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नरेंद्र मोदी के सीएम से पीएम बनने के सफर में गुजरात की अहम भूमिका रही है. नरेंद्र मोदी गुजरात विकास मॉडल को लेकर देश की सत्ता के सिंहासन पर काबिज हुए हैं. यही वजह है कि विपक्ष उनके ही दुर्ग में उन्हें मात देने की जुगत में है, तो नरेंद्री मोदी अपने किले को बचाने के लिए पूरा दमखम लगा रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि 2019 की लड़ाई गुजरात में लड़ी जा रही है. गुजरात में मिली जीत मोदी को और मजबूत बनाएगी तो कांग्रेस के खाते में अगर सफलता आती है तो राहुल गांधी की जबरदस्त लॉन्चिंग हो सकती है.
गुजरात को बीजेपी का दुर्ग कहा जाता है. बीजेपी पिछले पांच विधानसभा चुनावों में लगातार जीत दर्ज करके पिछले दो दशक से गुजरात की सत्ता के सिंहासन पर काबिज है. गुजरात विधानसभा की सियासी रणभूमि को छठी बार बीजेपी के वर्चस्व को बरकरार रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोर्चा संभालने के लिए खुद उतर रहे हैं.
बता दें कि
नरेंद्र मोदी की सियासी वजूद गुजरात की रणभूमि
से ही परवान चढ़ा है. नरेंद्र मोदी 2002 में गुजरात के मुख्यमंत्री बने और सीढ़ी दर सीढ़ी चढ़ते गए. नरेंद्र मोदी लगातार तीन बार मुख्यमंत्री बने और 2014 में करिश्माई जीत दर्ज करके देश के प्रधानमंत्री बने. बीजेपी पहली बार अपने दम पर पूर्ण बहुमत के साथ देश की सत्ता पर विराजमान हुई.
2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात छोड़ दिल्ली आने के बाद से बीजेपी को राज्य में एक विश्वसनीय चेहरा नहीं मिल पाया है, जो जनता का रुझान अपने पक्ष में कर सके. इतना ही नहीं नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बात गुजरात में बीजेपी की पकड़ कमजोर हुई है. गुजरात की अवाम बीजेपी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर हुई है. पाटीदार से लेकर दलित समुदाय तक में बीजेपी से नाराजगी मानी जा रही है. इतना ही नहीं गुजरात के विकास मॉडल पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं.
गुजरात के बदलते सियासी समीकरण को देखते हुए
नरेंद्र मोदी ने खुद कमान अपने हाथों में
ले ली है. नरेंद्र मोदी लगातार गुजरात का दौरा कर रहे हैं. पिछले एक साल में करीब एक दर्जन से ज्यादा बार गुजरात जा चुके हैं. उन्होंने गुजरात के विकास के लिए सरकारी खजाने का पिटारा भी खोल दिया. बीजेपी गुजरात में नाराज पाटीदारों को मनाने से लेकर मुस्लिम मतों को भी साधने की कवायद कर रही है.
गुजरात के सियासी रण को जीतने के लिए नरेंद्र मोदी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. नरेंद्र मोदी 10 नवंबर के बाद से पूरी तरह से गुजराती रंग में नजर आएंगे. बीजेपी ने गुजरात का रण जीतने के लिए मोदी की 50 से 70 रैलियां राज्य में कराने की योजना बनाई है. जबकि गुजरात में 33 जिले हैं. इस तरह देखा जाए तो एक जिले में दो चुनावी रैलियों को नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे. हालांकि इससे पहले पार्टी ने राज्य में प्रधानमंत्री की 15 से 18 रैलियों की योजना बनाई थी, लेकिन अब पार्टी ने मोदी से गुजारिश की है कि वे राज्य में कम से कम 50 छोटी-बड़ी रैलियां करें. साथ ही साथ जितना संभव हो सके रोड शो भी हो.
प्रधानमंत्री और बीजेपी के लिए गुजरात विधानसभा चुनाव साख का सवाल बन गया है, तो विपक्ष को भी दोबारा से खड़े होने का मौका नजर आ रहा है. यही वजह है कि नरेंद्र मोदी को सियासी मात देने के लिए विपक्षी दल कांग्रेस उन्हीं के दुर्ग की घेराबंदी करने में जुटी है. कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी मोर्चा संभाले हुए हैं. राहुल गांधी गुजरात के युवा त्रिमूर्ती अल्पेश, जिग्नेश और हार्दिक पटेल के सहारे सत्ता के वनवास को खत्म करने में जुटे हैं. राहुल गांधी लगातार जातीय समीकरण साधने से लेकर सॉफ्ट हिंदुत्व की राह भी अपनाए हुए हैं.
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हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya)और केएल राहुल (KL Rahul ) को एक टीवी शो के दौरान महिलाओं के खिलाफ की गई टिप्पणी का खामियाजा भुगतना पड़ा है. कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स प्रमुख विनोद राय ने शुक्रवार को इस बात की पुष्टि की है कि हार्दिक और राहुल को महिलाओं पर उनकी विवादास्पद टिप्पणियों के लिये जांच लंबित रहने तक निलंबित कर दिया गया है. गौरतलब है कि टीवी शो ‘कॉफी विद करण' (Koffee With Karan) के दौरान हार्दिक पंड्या की टिप्पणी की काफी आलोचना हुई थी और इन्हें ‘सेक्सिस्ट' करार किया गया. पंड्या ने बाद में अपने इन कमेंट्स के लिए माफी मांगी थी. उन्होंने कहा था कि वे शो के हिसाब से भावनाओं में बह गये थे, इस शो में केएल राहुल भी हार्दिक के साथ थे.शो पर पंड्या ने कई महिलाओं से अपने संबंधों को बढ़ा-चढ़ाकर बताया था और यह भी कहा था कि वह अपने माता-पिता से भी इसके बारे में काफी खुले हुए हैं.
महिलाओं के खिलाफ कमेंट्स को लेकर हार्दिक पंड्या और केएल राहुल को कारण बताओ नोटिस..
बीसीसीआई का काम देख रही प्रशासकों की समिति (सीओए) की ओर से हार्दिक और राहुल को उनकी टिप्पणियों के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा गया था और स्पष्टीकरण के लिये 24 घंटे का समय दिया था.टीवी शो महिलाओं के खिलाफ अनुचित टिप्पणी के बाद सीओए प्रमुख विनोद राय ने दोनों खिलाड़ियों पर दो मैचों के प्रतिबंध की सिफारिश की थी. सीओए की एक अन्य सदस्य इडुल्जी ने शुरुआत में इन दोनों को दो मैचों के लिए निलंबित करने का सुझाव दिया था लेकिन बाद में इस मामले को लीगल विभाग के पास भेज दिया था. प्रशासकों की समिति (COA) की सदस्य डायना इडुल्जी (Diana Edulji) ने भारतीय खिलाड़ियों हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) और लोकेश राहुल (KL Rahul) के खिलाफ शुक्रवार को ‘आगे की कार्रवाई तक निलंबन' की सिफारिश की थी क्योंकि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) की लीगल टीम ने महिलाओं पर इनकी विवादास्पद टिप्पणी को आचार संहिता का उल्लंघन घोषित करने से इनकार कर दिया है.
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लेख: विश्व की सबसे बड़ी सोशल मीडिया कंपनी के लिए भारतीय बाजार के महत्व का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि एक अरब लोगों को इंटरनेट से जोड़ने के लक्ष्य को पूरा करने में इस देश की बड़ी भूमिका है। जुकरबर्ग ने कहा ‘‘यदि आपके पास एक अरब लोगों से जुड़ने का लक्ष्य है तो आप ऐसा भारत के बगैर नहीं कर सकते।’’ उन्होंने कहा कि फेसबुक उपयोक्ताओं की संख्या के आधार पर भारत 13 करोड़ उपयोक्ताओं के साथ अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है। विश्वभर में फेसबुक के 1.3 अरब उपयोक्ता हैं।
उन्होंने कहा ‘‘भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और हमारे पास यहां 13 करोड़ उपयोक्ता हैं। इंटरनेट पहुंच प्रदान करने में मदद करना हमारा लक्ष्य है।’’ यह जुकरबर्ग की दूसरी भारत यात्रा है। उन्होंने कहा कि कंपनी कई पहलों में निवेश कर रही है। इसका मकसद कनेक्टिविटी की रास्तों की अड़चनों को दूर करना और जागरूकता पैदा करना है। इनमें सौर ऊर्जा आधारित विमान और बीमिंग सिग्नलों के लिए सैटेलाइट भेजने जैसी परियोजना शामिल है। आईआईटी दिल्ली के परिसर में आयोजित टाउनहॉल में एक हजार के करीब छात्र, शिक्षक और युवा उद्यमी मौजूद थे। जुकरबर्ग कल भारत यात्रा पर आए थे और वह सबसे पहले ताजमहल गए थे। उन्होंने कहा कि आज सुबह व इंडिया गेट के लॉन में सुबह की सैर के लिए गए।
उन्होंने कहा ‘‘भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और हमारे पास यहां 13 करोड़ उपयोक्ता हैं। इंटरनेट पहुंच प्रदान करने में मदद करना हमारा लक्ष्य है।’’ यह जुकरबर्ग की दूसरी भारत यात्रा है। उन्होंने कहा कि कंपनी कई पहलों में निवेश कर रही है। इसका मकसद कनेक्टिविटी की रास्तों की अड़चनों को दूर करना और जागरूकता पैदा करना है। इनमें सौर ऊर्जा आधारित विमान और बीमिंग सिग्नलों के लिए सैटेलाइट भेजने जैसी परियोजना शामिल है। आईआईटी दिल्ली के परिसर में आयोजित टाउनहॉल में एक हजार के करीब छात्र, शिक्षक और युवा उद्यमी मौजूद थे। जुकरबर्ग कल भारत यात्रा पर आए थे और वह सबसे पहले ताजमहल गए थे। उन्होंने कहा कि आज सुबह व इंडिया गेट के लॉन में सुबह की सैर के लिए गए।
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: फ़िल्म 'नीरजा' के बेहतरीन प्रदर्शन और ढेर सारी सराहना को देखते हुए इसे महाराष्ट्र में टैक्स फ्री करने की घोषणा की जा चुकी है। महाराष्ट्र सरकार ने फ़िल्म 'नीरजा' को कर मुक्त कर दिया है ताकि ज़्यादा से ज़्यादा दर्शक नीरजा की कहानी को जान सकें।
महाराष्ट्र में कर मुक्त होने के बाद नीरजा की भूमिका निभाने वाली अभिनेत्री सोनम कपूर बेहद खुश हैं और महाराष्ट्र सरकार का शुक्रिया अदा किया है और ट्विटर पर लिखा है, "मैं महाराष्ट्र सरकार की बहुत शुक्रगुज़ार हूं जिसने नीरजा को फ़ौरन कर मुक्त किया है। आभारी हूं।"टिप्पणियां
फ़िल्म 'नीरजा' की टीम चाहती थी कि इस फ़िल्म को कर मुक्त कर दिया जाए ताकि ज़्यादा से ज़्यादा दर्शक इस फ़िल्म को देख सकें। 'नीरजा' को बॉक्स ऑफिस पर ज़बरदस्त कमाई तो हो ही रही है, फ़िल्म को बहुत ज़्यादा सराहना भी मिल रही है। इतनी जल्दी फ़िल्म के इतने बड़े कलेक्शन से यह भी साबित हो रहा है कि दर्शकों की अच्छी प्रतिक्रिया जिसे हम 'वर्ड ऑफ़ माउथ' कहते हैं, की वजह से काफ़ी दर्शक इस फ़िल्म को देख रहे हैं।
ऐसे में फ़िल्म की टीम चाहती रही है कि 'नीरजा' को टैक्स फ़्री कर दिया जाए ताकि कम कीमतों वाली टिकट खरीदकर ज़्यादा से ज़्यादा लोग 'नीरजा' को देख सकें और उस लड़की की क़ुर्बानी को याद कर सकें। टैक्स फ्री की शुरुआत महाराष्ट्र से हो चुकी है। देखते हैं कि इस फिल्म को टैक्स फ्री करवाने के लिए और कौन से राज्य सामने आते हैं।
महाराष्ट्र में कर मुक्त होने के बाद नीरजा की भूमिका निभाने वाली अभिनेत्री सोनम कपूर बेहद खुश हैं और महाराष्ट्र सरकार का शुक्रिया अदा किया है और ट्विटर पर लिखा है, "मैं महाराष्ट्र सरकार की बहुत शुक्रगुज़ार हूं जिसने नीरजा को फ़ौरन कर मुक्त किया है। आभारी हूं।"टिप्पणियां
फ़िल्म 'नीरजा' की टीम चाहती थी कि इस फ़िल्म को कर मुक्त कर दिया जाए ताकि ज़्यादा से ज़्यादा दर्शक इस फ़िल्म को देख सकें। 'नीरजा' को बॉक्स ऑफिस पर ज़बरदस्त कमाई तो हो ही रही है, फ़िल्म को बहुत ज़्यादा सराहना भी मिल रही है। इतनी जल्दी फ़िल्म के इतने बड़े कलेक्शन से यह भी साबित हो रहा है कि दर्शकों की अच्छी प्रतिक्रिया जिसे हम 'वर्ड ऑफ़ माउथ' कहते हैं, की वजह से काफ़ी दर्शक इस फ़िल्म को देख रहे हैं।
ऐसे में फ़िल्म की टीम चाहती रही है कि 'नीरजा' को टैक्स फ़्री कर दिया जाए ताकि कम कीमतों वाली टिकट खरीदकर ज़्यादा से ज़्यादा लोग 'नीरजा' को देख सकें और उस लड़की की क़ुर्बानी को याद कर सकें। टैक्स फ्री की शुरुआत महाराष्ट्र से हो चुकी है। देखते हैं कि इस फिल्म को टैक्स फ्री करवाने के लिए और कौन से राज्य सामने आते हैं।
फ़िल्म 'नीरजा' की टीम चाहती थी कि इस फ़िल्म को कर मुक्त कर दिया जाए ताकि ज़्यादा से ज़्यादा दर्शक इस फ़िल्म को देख सकें। 'नीरजा' को बॉक्स ऑफिस पर ज़बरदस्त कमाई तो हो ही रही है, फ़िल्म को बहुत ज़्यादा सराहना भी मिल रही है। इतनी जल्दी फ़िल्म के इतने बड़े कलेक्शन से यह भी साबित हो रहा है कि दर्शकों की अच्छी प्रतिक्रिया जिसे हम 'वर्ड ऑफ़ माउथ' कहते हैं, की वजह से काफ़ी दर्शक इस फ़िल्म को देख रहे हैं।
ऐसे में फ़िल्म की टीम चाहती रही है कि 'नीरजा' को टैक्स फ़्री कर दिया जाए ताकि कम कीमतों वाली टिकट खरीदकर ज़्यादा से ज़्यादा लोग 'नीरजा' को देख सकें और उस लड़की की क़ुर्बानी को याद कर सकें। टैक्स फ्री की शुरुआत महाराष्ट्र से हो चुकी है। देखते हैं कि इस फिल्म को टैक्स फ्री करवाने के लिए और कौन से राज्य सामने आते हैं।
ऐसे में फ़िल्म की टीम चाहती रही है कि 'नीरजा' को टैक्स फ़्री कर दिया जाए ताकि कम कीमतों वाली टिकट खरीदकर ज़्यादा से ज़्यादा लोग 'नीरजा' को देख सकें और उस लड़की की क़ुर्बानी को याद कर सकें। टैक्स फ्री की शुरुआत महाराष्ट्र से हो चुकी है। देखते हैं कि इस फिल्म को टैक्स फ्री करवाने के लिए और कौन से राज्य सामने आते हैं।
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टीवी की जानी-मानी एक्ट्रेस दिव्यांका त्रिपाठी ने अपने रियल लाइफ बलिए के साथ नाम नच बलिए सीजन 8 का खिताब अपने नाम कर लिया है. दिव्यांका और विवेक की शादी पिछले साल जुलाई में हुई थी. दिव्यांका ने अपने इंस्टाग्राम पर अपनी विदाई का एक वीडियो शेयर किया है. लेकिन इस विदाई के वीडियो को देखका आप अपने आंसू नहीं आएंगे बल्कि हंसी नहीं रोक पाएंगे.
इस वीडियो में दिव्यांका और विवेक भोपाल एयरपोर्ट पर हैं. जहां पर उनका परिवार उन्हें विदा करने आया है और विदाई की रस्म निभा रहा है. जब बात आती है रोने की तो दिव्यांका रोने का नाटक करती हैं और फिर विवेक मजाकिया अंदाज में उन्हें चुप कराने आते हैं. वीडियो शेयर करते हुए दिव्यांका ने कैप्शन में लिखा कि विवेक क्या तुम्हें यह दिन याद है? उस दिन भी आज ही की तरह तेज बारिश हुई थी. घर से मेरी विदाई होने वाली थी. लेकिन बारिश और बाढ़ की वजह से विदाई नहीं हो पाई थी. इसी वजह से हमें इस ऑकवर्ड एयरपोर्ट पर विदाई का सामना करना पड़ा था.
दिव्यांका-विवेक ने जीता नच बलिए, इनाम में मिले इतने लाख
Viv, you remember this day? It was raining heavily like today. I wanted my Bidai from home...but we couldn't reach there due to rains and floods. That lead to this awkward airport Bidai. It was unique and filmy! No one cried that day. Generally a sad affair turned out to be funny and joyous! Things don't always happen the way you plan and imagine but life writes a more beautiful story for you than you can. Best chapters are written on you when you don't resist the change and go with the flow! #GettingNostalgic #RomanceInAir Falling in love with you again @vivekdahiya.
A post shared by Divyanka Tripathi Dahiya (@divyankatripathidahiya) on
Jun 25, 2017 at 1:32am PDT
बता दें कि नच बलिए सीजन 8 का खिताब दिव्यांका ने अपने पति और टीवी एक्टर विवेक दहिया के साथ मिलकर जीता है. अप्रैल से शुरू हुए इस शो की शुरुआत से ही दिव्यांका और विवेक , जिन्हें दर्शक प्यार से दिवेक भी कहते हैं, दर्शकों के चहेते थे. हालांकि फिनाले से पहले उन पर शो के नतीजों को फिक्स करने का आरोप भी लगा था.
तो इस वजह से भारती सिंह नहीं थी नच बलिए के फिनाले का हिस्सा
नच बलिए के फिनाले को दिवेक ने ऐबिगेल पांडे-सनम जौहर (फर्स्ट रनर अप) और ईरानी-मोहित सहगल जैसी जोड़ियों को पीछे छोड़ते हुए जीता. इनाम में इस दिव्यांका और विवेक को 35 लाख का कैश प्राइज मिला. इसके साथ ही हीरो मैस्ट्रो और एक नामी ब्रैंड की ओर से जूलरी भी दिव्यांका और विवेक के हिस्से आई.
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18वें एशियाई खेलों के 8वें दिन भारतीय खिलाड़ियों ने पांच रजत पदक अपने नाम किए, लेकिन स्वर्ण पदक में इजाफा नहीं हुआ. एथलेटिक्स में 3 और घुड़सवारी में भारत को 2 रजत पदक हासिल हुए. इसके अलावा दो कांस्य पदक ब्रिज जैसे नए खेल में मिले. यानी रविवार को भारत ने बगैर गोल्ड कुल 7 पदक जीते.
Asian Games: दुती ने 100 मी. महिला दौड़ में 20 साल में दिलाया पहला पदक
आठवें दिन भारत के कई एथलीटों ने अपने पदक भी पक्के किए. इन पदकों का रंग क्या होगा यह आने वाला समय बताएगा. लेकिन देश के लिए एक मायूस करने पल भी रहा. गोविंदन लक्ष्मणन पुरुषों की 10,000 मीटर रेस में तीसरे स्थान पर रहे. उनका ब्रॉन्ज मेडल पक्का हो गया था, जिसकी घोषणा भी हो गई थी. लेकिन उन्हें रेस के दौरान एक बार ट्रैक के बाहर चले जाने की वजह से अयोग्य ठहराया गया और उनका कांस्य अमान्य कर दिया गया.
18वें एशियाई खेलों में अब तक भारत के कुल पदकों की संख्या 36 है. 7 गोल्ड, 10 सिल्वर और 19 ब्रॉन्ज मेडल के साथ वह पदक तालिका में 9वें स्थान पर है.
एशियाडः
हिमा दास
ने 2 बार राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ने का किया कमाल
#Bridge
Mixed team wins BRONZE!
Many congratulations to the
team members-
Kiran Nadar, H Deora, H Khandelwal, B Satyanarayana, G Manna, R Khandelwal for winning a🥉.
#SAI
#IndiaAtAsianGames
#AsianGames2018
#ProudIndia
#TeamIndia
#KheloIndia
🇮🇳
pic.twitter.com/biHKXLsRsn
— SAIMedia (@Media_SAI)
August 26, 2018
इन खेलों में भारत को पदक मिले-
-हिमा दास को 400 मीटर रेस में
सिल्वर मेडल
मिला.
-अनस ने भी 400 मीटर रेस में सिल्वर मेडल हासिल किया.
-दुती चंद को 100 मीटर में सिल्वर मेडल मिला.
-घुड़सवारी में दो सिल्वर मेडल- एकल और टीम इवेंट में मिले.
- ब्रिज में दो कास्य पदक मिले.
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किसी भी किरदार में आसानी से ढलने का हुनर बॉलीवुड अभिनेत्री विद्या बालन में है और इसी वजह से विद्या अक्सर बायोपिक फिल्मों के लिए फिल्ममेकर्स की पहली पसंद होती हैं.
सिल्क स्मिता पर बनी ब्लॉकबस्टर फिल्म
‘डर्टी पिक्चर’
में अपने हुस्न का जादू बिखरने के बाद, विद्या ने मराठी फिल्म ‘एक अलबेला’ में बॉलीवुड अदाकारा गीता बाली का किरदार निभाया था. दो अभिनेत्रीयों पर बनी बायोपिक में किरदार निभाने के बाद, अब विद्या बालन तीसरी अभिनेत्री के किरदार पर बन रही फिल्म में काम करने के लिए तैयार हैं.
1950
में 'संसारम्' फिल्म से अपनी करियर की शुरुआत करने वाली और तेलुगू, तमिल, कन्नड, मलयालम और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपने बेहतरीन अभिनय से नाम कमाने वाली अभिनेत्री 'सावित्री' पर बायोपिक बन रही है और कहा जा रहा है कि इस बायोपिक में अदाकारा सावित्री के किरदार के लिए विद्या बालन फिल्म मेकर्स की शुरू से ही पहली पसंद थीं. इसकी वजह विद्या का चेहरा
सावित्री
जी के साथ मिलता है और साथ ही विद्या को भी सावित्री जी की तरह ही साउथ की सारी भाषाओं पर महारथ हासिल है.
सूत्रों के अनुसार, 'किरदार निभाते वक्त कोई भी संकोच ना रखते हुए विद्या अक्सर अपने किरदार में घुस जाती हैं, चाहे फिर वो वजन में बदलाव करना हो या बॉडी लैंग्वेज और बोली में, उस किरदार को हुबहू निभाने के लिए वो हर तरह से खुद में बदलाव लाने के लिए तैयार रहती हैं और इसीलिए तो हमेशा विद्या बालन फिल्ममेकर्स की पसंदीदा अभिनेत्री हैं.'
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लेख: 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन के मूल्यांकन करने के कैग के तौर-तरीकों को गंभीर रूप से त्रुटिपूर्ण करार देते हुए सरकार ने कहा कि इसके आवंटन में कोई राजस्व नुकसान नहीं हुआ और पहले आओ, पहले पाओ की टेलीकाम नीति वाजपेयी सरकार ने बनाई थी। संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा, 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन का मूल्यांकन करने में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की ओर से अपनाए गए तौर-तरीकों से हमें काफी दु:ख हुआ है और इसमें दिखाए गए राजस्व नुकसान का कोई आधार नहीं है। कैग ने अपनी रिपोर्ट में स्पेक्ट्रम आवंटन में 1.76 लाख करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान दिखाया है लेकिन सिब्बल ने दावा किया कि वास्तव में करदाताओं को कोई नुकसान नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि कैग की रिपोर्ट के कारण पहले सरकार को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा और अब तथ्य सामने आने के बाद विपक्ष विशेष तौर पर भाजपा को असहज स्थिति का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि 1999 में पेश टेलीकॉम नीति वास्तव में वाजपेयी के नेतृत्व वाली अल्पमत सरकार ने पेश की थी जबकि पूर्व राष्ट्रपति नारायणन के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर और शिव सेना नेता बाल ठाकरे तक ने इसका विरोध किया था। लेकिन वाजपेयी ने इस नीति को सही करार दिया था। मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए सिब्बल ने कहा, अब हम उन्हीं की नीति का अनुसरण कर रहे हैं तो 1.76 लाख करोड़ के राजस्व नुकसान की बात कही जा रही है। जो वास्तव में जनता के बीच भ्रम फैलाने का प्रयास है। मंत्री ने कहा कि दिसंबर 2002 में राजग सरकार के समय पेश 10वीं योजना के दस्तावेज में टेलीकाम क्षेत्र को आधारभूत संरचना का क्षेत्र घोषित करते हुए उसे प्रोत्साहन प्रदान करने की प्रकृति का बताया और इस संबंध में राजस्व अर्जन को मुख्य निर्धारत नहीं बनाने का जोर दिया गया था। लेकिन आज भाजपा अपनी ही नीति का विरोध करती दिख रही है।
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जल्लीकट्टू (Jallikattu) तमिल नाडु के ग्रामीण इलाक़ों का एक परंपरागत खेल है जो पोंगल त्यौहार पर आयोजित कराया जाता है और जिसमे बैलों से इंसानों की लड़ाई कराई जाती है।
जल्लीकट्टू को तमिलनाडु के गौरव तथा संस्कृति का प्रतीक कहा जाता है। ये 2000 साल पुराना खेल है जो उनकी संस्कृति से जुड़ा है।
इस खेल पर पाबंदी लगाने
जानवरों की सुरक्षा करने वाली संस्था पेटा इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले गयी। अदालत ने 2014 में इस खेल पर पाबंदी लगाने का फैसला सुनाया.
सन्दर्भ
तमिल संस्कृति
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विभिन्न प्रकार के परजीवी फेफड़ों को प्रभावित कर सकते हैं, जिनमें टोक्सोप्लाज्मा गोंडी, स्ट्रॉन्गिलोइड्स स्टेरकोरेलिस, एस्केरिस लुम्ब्रिकोइड्स और प्लास्मोडियम मलेरिया शामिल हैं। ये जीव आम तौर पर त्वचा के सीधे संपर्क, अंतर्ग्रहण या कीट वाहक के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं। पैरागोनिमस वेस्टरमनी को छोड़कर, अधिकांश परजीवी विशेष रूप से फेफड़ों को प्रभावित नहीं करते हैं, लेकिन अन्य स्थानों की तुलना में फेफड़ों को द्वितीयक रूप से प्रभावित करते हैं। कुछ परजीवी, विशेष रूप से एस्केरिस और स्ट्रॉन्गिलोइड्स जेनेरा से संबंधित, एक मजबूत ईोसिनोफिलिक प्रतिक्रिया को उत्तेजित करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप ईोसिनोफिलिक निमोनिया हो सकता है। मलेरिया जैसे अन्य संक्रमणों में, फेफड़े की भागीदारी मुख्य रूप से साइटोकिन-प्रेरित प्रणालीगत सूजन के कारण होती है। विकसित दुनिया में ये संक्रमण यात्रा से लौटने वाले लोगों या अप्रवासियों में सबसे आम हैं। दुनिया भर में, ये संक्रमण रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी वाले लोगों में सबसे आम हैं।
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यह लेख है: कांग्रेस की प्रवक्ता रहीं प्रियंका चतुर्वेदी शिवसेना में शामिल हो गई हैं. उन्होंने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में शिवसेना ज्वाइन की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि मैं मुंबई में पली बढ़ी हूं. पिछले कुछ दिनों से मुंबई से कट गई थी, लेकिन अब मैं वापस यहां जुड़ना चाहती हूं. भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने 26/11 के मुंबई हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे के ख़िलाफ़ विवादित बयान दिया है. प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि हेमंत करकरे ने उन्हें गलत तरीके से फंसाया है. हेमंत करकरे मुंबई में हुए आतंकी हमले में आतंकवादियों की गोलियों का शिकार हुए थे. इसके अलावा जिस केस में साध्वी प्रज्ञा आरोपी थीं, उस मालेगांव सीरियल ब्लास्ट की जांच इनके पास ही थी. हालांकि, उनकी चार्जशीट पर कई तरह के सवाल खड़े हुए थे. कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को गुजरात के सुरेंद्रनगर में आयोजित एक रैली में भाषण के दौरान एक शख़्स ने थप्पड़ मारा. हार्दिक पटेल मंच पर भाषण दे रहे थे. इसी दौरान एक शख़्स चिल्लाते हुए मंच पर चढ़ा और हार्दिक पटेल को थप्पड़ जड़ दिया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हेलीकॉप्टर की कथित रूप से जांच करने वाले अधिकारी के निलंबन का मामला बढ़ता दिखाई दे रहा है. अब पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. एसवाई कुरैशी ने इस मामले में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा, 'पीएम मोदी के हेलीकॉप्टर की जांच करने वाले अफसर का निलंबन दुर्भाग्यपूर्ण तो है ही, साथ ही पीएम और चुनाव आयोग ने अपनी छवि को सुधारने का एक मौका भी गंवा दिया'. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को प्रचार पर रोक समाप्त होते ही अपने आधिकारिक ट्विटर एकाउंट पर दो ट्वीट किए. उन्होंने साफ-साफ शब्दों में कह दिया है कि मेरे आराध्य रामलला, बजरंग बली और महादेव जी के दर्शन को किसी भी प्रकार की राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि आस्था का अधिकार संविधान प्रदत्त है और मुझे इस अधिकार का प्रयोग करने से कोई रोक नहीं सकता.
नई दिल्ली: कांग्रेस की प्रवक्ता रहीं प्रियंका चतुर्वेदी शिवसेना में शामिल हो गई हैं. उन्होंने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में शिवसेना ज्वाइन की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि मैं मुंबई में पली बढ़ी हूं. पिछले कुछ दिनों से मुंबई से कट गई थी, लेकिन अब मैं वापस यहां जुड़ना चाहती हूं. मैंने लौटने का मन बनाया तो इस संगठन के अलावा कोई और संगठन ध्यान में नहीं आया. प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने साथ हुई अभद्रता का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे दुख इस बात का है कि आरोपियों को दोबारा वापस बुला लिया गया. मैंने कांग्रेस को 10 साल दिये. मैंने सब सोच-समझकर ही शिवसेना से जुड़ने का मन बनाया है. जहां भी पार्टी को मजबूत कर सकती हूं, वहां काम करूंगी. मथुरा से टिकट मांगने के सवाल पर प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि मैंने टिकट नहीं मांगा था, बल्कि वहां मेरे मामा का घर है. इस वजह से जुड़ाव है. इससे पहले प्रियंका चतुर्वेदी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखकर कहा वह भारी मन से इस्तीफा दे रही हूं. उन्होंने 10 साल तक पार्टी में रहकर पूरी लगन से काम किया है. उन्होंने लिखा, 'पिछले कुछ दिनों में हुए कुछ खास घटनाओं ने पूरा भरोसा दिला दिया कि संगठन में मेरी सेवाओं का संगठन में कोई मूल्य नहीं है. अब लगता है, जितना समय पार्टी में बिताऊंगी, मेरे आत्मसम्मान की कीमत पर होगा. दुःख इस बात का है, महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सशक्तीकरण की जिस बात का पार्टी प्रचार करती है, और आप खुद आह्वान करते हैं, वैसा पार्टी के कुछ सदस्यों के व्यवहार में नज़र नहीं आता'
नई दिल्ली: भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने 26/11 के मुंबई हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे के ख़िलाफ़ विवादित बयान दिया है. प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि हेमंत करकरे ने उन्हें ग़लत तरीक़े से फंसाया है. प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि एक अधिकारी ने हेमंत करकरे से उन्हें छोड़ने का कहा था लेकिन करकरे ने कहा था कि वो कुछ भी करेंगे, सबूत लाएंगे लेकिन साध्वी को नहीं छोड़ेंगे. साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि हेमंत करकरे का ये क़दम देशद्रोह था, धर्मविरुद्ध था. साध्वी बोलीं, ''ये उसकी कुटिलता थी ये देशद्रोह था धर्मविरुद्ध था, वो मुझसे पूछता था कि क्या मुझे सच के लिए भगवान के पास जाना होगा, तो मैंने कहा था कि आपको जरूरत है तो जाइए''. सभा में साध्वी ने कहा, ''मैंने उसे कहा था तेरा सर्वनाश होगा, उसने मुझे गालियां दी थीं. जिस दिन मैं गई तो उसके यहां सूतक लगा था और जब उसे आतंकियों ने मारा तो सूतक खत्म हुआ.'' आपको बता दें कि हेमंत करकरे मुंबई में हुए आतंकी हमले में आतंकवादियों की गोलियों का शिकार हुए थे. इसके अलावा जिस केस में साध्वी प्रज्ञा आरोपी थीं, उस मालेगांव सीरियल ब्लास्ट की जांच इनके पास ही थी. हालांकि, उनकी चार्जशीट पर कई तरह के सवाल खड़े हुए थे.
नई दिल्ली : कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल (Hardik Patel) को गुजरात के सुरेंद्रनगर में एक रैली में भाषण देते हुए एक शख़्स ने थप्पड़ मार दिया. समाचार एजेंसी ANI द्वारा जारी वीडियो में दिख रहा है कि हार्दिक पटेल मंच पर भाषण दे रहे हैं. इसी दौरान एक शख़्स चिल्लाते हुए मंच पर चढ़ता है और हार्दिक पटेल को थप्पड़ जड़ देता है. इसके बाद हार्दिक पटेल (Hardik Patel) के समर्थक और शख़्स के बीच हाथापाई होती है. हालांकि अभी शख़्स के बारे में और जानकारी नहीं मिल पाई है, न ही यह पता चल पाया है कि आखिर उसने थप्पड़ क्यों मारा. आपको बता दें कि एक दिन पहले ही दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एक शख़्स ने जूता फेंक दिया था. जिस वक्त शख़्स ने जूता फेंका था, उस दौरान बीजेपी नेता जीवीएल नरसिम्हा राव प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. जूता उनके चेहरे को छूते हुए निकल गया था. घटना के तुरंत बाद जूता फेंकने वाले शख़्स को पकड़ लिया गया था. मामले में और छानबीन जारी है. घटना की सूचना पुलिस को दे दी गई. इसके बाद मौके पर पहुंची आईपी स्टेट थाने की पुलिस ने आरोपी शख़्स को हिरासत में लिया और थाने ले गई थी. जूता मारने वाला शख़्स खुद का नाम शक्ति भार्गव बता रहा था और वह कानपुर का रहने वाला है. वहां भार्गव के परिवार का भार्गव हॉस्पिटल के नाम से अस्पताल भी है. बताया जा रहा है कि परिवार में कुछ सालों से झगड़ा चल रहा है और वह 2 साल से मां से अलग रह रहा है. परिवार ने इसे बेदखल कर रखा है. बताया जा रहा है कि किसी प्लॉट के मामले को लेकर वह परेशान चल रहा है. मानसिक हालत ठीक नहीं है.
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हेलीकॉप्टर की कथित रूप से जांच करने वाले अधिकारी के निलंबन का मामला बढ़ता दिखाई दे रहा है. अब पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. एसवाई कुरैशी ने इस मामले में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा, 'पीएम मोदी के हेलीकॉप्टर की जांच करने वाले अफसर का निलंबन दुर्भाग्यपूर्ण तो है ही, साथ ही पीएम और चुनाव आयोग ने अपनी छवि को सुधारने का एक मौका भी गंवा दिया'. कुरैशी ने आगे कहा, 'इन दोनों संस्थाओं की जनता के प्रति जवाबदेही है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी लगातार चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं और चुनाव आयोग इसे बार-बार नजर अंदाज कर रहा है. पीएम के हेलीकॉप्टर की जांच को इस तरीके से लिया जाना चाहिए था कि कानून सबके लिए बराबर है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ'. पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. एसवाई कुरैशी ने आगे ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक के हेलीकॉप्टर की तलाशी का जिक्र करते हुए कहा कि, 'उन्होंने जिस धैर्य और सज्जनता परिचय दिया, वह काबिलेतारीफ है. हर नेता को वैसा ही व्यवहार करना चाहिए'. दूसरी तरफ, बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी डॉ. एसवाई कुरैशी की बातों के समर्थन में ट्वीट कर चुनाव आयोग को निशाने पर लिया. मायावती ने आयोग पर सवाल खड़े करते हुए कहा, 'चुनाव आयोग के पास ऐसा कौनसा अधिकार है जिससे पीएम के विमान की तलाशी पर रोक है व ऐसा करने पर आईएएस पर्यवेक्षक को निलम्बित कर दिया गया. बीएसपी पूर्व सीईसी कुरैशी की बातों से सहमत है कि ऐसी कार्रवाई अनुचित है. आयोग को निष्पक्ष काम करना चाहिए ना कि पीएम मोदी को हर प्रकार की खुली छूट मिले'.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर दो ट्वीट किया. इसमें उन्होंने साफ-साफ शब्दों में कह दिया है कि मेरे आराध्य रामलला, बजरंग बली और महादेव जी के दर्शन को किसी भी प्रकार की राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि आस्था का अधिकार संविधान प्रदत्त है और मुझे इस अधिकार का प्रयोग करने से कोई रोक नहीं सकता. सीएम योगी शुक्रवार को यूपी के संभल में चुनावी रैली संबोधित करने से पहले किया. इससे पहले योगी आदित्यनाथ पर विवादित बयान की वजह से चुनाव आयोग 72 घंटे पर चुनावी सभा व रोड शो पर रोक लगाया था. जिसके बाद से उन्होंने शुक्रवार को अपनी पहली चुनावी रैली संभल में की.
सीएम योगी ने ट्वीट कर लिखा, ''मेरे रग रग में राम, कण कण में कृष्ण, प्रत्येक शिरा में शिव और प्रत्येक धमनी में धर्म व कर्तव्य बोध निरंतर प्रवाहित होता रहता है. आज मैं फिर कहना चाहूंगा कि मेरी धार्मिक पहचान हिन्दू है, वह हिन्दू जो भारत मे रहने वाले सभी पंथों और धर्मों का सम्मान समान भाव से आदिकाल से करता आ रहा है.'' बता दें, साल 2014 के चुनाव में बीजेपी उत्तर प्रदेश में रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल करते हुए 73 सीटों पर काबिज़ हुई थी. इस बार भी दावा 73 नहीं बल्कि 74 सीटों का है. लेकिन सीट दावों से नहीं, समीकरणों से मिलती है और इस दफे सपा-बसपा के गठबंधन ने बीजेपी के इस समीकरण को गड़बड़ा दिया हैं. यही वजह से सीएम योगी आदित्यनाथ ने अब दलित-यादव यानी 'DY' फॉर्मूले को तोड़ने में जुट गए हैं.
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बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी 19 अक्टूबर को कानपुर में रैली के साथ यूपी में अपने चुनावी अभियान का भी आगाज करेंगे.
रणनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण कानपुर से यूपी में अपनी धमक दिखाने के साथ ही नरेंद्र मोदी सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के गढ़ इटावा, मैनपुरी, कन्नौज और ओरैया में सेंध लगाने की कोशिश करेंगे. हालांकि मोदी के इस दांव को असरदार बनाने के लिए प्रदेश बीजेपी के पदाधिकारी तैयारी में जुट गए हैं.
मुलायम के असर वाले जिलों से भारी भीड़ लाने का जिम्मा बीजेपी के स्थानीय पदाधिकारियों को सौंपा गया है. इसके अलावा रैली में अल्पसंख्यकों की भागीदारी पर भी जोर दिया जा रहा है. बीजेपी चाहती है कि मोदी की रैली में बड़ी संख्या में मुसलमान शामिल हों.
इसके लिए कानपुर और आसपास के जिलों के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में गुजरात अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ द्वारा तैयार की गई एक पुस्तिका बांटी जा रही है. इसमें गुजरात में मुसलमानों के लिए किए गए कार्यों की चर्चा है. उत्तर प्रदेश बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा की अध्यक्ष रूमाना सिद्दीकी को भी मुस्लिम इलाकों में सघन जनसंपर्क करने का जिम्मा सौंपा गया है.
रैली में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए कानपुर के सभी तकनीकी संस्थानों तथा महाविद्यालयों आदि में लगातार जनसंपर्क किया जा रहा है. मोदी के लिए तैयार मंच को अभी अंतिम रूप दिया जा रहा है. नरेंद्र मोदी के लिए बनाया जा रहा हेलीपैड मंच से ज्यादा दूर नहीं रहेगा. ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि मोदी सुविधाजनक रूप से बिना किसी बाधा के मंच तक पहुंच जाएं.
इस बीच बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी श्रीकांत शर्मा 16 अक्टूबर को लखनऊ आ रहे हैं. वे लखनऊ और कानपुर में मीडिया संबंधी तैयारियों का जायजा लेंगे.
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: कप्तान क्रिस गेल की धमाकेदार पारी की बदौलत जमैका तलावाह ने कैरेबियन प्रीमियर लीग के फाइनल में गुयाना अमेज़न वॉरियर्स को नौ विकेट से करारी शिकस्त देकर खिताब अपने नाम कर लिया है.
सेंट कीट्स के वॉर्नर पार्क मैदान पर खेले गए मैच में 94 रन के विजय लक्ष्य का पीछा करते हुए क्रिस गेल ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की, और 27 गेंदों का सामना कर 54 रन बनाए, जिनमें छह छक्के और तीन चौके शामिल थे. सलामी बल्लेबाज कप्तान क्रिस गेल और चैडविक वाल्टन के बीच 79 रन की साझेदारी हुई थी, और वाल्टन 25 रन बनाकर आखिर तक नाबाद रहे, जबकि कुमार संगकारा ने 15 रन बनाए. जमैका तलावाह ने मैच सिर्फ 12.5 ओवर में जीत लिया.टिप्पणियां
इससे पहले, जमैका तलावाह के कप्तान क्रिस गेल ने टॉस जीतकर गुयाना अमेज़न वॉरियर्स को पहले बल्लेबाजी करने के लिए आमंत्रित किया था, और उनका यह फैसला सही साबित हुआ. गुयाना अमेज़न वॉरियर्स की पूरी टीम 16.1 ओवर में सिर्फ 93 रन पर ऑल-आउट हो गई. वॉरियर्स के पांच खिलाड़ी खाता खोलने से पहले ही पैवेलियन लौट गए.
उनकी ओर से सोहेल तनवीर ने सबसे ज्यादा 42 रन बनाए, और फिर ड्वेन स्मिथ ने 17 रन की पारी खेली. अमेज़न वॉरियर्स ने अपने आखिरी पांच विकेट सिर्फ 23 रन के भीतर गंवाए. जमैका तलावाह की तरफ से इमाद वसीम ने चार ओवर में 21 रन देकर तीन विकेट हासिल किए, जबकि शाकिब उल हसन और केसरिक विलियम को दो-दो विकेट मिले. आंद्रे रसल ने भी शानदार गेंदबाज़ी की, और 2.1 ओवर में सिर्फ पांच रन देकर एक विकेट हासिल किया.
सेंट कीट्स के वॉर्नर पार्क मैदान पर खेले गए मैच में 94 रन के विजय लक्ष्य का पीछा करते हुए क्रिस गेल ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की, और 27 गेंदों का सामना कर 54 रन बनाए, जिनमें छह छक्के और तीन चौके शामिल थे. सलामी बल्लेबाज कप्तान क्रिस गेल और चैडविक वाल्टन के बीच 79 रन की साझेदारी हुई थी, और वाल्टन 25 रन बनाकर आखिर तक नाबाद रहे, जबकि कुमार संगकारा ने 15 रन बनाए. जमैका तलावाह ने मैच सिर्फ 12.5 ओवर में जीत लिया.टिप्पणियां
इससे पहले, जमैका तलावाह के कप्तान क्रिस गेल ने टॉस जीतकर गुयाना अमेज़न वॉरियर्स को पहले बल्लेबाजी करने के लिए आमंत्रित किया था, और उनका यह फैसला सही साबित हुआ. गुयाना अमेज़न वॉरियर्स की पूरी टीम 16.1 ओवर में सिर्फ 93 रन पर ऑल-आउट हो गई. वॉरियर्स के पांच खिलाड़ी खाता खोलने से पहले ही पैवेलियन लौट गए.
उनकी ओर से सोहेल तनवीर ने सबसे ज्यादा 42 रन बनाए, और फिर ड्वेन स्मिथ ने 17 रन की पारी खेली. अमेज़न वॉरियर्स ने अपने आखिरी पांच विकेट सिर्फ 23 रन के भीतर गंवाए. जमैका तलावाह की तरफ से इमाद वसीम ने चार ओवर में 21 रन देकर तीन विकेट हासिल किए, जबकि शाकिब उल हसन और केसरिक विलियम को दो-दो विकेट मिले. आंद्रे रसल ने भी शानदार गेंदबाज़ी की, और 2.1 ओवर में सिर्फ पांच रन देकर एक विकेट हासिल किया.
