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गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की तैयारी शुरू हो गई है. बीजेपी ने फरवरी तक का कार्यक्रम तय किया है जिसके तहत पीएम मोदी 50 रैलियां कर 150 संसदीय क्षेत्रों को कवर करेंगे. इन रैलियों में पीएम मोदी अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाएंगे. पीएम मोदी ने पहली किसान रैली पंजाब के मुक्तसर में की है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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खाकी एक बार फिर दागदार हुई है. इस बार घटना पंजाब के जिला फिरोजपुर में घटी है. यहां एक पुलिस वाले ने नर्सिंग की एक 20 वर्षीय छात्रा को अपनी हवस का शिकार बनाया. छात्रा और इसके मित्र के साथ पुलिस वाले ने न केवल पुलसिया रौब दिखाया बल्कि मारपीट भी की.
लड़की और उसका मित्र फिरोजपुर के मिशन हॉस्पिटल से नर्सिंग कोर्स कर रहे हैं और कुछ समय बिताने के लिए एक पार्क में बैठे थे. पुलिसकर्मी छात्रा को कार्रवाई के नाम पर अपनी बाइक पर बैठा के ले गया. उसे थाने में ले जाने को कहा और ले गया अपने कमरे में. वहां उस पुलिस वाले ने छात्रा की इज्जत से खिलवाड़ किया.
खास बात यह भी है कि जहां यह कृत्य हुआ, वह जगह थाने के बिलकुल नजदीक है. इस मामले में एक समुदाय के लोगों ने पीडि़ता को इन्साफ दिलाने की मांग करते हुए अस्पताल में तोड़-फोड़ की.
फिरोजपुर कैंट पुलिस ने पीडिता और उसके दोस्त के ब्यान दर्ज किये जाने के बाद पुलिस कर्मचारी नवल किशोर के विरुद्ध अमानवीय सेक्स किये जाने की धारा 377 और धारा 506 के मुकदमा दर्ज कर लिया है.
पुलिस वाले की पहचान नवल किशोर के रूप में हुई है जो फिरोजपुर में ही सीआईए स्टाफ में बतौर टेलीफोन ऑपरेटर तैनात है. रेप की शिकार छात्रा पंजाब के शहर धारीवाल की रहने वाली है.
लोगों के विरोध के बाद मामले की नाजुकता को भांपते पुलिस ने आखिरकार पीड़ित लड़की को बुलाया और उससे पूछ-ताछ की. इससे पूर्व पीडिता के दोस्त से भी पुलिस ने घंटों पूछताछ की. पुलिस ने मीडिया से पीडि़ता को दूर ही रखा और गुपचुप तरीके से निकाल दिया.
पीडिता के दोस्त ने पुलिस वाले द्वारा की गई धक्केशाही की बात बताई. उसने बताया कि उस पुलिस वाले ने उसकी महिला मित्र के साथ जबरदस्ती की और साथ ले गया और उसकी इज्जत के साथ खिलवाड़ किया.
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आम तौर पर, शेयर, स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से ही जारी किए जाने के लिए कोई दायित्व नहीं है, और बाद में न ही एक्सचेंज पर कारोबार करना चाहिए। ऐसे में, व्यापार विनिमय बंद या ओवर-द-काउंटर हो सकता है। हमेशा इसी तरह डेरिवेटिव और बॉन्ड कारोबार कर रहे हैं। तेजी से, स्टॉक एक्सचेंजों एक वैश्विक प्रतिभूति बाजार का हिस्सा हैं।
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संस्कृत में कहा गया है कि... गृहस्थस्य क्रियास्सर्वा न सिद्धयन्ति गृहं विना।
वास्तु शास्त्र घर, प्रासाद, भवन अथवा मन्दिर निर्माण करने का प्राचीन भारतीय विज्ञान है जिसे आधुनिक समय के विज्ञान आर्किटेक्चर का प्राचीन स्वरुप माना जा सकता है। जीवन में जिन वस्तुओं का हमारे दैनिक जीवन में उपयोग होता है उन वस्तुओं को किस प्रकार से रखा जाए वह भी वास्तु है वस्तु शब्द से वास्तु का निर्माण हुआ है
डिजाइन दिशात्मक संरेखण के आधार पर कर रहे हैं। यह हिंदू वास्तुकला में लागू किया जाता है, हिंदू मंदिरों के लिये और वाहनों सहित, बर्तन, फर्नीचर, मूर्तिकला, चित्रों, आदि।
दक्षिण भारत में वास्तु का नींव परंपरागत महान साधु मायन को जिम्मेदार माना जाता है और उत्तर भारत में विश्वकर्मा को जिम्मेदार माना जाता है।
वास्तुशास्त्र एवं दिशाएं
उत्तर, दक्षिण, पूरब और पश्चिम ये चार मूल दिशाएं हैं। वास्तु विज्ञान में इन चार दिशाओं के अलावा 4 विदिशाएं हैं। आकाश और पाताल को भी इसमें दिशा स्वरूप शामिल किया गया है। इस प्रकार चार दिशा, चार विदिशा और आकाश पाताल को जोड़कर इस विज्ञान में दिशाओं की संख्या कुल दस माना गया है। मूल दिशाओं के मध्य की दिशा ईशान, आग्नेय, नैऋत्य और वायव्य को विदिशा कहा गया है। वैदिक वास्तुकला के नियमों और निर्देशों का पालन करके, वास्तुकला के कार्यक्रम में आपूर्ति और आयाम की स्थापना की जाती है, जो एक सुखी और समृद्ध आवास का सृजन करते हैं।
वास्तुशास्त्र में पूर्व दिशा
वास्तुशास्त्र में यह दिशा बहुत ही महत्वपूर्ण मानी गई है क्योंकि यह सूर्य के उदय होने की दिशा है। इस दिशा के स्वामी देवता इन्द्र हैं। भवन बनाते समय इस दिशा को सबसे अधिक खुला रखना चाहिए। यह सुख और समृद्धि कारक होता है। इस दिशा में वास्तुदोष होने पर घर भवन में रहने वाले लोग बीमार रहते हैं। परेशानी और चिन्ता बनी रहती हैं। उन्नति के मार्ग में भी बाधा आति है।
वास्तुशास्त्र में आग्नेय दिशा
पूर्व और दक्षिण के मध्य की दिशा को आग्नेय दिशा कहते हैं। अग्निदेव इस दिशा के स्वामी हैं। इस दिशा में वास्तुदोष होने पर घर का वातावरण अशांत और तनावपूर्ण रहता है। धन की हानि होती है। मानसिक परेशानी और चिन्ता बनी रहती है। यह दिशा शुभ होने पर भवन में रहने वाले उर्जावान और स्वास्थ रहते हैं। इस दिशा में रसोईघर का निर्माण वास्तु की दृष्टि से श्रेष्ठ होता है। अग्नि से सम्बन्धित सभी कार्य के लिए यह दिशा शुभ होता है।
वास्तुशास्त्र में दक्षिण दिशा
इस दिशा के स्वामी यम देव हैं। यह दिशा वास्तुशास्त्र में सुख और समृद्धि का प्रतीक होता है। इस दिशा को खाली नहीं रखना चाहिए। दक्षिण दिशा में वास्तु दोष होने पर मान सम्मान में कमी एवं रोजी रोजगार में परेशानी का सामना करना होता है। गृहस्वामी के निवास के लिए यह दिशा सर्वाधिक उपयुक्त होता है।
वास्तुशास्त्र में नैऋत्य दिशा
दक्षिण और पश्चिम के मध्य की दिशा को नैऋत्य दिशा कहते हैं। इस दिशा का वास्तुदोष दुर्घटना, रोग एवं मानसिक अशांति देता है। यह आचरण एवं व्यवहार को भी दूषित करता है। भवन निर्माण करते समय इस दिशा को भारी रखना चाहिए। इस दिशा का स्वामी राक्षस है। यह दिशा वास्तु दोष से मुक्त होने पर भवन में रहने वाला व्यक्ति सेहतमंद रहता है एवं उसके मान सम्मान में भी वृद्धि होती है।
सन्दर्भ
इन्हें भी देखें
वास्तुकला (आर्किटेक्चर)
शिल्पशास्त्र
भारतीय स्थापत्यकला
बाहरी कड़ियाँ
स्थापत्य वेद - यहाँ सभी प्रमुख स्थापत्य वेद देवनागरी में उपलब्ध हैं।
वास्तुविद्या के अनुसार भवन में कक्षों में का उपयुक्त स्थान (अखण्ड ज्योति १९९९)
रूपमण्डनम् (वास्तुशास्त्र का संस्कृत ग्रंथ) (गूगल पुस्तक ; व्याख्याता - बलराम श्रीवास्तव)
क्या है वास्तु ? (पंजाबकेसरी)
आपके घर की वास्तु विशेषताएं
आपके सपनों के घर में वास्तु की भूमिका
घर के लिए वास्तु
वास्तु अनुसार टॉयलेट टिप्स और उपाय
हिन्दू मन्दिर वास्तुकला
भारतीय स्थापत्य कला
वास्तुशास्त्र
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यह एक लेख है: रक्षा मंत्री ने कहा कि तीन आतंकवादी मारे गए हैं, हालांकि प्रारंभिक सूचना में चार आतंकवादियों के होने की बात पता चली थी. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि चौथे ने गाइड की भूमिका निभाई हो. यह भी आशंका है कि घुसपैठिए को स्थानीय सहायता मिली हो.
उन्होंने बताया कि सैन्य शिविर में आतंकवादी विरोधी अभियान को सोमवार की सुबह समाप्त कर दिया गया, लेकिन सफाया अभियान अभी भी जारी है. रक्षा मंत्री ने कहा कि जैश-ए-मोहम्मद के जिस गुट ने हमला किया है हो सकता है कि वह कुछ दिल पहले घुस आया हो और संभवतः उसे स्थानीय सहयोग मिला हो.
रक्षा मंत्री ने कहा कि आतंकवादियों ने उस सैन्य ठिकाने को निशाना बनाया, जिसमें जवान और उनके परिवार दोनों ही रहते थे. रक्षा मंत्री ने कहा कि यह कैंटोन्मेंट जम्मू के बाहरी इलाके में स्थित है और आंतराष्ट्रीय सीमा से करीब 30 किलोमीटर दूर है. उन्होंनें कहा, 'कैन्टोनमेंट की जनसांख्यिकी और आसपास के क्षेत्र यह इशारा करते हैं कि आंतकवादियों को स्थानीय सहायता मिली होगी और इस क्षेत्र में आंतकवादी हमले की आंशंका का अलर्ट जारी किया गया.'टिप्पणियां
रक्षा मंत्री ने कहा कि चूकि आंतकवादी लड़ाकू वर्दी में थे और संभावित पीड़ितों की ही तरह प्रतीत हो रहे थे इसलिए नुकसान को कम करने के लिए अभियान को जानबूझ कर धीमा किया गया. उन्होंने कहा कि हमारी खुफिया जानकारियां इशारा कर रही हैं कि इन आंतकवादियों को सीमा पार से नियंत्रित किया जा रहा था. रक्षा मंत्री ने मारे गए सैनिकों और उनके परिजनों के प्रति गहरा शोक व्यक्त किया और कहा कि वे देश को भरोसा दिलाना चाहतीं हैं कि उनकी शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी.
इससे पहले रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण सुंजवान शिविर पर आतंकी हमले में घायल लोगों से मिलने सेना के अस्पताल पहुंचीं. अधिकारियों ने कहा कि रक्षा मंत्री ने इसके बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से मुलाकात की. रक्षा मंत्री को सुंजवान में हुए आतंकी हमले के बीच सुरक्षा स्थिति से भी अवगत कराया गया.
उन्होंने बताया कि सैन्य शिविर में आतंकवादी विरोधी अभियान को सोमवार की सुबह समाप्त कर दिया गया, लेकिन सफाया अभियान अभी भी जारी है. रक्षा मंत्री ने कहा कि जैश-ए-मोहम्मद के जिस गुट ने हमला किया है हो सकता है कि वह कुछ दिल पहले घुस आया हो और संभवतः उसे स्थानीय सहयोग मिला हो.
रक्षा मंत्री ने कहा कि आतंकवादियों ने उस सैन्य ठिकाने को निशाना बनाया, जिसमें जवान और उनके परिवार दोनों ही रहते थे. रक्षा मंत्री ने कहा कि यह कैंटोन्मेंट जम्मू के बाहरी इलाके में स्थित है और आंतराष्ट्रीय सीमा से करीब 30 किलोमीटर दूर है. उन्होंनें कहा, 'कैन्टोनमेंट की जनसांख्यिकी और आसपास के क्षेत्र यह इशारा करते हैं कि आंतकवादियों को स्थानीय सहायता मिली होगी और इस क्षेत्र में आंतकवादी हमले की आंशंका का अलर्ट जारी किया गया.'टिप्पणियां
रक्षा मंत्री ने कहा कि चूकि आंतकवादी लड़ाकू वर्दी में थे और संभावित पीड़ितों की ही तरह प्रतीत हो रहे थे इसलिए नुकसान को कम करने के लिए अभियान को जानबूझ कर धीमा किया गया. उन्होंने कहा कि हमारी खुफिया जानकारियां इशारा कर रही हैं कि इन आंतकवादियों को सीमा पार से नियंत्रित किया जा रहा था. रक्षा मंत्री ने मारे गए सैनिकों और उनके परिजनों के प्रति गहरा शोक व्यक्त किया और कहा कि वे देश को भरोसा दिलाना चाहतीं हैं कि उनकी शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी.
इससे पहले रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण सुंजवान शिविर पर आतंकी हमले में घायल लोगों से मिलने सेना के अस्पताल पहुंचीं. अधिकारियों ने कहा कि रक्षा मंत्री ने इसके बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से मुलाकात की. रक्षा मंत्री को सुंजवान में हुए आतंकी हमले के बीच सुरक्षा स्थिति से भी अवगत कराया गया.
रक्षा मंत्री ने कहा कि आतंकवादियों ने उस सैन्य ठिकाने को निशाना बनाया, जिसमें जवान और उनके परिवार दोनों ही रहते थे. रक्षा मंत्री ने कहा कि यह कैंटोन्मेंट जम्मू के बाहरी इलाके में स्थित है और आंतराष्ट्रीय सीमा से करीब 30 किलोमीटर दूर है. उन्होंनें कहा, 'कैन्टोनमेंट की जनसांख्यिकी और आसपास के क्षेत्र यह इशारा करते हैं कि आंतकवादियों को स्थानीय सहायता मिली होगी और इस क्षेत्र में आंतकवादी हमले की आंशंका का अलर्ट जारी किया गया.'टिप्पणियां
रक्षा मंत्री ने कहा कि चूकि आंतकवादी लड़ाकू वर्दी में थे और संभावित पीड़ितों की ही तरह प्रतीत हो रहे थे इसलिए नुकसान को कम करने के लिए अभियान को जानबूझ कर धीमा किया गया. उन्होंने कहा कि हमारी खुफिया जानकारियां इशारा कर रही हैं कि इन आंतकवादियों को सीमा पार से नियंत्रित किया जा रहा था. रक्षा मंत्री ने मारे गए सैनिकों और उनके परिजनों के प्रति गहरा शोक व्यक्त किया और कहा कि वे देश को भरोसा दिलाना चाहतीं हैं कि उनकी शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी.
इससे पहले रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण सुंजवान शिविर पर आतंकी हमले में घायल लोगों से मिलने सेना के अस्पताल पहुंचीं. अधिकारियों ने कहा कि रक्षा मंत्री ने इसके बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से मुलाकात की. रक्षा मंत्री को सुंजवान में हुए आतंकी हमले के बीच सुरक्षा स्थिति से भी अवगत कराया गया.
रक्षा मंत्री ने कहा कि चूकि आंतकवादी लड़ाकू वर्दी में थे और संभावित पीड़ितों की ही तरह प्रतीत हो रहे थे इसलिए नुकसान को कम करने के लिए अभियान को जानबूझ कर धीमा किया गया. उन्होंने कहा कि हमारी खुफिया जानकारियां इशारा कर रही हैं कि इन आंतकवादियों को सीमा पार से नियंत्रित किया जा रहा था. रक्षा मंत्री ने मारे गए सैनिकों और उनके परिजनों के प्रति गहरा शोक व्यक्त किया और कहा कि वे देश को भरोसा दिलाना चाहतीं हैं कि उनकी शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी.
इससे पहले रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण सुंजवान शिविर पर आतंकी हमले में घायल लोगों से मिलने सेना के अस्पताल पहुंचीं. अधिकारियों ने कहा कि रक्षा मंत्री ने इसके बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से मुलाकात की. रक्षा मंत्री को सुंजवान में हुए आतंकी हमले के बीच सुरक्षा स्थिति से भी अवगत कराया गया.
इससे पहले रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण सुंजवान शिविर पर आतंकी हमले में घायल लोगों से मिलने सेना के अस्पताल पहुंचीं. अधिकारियों ने कहा कि रक्षा मंत्री ने इसके बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से मुलाकात की. रक्षा मंत्री को सुंजवान में हुए आतंकी हमले के बीच सुरक्षा स्थिति से भी अवगत कराया गया.
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अंडोरा ने 2014 शीतकालीन ओलंपिक में सोची, रूस में 7 से 23 फरवरी 2014 तक भाग लिया। अंडोराण टीम में तीन खेल में छह एथलीट शामिल थे।
अल्पाइन स्कीइंग
20 जनवरी 2014 को जारी अंतिम कोटा आवंटन के अनुसार, एंडोरा की योग्यता की स्थिति में पांच एथलीट थे। अंतिम टीम को चार एथलीटों के साथ घोषित किया गया था, जिसका अर्थ है कि देश ने अपने कोटा स्पॉट को अस्वीकार करने का फैसला किया।
बैथलॉन
कोटा का पुन: नियोजन, एंडोरा को एक महिला एथलीट में प्रवेश करने की इजाजत दी। लॉर सूली को आधिकारिक तौर पर 24 जनवरी 2014 को टीम के सदस्य के रूप में घोषित किया गया था।
स्नोबोर्डिंग
20 जनवरी 2014 को जारी अंतिम कोटा आवंटन के अनुसार, एंडोरा की योग्यता की स्थिति में एक एथलीट था। अंतिम टीम की घोषणा 24 जनवरी 2014 को हुई थी। टैरोच 39 के दौर में अयोग्य था, और इस तरह एक संयुक्त 25 वीं समाप्त।
गैर-योग्य खेल
क्रॉस कंट्री स्कीइंग
20 जनवरी 2014 को जारी किए गए कोटा आवंटन के अनुसार, एंडोरा के पास योग्यता की स्थिति में एक खिलाड़ी था। हालांकि अंतिम टीम में योग्य एथलीट, इरिनू एस्टेवे अल्टिमाइज शामिल नहीं था।
सन्दर्भ
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एअर इंडिया कर्मचारी को चप्पल से पीटने वाले शिवसेना सांसद रवींद्र गायकवाड नें केंद्र के बुरा बर्ताव करने वाले यात्रियों के उड़ान भरने से रोक लगाने वाली सूची के प्रस्ताव पे कहा कि विमान के चालक दल के सदस्यों के लिए भी सख्त दिशानिर्देश बनाए जाने चाहिए कि वह कैसे यात्रियों के साथ बर्ताव करें. एयर इंडिया के कर्मचारी के साथ र्दुव्यवहार करने के कारण घरेलू एयरलाइंस ने गायकवाड़ पर यात्रा प्रतिबंध लगा दिया था.
वह बदसलूकी करने और उड़ान में बाधा डालने वाले यात्रियों पर केंद्र द्वारा जारी किए गए नियमों के मसौदे पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें तीन महीने और उससे ज्यादा समय के लिए उड़ान प्रतिबंध की अनुशंसा की गई है.
यह कदम उस घटना के बाद उठाया गया है जिसमें गायकवाड ने पूरी तरह से इकनॉमिक क्लास वाले विमान में बिजनेस क्लास में यात्रा करने की अनुमति नहीं दिए जाने के बाद
एयर इंडिया कर्मचारी को चप्पल से
मारा था.
गायकवाड़ ने कहा, ‘‘पहले से ही कुछ दिशानिर्देश मौजूद हैं और एक नियमित प्रक्रिया के तहत इन्हें अद्यतन किया जाता है।। मुझे लगता है कि :नागरिक उड्डयन: मंत्रालय ने लोगों को पूरे प्रकरण की याद दिलाने के लिए जानबूझकर इसकी घोषणा की है।’’ गायकवाड़ ने कहा, ‘‘एयरलाइन क्रू के सदस्यों के लिए भी ऐसे ही नियम होने चाहिए कि कैसे यात्रियों से बर्ताव करना है और उनकी आवश्यकताओं पर ध्यान देना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘संसद का सदस्य होने के नाते, मैं एयर इंडिया क्रू सदस्यों के खिलाफ आने वाली शिकायतों और मुकदमों के बारे में जानता हूं जिसमें कर्मचारियों पर यात्रियों को नजरअंदाज करने या बदतमीजी करने का आरोप लगाया जाता है।’’ गायकवाड़ ने कहा, ‘‘इसके क्रू सदस्यों के खिलाफ बमुश्किल कोई कार्रवाई की जाती है। अगर नियम बनाए जाने हैं तो क्रू सदस्यों के लिए भी समान रूप से सख्त नियम होने चाहिए।’’
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परतदार लकड़ी या प्लाईवुड (जर्मन: Sperrholz, अंग्रेजी: plywood, फ्रेंच: contreplaqué) लकड़ी की अनेक पतली चादरों (परतों) से निर्मित एक प्रकार का कृत्रिम काष्ठ है। परतें परस्पर चिपकाई जाती हैं ताकि अधिक मजबूती के लिए आसन्न परतों के बीच लकड़ी के तंतु एक दूसरे से समकोण पर रहें। आमतौर पर परतें विषम संख्या में होती हैं क्योंकि समरूपता के कारण बोर्ड के मुड़ने की संभावना कम हो जाती है।
किस्में
विभिन्न उपयोगों के लिए प्लाईवुड की अनेक किस्में उपलब्ध हैं।
ऊष्णकटिबंधीय प्लाईवुड
ऊष्णकटिबंधीय प्लाईवुड हमेशा मेरांती या एशियाई क्षेत्र की ऊष्णकटिबंधीय लकड़ी की मिश्रित प्रजातियों से बना होता है। ऊष्णकटिबंधीय प्लाईवुड अपने घनत्व, शक्ति, परतों की एकरूपता और उच्च गुणवत्ता के कारण मृदुकाष्ठ (सॉफ्टवुड) प्लाईवुड पर अपनी श्रेष्ठता समेटे हुए हैं। यदि उच्च मानकों के साथ निर्मित हो तो यह आमतौर पर अनेक बाजारों में अधिमूल्य पर बेचा जाता है। ऊष्णकटिबंधीय प्लाईवुड ब्रिटेन, जापान, ताइवान, इंडोनेशिया, कोरिया, दुबई और विश्व के अन्य प्रमुख शहरों में व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है। यह अनेक क्षेत्रों में निर्माण के प्रयोजन के लिए सबसे पसंदीदा विकल्प है।
मृदुकाष्ठ (सॉफ्टवुड) प्लाईवुड
मृदुकाष्ठ (सॉफ्टवुड) एनेल
यह आमतौर पर डगलस देवदार या शंकुवृक्ष (स्प्रूस), चीड़ और देवदार (सामूहिक रूप से स्प्रूस-पाइन-फर या एसपीएफ़ के नाम से ज्ञात) से बना होता है और विशेष तौर पर निर्माण एवं औद्योगिक प्रयोजनों के लिए इसका इस्तेमाल होता है।
उत्पादन
प्लाईवुड अत्यंत व्यापक रूप से इस्तेमाल होने वाले लकड़ी के उत्पादों में से एक है। यह ज्वलनशील, लचीला, सस्ता, साध्य, पुनर्चक्रणीय होता है और आमतौर पर स्थानीय रूप से उत्पादित किया जा सकता है। प्लाईवुड पेड़ों से छीली गई लकड़ी की पतली परतों से बनाया जाता है। प्लाईवुड बनाने के लिए इन परतों (वीनियरों) (या पोशिशों) को परस्पर एक साथ चिपकाया जाता हैं। पोशिश (वीनियर) की प्रत्येक परत में तंतुओं की दिशा अगली परत के लम्बवत होती है। परतों की संख्या हमेशा विषम होती है ताकि चादर संतुलित रहे और मुड़े नहीं। प्लाईवुड जिस प्रकार जुड़ा हुआ होता है (संयोजित भाग विषम संख्या में और तंतु आमने-सामने रहते हैं) उसकी वजह से इसका तंतुओं की दिशा के लम्बवत मुड़ना बहुत ही कठिन है। सादा लकड़ी के बजाय प्लाईवुड का प्रयोग करने का एक आम कारण इसका चटखने, सिकुड़ने, बल खाने या मुड़ने के प्रति प्रतिरोध तथा इसकी सामान्य रूप से उच्च स्तर की ताकत है।
दृढ़काष्ठ (हार्डवुड) प्लाईवुड
कम मांग के उपयोगों के लिए प्रयुक्त होता है। सन्टी (सनोबर या भोजवृक्ष) प्लाईवुड की विशेषता उसकी उत्कृष्ट ताकत, कठोरता और प्रसाररोधक क्षमता है। इसकी उच्च द्विविमीय संरचनात्मक शक्ति और चोटरोधी क्षमता इसे विशेष रूप से भारी फर्श और दीवार संरचनाओं के लिए उपयुक्त बनाती है। अनुकूलित प्लाईवुड उत्पादन के पास उच्च भारवहन क्षमता है। सन्टी प्लाईवुड की सतह की कठोरता उत्कृष्ट है तथा यह क्षति एवं घिसावट रोधी है।
सजावटी प्लाईवुड
आमतौर पर दृढ़काष्ठ (हार्डवुड) के आवरण के साथ जिसमें लाल शाहबलूत, सन्टी, मेपल, लाउआन (फिलीपीन महोगनी) और बड़ी संख्या में अन्य दृढ़काष्ठ (हार्डवुड) शामिल हैं।
आंतरिक उपयोग वाले प्लाईवुड के लिए आम तौर पर यूरिया-फार्मेल्डीहाइड सरेस का प्रयोग किया जाता है जिसकी जलरोधक क्षमता सीमित होती है, जबकि बाह्य उपयोग वाले प्लाईवुड तथा मैरीन-ग्रेड प्लाईवुड को गलन का सामना करने हेतु डिजाइन किया जाता है और डिलेमिनेशन रोकने तथा भारी नमी में मजबूती बनाए रखने के लिए जलरोधी फिनोल-फार्मेल्डीहाइड सरेस का इस्तेमाल किया जाता है।
मृदुकाष्ठ (सॉफ्टवुड) प्लाईवुड की सबसे आम किस्में तीन, पांच या सात परतों में मीट्रिक परिमाप 1.2 मीटर × 2.4 मीटर में या थोड़े बड़े 4 फुट × 8 फुट के शाही परिमाप में आती हैं। प्लाई की मोटाई 1/10" से 1/6" तक होती है जो फलक की मोटाई के आधार पर निर्भर करती है। छत छाने के लिए पतले 5/8-इंच के प्लाईवुड का इस्तेमाल किया जा सकता है। फर्श में मोटाई कम से कम 3/4-इंच रहती है जो फर्श की कड़ियों के बीच की दूरी पर निर्फर करती है। फर्श के उपयोगों में प्लाईवुड में अक्सर जीभ और नाली जोड़ का इस्तेमाल किया जाता है। मिलान वाले एक किनारे पर एक "नाली" कटी हुई होती है जिसमें अगले बोर्ड के आसन्न किनारे पर निकली हुई एक नोकदार "जीभ" समा जाती है। यह पड़ोसी बोर्ड के सापेक्ष एक बोर्ड के ऊपर-नीचे हिलने को रोकता है जिससे जहां जोड़ कड़ियों पर नहीं हों वहां ठोस फर्श का एहसास हो। जीभ और नाली फर्श प्लाईवुड आम तौर पर 1" मोटाई के होते हैं।
विशिष्ट प्रयोजन प्लाईवुड
उच्च शक्ति प्लाईवुड, जो एयरक्राफ्ट प्लाईवुड के नाम से जाना जाता है, महोगनी और/या सन्टी से बनता है और इसमें ऐसे चिपकाने वाले पदार्थ का प्रयोग किया जाता है जो गर्मी और नमी का उच्च प्रतिरोधक हो। द्वित्तीय विश्वयुद्ध में ब्रिटेन निर्मित मॉसक्विटो बॉम्बर जिसे वुडन वंडर का उपनाम दिया गया था, सहित अनेक लड़ाकू विमानों में इसका इस्तेमाल किया गया था।
कुछ विशेष प्लाईवुड में एकांतर प्लाई नहीं होती हैं। इन्हें विशिष्ट प्रयोजन के लिए डिजाइन किया जाता हैं। ऐसा ही एक प्लाईवुड "बेंडी बोर्ड" के रूप में जाना जाता है। यह बहुत लचीला होता है और घुमावदार भागों को बनाने के लिए डिजाइन किया जाता है। ब्रिटेन में इसे "हैटर्स प्लाई" के रूप में जाना जाता है क्योंकि विक्टोरिया युग में इसका इस्तेमाल पुरुषों के लंबे टोप बनाने के लिए किया गया था। हालांकि कुछ देशों में इसे प्लाईवुड नहीं कहा जाता क्योंकि प्लाईवुड के बुनियादी विवरण के अनुसार लकड़ी पोशिश (वीनियर) की परतों को एक दूसरे के ऊपर इस प्रकार रखा जाता है कि प्रत्येक परत के तंतु अगली परत के तंतुओं के लम्बवत होते हैं।
समुद्रीय प्लाईवुड का उच्च नमी के वातावरण में गलन से बचाने हेतु कोई विशेष उपचार नहीं किया जाता। इसकी संरचना ऐसी है कि इसे लंबी अवधि तक नमी वाले वातावरण में इस्तेमाल किया जा सकता है। प्रत्येक लकड़ी पोशिश (वीनियर) में मुख्य अंतर नगण्य होता है जिससे प्लाईवुड में पानी जाने की संभावना बहुत सीमित हो जाती है और इसलिए एक ठोस और स्थिर सरेस का जोड़ प्राप्त होता है। इसमें अन्य प्लाईवुड के समान ही बाह्य डब्लूबीपी (WBP) सरेस का उपयोग किया जाता है। समुद्रीय प्लाईवुड का उपयोग अक्सर गोदी और नाव के निर्माण में किया जाता है। यह मानक प्लाईवुड की तुलना में बहुत महंगा है: एक 4 फुट x 8 फुट 1/2-इंच मोटे बोर्ड की कीमत 75 से 100 अमरीकी डॉलर या $2.5 प्रति वर्ग फुट के आसपास है, जो मानक प्लाईवुड से लगभग तीन गुना महंगा है।
समुद्रीय प्लाईवुड को बीएस 1088 से, जो समुद्रीय प्लाईवुड के लिए ब्रिटिश मानक है, वर्गीकृत किया जा सकता है। समुद्रीय प्लाईवुड के श्रेणीकरण के लिए कुछ अंतरराष्ट्रीय मानक हैं और अधिकांश मानक स्वैच्छिक हैं। कुछ समुद्रीय प्लाईवुड पर लंदन के लॉयड्स की मुहर होती है जो कि इसे बीएस 1088 के अनुरूप होने के लिए प्रमाणित करता है। कुछ प्लाईवुड इसके निर्माण में प्रयुक्त हुई लकड़ी के आधार पर भी नामित हैं। इसके उदाहरण ओकुमे या मेरांती हैं।
प्लाईवुड के अन्य प्रकारों में शामिल हैं अग्निरोधक, नमी प्रतिरोधी, संकेत ग्रेड, दबाव उपचारित और निश्चित रूप से दृढ़काष्ठ (हार्डवुड) तथा मृदुकाष्ठ (सॉफ्टवुड) प्लाईवुड. इन में से प्रत्येक उत्पाद को उद्योग की किसी आवश्यकता को पूर्ण करने के लिए डिजाइन किया गया है।
आकार
अमेरिका: 4 फुट x 8 फुट
अमेरिका: 5 फुट x 5 फुट
मीट्रिकः 1220मिमी x 2440मिमी
उत्पादन
प्लाईवुड उत्पादन के लिए अच्छे कुंदों की आवश्यकता होती है, जो कि आम तौर से आयामित इमारती लकड़ी के रूप में प्रसंस्करण के लिए आराघरों में आवश्यक कुंदों की तुलना में सीधे और व्यास में बड़े होते हैं। कुंदे को क्षैतिज लिटाया जाता है और इसके लंबे अक्ष के चारों ओर घुमाते हुए एक लंबा आरा इस में दबाया जाता है (कुछ हद तक एक पटरी के किनारे पर एक स्विस रोल को घुमाये जाने की तरह) जिसके परिणामस्वरूप लकड़ी की एक पतली परत छिल कर अलग हो जाती है। इस प्रकार एक कुंदे को पोशिश (वीनियर) की चादरों में छील लिया जाता है, जिन्हें तब इच्छित आयाम में काट कर सुखाया जाता है, चकती लगाई जाती है और आपस में चिपका कर 140 °C (280 °F) तथा 19 एमपीए (2800 पीएसआई (psi)) पर एक प्रेस में गर्म करके प्लाईवुड का फलक बनाया जाता है। इस फलक को बाद में चकती लगाकर, पुनः आकार देकर, बालू डाल कर या अन्य प्रकार से इच्छित बाजार के अनुसार तैयार किया जाता है।
प्लाईवुड में प्रयुक्त चिपकाने वाले पदार्थ एक चिंता का मुद्दा बन गए हैं। यूरिया फॉर्मेल्डीहाइड और फिनोल फॉर्मेल्डीहाइड दोनों अति उच्च सांद्रता में कैंसरकारक हैं। परिणामस्वरूप, अनेक उत्पादक "ई" ("E") रेटिंग वाले ("ईओ" ("E0") न्यूनतम फॉर्मेल्डीहाइड- उत्सर्जक है) फॉर्मेल्डीहाइड- उत्सर्जक सरेस प्रणाली की ओर रुख कर रहे हैं। "ईओ" ("E0") के अनुरूप उत्पादित प्लाईवुड में फॉर्मेल्डीहाइड-उत्सर्जन प्रभावी रूप से शून्य है।
सरेस के मुद्दे को सामने लाये जाने के अलावा, ऊर्जा संरक्षण के साथ-साथ हमारे प्राकृतिक संसाधनों के लिए चिंता का विषय बनने के कारण लकड़ी के संसाधन स्वयं उत्पादकों के ध्यान का केन्द्र बन रहे हैं। जो निर्माता इन कार्यक्रमों में भाग लेते हैं उनके लिए अनेक प्रमाणपत्र उपलब्ध हैं। फॉरेस्ट स्टुअर्डशिप काउंसिल (एफएससी), लीडरशिप इन इनर्जी एंड इनवायर्नमेंटल डिजाइन (एलईईडी), सस्टेनेबल फॉरेस्ट्री इनीशियेटिव (एसएफआई (SFI)) तथा ग्रीनगार्ड प्रमाणीकरण कार्यक्रम हैं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि निर्माण एवं उत्पादन विधियां जारी रखने योग्य हैं। इन में से अनेक कार्यक्रम उत्पादकों और प्रयोक्ताओं दोनों को कर-राहत का प्रस्ताव देते हैं।
अमेरिकी प्लाईवुड श्रेणियां
प्लाईवुड की श्रेणी प्रत्येक फलक के मुखभाग तथा पृष्ठभाग के पोशिश (वीनियर) की गुणवत्ता द्वारा निर्धारित होती है। प्रथम अक्षर फलक के मुखभाग के पोशिश (वीनियर) की गुणवत्ता बताता है जबकि दूसरा अक्षर पृष्ठ सतह की गुणवत्ता बताता है। अक्षर "एक्स" संकेत करता है कि फलक के निर्माण में स्क्रैप लकड़ी का इस्तेमाल केन्द्रीय प्लाई के रूप में हुआ है, न कि "बाह्य रूप से" जैसा कि आम तौर से सोचा जाता है। ए-डी रेटिंग केवल निर्माण प्लाईवुड (सॉफ्टवुड) के लिए अच्छी है शाहबलूत (ओक) या मेपल जैसे दृढ़काष्ठ (हार्डवुड) प्लाईवुड के लिए नहीं।
"ए": उपलब्ध उच्चतम गुणवत्ता श्रेणी. दोषमुक्त या छोटी गांठों से युक्त हो सकते हैं, बशर्ते उनमें डाट लगाई गई हो ("नाव" या "अमरीकी फुटबॉल" के आकार वाले डाट) अथवा कृत्रिम चकती लगा कर मरम्मत की गई हो। इस श्रेणी में सतह कभी-कभी चटकी हुई हो सकती है जिसकी मरम्मत कृत्रिम भराव से की जाती है। सतह हमेशा बालुई होती है जो रंगने योग्य चिकनी सतह की गुणवत्ता प्रदान करती है।
"ख": दूसरी उच्चतम गुणवत्ता पोशिश (वीनियर) श्रेणी. सामान्यतः अधोस्तरीय "ए" श्रेणी गुणवत्ता पोशिश (वीनियर) का उप-उत्पाद. ठोस सतह, लेकिन छोटे व्यास की गांठें हो सकती हैं और सतह में महीन चटक हो सकती है। सामान्यतः लकड़ी के डाट या कृत्रिम भराव द्वारा मरम्मत की हुई। सामान्य रूप से सतह बालू से चिकनी की हुई होती है।
"सी": एक निम्न स्तरीय मुखभाग गुणवत्ता युक्त माना जाता है, लेकिन सामान्य निर्माण प्रयोजनों के लिए एक उचित पसंद है। 1½ इंच व्यास की सख्त गांठें हो सकती हैं, कुछ गांठों के खुले छिद्र, ऊपरी सतह चटकी हुई और रंग उड़ा हुआ हो सकता है। कुछ उत्पादक कृत्रिम भराव से दोषों की मरम्मत कर सकते हैं। फलकों को आमतौर पर बालू से चिकना नहीं किया जाता है।
"डी": न्यूनतम गुणवत्ता पोशिश (वीनियर) समझा जाता है और अक्सर निर्माण श्रेणी के फलकों की पृष्ठ सतह के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। बड़ी और छोटी अनेक गांठें होती हैं, साथ ही 2½ इंच व्यास के गांठों के खुले छिद्र भी होते हैं। खुली गांठ, दरार और मलिनीकरण स्वीकार्य हैं। "डी" श्रेणी मलिनकिरण की न तो मरम्मत की जाती है और न ही उसे बालू से चिकना किया जाता है। इस श्रेणी को मौसमी तत्त्वों के प्रभाव में स्थायी रूप से खुला रखने की अनुशंसा नहीं की जाती।
अनुप्रयोग
प्लाईवुड का प्रयोग अनेक ऐसे अनुप्रयोगों में किया जाता है जिनमें उच्च गुणवत्ता तथा उच्च शक्ति की शीट सामग्री की आवश्यकता होती है। इस संदर्भ में गुणवत्ता का अर्थ है चटकने, टूटने, सिकुड़ने, बल खाने और मुड़ने का प्रतिरोध।
बाहर से चिपके हुए प्लाईवुड बाह्य उपयोग के लिए उपयुक्त हैं, लेकिन क्योंकि नमी लकड़ी की शक्ति को प्रभावित करती है, अतः अनुकूलतम प्रदर्शन तभी हासिल किया जा सकता है जब उसके अंदर नमी की मात्रा अपेक्षाकृत कम हो। दूसरी ओर, शून्य से नीचे तापमान वाली परिस्थितियां प्लाईवुड के आकार या मजबूती के गुण पर कोई प्रभाव नहीं डालती, जो इसके कुछ विशेष अनुप्रयोगों में इस्तेमाल को संभव को संभव बनाता है।
प्लाईवुड का इस्तेमाल दबाव प्रक्रिया (स्ट्रेस्ड स्किन) वाले अनुप्रयोगों में इंजीनियरिंग सामग्री के रूप में भी किया जाता है। द्वितीय विश्व युद्ध से इसका इस्तेमाल समुद्रीय और विमानन अनुप्रयोगों के लिए किया गया है। इनमें सबसे उल्लेखनीय है ब्रिटेन का डी हैवीलैंड मॉसक्विटो बॉम्बर, जिसे मुख्य रूप से लकड़ी से बनाया गया था। वर्तमान में प्लाईवुड का इस्तेमाल दबाव प्रक्रिया अनुप्रयोग में सफलतापूर्वक किया जाता है।. अमेरिकी डिजाइनर चार्ल्स और रे ईम्स अपने प्लाईवुड आधारित फर्नीचर के लिए प्रसिद्ध हैं, जबकि फिल बोल्गर मुख्य रूप से प्लाईवुड से निर्मित नौकाओं की विस्तृत श्रृंखला की डिजाइनिंग के लिए प्रसिद्ध हैं।
मृदुकाष्ठ (सॉफ्टवुड) अनुप्रयोग
स्प्रूस प्लाईवुड के विशिष्ट इस्तेमाल हैं:
भवन निर्माण में फर्श, दीवारें और छत
हवा देने वाले फलक (पैनल)
वाहनों की आंतरिक बॉडी का काम
पैकेज और संदूक
विज्ञापन पट
हदबंदी (बाड़ लगाना)
कोटिंग वाले समाधान उपलब्ध हैं जो स्प्रूस प्लाईवुड की प्रमुख तंतु संरचना को ढक लेते हैं। इन लेपित प्लाईवुड के कुछ अंतिम उपयोग हैं जहां उचित शक्ति की जरूरत है लेकिन स्प्रूस का हल्कापन लाभदायक है, उदाहरण के लिएः
कंक्रीट शटरिंग पैनल
निर्माण में पेंट के लिए तैयार सतहें
सन्टी प्लाईवुड अनुप्रयोग
विशेष लेपित सन्टी प्लाईवुड विशिष्ट रूप से संस्थापना-को-तैयार घटक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, उदाहरण के लिए:
कंक्रीट फॉर्मवर्क प्रणालियों में पैनल
परिवहन वाहनों में फर्श, दीवार और छत
कंटेनर फर्श,
विभिन्न इमारतों और कारखानों के फर्श जहां अधिक घिसावट होती है।
मचान सामग्री
सन्टी प्लाईबुड विशेष अनुप्रयोगों में एक संरचनात्मक सामग्री के रूप में प्रयोग किया जाता है, उदाहरण के लिए:
पवन टरबाइन ब्लेड
तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) वाहकों के लिए रोधन बक्से
चिकनी सतह और सटीक मोटाई, सामग्री के स्थायित्व के साथ मिल कर सन्टी प्लाईवुड को कई विशेष अंतिम उपयोगों के लिए एक अनुकूल सामग्री बनाते हैं, उदाहरण के लिएः
डाई कटिंग बोर्ड
लकड़ी के फर्श के लिए सहायक संरचना
खेल के मैदान संबंधी उपकरण
फर्नीचर
दक्षतापूर्ण आउटडोर विज्ञापनों के लिए संकेत और बाड़
वाद्य यंत्र
खेल उपकरण
ऊष्णकटिबंधीय प्लाईवुड अनुप्रयोग
आम प्लाईवुड
कंक्रीट पैनल
फर्श का आधार
संरचना पैनल
कंटेनर का फर्श
लैमिन बोर्ड
लैमिनेटेड वीनियर लम्बर (एलवीएल)
ऊष्णकटिबंधीय प्लाईवुड व्यापक रूप से दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र, मुख्यतः मलेशिया और इंडोनेशिया से उपलब्ध है। ऊष्णकटिबंधीय प्लाईवुड प्रीमियम गुणवत्ता और शक्ति समेटे हुए हैं। मशीनरी पर निर्भर करते हुए, ऊष्णकटिबंधीय प्लाईवुड मोटाई में उच्च सटीकता के साथ बनाया जा सकता है तथा अमेरिका, जापान, मध्य पूर्व, कोरिया और दुनिया भर के अन्य क्षेत्रों में एक बेहद बेहतर विकल्प है।
इन्हें भी देखें
योजित लकड़ी
फाइबरबोर्ड
ग्लूड लैमिनेटेड टिम्बर
हार्डबोर्ड
मैसोनाइट
मध्यम घनत्व फाइबरबोर्ड
ओरिएंटेड स्ट्रैंड बोर्ड
पार्टिकल बोर्ड
प्रेस्ड वुड
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
मटिरियल यूज़ेस प्रो वुडवर्किंग Tips.com
योजित लकड़ी
संयुक्त सामग्री
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दिल्ली के एक रेस्टोरेंट में आतंकियों ने कुछ लोगों को बंधक बनाया तो एनएसजी कमांडोज ने अपनी बहादुरी और ताकत का प्रदर्शन करते हुए आतंकियों को काबू कर लिया. सभी बंधक सकुशल मुक्त करा लिए गए. दरअसल, ये कोई वास्तविक घटना नहीं थी, बल्कि एनएसजी की टीम ने आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए दिल्ली में एक मॉकड्रिल की थी.
दिल्ली के हौजखास विलेज में शाम करीब 07:30 बजे अचानक से भारी पुलिस बल ने एक खास इलाके को घेर लिया. लोगों को वहां से बाहर निकाला जाने लगा, रास्ता साफ़ कराया गया. तभी अचानक
एनएसजी
के कमांडोज अपने आधुनिक हथियारों के साथ वहां आते हैं और एक रेस्टोरेंट को घेर लेते हैं.
असल में वहां कोई आतंकी नहीं थे, बल्कि सुरक्षा के लिहाज से यह एक मॉकड्रिल की गई थी. जिसके तहत एक पीसीआर कॉल की गई. बताया गया कि एक रेस्टोरेंट में आतंकियों ने लोगों को बंधक बना लिया है. कॉल के बाद दिल्ली पुलिस के स्वॉट कमांडोज वहां पहुंचते हैं.
इसके बाद एनएसजी को इस घटना की जानकारी दी जाती है. तभी एनएसजी के लिए रास्ता साफ कराया जाता है. इलाके से लोगों को भी बाहर कर दिया जाता है. एनएसजी के
कमांडोज
अपने आधुनिक हथियारों के साथ रेस्टोरेंट में दाखिल होते हैं.
पहले वे कमांडोज धीरे-धीरे बंधक बने लोगों को बाहर निकालते हैं और फिर थोड़ी देर में डमी आतंकियों पर काबू पाकर उन्हें बाहर ले आते हैं. इस तरह की मॉकड्रिल का मकसद किसी भी आपातकालीन स्थिति में सुरक्षा एजेंसियों की तैयारी का जायजा लेना होता है.
सुरक्षा एजेंसियों को मिलने वाले अलर्ट्स के हिसाब से समय-समय पर इस तरह की मॉकड्रिल की जाती हैं. जिसमें डमी आतंकियों पर काबू पाया जाता है. कार्रवाई का समय भी नोट किया जाता है.
