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सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को मेडिकल के पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्सेज ( PG medical courses) के 2019-20 एकेडमिक ईयर में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के महाराष्ट्र सरकार के आदेश पर गुरुवार को रोक लगा दी है.
शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रवेश प्रक्रिया के पिछले साल नवंबर में ही शुरू हो जाने के बाद राज्य सरकार इसे लागू नहीं कर सकती. शीर्ष अदालत के आदेश से आर्थिक रूप से कमजोर (EWS) कैटेगरी के कम से कम 25 उम्मीदवार प्रभावित होंगे. अदालत ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार खेल के दौरान खेल के नियम नहीं बदल सकती.
शीर्ष अदालत ने कहा कि भारतीय मेडिकल परिषद (MCI) वर्तमान में उपलब्ध सीटों को छोड़ने के बजाय और ज्यादा सीटें उत्पन्न कर सकती है. जैसा कि अदालत ने कहा कि ईडब्ल्यूएस राज्य में मेडिकल पाठ्यक्रमों की मौजूदा सीटों पर लागू नहीं है. राज्य सरकार के वकील ने सरकार द्वारा पारित अध्यादेश का हवाला दिया लेकिन अदालत ने उस पर गौर नहीं किया.
आपको बता दें, न्यायालय ने कहा कि जब तक एमसीआई अतिरिक्त सीटों का सृजन नहीं करता, दूसरों को नुकसान पहुंचा कर 10 प्रतिशित ईडब्ल्यूएस आरक्षण नहीं दिया जा सकता.
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पहचान की चोरी उस वक्त होती है, जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति की निजी पहचान बताने वाली जानकारी जैसे उसका नाम, पहचान संख्या या क्रेडिट कार्ड नंबर उस व्यक्ति के बिना अनुमति के इस्तेमाल करता है या किसी को धोखा देने या अन्य प्रकार के अपराध में करता है। पहचान की चोरी शब्द पहली बार 1964 में यूके और अमेरिका में हुआ जब वहाँ के कुछ अपराधी किसी दूसरे व्यक्ति की पहचान दिखा कर आपराधिक घटना को अंजाम दे रहे थे। पहचान की चोरी का उपयोग मुख्य रूप से आर्थिक लाभ या लोन पाने और अन्य कई तरह के लाभ हेतु किया जाता है। लेकिन इससे जिस व्यक्ति की पहचान चोरी हुई है, उसे आर्थिक, मानसिक एवं कई मामलों में अन्य प्रकार का नुकसान भी झेलना पड़ता है। निजी पहचान की जानकारी में आम तौर पर लोगों के नाम, जन्मतिथि, पैन नंबर, ड्राईवर लाइसेन्स नंबर, बैंक अकाउंट और क्रेडिट कार्ड नंबर, फिंगरप्रिंट, पासवर्ड एवं अन्य कुछ जानकारी जो किसी व्यक्ति के आर्थिक संसाधनों से जुड़ी होती है, शामिल हैं।
प्रकार
पहचान की चोरी के मुख्य रूप से 5 प्रकार हैं, इसे अपराध के तरीकों के आधार पर बांटा गया है।
अपराध को अंजाम देने हेतु,
आर्थिक लाभ लेने हेतु,
अन्य व्यक्ति बनने में,
मेडिकल या ड्रग हासिल करने में,
बच्चों की पहचान चोरी में।
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
अपराध
धोखा
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दिल्ली से सटे गाजियाबाद के विजयनगर इलाके में शुक्रवारी की देर शाम जमकर हुई चाकूबाजी से इलाके में भय का माहौल बन गया. बताया जा रहा है कि यह चाकूबाजी की घटना एक महिला पर जिस्मफरोशी के इल्जाम को लेकर शुरू हुई. पुलिस ने बताया कि चाकूबाजी में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए.
स्थानीय लोगों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने महिला के घर की तलाशी ली और आधा दर्जन लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. पुलिस ने घायलों को गाजियाबाद के जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से उन्हें जीटीबी अस्पताल रेफर कर दिया गया.
पुलिस ने बताया कि बीती रात महिला के घर में हुई चाकूबाजी में एटा के रहने वाले 26 वर्षीय अरविंद की मौत हो गई. तीन अन्य युवक घायल हैं, जिनका इलाज चल रहा है.
तीनों की हालत गंभीर
बताई जा रही है. पुलिस केस दर्ज कर मामले की जांच में जुट गई है.
पुलिस के मुताबिक, गाजियाबाद के विजयनगर इलाके में संतोष मेडिकल कॉलेज के पास एक घर के अंदर यह घटना घटी. घर की मालकिन महिला पर इससे पहले देह व्यापार चलाने का इल्जाम लग चुका है और इस मामले में वह जेल भी जा चुकी है.
मौके पर पहुंची पुलिस को स्थानीय लोगों ने बताया कि घर के अंदर युवकों के बीच मारपीट शुरू हुई और बाहर तक चाकूबाजी होती रही. चश्मदीदों के मुताबिक, लड़ाई संभवतः किसी लड़की को लेकर शुरू हुई थी. पुलिस ने बताया कि महिला के घर के अंदर से लेकर बाहर दूर तक
खून बिखरा पड़ा था
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पुलिस को शक है कि इस मामले में कुछ और लोग इनवॉल्व हो सकते हैं. पुलिस ने महिला के पूरे घर की तलाशी ली और घर के आसपास भी छानबीन की. हालांकि घर के अंदर पुलिस को किसी तरह का सबूत नहीं मिला. पुलिस केस दर्ज कर तफ्तीश में जुट गई है.
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यह एक लेख है: 1993 में 'हेरोइन चिक' के नाम से पहचानी जाने वाली पूर्व सुपर मॉडल केट मॉस ने अपनी नई आत्मकथा 'केट: द केट मॉस बुक' में लिखा है कि उन्होंने अपनी जिंदगी में कभी भी हेरोइन का सेवन नहीं किया।टिप्पणियां
मॉस कहती हैं कि सार्वजनिक रूप से उन्होंने अपना बचाव अब तक नहीं किया, क्योंकि उन्हें इससे फर्क नहीं पड़ता कि लोग उनके बारे में क्या सोचते हैं।
'डेली मिरर' की खबर में कहा गया है कि 38-वर्षीय पूर्व फैशन आइकॉन कहती हैं कि उनके मुताबित नशीले पदार्थों के सेवन की अफवाहों से निपटने का सबसे कारगर हथियार चुप्पी साध लेना था।
मॉस कहती हैं कि सार्वजनिक रूप से उन्होंने अपना बचाव अब तक नहीं किया, क्योंकि उन्हें इससे फर्क नहीं पड़ता कि लोग उनके बारे में क्या सोचते हैं।
'डेली मिरर' की खबर में कहा गया है कि 38-वर्षीय पूर्व फैशन आइकॉन कहती हैं कि उनके मुताबित नशीले पदार्थों के सेवन की अफवाहों से निपटने का सबसे कारगर हथियार चुप्पी साध लेना था।
'डेली मिरर' की खबर में कहा गया है कि 38-वर्षीय पूर्व फैशन आइकॉन कहती हैं कि उनके मुताबित नशीले पदार्थों के सेवन की अफवाहों से निपटने का सबसे कारगर हथियार चुप्पी साध लेना था।
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|colour = हरा
सच्चियाय माता (सचिया माता) के नाम से भी जानी जाती है इनका मंदिर जोधपुर से 63 किमी दूर ओसियां में स्थित है। यह मंदिर जोधपुर जिले का सबसे बड़ा मंदिर है इसका निर्माण 9वीं या 10वीं सदी में उपेन्द्र ने करवाया था। सच्चियाय माता को ओसवाल, जैन, परमार, पंवार, कुमावत,सुथार, राजपूत, जाट, चारण (पंवार वंश गेेेहड देवासी) पारीक ब्राह्मण,माहेश्वरी इत्यादि जातियों के लोग पूजते हैं। जैन की देवी है
हिन्दु पौराणिक इतिहास
सच्चियाय माता का पूर्व का नाम साची था तथा ये असुर राजा पौलोमा की बेटी थी। राजा पौलोमा वृत्र के सेना प्रमुख थे। वृत्र साची से विवाह करना चाहती थी। परंतु साची उससे विवाह नहीं करना चाहती थी इस कारण पौलोमा ने वृत्र का कार्य छोड़ दिया और जैन धर्म को मानने लगे
जैन पौराणिक इतिहास
एक पत्थर शिलालेख जो ओसियां में मिला था वह कुछ और कहानी बतलाती हैं। जैन धर्म के एक आचार्य श्रीमद् विजय रत्नाप्रभासुरीजी ने ओसियां की यात्रा की थी
इनके अनुसार ओसियां का पूर्व का नाम उपकेशपुर था और यहाँ चामुण्डा माता का एक मंदिर भी था। इनका मानना था कि चामुण्डा माँ लोगों से भैंसों की बली मांगती थी। जैन साधु विजय रत्नाप्रभासुरीजी इस प्रथा पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास कर रहे थे। इनका मानना था कि चामुण्डा माता का दूसरा नाम (सच्चियाय माता) ही था।
वर्तमान
आज वर्तमान समय में सच्चियाय माता के मंदिर में मिठाई, नारियल, कुमकुम, केसर, धुप, चंदन, लापसी इत्यादि का छड़ावा किया जाता है। बलि का कहीं ज़िक्र भी नहीं होता है।
इन्हें भी देखें
तनोट माता Rajput
सन्दर्भ
राजस्थान में हिन्दू मन्दिर
जोधपुर के दर्शनीय स्थल
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यह एक लेख है: ओडिशा के कंधमाल जिले में वर्ष 2008 के सांप्रदायिक दंगे के दौरान नन से बलात्कार मामले में एक अदालत ने तीन लोगों को दोषी ठहराते हुए छह अन्य को बरी कर दिया।
जिला सत्र अदालत न्यायाधीश ज्ञान रंजन पुरोहित ने मितुआ उर्फ संतोष पटनायक को आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार), दो अन्य - गजेंद्र डिगल और सरोज बाहडेई को आईपीसी की धारा 354 के तहत दोषी माना। अदालत जल्द ही तीनों कसूरवारों को सजा की घोषणा करेगी। सबूत के अभाव में छह लोगों को बरी कर दिया गया।
कंधमाल जिले के बालीगुड़ा में 25 अगस्त, 2008 को नन के साथ बलात्कार हुआ था। 23 अगस्त को जलेसपाटा आश्रम में विहिप नेता लक्ष्मनानंद सरस्वती की हत्या के बाद आदिवासी बहुल जिले में दंगा हुआ, जिसमें 38 लोग मारे गए थे।
नन ने आरोप लगाया था कि उस पर हमला हुआ और उसके साथ सामूहिक बलात्कार कर अर्धनग्न अवस्था में सड़क पर परेड करवाई गई। मामले की सुनवाई अगस्त, 2010 में शुरू हुई थी। ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा ने घटना की जांच की और पहले चरण में नौ लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।
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इस साल जुलाई में हरियाणा के मानेसर में मारुति सुजुकी की फैक्टरी में काफी हंगामा हुआ. यह फैक्टरी 600 एकड़ में है और इसके लिए जमीन का अधिग्रहण दो चरणों में वर्ष 2004 और 2005 में हुआ. लेकिन जमीन के मालिकों ने मौजूदा भूमि अधिग्रहण अधिनियम के खंड 18 के आधार पर पहले दिए गए मुआवजे से अधिक राशि की मांग की.
बताया जाता है कि जब हरियाणा राज्य औद्योगिक व ढांचागत विकास निगम ने मारुति से 501.24 करोड़ रु. की मांग की तो कार कंपनी ने कह दिया कि वह इस राशि को देने की जगह प्लांट को ही बंद कर देना बेहतर समझेगी. मारुति सुजुकी लिमिटेड के चेयरमैन आर.सी. भार्गव कहते हैं, ''हमारा मामला भूमि अधिग्रहण और विस्थापितों के मुआवजे से जुड़े जटिल सवालों का एक जीता-जागता उदाहरण है.
ऐसे मसलों पर नीति स्पष्ट करने की जरूरत थी. लेकिन नए विधेयक में भी साफ नहीं बताया गया कि जमीन की कीमत तय कैसे की जाएगी. हालांकि इसमें पिछले विधेयक के मुआवजे और पुनर्वास जैसे कुछ मसलों को सुलझाने की कोशिश जरूर की गई है.”
भारत में सरकारी नीतियां भूमि अधिग्रहण की पेचीदगियों को बढ़ा रही हैं और इसके कारण विवाद खड़े हो रहे हैं. नतीजा यह कि तमाम परियोजनाएं लटकी पड़ी हैं. सरकारी बैंकों के आंकड़े बताते हैं कि मार्च तक 7 लाख करोड़ रु. से भी अधिक की परियोजनाएं पर्यावरण संबंधी मंजूरी नहीं मिलने के कारण लंबित हैं. इनसे भी बड़ा मसला है विस्थापितों के अधिकार का.
उचित मुआवजा क्या हो और पुनर्वास कैसे हो? पुराना कानून अंग्रेजों ने 1894 में बनाया था और उसमें खामी-ही-खामी है. लेकिन सवाल यह है कि क्या उचित मुआवजे और पारदर्शिता के मामले में भूमि अधिग्रहण, पुनरुद्धार व पुनर्वास विधेयक, 2013 से समस्या हल हो पाएगी?
आने वाले समय में इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी परियोजनाओं पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा क्योंकि तमाम तरह की मंजूरी लेने में खासा समय लगेगा और नए विधेयक के प्रावधानों के मुताबिक मुआवजा देने पर परियोजना की लागत भी बढ़ जाएगी. नए विधेयक के मुताबिक जमीन के अधिग्रहण के लिए सामाजिक प्रभाव आकलन (एसआइए) सर्वे जरूरी होगा, जो गांवों के मामले में ग्राम सभा से और शहरों के मामले में ऐसे ही किसी निकाय से विचार-विमर्श कर तैयार किया जाएगा.
इसके बाद इस रिपोर्ट की समीक्षा की जिम्मेदारी एक विशेषज्ञ समिति की होगी, जिसमें दो गैर-सरकारी सामाजिक वैज्ञानिक, पुनर्वास से जुड़े दो विशेषज्ञ और परियोजना से संबंधित एक तकनीकी विशेषज्ञ होंगे. इसके साथ ही रिपोर्ट की समीक्षा एक अन्य समिति यह देखने के लिए करेगी कि भूमि अधिग्रहण का प्रस्ताव सभी आवश्यक शर्तों पर खरा उतरता है या नहीं.
बुनियादी क्षेत्र से जुड़ी कंपनी एचसीसी लिमिटेड के चेयरमैन अजित गुलाबचंद कहते हैं, ''नए विधेयक का असर यह होगा कि जमीन खरीदने वाली कंपनियों को मुकदमों से दो-चार होना पड़ेगा. निजी कंपनियों के लिए लागत से कहीं बढ़ी बाधा है तरह-तरह की मंजूरी. और तो और, चूंकि इस कानून को पिछली तारीख से लागू होना है, इसलिए जिन परियोजनाओं पर काम चल रहा है, वे भी विवादों में घिर जाएंगी.”
गोदरेज समूह के चेयरमैन आदि गोदरेज कहते हैं, ''हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि जो किसान जमीन दे रहे हैं, उनके और उद्योग के हितों के बीच संतुलन हो.” आदि गोदरेज ने इसके पहले एक इंटरव्यू में कहा था, ''कुछ मसले तो सुलझ गए हैं, लेकिन भूमि अधिग्रहण विधेयक के कुछ प्रावधानों को लेकर मैं चिंतित हूं.” उन्होंने कहा कि सरकारी हस्तक्षेप से पहले 80 फीसदी गांव वालों की सहमति की बाध्यता कुछ ज्यादा ही है.
उद्योग जगत ने इसे 60 फीसदी रखने का सुझाव दिया था. रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े दिग्गज कहते हैं कि चूंकि मुआवजा अधिक देना होगा, इसलिए प्रॉपर्टी की कीमत करीब 30 फीसदी बढ़ जाएगी. विधयेक के मुताबिक अधिग्रहित जमीन का मुआवजा बाजार भाव की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए चार गुना और शहरी क्षेत्रों के लिए दो गुना होगा.
यदि अधिग्रहित की गई जमीन को मुआवजे से अधिक कीमत पर किसी तीसरे पक्ष को बेचा जाता है तो 40 फीसदी मुनाफा जमीन के मूल मालिक के हिस्से में जाएगा. हीरानंदानी समूह के सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक निरंजन हीरानंदानी कहते हैं, ''शहरी इलाकों में तो कीमत आसमान छू रही है. मुआवजे में भारी रकम देनी पड़ेगी.”
वैसे बड़ी परियोजनाओं के मामले में केवल जमीन की कीमत ज्यादा होने से कोई फर्क नहीं पडऩे वाला क्योंकि इस स्तर की परियोजनाओं में जमीन पर होने वाला खर्च कुल लागत का सिर्फ 2-4 प्रतिशत ही होता है. हीरानंदानी कहते हैं, ''लेकिन कुछ क्षेत्र, जैसे सस्ते मकान, जेब से बाहर हो जाएंगे क्योंकि वहां जमीन की कीमत ही कुल लागत का 33-43 फीसदी होती है.”
डेवलपर्स की सर्वोच्च संस्था क्रेडाइ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललित कुमार जैन कहते हैं कि यह विधेयक महज ''फील गुड कराने वाला है, विकास को बढ़ावा देने वाला नहीं.” वे कहते हैं कि अधिक मुआवजा और भारी संख्या में लोगों की सहमति के प्रावधान के कारण नेताओं और भू-माफियाओं का बोलबाला रहेगा.
अर्नस्ट एंड यंग में ट्रांजेक्शन एडवाइजरी सर्विसेज के निदेशक चिंतन पटेल का मानना है कि मुआवजा बाजार मूल्य पर होना चाहिए. वे कहते हैं, ''जब आप कंपनी को पुनर्वास मुहैया कराने को कह रहे हैं तो ऐसा क्यों चाहते हैं कि कंपनियां बाजार मूल्य से चार गुना ज्यादा मुआवजा दें?”
हीरानंदानी कहते हैं कि शहरी जमीन का उचित मुआवजा डेढ़ गुना होता. उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरकार को बड़ी परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहित कर उसे बचाकर रखना भी होगा, जैसाकि नरेंद्र मोदी ने गुजरात में किया. हीरानंदानी कहते हैं, ''महाराष्ट्र जैसे तमाम राज्यों में वास्तविक रेट से कहीं अधिक पर हिसाब-किताब किया जाता है.”
निर्माण से जुड़ी कंपनियों को फैक्टरी लगाने के लिए बड़े भूभाग की जरूरत होती है और वे पहले से ही जमीन के मालिकाना हक और मुआवजे को लेकर विवादों-मुकदमों और विभिन्न स्तरों पर मिलने वाली मंजूरी में देरी का दंश झेल रही हैं. सिंगूर में हुआ टाटा मोटर्स का अनुभव इसकी मिसाल है.
इसके अलावा ओडिसा परियोजना से आर्सेलर मित्तल का हाथ खींच लेना और जमीन अधिग्रहण में देरी को कारण बताते हुए कर्नाटक इस्पात परियोजना से पास्को का हट जाना भी महत्वपूर्ण है. नए विधेयक से ये सब और मुश्किल होने जा रहा है. जेएसडब्ल्यू स्टील के संयुक्त प्रबंध निदेशक शेषगिरी राव कहते हैं, ''अब तो किसी भी फर्म के लिए जमीन का अधिग्रहण दु:स्वप्न-सा हो गया है. विधेयक के मसौदे में निजी कंपनियों को शामिल नहीं किया गया था, लेकिन अंतिम प्रारूप में इन्हें भी डाल दिया गया है.”
जेएसडब्ल्यू ने 2011 में पश्चिम बंगाल में 35,000 करोड़ रु. की इस्पात परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहित करने के मामले में देरी का दंश झेला है. हालांकि मामला सुलझा लिया गया, लेकिन लौह अयस्क न मिल पाने के कारण कंपनी को इस परियोजना से हाथ खींचने पड़े.
बंगलुरू के इंडियन इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन सेटलमेंट्स के अमलनज्योति गोस्वामी जैसे विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार की नजर इस वक्त चुनावों पर है. उन्होंने इंस्टीट्यूट के एक शोध पत्र में लिखा है, ''शहरी इलाकों में रहने वाली भारत की 31 फीसदी आबादी देश की 65 फीसदी से अधिक संपत्ति का सृजन करती है. फिर भी राजनीतिक लिहाज से शहरी इलाके उतने अहम नहीं हैं, जितने ग्रामीण इलाके हैं.”
हालांकि सरकार इस बहस को तवज्जो नहीं देती. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश इंडिया टुडे से कहते हैं, ''हमारी उन्नति जमीन अधिग्रहण करने की हमारी क्षमता पर कभी निर्भर नहीं रही. भूमि अधिग्रहण तो एक छोटा-सा जरिया है.” जयराम आगे कहते हैं कि चार गुना मुआवजे से माओवाद पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी.
लेकिन उनकी यह दलील उद्योग जगत के गले नहीं उतर रही. भार्गव का कहना है, ''दुनिया में कहीं भी निजी कंपनियों के लिए सरकार जमीन नहीं खरीदती.” भारत जैसे देश में जहां मालिकाना हक की तमाम पेचीदगियां हैं, नया कानून मुसीबतों की सौगात लेकर ही आएगा.
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जॉन मांग करता है कि ऐशडाउन हमले को थोड़ा देर से करे ताकि वह कैल और अन्य कैदियों को बचा सके, लेकिन ऐशडाउन मना कर देता है और जॉन को अपनी कमान से मुक्त कर देता है। बहरहाल, जॉन के सैनिक उसके प्रति वफादार रहते हैं और स्काईनेट अड्डे पर हमला ना करने के उसके आदेश का पालन करते हैं। इस बीच, मार्कस अड्डे में प्रवेश करता है और कंप्यूटर के साथ काम शुरू करता है जिसके दौरान वह परिधि सुरक्षा को अक्षम करते हुए जॉन को सेल ब्लॉक में घुसने और मानव कैदियों को रिहा करने का अवसर उपलब्ध कराता है। पता चलता है कि रेसिस्टेंस के अक्षम संकेत एक चाल है और रेसिस्टेंस के नेताओं वाली कमान पनडुब्बी नष्ट कर दी जाती है।
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गर्भाशयग्रीवा (cervix या cervix of uterus या cervix uteri) गर्भाशय का मुख है। स्त्री के शरीर में बाहर से दिखने वाली संरचना को योनि द्वार (vulva) कहा जाता है। योनि के जितने भाग में पुरुष का लिंग प्रवेश करता है , उतना भाग योनि (vagina) है। लिंग से निकलने वाला वीर्य इस ग्रीवा से अंदर प्रवेश करके गर्भाशय में पहुँचता है।
सन्दर्भ
इन्हें भी देखें
गर्भाशयग्रीवा कैन्सर
गर्भाशय
बाहरी कड़ियाँ
गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर से सबसे अधिक होती है महिलाओं की मौत
शरीर के अंग
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एक महिला कर्मचारी ने बीते दिनों एयर इंडिया के GM पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए थे. पीड़िता ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु और नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा को चिट्ठी भी लिखी थी.
हालांकि सुरेश प्रभु के अलावा अन्य किसी ने पीड़िता की चिट्ठी पर कोई जवाब नहीं भेजा. वहीं सुरेश प्रभु का निर्देश इतना चलताऊ किस्म का रहा कि एयर इंडिया ने आरोपी GM के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया.
अब पीड़िता की तरफ से एयर इंडिया के पूर्व कर्मचारियों के एक ग्रुप ने सुरेश प्रभु और महिला एवं बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी को फिर से शिकायती चिट्ठी लिखी है. पूर्व कर्मचारियों की इस चिट्ठी में कहा गया है कि मामले की जांच के लिए अलग से समिति गठित नहीं की गई, जिसके चलते एयरलाइंस मैनेजमेंट फिर से पूरे मामले को दबाने में लग गया है.
इतना ही नहीं चिट्ठी में एयरलाइंस की इंटर्नल कंप्लेंट कमिटी की अध्यक्ष अरुणा गोपालकृष्णन पर भी आरोपी GM का ही पक्ष लेने का आरोप भी लगाया गया है. इतना ही नहीं पीड़िता के मुताबिक, एयरलाइंस मैनेजमेंट ने सुरेश प्रभु के उलट बयान दिए.
पीड़िता के लिए स्थिति हुई और खराब
चिट्ठी में कहा गया है कि सुरेश प्रभु द्वारा पीड़िता को न्याय दिलाने की बात कहने के बावजूद जो कदम उठाए गए हैं, वह पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि पीड़िता के लिए काम करने की परिस्थितियों को और भी खराब बनाती हैं.
बताया गया है कि यौन शोषण के आरोपी जीएम कैप्टन डेरिल पेस के कुकर्मों को अब तक छुपाती आ रहीं आईसीसी की चेयरपर्सन अरुणा गोपालकृष्णन को इन फ्लाइट सर्विस डिपार्टमेंट का प्रभार सौंप दिया गया है. शिकायतकर्ता का कहना है कि वास्तव में यह एक छद्म प्रशासन है जो मीडिया में इससे संबंधित खबरें धीमी पड़ने के बाद आरोपी अधिकारी का ही पक्ष लेगी, बल्कि उन्हीं के निर्देश पर काम करने लगेगी.
जांच बिठाने के बावजूद पद पर बने हुए हैं आरोपी GM
शिकायतकर्ता की चिट्ठी से स्पष्ट है कि कई महिला कर्मचारियों का यौन शोषण करने का आरोप लगने और जांच बिठाए जाने के बावजूद आरोपी अधिकारी को उसके पद से नहीं हटाया गया है, जो विशाखा गाइडलाइंस का उल्लंघन है. शिकायतकर्ता महिला ने आईसीसी को अपनी पहली शिकायत पिछले साल 27 अगस्त को दी थी.
उस समय आईसीसी सीएमडी लोहाणी थे. हालांकि शिकायत रिसीव करने के महज कुछ घंटों के अंदर लोहाणी का ट्रांसफर कर दिया गया और लोहाड़ी के जाने के बाद किसी ने उस कंप्लेंट पर ध्यान ही नहीं दिया.
इस बीच इंटर्नल कंप्लेंट कमिटी की अध्यक्ष अरुणा गोपालकृष्णन ने यह कहकर शिकायत को दरकिनार करने की कोशिश की कि 'तो इससे क्या, कैप्टन डेरिल मुझसे भी तो फ्लर्ट करते हैं.'
आरोपी अधिकारी के पास हैं इतने अधिकार
शिकायतकर्ता ने इस पत्र में विस्तार से बताया है कि आरोपी अधिकारी एयर इंडिया के
GM कैप्टन डेरिल पेस
आखिर एयरलाइंस की ढेरों महिला कर्मचारियों के यौन शोषण का इतना गंभीर अपराध करने के बावजूद कैसे बचते चले आ रहे हैं.
चिट्ठी में बताया गया है कि दरअसल कैप्टन डेरिल पेस के पास इतने प्रशासनिक अधिकार हैं कि कोई भी उनके खिलाफ खड़े होने का साहस ही नहीं कर पाता. कैप्टन डेरिल पेस के अधीन करीब 300 कर्मचारी हैं, जिनमें से 75 फीसदी महिलाएं हैं.
आरोपी अधिकारी हर तरह की आतंरिक जांच के मामलों में डिसिप्लिनरी अथॉरिटी और अपील अथॉरिटी भी हैं. वह पायलट्स वेलफेयर फंड के हेड हैं, जो पायलटों को उनका वेतन मुहैया कराता है. वह इन फ्लाइट सर्विसेज, जिसमें मनोरंजन, वर्दी और होटल के खर्चे भी आते हैं, के लिए निकलने वाले टेंडर्स को अप्रूव करते हैं.
क्रू मैनुअल का निर्माण और नए नियम बनाना भी आरोपी अधिकारी के हाथ में ही है. इतना ही नहीं वह पायलटों को चुनने वाली पायलट्स रीक्रूटमेंट बोर्ड के सदस्य भी हैं और केबिन क्रू रीक्रूटमेंट पैनल का चयन भी वही करते हैं.
देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की वीवीआईपी फ्लाइट में तैनाती के लिए क्रू मेंबर्स का चयन भी वही करते हैं. साथ ही वह किसी कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान, आईआईएफए जैसे फिल्म फेस्टिवल्स और एयर इंडिया के महोत्सवों जैसे सभी महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स के लिए क्रू मेंबर्स का चयन उनके हाथ में ही है.
और हर बार आरोपी अधिकारी अपनी पसंदीदा युवा महिला कर्मचारियों का ही चयन करते हैं.
ऑफिस में खुलेआम करते हैं अश्लील भाषा का इस्तेमाल
चिट्ठी के साथ आरोपी अधिकारी द्वारा ऑफिस में महिला कर्मचारियों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली अश्लील भाषा के कुछ उदाहरण भी दिए गए हैं, जो बेहद आपत्तिजनक हैं. आरोपी अधिकारी द्वारा कही गई अश्लील बातें साफ-साफ इस ओर इशारा करती हैं कि ऑफिस में सिर्फ उन्ही कर्मचारियों को लाभान्वित किया जाता है, जो उन्हें
सेक्सुअल फेवर
देती हैं.
शिकायतकर्ता के मुताबिक, आरोपी अधिकारी खुलेआम दूसरे तमाम कर्मचारियों के सामने ही किसी महिला कर्मचारी के गुप्तांगों, अपनी सेक्स गतिविधियों और सेक्स रूचियों के बारे में टिप्पणियां करते रहते हैं.
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बिहार में विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के 1 नवंबर (रविवार) को होने वाले मतदान के लिए शुक्रवार शाम 5 बजे प्रचार थम गया. इस चरण में 7 जिलों की 55 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे.
चौथे दौर में 776 प्रत्याशी मैदान में
इन सीटों पर 57 महिला समेत कुल 776 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. बिहार चुनाव के चौथे चरण के मतदान में पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, सीवान, मुजफ्फरपुर और गोपालगंज के मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. इस चरण में 1. 47 करोड़ से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जिनके लिए कुल 14,139 मतदान केंद्र बनाए गए हैं.
जिन सात जिलों के 55 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होना है, उनमें आठ विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सुबह सात बजे से चार बजे शाम तक तथा चार विधानसभा क्षेत्रों में अपराह्न तीन बजे तक तथा अन्य क्षेत्रों में मतदाता सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक मतदान कर सकेंगे.
दोनों बड़े गठबंधनों ने झोंकी पूरी ताकत
बिहार चुनाव के चौथे चरण के प्रचार के अंतिम दिन सभी पार्टियों और प्रत्याशियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी.
NDA की ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
समेत कई केंद्रीय मंत्रियों ने चुनावी सभाओं को संबोधित किया. वहीं महागठबंधन की ओर से
RJD अध्यक्ष लालू प्रसाद
और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनावी सभाएं की.
चौथे दौर में भी कई दिग्गज...
इस चरण में मंत्री रमई राम, लवली आनंद, रंजू गीता, मनोज कुमार सिंह, पूर्व मंत्री महाचंद्र प्रसाद सिंह, शाहिद अली खान जैसे दिग्गजों का भाग्य का फैसला मतदाता करेंगे. इस चुनाव में कांग्रेस, RJD और JDU के महागठबंधन की केंद्र में सत्तारूढ़ NDA से टक्कर है. NDA में BJP के अलावा लोक जनशक्ति पार्टी (LJP), राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) शामिल है. वाममोर्चा और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेतृत्व वाला तीसरा मोर्चा भी ताल ठोक रहा है.
8 नवंबर को आएगा रिजल्ट
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए पांच चरणों में मतदान हो रहा है. पहले तीन चरणों में 131 सीटों के लिए मतदान हो चुका है. एक नवंबर को चौथे और पांच नवंबर को पांचवें चरण का मतदान होना है. सभी सीटों की मतगणना आठ नवंबर को होगी.
इनपुट: IANS
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बेनेली ने अपने Imperiale 400 मॉडल को लॉन्च कर दिया
रॉयल एनफील्ड और जावा को कड़ी टक्कर देगी कंपनी
इटली की सुपरबाइक कंपनी Benelli अब भारत में दो मजबूत प्रतिद्वंदी रॉयल एनफील्ड और जावा को कड़ी टक्कर देने की तैयारी में है. दरअसल, बेनेली ने मंगलवार को अपने Imperiale 400 मॉडल को लॉन्च कर दिया. इस लॉन्चिंग के साथ ही भारतीय बाइक मार्केट के क्लासिक सेगमेंट में एक और कंपनी की एंट्री हो गई. Benelli India के प्रबंध निदेशक विकास झाबख ने सुपरबाइक की लॉन्चिंग पर कहा कि हमें भरोसा है कि यह मॉडल भारतीय बाजार में छा जाएगा. विकास के मुताबिक यह यंगस्टर्स को पसंद आएगा.
कीमत क्या है?
बेनेली के इस मॉडल की सुपरबाइक अगर सिल्वर कलर में लेते हैं तो उसकी एक्स-शोरूम कीमत 1.69 लाख रुपये है. वहीं, ब्लैक और रेड कलर के लिए 10,000 रुपये एक्स्ट्रा देना होगा. Imperiale 400 की लंबाई x चौड़ाई x उंचाई की बात करें तो क्रमश: 2170 x 820 x 1120 (mm) है. वहीं व्हीलबेस 1440 एमएम का जबकि सीट हाइट 780 एमएम का है. इसी तरह फ्यूल टैंक की कैपिसिटी 12 लीटर की है. जबकि कर्ब वेट यानी वास्तविक वजन 205 किलोग्राम है.
बेनेली के इस मॉडल में 374 सीसी सिंगल सिलिंडर एयर कूल्ड इंजन लगा है. यह 5500 rpm पर 21 हॉर्स पावर की ताकत और 4,500 rpm पर 29 Nm का टॉर्क पैदा करता है. इलेक्ट्रॉनिकली फ्यूल इंजेक्टेड इंजन एक चेन ड्राइव और एक फाइव स्पीड गियरबॉक्स के जरिए पिछले पहिये को पावर देते हैं. स्पोर्टी लुक वाली इस बाइक का फ्रंट काफी आकर्षक है.
कैसे होगी बुकिंग?
अगर आप इस सुपरबाइक में दिलचस्पी रखते हैं तो इसकी बुकिंग सिर्फ 4 हजार रुपये में कर सकते हैं. कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक बेनेली की वेबसाइट या डीलरशिप पर 4 हजार रुपये में इम्पीरियल 400 बाइक की बुकिंग की जा सकती है. कंपनी इस बाइक के साथ 3 साल/अनलिमिटेड किलोमीटर की वारंटी दे रही है.
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लेख: टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया में चल रहे सीबी सीरीज के दौरान रोटेशन पॉलिसी के तहत सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग या गौतम गंभीर को खिला रही है, लेकिन भारत के पूर्व कप्तान और एनडीटीवी के क्रिकेट एक्सपर्ट सुनील गावस्कर का मानना है कि इन तीनों बल्लेबाजों को हर मैच में खेलना चाहिए और इसी से टीम को फायदा होगा। गावस्कर की राय में अगर टीम में किसी को आराम देना है, तो वह रोहित शर्मा और सुरेश रैना में से कोई एक होना चाहिए।
तेंदुलकर श्रीलंका के खिलाफ वनडे में अच्छे फॉर्म में दिख रहे थे और उन्होंने एंजेलो मैथ्यूज की गेंद पर बोल्ड होने से पहले 48 रन बनाए। लेकिन यह अब भी तय नहीं है कि वह अगले मैच में खेलेंगे या नहीं। टीम प्रबंधन ने रोटेशन की नीति अपनाई है। पहले मैच में वीरेंद्र सहवाग को विश्राम दिया गया, तो श्रीलंका के खिलाफ मैच में गौतम गंभीर नहीं खेले।
गावस्कर ने एनडीटीवी से कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि सचिन को सभी मैचों में खेलना चाहिए। यदि आप रोटेशन नीति चाहते हो तो इसका उपयोग किया जाना चाहिए और सभी खिलाड़ियों को मौका मिलना चाहिए। मेरा मानना है कि तेंदुलकर, गंभीर और सहवाग को खेलना चाहिए तथा रोहित शर्मा और सुरेश रैना में से किसी एक को बिठाना चाहिए।’’ टिप्पणियां
उन्होंने कहा, ‘‘आप पहले 16 खिलाड़ियों की टीम का चयन करते हैं और फिर आपको सबसे संतुलित टीम चुननी होती है। यदि कोई प्रदर्शन नहीं कर रहा है, तो आपको उसे बदलना चाहिए। लेकिन इस मामले में राय साफ होनी चाहिए कि आप खिलाड़ी को विश्राम नहीं बल्कि बाहर कर रहे हैं। यदि कोई अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा है, तो उसे बाहर किया जा सकता है और इस मामले में फैसला सही होना चाहिए।’’
गावस्कर ने मैन ऑफ द मैच बने रविचंद्रन अश्विन की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘‘अश्विन फिर से अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में दिखा। पर्थ की उछाल वाली पिच से भी उसे फायदा मिला। मुझे खुशी है कि वह मैन ऑफ द मैच बना, क्योंकि उसने बल्लेबाजी के दौरान काफी साहस का परिचय दिया।’’
तेंदुलकर श्रीलंका के खिलाफ वनडे में अच्छे फॉर्म में दिख रहे थे और उन्होंने एंजेलो मैथ्यूज की गेंद पर बोल्ड होने से पहले 48 रन बनाए। लेकिन यह अब भी तय नहीं है कि वह अगले मैच में खेलेंगे या नहीं। टीम प्रबंधन ने रोटेशन की नीति अपनाई है। पहले मैच में वीरेंद्र सहवाग को विश्राम दिया गया, तो श्रीलंका के खिलाफ मैच में गौतम गंभीर नहीं खेले।
गावस्कर ने एनडीटीवी से कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि सचिन को सभी मैचों में खेलना चाहिए। यदि आप रोटेशन नीति चाहते हो तो इसका उपयोग किया जाना चाहिए और सभी खिलाड़ियों को मौका मिलना चाहिए। मेरा मानना है कि तेंदुलकर, गंभीर और सहवाग को खेलना चाहिए तथा रोहित शर्मा और सुरेश रैना में से किसी एक को बिठाना चाहिए।’’ टिप्पणियां
उन्होंने कहा, ‘‘आप पहले 16 खिलाड़ियों की टीम का चयन करते हैं और फिर आपको सबसे संतुलित टीम चुननी होती है। यदि कोई प्रदर्शन नहीं कर रहा है, तो आपको उसे बदलना चाहिए। लेकिन इस मामले में राय साफ होनी चाहिए कि आप खिलाड़ी को विश्राम नहीं बल्कि बाहर कर रहे हैं। यदि कोई अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा है, तो उसे बाहर किया जा सकता है और इस मामले में फैसला सही होना चाहिए।’’
गावस्कर ने मैन ऑफ द मैच बने रविचंद्रन अश्विन की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘‘अश्विन फिर से अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में दिखा। पर्थ की उछाल वाली पिच से भी उसे फायदा मिला। मुझे खुशी है कि वह मैन ऑफ द मैच बना, क्योंकि उसने बल्लेबाजी के दौरान काफी साहस का परिचय दिया।’’
गावस्कर ने एनडीटीवी से कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि सचिन को सभी मैचों में खेलना चाहिए। यदि आप रोटेशन नीति चाहते हो तो इसका उपयोग किया जाना चाहिए और सभी खिलाड़ियों को मौका मिलना चाहिए। मेरा मानना है कि तेंदुलकर, गंभीर और सहवाग को खेलना चाहिए तथा रोहित शर्मा और सुरेश रैना में से किसी एक को बिठाना चाहिए।’’ टिप्पणियां
उन्होंने कहा, ‘‘आप पहले 16 खिलाड़ियों की टीम का चयन करते हैं और फिर आपको सबसे संतुलित टीम चुननी होती है। यदि कोई प्रदर्शन नहीं कर रहा है, तो आपको उसे बदलना चाहिए। लेकिन इस मामले में राय साफ होनी चाहिए कि आप खिलाड़ी को विश्राम नहीं बल्कि बाहर कर रहे हैं। यदि कोई अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा है, तो उसे बाहर किया जा सकता है और इस मामले में फैसला सही होना चाहिए।’’
गावस्कर ने मैन ऑफ द मैच बने रविचंद्रन अश्विन की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘‘अश्विन फिर से अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में दिखा। पर्थ की उछाल वाली पिच से भी उसे फायदा मिला। मुझे खुशी है कि वह मैन ऑफ द मैच बना, क्योंकि उसने बल्लेबाजी के दौरान काफी साहस का परिचय दिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आप पहले 16 खिलाड़ियों की टीम का चयन करते हैं और फिर आपको सबसे संतुलित टीम चुननी होती है। यदि कोई प्रदर्शन नहीं कर रहा है, तो आपको उसे बदलना चाहिए। लेकिन इस मामले में राय साफ होनी चाहिए कि आप खिलाड़ी को विश्राम नहीं बल्कि बाहर कर रहे हैं। यदि कोई अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा है, तो उसे बाहर किया जा सकता है और इस मामले में फैसला सही होना चाहिए।’’
गावस्कर ने मैन ऑफ द मैच बने रविचंद्रन अश्विन की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘‘अश्विन फिर से अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में दिखा। पर्थ की उछाल वाली पिच से भी उसे फायदा मिला। मुझे खुशी है कि वह मैन ऑफ द मैच बना, क्योंकि उसने बल्लेबाजी के दौरान काफी साहस का परिचय दिया।’’
गावस्कर ने मैन ऑफ द मैच बने रविचंद्रन अश्विन की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘‘अश्विन फिर से अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में दिखा। पर्थ की उछाल वाली पिच से भी उसे फायदा मिला। मुझे खुशी है कि वह मैन ऑफ द मैच बना, क्योंकि उसने बल्लेबाजी के दौरान काफी साहस का परिचय दिया।’’
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अपनी मौजूदगी पश्चिम बंगाल में बढ़ाने के लिए तत्पर बीजेपी की निगाहें अब राज्य के सबसे प्रिय त्योहार दुर्गा टिकी हुई हैं. दुर्गापूजा पर्व राज्यभर में पांच दिन धूमधाम से मनाया जाता है. हिंदुओं को साथ जोडऩे के लिए 'सही मौका' मानते हुए पार्टी पूजा क्लबों पर ध्यान केंद्रित कर रही है. खासकर उन क्लबों पर जो सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार की ओर से (अपने पंडालों में टीएमसी का झंडा न लगाने के कारण) नकार दिए गए हैं.
प्रदेश महासचिव देबोश्री रॉय चैधरी कहते हैं कि भाजपा उन क्लबों का सहयोग करेगी जो धार्मिक पहलू पर जोर देते हैं और जिन्हें ममता सरकार का संरक्षण प्राप्त नहीं है. दिलचस्प ये है कि राज्य में करीब 7,000 पूजा क्लब अपने पंडालों में टीएमसी का झंडा लगाते हैं और सरकारी सहायता के साथ मंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों के सहयोग से कॉर्पोरेट स्पांसरिशप पर फलते-फूलते हैं.
भाजपा कोलकाता और मालदा, मुर्शिदाबाद और नार्थ 24 परगना जैसे उन जिलों के क्लबों से संपर्क बढ़ा रही है 'जहां हिंदू अल्पसंख्यक हैं. रॉय चौधरी का कहना है कि इन क्लबों ने हिंदुओं के त्यौहार निर्बाध रूप से मनाने के लिए भाजपा से मदद मांगी है. भाजपा के प्रदेश प्रमुख दिलीप घोष कहते हैं, ''आरएसएस कार्यकर्ता सुनिश्चित करेंगे कि त्योहार के दौरान किसी तरह की परेशानी न होने पाए.''
दिसंबर-फरवरी (2016-17) के दौरान ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई, जब नादिया जिले में तेहाता के एक स्कूल में सरस्वती पूजा के आयोजन को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए थे (इससे पहले स्कूल ने नबी दिवस मनाने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था). इसके बाद राज्य में हिंदुओं की नाराजगी को भुनाते हुए बीजेपी अब अपने सभी कार्यक्रमों में सरस्वती वंदना जरूर कराती है.
इस बीच टीएमसी के नेताओं का कहना है कि भाजपा छटपटाहट के कारण सिर्फ नकल ही कर रही है. शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी कहते हैं कि दुर्गा पूजा पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए एक बड़ा अवसर होता है जहां वे लोगों को अपने साथ जोड़ते हैं. पार्थ चटर्जी अपने निर्वाचन क्षेत्र बेहला में कई पूजा क्लबों के संरक्षक भी हैं. उनका कहना है कि ''इसके पीछे विचार यह होता है कि आम लोग पूरा आनंद उठा सकें.''
चटर्जी की तरह पीडब्ल्यूडी मंत्री अरूप विश्वास, शहरी विकास मंत्री फरीद हकीम और पंचायत मंत्री सुब्रत मुकर्जी जैसे अन्य नेता भी बड़े पूजा क्लबों को संरक्षण देते हैं जिनमें आकर्षण बढ़ाने के लिए बॉलीवुड के सितारों को भी आमंत्रित किया जाता है. लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सबसे ज्यादा भीड़ खींचती हैं. वे सरकारी काम से समय निकालकर विभिन्न पंडालों में पहुंचती हैं.
और तो और इस बार तो वामपंथी पार्टियां भी दुर्गा पूजा का लाभ उठाने के लिए इस तरह की कोशिश करने का मन बना रही हैं. सीपीएम राज्य समिति और राज्य सचिवालय के सदस्य रॉबिन देव कहते हैं, ''हालांकि हम प्रत्यक्ष तौर पर इसमें हिस्सा नहीं ले सकते हैं लेकिन हमारे कैडर भीड़ को नियंत्रित करने में मदद करेंगे और हम लोग पीने के पानी के स्टॉल लगाएंगे.''
राज्य में धार्मिक आयोजनों के जरिए राजनैतिक पैठ बनाने का एक प्रयास इस साल अप्रैल में भी भारतीय जनता पार्टी की तरफ से हुआ था जब रामनवमी पर उसने आयोजन किए. तब तृणमूल और वामदलों ने इसका विरोध किया था. दरअसल, दोनों ही पार्टियां इसे 'राम' की प्रदेश की राजनीति में एंट्री के रूप में देख रहे थे. खासतौर से ममता बनर्जी को यह कतई बर्दाश्त नहीं है.
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बिहार राज्य निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की एक टीम ने सुपौल के त्रिवेणीगंज प्रखंड के शिक्षा पदाधिकारी लालकुंद कुमार को एक व्यक्ति से रिश्वत के तौर पर दस हजार रुपये लेते हुए रंगे हाथ धर दबोचा. उनको अदालत में पेश किया जाएगा.
जानकारी के मुताबिक,
त्रिवेणीगंज थाना अंतर्गत बरहकुरवा गांव निवासी परिवादी मनोज कुमार मेहता ने शिकायत दर्ज कराई थी कि त्रिवेणीगंज शिक्षा पदाधिकारी उनसे दक्षता वेतन वृद्धि और अंतर वेतन निकासी के लिए रिश्वत की मांग कर रहे हैं.
पुलिस उपाधीक्षक
तारणी प्रसाद के नेतृत्व में ब्यूरो के एक धावादल ने लालकुंद को उनके कार्यालय में परिवादी से 10 हजार रुपये रिश्वत के तौर पर लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. अभियुक्त से पूछताछ के बाद अदालत में पेश किया जाएगा.