इससे पहले, जमैका तलावाह के कप्तान क्रिस गेल ने टॉस जीतकर गुयाना अमेज़न वॉरियर्स को पहले बल्लेबाजी करने के लिए आमंत्रित किया था, और उनका यह फैसला सही साबित हुआ. गुयाना अमेज़न वॉरियर्स की पूरी टीम 16.1 ओवर में सिर्फ 93 रन पर ऑल-आउट हो गई. वॉरियर्स के पांच खिलाड़ी खाता खोलने से पहले ही पैवेलियन लौट गए.
उनकी ओर से सोहेल तनवीर ने सबसे ज्यादा 42 रन बनाए, और फिर ड्वेन स्मिथ ने 17 रन की पारी खेली. अमेज़न वॉरियर्स ने अपने आखिरी पांच विकेट सिर्फ 23 रन के भीतर गंवाए. जमैका तलावाह की तरफ से इमाद वसीम ने चार ओवर में 21 रन देकर तीन विकेट हासिल किए, जबकि शाकिब उल हसन और केसरिक विलियम को दो-दो विकेट मिले. आंद्रे रसल ने भी शानदार गेंदबाज़ी की, और 2.1 ओवर में सिर्फ पांच रन देकर एक विकेट हासिल किया.
उनकी ओर से सोहेल तनवीर ने सबसे ज्यादा 42 रन बनाए, और फिर ड्वेन स्मिथ ने 17 रन की पारी खेली. अमेज़न वॉरियर्स ने अपने आखिरी पांच विकेट सिर्फ 23 रन के भीतर गंवाए. जमैका तलावाह की तरफ से इमाद वसीम ने चार ओवर में 21 रन देकर तीन विकेट हासिल किए, जबकि शाकिब उल हसन और केसरिक विलियम को दो-दो विकेट मिले. आंद्रे रसल ने भी शानदार गेंदबाज़ी की, और 2.1 ओवर में सिर्फ पांच रन देकर एक विकेट हासिल किया.
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भारत और बांग्लादेश के बीच 162 एंक्लेव की अदला-बदली का समझौता शुक्रवार आधी रात से प्रभावी हो गया. भारत ने इसे 'ऐतिहासिक दिन' बताया है. जैसे ही घड़ी की सूई 12.01 पर पहुंची, लोगों ने तिरंगा लहराना शुरू किया और उस 'आजादी' के उस पल का जश्न मनाया.
इस मौके पर किसी आधिकारिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया गया, लेकिन 'भारत बांग्लादेश एंक्लेव एक्सचेंज कोऑर्डिनेशन कमिटी' नामक संगठन ने कूच बिहार के मासलदांगा एंक्लेव में एक समारोह का आयोजन किया.
दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, '31 जुलाई भारत और बांग्लादेश दोनों के लिए ऐतिहासिक दिन होगा. इस दिन को उस जटिल मुद्दे का समाधान हुआ जो आजादी के बाद से लंबित था.' भारत ने जहां 51 एन्क्लेव बांग्लादेश को हस्तांतरित किए, वहीं पड़ोसी देश ने करीब 111 एन्क्लेवों को भारत को सौंपा है.
बांग्लादेश और भारत
1974 के एलबीए करार
को लागू करेंगे और सितंबर, 2011 के प्रोटोकॉल को अगले 11 महीने में चरणबद्ध तरीके से लागू करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 6-7 जून, 2015 के ढाका दौरे के समय
भूमि सीमा समझौते और प्रोटोकॉल को अंतिम रूप
दिया गया था. अब
भारत और बांग्लादेश
के एंक्लेव में रहने वाले लोगों को संबंधित देश की नागरिकता तथा नागरिक को मिलने वाली सभी सुविधाएं मिल सकेंगी.
एक अनुमान के मुताबिक बांग्लादेश में भारतीय एन्क्लेवों में करीब 37,000 लोग रह रहे हैं, वहीं भारत में बांग्लादेशी एन्क्लेवों में 14000 लोग रहते हैं.
भाषा से इनपुट
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शुक्रवार से संख्या के रूप में दिखने वाले आईपी (इंटरनेट प्रोटोकॉल) पते उपलब्ध नहीं होंगे क्योंकि इस प्रकार के उपलब्ध सभी आईपी पते आवंटित किए जा चुके हैं। लेकिन इससे इंटरनेट काम करना नहीं बंद करेगा क्योंकि पुराने आईपी एड्रेस वर्जन-4 के स्थान पर एक नई प्रणाली इंटरनेट प्रोटोकॉल वर्जन-6 (आईपीवी6) को उपयोग में लाया जाएगा। मालूम हो कि इंटरनेट से जुड़े प्रत्येक कम्प्यूटर को एक आईपी एड्रेस आवंटित किया जाता है। अब जबकि लाखों फोन ऑनलाइन हो चुके हैं, आईपी एड्रेस को संख्या के रूप में आवंटित करने में काफी दिक्कत हो रही है। इंटरनेट प्रोटोकाल (आईपी) वर्जन4 की शुरुआत 80 के दशक में की गई थी। उस समय इसे 4.1 अरब आईपी पतों के लिए तैयार किया गया था। ऐसा माना जा रहा था कि यह संख्या कभी कम नहीं पड़ेगी क्योंकि वेब का विकास करने वालों ने शुरुआती चरण में सोचा था कि इंटरनेट का उपयोग केवल शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। आईपीए एड्रेस फोन नम्बर के तौर पर काम करता है। इसके माध्यम से सर्फ करने वाला व्यक्ति वेबसाइटों तक पहुंचता है और साथ ही ईमेल भी प्राप्त करता है। यह सर्फ करने वालों को अपने गंतव्य पर पहुंचने में मदद करता है।
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चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान घटाए जाने और वैश्विक बाजारों में नरमी के रुख के बीच फंडों की मुनाफा वसूली से शेयर बाजार में 5 दिनों से जारी तेजी आज थम गई और बंबई स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 85 अंक टूटकर बंद हुआ।
आज भारी उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में तीस शेयरों वाला सेंसेक्स 84.86 अंक की गिरावट के साथ 17,622.45 अंक पर बंद हुआ। चालू वित्त वर्ष के लिए आज जारी अग्रिम अनुमान में जीडीपी वृद्धि दर घटकर 6.9 प्रतिशत पर आने की संभावना है। इसी तरह, नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 26.50 अंक टूटकर 5,335.15 अंक पर बंद हुआ। रिजर्व बैंक ने तीसरी तिमाही की मौद्रिक नीति समीक्षा में चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। अन्य एशियाई बाजारों में नरमी और यूरोपीय बाजारों के कमजोर होकर खुलने से भी घरेलू धारणा सुस्त रही।
आज भारी उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में तीस शेयरों वाला सेंसेक्स 84.86 अंक की गिरावट के साथ 17,622.45 अंक पर बंद हुआ। चालू वित्त वर्ष के लिए आज जारी अग्रिम अनुमान में जीडीपी वृद्धि दर घटकर 6.9 प्रतिशत पर आने की संभावना है। इसी तरह, नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 26.50 अंक टूटकर 5,335.15 अंक पर बंद हुआ। रिजर्व बैंक ने तीसरी तिमाही की मौद्रिक नीति समीक्षा में चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। अन्य एशियाई बाजारों में नरमी और यूरोपीय बाजारों के कमजोर होकर खुलने से भी घरेलू धारणा सुस्त रही।
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भारत ट्वेंटी-20 टीमों में तीसरा स्थान बरकरार रखने में सफल रहा और रविवार को जारी आईसीसी टी-20 रैंकिंग की बल्लेबाजों की सूची में विराट कोहली का भी छठा स्थान कायम है।
भारत आईसीसी टी-20 चैंपियनशिप तालिका में 121 रेटिंग अंक से तीसरे स्थान पर है, जिसमें श्रीलंका शीर्ष पर काबिज है और पाकिस्तान दूसरे नंबर पर है। शीर्ष 20 सूची में शामिल भारतीय बल्लेबाज अपने स्थानों पर बने रहने में कामयाब रहे हैं, जिसमें स्टार बल्लेबाज कोहली 731 रेटिंग अंक से छठे, जबकि सुरेश रैना 719 रेटिंग अंक से आठवें स्थान पर हैं।
अन्य भारतीयों में युवराज सिंह 16वें और सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर 19वें स्थान पर काबिज हैं। टी-20 बल्लेबाजों की सूची में इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज एलेक्स हेल्स शीर्ष पर पहुंच गए हैं, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चेस्टर ली स्ट्रीट में हुए दूसरे मैच में 61 गेंद में 94 रन की पारी के शानदार प्रदर्शन से एक पायदान की छलांग लगाई।टिप्पणियां
उनके इस प्रदर्शन से इंग्लैंड की टीम दो मैचों की शृंखला 1-1 से बराबर करने में सफल रही। हेल्स को इस प्रदर्शन से 65 रेटिंग अंक प्राप्त हुए, जिससे उन्होंने न्यूजीलैंड के कप्तान ब्रैंडन मैक्कुलम को शीर्ष स्थान से हटा दिया। टी-20 गेंदबाजों की सूची में ऑफ स्पिनर आर अश्विन 16वीं रैंकिंग पर काबिज हैं, वह शीर्ष 20 सूची में जगह बनाने वाले एकमात्र भारतीय हैं।
सुनील नरेन गेंदबाजी सूची में पहले स्थान पर हैं, जबकि पाकिस्तान के सईद अजमल दूसरे और मोहम्मद हफीज तीसरे स्थान पर हैं। ऑल राउंडर खिलाड़ियों की सूची में युवराज ने अपना चौथा स्थान बरकरार रखा है।
भारत आईसीसी टी-20 चैंपियनशिप तालिका में 121 रेटिंग अंक से तीसरे स्थान पर है, जिसमें श्रीलंका शीर्ष पर काबिज है और पाकिस्तान दूसरे नंबर पर है। शीर्ष 20 सूची में शामिल भारतीय बल्लेबाज अपने स्थानों पर बने रहने में कामयाब रहे हैं, जिसमें स्टार बल्लेबाज कोहली 731 रेटिंग अंक से छठे, जबकि सुरेश रैना 719 रेटिंग अंक से आठवें स्थान पर हैं।
अन्य भारतीयों में युवराज सिंह 16वें और सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर 19वें स्थान पर काबिज हैं। टी-20 बल्लेबाजों की सूची में इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज एलेक्स हेल्स शीर्ष पर पहुंच गए हैं, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चेस्टर ली स्ट्रीट में हुए दूसरे मैच में 61 गेंद में 94 रन की पारी के शानदार प्रदर्शन से एक पायदान की छलांग लगाई।टिप्पणियां
उनके इस प्रदर्शन से इंग्लैंड की टीम दो मैचों की शृंखला 1-1 से बराबर करने में सफल रही। हेल्स को इस प्रदर्शन से 65 रेटिंग अंक प्राप्त हुए, जिससे उन्होंने न्यूजीलैंड के कप्तान ब्रैंडन मैक्कुलम को शीर्ष स्थान से हटा दिया। टी-20 गेंदबाजों की सूची में ऑफ स्पिनर आर अश्विन 16वीं रैंकिंग पर काबिज हैं, वह शीर्ष 20 सूची में जगह बनाने वाले एकमात्र भारतीय हैं।
सुनील नरेन गेंदबाजी सूची में पहले स्थान पर हैं, जबकि पाकिस्तान के सईद अजमल दूसरे और मोहम्मद हफीज तीसरे स्थान पर हैं। ऑल राउंडर खिलाड़ियों की सूची में युवराज ने अपना चौथा स्थान बरकरार रखा है।
अन्य भारतीयों में युवराज सिंह 16वें और सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर 19वें स्थान पर काबिज हैं। टी-20 बल्लेबाजों की सूची में इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज एलेक्स हेल्स शीर्ष पर पहुंच गए हैं, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चेस्टर ली स्ट्रीट में हुए दूसरे मैच में 61 गेंद में 94 रन की पारी के शानदार प्रदर्शन से एक पायदान की छलांग लगाई।टिप्पणियां
उनके इस प्रदर्शन से इंग्लैंड की टीम दो मैचों की शृंखला 1-1 से बराबर करने में सफल रही। हेल्स को इस प्रदर्शन से 65 रेटिंग अंक प्राप्त हुए, जिससे उन्होंने न्यूजीलैंड के कप्तान ब्रैंडन मैक्कुलम को शीर्ष स्थान से हटा दिया। टी-20 गेंदबाजों की सूची में ऑफ स्पिनर आर अश्विन 16वीं रैंकिंग पर काबिज हैं, वह शीर्ष 20 सूची में जगह बनाने वाले एकमात्र भारतीय हैं।
सुनील नरेन गेंदबाजी सूची में पहले स्थान पर हैं, जबकि पाकिस्तान के सईद अजमल दूसरे और मोहम्मद हफीज तीसरे स्थान पर हैं। ऑल राउंडर खिलाड़ियों की सूची में युवराज ने अपना चौथा स्थान बरकरार रखा है।
उनके इस प्रदर्शन से इंग्लैंड की टीम दो मैचों की शृंखला 1-1 से बराबर करने में सफल रही। हेल्स को इस प्रदर्शन से 65 रेटिंग अंक प्राप्त हुए, जिससे उन्होंने न्यूजीलैंड के कप्तान ब्रैंडन मैक्कुलम को शीर्ष स्थान से हटा दिया। टी-20 गेंदबाजों की सूची में ऑफ स्पिनर आर अश्विन 16वीं रैंकिंग पर काबिज हैं, वह शीर्ष 20 सूची में जगह बनाने वाले एकमात्र भारतीय हैं।
सुनील नरेन गेंदबाजी सूची में पहले स्थान पर हैं, जबकि पाकिस्तान के सईद अजमल दूसरे और मोहम्मद हफीज तीसरे स्थान पर हैं। ऑल राउंडर खिलाड़ियों की सूची में युवराज ने अपना चौथा स्थान बरकरार रखा है।
सुनील नरेन गेंदबाजी सूची में पहले स्थान पर हैं, जबकि पाकिस्तान के सईद अजमल दूसरे और मोहम्मद हफीज तीसरे स्थान पर हैं। ऑल राउंडर खिलाड़ियों की सूची में युवराज ने अपना चौथा स्थान बरकरार रखा है।
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यह लेख है: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने से जुड़े दस्तावेज आतंकवादी गतिविधियों के लिए वित्तपोषण पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था एफएटीएफ को मुहैया कराए जाएंगे ताकि आतंकवाद से पड़ोसी देश के रिश्तों का पर्दाफाश कर उसे काली सूची में डालने की मांग की जाए. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि सुरक्षा एजेंसियां पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की ओर से अंजाम दिए गए हमले और पड़ोसी देश द्वारा इस आतंकी संगठन को दी गई मदद को लेकर अब तक इकट्ठा किए गए साक्ष्य से दस्तावेज तैयार कर रही हैं. एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि यह जैश-ए-मोहम्मद के साथ पाकिस्तानी एजेंसियों के संबंध और उनकी ओर से आतंकवादी संगठन के वित्तपोषण पर एक दस्तावेज होगा.
अतीत में जैश की ओर से अंजाम दिए गए हमलों का ब्योरा भी इस दस्तावेज में दिया जाएगा. फ्रांस के पेरिस स्थित फिनांशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) को दस्तावेज के जरिए बताया जाएगा कि पाकिस्तानी एजेंसियां किस तरह जैश को धन मुहैया करा रही हैं. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि एफएटीएफ की अगली बैठक में भारत पाकिस्तान को कालीसूची में डालने के लिए दबाव बनाएगा ताकि पड़ोसी देश के खिलाफ कार्रवाई की जा सके.
पेरिस में अगले हफ्ते एफएटीएफ का महाधिवेशन और कार्य समूह की बैठक होंगी. एफएटीएफ की ओर से काली सूची में डालने का मतलब है कि संबंधित देश धनशोधन और आतंक के वित्तपोषण के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में ‘‘असहयोगात्मक'' रवैया अपना रहा है. यदि एफएटीएफ पाकिस्तान को काली सूची में डाल देता है तो इससे आईएमएफ, विश्व बैंक, यूरोपीय संघ जैसे बहुपक्षीय कर्जदाता उसकी ग्रेडिंग कम कर सकते हैं और मूडीज, एस एंड पी और फिच जैसी एजेंसियां उसकी रेटिंग कम कर सकती हैं.
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ओलिंपिक खेलों में भाग लेने वाली भारत की पहली महिला पहलवान गीता फोगट ने कहा कि सरकार को 2020 में ओलिंपिक खेलों में कुश्ती को शामिल करवाने के लिए गंभीरता से कदम उठाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर कुश्ती को ओलिंपिक खेलों से हटाए जाने का फैसला बरकरार रखा जाता है, तो भारत को ओलिंपिक के बहिष्कार करने की घोषणा कर देनी चाहिए।टिप्पणियां
दिल्ली में अप्रैल में होने वाली एशियाई कुश्ती और मंगोलिया में मार्च में होने वाली विश्वकप कुश्ती चैंपियनशिप के लिए पटियाला के एनआईएस में तैयारियों में जुटी गीता ने कहा, यह खबर भारत के कुश्ती जगत के लिए बहुत ही दुखद है और खासकर महिला पहलवानों के लिए तो यह उनके सपनों पर पारी फिरने जैसा ही है, क्योंकि 2004 एथेंस ओलिंपिक से ही महिला पहलवानी को शामिल किया गया था और मुझे 2012 लंदन खेलों के लिए क्वालीफाई होने से ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली पहलवान बनने का मौका मिला था।
भारत ने लंदन ओलिंपिक में जीते छह में से दो पदक कुश्ती (सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त) से हासिल किए थे। राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता गीता ने कहा, ओलिंपिक खेल होने की वजह से ही युवा महिला पहलवानों ने ज्यादा रुचि लेनी शुरू कर दी और अभी तो यह खेल आगे आना ही शुरू हुआ है, इसलिए सरकार को गंभीरता से कुछ कदम उठाने चाहिए। लेकिन अगर कुश्ती को ओलिंपिक से हटाए जाने का फैसला बरकरार रखा जाता है, तो भारत को ओलिंपिक का बहिष्कार करने की घोषण कर देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर कुश्ती को ओलिंपिक खेलों से हटाए जाने का फैसला बरकरार रखा जाता है, तो भारत को ओलिंपिक के बहिष्कार करने की घोषणा कर देनी चाहिए।टिप्पणियां
दिल्ली में अप्रैल में होने वाली एशियाई कुश्ती और मंगोलिया में मार्च में होने वाली विश्वकप कुश्ती चैंपियनशिप के लिए पटियाला के एनआईएस में तैयारियों में जुटी गीता ने कहा, यह खबर भारत के कुश्ती जगत के लिए बहुत ही दुखद है और खासकर महिला पहलवानों के लिए तो यह उनके सपनों पर पारी फिरने जैसा ही है, क्योंकि 2004 एथेंस ओलिंपिक से ही महिला पहलवानी को शामिल किया गया था और मुझे 2012 लंदन खेलों के लिए क्वालीफाई होने से ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली पहलवान बनने का मौका मिला था।
भारत ने लंदन ओलिंपिक में जीते छह में से दो पदक कुश्ती (सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त) से हासिल किए थे। राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता गीता ने कहा, ओलिंपिक खेल होने की वजह से ही युवा महिला पहलवानों ने ज्यादा रुचि लेनी शुरू कर दी और अभी तो यह खेल आगे आना ही शुरू हुआ है, इसलिए सरकार को गंभीरता से कुछ कदम उठाने चाहिए। लेकिन अगर कुश्ती को ओलिंपिक से हटाए जाने का फैसला बरकरार रखा जाता है, तो भारत को ओलिंपिक का बहिष्कार करने की घोषण कर देनी चाहिए।
दिल्ली में अप्रैल में होने वाली एशियाई कुश्ती और मंगोलिया में मार्च में होने वाली विश्वकप कुश्ती चैंपियनशिप के लिए पटियाला के एनआईएस में तैयारियों में जुटी गीता ने कहा, यह खबर भारत के कुश्ती जगत के लिए बहुत ही दुखद है और खासकर महिला पहलवानों के लिए तो यह उनके सपनों पर पारी फिरने जैसा ही है, क्योंकि 2004 एथेंस ओलिंपिक से ही महिला पहलवानी को शामिल किया गया था और मुझे 2012 लंदन खेलों के लिए क्वालीफाई होने से ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली पहलवान बनने का मौका मिला था।
भारत ने लंदन ओलिंपिक में जीते छह में से दो पदक कुश्ती (सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त) से हासिल किए थे। राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता गीता ने कहा, ओलिंपिक खेल होने की वजह से ही युवा महिला पहलवानों ने ज्यादा रुचि लेनी शुरू कर दी और अभी तो यह खेल आगे आना ही शुरू हुआ है, इसलिए सरकार को गंभीरता से कुछ कदम उठाने चाहिए। लेकिन अगर कुश्ती को ओलिंपिक से हटाए जाने का फैसला बरकरार रखा जाता है, तो भारत को ओलिंपिक का बहिष्कार करने की घोषण कर देनी चाहिए।
भारत ने लंदन ओलिंपिक में जीते छह में से दो पदक कुश्ती (सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त) से हासिल किए थे। राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता गीता ने कहा, ओलिंपिक खेल होने की वजह से ही युवा महिला पहलवानों ने ज्यादा रुचि लेनी शुरू कर दी और अभी तो यह खेल आगे आना ही शुरू हुआ है, इसलिए सरकार को गंभीरता से कुछ कदम उठाने चाहिए। लेकिन अगर कुश्ती को ओलिंपिक से हटाए जाने का फैसला बरकरार रखा जाता है, तो भारत को ओलिंपिक का बहिष्कार करने की घोषण कर देनी चाहिए।
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1000 और 500 रुपए के पुराने नोटों को बदलने के साथ ही लोगों में दो हजार के नए नोट के दीदार की चाहत भी थी, बहुत से लोग सुबह-सुबह ही डाकघरों और बैंकों के सामने लाइन लगाकर खड़े हो गए. लेकिन दिल्ली में नए नोट ने ज़रा देर में दर्शन दिए. नई दिल्ली के प्रधान डाकघर यानी गोल डाक खाना पर जब सुबह सात बजे हमारी टीम पहुंची, तो नोट बदलवाने और अपने खाते से नए नोटों की शक्ल में पैसे निकलवाने के लिए पहले सी ही लोग मौजूद थे.
कुछ की मजबूरी थी और कुछ नए नोट की चाहत में यहां पहुंचे. जानकारी यहीं थी कि सुबह आठ बजे से ही डाकघर में
नोट बदलने का काम
शुरु हो जाएगा और लोगों को फटाफट खर्च के लायक पैसे मिल जाएंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और लोगों को अच्छी खासी परेशानी का सामना करना पड़ा.
डाकखाने पर समय से पहले पहुंचे लोग
गोल डाक खाना पर सुबह सुबह पहुंचे लोगों को सबसे पहले तो एक नोटिस देखने को मिला जिसमें ये जानकारी तो थी, कि किस काउंटर पर क्या होगा, लेकिन कितने बजे से प्रक्रिया शुरू होगी, इसका कोई ज़िक्र नहीं था. दूसरे पता चला कि सिर्फ आईडी कार्ड दिखाने से काम नहीं चलेगा, बल्कि उसकी फोटोकॉपी भी देनी होगी, बस लाइन छोड़कर लोग फोटोकॉपी कराने भागे. लेकिन तभी ये जानकारी आई कि डाकघर तो दस बजे से अपना काम शुरू करेगा, अब मजबूर लोग क्या करते, तो इंतजार के अलावा कोई चारा भी नहीं था. लोगों के सब्र का इम्तिहान यहीं खत्म नहीं हुआ, क्योंकि दस बजे डाकघर के अंदर से खबर मिली कि बैंक से कैश आने में वक्त लगेगा.
तीन घंटे से लाइन में लगे आनंद ने कहा कि वो बड़ी उम्मीद से आये थे कि भले ही लाइन में लगना होगा, लेकिन काम आसानी से हो जाएगा, लेकिन लाइन में लगे लगे घंटों गुज़र गए,
नोट का दीदार नहीं हुआ
. यही हाल सतीश का था, आफिस जाने के लिए घर से जल्दी निकले ताकि रास्ते में डाकघर में रुककर नोट बदलवा लेंगे, लेकिन तीन घंटे इंतज़ार के बाद भी 11 बजे तक प्रधान डाकघर में पैसे का लेनदेन शुरु ही नहीं हो पाया.
डाकघर के कर्मचारी भी हैरान परेशान दिखे. बात करने पर पता चला कि उन्हें तो अपने सामान्य समय पर ही डाकघर खोलने के निर्देश थे, सुबह आठ बजे का वक्त कहां से आया उन्हें नहीं पता. इस पर भी बैंक से कैश में आने देरी हो गई, तो लोगों का इंतज़ार और बढ गया.
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बीएसएफ और पंजाब पुलिस ने एक संयुक्त कार्रवाई में दो संदिग्ध खालिस्तानी आतंकवादियों को गिरफ्तार करने के बाद रविवार एक आतंकी मॉड्यूल का खुलासा करने का दावा किया, जिसके तार कनाडा और पाकिस्तान से जुड़े हुए हैं. पंजाब पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि इन दोनों को भारत-पाक सीमा क्षेत्र से उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वे लोग हथियार हासिल करने की कोशिश कर रहे थे जिन्हें इससे पहले तस्करी कर पाकिस्तान से भारत लाया गया था.
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार लोगों की पहचान गुरदासपुर के श्री हरगोविंदपुर के मान सिंह (40) जालंधर के करतारपुर निवासी शेर सिंह (28) के रूप में हुई है. सुरक्षा बलों ने दोनों के पास से एक एके - 47 राइफल, पांच हथगोले, एक मोडीफाइड मशीन - पिस्तौल, पांच पिस्तौल और 450 गोलियां बरामद की. प्रवक्ता ने बताया कि ये लोग पंथ के दुश्मनों को निशाना बनाने की योजना बना रहे थे. उन्होंने दावा किया कि पूछताछ में मान ने पाकिस्तान की कई यात्राएं करने और वहां कुछ खालिस्तानी लोगों से संपर्क में रहने की बात स्वीकार की है.
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स्विट्जरलैंड के बैंकों में अवैध काले धन के मुद्दे पर भारत में लगातार चल रही तीखी राजनीतिक बहस के बावजूद इन बैंकों में भारतीयों के निष्क्रिय पड़े खातों की सूचना जारी किए जाने के तीन साल बाद भी उनका कोई दावेदार सामने नहीं आया है.
स्विट्जरलैंड ने पहली बार दिसंबर 2015 में कुछ निष्क्रिय खातों की सूची जारी की थी. इनमें स्विट्जरलैंड के नागरिकों के साथ ही भारत के कुछ लोगों समेत बहुत से विदेशी नागरिकों के खाते हैं. उसके बाद समय-समय पर इस तरह के और भी खातों की सूचना जारी की जाती रही है जिनके ऊपर किसी ने दावा नहीं किया गया है.
नियम के तहत इन खातों की सूची इसलिए जारी की जाती है कि ताकि
खाताधारकों के कानूनी उत्तराधिकारियों
को उन पर दावा करने का अवसर मिल सके. सही दावेदार मिलने के बाद सूची से उस खाते की जानकारियां हटा दी जाती हैं. साल 2017 में सूची से 40 खाते और दो सुरक्षित जमा पेटियों की जानकारी हटाई जा चुकी हैं.
हालांकि अभी भी सूची में 3,500 से अधिक ऐसे खाते हैं जिनमें कम से कम छह भारतीय नागरिकों से जुड़े हैं और उनके दावेदार नहीं मिले हैं.
स्विस बैंकों में बढ़ा भारतीयों का पैसा
स्विस नेशनल बैंक द्वारा जारी हालिया आंकड़ों के अनुसार, स्विस बैंकों में भारतीय लोगों का जमा 2017 में 50 प्रतिशत बढ़कर 1.01 अरब सीएचएफ (स्विस फ्रैंक) यानी करीब 7,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. हालांकि इसमें वे राशियां शामिल नहीं हैं जो किसी अन्य देश में स्थित निकायों के नाम से जमा कराए गए हैं.
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देश को 'सांस्कृतिक प्रदूषण' से मुक्ति दिलाने और युवाओं में 'मूल्यों' का संचार करने के मकसद से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार स्कूलों और कॉलेजों के पाठ्यक्रम में जल्द ही महाभारत, रामायण और गीता के पाठों को शामिल करेगी।
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय छात्रों को भारत के सांस्कृतिक मूल्यों के बारे में शिक्षित करने की योजना पर काम कर रहा है। बीजेपी शासित राज्यों और केंद्र के शिक्षा एवं संस्कृति मंत्रियों और आरएसएस के शीर्ष प्रतिनिधियों के बीच हुई विस्तृत चर्चा के बाद यह कवायद शुरू की गई है।
इस योजना का ब्योरा देते हुए संस्कृति राज्यमंत्री महेश शर्मा ने कहा कि सरकार इस आलोचना की परवाह नहीं करेगी कि वह आरएसएस की विचारधारा को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है। शर्मा ने कहा, 'हम इसे अपनी संस्कृति के एक हिस्से के तौर पर लाना चाहते हैं, ताकि छात्रों को मूल्यों की शिक्षा दी जाए। उन्हें महाभारत की शिक्षा, रामायण की शिक्षा दी जानी चाहए। उन्हें गीता और जाति, वर्ग एवं धर्म से परे सभी आध्यात्मिक मूल्यों की शिक्षा दी जानी चाहिए।'
मंत्री ने कहा कि 60 साल से भी ज्यादा समय तक इस देश की राजनीति पर हावी रहे एक खास परिवार की सोच को शिक्षा प्रणाली में डाला गया है और 'एनडीए सरकार भारत की सांस्कृतिक धरोहर को बहाल करने के लिए कटिबद्ध है।' उन्होंने कहा, 'यहां वंश रहा है। अप्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष तौर पर, आप उस परिवार की सोच को जिम्मेदार करार दे सकते हैं। यह व्यवस्था काम करती है। मोटे तौर पर व्यवस्था में उस परिवार की सोच को डाल दिया गया है।' टिप्पणियां
यह पूछे जाने पर कि क्या सीबीएसई को गीता, महाभारत और रामायण की शिक्षा को पाठ्यपुस्तकों में शामिल करने के लिए कहा जाएगा, इस पर मंत्री ने कहा, 'इस मुद्दे पर सर्वश्रेष्ठ तरीके से चर्चा हुई है।' आरएसएस की विचारधारा कथित तौर पर थोपने की कोशिश को लेकर एनडीए सरकार की हो रही आलोचना पर शर्मा ने कहा कि भारत के लोगों ने नरेंद्र मोदी को बड़ा जनादेश दिया है और व्यवस्थागत बदलाव लाने में कुछ भी गलत नहीं है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'यदि किसी ने भगवाकरण किया है तो वह इस देश की 125 करोड़ जनता ने किया है, जिसने हमें भारी जनादेश दिया। वे जानते थे कि आरएसएस क्या है, बीजेपी क्या है। उन्होंने हमें देश चलाने के लिए जनादेश दिया है।'
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय छात्रों को भारत के सांस्कृतिक मूल्यों के बारे में शिक्षित करने की योजना पर काम कर रहा है। बीजेपी शासित राज्यों और केंद्र के शिक्षा एवं संस्कृति मंत्रियों और आरएसएस के शीर्ष प्रतिनिधियों के बीच हुई विस्तृत चर्चा के बाद यह कवायद शुरू की गई है।
इस योजना का ब्योरा देते हुए संस्कृति राज्यमंत्री महेश शर्मा ने कहा कि सरकार इस आलोचना की परवाह नहीं करेगी कि वह आरएसएस की विचारधारा को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है। शर्मा ने कहा, 'हम इसे अपनी संस्कृति के एक हिस्से के तौर पर लाना चाहते हैं, ताकि छात्रों को मूल्यों की शिक्षा दी जाए। उन्हें महाभारत की शिक्षा, रामायण की शिक्षा दी जानी चाहए। उन्हें गीता और जाति, वर्ग एवं धर्म से परे सभी आध्यात्मिक मूल्यों की शिक्षा दी जानी चाहिए।'
मंत्री ने कहा कि 60 साल से भी ज्यादा समय तक इस देश की राजनीति पर हावी रहे एक खास परिवार की सोच को शिक्षा प्रणाली में डाला गया है और 'एनडीए सरकार भारत की सांस्कृतिक धरोहर को बहाल करने के लिए कटिबद्ध है।' उन्होंने कहा, 'यहां वंश रहा है। अप्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष तौर पर, आप उस परिवार की सोच को जिम्मेदार करार दे सकते हैं। यह व्यवस्था काम करती है। मोटे तौर पर व्यवस्था में उस परिवार की सोच को डाल दिया गया है।' टिप्पणियां
यह पूछे जाने पर कि क्या सीबीएसई को गीता, महाभारत और रामायण की शिक्षा को पाठ्यपुस्तकों में शामिल करने के लिए कहा जाएगा, इस पर मंत्री ने कहा, 'इस मुद्दे पर सर्वश्रेष्ठ तरीके से चर्चा हुई है।' आरएसएस की विचारधारा कथित तौर पर थोपने की कोशिश को लेकर एनडीए सरकार की हो रही आलोचना पर शर्मा ने कहा कि भारत के लोगों ने नरेंद्र मोदी को बड़ा जनादेश दिया है और व्यवस्थागत बदलाव लाने में कुछ भी गलत नहीं है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'यदि किसी ने भगवाकरण किया है तो वह इस देश की 125 करोड़ जनता ने किया है, जिसने हमें भारी जनादेश दिया। वे जानते थे कि आरएसएस क्या है, बीजेपी क्या है। उन्होंने हमें देश चलाने के लिए जनादेश दिया है।'
इस योजना का ब्योरा देते हुए संस्कृति राज्यमंत्री महेश शर्मा ने कहा कि सरकार इस आलोचना की परवाह नहीं करेगी कि वह आरएसएस की विचारधारा को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है। शर्मा ने कहा, 'हम इसे अपनी संस्कृति के एक हिस्से के तौर पर लाना चाहते हैं, ताकि छात्रों को मूल्यों की शिक्षा दी जाए। उन्हें महाभारत की शिक्षा, रामायण की शिक्षा दी जानी चाहए। उन्हें गीता और जाति, वर्ग एवं धर्म से परे सभी आध्यात्मिक मूल्यों की शिक्षा दी जानी चाहिए।'
मंत्री ने कहा कि 60 साल से भी ज्यादा समय तक इस देश की राजनीति पर हावी रहे एक खास परिवार की सोच को शिक्षा प्रणाली में डाला गया है और 'एनडीए सरकार भारत की सांस्कृतिक धरोहर को बहाल करने के लिए कटिबद्ध है।' उन्होंने कहा, 'यहां वंश रहा है। अप्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष तौर पर, आप उस परिवार की सोच को जिम्मेदार करार दे सकते हैं। यह व्यवस्था काम करती है। मोटे तौर पर व्यवस्था में उस परिवार की सोच को डाल दिया गया है।' टिप्पणियां
यह पूछे जाने पर कि क्या सीबीएसई को गीता, महाभारत और रामायण की शिक्षा को पाठ्यपुस्तकों में शामिल करने के लिए कहा जाएगा, इस पर मंत्री ने कहा, 'इस मुद्दे पर सर्वश्रेष्ठ तरीके से चर्चा हुई है।' आरएसएस की विचारधारा कथित तौर पर थोपने की कोशिश को लेकर एनडीए सरकार की हो रही आलोचना पर शर्मा ने कहा कि भारत के लोगों ने नरेंद्र मोदी को बड़ा जनादेश दिया है और व्यवस्थागत बदलाव लाने में कुछ भी गलत नहीं है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'यदि किसी ने भगवाकरण किया है तो वह इस देश की 125 करोड़ जनता ने किया है, जिसने हमें भारी जनादेश दिया। वे जानते थे कि आरएसएस क्या है, बीजेपी क्या है। उन्होंने हमें देश चलाने के लिए जनादेश दिया है।'
मंत्री ने कहा कि 60 साल से भी ज्यादा समय तक इस देश की राजनीति पर हावी रहे एक खास परिवार की सोच को शिक्षा प्रणाली में डाला गया है और 'एनडीए सरकार भारत की सांस्कृतिक धरोहर को बहाल करने के लिए कटिबद्ध है।' उन्होंने कहा, 'यहां वंश रहा है। अप्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष तौर पर, आप उस परिवार की सोच को जिम्मेदार करार दे सकते हैं। यह व्यवस्था काम करती है। मोटे तौर पर व्यवस्था में उस परिवार की सोच को डाल दिया गया है।' टिप्पणियां
यह पूछे जाने पर कि क्या सीबीएसई को गीता, महाभारत और रामायण की शिक्षा को पाठ्यपुस्तकों में शामिल करने के लिए कहा जाएगा, इस पर मंत्री ने कहा, 'इस मुद्दे पर सर्वश्रेष्ठ तरीके से चर्चा हुई है।' आरएसएस की विचारधारा कथित तौर पर थोपने की कोशिश को लेकर एनडीए सरकार की हो रही आलोचना पर शर्मा ने कहा कि भारत के लोगों ने नरेंद्र मोदी को बड़ा जनादेश दिया है और व्यवस्थागत बदलाव लाने में कुछ भी गलत नहीं है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'यदि किसी ने भगवाकरण किया है तो वह इस देश की 125 करोड़ जनता ने किया है, जिसने हमें भारी जनादेश दिया। वे जानते थे कि आरएसएस क्या है, बीजेपी क्या है। उन्होंने हमें देश चलाने के लिए जनादेश दिया है।'
यह पूछे जाने पर कि क्या सीबीएसई को गीता, महाभारत और रामायण की शिक्षा को पाठ्यपुस्तकों में शामिल करने के लिए कहा जाएगा, इस पर मंत्री ने कहा, 'इस मुद्दे पर सर्वश्रेष्ठ तरीके से चर्चा हुई है।' आरएसएस की विचारधारा कथित तौर पर थोपने की कोशिश को लेकर एनडीए सरकार की हो रही आलोचना पर शर्मा ने कहा कि भारत के लोगों ने नरेंद्र मोदी को बड़ा जनादेश दिया है और व्यवस्थागत बदलाव लाने में कुछ भी गलत नहीं है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'यदि किसी ने भगवाकरण किया है तो वह इस देश की 125 करोड़ जनता ने किया है, जिसने हमें भारी जनादेश दिया। वे जानते थे कि आरएसएस क्या है, बीजेपी क्या है। उन्होंने हमें देश चलाने के लिए जनादेश दिया है।'
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'यदि किसी ने भगवाकरण किया है तो वह इस देश की 125 करोड़ जनता ने किया है, जिसने हमें भारी जनादेश दिया। वे जानते थे कि आरएसएस क्या है, बीजेपी क्या है। उन्होंने हमें देश चलाने के लिए जनादेश दिया है।'
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राजधानी दिल्ली में फिर एक बार नशे और रफ़्तार का कहर देखने को मिला, जब एक रईसजादे ने ड्यूटी पर तैनात एक पुलिस वाले को ही कार से जोरदार टक्कर मारकर उड़ा दिया. हादसे के वक्त कार की रफ्तार 150 किमी. प्रति घंटा बताई जा रही है. घायल पुलिसकर्मी की हालत गंभीर बनी हुई है.
शुक्रवार की सुबह लगभग 3 से 4 बजे के बीच एक
तेज रफ्तार
स्कोडा कार नेल्सन मंडेला मार्ग से गुजर रही थी. तभी रास्ते में बेरिकेटिंग पर तैनात कांस्टेबल भूप सिंह और किशोरी लाल ने गाड़ी को रुकने का इशारा किया. लेकिन हवा की रफ्तार से चल रही स्कोडा कार नें पुलिस बेरिकेटिंग को ही उड़ा दिया, इस दौरान कार ने कांस्टेबल भूप सिंह को भी बुरी तरह टक्कर मार दी.
गंभीर रुप से घायल कांस्टेबल भूप सिंह को फौरन पास के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया. टक्कर इतनी जोरदार थी कि पुलिस का बुलेटप्रूफ आर्मर स्कोडा कार की टक्कर से दूर जाकर गिरा. जबकि उसका वजन करीब 6 क्विंटल होता है. हादस के वक्त कार की रफ्तार लगभग 150 किमी प्रतिघंटा थी.
घटना के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. रईसजादे का नाम अखिलेश लोहिया है. हादसे के वक्त वह नशे में धुत था. आरोपी साउथ एक्स में रहने वाला एक बिजनेसमैन है.
उधर, अस्पताल में भर्ती कांस्टेबल भूप सिंह के परिवार का भी बुरा हाल है. भूप सिंह वसंतकुंज थाने के सबसे तेजतर्रार पुलिसकर्मियों में से एक है. 25 वर्षीय भूप सिंह की शादी 3 साल पहले हुई थी. उसका एक डेढ वर्षीय बच्चा भी है.
घटना के दौरान भूप सिंह की पैर और शरीर की कई हड्डियां टूट गई हैं. उसके शरीर और सिर में गंभीर चोटें आई हैं. भूप सिंह को आईसीयू में रखा गया है. जहां वह जिन्दगी और मौत के बीच झूल रहा है.
पुलिस
ने आरोपी अखिलेश के खिलाफ तमाम धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरु कर दी है.
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तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा के कैरियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी के दम पर भारत कम स्कोर के बावजूद दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में वेस्टइंडीज पर बढ़त हासिल करने में सफल रहा. बारिश हालांकि फिर से खलनायक बनकर उभरी जिसके कारण तीसरे दिन केवल 42 ओवर का ही खेल हो पाया.
ईशांत ने 55 रन देकर छह विकेट लेकर वेस्टइंडीज को 190 रन पर आउट करने में अहम भूमिका निभायी. पहली पारी में 201 रन बनाने वाले भारत को इस तरह से 11 रन की बढ़त मिली. बारिश के कारण भारत की दूसरी पारी में केवल 5.4 ओवर का ही खेल हुआ जिसमें उसने बिना किसी नुकसान के 23 रन बनाये.
भारत की बढ़त अब 34 रन की हो गयी है. अंपायरों ने रुक-रुककर आती बारिश के कारण जब दिन का खेल समाप्त करने की घोषणा की तब अभिनव मुकुंद आठ और मुरली विजय तीन रन पर खेल रहे थे.
भारतीय तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा और वेस्टइंडीज के मध्यक्रम के बल्लेबाज मलरेन सैमुअल्स यदि तीसरे दिन के नायक रहे तो बारिश फिर से खलनायक बनी. वेस्टइंडीज की पारी समाप्त होने के बाद भारत की दूसरी पारी में जब केवल पांच ओवर हो पाये थे तभी बारिश आ गयी जिसके कारण चाय का विश्राम जल्दी लेना पड़ा.
इसके बाद भी बारिश नहीं थमी जिससे दो घंटे का खेल बरबाद हुआ. स्थानीय समयानुसार शाम पांच बजकर दस मिनट पर फिर खेल शुरू हुआ लेकिन अभी केवल चार गेंद ही हो पायी थी कि खराब रोशनी के कारण खेल रोकना पड़ा. इसके बाद अंपायरों ने दिन का खेल समाप्त घोषित कर दिया.
दूसरे दिन का अधिकतर खेल बारिश की भेंट चढ़ने के बाद तीसरे दिन भी लगभग 35 मिनट बाद ही खेल शुरू हो पाया. वेस्टइंडीज ने पांच विकेट पर 98 रन से आगे खेलना शुरू किया लेकिन चंद्रपाल और सैमुअल्स ने विपरीत परिस्थतियों के बावजूद धर्य के साथ बल्लेबाजी की और टीम की जरूरत को देखते हुए विकेट बचाये रखने को तरजीह दी.
भारत को आखिर में दिन की पहली सफलता चंद्रपाल की गलती से मिली. मिथुन की राउंड द विकेट आकर की गयी शार्ट पिच गेंद में अधिक उछाल नहीं थी लेकिन चंद्रपाल इसे पुल करने के उद्देश्य से बैकफुट पर चले गये. वह इसमें असफल रहे और गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर विकेटों में समा गयी.
लंच के बाद हरभजन ने नये बल्लेबाज कार्लटन बॉ की स्पिन के खिलाफ कमजोरी का फायदा उठाया. हरभजन की गेंद पर उन्होंने ड्राइव करने की कोशिश लेकिन वह उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेकर पहली स्लिप में खड़े राहुल द्रविड़ के पास पहुंच गयी. द्रविड़ ने धोनी के करीब से निकली गेंद को अपने बायीं तरफ कैच किया.
बीच में बारिश के कारण लगभग 20 मिनट तक खेल रुका रहा. तब वेस्टइंडीज का स्कोर आठ विकेट पर 189 रन था लेकिन इसके बाद वेस्टइंडीज की पारी तीन गेंद के अंदर सिमट गयी. इशांत ने अपना ओवर आगे जारी रखते हुए लगातार गेंद पर रवि रामपाल और फिदेल एडवर्डस (दोनों शून्य) को आउट करके भारत को बढ़त दिलायी.