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निवेशकों की अंतिम समय में की गई लिवाली से बाजारों में सोमवार को बढ़त रही और बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 130 अंक की मजबूती के साथ 25,399.65 अंक पर बंद हुआ। यूरोपीय शेयर बाजारों के शुरुआती नुकसान से उबरने तथा रिजर्व बैंक द्वारा मंगलवार को नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद से बाजार में मजबूती आई।
एक मासिक सर्वे में व्यापार ऑर्डर में तेज वृद्धि से देश की विनिर्माण गतिविधियां मार्च में आठ महीने के उच्च स्तर पर पहुंचने की रिपोर्ट से भी धारणा मजबूत हुई। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स मजबूती के साथ खुला और 25,424.15 अंक तक चला गया, लेकिन बाद में मुनाफावसूली से इसमें गिरावट आई और यह 25,223.49 अंक तक आ गया।
हालांकि अंतिम घंटे में कारोबार तथा यूरोप में तेजी की खबर से सेंसेक्स में मजबूती आई और यह 130.01 अंक या 0.51 प्रतिशत मजबूत होकर 25,399.65 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष के पहले दिन 72 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 45.75 अंक या 0.59 प्रतिशत मजबूत होकर 7,758.80 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 7,764.45 तथा 7,704.40 अंक के दायरे में रहा। जियोजीत बीएनपी परिबा के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद बढ़ने से बाजार में तेजी आई है।
मुद्रास्फीति के काबू में होने तथा सरकार के राजकोषीय मजबूती पर कायम पर होने के साथ बाजार को उम्मीद है कि रिजर्व बैंक वृद्धि को गति देने के लिए नीतिगत दर में 0.50 प्रतिशत तक की कटौती कर सकता है। इस बीच, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी आसान मौद्रिक नीति की वकालत की है। उन्होंने दलील दी है कि उच्च ब्याज दर अर्थव्यवस्था को धीमी कर सकती है।
वाहन शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स, बजाज आटो तथा हीरो मोटो कार्प में तेज लिवाली गतिविधियां देखी गई और मजबूत मासिक बिक्री के आधार पर ये 4.29 प्रतिशत तक चढ़े।
एचसीएल के बयान के बाद आईटी कंपनी जियोमेट्रिक शेयर 19.39 प्रतिशत मजबूत होकर 234 रुपये पर पहुंच गया। एचसीएल टेक्नोलॉजी ने कहा कि उसने इक्विटी अदला-बदली सौदे में कंपनी के सभी कारोबार के अधिग्रहण के लिए समझौता किया है।
वहीं एमफैसिस 2.77 प्रतिशत गिरकर 454.45 रुपये पर रहा। निवेशकों का मानना है कि अमेरिका की ब्लैकस्टोन की भारतीय कंपनी में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी 457.50 रुपये प्रति शेयर के भाव खरीदने की खुली पेशकश मूल्य के हिसाब से कम है।टिप्पणियां
वैश्विक स्तर पर यूरोपीय बाजारों में शुरुआती गिरावट के बाद तेजी आई। इसका कारण तेल कीमतों में तेजी आना है। एशियाई बाजारों में हांगकांग तथा चीन में स्थानीय अवकाश के कारण बाजार बंद थे। जापान का निक्की 0.25 प्रतिशत नीचे आया। घरेलू बाजार में सेंसेक्स के 30 शेयरों में 18 लाभ में जबकि 12 नुकसान में रहे।
लाभ में रहने वाले प्रमुख शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा (4.29 प्रतिशत), भारती एयरटेल (3.76 प्रतिशत), इंफोसिस (3.12 प्रतिशत), टाटा मोटर्स (2.24 प्रतिशत), एशियन पेंट्स (1.80 प्रतिशत) तथा बजाज ऑटो (1.35 प्रतिशत) शामिल हैं। वहीं दूसरी तरफ आईटीसी, मारुति सुजुकी, एक्सिस बैंक, कोल इंडिया, एचडीएफसी तथा ओएनजीसी में गिरावट दर्ज की गई।
एक मासिक सर्वे में व्यापार ऑर्डर में तेज वृद्धि से देश की विनिर्माण गतिविधियां मार्च में आठ महीने के उच्च स्तर पर पहुंचने की रिपोर्ट से भी धारणा मजबूत हुई। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स मजबूती के साथ खुला और 25,424.15 अंक तक चला गया, लेकिन बाद में मुनाफावसूली से इसमें गिरावट आई और यह 25,223.49 अंक तक आ गया।
हालांकि अंतिम घंटे में कारोबार तथा यूरोप में तेजी की खबर से सेंसेक्स में मजबूती आई और यह 130.01 अंक या 0.51 प्रतिशत मजबूत होकर 25,399.65 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष के पहले दिन 72 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 45.75 अंक या 0.59 प्रतिशत मजबूत होकर 7,758.80 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 7,764.45 तथा 7,704.40 अंक के दायरे में रहा। जियोजीत बीएनपी परिबा के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद बढ़ने से बाजार में तेजी आई है।
मुद्रास्फीति के काबू में होने तथा सरकार के राजकोषीय मजबूती पर कायम पर होने के साथ बाजार को उम्मीद है कि रिजर्व बैंक वृद्धि को गति देने के लिए नीतिगत दर में 0.50 प्रतिशत तक की कटौती कर सकता है। इस बीच, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी आसान मौद्रिक नीति की वकालत की है। उन्होंने दलील दी है कि उच्च ब्याज दर अर्थव्यवस्था को धीमी कर सकती है।
वाहन शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स, बजाज आटो तथा हीरो मोटो कार्प में तेज लिवाली गतिविधियां देखी गई और मजबूत मासिक बिक्री के आधार पर ये 4.29 प्रतिशत तक चढ़े।
एचसीएल के बयान के बाद आईटी कंपनी जियोमेट्रिक शेयर 19.39 प्रतिशत मजबूत होकर 234 रुपये पर पहुंच गया। एचसीएल टेक्नोलॉजी ने कहा कि उसने इक्विटी अदला-बदली सौदे में कंपनी के सभी कारोबार के अधिग्रहण के लिए समझौता किया है।
वहीं एमफैसिस 2.77 प्रतिशत गिरकर 454.45 रुपये पर रहा। निवेशकों का मानना है कि अमेरिका की ब्लैकस्टोन की भारतीय कंपनी में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी 457.50 रुपये प्रति शेयर के भाव खरीदने की खुली पेशकश मूल्य के हिसाब से कम है।टिप्पणियां
वैश्विक स्तर पर यूरोपीय बाजारों में शुरुआती गिरावट के बाद तेजी आई। इसका कारण तेल कीमतों में तेजी आना है। एशियाई बाजारों में हांगकांग तथा चीन में स्थानीय अवकाश के कारण बाजार बंद थे। जापान का निक्की 0.25 प्रतिशत नीचे आया। घरेलू बाजार में सेंसेक्स के 30 शेयरों में 18 लाभ में जबकि 12 नुकसान में रहे।
लाभ में रहने वाले प्रमुख शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा (4.29 प्रतिशत), भारती एयरटेल (3.76 प्रतिशत), इंफोसिस (3.12 प्रतिशत), टाटा मोटर्स (2.24 प्रतिशत), एशियन पेंट्स (1.80 प्रतिशत) तथा बजाज ऑटो (1.35 प्रतिशत) शामिल हैं। वहीं दूसरी तरफ आईटीसी, मारुति सुजुकी, एक्सिस बैंक, कोल इंडिया, एचडीएफसी तथा ओएनजीसी में गिरावट दर्ज की गई।
हालांकि अंतिम घंटे में कारोबार तथा यूरोप में तेजी की खबर से सेंसेक्स में मजबूती आई और यह 130.01 अंक या 0.51 प्रतिशत मजबूत होकर 25,399.65 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष के पहले दिन 72 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 45.75 अंक या 0.59 प्रतिशत मजबूत होकर 7,758.80 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 7,764.45 तथा 7,704.40 अंक के दायरे में रहा। जियोजीत बीएनपी परिबा के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद बढ़ने से बाजार में तेजी आई है।
मुद्रास्फीति के काबू में होने तथा सरकार के राजकोषीय मजबूती पर कायम पर होने के साथ बाजार को उम्मीद है कि रिजर्व बैंक वृद्धि को गति देने के लिए नीतिगत दर में 0.50 प्रतिशत तक की कटौती कर सकता है। इस बीच, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी आसान मौद्रिक नीति की वकालत की है। उन्होंने दलील दी है कि उच्च ब्याज दर अर्थव्यवस्था को धीमी कर सकती है।
वाहन शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स, बजाज आटो तथा हीरो मोटो कार्प में तेज लिवाली गतिविधियां देखी गई और मजबूत मासिक बिक्री के आधार पर ये 4.29 प्रतिशत तक चढ़े।
एचसीएल के बयान के बाद आईटी कंपनी जियोमेट्रिक शेयर 19.39 प्रतिशत मजबूत होकर 234 रुपये पर पहुंच गया। एचसीएल टेक्नोलॉजी ने कहा कि उसने इक्विटी अदला-बदली सौदे में कंपनी के सभी कारोबार के अधिग्रहण के लिए समझौता किया है।
वहीं एमफैसिस 2.77 प्रतिशत गिरकर 454.45 रुपये पर रहा। निवेशकों का मानना है कि अमेरिका की ब्लैकस्टोन की भारतीय कंपनी में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी 457.50 रुपये प्रति शेयर के भाव खरीदने की खुली पेशकश मूल्य के हिसाब से कम है।टिप्पणियां
वैश्विक स्तर पर यूरोपीय बाजारों में शुरुआती गिरावट के बाद तेजी आई। इसका कारण तेल कीमतों में तेजी आना है। एशियाई बाजारों में हांगकांग तथा चीन में स्थानीय अवकाश के कारण बाजार बंद थे। जापान का निक्की 0.25 प्रतिशत नीचे आया। घरेलू बाजार में सेंसेक्स के 30 शेयरों में 18 लाभ में जबकि 12 नुकसान में रहे।
लाभ में रहने वाले प्रमुख शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा (4.29 प्रतिशत), भारती एयरटेल (3.76 प्रतिशत), इंफोसिस (3.12 प्रतिशत), टाटा मोटर्स (2.24 प्रतिशत), एशियन पेंट्स (1.80 प्रतिशत) तथा बजाज ऑटो (1.35 प्रतिशत) शामिल हैं। वहीं दूसरी तरफ आईटीसी, मारुति सुजुकी, एक्सिस बैंक, कोल इंडिया, एचडीएफसी तथा ओएनजीसी में गिरावट दर्ज की गई।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 45.75 अंक या 0.59 प्रतिशत मजबूत होकर 7,758.80 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 7,764.45 तथा 7,704.40 अंक के दायरे में रहा। जियोजीत बीएनपी परिबा के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद बढ़ने से बाजार में तेजी आई है।
मुद्रास्फीति के काबू में होने तथा सरकार के राजकोषीय मजबूती पर कायम पर होने के साथ बाजार को उम्मीद है कि रिजर्व बैंक वृद्धि को गति देने के लिए नीतिगत दर में 0.50 प्रतिशत तक की कटौती कर सकता है। इस बीच, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी आसान मौद्रिक नीति की वकालत की है। उन्होंने दलील दी है कि उच्च ब्याज दर अर्थव्यवस्था को धीमी कर सकती है।
वाहन शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स, बजाज आटो तथा हीरो मोटो कार्प में तेज लिवाली गतिविधियां देखी गई और मजबूत मासिक बिक्री के आधार पर ये 4.29 प्रतिशत तक चढ़े।
एचसीएल के बयान के बाद आईटी कंपनी जियोमेट्रिक शेयर 19.39 प्रतिशत मजबूत होकर 234 रुपये पर पहुंच गया। एचसीएल टेक्नोलॉजी ने कहा कि उसने इक्विटी अदला-बदली सौदे में कंपनी के सभी कारोबार के अधिग्रहण के लिए समझौता किया है।
वहीं एमफैसिस 2.77 प्रतिशत गिरकर 454.45 रुपये पर रहा। निवेशकों का मानना है कि अमेरिका की ब्लैकस्टोन की भारतीय कंपनी में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी 457.50 रुपये प्रति शेयर के भाव खरीदने की खुली पेशकश मूल्य के हिसाब से कम है।टिप्पणियां
वैश्विक स्तर पर यूरोपीय बाजारों में शुरुआती गिरावट के बाद तेजी आई। इसका कारण तेल कीमतों में तेजी आना है। एशियाई बाजारों में हांगकांग तथा चीन में स्थानीय अवकाश के कारण बाजार बंद थे। जापान का निक्की 0.25 प्रतिशत नीचे आया। घरेलू बाजार में सेंसेक्स के 30 शेयरों में 18 लाभ में जबकि 12 नुकसान में रहे।
लाभ में रहने वाले प्रमुख शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा (4.29 प्रतिशत), भारती एयरटेल (3.76 प्रतिशत), इंफोसिस (3.12 प्रतिशत), टाटा मोटर्स (2.24 प्रतिशत), एशियन पेंट्स (1.80 प्रतिशत) तथा बजाज ऑटो (1.35 प्रतिशत) शामिल हैं। वहीं दूसरी तरफ आईटीसी, मारुति सुजुकी, एक्सिस बैंक, कोल इंडिया, एचडीएफसी तथा ओएनजीसी में गिरावट दर्ज की गई।
मुद्रास्फीति के काबू में होने तथा सरकार के राजकोषीय मजबूती पर कायम पर होने के साथ बाजार को उम्मीद है कि रिजर्व बैंक वृद्धि को गति देने के लिए नीतिगत दर में 0.50 प्रतिशत तक की कटौती कर सकता है। इस बीच, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी आसान मौद्रिक नीति की वकालत की है। उन्होंने दलील दी है कि उच्च ब्याज दर अर्थव्यवस्था को धीमी कर सकती है।
वाहन शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स, बजाज आटो तथा हीरो मोटो कार्प में तेज लिवाली गतिविधियां देखी गई और मजबूत मासिक बिक्री के आधार पर ये 4.29 प्रतिशत तक चढ़े।
एचसीएल के बयान के बाद आईटी कंपनी जियोमेट्रिक शेयर 19.39 प्रतिशत मजबूत होकर 234 रुपये पर पहुंच गया। एचसीएल टेक्नोलॉजी ने कहा कि उसने इक्विटी अदला-बदली सौदे में कंपनी के सभी कारोबार के अधिग्रहण के लिए समझौता किया है।
वहीं एमफैसिस 2.77 प्रतिशत गिरकर 454.45 रुपये पर रहा। निवेशकों का मानना है कि अमेरिका की ब्लैकस्टोन की भारतीय कंपनी में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी 457.50 रुपये प्रति शेयर के भाव खरीदने की खुली पेशकश मूल्य के हिसाब से कम है।टिप्पणियां
वैश्विक स्तर पर यूरोपीय बाजारों में शुरुआती गिरावट के बाद तेजी आई। इसका कारण तेल कीमतों में तेजी आना है। एशियाई बाजारों में हांगकांग तथा चीन में स्थानीय अवकाश के कारण बाजार बंद थे। जापान का निक्की 0.25 प्रतिशत नीचे आया। घरेलू बाजार में सेंसेक्स के 30 शेयरों में 18 लाभ में जबकि 12 नुकसान में रहे।
लाभ में रहने वाले प्रमुख शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा (4.29 प्रतिशत), भारती एयरटेल (3.76 प्रतिशत), इंफोसिस (3.12 प्रतिशत), टाटा मोटर्स (2.24 प्रतिशत), एशियन पेंट्स (1.80 प्रतिशत) तथा बजाज ऑटो (1.35 प्रतिशत) शामिल हैं। वहीं दूसरी तरफ आईटीसी, मारुति सुजुकी, एक्सिस बैंक, कोल इंडिया, एचडीएफसी तथा ओएनजीसी में गिरावट दर्ज की गई।
वाहन शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स, बजाज आटो तथा हीरो मोटो कार्प में तेज लिवाली गतिविधियां देखी गई और मजबूत मासिक बिक्री के आधार पर ये 4.29 प्रतिशत तक चढ़े।
एचसीएल के बयान के बाद आईटी कंपनी जियोमेट्रिक शेयर 19.39 प्रतिशत मजबूत होकर 234 रुपये पर पहुंच गया। एचसीएल टेक्नोलॉजी ने कहा कि उसने इक्विटी अदला-बदली सौदे में कंपनी के सभी कारोबार के अधिग्रहण के लिए समझौता किया है।
वहीं एमफैसिस 2.77 प्रतिशत गिरकर 454.45 रुपये पर रहा। निवेशकों का मानना है कि अमेरिका की ब्लैकस्टोन की भारतीय कंपनी में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी 457.50 रुपये प्रति शेयर के भाव खरीदने की खुली पेशकश मूल्य के हिसाब से कम है।टिप्पणियां
वैश्विक स्तर पर यूरोपीय बाजारों में शुरुआती गिरावट के बाद तेजी आई। इसका कारण तेल कीमतों में तेजी आना है। एशियाई बाजारों में हांगकांग तथा चीन में स्थानीय अवकाश के कारण बाजार बंद थे। जापान का निक्की 0.25 प्रतिशत नीचे आया। घरेलू बाजार में सेंसेक्स के 30 शेयरों में 18 लाभ में जबकि 12 नुकसान में रहे।
लाभ में रहने वाले प्रमुख शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा (4.29 प्रतिशत), भारती एयरटेल (3.76 प्रतिशत), इंफोसिस (3.12 प्रतिशत), टाटा मोटर्स (2.24 प्रतिशत), एशियन पेंट्स (1.80 प्रतिशत) तथा बजाज ऑटो (1.35 प्रतिशत) शामिल हैं। वहीं दूसरी तरफ आईटीसी, मारुति सुजुकी, एक्सिस बैंक, कोल इंडिया, एचडीएफसी तथा ओएनजीसी में गिरावट दर्ज की गई।
एचसीएल के बयान के बाद आईटी कंपनी जियोमेट्रिक शेयर 19.39 प्रतिशत मजबूत होकर 234 रुपये पर पहुंच गया। एचसीएल टेक्नोलॉजी ने कहा कि उसने इक्विटी अदला-बदली सौदे में कंपनी के सभी कारोबार के अधिग्रहण के लिए समझौता किया है।
वहीं एमफैसिस 2.77 प्रतिशत गिरकर 454.45 रुपये पर रहा। निवेशकों का मानना है कि अमेरिका की ब्लैकस्टोन की भारतीय कंपनी में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी 457.50 रुपये प्रति शेयर के भाव खरीदने की खुली पेशकश मूल्य के हिसाब से कम है।टिप्पणियां
वैश्विक स्तर पर यूरोपीय बाजारों में शुरुआती गिरावट के बाद तेजी आई। इसका कारण तेल कीमतों में तेजी आना है। एशियाई बाजारों में हांगकांग तथा चीन में स्थानीय अवकाश के कारण बाजार बंद थे। जापान का निक्की 0.25 प्रतिशत नीचे आया। घरेलू बाजार में सेंसेक्स के 30 शेयरों में 18 लाभ में जबकि 12 नुकसान में रहे।
लाभ में रहने वाले प्रमुख शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा (4.29 प्रतिशत), भारती एयरटेल (3.76 प्रतिशत), इंफोसिस (3.12 प्रतिशत), टाटा मोटर्स (2.24 प्रतिशत), एशियन पेंट्स (1.80 प्रतिशत) तथा बजाज ऑटो (1.35 प्रतिशत) शामिल हैं। वहीं दूसरी तरफ आईटीसी, मारुति सुजुकी, एक्सिस बैंक, कोल इंडिया, एचडीएफसी तथा ओएनजीसी में गिरावट दर्ज की गई।
वहीं एमफैसिस 2.77 प्रतिशत गिरकर 454.45 रुपये पर रहा। निवेशकों का मानना है कि अमेरिका की ब्लैकस्टोन की भारतीय कंपनी में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी 457.50 रुपये प्रति शेयर के भाव खरीदने की खुली पेशकश मूल्य के हिसाब से कम है।टिप्पणियां
वैश्विक स्तर पर यूरोपीय बाजारों में शुरुआती गिरावट के बाद तेजी आई। इसका कारण तेल कीमतों में तेजी आना है। एशियाई बाजारों में हांगकांग तथा चीन में स्थानीय अवकाश के कारण बाजार बंद थे। जापान का निक्की 0.25 प्रतिशत नीचे आया। घरेलू बाजार में सेंसेक्स के 30 शेयरों में 18 लाभ में जबकि 12 नुकसान में रहे।
लाभ में रहने वाले प्रमुख शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा (4.29 प्रतिशत), भारती एयरटेल (3.76 प्रतिशत), इंफोसिस (3.12 प्रतिशत), टाटा मोटर्स (2.24 प्रतिशत), एशियन पेंट्स (1.80 प्रतिशत) तथा बजाज ऑटो (1.35 प्रतिशत) शामिल हैं। वहीं दूसरी तरफ आईटीसी, मारुति सुजुकी, एक्सिस बैंक, कोल इंडिया, एचडीएफसी तथा ओएनजीसी में गिरावट दर्ज की गई।
वैश्विक स्तर पर यूरोपीय बाजारों में शुरुआती गिरावट के बाद तेजी आई। इसका कारण तेल कीमतों में तेजी आना है। एशियाई बाजारों में हांगकांग तथा चीन में स्थानीय अवकाश के कारण बाजार बंद थे। जापान का निक्की 0.25 प्रतिशत नीचे आया। घरेलू बाजार में सेंसेक्स के 30 शेयरों में 18 लाभ में जबकि 12 नुकसान में रहे।
लाभ में रहने वाले प्रमुख शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा (4.29 प्रतिशत), भारती एयरटेल (3.76 प्रतिशत), इंफोसिस (3.12 प्रतिशत), टाटा मोटर्स (2.24 प्रतिशत), एशियन पेंट्स (1.80 प्रतिशत) तथा बजाज ऑटो (1.35 प्रतिशत) शामिल हैं। वहीं दूसरी तरफ आईटीसी, मारुति सुजुकी, एक्सिस बैंक, कोल इंडिया, एचडीएफसी तथा ओएनजीसी में गिरावट दर्ज की गई।
लाभ में रहने वाले प्रमुख शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा (4.29 प्रतिशत), भारती एयरटेल (3.76 प्रतिशत), इंफोसिस (3.12 प्रतिशत), टाटा मोटर्स (2.24 प्रतिशत), एशियन पेंट्स (1.80 प्रतिशत) तथा बजाज ऑटो (1.35 प्रतिशत) शामिल हैं। वहीं दूसरी तरफ आईटीसी, मारुति सुजुकी, एक्सिस बैंक, कोल इंडिया, एचडीएफसी तथा ओएनजीसी में गिरावट दर्ज की गई।
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उत्तर कोरिया ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एशिया यात्रा की आलोचना करते हुए कहा कि इससे सिर्फ प्योंगयांग को एक पूर्ण परमाणु शक्ति की ओर बढ़ने में मदद मिलेगी. ट्रंप अपनी एशिया यात्रा के दौरान उत्तर कोरिया के हथियार कार्यक्रम को रोकने के लिए समर्थन जुटा रहे हैं. वह क्षेत्रीय शक्तियों से उत्तर कोरिया की सरकार के खिलाफ एकजुट होकर खड़े होने का अनुरोध कर रहे हैं.
ट्रंप की एशिया यात्रा युद्धोन्मादी यात्रा
ट्रंप की यात्रा
पर उत्तर कोरिया के किसी अधिकारी की पहली टिप्पणी में कहा गया है कि 'यह एक युद्धोन्मादी यात्रा है. जो इस देश को आत्मरक्षा के लिए परमाणु हथियार की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेगा.'
बिना जंग के हल चाहते हैं ट्रंप
अपने एशियाई दौरे पर दक्षिण कोरिया में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डोनाल्ड ट्रम्प कह चुके हैं कि वो बिना जंग किए नॉर्थ कोरिया मसले का हल निकालना चाहते हैं. अपने बयान में न सिर्फ वो
उत्तर कोरियाई जनता
को बेहतर भविष्य का सपना दिखा रहे हैं बल्कि उन्हें भड़काने की कोशिश भी करते नज़र आ रहे हैं.
अमेरिका की शह पर तख्ता पलट की तैयारी
एक तरफ युद्ध के हालात में जहां मार्शल किम जोंग उन एक के बाद एक न्यूक्लियर और मिसाइल टेस्ट में जुटा है तो वहीं दूसरी तरफ जनता 90 के बाद दूसरी सबसे बड़ी भुखमरी झेलने की कगार पर आ पहुंची है. लिहाज़ा अब इन लोगों के दिलों में सरकार के खिलाफ आग सुलगने लगी है और इस आग को विद्रोही नेता अमेरिका जैसे देशों की शह पर चिंगारी से भड़काने में लगे हुए हैं. अजब नहीं कि अमेरिका को बिना जंग शुरू किए हुए ही नॉर्थ कोरिया की सरकार का तख्ता पलट करने में कामयाबी मिल जाए.
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महाराष्ट्र के ठाणे के मुंब्रा स्थित दियाघर में स्क्रैप यार्ड पर छापा मारकर पुलिस ने 15 किलो अमोनियम नाइट्रेट और नौ डिटोनेटर जब्त किए हैं. स्क्रैप यार्ड में पड़े एक एसयूवी से ये विस्फोटक बरामद हुआ है. पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को हिरासत में लिया है. आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.
जानकारी के मुताबिक, एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉयड, बम डिसपोजल स्क्वॉयड औक आरपीएफ की संयुक्त टीम ने दियाघर स्थित इस स्क्रैप यार्ड पर छापा मारा. यहां कबाड़ में पड़ी एक एसयूवी कार से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ. पुलिस ने 15 किलो अमोनियम नाइट्रेट और नौ डिटोनेटर जब्त कर लिए.
पुलिस ने यहां से जंक यार्ड के मालिक इस्माइल शेख, उसके बेटे अब्दुल्ला शेख और एक बिल्डर महेंद्र नाइक अलीस (बंटी) को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है. इतनी मात्रा में विस्फोटक किस काम के लिए लाया गया था, ये बड़ा सवाल बना हुआ है. इसके टेरर लिंक की भी जांच की जा रही है.
एक
पुलिस अधिकारी
ने कहा कि हमने तीन लोगों को हिरासत में लिया है. उनसे पूछताछ की जा रही है. हम सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच कर रहे हैं. 15 किलो अमोनियम नाइट्रेट स्कॉर्पियो की डिकी में एक बोरी में रखा गया था, जबकि डिटोनेटर्स के पास नौ फीट पीले-रंग के नायलॉन तार थे.
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लेख: जनलोकपाल बिल को गिराने को लेकर कांग्रेस और भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जनता इन दोनों पार्टियों को आने वाले समय में सबक सिखाएगी।
उन्होंने कहा, 'वह झूठ बोलते हैं कि हम संविधान का पालन नहीं कर रहे। वह हमसे भ्रष्टाचार करवाना चाहते हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने हाथ मिला लिए हैं। हम कहते हैं भ्रष्टाचार मिटाओ। वह कहते हैं यह असंवैधानिक है।' केजरीवाल ने यहां आम आदमी पार्टी मुख्यालय के बाहर बड़ी संख्या में मौजूद अपने समर्थकों से कहा, 'वह माइक तोड़ते हैं और इसे संवैधानिक मानते हैं। जनता उन्हें सबक सिखाएगी।' उन्होंने कहा कि दोनों दल चाहते थे कि वह उनकी इच्छाओं के अनुसार काम करें।
विधानसभा में शुक्रवार को जनलोकपाल विधेयक की हार के बाद इस्तीफा देने वाले केजरीवाल ने कहा, 'विधानसभा में कल जो कुछ हुआ उससे मेरा दिल टूट गया। वह चाहते थे कि हम उनकी इच्छाओं के अनुसार काम करें। वह सोचते हैं कि हम नए हैं और हम जो भी काम करेंगे, उसमें उनकी सलाह मांगेंगे। लेकिन हमने संविधान का पालन किया और मैं संविधान के लिए अपना जीवन बलिदान करने को तैयार हूं।'
अपनी करीब आधे घंटे की तकरीर में केजरीवाल ने भाजपा और कांग्रेस दोनों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'मुझे याद है कि जब दिल्ली विधानसभा के चुनाव हुए थे तो हम यहां थे। मुझे याद है मैंने इसी खिड़की से आपको संबोधित किया था। हमें 28 सीटें मिलीं और हम सरकार बनाने के बारे में निश्चित नहीं थे। हमारा विचार था कि हम भाजपा या कांग्रेस का सहयोग नहीं लेंगे।' केजरीवाल ने कहा, 'कांग्रेस ने जबर्दस्ती हमें समर्थन दिया। हमने लोगों से पूछा। उन्होंने जितने दिनों के लिए हो सके समर्थन लेने और अच्छा काम करने को कहा।' इसके बाद हम 28 दिसंबर को सत्ता में आए। हमारा सबसे बड़ा वादा एक मजबूत भ्रष्टाचार निरोधक जन लोकपाल विधेयक था। कांग्रेस ने लिखित में दिया था कि वह जन लोकपाल विधेयक का समर्थन करेंगे।
'आज जब हमने विधानसभा में जन लोकपाल विधेयक पेश करने का प्रयास किया तो भाजपा और कांग्रेस एक हो गए। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था.. 'उन्होंने जन लोकपाल विधेयक को हरा दिया। ऐसा क्यों हुआ, क्योंकि तीन दिन पहले मुकेश अंबानी (रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष) के खिलाफ हमने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। यह वही आदमी है जो देश की सरकार चलाता है।'
केजरीवाल ने आरोप लगाया, 'मुकेश अंबानी ने एक बार कहा था कि कांग्रेस उसकी दुकान है और वह उससे कुछ भी खरीद सकता है और पिछले दस साल से वह संप्रग सरकार चला रहा है।' उन्होंने कहा, 'मोदी के पीछे भी मुकेश अंबानी है। मोदी को इतना पैसा कहां से मिलता है? मोदी हेलीकॉप्टर में घूमते हैं। इतनी विशाल रैलियां करने के लिए उनके पास पैसा कहां से आता है? जब हमने मुकेश अंबानी की तरफ उंगली उठाई तो कांग्रेस और भाजपा ने हाथ मिला लिए।'
केजरीवाल ने कहा, 'वह सोचते हैं कि केजरीवाल भ्रष्टाचार के खिलाफ एक छोटी सी इकाई है और वह इस तरह की बाधाएं खड़ी कर रहे हैं। अगर जन लोकपाल विधेयक बन गया तो उनके आधे से ज्यादा पार्टीजन जेल में होंगे। वह सोचते हैं कि हम शरद पवार, कमल नाथ के खिलाफ भी आवाज उठाएंगे।'
उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस देश को लूटने के लिए हर दिन मिलते हैं, 'लेकिन पिछले कुछ दिनों में उनके असली चेहरे सामने आ गए हैं। दोनों ने आज विधेयक को विधानसभा में पास नहीं होने दिया।'
केजरीवाल ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस पिछले पांच साल में बिजली वितरण कंपनियों का ऑडिट नहीं करवा पाईं, जो हमने पांच दिन में कर दिया। वह 65 बरस में भ्रष्टाचार नहीं मिटा पाए, हमने शीला दीक्षित के भ्रष्टाचार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।
केजरीवाल ने सवाल किया, 'उन्होंने हमसे कहा कि ऐसा मत करो और सरकार चलाओ। क्या भ्रष्ट को जेल में डालना सरकार चलाना नहीं है?' केजरीवाल ने कहा, 'मैं कोई नहीं हूं। मैं आप में से ही एक हूं। मैं पद के लिए यहां नहीं आया था। आज जब जनलोकपाल विधेयक पास नहीं हो पाया तो हमारी सरकार ने इस्तीफा दे दिया। हमारी केबिनेट ने सिफारिश की है कि विधानसभा को भंग कर दिया जाए और ताजा चुनाव कराए जाएं।'
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पूरे समर्पण के साथ दिल्ली की जनता के कल्याण के लिए दिन रात काम कर रही थी। 'अगर मुझे मुख्यमंत्री के पद से 100 बार भी इस्तीफा देना पड़े तो मैं दूंगा..अंत में मैं ईश्वर से यही प्रार्थना करूंगा कि हम छोटे लोग हैं, कृपया हमें सद्बुद्धि दें ताकि हम देश के भले के लिए अपने प्राणों की आहूति दे सकें।'
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हर दिन का सम्बन्ध एक ग्रह से होता है. उस दिन उस ग्रह की पूजा करके और उपवास रखकर हम उस ग्रह को मजबूत कर सकते हैं. बृहस्पतिवार के व्रत से तीन देवताओं की कृपा मिल सकती है - श्री हरि , साईं बाबा और बृहस्पति देव. श्री हरि की कृपा से संपत्ति और सम्पन्नता दोनों मिल सकती है. साईं बाबा की कृपा से हर मनोकामना पूरी हो सकती है. बृहस्पति देव की कृपा से संतान और विवाह की समस्याएं दूर हो सकती हैं. यह व्रत हर प्रकार से सुख, शान्ति और समृद्धि देता है.
किनके लिए बृहस्पतिवार व्रत रखना लाभकारी होगा?
- जिनकी कुंडलियों में बृहस्पति कमजोर हो
- जिनका विवाह न हो पा रहा हो या वैवाहिक जीवन ख़राब हो
- जिनको संतान सम्बन्धी कोई भी समस्या हो
- जिनको साईं बाबा की कृपा पानी हो
- जिनको पेट या मोटापे की कोई समस्या हो
कैसे रखें बृहस्पतिवार व्रत?
- प्रातःकाल स्नान करके व्रत का संकल्प लें
- सूर्य को हल्दी मिलकर जल अर्पित करें
- इसके बाद केले के पौधे में जल अर्पित करें
- बृहस्पति के मन्त्रों का जाप करें
- चाहें तो बृहस्पति व्रत कथा भी कह और सुन सकते हैं
- दिन में केवल जल और फल पर उपवास रक्खें
- संध्याकाळ को पुनः मन्त्र जाप करें
संपत्ति और सम्पन्नता के लिए क्या करें?
- बृहस्पतिवार का व्रत रखें
- विष्णु जी को पीले पुष्प अर्पित करें
- इसके बाद "विष्णु सहस्त्रनाम" का पाठ करें
- या गीता के ग्यारहवें अध्याय का पाठ करें
विवाह और संतान के लिए क्या करें?
- बृहस्पतिवार का व्रत रखें
- प्रातः सूर्य को हल्दी मिलाकर जल अर्पित करें
- इसके बाद हल्दी की माला से बृहस्पति के मंत्र का जाप करें
- मंत्र होगा - "ॐ बृं बृहस्पतये नमः"
- इस दिन सूर्यास्त के पहले ही पीला भोजन कर लेना उत्तम होता है
साईं बाबा की कृपा प्राप्ति के लिए क्या करें?
- बृहस्पतिवार का उपवास रक्खें
- साईं बाबा के मंदिर जाएँ
- उन्हें पीले फूलों की माला अर्पित करें
- उनके चरणों पर सर रखकर मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें
- निर्धनों में हलवा पूरी का वितरण करें
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मध्य प्रदेश
विधानसभा चुनाव
के मद्देनज़र कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देने कांग्रेस अध्यक्ष
राहुल गांधी
सोमवार को भोपाल आ रहे हैं, लेकिन उससे ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उनके दौरे के साथ-साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
कमलनाथ
पर बड़ा हमला बोला है.
बीजेपी नेता और शिवराज सरकार में मंत्री विश्वास सारंग ने दौरे से ठीक पहले राहुल गांधी से पूछा है कि क्या वह अपनी भोपाल यात्रा के दौरान उस व्यक्ति (कमलनाथ) के साथ मंच साझा करना पसंद करेंगे, जो 1984 के सिख दंगों का आरोपी रहा है. जिस पर इन दंगों के दौरान मॉब लिंचिंग जैसे संगीन आरोप हों.
विश्वास सारंग ने साल 2016 का जिक्र करते हुए कहा कि कमलनाथ को पंजाब प्रदेश कांग्रेस का प्रभारी बनाया गया था, लेकिन सिखों के भारी विरोध के चलते तीन महीने के अंदर ही उन्हें पद से हटना पड़ गया था. सारंग ने कमलनाथ पर आरोप लगाते हुए राहुल गांधी से पूछा है कि जब कमलनाथ को पंजाब से हटा दिया था तो उन्हें मध्य प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष क्यों बनाया गया? सारंग ने राहुल गांधी से मांग की है कि कमलनाथ को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाया जाए.
कांग्रेस का पलटवार
बीजेपी पर पलटवार करते हुए मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा कि
बीजेपी
आरोप लगाने के बजाय अपने दामन में झांके जिसके राष्ट्रीय नेतृत्व पर 2002 के गुजरात दंगों और मॉब लिंचिंग के आरोप लगे हुए हैं. सलूजा ने पूछा कि बीजेपी कार्यकर्ता कैसे उनको नेतृत्व के रूप में स्वीकार करते हैं जिनकी सरकार के हाथ किसानों के खून से रंगे हों.
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भोपाल आने वाले हैं जिसे लेकर मध्य प्रदेश का चुनावी पारा इन दिनों काफी चढ़ा हुआ है और नेता एक दूसरे पर जमकर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं.
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कुछ साल पहले, मेरे दोस्त एम ने मुझसे कहा, ''मुझे नहीं पता कि लोग ऐसा क्यों कहते हैं कि महिलाओं से बलात्कार उनके कपड़ों के कारण नहीं होता है. बेशक इसी वजह से होता है.'' यह सुनकर मैं तो सन्न रह गई. नारीवाद ने मुझे सिखाया था कि वस्त्रों का महिलाओं के साथ बलात्कार से कोई लेना-देना नहीं है और इसका सारा दोष पुरुषों का ही है. एम की बात जारी रही, ''पुरुष अपने गुस्से और ताकत की वजह से बलात्कार करते हैं, सेक्स के लिए नहीं. है ना?
और कभी-कभी जब वे एक औरत को कुछ अजीब तरीके के कपड़ों में देखते हैं तो उन्हें लगता है, ''उसकी? उसे सजा दी जानी चाहिए.'' एम ने अपने हिसाब से सही ही तात्पर्य निकाला था.
इसने मुझे मुंबई हवाईअड्डे पर फ्लाइट के लिए तेजी से बढऩे के दौरान बाहर झांकती मेरी ब्रा के स्ट्रैप की ओर मेरा ध्यान दिलाने वाले अधिकारी से लेकर कोझिकोड के पुराने दिनों की जब मैं पैंट पहनने वाली और कम बालों वाली किशोरी हुआ करती थी और दो मुस्टंडे मेरा पीछा कर रहे थे, से लेकर उपहास की नजर से देखने वाले अनगिनत पुरुष रिश्तेदारों की याद दिला दी.
अपनी कविता वाराई याराई गली एजुथुथल, में तमिल कवयित्री पेरुनदेवी लिखती हैं:
एक स्त्री की जीभ को हम कितने तरीकों से समझ सकते हैं?
निश्चित रूप से, जीवंतता के मोती के रूप में नहीं-
यहां तक कि उनकी लाली भी अनार सी नहीं है.
न ही एक पालतू तोते के गीत के रूप में—इसके दोहराने वाले टेक के साथ, यह तो किसी तूफान में चौराहे पर घूमते साइनपोस्ट सी है.
पुरानी सोच वाले लोग व्हाट्सऐप पर चलने वाले चुटकुले सुनाना पसंद करते हैं कि कैसे महिलाएं हर समय कपड़ों के बारे में सोचती रहती हैं जबकि पुरुष इस बारे में सोचते तक नहीं. यह सही है. हमारे कपड़े भारत में तूफानी चौराहे पर मौजूद उस साइनपोस्ट जैसे हैं जो हमेशा घूमता रहता है.
यहां तक कि जब मैं स्कूल यूनिफॉर्म में थी, तब भी हम कभी नहीं भूलते थे कि हमने क्या पहना है. एक शिक्षक ने मुझे गलियारे में देखा और कहा कि मेरे पिनफोर की नेकलाइन (जिसके नीचे एक शर्ट थी) बहुत गहरी है.
मेरी मां ने, जो यह समझती थीं कि उन वर्षों में मेरे पिता के वेतन से हम बच्चों को स्कूल में पढ़ाने का खर्च ही मुश्किल से पूरा हो पाता था, मुझ से टीचर की बातों को अनदेखा करने के लिए कहा. पहली बार मेरी मां ने मुझे अपने कपड़े के बारे में किसी की टिप्पणियों को अनदेखा करने के लिए कहा था.
एक मां के रूप में उन्होंने हमेशा यही सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि मैंने जो पहना हो, उसके लिए कभी मेरी आलोचना न हो. मेरे बचपन के शुरुआती दिनों को बैंगलोर के लिए लिहाज से बहुत घिसा-पिटा/केरल के लिए बहुत अधिक उत्तेजक/मस्कत के लिए कुछ ज्यादा ही अजीब सा/ बहुत पेंटेकोस्टल/और बहुत तमिल समझा गया.
जब मैं 21 की उम्र में अपने दादा-दादी के घर से निकली तो थोड़े समय के लिए उचित कपड़ों का ख्याल मेरे मन से निकल गया. उस दौरान मैंने कभी ब्रा नहीं पहना, यह तंग है/ढीला है/नीचा है/उंचा है/ छोटा है/बड़ा है, इसका कोई भान नहीं रहा. मैंने पूरे देश में बेझिझक सफर किया. तकरीबन 100 युवाओं के दफ्तर में काम किया और बेंगलूरू तथा आसपास के इलाकों के स्लम एरिया में गई और एक-दूसरे के कपड़ों तथा खुद के कपड़ों को अक्सर देखा करते थे, लेकिन अक्सर उस पर टीका-टिप्पणी नहीं होती थी.
उसके बाद मैंने दिल्ली के एक ऑफिस में कुछ वर्षों तक काम किया और मैंने यहां जो भी पहना, उसको लेकर कभी कोई टिप्पणी की ही नहीं गई लेकिन मैं अपने जीवन में इससे ज्यादा उदास कभी नहीं रही.
ब्लैक ड्रेस और साड़ी को अदल-बदलकर पहनने के बीच ही यहां का मेरा पारिधान सिमट कर रह गया. इसमें कपड़े पहनने का कोई आनंद नहीं था. आखिर, मैं यूनिफॉर्म में होती थी और मुझे कोई भी नहीं देख रहा होता था.
अपनी उम्र के तीसरे दशक में मैं वापस बेंगलूरू लौटी और उस बोरियत की माया से बाहर आई. मैंने अपने सारे सुव्यवस्थित काले कपड़े किसी न किसी को दे दिए. यहां मैं महिलाओं से घिरी हुई हूं, जिसमें से ज्यादातर सिसजेंडर और कुछ ट्रांसजेंडर भी हैं और सभी की कपड़ों में एक जैसी रुचि है. 'द लेडीज फिंगर' नाम से जो नारीवादी वेबसाइट मैं चलाती हूं उसके लिए पिछले साल हमने कई महिलाओं से पूछा कि वे काम के दौरान क्या पहनती हैं और क्यों पहनती हैं.
हाल तक मैं कभी कपड़ों के बारे में बातें नहीं करती थी क्योंकि मुझे लगता था कपड़ों के बारे में बातें करना सरासर बेवकूफी है. इस बीच यह देखने में आया कि महिलाओं को जींस पहनने के लिए, ननों की पोशाक पहनने के लिए और दुपट्टा नहीं रखने के लिए पीटा गया. दलित पुरुषों को मूंछें रखने के कारण पीटा गया.
टोपी पहनने के कारण मुस्लिम मर्दों को और अपनी पसंद के कपड़े पहनने के लिए ट्रांसजेंडर लोगों को पीटा गया. अपने पड़ोस में मैं महिलाओं को शॉट्र्स में, हिजाब में और फ्रॉक में देखती हूं. पहनावे की वजह से इनमें से किसी की तारीफ/बदनामी/पिटाई हो सकती है या फिर उसे बलात्कार झेलना पड़ सकता है लेकिन क्या आपको अंदाजा है, केवल महिलाएं ही कपड़ों के बारे में सोचती हैं.
हमारे देश के हालात चाहे जैसे भी हों, मर्द हमेशा बोझिल और नीरस कपड़े ही पहनते हैं. (सिर्फ अपने बाल संवारने के प्रति बहुत सावधान रहते हैं जिसे फिल्म निर्माता परोमिता वोहरा 'अयंगर योग वुड ब्लॉक' कहकर पुकारती हैं). आपको केवल महिलाओं को यह शिकायत करनी है कि पुरुष किसी डेट पर जाते समय या लड़की देखने जाने के मौके पर भी कितना कम तैयार होते हैं. इससे आप यह समझ सकते हैं कि पुरुषों की धारणा कितनी संकीर्ण है कि वे पहली बात तो यह नहीं समझते कि रोमांस के साथ कपड़ों का भी सरोकार है; और दूसरी बात कि रोमांस का मतलब दूसरे को भी खुश करना है, न कि सिर्फ अपनी खुशी देखना.
अगर हम हमेशा अपने ब्रा स्ट्रैप्स को लेकर चिंतित रहेंगे तो हम आगे कैसे बढ़ेंगे? क्या हमें पुरुषों की तरह बनना चाहिए? क्या हम बन सकते हैं? एक्टिविस्ट क्रिस्टीना धनराज ने हाल ही में एक दलित महिला के लिए कॉर्पोरेट इंडिया में 'आगे बढऩे' की संभावनाओं पर कुछ विचार रखे.
उन्होंने लिखा, ''मेरे अनुभव में, अक्सर उसी महिला सहयोगी को आगे बढऩे के लिए प्रोत्साहित किया जाता है या फिर पदोन्नति दी जाती है, जो गैर-दलित है और काफी आकर्षक है. इसे आमतौर पर शारीरिक रूप से आकर्षक महिला माना जाता है, जो उच्च या उच्च-मध्यम वर्ग से ताल्लुक रखती है और ज्यादातर लोगों को आकर्षित करती है.''
23 वर्षीया एल बेंगलूरू में आया का काम करती हैं. उन्होंने अपने पूरे जीवन में आजादी की खुशी और पीड़ा, दोनों का अनुभव किया है. वे 16 साल की उम्र में काम करने के लिए घर से भाग गई थीं. उन्हें अपना काम पसंद भी है लेकिन उनका पहनावा उस परिवार के हिसाब से तय होता है जिसके घर में वह काम के लिए रहती हैं.
कभी-कभी, उन्हें इस बात के लिए भी डांट पड़ी है कि सोते समय उनकी लेगिंग (पजामी) उनके घुटनों से ऊपर तक चढ़ गई. कई बार वे अपने किसी एक युवा नियोक्ता के साथ शॉपिंग पर भी गई हैं और अपने नियोक्ता के साथ ही, उनके ही जैसे फैशनेबल आइटम भी खरीदे हैं. उनके पास हजारों कपड़े हैं—वे इन कपड़ों में सेल्फी या डब्समैश वीडियो बनाकर ऑनलाइन पोस्ट भी करती हैं.
उन्होंने अपने पति को फेसबुक पर कभी फ्रेंड नहीं बनाया क्योंकि उन्हें लगता है कि ड्यूटी के दौरान पहनी कुर्ती भी कई बार उनके ससुराल वालों को इस कारण नागवार गुजर सकती है कि उसमें आस्तीन नहीं थी या फिर वह ज्यादा चुस्त थी या फिर कुर्ती का रंग भी ससुराल के लोगों को खटक सकता है. (क्योंकि आपको पता है न कि सांवली लड़कियों को गहरे रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए).
शहर के लोग एक दूसरे को ज्यादा नहीं जानते और यह बात उन्हें पसंद है. वे कहती हैं, ''काश मैं अपना जो कपड़ा जब चाहती तब पहन सकती थी. जब मैं अपने पति के साथ छुट्टी पर जाती हूं, तो मैं उन कपड़ों को ऐसी जगहों पर पहनती हूं जहां मुझे कोई जानता न हो.'' वे अपने घर से जुड़ी पुरानी बातों को गर्व से याद करती हैं. वे तमिलनाडु में अपने घर के दिनों को याद करती हैं कि वे कितनी मशहूर हुआ करती थीं. गांव में सबसे ऊंची हील की सैंडल पहनने वाली लड़की के रूप में, ऐसी लड़की जो जब क्रिकेट खेलने आएगी तो उसे देखने के लिए सारे लड़के जमा हो जाएंगे और वह लड़की जो गांव में सबसे अच्छे कपड़े पहनती है.
कभी-कभी एल की तरह मुझे भी रोजाना और कई बार तो हर घंटे अपने कपड़ों को लेकर सचेत रहना पड़ता है. बाकी समय में वह और मैं भूल जाते हैं कि हमें दुनिया की पसंद से कपड़े नहीं पहनने, अपनी पसंद के मुताबिक पहनने हैं.
मैं अक्सर यह सोचती हूं और दुआ करती हूं कि पहनावे की स्वतंत्रता के इस युग में मेरा देश भी नींद से जाग जाए. जहां हमें मूंछें रखने के लिए या फिर बिना आस्तीन के कपड़ों या सिर नहीं ढकने जैसी बातों के लिए हिंसा का शिकार न होना पड़े. लेकिन आज मैं देखती हूं कि जब लोगों को उनके कपड़े ठीक करने को कहा जाता है तो वे पहले के मुकाबले अब काफी कम कुढ़ती हैं. और उसका कारण है.
अब जब मैं कपड़े पहनती हूं तो मुझे याद है कि जितनी भी महिलाओं को जानती हूं, इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कपड़ों में उसकी कितनी रुचि है, वे भी एक अजीब बातें कह रही हैं कि हम जो भी पहनने का फैसला करें, उससे पहले जिस दुनिया में रह रहे हैं उसका भी ध्यान रखना चाहिए.
पुरुषों का सिद्धांत
जब ज्यादातर मर्द सुबह उठते ही जो पहली चीज लग जाए उसे पहन लेते हैं क्योंकि उन्हें बताया गया है कि उनका शरीर दुनिया को रौंदने के लिए बना है.
हाल ही में, एक अनुवादक मित्र ने अपने दो पसंदीदा ऑनलाइन ग्रुप—कर्ली हेयर गल्र्स के एक फेसबुक ग्रुप और दुभाषियों के लिए एक अन्य ग्रुप में टिप्पणी की. उसने कहा कि दुभाषिए इतने अच्छे लोग क्यों होते हैं. फिर उसने एक अन्य दुभाषिए के हवाले से लिखा कि भाषांतर में व्यक्ति की अपनी महत्ता गौण रहती है, लिटररी सिटिजनशिप और लिटररी सिविक-मनोदशा का काम ज्यादा रहता है.
मैं उन पुरुषों के बारे में सोचती हूं जो अपनी मर्जी के मुताबिक कपड़े पहन सकते हैं—वे तो उस अंकल जैसे हैं जो स्थानीय भाषा नहीं सीखेंगे, जो छुट्टियों पर नए डिश ट्राइ नहीं करेंगे और जो गूगल मैप्स का उपयोग नहीं करेंगे या रास्ते पूछेंगे. ऐसे अंकल जो खुद में खोए हैं लेकिन ख्वाहिश यह रखते हैं कि लोग उन्हें ढूंढें और उन्हें खिलाएं.
और फिर मैं देशभर की उन महिलाओं के बारे में सोचती हूं जो यही सोचती रहती हैं कि क्या पहनें और कहां पहनें और जो लगातार दूसरों के लिए खुद को बदल रही हैं. पेरुनदेवी की उस सुंदर कविता की आखिरी पंक्तियां हैं:
नारी शब्द है
स्वतंत्रता के साथ हमारा सामंजस्य भी,
और वहां से हमारे बिछड़ने की पीड़ा भी
और शब्दों के ताश की गड्डी
जो कई बार साथ देती है तो कई बार धोखा भी
पिता का कानून, जो सारी बाजी पलट देता है.
निशा सूजन द लेडिज फिंगर वेबसाइट चलाती हैं
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गौड़ीय नृत्य ( ) या गोउड़ीयो नृत्यो, एक बंगाली नृत्य परंपरा है। इसकी उत्पत्ति बंगाल में गौड़ से हुई, जिसे गौर के नाम से भी जाना जाता है।
श्रीमती महुआ मुखर्जी द्वारा इसका पुनर्निर्माण किया गया है। यह संस्कृति मंत्रालय द्वारा एक भारतीय शास्त्रीय नृत्य के रूप में मान्यता प्राप्त है, संगीत नाटक अकादमी द्वारा भी मान्यता प्राप्त है, लेकिन इसका अध्ययन भारत के संस्कृति मंत्रालय से छात्रवृत्ति के लिए पात्र है। पुनर्निर्माण का विद्वानों का स्वागत सावधानी से लेकर संदेह तक है।
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पेट्रोलियम पदार्थों के मामले में स्थिति लगातार जटिल होती जा रही है। डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर दो साल के निचले स्तर तक चले जाने से तेल कंपनियों को पेट्रोल के दाम तीन रुपये लीटर तक बढ़ाने पड़ सकते हैं। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी के अनुसार पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री करने वाली कंपनियों को पेट्रोल के मौजूदा दाम पर 2.61 रुपये लीटर का नुकसान उठाना पड़ रहा है। कुल मिलाकर तीनों तेल कंपनियों को पेट्रोल पर रोजाना 15 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा हे। स्थानीय कर आदि मिलाकर पेट्रोल के दाम तीन रुपये लीटर तक बढ़ाने पड़ सकते हैं। सरकार ने पिछले साल जून में ही पेट्रोल के दाम को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर दिया था। कभी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने तो कभी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर गिरने से तेल कंपनियों की लागत बढ़ती चली गई। इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम को इस साल अब तक केवल पेट्रोल की बिक्री पर 2,450 करोड़ रुपये की कमाई का नुकसान हो चुका है। पेट्रोल के दाम यदि मौजूदा स्तर पर बने रहे तो तेल कंपनियों को वर्ष की बाकी अवधि में 2,850 करोड़ रुपये का नुकसान और उठाना होगा। कुल मिलाकर वर्ष के दौरान 5,300 करोड़ रुपये का नुकसान केवल पेट्रोल की बिक्री पर होगा। अधिकारी ने कहा इस लिहाज से तेल कंपनियों को जल्द ही पेट्रोल के दाम बढ़ाने पड़ सकते हैं। डीजल, घरेलू रसोई गैस और केरोसिन पर भी तेल कंपनियों को दैनिक 263 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। डीजल पर प्रति लीटर 6.05 रुपये, केरोसिन पर 23.25 रुपये और घरेलू एलपीजी पर 267 रुपये प्रतिसिलेंडर का नुकसान कंपनियों को हो रहा है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कंपनियों को करीब 65,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। कंपनियों की खरीद लागत ज्यादा है जबकि बिक्री मूल्य उससे कम है इससे पूरे साल में उन्हें 1,21,571 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है।
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जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर
सुरंग का पता चलने पर
भारतीय सेना ने पाकिस्तान से इसकी शिकायत की है. जम्मू क्षेत्र के आईजी बीएसएफ राकेश शर्मा ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तानी रेंजर्स से भी इस संबंध में बात की है और उन्हें सबूत भी सौंपेंगे. उन्होंने यह आशंका भी जताई कि पाकिस्तान की ओर से सुरंग के जरिए बड़े आतंकी हमले की साजिश रची जा रही थी.
उन्होंने बताया, 'गुरुवार को हमें सुरंग का पता चला. हमने
पाकिस्तानी रेंजर्स
को इसकी सूचना दी है और उन्हें आगे आकर सबूत देखने के लिए भी कहा है. सुरंग काफी बड़ी है और भविष्य में ऐसी गतिविधियों से बड़ा खतरा उत्पन्न हो सकता है.'
'पाकिस्तान ने दिया सहयोग का भरोसा'
आईजी बीएसएफ ने कहा कि जैसी सुरंग मिली है उससे पाकिस्तान की ओर से भविष्य में भारी
घुसपैठ
हो सकती है. हमने पाकिस्तान से इस बात की भी शिकायत की है कि सब कुछ उनकी जानकारी में था. पाकिस्तान ने इस मामले में सहयोग का वादा किया है. उन्होंने कहा, 'हम सुरक्षा इंतजामों को और पुख्ता करेंगे ताकि भविष्य में ऐसी किसी तरह की हरकत को रोका जा सके.'
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रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने बैंकों के मौजूदा कर्ज मंजूरी ढांचे में बदलाव की वकालत की है. उनका कहना है कि कर्ज मंजूरी के लिए मौजूदा समिति आधारित व्यवस्था के बजाय किसी एक बैंकर को इसकी जिम्मेदारी उठानी चाहिए और यदि वह परियोजना सफलता के साथ आगे बढ़ती है तो उस अधिकारी को पुरस्कृत भी किया जाना चाहिए.टिप्पणियां
बैंकों के सालाना सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजन ने कहा, ‘यह भी हो सकता है कि जब समितियां कर्ज के संबंध में अंतिम फैसला लें, तब किसी वरिष्ठ बैंकर को कर्ज प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त करते हुए उसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए. अपना नाम प्रस्ताव पर डालना चाहिए.’ गवर्नर ने कहा, ‘इसके लिए बैंकरों को प्रोत्साहन देने की प्रक्रिया भी तैयार की जानी चाहिए ताकि वे सावधानी से परियोजनाओं का आकलन, डिजाइन और उनकी निगरानी करें और इसके सफल होने पर उन्हें पुरस्कार भी दिया जाए.’
बैंकरों की संस्था आईबीए और फिक्की द्वारा आयोजित बैंकिंग सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजन ने कहा कि प्रस्तावों के बारे में बेहतर तरीके से जांच करने में प्रौद्योगिकी बड़ी भूमिका निभा सकती है. उन्होंने कहा, ‘बैंकों की सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली विभिन्न बैंकरों द्वारा मंजूर किए गए रिणों के रिकार्ड को आसानी से दर्शा सकती है और अधिकारियों की प्रोन्नति में इसका योगदान हो सकता है।’
बैंकों के सालाना सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजन ने कहा, ‘यह भी हो सकता है कि जब समितियां कर्ज के संबंध में अंतिम फैसला लें, तब किसी वरिष्ठ बैंकर को कर्ज प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त करते हुए उसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए. अपना नाम प्रस्ताव पर डालना चाहिए.’ गवर्नर ने कहा, ‘इसके लिए बैंकरों को प्रोत्साहन देने की प्रक्रिया भी तैयार की जानी चाहिए ताकि वे सावधानी से परियोजनाओं का आकलन, डिजाइन और उनकी निगरानी करें और इसके सफल होने पर उन्हें पुरस्कार भी दिया जाए.’
बैंकरों की संस्था आईबीए और फिक्की द्वारा आयोजित बैंकिंग सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजन ने कहा कि प्रस्तावों के बारे में बेहतर तरीके से जांच करने में प्रौद्योगिकी बड़ी भूमिका निभा सकती है. उन्होंने कहा, ‘बैंकों की सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली विभिन्न बैंकरों द्वारा मंजूर किए गए रिणों के रिकार्ड को आसानी से दर्शा सकती है और अधिकारियों की प्रोन्नति में इसका योगदान हो सकता है।’
बैंकरों की संस्था आईबीए और फिक्की द्वारा आयोजित बैंकिंग सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजन ने कहा कि प्रस्तावों के बारे में बेहतर तरीके से जांच करने में प्रौद्योगिकी बड़ी भूमिका निभा सकती है. उन्होंने कहा, ‘बैंकों की सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली विभिन्न बैंकरों द्वारा मंजूर किए गए रिणों के रिकार्ड को आसानी से दर्शा सकती है और अधिकारियों की प्रोन्नति में इसका योगदान हो सकता है।’
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बाघों के संरक्षण की दिशा में कदम उठाते हुए उच्चतम न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि देश भर में बाघ अभयारण्यों के भीतरी इलाकों में कोई पर्यटन संबंधी गतिविधि नहीं होगी.
न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार और न्यायमूर्ति इब्राहिम कलीफुल्ला की पीठ ने राज्यों को अपने अपने बाघ अभयारण्यों में बफर जोन अधिसूचित न करने पर उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने और जुर्माना लगाने की भी चेतावनी दी है.
पीठ ने अपने आदेश में कहा है, ‘हम यह साफ करते हैं कि इस अदालत से जब तक अंतिम आदेश जारी नहीं कर दिया जाता, तब तक बाघ अभयारण्य के भीतरी इलाकों का पर्यटन के लिए उपयोग नहीं किया जाएगा.’
उच्चतम न्यायालय ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि उसके द्वारा पूर्व में चार अप्रैल और दस जुलाई को आदेश दिए जाने के बाद भी कई राज्यों ने अपने अपने अभयारण्यों में बफर जोन अधिसूचित नहीं किए हैं.
न्यायालय ने कहा कि अगर राज्यों ने तीन सप्ताह के अंदर उसके आदेश का पालन नहीं किया तो प्रत्येक पर 50,000 रूपये का जुर्माना किया जाएगा. यह राशि संबद्ध राज्य के मुख्य वन सचिव से वसूली जा सकेगी. अपने आदेशों का पालन न करने के लिए न्यायालय ने आंध्रप्रदेश, अरूणाचल प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, महाराष्ट्र और झारखंड राज्यों पर दस-दस हजार रूपये का जुर्माना भी किया है.
बहरहाल, अरूणाचल प्रदेश और झारखंड के वकीलों ने तर्क दिया कि वह बफर जोन अधिसूचित करने के लिए तैयार हैं और इस संबंध में हलफनामे दाखिल करेंगे. पीठ बाघों के संरक्षण के लिए प्रयासरत अजय दुबे की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
याचिका में मांग की गई थी कि बाघ अभयारण्यों में अंदरूनी या बाघों की महत्वपूर्ण रिहायशों में वाणिज्यिक पर्यटन गतिविधियां बंद की जाएं.
दस जुलाई को उच्चतम न्यायालय ने राज्यों को और दो सप्ताह का समय अंतिम विकल्प के तौर पर दिया ताकि वह अपने यहां बाघ अभयारण्यों में बफर जोन अधिसूचित कर लें.