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यह पेज ग्रह के बारे में है। देवता के लिए शनिदेवता देखें।
शनि (Saturn; प्रतीक: ), सूर्य से छठां ग्रह है तथा बृहस्पति के बाद सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह हैं। औसत व्यास में पृथ्वी से नौ गुना बड़ा शनि एक गैस दानव है। जबकि इसका औसत घनत्व पृथ्वी का एक आठवां है, अपने बड़े आयतन के साथ यह पृथ्वी से 95 गुने से भी थोड़ा बड़ा है। इसका खगोलिय चिन्ह ħ है।
शनि का आंतरिक ढांचा संभवतया, लोहा, निकल और चट्टानों (सिलिकॉन और ऑक्सीजन यौगिक) के एक कोर से बना है, जो धातु हाइड्रोजन की एक मोटी परत से घिरा है, तरल हाइड्रोजन और तरल हीलियम की एक मध्यवर्ती परत तथा एक बाह्य गैसीय परत है। ग्रह अपने ऊपरी वायुमंडल के अमोनिया क्रिस्टल के कारण एक हल्का पीला रंग दर्शाता है। माना गया है धातु हाइड्रोजन परत के भीतर की विद्युतीय धारा, शनि के ग्रहीय चुंबकीय क्षेत्र को उभार देती है, जो पृथ्वी की तुलना में कमजोर है और बृहस्पति की एक-बीसवीं शक्ति के करीब है। बाह्य वायुमंडल आम तौर पर नीरस और स्पष्टता में कमी है, हालांकि दिर्घायु आकृतियां दिखाई दे सकती है। शनि पर हवा की गति, 1800 किमी/घंटा (1100 मील) तक पहुंच सकती है, जो बृहस्पति पर की तुलना में तेज, पर उतनी तेज नहीं जितनी वह नेप्च्यून पर है।
शनि की एक विशिष्ट वलय प्रणाली है जो नौ सतत मुख्य छल्लों और तीन असतत चाप से मिलकर बनी हैं, ज्यादातर चट्टानी मलबे व धूल की छोटी राशि के साथ बर्फ के कणों की बनी हुई है। बासठ चन्द्रमा ग्रह की परिक्रमा करते है; तिरेपन आधिकारिक तौर पर नामित हैं। इनमें छल्लों के भीतर के सैकड़ों " छोटे चंद्रमा" शामिल नहीं है। टाइटन, शनि का सबसे बड़ा और सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा चंद्रमा है। यह बुध ग्रह से बड़ा है और एक बड़े वायुमंडल को संजोकर रखने वाला सौरमंडल का एकमात्र चंद्रमा है।
भौतिक लक्षण
शनि एक गैस दानव के रूप में वर्गीकृत है क्योंकि बाह्य भाग मुख्य रूप से गैस का बना है और एक सतह का निःसन्देह अभाव है, यद्यपि इसका एक ठोस कोर होना चाहिए। ग्रह का घूर्णन इसके चपटे अंडाकार आकार धारण करने का कारण है, इस कारण, यह ध्रुवों पर चपटा और भूमध्यरेखा पर उभरा हुआ है। इसकी भूमध्यरेखीय और ध्रुवीय त्रिज्याओं के बीच करीब 10% का फर्क है - क्रमशः 60,268 किमी बनाम 54,364 किमी। सौरमंडल में अन्य गैस दानव, बृहस्पति, यूरेनस और नेपच्यून भी चपटे हैं मगर कुछ हद तक। शनि सौरमंडल का एकमात्र ग्रह है जो पानी से कम घना - लगभग 30% कम है। यद्यपि शनि का कोर पानी से काफी घना है, गैसीय वातावरण के कारण ग्रह का औसत विशिष्ट घनत्व 0.69 ग्राम/सेमी3 है। बृहस्पति पृथ्वी के द्रव्यमान का 318 गुना है जबकि शनि पृथ्वी के द्रव्यमान का 95 गुना है, बृहस्पति और शनि एक-साथ सौरमंडल के कुल ग्रहीय द्रव्यमान का 92% सहेजते है।
आंतरिक ढांचा
शनि एक गैस दानव घोषित हुआ है पर यह पूरी तरह से गैसीय नहीं है। ग्रह मुख्य रूप से हाइड्रोजन का बना हैं, जो एक गैर आदर्श तरल हो जाता है जब घनत्व 0.01 ग्राम/सेमी3 के ऊपर होता है। यह घनत्व एक त्रिज्या पर शनि के द्रव्यमान का 99.9% शामिल करने जितना बढ़ा है। ग्रह के भीतर के तापमान, दबाव और घनत्व सभी कोर की दिशा पर तेजी से बढ़ते है, जिससे ग्रह की गहरी परतों में, हाइड्रोजन एक धातु में परिवर्तन का कारण बनता है।
मानक ग्रहीय मॉडल बताते है कि शनि की बृहस्पति के जैसी ही आंतरिक बनावट है, अंश मात्रा की भिन्न-भिन्न वाष्पशीलों के साथ हाइड्रोजन व हीलियम से घिरा एक चट्टानी कोर, जो संरचना में पृथ्वी के कोर के समान, मगर अधिक सघन है। आंतरिक बनावट के भौतिक मॉडल के साथ संयोजन में, ग्रह के गुरुत्व विभव के परीक्षण ने फ्रांसीसी खगोलविदों डिडिएर साउमोन और ट्रिस्टन गुइलोट को ग्रहीय कोर की बड़ी राशि पर रोक को स्थान देने के लिए अनुमति दी। 2004 में, उन्होने आकलन किया कि कोर पृथ्वी के द्रव्यमान का 9-22 गुना अवश्य होना चाहिए, जो लगभग 25,000 किमी की एक व्यास से मेल खाती है। यह कोर एक मोटे तरल धातु हाइड्रोजन परत से घिरा हुआ है, जो हीलियम-संतृप्त आणविक हाइड्रोजन की एक तरल परत द्वारा अनुगमित हुई है जिसका बढ़ती ऊंचाई के साथ धीरे-धीरे गैस में बदलाव हुआ। बाह्यतम परत 1,000 किमी तक फैली है एवं एक गैसीय वातावरण से बनी हैं।
शनि का अति तप्त भीतरी भाग है। कोर में पारा 11,700 डिग्री सेल्सियस तक चढ़ जाता है। ग्रह सूर्य से जितनी ऊर्जा प्राप्त करता है उससे 2.5 गुना अधिक अंतरिक्ष में छोड़ता है। इस अतिरिक्त ऊर्जा की अधिकांश मंद गुरुत्वीय संपीड़न के केल्विन-हेल्महोल्ट्ज़ तंत्र द्वारा उत्पन्न हुई है, पर यह अकेली शनि के ऊष्मा उपज को समझाने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकती। वहां एक अतिरिक्त तंत्र की भूमिका होनी चाहिए जिसके द्वारा शनि अपने गहरे आंतरिक भाग में अपनी कुछ उष्मा हीलियम की बूंदों की हो रही फुहार के माध्यम से उत्पन्न करता है। जैसे ही बूंदे निम्न-घनत्व हाइड्रोजन से होकर उतरती है, यह प्रक्रिया घर्षण से गर्मी जारी करती है और हीलियम से खाली हो चुके ग्रह की बाहरी परत को छोड़ देती है। ये उतरती बूंदे कोर के आसपास एक हीलियम खोल में जमा हो सकती हैं।
वायुमंडल
शनि का बाह्य वायुमंडल 96.3% आणविक हाइड्रोजन और 3.25% हीलियम शामिल करता है। हीलियम का यह अनुपात सूर्य में इस तत्व की प्रचुरता की तुलना में काफी कम है। हीलियम से भारी तत्वों की मात्रा ठीक ठीक ज्ञात नहीं है, लेकिन अनुपातों को सौर मंडल के गठन से निकली प्रारंभिक प्रचुरता से मिलान के लिए ग्रहण किया हुआ है। शनि के कोर क्षेत्र में स्थित एक महत्वपूर्ण अंश के साथ, इन भारी तत्वों का कुल द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का 19-31 गुना होने का अनुमान है।
अंश मात्रा की अमोनिया, एसिटिलीन, ईथेन, प्रोपेन, फोस्फाइन और मीथेन शनि के वायुमंडल में खोजी गई है। ऊपरी बादल अमोनिया क्रिस्टल से बने हुए हैं, जबकि निचले स्तर के बादल या तो अमोनियम हाइड्रोसल्फाईड (NH4SH) या जल से मिलकर बने हुए दिखाई देते हैं। सूर्य से निकली पराबैंगनी विकिरण ऊपरी वायुमंडल में मीथेन वियोजन का कारण बनती है और बवंडरों व विसरण से नीचे ले जाए जा रहे परिणामी उत्पादों के साथ एक हाइड्रोकार्बन रासायनिक प्रतिक्रियाओं की श्रृंखला का प्रतिनिधित्व करती है। यह प्रकाश रासायनिक चक्र शनि के वार्षिक मौसमी चक्र द्वारा ठीक की हुई है।
बादल परतें
शनि का वायुमंडल बृहस्पति के समान एक धारीदार स्वरुप दर्शाती है, परंतु शनि की धारियां बेहद हल्की हैं तथा भूमध्य रेखा के पास बहुत चौड़ी हैं। इन धारियों का वर्णन करने के लिए प्रयुक्त नामकरण बृहस्पति पर के जैसे ही है। शनि के महीन बादल स्वरुप 1980 के दशक के वॉयजर अंतरिक्ष यान के फ्लाईबाई तक प्रेक्षित नहीं हुए थे। तब से, पृथ्वी-आधारित दूरबीनता उस दिशा के लिए सुधारी गई जिस तरफ नियमित प्रेक्षण होना बन सकता है।
बादलों की संरचना गहराई और बढ़ते दबाव के साथ बदलती रहती है। ऊपरी बादल परतों में, 100-160 केल्विन हद के तापमान एवं 0.5-2 बार के बीच विस्तारित रहे दबाव के साथ, बादल अमोनिया बर्फ से मिलकर बनते है। जल बर्फ बादल उस स्तर पर शुरू होते है, जहां दबाव करीब 2.5 बार है एवं 9.5 बार नीचे तक विस्तारित होता है, वहीं तापमान सीमा 185-270 केल्विन होती है। इस परत में अन्तर्मिश्रित हुई है वह अमोनियम हाइड्रोसल्फाईड बर्फ की एक धारी है, जो 290-235 केल्विन के तापमान के साथ 3-6 दबाव सीमा में रहती है। अंत में, निचली परतें, जहां दबाव 10-20 बार के बीच और तापमान 270-330 केल्विन हैं, जलीय घोल में अमोनिया के साथ पानी की बूंदों का एक क्षेत्र शामिल करते हैं।
शनि का आमतौर पर नीरस वायुमंडल कभी कभी दीर्घायु अंडे और अन्य आकृतियां दर्शाते है जो बृहस्पति पर आम है। 1990 में, हबल स्पेस टेलीस्कोप ने शनि की भूमध्य रेखा के पास एक विशाल सफेद बादल प्रतिचित्रित किया जो वॉयजर मुठभेड़ों के दौरान मौजुद नहीं था। 1994 में एक अन्य छोटा तूफान देखा गया था। 1990 तूफान एक विशालकाय श्वेत धब्बा का एक उदाहरण था। एक अद्वितीय लेकिन अल्पकालिक घटना जो उत्तरी गोलार्द्ध की ग्रीष्म संक्रांति के समय के आसपास, हर शनि वर्ष में, मोटे तौर पर हर 30 पृथ्वी वर्ष में, एक बार होती है। सुप्रसिद्ध हुए 1933 के तूफान के साथ, पिछले विशालकाय श्वेत धब्बे 1876, 1903, 1933 और 1960 में देखे गए थे। यदि कालक्रमता बनी हुई है, तो एक और तूफान लगभग 2020 में घटित होगा।
शनि पर सौरमंडल के ग्रहों में द्वितिय सबसे तेज हवाएं हैं। वॉयजर डेटा पूर्वी हवाओं के चरम को 500 मीटर/सेकंड (1800 किमी/घंटा) होना दिखाते है। 2007 के दरम्यान कैसिनी अंतरिक्ष यान से खींची छवियों में, शनि के उत्तरी गोलार्द्ध ने यूरेनस के समान एक उज्ज्वल नीले रंग का प्रदर्शन किया। इस रंग का सर्वाधिक संभावित कारण रेलेह प्रकीर्णन द्वारा होना था। अवरक्त प्रतिचित्रण ने दिखाया है कि शनि का दक्षिण ध्रुव एक गर्म ध्रुवीय भंवर रखता है, सौर मंडल में इस तरह की घटना का एकमात्र ज्ञात उदाहरण। वहीं शनि पर तापमान सामान्यया -185° सेल्सियस हैं, भंवर पर तापमान अक्सर अधिक से अधिक -122 डिग्री सेल्सियस पहुँचता है, यह शनि पर सबसे गर्म स्थान होना माना गया है।
उत्तरी ध्रुव षटकोणीय बादल पद्धति
वायुमंडल में उत्तरी ध्रुवीय भंवर के आसपास लगभग 78°उ. पर एक दृढ़ षटकोणीय लहर स्वरुप सर्वप्रथम वॉयजर की छवियों में उल्लेखित हुआ था।
उत्तरी ध्रुवीय षट्कोण की प्रत्येक सीधी भुजाएं लगभग 13,800 किमी (8,600 मील) लंबी हैं, जो उन्हें पृथ्वी के व्यास से बड़ा बनाती है। यह पूरा ढांचा 10घंटे 39मीनट 24सेकंड की अवधि (ग्रह के रेडियो उत्सर्जन के जितनी ही समान अवधि) के साथ घूमता है, जो शनि के आंतरिक ढ़ाचे के घूर्णन अवधि के बराबर माना हुआ है। यह षटकोणीय आकृति दृश्यमान वायुमंडल के अन्य बादलों की तरह देशांतर में बदलाव नहीं करता।
इस स्वरुप का मूल बड़े अटकलों का विषय है। अधिकांश खगोलविद विश्वास करते हैं यह वायुमंडल में कुछ खड़ी-लहर पद्धति की वजह से हुआ था। बहुभुजी आकार तरल पदार्थ के अंतरीय घूर्णन के माध्यम से प्रयोगशाला में दोहराया जा चुका है।
दक्षिणी ध्रुव भंवर
दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र के हबल दूरबीन के प्रतिचित्रण एक तेज धारा En की उपस्थिति का संकेत करते है, पर न ही किसी शक्तिशाली ध्रुवीय भंवर का और न ही किसी षटकोणीय खड़ी-लहर का। नासा ने नवंबर 2006 में सूचना दी कि कैसिनी ने दक्षिणी ध्रुव के साथ जकड़ा हुआ एक " चक्रवात सदृश्य" तूफान देखा था जो कि एक स्पष्ट रूप से परिभाषित आईव़ोलEn था। यह अवलोकन विशेष रूप से उल्लेखनीय है क्योंकि आईव़ोल बादल पहले कभी पृथ्वी के अलावा किसी अन्य ग्रह पर नहीं देखे गए थे। उदाहरण के लिए, गैलिलियो अंतरिक्ष यान से प्राप्त छवियां बृहस्पति के विशालकाय लाल धब्बेEn में कोई आईव़ोल नहीं दिखाते।
दक्षिणी ध्रुव तूफान अरबों वर्षों तक के लिए मौजूद होना चाहिए। यह भंवर पृथ्वी के आकार के बराबर है और इसकी 550 किमी की हवाएं है।
अन्य आकृतियां
कैसिनी ने "मोतीयों की माला" के रूप में उपनामित मेघाकृतियों की एक श्रृंखला प्रेक्षित की, जो उत्तरी अक्षांश में पाई गई। These features are cloud clearings that reside in deeper cloud layers.
चुम्बकीय क्षेत्र
शनि का एक आंतरिक चुम्बकीय क्षेत्र है जिसका एक सरल, सुडौल आकार है - एक चुम्बकीय द्विध्रुव। भूमध्य रेखा पर इसकी ताकत - 0.2 गॉस (20 μT) - बृहस्पति के आसपास के क्षेत्र का तकरीबन एक बीसवां और पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र की तुलना में थोड़ा कमजोर है। फलस्वरूप शनि का बृहस्पति की तुलना में काफी छोटा चुम्बकीय क्षेत्र है। जब वॉयजर 2 ने चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश किया, सौर वायु का दबाव अधिक था और चुम्बकीय क्षेत्र केवल 19 शनि त्रिज्याओं जितना विस्तारित हुआ, या 1.1 लाख किमी (7,12,000 मील), हालांकि यह कई घंटो के भीतर बढ़ा और तो और करीब तीन दिनों तक बना रहा। अधिकांश संभावना है, इसका चुम्बकीय क्षेत्र बृहस्पति के समान ही उत्पन्न हुआ है - तरल धातु में धाराओं द्वारा - हाइड्रोजन परत एक धातु-हाइड्रोजन डाइनेमो कहलाती है। यह चुम्बकीय क्षेत्र सूर्य से निकले सौर वायु कणों को विक्षेपित करने में कुशल है। टाइटन चंद्रमा शनि के चुम्बकीय क्षेत्र के बाहरी हिस्से के भीतर परिक्रमा करता है और टाइटन के बाहरी वायुमंडल के आयनित कणों से निकले प्लाज्मा का योगदान करता है। शनि का चुम्बकीय क्षेत्र, पृथ्वी की ही तरह, ध्रुवीय ज्योति पैदा करता है।
परिक्रमा एवं घूर्णन
शनि और सूर्य के बीच की औसत दूरी 1.4 अरब किलोमीटर से अधिक (9 एयू) है। 9.69 किमी/सेकंड की एक औसत परिक्रमण गति के साथ, सूर्य के चारों ओर एक घुमाव पूर्ण करने के लिए, यह शनि के 10,759 पृथ्वी दिवस लेता हैं (या लगभग 29½ वर्ष)। शनि की दीर्घवृत्ताकार कक्षा पृथ्वी के परिक्रमा तल के सापेक्ष 2.48° झुकी हुई है। 0.056 की विकेन्द्रता के कारण, शनि और सूर्य के बीच की दूरी और के बीच लगभग 15.5 करोड़ किलोमीटर से भिन्न होती है, जो उसके परिक्रमण मार्ग के साथ-साथ ग्रह के सूर्य से क्रमशः निकटतम और सबसे दूर के बिंदु हैं।
शनि पर दृश्यमान आकृतियां भिन्न-भिन्न दरों पर घूमती है जो कि अक्षांश पर निर्भर करती है और ये बहुल घूर्णन अवधियां विभिन्न क्षेत्रों के लिए आवंटित की गई है (जैसे बृहस्पति के मामले में की गई): प्रणाली I का काल 10घंटे 14मिनट 00सेकंड (844.3°/ दिन) है और भूमध्यरेखीय क्षेत्र सम्मिलित करता हैं, जो दक्षिणी भूमध्यरेखीय पट्टी के उत्तरी किनारे से लेकर उत्तरी भूमध्यरेखीय पट्टी के दक्षिणी किनारे तक विस्तारित है। शनि के बाकी सभी अक्षांश 10घंटे 38मिनट 25.4सेकंड (810.76°/दिन) की एक घूर्णन अवधि के साथ आवंटित किए गए है जो कि प्रणाली II है। प्रणाली III, वॉयजर दौरे के दौरान ग्रह से उत्सर्जित रेडियो उत्सर्जन पर आधारित है। इसका 10घंटे 39मिनट 22.4सेकंड (810.8°/दिन) का एक काल है। चुंकि यह प्रणाली II के बेहद करीब है, इसने उसका काफी हद तक अतिक्रमण किया हुआ है।
आंतरिक ढांचे के घूर्णन काल का एक सटीक मान रहस्य रह गया है। 2004 में जब शनि तक पहुंच हुई, कैसिनी ने पाया कि शनि का रेडियो घूर्णन काल काफी बढ़ा हुआ है, लगभग 10घंटे 45मीनट 45सेकंड (± 36 सेकंड) तक। मार्च 2007 में, यह पाया गया था कि ग्रह से निकले रेडियो उत्सर्जन की घटबढ़ शनि के घूर्णन की दर से मेल नहीं खाती। यह अंतर शनि के चंद्रमा एनसेलेडस पर गीजर गतिविधि की वजह से हो सकता है। इस गतिविधि द्वारा शनि की कक्षा में उत्सर्जित हुई जल वाष्प चार्ज हो जाती है और शनि के चुंबकीय क्षेत्र पर एक खींचाव पैदा करती है, जो उसके घूर्णन को ग्रह के घूर्णन की अपेक्षा थोड़ा धीमा कर देती है। शनि के घूर्णन का नवीनतम आकलन कैसिनी, वॉयजर और पायनियर से मिले विभिन्न मापनों के एक संकलन पर आधारित है, जिसकी सूचना सितंबर 2007 में मिली थी और यह 10घंटे, 32मिनट, 35सेकंड है।
ग्रहीय छल्ले
शनि संभवतया ग्रहीय छल्लों की प्रणाली के लिए बेहतर जाना जाता है जो उसे दृष्टिगत रूप से अनूठा बनाता है। यह छल्ले शनि की भूमध्य रेखा के ऊपर 6,630 किमी से लेकर 1,20,700 किमी तक विस्तारित है, औसतन तकरीबन 20 मीटर की मोटाई में तथा अंश मात्रा की थोलीन अशुद्धियों एवं 7% अनाकार कार्बन के साथ 93% जल बर्फ से बने हुए हैं। छल्लों को बनाने वाले कणों के आकार के परास धूल कणों से लेकर 10 मीटर तक है। हालांकि अन्य गैस दानवों की भी वलय प्रणालीयां है, पर शनि की सबसे बड़ी और सर्वाधिक दृश्यमान है। छल्लों की उत्पत्ति के बारे में दो मुख्य परिकल्पनाएं हैं। एक परिकल्पना है कि छल्ले शनि के एक नष्ट चांद के अवशेष हैं। दूसरी परिकल्पना है कि छल्ले छोड़ी गई मूल नीहारिकीय सामग्री हैं जिनसे शनि बना है। केंद्रीय छल्लों की कुछ बर्फ एनसेलेडस चंद्रमा के बर्फ ज्वालामुखी से आती है। अतीत में, खगोलविदों ने माना छल्ले ग्रह के साथ-साथ बने जब अरबो वर्षों पहले ग्रह का गठन हुआ। बावजुद, इन ग्रहीय छल्लों की उम्र शायद कुछ सैकड़ों लाख वर्षों की है।
ग्रह से 12 लाख किलोमीटर की दूरी पर मुख्य छल्ले से परे विरल फोबे वलय है, जो कि अन्य छल्लों से 27 डिग्री के कोण पर झुका हुआ है तथा, फोबे की तरह, प्रतिगामी रीति में परिक्रमा करता है। पैंडोरा और प्रोमेथियस सहित, शनि के चंद्रमाओं में से कुछ, छल्लों को सीमित रखने और उन्हें बाहर फैलने से रोकने के लिए सैफर्ड En चांद के रूप में कार्य करते है। पान और एटलस शनि के छल्लों में निर्बल, रैखिक घनत्व तरंगों के कारण है that have yielded more reliable calculations of their masses.
प्राकृतिक उपग्रह
शनि के कम से कम 62 चंद्रमा हैं, उनमें से 53 के औपचारिक नाम है। सबसे बड़ा चंद्रमा, टाइटन, छल्ले सहित, शनि के इर्दगिर्द की कक्षा में द्रव्यमान का 90% से अधिक समाविष्ट करता है। एक कमजोर वायुमंडल के साथ-साथ, शनि के दूसरे सबसे बड़े चंद्रमा, रिया, की अपनी एक स्वयं की कमजोर वलय प्रणाली हो सकती है। कई अन्य चन्द्रमा बहुत छोटे हैं: व्यास में 10 किमी से कम के 34 है तथा 14 अन्य 50 किमी से कम किंतु 10 किमी से बड़े है। परंपरागत रूप से, शनि के अधिकांश चन्द्रमा ग्रीक पौराणिक कथाओं के दिग्गजों पर नामित किए गए है। टाइटन एक बड़े वायुमण्डल वाला सौरमंडल का एकमात्र उपग्रह है, जिसमें एक जटिल कार्बनिक रसायन शास्त्र पाया जाता है। यह हाइड्रोकार्बन झीलों वाला एकमात्र उपग्रह है।
शनि का चंद्रमा एनसेलेडस अक्सर सूक्ष्मजैविक जीवन के लिए एक संभावित आधार के रूप में माना गया है। इस जीवन के साक्ष्य उपग्रह के लवण-बहुल कणों को शामिल करते है जिसमें एक "महासागर की तरह" संघटन मिलते है जो इंगित करता है एनसेलेडस की अधिकांश निष्कासित बर्फ तरल लवण जल के वाष्पीकरण से आती है।
अन्वेषण का इतिहास
शनि के प्रेक्षण एवं अन्वेषण में तीन मुख्य चरण रहे है। पहले युग में आधुनिक दूरबीन के आविष्कार से पहले के प्राचीन प्रेक्षण थे (जैसे कि नग्न आंखों के साथ)। 17 वीं सदी में शुरू हुआ, पृथ्वी से उत्तरोत्तर और अधिक उन्नत दूरबीन प्रेक्षण करना संभव बना। अन्य प्रकार के, या तो परिक्रमा द्वारा या फ्लाईबाई द्वारा, अंतरिक्ष यान द्वारा यात्रा से हुए है। 21 वीं सदी के प्रेक्षण पृथ्वी से (या पृथ्वी परिक्रमारत वेधशालाओं) तथा शनि के कैसिनी परिक्रमा यान से जारी है।
प्राचीन प्रेक्षण
शनि को प्रागैतिहासिक काल से जान लिया गया है। प्राचीन काल में, सौरमंडल में सूदूर के पाँच ज्ञात ग्रह (पृथ्वी को छोड़कर) थे और इसलिए विभिन्न पौराणिक कथाओं के मुख्य पात्र थे। बेबीलोनियाई खगोलविदों ने शनि की गतिविधियों को व्यवस्थित रूप से प्रेक्षित और दर्ज किया। प्राचीन रोमन पौराणिक कथाओं में, शनि (लेटिन : सेटर्नस) देवता, जिससे इस ग्रह ने अपना नाम लिया, कृषि के देवता थे। रोमनों ने सेटर्नस को यूनानी देवता क्रोनस के समकक्ष माना। यूनानियों ने सबसे बाहरी ग्रह क्रोनस को पवित्र बनाया, और रोमनों ने भी यही किया था। (आधुनिक यूनानी में, ग्रह अपना प्राचीन नाम क्रोनस बरकरार रखता है (Κρόνος: Kronos)।)
अलेक्ज़ैंड्रिया में रहने वाले एक यूनानी, टॉलेमी, ने शनि की एक विमुखता का प्रेक्षण किया, जो इसकी कक्षा के तत्वों के उनके निर्धारण के लिए एक आधार था। हिंदू ज्योतिषशास्त्र में, नौ ज्योतिषीय वस्तुएं है, जिसे नवग्रह के रूप में जाना जाता है, शनि उनमें से एक है, जो शनि देव के रूप में जाने गए, जीवन में अच्छे और बुरे कर्मों के प्रदर्शन के आधार पर वह हरेक का न्याय करते है। प्राचीन चीनी और जापानी संस्कृति ने शनि ग्रह को भू-तारा के रूप में नामित किया। यह पांच तत्वों पर आधारित था जो पारंपरिक रूप से प्राकृतिक तत्वों वर्गीकृत करने के लिए प्रयुक्त हुए थे।
प्राचीन हिब्रू में, शनि को 'शब्बाथाइ' कहा हुआ है। इसकी दूत कैसिएल है। इसकी बुद्धि या लाभदायक भावार्थ एगियल (लायगा) है तथा इसकी भावना (अंध भाव) ज़ाज़ेल (इज़ाज़) है। ओटोमन तुर्की, उर्दू एवं मलय में, इसका 'ज़ुहाल' नाम, अरबी زحل से व्युत्पन्न हुआ है।
यूरोपीय प्रेक्षण (17वीं-19वीं सदी)
शनि के छल्लों को स्पष्ट देखने के लिए कम से कम एक 15 मिमी व्यास के दूरबीन की जरुरत होती है।
इसलिए 1610 में गैलीलियो द्वारा सर्वप्रथम देखने तक यह ज्ञात नहीं था। उन्होने उनको शनि की तरफ के दो चंद्रमाओं जैसा समझा। यह तब तक नहीं हुआ जब तक क्रिश्चियन हुय्गेंस ने बड़ी दूरबीन आवर्धन प्रयुक्त किया जिससे यह धारणा खंडित हुई थी। हुय्गेंस ने शनि के चंद्रमा टाइटन की खोज की, गियोवन्नी डोमेनिको कैसिनी ने बाद में चार अन्य चंद्रमाओं को खोजा : आऐपिटस, रिया, टेथिस और डीओन। 1675 में, कैसिनी ने एक अंतराल खोजा जो अब कैसिनी विभाजन के रूप में जाना जाता है।
आगे महत्व की और कोई खोजें 1789 तक नहीं बनी जब विलियम हर्शेल ने दो चन्द्रमाओं माइमस और एनसेलेडस को खोजा। अनियमित आकार का उपग्रह हिपेरायन, जिसका टाइटन के साथ एक अनुनाद है, एक ब्रिटिश दल द्वारा 1848 में खोजा गया था।
1899 में विलियम हेनरी पिकरिंग ने फोबे की खोज की, एक अत्यधिक अनियमित उपग्रह जो शनि के साथ तुल्यकालिक रूप में नहीं घूमता जैसे कि बड़े ग्रह करते है। फोबे पाया गया ऐसा पहला उपग्रह था, जो एक प्रतिगामी कक्षा में शनि की परिक्रमा के लिए अधिक से अधिक एक साल लेता है। 20 वीं शताब्दी के दौरान, टाइटन के अनुसंधान ने 1944 में इस पुष्टिकरण की अगुआई की कि इसका एक मोटा वायुमंडल था- सौरमंडल के चंद्रमाओं के बीच एक अद्वितीय विशेषता।
आधुनिक नासा और इसा प्रोब
पायनियर 11 फ्लाईबाई
सितंबर 1979 में पायनियर 11 शनि के लिए ढोया गया पहला फ्लाईबाई बना, जब यह ग्रह के बादलों के शीर्ष से 20,000 किमी के भीतर से गुजरा। ग्रह और उसके चन्द्रमाओं की कुछ तस्वीरें खींची गई, हालांकि उसकी स्पष्टता सतह की विस्तारपूर्वक मंत्रणा के लिहाज से बेहद हल्की थी। अंतरिक्ष यान ने शनि के छल्लों का भी अध्ययन किया, पतले एफ-छल्ले का खुलासा हुआ और सच्चाई यह है कि छल्ले का श्याह अंतराल चमकता है जब इसे उच्च चरण कोण En पर देखा गया, जिसका अर्थ है कि वे बारिक प्रकाश बिखरने वाली सामग्री शामिल करते है। इसके अतिरिक्त, पायनियर 11 ने टाइटन का तापमान मापा।
वॉयजर फ्लाईबाई
नवम्बर 1980 में, वॉयजर 1 यान ने शनि प्रणाली के लिए फ्लाईबाई का आयोजन किया। इसने ग्रह और उसके छल्लो व उपग्रहों की पहली उच्च-स्पष्टता की तस्वीरे प्रेषित की। सतही आकृतियां और अनेक चंद्रमा पहली बार देखे गए थे। वॉयजर 1, टाइटन के करीब से गुजरा और चंद्रमा के वायुमंडल की जानकारी बढ़ाई। इसने साबित कर दिया कि टाइटन का वायुमंडल दृश्य तरंगदैर्घ्य के प्रति अभेद्य है; इसलिए, कोई सतही विवरण देखना नहीं हो पाया था। फ्लाईबाई ने अंतरिक्ष यान के प्रक्षेपवक्र को सौरमंडल के तल से बाहर की ओर बदला।
करीब-करीब एक साल बाद, अगस्त 1981 में, वॉयजर 2 ने शनि प्रणाली का अध्ययन जारी रखा। शनि के चन्द्रमाओं की नजदीकी तस्विरें अधिग्रहीत हुई, साथ ही वातावरण और छल्ले में परिवर्तन के सबूत भी प्राप्त हुए। दुर्भाग्य से, फ्लाईबाई के दौरान, यान का फिरने वाला कैमरा मंच कुछ दिनों के लिए अटक गया, जिससे प्रतिचित्रण की कुछ योजनाओं की क्षति हुई थी। शनि का गुरुत्वाकर्षण अंतरिक्ष यान के प्रक्षेपवक्र को यूरेनस की ओर मोड़ने के लिए प्रयुक्त हुआ था।
यान ने ग्रह के छल्ले के निकट या भीतर परिक्रमारत कई नए उपग्रहों, साथ ही साथ छोटे मैक्सवेल अंतराल (छल्ला-सी के भीतर का एक अंतराल) और कीलर अंतराल (छल्ला-ए में 42 किमी चौड़ा अंतराल) की खोज और पुष्टि की।
कैसिनी-हुय्गेंस अंतरिक्ष यान
1 जुलाई 2004 को कैसिनी-हुय्गेंस अंतरिक्ष यान ने 'शनि कक्षा प्रविष्टि' के कौशल का प्रदर्शन किया और शनि के आसपास की कक्षा में प्रवेश किया। प्रविष्टि के पहले, कैसिनी पहले से ही बड़े पैमाने पर प्रणाली का अध्ययन कर चुका था। जून 2004 में, इसने फोबे का एक नजदीकी फ्लाईबाई का आयोजन किया था जिसने उच्च स्पष्टता की छवियों और डेटा को प्रेषित किया।
शनि के सबसे बड़े चंद्रमा टाइटन के कैसिनी फ्लाईबाई ने बड़ी झीलों तथा द्वीपों और पहाड़ों के साथ उनके तटों की रडार छवियों को कैद किया। इस ऑर्बिटर ने हुय्गेंस यान की 25 दिसम्बर 2004 में रवानगी से पहले दो टाइटन फ्लाईबाई पूरा किया। हुय्गेंस, 14 जनवरी 2005 को टाइटन की सतह पर उतरा और वायुमंडलीय अवतरण के दौरान एवं लैंडिंग के बाद डेटा की बाढ़ भेजी। कैसिनी ने उसके बाद से टाइटन और अन्य बर्फीले उपग्रहों के बहु-फ्लाईबाई आयोजित किए है।
शुरुआती 2005 के बाद, वैज्ञानिकों ने शनि ग्रह पर बिजली खोज निकाली है। इस बिजली की शक्ति पृथ्वी पर की बिजली की करीब 1,000 गुना है।
वर्ष 2006 में नासा ने खबर दी कि कैसिनी ने शनि के चंद्रमा एनसेलेडस के सोते में प्रस्फुटित हो रहे तरल जल जलाशयों के प्रमाण पाए थे। तस्वीरों ने चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में झरोखों से शनि के आसपास की कक्षा में उत्सर्जित हो रहे बर्फीले कणों की फुहारों को दिखाया था। एंड्रयू इंगरसोल, कैलिफोर्निया प्रौद्योगिकी संस्थान, के अनुसार, "सौरमंडल के अन्य चन्द्रमाओं के पास कई किलोमीटर की बर्फीली परत से आच्छादित तरल-जल महासागर है। यहाँ ऐसा क्या जुदा है कि सतह के दसियों मीटर से ज्यादा नीचे तरल जल के क्षेत्र नहीं हो सकते।" मई 2011 में, एक एनसेलेडस फोकस समूह सम्मेलन में नासा के वैज्ञानिकों ने सुचित किया कि एनसेलेडस "जीवन, जैसा कि हम जानते हैं, के लिए सौर मंडल में पृथ्वी से परे सर्वाधिक रहने योग्य स्थान के रूप में उभर रहा है।
कैसिनी छवियों ने अन्य महत्वपूर्ण खोजों के लिए प्रेरित किया है। उसने शनि के चमकदार मुख्य छल्ले के बाहर और जी और ई छल्ले के भीतर एक पूर्व का अज्ञात ग्रहीय छल्ला उजागर किया है। इस छल्ले का स्रोत शनि के दो चंद्रमाओं का एक उल्कापिंड में चूरचूर हो जाना माना गया है। जुलाई 2006 में, कैसिनी छवियों ने टाइटन के उत्तरी ध्रुव के समीप हाइड्रोकार्बन झीलों के सबूत प्रदान किये, जिसकी मौजुदगी की पुष्टि जनवरी 2007 में हुई थी। मार्च 2007 में, टाइटन के उत्तरी ध्रुव के समीप की अतिरिक्त छवियों ने हाइड्रोकार्बन "समुद्र" का खुलासा किया, उनमें से सबसे बड़ा करीब-करीब कैस्पियन सागर के आकार का है। अक्टूबर 2006 में, यान ने शनि के दक्षिणी ध्रुव के एक आईव़ोल में एक 8,000 किमी व्यास के चक्रवात जैसे तूफान का पता लगाया।
2004 से लेकर 2 नवम्बर 2009 तक, यान ने 8 नए उपग्रहों की खोज और पुष्टि की। 2008 में इसका प्राथमिक मिशन समाप्त हुआ, तब तक अंतरिक्ष यान ग्रह के चारों ओर 74 परिक्रमाएं पूरी कर चुका था। यान का मिशन, शनि के पूर्ण अवधि के मौसमों के अध्ययन के लिए, सितंबर 2010 तक के लिए विस्तारित हुआ था और फिर 2017 तक के लिए फिर से विस्तारित किया गया।
अप्रैल 2013 में कैसिनी ने ग्रह के उत्तरी ध्रुव के एक तूफान की छवियां प्रेषित की, 530 किमी/घंटा से भी तेज हवाओं वाला यह तुफान पृथ्वी पर पाए जाने वाले तुफानों से 20 गुना बड़ा है।
प्रेक्षण
शनि नग्न आंखों से आसानी से दिखाई देने वाले पाँच ग्रहों में सबसे दूर का है, अन्य चार, बुध, शुक्र, मंगल और बृहस्पति है (यूरेनस और कभी-कभी 4 वेस्टा श्याह अंधेरे आसमान में नग्न आंखों को दिखे हैं)। शनि रात्रि आकाश में नग्न आंखों को एक चमकदार पीले प्रकाश पुंज के माफिक दिखाई देता है जिसका सापेक्ष कांतिमान आमतौर पर 1 और 0 के मध्य है। यह राशि चक्र के पृष्ठभूमि तारामंडल के खिलाफ क्रांतिवृत्त का एक पूरे परिपथ को बनाने के लिए लगभग 29½ साल लेता हैं। अधिकांश लोगों को शनि के छल्ले को स्पष्ट रूप से समझने के लिए कम से कम 20× प्रकाशिक सहित (बड़ी दूरबीन या एक दूरदर्शी) आवर्धक की जरुरत होगी।
जब भी यह आसमान में दिखाई देता है अधिकांश समय तक प्रेक्षण हेतू एक लाभदायक लक्ष्य है। शनि जब विमुखता पर या इसके नजदीक है, ग्रह और उनके छल्लों को सबसे अच्छा देखा गया है (जब यह 180° के प्रसरकोण पर है, ग्रह विन्यास, आकाश में सूर्य के विपरीत दिखाई देता है।)। भले ही शनि 2003 के अंत में पृथ्वी व सूर्य के करीब था, 17 दिसम्बर 2002 के विमुखता के दौरान, पृथ्वी के सापेक्ष उसके छल्लों के अनुकूल अभिविन्यास के कारण, शनि अपनी सर्वाधिक चमक पर दिखा।
संस्कृति में
अधिक जानकारी: गल्पकथा में शनि
भारतीय संस्कृति में
भारतीय संस्कृति में शनि को सूर्य पुत्र माना गया है। उनके सम्बन्ध मे अनेक भ्रान्तियां है इसलिये उन्हे मारक, अशुभ और दुख कारक आदि अनेक रुपों वाला माना गया है। शनि मोक्ष देने वाला एक मात्र ग्रह है। शनि प्रकृति में संतुलन बनाए रखते है। वह हर एक प्राणी के साथ न्याय करते है। शनि केवल अनुचित विषमता और अस्वाभाविक समता को आश्रय देने वाले लोगो को ही प्रताडित करते है।
फ़लित ज्योतिष शास्त्रो में शनि अनेक नामों से सम्बोधित है, जैसे मन्दगामी, सूर्य-पुत्र, शनिश्चर इत्यादि। पुष्य,अनुराधा और उत्तराभाद्रपद शनि के नक्षत्र है तथा दो राशियों मकर और कुम्भ के वह स्वामी है। वें सूर्य,चन्द्र व मंगल को शत्रु एवं बुध व शुक्र को अपना मित्र मानते है तथा गुरु के प्रति सम भाव रखते है। शारीरिक रोगों में शनि को वायु विकार,कंप, हड्डी व दंत रोगों का कारक माना गया है। शनि के सात वाहक: हाथी, घोड़ा, हिरण, गधा, कुत्ता, भैंसा और गिद्ध है। उनकी पत्नी नीलादेवी है।
भारत के प्रायः हर शहर में शनि के मंदिर स्थापित है। इनमें महाराष्ट्र प्रांत के सीग्नापुर का शनि मंदिर सुप्रसिद्ध है। शनि की पुजा के लिए शनिवार शुभ दिन है।
वैश्विक संस्कृति में
ज्योतिष में शनि(), पारंपरिक रूप से एक्वारियस तथा कैप्रिकॉन के सत्तारूढ़ ग्रह है।
दिवस सैटर डे, शनि ग्रह पर नामित है, जो कृषि के रोमन देवता सैटर्न से प्राप्त हुआ है (यूनानी देवता क्रोनस से जुड़ा हुआ है)।
पृथ्वी की कक्षा और उससे आगे के लिए भारी पेलोड प्रमोचन के लिए सैटर्न समुदाय के रॉकेट ज्यादातर वर्नहेर वॉन ब्राउन के नेतृत्व में जर्मन रॉकेट वैज्ञानिकों के एक दल द्वारा विकसित हुए थे। मूल रूप से एक सैन्य उपग्रह प्रक्षेपक के रूप में प्रस्तावित इन रॉकेटो को अपोलो कार्यक्रम के लिए प्रक्षेपण वाहन के रूप में अपनाया गया।
इन्हें भी देखें
शनि के छल्ले
उपग्रही छल्ले
शनि के प्राकृतिक उपग्रह
गैस दानव
शनिदेवता
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
नासा के साइंस मिशन डाइरेक्टोरेट पर शनि पर अवलोकन
शनि ग्रह
सौर मंडल
सौर मंडल के ग्रह
गैस दानव
ग्रह
हिन्दी विकि डीवीडी परियोजना
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शारदा चिटफंड घोटाले में जेल में बंद
पश्चिम बंगाल के ट्रांसपोर्ट मंत्री मदन मित्रा
ने पूछताछ में सीपीएम के तीन नेताओं मोहम्मद सलीम, रॉबिन देब और सुजान चक्रवर्ती का नाम लिया है. इस घोटाले में सीबीआई अब तृणमूल के दो और नेताओं पर कार्रवाई कर सकती है.
एक रिपोर्ट में इस तरह की जानकारी सामने आई है. मदन मित्रा द्वारा मोहम्मद सलीम, रॉबिन देब और सुजान चक्रवर्ती पर लगाए गए आरोप के बाद अभी तक पुलिस ने इन्हें हिरासत में नहीं लिया है. शुक्रवार को मित्रा को अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया. मित्रा ने अपनी सफाई में कहा, 'सीबीआई का कहना है कि 26 लाख लोगों ने मेरे कहने पर चिटफंड में पैसा लगाया, लेकिन एक भी निवेशक ने मेरे खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं कराई है.'
वहीं, मित्रा की जमानत याचिका का विरोध करते हुए सीबीआई वकील पार्थ सारथी ने कहा कि वह एक प्रभावशाली व्यक्ति है और जमानत मिलने पर सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं. सीबीआई वकील ने फिलहाल मित्रा की पुलिस कस्टडी से इनकार किया है, लेकिन 14 दिन की न्यायिक हिरासत की मांग कर रहे हैं.
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भारतीय मुक्केबाज अखिल कुमार बीजिंग में क्वार्टर फाइनल में मोल्डोवा के गोजान से हारकर ओलंपिक मुकाबलों से बाहर हो गए. भारत के इस मुक्केबाज पर सिर्फ परिवार की नजरें ही नहीं गड़ी थी बल्कि पूरा देश इस इंतजार में था कि अखिल कुमार क्वार्टर फाइनल को जीतकर मेडल तो पक्का कर ही लेंगे. लेकिन जहां जश्न मनाने की तैयारियां हो रही थी वहां मातम सा छा गया.
छोटे से देश मोल्डोवा के गोजान ने ठंडे दिमाग से अखिल के हर पंच का जवाब दिया. पहले राउंड के बाद स्कोर बराबर था. दूसरे राउंड का मुकाबला भी कमोबेश पहले राउंड की तरह रहा और अखिल ऐसा कोई कमाल नहीं दिखा सके. जिसका इंतजार करोड़ों भारतीय कर रहे थे. लेकिन तीसरे राउंड आते आते अखिल ने लय खो दी और कई गलतियां कर बैठे. हमला करने के बजाय वो डिफेंसिव हो गए और अब तक डिफेंसिव खेल रहे गोजान एक के बाद एक कई पंच जमाकर अखिल पर हावी हो गए. तीसरे राउंड के खत्म होते होते आस जाती रही. अखिल के पास आखिरी मौका था. लेकिन अखिल ने फिर कर दी गलतियां. और मुकाबला गंवा बैठे. गोल्ड मेडल से कम पर हार नहीं मानने का दमखम भरने वाले अखिल मेडल की रेस से बाहर हो गए.
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नीति आयोग के गठन के बाद उसके पहले उपाध्यक्ष बने अरविंद पनगढ़िया ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. वह अब 31 अगस्त ही इस पद पर रहेंगे. तात्कालिक रूप से शिक्षा क्षेत्र में लौटने की बात कहकर उन्होंने इस्तीफा दिया है. अरविंद पांच जनवरी, 2015 को नीति आयोग के उपाध्यक्ष बने थे. योजना आयोग के नीति आयोग के रूप में गठन के बाद वह इसके पहले उपाध्यक्ष बने थे. प्रसिद्ध अर्थशास्त्री पनगढ़िया आर्थिक उदारीकरण के पैरोकार माने जाते रहे हैं.टिप्पणियां
भारतीय-अमेरिकी अर्थशास्त्री अरविंद नीति आयोग के उपाध्यक्ष बनने से पहले कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रहे हैं. वह इससे पहले एशियाई विकास बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री रहे हैं. इसके अलावा वह वर्ल्ड बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व व्यापार संगठन और अंकटाड में भी काम कर चुके हैं. उन्होंने प्रतिष्ठित प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री ली है.
पनगढि़या ने तकरीबन 10 किताबें लिखी हैं. भारत के संदर्भ में उनकी किताब India: The Emerging Giant खासी चर्चित रही. यह पुस्तक 2008 में प्रकाशित हुई थी.
भारतीय-अमेरिकी अर्थशास्त्री अरविंद नीति आयोग के उपाध्यक्ष बनने से पहले कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रहे हैं. वह इससे पहले एशियाई विकास बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री रहे हैं. इसके अलावा वह वर्ल्ड बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व व्यापार संगठन और अंकटाड में भी काम कर चुके हैं. उन्होंने प्रतिष्ठित प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री ली है.
पनगढि़या ने तकरीबन 10 किताबें लिखी हैं. भारत के संदर्भ में उनकी किताब India: The Emerging Giant खासी चर्चित रही. यह पुस्तक 2008 में प्रकाशित हुई थी.
पनगढि़या ने तकरीबन 10 किताबें लिखी हैं. भारत के संदर्भ में उनकी किताब India: The Emerging Giant खासी चर्चित रही. यह पुस्तक 2008 में प्रकाशित हुई थी.
