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34af99e0402a9b272cffd66723f2e96a99591991 | Sapna Chaudhary का नया गाना Nashile Nain हुआ रिलीज, सपना के डांस के आगे सब फेल!
Sapna Chaudhary New Haryanvi Song 2022: हरियाणा की मशहूर डांसर और बिग बॉस की एक्स कंटेस्टेंट सपना चौधरी का एक और गाना रिलीज हो गया है। इस गाने में सपना का धमारेदार डांस फैंस को दीवाना बना रहा है। सपना चौधरी का गाना नशीले नैन (Nashile Nain) यूट्यूब पर तेजी से वायरल हो रहा है।
New Haryanvi Song 2022; Sapna Chaudhary Dance: हरियाणा की मशहूर डांसर और बिग बॉस 11 की कंटेस्टेंट सपना चौधरी का एक नया गाना रिलीज कर दिया गया है। सपना चौधरी का गाना नशीले नैन (Nashile Nain) यूट्यूब पर काफी पसंद किया जा रहा है। इस गाने में सपना का डांस हमेशा की तरह ही काफी धमारेदार है। नशीले नैन (Nashile Nain) यूट्यूब पर तेजी से वायरल हो रहा है। सपना चौधरी के इस गाने को हरियाणा की मशहूर सिंगर कंचन नागर (Kanchan Nagar) ने गाया है। वहीं वीडियो में सपना के साथ एक्टर विवेक राघव ( Vivek Raghav ) भी नजर आ रहे हैं।
सपना चौधरी के इस नए गाने को फैंस सुपरहिट बता रहे हैं, एक यूजर ने लिखा, 'मुझे सपना के गाने से कुछ ऐसी ही उम्मीद थी'। आइए इस गाने पर एक नजर डालते हैं।
ट्रेंडिंगः
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41fea2141f934c094e75263e65ee9119d373c07f | - विदेशों में पढ़ाई को आसान बनाएगा 4 साल का डिग्री कोर्स, जल्द ही जारी होंगे फाइनल रेगुलेशंसदेशभर की ज्यादातर यूनिवर्सिटी में 4 साल के ग्रैजुएशन कोर्स को लागू करने की तैयारी की जा रही है। कई यूनविर्सिटी यूजीसी के साथ इस बारे में बात कर रही हैं। ऐसा करने से उन स्टूडेंट्स को फायदा होगा जो पीजी के लिए विदेश में जाकर पढ़ाई करना चाहते हैं।
- 16 अगस्त तक शुरू हो जाएगा नया सेशन, फीस वापसी पर भी सख्त नियमदिल्ली यूनिवर्सिटी में नया सेशन इस साल 16 अगस्त से शुरू होगा। यूजीसी के अध्यक्ष प्रो. जगदीश कुमार ने इस बारे में बताते हुए कहा है कि इस साल सेशन समय पर शुरू करने की पूरी कोशिश की जा रही है। बता दें कि अभी देश भर की यूनिवर्सिटीज मे एडमिशन के लिए सीयूईटी एग्जाम चल रहे हैं।
- JEE-अडवांस्ड में गाजियाबाद के ऋषि कालरा को तीसरी रैंक, NCR के छात्रों का जलवाIIT के एंट्रेंस एग्जाम JEE-अडवांस्ड 2023 जारी हो गया है। इस बार का टॉपर हैदराबाद जोन से है। वीसी रेड्डी ने 341 मार्क्स के साथ टॉप किया है। रमेश सूर्या दूसरे और रुड़की जोन के ऋषि कालरा ने तीसरा स्थान हासिल किया है। दिल्ली जोन में प्रभाव खंडेलवाल को छठी रैंक मिली है।
- NEET-UG रिजल्ट्स के टॉप 50 में सबसे ज्यादा 8 कैंडिडेट दिल्ली केNEET-UG Result 2023: नैशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए मंगलवार रात मेडिकल नीट (यूजी) का एग्जाम रिजल्ट जारी कर दिया है। तमिलनाडु के स्टूडेंट प्रबंजन जे और आंध्र प्रदेश के स्टूडेंट बोरा वरुण ने 99. 99 पर्सेंटाइल के साथ नीट परीक्षा में टॉप किया है।
- NEET-UG में आ जाए एक जैसा स्कोर, तो फिजिक्स के नंबरों से होगा फैसला! NMC का ये नियम जानते हैं आपअगर दो या ज्यादा छात्रों के नीट यूजी में एक जैसा स्कोर आ जाए तो उन्हें रैंक कैसे दी जाएगी? इसके लिए नैशनल मेडिकल कमिशन ने नया फॉर्म्युला बनाया है। इस तरह के केस में पहले फिजिक्स, फिर केमिस्ट्री और बायोलॉजी के नंबरों को प्रधानता दी जाएगी।
- 9 साल में पूरा करना होगा MBBS कोर्स, जानें क्या हैं कोर्स के नए रेग्युलेशनNMC ने नोटिफिकेशन जारी करके कहा है कि एमबीबीएस में दाखिला लेने वाले छात्रों को एडमिशन की तारीख से लेकर 9 साल के अंदर कोर्स पूरा करना होगा। अभी भारत में एमबीबीएस कोर्स करने के लिए कुल मिलाकर 5. 5 से 6 वर्षों तक का समय लगता है। जिसमें 4. 5 साल पढ़ाई और फिर 1 साल की इंटर्नशिप है।
- क्यों चलते फिरते अचानक हो रही है लोगों की मौत? ICMR वजह पता लगाने के लिए कर रहा स्टडीसडन डेथ यानी अचानक मौत के कारणों का पता लगाने के लिए ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) एक साथ चार स्टडी कर रहा है। इन स्टडी में मुख्य तौर पर तीन बातों की जांच की जा रही है। पहला- जिनकी अचानक मौत हुई है, क्या उनमें कोविड के सामान्य लक्षण थे? दूसरा- क्या गंभीर कोविड हुआ था। तीसरा- अस्पताल में भर्ती होने से पहले टीका लगा डिस्चार्ज होने के बाद। इन बातों के साथ ICMR देश के 39 अस्पतालों में 2020 से भर्ती कोविड मरीजों के डेटा का भी विश्लेषण कर रहा है। इसमें देखा जा रहा है कि अस्पतालों में भर्ती जो मरीज ठीक होकर घर थे, उनकी मौत कैसे हुई? जून के आखिर तक स्टडी का अंतरिम विश्लेषण पूरा हो जाएगा और कुछ तथ्य सामने आ सकते हैं। बताया जा रहा है कि अचानक मौत के मामलों में अभी तक जो स्टडी हुई है, उनमें कुछ चीजें सामने आई हैं, जो सडन डेथ के जोखिम को बढ़ाती हैं।
- CUET-UG: और आगे बढ़ाई जाएंगी एग्जाम की तारीखेंCUET- UG के एग्जाम की तारीखों में एक और एक्सटेंशन किया जाने वाले है। NTA ने 9-11 जून के एग्जाम के लिए एडमिट कार्ड जारी किए हैं। 11 जून के बाद भी काफी स्टूडेंट बच जाएँगे जिसे देखते हुए टेस्ट की तारीखों को बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। 12-14 जून के एग्जाम की तैयारी भी की जा रही है।
- NIRF रैंकिंगः यूनिवर्सिटी कैटिगरी में IISc बेंगलुरु नंबर वन, देखें बाकी कैटिगरी में कौन किस नंबर परराष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) की रैंकिंग में यूनिवर्सिटी कैटिगरी में IISc बेंगलुरु को पहला स्थान मिला है। इस रैंकिंग में केंद्र सरकार की ओर से उच्च शिक्षण संस्थानों को रैंकिंग दी जाती है। टॉप 10 रैंकिंग में 7 स्थानों पर आईआईटी ने अपना वर्चस्व साबित किया है।
- Civil Services Exam: सिविल सर्विसेज एग्ज़ाम में क्या आर्ट्स सब्जेक्ट्स की वापसी हो रही है? पिछले एक दो सालों का ट्रेंड देखें तो साफ पता चलता है कि अब सिविल सर्विसेज एग्जाम परीक्षाओं में आर्ट्स के स्टूडेंट भी बाजी मार रहे हैं। इस साल की यूपीएससी की टॉपर इशिता किशोर हों या फिर पिछले साल की टॉपर श्रुति शर्मा। इन स्टूडेंट्स ने आर्ट्स सब्जेक्ट से पढ़ाई करके सिविल परीक्षाओं में टॉप किया।
- अलग-अलग कोर्स पढ़ा रहे देश के एजुकेशन बोर्ड, फर्क घटाने की तैयारी कर रही है सरकारदेश में दो केंद्रीय बोर्ड के साथ-साथ राज्यों के करीब 60 बोर्ड हैं जिनमें अकैडमिक स्टैंडर्ड, सिलेबस, एग्जाम डेट्स का अलग-अलग फॉर्मूला है। सीबीएसई बोर्ड में पास पर्सेंटेज 95 फीसदी तक बोका है, वहीं राज्य बोर्ड की बात करें तो पास प्रतिशत 85 के आसपास है।
- UGC की नई वेबसाइट से अब आसानी से मिलेगी यूनिवर्सिटी-कॉलेज और एडमिशन की जानकारीयूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन की नई वेबसाइट लॉन्च होने जा रही है। वेबसाउट को लेकर यूजीसी के अध्यक्ष ने बताया कि यूजीसी अब डिजिटल शिक्षा पर भी फोकस कर रही है और इसके लिए कई नई चीजें की जा रही है। नई साइट में स्टूडेंट के साथ-साथ शिक्षकों को भी मदद मिलेगी।
- UGC ने बदला क्वॉलिफिकेशन फ्रेमवर्क, किस लेवल पर कितने क्रेडिट मिलेंगे बनाया यह नया फॉर्म्युलायूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन ने नैशनल हायर एजुकेशन क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क में बदलाव करके अब 4. 5 से आठ लेवल कर दिया है। पहले यह 5 से 10 साल का था। नए व्यवस्था में यह फ्रेमवर्क ग्रेजुएशन से लेकर पीएचडी तक लागू होगा। इस बदलाव पर 25 मई को देश भर के यूनिवर्सिटी के कुलपति और कॉलेजों प्रिंसिपलों के बीच मीटिंग होगी।
- Assembly Election News: 2024 से पहले BJP का लिटमस टेस्ट, MP-राजस्थान समेत 5 राज्य तय करेंगे 'दिल्ली' का रास्ताKarnataka Chunav Results 2023: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे (Karnataka Election Results) आ चुके हैं। इसी के साथ आगे की रणनीतिक तैयारी भी शुरू हो गई है। कर्नाटक के बाद अगला मैदान तैयार है। आम चुनाव से पहले मध्य प्रदेश-राजस्थान समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। जिन्हें 2024 रण से पहले सत्ता का सेमीफाइनल माना जा रहा।
- CUET देने वाले छात्रों को राहत, एक दिन में 6 नहीं, अधिकतम 4 पेपर ही देने होंगेCUET एग्जाम देने वाले छात्रों के लिए अच्छी खबर हैं। अब परीक्षा में बैठने वाले छात्रों को एक दिन 6 पेपर के बजाए ज्यादा से ज्यादा 4 ही पेपर देने होंगे। पिछले साल सीयूईटी परीक्षा के बाद छात्रों की ओर से मिली शिकायतों के बाद यह फैसला लिया गया है।
- छोटे शहरों में पानी की कमी दूर करेंगे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स, इसे किया जाएगा पानी को रीयूजपानी की कमी को दूर करने के लिए पानी के रीयूज का प्लान बनाना जरूरी हो गया है। इससे देखते हुए अब छोटे शहरों के पानी के फिर से इस्तेमाल पर फोकस किया जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2. 0 के तहत छोटे शहरों में वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 11,785 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
- CUET-UG में रेकॉर्ड 14. 99 लाख आवेदन, पिछली बार से 50% ज़्यादा, सबसे ज्यादा आवेदन इन दो यूनिवर्सिटीज के लिए आएइस साल देश भर की यूनिवर्सिटीज में अंडर ग्रैजुएट कोर्सों में एडमिशन के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट देने के लिए रेकॉर्ड स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन किया है। खास बात यह है कि इस साल भी दिल्ली यूनिवर्सिटी और बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए सबसे ज्यादा आवेदन किए गए हैं।
- भारत अपनी युवा आबादी का फायदा उठा पाएगा? चीन को पीछे छोड़ने के लिए क्या करना होगाइस साल जून में भारत चीन को पछाड़ कर दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा। अब सवाल उठता है कि भारत के पास जब सबसे अधिक युवा आबादी होगी तो वह इसका फायदा किस तरह से उठा सकता है। ऐसे में देश में किस तरह से नीतिगत योजनाएं बनाने की आवश्यकता होगी।
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bcfe822c61e6ae0e6edb4004d9ca991fbb054d330da3cd17d412c788b9230a44 | लगे रहते हैं। सैकड़ों प्रकारकी आशाकी फॉसियोंमें बँधे हुए, काम-क्रोधसे ही जीवनका उद्देश्य सिद्ध होना समझनेवाले वे लोग विषय-भोगों की प्राप्तिके लिये नाना प्रकारसे अन्यायपूर्वक धनसंग्रह करनेकी चेष्टधमें लगे रहते हैं । आज यह पैदा किया, कल उस मनोरथकी सिद्धि होगी। इतना धन तो मेरे पास हो गया, इतना और हो जायगा । एकको तो आज मार ही डाला, शेष शत्रुओंको भी मारे बिना नहीं छोडूंगा। मैं ही तो ईश्वर हूँ, मैं ही धन-ऐश्वर्य के भोगका अधिकारी हूँ । सारी सिद्धियों, शक्तियाँ और सुख मुझमें ही तो हैं । मैं बड़ा धनवान् हूँ, मेरा बड़ा परिवार है, मेरी समता करनेवाला दूसरा कौन है ? मैं धन कमाकर नामके लिये दान करूँगा, यज्ञ करूँगा और मौज उड़ाऊँगा ( गीता १६।८-१५ ) ।
इस तरह अपने आपको ही सबसे श्रेष्ठ समझनेवाले ऐसे अभिमानी मनुष्य धन और मानके मदसे मत्त होकर दम्भसे मनमाने तौरपर नाममात्रके लिये यज्ञ करते हैं । अहङ्कार, शरीर बल, मानसिक दर्प, कामना, क्रोध आदि दुर्गुणोंके परायण होकर वे परनिन्दा करनेवाले दुष्ट लोग अपने और पराये सभी शरीरों में स्थित भगवान्से द्वेष करते हैं ( गीता १६ । १७-१८) ।
छातीपर हाथ रखकर कहिये । इस बीसवीं शताब्दीके उन्नत मानव-समाजके हमलोगों के हृदयमे उपर्युक्त आसुरी -सम्पदा के कौन-से धनकी कमी है ? जहाँ भोगोंकी लालसा होगी, वहाँ इस धनकी कमी रहेगी भी नहीं । इसीलिये महात्माओंने भोगोंकी निन्दा कर त्यागकी महिमा गायी है । इसीलिये भारतके त्यागी महर्पियोंने हिन्दुओंके चार आश्रमों में से तीन प्रधान आश्रमों ( ब्रह्मचर्य, वानप्रस्थ और संन्यास ) को त्यागपूर्ण बनाया है ।
इस त्यागकी भावनाको तिलाञ्जलि देकर भोगोंमें ही उन्नतिकी इतिश्री समझनेवाले आसुरी - सम्पत्तिके मनुष्योंका पतन हो जाता है, वे अनेक प्रकारसे भ्रमित चित्त हो मोहजालमें फँसकर विषयभोगोंमें ही आसक हो रहते हैं, जिसके परिणाममें उन्हे अति अपवित्र नरकोंमें गिरना पड़ता है ( गीता १६ । १६ ) । भगवान् कहते हैं ( कि सबके हृदय में स्थित अन्तर्यामी परमात्मासे द्वेष करनेवाले उन पापी क्रूर नराधमोंको मैं बारम्बार आसुरी-योनियोंमें पटकता हूँ, वे जन्म-जन्ममें आसुरी योनियोंको प्राप्त होकर फिर उससे भी अति नीच गतिको प्राप्त होते हैं, परन्तु मुझको नहीं पा सकते । 'मामप्राप्यैव कौन्तेय ततो यान्त्यघमा गतिम्' ( गीता १६ । १९-२० ) ।
अतएव हमलोगोंको चाहिये कि भौतिक उन्नतिके यथार्थ आसुरीस्वरूपको भलीभाँति पहचानकर इसके मोहसे शीघ्र अपनेको मुक्त कर लें और यथार्थ उन्नतिके प्रयत्नमें लगें। ससारमें वह मनुष्य धन्य है जिसके धन, जन, परिवार, कुटुम्ब, मान प्रतिष्ठा, पद- गौरव आदि कुछ भी नहीं है, जो सब तरहसे दीन, द्दीन, घृणित और उपेक्षित है, परन्तु जिसका अन्त करण देवी - सम्पदा के दिव्य गुणोंसे विभूषित है, जिसका मन परमात्मा के प्रेममें संलग्न है और जिसकी आत्मा परमात्माके मिलनेको छटपटा रही है, ऐसी आत्मा एक ग्रामीण, राजनीतिशून्य, मूर्ख, चाण्डाल, जंगली या कोढ़ी मनुष्यमें भी रह सकती है, अतएव किसीके भी नाम-रूपको देखकर घृणा न करो, पता नहीं उसके अंदर तुमसे और तुम्हारी ऊँची-सेऊँची कल्पनासे भी बहुत ऊँची आत्मा हो !