ऐसा करने से बाघों की रिहायश के आसपास की राजस्व भूमि पर वाणिज्यिक गतिविधियां नियमित हो जाएंगी और अस्तित्व के संकट का सामना कर रहे इन प्राणियों को बचाने में मदद मिलेगी.
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सेमीफाइनल में पहले ही जगह बना चुकी भारतीय टीम एशिया कप हॉकी के आखिरी पूल मैच में कल बांग्लादेश पर धमाकेदार जीत दर्ज करने के इरादे से उतरेगी।
ओमान और गत चैम्पियन दक्षिण कोरिया पर लगातार जीत दर्ज करने के बाद भारत के हौसले बुलंद हैं, लेकिन वे किसी भी मैच को हलके में नहीं ले सकते। अगले साल हॉलैंड में होने वाले विश्व कप में जगह बनाने के लिए भारत को हर हालत में यह टूर्नामेंट जीतना है।
भारत ने सोमवार को पूल (बी) के मैच में दक्षिण कोरिया को 2-0 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई।
बांग्लादेश को कल हराने से भारत पूल बी में शीर्ष पर रहेगा, जिससे सेमीफाइनल में उसकी टक्कर मलेशिया से होगी, पाकिस्तान से नहीं।
ओमान से कल 2-4 से हारे बांग्लादेश को हराना भारत के लिए मुश्किल नहीं होना चाहिए। विश्व रैंकिंग में अपने से पांच स्थान नीचे काबिज टीम से हारी बांग्लादेश को पहले कोरिया ने 9-0 से पटखनी दी थी । टिप्पणियां
आठ बार के ओलिंपिक चैम्पियन भारत और चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के लिए यह करो या मरो का टूर्नामेंट है और दोनों में से एक 1971 में विश्व कप की शुरुआत के बाद से पहली बार टूर्नामेंट से बाहर होने वाला है।
भारतीय टीम अपना फॉर्म बरकरार रखना चाहेगी। कोरिया के खिलाफ सिर्फ मिडफील्डरों ने ही नहीं, बल्कि हमेशा दबाव के आगे घुटने टेकने वाले डिफेंस ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया।
ओमान और गत चैम्पियन दक्षिण कोरिया पर लगातार जीत दर्ज करने के बाद भारत के हौसले बुलंद हैं, लेकिन वे किसी भी मैच को हलके में नहीं ले सकते। अगले साल हॉलैंड में होने वाले विश्व कप में जगह बनाने के लिए भारत को हर हालत में यह टूर्नामेंट जीतना है।
भारत ने सोमवार को पूल (बी) के मैच में दक्षिण कोरिया को 2-0 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई।
बांग्लादेश को कल हराने से भारत पूल बी में शीर्ष पर रहेगा, जिससे सेमीफाइनल में उसकी टक्कर मलेशिया से होगी, पाकिस्तान से नहीं।
ओमान से कल 2-4 से हारे बांग्लादेश को हराना भारत के लिए मुश्किल नहीं होना चाहिए। विश्व रैंकिंग में अपने से पांच स्थान नीचे काबिज टीम से हारी बांग्लादेश को पहले कोरिया ने 9-0 से पटखनी दी थी । टिप्पणियां
आठ बार के ओलिंपिक चैम्पियन भारत और चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के लिए यह करो या मरो का टूर्नामेंट है और दोनों में से एक 1971 में विश्व कप की शुरुआत के बाद से पहली बार टूर्नामेंट से बाहर होने वाला है।
भारतीय टीम अपना फॉर्म बरकरार रखना चाहेगी। कोरिया के खिलाफ सिर्फ मिडफील्डरों ने ही नहीं, बल्कि हमेशा दबाव के आगे घुटने टेकने वाले डिफेंस ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया।
भारत ने सोमवार को पूल (बी) के मैच में दक्षिण कोरिया को 2-0 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई।
बांग्लादेश को कल हराने से भारत पूल बी में शीर्ष पर रहेगा, जिससे सेमीफाइनल में उसकी टक्कर मलेशिया से होगी, पाकिस्तान से नहीं।
ओमान से कल 2-4 से हारे बांग्लादेश को हराना भारत के लिए मुश्किल नहीं होना चाहिए। विश्व रैंकिंग में अपने से पांच स्थान नीचे काबिज टीम से हारी बांग्लादेश को पहले कोरिया ने 9-0 से पटखनी दी थी । टिप्पणियां
आठ बार के ओलिंपिक चैम्पियन भारत और चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के लिए यह करो या मरो का टूर्नामेंट है और दोनों में से एक 1971 में विश्व कप की शुरुआत के बाद से पहली बार टूर्नामेंट से बाहर होने वाला है।
भारतीय टीम अपना फॉर्म बरकरार रखना चाहेगी। कोरिया के खिलाफ सिर्फ मिडफील्डरों ने ही नहीं, बल्कि हमेशा दबाव के आगे घुटने टेकने वाले डिफेंस ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया।
बांग्लादेश को कल हराने से भारत पूल बी में शीर्ष पर रहेगा, जिससे सेमीफाइनल में उसकी टक्कर मलेशिया से होगी, पाकिस्तान से नहीं।
ओमान से कल 2-4 से हारे बांग्लादेश को हराना भारत के लिए मुश्किल नहीं होना चाहिए। विश्व रैंकिंग में अपने से पांच स्थान नीचे काबिज टीम से हारी बांग्लादेश को पहले कोरिया ने 9-0 से पटखनी दी थी । टिप्पणियां
आठ बार के ओलिंपिक चैम्पियन भारत और चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के लिए यह करो या मरो का टूर्नामेंट है और दोनों में से एक 1971 में विश्व कप की शुरुआत के बाद से पहली बार टूर्नामेंट से बाहर होने वाला है।
भारतीय टीम अपना फॉर्म बरकरार रखना चाहेगी। कोरिया के खिलाफ सिर्फ मिडफील्डरों ने ही नहीं, बल्कि हमेशा दबाव के आगे घुटने टेकने वाले डिफेंस ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया।
ओमान से कल 2-4 से हारे बांग्लादेश को हराना भारत के लिए मुश्किल नहीं होना चाहिए। विश्व रैंकिंग में अपने से पांच स्थान नीचे काबिज टीम से हारी बांग्लादेश को पहले कोरिया ने 9-0 से पटखनी दी थी । टिप्पणियां
आठ बार के ओलिंपिक चैम्पियन भारत और चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के लिए यह करो या मरो का टूर्नामेंट है और दोनों में से एक 1971 में विश्व कप की शुरुआत के बाद से पहली बार टूर्नामेंट से बाहर होने वाला है।
भारतीय टीम अपना फॉर्म बरकरार रखना चाहेगी। कोरिया के खिलाफ सिर्फ मिडफील्डरों ने ही नहीं, बल्कि हमेशा दबाव के आगे घुटने टेकने वाले डिफेंस ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया।
आठ बार के ओलिंपिक चैम्पियन भारत और चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के लिए यह करो या मरो का टूर्नामेंट है और दोनों में से एक 1971 में विश्व कप की शुरुआत के बाद से पहली बार टूर्नामेंट से बाहर होने वाला है।
भारतीय टीम अपना फॉर्म बरकरार रखना चाहेगी। कोरिया के खिलाफ सिर्फ मिडफील्डरों ने ही नहीं, बल्कि हमेशा दबाव के आगे घुटने टेकने वाले डिफेंस ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया।
भारतीय टीम अपना फॉर्म बरकरार रखना चाहेगी। कोरिया के खिलाफ सिर्फ मिडफील्डरों ने ही नहीं, बल्कि हमेशा दबाव के आगे घुटने टेकने वाले डिफेंस ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपये के नोट को मंगलवार आधी रात से अमान्य घोषित करते हुए इस निर्णय के कारण उत्पन्न स्थितियों को देखते हुए 11 नवंबर की मध्यरात्रि तक कुछ खास व्यवस्थाएं भी की हैं.जानिए कैसे बदले जा सकते हैं 500-1000 रुपये के पुराने नोट
इसके तहत अस्पतालों, सार्वजनिक क्षेत्र के पेट्रोल एवं सीएनजी गैस स्टेशनों, रेल यात्रा टिकट काउंटरों, शवदाह गृहों, अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों को 11 नवंबर की मध्यरात्रि तक छूट रहेगी. दुग्ध बिक्री केंद्रों, पेट्रोल एवं सीएनजी स्टेशनों आदि को स्टॉक एवं ब्रिकी का रजिस्टर रखना होगा. उन्होंने कहा कि 100 रुपये, 50 रुपये, 20 रुपये, 10 रुपये, 5 रुपये, एक रुपये के नोट और सभी सिक्के प्रचलन में रहेंगे और वैध होंगे.कल बैंक नहीं जाएं-लेनदेन नहीं होगा, अगले दो दिनों तक कुछ एटीएम भी काम नहीं करेंगे
प्रधानमंत्री ने कहा कि केवल शुरुआत के दिनों में खाते से धनराशि निकालने पर प्रतिदिन 10 हजार रुपये और प्रति सप्ताह 20 हजार रुपये की सीमा रखी गई है. पीएम मोदी ने 2000 रुपये और 500 रुपये के नए नोट जारी किए जाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि प्रारंभ में 4000 रुपये के नोट बदले जा सकेंगे और 25 नवंबर से 4000 रुपये की सीमा में वृद्धि की जाएगी.टिप्पणियांयह हैं 500 और 2000 रुपये के नए नोट जो जल्द किए जाएंगे जारी...
पीएम मोदी ने कहा कि प्रारंभ में एटीएम से प्रतिदिन प्रति कार्ड 2000 रुपये निकाले जा सकेंगे. नई व्यवस्था के कारण पेश आने वाली कुछ परेशानियों का जिक्र करते हुए उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आतंकवाद, कालाधन, जाली नोट के गोरखधंधे, भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में देश की जागरुक जनता कुछ दिनों तक इस असुविधा को झेल लेगी.
जानिए कैसे बदले जा सकते हैं 500-1000 रुपये के पुराने नोट
इसके तहत अस्पतालों, सार्वजनिक क्षेत्र के पेट्रोल एवं सीएनजी गैस स्टेशनों, रेल यात्रा टिकट काउंटरों, शवदाह गृहों, अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों को 11 नवंबर की मध्यरात्रि तक छूट रहेगी. दुग्ध बिक्री केंद्रों, पेट्रोल एवं सीएनजी स्टेशनों आदि को स्टॉक एवं ब्रिकी का रजिस्टर रखना होगा. उन्होंने कहा कि 100 रुपये, 50 रुपये, 20 रुपये, 10 रुपये, 5 रुपये, एक रुपये के नोट और सभी सिक्के प्रचलन में रहेंगे और वैध होंगे.कल बैंक नहीं जाएं-लेनदेन नहीं होगा, अगले दो दिनों तक कुछ एटीएम भी काम नहीं करेंगे
प्रधानमंत्री ने कहा कि केवल शुरुआत के दिनों में खाते से धनराशि निकालने पर प्रतिदिन 10 हजार रुपये और प्रति सप्ताह 20 हजार रुपये की सीमा रखी गई है. पीएम मोदी ने 2000 रुपये और 500 रुपये के नए नोट जारी किए जाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि प्रारंभ में 4000 रुपये के नोट बदले जा सकेंगे और 25 नवंबर से 4000 रुपये की सीमा में वृद्धि की जाएगी.टिप्पणियांयह हैं 500 और 2000 रुपये के नए नोट जो जल्द किए जाएंगे जारी...
पीएम मोदी ने कहा कि प्रारंभ में एटीएम से प्रतिदिन प्रति कार्ड 2000 रुपये निकाले जा सकेंगे. नई व्यवस्था के कारण पेश आने वाली कुछ परेशानियों का जिक्र करते हुए उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आतंकवाद, कालाधन, जाली नोट के गोरखधंधे, भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में देश की जागरुक जनता कुछ दिनों तक इस असुविधा को झेल लेगी.
इसके तहत अस्पतालों, सार्वजनिक क्षेत्र के पेट्रोल एवं सीएनजी गैस स्टेशनों, रेल यात्रा टिकट काउंटरों, शवदाह गृहों, अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों को 11 नवंबर की मध्यरात्रि तक छूट रहेगी. दुग्ध बिक्री केंद्रों, पेट्रोल एवं सीएनजी स्टेशनों आदि को स्टॉक एवं ब्रिकी का रजिस्टर रखना होगा. उन्होंने कहा कि 100 रुपये, 50 रुपये, 20 रुपये, 10 रुपये, 5 रुपये, एक रुपये के नोट और सभी सिक्के प्रचलन में रहेंगे और वैध होंगे.कल बैंक नहीं जाएं-लेनदेन नहीं होगा, अगले दो दिनों तक कुछ एटीएम भी काम नहीं करेंगे
प्रधानमंत्री ने कहा कि केवल शुरुआत के दिनों में खाते से धनराशि निकालने पर प्रतिदिन 10 हजार रुपये और प्रति सप्ताह 20 हजार रुपये की सीमा रखी गई है. पीएम मोदी ने 2000 रुपये और 500 रुपये के नए नोट जारी किए जाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि प्रारंभ में 4000 रुपये के नोट बदले जा सकेंगे और 25 नवंबर से 4000 रुपये की सीमा में वृद्धि की जाएगी.टिप्पणियांयह हैं 500 और 2000 रुपये के नए नोट जो जल्द किए जाएंगे जारी...
पीएम मोदी ने कहा कि प्रारंभ में एटीएम से प्रतिदिन प्रति कार्ड 2000 रुपये निकाले जा सकेंगे. नई व्यवस्था के कारण पेश आने वाली कुछ परेशानियों का जिक्र करते हुए उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आतंकवाद, कालाधन, जाली नोट के गोरखधंधे, भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में देश की जागरुक जनता कुछ दिनों तक इस असुविधा को झेल लेगी.
कल बैंक नहीं जाएं-लेनदेन नहीं होगा, अगले दो दिनों तक कुछ एटीएम भी काम नहीं करेंगे
प्रधानमंत्री ने कहा कि केवल शुरुआत के दिनों में खाते से धनराशि निकालने पर प्रतिदिन 10 हजार रुपये और प्रति सप्ताह 20 हजार रुपये की सीमा रखी गई है. पीएम मोदी ने 2000 रुपये और 500 रुपये के नए नोट जारी किए जाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि प्रारंभ में 4000 रुपये के नोट बदले जा सकेंगे और 25 नवंबर से 4000 रुपये की सीमा में वृद्धि की जाएगी.टिप्पणियांयह हैं 500 और 2000 रुपये के नए नोट जो जल्द किए जाएंगे जारी...
पीएम मोदी ने कहा कि प्रारंभ में एटीएम से प्रतिदिन प्रति कार्ड 2000 रुपये निकाले जा सकेंगे. नई व्यवस्था के कारण पेश आने वाली कुछ परेशानियों का जिक्र करते हुए उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आतंकवाद, कालाधन, जाली नोट के गोरखधंधे, भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में देश की जागरुक जनता कुछ दिनों तक इस असुविधा को झेल लेगी.
प्रधानमंत्री ने कहा कि केवल शुरुआत के दिनों में खाते से धनराशि निकालने पर प्रतिदिन 10 हजार रुपये और प्रति सप्ताह 20 हजार रुपये की सीमा रखी गई है. पीएम मोदी ने 2000 रुपये और 500 रुपये के नए नोट जारी किए जाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि प्रारंभ में 4000 रुपये के नोट बदले जा सकेंगे और 25 नवंबर से 4000 रुपये की सीमा में वृद्धि की जाएगी.टिप्पणियांयह हैं 500 और 2000 रुपये के नए नोट जो जल्द किए जाएंगे जारी...
पीएम मोदी ने कहा कि प्रारंभ में एटीएम से प्रतिदिन प्रति कार्ड 2000 रुपये निकाले जा सकेंगे. नई व्यवस्था के कारण पेश आने वाली कुछ परेशानियों का जिक्र करते हुए उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आतंकवाद, कालाधन, जाली नोट के गोरखधंधे, भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में देश की जागरुक जनता कुछ दिनों तक इस असुविधा को झेल लेगी.
यह हैं 500 और 2000 रुपये के नए नोट जो जल्द किए जाएंगे जारी...
पीएम मोदी ने कहा कि प्रारंभ में एटीएम से प्रतिदिन प्रति कार्ड 2000 रुपये निकाले जा सकेंगे. नई व्यवस्था के कारण पेश आने वाली कुछ परेशानियों का जिक्र करते हुए उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आतंकवाद, कालाधन, जाली नोट के गोरखधंधे, भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में देश की जागरुक जनता कुछ दिनों तक इस असुविधा को झेल लेगी.
पीएम मोदी ने कहा कि प्रारंभ में एटीएम से प्रतिदिन प्रति कार्ड 2000 रुपये निकाले जा सकेंगे. नई व्यवस्था के कारण पेश आने वाली कुछ परेशानियों का जिक्र करते हुए उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आतंकवाद, कालाधन, जाली नोट के गोरखधंधे, भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में देश की जागरुक जनता कुछ दिनों तक इस असुविधा को झेल लेगी.
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हुस्न के जाल में फंस कर वायुसेना से जुड़ी कई अहम जानकारी आईएसआई तक पहुंचाने वाले लीड ऐयरक्राफ्ट मैन केके रंजीत की गिरफ्तारी के बाद देश की तीनों सेनाएं सकते में हैं. अब खुफिया एजेंसियां तीनों सेनाओं में दो हजार से ज्यादा अधिकारियों और जवानों के फेसबुक अकाउंट की जांच कर रही हैं. भारतीय सेना ने भी आईएसआई की विषकन्या और हनी ट्रैप से निपटने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है.
'आज तक' के पास सेना के खुफिया विभाग के ऑर्डर की एक्सक्लूसिव कॉपी है. इसमें सेना में जवानों और अधिकारियों के लिए व्हाट्सएप जैसे सोशल मैसेजिंग के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए कहा गया है. सेना अपने जवानों के लिए फेसबुक, वीचैट, हाईक, व्हाट्सएप के इस्तेमाल के लिए नई गाइड लाइन बनाने जा रही है, ताकि उनको आईएसआई की विषकन्याओं के हनी ट्रैप से बचाया जा सके.
कॉल सेंटर के जरिए ऑपरेट होता हनी ट्रैप
रक्षा विशेषज्ञ विंग कमांडर प्रफुल्ल बक्शी ने बताया कि भारतीय सेना के जवानों के फंसाने के लिए आईएसआई ने पाकिस्तान और उसके बाहर कई कॉल सेंटर खोले हैं. इनमें खूबसूरत लड़कियां दिन-रात फेसबुक, वीचैट, हाईक और व्हाट्सएप के जरिए भारतीय सेना के जवानों से संपर्क साधने की कोशिश करती रहती हैं. आईएसआई का एक अधिकारी इन पर नजर रखता है. इनके द्वारा फेसबुक पर एक आईडी बनाई जाती है.
इस तरह जाल में फंसाता है आईएसआई
इस फेसबुक पर प्रोफाइल पर एक सुंदर महिला की फोटो होती है. उसे एक महिला ही ऑपरेट कर रही होती है. इसके बाद उससे भारतीय सेना के जवानों को रिक्वेस्ट भेजी जाती है. यहीं से शुरू बातचीत का सिलसिला होता है. पहले तो सामान्य बात होती है. धीरे-धीरे आईएसआई एजेंट भारतीय जवान को अपने जाल में फांसकर देश की खुफिया जानकारी जुटाना शुरू कर देती हैं. इसके लिए पैसे का लालच भी दिया जाता है.
ऐसे हनी ट्रैप के जाल में फंसा जवान
बताते चलें कि हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा से भारतीय सेना के जवान सुनीत कुमार को जब पुलिस ने पकड़ा तो आस-पास के लोग हैरत में पड़ गए. किसी को समझ में नहीं आया कि आखिर उसने गुनाह क्या किया है. दरअसल खुद सुनीत को अपना गुनाह बहुत देर में समझ आया. उसे बाद में पता चला कि वह आईएसआई के एक ऐसे खूबसूरत जाल में फंस चुका है, जिसे कहा हनी ट्रैप जाता है.
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श्रीलंका के सर्वोच्च न्यायालय ने देश की प्रथम महिला प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया को असंवैधानिक बताते हुए गुरुवार को इसे खारिज कर दिया। इससे श्रीलंका की संसद और न्यायपालिका के बीच टकराव गहरा गया है।
वकीलों के एक समूह ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए इस फैसले का स्वागत किया और सरकार तथा राजनीतिक दलों से कहा कि यदि वे श्रीलंका को एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में देखना चाहते हैं तो सर्वोच्च न्यायालय की अवहेलना न करें।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की खबर के मुताबिक, सर्वोच्च न्यायालय ने जो फैसला दिया, उसे अपीलीय अदालत के अध्यक्ष ने पढ़कर सुनाया जिसमें कहा गया है कि सरकार द्वारा गठित संसदीय प्रवर समिति (पीएससी) को प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ आरोपों की जांच की 'वैधानिक शक्ति या प्राधिकार' नहीं है।
अधिवक्ता देशमल वरनासुरिया ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग की जो प्रक्रिया अपनाई गई, वह संविधान के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। न्यायालय के आदेश के बाद संसद की प्रवर समिति और महाभियोग की प्रक्रिया असंवैधानिक तथा गैर-कानूनी हो गई है।
गौरतलब है कि श्रीलंका की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति शिरानी भंडारनायके के खिलाफ वित्तीय अनियमितता को लेकर महाभियोग की प्रक्रिया नवंबर में शुरू हुई थी। उनके खिलाफ 14 आरोपों की जांच के लिए संसद की प्रवर समिति गठित की गई थी। समिति कुछ ही समय बाद हालांकि विवादों में घिर गई।टिप्पणियां
6 दिसंबर को न्यायमूर्ति भंडारनायके ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ निष्पक्ष सुनवाई नहीं हो रही है। इस तरह के अरोप भी लगे कि समिति ने उन्हें 'पागल महिला' कहा और अपमानित किया। उन्होंने समिति के खिलाफ अपीलीय अदालत में मामला दर्ज कराया, जिसके बाद यह फैसला आया।
वकीलों के समूह ने सभी संस्थानों, व्यक्तियोंऔर राजनीतिक दलों से सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को स्वीकार करने तथा वैधानिक व्यवस्था का सम्मान की अपील की।
वकीलों के एक समूह ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए इस फैसले का स्वागत किया और सरकार तथा राजनीतिक दलों से कहा कि यदि वे श्रीलंका को एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में देखना चाहते हैं तो सर्वोच्च न्यायालय की अवहेलना न करें।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की खबर के मुताबिक, सर्वोच्च न्यायालय ने जो फैसला दिया, उसे अपीलीय अदालत के अध्यक्ष ने पढ़कर सुनाया जिसमें कहा गया है कि सरकार द्वारा गठित संसदीय प्रवर समिति (पीएससी) को प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ आरोपों की जांच की 'वैधानिक शक्ति या प्राधिकार' नहीं है।
अधिवक्ता देशमल वरनासुरिया ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग की जो प्रक्रिया अपनाई गई, वह संविधान के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। न्यायालय के आदेश के बाद संसद की प्रवर समिति और महाभियोग की प्रक्रिया असंवैधानिक तथा गैर-कानूनी हो गई है।
गौरतलब है कि श्रीलंका की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति शिरानी भंडारनायके के खिलाफ वित्तीय अनियमितता को लेकर महाभियोग की प्रक्रिया नवंबर में शुरू हुई थी। उनके खिलाफ 14 आरोपों की जांच के लिए संसद की प्रवर समिति गठित की गई थी। समिति कुछ ही समय बाद हालांकि विवादों में घिर गई।टिप्पणियां
6 दिसंबर को न्यायमूर्ति भंडारनायके ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ निष्पक्ष सुनवाई नहीं हो रही है। इस तरह के अरोप भी लगे कि समिति ने उन्हें 'पागल महिला' कहा और अपमानित किया। उन्होंने समिति के खिलाफ अपीलीय अदालत में मामला दर्ज कराया, जिसके बाद यह फैसला आया।
वकीलों के समूह ने सभी संस्थानों, व्यक्तियोंऔर राजनीतिक दलों से सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को स्वीकार करने तथा वैधानिक व्यवस्था का सम्मान की अपील की।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की खबर के मुताबिक, सर्वोच्च न्यायालय ने जो फैसला दिया, उसे अपीलीय अदालत के अध्यक्ष ने पढ़कर सुनाया जिसमें कहा गया है कि सरकार द्वारा गठित संसदीय प्रवर समिति (पीएससी) को प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ आरोपों की जांच की 'वैधानिक शक्ति या प्राधिकार' नहीं है।
अधिवक्ता देशमल वरनासुरिया ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग की जो प्रक्रिया अपनाई गई, वह संविधान के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। न्यायालय के आदेश के बाद संसद की प्रवर समिति और महाभियोग की प्रक्रिया असंवैधानिक तथा गैर-कानूनी हो गई है।
गौरतलब है कि श्रीलंका की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति शिरानी भंडारनायके के खिलाफ वित्तीय अनियमितता को लेकर महाभियोग की प्रक्रिया नवंबर में शुरू हुई थी। उनके खिलाफ 14 आरोपों की जांच के लिए संसद की प्रवर समिति गठित की गई थी। समिति कुछ ही समय बाद हालांकि विवादों में घिर गई।टिप्पणियां
6 दिसंबर को न्यायमूर्ति भंडारनायके ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ निष्पक्ष सुनवाई नहीं हो रही है। इस तरह के अरोप भी लगे कि समिति ने उन्हें 'पागल महिला' कहा और अपमानित किया। उन्होंने समिति के खिलाफ अपीलीय अदालत में मामला दर्ज कराया, जिसके बाद यह फैसला आया।
वकीलों के समूह ने सभी संस्थानों, व्यक्तियोंऔर राजनीतिक दलों से सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को स्वीकार करने तथा वैधानिक व्यवस्था का सम्मान की अपील की।
अधिवक्ता देशमल वरनासुरिया ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग की जो प्रक्रिया अपनाई गई, वह संविधान के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। न्यायालय के आदेश के बाद संसद की प्रवर समिति और महाभियोग की प्रक्रिया असंवैधानिक तथा गैर-कानूनी हो गई है।
गौरतलब है कि श्रीलंका की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति शिरानी भंडारनायके के खिलाफ वित्तीय अनियमितता को लेकर महाभियोग की प्रक्रिया नवंबर में शुरू हुई थी। उनके खिलाफ 14 आरोपों की जांच के लिए संसद की प्रवर समिति गठित की गई थी। समिति कुछ ही समय बाद हालांकि विवादों में घिर गई।टिप्पणियां
6 दिसंबर को न्यायमूर्ति भंडारनायके ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ निष्पक्ष सुनवाई नहीं हो रही है। इस तरह के अरोप भी लगे कि समिति ने उन्हें 'पागल महिला' कहा और अपमानित किया। उन्होंने समिति के खिलाफ अपीलीय अदालत में मामला दर्ज कराया, जिसके बाद यह फैसला आया।
वकीलों के समूह ने सभी संस्थानों, व्यक्तियोंऔर राजनीतिक दलों से सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को स्वीकार करने तथा वैधानिक व्यवस्था का सम्मान की अपील की।
गौरतलब है कि श्रीलंका की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति शिरानी भंडारनायके के खिलाफ वित्तीय अनियमितता को लेकर महाभियोग की प्रक्रिया नवंबर में शुरू हुई थी। उनके खिलाफ 14 आरोपों की जांच के लिए संसद की प्रवर समिति गठित की गई थी। समिति कुछ ही समय बाद हालांकि विवादों में घिर गई।टिप्पणियां
6 दिसंबर को न्यायमूर्ति भंडारनायके ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ निष्पक्ष सुनवाई नहीं हो रही है। इस तरह के अरोप भी लगे कि समिति ने उन्हें 'पागल महिला' कहा और अपमानित किया। उन्होंने समिति के खिलाफ अपीलीय अदालत में मामला दर्ज कराया, जिसके बाद यह फैसला आया।
वकीलों के समूह ने सभी संस्थानों, व्यक्तियोंऔर राजनीतिक दलों से सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को स्वीकार करने तथा वैधानिक व्यवस्था का सम्मान की अपील की।
6 दिसंबर को न्यायमूर्ति भंडारनायके ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ निष्पक्ष सुनवाई नहीं हो रही है। इस तरह के अरोप भी लगे कि समिति ने उन्हें 'पागल महिला' कहा और अपमानित किया। उन्होंने समिति के खिलाफ अपीलीय अदालत में मामला दर्ज कराया, जिसके बाद यह फैसला आया।
वकीलों के समूह ने सभी संस्थानों, व्यक्तियोंऔर राजनीतिक दलों से सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को स्वीकार करने तथा वैधानिक व्यवस्था का सम्मान की अपील की।
वकीलों के समूह ने सभी संस्थानों, व्यक्तियोंऔर राजनीतिक दलों से सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को स्वीकार करने तथा वैधानिक व्यवस्था का सम्मान की अपील की।
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मंच पर पाखंड की नौटंकी कर लोगों को उल्लू बनाने वाले नारायण साईं पर अब ऐसी पड़ी है कि उसने अपना हुलिया ही बदल लिया है. जिन बाल और दाढ़ी की बदौलत उनके सत्संग की दुकान चल रही थी, नारायण साईं के एक साधक की मानें तो अब साईं ने अपने उन्हीं बाल और दाढ़ियों से तौबा कर लिया है.
जब सितारे बुलंद थे, तो भगवान श्रीकृष्ण का रूप धरकर गोपियों के साथ डांडिया खेला करते थे. डांडिया खेल कर जब मन भर जाता था, तो प्रवचन की दुकान सजा लेते थे. और जब ज्ञान बांटकर बोर हो जाते, तो बांसुरी थाम कर फिर से कान्हा की नकल उतारने लगते थे.
लेकिन अब ये जनाब बलात्कार और यौन शोषण के इल्ज़ामों से ऐसे घिरे हैं कि अलग-अलग रूप धरनेवाला ये चेहरा छिपाए नहीं छिप रहा है. नारायण साईं के चेहरे से ढोंग और पाखंड का नकाब ऐसा उतरा है कि अब ये चेहरा ही इनकी सबसे बड़ी मुसीबत बन गया है. आगरा के रहने वाले नारायण साईं के एक साधक लक्ष्मण सेवकानी ने बताया कि उन्होंने बाल और दाढ़ी के बगैर क्लिन शेव्ड अवतार में उन्हें देखा है.
दरअसल, गुजरात पुलिस के साथ चूहे-बिल्ली के खेल खेल रहे नारायण साईं की तलाश में क्राइम ब्रांच की टीम ने जब आगरा में दबिश दी, तो उनकी यही कहानी सामने आई. पता चला कि पुलिस से भागने के चक्कर में नारायण साईं शनिवार की रात को आगरा में अपने इसी सेवक के घर पहुंचा था. अपने ड्राइवर के साथ आए साईं ने इनसे नए सिम कार्ड की मांग की. जिसे पूरा करने से उनके सेवादार ने इनकार तो कर दिया, लेकिन रात को नारायण साईं को पनाह जरूर दी और दूध पिलाया.
लेकिन इस दौरान उन्होंने नारायण साईं का जो रूप देखा, तो नारायण के अब तक के तमाम रूपों से जुदा था. इस बार ना तो नारायण के सिर में बाल थे और ना ही चेहरे पर. यानी पुलिस से बचने के चक्कर में नरायाण ने अपने सिर के बाल मुंडा रखे थे और दाढ़ी भी बनवा रखी थी.
वैसे नारायण साईं के इस नए रूप के बारे में सेवकानी के खुलासे के बाद, अब पुलिस ने भी नारायण साईं को अलग-अलग रूपों में विजुअलाइज करने की कोशिश शुरू कर दी है, ताकि चूहे-बिल्ली के इस खेल में अचानक नारायण के सामने आ जाने पर उन्हें पहचानने में कोई ग़लती ना हो जाए. और नारायण साईं के इन चेहरों में उनके नार्मल हुलिए के अलावा, सिर पर बाल और मूंछें, सिर पर बाल और क्लीन शेव्ड और सिर और चेहरे पर बिना बाल और दाढ़ी के हुलिए का स्केच भी बनवा कर पुलिस देख रही है.
सूरत में बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद नारायण साईं के खिलाफ़ इन दिनों गुजरात पुलिस ने लुकआउट नोटिस जारी कर रखा है, लेकिन नारायण साईं हैं कि पुलिस का सामना करने की बजाय लगातार उससे भागने की कोशिश कर रहे हैं. नए सिम का इस्तेमाल कर बातें कर रहे हैं.
6 अक्टूबर को सूरत की दो बहनों ने आसाराम और इसके बेटे नारायण साईं पर रेप का आरोप लगाया. छोटी बहन ने सूरत में बाकायदा एफआईआर दर्ज कराई. बस उसी दिन से नारायण साईं गायब हो गया, नहीं तो तब तक अपने पिता के गुनाहों को छुपाने में लगा था.
6 अक्टूबर की रात नारायण साईं जयपुर के हनुमान नगर वाले अपने गुप्त अड्डे पर था. उस वक्त उसके साथ उसका करीबी सहयोगी मोहित भोजवानी भी था, जिसे बाद में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.7 अक्टूबर की अलसुबह नारायण साई काले रंग की फॉर्चूनर कार में सवार हुआ और जयपुर से श्रीगंगानगर स्थित अपने आश्रम में चला गया. वहां से वो दिल्ली भाग आया.
इस दौरान पुलिस की तलाश जारी रही. 17 अक्टूबर को जयपुर के आश्रम में पुलिस ने छापा मारा. बाकायदा नारायण साईं के दोस्त मोहित भोजवानी के साथ. पुलिस ने जब नारायण साईं के गोनेर रोड वाले आश्रम में खोजबीन शुरू की तो तो ये चौंकाने वाली जानकारी मिली कि कैसे नारायण के लिए इस आश्रम में लड़कियों की सप्लाई होती थी.
पुलिस को भोजवानी के लैपटॉप से कई अश्लील तस्वीरें और एमएमएस भी मिले. मोहित भोजवानी पर आरोप है कि अपने ह्वाट्सअप के जरिये उसने ना सिर्फ समर्थकों को भड़काने की कोशिश की, बल्कि कई मैसेज में कोड वर्ड का भी इस्तेमाल हुआ है. मोनिका नाम की एक साधिका से बातचीत में मोहित ने कुछ ऐसा लिखा- सामान मिल गया तो राम राम... मोनिका. नहीं मिला तो हरि हरि.
दरअसल, नारायण साईं की अश्लील चौकड़ी में तीन और मोहरे हैं- मोहित भोजवानी, जिसका काम लोगों को भड़काना और नारायण को इधर-उधर भगाना था. दूसरा नाम मोनिका अग्रवाल का है, जो साईं के लिए लड़कियां सप्लाई करती थी और तीसरा नाम हनुमान का है, जो नारायण साईं का रसोइया भी है और उसके लिए लड़कियों पर दबाव डालने वाला भी.
कई सालों तक ना जाने कितने गुनाहों को अंजाम देने वाले नारायण साईं ने अग्रिम जमानत के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया और उस चक्कर में आरोप है कि अदालत में उसने फर्जी हलफनामा भी दे दिया.
हालांकि अदालत ने अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया. लेकिन नारायण साईं एक पेशेवर अपराधी की तरह खुद को बचाने के लिए हर शातिर चाल चलता रहा. खुद पर बलात्कार का आरोप लगने के बाद से ही उसने मोबाइल के 17 सिम बदले. हर सिम का इस्तेमाल एक बार करके उसे तोड़ देता है. आखिरी बार आगरा के अपने साधक से सिम मांगा लेकिन उसने देने से मना कर दिया.
जो दिनभर में कान्हा बन लोगों को धर्म का पाठ पढ़ाता था, दुनिया की नज़रों से हटते ही सेक्स गैंग का सरगना बन जाता. जी हां, तफ्तीश के आईने में पुलिस को नारायण साईं का जो नया अक्स दिख रहा है, वो ऐसा ही है. उनके इस गैंग का एक ही टार्गेट था, नई-नई लड़कियों को फंसा कर 'मोटा-भगवान' की कुटिया तक ले जाना और फिर बंद कुटिया में भक्तों की आबरू तार-तार करना.
मंच पर ता-ता थैय्या कराते-कराते आसाराम ने कब अपने बेटे नारायण साईं को सेक्स गैंग चलाने की सलाहियत दे दी, ये बाप-बेटे के करतब देख रहे लाखों भक्तों को पता ही नहीं चला.
वो तो गुजरात पुलिस ने जब आसाराम को बल्ताकार के इल्ज़ाम में गिरफ्तार कर उनसे उनके करतूतों के बारे में पूछताछ की, तो ना सिर्फ़ खुद आसाराम के बल्कि उनके बेटे नारायण साईं के गैंग की भी पोल-पट्टी खुल कर ज़माने के सामने आ गई. पता चला कि नारायण साईं भी अपने पिता आसाराम की तरह बाकायदा अपने साधक रूपी गुर्गों की गैंग लेकर देश भर में फिरता था. और इस गैंग का सिर्फ़ और सिर्फ़ एक ही काम था, नई-नई लड़कियों को फांस कर नारायण साईं के सामने पेश करना.
गुजरात पुलिस के सूत्रों की मानें तो नारायण साईं ने अपने इस गैंग में काम करने वाले हर गुर्गे को अलग-अलग काम सौंप रखे थे. कोई लड़की को तथाकथित समर्पण के लिए तैयार करता तो कोई समर्पण के बाद लड़की को स्पेशल महसूस कराता. और अगर कोई लड़की बगावत करती, तो उससे निपटने का काम भी कोई और करता. कुल मिलाकर, साईं का सेक्स गैंग कई मायनों में अपने बाप आसाराम के गैंग से भी बढ़ कर था.
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समाजवादी पार्टी नेता आजम खान की बेतुकी बयानबाजी जारी है. एक बार फिर उन्होंने बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया है. उन्होंने उत्तर प्रदेश के संभल में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी दंगाई और हत्यारा है.
अपने पुराने विवादित बयान की सफाई में आजम खान ने कहा, 'मोदी ने हमे कुत्ते का बच्चा कहा. हमने कोई अपशब्द नहीं कहा. हमने नरेंद्र मोदी को भाई कहा. हम कुत्ते के बच्चे तो वो हमारे बड़े भाई.'
मोदी को 2002 दंगों के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा, 'मोदी ने हमारे बच्चों को तेजाब के ड्रम में गलाया. गुजरात के कलंक को हम प्रधानमंत्री नहीं बनने देंगे. 125 करोड़ की जनता एक तरफ खड़ी है, दूसरी तरफ गुजरात का दंगाई खड़ा है.'
आजम खान यहीं नहीं रुके. उन्होंने बीजेपी के यूपी प्रभारी अमित शाह पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'अमित शाह को सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात जाने से रोका. उसे गुंडा ना कहूं तो क्या भारत रत्न कहूं.'
जामा मस्जिद के शाही इमाम द्वारा कांग्रेस को समर्थन के ऐलान पर आजम खान ने कहा, 'इमाम बुखारी ठग हैं. पहले कांग्रेस का खून पिया. फिर इंडिया शाइनिंग की बस में बैठे, कमल का दामन थाम लिया. अब फिर कांग्रेस के हो गए.'
आजम खान अपने भाषण एक संवेदनशील बयान भी दिया. उन्होंने कहा, 'कांशीराम ने कहा था कि हमारा बस चले तो बाबरी मस्जिद को तुड़वा कर टॉयलेट बनवा दूं. खुदा ने ऐसी सजा दी कि एड़ियां रगड़-रगड़ कर मौत मांग रहे थे. दुश्मन को भी ना दे ऐसी जिंदगी. बाबरी मस्जिद टूटने के बाद देश में पुराने मस्जिदों की रौनक बदल गई. इबादतगार बढ़ गए.'
आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने गुरुवार को ही आजम खान को कारगिल युद्ध के बारे में और नरेंद्र मोदी के खिलाफ उनकी विवादास्पद टिप्पणी को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया है. आयोग ने कहा है कि प्रथम दृष्टया खान ने चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है. आयोग ने खान से 11 अप्रैल तक यह बताने को कहा है कि अपनी टिप्पणी से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने को लेकर उनके खिलाफ क्यों न कार्रवाई शुरू की जाए.
गौरतलब है कि खान ने 7 अप्रैल को गाजियाबाद में यह कह कर विवाद छेड़ दिया था कि 1999 में करगिल युद्ध में ‘मुसलमान सैनिकों’ ने भारत को जीत दिलाई थी. इससे पहले 5 अप्रैल को यूपी के मंत्री ने रामपुर में एक चुनाव रैली को संबोधित करते हुए कथित रूप से चुनाव तंत्र के खिलाफ धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल किया था. उन्होंने 2 अप्रैल को रामपुर में मोदी के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था.
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चीन की टेक्नॉलोजी दिग्गज हुआवे ने भारत में लेईसा सर्टिफाइड डुअल कैमरों वाला स्मार्टफोन P9 लॉन्च किया है. इसकी कीमत 39,999 रुपये है और यह बुधवार यानी 17 अगस्त से सिर्फ फ्लिपकार्ट पर मिलेगा.
इस P9 स्मार्टफोन में दो रियर कैमरे लगे हैं, ये दोनों Leica सर्टिफाइड हैं. यानी इसे जर्मन की दिग्गज कैमरा कंपनी Leica ने सर्टिफिकेशन दिया है. डुअल एलईडी के साथ इसमें फेस डिटेक्शन ऑटोफोकस दिया गया है. फोटो क्लिक करने पर इसका एक कैमरा मोनोक्रोम शॉट्स लेता है जबकि दूसरा कैमरा कलर (RGB) फोटो लेगा.
इस फोन में लगा खास सॉफ्टवेयर एल्गोरिदम दोनों
फोटो को मर्ज करके फाइनल
फोटो जेनेरेट करेगा. साधारण शब्दों में कहें तो इस फोन से कम लाइट में बेहतर फोटोग्राफी की जा सकेगी. हालांकि इसके रियर कैमरे से आप 4K वीडियो रिकॉर्ड नहीं कर सकते साथ ही इसमें ऑप्टिकल इमेज स्टेब्लाइजेसन भी नहीं है.
सेल्फी के लिए इसमें f/2.4 अपर्चर वाला एक 8 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया गया है.
इस 5.2 फुल एचडी डिस्प्ले वाले फोन में 2.5GHz ऑक्टाकोर
HiSilicon Kirin 955 प्रोसेसर
के साथ 3GB रैम और 32GB की इंटरनल मेमोरी दी गई है. यह डुअल सिम सपोर्ट करता है और एक सिम स्लॉट में मेमोरी कार्ड लगा कर 32GB तक बढ़ाया जा सकता है. इसका एक दूसरा वैरिएंट भी है जिसमें 4GB रैम के साथ 64GB इंटरनल मेमोरी दी गई है. लेकिन इस वैरिएंट को कंपनी ने भारत में लॉन्च नहीं किया है.
इसमें एंड्रॉयड मार्शमैलो बेस्ड कंपनी Emotion UI दिया गया है साथ ही 4G LTE कनेक्टिविटी वाले इस फोन में 3,000mAh की बैट्री भी दी गई है. यह तीन कलर वैरिएंट- टाइटेनियम ग्रे, मिस्टीक सिल्वर और प्रेस्टीज गोल्ड में उपलब्ध होगा.
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कर्नाटक में विपक्षी कांग्रेस और जद(एस) ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वह केंद्र की ओर से बाढ़ राहत कोष जारी करने के मुद्दे पर राज्य के साथ बेरुखा बर्ताव कर रहे हैं. बिहार में सितंबर के अंतिम हफ्ते में हुई भारी बारिश से आई बाढ़ के बारे में मोदी के ट्वीट के बाद कर्नाटक में विपक्षी दलों ने यह नाराजगी जाहिर की. भाजपा के एक विधायक का भी मानना है कि मोदी ने कर्नाटक के बाढ़ पीड़ितों की उतनी परवाह नहीं की, जितनी उन्होंने बिहार में बाढ़ पीड़ितों के लिए की.
बता दें, पीएम मोदी ने सोमवार को बिहार बाढ़ पर ट्वीट किया था. अपने ट्वीट में पीएम ने लिखा था, ‘राज्य के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ की स्थिति के बारे में नीतीश कुमार जी से बात की. बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए एजेंसियां स्थानीय प्रशासन के साथ काम कर रही हैं. केंद्र जरूरत पड़ने पर हरसंभव मदद मुहैया करने के लिए तैयार है.'
इस ट्वीट के बाद विजयपुरा शहर से भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने कहा कि मोदी के ट्वीट का लोगों ने निष्कर्ष निकाला कि उन्हें बिहार के बाढ़ पीड़ितों की चिंता है और कर्नाटक में प्रभावित लोगों की चिंता नहीं है. यतनाल ने कहा, ‘लोग फेसबुक पर टिप्पणी कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री बिहार के बारे में ट्वीट करते हैं और कर्नाटक के बारे में नहीं, शायद इसलिए कि यहां तत्काल चुनाव नहीं होने है. पार्टी को इसे गंभीरता से लेना चाहिए नहीं तो दक्षिण में उसका आधार खो सकता है.'
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया ने मोदी के ‘ट्वीट' को ‘रीट्वीट' करते हुए यह जानना चाहा कि कर्नाटक के लिए ‘नफरत' क्यों है और पीएम मोदी कोई जवाब क्यों नहीं दे रहें, जबकि कर्नाटक के कई इलाके बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं. उन्होंने कहा, ‘60 दिनों से अधिक समय से कर्नाटक के कई हिस्से बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित हैं.'
सिद्धरमैया ने कहा, ‘न रहने के लिए सिर पर छत है, न खाने के लिए कुछ है. मवेशी मर रहे हैं, फसलें बर्बाद हो गई हैं, लेकिन पीएम मोदी कोई जवाब नहीं दे रहे हैं.' उन्होंने ट्वीट में पूछा, ‘कर्नाटक के प्रति यह नफरत क्यों है?' इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने कर्नाटक से भाजपा के 25 लोकसभा सदस्यों की ‘अकर्मण्यता' पर भी सवाल करते हुए उनसे पूछा कि वे क्या कर रहे हैं.
उन्होंने चित्रदुर्ग जिले में संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा कह रहे हैं कि उनकी (भाजपा) सरकार ने बाढ़ पीड़ित प्रत्येक व्यक्ति को 10,000 रुपए दिए हैं, लेकिन लोगों ने इसमें भेदभाव करने के आरोप लगाए हैं.
सिद्धरमैया ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘उन्होंने उन लोगों को रुपए नहीं दिए जिन्होंने कांग्रेस का समर्थन किया था और सिर्फ भाजपा समर्थकों को पैसे मिले हैं. मकानों का पुनर्निर्माण करने के लिए, फसलों और मवेशियों को पहुंचे नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए अब तक धन नहीं जारी किया गया है. जिनके मकान नष्ट हो गए उन्हें सिर छिपाने के लिए छत तक नहीं दी गई है.'
पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता जी परमेश्वर ने कहा कि वह बिहार को ‘तीव्रता' से दी गई सहायता की सराहना करते हैं, लेकिन उन्होंने यह ट्वीट भी किया, ‘हम केंद्र द्वारा कर्नाटक के प्रति दिखाई गई गंभीर उदासीनता के बारे में सोचना बंद नहीं कर सकते.' उन्होंने लिखा, ‘कर्नाटक और दक्षिण भी भारत का हिस्सा हैं, नरेंद्र मोदी जी!' उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘क्या बिहार की 40 सीटों के सामने कर्नाटक की 28 सीटें नगण्य हैं, जिस कारण नीतीश कुमार को फोन आया जबकि कर्नाटक बाढ़ के बारे में बात करने की बी एस येदियुरप्पा की बार-बार की कोशिशें खारिज हो गई.' उन्होंने कहा, ‘हम भी इसी देश में हैं, श्रीमान. आप जो कर रहे हैं वह अच्छा नहीं कर रहे हैं.'
कांग्रेस के साथ ही जद(एस) ने भी ट्वीट किया, ‘नरेंद्र मोदी जी, आप कर्नाटक की मदद करने में इसी तरह की रुचि क्यों नहीं प्रदर्शित कर रहे हैं? आप चुनाव के दौरान कई बार कर्नाटक आए, लेकिन आप अब लोगों के दुख में शामिल नहीं होना चाहते.' गौरतलब है कि कर्नाटक में अगस्त में आई बाढ़ में 84 लोगों की मौत हो गई, जबकि लाखों हेक्टेयर भूमि जलमग्न हो गई. करीब 1.5 लाख मकान क्षतिग्रस्त हो गये.
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उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में एक सेक्स रैकेट का भांडाफोड़ होने के बाद 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया. यह रैकेट फेसबुक के जरिए अपने ग्राहकों की बुकिंग करता था.
पुलिस अधीक्षक (सिटी) पवन कुमार के नेतृत्व में एक दल ने रविवार शाम बाल्केश्वर इलाके के गोविंदपुरी कॉलोनी की एक दो मंजिली इमारत से रविवार को 11 लोगों को गिरफ्तार किया. पड़ोसियों लगातार शिकायत कर रहे थे, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई.
छापा डालने आए दल ने बीयर कैन, शराब की बोतलें और अन्य चीजें बरामद की हैं. पुलिस के मुताबिक, यह रैकेट फर्जी फेसबुक एकाउंट पर चैटिंग के जरिए ग्राहकों की तलाश करता था.
आगरा बसई, सिकंदरा, माल का बाजार और सियो का बाजार जैसी जगहों पर देह व्यापार के लिए ऐतिहासिक रूप से कुख्यात है. पिछले महीने माल का बाजार इलाके में दो छापेमारी हुई थी और सड़क पर एक यौनकर्मी का शव बरामद हुआ था. पुलिस को उसका संपर्क कोलकाता से होने की जानकारी मिली थी.
