text
stringlengths
1
1.24M
GATE 2020: ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (GATE) का शेड्यूल जारी कर दिया गया है.  इस बार GATE परीक्षा का आयोजन इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली (IIT Delhi) की ओर से किया जाएगा. इस बात की पृष्टि डिप्टी डायरेक्टर, IIT-D, M बालकृष्णन ने की है. वहीं GATE परीक्षा के रजिस्ट्रेशन के लिए वेबसाइट पर लिंक पहले से ही सेट कर दिया गया है. हालांकि, ऑनलाइन आवेदन के लिए लिंक सितंबर महीने में एक्टिव कर दिया जाएगा. उम्मीदवार GATE की आधिकारिक वेबसाइट gate.iitd.ac.in पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. कब होगी GATE 2020 की परीक्षा शेड्यूल के अनुसार परीक्षा का आयोजन फरवरी महीने में पहले हफ्ते में आयोजित की जाएगी. वहीं एडमिट कार्ड जनवरी महीने में जारी कर दिए जाएंगे. बता दें, पिछले साल  GATE परीक्षा का आयोजन आईआईटी मद्रास की ओर से किया था.  परीक्षा की तारीख 2, 3, 9 और 10 फरवरी थी. वहीं परीणाम की घोषणा मार्च महीने में कर दी गई है. GATE परीक्षा 24 विषयों के लिए आयोजित किया जाएगा. गेट के माध्यम से कई इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी, आर्किटेक्चर और कोई कोर्स में दाखिला लिया जा सकता है. गेट स्कोर के माध्यम से BHEL, GAIL, HAL, IOCL,ONGC में दाखिला लिया जाता है. GATE 2020- कैसा होगा पैटर्न GATE 2020 कंप्यूटर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न या MCQ के सवाल पूछे जाएंगे. ये परीक्षा तीन घंटे के लिए आयोजित की जाएगी. जिसमें कुल 100 अंकों के लिए 65 सवालों के जवाब देने होंगे. परीक्षा में दो सेक्शन होते हैं. पेपर में  सामान्य योग्यता (15 अंक), इंजीनियरिंग मैथेमेटिक्स (10-13 अंक) और कोर इंजीनियरिंग क्षेत्र के प्रश्न होंगे.
पाकिस्‍तान के कई प्रमुख नेता व अधिकारी इस्‍लामाबाद में हुए धमाके की रात होटल मेरियट जाने वाले थे, लेकिन अंतिम समय में कार्यक्रम बदल जाने से इनकी जान बच गई. मेरियट होटल में उस रात एक आत्‍मघाती हमलावर ने भीषण विस्‍फोट किया था, जिसमें 53 लोगों की मौत हो गई थी. पाकिस्‍तान के आंतरिक मामलों के मंत्री रहमान मलिक ने संवाददाताओं को बताया कि राष्‍ट्रपति, प्रधानमंत्री और सेना के आला अधिकारियों को नेशनल असेंबली के स्‍पीकर ने होटल मेरियट में रात्रिभोज पर आमंत्रित किया था. लेकिन बाद में भोज का स्‍थान बदलकर प्रधानमंत्री निवास कर दिया गया था. मलिक ने कहा कि अगर ये सभी लोग वहां पहुंच गए होते, तो यह देश के लिए बड़ी त्रासदी होती. उन्‍होंने भोज के स्‍थान परिवर्तन के कारणों के बारे में जानकारी नहीं दी.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काफी दिनों के बाद पूजा अर्चना के साथ मुख्यमंत्री आवास में गृह प्रवेश किया. उधर देहरादून न्यू कैंट रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास शुभ है या अशुभ ? इस प्रश्न को दरकिनार करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार (29 मार्च) को विधिवत पूजा अर्चना के साथ इसमें प्रवेश किया. माना जाता है अशुभ हरीश रावत ने अपने ढाई साल के मुख्यमंत्रित्व काल में इस आवास में रहने के लिये कभी नहीं गये. रावत से पहले मुख्यमंत्री बने विजय बहुगुणा इसमें रहने गये थे लेकिन अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाये. इसी आवास में रहने वाले पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाये थे. उनके बाद सितंबर, 2011 में दोबारा मुख्यमंत्री बने भुवन चंद्र खंडूरी इस आवास में गये ही नहीं. सपरिवार किया गृह प्रवेश शायद इन्हीं वजहों से यह धारणा बन गई कि यह आवास मुख्यमंत्री के लिये अशुभ है और इसमें रहने वाला मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता. मुख्यमंत्री रावत ने विधिवत पूर्जा अर्चना करने के बाद पत्नी सुनीता रावत, दोनों पुत्रियों और अन्य परिजनों सहित मुख्यमंत्री आवास में प्रवेश किया. मंत्रिमंडल भी रहा साथ उनके गृह प्रवेश के अवसर पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट, कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत, मदन कौशिक, हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धनसिंह रावत, विधायक गणेश जोशी, मुख्य सचिव एस. रामास्वामी सहित अन्य गणमान्य भी मौजूद थे.गृह प्रवेश के बाद मुख्यमंत्री ने कैम्प कार्यालय का भी निरीक्षण किया. उन्होंने प्रदेश में पानी की कमी को देखते हुए आवास में बनाए गए तरणताल को भी बंद करने के निर्देश दिए. यूपी में 6 कालिदास मार्ग है अशुभ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास 5 कालीदास मार्ग से सटा 6 कालिदास मार्ग बंग्ला भी अशुभ माना जाता है. जो भी मंत्री इस बंगले में रहा है उसके साथ कुछ ना कुछ घटना घटी है. मुलायम सरकार के दौरान मुख्य सचिव रही नीरा यादव इसी बंगले में रहती थीं. वे नोएडा प्लॉट घोटाले में फंसी और उन्हें जेल भी जाना पड़ा. इसके अलावा अमर सिंह, बाबू सिंह कुशवाहा जैसे कई उदाहरण इस बंगले के साथ जुड़े हैं.
पश्चिमी दिल्ली के पंचशील एन्क्लेव इलाके में मोबाइल की दुकान चलाने वाले युवक का शव घर से 7 किलोमीटर दूर, द्वारका सेक्टर-13 के डीडीए पार्क में पेड़ से लटका मिला. वारदात बीते बुधवार सुबह की है, जब पार्क में मॉर्निंग वाक करने पहुंचे लोगों ने पेड़ पर किसी को लटका हुआ देखा. पुलिस को सूचना दी गई. शव को देखकर पुलिस पहली नजर में सुसाइड का मामला बता रही है, लेकिन मृतक के घरवाले इसे हत्या बता रहे हैं. घरवालों का कहना है कि मृतक को पेड़ पर चढ़ना आता ही नहीं था, तो वह आत्महत्या कैसे करेगा, जबकि मृतक का शव 12 फुट की ऊंचाई पर पेड़ से लटका मिला है. फिलहाल द्वारका नॉर्थ थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. मामले की जांच की जा रही है. पश्चिमी दिल्ली के रनहोला बालाजी चौक पंचशील एन्क्लेव इलाके में रहने वाले एक युवक का शव घर 6 किलोमीटर दूर द्वारका सेक्टर -13 के डीडीए पार्क में पेड़ से लटका मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई. जानकारी के मुताबिक, मृतक का नाम अशोक कुमार (26 वर्ष) था. मृतक अशोक रनहोला के बालाजी चौक पंचशील एन्क्लेव में मोबाइल की दुकान चलाता था. बीते बुधवार की शाम को घर से मोबाइल की दुकान बंद करने के नाम पर निकला था, जिसके बाद वह घर नहीं लौटा. मृतक की दुकान घर के पिछले हिस्से में है, पर जब काफी देर हो गई, तो घर वाले अशोक की तलाश में उसके दुकान पर पहुंचे, दुकान खुली थी, पर अशोक दुकान पर नहीं था. इसके बाद घरवालों ने अशोक की काफी तलाश की, पर दूसरे दिन वीरवार की सुबह को द्वारका नार्थ पुलिस द्वारा घरवालों को उसकी मौत की सूचना दी गई. घरवालों के मुताबिक, मृतक अशोक का शव घर से 6 किलोमीटर दूर द्वारका इलाके के सेक्टर -13 के डीडीए पार्क में एक पेड़ से लटका हुआ मिला और घर वाले इसे हत्या बता रहे हैं. वहीं घरवालों के मुताबिक अशोक की हत्या की गई है. अशोक के परिजन सवाल उठा रहे हैं कि मृतक अशोक घर से बिना बाइक के बुधवार रात को निकला था और फिर द्वारका सेक्टर-13  पहुंचा कैसे, जबकि मृतक अशोक का शव एक पेड़ पर लगभग बारह फ़ीट की ऊंचाई पर लटका मिला है. मृतक अशोक को पेड़ पर चढ़ना ही नहीं आता था, फिर वो फांसी कैसे लगा सकता है? इन सब सवालों के चलते घरवाले अशोक की मौत को हत्या बता रहे है, वहीं पुलिस को भी मृतक के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. पुलिस मृतक के मोबाइल से पता लगाने की कोशिश कर रही है कि मृतक आखिर घर से इतनी दूर पहुंचा कैसे?
दुनिया भर में जारी आर्थिक मंदी की मार झेल रहे अमेरिका के सबसे बड़े बैंक सिटीग्रुप ने 53,000 कर्मचारियों की और छटनी की घोषणा की है. सिटीग्रुप इस साल पहले ही लगभग 23,000 लोगों को बाहर निकाल चुका है. ताजा छंटनी के बाद अब यह संख्या बढ़कर 75 हजार से अधिक हो जाएगी. ताजा कटौती के बाद दुनिया भर में इस बैंक के कुल 3,00,000 कर्मचारी बच जाएंगे. हालांकि बैंक ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई है. खबरों के मुताबिक, नौकरियों में कटौती के तहत बैंक के सीईओ विक्रम पंडित का मकसद बैंक को मुनाफे की तरफ ले जाना और इसके शेयरों को गिरने से बचाना है.
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: सुप्रीम कोर्ट देश में पांच सौ और एक हजार रूपये की मुद्रा को अमान्य करने के केंद्र के निर्णय को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं के साथ ही दो नई याचिकाओं पर भी दो दिसंबर को सुनवाई के लिये मंगलवार को तैयार हो गया. नई याचिकाएं केरल की 14 सहकारी बैंकों और भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने दायर की हैं. सहकारी बैंक चाहती हैं कि उन्हें भी अन्य बैंकों की तरह ही कारोबार की अनुमति दी जाए जबकि पेशे से वकील भाजपा नेता एक सौ रूपये से अधिक की मुद्रा के विमुद्रीकरण का अनुरोध किया है. प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इन दोनों याचिकाओं के बारे में मंगलवार को उल्लेख किया गया. खंडपीठ ने इन याचिकाओं को भी दो दिसंबर के लिये सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया. उसी दिन पहले से ही लंबित केंद्र सरकार की स्थानांतरण याचिका सहित अन्य याचिकाओं पर सुनवाई होनी है. केरल की सहकारी बैंक चाहती हैं कि शीर्ष अदालत द्वारा अन्य सरकारी बैंकों की तरह ही उन्हें भी नकदी का कारोबार करने की अनुमति दी जाये. इन बैंकों का दावा है कि जिला सहकारी बैंकों को पुरानी मुद्रा को बदलने की अनुमति नहीं है जो पक्षपातपूर्ण है क्योंकि वे भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुरूप ही काम करती हैं. याचिका में यह भी दलील दी गई है कि निजी बैंकों को पुरानी मुद्रा बदलने की अनुमति दी गई है जबकि जिला सहकारी बैंकों को ऐसा करने से रोका जा रहा है जो पक्षपातपूर्ण है. दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने एक सौ रूपये से अधिक मूल्य की सारी मुद्रा वापस लेने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की है. उनका दावा है कि भ्रष्टाचार और काले धन पर नियंत्रण तथा आतंकवाद और क्सली गतिविधियों, जुआ, तस्करी, हवाला, रिश्वत और उगाही जैसी गतिविधियों पर अंकुश के लिये ऐसा करना जरूरी है.टिप्पणियां याचिका में केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री कार्यालय और भारतीय रिजर्व बैंक को पक्षकार बनाया गया है. याचिका में नकद कारोबार पांच हजार रूपये तक सीमित करने और ऑनलाइन तथा क्रेडिट कार्ड से होने वाले लेन-देन पर लगने वाला शुल्क वापस लेने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) नई याचिकाएं केरल की 14 सहकारी बैंकों और भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने दायर की हैं. सहकारी बैंक चाहती हैं कि उन्हें भी अन्य बैंकों की तरह ही कारोबार की अनुमति दी जाए जबकि पेशे से वकील भाजपा नेता एक सौ रूपये से अधिक की मुद्रा के विमुद्रीकरण का अनुरोध किया है. प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इन दोनों याचिकाओं के बारे में मंगलवार को उल्लेख किया गया. खंडपीठ ने इन याचिकाओं को भी दो दिसंबर के लिये सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया. उसी दिन पहले से ही लंबित केंद्र सरकार की स्थानांतरण याचिका सहित अन्य याचिकाओं पर सुनवाई होनी है. केरल की सहकारी बैंक चाहती हैं कि शीर्ष अदालत द्वारा अन्य सरकारी बैंकों की तरह ही उन्हें भी नकदी का कारोबार करने की अनुमति दी जाये. इन बैंकों का दावा है कि जिला सहकारी बैंकों को पुरानी मुद्रा को बदलने की अनुमति नहीं है जो पक्षपातपूर्ण है क्योंकि वे भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुरूप ही काम करती हैं. याचिका में यह भी दलील दी गई है कि निजी बैंकों को पुरानी मुद्रा बदलने की अनुमति दी गई है जबकि जिला सहकारी बैंकों को ऐसा करने से रोका जा रहा है जो पक्षपातपूर्ण है. दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने एक सौ रूपये से अधिक मूल्य की सारी मुद्रा वापस लेने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की है. उनका दावा है कि भ्रष्टाचार और काले धन पर नियंत्रण तथा आतंकवाद और क्सली गतिविधियों, जुआ, तस्करी, हवाला, रिश्वत और उगाही जैसी गतिविधियों पर अंकुश के लिये ऐसा करना जरूरी है.टिप्पणियां याचिका में केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री कार्यालय और भारतीय रिजर्व बैंक को पक्षकार बनाया गया है. याचिका में नकद कारोबार पांच हजार रूपये तक सीमित करने और ऑनलाइन तथा क्रेडिट कार्ड से होने वाले लेन-देन पर लगने वाला शुल्क वापस लेने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इन दोनों याचिकाओं के बारे में मंगलवार को उल्लेख किया गया. खंडपीठ ने इन याचिकाओं को भी दो दिसंबर के लिये सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया. उसी दिन पहले से ही लंबित केंद्र सरकार की स्थानांतरण याचिका सहित अन्य याचिकाओं पर सुनवाई होनी है. केरल की सहकारी बैंक चाहती हैं कि शीर्ष अदालत द्वारा अन्य सरकारी बैंकों की तरह ही उन्हें भी नकदी का कारोबार करने की अनुमति दी जाये. इन बैंकों का दावा है कि जिला सहकारी बैंकों को पुरानी मुद्रा को बदलने की अनुमति नहीं है जो पक्षपातपूर्ण है क्योंकि वे भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुरूप ही काम करती हैं. याचिका में यह भी दलील दी गई है कि निजी बैंकों को पुरानी मुद्रा बदलने की अनुमति दी गई है जबकि जिला सहकारी बैंकों को ऐसा करने से रोका जा रहा है जो पक्षपातपूर्ण है. दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने एक सौ रूपये से अधिक मूल्य की सारी मुद्रा वापस लेने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की है. उनका दावा है कि भ्रष्टाचार और काले धन पर नियंत्रण तथा आतंकवाद और क्सली गतिविधियों, जुआ, तस्करी, हवाला, रिश्वत और उगाही जैसी गतिविधियों पर अंकुश के लिये ऐसा करना जरूरी है.टिप्पणियां याचिका में केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री कार्यालय और भारतीय रिजर्व बैंक को पक्षकार बनाया गया है. याचिका में नकद कारोबार पांच हजार रूपये तक सीमित करने और ऑनलाइन तथा क्रेडिट कार्ड से होने वाले लेन-देन पर लगने वाला शुल्क वापस लेने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) केरल की सहकारी बैंक चाहती हैं कि शीर्ष अदालत द्वारा अन्य सरकारी बैंकों की तरह ही उन्हें भी नकदी का कारोबार करने की अनुमति दी जाये. इन बैंकों का दावा है कि जिला सहकारी बैंकों को पुरानी मुद्रा को बदलने की अनुमति नहीं है जो पक्षपातपूर्ण है क्योंकि वे भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुरूप ही काम करती हैं. याचिका में यह भी दलील दी गई है कि निजी बैंकों को पुरानी मुद्रा बदलने की अनुमति दी गई है जबकि जिला सहकारी बैंकों को ऐसा करने से रोका जा रहा है जो पक्षपातपूर्ण है. दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने एक सौ रूपये से अधिक मूल्य की सारी मुद्रा वापस लेने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की है. उनका दावा है कि भ्रष्टाचार और काले धन पर नियंत्रण तथा आतंकवाद और क्सली गतिविधियों, जुआ, तस्करी, हवाला, रिश्वत और उगाही जैसी गतिविधियों पर अंकुश के लिये ऐसा करना जरूरी है.टिप्पणियां याचिका में केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री कार्यालय और भारतीय रिजर्व बैंक को पक्षकार बनाया गया है. याचिका में नकद कारोबार पांच हजार रूपये तक सीमित करने और ऑनलाइन तथा क्रेडिट कार्ड से होने वाले लेन-देन पर लगने वाला शुल्क वापस लेने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) याचिका में यह भी दलील दी गई है कि निजी बैंकों को पुरानी मुद्रा बदलने की अनुमति दी गई है जबकि जिला सहकारी बैंकों को ऐसा करने से रोका जा रहा है जो पक्षपातपूर्ण है. दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने एक सौ रूपये से अधिक मूल्य की सारी मुद्रा वापस लेने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की है. उनका दावा है कि भ्रष्टाचार और काले धन पर नियंत्रण तथा आतंकवाद और क्सली गतिविधियों, जुआ, तस्करी, हवाला, रिश्वत और उगाही जैसी गतिविधियों पर अंकुश के लिये ऐसा करना जरूरी है.टिप्पणियां याचिका में केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री कार्यालय और भारतीय रिजर्व बैंक को पक्षकार बनाया गया है. याचिका में नकद कारोबार पांच हजार रूपये तक सीमित करने और ऑनलाइन तथा क्रेडिट कार्ड से होने वाले लेन-देन पर लगने वाला शुल्क वापस लेने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने एक सौ रूपये से अधिक मूल्य की सारी मुद्रा वापस लेने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की है. उनका दावा है कि भ्रष्टाचार और काले धन पर नियंत्रण तथा आतंकवाद और क्सली गतिविधियों, जुआ, तस्करी, हवाला, रिश्वत और उगाही जैसी गतिविधियों पर अंकुश के लिये ऐसा करना जरूरी है.टिप्पणियां याचिका में केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री कार्यालय और भारतीय रिजर्व बैंक को पक्षकार बनाया गया है. याचिका में नकद कारोबार पांच हजार रूपये तक सीमित करने और ऑनलाइन तथा क्रेडिट कार्ड से होने वाले लेन-देन पर लगने वाला शुल्क वापस लेने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) याचिका में केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री कार्यालय और भारतीय रिजर्व बैंक को पक्षकार बनाया गया है. याचिका में नकद कारोबार पांच हजार रूपये तक सीमित करने और ऑनलाइन तथा क्रेडिट कार्ड से होने वाले लेन-देन पर लगने वाला शुल्क वापस लेने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दिल्‍ली से नोएडा की ओर जाने पर अक्‍सर लोगों को लंबे ट्रैफ‍िक जाम का सामना करना पड़ता है. इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि जहां एक तरफ गाड़‍ियों की संख्‍या लगातार बढ़ रही है, वहीं दूसरी तरफ इसे संभालने के लिए ट्रैफ‍िक पुलिस की संख्‍या काफी कम है. ट्रैफ‍िक पुलिस के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में 11 लाख गाड़‍ियां रोजाना नोएडा से गुजरती है. मार्च में यह आंकड़ा 9 से 9.5 लाख के बीच था. हालांकि उसके बाद यह 11 लाख औसत पर बना हुआ है. यह आंकड़े ट्रैफ‍िक हेडक्‍वॉर्टर के नोएडा स्‍थ‍ित दफ्तर में इंस्‍टॉल किए गए नए सॉफ्टवेयर से प्राप्‍त हुए हैं. ए‍क अधिकारी ने बताया कि इंजीनियरों की टीम रोजाना गाड़‍ियों के आंकड़ों पर नजर रख रही है. हालांकि साथ ही यह बात भी सामने आई है कि इन्‍हें संभालने के लिए ट्रैफ‍िक पुलिस की संख्‍या बेहद कम है. गौतम बुद्ध नगर जिले में 72 ट्रैफ‍िक पुलिस वाले तैनात हैं. यह संख्‍या पिछले 20 सालों से नहीं बदली है, जबकि इतने अंतराल में गाड़‍ियों की संख्‍या हजारों गुणा बढ़ गई है. स्थिति खराब होने से बचाने के लिए पुलिस अध‍िकारियों ने कुछ सामान्‍य पुलिस वालों को ट्रैफ‍िक पुलिस में डाला है. वर्तमान में नोएडा में 150 ट्रैफ‍िक पुलिसवाले और उनकी मदद करने के लिए 240 मार्शल तैनात हैं. ट्रैफ‍िक एसपी अनिल कुमार झा का कहना है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लिए अभी कम से कम 400 ट्रैफ‍िक पुलिसवालों की जरूरत है. 150 की संख्‍या काफी नहीं है. अनिल कुमार झा ने कहा कि उन्‍होंने वरिष्‍ठ अध‍िकारियों को इस बात से अवगत करा दिया है. हालांकि झा कहते हैं कि ट्रैफ‍िक पुलिसवालों की कम संख्‍या को देखते हुए हमने टेक्‍नोलॉजी पर निर्भरता बढ़ा दी है. कई जगह कैमरे इंस्टॉल किए हैं और सॉफ्टवेयर की मदद से ट्रैफ‍िक उल्‍लंघन पर नजर रख रहे हैं. आंकड़ों की बात करें तो 150 पुलिसवालों को नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गौतम बुद्धनगर जिले की ट्रैफ‍िक पर नजर रखना पड़ रहा है. इस इलाके की जनसंख्‍या लगभग 25 लाख है और 8.5 लाख गाड़‍ियां रजिस्‍टर्ड हैं. झा ट्रैफ‍िक की समस्‍या से निपटने के लिए आम लोगों से मदद की अपील भी कर रहे हैं.
नागालैण्ड विधानसभा चुनाव 2023 नागालैण्ड विधानसभा के सभी 60 सदस्यों को चुनने के लिए 27 फरवरी 2023 को नागालैंड में विधान सभा चुनाव हुए। वोटों की गिनती की गई और परिणाम 2 मार्च 2023 को घोषित किए गए। पृष्ठभूमि 13वीं नागालैंड विधानसभा का कार्यकाल 12 मार्च 2023 को समाप्त होने वाला था। पिछला विधानसभा चुनाव फरवरी 2018 में हुआ था। चुनाव के बाद, नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन ने राज्य सरकार बनाई, जिसमें नेफ्यू रियो मुख्यमंत्री बने। एनपीएफ के सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद सरकार बनाने के लिए भाजपा ने अपने स्थानीय सहयोगी नागा पीपुल्स फ्रंट से नाता तोड़ लिया। दलबदल अप्रैल 2022 को, 21 एनपीएफ विधायक तत्कालीन विपक्ष के नेता के साथ एनडीपीपी में शामिल हो गए, जिससे एनपीएफ की ताकत घटकर 4 हो गई। नवंबर 2022 को, कोहिमा के तीन भाजपा जिला अध्यक्ष, वोखा और पेरेन जद (यू) में शामिल हो गए, जो भाजपा के लिए एक बड़ा झटका था। कार्यक्रम भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 18 जनवरी 2023 को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की गई। दल एवं प्रत्याशी भाजपा और एनडीपीपी ने जुलाई 2022 में चुनाव के लिए अपने गठबंधन की घोषणा की और सीट बंटवारे का फॉर्मूला 2 फरवरी 2023 को घोषित किया गया। भाजपा और एनडीपीपी दोनों ने एक ही दिन अपने उम्मीदवारों की घोषणा की। परिणाम दलवार सीटों की स्थिति जिलेवार परिणाम इन्हें भी देखें भारत में 2023 के चुनाव मेघालय विधानसभा चुनाव 2023 संदर्भ भारत में चुनाव
कश्मीर घाटी में दुनिया के खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस की मौजूदगी का हैरान करने वाला प्रमाण मिला है. खुफिया तंत्र को पता लगा है कि घाटी में टेलीग्राम ग्रुप के माध्यम से आईएसआईएस (ISIS) के विचारों का प्रसार किया जा रहा है. खुफिया सूत्रों से खुलासा हुआ है कि कश्मीर घाटी में 'Willayah Kashmir' नाम का एक टेलीग्राम ग्रुप चलाया जा रहा है. यह ग्रुप घाटी के युवाओं को ISIS से जुड़ा कंटेंट मुहैया कराता है. खुफिया एजेंसी की साइबर विंग ने इस ग्रुप को इंटरसेप्ट किया है. जानकारी है कि ग्रुप के हैंडलर्स ISIS के स्वयंभू कमांडर हैं और वो कश्मीर घाटी के युवाओं को 'लोन वुल्फ' अटैक करने के लिए बरगला रहे हैं. खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली है कि ISIS सीरिया से प्रभावित आतंक के कुछ आका इस टेलीग्राम ग्रुप के जरिए कश्मीर के युवाओं का ब्रेनवॉश कर रहे हैं. साथ ही घाटी के युवाओं को विस्फोटक बनाने की जानकारी भी शेयर कर रहे हैं. कोडवर्ड में शेयर होती हैं जानकारी इस ग्रुप के लोग इतने शातिर हैं कि सभी जानकारियां कोडवर्ड में शेयर की जाती हैं. ग्रुप के आका एजेंसियों को चकमा देने के लिए 'VeraCript' में कुछ जानकारी भेजते हैं जो कोडवर्ड में रहती हैं. शेयर की गई जानकारियां सिर्फ ग्रुप से जुड़े व्यक्ति ही पढ़ पाते हैं. सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा एजेंसियों से बचने लिए टेलीग्राम का ये ग्रुप पिछले साल सितंबर 2017 और अक्टूबर 2017 में अपना नाम भी बदल चुका है. महिलाओं का ग्रुप भी सक्रिय बता दें कि इससे पहले खुफिया एजेंसियों को घाटी में एक ऐसे महिला ग्रुप का पता लगा है, जो आतंकी संगठन आईएसआईएस की विचारधारा का प्रचार कर रहा है. खुफिया एजेंसी ने गृह मंत्रालय को इस बारे में आगाह किया है. खुफिया रिपोर्ट में बताया गया है कि दौलत-उल इस्लाम नाम से कश्मीर घाटी में महिलाओं का यह ग्रुप सक्रिय है. खुलासा हुआ है कि ग्रुप की सदस्य महिलाएं घाटी के अलग-अलग इलाकों में आईएसआईएस की विचारधारा का प्रचार करती हैं. जमात-उल इस्लाम के बाद अब 'Willayah Kashmir' की माजूदगी का पता चला है. जो आतंकियों से लड़ रही सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चिंता का सबब बन सकता है.
राजस्थान में शांति और सद्भाव कायम करने के लिए अलग से विभाग बनाया जाएगा. राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश में आपसी भाईचारा बढ़ाने के लिए लोगों के बीच सद्भावना होनी जरूरी है. राजस्थान सरकार अपने स्तर इस तरह के प्रयास करेगी. इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अलग से विभाग बनाने की तैयारी करें. माना जा रहा है कि आम जनता के बीच बीजेपी के हिंदुत्व की विचारधारा की काट के लिए कांग्रेस को पार्टी से ज्यादा सरकार पर भरोसा है. सरकार के जरिए सभी धर्मों को एक समान मानने की विचारधारा फैलाई जाएगी. RSS की विचारधारा से अलग सरकारी अधिकारी लोगों के बीच जाकर आपसी सद्भाव और शांति का पाठ पढ़ाएंगे. दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को यह सुझाव गांधीवादी विचारक डॉ एसएन सुब्बाराव ने जयपुर के एक शिविर में दिया था. तभी से विचार किया जा रहा था कि क्या गांधीवादी विचारधारा को फैलाने के लिए अलग से एक मंत्रालय बनाया जाए या फिर कला एवं संस्कृति विभाग के अंदर ही इसे एक विभाग के रूप में रखा जाए. मगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहली बार सुब्बाराव के 10 दिवसीय शिविर के समापन समारोह में बोलते हुए कहा कि राज्य में शांति और सद्भावना की जरूरत है जिसके लिए सरकारी स्तर पर एक विभाग स्थापित किया जाएगा. इस मौके पर गहलोत ने कहा कि सुब्बाराव ने भारतवर्ष की अनेकता में एकता बनाए रखने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है. केवल 13 साल की उम्र में महात्मा गांधी से प्रेरणा लेकर सुब्बाराव देश में शांति और सद्भावना का संदेश देने के लिए निकल पड़े थे. आज वह लाखों युवाओं के प्रेरणा स्रोत हैं. गहलोत ने ये भी कहा कि आज लोकतंत्र खतरे में है कांग्रेस पार्टी ने देश में लोकतंत्र की स्थापना की थी और इसी वजह से नरेंद्र मोदी दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने हैं.
चैपलिन का मानना ​​था कि उन पर पहला प्रभाव उनकी मां का था, जो बचपन में खिड़की पर बैठकर और राहगीरों की नकल करके उनका मनोरंजन करती थीं: "उन्हें देखकर ही मैंने न केवल अपने हाथों और चेहरे से भावनाओं को व्यक्त करना सीखा, बल्कि यह भी सीखा।" लोगों का अवलोकन और अध्ययन कैसे करें।" संगीत हॉल में चैप्लिन के शुरुआती वर्षों में उन्हें मंचीय हास्य कलाकारों को काम करते हुए देखने का मौका मिला; उन्होंने ड्रुरी लेन में क्रिसमस पैंटोमाइम्स में भी भाग लिया, जहां उन्होंने डैन लेनो जैसे कलाकारों के माध्यम से जोकर बनाने की कला का अध्ययन किया। फ्रेड कार्नो कंपनी के साथ चैपलिन के वर्षों का एक अभिनेता और फिल्म निर्माता के रूप में उन पर रचनात्मक प्रभाव पड़ा। साइमन लौविश लिखते हैं कि कंपनी उनकी "प्रशिक्षण भूमि" थी, और यहीं पर चैपलिन ने अपनी कॉमेडी की गति में बदलाव करना सीखा। पैथोस को स्लैपस्टिक के साथ मिलाने की अवधारणा कार्नो से सीखी गई, जिन्होंने बेतुकेपन के तत्वों का भी इस्तेमाल किया जो चैपलिन के परिहास में परिचित हो गए। फिल्म उद्योग से, चैपलिन ने फ्रांसीसी हास्य अभिनेता मैक्स लिंडर के काम को सीखा, जिनकी फिल्मों की उन्होंने बहुत प्रशंसा की। ट्रम्प पोशाक और व्यक्तित्व को विकसित करने में, वह संभवतः अमेरिकी वाडेविल दृश्य से प्रेरित थे, जहां ट्रम्प चरित्र आम थे।
दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (DUTA) के पदाधिकारियों के लिए गुरुवार को मतदान हुआ. इस दौरान शिक्षकों की मतदान के प्रति उत्साह सुबह से ही बना रहा. यही वजह है कि देर रात तक रिकॉर्ड 82.36 फीसदी मतदान हो चुका था. देर रात 11 बजे तक राजीव रे 1428 वोट पर चल रहे थे. वहीं एके भागी 1287 वोट से दूसरे  नंबर पर थे. कुल अमान्य वोट 222 पड़े थे. वहीं कुल वोटों की बात की जाए तो ये संख्या 2937 थी. पूरे दिन लोगों में वोट देने का उत्साह साफ नजर आ रहा था. ये उत्साह इस कदर था कि चिलचिलाती धूप के बावजूद सुबह 10 से दोपहर 12.30 बजे तक शिक्षकों की लंबी कतारें लगी रहीं. ये सिलसिला शाम को भी नहीं थमा था. इस दौरान लेफ्ट संगठन के उम्मीदवार राजीव रे और एनडीटीएफ के उम्मीदवार एके भागी के समर्थक शिक्षकों के बीच वोट की अपील करते नजर आए. मतदान के दौरान नॉर्थ कैंपस स्थित आर्ट्स फैकल्टी के बाहर सड़क के दोनों तरफ ‌गाड़ियों की लंबी लाइनें लगी थीं. इसकी वजह से यातायात व्यवस्था में दिक्कतें आई. इस बार डूटा चुनाव में 9,630 शिक्षकों में से 7631 शिक्षकों ने मतदान किया है. लेफ्ट संगठन हुआ मजबूत, ये है वजह चुनावी विश्लेषण बताते हैं डूटा चुनाव के शुरुआती दिनों में एनडीटीएफ के उम्मीदवार एके भागी मजबूत प्रत्याशी के तौर पर उभरे थे. लेकिन चुनाव से ठीक एक दिन पहले डीटीएफ को एएडी ने अपना समर्थन दे दिया था. वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय एससी, एसटी, ओबीसी टीचर्स फोरम ने भी वाम शिक्षक संगठन को अपना समर्थन दे दिया. वहीं दूसरी ओर नई शिक्षा के मामले में भी शिक्षकों का रोष सरकार के खिलाफ दिखाई दिया. चुनाव विश्लेषक इन्हीं सब कारणों को उनके मजबूत होने की वजह मान रहे हैं. इन मुद्दों पर लड़ा गया चुनाव पूर्व एसी मेंबर हंसराज सुमन ने कहा कि हमारी तरफ से वामपंथ शिक्षक संगठनों को समर्थन दिया गया है. डीयू में कई शिक्षकों की पदोन्नति नहीं हुई है. साथ ही कई तदर्थ शिक्षक 15 सालों से पढ़ा रहे हैं लेकिन इन्हें अब तक स्थायी नहीं किया गया है. डीयू के कॉलेजों एवं विभागों में स्थायी शिक्षकों की नियुक्तियां नहीं हो रही हैं. इस बार चुनाव भी इन्हीं मुद्दों पर चुनाव लड़ा गया है.
दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पोस्‍ट ग्रेजुएशन कर चुकी एक छात्रा पिछले एक साल से गोल्‍ड मेडल के हक की लड़ाई लड़ रही है. उसकी परेशानी ये है कि एग्‍जाम में अव्‍वल आने के बावजूद उसे मेडल नहीं दिया गया. बल्कि उसका हक छीनकर ये मेडल चौथा रैंक हासिल करने वाली छात्रा को दे दिया गया. जिसके बाद उसने कई बार सीनियर अथॉरिटीज को लिखित एप्लिकेशन भी दी पर कोई सुनवाई नहीं हुई . DU: एडमिशन के समय बताना होगा लोकल गार्जियन का नाम अंग्रेजी अखबार DNA के मुताबिक प्रातिचि मजूमदार ने 2014 में डीयू से सोशियोलॉजी में एमए किया था. उसने 1600 में से 999 अंक हासिल किए. यूनिवर्सिटी में उस साल के बैच में सबसे अधिक. नियम के मुताबिक उसे 'कुंडा दातर गोल्‍ड मेडल' मिलना चाहिए था, पर उसकी जगह डीयू ने ये मेडल किसी और को दे दिया. जिसे मेडल दिया गया उसका नाम है सोफिया जेहरा. सोफिया को 977 नंबर मिले थे और उसका रैंक चौथा था. ये मेडल सोफिया को 2015 में हुए कन्‍वोकेशन सेरेमनी में दिया गया. रिजल्‍ट घोषित होने के एक साल बाद. इसके बाद मजूमदार ने वाइस चांसलर, डीन ऑफ एग्‍जामिनेशन और हेड ऑफ सोशियोलॉजी डिपार्टमेंट को कई खत लिखे. अब आखिरकार उसने यूनिवर्सिटी अथॉरिटीज को लीगल नोटिस भेजा है. NAAC की टॉप रैंकिंग तक नहीं पहुंच सका DU का कोई कॉलेज इस बारे में जब डीन ऑफ एग्‍जामिनेशंस विनय गुप्‍ता से पूछा गया तो उन्‍होंने कहा, 'ये मेरिट लिस्‍ट तब तैयार की गई थी जब सभी सोशियोलॉजी छात्रों का रिजल्‍ट डिक्‍लेयर नहीं किया गया था. कुछ छात्रों का रिजल्‍ट कुछ समय बाद आया इसीलिए मजूमदार के रिजल्‍ट को हम अपनी लिस्‍ट में अपडेट नहीं कर सके.' DU: अगले साल से B Com के लिए देना होगा एंट्रेस टेस्‍ट अब यूनिवर्सिटी एक कमेटी गठित करने का विचार कर रही है जिससे इस मामले को पूरी गंभीरता से लिया जा सके. हालांकि मजूमदार अब केवल अपने मेडल की ही मांग कर रही हैं. वे कहती हैं, 'मैंने इस मेडल के लिए काफी मेहनत की थी. मुझे मेरा हक चाहिए. सर्टिफिकेट और मेडल से कम मुझे कुछ भी स्‍वीकार्य नहीं है.' बता दें कि मजूमदार फिलहाल JNU से पीएचडी कर रही हैं.