ईशांत ने अपने कैरियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. उन्होंने इससे पहले 2007 में पाकिस्तान के खिलाफ बैंगलोर में 115 रन देकर पांच विकेट लिये थे. उन्होंने अपने कैरियर में दूसरी बार पारी में पांच या इससे अधिक विकेट लिये.
भारत किंग्सटन में पहला टेस्ट मैच 63 रन से जीतकर श्रृंखला में 1-0 से आगे चल रहा है.
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प्रवर्तन निदेशालय(ED) ने विवादास्पद मांस निर्यातक मोइन कुरैशी के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया है. कुरैशी कथित कर-चोरी और हवाला जैसे कारोबारों को लेकर जांच एजेंसियों की जांच के घेरे में है.
एजेंसी ने धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत नया मामला दर्ज किया है जिसके तहत कारोबारी के खिलाफ कार्यवाही अब फौजदारी कानूनों के तहत होगी. फिलहाल, जांच विदेशी विनिमय प्रबंधन अधिनियम (फेमा) और आयकर कानून के तहत की जा रही है जो दीवानी प्रकृति के हैं.
अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी ने कुछ समय पहले यहां एक स्थानीय अदालत में कथित करापवंचन मामले में कुरैशी के खिलाफ आयकर विभाग के आरोपपत्र को संज्ञान में लेने के बाद नये आरोप दर्ज किये हैं.
उन्होंने कहा, ‘एजेंसी द्वारा अधिसूचित नये नियम कहते हैं कि किसी मामले में अगर अभियोजन चलाने वाली एजेंसी (यहां कर विभाग) ने किसी सक्षम अदालत में कोई शिकायत दाखिल की है और अदालत ने इसे विचारार्थ स्वीकार कर लिया है तो मामला पीएमएलए के तहत जांच के लिए लिया जा सकता है.’ ईडी ने इस साल फेमा के तहत इस मामले को लिया था. इससे पहले आयकर विभाग ने दस्तावेज साझा किये थे जिनमें कारोबारी और यहां उसके कारोबारी प्रतिष्ठानों द्वारा कथित विदेशी विनिमय कानूनों के उल्लंघन और हवाला कारोबार के संकेत मिले थे.
इससे पहले मोइन कुरैशी के मामले को लेकर सीबीआई के एक पूर्व निदेशक भी सवालों के घेरे में आ चुके हैं. आरोप लगे थे कि सीबीआई के एक निदेशक से मोइन कुरैशी के रिश्ते काफी प्रगाढ थे.
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संकीर्ण अर्थ में, रोगों से आक्रांत होने पर रोगों से मुक्त होने के लिये जो उपचार किया जाता है वह चिकित्सा कहलाता है। पर व्यापक अर्थ में वे सभी उपचार 'चिकित्सा' के अंतर्गत आ जाते हैं जिनसे स्वास्थ्य की रक्षा और रोगों का निवारण होता है। चिकित्सा विज्ञान है और रोगी की देखभाल करने का अभ्यास है और रोग का निदान, पूर्वानुमान, रोकथाम, उपचार या उनकी चोट या रोग के उपशमन का प्रबंधन है। चिकित्सा में बीमारी की रोकथाम और उपचार द्वारा स्वास्थ्य को बनाए रखने और सुधारने के लिए विकसित विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य देखभाल पद्धतियां शामिल हैं। भावप्रकाश के अनुसार "या क्रिया व्याधिहरणी सा चिकित्सा निगद्यते” अर्थात कोई भी क्रिया जिसके द्वारा रोग की निवृति होती है, वह चिकित्सा कहलाती है। समसामयिक चिकित्सा जैव चिकित्सा विज्ञान, जैव चिकित्सा अनुसंधान, आनुवंशिकी, और चिकित्सा प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोग चोट और बीमारी के निदान, उपचार और रोकथाम के लिए करती है, आमतौर पर फार्मास्यूटिकल्स या सर्जरी के माध्यम से भी, लेकिन दूसरों के बीच में मनोचिकित्सा, बाहरी स्प्लिंट्स और ट्रैक्शन, चिकित्सा उपकरणों, जीवविज्ञान के रूप में विविध उपचारों के माध्यम से और आयनकारी विकिरण से भी अनुप्रयोग करती है।
वितरण
चिकित्सा देखभाल की व्यवस्था को प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक देखभाल श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है।
प्राथमिक देखभाल चिकित्सा सेवाएं चिकित्सकों, चिकित्सक सहायकों, नर्स चिकित्सकों, या अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा प्रदान की जाती हैं, जिनका चिकित्सा उपचार या देखभाल चाहने वाले रोगी के साथ पहला संपर्क होता है। ये चिकित्सक कार्यालयों, क्लीनिकों, नर्सिंग होम, विद्यालयों, गृह दौरे और रोगियों के समीप अन्य स्थानों में होते हैं। लगभग 90% चिकित्सा दौरों का उपचार प्राथमिक देखभाल प्रदाता द्वारा किया जा सकता है। इनमें तीव्र और पुरानी बीमारियों का उपचार, सभी उम्र और दोनों लिंगों के लिए निवारक देखभाल और स्वास्थ्य शिक्षा शामिल है।
माध्यमिक देखभाल चिकित्सा सेवाएं चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा उनके कार्यालयों या चिकित्सालय में या स्थानीय सामुदायिक अस्पतालों में उन रोगी के लिए प्रदान की जाती हैं जिसे प्राथमिक देखभाल प्रदाता द्वारा संदर्भित किया गया है जिसने पहले रोगी का निदान या उपचार किया था। रेफरल उन रोगियों के लिए किया जाता है जिन्हें विशेषज्ञों द्वारा निष्पादित विशेषज्ञता या प्रक्रियाओं की आवश्यकता होती है। इनमें औषधालय देखभाल और अंतरंग रोगी सेवाएं दोनों, आपातकालीन विभाग, गहन देखभाल दवा, शल्यचिकित्सा सेवाएं, भौतिक चिकित्सा, प्रसवपीड़ा और प्रसव, एंडोस्कोपी इकाइयां, नैदानिक प्रयोगशाला और मेडिकल इमेजिंग सेवाएं, धर्मशाला केंद्र आदि शामिल हैं। कुछ प्राथमिक देखभाल प्रदाता अस्पताल में भर्ती मरीज की भी देखभाल कर सकते हैं और माध्यमिक देखभाल सेटिंग में बच्चों के जन्म में सहायता कर सकते हैं।
तृतीयक देखभाल चिकित्सा सेवाएं विशेषज्ञ अस्पतालों या क्षेत्रीय केंद्रों द्वारा प्रदान की जाती हैं जो नैदानिक और उपचार सुविधाओं से लैस है और स्थानीय अस्पतालों में आमतौर पर उपलब्ध नहीं होती हैं। इनमें ट्रॉमा केंद्र, बर्न ट्रीटमेंट केंद्र, उन्नत नियोनेटोलॉजी इकाई सेवाएं, अंग प्रत्यारोपण, उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था, विकिरण अर्बुदविज्ञान आदि शामिल हैं।
चिकित्सा
चिकित्सा, रोगनिवारण और रोगहरण की एक विधि एवं कला तथा वैद्यक के महत्व की एक शाखा है। इसके उद्देश्य स्वास्थ्यरक्षण, रोगनिवारण, रोगउन्मूलन, रोगों के उपद्रवों और दुष्परिणामों के निराकरण और यदि निराकरण न हो तो यथाशक्ति शमन है।
एक्युप्रेशर योग नेचुरोपैथी काउंसिल नेचुआजलालपुर के संस्थापक डा0 श्री प्रकाश बरनवाल का कहना है कि "चिकित्सक चिकित्सा करता है और प्रकृति रोगहरण करती है"। रोगों से बचने की रोगियों में शक्ति होती है, जिससे दवा न करने पर भी असंख्य रोगी नीरोग हो जाते है। चिकित्सा ऐसी होनी चाहिए कि वह रोगहरण की शक्तियों में कोई बाधा न डाले, वरन् उसमें सहयोग दे। इसके लिये चिकित्साकर्म में अत्यंत व्यग्रता न दिखानी चाहिए और न रोगियों को नैसर्गिक शक्ति के भरोसे ही छोड़ना, या उत्साहहीन चिकित्सा करनी, चाहिए।
स्वास्थ्य को बनाए रखना और रोग तथा महामारियों को उत्पन्न न होने देना रोग निवारक चिकित्सा के अंतर्गत आता है। रोग हो जाने पर उसके नाश के लिये की जानेवाली चिकित्सा को रोगहारक चिकित्सा कहते हैं। जब रोगविज्ञान, विकृतिविज्ञान, द्रव्यगुण विज्ञान इत्यादि विषयों के सम्यक् ज्ञान पर चिकित्सा अधिष्ठित होती है तब उसे युक्तिमूलक चिकित्सा कहते हैं। परंपरागत अनुभव चिकित्सा का आनुभाविक चिकित्सा कहते हैं। चिकित्सा रोगहारक , लाक्षणिक हो सकती है।
परिभाषा तथा परिसीमन
चिकित्सा विज्ञान फलसमन्वित ऐसा शास्त्र है, जिसमें ऐसे उपायों के उपयोगों का वर्णन है जो लोकस्वास्थ्य तथा वैयक्तिक स्वास्थ्य की दृष्टि से, शरीर संबंधी सभी अवस्थाओं में आवश्यक होता है, जैसे
(1) रोगोन्मूलक तथा निवारक,
(2) घटना नियंत्रक तथा सुधारक,
(3) अभावपूरक,
(4) विकारक तथा विकृत अंगों के निष्कासक,
(5) कुरूपता तथा असमर्थता के निवारक,
(6) क्षतांगों के प्रतिस्थापक एवं विकलांगों के पुनर्वासक और विभिन्न प्रकार की आंत्र यक्ष्मा तथा फुफ्फुस यक्ष्मा की चिकित्सा तथा अन्य नैदानिक कार्यों में उपयोगी,
(7) सुजनन, सुपोषण सुसंतान तथा परिवारनियोजन।
चिकित्सा शिक्षण में भौतिकी, सांख्यिकी, रसायन, वनस्पति, प्राणि तथा सूक्ष्मजीव विज्ञान, मानवीय शरीररचना, कायिकी-विकृतिविज्ञान, प्रतिरक्षण विज्ञान, इत्यादि प्रत्यक्ष:, तथा अन्य सभी विज्ञान परोक्षत:, सहायक होते हैं।
मूलत: सिद्धांत पर आधारित चिकित्सा के तीन प्रकार हैं : यौक्तिक चिकित्सा (रेशनल थिरैपी), मनोदैहिक चिकित्सा (psychophysical therapy) तथा आनुभविक चिकित्सा (Empiric therapy)। यौक्तिक चिकित्सा में रोग के कारणों एवं रोगी के कायिक तथा मानसिक परिवर्तनों को समझकर, ज्ञात प्रभाव की ओषधियों अथवा साधनों का उपयोग किया जाता है। मनोदैहिक चिकित्सा में विशिष्ट मन:चिकित्सा और विश्वासमूलक चिकित्सा दोनों संमिलित हैं। प्रथम के विस्तारों में नाना प्रकार के मनोविश्लेषण वैविध्य है तथा दूसरे में प्लैसेबो (Placebo) सदृश निष्प्रभाव ओषधियाँ और झाड़-फूँक प्रभृति प्रयोग आते हैं। आनुभविक चिकित्सा में ज्ञात लाक्षणिक प्रभावों के बल पर ओषधियों का प्रयोग करते हैं, किन्तु शरीर में दवा किस प्रकार काम करती है, इसक पता नहीं होता। चिकित्सा शब्द के साथ विशेष साधनों के नाम लगाने से विशेष ओषधीय प्रयोगों का बोध होता है, जैसे जलचिकित्सा, विद्युच्चिकित्सा, डायथर्मी (Diathermy) चिकित्सा आदि।
इतिहास
शब्द के अर्थ तथा इतिहास के अनुसार यथेष्ट काल तक चिकित्सा केवल रोगों को दूर करनेवाले उपचारों की संगृहीत विद्या थी। इसमें साधारण शल्यकर्म और प्रसवकर्म तक के लिये कोई स्थान नहीं था तथा लोकस्वास्थ्य की तो कल्पना भी असंभव थी।
अति प्राचीन काल में चिकित्सा की नींव ऐसे उपचारों पर पड़ी, जिनमें रोगहरण के लिये भूत प्रेतों की बाधा को दूर करना आवश्यक समझा जाता था। इन उपचारों से शरीर की अवस्था अथवा उसके घावों इत्यादि का कोई संबंध नहीं होता था। कभी-कभी चिकित्सक अनुभवसिद्ध ओषधियों का प्रयोग भी करते थे। कालांतर में ज्ञात ओषधियों की संख्या बढ़ती गई और झाड़ फूँक के प्रयोग ढीले पड़ने लगे। ईसा से 500 वर्ष पूर्व के, मिस्र देश स्थित पिरामिडों से प्राप्त "ईबर्स पैपाइरस (Ebers Papyrus) नामक लेख ऐसे ही समय का प्रतीक है।
चिकित्सा में पहला व्यापक परिवर्तन बुद्धपूर्व भारत की दिवोदास सुश्रुत परंपरा द्वारा हुआ। इसमें ओषधियों के प्रयोग के साथ साथ शवों के व्यवच्छेदन से प्राप्त ज्ञान का उपयोग प्रारंभ हुआ और दोनों प्रकार की चिकित्साओं को एक ही पंक्ति में रखा गया। इस परंपरा के प्रख्यात चिकित्सकों में बुद्धकालीन जीवक का नाम उल्लेखनीय है, जिन्होंने शल्यकर्म और वैद्यक को समान महत्व देकर उन्हे पूर्णत: समकक्ष बनाया। इसके पश्चात् अनेक भारतेतर देशों ने भी शल्यकर्म को चिकित्सा का अभिन्न अंग बनाना आरंभ किया तथा इसी प्रसंग में प्रसवकर्म भी चिकित्सा के भीतर आया।
ईसा पूर्व 460 वर्ष के पश्चात् विख्यात चिकित्सक हिपाक्रेटिज हुए, जिन्होंने चिकित्सा को धर्मनिरपेक्ष तथा पर्यवेक्षणान्वेषणमुखी व्यापक व्यवसाय बनाया। मिस्र का सिकंदरिया नामक नगर उस समय इस विद्या का केंद्र था। यहाँ इस परंपरा को 200 वर्षों तक प्रश्रय मिला, किंतु इसके बाद यह लुप्त होने लगी। ईसा पश्चात् 1400 वर्ष तक धर्मांधता के प्राबल्य के कारण वैज्ञानिक चिकित्सा का विस्तार नगण्य रहा, किंतु यूरोप के पुनर्जागरण पर विज्ञान की चतुर्दिक् वृद्धि होने लगी, जिसने चिकित्सा को विशालता दी तथा विभिन्नताओं को हटाया।
चिकित्सा की शाखाएँ
प्राचीन काल में मनुष्य सूर्यप्रकाश, शुद्ध हवा, जल, अग्नि, मिट्टी, खनिज, वनस्पतियों की जड़, छाल, पत्ती आदि द्रव्यों से अनुभव के आधार पर चिकित्सा करता था। इनके गुणधर्म उसे मालूम न थे। इसी प्रकार, रोगों का ज्ञान न होने से, वे रोगों के उत्पन्न होने का कारण देवताओं का कोप समझते थे और उन्हें प्रसन्न करने का मंत्र-तंत्रों से प्रयत्न करते थे। पीछे जैसे जैसे रोगों का ज्ञान बढ़ा, दैवी चिकित्सा का जोर घटता गया और आनुभविक चिकित्सा का विस्तार होता गया। पीछे मैर्केज़ी (Mackenzie), कोख (Koch), एरलिच (Ehrlich) इत्यादि के परिश्रम और सूक्ष्म अवलोकन से आनुभविक चिकित्साद्रव्यों की मूलकता सिद्ध हो गई और अनेक नए द्रव्य आविष्कृत हुए। 20वीं शताब्दी तक चिकित्सा बहुत अधिक विकसित हो गई। आज चिकित्सा की अनेक शाखाएँ बन गई हैं, जिनमें निम्नलिखित विशेष उल्लेखनीय हैं :
रोगनिवारक चिकित्सा
इसमें स्वच्छता, जलशोधन, मोरीपनाले के पानी और मल का विनाश, मक्खी, मच्छर तथा रोगवाहक अन्य कीटों का विनाश, रोगियों को अलगाया जाना, विसूचिकादि रोगों के टीके, त्रुटिजन्य रोगों के लिये त्रुटि द्रव्यों का वितरण, यक्ष्मा, रति रोग, गर्भिणी स्त्रियों तथा बालकों के लिये निदानिकाओं (chinics), की स्थापना, बच्चों के लिये दूध के वितरणादि का समावेश होता है।
मनश्चिकित्सा (Psychotherapy)
मानसिक विकारों से उत्पन्न शारीरिक विकारों के लिये यह चिकित्सा होती है। अनेक शारीरिक रोग मानसिक चिकित्सा से दूर हो जाते हैं। इसके लिये ईश्वर पर श्रद्धा रखना, पूजा पाठ पर विश्वास रखना, मनोरजंनार्थ गायन, वादन, रम्य-दृश्य-दर्शन आदि मन को शांत और प्रसन्न रखनेवाले उपाय अच्छे होते हैं।
औषधि चिकित्सा (Drug therapy)
इसमें विविध ओषधियों का सेवन कराया जाता है। अनेक असाध्य रोगों की अचूक ओषधियाँ आज बन गई हैं और निरंतर बन रही हैं।
आहार चिकित्सा (Dieto therapy)
अनेक रोग, जैसे मधुमेह, बृक्कशोथ, स्थूलता, जठरब्रण इत्यादि आहार से संबंध रखते हैं। इनका निवारण खाद्यों एवं पेयों के नियंत्रण से किया जा सकता है।
रसचिकित्सा (Chemotherapy)
इसमें ऐसे रसद्रव्यों से चिकित्सा की जाती है जो मनुष्य के लिये विषैले नहीं होते, पर रोगाणुओं के लिये घातक होते हैं।
अंत:स्रावी चिकित्सा (Endocrine therapy)
इसमें अंत:स्राव या संश्लिष्ट अंत:स्राव द्वारा रोगों का निवारण होता है।
यांत्रिक चिकित्सा (Mechano therapy)
इसमें मालिश, कंपन, विविध व्यायाम, स्वीडीय अंगायाम (Swedish movement) इत्यादि द्वारा चिकित्सा होती है।
जीवचिकित्सा (Biotherapy)
इसमें सीरम, वैक्सीन, प्रतिविष इत्यादि द्वारा चिकित्सा होती है।
अन्य चिकित्साएँ
इनमें शल्यकर्म, दहन चिकित्सा, विद्युद्वारा चिकित्सा (Electro shock therapy), स्नान चिकित्सा, वायुदाब चिकित्सा (Aerotherapy), सूर्यरश्मि चिकित्सा, (Helio therapy) इत्यादि आती हैं।
चिकित्सा की रीतियाँ और प्राविधिकी
चिकित्सा की सभी क्रियाओं के आठ विभाग किए जा सकते हैं :
प्राथमिक कृत्य
इसमें तात्कालिक या स्थितिक निदान, प्राथमिक उपचार, चिकित्सा-क्षेत्र-निर्धारण, छुतहे रोगियों का पृथक्करण इत्यादि हैं।
अस्पतालीकरण
इसमें घातक तथा कठिन रोगों के रोगियों को उचित स्थान में रखकर जीवनरक्षा के आवश्यक उपायों के प्रयोग, नियमित पर्यवेक्षण तथा प्रयोग और यंत्रों की सहायता से निदान का प्रबंध किया जाता है। रोगियों का अस्पतालीकरण उनके घर पर भी होता है।
विसंक्रमण
सभी प्रकार की शल्यक्रियाओं, इंजेक्शनों तथा प्रसव कार्यों के पूर्व चिकित्सकों की त्वचा तथा हाथों को रोगाणुविहीन बनाया जाता है। कटे हुए स्थानों में श्वास तथा स्पर्श से रोगाणुओं की पहुँच रोकने के लिये शल्यकारों का विशेष पहनावा, दस्ताने इत्यादि पहनना आवश्यक होता है। लोकस्वास्थय के हितकारी उपचारों में भी विविध प्रकार के विसंक्रमणों का बहुत महत्व है।
भेषजसेवन
शीघ्र प्रभाव के लिये विभिन्न स्थितियों में ओषधियों का उचित मात्रा में तथा उचित रीति से सेवन कराया जाता है। सेवन की सात प्रचलित रीतियाँ हैं : आंत्रेतर (Parenteral) इंजेक्शन, मुख, प्राकृतिक गुहाओं, श्वसनमार्ग तथा त्वचा द्वारा और किरणों तथा विकिरण से। यांत्रिक भेषजसेवन छ: प्रकार के होते हैं : अधिचर्मीय, अंत:चर्मीय, अधस्त्वकीय, शिरामार्गीय, मांसमार्गीय तथा अंतरंगगत। इनमें से शिरामार्गीय और अंतरंगगत रीतियाँ बहुत निकट हैं तथा असाधारण स्थितियों में प्रयुक्त होती हैं।
शस्त्रोपचार तथा हस्तकौशल
इनके प्रयोग रुग्ण अंगों को काटकर निकालने अथवा कुरूपता को सुधारने इत्यादि में शल्यकारों द्वारा तथा प्रसवकार्यों में इसके विज्ञों द्वारा किए जाते हैं।
आरोग्यांकन
चिकित्साधीन रोगियों की साधारण रीति से, अथवा यंत्रों या प्रयोगशाला की सहायता से, जाँच कर उनकी अवस्था का पता लगाते रहना चिकित्सा का महत्वपूर्ण अंग है।
पुनर्वासन
निरोग हुए, किंतु सीमित सामर्थ्यवाले लोगों एवं विकलांगों के लिये भविष्य में स्वास्थ्यपूर्ण जीवनयापन के उपाय निश्चित करना भी चिकित्सा का आवश्यक अंग है।
चिकित्सोपरांत संपर्कस्थापन
आधुनिक स्तर की पूर्ण चिकित्सा में नीरोग हुए मनुष्य से संपर्क रख, उसकी अवस्था की जानकारी रखना तथा आवश्यक सावधानी के आदेश देना भी संमिलित हैं।
विशेषज्ञता और चिकित्सा परिचालन
पहले वैद्यक, शल्यकर्म, तथा प्रसूतिविद्या पृथक्-पृथक् थीं। बाद में इन्हें एक साथ सूत्रबद्ध किया गया। किंतु ज्ञान का विस्तार और तकनीकी में आश्चर्यजनक वृद्धि होने के कारण, वर्तमान काल में विशिष्टकरण (स्पेशलाइजेशन) अनिवार्य हो गया। फिर भी संक्रमण तथा विंसक्रमण के विचार, अद्यतन ढंगों से ओषधियों के प्रयोग, विश्राम तथा व्यायाम के प्रयोग, विश्राम तथा व्यायाम के प्रयोग इत्यादि बातें सब रोगों या विकृतियों के उपचार में एक से ही सिद्धांतों पर आधारित हैं।
चिकित्सा और प्रकृति की शक्ति
रोग दूर करने में प्रकृति की शक्ति ही मुख्य है। हिपाक्रेटीज के काल से आज तक रोगनिवारण के लिये चिकित्सक इसी शक्ति का उपयोग करते आए हैं। वे आधुनिक साधनों का तभी प्रयोग करते हैं, जब वें देखते हैं कि प्रकृति को सहारे या सहायता की आवश्यकता है।
भारतमें प्रचलित चिकित्सा पद्धतियाँ
भारत में इस समय चिकित्सा की चार पद्धतियाँ प्रचलित हैं :
1. ऐलोपैथिक, 2. होमियोपैथिक, 3. आयुर्वैदिक, और 4. यूनानी।
अंग्रेजों के भारत में आगमन के साथ-साथ ऐलोपैथिक पद्धति यहाँ आई और ब्रिटिश राज्यकाल में शासकों से प्रोत्साहन पाने के कारण इसकी जड़ इस देश में जमी और पनपी। आज स्वतंत्र भारत में भी इस पद्धति को मान्यता प्राप्त है और इसके अध्यापन और अन्वेषण के लिये अनेक महाविद्यालय तथा अन्वेण संस्थाएँ खुली हुई हैं। प्रति वर्ष हजारों डाक्टर इन संस्थाओं से निकलकर इस पद्धति द्वारा चिकित्साकार्य करते हैं। देश भर में इस पद्धति से चिकित्सा करने के लिये अस्पताल खुले हुए हैं और उच्च कोटि के चिकित्सक उनमें काम करते हैं।
अंग्रेजों के शासनकाल में ही होमियोपैथिक पद्धति इस देश में आई और शासकों से प्रोत्साहन न मिलने के बावजूद भी यह पनपी। इसके अध्यापन के लिये भी आज अनेक संस्थाएँ देश भर में खुल गई हैं और नियमित रूप से उनमें होमियोपैथी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अंग्रेजी शासनकाल में यह राजमान्य पद्धति नहीं थी, किंतु अब इसे भी शासकीय मान्यता मिल गई है।
आयुर्वैदिक पद्धति भारत की प्राचीन पद्धति है। एक समय यह बहुत उन्नत थी, पर अनेक शताब्दियों से मुसलमानों और ब्रिटिश राज्यकाल में शासकों की ओर से प्रोत्साहन के अभाव में इसकी प्रगति रुक गई और यह पिछड़ गई। पर इसकी जड़ इतनी गहरी है कि आज भी देश के अधिकांश व्यक्तियों की चिकित्सा इसी प्रणाली से होती है। भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद आयुर्वेद के अध्ययन में शासन की ओर से कुछ प्रोत्साहन मिल रहा है और वैज्ञानिक आधार पर इसके अध्यापन ओर अन्वेषण के लिये प्रयत्न हो रहे हैं।
यूनानी चिकित्सा पद्धति मुसलमानी शासनकाल में आई और कुछ समय तक मुसलमानी राज्यकाल में पनपी, पर ब्रिटिश शासनकाल में प्रोत्साहन के अभाव में यह शिथिल पड़ गई। फिर भी कुछ संस्थाएँ आज भी चल रही हैं, जिनमें यूनानी पद्धति के पठन पाठन का विशेष प्रबंध है।
इन्हें भी देखें
चिकित्सा सूची
आयुर्विज्ञान
मनोचिकित्सा
भौतिक चिकित्सा
आयुर्वेद
योग
रोगनिरोधन (preventive healthcare)
औषधि
बाहरी कड़ियाँ
चिकित्सा
स्वास्थ्य - स्वास्थ्य के विविध पहलुओं पर जानकारी
औषधि की वैकल्पिक विधियाँ
स्वास्थ्य देखभाल की वैकल्पिक पद्धति
उपचार की सहज प्रवृत्ति (गूगल पुस्तक ; लेखक - David Sharwad Schevior)
हिन्दी में स्वास्थ्य संबन्धी विविध जानकारी
सन्दर्भ
चिकित्साशास्त्र
चिकित्सा
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गुजरात कांग्रेस ने अगले महीने होने वाले विधानसथा सत्र में प्रश्नकाल के खत्म किए जाने का विरोध किया और इसे विधायकों के विशेषाधिकार का हनन करार दिया. कांग्रेस ने 17 और 18 दिसंबर को होने वाले शीतकालीन विधानसभा सत्र में प्रश्नकाल को जल्द से जल्द बहाल करने की मांग की.
कांग्रेस विधायक दल की आज विपक्ष के नेता शक्तिसिंह गोहिल की अध्यक्षता में बैठक हुई और उसमें यह प्रस्ताव पारित किया गया.
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एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि अदयार और तिरूवनमियूर इलाके के मछुआरों को स्थानीय स्कूलों में रखा गया है और उन्हें भोजन और कम्बल बांटे जा रहे हैं. राज्य के मंत्री राहत केंद्रों का दौरा कर रहे हैं और लोगों को भोजन वितरण की निगरानी कर रहे हैं.
बहरहाल चक्रवात प्रभावित चेन्नई, कांचीपुरम और तिरूवल्लुर जिलों में दूध आपूर्ति आज बाधित नहीं हुई और कल भी इसके सामान्य रहने की उम्मीद है. यह जानकारी तमिलनाडु को-ऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन लिमिटेड ने दी.
बहरहाल चक्रवात प्रभावित चेन्नई, कांचीपुरम और तिरूवल्लुर जिलों में दूध आपूर्ति आज बाधित नहीं हुई और कल भी इसके सामान्य रहने की उम्मीद है. यह जानकारी तमिलनाडु को-ऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन लिमिटेड ने दी.
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जम्मू-कश्मीर में फिर गुलज़ार होगी फिल्म इंडस्ट्री
आम लोगों के लिए फिल्म की स्क्रीनिंग करवाएगी सरकार
राज्य सरकार की ओर से होगी फ्री की स्क्रीनिंग
जम्मू-कश्मीर में राज्य सरकार अब हर जिले में फिल्म की स्क्रीनिंग करवाएगी. सरकार की ओर से घाटी के जिलों में फिल्म की स्क्रीनिंग मुफ्त में करवाई जाएगी. घाटी में पिछले काफी समय से फिल्म थियेटर बंद हैं, जिसकी वजह से फिल्मों के बिजनेस पर काफी असर पड़ा है.
कश्मीर घाटी के कई जिलों में आतंकी घटनाओं की वजह से फिल्म थियेटर बंद पड़े थे. कश्मीर डिविज़नल कमिश्नर बशीर अहमद खान ने मंगलवार को बताया कि राज्य सरकार जल्द ही हर जिले में कई प्रकार की फिल्मों और डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करवाएगी. इस दौरान आम लोग इन सेंटर्स पर आ सकेंगे और मुफ्त में फिल्मों का लुत्फ उठा सकेंगे.
बशीर खान ने कहा कि इस दौरान बच्चों, खेल, कल्चर पर आधारित फिल्मों या डॉक्यूमेंट्रियों को दिखाया जाएगा. इनकी स्क्रीनिंग जिलों के बड़े ऑडेटोरियम में कराई जाएगी.
श्रीनगर के स्थानीय निवासी की मानें तो शहर या आसपास के क्षेत्र में फिल्म थियेटर ना के बराबर है, सिर्फ श्रीनगर में एक नीलम थियेटर है.
गौरतलब है कि 1989 में जब घाटी में आतंकवाद ने दस्तक दी और लगातार माहौल बिगड़ने लगा, तभी से ही वहां पर माहौल बिगड़ा हुआ है और इसका असर फिल्म इंडस्ट्री पर भी पड़ा है.
कश्मीर के डिविज़नल कमिश्नर की ओर से सभी जिलाधिकारियों को इसकी व्यवस्था करने के लिए निर्देश दिए गए हैं. राज्य के इन्फॉर्मेशन डिपार्टमेंट की ओर से आम लोगों में इसको लेकर जागरुकता फैलाई जाएगी और लोगों से अपील की जाएगी कि वह फिल्में देखें.
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के पंगु किए जाने के बाद केंद्र सरकार की ओर से भी फिल्म इंडस्ट्री को बढ़ावा दिए जाने की कोशिशें की जा रही हैं. बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बॉलीवुड की हस्तियों से अपील की थी कि वह अपनी फिल्मों की शूटिंग जम्मू-कश्मीर में करें, वहां निवेश करने की सोचें.
(एजेंसी के इनपुट के आधार पर)
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दक्षिण मुंबई के सबसे भीड़-भाड़ वाले बाजारों में से एक भेंडी बाजार शाम की आगोश में है. पत्थर की संकरी गलियों में दोनों ओर औरतों, आदमियों, बच्चों और मोटरसाइकिलों की रेलमपेल है. आसपास पुरानी, अंधेरी और जर्जर इमारतें खड़ी हैं, जिनमें से कुछ तो एक सदी से भी ज्यादा पुरानी हैं. छज्जों की लकड़ी की बनी रेलिंगों पर कपड़े सूखने के लिए लटके हैं. नीचे दुकानें हैं जहां मिठाई से लेकर फलों तक और कपड़ों से लेकर हार्डवेयर तक, सब कुछ मिलता है.
हवा में ताजा पके मटन पुलाव की खुशबू तैर रही है. गुजर स्ट्रीट पर स्थित सौ साल पुरानी पांच मंजिला इब्राहिम नूरुद्दीन बिल्डिंग की सिर्फ ग्राउंड फ्लोर और उससे ऊपर वाला फ्लोर ही बचा हुआ है. यह बिल्डिंग गिराई जा रही है क्योंकि यह भेंडी बाजार के नौ क्लस्टरों में होने वाली भव्य पुनर्विकास योजना के क्लस्टर एक में आती है.
दाऊदी बोहरा मुसलमानों के संगठन सैफी बुरहानी अपलिफ्टमेंट ट्रस्ट (एसबीयूटी) ने खूबसूरत विक्टोरिया टर्मिनस रेलवे स्टेशन से तीन किलोमीटर दूर स्थित भीड़-भाड़ वाले मोहम्मद अली रोड से लगे 16.5 एकड़ आयताकार क्षेत्र के पुनर्निर्माण का बीड़ा उठाया है. 17 गगनचुंबी इमारतों की खातिर जगह बनाने के लिए लगभग 250 पुरानी इमारतों को ढहाया जाएगा.
इब्राहिम नूरुद्दीन बिल्डिंग में शीट मेटल का कारोबार करने वाले 62 वर्षीय शमशीर परदावाला परदा मशीनरी कॉर्पोरेशन के मालिक हैं. इस कारोबार की शुरुआत उनके अब्बा ने 1955 में की थी. पुनर्विकास के बारे में उनकी बातों के साथ-साथ पत्थर से टकराते हथौड़ों की आवाज भी सुनी जा सकती है. एक छोटे-से केबिन में दाखिल होने के लिए झुकना पड़ता है. उसमें एक छोटी-सी कुर्सी पर बैठे परदावाला बताते हैं, ‘‘इस काम को हमारा समर्थन हासिल है क्योंकि ये इमारतें बहुत पुरानी हैं और जहां हम काम करते हैं वह जगह काफी तंग है.’’
एक-दो महीनों में उन्हें अपना दफ्तर कुछ समय के लिए करीबी नूरबाग इलाके के मुफद्दल शॉपिंग आर्केड में ले जाना होगा. उन्हें उम्मीद है कि चार साल बाद नए भेंडी बाजार के क्लस्टर-1 स्थित एक टॉवर में उन्हें 500 वर्ग फुट का दफ्तर मिलेगा. इस इलाके का नाम किसी जमाने में यहां पैदा होने वाली सब्जी भिंडी पर पड़ा है.
परदावाला की तरह भेंडी बाजार के 1,200 दुकानदारों में से आधे दाऊदी बोहरा समुदाय से हैं, जिसके अगुवा बावनवें दाई या आध्यात्मिक नेता 103 वर्षीय सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन हैं. अंग्रेजों के बंबई को विकसित करने के बाद गुजरात के बोहरा और मेमन व्यापारी मोहम्मद अली रोड के आसपास बस गए.
बोहरा इस्माइली शिया मुसलमानों का आपस में गहरे गुंथा उप-संप्रदाय है. दुनियाभर में इनकी आबादी लगभग 10 लाख है. पुनर्विकास के लिए चिन्हित इलाके में तकरीबन 18,000 बोहरा रहते हैं जो वहां बसने वाले 3,200 परिवारों के तीन-चौथाई हैं.
इस प्रोजेक्ट की घोषणा 2009 में की गई थी और इस पर 4,000 करोड़ रु. का खर्च आने की उम्मीद है. इस प्रोजेक्ट को एसबीयूटी पैसा दे रही है. सभी घर कम-से-कम 350 वर्ग फुट के होंगे. अभी कई घर महज 100 वर्ग फुट के ही हैं. सिविल इंजीनियर और वोकहार्ट के पूर्व एग्जीक्यूटिव, एसबीयूटी के सीईओ अब्बास मास्टर कहते हैं, ‘‘शुरुआत में हमारी योजना न्यूनतम 320 वर्ग फुट का घर देने की ही थी.
लेकिन जब हम यह योजना सैयदना के पास लेकर गए तो उन्होंने जोर दिया कि इसे कम-से-कम 350 वर्ग फुट तो होना ही चाहिए.’’ उनका कहना है कि प्रोजेक्ट के माध्यम से सिर्फ बोहरा ही नहीं बल्कि निर्धारित क्षेत्र की पूरी आबादी के रहन-सहन में सुधार की योजना बनाई गई है.
महाराष्ट्र सरकार की क्लस्टर पुनर्विकास नीति से उत्साहित एसबीयूटी अब तक इमारतों में से 85 फीसदी को अधिगृहीत कर चुकी है, 70 फीसदी से ज्यादा निवासियों की सहमति ले चुकी है. 20 इमारतें ध्वस्त की जा चुकी हैं. 10 इमारतें गिराई जा रही हैं और 77 अन्य इमारतों को गिराने की मंजूरी हासिल की जा चुकी है. नजदीकी अंजीरवाड़ी के 750 कमरों वाले सैफी बुरहानी पार्क जैसी ट्रांजिट कॉलोनियों में 1,200 से ज्यादा परिवारों को रहने का अस्थायी ठिकाना दिया जा रहा है.
बनने वाले 17 टॉवर दक्षिण से उत्तर की ओर ऊंचे होते क्रम में बनेंगे ताकि उन सभी तक समुद्र की हवा आ सके. इन 17 में से सबसे ऊंचे टॉवर में लगभग 65 फ्लोर्स होंगी. किसी भी तरह की हरित पट्टी से महरूम इस इलाके में एसबीयूटी की योजना 500 पेड़ लगाने की है. मुख्य सड़कें 16 मीटर चौड़ी होंगी. फुटपाथ और पार्किंग भी होगी. प्रत्येक आत्मनिर्भर क्लस्टर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग, वाटर रिसाइक्लिंग सुविधाएं, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और सोलर पैनल होंगे.
बहरहाल, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रोजेक्ट सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ कर रख देगा. सर जेजे कॉलेज में आर्किटेक्चर के प्रोफेसर, नजदीकी धोबी तलाव के मुस्तंसिर दलवी कहते हैं, ‘‘इलाके के लोग दशकों से एक-दूसरे से जुड़े हैं. उनमें से ज्यादातर उसी इलाके में रहते और काम करते हैं.
इस जीवनशैली को एक बड़े बदलाव से गुजरना होगा.’’ उनका कहना है कि इलाके को वाणिज्यिक विकास के लिए खोलना कुलीनता को जन्म देगा क्योंकि जमीन की ऊंची कीमतें सिर्फ पैसे वालों को ही आकर्षित करेंगी. उनके अनुसार, ‘‘क्लस्टर विकास का रास्ता चुनकर सरकार दूसरे विकल्पों की अनदेखी कर रही है. पुरानी और संकटग्रस्त इमारतों को निजी तौर पर भी गिराया जा सकता था.’’
लेकिन दूसरों का कहना है कि प्रत्येक पुनर्विकास की अपनी-अपनी दिक्कतें होती हैं. मुंबई के प्रमुख डेवलपर हीरानंदानी कंस्ट्रक्शंस के एम.डी. निरंजन हीरानंदानी कहते हैं, ‘‘सिंगापुर के पुनर्विकास का काफी विरोध हुआ था, लेकिन अब मुझे नहीं लगता कि किसी को शिकायत होगी.’’ वे कहते हैं कि ऐसे इलाके का पुनर्विकास स्वागत योग्य है जहां अकसर इमारतें गिरती रहती हैं. पिछले तीन साल में इमारत गिरने के कम-से-कम 11 मामलों में 170 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है.
क्वालिटी को ध्यान में रखकर एसबीयूटी ने इंटरनेशनल टेंडरिंग का फैसला किया. उसने मास्टर प्लानर और आर्किटेक्ट्स के रूप में मुंबई के मांडवीवाला कुतुब ऐंड एसोसिएट्स और कंसल्टिंग आर्किटेक्ट के रूप में अमेरिका के पर्किंस ईस्टमैन इंटरनेशनल को प्रोजेक्ट का जिम्मा सौंपा है. नए सिरे से तैयार संपत्ति का 80 फीसदी हिस्सा मूल मालिकों, निवासियों और दुकानदारों को सौंप दिया जाएगा जबकि बाकी हिस्से को खुले बाजार में बेचा जाएगा.
बोहरा लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी भेंडी बाजार के बीचोबीच खड़े 40 साल पुराने मकबरे रौजा ताहिरा के इर्द-गिर्द घूमती है. इसकी दीवारों पर पूरी कुरान सोने से लिखी हुई है. इस इमारत का निर्माण बावनवें दाई के पिता सैयदना ताहिर सैफुद्दीन की याद में किया गया था, जिनकी मौत 1965 में हुई थी. एसबीयूटी के सेक्रेटरी शेख अब्दियाली भानपुरवाला का कहना है कि दाई में लोगों की आस्था की वजह से ही पुनर्विकास के लिए 70 फीसदी निवासियों की अनिवार्य सहमति हासिल करना आसान रहा.
शाम के परवान चढऩे के साथ ही रौजा ताहिरा के आसपास की सड़कों पर रौनक भी बढऩे लग जाती है. लोग दुआ के लिए आने लगते हैं. पुरुष, स्त्रियां और बच्चे इक्यावनवें दाई की संगमरमर की कब्र के सामने सज्दा करते हैं. बाहर शोरगुल बढ़ता ही जाता है और भोजनालयों से उठने वाली खुशबू मुंह में पानी लाने की हद तक तेज होने लगती है.
चार साल में ये सब चीजें पूरी तरह बदलने वाली हैं क्योंकि 150 साल पुराना यह बाजार आधुनिक टाउनशिप का रूप लेने जा रहा है और जैसा कि यहां के लोगों को उम्मीद है, यह बदलाव बेहतरी के लिए ही होगा.
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इस महीने की शुरुआत में वायुसेना का एक हेवीलिफ्ट परिवहन विमान बांग्लादेश में रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए करीब 55 टन राहत सामग्री लेकर गया था.
(इनपुट भाषा से)
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राजस्थान सरकार द्वारा वेतन वृद्धि और समयबद्ध पदोन्नति के मुद्दे पर कदम उठाये जाने के बाद डाक्टरों ने 11 दिन से चली आ रही अपनी हड़ताल शनिवार रात वापस ले ली.
अखिल राजस्थान राज्य सेवारत चिकित्सक संघ के अध्यक्ष और महासचिव डॉक्टर अजय चौधरी और डॉक्टर नसरीन भारती ने राज्य के ऊर्जा मंत्री जितेंद्र सिंह के साथ उनके आवास पर मुलाकात के बाद देर रात हड़ताल खत्म करने की घोषणा की. भारती ने कहा कि सभी सरकारी डाक्टर अपने ड्यूटी पर लौट आयेंगे.
डाक्टरों ने गतिरोध खत्म करने के लिये राज्य सरकार द्वारा रेसमा कानून को हटाये जाने और गिरफ्तार डाक्टरों को रिहा करने के आदेश के बाद हड़ताल वापस ले ली.
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कॉमेडियन कपिल शर्मा (Kapil Sharma) ने अपनी पत्नी गिन्नी चतरथ (Ginni Chatrath) संग एक सेल्फी ली और फैन्स को कुछ अलग अंदाज में न्यू ईयर विश किया. कपिल शर्मा ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट पर इस फोटो को शेयर करते हुए लिखा, ''आपके प्यार के लिए बहुत बहुत धन्यवाद और शुभकामनाएं. मेरे और मेरी पत्नी गिन्नी चतरथ की तरफ से सभी को नए साल की ढेर सारी मुबारक. सभी को प्यार''. इस फोटो में जहां कपिल शर्मा और गिन्नी चतरथ ने सनग्लास लगा रखा है तो वहीं एडिटिंग के जरिए फोटो पर '2019' लिखा है. बता दें, 'द कपिल शर्मा शो' (The Kapil Sharma Show) बीते हफ्ते से शुरू हुआ. इस शो में पहले मेहमान के तौर पर 'सिंबा' (Simmba) फिल्म का प्रमोशन करने के लिए रणवीर सिंह, सारा अली खान, रोहित शेट्टी और सोनू सूद पहुंचे थे.
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शो में कपिल शर्मा के अलावा उनके दोस्त चंदन, कीकू शारदा, भारती सिंह, कृष्णा अभिषेक और सुमोना चक्रवर्ती भी नजर आए. कीकू शारदा जहां बच्चा यादव के किरदार में हैं, वहीं भारती सिंह उनकी पत्नी बनी हुई हैं. जबकि सुमोना; भारती की बहन 'भूरी' के रोल में नजर आईं. कृष्णा जब स्टेज पर बैग लेकर आए तो उन्होंने पुरानी बातों का मजाक बनाया. फिलहाल कपिल और गिन्नी ने इसी महीने 12 दिसंबर को जालंधर में शादी की थी.