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देश के शेयर बाजारों में बुधवार को गिरावट रही। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 298.16 अंकों की गिरावट के साथ 16,030.09 पर और निफ्टी 84.55 अंकों की गिरावट के साथ 4,858.25 पर बंद हुआ।
बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 195.57 अंकों की गिरावट के साथ 16,132.68 पर खुला, जो कारोबारी सत्र का ऊपरी स्तर साबित हुआ। सेंसेक्स ने कारोबारी सत्र में 16,000 की मनोवैज्ञानिक सीमा से नीचे 15,974.60 के निचले स्तर को छुआ।
सेंसेक्स के 30 में से सिर्फ दो शेयरों स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (0.87 फीसदी) और बजाज ऑटो (0.47 फीसदी) में तेजी रही।
सेंसेक्स में गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे टाटा मोटर्स (7.34 फीसदी), टाटा स्टील (3.89 फीसदी), भेल (3.74 फीसदी), एचडीएफसी (3.71 फीसदी) और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (3.28 फीसदी)।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी 67.50 अंकों की गिरावट के साथ 4,875.30 पर खुला। निफ्टी ने 4,882.25 के ऊपरी और 4,837.05 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट रही। मिडकैप 46.35 अंकों की गिरावट के साथ 5,879.42 पर और स्मॉलकैप 70.32 अंकों की गिरावट के साथ 6,264.95 पर बंद हुआ।टिप्पणियां
बीएसई के सभी 13 सेक्टरों में गिरावट दर्ज की गई। धातु (2.68 फीसदी), वाहन (2.59 फीसदी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (1.94 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (1.69 फीसदी) और बैंकिंग (1.65 फीसदी) में सबसे अधिक गिरावट रही।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 983 शेयरों में तेजी और 1733 में गिरावट रही, जबकि 115 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ।
बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 195.57 अंकों की गिरावट के साथ 16,132.68 पर खुला, जो कारोबारी सत्र का ऊपरी स्तर साबित हुआ। सेंसेक्स ने कारोबारी सत्र में 16,000 की मनोवैज्ञानिक सीमा से नीचे 15,974.60 के निचले स्तर को छुआ।
सेंसेक्स के 30 में से सिर्फ दो शेयरों स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (0.87 फीसदी) और बजाज ऑटो (0.47 फीसदी) में तेजी रही।
सेंसेक्स में गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे टाटा मोटर्स (7.34 फीसदी), टाटा स्टील (3.89 फीसदी), भेल (3.74 फीसदी), एचडीएफसी (3.71 फीसदी) और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (3.28 फीसदी)।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी 67.50 अंकों की गिरावट के साथ 4,875.30 पर खुला। निफ्टी ने 4,882.25 के ऊपरी और 4,837.05 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट रही। मिडकैप 46.35 अंकों की गिरावट के साथ 5,879.42 पर और स्मॉलकैप 70.32 अंकों की गिरावट के साथ 6,264.95 पर बंद हुआ।टिप्पणियां
बीएसई के सभी 13 सेक्टरों में गिरावट दर्ज की गई। धातु (2.68 फीसदी), वाहन (2.59 फीसदी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (1.94 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (1.69 फीसदी) और बैंकिंग (1.65 फीसदी) में सबसे अधिक गिरावट रही।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 983 शेयरों में तेजी और 1733 में गिरावट रही, जबकि 115 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ।
सेंसेक्स के 30 में से सिर्फ दो शेयरों स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (0.87 फीसदी) और बजाज ऑटो (0.47 फीसदी) में तेजी रही।
सेंसेक्स में गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे टाटा मोटर्स (7.34 फीसदी), टाटा स्टील (3.89 फीसदी), भेल (3.74 फीसदी), एचडीएफसी (3.71 फीसदी) और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (3.28 फीसदी)।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी 67.50 अंकों की गिरावट के साथ 4,875.30 पर खुला। निफ्टी ने 4,882.25 के ऊपरी और 4,837.05 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट रही। मिडकैप 46.35 अंकों की गिरावट के साथ 5,879.42 पर और स्मॉलकैप 70.32 अंकों की गिरावट के साथ 6,264.95 पर बंद हुआ।टिप्पणियां
बीएसई के सभी 13 सेक्टरों में गिरावट दर्ज की गई। धातु (2.68 फीसदी), वाहन (2.59 फीसदी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (1.94 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (1.69 फीसदी) और बैंकिंग (1.65 फीसदी) में सबसे अधिक गिरावट रही।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 983 शेयरों में तेजी और 1733 में गिरावट रही, जबकि 115 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ।
सेंसेक्स में गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे टाटा मोटर्स (7.34 फीसदी), टाटा स्टील (3.89 फीसदी), भेल (3.74 फीसदी), एचडीएफसी (3.71 फीसदी) और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (3.28 फीसदी)।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी 67.50 अंकों की गिरावट के साथ 4,875.30 पर खुला। निफ्टी ने 4,882.25 के ऊपरी और 4,837.05 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट रही। मिडकैप 46.35 अंकों की गिरावट के साथ 5,879.42 पर और स्मॉलकैप 70.32 अंकों की गिरावट के साथ 6,264.95 पर बंद हुआ।टिप्पणियां
बीएसई के सभी 13 सेक्टरों में गिरावट दर्ज की गई। धातु (2.68 फीसदी), वाहन (2.59 फीसदी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (1.94 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (1.69 फीसदी) और बैंकिंग (1.65 फीसदी) में सबसे अधिक गिरावट रही।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 983 शेयरों में तेजी और 1733 में गिरावट रही, जबकि 115 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ।
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बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट रही। मिडकैप 46.35 अंकों की गिरावट के साथ 5,879.42 पर और स्मॉलकैप 70.32 अंकों की गिरावट के साथ 6,264.95 पर बंद हुआ।टिप्पणियां
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बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 983 शेयरों में तेजी और 1733 में गिरावट रही, जबकि 115 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट रही। मिडकैप 46.35 अंकों की गिरावट के साथ 5,879.42 पर और स्मॉलकैप 70.32 अंकों की गिरावट के साथ 6,264.95 पर बंद हुआ।टिप्पणियां
बीएसई के सभी 13 सेक्टरों में गिरावट दर्ज की गई। धातु (2.68 फीसदी), वाहन (2.59 फीसदी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (1.94 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (1.69 फीसदी) और बैंकिंग (1.65 फीसदी) में सबसे अधिक गिरावट रही।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 983 शेयरों में तेजी और 1733 में गिरावट रही, जबकि 115 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ।
बीएसई के सभी 13 सेक्टरों में गिरावट दर्ज की गई। धातु (2.68 फीसदी), वाहन (2.59 फीसदी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (1.94 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (1.69 फीसदी) और बैंकिंग (1.65 फीसदी) में सबसे अधिक गिरावट रही।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 983 शेयरों में तेजी और 1733 में गिरावट रही, जबकि 115 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 983 शेयरों में तेजी और 1733 में गिरावट रही, जबकि 115 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ।
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: हाल ही में सरकार पर किए अपने एक कटाक्ष भरे ट्वीट के चलते आलोचनाओं का सामना कर रही बॉलीवुड अभिनेत्री नेहा धूपिया ने आज कहा कि उनका इरादा किसी पर व्यक्तिगत रूप से हमला करने या किसी को अपमानित करने का नहीं था।
नेहा ने हाल ही में ट्वीटर पर मानसून के दौरान मुंबई में यातायात की स्थितियों को संभालने में सरकार की नाकामी पर खीज जतया और साथ ही ‘सेल्फी विद् डॉटर’ की पहल और ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ समारोह की आलोचना की।
उनके ये ट्वीट संदेश कुछ लोगों को पसंद नहीं आए और उन्होंने ट्वीटर पर नेहा के खिलाफ मोर्चा छेड़ दिया। उन्होंने अभिनेत्री को अपशब्द भी कहे।टिप्पणियां
इस पूरे मामले में नेहा ने कहा, ट्वीट के जरिये मेरा इरादा कभी किसी को नीचा दिखाने या उस पर व्यक्तिगत रूप से हमला करने का नहीं था। यह मुंबई की एक असहाय निवासी की हताशा थी। मैंने ट्वीटर पर मुझे और मेरे परिवार वालों का गाली देने वाले लोगों को नजरअंदाज करने की कोशिश भी की। उन्होंने एक बयान में कहा कि प्रदर्शनकारी मेरे घर के बाहर पहुंच गए हैं। मैं पुलिस की आभारी हूं कि उन्होंने मुझे बचाया और लोगों से यह देखने के लिए कहा कि मेरे शब्द व्यक्ति की जगह मुद्दे पर हैं। मेरा लक्ष्य कभी किसी की भावनाओं को आहत करने का नहीं था।
उन्होंने कहा कि उन्होंने ‘पुरे दिल से’ योग दिवस और स्वच्छ भारत जैसी सरकार की परियोजनाओं का समर्थन किया है।
नेहा ने हाल ही में ट्वीटर पर मानसून के दौरान मुंबई में यातायात की स्थितियों को संभालने में सरकार की नाकामी पर खीज जतया और साथ ही ‘सेल्फी विद् डॉटर’ की पहल और ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ समारोह की आलोचना की।
उनके ये ट्वीट संदेश कुछ लोगों को पसंद नहीं आए और उन्होंने ट्वीटर पर नेहा के खिलाफ मोर्चा छेड़ दिया। उन्होंने अभिनेत्री को अपशब्द भी कहे।टिप्पणियां
इस पूरे मामले में नेहा ने कहा, ट्वीट के जरिये मेरा इरादा कभी किसी को नीचा दिखाने या उस पर व्यक्तिगत रूप से हमला करने का नहीं था। यह मुंबई की एक असहाय निवासी की हताशा थी। मैंने ट्वीटर पर मुझे और मेरे परिवार वालों का गाली देने वाले लोगों को नजरअंदाज करने की कोशिश भी की। उन्होंने एक बयान में कहा कि प्रदर्शनकारी मेरे घर के बाहर पहुंच गए हैं। मैं पुलिस की आभारी हूं कि उन्होंने मुझे बचाया और लोगों से यह देखने के लिए कहा कि मेरे शब्द व्यक्ति की जगह मुद्दे पर हैं। मेरा लक्ष्य कभी किसी की भावनाओं को आहत करने का नहीं था।
उन्होंने कहा कि उन्होंने ‘पुरे दिल से’ योग दिवस और स्वच्छ भारत जैसी सरकार की परियोजनाओं का समर्थन किया है।
उनके ये ट्वीट संदेश कुछ लोगों को पसंद नहीं आए और उन्होंने ट्वीटर पर नेहा के खिलाफ मोर्चा छेड़ दिया। उन्होंने अभिनेत्री को अपशब्द भी कहे।टिप्पणियां
इस पूरे मामले में नेहा ने कहा, ट्वीट के जरिये मेरा इरादा कभी किसी को नीचा दिखाने या उस पर व्यक्तिगत रूप से हमला करने का नहीं था। यह मुंबई की एक असहाय निवासी की हताशा थी। मैंने ट्वीटर पर मुझे और मेरे परिवार वालों का गाली देने वाले लोगों को नजरअंदाज करने की कोशिश भी की। उन्होंने एक बयान में कहा कि प्रदर्शनकारी मेरे घर के बाहर पहुंच गए हैं। मैं पुलिस की आभारी हूं कि उन्होंने मुझे बचाया और लोगों से यह देखने के लिए कहा कि मेरे शब्द व्यक्ति की जगह मुद्दे पर हैं। मेरा लक्ष्य कभी किसी की भावनाओं को आहत करने का नहीं था।
उन्होंने कहा कि उन्होंने ‘पुरे दिल से’ योग दिवस और स्वच्छ भारत जैसी सरकार की परियोजनाओं का समर्थन किया है।
इस पूरे मामले में नेहा ने कहा, ट्वीट के जरिये मेरा इरादा कभी किसी को नीचा दिखाने या उस पर व्यक्तिगत रूप से हमला करने का नहीं था। यह मुंबई की एक असहाय निवासी की हताशा थी। मैंने ट्वीटर पर मुझे और मेरे परिवार वालों का गाली देने वाले लोगों को नजरअंदाज करने की कोशिश भी की। उन्होंने एक बयान में कहा कि प्रदर्शनकारी मेरे घर के बाहर पहुंच गए हैं। मैं पुलिस की आभारी हूं कि उन्होंने मुझे बचाया और लोगों से यह देखने के लिए कहा कि मेरे शब्द व्यक्ति की जगह मुद्दे पर हैं। मेरा लक्ष्य कभी किसी की भावनाओं को आहत करने का नहीं था।
उन्होंने कहा कि उन्होंने ‘पुरे दिल से’ योग दिवस और स्वच्छ भारत जैसी सरकार की परियोजनाओं का समर्थन किया है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने ‘पुरे दिल से’ योग दिवस और स्वच्छ भारत जैसी सरकार की परियोजनाओं का समर्थन किया है।
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चीन के तेजी से हो रहे उदय को लेकर बढ़ रही चिंताओं के मद्देनजर नए नेता शी जिनपिंग ने कहा है कि उनका देश किसी पड़ोसी को नुकसान नहीं पहुंचाएगा और न ही दूसरे देशों का खर्च बढ़ाएगा, हालांकि वह अपनी क्षेत्रीय सीमाओं से जुड़े दावों और प्रमुख हितों को लेकर दृढ़ होगा.
सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) का महासचिव चुने जाने के बाद विदेश नीति पर अपना पहला भाषण देते हुए जिनपिंग ने कहा, ‘चीन कभी भी दूसरे देशों के हितों की कीमत पर अपने यहां विकास को आगे नहीं बढ़ाएगा. हम कभी दूसरों की कीमत पर अपना फायदा नहीं करेगे अथवा किसी पड़ोसी को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे.’
चीन का एशिया में कई देशों के साथ सीमा संबंधी विवाद चल रहा है. उसके तेजी से उदय को देखते हुए अमेरिका ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपना ध्यान बढ़ा दिया है. सीपीसी के प्रमुख बनने के साथ जिनपिंग चीन की 23 लाख कर्मियों वाली पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के प्रमुख बन जाएंगे. वह राष्ट्रपति हू जिंताओ का स्थान ले रहे हैं. जिंताओ मार्च में सेवानिवृत्त हो रहे हैं और इसके बाद जिनपिंग जिम्मेदारी संभालेंगे.
सीपीसी की नवगठित 25 सदस्यीय पोलित ब्यूरो की एक बैठक में 59 साल के जिनपिंग ने कहा कि चीन अडिग होकर शांतिपूर्ण विकास को आगे बढ़ाएगा, साझा विकास पर जोर देगा, बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को कायम रखेगा और वैश्विक आर्थिक शासन में भागीदारी करेगा.
जिनपिंग का यह बयान उस वक्त आया है जब चीन और उसके दूसरे पड़ोसियों के बीच सीमा संबंधी मामलों को लेकर तनाव की स्थिति है. चीन का दक्षिण पूर्व एशियाई सागर में जापान और दक्षिणी चीन सागर में कई दूसरे देशों के साथ विवाद है.
भारत के साथ उसका सीमा संबंधी विवाद है जिसका बातचीत के जरिए समाधान निकालने का प्रयास हो रहा है. जिनपिंग ने कहा, ‘हम शांतिपूर्ण विकास के मार्ग पर बने रहेंगे, लेकिन अपने वैधानिक अधिकारों को कभी छोड़ेंगे और अपने मुख्य राष्ट्रीय हितों की उपेक्षा कभी नहीं करेंगे.’
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सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन लैंग्वेज (CIIL) ने कई पदों के लिए वैकेंसी निकाली हैं. इच्छुक उम्मीदवार 5 मार्च तक आवेदन कर सकते हैं.
पदों की संख्या:
164
पद का नाम:
चीफ रिसोर्स पर्सन
सीनियर रिसोर्स पर्सन
जूनियर रिसोर्स पर्सन
ऑफिस सुपरवाइजर
एकाउंट असिस्टेंट
लाइब्रेरी असिस्टेंट
ऑफिस असिस्टेंट
डेटा इनपुट ऑपरेटर
ऑफिस हेल्पर
चयन प्रक्रिया :
उम्मीदवारों का चयन इंटरव्यू के आधार पर किया जाएगा.
ज्यादा जानकारी के लिए
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अमोल रेडिज (जन्म 18 सितंबर 1977) महाराष्ट्र, भारत के एक भारतीय कवि, लेखक और रचनात्मक सामग्री डिजाइनर हैं। लघु फिल्मों और थिएटर के लिए पटकथा भी लिखते हैं।
ग्रंथसूची
उदासी के मौन क्षण (कविता संग्रह, 2011, एलेथिया प्रकाशन)
69: द अदरवाइज पोएट्री (कविता संग्रह, 2014, साइबरविट पब्लिशर्स)
शीर्षकहीन (फिक्शन नॉवेल, अंडर पब्लिशिंग रिव्यू)
अर्धविराम (लघु फिल्म, सहायक निदेशक, 2015)
जितना अच्छा हो जाता है (मराठी नाटक, स्क्रिप्ट, 2010)
ब्रुइज़्ड मेमोरीज़ (कविता, द ब्रूइज़्ड पीच प्रेस मैगज़ीन - यूएस, 2011)
एक्स्टसी (कविता, द ब्रुकलिन वॉयस मैगज़ीन - यूएस, 2013)
होम (कविता, भाग्य कवि - यूके, 2012)
क्यों (लघु कहानी, कॉमन वेल्थ शॉर्ट स्टोरी प्राइज में प्रवेश, 2012)
वैम्पायर एम्पायर (लघु फिल्म, पटकथा)
कार्टे ब्लैंच (लघु फिल्म, पटकथा)
इन्हें भी देखें
भारतीय कवियों की सूची
सन्दर्भ
अंग्रेज़ी भाषा के कवि
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'मैं वापस आ गया, मैं वापस आ गया.' करीब महीने भर पहले जब सलमान खान की फिल्म 'प्रेम रतन धन पायो' का पहला टीजर लॉन्च हुआ तो 'प्रेम' के पुजारियों (फैंस) को इसी डायलॉग ने बांधा था. भव्य सेट, दमदार टाइटल ट्रैक और सलमान के शर्मीले अंदाज का दीदार हुआ तो 90 के दशक के उन सिनेप्रेमियों की भी धड़कनें बढ़ गईं, क्योंकि अब बात सलमान के साथ ही सूरज बड़जात्या की थी, जिसने पहले पहल 1989 में कहा था, 'एक लड़का और लड़की कभी दोस्त नहीं होते.'
सूरज बड़जात्या अपने 'प्रेम' यानी सलमान खान से महज 1 साल बड़े हैं. लेकिन 90 के दशक में 'मैंने प्यार किया', 'हम आपके हैं कौन' और फिर 'हम साथ साथ हैं' जैसी घोर पारिवारिक फिल्मों के जरिए उन्होंने भारतीय परंपरा और पारिवारिक आदर्शों के प्रति अपनी समझ और सिनेमाई कौशल का लोहा मनवाया. लेकिन तब से लेकर अब 16 साल बीत गए हैं. नवंबर 1999 में 'हम साथ साथ हैं' आई थी और अब 2015 में सूरज अपने 'प्रेम' के साथ 'प्रेम रतन धन पायो' लेकर आए हैं.
बुधवार मध्यरात्रि से ही सलमान के दीवानों ने ट्विटर पर फिल्म को लेकर अपनी दिलचस्पी और उत्सुकता के व्यंजन परोसने शुरू कर दिए. किसी ने लिखा कि वह गुरुवार को अलार्म बजने से पहले ही जग गया तो किसी ने लिखा कि वह रात भर 'आज उनसे मिलना है हमें' ही गुनगुनाता रहा.
गुरुवार 12 नवंबर को फिल्म रिलीज हुई. भीड़ ने बांछें खोलकर सलमान और सूरज का स्वागत किया. सलमान की हर फिल्म की तरह दिन ढलते-ढलते फिल्म को लेकर दो तरह की राय सामने आने लगी. दिलचस्प यह कि जहां एक फैंस ने फिल्म की प्रशंसा में कसीदे गढ़े, वहीं दो तरह की राय की बानगी समीक्षकों की ओर से देखने, सुनने और पढ़ने को मिली.
क्या कहते हैं समीक्षक
'इंडिया टुडे हिंदी' से जुड़े फिल्म पत्रकार और समीक्षक नरेंद्र सैनी फिल्म को 'राजश्री का टॉर्चर' बताते हैं. वह लिखते हैं, 'सलमान खान दिवाली पर अपने चाहने वालों के लिए प्रेम रतन धन पायो का तोहफा लेकर आए हैं, लेकिन फिल्म दिवाली के बाद की थकान को उतारने की बजाय और बढ़ा ही देती है. सूरज बड़जात्या लंबे समय बाद सलमान के साथ लौटे हैं, इसलिए उन्होंने सलमान को पूरी तरह कैश कराने की कोशिश की, लेकिन इस चक्कर में वह कहानी से पूरी तरह भटक गए. शायद वह फिल्ममेकिंग के उसी जमाने के फॉर्मूले को अपना रहे हैं जो वह दो दशक पहले अपनाया करते थे. लेकिन उस जमाने में वे एक कहानी भी लेकर चलते थे जो इस बार पूरी तरह से मिसिंग है.'
मुंबई में फिल्म पत्रकार आरजे आलोक फिल्म की कहानी को 'फीकी' बताते हुए लिखते हैं, 'लगभग 27 साल पहले निर्देशक सूरज बड़जात्या ने इंडस्ट्री को 'प्रेम' के रूप में सलमान खान दिया था. अब लगभग 16 साल बाद एक बार फिर सलमान और सूरज साथ आए हैं. लेकिन फीकी कहानी के कारण 2015 में जनता सूरज बड़जात्या की स्टाइल को पसंद करेगी, इसमें थोड़ा संशय है. कमर्शियल युग में यह पारिवारिक फिल्म अपनाई जाएगी या नहीं इसे लेकर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.'
...लेकिन यहां अलग है राय
दूसरी ओर, कई फिल्म समीक्षकों और ट्रेड एनालिस्टों ने फिल्म को सलमान खान के फैंस के लिए ट्रीट बताया है. indiatoday.in के लिए अनन्या भट्टाचार्य लिखती हैं, 'यह फिल्म सलमान खान और सूरज बड़जात्या दोनों के खास दर्शक वर्ग के लिए बेहतरीन है. हालांकि सलमान के फैंस अपने भाई के सुपर-ह्यूमन अवतार को मिस करेंगे, लेकिन बावजूद इसके उन्होंने अच्छा काम किया है. इस फिल्म को सलमान खान के लिए देखें.'
ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श लिखते हैं, 'प्रेम रतन धन पायो पूरे परिवार के लिए एक परफेक्ट दिवाली एंटरटेनर है. यह फिल्म जहां दर्शकों का प्यार जीतेगी, वहीं निर्माताओं के लिए कमाई के रिकॉर्ड बनाएगी. यह फिल्म घरेलू बाजार के साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी ब्लॉकबस्टर साबित होगी.'
क्या कहा सलमान के फैंस ने
बात सलमान खान की हो तो समीक्षकों से ज्यादा उनके फैंस को सुनना जरूरी हो जाता है. ऐसा इसलिए कि जहां दर्शकों का यह हुजूम पर्दे पर 'भाई' के दर्शन मात्र से खुश हो जाता है, वहीं सिंगल स्क्रीन से लेकर मल्टीप्लेक्स तक इनका अपना एक अलग अंदाज होता है. सोशल मीडिया और सिनेमाघरों से सलमान के फैंस की जो प्रतिक्रिया सामने आई, उसके मुताबिक-
Very True. Its Awe Inspiring movie.. If u have Pure heart n soul you'll beore purified from it. 😊😊☺😚😚💜💖💞
#PRDPDay
https://t.co/JpmJ8YLe7F
— ~PRDP Iss Diwali~ (@cool_nikkki)
November 12, 2015
#PRDPDay
First show in the morning look at the crowd 😄 Insane ! Only MegaStar Sk Rules.
pic.twitter.com/ehd8zTAaP6
— Raja Bhaiya ❤❤ (@salmansheart)
November 12, 2015
Awesome awesome awesome movie yaar Salman khan you are the soul of the film PREM IS BACK 😎 BEST FAMILY ENTERTAINER IN BOLLYWOOD
#PRDPDay
— satishcr7 (@satishkakarla7)
November 12, 2015
Tears of joy at 6am in the morning. You deserve it
@BeingSalmanKhan
and you've provided me with such joy these last 16 years
#PRDPDay
— Naveed Afzal (@Nav_PRDP)
November 12, 2015
Went to Check the Reaction of Public ...People are saying " This is the Best Film of Salman Khan's Career "
#PRDPDay
— Siddharth Mathur (@BeingSiddharth)
November 12, 2015
Half way through
@PRDP
,should I buy ticket again for second half ? Mere paise already vasool hogaye h
#PRDPDay
— THE SALMAN KHAN (@ppritam009)
November 12, 2015
OMG Can't believe its morning show the no. of people who are here... family audiences rocking.
#TGIP
#PRDPDay
— Danish (@danish_iam)
November 12, 2015
#PRDPDay
Salman Sir youre on our mind, heart, prayers ... its YOU all the way. Love & Respect
@BeingSalmanKhan
— SapNa (@msapna150)
November 12, 2015
बॉक्स ऑफिस के पारसमणि हैं सलमान
'प्रेम रतन धन पायो' देशभर में 4500 से अधिक और दुनियाभर में 5300 से अधिक स्क्रीन्स पर रिलीज हुई है. फिल्म की लागत करीब 125 करोड़ रुपये है. लेकिन ये सारे आंकड़े तब धरे रह जाते हैं, जब रिलीज से दो दिन पहले ही फिल्म के ओपनिंग डे की 40 फीसदी बुकिंग हो जाती है. 2010 में रिलीज 'दबंग' से लेकर 2015 में रिलीज 'बजरंगी भाईजान' तक सलमान की सभी 8 फिल्मों ने कमाई के नए रिकॉर्ड बनाए हैं. 'बजरंगी भाईजान' इनमें सबसे अधिक कमाई कर 400 करोड़ क्लब में शामिल है. ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श के मुताबिक, कमाई के मामले में 'प्रेम रतन धन पायो' बॉक्स ऑफिस पर नए रिकॉर्ड बनाएगी.
...अब बात आपके-हमारे 'प्रेम' की
कमाई, फैंस, समीक्षा, कहानी और ऐसे तामम मापदंडों को दूर रखें तो बात एक बार फिर हमारे और आपके 'प्रेम' पर आकर टिकती है. वह 'प्रेम' जिसने 1989 में हमें 'दिल दे के दर्दे मोहब्बत लिया है' सिखाया तो 1994 में कहा 'ये मौसम का जादू है मितवा...' 1999 में इसी 'प्रेम' ने हमें यह भी बताया कि परिवार को 'साथ-साथ' कैसे जोड़कर रखा जाता है. इसमें कोई दोराय नहीं है कि समय के साथ पर्दे ने 'प्रेम' को बदल दिया.
अपने प्यार का इजहार करने के लिए कभी दिन रात इंतजार और खत के लिए कबूतर की राह तकने वाला 'प्रेम' अचानक से 'लव गुरु' बन गया. लड़कियां उसके आसपास नाचने लगीं तो हाथों में फौलादी ताकत भी आ गई. उसी आंखों में हमने 'डेविल' को भी देखा और 'देवी लाल' को भी. ऐसे समय में सूरज बड़जात्या 16 साल बाद 'प्रेम रतन धन पायो' के जरिए 'प्रेम की घर वापसी' करवाने आए हैं. फिल्म से जुड़े एक इंटरव्यू के दौरान बड़जात्या कहते हैं, 'फिल्म देखने के बाद लोगों की नजर में सलमान के लिए इज्जत और बढ़ जाएगी.'
पवन से मिलेगी 'प्रेम' को राहत
इसमें कोई दोराय नहीं है कि बीते कुछ समय में सलमान खान की जैसी छवि लेकर फैंस सिनेमाघरों तक पहुंचते रहे हैं, 'प्रेम रतन धन पायो' उस छवि को न सिर्फ तोड़ती है, बल्कि उसके ठीक उलट है. लेकिन दीगर बात यह भी है कि इससे पहले रिलीज 'बजरंगी भाईजान' में पवन के किरदार ने बहुत हद तक सलमान को 'चुलबुल' और 'राधे' की छवि से बाहर निकाला है. फैंस को सलमान का हनुमान भक्त रूप खासा पसंद भी आया. लेकिन आपको आपका 'प्रेम' मिला या नहीं ये तो सिनेमाघर जाकर 'प्रेम' से 2 घंटे 45 मिनट मुलाकात करने के बाद ही पता चल सकेगा.
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हैदराबाद राज्य कांग्रेस, हैदराबाद राज्य का राजनीतिक दल था जिसकी स्थापना १९३८ हुई थी। इसके भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से घनिष्ट सम्बन्ध थे। यह दल, हैदराबद राज्य में नागरिक अधिकारों तथा प्रतिनिधिक लोकतंत्र (representative democracy) की माँग करता था तथा हैदराबाद राज्य का भारतीय संघ में विलय चाहता था। कांग्रेस, निजाम के तानाशाही और मनमाने शासन तथा रजाकारों के अत्याचारों का भी विरोध करती थी।
सन्दर्भ
इन्हें भी देखें
रजाकार
हैदराबाद सत्याग्रह
तेलंगाना विद्रोह
बाहरी कड़ियाँ
Mahatma Gandhi opposed suppression of Hyderabad Congress during Nizam regime
हैदराबाद राज्य
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हमारे टीवी और फिल्में अक्सर अतिरेक परोसते हैं. वो एक ऐसी दुनिया रचते हैं, जहां ईमानदार, ईमानदारी के लिए जान गंवा देने की हद तक खुशी-खुशी चला जाता है. जो भ्रष्ट और अपराधी हैं, वे मांस खाते और शराब पीते है. साथ ही वेब सीरीज के इस जमाने में बोलते कम और गालियां ज्यादा देते है. लेकिन 'पाउडर’एक ऐसी वेब सीरीज है जो अपने हर किरदार को उसकी कमजोरियों और काबलियतों के साथ अपने दर्शकों का मनोरंजन करती है .
इस सीरीज के अपराधी, अपराध करते हैं, क्योंकि इससे उनके परिवार का दाना-पानी चलता है लेकिन वो बात, बात पर गाली नहीं देते. शराब नहीं पीते. वो ड्रग्स का धंधा तो करते हैं. बाहरी दुनिया के लिए सख्त हैं लेकिन जब बात खुद की या परिवार की आती है तो एक आम आदमी की तरह ही कमजोर पड़ते हैं.
Best Web Series From 2018: भारत की इन वेब सीरीज का दुनिया ने माना लोहा
ड्रग कारोबारी को रोकने के लिए तीन सरकारी संस्थाएं दिन-रात काम कर रही हैं. वो इस माफिया को पकड़ना चाहती हैं. इसका धंधा चौपट करना चाहती हैं. उसे तबाह करना चाहती हैं, लेकिन ठीक इसी वक्त में अपने आपसी खींचतान और एक-दूसरे को लेकर अपनी खुन्नस को भी सहलाते, पुचकारते रहते हैं. इतना ही क्यों? एक संस्था दूसरी से जानकारी शेयर नहीं करती. वो एक-दूसरे को नीचा दिखाने में लगे रहते हैं और दूसरे से पहले उस ड्रग माफिया को पकड़ना चाहते हैं ताकि उनकी संस्था का नाम हो.
कहने का मतलब यह कि इस सीरीज में जो भी आपको दिखता है वो वास्तविक जीवन के सबसे करीब है और शायद यही वजह है कि आप इस सीरीज के सारे के सारे एपिसोड को देखने के लिए जल्दी घर लौटना चाहते हैं. देर रात तक देखते हैं और सुबह भागते हुए अपने काम पर पहुंचते हैं. ये बात मैं निजी अनुभव से कह रहा हूं.
असल में 'पाउडर' एक टीवी धारावाहिक है जिसे आज से नौ साल पहले सोनी टीवी चैनल पर प्रसारित किया गया था, लेकिन खराब टीआरपी की वजह से बीच में ही बंद कर दिया गया था. पिछले साल यही टीवी धारावाहिक नेटफ्लिक्स पर आया है.
सीरीज के केंद्र में नावेद अंसारी नामक एक किरदार है जो मुंबई में ड्रग्स का धंधा करता है. वो ये काम इतनी खुबसूरती से करता है कि कानून व्यवस्था बनाए रखने वाली एजेंसियां सब कुछ जानते-समझते हुए भी उसके खिलाफ सबूत नहीं जुटा पाती हैं. कहानी का दूसरा अहम किरदार है, उस्मान अलि मलिक. उस्मान नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के मुंबई ब्रांच का एक ऑफिसर है, जो नावेद को तब से जानता है जब वो एक मामूली गुंडा होता था. उसमान अलि मलिक अपनी टीम के साथ नावेद अंसारी की नाक में नकेल डालने की कोशिश करता है और यही कोशिश, इसकी दुश्वारियां दर्शकों के लिए एक रोमांचकारी सीरीज बनाती हैं. नावेद अंसारी के किरदार में अभिनेता पंकज त्रिपाठी हैं और वो इस शिद्दत से अपना किरदार निभाते हैं कि देखने वाले को यकीन हो जाता है कि ड्रग्स का काम करने वाला कोई भाई ऐसा ही लगता होगा, ऐसे ही व्यवहार करता होगा. उस्मान अली मलिक का किरदार मनीष चौधरी ने निभाया है और वो पूरे ऑफिसर लगते हैं. अतुल सभरवाल ने ये सीरीज लिखी है और इसका निर्देशन भी किया है.
Sacred Games में 7 बार शूट हुआ था ये न्यूड सीन
वेब सीरीज के निर्माता, निर्देशक बार-बार ये कहते हैं कि इस माध्यम में कोई सेंसर नहीं है और इस वजह से वो वास्तविकता के ज्यादा करीब पहुंच पाते हैं. कुछ नया बना पाते हैं. नया दिखा पाते हैं. लेकिन दर्शकों को कई बार ऐसा भी महसूस होता है कि इस छूट की वजह से उन्हें बेवजह हिंसा, गालियां और सेक्स सीन झेलने पड़ते हैं. ये सीरीज इस मामले में दर्शकों के साथ खड़ी है जो यथार्थ दिखाते हुए उनका भरपूर मनोरंजन भी करती है. साथ ही निर्देशकों के उस दावे को खारिज भी करता है कि बिना सेंसर के ही कुछ नया और मनोरंजक बनाया जा सकता है.
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प्रियंका चोपड़ा और निक जोनस की जोड़ी भारत ही नहीं विश्वभर में पॉपुलर हो चुकी है. दोनों की शादी की चर्चाएं भी हर तरफ फैली हुई हैं. निक और प्रियंका दोनों ही इंटरनेशनल स्टार हैं. दोनों की अपनी फैन फॉलोइंग है. एक जोड़ी के रूप में भी दोनों को पसंद करने वालों की कमी नहीं है. दुनियाभर की नामी पत्रिकाएं प्रियंका-निक की शादी को कवर करने को इच्छुक हैं ताकि शादी के दौरान की एक्सक्लूसिव तस्वीरें लोगों को दिखा सकें.
प्रियंका और निक के प्रशंसक बड़ी बेसब्री से दोनों के शादी की तैयारी कर रहे हैं. ये एक रॉयल शादी होने वाली है जिसमें हॉलीवुड और बॉलीवुड से बड़े पिल्मी सितारों के शिरकत करने की संभावना जताई जा रही हैं. कई इंटरनेशनल पब्लिकेशन दोनों के शादी की एक्सक्लूसिव तस्वीरें सबसे पहले दिखाने की कोशिशों में लगी हुई हैं.
पति पत्नी के रूप में कानूनी मान्यता चाहते हैं प्रियंका-निक? US में दी अर्जी
दोनों की शादी की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. उम्मीद ये की जा रही है कि ये एक ग्रांड वेडिंग साबित होगी. बता दें कि ये जोड़ा इसी साल 2 दिसंबर को राजस्थान के जोधपुर स्थित उम्मैद भवन में शादी के बंधन में बंध जाएगा. वैसे शादी के वेन्यू को लेकर भी कई सारे कयास लगाए जा रहे हैं. अब खबरें हैं कि जानकारी के मुताबिक यह शादी जोधपुर के मेहरानगढ़ किले में हो सकती है.
दिवाली पर प्रियंका ने पहनी ये ड्रेस, कीमत पर नहीं होगा यकीन
दोनों की सगाई हो चुकी है. प्रियंका की रोका सेरेमनी 18 अगस्त को आयोजित की गई थी. इस दौरान निक के माता-पिता भी भारत आए थे. दोनों एक दूसरे के परिवारवालों से घुलमिल चुके हैं. प्रियंका और निक पिछले कई सालों से एक दूसरे को जानते हैं लेकिन इसी साल मई से दोनों ने एक दूसरे को डेट करना शुरू कर दिया था. दोनों की शादी एक प्राइवेट इवेंट होगी जिसमें उनके कुछ करीबी दोस्त और परिवार के लोग शामिल रहेंगे.
प्रियंका चोपड़ा और निक जोनस भारत में शादी करने वाले हैं. दोनों अमेरिका में भी अपनी शादी की कानूनी मान्यता चाहते हैं. खबरों की मानें तो इसके लिए दोनों ने कानूनी तौर पर पति-पत्नी के रूप में रजिस्ट्रेशन के लिए अर्जी दे दी है.
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हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित सनातन संस्था के हिन्दू राष्ट्र कानक्लेव में हिन्दू राष्ट्र और मुस्लिम के मुद्दे पर कहा गया कि भारत में किसी और धर्म के लिए कोई जगह नहीं है.
कानक्लेव में कहा गया कि यहां अन्य धर्म के लिए कोई जगह नहीं है. हमारे लिए संविधान से भी पहले धर्म आता है. बाकी सभी लोगों को वापस भेजा जाना चाहिए और हम अपने धर्म के लिए अपने हाथों में हथियार भी ला सकते हैं.
ये बातें साध्वी सरस्वती ने मीडिया के सामने खुली बैठक में कहीं. धर्म को लेकर इतनी बड़ी बात कहे जाने के बाद भी गोवा सरकार द्वारा कॉनक्लेव पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. गोवा सरकार के ढुलमुल रवैये की वजह से इस तरह की भड़काऊ बातें खुले प्लेटफॉर्म पर कही गईं.
आपको याद दिला दें कि सनातन संस्था के सदस्यों पर गोवा और महाराष्ट्र में दो बम विस्फोट के साथ-साथ दाभोलकर हत्या का भी आरोप लगाया गया था, लेकिन इसके बावजूद भी ऐसी टिप्पणियों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
साध्वी सरस्वती से जब हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, "हमारे दिमाग में किसी को लेकर कुछ भी नहीं है और ना ही किसी धर्म या किसी व्यक्ति के खिलाफ कोई प्लान बना रहे हैं. लेकिन लोकतंत्र में अब हिन्दुओं के लिए किसी तरह का मानवाधिकार नहीं बचा है केवल धर्मनिरपेक्षता बढ़ रही है."
साध्वी ने आगे कहा, "कोई भी हिन्दू पुजारी और महाराज किसी को इस बात के लिए मार देने को नहीं कहेगा कि उसने हमें लाउड स्पीकर पर गायत्री मंत्र नहीं चलाने दिया. लेकिन अगर लाउड स्पीकर द्वारा अजान पर रोक लगा दी जाए तो देखिए क्या होता है. हिन्दू पालन करते रहते हैं. अब सीमा पार हो चुकी है और इसलिए हमें हिन्दू राष्ट्र की जरूरत है."
हिन्दुओं को हथियार उठा लेने चाहिए
साध्वी ने कहा, "लोग भूल गए हैं कि हमारे भगवानों और राजाओं ने अपनी रक्षा के लिए हथियार उठाए थे. हिन्दुओं को भी अपनी आत्मरक्षा के लिए हथियार उठा लेने चाहिए क्योंकि भारत और हिन्दूत्व खतरे में है. हमारी बहनें और गौमाता खतरे में हैं."
सरकार काम नहीं कर रही
साध्वी ने कहा, "हम किसी राजनीतिक दल से नहीं हैं. हम राज धर्म में विश्वास रखते हैं और जब यहां राज धर्म आएगा तब हमारी सरकार आएगी. राज धर्म तब आएगा जब गौमाता सुरक्षित होंगी और राम मंदिर बन जाएगा और हिन्दू खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे. ये हमारी सरकार नहीं है जहां गौमाता मारी जाती हैं. जी हां, सरकार काम नहीं कर रही है. मोदी जी को स्पष्ट रूप से कहना चाहिए कि राम मंदिर का निर्माण किया जाना चाहिए, गौहत्या बंद होनी चाहिए. इसे राजनीतिक मुद्दा बना दिया गया है."
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एजेंडा आज तक के पहले दिन का आठवां सत्र रहा विकास के नाम. इस सत्र का नाम रखा गया था इंडिया मांगे मोर विकास. इस सत्र में संजीव गोयनका, केंद्रीय मंत्री कमलनाथ और सुब्रत राय सहारा ने अपने विचार रखे. चर्चा की शुरुआत में कमलनाथ ने इस महामंच के लिए आज तक को बधाई दी.
गांवों के लोगों के लिए विकास दर के मायने अलग
कमलनाथ ने कहा, हमें अपने निजी क्षेत्र को इसकी उद्यमिता दिखाने का मौका देना चाहिए. कमलनाथ ने आगे कहा, 'हमारी जो आर्थिक नीति है उसकी नजर नौजवान और किसान पर है. जब तक किसान की क्रय शक्ति नहीं बढ़ेगी तब तक इस विकास का कोई फायदा नहीं होगा. ऐसा लगता है कि एफडीआई का विरोध करने वालों ने कभी खेत नहीं देखा.' कमलनाथ ने कहा, 'हमारी विकास दर के कोई मायने नहीं अगर किसान और नौजवान खुशहाल नहीं हैं. विकास दर के मायने गांव में रहने वाली जनता के लिए अलग हैं.
आज पब्लिक सेक्टर का अर्थ बदल गया है
इसी चर्चा को आगे बढ़ाते हुए सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय ने कहा, 'मौजूदा विकास दर से रोजगार की स्थिति में सुधार होने की संभावना कम है और साथ ही अमीर और गरीब के बीच फासला और बढ़ने की भी संभावना है.' उन्होंने कहा कि नेहरू जी ने पब्लिक सेक्टर की शुरुआत कर विकास की अच्छी शुरुआत की थी लेकिन आज पब्लिक सेक्टर का अर्थ बदल गया है. पब्लिक सेक्टर को चलाने वाले लोगों में त्याग की भावना कम होती है.'
सुब्रत राय ने कहा कि देश के विकास में प्राइवेट सेक्टर की भूमिका अहम है. उन्होंने आगे कहा, देश के कई नौजवान बेहतरीन उद्यमी बन सकते हैं, पर उन्हें पूंजी की जरूरत है. पूंजी के बिना कोई भी व्यवसाय को आगे नहीं ले जा सकता. सरकार की नीतियों पर बोलते हुए सुब्रत राय ने कहा, 'भारतीय उद्यमी बेहद ही उम्दा किस्म के हैं लेकिन सरकार की नीतियां कुछ खट्टी हैं और कुछ मीठी और नीतियों को लागू करने में कई दिक्कतें हैं.' उन्होंने कहा कि अधिकार कर्तव्यों का पालन करने के लिए दिए जाते हैं ना कि इसका निजी फायदा उठाने के लिए.'
विरोध की राजनीति बंद होनी चाहिए
इसी चर्चा को आगे बढ़ाते हुए संजीव गोयनका ने कहा, सरकार एक माहौल बनाती है जिससे उद्योग विकास दर में योगदान कर सकें. विरोध करने के लिए सिर्फ विरोध करना गलता है और विरोध की राजनीति बंद होनी चाहिए. उनका इशारा एफडीआई के विरोध की तरफ था. गोयनका ने आगे कहा, 'भारतीय उद्यमी को खुला छोड़ दीजिए, वो आपको बहुत आगे ले जा सकता है. शासन और नीतियों में सुधार करके ही आर्थिक माहौल को सुधारा जा सकता है.'
केवल कानून बदलने से नहीं रुकेगा भ्रष्टाचार
भ्रष्टाचार के सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि यह एक बहुत बड़ी चुनौती है. केवल कानून बदलकर भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता. कमलनाथ ने कहा, भ्रष्टाचार कम करने के लिए रवैये में बदलाव भी जरूरी है. वित्तीय घाटा को कम करने के लिए भी कदम उठाने की जरूरत है.
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टीएन शेषन का 86 वर्ष की उम्र में रविवार को निधन हो गया
प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह समेत कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) टीएन शेषन का 86 वर्ष की उम्र में रविवार को निधन हो गया. शेषन ने चेन्नई में अंतिम सांस ली. वे भारत के 10वें मुख्य चुनाव आयुक्त थे. वे 12 दिसंबर 1990 से 11 दिसंबर, 1996 तक इस पद पर रहे. उनके निधन की सूचना टि्वटर पर पूर्व
मुख्य चुनाव आयुक्त
एसवाई कुरैशी ने साझा करते हुए लिखा कि वे अपने सभी उत्तराधिकारियों के लिए एक सच्चे किंवदंती और मार्गदर्शक थे.
राष्ट्रपति, पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि
टीएन शेषन के निधन पर
राष्ट्रपति
रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई नेताओं ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी और उनके कार्यों को याद किया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने शोक संदेश में कहा है कि मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में शेषन का कार्यकाल चुनाव सुधारों का एक महत्वपूर्ण चरण था.
Chief Minister
@BSYBJP
has condoled the death of former Chief Election Commissioner T.N. Seshan.
His contribution to election reforms are commendable'. Cm prayed
''May God rest his soul in peace and give the strength to bear this loss to his family and loved ones"
— CM of Karnataka (@CMofKarnataka)
November 11, 2019
प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी
ने एक ट्वीट में लिखा, श्री टी एन शेषन एक उत्कृष्ट सिविल सेवक थे. उन्होंने अत्यंत परिश्रम और निष्ठा के साथ भारत की सेवा की. चुनावी सुधारों के प्रति उनके प्रयासों ने हमारे लोकतंत्र को मजबूत और अधिक सहभागी बनाया है. उनके निधन से पीड़ा हुई. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे.
Shri TN Seshan was an outstanding civil servant. He served India with utmost diligence and integrity. His efforts towards electoral reforms have made our democracy stronger and more participative. Pained by his demise. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi)
November 10, 2019
केंद्रीय गृह मंत्री
अमित शाह
ने भी टीएन शेषन को श्रद्धांजलि दी और एक ट्ववीट में लिखा, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त श्री टी एन शेषन जी के निधन से दुखी हूं. उन्होंने भारत की चुनावी संस्था को सुधारने और मजबूत बनाने में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभाई. राष्ट्र उन्हें हमेशा लोकतंत्र के सच्चे प्रहरी के रूप में याद रखेगा. मेरी प्रार्थनाएं उनके परिवार के साथ हैं.
Saddened by the demise of former Chief Election Commissioner, Shri T N Seshan ji. He played a transformative role in reforming and strengthening India’s electoral institution. The nation will always remember him as a true torchbearer of democracy. My prayers are with his family.
— Amit Shah (@AmitShah)
November 10, 2019
रक्षा मंत्री
राजनाथ सिंह
ने ट्वीट कर शेषन के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि शेषन ने देश की चुनाव प्रक्रिया को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. देश में लोकतंत्र को मजबूत बनाने में उनका योगदान अमूल्य है.
Saddened by the demise of former Chief Election Commissioner T. N. Seshan who played a pivotal role in reforming electoral processes in India.
His contribution in strengthening democracy in our country is invaluable. My heartfelt condolences to his bereaved family.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh)
November 11, 2019
कर्नाटक के मुख्यमंत्री
बीएस येदियुरप्पा
ने अपने शोक संदेश में कहा है कि चुनाव सुधारों में टीएन शेषन का योगदान सराहनीय है. उन्होंने कहा है कि ईश्वर गतात्मा को शांति और परिजनों को यह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें.
Chief Minister
@BSYBJP
has condoled the death of former Chief Election Commissioner T.N. Seshan.
His contribution to election reforms are commendable'. Cm prayed
''May God rest his soul in peace and give the strength to bear this loss to his family and loved ones"
— CM of Karnataka (@CMofKarnataka)
November 11, 2019
गडकरी ने शेषन को बताया आदर्श
टीएन शेषन को याद करते हुए बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष
जेपी नड्डा
ने कहा, भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त श्री टीएन शेषन के निधन से दुखी हूं. उन्हें चुनावी प्रक्रिया में लाए गए सुधारों और हमारी लोकतांत्रिक संरचना को मिली ताकत के लिए हमेशा याद किया जाएगा.
Saddened by the demise of former Chief Election Commissioner of India, Sh. T.N.Seshan.
He will always be remembered for the reforms he brought in the electoral process and the strength he gave to our democratic structure.
My thoughts & prayers are with his family and followers.
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda)
November 10, 2019
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट किया, श्री टीएन शेषन के निधन से दुख पहुंचा. वे आदर्श व्यक्ति थे. चुनाव सुधारों के लिए उनका योगदान आने वाले वर्षों के लिए मार्गदर्शक साबित होगा. मेरी गहरी संवेदना. ओम शांति!
Saddened by the demise of Shri TN Seshan. He was a true legend.
His contribution towards election reforms will be the guiding light for years to come. My deepest condolences. Om Shanti!
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari)
November 10, 2019
राहुल गांधी ने बहादुर, ममता बनर्जी ने बताया निष्पक्ष चुनावों का प्रबल समर्थक
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर शेषन के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए चुनाव आयोग पर तंज भी किया है. उन्होंने शेषन को बहादुर, वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निष्पक्ष चुनावों का प्रबल समर्थक बताया है. अपने संदेश में राहुल ने लिखा है कि एक समय था जब हमारे चुनाव आयुक्त निष्पक्ष, सम्मानित, बहादुर हुआ करते थे. टीएन शेषन उनमें से एक थे. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं.
Unlike today, there was a time when our Election Commissioners were impartial, respected, brave & feared. Shri
#TNSeshan
was one of them. My condolences to his family on his passing.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi)
November 11, 2019
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री
ममता बनर्जी
ने कहा, टीएन शेषन के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ. शेषन स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के प्रबल समर्थक थे. लोकतंत्र में उनके महान योगदान को हमेशा याद किया जाएगा. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदना है.
Saddened to know about the demise of T.N. Seshan, a stalwart for free and fair elections. His legendary contribution to democracy will be always remembered. My condolences to his family and many admirers
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial)
November 10, 2019
कांग्रेस नेता
शशि थरूर
ने कहा, दुखद है कि पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन का चेन्नई में निधन हो गया. वे विक्टोरिया कॉलेज पलक्कड़ में मेरे पिता के सहपाठी थे. वे एक साहसी व्यक्ति थे जिन्होंने चुनाव आयोग की स्वायत्तता और अधिकार को बनाए रखा. उनके पहले किसी सीईसी ने ऐसा नहीं किया.
Sad that former ChiefElectionCommissioner
TN Seshan has passed away in Chennai. He was my father’s classmate at VictoriaCollege Palakkad — a courageous &crusty boss who asserted the ElectionCommission’s autonomy& authority as no CEC before him had done. A pillar of our democracy
pic.twitter.com/FfGBuJnWoU
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor)
November 10, 2019
केरल के पलक्कड़ में हुआ था जन्म
बता दें, टीएन शेषन का जन्म 15 दिसंबर 1932 को
केरल
के पलक्कड़ जिले में हुआ था. अपने कार्यकाल में उन्होंने भारतीय चुनाव प्रणाली में कई बदलाव किए थे. मतदाता पहचान पत्र की शुरुआत भी भारत में उन्होंने ही की थी. टीएन शेषन को 1996 में मैग्सेसे अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था. उनके बारे में प्रसिद्ध था, 'राजनेता सिर्फ दो लोगों से डरते हैं, एक भगवान और दूसरे शेषन.'
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कास्टोरोकौडा लुट्रासिमिलिस की खोज पहला संकेत है कि 66 मिलियन वर्ष पहले डायनासोर के प्रभुत्व खोने से पहले स्तनधारियों के एक करीबी रिश्तेदार ने पानी के लिए अनुकूलित किया था, जिससे अर्ध-जलीय जीवन शैली के लिए अनुकूलित स्तनपायी रिश्तेदारों की अनुमानित तारीख 110 मिलियन वर्ष पीछे चली गई। वर्तमान में ज्ञात जीवाश्मों के आधार पर, इओसीन तक स्तनपायी वंशावली में कोई अन्य अर्ध-जलीय रूप विकसित नहीं होगा। क्योंकि कुछ जीवाश्म अवशेष पाए गए थे, पहले यह सोचा गया था कि, क्रेटेशियस-पैलियोजीन सीमा (के-पीजी सीमा) तक, सभी स्तनधारी छोटे, जमीन पर रहने वाले या पेड़ पर रहने वाले, रात्रिचर जानवर थे जैसे कि छछूंदर, हेजहोग, ट्रीशूज़, या टेनरेक्स. इस धारणा को अब आर्मडिलो जैसे फ्रूटाफॉसर, डायनासोर खाने वाले रेपेनोमामस, उड़ने वाली गिलहरी जैसी वोलाटिकोथेरियम, स्पिनोलस्टेस नामक छोटे और कांटेदार टेनरेक जैसे जीव और अब ऊदबिलाव जैसे कास्टोरोकौडा द्वारा गलत साबित कर दिया गया है।
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मिसौरी में अपने समय के दौरान, मैक्लिंटॉक ने मक्का साइटोजेनेटिक्स पर एक्स-रे के प्रभाव पर अपने शोध का विस्तार किया। मैक्लिंटॉक ने विकिरणित मक्का कोशिकाओं में गुणसूत्रों के टूटने और संलयन का अवलोकन किया। वह यह भी दिखाने में सक्षम थी कि, कुछ पौधों में, एंडोस्पर्म की कोशिकाओं में सहज गुणसूत्र टूटना होता है। माइटोसिस के दौरान, उसने देखा कि टूटे हुए क्रोमैटिड के सिरे क्रोमोसोम प्रतिकृति के बाद फिर से जुड़ गए थे। माइटोसिस के एनाफ़ेज़ में, टूटे हुए गुणसूत्रों ने एक क्रोमैटिड पुल का निर्माण किया, जो तब टूट गया जब क्रोमैटिड कोशिका ध्रुवों की ओर चले गए। टूटे हुए सिरे अगले माइटोसिस के इंटरफ़ेज़ में फिर से जुड़ गए, और चक्र दोहराया गया, जिससे बड़े पैमाने पर उत्परिवर्तन हुआ, जिसे वह एंडोस्पर्म में परिवर्तन के रूप में पहचान सकती थी। यह टूटना-फिर से जुड़ना-पुल चक्र कई कारणों से एक महत्वपूर्ण साइटोजेनेटिक खोज थी। पहला, इससे पता चला कि गुणसूत्रों का दोबारा जुड़ना कोई यादृच्छिक घटना नहीं थी, और दूसरा, इसने बड़े पैमाने पर उत्परिवर्तन के स्रोत का प्रदर्शन किया। इस कारण से, यह आज कैंसर अनुसंधान में रुचि का क्षेत्र बना हुआ है। हालाँकि मिसौरी में उनका शोध प्रगति पर था, मैक्लिंटॉक विश्वविद्यालय में अपनी स्थिति से संतुष्ट नहीं थे। उन्हें याद आया कि उन्हें संकाय बैठकों से बाहर रखा गया था और उन्हें अन्य संस्थानों में उपलब्ध पदों के बारे में अवगत नहीं कराया गया था। 1940 में, उन्होंने चार्ल्स बर्नहैम को लिखा, "मैंने फैसला किया है कि मुझे दूसरी नौकरी तलाशनी चाहिए। जहां तक मैं समझ सकती हूं, मेरे लिए यहां और कुछ नहीं है। मैं 3,000 डॉलर पर एक सहायक प्रोफेसर हूं और मुझे यकीन है कि वह मेरे लिए यह सीमा है।" प्रारंभ में, मैक्लिंटॉक का पद स्टैडलर द्वारा विशेष रूप से उनके लिए बनाया गया था, और यह विश्वविद्यालय में उनकी उपस्थिति पर निर्भर हो सकता था। मैक्लिंटॉक का मानना था कि उन्हें मिसौरी में कार्यकाल नहीं मिलेगा, हालांकि कुछ खातों के अनुसार, उन्हें पता था कि उन्हें 1942 के वसंत में मिसौरी से पदोन्नति की पेशकश की जाएगी। हाल के सबूतों से पता चलता है कि मैक्लिंटॉक ने संभवतः मिसौरी छोड़ने का फैसला किया क्योंकि उन्होंने मिसौरी पर भरोसा खो दिया था। उसके नियोक्ता और विश्वविद्यालय प्रशासन को यह पता चला कि यदि स्टैडलर कैलटेक के लिए रवाना हो गया, तो उसकी नौकरी ख़तरे में पड़ जाएगी, जैसा कि उसने करने पर विचार किया था। स्टैडलर के खिलाफ विश्वविद्यालय की जवाबी कार्रवाई ने उनकी भावनाओं को बढ़ा दिया। 1941 की शुरुआत में, उन्होंने कहीं और पद पाने की उम्मीद में मिसौरी से छुट्टी ले ली। उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसरशिप स्वीकार की, जहां उनके पूर्व कॉर्नेल सहयोगी मार्कस रोड्स प्रोफेसर थे। रोड्स ने लॉन्ग आइलैंड पर कोल्ड स्प्रिंग हार्बर में अपने शोध क्षेत्र को साझा करने की भी पेशकश की। दिसंबर 1941 में, उन्हें वाशिंगटन के जेनेटिक्स विभाग कोल्ड स्प्रिंग हार्बर प्रयोगशाला के कार्नेगी इंस्टीट्यूशन के नव नियुक्त कार्यवाहक निदेशक मिलिस्लाव डेमेरेक द्वारा एक शोध पद की पेशकश की गई थी; मैक्लिंटॉक ने अपनी शंकाओं के बावजूद उनका निमंत्रण स्वीकार कर लिया और संकाय के स्थायी सदस्य बन गए।
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मुंबई में आज नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ अगस्त क्रांति मैदान में एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया था. बॉलीवुड के सितारे इसे लेकर लगातार ट्वीट भी कर रहे थे. लेकिन अब मुंबई पुलिस ने इसे लेकर ट्वीट किया है और अगस्त क्रांति मैदान को जाने वाली सड़क को बंद कर दिया है. मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने ट्वीट के जरिये इस बारे में जानकारी दी है. मुंबई पुलिस के इस ट्वीट के आते ही बॉलीवुड सितारे इस पर ट्वीट कर रहे हैं. बॉलीवुड एक्ट्रेस और बिग बॉस विनर गौहर खान (Gauahar Khan) ने मुंबई के लोगों से देश को बचाने की अपील की है तो स्टैंड अप कॉमेडियन जाकिर खान (Zakir Khan) और एक्टर जीशान अय्यूब (Zeeshan Ayyub) ने भी वहां पहुंचने की बात कही है.