यह एक लेख है: तेलंगाना मुद्दे पर टीआरएस सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद सवा 11 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। प्रश्नकाल शुरू होते ही टीआरएस प्रमुख केएस चंद्रशेखर राव और पार्टी सांसद विजया शांति अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए और तेलंगाना के मुद्दे पर नारेबाजी करने लगे। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने उन्हें अपनी सीट पर बैठने और शून्यकाल में इस विषय को उठाने को कहा, लेकिन दोनों सदस्यों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा। तेलंगाना पर टीआरएस सदस्यों की मांग का भाजपा सांसदों ने भी समर्थन किया। भाजपा सदस्य अपनी सीट पर खड़े होकर तेलंगाना की मांग का समर्थन करते दिखे। इस बीच, लोकसभा अध्यक्ष ने टीआरएस समेत अन्य सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने का फिर आग्रह किया, लेकिन हंगामा थमता नहीं देख उन्होंने सदन की कार्यवाही को सवा 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। तेलंगाना के मुद्दे पर टीआरएस और इस क्षेत्र के कांग्रेसी सदस्यों के भारी हंगामे के कारण बुधवार को भी प्रश्नकाल नहीं चल पाया था और सत्ताधारी दल के सदस्यों के कार्यवाही में बाधा डालने के कारण सरकार को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा था।
जनवरी 1910 के चुनाव और दिसंबर 1910 के चुनाव दोनों ने त्रिशंकु संसद का निर्माण किया, जिसमें सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी और कंजर्वेटिव पार्टी द्वारा लगभग समान संख्या में सीटें जीती गईं। यह संवैधानिक संकट और लेबर पार्टी के उदय दोनों के कारण था। 1929 के चुनावों के परिणामस्वरूप आखिरी बार कई वर्षों तक त्रिशंकु संसद बनी; इस बीच, लेबर ने दो प्रमुख पार्टियों में से एक के रूप में उदारवादियों की जगह ले ली थी।
लेख: केंद्र सरकार महिला अधिकारों के आधार पर 'एक साथ तीन तलाक' की व्यवस्था का उच्चतम न्यायालय में विरोध करेगी और इस बात पर जोर देगी कि इस मुद्दे को समान आचार-संहिता के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए. कानून मंत्रालय इस मुद्दे पर इस महीने के आखिर में समग्र उत्तर दाखिल करेगा. इस मुद्दे पर गृह, वित्त और महिला एवं बाल विकास मंत्रालयों सहित अंतर-मंत्रालयी स्तर पर विचार किया जा रहा है. सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हमें इसको समान आचार संहिता के चश्मे से नहीं देखना चाहिए. हमें महिलाओं के अधिकारें के संदर्भ में बात करने की जरूरत है. हमारा जवाब सिर्फ अधिकारों पर केंद्रित रहने वाला है. किसी महिला के अधिकार अपरिहार्य हैं और संविधान के अनुसार उसके पुरुषों के बराबर के अधिकार हासिल हैं." उन्होंने कहा, "अदालत का हर फैसला हमें धीरे-धीरे इन समान अधिकारयों की ओर ले जा रहा है. एक साथ तीन तलाक की परंपरा पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी नहीं है. यह सिर्फ हमारे यहां है." गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री अरुण जेटली, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने पिछले सप्ताह बहुविवाह, एक साथ तीन तलाक (तलाक-ए-बिदत) और 'निकाह हलाला' की मुस्लिम परंपराओं के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय में सरकार का क्या रुख होगा, इस पर चर्चा के लिए बैठक की. इस सूत्र के अनुसार सरकार के सभी वरिष्ठ मंत्रियों में इस बात की सहमति थी कि इस जटिल मुद्दे को लैंगिक अधिकार के चश्मे से देखा जाना चाहिए. उच्चतम न्यायालय ने इस महीने की शुरुआत में तीन तलाक के मुद्दे पर दायर याचिकाओं पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार को चार सप्ताह का समय दिया था. इन याचिकाओं में उत्तराखंड की महिला सायरा बानो नामक महिला की याचिका भी शामिल है जिन्होंने बहुविवाह, एकसाथ तीन तलाक (तलाक-ए-बिदत) और 'निकाह हलाला' की मुस्लिम परंपराओं असंवैधानिक करार देते हुए चुनौती दी है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस महीने की शुरुआत में देश की सर्वोच्च अदालत से कहा था कि सुधारों के नाम पर पर्सनल लॉ फिर से नहीं लिखा जा सकता.टिप्पणियां  (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) कानून मंत्रालय इस मुद्दे पर इस महीने के आखिर में समग्र उत्तर दाखिल करेगा. इस मुद्दे पर गृह, वित्त और महिला एवं बाल विकास मंत्रालयों सहित अंतर-मंत्रालयी स्तर पर विचार किया जा रहा है. सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हमें इसको समान आचार संहिता के चश्मे से नहीं देखना चाहिए. हमें महिलाओं के अधिकारें के संदर्भ में बात करने की जरूरत है. हमारा जवाब सिर्फ अधिकारों पर केंद्रित रहने वाला है. किसी महिला के अधिकार अपरिहार्य हैं और संविधान के अनुसार उसके पुरुषों के बराबर के अधिकार हासिल हैं." उन्होंने कहा, "अदालत का हर फैसला हमें धीरे-धीरे इन समान अधिकारयों की ओर ले जा रहा है. एक साथ तीन तलाक की परंपरा पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी नहीं है. यह सिर्फ हमारे यहां है." गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री अरुण जेटली, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने पिछले सप्ताह बहुविवाह, एक साथ तीन तलाक (तलाक-ए-बिदत) और 'निकाह हलाला' की मुस्लिम परंपराओं के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय में सरकार का क्या रुख होगा, इस पर चर्चा के लिए बैठक की. इस सूत्र के अनुसार सरकार के सभी वरिष्ठ मंत्रियों में इस बात की सहमति थी कि इस जटिल मुद्दे को लैंगिक अधिकार के चश्मे से देखा जाना चाहिए. उच्चतम न्यायालय ने इस महीने की शुरुआत में तीन तलाक के मुद्दे पर दायर याचिकाओं पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार को चार सप्ताह का समय दिया था. इन याचिकाओं में उत्तराखंड की महिला सायरा बानो नामक महिला की याचिका भी शामिल है जिन्होंने बहुविवाह, एकसाथ तीन तलाक (तलाक-ए-बिदत) और 'निकाह हलाला' की मुस्लिम परंपराओं असंवैधानिक करार देते हुए चुनौती दी है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस महीने की शुरुआत में देश की सर्वोच्च अदालत से कहा था कि सुधारों के नाम पर पर्सनल लॉ फिर से नहीं लिखा जा सकता.टिप्पणियां  (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हमें इसको समान आचार संहिता के चश्मे से नहीं देखना चाहिए. हमें महिलाओं के अधिकारें के संदर्भ में बात करने की जरूरत है. हमारा जवाब सिर्फ अधिकारों पर केंद्रित रहने वाला है. किसी महिला के अधिकार अपरिहार्य हैं और संविधान के अनुसार उसके पुरुषों के बराबर के अधिकार हासिल हैं." उन्होंने कहा, "अदालत का हर फैसला हमें धीरे-धीरे इन समान अधिकारयों की ओर ले जा रहा है. एक साथ तीन तलाक की परंपरा पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी नहीं है. यह सिर्फ हमारे यहां है." गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री अरुण जेटली, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने पिछले सप्ताह बहुविवाह, एक साथ तीन तलाक (तलाक-ए-बिदत) और 'निकाह हलाला' की मुस्लिम परंपराओं के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय में सरकार का क्या रुख होगा, इस पर चर्चा के लिए बैठक की. इस सूत्र के अनुसार सरकार के सभी वरिष्ठ मंत्रियों में इस बात की सहमति थी कि इस जटिल मुद्दे को लैंगिक अधिकार के चश्मे से देखा जाना चाहिए. उच्चतम न्यायालय ने इस महीने की शुरुआत में तीन तलाक के मुद्दे पर दायर याचिकाओं पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार को चार सप्ताह का समय दिया था. इन याचिकाओं में उत्तराखंड की महिला सायरा बानो नामक महिला की याचिका भी शामिल है जिन्होंने बहुविवाह, एकसाथ तीन तलाक (तलाक-ए-बिदत) और 'निकाह हलाला' की मुस्लिम परंपराओं असंवैधानिक करार देते हुए चुनौती दी है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस महीने की शुरुआत में देश की सर्वोच्च अदालत से कहा था कि सुधारों के नाम पर पर्सनल लॉ फिर से नहीं लिखा जा सकता.टिप्पणियां  (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) धीरे-धीरे इन समान अधिकारयों की ओर ले जा रहा है. एक साथ तीन तलाक की परंपरा पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी नहीं है. यह सिर्फ हमारे यहां है." गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री अरुण जेटली, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने पिछले सप्ताह बहुविवाह, एक साथ तीन तलाक (तलाक-ए-बिदत) और 'निकाह हलाला' की मुस्लिम परंपराओं के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय में सरकार का क्या रुख होगा, इस पर चर्चा के लिए बैठक की. इस सूत्र के अनुसार सरकार के सभी वरिष्ठ मंत्रियों में इस बात की सहमति थी कि इस जटिल मुद्दे को लैंगिक अधिकार के चश्मे से देखा जाना चाहिए. उच्चतम न्यायालय ने इस महीने की शुरुआत में तीन तलाक के मुद्दे पर दायर याचिकाओं पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार को चार सप्ताह का समय दिया था. इन याचिकाओं में उत्तराखंड की महिला सायरा बानो नामक महिला की याचिका भी शामिल है जिन्होंने बहुविवाह, एकसाथ तीन तलाक (तलाक-ए-बिदत) और 'निकाह हलाला' की मुस्लिम परंपराओं असंवैधानिक करार देते हुए चुनौती दी है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस महीने की शुरुआत में देश की सर्वोच्च अदालत से कहा था कि सुधारों के नाम पर पर्सनल लॉ फिर से नहीं लिखा जा सकता.टिप्पणियां  (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) इस सूत्र के अनुसार सरकार के सभी वरिष्ठ मंत्रियों में इस बात की सहमति थी कि इस जटिल मुद्दे को लैंगिक अधिकार के चश्मे से देखा जाना चाहिए. उच्चतम न्यायालय ने इस महीने की शुरुआत में तीन तलाक के मुद्दे पर दायर याचिकाओं पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार को चार सप्ताह का समय दिया था. इन याचिकाओं में उत्तराखंड की महिला सायरा बानो नामक महिला की याचिका भी शामिल है जिन्होंने बहुविवाह, एकसाथ तीन तलाक (तलाक-ए-बिदत) और 'निकाह हलाला' की मुस्लिम परंपराओं असंवैधानिक करार देते हुए चुनौती दी है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस महीने की शुरुआत में देश की सर्वोच्च अदालत से कहा था कि सुधारों के नाम पर पर्सनल लॉ फिर से नहीं लिखा जा सकता.टिप्पणियां  (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) इन याचिकाओं में उत्तराखंड की महिला सायरा बानो नामक महिला की याचिका भी शामिल है जिन्होंने बहुविवाह, एकसाथ तीन तलाक (तलाक-ए-बिदत) और 'निकाह हलाला' की मुस्लिम परंपराओं असंवैधानिक करार देते हुए चुनौती दी है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस महीने की शुरुआत में देश की सर्वोच्च अदालत से कहा था कि सुधारों के नाम पर पर्सनल लॉ फिर से नहीं लिखा जा सकता.टिप्पणियां  (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)  (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: वर्ष 1993 में मुंबई में हुए शृंखलाबद्ध धमाकों से जुड़े गैरकानूनी हथियार रखने के मामले में पांच साल की सजा पाने वाले बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त की पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति पी सदाशिवम और न्यायमूर्ति डॉ बलबीर सिंह चौहान की खंडपीठ ने छह अन्य मुजरिमों की पुनर्विचार याचिकाएं भी खारिज कर दी हैं। इसी खंडपीठ ने 21 मार्च को इन लोगों को दोषी करार दिया था। अदालती फैसले पर पुनर्विचार के लिए संजय दत्त के अलावा यूसुफ मोहसिन नलवाला, खलील अहमद सैयद अली नाजिर, मोहम्मद दाऊद यूसुफ खान, शेख आसिफ यूसुफ, मुजम्मिल उमर कादरी और मोहम्मद अहमद शेख ने भी याचिकाएं दायर की थीं। न्यायालय ने फैसला सुनाते वक्त संजय दत्त को चार सप्ताह के भीतर समर्पण करने का निर्देश दिया था, लेकिन यह अवधि पूरी होने से एक दिन पहले 17 अप्रैल को न्यायालय ने संजय दत्त को समर्पण करने के लिए चार सप्ताह का और वक्त दे दिया था। अब उन्हें 16 मई को सरेंडर करना होगा। संजय दत्त पहले ही 18 माह जेल में गुजार चुके हैं, इसलिए उन्हें अभी 42 महीने और जेल में गुजारने हैं। टिप्पणियां दरअसल, संजय दत्त को मुंबई की टाडा अदालत ने छह साल की सजा सुनाई थी, लेकिन शीर्ष अदालत ने इसे घटाकर पांच साल कर दिया था। न्यायालय ने उनके अपराध की गंभीरता को देखते हुए उन्हें परिवीक्षा (प्रोबेशन) पर रिहा करने से भी इनकार कर दिया था। संजय दत्त को गैरकानूनी तरीके से नौ एमएम की पिस्तौल और एके-56 राइफल रखने के जुर्म में टाडा अदालत ने दोषी ठहराया था। ये दोनों हथियार विस्फोटक सामग्री और हथियारों की उसी खेप का हिस्सा थे, जिनका इस्तेमाल मुंबई में हुए शृंखलाबद्ध बम विस्फोटों में किया गया था, जिनमें 257 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक जख्मी हो गए थे। न्यायमूर्ति पी सदाशिवम और न्यायमूर्ति डॉ बलबीर सिंह चौहान की खंडपीठ ने छह अन्य मुजरिमों की पुनर्विचार याचिकाएं भी खारिज कर दी हैं। इसी खंडपीठ ने 21 मार्च को इन लोगों को दोषी करार दिया था। अदालती फैसले पर पुनर्विचार के लिए संजय दत्त के अलावा यूसुफ मोहसिन नलवाला, खलील अहमद सैयद अली नाजिर, मोहम्मद दाऊद यूसुफ खान, शेख आसिफ यूसुफ, मुजम्मिल उमर कादरी और मोहम्मद अहमद शेख ने भी याचिकाएं दायर की थीं। न्यायालय ने फैसला सुनाते वक्त संजय दत्त को चार सप्ताह के भीतर समर्पण करने का निर्देश दिया था, लेकिन यह अवधि पूरी होने से एक दिन पहले 17 अप्रैल को न्यायालय ने संजय दत्त को समर्पण करने के लिए चार सप्ताह का और वक्त दे दिया था। अब उन्हें 16 मई को सरेंडर करना होगा। संजय दत्त पहले ही 18 माह जेल में गुजार चुके हैं, इसलिए उन्हें अभी 42 महीने और जेल में गुजारने हैं। टिप्पणियां दरअसल, संजय दत्त को मुंबई की टाडा अदालत ने छह साल की सजा सुनाई थी, लेकिन शीर्ष अदालत ने इसे घटाकर पांच साल कर दिया था। न्यायालय ने उनके अपराध की गंभीरता को देखते हुए उन्हें परिवीक्षा (प्रोबेशन) पर रिहा करने से भी इनकार कर दिया था। संजय दत्त को गैरकानूनी तरीके से नौ एमएम की पिस्तौल और एके-56 राइफल रखने के जुर्म में टाडा अदालत ने दोषी ठहराया था। ये दोनों हथियार विस्फोटक सामग्री और हथियारों की उसी खेप का हिस्सा थे, जिनका इस्तेमाल मुंबई में हुए शृंखलाबद्ध बम विस्फोटों में किया गया था, जिनमें 257 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक जख्मी हो गए थे। न्यायालय ने फैसला सुनाते वक्त संजय दत्त को चार सप्ताह के भीतर समर्पण करने का निर्देश दिया था, लेकिन यह अवधि पूरी होने से एक दिन पहले 17 अप्रैल को न्यायालय ने संजय दत्त को समर्पण करने के लिए चार सप्ताह का और वक्त दे दिया था। अब उन्हें 16 मई को सरेंडर करना होगा। संजय दत्त पहले ही 18 माह जेल में गुजार चुके हैं, इसलिए उन्हें अभी 42 महीने और जेल में गुजारने हैं। टिप्पणियां दरअसल, संजय दत्त को मुंबई की टाडा अदालत ने छह साल की सजा सुनाई थी, लेकिन शीर्ष अदालत ने इसे घटाकर पांच साल कर दिया था। न्यायालय ने उनके अपराध की गंभीरता को देखते हुए उन्हें परिवीक्षा (प्रोबेशन) पर रिहा करने से भी इनकार कर दिया था। संजय दत्त को गैरकानूनी तरीके से नौ एमएम की पिस्तौल और एके-56 राइफल रखने के जुर्म में टाडा अदालत ने दोषी ठहराया था। ये दोनों हथियार विस्फोटक सामग्री और हथियारों की उसी खेप का हिस्सा थे, जिनका इस्तेमाल मुंबई में हुए शृंखलाबद्ध बम विस्फोटों में किया गया था, जिनमें 257 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक जख्मी हो गए थे। दरअसल, संजय दत्त को मुंबई की टाडा अदालत ने छह साल की सजा सुनाई थी, लेकिन शीर्ष अदालत ने इसे घटाकर पांच साल कर दिया था। न्यायालय ने उनके अपराध की गंभीरता को देखते हुए उन्हें परिवीक्षा (प्रोबेशन) पर रिहा करने से भी इनकार कर दिया था। संजय दत्त को गैरकानूनी तरीके से नौ एमएम की पिस्तौल और एके-56 राइफल रखने के जुर्म में टाडा अदालत ने दोषी ठहराया था। ये दोनों हथियार विस्फोटक सामग्री और हथियारों की उसी खेप का हिस्सा थे, जिनका इस्तेमाल मुंबई में हुए शृंखलाबद्ध बम विस्फोटों में किया गया था, जिनमें 257 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक जख्मी हो गए थे। संजय दत्त को गैरकानूनी तरीके से नौ एमएम की पिस्तौल और एके-56 राइफल रखने के जुर्म में टाडा अदालत ने दोषी ठहराया था। ये दोनों हथियार विस्फोटक सामग्री और हथियारों की उसी खेप का हिस्सा थे, जिनका इस्तेमाल मुंबई में हुए शृंखलाबद्ध बम विस्फोटों में किया गया था, जिनमें 257 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक जख्मी हो गए थे।
गुजरात चुनाव में पहले चरण की वोटिंग को अब बस कुछ ही दिन बाकी हैं. राजनीतिक पार्टियां प्रचार में अपनी जान फूंक रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के जामनगर में रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस पर जमकर वार किया. उन्होंने कहा कि इतने राज्यों में कांग्रेस को क्यों नकार दिया गया? क्योंकि वो लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रहे थे. पढ़ाई, कमाई और दवाई पर फोकस रैली में पीएम मोदी ने यह बताने की कोशिश की कि उनकी सरकार हर उम्र के लोगों का ध्यान रखेगी. उन्होंने कहा कि हम छात्रों के लिए पढ़ाई, युवाओं के लिए कमाई और बुजुर्गों के लिए दवाई पर फोकस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि गुजरात में हमने एजुकेशन सेक्टर को बदल कर रख दिया है. पीएम ने कहा कि जब से गुजरात में बीजेपी की सरकार बनी है, राज्य लगातार रोजगार के अवसरों की तरफ बढ़ रहा है. गुजरात ने देश के कई हिस्सों से लोगों को खींचा है. We are focusing on Padhai for students, Kamai for the youth and Davai for the elderly. We have transformed the education sector in Gujarat: PM Narendra Modi in Jamnagar #GujaratElection2017 pic.twitter.com/xIKAWa21w8 — ANI (@ANI) December 4, 2017 'सर्जिकल स्ट्राइक करने की हिम्मत नहीं जुटा पाई थी कांग्रेस' पीएम मोदी ने अपनी रैली में कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि एयरफोर्स में ऊंचे पद पर काम करने वाले शख्स ने बताया कि देश में हुए 26/11 हमले के बाद वो तत्कालीन प्रधानमंत्री से मिले थे और उनसे सर्जिकल स्ट्राइक करने के बारे में कहा था, लेकिन दुख की बात है कि इस समय सरकार ऐसा करने की हिम्मत नहीं जुटा पाई थी. वहीं जब उरी हमला हुआ तब हमने आतंकियों को करारा जवाब दिया था. मोदी ने कहा कि हमने भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ी है. बता दें कि इससे पहले धर्मपुर में रैली को संबोधित करते हुए पीएम ने राहुल गांधी के अध्यक्ष पद पर नामांकन को लेकर भी निशाना साधा था, उन्होंने कहा था कि कांग्रेस, पार्टी नहीं कुनबा है और हमारे लिए देश बड़ा है. उन्होंने ये भी कहा कि बादशाह को पता होता है कि उसकी औलाद को ही तख्त मिलेगा. मोदी ने ये भी कहा कि औरंगजेब राज उन्हें मुबारक हो.
यह एक लेख है: अमेरिका ने भारत एवं पाकिस्तान से अपील की है कि दोनों देश अपने बीच तनाव कम करने के लिए सीधी बातचीत करते रहें. विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने संवाददाताओं से कहा, मेरा मानना है कि हम जो पहला काम करेंगे, वह यह होगा कि हम भारत और पाकिस्तान से सीधी वार्ता करने की अपील करेंगे या उन्हें इसके लिए प्रोत्साहित करेंगे ताकि दोनों देशों के बीच तनाव कम किया जा सके. अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने इससे एक दिन पहले पाकिस्तान के साथ कुछ मुद्दों पर सौहार्दपूर्ण संबंधों के लिए कुछ कदम उठाने की अपील की थी. हीथर से टिलरसन के इस बयान से संबंधित प्रश्न पूछे जाने पर उन्होंने यह जवाब दिया....तो अमेरिका के लिए कब्रगाह बन जाएगा अफगानिस्तान : तालिबान की चेतावनीटिप्पणियां हीथर से उनके दैनिक संवाददाता सम्मेलन में पूछा गया, वह ऐसे कौन से कदमों का जिक्र कर रहे थे जो भारत उठा सकता है? उनसे जब पूछा गया कि क्या वह पाकिस्तान-अफगानिस्तान के साथ कश्मीर के समाधान को जोड़ रहे थे, उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय रणनीति के अनुसार, अफगानिस्तान के मामले से निपटने में भारत एवं पाकिस्तान शामिल हैं. उस क्षेत्र में उन सभी देशों को शामिल करना मददगार हो सकता है, जो अफगानिस्तान को ऐसा एक स्थिर स्थान बनाने में मदद कर सकते है जहां कोई भी आतंकवादी समूह नहीं हो जो उस देश में जड़ें जमा सके या अन्य देशों पर हमले कर सके. प्रवक्ता ने कहा, कश्मीर के मामले में, हमारी नीति में बदलाव नहीं आया है. हम दोनों पक्षों को प्रोत्साहित करते रहेंगे कि वे बैठकर वार्ता करें. (इनपुट्स : भाषा)  (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) ...तो अमेरिका के लिए कब्रगाह बन जाएगा अफगानिस्तान : तालिबान की चेतावनीटिप्पणियां हीथर से उनके दैनिक संवाददाता सम्मेलन में पूछा गया, वह ऐसे कौन से कदमों का जिक्र कर रहे थे जो भारत उठा सकता है? उनसे जब पूछा गया कि क्या वह पाकिस्तान-अफगानिस्तान के साथ कश्मीर के समाधान को जोड़ रहे थे, उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय रणनीति के अनुसार, अफगानिस्तान के मामले से निपटने में भारत एवं पाकिस्तान शामिल हैं. उस क्षेत्र में उन सभी देशों को शामिल करना मददगार हो सकता है, जो अफगानिस्तान को ऐसा एक स्थिर स्थान बनाने में मदद कर सकते है जहां कोई भी आतंकवादी समूह नहीं हो जो उस देश में जड़ें जमा सके या अन्य देशों पर हमले कर सके. प्रवक्ता ने कहा, कश्मीर के मामले में, हमारी नीति में बदलाव नहीं आया है. हम दोनों पक्षों को प्रोत्साहित करते रहेंगे कि वे बैठकर वार्ता करें. (इनपुट्स : भाषा)  (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) हीथर से उनके दैनिक संवाददाता सम्मेलन में पूछा गया, वह ऐसे कौन से कदमों का जिक्र कर रहे थे जो भारत उठा सकता है? उनसे जब पूछा गया कि क्या वह पाकिस्तान-अफगानिस्तान के साथ कश्मीर के समाधान को जोड़ रहे थे, उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय रणनीति के अनुसार, अफगानिस्तान के मामले से निपटने में भारत एवं पाकिस्तान शामिल हैं. उस क्षेत्र में उन सभी देशों को शामिल करना मददगार हो सकता है, जो अफगानिस्तान को ऐसा एक स्थिर स्थान बनाने में मदद कर सकते है जहां कोई भी आतंकवादी समूह नहीं हो जो उस देश में जड़ें जमा सके या अन्य देशों पर हमले कर सके. प्रवक्ता ने कहा, कश्मीर के मामले में, हमारी नीति में बदलाव नहीं आया है. हम दोनों पक्षों को प्रोत्साहित करते रहेंगे कि वे बैठकर वार्ता करें. (इनपुट्स : भाषा)  (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दक्षिणी दिल्ली में जाकिर नगर इलाके के एक बिल्डिंग में भीषण आग लगने से 6 लोगों की मौत हो गई है. इस हादसे में 11 लोग गंभीर रूप से घायल हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. आग लगने की सूचना पाकर दमकल की 7 गाड़ियां मौके पर पहुंच गई हैं. आग बुझाने की कोशिश जारी है. आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है. आग इतनी भीषण थी कि मौके पर मौजूद कई गाड़ियां जलकर खाक हो गईं. इस दौरान बिल्डिंग से बचकर निकलने के लिए कई लोगों ने ऊपरी मंजिल से ही छलांग लगा दी. Delhi Fire Service: 5 people dead & 11 injured in a fire that broke out in a multi-storey building in Zakir Nagar, late last night. pic.twitter.com/9ERr91u80i — ANI (@ANI) August 6, 2019 बताया जा रहा है कि सोमवार देर रात लगी आग की शुरुआत ग्राउंड फ्लोर से हुई और देखते ही देखते पूरी बिल्डिंग में फैल गई. 7 फायर टेंडर्स आग पर काबू पाने की कोशिश में लगे हैं. लेकिन संकरी गलियां होने के कारण उन्हें काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा रहा है. दक्षिणी दिल्ली के इस इलाके में घनी आबादी रहती है. मकान भी काफी कम गैप पर बने हुए हैं. यही कारण है कि दमकल के कर्मचारियों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. राजधानी में आग लगने की घटनाएं आए दिन देखने को मिल रही हैं. बीते 30 जुलाई को ही पश्चिमी द‍िल्‍ली में जनकपुरी के एक कोचिंग सेंटर की बिल्‍डिंग में आग लग गई थी. जिस वक्‍त बिल्‍डिंग में आग लगी वहां सैकड़ों बच्चे पढ़ाई कर रहे थे. आनन-फानन में पूरी इमारत खाली करवाई गई. हालांकि, राहत की बात यह रही कि समय रहते दमकल विभाग के कर्मचारियों ने आग पर काबू पाया और किसी प्रकार की अनहोनी होने से बच गई.
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में एक अंग्रेजी अखबार में जस्टिस मार्कंडेय काटजू के लिखे लेख से नाराज बीजेपी ने मांग की है कि या तो जस्टिस काटजू प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन पद से इस्तीफा दें या उन्हें हटा दिया जाए. काटजू ने लेख में नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए देश के लोगों से अपील की है कि वे सोच-समझकर प्रधानमंत्री चुनें. बीजेपी नेता अरुण जेटली ने खुले पत्र में कहा है कि जस्टिस काटजू की यह अपील राजनीतिक है और ये किसी कांग्रेसी नेता से भी ज्यादा कांग्रेसी है. जेटली ने कहा कि काटजू का बयान पूर्वाग्रह से ग्रसित है. उल्लेखनीय है कि काटजू ने हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी हमला करते हुए कहा था कि बिहार में प्रेस की आजादी नहीं है.
यह गाना न्यूयॉर्क क्षेत्र में प्रसारित होना शुरू हुआ, फिर प्रमुख बाजारों में अन्य सहयोगी स्टेशनों ने इस गाने को अपनाया। मार्च 1983 में, बॉन जोवी ने डेविड ब्रायन को बुलाया, जिन्होंने बाद में बेसिस्ट एलेक जॉन सुच और टिको टोरेस नाम के एक अनुभवी ड्रमर को बुलाया, जो पहले बैंड फैंटम ओपेरा के थे। "रनअवे" के समर्थन में एक छोटे दौरे के लिए मुख्य गिटार बजाने के लिए बॉन जोवी के दोस्त और पड़ोसी, डेव साबो ("द स्नेक") को चुना गया, हालांकि वह कभी भी आधिकारिक तौर पर बैंड में शामिल नहीं हुए। उसने और जॉन ने एक-दूसरे से वादा किया कि जो भी इसे पहले बनाएगा, वह दूसरे की मदद करेगा। साबो ने बाद में समूह स्किड रो का गठन किया। जॉन ने अपने गृहनगर गिटारवादक रिची सांबोरा को देखा और उनसे प्रभावित हुए, जिनकी सिफारिश साथी बेसिस्ट एलेक जॉन सुच और ड्रमर टिको टोरेस ने की थी। सांबोरा ने जो कॉकर के साथ दौरा किया था, मर्सी नामक समूह के साथ खेला था और उन्हें किस के ऑडिशन के लिए बुलाया गया था। उन्होंने बैंड मेसेज के साथ एल्बम लेसन्स (मूल रूप से 1982 में रिलीज़ करने का इरादा; 1995 में लॉन्ग आइलैंड रिकॉर्ड्स के माध्यम से सीडी पर फिर से रिलीज़ किया गया) में भी अभिनय किया, जिसके लिए एलेक जॉन सुच बेसिस्ट थे। संदेश को मूल रूप से लेड जेपेलिन के स्वान सॉन्ग रिकॉर्ड्स लेबल पर हस्ताक्षरित किया गया था, हालांकि उस समय एल्बम को कभी भी आधिकारिक तौर पर जारी नहीं किया गया था। इस बीच, WAPP, वह स्टेशन जिसने पहली बार "रनअवे" बजाया था, ने 1984 में थोड़े समय के लिए एक संगीत वीडियो शो, रॉक 9 वीडियो पर पास के सेकौकस, एनजे में WOR-TV (अब WWOR-TV) के साथ काम किया। टिको टोरेस भी थे एक अनुभवी संगीतकार, जिन्होंने फैंटम ओपेरा, द मार्वेलेट्स और चक बेरी के साथ रिकॉर्ड किया और लाइव बजाया। वह 26 रिकॉर्ड्स में दिखाई दिए और हाल ही में 1980 के दशक की शुरुआत में हिट सिंगल्स वाले जर्सी बैंड फ्रांके एंड द नॉकआउट्स के साथ रिकॉर्ड किया था।
यह लेख है: आम्रपाली दुबे  (Amrapali Dubey) को भोजपुरी सिनेमा (Bhojpuri Cinema) की सबसे पॉपुलर एक्ट्रेस माना जाता है. आम्रपाली दुबे अपनी एक्टिंग के अलावा बेहतरीन डांस के लिए भी जानी जाती हैं आम्रपाली दुबे  के वीडियो अक्सर सोशल मीडिया पर धूम मचाते हैं. आम्रपाली दुबे का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर छाया हुआ है. इस वीडियो में आम्रपाली दुबे ने निरहुआ (Nirahua) के साथ मिलकर अपनी डांसिंग का जलवा बिखेर दिया है. आम्रपाली दुबे और निरहुआ के इस सॉन्ग का नाम है 'राजा जान'. इस सॉन्ग वीडियो की यूट्यूब (YouTube) पर धूम मची हुई है. आम्रपाली दुबे (Amrapali Dubey) को यूट्यूब (YouTube) क्वीन भी कहा जाता है. दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ (Nirahua) के साथ उनकी जोड़ी को लोग काफी पसंद भी करते हैं. आम्रपाली दुबे (Amrapali Dubey Nirahua) के इस डांस वीडियो की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अभी तक इसे यूट्यूब (YouTube) पर 1 करोड़ 22 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है और इसे देखने का सिलसिला अभी जारी है. आम्रपाली दुबे सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं. वो अपने इवेंट्स के वीडियो और तस्वीरें फैंस के लिए शेयर करती रहती हैं. बता दें कि आम्रपाली दुबे (Amrapali Dubey) उन्होंने भवन कॉलेज, मुंबई से स्नातक की उपाधि प्राप्त की. अपनी पढ़ाई के दौरान प्रारंभ में वह एक डॉक्टर बनना चाहती थी, लेकिन बाद में उन्होंने अपने करियर को अभिनय के क्षेत्र में आगे बढ़ाया. उन्होंने 'रहना है तेरी पलकों की छांव में' में सुमन के रूप में मुख्य भूमिका निभाई. उन्हें 2014 में भोजपुरी सिनेमा में दिनेश लाल यादव की फिल्म 'निरहुआ रिक्शावाला' से प्रसिद्धि मिली. वर्ष 2015 में उन्हें भोजपुरी इंटरनेशनल फिल्म अवार्डस (बीआईएफए) में फिल्म 'निरहुआ हिंदुस्तानी' के लिए सर्वश्रेष्ठ डेब्यू अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित किया गया. वर्ष 2017 में भोजपुरी सिनेमा इंडस्ट्री के इतिहास में पहली बार 'राते दीया बुताके' गाने को साढ़े 10 करोड़ से ज्यादा यूट्यूब पर देखने वाले मिले हैं. अभी तक उन्होंने कुल 25 फिल्में की हैं जो ज्यादातर हिट रही हैं.
India vs New Zealand: न्यूजीलैंड ने हेमिल्टन में खेले गए निर्णायक टी-20 मुकाबले में भारत को 4 रन से मात देकर सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली है. इसी के साथ ही भारत का पहली बार इस देश में द्विपक्षीय टी-20 इंटरनेशनल सीरीज जीतने का सपना भी टूट गया. भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर कीवी टीम को पहले बल्लेबाजी के लिए बुलाया, जो गलत फैसला साबित हुआ. न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों ने ताबड़तोड़ बैटिंग कर स्कोर 212 रन तक पहुंचा दिया और मैच को भारत से दूर ले गए. फिर न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने भारत को 20 ओवर में 208 रन पर रोक दिया.इसके साथ ही भारत का लगातार 10 टी-20 सीरीज से जारी अजेय अभियान भी थम गया. भारत ने पिछली टी-20 सीरीज 2017 में वेस्टइंडीज के खिलाफ गंवाई थी. इस हार के बाद सोशल मीडिया पर फैंस ने जमकर टीम इंडिया के खिलाड़ियों का मजाक बनाया है और उनकी आलोचना की है. इन 5 कारणों से भारत के हाथ से फिसली जीत, T-20 में इतिहास रचने का मौका गंवाया आज एक बात तो साफ हो गयी दिनेश कार्तिक मैच विनर प्लयेर है । पहले निसाद ट्रॉफी का फाइनल जितवाया था ओर आज भी इतना करीब ले गया था मैच धोनी से पहले दिनेश को भेज देते तो शायद जीत भी जाति इंडिया ।। — Rahul Rathore (@RahulRa94357725) February 10, 2019 Dhoni ko t20 se hatao — Dilip sharMA🇳🇵 (@Dilipsh29618538) February 10, 2019 Dhoni hota toh India 20 run se haarta.😂😂 — Paddy (@padmnaabh_s) February 10, 2019 To be very Frank the innings of @msdhoni was the main reason in #India losing the match and 🏆 Today. #INDvNZ #INDvsNZ #NZvIND #NZvsIND #Cricket #Dhoni300 pic.twitter.com/xta2szPI2C — 🇮🇳Ramaswamy Iyer (@iyer_rn) February 10, 2019 Lord KHALEEL AHMED: ▪ Can't Bowl.... ▪ Can't Catch... ▪ Can't Throw... ▪ Bowls the Bouncer at 130km/h, and the Batsman hits that one for SIX at 150km/hr... #NZvIND pic.twitter.com/qd3C7zHWeR — Anupam 🏏 (@Anupam183) February 10, 2019 😂😂 pic.twitter.com/xmzo6Rjz47 — Dilwar (@DIL__war) February 10, 2019 Now it's official declaration only, though good fight by #DK , another worst #T20 inning played by standing captain @ImRo45 #NZvIND #TeamIndia #HallaBol @ESPNcricinfo @BCCI — Vilas Ghodechor (@VilasGhodechor) February 10, 2019 Poor captaincy from Rohit. Khaleel should not be a part of wc..............worst bowler. Why Vijay Shankar is included in the squad ?.... He is an all rounder but doesn't ball in the series ........shubhman Gill should play ... Poor team management. — Harsh Singh (@HarshSi07674254) February 10, 2019 That dropped catch of Colin Munro by Khaleel Ahmed was too difficult to be dropped. #NZvIndT20 #NZvIND — Sir Jadeja fan (@SirJadeja) February 10, 2019 #NZvIndT20 Why @DineshKarthik didn't take single in the last over?? — Nehra sharma (@nehra_sharma45) February 10, 2019 #NZvIndT20 why is dhawan in team he never played any responsible innig when india needs — vikram jangid (@vikramjangid91) February 10, 2019 #NZvIndT20 Karthik just took the spotlight from Dhoni! — Whattttt?? (@gvbb2016) February 10, 2019 Ms Dhoni is done for T20I #NZvIndT20 — Malan (@Malan183) February 10, 2019 #NZvIndT20 It is becoming more and more difficult to hide MSD in a crunch T 20 game. His 2 of 4 balls might have made all the difference. Karthik should have come ahead. In One dayers he may have his utility but not in T20. Let him enjoy his T20 fun with CSK — Pramod Deogirikar (@colpramoddeo) February 10, 2019 #NZvIndT20 @DineshKarthik should run in last over & give strike to @krunalpandya24 he is also capable.... that one ball mistake converts in to loss.... — Shah Raj (@Raj0725_shah) February 10, 2019 That dropped catch of Colin Munro by Khaleel Ahmed costed the match as well. #NZvIndT20 — 🅡🅞🅦🅓🅨 🅑🅐🅑🅨 (@E6lGFFZHshcqemC) February 10, 2019 न्यूजीलैंड के 213 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम विजय शंकर (43), कप्तान रोहित शर्मा (38) और ऋषभ पंत (28) की पारियों के बावजूद छह विकेट पर 208 रन ही बना सकी. दिनेश कार्तिक (16 गेंद में नाबाद 33, चार छक्के) और क्रुणाल पंड्या (13 गेंद में नाबाद 26, दो चौके, दो छक्के) ने सातवें विकेट के लिए 4.4 ओवर में 63 रन की साझेदारी की लेकिन टीम को जीत नहीं दिला सके. न्यूजीलैंड की ओर से डेरिल मिशेल और मिशेल सेंटनकर ने क्रमश: 27 और 32 रन देकर दो-दो विकेट चटकाए. इससे पहले मुनरो ने 40 गेंद में पांच छक्कों और पांच चौकों की मदद से 72 रन की पारी खेलने के अलावा टिम सेफर्ट (43) के साथ पहले विकेट के लिए 80 और कप्तान केन विलियनसन (27) के साथ दूसरे विकेट के लिए 55 रन की साझेदारी की जिससे न्यूजीलैंड ने चार विकेट पर 212 रन बनाए. कोलिन डि ग्रैंडहोम (30) और डेरिल मिशेल (11 गेंद में नाबाद 19) ने अंत में चौथे विकेट के लिए 3.2 ओवर में 43 रन जोड़कर टीम का स्कोर 200 रन के पार पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई. भारत की ओर से कुलदीप यादव सबसे सफल गेंदबाज रहे जिन्होंने चार ओवर में 26 रन देकर दो विकेट हासिल किए. क्रुणाल पंड्या ने चार ओवर में 54 जबकि उनके छोटे भाई हार्दिक पंड्या ने चार ओर में 44 रन लुटाए. खलील अहमद ने भी 47 रन देकर एक विकेट हासिल किया. किसी द्विपक्षीय सीरीज में ये तीनों गेंदबाज सबसे अधिक रन खर्च करने वाले भारतीय गेंदबाज बन गए हैं. हार्दिक ने मौजूदा सीरीज के तीन मैचों में 131, खलील ने 122 जबकि  क्रुणाल ने 119 रन लुटाए. लक्ष्य का पीछा करने उतरे भारत की शुरुआत खराब रही. शिखर धवन (05) स्पिनर मिशेल सेंटनर के पहले ही ओवर में डीप मिडविकेट पर मिशेल को कैच दे बैठे. शंकर और रोहित ने इसके बाद पारी को संवारा. शंकर ने स्कॉट कुगेलिन पर दो चौके मारे जबकि रोहित ने टिम साउदी पर लगातार दो चौके जड़े. दोनों ने छठे ओवर में टीम का स्कोर 50 रन के पार पहुंचाया. शंकर ने लेग स्पिनर ईश सोढ़ी का स्वागत लगातार दो छक्कों के साथ किया. उन्होंने सेंटनर पर चौका जड़ा लेकिन अगली गेंद पर ग्रैंडहोम को कैच दे बैठे. धोनी ने तिरंगे का ऐसे रखा सम्मान, मैदान में घुसे फैन ने माही के पोछे पैर उन्होंने 28 गेंद का सामना करते हुए पांच चौके और दो छक्के मारे. पंत ने सेंटनर पर चौके और छक्के से खाता खोला और फिर सोढ़ी पर दो छक्के जड़कर 10वें ओवर में भारत का स्कोर 100 रन के पार पहुंचाया. पंत हालांकि 12 गेंद में 28 रन बनाने के बाद डेब्यू कर रहे ब्लेयर टिकनर की गेंद विलियमसन को कैच दे बैठे. हार्दिक ने टिकनर पर छक्के से खाता खोला और फिर मिशेल की लगातार गेंदों पर चौका और छक्का मारा. रोहित हालांकि मिशेल की ऑफ साइड से बेहद बाहर जाती गेंद पर विकेटकीपर सेफर्ट को कैच दे बैठे. उन्होंने 32 गेंद का सामना करते हुए तीन चौके मारे. हार्दिक भी इसके बाद कुगेलिन की गेंद पर विलियमसन को कैच दे बैठे. उन्होंने 11 गेंद में 21 रन बनाए. भारत को अंतिम पांच ओवर में जीत के लिए 68 रन की दरकार थी. मिशेल ने महेंद्र सिंह धोनी (02) को पवेलियन भेजकर भारत को छठा झटका दिया. भारत ने इस बीच चार रन पर तीन विकेट गंवाए. दिनेश कार्तिक ने मिशेल और टिकनर पर छक्के जड़े, लेकिन रन गति को जरूरी तेजी नहीं दे पाए. भारत को अंतिम तीन ओवर में 48 रन की जरूरत थी. क्रुणाल ने साउदी की लगातार गेंदों पर छक्का और दो चौके जड़कर गेंद और रन के बीच के अंतर को कम किया. कुगेलिन के 19वें ओवर में कार्तिक और क्रुणाल ने एक-एक छक्के के साथ 14 रन बनाए. भारत को अंतिम छह गेंदों पर जीत के लिए 16 रन चाहिए थे, लेकिन कार्तिक के मैच की अंतिम गेंद पर छक्के के बावजूद साउथी के इस ओवर में 11 रन ही बने. इससे पहले रोहित ने टॉस जीतकर गेंदबाजी करने का फैसला किया. मुनरो और सेफर्ट की जोड़ी ने इसके बाद कीवी टीम को तूफानी शुरुआत दिलाई. मुनरो ने भुवनेश्वर कुमार के पहले ही ओवर में छक्के के साथ खाता खोला जबकि सेफर्ट ने खलील के पहले दो ओवर में तीन चौके और एक छक्का मारा. मुनरो ने छठे ओवर में क्रुणाल पर दो छक्के और एक चौके से 20 रन जुटाए और टीम का स्कोर 50 रन के पार पहुंचाया. सेफर्ट ने हार्दिक पर भी छक्का जड़ा, लेकिन रोहित ने जब गेंद कुलदीप को थमाई तो विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी ने उन्हें तूफानी गति से स्टंप कर दिया. सेफर्ट ने 25 गेंद की पारी में तीन छक्के और इतने ही चौके मारे. कोहली की नकल करना चाहता है ये 21 साल का अंग्रेज बल्लेबाज मुनरो ने कुलदीप पर छक्का जड़ा और फिर क्रुणाल की गेंद को भी दर्शकों के बीच पहुंचाकर 28 गेंद में अर्धशतक पूरा किया और साथी ही 11वें ओवर में टीम का स्कोर 100 रन के पार पहुंचाया. मुनरो हालांकि 60 रन के स्कोर पर भाग्यशाली रहे जब हार्दिक की गेंद पर खलील ने उनका कैच टपका दिया. मुनरो ने इसी ओवर में लगातार गेंदों पर चौका और छक्का मारा. मुनरो हालांकि कुलदीप के अगले ओवर में लांग ऑन पर हार्दिक को कैच दे बैठे. इस साझेदारी में विलियमसन का योगदान सिर्फ 15 रन का रहा. विलियमसन ने खलील पर दो चौके मारे लेकिन इसी ओवर में शॉर्ट फाइन लेग पर कुलदीप को आसान कैच दे बैठे. उन्होंने 21 गेंद में तीन चौकों की मदद से 27 रन जोड़े. डि ग्रैंडहोम ने इसके बाद मोर्चा संभाला. उन्होंने क्रुणाल पर छक्का और चौका जड़ने के बाद भुवनेश्वर पर लगातार दो चौके मारे. मिशेल ने भी भुवनेश्वर पर चौका जड़ा. रोहित ने 26 रन के स्कोर पर हार्दिक की गेंद पर ग्रैंडहोम का कैच टपकाया. ग्रैंडहोम हालांकि इसका फायदा नहीं उठा पाए और भुवनेश्वर की ऑफ साइड से बाहर की गेंद पर धोनी को कैच दे बैठे. मिशेल ने भुवनेश्वर पर चौके के साथ 19वें ओवर में टीम के 200 रन पूरे किए.