स्वराज्य, स्वदेश, स्वजाति आदि शब्द इस समय बहुत ज्यादा प्रचलित हैं, ऐसा कोई समाचारपत्र नहीं, जिसके अङ्कों में इन शब्दोंको स्थान न मिलता हो और वास्तवमे ये शब्द हमारे लिये हैं भी बहुत आवश्यक । स्वजाति और स्वदेशका प्रेम न होनेके कारण ही हम स्वराज्यसे वञ्चित हैं इसमें कोई सन्देह नहीं । इसलिये प्रत्येक मनुष्यका यह परम कर्तव्य है कि स्वराज्यकी प्राप्ति के लिये स्वदेश और स्वजातिकी सेवामें तन-मन-धन सब कुछ अर्पण कर दे; क्योंकि स्वराज्य हमारा अनादिसिद्ध अधिकार है । जो भाई स्वदेश, स्वजातिकी सेवामे लगे हुए हैं वे सर्वथा स्तुत्य और धन्धवादके पात्र हैं, परन्तु समझना चाहिये कि इन शब्दोंका यथार्थ अर्थ क्या है और वास्तव में इनका हमसे क्या सम्बन्ध है ? किसी कार्यविशेपसे या बलात्कारसे मनुष्यको जब किसी अन्य देशमें रहना पड़ता है, तब उसे वह स्वदेश मानकर वहाँ नहीं रहता । आज भारतके जो विद्यार्थी शिक्षालाभके लिये यूरोपमें रहते हैं या सरकारके अनुचित प्रतिबन्धकके कारण जिनको विदेशोंमें रहने के लिये वाध्य होना पड़
रहा है, वे स्वदेश भारतको ही समझते हैं, वे जहाँ रहते हैं वहाँ उन्हें कोई कष्ट न होनेपर भी उनको उस देशकी अपेक्षा भारत विशेष प्रिय लगता है, वे वहाँ रहते हुए भी भारतका स्मरण करते, भारतकी भलाई चाहते - - यथासाध्य भलाई करते और भारतवासियों- से मिलने में प्रसन्न होते हैं। कारण यही है कि वे अपने स्वदेशको भूले नहीं हैं, परन्तु उनमेसे जो परदेशके भोगविलासोंमे अपना मन रमाकर देशको भूल गये हैं, परदेशको ही स्वदेश मानने लगे है, उन्होंने अपने धर्म और अपनी सभ्यतासे गिरकर अपने आपको सर्वथा विदेशी बना लिया है, ऐसे लोगोंके कारण देशप्रेमी भारतवासी दुखी रहते हैं। वे चाहते हैं कि हमारे ये भूले हुए भाईजो ऊपरी चमक-दमकके चकमेमें फँसकर विदेशको स्वदेश और विजातीयको स्वजातीय समझने लगे है - किसी तरहसे अपने स्वरूपका स्मरण कर, अपने देश और जातिके गुणोंको जानकर पुन. स्वदेशी बन जायँ तो बड़ा अच्छा हो । स्वदेशी बन जानेका यह अर्थ नहीं कि इस समय वे विदेशी या विजातीय हैं, उन्होंने अपनेको भूल जाने के कारण भ्रमसे विदेशी या विजातीय मानकर विदेशी धर्मको धारण कर लिया है । यदि वे घर लौट आवें तो उनके लिये घरका दरवाजा सदा ही खुला है और रहना चाहिये, इसीसे जाति और देशहितैषी सज्जन भ्रमसे विधर्मी बने हुए भाइयोंको पुन. स्वधर्म में दीक्षित करना चाहते हैं ।
परन्तु यदि एक ही देशके रहनेवाले दो गाँवोके लोग या एक ही गाँवमें रहनेवाले दो मुहल्लोंके सजातीय भाई अपनेको
अलग-अलग मान लें; गाँव और मुहल्लोंके भेदसे परस्पर परभाव कर लें; अपने गाँवको या मुहल्लेको ही देश और दूसरे भाइयोंके निवासस्थान गॉव और मुहल्लोंको परदेश मान लें तो बड़ी गड़बड़ी मच जाती है। देश और जातिके शरीरका सारा संगठन विशृङ्खल हो जाता है । उसके सब अवयवों में दुर्बलता आ जाती है जिसका परिणाम सिवा मृत्युके और कुछ नहीं होता । सच पूछिये तो इन क्षुद्र भावोंके कारण ही आज भारत पर पददलित और परतन्त्र है । यदि भारतवासी अपने-अपने प्रान्त, छोटे राज्य, गॉव या मुहल्लोंको ही देश न मानकर सबकी समष्टिको स्वदेश मानते तो भारतका इतिहास और इसका मानचित्र आज दूसरे ही प्रकारका होता । अब भी इस देशके सभी निवासी अपनी-अपनी डफली अलग बजाना छोड़कर एक सूत्र में बँध जायँ और प्रान्तीयता तथा जातिगत झगड़ों को छोड़कर एक राष्ट्रीयता स्वीकार कर लें तो भारतको स्वराज्यकी प्राप्ति होने में विलम्ब नहीं हो सकता । पर क्या भारत ही हमारा देश है, भारतवासियोंकी जाति ही हमारी स्वजाति है और भारतको मिलनेवाला राजनैतिक अधिकार ही हमारा खराज्य है ?
आध्यात्मिकताका आदिगुरु, परमार्थ-सन्देशका नित्यवाहक, परमात्मतत्त्वका विवेचक, परमात्माके साकार अवतारोंकी लीलाभूमि, जगत्के धर्माचार्य और पैगम्बरोंकी जन्मभूमि, मुकिपथके पथिकोंको पाथेय वितरण करनेवाला भारत इस प्रश्नका क्या उत्तर देता है !
इहलौकिक उन्नतिको ही जीवनका चरम लक्ष्य माननेवाले
स्थूलवाद प्रधान जगत्का तो भूमिखण्डके किसी किसी खण्डको देश मानना, जिस कल्पित जातिमें स्थूल शरीर जन्मा हो उसीमें जन्म लेनेवालोंको स्वजाति बतलाना और उस देश या जातिको अपनी मनमानी करनेके अधिकारको ही स्वराज्य मानना सम्भव है । परन्तु भारतवासी - अखिल ब्रह्माण्डको ब्रह्मके एक अशमें स्थित और ब्रह्माण्ड में ब्रह्मको नित्य स्थित या चराचर ब्रह्माण्ड - को ब्रह्मका ही विवर्त माननेवाले भारतवासी यदि अपने असली ब्रह्मस्वरूपको भूलकर मायाकल्पित आपातरमणीय मायिक सुन्दरतायुक्त स्थल विशेषको ही अपना स्वदेश मान लें तो क्या यह ब्रह्मकी राष्ट्रीयताका विघातक नहीं है मायासे बने हुए जगत्को अपना देश मानकर उसीमें मोहित रहना क्या विदेशको स्वदेश मान लेना नहीं है ?
