प्रत्यक्षदर्शियों और सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, सेना की एक टुकड़ी के प्रदर्शनकारियों से जा मिलने के बाद रिपब्लिकन गार्ड के शिविर को एक भी गोली चलाए बिना कब्जे में कर लिया गया। हालांकि शिविर के अंदर से गोलीबारी होने की आशंका से प्रदर्शनकारियों ने सैंडबैग्स से बचाव का इंतजाम किया था, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और रिपब्लिकन गार्ड अपने हथियारों को छोड़कर भाग खड़े हुए। यह शिविर बहुत बड़ा नहीं है और रिपब्लिकन गार्ड के इससे बड़े शिविर राजधानी तथा देश के अन्य हिस्सों में मौजूद हैं, लेकिन इस घटना से प्रदर्शनकारियों के हौसले काफी बढ़े हैं। यह राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह के 33 साल पुराने शासन के अंत की शुरुआत हो सकती है।
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देशभर के करीब ढाई करोड़ वेतनभोगी करदाताओं को उनकी तिमाही टीडीएस कटौती के बारे में आयकर विभाग से एसएमएस भेजकर सजग किया जायेगा. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वेतनभोगी तबके के लिए उनकी स्रोत पर कर कटौती यानी टीडीएस के बारे में एसएमएस अलर्ट सेवा की आज शुरुआत की. केंदीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) जल्द ही इस सुविधा को मासिक आधार पर भी चलाएगी.
जेटली ने इस सुविधा के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि वेतनभोगी तबका अपनी आय पर दो बार कर नहीं दे सकता है और न ही वह कर भुगतान को लेकर विवाद में पड़ना चाहता है. इसलिए उन्हें उनकी
टीडीएस कटौती
के बारे में लगातार अलर्ट रखने की जरूरत है. जेटली ने कहा, 'इससे करदाताओं को फायदा होगा. उन्हें टेक्नोलॉजी के इस तरह इस्तेमाल से सूचना उपलब्ध होगी और वह अपनी वेतन पर्ची के साथ एसएमएस पर मिली जानकारी का मिलान कर सकेंगे. साल के आखिर में वह किसी भी संभावित कर देनदारी के बारे में जान सकेंगे.
जेटली
ने सीबीडीटी से कहा कि टीडीएस जानकारी के मेल नहीं खाने से संबंधित शिकायतों के निपटारे की प्रणाली को ऑनलाइन करें, ताकि करदाता को कर विभाग के चक्कर नहीं काटने पड़ें. वित्त मंत्री ने कहा कि ई-निवारण अच्छा काम कर रही है और सीबीडीटी इस तरह के करदाताओं के लिए अनुकूल पहल कर रहा है.
उन्होंने कहा कि सीबीडीटी जल्द ही यह एसएमएस सुविधा को 4.4 करोड़ गैर-वेतनभोगी करदाताओं को भी उपलब्ध कराएगा. एसएमएस भेजने के समय को कम से कम किया जाएगा.
टीडीएस रिटर्न
की प्रक्रिया जैसे ही प्रणाली में सुनियोजित होगी वैसी ही टीडीएस कटौती के साथ ही सूचना भी उपलब्ध होने लगेगी.
सीबीडीटी चेयरपर्सन रानी सिंह नायर ने कहा कि कर विभाग लोगों को अपने मोबाइल नंबर ई-फाइलिंग वेबसाइट पर रजिस्टर करने के लिए कह रहा है. उन्होंने कहा कि करदाताओं को पहले एक वेलकम मैसेज मिलेगा और उसके बाद उन्हें उनकी टीडीएस कटौती के बारे में जानकारी मिलने लगेगी. इसके अलावा टीडीएस कटौती करने वाले नियोक्ताओं और अन्य को भी जिन्होंने समय पर कर जमा नहीं कराया या टीडीएस रिटर्न दाखिल नहीं की है, उन्हें भी एसएमएस अलर्ट भेजे जाएंगे.
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: मयंक अग्रवाल (52) की अर्धशतकीय पारी की बदौलत इंडिया ब्लू ने दलीप ट्रॉफी के फाइनल मैच के चौथे दिन मंगलवार को खराब मैदान के कारण देरी से शुरू हुए मैच में इंडिया रेड पर 476 रनों की बढ़त बना ली है. ग्रेटर नोएडा के शहीद विजय सिंह पथिक मैदान पर खेले जा रहे इस मैच में दिन का खेल खत्म होने तक ब्लू ने अपनी दूसरी पारी में तीन विकेट खोकर 139 बना लिए हैं. इसके साथ ही वह खिताब के करीब पहुंचती दिख रही है.
मैदान गीला होने के कारण मैच साढ़े चार घंटे की देरी से शुरू हुआ. पूरे दिन में सिर्फ 33 ओवर ही फेंके जा सके. ब्लू ने अपने तीसरे दिन (सोमवार) के स्कोर बिना किसी नुकसान के एक रन से आगे खेलना शुरू किया. महज 4.2 ओवरों का ही खेल हो पाया था कि खिलाड़ियों ने मैदान को लेकर शिकायत की, जिसे देखते हुए अंपायरों ने मैच रोक दिया. इस समय ब्लू का स्कोर 33 रन था.
कुछ देर बाद मैच दोबारा शुरू हुआ. ब्लू की सलामी जोड़ी मयंक और कप्तान गौतम गंभीर (36) ने पारी को आगे बढ़ाया और स्कोर 67 तक पहुंचा दिया. इसी स्कोर पर गंभीर चाइनामैन कुलदीप यादव का शिकार बने.
गंभीर के जाने के बाद मयंक ने अपना अर्धशतक पूरा किया, लेकिन इसके बाद रनों की गति को बढ़ाने के चक्कर में कुलदीप की गेंद पर डीप मिडविकेट पर नाथू सिंह के हाथों लपके गए. 108 के कुल योग पर आउट होने वाले मयंक ने अपनी अर्धशतकीय पारी में 83 गेंदें खेली और छह बार गेंद को सीमा रेखा के पार पहुंचाया.टिप्पणियां
दिनेश कार्तिक (16) ज्यादा देर मैदान पर टिक नहीं सके और लेग स्पिनर अमित मिश्रा की गेंद को आगे बढ़कर मारने के चक्कर में स्टम्प हो गए. दिन का खेल खत्म होने पर रोहित शर्मा 22 और रवींद्र जडेजा तीन रनों पर नाबाद लौटे.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मैदान गीला होने के कारण मैच साढ़े चार घंटे की देरी से शुरू हुआ. पूरे दिन में सिर्फ 33 ओवर ही फेंके जा सके. ब्लू ने अपने तीसरे दिन (सोमवार) के स्कोर बिना किसी नुकसान के एक रन से आगे खेलना शुरू किया. महज 4.2 ओवरों का ही खेल हो पाया था कि खिलाड़ियों ने मैदान को लेकर शिकायत की, जिसे देखते हुए अंपायरों ने मैच रोक दिया. इस समय ब्लू का स्कोर 33 रन था.
कुछ देर बाद मैच दोबारा शुरू हुआ. ब्लू की सलामी जोड़ी मयंक और कप्तान गौतम गंभीर (36) ने पारी को आगे बढ़ाया और स्कोर 67 तक पहुंचा दिया. इसी स्कोर पर गंभीर चाइनामैन कुलदीप यादव का शिकार बने.
गंभीर के जाने के बाद मयंक ने अपना अर्धशतक पूरा किया, लेकिन इसके बाद रनों की गति को बढ़ाने के चक्कर में कुलदीप की गेंद पर डीप मिडविकेट पर नाथू सिंह के हाथों लपके गए. 108 के कुल योग पर आउट होने वाले मयंक ने अपनी अर्धशतकीय पारी में 83 गेंदें खेली और छह बार गेंद को सीमा रेखा के पार पहुंचाया.टिप्पणियां
दिनेश कार्तिक (16) ज्यादा देर मैदान पर टिक नहीं सके और लेग स्पिनर अमित मिश्रा की गेंद को आगे बढ़कर मारने के चक्कर में स्टम्प हो गए. दिन का खेल खत्म होने पर रोहित शर्मा 22 और रवींद्र जडेजा तीन रनों पर नाबाद लौटे.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
कुछ देर बाद मैच दोबारा शुरू हुआ. ब्लू की सलामी जोड़ी मयंक और कप्तान गौतम गंभीर (36) ने पारी को आगे बढ़ाया और स्कोर 67 तक पहुंचा दिया. इसी स्कोर पर गंभीर चाइनामैन कुलदीप यादव का शिकार बने.
गंभीर के जाने के बाद मयंक ने अपना अर्धशतक पूरा किया, लेकिन इसके बाद रनों की गति को बढ़ाने के चक्कर में कुलदीप की गेंद पर डीप मिडविकेट पर नाथू सिंह के हाथों लपके गए. 108 के कुल योग पर आउट होने वाले मयंक ने अपनी अर्धशतकीय पारी में 83 गेंदें खेली और छह बार गेंद को सीमा रेखा के पार पहुंचाया.टिप्पणियां
दिनेश कार्तिक (16) ज्यादा देर मैदान पर टिक नहीं सके और लेग स्पिनर अमित मिश्रा की गेंद को आगे बढ़कर मारने के चक्कर में स्टम्प हो गए. दिन का खेल खत्म होने पर रोहित शर्मा 22 और रवींद्र जडेजा तीन रनों पर नाबाद लौटे.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
गंभीर के जाने के बाद मयंक ने अपना अर्धशतक पूरा किया, लेकिन इसके बाद रनों की गति को बढ़ाने के चक्कर में कुलदीप की गेंद पर डीप मिडविकेट पर नाथू सिंह के हाथों लपके गए. 108 के कुल योग पर आउट होने वाले मयंक ने अपनी अर्धशतकीय पारी में 83 गेंदें खेली और छह बार गेंद को सीमा रेखा के पार पहुंचाया.टिप्पणियां
दिनेश कार्तिक (16) ज्यादा देर मैदान पर टिक नहीं सके और लेग स्पिनर अमित मिश्रा की गेंद को आगे बढ़कर मारने के चक्कर में स्टम्प हो गए. दिन का खेल खत्म होने पर रोहित शर्मा 22 और रवींद्र जडेजा तीन रनों पर नाबाद लौटे.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दिनेश कार्तिक (16) ज्यादा देर मैदान पर टिक नहीं सके और लेग स्पिनर अमित मिश्रा की गेंद को आगे बढ़कर मारने के चक्कर में स्टम्प हो गए. दिन का खेल खत्म होने पर रोहित शर्मा 22 और रवींद्र जडेजा तीन रनों पर नाबाद लौटे.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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किंडरगार्टन (yochien 幼稚園), में मुख्य रूप से जूनियर कॉलेज की ग्रेजुएट युवा लड़कियों का स्टाफ होता है, इसका निरीक्षण शिक्षा मंत्रालय के द्वारा किया जाता है, लेकिन यह अधिकारिक शिक्षा प्रणाली का हिस्सा नहीं है। 58 प्रतिशत किंडरगार्टन 77 प्रतिशत नामांकित बच्चों के लिए निजी रूप से सेवाएं देते हैं। किंडरगार्टन के अलावा यहां पर डे-केयर सेंटर्स (hoikuen 保育園) की एक पूरी तरह से विकसित प्रणाली है, जिसे सरकार के द्वारा चलाया जाता है, इसका निरीक्षण श्रम मंत्रालय के द्वारा किया जाता है। जहां किंडरगार्टन शिक्षा के उद्देश्यों का अनुसरण करते हैं, वहीं प्रीस्कूल मुख्य रूप से छोटे बच्चों और टोडलर की देखभाल करते हैं। किंडरगार्टन की ही तरह यहां सार्वजनिक और निजी रूप से चलाये जाने वाले स्कूल भी हैं। साथ में, ये दोनों प्रकार के संस्थान औपचारिक प्रणाली में पहली कक्षा में प्रवेश से पहले 90 प्रतिशत से अधिक बच्चों का नामांकन कर लेते हैं। शिक्षा मंत्रालय 1990 का प्रीस्कूल का अध्ययन पाठ्यक्रम, जो दोनों प्रकार के संस्थानों पर लागू होता है, ऐसे क्षेत्रों को कवर करता है जैसे रिश्ते, स्वास्थ्य, पर्यावरण, शब्द (भाषा) और अभिव्यक्ति. मार्च 2008 में शुरू होकर प्रीस्कूलों और किंडरगार्टन के लिए पाठ्यक्रम के दिशा निर्देशों का नया संस्करण प्रभाव में आया।
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1875 तक, फ़्रांस बेहतर राजनीतिक स्थिरता और युद्धोपरांत अर्थव्यवस्था में सुधार का आनंद ले रहा था। फ़िलाडेल्फ़िया में आगामी शताब्दी प्रदर्शनी में बढ़ती दिलचस्पी के कारण लाबौले ने निर्णय लिया कि अब जनता का समर्थन लेने का समय आ गया है। सितंबर 1875 में, उन्होंने परियोजना और इसकी धन उगाहने वाली शाखा के रूप में फ्रेंको-अमेरिकन यूनियन के गठन की घोषणा की। घोषणा के साथ, प्रतिमा को एक नाम दिया गया, लिबर्टी एनलाइटनिंग द वर्ल्ड। फ्रांसीसी प्रतिमा का वित्तपोषण करेंगे; अमेरिकियों से अपेक्षा की जाएगी कि वे कुरसी के लिए भुगतान करें। इस घोषणा से फ्रांस में आम तौर पर अनुकूल प्रतिक्रिया हुई, हालांकि कई फ्रांसीसी लोगों ने प्रशिया के साथ युद्ध के दौरान उनकी सहायता के लिए नहीं आने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका से नाराजगी जताई। फ्रांसीसी राजतंत्रवादियों ने प्रतिमा का विरोध किया, यदि किसी अन्य कारण से नहीं, बल्कि यह उदार लाबौले द्वारा प्रस्तावित किया गया था, जिन्हें हाल ही में जीवन के लिए सीनेटर चुना गया था। लाबौले ने अमीर और शक्तिशाली लोगों को आकर्षित करने के लिए डिज़ाइन किए गए कार्यक्रमों की व्यवस्था की, जिसमें 25 अप्रैल, 1876 को पेरिस ओपेरा में एक विशेष प्रदर्शन भी शामिल था, जिसमें संगीतकार चार्ल्स गुनोद द्वारा एक नया कैंटटा प्रस्तुत किया गया था। इस टुकड़े का शीर्षक ला लिबर्टे एक्लेरेंट ले मोंडे था, जो मूर्ति के घोषित नाम का फ्रांसीसी संस्करण था।
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आयरलैंड के तीन प्रमुख क्रिकेटिंग प्रान्तों के बीच आयरलैंड में इंटर-प्रांतीय कप सीमित-ओवर क्रिकेट टूर्नामेंट है। टूर्नामेंट 2013 में पहली बार उत्तरी आयरलैंड और आयरलैण्ड गणतंत्र दोनों जगहों पर आयोजित किया गया था। 2016 टूर्नामेंट तक और इसमें शामिल होने के बाद, मैचों को लिस्ट ए स्थिति नहीं दी गई थी। हालांकि, अक्टूबर 2016 में एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की बैठक में, लिस्ट ए स्थिति को सभी भविष्य के मैचों में सम्मानित किया गया था।
इतिहास
पृष्ठभूमि
आयरलैण्ड क्रिकेट टीम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हाल ही में बड़ी सफलता मिली है जिसने देश में इस खेल की लोकप्रियता को बढ़ाया है। उन्होंने पाकिस्तान और बांग्लादेश (2007 क्रिकेट विश्व कप) और इंग्लैंड (2011 क्रिकेट विश्व कप) जैसी टीमों को परेशान करने के बाद एक विशाल हत्यारे की प्रतिष्ठा अर्जित की थी। प्रमुख अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में उनके अच्छे प्रदर्शन का मतलब था कि क्रिकेट आयरलैंड ने खुले तौर पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के लिए टेस्ट मैचों की स्थिति के लिए बोली लगाई थी। फिर भी, आयरलैंड के लिए खेल के शिखर पर खेलने के लिए मुख्य ठोकरें वाले एक सड़क ब्लॉक में से एक, घर में पहली श्रेणी के बुनियादी ढांचे की कमी थी, अन्य बातों के अलावा। अगस्त 2011 के आरंभ में, क्रिकेट आयरलैंड ने एक घरेलू प्रथम श्रेणी टूर्नामेंट की योजना बनाई थी। जनवरी 2012 में, क्रिकेट आयरलैंड ने महत्वाकांक्षी 'विजन 2020' योजना की घोषणा की जिसमें 2015 तक प्रथम श्रेणी संरचना की स्थापना की घोषणा की और 2020 तक टेस्ट की स्थिति की उपलब्धि। इसने देश भर में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को खोजने के लिए और देश में घास के मैदान को सुधारने के लिए क्रिकेट अकादमी पर काम करना शुरू किया। पहली बार पेशेवर संपर्क, केंद्रीय, ए, बी और सी के साथ स्थापित किए गए थे। एड जॉयस, ईयोन मॉर्गन और बॉयड रैंकिन जैसे टेस्ट क्रिकेट खेलने की आशा में इंग्लैंड के लिए जाने वाले अपने स्टार क्रिकेटरों के प्रवाह को रोकने के लिए टेस्ट की स्थिति के लिए आंशिक रूप से स्थापित किया गया था। सेटाण्ट स्पोर्ट्स के साथ एक साक्षात्कार में रिचर्ड होल्डवर्थ के मुताबिक, सीआई नवंबर 2012 के अनुसार सामरिक प्रगति के साथ खुश है। दिसंबर 2012 में, आयरलैंड को देश में कुलीन घरेलू प्रतियोगिताओं की स्थापना के लिए आईसीसी से बढ़ाए गए वित्तपोषण के रूप में 1.5 मिलियन डॉलर का प्रोत्साहन मिला।
फ़ॉर्मेट
टूर्नामेंट डबल राउंड-रॉबिन प्रारूप में खेले जाते हैं, प्रत्येक टीम प्रत्येक बार एक-दूसरे के साथ खेलती है, घर पर एक बार और एक बार दूर।
अंक सारांश
निम्नानुसार अंक बनाए जाते हैं:
जीत - 4 अंक
टाई या नतीजे नहीं - 2 अंक
हार - 0 अंक
बोनस अंक - खोने वाली टीम के 1.25 गुणा के बराबर रन रेट के साथ मैच जीतने वाली टीम को 1 अंक का पुरस्कार मिला
टीमें
सेटक स्पोर्ट्स के लिए रिचर्ड होल्डवर्थ के साक्षात्कार के अनुसार, तीन टीमें शुरू में टूर्नामेंट में भाग लेगी, लीनस्टर क्रिकेट टीम, उत्तरी क्रिकेट टीम और उत्तर-पश्चिम क्रिकेट टीम के रूप में मुंस्टर और कोंनाचट प्रांतीय टूर्नामेंट के लिए एक प्रतियोगी टीम के क्षेत्ररक्षण से अभी तक बहुत दूर थे। उन्हें इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में सिस्टम के समान एक अलग सीमित ओवर नाम भी दिए गए थे, जैसे नॉटिंघमशायर डाकू और दक्षिण ऑस्ट्रेलिया रेडबैक। इस मामले में, नाम लीनस्टर लाइटनिंग, नॉर्दर्न नाइट्स और नॉर्थ-वेस्ट वॉरियर्स हैं।
प्रतियोगिता प्लेसिंग
2013 से अब तक
टीम रिकॉर्ड्स
उच्चतम पारी कुल
निम्नतम पूर्ण इनिंग्स कुल
व्यक्तिगत रिकॉर्ड्स - बैटिंग
अधिकांश कैरियर रन
उच्चतम व्यक्तिगत स्कोर
अधिकांश एक सीजन में रन
व्यक्तिगत रिकॉर्ड्स - बॉलिंग
अधिकांश कैरियर विकेट्स
एक पारी में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी
एक सीजन में सर्वाधिक विकेट
साझेदारी रिकॉर्ड्स
प्रत्येक विकेट के लिए सर्वोच्च भागीदारी
सन्दर्भ
क्रिकेट प्रतियोगितायें
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उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद ने गाजियाबाद नगर में मेट्रो रेल परियोजना (दूसरे चरण) के तहत दिलशाद गार्डन, नई दिल्ली से नया बस अड्डा, गाजियाबाद तक विस्तार किए जाने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के बीच प्रस्तावित मेमोरेंडम ऑफ अन्डरस्टैंडिंग (एम.ओ.यू.) पर अपनी मंजूरी दे दी है.
गौरतलब है कि मेट्रो रेल सेवा का विस्तार दिल्ली से गाजियाबाद तक होने की स्थिति में गाजियाबाद और आस-पास के क्षेत्रों को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अन्य महत्वपूर्ण स्थानों से सीधे आवागमन का माध्यम उपलब्ध हो जाएगा.
इससे सड़क परिवहन निगम की बसों पर निर्भरता घटेगी और गाजियाबाद शहर जो कि एक महानगर के स्वरुप में विकसित हो रहा है को एक तीव्र और प्रदूषण रहित परिवहन की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी. इससे गाजियाबाद शहर और आस-पास के क्षेत्रों में व्यवसायिक गतिविधियां बढ़ेगी और राज्य सरकार के राजस्व में भी इजाफा होगा.
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भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा डब्ल्यूटीए रैंकिंग में सात पायदान लुढककर 88वें स्थान पर आ गई हैं, जबकि सोमदेव देववर्मन को चार पायदान का नुकसान हुआ है। सानिया पिछली रैंकिंग में 81वें स्थान पर थीं। युगल रैंकिंग में वह अभी भी 10वें स्थान पर बनी हुई हैं। भारत के नंबर एक एकल खिलाड़ी सोमदेव देववर्मन एटीपी रैंकिंग में चार पायदान खिसककर 69वें स्थान पर आ गए। युगल रैंकिंग में महेश भूपति छठे, लिएंडर पेस आठवें और रोहन बोपन्ना 14वें स्थान पर बने हुए हैं। एकल रैंकिंग में शीर्ष तीन स्थानों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। महिला वर्ग में डेनमार्क की कैरोलीन वोज्नियाकी, रूस की मारिया शारापोवा और बेलारूस की विक्टोरिया पहले तीन स्थान पर हैं। पुरुष वर्ग में अमेरिकी ओपन विजेता सर्बिया के नोवाक जोकोविच, उपविजेता रफेल नडाल और स्विटजरलैंड के रोजर फेडरर पहले तीन स्थान पर हैं।
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यह एक लेख है: दोस्त का जन्मदिन मनाने के लिए रविवार को खम्मम शहर में एक घर में गई 17 वर्षीय एक लड़की के साथ उसके चार सहपाठियों ने कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया. पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने इस कृत्य का वीडियो भी बनाया है. उन्होंने बताया कि एक निजी कॉलेज की डिग्री की एक छात्रा ने आज खम्मम थ्री टाउन थाना में एक शिकायत दर्ज करायी कि उसके चार सहपाठियों ने दो दिन पहले उसके साथ बलात्कार किया. यह घटना उस समय हुई जब वह जन्मदिन की पार्टी में गई थी.टिप्पणियां
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, लड़की ने बताया कि पूरी घटना का वीडियो बना लिया गया और किसी के समक्ष मामले का खुलासा नहीं करने की धमकी दी. पुलिस ने भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो कानून के तहत मामला दर्ल कर लिया है. मामले के सभी आरोपी व्यस्क हैं. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, लड़की ने बताया कि पूरी घटना का वीडियो बना लिया गया और किसी के समक्ष मामले का खुलासा नहीं करने की धमकी दी. पुलिस ने भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो कानून के तहत मामला दर्ल कर लिया है. मामले के सभी आरोपी व्यस्क हैं. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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यह लेख है: सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील ने कहा है कि अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित पैनल ने जो रास्ता सुझाया है वह हिंदू-मुसलमान दोनों के लिए 'जीत' वाला रास्ता है यानी सभी पक्षों के लिए अच्छा है. हालांकि वकील शाहिद रिजवी ने इस प्लान का खुलासा करने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा,'जो प्लान मध्यस्थता समिति ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपा है उसे यहा नहीं बताया जा सकता है. यह एक सबके लिए सकारात्मक है, हिंदू-मुस्लिम दोनों खुश होंगे. जब उनसे जोर देकर पूछा गया कि क्या इससे दोनों पक्ष सहमत होंगे, तो उनका कहना था, यह हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों के लिए 'विन-विन' वाला समझौता है'. वहीं सूत्रों की मानें तो सुन्नी वक्फ बोर्ड ने विवादित जमीन से दावा छोड़ने की बात कही है और इसको इस बात पर भी कोई आपत्ति नहीं होगी कि सरकार जमीन लेकर राम मंदिर बनाने के लिए सौंप दे. एनडीटीवी ने बुधवार को ही यह रिपोर्ट दी थी कि मध्यस्थता पैनल की रिपोर्ट यह बातें लिखी गई हैं.
वहीं सूत्रों का यह भी कहना है कि इसके बदले में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने विवादित जमीन पर दावा छोड़ने के साथ ही प्रस्ताव भी रखा है कि अयोध्या में बाकी मस्जिदों का सरकार पुनरुद्धार कराए, मस्जिद बनाने के लिए कहीं और जमीन मुहैया कराई जाए. पैनल की यह रिपोर्ट 134 साल पुराने इस विवाद को सुलझाने में अहम कड़ी साबित हो सकती है. मध्यस्थता पैनल में सुप्रीम कोर्ट रिटायर जज एफएम कलीफुल्ला, श्री श्रीरविशंकर और वरिष्ठ वकील श्री राम पंचू शामिल हैं. ॉ
अयोध्या मामले में बुधवार को सुनवाई पूरी हो चुकी है और सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच अब इस पर 17 नवंबर से पहले फैसला सुना सकती है क्योंकि इसी दिन प्रधान न्यायाधीन रंजन गोगोई रिटायर हो रहे हैं.
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वर्ष 1947 में पाकिस्तान के हमले के जवाब में 27 अक्तूबर को जम्मू-कश्मीर में सेना भेजे जाने के विरोध में अलगाववादियों द्वारा आहूत हड़ताल से कश्मीर में जनजीवन प्रभावित हुआ.
अधिकारियों के मुताबिक हड़ताल के कारण गुरुवार को दुकान और पेट्रोल पंप, निजी कार्यालय समेत अन्य कारोबारी प्रतिष्ठान बंद हैं. सड़क पर आम दिनों की तुलना में काफी कम भीड़-भाड़ है.उन्होंने बताया कि नियमित यातायात सुविधा की अनुपलब्धता के कारण सरकारी कार्यालयों में भी कम उपस्थिति दर्ज की जा रही है.
घाटी के अन्य जिला मुख्यालयों से भी बंद की खबरें मिली हैं. हालांकि घाटी में श्रीनगर शहर के उपनगरीय इलाकों और दूर-दराज के गावों में दुकानें खुली हुयी हैं.
सैयद अली शाह गिलानी की अगुवाई वाले कट्टरपंथी हुर्रियत कांफ्रेंस ने 27 दिसंबर, 1947 को कश्मीर में सेना के आगमन के खिलाफ बंद का आह्वान किया था. हर साल अलगाववादी इस दिन हड़ताल का आह्वान करते हैं.
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नटवर सिंह ने अपनी आत्मकथा वन लाइफ इज नॉट इनफ में तेल के बदले अनाज घोटाले में खुद को निर्दोष बताया है. इसी घोटाले के कारण 10 साल पहले उनका राजनैतिक वनवास हुआ था. उनका यह दावा भले ही प्रत्याशित लग सकता है, लेकिन पूर्व विदेश मंत्री ने अपनी पुरानी पार्टी पर भी उंगली उठाई है. वे कहते हैं कि कांग्रेस को बचाने के लिए उन्हें बलि का बकरा बनाया गया.
सद्दाम हुसैन के तेल ने नटवर के राजनैतिक जीवन पर दाग लगा दिया. पूरा घटनाक्रम कुछ इस प्रकार हैरू सद्दाम हुसैन के कुवैत पर हमला करने के बाद इराक के खिलाफ लगे आर्थिक प्रतिबंधों से परेशान आम इराकियों की मदद करने के लिए 1996 में संयुक्त राष्ट्र ने तेल के बदले अनाज कार्यक्रम शुरू किया. इस कार्यक्रम के तहत संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में इराकी तेल बेचने के बदले में अनाज दिया जाना था. 60 अरब डॉलर की इस योजना पर जल्द ही गड़बडिय़ों के आरोप लगने लगे कि सद्दाम सरकार पैसे और रसूख के लिए इस कार्यक्रम में घालमेल कर रही है. तब संयुक्त राष्ट्र महासचिव कोफी अन्नान ने यूएस फेडरल रिजर्व के पूर्व चेयरमैन पॉल वोल्कर से इन आरोपों की जांच करने के लिए कहा. वोल्कर की 2005 की रिपोर्ट में “गैर अनुबंध वाले लाभार्थियों” के तौर पर नटवर सिंह, पैंथर्स पार्टी के भीम सिंह और कुछ कॉर्पोरेट घरानों का नाम लिया गया.
यह आरोप लगाया गया कि नटवर की मदद से उनके बेटे जगत और उसके दोस्त अंदलीब सहगल को तेल के 40 लाख बैरल मिले, जो उन्होंने गैरकानूनी तरीके से एक स्विस कंपनी मेसफील्ड एजी को बेच दिए. आरोप था कि उन्होंने दलाली ली, जिसे ‘सरचार्ज’ का नाम दिया गया. माना जाता है कि उसका एक हिस्सा बगदाद में सद्दाम हुसैन की सरकार को पहुंचा दिया गया था. 2005 में इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में उस समय क्रोएशिया में राजदूत अनिल मथरानी ने कहा था कि जनवरी, 2001 में बगदाद यात्रा के दौरान नटवर सिंह ने अपने बेटे और सहगल को इराक सरकार के लोगों से मिलवायाः “मोटी बात यह है कि इसी मुलाकात के दौरान उस लेन-देन को हरी झ्ंडी मिली थी.” इस क्रम में राजनैतिक आरोप यह था कि बदले में नटवर सिंह ने सद्दाम का जमकर समर्थन किया.
अब नटवर सिंह इस मामले में अपना दामन साफ करने की कोशिश में लगे हैं. वे पूछते हैं कि आखिर कांग्रेस पर सवाल क्यों नहीं उठ रहा, जिसका नाम वोल्कर की रिपोर्ट में था. वे कहते हैं, “अगर आप वोल्कर रिपोर्ट के अनुच्छेदों को देखें तो पता चलता है कि 1997 में कांग्रेस पार्टी का जिक्र किया गया था. मेरा नाम तो मार्च, 2005 में जोड़ा गया. चूंकि मैडम सोनिया ने कहा कि मुझे इसमें फंसाना है.” (देखें बातचीत).
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) किताब में किए गए दावों को सही नहीं मानता है. ईडी ने विदेशी मुद्रा विनिमय प्रबंधन कानून (एफईएमए) के तहत इसकी जांच की थी. उसका कहना है कि सबूत सिंह और सहगल के शामिल होने की तरफ इशारा करते हैं. यह मामला अब दिल्ली में ईडी के न्यायाधिकरण के पास है.
ईडी के कारण बताओ नोटिस में यह आरोप था कि नटवर के पास “संयुक्त रूप से और कई बार” विदेशी पैसा आया. कुल 898,027 डॉलर (5.4 करोड़), जो एफईएमए का उल्लंघन है.
नटवर कहते हैं कि वोल्कर के आरोपों की जांच करने वाले न्यायमूर्ति आर.एस. पाठक ने जांच कमेटी की रिपोर्ट में उन्हें दोषमुक्त कर दिया था. यह रिपोर्ट प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सौंपी गई थी. उसे अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया.
महत्वपूर्ण बात यह है कि नटवर अपनी पुस्तक में जस्टिस आर.एस.पाठक के बारे में जो कुछ कहते हैं और जो बताया जाता रहा है, उसमें काफी विरोधाभास है. नटवर अपनी किताब में लिखते हैं कि पाठक ने “औपचारिक रूप से अपनी रिपोर्ट 7 अगस्त, 2006 को पीएम को सौंप दी. उन्होंने अपने निष्कर्ष में कांग्रेस पार्टी को पूरी तरह दोषमुक्त करार दे दिया था.” बकौल नटवर सिंह, “मेरे बारे में उन्होंने कहा कि ऐसा कोई भी सबूत नहीं है, जिससे पता चले कि नटवर सिंह ने ठेकों से कोई आर्थिक या अन्य व्यक्तिगत फायदा उठाया.” इसके बावजूद ईडी ने “मेरे बेटे और मुझ पर आरोप लगाए.” वे लिखते हैं, “जस्टिस पाठक ने एक बार मुझसे कहा था कि उन पर बहुत ज्यादा दबाव था. उन्होंने मुझसे यह भी कहा कि उन्हें मेरे खिलाफ किसी भी वित्तीय गड़बड़ी का सबूत नहीं मिला.” लेकिन माना जाता है कि पाठक समिति ने अपने निष्कर्ष में लिखा था कि “अंदलीब सहगल और आदित्य खन्ना (एक एनआरआइ कारोबारी, जो नटवर सिंह के रिश्तेदार हैं और जिन्होंने कथित तौर पर मेसफील्ड एजी से पैसों को भारत पहुंचाया था) को जो ठेके मिले, वे पूर्व विदेश मंत्री के. नटवर सिंह के दखल के बिना संभव नहीं थे.”
नटवर सिंह ने अपनी किताब में जस्टिस पाठक के साथ अपनी बातचीत के बारे में जो कुछ लिखा है, अब उसकी पुष्टि नहीं की जा सकती, क्योंकि अपनी रिपोर्ट सौंपने के एक साल बाद 2007 में दिल का दौरा पडऩे से जस्टिस पाठक का निधन हो गया था.
नटवर का आरोप है कि यूपीए सरकार की ओर से गठित जस्टिस पाठक जांच समिति पूर्वाग्रह से ग्रस्त थीरू “31 मई, 2006 को मुझे पाठक जांच समिति के सामने हाजिर होने के लिए कहा गया. पांच मिनट के भीतर यह स्पष्ट हो गया कि समिति पूर्वाग्रह से ग्रस्त थी. उन्हें कांग्रेस को सभी आरोपों से दोषमुक्त करने का निर्देश दिया गया था.”
पाठक समिति ने कहा था कि सहगल और खन्ना ने कथित रूप से तेल के दो ठेकों से दलाली के तौर पर 1,46,000 डॉलर (88 लाख रु.) हासिल किए थे. उस समय हमदान एक्सपोट्र्स के निदेशक सहगल जगत के बचपन के दोस्त हैं. समिति ने माना कि सहगल को ये ठेके सिर्फ नटवर सिंह के कारण मिले थे और उन्होंने कांग्रेस के नाम का गलत इस्तेमाल किया. ईडी के अधिकारियों ने दावा किया था कि पूछताछ के दौरान सहगल ने नटवर सिंह का लिखा एक पत्र इराकी अधिकारियों के पास ले जाने की बात कबूल की थी, जिसमें हमदान एक्सपोट्र्स को तेल के कूपन देने का अनुरोध किया गया था.
यह संयोग ही था कि वोल्कर रिपोर्ट आने के दो साल बाद जगत ने सहगल की बहन सौम्या से शादी कर ली थी. अचरज की बात है कि नटवर सहगल से अपने संबंधों और इराकी अधिकारियों के लिए लिखे अपने खत के बारे में कोई बात नहीं करते.