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: न्यूजीलैंड में 25 वर्षीय मुस्लिम लड़की को तब शर्मिंदा होना पड़ा जब उसने गहनों की एक दुकान में नौकरी के लिए आवेदन किया और उससे कहा गया कि जब तक वह हिजाब नहीं हटाती तब तक यह ‘‘समय की बर्बादी’’ है।
मोना अलफादली ने ऑकलैंड में स्टीवर्ड डासन्स में बिक्री सहायक के पद के लिए आवेदन किया था। उसे संबंधित प्रबंधक ने कहा कि अपने हिजाब के चलते वह ‘‘आवेदन करने की परेशानी नहीं उठाये।’’ अलफादली ने कहा, ‘‘मुझे शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा क्योंकि दुकान के भीतर जाना और नौकरी के संबंध में प्रबंधक से बात करने में काफी साहस लगा, क्योंकि मुझे खारिज होने का भय था।’’ एवोनडेल निवासी अलफादली को एप्लाइड कम्प्यूटर सिस्टम इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के बाद नौकरी की तलाश थी।
उसने कहा कि 2008 में कुवैत से शारणार्थी के तौर पर न्यूजीलैंड में बसने के बाद उसके जीवन की महत्वाकांक्षा अपने और परिवार के लिए एक ‘‘सुरक्षित’’ मकान खोजना था। टिप्पणियां
‘द न्यूजीलैंड हेराल्ड’ ने अलफादली के हवाले से कहा, ‘‘मैं कोई भी नौकरी कर सकती हूं, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन मैं अपना हिजाब रखूंगी, मैं अपनी पहचान बरकरार रखूंगी तथा अपनी संस्कृति एवं अपने धर्म का सम्मान करूंगी।’’ अलफादली ने कहा कि उससे कहा गया कि जब तक वह अपना हिजाब नहीं हटाती यह ‘‘समय की बर्बादी’’ है।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मोना अलफादली ने ऑकलैंड में स्टीवर्ड डासन्स में बिक्री सहायक के पद के लिए आवेदन किया था। उसे संबंधित प्रबंधक ने कहा कि अपने हिजाब के चलते वह ‘‘आवेदन करने की परेशानी नहीं उठाये।’’ अलफादली ने कहा, ‘‘मुझे शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा क्योंकि दुकान के भीतर जाना और नौकरी के संबंध में प्रबंधक से बात करने में काफी साहस लगा, क्योंकि मुझे खारिज होने का भय था।’’ एवोनडेल निवासी अलफादली को एप्लाइड कम्प्यूटर सिस्टम इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के बाद नौकरी की तलाश थी।
उसने कहा कि 2008 में कुवैत से शारणार्थी के तौर पर न्यूजीलैंड में बसने के बाद उसके जीवन की महत्वाकांक्षा अपने और परिवार के लिए एक ‘‘सुरक्षित’’ मकान खोजना था। टिप्पणियां
‘द न्यूजीलैंड हेराल्ड’ ने अलफादली के हवाले से कहा, ‘‘मैं कोई भी नौकरी कर सकती हूं, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन मैं अपना हिजाब रखूंगी, मैं अपनी पहचान बरकरार रखूंगी तथा अपनी संस्कृति एवं अपने धर्म का सम्मान करूंगी।’’ अलफादली ने कहा कि उससे कहा गया कि जब तक वह अपना हिजाब नहीं हटाती यह ‘‘समय की बर्बादी’’ है।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उसने कहा कि 2008 में कुवैत से शारणार्थी के तौर पर न्यूजीलैंड में बसने के बाद उसके जीवन की महत्वाकांक्षा अपने और परिवार के लिए एक ‘‘सुरक्षित’’ मकान खोजना था। टिप्पणियां
‘द न्यूजीलैंड हेराल्ड’ ने अलफादली के हवाले से कहा, ‘‘मैं कोई भी नौकरी कर सकती हूं, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन मैं अपना हिजाब रखूंगी, मैं अपनी पहचान बरकरार रखूंगी तथा अपनी संस्कृति एवं अपने धर्म का सम्मान करूंगी।’’ अलफादली ने कहा कि उससे कहा गया कि जब तक वह अपना हिजाब नहीं हटाती यह ‘‘समय की बर्बादी’’ है।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
‘द न्यूजीलैंड हेराल्ड’ ने अलफादली के हवाले से कहा, ‘‘मैं कोई भी नौकरी कर सकती हूं, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन मैं अपना हिजाब रखूंगी, मैं अपनी पहचान बरकरार रखूंगी तथा अपनी संस्कृति एवं अपने धर्म का सम्मान करूंगी।’’ अलफादली ने कहा कि उससे कहा गया कि जब तक वह अपना हिजाब नहीं हटाती यह ‘‘समय की बर्बादी’’ है।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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डिजिटल इंडिया की शुरुआत के बाद अब स्टेट बैंक ने नेपाल में भी डिजिटल ट्रांजैक्शन की शुरुआत कर दी है. अपने ताजा उपक्रम के तहत नेपाल स्टेट बैंक ने पूरे देश में 500 से ज्यादा पीओएस यानी प्वाइंट ऑफ सेल की मशीनें लगाने की शुरुआत कर दी है. काठमांडू में हुए इस शुभारंभ समारोह में स्टेट बैंक के इंटरनेशनल बैंकिंग विभाग के डिप्टी मैनेजेरियल डायरेक्टर सिद्धार्थ सेनगुप्ता समेत नेपाल में भारत के राजदूत रंजीत रे, नेपाल स्टेट बैंक के चीफ जनरल मैनेजर सुजीत वर्मा, चिंतामणि सिवकोटी और स्टेट बैंक के इंटरनेशनल बैंकिंग विभाग के जनरल मैनेजर वीके त्यागी भी मौजूद थे.
स्टेट बैंक की इस मुहिम से नेपाल के दूरदराज के इलाकों में बिना बैंक शाखा या एटीएम तक गये लोगों को भी नकद में पैसे मिल सकेंगे. साथ ही नेपाल की बढ़ती अर्थव्यवस्था से भारत को भी फायदा होगा.
नेपाल स्टेट बैंक ने की नई शुरुआत
इसके अलावा देश से बाहर सबसे बड़े बैंकिंग संस्थान बन चुके नेपाल स्टेट बैंक ने
एनएसबीएल पेमेंट गेटवे
की भी शुरुआत की. इससे भारत से नेपाल पैसे भेजना ज्यादा सरल और सस्ता हो गया है. गौरतलब है कि दूसरे माध्यमों से पैसे भेजने से शुल्क बहुत ज्यादा लगता है लेकिन पेमेंट गेटवे से यह आसान हो गया.
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देश की प्रमुख कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी अक्टूबर 2013 से अपने वाहनों की कीमतें बढ़ाने जा रही है. अक्टूबर के पहले हफ्ते से मारुति के सभी मॉडल के दाम 10 हजार रुपये तक बढ़ जाएंगे.
कंपनी ने कहा है कि लागत में वृद्धि की वजह से वाहनों की कीमतें बढ़ाई जा रही हैं.
हुंदई और जनरल मोटर्स अपनी कीमतें बढ़ाने की पहले ही घोषणा कर चुकी हैं. ये दोनों कंपनियां अपने वाहनों की कीमतों में 20 हजार रुपये तक की वृद्धि करने जा रही हैं.
रुपये में कमजोरी आने से बढ़ रही लागत को देखते हुए टाटा मोटर्स भी अपने वाहनों की कीमतों में 1.5 फीसदी तक वृद्धि की योजना बना रही है. गौरतबल है कि टोयोटा किर्लोसकर ने अपने कुछ खास मॉडल के वाहनों की कीमतों में 24 हजार रुपये की वृद्धि कर दी है.
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TERI के पूर्व प्रमुख डॉ. आरके पचौरी के लिए आज का दिन काफी अहम है। दिल्ली की एक अदालत उन पर लगे यौन शोषण के आरोप के मामले में अब तक हुई जांच की समीक्षा करेगी।
कल दिल्ली पुलिस ने हाइकोर्ट से पचौरी की ज़मानत रद्द करने की अपील की थी। दिल्ली पुलिस ने अपनी अर्ज़ी में कहा था कि पचौरी जांच में मदद नहीं कर रहे हैं। साथ ही गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।टिप्पणियां
संभवत: दिल्ली पुलिस अदालत से उनकी जमानत को रद्द करने की मांग भी कर सकती है । पचौरी को बीते 21 मार्च को अदालत से अग्रिम ज़मानत मिली थी।
दिल्ली हाइकोर्ट ने पुलिस की अर्ज़ी को ख़ारिज कर दिया था और मामले की विस्तार से सुनवाई की ज़रूरत बताई थी। पचौरी पर 2013 में उनके साथ काम करने वाली एक 29 साल की महिला ने यौन शोषण का आरोप लगाया था।
कल दिल्ली पुलिस ने हाइकोर्ट से पचौरी की ज़मानत रद्द करने की अपील की थी। दिल्ली पुलिस ने अपनी अर्ज़ी में कहा था कि पचौरी जांच में मदद नहीं कर रहे हैं। साथ ही गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।टिप्पणियां
संभवत: दिल्ली पुलिस अदालत से उनकी जमानत को रद्द करने की मांग भी कर सकती है । पचौरी को बीते 21 मार्च को अदालत से अग्रिम ज़मानत मिली थी।
दिल्ली हाइकोर्ट ने पुलिस की अर्ज़ी को ख़ारिज कर दिया था और मामले की विस्तार से सुनवाई की ज़रूरत बताई थी। पचौरी पर 2013 में उनके साथ काम करने वाली एक 29 साल की महिला ने यौन शोषण का आरोप लगाया था।
संभवत: दिल्ली पुलिस अदालत से उनकी जमानत को रद्द करने की मांग भी कर सकती है । पचौरी को बीते 21 मार्च को अदालत से अग्रिम ज़मानत मिली थी।
दिल्ली हाइकोर्ट ने पुलिस की अर्ज़ी को ख़ारिज कर दिया था और मामले की विस्तार से सुनवाई की ज़रूरत बताई थी। पचौरी पर 2013 में उनके साथ काम करने वाली एक 29 साल की महिला ने यौन शोषण का आरोप लगाया था।
दिल्ली हाइकोर्ट ने पुलिस की अर्ज़ी को ख़ारिज कर दिया था और मामले की विस्तार से सुनवाई की ज़रूरत बताई थी। पचौरी पर 2013 में उनके साथ काम करने वाली एक 29 साल की महिला ने यौन शोषण का आरोप लगाया था।
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पेट्रोल-डीजल की कीमतों में उछाल की मार झेल रहे दिल्लीवासियों को आज एक और संकट का सामना करना पड़ रहा है. राजधानी के सभी पेट्रोल-डीजल और सीएनजी पंप आज बंद रखे गए हैं. दिल्ली
पेट्रोल
डीलर्स एसोसिएशन (डीपीडीए) ने
केजरीवाल
सरकार द्वारा पेट्रोल और
डीजल
पर
वैट
न घटाने के विरोध में यह फैसला लिया है.
कल सुबह तक बंद की घोषणा
डीपीडीए ने बयान में कहा है कि दिल्ली में करीब 400 पेट्रोल पंप ऐसे हैं, जिनसे सीएनजी स्टेशन भी जुड़े हैं, यह सभी दिल्ली सरकार के फैसले के विरोध में सोमवार को 24 घंटे के लिए बंद रहेंगे. ये सभी पंप 22 अक्टूबर सुबह 6 बजे से लेकर 23 अक्टूबर को सुबह 5 बजे तक बंद रहेंगे.
दिखने लगा हड़ताल का असर
पेट्रोल और डीजल वाहनों के साथ-साथ सीएनजी चलित ऑटो-टैक्सी चालक परेशानी का सामना कर रहे हैं. ऑटो चालकों ने बताया कि उन्हें हड़ताल के बारे में पुख्ता जानकारी नहीं थी. अजमेरी गेट पहुंचे सुधीर नाम के ऑटो चालक सुबह से 10 पेट्रोल पंप पर जा चुके हैं और सीएनजी गैस न मिलने से निराश नजर आए. उन्होंने कहा कि सोमवार होने की वजह से ज्यादातर सवारी ऑटो का इस्तेमाल करती हैं लेकिन सीएनजी गैस न होने से उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
आजतक की टीम इंद्रप्रस्थ पेट्रोल पंप भी पहुंची, जहां हड़ताल को लेकर बाकायदा पोस्टर लगाए गए हैं. पोस्टर पर दिल्ली सरकार से वैट कम करने की मांग की गई है. यहां पहुंची अंजू भंडारी ने बताया कि उनकी कार में इंजन आयल नहीं है और गाड़ी चलाने में समस्या हो रही है. अंजू के मुताबिक वो कई पेट्रोल पंप के चक्कर काट चुकी हैं और दफ़्तर जाने में देरी होने से परेशान हैं.
डीपीडीए के अध्यक्ष निश्चल सिंघानिया ने कहा, 'केंद्र सरकार ने चार सितंबर को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क सहित 2.50 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी. जिसके बाद पड़ोसी राज्य हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों ने अपने वैट (मूल्य वर्धित कर) में भी इतनी ही कटौती कर जनता को पांच रुपये तक राहत दी थी. लेकिन दिल्ली सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर वैट घटाने से इनकार कर दिया जिसके परिणामस्वरूप दिल्ली में पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश और हरियाणा की तुलना में ईंधन महंगा हो गया.'
टैक्सी-ऑटो की हड़ताल
पेट्रोल और सीएनजी पंप की हड़ताल के बीच आज दिल्ली में टैक्सी-ऑटो की भी हड़ताल रहेगी. टैक्सी एसोसिएशन ने यह हड़ताल सरकार की प्राइवेट कैब को लेकर पॉलिसी के खिलाफ बुलाई है. जबकि ऑटो वाले सीएनजी कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ आज स्ट्राइक कर रहे हैं. यानी एक तरफ जहां पेट्रोल-डीजल और सीएनजी न मिलने से प्राइवेट वाहन वालों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा, वहीं टैक्सी और ऑटो का इस्तेमाल करने वालों को भी आज दिनभर जूझना पड़ेगा.
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मुंबई और
गोवा
के बीच
क्रूज
सेवा 24 अक्टूबर से शुरू हो रही है. आपातकाल में यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर 18 प्वाइंट्स बनाए गए हैं, जहां राफ्ट की सुविधा मौजूद होगी.
क्रूज में डॉरमेटरी बुक कराने के लिए यात्रियों को 6 हजार रुपए चुकाने होंगे. 10 हजार रुपए का सबसे ज्यादा किराया कपल रूम के लिए है. पूरे क्रूज में 104 कमरों के साथ 8 अलग-अलग श्रेणियां बनाई गई हैं. सबसे खास बात यह है कि क्रूज में अंदर-अंदर सिवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगा है, ताकि कचरा समुद्र के पानी में न छोड़ा जा सके.
अंग्रिया सी इगल लिमिटेड की निदेशक लीना कामत ने एशियन एज से कहा, 'क्रूज यात्रा शुरू करने के लिए कई ट्रायल रन किए गए हैं. 20 साल पुराने जापानी जहाज को सेवा में उतारने के लिए 2 साल का वक्त लगा है.'
समुद्री यात्रा पर निकलने वाले इस जहाज का नाम 17वीं सदी के मराठा एडमिरल कन्होजी आंगरे के नाम पर रखा गया है. कन्होजी आंगरे ने कोंकण तटीय इलाके को यूरोपियों की दखल से बचाया था. कंपनी के मुताबिक, क्रूज अगले 30 साल तक सेवा दे सकने में सक्षम है.
24 अक्टूबर से लोग www.angriyacruises.com पर टिकट बुक कर सकते हैं. लीना कामत ने कहा, हमारी वेबसाइट से ऑनलाइन या एजेंट के द्वारा टिकट बुक करा सकते हैं. डॉरमेटरी के लिए प्रति व्यक्ति शुल्क 6 हजार रुपए है जिसमें भोजन भी उपलब्ध है. कपल रूम 10 हजार रुपए में बुक कराया जा सकता है. यह शुल्क क्रूज के लिए अधिकतम है. कन्होजी क्रूज
मुंबई
से शाम साढ़े चार बजे छूटकर अगले दिन 9 बजे गोवा पहुंचेगा.
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एक तरफ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी
किसानों की बदहाली का मुद्दा
उठाकर केंद्र को घेरने में जुटे हैं. दूसरी ओर मंगलवार को केंद्र ने स्मृति ईरानी को खुद उनके ही संसदीय क्षेत्र अमेठी में किसानों के आंसूं पोछने भेजा है.
स्मृति के साथ इस एकदिवसीय दौरे पर राज्य मंत्री संजीव बाल्यान भी होंगे. मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी अमेठी के हर विकास खण्ड में किसान पंचायत को संबोधित करेंगी. स्मृति साथ ही बेमौसम बारिश की मार का शिकार हुए किसानों से करेंगी मुलाकात करेंगी.
गौरतलब है कि स्मृति ईरानी के इस अमेठी दौरे के बाद 18 मई को सांसद राहुल गांधी भी अपने संसदीय क्षेत्र का दौरा करेंगे.
इससे पहले कांग्रेस जिलाध्यक्ष योगेन्द्र मिश्र और सांसद राहुल के प्रतिनिधि चंद्रकांत दुबे ने चेतावनी दी है कि उनकी पार्टी अमेठी में
मेगा फूड पार्क परियोजना
को रद्द किये जाने के खिलाफ स्मृति का विरोध करेगी.
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यह लेख है: पाकिस्तानी क्रिकेटर मोहम्मद आसिफ के वकील ने पूर्व कप्तान सलमान बट पर आरोप लगाया कि उन्होंने पिछले साल लॉर्ड्स टेस्ट में उनके मुवक्किल पर नोबॉल करने के लिए दबाव बनाया था। बट और आसिफ दोनों पर बेईमानी और गलत तरीके से भुगतान हासिल करने के आरोप हैं। इन दोनों के साथ ही तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर पर भी आरोप है कि उन्होंने अपने एजेंट मजहर मजीद के साथ पूर्व निर्धारित समय पर नोबॉल करने पर सहमति जताई थी। बट और आसिफ ने इन आरोपों का खंडन किया था। आसिफ के वकील अलेक्सांद्र मिल्नी ने साउथवर्क क्राउन कोर्ट में सुनवाई के 10वें दिन बट से लगभग 20 मिनट तक जिरह की। जब कोर्ट ने आसिफ का वह ओवर दिखाया, जिसमें नोबॉल की गई थी, तो मिल्नी ने बट से कहा, आप इस ओवर में लगातार आसिफ से बात कर रहे हो और उस पर दबाव बना रहे हो। इस पर बट ने कहा कि, मैं उस पर दबाव नहीं बना रहा था, बल्कि उसका उत्साह बढ़ा रहा था। इससे पहले कोर्ट ने आसिफ को एक साल पहले पुलिस से पूछताछ में यह कहते हुए सुना था कि उन पर कभी किसी ने दबाव नहीं बनाया।
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जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आंतकी हमले के पांच दिन बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्रेस कान्फ्रेंस करके कहा कि हिंदुस्तान की सरकार पुलवामा हमले को लेकर बिना किसी सबूत के पाकिस्तान के ऊपर इल्जाम लगा रही है. पाकिस्तान क्यों करेगा आतंकी हमला, इससे हमें क्या फायदा. अगर भारत की सरकार हमें कोई सबूत देगी तो हम इस मसले पर जांच करने के लिए तैयार हैं. इमरान को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि भारत को भाषण नहीं आतंकी मसूद अजहर को पकड़कर दो.
अमरिंदर ने कहा कि आपके पास जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख मसूद अजहर है जो बहावलपुर में बैठा है. आईएसआई की मदद से आतंकी हमलों को अंजाम दे रहा है. जाओ उसे वहां से उठाओ और भारत के हवाले करो यदि आप नहीं कर सकते हैं तो हमें बताइये. मुंबई के 26/11 हमले के सबूत दिए गए, उनका क्या किया बताएं.
तमाम दलों ने इमरान खान के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है. आम आदमी पार्टी के संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि क्या कातिल अपने कत्ल को कभी कबूल करता है? क्या कभी पाकिस्तान ने अपनी करतूतों को कबूल किया है? भारत कमज़ोर नहीं है इसका पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देगा.
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि इमरान खान आतंकियों के एहसान का बदला चुका रहे हैं. पाक चुनाव के दौरान मसूद अजहर ने इमरान खान के लिए प्रचार किया था. ऐसे में इमरान खान का मसूद अजहर का बचाव करना कोई आश्चर्य की बात नहीं है.
जेडीयू नेता केसी त्यागी ने पलटवार करते हुए कहा कि आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले पाकिस्तान के खिलाफ हमेशा से सबूत रहे हैं. पाकिस्तान के पीएम सेना के हाथों कठपुतली बनकर रह गए हैं. इमरान खान के बयान से साफ है कि पाकिस्तान युद्ध की राह पर चल रहा है.
जेडीयू नेता ने कहा कि पाकिस्तान की सेना जो चाहती है वही पाकिस्तानी सरकार करती है. पाक सैनिकों के मंसूबे भारत विरोधी रहे हैं, कश्मीर में आतंकवाद फैलाने का काम करते रहे हैं. उन्होंने कहा कि मसूद अजहर जैसा खूंखार आतंकवादी पब्लिक मीटिंग रावलपिंडी में और लाहौर में कर रहा हो. ऐसे में पाकिस्तान पीएम के बयान पर हंसी आ सकती है.
त्यागी ने कहा कि भारत से वार्ता करने के लिए अच्छे रिश्ते के लिए दुहाई दे रहा है. पाकिस्तान के 65 और 71 में टुकड़े टुकड़े हुए. कारगिल और 47 में जो कबायली आए थे सब लोग पाकिस्तान की बर्बादी का हश्र देख चुके हैं. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी ताकतों में से एक है. यह भारत 62 का भारत नहीं है यह 2019 का भारत है.
पाकिस्तान द्वारा सबूत मांगने की बात पर केसी त्यागी का कहना है कि 26/11 हमले के समय डॉजियर भारत ने पाकिस्तान को दिया था लेकिन उसका क्या हुआ.
केसी त्यागी का कहना है कि भारत सरकार कई तरीके से काम करती है. एक तो कूटनीतिक तरीके से उसे अलग-थलग करना ही सबसे बड़ी सजा है. उसके लिए हम यूरोपीय, अमेरिका और साउथ एशिया के सभी देशों के संपर्क में हैं. पाकिस्तान का बयान वही घिसा पिटा है.
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व्हाट्सएप जासूसी कांड पर सोनिया का हमला
नेताओं-पत्रकारों की जासूसी असंवैधानिक और शर्मनाक
इजरायली सॉफ्टवेयर से कराई गई जासूसी
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने व्हाट्सएप जासूसी कांड पर नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है. सोनिया गांधी ने दिल्ली में पार्टी नेताओं की बैठक में कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने इजरायल के सॉफ्टवेयर पेगासस से सबकी जासूसी करवाई है. सोनिया ने कहा कि ऐसा करवाना न सिर्फ असंवैधानिक बल्कि शर्मनाक है. दिल्ली में सोनिया गांधी ने पार्टी नेताओं की एक अहम बैठक में कहा कि ये खुलासा बेहद चौकाने वाला है.
सोनिया गांधी ने पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए कहा, "कई ऐसे मुद्दे हैं जिससे आप परिचित हैं, ताजा चौकाने वाला खुलासा ये है कि मोदी सरकार ने इजरायल से जो पेगासस सॉफ्टवेयर हासिल किया है उससे एक्टिविस्ट, पत्रकार और राजनीतिक शख्सियतों की जासूसी की गई और उनपर नजर रखी गई. ये काम न सिर्फ असंवैधानिक हैं, बल्कि शर्मनाक भी हैं."
Congress Interim President Sonia Gandhi:Latest shocking revelation that through Israeli Pegasus software acquired by Modi govt snooping&spying activities on activists,journalists&politicians have taken place.These activities are not only illegal&unconstitutional, they're shameful
pic.twitter.com/uvPyW5Fon1
— ANI (@ANI)
November 2, 2019
पढ़ें: जासूसी पर घिरी WhatsApp ने जारी किया बयान, कहा- निजता हमारी प्राथमिकता
इस बैठक में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन की तैयारियों पर चर्चा हुई. मीटिंग में कांग्रेस की बैठक में पार्टी के महासचिव, राज्य प्रभारी, कांग्रेस से जुड़े संगठनों के प्रमुख शामिल रहे. कांग्रेस 5 नवंबर से लेकर 15 नवंबर तक नरेंद्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करने जा रही है.
चिदंबरम का हमला
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर भी इस मामले पर सरकार पर हमला किया गया है. चिदंबरम ने कहा कि सरकार का कहना है कि वो एनएसओ ग्रुप जो कि पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करती है के साथ काम नहीं करती है, जबकि एनएसओ ग्रुप का कहना है कि वो सिर्फ सरकारी एजेंसियों के साथ ही काम करती है.
सोनिया के आरोपों पर बीजेपी का जवाब
बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने सोनिया गांधी के आरोपों पर जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार इस मसले पर अपनी सफाई दे चुकी है. लेकिन सोनिया गांधी को ये बताना चाहिए कि जब देश में यूपीए की सरकार थी तो 10 जनपथ से किसके कहने पर प्रणब मुखर्जी की जासूसी कराई गई थी, इसके अलावा तत्कालीन आर्मी चीफ वीके सिंह की जासूसी के पीछे किसका हाथ था?
क्या है व्हाट्सएप से जासूसी का मामला
बता दें कि सोशल मीडिया कंपनी व्हाट्सएप ने इस बात की पुष्टि की कि इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस से भारतीय मानवाधिकार कार्यकर्ता और पत्रकारों को स्पाइवेयर द्वारा टारगेट कर उनकी जासूसी की गई. गुरुवार को जब ये मामला सामने आया तो विपक्ष ने एक बार फिर मोदी सरकार को निशाने पर लिया, लेकिन गृह मंत्रालय ने कहा है कि ये सिर्फ सरकार को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है.
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: विदेश सचिव एस जयशंकर ने साल 2008 के मुंबई हमले के मामले की सुनवाई को तेज करने के रास्ते सुझाते हुए अपने पाकिस्तानी समकक्ष को पत्र लिखा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि जयशंकर ने बीते छह सितम्बर को पत्र लिखा था जिसे नौ सितम्बर को इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त द्वारा पाकिस्तान को सौंपा गया.
स्वरूप ने कहा कि अगर पाकिस्तान इस हमले के षड्यंत्रकारियों को न्याय की जद में लाने को लेकर गंभीर है तो उसे सुझावों पर कदम उठाना चाहिए क्योंकि इस पूरे हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी, इसे पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा अंजाम दिया गया था और सभी सबूत पाकिस्तान में हैं.
हमले के करीब आठ साल हो जाने के बाद भी पाकिस्तान में अब तक सुनवाई में प्रगति नहीं होने का उल्लेख करते हुए स्वरूप ने कहा, ‘दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए हमारे विदेश सचिव ने हाल ही में अपने पाकिस्तानी समकक्ष को ऐसे सुझाव देते हुए पत्र लिखा जिनसे कानूनी माध्यम से सहयोग के जरिए सुनवाई में प्रगति हो सकती है.’ उन्होंने कहा कि मुंबई हमले को लेकर पाकिस्तान में अभियुक्तों के खिलाफ मामले को आगे बढ़ाने में हो रही देरी के बाद यह कदम उठाया गया है.
स्वरूप ने कहा, ‘जैसा कि आप जानते हैं कि पूरे हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी, हमले के अंजाम देने वाले पाकिस्तानी नागरिक थे और सभी सबूत पाकिस्तान में हैं, लेकिन आठ साल गुजर जाने के बावजूद सुनवाई बहुत धीमी रफ्तार से चल रही है.’ उन्होंने कहा कि देश का ध्यान आतंकवाद पर अंकुश लगाने पर है तथा सरकार मुंबई हमले की सुनवाई को तेजी से निष्कर्ष तक पहुंचाना चाहती है.टिप्पणियां
प्रवक्ता ने कहा, ‘हम इसकी पेशकश के लिए तैयार हैं कि यह उचित कानूनी माध्यमों के जरिए कैसे किया जा सकता है.’ उनसे पूछा गया कि भारत को जवाब मिला है तो उन्होंने कहा, ‘नहीं.’(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
स्वरूप ने कहा कि अगर पाकिस्तान इस हमले के षड्यंत्रकारियों को न्याय की जद में लाने को लेकर गंभीर है तो उसे सुझावों पर कदम उठाना चाहिए क्योंकि इस पूरे हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी, इसे पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा अंजाम दिया गया था और सभी सबूत पाकिस्तान में हैं.
हमले के करीब आठ साल हो जाने के बाद भी पाकिस्तान में अब तक सुनवाई में प्रगति नहीं होने का उल्लेख करते हुए स्वरूप ने कहा, ‘दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए हमारे विदेश सचिव ने हाल ही में अपने पाकिस्तानी समकक्ष को ऐसे सुझाव देते हुए पत्र लिखा जिनसे कानूनी माध्यम से सहयोग के जरिए सुनवाई में प्रगति हो सकती है.’ उन्होंने कहा कि मुंबई हमले को लेकर पाकिस्तान में अभियुक्तों के खिलाफ मामले को आगे बढ़ाने में हो रही देरी के बाद यह कदम उठाया गया है.
स्वरूप ने कहा, ‘जैसा कि आप जानते हैं कि पूरे हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी, हमले के अंजाम देने वाले पाकिस्तानी नागरिक थे और सभी सबूत पाकिस्तान में हैं, लेकिन आठ साल गुजर जाने के बावजूद सुनवाई बहुत धीमी रफ्तार से चल रही है.’ उन्होंने कहा कि देश का ध्यान आतंकवाद पर अंकुश लगाने पर है तथा सरकार मुंबई हमले की सुनवाई को तेजी से निष्कर्ष तक पहुंचाना चाहती है.टिप्पणियां
प्रवक्ता ने कहा, ‘हम इसकी पेशकश के लिए तैयार हैं कि यह उचित कानूनी माध्यमों के जरिए कैसे किया जा सकता है.’ उनसे पूछा गया कि भारत को जवाब मिला है तो उन्होंने कहा, ‘नहीं.’(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
हमले के करीब आठ साल हो जाने के बाद भी पाकिस्तान में अब तक सुनवाई में प्रगति नहीं होने का उल्लेख करते हुए स्वरूप ने कहा, ‘दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए हमारे विदेश सचिव ने हाल ही में अपने पाकिस्तानी समकक्ष को ऐसे सुझाव देते हुए पत्र लिखा जिनसे कानूनी माध्यम से सहयोग के जरिए सुनवाई में प्रगति हो सकती है.’ उन्होंने कहा कि मुंबई हमले को लेकर पाकिस्तान में अभियुक्तों के खिलाफ मामले को आगे बढ़ाने में हो रही देरी के बाद यह कदम उठाया गया है.
स्वरूप ने कहा, ‘जैसा कि आप जानते हैं कि पूरे हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी, हमले के अंजाम देने वाले पाकिस्तानी नागरिक थे और सभी सबूत पाकिस्तान में हैं, लेकिन आठ साल गुजर जाने के बावजूद सुनवाई बहुत धीमी रफ्तार से चल रही है.’ उन्होंने कहा कि देश का ध्यान आतंकवाद पर अंकुश लगाने पर है तथा सरकार मुंबई हमले की सुनवाई को तेजी से निष्कर्ष तक पहुंचाना चाहती है.टिप्पणियां
प्रवक्ता ने कहा, ‘हम इसकी पेशकश के लिए तैयार हैं कि यह उचित कानूनी माध्यमों के जरिए कैसे किया जा सकता है.’ उनसे पूछा गया कि भारत को जवाब मिला है तो उन्होंने कहा, ‘नहीं.’(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
स्वरूप ने कहा, ‘जैसा कि आप जानते हैं कि पूरे हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी, हमले के अंजाम देने वाले पाकिस्तानी नागरिक थे और सभी सबूत पाकिस्तान में हैं, लेकिन आठ साल गुजर जाने के बावजूद सुनवाई बहुत धीमी रफ्तार से चल रही है.’ उन्होंने कहा कि देश का ध्यान आतंकवाद पर अंकुश लगाने पर है तथा सरकार मुंबई हमले की सुनवाई को तेजी से निष्कर्ष तक पहुंचाना चाहती है.टिप्पणियां
प्रवक्ता ने कहा, ‘हम इसकी पेशकश के लिए तैयार हैं कि यह उचित कानूनी माध्यमों के जरिए कैसे किया जा सकता है.’ उनसे पूछा गया कि भारत को जवाब मिला है तो उन्होंने कहा, ‘नहीं.’(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
प्रवक्ता ने कहा, ‘हम इसकी पेशकश के लिए तैयार हैं कि यह उचित कानूनी माध्यमों के जरिए कैसे किया जा सकता है.’ उनसे पूछा गया कि भारत को जवाब मिला है तो उन्होंने कहा, ‘नहीं.’(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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दिवाली (Diwali 2019) के मौके पर फिल्मी सितारे भी अपने डाइट प्लान भूलकर खूब मिठाइयां खा रहे हैं. हालांकि 'हाउसफुल 4 (Housefull 4)' की एक्ट्रेस दिवाली पर मिठाइयों की जगह चॉकलेट देने पर भड़क गई हैं. उनका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इस वीडियो में एक्ट्रेस दिवाली पर मिठाइयां ना देने को लेकर लोगों से शिकायत भी कर रही हैं. दरअसल, 'हाउसफुल 4' एक्ट्रेस कृति खरबंदा (Kriti Kharbanda) ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम एकाउंट से एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह रसगुल्ला खाती नजर आ रही हैं. इस वीडियो में कृति कह रही हैं कि लोग दिवाली पर मिठाइयों की जगह चॉकलेट दे देते हैं, जिस वजह से वह मिठाई नहीं खा पातीं.
It's Diwali yaar, what is this chocolate and all. though I'm gifting these delicious #TastyTreat rasgullas to my cuties ???? #Aslimeethaikhasillymeethanachaba And even if you go a little overboard with these sweets, it's cool ???? #ShubhLobh with @tastytreatofficial @big.bazaar @nilgirisstores @heritage.fresh @easydayclub #Festivevibe #Diwali2019 #mithai
A post shared by Kriti Kharbanda (@kriti.kharbanda) on Oct 27, 2019 at 7:12am PDT
कृति खरबंदा (Kriti Kharbanda) ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, 'दिवाली है यार, तो इस पर चॉकलेट वगैरह क्यों.' एक्ट्रेस के इस वीडियो पर फैन्स खूब रिएक्ट कर रहे हैं. कृति खरबंदा (Kriti Kharbanda) ने दिवाली सेलिब्रेशन के दौरान अपनी एक फोटो फैन्स के साथ शेयर की थी. इस फोटो में एक्ट्रेस कलरफुल आउटफिट में नजर आई थीं.
#happydiwali May this year bring u and you family peace and happiness and all that you desire :)
A post shared by Kriti Kharbanda (@kriti.kharbanda) on Oct 27, 2019 at 2:42am PDT
वहीं अगर हाउसफुल 4 (Housefull 4) की बात करें तो इस फिल्म को दर्शकों का बेहद प्यार मिल रहा है. इस फिल्म में अक्षय कुमार, बॉबी देओल, रितेश देशमुख, कृति सेनन, पूजा हेगड़े और कृति खरबंदा (Kriti Kharbanda) लीड किरदार में नजर आ रहे हैं. इस फिल्म ने केवल तीन दिनों में ही 49 से 50 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है. इस फिल्म में कृति खरबंदा की परफॉर्मेंस को काफी पसंद किया जा रहा है.
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पिछले साल के बजट में हुए आवंटन का लेखा-जोखा इकोनॉमिक सर्वे आज पेश किया जाएगा. पिछले साल के हालातों को देखते हुए इस बार का सर्वे कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर फोकस रह सकता है.
वित्त मंत्रालय
के एक अधिकारी ने बताया कि बजट से दो दिन पहले पेश हो रहे इस सर्वे में ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर फोकस होगा. सरकार 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ग्रामीण विकास और किसानों की हालत सुधारने पर फोकस कर सकती है.
पिछले दो सालों से
मोदी सरकार
कृषि के क्षेत्र की चुनौतियां से जूझ रही है. खराब मौसम और कम न्यूनतम समर्थन मूल्य की वजह से किसानों के लिए जीवनयापन करना काफी मुश्किल हो गया है. ऐसे में इस बजट में सरकार का फोकस इनकी हालत सुधारने पर होगा.
मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने बताया कि इस बार आर्थिक सर्वेक्षण दो दिन पहले पेश किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पिछले साल यह सर्वे 31 जनवरी को पेश किया गया था.
आर्थिक सर्वेक्षण
के बाद एक तारीख यानी गुरुवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली आम बजट पेश करेंगे. इस बार बजट से इनकम टैक्स की दरों में राहत और कृषि के लिए कई सौगातें मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. आज से ही बजट सत्र की शुरुआत भी हो रही है. संसद के बजट सत्र का पहला दौर 29 जनवरी से शुरू होगा और 9 फरवरी तक चलेगा. इसके बाद दूसरा दौर 5 मार्च से 6 अप्रैल तक चलेगा.
क्या है इकोनॉमिक सर्वे
आर्थिक सर्वेक्षण अथवा
इकोनॉमिक सर्वे
पिछले साल बांटे गए खर्चों का लेखाजोखा तैयार करता है. इससे पता चलता है कि सरकार ने पिछले साल कहां-कहां कितना खर्च किया और बजट में की गई घोषणाओं को कितनी सफलतापूर्वक निभाया. इसके साथ ही सर्वेक्षण से यह भी पता चलता है कि पिछले साल अर्थव्यवस्था की स्थिति कैसी रही.
सर्वेक्षण
के जरिये इकोनॉमी को लेकर कई सुझाव भी सरकार को दिए जाते हैं. इस बार सर्वेक्षण में सुझाव कृषि पर फोकस रहने की संभावना जताई जा रही है.
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भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद के खिलाफ अब पाकिस्तान में भी आवाज उठने लगी हैं. सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के एक सांसद ने उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
पाकिस्तानी अखबार 'द डॉन' ने 'बीबीसी उर्दू' के हवाले से इस खबर को छापा है. पाकिस्तान की नेशनल असेंबली की विदेश मामलों की एक कमेटी में शामिल प्रधानमंत्री
नवाज शरीफ
की पार्टी के एक सांसद ने हाफिज सईद समेत सभी 'नॉन स्टेट एक्टर्स' के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
सांसद राणा मोहम्मद अफजल ने कहा कि
हाफिज सईद
कौन से अंडे देता है कि जिस वजह से हमने उसे पाल रखा है. पाकिस्तान की विदेश नीति का हाल ये है कि हम आज तक हाफिज सईद को खत्म नहीं कर सके.
'भारत-पाकिस्तान के बीच हाफिज रुकावट'
सांसद ने आगे कहा कि भारत ने हाफिज सईद को लेकर दुनिया में पाकिस्तान की एक ऐसी छवि बना दी है कि जब कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान दुनिया में अपनी बात रखता है तो वहां के अधिकारी कहते हैं कि हाफिज के कारण दोनों देशों के संबंध खराब हैं. ऐसी रुकावटें दूर करने की जरूरत है.
हाफिज सईद मुंबई आतंकी हमलों का मास्टर माइंड है. वो पाकिस्तान में अक्सर रैलियां करता हुआ दिखाई देता है और भारत के खिलाफ भी वह जहर उगलता रहता है.
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शनिवार को सपा के स्थापना दिवस समारोह में शामिल होने की संभावना नहीं है. मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों ने यह जानकारी दी. गौरतलब है कि सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने पांच नवंबर को अपनी पार्टी के रजत जयंती समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया था.
दरअसल माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री व्यक्तिगत कारणों यानी छठ पूजा पर्व मनाने की वजह से शामिल नहीं हो सकेंगे. यह पर्व बिहार के सबसे बड़े धार्मिक त्योहारों में से एक है. सूत्रों के मुताबिक यद्यपि जदयू नेता शरद यादव सपा के कार्यक्रम में शामिल होंगे. राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) नेता अजित सिंह भी सपा के समारोह में शामिल होंगे. रालोद का पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाटों में मजबूत जनाधार माना जाता है.
अगले साल यूपी में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सपा का यह कार्यक्रम ऐसे वक्त आयोजित होने जा रहा है जब पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव बिहार की तर्ज पर यूपी में भी महागठबंधन बनाने की संभावना तलाश रहे हैं. बिहार में पिछले साल इसी तरह के महागठबंधन ने बीजेपी को हरा दिया था जोकि राज्य की सत्ता में बड़ी जीत की आस लगाए बैठी थी.
सपा सुप्रीमो के नीतीश कुमार और जदयू नेताओं को आमंत्रण देने के पीछे उसी तरह के महागठंधन बनाने की संभावनाएं तलाशने की मुहिम के रूप में देखा जा रहा था. गौरतलब है कि सपा ने पिछले साल बिहार में सीटों के मसले पर बात नहीं बन पाने के कारण महागठबंधन में चुनाव से पहले दूरी बना ली थी.टिप्पणियां
सपा का वह दांव उलटा पड़ा था और पार्टी का बिहार में खाता भी नहीं खुला. जदयू और लालू प्रसाद के राजद के पक्ष में जनादेश मिला. कांग्रेस भी इस महागठबंधन का हिस्सा थी और वह भी 27 सीटें जीतने में कामयाब रही.
सपा और कांग्रेस के बीच भी संभावित गठबंधन के प्रयास दिख रहे हैं लेकिन कांग्रेस, सपा की अंदरूनी कलह की वजह से इसको लेकर बहुत उत्साहित नहीं दिखती. सूत्रों के मुताबिक पश्चिम यूपी में मजबूत जनाधार वाली अजित सिंह की रालोद को महागठबंधन के संभावित सदस्य के रूप में देखा जा रहा है.
दरअसल माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री व्यक्तिगत कारणों यानी छठ पूजा पर्व मनाने की वजह से शामिल नहीं हो सकेंगे. यह पर्व बिहार के सबसे बड़े धार्मिक त्योहारों में से एक है. सूत्रों के मुताबिक यद्यपि जदयू नेता शरद यादव सपा के कार्यक्रम में शामिल होंगे. राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) नेता अजित सिंह भी सपा के समारोह में शामिल होंगे. रालोद का पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाटों में मजबूत जनाधार माना जाता है.
अगले साल यूपी में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सपा का यह कार्यक्रम ऐसे वक्त आयोजित होने जा रहा है जब पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव बिहार की तर्ज पर यूपी में भी महागठबंधन बनाने की संभावना तलाश रहे हैं. बिहार में पिछले साल इसी तरह के महागठबंधन ने बीजेपी को हरा दिया था जोकि राज्य की सत्ता में बड़ी जीत की आस लगाए बैठी थी.
सपा सुप्रीमो के नीतीश कुमार और जदयू नेताओं को आमंत्रण देने के पीछे उसी तरह के महागठंधन बनाने की संभावनाएं तलाशने की मुहिम के रूप में देखा जा रहा था. गौरतलब है कि सपा ने पिछले साल बिहार में सीटों के मसले पर बात नहीं बन पाने के कारण महागठबंधन में चुनाव से पहले दूरी बना ली थी.टिप्पणियां
सपा का वह दांव उलटा पड़ा था और पार्टी का बिहार में खाता भी नहीं खुला. जदयू और लालू प्रसाद के राजद के पक्ष में जनादेश मिला. कांग्रेस भी इस महागठबंधन का हिस्सा थी और वह भी 27 सीटें जीतने में कामयाब रही.
सपा और कांग्रेस के बीच भी संभावित गठबंधन के प्रयास दिख रहे हैं लेकिन कांग्रेस, सपा की अंदरूनी कलह की वजह से इसको लेकर बहुत उत्साहित नहीं दिखती. सूत्रों के मुताबिक पश्चिम यूपी में मजबूत जनाधार वाली अजित सिंह की रालोद को महागठबंधन के संभावित सदस्य के रूप में देखा जा रहा है.
अगले साल यूपी में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सपा का यह कार्यक्रम ऐसे वक्त आयोजित होने जा रहा है जब पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव बिहार की तर्ज पर यूपी में भी महागठबंधन बनाने की संभावना तलाश रहे हैं. बिहार में पिछले साल इसी तरह के महागठबंधन ने बीजेपी को हरा दिया था जोकि राज्य की सत्ता में बड़ी जीत की आस लगाए बैठी थी.
सपा सुप्रीमो के नीतीश कुमार और जदयू नेताओं को आमंत्रण देने के पीछे उसी तरह के महागठंधन बनाने की संभावनाएं तलाशने की मुहिम के रूप में देखा जा रहा था. गौरतलब है कि सपा ने पिछले साल बिहार में सीटों के मसले पर बात नहीं बन पाने के कारण महागठबंधन में चुनाव से पहले दूरी बना ली थी.टिप्पणियां
सपा का वह दांव उलटा पड़ा था और पार्टी का बिहार में खाता भी नहीं खुला. जदयू और लालू प्रसाद के राजद के पक्ष में जनादेश मिला. कांग्रेस भी इस महागठबंधन का हिस्सा थी और वह भी 27 सीटें जीतने में कामयाब रही.
सपा और कांग्रेस के बीच भी संभावित गठबंधन के प्रयास दिख रहे हैं लेकिन कांग्रेस, सपा की अंदरूनी कलह की वजह से इसको लेकर बहुत उत्साहित नहीं दिखती. सूत्रों के मुताबिक पश्चिम यूपी में मजबूत जनाधार वाली अजित सिंह की रालोद को महागठबंधन के संभावित सदस्य के रूप में देखा जा रहा है.
सपा सुप्रीमो के नीतीश कुमार और जदयू नेताओं को आमंत्रण देने के पीछे उसी तरह के महागठंधन बनाने की संभावनाएं तलाशने की मुहिम के रूप में देखा जा रहा था. गौरतलब है कि सपा ने पिछले साल बिहार में सीटों के मसले पर बात नहीं बन पाने के कारण महागठबंधन में चुनाव से पहले दूरी बना ली थी.टिप्पणियां
सपा का वह दांव उलटा पड़ा था और पार्टी का बिहार में खाता भी नहीं खुला. जदयू और लालू प्रसाद के राजद के पक्ष में जनादेश मिला. कांग्रेस भी इस महागठबंधन का हिस्सा थी और वह भी 27 सीटें जीतने में कामयाब रही.
सपा और कांग्रेस के बीच भी संभावित गठबंधन के प्रयास दिख रहे हैं लेकिन कांग्रेस, सपा की अंदरूनी कलह की वजह से इसको लेकर बहुत उत्साहित नहीं दिखती. सूत्रों के मुताबिक पश्चिम यूपी में मजबूत जनाधार वाली अजित सिंह की रालोद को महागठबंधन के संभावित सदस्य के रूप में देखा जा रहा है.
सपा का वह दांव उलटा पड़ा था और पार्टी का बिहार में खाता भी नहीं खुला. जदयू और लालू प्रसाद के राजद के पक्ष में जनादेश मिला. कांग्रेस भी इस महागठबंधन का हिस्सा थी और वह भी 27 सीटें जीतने में कामयाब रही.
सपा और कांग्रेस के बीच भी संभावित गठबंधन के प्रयास दिख रहे हैं लेकिन कांग्रेस, सपा की अंदरूनी कलह की वजह से इसको लेकर बहुत उत्साहित नहीं दिखती. सूत्रों के मुताबिक पश्चिम यूपी में मजबूत जनाधार वाली अजित सिंह की रालोद को महागठबंधन के संभावित सदस्य के रूप में देखा जा रहा है.
सपा और कांग्रेस के बीच भी संभावित गठबंधन के प्रयास दिख रहे हैं लेकिन कांग्रेस, सपा की अंदरूनी कलह की वजह से इसको लेकर बहुत उत्साहित नहीं दिखती. सूत्रों के मुताबिक पश्चिम यूपी में मजबूत जनाधार वाली अजित सिंह की रालोद को महागठबंधन के संभावित सदस्य के रूप में देखा जा रहा है.