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मुंबई के इस रिसेप्शन में दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह, करण जौहर, कार्तिक आर्यन, कृति सेनन, रेखा, अनिल कपूर, फराह खान, सोनू सूद, रणवीर टंडन, धर्मेंद्र, जीतेंद्र, सोहेल खान, सलीम खान, टेनिस स्टार साइना नेहवाल और अन्य सेलेब्स भी यहां मौजूद रहे.
कपिल शर्मा (Kapil Sharma) के कॉमेडियन दोस्त, टीवी के कलाकार सुमोना चक्रवर्ती, भारती सिंह व उनके पति हर्ष लिंबचिया, कश्मीरा और कृष्णा अभिषेक, जय भानुशाली और माही विज भी रिसेप्शन में पहुंचे. कपिल शर्मा और गिन्नी चतरथ (Kapil Sharma and Ginni Chatrath) ने दो हिस्सों में शादी की. हिंदू सेरेमनी के बाद उन्होंने सिख धर्म के रीति रिवाज से भी शादी की थी. मुंबई रिसेप्शन से पहले अमृतसर में 14 दिसंबर को रिसेप्शन दिया गया था, जिसमें उनके परिवारवाले और करीबी दोस्त ही शामिल हुए थे.
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न्यूजीलैंड ने वनडे सीरीज में पाकिस्तान का 5-0 से सफाया करने के बाद टी-20 सीरीज का भी धमाकेदार आगाज किया है. तीन टी-20 मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में कीवियों ने पाकिस्तान को 7 विकेट से हराया.
न्यूजीलैंड की जीत में प्लेयर ऑफ द मैच रहे सलामी बल्लेबाज कॉलिन मुनरो ने 49 रनों की नाबाद पारी खेली. लेकिन 30 साल का यह बल्लेबाज एक बड़े रिकॉर्ड की बराबरी से चूक गया. मुनरो यदि एक रन और बना लेते, तो यह उनका टी-20 इंटरनेशनल में लगातार चौथा अर्धशतक होता.
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टी-20 इंटरनेशनल में लगातार 50 से ज्यादा रनों की पारी की बात करें, तो क्रिस गेल और ब्रेंडन मैक्कुलम ने लगातार 4 बार ऐसा किया है. मैक्कुलम ने 2008-09 और गेल ने 2012 में यह उपलब्धि हासिल की थी. मुनरो के लिए इन दिग्गजों की बराबरी का मौका था, जो वह चूक गए.
इस साल IPL से पहले ही पंत ने डेयरडेविल्स में भरा दम, वीरू के क्लब में शामिल
106 रनों का के मामूली टारगेट का पीछा करते हुए मुनरो जहां 49 रनों पर नॉट आउट रहे, वहीं उन्होंने दो ऐसी साझेदारियां कीं, जो 49 और 49* रनों की रही.
मुनरो : यह रहा संयोग
कॉलिन मुनरो - 49* रन
मुनरो-टॉम ब्रूस पार्टनरशिप - 49 रन
मुनरो-रॉस टेलर पार्टनरशिप - 49* रन
FACT-
कॉलिन मुनरो इन दिनों जबर्दस्त फॉर्म में हैं. ये रहीं उनकी पिछली 6 टी-20 इंटरनेशनल पारियां- 49*, 104, 66, 53, 7, 109*
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माइकल जैक्सन के चिकित्सक से पूछताछ के दौरान कुछ भी संदिग्ध नहीं मिलने की खबरों के बीच गायक के परिवार ने उनके अंतिम संस्कार की तैयारियों की योजना बनानी शुरू कर दी है.
जैक्सन के परिवार ने कार्यकर्ता रेवेरेंड अल शार्पटन से मुलाकात की और जैक्सन को श्रद्धांजलि देने के लिए कार्यक्रमों के आयोजनों पर विचार किया.
इसके पहले शार्पटन ने कई मीडिया खबरों में कहा था कि जैक्सन का परिवार मीडिया में दिवंगत गायक पर लगे आरोपों के एक बार फिर उछलने से परेशान हैं.
जैक्सन के परिवार ने कल दोबारा पोस्टमार्टम की मांग की थी क्योंकि उन्हें कई सवालों का जवाब नहीं मिल रहा था.
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भारत की पूर्व विदेश मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की दिग्गज नेता सुषमा स्वराज का 67 साल की उम्र में एम्स में निधन हो गया. मंगलवार रात दिल का दौरा पड़ने के बाद बेहद नाजुक हालत में उन्हें रात 9 बजे एम्स लाया गया लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके. दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री से लेकर देश की विदेश मंत्री तक तमाम उपलब्धियां सुषमा स्वराज के हिस्से हैं, लेकिन जहां उनका जन्म हुआ उस हरियाणा की सियासत में वह कामयाबी हासिल नहीं कर सकीं. यही वजह रही कि तीन बार करनाल सीट से लोकसभा चुनाव हारने के बाद वह कभी हरियाणा से चुनावी मैदान में नहीं उतरीं.
बता दें कि सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को हरियाणा के अंबाला में हुआ था. सुषमा स्वराज ने राजनीतिक करियर की शुरुआत आपातकाल के दौरान की थी. इसके बाद 1977 में वह हरियाणा से विधायक चुनी गईं और चौधरी देवी लाल की सरकार में श्रम मंत्री बनीं. इसके बावजूद देश की राजनीति में नाम कमा चुकी अंबाला की बेटी सुषमा स्वराज के लिए हरियाणा की राजनीति का अनुभव अच्छा नहीं रहा.
LIVE: सुषमा स्वराज के निधन पर यहां पढ़ें हर अपडेट
सुषमा स्वराज अपने 'घर' में तीन बार चुनाव लड़ीं और तीनों बार ही उन्हें शिकस्त मिली. दिलचस्प बात यह है एक ही नेता ने उन्हें तीनों बार हराया. दो बार उनका मुकाबला बेहद करीबी रहा. एक बार वह बड़े अंतर से पराजित हुईं थीं.
सुषमा स्वराज ने पहला लोकसभा चुनाव करनाल संसदीय सीट से 1980 में लड़ा. सुषमा का मुकाबला कांग्रेस के चिरंजी लाल शर्मा से था. सुषमा जनता पार्टी की उम्मीदवार थीं, उन्हें 1,29, 458 वोट मिले. जबकि चिरंजी लाल को 1,51, 786 वोट मिले थे. इस तरह से सुषमा स्वराज को 22 हजार 28 वोटों से हार का सामना करना पड़ा.
सुषमा स्वराज दूसरा चुनाव 1984 में करनाल संसदीय सीट से बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर लड़ीं और इस बार भी उनका सामना कांग्रेस के चिरंजी लाल शर्मा से ही रहा. इस बार सुषमा को करारी हार का सामना करना पड़ा और तीसरे नंबर पर रहीं. सुषमा स्वराज को 77,870 वोट मिले और दूसरे स्थान पर देवी सिंह रहे, जिन्होंने 148,111 वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस के चिरंजी लाल को 2,47,063 वोट मिले और उन्होंने करीब 1 लाख वोट से जीत हासिल की.
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का निधन, यहां दें श्रद्धांजलि
सुषमा स्वराज ने 1989 के लोकसभा चुनाव में तीसरी बार भी करनाल से किस्मत आजमाई. इस बार भी बीजेपी की सुषमा का मुकाबला कांग्रेस के चिरंजी लाल शर्मा से रहा. हालांकि तीसरी बार के चुनावी संग्राम में सुषमा स्वराज ने चिरंजी लाल शर्मा को कड़ी टक्कर दी, लेकिन जीत नहीं सकीं. सुषमा को 2,65,792 वोट मिले थे. जबकि चिरंजी लाल शर्मा को 2,74,465 वोट मिले थे. सुषमा स्वराज तीसरी बार चुनावी मात खाने के बाद कभी भी हरियाणा से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ीं.
जबकि वह सबसे कम उम्र 25 साल में ही हरियाणा राज्य मंत्री बन गई थीं. इसके बाद हरियाणा बीजेपी की सबसे कम उम्र की अध्यक्ष भी रहीं. इसके बाद भी हरियाणा के रण में अपनी कामयाबी का झंडा गाड़ नहीं सकीं. इसके बाद उन्होंने दिल्ली का रुख किया. वह उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य और दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं. इसके बाद उन्होंने अपनी कर्मभूमि मध्य प्रदेश को बनाया और वहां से लोकसभा चुनाव जीतकर विपक्ष की नेता बनीं. इसके बाद 2014 में चुनाव जीतकर विदेश मंत्री बनकर दुनिया भर में अपनी काबलियत का लोहा मनवाया.
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आज देशभर में ईद का त्योहार मनाया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लोगों को ईद की बधाई दी है. पढ़ें सुबह की सभी ताजा खबरें एक साथ.
1. देशभर में आज मनाई जा रही है ईद, PM ने दी सबको मुबारकबाद
रमजान के पाक महीने के पूरा होने पर आज देश भर में ईद मनाई जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईद की अहले सुबह देशवासियों को इस पाक त्योहार की बधाई दी है.
2. आरएसएस ने FTII के प्रदर्शनकारी छात्रों को हिंदू विरोधी बताया
अभिनेता गजेन्द्र चौहान को एफटीआईआई का अध्यक्ष बनाने के खिलाफ जारी प्रदर्शन के बीच आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर के एक लेख में प्रदर्शनकारी छात्रों को हिंदू विरोधी बताया गया है. लेख में प्रदर्शन के पीछे षड्यंत्र की बात कही गई है.
3. AAP में वापसी के 'ऑफर' पर प्रशांत भूषण ने केजरीवाल को कहा- कपटी, बेशर्म, योगेंद्र यादव भी बरसे
आम आदमी पार्टी से निकाले जा चुके प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री और पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल पर बरसे. केजरीवाल ने आज तक को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा था कि आम आदमी पार्टी में प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव की वापसी का स्वागत होगा.
4. बीजेपी के 160 हाइटेक रथ के मुकाबले आरजेडी के 1000 टमटम
राष्ट्रीय जनता दल बिहार चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के रथ का मुकाबला टमटम से करेगा. जिस तरह अमित शाह एंड कंपनी रथ के जरिए चुनाव प्रचार करेगी, ठीक उसी तरह आरजेडी 1000 टमटमों के साथ 160 परिवर्तन रथों का मुकाबला करेगी.
5. AAP सांसद धर्मवीर गांधी ने केजरीवाल को कहा डिक्टेटर, पार्टी छोड़ने से किया इनकार
पंजाब के पटियाला से आम आदमी पार्टी के सांसद धर्मवीर गांधी ने इंडिया टुडे टेलीविजन को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में पार्टी संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जोरदार हमला बोला है.
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विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सत्ताधारी कांग्रेस पर अपनी आनलाइन पहचान चुराने का आरोप लगाते हुए इसके लिए उसे कानूनी नोटिस भेजा है.
भाजपा का दावा है कि कांग्रेस ने गुप्त रूप से अपना एक पोर्टल बनाया है जिसमें उसने उसके पोर्टल में इस्तेमाल डोमैन नाम का इस्तेमाल किया है. इससे भाजपा का पोर्टल खोलने पर कांग्रेस की वेबसाइट खुल जाती है.
भाजपा की निर्मल सीतारमण ने आज संवददाताओं से कहा कांग्रेस को इस मामले में 27 सितम्बर को कानूनी नोटिस भेज दिया गया है लेकिन उसकी ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आयी है.
उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी हाल ही में उस समय हुई जब डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडाटबीजेपीडाटकाम खोली गई. यह वेबसाइट खोलने पर स्वत:कांग्रेस की वेबसाइट खुल गई. उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियां डाटओआरजी वेबसाइट प्रारूप में पंजीकृत होती हैं क्योंकि वे कोई वाणिज्यिक संस्थान नहीं होती.
उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियां डाटकाम प्रारूप में अपनी वेबसाइट पंजीकृत नहीं करती क्योंकि वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों की वेबसाइट सामान्य तौर पर डाटकाम प्रारूप में पंजीकृत होती हैं. हालांकि किसी ने कुछ समय पहले बीजेपीडाटकाम नाम से वेबसाइट बना दी है.
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मालिनी बनर्जी
श्रीवेंकटेश फिल्म्स के 18वीं मंजिल पर स्थित ऑफिस में अपर्णा सेन अपनी चमकीली पीली शिफॉन साड़ी में बेहद खूबसूरत दिख रही हैं. उनकी फिल्म घॅरे बाइरे आज, 15 नवंबर को रिलीज होने वाली है जिसका प्रचार जोर-शोर से शुरू हो चुका है.
उनके तीन प्रमुख कलाकार, जिशु सेनगुप्ता, अनिर्बान भट्टाचार्य और नवोदित अभिनेत्री तुहिना दास, एक कमरे से दूसरे कमरे में आ-जा रहे हैं जबकि सेन इत्मीनान से बैठी हैं. यह उनका पहला प्रदर्शन नहीं है.
घॅरे बाइरे आज के बारे में सेन कहती हैं कि उन्हें सपना आया था: ‘‘सपने में उन्होंने एक आदमी को देखा जो पहली बार एक समकालीन सेटिंग में घॅरे बाइरे पर एक फिल्म बना रहा है. मैं नींद से जाग गई और मुझे महसूस हुआ कि वह आदमी शायद मैं थी. भले ही वह एक आदमी था और यह मेरी पहली फिल्म नहीं, फिर भी वह मैं ही थी क्योंकि हर फिल्म पहली फिल्म होती है.’’ वे बताती हैं कि रवींद्रनाथ टैगोर के उपन्यास घॅरे बाइरे (घर और दुनिया) पर आधारित उनकी यह फिल्म 1984 में इसी उपन्यास पर बनाई सत्यजीत रे की फिल्म से बहुत अलग है, क्योंकि उन्होंने इसे आज बनाया है और इसमें किरदार ‘‘अलग-अलग पृष्ठभूमि’’ (बंगाली, बिहारी, ब्राह्मïण, दलित) का प्रतिनिधित्व करते हैं, जबकि मूल उपन्यास की पृष्ठभूमि आजादी के पहले के बंगाल में स्वदेशी आंदोलन के दौरान की है.
74 वर्षीया सेन बंगाल में पूजे जाने वाले टैगोर और रे की कृतियों से मुकाबला कर रही हैं, लेकिन उन्हें कोई घबराहट नहीं. ‘‘मुझे विश्वास है कि ये ‘देवता’ मेरी विरासत का हिस्सा हैं, इसलिए मुझे उनकी कृतियों को छूने का पूरा हक है. मेरे मन में उनके लिए असीम प्रेम और सम्मान है और यही भाव मुझे उनकी कार्यों की समीक्षा-आलोचना करने, उसमें से किसी अंश को रखने या छोडऩे की आजादी भी देता है. तो आखिर उन्होंने किन अंशों को छोड़ा है? वे कहती हैं, ‘‘मैंने इस बार फैसला लिया था कि सत्यजीत रे की घॅरे बाइरे दोबारा न देखूं. कई साल पहले मैंने एक बार वह फिल्म देखी थी. मैं उसकी नकल नहीं करना चाहती. हालांकि, मैने उपन्यास को कई बार पढ़ा है, ताकि मैं कह सकूं कि मेरी फिल्म एक साहित्यिक कृति का सिनेमाई संस्करण है.’’
उनकी अधिकांश फिल्मों में राजनैतिक ध्रुवीकरण के रंग भी झलकते हैं. जवाब में सेन कहती हैं कि आज हर घर में वैचारिक मतभेद प्रवेश कर चुका है. ‘‘मैं इसे अपने दोस्तों के बीच भी महसूस करती हूं, परिवार के अंदर भी विचारधाराएं पूरी तरह बंटी हुई हैं. इस बार अपने बिजोया लंच पर हमने फैसला किया था कि राजनैतिक चर्चा नहीं करेंगे. हमारी फिल्म यही दिखलाती है कि कैसे राजनीति धीरे-धीरे हमारे जीवन के कोने-कोने में पांव पसार चुकी है.’’
सेन ने घॅरे बाइरे आज को गौरी लंकेश को समर्पित किया है, क्योंकि उनका मानना है कि ‘‘वह एक उदारपंथी थी जिसे खामोश कर दिया गया. किसी भी आवाज को खामोश नहीं करना चाहिए. मैं बहुत दुखी थी.’’ इस साल जुलाई में सेन और मशहूर हस्तियों के एक दल ने भीड़ की हिंसक वारदात की बढ़ती संक्चया पर प्रधानमंत्री को एक खुला पत्र भेजा था. नतीजा यह हुआ कि उनके खिलाफ राजद्रोह का आरोप मढ़ दिया गया. पर वे घबराई नहीं. इस फिल्म निर्माता का कहना है कि वह डरने वाली नहीं है. ‘‘मेरे पास छुपाने के लिए कुछ भी नहीं है. हर कोई जानता है कि मैं वामपंथी-उदारवादी हूं. पर मैं यह भी साफ करना चाहूंगी कि मैं किसी भी राजनैतिक दल से जुड़ी नहीं. मैंने कभी भी किसी भी पार्टी से कोई उपहार या एहसान या एक इंच भी जमीन नहीं ली.’’ वे कहती हैं, ‘‘अदूर (गोपालकृष्णन) ने जब यह सुना तो बड़ी देर तक हंसते रहे. उस पत्र में देशद्रोह जैसा कुछ नहीं था.’’
सेन एक ऐसी महिला हैं जो किसी भी जगह अपनी बात रखने में नहीं हिचकतीं. राजनीति के प्रति उनकी ईमानदारी सानंद, परोमा और प्रोथोमा जैसी पत्रिकाओं की संपादक के रूप में बिताए गए समय में विकसित हुई थी. सेन ने बताया कि एक बार उन्हें एक माकपा नेता के साक्षात्कार के लिए भेजा गया था. वे बताती हैं, ‘‘धर्म की बात उठी तो उन्होंने कहा कि चौराहे पर एक मंदिर है जिसे वे तोड़ सकते हैं. तब मैंने उनसे पूछा था कि क्या यही वजह है कि वामपंथियों का लोगों से नाता टूट रहा है?’’
एक पत्रकार और फिल्म निर्माता के रूप में सेन कहती हैं कि उन्होंने विरोध को समझने के लिए इसे अपना कारोबार बना लिया. ‘‘दक्षिणपंथी विचारधारा मानती है कि आप इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकते कि भारत मूलत: एक धार्मिक देश है. कम्युनिस्टों को जो मानना है, मान सकते हैं लेकिन वे इस तथ्य को नकार नहीं सकते कि यहां सामान्य लोग गहरी धार्मिक प्रवृत्ति के हैं. धर्म का इस्तेमाल विभाजन के बजाए एकजुट होने के लिए किया जा सकता है.’’ सेन कहती हैं, ‘‘हिंदू धर्म में अद्वैतवाद को ही देखें जिसका अर्थ है कोई भी अन्य नहीं और हर कोई परमात्मा का हिस्सा है. इसी तरह, इस्लाम में भी सूफीवाद खूबसूरत संदेश देता है.’’
अपर्णा सेन के अनुसार, हर व्यक्ति में राजनीति सांस लेती है चाहे वह ऐसा सोचे या नहीं. वे मानती हैं कि उनकी पहले की फिल्में ज्यादा स्त्रीवादी थीं. लेकिन अर्शीनगर (2015) और मिस्टर ऐंड मिसेज अय्यर (2002) और अब घॅरे बाइरे आज में सांप्रदायिकता के तत्वों को दिखाया गया है.‘‘मेरी दिलचस्पी यह दिखाने में है कि बाहर की राजनीति कैसे घर के अंदर के रिश्तों को प्रभावित करती है. मैंने हमेशा वास्तविक जीवन की घटनाओं का इस्तेमाल किया है और उन्हें फिल्मों में जगह दी है.’’
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उत्तर प्रदेश की चुनावी जंग में अब नया उबाल आने वाला है. 2012 के चुनावी घमासान में यूपी जीतने का ख्वाब देख रही बीजेपी और कांग्रेस शुक्रवार को चुनावी घोषणा पत्र का एलान करने जा रही है.
मुफ्त लैपटॉप और टैबलेट की समाजवादी पार्टी की घोषणाओं के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी औऱ कांग्रेस यूपी के मतदाताओं को क्या सब्जबाग दिखाती है.
यूपी की मिट्टी की उड़ती धूल, आसमान में गरजते हेलीकॉप्टर्स, सड़कों पर नेताओं की गाड़ियों का काफिला, रैलियों में नेताओं की जुबान से निकलते शोले यह बात बयां कर कह रही हैं कि 2012 चुनाव में यूपी पर फतह हासिल करने की जंग अब आग बन चुकी है.
बीएसपी अध्यक्ष मायावती से यूपी की गद्दी छीनने के लिए विपक्षी पार्टियों- एसपी, बीजेपी और कांग्रेस ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है.
यूपी का ताज हासिल करने के लिए कुछ भी करने को तैयार तमाम पार्टियों में से समाजवादी पार्टी ने तो कुछ दिन पहले अपने मेनिफस्टों के जरिए ब्रह्मास्त्र फेंक दिया.
अब मतदाताओं को लुभाने की बारी कांग्रेस की है. यूपी कांग्रेस विजन 2020 से पर्दा उठने ही वाला है. कांग्रेस यूपी में 20 लाख नौकरी पैदा करने के लिए 1000 स्किल डेवलपमेंट केंद्र खोलने का एलान कर सकती है.
अलीगढ़, फिरोजाबाद, भदोही, कन्नौज, कानपुर, लखनऊ समेत यूपी के तमाम इलाकों में खस्ताहाल पुराने उद्योगों को जिंदा करने के प्लान का भी एलान कांग्रेस विजन डॉक्यूमेंट में हो सकता है. युवाओं पर विशेष ध्यान औऱ मुस्लिम आरक्षण के बड़े वादे भी कांग्रेस की चुनावी घोषणा का हिस्सा हो सकते हैं.
यूपी के रास्ते 2014 लोकसभा चुनावों में केंद्र की गद्दी का ख्वाब देख रही बीजेपी भी करने जा रही है चुनावी घोषणा पत्र का एलान. बीजेपी की तैयारी है चुनावी घोषणा पत्र से राज्य में शिक्षा और स्वास्थ्य की बदहाली, बेरोजगारी और कानून व्यवस्था पर चोट करने की.
वैसे अभी तक जो संकेत हैं, उसके हिसाब से कांग्रेस-बीजेपी के चुनावी घोषणाओं में भी ज्यादातर सब्जबाग ही दिखाए जाएंगे. देखना है कि चुनाव में इन पार्टियों के वादे क्या असर छोड़ते हैं.
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उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री ने जो भी जांच का आदेश दिया है, उसका स्वागत है और मुझे इसको लेकर कोई पछतावा नहीं है. वह सही हैं और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. मैं सहयोग करूंगी और सच्चाई सामने आनी चाहिए'. रूपा ने यह भी आरोप लगाया कि उनके खिलाफ जेल में कृत्रिम हड़ताल आयोजित की गई.
उन्होंने कहा, 'उनसे (अधिकारियों से) अपेक्षा की जाती है कि वे इस तरह के प्रदर्शन को रोकेंगे और अगर वे इसका आयोजन करते हैं और मीडिया को हड़ताल का फुटेज जारी करते हैं तो उसकी भी जांच की जानी चाहिए'. अपने वरिष्ठ अधिकारी एचएन सत्यनारायण राव को सौंपी गई रिपोर्ट में रूपा ने आरोप लगाया कि इस बात की चर्चा है कि शशिकला के साथ तरजीही सलूक करने के लिए दो करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई और यह भी कहा कि उनके (राव के) खिलाफ भी आरोप हैं.
राव ने रूपा द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए इसे 'एकदम गलत और निराधार' बताया. उन्होंने कहा कि वह अपने कनिष्ठ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे. उन्होंने कहा कि शशिकला के साथ कोई विशेष बर्ताव नहीं किया जा रहा है.
गत 10 जुलाई को केंद्रीय कारागार का दौरा करने के बाद अपनी चार पन्ने की रिपोर्ट में रूपा ने कहा था कि नियमों का
उल्लंघन करके यहां कारागार में शशिकला के लिए विशेष रसोईघर की व्यवस्था है. शशिकला आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराई गई हैं.
शशिकला को फरवरी में आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद से प्रपन्न अग्रहार केंद्रीय कारागार में रखा गया है. उनके साथ उनके दो रिश्तेदारों वीएन सुधाकरन और इलावरासी को भी दोषी ठहराया गया है. सभी चार साल के कारावास की सजा काट रहे हैं.टिप्पणियां
केंद्रीय कारागार में अनियमितता के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए सिद्धारमैया ने गुरुवार को जांच का आदेश दिया और चेतावनी दी कि गडबड़ी में अगर कोई शामिल पाया गया तो जांच रिपोर्ट के आधार पर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
(इनपुट भाषा से)
उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री ने जो भी जांच का आदेश दिया है, उसका स्वागत है और मुझे इसको लेकर कोई पछतावा नहीं है. वह सही हैं और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. मैं सहयोग करूंगी और सच्चाई सामने आनी चाहिए'. रूपा ने यह भी आरोप लगाया कि उनके खिलाफ जेल में कृत्रिम हड़ताल आयोजित की गई.
उन्होंने कहा, 'उनसे (अधिकारियों से) अपेक्षा की जाती है कि वे इस तरह के प्रदर्शन को रोकेंगे और अगर वे इसका आयोजन करते हैं और मीडिया को हड़ताल का फुटेज जारी करते हैं तो उसकी भी जांच की जानी चाहिए'. अपने वरिष्ठ अधिकारी एचएन सत्यनारायण राव को सौंपी गई रिपोर्ट में रूपा ने आरोप लगाया कि इस बात की चर्चा है कि शशिकला के साथ तरजीही सलूक करने के लिए दो करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई और यह भी कहा कि उनके (राव के) खिलाफ भी आरोप हैं.
राव ने रूपा द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए इसे 'एकदम गलत और निराधार' बताया. उन्होंने कहा कि वह अपने कनिष्ठ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे. उन्होंने कहा कि शशिकला के साथ कोई विशेष बर्ताव नहीं किया जा रहा है.
गत 10 जुलाई को केंद्रीय कारागार का दौरा करने के बाद अपनी चार पन्ने की रिपोर्ट में रूपा ने कहा था कि नियमों का
उल्लंघन करके यहां कारागार में शशिकला के लिए विशेष रसोईघर की व्यवस्था है. शशिकला आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराई गई हैं.
शशिकला को फरवरी में आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद से प्रपन्न अग्रहार केंद्रीय कारागार में रखा गया है. उनके साथ उनके दो रिश्तेदारों वीएन सुधाकरन और इलावरासी को भी दोषी ठहराया गया है. सभी चार साल के कारावास की सजा काट रहे हैं.टिप्पणियां
केंद्रीय कारागार में अनियमितता के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए सिद्धारमैया ने गुरुवार को जांच का आदेश दिया और चेतावनी दी कि गडबड़ी में अगर कोई शामिल पाया गया तो जांच रिपोर्ट के आधार पर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
(इनपुट भाषा से)
उन्होंने कहा, 'उनसे (अधिकारियों से) अपेक्षा की जाती है कि वे इस तरह के प्रदर्शन को रोकेंगे और अगर वे इसका आयोजन करते हैं और मीडिया को हड़ताल का फुटेज जारी करते हैं तो उसकी भी जांच की जानी चाहिए'. अपने वरिष्ठ अधिकारी एचएन सत्यनारायण राव को सौंपी गई रिपोर्ट में रूपा ने आरोप लगाया कि इस बात की चर्चा है कि शशिकला के साथ तरजीही सलूक करने के लिए दो करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई और यह भी कहा कि उनके (राव के) खिलाफ भी आरोप हैं.
राव ने रूपा द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए इसे 'एकदम गलत और निराधार' बताया. उन्होंने कहा कि वह अपने कनिष्ठ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे. उन्होंने कहा कि शशिकला के साथ कोई विशेष बर्ताव नहीं किया जा रहा है.
गत 10 जुलाई को केंद्रीय कारागार का दौरा करने के बाद अपनी चार पन्ने की रिपोर्ट में रूपा ने कहा था कि नियमों का
उल्लंघन करके यहां कारागार में शशिकला के लिए विशेष रसोईघर की व्यवस्था है. शशिकला आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराई गई हैं.
शशिकला को फरवरी में आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद से प्रपन्न अग्रहार केंद्रीय कारागार में रखा गया है. उनके साथ उनके दो रिश्तेदारों वीएन सुधाकरन और इलावरासी को भी दोषी ठहराया गया है. सभी चार साल के कारावास की सजा काट रहे हैं.टिप्पणियां
केंद्रीय कारागार में अनियमितता के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए सिद्धारमैया ने गुरुवार को जांच का आदेश दिया और चेतावनी दी कि गडबड़ी में अगर कोई शामिल पाया गया तो जांच रिपोर्ट के आधार पर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
(इनपुट भाषा से)
राव ने रूपा द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए इसे 'एकदम गलत और निराधार' बताया. उन्होंने कहा कि वह अपने कनिष्ठ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे. उन्होंने कहा कि शशिकला के साथ कोई विशेष बर्ताव नहीं किया जा रहा है.
गत 10 जुलाई को केंद्रीय कारागार का दौरा करने के बाद अपनी चार पन्ने की रिपोर्ट में रूपा ने कहा था कि नियमों का
उल्लंघन करके यहां कारागार में शशिकला के लिए विशेष रसोईघर की व्यवस्था है. शशिकला आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराई गई हैं.
शशिकला को फरवरी में आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद से प्रपन्न अग्रहार केंद्रीय कारागार में रखा गया है. उनके साथ उनके दो रिश्तेदारों वीएन सुधाकरन और इलावरासी को भी दोषी ठहराया गया है. सभी चार साल के कारावास की सजा काट रहे हैं.टिप्पणियां
केंद्रीय कारागार में अनियमितता के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए सिद्धारमैया ने गुरुवार को जांच का आदेश दिया और चेतावनी दी कि गडबड़ी में अगर कोई शामिल पाया गया तो जांच रिपोर्ट के आधार पर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
(इनपुट भाषा से)
गत 10 जुलाई को केंद्रीय कारागार का दौरा करने के बाद अपनी चार पन्ने की रिपोर्ट में रूपा ने कहा था कि नियमों का
उल्लंघन करके यहां कारागार में शशिकला के लिए विशेष रसोईघर की व्यवस्था है. शशिकला आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराई गई हैं.
शशिकला को फरवरी में आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद से प्रपन्न अग्रहार केंद्रीय कारागार में रखा गया है. उनके साथ उनके दो रिश्तेदारों वीएन सुधाकरन और इलावरासी को भी दोषी ठहराया गया है. सभी चार साल के कारावास की सजा काट रहे हैं.टिप्पणियां
केंद्रीय कारागार में अनियमितता के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए सिद्धारमैया ने गुरुवार को जांच का आदेश दिया और चेतावनी दी कि गडबड़ी में अगर कोई शामिल पाया गया तो जांच रिपोर्ट के आधार पर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
(इनपुट भाषा से)
शशिकला को फरवरी में आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद से प्रपन्न अग्रहार केंद्रीय कारागार में रखा गया है. उनके साथ उनके दो रिश्तेदारों वीएन सुधाकरन और इलावरासी को भी दोषी ठहराया गया है. सभी चार साल के कारावास की सजा काट रहे हैं.टिप्पणियां
केंद्रीय कारागार में अनियमितता के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए सिद्धारमैया ने गुरुवार को जांच का आदेश दिया और चेतावनी दी कि गडबड़ी में अगर कोई शामिल पाया गया तो जांच रिपोर्ट के आधार पर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
(इनपुट भाषा से)
केंद्रीय कारागार में अनियमितता के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए सिद्धारमैया ने गुरुवार को जांच का आदेश दिया और चेतावनी दी कि गडबड़ी में अगर कोई शामिल पाया गया तो जांच रिपोर्ट के आधार पर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
(इनपुट भाषा से)
(इनपुट भाषा से)
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काले धन को खपाने और नोटबदली के खेल में प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को दिल्ली में लॉ फर्म के मालिक रोहित टंडन को गिरफ्तार कर लिया. टंडन पर नोटबंदी के बाद बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से 70 करोड़ की राशि को व्हाइट कराने का आरोप है. इस मामले में ईडी ने टंडन से पूछताछ भी की थी. इसके बाद बुधवार को दिल्ली में कोटक महिंद्रा बैंक के मैनेजर की गिरफ्तारी भी इसी मामले में हुई थी.
बैंक मैनेजर से मिले थे अहम सुराग
रोहित टंडन
के घर से मिले नए नोटों की जांच के दौरान ईडी को कई अहम सुराग मिले थे. इसी आधार पर बुधवार को दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित कोटक महिंद्रा बैंक शाखा के मैनेजर को गिरफ्तार किया था. साकेत कोर्ट ने उसे पांच दिन की ईडी की कस्टडी में भेज दिया है. ईडी की पूछताछ में पता चला कि आशीष ने 38 करोड़ रुपये का फर्जी ड्राफ्ट बनाया था. उसने 13 करोड़ रुपये के नोट बदले थे. ईडी ने मैनेजर को हवाला कारोबारी पारसमल लोढ़ा और दिल्ली के वकील रोहित टंडन के साथ संबंध होने के चलते गिरफ्तार किया था.
टंडन के फर्म पर हुई थी छापेमारी
गौरतलब है कि 6 अक्टूबर को आयकर विभाग ने रोहित टंडन की दिल्ली के ग्रेटर कैलाश स्थित टी एंड टी लॉ
फर्म पर छापेमारी
कर करोड़ों रुपये बरामद किए थे. जांच टीम ने रेड मारकर करीब 13.65 करोड़ रुपये बरामद किए थे.
संदिग्ध खाते की जांच में खुलासा
कोटक महिंद्रा बैंक की शाखा में दो संदिग्ध अकाउंट पाए जाने के बाद यह आयकर विभाग के जांच के दायरे में आ गई थी. ईडी के सूत्रों के अनुसार बैंक मैनेजर आशीष कुमार ने फर्जी नाम से 38 करोड़ रुपये का ड्राफ्ट बनाया जिसे बाद में आयकर विभाग ने कैंसल कर दिया था. उसने रोहित टंडन के 13 करोड़ रुपये के नोट सीधे बदले थे. रोहित टंडन ने स्वीकार किया है कि आशीष ने 51 करोड़ रुपये लिए और नोट बदले और 1.5 करोड़ रुपये का कमिशन लिया. वह रोहित टंडन के फार्म हाउस पर भी गया था.
ईडी ने जुटाए अहम सबूत
ईडी ने रोहित टंडन के मोबाइल से व्हाट्सएप के जरिए कई लोगों से बातचीत का ब्योरा भी बरामद किया था. वहीं ईडी की जांच में रोहित समेत कई बड़े कारोबारियों का नाम सामने आया था. ईडी जल्द सभी कारोबारियों से पूछताछ कर सकता है.
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अमेरिका के टेनिस खिलाड़ी निकिता क्रेवोनोस को खेल के भ्रष्टाचार विरोधी नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया गया है और इस कारण उन पर 10 साल का प्रतिबंध लगा है. बीबीसी की रिपोर्ट के अन्नुसार, इस प्रतिबंध के अलावा क्रेवोनोस को 20,000 डॉलर (15,380 पाउंड) का जुर्माना भी देना होगा.
निस इंटीग्रिटी यूनिट को जानकारी मिली कि साल 2015 में क्रेवोनोस ने इलिनोइस में चैलेंजर प्रतियोगिता के एक मैच के नतीजे को तय करने के लिए तीसरे पक्ष से चर्चा की थी। यह किसी मैच में सट्टेबाजी के समान है.टिप्पणियां
अमेरिका के 30 वर्षीय टेनिस खिलाड़ी क्रेवोनोस पर लगाया गया प्रतिबंध 29 नवंबर, 2025 में समाप्त होगा. 2007 में क्रेवोनोस ने अपने करियर की सबसे उच्च 389वीं रैंकिंग हासिल की थी. साल 2015 में वह विश्व रैंकिंग में 931वें स्थान पर थे. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
निस इंटीग्रिटी यूनिट को जानकारी मिली कि साल 2015 में क्रेवोनोस ने इलिनोइस में चैलेंजर प्रतियोगिता के एक मैच के नतीजे को तय करने के लिए तीसरे पक्ष से चर्चा की थी। यह किसी मैच में सट्टेबाजी के समान है.टिप्पणियां
अमेरिका के 30 वर्षीय टेनिस खिलाड़ी क्रेवोनोस पर लगाया गया प्रतिबंध 29 नवंबर, 2025 में समाप्त होगा. 2007 में क्रेवोनोस ने अपने करियर की सबसे उच्च 389वीं रैंकिंग हासिल की थी. साल 2015 में वह विश्व रैंकिंग में 931वें स्थान पर थे. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अमेरिका के 30 वर्षीय टेनिस खिलाड़ी क्रेवोनोस पर लगाया गया प्रतिबंध 29 नवंबर, 2025 में समाप्त होगा. 2007 में क्रेवोनोस ने अपने करियर की सबसे उच्च 389वीं रैंकिंग हासिल की थी. साल 2015 में वह विश्व रैंकिंग में 931वें स्थान पर थे. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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लेख: न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के तहत धर्मशाला में हुआ पहला वनडे मैच टीम इंडिया ने आसानी से छह विकेट से जीत लिया. वनडे में भारत के लिए डेब्यू करने वाले हरफनमौला हार्दिक पांड्या के लिए यह मैच बेहद खास रहा. उन्होंने मैच में तीन विकेट लिए और मैन ऑफ द मैच घोषित किए गए.
'मैन ऑफ द मैच' अवार्ड हासिल करने के बाद हार्दिक ने कहा, 'करियर के पहले ही मैच में यह अवार्ड हासिल करना बेहद खास है. मैं इस क्षण को जिंदगीभर याद रखूंगा. मैं बहुत खुश हूं. शुरुआत में थोड़ा नर्वस था. लेकिन ऑस्ट्रेलिया और घरेलू सीजन में मैं काफी बॉलिंग कर चुका हूं. ऐसे में मैंने तेज गति से गेंद फेंकने के बजाय लय के साथ गेंदबाजी करने पर ध्यान दिया. मेरा पूरा ध्यान गुड लेंग्थ गेंदबाजी पर था.'टिप्पणियां
कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने तेज गेंदबाजों के प्रदर्शन की सराहना की. उन्होंने कहा, हमें अंदाजा नहीं था कि पिच तेज गेंदबाजों को मदद करेगी. हार्दिक ने अच्छी लंबाई की गेंदें फेंकीं. उमेश अपनी गेंदों को लगातार गति देने में सक्षम होते हैं. दूसरी ओर हार्दिक अपनी गेंदबाजी से बल्लेबाजों को 'चकमा देने' में सफल होते हैं. आपको लगता है कि वे 132 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के आसपास गेंदबाजी करेंगे, लेकिन वे लगातार 135 किमी के बैरियर को पार करते हैं. अक्षर पटेल और अमित मिश्रा ने भी अच्छी गेंदबाजी की. यदि हम जल्द विकेट हासिल नहीं करते तो यह 280 से 300 रन का विकेट था.
न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन हार के बाद बोले, भारत की ओर से शुरुआती 10 ओवर बेहद अच्छे फेंके गए. बल्ले से हमारा प्रदर्शन निराशाजनक रहा. हमने बहुत जल्दी, बहुत सारे विकेट गंवा दिए. हम आज हर क्षेत्र में अपनी क्षमता से कमतर रहे. भारत को हराने के लिए हमें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा.
'मैन ऑफ द मैच' अवार्ड हासिल करने के बाद हार्दिक ने कहा, 'करियर के पहले ही मैच में यह अवार्ड हासिल करना बेहद खास है. मैं इस क्षण को जिंदगीभर याद रखूंगा. मैं बहुत खुश हूं. शुरुआत में थोड़ा नर्वस था. लेकिन ऑस्ट्रेलिया और घरेलू सीजन में मैं काफी बॉलिंग कर चुका हूं. ऐसे में मैंने तेज गति से गेंद फेंकने के बजाय लय के साथ गेंदबाजी करने पर ध्यान दिया. मेरा पूरा ध्यान गुड लेंग्थ गेंदबाजी पर था.'टिप्पणियां
कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने तेज गेंदबाजों के प्रदर्शन की सराहना की. उन्होंने कहा, हमें अंदाजा नहीं था कि पिच तेज गेंदबाजों को मदद करेगी. हार्दिक ने अच्छी लंबाई की गेंदें फेंकीं. उमेश अपनी गेंदों को लगातार गति देने में सक्षम होते हैं. दूसरी ओर हार्दिक अपनी गेंदबाजी से बल्लेबाजों को 'चकमा देने' में सफल होते हैं. आपको लगता है कि वे 132 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के आसपास गेंदबाजी करेंगे, लेकिन वे लगातार 135 किमी के बैरियर को पार करते हैं. अक्षर पटेल और अमित मिश्रा ने भी अच्छी गेंदबाजी की. यदि हम जल्द विकेट हासिल नहीं करते तो यह 280 से 300 रन का विकेट था.
न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन हार के बाद बोले, भारत की ओर से शुरुआती 10 ओवर बेहद अच्छे फेंके गए. बल्ले से हमारा प्रदर्शन निराशाजनक रहा. हमने बहुत जल्दी, बहुत सारे विकेट गंवा दिए. हम आज हर क्षेत्र में अपनी क्षमता से कमतर रहे. भारत को हराने के लिए हमें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा.
कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने तेज गेंदबाजों के प्रदर्शन की सराहना की. उन्होंने कहा, हमें अंदाजा नहीं था कि पिच तेज गेंदबाजों को मदद करेगी. हार्दिक ने अच्छी लंबाई की गेंदें फेंकीं. उमेश अपनी गेंदों को लगातार गति देने में सक्षम होते हैं. दूसरी ओर हार्दिक अपनी गेंदबाजी से बल्लेबाजों को 'चकमा देने' में सफल होते हैं. आपको लगता है कि वे 132 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के आसपास गेंदबाजी करेंगे, लेकिन वे लगातार 135 किमी के बैरियर को पार करते हैं. अक्षर पटेल और अमित मिश्रा ने भी अच्छी गेंदबाजी की. यदि हम जल्द विकेट हासिल नहीं करते तो यह 280 से 300 रन का विकेट था.
न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन हार के बाद बोले, भारत की ओर से शुरुआती 10 ओवर बेहद अच्छे फेंके गए. बल्ले से हमारा प्रदर्शन निराशाजनक रहा. हमने बहुत जल्दी, बहुत सारे विकेट गंवा दिए. हम आज हर क्षेत्र में अपनी क्षमता से कमतर रहे. भारत को हराने के लिए हमें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा.
न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन हार के बाद बोले, भारत की ओर से शुरुआती 10 ओवर बेहद अच्छे फेंके गए. बल्ले से हमारा प्रदर्शन निराशाजनक रहा. हमने बहुत जल्दी, बहुत सारे विकेट गंवा दिए. हम आज हर क्षेत्र में अपनी क्षमता से कमतर रहे. भारत को हराने के लिए हमें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा.
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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा का नाम घरेलू एयरपोर्ट की ‘नो फ्रिस्किंग’ सूची से हटाने की केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय की कोई योजना नहीं है. ‘नो फ्रिस्किंग’ सूची में जिन लोगों का नाम होता है, एयरपोर्ट पर तलाशी में उन्हें छूट दी जाती है.
नागरिक उड्डयन
राज्य मंत्री महेश शर्मा ने बताया, ‘हम
रॉबर्ट वाड्रा
का नाम इस सूची से नहीं हटा रहे. हमारी ऐसी योजना नहीं है.’ शर्मा से पूछा गया था कि क्या नागरिक उड्डयन मंत्रालय वाड्रा का नाम ‘नो फ्रिस्किंग’ सूची से हटा रहा है.
अभी अगर वाड्रा
स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी)
की सुरक्षा प्राप्त किसी शख्स के साथ सफर करते हैं तो उनकी जामातलाशी नहीं ली जाती है. लेकिन इस सूची से नाम हटा दिया गया तो किसी एसपीजी सुरक्षा मिले व्यक्ति के साथ चलने पर भी हर
एयरपोर्ट
पर उनकी जामातलाशी ली जाएगी.
इनपुट: PTI
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सैफ अली खान ने हाली में कहा, 'शाहिद और मेरे बीच कभी कोई समस्या नहीं रही'. शाहिद कपूर और सैफ अली खान के हाल में एक रियलिटी शो में एक दूसरे के साथ बेहद दोस्ताना तरीके से पेश आने के साथ चर्चाओं का दौर शुरू हो गया लेकिन सैफ का कहना है कि वह और शाहिद हमेशा एक दूसरे के साथ दोस्ताना तरीके से पेश आते हैं.
दोनों अभिनेता हाल में रियलिटी शो
'झलक दिखला जा रिलोडेड'
में साथ दिखे थे जहां शाहिद जज की भूमिका निभा रहे हैं. सैफ और शाहिद विशाल भारद्वाज की नई फिल्म
'रंगून'
में भी साथ काम कर रहे हैं.
'फैंटम'
फिल्म के एक्टर सैफ ने कहा कि वह और शाहिद कभी साथ काम करने पर राजी नहीं होते अगर उनके बीच कोई दिक्कत होती.