अपनी सच्चिदानन्दरूप नित्य अखण्ड स्वाभाविक सत्ताको भूलकर मायिक सत्ताको ही अपनी सत्ता मान लेना क्या सजातीयताको छोड़कर विजातीय बन जाना नहीं है? अपने 'सत्य ज्ञानमनन्तं ब्रह्म स्वरूपको विस्मृत कर अपने मूल स्वभाव-धर्मको छोड़कर जगत्के मायिक धर्मको अपना धर्म मान लेना क्या विधर्मी बन जाना नहीं है
विचार करो तुम कौन हो ' तुम अमर हो, तुम सुखरूप हो, तुम नित्य हो, तुम सर्वव्यापी हो, तुम अखण्ड हो, तुम पूर्ण हो, तुम अजर हो, तुम सबमें व्याप्त हो, तुम मायासे अतीत | pdf |
91a39ce3f0b3047c0d151fa79df09e6faa3599f8 | हर साल 26 जनवरी (26 January) को देश गणतंत्र दिवस (Republic Day) मनाता है। साल 1930 को इसी दिन ब्रिटिश शासन के अंतर्गत भारत में पहली बार "स्वराज" दिवस मनाया गया। जिससे आजादी के बाद गणतंत्र दिवस के नाम से जाना गया।
हर साल 26 जनवरी (26 January) को देश गणतंत्र दिवस (Republic Day) मनाता है। इस 70वां गणतंत्र दिवस (70th Republic Day) राजपथ (RajPath) पर परेड निकालकर मनाया जाएगा। इस दिन को संविधान लागू (Constitution of India) होने के तौर पर पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस बार गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2019 (Republic Day 26 January 2019) दिन शनिवार को मनाया जा रहा है। साल 1955 से भारत की राजधानी दिल्ली (Delhi) के राजपथ पर इस भव्य पर्व का आयोजन किया जाता है। आज से 70 साल पहले 26 जनवरी 1950 के दिन भारत देश का संविधान लागू हुआ था और इससे पहले संविधान को 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा अपनाने पर मुहर लगाई गई। लेकिन कुछ लोगों के मन में सवाल है कि आखिर 26 जनवरी के दिन गणतंत्र की शुरूआत आजादी के बाद हुई थी। लेकिन उससे पहले 26 जनवरी की तारीख को क्या होता था। 26 जनवरी की तारीख इतिहास के पन्नों पर मुगल काल से ही दर्ज है।
आजादी से पहले 'स्वराज दिवस'
लेकिन भारत में आजादी की लहर के बीच साल 1930 को इसी दिन ब्रिटिश शासन के अंतर्गत भारत में पहली बार 'स्वराज' दिवस मनाया गया। इसके बाद हर साल आजादी की मांग के साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस स्वराज दिवस मनाया करती थी। 26 जनवरी 1930 को कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था और पहली बार इसी दिन को स्वराज दिवस के रुप में घोषित किया गया।
जिसे बाद में आजादी के बाद गणतंत्र दिवस का नाम दिया गया। 1950 में संविधान लागू होने के बाद ब्रिटिश सरकार के भारत सरकार अधिनियम (एक्ट-1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया। जिसे भारत सरकार के नाम से जाना जाता है। बता दें कि साल 1950 में गणतंत्र दिवस इंडिया गेट के पास नेशनल स्टेडियम में मनाया गया था।
इसी दिन से भारतीय संविधान ने भारत के नागरिकों को अपनी सरकार चुनने का अधिकार दिया। सरकारी हाऊस के दरबार हॉल में भारत के पहले राष्ट्रपति के रुप में राजेंद्र प्रसाद ने शपथ ली और राष्ट्रपति बन गए। इस दिन सरकार अवकाश होता है।
कहते है कि 26 जनवरी का पर्व हमारी आन, बान और शान का प्रतीक है। पूर्णं स्वराज के वर्षगांठ के रुप में हर साल इसे मनाने की परंपरा शुरू हुई। इस दिन देश अपनी शक्ति का प्रदर्शन भी करता है।
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d9bcd44004e31fb3825ffb8456303946abca1729 | बीडी पाण्डेय जिला अस्पताल में नर्सिंग डे पर सामाजिक दूरी के साथ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें स्वास्थ कर्मियों ने कोरोना को हराने के लिए पूरे तन-मन से मरीजों की सेवा व प्रोत्साहित करने का संकल्प लिया। इस दौरान कोरोना काल में बेहतर कार्य करने पर नर्सों को सम्मानित किया गया।
पिथौरागढ़ के बीडी पाण्डेय जिला अस्पताल में नर्सिंग डे पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें नर्सों ने फ्लोरेंस नाइटिंगेल की तस्वीर पर पुष्प अर्पित करते हुए पीड़ित मानवता के कल्याण के लिए उनकी सेवाओं को याद किया। नर्सिंग आफीसर दीपा रावत ने कहा कि साधन-संपन्न परिवार में जन्म लेने के बावजूद फ्लोरेंस नाइटिंगेल ने लोगों की सेवा के लिए नर्सिंग जैसा नोबेल प्रोफेशन चुना। इस समय पूरा विश्व कोरोना के संक्रमण से जूझ रहा है। फ्लोरेंस नाइटिंगेल के बताए मार्ग पर चलते हुए नर्सें कोरोना के खतरे के बीच सेवाएं दे रही हैं। पिथौरागढ़ के कोरोना मुक्त होने तक उनकी यह लड़ाई जारी रहेगी। इस दौरान पीएमएस डॉ. केसी भट्ट ने कोरोना काल में बेहतर कार्य करने पर नर्सों को सम्मानित किया। डॉ. एलएस बोरा व वरिष्ठ फार्मासिस्ट पीके जोशी ने उन्हें स्वास्थ विभाग की रीढ़ कहा। कहा कि आज से सिस्टर इंचार्ज को सीनियर नर्सिंग आफिसर व स्टाफ नर्स को नर्सिंग आफिसर के पदनाम से संबोधित किया जाएगा।
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d365a6e7593a529d1af9233351712f3061f6e104 | दाना - एक pustular सूजन (प्रकार, कारण, उपचार)
दाना - इस भड़काऊ लाल चकत्ते, जो गुहा मवाद से भरा है। वहाँ त्वचा में यह के तत्व हैं, या मानव यौन पहचान के आधार पर नहीं एपिडर्मिस। इन pustules के अधिकांश चेहरे और पीठ पर गठन किया था। असामयिक उपचार या त्वचा के लिए उपेक्षा त्वचा टोन, छोटे निशान की उपस्थिति, और असमान रंजकता में एक महत्वपूर्ण कमी हो सकती है।
बाह्य सतह पर एक सफेद या हल्के पीले नए विकास के साथ अधिक से अधिक 0. 5-0. 9 सेमी की एक व्यास के साथ छोटी-छोटी गोलियां करने के दाने समान दाना। इस तरह के तत्वों दर्दनाक सूजन विस्फोट अंत में फट और इसकी सतह पर हो सकता है एक परत के रूप में। कभी-कभी आप बाहरी हस्तक्षेप (उद्घाटन) के बिना एक अलग सुखाने pustules देख सकते हैं।
भड़काऊ दाने या तो गोलाकार या शंक्वाकार या फ्लैट हो सकता है। दाना - त्वचा में इस प्राथमिक कोशिकाओं है कि सबसे अधिक बार वास्तव में किशोरावस्था में और शायद ही कभी बच्चों या वयस्कों में दिखाई देते हैं।
चेहरे पर Pustules जैसे इन नकारात्मक को प्रभावित करने वाले कारकों, के कारण होता हैः
- नहीं वसामय ग्रंथियों की सही कामकाज, जिसके कारण वहाँ staphylococci या स्ट्रेप्टोकोक्की द्वारा छिद्रों की एक रुकावट है, साथ ही संक्रमण है;
- त्वचा के लिए यांत्रिक क्षति;
- अत्यधिक पसीना;
- एक कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली;
- विटामिन की कमी;
- ऐसे उपदंश, कैंडिडिआसिस, खुजली, छोटी चेचक, और दूसरों के रूप में रोगों के सभी प्रकार के।
चिकित्सा आंकड़ों के अनुसार फफोले के कारण अक्सर बैक्टीरिया के शरीर के प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया है। इस तरह के संक्रमण को प्रभावित त्वचा वसामय ग्रंथि pores रोकना के बाद है। मुख्य प्रेरणा का एजेंट - यह ऑरियस मर जाता है।
इस तरह के pustular तत्वों के स्थान पर निर्भर प्रतिष्ठित हैंः
- एपिडर्मल दाना (दाने का एक प्रकार है त्वचा की सतह पर और उसके लापता होने के निशान फार्म नहीं के बाद स्थित था);
- त्वचीय pustules (चमड़े के नीचे ऊतक में होते हैं और अक्सर healing धब्बे, निशान और त्वचा खुरदरापन के बाद दिखाई देते हैं)।
के संबंध में pustules के स्थान पर निर्भर बाल कूप सूजन बांटा गया हैः
- कूपिक (बाल कूप में सीधे उभरा);
- कूपिक नहीं (कूप से बाहर का गठन)।
बेशक, हम खुले pustular सूजन और मीडिया की एक किस्म की सलाह नहीं देते। इस तरह के सौंदर्य समस्याओं का पता लगाने पर शुरू में मदद सूजन की गंभीरता को निर्धारित करने और वास्तव में कुशल उपचार आवंटित करने के लिए एक त्वचा विशेषज्ञ या ब्यूटीशियन से परामर्श करने की सलाह दी।
Pimples, pustules एक शुरुआत और गंभीर बीमारी है जो त्वचा की शुद्धि के साथ आगे बढ़ने से पहले ठीक हो जाना चाहिए संकेत हो सकता है। ज्यादातर मामलों में, डॉक्टरों अतिरिक्त परीक्षणों से गुजरना करने की सलाह और रक्त परीक्षण के परिणाम की आवश्यकता हो सकती। ठीक से इलाज और सभी डॉक्टर के निर्देशों का pustules की लगातार पालन निर्धारित जब 1. 5-2 सप्ताह के भीतर गायब हो जाते हैं।
अक्सर दाना - यह सफेद pustules कि काफी समय है, इस प्रकार मनुष्य के जीवन उलझी और उनके आत्मसम्मान को कम करने सूख नहीं कर सकते। सूजन बुलबुले को निकालने के लिए शुरू में भाप स्नान से भाप के लिए चेहरे की सिफारिश की और फिर ध्यान से केवल दाना खोलें। प्रक्रिया से पहले, यह हाथ और त्वचा, जहां सूजन गठन किया गया था कीटाणुरहित करने के लिए आवश्यक है।
ऑटोप्सी फोड़ा एक रूमाल, जो पहले ध्यान से proutyuzhivaetsya द्वारा किया जाना चाहिए। यदि दबाने मजबूत दर्द पैदा करता है या मवाद बाहर आता है, इसलिए, दाना नहीं "परिपक्व"। नहीं संक्रमण के लिए सूजन क्षेत्र पर मुश्किल प्रेस करने की सिफारिश की "चला गया है" त्वचा में गहरी। अगर, हालांकि, सुरक्षित रूप से pustular पौधों पर छोटा दाना, खुले घाव एक कपास पैड या एक छड़ी के साथ एक जीवाणुरोधी एजेंट से लिप्त को दूर करने में कामयाब रहे। घर के माहौल में, सूजन को कम करने, यह इस तरह के रूप में इस तरह के जीवाणुरोधी तरल पदार्थ, मलहम और जैल, लागू करने के लिए सिफारिश की हैः
- "पेरोक्साइड";
- "Levomekol";
- शराब या आयोडीन;
- "जेनर";
- "Baziron"।
दाना - एक pustular सूजन है, जो स्वच्छता के सभी नियमों का पालन न करने के कारण दिखाई देते हैं। यह याद है कि यह साफ चेहरे और शरीर की त्वचा रखने के लिए आवश्यक है के लायक है, और pustules का पहला संकेत मिलते एक विशेषज्ञ, जो इस सौंदर्य समस्या की असली कारणों का पता लगाने के लिए सक्षम हो जाएगा देखने के लिए सलाह दी जाती है।
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2a237270dff0362d65e9f4de39ff425d57d4adc0 | Emergency in Sri Lanka: देश की सुरक्षा और आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति के रखरखाव के लिए आपातकाल जैसा ठोस कदम उठाया गया है.
आर्थिक संकट के कारण श्रीलंका के हालात बहुत ज्यादा बिगड़ चुके हैं. बद से बदतर होती स्थिति के बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) ने शुक्रवार देर रात देश में आपातकाल का ऐलान (Emergency in Sri Lanka) कर दिया है. देश इस समय आजादी के बाद के अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. यहां पर ईंधन का भारी संकट है और लोग कई घंटे की बिजली कटौती का सामना कर रहे हैं. श्रीलंका में इस कदर कागज की कमी है कि यहां सभी परीक्षाओं को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है. सरकार के खिलाफ प्रदर्शन काफी उग्र हो गए हैं. राष्ट्रपति के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट रहा है. राष्ट्रपति आवास के बाहर गुरुवार को भी ऐसे ही हिंसक प्रदर्शन देखते को मिले.
बदतर हालात को देखते हुए सरकार ने आपातकाल का ऐलान किया है. न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, आदेश में कहा गया है कि देश की सुरक्षा और आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति के रखरखाव के लिए ये कदम उठाया गया है. इससे पहले, श्रीलंका सरकार ने मौजूदा आर्थिक संकट को लेकर राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के आवास के पास हुए हिंसक प्रदर्शन को शुक्रवार को 'आतंकी कृत्य' करार दिया और इस घटना के लिए विपक्षी दलों से जुड़े 'चरमपंथी तत्वों' को जिम्मेदार ठहराया. राजपक्षे के आवास के बाहर गुरुवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारी जमा हो गए थे जिन्होंने द्वीप राष्ट्र में भीषण आर्थिक संकट को दूर करने में उनकी विफलता को लेकर उनके इस्तीफे की मांग की. देखते ही देखते विरोध प्रदर्शन में हिंसा भड़क उठी थी.
आंदोलन के हिंसक होने से कई लोग घायल हो गए और वाहनों में आग लगा दी गई. राष्ट्रपति के आवास के पास लगे स्टील अवरोधक को गिराए जाने के बाद प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछार की. इस संबंध में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया और कोलंबो शहर के अधिकांश हिस्सों में कुछ समय के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया. डेली मिरर समाचार वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति के मीडिया प्रभाग द्वारा शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति राजपक्षे के आवास के पास हुई हिंसा में एक चरमपंथी समूह शामिल था.
इससे पहले खबर आई थी कि ईंधन खरीद पाने में नाकाम श्रीलंका की सरकार स्ट्रीट लाइट बंद कर पैसा बचाने की कोशिश कर रही है. रॉयटर्स ने श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री के हवाले से ये जानकारी दी थी. रिपोर्ट के मुताबिक श्रीलंका में ईंधन की कमी की वजह से लंबे पावर कट देखने को मिल रहे हैं. स्थिति और बिगड़ने से बचाने के लिये सरकार सड़कों पर अंधेरा करने पर मजबूर हो गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक श्रीलंका में फिलहाल 13-13 घंटे के पावर कट देखने को मिल रहे हैं. फिलहाल देश विदेशी मुद्रा भंडार की कमी की वजह से ईंधन का आयात नहीं कर पा रहा है. इसके साथ ही गर्मी में रिकॉर्ड तेजी की वजह से एक तरफ बिजली की मांग में तेज उछाल बना हुआ है तो दूसरी तरफ जल विद्युत उत्पन्न करने वाले जलाशयों में पानी इतना नीचे पहुंच गया है कि बिजली के उत्पादन पर असर देखने को मिला है. श्रीलंका की ऊर्जा मंत्री ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों को सड़कों की लाइट बंद करने के निर्देश पहले से ही दे दिये हैं जिससे बिजली की बचत की जा सके. वहीं कोलंबो स्टॉक एक्सचेंज ने पावर कट की वजह से ही ट्रेडिंग का समय एक हफ्ते के लिये 2 घंटे कम कर दिया है.