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लाहौर हाईकोर्ट ने कहा है कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को अदालत द्वारा जारी आदेश के अनुरूप ‘राजनीतिक गतिविधियां छोड़ देनी चाहिए’ और सत्तारूढ़ पीपीपी के प्रमुख के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बांदियाल ने संघीय सरकार के वकील वसीम सज्जाद से कहा कि वह अदालत के 12 मई 2011 के आदेश के कार्यान्वयन के बारे में राष्ट्रपति की ओर से रुख स्पष्ट करें।
बांदियाल पांच न्यायाधीशों की पीठ का नेतृत्व कर रहे हैं। पीठ ने सज्जाद को राष्ट्रपति का जवाब दाखिल करने के लिए 6 फरवरी तक का वक्त दिया है ।
उन्होंने कहा कि अदालत अब आगे और किसी विलम्ब के बिना मामले का फैसला करेगी। पीठ जरदारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है।टिप्पणियां
सज्जाद ने दलील दी कि मामले में किसी जल्दबाजी की आवश्यकता नहीं है और राष्ट्रपति का रुख जानने के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति को संविधान के अनुच्छेद 248 के तहत छूट प्राप्त है ।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, अवमानना की प्रक्रिया सिर्फ दंड के लिए ही शुरू नहीं की जाती, बल्कि अवमानना करने वाले को उसके अपराध का अहसास कराने के लिए भी की जाती है। उन्होंने सज्जाद से पूछा कि क्या संविधान के अनुच्छेद 204 के तहत दंड आपराधिक प्रक्रिया के दायरे में आता है।
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बांदियाल ने संघीय सरकार के वकील वसीम सज्जाद से कहा कि वह अदालत के 12 मई 2011 के आदेश के कार्यान्वयन के बारे में राष्ट्रपति की ओर से रुख स्पष्ट करें।
बांदियाल पांच न्यायाधीशों की पीठ का नेतृत्व कर रहे हैं। पीठ ने सज्जाद को राष्ट्रपति का जवाब दाखिल करने के लिए 6 फरवरी तक का वक्त दिया है ।
उन्होंने कहा कि अदालत अब आगे और किसी विलम्ब के बिना मामले का फैसला करेगी। पीठ जरदारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है।टिप्पणियां
सज्जाद ने दलील दी कि मामले में किसी जल्दबाजी की आवश्यकता नहीं है और राष्ट्रपति का रुख जानने के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति को संविधान के अनुच्छेद 248 के तहत छूट प्राप्त है ।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, अवमानना की प्रक्रिया सिर्फ दंड के लिए ही शुरू नहीं की जाती, बल्कि अवमानना करने वाले को उसके अपराध का अहसास कराने के लिए भी की जाती है। उन्होंने सज्जाद से पूछा कि क्या संविधान के अनुच्छेद 204 के तहत दंड आपराधिक प्रक्रिया के दायरे में आता है।
बांदियाल पांच न्यायाधीशों की पीठ का नेतृत्व कर रहे हैं। पीठ ने सज्जाद को राष्ट्रपति का जवाब दाखिल करने के लिए 6 फरवरी तक का वक्त दिया है ।
उन्होंने कहा कि अदालत अब आगे और किसी विलम्ब के बिना मामले का फैसला करेगी। पीठ जरदारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है।टिप्पणियां
सज्जाद ने दलील दी कि मामले में किसी जल्दबाजी की आवश्यकता नहीं है और राष्ट्रपति का रुख जानने के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति को संविधान के अनुच्छेद 248 के तहत छूट प्राप्त है ।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, अवमानना की प्रक्रिया सिर्फ दंड के लिए ही शुरू नहीं की जाती, बल्कि अवमानना करने वाले को उसके अपराध का अहसास कराने के लिए भी की जाती है। उन्होंने सज्जाद से पूछा कि क्या संविधान के अनुच्छेद 204 के तहत दंड आपराधिक प्रक्रिया के दायरे में आता है।
उन्होंने कहा कि अदालत अब आगे और किसी विलम्ब के बिना मामले का फैसला करेगी। पीठ जरदारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है।टिप्पणियां
सज्जाद ने दलील दी कि मामले में किसी जल्दबाजी की आवश्यकता नहीं है और राष्ट्रपति का रुख जानने के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति को संविधान के अनुच्छेद 248 के तहत छूट प्राप्त है ।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, अवमानना की प्रक्रिया सिर्फ दंड के लिए ही शुरू नहीं की जाती, बल्कि अवमानना करने वाले को उसके अपराध का अहसास कराने के लिए भी की जाती है। उन्होंने सज्जाद से पूछा कि क्या संविधान के अनुच्छेद 204 के तहत दंड आपराधिक प्रक्रिया के दायरे में आता है।
सज्जाद ने दलील दी कि मामले में किसी जल्दबाजी की आवश्यकता नहीं है और राष्ट्रपति का रुख जानने के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति को संविधान के अनुच्छेद 248 के तहत छूट प्राप्त है ।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, अवमानना की प्रक्रिया सिर्फ दंड के लिए ही शुरू नहीं की जाती, बल्कि अवमानना करने वाले को उसके अपराध का अहसास कराने के लिए भी की जाती है। उन्होंने सज्जाद से पूछा कि क्या संविधान के अनुच्छेद 204 के तहत दंड आपराधिक प्रक्रिया के दायरे में आता है।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, अवमानना की प्रक्रिया सिर्फ दंड के लिए ही शुरू नहीं की जाती, बल्कि अवमानना करने वाले को उसके अपराध का अहसास कराने के लिए भी की जाती है। उन्होंने सज्जाद से पूछा कि क्या संविधान के अनुच्छेद 204 के तहत दंड आपराधिक प्रक्रिया के दायरे में आता है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को न्यूयॉर्क में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रास्वां ओलोंद और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन से द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे. अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में शामिल हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने रविवार को बताया कि
प्रधानमंत्री
का दुनिया के कई देशों के नेताओं के साथ मिलने का कार्यक्रम है जिसमें कतर के अमीर हमाद बिन खलीफा अल थानी, मैक्सिको के राष्ट्रपति एनरिक पेना नीटो और फिलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास शामिल हैं. बैठक प्रधानमंत्री के सैन फ्रांसिस्को से न्यूयॉर्क लौटने के कुछ ही घंटे बाद होगी.
सिलिकॉन वैली जाने वाले पहले प्रधानमंत्री
मोदी पिछले तीन दशक से भी अधिक समय में सिलिकॉन वैली जाने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं. सिलिकॉन वैली की यात्रा के दौरान मोदी प्रधानमंत्री टेसला, फेसबुक,
गूगल के हेडक्वार्टर में
गए और एप्पल के सीईओ टिम कुक समेत कई अन्य कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ बैठकें कीं.
अधिकारी ने बताया कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कैमरन से
मोदी की मुलाकात
का कार्यक्रम अंतिम क्षणों में जोड़ा गया है. इन द्विपक्षीय बैठकों के अलावा मोदी संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून की मेजबानी में आयोजित दोपहर के भोज में भी शामिल होंगे और ओबामा द्वारा संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षण पर बुलाई गई बैठक को संबोधित करेंगे.
- इनपुट भाषा
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि उनका आगामी कनाडा, फ्रांस और जर्मनी का दौरा भारत के आर्थिक विकास और युवाओं के लिए रोजगार के सृजन पर केंद्रित रहेगा. मोदी नौ अप्रैल को तीन देशों की यात्रा के लिए रवाना होंगे.
मिस्ड कॉल दीजिए और पाइए मोदी के ट्वीट
मोदी ने ट्वीट किया, 'मेरा कनाडा, फ्रांस और जर्मनी का आगामी दौरा भारत के आर्थिक विकास और युवाओं के लिए रोजगार के सृजन पर केंद्रित रहेगा. पेरिस के दौरे पर हम भारत-फ्रांस आर्थिक सहयोग को सुदृढ़ करने पर चर्चा करेंगे और पेरिस के बाहर स्थित उच्च-तकनीक से लैस औद्योगिक इकाई का दौरा करेंगे.'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'जर्मनी में मैं और चांसलर एंजेला मर्केल हनोवर मेसे का संयुक्त रूप से उद्घाटन करेंगे, जिसमें भारत एक साझीदार देश है.' इस बीच, कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीवन हार्पर ने मोदी के इस उत्तरी अमेरिकी देश के दौरे पर आने की पुष्टि की, जिस पर मोदी ने रिट्वीट किया.
मोदी ने लिखा, 'हार्पर को धन्यवाद. कनाडा में आपसे शानदार मुलाकात होगी. कनाडा के साथ संबंध बढ़ाने तथा नेताओं, उद्योगपतियों और भारतीय प्रवासियों से मिलने का इंतजार कर रहा हूं.' प्रधानमंत्री नौ से 16 अप्रैल तक इन तीन देशों की यात्रा पर रहेंगे.
इनपुट-IANS
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भारतीय हॉकी टीम इस बीच लंबे समय से जीत के नजदीक आकर भी जीत नहीं पा रही थी. वे जीत के नजदीक तो पहुंचते मगर फिर उनके हाथों से जीत फिसल-फिसल जाती. चाहे बीते ओलंपिक्स हों या फिर वर्ल्ड कप. जीत उनसे हमेशा रूठी रही लेकिन इस बीच वे फिर से लय में आते दिख रहे हैं. वे एशियन चैंपियनशिप जीत चुके हैं. उन्होंने अपने चिरप्रतिद्वंदी पाकिस्तान टीम को धूल चटा दी है. हॉकी कप्तान ने यह जीत उरी आतंकी हमले में शहीद हुए सैनिकों को समर्पित की है.
इस पूरी जीत के बीच भारतीय टीम को एक नया हीरो मिला है. उस हीरो का पूरा नाम रुपिंदर पाल सिंह है. वे गगनजीत सिंह के ममेरे भाई हैं. मिडफील्ड में खेलते-खेलते वे ड्रैगफ्लिकर के तौर पर पूरी दुनिया को अपना दीवाना बना रहे हैं. जानें कि आखिर कौन सी चीजें उन्हें खास बनाती हैं और आप उनसे क्या-क्या सीख सकते हैं...
1. तगड़ी प्रैक्टिस...
वे इंटरनेशनल मुकाबलों के लिए खुद को तैयार कर रहे हों या फिर नहीं. वे प्रैक्टिस कभी मिस नहीं करते. प्रैक्टिस उनके लिए रोज की पूजा की तरह है. शायद यही वजह है कि वे मिडल में खेलते-खेलते दुनिया के
सफलतम ड्रैगफ्लिकर
बन गए हैं.
2. एक ही चीज लगातार करना...
ड्रैगफ्लिक हॉकी की एक ऐसी विधा है जिसमें
शुरुआती शॉट
बहुत मिस होते हैं. ऐसे में हताश होने के बजाय कोशिश जारी रखनी होती है. वे भी कुछ ऐसे ही हैं.
3. टीम और कोच से सामंजस्य...
जाहिर है कि हॉकी एक टीम गेम है. आप अकेले दम पर 1 या 2 गोल भले ही कर सकते हैं, मगर जीत तो टीम के अच्छा खेलने पर ही नसीब होती है. इसके अलावा वे कोच या फिर के अपने गुरु की सलाह को हमेशा सरमाथे रखते हैं. उनके ऐसा करने से उनका गेम भी इम्प्रूव हुआ है.
SEMIFINALS TIME! If you're ready & excited, raise your hands! See you at 3.45 PM. #IndiaKaGame
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Oct 29, 2016 at 12:10am PDT
4. हमेशा भविष्य पर नजर...
ऐसा हम सभी के साथ होता है कि हम कई बार आगे की प्लानिंग तो करते हैं मगर आगे चलकर लापरवाह हो जाते हैं. रुपिंदर ऐसा नहीं करते. वे भले ही
एशियन ट्रॉफी
में जीत गए हों लेकिन उन्होंने अभी से ही साल 2018 के वर्ल्ड कप और 2020 के ओलंपिक की तैयारी शुरू कर दी है.
5. सीनियर्स की सलाह मानना...
वे गगन अजीत के भले ही पारिवारिक रिश्तेदार हों लेकिन वे पूर्व में अच्छे खिलाड़ी रह चुके जुगराज सिंह से भी लगातार संपर्क में रहते हैं. जुगराज की सलाह पर ही सीरियसली काम करने का परिणाम है कि आज वे भारत की जीत के हीरो हैं. वे दूसरों के अनुभव और गलतियों से सीखते हुए आगे बढ़ रहे हैं.
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मध्य प्रदेश के भोपाल संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर उन्हीं की पार्टी (बीजेपी) की नेता ने अपना गुस्सा उतारा है. पिछले साल नवंबर में हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान राज्य में बीजेपी की एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार रहीं फातिमा रसूल सिद्दकी ने साध्वी प्रज्ञा पर मुस्लमानों और मुंबई हमले में शहीद हेमंत करकरे पर उनकी टिप्पणी पर नाराजगी जताते हुए उनके लिए चुनाव प्रचार में शामिल नहीं होने की घोषणा की है.
‘करकरे परिवार-मुसलमानों से माफी मांगे साध्वी’
फातिमा ने गुरुवार को कहा, ‘मैं उनके (प्रज्ञा सिंह ठाकुर) लिए चुनाव प्रचार नहीं कर रही हूं, क्योंकि उन्होंने धर्म युद्ध छेड़ने जैसे बयान दिए हैं. 26/11 को मुंबई के आतंकी हमले में शहीद होने वाले पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे के खिलाफ उनका विवादास्पद बयान भी मुझे बुरी तरह आहत कर गया.’ उन्होंने कहा, ‘धर्मयुद्ध और करकरे के खिलाफ प्रज्ञा का बयान मेरे समुदाय में भी अच्छा नहीं रहा है.’ फातिमा ने साध्वी प्रज्ञा से करकरे परिवार और मुसलमानों से माफी की मांग की है. साथ ही वह कहती हैं, 'मोदी तुझसे बैर नहीं, साध्वी तेरी खैर नहीं'
साध्वी के बयान से शिवराज की छवि हुई खराब
मध्य प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री मरहूम रसूल अहमद सिद्दीकी की बेटी फातिमा ने कहा, ‘उनके बयान से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की छवि खराब हुई है, जिनका मुसलमानों से अच्छा संपर्क है.’ उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान गंगा जमुनी तहजीब (धर्मनिरपेक्ष संस्कृति) के एक मजबूत समर्थक हैं. बीजेपी नेता ने कहा, ‘मेरे समुदाय के लोगों में उनके (शिवराज चौहान के) प्रति बहुत सम्मान है.’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपने पिता की पार्टी कांग्रेस में शामिल होने जा रही हैं, फातिमा ने कहा, ‘नहीं’.
चुनाव हार गई थीं फातिमा रसूल सिद्दीकी
डेंटिस्ट की पढ़ाई कर रही फातिमा राजनीति में कुछ समय पहले ही आई हैं. बीजेपी ने उन्हें मुस्लिम बहुल विधानसभा सीट भोपाल (उत्तर) से कांग्रेस के कद्दावर नेता आरिफ अकील को शिकस्त देने के इरादे से नवंबर 2018 में ही पार्टी में शामिल कर बीजेपी का उम्मीदवार बनाया था. फातिमा के पक्ष में अच्छी संख्या में मुस्लिम महिलाओं के प्रचार में शामिल होने के बावजूद वह यह चुनाव अकील से 34,857 मतों के अंतर से हार गई थीं. अकील मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार में मुस्लिम समुदाय के अकेले मंत्री हैं.
(पीटीआई के इनपुट के साथ)
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दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे लुटेरे गैंग का भंडाफोड़ किया है, जो पुलिस की वर्दी पहनकर लूटपाट करते थे. पुलिस ने गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके पास से लूट का सामान और हथियार बरामद किए हैं.
पुलिस के मुताबिक, पिछले 15 जुलाई को इन बदमाशों ने दिल्ली-नोएडा लिंक रोड पर एक चांदी व्यापारी को लूट लिया था. व्यापारी 42 किलो चांदी लेकर चांदनी चौक जा रहे थे. करीब आधा दर्जन
हथियारबंद
बदमाश दो कारों में सवार थे. व्यापारी की गाड़ी को ओवरटेक कर इन्होंने रोक लिया.
इनमें से तीन बदमाश पुलिस की वर्दी में थे. वर्दीधारी बदमाशों ने गाड़ी के पेपर चेक करवाने को कहा. इस दौरान बाकी बदमाशों ने व्यापारी को अपनी कार में जबरन बिठा लिया और उसे एक सुनसान इलाके में ले गए. बदमाशों ने कार और कार में रखी 42 किलो चांदी लूट ली और मौके से फरार हो गए.
पीड़ित व्यापारी ने पुलिस को सूचना दी. वर्दीधारियों द्वारा की गई लूटपाट की इस घटना से पुलिस भी सकते में आ गई. पुलिस की नजर थी कि जब बदमाश चांदी बेचने की कोशिश करेंगे तो उन्हें दबोच लिया जाएगा. इसी बीच पुलिस को जानकारी मिली कि
तीन बदमाश
मयूर विहार स्थित गुरुद्वारे के पास आ रहे हैं.
पुलिस ने घेराबंदी कर तीनों बदमाशों को 12 किलो चांदी समेत गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने बदमाशों के पास से पिस्टल और कारतूस भी बरामद किए. पुलिस फरार बदमाशों की तलाश में उनके ठिकाने में दबिश दे रही है.
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लोर्ना जैक (जन्म 24 नवंबर 1992) एक स्कॉटिश क्रिकेटर हैं। वह फरवरी 2017 में 2017 महिला क्रिकेट विश्व कप क्वालीफायर में स्कॉटलैंड की महिला राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के लिए खेली।
जून 2018 में, उन्हें 2018 आईसीसी महिला विश्व ट्वेंटी 20 क्वालीफायर टूर्नामेंट के लिए स्कॉटलैंड की टीम में नामित किया गया था। उन्होंने 7 जुलाई 2018 को विश्व ट्वेंटी 20 क्वालीफायर में युगांडा के खिलाफ स्कॉटलैंड के लिए महिला ट्वेंटी 20 अंतर्राष्ट्रीय (मटी20आई) बनाई।
मई 2019 में, उन्हें स्पेन में 2019 आईसीसी महिला क्वालीफायर यूरोप टूर्नामेंट के लिए स्कॉटलैंड की टीम में नामित किया गया था। अगस्त 2019 में, उन्हें स्कॉटलैंड में 2019 आईसीसी महिला विश्व ट्वेंटी 20 क्वालीफायर टूर्नामेंट के लिए स्कॉटलैंड की टीम में नामित किया गया था।
सन्दर्भ
जीवित लोग
1992 में जन्मे लोग
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लाइबेरिया, आधिकारिक तौर पर लाइबेरिया गणराज्य, अफ़्रीका के पश्चिमी तट पर स्थित एक देश है, जिसकी सीमाएं सियरा लिओन, गिनी, कोट द आइवोर और प्रशांत महासागर से मिलती है।
लाइबेरिया का मौसम ऊष्णकटिबंधीय है, जहां ज्यादातर वर्षा ग्रीष्म ऋतु के दौरान होती है। लाइबेरिया का ज्यादा बसाहट वाला पीपर कोस्ट मेंग्रोव फारेस्ट से बना हुआ है, जबकि अंदरुनी कम बसाहट वाला क्षेत्र वनक्षेत्र है, आगे जाकर नज़र आने वाला पठारी क्षेत्र घास का मैदान है।
लाइबेरिया का इतिहास संयुक्त राज्य अमेरिका से जुड़ाव की वजह से अन्य अफ्रीकी देशों से जुदा है। यह उन गिने-चुने देशों में और पश्चिमी अफ्रीका के इकलौता देश है, जिसके मूल में कोई यूरोपीय देश नहीं है। 1821-22 में अमेरिकन कालोनाइजेशन सोसायटी द्वारा स्थापित एक बस्ती के रूप में यहां संयुक्त राज्य में छुड़ाए गए दासों को लाकर रखा जाता था, इस उम्मीद से कि यहां उन्हें ज्यादा स्वतंत्रता और समानता मिलेगी।
इन मुक्त दासों ने एक प्रबुद्ध समाज बनाकर 1847 में लाइबेरिया गणराज्य का गठन किया और संयुक्त राज्य अमेरिका की तर्ज पर सरकार बनाई। अमेरिका के पांचवें राष्ट्रपति जेम्स मोनरोई के नाम पर राजधानी मोनरोई बनाई।
1980 में सेना ने तख्ता पलट कर राष्ट्रपति विलियम आर. टालबोर्ट को पद से हटा दिया। इसके साथ ही अस्थिरता का दौर शुरू हुआ, जो बाद में गृहयुद्ध में तब्दील हो गया, जिसमें हजारों-लाखों लोगों को जहां जान गंवानी पड़ी, वहीं देश की अर्थव्यवस्था बर्बादी के कगार पर पहुंच गई। आज लाइबेरिया गृहयुद्ध और आर्थिक अव्यवस्था से उबरने का प्रयास कर रहा है। लाइबेरिया के राष्ट्रपति
देश
अफ़्रीका के देश
पश्चिम अफ्रीका के देश
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समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने मंगलवार को कहा कि पार्टी नेता और कार्यकर्ता आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कमर कस लें क्योंकि लोकसभा चुनाव समय से पहले 2013 में भी हो सकते हैं.
लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर पार्टी मुख्यालय में आयोजित वरिष्ठ नेताओं की बैठक में मुलायम ने कहा कि वर्तमान राजनीतिक हालातों को देखते हुए आम चुनाव निर्धारित समय (2014) से पहले होने से इनकार नहीं किया जा सकता है.
बैठक में शामिल रहे एक वरिष्ठ सपा नेता के मुताबिक पार्टी मुखिया ने हमें कम से कम 50 सीटें जीतने का लक्ष्य देते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव 2013 में यह भी संभव हैं.
उन्होंने कहा कि पार्टी प्रमुख ने निर्देश दिए नेता अपने-अपने क्षेत्रों में अखिलेश यादव सरकार के 100 दिन की उपलब्धियों को गिनाएं.
सपा ने आगामी लोकसभा चुनावों की अपनी तैयारियों को गति देते हुए 58 लोकसभा क्षेत्रों के लिए इतने ही पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करने का फैसला किया.
मुलायम की अध्यक्षता में हुई बैठक में उन 58 संसदीय क्षेत्रों में पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है, जिन्हें पार्टी बीते लोकसभा चुनाव में हार गई थी.
बैठक में शामिल नेताओं के मुताबिक पर्यवेक्षकों से कहा गया है कि वे संसदीय क्षेत्रों में जाकर लोगों से बात करें. वहां के पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलें और स्थानीय मुद्दों के के साथ आगामी 30 जुलाई तक पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपें.
बाकी सीटों पर भी पार्टी इसी तरह बाद में पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करेगी. संसदीय क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों के चयन और टिकट वितरण में पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट की अहम भूमिका होगी.
बैठक में ये फैसला भी किया गया राज्य सरकार के किसी मंत्री या विधायक को लोकसभा चुनाव लड़ने की अनुमित नहीं दी जाएगी.
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बिहार के सुपौल जिले के नगर थाना क्षेत्र में अज्ञात अपराधियों ने गुरुवार रात आरजेडी के वरिष्ठ नेता रविन्द्र कुमार यादव की हत्या कर दी. घटना से आक्रोशित लोगों ने शुक्रवार को हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर टायर जला कर सड़क जाम कर दिया. इस बीच सुपौल से कांग्रेस प्रत्याशी रंजीता रंजन ने पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है.
पुलिस के अनुसार, आरजेडी नेता रविन्द्र को लोहिया नगर चौक स्थित उनके घर से कुछ लोग उन्हें बुला कर बाहर ले गए और उनकी गोली मारकर हत्या कर दी. शव देखने से ऐसा लगता है कि गोली मारने के पूर्व उनके साथ मारपीट की गई है.
यादव पिछले विधानसभा चुनाव में सुपौल से आरजेडी के उम्मीदवार थे. सुपौल के पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार ने बताया कि इस मामले की प्राथमिकी संबंधित थाना में दर्ज करा दी गई है तथा पूरे मामले की छानबीन की जा रही है.
इधर, हत्या से आक्रोशित सैकड़ों आरजेडी समर्थक सुबह सुपौल की सड़कों पर उतर गए और जमकर हंगामा किया. सुपौल की दूकानों को बंद करा दिया गया तथा सड़कें जाम कर दी गई. सुपौल में इस घटना के बाद तनाव व्याप्त है.
इस बीच शोकसंतप्त परिवार से मुलाकात करने पहुंची कांग्रेसी नेता रंजीता ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते को कहा कि बिहार पुलिस पर उन्हें भरोसा नहीं है, इस कारण इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए.
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19वें जेके टायर एफएमएससीआई रेसिंग चैंपियनशिप अपने आखिरी पड़ाव के लिए तैयार है. बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट में होने वाले इस फिनाले में तेज रफ्तार कारें और बाइकों के बीच जाने माने कलाकर स्टंट करते दिखाई देंगे. संगीत और अनूठे रेसिंग बाजार की मौजूदगी में ये आयोजन बेहद शानदार होने की उम्मीद की जा रही है.
20 नवंबर होगी रेस
23 वर्ल्ड रिकार्ड अपने नाम करने वाले युनाइटेड किंगडम के टेरी ग्रांड रफ्तार के इस
कर्निवल
का मुख्य आकर्षण होंगे. 20 नवंबर को होने वाली इस रेस में वह न सिर्फ अपने मशहूर स्टंट करेंगे बल्कि अपने तरकश में से कुछ नया भी निकालेंगे. अगर रेसिंग को पसंद करने वालों के लिए यह काफी नहीं रहा तो यह रेस अपने आप में उन्हें उत्साहित करने का दम रखती है जहां तीन क्लासिक श्रेणियों में दो में कड़ी प्रतिस्पर्धा की उम्मीद है. इस चैंपियनशिप में बाइक को पसंद करने वालों के लिए भी बहुत कुछ है. इस चैंपियनशिप में जेके सुपरबाइक 1000cc और जेके सुपरबाइक 600cc के रेसर पूरे देश से इसमें शिरकत करते नजर आएंगे.
32 बाइक रेसर इसमें हिस्सा लेंगे
जेके सुपरबाइक 1000सीसी में हिस्सा लेने के लिए 32 बाइक रेसरों ने अपनी सहमति दे दी है. वह ट्रैक पर होंडा सीबीआर 1000आरआर, कावासाकी जेडएक्स 10 आर, सुजूकी जीएसएक्स 1000आर से लेकर डुकाती पेनीगेल, यामाह आर1, बीएमडब्ल्यू एस1000आरआर के साथ उतरेंगे. इस रेस में मौजूदा विजेता सिमरनजीत सिंह से लेकर
जर्मन नेशनल
चैंपियनशिप एंड्यूरेंस रेस जेड में हिस्सा लेने वाले भारत के पहले एशियन रेसर दिलीप रोजर भी हिस्सा लेते दिखाई देंगे. इनके अलावा नौ बार के पूर्व नेशनल रोड रेसिंग चैम्पियन और इकलौती महिला चालक डॉ नेहारिका यादव के अलावा जेके सुपरबाइक 600 सीसी में पूरे देश से कुल 18 चालक ट्रैक पर उतरेंगे. इस श्रेणी में सभी डायटोना 675 आर की सवारी करेंगे.
विष्णु प्रसाद हैं खिताब के प्रबल दावेदार
एलजीबी फॉर्मूला चार में मेको रेसिंग के विष्णु प्रसाद
खिताब
के प्रबल दावेदार होंगे. उनके पास 15 अंकों की बढ़त है. उन्हें अपनी ही टीम के चेन्नई के रहने वाले राहुल रंगास्वामी से अच्छी चुनौती मिलेगी. जेके टूर कार श्रेणी में लगातार अच्छा प्रदर्शन करते आ रहे रेड रूस्टर के आशीष रामास्वामी जीत के दावेदार माने जा रहे हैं. कर्नाटक के इस रेसर ने अभी तक सारी रेस जीती हैं और 120 अंक हासिल किए हैं.
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2002 में, जापान में सिज़ोफ्रेनिया के लिए शब्द को सेशिन-बुनरेत्सु-बायो (精神分裂病, शाब्दिक अर्थ "माइंड-स्प्लिट डिजीज") से बदलकर टोगो-शिचो-शो (統合失調症, शाब्दिक "एकीकरण विकार") कर दिया गया। कलंक कम करें. नया नाम बायोसाइकोसोशल मॉडल से प्रेरित था; इससे तीन वर्षों में निदान के बारे में सूचित लोगों का प्रतिशत 37 से 70% तक बढ़ गया। इसी तरह का बदलाव 2012 में दक्षिण कोरिया में किया गया था। मनोचिकित्सा के एक प्रोफेसर, जिम वैन ओस ने अंग्रेजी शब्द को "साइकोसिस स्पेक्ट्रम सिंड्रोम" में बदलने का प्रस्ताव दिया है। संयुक्त राज्य अमेरिका में, सिज़ोफ्रेनिया की लागत - प्रत्यक्ष लागत (आउटपेशेंट, इनपेशेंट) सहित , दवाएं, और दीर्घकालिक देखभाल) और गैर-स्वास्थ्य देखभाल लागत (कानून प्रवर्तन, कार्यस्थल उत्पादकता में कमी, और बेरोजगारी) - 2002 में $ 62.7 बिलियन होने का अनुमान लगाया गया था। पुस्तक और फिल्म ए ब्यूटीफुल माइंड जॉन फोर्ब्स नैश के जीवन का वर्णन करती है। , एक गणितज्ञ जिन्होंने अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार जीता और सिज़ोफ्रेनिया से पीड़ित थे।
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महिला का कहना है कि उसके बाद उसने पूरी आपबीती उसने अपने पति को बताई ,पति के कहने पर उसने 1 अगस्त को दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट थाने में मैनेजर के खिलाफ केस दर्ज कराया. हैरानी वाली बात है कि मैनेजर के खिलाफ तो कोई खास कार्रवाई नहीं हुई लेकिन महिला को गुरुवार यानी 17 अगस्त को होटल से अचानक टर्मिनेट कर दिया गया. उस लड़के को भी टर्मिनेट कर दिया गया जिसने वारदात का सीसीटीवी निकाल कर पीड़ित महिला को दिया था.
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अक्षय कुमार की फिल्म केसरी के महाराष्ट्र स्थित सेट पर आग लग गई. बताया जा रहा है कि पूरा सेट जलकर राख हो गया है. कैमरा व प्रोडक्शन से जुडे़ अन्य उपकरण भी जल गए हैं.
'केसरी' में ऐसे दिखेंगे अक्षय कुमार, लड़ेंगे 10 हजार अफगानियों से
बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र के वाई में चल रही फिल्म की शूटिंग के दौरान भीषण आग लग गई. हालांकि इस एक्सीडेंट में अक्षय कुमार समेत यूनिट के सभी सदस्य सकुशल हैं, लेकिन सेट का बड़ा नुकसान हो गया है. शूटिंग के दौरान युद्ध सीन फिल्माया जा रहा था. फिल्म की सिर्फ दस दिन की शूटिंग बची थी.
केसरी के सेट पर अक्षय के साथ हादसा, लेकिन शूटिंग जारी रखेंगे
बता दें कि इस फिल्म में अक्षय एक सरदार की भूमिका में हैं. ये चर्चित सारागढ़ी की लड़ाई पर है, जो 1897 में ब्रिटिश भारतीय सेना की एक छोटी-सी टुकड़ी और अफगानी सेना के बीच हुई थी. इस लड़ाई में ब्रिटिश भारतीय सेना के 21 सिख जवानों ने 10 हजार की तादाद वाली अफगानी सेना का मुकाबला किया था. इस फिल्म में परिणीति चोपड़ा भी नजर आएंगी.
कुछ दिन पहले एक्शन सीन फिल्माते वक्त अक्षय के साथ हादसा हो गया था, जिसमें वे चोटिल हो गए. उन्हें आराम की सलाह दी गई, लेकिन उन्होंने मुंबई लौटने से इंकार कर दिया था.
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टेंटुआ, स्वरयंत्र के आसपास, अवटु उपास्थि के कोण द्वारा निर्मित और मानव गले में एक उभार या फलाव के रूप में प्रकट होने वाली एक शारीरिक संरचना है, और विशेष रूप से पुरुषों में देखी जाती है। इसे adam’s apple भी कहते है यह मनुष्य के गर्दन पर छोटा सा उभार होता है। यह किशोरावस्था में दिखना शुरू होंने लगता है। यह गर्दन के वायस बॉक्स को सुरक्षित रखता है जिसके कारण इन्सान कुछ बोल पाता है। यह पुरुषो और महिलाओ दोनों में पाया जाता है परन्तु महिलाओ में साफतौर पर दिखाई नहीं देता है और पुरुषो में यह साफ दिखाई देता है।
सन्दर्भ
मानव सिर और गर्दन
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अपने बयानों से विवादों में रहने वाले तेलंगाना से भारतीय जनता पार्टी के विधायक टी राजा सिंह लोध ने अपना इस्तीफा दे दिया है. टी राजा ने पार्टी पर गोरक्षा को लेकर सहयोग न करने का आरोप लगाया.
तेलंगाना विधानसभा में गोशमहल विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले लोध ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष के. लक्ष्मण को भेज दिया है.
उन्होंने कहा, 'मेरे लिए हिंदू धर्म और गोरक्षा प्राथमिकताएं हैं और राजनीति बाद में आती हैं. गौरक्षा के लिए मैंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है.'
इस मुद्दे पर पार्टी का सहयोग न मिलने का दावा करते हुए टी राजा ने कहा कि मैं कई बार इस मुद्दे को सदन में लाया लेकिन पार्टी ने मुझे कोई सहयोग नहीं दिया.
गोहत्या पर लगाएंगे रोक
इस्तीफा की घोषणा के साथ ही टी राजा ने गोरक्षा के लिए अपनी भावी रणनीति भी सामने रख दी. उन्होंने कहा, 'मैं और गोरक्षकों की मेरी टीम सड़कों पर उतरेंगे और राज्य में गोहत्या पर रोक लगाएंगे.'
टी राजा सिंह अपने तीखे बोल के लिए विवादों में रहते हैं. 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान राम मंदिर के मसले भी उन्होंने विवादित टिप्पणी की थी. उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का विरोध करने वालों के सिर कलम करने की धमकी दी थी.
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: पाकिस्तान के दावे पर पुष्टि करते हुए भारत के विदेश मंत्रालय ने बुधवार शाम एक बयान जारी किया. बयान में कहा गया कि हमारा एक पायलट पाकिस्तान की कस्टडी में है और हम पाकिस्तान से मांग करते हैं कि वह भारतीय वायुसेना के उस पायलट को तुरंत सुरक्षित वापस भेजें. भारत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान यह सुनिश्चित करे कि सैनिक को कोई नुकसान नहीं पहुंचे. बता दें कि जेनेवा समझौते के तहत पाकिस्तान भारत के पायलट को नुकसान नहीं पहुंचा सकता. युद्धबंदियों (POW) के अधिकारों को बरकरार रखने के जेनेवा समझौते (Geneva Convention) में कई नियम दिए गए हैं. जेनेवा समझौते में चार संधियां और तीन अतिरिक्त प्रोटोकॉल (मसौदे) शामिल हैं, जिसका मकसद युद्ध के वक्त मानवीय मूल्यों को बनाए रखने के लिए कानून तैयार करना है. मानवता को बरकरार रखने के लिए पहली संधि 1864 में हुई थी. इसके बाद दूसरी और तीसरी संधि 1906 और 1929 में हुई. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1949 में 194 देशों ने मिलकर चौथी संधि की थी. इंटरनेशनल कमेटी ऑफ रेड क्रास के मुताबिक जेनेवा समझौते में युद्ध के दौरान गिरफ्तार सैनिकों और घायल लोगों के साथ कैसा बर्ताव करना है इसको लेकर दिशा निर्देश दिए गए हैं. इसमें साफ तौर पर ये बताया गया है कि युद्धबंदियों (POW) के क्या अधिकार हैं. साथ ही समझौते में युद्ध क्षेत्र में घायलों की उचित देखरेख और आम लोगों की सुरक्षा की बात कही गई है. जेनेवा समझौते में दिए गए अनुच्छेद 3 के मुताबिक युद्ध के दौरान घायल होने वाले युद्धबंदी का अच्छे तरीके से उपचार होना चाहिए.
- इस संधि के तहत घायल सैनिक की उचित देखरेख की जाती है.
- संधि के तहत उन्हें खाना पीना और जरूरत की सभी चीजें दी जाती है.
- इस संधि के मुताबिक किसी भी युद्धबंदी के साथ अमानवीय बर्ताव नहीं किया जा सकता.
- किसी देश का सैनिक जैसे ही पकड़ा जाता है उस पर ये संधि लागू होती है. (फिर चाहे वह स्त्री हो या पुरुष)
-संधि के मुताबिक युद्धबंदी को डराया-धमकाया नहीं जा सकता.
- युद्धबंदी की जाति, धर्म, जन्म आदि बातों के बारे में नहीं पूछा जाता.
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रेप के एक मामले में महज आठ महीने में फैसला आ गया. एक नाबालिग लड़की से हुए रेप के मामले में निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक कानूनी कार्यवाही को महज 8 महीने में पूरा कर लिया गया.
सुप्रीम कोर्ट ने दोषी को कम से कम 35 साल की जेल की सजा सुनाई जिसमें कोई छूट नहीं मिलेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया में लंबी देरी वाले देश में यह शीघ्र न्याय की एक मिसाल है. कोर्ट ने कहा, ‘हम ऐसे मामलों खासकर ऐसे गंभीर प्रवृत्ति के मामले में इस प्रकार के त्वरित निपटारे की उम्मीद करते हैं.’
जज बी एस चौहान की अध्यक्षता वाली पीठ ने दोषी की सजा-ए-मौत को आजीवन कारावास में बदल दिया. लेकिन साथ ही यह शर्त भी लगा दी कि दोषी को समय से पहले रिहा करने के मुद्दे पर विचार करने से पहले उसे कम से कम 35 साल की सजा भुगतनी होगी.
कोर्ट ने इसे एक जघन्य अपराध मानने के बावजूद इसे दुर्लभतम श्रेणी का मामला नहीं माना.
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बॉलीवुड के महानायक
अमिताभ बच्चन
के 70वें जन्मदिन को लेकर उनके प्रशंसकों में हलचल है लेकिन अमिताभ का मानना है कि उनके लिए जन्मदिन अन्य दिनों जैसा ही होता है. अमिताभ बच्चन का जन्मदिन 11 अक्टूबर को है.
बिग बी की कहानी, तस्वीरों की जुबानी
अमिताभ ने ट्विटर पर लिखा है कि लाखों साक्षात्कार, लाखों शुभकामनाएं एवं लम्बी उम्र की लाखों दुआएं 70वें जन्मदिन को विशेष बनाती हैं लेकिन मेरे लिए अन्य दिनों जैसा ही है.
इन दिनों अमिताभ पत्रकारों को साक्षात्कार देने में व्यस्त हैं. अमिताभ की पत्नी जया बच्चन इन समय अपने पति के जन्मदिन समारोह की तैयारी में व्यस्त हैं.
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इंटरनेट की दुनिया में तेजी से अपना कदम बढ़ाने वाले देश भारत में इस समय नेट न्यूट्रैलिटी पर बहस छिड़ी हुई है. यह मुद्दा इतना बड़ा है कि टेलीकॉम नियामक संस्था (TRAI) ने 118 पेज का मशवरा जारी करके, यूजर्स से इस संबंध में राय मांगी है. अगर आप भी इस बारे में राय देना चाहते हैं 24 अप्रैल तक दे सकते हैं.
राय देने से पहले जानें नेट न्यूट्रैलिटी के बारे में सब कुछ:
क्या है नेट न्यूट्रैलिटी?
नेट न्यूट्रैलिटी शब्द का पहली बार इस्तेमाल कोलंबिया यूनिवर्सिटी में मीडिया लॉ के प्रोफेसर टीम वू ने किया था.
नेट न्यूट्रैलिटी सिद्धांत
के अनुसार कोई भी सर्विस प्रदान करने वाली कंपनी इंटरनेट के किसी भी कंटेट, डेटा और एप्लीकेशंस को बराबरी का दर्जा देगी. कोई भी वेबसाइट और पेज तब तक नहीं ब्लॉक किए जाए जब तक कि उस पर कोई गैर कानूनी तथ्य न हो. इसका मतलब यह हुआ कि छोटी-बड़ी सारी वेबसाइट को इंटरनेट समान रूप से जगह देगी.
नेट न्यूट्रैलिटी से संबंधित मुख्य बातें
1
. नेट न्यूट्रैलिटी ऐसा सिद्धांत है जिसके मुताबिक सर्विस प्रोवाइडर कंपनी सभी डेटा को समान दर्जा देती है.
2.
चाहे सेवा वेबसाइट विजिट करने की हो या अन्य कंटेट प्राप्त करने की.
3
. नेट न्यूट्रैलिटी की वजह से सर्विस प्रोवाइडर कंपनी न तो डेटा ब्लॉक कर सकती है और न ही उसकी स्पीड स्लो ही कर सकती है.
4.
नेट न्यूट्रैलिटी न होने पर में ऑपरेटर डेटा कीमतों के अलावा कॉलिंग सर्विस के लिए अलग से पैसे वसूल सकते हैं.
5.
नेट न्यूट्रैलिटी को लागू नहीं किया गया तो मोबाइल कंपनियां इन सर्विसेज के लिए अलग से ज्यादा चार्ज भी कर सकती हैं.
नेट न्यूट्रैलिटी हटने पर आप क्यों होंगे परेशान:
नेट न्यूट्रैलिटी को अगर लागू नहीं किया गया तो इसका सीधा असर आपकी जेबों पर पड़ सकता है. आपके पास विकल्प कम हो सकते हैं. आपको
सेवा प्रदान करने वाली कंपनी
आपके बारे में यह निर्णय ले सकती है कि आपको कौन सी वेबसाइट, न्यूज, कंटेट कब और कितना देखना है या नहीं. फिलहाल आपके पास यह सुविधा है कि आप इंटरनेट पर देसी, विदेशी, लोकप्रिय और अलोकप्रिय किसी भी साइट को समान स्पीड से हासिल कर सकते हैं लेकिन जब यह नहीं रहेगा तो आप सारी वेबसाइट को समान स्पीड से हासिल नहीं कर पाएंगे. सर्विस प्रोवाइडर आपसे व्हाट्सऐप, स्काइप इस तरह की अन्य सुविधाओं के लिए अलग से चार्ज ले सकती हैं. इसके अलावा कंपनी इन ऐप की डेटा स्पीड को कम करके इसकी कॉलिंग सर्विस को बाधित कर सकती है.
नेट न्यूट्रैलिटी
के लागू न होने का सबसे ज्यादा असर उन छोटे बिजनेस मालिकों और आंत्रप्रेन्योर पर हो सकता है, जिन्होंने अपना ऑनलाइन बिजनेस शुरू किया है. फिलहाल वे इंटरनेट के माध्यम से सीधे अपने प्रोडक्ट का प्रचार करते हैं और उसे बेचते हैं. भारत जैसे देश को इसकी सख्त जरूरत है क्योंकि यहां इंटरनेट बिजनेस की शुरुआत हुए कुछ ही साल हुए हैं और इस क्षेत्र में युवाओं को बड़े पैमाने पर जॉब भी मिल रही है. अगर बिजनेस को थोड़ी देर के लिए छोड़ भी दें तो यह हमारी फ्रीडम ऑफ स्पीच के लिए भी जरूरी है. नेट न्यूट्रैलिटी ना होने के कारण कोई भी कंटेट आसानी से ब्लॉक किए जा सकेगा.
नेट न्यूट्रैलिटी सिद्धांत से बड़ी कंपनियां क्यों हो रही परेशान:
स्काइप, व्हाट्सऐप जैसी इंटरनेट कॉलिंग सुविधा से टेलीकॉम कंपनियों के बिजनेस पर असर पड़ रहा है. कंपनियों ने इससे बचने के लिए डेटा कीमतें बढ़ा दी थीं. पिछले साल एक मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर ने वीओआईपी यानी वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल सेवाओं पर एक जीबी डाटा के इस्तेमाल पर 1,000 रुपये तक चार्ज लेने का ऐलान किया था. मगर आलोचनाओं के कारण उसने इसे वापस ले लिया था. टेलीकॉम कंपनियां अब बिजनेस के ऐसे विकल्प की तलाश कर रही है जहां उसे भी इंटरनेट की दुनिया से बड़े पैमाने पर कमाई हो सके. ऑपरेटर्स चाहते हैं कि जिस तरह से बाजार में सारे फल का दाम एक जैसा नहीं होता. अंगूर संतरे की अपेक्षा ज्यादा मंहगा मिलता है, ठीक उसी तरह से कंटेट और डेटा के हिसाब से पैसे वसूले जाएं.
दरअसल, यह पूरा मामला बाजार में अपने आपको मजबूती से स्थापित करने का है और बाजार में वही स्थापित हो पाएगा जो परिस्थितयों को अपने अनुसार ढालेगा. नेट न्यूट्रैलिटी के लागू न होने से गूगल, फेसबुक, रिलायंस, एयरटेल, वोडाफोन जैसी बड़ी कंपनियों की रेस में घाटा छोटी पूंजी के बिजनेस वालों को होगा. भारत जैसे देश में जहां बेरोजगारी सबसे ज्यादा है, वहां इंटरनेट ने युवाओं को
वेबसाइट
के माध्यम से रोजगार पाने और शुरू करने के कई मौके दिए हैं. अगर नेट न्यूट्रैलिटी लागू नहीं होती है तो उसका असर रोजगार जेनरेट करने पर भी होगा.
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सलामी बल्लेबाजी हर्शेल गिब्स की कल जारी होने वाली आत्मकथा में दक्षिण अफ्रीकी टीम में सीनियर खिलाड़ियों के दबदबे, मारिजुआना का सेवन और यौन उत्पीड़न की घटनाओं का खुलासा होगा.
साप्ताहिक ‘संडे टाइम्स’ ने गिब्स की किताब के विमोचन से पूर्व इसके कुछ अंश छापे हैं. इस किताब में एक विवादास्पद खिलाड़ी के यौन संबंधों का भी जिक्र है जो देर रात तक तफरीह और शराब पीकर गाड़ी चलाने के आरोपों में घिरा था.
गिब्स ने पिछले हफ्ते स्वीकार किया था कि राष्ट्रीय टीम में वापसी के लिए उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ी और अब किताब में यह लिखने के बाद साथी खिलाड़ियों की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है कि दक्षिण अफ्रीकी टीम में उम्रदराज खिलाड़ियों के समूह का दबदबा है.
गिब्स ने लिखा है, ‘टीम की सीनियर खिलाड़ियों (ग्रीम स्मिथ, जाक कैलिस, मार्क बाउचर और हाल फिलहाल में एबी डिविलियर्स) के समूह द्वारा चलाए जाने के लिए आलोचना हुई है.’
इस सलामी बल्लेबाज ने कहा कि पूर्व राष्ट्रीय कोच मिकी आर्थर अधिकतर इनका सामना करने का प्रयास करने के बाद घुटने टेक देते थे. गिब्स ने कहा, ‘‘इसने टीम को दो भागों में बांट दिया है और दक्षिण अफ्रीका के बीच सच्ची खेल भावना का विकास करना असंभव हो गया है.’
उन्होंने कहा, ‘‘साफ बात है कि ग्रीम के समर्थन के बिना वह अन्य खिलाड़ियों पर इतना प्रभाव नहीं डाल सकता. ग्रीम काफी ताकतवर है.’’ गिब्स ने खुलासा किया कि किस तरह भारतीय अधिकारियों के मैच फिक्सिंग का खुलासा करने पर पूर्व कप्तान हैंसी क्रोन्ये पर आजीवन प्रतिबंध लगने के बाद टीम कभी अपना जज्बा दोबारा हासिल नहीं कर सकी.
नागपुर में मैच फिक्सिंग के आरोपों में गिब्स क्रोन्ये और हेनरी विलियम्स के साथ सह आरोपी थे. उन्हें छह माह के लिए निलंबित किया गया था लेकिन वह अब भी दक्षिण अफ्रीका के पूर्व दिवंगत कप्तान का सम्मान करते हैं.
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PM Narendra Modi Interview के कुछ साक्षात्कार, कई भाषण आपने पढ़े, देखे और सुने हैं. लेकिन सोचिए कि बनारस की सुबह हो, अस्सी का घाट हो और प्रधानमंत्री के साथ हों देश के तीन दिग्गज संपादक और एंकर. फिर चाय की चुस्कियों और नाव की लहरों के साथ कदमताल के बीच अगर कुछ अनकहे किस्से, अनसुलझे सवाल और गंभीर विषयों पर आप खुद को एक सहज, स्वाभाविक और संजीदा प्रधानमंत्री के साथ पाएं तो नजारा कितना रोचक होगा.
देश का नंबर वन चैनल आजतक आपके लिए लाया है एक ऐसा ही अद्भुत, अविश्वसनीय, अकल्पनीय अवसर. जी हां, आज शुक्रवार की शाम 7 बजे आजतक चैनल और aajtak.in के जरिए आप अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ऐसे ही अनोखे अंदाज में पाएंगे.
शुक्रवार को जब पूरा देश और दुनिया की नजर प्रधानमंत्री के वाराणसी संसदीय क्षेत्र से नामांकन पर है, हम आपके लिए लेकर आए हैं प्रधानमंत्री का अबतक का सबसे शानदार और सबसे बेहतरीन इंटरव्यू.
प्रधानमंत्री मोदी आज अपने दूसरे कार्यकाल के लिए बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी से नामांकन पत्र दाखिल करेंगे. गुरुवार को भव्य रोड शो और गंगा आरती के बाद प्रधानमंत्री मोदी आज काल भैरव का आशीर्वाद लेकर नामांकन के लिए जाएंगे. लेकिन उससे पहले उन्होंने आजतक को विशेष और विस्तृत इंटरव्यू दिया. अपने आप में बिल्कुल अलग माहौल और अंदाज में दिए गए इस एक्सक्लूविस इंटरव्यू को आप आज शाम 7 बजे आजतक पर देख सकेंगे.
आजतक के तीन एडिटर्स से बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने मौजूदा चुनावी माहौल में प्रासंगिक तकरीबन हर सवाल का बेबाकी से जवाब दिया. पीएम मोदी ने चुनावों की घोषणा के बाद भारतीय और विदेशी मीडिया को कई इंटरव्यू दिए, लेकिन आज का ये इंटरव्यू कई मामलों में खास रहा.