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में अलग-अलग स्थानों पर गंगा नदी में स्नान करने गये तीन युवकों की डूब जाने से मृत्यु हो गयी. पुलिस ने बताया कि गाजीपुर नगर के पेस्ताघाट पर स्नान करने गया नवाबगंज निवासी 20 वर्षीय नवशेर उर्फ हलचल गहरे पानी में चला गया. जब तक लोग उसे बाहर निकालते तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. जिले के बारा गांव निवासी 17 वर्षीय जियाउर रहमान और 17 वर्षीय आसिफ नदी में नहाने गये थे कि अचानक गहरे पानी में चले गये. डूब जाने से उनकी मृत्यु हो गयी. तीनों शवों को नदी से निकाल लिया गया है.
On this day, our 2nd PM Lal Bahadur Shashtri died mysteriously in Tashkent. Was it heart attack or poison? Even after 52 yrs, the truth of the biggest cover-up of free India has been denied to his family, followers, citizens. After years of research, I present #TheTashkentFilespic.twitter.com/k53WBSrKk8
लेख: राज्यों में समुचित योग्यता के बगैर प्राइमरी स्कूलों में एड हॉक बेसिस यानी अस्थायी तौर पर शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त ऐतराज जताया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिना पूरी योग्यता के इस तरह शिक्षकों की नियुक्ति देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक ऐसी नीति शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद कर रही है। न्यायमूर्ति बीएस चौहान और न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की खंडपीठ ने इस व्यवस्था से असहमति व्यक्त करते हुए जानना चाहा कि शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद इस नीति को कैसे आगे बढ़ाया जा सकेगा। न्यायाधीशों ने गुजरात के प्राथमिक स्कूलों में 'विद्या सहायक' की नियुक्ति से संबंधित मामले में राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी करते हुए कहा कि हम ऐसे शिक्षकों की योग्यता के बारे में जानना चाहते हैं।टिप्पणियां न्यायाधीशों ने ऐसे शिक्षकों की योग्यता और नियुक्तियों से संबंधित विवरण तैयार करने का राज्य सरकार को निर्देश देते हुए कहा, अनुच्छेद 21-क के अस्तित्व में होने के बाद आप इस तरह की नीति कैसे तैयार कर सकते हैं। यह हतप्रभ करने वाला है। उत्तर प्रदेश में भी इस तरह की नियुक्तियां हैं। ये शिक्षा सहायक, तो शिक्षा शत्रु हैं। न्यायालय ने कहा कि कई राज्यों में प्राथमिक शिक्षकों की तदर्थ (एड हॉक) नियुक्तियां की जा रही हैं और इसके लिए उन्हें नियमित शिक्षकों की तुलना में एक-चौथाई वेतन मिलता है। न्यायाधीशों ने कहा, जब हमने अनुच्छेद 21-क पर अमल कर दिया है, तो क्या हम इस व्यवस्था को अनुमति दे सकते हैं? हमारी चिंता शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर है। हम प्रदान की जा रही शिक्षा के प्रति काफी गंभीर हैं। हम समुचित योग्यता नहीं रखने वालों को तदर्थ शिक्षक नियुक्त करके पूरी शिक्षा व्यवस्था को ही चौपट कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक ऐसी नीति शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद कर रही है। न्यायमूर्ति बीएस चौहान और न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की खंडपीठ ने इस व्यवस्था से असहमति व्यक्त करते हुए जानना चाहा कि शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद इस नीति को कैसे आगे बढ़ाया जा सकेगा। न्यायाधीशों ने गुजरात के प्राथमिक स्कूलों में 'विद्या सहायक' की नियुक्ति से संबंधित मामले में राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी करते हुए कहा कि हम ऐसे शिक्षकों की योग्यता के बारे में जानना चाहते हैं।टिप्पणियां न्यायाधीशों ने ऐसे शिक्षकों की योग्यता और नियुक्तियों से संबंधित विवरण तैयार करने का राज्य सरकार को निर्देश देते हुए कहा, अनुच्छेद 21-क के अस्तित्व में होने के बाद आप इस तरह की नीति कैसे तैयार कर सकते हैं। यह हतप्रभ करने वाला है। उत्तर प्रदेश में भी इस तरह की नियुक्तियां हैं। ये शिक्षा सहायक, तो शिक्षा शत्रु हैं। न्यायालय ने कहा कि कई राज्यों में प्राथमिक शिक्षकों की तदर्थ (एड हॉक) नियुक्तियां की जा रही हैं और इसके लिए उन्हें नियमित शिक्षकों की तुलना में एक-चौथाई वेतन मिलता है। न्यायाधीशों ने कहा, जब हमने अनुच्छेद 21-क पर अमल कर दिया है, तो क्या हम इस व्यवस्था को अनुमति दे सकते हैं? हमारी चिंता शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर है। हम प्रदान की जा रही शिक्षा के प्रति काफी गंभीर हैं। हम समुचित योग्यता नहीं रखने वालों को तदर्थ शिक्षक नियुक्त करके पूरी शिक्षा व्यवस्था को ही चौपट कर रहे हैं। न्यायाधीशों ने गुजरात के प्राथमिक स्कूलों में 'विद्या सहायक' की नियुक्ति से संबंधित मामले में राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी करते हुए कहा कि हम ऐसे शिक्षकों की योग्यता के बारे में जानना चाहते हैं।टिप्पणियां न्यायाधीशों ने ऐसे शिक्षकों की योग्यता और नियुक्तियों से संबंधित विवरण तैयार करने का राज्य सरकार को निर्देश देते हुए कहा, अनुच्छेद 21-क के अस्तित्व में होने के बाद आप इस तरह की नीति कैसे तैयार कर सकते हैं। यह हतप्रभ करने वाला है। उत्तर प्रदेश में भी इस तरह की नियुक्तियां हैं। ये शिक्षा सहायक, तो शिक्षा शत्रु हैं। न्यायालय ने कहा कि कई राज्यों में प्राथमिक शिक्षकों की तदर्थ (एड हॉक) नियुक्तियां की जा रही हैं और इसके लिए उन्हें नियमित शिक्षकों की तुलना में एक-चौथाई वेतन मिलता है। न्यायाधीशों ने कहा, जब हमने अनुच्छेद 21-क पर अमल कर दिया है, तो क्या हम इस व्यवस्था को अनुमति दे सकते हैं? हमारी चिंता शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर है। हम प्रदान की जा रही शिक्षा के प्रति काफी गंभीर हैं। हम समुचित योग्यता नहीं रखने वालों को तदर्थ शिक्षक नियुक्त करके पूरी शिक्षा व्यवस्था को ही चौपट कर रहे हैं। न्यायाधीशों ने ऐसे शिक्षकों की योग्यता और नियुक्तियों से संबंधित विवरण तैयार करने का राज्य सरकार को निर्देश देते हुए कहा, अनुच्छेद 21-क के अस्तित्व में होने के बाद आप इस तरह की नीति कैसे तैयार कर सकते हैं। यह हतप्रभ करने वाला है। उत्तर प्रदेश में भी इस तरह की नियुक्तियां हैं। ये शिक्षा सहायक, तो शिक्षा शत्रु हैं। न्यायालय ने कहा कि कई राज्यों में प्राथमिक शिक्षकों की तदर्थ (एड हॉक) नियुक्तियां की जा रही हैं और इसके लिए उन्हें नियमित शिक्षकों की तुलना में एक-चौथाई वेतन मिलता है। न्यायाधीशों ने कहा, जब हमने अनुच्छेद 21-क पर अमल कर दिया है, तो क्या हम इस व्यवस्था को अनुमति दे सकते हैं? हमारी चिंता शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर है। हम प्रदान की जा रही शिक्षा के प्रति काफी गंभीर हैं। हम समुचित योग्यता नहीं रखने वालों को तदर्थ शिक्षक नियुक्त करके पूरी शिक्षा व्यवस्था को ही चौपट कर रहे हैं। न्यायाधीशों ने कहा, जब हमने अनुच्छेद 21-क पर अमल कर दिया है, तो क्या हम इस व्यवस्था को अनुमति दे सकते हैं? हमारी चिंता शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर है। हम प्रदान की जा रही शिक्षा के प्रति काफी गंभीर हैं। हम समुचित योग्यता नहीं रखने वालों को तदर्थ शिक्षक नियुक्त करके पूरी शिक्षा व्यवस्था को ही चौपट कर रहे हैं।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस. बंगरप्पा शनिवार को एक बार फिर कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस महासचिव एवं कर्नाटक मामलों के प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने संवाददाता सम्मेलन में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बंगरप्पा के कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की. उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके आने से पार्टी को खासकर कर्नाटक में काफी मदद मिलेगी. जब उनसे पूछा गया कि इस बात की क्या गारंटी है कि वह पार्टी छोड़कर फिर नहीं जाएंगे, तो आजाद ने कहा कि यह उनकी अंतिम बार घर वापसी है और अब वह कहीं जाने वाले नहीं हैं. उन्होंने बताया कि बंगरप्पा ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की और पार्टी में शामिल होने और पार्टी के लिए काम करने की इच्छा जताई. सोनिया ने उन्हें कांग्रेस में शामिल करने को अपनी मंजूरी दे दी.
यह लेख है: दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के बदरपुर इलाके में एक गाड़ी से कुचलकर तीन महिलाओं की मौत हो गई। गाड़ी दिल्ली पुलिस का एक सब इंस्पेक्टर चला रहा था और उसे अचानक झपकी आ जाने के कारण यह हादसा हुआ। एक महिला को प्रताड़ित करने के आरोप में एक पुलिसकर्मी को बख्रास्त और गिरफ्तार किए जाने के एक दिन बाद यह हादसा हुआ है। पुलिस ने कहा कि 59 साल के सब इंस्पेक्टर ऋषि पाल को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 304-A (गैर इरादतन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस हादसे में मरने वालों की पहचान शकुंतला (55 साल), मीरा (50 साल) और माया (28 साल) के रूप में हुई है। वे सभी सफाईकर्मी थीं। जांचकर्ताओं ने बताया कि घटना सुबह साढ़े नौ बजे के करीब दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के महरौली-बदरपुर सड़क के पास हुई जब सफाई कर्मचारी सड़क साफ कर रहे थे। उपनिरीक्षक की तेज रफ्तार गाड़ी ने उन्हें टक्कर मार दी। उन्होंने बताया कि पाल अगले साल जनवरी में रिटायर्ड होने वाला है। पुलिस मुख्यालय में नाइट शिफ्ट करने के बाद पाल अपनी सैन्ट्रो कार से वापस अपने घर फरीदाबाद जा रहा था। इसी दौरान उसे झपकी आ गई और कार पर कंट्रोल खो दिया। मौके पर मौजूद चश्मदीदों ने बताया कि तीनों महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में मारी गई एक महिला के बेटे ने कहा, 'बदरपुर से आ रही एक सैंट्रो कार ने मेरी मां और दो अन्य को कुचल दिया। सभी की मौत हो गई। ड्राइवर को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।' हादसे के वक्त वहां छह महिलाएं थीं।टिप्पणियां टोल प्लाजा प्राधिकार ने इन्हें सफाई कार्य के लिए नियुक्त किया था। घटना के वक्त तीन महिलाएं झाडू लगा रही थीं और तीन कचरा उठा रही थीं। सब इंस्पेक्टर के खिलाफ बदरपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस का दावा है कि सब इंस्पेक्टर ने वहां रुक कर पीसीआर को फोन किया था, जबकि प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उसे टोल प्लाजा के कर्मचारियों ने पकड़ा। एक महिला को प्रताड़ित करने के आरोप में एक पुलिसकर्मी को बख्रास्त और गिरफ्तार किए जाने के एक दिन बाद यह हादसा हुआ है। पुलिस ने कहा कि 59 साल के सब इंस्पेक्टर ऋषि पाल को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 304-A (गैर इरादतन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस हादसे में मरने वालों की पहचान शकुंतला (55 साल), मीरा (50 साल) और माया (28 साल) के रूप में हुई है। वे सभी सफाईकर्मी थीं। जांचकर्ताओं ने बताया कि घटना सुबह साढ़े नौ बजे के करीब दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के महरौली-बदरपुर सड़क के पास हुई जब सफाई कर्मचारी सड़क साफ कर रहे थे। उपनिरीक्षक की तेज रफ्तार गाड़ी ने उन्हें टक्कर मार दी। उन्होंने बताया कि पाल अगले साल जनवरी में रिटायर्ड होने वाला है। पुलिस मुख्यालय में नाइट शिफ्ट करने के बाद पाल अपनी सैन्ट्रो कार से वापस अपने घर फरीदाबाद जा रहा था। इसी दौरान उसे झपकी आ गई और कार पर कंट्रोल खो दिया। मौके पर मौजूद चश्मदीदों ने बताया कि तीनों महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में मारी गई एक महिला के बेटे ने कहा, 'बदरपुर से आ रही एक सैंट्रो कार ने मेरी मां और दो अन्य को कुचल दिया। सभी की मौत हो गई। ड्राइवर को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।' हादसे के वक्त वहां छह महिलाएं थीं।टिप्पणियां टोल प्लाजा प्राधिकार ने इन्हें सफाई कार्य के लिए नियुक्त किया था। घटना के वक्त तीन महिलाएं झाडू लगा रही थीं और तीन कचरा उठा रही थीं। सब इंस्पेक्टर के खिलाफ बदरपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस का दावा है कि सब इंस्पेक्टर ने वहां रुक कर पीसीआर को फोन किया था, जबकि प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उसे टोल प्लाजा के कर्मचारियों ने पकड़ा। पुलिस ने कहा कि 59 साल के सब इंस्पेक्टर ऋषि पाल को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 304-A (गैर इरादतन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस हादसे में मरने वालों की पहचान शकुंतला (55 साल), मीरा (50 साल) और माया (28 साल) के रूप में हुई है। वे सभी सफाईकर्मी थीं। जांचकर्ताओं ने बताया कि घटना सुबह साढ़े नौ बजे के करीब दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के महरौली-बदरपुर सड़क के पास हुई जब सफाई कर्मचारी सड़क साफ कर रहे थे। उपनिरीक्षक की तेज रफ्तार गाड़ी ने उन्हें टक्कर मार दी। उन्होंने बताया कि पाल अगले साल जनवरी में रिटायर्ड होने वाला है। पुलिस मुख्यालय में नाइट शिफ्ट करने के बाद पाल अपनी सैन्ट्रो कार से वापस अपने घर फरीदाबाद जा रहा था। इसी दौरान उसे झपकी आ गई और कार पर कंट्रोल खो दिया। मौके पर मौजूद चश्मदीदों ने बताया कि तीनों महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में मारी गई एक महिला के बेटे ने कहा, 'बदरपुर से आ रही एक सैंट्रो कार ने मेरी मां और दो अन्य को कुचल दिया। सभी की मौत हो गई। ड्राइवर को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।' हादसे के वक्त वहां छह महिलाएं थीं।टिप्पणियां टोल प्लाजा प्राधिकार ने इन्हें सफाई कार्य के लिए नियुक्त किया था। घटना के वक्त तीन महिलाएं झाडू लगा रही थीं और तीन कचरा उठा रही थीं। सब इंस्पेक्टर के खिलाफ बदरपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस का दावा है कि सब इंस्पेक्टर ने वहां रुक कर पीसीआर को फोन किया था, जबकि प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उसे टोल प्लाजा के कर्मचारियों ने पकड़ा। इस हादसे में मरने वालों की पहचान शकुंतला (55 साल), मीरा (50 साल) और माया (28 साल) के रूप में हुई है। वे सभी सफाईकर्मी थीं। जांचकर्ताओं ने बताया कि घटना सुबह साढ़े नौ बजे के करीब दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के महरौली-बदरपुर सड़क के पास हुई जब सफाई कर्मचारी सड़क साफ कर रहे थे। उपनिरीक्षक की तेज रफ्तार गाड़ी ने उन्हें टक्कर मार दी। उन्होंने बताया कि पाल अगले साल जनवरी में रिटायर्ड होने वाला है। पुलिस मुख्यालय में नाइट शिफ्ट करने के बाद पाल अपनी सैन्ट्रो कार से वापस अपने घर फरीदाबाद जा रहा था। इसी दौरान उसे झपकी आ गई और कार पर कंट्रोल खो दिया। मौके पर मौजूद चश्मदीदों ने बताया कि तीनों महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में मारी गई एक महिला के बेटे ने कहा, 'बदरपुर से आ रही एक सैंट्रो कार ने मेरी मां और दो अन्य को कुचल दिया। सभी की मौत हो गई। ड्राइवर को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।' हादसे के वक्त वहां छह महिलाएं थीं।टिप्पणियां टोल प्लाजा प्राधिकार ने इन्हें सफाई कार्य के लिए नियुक्त किया था। घटना के वक्त तीन महिलाएं झाडू लगा रही थीं और तीन कचरा उठा रही थीं। सब इंस्पेक्टर के खिलाफ बदरपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस का दावा है कि सब इंस्पेक्टर ने वहां रुक कर पीसीआर को फोन किया था, जबकि प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उसे टोल प्लाजा के कर्मचारियों ने पकड़ा। जांचकर्ताओं ने बताया कि घटना सुबह साढ़े नौ बजे के करीब दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के महरौली-बदरपुर सड़क के पास हुई जब सफाई कर्मचारी सड़क साफ कर रहे थे। उपनिरीक्षक की तेज रफ्तार गाड़ी ने उन्हें टक्कर मार दी। उन्होंने बताया कि पाल अगले साल जनवरी में रिटायर्ड होने वाला है। पुलिस मुख्यालय में नाइट शिफ्ट करने के बाद पाल अपनी सैन्ट्रो कार से वापस अपने घर फरीदाबाद जा रहा था। इसी दौरान उसे झपकी आ गई और कार पर कंट्रोल खो दिया। मौके पर मौजूद चश्मदीदों ने बताया कि तीनों महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में मारी गई एक महिला के बेटे ने कहा, 'बदरपुर से आ रही एक सैंट्रो कार ने मेरी मां और दो अन्य को कुचल दिया। सभी की मौत हो गई। ड्राइवर को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।' हादसे के वक्त वहां छह महिलाएं थीं।टिप्पणियां टोल प्लाजा प्राधिकार ने इन्हें सफाई कार्य के लिए नियुक्त किया था। घटना के वक्त तीन महिलाएं झाडू लगा रही थीं और तीन कचरा उठा रही थीं। सब इंस्पेक्टर के खिलाफ बदरपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस का दावा है कि सब इंस्पेक्टर ने वहां रुक कर पीसीआर को फोन किया था, जबकि प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उसे टोल प्लाजा के कर्मचारियों ने पकड़ा। उन्होंने बताया कि पाल अगले साल जनवरी में रिटायर्ड होने वाला है। पुलिस मुख्यालय में नाइट शिफ्ट करने के बाद पाल अपनी सैन्ट्रो कार से वापस अपने घर फरीदाबाद जा रहा था। इसी दौरान उसे झपकी आ गई और कार पर कंट्रोल खो दिया। मौके पर मौजूद चश्मदीदों ने बताया कि तीनों महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में मारी गई एक महिला के बेटे ने कहा, 'बदरपुर से आ रही एक सैंट्रो कार ने मेरी मां और दो अन्य को कुचल दिया। सभी की मौत हो गई। ड्राइवर को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।' हादसे के वक्त वहां छह महिलाएं थीं।टिप्पणियां टोल प्लाजा प्राधिकार ने इन्हें सफाई कार्य के लिए नियुक्त किया था। घटना के वक्त तीन महिलाएं झाडू लगा रही थीं और तीन कचरा उठा रही थीं। सब इंस्पेक्टर के खिलाफ बदरपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस का दावा है कि सब इंस्पेक्टर ने वहां रुक कर पीसीआर को फोन किया था, जबकि प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उसे टोल प्लाजा के कर्मचारियों ने पकड़ा। मौके पर मौजूद चश्मदीदों ने बताया कि तीनों महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में मारी गई एक महिला के बेटे ने कहा, 'बदरपुर से आ रही एक सैंट्रो कार ने मेरी मां और दो अन्य को कुचल दिया। सभी की मौत हो गई। ड्राइवर को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।' हादसे के वक्त वहां छह महिलाएं थीं।टिप्पणियां टोल प्लाजा प्राधिकार ने इन्हें सफाई कार्य के लिए नियुक्त किया था। घटना के वक्त तीन महिलाएं झाडू लगा रही थीं और तीन कचरा उठा रही थीं। सब इंस्पेक्टर के खिलाफ बदरपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस का दावा है कि सब इंस्पेक्टर ने वहां रुक कर पीसीआर को फोन किया था, जबकि प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उसे टोल प्लाजा के कर्मचारियों ने पकड़ा। टोल प्लाजा प्राधिकार ने इन्हें सफाई कार्य के लिए नियुक्त किया था। घटना के वक्त तीन महिलाएं झाडू लगा रही थीं और तीन कचरा उठा रही थीं। सब इंस्पेक्टर के खिलाफ बदरपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस का दावा है कि सब इंस्पेक्टर ने वहां रुक कर पीसीआर को फोन किया था, जबकि प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उसे टोल प्लाजा के कर्मचारियों ने पकड़ा। सब इंस्पेक्टर के खिलाफ बदरपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस का दावा है कि सब इंस्पेक्टर ने वहां रुक कर पीसीआर को फोन किया था, जबकि प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उसे टोल प्लाजा के कर्मचारियों ने पकड़ा।
पंजाब कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने शिरोमणि अकाली दल(एसएडी) पर संगीन आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि एसएडी ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी(एसजीपीसी) और गुरुद्वारे का इस्तेमाल कर अमान्य घोषित किए जा चुके 500-1000 के नोटों में जमा कालेधन को चढ़ावा बताकर बदलवाया है. अमरिंदर सिंह ने बताया कि शिरोमणि अकाली दल के पास 1000 करोड़ रुपये हैं. उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि बीजेपी की करीबी राजनीतिक पार्टियों और कालाधन रखने वालों को सरकार के इस फैसले की पहले से ही खबर थी. उन्होंने ये भी कहा कि इतना ही नहीं कालेधन के खिलाफ सरकार की इस सर्जिकल स्ट्राइक की लोग तारीफ तो कर रहे हैं लेकिन इस फैसले से केवल आम जनता ही प्रभावित हुई है. काला धन रखने वाले इतने प्रभावित नहीं हुए.
मुंबई में हुए विस्फोटों की निंदा करते हुए नाटो के महासचिव एंड्रैस फोग रैसमुसेन ने आतंकवादी हमले में निर्दोष लोगों के मारे जाने को घृणित कृत्य बताया है। रैसमुसेन ने कहा, निर्दोष नागरिकों पर बेरहमी से हमले किए गए। गठबंधन की ओर से मैं भारत के अधिकारियों और खासतौर पर पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं। एक वक्तव्य में रैसमुसेन ने आतंकवादी हमलों के पीड़ितों के प्रति सहानुभूति जताते हुए कहा कि इस हिंसा और निर्दोष लोगों की हत्या की कड़े से कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए। गौरतलब है कि बुधवार को मुंबई में एक के बाद एक हुए तीन बम विस्फोटों में 18 लोगों की जान चली गयी थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे।
1810 में हवाई एक एकीकृत, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त राज्य बन गया, जो 1893 में अमेरिकी और यूरोपीय व्यापारियों द्वारा राजशाही को उखाड़ फेंकने तक स्वतंत्र रहा; इसके कारण 1898 में अमेरिका ने उस पर कब्ज़ा कर लिया। रणनीतिक रूप से मूल्यवान अमेरिकी क्षेत्र के रूप में, हवाई पर 7 दिसंबर, 1941 को जापान द्वारा हमला किया गया, जिसने इसे वैश्विक और ऐतिहासिक महत्व दिया, और द्वितीय विश्व युद्ध में अमेरिका के निर्णायक प्रवेश में योगदान दिया। हवाई 21 अगस्त, 1959 को संघ में शामिल होने वाला सबसे हालिया राज्य है। 1993 में, अमेरिकी सरकार ने हवाई की सरकार को उखाड़ फेंकने में अपनी भूमिका के लिए औपचारिक रूप से माफी मांगी, जिसने हवाई संप्रभुता आंदोलन को प्रेरित किया। ऐतिहासिक रूप से वृक्षारोपण अर्थव्यवस्था पर हावी, हवाई अपनी उपजाऊ मिट्टी और अमेरिका में विशिष्ट उष्णकटिबंधीय जलवायु के कारण एक प्रमुख कृषि निर्यातक बना हुआ है। 20 वीं शताब्दी के मध्य से इसकी अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे विविध हो गई है, पर्यटन और सैन्य रक्षा दो सबसे बड़े क्षेत्र बन गए हैं। राज्य अपने विविध प्राकृतिक दृश्यों, गर्म उष्णकटिबंधीय जलवायु, सार्वजनिक समुद्र तटों की प्रचुरता, समुद्री परिवेश, सक्रिय ज्वालामुखी और बड़े द्वीप पर साफ आसमान के साथ पर्यटकों, सर्फर्स और वैज्ञानिकों को आकर्षित करता है। हवाई दुनिया की सबसे बड़ी नौसैनिक कमान, अमेरिकी प्रशांत बेड़े, साथ ही रक्षा विभाग के 75,000 कर्मचारियों की मेजबानी करता है। इसके सापेक्ष अलगाव के परिणामस्वरूप संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने की लागत सबसे अधिक है, और हवाई तीसरा सबसे धनी राज्य है।
सरकार ने आज बताया कि ‘वर्ष 2022 तक सभी के लिए आवास’ के उद्देश्य को पूरा करने के लिए अगले तीन वर्षों में एक करोड़ मकान बनाने की परिकल्पना की गई है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 नवंबर को आगरा में इस योजना का शुभारंभ करेंगे. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 20 नवंबर को उत्तर प्रदेश के आगरा में इस योजना का शुभारंभ करेंगे, जिसके तहत अगले तीन वर्ष में एक करोड़ आवासों का निर्माण किया जाना है. उन्होंने साक्षी महाराज के प्रश्न के उत्तर में कहा, सरकार की परिकल्पना के अनुरूप ‘वर्ष 2022 तक सभी के लिए मकान’ के उद्देश्य को पूरा करने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में पूर्ववर्ती इंदिरा आवास योजना को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में पुनर्गठित करने को मंजूरी दी है. उन्होंने कहा, इस योजना के अंतर्गत 2016-17 से लेकर 2018-19 तक तीन वर्षों में एक करोड़ मकान बनाने की परिकल्पना की गई है. तोमर के अनुसार, योजना के अंतर्गत मैदानी क्षेत्र में 1.20 लाख रुपये और पर्वतीय क्षेत्रों में 1.30 लाख रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी. उन्होंने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में 33 लाख मकानों का निर्माण किया जाएगा. टिप्पणियां तोमर ने साक्षी महाराज के एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि योजना के तहत उत्तर प्रदेश में अगले तीन साल में 12 लाख मकान बनाए जाएंगे.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 20 नवंबर को उत्तर प्रदेश के आगरा में इस योजना का शुभारंभ करेंगे, जिसके तहत अगले तीन वर्ष में एक करोड़ आवासों का निर्माण किया जाना है. उन्होंने साक्षी महाराज के प्रश्न के उत्तर में कहा, सरकार की परिकल्पना के अनुरूप ‘वर्ष 2022 तक सभी के लिए मकान’ के उद्देश्य को पूरा करने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में पूर्ववर्ती इंदिरा आवास योजना को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में पुनर्गठित करने को मंजूरी दी है. उन्होंने कहा, इस योजना के अंतर्गत 2016-17 से लेकर 2018-19 तक तीन वर्षों में एक करोड़ मकान बनाने की परिकल्पना की गई है. तोमर के अनुसार, योजना के अंतर्गत मैदानी क्षेत्र में 1.20 लाख रुपये और पर्वतीय क्षेत्रों में 1.30 लाख रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी. उन्होंने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में 33 लाख मकानों का निर्माण किया जाएगा. टिप्पणियां तोमर ने साक्षी महाराज के एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि योजना के तहत उत्तर प्रदेश में अगले तीन साल में 12 लाख मकान बनाए जाएंगे.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने साक्षी महाराज के प्रश्न के उत्तर में कहा, सरकार की परिकल्पना के अनुरूप ‘वर्ष 2022 तक सभी के लिए मकान’ के उद्देश्य को पूरा करने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में पूर्ववर्ती इंदिरा आवास योजना को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में पुनर्गठित करने को मंजूरी दी है. उन्होंने कहा, इस योजना के अंतर्गत 2016-17 से लेकर 2018-19 तक तीन वर्षों में एक करोड़ मकान बनाने की परिकल्पना की गई है. तोमर के अनुसार, योजना के अंतर्गत मैदानी क्षेत्र में 1.20 लाख रुपये और पर्वतीय क्षेत्रों में 1.30 लाख रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी. उन्होंने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में 33 लाख मकानों का निर्माण किया जाएगा. टिप्पणियां तोमर ने साक्षी महाराज के एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि योजना के तहत उत्तर प्रदेश में अगले तीन साल में 12 लाख मकान बनाए जाएंगे.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने कहा, इस योजना के अंतर्गत 2016-17 से लेकर 2018-19 तक तीन वर्षों में एक करोड़ मकान बनाने की परिकल्पना की गई है. तोमर के अनुसार, योजना के अंतर्गत मैदानी क्षेत्र में 1.20 लाख रुपये और पर्वतीय क्षेत्रों में 1.30 लाख रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी. उन्होंने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में 33 लाख मकानों का निर्माण किया जाएगा. टिप्पणियां तोमर ने साक्षी महाराज के एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि योजना के तहत उत्तर प्रदेश में अगले तीन साल में 12 लाख मकान बनाए जाएंगे.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) तोमर ने साक्षी महाराज के एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि योजना के तहत उत्तर प्रदेश में अगले तीन साल में 12 लाख मकान बनाए जाएंगे.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
लगभग पांच साल तक राष्ट्रीय क्रिकेट टीम से नजरअंदाज किए गए भारतीय तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने कहा कि पदार्पण से ज्यादा मुश्किल वापसी रही. इस 37 वर्षीय गेंदबाज ने भारत की तरफ से आखिरी मैच पाकिस्तान के खिलाफ वर्ल्ड कप 2011 में सेमीफाइनल में खेला था. इसके बाद वह उंगली के चोट के कारण फाइनल में नहीं खेल सके और फिर उन्हें अगला मैच खेलने के लिए पांच साल का इंतजार करना पड़ा. आशीष नेहरा की पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की टी20 सीरीज के लिए टीम में वापसी हुई. नेहरा ने भारतीय टीम के एशिया कप के लिए ओपन मीडिया सत्र में कहा, ‘वापसी करना बेहद मुश्किल रहा. वापसी पदार्पण की तुलना में अधिक मुश्किल रही. मैंने 36 साल की उम्र के बाद वापसी की.’ उन्होंने कहा कि तेज गेंदबाजों के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन करना मुश्किल है. नेहरा ने कहा, ‘अंदर बाहर होने के कारण तेज गेंदबाजों के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन करना आसान नहीं होता है. उन पर दबाव रहेगा. आपको लगातार कड़ी मेहनत करनी होती है. मैंने केवल घरेलू क्रिकेट ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को ध्यान में रखकर अभ्यास किया.’ टी20 टीम में वापसी करने के बाद नेहरा ने ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के खिलाफ छह मैचों में सात विकेट लिए हैं. उन्होंने कहा, ‘आप बहुत अधिक टी20 मैच नहीं खेलते. यदि टी20 क्रिकेट की बात करें तो आईपीएल से बहुत मदद मिली. आप उसके हिसाब से अभ्यास करते हो. यह मेरे लिए बड़ी बात नहीं है. आप जितने अधिक मैच खेलोगे उतना बेहतर प्रदर्शन करोगे.’ युवा तेज गेंदबाज जसप्रीत बमराह के साथ अपने तालमेल पर उन्होंने कहा, ‘यह अच्छा अनुभव है. हम दो पूरी तरह से अलग तरह के गेंदबाज हैं. हमारा एक्शन अलग है. हमारी जोड़ी अच्छी है. उम्मीद है कि हम अगले दो महीनों में और भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे.’
देसी कंपनी कार्बन ने माइक्रोमैक्स के यूनाइट 2, एंटाइस A105, मोटो E और लावा iris X1 को टक्कर देने के लिए अपना डुअल सिम स्मार्टफोन पेश कर दिया है. यह है टाइटेनियम S2 प्लस. यह होम शॉप में 6,999 रुपये में उपलब्ध है. इसके साथ फ्लप कवर और 2,000 एमएएच का पॉवर बैंक भी मिलेगा. यह स्मार्टफोन 1.3जीएचजेड क्वॉड कोर प्रॉसेसर से लैस है. संभवतः यह मीडियाटेक है जैसा कि माइक्रोमैक्स यूनाइट में है. यह एंड्रॉयड 4.4 आधारित हैंडसेट है. इसका स्क्रीन 5 इंच का है जिसका रिजॉल्‍यूशन 654x480 पिक्सल है. लेकिन इसका रैम महज 512 एमबी है. इसमें 4जीबी इंटरनल स्टोरेज और 32 जीबी एक्सटर्नल कार्ड सपोर्ट है. ये है खास 1. यह डुअल सिम फोन 120 ग्राम का है और यह 11.6 मिमी मोटा है. 2. इसका रियर कैमरा शक्तिशाली है और 8एमपी का ऑटो फोकस है. इसमें एलईडी फ्लैश भी है. 3. इसका फ्रंट कैमरा वीजीए रिजॉल्यूशन वाला है. 4. इसमें 3जी, 2जी, वाई-फाई, जीपीएस और ब्लूटुथ है. 5. इसका स्क्रीन 5 इंच का है. इसकी बैटरी 1900 एमएएच की ली-ऑन है जो 3.5 घंटे का टॉक टाइम देती है.
टीचर्स डे के मौके पर जामिया टीचर्स एसोसिएशन (JTA) ने पिछले दो साल में यूनिवर्सिटी से रिटायर हुए 39 अध्यापकों को सम्मानित किया. जामिया की कुलपति प्रो नजमा अख्तर ने इन रिटायर शिक्षकों से यूनिवर्सिटी से जुड़े रहने की गुजारिश की. समारोह में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो नजमा अख़्तर ने टीचर्स को सम्मानित किया. इस मौके पर जामिया स्कूल ने वृक्षारोपण मुहिम के ज़रिए टीचर्स डे मनाया है. विश्वविद्यालय के डॉ. एमए अंसारी सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि और जामिया की कुलपति प्रो नजमा अख़्तर ने कहा कि जेटीए ने इस पावन मौके पर रिटायर हुए अध्यापकों को सम्मानित करके बहुत सराहनीय काम किया है. इन अध्यापकों से कुलपति ने आग्रह किया कि वे विश्वविद्यालय के साथ अपना रिश्ता बनाए रखें और जामिया की बेहतरी के लिए उनके सुझावों का हमेशा स्वागत किया जाएगा. उन्होंने इन अध्यापकों से, अगले साल मनाए जाने वाले विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में शामिल होने का भी आग्रह किया है. जेटीए के सचिव प्रो माजिद जमील ने कहा कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया के संस्थापकों ने बहुत मुश्किलों का सामना करते हुए और बड़े बलिदान करके इस विश्वविद्यालय को स्थापित किया है. उन्होंने कहा कि उनके बलिदानों को याद करते हुए जामिया बिरादरी को और बुलंदियों की तरफ ले जाने के लिए लगातार काम करते रहना है. पिछले दो सालों में 39 फैकल्टी मेंबर रिटायर हुए हैं और टीचर्स डे पर उन्हें सम्मानित करना, सबसे सही दिन है. इस मौके पर जेटीए के सचिव के अलावा अध्यक्ष आमिर आज़म, संयुक्त सचिव डा इरफान कुरैशी और अन्य पदाधिकारी मौजूद थे. इसके अलावा, जामिया सीनियर सेकण्डरी स्कूल ने अपने परिसर में वृक्षारोपण मुहिम के ज़रिए टीचर्स डे मनाया. ऐसा करके स्कूल छात्रों ने जामिया के आदर्श सिद्धांत, ‘ग्रीन जामिया, क्लीन जामिया‘ के तहत, पर्यावरण को बचाने की जागरूगता को फैलाने का काम किया. स्कूली छात्र हाथों में तख़्तियां लिए थे, जिन पर पर्यावरण को बचाने के लिए, बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण करने और वनों को बचाने की अहमियत के बारे में बताया गया था. वृक्षारोपण के लिए पौधे लगाने में प्रो इलियास हुसैन, प्रो मसूद आलम, प्रो जैसी अब्राहम, प्रो अतिक़ुर रहमान, प्रो वसीम खान और डा अब्दुल नसीब खान शामिल थे.