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20b6bc4eb7196bdce3aab38e34a76e8250a9a236 | नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र का पांचवा दिन है। बजट सत्र के पांचवें दिन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास विधेयक 2020 पेश करेंगी। विधेयक प्रत्यक्ष कर में विवादों का समाधान प्रदान करता है और मंत्री द्वारा 2020-21 के बजट में घोषित किया गया था। इसके अलावा, लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव भी देखने को मिलेगा। सांसद तापिर गाओ के नेतृत्व में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए समिति रक्षा मंत्रालय के आर्डनेन्स फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के आरक्षण और रोजगार से संबंधित सिफारिशों पर सरकार की अंतिम रिपोर्ट को पटल पर रखेगी।
-संसद में पीएम मोदी ने कहा कि अयोध्या धाम की पवित्रता से हम सभी भलीभांति पर परिचित हैं। भविष्य में राम लला के दर्शन के लिए और आने वाले समय में श्रद्धालुओं की संख्या और उनकी भावना का ख्याल रखने के लिए मेरी सरकार ने फैसला किया है कि अधिगृहित संपूर्ण भूमि 67. 03 ट्रस्ट को दिया जाएगा।
-वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास विधेयक 2020 पेश करेंगी। विधेयक प्रत्यक्ष कर में विवादों का समाधान प्रदान करता है और मंत्री द्वारा 2020-21 के बजट में घोषित किया गया था।
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ec776bfec14667780c41c5486ca5cd087b3eade1 | पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) के घर 60 करोड़ रुपए के कथित रिश्वत मामले में पूछताछ के लिए सीबीआई पहुंची है। मामला स्वास्थ्य बीमा योजना (Health Insurance Scheme) से जुड़ा हुआ है,जिसे कथित रूप से आगे बढ़ाने के लिए कहा गया था, लेकिन जब वह जम्मू और कश्मीर के तत्कालीन राज्य के राज्यपाल (Former Jammu and Kashmir Governor) थे, तब रद्द कर दिया गया था। मलिक का दावा था कि 23 अगस्त 2018 और 30 अक्टूबर, 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए उन्हें 300 करोड़ रुपए रिश्वत की पेशकश की गई थी। इसके लिए ही सीबीआई की टीम उनके बयान दर्ज करने और अन्य जानकारी जुटाने के लिए उनके घर पहुंची है। पिछले साल सीबीआई ने इस संबंध में मामला दर्ज किया था और छह राज्यों में छापेमारी की थी।
सीबीआई (CBI) की टीम राष्ट्रीय राजधानी के आरके पुरम इलाके में मलिक के सोम विहार आवास पर उनके दावों पर बयान दर्ज करने के लिए पहुंची है। मलिक अभी तक मामले में आरोपी या संदिग्ध नहीं है। सात महीने में यह दूसरी बार है, जब विभिन्न राज्यों के राज्यपाल के रूप में काम कर चुके मलिक से सीबीआई पूछताछ करेगी। पिछले साल अक्टूबर में बिहार, जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय में राज्यपाल की जिम्मेदारी पूरी करने के बाद उनका बयान दर्ज किया गया था।
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3cabf93ca15454a9127caf5fc17069d3d6e789c1a20a68a50112f1de1de8aebe | [कारिका १०३
सम्बन्ध उस कारिकासे न होकर आगे द्वार विधिका वर्णन करने वाली १०३ संख्या वाली कारिका से है । इसलिए उस पाठको वहाँसे उठाकर यहाँ लाना पड़ा है । उस स्थानान्तरित पाठको हमने यहाँ भिन्न टाइप में मुद्रित किया है। इसमें 'द्वितीये चैव कर्तव्यं रङ्गपीठस्य पृष्ठतः इस उत्तरार्ध भागकी व्याख्या की गई है । यह वात मूल कारिकाके इस भाग तथा व्याख्याके 'रंगपीठस्य यत्पृष्ठं रंगशिरः, तत्र द्वितीय मिति राश्यपेक्षयैक वचनम्' इस भागके देखते ही प्रतीत हो जाती है । इस लिए हमने इस पाठको प्रकृत कारिकासे ही सम्वद्ध मान कर उसको यहाँ स्थानान्तरित किया है। पाठसमीक्षा - इस कारिका के द्वारं तेनैव कोरणेन कर्तव्यं तस्य वेश्मनः' इस पूर्वार्द्ध भागकी व्याख्या करने वाली एक पंक्ति पूर्व-संस्करणों में यहाँ यथा स्थान छापी गई थी। किन्तु उसका पाठ पूर्व संस्करणों में 'तेनैव कोरणेनेति । वारुणीगतेन । द्वारं जनप्रवेशनम् । येन तस्मिन्नेव कोरणे द्वारे कर्तव्ये । इस प्रकार छपा था । किन्तु यह पाठ शुद्ध है । 'द्वारं तेनैव कोरणेन कर्तव्यं तस्य वेश्मनः' इस पंक्ति के द्वारा भरतमुनिने 'त्रिकोण नाटय-मण्डपके मुख्य द्वारके बनानेका निर्देश किया है। जैसा कि चतुरस्र मण्डप और विकृष्ट मण्डपके प्रकरण में हम देख चुके हैं नाटयगृहों का मुख्य प्रवेश द्वार पूर्वकी प्रोर ही होता है । इसलिए व्यस्र मण्डपका 'जनप्रवेशद्वार' या मुख्य द्वार पूर्व दिशा में ही होना चाहिए । किन्तु पूर्व संस्करणों में 'तेनैव कोरणेन' का अर्थ 'वारुणीगतेन' किया गया है । वारुणी दिशा पश्चिम दिशाका नाम है । उस दिशामें जनप्रवेशन द्वार का बनाना संगत नहीं है इसलिए 'बारुगोगतेन' पाठ शुद्ध है । उसके स्थानपर 'ऐन्द्रीगतेन' पाठ होना चाहिए ।
पाठसमीक्षा - पूर्वसंस्करणोमें ६३ संख्यावाली कारिकाको व्याख्या के साथ अ-स्थान में मुद्रित जिस पाठको हमने यहाँ स्थानानारित किया है उसमें भी कुछ प्रशुद्धि है । 'द्वितीये चैव कर्तव्यं रंगपीस्य पृष्ठतः' इस उत्तरार्धभागकी व्याख्या करते हुए उसमें रंगशीर्ष में दो द्वार बनाने का विधान किया गया है। इतनी बात तो ठीक है । पर इसके बाद इसी कारिका भागमें आए हुए चकारकी व्याख्या करते हुए 'चकारादन्यप्रवेशार्थ जनप्रवेशनद्वारं च । त्रीणि वा कार्याणि इति मतान्तरं संगृहोतं भवति' । यह पंक्ति पाई जाती है । परन्तु इस पंक्तिका पाठ अशुद्ध है । इसमें 'चकार' से 'जनप्रवेशनद्वार' का ग्रहण करना चाहिए यह वात इस पाठसे प्रतीत होती है। किन्तु 'जनप्रवेशद्वार' का विधान तो कारिका के पूर्वार्द्ध भाग में ही किया जा चुका है। यहाँ उसका दुबारा वर्णन असंगत है । अब तककी व्याख्या के अनुसार त्र्यस्र मण्डपके पूर्व दिशा में बनने वाले मुख्य द्वार या 'जनप्रवेशन द्वार' तथा रंगशीप में बनने वाले दोनों द्वारों अर्थात् कुल मिलाकर तीन द्वारोंका वर्णन किया जा चुका है । अब 'चकार' से केवल बचे हुए द्वारोंका ही ग्रहरण हो सकता है। इसके पूर्व ३८० पृष्ठपर हम यह देख चुके है नाटय-मण्डपके द्वारोंके सम्बन्ध' चतुर्द्वारं नाट्यगृहम्' तथा 'पड्वारं नाट्यगृहम् ' ये दो मत पाए जाते हैं । त्र्य मण्डपके तीन द्वारोंका वर्णन पहिले हो हो चुका है । इसलिए 'चनुर्द्वार' वाले पक्ष में एक, तथा 'पद्वारं' वाले पक्ष में तीन द्वार बननेको शेष रह गए हैं । इन्हीं अवशिष्ट द्वारोंका ग्रहण यहाँ 'चकार' से होता है । यह बात ग्रन्थकार यहां लिख रहे हैं । और वह भी दोनों मतोंका उल्लेख करते हुए लिख रहे हैं यह बात 'त्रीणि वा कार्याणि इति मतान्तरं संगृहीतं भवति' इस पंक्ति स्पष्ट होजाता है। ऐसी दशा में यह निश्चय है कि 'चकार' से 'जनप्रवेशनद्वार' का ग्रहण सम्भव नहीं है । इसलिए पूर्व संस्करण में 'चकाराव्य प्रवेशार्थं जनप्रवेशन द्वारं च' यह जो पाठ छपा है वह निश्चित रूद्ध है । यहाँ वास्तव नेपथ्यगृहमें नटोंके प्रवेश के लिए बनाए जाने वाले पिछले द्वारका ग्रहण 'चकार' से होता है । यह ग्रन्थकारका अभिप्राय है । इस अभिप्रायको व्यक्त करने के लिए 'चकारान्नटजनप्रवेशनार्थं नेपथ्यगृहद्वारं च' यह पाठ होना चाहिए । इसलिए हमने संशोधित रूप में इसी पाठको प्रस्तुत किया है।
भरत० - 'विधिर्यश्चतुरश्रस्य मित्तिस्तम्भसमाश्रयः ।
स तु सर्वः प्रयोक्तव्यः व्यवस्थापि प्रयोक्तृभिः । १०४.।। सर्वग्रहरणादन्यूनाधिकत्यमत्र दर्शयन् विकृष्टे स्तम्भानाभाधिक्यमनुजानीते । व्यरंगपीठे तु प्रतिरंगमध्य इति । रंगोऽत्र तच्छिरः, ततः पृष्ठतः यदि वामितः ॥१०४ ॥ 'अग्रिमाध्यायसंगति सूचयति 'एवमेतेन' इति -
- एवमेतेन विधिना कार्या 'नाटयगृहा बुधैः ।
"पुनरेषां प्रवक्ष्यामि पूजामेव यथाविधि ॥ १०५॥
यह व्याख्या 'चतुरं' वाले पक्षके अनुसार हुई । यदि 'पड्वरं नाट्यगृहम्' वाला पक्ष माना जाय तो नेपथ्यगृह वाले द्वारके अतिरिक्त मत्तवारणियोंमें बनने वाले दोनों द्वारोंका भी ग्रहरण इस चकारसे होता है । इस अभिप्रायसे 'त्रीरिण वा कार्याणि इति मतान्तरं संगृहीतं भवति यह पंक्ति ग्रन्थकारने लिखी है ।
भरत० - मित्तियों तथा स्तम्भोंके विषय में जो विधि चतुरस्र मण्डपमें बतलाया गया है, प्रयोक्ताको उस सबका प्रयोग व्यत्र मण्डपमें भी करना चाहिए । १०४ ।
अभिनव० - 'सर्व' पदके ग्रहणसे यहाँ [अर्थात् त्र्यस्त्र मण्डपमें चतुरस्र मण्डप की अपेक्षासे] न्यूनता या अधिकता नहीं होनी चाहिए इस बातको दिखलाते हुए विकृष्ट में स्तम्भोंकी अधिकताको स्वीकार किया गया है । [ त्र्यत्रमण्डपमें चतुरस्त्र मण्डपकी भित्ति तथा स्तम्भोंसे सम्बद्ध सम्पूर्ण विधिका अनुसरण करना चाहिए इसका अभिप्राय यह है कि विकृष्ट में उसका पूर्ण रूपसे पालन करने की आवश्यकता नहीं है । अतः उसमें स्तम्भोंकी अधिकता की स्वीकृति ध्वनित होती है । यह ग्रन्थकार का अभिप्राय है । यह बात आगे कहते हैं । चतुरश्र मण्डपमें रङ्गशीर्षके दोनों प्रोर दो द्वार बनानेका विधान किया था । त्र्यस्त्र मण्डपमें इतना संशोधन हो सकता है कि त्रिकोण 'प्रतिरङ्ग अर्थात् रङ्गशीर्षके बीचमें एक द्वार रचा जाय । अथवा दोनों ओर भी हो सकते हैं ] । त्र्यत्र रंगपीठ में तो प्रतिरंग अर्थात् रंगशीर्ष के मध्य में [एक द्वार बनाना चाहिए] । रङ्ग शब्दसे रंगशीर्षका ग्रहरण करना चाहिए । उसके पीछे [ एक द्वार बनाना चाहिए] अथवा उसके दोनों ओर [ दो द्वार बनाने चाहिए] ।
पाठसमीक्षा - इस इलोककी अभिनवभारतीका पाठ भी पूर्व संस्करणों में ६३वीं कारिका की व्याख्या के बीचमें छप गया था। हमने उसको यहाँपर यथा स्थान छापा है । १०४ ।। अभिनव० - 'एवमेतेन' आदि [[अगले श्लोक ] से अगले [तृतीय ] श्रध्याय में कहे हुए पूजन विधान] की संगति दिखलाते हैंभरत० - इस प्रकार इस [पूर्वोक्त] विधिसे विद्वानोंको [अनेक प्रकारके] नाट्यगृहोंकी रचना करनी चाहिए । इसके बाद मैं शास्त्र के अनुसार इन [मण्डपोंके अधिष्ठातृदेवताओं] के पूजनके विधिका वर्णन [अगले व्याय] करूंगा ।१०५॥
१. म. द्वितीयं चतुरश्रस्य । क. विधेयश्च पुरस्तस्य । २ ड. म. समन्वितः ।
३. सङ्गति । ४. म. कार्यं नाटयगृहं बुवैः । ५. च. म. तत ऊर्ध्वं । ६. च. य. पूजामेषां ।
डा. प्रसन्नकुमार आचार्य द्वारा प्रस्तुत नाटय-मण्डपके चित्र
GREEN RA
[ कारिका १०५