नटवर लिखते हैं कि यूपीए की पूर्व सरकार उन्हें उन दस्तावेजों की जानकारी नहीं देना चाहती थी, जिन्हें विशेष दूत वीरेंद्र दयाल ने संयुक्त राष्ट्र से हासिल किया था. ये दस्तावेज उन भारतीय व्यक्तियों के बारे में थे, जिनका नाम वोल्कर रिपोर्ट में लिया गया था. ईडी का दावा है कि नटवर ने कभी किसी विशेष दस्तावेज की मांग नहीं की और जांच एजेंसी सारे दस्तावेज नहीं दे सकती थी.
नटवर सिंह विशेष दूत दयाल के भारत लाए दस्तावेजों पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के ढुलमुल रवैए के बारे में भी लिखते हैं. 2006 में बंगलुरू के एक वकील अरुण कुमार अग्रवाल की ओर से दाखिल आरटीआइ के आवेदन को मुख्य सूचना आयुक्त (सीआइसी) ने मई, 2013 में खारिज कर दिया था. पीएमओ का कहना था कि उसके पास दस्तावेज तो हैं, लेकिन उन्हें सार्वजनिक नहीं किया जा सकता था. इससे पहले 2006 में पीएमओ ने तत्कालीन मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह को बताया था कि उसके पास दस्तावेज ही नहीं हैं.
दयाल जो जरूरी दस्तावेज लेकर आए थे, उन्हें नटवर सिंह को नहीं दिया गया था. दयाल कहते हैं, “मुझे नहीं मालूम कि वे दस्तावेज पाठक समिति को दिए गए या नहीं. मेरा काम केवल नटवर या किसी अन्य से संबंधित दस्तावेज लाना नहीं था, बल्कि वोल्कर रिपोर्ट में उल्लिखित सभी दस्तावेजों को लाना था.” नटवर के निर्दोष होने के दावों के बारे में पूछने पर दयाल कहते हैं, “यह कहना बहुत कठिन है कि वे इस घोटाले में शामिल थे. यह बहुत व्यक्तिपरक मामला है और मेरी भूमिका काफी सीमित थी.” यानी इस मामले में अभी और खुलासे होंगे.
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केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी कहा था कि लागातार बढ़ते प्रदूषण में कमी लाने का केवल एकमात्र जरिया है कि सड़क पर से डीज़ल-पेट्रोल वाहनों की तादाद में कमी लाई जाए. सरकार का भी यही मानना है कि देश में डीज़ल या पेट्रोल की कार नहीं बल्कि इलेक्ट्रिक कार बिकनी चाहिए. वाहनों की परिचालन लागत तथा ईंधन आयात बिल में कमी लाने के उद्देश्य से भारत चाहता है कि 2030 तक उसके यहां सिर्फ इलेक्ट्रिक कारें ही बिकें. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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अमेरिकी अर्थव्यवस्था के मंदी की ओर बढ़ने की आशंका के चलते वैश्विक बाजारों में तेज गिरावट के बीच फंडों की भारी बिकवाली से बंबई स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स शुक्रवार को 387 अंक टूटकर 14 महीने के निचले स्तर पर बंद हुआ। बीएसई का सेंसेक्स 387.31 अंक की गिरावट के साथ 17,305.87 अंक पर बंद हुआ। इससे पहले सेंसेक्स ने यह स्तर पिछले साल 10 जुलाई को देखा था। कारोबार के दौरान सेंसेक्स एक समय 702 अंक टूटकर 17,000 से नीचे आ गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 120.55 अंक टूटकर 5,211.25 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान निफ्टी एक समय 5,200 अंक से नीचे आ गया था। अमेरिकी अर्थव्यवस्था के फिर से मंदी के चपेट में आने की आशंका और यूरोपीय ऋण संकट की चिंता से गुरुवार को अमेरिकी बाजारों में तेज गिरावट से बीएसई और एनएसई में कारोबारी धारणा बेहद कमजोर हो गई। एक समय सेंसेक्स 700 अंक से अधिक की गिरावट के साथ 17,000 के स्तर से नीचे आ गया। 30 शेयरों वाला सेंसेक्स दोपहर में 16,990.91 अंक के निचले स्तर पर आ गया। गुरुवार को अमेरिकी शेयर बाजारों में गिरावट का असर आज भारतीय शेयर बाजार पर देखने को मिला। बाजार खुलने के कुछ ही मिनटों में सेंसेक्स 483 अंक तक फिसलकर 17,210.26 अंक पर आ गया।
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अमेरिकी रक्षामंत्री रॉबर्ट गेट्स का कहना है कि गठबंधन सेना ने लीबिया के मौजूदा शासन की क्षमता को कमजोर कर दिया है और शासक मुअम्मर गद्दाफी को वहां की जनता ही सत्ता से बेदखल करेगी। सीनेट की आर्म्ड सर्विसेज कमेटी के समक्ष गेट्स ने कहा, मेरे विचार में कर्नल गद्दाफी को सत्ता से हटाना वहां की जनता द्वारा संभव है। इसे राजनीतिक और आर्थिक कदमों के जरिए अंजाम देना होगा। उन्होंने कहा कि नाटो के नेतृत्व वाले अभियान से गद्दाफी की सैन्य क्षमता को उस हद तक कमजोर किया जा सकता है, जहां वह और उनके आसपास के लोग विभिन्न विकल्प अपनाने के लिए विवश होंगे। गेट्स ने इस बात को दोहराया कि लीबिया के भीतर अमेरिकी सेना भेजने की कोई जरूरत नहीं है। अमेरिकी सांसदों ने कहा कि गद्दाफी को जल्द से जल्द सत्ता से हटना चाहिए, क्योंकि उनके सत्ता में बने रहने से न सिर्फ अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों, बल्कि पूरी दुनिया को खतरा है। सीनेटर जॉन मैक्केन ने कहा, अगर गद्दाफी सत्ता में बने रहते हैं, तो यह पूरी दुनिया और लीबियाई जनता के लिए खतरा होगा। हम यह नहीं कह सकते कि बेनगाजी में नरसंहार रुक गया है। यह सफलता नहीं है। कमेटी प्रमुख सीनेटर कार्ल लेविन ने कहा, यह अभी विचारणीय प्रश्न है कि गठबंधन या फिर इसके सदस्य देशों को लीबिया के विद्रोहियों की क्षमता बढ़ाने में मदद करनी चाहिए, ताकि वे गद्दाफी के समर्थक सुरक्षाबलों का सामना कर सकें। ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टॉफ के प्रमुख एडमिरल माइक मुलेन ने कहा, गद्दाफी ने अपने हाथ से निकली जमीन को हासिल करने की इच्छा जताई है। वह बेनगाजी और अजदाबिया को वापस पाना चाहते हैं। वह अभी भी अपने लोगों को भोजन, पानी, बिजली और आश्रय देने से मना कर रहे हैं। अमेरिकी रक्षामंत्री ने कहा कि नाटो के नेतृत्व में अभियान जारी रहेगा ताकि गद्दाफी की सैन्य क्षमताओं को क्षीण किया जा सके।
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मेघालय में एक बार फिर कोयले की खदान धंसने से 2 मजदूरों की मौत हो गई. बोल्डर के टकराने की वजह से यह हादसा हुआ. इस दौरान खदान में 15 मजदूर काम कर रहे थे. इस हादसे में बाकी मजदूरों को निकाल लिया गया है. इस मामले की पुलिस जांच कर रही है. बताया जा रहा है कि यह कोयला खदान अवैध था.
पुलिस के मुताबिक, पूर्वी जयंतिया हिल्स में जिला मुख्यालय से लगभग 5 किलोमीटर दूर मूकनोर के जलियाह गांव में बोल्डर आपस में टकरा गए और इसके बाद खदान धंसनी शुरू हो गई. इसकी चपेट में कई मजदूर आ गए. मौके पर ही दो मजदूरों की मौत हो गई. लोगों के मुताबिक, राहत और बचाव कार्य के दौरान खदान से पानी निकलने लगा. पंप से पानी को बाहर निकाला गया. इसके बाद बाकी मजदूरों को निकाल लिया गया.
इस हादसे का खुलासा, उस वक्त हुआ जह एक फिलिप बरेह ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसका भतीजा एलाद बरह (26) शुक्रवार से अपने घर से गायब है. जिला पुलिस प्रमुख सिलवेस्टर नोंगटनर ने बताया कि इस शिकायत के बाद सर्च ऑपरेशन चलाया गया. हमें एलाद का शव कोयला खदान के रेट होल के सामने मिला. जब हमने खदान के अंदर सर्च ऑपरेशन चलाया तो एक और शव मिला. उसकी पहचान मोनोज बसुमतरी के रूप में हुई.
सिलवेस्टर नोंगटनर ने कहा कि यह हादसा उस वक्त हुआ होगा तब मजदूर कोयला निकालने की कोशिश कर रहे थे. फिलहाल इस अवैध खदान के मालिक का पता लगाने की कोशिश की जा रही है.
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पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हुए एक जोरदार विस्फोट में दो सगे भाईयों की मौत हो गई. दोनों मृतक तृणमूल कांग्रेस के समर्थक थे. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
बीरभूम जिले का अमोदपुर शुक्रवार की सुबह एक धमाके से दहल गया. दरअसल यहां पर एक घर में जोरदार
विस्फोट
हुआ. जिसकी वजह से घर का एक हिस्सा ढ़ह गया. इस दौरान घर में मौजूद तृणमूल कांग्रेस के समर्थक दो भाइयों की मौत हो गई.
जिले के पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार ने बताया कि शुक्रवार तड़के घर में हुए बम विस्फोट में 24 वर्षीय शेख हफीजुल और उनके 27 वर्षीय बड़े भाई शेख तारिक हुसैन की मौके पर ही मौत हो गई.
घटना में स्थानीय ग्राम पंचायत में तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधि और मृतकों के भाई जाबिर हुसैन और परिवार के अन्य सदस्य इस
धमाके
में बाल बाल बच गए. वे धमाके के वक्त घर में ही मौजूद थे लेकिन उन्हें कोई नुकसान नहीं हुआ.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि विस्फोट की तीव्रता इतनी तेज थी कि घर का एक हिस्सा ढह गया. उन्होंने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है. यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आखिर यह धमाका कैसे हुआ.
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यह एक लेख है: पिछले साल विंबलडन का खिताब अपने नाम करने वाले नोवाक जोकोविच विश्व के नंबर 1 टेनिस खिलाड़ी हैं और इस बार विंबलडन में उनकी दावेदारी सबसे मज़बूत है।
सर्बिया के इस खिलाड़ी को अपने दूसरे दौर का मैच जीतने में 2 घंटे का समय लग गया। इस मैच में उन्होंने फ्रांस के अदि्रयानो मनारीनो को सीधे सेटों में 6-4, 6-3, 7-6 से हराया। इसी के साथ ग्रैंड स्लैम मुकाबलों में जोकोविच ने अब लगातार 30 मैच जीत लिए हैं। जो पुरुषों के टेनिस इतिहास में तीसरा सबसे लंबा जीत का सिलसिला है।
इस बीच सात बार के विंबलडन चैंपियन रॉजर फेडरर तीसरे दौर में पहुंच गए हैं। उन्होंने विश्व के 772वीं रैंकिंग वाले खिलाड़ी मार्कस विलिस को तीन सीधे सेटों में 6-0, 6-3, 6-4 से बड़ी आसानी से हरा दिया। अपने विंबलडने के इतिहास में रॉजर फेडरर ने इतनी कम रैंकिंग वाले खिलाड़ी से कभी भी मुकाबला नहीं खेला था।टिप्पणियां
जीत के बाद उन्होंने राहत की सांस तो ली लेकिन उनकी सबसे बड़ी चिंता जोकोविच हैं। दोनों सेमीफाइनल मुकाबले में भिड़ सकते हैं।
सर्बिया के इस खिलाड़ी को अपने दूसरे दौर का मैच जीतने में 2 घंटे का समय लग गया। इस मैच में उन्होंने फ्रांस के अदि्रयानो मनारीनो को सीधे सेटों में 6-4, 6-3, 7-6 से हराया। इसी के साथ ग्रैंड स्लैम मुकाबलों में जोकोविच ने अब लगातार 30 मैच जीत लिए हैं। जो पुरुषों के टेनिस इतिहास में तीसरा सबसे लंबा जीत का सिलसिला है।
इस बीच सात बार के विंबलडन चैंपियन रॉजर फेडरर तीसरे दौर में पहुंच गए हैं। उन्होंने विश्व के 772वीं रैंकिंग वाले खिलाड़ी मार्कस विलिस को तीन सीधे सेटों में 6-0, 6-3, 6-4 से बड़ी आसानी से हरा दिया। अपने विंबलडने के इतिहास में रॉजर फेडरर ने इतनी कम रैंकिंग वाले खिलाड़ी से कभी भी मुकाबला नहीं खेला था।टिप्पणियां
जीत के बाद उन्होंने राहत की सांस तो ली लेकिन उनकी सबसे बड़ी चिंता जोकोविच हैं। दोनों सेमीफाइनल मुकाबले में भिड़ सकते हैं।
इस बीच सात बार के विंबलडन चैंपियन रॉजर फेडरर तीसरे दौर में पहुंच गए हैं। उन्होंने विश्व के 772वीं रैंकिंग वाले खिलाड़ी मार्कस विलिस को तीन सीधे सेटों में 6-0, 6-3, 6-4 से बड़ी आसानी से हरा दिया। अपने विंबलडने के इतिहास में रॉजर फेडरर ने इतनी कम रैंकिंग वाले खिलाड़ी से कभी भी मुकाबला नहीं खेला था।टिप्पणियां
जीत के बाद उन्होंने राहत की सांस तो ली लेकिन उनकी सबसे बड़ी चिंता जोकोविच हैं। दोनों सेमीफाइनल मुकाबले में भिड़ सकते हैं।
जीत के बाद उन्होंने राहत की सांस तो ली लेकिन उनकी सबसे बड़ी चिंता जोकोविच हैं। दोनों सेमीफाइनल मुकाबले में भिड़ सकते हैं।
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झील जल का वह स्थिर भाग है जो चारो तरफ से स्थलखंडों से घिरा होता है। झील की दूसरी विशेषता उसका स्थायित्व है। सामान्य रूप से झील भूतल के वे विस्तृत गड्ढे हैं जिनमें जल भरा होता है। झीलों का जल प्रायः स्थिर होता है। झीलों की एक महत्वपूर्ण विशेषता उनका खारापन होता है लेकिन अनेक झीलें मीठे पानी की भी होती हैं। झीलें भूपटल के किसी भी भाग पर हो सकती हैं। ये उच्च पर्वतों पर मिलती हैं, पठारों और मैदानों पर भी मिलती हैं तथा स्थल पर सागर तल से नीचे भी पाई जाती हैं।
किसी अंतर्देशीय गर्त में पाई जानेवाली ऐसी प्रशांत जलराशि को झील कहते हैं जिसका समुद्र से किसी प्रकार का संबंध नहीं रहता। कभी-कभी इस शब्द का प्रयोग नदियों के चौड़े और विस्तृत भाग के लिए तथा उन समुद्र तटीय जलराशियों के लिए भी किया जाता है, जिनका समुद्र से अप्रत्यक्ष संबंध रहता है। इनके विस्तार में भिन्नता पाई जाती है; छोटे छोटे तालाबों और सरोवर से लेकर मीठे पानीवाली विशाल सुपीरियर झील और लवणजलीय कैस्पियन सागर तक के भी झील के ही संज्ञा दी गई है। अधिकांशत: झीलें समुद्र की सतह से ऊपर पर्वतीय प्रदेशों में पाई जाती हैं, जिनमें मृत सागर, (डेड सी) जो समुद्र की सतह से नीचे स्थित है, अपवाद है। मैदानी भागों में सामान्यत: झीलें उन नदियों के समीप पाई जाती हैं जिनकी ढाल कम हो गई हो। झीलें मीठे पानीवाली तथा खारे पानीवाली, दोनों होती हैं। झीलों में पाया जानेवाला जल मुख्यत: वर्ष से, हिम के पिघलने से अथवा झरनों तथा नदियों से प्राप्त होता है।
झीले बनती हैं, विकसित होती हैं, धीरे-धीरे तलछट से भरकर दलदल में बदल जाती हैं तथा उत्थान होंने पर समीपी स्थल के बराबर हो जाती हैं। ऐसी आशंका है कि संयुक्त राज्य अमेरिका की बृहत झीलें ४५,००० वर्षों में समाप्त हो जाएंगी। भू-तल पर अधिकांश झीलें उत्तरी गोलार्ध में स्थित हैं। फिनलैंड में तो इतनी अधिक झीलें हैं कि इसे झीलों का देश ही कहा जाता है। यहाँ पर १,८७,८८८ झीलें हैं जिसमें से ६०,००० झीलें बेहद बड़ी हैं। पृथ्वी पर अनेक झीलें कृत्रिम हैं जिन्हें मानव ने विद्युत उत्पादन के लिए, कृषि-कार्यों के लिए या अपने आमोद-प्रमोद के लिए बनाया है।
झीलें उपयोगी भी होती हैं। स्थानीय जलवायु को वे सुहावना बना देती हैं। ये विपुल जलराशि को रोक लेती हैं, जिससे बाढ़ की संभावना घट जाती है। झीलों से मछलियाँ भी प्राप्त होती हैं।
झीलों की उत्पत्ति
झील की उत्पत्ति के अनेक कारण होते हैं जिनमें मुख्य निम्नलिखित हैं-
हिमानी के कारण
हिमानी प्रदेशों के भूदृश्यों में भी अन्यधिक लाक्षणिक होती हैं। वस्तुत: वर्तमान समय में हिमानियों द्वारा निर्मित झीलें संख्या में इतनी अधिक हैं कि उनकी तुलना में और कारणों से निर्मित झीलें नगण्य हैं। ऐसी झीलों की उत्पत्ति का मुख्य कारण यह है कि जब हिमानियाँ अपनी पिघलने की अंतिम अवस्था में आ जाती हैं तब उनमें पाए जानेवाले हिमोढ़ (moraine) रोधन का कार्य करते हैं जिससे पिघला हुआ जल, ऊबड़ खाबड़ स्थल में एकत्रित होकर झील का आकार ले लेता है। हमारे देश में इस प्रकार की झीलें हिमालय में पाई जाती हैं।
विवर्तनिक हलचलों (tectonic movement) के कारण
पृथ्वी के अंदर होनेवाली हलचलों के कारण कभी कभी अंत:कृत गर्तों का निर्माण हो जाता है, जो जल से भर जाने पर अंत:कृत झीलों के जन्मदाता हो जाते हैं। कैस्पियन सागर इसका उदाहरण है।
ज्वालामुखी पर्वतों का कारण
प्रसुप्त ज्वालामुखी पर्वतों के ज्वालामुख (crater) भी जल भर जाने पर झीलों का रूप ले लेते हैं।
अवरोध के निक्षेप के कारण
कभी कभी पर्वतीय प्रदेशों में भूस्खलन हो जाने पर शैलों के विशाल भूखंड, नदियों के मार्ग में गिर पड़ते हैं, जिनसे उनका प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है और रुका हुआ जल, झील का रूप ले लेता है।
अवसाद के कारण
प्राय: देखा जाता है कि मैदानी भाग में नदियों में छाड़ (oxbow) का निर्माण हो जाता है। नदियों का विसर्पी मोड़ (meander) इसका प्रधान कारण है।
निरावरण (denudation) के कारण
चूना पत्थर के प्रदेशों में चूना पत्थर के घुलने से भूमि धँस जाती है, जिससे गर्त बन जाते हैं। कालांतर में ऐसे ही गर्त जल भर जाने पर झील बन जाते हैं।
झीलों का जीवनकाल
अधिकांशत: झीलें अस्थायी अस्तित्व की होती हैं। मनुष्य अपने जीवनकाल में ही उनकी उत्पत्ति, विकास और अंत की अवस्थाएँ देख लेता है। पर्वतीय प्रदेशों में जो झीलें अवरोधन के कारण बन जाती हैं, वे अवरोधन हट जाने पर शीघ्र ही लुप्त हो जाती हैं। नम देशों में झीलों के तल में अवसाद (sediment) एकत्र होने से वे छिछली हो जाती हैं और यदि उनमें से किसी नदी का उद्गम होता है, तो वे शीघ्र ही विलीन हो जाती हैं।
सबसे अधिक
तिब्बत की टिसो सिकरू संसार की सबसे ऊँची झील है जो तिब्बत के पठार पर १८,२८४ फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इसके विपरीत मृत सागर संसार की सबसे नीची झील है, जो सागर तल से भी १,३०० फीट नीची है। इसकी तली सागर तल से २,५०० फीट निचाई पर है।
कुछ झीलें अधिक गहरी होती हैं जैसे साइबेरिया की बैकाल झील, जिसकी गहराई १.६ किलोमीटर से अधिक है। इसके विपरीत कुछ झीलें अत्यन्त उथली होती हैं। गर्मी के मौसम में सूख जाने के कारण ये मौसमी झील कही जा सकती हैं। क्षेत्रफल में झीलें छोटी-बड़ी, सभी तरह की होती है हिमानीकृत झील (टार्न झील) कुछ वर्ग मीटर तक ही विस्तृत होती हैं जबकि लाखों वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाली विस्तृत झीलें हैं। कैस्पियन सागर एक विस्तृत झील है जिसका क्षेत्रफल ४,३०,००० वर्ग किलोमीटर है। महाद्वीपों के आन्तरिक भागों में स्थित विस्तृत झीले जैसे कैस्पियन सागर, अरब सागर, मृत सागर, संयुक्त राज्य अमेरिका तथा कनाडा की बृहत झीलें, अफ्रीका की विक्टोरिया तथा साइबेरिया की बैकाल झीले आकार की दृष्टि से सागर के समान हैं।
सन्दर्भ
झीलें
जलसमूह
हिन्दी विकि डीवीडी परियोजना
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गोथिक एक विलुप्त पूर्वी जर्मनिक भाषा है जो गोथों द्वारा बोली जाती थी। यह मुख्य रूप से कोडेक्स अर्जेंटीस से जाना जाता है, जो चौथी शताब्दी के बाइबिल अनुवाद की 6ठी शताब्दी की प्रति है, और एक बड़े पाठ संग्रह वाली एकमात्र पूर्वी जर्मनिक भाषा है। बर्गंडियन और वांडालिक सहित अन्य सभी, यदि ज्ञात हैं, तो केवल ऐतिहासिक खातों में बचे उचित नामों से, और पुर्तगाली, स्पेनिश और फ्रेंच जैसी अन्य भाषाओं के ऋणशब्दों से।
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उत्तर प्रदेश में अब संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का नाम बदला जाएगा. भीमराव अंबेडकर के नाम के साथ अब उनके पिता 'रामजी मालोजी सकपाल' का नाम भी जोड़ा जाएगा. राज्यपाल राम नाइक की सलाह के बाद योगी सरकार ने ये फैसला लिया है. अब उनका नाम 'डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर' होगा. बताया जा रहा है कि राज्यपाल रामनाइक ने इसको लेकर 2017 में एक कैंपेन चलाया था. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी खत लिखा था.
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में भी उनके नाम के साथ पिता का नाम जोड़ा जाता है. इस मामले में अब उत्तर प्रदेश सरकार ने आदेश दे दिए हैं, जिसके बाद आधिकारिक रूप से नाम बदलकर डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर हो जाएगा.
सरकार ने रिकॉर्ड्स में सभी जरूरी बदलावों के निर्दश भी दे दिए हैं. राम नाइक नाम में बदलाव के लिए पिछले एक साल से अभियान चला रहे थे. उन्होंने नाम में बदलाव के लिए उस दस्तावेज का भी हवाला दिया था, जिसमें भीमराव अंबेडकर के हस्ताक्षरों में 'रामजी' नाम शामिल था.
उदित राज हुए नाराज
इस फैसले पर बीजेपी सांसद उदित राज ने आपत्ति दर्ज की है. उन्होंने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम के मध्य में रामजी लिखे जाने से अनावश्यक विवाद खड़ा किया गया है. इससे दलित भी नाराज हैं. उदित राज का कहना है कि इसका प्रतिकूल असर पड़ता दिख रहा है और सुबह से ही कई जगहों से खबर आई हैं, WhatsApp पर भी लगातार चल रहा है कि नाम क्यों बदला गया है.
कहा जाता है 'दलितों के मसीहा'!
गौरतलब है कि देश के संविधान को आकार देने वाले डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्म साल 14 अप्रैल 1891 को हुआ था. डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में हुआ था. भीमराव अंबेडकर के पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल और माता का भीमाबाई था.
डॉ. भीमराव अंबेडकर अपने माता-पिता की 14वीं संतान थे. उन्होंने विदेश जाकर अर्थशास्त्र डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की थी, ऐसा करने वाले वह पहले भारतीय थे. जब वह 1926 में भारत आए तब उन्हें मुंबई की विधानसभा का सदस्य चुना गया.
भारत के संविधान का मुख्य निर्माता उन्हें ही माना जाता हैं. वह आजाद देश के पहले कानून मंत्री बने. साल 1990 में उन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया था. डॉ. भीमराव अंबेडकर ने ही सबसे पहले छुआछूत, दलितों, महिलाओं और मजदूरों से भेदभाव जैसी कुरीति के खिलाफ आवाज उठाई.
साल 1956 में उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया, जिसके कारण लाखों दलितों ने ऐसा किया. 6 दिसंबर 1956 को डाॅयबिटिज से पीड़ित होने के कारण उनकी मृत्यु हो गई थी.
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: कोपा अमेरिका कप में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर, लियोनेल मेसी दो कारणों से चर्चा में हैं। अमेरिका के खिलाफ मुकाबले में फ्री किक से गोल दागकर उन्होंने अर्जेंटीना की ओर से सबसे अधिक गोल दागने वाले फुटबॉलर बनने की उपलब्धि हासिल की है। दूसरी ओर, टूर्नामेंट के दौरान मेसी की दाढ़ी प्रशंसकों के बीच उत्सुकता का कारण बनी हैं।
मेसी को आमतौर पर अपने 'चॉकलेटी' लुक के कारण जाना जाता है। उन्हें इससे पहले क्लीन शेव्ड ही देखा जाता है। अब दाढ़ी बढ़ाने का कारण केवल लुक में बदलाव करना है या कुछ और..। मेसी के चाहने वालों के दिमाग में यह सवाल रह रहकर आ रहा है। मेसी ने इसका 'गोलमोल' जवाब देकर प्रशंसकों की इस उत्सुकता को और बढ़ा दिया है।टिप्पणियां
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मेसी ने कहा है कि वे फाइनल से पहले अपनी दाढ़ी नहीं काटने जा रहे । मीडिया की खबरों के मुताबिक, मेसी की दाढ़ी के साथ अर्जेंटीना ने कोपा अमेरिका कप में अब तक सफलताएं अर्जित की है और मेसी की टीम अब 'इसी तरह' आगे बढ़ते हुए कोपा अमेरिका कप चैंपियन बनने पर ध्यान केंद्रित किए हैं।
28 साल के मेसी ने हाल ही में ये बयान कहते हुए अपनी बढ़ी हुई दाढ़ी को लेकर सस्पेंस और बढ़ा दिया था कि 'अगर उन्होंने शेव बनाना भी चाही तो टीम के साथी खिलाड़ी किसी भी हालत में यह नहीं करने देंगे।' अर्जेंटीना टीम टूर्नामेंट में शानदार फाइनल करते हुए कोपा अमेरिका कप के फाइनल में पहुंच गई है और लगता यही है कि मेसी रविवार के फाइनल मुकाबले के बाद ही अपने लुक में बदलाव करेंगे..।
मेसी को आमतौर पर अपने 'चॉकलेटी' लुक के कारण जाना जाता है। उन्हें इससे पहले क्लीन शेव्ड ही देखा जाता है। अब दाढ़ी बढ़ाने का कारण केवल लुक में बदलाव करना है या कुछ और..। मेसी के चाहने वालों के दिमाग में यह सवाल रह रहकर आ रहा है। मेसी ने इसका 'गोलमोल' जवाब देकर प्रशंसकों की इस उत्सुकता को और बढ़ा दिया है।टिप्पणियां
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मेसी ने कहा है कि वे फाइनल से पहले अपनी दाढ़ी नहीं काटने जा रहे । मीडिया की खबरों के मुताबिक, मेसी की दाढ़ी के साथ अर्जेंटीना ने कोपा अमेरिका कप में अब तक सफलताएं अर्जित की है और मेसी की टीम अब 'इसी तरह' आगे बढ़ते हुए कोपा अमेरिका कप चैंपियन बनने पर ध्यान केंद्रित किए हैं।
28 साल के मेसी ने हाल ही में ये बयान कहते हुए अपनी बढ़ी हुई दाढ़ी को लेकर सस्पेंस और बढ़ा दिया था कि 'अगर उन्होंने शेव बनाना भी चाही तो टीम के साथी खिलाड़ी किसी भी हालत में यह नहीं करने देंगे।' अर्जेंटीना टीम टूर्नामेंट में शानदार फाइनल करते हुए कोपा अमेरिका कप के फाइनल में पहुंच गई है और लगता यही है कि मेसी रविवार के फाइनल मुकाबले के बाद ही अपने लुक में बदलाव करेंगे..।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मेसी ने कहा है कि वे फाइनल से पहले अपनी दाढ़ी नहीं काटने जा रहे । मीडिया की खबरों के मुताबिक, मेसी की दाढ़ी के साथ अर्जेंटीना ने कोपा अमेरिका कप में अब तक सफलताएं अर्जित की है और मेसी की टीम अब 'इसी तरह' आगे बढ़ते हुए कोपा अमेरिका कप चैंपियन बनने पर ध्यान केंद्रित किए हैं।
28 साल के मेसी ने हाल ही में ये बयान कहते हुए अपनी बढ़ी हुई दाढ़ी को लेकर सस्पेंस और बढ़ा दिया था कि 'अगर उन्होंने शेव बनाना भी चाही तो टीम के साथी खिलाड़ी किसी भी हालत में यह नहीं करने देंगे।' अर्जेंटीना टीम टूर्नामेंट में शानदार फाइनल करते हुए कोपा अमेरिका कप के फाइनल में पहुंच गई है और लगता यही है कि मेसी रविवार के फाइनल मुकाबले के बाद ही अपने लुक में बदलाव करेंगे..।
28 साल के मेसी ने हाल ही में ये बयान कहते हुए अपनी बढ़ी हुई दाढ़ी को लेकर सस्पेंस और बढ़ा दिया था कि 'अगर उन्होंने शेव बनाना भी चाही तो टीम के साथी खिलाड़ी किसी भी हालत में यह नहीं करने देंगे।' अर्जेंटीना टीम टूर्नामेंट में शानदार फाइनल करते हुए कोपा अमेरिका कप के फाइनल में पहुंच गई है और लगता यही है कि मेसी रविवार के फाइनल मुकाबले के बाद ही अपने लुक में बदलाव करेंगे..।
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यह लेख है: शादी का नाम सुनते ही हर कोई भागने लग जाता है, जिनकी हो चुकी है वो भी और जिनका नंबर आने वाला है वो भी. मतलब शादी की बात करना किसी को पसंद नहीं. इसी वजह से 'शादी का लड्डू जो खाएं वो पछताएं और जो न खाएं वो भी पछताएं' कहावत आज भी बेहद पॉपुलर है. लेकिन क्या हो जब इस शादी का कोर्स शुरू हो जाए? इस कोर्स में एक सफल शादी के सीक्रेट्स बताए जाएं? जी हां, एशिया का एक देश 'प्री-वेडिंग कोर्स' (Pre-Wedding Course) शुरू करने के बारे में सोच रहा है, जिसमें कपल्स को शादी के बाद होने वाले बदलावों के बारे में एजुकेट किया जाएगा.
ये कोर्स साउथ-ईस्ट एशिया के देश इंडोनेशिया में शुरू होने जा रहा है. इस 'प्री-वेडिंग कोर्स' में शादी करने जा रहे कपल्स को सेहत का ध्यान रखने, बीमारियों से बचने और बच्चों की केयर के टिप्स की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे ये कपल्स एक सफल शादी की शुरुआत कर सकें.
जकार्ता पोस्ट के मुताबिक, ये कोर्स साल 2020 में शुरू होगा, जो कि बिल्कुल मुफ्त में कराया जाएगा. इस कोर्स को इंडोनेशिया की ह्यूमन डेवलेपमेंट एंड कल्चर अफेयर्स और मिनिस्ट्री ऑफ रिलिज़न एंड मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ ने मिलकर तैयार किया है.
रिलिजन अफेयर्स के एक ऑफिसर ने बताया, 'सभी के दिमाग में यह सवाल आ रहा होगा कि अगर कपल्स इस कोर्स में फेल हुए तो क्या? तो इसका साफ जवाब ये है कि जो कपल्स इस कोर्स में फेल होंगे वो शादी नहीं कर सकते.'
ये कोर्स तीन महीने का होगा और अगर कोई भी कपल इस कोर्स में फेल हो जाता है तो उन दोनों को इंडोनेशिया की सरकार शादी करने का अधिकार नहीं देगी.
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गोवर्धन में गिरिराज पूजन करने पहुंचे केन्द्रीय पर्यटन मंत्री सुबोधकांत सहाय को काले झंडे दिखाते हुए गांधीवादी अन्ना हजारे समर्थक उनकी गाड़ी के आगे लेट गए.
समर्थकों ने जनलोकपाल विधेयक पर समर्थन जाहिर करने की मांग को लेकर सहाय का घेराव किया. बाद में मंत्री अपने सुरक्षाकर्मियों की मदद से इस घेरे से निकल पाए.
सहाय ने इस घटना को राजनीति से प्रेरित होने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदर्शनकारी भाजपा के इशारे पर यह प्रदर्शन कर रहे थे.