यह एक लेख है: ब्राजील में अगले महीने से शुरू हो रहे रियो ओलिंपिक की तैयरियों के लिए अमेरिका दौरे पर आई भारतीय महिला हॉकी टीम ने शुक्रवार को हुए मुकाबले में कनाडा को 5-2 से हराकर इस दौरे पर लगातार दूसरी जीत दर्ज की। भारतीय टीम के लिए उपकप्तान दीपिका और फॉरवर्ड वंदना कटारिया ने दो-दो गोल किए। वंदना ने नौवें और 51वें तथा दीपिका ने 38वें और 49वें मिनट में गोल किए। इससे पहले अपने पहले मुकाबले में भारतीय टीम ने मेजबान अमेरिका को 2-1 से हराया था। इस मुकाबले में बढ़त बनाते हुए भारतीय टीम ने नौवें मिनट में पहला गोल दागा। टीम के लिए यह गोल फॉरवर्ड वंदना कटारिया ने किया। कनाडा की ओर से गोल करने की कोशिश की गई, लेकिन भारतीय टीम ने प्रतिद्वंद्वी टीम की सभी कोशिशों पर पानी फेरते हुए पहले क्वार्टर में 1-0 से बढ़त बनाई। दूसरे क्वार्टर में कनाडा ने जोर पकड़ते हुए गोल दागा। टीम की ओर से 17वें मिनट में स्टेफनी नोरलेंडर ने गोल किया। तीसरे क्वार्टर में भारत की ओर से दीपिका ने 38वें मिनट में पहला गोल किया। इससे टीम 2-1 से आगे हो गई, लेकिन इसके तुरंत बाद ही 42वें मिनट में प्रतिद्वंद्वी टीम की ओर से ब्रिएने स्टेयर्स ने गोल दागकर मुकाबला 2-2 से बराबर कर दिया। इस तरह तीसरे क्वार्टर का मुकाबला 2-2 से बराबरी पर हो गया। चौथे और अंतिम क्वार्टर में परिणाम के लिए दोनों टीमों के बीच एक बार फिर संघर्षपूर्ण खेल शुरू हुआ। टिप्पणियां भारत ने चौथे क्वॉटर्र में बढ़त बनाते हुए 49वें मिनट में गोल दागा। यह गोल दीपिका की ओर से किया गया था। इसके दो मिनट बाद ही वंदना ने इस बढ़त को गोल दागकर दोगुना कर दिया। इससे भारत ने कनाडा पर 4-2 से बढ़त बनाई। इसके बाद पूनम रानी ने 58वें मिनट में भारत के लिए पांचवा गोल दागा और इस गोल के साथ ही भारत ने कनाडा को 5-2 से हराते हुए टूर्नामेंट में अपनी दूसरी जीत दर्ज की।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) इस मुकाबले में बढ़त बनाते हुए भारतीय टीम ने नौवें मिनट में पहला गोल दागा। टीम के लिए यह गोल फॉरवर्ड वंदना कटारिया ने किया। कनाडा की ओर से गोल करने की कोशिश की गई, लेकिन भारतीय टीम ने प्रतिद्वंद्वी टीम की सभी कोशिशों पर पानी फेरते हुए पहले क्वार्टर में 1-0 से बढ़त बनाई। दूसरे क्वार्टर में कनाडा ने जोर पकड़ते हुए गोल दागा। टीम की ओर से 17वें मिनट में स्टेफनी नोरलेंडर ने गोल किया। तीसरे क्वार्टर में भारत की ओर से दीपिका ने 38वें मिनट में पहला गोल किया। इससे टीम 2-1 से आगे हो गई, लेकिन इसके तुरंत बाद ही 42वें मिनट में प्रतिद्वंद्वी टीम की ओर से ब्रिएने स्टेयर्स ने गोल दागकर मुकाबला 2-2 से बराबर कर दिया। इस तरह तीसरे क्वार्टर का मुकाबला 2-2 से बराबरी पर हो गया। चौथे और अंतिम क्वार्टर में परिणाम के लिए दोनों टीमों के बीच एक बार फिर संघर्षपूर्ण खेल शुरू हुआ। टिप्पणियां भारत ने चौथे क्वॉटर्र में बढ़त बनाते हुए 49वें मिनट में गोल दागा। यह गोल दीपिका की ओर से किया गया था। इसके दो मिनट बाद ही वंदना ने इस बढ़त को गोल दागकर दोगुना कर दिया। इससे भारत ने कनाडा पर 4-2 से बढ़त बनाई। इसके बाद पूनम रानी ने 58वें मिनट में भारत के लिए पांचवा गोल दागा और इस गोल के साथ ही भारत ने कनाडा को 5-2 से हराते हुए टूर्नामेंट में अपनी दूसरी जीत दर्ज की।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) दूसरे क्वार्टर में कनाडा ने जोर पकड़ते हुए गोल दागा। टीम की ओर से 17वें मिनट में स्टेफनी नोरलेंडर ने गोल किया। तीसरे क्वार्टर में भारत की ओर से दीपिका ने 38वें मिनट में पहला गोल किया। इससे टीम 2-1 से आगे हो गई, लेकिन इसके तुरंत बाद ही 42वें मिनट में प्रतिद्वंद्वी टीम की ओर से ब्रिएने स्टेयर्स ने गोल दागकर मुकाबला 2-2 से बराबर कर दिया। इस तरह तीसरे क्वार्टर का मुकाबला 2-2 से बराबरी पर हो गया। चौथे और अंतिम क्वार्टर में परिणाम के लिए दोनों टीमों के बीच एक बार फिर संघर्षपूर्ण खेल शुरू हुआ। टिप्पणियां भारत ने चौथे क्वॉटर्र में बढ़त बनाते हुए 49वें मिनट में गोल दागा। यह गोल दीपिका की ओर से किया गया था। इसके दो मिनट बाद ही वंदना ने इस बढ़त को गोल दागकर दोगुना कर दिया। इससे भारत ने कनाडा पर 4-2 से बढ़त बनाई। इसके बाद पूनम रानी ने 58वें मिनट में भारत के लिए पांचवा गोल दागा और इस गोल के साथ ही भारत ने कनाडा को 5-2 से हराते हुए टूर्नामेंट में अपनी दूसरी जीत दर्ज की।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) भारत ने चौथे क्वॉटर्र में बढ़त बनाते हुए 49वें मिनट में गोल दागा। यह गोल दीपिका की ओर से किया गया था। इसके दो मिनट बाद ही वंदना ने इस बढ़त को गोल दागकर दोगुना कर दिया। इससे भारत ने कनाडा पर 4-2 से बढ़त बनाई। इसके बाद पूनम रानी ने 58वें मिनट में भारत के लिए पांचवा गोल दागा और इस गोल के साथ ही भारत ने कनाडा को 5-2 से हराते हुए टूर्नामेंट में अपनी दूसरी जीत दर्ज की।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में सोमवार को एक मुठभेड़ में एक अज्ञात आतंकी मारा गया और सेना का एक जवान घायल हो गया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सोमवार शाम हंदवाड़ा इलाके के वडारबल्ला में 21वीं राष्ट्रीय राइफल्स के जवानों और आतंकियों के बीच गोलीबारी हुई।टिप्पणियां उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में एक आतंकी मारा गया, जबकि एक सैनिक घायल हो गया, जिसे अस्पताल पहुंचाया गया। अधिकारी ने बताया कि फिलहाल मारे गए आतंकी और उसके गुट के बारे में पता नहीं चल सका है। तलाशी अभियान अभी जारी है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में एक आतंकी मारा गया, जबकि एक सैनिक घायल हो गया, जिसे अस्पताल पहुंचाया गया। अधिकारी ने बताया कि फिलहाल मारे गए आतंकी और उसके गुट के बारे में पता नहीं चल सका है। तलाशी अभियान अभी जारी है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
समाजवादी पार्टी ने शिवपाल की सदस्यता को दी चुनौती सपा शिवपाल पर दलबदल कानून के तहत एक्शन चाहती है 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन की करारी हार के बाद अटकलें लग रहीं थीं कि मुलायम सिंह यादव परिवार फिर एकजुट हो सकता है. अखिलेश यादव की चाचा शिवपाल सिंह यादव से रिश्ते दुरुस्त हो सकते हैं. समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की सक्रियता से भी इन अटकलों को बल मिला था. मगर समाजवादी पार्टी ने अब जिस तरह से शिवपाल सिंह यादव की विधानसभा सदस्यता खारिज करने के लिए याचिका लगाई है, उससे पता चलता है कि वर्ष 2016 से पार्टी में वर्चस्व के लिए शुरू हुई चाचा-भतीजे की लड़ाई थमने के दूर-दूर तक आसार नहीं हैं. नितिन पर नरमी एक तरफ समाजवादी पार्टी ने दलबदल के आधार पर शिवपाल सिंह यादव की विधानसभा सदस्यता रद्द करने के लिए विधानसभा में याचिका लगाई है. दूसरी तरफ नरेश अग्रवाल के बेटे नितिन अग्रवाल के खिलाफ पार्टी की ओर से शांत रहने को लेकर चर्चा है. बागी होकर बीजेपी की बैठकों में हिस्सा लेने वाले नितिन के खिलाफ सदस्यता खारिज करने की मांग तो दूर की बात, अनुशासनात्मक कार्रवाई का भी कदम नहीं उठाया गया है.  नितिन के पिता नरेश अग्रवाल सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. नितिन अग्रवाल हरदोई से सपा से विधायक हैं . विधानसभा सचिवालय ने जारी की नोटिस शिवपाल यादव के खिलाफ समाजवादी पार्टी की तरफ से याचिका दायर होने के बाद प्रमुख सचिव विधानसभा सचिवालय की ओर से पांच सितंबर को नोटिस जारी की गई है. जिसमें कहा गया है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा सदस्य(दल परिवर्तन के आधार पर निरर्हता) नियमावली, 1987 के नियम सात के उप नियम तीन(क) के तहत विधानसभा के सभी सदस्यों की जानकारी के लिए निम्नलिखित सूचना प्रकाशित की जाती है. "भारत के संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत बनाई गई उत्तर प्रदेश विधानसभा सदस्य(दल परिवर्तन के आधार पर निरर्हता) नियमावली 1987 के नियम सात के तहत राम गोविंद चौधरी, नेता समाजवादी पार्टी उत्त प्रदेश द्वारा शिवपाल सिंह यादव, सदस्य विधान सभा के विरुद्ध चार सितंबर 2019 को याचिका प्रस्तुत की गई है."
यह लेख है: आदमी पार्टी के विधायकों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. ताजा मामले में एक महिला अधिकारी के साथ बदसलूकी की घटना सामने आई है, जहां विधायक ने फोन पर अधिकारी के साथ गाली गलौच करते हुए अभद्र भाषा का प्रयोग किया. पीड़ित अधिकारी का आरोप है कि वह 17 मार्च को लाजपत नगर स्थित ऑफिस में बैठी हुई थी, जिस दौरान विधायक नारायण दत्त शर्मा ने उन्हें किसी काम से फोन किया. फोन पर ही दोनों के बीच किसी कारण से बहस हुई और बहस के दौरान एनडी शर्मा ने उन्हें गाली देते हुए असम्मानजनक भाषा का प्रयोग किया. शिकायतकर्ता अलका रावल  महिला एवं बाल विकास विभाग में सीडीपीओ के पद पर कार्यरत हैं, जो कि साउथ ईस्ट दिल्ली के सभी आंगनवाड़ी सेन्टर की मुख्य अधिकारी हैं.टिप्पणियां वहीं दूसरी तरफ पूरे मामले को निराधार बताते हुए आरोपी विधायक एन.डी. शर्मा ने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण हैं कि चुना हुआ विधायक, चुनी हुई सरकार के अधीन कर्मचारी को गलत काम करने पर टोक नहीं सकता. पिछले आठ सालों से एक घर में आंगनबाड़ी चल रही थी, लेकिन रिश्वत न मिलने के कारण उसे बंद कर दिया गया. साथ ही पुलिस की कार्यवाही को भी निराधार बताया है. फिलहाल बदरपुर थाने की पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बदरपुर विधायक एन डी शर्मा के खिलाफ IPC की धारा 506 और 509 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, गौरतलब है कि इससे पहले भी इन्ही विधायक के खिलाफ एमसीडी के जूनियर इंजीनियर और असिस्टेंट इंजीनियर से मारपीट करने के गंभीर आरोपों की जांच चल रही है. फोन पर ही दोनों के बीच किसी कारण से बहस हुई और बहस के दौरान एनडी शर्मा ने उन्हें गाली देते हुए असम्मानजनक भाषा का प्रयोग किया. शिकायतकर्ता अलका रावल  महिला एवं बाल विकास विभाग में सीडीपीओ के पद पर कार्यरत हैं, जो कि साउथ ईस्ट दिल्ली के सभी आंगनवाड़ी सेन्टर की मुख्य अधिकारी हैं.टिप्पणियां वहीं दूसरी तरफ पूरे मामले को निराधार बताते हुए आरोपी विधायक एन.डी. शर्मा ने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण हैं कि चुना हुआ विधायक, चुनी हुई सरकार के अधीन कर्मचारी को गलत काम करने पर टोक नहीं सकता. पिछले आठ सालों से एक घर में आंगनबाड़ी चल रही थी, लेकिन रिश्वत न मिलने के कारण उसे बंद कर दिया गया. साथ ही पुलिस की कार्यवाही को भी निराधार बताया है. फिलहाल बदरपुर थाने की पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बदरपुर विधायक एन डी शर्मा के खिलाफ IPC की धारा 506 और 509 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, गौरतलब है कि इससे पहले भी इन्ही विधायक के खिलाफ एमसीडी के जूनियर इंजीनियर और असिस्टेंट इंजीनियर से मारपीट करने के गंभीर आरोपों की जांच चल रही है. वहीं दूसरी तरफ पूरे मामले को निराधार बताते हुए आरोपी विधायक एन.डी. शर्मा ने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण हैं कि चुना हुआ विधायक, चुनी हुई सरकार के अधीन कर्मचारी को गलत काम करने पर टोक नहीं सकता. पिछले आठ सालों से एक घर में आंगनबाड़ी चल रही थी, लेकिन रिश्वत न मिलने के कारण उसे बंद कर दिया गया. साथ ही पुलिस की कार्यवाही को भी निराधार बताया है. फिलहाल बदरपुर थाने की पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बदरपुर विधायक एन डी शर्मा के खिलाफ IPC की धारा 506 और 509 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, गौरतलब है कि इससे पहले भी इन्ही विधायक के खिलाफ एमसीडी के जूनियर इंजीनियर और असिस्टेंट इंजीनियर से मारपीट करने के गंभीर आरोपों की जांच चल रही है. फिलहाल बदरपुर थाने की पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बदरपुर विधायक एन डी शर्मा के खिलाफ IPC की धारा 506 और 509 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, गौरतलब है कि इससे पहले भी इन्ही विधायक के खिलाफ एमसीडी के जूनियर इंजीनियर और असिस्टेंट इंजीनियर से मारपीट करने के गंभीर आरोपों की जांच चल रही है.
आजकल जर्मेनियम के सम्पूर्ण उपयोग का लगभग ३५% फाइबर-आप्टिक प्रणालियों में होता है; ३०% इंफ्रारेड प्रकाशिकी (रात्रि में देखने वाले यंत्र आदि) में ; १५% बहुलकीकरण के लिए उत्प्रेरक के लिए; तथा १५% एलेक्ट्रॉनिकी और सौर-विद्युत अनुप्रयोगों में किया जाता है।
श्रीलंका के विभिन्न स्थानों पर रविवार को ईस्टर के दिन हुए सिलसिलेवार आत्मघाती हमलों की पूरी दुनिया ने कड़े शब्दों में निंदा की है. एक के बाद एक हुए 8 विस्फोटों में कम से कम 207 लोगों की मौत हो गई है और 400 से अधिक घायल हो गए हैं. भारत ने इन हमलों की कड़ी निंदा की है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत द्वीपीय देश के साथ एकजुट खड़ा है. वहीं, भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि किसी भी प्रकार के आतंकवादी कृत्य को किसी भी तरह तर्कसंगत नहीं ठहराया जा सकता. श्रीलंका और मालदीव के लिए अमेरिकी राजदूत एलियाना बी. टेपलिट्ज ने ट्वीट में कहा, "आज श्रीलंका में हुए चेतनाशून्य हमलों से गहरा दुख हुआ. पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हमारी संवेदनाएं हैं. हम इस भयानक क्षण में श्रीलंका के लोगों के साथ खड़े हैं." कोलंबो स्थित अमेरिकी दूतावास ने ट्विटर पर एक हेल्पलाइन नंबर भी शेयर किया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा कि उनका देश 'दुख की इस घड़ी में श्रीलंका के साथ पूरी एकजुटता के साथ खड़ा है.' खान ने ट्वीट किया, "हमारे श्रीलंकाई भाइयों के साथ मेरी गहरी संवेदनाएं हैं. पाकिस्तान इस दुख की घड़ी में श्रीलंका के साथ एकजुट खड़ा है." वहीं, ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे और विपक्षी लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कोर्बिन ने भी हमलों की निंदा की है. मे ने ट्विटर पर लिखा, "हमें यह सुनिश्चित करने के लिए एक साथ खड़े होना चाहिए कि किसी को भी कभी भी अपने धर्म का पालन डर के साए में न करना पड़े." यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जीन क्लॉड जंकर ने द्वीपीय देश में हुए विस्फोटों पर भय और दुख जताया. कोलंबो में स्थित फ्रांसीसी दूतावास ने अपने नागरिकों को सार्वजनिक स्थानों से दूर रहने को कहा है. The acts of violence against churches and hotels in Sri Lanka are truly appalling, and my deepest sympathies go out to all of those affected at this tragic time. We must stand together to make sure that no one should ever have to practise their faith in fear. — Theresa May (@theresa_may) April 21, 2019 भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया, 'मैं कोलंबो में भारतीय उच्चायुक्त के साथ लगातार संपर्क में हूं. हम स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए हैं.' रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने श्रीलंका में हुए हमलों की निंदा की. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि मॉस्को "आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में श्रीलंका का भरोसेमंद साझेदार बना रहेगा." उन्होंने कहा कि रूस के लोग "मृतकों के परिजनों के दुख में शामिल हैं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं." वहीं वेटिकन सिटी में पोप फ्रांसिस ने श्रीलंका में ईसाइयों को निशाना बनाकर किए गए हमले के बीच इस साल ईस्टर पर प्रार्थना की.
केरल के अलपुझा साई सेंटर में अभी यौन उत्पीड़न से तंग चार खिलाड़ियों के जहर खाने की घटना ठंडी भी नहीं पड़ी थी कि झारखंड के बोकारो जिले में ताइक्वांडो की एक खिलाड़ी ने अपने कोच पर यौन शोषण का दबाव बनाने का मामला दर्ज कराया है. आरोप है कि खेल के बदले कोच उसके साथ शारीरिक संबंध बनाना चाहता है. झारखंड ताइक्वांडो की खिलाड़ी माया मोदक ने कोच संजय शर्मा पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए बोकारो के चास थाना मे मामला दर्ज कराया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए बोकारो के एसपी ने अब जांच के आदेश दे दिए हैं. माया की माने तो कोच हमेशा उसे कॉम्प्रोमाइज करने की बात करता था. साथ ही ये कहता था कि अगर इस क्षेत्र में आगे बढना है तो फिजिकल रिलेशन बनाना जरूरी होता है तभी कोई खिलाड़ी आगे बढ़ता है. इतना ही नहीं कोच माया को अक्सर अकेले में बुलाता था. कोच द्वारा इस तरह की घटनाओं से तंग आकर उसने खेलना ही छोड़ दिया है. पीड़िता खिलाड़ी का यह भी कहना है कि खेल फेडरेशन में भ्रष्टाचार के मामले तो समय-समय पर सामने आते रहते हैं लेकिन महिला खिलाड़ियों के साथ होने वाले भेदभाव और शोषण के मामले नहीं के बराबर सामने आते हैं, क्योंकि वे डरती हैं कि अगर उन्होंने आवाज उठाई तो उनका करियर बर्बाद हो जाएगा. आरोपी कोच का कहना है कि ये आरोप निराधार और गलत हैं, हमने कोई शारीरिक संबंध बनाने की बात नहीं कही. ये ताइक्वांडो खेल संघ को हड़पने के लिए हो रहा है और ये काम झारखंड के खेल मंत्री अमर बाउरी के इशारे पर हो रहा है. कोच का कहना है कि माया दूसरा एसोसिएशन खड़ा करना चाह रही है जबकि हमने 22 सालों से इस झारखंड ताइक्वांडो एसोसिएशन को सींचा है. झारखंड ताइक्वांडो एसोसिएशन के नाम का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है.
बीते 15 जुलाई को रॉकेट में तकनीकी खामी का पता चलने के बाद 'चंद्रयान-2' का प्रक्षेपण टाल दिया गया था. उस दिन इसका प्रक्षेपण तड़के दो बजकर 51 मिनट पर होना था, लेकिन प्रक्षेपण से 56 मिनट 24 सेकंड पहले रॉकेट में तकनीकी खामी का पता चलने के बाद 'चंद्रयान-2' की उड़ान टाल दी गई थी. उस दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द भी प्रक्षेपण स्थल पर मौजूद थे. समय रहते खामी का पता लगाने के लिए वैज्ञानिक समुदाय ने इसरो की सराहना की थी.    आज रवाना हुआ 'चंद्रयान-2' चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा जहां अभी तक कोई देश नहीं पहुंच पाया है. इससे चांद के अनसुलझे रहस्य जानने में मदद मिलेगी. यह ऐसी नई खोज होगी जिसका भारत और पूरी मानवता को लाभ मिलेगा. पहले चंद्र मिशन की सफलता के 11 साल बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भू-स्थैतिक प्रक्षेपण यान जीएसएलवी-मार्क ।।। के जरिए 978 करोड़ रुपये की लागत से बने 'चंद्रयान-2' का प्रक्षेपण किया है. कल यानी रविवार की शाम छह बजकर 43 मिनट पर प्रक्षेपण के लिए 20 घंटे की उल्टी गिनती शुरू हुई थी. इसरो का सबसे जटिल और अब तक का सबसे प्रतिष्ठित मिशन माने जाने वाले 'चंद्रयान-2' के साथ रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन जाएगा. स्वदेशी तकनीक से निर्मित 'चंद्रयान-2' में कुल 13 पेलोड हैं. आठ ऑर्बिटर में, तीन पेलोड लैंडर 'विक्रम' और दो पेलोड रोवर 'प्रज्ञान' में हैं. लैंडर 'विक्रम' का नाम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम ए साराभाई के नाम पर रखा गया है. दूसरी ओर, 27 किलोग्राम वजनी 'प्रज्ञान' का मतलब संस्कृत में 'बुद्धिमता' है. ऑर्बिटर, चंद्रमा की सतह का निरीक्षण करेगा और पृथ्वी तथा 'चंद्रयान-2' के लैंडर 'विक्रम' के बीच संकेत प्रसारित करेगा. लैंडर 'विक्रम' को चंद्रमा की सतह पर भारत की पहली सफल लैंडिंग के लिए डिज़ाइन किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए ट्वीट किया, 'चंद्रयान-2 अपने आप में विशिष्ट है क्योंकि यह चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में खोज और अध्ययन करेगा जो किसी विगत मिशन में नहीं हुआ है. मिशन, चंद्रमा के बारे में नई जानकारी उपलब्ध कराएगा.'
पणजी सीट पर जीत दर्ज करने के बाद सुर्खियां बटोरने वाले कांग्रेस के विधायक अब छेड़छाड़ के मामले में घिर गए हैं. उनके साथ शहर के महापौर समेत तीन लोगों के खिलाफ एक महिला से छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया गया है. बताया जा रहा है कि छेड़छाड़ की यह घटना अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान हुई. पणजी नगरपालिका ने मांडवी नदी के तटीय इलाके पर स्थित कसीनो से अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू किया है. वहां एक कसीनो ने फुटपाथ पर अतिक्रमण कर रखा है. नगर निगम के कर्मचारी शुक्रवार को इसे खाली कराने पहुंचे. उनके साथ पणजी सीट से नवनिर्वाचित विधायक अतानासियो मोनसेरात, महापौर उदय मडकाईकर और पूर्व महापौर यतिन पारेख भी थे. पुलिस के मुताबिक शिकायतकर्ता महिला अतिक्रमण हटाने का विरोध कर रहे समूह में शामिल थी. महिला ने आरोप लगाया है कि मोनसेरात, मडकाईकर और पणजी के पूर्व महापौर पारेख ने उसके साथ छेड़छाड़ की, उसे गलत तरीके से छुआ और दुर्व्यवहार किया. पणजी पुलिस उप निरीक्षक अरुण गवास देसाई के मुताबिक महिला ने अपनी शिकायत में कहा है कि सभी आरोपियों ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी है. जबकि मोनसेरात ने दावा किया है कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि वे तो सिर्फ पालिका कर्मियों के साथ मौके का मुआयना करने गए थे और शिकायत में नामित किसी भी व्यक्ति ने गलत काम नहीं किया है. गौरतलब है कि गोवा के पूर्व सीएम मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद पणजी सीट खाली हो गई थी. इस सीट पर वे 1994 से लगातार 25 साल तक जीतते रहे थे. लेकिन इस बार पणजी उपचुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी अतानासियो मोंसेराट्टे ने बीजेपी कैंडिडेट सिद्धार्थ कुलकालीनकर को हरा कर मीडिया में सुर्खियां बंटोरी थी.
टीवी और फिल्म अभिनेता मोहनीश बहल के स्वीमिंग पूल में एक नवजात बच्ची का शव पाया गया है. पुलिस इस बात की तहकीकात कर रही है कि शव बहल के निजी स्वीमिंग पूल में कैसे पहुंचा. जानकारी के मुताबिक बहल के खारेगांव स्थित फार्म हाउस के चौकीदार ने सबसे पहले नवजात के शव को देखा. पुलिस ने बताया कि नवजात का शव बुरी तरह क्षत-विक्षत हो चुका था, वहीं चिकित्सकों के अनुसार नवजात तीन या चार दिन की थी. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'मोहनीश सूचना पाते ही तुरंत अपने फार्म हाउस पहुंचे. नवजात का शव देखकर वह काफी विचलित हो गए थे. वह पुलिस कार्रवाई पूरी होने के तक वहीं मौजूद रहे.'
बिंगन और बॉन के बीच, मध्य राइन राइन गॉर्ज के माध्यम से प्रवाहित होती है, एक ऐसा संरूपण जो कटाव द्वारा बनाया गया था। कटाव की दर क्षेत्र के उत्थान के बराबर थी, जैसे कि नदी को लगभग इसके मूल स्तर पर छोड़ दिया गया था, जबकि आसपास की भूमि ऊपर उठ गई थी। गॉर्ज काफी गहरा है और नदी का तनन है जो अपने कई महल और अंगूर के बाग के लिए जाना जाता है। यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल (2002) है और इसे "रोमांटिक राइन" के रूप में जाना जाता है, जिसमें मध्य युग के 40 से अधिक महल और किले व कई विचित्र और प्यारे देशीय गांव हैं।
'औरत होने के मायने बदलने की जिद' इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में कंगना रनौत फिल्मोद्योग में अपने रिश्तों को लेकर खुलकर बोलीं. बतौर निर्देशक उनकी पहली फिल्म मणिकर्णिकाः द क्वीन ऑफ झांसी की किस तरह बॉलीवुड ने अनदेखी की. और पुलवामा हमले के बाद तो वे बंदूक लेकर सीमा पर निकल जाना चाहती थीं. उन्होंने खुलकर अपनी इस तमन्ना का इजहार किया. तीन राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकीं कंगना को नहीं लगता कि वे बॉलीवुड में 'अलग-थलग' हो गई हैं, बल्कि उनके मुताबिक, ''मुझे वाकई लगता है कि मैं तो अब अलग ही नजर आती हूं.'' पिछलग्गू नहीं, लीक से हटकर   कंगना बॉलीवुड में सबसे ज्यादा फीस पाने वाली अभिनेत्रियों में शामिल हैं और इंडस्ट्री को वे 'वर्गवादी' बताती हैं. वे कहती हैं, ''मैं शायद इकलौती अभिनेत्री हूं जिसने किसी बड़े प्रोडक्शन हाउस के साथ काम नहीं किया है. मैं अपने दम पर कामयाब हूं.'' कंगना-करण विवाद करण जौहर ने एक पुरस्कार समारोह में रनौत को 'बेरोजगार' कह दिया. इस पर रनौत कहती हैं, ''वे कभी वहां नहीं पहुंच सकते जहां मैं हूं...मेरा मतलब एक ओर आप मेरी प्रतिभा को देखिए और दूसरी ओर उनकी फिल्मों को देख लीजिए.'' खुद बयान करेंगी अपनी दास्तान कंगना अपने बॉयोपिक का निर्देशन करने की तैयारी कर रही हैं. वे कहती हैं, ''इसमें इंडस्ट्री का भंडाफोड़ नहीं, बल्कि इसमें मेरी संघर्ष गाथा है.'' वे बताती हैं कि इस फिल्म की हर कड़ी उनकी जिंदगी का हिस्सा होगी, ह्रितिक रोशन के साथ उनके रिश्तों के बारे में भी इसमें बात होगी जिसे वे इनकार करते रहे हैं. इस फिल्म में अपनी भूमिका वे खुद निभाएंगी. नारीवाद पर रनौत कहती हैं, ''नारीवाद को ठीक-ठीक कभी समझा नहीं गया.'' वे शब्दकोशों में दर्ज इस शब्द की परिभाषा को नहीं मानतीं. वे कहती हैं, ''सिर्फ स्त्री-पुरुष की बराबरी क्यों, जिंदगी के सभी पहलुओं पर बराबरी क्यों नहीं? परिभाषाएं तो बनती-बिगड़ती रहती हैं. हमें नारीवाद की नई परिभाषा गढऩे की दरकार है.'' बॉलीवुड बनाम कंगना वे चाहती हैं कि इंडस्ट्री उन्हें 'अपना काम' करने दे. वे कहती हैं, ''ऐसा नहीं कि मैं रोज सुबह उठते ही यह सोचने लगती हूं कि आज मैं किसे नाराज कर सकती हूं. मैं यही सोचते हुए उठती हूं कि मैं किस तरह दूसरों के बीच अपनी राह निखार सकती हूं.'' ***
बॉलीवुड एक्ट्रेस तापसी पन्नू और भूमि पेडनेकर स्टारर फिल्म 'सांड की आंख' का ट्रेलर वीडियो सोमवार को रिलीज कर दिया गया है. ट्रेलर को दमदार रिस्पॉन्स मिला है और सोशल मीडिया पर भूमि-तापसी के काम की तारीफ की जा रही है. एक तरफ जहां दोनों को काम के लिए सराहा जा रहा है वहीं दूसरी तरफ नीना गुप्ता के एक ट्वीट ने विवाद खड़ा कर दिया. नीना ने ट्रेलर के लिए लिखा, "हां मैं सोच रही थी कि कम से कम हमारी उम्र के रोल तो हमसे करा लो भाई." कुछ देर बाद रंगोली ने ट्वीट किया कि पहले कंगना रनौत को सांड की आंख ऑफर की गई थी और उन्होंने इसके लिए नीना गुप्ता का नाम सुझाया था. रंगोली के ट्वीट ने बहस को और तूल दे दिया जिसके बाद भूमि पेडनेकर ने कहा, "सिनेमा में हमेशा से ही लोग अपनी उम्र से ज्यादा का रोल निभाते रहे हैं. अनुपम खेर ने फिल्म सारांश और मदर इंडिया में नरगिस ने अपनी उम्र से ज्यादा के रोल किए थे, जिन्हें आज भी सराहा जाता है. जब हम अपनी उम्र से कम के रोल निभा सकते हैं तो बड़ी उम्र के किरदारों में क्या दिक्कत है?" Yes i was just thinking about this hamari umar ke role toe kamsekam humse kara lo bhai https://t.co/6Fmrxn0HbE — Neena Gupta (@Neenagupta001) September 24, 2019 नीना गुप्ता ने विवाद को ज्यादा तूल नहीं देते हुए अपने ट्वीट से बात को खत्म करने का फैसला किया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "मुझे ट्रेलर पसंद आया और मैं दोनों एक्ट्रेसेज (तापसी पन्नू व भूमि पेडनेकर) का सम्मान करती हूं. चलो फिल्म के लिए शुभकामनाएं अनुराग कश्यप को भी जिन पर मुझे बहुत फक्र है. चलो अपना टाइम आएगा." तुषार हीरानंदानी के निर्देशन में बन रही इस फिल्म का प्रोडक्शन अनुराग कश्यप के हाथ में है और विशाल मिश्रा इस फिल्म में म्यूजिक डायरेक्शन की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. Neena ji Kangana was offered this movie and she loved the true story of Grandmom’s achievements she suggested yours and Ramya Krishnan ma’am’s name for lead roles but these men can’t remove deeply rooted sexism from their filthy brains ... https://t.co/f81LXDE5hg — Rangoli Chandel (@Rangoli_A) September 24, 2019 फिल्म दिवाली के मौके पर (25 अक्टूबर) रिलीज होगी. इसमें तापसी पन्नू और भूमि पेडनेकर चंद्रा तोमर व प्रकाशी तोमर की भूमिकाओं में नजर आएंगी. ये सारा विवाद उस वक्त तूल पकड़ गया था जब एक यूजर ने लिखा, "एक यूजर ने ट्वीट कर लिखा- भूमि और तापसी आप मुझे बहुत पसंद हैं, लेकिन मुझे लगता है कि इन किरदार के लिए किसी सीनियर आर्टिस्ट को लिया जाना चाहिए था. नीना गुप्ता, जया बच्चन और शबाना आजमी जैसी एक्ट्रेस के बारे में क्या सोचते हैं." I liked the trailer, #SaandKiAankh and I have great respect for both the actors @bhumipednekar @taapsee chalo lets wish the film good luck also to #AnuragKashyap who I am very fond of, chalo apna time ayega 😊😊😊😊😊 — Neena Gupta (@Neenagupta001) September 24, 2019
पाकिस्तान ने अमेरिका में मुस्लिम धर्म ग्रंध कुरान की प्रतियां जलाए जाने की निंदा की है। फ्लोरिडा में एक अमेरिकी पादरी टेरी जोन्स ने 28 अप्रैल को कुरान की प्रतियां जला दी थीं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक विदेश मंत्रालय की ओर से बुधवार को कहा गया, "पाकिस्तान हाल ही में फ्लोरिडा के क्वाट्रेक सेंटर में डव प्रमुख पादरी टेरी जोन्स द्वारा पवित्र कुरान की प्रतियां जलाए जाने की कड़ी निंदा करता है।" वक्तव्य में कहा गया, "हमें लगता है कि इस तरह के मूखर्तापूर्ण कृत्यों से दुनिया में सिर्फ नफरत व हिंसा को बढ़ावा मिलेगा।" मंत्रालय के वक्तव्य में कहा गया है कि सभी सरकारों व संस्थानों की यह सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे सभी धर्मों व पंथों के लोगों में सद्भाव, शांति और एकता को प्रोत्साहित करें।टिप्पणियां जोन्स ने ईरान में 32 वर्षीय ईसाई पादरी यूसेफ नादरखानी को कारावास में रखे जाने के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शित करने के लिए कुरान की प्रतियां जलाई थीं। नादरखानी को 2009 में गिरफ्तार किया गया था और उसे धर्मातरण करने के चलते मौत की सजा सुनाई गई थी। ईरानी सर्वोच्च न्यायालय ने फरवरी में उनकी मौत की सजा पलट दी थी। अमेरिकी सरकार ने जोन्स से कहा है कि उन्हें अफगानिस्तान में नाटो सेनाओं की सुरक्षा के मद्देनजर कुरान की प्रतियां जलाने जैसे कामों से दूर रहना चाहिए। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक विदेश मंत्रालय की ओर से बुधवार को कहा गया, "पाकिस्तान हाल ही में फ्लोरिडा के क्वाट्रेक सेंटर में डव प्रमुख पादरी टेरी जोन्स द्वारा पवित्र कुरान की प्रतियां जलाए जाने की कड़ी निंदा करता है।" वक्तव्य में कहा गया, "हमें लगता है कि इस तरह के मूखर्तापूर्ण कृत्यों से दुनिया में सिर्फ नफरत व हिंसा को बढ़ावा मिलेगा।" मंत्रालय के वक्तव्य में कहा गया है कि सभी सरकारों व संस्थानों की यह सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे सभी धर्मों व पंथों के लोगों में सद्भाव, शांति और एकता को प्रोत्साहित करें।टिप्पणियां जोन्स ने ईरान में 32 वर्षीय ईसाई पादरी यूसेफ नादरखानी को कारावास में रखे जाने के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शित करने के लिए कुरान की प्रतियां जलाई थीं। नादरखानी को 2009 में गिरफ्तार किया गया था और उसे धर्मातरण करने के चलते मौत की सजा सुनाई गई थी। ईरानी सर्वोच्च न्यायालय ने फरवरी में उनकी मौत की सजा पलट दी थी। अमेरिकी सरकार ने जोन्स से कहा है कि उन्हें अफगानिस्तान में नाटो सेनाओं की सुरक्षा के मद्देनजर कुरान की प्रतियां जलाने जैसे कामों से दूर रहना चाहिए। वक्तव्य में कहा गया, "हमें लगता है कि इस तरह के मूखर्तापूर्ण कृत्यों से दुनिया में सिर्फ नफरत व हिंसा को बढ़ावा मिलेगा।" मंत्रालय के वक्तव्य में कहा गया है कि सभी सरकारों व संस्थानों की यह सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे सभी धर्मों व पंथों के लोगों में सद्भाव, शांति और एकता को प्रोत्साहित करें।टिप्पणियां जोन्स ने ईरान में 32 वर्षीय ईसाई पादरी यूसेफ नादरखानी को कारावास में रखे जाने के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शित करने के लिए कुरान की प्रतियां जलाई थीं। नादरखानी को 2009 में गिरफ्तार किया गया था और उसे धर्मातरण करने के चलते मौत की सजा सुनाई गई थी। ईरानी सर्वोच्च न्यायालय ने फरवरी में उनकी मौत की सजा पलट दी थी। अमेरिकी सरकार ने जोन्स से कहा है कि उन्हें अफगानिस्तान में नाटो सेनाओं की सुरक्षा के मद्देनजर कुरान की प्रतियां जलाने जैसे कामों से दूर रहना चाहिए। मंत्रालय के वक्तव्य में कहा गया है कि सभी सरकारों व संस्थानों की यह सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे सभी धर्मों व पंथों के लोगों में सद्भाव, शांति और एकता को प्रोत्साहित करें।टिप्पणियां जोन्स ने ईरान में 32 वर्षीय ईसाई पादरी यूसेफ नादरखानी को कारावास में रखे जाने के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शित करने के लिए कुरान की प्रतियां जलाई थीं। नादरखानी को 2009 में गिरफ्तार किया गया था और उसे धर्मातरण करने के चलते मौत की सजा सुनाई गई थी। ईरानी सर्वोच्च न्यायालय ने फरवरी में उनकी मौत की सजा पलट दी थी। अमेरिकी सरकार ने जोन्स से कहा है कि उन्हें अफगानिस्तान में नाटो सेनाओं की सुरक्षा के मद्देनजर कुरान की प्रतियां जलाने जैसे कामों से दूर रहना चाहिए। जोन्स ने ईरान में 32 वर्षीय ईसाई पादरी यूसेफ नादरखानी को कारावास में रखे जाने के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शित करने के लिए कुरान की प्रतियां जलाई थीं। नादरखानी को 2009 में गिरफ्तार किया गया था और उसे धर्मातरण करने के चलते मौत की सजा सुनाई गई थी। ईरानी सर्वोच्च न्यायालय ने फरवरी में उनकी मौत की सजा पलट दी थी। अमेरिकी सरकार ने जोन्स से कहा है कि उन्हें अफगानिस्तान में नाटो सेनाओं की सुरक्षा के मद्देनजर कुरान की प्रतियां जलाने जैसे कामों से दूर रहना चाहिए। अमेरिकी सरकार ने जोन्स से कहा है कि उन्हें अफगानिस्तान में नाटो सेनाओं की सुरक्षा के मद्देनजर कुरान की प्रतियां जलाने जैसे कामों से दूर रहना चाहिए।
यह लेख है: पाकिस्तान के लाहौर शहर में एक फैक्टरी में हुए विस्फोट से तीन मंजिला इमारत ढहने से हुए हादसे में मरने वालों की संख्या 11 हो गई है। सोमवार को हुए इस हादसे में मरने वाले सभी 11 लोग फैक्टरी के श्रमिक हैं। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक राहत एवं बचाव दल के प्रवक्ता करामत अली ने बताया कि फैक्टरी का ज्यादातर हिस्सा बैठ गया है। उसके मलबे में करीब 60 कामगार फंसे हुए थे। अली ने बताया कि राहत दलों व स्थानीय लोगों ने मलबे में दबे 11 शव बाहर निकाल लिए हैं। नौ घायलों को भी बाहर निकाल लिया गया है। लाहौर के मुल्तान मार्ग पर स्थित इस फैक्टरी में दवाएं बनाई जाती थीं। मामले में पुलिस ने फैक्टरी प्रबंधक को गिरफ्तार कर लिया है। पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। अली ने बताया कि राहत दलों व स्थानीय लोगों ने मलबे में दबे 11 शव बाहर निकाल लिए हैं। नौ घायलों को भी बाहर निकाल लिया गया है। लाहौर के मुल्तान मार्ग पर स्थित इस फैक्टरी में दवाएं बनाई जाती थीं। मामले में पुलिस ने फैक्टरी प्रबंधक को गिरफ्तार कर लिया है। पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।
भारत के स्‍टार बैडमिंटन खिलाड़ी किदाम्बी श्रीकांत ने जर्मन ओपन के पुरुष एकल के पहले मुकाबले में आसान जीत के साथ दूसरे दौर में स्‍थान बना लिया है, लेकिन एक अन्‍य भारतीय खिलाड़ी सिरिल वर्मा को हार का सामना करना पड़ा है. श्रीकांत ने पहले दौर में मंगलवार को स्लोवेनिया के एलेन रोज को 21 मिनट तक चले मुकाबले में 21-4, 21-11 से आसानी से मात दी. पहला गेम तो बेहद एकतरफा रहा और भारतीय शटलर ने अपने प्रतिद्वंद्वी को महज 4 अंक लेने दिए. दूसरे गेम में स्‍लोवेनिया के खिलाड़ी ने कुछ संघर्ष किया, लेकिन इसके बावजूद वे श्रीकांत को जीत से नहीं रोक पाए. चीन के शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी लिन डैन और चेन लोंग ने भी पुरुष एकल के दूसरे मुकाबले में जगह बना ली है समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, रियो ओलम्पिक विजेता चेन ने जापान के केंटा निशिमोटो को 21-10, 21-9 से मात दी. लिन ने भारतीय खिलाड़ी सिरिल को 21-13, 21-10 से हराते हुए दूसरे दौर में स्‍थान बनाया. रियो ओलिंपिक में भी श्रीकांत ने शानदार प्रदर्शन किया था. वे प्रतियोगिता के क्‍वार्टर फाइनल में पहुंचे थे.श्रीकांत को संघर्षपूर्ण क्‍वार्टर फाइनल में चीन के लिन डेन के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था. दो बार के ओलिंपिक और पांच बार के वर्ल्‍ड चैंपियन डेन ने यह मुकाबला 21-6, 11-21, 21-18 से जीता था. पहला गेम तो बेहद एकतरफा रहा और भारतीय शटलर ने अपने प्रतिद्वंद्वी को महज 4 अंक लेने दिए. दूसरे गेम में स्‍लोवेनिया के खिलाड़ी ने कुछ संघर्ष किया, लेकिन इसके बावजूद वे श्रीकांत को जीत से नहीं रोक पाए. चीन के शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी लिन डैन और चेन लोंग ने भी पुरुष एकल के दूसरे मुकाबले में जगह बना ली है समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, रियो ओलम्पिक विजेता चेन ने जापान के केंटा निशिमोटो को 21-10, 21-9 से मात दी. लिन ने भारतीय खिलाड़ी सिरिल को 21-13, 21-10 से हराते हुए दूसरे दौर में स्‍थान बनाया. रियो ओलिंपिक में भी श्रीकांत ने शानदार प्रदर्शन किया था. वे प्रतियोगिता के क्‍वार्टर फाइनल में पहुंचे थे.श्रीकांत को संघर्षपूर्ण क्‍वार्टर फाइनल में चीन के लिन डेन के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था. दो बार के ओलिंपिक और पांच बार के वर्ल्‍ड चैंपियन डेन ने यह मुकाबला 21-6, 11-21, 21-18 से जीता था.