ये चित्र अभिनव भारती अथवा भरत नाट्यशास्त्र के आधार पर नहीं बनाए गए हैं। परन्तु चित्रकारकी सुरुचिपूर्ण कल्पनाका परिचय अवश्य देते हैं ।
कारिका १०५ ]
एतेन विधिना वहवो नाट्यमण्डपा : पूर्वोक्ताण्टादशमेदकलनयेत्यर्थः । बुधैरित्यूहापोहविद्भिः । पुनरिति यद्यपि गदिताः सर्वे शुभदाः तथापि पूजां वक्ष्यामीति पुनः शब्दार्थः । तच्च विधानेनोक्तम् । तदाह यथाविधीति । एषामिति मण्डपस्था देवता अनेन उपचारादुक्ताः ॥१०५।। -
इति भारतीये नाट्यशास्त्रे मण्डपविधानो नाम द्वितीयोऽध्यायः ।
द्वितीये मण्डपाध्याये वृत्तिरेषा शुभा कृता । मयाभिनवगुप्तेन दृष्ट्या सन्तोऽनुगृह्यताम् ।। इति महामाहेश्वराभिनवगुप्ताचार्य-विरचितायामभिनवभारत्यां भारतीय नाट्यशास्त्रविवृती मण्डपाध्यायो द्वितीयः ।
अभिनव० - इस विधिसे बहुत से मण्डप पूर्वोक्त अठारह भेदोंको समझ कर [[आवश्यकतानुसार ] नाना प्रकारके मण्डप बनाने चाहिए । यह अभिप्राय है । 'बुधैः ' इसका अर्थ ऊहा-पोह करनेमें समर्थ है । यद्यपि [ इसी प्रध्यायमें] सारे कल्यारण- प्रद व्यापारोंको पहिले ही कहा जा चुका है फिर भी पूजनके विधिको कहूंगा यह 'पुनः ' शब्दका अभिप्राय है । और वह [ पूजनका प्रकार शास्त्रीय] विधान के अनुसार कहा जायगा यह बात [कारिकामें आए हुए] 'यथाविधि' इस पदसे कही गई है। 'एषां' इनके [पूजाविधिको कहूंगा ] इससे उपचारसे मण्डपमें रहने वाले देवताओं [को पूजा ] का निर्देश किया गया है । ॥ १०५ ॥
श्री भरतमुनि प्ररणीत नाट्यशास्त्र में मण्डपविधान नामक द्वितीय अध्याय समाप्त हुआ । अभिनव० - [भरत नाट्यशास्त्र के ] मण्डपाध्याय नामक द्वितीय अध्याय के ऊपर मुझ अभिनवगुप्तने यह सुन्दर [ अभिनवभारती] वृत्ति लिखी है । हे विद्वज्जनो आप लोग उसको देखकर [ मुझे] अनुगृहीत करें ।
पाठसमीक्षा - अभिनवगुप्त ने अपनी 'अभिनवभारती' में प्रत्येक अध्यायके प्रारम्भ में मंगलाचरण और अन्त में समाप्ति सूचक श्लोक लिखे है। इस द्वितीयाध्यायकी समाप्ति में उन्होंने समाप्ति सूचक श्लोक लिखा था, परन्तु उसका ठीक पाठ उपलब्ध नहीं होता है। प्रथम संस्कररण में उसका केवल एक चरण 'दृष्टया सन्तोऽनुगृह्यताम्' इस रूपमें मुद्रित किया था। दूसरे संस्करण में उसको भी निकाल दिया गया है । अन्तिम श्लोक में अभिनवगुप्त प्रायः अध्यायके नाम और अपने नामका उल्लेख करते हुए ही प्रध्यायकी समाप्ति करते हैं । इसी आदर्श पर हमने अभिनवगुप्त के अभिप्राय के अनुरूप पाठकी पूर्ति करकेयह स्वनिर्मित अन्तिम श्लोक यहां दे दिया है । श्री महामाहेश्वर- प्रभिनवगुप्ताचार्य विरचित अभिनवभारती
नामक नाट्यशास्त्रको टीकामें 'मण्डपाध्याय' नामक द्वितीय अध्याय समाप्त हुआ ।
इति श्रीमदाचार्य - विश्वेश्वर-सिद्धान्तशिरोमरिणविरचिते 'अभिनवभारती सञ्जीवन भाष्ये' द्वितीयो ऽध्यायः समाप्तः ।
१. 'न तु' इत्यधिकम् । २ पूजामिति । तथापि वक्ष्यामीति । ३. तत्र हि । ४. श्रस्मदीयः । | pdf |
caf3416af5f097003bc3de72bb8bb62494a1980c | पूर्णिया जिले में स्थित टीकापट्टी में बापू की यादें फिर से जिंदा होंगी। पूर्णिया से 65 किलोमीटर दूर टीकापट्टी आजादी की लड़ाई का केंद्र था। 1934 में भूकंप की त्रासदी के बाद चंदा एकत्रित करते हुए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी 10 अप्रैल 1934 को टीकापट्टी आये थे।
इस स्थान की एतिहासिकता को देखते हुए बापू की यादों को सहेजने की कवायद प्रशासन की ओर से शुरू कर दी गयी है। टीकापट्टी को प्रखंड बनाने की मांग भी लंबे समय से इलाके के लोगों के द्वारा की जा रही है। मुख्यमंत्री अगले माह विकास यात्रा की शुरूआत करने वाले हैं। इस दौरान उनके टीकापट्टी आने की संभावना भी जतायी जा रही है।
मुख्यमंत्री लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार के लिए टीकापट्टी पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि वह पहली बार यहां आये हैं। उन्होंने भरोसा दिया था कि वह जल्द ही सरकारी कार्यक्रम बनाकर यहां आयेंगे। उन्होंने ठीठरू मंडल को भी नमन किया था, जिन्होंने यहां स्वराज आश्रम के लिए पांच एकड़ जमीन दान दे दी थी। उनके आने पर यहां की दशा-दिशा बदलना तय है। बुधवार को जिलाधिकारी राहुल कुमार जब टीकापट्टी पहुंचे तो लोगों की उम्मीदें जग गई। गांधी सदन के कायाकल्प की आस भी जगी है। पूर्णिया से टीकापट्टी की दूरी भी काफी है। रूपौली प्रखंड से कई पंचायतें बीस से तीस किलोमीटर दूर हैं। टीकापट्टी में जहां गांधी जी आये थे, पहले वह खाली जगह थी। बाद में गांधी सदन का निर्माण किया गया। 1983 से इसी भवन में टीकापट्टी ओपी चलता रहा। 2007 में टीकापट्टी थाना बन गया। गांधी सदन के बगल में डायट है। दूसरी ओर बुनियादी विद्यालय है। जिला पदाधिकारी राहुल कुमार ने गांधी सदन का अवलोकन किया। गांधी जी के आगमन से लेकर इस स्थल के इतिहास को लेकर जानकारी जुटाई।
सैलानियों के आकर्षण का केंद्र काझा कोठी की सुंदरता भी निखरेगी। जिलाधिकारी ने काझा कोठी जाकर मुआयना किया। करीब 30 एकड़ में फैले काझा कोठी के बीचोबीच पांच से दस एकड़ में बना तालाब भी है। पहले यहां बोटिंग होती थी। मगर कुछ वर्षों से यह बंद है। डीएम ने कहा कि काझा कोठी के विकास का प्लान तैयार किया जाएगा।
जिलाधिकारी राहुल कुमार ने कहा कि भूकंप की त्रासदी के बाद महात्मा गांधी 1934 में टीकापट्टी आये थे। उन्होंने गांधी सदन जाकर जानकारी जुटाई है। यह विरासत स्थल है। गांधी जी की यादों को यहां जीवंत करने की कोशिश होगी। उन्होंने लोगों से पूछा कि यहां मान्यूमेंट वगैरह था या नहीं। जमीन की कितनी उपलब्धता है। विकास की क्या जरूरत है। प्रशासनिक स्तर पर जल्द ही विरासती स्थल को संवारने की कवायद की जायेगी। वह रानीपतरा स्थित सर्वोदय आश्रम भी जल्द जाएंगे। उन्होंने कहा कि टीकापट्टी को प्रखंड बनाने की मांग भी लोगों के द्वारा लंबे समय से की जा रही है।
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8bc30788ec2b485bbc287e4bbf6fd453273f8c6b | शब्द "बदमाशी" - यह क्या है? अंग्रेजी से अनुवादित, इसका अर्थ है गुंडागर्दी। बुलिंग एक व्यक्ति पर बार-बार नकारात्मक मनोवैज्ञानिक दबाव है। यह न केवल स्कूलों में होता है, बल्कि काम पर भी होता है। नतीजतन, जिस व्यक्ति को नकारात्मक प्रभाव का निर्देशन किया जाता है, वह निरंतर तनाव का अनुभव करना शुरू कर देता है। और परिणामस्वरूप - मुझे अपने अध्ययन या कार्य के स्थान को बदलना होगा। स्कूल की बदमाशी अपनी क्रूरता, अकर्मण्यता के लिए उल्लेखनीय है। और इसे अलग से माना जाना चाहिए।
बाहरी रूप से, उभयलिंगी अनुचित रूप से प्रकट होता हैएक व्यक्ति (कर्मचारी, छात्र) के प्रति बर्खास्तगी और अभिमानी रवैया। उनकी पूरी पहल पर सवाल उठाए गए और उनका मजाक उड़ाया गया। साथ ही बयान और कोई कार्रवाई। यह सब जहरीली आलोचना के अंतर्गत आता है।
धमकाने वाला व्यक्ति कोशिश कर रहा हैयह साबित करें कि सामूहिक के लिए उनका बलिदान मूर्खतापूर्ण और बेकार है। वह खुले अपमान और अपमान और अपमान का सामना कर सकता है। हमलावर हमेशा एक सहयोगी नहीं होता है, वह पीड़ित का मुखिया हो सकता है।
मैनेजर की ओर सेप्रबंधन की गतिविधियों में संलग्न होने में उनकी अक्षमता और अक्षमता को दर्शाता है। हमला पेशेवर अक्षमता और हीनता को छुपाता है, जो उत्पीड़न की डिग्री से निर्धारित होता है। यदि एक साधारण कर्मचारी धमकाने में लगा हुआ है, तो यह किसी और के खर्च पर आत्म-पुष्टि है।
इस तरह के उत्पीड़न का विरोध करना बहुत मुश्किल है। सहकर्मी अक्सर तटस्थ स्थिति लेते हैं, और शायद ही कभी पीड़ित व्यक्ति के लिए हस्तक्षेप करना शुरू करते हैं, अन्य लोगों के संबंधों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते हैं। कभी-कभी कर्मचारी हमलावर का समर्थन करते हैं, उसकी बदमाशी में शामिल होते हैं। खासकर अगर बॉस बुलिंग में व्यस्त हो।
लोग तैरने क्यों जाते हैं?
बुलिंग एक सामाजिक घटना हैकिसी अन्य व्यक्ति पर आक्रमण को निर्देशित करके उनकी असंगतता को छिपाने में मदद करता है अपनी हीनता दिखाने का डर। इस प्रकार हमलावर अपनी कमजोरियों को छिपाने की कोशिश करता है। ज्यादातर अक्सर यह काम में अक्षम व्यक्ति होता है।
कभी-कभी अन्य कर्मचारी उससे जुड़ जाते हैं। इसका मतलब यह है कि उपरोक्त गुणों का हिस्सा उनमें मौजूद है। लेकिन अगर हमलावर - प्रमुख, फिर अपने कार्यों का समर्थन करना अपनी नौकरी खोने के डर का प्रकटन हो सकता है।
मानव-निर्देशित खुला नकारात्मकमनोवैज्ञानिक प्रेस, उत्पीड़न - यह बुलिंग है। यह समझना कि कोई व्यक्ति या लोगों का एक समूह ऐसा क्यों करता है जो खड़े होने का सही तरीका चुनने में मदद करेगा।
सबसे पहले, पीड़ित को इस के आगे नहीं झुकना चाहिए।दबाव, घबराहट - शांत रखने का प्रयास करना चाहिए। और धमकाने का कारण समझें। उनमें से बहुत कुछ हो सकता है - व्यक्तिगत शत्रुता, एक लंबे समय तक संघर्ष, एक पीड़ित का पद पाने की इच्छा आदि। इस पर निर्भर करते हुए, हमलावर के प्रति व्यवहार की रणनीति पर काम करने की कोशिश करें।
यदि आप इसे स्वयं नहीं कर सकते,आप मैनुअल को संदर्भित करने का प्रयास कर सकते हैं। दूसरे विभाग या शाखा में स्थानांतरण के लिए कहें। यदि इस तरह के कोई विकल्प नहीं हैं और हमलावर के हमलावर का विरोध करने के लिए कोई शक्ति नहीं बची है, तो नौकरी बदलना आसान है। आपकी नसें और स्वास्थ्य अधिक महत्वपूर्ण हैं।
बुलिंग - यह क्या है? दूसरे शब्दों में - एक व्यक्ति या लोगों के समूह के उद्देश्य से लगातार मनोवैज्ञानिक उत्पीड़न। आप बुलिंग का विरोध कर सकते हैं। मनोवैज्ञानिक इस समस्या के कई समाधान देते हैंः
- इस तरह से काम करना कि व्यावसायिकता को ठेस पहुँचाना असंभव हो;
- एक ही के साथ हमलावर का जवाब नहीं और स्टिंग टिप्पणी और अपमान का जवाब नहीं देने की कोशिश करें;
- रोने, एक खुले मौखिक संघर्ष, घोटालों और अशिष्टता के रूप में विघटन की अनुमति नहीं देने के लिए (यह केवल पीड़ित की नपुंसकता को दर्शाता है)
- समान विचारधारा वाले लोगों को ढूंढें (कुछ पहले इस तरह के उत्पीड़न के अधीन हो सकते हैं);
- उन सहयोगियों को खोजें, जिनके पास हमलावर के प्रति एंटीपैथी है, और उनके साथ एक आम भाषा खोजने की कोशिश करते हैं;
- प्रत्येक चरण और क्रिया की गणना करें।
बैल काम पर क्यों दिखाई देता है?