गौरतलब है कि
शाहिद करीना
कपूर के पूर्व प्रेमी हैं जो अब
सैफ की पत्नी
हैं. सैफ ने कहा, 'मेरे और शाहिद के बीच कोई दुश्मनी क्यों होगी? इतना कुछ हो रहा है, लोग कुछ भी कहते रहते हैं...जहां तक मेरी बात है मुझे सच में कोई दिक्कत नहीं है.' उन्होंने कहा, 'शाहिद हमेशा बहुत ही शालीन रहते हैं और क्यों नहीं होंगे? मैं भी ऐसा ही हूं. लोग कुछ भी सोचें, हमारे बीच कुछ भी बुरा नहीं है.'
इनपुट:
PTI
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'साहित्य आजतक' के हल्लाबोल मंच का पांचवां सत्र 'बोल के लब आजाद हैं तेरे' गायक हरप्रीत सिंह के नाम रहा. हरप्रीत ने सूफी संगीत और हिंदी कविता को नई दिशा में मोड़ा है और उसे नौजवानो से जोड़ा है.
इस सत्र की शुरूआत हरप्रीत ने कबीर के 'इस घट अंतर बाग-बगीचे, इसी में सिरजनहारां. इस घट अंतर सात समुंदर, इसी में नौ लख तारा' से की. हरप्रीत को कबीर का निर्गुण बेहद पसंद है और इसे सुरों में बांधकर उन्होंने नया आयाम दिया है.
हरप्रीत, बुल्ले शाह से लेकर निराला, पाश, फैज जैसे कवियों के गीत युवाओं के बीच नए तरीके से पहुंचा रहे हैं. उनकी दूसरी पेशकश बाबा बुल्लेशाह की 'माटी कुदम करन्दी यार, माटी जोड़ा माटी घोड़ा, माटी दा असवार'. बुल्लेशाह इस काफिए के जरिए बताना चाह रहे हैं कि जब शरीर माटी का है, माटी का ही घोड़ा है और हथियार भी माटी का है, तो लड़ाई किस बात की.
हरप्रीत ने कबीर द्वारा रचित 'गगन की ओट निसाना है, दाहिने सुर चंद्रमा बांये, तिन के बीच छिपाना है' भी गाया. उन्होंने दीपक धमीजा और महीप सिंह का लिखा हुआ 'कुत्ते' भी गाकर सुनाया. इस गीत में धरती के कुत्ते भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि उन्होंने इंसान क्यों बनाया. आज के दौर में कविताएं, दोहे, काफिये जब किताबों में बंद होकर रह गए हैं, हरप्रीत इन्हें गीत में पिरोकर युवाओं के बीच नए अंदाज में पहुंचा रहे हैं. हरप्रीत की आखिरी पेशकश भवानी प्रसाद मिश्र की लिखी 'जी हां हुजूर मैं गीत बेचता हूं.'
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यह एक लेख है: जनता दल यूनाईटेड नोटबंदी के विरोध में किसी धरना, प्रदर्शन में भाग नहीं लेगी. पार्टी ने सोमवार को ' भारत बंद ' और आक्रोश मार्च से भी अलग रहने का फैसला किया है.
यह फैसला शनिवार की शाम को पटना में नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित पार्टी की कोर कमेटी की बैठक के बाद लिए गया. पार्टी की बिहार इकाई के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने अपने फैसले की जानकारी राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव और बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी को भी दे दी है. नीतीश का तर्क है कि पार्टी पहले नोटबंदी का समर्थन कर चुकी है और काले धन के खिलाफ इस अभियान में बेनामी संपत्ति के खिलाफ भी अभियान की शुरुआत चाहती है. इसके बाद धरना प्रदर्शन में भाग लेना कोई मायने नहीं रखता.
हालांकि पार्टी अभी तक संसद और उसके बाहर इस मुद्दे पर कांग्रेस की अगुवाई में हर कार्यक्रम में भाग लेती रही, लेकिन यह घोषणा पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव लिए भी संदेश माना जा रहा है जिन्होंने न सिर्फ राज्यसभा में नीतीश कुमार की लाइन से अलग हटकर मोदी सरकार की जमकर आलोचना की थी बल्कि संयुक्त संसदीय समिति बनाने की भी मांग की थी. नीतीश शरद यादव के जंतर मंतर पर ममता बनर्जी के धरना पर जाने से भी खुश नहीं थे. माना जा रहा है कि शरद यादव अब इस मुद्दे पर सभी कार्यक्रमों से खुद को अलग रखेंगे.
नीतीश का बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष को फोन करने का यही अर्थ निकला जा रहा है कि कांग्रेस नेता, खासकर गुलाम नबी आजाद और राहुल गांधी जो कि इस मुद्दे पर नीतीश से जिस आक्रामक रुख की उम्मीद कर रहे थे वह फिलहाल नीतीश पूरा करने में असमर्थ हैं. हालांकि नीतीश ने शुक्रवार को महागठबंधन के विधायक दल की बैठक में साफ कर दिया था कि राष्ट्रीय मुद्दे पर तीनों दल अलग-अलग स्टैंड ले सकते हैं. यह महागठबंधन बिहार के लिए है.टिप्पणियां
इस बीच पार्टी ने साफ कर दिया है कि तृणमूल अध्यक्ष, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पटना में 30 नवंबर को प्रस्तावित धरने में नीतीश या उनकी पार्टी के लोग भाग नहीं लेंगे. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी के अनुसार यह धरना पटना में आयोजित करने का कोई औचित्य नहीं है. दूसरी बात राष्ट्रीय जनता दल से निलंबित सांसद पप्पू यादव इस धरने में ममता बनर्जी के साथ बैठेंगे. त्यागी का कहना है कि पप्पू जैसे बाहुबली छवि के लोगों के साथ राजनीति में परहेज रखा जाता हैं न कि उनके साथ राजनीति की जाती है. जनता दल यूनाईटेड का मानना है कि ममता बनर्जी को अपना यह धरना भाजपा शासित राज्यों या उनके सहयोगियों के राज्यों में सीमित रखना चाहिए था.
नीतीश के हर धरना या विरोध के कार्यक्रम से खुद को अलग रखने की घोषणा के बाद माना जा रहा है कि कांग्रेस और अन्य भाजपा विरोधी दलों से उनकी राष्ट्रीय राजनीति में दूरी बढ़ेगी और नीतीश पर एक गैर विश्वासी राजनेता की मुहर लगेगी. राजद के नेताओं का दावा है कि नीतीश भाजपा में घर वापसी का बहाना ढूंढ रहे हैं और नोटबंदी ने दूरी को दोस्ती में बदलने का मौका दे दिया है.
यह फैसला शनिवार की शाम को पटना में नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित पार्टी की कोर कमेटी की बैठक के बाद लिए गया. पार्टी की बिहार इकाई के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने अपने फैसले की जानकारी राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव और बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी को भी दे दी है. नीतीश का तर्क है कि पार्टी पहले नोटबंदी का समर्थन कर चुकी है और काले धन के खिलाफ इस अभियान में बेनामी संपत्ति के खिलाफ भी अभियान की शुरुआत चाहती है. इसके बाद धरना प्रदर्शन में भाग लेना कोई मायने नहीं रखता.
हालांकि पार्टी अभी तक संसद और उसके बाहर इस मुद्दे पर कांग्रेस की अगुवाई में हर कार्यक्रम में भाग लेती रही, लेकिन यह घोषणा पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव लिए भी संदेश माना जा रहा है जिन्होंने न सिर्फ राज्यसभा में नीतीश कुमार की लाइन से अलग हटकर मोदी सरकार की जमकर आलोचना की थी बल्कि संयुक्त संसदीय समिति बनाने की भी मांग की थी. नीतीश शरद यादव के जंतर मंतर पर ममता बनर्जी के धरना पर जाने से भी खुश नहीं थे. माना जा रहा है कि शरद यादव अब इस मुद्दे पर सभी कार्यक्रमों से खुद को अलग रखेंगे.
नीतीश का बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष को फोन करने का यही अर्थ निकला जा रहा है कि कांग्रेस नेता, खासकर गुलाम नबी आजाद और राहुल गांधी जो कि इस मुद्दे पर नीतीश से जिस आक्रामक रुख की उम्मीद कर रहे थे वह फिलहाल नीतीश पूरा करने में असमर्थ हैं. हालांकि नीतीश ने शुक्रवार को महागठबंधन के विधायक दल की बैठक में साफ कर दिया था कि राष्ट्रीय मुद्दे पर तीनों दल अलग-अलग स्टैंड ले सकते हैं. यह महागठबंधन बिहार के लिए है.टिप्पणियां
इस बीच पार्टी ने साफ कर दिया है कि तृणमूल अध्यक्ष, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पटना में 30 नवंबर को प्रस्तावित धरने में नीतीश या उनकी पार्टी के लोग भाग नहीं लेंगे. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी के अनुसार यह धरना पटना में आयोजित करने का कोई औचित्य नहीं है. दूसरी बात राष्ट्रीय जनता दल से निलंबित सांसद पप्पू यादव इस धरने में ममता बनर्जी के साथ बैठेंगे. त्यागी का कहना है कि पप्पू जैसे बाहुबली छवि के लोगों के साथ राजनीति में परहेज रखा जाता हैं न कि उनके साथ राजनीति की जाती है. जनता दल यूनाईटेड का मानना है कि ममता बनर्जी को अपना यह धरना भाजपा शासित राज्यों या उनके सहयोगियों के राज्यों में सीमित रखना चाहिए था.
नीतीश के हर धरना या विरोध के कार्यक्रम से खुद को अलग रखने की घोषणा के बाद माना जा रहा है कि कांग्रेस और अन्य भाजपा विरोधी दलों से उनकी राष्ट्रीय राजनीति में दूरी बढ़ेगी और नीतीश पर एक गैर विश्वासी राजनेता की मुहर लगेगी. राजद के नेताओं का दावा है कि नीतीश भाजपा में घर वापसी का बहाना ढूंढ रहे हैं और नोटबंदी ने दूरी को दोस्ती में बदलने का मौका दे दिया है.
हालांकि पार्टी अभी तक संसद और उसके बाहर इस मुद्दे पर कांग्रेस की अगुवाई में हर कार्यक्रम में भाग लेती रही, लेकिन यह घोषणा पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव लिए भी संदेश माना जा रहा है जिन्होंने न सिर्फ राज्यसभा में नीतीश कुमार की लाइन से अलग हटकर मोदी सरकार की जमकर आलोचना की थी बल्कि संयुक्त संसदीय समिति बनाने की भी मांग की थी. नीतीश शरद यादव के जंतर मंतर पर ममता बनर्जी के धरना पर जाने से भी खुश नहीं थे. माना जा रहा है कि शरद यादव अब इस मुद्दे पर सभी कार्यक्रमों से खुद को अलग रखेंगे.
नीतीश का बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष को फोन करने का यही अर्थ निकला जा रहा है कि कांग्रेस नेता, खासकर गुलाम नबी आजाद और राहुल गांधी जो कि इस मुद्दे पर नीतीश से जिस आक्रामक रुख की उम्मीद कर रहे थे वह फिलहाल नीतीश पूरा करने में असमर्थ हैं. हालांकि नीतीश ने शुक्रवार को महागठबंधन के विधायक दल की बैठक में साफ कर दिया था कि राष्ट्रीय मुद्दे पर तीनों दल अलग-अलग स्टैंड ले सकते हैं. यह महागठबंधन बिहार के लिए है.टिप्पणियां
इस बीच पार्टी ने साफ कर दिया है कि तृणमूल अध्यक्ष, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पटना में 30 नवंबर को प्रस्तावित धरने में नीतीश या उनकी पार्टी के लोग भाग नहीं लेंगे. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी के अनुसार यह धरना पटना में आयोजित करने का कोई औचित्य नहीं है. दूसरी बात राष्ट्रीय जनता दल से निलंबित सांसद पप्पू यादव इस धरने में ममता बनर्जी के साथ बैठेंगे. त्यागी का कहना है कि पप्पू जैसे बाहुबली छवि के लोगों के साथ राजनीति में परहेज रखा जाता हैं न कि उनके साथ राजनीति की जाती है. जनता दल यूनाईटेड का मानना है कि ममता बनर्जी को अपना यह धरना भाजपा शासित राज्यों या उनके सहयोगियों के राज्यों में सीमित रखना चाहिए था.
नीतीश के हर धरना या विरोध के कार्यक्रम से खुद को अलग रखने की घोषणा के बाद माना जा रहा है कि कांग्रेस और अन्य भाजपा विरोधी दलों से उनकी राष्ट्रीय राजनीति में दूरी बढ़ेगी और नीतीश पर एक गैर विश्वासी राजनेता की मुहर लगेगी. राजद के नेताओं का दावा है कि नीतीश भाजपा में घर वापसी का बहाना ढूंढ रहे हैं और नोटबंदी ने दूरी को दोस्ती में बदलने का मौका दे दिया है.
नीतीश का बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष को फोन करने का यही अर्थ निकला जा रहा है कि कांग्रेस नेता, खासकर गुलाम नबी आजाद और राहुल गांधी जो कि इस मुद्दे पर नीतीश से जिस आक्रामक रुख की उम्मीद कर रहे थे वह फिलहाल नीतीश पूरा करने में असमर्थ हैं. हालांकि नीतीश ने शुक्रवार को महागठबंधन के विधायक दल की बैठक में साफ कर दिया था कि राष्ट्रीय मुद्दे पर तीनों दल अलग-अलग स्टैंड ले सकते हैं. यह महागठबंधन बिहार के लिए है.टिप्पणियां
इस बीच पार्टी ने साफ कर दिया है कि तृणमूल अध्यक्ष, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पटना में 30 नवंबर को प्रस्तावित धरने में नीतीश या उनकी पार्टी के लोग भाग नहीं लेंगे. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी के अनुसार यह धरना पटना में आयोजित करने का कोई औचित्य नहीं है. दूसरी बात राष्ट्रीय जनता दल से निलंबित सांसद पप्पू यादव इस धरने में ममता बनर्जी के साथ बैठेंगे. त्यागी का कहना है कि पप्पू जैसे बाहुबली छवि के लोगों के साथ राजनीति में परहेज रखा जाता हैं न कि उनके साथ राजनीति की जाती है. जनता दल यूनाईटेड का मानना है कि ममता बनर्जी को अपना यह धरना भाजपा शासित राज्यों या उनके सहयोगियों के राज्यों में सीमित रखना चाहिए था.
नीतीश के हर धरना या विरोध के कार्यक्रम से खुद को अलग रखने की घोषणा के बाद माना जा रहा है कि कांग्रेस और अन्य भाजपा विरोधी दलों से उनकी राष्ट्रीय राजनीति में दूरी बढ़ेगी और नीतीश पर एक गैर विश्वासी राजनेता की मुहर लगेगी. राजद के नेताओं का दावा है कि नीतीश भाजपा में घर वापसी का बहाना ढूंढ रहे हैं और नोटबंदी ने दूरी को दोस्ती में बदलने का मौका दे दिया है.
इस बीच पार्टी ने साफ कर दिया है कि तृणमूल अध्यक्ष, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पटना में 30 नवंबर को प्रस्तावित धरने में नीतीश या उनकी पार्टी के लोग भाग नहीं लेंगे. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी के अनुसार यह धरना पटना में आयोजित करने का कोई औचित्य नहीं है. दूसरी बात राष्ट्रीय जनता दल से निलंबित सांसद पप्पू यादव इस धरने में ममता बनर्जी के साथ बैठेंगे. त्यागी का कहना है कि पप्पू जैसे बाहुबली छवि के लोगों के साथ राजनीति में परहेज रखा जाता हैं न कि उनके साथ राजनीति की जाती है. जनता दल यूनाईटेड का मानना है कि ममता बनर्जी को अपना यह धरना भाजपा शासित राज्यों या उनके सहयोगियों के राज्यों में सीमित रखना चाहिए था.
नीतीश के हर धरना या विरोध के कार्यक्रम से खुद को अलग रखने की घोषणा के बाद माना जा रहा है कि कांग्रेस और अन्य भाजपा विरोधी दलों से उनकी राष्ट्रीय राजनीति में दूरी बढ़ेगी और नीतीश पर एक गैर विश्वासी राजनेता की मुहर लगेगी. राजद के नेताओं का दावा है कि नीतीश भाजपा में घर वापसी का बहाना ढूंढ रहे हैं और नोटबंदी ने दूरी को दोस्ती में बदलने का मौका दे दिया है.
नीतीश के हर धरना या विरोध के कार्यक्रम से खुद को अलग रखने की घोषणा के बाद माना जा रहा है कि कांग्रेस और अन्य भाजपा विरोधी दलों से उनकी राष्ट्रीय राजनीति में दूरी बढ़ेगी और नीतीश पर एक गैर विश्वासी राजनेता की मुहर लगेगी. राजद के नेताओं का दावा है कि नीतीश भाजपा में घर वापसी का बहाना ढूंढ रहे हैं और नोटबंदी ने दूरी को दोस्ती में बदलने का मौका दे दिया है.
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गैस चैंबर बन रही देश की राजधानी दिल्ली को अब राहत मिलने की उम्मीद बढ़ गई है. मौसम में आए बदलाव के साथ ही दिल्ली में प्रदूषण का स्तर थोड़ा घटा है. दिल्ली प्रदूषण के इमरजेंसी लेवल से बाहर निकल गई है, लेकिन ऐसा नहीं कहा जा सकता कि हालात पूरी तरह से बेहतर हो गए हैं क्योंकि राजधानी की वायु गुणवत्ता अभी 'गंभीर' श्रेणी में बनी हुई है. उम्मीद जताई जा रही है बारिश होने के साथ प्रदूषण में और कमी देखी जा सकती है.
आपातकालीन हालत से बाहर दिल्ली
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डॉक्टर हर्ष वर्धन ने मंगलवार को बताया कि मौसम बदलने के साथ
राजधानी दिल्ली में प्रदूषण
घटा है. मौसम के हालात सुधारने के साथ पीएम (पर्टिकुलेट मैटर) के स्तर में गिरावट देखी गई है. 12 नवंबर, 2017 से 14 नवंबर, 2017 तक दिल्ली और एनसीआर प्रदूषण के इमरजेंसी लेवल से बाहर हो गए हैं.
पब्लिक के प्रयास की सराहना
केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि मंगलवार दोपहर एक बजे पीएम 10 की मात्रा 392 माइक्रो ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर और पीएम 2.5 की मात्रा 262 माइक्रो ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज की गई. प्रदूषण के खिलाफ लोगों के अनुशासन की सराहना करते हुए डॉक्टर हर्ष वर्धन ने कहा कि विभिन्न सरकारी एजेंसियों के प्रयास से ऐसा हो पाना संभव हुआ. वहीं मंगलवार रात वायु की गुणवत्ता को लेकर आए अपडेट में दिल्ली के लोधी रोड की वायु गुणवत्ता को 'गंभीर' श्रेणी में पाया गया.
हल्की बारिश की संभावना
दिल्ली एनसीआर में 16 और 17 नवंबर तक
हल्की बारिश हो सकती
है, जिससे बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगेगी और तापमान में भी गिरावट दर्ज की जाएगी. हवा तेज हो गई है, जिससे स्मॉग कम हो रहा है और आने वाले कुछ दिनों में ये और भी कम हो जाएगा.
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आलोचकों के निशाने पर चल रहे ललित मोदी ने मंगलवार को आईपीएल आयुक्त के रूप में अपने इस्तीफे संबंधी सवाल टाल दिये और कहा कि संचालन परिषद की 26 अप्रैल को होने वाली बैठक में सभी मसलों पर चर्चा होगी और सर्वसम्मत फैसला किया जाएगा.
मोदी ने आईसीसी कार्यकारी बोर्ड की बैठक में भाग लेने के बाद दुबई से मुंबई पहुंचने पर पत्रकारों से कहा, ‘मुझे पता है कि आप सभी का एक ही सवाल है. 26 अप्रैल को हमारी संचालन परिषद की बैठक होगी. हम उसमें सभी आरोपों पर चर्चा करेंगे.’’ हालांकि कयास लगाये जा रहे हैं कि मोदी रविवार को आईपीएल का फाइनल होने के बाद अपना पद छोड़ देंगे लेकिन उन्होंने इस मसले पर बात नहीं की.
उन्होंने कहा, ‘इस पर चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है. बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर और शरद पवार के बीच मंगलवार सुबह बैठक हुई. वे सभी एकमत हैं. संचालन परिषद सर्वसम्मति से फैसला करेगी.’ मोदी ने कहा, ‘मैं सभी आरोपों के खिलाफ सभी तथ्य रखूंगा. चिंता की कोई बात नहीं है और हम आगे चलते रहेंगे.’
कोच्चि फ्रेंचाइजी के हिस्सेदारों के नाम उजागर करने के बाद मोदी ने भानुमति का पिटारा खोल दिया जिसमें वह अब खुद फंसते हुए नजर आ रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से बीसीसीआई का उनके प्रति रुख कड़ा हुआ है.
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प्रियंका चोपड़ा और शाहिद कपूर अपनी-अपनी शादीशुदा जिंदगी एन्जॉय कर रहे हैं. शाहिद और प्रियंका ने कुछ फिल्मों में साथ काम किया है. इस दौरान दोनों के अफेयर की चर्चाएं भी थीं. लेकिन फिर शाहिद ने मीरा राजपूत से शादी कर ली. वहीं दूसरी तरफ निक जोनस के साथ प्रियंका भी शादी के बंधन में बंध गई.
अब एक्टर शाहिद कपूर ने प्रियंका चोपड़ा को रिलेशनशिप एडवाइस दी है. नेहा धूपिया के चैट शो में जब शाहिद से प्रियंका चोपड़ा को परफेक्ट रिलेशनशिप एडवाइस देने को कहा गया तो शाहिद ने कहा- दोनों को एक-दूसरे के बैकग्राउंड को अच्छे से समझना चाहिए. क्योंकि दोनों अलग-अलग बैकग्राउंड से आते हैं.
इसके अलावा शाहिद ने भाई ईशान खट्टर और एक्ट्रेस जाह्नवी कपूर को भी सलाह दी. शाहिद ने कहा- अपने पर्सनल और प्रोफेशनल स्पेस में बैलेंस बनाकर चलें.
प्रियंका के रिस्पेशन में पहुंचे थे शाहिद
बता दें कि
शाहिद
और प्रियंका के बीच अब सब नॉर्मल है. शाहिद ने प्रियंका को शादी की बधाई भी दी थी. वहीं शाहिद कपूर पत्नी मीरा राजपूत के साथ प्रियंका की रिसेप्शन पार्टी में भी पहुंचे थे.
वर्कफ्रंट की बात करें तो शाहिद कपूर अपनी फिल्म कबीर सिंह की सफलता से काफी खुश हैं. शाहिद आखिरी बार कबीर सिंह में नजर आए थे. फिल्म ने कई रिकॉर्ड्स अपने नाम कर लिए थे. वहीं प्रियंका ने 3 साल बाद फिल्म द स्काई इज पिंक से बॉलीवुड में एंट्री की. हालांकि, फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो गई.
बता दें कि प्रियंका और शाहिद ने कमीने और तेरी मेरी कहानी जैसी फिल्मों में साथ काम किया था.
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष एवं पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना की उपयोगिता पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने मंगलवार को इस बारे में एक पत्र लिखा है। लालू ने इस पत्र के माध्यम से बुलेट ट्रेन परियोजना से संबंधित कई सवाल पूछे हैं और प्रधानमंत्री से इसका जवाब मांगा है। लालू ने इस पत्र की एक प्रति रेल मंत्री सुरेश प्रभु को भी भेजी है।
पत्र में लालू ने लिखा है कि देश में जहां लाखों लोग हर साल गरीबी, बीमारी और कुपोषण के कारण मर जाते हैं, वहां करीब एक लाख करोड़ रुपये लागत वाली बुलेट ट्रेन परियोजना का औचित्य क्या है? उन्होंने इस परियोजना को 'सफेद हाथी' बताते हुए कहा है कि सिर्फ एक परियोजना के लिए इतनी राशि खर्च करने की क्या जरूरत है।टिप्पणियां
लालू ने आगे लिखा है, 'छोटी दूरी की इस महंगी परियोजना से देश की कितनी आबादी को फायदा होगा, यह केन्द्र सरकार की बेमेल प्राथमिकताओं की मिसाल है।' उन्होंने किसानों और गरीबों के हितों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा है कि एक लाख करोड़ रुपए लागत वाली इस परियोजना की जरूरत के संबंध में प्रधानमंत्री और रेल मंत्रालय को चाहिए कि वे देश को इस बारे में बताएं।
लालू प्रधानमंत्री मोदी को लिखे इस पत्र को ट्विटर पर भी साझा किया है। लालू ने पत्र में लिखा है कि कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा देश की बुनियादी जरूरत है। लेकिन ऐसे तमाम जरूरतों के बजट में कटौती कर, गरीबों-किसानों को नजरअंदाज कर बुलेट ट्रेन लाई जा रही है। देश की बड़ी आबादी के साथ यह क्रूर मजाक है।
पत्र में लालू ने लिखा है कि देश में जहां लाखों लोग हर साल गरीबी, बीमारी और कुपोषण के कारण मर जाते हैं, वहां करीब एक लाख करोड़ रुपये लागत वाली बुलेट ट्रेन परियोजना का औचित्य क्या है? उन्होंने इस परियोजना को 'सफेद हाथी' बताते हुए कहा है कि सिर्फ एक परियोजना के लिए इतनी राशि खर्च करने की क्या जरूरत है।टिप्पणियां
लालू ने आगे लिखा है, 'छोटी दूरी की इस महंगी परियोजना से देश की कितनी आबादी को फायदा होगा, यह केन्द्र सरकार की बेमेल प्राथमिकताओं की मिसाल है।' उन्होंने किसानों और गरीबों के हितों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा है कि एक लाख करोड़ रुपए लागत वाली इस परियोजना की जरूरत के संबंध में प्रधानमंत्री और रेल मंत्रालय को चाहिए कि वे देश को इस बारे में बताएं।
लालू प्रधानमंत्री मोदी को लिखे इस पत्र को ट्विटर पर भी साझा किया है। लालू ने पत्र में लिखा है कि कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा देश की बुनियादी जरूरत है। लेकिन ऐसे तमाम जरूरतों के बजट में कटौती कर, गरीबों-किसानों को नजरअंदाज कर बुलेट ट्रेन लाई जा रही है। देश की बड़ी आबादी के साथ यह क्रूर मजाक है।
लालू ने आगे लिखा है, 'छोटी दूरी की इस महंगी परियोजना से देश की कितनी आबादी को फायदा होगा, यह केन्द्र सरकार की बेमेल प्राथमिकताओं की मिसाल है।' उन्होंने किसानों और गरीबों के हितों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा है कि एक लाख करोड़ रुपए लागत वाली इस परियोजना की जरूरत के संबंध में प्रधानमंत्री और रेल मंत्रालय को चाहिए कि वे देश को इस बारे में बताएं।
लालू प्रधानमंत्री मोदी को लिखे इस पत्र को ट्विटर पर भी साझा किया है। लालू ने पत्र में लिखा है कि कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा देश की बुनियादी जरूरत है। लेकिन ऐसे तमाम जरूरतों के बजट में कटौती कर, गरीबों-किसानों को नजरअंदाज कर बुलेट ट्रेन लाई जा रही है। देश की बड़ी आबादी के साथ यह क्रूर मजाक है।
लालू प्रधानमंत्री मोदी को लिखे इस पत्र को ट्विटर पर भी साझा किया है। लालू ने पत्र में लिखा है कि कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा देश की बुनियादी जरूरत है। लेकिन ऐसे तमाम जरूरतों के बजट में कटौती कर, गरीबों-किसानों को नजरअंदाज कर बुलेट ट्रेन लाई जा रही है। देश की बड़ी आबादी के साथ यह क्रूर मजाक है।
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कोलकाता दक्षिण लोकसभा सीट पर 23 मई को मतगणना के बाद नतीजे घोषित हो गए हैं. कोलकाता दक्षिण ममता बनर्जी का कर्मक्षेत्र रहा है. पश्चिम बंगाल का मुख्यमंत्री बनने से पहले ममता बनर्जी यहां से 4 बार सांसद रहीं और ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस की इस इलाके में तूती बोलती है. इस बार भी टीएमसी उम्मीदवार माला रॉय ने जीत हासिल की है. उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी सुभाष चंद्र बोस के परपोते और बीजेपी उम्मीदवार चंद्रबोस को हराया है.
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कब और कितनी हुई वोटिंग
कोलकाता दक्षिण लोकसभा सीट पर19 मई को वोट डाले गए और 69.65 फीसदी मतदान हुआ. जबकि 2014 के चुनाव में यहां 69.33 फीसदी वोटिंग हुई थी.
कौन-कौन प्रमुख उम्मीदवार
टीएमसी ने इस सीट से इस बार सीटिंग एमपी का टिकट काट दिया और माला रॉय को अपना उम्मीदवार बनाया. इस लोकसभा सीट से सुभाष चंद्र बोस के परपोते चंद्रबोस बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे. कांग्रेस ने यहां से मीता चक्रबर्ती को टिकट दिया, जबकि नंदिनी मुखर्जी इस सीट से सीपीएम की उम्मीदवार बनाया. यहां से निर्दलीय समेत 13 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे.
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2014 का चुनाव
2014 के चुनाव में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के सुब्रत बख्शी यहां से सांसद चुने गए लेकिन बीजेपी के तथागत रॉय ने उन्हें कड़ी टक्कर दी. पश्चिम बंगाल में अधिकांश जगहों पर तृणमूल कांग्रेस का मुकाबला सीपीएम से हुआ लेकिन कोलकाता दक्षिण में लड़ाई बीजेपी से थी. ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस को 431715 वोट जबकि बीजेपी के तथागत रॉय को 295376 वोट मिले. अगर वोट प्रतिशत की बात करें तो AITC को 57.19 पर्सेंट, बीजेपी को 35.39 और सीपीएम को 3.95 पर्सेंट वोट मिले. जबकि 2009 में AITC को 36.96 पर्सेंट, सीपीएम को 23.84 पर्सेंट और बीजेपी को 9.71 पर्सेंट वोट मिले थे. इससे साफ जाहिर है कि बीजेपी ने कोलकाता दक्षिण सीट पर मजबूत पकड़ बना ली है और तृणमूल कांग्रेस को कड़ी टक्कर दे सकती है. यह ऐसी सीट है जहां तृणमूल कांग्रेस और सीपीएम के जितने वोट घटे बीजेपी को उतना फायदा हुआ.
सामाजिक ताना-बाना
कोलकाता दक्षिण संसदीय सीट 24 परगना जिले में आती है. 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां की कुल आबादी 1972769 है. इनमें से 1.52 फीसदी आबादी ही ग्रामीण है बाकी 98.48 फीसदी शहरी है. अनुसूचित जाति और जनजाति का रेश्यो यहां पर 5.93 और .3 पर्सेंट है. 2017 की वोटर लिस्ट के मुताबिक 1700087 मतदाता हैं. 2014 के चुनाव में यहां पर 69.33 फीसदी वोटिंग हुई थी. वहीं 2009 में 66.9 फीसदी. यहां पर 7 विधानसभा सीटें हैं और सातों पर ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस का कब्जा है.
सीट का इतिहास
कोलकाता दक्षिण पश्चिम बंगाल की एक पुरानी लोकसभा सीट है जिसका गठन 1951 में ही हो गया था. कोलकाता पश्चिम बंगाल की राजधानी भी है. ऐसा कहा जा सकता है कि यह सीट जमाने के साथ चलती रही. पहले जब सीपीएम मजबूत थी तो वह यहां से जीतती रही. कांग्रेस मजबूत हुई तो उसे यहां से सफलता मिली इसके बाद ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस ने इस पर कब्जा कर लिया. 1967 में यहां से सीपीएम के जी घोष जीते थे. उन्होंने कांग्रेस के बी. बी. घोष को हराया था. 1971 के चुनाव में बाजी पलट गई और इंडियन नेशनल कांग्रेस के प्रिय रंजन दासमुंशी ने सीपीएम के जी घोष को पराजित कर दिया. हालांकि 1977 में बीएलडी के दिलीप चक्रवर्ती यहां से चुनाव जीते.1980 के चुनाव में सीपीएम के सत्य साधन चक्रवर्ती को जीत मिली.
1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जब पूरे देश में कांग्रेस के प्रति सहानुभूति की लहर चल रही थी तो यह सीट भी उससे अछूती नहीं रही. 1984 में चुनाव में यहां से कांग्रेस के भोलानाथ सेन जीते. 1989 में बाजी पलट गई और सीपीएम के बिप्लब दास गुप्ता ने यहां से जीत दर्ज की. कांग्रेस में अपनी मजबूत पकड़ बना रही ममता बनर्जी ने इसी सीट को अपना कर्मक्षेत्र बनाया. 1984 के चुनाव में सीपीएम के कद्दावर नेता सोमनाथ चटर्जी को हराकर लाइम लाइट में आ चुकी थीं.
1991 में ममता ने सीपीएम के दूसरे कद्दावर नेता बिप्लब दास गुप्ता को पराजित कर दिया. 1996 में भी ममता बनर्जी कांग्रेस से यहां की सांसद चुनी गईं. 1998 में ममता ने डब्ल्यूबीटीसी के बैनर पर चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. 1999 के पहले ही ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस अस्तित्व में आ चुकी थी और ममता बनर्जी ने फिर यहां से जीत दर्ज की. 2004 में ममता ने अपनी जीत कायम रखी. 2009 में ममता ने यहां से AITC से सुब्रत बख्शी को टिकट देकर सांसद बनाया. 2011 में एक बार फिर ममता बनर्जी यहां से सांसद चुनी गईं. पश्चिम बंगाल का मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने यह सीट छोड़ दी और यहां से फिर तृणमूल कांग्रेस के सुब्रत बख्शी 2014 में सांसद चुने गए.
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राजीव खंडेलवाल के दो अर्थ हो सकते हैं:
राजीव खंडेलवाल: यह एक भारतीय फिल्म और टेलीविजन अभिनेता का नाम है। इन्होंने कुछ धारावाहिकों और फ़िल्मों में काम किया है। भारतीय टेलीविजन रियालिटी शो सच का सामना को भी वह परदे पर प्रस्तुत कर चुके हैं जो मूल रूप से शो में भाग लेने वालों के जीवन के काले आयाम को जनता के समक्ष लाता था।
राजीव खंडेलवाल (सामाजिक कार्यकर्ता): यह एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता का नाम है। ये आजिका ब्यूरो के एग्ज़ेकेटिव डायरेक्टर हैं जिसका मुख्य कार्यालय उदयपुर, राजस्थान, भारत में है। यह एक समाजसेवी संस्था है। इसकी स्थापना राजीव ने 2004 में की थी। यह मुख्य रूप गाँव से शहरों का रुख करने वाने श्रमिकों के हितों और उनकी समस्याओं को दूर करने का का करने वाली संस्था है। देश में ही स्थानांतरण के विषय पर काम करने वाली यह पहली संस्था रही है।
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यह एक लेख है: मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने सरकार को अपनी जलवायु परिवर्तन की नीति में बड़ा बदलाव करने की सलाह दी है। सुब्रमण्यम ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली को लिखे पत्र में कहा है कि भारत को इस साल पेरिस में होने वाले महासम्मेलन से पहले ऐसे देशों के साथ गठजोड़ कर लेना चाहिए, जो अमीर हैं और जिनके पास कोयले का भंडार है।
सुब्रमण्यम की सलाह के मुताबिक, भारत को गरीब देशों और चीन, ब्राज़ील और साउथ अफ्रीका जैसे देशों से दूरी बना लेनी चाहिए, जिनके साथ अभी तक तालमेल बनाकर चला गया है।
अंग्रेजी अखबार बिजनेस स्ट्रैंडर्ड में छपी खबर के मुताबिक, अरविंद का कहना है कि भारत को अमीर देशों से पर्यावरण में फैलाये प्रदूषण के बदले मुआवज़ा मांगना बंद कर देना चाहिए, क्योंकि अमीर और विकसित देश इसके लिए तैयार नहीं हैं।टिप्पणियां
उनके अनुसार, ऐसा करने से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि विश्व में बड़े नेता के तौर पर मज़बूत होगी और सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सीट मिलने में आसानी होगी।
ग़रीबों का साथ छोड़ेगा भारत?
-मुख्य आर्थिक सलाहकार की पीएम, वित्तमंत्री की चिठ्ठी
-पर्यावरण पर नीति बदलने की दी गई सलाह
-गरीब देशों को छोड़ अमीरों के साथ खड़े होने की सलाह
-अमीर देशों से मुआवजा ना मांगने की सलाह
-केवल इमीशन घटाने पर विचार करने की सलाह
-सुरक्षा परिषद की सीट पर नज़र
-ऐसा कर पीएम की छवि विश्व में चमकाने में मिलेगी मदद
सुब्रमण्यम की सलाह के मुताबिक, भारत को गरीब देशों और चीन, ब्राज़ील और साउथ अफ्रीका जैसे देशों से दूरी बना लेनी चाहिए, जिनके साथ अभी तक तालमेल बनाकर चला गया है।
अंग्रेजी अखबार बिजनेस स्ट्रैंडर्ड में छपी खबर के मुताबिक, अरविंद का कहना है कि भारत को अमीर देशों से पर्यावरण में फैलाये प्रदूषण के बदले मुआवज़ा मांगना बंद कर देना चाहिए, क्योंकि अमीर और विकसित देश इसके लिए तैयार नहीं हैं।टिप्पणियां
उनके अनुसार, ऐसा करने से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि विश्व में बड़े नेता के तौर पर मज़बूत होगी और सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सीट मिलने में आसानी होगी।
ग़रीबों का साथ छोड़ेगा भारत?
-मुख्य आर्थिक सलाहकार की पीएम, वित्तमंत्री की चिठ्ठी
-पर्यावरण पर नीति बदलने की दी गई सलाह
-गरीब देशों को छोड़ अमीरों के साथ खड़े होने की सलाह
-अमीर देशों से मुआवजा ना मांगने की सलाह
-केवल इमीशन घटाने पर विचार करने की सलाह
-सुरक्षा परिषद की सीट पर नज़र
-ऐसा कर पीएम की छवि विश्व में चमकाने में मिलेगी मदद
अंग्रेजी अखबार बिजनेस स्ट्रैंडर्ड में छपी खबर के मुताबिक, अरविंद का कहना है कि भारत को अमीर देशों से पर्यावरण में फैलाये प्रदूषण के बदले मुआवज़ा मांगना बंद कर देना चाहिए, क्योंकि अमीर और विकसित देश इसके लिए तैयार नहीं हैं।टिप्पणियां
उनके अनुसार, ऐसा करने से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि विश्व में बड़े नेता के तौर पर मज़बूत होगी और सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सीट मिलने में आसानी होगी।
ग़रीबों का साथ छोड़ेगा भारत?
-मुख्य आर्थिक सलाहकार की पीएम, वित्तमंत्री की चिठ्ठी
-पर्यावरण पर नीति बदलने की दी गई सलाह
-गरीब देशों को छोड़ अमीरों के साथ खड़े होने की सलाह
-अमीर देशों से मुआवजा ना मांगने की सलाह
-केवल इमीशन घटाने पर विचार करने की सलाह
-सुरक्षा परिषद की सीट पर नज़र
-ऐसा कर पीएम की छवि विश्व में चमकाने में मिलेगी मदद
उनके अनुसार, ऐसा करने से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि विश्व में बड़े नेता के तौर पर मज़बूत होगी और सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सीट मिलने में आसानी होगी।
ग़रीबों का साथ छोड़ेगा भारत?
-मुख्य आर्थिक सलाहकार की पीएम, वित्तमंत्री की चिठ्ठी
-पर्यावरण पर नीति बदलने की दी गई सलाह
-गरीब देशों को छोड़ अमीरों के साथ खड़े होने की सलाह
-अमीर देशों से मुआवजा ना मांगने की सलाह
-केवल इमीशन घटाने पर विचार करने की सलाह
-सुरक्षा परिषद की सीट पर नज़र
-ऐसा कर पीएम की छवि विश्व में चमकाने में मिलेगी मदद
ग़रीबों का साथ छोड़ेगा भारत?
-मुख्य आर्थिक सलाहकार की पीएम, वित्तमंत्री की चिठ्ठी
-पर्यावरण पर नीति बदलने की दी गई सलाह
-गरीब देशों को छोड़ अमीरों के साथ खड़े होने की सलाह
-अमीर देशों से मुआवजा ना मांगने की सलाह
-केवल इमीशन घटाने पर विचार करने की सलाह
-सुरक्षा परिषद की सीट पर नज़र
-ऐसा कर पीएम की छवि विश्व में चमकाने में मिलेगी मदद
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Xiaomi ने कल अपने Redmi Note 7 और Redmi Note 7 Pro को भारत में लॉन्च कर दिया है. Note 7 की शुरुआती कीमत 9,999 रुपये और Note 7 Pro की शुरुआती कीमत भारत में 13,999 रुपये रखी गई है. दोनों ही स्मार्टफोन्स को ग्रेडिएंट फिनिशिंग के साथ पेश किया गया है. दोनों ही स्मार्टफोन्स में काफी कुछ समानताएं हैं और कुछ बड़े अंतर भी हैं. यहां हम आपको दोनों ही स्मार्टफोन्स में अंतर समाझा रहे हैं.
दोनों में जो सबसे बड़ा अंतर है वो हार्डवेयर सेटअप में हैं. Note 7 Pro में Note 7 की तुलना में पावरफुल सेटअप दिया गया है तो वहीं इसकी कीमत भी थोड़ी ज्यादा रखी गई है. Note 7 Pro में 8 Kryo 460 कोर, 2 ARM Cortex-A76 और 6 ARM Cortex-A55 कोर के साथ क्वॉलकॉम स्नैपड्रैगन 675 प्रोसेसर दिया गया है. शाओमी का दावा है कि स्नैपड्रैगन 675 सभी के लिए बेहतरीन प्रोसेसर है. चाहे वो कोई गेमर हो या सोशल मीडिया लवर.
खास बात ये भी है कि 20,000 रुपये के अंदर पहला स्मार्टफोन है, जिसमें स्नैपड्रैगन 675 प्रोसेसर दिया गया है. तुलनात्मक तौर पर देखें तो Note 7 में 2.2GHz ऑक्टा-कोर स्नैपड्रैगन 660 AIE प्रोसेसर दिया गया है. नोट 7 भी 10,000 रुपये के अंदर पहला स्मार्टफोन है, जिसमें स्नैपड्रैगन 660 प्रोसेसर दिया गया है.
दूसरा बड़ा अंतर कैमरा डिपार्टमेंट में है. दोनों ही स्मार्टफोन में रियर में डुअल कैमरा सेटअप दिया गया है और फ्रंट में भी दोनों स्मार्टफोन में सिंगल कैमरा सेल्फी के लिए दिया गया है. Note 7 Pro शाओमी का पहला फोन है, जो 48MP कैमरे के साथ भारत में उतारा गया है. नोट 7 प्रो में प्राइमरी 48MP के लिए शाओमी ने Sony IMX586 सेंसर का इस्तेमाल किया है. इसमें वाइड अपर्चर दिया गया है, जो कि f /1.79 का है. साथ ही यहां ढेरों कैमरा फीचर्स जैसे लाइव पोर्ट्रेट्स और लाइव स्टूडियो पोर्ट्रट्स भी दिए गए हैं. इसका दूसरा कैमरा 5 मेगापिक्सल का है जो बोके क्लिक करने के काम आता है. Note 7 Pro में इसके अलावा हैंडहेल्ड नाइट फोटोग्राफी मोड भी दिया गया है, जिससे लो-लाइट में भी बेहतरीन शॉट्स लिए जा सकते हैं.
तुलनात्मक तौर पर बात करें तो नोट 7 में 12MP + 2MP के दो कैमरे रियर में दिए गए हैं. वहीं फ्रंट में दोनों ही स्मार्टफोन्स में 13MP AI बेस्ड सेल्फी कैमरा दिया गया है.
वेरिएंट्स की बात करें तो Redmi Note 7 को 3GB रैम और 32GB स्टोरेज और 4GB रैम और 64GB स्टोरेज वाले दो वेरिएंट में पेश किया गया है, तो वहीं Note 7 Pro दो वेरिएंट्स- 4GB रैम और 64GB स्टोरेज और 6GB रैम और 128GB स्टोरेज में लॉन्च हुआ है. Note 7 की कीमत क्रमश: 9,999 रुपये और 11,999 रुपये में उपलब्ध होगा. वहीं Note 7 Pro को ग्राहक क्रमश: 13,999 रुपये और 16,999 रुपये में उपलब्ध होगा.
Redmi Note 7 Pro को ग्राहक 13 मार्च से खरीद पाएंगे और वहीं Note 7 की बिक्री 6 मार्च से शुरू होगी. बाकी स्पेसिफिकेशन्स दोनों ही स्मार्टफोन्स में एक जैसे रहेंगे. दोनों स्मार्टफोन्स में ग्रेडिएंट फिनिशिंग, फ्रंट और बैक में गोरिल्ला ग्लास 5 प्रोटेक्शन और क्विक चार्ज 4 सपोर्ट के साथ 4000mAh की बैटरी दी गई है. कलर वेरिएंट्स कुछ अलग मिलेगें जिन्हें आप खरीदते वक्त देख सकते हैं.