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माइकल क्रिस्टन ने मूलत: एक स्नातक छात्र के बारे में पटकथा के विचार की कल्पना की जो एक डायनासोर को पुन:निर्मित करता है; वह जुरासिक पार्क उपन्यास को लिखना प्रारंभ करने के पहले तक अपनी परिकल्पना में डायनासोर और क्लोनिंग से संघर्ष करता है। प्रकाशन के पहले ही स्पीलबर्ग ने अक्तूबर 1989 में ही उपन्यास के बारे में जाना, जब वह क्रिस्टन एक पटकथा के बारे में विचार विमर्श कर रहे थे जो टेलिविजन श्रृंखला ईआर (ER) होता. पुस्तक के प्रकाशित होने के पहले, क्रिस्टन ने गैर समझौताकारी 1.5 मिलियन डॉलर शुल्क और साथ ही साथ कमाई के अच्छे प्रतिशत की मांग की. वार्नर ब्रदर्स और टिम बर्टन, सोनी पिक्चर्स इंटरटेनमेंट और रिचर्ड डोनर और 20वी सेंचुरी फॉक्स और जो डेंट ने अधिकारों के लिए बोली लगाई, लेकिन अंतत: यूनिवर्सल ने इसे स्पीलबर्ग के लिए मई 1990 में ग्रहण किया। यूनिवर्सल ने क्रिस्टन को अपने उपन्यास को रूपांतरित करने के लिए और 500,000 डॉलर का भुगतान किया, जिसे उसने स्पिलबर्ग द्वरा हुक को फिल्माए जाने के समय तक पूरा कर दिया था। क्रिस्टन ने उल्लेख किया कि पुस्तक के "अपेक्षाकृत लंबा" होने के कारण उसकी पटकथा में उपन्यास की सामग्री का करीब 10 से 20 प्रतिशत ही था; दृश्यों को आर्थिक और व्यावहारिक कारणों से हटा दिया गया। हुक के पूरा होने के बाद, स्पीलबर्ग सिंडलर्स लिस्ट फिल्म को बनाना चाहता था। म्यूजिक कॉरपोरेशन ऑफ अमेरिका (यूनिवर्सल पिक्चर्स की तत्कालीन मुख्य कंपनी) के अध्यक्ष सिड शिनबर्ग ने एक शर्त के आधार पर फिल्म को हरी झंडी दिखाई कि स्पिलबर्ग पहले जुरासिक पार्क बनाएगा. स्पिलबर्ग ने बाद में कहा कि "वह जानते थे कि शिंडलर को एकबार निर्देशित करने पर वह जुरासिक पार्क को बनाने में सक्षम नहीं हो पाएंगे."स्पिलबर्ग ने एनिमेट्रोनिक डायनासोर बनाने के लिए स्टेन विंस्टन को, लंबे दृश्यों के लिए गतिशील डायनासोर बनाने के लिए फिल टिपेट, शुरूआती विजुअल प्रभावों के पर्यवीक्षण के लिए माइकल लैंटेरी और डेनिस म्युरे को डिजिटल कंपोजिटिंग करने के लिए नियुक्त किया। जीवाश्म विज्ञानी जैक हॉर्नर ने स्पिलबर्ग की यह इच्छा कि, डायनासोर राक्षस की जगह एक पशु के रूप में चित्रित हों, को पूरा करने में मदद करने के लिए डिजाइन का निरीक्षण किया। हार्नर ने टिप्पेट्स के प्रारंभिक एनिमेटिक्स में रैप्टर्स के सिनेमा की भाषा को इस शिकायत के साथ खारिज कर दिया, "[डायनासोर] के पास यह करने का कोई रास्ता नहीं है!" हॉर्नर की सलाह के अनुसार, स्पिलबर्ग ने इस बात पर जोर दिया कि टिप्पेट जीभ को बाहर निकालते हैं। विंस्टन के विभाग ने मुलायम त्वचा को मोड़ने के पहले डायनासोर के पूर्ण विस्तृत मॉडल तैयार किया, जो जटिल रोबोटिक्स के उपर फिट किए गए थे। टिप्पेट ने प्रमुख दृश्यों स्टॉप – मोशन एनिमेटिक्स को तैयार किया, लेकिन मोशन की अस्पष्टता पर मोशन के प्रयासों के बावजूद स्पिलबर्ग ने अंतिम परिणामों को एक सजीव एक्शन फीचर फिल्म में कार्य करने के अर्थ में असंतोषजनक पाया। एनिमेटर्स मार्क डिप्पे और स्टीव विलियम्स टी. रेक्स कंकल के लिए कंप्यूटर से उत्पन्न चलने वाली सायकल को बनाने में काफी मेहनत की और स्वीकृत किए गए। जब स्पीलबर्ग और टिप्पेट ने गेल्लिमिमस के समूह का पीछा करते हुए टी. रेक्स को देखा तो स्पीलबर्ग ने कहा कि "आपके पास काम नहीं है," जिस पर टिप्पेट ने जवाब दिया कि, "आपका मलतब समाप्ती से है?" स्पीलबर्ग ने बाद में ऐनिमेटिक और पटकथा में उसके तथा टिप्पेट के बीच किए गए संवाद को बाद में मेल्कम और ग्रांट के बीच बातचीत के रूप में लिखा. जैसा कि जॉर्ज लुकस ने उनके साथ साथ प्रदर्शन को देखा, उसकी आंखों से आंसू गिरने लगे. उसने कहा कि "यह बिजली के बल्ब के आविष्कार या प्रथम टेलिफोन कॉल के समान इतिहास के उन महत्वपूर्ण क्षणों में से एक है". "एक प्रमुख अंतर को पार किया गया है और स्थितियां कभी भी अनुकूल होने वाली नहीं थीं।" हांलाकि जुरासिक पार्क में कोई भी सजीव मोशन का उपयोग नहीं किया गया था, फिल टिप्पेट और उसके एनिमेटर्स जानते थे कि डायनासोर को कैसे सही तरीके से चलना चाहिए. टिप्पेट ने डायनासोर के कंकाल तंत्र के संबंध में संपर्क के रूप में कार्य किया और उसके रोके गए मोशन एनिमेटर्स को कंप्यूटर एनिमेटर्स के रूप में पुन: प्रशिक्षित किया गया।मालिया स्कॉच मारमो ने एलन ग्रांट के साथ इयन मैल्कम को मिला कर पांच महीनों से अधिक की अवधि के लिए अक्तूबर 1991 में पुन: लिखा. पटकथा लेखक डेविड कोप इसके बाद मोरमों के प्रारूप को नए तरीके से प्रारंभ कर शामिल हुए और स्पिलबर्ग के उस विचार का उपयोग किया जिसमें एक कार्टून को आगंतुकों को अधिकांश प्रदर्शन को हटाने के लिए दिखाया जाना था जो क्रिस्टन के उपन्यास को पूरा करता है। स्पिलबर्ग ने प्रोकाम्पसोगनेथस के उप-कथावस्तु को हटा दिया था जिसमें किशोरों को मुख्य भूमि से बचा कर आक्रमण किया गया था क्योंकि उसने इसे अत्यधिक डरावना माना था। यह उप- कथावस्तु अंतत: स्पिलबर्ग द्वारा निर्देशित सीक्वल द लॉस्ट वर्ल्ड में प्रस्तावना के रूप में उपयोग किया जाएगा. हेमंड को निर्दयी व्यवसायी से एक दयालु वृद्ध आदमी के रूप में परिवर्तित कर दिया गया था क्योंकि स्पिलबर्ग ने हेमंड के जूनून को शोमैनशिप के साथ पहचाना था। उसने टिन और लेक्स के पात्रों में भी परिवर्तन किया; किताबों में, टिम की उम्र 11 और कंप्यूटर में है और लेक्स की उम्र सात या आठ और यह खेलों में है। स्पिलबर्ग ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह कम उम्र के जोसेफ मजेलो के साथ कार्य करना चाहता था और इससे उसे ग्रांट पर लेक्स के किशोरावस्था को दबाने की अनुमति मिली. कोपे ने ग्रांट के बचचों के साथ संबंधों को बदल दिया और उसे प्रारंभिक रूप से प्रतिरोधी बनाया ताकि चरित्र का विकास हो सके. कोप ने आर्थिक कारणों से पुस्तक से व्यापक तारतम्यता को काटने का अवसर प्राप्त किया, जहां टी. रेक्स ने ग्रांट का पीछा किया और बच्चे मल्डन द्वारा शांत किए जाने के पहले नदी में लाए गए। यह दृश्य टी रेक्स को प्रतिस्थापित कर स्पिनोसोरस के साथ जुरासिक पार्क III में खंडों में पुनर्जीवित किया गया था।निमार्ण-पूर्व के 25 महीनों के बाद, इसका फिल्मांकन 24 अगस्त 1992 में काउ के हवाई द्वीप पर प्रारंभ हुआʻi.ʻ तीन सप्ताह की शूटिंग में कई दिन के समय के बाह्यभागों को शामिल किया गया। 11 सितंबर को, इनिकी नामक चक्रवात प्रत्यक्ष रूप से कुआ से गुजराʻ, जिससे क्रू को एक दिन की शूटिंग का नुकसान हुए. सिनेमा में आंधी के कई दृश्य वास्तविक है जो चक्रवात के दौरान शूट किए गए। गेल्लिमिनस का पीछा करने का निर्धारित दृश्य को ओहु के द्वीप के कुआलोआ रेंच पर ले जाया गया था और प्रारंभिक दृश्यों में से एक दृश्य को डिजिटल रूप से एनिमेट कर एक स्टिल शॉट के रूप में निर्मित किया गया था। क्रू यूनिवर्सली स्टूडियो के स्टेज 24 पर शूटिंग करने के लिए यूएसए की मुख्य भूमि पर वापस आया ताकि रसोई घर में रेप्टर्स के वाले दृश्यों को प्राप्त किया जा सके. मोंटाना डिग दृश्यों के लिए रेड रॉक् केयोन के स्थान पर जाने के पहले क्रू ने स्टेज 23 पर बिजली आपूर्ति के दृश्यो को भी शूट किया।[ क्रू ग्रांट द्वारा टिम को बचाने की शूटिंग के लिए वापस यूनिवर्सल आया, जिसमें पचास फुट के सहारे को हाइड्रोलिक पहिए का उपयोग कार के गिरने और ब्राकिओसोरस के मुठभेड़ के लिए किया गया था। क्रू ने पार्क के प्रयोगशाला और नियंत्रण कक्ष के लिए दृश्यों का फिल्मांकन किया जिसमें सिलिकॉन ग्राफिक्स और एप्प्ल से किराए पर लिए गए कंप्यूटरों के लिए एनिमेशनों का उपयोग किया।निर्माण दल टी. रेक्स के एसयूवी पर आक्रमण को फिल्माने के लिए वार्नर ब्रदर्स के स्टूडियो के मंच 16 पर आ गया। शूटिंग निराशाजनक साबित होने लगी जब एनीमेट्रोनिक डाईनोसौर की फोम रबर से बनी त्वचा पानी को सोखने लगी. टी. रेक्स ' के चलने से पानी के गिलास में पड़ने वाली तरंगें स्पीलबर्ग द्वारा अपनी कार में पृथ्वी, वायु तथा अग्नि को सुने जाने से प्रेरित थीं, तथा वह कम्पन बास की लय से उत्पन्न था। लान्टीरी यह निश्चित नहीं कर पा रहा था कि फिल्माए जाने से पहले रात्रि तक शॉट को कैसे तैयार किया जाये, तब उसने पानी के ग्लास को स्वयं बजाये जा रहे गिटार पर रखा, तथा उसको पानी के ग्लास में वे सम्केंद्रीय वृत्ताकार तरंगें प्राप्त हो गयीं जैसा स्पीलबर्ग चाहते थे। अगली सुबह, गिटार के तारों को कार के अन्दर रख दिया गया तथा एक व्यक्ति जमीन पर बैठ कर उन तारों को बजाने लगा जिससे कि यह प्रभाव प्राप्त किया जा सके. उधर वापस यूनिवर्सल में, निर्माण दल मंच 27 पर डाईलोफ़ोसौरस के साथ के दृश्यों को फिल्माने लगा. अंततः, मंच 12 पर शूटिंग समाप्त हो गयी, रैप्टरों के साथ पार्क के कम्प्यूटर कक्षों तथा आगंतुक कक्षों में किये गए पीछा करने के दृश्य भी फिल्मा लिए गए। स्पीलबर्ग टी.रेक्स को फिल्म के क्लाईमैक्स में वापस लेकर आये, उन्होंने अपनी मौलिक समाप्ति, जिसमें ग्रांट एक प्लेटफॉर्म मशीन का प्रयोग करते हुए युक्ति से रैप्टर को जीवाश्म टायेरैनोसौर के जबड़ों में दाल देते हैं, को रद्द कर दिया. फिल्म 30 नवम्बर को अपने तय कार्यक्रम से बारह दिन पहले ही बन कर समाप्त हो गयी, तथा संपादक माइकल कान ने कुछ दिनों के अन्दर ही एक प्राथमिक कट बना कर तैयार कर दिया, इसके कारण स्पीलबर्ग शिंडलर्स लिस्ट को फिल्माना प्रारंभ कर सके.फिल्म पर विशेष प्रभावों का कार्य जारी रहा, टीपेट की इकाई नयी तकनीक को डाइनोसौर की इनपुट उपकरणों के साथ समायोजित करते रहे: ये वे मॉडल थे जो कम्प्यूटर में सूचनाओं को भरने का कार्य करते थे ताकि चरित्रों को परंपरागत रूप से एनिमेट किया जा सके. इसके अतिरिक्त, उन्होंने रैपटर्स तथा गैलीमिमस के दृश्यों का अभिनय भी किया। कम्प्यूटर द्वारा निर्मित डायनासोर के साथ ही साथ, आईएलएम ने ऐसे तत्वों का निर्माण, जैसे कि पानी की छपछपाहट तथा अरियाना रिचर्ड के स्टंट के लिए चेहरे का डिजिटल प्रतिस्थापन, भी किया। डाइनोसौर को लाइव एक्शन दृश्यों के साथ संयोजन करने में लगभग एक घंटा लगा. डाइनोसौरों के प्रतिपादन में दो से चार घंटे प्रति फ्रेम लगते थे, तथा बारिश में टी.रेक्स के प्रतिपादन में छह घंटे प्रति फ्रेम तक लगे. स्पीलबर्ग उनकी प्रगति की निगरानी पोलैंड से कर रहे थे। संगीतकार जॉन विलियम्स ने फरवरी के अंत से फिल्म के स्कोर (संगीत पक्ष) पर कार्य करना प्रारंभ किया, तथा इसे एक महीने बाद जॉन न्यूफेल्ड व एलेक्जेंदर करेज द्वारा संचालित किया गया। लुकास जॉर्ज की देखरेख में, ध्वनि प्रभाव निर्माण दल, का कार्य अप्रैल के अंत तक समाप्त हो गया था। जुरासिक पार्क का निर्माण पूरी तरह मई 28, 1993 को समाप्त हो गया।
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सुपरस्टार रजनीकांत ने अपनी तमिल फिल्म 'कोचादैयां' की रिलीज से एक सप्ताह पूर्व अपनी अगली फिल्म 'लिंगा' की शूटिंग शुरू होने की उम्मीद जताई है.
फिल्म को यह नाम उनके एक नाती के नाम पर दिया गया है. लिंगा, अभिनेता धनुष और उनकी पत्नी ऐश्वर्या के दूसरे बेटे हैं. ऐश्वर्या रजनीकांत की बेटी हैं.फिल्म यूनिट से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि फिल्म को 'लिंगा' नाम दिया गया है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो हम शायद मई के पहले सप्ताह से शूटिंग शुरू करें. मैं इस वक्त फिल्म के बारे में और खुलासा नहीं कर सकता.
फिल्म का निर्देशन करने वाले के.एस. रविकुमार ने मंगलवार को अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर लिंगा शीर्षक वाला एक पोस्टर साझा किया.
पोस्टर में सुपरस्टार के साथ अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा, अनुष्का शेट्टी और ए.आर. रहमान नजर आ रहे हैं. दो ऑस्कर विजेता संगीतकार रहमान फिल्म के लिए धुन बनाएंगे। यह रजनीकांत के साथ उनकी सातवीं फिल्म होगी.
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शनिवार को नेपाल के सेना प्रमुख जनरल पूर्ण चंद्र थापा को ‘भारतीय सेना के जनरल’ की मानद पदवी प्रदान करेंगे. नेपाल के सेना अध्यक्ष की चार दिवसीय भारत यात्रा शनिवार को शुरू हो रही है. इस दौरान वो द्विपक्षीय सैन्य सहयोग को बढ़ाने के उद्देश्य से भारतीय सेना के शीर्ष नेतृत्व के साथ व्यापक बातचीत भी करेंगे.
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि वर्षों पुरानी परंपरा का पालन करते हुए नेपाल के सेना प्रमुख को ‘भारतीय सेना के जनरल’ की मानद पदवी प्रदान की जाएगी. दोनों देशों के बीच एक-दूसरे के सेना प्रमुख को मानद जनरल की पदवी प्रदान करने की पुरानी परंपरा है. भारतीय सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत को 2017 में नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने ‘नेपाली सेना के जनरल’ की मानद पदवी प्रदान की थी.
कमांडर इन चीफ जनरल केएम करियप्पा 1950 में नेपाल की सेना द्वारा इस पदवी से विभूषित किए जाने वाले पहले भारतीय सेना प्रमुख थे. जनरल थापा की यात्रा पर भारतीय सेना ने कहा, ‘यह यात्रा दोनों सेनाओं के बीच गहरे संबंध का प्रतीक है. यह दोनों सेनाओं के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत करने का मंच प्रदान करेगी.’जनरल थापा जयपुर और लखनऊ में भारतीय सेना के प्रतिष्ठानों का भी दौरा करेंगे.
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर के अंतिम संस्कार से जुड़ी यात्रा निकलने के कारण लंदन शहर बुधवार की सुबह पूरी तरह ठहर गया। लोग सड़कों के किनारे थैचर को आखिरी विदाई देने के लिए मौजूद थे। थैचर के पार्थिव शरीर वाला ताबूत पैलेस ऑफ वेस्टमिंस्टर से बाहर लाया गया। उनका बीते 8 अप्रैल को 87 साल की उम्र में निधन हो गया था।
उनकी अंतिम यात्रा व्हाइटहॉल से सेंट पॉल्स कैथड्रल तक निकली, जहां अंतिम संस्कार के लिए 2,300 मेहमान जमा हुए हैं।टिप्पणियां
रास्ते में कुछ प्रदर्शनकारी भी मौजूद थे और उन्होंने कहा कि यह पैसे की फिजुलखर्ची है।
प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि आज जो कुछ भी हो रहा है वह बिुल्कल सही है। यह एक महान प्रधानमंत्री को सच्ची श्रद्धांजलि है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं। उन्होंने अपने जीवन में कुछ अद्भुत चीजें भी हासिल कीं। मेरा मानना है कि एक बहादुर महिला ने बहुत कठिन काम किया है।’’
उनकी अंतिम यात्रा व्हाइटहॉल से सेंट पॉल्स कैथड्रल तक निकली, जहां अंतिम संस्कार के लिए 2,300 मेहमान जमा हुए हैं।टिप्पणियां
रास्ते में कुछ प्रदर्शनकारी भी मौजूद थे और उन्होंने कहा कि यह पैसे की फिजुलखर्ची है।
प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि आज जो कुछ भी हो रहा है वह बिुल्कल सही है। यह एक महान प्रधानमंत्री को सच्ची श्रद्धांजलि है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं। उन्होंने अपने जीवन में कुछ अद्भुत चीजें भी हासिल कीं। मेरा मानना है कि एक बहादुर महिला ने बहुत कठिन काम किया है।’’
रास्ते में कुछ प्रदर्शनकारी भी मौजूद थे और उन्होंने कहा कि यह पैसे की फिजुलखर्ची है।
प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि आज जो कुछ भी हो रहा है वह बिुल्कल सही है। यह एक महान प्रधानमंत्री को सच्ची श्रद्धांजलि है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं। उन्होंने अपने जीवन में कुछ अद्भुत चीजें भी हासिल कीं। मेरा मानना है कि एक बहादुर महिला ने बहुत कठिन काम किया है।’’
प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि आज जो कुछ भी हो रहा है वह बिुल्कल सही है। यह एक महान प्रधानमंत्री को सच्ची श्रद्धांजलि है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं। उन्होंने अपने जीवन में कुछ अद्भुत चीजें भी हासिल कीं। मेरा मानना है कि एक बहादुर महिला ने बहुत कठिन काम किया है।’’
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चीन की द्वितीय पूर्वी-पश्चिमी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन गुरुवार से चालू हो गई। यह दुनिया की सबसे लम्बी पाइपलाइन है। मध्य एशिया और चीन को जोड़ने वाली यह प्राकृतिक गैस पाइपलाइन से प्राकृतिक गैस तुर्कमेनिस्तान से पूर्वी चीन के पर्ल नदी डेल्टा क्षेत्र तक जाएगी। इस क्रम में वह देश के 15 प्रांतों से गुजरेगी। पाइपलाइन की कुल लम्बाई 8,700 किलोमीटर है। इसके निर्माण पर 21.98 अरब डॉलर की लागत आई है।
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दिल्ली के करोलबाग इलाके के बीदानपुरा में सोमवार को कपड़े की एक छोटी फैक्ट्री में भीषण आग लग गई. आग लगने से फैक्ट्री में काम करने वाले चार लोगों की जलकर मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया.
दोपहर करीब 12.22 बजे आग लगने की जानकारी दमकल विभाग को मिली. इसके बाद दमकल विभाग की गाड़ियां मौके पर पहुंची. लेकिन तब तक उसमें काम करने वाले चार लोगों की जलकर मौत हो चुकी थी. दमकल विभाग के कर्मचारियों ने उनके शव बाहर निकाले और आग पर काबू पाया गया. शुरुआती जांच में पता लगा है कि आग केमिकल के गिरने की वजह से लगी है.
आग लगने पर बीदानपुरा इलाके में हड़कंप मच गया. फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियों ने आग पर काबू पाया. पुलिस और फायर डिपार्टमेंट आग लगने की वजहों की जांच कर रहे हैं.
फायर डिपार्टमेंट के मुताबिक दोपहर तकरीबन साढ़े 12 बजे सूचना मिली कि करोलबाग इलाके के बिदानपुरा कपड़ा मार्केट की गली नम्बर तीन में आग लग गई है. फायर डिपार्टमेंट और पुलिस मौके पर पहुंची. फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियों ने मशक्कत कर आग पर काबू पाया. जब अंदर जाकर देखा तो काम करने वाले चार लोगों की लाशें जली हालत में पड़ी थीं. एक शख्स को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया. मृतकों की पहचान भगन प्रसाद (55), आरएम नरेश (40), आरती(20) और आशा (40) के तौर पर हुई है. गम्भीर घायल शख्स का नाम अजीत (25) है.
मृतक भगन के रिश्तेदार उमेश ने बताया कि हमें जानकारी मिली है यहां भगन कपड़ों का काम करता था. आग लगने से उसकी मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि इस फैक्ट्री में छह लोग काम करते हैं. जैसे ही आग लगी, काम करने वालों में से पांच लोग आग की चपेट में आ गए. इसमें चार लोगों की मौत हो गई.टिप्पणियां
पुलिस ने बताया कि यह फैक्ट्री अजय खुराना नाम के शख्स की है जो रिवाज गारमेंट के नाम से व्यवसाय करता है. इस फैक्ट्री में कपड़ों को आयरन करने के साथ कपड़ों पर लगे धब्बों को केमिकल के जरिए हटाने का काम किया जाता है.
पुलिस ने अजय खुराना को गिरफ्तार कर लिया है. शुरुआती जांच में ऐसा लग रहा है कि कपड़े को साफ करने वाले केमिकल की वजह से ही आग लगी.
दोपहर करीब 12.22 बजे आग लगने की जानकारी दमकल विभाग को मिली. इसके बाद दमकल विभाग की गाड़ियां मौके पर पहुंची. लेकिन तब तक उसमें काम करने वाले चार लोगों की जलकर मौत हो चुकी थी. दमकल विभाग के कर्मचारियों ने उनके शव बाहर निकाले और आग पर काबू पाया गया. शुरुआती जांच में पता लगा है कि आग केमिकल के गिरने की वजह से लगी है.
आग लगने पर बीदानपुरा इलाके में हड़कंप मच गया. फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियों ने आग पर काबू पाया. पुलिस और फायर डिपार्टमेंट आग लगने की वजहों की जांच कर रहे हैं.
फायर डिपार्टमेंट के मुताबिक दोपहर तकरीबन साढ़े 12 बजे सूचना मिली कि करोलबाग इलाके के बिदानपुरा कपड़ा मार्केट की गली नम्बर तीन में आग लग गई है. फायर डिपार्टमेंट और पुलिस मौके पर पहुंची. फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियों ने मशक्कत कर आग पर काबू पाया. जब अंदर जाकर देखा तो काम करने वाले चार लोगों की लाशें जली हालत में पड़ी थीं. एक शख्स को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया. मृतकों की पहचान भगन प्रसाद (55), आरएम नरेश (40), आरती(20) और आशा (40) के तौर पर हुई है. गम्भीर घायल शख्स का नाम अजीत (25) है.
मृतक भगन के रिश्तेदार उमेश ने बताया कि हमें जानकारी मिली है यहां भगन कपड़ों का काम करता था. आग लगने से उसकी मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि इस फैक्ट्री में छह लोग काम करते हैं. जैसे ही आग लगी, काम करने वालों में से पांच लोग आग की चपेट में आ गए. इसमें चार लोगों की मौत हो गई.टिप्पणियां
पुलिस ने बताया कि यह फैक्ट्री अजय खुराना नाम के शख्स की है जो रिवाज गारमेंट के नाम से व्यवसाय करता है. इस फैक्ट्री में कपड़ों को आयरन करने के साथ कपड़ों पर लगे धब्बों को केमिकल के जरिए हटाने का काम किया जाता है.
पुलिस ने अजय खुराना को गिरफ्तार कर लिया है. शुरुआती जांच में ऐसा लग रहा है कि कपड़े को साफ करने वाले केमिकल की वजह से ही आग लगी.
आग लगने पर बीदानपुरा इलाके में हड़कंप मच गया. फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियों ने आग पर काबू पाया. पुलिस और फायर डिपार्टमेंट आग लगने की वजहों की जांच कर रहे हैं.
फायर डिपार्टमेंट के मुताबिक दोपहर तकरीबन साढ़े 12 बजे सूचना मिली कि करोलबाग इलाके के बिदानपुरा कपड़ा मार्केट की गली नम्बर तीन में आग लग गई है. फायर डिपार्टमेंट और पुलिस मौके पर पहुंची. फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियों ने मशक्कत कर आग पर काबू पाया. जब अंदर जाकर देखा तो काम करने वाले चार लोगों की लाशें जली हालत में पड़ी थीं. एक शख्स को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया. मृतकों की पहचान भगन प्रसाद (55), आरएम नरेश (40), आरती(20) और आशा (40) के तौर पर हुई है. गम्भीर घायल शख्स का नाम अजीत (25) है.
मृतक भगन के रिश्तेदार उमेश ने बताया कि हमें जानकारी मिली है यहां भगन कपड़ों का काम करता था. आग लगने से उसकी मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि इस फैक्ट्री में छह लोग काम करते हैं. जैसे ही आग लगी, काम करने वालों में से पांच लोग आग की चपेट में आ गए. इसमें चार लोगों की मौत हो गई.टिप्पणियां
पुलिस ने बताया कि यह फैक्ट्री अजय खुराना नाम के शख्स की है जो रिवाज गारमेंट के नाम से व्यवसाय करता है. इस फैक्ट्री में कपड़ों को आयरन करने के साथ कपड़ों पर लगे धब्बों को केमिकल के जरिए हटाने का काम किया जाता है.
पुलिस ने अजय खुराना को गिरफ्तार कर लिया है. शुरुआती जांच में ऐसा लग रहा है कि कपड़े को साफ करने वाले केमिकल की वजह से ही आग लगी.
फायर डिपार्टमेंट के मुताबिक दोपहर तकरीबन साढ़े 12 बजे सूचना मिली कि करोलबाग इलाके के बिदानपुरा कपड़ा मार्केट की गली नम्बर तीन में आग लग गई है. फायर डिपार्टमेंट और पुलिस मौके पर पहुंची. फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियों ने मशक्कत कर आग पर काबू पाया. जब अंदर जाकर देखा तो काम करने वाले चार लोगों की लाशें जली हालत में पड़ी थीं. एक शख्स को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया. मृतकों की पहचान भगन प्रसाद (55), आरएम नरेश (40), आरती(20) और आशा (40) के तौर पर हुई है. गम्भीर घायल शख्स का नाम अजीत (25) है.
मृतक भगन के रिश्तेदार उमेश ने बताया कि हमें जानकारी मिली है यहां भगन कपड़ों का काम करता था. आग लगने से उसकी मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि इस फैक्ट्री में छह लोग काम करते हैं. जैसे ही आग लगी, काम करने वालों में से पांच लोग आग की चपेट में आ गए. इसमें चार लोगों की मौत हो गई.टिप्पणियां
पुलिस ने बताया कि यह फैक्ट्री अजय खुराना नाम के शख्स की है जो रिवाज गारमेंट के नाम से व्यवसाय करता है. इस फैक्ट्री में कपड़ों को आयरन करने के साथ कपड़ों पर लगे धब्बों को केमिकल के जरिए हटाने का काम किया जाता है.
पुलिस ने अजय खुराना को गिरफ्तार कर लिया है. शुरुआती जांच में ऐसा लग रहा है कि कपड़े को साफ करने वाले केमिकल की वजह से ही आग लगी.
मृतक भगन के रिश्तेदार उमेश ने बताया कि हमें जानकारी मिली है यहां भगन कपड़ों का काम करता था. आग लगने से उसकी मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि इस फैक्ट्री में छह लोग काम करते हैं. जैसे ही आग लगी, काम करने वालों में से पांच लोग आग की चपेट में आ गए. इसमें चार लोगों की मौत हो गई.टिप्पणियां
पुलिस ने बताया कि यह फैक्ट्री अजय खुराना नाम के शख्स की है जो रिवाज गारमेंट के नाम से व्यवसाय करता है. इस फैक्ट्री में कपड़ों को आयरन करने के साथ कपड़ों पर लगे धब्बों को केमिकल के जरिए हटाने का काम किया जाता है.
पुलिस ने अजय खुराना को गिरफ्तार कर लिया है. शुरुआती जांच में ऐसा लग रहा है कि कपड़े को साफ करने वाले केमिकल की वजह से ही आग लगी.
पुलिस ने बताया कि यह फैक्ट्री अजय खुराना नाम के शख्स की है जो रिवाज गारमेंट के नाम से व्यवसाय करता है. इस फैक्ट्री में कपड़ों को आयरन करने के साथ कपड़ों पर लगे धब्बों को केमिकल के जरिए हटाने का काम किया जाता है.
पुलिस ने अजय खुराना को गिरफ्तार कर लिया है. शुरुआती जांच में ऐसा लग रहा है कि कपड़े को साफ करने वाले केमिकल की वजह से ही आग लगी.
पुलिस ने अजय खुराना को गिरफ्तार कर लिया है. शुरुआती जांच में ऐसा लग रहा है कि कपड़े को साफ करने वाले केमिकल की वजह से ही आग लगी.