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: अभिनेता एवं निर्देशक कमल हासन की फिल्म 'विश्वरूपम' के प्रदर्शन को अदालत ने सोमवार तक के लिए रोक दिया है। इससे पहले, हासन ने मुस्लिम संगठनों के विरोध के बाद उनकी फिल्म 'विश्वरूपम' के प्रदर्शन पर तमिलनाडु सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कमल हासन ने एक बयान में कहा, अपना राजनीतिक कद बढ़ाने की फिराक में लगे छोटे संगठनों ने निर्ममता से मेरा उपयोग एक जरिये के रूप में किया है। जब आप स्वयं से कुछ हासिल नहीं कर पाते, तब स्वयं को लोगों की नजर में लाने के लिए किसी हस्ती को निशाना बनाना एक बड़ा तरीका बन जाता है। यह बार-बार हो रहा है। कोई भी तटस्थ एवं देशभक्त मुसलमान मेरी फिल्म को देखकर गर्व महसूस करेगा। यह इसी उद्देश्य के लिए बनाई गई है।टिप्पणियां हाल ही में मुस्लिम प्रतिनिधियों को इस फिल्म का विशेष प्रदर्शन कर चुके अभिनेता ने कहा कि अपनी फिल्म के पक्ष में स्वर सुनकर उन्हें बहुत अच्छा लगा था, लेकिन जिस तरह से इसे मुसलमान भाइयों के खिलाफ बताया जा रहा है, उससे उन्हें बहुत दुख है। उन्होंने कहा, एक समुदाय को नीचा दिखाने के इन आरोपों से न केवल मुझे दुख हुआ है, बल्कि मेरी संवेदनाएं अपमानित हुई है। अब मैं कानून एवं तर्क का सहारा लूंगा। इस तरह के सांस्कृतिक आतंकवाद को अवश्य ही रोकना पड़ेगा। गौरतलब है कि तमिलनाडु सरकार ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बुधवार रात सभी जिला प्रशासनों को करीब दो सप्ताह तक के लिए इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने का निर्देश दिया। कई मुस्लिम संगठनों के विरोध के बाद यह प्रतिबंध लगाया गया। इन संगठनों ने फिल्म में मुसलमानों को नकारात्मक ढंग से पेश करने का आरोप लगाया हैं। फिल्म इसी शुक्रवार को रिलीज होनी थी। हासन बड़े बजट वाली अपनी इस फिल्म को थियेटरों में रिलीज करने से पहले डीटीएच पर रिलीज करने के अपने फैसले से पहले ही विवाद खड़ा कर चुके हैं। सिनेमाघर मालिक उनके इस फैसले के खिलाफ एकजुट हो गए थे। इससे पहले, हासन ने मुस्लिम संगठनों के विरोध के बाद उनकी फिल्म 'विश्वरूपम' के प्रदर्शन पर तमिलनाडु सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कमल हासन ने एक बयान में कहा, अपना राजनीतिक कद बढ़ाने की फिराक में लगे छोटे संगठनों ने निर्ममता से मेरा उपयोग एक जरिये के रूप में किया है। जब आप स्वयं से कुछ हासिल नहीं कर पाते, तब स्वयं को लोगों की नजर में लाने के लिए किसी हस्ती को निशाना बनाना एक बड़ा तरीका बन जाता है। यह बार-बार हो रहा है। कोई भी तटस्थ एवं देशभक्त मुसलमान मेरी फिल्म को देखकर गर्व महसूस करेगा। यह इसी उद्देश्य के लिए बनाई गई है।टिप्पणियां हाल ही में मुस्लिम प्रतिनिधियों को इस फिल्म का विशेष प्रदर्शन कर चुके अभिनेता ने कहा कि अपनी फिल्म के पक्ष में स्वर सुनकर उन्हें बहुत अच्छा लगा था, लेकिन जिस तरह से इसे मुसलमान भाइयों के खिलाफ बताया जा रहा है, उससे उन्हें बहुत दुख है। उन्होंने कहा, एक समुदाय को नीचा दिखाने के इन आरोपों से न केवल मुझे दुख हुआ है, बल्कि मेरी संवेदनाएं अपमानित हुई है। अब मैं कानून एवं तर्क का सहारा लूंगा। इस तरह के सांस्कृतिक आतंकवाद को अवश्य ही रोकना पड़ेगा। गौरतलब है कि तमिलनाडु सरकार ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बुधवार रात सभी जिला प्रशासनों को करीब दो सप्ताह तक के लिए इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने का निर्देश दिया। कई मुस्लिम संगठनों के विरोध के बाद यह प्रतिबंध लगाया गया। इन संगठनों ने फिल्म में मुसलमानों को नकारात्मक ढंग से पेश करने का आरोप लगाया हैं। फिल्म इसी शुक्रवार को रिलीज होनी थी। हासन बड़े बजट वाली अपनी इस फिल्म को थियेटरों में रिलीज करने से पहले डीटीएच पर रिलीज करने के अपने फैसले से पहले ही विवाद खड़ा कर चुके हैं। सिनेमाघर मालिक उनके इस फैसले के खिलाफ एकजुट हो गए थे। कमल हासन ने एक बयान में कहा, अपना राजनीतिक कद बढ़ाने की फिराक में लगे छोटे संगठनों ने निर्ममता से मेरा उपयोग एक जरिये के रूप में किया है। जब आप स्वयं से कुछ हासिल नहीं कर पाते, तब स्वयं को लोगों की नजर में लाने के लिए किसी हस्ती को निशाना बनाना एक बड़ा तरीका बन जाता है। यह बार-बार हो रहा है। कोई भी तटस्थ एवं देशभक्त मुसलमान मेरी फिल्म को देखकर गर्व महसूस करेगा। यह इसी उद्देश्य के लिए बनाई गई है।टिप्पणियां हाल ही में मुस्लिम प्रतिनिधियों को इस फिल्म का विशेष प्रदर्शन कर चुके अभिनेता ने कहा कि अपनी फिल्म के पक्ष में स्वर सुनकर उन्हें बहुत अच्छा लगा था, लेकिन जिस तरह से इसे मुसलमान भाइयों के खिलाफ बताया जा रहा है, उससे उन्हें बहुत दुख है। उन्होंने कहा, एक समुदाय को नीचा दिखाने के इन आरोपों से न केवल मुझे दुख हुआ है, बल्कि मेरी संवेदनाएं अपमानित हुई है। अब मैं कानून एवं तर्क का सहारा लूंगा। इस तरह के सांस्कृतिक आतंकवाद को अवश्य ही रोकना पड़ेगा। गौरतलब है कि तमिलनाडु सरकार ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बुधवार रात सभी जिला प्रशासनों को करीब दो सप्ताह तक के लिए इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने का निर्देश दिया। कई मुस्लिम संगठनों के विरोध के बाद यह प्रतिबंध लगाया गया। इन संगठनों ने फिल्म में मुसलमानों को नकारात्मक ढंग से पेश करने का आरोप लगाया हैं। फिल्म इसी शुक्रवार को रिलीज होनी थी। हासन बड़े बजट वाली अपनी इस फिल्म को थियेटरों में रिलीज करने से पहले डीटीएच पर रिलीज करने के अपने फैसले से पहले ही विवाद खड़ा कर चुके हैं। सिनेमाघर मालिक उनके इस फैसले के खिलाफ एकजुट हो गए थे। हाल ही में मुस्लिम प्रतिनिधियों को इस फिल्म का विशेष प्रदर्शन कर चुके अभिनेता ने कहा कि अपनी फिल्म के पक्ष में स्वर सुनकर उन्हें बहुत अच्छा लगा था, लेकिन जिस तरह से इसे मुसलमान भाइयों के खिलाफ बताया जा रहा है, उससे उन्हें बहुत दुख है। उन्होंने कहा, एक समुदाय को नीचा दिखाने के इन आरोपों से न केवल मुझे दुख हुआ है, बल्कि मेरी संवेदनाएं अपमानित हुई है। अब मैं कानून एवं तर्क का सहारा लूंगा। इस तरह के सांस्कृतिक आतंकवाद को अवश्य ही रोकना पड़ेगा। गौरतलब है कि तमिलनाडु सरकार ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बुधवार रात सभी जिला प्रशासनों को करीब दो सप्ताह तक के लिए इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने का निर्देश दिया। कई मुस्लिम संगठनों के विरोध के बाद यह प्रतिबंध लगाया गया। इन संगठनों ने फिल्म में मुसलमानों को नकारात्मक ढंग से पेश करने का आरोप लगाया हैं। फिल्म इसी शुक्रवार को रिलीज होनी थी। हासन बड़े बजट वाली अपनी इस फिल्म को थियेटरों में रिलीज करने से पहले डीटीएच पर रिलीज करने के अपने फैसले से पहले ही विवाद खड़ा कर चुके हैं। सिनेमाघर मालिक उनके इस फैसले के खिलाफ एकजुट हो गए थे। गौरतलब है कि तमिलनाडु सरकार ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बुधवार रात सभी जिला प्रशासनों को करीब दो सप्ताह तक के लिए इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने का निर्देश दिया। कई मुस्लिम संगठनों के विरोध के बाद यह प्रतिबंध लगाया गया। इन संगठनों ने फिल्म में मुसलमानों को नकारात्मक ढंग से पेश करने का आरोप लगाया हैं। फिल्म इसी शुक्रवार को रिलीज होनी थी। हासन बड़े बजट वाली अपनी इस फिल्म को थियेटरों में रिलीज करने से पहले डीटीएच पर रिलीज करने के अपने फैसले से पहले ही विवाद खड़ा कर चुके हैं। सिनेमाघर मालिक उनके इस फैसले के खिलाफ एकजुट हो गए थे।
मौत एक रहस्य है. कब, किस तरह और किस शक्ल में यह आपके सामने होगी, कोई नहीं जानता. लेकिन फेसबुक पर इन दिनों मौत की भविष्यवाणी करने वाली एक एप्लीकेशन खासी चर्चा में है. 'माय डेथ' नाम की यह एप्लीकेशन बताती है कि आप किस तारीख को और किस वजह से इस दुनिया से रुखसत होंगे. इससे पहले कि आप गंभीर हों, आपको बता दें कि यह कोरा मजाक ही है. सिर्फ इसलिए है ताकि आप अपनी मौत की वजह और तारीख दोस्तों के साथ शेयर कर सकें और इस बारे में हल्की-फुल्की मौज ले सकें. फेसबुक पर बड़ी संख्या में लोग इसे शेयर कर रहे हैं. किसी की मौत कार एक्सीडेंट, किसी की हार्ट अटैक और किसी की ट्रेन एक्सीडेंट में होती बताई जा रही है. ऐसे जानें अपनी मौत की तारीख फेसबुक लॉग इन करें. http://hotfunapps.com/mydeath पर क्लिक करें. फेसबुक आपसे प्राइवेसी परमिशन मांगेगा, जिसकी इजाजत देने के बाद आपको मौत की तारीख और वजह पता चल जाएगी.
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने तय किया है कि विधानसभा चुनाव के दौरान जिन किसानों के कारण मध्य प्रदेश में सरकार बनी, उनकी समस्याओं को प्राथमिकता से दूर किया जाएगा. मुख्यमंत्री कमलनाथ के आश्वासन के बाद किसान महासंघ ने एक जून से प्रस्तावित हड़ताल को रद्द कर दिया है. बुधवार को सूबे के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए राज्य-स्तरीय समिति का गठन करने की घोषणा की. यह समिति सरकार और किसानों के बीच समन्वय का काम करेगी. दरअसल, बुधवार को भारतीय किसान मजदूर महासंघ के बैनर तले किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की. इस दौरान कृषि मंत्री सचिन यादव भी मौजूद थे. इस बैठक में किसानों ने मुख्यमंत्री को कर्जमाफी समेत दूसरी समस्याओं की ओर ध्यान दिलाया, जिसके बाद सीएम कमलनाथ ने कहा, 'हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है कि किसानों से जुड़ी हर समस्या का जल्द से जल्द समाधान हो, क्योंकि किसानों की खुशहाली से ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनेगी.' सीएम कमलनाथ ने कहा, 'किसान ऋण माफी में जिन किसानों को दिक्कत महसूस हो रही है, वो कृषि मंत्री को अपनी समस्या दे सकते हैं, जिनका जल्द निराकरण किया जाएगा.' मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद भारतीय किसान मजदूर महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष देव नारायण पटेल ने एक जून से प्रस्तावित हड़ताल वापस लेने का ऐलान कर दिया. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि सब्जी, फल और दूध उत्पादक किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए एक अलग से बैठक होगी, जिसमें वो खुद मौजूद रहकर फल, सब्जी और दूध उत्पादक किसानों की समस्याओं का समाधान करेंगे. इतना ही नहीं, सीएम कमलनाथ ने किसानों को बड़ी सौगात देते हुए कहा कि किसानों का 2 लाख तक का कर्ज तो माफ होगा ही, इसके साथ ही जिन किसानों पर 2 लाख से ज्यादा का कर्ज है, उनकी 2 लाख से ऊपर की राशि का 50 फीसदी कर्ज भी सरकार बैंकों से बात कर माफ करवाया जाएगा. आपको बता दें कि कमलनाथ सरकार का किसानों के लिए यह ऐलान उस समय आया है, जब लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा है. इस चुनाव भारतीय जनता पार्टी को 303 सीटें मिली हैं, जबकि कांग्रेस को महज 52 सीटें से संतोष करना पड़ रहा है.
अभी तक आपने बैंकों के एटीएम को रुपये निकालने वाली मशीन के रूप में देखा है, लेकिन अब उत्तर प्रदेश के गांवों में साफ पानी उपलब्ध कराने के लिए एचडीएफसी अरगो ने वॉटर एटीएम पेश किया है. इससे 30 पैसे में एक लीटर स्वच्छ पेयजल हासिल किया जा सकेगा. एचडीएफसी अरगो की विज्ञप्ति के अनुसार राज्य के बिजनौर जिले में सर्वजल नामक एनजीओ के साथ मिलकर कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के तहत यह अनूठी पहल की गई है. इससे पहले कंपनी ने सर्वजल के सहयोग से राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में भी वॉटर एटीएम का सफलतापूर्वक संचालन किया है. पहली पायलट परियोजना डुंगरपुर जिले के पीथ गांव में अक्टूबर, 2013 में पेश की गई थी. कंपनी ने अब इस तरह का समाधान बिजनौर जिले के सिंघा गांव में उपलब्ध कराया है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि सिंघा गांव में जल का प्रमुख स्रोत निजी रूप से लगाए गए सबमर्सिबल पंप व सरकार द्वारा लगाए गए हैंडपंप हैं. इस सुविधा से लोगों को 30 पैसे प्रति लीटर पर बेहतर गुणवत्ता का पेयजल उपलब्ध होगा. कंपनी ने कहा कि यह पूरी परियोजना एचडीएफसी अरगो द्वारा वित्तपोषित है. वहीं सर्वजल निरंतर आपूर्ति व शोधन संबंधी रखरखाव की जिम्मेदारी उठाएगा.
गोवा में रंगरेलियां मनाने में मशगूल विधायक जी पुलिस ने धर दबोचा. गोवा पुलिस ने सीतापुर से समाजवादी (सपा) विधायक महेंद्र सिंह समेत छह लोगों को कॉलगर्ल्स के साथ पकड़ा. पुलिस ने सबके ऊपर जिस्मफरोशी के कानून के तहत मामला दर्ज किया है. सफेद कपड़े पहनने विधायक की काली करतूत दुनिया के सामने आ गई है. पकड़े जाने के बाद विधायक बाबू सफेद रुमाल से ही चेहरा ढंकते हुए नजर आए. लेकिन जिस्मफरोशी के जो दाग दामन पर लगे हैं, उन्हें चेहरा छिपा कर भी महेंद्र सिंह धो नहीं पाएंगे. महेंद्र सिंह गोवा में रंगरेलियां मनाते पकड़े गए. गोवा पुलिस ने समाजवादी पार्टी के विधायक महेंद्र कुमार सिंह समेत 6 लोगों को कॉलगर्ल्स के साथ रंगे हाथ दबोचा है. क्या है पूरा मामला... पुलिस को खबर मिली थी कि होटल की आड़ में लड़कियों से जिस्मफरोशी का धंधा कराया जा रहा है. पुलिस ने होटल पर छापा मारा तो सपा विधायक महेंद्र सिंह के साथ 6 लोग मौके से पकड़े गए. पुलिस ने इनके कब्जे से छह लड़कियों को भी रिहा करवाया है. पुलिस ने सीतापुर से सपा विधायक महेंद्र सिंह समेत सभी 6 लोगों पर जिस्मफरोशी से जुड़े कानूनों के तहत केस दर्ज किया है. पुलिस कस्टडी में भेजे गए विधायक गोवा पुलिस के हत्थे चढ़े छह लोगों में से तीन उत्तर प्रदेश के और दो लोग नेपाल के रहने वाले हैं. पुलिस ने जिस्मफरोशी के धंधे से छुड़ाई गई सभी लड़कियों को रिमांड होम में भेज दिया है, जबकि कोर्ट ने इसमें शामिल विधायक समेत सभी छह लोगों को सात दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है, ताकि जिस्मफरोशी के धंधे के सारे राज उगलवाए जा सकें.
चिली के तट पर 6.8 तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किए गए हालांकि व्यापक नुकसान की कोई खबर नहीं है और न ही सुनामी की चेतावनी जारी की गई है।टिप्पणियां अमेरिकी भूसर्वेक्षण ने अपनी आरंभिक रिपोर्ट में बताया कि भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर थी और इसका केंद्र राजधानी सेंटियागो से करीब 1540 किलोमीटर दूर था। इसके पहले फरवरी 2010 में चिली में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे जिसकी तीव्रता 8.8 दर्ज की गई थी। अमेरिकी भूसर्वेक्षण ने अपनी आरंभिक रिपोर्ट में बताया कि भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर थी और इसका केंद्र राजधानी सेंटियागो से करीब 1540 किलोमीटर दूर था। इसके पहले फरवरी 2010 में चिली में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे जिसकी तीव्रता 8.8 दर्ज की गई थी। इसके पहले फरवरी 2010 में चिली में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे जिसकी तीव्रता 8.8 दर्ज की गई थी।
यह लेख है: रूपा गांगुली ने आरोप लगाया कि जब वह अपनी पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार के लिए उस इलाके में गईं तो उन पर हमला किया गया, उनके ड्राइवर के साथ मारपीट की गई और कार को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। अभिनेत्री ने कहा कि वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने उन्हें बचाया। उन्होंने हैरानी जताई कि जब सत्तारूढ़ पार्टी अपनी जीत को लेकर इतनी आश्वस्त है तो वे लोग इस तरह की हरकत क्यों कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, बीजेपी और तृणमूल के समर्थकों के बीच इलाके में झड़प हो गई। जब रूपा गांगुली वहां पहुंची तो तृणमूल कार्यकर्ताओं ने उनकी कार का घेराव किया। बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ नाथ सिंह ने उस इलाके का दौरा किया और कहा कि तृणमूल बीजेपी से डर गई है और यही वजह है कि वे इस तरह के हमले कर रहे हैं। उन्होंने राज्य में जंगल राज होने का आरोप लगाते हुए दोषियों को गिरफ्तार किए जाने की मांग की।
देश भर के ज्यादातर एटीएम में समय से नकदी न पहुंचने की वजह से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि इस समस्या के हल के लिए गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों से अब एटीएम और बैंकों तक नकदी पहुंचाने वाले 'कैश वैन' को अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है, ताकि एटीएम तक जल्द और सुरक्षित ढंग से नकदी पहुंचाई जा सके. देश के अंदर काले धन पर लगाम लगाने के मकसद से सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने के ऐलान के तीन दिनों बाद केंद्र ने कैश वैन को लेकर ये एडवाइजरी जारी की है. इनमें से ज्यादातर वैन निजी कंपनियों के हैं. बैंक और एटीएम के लिए नकदी ले जा रहे कैश वैन पर स्थानीय असामाजिक गिरोह या बदमाश हमला कर सकते हैं, जिन्हें कि इस नोट बंदी से काफी नुकसान हुआ है. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि एटीएम और बैंकों की नकदी लाने-ले जाने के लिए देश भर में ऐसे करीब 8000 कैश वैन हैं. सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया, 'ये वैन दिन भर में अधिकतम करीब 15,000 करोड़ रुपये तक ले जा सकते हैं. ऐसे में अगर हिसाब लगाए तो 16 लाख करोड़ रुपये, जो कि कुल निकाली गई रकम के मूल्य का 86.4 फीसदी हिस्सा है, बैंकों से निकाले बैंकों और एटीएम तक पहुंचाने में इन्हें करीब 100 दिनों का वक्त लग सकता है. टिप्पणियां सूत्रों के मुताबिक, ऐसे में गृह मंत्रालय बैंकों और एटीएम तक जल्द नकदी पहुंचाने के लिए कैस वैन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में थोड़ी ढील देने पर विचार कर रही है. इस वक्त शहरी इलाकों में रात 8 बजे तक एटीएम और बैंकों को नकदी पहुंचाई जाती है, जबकि उत्तर पूर्वी राज्यों में यह समयसीमा शाम 5 बजे, वहीं नक्सल प्रभावित इलाकों में शाम 3 बजे तक की है. सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपये के नोट बंद किए जाने के ऐलान के बाद एटीएम दो दिनों तक बंद रहने के बाद जब शुक्रवार को दोबारा खुले तो वहां काफी अफरातफरी का माहौल दिखा. घंटों एटीएम की कतार में लगे रहने के बावजूद कई लोगों को आखिर में निराशा ही हाथ लगी, जब एटीएम में पैसे खत्म हो गए. देश के अंदर काले धन पर लगाम लगाने के मकसद से सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने के ऐलान के तीन दिनों बाद केंद्र ने कैश वैन को लेकर ये एडवाइजरी जारी की है. इनमें से ज्यादातर वैन निजी कंपनियों के हैं. बैंक और एटीएम के लिए नकदी ले जा रहे कैश वैन पर स्थानीय असामाजिक गिरोह या बदमाश हमला कर सकते हैं, जिन्हें कि इस नोट बंदी से काफी नुकसान हुआ है. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि एटीएम और बैंकों की नकदी लाने-ले जाने के लिए देश भर में ऐसे करीब 8000 कैश वैन हैं. सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया, 'ये वैन दिन भर में अधिकतम करीब 15,000 करोड़ रुपये तक ले जा सकते हैं. ऐसे में अगर हिसाब लगाए तो 16 लाख करोड़ रुपये, जो कि कुल निकाली गई रकम के मूल्य का 86.4 फीसदी हिस्सा है, बैंकों से निकाले बैंकों और एटीएम तक पहुंचाने में इन्हें करीब 100 दिनों का वक्त लग सकता है. टिप्पणियां सूत्रों के मुताबिक, ऐसे में गृह मंत्रालय बैंकों और एटीएम तक जल्द नकदी पहुंचाने के लिए कैस वैन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में थोड़ी ढील देने पर विचार कर रही है. इस वक्त शहरी इलाकों में रात 8 बजे तक एटीएम और बैंकों को नकदी पहुंचाई जाती है, जबकि उत्तर पूर्वी राज्यों में यह समयसीमा शाम 5 बजे, वहीं नक्सल प्रभावित इलाकों में शाम 3 बजे तक की है. सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपये के नोट बंद किए जाने के ऐलान के बाद एटीएम दो दिनों तक बंद रहने के बाद जब शुक्रवार को दोबारा खुले तो वहां काफी अफरातफरी का माहौल दिखा. घंटों एटीएम की कतार में लगे रहने के बावजूद कई लोगों को आखिर में निराशा ही हाथ लगी, जब एटीएम में पैसे खत्म हो गए. इनमें से ज्यादातर वैन निजी कंपनियों के हैं. बैंक और एटीएम के लिए नकदी ले जा रहे कैश वैन पर स्थानीय असामाजिक गिरोह या बदमाश हमला कर सकते हैं, जिन्हें कि इस नोट बंदी से काफी नुकसान हुआ है. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि एटीएम और बैंकों की नकदी लाने-ले जाने के लिए देश भर में ऐसे करीब 8000 कैश वैन हैं. सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया, 'ये वैन दिन भर में अधिकतम करीब 15,000 करोड़ रुपये तक ले जा सकते हैं. ऐसे में अगर हिसाब लगाए तो 16 लाख करोड़ रुपये, जो कि कुल निकाली गई रकम के मूल्य का 86.4 फीसदी हिस्सा है, बैंकों से निकाले बैंकों और एटीएम तक पहुंचाने में इन्हें करीब 100 दिनों का वक्त लग सकता है. टिप्पणियां सूत्रों के मुताबिक, ऐसे में गृह मंत्रालय बैंकों और एटीएम तक जल्द नकदी पहुंचाने के लिए कैस वैन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में थोड़ी ढील देने पर विचार कर रही है. इस वक्त शहरी इलाकों में रात 8 बजे तक एटीएम और बैंकों को नकदी पहुंचाई जाती है, जबकि उत्तर पूर्वी राज्यों में यह समयसीमा शाम 5 बजे, वहीं नक्सल प्रभावित इलाकों में शाम 3 बजे तक की है. सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपये के नोट बंद किए जाने के ऐलान के बाद एटीएम दो दिनों तक बंद रहने के बाद जब शुक्रवार को दोबारा खुले तो वहां काफी अफरातफरी का माहौल दिखा. घंटों एटीएम की कतार में लगे रहने के बावजूद कई लोगों को आखिर में निराशा ही हाथ लगी, जब एटीएम में पैसे खत्म हो गए. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि एटीएम और बैंकों की नकदी लाने-ले जाने के लिए देश भर में ऐसे करीब 8000 कैश वैन हैं. सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया, 'ये वैन दिन भर में अधिकतम करीब 15,000 करोड़ रुपये तक ले जा सकते हैं. ऐसे में अगर हिसाब लगाए तो 16 लाख करोड़ रुपये, जो कि कुल निकाली गई रकम के मूल्य का 86.4 फीसदी हिस्सा है, बैंकों से निकाले बैंकों और एटीएम तक पहुंचाने में इन्हें करीब 100 दिनों का वक्त लग सकता है. टिप्पणियां सूत्रों के मुताबिक, ऐसे में गृह मंत्रालय बैंकों और एटीएम तक जल्द नकदी पहुंचाने के लिए कैस वैन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में थोड़ी ढील देने पर विचार कर रही है. इस वक्त शहरी इलाकों में रात 8 बजे तक एटीएम और बैंकों को नकदी पहुंचाई जाती है, जबकि उत्तर पूर्वी राज्यों में यह समयसीमा शाम 5 बजे, वहीं नक्सल प्रभावित इलाकों में शाम 3 बजे तक की है. सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपये के नोट बंद किए जाने के ऐलान के बाद एटीएम दो दिनों तक बंद रहने के बाद जब शुक्रवार को दोबारा खुले तो वहां काफी अफरातफरी का माहौल दिखा. घंटों एटीएम की कतार में लगे रहने के बावजूद कई लोगों को आखिर में निराशा ही हाथ लगी, जब एटीएम में पैसे खत्म हो गए. सूत्रों के मुताबिक, ऐसे में गृह मंत्रालय बैंकों और एटीएम तक जल्द नकदी पहुंचाने के लिए कैस वैन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में थोड़ी ढील देने पर विचार कर रही है. इस वक्त शहरी इलाकों में रात 8 बजे तक एटीएम और बैंकों को नकदी पहुंचाई जाती है, जबकि उत्तर पूर्वी राज्यों में यह समयसीमा शाम 5 बजे, वहीं नक्सल प्रभावित इलाकों में शाम 3 बजे तक की है. सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपये के नोट बंद किए जाने के ऐलान के बाद एटीएम दो दिनों तक बंद रहने के बाद जब शुक्रवार को दोबारा खुले तो वहां काफी अफरातफरी का माहौल दिखा. घंटों एटीएम की कतार में लगे रहने के बावजूद कई लोगों को आखिर में निराशा ही हाथ लगी, जब एटीएम में पैसे खत्म हो गए. सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपये के नोट बंद किए जाने के ऐलान के बाद एटीएम दो दिनों तक बंद रहने के बाद जब शुक्रवार को दोबारा खुले तो वहां काफी अफरातफरी का माहौल दिखा. घंटों एटीएम की कतार में लगे रहने के बावजूद कई लोगों को आखिर में निराशा ही हाथ लगी, जब एटीएम में पैसे खत्म हो गए.
काफी समय से क्रिकेटर एल राहुल के अलग-अलग बॉलीवुड एक्ट्रेसेज के साथ अफेयर की खबरें काफी समय से आ रही हैं. ताजा खबर है कि के एल राहुल, एक्ट्रेस आलिया भट्ट की बेस्ट फ्रेंड आकांक्षा रंजन कपूर को डेट कर रहे हैं. इस बात का सबूत खुद अकांक्षा ने दे द‍िया है. दरअसल, आकांक्षा की इंस्टाग्राम स्टोरी में शनिवार शाम वर्ल्ड कप 2019 में भारत और श्रीलंका के बीच मैच की तस्वीर शेयर की है. तस्वीर में केएल राहुल नजर आ रहे हैं. केएल राहुल, भारत बनाम श्रीलंका मैच के स्टार थे. उन्होंने रोहित शर्मा के साथ शतक जड़ा था. भारत ने इंग्लैंड के लीड्स में हुए इस मुकाबले में 7 विकेट्स से जीत हासिल की और भारतीय फैंस के साथ-साथ आकांक्षा भी के एल राहुल से काफी इम्प्रेस थीं. अकांक्षा के इंस्टाग्राम पर शेयर की गई तस्वीर से दोनों के र‍िलेशन में होने की खबरें फिर से चर्चा में हैं. इस साल मई में खबर आई थी कि आकांक्षा अपना ज्यादा से ज्यादा समय के एल राहुल के साथ बिता रही हैं. दोनों साथ में डिनर, मूवीज और हाउस पार्टीज में जा रहे हैं. यहां तक कि राहुल को आकांक्षा के साथ मुंबई माउंट मैरी चर्च में देखा गया था.
बिहार की राक्षसी सरकार द्वारा संरक्षित और संवर्धित अपराधी हैवानियत की सभी हदें पार कर रहे है। विश्व चर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह बलात्कार कांड की एक पीड़िता के साथ बिहार में फिर सामूहिक दुष्कर्म हुआ है। बिहार में माँ-बहन, बेटी की कोई इज़्ज़त और सुरक्षा नहीं है। सरकार विफल है। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) ने ट्वीट किया, 'बिहार की राक्षसी सरकार द्वारा संरक्षित और संवर्धित अपराधी हैवानियत की सभी हदें पार कर रहे है. विश्व चर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह बलात्कार कांड की एक पीड़िता के साथ बिहार में फिर सामूहिक दुष्कर्म हुआ है. बिहार में मां-बहन, बेटी की कोई इज़्ज़त और सुरक्षा नहीं है. सरकार विफल है. उधर, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने ट्वीट किया, 'सुशासनी अहंकार का चीरहरण कर मुजफ्फरपुर बालिका गृह जनबलात्कार कांड में पीड़ित युवती का चलती गाड़ी में गुंडो ने फिर किया गैंगरेप. इतना विभीत्स कांड होने के बाद भी सरकार सोती रही और फिर पीड़िता का रेप हो गया. बिहार में अपराधी, बलात्कारी, भ्रष्टाचारी तांडव कर रहे है. CM जवाब दें.  इस बीच, पटना में अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जितेंद्र कुमार ने दावा किया कि आरोपियों की पहचान कर ली गई है, उनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस की कोशिश त्वरित सुनवाई कर दोषियों को सजा दिलाने की रहेगी.
भारतीय राइफल संघ (एनआरएआई) ने सोमवार को देश के लिए एकमात्र व्यक्तिगत ओलिंपिक स्वर्ण जीतने वाले निशानेबाज अभिनव बिंद्रा का नाम देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान-भारत रत्न के लिए प्रस्तावित किया है। एनआरएआई ने खेल मंत्री अजय माकन द्वारा इस घोषणा के बाद बिंद्रा का नाम भारत रत्न के लिए प्रस्तावित किया है कि अब खिलाड़ी भी सर्वोच्च नागरिक सम्मान के हकदार हो सकते हैं। इसके लिए इस सम्मान को पाने वालों की योग्यताओं में जरूरी संशोधन किए गए हैं। एनआरएआई महासचिव राजीव भाटिया ने कहा, "एनआरएआई ने खेल मंत्रालय को एक पत्र के माध्यम से यह सूचित किया है कि वह बिंद्रा का नाम भारत रत्न के लिए आगे कर रहा है।" एनआरएआई के मुताबिक बिंद्रा इस सम्मान को पाने वाले खिलाड़ियों के बीच काफी सशक्त उम्मीदवार हैं और अगर ऐसा हुआ तो देश में निशानेबाजी को काफी बढ़ावा मिलेगा। जर्मनी में रहकर ओलिंपिक की तैयारियों में जुटे बिंद्रा ने कहा कि भारत रत्न के लिए उनका नाम प्रस्तावित किया जाना ही उनके लिए सम्मान की बात है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने बीते सप्ताह खिलाड़ियों को देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान से नवाजे जाने का रास्ता साफ किया था। इसके लिए सरकार ने इस सम्मान के लिए जरूरी योग्यताओं में संशोधन किया था। माकन ने बीते शुक्रवार को कहा था कि सरकार ने उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुए जरूरी योग्यताओं में इस बात को भी शामिल कर लिया गया है कि यह सम्मान उन लोगों को भी दिया जा सकेगा, जिन्होंने किसी भी क्षेत्र में अपने उत्कृष्ट प्रयासों से देश का नाम रोशन किया है। इससे पहले, यह सम्मान उन्हीं लोगों को दिया जाता था जिन्होंने कला, साहित्य और सार्वजनिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किए हों।
ऑस्कर विजेता संगीतकार ए. आर. रहमान ने आगामी फिल्म 'मोहनजोदड़ो' के लिए गाना भी गाया है. आशुतोष गोवारिकर निर्देशित इस फिल्म के लिए रहमान ने गीतों की रचना भी की है. फिल्म के पहले गाने के रूप में 'तुम हो' गाने को जुलाई में रिलीज किया जाएगा, जिसमें रितिक रोशन और पूजा हेगड़े दिखेंगे. रहमान के साथ 'लगान : वन्स अपॉन ए टाइम इन इंडिया', 'स्वदेश' और 'जोधा अकबर' जैसी फिल्मों में काम कर चुके गोवारिकर ने अपने बयान में कहा, 'मैं पांचवी बार रहमान के साथ काम कर रहा हूं. हम दोनों के लिए काफी अच्छा अनुभव है. गोवारिकर ने कहा, 'हमने कल्पना से काफी कुछ निर्मित किया है और इसके साथ ही हमने शोध के माध्यम से जानकारी हासिल की है और पुरातत्वविदों की भी मदद ली है.' प्रागैतिहासिक समय की कहानी पर आधारित फिल्म में रितिक और पूजा की प्रेम कहानी दिखाई गई है. निर्देशक ने कहा कि रहमान ने इस दुनिया को सुंदर रूप से निर्मित करने में काफी मदद दी है. इस फिल्म के निमार्ता सिद्धार्थ राय कपूर और सुनीता गोवारिकर हैं. फिल्म 12 अगस्त को रिलीज होगी.
बाबा रामदेव अभी अमेरिका के शिकागो में हैं. उन्‍होंने आज तक से खास बातचीत में कई मुद्दों पर राय रखी. बाबा रामदेव ने आज तक से कहा, 'मुझे लंदन में दिक्‍कत भारत सरकार की वजह से हुई. उन्‍होंने कहा, भारत सरकार की कोई प्रतिष्‍ठा नहीं बची है. उनसे जब पूछा गया कि आपको ऐसा क्‍यों लगता है कि लंदन में जो हुआ वो भारत सरकार की वजह से हुआ, तो रामदेव ने कहा, 'लंदन में मुझे रोकने वाले अधिकारियों ने कहा था कि मेरे नाम का रेड अलर्ट है और रेड अलर्ट कैसे जारी होता है ये सब जानते हैं.' योग गुरु ने कहा कि लंदन में उन्‍हें रोके जाने पर कई तरह के सवाल उठे हैं और भारत सरकार जानबूझ कर उनका अपमान करा रही है. उन्‍होंने कहा कि स्‍वामी विवेकानंद के उपदेशों की आज दोबारा जरूरत है. गौरतलब है कि 20 सितंबर को बाबा रामदेव को लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर रोक कर 8 घंटे से भी ज्‍यादा समय तक पूछताछ की गई थी. इस बात से खफा योग गुरु ने सोनिया गांधी पर निशाना साधते हुए कहा था कि भारत में बैठी विदेशी महिला के कहने पर ही उन्‍हें लंदन में इस तरह रोका गया. मोदी की तारीफों के बांधे पुल मोदी से जुडे सवालों पर रामदेव ने कहा कि हिन्‍दुस्‍तान के लोग मोदी को पसंद करते हैं. उन्‍होंने कहा कि मोदी एक फकीर है, वो बेईमान नहीं हो सकता, वो देश को लूट नहीं सकता. उन्‍होंने कहा, 'मोदी देश का साहस और पराक्रम कम नहीं होने देंगे और मैं मुद्दों के आधार पर मोदी का समर्थन करता हूं.' योग गुरु ने कहा कि मोदी को अमेरिकी वीजा नहीं मिलने के पीछे भी भारत सरकार ही जिम्‍मेदार है और वो मोदी का अपमान करवा रही है. मनमोहन पर भी साधा निशाना प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर हमला बोलते हुए रामदेव ने कहा, 'मनमोहन सिंह रोबोट की तरह काम करते हैं और रिमोट से चलते हैं.' उन्‍होंने कहा कि राजनीति युद्ध और सैन्‍यशक्ति से चलती है और कमजोर को सत्ता में नहीं रहना चाहिए. बाबा रामदेव ने कहा कि स्‍वामी विवेकानंद ने आर्थिक और आध्‍यामिक रूप से शक्तिशाली भारत का सपना देखा था और भारत को शक्तिशाली बनना ही पड़ेगा. जब उनसे पूछा गया कि क्‍या एक संन्‍यासी को राजनीति में दखल देना चाहिए, तो योग गुरु ने कहा, 'राजनीति में हमेशा ही संन्‍यासियों का दखल रहा है. उन्‍होंने कहा कि संन्‍यास की परिभाषा संसद से तय नहीं होगी और संन्‍यासी का धर्म एक विदेशी महिला तय नहीं कर सकती.