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ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित उपन्यासों की रचना करने वाले फ्रांस के पैट्रिक मोदियानो को गुरुवार को साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया.
उनकी रचनाएं अधिकतर द्वितीय विश्व युद्ध और 1940 के दशक पर आधारित हैं.
स्वीडिश एकेडमी ने बताया कि उन्होंने युद्ध से जुड़ी स्मृतियां और इसका मानव की नियति पर पड़ने वाले प्रभावों को बखूबी उकेरा है. यह पुरस्कार उनको उनकी इसी खूबी के लिये दिया गया है.
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हलसूरु सोमेश्वर मंदिर भारत के कर्नाटक राज्य में बैंगलोर में हलसूरु के पड़ोस में स्थित है। यह चोल काल के शहर के पुराने मंदिरों में से एक है, यह हिंदू भगवान शिव को समर्पित है। हिरिया केम्पे गौड़ा द्वितीय के शासन के तहत देर से विजयनगर साम्राज्य काल के दौरान प्रमुख परिवर्धन या संशोधन किए गए थे।
सोमेश्वर मंदिरों का निर्माण कर्नाटक में कल्याणी के चालुक्यों द्वारा किया गया था। उस अवधि के दौरान हम तमिल शिलालेख देखते हैं क्योंकि कुछ मुदलियार (तुलुवा वेल्लाला) बसे हुए थे। ये मुदलियार, मूल रूप से तुलु भाषी, तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में विशेष रूप से आरकोट में बस गए थे।
दंतकथा
"मैसूर के राजपत्र" (१८८७) में बेंजामिन लुईस राइस ने मंदिर के अभिषेक के पीछे एक पौराणिक कथा का वर्णन किया है। केम्पे गौड़ा जब एक शिकार पर थे, अपनी राजधानी येलहंका से बहुत दूर चले गए। थके होने के कारण उन्होंने एक पेड़ के नीचे आराम किया और सो गए। स्थानीय देवता सोमेश्वर ने उन्हें सपने में दर्शन दिए और उन्हें दफन खजाने का उपयोग करके उनके सम्मान में एक मंदिर बनाने का निर्देश दिया। बदले में मुखिया को दैवीय कृपा प्राप्त होगी। केम्पे गौड़ा ने खजाना पाया और कर्तव्यपरायणता से मंदिर को पूरा किया।
किंवदंती के एक अन्य संस्करण के अनुसार येलहंका नाडा प्रभु के एक छोटे वंश के राजा जयप्पा गौड़ा (१४२०-१४५० ईस्वी) वर्तमान हलसूरु क्षेत्र के पास एक जंगल में शिकार कर रहे थे, जब वह एक पेड़ के नीचे थका हुआ और आराम महसूस कर रहे थे। एक सपने में एक आदमी उसके सामने प्रकट हुआ और उसे बताया कि जिस स्थान पर वह सो रहा था, उसके नीचे एक शिवलिंग दबा हुआ था। उन्हें इसे पुनः प्राप्त करने और एक मंदिर बनाने का निर्देश दिया गया था। जयप्पा ने खजाना पाया और शुरू में मंदिर को लकड़ी से बनाया।
एक अन्य खाता येलहंका नाडा प्रभास द्वारा किए गए बाद के जीर्णोद्धार के साथ चोल राजवंश के मंदिर का श्रेय देता है।
मंदिर योजना
मिचेल के अनुसार मंदिर की योजना विजयनगर वास्तुकला के कई बुनियादी तत्वों का अनुसरण करती है हालांकि यह एक निचले स्तर पर है। मंदिर में एक चौकोर गर्भगृह है जो एक संकीर्ण मार्ग से घिरा हुआ है। गर्भगृह एक बंद मंडप से जुड़ा है जिसकी दीवारों को भित्तिस्तंभों और भित्ति चित्रों से सजाया गया है। बंद मंतपा एक विशाल खुले मंतपा से जुड़ा है जिसमें चार बड़े प्रोजेक्टिंग "खण्ड" (चार स्तंभों के बीच का क्षेत्र) शामिल हैं। गर्भगृह की ओर जाने वाले और खुले मंतपा से बाहर की ओर जाने वाले खंभे मानक याली स्तंभ हैं। पूर्वी गोपुरम एक अच्छी तरह से निष्पादित विशिष्ट १६वीं शताब्दी की संरचना है।
ब्रह्म सांबा मंदिर की पूर्व दिशा में स्थित है जिसकी ऊँचाई लगभग १८ फीट है और इसके आधार की त्रिज्या २ फीट है।
परिसर में कई उल्लेखनीय मूर्तियां और सजावटी विशेषताएं हैं। एक प्रभावशाली स्तंभ (कंभ या नंदी) स्तंभ) प्रवेश द्वार (गोपुरम) के ऊपर ऊंचे स्तंभ के पास खड़ा है। स्तंभ स्वयं हिंदू पौराणिक कथाओं से देवी-देवताओं की अच्छी तरह से उकेरी गई छवियों को प्रदर्शित करता है। खुले मंतपा में अड़तालीस खंभे हैं जिनमें देवी-देवताओं की चित्रवल्लरी में नक्काशी की गई है। उत्तर में बारह स्तंभों वाला नवग्रह मंदिर (नौ ग्रहों के लिए मंदिर) है, प्रत्येक स्तंभ एक ऋषि का प्रतिनिधित्व करता है। गर्भगृह का प्रवेश द्वार दो द्वारपालकों की मूर्तियों को प्रदर्शित करता है। कला के अन्य उल्लेखनीय कार्यों में मूर्तियां शामिल हैं जो भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए राजा रावण को कैलाश पर्वत उठाने का चित्रण करती हैं, दुर्गा द्वारा महिषासुर का वध, नायनमार संतों (तमिल शैव संतों) की छवियाँ, गिरिजा कल्याण (शिव और पार्वती का विवाह), सप्तर्षि (हिंदू विद्या के सात संत)। मंदिर स्थल पर हाल की खुदाई से एक मंदिर की टंकी (कल्याणी) के अस्तित्व का पता चला है जो १२०० साल पुरानी हो सकती है।
चित्रदीर्घा
शिलालेख
संदर्भ
विकिडेटा पर उपलब्ध निर्देशांक
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भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) ने टाटा समूह पर साइरस मिस्त्री द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच करने को कहा है. सेबी ने स्टॉक एक्सचेंजों से कहा है कि वे टाटा समूह की कंपनियों को निर्देश दें कि वे कॉरपोरेट गवर्नेंस के मसले पर टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री द्वारा द्वारा जाहिर की गई चिंताओं का समाधान करें और इस मसले की जांच समूह के सूचीबद्ध कंपनियों की ऑडिट कमेटी से कराई जाए. इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर में सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई है.
गौरतलब है कि
साइरस मिस्त्री
ने टाटा संस और टाटा ट्रस्ट के बोर्ड को एक ई-मेल भेजकर टाटा समूह और रतन टाटा पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाए थे. इनमें फर्जी लेन-देन, अनैतिक दस्तूर, हितों के टकराव जैसे कई गंभीर आरोप थे. एक जानकार ने इस बारे में कहा, 'इस समय दोनों पक्षों द्वारा तमाम तरह के दावे और प्रतिदावे किए जा रहे हैं और अभी ये सब आरोप ही हैं. सेबी द्वारा इस मामले को ऑडिट कमेटी के पास भेजने से सच को साबित करने की दिशा में पहला कदम बढ़ाया गया है. इस ऑडिट कमेटी के निष्कर्षों के आधार पर ही बाजार नियामक सेबी अगला कदम उठाएगा.' टाटा समूह के प्रवक्ता ने इस खबर के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है.
मिस्त्री ने लगाए थे गंभीर आरोप
गत 24 अक्टूबर को चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद साइरस मिस्त्री ने आरोप लगाया था कि
रतन टाटा
के कार्यकाल के दौरान ग्रुप की कई कंपनियों में निवेश के निर्णय में कॉरपोरेट गवर्नेंस का पूरी तरह से अभाव रहा है. उन्होंने आरोप लगाया था, 'समूह की विरासत वाली कंपनियों (इंडियन होटल्स, टाटा मोटर्स पीवी, टाटा स्टील यूरोप, टाटा पावर मुंद्रा और टाटा टेलीसर्विसेज ) में साल 2011 से 2015 के बीच लगाई गई पूंजी 1,32,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,96,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई.' मिस्त्री का आरोप था कि इससे समूह के बहीखाते में 18 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है. उनके इस विस्फोटक ई-मेल के बाद स्टॉक एक्सचेंजों ने टाटा समूह की इन कंपनियों से सफाई मांगी थी. मिस्त्री ने यह भी आरोप लगाया था कि रतन टाटा टीसीएस को आईबीएम को बेचने पर आमादा थे. इतना ही नहीं मिस्त्री ने कहा कि इस तरह के फैसले के लिए तैयार रतन टाटा के अहम ने उनसे कोरस जैसा महंगा सौदा भी करवाया. इस अहम की वजह से कोरस को टाटा समूह ने उसकी असली कीमत से दोगुनी कीमत पर खरीदा था.
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ओफिडीओफोबिआ या सर्पभीति एक तरह का डर (दुर्भीति) है जिसमें मनुष्य को साँप से भय लगता है। यह शब्द दो यूनानी शब्दो से आता है। ओफिस का अर्थ "सांप" है और फोबिअ का मतलब "डर" होता है। यह फोबिअ हरपितोफोबिअ कि सबसे आम उपश्रेणी है। कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि यह डर विकासवादी हो सकता है जो हमारे पूर्वजों द्वारा विकसित एक अस्तित्व तंत्र का रूप लेता है। आम तौर पे मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि फोबिअ दर्दनाक अनुभव का परिणाम होता है। कई बार यह भय अतीत से जुडा हुआ भी नहीं होता।
ओफिडीओफोबिअ के लक्षण
फोबिअ से ग्रस्त मरीजों के बीच लक्षण व्यापक रूप से भिन्न हो सकते हैं। जिस मरीज़ को साद फोबिअ है उसे बड़े और विषैला साँप का सामना करने में अत्यंत भय महसूस होगा। अगर यह फोबिअ और भी सख्त है तब मनुष्य को एक छोटे साँप से भी डर लग सकता है। वह मनुष्य किसी सांप के चित्र या दूरदर्शन पे दिखाये जाने वाले कार्यक्रम को भी देखने से डर जाता है। ओफिडीओफोबिअ और हर्पितोफोबिअ में अंतर समझाना आवश्यक है क्योंकि जिस इन्सान को छिपकली या छोटे गेको से भी डर लगता है उसे सौ प्रतिशत हरपितोफोबिअ ही है। इस फोबिअ के लक्षण कई है जैसे कि भागना, रोना, काँपना या फिर साँस लेने में तकलीफ महसूस करना।
ओफिडीओफोबिअ के प्रभाव
ओफिडीओफोबिअ कपटी हो सकता है। कुछ समय के बाद मरीज़ को उन चिज़ो से डर लगने लगता है जो सांप से सीधे संबंधित भी नहीं हैं। इसका एक उदाहरण यह है की: मनुश्य उस पालतू जानवर की दुकान से भी भयभीत हो उठेगा जो साँपो को सेल में बेचते है। मरीज़ को अन्य सरीसृपों के एक माध्यमिक डर विकास हो सकता है।
ओफिडीओफोबिअ का निदान
उदाहरण: छह साल की उम्र में, जेनी और रॉक्सी पिछवाड़े में खेल रहे हैं। रॉक्सी पत्तियों के ढेर पर कूदती है और अचानक दर्द में बाहर चिल्लाती है। जेनी रॉक्सी के पैर के चारों ओर एक साँप के मुंह को देखता है, और रक्त उसके पैर से निकलता हुआ देख डर महसूस करता है। रॉक्सी अस्पताल में चली जाती है और समय की एक विस्तारित अवधि के लिए उसे वहाँ रहना पड़ता है।
घटना के बाद, वह यार्ड में खेलने के लिए कभी नहीं जाती। वह पत्तियों के ढेर के पास जाने के लिए घबरा जाती है और गिरावट के मौसम में बाहर खेलने के लिए बभी मना कर देती है। उसका सांप के ऊपर से डर कभी नहीं गया जिस वजह से २० साल की उम्र में, रॉक्सी ओफिडीओफोबिअ के साथ का निदान किया जाता है। वह आखिर में परामर्श के लिए जाती है।
आम तौर पर अतीत से एक गहन नकारात्मक अनुभव की वजह से या व्यक्ति के मन को भी बिना आधार के यह डर प्रतीत हो सकता है।अपरिचित जानवरों के आसपास रेहने पर यह तंत्रिका या अनिश्चित होना सामान्य है।इसके अलावा, साँप के बारे में अनेक आम मिथकों रहे हैं। मरीज़ परेशान भी हो सकता है कि वह घिनौना, घृणित या दरावना होगा और वे एक कंस्ट्रिकटर द्वारा कुचल दिये जाएंगे। यह सब आशंकाओं आम है और जानवरों के बारे में अधिक व्यक्तिगत ज्ञान प्राप्त करके इसे हटाया जा सकता है।
ओफिडीओफोबिअ का इलाज
यह बीमारी का सबसे सार्वजनिक इलाज संज्ञानात्मक व्यवहार तकनीक पर आधारित है। आप इसमे अपने डर के बारे में बोलने के लिए प्रोत्साहित किए जाते हो और नए संदेशों को सिखाया जा सकता है। इसका ईलाज सम्मोहन द्वारा भी किया जा सकता है। यह चिकित्सा से ओफिडीओफोबिअ के लक्षण अक्सर कम होते दिखाए देते है। कुछ लोग को अपना नियंत्रण खोने कि भावना पसंद नहीं आती जब वे अपने निजी तन्त्रांश के साथ खेलने के लिए किसी और को इजाजत देते है पर यह इलाज सबसे सुरक्षित और तेज़ माना जाता है। हालांकि यह महत्वपूर्ण है कि इस बिमारी के ईलाज के लिए एक एसे चिकित्सक को चुना जाए जिस पर मरीज़ भरोसा कर सके।
भय की सूची
१)अगोराफोबिअ
२)नरभीति
३)क्लेप्टोफोबिअ
४)क्लौस्ट्रफ़ोबिया
५)हेमोफोबिअ
सन्दर्भ
१) ^Murrie, Matthew & Steven. The First Book of Seconds. Adams Media, 2010. p. 11.
२) ^Lynne Isbell, "The Fruit, the Tree, and the Serpent - Why We See So Well" (Harvard University Press, 2009)
३) ^Fear of Snakes, Spiders Rooted in Evolution, Study Finds
भय
मनोविकार
मनोरोग
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विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने कहा कि पाकिस्तान के साथ भारत को किसी भी मुद्दे पर बातचीत करने में ‘डर’ या ‘हिचक’ नहीं है लेकिन इसके लिये पड़ोसी देश को सीमा पार से आतंकवाद और घुसपैठ पर रोक लगानी होगी.
कृष्णा ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एस एस अहलूवालिया के सवाल के जवाब में कहा कि भारत-पाक विदेश मंत्री स्तरीय बातचीत के दौरान हमारा यह रुख था कि हम पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दों पर चरणबद्ध तरीके से समाधान चाहते हैं. भारत (कश्मीर, सियाचिन और सरक्रीक सहित) सभी मुद्दों पर बातचीत को तैयार है.
कृष्णा ने कहा कि जब हमारी आत्मा बिल्कुल साफ हो तो हमें डरने की क्या जरूरत है और हमारा रुख एकदम साफ है, हम क्यों हिचकें.
उन्होंने डी. राजा के पूरक सवाल पर कहा कि हमने पाकिस्तान में मौजूद जिहादी ताकतों की भारत के बारे में जहर उगलने और भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने की लगातार हो रही कोशिशों की ओर पाकिस्तान सरकार का ध्यान आकषिर्त कराया.
कृष्णा ने कहा कि मैंने पाकिस्तानी विदेश मंत्री से कहा कि हम सभी मुद्दों पर बातचीत करने के लिए तैयार हैं लेकिन इसके लिए पड़ोसी देश को सीमा पार से आतंकवाद और घुसपैठ पर रोक लगानी होगी.
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भुज (Bhuj) भारत के गुजरात राज्य के कच्छ ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है।
इतिहास
भुज शहर की स्थापना राव हमीरजी ने 1510 में की थी और 1549 में राव खेंगरजी प्रथम द्वारा इसे राज्य की राजधानी बनाया गया था। राज्य की राजधानी के रूप में इसकी आधारशिला औपचारिक रूप से विक्रम संवत 1604 माघ 5वीं (लगभग 25 जनवरी 1548) को रखी गई थी। 1590 के बाद से, जब राव को मुगल साम्राज्य को स्वीकार करने के लिए मजबूर किया गया, भुज को मुसलमानों के बीच सुलेमान नगर के रूप में जाना जाने लगा। शहर की दीवारों का निर्माण राव गोडजी प्रथम ने 1723 में किया था, और भुजिया किला राव देशलजी प्रथम के समय (1718 - 1741) में देवकरण सेठ द्वारा बनाया गया था। भुज पर छह बार हमला हो चुका है जिसमें से दो मामलों में बचाव सफल रहा और चार अन्य मामलों में बचाव विफल रहा। 1728 में, गुजरात के मुगल वायसराय सरबुलंद खान के हमले को राव देशलजी प्रथम ने खारिज कर दिया था, और 1765 में मियां गुलाम शाह कल्होरो को किलेबंदी की ताकत का समय पर प्रदर्शन करके वापस लेने के लिए प्रेरित किया गया था। राव रायधन तृतीय के शासनकाल की नागरिक परेशानियों के दौरान, भुज को तीन बार मेघजी सेठ ने 1786 में, हंसराज ने 1801 में और फतेह मुहम्मद ने 1808 में कब्जा कर लिया था। 26 मार्च 1819 को, भुजिया के पहाड़ी किले पर सर विलियम कीर के नेतृत्व में ब्रिटिश टुकड़ी द्वारा कब्जा कर लिया गया था।
1818 में भुज की आबादी 20,000 थी। 16 जून 1819 को आए भूकंप ने लगभग 7000 घरों को नष्ट कर दिया और अनुमानित 1140 लोगों की जान चली गई। लगभग एक-तिहाई इमारतें जो बर्बादी से बच गईं, भारी क्षतिग्रस्त हो गईं। भुज में ब्रिटिश सेना 1826 में लगभग 1400 ब्रिटिश सैनिकों (685 पैदल सेना, 543 ड्रैगन, 90 फुट तोपखाने और 74 घोड़े तोपखाने) के साथ चरम पर था । जिसमें 5000 से अधिक भारतीय सैनिक थे। इस समय के दौरान उच्चतम प्रोफ़ाइल ब्रिटिश आंकड़ों में अलेक्जेंडर बर्न्स थे जो 1826 और 1829 के बीच यहां आधारित थे। कहा जाता है कि 1837 में भुज की आबादी 30,000 थी, जिसमें 6,000 मुसलमान भी शामिल थे।
1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद, कच्छ राज्य भारत के प्रभुत्व में शामिल हो गया और एक स्वतंत्र आयुक्त, कच्छ राज्य का गठन किया गया। 1956 में, कच्छ राज्य को बॉम्बे राज्य में मिला दिया गया था, जिसे 1960 में गुजरात और महाराष्ट्र के नए भाषाई राज्यों में विभाजित किया गया था, कच्छ कच्छ जिले के रूप में गुजरात राज्य का हिस्सा बन गया था। भुज भारत के सबसे बड़े जिले कच्छ जिले का जिला मुख्यालय है। 21 जुलाई 1956 को और 26 जनवरी 2001 को भी, शहर में एक बड़ा भूकंप आया था, जिससे जान-माल का काफी नुकसान हुआ था। भुज के कई हिस्सों को व्यापक क्षति के कारण ध्वस्त कर दिया गया, जबकि अन्य की मरम्मत की गई। 2001 के भूकंप के बाद से परिवहन और विभिन्न अन्य बुनियादी ढांचे में काफी सुधार के साथ शहर में काफी प्रगति हुई है।
जनसंख्या
2011 में भुज की जनसंख्या 213,514 थी, जिसमें 111,146 पुरुष और 102,368 महिलाएं शामिल थीं। भुज की मलिन बस्तियों में मुख्य रूप से मुस्लिम, दलित और अन्य अल्पसंख्यक रहते हैं। उदाहरण के लिए, पश्चिमी भुज की मलिन बस्तियों में, अनुमानित 80% आबादी मुस्लिम है।
भूगोल
भुज की समुंद्र तल से औसत ऊंचाई ११० मीटर (360 फीट) है। भुज के पूर्व दिशा में एक हिल स्टेशन है जिसका नाम भुजियो डूगर् है। यहाँ पर भुजिया का किला भी है जो भुज को मधेपुर कस्बे से अलग करता है। यहाँ पर हमीरसार नामक एक झील भी है। पुराना शहर ५ दरवाज़ो से घिरा हुआ है।
जलवायु
भुज में एक गर्म अर्ध-रेगिस्तानी जलवायु (बीएसएच) की तुलना में एक सीमावर्ती गर्म मरुस्थलीय जलवायु (कोपेन बीडब्ल्यूएच) है। यद्यपि वार्षिक वर्षा "औसत" लगभग 330 मिलीमीटर या 13 इंच के आसपास है, परिवर्तनशीलता लगभग साठ प्रतिशत की भिन्नता के गुणांक के साथ दुनिया में सबसे अधिक है - दुनिया में कुछ तुलनात्मक रूप से परिवर्तनशील जलवायु में किरिबाती के लाइन द्वीप, पिलबारा तट हैं। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया का, पूर्वोत्तर ब्राजील का सर्टाओ और केप वर्डे द्वीप समूह।
दिसंबर से फरवरी तक "सर्दियों" के मौसम की ठंडी सुबह के अलावा, पूरे वर्ष तापमान बहुत गर्म होता है, जो अनिश्चित मानसूनी वर्षा की प्रभावशीलता को और कम कर देता है। मार्च के मध्य से जून के मध्य तक "गर्म" मौसम के दौरान, 40 डिग्री सेल्सियस या 104 डिग्री फ़ारेनहाइट का तापमान अक्सर होता है, जबकि मानसून के मौसम के दौरान वे 34 डिग्री सेल्सियस या 93.2 डिग्री फ़ारेनहाइट से अधिक उच्च आर्द्रता के साथ बरसात के दौरान छोड़कर ठंडा तापमान लेकिन दमनकारी आर्द्रता।
रुचि के स्थान
किला: पुराना शहर पांच प्रमुख द्वारों (महादेव, पटवाड़ी, सरपत, भिड़ और वनियावद) के साथ एक किले की दीवार से घिरा हुआ था और एक छोटा द्वार जिसे छठी बाड़ी (छठी खिड़की) के नाम से जाना जाता था। किले की दीवार 35 फीट ऊंची और चार फीट मोटी है, और इसके उपयोग के दौरान इक्यावन तोपों से लैस था। 2001 के भूकंप और शहर के पुनर्विकास में हुई क्षति के कारण किले की अधिकांश दीवार या तो गिर गई है या ध्वस्त हो गई है।
हमीरसर झील
प्राग महल
आइना महल
शरदबाग पैलेस
छतरडी
कच्छ संग्रहालय
रामकुंड
मोहम्मद पन्ना मस्जिद
भारतीय संस्कृति दर्शन संग्रहालय
स्वामीनारायण मंदिर
भुजिया पहाड़ी पर भुजिया किला और स्मृतिवन
हिल गार्डन
टपकेश्वरी मंदिर
त्रिमंदिर
भुज हाउस: एक ऐतिहासिक, 19वीं सदी की आंगन संपत्ति जो पारसी भुजवाला परिवार का पैतृक घर है, जिसे एक निजी बुटीक होटल के रूप में पुनर्विकास किया गया है, जो कच्छ के इतिहास में एक बहुत ही विशिष्ट युग को दर्शाता है जब पारसी समुदाय उनके करीबी सहयोगी के रूप में प्रमुख था। राव दरबार और औपनिवेशिक भारत में कच्छ के ब्रिटिश सैनिकों के मित्र।
उद्योग और व्यापार
भुज गेहूँ, कपास, नमक और मवेशियों का व्यापारिक केंद्र है। ठप्पे की छपाई का कपड़ा, बंधेज, चाँदी का सामान और कढ़ाई वाले वस्त्रों के अलावा यह कच्छी हस्तशिल्प के लिए भी प्रसिद्ध है। भुज में देश का पहला बड़े पैमाने का सौर तालाब है।
परिवहन
भुज शहर सड़क, रेल और हवाई मार्ग द्वारा अन्य शहरों से जुड़ा हुआ है। भुज ट्रेन के द्वारा दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद जैसे महानगरों से जुड़ा हुआ है। भुज का अपना हवाई अड्डा भी है जहाँ पर रोजाना मुंबई से हवाई जहाज़ आते हैं। बस स्टैंड से राज्य परिवहन निगम की बस भी मिलती है।
शिक्षा
अल्फ्रेड हाई स्कूल, कच्छ का पहला हाई स्कूल, जो की 1870 में स्थापित किया गया था। । क्रांतिगुरु श्यामजी कृष्ण वर्मा कच्छ विश्वविद्यालय भुज में स्थित है। विश्वविद्यालय से संबद्ध 41 कॉलेज हैं, जिनमें से उन्नीस भुज में हैं। विश्वविद्यालय कला, विज्ञान, वाणिज्य, कानून शिक्षा, प्रबंधन, फार्मेसी, सामाजिक कल्याण, चिकित्सा और इंजीनियरिंग में डिग्री प्रदान करता है। लिटिल स्टेप्स मोंटेसरी स्कूल कच्छ का पहला मोंटेसरी स्कूल है जिसकी स्थापना वर्ष 2000 में तेरा-कच्छ के शाही परिवार द्वारा की गई थी।
संस्कृति
भुज हथकरघा के कामो के लिए जाना जाता है। पास के गांवों के कलाकार अपने हाथों से निर्मत वस्तुए भुज में बेचने के लिए लाते हैं।
भुज तालुका
मेघपुर, माधापर, कुक्मा, नागोर, धानेती, हजपर, रहा, जम्बूदी, सुखपर, मिर्जापुर, मानकुवा, भारासर, बलदिया, कोडकी आंड खावडा, संतरा, देसलपर, सूरजपुर, नारनपुर, केरा, रामपुर (वेकरा) , डायसरा, मिर्जापुर, मानकुवा आदि गांवों भुज ताल्लुका के अंतर्गत आते हैं।
भुज पर साहित्य
द भुज स्टोरी - आफ्टर द क्वेक (२००५) यह किताब २००१ के भूकंप से जुड़ी हुई सच्ची घटनाओं और अनुभवों पर आधारित है। इस किताब के लेखक रिशि मोहन सनवाल है, जो भूकंप के समय भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद में अध्य्यनरत थे। इसे प्रकाशित भारत सरकार के प्रकाशन विभाग ने किया है।
इन्हें भी देखें
कच्छ ज़िला
बाहरी कड़ियाँ
कला-संस्कृति और देशभक्ति का अद्भुत मेल है भुजोड़ी का ‘वंदे मातरम् मेमोरियल’
सन्दर्भ
गुजरात के शहर
कच्छ ज़िला
कच्छ ज़िले के नगर
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लेख: वाहन निर्माता कंपनी ह्युंडई मोटर इंडिया ने गुरुवार को कहा कि अप्रैल माह में उसकी कुल ब्रिकी साल-दर-साल आधार पर 11.8 फीसदी कम रही। इस साल अप्रैल में ह्युंडई के कुल 50,222 वाहनों की बिक्री हुई है, जबकि गत वर्ष अप्रैल में कुल 56,953 वाहनों की बिक्री हुई थी।
कंपनी ने हालांकि कहा कि इस महीने घरेलू बाजार में बिक्री 8.8 फीसदी बढ़ी है। देश के बाजारों में इस साल ह्युंडई के 35,248 वाहनों की बिक्री हुई है, जबकि 2013 में इसी महीने में घरेलू बाजार में 32,403 वाहनों की बिक्री हुई थी।
पिछले महीने कंपनी का निर्यात 39 फीसदी घटकर 14,974 वाहन रहा, जो कि 2013 में निर्यात किए गए 24,550 वाहनों से कम था।
ह्युंडई मोटर इंडिया के बिक्री एवं विपणन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश श्रीवास्तव ने बताया, ह्युंडई की 35,248 वाहनों की बिक्री और पिछले साल की अपेक्षा 8.8 फीसदी वृद्धि इस साल के विकास लक्ष्य और बाजार हिस्सेदारी के अनुरूप है। बिक्री में बढ़ोत्तरी में प्रमुख योगदान एक्सेंट, गै्रंड और सेंटा फी की अधिक बिक्री का रहा है।
उन्होंने कहा, हम उत्पाद पोर्टफोलियो को मजबूत बनाकर और चैनल क्षमता में सुधार करके इस साल इस वृद्धि को बरकरार रखने की उम्मीद करते हैं।
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हरियाणा की जींद और राजस्थान की रामगढ़ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजे आज घोषित किए जा रहे हैं. दोनों सीटों पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में कांटे का मुकाबला है. जींद में उपचुनाव हुए हैं जबकि राजस्थान के रामगढ़ में उम्मीदवार के निधन के कारण तब बाकी सीटों के साथ चुनाव नहीं हो सके थे. इसे लेकर पार्टियों ने जैसी तेजी दिखाई है और चुनाव प्रचार में जैसा शक्ति प्रदर्शन किया गया है, उससे साफ है कि पार्टियां और उसके नेता नतीजों को हल्के में नहीं लेंगे.
#Haryana
: Congress's Randeep Surjewala and Jannayak Janata Party's Digvijay Chautala present at the counting centre in
#Jind
as counting of votes has begun.
pic.twitter.com/mt9pPyjZAp
— ANI (@ANI)
January 31, 2019
कांग्रेस ने जींद से अपने बड़े नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला को मैदान में उतारा है. महीने-दो महीने में लोकसभा चुनाव होने हैं, लिहाजा पार्टियां अपनी अपनी जीत को किला फतह से जोड़ेंगी और इसका सीधा संबंध दिल्ली के तख्त-ओ-ताज से जोड़ा जाएगा.
बात सबसे पहले जींद की. यहां 28 जनवरी को उपचुनाव हुए. वोटिंग में उमड़ी भीड़ को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि विधानसभा में जब ऐसा जोश रहा, तो फिर लोकसभा में क्या होगा. सीट का ब्योरा देखें तो जींद निर्वाचन क्षेत्र में 1.7 लाख पंजीकृत वोटर हैं जिनमें से अनुसूचित जाति (एससी) और पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा है. जाटों का लगभग 25 प्रतिशत वोट है. फिलहाल इस सीट पर इंडियन लोकदल का कब्जा है.
हाल के महीनों में कांग्रेस ने जिस प्रकार से बीजेपी को अगड़ी जातियों, अमीरों, उद्योगपतियों से जोड़ा है और एससी, एसटी, ओबीसी को लुभाने की कोशिश की है, उससे स्पष्ट है कि कांग्रेस को जींद से काफी उम्मीदें हैं. तभी उसने अपने मीडिया प्रभारी और कैथल से विधायक रणदीप सुरजेवाला को जींद में उतारा है. हालांकि यह लड़ाई इतनी आसान नहीं है क्योंकि यह इनेलो की शर्तिया सीट रही है. फिर भी कांग्रेस बीजेपी की सत्ता विरोधी लहर में खुद की जीत और इनेलो की हार देख रही है. यह उपचुनाव इसलिए भी अहम है क्योंकि इस साल हरियाणा में विधानसभा चुनाव होंगे और जीत-हार का समीकरण जींद से सीधा जोड़कर देखा जाएगा.
कह सकते हैं यह उपचुनाव मैदान में उतरे सभी चार पार्टियों सत्तारूढ़ बीजेपी, कांग्रेस, इनेलो और नई बनी पार्टी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के लिए एक अग्निपरीक्षा है. सुरजेवाला का दांव थोड़ा भारी लग रहा है क्योंकि उन्होंने पहले इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला को हराया था. इन सारे फैक्टर के बावजूद जेजेपी को 'किंगमेकर' माना जा रहा है क्योंकि इनेलो और कांग्रेस को पता है कि जेजेपी उसके वोट काटेगी. इसका तकनीकी पहलू ये है कि आम आदमी पार्टी ने अपना कोई उम्मीदवार तो नहीं उतारा लेकिन जेजेपी को समर्थन दिया है. हरियाणा से सटे दिल्ली में आम आदमी पार्टी की छवि अच्छी है, इसलिए जानकारों के मुताबिक उसे अच्छे वोट मिल सकते हैं. यहां अच्छे वोट से संदर्भ बीजेपी, कांग्रेस और इनेलो के कटे वोटों से है. चुनाव प्रचार में अरविंद केजरीवाल भी गए थे और जेजेपी प्रत्याशी दिग्विजय चौटाला के लिए वोट मांगा था.
इनेलो के विधायक डॉक्टर हरिचंद मिढ्ढा के निधन के कारण यह उपचुनाव चुनाव हुआ है. मैदान में कुल 21 उम्मीदवार हैं लेकिन मुकाबला 4 प्रत्याशियों के बीच है. बीजेपी की ओर से कृष्ण मिढ्ढा प्रत्याशी हैं. उनके पिता हरिचंद मिढ्ढा यहां से विधायक थे.
अब बात राजस्थान में हुए रामगढ़ उपचुनाव की. इस सीट पर वोटिंग पहले 7 दिसंबर 2018 को होने वाली थी लेकिन ऐन चुनाव के पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के उम्मीदवार लक्ष्मण सिंह का निधन हो जाने के बाद इसे टालना पड़ा. चुनावी मैदान में 20 उम्मीदवार हैं लेकिन असली लड़ाई कांग्रेस की सफिया जुबैर खान, बीजेपी के सुखवंत सिंह और बसपा के जगत सिंह के बीच है. राजस्थान में किसान मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है और कांग्रेस ने हाल के विधानसभा चुनाव में कर्जमाफी कर उनका दिल जीता है, इसलिए उसका पलड़ा भारी दिखाई देता है. हालांकि उसका जाट फैक्टर कमजोर है. कांग्रेस के पास कोई जाट चेहरा ऐसा नहीं है जो अपने क्षेत्र असर रखता हो, जबकि राजस्थान में जाट मतदाता प्रभावी और मुखर है. रामगढ़ के नतीजे पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है.
कांग्रेस के साथ प्लस प्वाइंट यह है कि हाल में बीते विधानसभा चुनाव में उसे बंपर वोट मिले और बीजेपी की सरकार जाती रही. 199 सीटों में कांग्रेस को 99 मिले और उसकी सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय लोकदल को एक सीट. बीजेपी यहां 73 सीटों पर सिमट गई. 6 विधायक बसपा के और 13 निर्दलीय जीते. इन सभी विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को समर्थन दिया है. यह समर्थन रामगढ़ के उपचुनाव पर असर डाल सकता है.
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पुरानी अरबी अरबी भाषा का सबसे पुराना प्रमाणित चरण है, जो 9वीं शताब्दी ईसा पूर्व में व्यक्तिगत नामों के पहले प्रमाणन के साथ शुरू होता है, और 7 वीं शताब्दी ईस्वी में शास्त्रीय अरबी के संहिताकरण में समापन होता है। मूल रूप से सफैतिक और हिस्मैसिक शिलालेखों की प्राथमिक भाषा, यह मुख्य रूप से नाबातियन साम्राज्य के पतन के बाद एक संशोधित नाबातियन लिपि में व्यक्त किया गया था। इसके अलावा, पुराने अरबी में शिलालेख दादानिक लिपि और ग्रीक वर्णमाला में प्रमाणित हैं, जिनमें से बाद में भाषा की ध्वनिकी के पुनर्निर्माण में अनिवार्य साबित हुआ है।
सन्दर्भ
अरबी भाषा
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सलमान खान की 'ट्यूबलाइट' का टीजर गुरुवार रात को रिलीज हो गया. टीजर को लोग पसंद कर रहे हैं और 24 घंटे के भीतर ही इसे 7 लाख से ज्यादा लोगों ने देख भी लिया है. लेकिन बहुत से लोगों ने टीजर में ओम पुरी को नोटिस नहीं किया होगा.
जी हां, एक सीन में ओम पुरी बैकग्राउंड में दिख रहे हैं, जिसमें सलमान खान अपने भाई सोहेल खान को गले लगाने के लिए वापस आते हैं.ओम पुरी की सिल्वर स्क्रीन पर यह आखिरी प्रेजेंस होगी.
ट्यूबलाइट के टीजर ने बनाया रिकॉर्ड, एक दिन में 70 लाख बार देखा गया
बता दें कि इस साल की शुरुआत में ओम पुरी का निधन हो गया था. ओम पुरी ने फिल्म में अपने रोल के बारे में बताया था कि इस फिल्म मैं मेरा छोटा लेकिन अच्छा रोल है. कबीर खान को पता है कि उन्हें एक्टर्स का यूज कैसे करना है.
सलमान खान की 'ट्यूबलाइट' का टीजर रिलीज, देखें पहली झलक
ट्रेलर भी इस महीने रिलीज हो जाएगी. फिल्म इस साल ईद के मौके पर आ रही है. निर्देशक कबीर खान के साथ सलमान खान की ये तीसरी फिल्म है. इससे पहले ये दोनों 'एक था टाइगर' और 'बजरंगी भाईजान' जैसी रिकॉर्ड तोड़ फिल्में दे चुके हैं. इस फिल्म से भी दर्शकों को काफी उम्मीदें हैं.
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पंजाब के
अमृतसर
में विजयादशमी के मौके पर हुए भीषण ट्रेन हादसे पर
वित्तमंत्री अरुण जेटली
ने दुख जताया है. उन्होंने कहा कि यह
ट्रेन हादसा
टाला जा सकता था. उन्होंने कहा कि हादसे के बाद सभी एजेंसियां राहत के काम में लगी हुई हैं. जेटली ने कहा कि उन्होंने रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा से बात की है. वो तुरंत घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं.
इसके अलावा जेटली ने बताया कि सभी अस्पतालों को कहा गया है कि घायलों की मुफ्त मदद उपलब्ध कराएं. उन्होंने कहा कि घायलों को जल्द से जल्द आराम मिलेगा. वित्त मंत्री ने कहा कि मारे गए लोगों के साथ उनकी संवेदनाएं हैं. उन्होंने कहा कि विजयादशमी के दिन दशहरा मनाते हुए लोगों के साथ यह घटना हुई, जो क्षुब्ध करने वाली है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस घटना से पूरा देश दुखी है.
अमृतसर ट्रेन हादसे
को लेकर केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा, 'यह हादसा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं. मैं किसी के ऊपर दोषारोपण नहीं कर रहा हूं. अभी घायलों को बेहतरीन उपचार मिलना चाहिए. हादसे के वक्त रेलवे का फाटक बंद था. यह हादसा बेहद दुखद है और मैं इस पर कोई राजनीतिक बात नहीं करना चाहता हूं.'
जब
मनोज सिन्हा
से पूछा गया कि क्या ट्रैक के किनारे दशहरा कार्यक्रम आयोजित करने की जानकारी रेलवे को दी गई थी, तो उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन ने दशहरा कार्यक्रम आयोजित करने की किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दी थी.
मनोज सिन्हा ने कहा कि वैसे तो रेलवे ट्रैक के किनारे रावण नहीं जलाया जाना चाहिए. इस दौरान उन्होंने रेलवे प्रशासन की किसी भी गलती को खारिज कर दिया. जब उनसे मृतकों की संख्या के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि अभी तक मृतकों की संख्या की आधिकारिक जानकारी नहीं हैं.
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लेख: दिल्ली में एक बार फिर रफ्तार का क़हर देखने को मिला है। इस बार एक तेज़ रफ्तार बीएमडब्ल्यू कार ने एक स्कूल की कैब को टक्कर मार दी जिससे वैन के ड्राइवर की मौके पर ही मौत हो गई। स्कूल की कैब में ड्राइवर के अलावा कोई नहीं था।
मृतक के परिजनों का आरोप है कि पुलिस मामले में लीपापोती कर रही है। मामला सोमवार रात डेढ़ बजे का है जब मंडावली के रहने वाले मोहम्मद रफीक किसी काम से अपनी इको कार से भगवानदास मार्ग होते हुए इंडिया गेट जा रहे थे। तभी तिलक मार्ग से तेज़ रफ्तार बीएमडब्ल्यू कार ने रफीक की कार को टक्कर मार दी।टिप्पणियां
टक्कर इतनी जबरदस्त थी की हादसे के बाद इको कार में तुरंत ही आग लग गयी। मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस भी मोके पर पहुंची जहाँ से रफीक को पास के ही एलएनजेपी अस्पताल ले जाया गया जहाँ डाक्टरों ने रफीक को मृत घोषित कर दिया।
रफीक मंडावली में अपने माता पिता, पत्नी और पांच बच्चों के साथ रहता था और नोएडा के एक स्कूल में कैब ड्राइवर के रूप में काम करता था। हालांकि पुलिस इस मामले पर अभी कुछ भी बताने को तैयार नहीं है।
मृतक के परिजनों का आरोप है कि पुलिस मामले में लीपापोती कर रही है। मामला सोमवार रात डेढ़ बजे का है जब मंडावली के रहने वाले मोहम्मद रफीक किसी काम से अपनी इको कार से भगवानदास मार्ग होते हुए इंडिया गेट जा रहे थे। तभी तिलक मार्ग से तेज़ रफ्तार बीएमडब्ल्यू कार ने रफीक की कार को टक्कर मार दी।टिप्पणियां
टक्कर इतनी जबरदस्त थी की हादसे के बाद इको कार में तुरंत ही आग लग गयी। मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस भी मोके पर पहुंची जहाँ से रफीक को पास के ही एलएनजेपी अस्पताल ले जाया गया जहाँ डाक्टरों ने रफीक को मृत घोषित कर दिया।
रफीक मंडावली में अपने माता पिता, पत्नी और पांच बच्चों के साथ रहता था और नोएडा के एक स्कूल में कैब ड्राइवर के रूप में काम करता था। हालांकि पुलिस इस मामले पर अभी कुछ भी बताने को तैयार नहीं है।
टक्कर इतनी जबरदस्त थी की हादसे के बाद इको कार में तुरंत ही आग लग गयी। मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस भी मोके पर पहुंची जहाँ से रफीक को पास के ही एलएनजेपी अस्पताल ले जाया गया जहाँ डाक्टरों ने रफीक को मृत घोषित कर दिया।
रफीक मंडावली में अपने माता पिता, पत्नी और पांच बच्चों के साथ रहता था और नोएडा के एक स्कूल में कैब ड्राइवर के रूप में काम करता था। हालांकि पुलिस इस मामले पर अभी कुछ भी बताने को तैयार नहीं है।
रफीक मंडावली में अपने माता पिता, पत्नी और पांच बच्चों के साथ रहता था और नोएडा के एक स्कूल में कैब ड्राइवर के रूप में काम करता था। हालांकि पुलिस इस मामले पर अभी कुछ भी बताने को तैयार नहीं है।
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हरे रंग के मखमली कपड़े में लिपटी हुई मेज पर कोहनी टिकाए ये हैं मुंबई के निवेश बैंकर 35 वर्षीय वीरेन मेहरा जो पत्ते बांट रही क्रूपियर (जुए के खेल का मालिक जो पैसे का लेन-देन करता है) चीनी महिला की ओर टकटकी लगाए देख रहे हैं. दुनिया के सबसे बड़े इस कसीनो (जुआघर) से न तो उन्हें डर लग रहा है और न ही वे चकित हैं.
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भव्य, विस्तृत और आलीशान झूमरों से सुसज्जित 2.2 अरब डॉलर का वेनेशियन मकाओ (40 मंजिला होटल और कसीनो रिसॉर्ट) इतने बड़े इलाके में फैला है कि इसमें फुटबॉल के 10 मैदान समा सकते हैं. मेहरा इस बात को पूरी तरह नरजअंदाज कर देते हैं कि सिगरेट से लगातार धुएं के छल्ले छोड़ रहे चीनी लोगों के बीच उस मेज पर वे अकेले भारतीय हैं. पीला जैकेट पहनी परिचारिकाएं पानी, संतरे का रस और दूध की ठेलियों से बाजी लगाने वाले लोगों के ग्लास भर रही हैं.
बीच-बीच में कुछ मेजों से उठने वाले नाराजगी के स्वर तंबाकू की गंध से भरी एयरकंडीशन की हवा की खामोशी तोड़ते हैं. मेहरा यहां के नियमित खिलाड़ी हैं, साल में छह-सात बार विमान से हांगकांग आकर और फिर यहां से 45 मिनट की दूरी नाव से तय कर मकाउ (जिसे मकाओ भी कहा जाता है) पहुंच जाते हैं.