बुलिंग - यह क्या है? सरल शब्दों में - किसी व्यक्ति पर एक नकारात्मक मनोवैज्ञानिक प्रभाव, जिसके दौरान उसे खुले तौर पर अपमानित किया जाता है, अपमानित किया जाता है, आलोचना की जाती है और सब कुछ कास्टिक टोन में किया जाता है।
सबसे अधिक बार, रैंक्स रैंकों में होता हैकर्मचारियों को। यद्यपि यह कंपनी के व्यक्तिगत ग्राहकों को निर्देशित किया जा सकता है। प्रबंधक कभी-कभी अपनी स्थिति का दुरुपयोग करते हैं, और ऐसे मामले होते हैं जब उन्हें प्रबंधकों द्वारा भी समर्थन दिया जाता है।
शोध के अनुसार यह पाया गया किज्यादातर, बदमाशी के शिकार आज्ञाकारी, कमजोर और मामूली कार्यकर्ता होते हैं। ये गुण उन्हें सहयोगियों या वरिष्ठों को नापसंद करने का कारण बन सकते हैं। लेकिन मुखर और सफल कर्मचारियों को मनोवैज्ञानिक उत्पीड़न के अधीन किया जा सकता है, जिससे अन्य लोग ईर्ष्या करते हैं।
बदमाशी करने में सक्षम प्रमुख खराब हैंप्रबंधक जो उच्च पदों के लिए सक्षम नहीं हैं, क्योंकि वे नहीं जानते कि क्रोध का सामना कैसे करना है, संचार और सामाजिक कौशल नहीं है। इस तरह के मनोवैज्ञानिक उत्पीड़न के साथ वे बस अपनी शक्ति को बनाए रखना चाहते हैं। ऐसा करने के लिए, कर्मचारियों के अपमान और अपमान का तिरस्कार न करें।
काम की वजह से बुलिंग हो सकती हैअसुविधाजनक कार्यस्थलों, तंग कमरे, खराब उपकरण और काम करने की स्थिति। इन मामलों में उत्पादकता बढ़ाने के लिए कर्मचारियों पर दबाव टीम में ज्यादातर स्क्वैबल्स का कारण बनता है। और यह बदमाशी की अभिव्यक्ति की शुरुआत हो सकती है।
मनोवैज्ञानिकों ने अध्ययन किया हैजिसके परिणाम ने बदमाशी और व्यक्तित्व विकार के बीच एक संबंध स्थापित किया। कुल मिलाकर 11 प्रकार के मानसिक विकार हैं। इनमें से 3 सबसे अधिक बार अपराधियों के बीच नहीं, बल्कि संगठनों के प्रमुखों में पाए जाते हैंः
- थियेट्रिकल डिसऑर्डर - इनसाइनरिटी, मैनिपुलेशन, इगोरोस्ट्रिज्म और ध्यान की बढ़ी हुई आवश्यकता की विशेषता है;
- narcissistic - भव्यता के भ्रम से प्रतिष्ठित, सहानुभूति और समझ की कमी, अन्य लोगों पर श्रेष्ठता;
- जुनूनी-बाध्यकारी - पूर्णतावाद, हठ, तानाशाही, क्रूरता और काम के प्रति अत्यधिक समर्पण की विशेषता।
बदमाशी के कई प्रमुख रूप हैं। वे आक्रामक, अनुचित, निरंतर और अत्यधिक दृढ़ता के साथ दिखाई देते हैं। काम पर, बदमाशी के रूप में हो सकता हैः
- कर्मचारियों की थकावट (आदर्श से ऊपर का काम);
- ब्लैकमेल, डराना;
- किसी और की सफलता के लिए विनियोग करना;
- काम के लिए आवश्यक जानकारी (या इसकी अविश्वसनीयता) को छिपाना;
- टीम के बाकी कर्मचारियों से अलगाव;
- अच्छे काम की गैर-मान्यता;
- पिछले कर्मचारी गलतियों के निरंतर अनुस्मारक।
बुलिंग एक लंबी आक्रामक हैदूसरे व्यक्ति पर मनोवैज्ञानिक (कम शारीरिक) दबाव। यह सामान्य रूप से टीम के काम और विशेष रूप से लक्षित कर्मचारी के कार्य की गुणवत्ता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। उसके लिए नकारात्मक परिणामों में से एक तनाव होगा। किसी व्यक्ति को धमकाने की मदद से कभी-कभी आत्महत्या के लिए प्रेरित किया जाता है।
गवाहों के उत्पीड़न नकारात्मकता की उनकी खुराक प्राप्त करते हैं। काम पर स्थिति तनावपूर्ण हो जाती है, और वे दूसरी जगह जाने की कोशिश करते हैं। नतीजतन, संगठन उच्च योग्य कर्मचारियों को खो सकता है। कार्मिक टर्नओवर, मुकदमे, अनुपस्थिति, काम में गलतियाँ, आदि दिखाई देते हैं।
स्कूल बदमाशी - यह घटना क्या है? दूसरे शब्दों में, एक बच्चे का आक्रामक मनोवैज्ञानिक और शारीरिक उत्पीड़न दूसरे द्वारा (या व्यक्तियों का एक समूह)। मूल रूप से, यह घटना 11 साल से दिखाई देने लगती है। अक्सर न केवल मनोवैज्ञानिक दबाव होता है, बल्कि पिटाई भी होती है। गपशप, नाम-पुकार और चुभने वाले चुटकुले को भीड़ कहते हैं।
रूस में लगभग 50% बच्चे वस्तु बन जाते हैं।बदमाशी। प्राथमिक ग्रेड में, यह खुद को एक स्कूल रैकेट के रूप में प्रकट कर सकता है (सेल फोन, पैसे आदि के शिकार से वंचित)। 11 से 15 वर्ष की आयु में, उपहास, अपमान, बहिष्कार का दंश शुरू हो जाता है। नतीजतन, बच्चा पीड़ित निराशा, अकेलेपन और दर्द की भावना का अनुभव करता है।
बुलिंग हमेशा एक बच्चे को शुरू करता है। फिर अन्य लोग इसमें शामिल होते हैं। यदि पीड़ित विरोध नहीं करता है और शिक्षक उत्पीड़न को रोकने की कोशिश नहीं करता है, तो पीड़ित बच्चे के लिए कोई भी हस्तक्षेप नहीं करेगा। कभी-कभी उसके प्रति सहानुभूति उदासीनता और जलन में बदल जाती है।
ऐसे स्कूलों में जहां मानव गरिमा की शिक्षा पर जोर दिया जाता है, बदमाशी दुर्लभ है। शैक्षिक संस्थानों के विपरीत, जहां सब कुछ संयोग से निर्धारित होता है।
बुलिंग को भी मजबूत किया जा सकता है।स्कूली बच्चे, अगर उन पर सहपाठियों या अन्य बच्चों के समूह द्वारा दबाव डाला जाता है। अक्सर, पीड़ित खुद अनजाने में हमलावरों को उकसाते हैं। उदाहरण के लिए, उनकी अशिष्ट उपस्थिति, अतिसंवेदनशीलता और भेद्यता, यह शिक्षकों का पसंदीदा भी हो सकता है। बच्चों के साथ-साथ अपने सहपाठियों से अलग तरह से।
बुलिंग - यह क्या है और यह खुद को कैसे प्रकट करता है? इस शब्द को लंबे समय तक आक्रामकता के रूप में वर्णित किया जा सकता है,किसी अन्य व्यक्ति के उद्देश्य से। स्कूली बच्चे जिनके माता-पिता या वयस्कों का कोई सम्मान नहीं है, वे बछड़े बन जाते हैं। ऐसे आक्रामक बच्चों में अक्सर ध्यान और समझ की कमी होती है। अपने कार्यों से, वे उन्हें नोटिस करने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ माता-पिता के प्यार के लिए तरसते हैं, जो अन्य बच्चों पर नहीं है।
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03abc1b29d9d65e18ec005fb2aea6e83a84d3204 | Lakhimpur Kheri Case: सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार (19 जनवरी) को लखीमपुर खीरी केस के आरोपी और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay MishrTeni) के बेटे आशीष मिश्रा 'मोनू' (Ashish Mishra) की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया। जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच ने महत्वपूर्ण टिप्पणी की और कहा 'केस के ट्रायल में 5 साल का वक्त लग सकता है, ऐसे में अभियुक्त को अनिश्चित काल के लिए कैद में नहीं रखा जा सकता है। किसी को अनिश्चितकालीन कारावास नहीं होना चाहिए...'।
सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी पर पीड़ितों की तरफ से पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे (Dushyant Dave) ने कहा कि यही तर्क सभी अभियुक्तों पर लागू होना चाहिए, जिनमें साल 2020 के दिल्ली दंगों के जेल में बंद आरोपी भी शामिल हैं। दवे ने कहा कि कानून तो सबके लिए बराबर होना चाहिए, दिल्ली दंगों के अभियुक्त तो अभी भी जेल में सड़ रहे हैं।
'बार एंड बेंच' की एक रिपोर्ट के मुताबिक आशीष मिश्रा (मोनू) की पैरवी कर रहे सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी (Mukul Rohatgi) ने कहा कि घटना के वक्त मिश्रा कार में मौजूद नहीं थे। कॉल रिकॉर्ड से पता लगा था कि हादसे के वक्त आशीष मिश्रा घटनास्थल से 4 किलोमीटर दूर थे। यह कोई मर्डर का केस नहीं है, बल्कि ऐसा मामला है जब भीड़ हिंसक हो गई और कुछ लोगों की हत्या कर दी। हमारे भी लोग मारे गए और कुछ किसानों की भी जान गई। न तो गोली चली है न ही गोली से घाव के निशान मिले हैं।
मुकुल रोहतगी (Mukul Rohatgi) ने तर्क दिया कि आशीष मिश्रा का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। वे 1 साल से ज्यादा समय से हिरासत में हैं। ट्रायल कोर्ट में हमारे खिलाफ कुल 208 गवाह हैं और अगर प्राथमिकता पर सुनवाई नहीं लगी तो 5 साल लग सकते हैं। रोहतगी ने कहा कि एक एफआईआर में 200 और एक में 198 गवाह हैं। इस तरह तो 400 गवाहों से पूछताछ में 7-8 साल का वक्त लग जाएगा।
SC ने यूपी सरकार से पूछा- क्या सबूतों से छेड़छाड़ की?
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश एडिशनल एडवोकेट जनरल (AAG) गरिमा प्रसाद से पूछा कि क्या आशीष मिश्रा ने सबूतों से छेड़छाड़ का प्रयास किया? इस पर गरिमा प्रसाद ने कहा कि नहीं ऐसा तो अभी तक नहीं हुआ है। कोर्ट ने पूछा कि फिर आपकी क्या राय है? इस पर गरिमा प्रसाद ने कहा कि ये बहुत गंभीर अपराध है और सोसाइटी पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा...।
उधर, पीड़ितों की तरफ से पेश सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे (Dushyant Dave) ने कहा कि अगर आशीष मिश्रा को जमानत मिलती है तो इससे बहुत बुरा संदेश जाएगा। हमें नहीं ध्यान आ रहा है कि अभी तक किसी अन्य मर्डर का ट्रायल 5 साल से पहले पूरा हुआ हो। उनकी इस टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 'आप ऐसा नहीं कह सकते हैं कि कोर्ट चुपचाप देखता है और यह भी नहीं कर सकते हैं कि अभी तक अगर कोई काम नहीं हुआ है तो इसका मतलब सुप्रीम कोर्ट के पास ताकत नहीं है...'।
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f26a6503b474a93820420f2ee0a0be31664432a3 | दिल्ली ने बंगाल को पारी और 26 रन से रौंदकर रणजी ट्रॉफी के फाइनल में प्रवेश कर लिया।
पुणे। दिल्ली ने बंगाल को पारी और 26 रन से रौंदकर रणजी ट्रॉफी के फाइनल में प्रवेश कर लिया। पहली पारी में 112 रन की महत्वपूर्ण बढ़त लेने के बाद दिल्ली के तेज गेंदबाज नवदीप सैनी और कुलवंत खेजरोलिया ने चार-चार विकेट बांटकर बंगाल को दूसरी पारी में 86 रन पर ढेर कर दिया।