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राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के मुख्य कोच विम कोवरमैन्स की भूमिका की कड़ी आलोचना हो रही है, क्योंकि भारतीय टीम सैफ चैंपियनशिप के फाइनल में अफगानिस्तान से हारकर अपना दबदबा कायम नहीं रख पाई।
ओलिंपियन पीके बनर्जी जब टीम के मैनेजर और तकनीकी निदेशक थे, तब भारत ने 2005 में खिताब जीता था। उन्होंने कहा कि इस हार के बाद हॉलैंड के कोच के काम की समीक्षा की जानी चाहिए। विदेशी कोचों पर हमला बोलते हुए पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, वह एक साल से टीम के साथ हैं और उन्हें अच्छा वेतन दिया जा रहा है।
विशेषज्ञ पैनल द्वारा उनकी भूमिका की जांच की जानी चाहिए। यह पूछने पर कि कोवरमैन्स को हटा देना चाहिए, तो बनर्जी ने कहा, मुझे किसी के बारे में राय क्यों देनी चाहिए, जबकि किसी को महासंघ द्वारा नियुक्त किया गया है। एआईएफएफ को इसे देखना चाहिए। भारतीय टीम के प्रदर्शन से निराश बनर्जी ने कहा, जब कमजोर नेपाल से हारने से पहले टीम एक गोल से पिछड़ गई थी, तो मैंने देखना ही बंद कर दिया। प्रदर्शन से सचमुच काफी निराशा हुई।
भारत के महान खिलाड़ी चुन्नी गोस्वामी ने कोच की रणनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारतीय कप्तान सुनील छेत्री को शुरुआती एकादश से बाहर क्यों किया गया। गोस्वामी ने कहा, यह काफी खराब फैसला था, जो अंत में खराब साबित हुआ। कोच और पूरी टीम को इसके लिए जिम्मेदार ठहराना चाहिए। भारत को इस तरह से हारते हुए देखना दुर्भाग्यपूर्ण था। गोस्वामी ने कहा, भारतीय टीम दक्षिण एशिया की मजबूत टीम है, लेकिन इस हार से उसका दबदबा खत्म हो गया। टिप्पणियां
पूर्व भारतीय खिलाड़ी और ध्यानचंद पुरस्कार प्राप्त कर चुके शब्बीर अली ने कहा कि इस खराब परिणाम के लिए कोई बहाना नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, पूरी टीम को इस हताशाजनक प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। यह सचमुच हैरानी करने वाला था कि वे अफगानिस्तान से कैसे हार गए, जबकि सेमीफाइनल में मालदीव के खिलाफ उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया था। पूर्व भारतीय कोच सईद नईमुद्दीन ने कहा, मुझे लगता है कि विम को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। इस समय भारतीय कोच की जरूरत है और उन्हें वही सारी सुविधाएं दी जानी चाहिए, जो एक विदेशी कोच को दी जाती हैं।
सुभाष भौमिक ने भी कोवरमैन्स की छेत्री को बाहर रखने की रणनीति की आलोचना की। उन्होंने कहा, मैं कोच के छेत्री को बाहर रखने के फैसले से हैरान था। मैं कोच के बारे में टिप्पणी नहीं करूंगा, क्योंकि महासंघ को केवल यही लगता है कि वे विदेशी कोच के बिना कुछ नहीं कर सकते।
ओलिंपियन पीके बनर्जी जब टीम के मैनेजर और तकनीकी निदेशक थे, तब भारत ने 2005 में खिताब जीता था। उन्होंने कहा कि इस हार के बाद हॉलैंड के कोच के काम की समीक्षा की जानी चाहिए। विदेशी कोचों पर हमला बोलते हुए पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, वह एक साल से टीम के साथ हैं और उन्हें अच्छा वेतन दिया जा रहा है।
विशेषज्ञ पैनल द्वारा उनकी भूमिका की जांच की जानी चाहिए। यह पूछने पर कि कोवरमैन्स को हटा देना चाहिए, तो बनर्जी ने कहा, मुझे किसी के बारे में राय क्यों देनी चाहिए, जबकि किसी को महासंघ द्वारा नियुक्त किया गया है। एआईएफएफ को इसे देखना चाहिए। भारतीय टीम के प्रदर्शन से निराश बनर्जी ने कहा, जब कमजोर नेपाल से हारने से पहले टीम एक गोल से पिछड़ गई थी, तो मैंने देखना ही बंद कर दिया। प्रदर्शन से सचमुच काफी निराशा हुई।
भारत के महान खिलाड़ी चुन्नी गोस्वामी ने कोच की रणनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारतीय कप्तान सुनील छेत्री को शुरुआती एकादश से बाहर क्यों किया गया। गोस्वामी ने कहा, यह काफी खराब फैसला था, जो अंत में खराब साबित हुआ। कोच और पूरी टीम को इसके लिए जिम्मेदार ठहराना चाहिए। भारत को इस तरह से हारते हुए देखना दुर्भाग्यपूर्ण था। गोस्वामी ने कहा, भारतीय टीम दक्षिण एशिया की मजबूत टीम है, लेकिन इस हार से उसका दबदबा खत्म हो गया। टिप्पणियां
पूर्व भारतीय खिलाड़ी और ध्यानचंद पुरस्कार प्राप्त कर चुके शब्बीर अली ने कहा कि इस खराब परिणाम के लिए कोई बहाना नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, पूरी टीम को इस हताशाजनक प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। यह सचमुच हैरानी करने वाला था कि वे अफगानिस्तान से कैसे हार गए, जबकि सेमीफाइनल में मालदीव के खिलाफ उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया था। पूर्व भारतीय कोच सईद नईमुद्दीन ने कहा, मुझे लगता है कि विम को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। इस समय भारतीय कोच की जरूरत है और उन्हें वही सारी सुविधाएं दी जानी चाहिए, जो एक विदेशी कोच को दी जाती हैं।
सुभाष भौमिक ने भी कोवरमैन्स की छेत्री को बाहर रखने की रणनीति की आलोचना की। उन्होंने कहा, मैं कोच के छेत्री को बाहर रखने के फैसले से हैरान था। मैं कोच के बारे में टिप्पणी नहीं करूंगा, क्योंकि महासंघ को केवल यही लगता है कि वे विदेशी कोच के बिना कुछ नहीं कर सकते।
विशेषज्ञ पैनल द्वारा उनकी भूमिका की जांच की जानी चाहिए। यह पूछने पर कि कोवरमैन्स को हटा देना चाहिए, तो बनर्जी ने कहा, मुझे किसी के बारे में राय क्यों देनी चाहिए, जबकि किसी को महासंघ द्वारा नियुक्त किया गया है। एआईएफएफ को इसे देखना चाहिए। भारतीय टीम के प्रदर्शन से निराश बनर्जी ने कहा, जब कमजोर नेपाल से हारने से पहले टीम एक गोल से पिछड़ गई थी, तो मैंने देखना ही बंद कर दिया। प्रदर्शन से सचमुच काफी निराशा हुई।
भारत के महान खिलाड़ी चुन्नी गोस्वामी ने कोच की रणनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारतीय कप्तान सुनील छेत्री को शुरुआती एकादश से बाहर क्यों किया गया। गोस्वामी ने कहा, यह काफी खराब फैसला था, जो अंत में खराब साबित हुआ। कोच और पूरी टीम को इसके लिए जिम्मेदार ठहराना चाहिए। भारत को इस तरह से हारते हुए देखना दुर्भाग्यपूर्ण था। गोस्वामी ने कहा, भारतीय टीम दक्षिण एशिया की मजबूत टीम है, लेकिन इस हार से उसका दबदबा खत्म हो गया। टिप्पणियां
पूर्व भारतीय खिलाड़ी और ध्यानचंद पुरस्कार प्राप्त कर चुके शब्बीर अली ने कहा कि इस खराब परिणाम के लिए कोई बहाना नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, पूरी टीम को इस हताशाजनक प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। यह सचमुच हैरानी करने वाला था कि वे अफगानिस्तान से कैसे हार गए, जबकि सेमीफाइनल में मालदीव के खिलाफ उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया था। पूर्व भारतीय कोच सईद नईमुद्दीन ने कहा, मुझे लगता है कि विम को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। इस समय भारतीय कोच की जरूरत है और उन्हें वही सारी सुविधाएं दी जानी चाहिए, जो एक विदेशी कोच को दी जाती हैं।
सुभाष भौमिक ने भी कोवरमैन्स की छेत्री को बाहर रखने की रणनीति की आलोचना की। उन्होंने कहा, मैं कोच के छेत्री को बाहर रखने के फैसले से हैरान था। मैं कोच के बारे में टिप्पणी नहीं करूंगा, क्योंकि महासंघ को केवल यही लगता है कि वे विदेशी कोच के बिना कुछ नहीं कर सकते।
भारत के महान खिलाड़ी चुन्नी गोस्वामी ने कोच की रणनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारतीय कप्तान सुनील छेत्री को शुरुआती एकादश से बाहर क्यों किया गया। गोस्वामी ने कहा, यह काफी खराब फैसला था, जो अंत में खराब साबित हुआ। कोच और पूरी टीम को इसके लिए जिम्मेदार ठहराना चाहिए। भारत को इस तरह से हारते हुए देखना दुर्भाग्यपूर्ण था। गोस्वामी ने कहा, भारतीय टीम दक्षिण एशिया की मजबूत टीम है, लेकिन इस हार से उसका दबदबा खत्म हो गया। टिप्पणियां
पूर्व भारतीय खिलाड़ी और ध्यानचंद पुरस्कार प्राप्त कर चुके शब्बीर अली ने कहा कि इस खराब परिणाम के लिए कोई बहाना नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, पूरी टीम को इस हताशाजनक प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। यह सचमुच हैरानी करने वाला था कि वे अफगानिस्तान से कैसे हार गए, जबकि सेमीफाइनल में मालदीव के खिलाफ उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया था। पूर्व भारतीय कोच सईद नईमुद्दीन ने कहा, मुझे लगता है कि विम को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। इस समय भारतीय कोच की जरूरत है और उन्हें वही सारी सुविधाएं दी जानी चाहिए, जो एक विदेशी कोच को दी जाती हैं।
सुभाष भौमिक ने भी कोवरमैन्स की छेत्री को बाहर रखने की रणनीति की आलोचना की। उन्होंने कहा, मैं कोच के छेत्री को बाहर रखने के फैसले से हैरान था। मैं कोच के बारे में टिप्पणी नहीं करूंगा, क्योंकि महासंघ को केवल यही लगता है कि वे विदेशी कोच के बिना कुछ नहीं कर सकते।
पूर्व भारतीय खिलाड़ी और ध्यानचंद पुरस्कार प्राप्त कर चुके शब्बीर अली ने कहा कि इस खराब परिणाम के लिए कोई बहाना नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, पूरी टीम को इस हताशाजनक प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। यह सचमुच हैरानी करने वाला था कि वे अफगानिस्तान से कैसे हार गए, जबकि सेमीफाइनल में मालदीव के खिलाफ उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया था। पूर्व भारतीय कोच सईद नईमुद्दीन ने कहा, मुझे लगता है कि विम को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। इस समय भारतीय कोच की जरूरत है और उन्हें वही सारी सुविधाएं दी जानी चाहिए, जो एक विदेशी कोच को दी जाती हैं।
सुभाष भौमिक ने भी कोवरमैन्स की छेत्री को बाहर रखने की रणनीति की आलोचना की। उन्होंने कहा, मैं कोच के छेत्री को बाहर रखने के फैसले से हैरान था। मैं कोच के बारे में टिप्पणी नहीं करूंगा, क्योंकि महासंघ को केवल यही लगता है कि वे विदेशी कोच के बिना कुछ नहीं कर सकते।
सुभाष भौमिक ने भी कोवरमैन्स की छेत्री को बाहर रखने की रणनीति की आलोचना की। उन्होंने कहा, मैं कोच के छेत्री को बाहर रखने के फैसले से हैरान था। मैं कोच के बारे में टिप्पणी नहीं करूंगा, क्योंकि महासंघ को केवल यही लगता है कि वे विदेशी कोच के बिना कुछ नहीं कर सकते।
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भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई ने सोमवार को कहा कि संविधान के सुझावों पर ध्यान देना ‘हमारे सर्वश्रेष्ठ हित' में है और ऐसा नहीं करने से अराजकता तेजी से बढ़ेगी. प्रधान न्यायाधीश ने यहां संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम के उद्घाटन भाषण में यह बात कही.
कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि संविधान स्वतंत्र भारत का आधुनिक ग्रंथ है. संविधान नागरिकों को सशक्त करता है, वहीं नागरिक भी संविधान का पालन कर उसे मजबूत बनाते हैं. उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी संविधान दिवस की बधाई देते हुए कहा कि संविधान की मूल भावनाओं और प्रावधानों को निजी और सार्वजनिक जीवन में लागू किया जाना चाहिए.
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘हमें अपने संविधान पर गर्व है और इसमें उल्लेखित मूल्यों को बरकरार रखने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं.'' संविधान दिवस 26 नवम्बर को मनाया जाता है. 26 नवम्बर 1949 को संविधान सभा ने भारत के संविधान को मंजूर किया था और वह 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मौके पर बिना किसी का नाम लिए कहा कि संविधान को ‘मिटाने का षड्यंत्र करने वालों' को उनकी पार्टी कभी सफल नहीं होने देगी. गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘ भारत का संविधान हमारे संघर्ष और अस्तित्व दोनों की पहचान है. यह हमारा दर्शन है. हमारा अभिमान है. हमारी रग-रग में इसका रंग है.''
अपने संबोधन में न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा कि संविधान हाशिए पर पड़े लोगों के साथ ही बहुमत के विवेक की भी आवाज है और यह अनिश्चितता तथा संकट के वक्त में सतत् मार्गदर्शक की भूमिका निभाता है. उन्होंने कहा, ‘‘संविधान की बातों पर ध्यान देना हमारे सर्वश्रेष्ठ हित में है और अगर हम ऐसा नहीं करेंगे तो हमारा अभिमान तेजी से अव्यवस्था में तब्दील हो जाएगा.'' उन्होंने कहा,‘‘संविधान भारत की जनता के जीवन का अभिन्न अंग बन गया है. यह कोई अतिशंयोक्ति नहीं है, अदालतें रोजाना जिस प्रकार के भिन्न मुद्दों पर सुनवाई करतीं है उसे लोगों को देखना चाहिए.'' टिप्पणियां
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि संविधान ने न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के बीच शक्तियों का बंटवारा किया है. इन तीनों को संविधान को कायम रखने की जिम्मेदारियां दी हैं ताकि वे इसकी (संविधान की) आशाओं एवं उम्मीदों को साकार कर सकें. उन्होंने कहा कि संविधान का संरक्षण करना और उसे मजबूत करना भारत के लोगों की साझेदारी के साथ इन तीनों संस्थाओं का साझा कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि संविधान को अंगीकार करना भारत की लोकतांत्रिक यात्रा में एक मील का पत्थर है. उन्होंने कहा कि संविधान में शायद सबसे ज्यादा मर्मस्पर्शी शब्द ‘‘न्याय'' है.
उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि लोगों को संवैधानिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं में आस्था रखनी चाहिए. उपराष्ट्रपति सचिवालय ने ट्वीट किया,‘‘हमें अपने निजी और सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी को बनाये रखना चाहिए और संवैधानिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं में आस्था रखनी चाहिए.
(इनपुट भाषा से)
कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि संविधान स्वतंत्र भारत का आधुनिक ग्रंथ है. संविधान नागरिकों को सशक्त करता है, वहीं नागरिक भी संविधान का पालन कर उसे मजबूत बनाते हैं. उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी संविधान दिवस की बधाई देते हुए कहा कि संविधान की मूल भावनाओं और प्रावधानों को निजी और सार्वजनिक जीवन में लागू किया जाना चाहिए.
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘हमें अपने संविधान पर गर्व है और इसमें उल्लेखित मूल्यों को बरकरार रखने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं.'' संविधान दिवस 26 नवम्बर को मनाया जाता है. 26 नवम्बर 1949 को संविधान सभा ने भारत के संविधान को मंजूर किया था और वह 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मौके पर बिना किसी का नाम लिए कहा कि संविधान को ‘मिटाने का षड्यंत्र करने वालों' को उनकी पार्टी कभी सफल नहीं होने देगी. गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘ भारत का संविधान हमारे संघर्ष और अस्तित्व दोनों की पहचान है. यह हमारा दर्शन है. हमारा अभिमान है. हमारी रग-रग में इसका रंग है.''
अपने संबोधन में न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा कि संविधान हाशिए पर पड़े लोगों के साथ ही बहुमत के विवेक की भी आवाज है और यह अनिश्चितता तथा संकट के वक्त में सतत् मार्गदर्शक की भूमिका निभाता है. उन्होंने कहा, ‘‘संविधान की बातों पर ध्यान देना हमारे सर्वश्रेष्ठ हित में है और अगर हम ऐसा नहीं करेंगे तो हमारा अभिमान तेजी से अव्यवस्था में तब्दील हो जाएगा.'' उन्होंने कहा,‘‘संविधान भारत की जनता के जीवन का अभिन्न अंग बन गया है. यह कोई अतिशंयोक्ति नहीं है, अदालतें रोजाना जिस प्रकार के भिन्न मुद्दों पर सुनवाई करतीं है उसे लोगों को देखना चाहिए.'' टिप्पणियां
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि संविधान ने न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के बीच शक्तियों का बंटवारा किया है. इन तीनों को संविधान को कायम रखने की जिम्मेदारियां दी हैं ताकि वे इसकी (संविधान की) आशाओं एवं उम्मीदों को साकार कर सकें. उन्होंने कहा कि संविधान का संरक्षण करना और उसे मजबूत करना भारत के लोगों की साझेदारी के साथ इन तीनों संस्थाओं का साझा कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि संविधान को अंगीकार करना भारत की लोकतांत्रिक यात्रा में एक मील का पत्थर है. उन्होंने कहा कि संविधान में शायद सबसे ज्यादा मर्मस्पर्शी शब्द ‘‘न्याय'' है.
उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि लोगों को संवैधानिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं में आस्था रखनी चाहिए. उपराष्ट्रपति सचिवालय ने ट्वीट किया,‘‘हमें अपने निजी और सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी को बनाये रखना चाहिए और संवैधानिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं में आस्था रखनी चाहिए.
(इनपुट भाषा से)
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘हमें अपने संविधान पर गर्व है और इसमें उल्लेखित मूल्यों को बरकरार रखने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं.'' संविधान दिवस 26 नवम्बर को मनाया जाता है. 26 नवम्बर 1949 को संविधान सभा ने भारत के संविधान को मंजूर किया था और वह 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मौके पर बिना किसी का नाम लिए कहा कि संविधान को ‘मिटाने का षड्यंत्र करने वालों' को उनकी पार्टी कभी सफल नहीं होने देगी. गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘ भारत का संविधान हमारे संघर्ष और अस्तित्व दोनों की पहचान है. यह हमारा दर्शन है. हमारा अभिमान है. हमारी रग-रग में इसका रंग है.''
अपने संबोधन में न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा कि संविधान हाशिए पर पड़े लोगों के साथ ही बहुमत के विवेक की भी आवाज है और यह अनिश्चितता तथा संकट के वक्त में सतत् मार्गदर्शक की भूमिका निभाता है. उन्होंने कहा, ‘‘संविधान की बातों पर ध्यान देना हमारे सर्वश्रेष्ठ हित में है और अगर हम ऐसा नहीं करेंगे तो हमारा अभिमान तेजी से अव्यवस्था में तब्दील हो जाएगा.'' उन्होंने कहा,‘‘संविधान भारत की जनता के जीवन का अभिन्न अंग बन गया है. यह कोई अतिशंयोक्ति नहीं है, अदालतें रोजाना जिस प्रकार के भिन्न मुद्दों पर सुनवाई करतीं है उसे लोगों को देखना चाहिए.'' टिप्पणियां
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि संविधान ने न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के बीच शक्तियों का बंटवारा किया है. इन तीनों को संविधान को कायम रखने की जिम्मेदारियां दी हैं ताकि वे इसकी (संविधान की) आशाओं एवं उम्मीदों को साकार कर सकें. उन्होंने कहा कि संविधान का संरक्षण करना और उसे मजबूत करना भारत के लोगों की साझेदारी के साथ इन तीनों संस्थाओं का साझा कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि संविधान को अंगीकार करना भारत की लोकतांत्रिक यात्रा में एक मील का पत्थर है. उन्होंने कहा कि संविधान में शायद सबसे ज्यादा मर्मस्पर्शी शब्द ‘‘न्याय'' है.
उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि लोगों को संवैधानिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं में आस्था रखनी चाहिए. उपराष्ट्रपति सचिवालय ने ट्वीट किया,‘‘हमें अपने निजी और सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी को बनाये रखना चाहिए और संवैधानिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं में आस्था रखनी चाहिए.
(इनपुट भाषा से)
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मौके पर बिना किसी का नाम लिए कहा कि संविधान को ‘मिटाने का षड्यंत्र करने वालों' को उनकी पार्टी कभी सफल नहीं होने देगी. गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘ भारत का संविधान हमारे संघर्ष और अस्तित्व दोनों की पहचान है. यह हमारा दर्शन है. हमारा अभिमान है. हमारी रग-रग में इसका रंग है.''
अपने संबोधन में न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा कि संविधान हाशिए पर पड़े लोगों के साथ ही बहुमत के विवेक की भी आवाज है और यह अनिश्चितता तथा संकट के वक्त में सतत् मार्गदर्शक की भूमिका निभाता है. उन्होंने कहा, ‘‘संविधान की बातों पर ध्यान देना हमारे सर्वश्रेष्ठ हित में है और अगर हम ऐसा नहीं करेंगे तो हमारा अभिमान तेजी से अव्यवस्था में तब्दील हो जाएगा.'' उन्होंने कहा,‘‘संविधान भारत की जनता के जीवन का अभिन्न अंग बन गया है. यह कोई अतिशंयोक्ति नहीं है, अदालतें रोजाना जिस प्रकार के भिन्न मुद्दों पर सुनवाई करतीं है उसे लोगों को देखना चाहिए.'' टिप्पणियां
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि संविधान ने न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के बीच शक्तियों का बंटवारा किया है. इन तीनों को संविधान को कायम रखने की जिम्मेदारियां दी हैं ताकि वे इसकी (संविधान की) आशाओं एवं उम्मीदों को साकार कर सकें. उन्होंने कहा कि संविधान का संरक्षण करना और उसे मजबूत करना भारत के लोगों की साझेदारी के साथ इन तीनों संस्थाओं का साझा कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि संविधान को अंगीकार करना भारत की लोकतांत्रिक यात्रा में एक मील का पत्थर है. उन्होंने कहा कि संविधान में शायद सबसे ज्यादा मर्मस्पर्शी शब्द ‘‘न्याय'' है.
उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि लोगों को संवैधानिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं में आस्था रखनी चाहिए. उपराष्ट्रपति सचिवालय ने ट्वीट किया,‘‘हमें अपने निजी और सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी को बनाये रखना चाहिए और संवैधानिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं में आस्था रखनी चाहिए.
(इनपुट भाषा से)
अपने संबोधन में न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा कि संविधान हाशिए पर पड़े लोगों के साथ ही बहुमत के विवेक की भी आवाज है और यह अनिश्चितता तथा संकट के वक्त में सतत् मार्गदर्शक की भूमिका निभाता है. उन्होंने कहा, ‘‘संविधान की बातों पर ध्यान देना हमारे सर्वश्रेष्ठ हित में है और अगर हम ऐसा नहीं करेंगे तो हमारा अभिमान तेजी से अव्यवस्था में तब्दील हो जाएगा.'' उन्होंने कहा,‘‘संविधान भारत की जनता के जीवन का अभिन्न अंग बन गया है. यह कोई अतिशंयोक्ति नहीं है, अदालतें रोजाना जिस प्रकार के भिन्न मुद्दों पर सुनवाई करतीं है उसे लोगों को देखना चाहिए.'' टिप्पणियां
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि संविधान ने न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के बीच शक्तियों का बंटवारा किया है. इन तीनों को संविधान को कायम रखने की जिम्मेदारियां दी हैं ताकि वे इसकी (संविधान की) आशाओं एवं उम्मीदों को साकार कर सकें. उन्होंने कहा कि संविधान का संरक्षण करना और उसे मजबूत करना भारत के लोगों की साझेदारी के साथ इन तीनों संस्थाओं का साझा कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि संविधान को अंगीकार करना भारत की लोकतांत्रिक यात्रा में एक मील का पत्थर है. उन्होंने कहा कि संविधान में शायद सबसे ज्यादा मर्मस्पर्शी शब्द ‘‘न्याय'' है.
उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि लोगों को संवैधानिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं में आस्था रखनी चाहिए. उपराष्ट्रपति सचिवालय ने ट्वीट किया,‘‘हमें अपने निजी और सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी को बनाये रखना चाहिए और संवैधानिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं में आस्था रखनी चाहिए.
(इनपुट भाषा से)
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि संविधान ने न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के बीच शक्तियों का बंटवारा किया है. इन तीनों को संविधान को कायम रखने की जिम्मेदारियां दी हैं ताकि वे इसकी (संविधान की) आशाओं एवं उम्मीदों को साकार कर सकें. उन्होंने कहा कि संविधान का संरक्षण करना और उसे मजबूत करना भारत के लोगों की साझेदारी के साथ इन तीनों संस्थाओं का साझा कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि संविधान को अंगीकार करना भारत की लोकतांत्रिक यात्रा में एक मील का पत्थर है. उन्होंने कहा कि संविधान में शायद सबसे ज्यादा मर्मस्पर्शी शब्द ‘‘न्याय'' है.
उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि लोगों को संवैधानिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं में आस्था रखनी चाहिए. उपराष्ट्रपति सचिवालय ने ट्वीट किया,‘‘हमें अपने निजी और सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी को बनाये रखना चाहिए और संवैधानिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं में आस्था रखनी चाहिए.
(इनपुट भाषा से)
उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि लोगों को संवैधानिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं में आस्था रखनी चाहिए. उपराष्ट्रपति सचिवालय ने ट्वीट किया,‘‘हमें अपने निजी और सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी को बनाये रखना चाहिए और संवैधानिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं में आस्था रखनी चाहिए.
(इनपुट भाषा से)
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कुछ समय पहले हॉलीवुड के सुपरस्टार विल स्मिथ भारत दौरे पर आए थे. इस दौरान वे हरिद्वार समेत कई जगहों पर गए और उन जगहों को जाना. विल स्मिथ ने सोशल मीडिया पर अपने इंडिया विजिट की कुछ तस्वीरें शेयर की हैं जो तेजी से वायरल हो रही हैं. एक फोटो में विल स्मिथ भगवान के सामने बैठकर प्रार्थना करते हुए नजर आ रहे हैं.
इसके अलावा वे आरती के दौरान लोगों के साथ बैठे हुए नजर आ रहे हैं. उन्होंने कैप्शन में लिखा- ''मेरी दादी कहा करती थी कि भगवान अनुभव के माध्यम से सिखाते थे. भारत की यात्रा और रंगों का अनुभव करते हुए लोगों व प्राकृतिक सुंदरता ने मेरे अंदर मेरी कला, दुनिया की सच्चाई को लेकर नई समझ पैदा की है.'' इन तस्वीरों को अभी तक 14 लाख से ज्यादा लाइक्स मिले हैं.
दिलचस्प बात यह है कि यह पहली बार नहीं है जब विल ने भारत के प्रति अपना प्यार जताया है. कुछ दिन पहले भी उन्होंने बॉलीवुड में काम करने और ऑटो रिक्शा की सवारी का अनुभव साझा किया था. विल ने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक तस्वीर शेयर की थी जिसमें ऑटो के सफर का आनंद लेते हुए नजर आ रहे हैं. उन्होंने कैप्शन में लिखा था- ''जब आप भारत भ्रमण पर हों, तो वहां पहुंचने का केवल एक ही रास्ता है. विल स्मिथ की बकेट लिस्ट के समापन पर विल की टुक टुक बॉलीवुड की ओर.
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My Grandmother used to say, “God Teaches through Experience”. Traveling to India & Experiencing the colors, people and natural beauty has awakened a new understanding of myself, my Art & the Truths of the world.
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Will Smith
(@willsmith) on
Apr 6, 2019 at 1:51pm PDT
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गौरतलब है कि हाल ही में करण जौहर ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें विल स्मिथ 'राधा तेरी चुनरी' गाने पर डांस करते हुए नजर आ रहे हैं. मजेदार ये है कि इस गाने में टाइगर श्रॉफ, अन्नया पांडे, तारा सुतारिया और पुनीत मल्होत्रा के साथ विल स्मिथ थिरकते नजर आए.
जानकारी के अनुसार विल स्टूडेंट्स ऑफ द ईयर 2 में नजर आने वाले हैं. हालांकि फिल्म में उनका किरदार क्या होगा इसका खुलासा नहीं हुआ है.
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मध्य प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से आयोजित 12वीं बोर्ड परीक्षा के पहले दिन मंगलवार को 296 नकलची पकड़े गए. इस परीक्षा में साढ़े सात लाख से ज्यादा परीक्षार्थी सम्मिलित हो रहे हैं.
मंडल के जनसंपर्क अधिकारी एस.के. चौरसिया की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, परीक्षा के पहले दिन मुरैना में 27, भिंड में 212, छतरपुर में तीन, पन्ना में चार, सागर में दो, शहडोल में दो, सिंगरौली में एक, देवास में छह, राजगढ़ में पांच, सीहोर में दो, विदिशा में दो, रायसेन में एक, बैतूल में पांच, जबलपुर में तीन, कटनी में तीन, नरसिंहपुर में 15, डिंडौरी में निरीक्षण दलों द्वारा नकल के तीन प्रकरण बनाए गए हैं.
3835
परीक्षा केंद्र
बनाए गए
मंडल कार्यालय से दी गई जानकारी में बताया गया है कि हायर सेकेंडरी परीक्षा की शुरुआत हिंदी के पेपर से हुई है. इस परीक्षा के लिए 3835 केंद्र बनाए गए हैं, इनमें से 945 संवेदन और अतिसंवेदनशील केंद्र है. यहां सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए गए हैं. इस परीक्षा में सात लाख 70 हजार से ज्यादा परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं.
नकल रोकने के पुख्ता इंतजाम
मंडल ने नकल को रोकने के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. परीक्षा केंद्रों के बाहर पेटियां रखी गई हैं, परीक्षा केंद्र में प्रवेश से पहले परीक्षार्थी नकल को पेटी में डाल सकेगा, परीक्षा केंद्र में नकल पाए जाने पर परीक्षार्थी की परीक्षा निरस्त कर दी जाएगी. वहीं छात्राओं की तलाशी सिर्फ महिला शिक्षक ही ले सकेंगी.वहीं बोर्ड की ओर से हाईस्कूल की परीक्षा दो मार्च से शुरू होगी. इस परीक्षा में 12 लाख से अधिक परीक्षार्थी सम्मिलित होंगे. इस परीक्षा को व्यवस्थित तरीके से संपन्न कराने के लिए मंडल ने पुख्ता इंतजाम किए हैं.
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लेख: श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट (एस.एस.एस.टी) एक संग्रहालय बनाने की योजना बना रहा है, जिसमें देशभर के प्रसिद्ध संतों की मोम की प्रतिमाएं लगाई जाएंगी.
एस.एस.एस.टी के अध्यक्ष सुरेश हावड़े ने यहां संवाददाताओं से कल कहा कि मोम प्रतिमा संग्रहालय विश्व के अन्य प्रसिद्ध मोम प्रतिमा संग्रहालयों की तरह ही होगा. इसमें कुछ प्रसिद्ध संतों की मोम की प्रतिमाएं लगाई जाएंगी. संतों पर लिखा गया साहित्य भी आगंतुकों के लिए यहां उपलब्ध होगा.
हालांकि उन्होंने इस योजना से संबंधित अन्य जानकारी नहीं दी.
हावड़े ने कहा कि संस्थान उन लाखों श्रद्धालुओं के लिए 10 आश्रयस्थल भी बनाएगा जो पैदल चलकर मंदिर आते हैं. यहां श्रद्धालुओं को खाना, आवासीय सुविधा, जल, बायो-शौचालय और मुफ्त में एंबुलेंस की सुविधा मुहैया कराई जाएगी.
उन्होंने बताया कि यह परियोजना एक साल के अंदर पूरा हो जाएगी. अधिकारी ने यह भी बताया कि संस्थान ने जरूरतमंद मरीजों के लिए मुफ्त में इलाज की सुविधा भी शुरू की है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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बानू हरालू वन्य जीव संरक्षण के क्षेत्र में काम कर रही हैं।
मिशन
दो दशक तक टीवी पत्रकारिता (दूरदर्शन और एनडीटीवी) में सक्रिय रहीं बानू हरालू ने अब नागालैंड में वन्य जीव संरक्षण को अपना मिशन बना लिया है।
नागालैंड के वोखा ज़िले के डोयांग जलाशय में हर साल हज़ारों किलोमीटर का सफर कर हज़ारों बाज़ पहुंचते हैं।
आराम करने के बाद के बाद वे दक्षिण अफ़्रीका की ओर रवाना हो जाते हैं. यानी ये बाज़ 22 हज़ार किलोमीटर की दूरी तय करते हैं।
2012 से पहले नागालैंड में इन पक्षियों का बड़े पैमाने पर शिकार होता था।
कोशिश
लेकिन बानू हरालू ने राज्य के मुख्यमंत्री से लेकर बड़े अधिकारियों का ध्यान इस पहलू की ओर आकर्षित किया।
उनकी कोशिशों का नतीजा रहा कि नवंबर 2013 के बाद नागालैंड में प्रवासी पक्षियों का शिकार नहीं हुआ।
मुहिम
अपनी इस मुहिम के लिए बानू ने ‘नागालैंड वाइल्डलाइफ एंड बायोडायवर्सिटी कंजर्वेशन ट्रस्ट’ भी बनाया है।
पुरस्कार
बानू को उनकी पत्रकारिता के लिए साल 2001 में चमेली देवी जैन पुरस्कार से नवाज़ा गया था।
लेखन
उन्होंने बतौर पत्रकार अपने अनुभवों के बारे में पुरस्कृत पत्रकारों के लेखों की किताब, ‘मेकिंग न्यूज़, ब्रेकिंग न्यूज़, हर ओन वे’, में भी लिखा।
सन्दर्भ
एक्सटर्नल लिंक्स
https://web.archive.org/web/20170421040607/http://www.nagalandconservation.in/about/team/
महिला वन्यजीव संरक्षक
नागालैंड के लोग
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ग्रेटर नोएडा के दादरी थाना क्षेत्र के रूपवास गांव के पास आमका रोड पर शनिवार रात पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हो गई. इसमें 65 हजार रुपये का इनामी बदमाश असलम मारा गया और दो पुलिसकर्मी घायल हो गए.
पुलिस कप्तान के जनसंपर्क अधिकारी मनीष सक्सेना ने बताया कि शनिवार रात पुलिस को गोपनीय सूचना मिली कि कुछ
कुख्यात बदमाश
किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए दादरी में आए हैं. इस सूचना के आधार पर पुलिस ने आमका रोड पर चेकिंग शुरू कर दी.
उन्होंने बताया कि चेकिंग के दौरान पुलिस को कुछ लोग एक मोटर साइकिल पर सवार होकर आते दिखाई दिए. जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी. इसके बाद पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी. इसमें असलम नामक बदमाश गंभीर रूप से घायल हो गया. उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
मनीष सक्सेना ने बताया कि असलम का साथी मौके से फरार होने में कामयाब रहा. 30 वर्षीय असलम उत्तर प्रदेश के शामली का रहने वाला था. वह सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और उत्तराखंड में डकैती, लूटपाट व हत्या के कई मामलों में वांछित था.
असलम के सिर पर आईजी मेरठ जोन की तरफ से 50 हजार रुपये और उत्तराखंड सरकार की ओर से 15 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था. सक्सेना ने बताया कि पुलिस ने असलम के पास से एक पिस्तौल और कारतूस बरामद किया है.
उन्होंने बताया कि
बदमाशों और पुलिस
के बीच हुई मुठभेड़ के दौरान दरोगा सौरव कुमार और सिपाही विकास राणा को गोली लगी है. दरोगा सौरभ के पैर और सिपाही विकास के कंधे में गोली लगी. गंभीर रूप से घायल दोनों पुलिसकर्मियों को उपचार के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
वहीं, जिला अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि उत्तर प्रदेश के शामली निवासी 30 वर्षीय असलम को मृत अवस्था में अस्पताल में लाया गया. उसके सिर पर गोली लगी है.
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राजधानी दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम से आज हाफ मैराथन का आयोजन किया गया. दुनियाभर के कई नामी एथलीटों ने नौवीं एयरटेल हाफ मैराथन में शिरकत कर अपना दमखम दिखाया.
जी. लक्ष्मणनन और प्रीजा श्रीधरन रविवार को आयोजित एयरटेल दिल्ली हाफ मैराथन में अव्वल भारतीय पुरुष और महिला एथलीट रहे. जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम से शुरू होकर यहीं समाप्त होने वाले इस मैराथन का मुख्य खिताब इथियोपिया के अतेस्दु सेगे और केन्या की फ्लोरेंस किप्लागेट ने जीता.
सेगे ने 210,000 डॉलर इनामी इस रेस में 59 मिनट 12 सेकेंड समय के साथ नया कोर्स रेकार्ड बनाया और साल 2008 में इथियोपिया के ही डेरिबे मेरगा द्वारा बनाए गए 59 मिनट 15 सेकेंड के कोर्स रिकार्ड को तोड़ दिया. दूसरी ओर फ्लोरेंस ने महिलाओं के वर्ग में एक घंटा आठ मिनट में दौड़ पूरी कर जीत हासिल की.
भारत के पुरुष एथलीटों में लक्ष्मणनन ने एक घंटा चार मिनट और 44 सेकेंड समय के साथ 15वां स्थान हासिल किया. वह भारतीयों में अव्वल रहे. लक्ष्मणनन को पुरस्कार के तौर पर 2.5 लाख रुपये मिले. खेता राम दूसरे और रत्ती राम तीसरे स्थान पर रहे.
ओलम्पिक धाविका प्रीजा ने एक घंटा 20 मिनट 04 सेकेंड में रेस पूरी की. कविता राउत एक घंटे 20 मिनट 09 सेकेंड समय के साथ दूसरे और ललिता बब्बर एक घंटे 20 मिनट 09 सेकेंड समय के साथ ही तीसरे स्थान पर रहीं. ललिता इससे पहले भारत की ओर श्रेष्ठ महिला एथलीट रही हैं.
भारत की ओर से महिला वर्ग में मौजूदा चैम्पियन सुधा सिंह चौथे क्रम पर रहीं. वह पहले स्थान पर आने वाली प्रीजा से 16 सेकेंड बाद में फिनिश लाइन तक पहुंचीं. प्रीजा ने महिला वर्ग में कुल 15वां स्थान हासिल किया.
हाफ मैराथन में 31 हजार से ज्यादा लोगों ने पूरे जोश के साथ हिस्सा लिया. मैराथन में कई नामचीन फिल्मी सितारों ने भी शिरकत की. इस दौरान दिल्ली का उत्साह देखते ही बन रहा था.
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100 मीटर में पूर्व ओलंपिक व विश्व चैंपियन डोनोवन बेली को 'इवेंट एंबेस्डर' नियुक्त किया गया. फ्लाइंग सिख नाम से मशहूर पूर्व भारतीय ट्रैक व फील्ड स्प्रिंटर मिल्खा सिंह इस आयोजन के 'खेल अतिथि' हैं. रिचर्ड हेडली, एलन बॉर्डर, जैकरी-जोएनर कर्सी, डैली थाम्प्सन, कैथरीन फ्रीमैन और डेविड डूडिशा आदि प्रमुख व्यक्ति पिछली मैराथानों में इवेंट एंबेसडर बन चुके हैं.
आयोजन की सुरक्षा व्यवस्था में यातायात पुलिस को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 800 निजी सुरक्षाकर्मियों के अलावा 1000 स्वयंसेवक अपना सहयोग देने में जुटे रहे. 210,000 डॉलर इनामी हॉफ मैराथन में बॉलीवुड, फिल्म और एथलीट जगत की कई हस्तियां एकजुट हुईं.
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नरेंद्र मोदी सरकार के पहले आम बजट में कर में राहत दी गई है तो विकास का वादा किया गया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को बजट पेश करते हुए समाज के हर तबके को खुश करने की कोशिश की है. जानिए, इस बजट के मुख्य बिंदु...