Dear Mumbaikars,
Please be advised about the alternate routes and diversions around August Kranti Maidan due to agitation against the Citizenship Amendment Act, on Dt 19th December 2019. Following will be reflected from 1200 hrs to 2200 hrs on Dt.19/12/2019. pic.twitter.com/VgHuMePmp2
मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने अगस्त क्रांति मैदान में होने वाले विरोध प्रदर्शन को लेकर ट्वीट किया हैः ''मुंबईवासियों, नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 19 दिसंबर, 2019 तो अगस्त क्रांति मैदान में होने वाले प्रदर्शन की वजह से आप से अनुरोध है कि आप वैकल्पिक रास्तों का इस्तेमाल करें. यह आदेश 19 दिसंबर, 2019 को 12 बजे से रात 10 बजे तक लागू रहेगा.' इस तरह पुलिस ने इस प्रदर्शन को रोकने के लिए उस ओर जाने वाली रोड को ही बंद कर दिया है. बॉलीवुड सितारों ने इसे लेकर कुछ इस तरह अपने रिएक्शन दिए हैं...
Aao Aaj milte hain!! https://t.co/5oxE3kfLYg
Go #mumbai !!! #saveOurcountry#saveDemocracyhttps://t.co/VV196Y1W8W
Wah mere bhai. Pakka ???? https://t.co/6lTSdNzMGu
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केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी की लिस्ट जारी कर दी है और इस सूची में उत्तर प्रदेश के सबसे ज्यादा 13 शहरों को जगह मिली है. लिस्ट में 24 राजधानियों को भी शामिल किया गया है.
यूपी, तमिलनाडु और महाराष्ट्र का दबदबा
उत्तर प्रदेश के बाद तमिलनाडु के 12, महाराष्ट्र के 10, मध्य प्रदेश के 7, गुजरात और कनार्टक के 6-6, आंध्र प्रदेश तथा बिहार के तीन-तीन शहरों को इस
सूची
में जगह मिली है.
लिस्ट में 24 राजधानी भी
इस लिस्ट में जिन राजधानियों को जगह मिली है, उनमें चेन्नई, अहमदाबाद, ग्रेटर मुंबई, ग्रेटर हैदराबाद शामिल हैं, जबकि पटना, शिमला, बेंगलुरु, दमन, त्रिवेंद्रम, पुडुचेरी, गंगटोक और कोलकाता वो 9 राजधानी हैं, जिन्हें इस लिस्ट में जगह नहीं मिली. जम्मू कश्मीर सरकार ने अपने शहरों के नाम तय करने के लिए कुछ और समय मांगा है.
48 हजार करोड़ खर्च करेगी सरकार
स्मार्ट सिटी के लिए चुने गए प्रत्येक शहर को पहले साल 200 और उसके बाद चार साल के लिए हर साल 100 करोड़ रुपये मिलेंगे. केंद्र सरकार इस प्रोजेक्ट पर अगले पांच साल में 48 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी और इतनी ही रकम राज्य मिलकर खर्च करेंगे.
दो और शहर शामिल स्मार्ट सिटी की लिस्ट में
दो और शहरों को शामिल किया जाएगा. इनमें से एक शहर जम्मू कश्मीर से और दूसरा उत्तर प्रदेश से होगा. पहले दौर में 20 शहरों को स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित किया जाएगा. दूसरे और तीसरे दौर में 40-40 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाया जाएगा.
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने स्मार्ट सिटी का ऐलान करते हुए कहा कि इस मिशन को आगे बढ़ाने के लिए हमें लोगों के सहयोग की जरूरत है. उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी को स्मार्ट लोगों की जरूरत है.
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स्टेट बैंक ऑफ़ इंदौर सार्वजनिक क्षेत्र का एक भारतीय बैंक था जिसका वर्ष २०१७ में भारतीय स्टेट बैंक में विलय हो गया।
भारतीय स्टेट बैंक (इंदौर बैंक) एक सरकारी स्वामित्व वाला भारतीय बैंक था और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के छह सहयोगी बैंक सहायक बैंकों में सबसे बड़ा था। अक्टूबर 2009 में, भारत सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक और स्टेट बैंक ऑफ़ इंदौर के बीच विलय को अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी। [१] 15 जुलाई 2010 को मंत्रिमंडल ने विलय को मंजूरी दे दी। 26 अगस्त 2010 को स्टेट बैंक ऑफ इंदौर का आधिकारिक तौर पर भारतीय स्टेट बैंक में विलय हो गया। विलय के समय बैंक की 300 से अधिक शहरों और कस्बों में 470 से अधिक शाखाएँ थीं। मार्च 2009 में, स्टेट बैंक ऑफ इंदौर का कारोबार टर्नओवर रुपये से अधिक हो गया। 500 अरब।
इतिहास
1920 बैंक ऑफ इंदौर को महाराजा तुकोजी राव होलकर III से एक विशेष चार्टर के तहत शामिल किया गया, जो इंदौर की पूर्व रियासत के 1903 से 1927 तक शासक थे। इंदौर राज्य ने बैंक को 10 वर्षों के लिए एकाधिकार प्रदान किया, इसे कुछ रियायतें दीं और बैंक की शेयर पूंजी की सदस्यता ली। इंदौर बैंक की मुख्य शाखा और मुख्यालय इंदौर शहर में था, जो विंध्य रेंज के उत्तर में मालवा पठार पर स्थित था। 1960 भारतीय स्टेट बैंक का सहायक बैंक ऑफ इंदौर w.e.f. 1 जनवरी 1960 को स्टेट बैंक ऑफ इंदौर के नाम से। विलय से पहले, इंदौर बैंक में SBI की 98.05% हिस्सेदारी थी, 1962 स्टेट बैंक ऑफ इंदौर ने बैंक ऑफ देवास का अधिग्रहण किया, जिसकी स्थापना 1936 में हुई थी और यह देवास जिले में पहला बैंक था। 1965 स्टेट बैंक ऑफ इंदौर ने देवास सीनियर बैंक का अधिग्रहण किया, जिसे 1941 में शामिल किया गया था। 1971 स्टेट बैंक ऑफ इंदौर को 'ए' श्रेणी के बैंक में वर्गीकृत किया गया। 2010 स्टेट बैंक ऑफ इंदौर का भारतीय स्टेट बैंक में विलय कर दिया गया।
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
इन्दौर स्टेट बैंक का जालस्थल (अनयूनिकोडित हिन्दी में)
भारतीय बैंक
भारतीय स्टेट बैंक
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बॉलीवुड एक्टर आयुष्मान खुराना की फिल्म ड्रीम गर्ल 13 सितंबर को रिलीज हो रही है. फिल्म को लेकर जबरदस्त चर्चा है. फिल्म रिलीज के अगले दिन यानी 14 सितंबर को आयुष्मान का बर्थडे है. आयुष्मान के बर्थडे प्लान को लेकर भी बज बना हुआ है. अब एक इंटरव्यू में आयुष्मान ने अपने बर्थडे प्लान को लेकर बातचीत की है.
टाइम्स नाउ को दिए इंटरव्यू में आयुष्मान ने कहा कि उन्हें बर्थडे मनाना पसंद नहीं है. आयुष्मान ने कहा- "मैं बर्थडे पर्सन नहीं हूं. मुझे बर्थडे सेलिब्रेट करना पसंद नहीं है. बर्थडे मुझे डिप्रेसिंग फील कराते हैं. मैं डिप्रेस हो जाता हूं. इतना ही नहीं मैं पार्टी भी बर्थडे के अलावा किसी और दिन देना पसंद करता हूं. पता नहीं ऐसा क्यों है."
फिल्म ड्रीम गर्ल की बात करें तो मूवी में आयुष्मान खुराना लीड रोल में हैं. नुशरत भरूचा आयुष्मान के अपोजिट रोल में हैं. मूवी को राज शांडिल्य ने डायरेक्ट किया है. बता दें कि फिल्म को एकता कपूर प्रोड्यूस कर रही हैं.
मूवी का कॉन्सेप्ट काफी मजेदार है. फिल्म में आयुष्मान खुराना लड़की के गेटअप और आवाज में बोलते नजर आएंगे. मूवी में वो कॉल सेंटर में पूजा बनकर काम करते हैं. अन्नू कपूर, मनजोत सिंह भी अहम भूमिकाओं में हैं. ड्रीम गर्ल के बॉक्स ऑफिस पर जमकर कमाई करने की उम्मीद है. ड्रीम गर्ल पहले दिन बॉक्स ऑफिस पर 6-7 करोड़ का बिजनेस कर सकती है. ड्रीम गर्ल का बजट करीब 25 करोड़ रुपये है. आयुष्मान और नुशरत फिल्म के प्रमोशन में बिजी हैं.
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दिल्ली में ऐतिहासिक जामा मस्जिद के पास आज गोलीबारी होने के बाद कोलकाता में सुरक्षा बढ़ा दी गयी है.
एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद संयुक्त पुलिस आयुक्त (मुख्यालय) जावेद शमीम ने कहा कि कोई विशेष खतरा होने की सूचना नहीं है लेकिन सभी डिवीजन के उपायुक्तों और संबंधित अधिकारियों को भीड़भाड़ वाले इलाकों में सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं.
शमीम ने कहा कि शापिंग माल, बाजारों, होटलों, रेस्तरां और गेस्ट हाउसों में सुरक्षा की समीक्षा की जाएगी. नगर में प्रवेश और निकास वाले सभी रास्तों पर नजर रखी जा रही है.
उन्होंने कहा कि उन इलाकों में विशेष सतर्कता बरती जाएगी जहां विदेशी पर्यटकों की उपस्थिति अधिक होती है.
शमीम ने कहा कि अयोध्या मामले में 24 सितंबर को आने वाले फैसले को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं.
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: यूरोपीय दौरे पर गई भारतीय हॉकी टीम ने स्पेन को 2-1 से हराकर तीन मैच की सीरीज़ कब्ज़े में कर ली। सीरीज़ के तीसरे मैच में भारत ने स्पेन को 4-2 से हरा दिया। पहला गोल रूपिन्दर पाल सिंह ने पेनल्टी कॉर्नर के ज़रिये हासिल किया और मैच में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली। लेकिन दूसरे क्वार्टर में स्पेन ने गोल कर मैच को बराबरी पर ला दिया। हाफ़ टाइम तक स्कोर 1-1 की बराबरी पर रहा।
पहले हाफ़ में 1-1 के स्कोर के बाद तीसरे क्वार्टर मेंआकाशदीप ने भारत को 2-1 की बढ़त दिलाई मगर स्पेन ने 49वें मिनट में स्कोर को 2-2 की बराबरी पर ला दिया।
लेकिन इसके बाद चौथे क्वार्टर में रमनदीप सिंह के लगातार दो गोलों के सहारे स्पेन को 4-2 से हराया और सीरीज़ 2-1 से अपने नाम कर ली। दोनों गोल रमनदीप ने एक मिनट के अंतर पर ही कर दिए।
इससे पहले फ़्रांस के ख़िलाफ़ इस टीम ने दोनों मैच जीते थे। ओलिंपिक की तैयारी के लिहाज़ से इस टीम को इस यूरोपीय दौरे का बड़ा फ़ायदा हो सकता है।
इससे पहले फ़्रांस के ख़िलाफ़ इस टीम ने दोनों मैच जीते थे। ओलिंपिक की तैयारी के लिहाज़ से इस टीम को इस यूरोपीय दौरे का बड़ा फ़ायदा हो सकता है।
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: मध्यप्रदेश के सागर जिले की बंडा तहसील में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. इस घटना ने खून के रिश्तों को तार-तार कर दिया और जघन्यता की सारी सीमाएं लांघ दीं. क्या गुजरी होगी उस मासूम पर जिसकी अस्मत की रक्षा करने वाले भाइयों और पिता समान चाचा ने ही पहले तो उसे अपनी हवस का शिकार बनाया और बाद में सिर काटकर उसकी हत्या कर दी.
पत्रकार वार्ता में इस लोमहर्षक मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने भी इसे जघन्यतम करार दिया. सागर एसपी अमित सांघी ने बताया कि 14 मार्च को सूचना मिली थी कि एक खेत में नाबालिग की सिर कटी लाश बरामद हुई है. क्योंकि मामला जघन्य था इसलिए गहराई से तफ्तीश की गई.
मामले में मृतक के परिजनों से पूछताछ की गई तो उनके बयानों में असमानता पाई गई. इसके बाद पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो जो पता चला वह दिल दहलाने वाला था. बारह साल की नाबालिग के साथ उसी के तरुण भाइयों ने चाचा के साथ मिलकर चाचा के ही घर में सामूहिक बलात्कार किया. इसके बाद जब मासूम ने पुलिस में शिकायत करने की बात कही तो उसे मौत के घाट उतारने से भी नहीं हिचके.
आरोपियों ने पहले तो उसका गला घोंटा और बाद में हंसिये से उसका सिर काटकर शव खेत में फेंक दिया. पुलिस की गिरफ्त से अब तक दूर वारदात के मुख्य आरोपी रामदास अहिरवार पर 25000 का इनाम घोषित किया गया है. चाचा बंसीलाल, चाची सुशीला, भाई ब्रजेश और एक नाबालिग भाई को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
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यह एक लेख है: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दलितों की बस्ती में जाने मामले में एक विवाद शुरू हो गया है. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि सीएम आदित्यनाथ जिन दलितों से मिले थे उन्हें पहले साबुन-शैंपू और सेंट दिया गया था. साथ ही आरोप लग रहे हैं कि सरकारी अधिकारियों ने दलितों को सख्त हिदायत दी थी कि वे सीएम के सामने बिल्कुल नहा-धोकर और धुले हुए कपड़े पहनकर जाएं. स्थानीय अखबारों की रिपोर्ट्स के मुताबिक दलितों से पाउडर लगाने को भी कहा गया था. हालांकि इस मामले में अभी तक यूपी सरकार या बीजेपी के किसी बड़े नेता का अब तक कोई बयान नहीं आया है. वहीं विपक्षी दल बीएसपी और एसपी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस घटना से साबित हो गया है कि बीजेपी दलितों से दिखावे के लिए नफरत करती है.
गुरुवार को मुख्यमंत्री आदित्यनाथ कुशीनगर जिले के दौरे पर थे. तय कार्यक्रम के तहत उन्हें दलितों की बस्ती में जाना था और पांच बच्चों को टीका लगाकर इंसेफलाइटिस टीकाकरण अभियान की शुरुआत करनी थी.
मुख्यमंत्री के यहां पहुंचने से पहले ही यूपी के बड़े अधिकारी दलित बस्ती में पहुंच गए. उन्होंने यहां साबुन, शैंपू, पाउडर और सेंट बंटवाए. इतना ही नहीं गांव के सारे नाली, सड़क खड़ंजा को चकाचक कर दिया गया. बस्ती में कई नए शौचालय भी बनवा दिए गए. बस्ती में रह रहे लोगों के घरों तक की सफाई कराई गई. पूरी बस्ती में बिजली की सुचारू व्यवस्था की गई.टिप्पणियां
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को हिदायत दी गई की वे बस्ती के सभी लोगों को अच्छे से नहला-धुलाकर तैयार रखें. किसी के शरीर या कपड़ों से बदबू न आए, इसलिए सभी पर सेंट छिड़का जाए. आला अधिकारियों के आदेश के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने पूरी तैयारी कर रखी थी, लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ दलितों की इस बस्ती में पहुंचे ही नहीं.
यह बात मीडिया और सोशल मीडिया में छा गई क्योंकि दलितों की इस बस्ती में रहने वाले लोगों के पास पहनने को पर्याप्त कपड़े तक नहीं हैं. ऐसे में भला उनके कपड़े इतने साफ-सुथरे कैसे हो गए. उनके पास नहाने का साबुन कहां से आ गया?
गुरुवार को मुख्यमंत्री आदित्यनाथ कुशीनगर जिले के दौरे पर थे. तय कार्यक्रम के तहत उन्हें दलितों की बस्ती में जाना था और पांच बच्चों को टीका लगाकर इंसेफलाइटिस टीकाकरण अभियान की शुरुआत करनी थी.
मुख्यमंत्री के यहां पहुंचने से पहले ही यूपी के बड़े अधिकारी दलित बस्ती में पहुंच गए. उन्होंने यहां साबुन, शैंपू, पाउडर और सेंट बंटवाए. इतना ही नहीं गांव के सारे नाली, सड़क खड़ंजा को चकाचक कर दिया गया. बस्ती में कई नए शौचालय भी बनवा दिए गए. बस्ती में रह रहे लोगों के घरों तक की सफाई कराई गई. पूरी बस्ती में बिजली की सुचारू व्यवस्था की गई.टिप्पणियां
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को हिदायत दी गई की वे बस्ती के सभी लोगों को अच्छे से नहला-धुलाकर तैयार रखें. किसी के शरीर या कपड़ों से बदबू न आए, इसलिए सभी पर सेंट छिड़का जाए. आला अधिकारियों के आदेश के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने पूरी तैयारी कर रखी थी, लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ दलितों की इस बस्ती में पहुंचे ही नहीं.
यह बात मीडिया और सोशल मीडिया में छा गई क्योंकि दलितों की इस बस्ती में रहने वाले लोगों के पास पहनने को पर्याप्त कपड़े तक नहीं हैं. ऐसे में भला उनके कपड़े इतने साफ-सुथरे कैसे हो गए. उनके पास नहाने का साबुन कहां से आ गया?
मुख्यमंत्री के यहां पहुंचने से पहले ही यूपी के बड़े अधिकारी दलित बस्ती में पहुंच गए. उन्होंने यहां साबुन, शैंपू, पाउडर और सेंट बंटवाए. इतना ही नहीं गांव के सारे नाली, सड़क खड़ंजा को चकाचक कर दिया गया. बस्ती में कई नए शौचालय भी बनवा दिए गए. बस्ती में रह रहे लोगों के घरों तक की सफाई कराई गई. पूरी बस्ती में बिजली की सुचारू व्यवस्था की गई.टिप्पणियां
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को हिदायत दी गई की वे बस्ती के सभी लोगों को अच्छे से नहला-धुलाकर तैयार रखें. किसी के शरीर या कपड़ों से बदबू न आए, इसलिए सभी पर सेंट छिड़का जाए. आला अधिकारियों के आदेश के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने पूरी तैयारी कर रखी थी, लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ दलितों की इस बस्ती में पहुंचे ही नहीं.
यह बात मीडिया और सोशल मीडिया में छा गई क्योंकि दलितों की इस बस्ती में रहने वाले लोगों के पास पहनने को पर्याप्त कपड़े तक नहीं हैं. ऐसे में भला उनके कपड़े इतने साफ-सुथरे कैसे हो गए. उनके पास नहाने का साबुन कहां से आ गया?
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को हिदायत दी गई की वे बस्ती के सभी लोगों को अच्छे से नहला-धुलाकर तैयार रखें. किसी के शरीर या कपड़ों से बदबू न आए, इसलिए सभी पर सेंट छिड़का जाए. आला अधिकारियों के आदेश के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने पूरी तैयारी कर रखी थी, लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ दलितों की इस बस्ती में पहुंचे ही नहीं.
यह बात मीडिया और सोशल मीडिया में छा गई क्योंकि दलितों की इस बस्ती में रहने वाले लोगों के पास पहनने को पर्याप्त कपड़े तक नहीं हैं. ऐसे में भला उनके कपड़े इतने साफ-सुथरे कैसे हो गए. उनके पास नहाने का साबुन कहां से आ गया?
यह बात मीडिया और सोशल मीडिया में छा गई क्योंकि दलितों की इस बस्ती में रहने वाले लोगों के पास पहनने को पर्याप्त कपड़े तक नहीं हैं. ऐसे में भला उनके कपड़े इतने साफ-सुथरे कैसे हो गए. उनके पास नहाने का साबुन कहां से आ गया?
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लेख: देश के शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांकों में पिछले सप्ताह लगभग 0.30 फीसदी तेजी रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 0.29 फीसदी यानी 71.51 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 24,717.99 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 0.33 फीसदी यानी 24.85 अंकों की तेजी के साथ 7,510.20 पर बंद हुआ। सोमवार सात मार्च 2016 को महाशिवरात्रि के मौके पर बाजार बंद था।
सेंसेक्स के 30 में से 19 शेयरों में पिछले सप्ताह तेजी रही। ल्युपिन (4.35 फीसदी), एशियन पेंट्स (3.35 फीसदी), टाटा मोटर्स (3.04 फीसदी), एचडीएफसी (2.68 फीसदी) और भारती एयरटेल (2.65 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।
सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे भारतीय स्टेट बैंक (4.27 फीसदी), भेल (3.36 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (3.04 फीसदी), इंफोसिस (2.40 फीसदी) और कोल इंडिया (1.89 फीसदी)।
मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में हालांकि मिला जुला रुख रहा। मिडकैप 0.45 फीसदी या 45.86 अंकों की तेजी के साथ 10,270.70 पर और स्मॉलकैप 0.08 फीसदी या 7.76 अंकों की गिरावट के साथ 10,277.99 पर बंद हुआ।टिप्पणियां
गत सप्ताह सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर कर संबंधी बजट प्रस्ताव को वापस ले लिया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार आठ मार्च को प्रस्ताव को वापस लेने की घोषणा की। 29 फरवरी को पेश आम बजट 2016-17 में प्रस्ताव रखा गया था कि ईपीएफ और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) दोनों में सेवानिवृत्ति के बाद कुल निकासी का 40 फीसदी हिस्सा करमुक्त रहेगा। इससे 1 अप्रैल 2016 के बाद जमा कुल योगदान की निकासी के 60 फीसदी हिस्से पर कर लगता, यदि उसे किसी एन्युइटी उत्पादन में निवेश नहीं किया जाता। पुराने नियमों के मुताबिक ईपीएफ की पूरी निकासी कर मुक्त है।
यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) ने गुरुवार 10 मार्च को यूरोपीय अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए अपने मासिक बांड खरीदारी कार्यक्रम का आकार बढ़ा दिया और साथ ही मुख्य ब्याज दर भी घटा दी। ईसीबी ने मुख्य ऋण दर को 0.05 फीसदी से घटाकर शून्य फीसदी कर दिया और जमा दर को नकारात्मक 0.3 फीसदी से और घटाकर नकारात्मक 0.4 फीसदी कर दिया। इसके अलावा ईसीबी ने अपने मासिक बांड खरीदारी कार्यक्रम का आकार 60 अरब डॉलर से बढ़ाकर 80 अरब डॉलर कर दिया, जो अप्रैल 2016 से प्रभावी होगा।
सेंसेक्स के 30 में से 19 शेयरों में पिछले सप्ताह तेजी रही। ल्युपिन (4.35 फीसदी), एशियन पेंट्स (3.35 फीसदी), टाटा मोटर्स (3.04 फीसदी), एचडीएफसी (2.68 फीसदी) और भारती एयरटेल (2.65 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।
सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे भारतीय स्टेट बैंक (4.27 फीसदी), भेल (3.36 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (3.04 फीसदी), इंफोसिस (2.40 फीसदी) और कोल इंडिया (1.89 फीसदी)।
मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में हालांकि मिला जुला रुख रहा। मिडकैप 0.45 फीसदी या 45.86 अंकों की तेजी के साथ 10,270.70 पर और स्मॉलकैप 0.08 फीसदी या 7.76 अंकों की गिरावट के साथ 10,277.99 पर बंद हुआ।टिप्पणियां
गत सप्ताह सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर कर संबंधी बजट प्रस्ताव को वापस ले लिया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार आठ मार्च को प्रस्ताव को वापस लेने की घोषणा की। 29 फरवरी को पेश आम बजट 2016-17 में प्रस्ताव रखा गया था कि ईपीएफ और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) दोनों में सेवानिवृत्ति के बाद कुल निकासी का 40 फीसदी हिस्सा करमुक्त रहेगा। इससे 1 अप्रैल 2016 के बाद जमा कुल योगदान की निकासी के 60 फीसदी हिस्से पर कर लगता, यदि उसे किसी एन्युइटी उत्पादन में निवेश नहीं किया जाता। पुराने नियमों के मुताबिक ईपीएफ की पूरी निकासी कर मुक्त है।
यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) ने गुरुवार 10 मार्च को यूरोपीय अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए अपने मासिक बांड खरीदारी कार्यक्रम का आकार बढ़ा दिया और साथ ही मुख्य ब्याज दर भी घटा दी। ईसीबी ने मुख्य ऋण दर को 0.05 फीसदी से घटाकर शून्य फीसदी कर दिया और जमा दर को नकारात्मक 0.3 फीसदी से और घटाकर नकारात्मक 0.4 फीसदी कर दिया। इसके अलावा ईसीबी ने अपने मासिक बांड खरीदारी कार्यक्रम का आकार 60 अरब डॉलर से बढ़ाकर 80 अरब डॉलर कर दिया, जो अप्रैल 2016 से प्रभावी होगा।
सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे भारतीय स्टेट बैंक (4.27 फीसदी), भेल (3.36 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (3.04 फीसदी), इंफोसिस (2.40 फीसदी) और कोल इंडिया (1.89 फीसदी)।
मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में हालांकि मिला जुला रुख रहा। मिडकैप 0.45 फीसदी या 45.86 अंकों की तेजी के साथ 10,270.70 पर और स्मॉलकैप 0.08 फीसदी या 7.76 अंकों की गिरावट के साथ 10,277.99 पर बंद हुआ।टिप्पणियां
गत सप्ताह सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर कर संबंधी बजट प्रस्ताव को वापस ले लिया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार आठ मार्च को प्रस्ताव को वापस लेने की घोषणा की। 29 फरवरी को पेश आम बजट 2016-17 में प्रस्ताव रखा गया था कि ईपीएफ और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) दोनों में सेवानिवृत्ति के बाद कुल निकासी का 40 फीसदी हिस्सा करमुक्त रहेगा। इससे 1 अप्रैल 2016 के बाद जमा कुल योगदान की निकासी के 60 फीसदी हिस्से पर कर लगता, यदि उसे किसी एन्युइटी उत्पादन में निवेश नहीं किया जाता। पुराने नियमों के मुताबिक ईपीएफ की पूरी निकासी कर मुक्त है।
यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) ने गुरुवार 10 मार्च को यूरोपीय अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए अपने मासिक बांड खरीदारी कार्यक्रम का आकार बढ़ा दिया और साथ ही मुख्य ब्याज दर भी घटा दी। ईसीबी ने मुख्य ऋण दर को 0.05 फीसदी से घटाकर शून्य फीसदी कर दिया और जमा दर को नकारात्मक 0.3 फीसदी से और घटाकर नकारात्मक 0.4 फीसदी कर दिया। इसके अलावा ईसीबी ने अपने मासिक बांड खरीदारी कार्यक्रम का आकार 60 अरब डॉलर से बढ़ाकर 80 अरब डॉलर कर दिया, जो अप्रैल 2016 से प्रभावी होगा।
मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में हालांकि मिला जुला रुख रहा। मिडकैप 0.45 फीसदी या 45.86 अंकों की तेजी के साथ 10,270.70 पर और स्मॉलकैप 0.08 फीसदी या 7.76 अंकों की गिरावट के साथ 10,277.99 पर बंद हुआ।टिप्पणियां
गत सप्ताह सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर कर संबंधी बजट प्रस्ताव को वापस ले लिया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार आठ मार्च को प्रस्ताव को वापस लेने की घोषणा की। 29 फरवरी को पेश आम बजट 2016-17 में प्रस्ताव रखा गया था कि ईपीएफ और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) दोनों में सेवानिवृत्ति के बाद कुल निकासी का 40 फीसदी हिस्सा करमुक्त रहेगा। इससे 1 अप्रैल 2016 के बाद जमा कुल योगदान की निकासी के 60 फीसदी हिस्से पर कर लगता, यदि उसे किसी एन्युइटी उत्पादन में निवेश नहीं किया जाता। पुराने नियमों के मुताबिक ईपीएफ की पूरी निकासी कर मुक्त है।
यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) ने गुरुवार 10 मार्च को यूरोपीय अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए अपने मासिक बांड खरीदारी कार्यक्रम का आकार बढ़ा दिया और साथ ही मुख्य ब्याज दर भी घटा दी। ईसीबी ने मुख्य ऋण दर को 0.05 फीसदी से घटाकर शून्य फीसदी कर दिया और जमा दर को नकारात्मक 0.3 फीसदी से और घटाकर नकारात्मक 0.4 फीसदी कर दिया। इसके अलावा ईसीबी ने अपने मासिक बांड खरीदारी कार्यक्रम का आकार 60 अरब डॉलर से बढ़ाकर 80 अरब डॉलर कर दिया, जो अप्रैल 2016 से प्रभावी होगा।
गत सप्ताह सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर कर संबंधी बजट प्रस्ताव को वापस ले लिया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार आठ मार्च को प्रस्ताव को वापस लेने की घोषणा की। 29 फरवरी को पेश आम बजट 2016-17 में प्रस्ताव रखा गया था कि ईपीएफ और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) दोनों में सेवानिवृत्ति के बाद कुल निकासी का 40 फीसदी हिस्सा करमुक्त रहेगा। इससे 1 अप्रैल 2016 के बाद जमा कुल योगदान की निकासी के 60 फीसदी हिस्से पर कर लगता, यदि उसे किसी एन्युइटी उत्पादन में निवेश नहीं किया जाता। पुराने नियमों के मुताबिक ईपीएफ की पूरी निकासी कर मुक्त है।
यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) ने गुरुवार 10 मार्च को यूरोपीय अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए अपने मासिक बांड खरीदारी कार्यक्रम का आकार बढ़ा दिया और साथ ही मुख्य ब्याज दर भी घटा दी। ईसीबी ने मुख्य ऋण दर को 0.05 फीसदी से घटाकर शून्य फीसदी कर दिया और जमा दर को नकारात्मक 0.3 फीसदी से और घटाकर नकारात्मक 0.4 फीसदी कर दिया। इसके अलावा ईसीबी ने अपने मासिक बांड खरीदारी कार्यक्रम का आकार 60 अरब डॉलर से बढ़ाकर 80 अरब डॉलर कर दिया, जो अप्रैल 2016 से प्रभावी होगा।
यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) ने गुरुवार 10 मार्च को यूरोपीय अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए अपने मासिक बांड खरीदारी कार्यक्रम का आकार बढ़ा दिया और साथ ही मुख्य ब्याज दर भी घटा दी। ईसीबी ने मुख्य ऋण दर को 0.05 फीसदी से घटाकर शून्य फीसदी कर दिया और जमा दर को नकारात्मक 0.3 फीसदी से और घटाकर नकारात्मक 0.4 फीसदी कर दिया। इसके अलावा ईसीबी ने अपने मासिक बांड खरीदारी कार्यक्रम का आकार 60 अरब डॉलर से बढ़ाकर 80 अरब डॉलर कर दिया, जो अप्रैल 2016 से प्रभावी होगा।
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दक्षिणी फ्रेंच शहर एविगनन में एक मस्जिद के सामने दो बंदूकधारियों ने फायरिंग की. इस फायरिंग में आठ लोग घायल हो गए. फिलहाल इस घटना को पुलिस ने आतंकवादी हमला ना बताकर इसे आपसी रंजिश का मामला बताया.
बता दें कि आठ घायल लोगों में से दो लोगों को घटना के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया. स्रोत के मुताबिक, मस्जिद छोड़ने वाले लोग इसका इरादतन टारगेट नहीं थे.
ला प्रोवेंस रीजनल न्यूजपेपर के मुताबिक, जिसने पहली बार इस घटना की सूचना दी थी, ने न्यायिक स्रोत का हवाला देते हुए कहा था कि पुलिस इसे आतंकवाद से नहीं जोड़ रही है और उनका कहना है कि हो सकता है कि ये युवाओं के बीच का एक विवाद हो सकता है.
समाचार पत्र ने गवाहों के हवाले से कहा कि चेहरे को कवर करने वाले दो
बंदूकधारियों में से एक
ने 10:30 बजे शाम गोली चलाई थी. लोग जब तक मस्जिद से बाहर आते इससे पहले कि दोनों वहां से भाग गए. ला प्रोवेंस ने बताया कि चार लोग मस्जिद के बाहर घायल हुए थे, जबकि उनका अपार्टमेंट वहां से पचास मीटर (गज) दूरी पर था.
यह घटना तब सामने आई जब मस्जिद के सामने एक व्यक्ति भीड़ में से कार को चलाने की कोशिश कर रहा था.
जिसे गिरफ्तार कर लिया
गया. लेकिन इस घटना में कोई भी घायल नहीं हुआ था. फ्रांस हाल के वर्षों में हुए आतंकवादी हमलों के बाद हाई सिक्यूरटी अलर्ट पर है.
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बिहार के सीएम जीतन राम मांझी अक्सर अपने बड़बोलेपन के कारण चर्चा में रहते हैं. इस वजह से उन्हें पार्टी की ओर हिदायत भी मिल चुकी है. लेकिन अब जेडीयू अध्यक्ष
शरद यादव
ने मांझी के एक बयान पर न सिर्फ उनका मजाक बनाया बल्कि पत्रकार से कहा, 'जितने आप चतुर हैं, उतने मुख्यमंत्री को समझने लगे. यही गलती कर दी.'
गौरतलब है कि बीते दिनों जीतन राम मांझी ने कहा था कि वह एक आम आदमी से मुख्यमंत्री बन गए, एक दिन प्रधानमंत्री भी बन जाएंगे. इस बाबत जब शरद यादव से कानपुर में बात की गई तो उन्होंने कहा, 'आप भी कहां पहुंच गए. हजारों साल में मुसहर जाति को मौका मिला है. हमने एक आदमी बनाया है. उनके यहां न स्कूल है न किताब. जहां गाय और सूअर बांधते हैं, वहीं वह सोते हैं.'
शरद यादव यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा आगे कहा कि मुसहर जाति के शख्स को हमने सीएम बनाया, लेकिन समस्या यह है जैसे आप चतुर हैं वैसे ही चतुर आप उन्हें भी मान रहे हैं, यही गलती है.
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पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा समर्थक और मंत्रियों एवं विधायकों के इस्तीफे देने के खतरे के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार स्थिर है तथा उन्हें और इस्तीफों की आशंका नहीं है।
शेट्टार ने यहां कहा,‘‘मैं सभी भाजपा विधायकों के संपर्क में हूं। वे विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं देने जा रहे।’’ उधर, अपनी राजनीतिक दावपेंच से भाजपा सरकार के लिए संकट खड़ी करने वाले येदियुरप्पा ने शेट्टार को चुनौती दी यदि ‘उनके पास बहुमत है तो वे बजट पेश करें।’
बीजापुर जिले के इंडी में संवाददाताओं से बातचीत में येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘कुछ और मंत्रियों एवं विधायकों के इस्तीफे का इंतजार कीजिए। मैं किसी पर इस्तीफे के लिए दबाव नहीं डाल रहा।’’ हालांकि कल 12 विधायकों के इस्तीफे के बाद बिल्कुल मामूली बहुमत से अपनी सरकार चलाने वाले शेट्टार ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि इन विधायकों ने दबाव में इस्तीफा दिया।
उन्होंने कहा,‘‘सरकार स्थिर है और मैं (8 फरवरी को) बजट पेश करूंगा।’’ उन्होंने इस आरोप का खंडन किया कि विधानसभाध्यक्ष के जी बोपैया ने विधायकों के त्यागपत्र स्वीकारने में देरी कर राजनीति की है।
उपमुख्यमंत्री एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के एस ईश्वरप्पा ने कहा कि यदि कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाती है तो सरकार उसका मुकाबला करने को तैयार है। ईश्वरप्पा ने 4 फरवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र से पहले इस संकट और उससे निबटने के तौर तरीकों पर शेट्टार, भाजपा महासचिव अनंत कुमार एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता संतोष समेत शीर्ष नेताओं के साथ बातचीत की है।टिप्पणियां
कल 13 असंतुष्ट भाजपा विधायक राज्य सचिवालय में विधानसभाध्यक्ष से उनके कार्यालय में मिले थे और उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से अपना इस्तीफा उन्हें सौंपा था। कई घंटे बाद इस्तीफे मंजूर किए गए थे। एक विधायक विट्टाला कटकडोंडा का इस्तीफा तकनीकी कारणों से अस्वीकार कर दिया गया।
बारह अंसतुष्ट विधायकों के इस्तीफे के बाद विधानसभा में भाजपा के पास 105 सदस्य, कांग्रेस के पास 71 तथा जनता दल सेकुलर के पास 26 सदस्य हैं जबकि सात निर्दलीय विधायक एवं विधानसभाध्यक्ष हैं। एक निर्दलीय विधायक सरकार का समर्थन कर रहे हैं।
शेट्टार ने यहां कहा,‘‘मैं सभी भाजपा विधायकों के संपर्क में हूं। वे विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं देने जा रहे।’’ उधर, अपनी राजनीतिक दावपेंच से भाजपा सरकार के लिए संकट खड़ी करने वाले येदियुरप्पा ने शेट्टार को चुनौती दी यदि ‘उनके पास बहुमत है तो वे बजट पेश करें।’
बीजापुर जिले के इंडी में संवाददाताओं से बातचीत में येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘कुछ और मंत्रियों एवं विधायकों के इस्तीफे का इंतजार कीजिए। मैं किसी पर इस्तीफे के लिए दबाव नहीं डाल रहा।’’ हालांकि कल 12 विधायकों के इस्तीफे के बाद बिल्कुल मामूली बहुमत से अपनी सरकार चलाने वाले शेट्टार ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि इन विधायकों ने दबाव में इस्तीफा दिया।
उन्होंने कहा,‘‘सरकार स्थिर है और मैं (8 फरवरी को) बजट पेश करूंगा।’’ उन्होंने इस आरोप का खंडन किया कि विधानसभाध्यक्ष के जी बोपैया ने विधायकों के त्यागपत्र स्वीकारने में देरी कर राजनीति की है।
उपमुख्यमंत्री एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के एस ईश्वरप्पा ने कहा कि यदि कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाती है तो सरकार उसका मुकाबला करने को तैयार है। ईश्वरप्पा ने 4 फरवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र से पहले इस संकट और उससे निबटने के तौर तरीकों पर शेट्टार, भाजपा महासचिव अनंत कुमार एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता संतोष समेत शीर्ष नेताओं के साथ बातचीत की है।टिप्पणियां
कल 13 असंतुष्ट भाजपा विधायक राज्य सचिवालय में विधानसभाध्यक्ष से उनके कार्यालय में मिले थे और उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से अपना इस्तीफा उन्हें सौंपा था। कई घंटे बाद इस्तीफे मंजूर किए गए थे। एक विधायक विट्टाला कटकडोंडा का इस्तीफा तकनीकी कारणों से अस्वीकार कर दिया गया।
बारह अंसतुष्ट विधायकों के इस्तीफे के बाद विधानसभा में भाजपा के पास 105 सदस्य, कांग्रेस के पास 71 तथा जनता दल सेकुलर के पास 26 सदस्य हैं जबकि सात निर्दलीय विधायक एवं विधानसभाध्यक्ष हैं। एक निर्दलीय विधायक सरकार का समर्थन कर रहे हैं।
बीजापुर जिले के इंडी में संवाददाताओं से बातचीत में येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘कुछ और मंत्रियों एवं विधायकों के इस्तीफे का इंतजार कीजिए। मैं किसी पर इस्तीफे के लिए दबाव नहीं डाल रहा।’’ हालांकि कल 12 विधायकों के इस्तीफे के बाद बिल्कुल मामूली बहुमत से अपनी सरकार चलाने वाले शेट्टार ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि इन विधायकों ने दबाव में इस्तीफा दिया।
उन्होंने कहा,‘‘सरकार स्थिर है और मैं (8 फरवरी को) बजट पेश करूंगा।’’ उन्होंने इस आरोप का खंडन किया कि विधानसभाध्यक्ष के जी बोपैया ने विधायकों के त्यागपत्र स्वीकारने में देरी कर राजनीति की है।
उपमुख्यमंत्री एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के एस ईश्वरप्पा ने कहा कि यदि कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाती है तो सरकार उसका मुकाबला करने को तैयार है। ईश्वरप्पा ने 4 फरवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र से पहले इस संकट और उससे निबटने के तौर तरीकों पर शेट्टार, भाजपा महासचिव अनंत कुमार एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता संतोष समेत शीर्ष नेताओं के साथ बातचीत की है।टिप्पणियां
कल 13 असंतुष्ट भाजपा विधायक राज्य सचिवालय में विधानसभाध्यक्ष से उनके कार्यालय में मिले थे और उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से अपना इस्तीफा उन्हें सौंपा था। कई घंटे बाद इस्तीफे मंजूर किए गए थे। एक विधायक विट्टाला कटकडोंडा का इस्तीफा तकनीकी कारणों से अस्वीकार कर दिया गया।
बारह अंसतुष्ट विधायकों के इस्तीफे के बाद विधानसभा में भाजपा के पास 105 सदस्य, कांग्रेस के पास 71 तथा जनता दल सेकुलर के पास 26 सदस्य हैं जबकि सात निर्दलीय विधायक एवं विधानसभाध्यक्ष हैं। एक निर्दलीय विधायक सरकार का समर्थन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा,‘‘सरकार स्थिर है और मैं (8 फरवरी को) बजट पेश करूंगा।’’ उन्होंने इस आरोप का खंडन किया कि विधानसभाध्यक्ष के जी बोपैया ने विधायकों के त्यागपत्र स्वीकारने में देरी कर राजनीति की है।
उपमुख्यमंत्री एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के एस ईश्वरप्पा ने कहा कि यदि कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाती है तो सरकार उसका मुकाबला करने को तैयार है। ईश्वरप्पा ने 4 फरवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र से पहले इस संकट और उससे निबटने के तौर तरीकों पर शेट्टार, भाजपा महासचिव अनंत कुमार एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता संतोष समेत शीर्ष नेताओं के साथ बातचीत की है।टिप्पणियां
कल 13 असंतुष्ट भाजपा विधायक राज्य सचिवालय में विधानसभाध्यक्ष से उनके कार्यालय में मिले थे और उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से अपना इस्तीफा उन्हें सौंपा था। कई घंटे बाद इस्तीफे मंजूर किए गए थे। एक विधायक विट्टाला कटकडोंडा का इस्तीफा तकनीकी कारणों से अस्वीकार कर दिया गया।
बारह अंसतुष्ट विधायकों के इस्तीफे के बाद विधानसभा में भाजपा के पास 105 सदस्य, कांग्रेस के पास 71 तथा जनता दल सेकुलर के पास 26 सदस्य हैं जबकि सात निर्दलीय विधायक एवं विधानसभाध्यक्ष हैं। एक निर्दलीय विधायक सरकार का समर्थन कर रहे हैं।
उपमुख्यमंत्री एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के एस ईश्वरप्पा ने कहा कि यदि कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाती है तो सरकार उसका मुकाबला करने को तैयार है। ईश्वरप्पा ने 4 फरवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र से पहले इस संकट और उससे निबटने के तौर तरीकों पर शेट्टार, भाजपा महासचिव अनंत कुमार एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता संतोष समेत शीर्ष नेताओं के साथ बातचीत की है।टिप्पणियां
कल 13 असंतुष्ट भाजपा विधायक राज्य सचिवालय में विधानसभाध्यक्ष से उनके कार्यालय में मिले थे और उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से अपना इस्तीफा उन्हें सौंपा था। कई घंटे बाद इस्तीफे मंजूर किए गए थे। एक विधायक विट्टाला कटकडोंडा का इस्तीफा तकनीकी कारणों से अस्वीकार कर दिया गया।
बारह अंसतुष्ट विधायकों के इस्तीफे के बाद विधानसभा में भाजपा के पास 105 सदस्य, कांग्रेस के पास 71 तथा जनता दल सेकुलर के पास 26 सदस्य हैं जबकि सात निर्दलीय विधायक एवं विधानसभाध्यक्ष हैं। एक निर्दलीय विधायक सरकार का समर्थन कर रहे हैं।
कल 13 असंतुष्ट भाजपा विधायक राज्य सचिवालय में विधानसभाध्यक्ष से उनके कार्यालय में मिले थे और उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से अपना इस्तीफा उन्हें सौंपा था। कई घंटे बाद इस्तीफे मंजूर किए गए थे। एक विधायक विट्टाला कटकडोंडा का इस्तीफा तकनीकी कारणों से अस्वीकार कर दिया गया।
बारह अंसतुष्ट विधायकों के इस्तीफे के बाद विधानसभा में भाजपा के पास 105 सदस्य, कांग्रेस के पास 71 तथा जनता दल सेकुलर के पास 26 सदस्य हैं जबकि सात निर्दलीय विधायक एवं विधानसभाध्यक्ष हैं। एक निर्दलीय विधायक सरकार का समर्थन कर रहे हैं।
बारह अंसतुष्ट विधायकों के इस्तीफे के बाद विधानसभा में भाजपा के पास 105 सदस्य, कांग्रेस के पास 71 तथा जनता दल सेकुलर के पास 26 सदस्य हैं जबकि सात निर्दलीय विधायक एवं विधानसभाध्यक्ष हैं। एक निर्दलीय विधायक सरकार का समर्थन कर रहे हैं।
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अमेरिका में पिछले तीन सालों में बॉलीवुड सितारे शाहरुख खान को दो बार रोके जाने की घटना पर अमेरिका ने सफाई देते हुए कहा है कि इस तरह की घटना किसी प्रकार के नियम या फिर जातीय भेदभाव का नतीजा नहीं है।
अमेरिका के गृहविभाग के प्रवक्ता मार्क टोनर ने कहा कि दोनों घटनाओं में कोई संबंध नहीं है।
टोनर ने कहा कि जब भी कोई ऐसा व्यक्ति अमेरिका का सफर करता है तब उसे अमेरिकी दूतावास को पहले ही सूचना दे देनी चाहिए ताकि वह आगे के कार्यक्रम अमेरिका में अधिकारियों को सूचित कर सकें जिससे किसी भी प्रकार के अप्रिय व्यवहार का सामना न करना पड़े। उनका कहना है कि अमेरिका में प्रतिदिन लाखों मुस्लिम लोग आते जाते हैं और उनमें सभी के साथ ऐसा नहीं होता है।
अमेरिका में भारतीय दूतावास के उपप्रमुख अरुण सिंह ने भारतीय संवेदनाओं के बारे में अमेरिका में दक्षिण और मध्य एशिया विभाग के सहायक सचिव रोबर्ट ब्लेक को बता दी थीं। टोनर ने घटना पर माफी मांगी और कहा कि यह किसी भी रूप में व्यक्तिगत आधार पर नहीं हुआ है।
इससे पहले बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान को अमेरिका में न्यूयार्क के एक हवाई अड्डे पर रोके जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए भारत ने शुक्रवार को अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक को तलब किया और विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने कहा कि लोगों को रोककर रखना और फिर माफी मांगना अमेरिका की आदत बन गई है और ऐसा जारी नहीं रह सकता।
अमेरिका की ‘यांत्रिक माफी’ को अपर्याप्त बताते हुए भारत ने वाशिंगटन स्थित अपनी राजदूत निरुपमा राव से कहा कि वह इस मुद्दे को वहां के सर्वोच्च अधिकारियों के समक्ष उठाएं। सूत्रों के अनुसार संयुक्त सचिव (अमेरिका) जावेद अशरफ ने अमेरिकी दूतावास के उप प्रमुख डोनाल्ड ल्यू को तलब किया और इस मुद्दे पर भारत की चिंता से उन्हें अवगत कराया।
येल विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करने के लिए एक निजी विमान से न्यूयार्क के व्हाइट प्लेंस हवाईअड्डा पहुंचे शाहरुख को आव्रजन अधिकारियों ने लगभग दो घंटे तक रोक कर रखा था। शाहरुख को आव्रजन मंजूरी भारतीय महावाणिज्य दूतावास के हस्तक्षेप के बाद ही दी गई।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारतीय महावाणिज्य दूतावास के हस्तक्षेप के तुरंत बाद अमेरिकी सीमाशुल्क और सीमा सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें एक पत्र जारी कर माफी मांगी। सूत्रों के अनुसार कृष्णा ने कहा कि ‘रोककर रखना और फिर माफी मांगना’ अमेरिका की आदत बन गयी है तथा यह जारी नहीं रह सकता। कृष्णा फिलहाल त्रिपक्षीय मंत्रिस्तरीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए मास्को में हैं।टिप्पणियां
विदेश मंत्रालय के सू़त्रों ने कहा, ‘‘ एक ही व्यक्ति के लिए बार बार समस्या उत्पन्न होना तथा वाणिज्य दूतावास के हस्तक्षेप के बाद आव्रजन मंजूरी मिलना तथा यांत्रिक माफी पर्याप्त नहीं है।’’ इस बीच अमेरिकी दूतावास ने शाहरूख को हवाई अड्डे पर रोके जाने के लिए माफी मांगी और कहा कि वह ऐसी व्यवस्था बनायेगा जिसमें इस तरह की परिस्थितियों से निपटने में मदद मिल सके। अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता पीटर व्रोमैन ने कहा कि कई अमेरिकी भारतीय फिल्मों के भारी प्रशंसक हैं तथा ‘‘महान अभिनेता’’ शाहरूख खान के काम का सम्मान करते हैं।
सूत्रों के अनुसार आव्रजन विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि कंप्यूटर में शाहरुख के नाम पर ‘विशेष चिह्न’ था और हवाई अड्डे पर तैनात अधिकारियों को उन्हें आव्रजन मंजूरी देने के लिए ‘वरिष्ठ’ अधिकारियों की स्वीकृति चाहिए थी। विदेश राज्यमंत्री परणीत कौर ने कहा कि केवल माफी मांगने से काम नहीं चलेगा। संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने भी शाहरुख को हवाई अड्डे पर रोके जाने की निंदा की और कहा कि जो कुछ भी हुआ, वह ‘उचित नहीं’ है।
टोनर ने कहा कि जब भी कोई ऐसा व्यक्ति अमेरिका का सफर करता है तब उसे अमेरिकी दूतावास को पहले ही सूचना दे देनी चाहिए ताकि वह आगे के कार्यक्रम अमेरिका में अधिकारियों को सूचित कर सकें जिससे किसी भी प्रकार के अप्रिय व्यवहार का सामना न करना पड़े। उनका कहना है कि अमेरिका में प्रतिदिन लाखों मुस्लिम लोग आते जाते हैं और उनमें सभी के साथ ऐसा नहीं होता है।
अमेरिका में भारतीय दूतावास के उपप्रमुख अरुण सिंह ने भारतीय संवेदनाओं के बारे में अमेरिका में दक्षिण और मध्य एशिया विभाग के सहायक सचिव रोबर्ट ब्लेक को बता दी थीं। टोनर ने घटना पर माफी मांगी और कहा कि यह किसी भी रूप में व्यक्तिगत आधार पर नहीं हुआ है।
इससे पहले बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान को अमेरिका में न्यूयार्क के एक हवाई अड्डे पर रोके जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए भारत ने शुक्रवार को अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक को तलब किया और विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने कहा कि लोगों को रोककर रखना और फिर माफी मांगना अमेरिका की आदत बन गई है और ऐसा जारी नहीं रह सकता।
अमेरिका की ‘यांत्रिक माफी’ को अपर्याप्त बताते हुए भारत ने वाशिंगटन स्थित अपनी राजदूत निरुपमा राव से कहा कि वह इस मुद्दे को वहां के सर्वोच्च अधिकारियों के समक्ष उठाएं। सूत्रों के अनुसार संयुक्त सचिव (अमेरिका) जावेद अशरफ ने अमेरिकी दूतावास के उप प्रमुख डोनाल्ड ल्यू को तलब किया और इस मुद्दे पर भारत की चिंता से उन्हें अवगत कराया।
येल विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करने के लिए एक निजी विमान से न्यूयार्क के व्हाइट प्लेंस हवाईअड्डा पहुंचे शाहरुख को आव्रजन अधिकारियों ने लगभग दो घंटे तक रोक कर रखा था। शाहरुख को आव्रजन मंजूरी भारतीय महावाणिज्य दूतावास के हस्तक्षेप के बाद ही दी गई।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारतीय महावाणिज्य दूतावास के हस्तक्षेप के तुरंत बाद अमेरिकी सीमाशुल्क और सीमा सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें एक पत्र जारी कर माफी मांगी। सूत्रों के अनुसार कृष्णा ने कहा कि ‘रोककर रखना और फिर माफी मांगना’ अमेरिका की आदत बन गयी है तथा यह जारी नहीं रह सकता। कृष्णा फिलहाल त्रिपक्षीय मंत्रिस्तरीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए मास्को में हैं।टिप्पणियां
विदेश मंत्रालय के सू़त्रों ने कहा, ‘‘ एक ही व्यक्ति के लिए बार बार समस्या उत्पन्न होना तथा वाणिज्य दूतावास के हस्तक्षेप के बाद आव्रजन मंजूरी मिलना तथा यांत्रिक माफी पर्याप्त नहीं है।’’ इस बीच अमेरिकी दूतावास ने शाहरूख को हवाई अड्डे पर रोके जाने के लिए माफी मांगी और कहा कि वह ऐसी व्यवस्था बनायेगा जिसमें इस तरह की परिस्थितियों से निपटने में मदद मिल सके। अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता पीटर व्रोमैन ने कहा कि कई अमेरिकी भारतीय फिल्मों के भारी प्रशंसक हैं तथा ‘‘महान अभिनेता’’ शाहरूख खान के काम का सम्मान करते हैं।
सूत्रों के अनुसार आव्रजन विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि कंप्यूटर में शाहरुख के नाम पर ‘विशेष चिह्न’ था और हवाई अड्डे पर तैनात अधिकारियों को उन्हें आव्रजन मंजूरी देने के लिए ‘वरिष्ठ’ अधिकारियों की स्वीकृति चाहिए थी। विदेश राज्यमंत्री परणीत कौर ने कहा कि केवल माफी मांगने से काम नहीं चलेगा। संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने भी शाहरुख को हवाई अड्डे पर रोके जाने की निंदा की और कहा कि जो कुछ भी हुआ, वह ‘उचित नहीं’ है।
इससे पहले बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान को अमेरिका में न्यूयार्क के एक हवाई अड्डे पर रोके जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए भारत ने शुक्रवार को अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक को तलब किया और विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने कहा कि लोगों को रोककर रखना और फिर माफी मांगना अमेरिका की आदत बन गई है और ऐसा जारी नहीं रह सकता।
अमेरिका की ‘यांत्रिक माफी’ को अपर्याप्त बताते हुए भारत ने वाशिंगटन स्थित अपनी राजदूत निरुपमा राव से कहा कि वह इस मुद्दे को वहां के सर्वोच्च अधिकारियों के समक्ष उठाएं। सूत्रों के अनुसार संयुक्त सचिव (अमेरिका) जावेद अशरफ ने अमेरिकी दूतावास के उप प्रमुख डोनाल्ड ल्यू को तलब किया और इस मुद्दे पर भारत की चिंता से उन्हें अवगत कराया।
येल विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करने के लिए एक निजी विमान से न्यूयार्क के व्हाइट प्लेंस हवाईअड्डा पहुंचे शाहरुख को आव्रजन अधिकारियों ने लगभग दो घंटे तक रोक कर रखा था। शाहरुख को आव्रजन मंजूरी भारतीय महावाणिज्य दूतावास के हस्तक्षेप के बाद ही दी गई।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारतीय महावाणिज्य दूतावास के हस्तक्षेप के तुरंत बाद अमेरिकी सीमाशुल्क और सीमा सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें एक पत्र जारी कर माफी मांगी। सूत्रों के अनुसार कृष्णा ने कहा कि ‘रोककर रखना और फिर माफी मांगना’ अमेरिका की आदत बन गयी है तथा यह जारी नहीं रह सकता। कृष्णा फिलहाल त्रिपक्षीय मंत्रिस्तरीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए मास्को में हैं।टिप्पणियां
विदेश मंत्रालय के सू़त्रों ने कहा, ‘‘ एक ही व्यक्ति के लिए बार बार समस्या उत्पन्न होना तथा वाणिज्य दूतावास के हस्तक्षेप के बाद आव्रजन मंजूरी मिलना तथा यांत्रिक माफी पर्याप्त नहीं है।’’ इस बीच अमेरिकी दूतावास ने शाहरूख को हवाई अड्डे पर रोके जाने के लिए माफी मांगी और कहा कि वह ऐसी व्यवस्था बनायेगा जिसमें इस तरह की परिस्थितियों से निपटने में मदद मिल सके। अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता पीटर व्रोमैन ने कहा कि कई अमेरिकी भारतीय फिल्मों के भारी प्रशंसक हैं तथा ‘‘महान अभिनेता’’ शाहरूख खान के काम का सम्मान करते हैं।
सूत्रों के अनुसार आव्रजन विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि कंप्यूटर में शाहरुख के नाम पर ‘विशेष चिह्न’ था और हवाई अड्डे पर तैनात अधिकारियों को उन्हें आव्रजन मंजूरी देने के लिए ‘वरिष्ठ’ अधिकारियों की स्वीकृति चाहिए थी। विदेश राज्यमंत्री परणीत कौर ने कहा कि केवल माफी मांगने से काम नहीं चलेगा। संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने भी शाहरुख को हवाई अड्डे पर रोके जाने की निंदा की और कहा कि जो कुछ भी हुआ, वह ‘उचित नहीं’ है।