सबसे खास बात ये कि पीएम मोदी ने ये इंटरव्यू अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में गंगा के किनारे बैठकर दिया. आजतक के तीन संपादकों ने एक साथ अलग-अलग विषयों पर उनसे सवाल किए. सवालों के जवाब से निकले पूरक सवाल भी किए गए जिनके पीएम मोदी ने पूरी सहजता से जवाब दिए. पीएम मोदी से ये पूरा इंटरव्यू पूरी तरह से बनारसी रंग में रंगा और गंगा की गोद में हुआ.
पीएम मोदी ने अपने कार्यकाल से जुड़े हर मुद्दे और अपनी जिंदगी के अनछुए पहलुओं से जुड़े हर सवाल का जवाब दिया. यह पहली बार है जब पीएम मोदी ने एक साथ किसी मीडिया हाउस के तीन वरिष्ठ पत्रकारों से अलग-अलग मुद्दों पर बात की और उनके सवालों के जवाब दिए.
बनारस की सुबह और अवध की शाम दुनियाभर में मशहूर है. आज के इंटरव्यू को बनारस की सुबह ने और खास बना दिया.
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पितरों को तृप्त करना और उनकी आत्मा की शांति के लिए पितृ पक्ष में श्राद्ध (Pitru Paksha Shraddha) करना जरूरी माना जाता है. श्राद्ध (Shradh) के जरिए पितरों की तृप्ति के लिए भोजन पहुंचाया जाता है और पिंड दान (Pind Daan) व तर्पण (Tarpan) कर उनकी आत्मा की शांति की कामना की जाती है. हिन्दू पंचांग के मुताबिक पितृ पक्ष (Pitru Paksha) अश्विन मास के कृष्ण पक्ष में पड़ते हैं. इसकी शुरुआत पूर्णिमा तिथि से होती है, जबकि समाप्ति अमावस्या पर होती है. अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक हर साल सितंबर महीने में पितृ पक्ष की शुरुआत होती है. आमतौर पर पितृ पक्ष 16 दिनों का होता है. इस बार पितृ पक्ष 13 सितंबर से शुरू होकर 28 सितंबर को खत्म होगा. पितृ पक्ष के दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन किया जाता है. मान्यता है कि अगर इन नियमों की अनदेखी की जाए तो पितृ नाराज हो जाते हैं और उनकी आत्मा को कष्ट पहुंचता है.
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गांधीवादी अन्ना हजारे की टीम के प्रमुख सदस्य रहे सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश की बातचीत के वीडियो से एक नया विवाद पैदा हो गया है। सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर उपलब्ध वीडियो में उन्हें कथित रूप से भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन की आलोचना करते हुए दिखाया गया है। वहीं, अग्निवेश ने वीडियो को यह कहते हुए खारिज किया है कि इसके साथ छेड़छाड़ की गई है। वीडियो में स्वामी अग्निवेश को कथित रूप से फोन पर अन्ना हजारे पक्ष को 'पागल और उन्मत्त हाथी' कहते हुए दिखाया गया है। वह फोन पर 'कपिलजी' से बात कर रहे हैं। माना जा रहा है कि यह 'कपिलजी' केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल हैं। अग्निवेश ने बताया कि वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है और वह जिससे बात कर रहे हैं वह कपिल सिब्बल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा उनकी छवि धूमिल करने के लिए किया गया है। अग्निवेश ने कथित रूप से वीडियो में कहा, "संसद द्वारा उनकी तीन मांगें स्वीकार कर लिए जाने के बाद अन्ना हजारे को अपना अनशन जारी रखने का कोई तुक नहीं है।" उन्होंने कहा, "अन्ना की टीम सीमाओं को पार कर रही है और सरकार के सिर पर चढ़ने की कोशिश कर रही है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।" वीडियो में अग्निवेश को कथित रूप से यह कहते सुना गया है कि वार्ताकार नहीं चुने पर वह निराश हैं।
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राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में फर्नेस ऑयल और पेट कोक जैसे सल्फर युक्त ईंधन के प्रयोग से ‘‘भारी मात्रा’’ में प्रदूषण एकत्र हो रहे हैं और इसपर तुरंत कार्रवाई करने की जरूरत है.
उच्चतम न्यायालय की ओर से नियुक्त पर्यावरण प्रदूषण (नियंत्रण एवं निरोध) प्राधिकार (ईपीसीए) ने यह बात कही है.
पैनल का कहना है कि किसी भी तेल शोधक संयंत्र में बॉटम आफ द बैरल’’ उत्पाद ‘फर्नेस ऑयल’ होता है जबकि पेट कोक तेल शोधन के समय बनने वाला उप-उत्पाद है. इन दोनों की बिक्री में हाल के दिनों मे बहुत तेजी आई है, संभवत: वैश्विक बाजार में तेल की कीमत में उछाल आने के कारण ऐसा हो रहा है.
ईपीसीए ने 1996 की अधिसूचना में संशोधन की सिफारिश की है. इस अधिसूचना में दिल्ली के भीतर इन इर्ंधनों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है जबकि एनसीआर में उनके उपयोग पर छूट है.
यह रेखांकित करते हुए कि फिलहाल स्थिति बहुत ही खराब है, ईपीसीए ने सिफारिश किया है कि क्षेत्र में मौजूद राज्यों को स्वच्छ ईंधन बढ़ावा देने के लिए उद्योगों को प्रोत्साहित करना चाहिए. टिप्पणियां
एनसीआर में प्रयुक्त ईंधन की गुणवत्ता पर ईपीसीए की जांच रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘सरकारें फर्नेस ऑयल पर कर में छूट देती हैं वहीं उत्तर प्रदेश सरकार इसपर वैट नहीं लेती है.. जबकि प्राकृतिक गैस पर कर लगता है. उत्तर प्रदेश में स्वच्छ प्राकृतिक गैस पर 10 प्रतिशत वैट लगता है. अन्य राज्यों में भी स्थिति कमोबेश यही है.’’ रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष एनसीआर में प्रति माह करीब 30,000 मिट्रिक टन फर्नेस ऑयल बिका है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उच्चतम न्यायालय की ओर से नियुक्त पर्यावरण प्रदूषण (नियंत्रण एवं निरोध) प्राधिकार (ईपीसीए) ने यह बात कही है.
पैनल का कहना है कि किसी भी तेल शोधक संयंत्र में बॉटम आफ द बैरल’’ उत्पाद ‘फर्नेस ऑयल’ होता है जबकि पेट कोक तेल शोधन के समय बनने वाला उप-उत्पाद है. इन दोनों की बिक्री में हाल के दिनों मे बहुत तेजी आई है, संभवत: वैश्विक बाजार में तेल की कीमत में उछाल आने के कारण ऐसा हो रहा है.
ईपीसीए ने 1996 की अधिसूचना में संशोधन की सिफारिश की है. इस अधिसूचना में दिल्ली के भीतर इन इर्ंधनों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है जबकि एनसीआर में उनके उपयोग पर छूट है.
यह रेखांकित करते हुए कि फिलहाल स्थिति बहुत ही खराब है, ईपीसीए ने सिफारिश किया है कि क्षेत्र में मौजूद राज्यों को स्वच्छ ईंधन बढ़ावा देने के लिए उद्योगों को प्रोत्साहित करना चाहिए. टिप्पणियां
एनसीआर में प्रयुक्त ईंधन की गुणवत्ता पर ईपीसीए की जांच रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘सरकारें फर्नेस ऑयल पर कर में छूट देती हैं वहीं उत्तर प्रदेश सरकार इसपर वैट नहीं लेती है.. जबकि प्राकृतिक गैस पर कर लगता है. उत्तर प्रदेश में स्वच्छ प्राकृतिक गैस पर 10 प्रतिशत वैट लगता है. अन्य राज्यों में भी स्थिति कमोबेश यही है.’’ रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष एनसीआर में प्रति माह करीब 30,000 मिट्रिक टन फर्नेस ऑयल बिका है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पैनल का कहना है कि किसी भी तेल शोधक संयंत्र में बॉटम आफ द बैरल’’ उत्पाद ‘फर्नेस ऑयल’ होता है जबकि पेट कोक तेल शोधन के समय बनने वाला उप-उत्पाद है. इन दोनों की बिक्री में हाल के दिनों मे बहुत तेजी आई है, संभवत: वैश्विक बाजार में तेल की कीमत में उछाल आने के कारण ऐसा हो रहा है.
ईपीसीए ने 1996 की अधिसूचना में संशोधन की सिफारिश की है. इस अधिसूचना में दिल्ली के भीतर इन इर्ंधनों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है जबकि एनसीआर में उनके उपयोग पर छूट है.
यह रेखांकित करते हुए कि फिलहाल स्थिति बहुत ही खराब है, ईपीसीए ने सिफारिश किया है कि क्षेत्र में मौजूद राज्यों को स्वच्छ ईंधन बढ़ावा देने के लिए उद्योगों को प्रोत्साहित करना चाहिए. टिप्पणियां
एनसीआर में प्रयुक्त ईंधन की गुणवत्ता पर ईपीसीए की जांच रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘सरकारें फर्नेस ऑयल पर कर में छूट देती हैं वहीं उत्तर प्रदेश सरकार इसपर वैट नहीं लेती है.. जबकि प्राकृतिक गैस पर कर लगता है. उत्तर प्रदेश में स्वच्छ प्राकृतिक गैस पर 10 प्रतिशत वैट लगता है. अन्य राज्यों में भी स्थिति कमोबेश यही है.’’ रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष एनसीआर में प्रति माह करीब 30,000 मिट्रिक टन फर्नेस ऑयल बिका है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
ईपीसीए ने 1996 की अधिसूचना में संशोधन की सिफारिश की है. इस अधिसूचना में दिल्ली के भीतर इन इर्ंधनों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है जबकि एनसीआर में उनके उपयोग पर छूट है.
यह रेखांकित करते हुए कि फिलहाल स्थिति बहुत ही खराब है, ईपीसीए ने सिफारिश किया है कि क्षेत्र में मौजूद राज्यों को स्वच्छ ईंधन बढ़ावा देने के लिए उद्योगों को प्रोत्साहित करना चाहिए. टिप्पणियां
एनसीआर में प्रयुक्त ईंधन की गुणवत्ता पर ईपीसीए की जांच रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘सरकारें फर्नेस ऑयल पर कर में छूट देती हैं वहीं उत्तर प्रदेश सरकार इसपर वैट नहीं लेती है.. जबकि प्राकृतिक गैस पर कर लगता है. उत्तर प्रदेश में स्वच्छ प्राकृतिक गैस पर 10 प्रतिशत वैट लगता है. अन्य राज्यों में भी स्थिति कमोबेश यही है.’’ रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष एनसीआर में प्रति माह करीब 30,000 मिट्रिक टन फर्नेस ऑयल बिका है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
यह रेखांकित करते हुए कि फिलहाल स्थिति बहुत ही खराब है, ईपीसीए ने सिफारिश किया है कि क्षेत्र में मौजूद राज्यों को स्वच्छ ईंधन बढ़ावा देने के लिए उद्योगों को प्रोत्साहित करना चाहिए. टिप्पणियां
एनसीआर में प्रयुक्त ईंधन की गुणवत्ता पर ईपीसीए की जांच रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘सरकारें फर्नेस ऑयल पर कर में छूट देती हैं वहीं उत्तर प्रदेश सरकार इसपर वैट नहीं लेती है.. जबकि प्राकृतिक गैस पर कर लगता है. उत्तर प्रदेश में स्वच्छ प्राकृतिक गैस पर 10 प्रतिशत वैट लगता है. अन्य राज्यों में भी स्थिति कमोबेश यही है.’’ रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष एनसीआर में प्रति माह करीब 30,000 मिट्रिक टन फर्नेस ऑयल बिका है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
एनसीआर में प्रयुक्त ईंधन की गुणवत्ता पर ईपीसीए की जांच रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘सरकारें फर्नेस ऑयल पर कर में छूट देती हैं वहीं उत्तर प्रदेश सरकार इसपर वैट नहीं लेती है.. जबकि प्राकृतिक गैस पर कर लगता है. उत्तर प्रदेश में स्वच्छ प्राकृतिक गैस पर 10 प्रतिशत वैट लगता है. अन्य राज्यों में भी स्थिति कमोबेश यही है.’’ रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष एनसीआर में प्रति माह करीब 30,000 मिट्रिक टन फर्नेस ऑयल बिका है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में मेडिकल कंसल्टेंट की वैकेंसी निकली हैं. इच्छुक उम्मीदवार 24 नवंबर तक आवेदन कर सकते हैं.
पद का नाम:
मेडिकल कंसल्टेंट
कुल पद:
1
योग्यता:
मेडिकल ग्रेजुएट
और ज्यादा जानकारी के लिए
http://www.rbi.org.in/scripts/bs_viewcontent.aspx?Id=2893#top
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: सक्रिय राजनीति में प्रियंका गांधी की एंट्री को लेकर अब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी निशाना साधा है. हिमाचल प्रदेश में अमित शाह ने कहा कि बीजेपी की सरकार ने एक साल के अंदर वन रैंक वन पेंशन का वादा निभाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भी वन रैंक वन पेंशन दिया है. लेकिन कांग्रेस के OROP का मतलब है ओनली राहुल ओनली प्रियंका. मोदी जी ने वन रैंक वन पेंशन दिया सेना के जवानों को, शहीद की विधवा और उन्होंने दिया ओनली राहुल ओनली प्रियंका वन रैंक वन पेंशन. हिमाचल प्रदेश में बीजेपी अध्यक्ष ने यह टिप्पणी ऐसे समय की है, जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी बहन प्रियंका गांधी को पार्टी में पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभार सौंपा है.
2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान राज्य में सभी चार सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों को विजयी बनाने के लिए हिमाचल प्रदेश के मतदाताओं का आभार जताते हुए शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने सच्ची भावना से पूर्व सैनिकों के लिए OROP को लागू किया. उन्होंने कहा कि 70 साल तक किसी ने भी सैनिकों की परवाह नहीं की, जब मोदी सरकार सत्ता में आयी तो उसने ओआरओपी लागू किया. आगामी लोकसभा चुनावों के पहले भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, देश एक मजबूत सरकार चाहता है, मजबूर सरकार नहीं.
देश ऐसी सरकार चाहता है जो अपने सैनिकों की हत्या के लिए पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे. उन्होंने कहा, अपने भाषणों में कांग्रेस अध्यक्ष आजकल गरीबी का मुद्दा उठा रहे हैं. मैं राहुल बाबा से बस इतना पूछना चाहता हूं कि गरीबी उन्मूलन के लिए कांग्रेस सरकारों ने दशकों तक क्या किया ? यह भाजपा की सरकार है, जो इसे खत्म करने के लिए कदम उठा रही है. शाह ने कहा कि वे तो देश में हर परिवार को गैस सिलिंडर भी नहीं दे पाए.
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान 13वें वित्त आयोग से हिमाचल प्रदेश को महज 44,325 करोड़ रुपये मिले जबकि मोदी सरकार ने राज्य को 1,15,865 करोड़ रुपये दिए. हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनके परिवार के सदस्यों का नाम लिए बिना शाह ने कहा, राज्य में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के पांच साल के कार्यकाल में राजा, रानी और राजकुमार को छोड़कर किसी को महत्व नहीं दिया गया.
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कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि अभी के लिए उत्तर प्रदेशप्रियंका गांधी वाड्रा की ‘कर्म भूमि' है लेकिन पार्टी में आगे उनका प्रभाव और बढ़ेगा. प्रियंका को इस साल 23 जनवरी को पूर्वी उत्तर प्रदेश का एआईसीसी महासचिव नियुक्त किया गया. इसी के साथ उन्होंने राजनीति में औपचारिक रूप से प्रवेश कर लिया. पार्टी को उम्मीद है कि इससे राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में उसकी संभावनाओं को बल मिलेगा. उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं. थरूर ने कहा कि वह (प्रियंका) बहुत प्रभावशाली महिला है, जो अच्छा बोलती है, आत्मविश्वास, मुहावरों के साथ और धाराप्रवाह बोलती हैं. वह जनता के सामने काफी सहज है और कई लोगों को उन्हें देखकर उनकी दादी की याद आती है. उन्होंने कहा कि विनम्रता से कहा जा सकता है कि वह इस समय आधे उत्तर प्रदेश की महासचिव है और वह उनकी कर्मभूमि होने जा रही है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि वहां वह तत्काल संभावनाओं को तलाशने पर काम करेंगी लेकिन लंबे समय में मुझे लगता है कि पार्टी में उनका प्रभाव बढ़ेगा ओर लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता पहले ही कायम हो चुकी है.विभिन्न राज्यों में कांग्रेस के चुनावी गठबंधनों पर थरूर ने कहा कि यह हर राज्य पर अलग-अलग निर्भर करेगा. उन्होंने कहा कि हर राज्य के लिए अलग तर्क है. हमारे कुछ राज्यों में कुछ पार्टियों के साथ संभावित गठबंधन हैं और दूसरे राज्य में हम उनके खिलाफ लड़ रहे हैं.उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और माकपा के बीच समझौते में कुछ भी गलत नहीं है.
हालांकि दोनों पार्टियों के बीच केरल में कड़ा मुकाबला है लेकिन राष्ट्रीय नेतृत्व पश्चिम बंगाल में कुछ समझौतों पर राजी हो गया है. भाजपा इस पर दोनों पार्टियों पर 'दोहरे मापदंड' अपनाने का आरोप लगा रही है. थरूर ने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है और यह पहली बार नहीं है. साल 2016 केरल विधानसभा चुनाव में उन्होंने (भाजपा) ऐसी ही कोशिश की थी लेकिन हमारा उनके खिलाफ कड़ा मुकाबला रहा.
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पेट्रोल-डीजल के
दाम
में केंद्र सरकार द्वारा दी गई छूट अब खत्म हो गई है. पिछले कुछ दिनों से लगातार पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी जारी है, जिसके कारण छूट से आम आदमी को मिल रहा फायदा खत्म हो गया है. मंगलवार को एक बार फिर पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी हुई.
गौर करने वाली बात ये भी है कि सोमवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बड़ी ऑयल कंपनियों के सीईओ के साथ तेल कीमतों के मुद्दे पर बैठक की थी.
मंगलवार को राजधानी दिल्ली में
पेट्रोल
के दाम में 11 पैसे और
डीजल
के दाम में 23 पैसे की बढ़ोतरी हुई. इसके साथ ही राजधानी में पेट्रोल-डीजल के दाम क्रमश: 82.83 प्रति लीटर, 75.69 प्रति लीटर हो गए हैं.
DELHI
Petrol:
82.83
Diesel:
75.69
KOLKATA
Petrol:
84.65
Diesel:
77.54
MUMBAI
Petrol:
88.29
Diesel:
79.35
CHENNAI:
Petrol:
86.10
Diesel:
80.04
बता दें कि तेल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 4 अक्टूबर को इनकी कीमतों में ढाई रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी. इसके बाद कई राज्यों की सरकारों ने भी ढाई रुपये की राहत जनता को दी थी. इस तरह जनता को पेट्रोल डीजल की कीमतों में ढाई से पांच रुपये प्रति लीटर की राहत मिली थी. लेकिन अगले ही दिन से पेट्रोल-डीजल की कीमतें फिर से चढ़ने लगी.
कच्चे तेल की कीमतों पर नजर रखने वाले अर्थशास्त्रियों का कहना है कि दुनिया में लगातार बढ़ रही क्रूड ऑयल की कीमतों की वजह से दुनिया भर में पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ रहे हैं. भारत भी इसके असर से अछूता नहीं है.
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उन्होंने कहा, ‘‘ उन्होंने (राठवा) अपने खिलाफ आपराधिक मामलों समेत कई सूचनाएं छिपाई हैं। उन्होंने अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नहीं सौंपा है.’’ गोयल ने बताया कि भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग को राठवा और वलेरा के नामांकन पत्रों में‘ अनियमितताओं’ के बारे में सूचित किया.
उच्च सदन के लिये 23 मार्च को होने वाले द्विवार्षिक चुनाव से पहले भाजपा की शिकायत राज्यसभा चुनाव को लेकर विपक्षी पार्टी पर भगवा पार्टी के जोरदार हमले का एक और उदाहरण है. इससे पहले भाजपा ने पिछले साल राज्यसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल को निशाना बनाया था.
उच्च सदन के लिये 23 मार्च को होने वाले द्विवार्षिक चुनाव से पहले भाजपा की शिकायत राज्यसभा चुनाव को लेकर विपक्षी पार्टी पर भगवा पार्टी के जोरदार हमले का एक और उदाहरण है. इससे पहले भाजपा ने पिछले साल राज्यसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल को निशाना बनाया था.
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गुजरात में 1127 ग्राम पंचायतों के लिए हुए चुनाव के नतीजों की घोषणा के दिन सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस ने अपनी-अपनी पार्टियों की जीत का दावा किया है. गुजरात राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा कि 1425 ग्राम पंचायतों में चुनाव कराये जाने थे लेकिन 295 पंचायतों में सरपंच का चुनाव मतदान से पहले ही र्निविरोध हो गए.
राज्य के 1127 ग्राम पंचायतों में चार फरवरी को सरपंच और पंचायत सदस्यों के चुनाव हुए थे और परिणामों की घोषणा मंगलवार की गई. ग्राम पंचायत के चुनाव पार्टी के टिकटों पर नहीं लड़े जाते हैं, पर परिणामों की घोषणा के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष जीतू वघानी ने दावा किया कि उसने 75-80 प्रतिशत ग्राम पंचायतों में जीत दर्ज की है.
कांग्रेस का दावा
गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोषी ने कहा कि 70 प्रतिशत निर्वाचित सरपंच और पंचायतों के सदस्य विपक्षी पार्टी से जुड़े हुए हैं. बता दें कि रविवार को गुजरात ग्राम पंचायत चुनाव के लिए मतदान हुए थे. गुजरात पंचायत चुनाव के दौरान 33 जिलों में 4 बजे तक 73 फीसदी मत हुए थे.
22.5 लाख मतदाता ने डाले वोट
राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार इस बार कुल 22.5 लाख मतदाता वोट डालने के लिए योग्य थे. छोटा उदेपुर जिले के एक गांव के बूथ में उम्मीदवारों ने ईवीएम से उनके चुनाव चिन्ह गायब होने के चलते विरोध किया था जिसके बाद वहां सोमवार को मतदान कराए गए थे.
विधानसभा चुनाव में ग्रामीण सीटों पर कांग्रेस का दबदबा
पिछले साल नवंबर में गुजरात विधानसभा चुनाव हुए थे. बीजेपी ने छठी बार लगातार चुनाव जीतकर सत्ता पर विराजमान हुई थी. कांग्रेस ने पिछले चुनाव की तुलना में काफी बेहतर किया था. राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में कांग्रेस ने बीजेपी से बेहतर नतीजे लाई थी.
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: दिल्ली से मंगलवार यानी मंगवार 17 जनवरी 2017 को प्रकाशित सभी प्रमुख हिंदी अखबारों ने समाजवादी पार्टी में मुलायम और अखिलेश के बीच जारी सिंबल की जंग में चुनाव आयोग के फैसले को प्रमुखता से छापा है. मुलायम गुट को निश्चित रूप से आयोग से करारा झटका लगा है.टिप्पणियां
आयोग ने पार्टी के चुनाव चिह्न 'साइकिल' अखिलेश के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी को देने का फैसला सुनाया है. अमर उजाल ने इसी खबर को सुर्खी बनाते हुए लिखा है, "सपा और साइकिल अखिले की". अखबार ने अखिलेश के ट्वीट को जगह दी है, जिसमें लिखा है, "साइकिल चलती जाएगी, आगे बढ़ती जाएगी"
वहीं दिल्ली से ही प्रकाशित एक अन्य समाचार पत्र दैनिक भास्कर ने मुलायम सिंह की हार के कारण को लीड लगाया है. अखबार लिखता है, "अखिलेश 2 दिन में लाए 4716 एफिडेविट, मुलायम ने 8 दिन में एक भी नहीं दिया". एक तरह से देखा जाए तो मुलायम सिंह यह लड़ाई ढिलाई बरतने के कारण हारे है.
हालांकि, नवभारत ने सपा और साइकिल विवाद से अलग नवजोत सिंह सिद्धू को प्रमुखता के साथ पहले पेज पर जगह दी है. अखबार ने सिद्धू के कांग्रेस ज्वाइन करने पर उनके ही बयान "मैं पैदाइशी कांग्रेसी हूं, यह मेरी घर वापसी है" को लीड बनाया है.
दूसरी ओर दैनिक जागरण ने 'पिता से साइकिल रेस में जीते अखिलेश' शीर्षक से फ्रंट पेज की लीड बनाई है.
जनसत्ता ने भी अखिलेश-मुलायम की चुनाव चिह्न की लड़ाई को लीड बनाया है. अखबार ने हेडिंग दी है : 'साइकिल अखिलेश की..'
आयोग ने पार्टी के चुनाव चिह्न 'साइकिल' अखिलेश के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी को देने का फैसला सुनाया है. अमर उजाल ने इसी खबर को सुर्खी बनाते हुए लिखा है, "सपा और साइकिल अखिले की". अखबार ने अखिलेश के ट्वीट को जगह दी है, जिसमें लिखा है, "साइकिल चलती जाएगी, आगे बढ़ती जाएगी"
वहीं दिल्ली से ही प्रकाशित एक अन्य समाचार पत्र दैनिक भास्कर ने मुलायम सिंह की हार के कारण को लीड लगाया है. अखबार लिखता है, "अखिलेश 2 दिन में लाए 4716 एफिडेविट, मुलायम ने 8 दिन में एक भी नहीं दिया". एक तरह से देखा जाए तो मुलायम सिंह यह लड़ाई ढिलाई बरतने के कारण हारे है.
हालांकि, नवभारत ने सपा और साइकिल विवाद से अलग नवजोत सिंह सिद्धू को प्रमुखता के साथ पहले पेज पर जगह दी है. अखबार ने सिद्धू के कांग्रेस ज्वाइन करने पर उनके ही बयान "मैं पैदाइशी कांग्रेसी हूं, यह मेरी घर वापसी है" को लीड बनाया है.
दूसरी ओर दैनिक जागरण ने 'पिता से साइकिल रेस में जीते अखिलेश' शीर्षक से फ्रंट पेज की लीड बनाई है.
जनसत्ता ने भी अखिलेश-मुलायम की चुनाव चिह्न की लड़ाई को लीड बनाया है. अखबार ने हेडिंग दी है : 'साइकिल अखिलेश की..'
जनसत्ता ने भी अखिलेश-मुलायम की चुनाव चिह्न की लड़ाई को लीड बनाया है. अखबार ने हेडिंग दी है : 'साइकिल अखिलेश की..'
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लेख: बॉलीवुड अभिनेत्री विद्या बालन अपने फिल्म निर्माता पति सिद्धार्थ रॉय कपूर के साथ नए साल की छुट्टियां मनाने के लिए सोमवार शाम को अमेरिकी शहर लॉस एंजिलिस के लिए रवाना हुईं, और इस बार ये छुट्टियां देर से शुरू होने की वजह यह है कि विद्या दरअसल निर्देशक मोहित सूरी की फिल्म 'हमारी अधूरी कहानी' की शूटिंग में व्यस्त थीं।
'हमारी अधूरी कहानी' में विद्या बालन के नायक इमरान हाशमी हैं, और फिल्म की शूटिंग से फुर्सत मिलते ही वह अपने पति के साथ छुट्टियां मनाने निकल पड़ीं। विद्या ने जाने से पहले कहा, "हम दोनों ने काम में व्यस्त होने की वजह से नए साल की छुट्टी नहीं ली थी... व्यस्तता इतनी ज़्यादा रही है कि मेरे जन्मदिन की छुट्टी भी बाकी थी, इसलिए थोड़ी देर से ही सही, अब हम दोनों छुट्टी के लिए जा रहे हैं..."
जब सारा बॉलीवुड छुट्टियां मनाकर देश लौट रहा है, तब जाकर विद्या की छुट्टियां शुरू हुई हैं, लेकिन उनका कहना है कि वह सिर्फ एक हफ्ते की छुट्टी पर जा रही हैं, और वापस आकर बची हुई शूटिंग पूरी करेंगी।
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नरसिंह यादव रियो जाएंगे या नहीं इस पर से सस्पेंस खत्म हो गया है. भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रिज भूषण सिंह ने इस बात का ऐलान करते हुए कहा कि भारतीय कुश्ती संघ ने UWW यानी United World Wrestling को दोबारा लिखा था कि प्रवीण राणा की जगह नरसिंह यादव रियो ओलिंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे और UWW ने इसकी मंजूरी दे दी है.
नरसिंह यादव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मंगलवार को मिले थे और उनका शुक्रिया अदा किया. ओलिंपिक पदक विजेता सुशील कुमार से ट्रायल की जंग जीतने और डोपिंग के कलंक से खुद को मुक्त कराने की लंबी लड़ाई के बाद नरसिंह का उत्साह लौटता नज़र आ रहा है.टिप्पणियां
United World Wrestling की मंजूरी के साथ-साथ भारतीय ओलिंपिक संघ को भी अपनी रजामंदी देनी थी. अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक संघ के नियमों के अनुसार टीम में बदलाव का अधिकार देश की ओलिंपिक समिति को होता है. नरसिंह के लिए राहत की बात है. रियो ओलिंपिक में भारत के chef de mission राकेश गुप्ता ने कहा है कि इस संबंध में काम शुरू हो चुका है.
25 जून और 5 जुलाई को NADA ने नरसिंह यादव पर दो डोप टेस्ट किए. 23 जुलाई को यह ख़बर सार्वजनिक हो गई कि दोनों टेस्ट में नरसिंह यादव पॉजीटिव पाए गए हैं. रियो में पदक के दावेदार माने जाने वाले पहलवान नरसिंह यादव के लिए मानो दुनिया खत्म हो गई. नरसिंह यादव संभले तो उन्हें अहसास हुआ कि वे एक बड़े षड्यंत्र के शिकार हुए हैं. नरसिंह पर आरोप लगा उन्होने METHANDIENONE का सेवन किया है. लेकिन इस षड्यंत्र में खामी थी. दरअसल METHANDIENONE एक एनाबॉलिक स्ट्रायड है जो मसल्स बनाने में काम आता है. जबकि रियो के पहले नरसिंह को करीब 8 किलो वजन कम करना था. नरसिंह के वकील यही दलील देते रहे कि नरसिंह वजन बढ़ाने वाला ड्रग्स क्यों लेगा. उनके खाना में किसी ने जानबूझ कर यह मिलाया था. नाडा में दो दिनों तक सुनवाई के बाद एक बार फिर फैसला नरसिंह के पक्ष में आया.
नरसिंह यादव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मंगलवार को मिले थे और उनका शुक्रिया अदा किया. ओलिंपिक पदक विजेता सुशील कुमार से ट्रायल की जंग जीतने और डोपिंग के कलंक से खुद को मुक्त कराने की लंबी लड़ाई के बाद नरसिंह का उत्साह लौटता नज़र आ रहा है.टिप्पणियां
United World Wrestling की मंजूरी के साथ-साथ भारतीय ओलिंपिक संघ को भी अपनी रजामंदी देनी थी. अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक संघ के नियमों के अनुसार टीम में बदलाव का अधिकार देश की ओलिंपिक समिति को होता है. नरसिंह के लिए राहत की बात है. रियो ओलिंपिक में भारत के chef de mission राकेश गुप्ता ने कहा है कि इस संबंध में काम शुरू हो चुका है.
25 जून और 5 जुलाई को NADA ने नरसिंह यादव पर दो डोप टेस्ट किए. 23 जुलाई को यह ख़बर सार्वजनिक हो गई कि दोनों टेस्ट में नरसिंह यादव पॉजीटिव पाए गए हैं. रियो में पदक के दावेदार माने जाने वाले पहलवान नरसिंह यादव के लिए मानो दुनिया खत्म हो गई. नरसिंह यादव संभले तो उन्हें अहसास हुआ कि वे एक बड़े षड्यंत्र के शिकार हुए हैं. नरसिंह पर आरोप लगा उन्होने METHANDIENONE का सेवन किया है. लेकिन इस षड्यंत्र में खामी थी. दरअसल METHANDIENONE एक एनाबॉलिक स्ट्रायड है जो मसल्स बनाने में काम आता है. जबकि रियो के पहले नरसिंह को करीब 8 किलो वजन कम करना था. नरसिंह के वकील यही दलील देते रहे कि नरसिंह वजन बढ़ाने वाला ड्रग्स क्यों लेगा. उनके खाना में किसी ने जानबूझ कर यह मिलाया था. नाडा में दो दिनों तक सुनवाई के बाद एक बार फिर फैसला नरसिंह के पक्ष में आया.
United World Wrestling की मंजूरी के साथ-साथ भारतीय ओलिंपिक संघ को भी अपनी रजामंदी देनी थी. अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक संघ के नियमों के अनुसार टीम में बदलाव का अधिकार देश की ओलिंपिक समिति को होता है. नरसिंह के लिए राहत की बात है. रियो ओलिंपिक में भारत के chef de mission राकेश गुप्ता ने कहा है कि इस संबंध में काम शुरू हो चुका है.
25 जून और 5 जुलाई को NADA ने नरसिंह यादव पर दो डोप टेस्ट किए. 23 जुलाई को यह ख़बर सार्वजनिक हो गई कि दोनों टेस्ट में नरसिंह यादव पॉजीटिव पाए गए हैं. रियो में पदक के दावेदार माने जाने वाले पहलवान नरसिंह यादव के लिए मानो दुनिया खत्म हो गई. नरसिंह यादव संभले तो उन्हें अहसास हुआ कि वे एक बड़े षड्यंत्र के शिकार हुए हैं. नरसिंह पर आरोप लगा उन्होने METHANDIENONE का सेवन किया है. लेकिन इस षड्यंत्र में खामी थी. दरअसल METHANDIENONE एक एनाबॉलिक स्ट्रायड है जो मसल्स बनाने में काम आता है. जबकि रियो के पहले नरसिंह को करीब 8 किलो वजन कम करना था. नरसिंह के वकील यही दलील देते रहे कि नरसिंह वजन बढ़ाने वाला ड्रग्स क्यों लेगा. उनके खाना में किसी ने जानबूझ कर यह मिलाया था. नाडा में दो दिनों तक सुनवाई के बाद एक बार फिर फैसला नरसिंह के पक्ष में आया.
25 जून और 5 जुलाई को NADA ने नरसिंह यादव पर दो डोप टेस्ट किए. 23 जुलाई को यह ख़बर सार्वजनिक हो गई कि दोनों टेस्ट में नरसिंह यादव पॉजीटिव पाए गए हैं. रियो में पदक के दावेदार माने जाने वाले पहलवान नरसिंह यादव के लिए मानो दुनिया खत्म हो गई. नरसिंह यादव संभले तो उन्हें अहसास हुआ कि वे एक बड़े षड्यंत्र के शिकार हुए हैं. नरसिंह पर आरोप लगा उन्होने METHANDIENONE का सेवन किया है. लेकिन इस षड्यंत्र में खामी थी. दरअसल METHANDIENONE एक एनाबॉलिक स्ट्रायड है जो मसल्स बनाने में काम आता है. जबकि रियो के पहले नरसिंह को करीब 8 किलो वजन कम करना था. नरसिंह के वकील यही दलील देते रहे कि नरसिंह वजन बढ़ाने वाला ड्रग्स क्यों लेगा. उनके खाना में किसी ने जानबूझ कर यह मिलाया था. नाडा में दो दिनों तक सुनवाई के बाद एक बार फिर फैसला नरसिंह के पक्ष में आया.
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: भारत और इंग्लैंड के बीच जब क्रिकेट मैच खेल जाता है तब भारत के क्रिकेट प्रेमी ज्यादा भावुक हो जाते हैं. भावुक होने के पीछे सबसे बड़ी वजह है भारत की सरजमीन पर ब्रिटेन का 91 साल का शासन. इस शासन ने देश के लोगों की कमर तोड़ दी थी. लोगों से आजादी छीन ली थी. लोग ब्रिटिश शासन से काफी दुखी थे. सन 1947 में देश के आजाद होने के बाद जब-जब इंग्लैंड के खिलाफ क्रिकेट सीरीज हुई है तब-तब भारत के लोग यही चाहते थे कि टीम इंडिया इंग्लैंड के मैदान पर जीत हासिल करे और इंग्लैंड के मैदान पर तिरंगा लहराए.
यह 1971 की बात है. टीम इंडिया ने तीन टेस्ट मैच खेलने के लिए इंग्लैंड का दौरा किया. इस दौरे से देश के लोगों को काफी उम्मीद थी. उम्मीद की जा रहा थी कि इंग्लैंड के मैदान पर टीम इंडिया जीत के साथ पहली बार भारत का झंडा लहराएगी. इससे पहले भी 1952, 1959 और 1967 में टीम इंडिया इंग्लैंड का दौरा कर चुकी थी, लेकिन तीनों बार इंग्लैंड के हाथों भारत को करारी हार मिली. इस बार जीत की उम्मीद इसलिए की जा रही थी क्योंकि टीम इंडिया काफी अच्छे फॉर्म में थी. वेस्टइंडीज जैसी शानदार टीम को उसी के मैदान पर हरा चुकी थी.
22 जुलाई को लॉर्ड्स के मैदान पर खेला गया पहला मैच ड्रा रहा. पांच अगस्त को मेनचेस्टर के मैदान पर खेला गया दूसरा टेस्ट मैच भी ड्रा रहा. अब टीम इंडिया को आखिरी टेस्ट मैच में कुछ कमाल करना था. आखिरी टेस्ट जीतकर इतिहास रचना था. इंग्लैंड के मैदान पर झंडा फहराना था. 15 अगस्त के दिन टीम इंडिया इंग्लैंड में थी. यही रणनीति बना रही थी कि कैसे इंग्लैंड को हराया जाए. 19 अगस्त 1971 को दोनों टीमों के बीच तीसरा टेस्ट मैच शुरू हुआ. टॉस जीतने के बाद इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया. इंग्लैंड की पहली पारी के 355 रन के जवाब में टीम इंडिया ने 284 रन बनाए. इस तरह इंग्लैंड को पहली पारी में 71 रन की बढ़त मिली. टीम इंडिया के खिलाड़ी थोड़ा घबराए हुए थे. फिर इंग्लैंड की दूसरी पारी शुरू हुई. टीम इंडिया के कप्तान अजीत वाडेकर को अपने स्पिन गेंदबाजों पर काफी भरोसा था. वाडेकर ने जल्दी स्पिन आक्रमण शुरू कर दिया.
बिशन सिंह बेदी, भागवत चंद्रशेखर और आर वेंकटराघवन जैसे स्पिन गेंदबाज टीम में थे. यह तीन गेंदबाज़ इंग्लैंड की पहली पारी में छह विकेट लेने में कामयाब हुए थे. अब इन गेंदबाजों पर काफी दबाव था. चंद्रशेखर को गेंदबाजी के लिए कप्तान ने बुलाया. फिर क्या हुआ चंद्रशेखर की फिरकी के सामने इंग्लैंड के बल्लेबाज फिसल गए. एक के बाद एक विकेट गिरने लगा. चंद्रशेखर ने इंग्लैंड के छह बल्लेबाजों को आउट किया. वेंकटराघवन को दो विकेट मिले और बिशन सिंह बेदी भी एक विकेट लेने में कामयाब हुए. इंग्लैंड की पूरी टीम अपनी दूसरी पारी में सिर्फ 101 रन बनाकर आउट हो गई. अब टीम इंडिया को जीतने के लिए 173 रन चाहिए थे. लक्ष्य तो कम था लेकिन आसान नहीं था. इंग्लैंड के घरेलू मैदान और घरेलू दर्शकों के सामने टीम इंडिया दवाब में थी.
टीम इंडिया का स्कोर जब सिर्फ दो रन था तब बिना रन बनाए सुनील गावस्कर आउट हो गए. टीम इंडिया फिर ज्यादा दवाब में आ गई. अशोक मांकड़ भी सिर्फ दो 11 रन बनाकर पवेलियन लौट गए. लेकिन कप्तान वाडेकर और दिलीप सरदेसाई ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया को जीत के करीब पहुंचा दिया. कप्तान वाडेकर ने सबसे ज्यादा 45 रन बनाए जबकि सरदेसाई ने 40 रन की पारी खेली. गुंडप्पा विश्वनाथ ने 33 रन बनाए. टीम इंडिया ने छह विकेट गंवाकर इंग्लैंड के मैदान पर इतिहास रचा और मैच जीतने के साथ-साथ सीरीज भी जीती. इस जीत के बाद टीम इंडिया के खिलाड़ी तिरंगे के साथ पूरे मैदान पर दौड़ रहे थे. ऐसा लग रहा था जैसे वह वर्ल्ड वॉर जीत गए हों.
इस जीत ने टीम इंडिया की किस्मत बदल दी. टीम जब दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पहुंची तब एयरपोर्ट के बाहर लंबी लाइन थी. लोग अपने क्रिकेट सितारों की एक झलक के लिए कई घंटों से इंतजार कर रहे थे. दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में इन खिलाड़ियों के स्वागत में एक समारोह भी रखा गया जिसमें कई हजार लोग शामिल हुए थे. कप्तान अजीत वाडेकर और अन्य खिलाड़ी जब दिल्ली से मुंबई एयरपोर्ट पहुंचे तब एयरपोर्ट के रास्ते में दस किलोमीटर तक लोगों का लंबा काफिल था. हाथ में झंडा और फूल माला लेकर लोग एयरपोर्ट पर खड़े हुए थे. इन खिलाड़ियों के स्वागत में मुंबई के ब्रेबॉर्न स्टेडियम में एक अलग सा रिसेप्शन भी रखा गया था जिसमें कई बड़े हस्तियां शाामिल हुई थीं. इस रिसेप्शन में भारत के महान खिलाड़ी विजय मर्चेंट ने टीम की तारीफ करते हुए हुए कहा था “अजित एक बड़ा सपना पूरा हुआ है. भगवान आपको और 1971 के सभी क्रिकेटरों को आशीर्वाद दे,1 जिन्होंने भारत के इस सपने को पूरा किया है.”
इसके बाद 1983 वर्ल्ड कप की बात. टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप खेलने के लिए इंग्लैंड का दौरा किया था. टीम के ऊपर कोई ज्यादा भरोसा नहीं था क्योंकि 1975 और 1979 वर्ल्ड कप में टीम कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाई थी. वेस्टइंडीज, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया जैसी शानदार टीमों को हराकर वर्ल्ड कप जीतना इंडिया के लिए आसान नहीं था. लेकिन टीम इंडिया ने पहले मैच में उलटफेर करते हुए वेस्टइंडीज जैसी शानदार टीम को 34 रन से हराकर सबको हैरान कर दिया. फिर पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम इंडिया सेमीफाइनल में पहुंची. सेमी फाइनल इंग्लैंड के खिलाफ था. अब टीम इंडिया को इंग्लैंड को हराना था. मेनचेस्टर के मैदान पर खेले गए इस मैच में इंग्लैंड ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया. उसने निर्धारित 60 ओवरों में 213 रन बनाए.टिप्पणियां
सेमीफाइनल में 214 का लक्ष्य भी भारत के लिए बहुत बड़ा था. लेकिन टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड को छह विकेट से हराया और फाइनल में पहुंचे. इंग्लैंड की ही सरज़मीन पर उसको वर्ल्ड कप में हराना टीम इंडिया के लिए बहुत बड़ी बात थी. भारत के खिलाड़ियों के हाथ में तिरंगा था. खिलाड़ी मैदान के चारों तरफ दौड़ते हुई नज़र आए थे. फाइनल वेस्टइंडीज और भारत के बीच 25 जून को लॉर्ड्स के मैदान पर खेला गया था. वहां भारत ने इतिहास रचते हुए इस मैच को जीता और वर्ल्ड कप हासिल किया था.
इसके बाद कई बार भारत ने इंग्लैंड में इंग्लैंड को हराते हुए भारत का झंडा गाड़ा. वर्ष 1986 में टीम इंडिया ने इंग्लैंड दौरा करते हुए 2-0 से टेस्ट सीरीज जीती थी. साल 2002 में लॉर्ड्स मैदान पर खेले गए नेटवेस्ट सीरीज फाइनल में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को दो विकेट से हराया था. सन 2007 में भी इंग्लैंड का दौरा करते हुए टीम इंडिया ने 1-0 से टेस्ट सीरीज जीती थी. 23 जून 2013 को इंग्लैंड के एडबस्टन मैदान पर खेले गए आईसीसी चैंपियन ट्रॉफी के फाइनल में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को पांच रन से हराया था. फिर 2014 में इंग्लैंड में खेली गई एक दिवसीय मैच सीरीज इंडिया ने 3-1 से जीती थी.
यह 1971 की बात है. टीम इंडिया ने तीन टेस्ट मैच खेलने के लिए इंग्लैंड का दौरा किया. इस दौरे से देश के लोगों को काफी उम्मीद थी. उम्मीद की जा रहा थी कि इंग्लैंड के मैदान पर टीम इंडिया जीत के साथ पहली बार भारत का झंडा लहराएगी. इससे पहले भी 1952, 1959 और 1967 में टीम इंडिया इंग्लैंड का दौरा कर चुकी थी, लेकिन तीनों बार इंग्लैंड के हाथों भारत को करारी हार मिली. इस बार जीत की उम्मीद इसलिए की जा रही थी क्योंकि टीम इंडिया काफी अच्छे फॉर्म में थी. वेस्टइंडीज जैसी शानदार टीम को उसी के मैदान पर हरा चुकी थी.
22 जुलाई को लॉर्ड्स के मैदान पर खेला गया पहला मैच ड्रा रहा. पांच अगस्त को मेनचेस्टर के मैदान पर खेला गया दूसरा टेस्ट मैच भी ड्रा रहा. अब टीम इंडिया को आखिरी टेस्ट मैच में कुछ कमाल करना था. आखिरी टेस्ट जीतकर इतिहास रचना था. इंग्लैंड के मैदान पर झंडा फहराना था. 15 अगस्त के दिन टीम इंडिया इंग्लैंड में थी. यही रणनीति बना रही थी कि कैसे इंग्लैंड को हराया जाए. 19 अगस्त 1971 को दोनों टीमों के बीच तीसरा टेस्ट मैच शुरू हुआ. टॉस जीतने के बाद इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया. इंग्लैंड की पहली पारी के 355 रन के जवाब में टीम इंडिया ने 284 रन बनाए. इस तरह इंग्लैंड को पहली पारी में 71 रन की बढ़त मिली. टीम इंडिया के खिलाड़ी थोड़ा घबराए हुए थे. फिर इंग्लैंड की दूसरी पारी शुरू हुई. टीम इंडिया के कप्तान अजीत वाडेकर को अपने स्पिन गेंदबाजों पर काफी भरोसा था. वाडेकर ने जल्दी स्पिन आक्रमण शुरू कर दिया.
बिशन सिंह बेदी, भागवत चंद्रशेखर और आर वेंकटराघवन जैसे स्पिन गेंदबाज टीम में थे. यह तीन गेंदबाज़ इंग्लैंड की पहली पारी में छह विकेट लेने में कामयाब हुए थे. अब इन गेंदबाजों पर काफी दबाव था. चंद्रशेखर को गेंदबाजी के लिए कप्तान ने बुलाया. फिर क्या हुआ चंद्रशेखर की फिरकी के सामने इंग्लैंड के बल्लेबाज फिसल गए. एक के बाद एक विकेट गिरने लगा. चंद्रशेखर ने इंग्लैंड के छह बल्लेबाजों को आउट किया. वेंकटराघवन को दो विकेट मिले और बिशन सिंह बेदी भी एक विकेट लेने में कामयाब हुए. इंग्लैंड की पूरी टीम अपनी दूसरी पारी में सिर्फ 101 रन बनाकर आउट हो गई. अब टीम इंडिया को जीतने के लिए 173 रन चाहिए थे. लक्ष्य तो कम था लेकिन आसान नहीं था. इंग्लैंड के घरेलू मैदान और घरेलू दर्शकों के सामने टीम इंडिया दवाब में थी.