टैक्स
इनकम टैक्स में मिलने वाली छूट की सीमा बढ़ाई गई है. यह सीमा दो लाख से बढा़कर ढाई लाख रुपये की गई है यानी ढाई लाख रुपये तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. 80 सी के तहत मिलने वाली छूट की सीमा एक से बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपये की गई. वरिष्ठ नागरिकों के लिए तीन लाख रुपये तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. इसके अलावा होम लोन के ब्याज पर दो लाख रुपये तक टैक्स की छूट मिलेगी. वित्त मंत्री ने कहा कि पीपीएफ में निवेश की सीमा एक लाख से बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपये किए जाने का प्रस्ताव है. वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) वित्त वर्ष 2014-15 के अंत तक लागू हो की संभावना है.
क्या हुआ सस्ता
और
क्या हुआ महंगा
वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि सिगरेट सहित सभी तरह तम्बाकू पदार्थ महंगे होंगे जबकि दवाइयां सस्ती होंगी. खाद्य तेल, साबुन और सामान्य टीवी सस्ता होगा जबकि कोल्ड ड्रिंक्स और पैकेट का जूस महंगा होगा. 19 इंच से कम वाले एलईडी, एलसीडी टीवी सस्ते होंगे. मोबाइल फोन और कम्प्यूटर के पुर्जे सस्ते होंगे. स्मार्ट कार्ड पर लगने वाला शुल्क कम होगा. स्टेनलेस स्टील के सामान सस्ते होंगे. सौर, वायु ऊर्जा उपकरण सस्ते होंगे. जबकि कपड़े और कॉस्मेटिक महंगे होंगे.
स्मार्ट सिटी
मोदी सरकार देशभर में 100 स्मार्ट सिटी बनाने की तैयारी में है. इसके लिए 7600 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है. देश भर में 7 इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी बनाने की भी योजना है. स्मार्ट सिटी के लिए विदेशी निवेश की भी योजना है. विश्वस्तर के स्मार्ट शहरों के लिए 70 अरब 60 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है. इसके अलावा 20 लाख से अधिक की आबादी वाले शहरों के लिए मेट्रो चलाने का प्रस्ताव है. लखनऊ और अहमदाबाद में मेट्रो के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया है. दिल्ली को विश्वस्तरीय शहर बनाने के उद्देश्य से ऊर्जा के लिए 200 और जनसुधार के लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान.
गंगा
जेटली ने कहा कि अगले 6 साल में गंगा जलमार्ग का विकास किया जाएगा, इसके लिए 4200 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है. यूपी के इलाहाबाद से पश्चिम बंगाल के हल्दिया के बीच गंगा नदी में पानी के जहाज चलेंगे. प्रवासी भारतीय गंगा निधि की शुरुआत होगी. 20 अरब 37 करोड़ रुपए के आवंटन के साथ समन्वित गंगा संरक्षण मिशन 'नमामि गंगे' शुरू होगा. नदी किनारे घाटों के विकास और खूबसूरती के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान है.
नेशनल हाइवे के लिए 37, 880 करोड़ रुपये के अलावा 16 नई बंदरगाह परियोजनाओं का भी प्रस्ताव किया गया है.
पर्यटन
वित्तमंत्री ने आम बजट पेश करते हुए कहा कि अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए देश के नौ हवाई अड्डों पर छह महीनों के अंदर ई-वीजा की सुविधा शुरू हो जाएगी. उन्होंने कहा कि पर्यटन ने रोजगार बढ़ाने में मदद कही है और ई-वीजा पर्यटकों की संख्या बढ़ाएगा. पांच टूरिस्ट सर्किट बनाए जाएंगे. इसके लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान. अमृतसर और मथुरा को हेरिटेज सिटी के तौर पर विकसित किया जाएगा. नमामि गंगा योजना के लिए 2037 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है. धार्मिक शहरों के लिए ‘प्रसाद’ और विरासत शहरों के लिए ‘हृदय’- का शुभारंभ.
शिक्षा
आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने भारत के सभी राज्यों में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जैसे संस्थान खोले जाने की घोषणा की. जेटली ने कहा कि चार नए एम्स (आंध्र प्रदेश, पूर्वांचल, पश्चिम बंगाल और विदर्भ के लिए) की स्थापना की जाएगी. हर साल बिना एम्स वाले राज्यों में नए एम्स खोले जाएंगे. 12 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे. 12 मेडिकल कॉलेजों में डेंटल सुविधा मुहैया कराई जाएगी. पांच नए आईआईटी, पांच नए आईआईएम की स्थापना होगी. इसके अलावा, मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है. एफटीआईआई पुणे और सत्यजीत रे फिल्म एवं टीवी संस्थान कोलकाता को राष्ट्रीय संस्थान का दर्जा दिया जाएगा.
महिला और बाल विकास
महिला और बाल विकास पर विशेष बल दिया गया. महिलाओं के लिए 98,030 करोड़ रुपए और बच्चों के कल्याण के लिए 81,075 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. जेटली ने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना की घोषणा की और बालिका कल्याण के लिए 100 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित किए जाने की घोषणा की. जेटली ने देश में बलिकाओं के प्रति बरती जाने वाली उदासीनता के प्रति चिंता जताई. उन्होंने बताया कि दिल्ली में महिलाओं के लिए संकट प्रबंधन केंद्र खोला जाएगा, इसके लिए राशि निर्भया कोष से दी जाएगी.
बड़े शहरों में महिला सुरक्षा बढ़ाने पर 150 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. स्त्री-पुरुष भेदभाव दूर करने के लिए स्कूलों के पाठ्यक्रम में विशेष अध्याय शामिल किए जाएंगे. सरकारी सड़क परिवहन में महिला सुरक्षा के लिए 50 करोड़ रुपए का प्रावधान. विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) फिर से शुरू किए जाएंगे. महिलाओं के लिए 100 जिलों में SEZ बनाए जाएंगे.
बैंक
देश के सभी परिवारों को बैंक की सेवाएं उपलब्ध कराने के मकसद से एक समयबद्ध कार्यक्रम के रूप में इस साल स्वतंत्रता दिवस से एक वित्तीय समावेशी मिशन शुरू किया जाएगा. हर घर में कम से कम दो बैंक खाते होंगे. एक बैंक खाते पर एक डीमैट खाते का प्रस्ताव है. सभी वित्तीय लेनदेन के लिए एक ही डीमैट एकाउंट होगा. सभी तरह के निवेश के लिए एक ही KYC होगा. दृष्टि बाधितों के लिए करेंसी नोट छापे जाएंगे.
गांव और किसान
जेटली ने कृषि, स्वास्थ्य और ऊर्जा के क्षेत्र में सुधार के लिए कई योजनाओं का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि किसानों के लिए मिट्टी हेल्थ कार्ड योजना शुरू होगी. इसके लिए 100 करोड़ रुपए की नई योजना का ऐलान किया गया. किसानों को 7 फीसदी की दर पर कर्ज मिलेगा. इस साल 'किसान टीवी' चैनल शुरू होगा. इसके लिए 100 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है. ग्रामीण आवास योजना के लिए 8000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है. मिट्टी की जांच के लिए 100 चलती-फिरती प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी. किसान विकास पत्र फिर शुरू होगा. 2022 तक सब के लिए आवास के लक्ष्य के साथ राष्ट्रीय आवास बैंक के लिए 40 अरब रुपए का प्रावधान किया गया है.
सुरक्षित पेय जल उपलब्ध कराने के लिए 3600 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 14,389 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. आदिवासियों के लिए 'वन बंधु कल्याण योजना' का प्रस्ताव है. अनुसूचित जाति कल्याण योजना के लिए 50,548 करोड़ रुपए जबकि अनुसूचित जनजाति कल्याण योजना के लिए 32,387 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. नेशनल वाटरशेड प्रोग्राम के लिए 2100 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ग्रामीण-शहरी मिशन की शुरुआत. हर घर में 24 घंटे बिजली के लिए दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान. किसानों के लिए एक हजार करोड़ रुपए के प्रावधान के साथ प्रधानमंत्री कृषि संचयी योजना शुरू होगी.
FDI
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को प्रोत्साहन देने के लिए अनेक उपायों की घोषणा की गई है. जेटली ने कहा कि निवेशकों के लिए माहौल बेहतर किया जाएगा. निवेशकों के अनुकूल टैक्स ढांचा बनाया जाएगा. रक्षा क्षेत्र में एफडीआई 49 फीसदी किए जाने का प्रस्ताव है. मैन्युफैक्चरिंग और इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई की सीमा बढ़ाकर 49 फीसदी कर दी गई है. छोटे उद्यमों को प्रोत्साहन के लिए वर्ष में 25 करोड़ से ज्यादा के निवेश पर 15 प्रतिशत निवेश भत्ते का प्रस्ताव है.
राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.1 प्रतिशत करने का लक्ष्य है. ‘न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन’ के सिद्धांत के लिए एक्सपेंडेचर मैनेजमेंट कमीशन बनाया जाएगा. वहीं, 500 करोड़ रुपये का प्राइज स्टेबलाइजेशन फंड भी प्रस्तावित है.
सुरक्षा
राज्य पुलिसबलों के आधुनिकीकरण की राशि बढ़ाकर 3000 करोड़ रुपए की गई. सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास और आधुनिकीकरण के लिए 2250 करोड़ रुपए का प्रावधान. 100 करोड़ रुपए के आवंटन के साथ वॉर मेमोरियल और 50 करोड़ रुपए के आवंटन के साथ राष्ट्रीय पुलिस स्मारक की स्थापना का प्रस्ताव. रक्षा आवंटन बढ़ाकर 2,29,000 करोड़ रुपए किया गया.
सीनियर सिटिजंस
वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण पर विशेष बल दिया गया है. वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना सीमित अवधि के लिए फिर शुरू करने का प्रस्ताव है. ईपीएफओ के सदस्यों के लिए न्यूनतम मासिक पेंशन 1000 रुपए किया जाएगा. इसके अलावा 60 साल और इससे ज्यादा उम्र के सभी नागरिकों के लिए पेंशन की व्यवस्था की जाएगी. वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण लिए 6000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है.
पूर्वोत्तर
पूर्वोत्तर में रेल संपर्क बढ़ाने के लिए एक हजार करोड़ रुपए का प्रस्ताव है. इसके अलावा पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए 24 घंटे सेवा देने वाला टीवी चैनल 'अरुण प्रभा' शुरू करने का प्रस्ताव है.
अटल बिहारी वाजपेयी ने एनडीए सरकार के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए 10 प्रतिशत आवंटन अनिवार्य किया था. इस बार मौजूदा बजट से पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए अलग से योजना आवंटन करने का प्रस्ताव है. वित्त वर्ष 2014-15 में पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए 53,706 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं.
खेल एवं युवा
खेलों को प्रोत्साहन देने के लिए 100 करोड़ रुपए के प्रारंभिक आवंटन के साथ युवा नेतृत्व कार्यक्रम की शुरुआत होगी. जम्मू-कश्मीर में विश्वस्तरीय खेल स्टेडियम के लिए 200 करोड़ रुपए जबकि मणिपुर में खेल विश्वविद्यालय बनाने के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. आगामी एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों के लिए महिला और पुरूष खिलाडि़यों के प्रशिक्षण के लिए भी 100 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है.
विविध प्रकार के कौशल कार्यक्रम के लिए 'स्किल इंडिया' की घोषणा की गई. वाराणसी में हथकरघा व्यापार सुविधा केंद्र और शिल्प संग्रहालय बनेगा. वाराणसी के बुनकरों के लिए 50 करोड़ का फंड प्रस्तावित किया गया है. दिल्ली में हस्तकला एकेडमी बनेगी.
अन्य
कश्मीरी विस्थापितों के लिए 500 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान. देश की एकता के प्रतीक सरदार पटेल की विशाल मूर्ति के लिए 200 करोड़ रुपए का प्रस्ताव. हर भारतीय को इंटरनेट उपलब्ध कराने के लिए ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम शुरू होगा. सामुदायिक रेडियो प्रोत्साहन देने के लिए 100 करोड़ रुपए के साथ नई योजना शुरू होगी.
अंडमान निकोबार द्वीप समूह में संचार सुविधाओं के लिए 150 करोड़ रुपए जबकि पुद्दुचेरी में आपदा तैयारियों के लिए 188 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.
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नौनिवेश या गोदी या 'डॉक' (dock) जलयानों के ठहरने के स्थान को कहते हैं। यदि स्थान पूरी तरह घिरा हुआ नहीं है, बल्कि उसका मुख समुद्र से आने-जाने के लिए सदा खुला रहता है, तो उसके लिए 'बेसिन' नाम अधिक उपयुक्त है, यद्यपि यह नाम सर्वव्यापी नहीं है। गोदियों के मुख पर फाटक या कोठियाँ लगी होती हैं, जिससे उनमें यथेच्छ तल तक पानी रखा जा सके। जिस गोदी में पानी प्राय: एक ही तल तक रहता है, वह सजल गोदी कहलाती है तथा जिस गोदी में से पानी बिलकुल खाली किया जा सकता है, वह 'सूखी गोदी' कहलाती है। सूखी गोदी में जहाज निरीक्षण करने या मरम्मत करने के लिए लाए जाते हैं। सूखी गोदी का ही एक रूप 'तिरती गोदी' है। यह तैरते हुए बड़े बड़े पीपों की संरचना होती है, जो भीतर पानी भरकर, या खाली करके, नीची या ऊँची की जा सकती है और जहाज उसपर रखकर पानी के ऊपर उठाया जा सकता है।
जिन पत्तनों में प्रकृतिप्रदत्त सुरक्षित और गहरा विशाल बेसिन होता है, ज्वारभाटा कम आता है और समुद्र में तेज धाराएँ नहीं होतीं, वहाँ सजल गोदी की आवश्यकता नहीं होती, जैसे न्यूयॉर्क में। किंतु सूखी या तिरती गोदी सभी बड़े आधुनिक पत्तनों का अनिवार्य अंग होती है।
सजल गोदी
समुद्रतट या नदीतट पर प्राकृतिक या गहरी खोदी हुई उपखाड़ी होती है, जिसके किनारे जहाजों में माल लादने या उतारने के लिए पक्के घाट या प्लैटफार्म बने होते हैं। यदि ये तट के समांतर होते है, तो पार्श्वघाट या धक्का कहलाते हैं। और यदि जल में प्रवेश करते हुए तट के लंबवत्अथवा अन्य किसी कोण पर बने होते हैं, तो पाए कहलाते हैं। घाट, धक्के या पाए सजल गोदी के मुख्य अंग हैं। कभी कभी तिरते घाट भी बनाए जाते हैं, जो ज्वार भाटे के साथ ऊँचे नीचे हो सकते हैं। ये चल पुलों द्वारा अचल घाटों से जुड़े रहते हैं।
गोदी की दीवारें बहुत मजबूत बनाई जाती हैं। ये प्राय: (१) धन कंक्रीट की, (२) अखंड कंक्रीट की, (३) संपीडित वायु द्वारा गलाई गई कोठियों की, (४) प्रबलित कंक्रीट में पेंदायुक्त ढोलों की, या (५) स्थूणों, ढोलों आदि की मिश्रित दीवारें होती हैं। इनके ऊपर प्राय: ग्रैनाइट की शीर्षिका (coping) अवश्य रहती है। आजकल जहाज प्राय: बक्सनुमा बनते हैं। उनकी दीवारें सीधी खड़ी रहती हैं या कभी कभी ऊपर की ओर भीतर को झुकी रहती हैं। इसलिए घाट की दीवारें सामने की ओर बिल्कुल खड़ी या लगभग खड़ी बनाई जाती हैं, ताकि जहाज घाट के बिल्कुल पास तक आ सकें और नौभार चढ़ाने उतारनेवाली क्रेनों की पहुँच के भीतर हो सके।
दीवारें पुश्तों की भाँति बनाई जाती हैं, जिनकी पीछे की सतह ढालू या सीढ़ीदार रहती है। इनकी नीवें काफी चौड़ी होती हैं, ताकि नीचे मिट्टी पर उसकी क्षमता से अधिक भार न पड़े। नींव पीछे की ओर कुछ ढालू भी रखी जाती है, ताकि भराई का दबाव पड़ने पर दीवार की ओर खिसक न जाए। दीवार के अचल भार तथा पीछे की भराई की ठेल का ध्यान रखकर दीवारों का अभिकल्पन किया जाता है। इनकी औसत मोटाई, ऊँचाई की चौथाई से कम नहीं होती, प्राय: एक तिहाई रखी जाती है। आधार पर चौड़ाई ऊँचाई की आधी से लेकर दो तिहाई तक होती है। दीवार में लगभग ५०-५० फुट पर जलछिद्र रखे जाते हैं, ताकि जब सामने पानी का तल नीचा हो तब पीछे का पानी निकल सके।
गोदीद्वार तथा जलपाश
जहाँ ज्वार भाटा बहुत ऊँचा (१५� से अधिक) आता है, वहाँ बड़े-बड़े बेसिन घेरकर प्राय: बंद कर लिए जाते हैं और पानी एक ही तल पर बनाए रखने के लिए बड़े-बड़े फाटक लगा दिए जाते हैं। ज्वार के बाद जब भाटा आरंभ होता है, तब ये फाटक बंद कर दिए जाते हैं, जिससे गोदी में पानी ऊँचा रह जाता है। इस प्रकार की गोदियाँ, 'बंद गोदियाँ कहलाती हैं। प्रवेशद्वारा के फाटक में दो पल्ले होते हैं, जो बंद होने पर एक उठी हुई देहल के ऊपर परस्पर मिल जाते हैं। द्वार काफी लंबा होता है। इसकी दीवारों में चौड़े-चौड़े खाँचे होते हैं, जिसमें पल्ले खुलकर घुस जाते हैं। जब फाटक बंद होता है, तब उसपर पड़नेवाली पानी की ठेल रोकने के लिए भी दीवारें पुश्तों का काम करती हैं।
ये फाटक केवल थोड़े समय के लिए ही, अर्थात् जब ज्वार आता है तभी, खोले जा सकते हैं। इसलिए सीमित आवागमन ही हो सकता है। इच्छानुसार आवागमन संभव के लिए द्वारा बहुत लंबा बनाया
जाता है और इसके दोनों सिरों पर फाटक लगाए जाते हैं। इससे बीच में एक जलपाश बन जाता है - उसी प्रकार का जैसा नहरों में झीलों के निकट यातायात के लिए होता है। जलपाश महँगे तो होते हैं और द्वार की अपेक्षा जगह भी घेरते हैं, किंतु दिन रात काम आ सकते हैं। इसलिए आधुनिक बड़े पत्तनों में प्राय: ये ही बनाए जाते हैं। इनमें इकहरे फाटक यदि होते भी हैं, तो केवल सहायक द्वार्रों के रूप में ही।
जलपाश का पानी ऊँचा या नीचा करने के लिए बगली दीवारों में बड़े बड़े जलकपाट (sluice gates) या पुलियाँ होती हैं। आधुनिक बड़े जलपाशों में प्राय: बीच में भी एक फाटक होता है, जिससे जलपाश के दो भाग किए जा सकते हैं और उनमें छोटे छोटे जहाज रखे जा सकते हैं। जहाँ प्रवेशद्वारा पर बहुत ही ऊँचा ज्वार आता है या भीषण लहरें उठती हैं, वहाँ फाटकों की रक्षा के लिए उनसे विपरीत दिशा में खुलनेवाला एक फाटक बाहर की ओर लगा दिया जाता है। यह तूफानी फाटक कहलाता है।
गोदी के फाटक लकड़ी या इस्पात के होते हैं। हरितहृत् (greenheart), जर्रह, या अन्य भारी और कठोर लकड़ी इनमें लगाई जाती है। लोहे पर खारे पानी का बुरा प्रभाव पड़ता है और यदि उसमें मलजल मिला हो, तो और भी अधिक। इसलिए इस्पात के फाटक लगभग ३० वर्ष ही चलते हैं, जबकि लकड़ी के लगभग ५० वर्षों तक चल जाते हैं। लकड़ी के फाटकों का भार भी कम होता है। लिवरपूल गोदी का फाटक ९० फुट चौड़ा और फुट ऊँचा है। इसका हरिहृत् का एक पल्ला वजन में केवल १६५ टन है, जबकि लंदन के ८० फुट चौड़े, फुट ऊँचे फाटक का इस्पात का एक पल्ला १८५ टन का है। लकड़ी के फाटकों की लागत इस्पात के फाटकों की अपेक्षा लगभग ५० प्रतिशत अधिक होती है।
द्वारकोठियाँ या कैसन
ये फाटकों से अच्छे समझे जाते हैं, क्योंकि इनको स्थान देने के लिए दीवारों में बड़े-बड़े खाँचे रखने की आवश्यकता नहीं रहती। कोठियों में बगल में और नीचे की ओर हरितहृत् का संपर्कपृष्ठ बना होता है, जिसपर रबर लगा होता है ताकि द्वार में ठीक फिट होकर यह पानी रोक दे। आवश्यकतानुसार इनका भार कम ज्यादा करने के लिए इनके भीतर पानी की टंकियाँ बनी रहती हैं और उन्हें या खाली करने के लिए पंप, वाल्व आदि लगे रहते हैं। द्वारकोठियाँ दो प्रकार की होती हैं :
तिरती कोठियाँ
ये चौकोर भी हो सकती हैं, किंतु अधिकतर जहाजों की आकृति जैसी होती हैं। इनमें कोई निर्दिष्ट चालन व्यवस्था नहीं होती, बल्कि तैराकर यथास्थान ले जाई जाती हैं। क्षुब्घ मौसम में, या तीव्र धारा में, इन्हें सँभालना आसान नहीं होता।
पारगामी कोठियाँ
ये चौकोर होती हैं और निर्दिष्ट चालनव्यवस्था के अनुसार दो प्रकार की होती हैं - सरकनेवाली कोठियों में लकड़ी के गुटके लगे रहते हैं, जिनके बल वे चिनाई के ऊपर बने रास्ते पर खिसकाकर यथास्थान पहुँचाई जाती हैं। दूसरे प्रकार की पहिएवाली कोठियाँ होती हैं, जो देहल पर लगी पटरियों पर चलती हैं। कभी पहिए फर्श पर और पटरियाँ कोठियों में लगी होती है। पारगामी कोठियाँ जब द्वार खोलने के लिए खिसकाई जाती हैं, तब वे दीवार के भीतर बनी लंबी-लंबी झिर्रियों में घुस जाती हैं।
शुष्क गोदी
सूखी गोदियों में एक या अधिक जहाज अंदर लाकर, फाटक बंद करके पंपों द्वारा पानी निकाल देने का प्रबंध रहता है। इसकी दीवारों और पेंदे पर जलाभेद्य पदार्थ, जैसे कंक्रीट-सहित ईटों की चिनाई या ग्रैनाइट मुखाई, का अस्तर किया रहता है। जहाँ ऊँचे ज्वार भाटे आया करते हैं, वहाँ कभी-कभी उनका लाभ उठाकर ज्वार के समय जहाज अंदर ले आते हैं और भाटे के बाद फाटक बंद कर देते हैं। इस प्रकार पंप द्वारा पानी निकालने की आवश्यकता नहीं रहती।
जहाजों के निर्माण, निरीक्षण और मरम्मत आदि के लिए सूखी गोदियाँ सभी जगह आवश्यक समझी जाती हैं और इनके अभिकल्प के समय भावी विस्तार की गुंजाइश भी रखी जाती है। सूखी गोदी की उपयोगिता इस दृष्टि से आँकी जाती है कि उसमें लंबे से लंबा कितना बड़ा जहाज आ सकता है। बंबई की गोदी, जो सन् १९१४ में चालू हुई, १,००० फुट लंबी, १०० फुट चौड़ी और ३४ फुट ९ इंच गहरी है। यह उस समय संसार की गोदियों में दूसरे नंबर पर थी। इसके पहले ही सन् १९१३ में, लिवरपूल की १,०५० फुट ४ इंच लंबी, १२ फुट चौड़ी और ४३ फुट ११ इंच गहरी, ग्लैड्स्टन गोदी तैयार हो चुकी थी। अब केपटाउन की १,२१२ फुट ६ इंच लंबी, १४८ फुट चौड़ी और ४५ फुट गहरी सूखी गोदी, जो सन् १९४५ में चालू हुई है, संसार में सबसे बड़ी है।
तिरती गोदियों को उठाने की सामर्थ्य ३०० टन से १,००,००० टन तक होती है। द्वितीय विश्वमहायुद्ध के पहले कैंपबेल डिज़ाइन बहुत प्रचलित थी, जिसके अनुसार सदैंप्टन में विशालतम अटलांटिक लाइनरों (liners) और युद्धपोतों को स्थान देने के लिए ६०,००० टन की तिरती गोदी बनी। बाद में तो और भी बड़ी-बड़ी गोदियों की आवश्यकता का अनुभव हुआ। पोर्टस्मथ की ५४,००० टन की 'ऐडमिरेल्टी'' तिरती गोदी ८५९ फुट ६ इंच लंबी और भीतर भीतर १२९ फुट ६ इंच चौड़ी है। यह पानी में ३८ फुट डूबनेवाला जहाज उठा सकती है। द्वितीय विश्वयुद्ध में बमनवर्षा द्वारा नष्ट हुई सिंगापुर की गोदी का स्थान लेने के लिए ५०,००० टन की ८५७ फुट ८ इंच लंबी, १२६ फुट ६ इंच चौड़ी और कुल ४० फुट गहरी गोदी बंबई में १९४७ ई. में तैयार की गई, जो बाद में माल्टा पहुँचाई गई।
तिरती गोदी (floating dock)
तिरती गोदियाँ बड़ी सरलता और तेजी से तैयार की जा सकती हैं, स्थानांतरित की जा सकती हैं और स्थितविशेष के अनुकूल ढाली जा सकती हैं। इसलिए ये जहाजों की आपातकालीन मरम्मत के लिए सुखी गोदियों की अपेक्षा अधिक मूल्यवान् होती हैं। किंतु लोहे या इस्पात की होने के कारण ये ३०-४० वर्ष से अधिक नहीं चलतीं। इनके लिए सुरक्षित स्थान भी चाहिए और अधिक गहराई भी। जहाँ ५०० फुट लंबे, ५५ फुट चौड़े और २८ फुट डूबकर चलनेवाले जहाज के लिए ५२० फुट लंबी, ६० फुट चौड़ी और ३० फुट गहरी सूखी गोदी पर्याप्त होगी, वहाँ तिरती गोदी जहाज के नीचे जाने के लिए २० फुट गहराई और लेगी; और यदि १५-२० फुट ऊँचा ज्वार भाटा आता है (जो बहुत सामान्य है), तो तिरती गोदी के लिए लगभग ७० फुट गहरा पानी चाहिए। यदि कुदरती गहराई इतनी नहीं है, तो तलकर्षण द्वारा इतनी करनी पड़ेगी। सामान्य परिस्थितियों में यह कठिन ही नहीं, प्राय: असंभव है। हाँ, तिरती गोदी की लंबाई चौड़ाई जाहज की लंबाई चौड़ाई से अधिक होनी अनिवार्य नहीं है, केवल उसकी उत्थापन क्षमता जहाज के वजन से अधिक होनी चाहिए।
तिरती गोदियाँ कई प्रकार की होती हैं। कुछ में दोनों और दीवारें होती हैं, कुछ में केवल एक और। दोनों और दीवारवाली गोदियों में बक्से जैसी, काबला-योज्य खंडोंवाली और पीपा खंडों वाली (रेनी द्वारा आविष्कृत) गोदियों का बहुत प्रचलन है। काबलायोज्य खंडोंवाली आधुनिक गोदी में बक्स जैसी गोदी के सभी गुण हैं। यह बड़ी गोदियों में सबसे अच्छी होती है। इसमें लगभग एक सी लंबाई के तीन खंड होते हैं, जो सब एक सीध में जोड़े जा सकते हैं, रखे जाते हैं और उनपर दोनों ओर दो दीवारें काबलों द्वारा कस दी जाती हैं। इनमें कुछ पीपे निकालकर, शेष पीपों के ऊपर दीवारों के बीच लंबाई की दिशा में रखे जा सकते हैं। हवाना की स्पेनी सरकार के लिए सर्वप्रथम बनाई गई, हवाना प्रकार की गोदी में दो खड़ी दीवारें होती हैं, जिनके बीच में पीपे रखकर काबलों से जोड़ दिए जाते हैं। इनमें से कोई भी पीपा निकालकर शेष के ऊपर रखा जा सकता है। यह टाइप अब प्राचीन हो गई है।
एक ओर दीवारवाली गोदी की दो किस्में प्रसिद्ध हैं। अपतट गोदी १८८४ ई॰ में पेटेंट हुई थी। इसकी दीवार तट के के साथ कब्जे लगे गडंरों द्वारा जुड़ी होती है। गोदी दो खंडों में होती है और एक खंड दूसरे के ऊपर रखा जा सकता है। एक ही ओर दीवार होने के कारण इसमें जहाज तीन ओर से चढ़ाए जा सकते हैं। दूसरी किस्म की गोदी निक्षेप गोदी कहलाती है, जो सन् १८७७ में पेटेंट हुई थी। इसमें दीवार तो लंबी होती है, किंतु नीचे पीपों के बीच बीच जगह रहती है, अर्थात् दीवार में पीपे इस प्रकार लगे होते हैं जैसे हाथ में उँगलियाँ। इन पीपों पर रखा हुआ जहाज तट पर बने हुए स्थूणों के जंगले के ऊपर रखा जा सकता है और गोदी खाली की जा सकती है। यह भी दो खंडों में होती है, जो एक दूसरे के ऊपर रखे जा सकते हैं। स्थिरता के लिए ये खंड कब्जों से लगे समांतर दंडों के द्वारा एक तिरती उलड़ी, या रोकलीवर, से जुड़े रहते हैं।
गोदी उपकरण
ये पोत परिवहन के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। आधुनिक पत्तनों में इनकी पर्याप्त व्यवस्था अवश्य होनी चाहिए। इनका उद्देश्य यह है कि समुद्र से आसानी से पोत आ जा सकें, उन्हें पर्याप्त तथा सुरक्षित घाट मिले, नौभार तेजी से चढ़ाने उतारने की सुविधा हो, घाटों पर नौभार लाने और वहाँ से ले जाने की तथा आवश्यकता हो तो उसे गोदाम में रखने की, समुचित व्यवस्था हो। इन सुविधाओं में सुधार कर देने से प्राय: गोदियों के विस्तार में होनेवाला बहुत सा खर्च बचाया जा सकता है।
नौभार से निपटने की विधियाँ विभिनन पत्तनों में भिन्न-भिन्न होती हैं। कहीं पर माल घाट पर उतारकर सीधे रेलगाड़ियों में, या अन्य गाड़ियों में, लाद दिया जाता है। कहीं पर बड़े जहाजों से माल छोटे जहाजों पर उतार लिया जाता है। कहीं-कहीं ये दोनों तरीके अपनाए जाते हैं।
सामान्य नौभार के लिए प्राय: प्रत्येक निकास स्थल पर तीन-तीन टन के एक-एक डॉक क्रेन लगाए जाते हैं। अधिकांश गट्ठरों का औसत वजन प्राय: ३० हंडरवेट होता है। इससे भारी बोझ उठाने के लिए १० से २० टन क्षमतावाले तिरते क्रेन का प्रयोग करना अच्छा रहता है। लगभग २,००० टन सामान्य नौभार प्रति दिन उठाने की व्यवस्था अच्छी समझी जाती है।
प्रशासन
पत्तनों का प्रशासन भी विविध प्रकार का होता है। फ्रांस और इटली में पत्तन राज्यनियंत्रित होते हैं। लंदन, लिवरपूल, ग्लासगो और न्यूयॉर्क के पत्तनों में स्वायत्तशासन व्यवस्था है। ग्रेट ब्रिटेन के बहुतेरे पत्तन पहले रेलवे के नियंत्रण में थे। ब्रिस्टल, ऐंटवर्प, फिलाडेल्फिया और बाल्टिमोर में पत्तनों पर नगरपालिकाओं या महापालिकाओं का नियंत्रण है। अनेक अप्रधान पत्तनों में निजी नियंत्रण ही है।
नियंत्रण अधिकारी कोई भी हो काम सबका एक सा ही है, अर्थात् गोदी संरचनाओं और मशीनों का निर्माण और मरम्मत कराना, पहुँच मार्ग की खुदाई तथा सफाई कराना, भग्नपोत निकालना, प्रकाश की व्यवस्था करना, कुलियों और छोटे जहाजवालों को लाइसेंस देना, गोदी कर्मचारियों पर नियंत्रण रखना, महसूल भाड़ा आदि नियत करना तथा वसूली करना और पुलिस रखना आदि। सामान्य प्रशासन के लिए बहुधा एक बोर्ड बना दिया जाता है, जो अलग-अलग कामों के लिए अलग-अलग समितियाँ नियुक्त कर देता है। पत्तन का सारा संचालन एक गोदी प्रबंधक के अधीन होता है। इसके पास पर्याप्त कर्मचारी होते हैं, जिनमें एक मुख्य इंजीनियर, एक शाहबंदर (harbour master), यातायात प्रबंधक और इनके अधीनस्थ विभागों के कर्मचारी होते हैं।
पत्तन संचालन के लिए राजस्व, वहाँ संरक्षण और स्थान पानेवाले पोतों से महसूल और प्रभार आदि के रूप में वसूल किया जाता है। ये प्रभार अनेक प्रकार के हो सकते हैं, किंतु ये सब प्राय: पोतों के पंजीकृत टनमान के आधार पर ही निर्धारित किए जाते हैं।
जल परिवहन
जल यातायात अधोसंरचना
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रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने बुधवार को कहा कि 12 एडब्ल्यू-101 हेलीकाप्टरों की आपूर्ति के लिए अगस्टा-वेस्टलैंड को और भुगतान रोक दिया गया है हालांकि कंपनी को काली सूची में डालने के संबंध में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
एंटनी ने देवेंद्र गौड़ टी के सवालों के लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया, ‘अगस्टा-वेस्टलैंड से स्पष्टीकरण मांगते हुए 15 फरवरी 2013 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है कि ठेके को रद्द करने के लिए क्यों नहीं कार्रवाई शुरू की जाए.’
उन्होंने कहा कि ठेके के प्रवर्तन पर रोक लगा दी गयी है और कंपनी को और भुगतान रोक दिए गए हैं. उन्होंने हालांकि कहा कि कंपनी को काली सूची में डालने का अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
एंटनी ने कहा कि अगस्टा-वेस्टलैंड की मूल कंपनी फिनमेकानिका के कथित गलत कामों के बारे में इटली में की गयी जांच पड़तालों के संबंध में कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों की गिरफ्तारियों की रिपोर्ट मिलने पर सीबीआई को 12 फरवरी 2013 को इस मामले की जांच करने के लिए कहा गया. उन्होंने कहा कि इस मामले में आगे का ब्यौरा सीबीआई की रिपोर्ट मिलने पर प्राप्त होंगे.