इसी साल अप्रैल में रिलीज हुई विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी फिल्म ' द ताशकंद फाइल्स ' की कामयाबी के बाद अब अपनी अगली फिल्म की तैयारी में लग गए हैं. विवेक की अगली फिल्म का नाम 'द कश्मीर फाइल्स' होगा और ये उनके सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स में से एक है. वह फिल्म के फर्स्ट शेड्यूल की शूटिंग के लिए पूरी तरह तैयार हैं, जिसे लंदन, अमेरिका और कनाडा में शूट किया जाएगा. फिल्म के लिए रिसर्च करने के लिए विवेक तकरीबन डेढ़ महीने का वक्त लेंगे जिसके दौरान उन्हें बाहरी देशों में जाकर भी जानकारी इकट्ठी करनी होगी. इस दौरान विवेक अपनी पत्नी पल्लवी जोशी के साथ मिलकर रिकॉर्ड्स खंगालेंगे. कश्मीरी पंडितों से मिलकर उनका इंटरव्यू करेंगे जो कि अपनी जड़ों से टूटकर अभी कहीं और रह रहे हैं. पहले शेड्यूल में विवेक आरोपियों और पीड़ितों से मिलकर बात भी करेंगे और उनके परिवारों के सदस्यों से मिलकर उनका हाल जानेंगे. बता दें कि विवेक की फिल्म द ताशकंद फाइल्स देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की रहस्यमयी मौत और इससे जुड़े तथ्यों पर बात करती है. ये फिल्म रिलीज से पहले काफी ज्यादा विवादों में रही थी और विवेक ने आरोप लगाया था कि उनकी फिल्म लोगों तक नहीं पहुंच पाए लोग इसकी भरसक कोशिश कर रहे हैं. बॉक्स ऑफिस पर चली फिल्म- बावजूद इन सारी चीजों के द ताशकंद फाइल्स बॉक्स ऑफिस पर अच्छी चली और इसके 17 करोड़ रुपये के आसपास बिजनेस किया. बता दें कि इस फिल्म का कुल बजट महज 4 करोड़ रुपये था. फिल्म में श्वेता प्रसाद बसु, मिथुन चक्रवर्ती, नसीरुद्दीन शाह और पंकज त्रिपाठी ने अहम किरदार निभाए थे.
डेंगू, चिकुनगुनिया और मलेरिया के डंक को रोक पाने में नाकाम एमसीडी अब नुक्कड़ नाटक का सहारा लेने जा रही है. साउथ एमसीडी ने तय किया है कि अब वह नुक्कड़ नाटकों और स्ट्रीट प्ले के ज़रिये लोगों को वर्षा जनित बिमारियों की रोकथाम के लिए जागरूक करेगी. इसकी शुरुआत सोमवार 7 अगस्त से होगी. साउथ एमसीडी के मेयर कमलजीत सहरावत के मुताबिक, ये मुहिम अगले 2 महीनों तक चलेगी. इसके अलावा कूड़ा उठाने वाले ऑटो टिपर्स पर भी लाउडस्पीकर के ज़रिये मुनादी करवाई जा रही है. इसके अलावा हर वॉर्ड में एक रिक्शे के जरिये भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वह डेंगू के लार्वा को पनपने ना दें. निगम के मुताबिक, अब तक 25 लाख बल्क एसएमएस भेजे जा चुके हैं और लगभग 19 लाख हैंडबिल बांटे जा चुके हैं. इसके अलावा हर वार्ड में डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर की टीम बनाई गई है, जो हर घर जाकर ब्रीडिंग पर नज़र रखेगी. मच्छरों के खिलाफ इस लड़ाई में अब तक लगभग 2400 से ज़्यादा आरडब्लूए की बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं. इसके अलावा निगम ने साथ ही बताया कि वर्षाजनित बिमारियों से बचाव के लिए स्कूलों, कंस्ट्रक्शन साइट, टूरिस्ट प्लेस के साथ साथ सरकारी और गैर सरकारी दफ्तरों में विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं. स्कूलों में बच्चों को पूरी बांह के कपड़ पहन कर आने के लिए एडवाइज़री इश्यू की गई है. निगम के मुताबिक वर्षाजनित बिमारियों के लिए इस बार साउथ एमसीडी ने टोलफ्री हेल्पलाइन नंबर 1800-11-22-60 भी जारी किया है. आपको बता दें कि साउथ दिल्ली में अब तक 45,315 जगहों पर मच्छरों का लार्वा मिला है और इनमें से 42554 को कानूनी नोटिस भेजा जा चुका है. साउथ एमसीडी के मुताबिक, अब तक 3453 चालान किए जा चुके हैं, जिनमें  डीडीए,  मेट्रो निर्माण स्थल, डीटीसी, सुप्रीम कोर्ट पार्किंग, पीडब्लूडी, एयर इंडिया कॉलोनी, सीपीडब्लूडी, दिल्ली जल बोर्ड दफ्तर, एमटीएनएल और सीआऱपीएफ दफ्तर शामिल है.
रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (RRB) ने ग्रुप-डी की उन  परीक्षाओं की तारीख जारी कर दी है जिसे भुवनेश्वर में चक्रवाती तूफान 'तितली' के कारण रद्द कर दिया गया था. भुवनेश्वर के साथ इस परीक्षा का आयोजन 11 और 12 अक्टूबर 2018 को कटक, ढेंकनाल, संबलपुर, खुर्दा और ब्रह्मपुर में होना था, लेकिन इस परीक्षा को रोक दिया गया था. तितली तूफान का कहर अब थम गया है, ऐसे में रेलवे ने ग्रुप डी परीक्षा के लिए नई तारीखों को जारी कर उम्मीदवारों की परेशानी को कम कर दिया है. बता दें, अब ग्रुप डी परीक्षा का आयोजन 12, 13 और 14 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा. वहीं इस परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड बोर्ड परीक्षा से 4 दिन पहले ही जारी कर देगा.  उम्मीदवार बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर एडमिट कार्ड देख सकते हैं. RRB Group D Exam: देखें- परीक्षा का पूरा सेलेबस, इतने नंबर का होगा हर सेक्शन ऐसे देखें- RRB Group D एडमिट कार्ड - सबसे पहले रीजन की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं. - उसके बाद परीक्षा के एडमिट कार्ड से जुड़े लिंक पर क्लिक करें. - यहां मांगी गई जानकारी भरें और अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड कर लें. जानें- कैसा होगा 'RRB Group D Exam 2018' का परीक्षा- पैटर्न.. उम्मीदवारों का पहली परीक्षा में 100 सवाल पूछे जाएंगे, जिनका जवाब 90 मिनट में देना होगा. उसके बाद फिजिकल टेस्ट भी होगा और उसकी योग्यता पुरुष और महिला उम्मीदवारों के लिए अलग अलग होगी.  बतादें, पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों को परीक्षा में 120 मिनट दिए जाएंगे. परीक्षा में मैथमेटिक्स, जनरल नॉलेज एंड रीजनिंग, जनरल साइंस, जनरल अवेयरनेस विषय में सवाल पूछे जाएंगे. RRB Admit Card: जानें- कब और कहां देख सकते हैं ग्रुप D के एडमिट कार्ड 'RRB Group D Exam 2018' में कितने नंबर का होगा हर सेक्शन मैथमेटिक्स - : 25 जनरल नॉलेज एंड रीजनिंग- : 30 जनरल साइंस - : 25 जनरल अवेयरनेस -: 20
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के 66वें जन्मदिवस पर उनके सरकारी आवास पर पार्टी बड़ी संख्या में कार्यकर्ता, सांसद और मंत्री एकत्रित हुए। सोनिया गांधी के 10, जनपथ स्थित घर के बाहर एक चलते-फिरते मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की गई और उत्साही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केक काटा और वहां जमा सभी लोगों में उसे बांटा। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को बधाई देने वाले पार्टी नेताओं में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी, विदेश मंत्री एसएम कृष्णा समेत कई केंद्रीय मंत्री, सांसद केशव राव, केएस राव, सुदर्शन नचियप्पन और जम्मू-कश्मीर राज्य कांग्रेस के प्रमुख सैफुद्दीन सोज शामिल थे। पार्टी कार्यकर्ताओं के एक दल ने एक मिनी ट्रक पर गणेश की प्रतिमा स्थापित की और गांधी के लंबे और स्वस्थ्य जीवन के लिए उनसे प्रार्थना और कामना की। गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की थी कि कार्यकर्ता बहुत सारा धन खर्च कर और मुसीबतें झेल कर दूर-दराज के इलाके से उन्हें बधाई देने के लिए दिल्ली नहीं आएं। अपील के बावजूद, सुबह से पार्टी कार्यकर्ता उनके आवास पर ढोल-नगाड़े के साथ जमा हुए और उनका जन्मदिन मनाया।
न्यूकैसल ने उन्हें जनवरी 1756 में लॉर्ड लाउडाउन की जगह, मेजर जनरल जेम्स अबरक्रॉम्बी को दूसरी कमान रखते हुए बदल दिया। इनमें से किसी को भी अभियान का उतना अनुभव नहीं था जितना उत्तरी अमेरिका भेजी गयी फ्रांस के अधिकारियों की तिकड़ी को था। फ्रांसीसी नियमित सेना कुमुक मई 1756 में मेजर जनरल लुइस-जोसेफ डी मॉन्टल्कम के नेतृत्व में नए फ्रांस में पहुंची और चेवेलियर डी लेविस और कर्नल फ्रांस्वा-चार्ल्स डी बोरलामेक दूसरी कमान में थे, सभी अनुभवी ऑस्ट्रियाई उत्तराधिकार के युद्ध के पुराने योद्धा थे। उस समय यूरोप में, 18 मई, 1756 को, इंग्लैंड ने फ्रांस पर औपचारिक रूप से युद्ध की घोषणा की, जिसने यूरोप में युद्ध का विस्तार किया, जिसे बाद में सात वर्षीय युद्ध के रूप में जाना जाता था।
बीजेपी सांसद सत्यपाल सिंह ने कहा है कि पूर्व सैनिक रामकिशन का सुसाइड करना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. लेकिन उन्होंने ये भी कहा है कि रामकिशन को ठीक से मालूम नहीं था कि कितनी पेंशन मिलनी चाहिए. बीजेपी सांसद ने पुलिस पर भी सवाल उठाया और कहा कि पुलिस ने जिस तरह से इस पूरे मामले को हैंडल किया, वह ठीक नहीं था. उन्होंने कहा कि पुलिस ठीक से काम करती तो यह मामला इतना बड़ा नहीं होता. सत्यपाल सिंह का यह भी कहना है कि एक्स सर्विसमैन के सुसाइड की जांच होनी चाहिए. आखिर उसने सुसाइड क्यों किया? किसने उकसाया? सुसाइड करने से पहले उसने अपनी बेटे से बातचीत की. कैसे रिकॉर्डिंग हुई? उसका किसने ब्रेनवाश किया? यह तमाम चीजें सामने आनी चाहिए. बीजेपी सांसद ने कहा कि अगर रक्षा मंत्री के पास रामकिशन का अनुरोध पहुंच जाता तो वह जरूर उनसे मिलते.
अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा का कहना है कि उनकी चचेरी बहन प्रियंका चोपड़ा उनके लिए बड़ी प्रेरणादायक हैं।  वर्ष 2000 में विश्वसुंदरी का खिताब जीतने के बाद प्रियंका ने फिल्मों की ओर रुख किया और आज वह बॉलीवुड की शीर्ष अभिनेत्रियों में से एक हैं। उन्होंने दो अंतरराष्ट्रीय गाने 'इन माई सिटी' और 'एक्सॉटिक' भी गाए हैं। वर्ष 2011 में 'लेडीज वर्सेस रिकी बहल' से अभिनय की शुरुआत करने वाली परिणीति अपनी बहन की काफी तारीफ करती हैं। परिणीति ने कहा, प्रियंका से मुझे बहुत प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा, जिस तरह से उनके गाने की शुरुआत हुई है.. मुझे नहीं लगता कि किसी और गायक की भी हुई है। गायक हमेशा हिट गानों के बारे में सोचते है ताकि वे सही दिशा में जा सकें  लेकिन प्रियंका सीधे हॉलीवुड पहुंच गई। अगर मुझे कोई ऐसा मौका मिलेगा तो मैं कभी 'न' नहीं कहूंगी।टिप्पणियां परिणीति ने कहा कि गायन उनका भी सपना है। उन्होंने कहा, मेरा सपना है कि मैं गायिका बनूं। मैंने गायन का प्रशिक्षण लिया है इसलिए एक दिन मैं जरूर गाऊंगी। परिणीति ने यह भी बताया कि वह कभी-कभी प्रियंका से सलाह भी लेती हैं। 24 वर्षीया परिणीति ने कहा, हमारे परिवार के लोगों को पटकथा चुनने का अंदाजा नहीं है। इसलिए प्रियंका ही एकमात्र व्यक्ति हैं जिनसे मैं सलाह ले सकती हूं। मैं उनसे हर सलाह लेती हूं। वर्ष 2011 में 'लेडीज वर्सेस रिकी बहल' से अभिनय की शुरुआत करने वाली परिणीति अपनी बहन की काफी तारीफ करती हैं। परिणीति ने कहा, प्रियंका से मुझे बहुत प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा, जिस तरह से उनके गाने की शुरुआत हुई है.. मुझे नहीं लगता कि किसी और गायक की भी हुई है। गायक हमेशा हिट गानों के बारे में सोचते है ताकि वे सही दिशा में जा सकें  लेकिन प्रियंका सीधे हॉलीवुड पहुंच गई। अगर मुझे कोई ऐसा मौका मिलेगा तो मैं कभी 'न' नहीं कहूंगी।टिप्पणियां परिणीति ने कहा कि गायन उनका भी सपना है। उन्होंने कहा, मेरा सपना है कि मैं गायिका बनूं। मैंने गायन का प्रशिक्षण लिया है इसलिए एक दिन मैं जरूर गाऊंगी। परिणीति ने यह भी बताया कि वह कभी-कभी प्रियंका से सलाह भी लेती हैं। 24 वर्षीया परिणीति ने कहा, हमारे परिवार के लोगों को पटकथा चुनने का अंदाजा नहीं है। इसलिए प्रियंका ही एकमात्र व्यक्ति हैं जिनसे मैं सलाह ले सकती हूं। मैं उनसे हर सलाह लेती हूं। उन्होंने कहा, जिस तरह से उनके गाने की शुरुआत हुई है.. मुझे नहीं लगता कि किसी और गायक की भी हुई है। गायक हमेशा हिट गानों के बारे में सोचते है ताकि वे सही दिशा में जा सकें  लेकिन प्रियंका सीधे हॉलीवुड पहुंच गई। अगर मुझे कोई ऐसा मौका मिलेगा तो मैं कभी 'न' नहीं कहूंगी।टिप्पणियां परिणीति ने कहा कि गायन उनका भी सपना है। उन्होंने कहा, मेरा सपना है कि मैं गायिका बनूं। मैंने गायन का प्रशिक्षण लिया है इसलिए एक दिन मैं जरूर गाऊंगी। परिणीति ने यह भी बताया कि वह कभी-कभी प्रियंका से सलाह भी लेती हैं। 24 वर्षीया परिणीति ने कहा, हमारे परिवार के लोगों को पटकथा चुनने का अंदाजा नहीं है। इसलिए प्रियंका ही एकमात्र व्यक्ति हैं जिनसे मैं सलाह ले सकती हूं। मैं उनसे हर सलाह लेती हूं। परिणीति ने कहा कि गायन उनका भी सपना है। उन्होंने कहा, मेरा सपना है कि मैं गायिका बनूं। मैंने गायन का प्रशिक्षण लिया है इसलिए एक दिन मैं जरूर गाऊंगी। परिणीति ने यह भी बताया कि वह कभी-कभी प्रियंका से सलाह भी लेती हैं। 24 वर्षीया परिणीति ने कहा, हमारे परिवार के लोगों को पटकथा चुनने का अंदाजा नहीं है। इसलिए प्रियंका ही एकमात्र व्यक्ति हैं जिनसे मैं सलाह ले सकती हूं। मैं उनसे हर सलाह लेती हूं। परिणीति ने यह भी बताया कि वह कभी-कभी प्रियंका से सलाह भी लेती हैं। 24 वर्षीया परिणीति ने कहा, हमारे परिवार के लोगों को पटकथा चुनने का अंदाजा नहीं है। इसलिए प्रियंका ही एकमात्र व्यक्ति हैं जिनसे मैं सलाह ले सकती हूं। मैं उनसे हर सलाह लेती हूं।
यह एक लेख है: पीएम मोदी ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कई विभाग इस दिशा में पहल कर रहे हैं और रेलवे ने तो घोषणा भी कर दी है कि एक स्तर की नौकरी के लिए अब इंटरव्यू नहीं होगा। उन्होंने कहा कि मैंने 15 अगस्त को लालकिले की प्राचीर से कहा था, कि निचले स्तर की नौकरी के लिए साक्षात्कार की क्या जरूरत है। लोगों को नौकरी के लिए साक्षात्कार के वास्ते सिफारिश जुटाना पड़ती हैं, इस दौरान बिचौलिये लग जाते हैं और नौकरी के लिए गरीब लोगों को कर्ज लेना पड़ता है, जिसके जाल से वह कभी नहीं निकल पाता।टिप्पणियां प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में लोगों को नौकरी मिले न मिले, उनकी जेब तो कट ही जाती थी। उन्होंने कहा कि रोजगार के लिए नौजवानों को जो परेशानियां पेश आ रही हैं जो बुराइयां घुस गई हैं, उनका सफाया होगा। उन्होंने कहा कि मैंने 15 अगस्त को लालकिले की प्राचीर से कहा था, कि निचले स्तर की नौकरी के लिए साक्षात्कार की क्या जरूरत है। लोगों को नौकरी के लिए साक्षात्कार के वास्ते सिफारिश जुटाना पड़ती हैं, इस दौरान बिचौलिये लग जाते हैं और नौकरी के लिए गरीब लोगों को कर्ज लेना पड़ता है, जिसके जाल से वह कभी नहीं निकल पाता।टिप्पणियां प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में लोगों को नौकरी मिले न मिले, उनकी जेब तो कट ही जाती थी। उन्होंने कहा कि रोजगार के लिए नौजवानों को जो परेशानियां पेश आ रही हैं जो बुराइयां घुस गई हैं, उनका सफाया होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में लोगों को नौकरी मिले न मिले, उनकी जेब तो कट ही जाती थी। उन्होंने कहा कि रोजगार के लिए नौजवानों को जो परेशानियां पेश आ रही हैं जो बुराइयां घुस गई हैं, उनका सफाया होगा। उन्होंने कहा कि रोजगार के लिए नौजवानों को जो परेशानियां पेश आ रही हैं जो बुराइयां घुस गई हैं, उनका सफाया होगा।
पुलवामा आतंकी हमला (Pulwama Terror Attack), बालाकोट (Balakot) में भारतीय वायुसेना (IAF) की कार्रवाई, पाकिस्तानी और भारतीय सेनाओं की भिड़ंत के दौरान विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान (Wing commander abhinandan) के पाक की हिरासत में पहुंचने और फिर उनकी रिहाई  के हालिया घटनाक्रम के बीच पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के बयानों पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने उन पर करारा हमला किया है. राहुल ने कहा है कि मोदी अपना प्रचार (PR) पांच मिनट के लिए भी नहीं छोड़ सकते.   उत्तर महाराष्ट्र के धुले में शुक्रवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अपना प्रचार (पीआर) करना पांच मिनट के लिए भी नहीं छोड़ सकते हैं. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री ने मीडिया से कहा कि भारत पुलवामा आतंकी हमले के बाद एकजुट है लेकिन तुरंत ही कांग्रेस को निशाना बनाया.' उन्होंने कहा, ‘भारत के प्रधानमंत्री अपना प्रचार करना पांच मिनट के लिए भी नहीं छोड़ सकते हैं. यही उनके और हमारे बीच फर्क है.' राहुल (Rahul Gandhi) ने आरोप लगाया कि मोदी ने इस गंभीर अवसर का दुरुपयोग कांग्रेस को निशाना बनाने के लिए किया. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘उन्होंने (मोदी ने) राष्ट्रीय समर स्मारक (नेशनल वॉर मेमोरियल) के उदघाटन के अवसर पर भी यही (पीआर) किया था.' उन्होंने हाल ही में राष्ट्रीय समर स्मारक के उदघाटन समारोह के दौरान मोदी द्वारा कांग्रेस पर किए गए जोरदार हमले का जिक्र करते हुए यह बात कही. कांग्रेस अध्यक्ष ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर भी अनिल अंबानी (Anil Ambani) का उपहास उड़ाते हुए कहा कि इस उद्योगपति ने कभी कागज का जहाज तक नहीं बनाया. राफेल सौदे को लेकर मोदी की आलोचना करते हुए राहुल ने कहा कि चौकीदार की निगरानी में 30,000 करोड़ रुपया अनिल अंबानी की जेब में चला गया. (इनपुट भाषा से)
अपनी बॉडी पर टैटू बनवाना हर किसी की ख्वाहिश होती है. सबको शौक होता है कि वह अपने पसंद का टैटू अपने शरीर पर गुदवाए. बॉलीवुड हिरोइन शिल्पा शेट्टी ने भी अपने शरीर पर टैटू गुदवाया है. शिल्पा ने इसके पहले कभी अपने शरीर पर टैटू नहीं बनवाया था. शिल्पा ने अपने हाथ पर स्वास्तिक का टैटू बनवाया है. शिल्पा अपने पसंदीदा टैटू को अपने हाथ पर देख काफी शुश नजर आ रहीं थी. शिल्पा कहती है, 'यह मेरा पहला टैटू है, यह स्वास्तिक का निशान आत्मविश्वास जगाता है. स्वास्तिक शांति लाता है और बुराई से दूर रखता है. इसलिए मैने यह टैटू गुदवाया.
यह लेख है: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने गुरुवार सुबह पारंपरिक गृह प्रवेश पूजा के बाद अपने नए आलीशान घर में रहना शुरू कर दिया. हैदराबाद के बीचोंबीच बेगमपेट इलाके में पूरे नौ एकड़ में फैले इस घर में बुलेटप्रूफ खिड़कियां लगी हैं. इस घर में 250 लोगों के बैठने की व्यवस्था वाला एक थिएटर है और उसे ऑडिटोरियम की तरह इस्तेमाल किए जाने पर दोगुने लोगों को बिठाया जा सकता है. इस परिसर में कुछ वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के लिए भी घर बने हैं, एक बहुत बड़ा कॉन्फ्रेंस हॉल है और एक मिनी सेक्रेटेरिएट भी है, जिसमें कुछ सरकारी विभागों के ऑफिस होंगे. इसके अलावा नया सरकारी सचिवालय (या कहिए ऑफिस कॉम्प्लेक्स) भी बनाया जाना है, लेकिन उसका निर्माण कार्य फिलहाल रुका हुआ है.   इसका निर्माण शापूरजी पैलोनजी ने किया है, जो रीयल एस्टेट के क्षेत्र की बड़ी कंपनी है, और यह कुछ दिन पहले टाटा सन्स के चेयरमैन रहे साइरस मिस्त्री के परिवार की कंपनी है. इस घर के निर्माण की लागत 35 करोड़ रुपये रहनी थी, लेकिन अंतिम बिल कथित रूप से 50 करोड़ रुपये के आसपास रहा.   टिप्पणियां इस आलीशान घर का हर पहलू वास्तु और फेंग शुई के विशेषज्ञों की सलाह से तय किया गया है. उन्होंने यह नया कॉम्प्लेक्स बनाने का फैसला ही इसलिए किया था, क्योंकि सरकार का मौजूदा मुख्यालय और उनका घर वास्तु के लिहाज़ से ठीक नहीं बताया जाता था.  अब तक 62-वर्षीय केसीआर इस नए घर के ठीक पीछे बने एक घर में रहते हैं, जो नए की तुलना में काफी छोटा है. केसीआर के परिवार के पास हैदराबाद में ही एक और घर है, उनका एक घर उनके गृहनगर में भी है और इन दोनों के अलावा वे हैदराबाद से लगभग 60 किलोमीटर दूर बने एक फार्महाउस के भी मालिक हैं. विपक्ष ने इस बात को लेकर केसीआर की कड़ी आलोचना की है कि वह करदाताओं के पैसे से शानदार घर बनवा रहे हैं, जबकि आम आदमी नकदी संकट की वजह से परेशानियां झेल रहा है. हैदराबाद के बीचोंबीच बेगमपेट इलाके में पूरे नौ एकड़ में फैले इस घर में बुलेटप्रूफ खिड़कियां लगी हैं. इस घर में 250 लोगों के बैठने की व्यवस्था वाला एक थिएटर है और उसे ऑडिटोरियम की तरह इस्तेमाल किए जाने पर दोगुने लोगों को बिठाया जा सकता है. इस परिसर में कुछ वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के लिए भी घर बने हैं, एक बहुत बड़ा कॉन्फ्रेंस हॉल है और एक मिनी सेक्रेटेरिएट भी है, जिसमें कुछ सरकारी विभागों के ऑफिस होंगे. इसके अलावा नया सरकारी सचिवालय (या कहिए ऑफिस कॉम्प्लेक्स) भी बनाया जाना है, लेकिन उसका निर्माण कार्य फिलहाल रुका हुआ है.   इसका निर्माण शापूरजी पैलोनजी ने किया है, जो रीयल एस्टेट के क्षेत्र की बड़ी कंपनी है, और यह कुछ दिन पहले टाटा सन्स के चेयरमैन रहे साइरस मिस्त्री के परिवार की कंपनी है. इस घर के निर्माण की लागत 35 करोड़ रुपये रहनी थी, लेकिन अंतिम बिल कथित रूप से 50 करोड़ रुपये के आसपास रहा.   टिप्पणियां इस आलीशान घर का हर पहलू वास्तु और फेंग शुई के विशेषज्ञों की सलाह से तय किया गया है. उन्होंने यह नया कॉम्प्लेक्स बनाने का फैसला ही इसलिए किया था, क्योंकि सरकार का मौजूदा मुख्यालय और उनका घर वास्तु के लिहाज़ से ठीक नहीं बताया जाता था.  अब तक 62-वर्षीय केसीआर इस नए घर के ठीक पीछे बने एक घर में रहते हैं, जो नए की तुलना में काफी छोटा है. केसीआर के परिवार के पास हैदराबाद में ही एक और घर है, उनका एक घर उनके गृहनगर में भी है और इन दोनों के अलावा वे हैदराबाद से लगभग 60 किलोमीटर दूर बने एक फार्महाउस के भी मालिक हैं. विपक्ष ने इस बात को लेकर केसीआर की कड़ी आलोचना की है कि वह करदाताओं के पैसे से शानदार घर बनवा रहे हैं, जबकि आम आदमी नकदी संकट की वजह से परेशानियां झेल रहा है. इस परिसर में कुछ वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के लिए भी घर बने हैं, एक बहुत बड़ा कॉन्फ्रेंस हॉल है और एक मिनी सेक्रेटेरिएट भी है, जिसमें कुछ सरकारी विभागों के ऑफिस होंगे. इसके अलावा नया सरकारी सचिवालय (या कहिए ऑफिस कॉम्प्लेक्स) भी बनाया जाना है, लेकिन उसका निर्माण कार्य फिलहाल रुका हुआ है.   इसका निर्माण शापूरजी पैलोनजी ने किया है, जो रीयल एस्टेट के क्षेत्र की बड़ी कंपनी है, और यह कुछ दिन पहले टाटा सन्स के चेयरमैन रहे साइरस मिस्त्री के परिवार की कंपनी है. इस घर के निर्माण की लागत 35 करोड़ रुपये रहनी थी, लेकिन अंतिम बिल कथित रूप से 50 करोड़ रुपये के आसपास रहा.   टिप्पणियां इस आलीशान घर का हर पहलू वास्तु और फेंग शुई के विशेषज्ञों की सलाह से तय किया गया है. उन्होंने यह नया कॉम्प्लेक्स बनाने का फैसला ही इसलिए किया था, क्योंकि सरकार का मौजूदा मुख्यालय और उनका घर वास्तु के लिहाज़ से ठीक नहीं बताया जाता था.  अब तक 62-वर्षीय केसीआर इस नए घर के ठीक पीछे बने एक घर में रहते हैं, जो नए की तुलना में काफी छोटा है. केसीआर के परिवार के पास हैदराबाद में ही एक और घर है, उनका एक घर उनके गृहनगर में भी है और इन दोनों के अलावा वे हैदराबाद से लगभग 60 किलोमीटर दूर बने एक फार्महाउस के भी मालिक हैं. विपक्ष ने इस बात को लेकर केसीआर की कड़ी आलोचना की है कि वह करदाताओं के पैसे से शानदार घर बनवा रहे हैं, जबकि आम आदमी नकदी संकट की वजह से परेशानियां झेल रहा है. इस परिसर में कुछ वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के लिए भी घर बने हैं, एक बहुत बड़ा कॉन्फ्रेंस हॉल है और एक मिनी सेक्रेटेरिएट भी है, जिसमें कुछ सरकारी विभागों के ऑफिस होंगे. इसके अलावा नया सरकारी सचिवालय (या कहिए ऑफिस कॉम्प्लेक्स) भी बनाया जाना है, लेकिन उसका निर्माण कार्य फिलहाल रुका हुआ है.   इसका निर्माण शापूरजी पैलोनजी ने किया है, जो रीयल एस्टेट के क्षेत्र की बड़ी कंपनी है, और यह कुछ दिन पहले टाटा सन्स के चेयरमैन रहे साइरस मिस्त्री के परिवार की कंपनी है. इस घर के निर्माण की लागत 35 करोड़ रुपये रहनी थी, लेकिन अंतिम बिल कथित रूप से 50 करोड़ रुपये के आसपास रहा.   टिप्पणियां इस आलीशान घर का हर पहलू वास्तु और फेंग शुई के विशेषज्ञों की सलाह से तय किया गया है. उन्होंने यह नया कॉम्प्लेक्स बनाने का फैसला ही इसलिए किया था, क्योंकि सरकार का मौजूदा मुख्यालय और उनका घर वास्तु के लिहाज़ से ठीक नहीं बताया जाता था.  अब तक 62-वर्षीय केसीआर इस नए घर के ठीक पीछे बने एक घर में रहते हैं, जो नए की तुलना में काफी छोटा है. केसीआर के परिवार के पास हैदराबाद में ही एक और घर है, उनका एक घर उनके गृहनगर में भी है और इन दोनों के अलावा वे हैदराबाद से लगभग 60 किलोमीटर दूर बने एक फार्महाउस के भी मालिक हैं. विपक्ष ने इस बात को लेकर केसीआर की कड़ी आलोचना की है कि वह करदाताओं के पैसे से शानदार घर बनवा रहे हैं, जबकि आम आदमी नकदी संकट की वजह से परेशानियां झेल रहा है. इस आलीशान घर का हर पहलू वास्तु और फेंग शुई के विशेषज्ञों की सलाह से तय किया गया है. उन्होंने यह नया कॉम्प्लेक्स बनाने का फैसला ही इसलिए किया था, क्योंकि सरकार का मौजूदा मुख्यालय और उनका घर वास्तु के लिहाज़ से ठीक नहीं बताया जाता था. विपक्ष ने इस बात को लेकर केसीआर की कड़ी आलोचना की है कि वह करदाताओं के पैसे से शानदार घर बनवा रहे हैं, जबकि आम आदमी नकदी संकट की वजह से परेशानियां झेल रहा है.
टेलीविजन विज्ञापन में कथित तौर पर अंधविश्वास को बढ़ावा देने के लिए सदी के महानायक अमिताभ बच्चन और कुछ अन्य के खिलाफ मुंबई की एक कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई गई है. शिकायत सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत पाटिल ने की है, उनकी मांग है कि बच्चन के खिलाफ महाराष्ट्र मानव बलि और अन्य अमानवीय, बुराई और अघोरी आचरण और काला जादू कानून, 2013 के तहत पुलिस मामला दर्ज किया जाना चाहिए. बच्चन ने हिंदी फिल्म ‘भूतनाथ’ और उसकी आने वाली सिक्वेल ‘भूतनाथ रिटर्न’ में भूत की भूमिका निभाई है. पाटिल की शिकायत कॉम्प्लान के टेलीविजन विज्ञापन में बच्चन द्वारा के अपने भूत वाले किरदार को दोहराए जाने पर है. पाटिल का कहना है कि विज्ञापन भूत-प्रेतों को मान्यता दे रहा है और उसे भगाने के लिए जादू की आवश्यकता को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि जब बांद्रा पुलिस ने मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया तब उन्हें कोर्ट आना पड़ा. इस पर सुनवाई 18 अप्रैल को मजिस्ट्रेट सीता कुलकर्णी करेंगी.
साइरस मिस्त्री को टाटा समूह के चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद आज समूह की कंपनियों के शेयरों में चार प्रतिशत तक गिरावट आई. रतन टाटा को समूह का अंतरिम चेयरमैन बनाया गया है.टिप्पणियां बंबई शेयर बाजार में टाटा स्टील का शेयर चार प्रतिशत टूट गया. टाटा पावर में 3.11 प्रतिशत, टाटा मोटर्स में दो प्रतिशत तथा टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज में 1.60 प्रतिशत की गिरावट आई. अन्य कंपनियों में टाटा केमिकल्स 4.18 प्रतिशत, टाटा कम्युनिकेशंस 3.93 प्रतिशत, टाटा कॉफी 3.89 प्रतिशत और टाटा ग्लोबल बेवरेजेज 3.47 प्रतिशत नीचे आया. शुरुआती कारोबार में टाटा स्पॉन्ज आयरन का शेयर 3.35 प्रतिशत तथा टाटा एलेक्सी का शेयर 2.30 प्रतिशत नीचे चल रहा था. बंबई शेयर बाजार में टाटा स्टील का शेयर चार प्रतिशत टूट गया. टाटा पावर में 3.11 प्रतिशत, टाटा मोटर्स में दो प्रतिशत तथा टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज में 1.60 प्रतिशत की गिरावट आई. अन्य कंपनियों में टाटा केमिकल्स 4.18 प्रतिशत, टाटा कम्युनिकेशंस 3.93 प्रतिशत, टाटा कॉफी 3.89 प्रतिशत और टाटा ग्लोबल बेवरेजेज 3.47 प्रतिशत नीचे आया. शुरुआती कारोबार में टाटा स्पॉन्ज आयरन का शेयर 3.35 प्रतिशत तथा टाटा एलेक्सी का शेयर 2.30 प्रतिशत नीचे चल रहा था. अन्य कंपनियों में टाटा केमिकल्स 4.18 प्रतिशत, टाटा कम्युनिकेशंस 3.93 प्रतिशत, टाटा कॉफी 3.89 प्रतिशत और टाटा ग्लोबल बेवरेजेज 3.47 प्रतिशत नीचे आया. शुरुआती कारोबार में टाटा स्पॉन्ज आयरन का शेयर 3.35 प्रतिशत तथा टाटा एलेक्सी का शेयर 2.30 प्रतिशत नीचे चल रहा था.