टीम इंडिया का स्कोर जब सिर्फ दो रन था तब बिना रन बनाए सुनील गावस्कर आउट हो गए. टीम इंडिया फिर ज्यादा दवाब में आ गई. अशोक मांकड़ भी सिर्फ दो 11 रन बनाकर पवेलियन लौट गए. लेकिन कप्तान वाडेकर और दिलीप सरदेसाई ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया को जीत के करीब पहुंचा दिया. कप्तान वाडेकर ने सबसे ज्यादा 45 रन बनाए जबकि सरदेसाई ने 40 रन की पारी खेली. गुंडप्पा विश्वनाथ ने 33 रन बनाए. टीम इंडिया ने छह विकेट गंवाकर इंग्लैंड के मैदान पर इतिहास रचा और मैच जीतने के साथ-साथ सीरीज भी जीती. इस जीत के बाद टीम इंडिया के खिलाड़ी तिरंगे के साथ पूरे मैदान पर दौड़ रहे थे. ऐसा लग रहा था जैसे वह वर्ल्ड वॉर जीत गए हों.
इस जीत ने टीम इंडिया की किस्मत बदल दी. टीम जब दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पहुंची तब एयरपोर्ट के बाहर लंबी लाइन थी. लोग अपने क्रिकेट सितारों की एक झलक के लिए कई घंटों से इंतजार कर रहे थे. दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में इन खिलाड़ियों के स्वागत में एक समारोह भी रखा गया जिसमें कई हजार लोग शामिल हुए थे. कप्तान अजीत वाडेकर और अन्य खिलाड़ी जब दिल्ली से मुंबई एयरपोर्ट पहुंचे तब एयरपोर्ट के रास्ते में दस किलोमीटर तक लोगों का लंबा काफिल था. हाथ में झंडा और फूल माला लेकर लोग एयरपोर्ट पर खड़े हुए थे. इन खिलाड़ियों के स्वागत में मुंबई के ब्रेबॉर्न स्टेडियम में एक अलग सा रिसेप्शन भी रखा गया था जिसमें कई बड़े हस्तियां शाामिल हुई थीं. इस रिसेप्शन में भारत के महान खिलाड़ी विजय मर्चेंट ने टीम की तारीफ करते हुए हुए कहा था “अजित एक बड़ा सपना पूरा हुआ है. भगवान आपको और 1971 के सभी क्रिकेटरों को आशीर्वाद दे,1 जिन्होंने भारत के इस सपने को पूरा किया है.”
इसके बाद 1983 वर्ल्ड कप की बात. टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप खेलने के लिए इंग्लैंड का दौरा किया था. टीम के ऊपर कोई ज्यादा भरोसा नहीं था क्योंकि 1975 और 1979 वर्ल्ड कप में टीम कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाई थी. वेस्टइंडीज, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया जैसी शानदार टीमों को हराकर वर्ल्ड कप जीतना इंडिया के लिए आसान नहीं था. लेकिन टीम इंडिया ने पहले मैच में उलटफेर करते हुए वेस्टइंडीज जैसी शानदार टीम को 34 रन से हराकर सबको हैरान कर दिया. फिर पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम इंडिया सेमीफाइनल में पहुंची. सेमी फाइनल इंग्लैंड के खिलाफ था. अब टीम इंडिया को इंग्लैंड को हराना था. मेनचेस्टर के मैदान पर खेले गए इस मैच में इंग्लैंड ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया. उसने निर्धारित 60 ओवरों में 213 रन बनाए.टिप्पणियां
सेमीफाइनल में 214 का लक्ष्य भी भारत के लिए बहुत बड़ा था. लेकिन टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड को छह विकेट से हराया और फाइनल में पहुंचे. इंग्लैंड की ही सरज़मीन पर उसको वर्ल्ड कप में हराना टीम इंडिया के लिए बहुत बड़ी बात थी. भारत के खिलाड़ियों के हाथ में तिरंगा था. खिलाड़ी मैदान के चारों तरफ दौड़ते हुई नज़र आए थे. फाइनल वेस्टइंडीज और भारत के बीच 25 जून को लॉर्ड्स के मैदान पर खेला गया था. वहां भारत ने इतिहास रचते हुए इस मैच को जीता और वर्ल्ड कप हासिल किया था.
इसके बाद कई बार भारत ने इंग्लैंड में इंग्लैंड को हराते हुए भारत का झंडा गाड़ा. वर्ष 1986 में टीम इंडिया ने इंग्लैंड दौरा करते हुए 2-0 से टेस्ट सीरीज जीती थी. साल 2002 में लॉर्ड्स मैदान पर खेले गए नेटवेस्ट सीरीज फाइनल में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को दो विकेट से हराया था. सन 2007 में भी इंग्लैंड का दौरा करते हुए टीम इंडिया ने 1-0 से टेस्ट सीरीज जीती थी. 23 जून 2013 को इंग्लैंड के एडबस्टन मैदान पर खेले गए आईसीसी चैंपियन ट्रॉफी के फाइनल में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को पांच रन से हराया था. फिर 2014 में इंग्लैंड में खेली गई एक दिवसीय मैच सीरीज इंडिया ने 3-1 से जीती थी.
22 जुलाई को लॉर्ड्स के मैदान पर खेला गया पहला मैच ड्रा रहा. पांच अगस्त को मेनचेस्टर के मैदान पर खेला गया दूसरा टेस्ट मैच भी ड्रा रहा. अब टीम इंडिया को आखिरी टेस्ट मैच में कुछ कमाल करना था. आखिरी टेस्ट जीतकर इतिहास रचना था. इंग्लैंड के मैदान पर झंडा फहराना था. 15 अगस्त के दिन टीम इंडिया इंग्लैंड में थी. यही रणनीति बना रही थी कि कैसे इंग्लैंड को हराया जाए. 19 अगस्त 1971 को दोनों टीमों के बीच तीसरा टेस्ट मैच शुरू हुआ. टॉस जीतने के बाद इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया. इंग्लैंड की पहली पारी के 355 रन के जवाब में टीम इंडिया ने 284 रन बनाए. इस तरह इंग्लैंड को पहली पारी में 71 रन की बढ़त मिली. टीम इंडिया के खिलाड़ी थोड़ा घबराए हुए थे. फिर इंग्लैंड की दूसरी पारी शुरू हुई. टीम इंडिया के कप्तान अजीत वाडेकर को अपने स्पिन गेंदबाजों पर काफी भरोसा था. वाडेकर ने जल्दी स्पिन आक्रमण शुरू कर दिया.
बिशन सिंह बेदी, भागवत चंद्रशेखर और आर वेंकटराघवन जैसे स्पिन गेंदबाज टीम में थे. यह तीन गेंदबाज़ इंग्लैंड की पहली पारी में छह विकेट लेने में कामयाब हुए थे. अब इन गेंदबाजों पर काफी दबाव था. चंद्रशेखर को गेंदबाजी के लिए कप्तान ने बुलाया. फिर क्या हुआ चंद्रशेखर की फिरकी के सामने इंग्लैंड के बल्लेबाज फिसल गए. एक के बाद एक विकेट गिरने लगा. चंद्रशेखर ने इंग्लैंड के छह बल्लेबाजों को आउट किया. वेंकटराघवन को दो विकेट मिले और बिशन सिंह बेदी भी एक विकेट लेने में कामयाब हुए. इंग्लैंड की पूरी टीम अपनी दूसरी पारी में सिर्फ 101 रन बनाकर आउट हो गई. अब टीम इंडिया को जीतने के लिए 173 रन चाहिए थे. लक्ष्य तो कम था लेकिन आसान नहीं था. इंग्लैंड के घरेलू मैदान और घरेलू दर्शकों के सामने टीम इंडिया दवाब में थी.
टीम इंडिया का स्कोर जब सिर्फ दो रन था तब बिना रन बनाए सुनील गावस्कर आउट हो गए. टीम इंडिया फिर ज्यादा दवाब में आ गई. अशोक मांकड़ भी सिर्फ दो 11 रन बनाकर पवेलियन लौट गए. लेकिन कप्तान वाडेकर और दिलीप सरदेसाई ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया को जीत के करीब पहुंचा दिया. कप्तान वाडेकर ने सबसे ज्यादा 45 रन बनाए जबकि सरदेसाई ने 40 रन की पारी खेली. गुंडप्पा विश्वनाथ ने 33 रन बनाए. टीम इंडिया ने छह विकेट गंवाकर इंग्लैंड के मैदान पर इतिहास रचा और मैच जीतने के साथ-साथ सीरीज भी जीती. इस जीत के बाद टीम इंडिया के खिलाड़ी तिरंगे के साथ पूरे मैदान पर दौड़ रहे थे. ऐसा लग रहा था जैसे वह वर्ल्ड वॉर जीत गए हों.
इस जीत ने टीम इंडिया की किस्मत बदल दी. टीम जब दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पहुंची तब एयरपोर्ट के बाहर लंबी लाइन थी. लोग अपने क्रिकेट सितारों की एक झलक के लिए कई घंटों से इंतजार कर रहे थे. दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में इन खिलाड़ियों के स्वागत में एक समारोह भी रखा गया जिसमें कई हजार लोग शामिल हुए थे. कप्तान अजीत वाडेकर और अन्य खिलाड़ी जब दिल्ली से मुंबई एयरपोर्ट पहुंचे तब एयरपोर्ट के रास्ते में दस किलोमीटर तक लोगों का लंबा काफिल था. हाथ में झंडा और फूल माला लेकर लोग एयरपोर्ट पर खड़े हुए थे. इन खिलाड़ियों के स्वागत में मुंबई के ब्रेबॉर्न स्टेडियम में एक अलग सा रिसेप्शन भी रखा गया था जिसमें कई बड़े हस्तियां शाामिल हुई थीं. इस रिसेप्शन में भारत के महान खिलाड़ी विजय मर्चेंट ने टीम की तारीफ करते हुए हुए कहा था “अजित एक बड़ा सपना पूरा हुआ है. भगवान आपको और 1971 के सभी क्रिकेटरों को आशीर्वाद दे,1 जिन्होंने भारत के इस सपने को पूरा किया है.”
इसके बाद 1983 वर्ल्ड कप की बात. टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप खेलने के लिए इंग्लैंड का दौरा किया था. टीम के ऊपर कोई ज्यादा भरोसा नहीं था क्योंकि 1975 और 1979 वर्ल्ड कप में टीम कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाई थी. वेस्टइंडीज, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया जैसी शानदार टीमों को हराकर वर्ल्ड कप जीतना इंडिया के लिए आसान नहीं था. लेकिन टीम इंडिया ने पहले मैच में उलटफेर करते हुए वेस्टइंडीज जैसी शानदार टीम को 34 रन से हराकर सबको हैरान कर दिया. फिर पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम इंडिया सेमीफाइनल में पहुंची. सेमी फाइनल इंग्लैंड के खिलाफ था. अब टीम इंडिया को इंग्लैंड को हराना था. मेनचेस्टर के मैदान पर खेले गए इस मैच में इंग्लैंड ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया. उसने निर्धारित 60 ओवरों में 213 रन बनाए.टिप्पणियां
सेमीफाइनल में 214 का लक्ष्य भी भारत के लिए बहुत बड़ा था. लेकिन टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड को छह विकेट से हराया और फाइनल में पहुंचे. इंग्लैंड की ही सरज़मीन पर उसको वर्ल्ड कप में हराना टीम इंडिया के लिए बहुत बड़ी बात थी. भारत के खिलाड़ियों के हाथ में तिरंगा था. खिलाड़ी मैदान के चारों तरफ दौड़ते हुई नज़र आए थे. फाइनल वेस्टइंडीज और भारत के बीच 25 जून को लॉर्ड्स के मैदान पर खेला गया था. वहां भारत ने इतिहास रचते हुए इस मैच को जीता और वर्ल्ड कप हासिल किया था.
इसके बाद कई बार भारत ने इंग्लैंड में इंग्लैंड को हराते हुए भारत का झंडा गाड़ा. वर्ष 1986 में टीम इंडिया ने इंग्लैंड दौरा करते हुए 2-0 से टेस्ट सीरीज जीती थी. साल 2002 में लॉर्ड्स मैदान पर खेले गए नेटवेस्ट सीरीज फाइनल में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को दो विकेट से हराया था. सन 2007 में भी इंग्लैंड का दौरा करते हुए टीम इंडिया ने 1-0 से टेस्ट सीरीज जीती थी. 23 जून 2013 को इंग्लैंड के एडबस्टन मैदान पर खेले गए आईसीसी चैंपियन ट्रॉफी के फाइनल में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को पांच रन से हराया था. फिर 2014 में इंग्लैंड में खेली गई एक दिवसीय मैच सीरीज इंडिया ने 3-1 से जीती थी.
बिशन सिंह बेदी, भागवत चंद्रशेखर और आर वेंकटराघवन जैसे स्पिन गेंदबाज टीम में थे. यह तीन गेंदबाज़ इंग्लैंड की पहली पारी में छह विकेट लेने में कामयाब हुए थे. अब इन गेंदबाजों पर काफी दबाव था. चंद्रशेखर को गेंदबाजी के लिए कप्तान ने बुलाया. फिर क्या हुआ चंद्रशेखर की फिरकी के सामने इंग्लैंड के बल्लेबाज फिसल गए. एक के बाद एक विकेट गिरने लगा. चंद्रशेखर ने इंग्लैंड के छह बल्लेबाजों को आउट किया. वेंकटराघवन को दो विकेट मिले और बिशन सिंह बेदी भी एक विकेट लेने में कामयाब हुए. इंग्लैंड की पूरी टीम अपनी दूसरी पारी में सिर्फ 101 रन बनाकर आउट हो गई. अब टीम इंडिया को जीतने के लिए 173 रन चाहिए थे. लक्ष्य तो कम था लेकिन आसान नहीं था. इंग्लैंड के घरेलू मैदान और घरेलू दर्शकों के सामने टीम इंडिया दवाब में थी.
टीम इंडिया का स्कोर जब सिर्फ दो रन था तब बिना रन बनाए सुनील गावस्कर आउट हो गए. टीम इंडिया फिर ज्यादा दवाब में आ गई. अशोक मांकड़ भी सिर्फ दो 11 रन बनाकर पवेलियन लौट गए. लेकिन कप्तान वाडेकर और दिलीप सरदेसाई ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया को जीत के करीब पहुंचा दिया. कप्तान वाडेकर ने सबसे ज्यादा 45 रन बनाए जबकि सरदेसाई ने 40 रन की पारी खेली. गुंडप्पा विश्वनाथ ने 33 रन बनाए. टीम इंडिया ने छह विकेट गंवाकर इंग्लैंड के मैदान पर इतिहास रचा और मैच जीतने के साथ-साथ सीरीज भी जीती. इस जीत के बाद टीम इंडिया के खिलाड़ी तिरंगे के साथ पूरे मैदान पर दौड़ रहे थे. ऐसा लग रहा था जैसे वह वर्ल्ड वॉर जीत गए हों.
इस जीत ने टीम इंडिया की किस्मत बदल दी. टीम जब दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पहुंची तब एयरपोर्ट के बाहर लंबी लाइन थी. लोग अपने क्रिकेट सितारों की एक झलक के लिए कई घंटों से इंतजार कर रहे थे. दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में इन खिलाड़ियों के स्वागत में एक समारोह भी रखा गया जिसमें कई हजार लोग शामिल हुए थे. कप्तान अजीत वाडेकर और अन्य खिलाड़ी जब दिल्ली से मुंबई एयरपोर्ट पहुंचे तब एयरपोर्ट के रास्ते में दस किलोमीटर तक लोगों का लंबा काफिल था. हाथ में झंडा और फूल माला लेकर लोग एयरपोर्ट पर खड़े हुए थे. इन खिलाड़ियों के स्वागत में मुंबई के ब्रेबॉर्न स्टेडियम में एक अलग सा रिसेप्शन भी रखा गया था जिसमें कई बड़े हस्तियां शाामिल हुई थीं. इस रिसेप्शन में भारत के महान खिलाड़ी विजय मर्चेंट ने टीम की तारीफ करते हुए हुए कहा था “अजित एक बड़ा सपना पूरा हुआ है. भगवान आपको और 1971 के सभी क्रिकेटरों को आशीर्वाद दे,1 जिन्होंने भारत के इस सपने को पूरा किया है.”
इसके बाद 1983 वर्ल्ड कप की बात. टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप खेलने के लिए इंग्लैंड का दौरा किया था. टीम के ऊपर कोई ज्यादा भरोसा नहीं था क्योंकि 1975 और 1979 वर्ल्ड कप में टीम कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाई थी. वेस्टइंडीज, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया जैसी शानदार टीमों को हराकर वर्ल्ड कप जीतना इंडिया के लिए आसान नहीं था. लेकिन टीम इंडिया ने पहले मैच में उलटफेर करते हुए वेस्टइंडीज जैसी शानदार टीम को 34 रन से हराकर सबको हैरान कर दिया. फिर पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम इंडिया सेमीफाइनल में पहुंची. सेमी फाइनल इंग्लैंड के खिलाफ था. अब टीम इंडिया को इंग्लैंड को हराना था. मेनचेस्टर के मैदान पर खेले गए इस मैच में इंग्लैंड ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया. उसने निर्धारित 60 ओवरों में 213 रन बनाए.टिप्पणियां
सेमीफाइनल में 214 का लक्ष्य भी भारत के लिए बहुत बड़ा था. लेकिन टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड को छह विकेट से हराया और फाइनल में पहुंचे. इंग्लैंड की ही सरज़मीन पर उसको वर्ल्ड कप में हराना टीम इंडिया के लिए बहुत बड़ी बात थी. भारत के खिलाड़ियों के हाथ में तिरंगा था. खिलाड़ी मैदान के चारों तरफ दौड़ते हुई नज़र आए थे. फाइनल वेस्टइंडीज और भारत के बीच 25 जून को लॉर्ड्स के मैदान पर खेला गया था. वहां भारत ने इतिहास रचते हुए इस मैच को जीता और वर्ल्ड कप हासिल किया था.
इसके बाद कई बार भारत ने इंग्लैंड में इंग्लैंड को हराते हुए भारत का झंडा गाड़ा. वर्ष 1986 में टीम इंडिया ने इंग्लैंड दौरा करते हुए 2-0 से टेस्ट सीरीज जीती थी. साल 2002 में लॉर्ड्स मैदान पर खेले गए नेटवेस्ट सीरीज फाइनल में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को दो विकेट से हराया था. सन 2007 में भी इंग्लैंड का दौरा करते हुए टीम इंडिया ने 1-0 से टेस्ट सीरीज जीती थी. 23 जून 2013 को इंग्लैंड के एडबस्टन मैदान पर खेले गए आईसीसी चैंपियन ट्रॉफी के फाइनल में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को पांच रन से हराया था. फिर 2014 में इंग्लैंड में खेली गई एक दिवसीय मैच सीरीज इंडिया ने 3-1 से जीती थी.
टीम इंडिया का स्कोर जब सिर्फ दो रन था तब बिना रन बनाए सुनील गावस्कर आउट हो गए. टीम इंडिया फिर ज्यादा दवाब में आ गई. अशोक मांकड़ भी सिर्फ दो 11 रन बनाकर पवेलियन लौट गए. लेकिन कप्तान वाडेकर और दिलीप सरदेसाई ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया को जीत के करीब पहुंचा दिया. कप्तान वाडेकर ने सबसे ज्यादा 45 रन बनाए जबकि सरदेसाई ने 40 रन की पारी खेली. गुंडप्पा विश्वनाथ ने 33 रन बनाए. टीम इंडिया ने छह विकेट गंवाकर इंग्लैंड के मैदान पर इतिहास रचा और मैच जीतने के साथ-साथ सीरीज भी जीती. इस जीत के बाद टीम इंडिया के खिलाड़ी तिरंगे के साथ पूरे मैदान पर दौड़ रहे थे. ऐसा लग रहा था जैसे वह वर्ल्ड वॉर जीत गए हों.
इस जीत ने टीम इंडिया की किस्मत बदल दी. टीम जब दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पहुंची तब एयरपोर्ट के बाहर लंबी लाइन थी. लोग अपने क्रिकेट सितारों की एक झलक के लिए कई घंटों से इंतजार कर रहे थे. दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में इन खिलाड़ियों के स्वागत में एक समारोह भी रखा गया जिसमें कई हजार लोग शामिल हुए थे. कप्तान अजीत वाडेकर और अन्य खिलाड़ी जब दिल्ली से मुंबई एयरपोर्ट पहुंचे तब एयरपोर्ट के रास्ते में दस किलोमीटर तक लोगों का लंबा काफिल था. हाथ में झंडा और फूल माला लेकर लोग एयरपोर्ट पर खड़े हुए थे. इन खिलाड़ियों के स्वागत में मुंबई के ब्रेबॉर्न स्टेडियम में एक अलग सा रिसेप्शन भी रखा गया था जिसमें कई बड़े हस्तियां शाामिल हुई थीं. इस रिसेप्शन में भारत के महान खिलाड़ी विजय मर्चेंट ने टीम की तारीफ करते हुए हुए कहा था “अजित एक बड़ा सपना पूरा हुआ है. भगवान आपको और 1971 के सभी क्रिकेटरों को आशीर्वाद दे,1 जिन्होंने भारत के इस सपने को पूरा किया है.”
इसके बाद 1983 वर्ल्ड कप की बात. टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप खेलने के लिए इंग्लैंड का दौरा किया था. टीम के ऊपर कोई ज्यादा भरोसा नहीं था क्योंकि 1975 और 1979 वर्ल्ड कप में टीम कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाई थी. वेस्टइंडीज, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया जैसी शानदार टीमों को हराकर वर्ल्ड कप जीतना इंडिया के लिए आसान नहीं था. लेकिन टीम इंडिया ने पहले मैच में उलटफेर करते हुए वेस्टइंडीज जैसी शानदार टीम को 34 रन से हराकर सबको हैरान कर दिया. फिर पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम इंडिया सेमीफाइनल में पहुंची. सेमी फाइनल इंग्लैंड के खिलाफ था. अब टीम इंडिया को इंग्लैंड को हराना था. मेनचेस्टर के मैदान पर खेले गए इस मैच में इंग्लैंड ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया. उसने निर्धारित 60 ओवरों में 213 रन बनाए.टिप्पणियां
सेमीफाइनल में 214 का लक्ष्य भी भारत के लिए बहुत बड़ा था. लेकिन टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड को छह विकेट से हराया और फाइनल में पहुंचे. इंग्लैंड की ही सरज़मीन पर उसको वर्ल्ड कप में हराना टीम इंडिया के लिए बहुत बड़ी बात थी. भारत के खिलाड़ियों के हाथ में तिरंगा था. खिलाड़ी मैदान के चारों तरफ दौड़ते हुई नज़र आए थे. फाइनल वेस्टइंडीज और भारत के बीच 25 जून को लॉर्ड्स के मैदान पर खेला गया था. वहां भारत ने इतिहास रचते हुए इस मैच को जीता और वर्ल्ड कप हासिल किया था.
इसके बाद कई बार भारत ने इंग्लैंड में इंग्लैंड को हराते हुए भारत का झंडा गाड़ा. वर्ष 1986 में टीम इंडिया ने इंग्लैंड दौरा करते हुए 2-0 से टेस्ट सीरीज जीती थी. साल 2002 में लॉर्ड्स मैदान पर खेले गए नेटवेस्ट सीरीज फाइनल में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को दो विकेट से हराया था. सन 2007 में भी इंग्लैंड का दौरा करते हुए टीम इंडिया ने 1-0 से टेस्ट सीरीज जीती थी. 23 जून 2013 को इंग्लैंड के एडबस्टन मैदान पर खेले गए आईसीसी चैंपियन ट्रॉफी के फाइनल में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को पांच रन से हराया था. फिर 2014 में इंग्लैंड में खेली गई एक दिवसीय मैच सीरीज इंडिया ने 3-1 से जीती थी.
इस जीत ने टीम इंडिया की किस्मत बदल दी. टीम जब दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पहुंची तब एयरपोर्ट के बाहर लंबी लाइन थी. लोग अपने क्रिकेट सितारों की एक झलक के लिए कई घंटों से इंतजार कर रहे थे. दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में इन खिलाड़ियों के स्वागत में एक समारोह भी रखा गया जिसमें कई हजार लोग शामिल हुए थे. कप्तान अजीत वाडेकर और अन्य खिलाड़ी जब दिल्ली से मुंबई एयरपोर्ट पहुंचे तब एयरपोर्ट के रास्ते में दस किलोमीटर तक लोगों का लंबा काफिल था. हाथ में झंडा और फूल माला लेकर लोग एयरपोर्ट पर खड़े हुए थे. इन खिलाड़ियों के स्वागत में मुंबई के ब्रेबॉर्न स्टेडियम में एक अलग सा रिसेप्शन भी रखा गया था जिसमें कई बड़े हस्तियां शाामिल हुई थीं. इस रिसेप्शन में भारत के महान खिलाड़ी विजय मर्चेंट ने टीम की तारीफ करते हुए हुए कहा था “अजित एक बड़ा सपना पूरा हुआ है. भगवान आपको और 1971 के सभी क्रिकेटरों को आशीर्वाद दे,1 जिन्होंने भारत के इस सपने को पूरा किया है.”
इसके बाद 1983 वर्ल्ड कप की बात. टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप खेलने के लिए इंग्लैंड का दौरा किया था. टीम के ऊपर कोई ज्यादा भरोसा नहीं था क्योंकि 1975 और 1979 वर्ल्ड कप में टीम कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाई थी. वेस्टइंडीज, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया जैसी शानदार टीमों को हराकर वर्ल्ड कप जीतना इंडिया के लिए आसान नहीं था. लेकिन टीम इंडिया ने पहले मैच में उलटफेर करते हुए वेस्टइंडीज जैसी शानदार टीम को 34 रन से हराकर सबको हैरान कर दिया. फिर पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम इंडिया सेमीफाइनल में पहुंची. सेमी फाइनल इंग्लैंड के खिलाफ था. अब टीम इंडिया को इंग्लैंड को हराना था. मेनचेस्टर के मैदान पर खेले गए इस मैच में इंग्लैंड ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया. उसने निर्धारित 60 ओवरों में 213 रन बनाए.टिप्पणियां
सेमीफाइनल में 214 का लक्ष्य भी भारत के लिए बहुत बड़ा था. लेकिन टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड को छह विकेट से हराया और फाइनल में पहुंचे. इंग्लैंड की ही सरज़मीन पर उसको वर्ल्ड कप में हराना टीम इंडिया के लिए बहुत बड़ी बात थी. भारत के खिलाड़ियों के हाथ में तिरंगा था. खिलाड़ी मैदान के चारों तरफ दौड़ते हुई नज़र आए थे. फाइनल वेस्टइंडीज और भारत के बीच 25 जून को लॉर्ड्स के मैदान पर खेला गया था. वहां भारत ने इतिहास रचते हुए इस मैच को जीता और वर्ल्ड कप हासिल किया था.
इसके बाद कई बार भारत ने इंग्लैंड में इंग्लैंड को हराते हुए भारत का झंडा गाड़ा. वर्ष 1986 में टीम इंडिया ने इंग्लैंड दौरा करते हुए 2-0 से टेस्ट सीरीज जीती थी. साल 2002 में लॉर्ड्स मैदान पर खेले गए नेटवेस्ट सीरीज फाइनल में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को दो विकेट से हराया था. सन 2007 में भी इंग्लैंड का दौरा करते हुए टीम इंडिया ने 1-0 से टेस्ट सीरीज जीती थी. 23 जून 2013 को इंग्लैंड के एडबस्टन मैदान पर खेले गए आईसीसी चैंपियन ट्रॉफी के फाइनल में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को पांच रन से हराया था. फिर 2014 में इंग्लैंड में खेली गई एक दिवसीय मैच सीरीज इंडिया ने 3-1 से जीती थी.
इसके बाद 1983 वर्ल्ड कप की बात. टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप खेलने के लिए इंग्लैंड का दौरा किया था. टीम के ऊपर कोई ज्यादा भरोसा नहीं था क्योंकि 1975 और 1979 वर्ल्ड कप में टीम कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाई थी. वेस्टइंडीज, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया जैसी शानदार टीमों को हराकर वर्ल्ड कप जीतना इंडिया के लिए आसान नहीं था. लेकिन टीम इंडिया ने पहले मैच में उलटफेर करते हुए वेस्टइंडीज जैसी शानदार टीम को 34 रन से हराकर सबको हैरान कर दिया. फिर पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम इंडिया सेमीफाइनल में पहुंची. सेमी फाइनल इंग्लैंड के खिलाफ था. अब टीम इंडिया को इंग्लैंड को हराना था. मेनचेस्टर के मैदान पर खेले गए इस मैच में इंग्लैंड ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया. उसने निर्धारित 60 ओवरों में 213 रन बनाए.टिप्पणियां
सेमीफाइनल में 214 का लक्ष्य भी भारत के लिए बहुत बड़ा था. लेकिन टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड को छह विकेट से हराया और फाइनल में पहुंचे. इंग्लैंड की ही सरज़मीन पर उसको वर्ल्ड कप में हराना टीम इंडिया के लिए बहुत बड़ी बात थी. भारत के खिलाड़ियों के हाथ में तिरंगा था. खिलाड़ी मैदान के चारों तरफ दौड़ते हुई नज़र आए थे. फाइनल वेस्टइंडीज और भारत के बीच 25 जून को लॉर्ड्स के मैदान पर खेला गया था. वहां भारत ने इतिहास रचते हुए इस मैच को जीता और वर्ल्ड कप हासिल किया था.
इसके बाद कई बार भारत ने इंग्लैंड में इंग्लैंड को हराते हुए भारत का झंडा गाड़ा. वर्ष 1986 में टीम इंडिया ने इंग्लैंड दौरा करते हुए 2-0 से टेस्ट सीरीज जीती थी. साल 2002 में लॉर्ड्स मैदान पर खेले गए नेटवेस्ट सीरीज फाइनल में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को दो विकेट से हराया था. सन 2007 में भी इंग्लैंड का दौरा करते हुए टीम इंडिया ने 1-0 से टेस्ट सीरीज जीती थी. 23 जून 2013 को इंग्लैंड के एडबस्टन मैदान पर खेले गए आईसीसी चैंपियन ट्रॉफी के फाइनल में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को पांच रन से हराया था. फिर 2014 में इंग्लैंड में खेली गई एक दिवसीय मैच सीरीज इंडिया ने 3-1 से जीती थी.
सेमीफाइनल में 214 का लक्ष्य भी भारत के लिए बहुत बड़ा था. लेकिन टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड को छह विकेट से हराया और फाइनल में पहुंचे. इंग्लैंड की ही सरज़मीन पर उसको वर्ल्ड कप में हराना टीम इंडिया के लिए बहुत बड़ी बात थी. भारत के खिलाड़ियों के हाथ में तिरंगा था. खिलाड़ी मैदान के चारों तरफ दौड़ते हुई नज़र आए थे. फाइनल वेस्टइंडीज और भारत के बीच 25 जून को लॉर्ड्स के मैदान पर खेला गया था. वहां भारत ने इतिहास रचते हुए इस मैच को जीता और वर्ल्ड कप हासिल किया था.
इसके बाद कई बार भारत ने इंग्लैंड में इंग्लैंड को हराते हुए भारत का झंडा गाड़ा. वर्ष 1986 में टीम इंडिया ने इंग्लैंड दौरा करते हुए 2-0 से टेस्ट सीरीज जीती थी. साल 2002 में लॉर्ड्स मैदान पर खेले गए नेटवेस्ट सीरीज फाइनल में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को दो विकेट से हराया था. सन 2007 में भी इंग्लैंड का दौरा करते हुए टीम इंडिया ने 1-0 से टेस्ट सीरीज जीती थी. 23 जून 2013 को इंग्लैंड के एडबस्टन मैदान पर खेले गए आईसीसी चैंपियन ट्रॉफी के फाइनल में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को पांच रन से हराया था. फिर 2014 में इंग्लैंड में खेली गई एक दिवसीय मैच सीरीज इंडिया ने 3-1 से जीती थी.
इसके बाद कई बार भारत ने इंग्लैंड में इंग्लैंड को हराते हुए भारत का झंडा गाड़ा. वर्ष 1986 में टीम इंडिया ने इंग्लैंड दौरा करते हुए 2-0 से टेस्ट सीरीज जीती थी. साल 2002 में लॉर्ड्स मैदान पर खेले गए नेटवेस्ट सीरीज फाइनल में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को दो विकेट से हराया था. सन 2007 में भी इंग्लैंड का दौरा करते हुए टीम इंडिया ने 1-0 से टेस्ट सीरीज जीती थी. 23 जून 2013 को इंग्लैंड के एडबस्टन मैदान पर खेले गए आईसीसी चैंपियन ट्रॉफी के फाइनल में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को पांच रन से हराया था. फिर 2014 में इंग्लैंड में खेली गई एक दिवसीय मैच सीरीज इंडिया ने 3-1 से जीती थी.
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एक सीनियर छात्र द्वारा फेंका गया भाला 11 वर्षीय एक छात्र के सिर पर लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
पुलिस के मुताबिक, दक्षिण दिल्ली के सीआर पार्क इलाके में स्थित सर्वोदय सरकारी स्कूल के छठी कक्षा का छात्र रोशन लामा स्कूल के खेल के मैदान में अपने दोस्तों के साथ शाम करीब 4 बजे घूम रहा था।टिप्पणियां
पुलिस ने बताया कि उस वक्त 12 वीं कक्षा के कुछ छात्र भाला फेंकने का अभ्यास कर रहे थे, जो लामा के बाएं कान के पास सिर में जा लगा। इससे वह मैदान में गिर गया और रक्त बहने लगा।
उसे पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से उसे एम्स ट्रॉमा सेंटर भेज दिया गया। वहां उसे गहन चिकित्सा कक्ष में रखा गया है और उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है। लड़के के माता-पिता ने इस घटना के लिए स्कूल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है।
पुलिस के मुताबिक, दक्षिण दिल्ली के सीआर पार्क इलाके में स्थित सर्वोदय सरकारी स्कूल के छठी कक्षा का छात्र रोशन लामा स्कूल के खेल के मैदान में अपने दोस्तों के साथ शाम करीब 4 बजे घूम रहा था।टिप्पणियां
पुलिस ने बताया कि उस वक्त 12 वीं कक्षा के कुछ छात्र भाला फेंकने का अभ्यास कर रहे थे, जो लामा के बाएं कान के पास सिर में जा लगा। इससे वह मैदान में गिर गया और रक्त बहने लगा।
उसे पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से उसे एम्स ट्रॉमा सेंटर भेज दिया गया। वहां उसे गहन चिकित्सा कक्ष में रखा गया है और उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है। लड़के के माता-पिता ने इस घटना के लिए स्कूल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है।
पुलिस ने बताया कि उस वक्त 12 वीं कक्षा के कुछ छात्र भाला फेंकने का अभ्यास कर रहे थे, जो लामा के बाएं कान के पास सिर में जा लगा। इससे वह मैदान में गिर गया और रक्त बहने लगा।
उसे पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से उसे एम्स ट्रॉमा सेंटर भेज दिया गया। वहां उसे गहन चिकित्सा कक्ष में रखा गया है और उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है। लड़के के माता-पिता ने इस घटना के लिए स्कूल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है।
उसे पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से उसे एम्स ट्रॉमा सेंटर भेज दिया गया। वहां उसे गहन चिकित्सा कक्ष में रखा गया है और उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है। लड़के के माता-पिता ने इस घटना के लिए स्कूल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है।
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ सिर्फ विपक्षी पार्टियां ही नहीं बल्कि उनके अन्य ईकाइयां भी एक होकर हल्ला बोल रही हैं सोमवार को भारतीय युवा कांग्रेस और 13 अन्य विपक्षी दलों की युवा इकाइयों ने नरेंद्र मोदी सरकार की ‘नाकामियों’ के खिलाफ सोमवार को प्रदर्शन किया.
‘यूनाइटेड यूथ फ्रंट’ के बैनर तले इन युवा संगठनों के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने मंडी हाउस से जंतर-मंतर तक मार्च निकाला. इसके बाद जंतर-मंतर पर एक सभा का आयोजन किया गया. इस मौके पर युवा कांग्रेस अध्यक्ष केशव चंद यादव ने कहा, ‘यूनाइटेड यूथ फ्रंट की पहली रैली का शंखनाद हुआ . 14 विभिन्न राजनीतिक दलों के युवा संगठनों के लोगों ने एकजुट हो कर केंद्र में बैठी जनविरोधी भाजपा सरकार की नाकामियों के खिलाफ हुंकार भरी और दर्शाया कि देश का युवा अब इनके जुमलों और झूठे वादों का शिकार नहीं होगा. ’ टिप्पणियां
उन्होंने कहा, ‘इस सरकार में युवा, महिलाएं और किसान सबसे ज्यादा परेशान हैं. किसानों के नाम पर चलाई जा रही फ़सल बीमा योजना में खरीफ़ 2016 और रबी 2016-17 में प्राइवेट कंपनियों को 14,828 करोड़ रुपए का लाभ मोदी सरकार ने पहुँचाया है. ’
इस प्रदर्शन में भाकपा की युवा इकाई ऑल इंडिया यूथ फ्रंट, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की युवा इकाई राष्ट्रवादी युवा कांग्रेस, समाजवादी पार्टी की युवा इकाई समाजवादी युवजन सभा, फॉरवर्ड ब्लॉक की युवा शाखा ऑल इंडिया यूथ लीग तथा कुछ अन्य दलों की युवा इकाइयां शामिल हुईं.
‘यूनाइटेड यूथ फ्रंट’ के बैनर तले इन युवा संगठनों के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने मंडी हाउस से जंतर-मंतर तक मार्च निकाला. इसके बाद जंतर-मंतर पर एक सभा का आयोजन किया गया. इस मौके पर युवा कांग्रेस अध्यक्ष केशव चंद यादव ने कहा, ‘यूनाइटेड यूथ फ्रंट की पहली रैली का शंखनाद हुआ . 14 विभिन्न राजनीतिक दलों के युवा संगठनों के लोगों ने एकजुट हो कर केंद्र में बैठी जनविरोधी भाजपा सरकार की नाकामियों के खिलाफ हुंकार भरी और दर्शाया कि देश का युवा अब इनके जुमलों और झूठे वादों का शिकार नहीं होगा. ’ टिप्पणियां
उन्होंने कहा, ‘इस सरकार में युवा, महिलाएं और किसान सबसे ज्यादा परेशान हैं. किसानों के नाम पर चलाई जा रही फ़सल बीमा योजना में खरीफ़ 2016 और रबी 2016-17 में प्राइवेट कंपनियों को 14,828 करोड़ रुपए का लाभ मोदी सरकार ने पहुँचाया है. ’
इस प्रदर्शन में भाकपा की युवा इकाई ऑल इंडिया यूथ फ्रंट, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की युवा इकाई राष्ट्रवादी युवा कांग्रेस, समाजवादी पार्टी की युवा इकाई समाजवादी युवजन सभा, फॉरवर्ड ब्लॉक की युवा शाखा ऑल इंडिया यूथ लीग तथा कुछ अन्य दलों की युवा इकाइयां शामिल हुईं.
उन्होंने कहा, ‘इस सरकार में युवा, महिलाएं और किसान सबसे ज्यादा परेशान हैं. किसानों के नाम पर चलाई जा रही फ़सल बीमा योजना में खरीफ़ 2016 और रबी 2016-17 में प्राइवेट कंपनियों को 14,828 करोड़ रुपए का लाभ मोदी सरकार ने पहुँचाया है. ’
इस प्रदर्शन में भाकपा की युवा इकाई ऑल इंडिया यूथ फ्रंट, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की युवा इकाई राष्ट्रवादी युवा कांग्रेस, समाजवादी पार्टी की युवा इकाई समाजवादी युवजन सभा, फॉरवर्ड ब्लॉक की युवा शाखा ऑल इंडिया यूथ लीग तथा कुछ अन्य दलों की युवा इकाइयां शामिल हुईं.
इस प्रदर्शन में भाकपा की युवा इकाई ऑल इंडिया यूथ फ्रंट, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की युवा इकाई राष्ट्रवादी युवा कांग्रेस, समाजवादी पार्टी की युवा इकाई समाजवादी युवजन सभा, फॉरवर्ड ब्लॉक की युवा शाखा ऑल इंडिया यूथ लीग तथा कुछ अन्य दलों की युवा इकाइयां शामिल हुईं.
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शौकिया रेडियो ऑपरेटरों के पास शौकिया उपग्रहों तक पहुंच होती है, जिन्हें विशेष रूप से शौकिया रेडियो ट्रैफ़िक ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ऐसे अधिकांश उपग्रह अंतरिक्षवाहित रिपीटर्स के रूप में काम करते हैं, और आम तौर पर यूएचएफ या वीएचएफ रेडियो उपकरण और यागिस या डिश एंटेना जैसे अत्यधिक दिशात्मक एंटेना से लैस शौकीनों द्वारा उन तक पहुंच होती है। लॉन्च लागत के कारण, अधिकांश वर्तमान शौकिया उपग्रहों को काफी कम पृथ्वी की कक्षाओं में लॉन्च किया जाता है, और किसी भी समय केवल सीमित संख्या में संक्षिप्त संपर्कों से निपटने के लिए डिज़ाइन किया गया है। कुछ उपग्रह X.25 या समान प्रोटोकॉल का उपयोग करके डेटा-अग्रेषण सेवाएँ भी प्रदान करते हैं।
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कांग्रेस के मीडिया सेल में मनमोहन सिंह मंत्रिमंडल में फेरबदल की सबसे ज्यादा बेसब्री से प्रतीक्षा की जा रही है. मंत्रिमंडल में शामिल होने वालों की संभावित सूची में सबसे ऊपर जनार्दन द्विवेदी का नाम है जो पार्टी के महासचिव और मीडिया सेल के अध्यक्ष हैं.
द्विवेदी एचआरडी मंत्रालय मिलने की उम्मीद कर रहे हैं. मनीष तिवारी और रेणुका चौधरी को भी सरकार में शामिल करने का संकेत मिला है. तिवारी को यह इनाम 2जी घोटाले पर गठित जेपीसी में उनके प्रदर्शन की बदौलत मिलने वाला है तो रेणुका को सिर्फ इसलिए कि वे आंध्र प्रदेश से हैं, हालांकि पार्टी को रेणुका के मुसीबत मोल लेने की क्षमता से निबटने के अलावा कई संकटों से उबरना है.
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: इंग्लैंड के पूर्व कप्तान ज्योफ्री बॉयकॉट को लगता है कि इस समय भारतीय टीम ‘बहुत औसत’ है, लेकिन ‘भाग्यशाली’ है कि उसके पास महेंद्र सिंह धोनी जैसा कप्तान है, जो ‘टीम के स्तर में कमी’ के दोष के लिए आलोचनाओं का सामना कर रहा है।
बॉयकॉट ने कहा, क्या आप कप्तानों को उनकी जीत और हार के अनुपात से देखते हो या फिर आप टीम के स्तर को देखते हो? अगर आप भारत के बारे में सोच रहे हो तो टीम में स्तर की कमी है, टीम में तेज गेंदबाजी के स्तर की कमी है, स्पिन गेंदबाजी के स्तर की कमी है और आपके कुछ खिलाड़ी संन्यास लेना शुरू कर रहे हैं। क्या ऐसा नहीं है?
उन्होंने कहा, ‘राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण जा चुके हैं, सचिन तेंदुलकर ने हाल में ज्यादा रन नहीं जुटाए हैं तो क्या यह धोनी की गलती है? बॉयकॉट ने कहा, मुझे ऐसा नहीं लगता। मैं लोगों को टीम के जीतने या हारने के अनुपात से नहीं आंकता। आपको टीम को देखना होगा। भारतीय टीम सच में भाग्यशाली हो कि उसके पास धोनी है। इंग्लैंड के खिलाफ हाल में घरेलू टेस्ट शृंखला में मिली हार के बाद धोनी की काफी आलोचना हो रही है, हालांकि वह खुद अच्छी फॉर्म में हैं।टिप्पणियां
बॉयकॉट ने कहा कि टेस्ट कप्तान के रूप में धोनी की कुछ सीमाएं हैं, लेकिन भारतीयों के पास उसकी जगह लेने के लिए कोई अच्छा खिलाड़ी नहीं है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि वह शानदार एक दिवसीय कप्तान है। बहुत लोगों की तरह मुझे लगता है कि उसके पास खिलाड़ियों के कौशल का इस्तेमाल करने की अच्छी नेतृत्वक्षमता है, लेकिन तकनीकी रूप से टेस्ट मैचों में इससे कहीं थोड़े ज्यादा की जरूरत होती है, लेकिन आपके पास उसकी जगह लेने के लिए कोई और भी नहीं है।
बॉयकॉट ने कहा, आपके पास काफी अच्छे खिलाड़ी हैं, लेकिन दुनिया की अन्य स्तरीय टीम की तुलना में आप बहुत औसत हो और आप एक औसत टीम के साथ नहीं जीत सकते। इसके लिए हमेशा कप्तान को दोषी ठहराया जाता है। जब टीम जीतती है तो कप्तान की प्रशंसा की जाती है, लेकिन मुझे लगता है कि यह अनुचित है। उन्होंने कहा कि धोनी को टीम के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि भारत ऐसी टीम है, जो अभी बदलाव के दौर से गुजर रही है।
बॉयकॉट ने कहा, क्या आप कप्तानों को उनकी जीत और हार के अनुपात से देखते हो या फिर आप टीम के स्तर को देखते हो? अगर आप भारत के बारे में सोच रहे हो तो टीम में स्तर की कमी है, टीम में तेज गेंदबाजी के स्तर की कमी है, स्पिन गेंदबाजी के स्तर की कमी है और आपके कुछ खिलाड़ी संन्यास लेना शुरू कर रहे हैं। क्या ऐसा नहीं है?