बंगाल ने दूसरी पारी में बहुत खराब शुरुआत की और पहले पांच विकेट 44 रनों के अंदर ही गंवा दिए। उपकप्तान सुदीप चटर्जी (21), कप्तान मनोज तिवारी (14) और विकेटकीपर श्रीवत्स गोस्वामी (17) अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में तब्दील नहीं कर सके। सलामी बल्लेबाज अभिषेक रमन (00) तीसरे ओवर की आखिरी गेंद पर तेज गेंदबाज विकास टोकस (1/11) का शिकार बने। इसके बाद अभिमन्यु ईश्वरन (13) और सुदीप ने दूसरे विकेट के लिए 27 रनों की छोटी साझेदारी की, लेकिन खेजरोलिया (4/40) ने ईश्वरन को आउट करके इस साझेदारी को भी तोड़ दिया। इसके बाद चटर्जी को नवदीप सैनी (4/35) ने बोल्ड कर दिया। दिल्ली ने लगातार विकेट चटकाकर बंगाल को आखिरकार 86 रनों पर ढेर कर दिया।
इससे पहले दिल्ली ने दूसरे दिन के स्कोर 271 पर तीन से आगे खेलना शुरू किया और मुहम्मद शमी के छह विकेट की बदौलत 398 रनों पर ऑलआउट हो गई। कुणाल चंदेला और गौतम गंभीर के शतक के बाद तीसरे दिन हिम्मत सिंह ने भी 60 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली। दिल्ली पहली पारी में 112 रनों की महत्वपूर्ण बढ़त लेने में कामयाब रही थी। दिल्ली का अब फाइनल में सामना कर्नाटक और विदर्भ के बीच चल रहे सेमीफाइनल मुकाबले के विजेता से होगा।
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caf45ee9d5772f3044897907eb7cb8b973b87218e79f7d466dba66d4489ac457 | खोद कर बहुत सी गुफाएँ प्राचीनकाल में बनाई गई थी, जो दूर से देखने पर मधुमक्षिकाओं के छत्ते-सी मालूम देती हैं। इन गुहाओं या गुहाविहारों का निर्माण चौथी सदी के मध्य भाग में शुरू हो गया था। पर पांचवीं सदी में चीन के वेई वंश के राजाओं ने बौद्ध धर्म तथा कला का विकास करने में विशेष उत्साह प्रदर्शित किया, और उनके द्वारा तुह्वांग मे भी बहुत से गुहाविहार तैयार कराए गए। ताग वंश के शक्तिशाली सम्राटो के शासन काल में भी अनेक नये गुहा-विहार बनवाए गए, और यह प्रक्रिया दशवी सदी तक जारी रही। चीनी भाषा मे लिखे हुए कितने ही अभिलेख तुङ्हांग् मे मिले हैं, जिनसे इन गुहाविहारो के निर्माण के इतिहास पर अच्छा प्रकाश पड़ता है । इनमे सबसे पुराना अभिलेख ६९८ ईस्वी का है, जिससे यह ज्ञात होता है कि लोचन नाम का भिक्षु कितने ही जगलों तथा मैदानो को पारकर ३६६ ईस्वी में इस स्थान पर आया था। यहाँ पहाड़ी पर उसे एक प्रकाश दृष्टिगोचर हुभा जिसमे हजारों बुद्ध दिखायी दे रहे थे । लो-चुन ने यहाँ एक गुहा-विहार का निर्माण कराया। बाद में फा-लियान नाम का एक अन्य बौद्ध आचार्य पूर्व की ओर से इस स्थान पर आया, और इसने लो-चुन की गुहा के समीप एक अन्य गुहा - विहार का निर्माण कराया। इस प्रकार गुहा- बिहारो की उस शृंखला का निर्माण प्रारम्भ हो गया, जो सहस्र-बुद्ध-गुहा - विहार के नाम से प्रसिद्ध हैं । लो-चुन और फालियान के अनुकरण में तुड़वा के स्थानीय शासको, प्रान्तीय शासको और उस नगरी के समृद्ध नागरिको ने भी बहुत सी गुहाओ का निर्माण कराया और यह सिलसिला छ. सदियों तक चलता रहा । ७७५ ईस्वी से चौदहवी सदी के मध्य तक के अन्य भी अनेक अभिलेख मिले हैं जिनमे इस सहस्र - बुद्ध - गुहा - विहार के निमित्त किए गए दान, गुहा-विहार की मरम्मत व पुननिर्माण प्रादि का उल्लेख है । ये पुण्य कार्य जिन व्यक्तियों द्वारा किए गए, उनके नाम भी इन अभिलेखो में दिए गए हैं। इनमे मगोलो का एक राजकुमार भी है ।
तुड्ग के दक्षिण-पश्चिम मे पहाडी को काट-काट कर या खोद-खोद कर जिन गुहा- विहारो का निर्माण किया गया है, उनके दो समुदाय हैं। इनमें दक्षिण वाला गुहा समुदाय मुख्य है। ये गुहा-बिहार पहाडी की ढलान पर एक हजार गज के लगभग तक फैले हुए हैं। पहाडी की लम्बाई पर लगातार गुहाएँ खुदी हुई है, जिनमे से कुछ ऊँचाई पर हैं और कुछ निचली ओोर हैं। ये गुहाएँ एक के बाद एक करके खोदी गई हैं, जिससे ये एक के ऊपर एक लटकी-सी दिखाई देती हैं। गुहा -विहारों के ऊपरी खण्ड पर पहुंचने के लिए लकडी की सीढ़ियाँ बनाई गई थी, जो अब टूट चुकी हैं । गुहा- विहार छोटे-बडे सब भाकारो के हैं। एक गुहा- बिहार की भीतरी गुहा मे ४५ फीट लम्बी चौकोर शाला है, जिसे ठोस चट्टान को काटकर बनाया गया है। इस शाला के बीच में बुद्ध की एक विशाल मूर्ति है, जिसके दोनो पार्श्वों मे विविध देवताओ तथा बोधिसत्त्वों की मूर्तियाँ हैं। मूर्तियों के पीछे की ओर कुछ जगह प्रदक्षिणा के लिए छोड दी गई है। शाला की दीवारों पर बहुत से भित्तिचित्र बने हुए है। चित्र बहुत सुन्दर हैं, और सुरक्षित दशा में हैं । प्राय सभी गुहा- बिहार इसी ढंग के हैं। उनमें बोधिसत्त्वों तथा देवताओं की मूर्तियाँ स्थापित हैं, और उनकी दीवारो पर सुन्दर
भित्तिचित्र बने हैं । तुझ्ह्वांगू की जलवायु प्रत्यन्त शुष्क है। अतः नमी (आर्द्रता) का इन गुहाविहरों के भित्तिचित्रों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा । ये गुहा-विहार तथा उनके भित्तिचित्र प्रायः उसी काल के हैं, जबकि अजन्ता के गुहामन्दिरों का निर्माण हुमा था। पर तुङ्वांग की ये कलाकृतियां अधिक सुरक्षित दशा में हैं। इसीलिए इनके द्वारा यह भलीभांति अध्ययन किया जा सकता है, कि चीन के इस पश्चिमी प्रदेश में कला का विकास किस प्रकार हुआ था ।
तुङ्-ह्वांग की कला-कृतियो (मूर्तियों तथा भित्तिचित्रो) को दो वर्गों में बाँटा जा सकता है - (१) जिसका सम्बन्ध बुद्ध, बोधिसत्वों, प्रहंतो और देवताओं के साथ है, और (२) जिनमें सांसारिक जीवन का चित्रण किया गया है। यहाँ की सबसे पुरानी कलाकृतियो पर ग्रीस से प्रभावित गान्धार कला का स्पष्ट प्रभाव दिखाई देता है । पर बाद में जब भारत और चीन का सम्बन्ध बहुत बढ़ गया और चीनी यात्री बडी संख्या में भारत आने लगे, तो उनका गुप्त युग की भारतीय कला से भी परिचय हुआ । सातवी सदी से दसवी सदी तक जो बहुत-से चीनी यात्री भारत आये, वे केवल बौद्ध ग्रन्थो को ही अपने साथ चीन नही ले गए, अपितु बहुत-सी मूर्तियाँ तथा चित्रों की अनुकृतियाँ भी वे अपने साथ ले गए। यह स्वाभाविक था कि भारत की इन कलाकृतियों की शैली का चीन की बौद्ध कला पर प्रभाव पडे । तुङ्-ह्वांग के गुहाविहारो की मूर्तियो तथा भित्तिचित्रो पर यह प्रभाव स्पष्ट रूप से विद्यमान है। वहाँ बुद्ध, बोधिसत्त्वो तथा देवताओं की जो मूर्तियाँ व भित्तिचित्र हैं, वे प्रायः भारतीय शैली मे ही हैं । पर जिन चित्रो मे सांसारिक जीवन चित्रित किया गया है, वे चीनी शैली के हैं। तुङ्-ह्वाग् की कलाकृतियों मे केवल चीनी और भारतीय शैलियाँ हो नहीं हैं, उन पर अन्य देशो का प्रभाव भी विद्यमान है। इस स्थान की भौगोलिक स्थिति ऐसी थी, कि वहाँ पश्चिम की ओर से चीन जाने वाले विविध मार्ग परस्पर मिल जाते थे । प्रतः स्वाभाविक रूप से ईरान, बल्ख, सुग्ध, खोतन, कुची, मंगोलिया प्रादि के विविध व्यापारी व यात्री वहाँ आते जाते थे और उन्हें वहां परस्पर मिलने तथा एक-दूसरे को प्रभावित करने का अवसर मिला करता था। इसी कारण तुङ्-ह्वाग् की कला-कृतियो पर ईरान आादि का प्रभाव भी दिखाई देता है।
तुङ्-ह्लागू के गुहाविहारों में विद्यमान मूर्तियों का सम्बन्ध प्राय. बौद्ध धर्म के महायान सम्प्रदाय के साथ है । यहाँ की बहुसंख्यक मूर्तियाँ आकार में सामान्य पुरुषो के बराबर हैं, पर दो मूर्तियाँ अत्यन्त विशाल भी है। एक की ऊंचाई तो १० फीट है। बहुत-सी मूर्तियाँ पहले सुवर्ण के रंग में रँगी हुई थी, पर यह रंग अब बहुत कम स्थानों पर ही शेष बचा है। समय के साथ-साथ बहुत-सी मूर्तियाँ खराब भी हो गई हैं, और कुछ तो मनुष्यों की पशुता की भी शिकार हुई हैं। गुहाविहारों की दीवारों पर जो भित्तिचित्र बनाए गए थे, वे अभी पर्याप्त रूप से सुरक्षित दशा में हैं, और उनके रंग भी अधिक खराब नहीं हुए हैं। इन भित्तिचित्रों में जहाँ बुद्ध, बोधिसत्त्व, अर्हत तथा देवता बनाए गए हैं, वहीं साथ ही सज्जा के लिए बीच-बीच में पत्र पुष्प भी चित्रित किए गए हैं, जो अत्यन्त सुन्दर तथा कलात्मक हैं । अनेक जातक कथाओं को भी | pdf |
1faf16e37c34c4d2773eb563c148a061068c0275 | सम्मेलन में दोनों नेता अपनी पार्टियों का नज़िरया रखने के साथ ही राजस्थान के विकास पर वहां रह रहे राजस्थान मूल के लोगों से चर्चा करेंगे.
जयपुर. ग्लोबल इंडिया इनिशिएटिव-जीआईआई और एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (Global India Initiative-GII and Association of Rajasthan) की ओर से गुरुवार को लंदन (London) में आयोजित होने वाले 'प्रवासी राजस्थानी सम्मेलन' (Pravasi Rajasthani Sammelan) में पीसीसी चीफ एवं डिप्टी सीएम सचिन पायलट (PCC Chief and Deputy CM Sachin Pilot) और बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया (BJP state president Satish Poonia) शिरकत करेंगे. लंबे समय बाद यह ऐसा आयोजन होगा जिसमें दोनों प्रमुख पार्टियों के प्रदेश अध्यक्ष एक साथ मंच साझा (Platform sharing) करेंगे. न्यूज 18 राजस्थान के मीडिया पार्टनरशिप में होने वाले इस आयोजन के लिए दोनों नेता वहां पहुंच चुके हैं. दोनों नेताओं का एसोसिएशन के अधिकारियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया.
प्रवासी राजस्थानी सम्मेलन में दोनों नेता अपनी पार्टियों का नज़िरया रखने के साथ ही राजस्थान के विकास पर वहां रह रहे राजस्थान मूल के लोगों से चर्चा करेंगे. इस आयोजन में सहभागिता समेत अन्य कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया 10 दिसंबर तक यूके की यात्रा पर रहेंगे.
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थलापति विजय की 'लियो' होगी आखिरी फिल्म? नई पारी से पहले ले रहे हैं ब्रेक! तमिलनाडु की पदयात्रा का क्यों है प्लान?
कितने प्रतिशत होने पर फोन की बैटरी को करना चाहिए चार्ज? कब कर देना होता है बंद? 99 फीसदी लोग नहीं जानते सही जवाब!