चारपाई या खाट भारतीय उपमहाद्वीप का परम्परागत बैठने/सोने का साधन है जो रस्सी से बुना हुआ होता है। इसे 'खटिया' , 'मंजी' आदि भी कहते हैं। बांग्ला में इसे 'चारपाया' कहते हैं। इसमें चार 'पाये' या पैर होते हैं जो किसी लकड़ी या बाँस के बने होते हैं। चरो पायों को जोड़ने के लिए लकड़ी के ही बने चार अवयव होते हैं। इन अवयवों पर रस्सी (प्रायः जूट की रस्सी) से बुनाई की जाती है। बुनाई के लिए तरह-तरह के पैटर्न होते हैं। कुछ लोग तरह-तरह के पैटर्न में बुनाई करने के विशेषज्ञ होते हैं। भारतीय संस्कृति
राजधानी में पांच साल की बच्ची से रेप के विरोध में प्रदर्शनों का सिलसिला आज भी जारी है। राजनीतिक दलों के साथ−साथ आम लोग भी सड़कों पर निकले उतरे हैं। 'आम आदमी पार्टी' के कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन किया। पुलिस को प्रदर्शनकारियों की भीड़ को काबू करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।टिप्पणियां वहीं, बीजेपी महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ की तरफ बढ़ने की कोशिश की थी, हालांकि पुलिस ने उन्हें रोक दिया। प्रदर्शनों के मद्देनजर इंडिया गेट पर भी पुलिस की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। साथ ही, दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के घर के बाहर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस मुख्यालय के बाहर आज भी कुछ प्रदर्शनकारी जमा हैं और वे पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार को हटाने के साथ-साथ इस मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। रेप पीड़ित मासूम की हालत में अब सुधार है। एम्स के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डीके शर्मा ने बताया कि बच्ची की सेहत में अब काफी सुधार है और उसकी जान को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने बताया कि अब बच्ची पूरी तरह से होश में है, हालांकि उसे हल्का बुख़ार है। बच्ची ने अपने मां-बाप और डॉक्टरों से बात भी की। साथ ही उन्होंने कहा कि बच्ची को दो हफ्ते में अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है। वहीं, बीजेपी महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ की तरफ बढ़ने की कोशिश की थी, हालांकि पुलिस ने उन्हें रोक दिया। प्रदर्शनों के मद्देनजर इंडिया गेट पर भी पुलिस की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। साथ ही, दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के घर के बाहर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस मुख्यालय के बाहर आज भी कुछ प्रदर्शनकारी जमा हैं और वे पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार को हटाने के साथ-साथ इस मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। रेप पीड़ित मासूम की हालत में अब सुधार है। एम्स के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डीके शर्मा ने बताया कि बच्ची की सेहत में अब काफी सुधार है और उसकी जान को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने बताया कि अब बच्ची पूरी तरह से होश में है, हालांकि उसे हल्का बुख़ार है। बच्ची ने अपने मां-बाप और डॉक्टरों से बात भी की। साथ ही उन्होंने कहा कि बच्ची को दो हफ्ते में अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है। पुलिस मुख्यालय के बाहर आज भी कुछ प्रदर्शनकारी जमा हैं और वे पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार को हटाने के साथ-साथ इस मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। रेप पीड़ित मासूम की हालत में अब सुधार है। एम्स के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डीके शर्मा ने बताया कि बच्ची की सेहत में अब काफी सुधार है और उसकी जान को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने बताया कि अब बच्ची पूरी तरह से होश में है, हालांकि उसे हल्का बुख़ार है। बच्ची ने अपने मां-बाप और डॉक्टरों से बात भी की। साथ ही उन्होंने कहा कि बच्ची को दो हफ्ते में अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है।
यह एक लेख है: बॉलीवुड अभिनेता ऋतिक रोशन ने इंटीरियर डिजाइनर पत्नी सुजेन से अलग होने की अफवाहों का खंडन किया है। 39 वर्षीय यह अभिनेता फिलहाल अपनी अगली फिल्म 'कृष 3' के प्रचार में व्यस्त हैं। उन्होंने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर के जरिए सुजेन से तलाक की खबरों का खंडन किया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "एक विचार है-आपके जीवन में उन लोगों का महत्व अधिक होता है जो आपसे प्यार करते हैं।" नामचीन ज्वेलरी डिजाइनर व सुजेन की बहन फराह खान अली ने भी माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर अफवाहों के सौदागरों को खरी-खरी सुनाई। उन्होंने लिखा, "हस्तियों को लेकर हमेशा ही अफवाहें उड़ती रहेंगी। हर पढ़ी बात का यकीन न करें। यह अफसोस की बात है कि मीडिया हस्तियों की निजी जिंदगी में झांकने से भी परहेज नहीं करता।"टिप्पणियां सुजेन और ऋतिक वर्षों एक-दूसरे को जानने के बाद दिसंबर, 2000 में परिणय सूत्र में बंध गए थे। इसी वर्ष ऋतिक ने अतिसफल फिल्म 'कहो ना प्यार है' से अपना फिल्मी करियर शुरू किया था। दोनों को रेहान और हृधान नाम के दो बच्चे हैं। 39 वर्षीय यह अभिनेता फिलहाल अपनी अगली फिल्म 'कृष 3' के प्रचार में व्यस्त हैं। उन्होंने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर के जरिए सुजेन से तलाक की खबरों का खंडन किया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "एक विचार है-आपके जीवन में उन लोगों का महत्व अधिक होता है जो आपसे प्यार करते हैं।" नामचीन ज्वेलरी डिजाइनर व सुजेन की बहन फराह खान अली ने भी माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर अफवाहों के सौदागरों को खरी-खरी सुनाई। उन्होंने लिखा, "हस्तियों को लेकर हमेशा ही अफवाहें उड़ती रहेंगी। हर पढ़ी बात का यकीन न करें। यह अफसोस की बात है कि मीडिया हस्तियों की निजी जिंदगी में झांकने से भी परहेज नहीं करता।"टिप्पणियां सुजेन और ऋतिक वर्षों एक-दूसरे को जानने के बाद दिसंबर, 2000 में परिणय सूत्र में बंध गए थे। इसी वर्ष ऋतिक ने अतिसफल फिल्म 'कहो ना प्यार है' से अपना फिल्मी करियर शुरू किया था। दोनों को रेहान और हृधान नाम के दो बच्चे हैं। नामचीन ज्वेलरी डिजाइनर व सुजेन की बहन फराह खान अली ने भी माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर अफवाहों के सौदागरों को खरी-खरी सुनाई। उन्होंने लिखा, "हस्तियों को लेकर हमेशा ही अफवाहें उड़ती रहेंगी। हर पढ़ी बात का यकीन न करें। यह अफसोस की बात है कि मीडिया हस्तियों की निजी जिंदगी में झांकने से भी परहेज नहीं करता।"टिप्पणियां सुजेन और ऋतिक वर्षों एक-दूसरे को जानने के बाद दिसंबर, 2000 में परिणय सूत्र में बंध गए थे। इसी वर्ष ऋतिक ने अतिसफल फिल्म 'कहो ना प्यार है' से अपना फिल्मी करियर शुरू किया था। दोनों को रेहान और हृधान नाम के दो बच्चे हैं। सुजेन और ऋतिक वर्षों एक-दूसरे को जानने के बाद दिसंबर, 2000 में परिणय सूत्र में बंध गए थे। इसी वर्ष ऋतिक ने अतिसफल फिल्म 'कहो ना प्यार है' से अपना फिल्मी करियर शुरू किया था। दोनों को रेहान और हृधान नाम के दो बच्चे हैं। दोनों को रेहान और हृधान नाम के दो बच्चे हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने पाकिस्तान के पश्चिमोत्तर इलाके में स्थित एक सैन्य प्रशिक्षण केंद्र में गुरुवार को हुए आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा की है। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता मार्टिन नेसिर्की ने कहा, "मून ने पाकिस्तान के मारदान में एक सैन्य भर्ती केंद्र में गुरुवार को हुए आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा की है। इस हमले में कई लोग मारे गए थे और कई घायल हुए थे।" समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक प्रवक्ता ने कहा, "इस आतंकवादी घटना के लिए एक किशोर का इस्तेमाल किए जाने की सूचना से मून को काफी आश्चर्य हुआ।" पाकिस्तान के खबर पख्तूनख्वा प्रांत के मारदान में स्थित सेना के पंजाब रेजीमेंट सेंटर में स्कूली पोशाक में पहुंचे एक किशोर ने खुद को उड़ा लिया। इस हमले में कम से कम 27 जवानों की मौत हो गई और 40 घायल हो गए। प्रवक्ता ने कहा, "महासचिव ने पीड़ित व्यक्तियों के परिवारों और पाकिस्तानी सरकार के प्रति गहरी संवदेना प्रकट की है।" खबरों के मुताबिक आतंकवादी संगठन तालिबान के प्रवक्ता एहशानुल्लाह एहसान ने इस आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी लेते हुए सुरक्षाबलों द्वारा चलाए जा रहे अभियान और अमेरिकी ड्रोन हमलों के विरोध स्वरूप और अधिक हमले की चेतावनी दी है।
फुफ्फुसीय अन्त: शल्यता (PE) फेफड़े की मुख्य धमनी या इसके किसी भाग में किसी पदार्थ के द्वारा होने वाला एक रूकावट है जो शरीर के किसी अन्य भाग से रक्त प्रवाह (इंबोलिज्म) के माध्यम से आता है। यह आमतौर पर पैर के गहरे नसों सेथ्रंबस(रक्त थक्का) के एंबोलिज्म को कारण होता है, इस प्रक्रिया को शिरापरक थ्रंबोइंबोलिज्म कहते हैं। इसका एक छोटा अनुपात हवा, वसा या उल्बीय तरल के इंबोलाइजेशन के कारण होता है। फेफड़े में रक्त प्रवाह की रूकावट और परिणामस्वरूप हृदय केदाहिने सुराग में दबाव पीई के लक्षण और संकेत को दिशा देता है। विभिन्न अवस्थाओं में पीई का खतरा बढ़ जाता है, जैसेकिकैंसर और लंबे समय का आराम. फुफ्फुसीय अन्त:शल्यता के लक्षणों में सांस लेने में कठिनाई, छाती में अचानक दर्द और घबराहट होना शामिल है। नैदानिक लक्षणों में निम्न रक्त ऑक्सीजन संतृप्ति और श्यावता,सांस तेज होना और दिल का तेजी से धड़कना शामिल हैं। पीई के गंभीर मामले शक्तिपात, असामान्य निम्न रक्त चाप और अचानक मौत की ओर ले जाते हैं। निदान परीक्षण इन चिकित्सकीय निष्कर्षों के साथ ही प्रयोगशाला परीक्षण (जैसे कि डी-डीमर परीक्षण) इमेंजिंग अध्ययन, प्राय: सीटी फुफ्फुसीय एंजियोग्राफी पर आधारित है। उपचार आमतौर पर एंटिकोगुलंट मेडिकेशन के साथ हपारिन तथा वारफरिन से किया जाता है। गंभीर मामलों मेंथ्रंबोलाइसिस के साथ टिशु प्लासमिनोजेन एक्टिवेटर(tPA) की जरूरत होती है या फुफ्फुसीय थ्रंबेक्टोमी से होकर शल्य हस्तक्षेप की जरूरत पड़ सकती है। संकेत और लक्षण डिस्पिनिया (सांस की कमी) का अचानक आक्रमण,टैचिप्निया (तेजी से सांस लेना), "प्ल्युरिटिक" तरह का छाती में दर्द(सांस लेकर बुरा हाल), कफ एवं हेमोप्टाइसिस (कफ के साथ खून आना) पीई के लक्षण हैं। अधिक गंभीर मामलों मेंसियानोसिस (नीला धब्बा, प्राय: होंठ और अंगुलियों के), शक्तिपात और संचार स्थिरता को शामिल किया जा सकता है। पीई के कुल मामले में से 15% की अचानक मौत हो जाना निश्चित होता है। शारीरिक परीक्षा करते समय स्टेथेस्कोप को फेफड़े के प्रभावित क्षेत्रों पर रखने से फुफ्फुस रगड़ को सुना जा सकता है। दांयी वेंट्रिकल पर तनाव को बांया पैरास्टरनल सूजन, द्वितीय हृदय ध्वनि के एक लाउड फुफ्फुसीय घटक, के रूप में पता किया जा सकता है, यह कंठ से जुड़े शिरा दबाव और दुर्लभ पांव सूजन को बढ़ा देती है। प्राय: 14% फुफ्फुसीय अन्त:शल्यता वाले व्यक्तियों में निम्न स्तर का बुखार पाया जाता है। रोग निदान पीई का निदान मुख्य रूप से चुनिंदा परीक्षण युक्त विधिमान्य चिकित्सकीय मानदण्ड पर आधारित है क्योंकि पारंपरिक नैदानिक प्रतिपादन (सांस की तकलीफ, सीने में दर्द) को निश्चित तौर पर सीने में दर्द तथा सासं की तकलीफ के अन्य कारणों से अलग नहीं किया जा सकता। मेडिकल इमेजिंग करने का निर्णय आमतौर पर क्लीनिकल ग्राउण्ड पर आधारित है, अर्थात् चिकित्सकीय इतिहास, लक्षण एवं शारीरिक परीक्षण के पश्चात चिकित्सकीय संभाव्यता का मूल्यांकन किया जाता है। चिकित्सकीय संभाव्यता की भविष्यवाणी के लिए सर्वाधिक उपयोग में लाई जाने वाली विधि, वेल्स स्कोर, एक चिकिस्कीय भविष्यवाणी नियम है जिसका उपयोग उसके एकाधिक संस्करण होने के कारण जटिल है। 1995 में वेल्स एट अल. ने शुरूआती तौर पर चिकित्सकीय मानदंड पर आधारित एक भविष्यवाणी नियम (एक साहित्य खोज पर आधारित) का विकास किया, जिससे PE की सम्भावना की भाविष्यवाणी की जा सके. भविष्यवाणी नियम को 1998 में संशोधित किया गया इस भविष्यवाणी नियम को बाद में वेल्स एट अल द्वारा इसके सत्यापन के दौरान इसे 2000 साल में सरलीकृत किया गया। 2000 साल के प्रकाशन में, वेल्स ने समान भविष्यवाणी नियम के साथ 2 या 4 के कटऑफ्स का प्रयोग करते हुए दो भिन्न स्कोरिंग व्यवस्था प्रस्तावित की. 2001 में, वेल्स ने तीन श्रेणी बनाने के लिए 2 से अधिक कटऑफ का प्रयोग कर निष्कर्ष प्रकाशित कराया. एक अतिरिक्त संस्करण को, 2 के अद्यतन कटऑफ का प्रयोग कर "संशोधित विस्तृत संस्करण" लेकिन वेल्स के प्रारंभिक अध्ययनों के निष्कर्षों को शामिल करते हुए प्रस्तावित किया गया। बहुत हाल ही में, बाद के एक अध्ययन ने केवल दो श्रेणी के निर्माण के लिए वेल्स के 4 प्वाइंट के एक कटऑफ के प्रारंभिक उपयोग को उलट दिया. PE के लिए जेनेवा नियम जैसे अतिरिक्त भविष्यवाणी नियम हैं। अधिक महत्वपूर्ण रूप से, किसी भी नियम का उपयोग थ्रंबोइबोलिज्म के आवर्तक में कमी के साथ जुड़ा हुआ है। वेल्स स्कोर: चिकित्सकीय रूप से संदिग्ध DVT - 3.0 अंक वैकल्पिक निदान पीई की तुलना में कम संभावित होता है - 3.0 अंक टैचिकार्डिया - 1.5 अंक पिछले चार हफ्तों में स्थिरीकरण/ सर्जरी - 1.5 अंक PE याDVT का इतिहास - 1.5 अंक हेमोप्टाइसिस - 1.0 अंक हानिकरता (6 महीने के अंदर इलाज के लिए, प्रशामक) -1.0 अंक पारंपरिक विवेचना स्कोर 6.0> - उच्च (एकत्रित डेटा पर 59% संभाव्यता) स्कोर 2.0 से 6.0 - मध्यम (एकत्रित डेटा पर 29% संभाव्यता) स्कोर<2.0 - निम्न (एकत्रित डेटा पर 15% संभाव्यता) वैकल्पिक विवेचना स्कोर> 4 - पीई की संभावना>. नैदानिक इमेजिंग पर विचार करें. स्कोर> 4 या कम - पीई संभावना नहीं है। PE को हटाने के लिए डी-डिमर पर विचार करें. . रक्त परीक्षण पहले के प्राथमिक अनुसंधान से पता चलता है कि PE का निम्न/मंद संदेह, एक सामान्य डी-डिमर स्तर (रक्त परीक्षण में दर्शाया हुआ), थ्रंबोटिक PE की संभावना को बाहर करने के लिए काफी है। PE के निम्न पूर्व-परीक्षण संभाव्यता युक्त रोगी के अध्ययनों की हालिया सुनियोजित समीक्षा द्वारा इसकी पुष्टि की गई है और नकारात्मक डी-डिमर परिणाम ने इस इस तरह के आचरण से अलग किए गए रोगियों में थ्रंबोइंबोलिक परिघटना के तीन महीने का खतरा पाया और जो 0.05 से 0 .41 % के विश्वास अन्तराल 95% युक्त 0.14 % था, यद्दपि यह समीक्षा केवल एक रैंडोमाइज्ड कंट्रोल्ड चिकित्सकीय परीक्षण के द्वारा सीमित था, अध्ययन का अवशेष भविष्यदर्शी साथियों द्वारा किया जा रहा है। जब एक PE का पता किया जा किया जा रहा होता है, PE के दोयम दर्जे के महत्वपूर्ण कारणों को हटाने के लिए भारी संख्या में रक्त परीक्षण किये जाते हैं। इनमें पूर्ण रक्त गणना, थक्के की अवस्था(PT,aPTT, TT) एवं कुछ स्क्रीनिंग परीक्षण (एरिथ्रोसाइट सेडिमेंटेशन दर, रेनल कार्य, लीवर एंजाइम, इलेक्ट्रोलाइट्स) शामिल हैं। इनमें से यदि एक भी असामान्य है, तो आगे की जांच जारी रह सकती है। मेडिकल इमेजिंग फुफ्फुसीय अन्त:शल्यता (पीई) के इलाज का सबसे अच्छा फुफ्फुसीय एंजियोग्राफी निदान है। सीटी स्कैन की व्यापक स्वीकृति के कारण, जो गैर-आक्रामक है, फुफ्फुसीय एंजियोग्राफी का अक्सर कम ही प्रयोग किया जाता है। गैर-आक्रामक इमेजिंग सीटी फुफ्फुसीय एंजियोग्राफी(CTPA) दांया हृदय कैथीटेराइजेशन की बजाय रेडियोकंट्रास्ट युक्त कम्प्युटेड टोमोग्राफी का उपयोग कर हासिल किया गया एक फुफ्फुसीय एंजियोग्राम होता है। इसकी नैदानिक तुल्यता, इसकी गैर-आक्रामक प्रकृति, अधिक से अधिक रोगियों के लिए इसकी उपलब्धता और फुफ्फुसीय अन्त:शल्यता न होने के मामले में विभेदक इलाज के द्वारा अन्य फेफड़े की बिमारियों की पहचान इसके फायदे हैं। सीटी फुफ्फुसीय एंजियोग्राफी की सटीकता का मूल्यांकन मल्टिडिटेक्टर सीटी (MDCT) मशीनों में उपलब्ध डिटेक्टरों की कतारों की संख्या में तीव्र परिवर्तन द्वारा किया जाता है।. एक समूह के अध्ययन के अनुसार एकल- टुकड़ा सर्पिल सीटी फुफ्फुसीय अन्त:शल्यता के संदिग्ध रोगियों के बीच इलाज का पता लगाने में मदद कर सकता है। इस अध्ययन में 69% संवेदनशीलता और 84% विशिष्टता थी। इस अध्ययन में, जिसके पास रोग की खोज का प्रचलन 32% था, 67% का सकरामत्मक भविष्यसूचक मूल्य और 85.2% का नकारात्मक भविष्यसूचक मूल्य(उच्चतर या कम जोखिम वाले मरीजों की पहचान के परिणामों को समायोजित करने के लिए यहाँ क्लिक करें ). हालांकि, इस अध्ययन के परिणाम संभवत: संयोग पूर्वाग्रह की वजह से पक्षपाती हो सकते है, लेकिन फुफ्फुसीय अन्त:शल्यता के रोगियों में CT स्केन अंतिम नैदानिक उपकरण था। लेखकों ने ध्यान रखा कि एक नकारात्मक एकल टुकड़ा सीटी स्कैन अपनी बदौलत फुफ्फुसीय अन्त:शल्यता को हटाने के लिए अपर्याप्त है। 4 टुकड़े और 16 टुकड़े स्कैनरों के एक मिश्रण युक्त एक अलग अध्ययन ने 83% की संवेदनशीलता तथा 96% की विशिष्टता को सूचित किया। इस अध्ययन ने टिपण्णी किया कि अतिरिक्त परीक्षण आवश्यक है यदि नैदानिक संभावना इमेजिंग से असंगत है। CTPA VQ स्कैनिंग से निम्न नहीं है और VQ स्कैनिंग से अधिक एम्बोली की पहचान (परिणाम में आवश्यक सुधार के बिना) करता है। वेंटिलेशन/परफ्युजन स्कैन (या V/Q स्कैन या फेफड़ा सिंटिग्राफी), जो यह दिखाता है कि फेफड़े के कुछ भाग में हवा दी जा रही है लेकिन रक्त के साथ उनका छिडकाव नहीं किया जा रहा (थक्के के द्वारा रुकावट के कारण). सीटी तकनीक की अधिक व्यापक उपलब्धता के कारण इस प्रकार की परीक्षा प्रयोग प्रायः कम किया जाता है, हालांकि आयोडाइनेटेड कंट्रास्ट से एलर्जी वाले रोगियों में या सीटी से कम रेडियेशन प्रदर्शन के कारण गर्भावस्था में यह उपयोगी हो सकता है। निम्न संभाव्यता नैदानिक परीक्षण/ गैर नैदानिक परीक्षण परीक्षण जो अक्सर किए जाते हैं, वो PE के लिए संवेदनशील नहीं होते, लेकिन वे नैदानिक हो सकते हैं। चेस्ट एक्स-रे अक्सर सांस की तकलीफ वाले मरीजों पर अन्य कारणों, जैसे कंगेस्टिव हर्ट फेलिअर और रिब फ्रैक्चर, को दूर करने के लिए किया जाता है। PE में चेस्ट एक्स-रे शायद ही कभी सामान्य होता है, बल्कि संकेत को प्राय: कम करता है, जो PE के इलाज को सुझाव देते हैं (अर्थात् वेस्टरमार्क संकेतहंप्टन का हंप). गहन शिरापरक थ्रोंबोसिस की खोज में पैरों का अल्ट्रासोनोग्राफी, जिसे लेग डॉप्पलर के रूप में भी जाना जाता है। पैरों के अल्ट्रासोनोग्राफी में दर्शायी गयी, DVT की उपस्थिति, V/Q या स्पाइरल सीटी स्केन की जरूरत के बिना ही वारंट एंटीकोगुलेशन के लिए खुद में पर्याप्त होती है। गर्भावस्था में यह वैध दृष्टिकोण हो सकता है, जिसमें अन्य तौर-तरीके अजन्मे शिशु में जन्म दोष के खतरे को बढ़ा सकते हैं। हालांकि, एक नकारात्मक स्केन पीई को दूर नहीं कर सकता और निम्न रेडियेशन खुराक स्केनिंग की जरूरत पड़ सकती है यदि मां फुफ्फुसीय अन्त:शल्यता होने के उच्च जोखिम पर होती है। इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम निष्कर्ष एक इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम(ईसीजी) सीने के दर्द वाले मरीजों पर, मायोकार्डियल इनफार्क्शन(दिल के दौरे) के जल्द इलाज के लिए, नियमित तौर पर किया जाता है। एक ईसीजी दाहिने हृदय के तनाव को या गंभीर PEs के मामले में तीव्रकोर पलमोनेल को दरशा सकता है - लेड I में एक दीर्घ S वेव, लेड II में एक दीर्घ Q वेव, लेड III में एक उल्टा T वेव ("S1Q3T3") क्लासिक संकेत हैं। यह कभी कभी मौजूद होता है (20% तक), लेकिन अन्य गंभीर फेफड़ों की स्थिति में भी पैदा हो सकता है और इसके पास सीमित नैदानिक मूल्य हैं। ईसीजी में सामान्यत: अधिकांश दिखाई पड़ने वाला संकेत साइनस टैचिकार्डिया है, दांया अक्ष विचलन और दांया गठ्ठा शाखा अवरोध है। साइनस टैचिकार्डिया हलांकि अभी भी PE ग्रस्त 8-69% लोगों में पाया जाता है। इकोकार्डियोग्राफी के निष्कर्ष गंभीर और कुछ कम गंभीर PE में इकोकार्डियोग्राफी पर हृदय के दांईं ओर की अकर्मण्यता को देखा जा सकता है, यह एक संकेत कि फुफ्फुसीय धमनी गंभीर रूप से बाधित है और हृदय दबाव को मैच करने में असमर्थ है। कुछ अध्ययनों (नीचे देखें) का सुझाव है कि यह खोज थ्रोंबोलाइसिस के लिए एक संकेत हो सकता है। फुफ्फुसीय अन्त:शल्यता (संदिग्ध) के हर मरीज के लिए इकोकार्डियोग्राम की जरूरत नहीं होती, लोकिन कार्डियक ट्रोपोनिन्स या दिमागी न्युट्रियुरेटिक पेप्टाइडमें बढ़ोतरी हृदय के तनाव का संकेत देती है और इकोकार्डियोग्राम को न्यायसंगत ठहराती है। इकोकार्डियोग्राफी पर दायें वेंट्रिकल की विशिष्ट उपस्थिति को McConnell's संकेत के रूप में संदर्भित किया जाता है। यह मध्य मुक्त दीवार लेकिन सिरा की सामान्य गति के अकिनेसिया की खोज है। इस तथ्य में तीक्ष्ण फुफ्फुसीय अन्त:शल्यता के इलाज के लिए 77% संवेदनशीलता और 94% विशिष्टता है। एल्गोरिथ्म्स में परीक्षणों का संयोजन एक नैदानिक एल्गोरिथ्म के लिए हाल ही की सिफारिशें PIOPED जंचकर्ताओं द्वारा प्रकाशित किया गया है, लेकिन ये सिफारिशें 64 स्लाइस MDCT 64 का उपयोग कर किए गए अनुसंधान को प्रतिबिंबित नहीं करती. इन जांचकर्ताओं ने सिफारिश की: निम्न नैदानिक संभाव्यता. अगर नकारात्मक डी-डिमर, पीई शामिल नहीं है। यदि सकारात्मक डी-डिमर, MDCT को प्राप्त करता है और उपचार को परिणामों पर आधारित कर देता है। उदार नैदानिक संभाव्यता. अगर नकारात्मक डी-डिमर, पीई शामिल नहीं है। हालांकि, लेखकों को इस बात से लेना-देना नहीं था कि इस सेटिंग में नाकारात्मक डी-डिमर युक्त नकारात्मक MDCT के पास 5% ही झूठ होने की सम्भावना है। मुमकिन है, 64 टुकड़ा MDCT का और अधिक प्रयोग किया जाता है तो 5% त्रुटि दर नीचे आ जायेगा. यदि सकारात्मक डी-डिमर, MDCT को प्राप्त करता है और उपचार को परिणामों पर आधारित करता है। उच्च नैदानिक संभाव्यता. MDCT तक जाता है। सकारात्मक है, तो इलाज करता है, अगर नकारात्मक है, तो पीई को दूर करने के लिए अतिरिक्त परीक्षण की आवश्यकता पड़ती है। फुफ्फुसीय अन्त:शल्यता को दूर करने का मानदंड फुफ्फुसीय अन्त:शल्यता को दूर करने का मानदंड, या PERC नियम, उन रोगियों का आकलन करने में मदद करता है, जिनमें फुफ्फुसीय अन्त:शल्यता के होने का संदेह है, लेकिन संभावना नहीं है। वेल्स स्कोर और जिनेवा स्कोर के विपरीत, जो पीई होने के संदेह युक्त रोगियों के खतरों को वर्गीकृत करने के भावी नौदानिक भविष्यवाणी हैं, PERC नियम को रोगियों में PE के खतरे को दूर करने के लिए डिजाइन किया जाता है जब चिकित्सक पहले ही उन्हें कम खतरे वाले वर्ग में वर्गीकृत कर चुके होते हैं। इनमें से किसी भी मानदण्ड के बिना कम खतरे वाले वर्ग के रोगी पीई के लिए आगे के परीक्षणों से नहीं भी गुजर सकते हैं : हाइपोक्सिया - SaO2 <95%, एकतरफा पैरों में सुजन, हेमेप्टाइसिस, पूर्व डीवीटी या पीई, अद्यतन शल्यक्रिया या ट्रउमा, उम्र>50 हार्मोन उपयोग, टैचिकार्डिया. इस निर्णय के पीछे का तर्क है कि बाद के परीक्षण (विशेष रूप से छाती का सीटी एंजियोग्राम) पीई के खतरे से अधिक नुकसान (रेडिएशन पड़ने और कन्ट्रास्ट डाइ) के कारण बन सकरते हैं। PERC नियम के अंदर 1.0% (16/1666) के एक मिथ्या नकारात्मक दर के साथ 97.4% की संवेदनशीलता और 21.9% की विशिष्टता है। उपचार ज्यादातर मामलों में, एंटिकोगुलंट थ्रिरेपी उपचार का मुख्य आधार है। तीव्र रूप से, सहायक उपचार, जैसे ऑक्सीजन या एनलजेसिया की प्राय: जरूरत पड़ती है। एंटिकोगुलेशन अधिकतर मामलों में सबसे अधिक, एंटिकोगुलेंट चिकित्सा उपचार का मुख्य आधार है। हपारिन, निम्न आणविक भार हपारिन्स (जैसे एनोक्सापारिन और डाल्टेपारिन) या फोंडापैरिनक्स को शूरू में प्रशासित किया जाता है, जबकि वारफारिन, असिनोकाउमरोल, या फेनप्रोकोउमोन थिरेपी की शुरूआत की जाती है (इसमें कई दिनों का समय लग सकता है, प्राय: जब रोगी अस्पताल में होता है). कोचरेम सहयोग के द्वारा रैंडोमाइज्ड नियंत्रित परीक्षण की सुनियोजित समीक्षा के अनुसार हपारिन की तुलना में निम्न आणविक भार हपारिन फुफ्फुसीय अंत:शल्यता के रोगियों के बीच ब्लिडिंग को कम कर सकता है।सापेक्षिक जोखिम कमी 40.0% थी। इस पर अध्ययन के समान जोखिम वाले रोगियों में (निम्न आणविक भार हपारिन से इलाज नहीं करने पर 2.0% रोगियों में ब्लिडिंग हो रहा था), यह 8% की निरपेक्ष कमी का नेतृत्व करता है। 125.0 रोगियों का इलाज उनके लाभ के लिए किया जाना चाहिए (इलाज के लिए जरूरतमंदों की संख्या= 125.0. ब्लिंडिग के निम्न और उच्च खतरे वाले रोगियों के लिए इन परिणामों को समायोजित करने के लिए यहां क्लिक करें ). यह हालांकि संभव है कि निम्न खतरे वाले रोगियों का इलाज बाह्यरोगियों की तरह किया जाय. एक चल रहा चिकित्सीय परीक्षण प्रेक्षणीय आध्ययनों के एक अद्यतन सुनियोजित समीक्षा द्वारा संक्षेपित साक्ष्य के आधार पर इस अभ्यास की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इस सुनियोजित समीक्षा ने रोगसूचक फुफ्फुसीय अन्त:शल्यता वाले बाह्यरोगियों के इलाज की जांच की और पाया कि सभी कारणों से मृत्यु की श्रेणी 5 से 44%, अन्य जटिलताओं की घटना जैसे आवर्ती थ्रोंबोइबोलिज्म की श्रेणी 1 से 9%, तथा गंभीर ब्लिडिंग की श्रेणी 0 से 4 % थी। वारफरिन चिकित्सा में अक्सर INR के आवर्ती खुराक समायोजन और निगरानी की जरूरत पड़ती है। पीई में, 2.0 और 3.0 के बीच INRs को सामान्यत: आदर्श माना जाता है। वारफरिन उपचार के अंतर्गत पीई का कोई अन्य प्रकरण उपस्थित होता है तो INR खिड़की को उदारणार्थ 2.5 -3.5 तक बढाया जा सकता है (जबतक काँट्रेइंडिकेशन रहता है) या एंटिकोगुलेशन एक भिन्न एंटिकोगुलेंट में परिवर्तित हो जाता है उदारणार्थ निम्न आणविक भार हपारिन. एक अंतर्निहित आसाध्यता वाले रोगी के लिए क्लॉट परीक्षण के परिणामों पर आधारित वारफरिन पर निम्न आणविक भार हपारिन कोर्स थ्रिरेपी का समर्थन किया जा सकता है। इसी तरह, गर्भवती महिलाओं की भी प्राय: वारफरिन के ज्ञात टैरेटोजेनिक प्रभाव को रोकने के लिए, विशेषकर गर्भावस्था के प्रारंभिक चरणों में, निम्न आणविक भार हपारिन पर देखरेख की जाती है। लोग आमतौर पर उपचार के प्रारंभिक चरणों में अस्पताल में भर्ती कराये जाते हैं और अंत:रोगी देखभाल के अंतर्गत रखे जाते हैं, जबतक INR उपचारात्मक स्तर पर नहीं पहुंच जाता. इसके बाद, कम जोखिम वाले मामलों को DVT के उपचार में आमतौर पर पहले से प्रचलित परम्परा में बाह्यरोगी आधार पर व्यवस्थित किया जाता है। वारफरिन चिकित्सा आमतौर पर 3-6 महीने तक चलती है, या "आजीवन" अगर DVTs या PEs, या सामान्य जोखिम वाले कारकों में से कोई भी मौजूद नहीं हो. चिकित्सा के अंत में डी-डिमर का असमान्य स्तर प्रथम अनुत्तेजित फुफ्फुसीय एंबोलस रोगियों में इलाज के जारी रखने का संकेत दे सकता है। थ्रंबोलाइसिस गंभीर PE के कारण हुई हेमोडाइनेमिक अस्थिरता (सदमा और/या हाइपोटेंशन, एक सिस्टोलिक रक्तचाप के रूप में परिभाषित <90 mmHg या 40 mmHg के एक दबाव ड्रॉप> 15 min के लिए यदि न्यू-ऑनसेट अरहाइथ्मिया, हाइपोवोलेमिया या सेप्सिस के कारण से नहीं) थ्रंबोलाइसिस, मेडिकेशन युक्त क्लॉट के एंजाइमेटिक क्षरण, के लिए एक संकेत है। इस तरह की अवस्था में चिकित्सा उपचार में उपलब्ध यह सबसे अच्छा है और नैदानिक दिशा निर्देशों द्वारा समर्थित है। अगंभीर PEs में थ्रंबोलाइसिस का उपयोग अभी भी बहस का विषय है। थिरेपी का उद्देश्य थक्के को भंग करना है, लेकिन वहां स्ट्रोक या ब्लिडिंग का एक आनुषंगिक खतरा रहता है। थ्रंबोलाइसिस का मुख्य संकेत उपगंभीर PE में है जहां दांया वेन्ट्रिकुलर दुष्क्रिया को इकोकार्डियोग्राफी पर और प्रांगण में दिखाई देने योग्य थ्रोंबस की उस्थिति को प्रमाणित किया जा सकता है। सर्जिकल प्रबंधन तीव्र फुफ्फुसीय अन्त:शल्यता (फुफ्फुसीय थ्रोंबेक्टमी) का सर्जिकल प्रबंधन असाधारण और खराब लंबे परिणामों की वजह से व्यापक तौर पर उपेक्षित होता है। हालांकि, हाल ही में, यह सर्जिकल तकनीक के संशोधन के साथ पुनरुत्थान की ओर बढ़ा है और लगता है कि यह कुछ चुनिन्दा रोगियों के लिए लाभकारी है। क्रोनिक फुफ्फुसीय अन्त:शल्यता फुफ्फुसीय उच्च रक्तचाप (क्रॉनिक थ्रंबोइमबोलिक हाइपरटेंशन के रूप में ज्ञात) की ओर बढ़ जाता है जिसका इलाज फुफ्फुसीय थ्रंबोइंडारटेरेक्टोमी के रूप में ज्ञात सर्जिकल प्रक्रिया द्वारा किया जाता है। निम्म वेना कावा फिल्टर अगर एंटिकोगुलेंट चिकित्सा प्रतिदिष्टित और/या अप्रभावी होती है, या नए एंबोली को फुफ्फुसीय धमनी में प्रवेश करने से रोकती है और एक मौजूद रूकावट के साथ जुड़ जाती है तब एक निम्न वेना कावा फिल्टर का प्रत्यारोपण किया जा सकता है। पूर्वानुमान पीई का इलाज नहीं कराने पर 26% की मौत हो जाती है। यह आंकड़ा, 1960 में बैरिट और जॉर्डन द्वारा प्रकाशित एक परीक्षण का है, जो पीई के प्रबंधन के लिए प्रायोगिक औषध के विरूद्ध एंटिकोगुलेशन की तुलना करता है। बैरिट और जॉर्डन ने अपना अध्ययन 1957 में ब्रिस्टॉल रॉयल इनफरमैरी में किया था। केवल यह अध्ययन ही अबतक प्रायोगिक औषध नियंत्रित परीक्षण है जो पीई के इलाज में एंटिकोगुलेंट्स के स्थान की जांच करता है और जिसके परिणाम इतने विश्वसनीय हैं कि परीक्षण को कभी दुहराया नहीं जाता मानो ऐसा करना कोई अनैतिक काम हो. कहा गया, प्रायोगिक औषध समूह में 26% मृत्यु दर की रिपोर्ट संभवत: बड़बोलापन है और बताया गया क़ि आज की तकनीक ने केवल गंभीर PEs की ही पहचान की है। पूर्वानुमान प्रभावित फेफड़े की मात्रा और अन्य मेडिकल अवस्थाओं के सह-अस्तित्व पर निर्भर करता है; फेफड़े का क्रोनिक इंबोलाइजेशन फुफ्फुसीय हाइपरटेंशन की ओर बढ़ जाता है। एक गंभीर पीई के बाद, रोगी को जिन्दा रखने के लिए एंबोलस को किसी तरह सुलझाना अत्यन्त आवश्यक है। थ्रंबोटिक पीई में, खून के थक्के को फिब्रिनोलाइसिस द्वारा तोड़ा जा सकता है, या इसको व्यवस्थित और दुबारा सारणिबद्ध किया जा सकता है जिससे कि थक्के से एक नया चैनल बन सके. एक पीई के बाद पहले या दुसरे दिन रक्त प्रवाह को बडी तेजी से प्रत्यावर्तित किया जाता है। इसके बाद सुधार उसे धीमा कर देती है और कुछ दोष स्थायी रूप से रह सकते हैं। इस पर विवाद है कि क्या छोटे सबसगमेंटल PEs का पूरी तरह से इलाज किया जा सकता है या नहीं और कुछ साक्ष्य हैं कि सबसंगमेंटल PEs से ग्रस्त रोगी बिना इलाज के भी अच्छा कर सकते हैं। एक बार एंटिकोगुलेशन के बंद होने पर है, घातक फुफ्फुसीय अन्त:शल्यता का जोखिम प्रति वर्ष 0.5% है। मृत्यु दर की भविष्यवाणी PESI और जिनेवा भविष्यवाणी नियम मृत्यु दर का अनुमान और रोगियों, जिन्हे बाह्यरोगी थिरेपी के योग्य समझा जा सकता है, के बहुत सारे मार्गदर्शम का चयन कर सकते हैं। अंतर्निहित कारण प्रथम पीई के बाद, दुसरे दर्जे के कारणों की खोज आमतौर पर संक्षिप्त होती है। केवल जब दूसरा PE घटित होता है और विशेषकर जब एंटिकोगुलेंट थिरेपी चल रही होती है, अंतर्निहित परिस्थितियों के लिए आगे की एक खोज को जारी रखा जाता है। इसमें फैक्टर V लेडेन म्युटेशन ("थ्रंबोफिलिया स्क्रीन"), एंटिफोस्फोलिपिड एंटिबॉडीज, प्रोटीन सी एवं एस, एंटिथ्रोंबिन स्तर, एवं बाद का प्रोथ्रोंबिन म्युटेशन, MTHFR म्युटेशन, फैक्टर VIII एकाग्रता और दुर्लभ आनुवांशिक कोगुलेशन असमान्यताओं के लिए परीक्षण शामिल होंगे. जानपदिकरोग विज्ञान (एपिडेमियोलॉजी) जोखिम के कारक अन्त: शल्यता के सबसे आम स्रोत प्रॉक्सिमल पांव का डीप वेनस थ्रंबोसिस(DVTs) /या श्रोणि संबंधी नस थ्रंबोसेस हैं। DVT के लिए कोई जोखिम कारक भी जोखिम को बढ़ा देता है कि शिरापरक थक्का हट जाएगा और फेफड़े के परिसंचरण में चला जाएगा, जो सभी DVTs के 15% में यह घटित होता है। यह अवस्था सामन्यतः वेनस थ्रोंबोइंबोलिज्म (VTE) के रूप में जानी जाती है। थ्रोंबोसिस का विकास शास्त्रीय रूप से वीरचाउ का ट्राइआड (रक्त प्रवाह में परिवर्तन, दीवार नलिका के कारकों और रक्त के गुणों को प्रभावित करने वाले कारक) नामक एक समूह के कारण होता है। अक्सर, एक से अधिक जोखिम कारक मौजूद रहते हैं। रक्त के प्रवाह में बदलाव: स्थिरीकरण (सर्जरी के बाद, चोट या लंबी दूरी की हवाई यात्रा), गर्भावस्था (प्रोकोगुलैंट भी), मोटापा (प्रोकोगुलैंट भी) दीवार नलिका के कारक : VTE में सीमित प्रत्यक्ष प्रासंगिकता रक्त के गुणों को प्रभावित करने वाले कार क (प्रोगुलैंट अवस्था): हार्मोनल गर्भनिरोधक युक्त आस्ट्रोजीन आनुवंशिक थ्रोंबोफिलिया (कारक वी लेइडेन,प्रोथ्रोंबिन म्युटेशन G20210A, प्रोटीन सी की कमी, प्रोटीन एस कमी, एंटिथ्रोंबिन की कमी, हाइपरहोमोसिस्टेनिमिया और प्लाजमाइनोजेन/फिब्रिनोलाइसिस विकार). उपार्जित थ्रंबोफिलिया (एंटिफोस्फोलिपिड सिंड्रोम, नेफ्रोटिक सिंड्रोम, पैरोक्सिस्मल नॉक्टर्नल हिमोग्लोबिन्युरिया) सन्दर्भ चिकित्सा आपात स्थिति फुफ्फुसीय हृदय रोग और फुफ्फुसीय संचालन के रोग श्रेष्ठ लेख योग्य लेख गूगल परियोजना
हॉलीवुड एक्‍टर जेसन स्टेथम वैसे तो एक बेहतरीन और प्रफेशनल चालक हैं, लेकिन फिल्म 'द एक्सपेंडेबल्स 3' की शूटिंग के दौरान वह मौत के मुंह में जाते-जाते बचे. एक वेबसाइट के मुताबिक, फिल्म के एक सीन में उनकी कार का ब्रेक फेल हो गया और उनकी गाड़ी खाई में गिर जाती है. इस सीन की शूटिंग के बारे में जेसन कहते हैं कि उन्हें बस इतना याद है कि वह बेहद भयानक अनुभव था. एक टीवी शो में उन्होंने कहा कि ड्राइविंग और मार्शल आर्ट ट्रेनिंग की वजह से उन्हें इस एक्शन फिल्म में काम तो मिल गया, लेकिन वे इस तरह के अनुभव के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थे. जेसन ने कहा, 'उस पल को मैंने जिया, जिसमें मैं पानी में लगभग डूब चुका था. मैंने कई बार स्कूबा डाइविंग की है और भी कई तरह की डाइविंग की है, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ता, पानी के अंदर जब आप डूब रहे हो, तो सांस कैसे लिया जाता है, यह कोई नहीं सिखा सकता.'