उन्होंने कहा, ‘राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण जा चुके हैं, सचिन तेंदुलकर ने हाल में ज्यादा रन नहीं जुटाए हैं तो क्या यह धोनी की गलती है? बॉयकॉट ने कहा, मुझे ऐसा नहीं लगता। मैं लोगों को टीम के जीतने या हारने के अनुपात से नहीं आंकता। आपको टीम को देखना होगा। भारतीय टीम सच में भाग्यशाली हो कि उसके पास धोनी है। इंग्लैंड के खिलाफ हाल में घरेलू टेस्ट शृंखला में मिली हार के बाद धोनी की काफी आलोचना हो रही है, हालांकि वह खुद अच्छी फॉर्म में हैं।टिप्पणियां
बॉयकॉट ने कहा कि टेस्ट कप्तान के रूप में धोनी की कुछ सीमाएं हैं, लेकिन भारतीयों के पास उसकी जगह लेने के लिए कोई अच्छा खिलाड़ी नहीं है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि वह शानदार एक दिवसीय कप्तान है। बहुत लोगों की तरह मुझे लगता है कि उसके पास खिलाड़ियों के कौशल का इस्तेमाल करने की अच्छी नेतृत्वक्षमता है, लेकिन तकनीकी रूप से टेस्ट मैचों में इससे कहीं थोड़े ज्यादा की जरूरत होती है, लेकिन आपके पास उसकी जगह लेने के लिए कोई और भी नहीं है।
बॉयकॉट ने कहा, आपके पास काफी अच्छे खिलाड़ी हैं, लेकिन दुनिया की अन्य स्तरीय टीम की तुलना में आप बहुत औसत हो और आप एक औसत टीम के साथ नहीं जीत सकते। इसके लिए हमेशा कप्तान को दोषी ठहराया जाता है। जब टीम जीतती है तो कप्तान की प्रशंसा की जाती है, लेकिन मुझे लगता है कि यह अनुचित है। उन्होंने कहा कि धोनी को टीम के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि भारत ऐसी टीम है, जो अभी बदलाव के दौर से गुजर रही है।
उन्होंने कहा, ‘राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण जा चुके हैं, सचिन तेंदुलकर ने हाल में ज्यादा रन नहीं जुटाए हैं तो क्या यह धोनी की गलती है? बॉयकॉट ने कहा, मुझे ऐसा नहीं लगता। मैं लोगों को टीम के जीतने या हारने के अनुपात से नहीं आंकता। आपको टीम को देखना होगा। भारतीय टीम सच में भाग्यशाली हो कि उसके पास धोनी है। इंग्लैंड के खिलाफ हाल में घरेलू टेस्ट शृंखला में मिली हार के बाद धोनी की काफी आलोचना हो रही है, हालांकि वह खुद अच्छी फॉर्म में हैं।टिप्पणियां
बॉयकॉट ने कहा कि टेस्ट कप्तान के रूप में धोनी की कुछ सीमाएं हैं, लेकिन भारतीयों के पास उसकी जगह लेने के लिए कोई अच्छा खिलाड़ी नहीं है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि वह शानदार एक दिवसीय कप्तान है। बहुत लोगों की तरह मुझे लगता है कि उसके पास खिलाड़ियों के कौशल का इस्तेमाल करने की अच्छी नेतृत्वक्षमता है, लेकिन तकनीकी रूप से टेस्ट मैचों में इससे कहीं थोड़े ज्यादा की जरूरत होती है, लेकिन आपके पास उसकी जगह लेने के लिए कोई और भी नहीं है।
बॉयकॉट ने कहा, आपके पास काफी अच्छे खिलाड़ी हैं, लेकिन दुनिया की अन्य स्तरीय टीम की तुलना में आप बहुत औसत हो और आप एक औसत टीम के साथ नहीं जीत सकते। इसके लिए हमेशा कप्तान को दोषी ठहराया जाता है। जब टीम जीतती है तो कप्तान की प्रशंसा की जाती है, लेकिन मुझे लगता है कि यह अनुचित है। उन्होंने कहा कि धोनी को टीम के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि भारत ऐसी टीम है, जो अभी बदलाव के दौर से गुजर रही है।
बॉयकॉट ने कहा कि टेस्ट कप्तान के रूप में धोनी की कुछ सीमाएं हैं, लेकिन भारतीयों के पास उसकी जगह लेने के लिए कोई अच्छा खिलाड़ी नहीं है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि वह शानदार एक दिवसीय कप्तान है। बहुत लोगों की तरह मुझे लगता है कि उसके पास खिलाड़ियों के कौशल का इस्तेमाल करने की अच्छी नेतृत्वक्षमता है, लेकिन तकनीकी रूप से टेस्ट मैचों में इससे कहीं थोड़े ज्यादा की जरूरत होती है, लेकिन आपके पास उसकी जगह लेने के लिए कोई और भी नहीं है।
बॉयकॉट ने कहा, आपके पास काफी अच्छे खिलाड़ी हैं, लेकिन दुनिया की अन्य स्तरीय टीम की तुलना में आप बहुत औसत हो और आप एक औसत टीम के साथ नहीं जीत सकते। इसके लिए हमेशा कप्तान को दोषी ठहराया जाता है। जब टीम जीतती है तो कप्तान की प्रशंसा की जाती है, लेकिन मुझे लगता है कि यह अनुचित है। उन्होंने कहा कि धोनी को टीम के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि भारत ऐसी टीम है, जो अभी बदलाव के दौर से गुजर रही है।
बॉयकॉट ने कहा, आपके पास काफी अच्छे खिलाड़ी हैं, लेकिन दुनिया की अन्य स्तरीय टीम की तुलना में आप बहुत औसत हो और आप एक औसत टीम के साथ नहीं जीत सकते। इसके लिए हमेशा कप्तान को दोषी ठहराया जाता है। जब टीम जीतती है तो कप्तान की प्रशंसा की जाती है, लेकिन मुझे लगता है कि यह अनुचित है। उन्होंने कहा कि धोनी को टीम के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि भारत ऐसी टीम है, जो अभी बदलाव के दौर से गुजर रही है।
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सूत्रों के अनुसार पहली बार किसी खिलाड़ी को डाइमेथिलबुटिलेमाइन के सेवन का दोषी पाया गया है. यह मेथिलहेक्सानामाइन स्टिम्युलेंट जैसा ही है. दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल 2010 के दौरान कई खिलाड़ियों को मेथिलहेक्सानामाइन के सेवन का दोषी पाया गया था. मनप्रीत लंदन में अगले महीने होने वाली विश्व चैम्पियनशिप के लिये क्वालीफाई कर चुकी है लेकिन अब उसकी भागीदारी खतरे में पड़ गई है. एएफआई अधिकारी ने कहा ,‘हमने अभी इसके बारे में नहीं सोचा है लेकिन हम विश्व स्तर पर अपनी किरकिरी नहीं कराना चाहते. इस पर सोचना पड़ेगा’ मनप्रीत ने चीन के जिन्हुआ में एशियाई ग्रां प्री में 18 . 86 मीटर का थ्रो करके विश्व चैम्पियनशिप के लिए क्वालीफाई किया था.
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'कार-निर्माताओं' की टीम के अन्य सदस्य टोनी थॉमस के मुताबिक, "हमने इस कार को बनाने में रोज़ाना कॉलेज के बाद आठ-नौ घंटे खर्च किए, और कभी-कभी कॉलेज से बंक भी मारना पड़ा... इसके अलावा हमने कार बनाने के बारे में बेसिक आइडिया हासिल करने के लिए कार मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट का दौरा भी किया..."
इन बच्चों ने 'जुगाड़' को बनाने में चार लाख रुपये खर्च किए, जो कॉरपोरेट फंडिंग से इन्हें वापस दे दिए गए हैं... इसके अलावा इनके 'जुगाड़' को अब अंतरराष्ट्रीय पहचान भी मिलने वाली है, क्योंकि जुलाई में 'जुगाड़' को मलेशिया में होने वाली 'शेल ईको-मैराथन' में शामिल किया जाएगा, जहां गाड़ियों को उनकी माइलेज से ही आंका जाएगा...
इन बच्चों ने 'जुगाड़' को बनाने में चार लाख रुपये खर्च किए, जो कॉरपोरेट फंडिंग से इन्हें वापस दे दिए गए हैं... इसके अलावा इनके 'जुगाड़' को अब अंतरराष्ट्रीय पहचान भी मिलने वाली है, क्योंकि जुलाई में 'जुगाड़' को मलेशिया में होने वाली 'शेल ईको-मैराथन' में शामिल किया जाएगा, जहां गाड़ियों को उनकी माइलेज से ही आंका जाएगा...
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बंबई शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स में चार दिन की गिरावट के सिलसिले पर गुरुवार को विराम लगा और सेंसेक्स 407.03 अंक उछलकर 18,312.94 अंक पर बंद हुआ, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 105.90 अंक चढ़कर 5408.45 पर बंद हुआ।
सेंसेक्स पिछले चार कारोबारी सत्र में कुल 1,361 अंक लुढ़क कर बुधवार को बंद के समय 17,759.59 पर पहुंच गया था। गुरुवार को बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 9.07 अंकों की गिरावट के साथ 17,896.84 पर खुला और 407.03 अंकों या 2.27 फीसदी की तेजी के साथ 18,312.94 पर बंद हुआ। दिन भर के कारोबार में सेंसेक्स ने 18,349.82 के ऊपरी और 17,759.59 के निचले स्तर को छुआ।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 19.75 अंकों की गिरावट के साथ 5,282.80 पर खुला और 105.90 अंकों या 2.00 फीसदी की तेजी के साथ 5,408.45 पर बंद हुआ। दिन भर के कारोबार में निफ्टी ने 5,418.95 के ऊपरी और 5,254.05 के निचले स्तर को छुआ।टिप्पणियां
बीएसई के मिडकैप और स्मालकैप सूचकांकों में भी तेजी दर्ज की गई। मिडकैप 36.14 अंकों की तेजी के साथ 5,310.17 पर और स्मॉलकैप 27.74 अंकों की तेजी के साथ 5,208.86 पर बंद हुआ।
बीएसई के 13 में से 12 सेक्टरों में तेजी दर्ज की गई। धातु (8.23 फीसदी), तेल एवं गैस (3.57 फीसदी), सार्वजनिक कंपनी (2.98 फीसदी), स्वास्थ्य सेवा (2.64 फीसदी) और सूचना प्रौद्योगिकी (2.55 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी दर्ज की गई।
सेंसेक्स पिछले चार कारोबारी सत्र में कुल 1,361 अंक लुढ़क कर बुधवार को बंद के समय 17,759.59 पर पहुंच गया था। गुरुवार को बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 9.07 अंकों की गिरावट के साथ 17,896.84 पर खुला और 407.03 अंकों या 2.27 फीसदी की तेजी के साथ 18,312.94 पर बंद हुआ। दिन भर के कारोबार में सेंसेक्स ने 18,349.82 के ऊपरी और 17,759.59 के निचले स्तर को छुआ।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 19.75 अंकों की गिरावट के साथ 5,282.80 पर खुला और 105.90 अंकों या 2.00 फीसदी की तेजी के साथ 5,408.45 पर बंद हुआ। दिन भर के कारोबार में निफ्टी ने 5,418.95 के ऊपरी और 5,254.05 के निचले स्तर को छुआ।टिप्पणियां
बीएसई के मिडकैप और स्मालकैप सूचकांकों में भी तेजी दर्ज की गई। मिडकैप 36.14 अंकों की तेजी के साथ 5,310.17 पर और स्मॉलकैप 27.74 अंकों की तेजी के साथ 5,208.86 पर बंद हुआ।
बीएसई के 13 में से 12 सेक्टरों में तेजी दर्ज की गई। धातु (8.23 फीसदी), तेल एवं गैस (3.57 फीसदी), सार्वजनिक कंपनी (2.98 फीसदी), स्वास्थ्य सेवा (2.64 फीसदी) और सूचना प्रौद्योगिकी (2.55 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी दर्ज की गई।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 19.75 अंकों की गिरावट के साथ 5,282.80 पर खुला और 105.90 अंकों या 2.00 फीसदी की तेजी के साथ 5,408.45 पर बंद हुआ। दिन भर के कारोबार में निफ्टी ने 5,418.95 के ऊपरी और 5,254.05 के निचले स्तर को छुआ।टिप्पणियां
बीएसई के मिडकैप और स्मालकैप सूचकांकों में भी तेजी दर्ज की गई। मिडकैप 36.14 अंकों की तेजी के साथ 5,310.17 पर और स्मॉलकैप 27.74 अंकों की तेजी के साथ 5,208.86 पर बंद हुआ।
बीएसई के 13 में से 12 सेक्टरों में तेजी दर्ज की गई। धातु (8.23 फीसदी), तेल एवं गैस (3.57 फीसदी), सार्वजनिक कंपनी (2.98 फीसदी), स्वास्थ्य सेवा (2.64 फीसदी) और सूचना प्रौद्योगिकी (2.55 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी दर्ज की गई।
बीएसई के मिडकैप और स्मालकैप सूचकांकों में भी तेजी दर्ज की गई। मिडकैप 36.14 अंकों की तेजी के साथ 5,310.17 पर और स्मॉलकैप 27.74 अंकों की तेजी के साथ 5,208.86 पर बंद हुआ।
बीएसई के 13 में से 12 सेक्टरों में तेजी दर्ज की गई। धातु (8.23 फीसदी), तेल एवं गैस (3.57 फीसदी), सार्वजनिक कंपनी (2.98 फीसदी), स्वास्थ्य सेवा (2.64 फीसदी) और सूचना प्रौद्योगिकी (2.55 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी दर्ज की गई।
बीएसई के 13 में से 12 सेक्टरों में तेजी दर्ज की गई। धातु (8.23 फीसदी), तेल एवं गैस (3.57 फीसदी), सार्वजनिक कंपनी (2.98 फीसदी), स्वास्थ्य सेवा (2.64 फीसदी) और सूचना प्रौद्योगिकी (2.55 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी दर्ज की गई।
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लेख: कार्बन स्मार्ट चैम्पियंस लीग ट्वेंटी-20 तकनीकी समिति ने कोलकाता नाइट राइडर्स को बुधवार को अपनी टीम में परिवर्तन की इजाजत दे दी। इसके तहत लक्ष्मी रतन शुक्ला के स्थान पर देबब्रत दास को टीम में जगह दी जा सकती है।टिप्पणियां
चैम्पियंस लीग ट्वेंटी-20 तकनीकी समिति के बयान के मुताबिक शुक्ला भारत में ही बना रहेंगे और दक्षिण अफ्रीका नहीं जा सकेंगे। वह पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण इस आयोजन से अलग होना चाह रहे थे।
इसके बाद 26 साल के बल्लेबाज दास को टीम में जगह मिल गई है। नाइट राइडर्स मौजूदा आईपीएल चैम्पियन की हैसियत से पहली बार चैम्पियंस लीग में हिस्सा लेगा। उसका पहला मैच 13 अक्टूबर को सेंचुरियन में दिल्ली डेयरडेविल्स टीम के साथ है। डेयरडेविल्स भी आईपीएल की टीम है।
चैम्पियंस लीग ट्वेंटी-20 तकनीकी समिति के बयान के मुताबिक शुक्ला भारत में ही बना रहेंगे और दक्षिण अफ्रीका नहीं जा सकेंगे। वह पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण इस आयोजन से अलग होना चाह रहे थे।
इसके बाद 26 साल के बल्लेबाज दास को टीम में जगह मिल गई है। नाइट राइडर्स मौजूदा आईपीएल चैम्पियन की हैसियत से पहली बार चैम्पियंस लीग में हिस्सा लेगा। उसका पहला मैच 13 अक्टूबर को सेंचुरियन में दिल्ली डेयरडेविल्स टीम के साथ है। डेयरडेविल्स भी आईपीएल की टीम है।
इसके बाद 26 साल के बल्लेबाज दास को टीम में जगह मिल गई है। नाइट राइडर्स मौजूदा आईपीएल चैम्पियन की हैसियत से पहली बार चैम्पियंस लीग में हिस्सा लेगा। उसका पहला मैच 13 अक्टूबर को सेंचुरियन में दिल्ली डेयरडेविल्स टीम के साथ है। डेयरडेविल्स भी आईपीएल की टीम है।
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लेख: ब्लैकबेरी निर्माता रिसर्च इन मोशन (रिम) ने बुधवार को एक नया फोन बाजार में उतारने के बाद कहा कि इस साल वह भारत में उद्योग के शीर्ष पर होगी। रिम फिलहाल वैश्विक बाजार में समस्याओं का सामना कर रही है।टिप्पणियां
कनाडा की कंपनी रिम विश्व बाजार में सैमसंग और एप्पल से पिछड़ती जा रही है और उसके बाजार हिस्से पर कंपनियां कब्जा जमाती जा रही है। बहरहाल, कंपनी ने ब्लैकबेरी पोर्शे को इस साल की शुरुआत में बाजार में उतारा है।
अल्ट्रा प्रीमियम ब्लैकबेरी पोर्शे पी.9981 का दाम 1.39 लाख रुपये रखा गया है। रिम इंडिया के प्रबंध निदेशक सुनील दत्त ने कहा कि यह फोन ताकत, स्टाइल और महत्वाकांक्षा को पूरी करने वाला है।
कनाडा की कंपनी रिम विश्व बाजार में सैमसंग और एप्पल से पिछड़ती जा रही है और उसके बाजार हिस्से पर कंपनियां कब्जा जमाती जा रही है। बहरहाल, कंपनी ने ब्लैकबेरी पोर्शे को इस साल की शुरुआत में बाजार में उतारा है।
अल्ट्रा प्रीमियम ब्लैकबेरी पोर्शे पी.9981 का दाम 1.39 लाख रुपये रखा गया है। रिम इंडिया के प्रबंध निदेशक सुनील दत्त ने कहा कि यह फोन ताकत, स्टाइल और महत्वाकांक्षा को पूरी करने वाला है।
अल्ट्रा प्रीमियम ब्लैकबेरी पोर्शे पी.9981 का दाम 1.39 लाख रुपये रखा गया है। रिम इंडिया के प्रबंध निदेशक सुनील दत्त ने कहा कि यह फोन ताकत, स्टाइल और महत्वाकांक्षा को पूरी करने वाला है।
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लेख: हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर एक पांच साल की बच्ची से रेप का मामला सामने आया है. पुलिस के अनुसार घटना को एक दिव्यांग युवक ने अंजाम दिया है. पुलिस फिलहाल रेलवे स्टेशन और आसपास के इलाकों में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की मदद से आरोपी की पहचान करने में जुटी है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना 10 जुलाई की है. सीसीटीवी फुटेज में आरोपी प्लेटफॉर्म संख्या 6 पर सो रही बच्ची को उसके अभिभावक के बगल में उठाता और फिर उसे लेकर जाता दिख रहा है.
अधिकारी ने बताया कि बच्ची को प्लेटफॉर्म से उठाने के बाद आरोपी उसे एक सुनसान जगह पर ले जाता है और वहां घटना को अंजाम देता है. पुलिस के अनुसार पीड़ित बच्ची के अभिभावक इस मामले को छुपाने की कोशिश कर रहे थे. घटना के सामने आने के बाद जब पुलिस ने उनसे पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि बच्ची के शरीर पर बंदर के काटने के निशान हैं. फिलहाल बच्ची का ऋषिकेश स्थित एम्स अस्पताल में इलाज चल रहा है. एम्स के डॉक्टरों ने बच्ची के साथ रेप की पुष्टि की है. पुलिस की कई टीमें आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी के लिए काम कर रही हैं.
गौरतलब है कि बच्चियों से रेप की की यह कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले इसी साल फरवरी में पश्चिमी दिल्ली के नारायणा क्षेत्र में एक 35 वर्षीय व्यक्ति ने पांच साल की एक बच्ची के साथ एक सार्वजनिक शौचालय में कथित तौर पर दुष्कर्म किया था.पुलिस ने बताया था कि यह घटना छह फरवरी को हुई और सोमवार को नारायणा पुलिस थाना को इसकी सूचना मिली. पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) मोनिका भारद्वाज ने बताया था कि पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया. इस संबंध में मामला दर्ज करके आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. भारद्वाज ने बताया था कि आरोपी ‘सुलभ शौचालय' में सफाईकर्मी के तौर पर काम करता था.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने ट्विटर पर इस घटना पर गुस्सा जाहिर किया था. उन्होंने ट्वीट में कहा था कि अब नारायणा में पांच साल की बच्ची के साथ 40 साल के व्यक्ति ने दुष्कर्म किया. बच्ची ने काफी तकलीफ झेली और उसके शरीर से काफी रक्तस्राव हुआ है. मैं बच्ची को देखने अस्पताल जा रही हूं. दिल्ली सच में विश्व की ‘रेप कैपिटल' है. भगवान हमारी मदद करें.
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कमजोर लिक्विडिटी के चलते बाजार सूने
बिक्री में कम से कम 30 फीसदी की कमी
उत्तर भारत के बाजारों से दिवाली के उत्सव और रंग गायब हैं. जो बाजार दिवाली नजदीक आते ही गुलजार हो जाते थे, वे सुनसान दिख रहे हैं. व्यवसायियों का मानना है कि कमजोर लिक्विडिटी (कमजोर तरलता/नकदी की कमी) के चलते बाजार सूने पड़े हैं. हरियाणा व्यापार मंडल के एक अनुमान के मुताबिक, व्यवसायियों का मानना है कि पिछले साल की तुलना में इस साल बिक्री में कम से कम 30 फीसदी की कमी रहेगी.
मंदी ने बाजार पर डाला प्रभाव
युवा हरियाणा व्यापार मंडल, पंचकूला, हरियाणा के अध्यक्ष राहुल गर्ग का कहना है, 'बाजार में सन्नाटा है और खरीदार गायब हैं. कमजोर लिक्विडिटी के चलते ग्राहक बाजार से दूर हैं. अगर आपकी जेब में पैसे नहीं हैं तो आप खरीदारी कैसे करेंगे? मंदी ने बाजार के हर हिस्से को बुरी तरह प्रभावित किया है.'
राहुल गर्ग के मुताबिक, कमजोर लिक्विडिटी के अलावा दूसरा सबसे बड़ा कारण है बढ़ता ऑनलाइन बाजार. ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल न सिर्फ पारंपरिक दुकानों के मुनाफे खा रहे हैं, बल्कि बेरोजगारी भी बढ़ा रहे हैं.
रोजगार पर पड़ रहा असर
गर्ग ने कहा, 'दुकानदार बिक्री के लिए स्टॉफ रखते हैं और स्टॉक रखने के लिए लोन उठाते हैं. लेकिन ऑनलाइन स्टोर कम स्टॉफ से काम चला लेते हैं, इससे बेरोजगारी भी बढ़ती है. लोग जरूरत के मुताबिक खरीदारी करते हैं, वह भी ऑनलाइन स्टोर से हो जाती है. इसके चलते दुकानदार व्यवसायियों पर मार पड़ रही है. अब अनाज तक ऑनलाइन बिक रहे हैं. हमारा
व्यवसाय
बचाने के लिए सरकार को कुछ करना चाहिए.'
नहीं बिक रहे गिफ्ट आइटम
कमजोर बिक्री के डर से दुकानदार गिफ्ट आइटम का स्टॉक नहीं रख रहे हैं, क्योंकि सामान बिकेंगे नहीं तो उन्हें नुकसान होगा. राहुल गर्ग का कहना है कि ज्यादातर दुकानदार खाने के सामान रख रहे हैं जैसे सूखे मेवे...वे कॉरपोरेट गिफ्ट आइटम से बच रहे हैं.
राहुल गर्ग ने बताया, 'खरीदारों का मिजाज बाजार के खिलाफ है. कमजोर लिक्विडिटी और खराब बिक्री के चलते व्यवसायी गिफ्ट आइटम नहीं खरीद रहे हैं. अगर प्रॉफिट नहीं है तो कोई भी महंगे गिफ्ट आइटम क्यों रखेगा.'
ट्रेवेल इंडस्ट्री में भी 45 फीसदी तक गिरावट
किराना और जनरल स्टोर के अलावा, ट्रेवेल एजेंट और टूर आपरेटर भी कमजोर लिक्विडिटी की मार झेल रहे हैं. अनुमानों के मुताबिक, फाइनेंस विकल्प उपलब्ध होने के बावजूद लोग हॉलीडे पैकेज में बहुत कम रुचि ले रहे हैं. हॉलीडे पैकेज की बिक्री में 40 से 45 फीसदी की गिरावट आ गई है.
क्या कहना है टूर आपरेटर का?
'सस्ता ट्रिप' के सीईओ अर्पण गुप्ता कहते हैं, "लोग आम तौर पर छुट्टियां बिताने जा रहे हैं लेकिन... आप कह सकते हैं कि मार्केट में जबरदस्त गिरावट है. आजकल सिर्फ सर्विस क्लास लोग ही ज्यादा ट्रेवेल कर रहे हैं. बिजनेस क्लास लोग आजकल छुट्टियां बिताने के लिए ट्रेवेल नहीं कर रहे हैं क्योंकि बाजार में मंदी है.
उनके अपने व्यवसाय में ही मंदी है और पैसा नहीं आ रहा है. वे अपने खर्च कम करने पर गौर कर रहे हैं. वे लक्जरी पर ज्यादा खर्च नहीं कर रहे हैं. ट्रेवेलिंग पर खर्च करने से आपको लक्जरी मिल सकती है लेकिन उसमें कुछ भी रिटर्न नहीं मिलता."
दिलचस्प यह है कि जो वेतनभोगी वर्ग है, उसके हॉलीडे प्लान पर असर नहीं पड़ा है. वे पैकेज भी ले सकते हैं और क्रेडिट कार्ड के जरिये इस्टालमेंट की सुविधा भी ले सकते हैं. बिजनेसमैन छुट्टियां बिताने के लिए टूर पर जाने के लिए सिर्फ अपने मुनाफे का पैसा खर्च करता है और वह इस खर्च को फाइनेंस कराने से बचता है.
ट्रेवेल इंडस्ट्री में मंदी
अर्पण गुपता के मुताबिक, ट्रेवेल इंडस्ट्री में
मंदी
पिछले तीन महीने से दिख रही है और यह बनी हुई है. इस इंडस्ट्री में बिक्री पिछले साल के मुकाबले 45 फीसदी तक गिर गई है. अर्पण ने कहा, 'दिसंबर के लिए हॉलीडे पैकेज की बिक्री शुरू हो गई है लेकिन ग्राहकों का मिजाज उत्साहजनक नहीं है. नकदी का कमजोर प्रवाह और ट्रेवेल बिल पर जीएसटी थोपने की वजह से यात्रियों का उत्साह कम हुआ है.'
जब तक नकदी का प्रवाह सुधर नहीं जाता, तब तक के लिए अर्पण राहत की इच्छा जताते हुए कहते हैं कि सरकार को ट्रेवेल इंडस्ट्री को मारक मंदी से बचाने के लिए कोई कदम उठाना चाहिए.
बिक्री में आई गिरावट
गुप्ता के मुताबिक, 'केंद्र में भाजपा सरकार के सत्ता में आने पर व्यापार क्षेत्र शुरुआत में उत्साह था लेकिन अब लोगों को उनकी विश्वसनीयता पर संदेह हो गया है. इसके चलते सभी व्यवसायी वर्गों में सुस्ती है. लोगों के पास सामान और अतिरिक्त सुविधाएं खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं. न सिर्फ बड़े बाजार बल्कि स्थानीय बाजार भी मंदी से बच निकलने की चुनौती से संघर्ष कर रहे हैं.'
हमने चंडीगढ़ में व्यवसायियों के कई वर्ग से बात करने की कोशिश की, जिन्होंने स्वीकार किया कि बिक्री में गिरावट आई है, लेकिन वे अपनी सामने आकर बयान नहीं देना चाहते, क्योंकि इससे खरीदारों का उत्साह और गिर सकता है.
चंडीगढ़ के एक बड़े होटल मालिक ने कहा, 'यह तो सिर्फ शुरुआत है और हम उम्मीद कर रहे हैं कि त्योहारी सप्ताह में बिक्री बढ़ेगी. खुदरा व्यापारी घाटे का सामना कर रहे हैं और यह मुनाफा ऑनलाइन पोर्टल्स को जा रहा है. छुट्टियों और त्योहारों का उत्साह गायब है.'
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यह लेख है: उच्चतम न्यायालय के एक अप्रैल से बीएस-3 वाहनों पर प्रतिबंध के आदेश को टाटा मोटर्स ने ‘अनापेक्षित’ बताया। कंपनी ने कहा कि इससे पूरा ऑटोमोटिव उद्योग प्रभावित होगा.टिप्पणियां
टाटा मोटर्स ने एक बयान में कहा कि बीएस-3 वाहनों की ब्रिकी व पंजीकरण पर रोक लगाने का उच्चतम न्यायालय का आदेश ‘अनापेक्षित कदम है.’
कंपनी ने कहा कि उद्योग जगत ने मौजूदा बीएस-4 मानकों के अनुरूप उत्पादन करने के लिए पिछले मानक के वाहनों का उत्पादन रोकने के लिए स्थापित पुराने तौर-तरीकों के आधार पर योजना बनायी थी लेकिन पुराने अनुभवों के आधार पर न्यायालय का यह निर्णय पूरे उद्योग के लिए एक ‘दंड’ है.
टाटा मोटर्स ने एक बयान में कहा कि बीएस-3 वाहनों की ब्रिकी व पंजीकरण पर रोक लगाने का उच्चतम न्यायालय का आदेश ‘अनापेक्षित कदम है.’
कंपनी ने कहा कि उद्योग जगत ने मौजूदा बीएस-4 मानकों के अनुरूप उत्पादन करने के लिए पिछले मानक के वाहनों का उत्पादन रोकने के लिए स्थापित पुराने तौर-तरीकों के आधार पर योजना बनायी थी लेकिन पुराने अनुभवों के आधार पर न्यायालय का यह निर्णय पूरे उद्योग के लिए एक ‘दंड’ है.
कंपनी ने कहा कि उद्योग जगत ने मौजूदा बीएस-4 मानकों के अनुरूप उत्पादन करने के लिए पिछले मानक के वाहनों का उत्पादन रोकने के लिए स्थापित पुराने तौर-तरीकों के आधार पर योजना बनायी थी लेकिन पुराने अनुभवों के आधार पर न्यायालय का यह निर्णय पूरे उद्योग के लिए एक ‘दंड’ है.
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पाकिस्तान के मुल्तान में एक पैसेंजर ट्रेन और मालगाड़ी के बीच टक्कर हुई है. इस हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई और 150 से ज्यादा घायल हुए हैं.
खबरों के अनुसार हादसा तब हुआ जब कराची जा रही
अवाम एक्सप्रेस
की पंजाब प्रांत में मुल्तान के पास बुच रेलवे स्टेशन पर एक मालगाड़ी से टक्कर हो गई.
हादसे
के बाद राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है. सभी घायल को मुल्तान के
अस्पतालों
में भर्ती करवाया गया है.
Multan (Pakistan): 6 dead, 150 hurt after Karachi-bound Awam Express collided with a freight train
pic.twitter.com/jLibxymBtD
— ANI (@ANI_news)
September 15, 2016
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लोकसभा में सोमवार को पेश किये गये 2009-10 के बजट में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के लिए 2057 करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी, जीवन रक्षक दवाओं पर सीमा शुल्क में छूट देने तथा हृदय संबंधी उपचार में प्रयोग होने वाली दो विनिर्दिष्ट जीवन रक्षक मशीनों पर भी सीमा शुल्क में ढाई प्रतिशत की कमी करने का प्रस्ताव किया गया है.
वित्तमंत्री प्रणव कुमार मुखर्जी द्वारा लोकसभा में पेश किये गये 2009-10 के बजट में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के लिए 2057 करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी करने का प्रस्ताव किया है. अंतरिम बजट में इसके लिए 12 करोड़ 70 लाख रुपये आवंटित किये गये थे. मुखर्जी ने कहा कि पिछले साल राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना कार्यान्वित की गयी थी और इसकी शुरुआती अनुक्रियाएं काफी अच्छी रही थीं.
18 राज्यों तथा संघ शासित क्षेत्रों के 46 लाख से भी अधिक गरीबी से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों को बायोमेट्रिक स्मार्ट कार्ड जारी किये गये थे. उन्होंने कहा कि बजट में जीवन रक्षक दवाओं पर सीमा शुल्क में छूट देने का प्रस्ताव है. इंफ्लूएंजा, टीकाकरण, स्तन कैंसर, रूमेटिक, आर्थराइटिस आदि के उपचार में प्रयोग होने वाली 9 विनिर्दिष्ट जीवन रक्षक दवाओं तथा ऐसी दवाओं के विनिर्माण में प्रयोग होने वाली स्थूल दवाओं पर सीमा शुल्क 10 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया जा रहा है.
वित्त मंत्री ने कहा कि उत्पाद शुल्क अथवा प्रतिकारी शुल्क से भी पूर्णतया मुक्त होंगी. उन्होंने कहा कि तथा हृदय संबंधी उपचार में प्रयोग होने वाली दो विनिर्दिष्ट जीवन रक्षक मशीनों पर भी सीमा शुल्क 7.5 प्रतिशत से घटकार 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है. ये मशीनें उत्पाद शुल्क और सेनवैट शुल्क से भी पूर्णतया मुक्त होंगी.
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घर्षणमारक धातु एवं मिश्रातु (Antifriction metals and alloys) वे धातुएँ तथा मिश्रातु है जो परस्पर घिसकर चलने वाले दो मशीन-पुर्जों के बीच घर्षण गुणांक को कम करने में सहायक होती हैं तथा घर्षण के कारण स्वयं भी कम घिसती हैं।
परिचय
घूमनेवालों चक्कों अथवा पहियों के अबाध गति से चलते रहने के लिये यह आवश्यक है कि जिस धुरी पर वे घुमते हैं, वह घिसकर पतली न होने पाए और न गरम ही हो सके। साधारणत: इस कठिनाई से बचने के लिये स्नेहक (लुब्रिकेटिंग आयल, lubricating oil) का प्रयोग किया जाता रहा है, किंतु तेज चलनेवाली मशीनों के लिये केवल स्नेहक का उपयोग घिसाई एव रगड़ को रोकने में असफल सिद्ध होता है। इसी प्रकार जब किसी मशीन का एक भाग उसके दूसरे भाग पर बराबर घूमता है, तब वहाँ भी रगड़ तथा घिसाई से बचने का उपाय आवश्यक होता है। इस उपाय के लिये मशीनों एवं चक्कों के ऐसे बिंदुओं पर, जहाँ घिसाई एवं रगड़ का प्रभाव पड़ता है, गेंद अथवा बेलन के आकार के कुछ विशेष धातुओं से बने ठोस काम में लाए जाते हैं। ये उस मशीन अथवा चक्के के घूमने के साथ-साथ स्वयं भी अपनी जगह पर घूमते रहते हैं। इनपर मशीन की घिसाई का पूरा दबाव पड़ता है। इन ठोसों को बेयरिंग (bearing) कहा जाता है। ये बेयरिंग धातु के बने मजबूत खाँचे वा नाल (casing) में बैठा दिए जाते हैं, जिसमें स्वयं घूमते रहने पर भी ये अपनी नियत स्थिति से हटने न पाएँ।
बेयरिंग बनाने के लिये विशेष धातु एवं मिश्रधातुओं का प्रयोग किया जाता है, जो गति से घूमते रहने पर भी घर्षण एवं ताप के कारण न तो घिसने पाती हैं और न दबाव पड़ने पर टूट ही पाती हैं। घर्षण के प्रभाव से घिसाई को कम से कम करने के लिये कड़ी धातुओं का प्रयोग सदा उपयोगी नहीं होता, क्योंकि कड़ी धातुओं में रगड़ पड़ने पर ताप शीघ्र उत्पन्न होता है और मशीन के उस भाग पर, जो ऐसी कड़ी धातु की बेयरिंग पर चल रहा हो, घिसाई का हानिकारक प्रभाव पढ़ता है। इस कुप्रभाव को रोकने तथा घर्षणगुणांक (Coefficient of friction) को कम से कम रखने के लिये ऐसी मुलायम धातु एवं मिश्रधातुओं का प्रयोग किया जाता है जो अधिक से अधिक अघर्षणीय हों तथा साथ ही टिकाऊ भी हों।
प्रयोग की जाने वाली धातुएंम् तथा मिश्रातुएँ
मशीनों की गति बढ़ने के साथ साथ नए प्रकार की बेयरिंग धातुओं एवं मिश्रधातुओं का आविष्कार होता जाता है। किसी विशेष गति एवं मशीन के उपयुक्त ही बेयरिंग धातुओं का चुनाव किया जाता है। इसके लिये मिश्रधातु बनाने में वंग, सीसा, ताँबा, लोहा, ऐंटिमनी, जस्ता, आर्सेनिक, बिस्मथ, कैडमियम, निकल, चाँदी एवं फास्फोरस जैसी धातुओं का न्यूनाधिक मात्रा में प्रयोग किया जाता है। नीचे कुछ ऐसी महत्वपूर्ण मिश्रधातुएँ दी गई हैं, जिनका प्रयोग अघर्षणीय धातु के रूप में बड़े पैमाने पर होता है :
वंग एवं सीसा मिश्रितधातु
पिछली एक शताब्दी से अधिक समय से 'बैबिट मेटल' के नाम से वंग, ताँबा तथा ऐंटिमनी मिश्रित धातु का प्रयोग बेयरिंग बनाने में होता रहा है। १८३९ ई. में आइज़क बैबिट ने इस मिश्रधातु का आविष्कार बेयरिंग बनाने के लिये किया। इसमें लगभग ८९.३ प्रति शत वंग, ८.९ प्रति शत ऐंटिमनी, तथा १.८ प्रतिशत ताँबा रहता है। वंग स्वयं बहुत मुलायम धातु है, किंतु ताँबा तथा ऐंटिमनी के साथ मिलकर यह बहुत कड़ी मिश्रधातु बनाता है।
बैबिट मेटल में कुछ विशेष प्रकार की बेयरिंग बनाने के लिये वंग के स्थान पर सीसे का भी प्रयोग किया जाता है। बैबिट मैटल में जस्ता, लोहा, अथवा ऐल्यूमिनियम की उपस्थिति हानिकारक होती है।
सीसा, ऐंटिमनी एवं ताँबे की मिश्रधातु में १५ प्रति शत तक ऐंटिमनी तथा २० प्रति शत तक वंग मिलाया जाता है। शेष सीसा रहता है। इस प्रकार से बनी मिश्रधातु बहुत कड़ी तथा अघर्षणी होती है।
आर्सेनिक, ऐंटिमनी तथा सीसे की मिश्रधातु का उपयोग, जिसमें आर्सेनिक की मात्रा १ से ३ प्रतिशत से अधिक नहीं रहती, ऊँचे ताप पर चलनेवाली मशीनों के बेयरिंग बनाने में किया जाता है।
कैडमियम मिश्रधातु
ऊँचे दर्जे की तथा भारी मशीनों में चलनेवाली बेयरिंग बनाने के लिये कैडमियम तथा निकेल मिली हुई मिश्रधातु काम में लाई जाती है। इसमें १.३५ प्रति शत निकेल और ९८.६५ प्रतिशत कैडमियम, अथवा २.२५ प्रतिशत चाँदी, ०.२५ प्रति शत ताँबा तथा ९७.५० प्रतिशत कैडमियम का प्रयोग किया जाता है। इससे बने बेयरिंगों का उपयोग विमानों आदि में किया जाता है।
ऐल्यूमिनियम युक्त मिश्रधातु
इस धातु से बनी बेयरिंग का उपयोग कुछ विशेष प्रकार की मशीनों में ही होता है, जहाँ मशीन की गति साधारणत: कम होती है तथा ताप १५०° सें. से ऊपर नहीं पहुँचता। ठंढे देशों में मोटर पुर्जों तथा ऐसी जगहों में लगाने के लिये जहाँ घर्षण का भारी दबाव पड़ता है, इसके बेयरिंग काम में लाए जाते हैं।
इन्हें भी देखें
चुम्बकीय बेयरिंग
== श्रेणी:धातु]]
मिश्रातु
पदार्थ विज्ञान
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आईआईटी का नाम सुनते ही ज्यादातर दिमाग में पढ़ने-लिखने वाले बच्चे और उनकी मोटी-मोटी किताबों ध्यान में आती हैं. अक्सर लोग यही सोचते हैं कि आईआईटी के स्टूडेंट्स सिर्फ पढ़ाई में ही बिजी रहते हैं और उनके पास कुछ भी करने का टाइम नहीं होता है. लेकिन ऐसा नहीं है. हाल ही में आईआईटी रुड़की के कुछ स्टूडेंट्स ने इसे गलत साबित कर दिया है.
90 साल बाद दिखी वो गन जिससे भगत सिंह ने ली थी सैंडर्स की जान
अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्या कर दिया है यहां के स्टूडेंट्स ने तो हम आपको बता दें कि
आईआईटी रुड़की
के चार स्टूडेंट्स का डांस वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वेलेंटाइन डे के मौके पर बनाया गया ये वीडियो हॉलीवुड सिंगर एड शीरन के लेटेस्ट सॉग 'शेप ऑफ यू' पर बनाया गया है. इस वीडियो में ये चार स्टूडेंट्स एक ही लड़की को अपने-अपने तरीके से इंप्रेस करने की कोशिश कर रहे हैं.
पांडवों ने बनाया था ये स्कल्पचर, देखने आते हैं सैकड़ों टूरिस्ट
इस वीडियो की खास बात ये हैं कि इसे इन लड़कों ने खुद ही कोरियोग्रॉफ किया है. वीडियो को वेलेंटाइन डे से एक दिन पहले यानि कि 13 फरवरी को यूट्यूब म्यूजिक चैनल Cinesec IITR के अकाउंट से अपलोड किया गया है. वीडियो को आईआईटी रूड़की के अंदर ही शूट किया गया है. इस डांस वीडियो को अंकुश राउत ने डायरेक्ट किया है. इसे अब तक लगभग 82183 लोग इसे देख चुके हैं.
पिता बन भाई ने किया इस बच्ची के साथ डांस, फोटो हुआ वायरल..
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कार्तिक सुब्बाराज एक भारतीय फिल्म निर्देशक, लेखक और निर्माता हैं। कार्तिक ने पहली बार कलाईनगर टीवी के टेलीविजन शो, नालया इयाकुंवर के लिए काचीपीझाई नामक लघु फिल्म का निर्देशन किया। इसके बाद उन्होंने अन्य फिल्में बनाईं और 2012 की कम बजट की थ्रिलर पिज्जा रिलीज़ की, जो एक व्यावसायिक रूप से सफल थी । उन्होंने 2013 में सिमा पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ डेब्यू निर्देशक जीता।
प्रारंभिक जीवन
कार्तिक ने SBOA मैट्रिकुलेशन और हायर सेकंडरी स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की, जो मदुरै में है, और बाद में थियागराजार इंजीनियरिंग कॉलेज में मेक्ट्रोनिक्स का अध्ययन किया। कार्तिक के पिता गजराज एक अभिनेता हैं और ओनायायुम कबाली और मुंडसूपति जैसी फिल्मों में सहायक किरदारों में दिखाई दिए हैं। जब कार्तिक कॉलेज में थे तब उन्होंने कई स्टेज शो किए ।उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बैंगलोर में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में इन्फोसिस के लिए काम किया।
संदर्भ
भारतीय फ़िल्म निर्देशक
फ़िल्म निर्माता
लेखक
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2जी मुद्दे पर गृहमंत्री पी चिदंबरम का बचाव करने वाले वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों की आलोचना करते हुए जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि वे लोग इस बात से ‘अनजान’ हैं कि सरकार की नीति मनमानी और दुर्भावनापूर्ण नहीं हो सकती.
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स्वामी ने संवाददाताओं से कहा, ‘उच्चतम न्यायालय के कम से कम एक दर्जन ऐसे फैसले हैं जो यह स्पष्ट करते हैं कि सरकार की नीति मनमानी, अतार्किक या दुर्भावनापूर्ण नहीं हो सकती. और यदि ऐसा होता है तो इसे एक रिट याचिका के तहत चुनौती दी जा सकती है और उच्चतम न्यायालय उस नीति को अपनाए जाने की न्यायिक समीक्षा कर सकती है.’
उन्होंने दोहराया कि चिदंबरम की भूमिका की जांच की जानी चाहिए और सीबीआई को गृहमंत्री से पूछताछ करनी चाहिए. स्वामी ने कहा, ‘यह आश्चर्य की बात है कि संप्रग सरकार के कई मंत्रियों ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में चिदंबरम के दोषी होने के मेरे आरोप के खिलाफ उनका बचाव किया है.’
उन्होंने कहा कि मंत्रियों ने दलील दी है कि चिदंबरम किसी खास नीति को स्वीकार करने में गड़बड़ी नहीं कर सकते हैं. यह मंत्री ‘अनजान’ बने हुए हैं. गौरतलब है कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले के याचिकाकर्ता ने हाल ही में उच्चतम न्यायालय में वित्त मंत्रालय के उस पत्र (नोट) को सौंपा था, जिसमें कहा गया था कि संचार मंत्रालय 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस की उस वक्त नीलामी कर सकता था, जब चिदंबरम वित्त मंत्री थे.