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लेख: अभिनेत्री और बीजेपी सांसद हेमा मालिनी को शनिवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। दौसा जिले में हेमा की मर्सीडीज़ कार के एक अन्य कार से टकराने पर वह घायल हो गई थीं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
फोर्टिस अस्पताल के प्रवक्ता ने बताया कि परिवार के सदस्यों के अनुरोध पर उन्हें सुबह लगभग साढ़े नौ बजे छुट्टी दे दी गई। 66-वर्षीय अभिनेत्री को अपने घावों के चलते अस्पताल में सर्जरी करवानी पड़ी थी।टिप्पणियां
उल्लेखनीय है कि गुरुवार रात जयपुर से 60 किलोमीटर दूर दौसा में हेमा की कार एक अन्य कार से टकरा गई थी। इस दुर्घटना में चार साल की एक बच्ची की मौत हो गई थी और अभिनेत्री समेत पांच अन्य लोग घायल हो गए थे।
दुर्घटना के समय हेमा की कार महेश चंद ठाकुर चला रहा था और उसे दौसा के कोतवाली थाना में गिरफ्तार कर लिया गया। ठाकुर को अतिरिक्त प्रमुख न्यायिक मजिस्ट्रेट पल्लवी शर्मा के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने चालक को जमानत दे दी। बाद में चालक को जमानत पर रिहा कर दिया गया।
फोर्टिस अस्पताल के प्रवक्ता ने बताया कि परिवार के सदस्यों के अनुरोध पर उन्हें सुबह लगभग साढ़े नौ बजे छुट्टी दे दी गई। 66-वर्षीय अभिनेत्री को अपने घावों के चलते अस्पताल में सर्जरी करवानी पड़ी थी।टिप्पणियां
उल्लेखनीय है कि गुरुवार रात जयपुर से 60 किलोमीटर दूर दौसा में हेमा की कार एक अन्य कार से टकरा गई थी। इस दुर्घटना में चार साल की एक बच्ची की मौत हो गई थी और अभिनेत्री समेत पांच अन्य लोग घायल हो गए थे।
दुर्घटना के समय हेमा की कार महेश चंद ठाकुर चला रहा था और उसे दौसा के कोतवाली थाना में गिरफ्तार कर लिया गया। ठाकुर को अतिरिक्त प्रमुख न्यायिक मजिस्ट्रेट पल्लवी शर्मा के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने चालक को जमानत दे दी। बाद में चालक को जमानत पर रिहा कर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार रात जयपुर से 60 किलोमीटर दूर दौसा में हेमा की कार एक अन्य कार से टकरा गई थी। इस दुर्घटना में चार साल की एक बच्ची की मौत हो गई थी और अभिनेत्री समेत पांच अन्य लोग घायल हो गए थे।
दुर्घटना के समय हेमा की कार महेश चंद ठाकुर चला रहा था और उसे दौसा के कोतवाली थाना में गिरफ्तार कर लिया गया। ठाकुर को अतिरिक्त प्रमुख न्यायिक मजिस्ट्रेट पल्लवी शर्मा के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने चालक को जमानत दे दी। बाद में चालक को जमानत पर रिहा कर दिया गया।
दुर्घटना के समय हेमा की कार महेश चंद ठाकुर चला रहा था और उसे दौसा के कोतवाली थाना में गिरफ्तार कर लिया गया। ठाकुर को अतिरिक्त प्रमुख न्यायिक मजिस्ट्रेट पल्लवी शर्मा के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने चालक को जमानत दे दी। बाद में चालक को जमानत पर रिहा कर दिया गया।
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लेख: वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने आने वाले महीनों को मुश्किल बताते हुए कहा कि रुपये पर दबाव बना रहेगा और चालू वित्तवर्ष में वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत से कम रह सकती है। एनडीटीवी बिजनेस लीडरशिप पुरस्कार समारोह में प्रणब ने कहा कि रुपये पर दबाव के पीछे मुख्य तौर पर वैश्विक परिस्थितियां ही जिम्मेदार हैं और जब तक यूरोप के सरकारी ऋण संकट का कोई दीर्घकालिक समाधान नहीं होता है, रुपये पर यह दबाव बना रहेगा।टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि चालू वित्तवर्ष की चौथी तिमाही मुश्किल हो सकती है और वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत से नीचे गिर सकती है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि चालू वित्तवर्ष के दौरान 4.6 के अनुमानित राजकोषीय घाटे को हासिल करना मुख्य चुनौती होगी। मुखर्जी ने कहा कि चालू वित्तवर्ष में हमारे सामने आगे तीन महीने मुश्किल होंगे। 2011-12 के लिए हमारी आर्थिक वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत या फिर इससे कम हो सकती है।
उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकार को समय के अनुरुप नीतियां बनाने के लिए तैयार रहना होगा। सुधार प्रणाली, नियामक ढांचे में सुधार और आने वाले संभावनाओं का लाभ उठाने के लिए संस्थानों को तैयार रखना होगा। मुखर्जी ने कहा रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति पर नियंत्रण और आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन के बीच संतुलन जैसे मुख्य चिंताओं पर गौर करना होगा। रिजर्व बैंक 24 जनवरी को चालू वित्तवर्ष की तीसरी तिमाही की मौद्रिक नीति की समक्षा पेश करेगा।
उन्होंने कहा कि चालू वित्तवर्ष की चौथी तिमाही मुश्किल हो सकती है और वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत से नीचे गिर सकती है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि चालू वित्तवर्ष के दौरान 4.6 के अनुमानित राजकोषीय घाटे को हासिल करना मुख्य चुनौती होगी। मुखर्जी ने कहा कि चालू वित्तवर्ष में हमारे सामने आगे तीन महीने मुश्किल होंगे। 2011-12 के लिए हमारी आर्थिक वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत या फिर इससे कम हो सकती है।
उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकार को समय के अनुरुप नीतियां बनाने के लिए तैयार रहना होगा। सुधार प्रणाली, नियामक ढांचे में सुधार और आने वाले संभावनाओं का लाभ उठाने के लिए संस्थानों को तैयार रखना होगा। मुखर्जी ने कहा रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति पर नियंत्रण और आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन के बीच संतुलन जैसे मुख्य चिंताओं पर गौर करना होगा। रिजर्व बैंक 24 जनवरी को चालू वित्तवर्ष की तीसरी तिमाही की मौद्रिक नीति की समक्षा पेश करेगा।
उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकार को समय के अनुरुप नीतियां बनाने के लिए तैयार रहना होगा। सुधार प्रणाली, नियामक ढांचे में सुधार और आने वाले संभावनाओं का लाभ उठाने के लिए संस्थानों को तैयार रखना होगा। मुखर्जी ने कहा रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति पर नियंत्रण और आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन के बीच संतुलन जैसे मुख्य चिंताओं पर गौर करना होगा। रिजर्व बैंक 24 जनवरी को चालू वित्तवर्ष की तीसरी तिमाही की मौद्रिक नीति की समक्षा पेश करेगा।
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यह एक लेख है: सीबीआई ने कन्नौज में व्हाट्सऐप ग्रुप पर चाइल्ड पोर्न ग्रुप चलाने वाले एक शख्स को गिरफ़्तार किया है. ग्रुप के 129 सदस्यों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया है. सीबीआई ने 20 साल के कुणाल वर्मा को उसके घर से पकड़ा.
इस व्हाट्सऐप ग्रुप में 10 से भी ज़्यादा देशों के लोग शामिल हैं. ग्रुप में अमेरिका, चीन, मेक्सिको, पाकिस्तान, श्रीलंका, केन्या, नाइजीरिया के लोग शामिल हैं.
उल्लेखनीय है कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर केंद्र सरकार ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि 3522 चाइल्ड पोर्नोग्राफी वेबसाइटों को ब्लॉक कर दिया गया है. साथ ही केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड(सीबीएसई) को स्कूलों में पोर्नोग्राफी वेबसाइट को ब्लॉक करने के लिए जैमर लगाने पर विचार करने के लिए कहा गया है. जबकि स्कूल बसों में मोबाइल जैमर लगाना मुश्किल है.टिप्पणियां
केंद्र ने जस्टिस दीपक मिश्रा बेंच को बताया था कि इंटरनेट पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर लगाम लगाने को लेकर सरकार लगातार प्रयास कर रही है. उन्होंने बताया कि जून महीने में 3523 चाइल्ड पोर्नोग्राफी वेबसाइटों को ब्लॉक किया गया है. साथ ही सीबीएसई को स्कूलों में जैमर लगाने पर विचार करने के लिए कहा गया है.
सरकार ने कोर्ट को बताया था कि स्कूल बसों में जैमर लगाना मुश्किल है. इसके बाद कोर्ट ने केंद्र को विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई चार हफ्ते के लिए टाल दी. सरकार को रिपोर्ट में यह बताने के लिए कहा गया है कि अब तक इस मसले पर उसकी ओर से क्या-क्या कदम उठाए गए हैं. कोर्ट ने कहा कि विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट पर गौर करने के बाद इस पर रोकथाम के लिए प्रभावी तंत्र विकसित किया जा सकेगा.
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उल्लेखनीय है कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर केंद्र सरकार ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि 3522 चाइल्ड पोर्नोग्राफी वेबसाइटों को ब्लॉक कर दिया गया है. साथ ही केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड(सीबीएसई) को स्कूलों में पोर्नोग्राफी वेबसाइट को ब्लॉक करने के लिए जैमर लगाने पर विचार करने के लिए कहा गया है. जबकि स्कूल बसों में मोबाइल जैमर लगाना मुश्किल है.टिप्पणियां
केंद्र ने जस्टिस दीपक मिश्रा बेंच को बताया था कि इंटरनेट पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर लगाम लगाने को लेकर सरकार लगातार प्रयास कर रही है. उन्होंने बताया कि जून महीने में 3523 चाइल्ड पोर्नोग्राफी वेबसाइटों को ब्लॉक किया गया है. साथ ही सीबीएसई को स्कूलों में जैमर लगाने पर विचार करने के लिए कहा गया है.
सरकार ने कोर्ट को बताया था कि स्कूल बसों में जैमर लगाना मुश्किल है. इसके बाद कोर्ट ने केंद्र को विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई चार हफ्ते के लिए टाल दी. सरकार को रिपोर्ट में यह बताने के लिए कहा गया है कि अब तक इस मसले पर उसकी ओर से क्या-क्या कदम उठाए गए हैं. कोर्ट ने कहा कि विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट पर गौर करने के बाद इस पर रोकथाम के लिए प्रभावी तंत्र विकसित किया जा सकेगा.
उल्लेखनीय है कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर केंद्र सरकार ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि 3522 चाइल्ड पोर्नोग्राफी वेबसाइटों को ब्लॉक कर दिया गया है. साथ ही केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड(सीबीएसई) को स्कूलों में पोर्नोग्राफी वेबसाइट को ब्लॉक करने के लिए जैमर लगाने पर विचार करने के लिए कहा गया है. जबकि स्कूल बसों में मोबाइल जैमर लगाना मुश्किल है.टिप्पणियां
केंद्र ने जस्टिस दीपक मिश्रा बेंच को बताया था कि इंटरनेट पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर लगाम लगाने को लेकर सरकार लगातार प्रयास कर रही है. उन्होंने बताया कि जून महीने में 3523 चाइल्ड पोर्नोग्राफी वेबसाइटों को ब्लॉक किया गया है. साथ ही सीबीएसई को स्कूलों में जैमर लगाने पर विचार करने के लिए कहा गया है.
सरकार ने कोर्ट को बताया था कि स्कूल बसों में जैमर लगाना मुश्किल है. इसके बाद कोर्ट ने केंद्र को विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई चार हफ्ते के लिए टाल दी. सरकार को रिपोर्ट में यह बताने के लिए कहा गया है कि अब तक इस मसले पर उसकी ओर से क्या-क्या कदम उठाए गए हैं. कोर्ट ने कहा कि विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट पर गौर करने के बाद इस पर रोकथाम के लिए प्रभावी तंत्र विकसित किया जा सकेगा.
केंद्र ने जस्टिस दीपक मिश्रा बेंच को बताया था कि इंटरनेट पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर लगाम लगाने को लेकर सरकार लगातार प्रयास कर रही है. उन्होंने बताया कि जून महीने में 3523 चाइल्ड पोर्नोग्राफी वेबसाइटों को ब्लॉक किया गया है. साथ ही सीबीएसई को स्कूलों में जैमर लगाने पर विचार करने के लिए कहा गया है.
सरकार ने कोर्ट को बताया था कि स्कूल बसों में जैमर लगाना मुश्किल है. इसके बाद कोर्ट ने केंद्र को विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई चार हफ्ते के लिए टाल दी. सरकार को रिपोर्ट में यह बताने के लिए कहा गया है कि अब तक इस मसले पर उसकी ओर से क्या-क्या कदम उठाए गए हैं. कोर्ट ने कहा कि विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट पर गौर करने के बाद इस पर रोकथाम के लिए प्रभावी तंत्र विकसित किया जा सकेगा.
सरकार ने कोर्ट को बताया था कि स्कूल बसों में जैमर लगाना मुश्किल है. इसके बाद कोर्ट ने केंद्र को विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई चार हफ्ते के लिए टाल दी. सरकार को रिपोर्ट में यह बताने के लिए कहा गया है कि अब तक इस मसले पर उसकी ओर से क्या-क्या कदम उठाए गए हैं. कोर्ट ने कहा कि विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट पर गौर करने के बाद इस पर रोकथाम के लिए प्रभावी तंत्र विकसित किया जा सकेगा.
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रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआई) ने बुधवार को सभी अनुमानों के उलट ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. आरबीआई ने रेपो रेट को 7.75 फीसदी जबकि रिवर्स रेपो रेट 6.75 फीसदी पर बरकरार रखा है. इससे जिन लोगों को ईएमआई बढ़ने की चिंता थी वो फिलहाल चैन की सांस ले सकते हैं.
हालांकि यह अनुमान लगाया जा रहा था कि खुदरा एवं थोक मुद्रास्फीति में लगातार वृद्धि के कारण आरबीआई अपनी तिमाही समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दरों में 0.25 फीसदी की एक और वृद्धि कर सकता है. दरअसल थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति नवंबर में बढ़कर 7.52 फीसदी पर पहुंच गई जो कि 14 महीने का शीर्ष स्तर है. मुद्रास्फीति की इस वृद्धि में प्याज, टमाटर, आलू जैसे रोजमर्रा की खाने पीने की वस्तुओं के ऊंचे दाम का काफी योगदान रहा है.
दूसरी तरफ उपभोक्ता मूल्य सूचकांक भी नौ महीने के उच्चस्तर तक पहुंचकर नवंबर में 11.24 फीसदी हो गया. इसके विपरीत औद्योगिक उत्पादन में अक्तूबर माह के दौरान 1.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में पिछले चार महीने में पहली बार गिरावट दर्ज की गई है.
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इससे पहले बारामुला जिले के रफियाबाद में 8 अगस्त को सुरक्षाबलों ने 5 आतंकवादियों को मार गिराया था. जम्मू कश्मीर मे आतंकियो के खिलाफ ऑपेरशन आल आउट चलाया जा रहा है इसके तहत इस साल अब तक 120 से ज़्यादा आतंकी मारे जा चुके है.
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भारतीय सेना ने शनिवार को बताया कि पाकिस्तान की ओर से लगातार हो रहे सीजफायर उल्लंघन का करारा जवाब देते हुए उन्होंने एलओसी के पास केरन सेक्टर में चार पाकिस्तानी चौकियों को नष्ट कर दिया है. इसके अलावा पाकिस्तान की तरफ जानमाल का भारी नुकसान भी हुआ है.
एनडीटीवी को सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान की तरफ हताहतों की संख्या करीब 20 तक हो सकती है. पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर के आरएस पुरा सेक्टर में भी सीजफायर उल्लंघन हुआ है.
पिछले एक हफ्ते के दौरान पाकिस्तान की ओर से कई बार भारतीय चौकियों को निशाना बनाकर सीजफायर का उल्लंघन किया गया है. शनिवार को ही पाकिस्तान की ओर से माछिल सेक्टर में की गई फायरिंग में एक बीएसएफ जवान शहीद हो गया.टिप्पणियां
शुक्रवार को आतंकवादियों ने एलओसी के पास एक भारतीय सैनिक की हत्या करने के बाद उसके शव को क्षत-विक्षत कर दिया था. सेना ने कहा था कि इस बर्बर घटना का माकूल जवाब दिया जाएगा.
बीएसएफ ने बताया था कि जम्मू एवं कश्मीर में अतंरराष्ट्रीय बॉर्डर पर पाकिस्तान की ओर से की जा रही फायरिंग के बाद जवाबी कार्रवाई में शुक्रवार को 15 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे.
एनडीटीवी को सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान की तरफ हताहतों की संख्या करीब 20 तक हो सकती है. पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर के आरएस पुरा सेक्टर में भी सीजफायर उल्लंघन हुआ है.
पिछले एक हफ्ते के दौरान पाकिस्तान की ओर से कई बार भारतीय चौकियों को निशाना बनाकर सीजफायर का उल्लंघन किया गया है. शनिवार को ही पाकिस्तान की ओर से माछिल सेक्टर में की गई फायरिंग में एक बीएसएफ जवान शहीद हो गया.टिप्पणियां
शुक्रवार को आतंकवादियों ने एलओसी के पास एक भारतीय सैनिक की हत्या करने के बाद उसके शव को क्षत-विक्षत कर दिया था. सेना ने कहा था कि इस बर्बर घटना का माकूल जवाब दिया जाएगा.
बीएसएफ ने बताया था कि जम्मू एवं कश्मीर में अतंरराष्ट्रीय बॉर्डर पर पाकिस्तान की ओर से की जा रही फायरिंग के बाद जवाबी कार्रवाई में शुक्रवार को 15 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे.
पिछले एक हफ्ते के दौरान पाकिस्तान की ओर से कई बार भारतीय चौकियों को निशाना बनाकर सीजफायर का उल्लंघन किया गया है. शनिवार को ही पाकिस्तान की ओर से माछिल सेक्टर में की गई फायरिंग में एक बीएसएफ जवान शहीद हो गया.टिप्पणियां
शुक्रवार को आतंकवादियों ने एलओसी के पास एक भारतीय सैनिक की हत्या करने के बाद उसके शव को क्षत-विक्षत कर दिया था. सेना ने कहा था कि इस बर्बर घटना का माकूल जवाब दिया जाएगा.
बीएसएफ ने बताया था कि जम्मू एवं कश्मीर में अतंरराष्ट्रीय बॉर्डर पर पाकिस्तान की ओर से की जा रही फायरिंग के बाद जवाबी कार्रवाई में शुक्रवार को 15 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे.
शुक्रवार को आतंकवादियों ने एलओसी के पास एक भारतीय सैनिक की हत्या करने के बाद उसके शव को क्षत-विक्षत कर दिया था. सेना ने कहा था कि इस बर्बर घटना का माकूल जवाब दिया जाएगा.
बीएसएफ ने बताया था कि जम्मू एवं कश्मीर में अतंरराष्ट्रीय बॉर्डर पर पाकिस्तान की ओर से की जा रही फायरिंग के बाद जवाबी कार्रवाई में शुक्रवार को 15 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे.
बीएसएफ ने बताया था कि जम्मू एवं कश्मीर में अतंरराष्ट्रीय बॉर्डर पर पाकिस्तान की ओर से की जा रही फायरिंग के बाद जवाबी कार्रवाई में शुक्रवार को 15 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे.
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: मुंबई के नायर अस्पताल की मेडिकल छात्रा पायल तड़वी ने कथित तौर पर अपने तीन सीनियरों की ओर से बार-बार होने वाले जातीय टिप्पणी से तंग आकर खुदखुशी कर ली. घरवालों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन से पीड़ित ने इस परेशानी के बारे में बताया भी था लेकिन कुछ नहीं हुआ.
मुंबई के नायर अस्पताल में मई 2018 में पायल तड़वी का एडमिशन हुआ था और वो इसी अस्पताल में बतौर रेजिडेंट डॉक्टर तैनात थी. एडमिशन आरक्षित कोटे से होने के कारण उसके तीन सीनियर सहयोगी इस बार पर उसे प्रताड़ित करते थे और बार-बार इसका जिक्र भी करते थे. यह सिलसिला कई महीनों तक चला. छात्रा ने इसकी शिकायत हॉस्टल के अधिकारियों से भी की थी लेकिन हुआ कुछ नहीं. 22 मई को कथित तौर पर इस परेशानी से तंग आकर उसने आत्महत्या कर ली. परिवार अब न्याय की मांग कर रहा है.
मामले के तीन आरोपी 22 मई से ही फरार हैं. पीड़ित के सहयोगियों के अनुसार एडमिशन के बाद से ही सीनियर लगातार रैगिंग और टॉर्चर कर रहे थे. और शिकायत के बावजूद कोई सहायता नहीं मिलने के कारण हालात और खराब हो गए. हादसे के बाद कई छात्रों ने इसके खिलाफ अस्पतालों में प्रदर्शन भी किया.
अस्पताल के अधिकारियों ने जहां इस पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं तो वहीं पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 306 और एससी एसटी कानून के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
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यह एक लेख है: पाकिस्तान के पेशावर में आर्मी स्कूल में हुए आतंकी हमले के बाद मुंबई पुलिस भी सतर्क हो गई है। मुंबई हमेशा से आतंकियों के निशाने पर रहा है इसलिए मुंबई पुलिस यहां के स्कूलों की सुरक्षा चौकस करने में जुट गई है।
इसके लिए स्कूल प्रबंधन को सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया गया है तो पुलिस ने अलग-अलग स्कूलों में मॉक ड्रील करना शुरू कर दिया है। ऐसा ही एक मॉक ड्रील गोरेगांव के लक्षधाम स्कूल में किया गया है। मंगलवार को सुबह-सुबह अचानक से दबे पांव कमांडो फोर्स को स्कूल में घूसते देख पहले तो विद्यार्थी सहम गए थे, लेकिन थोड़ी ही देर मे वह समझ गए कि यह उनकी सुरक्षा के लिए किया जा रहा अभ्यास है।
यह मुंबई पुलिस की क्विक रिस्पांस टीम के नेतृत्व में किया गया। मॉक ड्रील तकरीबन 2 घंटे चला। आधुनिक हथियारों से लैस जवान बड़ी ही सफाई से स्कूल में घुसे, डमी आतंकी को खोज निकाला और उसे दबोच लिया। इस दौरान विद्यार्थियों को भी ऐसे हमले के समय क्या करना है? कहां छुपना है? कैसे बाहर निकलना है? यह सब जानकारी दी गई।
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पूनरासर राजस्थान प्रान्त का एक ग्राम है। पूनरासर बालाजी पूनरासर की पहचान है। पूनरासर हनुमान जी मंदिर में स्थित खेजड़ी का प्राचीन वृक्ष के नीचे साक्षात हनुमान जी विराजमान हैं इस खेजड़ी के सिर्फ नारियल बांधने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है
पूनरासर धाम,हनुमानजी महाराज की असीम कृपावश सुदीर्घ भु-भाग मे विख्यात है | यह एक जागृत हनुमद स्थान है- हनुमानजी महाराज अपने भक्तो को सभी प्रकार के कष्टो से मुक्ति दिलाकर उन्हे भय मुक्त करते है |
हनुमानजी महाराज के दरबार मे वर्ष पर्यन्त श्रधालुगण अपनी अर्जी प्रस्तुत करते है | कहा गया है जैसा भाव वैसा प्रभाव | हनुमानजी महाराज के इस भव्य एवम विशाल मन्दिर का इतिहास काफी प्राचीन रहा है |
स्थान
यह पवित्र स्थान रेत के टिब्बो से घिरा हुआ हे। राम दरबार के अलावा,हनुमान जी की प्राचीन मूर्ति एक खेजड़ी के पुराने पेड़ के साथ है।
पूनरासर हनुमानजी का मंदिर बीकानेर शहर से ५० किलोमीटर पूनरासर गावं में हे एवं श्री डूंगरगढ़ से ४० किलोमीटर की दुरी पर है।
इतिहास
संवत १७७४ में भयंकर अकाल पड़ा अकाल के समय लोग अनाज और मजदूरी की तलाश में निकल पड़े। पूनरासर के जयराम दास बोथरा भी अनाज लाने के लिए पंजाब की यात्रा में गए।
ऊंटनी पर बोरे लाद कार जब वे पूनरासर को लोट रहे थे की अचानक ऊंटनी का पैर टूट गया। वह चलने लायक नहीं रही तो जयराम दास को जंगल में ही रहना पड़ा अपने साथियों को समझा बुझा कर उन्हें गाँव भेज दिया।
ऊंटनी का पैर टूटने से जयराम दास चिंता मगन थे। चिंता करते करते ही उन्हें नींद आ गयी। नीद में उन्हें ऐसा महसूस हुआ जैसे कोई उन्हें आवाज देकर जगा रहा हे। हड़बड़ाकर वे जगे तो वंहा पर उन्हें आवाज देने वाला कही दिखाई नहीं दिया। जब वे सो गए तो पुनः उन्हें जगाने की वैसे ही आवाज आने लगी। उन्हें आश्चर्य हुआ कोई उन्हें आवाज दे रहा हे - पर सामने कोई दिखाई नहीं देता। उन्होंने आपने इष्ट हनुमानजी को याद किया और हाथ जोड़ कर कहा आप कौन है प्रकट होकर बताइए । तब हनुमानजी महाराज साधू रूप में प्रकट हुए और कहा भक्त तुम संकट में हो ये मुझे पता है, पर अब तुम्हारे संकट का समाधान हो जाएगा । यह कह कर उन्होंने खेजड़ी के पैर के नीचे पड़ी मूर्ति की और इशारा कर के कहा इस हनुमान मूर्ति को अपने गाँव में स्थापित कर देना, कोई कष्ट नहीं रहेगा। तब जयराम दास जी ने ऊंटनी के पैर टूटने की लाचारी जताई । साधू वेश धारी बाबा ने कहा जयराम दास तुम निसंकोच होकर अपने घर लौटो तुम्हारी ऊंटनी ठीक है - हाँ बोरे पे लादकर इस मूर्ति को अवश्य ले जाओ और इसकी पूजा अर्चना करो।
जब प्रभु की कृपा हो जाये तो कोई भी संकट आदमी के समक्ष टिक नहीं सकता । पत्थर की मूर्ति को लेकर जयराम दास पूनरासर आ गए । साथियों ने जयराम दस जी को गावं में देखा तो आश्चर्य में पड़ गए पर उन्हें क्या पता की बोथरा जी को पवन पुत्र हनुमान की कृपा का प्रसाद प्राप्त हो गया हे। जयराम दास जी ने मूर्ति के स्थापना बाबा के कहे अनुसार नहीं की तथा वे नियमित सेवा पूजा में शिथिलता बरतने लगे तब उनके साथ दुसरा चमत्कार घटित हुआ । वे घर में सोते किन्तु रात्रि में जब उन्हें चेत होता तो स्वयं को वर्तमान मंदिर के खुले मैदान में पाते । जब इस घटना की पुनरावर्ती कई बार हुई तो बाबा ने पूर्व की भांति कहा की उनकी मूर्ति की विधिवत स्थापना कर पूजा अर्चना की जाये । ओसवाल समाज के बोथरा जयराम दास ने कहा प्रभु हम वनिक लोग है मंदिर बना कर पूजा अर्चना कैसे करेंगे यह तो ब्रह्मण वर्ग का काम हे । तब बाबा ने कहा निश्चिंत होकर तुम और तुम्हारा परिवार मेरी पूजन अर्चना करो इससे तुम लोगों कि ईश भक्ति और सोजन्यशिलता बढ़ेगी । हाँ तुम्हे अपनी ओर से भंडारे की व्यवस्था करनी होगी।
तब से ही बोथरा परिवार के लोग एक छोटा मंदिर बनवा कर हनुमानजी की सेवा पूजा करतें आये हैं जिस खेजड़ी के नीचे प्रथम बार बाबा की मूर्ति को स्थापित किया वहा पर भभूता राम जी नाई के वंशज सेवा पूजा का कार्य करते आ रहे है निज मंदिर में दर्शन के बाद खेजड़ी धाम में धोक लगाई जाती है बच्चों का झडूला व शादी का गंठजोड़ा की फेरी लगती है तथा मंदिर में स्थित खेजड़ी के मनोकामना पूर्ति के लिए नारियल बांधा जाता है
मंदिर में यात्रियों को प्रसाद स्वरुप आटा शक्कर घी प्रदान की जाती हे तथा उसे पकाने के लिए इंधन एवं बर्तन प्रदान किये जातें है ।
कहते है कि पुनरासर मे बोथरा वंश के जन्मदाता राजा श्री बोहित्थ जी बोथरा ही साक्षात वीर हनुमान के रूप मे विराजित है । मेवाड़ के राणा रतनसिहँ के पक्ष से युद्द करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे, यहाँ विराजित हनुमान जी की यह अकेली ऐसी मुर्ति है, जिनके हाथ मे ढाल व तलवार है । राजा श्री बोहित्थ जी बोथरा ही साक्षात वीर हनुमान के रूप मे विराजित है इसका एक साक्ष्य यह भी हो सकता है कि यहाँ पूजा का हक सिर्फ बोथरा वँश को ही दिय गया, तथा दुसरा कारण ज्यादातर बोथरा समाज के लोग अपना इष्टटदेव पुनरासर के हनुमान जी को ही मानते है ।
जयराम दास जी के उपरांत तो यंहा भक्तजनो को अनेक प्रकार के चमत्कार हुए हैं। इस मंदिर की स्थापना संवत १७७५ की ज्येष्ठ सुदी पूर्णिमा को हुई। स्थापना के बाद से यंहा दूर दूर से भक्त लोग आने लगे और बाबा के दरबार मैं भांति भांति की अभ्यर्थना करने लगे। तत्कालीन बीकानेर राजपरिवार तक मंदिर की स्थापना मैं रूचि लेने लगा तथा उन्होंने कुंवे की स्थापना मैं पुजारी परिवार का सहयोग किया।
उत्सव
प्रतिवर्ष भव्य स्थापना दिवस का आयोजन ज्येष्ठ सुदी पूर्णिमा को किया जाता हे।
प्रतिवर्ष तीन वृहद मेलों का आयोजन
१- चेत्र सुदी पूर्णिमा
२- आसोज सुदी पूर्णिमा
३- भादवा सुदी छट के उपरान्त पड़ने वाला प्रथम मंगलवार अथवा शनिवार को होता हे।
कतिपय झलकियाँ
चूरमा का प्रसाद बनाने हेतु पुजारी परिवार द्वारा आटा, शुद्द घी एवं शकर का वितरण परंपरा के अनुसार निशुल्क किया जाता है ।
प्रतिदिन प्रातः काल एवं सांय काल को ज्योति दर्शन ।
अखंड सुन्दर काण्ड का पाठ ।
दर्शनार्थियों को बाबा के भव्य स्वरूप के दर्शन की समुचित व्यवस्था ।
विशाल आधुनिक धर्मशाला का निर्माण ।
गोशाला का संचालन । आज तो पूनरासर धाम एक व्रहद जागृत पीठ के रूप मैं बहुत अधिक प्रसिद्द है । मंदिर का अभी भव्य निर्माण नहीं हुआ है ।
बीकानेर
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पश्चिमोत्तर और पूर्वी अफगानिस्तान में पिछले दो दिन से चल रही लडा्रई में 40 से अधिक उग्रवादी मारे गए हैं। अमेरिका नीत अंतरराष्ट्रीय गठबंधन ने गुरुवार को कहा कि पश्चिमोत्तर हेलमंद प्रांत में चल रहे अभियान के दौरान 30 से अधिक उग्रवादी मारे गए हैं। अशांत प्रांत में दो दिन पहले शुरू किये गये अभियान का लक्ष्य मादक द्रब्य और हथियारों की तस्करी है। उग्रवादी अपनी गतिविधियों के लिये अफीम के बाजार का इस्तेमाल करते हैं। गठबंधन के सूत्रों ने कहा कि पूर्वी कुनार प्रांत में गठबंधन के एक ठिकाने के पास कल दस से अधिक उग्रवादी मारे गए। नाटो को इस गर्मियों के शुरू होने पर हिंसा में बढ़ोत्तरी की उम्मीद है।
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योसेमाइट राष्ट्रीय उद्यान (योह-एसईएम-आई-टी) एक अमेरिकी राष्ट्रीय उद्यान है जो मध्य कैलिफोर्निया के पश्चिमी सिएरा नेवादा में स्थित है, जो दक्षिण-पूर्व में सिएरा राष्ट्रीय वन और उत्तर-पश्चिम में स्टैनिस्लॉस राष्ट्रीय वन से घिरा है। पार्क का प्रबंधन राष्ट्रीय उद्यान सेवा द्वारा किया जाता है और यह 748,436 एकड़ (1,169 वर्ग मील; 3,029 किमी 2) के क्षेत्र को कवर करता है और चार काउंटियों में स्थित है: टोलुमने और मारिपोसा में केंद्रित, उत्तर और पूर्व में मोनो और दक्षिण में मडेरा काउंटी तक फैला हुआ है। 1984 में विश्व धरोहर स्थल के रूप में नामित, योसेमाइट अपनी ग्रेनाइट चट्टानों, झरनों, साफ जलधाराओं, विशाल सिकोइया पेड़ों, झीलों, पहाड़ों, घास के मैदानों, ग्लेशियरों और जैविक विविधता के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है। पार्क का लगभग 95% भाग जंगल के रूप में नामित है। औसतन, हर साल लगभग 4 मिलियन लोग योसेमाइट आते हैं, और अधिकांश अपना अधिकांश समय योसेमाइट घाटी के 7 वर्ग मील (18 किमी2) में बिताते हैं। पार्क ने 2016 में अपने इतिहास में पहली बार 5 मिलियन आगंतुकों को पार करके एक रिकॉर्ड बनाया। योसेमाइट राष्ट्रीय उद्यान विचार के विकास का केंद्र था। गैलेन क्लार्क और अन्य लोगों ने योसेमाइट घाटी को विकास से बचाने के लिए पैरवी की, जिसके परिणामस्वरूप अंततः राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने 1864 में योसेमाइट अनुदान पर हस्ताक्षर किए। जॉन मुइर ने 1890 तक कांग्रेस द्वारा एक बड़ा राष्ट्रीय उद्यान स्थापित करने के लिए एक सफल आंदोलन का नेतृत्व किया, जिसमें घाटी और उसके आसपास का क्षेत्र शामिल था। पहाड़ और जंगल, राष्ट्रीय उद्यान प्रणाली के लिए मार्ग प्रशस्त करते हैं। योसेमाइट सिएरा नेवादा में सबसे बड़े और सबसे कम खंडित आवास ब्लॉकों में से एक है, और पार्क पौधों और जानवरों की विविधता का समर्थन करता है। पार्क की ऊंचाई सीमा 2,127 से 13,114 फीट (648 से 3,997 मीटर) तक है और इसमें पांच प्रमुख वनस्पति क्षेत्र शामिल हैं: चापराल और ओक वुडलैंड, निचला पर्वतीय वन, ऊपरी पर्वतीय वन, उप-अल्पाइन क्षेत्र और अल्पाइन। कैलिफ़ोर्निया की 7,000 पौधों की प्रजातियों में से, लगभग 50% सिएरा नेवादा में पाई जाती हैं और 20% से अधिक योसेमाइट में पाई जाती हैं। पार्क में 160 से अधिक दुर्लभ पौधों के लिए उपयुक्त निवास स्थान है, जिसमें दुर्लभ स्थानीय भूगर्भिक संरचनाएं और अद्वितीय मिट्टी हैं जो इनमें से कई पौधों के कब्जे वाले प्रतिबंधित क्षेत्रों की विशेषता रखते हैं। योसेमाइट क्षेत्र का भूविज्ञान ग्रेनाइट चट्टानों और पुरानी चट्टानों के अवशेषों की विशेषता है। लगभग 10 मिलियन वर्ष पहले, सिएरा नेवादा को ऊपर उठाया गया और फिर अपेक्षाकृत कोमल पश्चिमी ढलान और अधिक नाटकीय पूर्वी ढलान बनाने के लिए झुकाया गया। उत्थान के कारण जलधाराओं और नदी तलों की ढलान बढ़ गई, जिसके परिणामस्वरूप गहरी, संकरी घाटियों का निर्माण हुआ। लगभग दस लाख साल पहले, बर्फ और बर्फ जमा हो गई, जिससे ऊंचे अल्पाइन घास के मैदानों में ग्लेशियर बन गए जो नदी घाटियों में नीचे चले गए। प्रारंभिक हिमनदी प्रकरण के दौरान योसेमाइट घाटी में बर्फ की मोटाई 4,000 फीट (1,200 मीटर) तक पहुंच गई होगी। बर्फ के ढेरों की ढलान के कारण यू-आकार की घाटी कटी और गढ़ी गई, जो आज कई पर्यटकों को अपने प्राकृतिक दृश्यों की ओर आकर्षित करती है। "योसेमाइट" (मिवोक में जिसका अर्थ "हत्यारा" है) नाम मूल रूप से एक पाखण्डी जनजाति के नाम को संदर्भित करता है जो कि थी मैरिपोसा बटालियन द्वारा क्षेत्र से बाहर खदेड़ दिया गया (और संभवतः नष्ट कर दिया गया)। पहले, इस क्षेत्र को स्वदेशी लोगों द्वारा "अवाह्नी" ("बड़ा मुँह") कहा जाता था।
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मकबरे पर सर्वोच्च शोभायमान संगमर्मर का गुम्बद (देखें बांये), इसका सर्वाधिक शानदार भाग है। इसकी ऊँचाई लगभग इमारत के आधार के बराबर, 35 मीटर है और यह एक 7 मीटर ऊँचे बेलनाकार आधार पर स्थित है। यह अपने आकारानुसार प्रायः प्याज-आकार (अमरूद आकार भी कहा जाता है) का गुम्बद भी कहलाता है। इसका शिखर एक उलटे रखे कमल से अलंकृत है। यह गुम्बद के किनारों को शिखर पर सम्मिलन देता है।
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कला और भाषा () एक वैचारिक कलाकारों का सहयोग है, जिसकी स्थापना 1967 में टेरी एटकिंसन (b। 1939), डेविड बैनब्रिज (b। 1941), माइकल बाल्डविन (b। 1945) और हेरोल्ड हूरील (b। 1940) द्वारा यूनाइटेड किंगडम में की गई थी। समूह का नाम उनकी पत्रिका "कला-भाषा द जर्नल ऑफ वैचारिक कला" से लिया गया था। अपने पाठ-कलाकृतियों में, उन्होंने अपनी चर्चाओं के हिस्से के रूप में वैचारिक कला का निर्माण किया।
कला और भाषा ने वैचारिक कला का आविष्कार किया है और समकालीन कला के विकास पर उनके कार्यों का महत्वपूर्ण प्रभाव रहा है।
बाहरी कडियां
यूनाइटेड किंगडम के चित्रकार
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भोपाल से बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के सीहोर में नालियों की साफ-सफाई और शौचालय की स्वच्छता से जुड़े बयान का वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस ने अब बीजेपी पर तंज कसा है. कमलनाथ सरकार में मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा है कि साध्वी के बयान के बाद उनसे इस्तीफा ले लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रज्ञा ठाकुर जी भोपाल की सांसद है, कंट्रोवर्शियल है.