दिल्ली महिला आयोग की टीम ने एक शादीशुदा लड़की रजनी (नाम परिवर्तित) को उसके मां-बाप के घर से रेस्क्यू कराया है. रजनी ने अपने मां-पिता की मर्जी के खिलाफ राजा (नाम परिवर्तित) से शादी कर ली थी. दोनों की जाति अलग होने के कारण रजनी के घर वालों को यह शादी मंजूर नहीं थी. इसके बावदूर रजनी और राजा ने शादी कर ली. शादी के करीब 14 महीने बाद रजनी के घर वाले उसे अपने साथ गुड़गांव ले गए और फिर उसे वापस राजा के पास नहीं भेजा. डीसीडब्ल्यू की टीम ने गुड़गांव पुलिस को साथ लेकर रजनी को उसके मायके से रेस्क्यू कराया है. रजनी ने बताया कि उसका और राजा दोनों का परिवार ग्रामीण दिल्ली में रहता था. दोनों साथ में पढ़ते थे और एक दूसरे को पसंद करते थे. दोनों ने शादी करने का निर्णय लिया. दोनों ने अपने-अपने घरों में अपनी शादी की बात बता दी. राजा के घर वालों के इस शादी से कोई परेशानी नहीं थी. लेकिन रजनी के घर वाले इन दोनों की शादी के लिए तैयार नहीं थे. रजनी ने बताया कि एक साल उसने अपने घर वालों को मनाने की कोशिश भी की, लेकिन वे नहीं माने. इसके बाद दोनों ने आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली और हरियाणा में रहने लगे. शादी के बाद रजनी का परिवार दिल्ली से गुड़गांव शिफ्ट हो गया. दोनों 14 महीने तक साथ रहे. इस दौरान रजनी के घर वाले उस पर दवाब बनाते रहे कि वो इस शादी को खत्म करके वापस आ जाए और वो उसकी दूसरी शादी करा देंगे. लेकिन रजनी इसके लिए तैयार नहीं हुई. शादी के 14 महीने के बाद एक दिन रजनी के घर वाले उसके घर आये और उसे अपने साथ लेकर चले गए. चार महीने तक रजनी के घर वालों ने उसे अपने पास रखा और उसके पति से नहीं मिलने दिया. रजनी का एक 1 साल का बेटा भी उसके साथ ही रहा. रजनी ने बताया कि जब कभी वह अपने पति के पास जाने के लिए कहती तो उसके घर वाले धमकी देते कि यदि वह उसके पास गई तो वे दोनों को जान से मार देंगे. इसी डर से रजनी घर से अपने पति के पास नहीं गई. रजनी को उसके घर वाले गांव भी लेकर चले गए और उस पर राजा को तलाक देने का दबाव बनाने लगे. लेकिन रजनी तैयार नहीं हुई. राजा ने बताया कि वह मदद के लिए दिल्ली पुलिस के पास गया तो दिल्ली पुलिस ने कहा कि गुड़गांव का केस हैं. गुड़गांव पुलिस के पास जाओ. एक दिन रजनी को उसकी दादी का फोन मिल गया और उसने अपने पति राजा से कहा कि उसे जल्द से जल्द यहां से लेकर चले जाएं, नहीं तो उसके साथ कुछ भी हो सकता है. राजा को उसके दोस्त ने दिल्ली महिला आयोग के बारे में बताया. राजा दिल्ली महिला आयोग के ऑफिस पहुंचा और उसने अपनी परेशानी बताई. इसके बाद दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जय हिंद के निर्देश पर आयोग के मोबाइल हेल्पलाइन प्रोग्राम(एमएचएल) की एक टीम गठित की. आयोग की टीम ने गुड़गांव जाकर रजनी को रेस्क्यू कराया और उसे उसके पति से मिलवाया. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने कहा कि यदि कोई किसी लड़की या महिला को परेशानी में देखता है तो इसकी सूचना दिल्ली महिला आयोग दें ताकि डीसीडब्ल्यू लोगों के सहयोग से ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद कर सके.
श्रीलंका के साथ मौजूदा सीरीज में चोट की वजह से 2 वनडे मैचों से बाहर रहे युवराज सिंह अब तीसरा वनडे खेलने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. तीसरे वनडे मैच से पहले उन्‍होंने करीब 40 मिनट तक मैदान में अभ्‍यास किया. तीसरा मैच सोमवार को कटक में होने जा रहा है. गौरतलब है कि उंगली में चोट की वजह से युवराज पहले के 2 मैच खेलने से वंचित रह गए थे. दूसरी ओर तमिलनाडु के विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक को श्रीलंका के खिलाफ अगले 2 वनडे के लिये महेंद्र सिंह धोनी की जगह भारतीय टीम में शामिल किया जा चुका है. धोनी पर पहले ही 2 मैचों का प्रतिबंध लगाया जा चुका है. तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा ने एस. श्रीसंत की जगह ली है, जो स्वाइन फ्लू के कारण बाहर हैं.
योगगुरु बाबा रामदेव अपने करीबी सहायक बालकृष्ण की गिरफ्तारी के विरोध में धरने पर बैठ गए हैं। उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया कि वह राष्ट्रवादी लोगों को प्रताड़ित करने के लिए सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने काला धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ नए सिरे से आंदोलन शुरू करके लड़ने का भी संकल्प जताया। यह आंदोलन आगामी नौ अगस्त से नई दिल्ली में शुरू होगा। उन्होंने कहा कि वह विदेशों में जमा 400 लाख करोड़ रुपये को वापस लाने के लिए संघर्ष जारी रखेंगे। पुलिस द्वारा लच्छीवाला इलाके में रोके जाने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘आचार्य बालकृष्ण न तो आतंकवादी हैं और न ही अपराधी... बल्कि उन्होंने अपने आयुर्वेद के ज्ञान के जरिए करोड़ों लोगों के कल्याण के लिए ईमानदारी से काम किया है। हम नैतिक आधार पर उनके साथ खड़े हैं।’टिप्पणियां बाद में रामदेव बालकृष्ण की गिरफ्तारी के विरोध में सीबीआई कार्यालय के सामने धरने पर बैठे। उन्होंने लोगों को प्रताड़ित करने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने के लिए केंद्र की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘केंद्र सीबीआई का कठपुतली के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।’ जाली दस्तावेजों के आधार पर बालकृष्ण के पासपोर्ट हासिल करने के आरोपों के संबंध में रामदेव ने दावा किया कि नेपाल सरकार ने पहले ही भारत को सूचित किया है कि बालकृष्ण नेपाली नागरिक नहीं हैं। रामदेव ने कहा कि वह अपने और अपने ट्रस्ट के खिलाफ किसी भी जांच से डरे नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं डरा हुआ नहीं हूं। सिर्फ उन लोगों को डरना चाहिए जिन्होंने विदेशी बैंकों में देश का धन जमा कर रखा है।’ पुलिस द्वारा लच्छीवाला इलाके में रोके जाने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘आचार्य बालकृष्ण न तो आतंकवादी हैं और न ही अपराधी... बल्कि उन्होंने अपने आयुर्वेद के ज्ञान के जरिए करोड़ों लोगों के कल्याण के लिए ईमानदारी से काम किया है। हम नैतिक आधार पर उनके साथ खड़े हैं।’टिप्पणियां बाद में रामदेव बालकृष्ण की गिरफ्तारी के विरोध में सीबीआई कार्यालय के सामने धरने पर बैठे। उन्होंने लोगों को प्रताड़ित करने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने के लिए केंद्र की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘केंद्र सीबीआई का कठपुतली के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।’ जाली दस्तावेजों के आधार पर बालकृष्ण के पासपोर्ट हासिल करने के आरोपों के संबंध में रामदेव ने दावा किया कि नेपाल सरकार ने पहले ही भारत को सूचित किया है कि बालकृष्ण नेपाली नागरिक नहीं हैं। रामदेव ने कहा कि वह अपने और अपने ट्रस्ट के खिलाफ किसी भी जांच से डरे नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं डरा हुआ नहीं हूं। सिर्फ उन लोगों को डरना चाहिए जिन्होंने विदेशी बैंकों में देश का धन जमा कर रखा है।’ बाद में रामदेव बालकृष्ण की गिरफ्तारी के विरोध में सीबीआई कार्यालय के सामने धरने पर बैठे। उन्होंने लोगों को प्रताड़ित करने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने के लिए केंद्र की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘केंद्र सीबीआई का कठपुतली के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।’ जाली दस्तावेजों के आधार पर बालकृष्ण के पासपोर्ट हासिल करने के आरोपों के संबंध में रामदेव ने दावा किया कि नेपाल सरकार ने पहले ही भारत को सूचित किया है कि बालकृष्ण नेपाली नागरिक नहीं हैं। रामदेव ने कहा कि वह अपने और अपने ट्रस्ट के खिलाफ किसी भी जांच से डरे नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं डरा हुआ नहीं हूं। सिर्फ उन लोगों को डरना चाहिए जिन्होंने विदेशी बैंकों में देश का धन जमा कर रखा है।’ रामदेव ने कहा कि वह अपने और अपने ट्रस्ट के खिलाफ किसी भी जांच से डरे नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं डरा हुआ नहीं हूं। सिर्फ उन लोगों को डरना चाहिए जिन्होंने विदेशी बैंकों में देश का धन जमा कर रखा है।’
पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ज्यादा बेचैन है. इसी बेचैनी के कारण गुरुवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक की. इस बैठक में जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इन्सानियत फाउंडेशन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया गया है. अभी कुछ दिन पहले ही मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के इन दोनों संगठनों पर बैन हटाया गया था. सईद इन दोनों संगठनों के जरिए करीब 300 धार्मिक शिक्षण संस्थान और स्कूल, अस्पताल, पब्लिशिंग हाउस और एंबुलेंस सर्विस चलाता है. उसके करीब 50 हजार स्वयंसेवक और सैकड़ों कर्मचारी हैं. पाकिस्तान सरकार की इस कार्रवाई की जमात-उद-दावा ने निंदा की. जमात-उद-दावा के प्रवक्ता ने कहा कि संगठनों के प्रतिबंध से कश्मीर की आजादी के लिए चल रहे आंदोलन को नुकसान पहुंचेगा. प्रतिबंध भारतीयों के दबाव पर लगाया गया है. इससे पहले भी कई सरकारों ने हमारे संगठनों पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन हम कोर्ट के जरिए बाहर आ जाते थे. इस बार भी हम कोर्ट का रुख करेंगे. जमात-उद-दावा और एफआईएफ शांतिपूर्ण संगठन है और दान आधारित कार्यों में शामिल हैं. हाफिज सईद ने बनाया था जमात-उद-दावा दरअसल, आतंकी संगठन लश्‍कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद को संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी घोषित करते हुए उस पर 10 मिलियन डॉलर के इनाम की घोषणा की. इसके बाद 2012 में पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा पर बैन लगाया था. इस कार्रवाई के बाद हाफिज सईद ने आतंकी गतिविधियों को चलाने के लिए जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इन्सानियत फाउंडेशन बनाया और मुंबई हमले जैसे कई आतंकी वारदातों को अंजाम दिया. अमेरिका और यूरोपियन देशों के फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने आतंकवाद को सपोर्ट करने का आरोप लगाते हुए पाकिस्तान को अपनी ग्रे लिस्ट में डाल दिया था. एफएटीएफ के इस कार्रवाई के बाद तत्कालीन पाकिस्तान सरकार ने जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इन्सानियत फाउंडेशन पर बैन लगा दिया था. इसके लिए पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने आतंकवाद निरोधी अधिनियम, 1997 को संशोधित करते हुए अध्यादेश लागू किया था. पिछले दिनों राष्ट्रपति द्वारा जारी अध्यादेश निष्प्रभावी हो गया है और उसकी अवधि को नहीं बढ़ाया गया. इस कारण इन दोनों संगठनों पर लगा बैन हट गया था. भारत-पाकिस्तान के रिश्तों पर चर्चा राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की इस बैठक में इमरान खान, पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा, सर्विसेज चीफ, खुफिया एजेंसियों के प्रमुख और सुरक्षा अधिकारियों के साथ वित्त मंत्री असद उमर, रक्षा मंत्री परवेज खटक, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, गृह राज्य मंत्री शहरयार अफरीदी और अन्य नेता मौजूद रहे. बैठक में भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा हालात पर चर्चा की गई. हालांकि, इस बैठक में पाकिस्तान ने पुलवामा में अपनी संलिप्ता से इंकार कर दिया. इमरान खान ने अपने बयान को दोहराते हुए कहा कि इस हमले की योजना जम्मू-कश्मीर में बनाई गई और उसे वही अंजाम दिया गया. इसमें पाकिस्तान की कोई भूमिका नहीं है. अगर भारत की ओर से कोई कार्रवाई की जाती है तो पाकिस्तान की आर्मी को भी जवाबी कार्रवाई करने की छूट दे दी गई है.
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: बिहार के भागलपुर जिला के इशाकचक रेलवे क्रॉसिंग के निकट स्थित जेडीयू की राज्यसभा सदस्य कहकशां परवीन के घर के बाहर कथित तौर पर रंगदारी की मांग को लेकर असामाजिक तत्वों द्वारा किए गए बम से हमले में सांसद के पति के बड़े भाई और अंगरक्षक सहित चार व्यक्ति घायल हो गए. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने सोमवार को बताया कि रविवार को हुए इस हमले में सांसद के पति के बड़े भाई और अंगरक्षक सहित चार व्यक्ति घायल हो गए.टिप्पणियां उन्होंने बताया कि इस मामले में इशाकचक थाना अध्यक्ष राम इकबाल प्रसाद के बयान पर 10 लोगों के खिलाफ नामजद प्रथमिकी दर्ज कराई गई है, जिनमें से एक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. अन्य की गिरफ्तारी के लिए सघन छापेमारी जारी है. मनोज ने बताया कि पहली नजर में यह वारदात सांसद और उनके पति मोहम्मद नसीमुद्दीन से रंगदारी की मांग को लेकर किया जाना प्रतीत होता है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने सोमवार को बताया कि रविवार को हुए इस हमले में सांसद के पति के बड़े भाई और अंगरक्षक सहित चार व्यक्ति घायल हो गए.टिप्पणियां उन्होंने बताया कि इस मामले में इशाकचक थाना अध्यक्ष राम इकबाल प्रसाद के बयान पर 10 लोगों के खिलाफ नामजद प्रथमिकी दर्ज कराई गई है, जिनमें से एक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. अन्य की गिरफ्तारी के लिए सघन छापेमारी जारी है. मनोज ने बताया कि पहली नजर में यह वारदात सांसद और उनके पति मोहम्मद नसीमुद्दीन से रंगदारी की मांग को लेकर किया जाना प्रतीत होता है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने बताया कि इस मामले में इशाकचक थाना अध्यक्ष राम इकबाल प्रसाद के बयान पर 10 लोगों के खिलाफ नामजद प्रथमिकी दर्ज कराई गई है, जिनमें से एक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. अन्य की गिरफ्तारी के लिए सघन छापेमारी जारी है. मनोज ने बताया कि पहली नजर में यह वारदात सांसद और उनके पति मोहम्मद नसीमुद्दीन से रंगदारी की मांग को लेकर किया जाना प्रतीत होता है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बार फिर योगी आदित्यनाथ सरकार को घेरा है. यूपी के सहारनपुर में हुई पत्रकार की हत्‍या के मामले में अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर निशाना साध. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को कहा कि यूपी पहले उत्तम प्रदेश था लेकिन अब हत्या प्रदेश बन गया है. प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ते जा रहे हैं, दिनदहाड़े हत्याएं हो रही हैं. अखिलेश यादव ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा, यूपी में लूटपाट और हत्याओं के मामले बढ़ रहे हैं. आखिर कानून व्‍यवस्‍था कहां है. उत्तर प्रदेश जो उत्तम प्रदेश कहलाया जाना चाहिए था आज 'हत्या प्रदेश' कहा जा रहा है. Samajwadi Party leader and Former Chief Minister, Akhilesh Yadav: Yeh Uttar Pradesh jo 'Uttam Pradesh' kehlaya jana chahiye tha aaj 'Hatya Pradesh' kaha ja raha hai. Yahan hatyayein lagataar ho rahi hain. pic.twitter.com/cnFLex0lV3 — ANI UP (@ANINewsUP) August 18, 2019 सपा अध्यक्ष ने कहा, यह सरकार आखिर किस नीति पर काम कर रही है कि बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है. अखिलेश यादव ने कहा कि पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया था, अब सरकार बताए कि इस समिट से कितने बेरोजगारों को रोजगार मिला. सरकार को जवाब देना चाहिए कि लोगों की नौकरियां क्यों जा रही हैं? ऑटोमोबाइल सेक्टर का बुरा हाल क्यों है? वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी पत्रकार की हत्या के मामले पर ट्वीट कर कहा, 'अब आप इस व्यवस्था को क्या कहेंगे जहां हर दिन गोली चलाकर सरेआम हत्याओं का दौर जारी है. अपराधों को रोकने की जिम्मेदारी वाले लोग लीपापोती में जुटे हैं और यूपी तो अपराधयुक्त है ही!' अब आप इस व्यवस्था को क्या कहेंगे जहाँ हर दिन गोली चलाकर सरेआम हत्याओं का दौर है। अपराधों को रोकने की जिम्मेदारी वाले लोग लीपापोती में जुटे हैं और यूपी तो अपराधयुक्त है ही! https://t.co/eEYhvDM3mY — Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 18, 2019 बता दें कि सहारनपुर में एक अखबार के पत्रकार आशीष और उनके भाई आशुतोष को रविवार को महिपाल नामक व्यक्ति ने उनके घर में घुसकर गोली मार कर उनकी हत्या कर दी थी.
क्षेत्रीय प्रवासी भारतीय दिवस में शामिल होने के लिए लॉस एंजिलिस पहुंचीं सुषमा ने ट्वीट किया, 'मैंने फ्रांस में भारतीय राजदूत से बात की है। उन्होंने मुझे सूचित किया कि सभी भारतीय सुरक्षित हैं। फ्रांस ने नागरिकों को घरों के अंदर रहने की सलाह दी है।' इससे पहले भारतीय मिशन के उप प्रमुख मनीष प्रभात ने बताया था कि दूतावास विदेश मंत्रालय के संपर्क में है और उसे यहां के घटनाक्रमों के बारे में सूचना मुहैया करा रहा है।टिप्पणियां प्रभात ने कहा, 'अब तक, जो सूचना हमारे पास उपलब्ध है उसके मुताबिक कोई भारतीय हताहत नहीं है। हमने हमले की जानकारी मिलने के बाद एक हेल्पलाइन नंबर शुरू किया तथा पूरी रात इस पर फोन आते रहे, लेकिन किसी भारतीय के बारे में कोई सूचना नहीं मिली।' प्रभात ने कहा, 'हम सोशल मीडिया के जरिये भी भारतीय समुदाय के सदस्यों तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं तथा उनको किसी भी सूचना के लिए अपने क्षेत्रों में पहुंचने की सलाह दे रहे हैं।' आपको बता दें कि फ्रांस की राजधानी के अलग अलग स्थानों पर आठ हमलावरों ने बीती रात हमले किए। इन हमलों में कम से कम 128 लोगों की मौत हो गई। प्रभात ने कहा, 'अब तक, जो सूचना हमारे पास उपलब्ध है उसके मुताबिक कोई भारतीय हताहत नहीं है। हमने हमले की जानकारी मिलने के बाद एक हेल्पलाइन नंबर शुरू किया तथा पूरी रात इस पर फोन आते रहे, लेकिन किसी भारतीय के बारे में कोई सूचना नहीं मिली।' प्रभात ने कहा, 'हम सोशल मीडिया के जरिये भी भारतीय समुदाय के सदस्यों तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं तथा उनको किसी भी सूचना के लिए अपने क्षेत्रों में पहुंचने की सलाह दे रहे हैं।' आपको बता दें कि फ्रांस की राजधानी के अलग अलग स्थानों पर आठ हमलावरों ने बीती रात हमले किए। इन हमलों में कम से कम 128 लोगों की मौत हो गई। आपको बता दें कि फ्रांस की राजधानी के अलग अलग स्थानों पर आठ हमलावरों ने बीती रात हमले किए। इन हमलों में कम से कम 128 लोगों की मौत हो गई।
केरल की बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने को लेकर कांग्रेस और मोदी सरकार में बयानबाजी हो रही है. इस बीच केंद्रीय मंत्री अल्फोंस कन्ननथानम ने केरल की बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की कांग्रेस नेताओं की मांग को खारिज कर दिया और कहा कि आपदा प्रबंधन कानून 2005 में ऐसा करने का प्रावधान नहीं है. इस संबंध में पूर्व रक्षा मंत्री और कांग्रेस नेता ए के एंटनी के बयान पर प्रतिक्रिया जताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन कानून तब पारित किया गया था जब केंद्र में कांग्रेस नीत संप्रग की सरकार थी. एंटनी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया जताते हुए कन्ननथानम ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का प्रावधान नहीं है, कांग्रेस जब 2004-14 में सत्ता में थी तो किसी भी आपदा को राष्ट्रीय आपदा नहीं घोषित किया गया था. ’’ उधर, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने भी मांग की है कि केंद्र केरल की बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे. बता दें कि कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी, केरल के वामपंथी दलों और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने भी केंद्र सरकार से इसी तरह की मांग की है. क्या होती है आपदा आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के मुताबिक 'आपदा' का मतलब होता है किसी भी इलाके में प्राकृतिक या मानवजनित कारणों से, या दुर्घटना या उपेक्षा की वजह से आई ऐसी कोई महाविपत्ति, अनिष्ट, तबाही आदि जिससे मानव जीवन की भारी हानि या संपत्ति को भारी नुकसान और विनाश, या पर्यावरण को भारी क्षति पहुंचे और यह इतने बड़े पैमाने पर हो कि जिससे स्थानीय समुदाय के लिए निपटना संभव न हो. भूकंप, बाढ़, भूस्खलन, चक्रवात, सुनामी, शहरी इलाकों में बाढ़, लू आदि को 'प्राकृतिक आपदा' माना जाता है, जबकि न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल और केमिकल आपदाओं को 'मानव जनित आपदा' माना जाता है. कैसे तय होती है राष्ट्रीय आपदा किसी भी आपदा को राष्ट्रीय आपदा मानने के बारे में कोई सरकारी या कानूनी प्रावधान नहीं है. हाल में संसद के मानसून सत्र में गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा था, 'स्टेट डिजास्टर रेस्पांस फंड (SDRF) या नेशनल डिजास्टर रेस्पांस फंड (NDRF) के मौजूदा गाइडलाइन इसके बारे में नहीं बताते कि किस आपदा को 'राष्ट्रीय आपदा' घोषित किया जाए.' दसवें वित्त आयोग (1995-2000) के सामने विचार के लिए यह प्रस्ताव आया था कि किसी आपदा को 'असाधारण प्रचंडता की राष्ट्रीय आपदा' घोषित किया जा सकता है, यदि यह राज्य की एक-तिहाई जनसंख्या को प्रभावित करती हो. आयोग ने इसे स्वीकार तो किया, लेकिन यह तय नहीं किया कि 'असाधारण प्रचंडता की आपदा' किसे कहेंगे. लेकिन आयोग ने कहा कि यह केस टू केस पर निर्भर होगा यानी अलग-अलग मामलों के हिसाब से तय किया जा सकता है. उत्तराखंड में बादल फटने से आई बाढ़ और चक्रवात हुदहुद को इस तरह की आपदा घोषित किया गया था. इसे पढ़ें... केरल की बाढ़ राष्ट्रीय आपदा क्यों नहीं? जानें, कैसे तय करती है सरकार
कुमार विमल (1931-2011) फणीश्वर नाथ रेणु, दिनकर, नागार्जुन और नेपाली से पहचाने जाने वाले बिहार की विद्वत्परंपरा की कड़ी के महत्वपूर्ण स्तंभ कुमार विमल 26 नवंबर को नहीं रहे. अपने महाप्रयाण के पूर्व तक वे लेखन में सक्रिय रहे. उपचार के लिए अस्पताल जाने से कुछ ही दिनों पूर्व उनकी दो नई पुस्तकें साहित्येतर और स्त्री विमर्शः कामाध्यात्म और साहित्य छपकर आई थीं. पटना के लोहियानगर का उनका आवास, जिसमें वे पुस्तकों, जर्नलों के बीच रमे-जमे रहते थे, उनके न रहने पर सूना-सा हो गया है. सौंदर्यशास्त्र के अध्येता के रूप में न केवल उनका काम विरल कोटि का है बल्कि प्रो. सुरेंद्र बारलिंगे और हिंदी में रमेश कुंतल मेघ के अलावा इस क्षेत्र में उनका कोई हमकदम नहीं है. उनकी ख्याति इस क्षेत्र में इतनी जानी-पहचानी थी कि जब सौंदर्यशास्त्र के पारखी नित्यानंद कानूनगो बिहार के राज्‍यपाल बनकर आए तो वे लगभग नियमित तौर पर कुमार विमल के सान्निध्य और उनसे साहित्य चर्चा के लिए गाड़ी से उन्हें मनुहारपूर्वक राजभवन बुलवाते थे. डॉ. विमल ने यों तो लेखन की शुरुआत कविता से ही की थी किंतु उनके भीतर का उमड़ता वैचारिक उद्वेग उन्हें आलोचना की कठिन डगर की ओर खींच ले गया. अध्यापन के बाद तमाम प्रशासनिक पदों पर रहते हुए भी उन्होंने अपनी अध्यवसायिता नहीं छोड़ी और निरंतर लेखन से जुड़े रहे. सौंदर्यशास्त्र के तत्व और छायावादी काव्य का सौंदर्यशास्त्रीय अध्ययन उनकी आलोचना की पहली दो किताबें थीं. इनसे उन्होंने हिंदी के बौद्धिक वर्ग में एक सौंदर्यशास्त्री के रूप में प्रतिष्ठा पाई. इसके बाद मूल्य और मीमांसा, कला विवेचन, आलोचना और अनुशीलन, चिंतन मनन और विवेचन, महादेवी का काव्य सौष्ठव आदि लगभग चालीस कृतियां छपीं. डॉ. नगेंद्र, अज्ञेय, महादेवी और पंत से उनकी घनिष्ठता जग जाहिर थी. साहित्यिक हलके में प्रो. विमल को हिंदी का विश्वकोश माना जाता था. उनके दिलोदिमाग में साहित्य की देशव्यापी गतिविधियां हर वक्त तरोताजा रहती थीं. एक साक्षात्कार में यह पूछने पर कि उन्हें किसी एक पुस्तक से जानना हो तो कोई क्या पढ़े, उन्होंने कहा था, ''मैं बुद्ध की तरह त्रिपिटक तो नहीं लिख सका किंतु त्रिपुटक तो लिख ही सकता हूं.'' लिहाजा वे तीन खंडों में अपने लेखन का सार संग्रह तैयार करने में लगे थे. वे सौंदर्यशास्त्र का गतिविज्ञान जैसी किताब लिखने की तैयारी में भी थे, जिसमें अश्वेत सौंदर्यशास्त्र, प्रवासी साहित्य, स्त्रीवादी और दलित सौंदर्यशास्त्र जैसे विश्व वैचारिकी को आंदोलित करने वाले मुद्दे शामिल होते. यह काम अधूरा रह गया.
लेख: समाजवादी पार्टी (सपा) उम्मीदवार शफीक उर रहमान बर्क को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ टिप्पणी करना भारी पड़ गया. अब उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. शफीक उर रहमान बर्क ने 11 अप्रैल को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. चंदौसी की क्षेत्राधिकारी पूनम मिश्रा ने बताया कि बहजोई थाना के केला देवी क्षेत्र में एक सभा में सपा उम्मीदवार शफिक उर रहमान बर्क ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद उनके खिलाफ आदर्श आचार संहिता की धारा 123 व 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, नेताओं की बदजुबानी भी बढ़ गई है.  हाल ही में बीजेपी उम्मीदवार जयाप्रदा के खिलाफ सपा नेता आजम खान की अमर्यादित टिप्पणी 'खाकी अंडरवियर' को लेकर चुनाव आयोग को सख्त कदम उठाना पड़ा था. चुनाव आयोग ने जया प्रदा के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी कर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने पर आजम खान को 72 घंटे तक प्रचार करने पर रोक लगा दी थी. आजम खान ने रविवार को रामपुर में एक जनसभा के दौरान अप्रत्यक्ष रूप से जया प्रदा के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. आजम खान ने कहा था 'जिसको हम ऊंगली पकड़कर रामपुर लाए, आपने 10 साल जिससे अपना प्रतिनिधित्व कराया...उसकी असलियत समझने में आपको 17 बरस लगे, मैं 17 दिन में पेहचान गया कि इनके नीचे का अंडरवियर खाकी रंग का है.' बता दें कि रामपुर से आजम खान सपा के उम्मीदवार हैं, जहां बीजेपी की ओर से जयाप्रदा मैदान में हैं.
एशियाई बास्केटबॉल टूर्नामेंट के फाइनल में ईरान ने अपना दबदबा कायम रखते हुए मेजबान फिलिपींस को 85-71 से मात दे दी। ईरान ने पिछले छह वर्षों में तीसरी बार एशियाई बास्केटबॉल खिताब हासिल की है।टिप्पणियां समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, ईरान के कप्तान हामेद हद्दादी ने फाइनल मैच में अपनी टीम के लिए सर्वाधिक 29 अंक अर्जित किए। इसके अलावा उन्होंने 16 रिबाउंड भी लगाए। हद्दादी को टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी भी चुना गया। हद्दादी के अलावा ईरान के लिए समद निक्काह बहरमी ने 19 अंक अर्जित किए। उपविजेता फिलिपींस का हालांकि यह 1985 के बाद सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है, और फाइनल में पहुंचने के कारण उसे अगले वर्ष स्पेन में होने वाले फीबा विश्वकप में स्थान पक्का हो गया है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, ईरान के कप्तान हामेद हद्दादी ने फाइनल मैच में अपनी टीम के लिए सर्वाधिक 29 अंक अर्जित किए। इसके अलावा उन्होंने 16 रिबाउंड भी लगाए। हद्दादी को टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी भी चुना गया। हद्दादी के अलावा ईरान के लिए समद निक्काह बहरमी ने 19 अंक अर्जित किए। उपविजेता फिलिपींस का हालांकि यह 1985 के बाद सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है, और फाइनल में पहुंचने के कारण उसे अगले वर्ष स्पेन में होने वाले फीबा विश्वकप में स्थान पक्का हो गया है। हद्दादी के अलावा ईरान के लिए समद निक्काह बहरमी ने 19 अंक अर्जित किए। उपविजेता फिलिपींस का हालांकि यह 1985 के बाद सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है, और फाइनल में पहुंचने के कारण उसे अगले वर्ष स्पेन में होने वाले फीबा विश्वकप में स्थान पक्का हो गया है।
देश के 80 करोड़ मोबाइल उपभोक्ता की जिम्मेदारी देश की तीन निजी कंपनियों के हाथ में हैं. वोडाफोन आइडिया, भारतीय एयरटेल और रिलायंस जियो. तीनों ही कंपनियों ने 24 घंटे के भीतर एक सुर में मोबाइल टैरिफ बढ़ाने की घोषणा की है. यानी फ्री कॉल और सस्ते डाटा के दिन लदने वाले हैं. बात करने या इंटरनेट डेटा इस्तेमाल करने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे. क्या टेलिकॉम कंपनियों ने कार्टल बनाकर पैसे बढ़ाए गए? यह सवाल किसी भी उपभोक्ता के मन में आ सकता है. क्योंकि रिलायंस जियो की तो एंट्री ही बाजार में सबसे सस्ती और फ्री सेवा जैसी मार्केटिंग कैपेन के सहारे हुई थी. रिलायंस जियो के ऊपर तो सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का भी असर नहीं पड़ा जिसने वोडाफोन आइडिया के अस्तित्व पर ही संकट ला दिया. शायद एयरटेल और आइडिया के सहारे रिलायंस जियो ने बहती गंगा में हाथ धो लिए. जियो के अलावा दोनों बड़ी कंपनियां एजीआर की मार पड़ने के बाद कराह रही हैं. उनके पास उपभोक्ताओं से पैसा वसूलने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा. कंपनियों को जिंदा रखना है तो उपभोक्ताओं की जेब से पैसा ही निकालना होगा क्योंकि 10804.50 करोड़ रुपए का रेवेन्यु कमाने वाली वोडाफोन आइडिया को 49727 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. देर सवेर सरकार की इन कंपनियों को राहत देगी और उबारने की कोशिश करेगी. लेकिन इस पूरी कहानी के बीच गौर करने वाली बात यह है कि जिन कंपनियों को सहारा देने की कोशिश की जा रही है दरअसल डिजिटल इंडिया का दारोमदार इन्हीं के कंधे पर है. स्मार्ट सिटीज, इंटरनेट ऑफ थिंग्स का तो अभी केवल नाम ही सुना है इनका आगमन इन्हीं कंपनियों के कंधे पर बैठकर होना है. कंपनियां अगर अपने अस्तित्व की ही लड़ाई लड़ रही हैं तो नई तकनीक को अपनाने के लिए नए निवेश कहां से लाएंगी? 5 जी का रास्ता कठिन है. डिजिटल क्रांति के सपने देख रहे भारतीय तो अभी कॉल ड्रॉप न हो और इंटरनेट तेज चले इसी जुगत में लगे हैं और कंपनियां बदल बदल पर प्रयोग कर रहे हैं. भारती एयरटेल ने सितंबर में 23.8 लाख ग्राहक खो दिए, आइडिया ने सितंबर में 25.8 लाख खो दिए जबकि रिलायंस जियो को 69.8 लाख नए ग्राहक मिले. उपभोक्ताओं के आंकड़े बाजार में एकाधिकार का इशारा कर रहे हैं, जहां केवल एक या दो कंपनियां का ही राज होगा. मोबाइल सेवाएं महंगी हुईं तो निश्चित तौर पर खपत भी सिकुड़ेगी. यानी ग्राहक सोच समझकर इस्तेमाल शुरू कर देंगे. लेकिन पैर पसारती अर्थव्यवस्था के लिए यह संकुचन भी गंभीर है. फिलहाल डिजिटल इंडिया के दूत ही दिक्कत में नजर आ रहे हैं.
डरावनी फिल्म 'राज-3' के प्रचार प्रसार में व्यस्त बॉलीवुड अभिनेतत्री बिपाशा बसु को उनके दाहिने हाथ में चोट लग गई।टिप्पणियां बिपाशा बसु ने ट्विटर पर लिखा, हां मैं बुरी तरह से गिर गई और मेरे दाहिने हाथ में चोट लग गई है। मैं अब पूरी तरह से ठीक हूं। थोड़ी-सी खरोंच आई है। चिंता करने के लिए धन्यवाद। वैसे 'राज-3' से भट्ट कैंप में वापसी कर रही बिपाशा को इस फिल्म से काफी उम्मीदें हैं। उनके साथ इस फिल्म में इमरान हाशमी और ईशा गुप्ता काम कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि फिल्म में ईशा का भी दमदार रोल है। बिपाशा बसु ने ट्विटर पर लिखा, हां मैं बुरी तरह से गिर गई और मेरे दाहिने हाथ में चोट लग गई है। मैं अब पूरी तरह से ठीक हूं। थोड़ी-सी खरोंच आई है। चिंता करने के लिए धन्यवाद। वैसे 'राज-3' से भट्ट कैंप में वापसी कर रही बिपाशा को इस फिल्म से काफी उम्मीदें हैं। उनके साथ इस फिल्म में इमरान हाशमी और ईशा गुप्ता काम कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि फिल्म में ईशा का भी दमदार रोल है। वैसे 'राज-3' से भट्ट कैंप में वापसी कर रही बिपाशा को इस फिल्म से काफी उम्मीदें हैं। उनके साथ इस फिल्म में इमरान हाशमी और ईशा गुप्ता काम कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि फिल्म में ईशा का भी दमदार रोल है।
केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव संजय दीक्षित के आवास, शासन सचिवालय स्थित उनके कार्यालय और हिस्ट्रीशीटर रणजीत सिंह पंवार के मकान पर छापे मारे. सीबीआई प्रवक्ता अतुल गुप्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि ये छापे जुलाई 2007 में पंवार के खिलाफ विभिन्न थानों में विचाराधीन ढेरों मुकदमे के बावजूद पासपोर्ट के लिए संजय दीक्षित द्वारा उसे साफ छवि का प्रमाण पत्र देने के प्रकरण में जारी जांच के तहत मारे गये. उन्होंने कहा कि संजय दीक्षित के जयपुर स्थित गांधी नगर आवास और उनके पैतृक आवास एवं जयपुर स्थित उनके कार्यालय में और पंवार के ठिकानों एक साथ छापे मारे. उन्होंने कहा कि छापे की कार्रवाई जारी है.
बॉलीवुड की बिंदास बाला बिपाशा बसु अपनी छरहरी काया बरकरार रखने के लिए यूं तो खूब पसीना बहाती हैं, लेकिन मिठाई को देखते ही वह स्वयं पर काबू नहीं रख पातीं. बिपाशा ने ट्विटर पर लिखा, 'बंगाली होने की वजह से मीठे को न कहना मुश्किल है, लेकिन जंग जारी है चलिए देखते हैं कि मैं कब तक मीठे से परहेज कर सकती हूं. उफ!' मैं डिफेक्टिव पीस हूं: बिपाशा बसु मीठे की शौकीन बिपाशा हर जगह जाकर वहां की स्पेशल डिश ढूंढती हैं. और शहर में भी पहला कदम रखते ही कार के ड्राइवर से उन्होंने यही पूछा कि यहां मीठे में सबसे अच्छा क्या है?
यह एक लेख है: उस्ताद बिस्मिल्ला खान की चोरी हुईं शहनाइयों में चांदी की एक शहनाई बरामद कर ली गई है. चौक थाना पुलिस ने आज यह जानकारी दी. गौरतलब है कि एसटीएफ की वाराणसी इकाई ने मरहूम उस्ताद के पौत्र नजरे हसन उर्फ शादाब सहित तीन लोगों की गिरफ्तारी की थी. उस दौरान बिस्मिल्ला खान की लकड़ी की एक शहनाई और एक किलो 66 ग्राम चांदी की बट्टियां बरामद की गई थीं शादाब के साथ पकड़े गए शंकर ज्वैलर्स के अधिष्ठाता शंकर सेठ और उसके पुत्र सुजीत ने स्वीकार किया था कि उन्होंने चांदी की तीन शहनाइयों और लकड़ी की शहनाई में लगे चांदी को गला दिया था. चौक पुलिस के अनुसार नजरे हसन की निशानदेही पर मध्यरात्रि बाद उसके घुघरानी गली में चाहमेहमा स्थित आवास से ही चांदी की एक शहनाई बरामद कर ली गई.टिप्पणियां उल्लेखनीय है कि गत वर्ष 5 दिसंबर को नजरे हसन के पिता और उस्ताद के पांच पुत्रों में सबसे छोटे काजिम हुसैन ने चौक थाने में चांदी की चार सहित कुल पांच शहनाइयों की चोरी की रिपोर्ट दर्ज करायी थी. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) शादाब के साथ पकड़े गए शंकर ज्वैलर्स के अधिष्ठाता शंकर सेठ और उसके पुत्र सुजीत ने स्वीकार किया था कि उन्होंने चांदी की तीन शहनाइयों और लकड़ी की शहनाई में लगे चांदी को गला दिया था. चौक पुलिस के अनुसार नजरे हसन की निशानदेही पर मध्यरात्रि बाद उसके घुघरानी गली में चाहमेहमा स्थित आवास से ही चांदी की एक शहनाई बरामद कर ली गई.टिप्पणियां उल्लेखनीय है कि गत वर्ष 5 दिसंबर को नजरे हसन के पिता और उस्ताद के पांच पुत्रों में सबसे छोटे काजिम हुसैन ने चौक थाने में चांदी की चार सहित कुल पांच शहनाइयों की चोरी की रिपोर्ट दर्ज करायी थी. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) चौक पुलिस के अनुसार नजरे हसन की निशानदेही पर मध्यरात्रि बाद उसके घुघरानी गली में चाहमेहमा स्थित आवास से ही चांदी की एक शहनाई बरामद कर ली गई.टिप्पणियां उल्लेखनीय है कि गत वर्ष 5 दिसंबर को नजरे हसन के पिता और उस्ताद के पांच पुत्रों में सबसे छोटे काजिम हुसैन ने चौक थाने में चांदी की चार सहित कुल पांच शहनाइयों की चोरी की रिपोर्ट दर्ज करायी थी. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उल्लेखनीय है कि गत वर्ष 5 दिसंबर को नजरे हसन के पिता और उस्ताद के पांच पुत्रों में सबसे छोटे काजिम हुसैन ने चौक थाने में चांदी की चार सहित कुल पांच शहनाइयों की चोरी की रिपोर्ट दर्ज करायी थी. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)