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यह लेख है: इटली के प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी पर मिलान के अभियोजकों ने कई वेश्याओं के साथ यौन संबंध बनाने का आरोप लगाते हुए उनकी कुछ संपत्ति की जांच करने की अनुमति मांगी है। अभियोजकों ने बर्लुस्कोनी पर यह आरोप उन दस्तावेजों में लगाए हैं, जिनकी एक संसदीय समिति जांच कर रही है। अभियोजक यह पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं कि क्या 74 वर्षीय बर्लुस्कोनी ने मोरक्को की 17 वर्षीय रूबी को यौन संबंध बनाने के लिए धन दिया था। रूबी पिछले साल उनके एक बंगले में आयोजित पार्टियों में नजर आई थी। इटली में देह व्यापार अपराध नहीं है, लेकिन अवयस्क का यौन शोषण या उसके देह व्यापार में मदद करना अपराध है। दस्तावेजों में अभियोजकों ने आरोप लगाया है कि बर्लुस्कोनी ने कई युवा वेश्याओं के साथ यौन संबंध बनाए और बदले में उन्हें नगद भुगतान तथा अपार्टमेंट दिए। रूबी के साथ यौन संबंध बनाने की बात को बर्लुस्कोनी ने खारिज किया है। बर्लुस्कोनी के खिलाफ जांच की खबर शुक्रवार को आते ही यह मामला तूल पकड़ लिया है। सोमवार को संसद में अभियोजकों ने इस मामले में करीब 400 दस्तावेज भेजे।
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: इस शुक्रवार रिलीज़ हुई फ़िल्मों में से एक है 'गोरी तेरे प्यार में'। फ़िल्म में मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं इमरान ख़ान, करीना कपूर, श्रद्धा कपूर और अनुपम खेर ने।
यह कहानी है श्रीराम यानी इमरान ख़ान की जो फ़िल्म में एक बिंदास, मस्त मौला किरदार निभा रहे हैं। इमरान का किरदार फ़िल्म में अपनी मस्ती के चलते सारी ज़िम्मेदारियों को दरकिनार कर देता है। श्रीराम से उनका परिवार इस बात से ख़फ़ा रहता है और जल्द ही उनकी शादी करने का फ़ैसला करता है। श्रीराम की शादी तय होती है वसुधा यानी श्रद्धा कपूर से पर श्रीराम का एक अतीत है ..और ये अतीत हैं दिया यानी करीना कपूर। तो लगभग ये कहानी है ’गोरी तेरे प्यार में’ की… पूरी कहानी जानने के लिए आपको फ़िल्म देखनी पड़ेगी।
सबसे पहली बात फ़िल्म की कहानी में कोई नयापन नहीं है। ऐसी कहानियां हम बहुत बार देख चुके हैं। स्क्रिप्ट में भी दम नहीं है। पता नहीं डायरेक्टर पुनीत मल्होत्रा ने फ़िल्म की लाइटिंग के लिए अलग सुर क्यों पकड़ा। न ही ये ग्लौसी लगती है न ही हक़ीकत के करीब। न जाने यह सिनेमेटोग्राफ़र का अपना फ़ैसला था या फिर डायरेक्टर ने उन्हें मजबूर किया।
करीना कपूर हमेशा की तरह अच्छी हैं। इमरान ख़ान की अच्छी कोशिश तो है पर लगता है कि यह रोल रणबीर कपूर के लिए बना था। ’चिंगम चबा के’ गाना ठीक है। फ़िल्म चलती रही ..मैं देखता रहा पर कहानी मुझे छू नहीं पाई। कुल मिलाकर ’गोरी तेरे प्यार में’ एक बिलो−एवरेज फ़िल्म है। मेरी तरफ़ से इसे 2 स्टार्स।
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राजा बजरंग बहादुर सिंह (१९०५-१९७३) राजनीतिज्ञ एवं स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी थे। वे हिमाचल प्रदेश के उपराज्यपाल व अवध की तालुकदारी रियासत भदरी (वर्तमान में, प्रतापगढ़ जिला में) के राजा थे। वे महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में सक्रिय रहे।
व्यक्तिगत जीवन
वर्ष १९२६ में राजा बजरंग बहादुर सिंह का विवाह अजयगढ़ के महाराजा पुण्य प्रताप सिंह और महारानी रुक्मणी देवी की पुत्री रानी गिरिजा देवी से हुआ। उदय प्रताप सिंह राजा बजरंग बहादुर के भतीजे है।
स्वतंत्रता संग्राम में योगदान
बतौर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजा बजरंग बहादुर सिंह कई आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभाई। स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में इनकी रियासत भदरी का कई स्थानों पर ज़िक्र है। महात्मा गाँधी के असहयोग आंदोलन का राजा भदरी ने समर्थन किया और असहयोग आंदोलन में अपनी सक्रिय भूमिका दर्ज कराते हुए बजरंग बहादुर सिंह ने विदेशी वस्त्रो का बहिष्कार कर कपड़ों की होली जलायी।
राजनैतिक जीवन
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद वर्ष १९५५ में राजा बजरंग बहादुर हिमाचल प्रदेश के उपराज्यपाल बने। १ जनवरी १९५५ को उपराज्यपाल पद पर नियुक्ति हुई और १३ अगस्त १९६३ तक इस पद पर कार्यरत रहे।
सन्दर्भ
भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम
भारतीय स्वतंत्रता सेनानी
राजनीतिज्ञ
1905 में जन्मे लोग
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: देश के शेयर बाजारों में शुक्रवार को तेजी दर्ज की गई। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 39.49 अंकों की तेजी के साथ 24,646.48 पर और निफ्टी 9.75 अंकों की तेजी के साथ 7,485.35 पर बंद हुआ।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 97.60 अंकों की मजबूती के साथ 24,704.59 पर खुला और 39.49 अंकों या 0.16 फीसदी तेजी के साथ 24,646.48 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 24,719.05 के ऊपरी और 24,531.80 के निचले स्तर को छुआ।
सेंसेक्स के 30 में से 16 शेयरों में तेजी रही। भेल (4.03 फीसदी), कोल इंडिया (3.30 फीसदी), भारतीय स्टेट बैंक (3.23 फीसदी), टाटा मोटर्स (2.14 फीसदी) और सिप्ला (2.06 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।
सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे सनफार्मा (1.51 फीसदी), एशियन पेंट्स (1.48 फीसदी), मारुति (1.28 फीसदी), लार्सन एंड टुब्रो (1.03 फीसदी) और भारती एयरटेल (1.00 फीसदी)।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 29.80 अंकों की बढ़त के साथ 7,505.40 पर खुला और 9.75 अंकों या 0.13 फीसदी तेजी के साथ 7,485.35 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 7,505.90 के ऊपरी और 7,444.10 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी तेजी का रुख रहा। मिडकैप 114.38 अंकों की तेजी के साथ 10,224.84 पर और स्मॉलकैप 76.09 अंकों की तेजी के साथ 10,285.75 पर बंद हुआ।
बीएसई के 19 में से 15 सेक्टरों में तेजी रही। धातु (2.15 फीसदी), बैंकिंग (1.28 फीसदी), बिजली (1.19 फीसदी), वित्त (1.18 फीसदी) और रियल्टी (1.00 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।
बीएसई के चार सेक्टरों दूरसंचार (0.70 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.46 फीसदी), प्रौद्योगिकी (0.41 फीसदी) और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (0.12 फीसदी) में गिरावट रही।टिप्पणियां
बीएसई में कारोबार का रुझान सकारात्मक रहा। कुल 1,509 शेयरों में तेजी और 1,109 में गिरावट रही, जबकि 130 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 97.60 अंकों की मजबूती के साथ 24,704.59 पर खुला और 39.49 अंकों या 0.16 फीसदी तेजी के साथ 24,646.48 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 24,719.05 के ऊपरी और 24,531.80 के निचले स्तर को छुआ।
सेंसेक्स के 30 में से 16 शेयरों में तेजी रही। भेल (4.03 फीसदी), कोल इंडिया (3.30 फीसदी), भारतीय स्टेट बैंक (3.23 फीसदी), टाटा मोटर्स (2.14 फीसदी) और सिप्ला (2.06 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।
सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे सनफार्मा (1.51 फीसदी), एशियन पेंट्स (1.48 फीसदी), मारुति (1.28 फीसदी), लार्सन एंड टुब्रो (1.03 फीसदी) और भारती एयरटेल (1.00 फीसदी)।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 29.80 अंकों की बढ़त के साथ 7,505.40 पर खुला और 9.75 अंकों या 0.13 फीसदी तेजी के साथ 7,485.35 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 7,505.90 के ऊपरी और 7,444.10 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी तेजी का रुख रहा। मिडकैप 114.38 अंकों की तेजी के साथ 10,224.84 पर और स्मॉलकैप 76.09 अंकों की तेजी के साथ 10,285.75 पर बंद हुआ।
बीएसई के 19 में से 15 सेक्टरों में तेजी रही। धातु (2.15 फीसदी), बैंकिंग (1.28 फीसदी), बिजली (1.19 फीसदी), वित्त (1.18 फीसदी) और रियल्टी (1.00 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।
बीएसई के चार सेक्टरों दूरसंचार (0.70 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.46 फीसदी), प्रौद्योगिकी (0.41 फीसदी) और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (0.12 फीसदी) में गिरावट रही।टिप्पणियां
बीएसई में कारोबार का रुझान सकारात्मक रहा। कुल 1,509 शेयरों में तेजी और 1,109 में गिरावट रही, जबकि 130 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
सेंसेक्स के 30 में से 16 शेयरों में तेजी रही। भेल (4.03 फीसदी), कोल इंडिया (3.30 फीसदी), भारतीय स्टेट बैंक (3.23 फीसदी), टाटा मोटर्स (2.14 फीसदी) और सिप्ला (2.06 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।
सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे सनफार्मा (1.51 फीसदी), एशियन पेंट्स (1.48 फीसदी), मारुति (1.28 फीसदी), लार्सन एंड टुब्रो (1.03 फीसदी) और भारती एयरटेल (1.00 फीसदी)।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 29.80 अंकों की बढ़त के साथ 7,505.40 पर खुला और 9.75 अंकों या 0.13 फीसदी तेजी के साथ 7,485.35 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 7,505.90 के ऊपरी और 7,444.10 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी तेजी का रुख रहा। मिडकैप 114.38 अंकों की तेजी के साथ 10,224.84 पर और स्मॉलकैप 76.09 अंकों की तेजी के साथ 10,285.75 पर बंद हुआ।
बीएसई के 19 में से 15 सेक्टरों में तेजी रही। धातु (2.15 फीसदी), बैंकिंग (1.28 फीसदी), बिजली (1.19 फीसदी), वित्त (1.18 फीसदी) और रियल्टी (1.00 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।
बीएसई के चार सेक्टरों दूरसंचार (0.70 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.46 फीसदी), प्रौद्योगिकी (0.41 फीसदी) और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (0.12 फीसदी) में गिरावट रही।टिप्पणियां
बीएसई में कारोबार का रुझान सकारात्मक रहा। कुल 1,509 शेयरों में तेजी और 1,109 में गिरावट रही, जबकि 130 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे सनफार्मा (1.51 फीसदी), एशियन पेंट्स (1.48 फीसदी), मारुति (1.28 फीसदी), लार्सन एंड टुब्रो (1.03 फीसदी) और भारती एयरटेल (1.00 फीसदी)।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 29.80 अंकों की बढ़त के साथ 7,505.40 पर खुला और 9.75 अंकों या 0.13 फीसदी तेजी के साथ 7,485.35 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 7,505.90 के ऊपरी और 7,444.10 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी तेजी का रुख रहा। मिडकैप 114.38 अंकों की तेजी के साथ 10,224.84 पर और स्मॉलकैप 76.09 अंकों की तेजी के साथ 10,285.75 पर बंद हुआ।
बीएसई के 19 में से 15 सेक्टरों में तेजी रही। धातु (2.15 फीसदी), बैंकिंग (1.28 फीसदी), बिजली (1.19 फीसदी), वित्त (1.18 फीसदी) और रियल्टी (1.00 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।
बीएसई के चार सेक्टरों दूरसंचार (0.70 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.46 फीसदी), प्रौद्योगिकी (0.41 फीसदी) और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (0.12 फीसदी) में गिरावट रही।टिप्पणियां
बीएसई में कारोबार का रुझान सकारात्मक रहा। कुल 1,509 शेयरों में तेजी और 1,109 में गिरावट रही, जबकि 130 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 29.80 अंकों की बढ़त के साथ 7,505.40 पर खुला और 9.75 अंकों या 0.13 फीसदी तेजी के साथ 7,485.35 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 7,505.90 के ऊपरी और 7,444.10 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी तेजी का रुख रहा। मिडकैप 114.38 अंकों की तेजी के साथ 10,224.84 पर और स्मॉलकैप 76.09 अंकों की तेजी के साथ 10,285.75 पर बंद हुआ।
बीएसई के 19 में से 15 सेक्टरों में तेजी रही। धातु (2.15 फीसदी), बैंकिंग (1.28 फीसदी), बिजली (1.19 फीसदी), वित्त (1.18 फीसदी) और रियल्टी (1.00 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।
बीएसई के चार सेक्टरों दूरसंचार (0.70 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.46 फीसदी), प्रौद्योगिकी (0.41 फीसदी) और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (0.12 फीसदी) में गिरावट रही।टिप्पणियां
बीएसई में कारोबार का रुझान सकारात्मक रहा। कुल 1,509 शेयरों में तेजी और 1,109 में गिरावट रही, जबकि 130 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी तेजी का रुख रहा। मिडकैप 114.38 अंकों की तेजी के साथ 10,224.84 पर और स्मॉलकैप 76.09 अंकों की तेजी के साथ 10,285.75 पर बंद हुआ।
बीएसई के 19 में से 15 सेक्टरों में तेजी रही। धातु (2.15 फीसदी), बैंकिंग (1.28 फीसदी), बिजली (1.19 फीसदी), वित्त (1.18 फीसदी) और रियल्टी (1.00 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।
बीएसई के चार सेक्टरों दूरसंचार (0.70 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.46 फीसदी), प्रौद्योगिकी (0.41 फीसदी) और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (0.12 फीसदी) में गिरावट रही।टिप्पणियां
बीएसई में कारोबार का रुझान सकारात्मक रहा। कुल 1,509 शेयरों में तेजी और 1,109 में गिरावट रही, जबकि 130 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
बीएसई के 19 में से 15 सेक्टरों में तेजी रही। धातु (2.15 फीसदी), बैंकिंग (1.28 फीसदी), बिजली (1.19 फीसदी), वित्त (1.18 फीसदी) और रियल्टी (1.00 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।
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बीएसई के चार सेक्टरों दूरसंचार (0.70 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.46 फीसदी), प्रौद्योगिकी (0.41 फीसदी) और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (0.12 फीसदी) में गिरावट रही।टिप्पणियां
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बीएसई में कारोबार का रुझान सकारात्मक रहा। कुल 1,509 शेयरों में तेजी और 1,109 में गिरावट रही, जबकि 130 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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बिहार में सत्तासीन राष्ट्रीय जनता दल के 20वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में मंगलवार को उस समय जमकर हंगामा हुआ, जब पार्टी अध्यक्ष लालू यादव और उनके बेटे तेज प्रताप मीडिया पर भड़क गए. दरअसल, मंच पर बैठे तेज प्रताप एक फोटोग्राफर का कैमरा लेकर तस्वीरें देख रहे थे. तभी 'आज तक' के कैमरे ने उनको कैप्चर कर लिया. इस बात पर भड़के हेल्थ मिनिस्टर ने मंच से 'देख लेने' की धमकी दी.
तेज प्रताप
ने मंच पर माइक संभालते हुए कहा, 'आप पत्रकार हैं इसलिए सम्मान करते हैं, नहीं तो मानहानि का केस कर देंगे.' हालांकि, धमकी के बाद मीडियाकर्मियों के समारोह का बहिष्कार करने पर लालू ने बीच-बचाव किया और फिर बात को भूल जाने की बात कही.
पहले लोगों को भेजा, फिर खुद कहा- फाइल डिलीट करो
गौरतलब है कि स्थापना दिवस के मौके पर मंच से रघुवंश प्रसाद सिंह भाषण दे रहे थे. उसी समय स्वास्थ मंत्री तेज प्रताप यादव एक फोटोग्राफर का कैमरा लेकर उसे देख रहे थे. इस सीन को 'आज तक' ने अपने कैमरे में कैद कर लिया. लेकिन यह बात मंत्री को नागवार गुजरी. पहले तो उन्होंने अपने कुछ लोग भेजकर वीडियो डिलीट करने की मांग की, लेकिन जब
ऐसा करने से इनकार
किया गया, तो खुद भी फाइल डिलीट करने के लिए कहने लगे.
...और सरेआम दे दी धमकी
इसके बाद भी जब वीडियो डिलीट करने से मना किया गया तो मंत्री ने माइक लेकर सरेआम धमकी दे डाली. उन्होंने कहा, 'आप पत्रकार हैं इसलिए इज्जत कर रहे हैं. उसको डिलीट करिए नहीं तो केस कर देंगे... मानहानि का केस कर देंगे.' इससे ठीक पहले लालू यादव ने भी मंच पर बुलाकर वीडियो डिलीट करने की मांग की और तेजप्रताप की बात मान लेने की सलाह दी.
लालू बोले- छूट जाती नौकरी
मंच से धमकी देने के बाद समारोह में उपस्थित पत्रकारों ने कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया. जैसे ही सब बाहर निकलने को हुए लालू यादव ने मोर्चा संभाला और
बेटे को समझाया
कि ऐसे नहीं बोला जाता है. काफी मान-मनव्वल के बाद पत्रकार वापस सीट पर बैठे. समारोह में जब लालू यादव के बोलने की बारी आई तो उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, 'अच्छा हुआ आप लोग नहीं गए. आपकी खबर छूट जाती तो नौकरी भी जा सकती थी.'
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सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म निर्देशक मधुर भंडारकर के खिलाफ बलात्कार के मामले को चलाने के मुंबई की सेशन्स कोर्ट के आदेश को सोमवार को खारिज कर दिया. जानें क्या है पूरा मामला...
अभिनेत्री प्रीति जैन ने 2004 में मधुर भंडारकर पर बलात्कार का आरोप लगाया था. बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रीति जैन ने मधुर भंडारकर पर 4 साल में 16 बार शारीरिक संबंध बनाने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया था.
- 2006 में यह रिपोर्ट फाइल हुई. इसके बाद भंडारकर को 2007 में क्लीन चिट दे दी गई. प्रीति जैन ने हार नहीं मानी और अंधेरी कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
- 2009 में अंधेरी कोर्ट ने मामले पर गौर फरमाते हुए इस रिपोर्ट को गलत ठहराया. कोर्ट ने जांच अधिकारी को फिर से रिपोर्ट फाइल करने के लिए कहा.
- प्रीति द्वारा पेश किए गए सबूतों के आधार पर कोर्ट ने मामला सेशन कोर्ट में चलाने का आदेश दिया.
सेशन्स कोर्ट के आदेश के खिलाफ भंडारकर सुप्रीम कोर्ट गए थे. अब आखिरकर सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म निर्देशक मधुर भंडारकर के खिलाफ बलात्कार के मामले को चलाने के मुंबई की सेशन्स कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया.
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बॉलीवुड की जानी मानी कोरियोग्राफर फरहा खान का मानना है कि इन दिनों फिल्मों में डांस का निर्देशन करने वाले कोरियोग्राफर गानों को अच्छे से कोरियोग्राफ नहीं कर रहे हैं. इसकी वजह से गानों में अच्छा डांस देखने को नहीं मिलता है. डांस की जगह छोटे छोटे बीट पर शॉट्स एडिट किए जाते हैं.
दरअसल गुज़रे ज़माने में किसी भी गाने में कुछ डांस के मूवमेंट होते थे जो पूरी तरह से दिखाए जाते थे मगर अब फ़ास्ट एडिट हो गया है. बॉलीवुड की सबसे लोकप्रिय कोरियोग्राफर में से एक फरहा कहती हैं कि आज के बहुत सारे कोरियोग्राफर को गाना एडिट करना नहीं आता है. वो एक मूवमेंट के 4 अलग-अलग शॉट्स लेते हैं और छोटे-छोटे कट मारकर लगा देते हैं. पहले गाने में स्टार या डांसर का पूरा स्टेप दिखाते थे."टिप्पणियां
फरहा अब कोरियोग्राफी के कुछ ऐसे ही तरीके सिखाने के लिए जुड़ी हैं ITA इंडियन टेलीविज़न अकादमी के साथ. यहां भारत का पहला कोरियोग्राफी स्कूल खोला गया है. इससे फरहा बतौर डीन जुड़ी हैं. फरहा यहां डांसर को कोरियोग्राफर बनाएंगी.
फरहा ने कहा कि यहां डांसर की कमी नहीं है. एक से बढ़कर एक डांसर हैं मगर उन्हें कोरियोग्राफी नहीं आती और हम कोरियोग्राफी सिखाएंगे. 12 हफ़्तों के इस कोर्स में एक गाने में डांस, लोकेशन, कॉस्ट्यूम, एडिटिंग, लाइट और कैमरे का इस्तेमाल सिखाएंगे."
दरअसल गुज़रे ज़माने में किसी भी गाने में कुछ डांस के मूवमेंट होते थे जो पूरी तरह से दिखाए जाते थे मगर अब फ़ास्ट एडिट हो गया है. बॉलीवुड की सबसे लोकप्रिय कोरियोग्राफर में से एक फरहा कहती हैं कि आज के बहुत सारे कोरियोग्राफर को गाना एडिट करना नहीं आता है. वो एक मूवमेंट के 4 अलग-अलग शॉट्स लेते हैं और छोटे-छोटे कट मारकर लगा देते हैं. पहले गाने में स्टार या डांसर का पूरा स्टेप दिखाते थे."टिप्पणियां
फरहा अब कोरियोग्राफी के कुछ ऐसे ही तरीके सिखाने के लिए जुड़ी हैं ITA इंडियन टेलीविज़न अकादमी के साथ. यहां भारत का पहला कोरियोग्राफी स्कूल खोला गया है. इससे फरहा बतौर डीन जुड़ी हैं. फरहा यहां डांसर को कोरियोग्राफर बनाएंगी.
फरहा ने कहा कि यहां डांसर की कमी नहीं है. एक से बढ़कर एक डांसर हैं मगर उन्हें कोरियोग्राफी नहीं आती और हम कोरियोग्राफी सिखाएंगे. 12 हफ़्तों के इस कोर्स में एक गाने में डांस, लोकेशन, कॉस्ट्यूम, एडिटिंग, लाइट और कैमरे का इस्तेमाल सिखाएंगे."
फरहा अब कोरियोग्राफी के कुछ ऐसे ही तरीके सिखाने के लिए जुड़ी हैं ITA इंडियन टेलीविज़न अकादमी के साथ. यहां भारत का पहला कोरियोग्राफी स्कूल खोला गया है. इससे फरहा बतौर डीन जुड़ी हैं. फरहा यहां डांसर को कोरियोग्राफर बनाएंगी.
फरहा ने कहा कि यहां डांसर की कमी नहीं है. एक से बढ़कर एक डांसर हैं मगर उन्हें कोरियोग्राफी नहीं आती और हम कोरियोग्राफी सिखाएंगे. 12 हफ़्तों के इस कोर्स में एक गाने में डांस, लोकेशन, कॉस्ट्यूम, एडिटिंग, लाइट और कैमरे का इस्तेमाल सिखाएंगे."
फरहा ने कहा कि यहां डांसर की कमी नहीं है. एक से बढ़कर एक डांसर हैं मगर उन्हें कोरियोग्राफी नहीं आती और हम कोरियोग्राफी सिखाएंगे. 12 हफ़्तों के इस कोर्स में एक गाने में डांस, लोकेशन, कॉस्ट्यूम, एडिटिंग, लाइट और कैमरे का इस्तेमाल सिखाएंगे."
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यह एक लेख है: वाराणसी और हरिद्वार से एक साथ नमामि गंगे मिशन की 231 परियोजनाओं की शुरुआत हुई। हरिद्वार में जहां उमा भारती और नितिन गडकरी ने इस योजना की शुरुआत की तो वहीं वाराणसी में रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने इस योजना की शुरुआत की। इस योजना में गंगोत्री से शुरू कर बंगाल तक गंगा के किनारे घाटों, नलों का गंदा पानी , स्वच्छता आदि पर ध्यान दिया जाएगा।
नवम्बर 2014 में उमा भारती ने वाराणसी में एक बड़ा जलसा कर के कहा था कि " गंगा का काम 3 साल में दिखने लगेगा और 48 दिनों में योजनाएं टेक आफ ले लेंगी। लेकिन दो साल गुजर गए जमीन पर गंगा सफाई को लेकर कुछ नजर नहीं आया। हां इस बीच कई मीटिंगों और योजनाओं पर काम करने की बात जरूर सामने आई थी। पर कोई ठोस योजना गंगा किनारे नहीं दिख रही थी। अब 2 साल बाद नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत 231 योजनाओं का शुभारम्भ हुआ है। जिसमे एक बार फिर उमा भारती 2018 तक जमीन पर दिखाई देने की बात कह रही हैं।
नमामि गंगे प्रोजेक्ट की 231 योजनाओं में गंगोत्री से शुरू होकर हरिद्वार, कानपुर, इलाहाबद , बनारस , गाजीपुर , बलिया , बिहार में 4 और बंगाल में 6 जगहों पर पुराने घाटों का जीर्णोद्धार, नए घाट, चेंजिंग रूम, शौचालय, बैठने की जगह, सीवेज ट्रीटमेंट प्लान्ट, आक्सीडेशन प्लान्ट बायोरेमेडेशन प्रक्रिया से पानी के शोधन का काम किया जाएगा। इसमें गांव के नालों को भी शामिल किया गया है। साथ ही तालाबों का गंगा से जुड़ाव पर क्या असर होता है उसे भी देखा जाएगा। इसके प्रोजेक्ट डायरेक्टर कहते हैं कि " गंगा एक्शन प्लान का सारा फोकस सफाई पर था इसमें कोई बुराई नहीं थी उसमे अविरलता की बात नहीं थी बायोडायवर्सिटी की बात नहीं थी उसके अंदर सैनिटेशन की बात नहीं थी हमने इसमें कई चीजें जोड़ी हैं।
प्रोजेक्ट डायरेक्टर नमामि गंगे योजना में अविरलता की बात तो कह रहे हैं पर पूछने पर उसकी कोई योजना नहीं बता पाए सिर्फ गंगा के किनारे उसके सौंदर्य की ही बात कह पाए। जबकि आज गंगा की निर्मलता की कौन कहे उसके बचाने की बात सामने आ रही है। गौरतलब है कि गंगा में हर साल 3000 MLD सीवेज डालते हैं , जिसमें बनारस में 300 MLD सीवेज डाला जाता है। जो आज भी वैसे ही डाला जा रहा है। गंगा में डाले जाने वाले सीवेज में हम सिर्फ 1000 MLD का ही ट्रीटमेंट कर पाते हैं बाकी 2000 MLD सीवेज ऐसे ही बह रहा है जिससे गंगा में गंगा का पानी ही नहीं है। यही वजह है कि जानकार कहते हैं कि पहले गंगा को बचाइए फिर उसकी सुंदरता को देखिए।टिप्पणियां
प्रो बीडी त्रिपाठी जो विशेषज्ञ सदस्य नेशनल मिशन क्लीन गंगा के हैं, साफ़ कहते हैं कि " गंगा की जो लांगीट्यूडिनल कनेक्टिविटी खत्म होती जा रही है। गंगा नदी होकर तालाब का रूप लेती जा रही है। थोड़ा सा प्रदूषण डालने में उसकी पाचन क्षमता समाप्त होती जा रही है। तो उसके लिए गंगा में पानी छोड़ने की कौन योजना है उसे प्रायरिटी पर लेना चाहिए तभी हमारी समस्या का समाधान हो पाएगा।
गौरतलब है कि गंगा की कुल लम्बाई 2525 किलोमीटर की है। गंगा का बेसिन 1. 6 मिलियन वर्ग किलोमीटर का है , 468. 7 बिलियन मीट्रिक पानी साल भर में प्रवाहित होता है जो देश के कुल जल श्रोत का 25. 2 प्रतिशत भाग है। इसके बेसिन में 45 करोड़ की आबादी बसती है। साथ ही गंगा पांच राज्यों से होकर गुजरती है। इसे राष्ट्रीय नदी भले ही घोषित किया गया हो पर यह राज्यों की मर्जी से ही बहती है। इसलिये इसके रास्ते में कई अड़चनें ज़रूर हैं। पर जिस गंगा एक्शन प्लान की शुरुआत 1986 में हुई। जिस पर अब तक करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं। बाद में वर्ष 2009 में राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की स्थापना भी गई जिसके चेयरमैन खुद प्रधानमंत्री हैं। इस परियोजना के लिए 2600 करोड़ रुपये वर्ल्ड बैंक से कर्ज ले कर कई योजनाओं की शुरुआत की गई। लेकिन गंगा का मामला जस का तस है। इसी प्राधिकरण ने भविष्य के लिए 7000 करोड़ के नए प्रोजेक्ट की रूपरेखा भी बना रखी है। बावजूद इसके गंगा की हालात वही है। अब एक बार फिर उसे 231 योजनाओं की सौगात मिली है लेकिन इसमें भी गंगा में पानी छोड़ने की कोई बात नहीं है। ऐसे में गंगा क्या बिना पानी के ठीक हो पाएगी यह देखने वाली बात होगी।
नवम्बर 2014 में उमा भारती ने वाराणसी में एक बड़ा जलसा कर के कहा था कि " गंगा का काम 3 साल में दिखने लगेगा और 48 दिनों में योजनाएं टेक आफ ले लेंगी। लेकिन दो साल गुजर गए जमीन पर गंगा सफाई को लेकर कुछ नजर नहीं आया। हां इस बीच कई मीटिंगों और योजनाओं पर काम करने की बात जरूर सामने आई थी। पर कोई ठोस योजना गंगा किनारे नहीं दिख रही थी। अब 2 साल बाद नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत 231 योजनाओं का शुभारम्भ हुआ है। जिसमे एक बार फिर उमा भारती 2018 तक जमीन पर दिखाई देने की बात कह रही हैं।
नमामि गंगे प्रोजेक्ट की 231 योजनाओं में गंगोत्री से शुरू होकर हरिद्वार, कानपुर, इलाहाबद , बनारस , गाजीपुर , बलिया , बिहार में 4 और बंगाल में 6 जगहों पर पुराने घाटों का जीर्णोद्धार, नए घाट, चेंजिंग रूम, शौचालय, बैठने की जगह, सीवेज ट्रीटमेंट प्लान्ट, आक्सीडेशन प्लान्ट बायोरेमेडेशन प्रक्रिया से पानी के शोधन का काम किया जाएगा। इसमें गांव के नालों को भी शामिल किया गया है। साथ ही तालाबों का गंगा से जुड़ाव पर क्या असर होता है उसे भी देखा जाएगा। इसके प्रोजेक्ट डायरेक्टर कहते हैं कि " गंगा एक्शन प्लान का सारा फोकस सफाई पर था इसमें कोई बुराई नहीं थी उसमे अविरलता की बात नहीं थी बायोडायवर्सिटी की बात नहीं थी उसके अंदर सैनिटेशन की बात नहीं थी हमने इसमें कई चीजें जोड़ी हैं।
प्रोजेक्ट डायरेक्टर नमामि गंगे योजना में अविरलता की बात तो कह रहे हैं पर पूछने पर उसकी कोई योजना नहीं बता पाए सिर्फ गंगा के किनारे उसके सौंदर्य की ही बात कह पाए। जबकि आज गंगा की निर्मलता की कौन कहे उसके बचाने की बात सामने आ रही है। गौरतलब है कि गंगा में हर साल 3000 MLD सीवेज डालते हैं , जिसमें बनारस में 300 MLD सीवेज डाला जाता है। जो आज भी वैसे ही डाला जा रहा है। गंगा में डाले जाने वाले सीवेज में हम सिर्फ 1000 MLD का ही ट्रीटमेंट कर पाते हैं बाकी 2000 MLD सीवेज ऐसे ही बह रहा है जिससे गंगा में गंगा का पानी ही नहीं है। यही वजह है कि जानकार कहते हैं कि पहले गंगा को बचाइए फिर उसकी सुंदरता को देखिए।टिप्पणियां
प्रो बीडी त्रिपाठी जो विशेषज्ञ सदस्य नेशनल मिशन क्लीन गंगा के हैं, साफ़ कहते हैं कि " गंगा की जो लांगीट्यूडिनल कनेक्टिविटी खत्म होती जा रही है। गंगा नदी होकर तालाब का रूप लेती जा रही है। थोड़ा सा प्रदूषण डालने में उसकी पाचन क्षमता समाप्त होती जा रही है। तो उसके लिए गंगा में पानी छोड़ने की कौन योजना है उसे प्रायरिटी पर लेना चाहिए तभी हमारी समस्या का समाधान हो पाएगा।
गौरतलब है कि गंगा की कुल लम्बाई 2525 किलोमीटर की है। गंगा का बेसिन 1. 6 मिलियन वर्ग किलोमीटर का है , 468. 7 बिलियन मीट्रिक पानी साल भर में प्रवाहित होता है जो देश के कुल जल श्रोत का 25. 2 प्रतिशत भाग है। इसके बेसिन में 45 करोड़ की आबादी बसती है। साथ ही गंगा पांच राज्यों से होकर गुजरती है। इसे राष्ट्रीय नदी भले ही घोषित किया गया हो पर यह राज्यों की मर्जी से ही बहती है। इसलिये इसके रास्ते में कई अड़चनें ज़रूर हैं। पर जिस गंगा एक्शन प्लान की शुरुआत 1986 में हुई। जिस पर अब तक करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं। बाद में वर्ष 2009 में राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की स्थापना भी गई जिसके चेयरमैन खुद प्रधानमंत्री हैं। इस परियोजना के लिए 2600 करोड़ रुपये वर्ल्ड बैंक से कर्ज ले कर कई योजनाओं की शुरुआत की गई। लेकिन गंगा का मामला जस का तस है। इसी प्राधिकरण ने भविष्य के लिए 7000 करोड़ के नए प्रोजेक्ट की रूपरेखा भी बना रखी है। बावजूद इसके गंगा की हालात वही है। अब एक बार फिर उसे 231 योजनाओं की सौगात मिली है लेकिन इसमें भी गंगा में पानी छोड़ने की कोई बात नहीं है। ऐसे में गंगा क्या बिना पानी के ठीक हो पाएगी यह देखने वाली बात होगी।
नमामि गंगे प्रोजेक्ट की 231 योजनाओं में गंगोत्री से शुरू होकर हरिद्वार, कानपुर, इलाहाबद , बनारस , गाजीपुर , बलिया , बिहार में 4 और बंगाल में 6 जगहों पर पुराने घाटों का जीर्णोद्धार, नए घाट, चेंजिंग रूम, शौचालय, बैठने की जगह, सीवेज ट्रीटमेंट प्लान्ट, आक्सीडेशन प्लान्ट बायोरेमेडेशन प्रक्रिया से पानी के शोधन का काम किया जाएगा। इसमें गांव के नालों को भी शामिल किया गया है। साथ ही तालाबों का गंगा से जुड़ाव पर क्या असर होता है उसे भी देखा जाएगा। इसके प्रोजेक्ट डायरेक्टर कहते हैं कि " गंगा एक्शन प्लान का सारा फोकस सफाई पर था इसमें कोई बुराई नहीं थी उसमे अविरलता की बात नहीं थी बायोडायवर्सिटी की बात नहीं थी उसके अंदर सैनिटेशन की बात नहीं थी हमने इसमें कई चीजें जोड़ी हैं।
प्रोजेक्ट डायरेक्टर नमामि गंगे योजना में अविरलता की बात तो कह रहे हैं पर पूछने पर उसकी कोई योजना नहीं बता पाए सिर्फ गंगा के किनारे उसके सौंदर्य की ही बात कह पाए। जबकि आज गंगा की निर्मलता की कौन कहे उसके बचाने की बात सामने आ रही है। गौरतलब है कि गंगा में हर साल 3000 MLD सीवेज डालते हैं , जिसमें बनारस में 300 MLD सीवेज डाला जाता है। जो आज भी वैसे ही डाला जा रहा है। गंगा में डाले जाने वाले सीवेज में हम सिर्फ 1000 MLD का ही ट्रीटमेंट कर पाते हैं बाकी 2000 MLD सीवेज ऐसे ही बह रहा है जिससे गंगा में गंगा का पानी ही नहीं है। यही वजह है कि जानकार कहते हैं कि पहले गंगा को बचाइए फिर उसकी सुंदरता को देखिए।टिप्पणियां
प्रो बीडी त्रिपाठी जो विशेषज्ञ सदस्य नेशनल मिशन क्लीन गंगा के हैं, साफ़ कहते हैं कि " गंगा की जो लांगीट्यूडिनल कनेक्टिविटी खत्म होती जा रही है। गंगा नदी होकर तालाब का रूप लेती जा रही है। थोड़ा सा प्रदूषण डालने में उसकी पाचन क्षमता समाप्त होती जा रही है। तो उसके लिए गंगा में पानी छोड़ने की कौन योजना है उसे प्रायरिटी पर लेना चाहिए तभी हमारी समस्या का समाधान हो पाएगा।
गौरतलब है कि गंगा की कुल लम्बाई 2525 किलोमीटर की है। गंगा का बेसिन 1. 6 मिलियन वर्ग किलोमीटर का है , 468. 7 बिलियन मीट्रिक पानी साल भर में प्रवाहित होता है जो देश के कुल जल श्रोत का 25. 2 प्रतिशत भाग है। इसके बेसिन में 45 करोड़ की आबादी बसती है। साथ ही गंगा पांच राज्यों से होकर गुजरती है। इसे राष्ट्रीय नदी भले ही घोषित किया गया हो पर यह राज्यों की मर्जी से ही बहती है। इसलिये इसके रास्ते में कई अड़चनें ज़रूर हैं। पर जिस गंगा एक्शन प्लान की शुरुआत 1986 में हुई। जिस पर अब तक करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं। बाद में वर्ष 2009 में राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की स्थापना भी गई जिसके चेयरमैन खुद प्रधानमंत्री हैं। इस परियोजना के लिए 2600 करोड़ रुपये वर्ल्ड बैंक से कर्ज ले कर कई योजनाओं की शुरुआत की गई। लेकिन गंगा का मामला जस का तस है। इसी प्राधिकरण ने भविष्य के लिए 7000 करोड़ के नए प्रोजेक्ट की रूपरेखा भी बना रखी है। बावजूद इसके गंगा की हालात वही है। अब एक बार फिर उसे 231 योजनाओं की सौगात मिली है लेकिन इसमें भी गंगा में पानी छोड़ने की कोई बात नहीं है। ऐसे में गंगा क्या बिना पानी के ठीक हो पाएगी यह देखने वाली बात होगी।
प्रोजेक्ट डायरेक्टर नमामि गंगे योजना में अविरलता की बात तो कह रहे हैं पर पूछने पर उसकी कोई योजना नहीं बता पाए सिर्फ गंगा के किनारे उसके सौंदर्य की ही बात कह पाए। जबकि आज गंगा की निर्मलता की कौन कहे उसके बचाने की बात सामने आ रही है। गौरतलब है कि गंगा में हर साल 3000 MLD सीवेज डालते हैं , जिसमें बनारस में 300 MLD सीवेज डाला जाता है। जो आज भी वैसे ही डाला जा रहा है। गंगा में डाले जाने वाले सीवेज में हम सिर्फ 1000 MLD का ही ट्रीटमेंट कर पाते हैं बाकी 2000 MLD सीवेज ऐसे ही बह रहा है जिससे गंगा में गंगा का पानी ही नहीं है। यही वजह है कि जानकार कहते हैं कि पहले गंगा को बचाइए फिर उसकी सुंदरता को देखिए।टिप्पणियां
प्रो बीडी त्रिपाठी जो विशेषज्ञ सदस्य नेशनल मिशन क्लीन गंगा के हैं, साफ़ कहते हैं कि " गंगा की जो लांगीट्यूडिनल कनेक्टिविटी खत्म होती जा रही है। गंगा नदी होकर तालाब का रूप लेती जा रही है। थोड़ा सा प्रदूषण डालने में उसकी पाचन क्षमता समाप्त होती जा रही है। तो उसके लिए गंगा में पानी छोड़ने की कौन योजना है उसे प्रायरिटी पर लेना चाहिए तभी हमारी समस्या का समाधान हो पाएगा।
गौरतलब है कि गंगा की कुल लम्बाई 2525 किलोमीटर की है। गंगा का बेसिन 1. 6 मिलियन वर्ग किलोमीटर का है , 468. 7 बिलियन मीट्रिक पानी साल भर में प्रवाहित होता है जो देश के कुल जल श्रोत का 25. 2 प्रतिशत भाग है। इसके बेसिन में 45 करोड़ की आबादी बसती है। साथ ही गंगा पांच राज्यों से होकर गुजरती है। इसे राष्ट्रीय नदी भले ही घोषित किया गया हो पर यह राज्यों की मर्जी से ही बहती है। इसलिये इसके रास्ते में कई अड़चनें ज़रूर हैं। पर जिस गंगा एक्शन प्लान की शुरुआत 1986 में हुई। जिस पर अब तक करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं। बाद में वर्ष 2009 में राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की स्थापना भी गई जिसके चेयरमैन खुद प्रधानमंत्री हैं। इस परियोजना के लिए 2600 करोड़ रुपये वर्ल्ड बैंक से कर्ज ले कर कई योजनाओं की शुरुआत की गई। लेकिन गंगा का मामला जस का तस है। इसी प्राधिकरण ने भविष्य के लिए 7000 करोड़ के नए प्रोजेक्ट की रूपरेखा भी बना रखी है। बावजूद इसके गंगा की हालात वही है। अब एक बार फिर उसे 231 योजनाओं की सौगात मिली है लेकिन इसमें भी गंगा में पानी छोड़ने की कोई बात नहीं है। ऐसे में गंगा क्या बिना पानी के ठीक हो पाएगी यह देखने वाली बात होगी।
प्रो बीडी त्रिपाठी जो विशेषज्ञ सदस्य नेशनल मिशन क्लीन गंगा के हैं, साफ़ कहते हैं कि " गंगा की जो लांगीट्यूडिनल कनेक्टिविटी खत्म होती जा रही है। गंगा नदी होकर तालाब का रूप लेती जा रही है। थोड़ा सा प्रदूषण डालने में उसकी पाचन क्षमता समाप्त होती जा रही है। तो उसके लिए गंगा में पानी छोड़ने की कौन योजना है उसे प्रायरिटी पर लेना चाहिए तभी हमारी समस्या का समाधान हो पाएगा।
गौरतलब है कि गंगा की कुल लम्बाई 2525 किलोमीटर की है। गंगा का बेसिन 1. 6 मिलियन वर्ग किलोमीटर का है , 468. 7 बिलियन मीट्रिक पानी साल भर में प्रवाहित होता है जो देश के कुल जल श्रोत का 25. 2 प्रतिशत भाग है। इसके बेसिन में 45 करोड़ की आबादी बसती है। साथ ही गंगा पांच राज्यों से होकर गुजरती है। इसे राष्ट्रीय नदी भले ही घोषित किया गया हो पर यह राज्यों की मर्जी से ही बहती है। इसलिये इसके रास्ते में कई अड़चनें ज़रूर हैं। पर जिस गंगा एक्शन प्लान की शुरुआत 1986 में हुई। जिस पर अब तक करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं। बाद में वर्ष 2009 में राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की स्थापना भी गई जिसके चेयरमैन खुद प्रधानमंत्री हैं। इस परियोजना के लिए 2600 करोड़ रुपये वर्ल्ड बैंक से कर्ज ले कर कई योजनाओं की शुरुआत की गई। लेकिन गंगा का मामला जस का तस है। इसी प्राधिकरण ने भविष्य के लिए 7000 करोड़ के नए प्रोजेक्ट की रूपरेखा भी बना रखी है। बावजूद इसके गंगा की हालात वही है। अब एक बार फिर उसे 231 योजनाओं की सौगात मिली है लेकिन इसमें भी गंगा में पानी छोड़ने की कोई बात नहीं है। ऐसे में गंगा क्या बिना पानी के ठीक हो पाएगी यह देखने वाली बात होगी।
गौरतलब है कि गंगा की कुल लम्बाई 2525 किलोमीटर की है। गंगा का बेसिन 1. 6 मिलियन वर्ग किलोमीटर का है , 468. 7 बिलियन मीट्रिक पानी साल भर में प्रवाहित होता है जो देश के कुल जल श्रोत का 25. 2 प्रतिशत भाग है। इसके बेसिन में 45 करोड़ की आबादी बसती है। साथ ही गंगा पांच राज्यों से होकर गुजरती है। इसे राष्ट्रीय नदी भले ही घोषित किया गया हो पर यह राज्यों की मर्जी से ही बहती है। इसलिये इसके रास्ते में कई अड़चनें ज़रूर हैं। पर जिस गंगा एक्शन प्लान की शुरुआत 1986 में हुई। जिस पर अब तक करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं। बाद में वर्ष 2009 में राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की स्थापना भी गई जिसके चेयरमैन खुद प्रधानमंत्री हैं। इस परियोजना के लिए 2600 करोड़ रुपये वर्ल्ड बैंक से कर्ज ले कर कई योजनाओं की शुरुआत की गई। लेकिन गंगा का मामला जस का तस है। इसी प्राधिकरण ने भविष्य के लिए 7000 करोड़ के नए प्रोजेक्ट की रूपरेखा भी बना रखी है। बावजूद इसके गंगा की हालात वही है। अब एक बार फिर उसे 231 योजनाओं की सौगात मिली है लेकिन इसमें भी गंगा में पानी छोड़ने की कोई बात नहीं है। ऐसे में गंगा क्या बिना पानी के ठीक हो पाएगी यह देखने वाली बात होगी।
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बिहार में चुनाव है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अबकी बार जयप्रकाश नारायण की जयंती पर एक कार्यक्रम का ही आयोजन कर डाला. फिर भाषण भी दिया. भाषण में जेपी के व्यक्तित्व की बातें कीं. आपातकाल की बातें कीं. बताया कि लालकृष्ण आडवाणी और जॉर्ज फर्नांडीज को उन्होंने पहली बार करीब से आपातकाल के दौरान ही देखा था. तभी जेपी के पास जाने का मौका मिला. रविवार को जेपी की 113वीं जयंती मनाई गई.
सरल जेपी के भीतर उबल रही थी ज्वाला
मोदी ने अपने अनुभवों के आधार पर बताया कि जेपी बड़े सरल थे. उनकी आवाज धीमी ही रहती थी, लेकिन भीतर से उबलती हुई ज्वाला थी. देश में बदलाव लाने की. वे
एक विचार से बंधे हुए नहीं
थे. उन्हें चिंता नहीं थी कि दुनिया क्या कहेगी. जब जो सच लगा उसके लिए जी लिये.
सुनाया महिला का किस्सा
मोदी ने एक किस्सा सुनाया. कहने लगे- आपातकाल की घोषणा हो चुकी थी. मैं बस में सफर कर रहा था. एक महिला भी बस में चढ़ी और उसने टिकट लिया. कंडक्टर ने टिकट देकर उसे खुल्ले पैसे दिए. महिला ने कहा कि नोट बदल दो. कंडक्टर ने नोट को सही बताकर बदलने से मना कर दिया. महिला जिद पर अड़ी थी. झगड़ा हो गया तो मैंने दखल दिया. मैंने भी कहा कि नोट तो अच्छा है, रख लीजिए. उस महिला ने जो जवाब दिया, उसने मुझे लोकतंत्र की सबसे बड़ी प्रेरणा दी. उस महिला ने कहा कि मुझे
जेपी के आंदोलन
के लिए दान में एक रुपया देना है. इसलिए कड़क नोट चाहिए.
आपातकाल से देश को नुकसान हुआ
मोदी ने कहा कि आपातकाल लोकतंत्र का काला अध्याय है, इससे देश को बहुत नुकसान हुआ. लेकिन जेपी के आंदोलन ने देश में राजनेताओं की एक नई पीढ़ी को जन्म दिया. यह नेतृत्व टीवी स्क्रीन्स का नहीं था, बल्कि यह मुल्क के लिए जीने-मरने का नेतृत्व था. मोदी ने जेपी को ऑल पार्टी मैन बताते हुए कहा कि यही वजह थी कि वह देश में ऐसा बदलाव ला सके. मोदी ने कहा कि मीडिया को आपातकाल को भुलाना नहीं चाहिए.
बादल को बताया भारत का नेल्सन मंडेला
मोदी ने पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को भारत का नेल्सन मंडेला बताया. कार्यक्रम विज्ञान भवन में था. मोदी बोले- 'बादल साहब यहां बैठे हुए हैं. वह भारत के नेल्सन मंडेला हैं. वह इतने साल जेल में रहे हैं और वो भी राजनीतिक कारणों से. उनका कसूर क्या था. सिर्फ यही कि वह सत्ता से अलग विचार रखते थे.'
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जर्मनी में वेतन में बढ़ोतरी की मांग को लेकर सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों की हड़ताल के कारण फ्रैंकफर्ट और म्युनिख सहित कई शहरों में सैकड़ों उड़ानों को रद्द कर दिया गया है.
जर्मनी की सबसे बड़ी एयरलाइन लुफथांसा ने कहा कि वह आज 600 उड़ानें रद्द कर रही है. ये उड़ानें मुख्य रूप से यूरोप के भीतर की हैं. कर्मचारियों के यूनियन ने कहा कि वह वेतन को चल रही बातचीत के तीसरे चरण से पहले दबाव बनाने के मकसद से एक दिन की हड़ताल कर रही है.
यूनियन के तहत करीब 21 लाख संघीय एवं नगरीय कर्मचारी हैं.
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यह लेख है: बॉलीवुड अभिनेत्री करीना कपूर खान ने संजय दत्त की जीवनी पर आधारित फिल्म में किरदार निभाने की खबरों का खंडन किया है। संजय दत्त 1993 के सिलसिलेवार बम विस्फोट के आरोप में पुणे के यरवदा कारागार से सजा काटकर रिहा हुए हैं। संजय दत्त की जीवनी पर आधारित फिल्म का निर्देशन राजकुमार हिरानी करेंगे। इस फिल्म में रणबीर कपूर संजय दत्त का किरदार निभाएंगे।टिप्पणियां
खबर थी कि रणबीर कपूर की चचेरी बहन करीना कपूर इस फिल्म में ‘मुन्नाभाई’ की राजनेता बहन प्रिया दत्त का किरदार अदा करेंगी। इस फिल्म के प्रस्ताव के बारे में पूछने पर करीना ने कहा कि मैंने भी ऐसी खबरें पढ़ी हैं, लेकिन वह बिल्कुल झूठी हैं। मुझे इस फिल्म के लिए कोई प्रस्ताव नहीं मिला है।
जीवनी पर आधारित इस फिल्म का निर्माण विधु विनोद चोपड़ा कर रहे हैं। वह इस फिल्म में 17 वर्ष की उम्र से संजय दत्त के अशांत जीवन के प्रत्येक पहलू पर नजर रखेंगे। अभी तक इस फिल्म के लिए किसी अभिनेत्री का चयन नहीं किया गया। ‘थ्री इडीयट’ की अदाकारा यहां एक आइसक्रीम ब्रांड के नए स्वाद वाली आइसक्रीम के उद्घाटन कार्यक्रम में बोल रही थीं।
खबर थी कि रणबीर कपूर की चचेरी बहन करीना कपूर इस फिल्म में ‘मुन्नाभाई’ की राजनेता बहन प्रिया दत्त का किरदार अदा करेंगी। इस फिल्म के प्रस्ताव के बारे में पूछने पर करीना ने कहा कि मैंने भी ऐसी खबरें पढ़ी हैं, लेकिन वह बिल्कुल झूठी हैं। मुझे इस फिल्म के लिए कोई प्रस्ताव नहीं मिला है।
जीवनी पर आधारित इस फिल्म का निर्माण विधु विनोद चोपड़ा कर रहे हैं। वह इस फिल्म में 17 वर्ष की उम्र से संजय दत्त के अशांत जीवन के प्रत्येक पहलू पर नजर रखेंगे। अभी तक इस फिल्म के लिए किसी अभिनेत्री का चयन नहीं किया गया। ‘थ्री इडीयट’ की अदाकारा यहां एक आइसक्रीम ब्रांड के नए स्वाद वाली आइसक्रीम के उद्घाटन कार्यक्रम में बोल रही थीं।
जीवनी पर आधारित इस फिल्म का निर्माण विधु विनोद चोपड़ा कर रहे हैं। वह इस फिल्म में 17 वर्ष की उम्र से संजय दत्त के अशांत जीवन के प्रत्येक पहलू पर नजर रखेंगे। अभी तक इस फिल्म के लिए किसी अभिनेत्री का चयन नहीं किया गया। ‘थ्री इडीयट’ की अदाकारा यहां एक आइसक्रीम ब्रांड के नए स्वाद वाली आइसक्रीम के उद्घाटन कार्यक्रम में बोल रही थीं।
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: आगामी लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को शनिवार को उस समय झटका लगा, जब एक विशेष अदालत ने आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाला मामले के आरोपियों की सूची से उनका नाम हटाने से जुड़ी सीबीआई की याचिका खारिज कर दी।
सीबीआई अदालत के न्यायाधीश एस जी दिघे ने याचिका खारिज करते हुए कहा, 'सीबीआई की याचिका खारिज की जाती है।' न्यायाधीश ने कहा कि राज्यपाल के शंकरनारायणन ने चव्हाण के खिलाफ मामला चलाने की इजाजत भले ही नहीं दी है, लेकिन उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला चलाया जा सकता हैं, क्योंकि वह आपराधिक कदाचार के आरोपी रहे हैं।
न्यायाधीश इस संबंध में विस्तृत आदेश बाद में पारित करेंगे।
बहस के दौरान विशेष लोक अभियोजक भरत बदामी ने कहा कि सीबीआई को पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला चलाने में 'बहुत खुशी' होगी लेकिन 'हमारे हाथ बंधे हुए हैं।' उन्होंने कहा कि राज्यपाल द्वारा मंजूरी देने से इनकार किए जाने के खिलाफ अपील का कानून में कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन एजेंसी के पास चव्हाण के खिलाफ अतिरिक्त सबूत हो तो वह उनसे उनके निर्णय की समीक्षा करने का अनुरोध कर सकती है, लेकिन मामला ऐसा नहीं है।
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