साथ ही मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा, 'जिस तरह से उनका बयान सामने आया है उस पर तो उनसे तत्काल इस्तीफा मांग लेना चाहिए. जनता का कष्ट छोटा हो या बड़ा हो जनप्रतिनिधि इसलिए चुनता है वह कि वह उनके कष्टों का निवारण करेगा. उन्होंने प्रज्ञा ठाकुर पर तंज कसते हुए कहा कि प्रज्ञा देवी जी का कहना है कि मैं नाली सफाई के लिए नहीं बनी हूं. मैं तो बड़े काम के लिए बनी हूं. अरे! इतने साल से साधु और संत लोग लगे हैं. तुम राम मंदिर बना नहीं पाए. कम से कम जनता की सेवा करके वहां तो राम को पा लो. जनता की सेवा में ही राम छुपे हैं.'
विपक्ष ने कसे तंज
वहीं सरकार के वन मंत्री उमंग सिंघार ने कहा, 'हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री स्वच्छता अभियान चलाते हैं जैसे महात्मा गांधी ने भी चलाया था. अगर उनकी पार्टी के सदस्य इस प्रकार की बात करती हैं तो प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए.'
साथ ही कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रहे सुरेंद्र सिंह शेरा ने भी साध्वी के बयान पर चुटकी लेते हुए कहा, 'इसलिए पार्टियों को कभी भी हेलीकॉप्टर नेता को नहीं लाना चाहिए. पैराशूट नेता जो आते हैं, बाहर से आकर खड़े कर देते हैं. यह सिस्टम बंद करना चाहिए. लोकल व्यक्ति को ही चुनाव में खड़ा करना चाहिए जो आम आदमी की समस्या को समझे जो आम आदमी की धड़कन को समझे.'
आगे उनका कहा कि इसलिए कोई भी पार्टी हो बीजेपी हो या कांग्रेस मैं तो बार-बार यही बोलता हूं कि उम्मीदवार लोकल होना चाहिए. ऐसे व्यक्ति के खिलाफ तो पार्टी को एक्शन लेना चाहिए और उन पर कार्रवाई करनी चाहिए. देखा जाए तो आप अपने प्रधानमंत्री के फ्लैगशिप अभियान स्वच्छता अभियान उसका विरोध कर रहे हो.'
आकाश विजयवर्गीय मामले पर भी उठाए सवाल
सांसद साध्वी प्रज्ञा की आड़ में कांग्रेस ने आकाश विजयवर्गीय पर दिए गए अनुशासन समिति के अध्यक्ष बाबू सिंह रघुवंशी के बयान पर भी सवाल उठाए. पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा, 'यह उस कुनबे के लोग हैं जहां घुट्टी में पिलाया जाता है कि झूठ बोलो और जोर से बोलो. पूरे देश और दुनिया ने देखा है कि बैठक के अंदर जहां कैलाश जी भी बैठे थे.
आगे उनका कहना है कि नरेंद्र मोदी, अमित शाह के सामने जो कोर ग्रुप बैठा था उसमें नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कहा किसी का भी बेटा हो कितना बड़ा व्यक्ति हो बीजेपी सहन नहीं करेगी. अब जब अनुशासन समिति के अध्यक्ष यह बोल रहे हैं तो मैं समझता हूं कि दो मुंहे के लोग हैं यह जिस तरह दो रंग का झंडा है ऐसे दो मुंहे लोग हैं यह.
वहीं वन मंत्री उमंग सिंघार ने कहा कि आकाश विजयवर्गीय के मामले में बीजेपी अब सिर्फ लीपापोती कर रही है. सिंघार ने कहा, 'लोगों के सामने बयान देना अलग चीज होती है और किसी चीज की लीपापोती करना अलग चीज होती है. अब तो लीपापोती हो रही है.'
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क्वेटा ग्लैडिएटर्स (उर्दू: ) एक पाकिस्तानी पेशेवर ट्वेंटी 20 क्रिकेट फ्रेंचाइजी है जो पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) में प्रतिस्पर्धा करती है। वे पीएसएल 2019 के चैंपियन थे। टीम मुख्य रूप से पाकिस्तान के बलूचिस्तान की प्रांतीय राजधानी क्वेटा में स्थित है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) द्वारा पीएसएल के गठन के परिणामस्वरूप 2015 में मताधिकार की स्थापना की गई थी। टीम का होमग्राउंड बुगती स्टेडियम है। टीम की कप्तानी सरफराज अहमद द्वारा की जाती है और पूर्व पाकिस्तानी विकेट कीपर मोईन खान द्वारा कोच की जाती है, जबकि वेस्टइंडीज के दिग्गज खिलाड़ी विव रिचर्ड्स टीम के मेंटर और बल्लेबाजी कोच हैं और आजम खान टीम के मैनेजर हैं। अब्दुल रज्जाक टीम के सहायक कोच हैं।
टीम के प्रमुख रन-स्कोरर शेन वॉटसन हैं जबकि अग्रणी विकेट लेने वाले मोहम्मद नवाज हैं।
सन्दर्भ
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केंद्र पर राज्यों के संघीय अधिकार का ‘उल्लंघन’ करने का आरोप लगाते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी ने प्रस्तावित राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र (एनसीटीसी) का विरोध किया है.
उन्होंने कहा, ‘एनसीटीसी हो या कोई अन्य मुद्दा, यह बहुत दुखद स्थिति है कि केंद्र कुछ महत्वपूर्ण फैसला एकतरफा लेता है.’
केंद्र पर एनसीटीसी से संबंधित महत्वपूर्ण सूचनाएं ‘साझा नहीं’ करने का आरोप लगाते हुए खंडूरी ने आरोप लगया कि नए आतंक निरोधी संस्था पर राज्यों को ‘अंधेरे’ में रखा गया.
उन्होंने कहा, ‘जब आप देश की सुरक्षा पर निर्णय करते हैं तब आप राज्यों के दृष्टिकोण की अवहेलना नहीं कर सकते.’
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मोबाइल फोन से बैंकिंग करने वालों के लिए बड़ी खबर. अब आप अपने मोबाइल फोन से बैंकिंग कर सकेंगे और इसके लिए इंटरनेट की जरूरत नहीं पड़ेगी. अब बिना इंटरनेट कनेक्शन के बेसिक हैंडसेट से आप अपने बैंक से सभी लेन-देन जल्द ही कर पाएंगे. टेलीकॉम रेगुलेटर इसके लिए टेलीकॉम कंपनियों को
मोबाइल पेमेंट
कंपनियों की मदद करने के लिए कहेगा. हालांकि कई टेलीकॉम कंपनियां कुछ साल से इसका विरोध करती आई हैं.
यह व्यवस्था एक खास किस्म के डेटा से संभव होगा जिसे यूएसएसडी कहा जाता है. यह बहुत आसान सी व्यवस्था है और इसमें टेक्स्ट मेसेज के जरिये मोबाइल बैंकिंग हो सकती है. मोबाइल फोन उपभोक्ता टेक्स्ट भेजकर फंड ट्रांसफर, बैलेंस चेक, बिल भुगतान, चेक कैंसिलेशन, चेक बुक रिक्वेस्ट, अकाउंट स्टेटमेंट वगैरह की सुविधा पा सकता है. इसके अलावा वह मोबाइल फोन से अपने डेबिट और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हुए खरीदारी भी कर सकता है. उपभोक्ता को बस एक नंबर डायल या एसएमएस करना होगा. उसके लिए उसे 2जी या 3जी कनेक्टिविटी नहीं चाहिए.
टेलीकॉम कंपनियां इसमें लोकल और इंटरनेशनल
पेमेंट कंपनियों
की मदद कर सकती हैं. इनमें वीजा की एसोसिएट कंपनी भी शामिल है जो रेगुलेटर और सरकार से टेलीकॉम कंपनियों के अनस्ट्रक्चर्ड सप्लीमेंटरी सर्विस डेटा (यूएसएसडी) चैनल के इस्तेमाल की मंजूरी मांग रही है.
पिछले हफ्ते हुई मीटिंग में ऑनलाइन पेमेंट कंपनी मोविडा के एग्जिक्यूटिव्स ने टेलीकॉम कंपनियों से यूएसएसडी कोड हासिल करने में टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) की मदद मांगी थी. मोविडा में वीजा और ब्रिटेन की कंपनी मॉनिटाइज की बराबर की हिस्सेदारी है. करीब डेढ़ महीने पहले मोविडा ने यूएसएसडी कोड के लिए ट्राई को लेटर लिखा था.
इससे पहले टेलीकॉम कंपनियों ने काफी ना-नुकर के बाद सरकारी पेमेंट गेटवे, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के साथ अपना इंफ्रास्ट्रक्चर साझा करने की सहमति दी थी. इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया, 'ट्राई ने मोविडा को भरोसा दिलाया है कि वह टेलीकॉम कंपनियों से यूएसएसडी कोड मांगेगा. वह इसके लिए डेडलाइन भी तय करेगा. हालांकि इस तरह की सर्विस के लिए मोबाइल पेमेंट कंपनियों को किसी बैंक से ऑथराइजेशन हासिल करना होगा.'
मोदी सरकार देश में बैंकिंग को मजबूत करना चाहती है. इस दिशा में मोबाइल बैंकिंग महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगी.
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संजय दत्त की बायोपिक फिल्म 'संजू' 29 जून को रिलीज होने जा रही है. रणबीर कपूर ने संजय दत्त की भूमिका निभाई है. फिल्म के प्रोड्यूसर विधु विनोद चोपड़ा चाहते थे कि फिल्म में रणबीर नहीं बल्कि रणवीर सिंह, संजय दत्त का किरदार करें. बाद में जब निर्देशक राजकुमार हिरानी ने जोर दिया तो रणबीर को संजू के रोल के लिए फाइनल किया गया. अब विधु अपने उस फैसले पर कहते हैं कि मैं पागल हूं.
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इंडिया टुडे से खास बातचीत में विधु विनोद चोपड़ा ने बताया, "जब राजू मेरे पास आया तो मैंने कहा कि रणबीर ये रोल कैसे कर सकता है? मैं आपको बता रहा हूं अब जब मैं फिल्म देखता हूं तो जो चीज मुझे सबसे ज्यादा प्रभावित करती है वो है उसकी परफॉर्मेंस. उसने गजब का काम किया है. और मैं यह बात तब कह रहा हूं जब मैंने तमाम कलाकारों के साथ काम किया है.
संजू: क्या बॉक्स ऑफिस पर अपने करियर के सारे रिकॉर्ड तोड़ने जा रहे हैं रणबीर कपूर?
विधु ने इस बात को स्वीकार किया कि रणवीर सिंह को रोल के लिए चुनने का उनका फैसला गलत था. उन्होंने कहा, "हां, मैं पागल था. उस वक्त मुझे वाकई लगा था कि शायद रणबीर इस रोल के लिए सही नहीं है और कोई न्यूकमर इस किरदार को ज्यादा बेहतर कर सकता है. लेकिन इस आदमी ने क्या काम किया है, मुझे नहीं लगता कि कोई भी ऐसा कर सकता था.
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बरबर ध्वज (बरबर भाषा: ⴰⵛⵏⵢⴰⵍ ⴰⵎⴰⵣⵉⵖ, एसिनाल अमेमेय) एक ध्वज है जिसे विभिन्न बरबर संगठनों ने अपनाया है। यह वर्तमान में 10 अफ्रीकी देशों में बरबर कार्यकर्ताओं द्वारा उपयोग किया जाता है।
इस ध्वज का उद्घाटन ओहाडिया में हुआ था, जो अल्जीरिया के विलय में टिज़ी ओज़ू में स्थित कबीलिआ के एक शहर में, एक बड़े अल्जीरियाई कैबलियन मुजाहिद ने मोहनंद अरव बेसादाद नाम का नामकरण किया था। उन्हें बर्बरवाद का आध्यात्मिक पिता माना जाता था और वह एक लेखक और अल्जीरियाई क्रांति के एक कार्यकर्ता भी थे।
सन्दर्भ
ध्वज
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मॉडल केटी प्राइस इस बात को लेकर खासी उत्साहित हैं कि उनकी गायिका दोस्त मिशेल हिटॉन ने उन्हें अपने बच्चे की गॉडमदर बनने के लिए कहा है...
एक वेबसाइट के अनुसार हिटॉन और उनके पति ह्यूग हेनले ने प्राइस को अपने बच्चे की गॉडमदर बनने को कहा है, क्योंकि वे चाहते है कि प्राइस उनकी बच्ची का आध्यात्मिक मार्गदर्शन करे... प्राइस ने ट्विटर पर लिखा, "मैं बहुत खुश हूं... मिशेल और ह्यूग ने मुझे अपने बच्चे की गॉडमदर बनने को कहा है..."
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कल्ला जी राठौड़ (आश्विन शुक्ल अष्टमी, सामियाना गांव नागोर, 1601 विक्रमी - 1624 विक्रमी) राजस्थान के एक राजपूत योद्धा थे जिन्हें लोकदेवता माना जाता है। ये मेड़ता के राव जयमल के छोटे भाई आसासिंह के पुत्र थे। इन्होने मेवाड़ के लिये महाराणा प्रताप के साथ अकबर से युद्ध किया था। ये तीसरे साका युद्ध (विक्रम संवत 1624) में चित्तौड़गढ़ में अकबर से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हो गये थे।
इतिहास
लोकदेवता कल्ला जी राठौड़ / बलिदान दिवस – 24 फरवरी
राजस्थान में अनेक वीरों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया, जिससे उनकी छवि लोकदेवता जैसी बन गयी। कल्ला जी राठौड़ ऐसे ही एक महामानव थे। उनका जन्म मेड़ता राजपरिवार में आश्विन शुक्ल 8, विक्रम संवत 1601 को हुआ था।
इनके पिता मेड़ता के राव जयमल के छोटे भाई आसासिंह थे। भक्तिमती मीराबाई इनकी बुआ थीं। कल्ला जी की रुचि बचपन से सामान्य शिक्षा के साथ ही योगाभ्यास, औषध विज्ञान तथा शस्त्र संचालन में भी थी। प्रसिद्ध योगी भैरवनाथ से इन्होंने योग की शिक्षा पायी।
इसी समय मुगल आक्रमणकारी अकबर ने मेड़ता पर हमला किया। राव जयमल के नेतृत्व में आसासिंह तथा कल्ला जी ने अकबर का डटकर मुकाबला किया; पर सफलता न मिलते देख राव जयमल अपने परिवार सहित घेरेबन्दी से निकल कर चित्तौड़ पहुँच गये। राणा उदयसिंह ने उनका स्वागत कर उन्हें बदनौर की जागीर प्रदान की। कल्ला जी को रणढालपुर की जागीर देकर गुजरात की सीमा से लगे क्षेत्र का रक्षक नियुक्त किया।
कुछ समय बाद कल्ला जी का विवाह शिवगढ़ के राव कृष्णदास की पुत्री कृष्णा से तय हुआ। द्वाराचार के समय जब उनकी सास आरती उतार रही थी, तभी राणा उदयसिंह का सन्देश मिला कि अकबर ने चित्तौड़ पर हमला कर दिया है, अतः तुरन्त सेना सहित वहाँ पहुँचें। कल्ला जी ने विवाह की औपचारिकता पूरी की तथा पत्नी से शीघ्र लौटने को कहकर चित्तौड़ कूच कर दिया।
महाराणा ने जयमल को सेनापति नियुक्त किया था। अकबर की सेना ने चित्तौड़ को चारों ओर से घेर लिया था। मेवाड़ी वीर किले से निकलकर हमला करते और शत्रुओं को हानि पहुँचाकर फिर किले में आ जाते। कई दिनों के संघर्ष के बाद जब क्षत्रिय वीरों की संख्या बहुत कम रह गयी, तो सेनापति जयमल ने निश्चय किया कि अब अन्तिम संघर्ष का समय आ गया है। उन्होंने सभी सैनिकों को केसरिया बाना पहनने का निर्देश दिया।
इस सन्देश का अर्थ स्पष्ट था। 23 फरवरी, 1568 की रात में चित्तौड़ के किले में उपस्थित सभी क्षत्राणियों ने जौहर किया और अगले दिन 24 फरवरी को मेवाड़ी वीर किले के द्वार खोल कर भूखे सिंह की भाँति मुगल सेना पर टूट पड़े। भीषण युद्ध होने लगा।
राठौड़ जयमल के पाँव में गोली लगी। उनकी युद्ध करने की तीव्र इच्छा थी; पर उनसे खड़ा नहीं हुआ जा रहा था। कल्ला जी ने यह देखकर जयमल के दोनों हाथों में तलवार देकर उन्हें अपने कन्धे पर बैठा लिया। इसके बाद कल्ला जी ने अपने दोनों हाथों में भी तलवारें ले लीं।
चारों तलवारें बिजली की गति से चलने लगीं। मुगल लाशों से धरती पट गयी। अकबर ने यह देखा, तो उसे लगा कि दो सिर और चार हाथ वाला कोई देवता युद्ध कर रहा है। युद्ध में वे दोनों बुरी तरह घायल हो गये। कल्ला जी ने जयमल को नीचे उतारकर उनकी चिकित्सा करनी चाही; पर इसी समय एक शत्रु सैनिक ने पीछे से हमला कर उनका सिर काट दिया। सिर कटने के बाद के बाद भी उनका धड़ बहुत देर तक युद्ध करता रहा।
सन्दर्भ
मेवाड़ के शासक
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लेख: राज्यसभा में लोकपाल विधेयक के लिए समर्थन जुटाने के अपने अंतिम प्रयास के तहत वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बसपा और राजद जैसी पार्टियों के नेताओं से मुलाकात की ताकि उन्हें विरोध का रास्ता छोड़ने के लिये मनाया जा सके।
मुखर्जी ने संसदीय मामलों के मंत्री पीके बंसल और मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल के साथ बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा और राजद प्रमुख लालू प्रसाद के साथ बातचीत की। उस समय राज्यसभा में बहस जारी थी।
243 सदस्यीय ऊपरी सदन में बसपा के 18 और राजद के चार सदस्य हैं।
सूत्रों ने कहा कि मिश्रा और प्रसाद से लोकपाल विधेयक पर उनकी पार्टियों के रुख और किस तरह वे मतदान करेंगे, इस बारे में पूछा गया।
मिश्रा ने मुखर्जी से कहा कि बसपा लोकायुक्त के प्रावधान के खिलाफ है क्योंकि यह संघीय ढांचे की भावना के विपरीत है।
सूत्रों ने कहा कि सरकारी पक्ष ने उनसे कहा कि वह फिर बाचतीत करेंगे।
बसपा लोकायुक्त के प्रावधान पर विरोध के अपने रुख पर दृढ़ है लेकिन इसने कोई संशोधन नहीं पेश किया है।
इस तरह के संकेत हैं कि बसपा सदस्य बहिष्कार नहीं करेंगे।
बहरहाल सरकार के लिए आगे भी समस्या आ सकती है क्योंकि कांग्रेस के दो सदस्य पी. कन्नन और विजय दरदा उपस्थित नहीं थे। राज्यसभा में कांग्रेस के 71 सदस्य हैं।
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गुजरात में पटेल समुदाय के युवा नेता हार्दिक पटेल के एनसीपी में जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं. एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल आज हार्दिक से मिलने पहुंचे थे. हालांकि हार्दिक का कहना है कि दीपावली के बाद गुजरातियों का नया साल होता है. यह मुलाकात बस नए साल के लिए शुभकामनाएं देने के लिए थी. चुनाव से इसका कोई लेना-देना नहीं है.
चुनावी माहौल में मुलाकात के खास मायने
हार्दिक पटेल भले ही इस मुलाकात को चुनावी चश्मे से नहीं देखने के लिए कह रहे हैं, लेकिन जिस वक्त में यह मुलाकात हो रही है, उस वजह से यह कई मायने में खास है. दो साल पहले
पाटीदार समाज
के युवा नेता बनकर उभरे हार्दिक पटेल के लिए गुजरात में चुनाव बेहद महत्वपूर्ण हैं.
7 नवंबर तक कांग्रेस को दिया है अल्टीमेटम
कुछ दिनों पहले तक लग रहा था कि हार्दिक कांग्रेस का हाथ थाम लेंगे, लेकिन ऐन वक्त पर उन्होंने
कांग्रेस को अल्टीमेटम
दे दिया. उन्होंने पाटीदार समाज को कोटा देने के मामले में कांग्रेस को पहले 3 नवंबर तक की मोहलत दी. बाद में उन्होंने कहा कि वे 7 नवंबर तक इंतजार करेंगे. कांग्रेस ने अब तक इस पर चुप्पी साध ली है. इससे माना जा रहा कि उन्होंने खुद पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है. कांग्रेस के हाथ खींच लेने के बाद हार्दिक के पास चुनाव में ज्यादा विकल्प बचे नहीं है. दरअसल इस अल्टीमेटम ने उनकी कांग्रेस से दूरी बढ़ा दी है.
सर्वे में भी हार्दिक का नहीं दिखा था जादू
गुजरात में चुनाव से ठीक पहले इंडिया टुडे ग्रुप और AXIS MY INDIA ने मिलकर एक सर्वे किया था. सर्वे में लोगों की राय थी कि कांग्रेस को हार्दिक पटेल का साथ मिलने पर भी कोई फायदा नहीं मिलने वाला. इससे न तो उनका वोट शेयर बढ़ेगा और न ही सीट का फायदा होगा. हार्दिक के अकेले चुनाव लड़ने पर 182 सीटों वाली विधानसभा में उनका खाता भी खुलता नहीं दिख रहा था.
2015 में रैलियों से अचानक उभरे थे हार्दिक
साल 2015 में पाटीदार समाज के युवाओं को अपने साथ जोड़कर बड़े युवा नेता के रूप में उभरे हार्दिक पटेल ने बीते दो साल में गुजरात की राजनीति में अच्छा-खासा दखल दिया है. 2015 में हुई हार्दिक की रैली ने कई नेताओं की नींद उड़ा दी थी.
बड़े नेताओं की उड़ा दी थी नींद
हार्दिक पटेल ने 2015 में गुजरात में कई बड़ी रैलियां की थीं. इन रैलियों से सूबे की सरकार तक दबाव में आ गई थी.
नई पार्टी बनाना भी मुश्किल
अगर राहुल गांधी ने पाटीदार समाज को आरक्षण दिलाने का वादा नहीं किया तो यह सबसे ज्यादा हार्दिक पटेल के लिए मुश्किल का सबब हो सकता है. हार्दिक पटेल के भाजपा को समर्थन देने के दूर-दूर तक आसार नहीं हैं. हार्दिक के अल्टीमेटम पर अगर राहुल कोई जवाब नहीं देते हैं तो उनके पास थर्ड फ्रंट के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचता. अब गुजरात चुनाव में बहुत वक्त नहीं बचा है, ऐसे में हार्दिक नई पार्टी भी नहीं बना सकते. अब अगर हार्दिक चुनाव से दूरी बनाते हैं तो पाटीदार नेता के रूप में उनके वजूद पर भी सवालिया निशान लग जाएगा.
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रिबन फिल्म के किरदार के लिए कोई खास तैयारी की?
यह मुंबई की एक मिड्ल क्लास यंग वर्किंग मदर का रोल है. वह जो सोचती है, करती है. मैं पहली बार ऐसा रोल कर रही हूं इसलिए मुझे तैयारी करनी पड़ी. निर्देशक राखी शांडिल्य की दोस्त की बेबी के साथ एक महीने तक वर्कशाप किया.
महिला और पुरूष निर्देशक के काम में फर्क?
कोई फर्क नहीं है. हम इनसान पहले हैं, जेंडर बाद में. डाइरेक्शन में उनका काम बोलता है.
शाहरुख खान के साथ काम करने की तमन्ना?
यह बचपन का सपना है. हालांकि, मैं तीनों खान के साथ फिल्में करना चाहती हूं. शाहरुख से लगाव ज्यादा इसलिए है कि बचपन में उनकी फिल्में देखी हैं. कुछ कुछ होता है जैसी फिल्म मिले तो बहुत अच्छा है.
महिलाओं की किस तरह की आजादी चाहती हैं?
पुरुषों के साथ समानता चाहिए. काम के साथ-साथ मेंटालिटी में भी समानता हो. यह स्कूल में ही सिखाना पड़ेगा कि दोनों एक-दूसरे के साथ काम कर सकते हैं. शिक्षा में अलगाव नहीं होना चाहिए. जॉब करने वाली वुमेन सुपरवुमेन हैं.
इंस्टाग्राम पर आपकी पोस्ट फोटो और वीडियो पर तीखी प्रतिक्रिया होती है.
मैं उसे पढ़ती नहीं. मैं जब सोशल मीडिया पर फोटो या वीडियो डालती हूं तो वह पब्लिक प्रॉपर्टी हो जाती है.
कल्कि एक बिंदास महिला मानी जाती हैं, आपकी प्रतिक्रिया?
लाइफ में उतार-चढ़ाव आते-जाते रहते हैं. लेकिन बिंदास होना चाहिए और हमें जिंदगी का भरपूर मजा लेना चाहिए.
