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वह थी कोमलता
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इस युद्ध में विजय नगर के महाराज कृष्णदेव राय की विजय हुई
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वह खुदा की तरफ से निकलती है
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विश्राम करना पसंद करते हैं
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तो सिद्धेश्वरी ने उठने का उपक्रम करते हुए प्रश्न किया
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का विभाजन कर के भारत
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जानें गुरु नानक देव ने क्यों की थी मक्का की यात्रा
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दोनों बंदी आपस में टकराने लगे
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मुर्गी ने जबाब दिया वह एक चील है
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बैंड के पीछे प्रदर्शनकारियों की काफ़ी लम्बी कतार थी
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जुम्मन ने क्रोध से कहाअब इस वक्त मेरा मुँह न खुलवाओ
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वे बोले सत्या मुझे बहुत भूख लगी है
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करने को तैयार नहीं था
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तुझे है पुकारा
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तब हिम्मत बॉँधी आगे बड़े और
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अब मैं अपने जबड़ों को चबाते हुए सुनना चाहती हूँ
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सोचने लगेमुझसे बड़ी भूल हुई
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रोमांच हो आता है रोंगटे खड़े हो जाते हैं और
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कमर पर हाथ रखा तो थैली गायब
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अहलमद ने संदूक से तजबीज निकाली
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महागठबंधन से कांग्रेस हारी बिहार आरोपसहयोगी दलों ने कार्यकर्ताओं को पूछा तक नहीं
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एक छोटी सी नगरी है आमेर
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एक टुकड़े को तो अलग रख दिया और दूसरे टुकड़े को
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वे कहते हैं कि यदि हम पानी
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शोक पहले यह बात मुझे क्यों न सूझी
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बसंत पंचमी के दिन भारत के कई प्रदेशो मे लोग ग्यान संगीत और
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और बच्चों के साथ हामिद भी जा रहा था
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भानुकुँवरि एक पर्दे की आड़ में
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भले ही तुमने मिठाई नहीं ली हो
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आपको क्या करना अच्छा लगता है
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मैंने आज कुछ ज़्यादा ही खा लिया।
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वहाँ की संस्कृति और धार्मिक परम्पराएं देश भर
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और इलेक्ट्रॉन में ॠणात्मक
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वे सब यहीं पर मौजूद है
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अब अनिल बहुत गु़स्से में था और उसका मन बड़ा ख़राब था
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पक्की चारदीवारी बनी हुई है
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लाचार बेचारे गाड़ी पर ही लेट गये
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गॉँव मेरा है
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लोगों की चाहत कप्तान बने रहें महेंद्र सिंह धोनी
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आई हैव क्लिकड हर फोटोग्राफर जस्ट हैव अ लुक
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किसी तरह कागजात गुम कर दूँ
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अम्मा ने उसे मनाते हुए कहा
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खरगोश से आगे हाथी से भी आगे
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अब क्या होगा सीबीआइ का
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मैं विश्वासघात नहीं करूँगा
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आशाएं खिले
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तुम अकसर ऐसे सवाल पूछती हो जिनका मैं जवाब नहीं दे सकती।
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साड़ियों आदि की दुकानें हैं
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हाँ वह भी कभी भटकते हैं भूलते हैं
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सभी के दिलों में उमंग
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तरह चौकी पर आकर बैठ गया
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इस तरह घर में बावैला मचा कर बाहर आये
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तो वह घबरा गई
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यही नहीं भारतीय लोगों को नमक बनाने की मनाही है
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दादाजी को गुस्सा आ गया
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हाय पापी ढोल बजा कर मेरा पचास हजार का माल लिए जाता है
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जब उसके अब्बाजान थैलियाँ और
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जान पड़ा कि कोई छिपा बैठा है
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टू
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अतएव उन्होंने कई कोडे़ बड़ी निर्दयता से फटकारे
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फाइव
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तू ना पूछ रास्तें में काहे
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विस्तृत न्याय भवन में सन्नाटा छा गया
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शहर के बहुत सारे लोग और पड़ोसी थे
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इस खयाल से भानुकुँवरि को कुछ शान्ति हुई
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और दुर्रे लगाये और कोसने लगेअभागे
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अब यह गर्म वायु बहुत तेज़ी से फैलती है बिल्कुल बम के धमाके की तरह और
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मैं बहुत ही परेशान हूँ
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अगर उसी समय दाम दे दिये जाते
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आज रानी का ब्याह है न
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ढीले कपड़े पहनकर विंबलडन खेलने उतरीं मिनेला पूछने पर बतायाप्रेग्नेंट हूं
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वह स्वप्नों की रंगीन संध्या
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एट
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परी कथाएँ देवीदेवताओं की कहानियों के साथ रह सकती हैं
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लोगों के साथ रहना आपके लिए बुरा है
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उन्होंने विश्व बंधुत्व का अपना सिद्धांत बनाया जिस में
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के पास परियों से मिलने वाले हैं
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क्योंकि ये भारतीय होने का सबसे आसान
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मुन्ना पहले तुम बताओ तुम क्या सोचते हो
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आठ वर्ष तक तनमन से स्वामी के संतान की सेवा की
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मोरू की आँखें और उंगलियों की तेज़ी कुछ ढीली पड़ी
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टूटा टूटा एक परिंदा ऐसे टूटा
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वहीं रतजगा करने की ठान ली
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सिक्स
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बिन्नी सुबह से मेरे पीछे क्यों घूम रहे हो
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फिर छोड़ कर जाना मुश्किल हो जाएगा
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उनके जमींदार एक ठाकुर साहब थे
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दर्द में कराहती कांता को सांत्वना देती रही
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अमृता और उसके चित्रकार भी साथ थे
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बस फिर क्या था बैल कलेजा तोड़ कर चला
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तेनालीराम में किसी बात पर नोकझोंक हो गई
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जानेवाले लौट पड़े
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हामिद ने कलेजा मजबूत करके कहातीन पैसे लोगे
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नायक अब इस नौका का स्वामी मैं हूं
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देश के अनेक राज्यों की तुलना में यहाँ बस
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पर इतना रुपया आयेगा कहाँ से
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दूसरों को खिलौना लेते और मिठाई खाते देखकर
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एक किसान था
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समुद्र गरजने लगा
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जहाँ अथक प्रयास अपनी बाहें पूर्णता की ओर बढातें हो
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