अमेरिका की ‘यांत्रिक माफी’ को अपर्याप्त बताते हुए भारत ने वाशिंगटन स्थित अपनी राजदूत निरुपमा राव से कहा कि वह इस मुद्दे को वहां के सर्वोच्च अधिकारियों के समक्ष उठाएं। सूत्रों के अनुसार संयुक्त सचिव (अमेरिका) जावेद अशरफ ने अमेरिकी दूतावास के उप प्रमुख डोनाल्ड ल्यू को तलब किया और इस मुद्दे पर भारत की चिंता से उन्हें अवगत कराया।
येल विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करने के लिए एक निजी विमान से न्यूयार्क के व्हाइट प्लेंस हवाईअड्डा पहुंचे शाहरुख को आव्रजन अधिकारियों ने लगभग दो घंटे तक रोक कर रखा था। शाहरुख को आव्रजन मंजूरी भारतीय महावाणिज्य दूतावास के हस्तक्षेप के बाद ही दी गई।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारतीय महावाणिज्य दूतावास के हस्तक्षेप के तुरंत बाद अमेरिकी सीमाशुल्क और सीमा सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें एक पत्र जारी कर माफी मांगी। सूत्रों के अनुसार कृष्णा ने कहा कि ‘रोककर रखना और फिर माफी मांगना’ अमेरिका की आदत बन गयी है तथा यह जारी नहीं रह सकता। कृष्णा फिलहाल त्रिपक्षीय मंत्रिस्तरीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए मास्को में हैं।टिप्पणियां
विदेश मंत्रालय के सू़त्रों ने कहा, ‘‘ एक ही व्यक्ति के लिए बार बार समस्या उत्पन्न होना तथा वाणिज्य दूतावास के हस्तक्षेप के बाद आव्रजन मंजूरी मिलना तथा यांत्रिक माफी पर्याप्त नहीं है।’’ इस बीच अमेरिकी दूतावास ने शाहरूख को हवाई अड्डे पर रोके जाने के लिए माफी मांगी और कहा कि वह ऐसी व्यवस्था बनायेगा जिसमें इस तरह की परिस्थितियों से निपटने में मदद मिल सके। अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता पीटर व्रोमैन ने कहा कि कई अमेरिकी भारतीय फिल्मों के भारी प्रशंसक हैं तथा ‘‘महान अभिनेता’’ शाहरूख खान के काम का सम्मान करते हैं।
सूत्रों के अनुसार आव्रजन विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि कंप्यूटर में शाहरुख के नाम पर ‘विशेष चिह्न’ था और हवाई अड्डे पर तैनात अधिकारियों को उन्हें आव्रजन मंजूरी देने के लिए ‘वरिष्ठ’ अधिकारियों की स्वीकृति चाहिए थी। विदेश राज्यमंत्री परणीत कौर ने कहा कि केवल माफी मांगने से काम नहीं चलेगा। संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने भी शाहरुख को हवाई अड्डे पर रोके जाने की निंदा की और कहा कि जो कुछ भी हुआ, वह ‘उचित नहीं’ है।
येल विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करने के लिए एक निजी विमान से न्यूयार्क के व्हाइट प्लेंस हवाईअड्डा पहुंचे शाहरुख को आव्रजन अधिकारियों ने लगभग दो घंटे तक रोक कर रखा था। शाहरुख को आव्रजन मंजूरी भारतीय महावाणिज्य दूतावास के हस्तक्षेप के बाद ही दी गई।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारतीय महावाणिज्य दूतावास के हस्तक्षेप के तुरंत बाद अमेरिकी सीमाशुल्क और सीमा सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें एक पत्र जारी कर माफी मांगी। सूत्रों के अनुसार कृष्णा ने कहा कि ‘रोककर रखना और फिर माफी मांगना’ अमेरिका की आदत बन गयी है तथा यह जारी नहीं रह सकता। कृष्णा फिलहाल त्रिपक्षीय मंत्रिस्तरीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए मास्को में हैं।टिप्पणियां
विदेश मंत्रालय के सू़त्रों ने कहा, ‘‘ एक ही व्यक्ति के लिए बार बार समस्या उत्पन्न होना तथा वाणिज्य दूतावास के हस्तक्षेप के बाद आव्रजन मंजूरी मिलना तथा यांत्रिक माफी पर्याप्त नहीं है।’’ इस बीच अमेरिकी दूतावास ने शाहरूख को हवाई अड्डे पर रोके जाने के लिए माफी मांगी और कहा कि वह ऐसी व्यवस्था बनायेगा जिसमें इस तरह की परिस्थितियों से निपटने में मदद मिल सके। अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता पीटर व्रोमैन ने कहा कि कई अमेरिकी भारतीय फिल्मों के भारी प्रशंसक हैं तथा ‘‘महान अभिनेता’’ शाहरूख खान के काम का सम्मान करते हैं।
सूत्रों के अनुसार आव्रजन विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि कंप्यूटर में शाहरुख के नाम पर ‘विशेष चिह्न’ था और हवाई अड्डे पर तैनात अधिकारियों को उन्हें आव्रजन मंजूरी देने के लिए ‘वरिष्ठ’ अधिकारियों की स्वीकृति चाहिए थी। विदेश राज्यमंत्री परणीत कौर ने कहा कि केवल माफी मांगने से काम नहीं चलेगा। संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने भी शाहरुख को हवाई अड्डे पर रोके जाने की निंदा की और कहा कि जो कुछ भी हुआ, वह ‘उचित नहीं’ है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारतीय महावाणिज्य दूतावास के हस्तक्षेप के तुरंत बाद अमेरिकी सीमाशुल्क और सीमा सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें एक पत्र जारी कर माफी मांगी। सूत्रों के अनुसार कृष्णा ने कहा कि ‘रोककर रखना और फिर माफी मांगना’ अमेरिका की आदत बन गयी है तथा यह जारी नहीं रह सकता। कृष्णा फिलहाल त्रिपक्षीय मंत्रिस्तरीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए मास्को में हैं।टिप्पणियां
विदेश मंत्रालय के सू़त्रों ने कहा, ‘‘ एक ही व्यक्ति के लिए बार बार समस्या उत्पन्न होना तथा वाणिज्य दूतावास के हस्तक्षेप के बाद आव्रजन मंजूरी मिलना तथा यांत्रिक माफी पर्याप्त नहीं है।’’ इस बीच अमेरिकी दूतावास ने शाहरूख को हवाई अड्डे पर रोके जाने के लिए माफी मांगी और कहा कि वह ऐसी व्यवस्था बनायेगा जिसमें इस तरह की परिस्थितियों से निपटने में मदद मिल सके। अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता पीटर व्रोमैन ने कहा कि कई अमेरिकी भारतीय फिल्मों के भारी प्रशंसक हैं तथा ‘‘महान अभिनेता’’ शाहरूख खान के काम का सम्मान करते हैं।
सूत्रों के अनुसार आव्रजन विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि कंप्यूटर में शाहरुख के नाम पर ‘विशेष चिह्न’ था और हवाई अड्डे पर तैनात अधिकारियों को उन्हें आव्रजन मंजूरी देने के लिए ‘वरिष्ठ’ अधिकारियों की स्वीकृति चाहिए थी। विदेश राज्यमंत्री परणीत कौर ने कहा कि केवल माफी मांगने से काम नहीं चलेगा। संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने भी शाहरुख को हवाई अड्डे पर रोके जाने की निंदा की और कहा कि जो कुछ भी हुआ, वह ‘उचित नहीं’ है।
विदेश मंत्रालय के सू़त्रों ने कहा, ‘‘ एक ही व्यक्ति के लिए बार बार समस्या उत्पन्न होना तथा वाणिज्य दूतावास के हस्तक्षेप के बाद आव्रजन मंजूरी मिलना तथा यांत्रिक माफी पर्याप्त नहीं है।’’ इस बीच अमेरिकी दूतावास ने शाहरूख को हवाई अड्डे पर रोके जाने के लिए माफी मांगी और कहा कि वह ऐसी व्यवस्था बनायेगा जिसमें इस तरह की परिस्थितियों से निपटने में मदद मिल सके। अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता पीटर व्रोमैन ने कहा कि कई अमेरिकी भारतीय फिल्मों के भारी प्रशंसक हैं तथा ‘‘महान अभिनेता’’ शाहरूख खान के काम का सम्मान करते हैं।
सूत्रों के अनुसार आव्रजन विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि कंप्यूटर में शाहरुख के नाम पर ‘विशेष चिह्न’ था और हवाई अड्डे पर तैनात अधिकारियों को उन्हें आव्रजन मंजूरी देने के लिए ‘वरिष्ठ’ अधिकारियों की स्वीकृति चाहिए थी। विदेश राज्यमंत्री परणीत कौर ने कहा कि केवल माफी मांगने से काम नहीं चलेगा। संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने भी शाहरुख को हवाई अड्डे पर रोके जाने की निंदा की और कहा कि जो कुछ भी हुआ, वह ‘उचित नहीं’ है।
सूत्रों के अनुसार आव्रजन विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि कंप्यूटर में शाहरुख के नाम पर ‘विशेष चिह्न’ था और हवाई अड्डे पर तैनात अधिकारियों को उन्हें आव्रजन मंजूरी देने के लिए ‘वरिष्ठ’ अधिकारियों की स्वीकृति चाहिए थी। विदेश राज्यमंत्री परणीत कौर ने कहा कि केवल माफी मांगने से काम नहीं चलेगा। संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने भी शाहरुख को हवाई अड्डे पर रोके जाने की निंदा की और कहा कि जो कुछ भी हुआ, वह ‘उचित नहीं’ है।
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सी॰ आई॰ डी॰ ने गम्भीर छानबीन करके सरकार को इस बात की पुष्टि कर दी कि काकोरी ट्रेन डकैती क्रान्तिकारियों का एक सुनियोजित षड्यन्त्र है। पुलिस ने काकोरी काण्ड के सम्बन्ध में जानकारी देने व षड्यन्त्र में शामिल किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करवाने के लिये इनाम की घोषणा के विज्ञापन सभी प्रमुख स्थानों पर लगा दिये। इसका परिणाम यह हुआ कि पुलिस को घटनास्थल पर मिली चादर में लगे धोबी के निशान से इस बात का पता चल गया कि चादर शाहजहाँपुर के ही किसी व्यक्ति की है। शाहजहाँपुर के धोबियों से पूछने पर मालूम हुआ कि चादर बनारसी लाल की है। बनारसी लाल से मिलकर पुलिस ने सारा भेद प्राप्त कर लिया। यह भी पता चल गया कि ९ अगस्त १९२५ को शाहजहाँपुर से उसकी पार्टी के कौन-कौन लोग शहर से बाहर गये थे और वे कब-कब वापस आये? जब खुफिया तौर से इस बात की पुष्टि हो गयी कि राम प्रसाद बिस्मिल, जो एच॰ आर॰ ए॰ का लीडर था, उस दिन शहर में नहीं था तो २६ सितम्बर १९२५ की रात में बिस्मिल के साथ समूचे हिन्दुस्तान से ४० से भी अधिक लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। काकोरी काण्ड में केवल १० ही लोग वास्तविक रूप से शामिल हुए थे अत: उन सभी को नामजद किया गया। इनमें से पाँच - चन्द्रशेखर आजाद, मुरारी शर्मा (छद्मनाम), केशव चक्रवर्ती (छद्मनाम), अशफाक उल्ला खाँ व शचीन्द्र नाथ बख्शी को छोड़कर, जो पुलिस के हाथ नहीं आये, शेष सभी व्यक्तियों पर अभियोग चला और उन्हें ५ वर्ष की कैद से लेकर फाँसी तक की सजा सुनायी गयी। फरार अभियुक्तों के अतिरिक्त जिन-जिन क्रान्तिकारियों को एच॰ आर॰ ए॰ का सक्रिय कार्यकर्ता होने के सन्देह में गिरफ्तार किया गया था उनमें से १६ को साक्ष्य न मिलने के कारण रिहा कर दिया गया। स्पेशल मजिस्ट्रेट ऐनुद्दीन ने प्रत्येक क्रान्तिकारी की छबि खराब करने में कोई कसर बाकी नहीं रक्खी। सिर्फ़ इतना ही नहीं, केस को सेशन कोर्ट में भेजने से पहले ही इस बात के सभी साक्षी व साक्ष्य एकत्र कर लिये थे कि यदि अपील भी की जाये तो एक भी अभियुक्त बिना सजा के छूटने न पाये। बनारसी लाल को हवालात में ही पुलिस ने कड़ी सजा का भय दिखाकर तोड़ लिया। शाहजहाँपुर जिला काँग्रेस कमेटी में पार्टी-फण्ड को लेकर इसी बनारसी का बिस्मिल से झगड़ा हो चुका था।
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जिन्ना की सोच की धज्जियां तो मुसलमानों ने साल 1942 में ही उड़ा दी थीं. जिन्ना की विचारधारा को मुसलमानों ने न सिर्फ नकारा, बल्कि उसे पंक्चर किया. बिहार और यूपी को छोड़कर शायद ही कोई हिन्दुस्तान से पाकिस्तान गया. मुसलमानों ने तो उसी वक्त मुंहतोड़ जवाब दे दिया था. यह बात हैदराबाद स्थित मौलाना आजाद विश्वविद्यालय के चांसलर जफर सरेशवाला ने आजतक की ओर से आयोजित पंचायत 'जिन्ना एक विलेन पर जंग क्यों' के पांचवें सत्र 'हिंदुस्तान में किसको चाहिए जिन्ना' पर बहस के दौरान कही.
पीएम मोदी के करीबी माने जाने वाले जफर सरेशवाला ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि आज हमारे मुल्क की एक पार्टी बार-बार सबको पाकिस्तान भेजने की बात करती है, उनके लिए बता दूं कि हमने जवाब दिया है. एएमयू के चांसलर और वाइस चांसलर को अब फ्रंट फुट पर आ जाना चाहिए और छात्रों को समझाना चाहिए. एक नुकसान पहले ही हो चुका है. 12 मई तक परीक्षाएं स्थगित हो गई हैं. जिन्ना की तस्वीर हो या न हो, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.
उन्होंने कहा कि अभी जो अलीगढ में हो रहा है, मैं समझता हूं, वहां के वाइस चांसलर और चांसलर को सामने आकर नेतृत्व करना चाहिए और बच्चों को सही राह दिखानी चाहिए. वहीं, राजनीतिक विश्लेषक सुधींद्र कुलकर्णी ने कहा कि आज हम हिंदू-मुस्लिम लड़ रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि देश के विभाजन के लिए जिन्ना से ज्यादा अंग्रेज दोषी हैं. उन्होंने कहा कि हमारी सभी की राय इस बात पर एक है कि भारत का विभाजन नहीं होना चाहिए था और खून-खराबा नहीं होना चाहिए था, लेकिन ऐसा हुआ.
उन्होंने कहा कि देश के विभाजन के लिए
जिन्ना
से ज्यादा अंग्रेज दोषी हैं. अंग्रेजों ने फूट डालो और शासन करो की नीति अपनाई थी. उन्होंने कहा कि आजादी तो जून 1948 में मिलने वाली थी, लेकिन वायसराय माउंटबेटन ने इसको अगस्त 1987 तक ही खींचा, जिसके कारण डर का माहौल पैदा हुआ. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि जब साल 1979 में माउंटबेटन की मौत हुई, तो भारत सरकार ने सात दिन का शोक घोषित किया था और राष्ट्र ध्वज आधा झुकाया था. जबकि हकीकत यह है कि जिन्ना से ज्यादा ये अंग्रेज दोषी हैं, लेकिन आज हम हिंदू-मुसलमान में लड़ रहे हैं.
लेखक सुधींद्र कुलकर्णी ने कहा कि साल 2005 में लालकृष्ण आडवाणी के साथ मैं भी पाकिस्तान गया था. तब जिन्ना की मजार पर आडवाणी ने कहा कि साल 1930 तक हिंदू-मुसलिम एकता के
जिन्ना
हिमायती थे. दूसरी बात आडवाणी ने यह कही कि 11 अगस्त 1947 को जिन्ना ने पाकिस्तान की संविधान समिति में अपने भाषण में कहा कि पाकिस्तान मजहबी मुल्क नहीं होगा. इस्लामी मुल्क नहीं होगा. यहां हिन्दू-मुसलमान सब मिलकर बराबर रहेंगे.
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उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और लालकृष्ण आडवाणी के करीबी माने जाने वाले बीजेपी नेता बीसी खंडूड़ी ने कहा है कि 75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ना चाहिए और उन्हें राज्यसभा में भेजा जाना चाहिए।टिप्पणियां
खंडूड़ी खुद 75 साल से ज्यादा उम्र के हैं। उन्होंने इशारों-इशारों में आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और जसवंत सिंह जैसे नेताओं को यह नसीहत दी है।
खंडूड़ी ने कहा कि जिन लोगों ने संविधान बनाया था, उन्होंने उम्रदराज लोगों के लिए राज्यसभा बनाई थी, लेकिन दुर्भाग्य से आज उल्टा हो रहा है और राज्यसभा में 50-60 साल के लोग बैठे हैं और 80 साल के लोग लोकसभा में हैं।
खंडूड़ी खुद 75 साल से ज्यादा उम्र के हैं। उन्होंने इशारों-इशारों में आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और जसवंत सिंह जैसे नेताओं को यह नसीहत दी है।
खंडूड़ी ने कहा कि जिन लोगों ने संविधान बनाया था, उन्होंने उम्रदराज लोगों के लिए राज्यसभा बनाई थी, लेकिन दुर्भाग्य से आज उल्टा हो रहा है और राज्यसभा में 50-60 साल के लोग बैठे हैं और 80 साल के लोग लोकसभा में हैं।
खंडूड़ी ने कहा कि जिन लोगों ने संविधान बनाया था, उन्होंने उम्रदराज लोगों के लिए राज्यसभा बनाई थी, लेकिन दुर्भाग्य से आज उल्टा हो रहा है और राज्यसभा में 50-60 साल के लोग बैठे हैं और 80 साल के लोग लोकसभा में हैं।
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भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सुंदर लाल पटवा ने मंगलवार को कहा कि भाजपा में कोई अनुशासन नहीं तोड़ रहा है और जो अनुशासन तोड़ेगा वह बाहर जायेगा.
पटवा ने संवाददाताओं द्वारा यह पूछे जाने पर कि भाजपा के मंत्रिगण अनुशासनहीनता कर अपनी ही पार्टी को मुश्किल में डाल रहे हैं, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि कोई भी अनुशासन नहीं तोड़ रहा है और जो भी अनुशासन तोड़ेगा वह बाहर जायेगा.
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के मध्यप्रदेश में पुन: मुख्यमंत्री बनने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर उमा के कथित घोर विरोधी पटवा ने कहा कि अब उमा मध्यप्रदेश की मतदाता ही नहीं हैं बल्कि उत्तर प्रदेश में हैं.
उन्होने कहा कि उमा भारती न केवल उत्तर प्रदेश में स्टार प्रचारक हैं बल्कि वे स्वयं भी चरखारी विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहीं हैं.
यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा म.प्र के मुख्यमंत्री बन सकते हैं, पटवा ने प्रश्न पूछने वाले पत्रकार से प्रतिप्रश्न किया कि आप कब से प्रभात झा के शुभचिंतक हो गये.
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में पटवा ने कहा कि भाजपा ही एक मात्र ऐसी पार्टी हैं जहां साधारण किसान को बेटा भी मुख्यमंत्री बन सकता है.
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प्रियंका चोपड़ा फिल्म 'बेवॉच' से हॉलीवुड में डेब्यू कर रही हैं. जब से यह पता चला है कि फिल्म भारत में भी रिलीज होगी, तब से प्रियंका के फैंस को यह जरूर लग रहा था कि कहीं सेंसर बोर्ड इस फिल्म के सीन्स पर भी कैंची ना चला दे.
लेकिन लोगों को सरप्राइज देते हुए सीबीएफसी ने फिल्म को 'ए' सर्टिफिकेट से पास किया है और फिल्म के किसी बिकिनी सीन को भी नहीं काटा गया है. डीएनए की खबर के मुताबिक, फिल्म में पांच कट्स लगाए गए हैं.
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सीबीएफसी के चीफ पहलाज निहलानी ने एक अखबार से बात करते हुए कहा, फिल्म से बिकिनी सीन्स को काटने का कोई तर्क नहीं था. क्योंकि इससे पहले भी कई भारतीय फिल्मों में महिलाओं को बिकिनी में दिखाया जा चुका है. निहलानी ने कहा कि इस फिल्म की ज्यादातर शूटिंग समुद्र के किनारे पर की गई है, इसलिए उसे हटाया नहीं जा सकता.
निहलानी ने आगे कहा कि भारतीय फिल्ममेकर्स को बिकिनी को अब बड़ा मुद्दा बनाना बंद करना चाहिए. गोवा और मॉरिशस जाकर देखें, वहां सभी औरतें बिकिनी में होती हैं. यह कोई बड़ी बात नहीं है.
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फिल्म में लगे पांच कट्स के बारे में निहलानी ने कहा कि फिल्म में कुछ अपशब्दों का प्रयोग किया है, इसलिए हमें कुछ सीन्स को हटाना पड़ा है. मैं इस बात पर ध्यान दिलाना चाहूंगा कि हमने फिल्म को 'ए' सर्टिफिकेट सिर्फ बिकिनी सीन्स के लिए ही नहीं बल्कि खराब भाषा के कारण भी दिया गया है.
बता दें कि फिल्म 2 जून को रिलीज होगी.
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ओम पुरी फिलहाल 'रामभजन जिंदाबाद' नामक फिल्म में काम कर रहे थे. जिसके निर्माता खालिद किदवई गुरुवार शाम को ओम पुरी के साथ थे. किदवई ने ओम पुरी के साथ उनकी मृत्यु के पहले बिताई शाम के बारे में बताया.
मैं कल शाम को साढ़े पांच बजे
ओम पुरी
के घर गया था. वहां उनका एक इंटरव्यू चल रहा था. इंटरव्यू खत्म होने के बाद उन्होंने ने मुझसे कहा कि एक समारोह है क्या हमारे साथ चलोगे. मैंने कहा कि मुझे निमंत्रण नहीं है, मैं कैसे जाऊं. फिर उन्होंने कहा कि अच्छा ठीक है मुझे वहां तक छोड़ दो.
तो क्या ओम पुरी जानते थे अपनी मौत के बारे में!
उसके बाद हम कार से मनोज पाहवा के घर पहुंचे. वहां
ओम पुरी जी
का किसी से कुछ हॉट डिस्कशन हुआ. उसके बाद उन्होंने कहा कि चलो यहां से चलते हैं. साढ़े दस के करीब हमलोग वहां से चल दिए.
अब ओम जी की अपने बेटे से मिलने की इच्छा हो रही थी. सोसाइटी के बाहर पहुंचने पर उन्होंने अपने बेटे इशांत को फोन किया. इशांत तब तक पार्टी में ही था. उसने कहा कि पार्टी में ही आ जाओ. तब ओम जी ने कहा कि नहीं मैं पार्टी में नहीं आऊंगा.
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ओम पुरी ने एक ड्रिंक ली और कहा कि अगर ड्रिंक खत्म होने तक बेटा नहीं आया तो चल देंगे. फिर हम कुछ देर बाद वहां से चल दिए. ओम जी बेटे को लेकर काफी भावुक थे. वो कह रहे थे कि पैसा, फ्लैट, नौकर सब कुछ मैं देता हूं, पर मुझे बेटे से मिलने नहीं देते.
रात के साढ़े 11 बज गए थे. अब मेरे जाने का वक्त हो गया था. चलते वक्त वो मुझसे गले मिले. उन्होंने कहा, बेटा मुझे तुम पर गर्व है. मैं तुम्हारे साथ हूं. उसके बाद मैं कार से घर चला आया. जब मैंने कार पार्क की तो देखा कि सीट के नीचे ओम जी का पर्स गिरा था. मैंने सोचा कि अब रात 12 बजे में क्या फोन करना, सुबह फोन कर उन्हें पर्स गिरने की जानकारी दूंगा.
फिर मैंने सुबह साढ़े छह बजे ओम पुरी जी को फोन किया. कोई जवाब नहीं मिलने पर मैंने उनके ड्राइवर को फोन किया और कहा कि ओम जी का पर्स ले जाना.
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आठ बजे करीब उनके ड्राइवर का फोन आया और उसने मुझे ओम जी के निधन की सूचना दी. एक तरह से उनका पर्स अभी मेरे पास निशानी के तौर पर है, जिसे मैं सही मौके पर उनके घरवालों तक पंहुचा दूंगा.
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06:42 PM IND vs ENG: इंग्लैंड की पहली पारी 332 रन पर सिमटी
06:38 PM बीजेपी मेकिंग इंडिया कर रही , कांग्रेस ब्रेकिंग इंडिया: निर्मला सीतारमण
06:11 PM बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक से शत्रुघ्न सिन्हा और वरुण गांधी नदारद
05:42 PM लंदन में रेफरेंडम 2020 रैली के बाद पंजाब में आईबी का अलर्ट
05:23 PM कुछ देर में मीडिया को संबोधित करेंगी रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन
05:08 PM हार्दिक पटेल से अस्पताल में मिलने पहुंचे DMK नेता ए राजा
04:45 PM कल दिल्ली आएंगे कर्नाटक के CM कुमारस्वामी, पीएम मोदी से करेंगे मुलाकात
04:29 PM बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुरू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे
04:12 PM अगले 7 महीने आप सिर्फ भारत माता और कमल को याद रखें : अमित शाह
03:57 PM अफवाहों का डटकर सामना करें : अमित शाह
03:45 PM SC/ST एक्ट पर भ्रम फैलाया जा रहा है : अमित शाह
03:34 PM पेट्रोल मूल्य वृद्धि पर लालू का ट्वीट- आम आदमी का तेल निकाल रही सरकार
एक तरफ तेल का कुआं और दूसरी तरफ महंगाई की खाई।आम आदमी का तेल निकाल रही सरकार बताई, ग़रीब कहाँ जाईं।।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd)
September 8, 2018
03:09 PM 9 दिनों से नीतीश कुमार बीमार, तेजस्वी ने की मेडिकल बुलेटिन जारी करने की मांग
03:05 PM सीएम योगी ने अटल बिहारी वाजपेयी के पैतृक गांव बटेश्वर में अस्थि विसर्जन किया
02:52 PM कोच्चि: जालंधर के रेप आरोपी बिशप की गिरफ्तारी की मांग कर रहीं नन धरने पर बैठीं
Kerala: Nuns in Kochi sit in protest demanding the arrest of Bishop of Jalandhar Franco Mulakkal, accused of allegedly raping a nun. The protest, underway at High Court Junction bus station in the city, has been called byJoint Christian Council.
pic.twitter.com/HaTbicQVNE
— ANI (@ANI)
September 8, 2018
02:38 PM अमित शाह बोले- अनुसूचित जाति/जनजाति कानून पर भ्रम फैलाया जा रहा है
02:23 PM अमित शाह बोले- SC/ST मामले का 2019 के चुनावों पर कोई असर नहीं पड़ेगा
02:13 PM अमित शाह की अध्यक्षता में ही बीजेपी लड़ेगी 2019 के लोकसभा चुनाव
01:48 PM नेपाल में चॉपर क्रैश हुआ, हादसे के दौरान सात लोग थे सवार
01:46 PM J-K: बारामूला में आतंकी की फायरिंग में शख्स जख्मी, अस्पताल ले जाते हुई मौत
#UPDATE
: Jammu & Kashmir: Man who was fired upon by terrorists in Baramulla district's Bomai Sopore has succumbed to his injuries.
https://t.co/e2tdFc8U7v
— ANI (@ANI)
September 8, 2018
01:28 PM यूपी: सीएम योगी ने सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में गड़बड़ियों की जांच के लिए समिति बनाई
01:15 PM J-K: सोपोर में आतंकियों ने एक नागरिक की हत्या की
01:10 PM 370 पर केन्द्र ने रुख साफ नहीं किया तो सभी चुनावों का बायकॉट करेंगे- फारुख अब्दुल्ला
We will not only boycott Panchayat elections but also Lok Sabha & Assembly elections if the Centre doesn't clear its stand on Article 35A and Article 370: Farooq Abdullah speaking at an event in Srinagar
pic.twitter.com/PowoLkHuQK
— ANI (@ANI)
September 8, 2018
12:53 PM राफेल मामला: कांग्रेस बोली- झूठ बोल रहे PM और रक्षामंत्री, 5 सवालों का जवाब दें मोदी
12:46 PM J-K: पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने बोनियार गैंगरेप पीड़िता के परिवार से की मुलाकात
J&K: Former
#JammuAndKashmir
CM Mehbooba Mufti today met the family of the 9-year-old girl who was gang-raped and murdered last month in Boniyar, Uri in Baramulla district. All five accused, including the deceased girl's stepmother and stepbrother, have been arrested.
pic.twitter.com/dBdpOA9Svg
— ANI (@ANI)
September 8, 2018
12:31 PM अक्टूबर में दुबई जाएंगे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी
12:32 PM बिहार: शहाबुद्दीन के करीबी राजेश यादव पर फायरिंग, पुलिस की जांच जारी
#Bihar
: Shots fired at the residence of Rajesh Yadav, a close aide of RJD's Mohammad Shahabuddin; Police investigation underway
— ANI (@ANI)
September 8, 2018
12:20 PM तमिलनाडु में सलेम चेन्नई एक्सप्रेस का विरोध कर रहे योगेन्द्र यादव हिरासत में लिए गए
Tamil Nadu: Yogendra Yadav has been detained by police in Tiruvannamalai for protesting against the 8-lane Salem Chennai expressway. He has been taken to a nearby location along with other farmers who were protesting. (file pic)
pic.twitter.com/Ww11KuMjZD
— ANI (@ANI)
September 8, 2018
11:55 AM राजस्थान के बांरा जिले में भारी बारिश से बाढ़ के हालात बने, जनजीवन प्रभावित
Heavy rainfall triggers floods in Rajasthan's Baran district
pic.twitter.com/3ItgLQpClc
— ANI (@ANI)
September 8, 2018
11:26 AM हमारे पास दुनिया का सबसे लोकप्रिय नेता है: अमित शाह
11:24 AM पिछले चुनाव से भी ज्यादा सीटे जीतेंगे: अमित शाह
11:22 AM राजीव गांधी हत्याकांड: नलिनी ने बेटी की शादी में जाने दी पैरोल की अर्जी वापस ली
Rajiv Gandhi assassination case: Nalini, one among the 7 convicts in the case has withdrawn her plea seeking six months parole for attending her daughter's marriage.
— ANI (@ANI)
September 8, 2018
11:07 AM लालू प्रसाद यादव को पैर में हुए घाव, अभी कुछ दिन और रिम्स में रहना होगा
10:51 AM मुंबई: HDFC बैंक के वाइस प्रेसिडेंट अपने ऑफिस से 3 दिन से लापता, तलाश जारी
#Mumbai
: Vice-president of HDFC Bank Siddharth Sanghvi has been missing from his Kamala Mills office since 5th September. His car was traced at Kopar Khairane area on 6th September. Police has registered a missing person's complaint at NM Joshi Marg police station.
— ANI (@ANI)
September 8, 2018
10:38 AM शिवसेना ने कहा- पाकिस्तान के साथ हमें बोली का नहीं गोली का व्यवहार करना चाहिए
Now it is going to be 5 years of this govt. When you had asked for votes you had promised this and we had clapped for you. Where did that strength go now? Pakistan ke saath humko jo vyavhaar karna chahiye, wo vyavhaar boli ka nahi goli ka karna chahiye: Sanjay Raut, Shiv Sena
pic.twitter.com/VzaMASMSff
— ANI (@ANI)
September 8, 2018
10:14 AM पेट्रोल मूल्य वृद्धि के विरोध में कांग्रेस के भारत बंद को MDMK का समर्थन जारी
Marumalarchi Dravida Munnetra Kazhagam (MDMK) to extend support support to the
#BharatBandh
call by the Indian National Congress protesting against fuel price hike.
pic.twitter.com/XnRhGLtxBU
— ANI (@ANI)
September 8, 2018
10:06 AM 2 लाख का ईनामी आतंकी ग्रुप मणिपुर कांगलेईपाक कम्युनिटी पार्टी का महासचिव अरेस्ट
Delhi Police Special Cell has arrested the general secretary of banned terrorist organization of Manipur Kangleipak Communist Party (KCP-PWG) He had a reward of Rs 2 lakh on him.
pic.twitter.com/KOugbwOBXr
— ANI (@ANI)
September 8, 2018
10:02 AM राष्ट्रीय पदाधिकारियों और प्रदेश अध्यक्षों के साथ अमित शाह की बैठक शुरू
09:58 AM बिहार: स्कूल में 3 लोगों की हत्या के मामले में लापरवाही पर पुलिस स्टेशन इंचार्ज सस्पेंड
09:47 AM मणिपुर के मुख्यमंत्री को मारने की साजिश रचने वाला आतंकी गिरफ्तार
#Bihar
: Chhaurahi Police Station Incharge suspended for negligence in investigation in connection with incident where three criminals died after they were beaten up by school teachers and villagers when they had entered a school premises in Begusarai to kidnap a student yesterday
— ANI (@ANI)
September 8, 2018
09:35 AM J-K: अनंतनाग हमले के दौरान मारे गए आतंकी की पहचान हुई, लश्कर से जुड़े तार
09:37 AM 11 सितंबर को तेलंगाना जाएगी चुनाव आयोग की टीम
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को तेलंगाना में चुनाव तैयारियों के मूल्यांकन के मद्देनजर 11 सितंबर को अधिकारियों की एक टीम हैदराबाद भेजने का फैसला किया.
09:17 AM दिल्ली और आसपास के ज्यादातर इलाकों में अगले 2 घंटे में बारिश अलर्ट
09:00 AM गांधी जयंती पर रेल यात्रियों को मिलेगा सिर्फ शाकाहरी खाना, रेल मंत्रालय का आदेश
08:48 AM BJP की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आज से, शाह देंगे अध्यक्षीय भाषण
08:40 AM तेल की बढ़ती कीमतों के विरोध में 10 सितंबर को विपक्षी पार्टियों का भारत बंद
08:34 AM
मंत्री के बयान से उलट पुलिस की चार्जशीट- भीड़ ने की थी रकबर खान की हत्या
08:16 AM अमित शाह की अध्यक्षता में होगी बीजेपी पदाधिकारियों की बैठक
08:10 AM दिल्ली: सुबह 10 बजे होगी बीजेपी पदाधिकारियों की बैठक
07:57 AM राजनाथ सिंह ने सायरा बानो से पूछा दिलीप कुमार की तबीयत का हाल
07:27 AM मध्य प्रदेश: मौसम विभाग ने 10 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया
07:01 AM मुंबई में पेट्रोल के दाम 87.77 प्रति लीटर, डीजल 76.98 रुपये पहुंचा
06:14 AM J-K: अनंतनाग में मुठभेड़ के दौरान 1 आतंकी ढेर, एक सिपाही भी जख्मी
04:41 AM US ओपन: सेमीफाइनल मुकाबले में चोटिल होने पर रिटायर्ड हर्ट हुए राफेल नडाल
04:05 AM यूपी: बस्ती में दो लोग गिरफ्तार, भगवान बुद्ध की मूर्ति की तस्करी का आरोप
02:24 AM आज आगरा में स्वर्गीय वाजपेयी का अस्थि विसर्जन, सीएम योगी करेंगे शिरकत
02:06 AM बंगाल की 2 लड़की GB रोड से भागने में कामयाब, पुलिस ने कोठा संचालिका को पकड़ा
12:06 AM हैदराबाद: पार्टी मुख्यालय में तेलंगाना यूनिट के नेताओं के साथ बैठक करेंगे TDP प्रमुख
12:03 AM आज से दिल्ली में शुरू होगी बीजेपी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक
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तनावपूर्ण समय में खुद को संयमित रखना ही अच्छे खिलाड़ी की पहचान है और युवराज सिंह ने यह कला किसी और से नहीं बल्कि सचिन तेंदुलकर से सीखी है, जिन्होंने इस बाएं हाथ के बल्लेबाज को तब डांट पिलायी थी जब उसने खराब प्रदर्शन के बाद अपने बल्ले पर गुस्सा निकाला था।टिप्पणियां
युवराज ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सस्ते में आउट होने के बाद ‘जान मैकनरो’ जैसी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अपने बल्ले पर गुस्सा निकालते हुए इसे तोड़ दिया था और तेंदुलकर को यह बात अच्छी नहीं लगी थी जो उस समय ड्रेसिंग रूम में मौजूद थे।
युवराज ने आईपीएल अभियान के अंतर्गत प्यूमा क्रिकेट स्टूडियो द्वारा अपलोड किए गए छह मिनट के वीडियो में एडम गिलक्रिस्ट से कहा, यह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुआ था और हम मुंबई में खेल रहे थे, मैंने काफी रन नहीं बनाए थे। मैं आया और मैंने अपना बल्ला जमीन पर मार दिया, जिसके टुकड़े हो गए। सचिन ने मेरी तरह देखा और वह काफी गुस्से में थे। उन्होंने मुझे बताया कि तुम इस क्रिकेट की वजह से ही धन कमाते हो और खाना खाते हो। इसलिए दोबारा ऐसा मत करना और इसके बाद मैंने ऐसा कभी नहीं किया।
युवराज ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सस्ते में आउट होने के बाद ‘जान मैकनरो’ जैसी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अपने बल्ले पर गुस्सा निकालते हुए इसे तोड़ दिया था और तेंदुलकर को यह बात अच्छी नहीं लगी थी जो उस समय ड्रेसिंग रूम में मौजूद थे।
युवराज ने आईपीएल अभियान के अंतर्गत प्यूमा क्रिकेट स्टूडियो द्वारा अपलोड किए गए छह मिनट के वीडियो में एडम गिलक्रिस्ट से कहा, यह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुआ था और हम मुंबई में खेल रहे थे, मैंने काफी रन नहीं बनाए थे। मैं आया और मैंने अपना बल्ला जमीन पर मार दिया, जिसके टुकड़े हो गए। सचिन ने मेरी तरह देखा और वह काफी गुस्से में थे। उन्होंने मुझे बताया कि तुम इस क्रिकेट की वजह से ही धन कमाते हो और खाना खाते हो। इसलिए दोबारा ऐसा मत करना और इसके बाद मैंने ऐसा कभी नहीं किया।
युवराज ने आईपीएल अभियान के अंतर्गत प्यूमा क्रिकेट स्टूडियो द्वारा अपलोड किए गए छह मिनट के वीडियो में एडम गिलक्रिस्ट से कहा, यह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुआ था और हम मुंबई में खेल रहे थे, मैंने काफी रन नहीं बनाए थे। मैं आया और मैंने अपना बल्ला जमीन पर मार दिया, जिसके टुकड़े हो गए। सचिन ने मेरी तरह देखा और वह काफी गुस्से में थे। उन्होंने मुझे बताया कि तुम इस क्रिकेट की वजह से ही धन कमाते हो और खाना खाते हो। इसलिए दोबारा ऐसा मत करना और इसके बाद मैंने ऐसा कभी नहीं किया।
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सहारा समूह की दो कंपनियों के बॉन्ड-धारकों को पैसा लौटाने के चर्चित मामले में प्रतिभूति एवं अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने बाजार नियामक सेबी को निवेशकों से संबंधित दस्तावेज सौंपने की समय सीमा बढ़ाने संबंधी सहारा की याचिका आज खारिज कर दी।
सहारा समूह की कंपनियों, सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन और सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन द्वारा एक महीने पहले 19 नवंबर को समय सीमा बढ़ाने की अपील की गई थी।
इस मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा विशेष निर्देश पहले ही पारित कर दिए जाने से न्यायाधिकरण द्वारा सहारा समूह की कंपनियों की अपील खारिज कर दी गई।
सुबह, याचिका पर सुनवाई करते हुए सैट ने पाया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित किए गए विशेष निर्देश के मद्देनजर अपील निष्फल हो गई है।
सैट ने कहा, अपील बरकरार नहीं रखी जा सकती, क्योंकि मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा पहले ही निर्देश दिया जा चुका है। दोनों कंपनियों ने निवेशकों से संबंधित दस्तावेज सेबी को सौंपने के लिए समय सीमा 31 जनवरी तक बढ़ाने की अपील की थी जिस पर आज सैट द्वारा सुनवाई के लिए विचार किया जाना था।
उच्चतम न्यायालय ने 31 अगस्त को दिए अपने आदेश में दोनों कंपनियों को 10 नवंबर तक दस्तावेज जमा करने को कहा था। हालांकि, 5 दिसंबर को पारित एक अन्य आदेश में उच्चतम न्यायालय ने दोनों कंपनियों को 15 दिनों के भीतर सेबी को दस्तावेज सौंपने को कहा। यह समय सीमा आज खत्म हो रही है।
दोनों कंपनियों ने सैट के रजिस्ट्रार के पास धन जमा करने की अनुमति देने का अनुरोध करते हुए 19 नवंबर को एक दूसरी अपील की। हालांकि, न्यायाधिकरण द्वारा 29 नवंबर को यह अपील खारिज कर दी गई। इसके बाद, दोनों कंपनियों ने सैट के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। कंपनियों की अपील सुनने के बाद उच्चतम न्यायालय ने 5 दिसंबर को दोनों कंपनियों को बकाया भुगतान निवेशकों को 15 प्रतिशत ब्याज के साथ नौ सप्ताह में कई चरणों में लौटाने का निर्देश दिया।टिप्पणियां
जहां कंपनियों को तत्काल 5,120 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा गया, अदालत ने उन्हें जनवरी के पहले सप्ताह तक 10,000 करोड़ रुपये की पहली किस्त का भुगतान करने और शेष भुगतान फरवरी के पहले सप्ताह तक करने को कहा।
मुख्य न्यायाधीश अल्तमास कबीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने सहारा समूह को निवेशकों से संबद्ध दस्तावेज 15 दिनों के भीतर सेबी को सौंपने का भी निर्देश दिया और चेतावनी दी कि धन के भुगतान पर उसके निर्देश का पालन करने में विफल रहने पर सेबी उसकी संपत्तियों को कुर्क कर देगी।
सहारा समूह की कंपनियों, सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन और सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन द्वारा एक महीने पहले 19 नवंबर को समय सीमा बढ़ाने की अपील की गई थी।
इस मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा विशेष निर्देश पहले ही पारित कर दिए जाने से न्यायाधिकरण द्वारा सहारा समूह की कंपनियों की अपील खारिज कर दी गई।
सुबह, याचिका पर सुनवाई करते हुए सैट ने पाया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित किए गए विशेष निर्देश के मद्देनजर अपील निष्फल हो गई है।
सैट ने कहा, अपील बरकरार नहीं रखी जा सकती, क्योंकि मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा पहले ही निर्देश दिया जा चुका है। दोनों कंपनियों ने निवेशकों से संबंधित दस्तावेज सेबी को सौंपने के लिए समय सीमा 31 जनवरी तक बढ़ाने की अपील की थी जिस पर आज सैट द्वारा सुनवाई के लिए विचार किया जाना था।
उच्चतम न्यायालय ने 31 अगस्त को दिए अपने आदेश में दोनों कंपनियों को 10 नवंबर तक दस्तावेज जमा करने को कहा था। हालांकि, 5 दिसंबर को पारित एक अन्य आदेश में उच्चतम न्यायालय ने दोनों कंपनियों को 15 दिनों के भीतर सेबी को दस्तावेज सौंपने को कहा। यह समय सीमा आज खत्म हो रही है।
दोनों कंपनियों ने सैट के रजिस्ट्रार के पास धन जमा करने की अनुमति देने का अनुरोध करते हुए 19 नवंबर को एक दूसरी अपील की। हालांकि, न्यायाधिकरण द्वारा 29 नवंबर को यह अपील खारिज कर दी गई। इसके बाद, दोनों कंपनियों ने सैट के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। कंपनियों की अपील सुनने के बाद उच्चतम न्यायालय ने 5 दिसंबर को दोनों कंपनियों को बकाया भुगतान निवेशकों को 15 प्रतिशत ब्याज के साथ नौ सप्ताह में कई चरणों में लौटाने का निर्देश दिया।टिप्पणियां
जहां कंपनियों को तत्काल 5,120 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा गया, अदालत ने उन्हें जनवरी के पहले सप्ताह तक 10,000 करोड़ रुपये की पहली किस्त का भुगतान करने और शेष भुगतान फरवरी के पहले सप्ताह तक करने को कहा।
मुख्य न्यायाधीश अल्तमास कबीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने सहारा समूह को निवेशकों से संबद्ध दस्तावेज 15 दिनों के भीतर सेबी को सौंपने का भी निर्देश दिया और चेतावनी दी कि धन के भुगतान पर उसके निर्देश का पालन करने में विफल रहने पर सेबी उसकी संपत्तियों को कुर्क कर देगी।
इस मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा विशेष निर्देश पहले ही पारित कर दिए जाने से न्यायाधिकरण द्वारा सहारा समूह की कंपनियों की अपील खारिज कर दी गई।
सुबह, याचिका पर सुनवाई करते हुए सैट ने पाया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित किए गए विशेष निर्देश के मद्देनजर अपील निष्फल हो गई है।
सैट ने कहा, अपील बरकरार नहीं रखी जा सकती, क्योंकि मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा पहले ही निर्देश दिया जा चुका है। दोनों कंपनियों ने निवेशकों से संबंधित दस्तावेज सेबी को सौंपने के लिए समय सीमा 31 जनवरी तक बढ़ाने की अपील की थी जिस पर आज सैट द्वारा सुनवाई के लिए विचार किया जाना था।
उच्चतम न्यायालय ने 31 अगस्त को दिए अपने आदेश में दोनों कंपनियों को 10 नवंबर तक दस्तावेज जमा करने को कहा था। हालांकि, 5 दिसंबर को पारित एक अन्य आदेश में उच्चतम न्यायालय ने दोनों कंपनियों को 15 दिनों के भीतर सेबी को दस्तावेज सौंपने को कहा। यह समय सीमा आज खत्म हो रही है।
दोनों कंपनियों ने सैट के रजिस्ट्रार के पास धन जमा करने की अनुमति देने का अनुरोध करते हुए 19 नवंबर को एक दूसरी अपील की। हालांकि, न्यायाधिकरण द्वारा 29 नवंबर को यह अपील खारिज कर दी गई। इसके बाद, दोनों कंपनियों ने सैट के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। कंपनियों की अपील सुनने के बाद उच्चतम न्यायालय ने 5 दिसंबर को दोनों कंपनियों को बकाया भुगतान निवेशकों को 15 प्रतिशत ब्याज के साथ नौ सप्ताह में कई चरणों में लौटाने का निर्देश दिया।टिप्पणियां
जहां कंपनियों को तत्काल 5,120 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा गया, अदालत ने उन्हें जनवरी के पहले सप्ताह तक 10,000 करोड़ रुपये की पहली किस्त का भुगतान करने और शेष भुगतान फरवरी के पहले सप्ताह तक करने को कहा।
मुख्य न्यायाधीश अल्तमास कबीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने सहारा समूह को निवेशकों से संबद्ध दस्तावेज 15 दिनों के भीतर सेबी को सौंपने का भी निर्देश दिया और चेतावनी दी कि धन के भुगतान पर उसके निर्देश का पालन करने में विफल रहने पर सेबी उसकी संपत्तियों को कुर्क कर देगी।
सुबह, याचिका पर सुनवाई करते हुए सैट ने पाया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित किए गए विशेष निर्देश के मद्देनजर अपील निष्फल हो गई है।
सैट ने कहा, अपील बरकरार नहीं रखी जा सकती, क्योंकि मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा पहले ही निर्देश दिया जा चुका है। दोनों कंपनियों ने निवेशकों से संबंधित दस्तावेज सेबी को सौंपने के लिए समय सीमा 31 जनवरी तक बढ़ाने की अपील की थी जिस पर आज सैट द्वारा सुनवाई के लिए विचार किया जाना था।
उच्चतम न्यायालय ने 31 अगस्त को दिए अपने आदेश में दोनों कंपनियों को 10 नवंबर तक दस्तावेज जमा करने को कहा था। हालांकि, 5 दिसंबर को पारित एक अन्य आदेश में उच्चतम न्यायालय ने दोनों कंपनियों को 15 दिनों के भीतर सेबी को दस्तावेज सौंपने को कहा। यह समय सीमा आज खत्म हो रही है।
दोनों कंपनियों ने सैट के रजिस्ट्रार के पास धन जमा करने की अनुमति देने का अनुरोध करते हुए 19 नवंबर को एक दूसरी अपील की। हालांकि, न्यायाधिकरण द्वारा 29 नवंबर को यह अपील खारिज कर दी गई। इसके बाद, दोनों कंपनियों ने सैट के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। कंपनियों की अपील सुनने के बाद उच्चतम न्यायालय ने 5 दिसंबर को दोनों कंपनियों को बकाया भुगतान निवेशकों को 15 प्रतिशत ब्याज के साथ नौ सप्ताह में कई चरणों में लौटाने का निर्देश दिया।टिप्पणियां
जहां कंपनियों को तत्काल 5,120 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा गया, अदालत ने उन्हें जनवरी के पहले सप्ताह तक 10,000 करोड़ रुपये की पहली किस्त का भुगतान करने और शेष भुगतान फरवरी के पहले सप्ताह तक करने को कहा।
मुख्य न्यायाधीश अल्तमास कबीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने सहारा समूह को निवेशकों से संबद्ध दस्तावेज 15 दिनों के भीतर सेबी को सौंपने का भी निर्देश दिया और चेतावनी दी कि धन के भुगतान पर उसके निर्देश का पालन करने में विफल रहने पर सेबी उसकी संपत्तियों को कुर्क कर देगी।
सैट ने कहा, अपील बरकरार नहीं रखी जा सकती, क्योंकि मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा पहले ही निर्देश दिया जा चुका है। दोनों कंपनियों ने निवेशकों से संबंधित दस्तावेज सेबी को सौंपने के लिए समय सीमा 31 जनवरी तक बढ़ाने की अपील की थी जिस पर आज सैट द्वारा सुनवाई के लिए विचार किया जाना था।
उच्चतम न्यायालय ने 31 अगस्त को दिए अपने आदेश में दोनों कंपनियों को 10 नवंबर तक दस्तावेज जमा करने को कहा था। हालांकि, 5 दिसंबर को पारित एक अन्य आदेश में उच्चतम न्यायालय ने दोनों कंपनियों को 15 दिनों के भीतर सेबी को दस्तावेज सौंपने को कहा। यह समय सीमा आज खत्म हो रही है।
दोनों कंपनियों ने सैट के रजिस्ट्रार के पास धन जमा करने की अनुमति देने का अनुरोध करते हुए 19 नवंबर को एक दूसरी अपील की। हालांकि, न्यायाधिकरण द्वारा 29 नवंबर को यह अपील खारिज कर दी गई। इसके बाद, दोनों कंपनियों ने सैट के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। कंपनियों की अपील सुनने के बाद उच्चतम न्यायालय ने 5 दिसंबर को दोनों कंपनियों को बकाया भुगतान निवेशकों को 15 प्रतिशत ब्याज के साथ नौ सप्ताह में कई चरणों में लौटाने का निर्देश दिया।टिप्पणियां
जहां कंपनियों को तत्काल 5,120 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा गया, अदालत ने उन्हें जनवरी के पहले सप्ताह तक 10,000 करोड़ रुपये की पहली किस्त का भुगतान करने और शेष भुगतान फरवरी के पहले सप्ताह तक करने को कहा।
मुख्य न्यायाधीश अल्तमास कबीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने सहारा समूह को निवेशकों से संबद्ध दस्तावेज 15 दिनों के भीतर सेबी को सौंपने का भी निर्देश दिया और चेतावनी दी कि धन के भुगतान पर उसके निर्देश का पालन करने में विफल रहने पर सेबी उसकी संपत्तियों को कुर्क कर देगी।
उच्चतम न्यायालय ने 31 अगस्त को दिए अपने आदेश में दोनों कंपनियों को 10 नवंबर तक दस्तावेज जमा करने को कहा था। हालांकि, 5 दिसंबर को पारित एक अन्य आदेश में उच्चतम न्यायालय ने दोनों कंपनियों को 15 दिनों के भीतर सेबी को दस्तावेज सौंपने को कहा। यह समय सीमा आज खत्म हो रही है।
दोनों कंपनियों ने सैट के रजिस्ट्रार के पास धन जमा करने की अनुमति देने का अनुरोध करते हुए 19 नवंबर को एक दूसरी अपील की। हालांकि, न्यायाधिकरण द्वारा 29 नवंबर को यह अपील खारिज कर दी गई। इसके बाद, दोनों कंपनियों ने सैट के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। कंपनियों की अपील सुनने के बाद उच्चतम न्यायालय ने 5 दिसंबर को दोनों कंपनियों को बकाया भुगतान निवेशकों को 15 प्रतिशत ब्याज के साथ नौ सप्ताह में कई चरणों में लौटाने का निर्देश दिया।टिप्पणियां
जहां कंपनियों को तत्काल 5,120 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा गया, अदालत ने उन्हें जनवरी के पहले सप्ताह तक 10,000 करोड़ रुपये की पहली किस्त का भुगतान करने और शेष भुगतान फरवरी के पहले सप्ताह तक करने को कहा।
मुख्य न्यायाधीश अल्तमास कबीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने सहारा समूह को निवेशकों से संबद्ध दस्तावेज 15 दिनों के भीतर सेबी को सौंपने का भी निर्देश दिया और चेतावनी दी कि धन के भुगतान पर उसके निर्देश का पालन करने में विफल रहने पर सेबी उसकी संपत्तियों को कुर्क कर देगी।
दोनों कंपनियों ने सैट के रजिस्ट्रार के पास धन जमा करने की अनुमति देने का अनुरोध करते हुए 19 नवंबर को एक दूसरी अपील की। हालांकि, न्यायाधिकरण द्वारा 29 नवंबर को यह अपील खारिज कर दी गई। इसके बाद, दोनों कंपनियों ने सैट के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। कंपनियों की अपील सुनने के बाद उच्चतम न्यायालय ने 5 दिसंबर को दोनों कंपनियों को बकाया भुगतान निवेशकों को 15 प्रतिशत ब्याज के साथ नौ सप्ताह में कई चरणों में लौटाने का निर्देश दिया।टिप्पणियां
जहां कंपनियों को तत्काल 5,120 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा गया, अदालत ने उन्हें जनवरी के पहले सप्ताह तक 10,000 करोड़ रुपये की पहली किस्त का भुगतान करने और शेष भुगतान फरवरी के पहले सप्ताह तक करने को कहा।
मुख्य न्यायाधीश अल्तमास कबीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने सहारा समूह को निवेशकों से संबद्ध दस्तावेज 15 दिनों के भीतर सेबी को सौंपने का भी निर्देश दिया और चेतावनी दी कि धन के भुगतान पर उसके निर्देश का पालन करने में विफल रहने पर सेबी उसकी संपत्तियों को कुर्क कर देगी।
जहां कंपनियों को तत्काल 5,120 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा गया, अदालत ने उन्हें जनवरी के पहले सप्ताह तक 10,000 करोड़ रुपये की पहली किस्त का भुगतान करने और शेष भुगतान फरवरी के पहले सप्ताह तक करने को कहा।
मुख्य न्यायाधीश अल्तमास कबीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने सहारा समूह को निवेशकों से संबद्ध दस्तावेज 15 दिनों के भीतर सेबी को सौंपने का भी निर्देश दिया और चेतावनी दी कि धन के भुगतान पर उसके निर्देश का पालन करने में विफल रहने पर सेबी उसकी संपत्तियों को कुर्क कर देगी।
मुख्य न्यायाधीश अल्तमास कबीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने सहारा समूह को निवेशकों से संबद्ध दस्तावेज 15 दिनों के भीतर सेबी को सौंपने का भी निर्देश दिया और चेतावनी दी कि धन के भुगतान पर उसके निर्देश का पालन करने में विफल रहने पर सेबी उसकी संपत्तियों को कुर्क कर देगी।
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कार्प ने अपना बचपन मैनहट्टन के उपरी पश्चिमी किनारे पर बिताया। उसके माता पिता ने फिल्म और टेलीविजन संगीतकार माइकल डी. कार्प और शिक्षक बारबरा एकरमैन हैं। उसका केविन नामक एक छोटा भाई है। वह 17 वर्ष के थे जब उनके माता - पिता अलग हो गए। कार्प 3 साल की उम्र से कैल्हाउन स्कूल में आठवीं कक्षा तक पढ़े जहाँ उनकी माँ पढ़ाती थी। 11 साल की आयु में कार्प ने एचटीएमएल का अध्यन किया और क्षेत्रीय व्यापारिक संस्थाओं के लिए जालस्थल बनाने लगा। 15 वर्ष की आयु में कार्प एक साल के लिए ब्रोंक्स विज्ञानं स्कूल में भारती हुआ, जिसके पश्चात उसने पढ़ाई छोड़ दी और घर ही में शिक्षा लेने लगा। उस समय कार्प को आशा थी कि वो न्यूयॉर्क के कोई कॉलेज या एम्आईटी में प्रवेश ले सकेगा और वो समझता था कि घर की शिक्षा और अन्य परियोजनाओं के माध्यम से वो इन संस्थाओं को प्रसन्न कर सकेगा। कार्प कभी भी न तो हाई स्कूल लौटा और न ही हाई स्कूल डिप्लोमा अर्जित कर सका।
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आंध्र प्रदेश में विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी (TDP) के तीन विधायकों को सदन की कार्यवाही में बाधा डालने के आरोप में विधानसभा से मंगलवार (23 जुलाई) को निलंबित कर दिया गया. टीडीपी के तीन विधायक अचनायडू, गोरांतला बुचैया चौधरी और निम्मला रामनायडु को शेष बजट सत्र के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया है.