वे कॉर्पोरेट के दिग्गजों और बचत का पैसा निवेश करने वालों के साथ लाखों रु. का कारोबार करते हैं. कारोबार की जगह होती है द वेनेशियन या मकाउ गोल्फ ऐंड कंट्री क्लब का वह स्थान जहां जुआ खेला जाता है. जुए के खेल का मेहरा का रिकॉर्ड कुछ ऐसा हैः दांव पर लगाए 50 लाख रु. और जीते 45 लाख रु. यानी कुल 5 लाख रु. का नुक्सान हुआ. उनका पसंदीदा गेम क्या है? ''पोकर. क्योंकि इसमें दिमाग को तेज दौड़ाना पड़ता है, तेजी से सोचना होता है. अंकों की अच्छी समझ और जबरदस्त हिम्मत होनी चाहिए. ठीक वही जिसकी कि मुझे अपने किस्म के काम में जरूरत होती है.''
मेहरा भारतीय जुआरियों की उस नई नस्ल का हिस्सा हैं जिनके पास खर्च करने के लिए ढेर सारा पैसा है और जो अपनी किस्मत आजमाने के लिए सीधे उड़ान भरकर आकर्षक विदेशी स्थानों पर जा रहे हैं. दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से हांग-कांग जाने वाली देर रात की उड़ान में ज्यादातर पुरुष होते हैं. इनमें चंडीगढ़ के सिख कारोबारियों के झुंड होते हैं जो उड़ान में बैठकर बीयर और व्हिस्की मिलाकर पीते हैं और हिंदीभाषी प्रदेशों के उद्यमी होते हैं जो विमान उड़ने से पहले ही भीतर मौजूद मनोरंजन के साधनों का लुत्फ उठाना शुरू कर देते हैं.
26 अक्टूबर 2011: तस्वीरों में देखें इंडिया टुडे अंक
यहां नियमित तौर पर आने वाले राकेश कुमार (नाम बदल दिया गया है), जो इंदौर के कारोबारी हैं, जब भी कसीनो आते हैं हर बार लगभग 10,000 डॉलर खर्च करते हैं. उन्हें सिंगापुर के कसीनो पसंद हैं क्योंकि वे ''एशिया के सबसे सुरक्षित जुआघर हैं.'' वे कहते हैं, ''यहां कोई अश्लील हरकत नहीं होती.'' यहां दस बार आ चुके राकेश कुमार की किस्मत केवल एक बार ही चमकी है.
उड़ानें जुए के घरेलू अड्डों-गोवा और सिक्किम की सीमा से भारतीय जुआरियों को बहुत आगे लेकर जा रही हैं. मकाउ में भारतीय पर्यटकों की संख्या 2002 में 5,000 थी जो 2010 में बढ़कर 1.69 लाख हो गई. चीनी पयर्टकों के बाद यहां आने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या सबसे ज्यादा है और मकाउ, जहां 34 कसीनो हैं, की जुए की मेजों पर भारतीय दिखने लगे हैं.
कोलकाता के शेयर दलाल 35 वर्षीय पवन बागरी कहते हैं, ''यहां के कसीनो में मोबाइल के आकार की, 1,000 हांगकांग डॉलर की, चिप लिए भारतीय देखे जा सकते हैं जो बेकरा (जुए का एक खेल) के एक ही राउंड में एक पेटी (एक लाख रु.) दांव पर लगा देते हैं.''
12 अक्टूबर 2011: तस्वीरों में देखें इंडिया टुडे अंक
भारतीय, जिन्हें सिंगापुर टूरिज्म बोर्ड (एसटीबी) शहर में सबसे ज्यादा खर्च करने वाला मानता है, सिंगापुर के दो सबसे बड़े कसीनो में सबसे बड़ी बाजी लगाने वाले भी हैं. इन कसीनो ने इस साल की कमाई का लक्ष्य 6.5 अरब डॉलर रखा है और 2014 तक इसके 8 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है, जिसमें से लगभग आधा भारतीय, चीनी, ऑस्ट्रेलियाई और चीनी पर्यटकों की ओर से आएगा.
श्रीलंका, जहां जुए पर रोक है, में इसे वैधानिक बनाने की प्रक्रिया जारी है. वह अपनी आर्थिक दशा सुधारने के लिए भारतीय पर्यटकों पर नजरे गड़ाए है. श्रीलंका टूरिस्ट बोर्ड के चेयरमैन नलाका गोदाजे कहते हैं, ''पिछले तीन बरसों में यहां के पर्यटकों में भारतीयों की संख्या सबसे ज्यादा है और हम मनोरंजन के क्षेत्र में ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं.''
भारत में सार्वजनिक रूप से जुआ कानूनन सिर्फ गोवा और सिक्कम में ही खेला जा सकता है. देश में कहीं और सार्वजनिक जुआ अधिनियम, 1867 का उल्लंघन करने पर जुर्माने या एक साल की कैद का प्रावधान है. हालांकि 2010 केपीएमजी रिपोर्ट के मुताबिक, जुआ भूमिगत उद्योग के रूप में 60 अरब डॉलर (2.7 लाख करोड़ रु.) की रफ्तार से हर साल बढ़ रहा है.
इसी पर तो विदेशी ठिकाने नजरें गड़ाए हुए हैं. बरसों तक काठमांडो जुए का पंसदीदा ठिकाना हुआ करता था लेकिन अब इसके सभी आठ कसीनो टैक्स जमा नहीं किए जाने की वजह से बंद होने की कगार पर हैं इसलिए यहां का आकर्षण कम होता जा रहा है. अब भारतीय जुआरियों का नया ठिकाना है या तो मकाउ, जो चीन के विशेष प्रशासनिक क्षेत्र को 15 अरब डॉलर का सालाना कारोबार देता है और यह लास वेगास के कारोबार से चार गुना अधिक है, की चमचमाती गेमिंग टेबल, या फिर सिंगापुर के झ्लिमिलाते मेरिना बे सैंड्स कसीनो के घुमावदार ऊंचे टॉवर.
दोनों ही शहरों में दिल्ली और मुंबई से सीधी उड़ानें हैं. .जेनिथ हॉलीडेज की जिनल शाह कहती हैं, ''मकाउ आने-जाने का कुल खर्च महज 23,000 रु. है यह लगभग उतना ही खर्च है जितना दिल्ली से पोर्ट ब्लेयर में जाने में लगता है.''
मकाउ में भारतीय पर्यटकों की बाढ़ तब आनी शुरू हुई जब 2009 में इंटरनेशनल इंडियन फिल्म अवॉर्ड्स के मौके पर अमिताभ बच्चन से लेकर शाहरुख खान तक आधा बॉलीवुड यहां की धरती पर उतर आया. इस समारोह से जाहिर हो गया था कि पुर्तगाल के इस पूर्व उपनिवेश में इतना जबरदस्त कसीनो बूम कैसे आया.
मकाउ में तीन भारतीय रेस्तरां की मालिक 52 वर्षीय अरुणा झा कहती हैं, ''जब मकाउ इतना नजदीक है तो कोई भी भारतीय जुआरी आधी दुनिया पार कर लास वेगास जाने के लिए वीसा झंझ्टों में क्यों पड़ेगा?'' मकाउ तो भारतीयों को यहां आने के बाद वीसा की पेशकश करता है. कथक नृत्य की शिक्षक झा 28 साल पहले देहरादून से यहां आकर बस गई थीं. वे कहती हैं, ''मैं दुनिया की कसीनो राजधानी में हूं और अब मुझे चौथा रेस्तरां खोलने की जरूरत है.'' भारतीय पर्यटकों के लिए चार और भारतीय रेस्तरां खुल चुके हैं.
सिंगापुर में 2010 में दो कसीनो खुले थे-एक सेंटोसा में और दूसरा मेरिना बेस सैंड्स में. इनमें से हरेक के निर्माण में 10 अरब डॉलर (45,000 करोड़ रु.) की लागत आई थी, अब ये आकर्षण का केंद्र बन चुके हैं, भारी मुनाफा कमा रहे हैं और हजारों भारतीयों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं.
एसटीबी का अंदाज है कि 2011 के आखिर तक सिंगापुर के कसीनो जल्द ही लास वेगास के कसीनो से आगे निकल जाएंगे और मकाउ के बाद सिंगापुर जुए का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा केंद्र बन जाएगा. एक अनुमान के मुताबिक साल के अंत तक दस लाख भारतीय सिंगापुर के चांगी हवाईअड्डे पर उतरेंगे और वहां लगभग 75 करोड़ रु. खर्च करेंगे, जो पिछले साल खर्च किए गए 56 करोड़ रु. की तुलना में कहीं ज्यादा है. नोमुरा एशिया के रिजनल गेमिंग के प्रमुख की चूंग का अंदाजा है, ''इसमें से 15 से 20 फीसदी कसीनो में जाते हैं.''
रातोरात अमीर बनने का अपना सपना पूरा करने के लिए पांच भारतीयों ने शहर के मेरिना बे सैंड्स कसीनो में फर्जी चिपों की मदद से जुआ खेला था. उन सबको इस साल जनवरी में गिरफ्तार कर लिया गया.
सिंगापुर में महज दो बरसों में भारतीय रेस्तरांओं की संख्या भी दोगुनी हो गई है. 2009 में यहां 45 रेस्तरां थे जो इस साल 82 हो गए हैं. वहां पर 384 चीनी रेस्तरां हैं, जिनके बाद दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा भारतीय रेस्तरां ही हैं. सिंगापुर के लगभग सभी शॉपिंग मॉल और होटलों में भारतीय भोजन मिलता है. चीनी जुआरियों की संख्या सिंगापुर और मकाउ, दोनों ही जगह भारतीय जुआरियों से ज्यादा है, यह आंकड़ा 10:1 का है.
चीनी जुआरी जहां अपनी किस्मत आजमाने के लिए खेलते हैं वहीं भारतीयों को जुआ खेलने की सामाजिक और धार्मिक मंजूरी भी मिली हुई है, खास तौर पर तब जब दीपावली का त्यौहार पास होता है. झा याद करती हैं कि किस तरह उनके रेस्तरां का एक ग्राहक, दिल्ली का पत्थर व्यापारी अपना फोन नहीं उठा रहा था क्योंकि उसने अपने परिवार को बता रखा था कि वह राजस्थान में पत्थर की एक खदान पर है. झा के एक पक्के जुआरी ग्राहक के परिवार को उस वक्त सदमा पहुंचा था जब उन्हें मकाउ में उसकी मौत की खबर दी गई; परिवार के मुताबिक उसे उस समय मुंबई में होना चाहिए था.
यह क्या इस वजह से कि वेश्यावृत्ति और जुए को एक दूसरे के साथ जोड़कर देखा जाता है? और क्योंकि इसके साथ गैरकानूनी होने का भाव जुड़ा है? मकाउ में रूसी और चीनी वेश्याओं के आमंत्रण कार्ड जगह-जगह बिखरे पड़े रहते हैं, रास्तों पर जहां-तहां उनके सेलफोन नंबर भी लिखे होते हैं. यहां पर एक लतीफा भी चलता है कि लगभग एक दर्जन भारतीय पर्यटक एक गुस्साई रूसी वेश्या से कीमतों में भारी छूट के लिए मोल-तोल कर रहे थे. ऊंची एड़ी के सैंडिल पहनी वेश्याएं हैंडबैग लटकाए ग्राहकों की तलाश में बार और कसीनो के बाहर डोलती और लोगों को ललचाती रहती हैं. पर्यटन एजेंट इस तरह की गतिविधि को सभ्य और विनम्र भाषा में ''नाइटलाइफ'' कहते हैं.
लेकिन सेक्स से ज्यादा महत्वपूर्ण भोजन है. मुंबई के 47 वर्षीय कारोबारी हितेश शाह जैसे जुआरी गोवा और सिंगापुर ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि यहां उन्हें अपना पसंदीदा भारतीय शाकाहारी भोजन मिल जाता है. गोवा में 2008 में समुद्र के बीच तीन कसीनो आने से लाइव गेमिंग की शुरुआत हुई थी. आज गोवा में 24 कसीनो हैं जिनसे राज्य हर साल 250 करोड़ रु. का मुनाफा कमा रहा है. सिक्किम, जहां एक पांच सितारा होटल में इसी साल दूसरा कसीनो खुला है, में 2013 में पाकयांग में हवाईअड्डा बन जाएगा और यह राज्य अभी से काठमांडो जाने वाले जुआरियों पर नजरें टिकाए है.
गोवा का कसीनो व्यवसाय पिछले तीन बरसों में 500 फीसदी बढ़ गया है और यह मकाउ और सिंगापुर से टक्कर लेने की तैयारी कर रहा है. गोवा की सबसे बड़ी गेमिंग कंपनी सीपी ग्रुप के प्रवक्ता श्रीनिवास नायक कहते हैं, ''आसान पहुंच, व्यक्तिगत सेवाएं और स्थानीय भोजन हमें पसंदीदा ठिकाना बनाते हैं.'' भारतीय जुआरियों के लिए लाल कालीन तो बिछाया जा चुका है.
-रोशनी जयकृष्णन और किरण तारे
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बीते छह दिनों में लगभग 80,000 तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ यात्रा की. एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि 3,389 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अमरनाथ की यात्रा के लिए रवाना हो गया. अर्धसैनिक बलों के साथ वाहनों में सवार यह काफिला सुबह 4.05 बजे भगवती नगर यात्री निवास से रवाना हो गया.टिप्पणियां
अधिकारी ने बताया, इनमें से 2,253 पहलगाम आधार शिविर जाएंगे जबकि 1,136 बालटाल आधार शिविर जाएंगे. अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को यात्रा के छठे दिन 16,000 तीर्थयात्रियों ने बर्फानी बाबा के दर्शन किए. यह 40 दिवसीय यात्रा 29 जून को शुरू हुई थी और सात अगस्त को समाप्त होगी. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अधिकारी ने बताया, इनमें से 2,253 पहलगाम आधार शिविर जाएंगे जबकि 1,136 बालटाल आधार शिविर जाएंगे. अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को यात्रा के छठे दिन 16,000 तीर्थयात्रियों ने बर्फानी बाबा के दर्शन किए. यह 40 दिवसीय यात्रा 29 जून को शुरू हुई थी और सात अगस्त को समाप्त होगी. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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वैज्ञानिकों ने एक कंप्यूटर विकसित किया है, जिसे दुनिया का सबसे छोटा कंप्यूटर माना जा रहा है. यह एक ऐसा कंप्यूटर है, जो सिर्फ 0.3 मिलीमीटर का है और यह कैंसर का पता लगाने और उसके इलाज के नए दरवाजे खोलने में मदद कर सकता है. यानी यह एक सिम से भी छोटा है. इससे पहले वाले सिस्टम 2x2x4 मिलीमीटर मिशिगन माइक्रो मोट सहित अन्य कंप्यूटर तब भी अपनी प्रोग्रामिंग और डेटा को सुरक्षित रख सकता है जब वह आंतरिक रूप से चार्ज न हो.
किसी एक डेस्कटॉप के चार्जर के प्लग को निकालें तो उसके डेटा और प्रोग्राम तब भी उपलब्ध रहते हैं जब बिजली आते ही वह खुद को बुट कर ले. हालांकि इन नए सुक्ष्म डिवाइस में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है. ये छोटे कंप्यूटर जैसे ही डिसचार्ज होंगे इनकी प्रोग्रामिंग और डेटा समाप्त हो जाएंगे.
रानी लक्ष्मीबाई: एक रानी, जो बनी देश की सबसे बड़ी मर्दानी
अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेविड ब्लाऊ ने कहा, 'हम इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं है कि इन्हें कंप्यूटर कहा जाना चाहिए या नहीं. यह एक राय वाली बात है कि इनमें कंप्यूटर की तरह न्यूनतम फंक्शन वाली चीजें हैं या नहीं.' इस कंप्यूटर से कई तरह के काम लिए जा सकते हैं और इसका इस्तेमाल कई उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है.
कुछ ऐसा था संजय गांधी का अंदाज, किया था कांग्रेस का पुनर्जन्म!
इस कंप्यूटर को बनाने वाली टीम ने इसका इस्तेमाल तापमान मापदंड के स्पष्टता के लिए करने तय किया. कुछ अध्ययनों से पता चला है कि सामान्य उत्तक से ट्यूमर ज्यादा गर्म होते हैं. इस बात को साबित करने के लिए पर्याप्त आंकड़े उपलब्ध नहीं थे. तापमान से कैंसर के इलाज का पता लगाने में भी मदद मिल सकता है.
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हाल ही में रामदेव ने इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप किंभो लॉन्च किया था जो तब से ही विवादों में है. गूगल प्ले स्टोर से इसे हटा लिया गया. हालांकि इसके बारे में योग गुरू ने कहा है कि प्ले स्टोर ने नहीं बल्कि पतंजली द्वारा ही हटाया गया है. साइबर एक्सपर्ट्स ने इसे कॉपी बताया और यूजर्स डेटा के लिए कम सिक्योर भी बताया है. अब इस पर रामदेव का बयान आया है.
योग गुरु रामदेव ने कहा है कि उनकी पतंजलि द्वारा तैयार किया गया
चैटिंग ऐप किंभो वॉट्सऐप
या दूसरे किसी भी चैट ऐप से किसी मायने में कम नहीं है बल्कि ये ज्यादा यूजर फ्रेंडली है क्योंकि इसमें वॉट्सऐप के मुकाबले ज्यादा फीचर्स हैं.
आज तक के खास कार्यक्रम सीधी बात में जब स्वेता सिंह ने किंभो को वॉट्सऐप का छोटा भाई बताया तो रामदेव ने कहा कि ये छोटा नहीं बल्कि बड़ा होगा. 25 करोड़ लोगों ने इसके बारे में सर्च किया. जो कि अपने आप में नई बात है. गूगल प्ले स्टोर ने इसे क्यों हटाया इस सवाल पर उन्होंने कहा कि हमने इसे हटाया.
रामदेव ने कहा कि हमने अपने संगठन युवा भारती के 5-10 हजार लोगों के लिए इसका ट्रायल किया था. ये इतना वायरल हुआ कि करोड़ों हिट्स आ गए उस पर. मैंने कहा कि फिर से ट्रायल लेकर आएंगे. यह वॉट्सऐप का बाप बन सकता है. इसमें उससे अच्छे फीचर्स हैं.
रामदेव ने अपने सिमकार्ड के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि ये सिमकार्ड बीएसएलएल का है न कि पतंजलि का, बीएसएनएल स्वदेशी नेटवर्क है और पतंजलि भी स्वदेशी है.
इस ऐप और यूजर सिक्योरिटी को लेकर गंभीर सवाल
इलियट ऐल्डर्सन ने इस ऐप के बारे मे कुछ कहा है. ये वही शख्स हैं जिन्होंने आधार लीक के बारे में खुलासा करके देश भर को सकते में ला दिया है. ऐल्डर्सन का असल नाम कुछ और है और वो फ्रेंच सिक्योरिटी रिसर्चर हैं.
एक ट्वीट में इन्होंने कहा है, ‘किंभो ऐप दूसरे ऐप से कॉपी किया गया है. इस ऐप की जानकारी और स्क्रीशॉट भी दूसरे ऐप से कॉपी किए गए हैं’
उन्होंने यह भी कहा है कि पतांजली किंबो मैसेंजर भारत में लॉन्च हुआ है, लकिन क्या यूजर्स के प्राइवेट इनफॉर्मेशन सिक्योर हैं?
इलियट ऐल्डर्सन ने एक ट्वीट में यह तक कह दिया है कि वो किंभो एंड्रॉयड ऐप के सभी यूजर्स का मैसेज पढ़ सकते हैं. उन्होंने इस ऐप को सिक्योरिटी के लिए आपदा की तरह बताया है.
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लेख: उपराष्ट्रपति एवं रक्षा मंत्री के तमिलनाडु की राजधानी पहुंचने के कुछ ही घंटे पहले चेन्नई हवाईअड्डा पर एक विमान में बम होने की धमकी भरे फोन के बाद हवाईअड्डा अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
अधिकारियों ने बताया कि यह धमकी भरा फोन चेन्नई से हैदराबाद जाने वाले एक विमान के लिये था, जिसके बाद सुरक्षा बढ़ा दी गयी है.टिप्पणियां
दोनों शहरों के बीच दिन में20 उड़ानें निर्धारित हैं.
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू एवं रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की आज की यात्रा को देखते हुए हवाईअड्डा पर सुरक्षा बढ़ा दी गयी है.
अधिकारियों ने बताया कि यह धमकी भरा फोन चेन्नई से हैदराबाद जाने वाले एक विमान के लिये था, जिसके बाद सुरक्षा बढ़ा दी गयी है.टिप्पणियां
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उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू एवं रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की आज की यात्रा को देखते हुए हवाईअड्डा पर सुरक्षा बढ़ा दी गयी है.
दोनों शहरों के बीच दिन में20 उड़ानें निर्धारित हैं.
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू एवं रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की आज की यात्रा को देखते हुए हवाईअड्डा पर सुरक्षा बढ़ा दी गयी है.
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू एवं रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की आज की यात्रा को देखते हुए हवाईअड्डा पर सुरक्षा बढ़ा दी गयी है.
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नमस्कार... आज रिलीज़ हुई 'डिपार्टमेंट' की कहानी पुलिस की ऐसी टीम पर आधारित है, जो अंडरवर्ल्ड के एक गैंग के सफाये के लिए दूसरे गैंग का इस्तेमाल करती है, लेकिन ऐसा करते-करते टीम खुद ही अंडरवर्ल्ड का मोहरा बनने लगती है... संजय दत्त और राणा दगुबत्ती इसी टीम के सदस्य हैं...
कॉन्सेप्ट अच्छा है, लेकिन फिल्म में 70 से 80 प्रतिशत सिर्फ खूनखराबा है... छोटे-छोटे बेसुरे गीतों पर फिल्माई गई भयंकर मारधाड़ के बीच कहानी तो हम ढूंढते ही रह गए... और फिर आया, अमिताभ बच्चन की वर्ष 1982 में रिलीज़ हुई फिल्म 'नमकहलाल' के हिट गीत 'थोड़ी सी जो पी ली है...' का रीमेक, जिसमें संजय दत्त एक नाइट क्लब में नाच रहे हैं... अमिताभ के इस बेहतरीन गाने की दुर्गति उन्हीं की एक और फिल्म में देखना बर्दाश्त नहीं हुआ... हां, नथालिया कौर ने देखने में ज़रूर अच्छा आइटम नंबर किया, लेकिन उसके बोल सुनकर लिखने वालों की कलम पर तरस आ गया...
लगता है, जब-जब डायरेक्टर रामगोपाल वर्मा ने एक्शन डायरेक्टर को पानी पीने का ब्रेक दिया होगा, फिल्म एक्शन से कॉमेडी बनती चली गई... बेशक, अनजाने में... कैमरा घूमने लगा - पिस्तौल, कॉफी मग, जूते, चश्मे, जीन्स, चाय की केतली और कैरम बोर्ड के स्ट्राइकर के साथ... टिप्पणियां
गैंगस्टर से नेता बने सरजी राव, यानी अमिताभ बच्चन हाथ पर घंटी बांधते हैं, क्योंकि जब-जब घंटी बजती है, उन्हें देश का दुश्मन याद आ जाता है। वह शीला मिक्स और शीला रीमिक्स जैसे ब्रांड नेम देकर दो गुटका किंग भाइयों के बीच का झगड़ा सुलझा देते हैं... विजय राज और उनकी गैंग में शामिल लेडी गैंगस्टर बनी मधुशालिनी ने तो कॉमेडी का बवाल कर दिया है, लेकिन यहां भी, अनजाने में...
भरे बाज़ार में एन्काउंटर समेत कुछ एक्शन सीन्स ज़रूर इम्पैक्टफुल है, लेकिन टोटैलिटी में 'डिपार्टमेंट' बेहद बोरिंग और कन्फ्यूज़्ड फिल्म है... 'रामगोपाल वर्मा की आग' देखते वक्त मन में एक जिज्ञासा तो थी कि वह 'शोले' का कितना बुरा हाल कर सकते हैं, लेकिन 'डिपार्टमेंट' देखते वक्त तो यह उम्मीद भी साथ नहीं थी... इस फिल्म के लिए हमारी रेटिंग है 1 स्टार...
कॉन्सेप्ट अच्छा है, लेकिन फिल्म में 70 से 80 प्रतिशत सिर्फ खूनखराबा है... छोटे-छोटे बेसुरे गीतों पर फिल्माई गई भयंकर मारधाड़ के बीच कहानी तो हम ढूंढते ही रह गए... और फिर आया, अमिताभ बच्चन की वर्ष 1982 में रिलीज़ हुई फिल्म 'नमकहलाल' के हिट गीत 'थोड़ी सी जो पी ली है...' का रीमेक, जिसमें संजय दत्त एक नाइट क्लब में नाच रहे हैं... अमिताभ के इस बेहतरीन गाने की दुर्गति उन्हीं की एक और फिल्म में देखना बर्दाश्त नहीं हुआ... हां, नथालिया कौर ने देखने में ज़रूर अच्छा आइटम नंबर किया, लेकिन उसके बोल सुनकर लिखने वालों की कलम पर तरस आ गया...
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भरे बाज़ार में एन्काउंटर समेत कुछ एक्शन सीन्स ज़रूर इम्पैक्टफुल है, लेकिन टोटैलिटी में 'डिपार्टमेंट' बेहद बोरिंग और कन्फ्यूज़्ड फिल्म है... 'रामगोपाल वर्मा की आग' देखते वक्त मन में एक जिज्ञासा तो थी कि वह 'शोले' का कितना बुरा हाल कर सकते हैं, लेकिन 'डिपार्टमेंट' देखते वक्त तो यह उम्मीद भी साथ नहीं थी... इस फिल्म के लिए हमारी रेटिंग है 1 स्टार...
भरे बाज़ार में एन्काउंटर समेत कुछ एक्शन सीन्स ज़रूर इम्पैक्टफुल है, लेकिन टोटैलिटी में 'डिपार्टमेंट' बेहद बोरिंग और कन्फ्यूज़्ड फिल्म है... 'रामगोपाल वर्मा की आग' देखते वक्त मन में एक जिज्ञासा तो थी कि वह 'शोले' का कितना बुरा हाल कर सकते हैं, लेकिन 'डिपार्टमेंट' देखते वक्त तो यह उम्मीद भी साथ नहीं थी... इस फिल्म के लिए हमारी रेटिंग है 1 स्टार...
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यह लेख है: जिहादी समूह इस्लामिक स्टेट ने इराक में अमेरिकी हवाई हमलों के प्रतिशोध के रूप में अमेरिकी पत्रकार जेम्स फोली का सिर कलम करने का दावा किया है।
इस्लामिक समूह ने एक वीडियो फुटेज जारी किया है, जिसमें नकाबपोश चरमपंथी कथित तौर पर रिपोर्टर का सिर कलम करते हुए दिख रहे हैं। सीरिया में नवंबर 2012 में हथियारबंद लोगों ने पत्रकार को बंधक बना लिया था, तभी से वह लापता हैं।
40 वर्षीय रिपोर्टर की रिहाई के लिए उनके परिवार ने ‘फाइंड जेम्स फोली’ (जेम्स फोली को ढूंढो) मुहिम चला रखी है। वीडियो सार्वजनिक होने के बाद उन्होंने ऑनलाइन एक संदेश पोस्ट किया है, जिसमें कुछ सवालों के जवाब तलाशने के लिए समय मांगा गया है।
फोली एक अनुभवी पत्रकार थे। सीरिया जाने से पहले वह लीबिया में युद्ध को कवर कर चुके थे। सीरिया में वह ग्लोबल पोस्ट, एएफपी और अन्य संगठनों के लिए बशर अल-असद के शासन के खिलाफ छिड़े विद्रोह की खबरों की कवरेज के लिए गए थे।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, फोली को 22 नवंबर 2012 को उत्तरी सीरियाई प्रांत इदलिब में बंधक बनाया गया था। उनकी खोजखबर के लिए उनके परिवार द्वारा चलाए गए अभियान के बावजूद तभी से उनके बारे में कोई सूचना नहीं है।
इस्लामिक स्टेट के सूत्रों द्वारा ऑनलाइन जारी किए गए पांच मिनट के इस वीडियो में समूह ने घोषित किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के उत्तरी इराक में आईएस के खिलाफ हमलों के आदेश दिए जाने के बाद फोले की हत्या कर दी गई।
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सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया द्वारा 800 अतिरिक्त चालक दल सदस्यों और कमांडरों सहित करीब 250 पायलटों की नियुक्ति से इस वित्त वर्ष में एयरलाइंस का वेतन बिल 100 करोड़ रुपये बढ़ जाएगा.
पिछले कुछ साल से
एयर इंडिया के सैलरी बिल में गिरावट
आ रही है. एयरलाइंस के सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा विभिन्न वर्गो में पदोन्नति तथा महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी से भी कंपनी की कर्मचारियों की लागत बढ़ेगी. 31 मार्च, 2016 की अवधि में इसके 3,200 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.
एयर इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमारा अनुमान है कि केबिन क्रू, पायलटों व अन्य श्रेणियों के कर्मचारियों की नियुक्ति से हमारा वेतन बिल 100 करोड़ रुपये बढ़कर 3,200 करोड़ रुपये हो जाएगा. एयर इंडिया पिछले वित्त वर्ष में
वेतन बिल को घटाकर 3,100 करोड़ रुपये
पर लाने में कामयाब रही थी. 2011-12 में यह 3,600 करोड़ रुपये था.
इनपुट : भाषा
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उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिले के दौरे पर निकले कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने केन्द्रीय धन के दुरुपयोग के साथ ही बढ़ती बेरोजगारी के लिए भी राज्य सरकार को निशाने पर लिया और कहा कि 20-25 साल से जाति और धर्म की राजनीति में फंसकर उत्तर प्रदेश निरंतर पिछड़ता जा रहा है.
पूर्वाचल के दो दिवसीय दौरे के अंतिम दिन राहुल ने बलिया के टीडी कॉलेज में पार्टी के संभावित उम्मीदवारों के साथ एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान उठे सवालों के जवाब में कहा कि बेरोजगारी की समस्या के लिए केन्द्र सरकार नहीं बल्कि राज्य सरकार जिम्मेदार है.
उन्होंने इस संबंध में पूछे गये एक सवाल पर कहा, ‘उत्तर प्रदेश के युवक प्रदेश से बाहर निकले और यह समझे कि हरियाणा और महाराष्ट्र में बेरोजगारी क्यों नहीं है.’ यह कहते हुए कि पिछले 20-25 वर्ष से उत्तर प्रदेश में जाति धर्म की राजनीति हो रही है और यह राज्य दिनों दिन पिछड़ता जा रहा है.
राहुल ने कहा, ‘यहां लोग प्रदेश के बारे में बात नहीं करते. वे अपनी जाति और धर्म के बारे में बात करते है.’ उन्होंने कहा कि सारी दुनिया आगे बढ़ रही है, 15 साल पहले आंध्र प्रदेश कहां था और आज कहां पहुंच गया है, जबकि उत्तर प्रदेश पिछड़ता जा रहा है.
यह दोहराते हुए कि केंद्र सरकार धन उपलब्ध करा सकती है, मगर उसका सदुपयोग उत्तर प्रदेश सरकार को करना है, कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने कहा, ‘केंन्द्र सरकार उत्तर प्रदेश को मनरेगा, एनआरएचएम (राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन) आदि योजनाओं तथा बुंदेलखंड आदि अंचलों के विकास के लिए जबरदस्त आर्थिक सहयोग कर रही है. बुनकरो की सहायता के लिए तीन हजार करोड़ रुपये का पैकेज दिया है, मगर इसका सदुपयोग होगा भरोसा नहीं होता.’
एनआरएचएम में धन के जबरदस्त दुरुपयोग और बंदरबांट का आरोप लगाते हुए राहुल ने कहा कि इस योजना के क्रियान्यवन के बारे में सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत प्राप्ति की गयी जानकारी से खुलासा हुआ है कि यहां एक औरत को हर दस दिन पर बच्चा पैदा होता है.
उत्तर प्रदेश में राजनीति की दिशा बदलने के लिए युवकों को आगे आने का आहवान करते हुए कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘यदि भट्टा पारसौल गांव के पांच सौ किसान एकजुट होकर देश के भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव के लिए मजबूर कर सकते है, तो हर क्षेत्र में अगर पांच-पांच युवक एकजुट हो जाये तो व्यवस्था भी बदल सकते है.’
संवाद सत्र में कुछ युवकों ने ये सवाल करके कि क्या वे अपनी मां और अपने संसदीय क्षेत्रों रायबरेली और अमेठी की ही तरह बलिया की तरफ भी ध्यान देगे और बेरोजगार युवक कांग्रेस से क्यों जुड़े, के जरिये राहुल को घेरने की भी कोशिश की.
इससे पूर्व शुक्रवार सुबह मऊ से बलिया आने की राह पर राहुल रेशम उद्योग के लिए कभी मशहूर रहे आजमगढ़ जिले के मुबारकपुर इलाके में निवादा गांव भी गये और वहां चौपाल लगाकर बुनकर समुदाय की समस्याएं सुनी. निवादा में एक घंटे के प्रवास के दौरान व्यावसायिक समस्याएं जानने के साथ जब राहुल ने उनसे यह पूछा कि केन्द्र सरकार द्वारा पिछड़े वर्ग के बुनकरों के लिए शुरू की गयी ‘स्मार्ट कार्ड’ योजना का लाभ उन्हें मिल रहा है कि नहीं, तो बुनकरों ने एक स्वर में कहा कि सारा लाभ बिचौलिए और दलाल खा ले रहे हैं.
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सस्ती और अच्छी शिक्षा, देश का पहला एजेंडा होना चाहिए था, लेकिन आज भी कई राज्यों में पढ़ाई जेब पर भारी पड़ती है.
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सौजन्य:
NEWSFLICKS
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अपने दौरे के आखिरी दिन कुछ सभाओं को संबोधित करेंगे जिसमें ‘विस्तारक योजना’ को लेकर कड़ी मेहनत पर जोर दिया जाएगा. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने यह योजना शुरू की है.
(इनपुट एजेंसियों से)
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देश भर के विश्वविद्यालयों के शिक्षक 22 अगस्त 2017 को काला दिवस मनाएंगे. 7वें वेतन आयोग की सिफोरिशों को लागू न करने की वजह से देशभर के 8 लाख विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के शिक्षक विरोध प्रदर्शन करेंगे.
वहीं 5 सितंबर को 'शिक्षक दिवस' के मौके पर गिरफ्तारी देने का फैसला भी किया है. 22 अगस्त को विश्वविद्यालय कैंपस में विरोध प्रदर्शन और धरने के साथ ही शिक्षक कक्षाओं को बहिष्कार करेंगे.
खुशखबरी: IGNOU ने बढ़ाई मैनेजमेंट कोर्स की डेट, जानें डिटेल्स
All India Federation of University and College Teachers Organisation
(AIFUCTO)
के कहने पर ये फैसला लिया गया है कि शिक्षक अपनी मांगों के समर्थन को लेकर 'ब्लैक डे' मनाएं.
NCERT की पुस्तकों में 1,300 से ज्यादा फैक्ट्स गलत
AIFUCTO
के प्रेसिंडेंट प्रो. केशव भट्टाचार्य भट्टाचार्या ने कहा है कि देश भर में एक साथ समान रूप से सातवें वेतन आयोग को लागू करने की केंद्रिय सहायता दी जानी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार मामले की गंभीरता को समझें.
पढ़ाई की खातिर ये लड़की बाइक पर दूध बेचकर जमा करती है पैसे, बनना चाहती है टीचर
वहीं
AIFUCTO
के जनरल सेक्रेटरी अरुण कुमार कहते हैं कि केंद्र सरकार के समक्ष कई बार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने और छठें वेतन आयोग की परेशानियों को दूर करने की मांग रखी गई है, लेकिन अब तक इस मामले में कुछ भी नहीं हुआ.
जिस वजह से विरोध प्रदर्शन और धरना कर 'काला दिवस' मनाया जाएगा. बतादें इस संबंध में देशभर के विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को पत्र भेजकर सूचना दीू गई है.
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#JumanjiWelcomeToTheJungle fares well in its opening weekend... Fri 4.11 cr, Sat 5.23 cr, Sun 6.50 cr. Total: ₹ 15.84 cr NettBOC... GrossBOC: ₹ 20.27 cr. India biz. #Jumanji#WelcomeToTheJungle
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: अंग्रेजी भाषा पर स्वामी विवेकानंद की पकड़ ने हजारों लोगों को उनका कायल बना दिया था, लेकिन विश्वविद्यालय की तीन परीक्षाओं में उन्हें मिले अंक कतई प्रभावित करने वाले नहीं थे. इस बात का खुलासा 19वीं सदी के इस दार्शनिक-साधु पर लिखी गई एक नई किताब में किया गया है. 'द मॉडर्न मॉन्क: व्हाट विवेकानंद मीन्स टू अस टूडे' भारत की आधुनिक कल्पना की सबसे अहम हस्तियों में से एक विवेकानंद के जीवन को एक नए नजरिए से देखती है.
लेखक हिंडल सेनगुप्ता का कहना है कि विवेकानंद की आधुनिकता ही है, जो हमें आज भी आकर्षित करती है. हम जिन भी साधुओं को जानते हैं, वह उन सबसे अलग हैं. न तो इतिहास उन्हें बांध पाया और न ही कोई कर्मकांड. वह अपने आसपास की हर चीज पर और खुद पर भी लगातार सवाल उठाते रहते थे.
पेंग्विन द्वारा प्रकाशित यह किताब कहती है, 'एक संपन्न वकील के परिवार में जन्मे होने के कारण वह अच्छी से अच्छी शिक्षा हासिल कर सके और कलकत्ता के प्रसिद्ध मेट्रोपोलिटन इंस्टीट्यूट स्कूल में पढ़ाई की. शायद इसीलिए वह ब्रितानी प्रवाह के साथ अंग्रेजी बोल और लिख सके.' हालांकि लेखक का कहना है कि विवेकानंद को मिले अंक उनके कौशल की बानगी पेश नहीं करते, खासतौर पर अंग्रेजी में.
लेखक के मुताबिक, 'जिस व्यक्ति की विद्वता और अंग्रेजी भाषा का कौशल धार्मिक संसद में सिर्फ अमेरिकियों को ही नहीं, बल्कि हजारों को अपना कायल बनाने के लिए काफी थे, उसे इस विषय में अंक बहुत कम मिले थे.' वह लिखते हैं, 'उन्होंने विश्वविद्यालय की तीन परीक्षाएं दीं- एंट्रेंस एग्जाम, फर्स्ट आर्ट्स स्टैंडर्ड और बैचलर ऑफ आर्ट्स. एंट्रेस एग्जाम में अंग्रेजी भाषा में उन्हें 47 प्रतिशत अंक मिले थे, एफए में 46 प्रतिशत और बीए में 56 प्रतिशत अंक मिले थे.' गणित और संस्कृत जैसे विषयों में भी उनके अंक औसत ही रहे.टिप्पणियां
विवेकानंद के लेखों, पत्रों और भाषणों जैसे विभिन्न स्रोतों को उद्धृत करते हुए सेनगुप्ता बताते हैं कि उन्हें फ्रांसीसी पाक कला की किताबों से बड़ा प्यार था. उन्होंने खिचड़ी बनाने का एक नया तरीका खोजा था. वह जहाज बनाने के पीछे की अभियांत्रिकी में रुचि रखते थे और गोला-बारूद बनाने की प्रौद्योगिकी में भी उनकी दिलचस्पी थी.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
लेखक हिंडल सेनगुप्ता का कहना है कि विवेकानंद की आधुनिकता ही है, जो हमें आज भी आकर्षित करती है. हम जिन भी साधुओं को जानते हैं, वह उन सबसे अलग हैं. न तो इतिहास उन्हें बांध पाया और न ही कोई कर्मकांड. वह अपने आसपास की हर चीज पर और खुद पर भी लगातार सवाल उठाते रहते थे.
पेंग्विन द्वारा प्रकाशित यह किताब कहती है, 'एक संपन्न वकील के परिवार में जन्मे होने के कारण वह अच्छी से अच्छी शिक्षा हासिल कर सके और कलकत्ता के प्रसिद्ध मेट्रोपोलिटन इंस्टीट्यूट स्कूल में पढ़ाई की. शायद इसीलिए वह ब्रितानी प्रवाह के साथ अंग्रेजी बोल और लिख सके.' हालांकि लेखक का कहना है कि विवेकानंद को मिले अंक उनके कौशल की बानगी पेश नहीं करते, खासतौर पर अंग्रेजी में.
लेखक के मुताबिक, 'जिस व्यक्ति की विद्वता और अंग्रेजी भाषा का कौशल धार्मिक संसद में सिर्फ अमेरिकियों को ही नहीं, बल्कि हजारों को अपना कायल बनाने के लिए काफी थे, उसे इस विषय में अंक बहुत कम मिले थे.' वह लिखते हैं, 'उन्होंने विश्वविद्यालय की तीन परीक्षाएं दीं- एंट्रेंस एग्जाम, फर्स्ट आर्ट्स स्टैंडर्ड और बैचलर ऑफ आर्ट्स. एंट्रेस एग्जाम में अंग्रेजी भाषा में उन्हें 47 प्रतिशत अंक मिले थे, एफए में 46 प्रतिशत और बीए में 56 प्रतिशत अंक मिले थे.' गणित और संस्कृत जैसे विषयों में भी उनके अंक औसत ही रहे.टिप्पणियां
विवेकानंद के लेखों, पत्रों और भाषणों जैसे विभिन्न स्रोतों को उद्धृत करते हुए सेनगुप्ता बताते हैं कि उन्हें फ्रांसीसी पाक कला की किताबों से बड़ा प्यार था. उन्होंने खिचड़ी बनाने का एक नया तरीका खोजा था. वह जहाज बनाने के पीछे की अभियांत्रिकी में रुचि रखते थे और गोला-बारूद बनाने की प्रौद्योगिकी में भी उनकी दिलचस्पी थी.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पेंग्विन द्वारा प्रकाशित यह किताब कहती है, 'एक संपन्न वकील के परिवार में जन्मे होने के कारण वह अच्छी से अच्छी शिक्षा हासिल कर सके और कलकत्ता के प्रसिद्ध मेट्रोपोलिटन इंस्टीट्यूट स्कूल में पढ़ाई की. शायद इसीलिए वह ब्रितानी प्रवाह के साथ अंग्रेजी बोल और लिख सके.' हालांकि लेखक का कहना है कि विवेकानंद को मिले अंक उनके कौशल की बानगी पेश नहीं करते, खासतौर पर अंग्रेजी में.
लेखक के मुताबिक, 'जिस व्यक्ति की विद्वता और अंग्रेजी भाषा का कौशल धार्मिक संसद में सिर्फ अमेरिकियों को ही नहीं, बल्कि हजारों को अपना कायल बनाने के लिए काफी थे, उसे इस विषय में अंक बहुत कम मिले थे.' वह लिखते हैं, 'उन्होंने विश्वविद्यालय की तीन परीक्षाएं दीं- एंट्रेंस एग्जाम, फर्स्ट आर्ट्स स्टैंडर्ड और बैचलर ऑफ आर्ट्स. एंट्रेस एग्जाम में अंग्रेजी भाषा में उन्हें 47 प्रतिशत अंक मिले थे, एफए में 46 प्रतिशत और बीए में 56 प्रतिशत अंक मिले थे.' गणित और संस्कृत जैसे विषयों में भी उनके अंक औसत ही रहे.टिप्पणियां
विवेकानंद के लेखों, पत्रों और भाषणों जैसे विभिन्न स्रोतों को उद्धृत करते हुए सेनगुप्ता बताते हैं कि उन्हें फ्रांसीसी पाक कला की किताबों से बड़ा प्यार था. उन्होंने खिचड़ी बनाने का एक नया तरीका खोजा था. वह जहाज बनाने के पीछे की अभियांत्रिकी में रुचि रखते थे और गोला-बारूद बनाने की प्रौद्योगिकी में भी उनकी दिलचस्पी थी.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
लेखक के मुताबिक, 'जिस व्यक्ति की विद्वता और अंग्रेजी भाषा का कौशल धार्मिक संसद में सिर्फ अमेरिकियों को ही नहीं, बल्कि हजारों को अपना कायल बनाने के लिए काफी थे, उसे इस विषय में अंक बहुत कम मिले थे.' वह लिखते हैं, 'उन्होंने विश्वविद्यालय की तीन परीक्षाएं दीं- एंट्रेंस एग्जाम, फर्स्ट आर्ट्स स्टैंडर्ड और बैचलर ऑफ आर्ट्स. एंट्रेस एग्जाम में अंग्रेजी भाषा में उन्हें 47 प्रतिशत अंक मिले थे, एफए में 46 प्रतिशत और बीए में 56 प्रतिशत अंक मिले थे.' गणित और संस्कृत जैसे विषयों में भी उनके अंक औसत ही रहे.टिप्पणियां
विवेकानंद के लेखों, पत्रों और भाषणों जैसे विभिन्न स्रोतों को उद्धृत करते हुए सेनगुप्ता बताते हैं कि उन्हें फ्रांसीसी पाक कला की किताबों से बड़ा प्यार था. उन्होंने खिचड़ी बनाने का एक नया तरीका खोजा था. वह जहाज बनाने के पीछे की अभियांत्रिकी में रुचि रखते थे और गोला-बारूद बनाने की प्रौद्योगिकी में भी उनकी दिलचस्पी थी.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
विवेकानंद के लेखों, पत्रों और भाषणों जैसे विभिन्न स्रोतों को उद्धृत करते हुए सेनगुप्ता बताते हैं कि उन्हें फ्रांसीसी पाक कला की किताबों से बड़ा प्यार था. उन्होंने खिचड़ी बनाने का एक नया तरीका खोजा था. वह जहाज बनाने के पीछे की अभियांत्रिकी में रुचि रखते थे और गोला-बारूद बनाने की प्रौद्योगिकी में भी उनकी दिलचस्पी थी.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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BJP workers celebrate outside party office in #Delhi as trends show the party is set to win #KarnatakaElectionResults2018. pic.twitter.com/uOznAJ6A7E
People of Karnataka want good governance, that is why they have chosen BJP. This is a big victory for the party. Congress is losing state after state & we are winning state after state: Prakash Javadekar, BJP Karnataka in-charge pic.twitter.com/ifgr278QRe
Union Ministers Ravi Shankar Prasad and Nirmala Sitharaman celebrate at party headquarters in Delhi #KarnatakaElectionResultspic.twitter.com/ZLsHco9eR2
BJP workers celebrate outside party office in #Bengaluru as trends show the party leading. #KarnatakaElectionResults2018pic.twitter.com/utBwcXwBme
त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में एक संभावना यह हो सकती है कि 2004 की तरह ही कांग्रेस और जनता दल (एस) के बीच गठबंधन हो जाए जब कांग्रेस के दिग्गज धर्म सिंह के नेतृत्व में सरकार बनी थी. यदि इन दोनों के बीच गठबंधन होता है तो जनता दल (एस) मुख्यमंत्री के रूप में सिद्धरमैया के नाम पर सहमत नहीं होगा और वह किसी दलित को मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर सकता है.