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केरल की संस्कृति पिछले सदियों में विकसित हुई है, जो भारत और विदेशों के अन्य हिस्सों से प्रभावित है। यह अपनी प्राचीनता और मलयाली लोगों द्वारा संघटनात्मक निरंतरता द्वारा परिभाषित की जाती है। शास्त्रीय पुरातनता से भारत और विदेशों के विभिन्न हिस्सों से पलायन कर आये लोगो के कारण आधुनिक केरल समाज ने आकार लिया है।
केरल की गैर-प्रागैतिहासिक सांस्कृति का संबंध तीसरी शताब्दी के आसपास, एक विशिष्ट रूप से ऐतिहासिक क्षेत्र से है, जिसे थंबीजोम कहा जाता है, जो एक आम तमिल संस्कृति वाला क्षेत्र है, जहां चेरा, चोल और पंड्या राजवंशो का उत्थान हुआ। उस समय, केरल में पाया जाने वाला संगीत, नृत्य, भाषा (पहली द्रविड़ भाषा - "द्रविड़ भाषा" - तत्कालीन तमिल) और संगम (1,500-2, 000 साल पहले रचा गया तमिल साहित्य का एक विशाल कोष) थंबीजोम (आज का तमिलनाडु) के बाकी हिस्सों के समान ही था। केरल की संस्कृति द्रविड़ लोकाचार के संस्कृतकरण, धार्मिक आंदोलनों के पुनरुत्थान और जातिगत भेदभाव के खिलाफ सुधार आंदोलनों के माध्यम से विकसित हुई। केरल एक ऐसी संस्कृति को दर्शाता है जो सभ्य जीवन शैली के विभिन्न संकायों के आवास, उच्चारण और आत्मसात के माध्यम से विकसित हुई है।
केरल के सांस्कृतिक जीवन में महत्वपूर्ण योगदान देनेवाले कलारूपों में लोककलाओं, अनुष्ठान कलाओं और मंदिर कलाओं से लेकर आधुनिक कलारूपों तक की भूमिका उल्लेखनीय है। केरलीय कलाओं को सामान्यतः दो वर्गों में बाँट सकते हैं - एक दृश्य कला और दूसरी श्रव्य कला। दृश्य कला के अंतर्गत रंगकलाएँ, अनुष्ठान कलाएँ, चित्रकला और सिनेमा आते हैं।
प्रदर्शन कला
शास्त्रीय प्रदर्शन कलाओं की मूल परंपरा में कूडियाट्टम शामिल है, जोकि संस्कृत नाटक या रंगमंच का एक रूप है और यूनेस्को द्वारा नामित विशिष्ट धरोहर कला है। कथकली (कतेरुम्बु ("कहानी") और कली ("प्रदर्शन")) नृत्य-नाटक का 500 साल पुराना रूप है जो प्राचीन महाकाव्यों की व्याख्या करता है; कथकली का एक लोकप्रिय केरल नटनम (20 वीं शताब्दी में नर्तक गुरु गोपीनाथ द्वारा विकसित) है। इस बीच, कुथू एक अधिक हल्की-फुल्की प्रदर्शन विधा है, जो आधुनिक स्टैंड-अप कॉमेडी के समान है; एक प्राचीन कला जो मूल रूप से मंदिर परिसरों तक ही सीमित थी, इसे बाद में मणि माधव चकर द्वारा लोकप्रिय बनाया गया। ओट्टंथुल्लल, थिरयट्टम, पढ़यनि, और तेय्यम अन्य महत्वपूर्ण केरल की प्रदर्शनकारी कलाएं हैं। थिरयट्टम केरल की सबसे उत्कृष्ट संजातीय कला में से एक है।
केरल में कई जनजातीय और लोक कलाएँ भी हैं। उदाहरण के लिए, कुम्माटिकली दक्षिण मालाबार का प्रसिद्ध रंगीन मुखौटा-नृत्य है, जो ओणम के त्योहार के दौरान किया जाता है।
संगीत
साहित्य
लोककला
ओणम
ओणम (मलयाली:ഓണം) केरलवासियों द्वारा मनाया जाने वाला एक फसल उत्सव है। यह केरल का राज्यीय त्योहार भी है, इसके उपलक्ष्य में राज्य में 4 दिनों की छुट्टियाँ रहती है। ओणम महोत्सव चिंगम (अगस्त - सितंबर) के मलयालम महीने के दौरान आता है और विष्णु के वामन अवतरण और राजा महाबली के घर वापसी के स्मरणोत्सव का प्रतीक है, जिन्हें मलयाली संस्कृति में न्यायपूर्ण और निष्पक्ष माना जाता हैं, जिन्हें पाताल लोक में निर्वासित किया गया था। ओणम केरल के कृषि प्रधान इतिहास की याद दिलाता है, क्योंकि इसे फसल उत्सव माना जाता है। यह केरल के सबसे अधिक प्रशिध्द सांस्कृतिक त्योहारों में से एक है। उनमें से कुछ वल्लम काली, पुलिककली, पुक्कलम, ओनथप्पन, थुम्बी थुल्लल, ओनाविलु, काज़चककुला, ओनापोटन, अट्टचमायम आदि हैं।
राजनीति
केरल के लोग राजनीति में बहुत सक्रिय रहते हैं। अधिकांश केरलवासी यूनाइटेड स्टेट्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) या लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) जैसे राजनीतिक गठबंधनों में से जुड़्व हुए हैं। हाल ही में भाजपा की भी अच्छी पैठ है। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML), केरल कांग्रेस के विभिन्न गुटों, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के विभिन्न गुटों और छोटे दलों जैसे क्षेत्रीय दल केरल के राजनीतिक परिदृश्य में मसाला डालते हैं। केरल के राजनीतिक आंदोलनों में धार्मिक नेताओं का उच्च प्रभाव है।
आधुनिक केरल समाज
देश में उच्चतम साक्षरता दर और श्रेष्ठ शिक्षा के स्तर वाले राज्य होने के नाते, केरल समाज अपनी कृषि पृष्ठभूमि से आगे आ गया है। हालांकि केरल अपने दृष्टिकोण और आधुनिक विचारों और तकनीकी परिवर्तनों के लिए काफी उदार है, लेकिन राज्य काफी हद तक सामाजिक मुद्दों पर रूढ़िवादी है।
मार्शल आर्ट और खेल
पंचांग
केरल की संस्कृति में हाथी
सन्दर्भ
केरल की संस्कृति
केरल
भारतीय संस्कृति
संस्कृति
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#WATCH: Railway Protection Force (RPF) personnel rescues a woman passenger from being run over by a Parvel-bound train at Kurla Railway Station in Mumbai (03.04.18) pic.twitter.com/2mdX8lZLXv
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यह लेख है: छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ( Chhattisgarh Board of Secondary Education - CGBSE ) ने 12वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम जारी कर दिया हैं। अपना रिजल्ट चेक करने के लिए छात्र www.cgbse.net पर लॉग इन करें।
छात्र सिर्फ अपना रोल नंबर डालकर रिजल्ट देख सकते हैं। परीक्षा में करीब 73 फीसदी विद्यार्थी पास हुए हैं। लड़कियों का रिजल्ट लड़कों से बेहतर रहा है।
छत्तीसगढ़ बोर्ड 12वीं की परीक्षा 23 फरवरी, 2016 से शुरू हुई थी और 14 मार्च, 2016 तक चली थी।
CGBSE के सचिव सुधीर कुमार अग्रवाल ने बताया कि इस साल बारहवीं में 279,906 परीक्षार्थी शामिल हुए। परिणाम CGBSE की वेबसाइट www.cgbse.net पर देखा जा सकता है। छात्र अपने रिजल्ट का प्रिंट आउट भी ले सकते हैं।
गौरतलब है कि मंडल ने पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी 12वीं की परीक्षा के परिणाम परीक्षा संपन्न होने के एक महीने के रिकॉर्ड समय में तैयार कर लिया है। टिप्पणियां
स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप और छत्तीसगढ़ माध्यामिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष केडीपी राव ने मंडल के सभागार में रिजल्ट जारी किया। बोर्ड ने छात्रों की समस्या सुलझाने के लिए टोल फ्री नंबर 1800 233 4386 जारी किया है।
केडीपी राव ने कहा, '10वीं कक्षा का रिजल्ट मई के पहले सप्ताह में जारी करने की कोशिश करेंगे।'
छात्र सिर्फ अपना रोल नंबर डालकर रिजल्ट देख सकते हैं। परीक्षा में करीब 73 फीसदी विद्यार्थी पास हुए हैं। लड़कियों का रिजल्ट लड़कों से बेहतर रहा है।
छत्तीसगढ़ बोर्ड 12वीं की परीक्षा 23 फरवरी, 2016 से शुरू हुई थी और 14 मार्च, 2016 तक चली थी।
CGBSE के सचिव सुधीर कुमार अग्रवाल ने बताया कि इस साल बारहवीं में 279,906 परीक्षार्थी शामिल हुए। परिणाम CGBSE की वेबसाइट www.cgbse.net पर देखा जा सकता है। छात्र अपने रिजल्ट का प्रिंट आउट भी ले सकते हैं।
गौरतलब है कि मंडल ने पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी 12वीं की परीक्षा के परिणाम परीक्षा संपन्न होने के एक महीने के रिकॉर्ड समय में तैयार कर लिया है। टिप्पणियां
स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप और छत्तीसगढ़ माध्यामिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष केडीपी राव ने मंडल के सभागार में रिजल्ट जारी किया। बोर्ड ने छात्रों की समस्या सुलझाने के लिए टोल फ्री नंबर 1800 233 4386 जारी किया है।
केडीपी राव ने कहा, '10वीं कक्षा का रिजल्ट मई के पहले सप्ताह में जारी करने की कोशिश करेंगे।'
छत्तीसगढ़ बोर्ड 12वीं की परीक्षा 23 फरवरी, 2016 से शुरू हुई थी और 14 मार्च, 2016 तक चली थी।
CGBSE के सचिव सुधीर कुमार अग्रवाल ने बताया कि इस साल बारहवीं में 279,906 परीक्षार्थी शामिल हुए। परिणाम CGBSE की वेबसाइट www.cgbse.net पर देखा जा सकता है। छात्र अपने रिजल्ट का प्रिंट आउट भी ले सकते हैं।
गौरतलब है कि मंडल ने पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी 12वीं की परीक्षा के परिणाम परीक्षा संपन्न होने के एक महीने के रिकॉर्ड समय में तैयार कर लिया है। टिप्पणियां
स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप और छत्तीसगढ़ माध्यामिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष केडीपी राव ने मंडल के सभागार में रिजल्ट जारी किया। बोर्ड ने छात्रों की समस्या सुलझाने के लिए टोल फ्री नंबर 1800 233 4386 जारी किया है।
केडीपी राव ने कहा, '10वीं कक्षा का रिजल्ट मई के पहले सप्ताह में जारी करने की कोशिश करेंगे।'
CGBSE के सचिव सुधीर कुमार अग्रवाल ने बताया कि इस साल बारहवीं में 279,906 परीक्षार्थी शामिल हुए। परिणाम CGBSE की वेबसाइट www.cgbse.net पर देखा जा सकता है। छात्र अपने रिजल्ट का प्रिंट आउट भी ले सकते हैं।
गौरतलब है कि मंडल ने पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी 12वीं की परीक्षा के परिणाम परीक्षा संपन्न होने के एक महीने के रिकॉर्ड समय में तैयार कर लिया है। टिप्पणियां
स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप और छत्तीसगढ़ माध्यामिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष केडीपी राव ने मंडल के सभागार में रिजल्ट जारी किया। बोर्ड ने छात्रों की समस्या सुलझाने के लिए टोल फ्री नंबर 1800 233 4386 जारी किया है।
केडीपी राव ने कहा, '10वीं कक्षा का रिजल्ट मई के पहले सप्ताह में जारी करने की कोशिश करेंगे।'
गौरतलब है कि मंडल ने पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी 12वीं की परीक्षा के परिणाम परीक्षा संपन्न होने के एक महीने के रिकॉर्ड समय में तैयार कर लिया है। टिप्पणियां
स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप और छत्तीसगढ़ माध्यामिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष केडीपी राव ने मंडल के सभागार में रिजल्ट जारी किया। बोर्ड ने छात्रों की समस्या सुलझाने के लिए टोल फ्री नंबर 1800 233 4386 जारी किया है।
केडीपी राव ने कहा, '10वीं कक्षा का रिजल्ट मई के पहले सप्ताह में जारी करने की कोशिश करेंगे।'
स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप और छत्तीसगढ़ माध्यामिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष केडीपी राव ने मंडल के सभागार में रिजल्ट जारी किया। बोर्ड ने छात्रों की समस्या सुलझाने के लिए टोल फ्री नंबर 1800 233 4386 जारी किया है।
केडीपी राव ने कहा, '10वीं कक्षा का रिजल्ट मई के पहले सप्ताह में जारी करने की कोशिश करेंगे।'
केडीपी राव ने कहा, '10वीं कक्षा का रिजल्ट मई के पहले सप्ताह में जारी करने की कोशिश करेंगे।'
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मशीनी औजारों को प्रोग्रामित कमाण्डों के द्वारा स्वयंचालित कर देना संख्यात्मक नियंत्रण (Numeric Control) कहलाता है। अतः संख्यात्मक नियंत्रण में औजारों को हाथ द्वारा पहियों/लीवरों को घुमाकर नहीं चलाना पड़ता। एक बार काम को प्रोग्राम कर देने के बाद इसमें ऑपरेटर का हस्तक्षेप नहीं के बराबर रहता है। चूँकि वर्तमान समय में लगभग सारा संख्यात्मक नियंत्रण कंप्यूटर की सहायता से ही किया जाता है अतः इसे प्रायः कंप्युटर न्युमेरिकल कंट्रोल (CNC) ही कहा जाता है।
सन्दर्भ
इन्हें भी देखें
जी कोड
लिनक्स-सीएनसी
नियंत्रण
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किसा गौतमी (संस्कृत : कृशा गौतमी ; पालि : किसा गौतमी), श्रावस्ती के एक धनवान व्यक्ति की पत्नी तथा भगवान बुद्ध की एक शिष्या थीं। इनके संबंध में यह कहा गया है कि उनके एक ही पुत्र था जिसे बाग में खेलते समय नाग ने डँस लिया। एक दिन जब वह मृत पुत्र के शव को लेकर शोकाकुल भटक रही थी तब किसी ने उससे कह दिया कि बुद्ध के पास जाओ, वह तुम्हारे पुत्र को जीवित कर देंगें। उसने पुत्र के शव को ले जाकर बुद्ध के चरणों में डाल दिया और जीवित कर देने की प्रार्थना की। सुनकर बुद्ध ने कहा- ठीक है, तुम किसी ऐसे घर से एक मुट्ठी सरसों ले आओ, जिसके यहाँ कभी कोई मरा न हो। मैं तुम्हारे पुत्र को जीवित कर दूँगा। गौतमी दिन भर नगर में भटकती रही पर उसे कोई ऐसा घर नहीं मिला जहाँ कभी कोई मरा न हो। निराश, वह बुद्ध के पास लौटकर आई। तब बुद्ध ने उसे उपदेश दिया कि मृत्यु के दुःख से सारा संसार पीड़ित है। जन्म-मृत्यु का चक्र निरन्तर चलता रहता है। पुत्र का शोक भूलकर धर्म की शरण में जा। वह सांसारिक मोह त्यागकर भिक्षुणी हो गई और आध्यात्मिक विकास कर अर्हत पद प्राप्त किया। शरीर से कृश होने के कारण लोग उसे 'किसा गौतमी' कहने लगे।
धम्मपद का निम्नलिखित श्लोक किसा गौतमी की कथा से सम्बन्धित है-
यो च वस्ससतं जीवे, अपस्सं अमतं पदं ।
एकाहं जीवितं सेय्यो, पस्सतो अमतं पदं ॥ (सहस्सवग्ग, ११४)
''अर्थ : अमृत-पद (निर्वाण) को न देखने वाले (व्यक्ति) के सौ वर्ष के जीवन से अमृत-पद को देखने वाले (व्यक्ति) का एक दिन का जीवन श्रेयस्कर होता है।
सन्दर्भ
बौद्ध भिक्षु
अर्हत
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ईसाई विश्वास के अनुसार ईश्वर ने प्रेम से प्रेरित होकर मनुष्य को अपने परमानंद का भागी बनाने के उद्देश्य से उसकी सृष्टि की है। प्रथम मनुष्य ने ईश्वर की इस योजना को ठुकरा दिया और इस प्रकार संसार में पाप का प्रवेश हुआ (देखिए, आदिपाप)। मनुष्यों को पाप से छुटकारा दिलाने और उनके लिए मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करने के उद्देश्य से ईश्वर ने अवतार लिया और ईसा के रूप में प्रकट होकर मनुष्य के लिए धर्म का तत्व स्पष्ट कर दिया। ईसा ने सिखलाया कि ईश्वर का वास्तविक स्वरूप प्रेम में हैं; वह एक दयालु पिता है जो सभी मनुष्यों को अपनी संतान मानकर उन्हें अपने पास बुलाना चाहता है। मनुष्य को ईश्वर की यह योजना स्वीकार करनी चाहिए और अपने पापों के लिए पश्चात्ताप करना चाहिए, क्योंकि पाप ईश्वर के प्रति विद्रोह है। धर्म का सार इसमें है कि मनुष्य ईश्वर पर विश्वास करे, उसपर भरोसा रखे और उसके प्रति प्रेमपूर्ण आत्मसमर्पण करे।
इस प्रकार हम देखते हैं कि ईसाई धर्म भक्तिभावप्रधान धर्म है, यद्यपि इसमें कर्मकांड की अपेक्षा नहीं होती। ईसाइयों की भक्तिभावना निर्गुण ईश्वर की भक्ति तक सीमित नहीं होती है। वे ईसा को ईश्वर मानते हैं और ईसा के जीवन की घटनाओं पर, विशेषकर उनके दु:खभोग तथा उनकी क्रूस की मृत्यु पर, मनन और ध्यान करते हुए अपने हृदय में कोमल भक्तिभाव उत्पन्न करते हैं और जीवन की कठिनाइयों पर विजय प्राप्त करने के लिए ईसा के उदाहरण से प्रेरणा लेते हैं।
रोमन काथलिक और प्राच्य चर्च में ईसा की माता मरियम तथा संतों से भी प्रार्थना की जाती है क्योंकि विश्वास किया जाता है कि वे भी मनुष्यों की बिनतियाँ सुनते हैं और ईश्वर के विधान के अनुसार उनकी सहायता करते हैं।
सन्दर्भ
ईसाई धर्म
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लेख: भाजपा ने दिल्ली में अपने सांसदों की एक वर्कशॉप बुलाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्कशॉप में अपने सांसदों की क्लास ली। पेश हैं मोदी के भाषण के मुख्य अंश :
पीएम ने कहा देश की जनता का बार-बार आभार व्यक्त करना चाहिए और अभिनंदन करना चाहिए।उन्होंने कहा कि पूर्ण बहुमत के कारण देश को चलाने का मताधिकार मिलता है। इससे देश की संसद में सांसदों की मौजूदगी और संसद के काम में बढ़ोतरी होती है।संसद में मीडिया के रोल पर भी टिप्पणी करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मीडिया भी संसद के चलाने पर ध्यान रखती है। उन्होंने कहा कि 125 प्रतिशत काम जो ज्यादा हुआ है पिछले 10 महीनों में उस पर मीडिया चुप है।लोकतंत्र में संसद सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अब संसद का सत्र काफी लाभदायक होगा। उन्होंने अपनी विदेश यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि फ्रांस यात्रा में ज्यादातर रफाल की चर्चा हुई। बाकी किसी बात की चर्चा नहीं हुई। उन्होंने कहा कि इसके अलावा भी काफी काम हुए। कहीं न कहीं कमी रह गई।पीएम मोदी ने कहा कि तमाम ऐसे काम थे जिन पर हमें विश्व का सहयोग नहीं मिल रहा था। तमाम तकनीक हमारे पास नहीं है, भारत को रिएक्टर की जरूरत है, कोई देने के तैयार नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि फ्रांस रिएक्टर टेक्नोलॉजी देने को तैयार हुआ है।उन्होंने कहा, एलएंडटी और फ्रांस की अरेवा मिलकर भारत में रिएक्टर बनाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि यह बात जनता तक नहीं पहुंच पाई। यह बहुत बड़ी कामयाबी है।कनाडा ने पांच साल के लिए यूरेनियम सप्लाई का समझौता किया। यह भी कामयाबी है। भारत की विश्वसनीयता बढ़ी है जिसकी वजह से यह सब संभव हो पाया।पीएम मोदी ने कहा कि हम मन, स्वभाव और संस्कार से सत्ता से जुड़ नहीं पाते हैं। यह अच्छा है। इससे सत्ता का नशा नहीं चढ़ता। हम विपक्ष में रहे हैं सो उसका ऐहसास ज्यादा रहता है।उन्होंने कहा, जब यमन में बम धमाके हो रहे हैं, लोग मरने मारने को तैयार हैं, वहां पर हर रोज बात करके दो-दो घंटे बमबारी रुकवाना, बड़ी कामयाबी है.... इसी दो घंटे में लोगों को बचाना काफी महत्वपूर्ण है। यह भारत की कामयाबी है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों ने इसे बहुत सराहा।यह पहली बार हुआ होगा कि किसी सरकार का मंत्री खुद इस तरह के काम को खड़ा होकर करा रहा है। उन्होंने जनरल वीके सिंह का नाम लेकर तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि विदेशमंत्री सुषमा जी ने भी जिम्मेदारी से काम किया। रात एक बजे भी ट्वीट का जवाब 10 मिनट के भीतर दे रहीं थी।उन्होंने कहा कि सुषमा जी और वीके सिंह जी ने शानदार काम किया। लोग आपके प्रति आदर का भाव रखते हैं।पीएम मोदी ने कहा कि रेलवे अब तक एसी कोच और वीआईपी लोगों तक ही काम को देख रहा था, लेकिन सामान्य लोगों पर भी ध्यान दिया जा रहा है।रेल के डिब्बे में सफाई हो रही है, लोग इसकी चर्चा कर रहे हैं। इसका मतलब यह है कि रेल बदल रही है और लोग चर्चा कर रहे हैं। मीडिया करे न करे। उन्होंने कहा कि मैं विदेश में रेलवे स्टेशन देखने गया।उन्होंने कहा, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी का संदेश लोगों तक पहुंचाना होगा। उन्होंने कहा कि यह सरकार गरीबों की सरकार है। कुछ (मीडिया) लोगों को बीजेपी के खिलाफ प्रचार करने का हक है। लेकिन, ऐसे में इन लोगों को न्यूट्रल कहलाने का हक नहीं है।उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण बिल जनता के हित में है, किसानों के हित में है। उन्होंने कहा कि जिनके पास घर नहीं, उन्हें घर देना है। अगर आज नहीं है तो इसके लिए पुरानी सरकारें जिम्मेदार हैं। क्या यह सपना देखना गलत है कि हर गरीब के पास घर हो, बिजली हो, पानी हो, शौचालय हो, स्कूल हो, बुजुर्गों के लिए अस्पताल की व्यवस्था हो... हम इस काम को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।इस सरकार को भ्रष्टाचार पर बोलने से रोकने की कोशिश हो रही है। सीमेंट की कीमतें गिर गई है। इससे लोगों को फायदा होगा कि नहीं.... सरकार को फायदा होगा कि नहीं... पिछली सरकार ने तिजोरियां खाली कर दीं। हम पैसा बचा रहे हैं ताकि विकास किया जा सके।उन्होंने कहा कि हम अस्पताल भी बनाएंगे और शौचालय भी बनाएंगे। यह जरूरी है शौचालय भी बनें ताकि माताएं बहनों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि मुझे माताओं बहनों का आशीर्वाद काफी काम आया है। 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' आंदोलन की बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस देश में यह आंदोलन गरीबों के लिए है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों की बेटियां सबसे ज्यादा अशिक्षित हैं।पीएम मोदी ने कहा कि अगर मैं कहता हूं कि किसानों को पेंशन मिलेगी तो काफी चर्चा होती, लेकिन मैंने कहा कि सभी को पेंशन मिलेगी तो कोई चर्चा नहीं है। आर्थिक रूप से संपन्न लोगों ने खुद ही सब्सिडी छोड़ी, जिससे 200 करोड़ रुपये बचे, इसे सरकारी खजाने में नहीं डाला जाएगा। इस पैसे से गरीब माताओं को गैस दी जाएगी, जो चूल्हा जलाती हैं। उन्होंने कहा कि इससे पर्यावरण बचाव भी होगा... माताओं की सेहत का ध्यान में रहेगा।पीएम मोदी ने कहा कि बैंकों को विद्यार्थियों को कर्ज देने में दिक्कत होती रही है, लेकिन अब निर्देश दिए गए हैं कि ऐसा न हो... उन्होंने बैंकों की तारीफ भी की जन-धन योजना के लिए... उन्होंने कहा कि अच्छे विद्यार्थियों को पैसे की कमी के चलते पढ़ाई से वंचित नहीं रहना होगा।उन्होंने कहा कि सामान्य परिवार ऊपर उठना चाहता है, सम्मान के साथ जीना चाहता है। उन्होंने कहा कि राजनीति से देश को बर्बाद कर दिया, राष्ट्रनीति देश को बचाएगी। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं गांव में पैसा ज्यादा आए और गैर-उत्पादित (नॉन प्रोडक्टिव) न हो। सांसदों से पीए ने आग्रह किया कि आप गांवों में जाएं और देखें कि योजना गांव तक पहुंच रही है और भ्रष्टाचार न होने दें।उन्होंने कहा कि गांव में जाएं भ्रष्टाचार देखें तो सिर्फ एक चिट्ठी डाल दीजिए... उन्होंने कहा कि गांव की शक्ति बढ़ेगी तो शहर की शक्ति अपने आप बढ़ेगी।मोदी कहा कि इस बार सरकार ने तमाम निर्णय लिए, जिससे किसानों को लाभ होगा। पहले 50 प्रतिशत नुकसान पर ही मुआवजा मिलता था अब 33 प्रतिशत नुकसान पर मुआवजा दिया जा रहा है। इतना ही नहीं मुआवजा 1.5 गुणा बढ़ा दिया गया है।प्रधानमंत्री ने सांसदों से कहा कि लोगों को बताएं कि पहले कैसा था और अब कैसा हो रहा है ताकि लोग समझें... उन्होंने कहा कि गेहूं की फसल का जो नुकसान हुआ, उससे सरकार ने तमाम निर्णय लिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह निर्णय लिया है कि सरकार कुछ खराब हुए गेहूं को भी खरीदेगी।पीएम ने कहा कि नरेगा का पैसा अब 80 प्रतिशत सीधे खाते में जा रहा है। इससे गरीबों को लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि यह सरकार देश को गरीबी से निकालने का प्रयास कर रही है।मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के एक वाक्य (100 में से 15 पैसे ही गरीब तक पहुचते हैं) को याद करते हुए कहा हमारा काम सिर्फ बीमारी का पता लगाना नहीं, उसका इलाज करना भी है। उन्होंने कहा, भ्रष्टाचार रोकें केवल बात ही ना करें...उन्होंने मीडिया पर तंज करते हुए कहा कि यह सही, देखना, सुनना, बोलना नहीं चाहते... तो सांसदों को लोगों को समझाना चाहिए।उन्होंने महंगाई का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले पांच साल में महंगाई सबसे कम है। इससे गरीबों का फायदा हो रहा है।पीएम मोदी ने कहा कि छोटी घटनाओं को बड़ा बनाकर दिखाया जा रहा है और बड़ी चीजों को बिल्कुल नहीं दिखाया जा रहा है।
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लगता है लालकृष्ण आडवाणी की भविष्यवाणी सही साबित हो रही है. सभी लोग यूपीए के भ्रष्टाचार, घोटाले भूल यह पूछ रहे हैं कि मोदी आपको पसंद हैं कि नहीं?
आडवाणी जी की जो शंकाए थीं वे दूर हुई हैं या नहीं, इस पर मैं टिप्पणी नहीं कर सकता. पर मोदी के साथ उनकी मीटिंग हुई थी और उन्होंने अपना इस्तीफा भी वापस ले लिया था. जहां तक मोदी का सवाल है तो जिन विवादों की चर्चा हो रही है वे सब धीरे-धीरे ठीक हो जाएंगे.
अमित शाह अयोध्या जाकर कहते हैं कि राम मंदिर यहीं बनेगा, वहीं राजनाथ बचाव में बयान देते हैं. आपके चुनावी एजेंडे में लिखा क्या है?
राम मंदिर बीजेपी और एनडीए के एजेंडे में हमेशा से रहा है. बीजेपी और एनडीए में कोई फर्क नहीं है. मंदिर तो बनना ही है. मैं तो कहता हूं कि यह हिंदुस्तान का एजेंडा है.
यानी आप कह रहे हैं कि अगर 2014 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो बीजेपी अयोध्या में राम मंदिर बनवाएगी.
बिलकुल बनवाएगी, और बनवाना भी चाहिए.
मोदी बयान देते हैं कि कुत्ते का पिल्ला गाड़ी के नीचे आ जाए तो दर्द होता है. इसका क्या अर्थ है?
गांव के लोगों को यह बात समझ आती है.
पर दंगों के वक्त मोदी ही इंचार्ज थे.
1984 के दंगों के वक्त कौन इंचार्ज था? भागलपुर के दंगों में कौन इंचार्ज था?
आप सवाल का जवाब नहीं दे रहे.
गुजरात दंगों में एक भी एफआइआर मोदी के नाम पर नहीं है. और ये केस बनावटी लगते हैं.
आप राहुल गांधी को बुद्धू कहते हैं लेकिन ये बुद्धू तो बड़ा होशियार निकला. जब से वे उपाध्यक्ष बने हैं, पार्टी को कर्नाटक में जीत मिली और वे कांग्रेस की छवि बदलने में काफी हद तक सफल रहे हैं.
बीजेपी का वोट 9 फीसदी घटा है लेकिन कांग्रेस का वोट 1 फीसदी भी नहीं बढ़ा. कर्नाटक में वोट का विश्लेषण करना चाहिए.
ट्विटर पर आप राहुल पर सवाल उठाते रहते हैं पर हकीकत है कि जब से राहुल वाइस प्रेसिडेंट बने हैं, नई-नई रणनीति बना रहे हैं.
कांग्रेस अभी यह तक तो तय नहीं कर पाई है कि चुनाव अगले साल करवाने हैं या अक्तूबर में.
अक्तूबर में चुनाव के सपने तो आप ही देख रहे हैं क्योंकि कांग्रेस तो पहले ही कह चुकी है कि चुनाव 2014 में ही होंगे.
वे आखिरी वक्त तक नहीं बताएंगे कि चुनाव अक्तूबर में करवाना चाहते हैं.
मोदी ने खुद को हिंदू राष्ट्रवादी क्यों कहा? वे भारतीय राष्ट्रवादी भी कह सकते थे.
मोदी से किसी ने सवाल पूछा था कि वे हिंदू राष्ट्रवादी हैं? उन्होंने कहा कि हां, हिंदू भी हूं और राष्ट्रवादी भी. उन्होंने केवल बयान दिया था.
आपकी नीति यह है कि हिंदू वोट बैंक एक हो जाए और मुस्लिम वोट बैंक बंट जाए?
बिलकुल. मेरा तो मानना है कि हिंदू वोट बैंक इकट्ठा करो, मुसलमान वोट बैंक को बांटो.
धर्म के नाम पर राजनीति देश के लिए खतरनाक है?
ऐसी राजनीति क्यों नहीं होनी चाहिए? हम 80 फीसदी हिंदू हैं और अगर 14 प्रतिशत मुसलमानों में से 7 प्रतिशत हमारे साथ आ भी जाएंगे तो यह खतरनाक कैसे हो जाएगा. आज शिया और कई मुसलमान हमारे साथ हैं.
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का सिर काटने की धमकी देने वाले बीजेपी नेता पर पार्टी की ओर से गाज गिर सकती है. बताया जाता है कि शिवमोगा पूर्ववर्ती शहर नगर निकाय परिषद के पूर्व अध्यक्ष एस एन चन्नबसप्पा को पार्टी से निकाला भी जा सकता है.
एक कांग्रेस नेता की पुलिस में शिकायत के बाद चन्नसबप्पा को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने
सिद्धरमैया
के गोमांस खाने संबंधी कथित बयान के विरोध में पार्टी की स्थानीय शाखा द्वारा आयोजित प्रदर्शन के दौरान कहा था, 'आप गोमाता के गले पर हाथ रखने की हिम्मत कैसे कर सकते हैं? आप खुलेआम तानाशाहीपूर्ण ढंग से कह रहे हैं कि आप गोमांस खायेंगे… अगर आपमें हिम्मत है तो यहां आएं, गोपी सर्किल (शिवमोगा) में आकर खाएं और इसमें कोई शक नहीं होना चाहिए कि उसी दिन आपका सिर कलम कर दिया जाएगा.'
पार्टी ने जारी किया नोटिस
कर्नाटक
बीजेपी ने बयान के बाबत चन्नसबप्पा को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि बीजेपी नेता का बयान पार्टी से उसूलों के खिलाफ है और पार्टी उनकी सदस्या भी खत्म कर सकती है. एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा, 'ऐसा लगता है जैसे चन्नसबप्पा बोलते-बोलते बोल गए. लेकिन उन्हें ऐसा कोई बयान नहीं देना चाहिए था. खासकर तब जब पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर इस मसले को उठा रही है.'
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जर्मनी की अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर रवाना होने से पहले
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह
ने कहा कि भारत की कोशिश आठ प्रतिशत विकास दर पर पहुंचने की कोशिश है.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जर्मनी की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान द्विपक्षीय सम्बंधों को बढ़ावा देने के लिए दोनों देश की सरकारों के बीच विचार-विमर्श में शामिल होंगे तथा शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिक और नवीनीकृत ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में समझौता करेंगे.
चांसलर एंजेला मर्केल के निमंत्रण पर जर्मनी के दौरे पर रवाना हुए प्रधानमंत्री उनके साथ दोनों सरकारों के बीच होने वाली दूसरी बैठक की अध्यक्षता करेंगे. इस बैठक की शुरुआत 2011 में सहयोग के हर सम्भावित क्षेत्र पर बातचीत के लिए की गई थी.
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में रवाना हुए उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा, नवीवीकृत ऊर्जा मंत्री फारुख अब्दुल्ला , मानव संसाधन विकास मंत्री एम.एम. पल्लम राजू और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री एस.जयपाल रेड्डी शामिल हैं.
इससे पूर्व मनमोहन सिंह ने कहा था कि वह यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ व्यापार संतुलन व निवेश के मुद्दे पर जल्द राय कायम करने के लिए जर्मनी से सहयोग हासिल करने का प्रयास करेंगे.
उन्होंने प्रस्थान से पूर्व जारी एक वक्तव्य में कहा, 'मैं चांसलर एंजेला मर्केल से भारत-ईयू के बीच व्यापार और निवेश क्षेत्र में व्यापक समझौते पर जल्द राय कायम करने की दिशा में सहयोग हासिल करने की कोशिश करूंगा'
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह यूरोप से भारतीय निवेशकों एवं पेशेवर लोगों के लिए दरवाजे खुले रखने का भी प्रस्ताव रखेंगे.
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अमेरिका ने कहा है कि प्रधानमंत्री पद के बीजेपी के उम्मीदवार एवं गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के वीजा पर उसके रुख में कोई परिवर्तन नहीं आया है.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेन प्साकी ने पत्रकारों से कहा कि स्वाभाविक रूप से अभी चुनाव नहीं हुए हैं, लेकिन इस पर हमारा रुख नहीं बदला है, जो यह है कि वीजा के लिए मोदी की ओर से आवेदन का स्वागत है और स्वाभाविक रूप से उस पर सामान्य प्रक्रिया के माध्यम से विचार किया जाएगा.
जेन ने यह बात विदेश उपमंत्री एवं दक्षिण तथा मध्य एशिया मामलों की प्रभारी निशा देसाई बिस्वाल के साक्षात्कार पर सवाल के जवाब में कही. निशा ने अपने साक्षात्कार में कहा था कि अमेरिका ने भारत के सभी नेताओं का स्वागत किया है और लोकतांत्रिक रूप से चुना गया उसका कोई नेता स्वागतयोग्य साझेदार होगा.
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वूलविच आर्सेनल (आजकल केवल आर्सेनल) 1891 में पेशेवर बनने वाला लंदन का पहला क्लब था और मौजूदा उत्तरी और मिडलैंड्स आधारित फुटबॉल लीग को प्रतिबिंबित करने के लिए दक्षिणी लीग स्थापित करने के प्रयास के पीछे प्रमुख प्रेरकों में से एक था। हालाँकि, यह उद्यम लंदन फुटबॉल एसोसिएशन के विरोध के कारण विफल रहा और वूलविच आर्सेनल 1893 में बर्मिंघम के दक्षिण में इसके एकमात्र प्रतिनिधि के रूप में फुटबॉल लीग में शामिल हो गया। इसके अतिरिक्त, एक शौकिया लीग, दक्षिणी गठबंधन की स्थापना 1892 में सात क्लबों के साथ की गई थी। क्षेत्र से, लेकिन वह एक अधूरे सीज़न के बाद मुड़ गया।
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बंगाल की राजनीति में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक बार फिर आमने-सामने हैं, दोनों के बीच फिर से ठन गई लगती है.
नई लड़ाई तब शुरू हुई जब बंगाल पुलिस ने भाजपा की प्रस्तावित बाइक रैली जिसे पार्टी की युवा मोर्चा निकालने वाली थी कि अनुमति नहीं दी है. यह बाइक रैली 11 जनवरी से 17 जनवरी तक प्रस्तावित थी.
युवा मोर्चा ने ऐलान किया था कि इस दौरान राज्यभर में इसे 'प्रतिरोध संकल्प अभियान' के रूप में मनाएंगे. यह रैली पूर्वी मिदनापोर से उत्तरी बंगाल के कूच बिहार तक निकलने वाली थी.
बंगाल में ममता का सॉफ्ट हिंदुत्व कार्ड, अगले महीने ब्राह्मण सम्मेलन को करेंगी संबोधित
भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट जाने का फैसला लिया है. इससे पहले ममता बनर्जी की सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को भी ऐसी ही एक अनुमति नहीं दी थी.
EVM पर खर्च करने वाले चुनाव सुधार पर पैसा क्यों नहीं लगातेः ममता बनर्जी
पिछले हफ्ते ही राज्य सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को हावड़ा जिले में योग शिविर आयोजित करने की अनुमति नहीं दी थी. बाद में हाई कोर्ट के फैसले के बाद आरएसएस ने 7 जनवरी को यह शिविर आयोजित किया.
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Mr Rahul Gandhi,I challenge you.I am witness to you meeting Nirav Modi in Sept 2013 at a Hotel and during this time Nirav Modi and his uncle (Mehul Choksi) got loans from banks.I am ready to undergo a lie detector test. Are you ready to take challenge?:Shehzad Poonawalla,Activist pic.twitter.com/Ennv25qFKE
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इन दिनों शराबबंदी बिहार का सबसे अहम मुद्दा है. इसका असर दुर्गा पूजा के पंडालों में भी देखने को मिल रहा है. बिहार के पूर्णिया में शराबबंदी को लेकर पंडाल के माध्यम से संदेश दिया जा रहा है. इस अनोखे पंडाल की चर्चा न केवल पूर्णिया में बल्कि राजधानी पटना तक हो रही है.
श्रीधाम सेवा समिति द्वारा आयोजित दुर्गा पूजा पंडाल के मुख्य द्वार को शराब की बोतलों का रुप दिया गया है. शराब की इन बोतलों पर लाल रंग की क्रॉस लाइन लगाई गई है मतलब साफ कि शराब से तौबा. पूजा पंडाल के माध्यम से समाज में साकारात्मक संदेश देना ही श्रीधाम सेवा समिति का उद्देश्य रहा है. इस साल श्रीधाम सेवा समिति ने पूर्णिया के आरक्षी अधीक्षक निशांत कुमार तिवारी की प्रेरणा से
शराबंबदी
को लेकर पंडाल का निर्माण किया गया है. पंडाल के मुख्य द्वार पर बनाई गई शराब की बोतलों को प्लाईवुड से बनाया गया है जिसे पश्चिम बंगाल के कारीगरों ने बनाया है.
सकारात्मक संदेश देना पंडाल का उद्देश्य
पूर्णिया के एसपी निशांत कुमार तिवारी ने बताया कि देश या राज्य के ज्वलंत मुद्दों पर पंडाल के निर्माण करने की परंपरा दशकों पुरानी है. उन्होंने कहा कि श्रीधाम सेवा समिति द्वारा 1962 से दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है और हर साल महत्वपूर्ण घटनाओं को ही थीम बनाकर पंडाल का निर्माण किया जाता है. एसपी निशांत तिवारी ने कहा कि इस बार शराबबंदी ही राज्य का सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है. इसलिए
शराबबंदी
ही पंडाल निर्माण का थीन है. इस तरह के पंडाल निर्माण से समाज में सकारात्मक संदेश गया है. उन्होंने कहा कि बिहार में
शराब पर प्रतिबंध
लगने और पंडाल के माध्यम से इस तरह के संदेश जाने से सबसे ज्यादा खुशी महिलाओं में है.
कई मुद्दों के थीम पर बना पंडाल
उन्होंने कहा कि सौहार्दपूर्ण वातावरण में सामाजिक सदभाव बनाते हुए दुर्गा पूजा संपन्न हो यही कोशिश इस समिति के साथ-साथ जिला प्रशासन की है. याद हो कि पिछले साल यह पंडाल पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को समर्पित था. उस पंडाल का नाम मिसाइल पंडाल रखा गया था. साल 2014 में पंडाल का थीम था गैस का सिलिंडर. कारण ये था कि उस साल गैस सिलिंडर पर सब्सिडी दी गयी थी. उससे पहले कारगिल युद्ध, संसद भवन पर आतंकी हमला, अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला, कुसहा त्रासदी, गायसोल ट्रेन हादसा जैसे प्रमुख मुद्दों को थीम बना कर पंडाल का निर्माण किया जा चुका है.
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Subsets and Splits
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