बता दें कि पिछड़ा वर्ग, एससी, एसटी और अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं के लिए पेंशन पर सरकार की प्रतिक्रिया का विरोध करते हुए टीडीपी विधायक सदन में अध्यक्ष के आसन तक चले गए और नारेबाजी करने लगे. इसके बाद विधायी मामलों के मंत्री बग्गना राजेंद्रनाथ ने तीनों को निलंबित करने का प्रस्ताव रखा.
सत्तारूढ़ पार्टी (वाईएसआर कांग्रेस) ने आरोप लगाया कि टीडीपी विधायक कई विषयों पर चर्चा के लिए पर्याप्त समय देने के बावजूद जानबूझकर परेशान कर रहे हैं, इसलिए विधायकों को निलंबित किया गया.
यह मुद्दा प्रश्नकाल के दौरान सामने आया, जब टीडीपी सदस्यों ने वाईएसआर कांग्रेस के 45 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं (पिछड़ा वर्ग, एससी, एसटी और अल्पसंख्यक समुदाय) को पेंशन देने के वादे का जिक्र किया. मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने साफ किया कि उन्होंने शुरुआत में 45 साल की महिलाओं को पेंशन देने का वादा किया था, लेकिन बाद में उन्होंने टीडीपी के सुझाव पर इसे संशोधित कर दिया.
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यह लेख है: कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि किसी विधायक का इस्तीफे का हक ‘लोकतांत्रिक अधिकार' है और यह उचित समय है कि न्यायपालिका स्पीकरों के लिहाज से दिशानिर्देश निर्धारित करे. स्पीकर की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने विधायकों को अयोग्य ठहराने के पहले के स्पीकर के फैसले का विरोध किया. उन्होंने कहा कि विधायक को इस्तीफा देने का लोकतांत्रिक अधिकार है. विधायकों की निष्ठा निर्वाचक के लिए है. तत्कालीन स्पीकर ने अयोग्यता से पहले विधायकों को सात दिन का नोटिस नहीं दिया.
कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति एनवी रमन की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ से कहा कि किसी राजनीतिक दल की सदस्यता छोड़ने पर किसी विधायक को अयोग्य करार दिया जा सकता है लेकिन सदन की सदस्यता छोड़ने पर उसे अयोग्य करार नहीं दिया जा सकता. मेहता ने यह दलील तब दी जब पीठ कर्नाटक के अयोग्य करार दिये गये 17 विधायकों की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. विधायकों ने उन्हें अयोग्य करार देने के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार के फैसले को चुनौती दी थी. पीठ में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी भी शामिल हैं.
मेहता ने पीठ से कहा, ‘‘यह संभवत: बार-बार हो सकता है और इन 17 लोगों के बाद भी इस तरह के मामले सामने आ सकते हैं. इसी अदालत ने एक संविधान पीठ के फैसले में इस्तीफे के अधिकार को माना है.'' उन्होंने कहा कि इस्तीफा देना लोकतांत्रिक अधिकार है क्योंकि लोग मतदाता के पास वापस जाना चाहते हैं. मेहता ने कहा, ‘‘इस मामले में अतीत में जो हुआ, मैं उसकी आलोचना नहीं कर सकता लेकिन यह बार-बार हो सकता है और इस मुद्दे पर निर्णय होना चाहिए. यह सही समय है कि न्यायपालिका स्पीकर के लिए दिशानिर्देश तय करे.''
हालांकि पीठ ने कहा कि अदालतें विधानसभा अध्यक्षों के लिए दिशानिर्देश नहीं तय कर सकतीं. उन्होंने कहा, ‘‘हम स्पीकर के लिए दिशानिर्देश कैसे तय कर सकते हैं? वह एक संवैधानिक पद है.'' पीठ ने कहा, ‘‘हम उनके अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं कर सकते.'' शीर्ष अदालत के संविधान पीठ के एक फैसले का जिक्र करते हुए सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि अगर कोई विधायक अपनी पार्टी के विचारों से सहमत नहीं है और सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे देता है तो वह नये सिरे से जनादेश मांगने के लिए मतदाताओं के बीच जा सकता है.
उन्होंने कहा कि इन 17 याचिकाकर्ताओं को कर्नाटक के तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अयोग्यता प्रस्ताव पर जवाब देने के लिए तीन दिन का नोटिस देना ‘तथ्यात्मक रूप से गलत' है. मेहता ने कहा कि विधायक के रूप में राजनीतिक दल बदलना तो दलबदल (डिफेक्शन) है लेकिन पहले सदन की सदस्यता से इस्तीफा देना और फिर दूसरी पार्टी में जाने को दलबदल (डिफेक्शन) नहीं कहा जा सकता.
(इनपुट भाषा से भी)
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ऐसा लगता है कि दौलत के लिए ‘ट्विलाइट’ स्टार एशले ग्रीन कपड़े उतारने वाली नहीं हैं. ग्रीन को निर्वस्त्र तस्वीर खिंचाने के लिए प्लेब्वॉय मैगजीन ने 75 हजार अमेरिकी डॉलर देने की पेशकश की लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया.
सेलिब्रिटी ब्लॉगर जैक टेलर के मुताबिक, ग्रीन पहले एक बार निर्वस्त्र तस्वीर खिंचवा चुकी हैं, जिसे लेकर वह काफी उलझन में थीं. इस बार 23 वर्षीय अभिनेत्री ने पुरुषों की पत्रिका के लिए कपड़े उतारने से मना कर दिया.
ऐसा माना जा रहा है कि इस प्रस्ताव को ग्रीन ने अपने नये ब्वॉयफ्रेंड गायक जो. जोनास के कारण ठुकरा दिया. जोनास की मां को ग्रीन के साथ अपने बेटे का रिश्ता पसंद नहीं है.
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यह लेख है: भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ने वाले अण्णा हजारे ने बुधवार को विवादित भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ इस महीने के आखिर में शुरू हो रही अपनी ‘पदयात्रा’ के कार्यक्रम में तब्दीली की घोषणा की।
हजारे ने कहा कि किसानों के प्रतिनिधियों से मिलने के बाद उन्होंने पदयात्रा स्थगित कर दी। किसानों ने उन्हें बताया था कि पदयात्रा उनकी खेती के काम के समय ही हो रही है।
रालेगण सिद्धि से उनके सहायक दत्ता अवरी ने बताया, ‘अण्णा ने बताया कि किसानों और किसान संगठनों से कई प्रतिनिधियों ने उनसे कहा कि खेतों में काम के दौरान ही पदयात्रा हो रही है, इसके अलावा उन्होंने अप्रैल के महीने में तपती गर्मी का भी हवाला दिया। इसे स्थगित करने के अन्य कारणों में हालिया बेमौसम बारिश और ओला-वृष्टि भी शामिल हैं।’
अवरी ने कहा, ‘पदयात्रा एक या डेढ़ महीने बाद आयोजित होगी। नई तिथि की घोषणा बाद में होगी।’ इससे पहले हजारे ने इसी महीने घोषणा की थी कि भूमि विधेयक के खिलाफ वह 25 मार्च को सेवाग्राम गांव से ‘पद-यात्रा’ शुरू करेंगे जो वर्धा में सेवाग्राम के गांधी आश्रम से शुरू होकर नई दिल्ली में रामलीला मैदान में खत्म होने वाली थी।
उन्होंने बताया कि हजारे ने बुधवार को रालेगण सिद्धि में स्वयंसेवकों के साथ बैठक को संबोधित करने के दौरान राष्ट्र निर्माण में युवाओं को आगे आने को कहा और यह भी कहा कि भारत जिन समस्याओं को झेल रहा है उसे राजनीति और राजनैतिक दल हल नहीं कर सकते, लेकिन युवा ऐसा कर सकते हैं।
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उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय में आरोप लगाया कि सीबीआई उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में भेदभावपूर्ण और शत्रुतापूर्ण तरीके से कार्यवाही कर रही है.
उन्होंने सीबीआई पर अपने खिलाफ मामले और मुलायम सिंह यादव और लालू प्रसाद से जुड़े मामलों में अलग-अलग मानदंड अपनाने का आरोप लगाया. मायावती की ओर से दायर हलफनामे में कहा गया कि छह साल पहले सीबीआई की ओर से उनके खिलाफ आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति के संबंध में दर्ज किया गया मामला आयकर विभाग की ओर से आकलन वर्ष 2001-02 और 2002-03 के संबंध में पांच अप्रैल और 19 अप्रैल को उनके पक्ष में पारित आदेशों से बिल्कुल धराशायी हो गया है.
बसपा प्रमुख ने आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ यह मामला राजनीति से प्रेरित होकर दर्ज किया गया है. उन्होंने आयकर आयुक्त (अपील) के हालिया आदेश के मद्देनजर अपने खिलाफ मामले को बंद करने की मांग की. आयकर आयुक्त (अपील) ने कहा था कि मायावती द्वारा दोनों आकलन वर्षों में हासिल किए गए तोहफे पूरी तरह सही हैं.
मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने सीबीआई को मंगलवार को ज्ञापन दिया था जिसमें कहा गया था कि एजेंसी उसी सिद्धांत को लागू करने के लिए बाध्य है जिसे उसने आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति को लेकर मुलायम सिंह यादव और राजद प्रमुख लालू प्रसाद के खिलाफ मामले में अपनाया था. उनमें आयकर अधिकारियों के निष्कर्ष और विधि अधिकारियों की सलाह के आधार पर कार्यवाही को बंद कर दिया गया था.
मायावती ने कहा कि वैसी परिस्थितियों में ‘मेरे खिलाफ आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति का मामला बरकरार नहीं रह सकता.’ हलफनामे में कहा गया है, ‘मेरे मामले और दोनों नेताओं (प्रसाद और यादव) के मामले में सीबीआई अलग-अलग मानदंड अपना रही है.’ उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता साहिल कुमार द्विवेदी के जरिए दाखिल हलफनामे में मुख्यमंत्री ने कहा कि यद्यपि उनका मामला प्रसाद और यादव की तुलना में मजबूत है लेकिन अब तक मामले को बंद करने के संबंध में कोई रिपोर्ट नहीं दाखिल की गई है.
इसमें कहा गया है, ‘सीबीआई दो लोगों के खिलाफ अपनी मर्जी या पसंद के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकती क्योंकि वह अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) के साथ अनुच्छेद 21 (व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) के तहत निरस्त किए जाने के लायक है.’
बसपा प्रमुख ने अपने खिलाफ सीबीआई के कार्यवाही करने के अधिकार क्षेत्र पर सवाल खड़ा करते हुए शीर्ष अदालत को ताज कोरिडोर मामले में जांच की याद दिलायी जिसमें एजेंसी ने परियोजना के लिए वितरित 17 करोड़ रुपये की राशि के गबन के आरोप से उन्हें मुक्त कर दिया था. मामले में सीबीआई ने पिछले हफ्ते हलफनामा दायर किया था. इसमें उसने कहा था कि उसके पास अवैध रूप से संपत्ति जमा करने के आरोप में मायावती के खिलाफ अभियोग चलाने को लेकर उसके पास सबूत है.
जांच एजेंसी ने कहा कि इस बात के सबूत हैं कि बसपा प्रमुख और उनके परिवार के सदस्यों ने अपने आय के ज्ञात स्रोत से काफी अधिक संपत्ति हासिल की है. सीबीआई ने कहा कि उसके पास गवाहों के वक्तव्य हैं कि उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री ने लोगों से जबरन तोहफे हासिल किए.
हालांकि, हलफनामे में मायावती ने दावा किया कि मुलायम सिंह यादव के मामले में तत्कालीन सॉलीसीटर जनरल से राय लेने के बाद यह कहा गया कि रिश्तेदारों की आय और संपत्ति को उनकी संपत्ति के साथ नहीं जोड़ा जा सकता है लेकिन उनके मामले में रिश्तेदारों की भी संपत्ति को जोड़ दिया गया है.
इससे पहले मायावती ने सीबीआई के आरोपों को काटने के लिए न्यायालय के समक्ष संसद में हुई चर्चा का एक रिकार्ड न्यायालय के समक्ष रखा. सीबीआई ने कहा था कि उसके पास इस मामले में मायावती के खिलाफ अभियोग चलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं. सीबीआई ने जुलाई 2009 में दायर अपने हलफनामे में कहा था कि सक्षम प्राधिकार सीआरपीसी की धारा 173 के तहत अंतिम रिपोर्ट दायर करने के संबंध में पहले ही फैसला कर चुका है.
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कमजोर मॉनसून की वजह से सामने आ रही परेशानियों का हल ढूंढ़ने के लिए मंगलवार को कृषि मंत्री शरद पवार की अध्यक्षता में इमपावर्ड ग्रुप ऑफ मिनिसटर्स की पहली बैठक हो रही है।
इस बैठक के दौरान जिन राज्यों में सूखे के हालात हैं उन्हें राहत पैकेज दिए जाने पर भी चर्चा होगी। साथ ही इस बात पर भी विचार किया जाएगा कि खाने पीने की चीजों का निर्यात जारी रखा जाए या नहीं। इसके अलावा कई वस्तुओं के वायदा कारोबार पर रोक लगाने पर भी चर्चा होगी।
ऊर्जा मंत्री सुशील कुमार शिंदे पहले ही बिजली उत्पादन को लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं। कमज़ोर मॉनसून का असर हाईड्रो पॉवर प्लांटों पर पड़ा है जिस वजह से कुछ प्लांटों में उत्पादन घटा है। अब तक मॉनसून औसत से 21 प्रतिशत कम है और सबसे ज़्यादा असर उत्तर−पश्चिमी भारत में है जहां बारिश औसत से 39 प्रतिशत कम हुई है।टिप्पणियां
प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह महाराष्ट्र में सूखे का जायजा लेने के लिए 18 और 19 अगस्त को राज्य का दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री से ये गुजारिश महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने की है।
महाराष्ट्र के मु्ख्यमंत्री ने सूखे से निपटने के लिए केन्द्र से 500 करोड़ रुपये मांगे हैं। कम बारिश की वजह से राज्य के बांधों में 28 प्रतिशत पानी ही बचा है और हालात दिन-ब-दिन बदतर हो रहे हैं।
इस बैठक के दौरान जिन राज्यों में सूखे के हालात हैं उन्हें राहत पैकेज दिए जाने पर भी चर्चा होगी। साथ ही इस बात पर भी विचार किया जाएगा कि खाने पीने की चीजों का निर्यात जारी रखा जाए या नहीं। इसके अलावा कई वस्तुओं के वायदा कारोबार पर रोक लगाने पर भी चर्चा होगी।
ऊर्जा मंत्री सुशील कुमार शिंदे पहले ही बिजली उत्पादन को लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं। कमज़ोर मॉनसून का असर हाईड्रो पॉवर प्लांटों पर पड़ा है जिस वजह से कुछ प्लांटों में उत्पादन घटा है। अब तक मॉनसून औसत से 21 प्रतिशत कम है और सबसे ज़्यादा असर उत्तर−पश्चिमी भारत में है जहां बारिश औसत से 39 प्रतिशत कम हुई है।टिप्पणियां
प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह महाराष्ट्र में सूखे का जायजा लेने के लिए 18 और 19 अगस्त को राज्य का दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री से ये गुजारिश महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने की है।
महाराष्ट्र के मु्ख्यमंत्री ने सूखे से निपटने के लिए केन्द्र से 500 करोड़ रुपये मांगे हैं। कम बारिश की वजह से राज्य के बांधों में 28 प्रतिशत पानी ही बचा है और हालात दिन-ब-दिन बदतर हो रहे हैं।
ऊर्जा मंत्री सुशील कुमार शिंदे पहले ही बिजली उत्पादन को लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं। कमज़ोर मॉनसून का असर हाईड्रो पॉवर प्लांटों पर पड़ा है जिस वजह से कुछ प्लांटों में उत्पादन घटा है। अब तक मॉनसून औसत से 21 प्रतिशत कम है और सबसे ज़्यादा असर उत्तर−पश्चिमी भारत में है जहां बारिश औसत से 39 प्रतिशत कम हुई है।टिप्पणियां
प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह महाराष्ट्र में सूखे का जायजा लेने के लिए 18 और 19 अगस्त को राज्य का दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री से ये गुजारिश महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने की है।
महाराष्ट्र के मु्ख्यमंत्री ने सूखे से निपटने के लिए केन्द्र से 500 करोड़ रुपये मांगे हैं। कम बारिश की वजह से राज्य के बांधों में 28 प्रतिशत पानी ही बचा है और हालात दिन-ब-दिन बदतर हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह महाराष्ट्र में सूखे का जायजा लेने के लिए 18 और 19 अगस्त को राज्य का दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री से ये गुजारिश महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने की है।
महाराष्ट्र के मु्ख्यमंत्री ने सूखे से निपटने के लिए केन्द्र से 500 करोड़ रुपये मांगे हैं। कम बारिश की वजह से राज्य के बांधों में 28 प्रतिशत पानी ही बचा है और हालात दिन-ब-दिन बदतर हो रहे हैं।
महाराष्ट्र के मु्ख्यमंत्री ने सूखे से निपटने के लिए केन्द्र से 500 करोड़ रुपये मांगे हैं। कम बारिश की वजह से राज्य के बांधों में 28 प्रतिशत पानी ही बचा है और हालात दिन-ब-दिन बदतर हो रहे हैं।
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दुनिया की सबसे बड़ी
स्वास्थ्य बीमा
योजना
प्रधानमंत्री
जन आरोग्य योजना-आयुष्मान भारत का शुभारंभ प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी
ने रविवार को झारखंड की राजधानी
रांची
से किया. इस योजना के जरिए देश के 50 करोड़ को स्वास्थ्य बीमा कवर मिलेगा.
योजना का शुभारंभ करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस योजना का आंकलन भविष्य में मानवता की बहुत बड़ी सेवा के रूप में होना तय है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग इसे मोदी केयर कह रहे हैं, तो कुछ लोग गरीबों के लिए योजना कह रहे हैं. लेकिन मेरे लिए यह 'दरिद्र नारायण' की सेवा है. पीएम ने कहा कि यूरोपीय संघ, अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको की जनसंख्या को मिलाकर भी ज्यादा भारतवासियों को एक साथ इस योजना का लाभ मिलने जा रहा है.
सरकारी के साथ निजी अस्पतालों में भी होगा इलाज
पीएम मोदी ने कहा कि 1300 गंभीर बीमारियों का इलाज सरकारी ही नहीं निजी अस्पताल में होगा. साथ ही यदि किसी को पहले से भी कोई बीमारी है तो उसको भी इस
आयुष्मान भारत
योजना के तहत लाभ मिलेगा.
आरोग्य मित्र करेंगे लाभार्थियों की मदद
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आरोग्य मित्र इस योजना का लाभ दिलाने में लाभार्थियों का सहयोग करेंगे. यह आरोग्य मित्र मरीजों की अस्पताल में भर्ती से लेकर उनकी छुट्टी तक उनकी साथ देंगे, ताकि इसका लाभ लेने में उन्हें कोई दिक्कत न हो. साथ ही इस योजना से आंगनवाड़ी और एएनएम बहनों को भी जोड़ा गया है. उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत आने वाले राज्य के नागरिक इसका लाभ अन्य राज्यों में भी ले सकते हैं.
रोजगार के खुलेंगे अवसर
पीएम ने कहा कि इस योजना के तहत 5 लाख तक का जो खर्च है उसमें अस्पताल में भर्ती होने के अलावा जरूरी जांच, दवाई, भर्ती से पहले का खर्च और इलाज पूरा होने तक का खर्च भी शामिल है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में देश में 1.5 लाख वेलनेस सेंटर खोले जा रहे हैं. ताकि गंभीर से गंभीर बीमारी का पता शुरुआती स्तर पर ही लग सके.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा इस योजना के शुभारंभ की वजह से लाखों पैरामेडिकल, डॉक्टर, मैनेजमेंट के लोगों को जुड़ने का मौका मिलेगा. पीएम मोदी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि देश में 3-4 संसदीय क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज बनाने का है.
पीएम का विपक्ष पर तंज
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे सरकार की सारी योजनाएं गरीबों के सशक्तिकरण को केंद्र में रखकर बनाई गई हैं. उन्होंने पिछली सरकार पर सरकारी खजानों को वोटबैंक के आधार पर खर्च करने और लूटना आरोप लगाया. लेकिन इस योजना का लाभ हर समाज, हर बिरादरी, धर्म, क्षेत्र और समुदाय को मिलेगा यही 'सबका साथ, सबका विकास' है.
पीएम ने कहा कि आजादी के 70 साल में झारखंड में तीन मेडिकल कॉलेज और 350 विद्यार्थी थे. लेकिन चार सालों में इसी राज्य में 8 मेडिकल कॉलेज और 1200 छात्र. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि काम कैसे किया जाता है.
पीएम मोदी ने कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा कि जो लोग गरीबों के नाम की माला जपते थें, जो लोग गरीबी हटाओ का नारा देते थें, वे लोग सोचते थे कि गरीब कुछ न कुछ मांगता है. यही उनकी सबसे बड़ी गलतफहमी थी. गरीब से बड़ा स्वाभिमानी कोई नहीं होता. मैने गरीबी को देखा है इसलिए मैं उनकी पीड़ा समझता हूं.
25 सितंबर से लागू होगी आयुष्मान भारत योजना
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के गरीबों को भी वो सुविधा मिलनी चाहिए जो इस देश के धनी आदमी को मिलती है. उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना से एक विशेष अवसर भी जुड़ा है बाबासाहेब अंबेडकर की जयंती पर 14 अप्रैल को छ्त्तीसगढ़ के बस्तर से जब मैने वेलनेस सेंटर का शुभारंभ किया गया, तो पं. दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिवस 25 सितंबर के दो दिन पूर्व इस योजना का शुभारंभ किया जा रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि आज राष्ट्रकवि दिनकर की भी जन्मतिथि है. ऐसे में यह योजना इन सभी महान विभूतियों को समर्पित है. बता दें कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का पं. दीन दयाल उपाध्याय के जन्मदिवस 25 सितंबर को लागू होगी.
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एमएस कोस्टा कंकोर्डिया २००४ में बना एक कंकोर्डिया-श्रेणी का क्रूज़ जहाज़ है जिसका निर्माण फिनकानटीएरी सेनेस्तरी पोनेती यार्ड्स ने इटली में किया था और २००५ से कोस्टा क्रोसियर इसके प्रचालक है। "यूरोपीय देशों के बिच एकता और अखंडता" दर्शाने के उद्देश्य से इसका नामकरण कंकोर्डिया रखा गया था।
कोस्टा कंकोर्डिया पहला कंकोर्डिया-श्रेणी का क्रूज़ जहाज़ है जिसके पश्च्यात कोस्टा सीरीना, कोस्टा पेसेफिका, कोस्टा फावोलोसा और कोस्टा फासिनोसा की निर्मिती हुई. जब कोस्टा कंकोर्डिया और उसकी बहने कार्यरत की गई तब वे ड्रीम श्रेणी क्रूज़ जहाजों के निर्माण तक सबसे बड़े जहाज़ थे।
१३ जनवरी २०१२ को रात के ९:४५ के करीब कप्तान फ्रांसेस्को शेटिनो की कमान में शांत समुद्र और घटाटोप मौसम के चलते कोस्टा कंकोर्डिया टायरहेनियन समुद्र में गिग्लियो द्वीप के निकट चट्टान से टकरा गई। यह रोम की पश्चिमी सीमा से १०० किमी उत्तर-पश्चिम में है। इस टकराव से पतवार की बाएँ ओर ५० मीटर का छेद हो गया जिसके चलते इंजिन कक्ष में तुरंत पानी भर गया और बिजली व पंखो की उर्जा बंद हो गई। भरते पानी के कारण जहाज़ तैरते हुए गिग्लियो द्वीप के पास आ गया जहाँ गिग्लियो पोर्टो गावं से ५०० मीटर दूर यह ज़मीन पर एकतरफा लेट गया। जहाज़ में पानी, उर्जा की पूर्ण क्षति और शांत समुद्र में तट की निकटता के बावजूद जहाज़ छोड़ने का आदेश टकराने से एक घंटे तक नहीं दिया गया। आधे से अधिक जहाज़ का हिस्सा पानी के ऊपर था परन्तु यह जल्द ली डूबने की कगार पे था।
यह ३,२२९ यात्री व १,०२३ कर्मीदल ले जा रहा था जिनमे से ३२ को छोड़ कर सभी बचा लिए गए। मार्च २२, २०१२ तक ३० शव निकाले जा चुके है व दो लोग गुमशुदा व मृत घोषित कर दिए गए है।
सन्दर्भ
नौकायन
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यह लेख है: जम्मू कश्मीर के सांबा जिले में भारत पाकिस्तान सीमा पर मिली 400 मीटर लंबी सुरंग का भेद पता करने के लिए खुदाई तेजी से चल रही है और नई दिल्ली से वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल इस सुरंग का निरीक्षण करने के लिए वहां पहुंचेगा।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) भारत-पाकिस्तान सीमा की ओर जाने वाली इस सुरंग के उद्गम का पता लगाने के लिए बुलडोजर और लोगों की मदद ले रहा है।
बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘अभियान काफी तेजी से चल रहा है। पाकिस्तान की ओर से भारत में आने वाली इस सुरंग का भेद पता करने के लिए ज्यादा बुलडोजर एवं लोग लगे हुए हैं। पूरी सुरंग को खोदने में समय लगेगा।’
नई दिल्ली से वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल इस सीमापार सुरंग का निरीक्षण करने रविवार को वहां पहुंचेगा।टिप्पणियां
बीएसएफ अधिकारी ने कहा, ‘हमने अपने पाकिस्तानी समकक्ष पाकिस्तान रेंजर्स के साथ अबतक सुरंग मिलने का मुद्दा नहीं उठाया है।’ उन्होंने कहा कि पहले खुदाई हो जाए।
प्रशासन को शनिवार को सांबा जिल में भारत-पाकिस्तान सीमा के समीप पाकिस्तान से भारत की ओर 400 मीटर एक सुरंग मिली थी।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) भारत-पाकिस्तान सीमा की ओर जाने वाली इस सुरंग के उद्गम का पता लगाने के लिए बुलडोजर और लोगों की मदद ले रहा है।
बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘अभियान काफी तेजी से चल रहा है। पाकिस्तान की ओर से भारत में आने वाली इस सुरंग का भेद पता करने के लिए ज्यादा बुलडोजर एवं लोग लगे हुए हैं। पूरी सुरंग को खोदने में समय लगेगा।’
नई दिल्ली से वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल इस सीमापार सुरंग का निरीक्षण करने रविवार को वहां पहुंचेगा।टिप्पणियां
बीएसएफ अधिकारी ने कहा, ‘हमने अपने पाकिस्तानी समकक्ष पाकिस्तान रेंजर्स के साथ अबतक सुरंग मिलने का मुद्दा नहीं उठाया है।’ उन्होंने कहा कि पहले खुदाई हो जाए।
प्रशासन को शनिवार को सांबा जिल में भारत-पाकिस्तान सीमा के समीप पाकिस्तान से भारत की ओर 400 मीटर एक सुरंग मिली थी।
बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘अभियान काफी तेजी से चल रहा है। पाकिस्तान की ओर से भारत में आने वाली इस सुरंग का भेद पता करने के लिए ज्यादा बुलडोजर एवं लोग लगे हुए हैं। पूरी सुरंग को खोदने में समय लगेगा।’
नई दिल्ली से वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल इस सीमापार सुरंग का निरीक्षण करने रविवार को वहां पहुंचेगा।टिप्पणियां
बीएसएफ अधिकारी ने कहा, ‘हमने अपने पाकिस्तानी समकक्ष पाकिस्तान रेंजर्स के साथ अबतक सुरंग मिलने का मुद्दा नहीं उठाया है।’ उन्होंने कहा कि पहले खुदाई हो जाए।
प्रशासन को शनिवार को सांबा जिल में भारत-पाकिस्तान सीमा के समीप पाकिस्तान से भारत की ओर 400 मीटर एक सुरंग मिली थी।
नई दिल्ली से वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल इस सीमापार सुरंग का निरीक्षण करने रविवार को वहां पहुंचेगा।टिप्पणियां
बीएसएफ अधिकारी ने कहा, ‘हमने अपने पाकिस्तानी समकक्ष पाकिस्तान रेंजर्स के साथ अबतक सुरंग मिलने का मुद्दा नहीं उठाया है।’ उन्होंने कहा कि पहले खुदाई हो जाए।
प्रशासन को शनिवार को सांबा जिल में भारत-पाकिस्तान सीमा के समीप पाकिस्तान से भारत की ओर 400 मीटर एक सुरंग मिली थी।
बीएसएफ अधिकारी ने कहा, ‘हमने अपने पाकिस्तानी समकक्ष पाकिस्तान रेंजर्स के साथ अबतक सुरंग मिलने का मुद्दा नहीं उठाया है।’ उन्होंने कहा कि पहले खुदाई हो जाए।
प्रशासन को शनिवार को सांबा जिल में भारत-पाकिस्तान सीमा के समीप पाकिस्तान से भारत की ओर 400 मीटर एक सुरंग मिली थी।
प्रशासन को शनिवार को सांबा जिल में भारत-पाकिस्तान सीमा के समीप पाकिस्तान से भारत की ओर 400 मीटर एक सुरंग मिली थी।
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आसमान छूती महंगाई पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा का कहना है कि जिस तेज़ी से लगातार महंगाई बढ़ रही है और सरकार इसपर काबू पाने में नाकाम रही है इससे उन्हें हिंसा का अंदेशा है.
उन्होंने मंगलवार को कहा, "अगर सरकार का यही रवैया रहा तो जाहिर है कि लोगों का गुस्सा कहीं न कहीं फूटेगा. हमें चिंता इस बात की नहीं है कि संसद में इस पर बहस हुई और कौन से बिंदु लाए गए. हमें जो बड़ी चिंता सता रही है वह ये कि मंहगाई जिसने आम आदमी की कमर तोड़ दी है उससे अब वह ज्यादा बर्दाशत नहीं करेगा."
सरकार की नाकामी और मंहगाई पर वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के ताज़ा बयान को हकीकत से परे करार देते हुए सिन्हा ने कहा कि अगर महंगाई नहीं थमेगी तो उन्हें अंदेशा है कि आम जनता हिंसा पर उतारू हो जाएगी.
ग़ौरतलब है कि रुपए में गिरावट अपने निचले स्तर पर पहुंचने और उससे महंगाई के अंदेशों के बीच प्रणव मुखर्जी ने कहा कि मार्च तक इसपर काबू पा लिया जाएगा.
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन महंगाई, कालेधन और दूसरे मुद्दों पर विपक्षी पार्टियों के ज़ोर हंगामे के बीच सदन के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी.
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केन्द्रीय कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता तारिक अनवर ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) राजनीतिक दल नहीं है और उसके प्रमुख राज ठाकरे महाराष्ट्र में असामाजिक तत्वों के नेता हैं.
एनसीपी और उसके नेता शरद पवार एवं अजित पवार के बारे में शनिवार को ठाकरे द्वारा की गयी टिप्पणी के संबंध में पूछे जाने पर तारिक ने कहा कि मनसे को वह कोई राजनीतिक दल नहीं मानते और उसके प्रमुख राज ठाकरे महाराष्ट्र में असामाजिक तत्वों के नेता हैं
तारिक ने कहा कि उनका मानना है कि राज ठाकरे जैसे कई नेता आए और चले गए, वे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और उसके नेता शरद पवार तथा अजित पवार की बराबरी में खड़े होने की हैसियत नहीं रखते.
उन्होंने कहा कि जिसका देश के संविधान पर विश्वास नहीं एवं जो एकता एवं अखंडता में विश्वास नहीं रखता वैसे व्यक्ति से किसी की तुलना करना अपना समय बर्बाद करना है.
राज ठाकरे द्वारा इससे पूर्व उत्तर भारतीयों के खिलाफ छेड़े गए आंदोलन का जिक्र करते हुए तारिक ने कहा कि राज ठाकरे इसी तरह की बात करते हैं. उन्होंने कहा कि राकांपा ने फैसला किया है कि ऐसे तमाम असामाजिक तत्वों से वह हर तरह की लड़ाई लड़ेगी.
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान द्वारा मनमोहन सिंह और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को मौनी कहे जाने को लेकर पूछे गए एक प्रश्न पर तारिक ने कहा कि किसी के बारे में कुछ भी कहना बहुत आसान है लेकिन यह समय बताएगा और देश की जनता तय करेगी कि कौन मौनी बाबा है ओर कौन सही मायने में देश के लिए उपयोगी हैं.
केन्द्र द्वारा हाल में पेश आम बजट के बाद विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए निर्धारित मापदंड में परिवर्तन किए जाने के प्रति आशान्वित बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा वित्त मंत्री पी चिदम्बरम की तारीफ किए जाने से संबंधित सवाल पर तारिक ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि नीतीश ने बजट का स्वागत किया.
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अमेरिका ने तालिबान से विदेशी ठिकानों को छोड़ अफगानिस्तान वापस लौटने और देश में होने वाले चुनावों में हिस्सा लेने का आग्रह किया. अमेरिका का यह भी कहना है कि तालिबान की ओर से नये सिरे से हमलों की घोषणा का कोई औचित्य नहीं है.
कार्यवाहक विदेश मंत्री जॉन सुलिवन ने कहा कि जैसा की राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा था कि तालिबान को अपनी गोलियां और बमों को छोड़कर वोटों को हथियार बनाना चाहिए. उन्हें चुनावों में शामिल होना चाहिए, उन्हें वोट देना चाहिए.
उन्होंने बताया कि हम तालिबान नेताओं को विदेशों में बने सुरक्षित ठिकानों से अफगानिस्तान वापस आने और अफगानिस्तान के भविष्य के लिए रचनात्मक रूप से काम करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.
सुलिवन ने बताया कि तालिबान ने युद्ध से जर्जर देश में नए सिरे से हमले शुरू करने की घोषणा की. गौरतलब है कि राष्ट्रपति गनी और सुलिवन ने तालिबान को मुख्य धारा में शामिल होने का ‘ऐतिहासिक’ न्योता दिया है.
उन्होंने कहा , ‘‘ नए सिरे से हमलों की कोई आवश्यकता नहीं है. इसके बावजूद, तालिबान ने लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त अफगान सरकार और उनके साथी अफगानों को निशाना बनाते हुए मूर्खतापूर्ण तरीके से हमले/हिंसा करने की घोषणा कर रहा है.’’ सुलिवन ने कहा कि अमेरिका , तालिबान की घोषणा की प्रतिक्रिया में अफगानिस्तान के लोगों के साथ खड़ा है.
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पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने गुरुवार को कहा कि वह शुरूआती श्रीलंकाई प्रीमियर लीग में भाग नहीं लेंगे क्योंकि वह अपने व्यवसाय पर ध्यान लगाना चाहते हैं। विश्व कप में संन्यास लेने वाले अख्तर ने कहा, मैंने एक व्यवसाय शुरू किया है और इसमें मेरा काफी समय चला जाता है इसलिए मैं श्रीलंका नहीं जा पाऊंगा। रावलपिंडी के इस तेज गेंदबाज ने कहा कि व्यवसायिक प्रतिबद्धताओं के कारण उनकी दिलचस्पी खेल से खत्म हो गई है। इंडियन प्रीमियर लीग की तर्ज पर बनी श्रीलंकाई प्रीमियर लीग में कई देशों के खिलाड़ी जैसे पाकिस्तान के शाहिद अफरीदी और अब्दुल रज्जाक भाग ले रहे हैं। श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड 19 जुलाई से चार अगस्त तक लीग के पहले चरण का आयोजन करेगा।
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लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के विजय रथ को झारखंड में रोकने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने मिलकर महागठबंधन बनाया. इसके बावजूद बीजेपी के हाथों करारी हार का मुंह देखना पड़ा. अब चंद महीनों के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन बिखरता हुआ नजर आ रहा है. सूबे में महागठबंधन के तीन बड़े पार्टनर कांग्रेस, जेएमएम और जेवीएम अपने-अपने राग अलाप रहे हैं, ऐसे में इनके एक साथ लंबे समय तक रहने पर संशय बरकरार है.
झारखंड में लोकसभा चुनाव की हार से अभी महागठबंधन बाहर भी नहीं निकल पाया कि उसके अंदर विवाद की जमीन तैयार होने लगी है. कांग्रेस राज्य में हार की समीक्षा के लिए मंथन कर गठबंधन से नफा-नुकसान का आकलन कर रही है. सूबे में महागठबंधन बनाने के बाद भी कांग्रेस महज एक लोकसभा सीट जीत सकी और उसे 15.63 फीसदी वोट मिले हैं.
कांग्रेस ने मांगी रिपोर्ट
झारखंड के कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह के नेतृत्व में पिछले दिनों पार्टी के जिला अध्यक्षों की बैठक हुई. इसके बाद राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन हो या नहीं, इसके लिए रिपोर्ट मांगी गई है. 15 दिन के अंदर अपने-अपने क्षेत्र की जमीनी हकीकत तैयार कर रिपोर्ट सौंपनी है. इसी के बाद कांग्रेस तय करेगी कि वह 'एकला चलो' की राह अपनाएगी या फिर गठबंधन के फॉर्मूले पर चुनावी मैदान में उतरेगी.
क्या चाहती है झारखंड मुक्ति मोर्चा
जबकि, झारखंड मुक्ति मोर्चा लोकसभा चुनाव में महज एक सीट जीत सकी थी और उसे 11.51 फीसदी वोट मिले थे. अब जेएमएम अध्यक्ष हेमंत सोरेन विधानसभा चुनाव के लिए सहयोगी दलों के साथ अभी से ही सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय कर लेना चाहते हैं. झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में से जेएमएम 40 सीटों की मांग कर रही है. 2014 के विधानसभा चुनाव में जेएमएम 19 सीटें जीती थी.
असमंसज में झारखंड विकास मोर्चा
महागठबंधन में तीसरे पार्टनर के रूप में झारखंड विकास मोर्चा है, जो विधानसभा चुनाव में जेएमएम के नेतृत्व में उतरने को लेकर असमंजस में है. सूत्रों की मानें तो जेवीएम के अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी किसी भी सूरत में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चुनावी मैदान में नहीं उतरना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि किसी को प्रोजेक्ट कर चुनाव लड़ने से गठबंधन को नुकसान हो सकता है.
कई सीटों पर फंसा है पेंच
महागठबंधन के बीच सीट शेयरिंग को लेकर भी पेंच फंसे हुए हैं. प्रदेश की घाटशिला, गांडेय, जामताड़ा, पांकी और विश्रामपुर विधानसभा सीट ऐसी हैं, जहां जेएमएम और कांग्रेस दोनों की बराबर की दावेदारी है. ऐसे में इन सीटों पर सहमित बनना मुश्किल हैं. इसके अलावा संथाल परगना की कई सीटें हैं जहां जेएमएम और जेवीएम के बीच मामला उलझा हुआ है. साथ ही हटिया विधानसभा सीट पर कांग्रेस और जेवीएम के बीच भी सहमति बनाना होगा.
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सार्वजनिक क्षेत्र की भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने अपने लैंडलाइन फोन कारोबार को गति देने के इरादे से रात के समय फिक्स्ड फोन से मोबाइल फोन सहित किसी भी दूरसंचार नेटवर्क पर असीमित संख्या में मुफ्त कॉल करने की सुविधा देने की घोषणा की है। यह सुविधा एक मई से लागू होगी।
एक मई से शुरू हो रही इस योजना के तहत बीएसएनएल के फिक्स्ड लाइन से देश में कहीं भी मोबाइल फोन सहित किसी भी ऑपरेटर के नटवर्क पर रात में असीमित निशुल्क फोन कॉल की जा सकती हैं। बीएसएनएल ने एक बयान में कहा कि योजना रात नौ बजे से सुबह सात बजे तक जारी रहेगी और इसमें सभी कनेक्शन शामिल होंगे।
कंपनी के अनुसार, ‘‘बीएसएनएल अपने लैंडलाइन फोन से सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के लैंडलाइन फोन तथा मोबाइल फोन पर एक मई से असीमित निशुल्क फोन कॉल की सुविधा उपलब्ध करा रही है।’’ योजना के तहत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में सभी प्रमुख लैंडलाइन सामान्य योजना, लैंडलाइन विशेष योजना के साथ-साथ प्रमुख कांबो (ब्रांडबैंड के साथ लैंडलाइन) योजना इसमें शामिल हैं।’’टिप्पणियां
दूरसंचार नियामक ट्राई के ताजा आंकड़ों के अनुसार लैंडलाइन बाजार में मजबूत स्थिति रखने वाली बीएसएनएल के ग्राहकों ने फरवरी में सर्वाधिक फिक्स्ड लाइन कटवाए। वहीं दूसरी तरफ एयरटेल सबसे लाभ में रही। फरवरी के अंत तक कंपनी के लैंडलाइन ग्राहकों की संख्या 1.66 करोड़ से अधिक थी।
फरवरी में 1,62,556 लैंडलाइन कनेक्शन कटने के बावजूद कंपनी 62.26 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ लैंडलाइन फोन क्षेत्र में मजबूत स्थिति में बनी हुई है।
एक मई से शुरू हो रही इस योजना के तहत बीएसएनएल के फिक्स्ड लाइन से देश में कहीं भी मोबाइल फोन सहित किसी भी ऑपरेटर के नटवर्क पर रात में असीमित निशुल्क फोन कॉल की जा सकती हैं। बीएसएनएल ने एक बयान में कहा कि योजना रात नौ बजे से सुबह सात बजे तक जारी रहेगी और इसमें सभी कनेक्शन शामिल होंगे।
कंपनी के अनुसार, ‘‘बीएसएनएल अपने लैंडलाइन फोन से सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के लैंडलाइन फोन तथा मोबाइल फोन पर एक मई से असीमित निशुल्क फोन कॉल की सुविधा उपलब्ध करा रही है।’’ योजना के तहत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में सभी प्रमुख लैंडलाइन सामान्य योजना, लैंडलाइन विशेष योजना के साथ-साथ प्रमुख कांबो (ब्रांडबैंड के साथ लैंडलाइन) योजना इसमें शामिल हैं।’’टिप्पणियां
दूरसंचार नियामक ट्राई के ताजा आंकड़ों के अनुसार लैंडलाइन बाजार में मजबूत स्थिति रखने वाली बीएसएनएल के ग्राहकों ने फरवरी में सर्वाधिक फिक्स्ड लाइन कटवाए। वहीं दूसरी तरफ एयरटेल सबसे लाभ में रही। फरवरी के अंत तक कंपनी के लैंडलाइन ग्राहकों की संख्या 1.66 करोड़ से अधिक थी।
फरवरी में 1,62,556 लैंडलाइन कनेक्शन कटने के बावजूद कंपनी 62.26 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ लैंडलाइन फोन क्षेत्र में मजबूत स्थिति में बनी हुई है।
कंपनी के अनुसार, ‘‘बीएसएनएल अपने लैंडलाइन फोन से सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के लैंडलाइन फोन तथा मोबाइल फोन पर एक मई से असीमित निशुल्क फोन कॉल की सुविधा उपलब्ध करा रही है।’’ योजना के तहत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में सभी प्रमुख लैंडलाइन सामान्य योजना, लैंडलाइन विशेष योजना के साथ-साथ प्रमुख कांबो (ब्रांडबैंड के साथ लैंडलाइन) योजना इसमें शामिल हैं।’’टिप्पणियां
दूरसंचार नियामक ट्राई के ताजा आंकड़ों के अनुसार लैंडलाइन बाजार में मजबूत स्थिति रखने वाली बीएसएनएल के ग्राहकों ने फरवरी में सर्वाधिक फिक्स्ड लाइन कटवाए। वहीं दूसरी तरफ एयरटेल सबसे लाभ में रही। फरवरी के अंत तक कंपनी के लैंडलाइन ग्राहकों की संख्या 1.66 करोड़ से अधिक थी।
फरवरी में 1,62,556 लैंडलाइन कनेक्शन कटने के बावजूद कंपनी 62.26 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ लैंडलाइन फोन क्षेत्र में मजबूत स्थिति में बनी हुई है।
दूरसंचार नियामक ट्राई के ताजा आंकड़ों के अनुसार लैंडलाइन बाजार में मजबूत स्थिति रखने वाली बीएसएनएल के ग्राहकों ने फरवरी में सर्वाधिक फिक्स्ड लाइन कटवाए। वहीं दूसरी तरफ एयरटेल सबसे लाभ में रही। फरवरी के अंत तक कंपनी के लैंडलाइन ग्राहकों की संख्या 1.66 करोड़ से अधिक थी।
फरवरी में 1,62,556 लैंडलाइन कनेक्शन कटने के बावजूद कंपनी 62.26 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ लैंडलाइन फोन क्षेत्र में मजबूत स्थिति में बनी हुई है।
फरवरी में 1,62,556 लैंडलाइन कनेक्शन कटने के बावजूद कंपनी 62.26 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ लैंडलाइन फोन क्षेत्र में मजबूत स्थिति में बनी हुई है।
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दिल्ली में बीते दो दिनों में डेंगू के 1245 नए केस सामने आए हैं. अब डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़कर 10,683 हो गई. 1996 के बाद डेंगू के मरीजों की यह सबसे ज्यादा संख्या है. अनधिकृत आंकड़ों के मुताबिक इससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 41 हो गई है. हालांकि निकाय अधिकारियों का कहना है कि डेंगू से
30 लोगों की मौत
हुई है.
दो दिन पहले शनिवार को दिल्ली में डेंगू के मरीजों की संख्या 9,438 थी. शनिवार को ही दो और लोगों की मौत हो गई थी. मृतकों में दिल्ली पुलिस का एक अधिकारी भी शामिल था. सर गंगाराम अस्पताल में इलाज करा रहे उत्तराखंड के एक कांस्टेबल की डेंगू से 7 अक्टूबर को मौत हो गई थी.
29 सितंबर तक डेंगू के 6000 मामले
सामने आ चुके थे.
डेंगू से मरने वाले 44 वर्षीय ओमप्रकाश उत्तर-पश्चिम दिल्ली के भालसवा पुलिस थाने के थाना प्रभारी थे. शालीमार बाग के मैक्स अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी. ओमप्रकाश के परिवार में पत्नी और दो बेटे हैं. हरियाणा के महेंद्रगढ़ के रहने वाले ओमप्रकाश 1994 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए थे. कापसहेड़ा के 15 साल के लड़के ने आरएमएल अस्पताल में दम तोड़ दिया था.