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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक नवंबर की रात कोचिंग से लौट रही एक छात्रा के साथ हुए गैंगरेप मामले में पुलिस ने चौथे आरोपी को भी आखिरकार गिरफ्तार कर लिया. उधर, इस वारदात के विरोध में सोमवार की शाम छात्र-छात्राओं ने कैंडल मार्च निकाला. अधिकांश छात्र काले कपड़े पहने हुए थे. इस मार्च में सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया.
इस वारदात की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी के प्रमुख पुलिस उपमहानिरीक्षक सुधीर लाड ने बताया कि गैंगरेप का चौथा आरोपी रमेश मेहरा उर्फ राजू को भी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उसे भोपाल शहर के कोलार रोड स्थित सलैया इलाके से गिरफ्तार किया गया है. इसके साथ पुलिस ने इस मामले के चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस इस मामले में तीन अन्य आरोपियों गोलू उर्फ बिहारी चढ़हार (25), अमर उर्फ घुंटू (24) और राजेश चेतराम उर्फ राजू (26) को शहर के विभिन्न इलाकों से घटना के बाद गिरफ्तार कर चुकी है. मध्य प्रदेश सरकार ने इस छात्रा के साथ हुए गैंगरेप की प्राथमिकी दर्ज करने में लापरवाही के आरोप में तीन थाना प्रभारी सहित पांच पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया है.
भोपाल में छात्रों ने निकाला कैंडल मार्च
भोपाल में गैंगरेप के विरोध में सोमवार की शाम छात्र-छात्राओं ने कैंडल मार्च निकाला. राजधानी के बोर्ड आफिस चौराहे से निकाले गए कैंडल मार्च में सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया. मार्च में शामिल छात्र-छात्राएं हाथों में तख्तियां लिए हुए थे और सुरक्षा में लापरवाही के नारे लगा रहे थे. कैंडल मार्च रेलवे ट्रैक के पास खत्म हुआ, जहां गैंगरेप हुआ था.
डायल 100 में महिला सिपाही की मांग
कैंडल मार्च में शामिल छात्राओं ने कहा कि राजधानी में अब वे अपने को असुरक्षित महसूस करने लगी हैं, इसलिए महिला पुलिस चौकी स्थापित करने के साथ 'डायल 100' में महिला कांस्टेबल की नियुक्त की जाए. एक नवंबर की रात कोचिंग से लौट रही पुलिस दंपति की बेटी से चार लोगों ने गैंगरेप किया था. उसके बाद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने में आनाकानी की थी.
आरोपियों के लिए फांसी की सजा
उधर, गैंगरेप पीड़िता ने आरोपियों को चौराहे पर फांसी की सजा देने की मांग की है. उसका कहना है कि पुलिस का रवैया ठीक नहीं है. राजधानी के हबीबगंज क्षेत्र में पीड़िता एक नवंबर की रात को कोचिंग से लौट रही थी, तभी उसके साथ चार युवकों ने गैंगरेप किया. पीड़िता थाने गई, तो उसे दूसरे थाने भगाया गया.
सबसे बुरा रहा पुलिस का रवैया
हादसे के बाद पहली बार सामने आई पीड़िता ने रविवार को कहा कि कोई भी अपराधी दोबारा ऐसा करने का साहस न करे, इसलिए कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए, उन्हें मार देना चाहिए, चौराहे पर
फांसी की सजा
दी जानी चाहिए, ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों. उससे भी बुरा रवैया तो पुलिस का रहा जोकि उन्हें एक थाने से दूसरे थाने भटकाती रही.
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बॉलीवुड में डेब्यू करने जा रही सनसनी गर्ल प्रिया प्रकाश वारियर (Priya Prakash Varrier) की आने वाली फिल्म 'श्रीदेवी बंग्लो' (Sridevi Bungalow) का ट्रेलर रिलीज हो चुका है. इस ट्रेलर में प्रिया प्रकाश (Priya Prakash) एक एक्ट्रेस के तौर पर श्रीदेवी (Sridevi) के नाम का किरदार निभा रही हैं. 1 मिनट 49 सेकेंड के ट्रेलर में सबसे चौंकाने वाली बात यह कि न तो कोई डायलॉग है और प्रिया प्रकाश (Priya Prakash) के अलावा न ही कोई अन्य किरदार दिखाई दिया. सिर्फ एक म्यूजिक चल रही है और अकेलीपन से जूझ रहीं प्रिया प्रकाश किसी के सपोर्ट की तलाश में हैं. ट्रेलर में प्रिया पार्टी करती हैं, स्विंमिंग करती है, रनिंग करती हैं लेकिन इसके बावजूद वह अकेली रहती हैं. ट्रेलर खत्म होने पर दाएं तरफ फिल्म का लोगो आता है और बाएं ओर टब में लेटी हुई एक्ट्रेस का पैर बाहर निकला हुआ दिखाई देता है.
प्रिया प्रकाश (Sridevi) की फिल्म 'श्रीदेवी बंग्लो' (Sridevi Bungalow) के इस ट्रेलर को करीब 9 लाख बार देखा जा चुका है. ट्रेलर की शुरुआत में 'विद लव.. श्रीदेवी' साइन करने के बाद प्रिया प्रकाश एक बच्ची को कॉपी थमा देती हैं. इसके बाद वह अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए हर कोशिश करती हैं, लेकिन वह आखिर में अपने बंग्लो में कैद हो जाती हैं. फिलहाल ट्रेलर आने के बाद ही इस फिल्म के नाम और कॉन्सेप्ट पर सवाल उठने लगे हैं. दिवंगत एक्ट्रेस श्रीदेवी (Sridevi) के पति बोनी कपूर (Boney Kapoor) ने फिल्म के टाइटल को लेकर फिल्ममेकर व उनकी टीम को लीगल नोटिस भेजा है.
बोनी कपूर (Boney Kapoor) द्वारा फिल्ममेकर्स को भेजा गया नोटिस फिल्म टाइटल से श्रीदेवी (Sridevi) का नाम और उनके लाइफ से जुड़ी चीजों को हटाने के लिए था. विवादों में फंसे डायरेक्टर प्रशांत ने टीओआई से कहा, 'नोटिस में, बोनी कपूर ने हमारी फिल्म के नाम व बायोपिक बनाने के खिलाफ कई ऑब्जेक्शन किए हैं. वह चाहते हैं कि हम 24 घंटे के भीतर फिल्म के नाम बदल दें. हमने उन्हें विस्तृत रूप से जवाब दे दिया है कि श्रीदेवी सिर्फ एक कॉमन नाम है और इस पर आपत्ति उठाने को कोई लॉजिक नहीं. यह एक सिर्फ इत्तेफाक है कि हमारी फिल्म में जो एक्ट्रेस का किरदार है, उसका नाम श्रीदेवी है.'
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कश्मीर में जहां एक तरफ पत्थरबाज सुरक्षा बलों के ऑपरेशन को रोकने के लिए उन्हें निशाना बना रहे हैं. वहीं इन पत्थरबाजों से निपटने और पैलेट गन से होने वाले नुकसान से बचने के लिए दूसरे विकल्पों पर काम कर रही है. सीआरपीएफ के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वे पैलेट गन से पत्थरबाजों को भगाने वाली गन यानी पंप एक्शन गन का मॉडिफाइड वर्जन लेकर आ रहे हैं. इस मॉडिफाइड पम्प एक्शन गन में अलग से एक डिफ्लेक्टर लगाया जायेगा. इसकी वजह से पैलेट गन से निकलने वाली पैलेट सीने से ऊपर नहीं लगेगी. गौतरलब है कि पिछले साल कई महीनों तक कश्मीर में चलने वाली पत्थरबाजी में करीब 4 दर्जन लोग इन छर्रों से घायल हो गए थे. इस बार बार इन तमाम घटनाओं से बचने के लिए सीआरपीएफ ऐसे कदम उठा रही है.
पत्थरबाजी पर रोक के लिए हो रही कोशिशें
कश्मीर घाटी में हिंसक प्रदर्शनों को दबाने के लिए तीखी जेली से भरे हुए ग्रेनेड सुरक्षा बलों के हथियारों के जखीरे में शामिल किए जाने को लेकर भी अलग से लैब टेस्टिंग चल रही है. पावा शेल की ही तरह और ताकतवर आंसू गैस गोला बनाने का प्रयास चल रहे हैं. इस तरह के ग्रेनेड फटने पर आंखों में तेज जलन होगी. हालांकि इस बीच
पैलेट गन
का इस्तेमाल भी जारी रहेगा. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पैलेट गन का इस्तेमाल तभी किया जाएगा जब कम जानलेवा हथियार पत्थरबाजों पर काबू पाने में नाकाम रहेंगे. इसे अंतिम हथियार के तौर पर और फायरिंग का आदेश दिए जाने से पहले तक इस्तेमाल किया जाएगा.
सूत्रों ने बताया कि अर्ध-ठोस अवस्था के रसायन ओलोइयोरेसिन के साथ तीखे जेल इन ग्रेनेड में डाले जा सकते हैं, ताकि उपद्रवी भीड़ से निपटा जा सके. इस तरह का सुझाव गृह मंत्रालय के पास एक मीटिंग के दौरान आया था. यहां इस बात को बताना जरूरी हो जाता है कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते विरोध प्रदर्शन में नाबालिगों को लगे पैलेट और उन्हें हुए शारीरिक नुकसान के मद्देनजर
राज्य और केन्द्र सरकार
को दूसरे तौरतरीके इस्तेमाल की हिदायत दी थी.
हालांकि बीते मंगलवार गृह मंत्रालय ने कहा था कि
कश्मीर घाटी में दंगाइयों
को तितर बितर करने के क्रम में यदि सुरक्षा बलों के वैकल्पिक उपाय विफल हो जाते हैं तो वे पैलेट गन का इस्तेमाल कर सकते हैं. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने लोकसभा में लिखित जवाब में यह जानकारी दी थी. उन्होंने बताया कि सरकार ने 26 जुलाई 2016 को एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था. इस समिति को जिम्मेदारी सौंपी गयी थी कि वह गैर घातक हथियारों के रूप में पैलेट गन के अन्य विकल्पों की तलाश करे.लिखित जवाब में बताया गया कि समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और उचित कार्रवाई के लिए सरकार उस पर काम कर रही है.
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राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव के बड़े बेटे तेज़ प्रताप यादव को अपनी मां और पत्नी से अलग रहने के लिए मकान मिल गया है. लेकिन इस मकान को मिलने में हो रही देरी पर कुछ अपने शुभ चिंतकों की सलाह पर तेज़प्रताप यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कई बार फ़ोन किया. हर बार एक ही सवाल पूछा- चाचा हमको मकान नहीं मिलेगा ? हालांकि तेजप्रताप यादव को विधायक और पूर्व मंत्री होने के आधार पर विधानसभा के पूल से एक अच्छे घर का आवंटन हो गया है. लेकिन तेज़ प्रताप के नजदीकी लोगों का कहना हैं कि जब उन्हें पता लगा कि केवल आवेदन लिखने और मीडिया के माध्यम से कहने पर घऱ नहीं मिलेगा तो ख़ुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बातचीत करने का निर्णय लिया और उन्होंने मकान न होने का दुखड़ा रोया. लेकिन नीतीश घर के इस पचड़े में नहीं पड़ना चाहते थे.
लेकिन तब तक उन्हें राजद अध्यक्ष लालू यादव ने भी संदेश भिजवाया कि जल्द से जल्द मकान का आवंटन कर दिया जाये जिससे तेज़ प्रताप कम से कम मथुरा वृंदावन का चक्कर न लगाएं और पटना में ही रहे. इसके बाद भवन निर्माण विभाग ने तेज़ प्रताप यादव को वही मकान आवंटित किया है. जहां नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने के बाद कुछ महीने रहे थे. इस बीच गुरुवार को तेज़ प्रताप यादव ने एक महिला की शिकायत पर पटना के फुलवारीशरीफ़ थाने में काफ़ी हंगामा किया. यहां उनके मामा और पूर्व सांसद साधु यादव भी उनके पक्ष में पहुंच गए. माना जाता हैं कि तेज़ प्रताप यादव आजकल अपने मां और भाई से ज़्यादा मामा के निर्देशन में चल रहे हैं.
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तमाम अफवाहों और सुर्खियों के बाद HMD ग्लोबल ने आखिरकार नए साल में अपना पहला स्मार्टफोन Nokia 6 (2018) पेश कर दिया है. ये मॉडल पिछले साल आए Nokia 6 का ही अगला वर्जन है. इसे चीन में पेश किया गया है. बाकी बाजारों में इसकी उपलब्धता की जानकारी फिलहाल सामने नहीं आई है. चीन में इसकी बिक्री 10 जनवरी से शुरू हो जाएगी.
Nokia 6 (2018) के 32GB वैरिएंट की कीमत CNY 1,499 (लगभग
14,600 रुपये
) और 64GB वैरिएंट की कीमत CNY 1,699 (लगभग 16,600 रुपये) रखी गई है. दोनों ही वैरिएंट ब्लैक और सिल्वर कलर ऑप्शन में उपलब्ध होंगे.
नए नोकिया 6 के स्पेसिफिकेशन्स और फीचर्स की बात करें तो इस बार इस स्मार्टफोन में फिंगरप्रिंट स्कैनर बैक में दिया गया है. डुअल सिम (नैनो) सपोर्ट वाला Nokia 6 (2018) आउट ऑफ द बॉक्स एंड्रॉयड 7.1.1 नूगट पर चलता है. उम्मीद है कि भविष्य में इसमें ओरियो अपडेट भी दिया जा सकता है. इस स्मार्टफोन में 16:9 रेशियो के साथ 5.5-इंच फुल-HD (1080x1920 पिक्सल) IPS डिस्प्ले दिया गया है.
Nokia 6 (2018) में 4GB LPDDR4 रैम के साथ 2.2GHz स्पीड वाला ऑक्टा-कोर क्वॉलकॉम स्नैपड्रैगन 630 प्रोसेसर दिया गया है. इसकी इंटरनल मेमोरी को माइक्रो एसडी कार्ड की मदद से 128GB तक बढ़ाया जा सकता है.
कैमरे के सेक्शन की बात करें तो इसके रियर में डुअल टोन LED फ्लैश और f/2.0 अपर्चर के साथ
16 मेगापिक्सल
का कैमरा दिया गया है. वहीं इसके फ्रंट में f/2.0 अपर्चर और 84 डिग्री वाइड एंगल लेंस के साथ 8 मेगापिक्सल का कैमरा दिया गया है. साथ ही इसमें एक खास फीचर बोथी भी मौजूद है, जिससे दोनों कैमरों को एक साथ चलाया जा सकता है.
कनेक्टिविटी के लिहाज से इसमें FM radio, 4G VoLTE, Wi-Fi 802.11 a/b/g/n, Bluetooth v5, GPS/ A-GPS, USB Type-C और 3.5mm ऑडियो जैक मौजूद है. इसकी बैटरी 3000mAh की है और इसका वजन 172 ग्राम है.
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लीबिया में पश्चिमी सेना के हमले में लीबियाई नौसेना के कई ठिकाने भी तबाह हुए हैं। राजधानी त्रिपोली का आसमान धुएं, आग और धूल से पटा पड़ा है। कर्नल गद्दाफ़ी के घर के पास से लगातार धमाकों की आवाज़ें आ रही हैं। लीबिया के सरकारी टेलीविजन के मुताबिक कई जगहों पर हमले हो रहे हैं जिसमें बड़ी संख्या में आम नागरिक मारे गए हैं। वहीं नो−फ्लाई ज़ोन लागू करने के लिए पश्चिमी देशों के इस ऑपरेशन में एक अमेरिकी लड़ाकू विमान दुघर्टनाग्रस्त हुआ है लेकिन चालक दल बच गया है। ये विमान खुद गिरा या लीबियाई सैनिकों की कार्रवाई में गिरा ये अभी तक साफ नहीं है। अमेरिकी सैन्य कार्रवाई का नेतृत्व कर रहे एडमिरल सैमुअल लॉकलीयर का कहना है कि इस कार्रवाई ने लीबिया की वायुसेना को कमज़ोर कर दिया है। उधर, गद्दाफ़ी के वफ़ादार सैनिक मिसराता में विद्रोहियों पर बमबारी कर रहे हैं। लीबिया में पश्चिमी देशों की सैन्य कार्रवाई शुरू होने के बाद कर्नल गद्दाफी पहली बार सरकारी टेलीविज़न पर नज़र आए। गद्दाफी अपने समर्थकों के सामने बालकनी में खड़े दिखाई दिए। लीबिया में ही विद्रोह का सामना करने के साथ गद्दाफी अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से की जा रही बमबारी से परेशान हैं। इस मौके पर गद्दाफी ने कहा कि वे इस लड़ाई में पश्चिमी देशों को हरा देंगे और आखिरकार जीत उनकी ही होगी। गद्दाफी अपने उसी घर के परिसर से बोल रहे थे जिस पर रविवार को हमला किया गया था।
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आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता प्रशांत भूषण के साथ एक बार फिर बदसलूकी किए जाने का मामला सामने आया है. इंदौर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कुछ लोगों ने प्रशांत भूषण की टोपी उतारकर फेंक दी और फिर जोरदार नारेबाजी की.
बदसलूकी करने वाले एक हिंदूवादी संगठन से जुड़े हैं. प्रशांत भूषण इंदौर में AAP के प्रत्याशी अनिल त्रिवेदी के पक्ष में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे. शहर के होटल अप्सरा में चल रहे इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक शख्स पीछे आया और उसने आक्रमक अंदाज में भूषण की टोपी उतार कर टेबल पर पटक दी. बाद में वह नारेबाजी भी करने लगा. वहां मौजूद AAP कार्यकर्ताओं ने उसे घेर लिया. देखते ही देखते कॉन्फ्रेंस हंगामे में तब्दील हो गई.
हैरान करने वाली बात यह थी कि हंगामा पुलिस की मौजूदगी में हुआ. हंगामा कर रहे लोग राष्ट्रवादी देवपथ संस्था के थे.
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दो सौ मीटर में लगातार तीसरा ओलिंपिक स्वर्ण पदक जीतने के बाद फर्राटा किंग उसेन बोल्ट ने कहा कि उनकी गिनती दुनिया के महानतम खिलाड़ियों में की जानी चाहिए.
बोल्ट ने इससे पहले रियो में 100 मीटर का भी अब तक का तीसरा स्वर्ण पदक अपने नाम किया था. वह आज चार गुणा 100 मीटर रिले में हिस्सा लेंगे.
दुनिया के सबसे तेज धावक ने कहा कि उनकी गिनती पेले, मोहम्मद अली और माइकल फेल्प्स जैसे खेल के महानायकों में होनी चाहिए. जमैका के खिलाड़ी ने 200 मीटर रेस जीतने के बाद कहा, 'मैं महानतम में से एक होने की कोशिश कर रहा हूं. अली और पेले की कतार में शामिल होना चाहता हूं.'
बोल्ट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'मैं इंतजार कर रहा हूं कि कल आप लोग क्या लिखते हैं.' फुटबॉल स्टार पेले और मुक्केबाजी के चैंपियन अली के साथ कतारबद्ध करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'मैं इंतजार कर रहा हूं कि मीडिया क्या कहती है और क्या मुझे उस जमात में रखती है.' बोल्ट ने कहा, 'मैंने इस पल के लिए अपने पूरे करियर में, पूरी जिंदगी मेहनत की है. उम्मीद है कि आप मुझे महानतम खिलाड़ियों की जमात में रखेंगे, मेरा इसी पर ध्यान है.' अब तक 19 ओलिंपिक और विश्व खिताब जीत चुके खिलाड़ी ने कहा कि यह उनकी आखिरी व्यक्तिगत रेस थी.टिप्पणियां
उन्होंने कहा, 'मैंने दुनिया के सामने साबित कर दिया है कि मैं महानतम (धावक) हूं और मैं यहां इसी के लिए आया था.' (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बोल्ट ने इससे पहले रियो में 100 मीटर का भी अब तक का तीसरा स्वर्ण पदक अपने नाम किया था. वह आज चार गुणा 100 मीटर रिले में हिस्सा लेंगे.
दुनिया के सबसे तेज धावक ने कहा कि उनकी गिनती पेले, मोहम्मद अली और माइकल फेल्प्स जैसे खेल के महानायकों में होनी चाहिए. जमैका के खिलाड़ी ने 200 मीटर रेस जीतने के बाद कहा, 'मैं महानतम में से एक होने की कोशिश कर रहा हूं. अली और पेले की कतार में शामिल होना चाहता हूं.'
बोल्ट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'मैं इंतजार कर रहा हूं कि कल आप लोग क्या लिखते हैं.' फुटबॉल स्टार पेले और मुक्केबाजी के चैंपियन अली के साथ कतारबद्ध करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'मैं इंतजार कर रहा हूं कि मीडिया क्या कहती है और क्या मुझे उस जमात में रखती है.' बोल्ट ने कहा, 'मैंने इस पल के लिए अपने पूरे करियर में, पूरी जिंदगी मेहनत की है. उम्मीद है कि आप मुझे महानतम खिलाड़ियों की जमात में रखेंगे, मेरा इसी पर ध्यान है.' अब तक 19 ओलिंपिक और विश्व खिताब जीत चुके खिलाड़ी ने कहा कि यह उनकी आखिरी व्यक्तिगत रेस थी.टिप्पणियां
उन्होंने कहा, 'मैंने दुनिया के सामने साबित कर दिया है कि मैं महानतम (धावक) हूं और मैं यहां इसी के लिए आया था.' (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दुनिया के सबसे तेज धावक ने कहा कि उनकी गिनती पेले, मोहम्मद अली और माइकल फेल्प्स जैसे खेल के महानायकों में होनी चाहिए. जमैका के खिलाड़ी ने 200 मीटर रेस जीतने के बाद कहा, 'मैं महानतम में से एक होने की कोशिश कर रहा हूं. अली और पेले की कतार में शामिल होना चाहता हूं.'
बोल्ट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'मैं इंतजार कर रहा हूं कि कल आप लोग क्या लिखते हैं.' फुटबॉल स्टार पेले और मुक्केबाजी के चैंपियन अली के साथ कतारबद्ध करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'मैं इंतजार कर रहा हूं कि मीडिया क्या कहती है और क्या मुझे उस जमात में रखती है.' बोल्ट ने कहा, 'मैंने इस पल के लिए अपने पूरे करियर में, पूरी जिंदगी मेहनत की है. उम्मीद है कि आप मुझे महानतम खिलाड़ियों की जमात में रखेंगे, मेरा इसी पर ध्यान है.' अब तक 19 ओलिंपिक और विश्व खिताब जीत चुके खिलाड़ी ने कहा कि यह उनकी आखिरी व्यक्तिगत रेस थी.टिप्पणियां
उन्होंने कहा, 'मैंने दुनिया के सामने साबित कर दिया है कि मैं महानतम (धावक) हूं और मैं यहां इसी के लिए आया था.' (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बोल्ट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'मैं इंतजार कर रहा हूं कि कल आप लोग क्या लिखते हैं.' फुटबॉल स्टार पेले और मुक्केबाजी के चैंपियन अली के साथ कतारबद्ध करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'मैं इंतजार कर रहा हूं कि मीडिया क्या कहती है और क्या मुझे उस जमात में रखती है.' बोल्ट ने कहा, 'मैंने इस पल के लिए अपने पूरे करियर में, पूरी जिंदगी मेहनत की है. उम्मीद है कि आप मुझे महानतम खिलाड़ियों की जमात में रखेंगे, मेरा इसी पर ध्यान है.' अब तक 19 ओलिंपिक और विश्व खिताब जीत चुके खिलाड़ी ने कहा कि यह उनकी आखिरी व्यक्तिगत रेस थी.टिप्पणियां
उन्होंने कहा, 'मैंने दुनिया के सामने साबित कर दिया है कि मैं महानतम (धावक) हूं और मैं यहां इसी के लिए आया था.' (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा, 'मैंने दुनिया के सामने साबित कर दिया है कि मैं महानतम (धावक) हूं और मैं यहां इसी के लिए आया था.' (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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Aircel ने एक कैशबैक ऑफर की घोषणा की है, जिसके तहत कंपनी का अनलिमिटेड प्लान अमेजन पे बैलेंस के जरिए खरीदने पर ग्राहकों को कैशबैक मिलेगा. ये ऑफर उन चुनिंदा प्लान्स के लिए वैलिड है जिन्हें अमेजन की साइट पर पे बैलेंस के जरिए खरीदा जाएगा. इसमें ग्राहकों को 75 रुपये का कैशबैक दिया जाएगा. इसके अलावा कंपनी ने 146 रुपये वाला भी प्लान लॉन्च किया है जो केवल ऐप के लिए है.
146 रुपये वाले प्लान में ग्राहकों को 28 दिनों के लिए अनलिमिटेड कॉल के साथ
5GB 3G/2G डेटा
दिया जाएगा. इन प्लान्स की विस्तृत जानकारी कंपनी के वेबसाइट पर जाकर देखी जा सकती है.
इसके इलावा टेलीकॉम कंपनियों के सबसे बड़े प्रतिद्वंदी रिलायंस जियो ने भी अपने प्राइम कस्टमर्स के लिए नए ऑफर का ऐलान किया है. दरअसल ये कैशबैक ऑफर है और यह जियो प्राइम कस्टमर्स के लिए है. कंपनी के मुताबिक 399 रुपये या इससे ज्यादा के हर रिचार्ज पर कस्टमर्स को 2,599 रुपये तक का कैशबैक दिया जाएगा.
रिलायंस जियो 399 रुपये या इससे ज्यादा के हर रिचार्ज पर 400 रुपये का कैशबैक वाउचर देगी. इसके अलावा रिलायंस जियो ने डिजिटल वॉलेट के साथ पार्टनरशिप की है जिसके तहत हर रिचार्ज पर
300 रुपये तक
का इंस्टैंट कैशबैक दिया जाएगा.
रिलायंस जियो ने इस कैशबैक ऑफर के लिए लीडींग ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ भी पार्टनरशिप की है जिसके तहत रिचार्ज पर 1,899 रुपये का कैशबैक वाउचर दिया जाएगा. पार्टनर वॉलेट में अमेजॉन पे, पेटीएम, मोबिक्विक, फोन पे, ऐक्सिस पे और फ्रीचार्ज शामिल हैं जहां से आप कैशबैक ले सकते हैं.
इसके अलावा रिलायंस जियो स्पेशल वाइचर के जरिए ई-कॉमर्स पार्टनर्स जैसे एजीयो, यात्रा डॉक कॉम और रिलायंस ट्रेंड पर वाउचर रीडीम करा सकते हैं. जियो प्राइम कस्टमर्स को यात्रा डॉट कॉम के जरिए बुक किए गए डोमेस्टिक फ्लाइट टिकट पर 1000 रुपये का ऑफ मिलेगा. हालांकि एक तरफ की यात्रा के लए सिर्फ 500 रुपये का ही डिस्काउंट दिया जाएगा.
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तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में मंगलवार रात को जलीकट्टू के समर्थन में बड़ी संख्या में लोगों ने प्रदर्शन किए हैं. इस बीच बुधवार को मद्रास हाई कोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इंकार कर दिया. हाई कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले को अपने हाथ में ले लिया है, इसलिए अब उसके द्वारा दखल नहीं दिया जा सकता. लोकप्रिय खेल जल्लीकट्टू के आयोजन और पशु अधिकार संगठन 'पेटा' पर प्रतिबंध की मांग कर रहे युवाओं का बुधवार को दूसरे दिन राज्यभर में प्रदर्शन उग्र हो गया है. प्रदर्शनकारियों के प्रति समर्थन बढ़ता जा रहा है. इसी प्रकार तमिलनाडु में अन्य स्थानों पर भी प्रदर्शन उग्र हो रहा है.
नमक्कल जिले में वकीलों ने अदालतों का बहिष्कार करने की घोषणा की है. राज्य के दो मंत्रियों से वार्ता के बाद भी कोई हल नहीं निकल पाने के बाद सैकड़ों कॉलेज छात्र और अन्य युवा अपनी मांग को लेकर मंगलवार रातभर मरीना बीच पर बैठे रहे. पुलिस द्वारा मरीना बीच की बिजली आपूर्ति बंद कर देने के बावजूद रातभर मोबाइल फोन की रोशनी के सहारे प्रदर्शन जारी रहा. मदुरै जिले के अलंगनाल्लुर में जल्लीकट्टू के समर्थन में प्रदर्शन करने वालों की गिरफ्तारी की खबर फैलने के बाद यहां मंगलवार सुबह से ही प्रदर्शन शुरू हो गया. अलंगनाल्लुर में जल्लीकट्टू के समर्थन में सोमवार को लोगों ने प्रदर्शन किया था.
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के कार्यकारी अध्यक्ष और तमिलनाडु में विपक्ष के नेता एम.के. स्टालिन ने मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम से प्रदर्शनकारियों से मुलाकात करने और जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है. प्रदर्शनकारियों को लोकप्रिय अभिनेता विजय के समर्थन से भी बल मिला है.
चेन्नई के मरीना बीच पर जलीकट्टू के समर्थन पर चल रहे भारी प्रदर्शन के बारे में एडवोकेट के बालू की याचिका पर कोर्ट ने यह बात कही. बालू ने शिकायत की थी कि जब जलीकट्टू के विरोध में 'शांतिपूर्ण प्रदर्शन' चल रहा था, तो प्रशासन ने बिजली काट दी और प्रदर्शनकारियों को पेयजल की आपूर्ति जैसी कोई व्यवस्था नहीं की गई.
चीफ जस्टिस एस के कौल और जस्टिस एम सुंदर की पीठ ने 'अब इस स्टेज में इस मामले में किसी तरह का दखल देने से इंकार कर दिया.' खंडपीठ ने कहा, 'सबसे पहली बात तो यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने इसे अपने हाथ में ले लिया है. अब इस मामले में हाई कोर्ट या तमिलनाडु सरकार कुछ नहीं कर सकती. दूसरी बात यह है कि मरीना रोड कोई प्रदर्शन करने की जगह नहीं है. अब इस स्टेज में कोई दखल देना नहीं चाहता.'
गौरतलब है कि
जलीकट्टू
के समर्थन में बड़ी संख्या में मंगलवार पूरी रात बड़ी संख्या में युवाओं ने प्रदर्शन किया. राज्य सरकार प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर मामले को शांत करने का प्रयास कर रही है. राज्य सरकार ने युवाओं को आश्वासन दिया है कि इस मामले में राष्ट्रपति से संपर्क अध्यादेश लाने का अनुरोध किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने गत 12 जनवरी को इस मामले में पोंगल त्योहार से पहले आदेश पारित करने से इंकार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने साल 2014 में जलीकट्टू पर प्रतिबंध लगा दिया है और पिछले साल दिसंबर में राज्य सरकार की इस मामले में समीक्षा याचिका को भी कोर्ट ने खारिज कर दिया. केंद्र सरकार बैन हटाने के लिए एक
नोटिफिकेशन
लेकर आई जिस पर कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित कर दिया था.
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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी 2 अप्रैल को रायबरेली संसदीय क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल करेगी.
सोनिया गांधी के प्रतिनिधि किशोरीलाल शर्मा ने बताया कि विकास के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी पुन: चुनाव मैदान में उतरेगी.
उन्होंने बताया कि विगत दस वर्षों में जनपद के विकास के लिए तमाम योजनायें चलाई गईं.
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बिना सेल के ही अब कभी भी खरीदें Xiaomi Redmi 4 का ये वैरिएंट
Xiaomi Redmi 4 को इस साल मई में लॉन्च किया गया था, तब से ये स्मार्टफोन केवल Amazon India और Mi.com पर फ्लैश सेल के लिए जरिए उपलब्ध रहता था. लेकिन अब कंपनी के हेड मनु कुमार जैन ने घोषणा कर ये जानकारी दी कि इसका 4GB रैम/ 64GB स्टोरेज वैरिएंट हर वक्त दोनों ही वेबसाइट पर ओपन सेल के लिए उपलब्ध रहेगा.
लॉन्च हुआ Meizu M6 Note, यहां जानें इसके फीचर्स
Meizu ने आज अपने नए स्मार्टफोन M6 Note को चीन में लॉन्च कर दिया है. कंपनी ने इस स्मार्टफोन को ब्लैक, ब्लू और गोल्ड कलर ऑप्शन में पेश किया है.
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मध्य प्रदेश के मंदसौर में दहलाने वाली घटना सामने आई है. आरोप है कि गांव के एक दबंग ने 14 साल की लड़की के साथ रेप किया. दलित लड़की का आरोप है कि रेप के बाद उसे जलाने की कोशिश भी की गई. लड़की की हालत गंभीर बनी हुई है.
पुलिस का कहना है कि लड़के ने सिर्फ पीड़िता का हाथ पकड़ा था और बदनामी के डर से लड़की ने आत्महत्या की कोशिश की. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी का कहना है कि लड़की से उसकी अच्छी दोस्ती है और उसने घटना को अंजाम नहीं दिया.
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महिला हॉकी एशिया कप टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में आज भारत और जापान की टीमें आमने-सामने होंगी. भारत ने गुरुवार को क्वार्टर फाइनल मैच में कजाकिस्तान को 7-1 से मात देते हुए सेमीफाइनल में प्रवेश किया है, वहीं जापान ने मलेशिया को 2-0 से हराकर अंतिम चार में जगह बनाई.
भारतीय टीम
ने इस टूर्नामेंट में केवल एक बार खिताबी जीत हासिल की है. उसने 2004 में भारत में आयोजित टूर्नामेंट में जापान को ही फाइनल में 1-0 से मात देकर टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम किया था.
जापान ने 2007 में हांगकांग में और 2013 में कुआलालंपुर में आयोजित टूर्नामेंट में खिताबी जीत हासिल की थी. भारतीय टीम ने तीन बार इस टूर्नामेंट के फाइनल तक का सफर तय किया. 1999 में उसे भारत में आयोजित हुए टूर्नामेंट के फाइनल में द. कोरिया के हाथों 3-2 से खिताब हारना पड़ा था. हालांकि, वह 2004 में इस खिताब को जीतने में कामयाब रहा.
2009 में बैंकॉक में आयोजित हुए टूर्नामेंट में भारतीय टीम ने फाइनल तक का सफर तय किया था, लेकिन चीन ने 5-3 से मात देकर उसके हाथों से खिताब छीन लिया.जापान ने पांच बार टूर्नामेंट के फाइनल तक का सफर तय किया. उसे दो बार सफलता हासिल हुई है और तीन बार निराशा हाथ लगी. 2007 और 2013 में खिताबी जीत के अलावा, 1985, 1989 और 2004 में फाइनल तक का सफर तय किया था. ऐसे में दोनों टीमों का लक्ष्य फाइनल में पहुंचना होगा. भारत की निगाह जहां दूसरी बार इस खिताब को जीतने का होगा, वहीं जापान की निगाह खिताबी हैट्रिक पर होगी.
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लेख: असम में ब्रह्मपुत्र नदी में एक नौका के पलटने से बच्चों और महिलाओं सहित 103 लोगों की मौत हो गई तथा 100 से अधिक लापता हैं। हादसे की शिकार हुई इस नौका में 300 से अधिक लोग सवार थे जो बीच नदी में तूफान में घिर गई।टिप्पणियां
राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) के प्रमुख आलोक झा ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और एनडीआरएफ ने बच्चों और महिलाओं सहित 103 लोगों के शव बरामद कर लिए हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने असम हुए इस हादसे पर दुख व्यक्त किया। पार्टी ने एक बयान में कहा कि सोनिया ने पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और अधिकारियों से घायलों को मदद एवं राहत उपलब्ध कराने को कहा है।
राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) के प्रमुख आलोक झा ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और एनडीआरएफ ने बच्चों और महिलाओं सहित 103 लोगों के शव बरामद कर लिए हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने असम हुए इस हादसे पर दुख व्यक्त किया। पार्टी ने एक बयान में कहा कि सोनिया ने पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और अधिकारियों से घायलों को मदद एवं राहत उपलब्ध कराने को कहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने असम हुए इस हादसे पर दुख व्यक्त किया। पार्टी ने एक बयान में कहा कि सोनिया ने पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और अधिकारियों से घायलों को मदद एवं राहत उपलब्ध कराने को कहा है।
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आजादी की लड़ाई के दौरान अंग्रेजों ने कई गोलमेज सम्मेलन आयोजित किए थे जिनका अपना एक निश्चित उद्देश्य था और जिसने भारतीय राजनीति को अपने तरीके से प्रभावित किया. यह आलेख गोलमेज सम्मेलन के दौरान हुई कुछ चुटीली और मजेदार घटनाओं का संकलन भर है जो महात्मा गांधी से जुड़ी हुई हैं.
बात सन् 1931 की है. भारत में स्वतंत्रता आन्दोलन उग्र हो रहा था, गांधी का नमक सत्याग्रह पूरा हो चुका था और भगत सिंह को फांसी दी जा चुकी थी. ब्रिटिश सरकार दूसरे गोलमेज की तैयारी में व्यस्त थी और उसे कामयाब बनाना चाहती थी. चूंकि पहले गोलमेज में गांधी ने हिस्सा नहीं लिया था तो वो एक फ्लॉप शो साबित हुआ था और इसीलिए अंग्रेज चाहते थे कि उस गोलमेज सम्मेलन में गांधी हिस्सा जरूर लें. इधर गांधी आखिरी समय तक गोलमेज में अपनी शिरकत को लेकर अंग्रेजों छकाना चाहते थे. ब्रिटिश खुफिया एजेंट, पत्रकार और राजनीतिक कार्यकर्ता हर रोज गांधी के कार्यक्रमों में हिस्सा लेते थे और कुछ खबर निकालने की कोशिश करते थे कि क्या गांधी दूसरे गोलमेज सम्मेलन में हिस्सा लेंगे? लेकिन गांधी थे कि किसी को भनक नहीं लगने दे रहे थे!
उसी साल गर्मियों में जब सूरज आग उगल रहा था, एक दिन गांधी ने अपने दैनिक क्रियाकलापों के बीच अचानक कस्तूरबा से कहा- बा, गरम कपड़े तैयार करवा देना! एक नौजवान पत्रकार ने ये बात सुन ली और उसने न्यूज एजेंसियों को ये खबर दे दी कि महात्मा, द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले हैं. क्योंकि भारत में उस समय भीषण गर्मी पड़ रही थी और गरम कपड़े तैयार करवाने का सवाल ही नहीं था. गरम कपड़ों की जरूरत में लंदन में ही पड़ सकती थी.
उस नौजवान पत्रकार का नाम था दुर्गादास. ये वहीं दुर्गादास थे जो आगे चलकर हिंदुस्तान टाइम्स जैसे अखबार के संपादक बने और बाद में जिन्होंने प्रेस क्लब की स्थापना में मुख्य भूमिका निभाई.
दूसरे गोलमेज सम्मेलन की असफलता और गांधी का उसमें अंग्रेजों से विरोध की कहानी जगजाहिर है. लेकिन गांधी की उस लंदन यात्रा के दौरान दो-तीन दिलचस्प घटनाएं हुई जिसे इतिहास में बहुत जगह नहीं मिला पाई है. गांधी ने अपनी उस यात्रा का इस्तेमाल हर उस मंच को हासिल करने में किया जहां वह भारत की आजादी के प्रश्न को दुनिया के सामने रख सकते थे. इस सिलसिले में वह इंग्लैंड में विपक्षी दल के नेताओं, गैर-सरकारी संगठनों, ब्रिटिश प्रेस और हर उस व्यक्ति से मिले जो उनसे मिल सकते थे. सिर्फ विंस्टन चर्चिल उनसे नहीं मिले जो गांधी को पसंद नहीं करते थे. लेकिन गांधी जी को ब्रिटिश सम्राट से जॉर्ज पंचम से मिलने का समय जरूर मिल गया. सम्राट के सेक्रेटरी ने गांधी को सख्त ताकीद की थी वो सही तरीके से कपड़े पहनकर सम्राट के सामने उपस्थित हों और प्रोटोकॉल का ख्याल रखें. लेकिन गांधी ने जानबूझकर उसका पालन नहीं किया और वे फकीर के वेश में ही सम्राट से मिलने पहुंच गए.
गांधी और ब्रिटिश सम्राट की वो मुलाकात मोनोलॉग ही थी, उन्हें इकतरफा जॉर्ज पंचम से भारत में अशांति फैलाने के आरोपों को सुनना पड़ा और नसीहतें भी मिली. गांधी ने मुस्कुराकर सम्राट से कहा कि वे तो भारतीय जनता को अहिंसा का पाठ पढ़ा रहे हैं जो उसकी प्राचीन जीवनशैली है.
खैर, उस संक्षिप्त मुलाकात के बाद जब गांधी महल से बाहर निकले तो ब्रिटिश प्रेस ने उन्हें घेर लिया और तरह-तरह के सवाल पूछे. एक पत्रकार ने व्यंग्य से कहा कि- “मिस्टर गांधी, आप तो इंग्लैंड में रहे भी हैं. कम से कम कपड़े तो आपको सही तरीके से पहनकर जाना चहिए था. सम्राट के सामने सभ्य तरीके से पेश होना चाहिए था”. इस पर गांधी का जवाब था- मेरे हिस्से का कपड़ा तो सम्राट ने पहन रखा था!
प्रेस को काटो तो खून नहीं! गांधी के ऐसे जवाब को छापने की हिम्मत बहुत कम अखबार कर पाए!
गांधी की उस यात्रा में किसी व्यक्ति ने उनकी मुलाकात अंग्रेजी फिल्मों के मशहूर स्टार चार्ली चैप्लिन से तय करवा दी. चार्ली ने भारत की आजादी को लेकर गांधी के प्रयासों की सराहना की और गांधी से पूछा कि वे मशीनों को लेकर इतने शंकालु क्यों हैं? गांधी ने जवाब दिया कि वे मशीनों के विरोधी नहीं हैं लेकिन वे मशीनों की वजह से एक इंसान द्वारा दूसरे इंसान के शोषण के विरोधी हैं.
अमेरिका-यूरोप के औद्यौगिक माहौल में पले-बढ़े चार्ली चैप्लिन को उस समय ये बातें समझ में नहीं आईं. लेकिन चार साल बाद यानी सन् 1936 में चार्ली ने एक फिल्म का निर्माण, निर्देशन किया और उसमें अभिनय भी किया जिसका नाम था- “मॉडर्न टाईम्स”. उस फिल्म में मशीन, बेरोजगारी और एक मनुष्य के संघर्ष को मार्मिक तरीके से दिखलाया गया है. कई सालों के बाद चार्ली चैप्लिन के जीवनीकार ने लिखा कि शायद पांच साल पहले लंदन में गांधी से हुई मुलाकात का ये असर था कि चार्ली जैसे महान फिल्मकार ने मॉडर्न टाइम्स नाम की वो फिल्म बनाई थी. लंदन की उस शाम हिंदुस्तान का वो फकीर उस फिल्मी सुपरस्टार पर भारी पड़ गया था!
तो महात्मा गांधी ऐसे थे जिनका प्रभाव उस जमाने के बड़े-बड़े सुपरस्टारों और सम्राटों पर भी बखूबी पड़ा था.
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