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16 मई ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 136वॉ (लीप वर्ष मे 137 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 229 दिन बाकी है।
प्रमुख घटनाएँ
2010-
वेस्टींडीज में आयोजित 20-20 विश्व कप के निर्णायक मैच में इंग्लैंड ने आस्ट्रेलिया के 147 रनों के लक्ष्य को तीन विकेट खोकर हासिल कर लिया और पहली बार विश्व विजेता बना।
पूर्वी सूरीनाम में गोडो ओलो हवाई अड्डे से उड़ान भरते ही एंटोनोव एएन-28 विमान के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से छह यात्रियों और चालक दल के दो सदस्यों की मृत्यु हो गई।
अजलन शाह कप हॉकी प्रतियोगिता में PTI पिछले विजेता भारत और दक्षिण कोरिया को बारिश केराण मैच न होसकने पर संयुक्त विजेता घोषित किया गया।
1996 - अटल बिहारी वाजपेयी भारत के 10वें प्रधानमंत्री बने।
2013- को अमेरिकी वैज्ञानिकों ने क्लोन मानव भ्रूण से स्टेम सेल निकालने में सफलता हासिल की।
2014 - 16वीं लोकसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला।
जन्म
१९३१ - नटवर सिंह, भारतीय राजनेता व विद्वान, पूर्व विदेश मंत्री, भारत सरकार
1967 - धर्मेश दर्शन ,बॉलीवुड में काम करने वाले भारतीय फिल्म निर्माता, फिल्म निर्देशक और लेखक धर्मेश दर्शन
1971 - प्रताप सिंह खाचरियावास ,भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनीतिज्ञ
1974 - सुनील सुखदा भारतीय फिल्म अभिनेता
1976 - छाया सिंह भारतीय फ़िल्म और टेलीविज़न अभिनेत्री।
1985 कार्तिकेय मूर्ति भारतीय संगीतकार, गायक-गीतकार और संगीत निर्माता
1987 - अभिनेत्री सोनल चौहान तेलुगू और हिंदी सिनेमा में काम करने वाली भारतीय गायिका
1988 - विक्की कौशल, भारतीय अभिनेता
बाहरी कडियाँ
बीबीसी पे यह दिन
मई, १६
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दिलजीत दोसांझ सेनन स्टारर फिल्म अर्जुन पटियाला को रिलीज हुए एक हफ्ता हो गया है. इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कोई खास कमाल नहीं दिखाया और दर्शकों की नजरों से ओझल हो गई. हालांकि फिल्म में सनी लियोनी के कैमियो से दर्शकों में खूब हलचल मची. सनी ने इस फिल्म में दिलजीत के किरदार को एक फोन नंबर दिया था, जो बाद में वायरल हो गया. ये फोन नंबर दिल्ली के रहने वाले पुनीत अग्रवाल का है.
फिल्म अर्जुन पटियाला की रिलीज के बाद पुनीत अग्रवाल को लगभग 300 कॉल्स आए. जी हां, पुनीत को दिन-रात परेशान होना पड़ा क्योंकि सनी द्वारा दिया काल्पनिक फोन नंबर असल में उनका था और लोग उसे सनी लियोनी का नंबर समझकर कॉल लगा रहे थे. पुनीत को अजनबी आदमियों और महिलाओं से दिन के अलग-अलग समय पर कॉल्स आ रहे थे, जिससे वे परेशान हो गए.
परेशान होकर पुनीत ने मौर्या एन्क्लेव पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई और कहा कि वे अपने साथ हुए इस अन्याय के लिए भूषण कुमार और दिनेश विजन को पर केस कर देंगे. पुनीत को कॉल करने वाले कुछ लोग ऐसे भी थे जो उनसे अश्लील बातें करना चाहते थे और इसके लिए उन्होंने वीडियो कॉल का सहारा लिया. जब पुनीत ने इन कॉल्स का जवाब नहीं दिया तो उन्हें लोगों से गालियां भी सुनने को मिली.
पुनीत ने बयान देते हुए अपनी आपबीती बताई और कहा, '26 जुलाई को फिल्म रिलीज होने के बाद मुझे अनजान फोन नम्बरों से कॉल आने लगे. लोग मुझसे उनकी बात सनी लियोनी से करवाने को कहने लगे. शुरुआत में मुझे लगा कि मेरे साथ मजाक हो रहा है. लेकिन कुछ समय बाद मुझे पता चला कि फिल्म में मेरे फोन नंबर का इस्तेमाल हुआ है और सनी लियोनी ने मेरा नंबर बोला है. बहुत से कॉल करने वाले लोग मुझसे बदतमीजी कर रहे हैं. लोग मुझे गालियां दे रहे हैं और मुझे अश्लील काम करने को कह रहे हैं. मैंने पुलिस में शिकायत दर्ज कर दी है, लेकिन उन्होंने अभी तक इस बारे में कुछ नहीं किया है.'
जब सनी लियोनी हाल ही में इस बारे में पता चला तो उन्होंने पुनीत से इस बारे में माफी मांगी. सनी को जूम ने बताया कि पुनीत के साथ क्या हुआ है. इसपर सनी ने कहा, 'सॉरी, मैं नहीं चाहती थी कि आपके साथ ऐसा कुछ हो. आपको जरूर कुछ दिलचस्प लोग फोन कर रहे होंगे.' लगता है अब पुनीत को थोड़ा अच्छा लग रहा होगा क्योंकि सनी ने खुद उनसे माफी मांगी है.
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जॉन डेविड जैक्सन (19 जनवरी 1925 – 20 मई 2016) एक कनाडाई–अमेरिकी नागरीक थे जो कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले में भौतिक विज्ञान के एमेरिटस प्रोफेसर और लॉरेंस बर्कले राष्ट्रीय प्रयोगशाला में वरिष्ठ वैज्ञानिक है। वो सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी के रूप में नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज के सदस्य और कई प्रसिद्ध पुस्तकों के प्रकाशन और ग्रीष्मकालीन स्कूलों में नाभिकीय और कण भौतिकी के व्याख्यानों के लिए भी जाने जाते हैं। इसके अतिरिक्त वो व्यापक रूप से उपयोग में ली जाने वाली स्नातक स्नातक स्तर की पाठ्य पुस्तक चिरसम्मत विद्युत चुंबकत्व (अंग्रेज़ी में) के लिए भी जाने जाते हैं।
शिक्षा
जैक्सन का जन्म लंदन, ओंटारियो, कनाडा में हुआ और वेस्टर्न ओंटारियो विश्वविद्यालय से भौतिकी (ऑनर्स विशेष) और गणित में 1946 में बी॰एससी॰ की। उन्होंने अपनी स्नातक की शिक्षा एमआईटी से प्राप्त की, जहाँ उन्होंने विक्टर फ्रेडरिक वाइजकोफ के साथ पर्यवेक्षण में में 1949 में अपना पीएच॰डी॰ शोध पूर्ण किया।
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
जद जैक्सन की वेब साइट
वैज्ञानिक प्रकाशनों के जॉन डेविड जैक्सन पर प्रेरित-HEP
1925 में जन्मे लोग
२०१६ में निधन
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महेंद्र सिंह धोनी के हितों में टकराव की स्थिति बीसीसीआई को रास नहीं आई है और इसके नए कोषाध्यक्ष रवि सावंत ने कहा कि भारतीय क्रिकेट कप्तान को तुरंत खुद को कंपनी से अलग कर लेना चाहिए।
सावंत ने कहा कि अगर यह पहले उनके अनुबंध का हिस्सा नहीं था तो धोनी को हितों में टकराव के लिए नोटिस जारी किया जाना चाहिए।
धोनी उस समय विवादों में घिर गए जब यह खबर सामने आई कि ऋति स्पोर्ट्स में उनका 15 प्रतिशत हिस्सा है जो कंपनी भारतीय कप्तान के अलावा सुरेश रैना, रविंद्र जडेजा और प्रज्ञान ओझा का भी प्रबंधन करती है।
कंपनी ने हालांकि साफ किया कि धोनी सिर्फ अल्प समय के लिए शेयरधारक थे और फिलहाल कंपनी में उनका कोई हिस्सा नहीं है।टिप्पणियां
सावंत ने एनडीटीवी को दिए बयान में कहा, ‘धोनी जब कप्तान हैं तब उन्हें तुरंत स्वयं को प्रबंधन कंपनी से अलग कर लेना चाहिए। अगर यह पहले उसके अनुबंध का हिस्सा नहीं था तो धोनी को हितों के टकराव के लिए नोटिस जारी किया जाना चाहिए।’ बीसीसीआई ने कहा है कि वे चैम्पियन्स ट्राफी के बाद हितों में टकराव के मुद्दे को देखेंगे।
बीसीसीआई के कार्य समूह के प्रमुख जगमोहन डालमिया ने कल प्रेस कांफ्रेंस में कहा था, ‘मैं चैम्पियन्स ट्राफी के दौरान टीम को परेशान नहीं करना चाहता। इससे कुछ भी हासिल नहीं होगा। हमने इस मुद्दे को ध्यान में रखा है। हम इस पर गौर कर रहे हैं लेकिन हम किसी के पीछे नहीं पड़ने वाले।’
सावंत ने कहा कि अगर यह पहले उनके अनुबंध का हिस्सा नहीं था तो धोनी को हितों में टकराव के लिए नोटिस जारी किया जाना चाहिए।
धोनी उस समय विवादों में घिर गए जब यह खबर सामने आई कि ऋति स्पोर्ट्स में उनका 15 प्रतिशत हिस्सा है जो कंपनी भारतीय कप्तान के अलावा सुरेश रैना, रविंद्र जडेजा और प्रज्ञान ओझा का भी प्रबंधन करती है।
कंपनी ने हालांकि साफ किया कि धोनी सिर्फ अल्प समय के लिए शेयरधारक थे और फिलहाल कंपनी में उनका कोई हिस्सा नहीं है।टिप्पणियां
सावंत ने एनडीटीवी को दिए बयान में कहा, ‘धोनी जब कप्तान हैं तब उन्हें तुरंत स्वयं को प्रबंधन कंपनी से अलग कर लेना चाहिए। अगर यह पहले उसके अनुबंध का हिस्सा नहीं था तो धोनी को हितों के टकराव के लिए नोटिस जारी किया जाना चाहिए।’ बीसीसीआई ने कहा है कि वे चैम्पियन्स ट्राफी के बाद हितों में टकराव के मुद्दे को देखेंगे।
बीसीसीआई के कार्य समूह के प्रमुख जगमोहन डालमिया ने कल प्रेस कांफ्रेंस में कहा था, ‘मैं चैम्पियन्स ट्राफी के दौरान टीम को परेशान नहीं करना चाहता। इससे कुछ भी हासिल नहीं होगा। हमने इस मुद्दे को ध्यान में रखा है। हम इस पर गौर कर रहे हैं लेकिन हम किसी के पीछे नहीं पड़ने वाले।’
धोनी उस समय विवादों में घिर गए जब यह खबर सामने आई कि ऋति स्पोर्ट्स में उनका 15 प्रतिशत हिस्सा है जो कंपनी भारतीय कप्तान के अलावा सुरेश रैना, रविंद्र जडेजा और प्रज्ञान ओझा का भी प्रबंधन करती है।
कंपनी ने हालांकि साफ किया कि धोनी सिर्फ अल्प समय के लिए शेयरधारक थे और फिलहाल कंपनी में उनका कोई हिस्सा नहीं है।टिप्पणियां
सावंत ने एनडीटीवी को दिए बयान में कहा, ‘धोनी जब कप्तान हैं तब उन्हें तुरंत स्वयं को प्रबंधन कंपनी से अलग कर लेना चाहिए। अगर यह पहले उसके अनुबंध का हिस्सा नहीं था तो धोनी को हितों के टकराव के लिए नोटिस जारी किया जाना चाहिए।’ बीसीसीआई ने कहा है कि वे चैम्पियन्स ट्राफी के बाद हितों में टकराव के मुद्दे को देखेंगे।
बीसीसीआई के कार्य समूह के प्रमुख जगमोहन डालमिया ने कल प्रेस कांफ्रेंस में कहा था, ‘मैं चैम्पियन्स ट्राफी के दौरान टीम को परेशान नहीं करना चाहता। इससे कुछ भी हासिल नहीं होगा। हमने इस मुद्दे को ध्यान में रखा है। हम इस पर गौर कर रहे हैं लेकिन हम किसी के पीछे नहीं पड़ने वाले।’
कंपनी ने हालांकि साफ किया कि धोनी सिर्फ अल्प समय के लिए शेयरधारक थे और फिलहाल कंपनी में उनका कोई हिस्सा नहीं है।टिप्पणियां
सावंत ने एनडीटीवी को दिए बयान में कहा, ‘धोनी जब कप्तान हैं तब उन्हें तुरंत स्वयं को प्रबंधन कंपनी से अलग कर लेना चाहिए। अगर यह पहले उसके अनुबंध का हिस्सा नहीं था तो धोनी को हितों के टकराव के लिए नोटिस जारी किया जाना चाहिए।’ बीसीसीआई ने कहा है कि वे चैम्पियन्स ट्राफी के बाद हितों में टकराव के मुद्दे को देखेंगे।
बीसीसीआई के कार्य समूह के प्रमुख जगमोहन डालमिया ने कल प्रेस कांफ्रेंस में कहा था, ‘मैं चैम्पियन्स ट्राफी के दौरान टीम को परेशान नहीं करना चाहता। इससे कुछ भी हासिल नहीं होगा। हमने इस मुद्दे को ध्यान में रखा है। हम इस पर गौर कर रहे हैं लेकिन हम किसी के पीछे नहीं पड़ने वाले।’
सावंत ने एनडीटीवी को दिए बयान में कहा, ‘धोनी जब कप्तान हैं तब उन्हें तुरंत स्वयं को प्रबंधन कंपनी से अलग कर लेना चाहिए। अगर यह पहले उसके अनुबंध का हिस्सा नहीं था तो धोनी को हितों के टकराव के लिए नोटिस जारी किया जाना चाहिए।’ बीसीसीआई ने कहा है कि वे चैम्पियन्स ट्राफी के बाद हितों में टकराव के मुद्दे को देखेंगे।
बीसीसीआई के कार्य समूह के प्रमुख जगमोहन डालमिया ने कल प्रेस कांफ्रेंस में कहा था, ‘मैं चैम्पियन्स ट्राफी के दौरान टीम को परेशान नहीं करना चाहता। इससे कुछ भी हासिल नहीं होगा। हमने इस मुद्दे को ध्यान में रखा है। हम इस पर गौर कर रहे हैं लेकिन हम किसी के पीछे नहीं पड़ने वाले।’
बीसीसीआई के कार्य समूह के प्रमुख जगमोहन डालमिया ने कल प्रेस कांफ्रेंस में कहा था, ‘मैं चैम्पियन्स ट्राफी के दौरान टीम को परेशान नहीं करना चाहता। इससे कुछ भी हासिल नहीं होगा। हमने इस मुद्दे को ध्यान में रखा है। हम इस पर गौर कर रहे हैं लेकिन हम किसी के पीछे नहीं पड़ने वाले।’
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भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भाकृअनुप, {<lang-en|Indian Council of Agricultural Research>}) भारत सरकार के कृषि मंत्रालय में कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के तहत एक स्वायत्तशासी संस्था है। रॉयल कमीशन की कृषि पर रिपोर्ट के अनुसरण में सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत और 16 जुलाई 1929 को स्थापित इस सोसाइटी का पहले नाम इंपीरियल काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च था। इसका मुख्यालय नयी दिल्ली में है।
नेशनल एग्रीकल्चरल एजुकेशन एक्रीडेशन बोर्ड
राष्ट्रीय कृषि शिक्षा प्रत्यायन बोर्ड अथवा नेशनल एग्रीकल्चरल एजुकेशन एक्रीडेशन बोर्ड (एनएईएबी) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत शिक्षण संस्थाओं का मूल्यांकन करने वाली इकाई है। इससे मान्यता पाए बिना कालेज/विश्वविद्यालय से कृषि में स्नातक और परास्नातक किए छात्र वर्ष 2019-20 से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के किसी भी सरकारी कालेज अथवा विश्वविद्यालय में परास्नातक और पीएचडी नहीं कर सकता है। इसके चार क्षेत्रीय कार्यालय क्रमशः नई दिल्ली, कोलकाता, मुम्बई और बैंगलोर में स्थित है।
इन्हें भी देखें
भारतीय वानिकी
भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद
सन्दर्भ
संस्थान
कृषि
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एडिसन की कंपनी छोड़ने के बाद टेस्ला ने दो व्यापारियों रॉबर्ट लेन और बेंजामिन वेल के साथ 1886, भागीदारी की, जो टेस्ला के नाम पर एक इलेक्ट्रिक लाइटिंग कंपनी टेस्ला इलेक्ट्रिक लाइट एंड मैन्युफैक्चरिंग को फाइनेंस करने के लिए सहमत हुए। कंपनी ने टेस्ला द्वारा डिज़ाइन किए गए इलेक्ट्रिकल आर्क लाइट आधारित रोशनी प्रणाली इनस्टॉल किए और उनके पास डायनामो इलेक्ट्रिक मशीन कम्यूटेटर के लिए डिजाइन भी थे, अमेरिका में टेस्ला को दिया गया पहला पेटेंट था।
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बॉलीवुड की आज की बड़ी खबरों में हनीप्रीत और राखी सावंत की फोन कॉल से लेकर दीपिका पादुकोण की सीक्रेट सगाई तक कई मजेदार खबरें चर्चा में हैं. आइए जानें, कैसा रहा फिल्मी दुनिया का हाल...
राखी सावंत को आया हनीप्रीत का फोन, बोली-तुमसे ये उम्मीद नहीं थी
फरार चल रही गुरमीत रामरहीम की कथित बेटी हनीप्रीत का सुराग पाने के लिए जहां पूरी हरियाणा पुलिस दिन-रात कोशिश कर रही है, वहीं राखी सावंत ने हनीप्रीत को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. राखी सावंत ने हाल ही में मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें हनीप्रीत इंसा का फोन आया था. उसने राखी से कहा कि 'तुम मेरी दोस्त हो, तुमसे यह उम्मीद नहीं थी कि तुम मुझ पर फिल्म बनाओगी.
क्या रणवीर ने दीपिका से कर ली सगाई? इस फोटो से उड़ रही है अफवाह
रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण की लवस्टोरी किसी सस्पेंस से कम नहीं है. कभी लगता है कि दोनों साथ हैं. कभी लगता है दोनों का ब्रेकअप हो गया है. कभी रणवीर दीपिका के लिए अपने प्यार का इजहार कर देते हैं. तो कभी दीपिका कोई भी सवाल पूछने पर चुप्पी साध लेती हैं. ये जरूर है कि उनके इस सस्पेंस और ड्रामे के बीच उनकी तस्वीरें काफी कुछ कहती रहती हैं. एक बार फिर एक तस्वीर के जरिये दोनों के रिलेशनशिप को लेकर दावा किया जा रहा है. ऊपर की फोटो वायरल है. दीपिका को हाल ही में बंगलुरु में एक कॉमेडी शो में अपनी बहन के साथ मस्ती करते देखा गया था. इस तस्वीर में दीपिका की रिंग फिंगर में रिंग नजर आ रही है. यही रिंग दीपिका के हाथ में तब भी नजर आई थी, जब वह लंदन में थीं. उस दौरान रणवीर सिंह और उनके लंदन में साथ में छुट्टियां मनाने की खबर आ रही थी.
गोलमाल अगेन के नए पोस्टर आए, स्टार कास्ट ने पहनी नींबू की माला
रोहित शेट्टी की फिल्म गोलमाल अगेन फिर चर्चा में है. इस कॉमेडी सीरीज की अगली फिल्म के पोस्टर रिलीज किए गए हैं. इसका ट्रेलर भी 22 सितंबर को रिलीज किया जाएगा.इस पोस्टर में फिल्म की लीड कास्ट अजय देवगन, कुणाल खेमू, तुषार कपूर, श्रेयस तलपड़े और अरशद वारसी को दिखाया गया है. पहली बार इनकी झलक सामने आई है. तीनों ने नींबू की माला पहनी है. ये किसी टोटके का मामला जान पड़ रहा है. एक अन्य पोस्टर में पांचों एक्टर किसी हमले से बचते नजर आ रहे हैं. 'गोलमाल' में इस बार तब्बू और परिणीति चोपड़ा भी नजर आने वाली हैं. तब्बू पहली किसी कॉमेडी फिल्म में नजर आने वाली हैं.
पद्मावती में दीपिका के यूनीब्रो पर छिड़ी बहस, ट्रेन्ड बनेगा अनोखा लुक
दीपिका पादुकोण चर्चा में हैं. वजह है पद्मावती में उनका नया लुक. गुरुवार को फिल्म का फर्स्ट लुक जारी किया गया है. संजय लीला भंसाली निर्देशित इस फिल्म में दीपिका रानी पद्मावती का रोल निभा रही हैं. पद्मावती के लुक में दीपिका को वैसे तो काफी पसंद किया जा रहा है, लेकिन इस लुक में उनकी यूनीब्रो को सोशल मीडिया पर मिले-जुले रिएक्शन मिल रहे हैं. बता दें कि पोस्टर में दीपिका की दोनों भौहें आपस में मिली हुई दिखाई गई हैं, इसे यूनीब्रो कहा जाता है.
मम्मी करीना के बर्थडे पर गार्डन में फूल से खेल रहे हैं तैमूर, फोटो VIRAL
करीना कपूर खान आज यानी 21 सितंबर को अपना 37वां बर्थडे मना रही हैं. आज उनके बेटे तैमूर की एक नई तस्वीर वायरल हुई हैं. तस्वीर में तैमूर गार्डन में बैठे हैं और फूल से खेल रहे हैं. तैमूर हमेशा की तरह ही इस फोटो में भी बहुत क्यूट लग रहे हैं. इस फोटो को सोशल मीडिया पर कई फैन पेज ने शेयर किया है. तैमूर की तस्वीरें अक्सर वायरल होती रहती हैं और लोगों को उनके नई-नई तस्वीरों का इंतजार भी रहता है. करीना आज दिल्ली में हैं और उनके साथ तैमूर मौजूद नहीं हैं. इसके पहले जब करीना 'वीरे दी वेडिंग' के लिए दिल्ली आई थीं, तब तैमूर भी उनके साथ थे. कुछ दिनों पहले तैमूर, तुषार कपूर के बेटे लक्ष्य के साथ भी नजर आए थे. तुषार ने तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की थी.
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देश और दुनिया के इतिहास में आज का दिन कई कारणों से खास हैं. आज ही के दिन नेपाल में 240 सालों से चली आ रही राजशाही का अंत हुआ था.
1908:
जासूसी उपन्यास जेम्स बॉन्ड के लेखक इयान फ्लेमिंग का जन्म आज ही के दिन हुआ था.
1883:
हिंदुत्ववादी नेता और कवि विनायक दामोदर सावरकर का जन्म 1883 में आज ही के दिन हुआ था.
1996:
रूस चेचेन्या को अधिकतम स्वायत्तता देने पर सहमत हुआ.
1959:
आज ही के दिन दो अमरीकी बंदरों ने अंतरिक्ष की सफल यात्रा की.
1967:
65 साल के ब्रितानी नाविक सर फ्रांसिस चिटचेस्टर आज ही के दिन अकेले नाव में दुनिया का चक्कर लगा कर घर पहुंचे.
1998:
पकिस्तान ने पहला परमाणु परिक्षण किया.
2002:
नेपाल में फिर आपातकाल लगा.
2008:
आज ही के दिन नेपाल में 240 सालों से चली आ रही राजशाही का अंत हुआ.
2008:
अमेरिका ने पाकिस्तान परस्त आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के चार नेताओं पर वित्तीय प्रतिबंध लगाया.
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वी॰ एस॰ रमादेवी (जन्म 15 जनवरी 1934 – 17 अप्रैल 2013) एमए, एलएलएम, २६ नवम्बर १९९० से ११ दिसम्बर १९९० तक भारत की मुख्य चुनाव आयुक्त रहीं। वो प्रथम महिला थी जिन्होंने भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त का पदभार सम्भाला। उनके बाद टी एन शेषन मुख्य चुनाव आयुक्त बने।
करियर
रमादेवी का जन्म १५ जनवरी १९३४ (जो पोंगल का दिन था) को भारतीय राज्य आन्ध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिले के चेब्रोलु में हुआ। उन्होंने एलूरू से शिक्षा प्राप्त की। एमए और एलएलबी करने के बाद उन्होंने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में अपने आप को वकील के रूप में पंजीकृत करवाया। वो २६ जुलाई १९९७ से १ दिसम्बर १९९९ तक हिमाचल प्रदेश की राज्यपाल रही और २ दिसम्बर १९९९ से २० अगस्त २००२ तक कर्नाटक की राज्यपाल रहीं।
17 अप्रैल 2013 को उनका एचएसाअर ले-आउट बंगलौर स्थित अपने निवास पर निधन हो गया।
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
कर्नाटक के राज्यपाल की जीवनी वेबसाइट (Biography at Governor of Karnataka website)
1934 में जन्मे लोग
२०१३ में निधन
भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त
कर्नाटक के राज्यपाल
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल
भारतीय सिविल सेवक
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सचिन तेंदुलकर आईसीसी की ताजा टेस्ट बल्लेबाजी रैंकिंग में अब भी सबसे अधिक रैंकिंग के भारतीय बल्लेबाज बने हुए हैं। यह स्टार बल्लेबाज पहले की तरह पांचवें स्थान पर काबिज है जबकि चोटिल तेज गेंदबाज जहीर खान भी गेंदबाजों की सूची में छठे स्थान पर बने हुए हैं। राहुल द्रविड़ दसवें नंबर पर हैं और वह तेंदुलकर के अलावा शीर्ष दस में शामिल अन्य भारतीय बल्लेबाज हैं। इस बीच कुमार संगकारा पाकिस्तान के खिलाफ अबुधाबी में पहले टेस्ट मैच में दोहरा शतक जड़ने के कारण फिर से नंबर एक टेस्ट बल्लेबाज बनने के करीब पहुंच गए हैं। संगकारा ने 211 रन बनाए जिससे श्रीलंका मैच ड्रा कराने में सफल रहा। उन्होंने इससे 29 रेटिंग अंक हासिल किए और अब वह चोटी पर काबिज दक्षिण अफ्रीकी जाक कैलिस से केवल 31 अंक पीछे हैं। बल्लेबाजी में सबसे लंबी छलांग पाकिस्तान के तौफीक उमर ने लगायी है। पाकिस्तानी पारी में 236 रन बनाने वाला यह सलामी बल्लेबाज अब 17 पायदान ऊपर 46वें स्थान पर पहुंच गया है। गेंदबाजों में पाकिस्तान के तेज गेंदबाज जुनैद खान 62 पायदान की छलांग लगाकर 66वें स्थान पर पहुंच गए हैं। उन्होंने श्रीलंका की पहली पारी में पांच विकेट लिए थे। गेंदबाजी सूची में दक्षिण अफ्रीका के डेल स्टेन शीर्ष पर बने हुए हैं। इंग्लैंड के जेम्स एंडरसन और ग्रीम स्वान दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।
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लाल किला या लाल क़िला, दिल्ली के ऐतिहासिक, क़िलेबंद, पुरानी दिल्ली के इलाके में स्थित, लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है। किले को "लाल किला", इसकी दीवारों के लाल-लाल रंग के कारण कहा जाता है। इस ऐतिहासिक किले को वर्ष २००७ में युनेस्को द्वारा एक विश्व धरोहर स्थल चयनित किया गया था। भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित लाल किला (Lal Kila) देश की आन-बान शान और देश की आजादी का प्रतीक है। मुगल काल में बना यह ऐतिहासक स्मारक विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल है और भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। लाल किला के सौंदर्य, भव्यता और आर्कषण को देखने दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं और इसकी शाही बनावट और अनूठी वास्तुकला की प्रशंसा करते हैं।
यह शाही किला मुगल बादशाहों का न सिर्फ राजनीतिक केन्द्र है बल्कि यह औपचारिक केन्द्र भी हुआ करता था, जिस पर करीब 200 सालों तक मुगल वंश के शासकों का राज रहा। देश की जंग-ए-आजादी का गवाह रहा लाल किला मुगलकालीन वास्तुकला, सृजनात्मकता और सौंदर्य का अनुपम और अनूठा उदाहरण है।
1648 ईसवी में बने इस भव्य किले के अंदर एक बेहद सुंदर संग्रहालय भी बना हुआ है। करीब 250 एकड़ जमीन में फैला यह भव्य किला मुगल राजशाही और ब्रिटिशर्स के खिलाफ गहरे संघर्ष की दास्तान बयां करता हैं। वहीं भारत का राष्ट्रीय गौरव माने जाना वाला इस किले का इतिहास बेहद दिलचस्प है I
भारतस्य ऐतिहासिकं
इतिहास
राजधानी दिल्ली में स्थित भारतीय और मुगल वास्तुशैली से बने इस भव्य ऐतिहासिक कलाकृति का निर्माण पांचवे मुगल शासक शाहजहां ने करवाया था। यह शानदार किला दिल्ली के केन्द्र में यमुना नदी के तट पर स्थित है, जो कि तीनों तरफ से यमुना नदीं से घिरा हुआ है, जिसके अद्भुत सौंदर्य और आर्कषण को देखते ही बनता है।
विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल दुनिया के इस सर्वश्रेष्ठ किले के निर्माण काम की शुरुआत मुगल सम्राट शाहजहां द्धारा 1638 ईसवी में करवाई गई थी। भारत के इस भव्य लाल किले का निर्माण काम 1648 ईसवी तक करीब 10 साल तक चला।
मुगल बादशाह शाहजहां के द्धारा बनवाई गई सभी इमारतों का अपना-अपना अलग-अलग ऐतिहासिक महत्व है। जबकि उनके द्वारा बनवाया गया ताजमहल को उसके सौंदर्य और आर्कषण की वजह से जिस तरह दुनिया के सात अजूबों में शुमार किया गया है, उसी तरह दिल्ली के लाल किला को विश्व भर में शोहरत मिली है। इस भव्य ऐतिहासिक किले के प्रति लोगों की सच्ची श्रद्धा और सम्मान है।
आपको बता दें कि शाहजहां, इस किले को उनके द्वारा बनवाए गए सभी किलों में बेहद आर्कषक और सुंदर बनाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने 1638 ईसवी में ही अपनी राजधानी आगरा को दिल्ली शिफ्ट कर लिया था, और फिर तल्लीनता से इस किले के निर्माण में ध्यान देकर इसे भव्य और आर्कषक रुप दिया था।
मुगल सम्राट शाहजहां ने आगरा में स्थित ताजमहल को भव्य रुप देने वाले डिजाइनर और मुगल काल के प्रसिद्ध वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी को इस किले की शाही डिजाइन बनाने के लिए चुना था।वहीं उस्ताद अहमद अपने नाम की तरह ही अपनी कल्पना शक्ति से शानदार इमारत बनाने में उस्ताद थे, उन्होंने लाल किला को बनवाने में भी अपनी पूरी विवेकशीलता और कल्पनाशीलता का इस्तेमाल कर इसे अति सुंदर और भव्य रुप दिया था। यही वजह है कि लाल किले के निर्माण के इतने सालों के बाद आज भी इस किले की विशालता और खूबसूरती के लिए विश्व भऱ में जाना जाता है।
इस भव्य किला बनने की वजह से भारत की राजधानी दिल्ली को शाहजहांनाबाद कहा जाता था, साथ ही यह शाहजहां के शासनकाल की रचनात्मकता का मिसाल माना जाता था। मुगल सम्राट शाहजहां के बाद उसके बेटे औरंगजेब ने इस किले में मोती-मस्जिद (Moti Masjid) का भी निर्माण करवाया था।
वहीं 17वीं शताब्दी पर जब लाल किले पर मुगल बादशाह जहंदर शाह का कब्जा हो गया था, तब करीब 30 साल तक लाल किले बिना शासक का रहा था। इसके बाद नादिर शाह ने लाल किले पर अपना शासन चलाया I
सके बाद 18वीं सदी में अंग्रेजों ने लाल किले पर अपना कब्जा जमा लिया और इसे किले में जमकर लूट-पाट की। भारत की आजादी के बाद सबसे पहले देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने इस पर तिरंगा फहराकर देश के नाम संदेश दिया था।
वहीं आजादी के बाद लाल किले का इस्तेमाल सैनिक प्रशिक्षण के लिए किया जाने लगा और फिर यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रुप में मशहूर हुआ, वहीं इसके आर्कषण और भव्यता की वजह से इसे 2007 में विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया था और आज इसकी खूबसूरती को देखने दुनिया के कोने-कोने से लोग इसे देखने दिल्ली जाते हैं।
नाप जोख
लालकिला सलीमगढ़ के पूर्वी छोर पर स्थित है। इसको अपना नाम लाल बलुआ पत्थर की प्राचीर एवं दीवार के कारण मिला है। यही इसकी चार दीवारी बनाती है। यह दीवार 1.5 मील (2.5 किमी) लम्बी है और नदी के किनारे से इसकी ऊँचाई 60 फीट (16मी), तथा 110 फीट (35 मी) ऊँची शहर की ओर से है। इसके नाप जोख करने पर ज्ञात हुआ है, कि इसकी योजना एक 82 मी की वर्गाकार ग्रिड (चौखाने) का प्रयोग कर बनाई गई है।
लाल किले की योजना पूर्ण रूप से की गई थी और इसके बाद के बदलावों ने भी इसकी योजना के मूलरूप में कोई बदलाव नहीं होने दिया है। 18वीं सदी में कुछ लुटेरों एवं आक्रमणकारियों द्वारा इसके कई भागों को क्षति पहुँचाई गई थी। 1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद, किले को ब्रिटिश सेना के मुख्यालय के रूप में प्रयोग किया जाने लगा था। इस सेना ने इसके करीब अस्सी प्रतिशत मण्डपों तथा उद्यानों को नष्ट कर दिया। . इन नष्ट हुए बागों एवं बचे भागों को पुनर्स्थापित करने की योजना सन 1903 में उमैद दानिश द्वारा चलाई गई।
वास्तुकला
लाल किले में उच्चस्तर की कला एवं विभूषक कार्य दृश्य है। यहाँ की कलाकृतियाँ फारसी, यूरोपीय एवं भारतीय कला का संश्लेषण है, जिसका परिणाम विशिष्ट एवं अनुपम शाहजहानी शैली था। यह शैली रंग, अभिव्यंजना एवं रूप में उत्कृष्ट है। लालकिला दिल्ली की एक महत्वपूर्ण इमारत समूह है, जो भारतीय इतिहास एवं उसकी कलाओं को अपने में समेटे हुए हैं। इसका महत्त्व समय की सीमाओं से बढ़कर है।
यह वास्तुकला सम्बंधी प्रतिभा एवं शक्ति का प्रतीक है। सन 1913में इसे राष्ट्रीय महत्त्व के स्मारक घोषित होने से पूर्वैसकी उत्तरकालीनता को संरक्षित एवं परिरक्षित करने हेतु प्रयास हुए थे।
इसकी दीवारें, काफी सुचिक्कनता से तराशी गईं हैं। ये दीवारें दो मुख्य द्वारों पर खुली हैं ― दिल्ली दरवाज़ा एवं लाहौर दरवाज़ा। लाहौर दरवाज़े इसका मुख्य प्रवेशद्वार है। इसके अन्दर एक लम्बा बाजार है, चट्टा चौक, जिसकी दीवारें दुकानों से कतारित हैं। इसके बाद एक बडा़ खुला स्थान है, जहाँ यह लम्बी उत्तर-दक्षिण सड़क को काटती है। यही सड़क पहले किले को सैनिक एवं नागरिक महलों के भागों में बांटती थी। इस सड़क का दक्षिणी छोर दिल्ली गेट पर है।
नक्करख़ाना
लाहौर गेट से चट्टा चौक तक आने वाली सड़क से लगे खुले मैदान के पूर्वी ओर नक्कारखाना बना है। यह संगीतज्ञों हेतु बने महल का मुख्य द्वार है।
दीवान-ए-आम
इस गेट के पार एक और खुला मैदान है, जो कि मुलतः दीवाने-ए-आम का प्रांगण हुआ करता था। दीवान-ए-आम। यह जनसाधारण हेतु बना वृहत प्रांगण था। एक अलंकृत सिंहासन का छज्जा दीवान की पूर्वी दीवार के बीचों बीच बना था। यह बादशाह के लिए बना था और सुलेमान के राज सिंहासन की नकल ही था।
नहर-ए-बहिश्त
राजगद्दी के पीछे की ओर शाही निजी कक्ष स्थापित हैं। इस क्षेत्र में, पूर्वी छोर पर ऊँचे चबूतरों पर बने गुम्बददार इमारतों की कतार है, जिनसे यमुना नदी का किनारा दिखाई पड़ता है। ये मण्डप एक छोटी नहर से जुडे़ हैं, जिसे नहर-ए-बहिश्त कहते हैं, जो सभी कक्षों के मध्य से जाती है। किले के पूर्वोत्तर छोर पर बने शाह बुर्ज पर यमुना से पानी चढा़या जाता है, जहाँ से इस नहर को जल आपूर्ति होती है। इस किले का परिरूप कुरान में वर्णित स्वर्ग या जन्नत के अनुसार बना है। यहाँ लिखी एक आयत कहती है,
यदि पृथ्वी पर कहीं जन्नत है, तो वो यहीं है, यहीं है, यहीं है।
महल की योजना मूलरूप से इस्लामी रूप में है, परंतु प्रत्येक मण्डप अपने वास्तु घटकों में हिन्दू वास्तुकला को प्रकट करता है। लालकिले का प्रासाद, शाहजहानी शैली का उत्कृष्ट नमूना प्रस्तुत करता है।
ज़नाना
महल के दो दक्षिणवर्ती प्रासाद महिलाओं हेतु बने हैं, जिन्हें जनाना कहते हैं: मुमताज महल, जो अब संग्रहालय बना हुआ है, एवं रंग महल, जिसमें सुवर्ण मण्डित नक्काशीकृत छतें एवं संगमर्मर सरोवर बने हैं, जिसमें नहर-ए-बहिश्त से जल आता है।
खास महल
दक्षिण से तीसरा मण्डप है खास महल। इसमें शाही कक्ष बने हैं। इनमें राजसी शयन-कक्ष, प्रार्थना-कक्ष, एक बरामदा और मुसम्मन बुर्ज बने हैं। इस बुर्ज से बादशाह जनता को दर्शन देते थे।
दीवान-ए-ख़ास
अगला मण्डप है दीवान-ए-खास, जो राजा का मुक्तहस्त से सुसज्जित निजी सभा कक्ष था। यह सचिवीय एवं मंत्रीमण्डल तथा सभासदों से बैठकों के काम आता थाइस म्ण्डप में पीट्रा ड्यूरा से पुष्पीय आकृति से मण्डित स्तंभ बने हैं। इनमें सुवर्ण पर्त भी मढी है, तथा बहुमूल्य रत्न जडे़ हैं। इसकी मूल छत को रोगन की गई काष्ठ निर्मित छत से बदल दिया गया है। इसमें अब रजत पर सुवर्ण मण्डन किया गया है।
अगला मण्डप है, हमाम, जो की राजसी स्नानागार था, एवं तुर्की शैली में बना है। इसमें संगमर्मर में मुगल अलंकरण एवं रंगीन पाषाण भी जडे़ हैं।
मोती मस्जिद
हमाम के पश्चिम में मोती मस्जिद बनी है। यह सन् 1659 में, बाद में बनाई गई थी, जो औरंगजे़ब की निजी मस्जिद थी। यह एक छोटी तीन गुम्बद वाली, तराशे हुए श्वेत संगमर्मर से निर्मित है। इसका मुख्य फलक तीन मेहराबों से युक्त है, एवं आंगन में उतरता है।जहा फुलो का मेला है
हयात बख़्श बाग
इसके उत्तर में एक वृहत औपचारिक उद्यान है जिसे हयात बख्श बाग कहते हैं। इसका अर्थ है जीवन दायी उद्यान। यह दो कुल्याओं द्वारा द्विभाजित है। एक मण्डप उत्तर दक्षिण कुल्या के दोनों छोरों पर स्थित हैं एवं एक तीसरा बाद में अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर द्वारा 1842 बनवाया गया था। यह दोनों कुल्याओं के मिलन स्थल के केन्द्र में बना है।
आधुनिक युग में महत्त्व
लाल किला दिल्ली शहर का सर्वाधिक प्रख्यात पर्यटन स्थल है, यह लाखॉ पर्यटकों को प्रतिवर्ष आकर्षित करता है। यह किला वह स्थल भी है, जहाँ से भारत के प्रधान मंत्री स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को देश की जनता को सम्बोधित करते हैं। यह दिल्ली का सबसे बडा़ स्मारक भी है।
एक समय था, जब 3000 लोग इस इमारत समूह में रहा करते थे। परंतु 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद, किले पर ब्रिटिश सेना का कब्जा़ हो गया, एवं कई रिहायशी महल नष्ट कर दिये गये। इसे ब्रिटिश सेना का मुख्यालय भी बनाया गया। इसी संग्राम के एकदम बाद बहादुर शाह जफर पर यहीं मुकदमा भी चला था। यहीं पर नवंबर 1945 में इण्डियन नेशनल आर्मी के तीन अफसरों का कोर्ट मार्शल किया गया था। यह स्वतंत्रता के बाद 1947 में हुआ था। इसके बाद भारतीय सेना ने इस किले का नियंत्रण ले लिया था। बाद में दिसम्बर 2003 में, भारतीय सेना ने इसे भारतीय पर्यटन प्राधिकारियों को सौंप दिया।
इस किले पर दिसम्बर 2000 में लश्कर-ए-तोएबा के आतंकवादियों द्वारा हमला भी हुआ था। इसमें दो सैनिक एवं एक नागरिक मृत्यु को प्राप्त हुए। इसे मीडिया द्वारा काश्मीर में भारत - पाकिस्तान शांति प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास बताया गया था।
किला पर्यटन
1947 में भारत के आजाद होने पर ब्रिटिश सरकार ने यह परिसर भारतीय सेना के हवाले कर दिया था, तब से यहां सेना का कार्यालय बना हुआ था। २२ दिसम्बर २००३ को भारतीय सेना ने ५६ साल पुराने अपने कार्यालय को हटाकर लाल किला खाली किया और एक समारोह में पर्यटन विभाग को सौंप दिया। इस समारोह में रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस ने कहा कि कि सशस्त्र सेनाओं का इतिहास लाल किले से जुड़ा हुआ है, पर अब हमारे इतिहास और विरासत के एक पहलू को दुनिया को दिखाने का समय है।
मुगल शहंशाह शाहजहां ने 1638 में लाल किले के निर्माण के आदेश दिये थे। लगभग इसी समय उसने आगरा में अपनी स्वर्गीय पत्नी की याद में ताजमहल बनवाना शुरू किया था। लाल किले पर 1739 में फारस के बादशाह नादिर शाह ने हमला किया था और वह अपने साथ यहां से स्वर्ण मयूर सिंहासन ले गया था, जो बाद में ईरानी शहंशाहों का प्रतीक बना।
1857 के गदर के बाद ब्रिटिश सेना ने लाल किले पर नियंत्रण कर लिया।
दीर्घा
सन्दर्भ
बाहरी कडि़याँ
लाल किला, दिल्ली
दिल्ली के लाल किले के चित्र
दिल्ली
दिल्ली के दर्शनीय स्थल
स्थापत्य
दिल्ली के विश्व धरोहर स्थल
दिल्ली में दुर्ग
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बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का कहना है कि कांग्रेस के विधायक, आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के साथ होने से बहुत ज्यादा खफा है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की लंबी कवायद के बाद भी बिहार कांग्रेस के विधायकों में भरोसा नहीं है. दरअसल हाल ही में बिहार प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के पहले कार्यक्रम में पार्टी के 27 में से एक विधायक ने ही कार्यक्रम में हिस्सा लिया था.
कांग्रेस आलाकमान ने बिहार कांग्रेस के विधायकों में टूट की आशंका को देखते हुए
अशोक चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष
पद से हटाकर कौकब कादरी को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था. इससे पहले अशोक चौधरी पर ही पार्टी तोड़ने का आरोप लगा था और उसके बाद जब कार्यकारी अध्यक्ष प्रभार लेने आए तो सदाकत आश्रम में 27 में से सिर्फ एक विधायक ही कार्यक्रम में पहुंचा.
सुशील मोदी के मुताबिक, जिस दलित नेता को कांग्रेस आलाकमान ने अनुशासनहीनता के आरोप में हटाया है, उसके प्रति एकजुटता प्रकट करने के लिए 15 विधायक और एमएलसी पहुंच गए. सुशील मोदी ने कांग्रेस को कहा है कि कांग्रेस को आंख मूंद कर
लालू प्रसाद
का साथ देने की कीमत चुकानी पड़ेगी.
महागठबंधन सरकार टूटने के बाद से ही कांग्रेस टूट की खबर आने लगी थी. खबर थी कि कांग्रेस के तबके प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी के नेतृत्व में 14 विधायकों ने कांग्रेस तोडने का फैसला कर लिया है. खबर आलाकमान तक पहुंची तो फिर विधायकों से आलाकमान ने बात की और बाद में तय किया गया कि अशोक चौधरी को अध्यक्ष पद से हटा दिया जाए. उनकी जगह पर पार्टी में संगठन के चुनाव होने तक पार्टी के उपाध्यक्ष कोकब कादरी को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है.
कादरी की पहली जिम्मेदारी पार्टी को टूट से बचाना है, इसलिए उन्होंने पदभार संभालते ही कहा कि पार्टी में टूट को बचाने के लिए वो किसी के पैर पर भी गिर सकते है. हालांकि जिस तरीके विधायकों ने उनके पद भार समारोह को नजरअंदाज किया है, उससे लगता है कि ये अपील शायद ही काम करें. माना जा रहा है कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त होने के कारण विधायकों ने ज्यादा भाव उन्हें नहीं दिया है, साथ ही नवरात्र के चलते कई विधायक अपने क्षेत्र में है.
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1954 से पहले, सभी टॉम एंड जेरी कार्टूनों का निर्माण मान्य अकादमी अनुपात और प्रारूप में किया गया; और 1954 के उत्तरार्ध से 1955 तक कुछ कार्टूनों को अकादमी प्रारूप और वाइडस्क्रीनसिनेमास्कोप प्रक्रम, दोनों में निर्मित किया गया। 1956 से लेकर, एक साल बाद MGM कार्टून स्टूडियो के बंद होने तक, सभी टॉम एंड जेरी कार्टूनों का निर्माण सिनेमास्कोप में किया गया था, यहां तक कि कुछ के साउंडट्रैक पर्सपेक्टा डाइरेक्शनल ऑडियो में रिकार्ड किए गए थे। 1960 दशक की जीन डीट और चक जोन्स की सभी लघु-फ़िल्मों का निर्माण अकादमी प्रारूप में किया गया था, पर उनकी रचनाएं अकादमी वाइडस्क्रीन प्रारूप के साथ संगति बिठा सकती थीं। हैन्ना और बारबरा के सभी कार्टून थ्री-स्ट्रिप टेक्निकलर में निर्मित थे, 1960 दशक की प्रविष्टियां मेट्रोकलर में बनी थीं।
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पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों पर मचे हाहाकार के बीच अब हर दिन मामूली राहत मिल रही है. 30 मई को पेट्रोल-डीजल की कीमत में 1 पैसे की मामूली बढ़त के बाद आज (सोमवार) लगातार छठे दिन भी पेट्रोल-डीजल की कीमत में गिरावट आई है. इससे पहले 16 दिन के अंदर पेट्रोल पर करीब 4 और डीजल पर 3.62 रुपये बढ़े थे.
15 पैसे सस्ता हुआ पेट्रोल
सोमवार को देश के चार बड़े महानगरों में पेट्रोल के रेट में 15 पैसे की कटौती की गई. जिसके बाद दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 77.96 रुपये प्रति लीटर हो गई. जबकि कोलकाता में प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत 80.60, मुंबई में 85.77 और चेन्नई में 80.94 हो गई है.
डीजल में 14 पैसे की गिरावट
आज चार महानगरों में डीजल के दाम 14 पैसे कम किए गए हैं. जिसके बाद राजधानी दिल्ली में प्रति लीटर डीजल की कीमत घटकर 68.97 रुपये हो गई है. जबकि कोलकाता में 71.52, मुंबई में 73.43 और चेन्नई में प्रति लीटर डीजल की कीमत 72.82 रुपये तक आ गई है.
रविवार को घटे थे 9 पैसे
इससे पहले रविवार को दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में पेट्रोल के रेट में शनिवार के मुकाबले 9 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई थी. जिसके बाद तीनों महानगरों में पेट्रोल की कीमतें क्रमश: 78.11 रुपये प्रति लीटर, 80.75 रुपये प्रति लीटर और 85.92 रुपये प्रति लीटर थीं.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में नरमी आना शुरू हो गई है. दरअसल सउदी अरब और रूस ने कच्चे तेल की आपूर्ति के नियमों में ढील दे दी है. इसका सीधा फायदा कच्चे तेल के दाम घटने के तौर पर मिला है. कच्चे तेल में आई इस कमी का फायदा धीरे-धीरे पेट्रोल और डीजल की घटी कीमतों के तौर पर भी देखने को मिलेगा.
6 दिन में 48 पैसे सस्ता हुआ पेट्रोल
पहले 3 दिन में (30 मई से 1 जून तक) पेट्रोल 15 पैसे और डीजल 12 पैसे सस्ता हुआ. जिसके बाद शनिवार को पेट्रोल 9 पैसे सस्ता और रविवार को भी 9 पैसे की कटौती की गई और आज 15 पैसे कम किए गए. हालांकि, रविवार को डीजल की कीमत स्थिर थी. इस हिसाब से पिछले 6 दिनों में पेट्रोल के दाम में 48 पैसे की गिरावट आई है.
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ताना भगत भारत के झारखंड का एक आदिवासी समुदाय है। इनका संबंध ऐतिहासिक ताना भगत आंदोलन (1914) से है।
गठन
टाना भगतों का गठन ओराँन संत जतरा भगत और तुरिया भगत ने किया था। जतरा भगत ने घोषणा की कि उन्हें एक नए संप्रदाय, ताना संप्रदाय की स्थापना के लिए दैवीय रूप से नियुक्त किया गया था, जो ओरांव समुदाय से स्पष्ट रूप से अलग था। तानों ने पाहन (उराँव पुजारियों) और महतो (धर्मनिरपेक्ष मामलों में गाँव के प्रतिनिधि) के पारंपरिक नेतृत्व का विरोध करके और आत्मा पूजा और बलिदान की प्रथाओं को अस्वीकार करके ओराँव समाज को फिर से संगठित करने की कोशिश की। अपने प्रारंभिक चरण में इसे कुरुख धर्म कहा जाता था। कुड़ुख उराँवों का मूल धर्म है।
आंदोलन
ताना भगतों ने अंग्रेजों द्वारा लगाए गए करों का विरोध किया और उन्होंने महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन से पहले भी पोगा सत्याग्रह (सविनय अवज्ञा आंदोलन) किया। उन्होंने जमींदारों, बनियों (साहुकारों), मिशनरियों, मुसलमानों और ब्रिटिश राज्य का विरोध किया। ताना भगत गांधी के अनुयायी हैं और अहिंसा में विश्वास करते हैं।
शताब्दी
ताना भगत आंदोलन के 100 वर्ष पूरे होने पर गुमला जिले के अलावा रांची, लोहरदगा, लातेहार और चतरा के ताना भगतों के साथ एक समारोह आयोजित किया गया था।
संदर्भ
भारतीय जातियाँ
झारखंड के सामाजिक समूह
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सलामी बल्लेबाज चमारी अटापट्टू (62) और एशानी कौशल्या (56) की शानदार पारियों की बदौलत श्रीलंका महिला क्रिकेट टीम ने शुक्रवार को ब्राबोर्न स्टेडियम में खेले गए आईसीसी महिला विश्व कप (50 ओवर) के एक मुकाबले में इंग्लैंड को एक विकेट से शिकस्त दी.
कौशल्या को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया. टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड टीम ने निर्धारित 50 ओवरों में आठ विकेट के नुकसान पर 238 रन बनाए. इसके जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी श्रीलंका ने नौ विकेट खोकर मैच की आखिरी गेंद पर 239 रनों का लक्ष्य हासिल कर लिया.
अटापट्टू ने अपनी पारी में 72 गेंदों का सामना करते हुए सात चौके और एक छक्का जमाया, जबकि कौशल्या की पारी में पांच चौके और तीन छक्के लगाए. श्रीलंका की पारी की शुरुआत अच्छी रही और अटापट्टू और यशोदा मेंडिस की सलामी जोड़ी ने 103 रन जोड़े. श्रीलंका का पहला विकेट अटापट्टू के रूप में गिरा. वह अरने ब्रिंडल की गेंद पर डेनियल हेजेल को कैच दे बैठे.
उनके बाद 33वें ओवर में मेंडिस (46) कैथरीन ब्रंट का शिकार बने. कप्तान शशिकला श्रीवर्धने ने भी 34 रनों का योगदान दिया. उनके अलावा कोई भी श्रीलंकाई खिलाड़ी इंग्लैंड की गेंदबाजी का सामना नहीं कर सकी. डिलानी मनोडारा 8 और शेरिना रविकुमार बिना कोई रन बनाए नाबाद लौटी.
इंग्लैंड की ओर से जॉर्जिया एल्विस, ब्रंट और ब्रिंडले को दो-दो विकेट मिले, जबकि हेजेल और जेनी गुन को एक-एक सफलता मिली. इससे पहले, इंग्लैंड की पारी की शुरुआत अच्छी नहीं रही. उसका पहला विकेट शेर्लोट एडवर्ड के रूप में गिरा. उन्हें नौ रनों के निजी स्कोर पर कौशल्या ने बोल्ड कर दिया. दूसरा विकेट 26 रनों के कुल योग पर डेनियल व्याट (15) के रूप में गिरा. व्हाट को चामनी सेनेविरत्ने ने पगबाधा आउट किया.
अभी कुल योग में तीन ही रन और जुड़े थे कि सेनेविरत्ने ने लीडिया ग्रीनवे (2) को पगबाधा कर इंग्लिश टीम को तीसरा झटका दिया. ब्रिंडले के रूप में इंग्लैंड को चौथा झटका लगा. उन्हें 31 रनों के निजी स्कोर पर श्रीपाली वीराकोड्डी ने रन आउट कर दिया. इसके बाद पांचवे नम्बर पर बल्लेबाजी करने आई हीदर नाइट भी 38 रनों के निजी स्कोर पर सैंडामली डोलावाटे की गेंद पर बोल्ड हो गईं.
इंग्लिश टीम का छठा विकेट 197 के कुल योग पर गुन (52) के रूप में गिरा. गु़न ने अपनी पारी में 71 गेंदों का सामना करते हुए चार चौके लगाए. उन्होंने टीम के कुल योग में सर्वाधिक योगदान दिया. 41 रनों का योगदान देने वाली एमी जोन्स के रूप में सातवां विकेट गिरा. उन्हें श्रीवर्धने ने बोल्ड कर दिया.
ब्रंट (12) के रूप में इंग्लैंड का आठवां विकेट गिरा. उन्हें भी श्रीवर्धने ने पवेलियन का रास्ता दिखाया. श्रीलंका की ओर से कौशल्या, सेनेविरत्ने, श्रीवर्धने ने दो-दो विकेट चटकाए, जबकि डोलावाटे को एक सफलता मिली.
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