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d12962b9bc4d9808da004630c45d59d04773ada1 | केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मंगलवार को पश्चिम बंगाल में तीन पब्लिक मीटिंग और एक रोड शो करने पहुंचे। बता दें कि पश्चिम बंगाल में जारी चुनावी घमासान का आधा दौर निकल चुका है। यहां 8 चरणों में चुनाव प्रक्रिया होना है। पांचवें चरण में 45 सीटों पर 17 अप्रैल को, छठे चरण में 43 सीटों पर 22 अप्रैल को, सातवें चरण में 36 सीटों पर 26 अप्रैल को और आठवें चरण में 35 सीटों पर 29 अप्रैल को वोटिंग होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को रायसीना डायलॉग के 6th संस्करण का उद्घाटन करेंगे। यह संवाद 13 से 16 अप्रैल तक आयोजित किया जाएगा। हर साल होने वाले इस संवाद में भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र पर विभिन्न देश सलाह-मश्वरा करते हैं। इस बार कोरोना महामारी से निपटने लोग अपने सुझाव देंगे।
भारत में दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन कैम्पेन चल रहा है। जनसंख्या के लिहाज से यह एक बड़ी चुनौती है। बावजूद भारत ने 85 दिनों में 10 करोड़ डोज देकर एक दुनिया के सभी देशों को पीछे छोड़ दिया है। भारत इस आंकड़े को 10 अप्रैल को क्रॉस कर चुका है। यानी भारत सबसे कम समय में इतने डोज लगाने वाला देश बन गया है। भारत ने इस मामले में अमेरिका को भी पीछे छोड़ दिया। अमेरिका को इतने डोज लगाने में 89 दिन, जबकि चीन को 106 दिन लगे थे।
जलियावाला बाग हत्याकांड। इतिहास के पन्नों के वो 10 मिनट जहां से शुरूआत हुई ब्रिटिश साम्राज्य के अंत की। उस दिन बैसाखी थी, मेला लगा था लोग चहक रहे थे, खुश थे। तभी ब्रिटिश आर्मी का ब्रिगेडियर जनरल रेजिनैल्ड डायर 90 सैनिकों को लेकर जलियांवाल बाग पहुंचा और बिना किसी चेतावनी के निहत्थे हिंदुस्तानियों पर गोलियां बरसाना शरू कर दिया। जानिए 13 अप्रैल 1919 के दिन हुए इस नरसंहार की 10 बातें।
कोरोना संक्रमण को रोकने विभिन्न राज्यों में कड़ी सख्ती के चलते पिछले 24 घंटे में केस घटे हैं। हालांकि यह आंकड़ा अब भी डेढ़ लाख के पार है। पिछले 24 घंटे में देश में +1,61,736 नए केस मिले हैं, जबकि इससे एक दिन पहले +1,69,914 नए केस सामने आए थे। महाराष्ट्र में भी नए केस कम हुए हैं। यहां +51,751 नए केस मिले हैं, जबकि इससे एक दिन पहले +63,294 नए केस मिले थे। यूपी में भी केस घटे हैं। लेकिन मध्य प्रदेश, गुजरात और दिल्ली में केस बढ़े हैं। इस बीच ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने स्पुतनिक-V वैक्सीन (रूस में विकसित COVID-19 वैक्सीन) के आपातकालीन उपयोग को मंजूरी दे दी है।
जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में सोमवार को एक मिनी बस के खाई में जाकर नदी में गिरने से 6 लोगों की मौत हो गई, जबकि 4 लोग घायल हुए हैं। हादसा किश्तवाड़ नेशनल हाइवे पर ठाठरी गंदो लिंक मार्ग पर हुआ। हादसे में घायलों की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है। इनका जम्मू के सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है। बताया जाता है कि ड्राइवर ने स्टीयरिंग से कंट्रोल खो दिया था।
कोलकाता को भारत की सांस्कृतिक राजधानी माना जाता है। भारत में साहित्य, आध्यात्मिकता, संगीत और सिनेमा की बहुत सी विभूतियां यहां से निकली है। जानकार बताते हैं कि कोलकाता में शुरू हुई बंगाली पुनर्जागरण काल से ही इस शहर में शानदार बदलाव हुए हैं। सती प्रथा के उन्मूलन जैसे सामाजिक सुधारों की बात हो या विधवा पुनर्विवाह को वैध बनाने का अभियान, कोलकाता महिला सशक्तिकरण के लिए उठाए गए इन कदमों का गवाह रहा है। देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाली भारतीय राष्ट्रीय सेना का गठन के अलावा यह क्षेत्र कई महत्वपूर्ण आंदोलनों का नेतृत्व किया।
भारत निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पर कार्रवाई करते हुए 24 घंटे का प्रतिबंध लगा दिया है।
सुशील चंद्रा को निर्वाचन आयोग का मुख्य चुनाव आयुक्त बनाया गया है। चंद्रा वर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा की जगह लेंगे।
भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर जारी विवाद अभी पूरी तरह से थमा नहीं है। ऐसे में भारतीय सुरक्षा एजेंसी पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर तैनात चीनी सेना की जमीन से हवा पर मार करने वाली मिसाइलों पर पूरी नजर बनाए हुए हैं।
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ff4bd7015a01c6d91f20e84c690e0085a58bedb8 | रेलवे ने यात्रियो से अपील की है कि सोमवार तक ट्रेनों का संचालन पूरी तरह से पटरी पर आएगा। इसलिए इस दौरान किसी को यात्रा करनी हो तो रेलवे के एप से ट्रेनों की लोकेशन पता कर घर से निकलें।
कानुपर के रूरा-अंबियापुर के बीच शुक्रवार सुबह चार बजे मालगाड़ी के 24 डिब्बों के बेपटरी होने से 27 घंटे बंद रहा कानपुर-दिल्ली रेलमार्ग का असर अभी तक ट्रेनों पर पड़ रहा है। रविवार को भी कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर श्रमशक्ति एक्सप्रेस समेत 87 ट्रेनें देरी से आईं और गईं।
ट्रेनें सात घंटे तक लेट रहीं। चार हजार से अधिक यात्रियों ने अपनी यात्रा रद कर टिकट निरस्त करा दिए। जबकि करीब 1100 यात्रियों को दूसरी ट्रेनों से वैकल्पिक यात्रा की सुविधा का लाभ उठाया। रेलवे ने यात्रियो से अपील की है कि सोमवार तक ट्रेनों का संचालन पूरी तरह से पटरी पर आएगा।
इसलिए इस दौरान किसी को यात्रा करनी हो तो रेलवे के एप से ट्रेनों की लोकेशन पता कर घर से निकलें। टोल फ्री नंबर 139 पर भी कॉल कर जानकारी हासिल की जा सकती है। रविवार को 02819 उड़ीसा संपर्क क्रांति, 01819-1820 बीना एक्सप्रेस, 01811-01812 झांसी इंटरसिटी, 04191-04192 कानपुर सेंट्रल फफूंद इंटरसिटी और 04187-04188 कानपुर टूंडला मेमू एक्सप्रेस ट्रेनें अपने मूल स्टेशनों से नहीं चलेंगी।
इसमें से कुछ ट्रेनें तो सोमवार को कानपुर सेंट्रल आकर जाएंगी। इसके अलावा 02825 भुवनेश्वर नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस सोमवार को चार घंटे विलंब से आकर दिल्ली जाएगी। इसकी वजह यह है कि यह ट्रेन रविवार को भुवनेश्वर से सुबह 10. 35 के स्थान पर दोपहर दो बजे चलेगी। रेलवे अफसरों का कहना है कि सब कुछ ठीकठाक रहा तो सोमवार की रात तक लेट चल रही ट्रेनें समय पर चलने लगेंगी।
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7be353604935302f71c49421fed03f2ce130698a | फरीदाबाद। कोरोना की धीमी पडती रफ्तार और होम आइसोलेशन के मरीजों को घर पर आक्सीजन की आपूर्ति के बाद कोविड केयर सेंटर खाली होने लगे हैं। वहां करीब दस फीसदी ही मरीज भर्ती हैं, इनमें भी ऐसे कोविड सेंटर शामिल हैं, जहां जिला प्रशासन की तरफ से कोविड के मरीज को मुफ्त सुविधा दी जा रही है, जबकि जहां पर भर्ती मरीज से पैसे लिए जा रहे हैं, ऐसे कोविड सेंटरों लगभग खाली हो गए हैं। रेडक्रास सोसायटी के सचिव विकास का कहना है कि अब 90 फीसदी बेड खाली हैं।
होम आइसोलेशन के मरीजों को घर पर आक्सीजन और किट की आपूर्ति शुरू होने के बाद लोगों ने राहत की सांस लेनी शुरू की है। विशेष बात यह है कि यह मुफ्त सुविधा है। जिला प्रशासन की तरफ 1650 मरीजों को घर पर ही आक्सीजन की आपूर्ति शनिवार तक की जा चुकी है और करीब 2450 लोगों ने आक्सीजन के लिए आवेदन किया। इनमें काफी ऐसे लोग हैं, जिन्होंने सरकार की तरफ से तय प्रारूप के हिसाब से जानकारी प्रशासन को नहीं दी। इसकी वजह से उनके फार्म रदद कर दिए गए। जिला रेडक्रास सोसायटी के सचिव विकास का कहना है कि जैसे-जैसे कोरोना अब कमजोर पडता जा रहा है, वैसे-वैसे आक्सीजन की मांग कम होती जा रही है।
जिला रेडक्रास सोसायटी की तरफ से सेक्टर-14 के नशा मुक्ति केंद्र को कोविड केयर सेंटर में तब्दील किया गया। इसमें 75 बेड की व्यवस्था की गई। लेकिन यहां करीब दस लोग ही फिलहाल दाखिल हैं। इसके अलावा ग्रेटर फरीदाबाद में एक बिल्डर की तरफ से पचास बेड का कोविड केयर सेंटर बनाया गया। जिला रेडक्रास सोसायटी के सचिव का कहना है कि वहां अभी एक भी मरीज नहीं है। उन्होंने बताया कि ग्रेटर फरीदाबाद में दो सो बेड और एक शिक्षण संस्थान ने सौ बेड का कोविड सेंटर बनाया था, लेकिन अब हालात नियंत्रित होने की वजह से वहां भी मरीजों की संख्या ना के बराबर है।
जिला मजिस्ट्रेट एवं जिला आपदा प्रबंधन अथॉरिटी के चेयरमैन यशपाल ने शनिवार को जिला में कोविड-19 पीडित मरीजों के लिए बेहतर ढंग से ऑक्सीजन सप्लाई व उसके बेहतर उपयोग की निगरानी के लिए अधिकारियों की एक ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी का गठन किया है। कमेटी में अतिरिक्त उपायुक्त सतबीर मान को चेयरमैन नियुक्त किया गया है। इसके अलावा डिप्टी सीएमओ डॉक्टर गजराज, एनीस्थिटिस्ट महेश भाटी व एक्सईएन पीडब्ल्यूडी प्रदीप संधू को सदस्य नियुक्त किया गया है। यह कमेटी प्रत्येक सप्ताह जिला में ऑक्सीजन सप्लाई व जरूरत से संबंधित रिपोर्ट उपायुक्त व फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग को प्रस्तुत करेगी।
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9a331c0291dbc75bac071767046c786006f10371 | PATNA : भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं बिहार भाजपा प्रवक्ता डॉ. निखिल आनंद ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा प्रेस से बात करते समय बिहार के लोकप्रिय नेता दिवंगत रामविलास पासवान जी के खिलाफ हल्की भाषा का प्रयोग करने के लिए आड़े हाथों लेते हुए माफी की मांग की है। निखिल आनंद ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चिराग पासवान के खिलाफ टिप्पणी करने के दौरान बड़े ही शातिराना तरीके से उनके पिता रामविलास पासवान जी का चरित्रहनन करने की भी कोशिश की।
निखिल आनंद ने कहा कि आदरणीय रामविलास पासवान जी की जिंदगी एक खुली किताब की तरह है और नीतीशजी की तरह वे कतई भी छुप्पा- चुप्पा- काईयां किस्म के आदमी नहीं थे। रामविलासजी पहली बार 1967 में सदन पहुंचे और नीतीशजी तो 1985 में पहली बार सदन में पहुंचे। फिर किस शुरुआती दौर में नीतीश जी ने रामविलास जी की मदद करने का दावा कर एहसान जताने की बात कर रहे हैं।
निखिल ने कहा कि आश्चर्य होता है कि नीतीश कुमार जी खुद तेजस्वी के पिठईयां चढ़कर चिराग पासवान को बच्चा बता रहे हैं। रामविलास जी कभी भी नीतीश जी की तरह मजबूर नेता नहीं रहे और बड़े कद के मजबूत कद्दावर नेता थे। इस लिहाज से रामविलास जी के राजनीतिक कद के आगे नीतीश जी औने- पौने- बौने हैं। दुर्भाग्य यह है कि सबके पिठईयां-कन्हईया चढ़कर खुद को ऊंचा देखने या फिर दूसरों की गोद में बैठ खुद को सुरक्षित समझने वाले नीतीशजी मुगालते में ऐसी घटिया बयानबाजी पर उतर आए हैं।
निखिल आनंद कहा कि बिहार के एक लोकप्रिय जननेता रहे शख्सियत के खिलाफ हल्की टिप्पणी कर चरित्र हनन की कोशिश के लिए नीतीश कुमार जी अविलंब रामविलासजी के परिवार, प्रशंसकों और समर्थकों से सार्वजनिक माफी मांगें।
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d402446616c6e206ab7e44777179ea6595ccb026ea91d440ba044872111df25e | सत्यजित् ने तीसरा धनुष उठाया ही था कि अर्जुन ने उसकी प्रत्यंचा भी काट दी । भीम ने अपनी गदा उठाई और एक क्षण का भी विलंब होता तो सत्यजित् के रथ के घोड़ों में से एक अवश्य ही मार दिया होता । सत्यजित् का सारथि, भीम की गदा से अधिक गतिशील निकला । उसने रथ मोड़ा और उसे सुरक्षित निकालकर अपनी सेना में जा छिपा
द्रुपद ने देखा, अब पांडवों को रोकने वाला कोई नहीं था । निश्चित रूप से उन्हें इस प्रकार निर्विरोध रूप से आगे बढ़ने नहीं दिया जा सकता था; अन्यथा वे सारे कांपिल्य को अपने पैरों तले रौंद सकते थे । द्रुपद के मन में, इन भाइयों के लिए प्रशंसा का भाव जागा : कहाँ वे दुर्योधन, कर्ण, शकुनि, दुःशासन और विकर्ण अपनी समस्त सेना के साथ भीत मूषिक के समान भाग गए थे; और कहाँ ये चार भाई मात्र अपने बल, वीरता और रण-कौशल पर, पांचालों के काल बने हुए हैं। किंतु यह सराहना का समय नहीं था, अन्यथा सारी पांचाल सेना ध्वस्त हो जाएगी.
द्रुपद ने अपना रथ लाकर अर्जुन के सम्मुख खड़ा कर दिया। द्रुपद को लगा कि उसने अर्जुन को चाहे कितनी भी सराहना क्यों न की हो, किंतु उसने, उसके वल को कम ही आँका था । अर्जुन के धनुर्संचालन में स्पष्ट रूप से द्रोण के प्रशिक्षण की छाप थी । द्रुपद ने स्वयं द्रोण के शस्त्र - गुरु ऋषि अग्निवेश से शस्त्र - विद्या प्राप्त की थी। उन दिनों धनुर्धर के रूप में वह किसी भी प्रकार द्रोण से तनिक भी अशक्त नहीं था; किंतु लगता था, द्रोण ने उसके पश्चात अपना बहुत विकास किया था । इस विकास का अनुभव द्रुपद ने धृष्टद्युम्न और शिखंडी के प्रशिक्षण में भी अनुभव किया था । किंतु शायद घृष्टद्युम्न और शिखंडी ने भी द्रोण से वह सब नही पाया था, जो अर्जुन ने प्राप्त किया था बहुत संभव है कि द्रोण ने यह सब भार्गव परशुराम से पाया हो । या फिर द्रोण का यह अपना अभ्यास भी हो सकता है । द्रुपद को लगा, उसका शस्त्र-ज्ञान शायद उतना ही था, जितना वह. गुरुकुल से लेकर निकला था। उसके पश्चात के युद्धों में उसने अपना अभ्यास बढ़ाया था, ज्ञान नहीं । अभ्यास में उसने कुछ विषयों में स्वयं को पारंगत कर लिया था, तो कुछ विधियों की उपेक्षा भी की थी; किंतु उसने अपने ज्ञान का विकास नहीं किया था । आज उसके गुरुभाई द्रोण का यह शिष्य, उसके सम्मुख खड़ा, अपने बाण-संधान से यह प्रकट कर रहा था कि द्रोण ने गुरुकुल छोड़ने के पश्चात के इन वर्षों में क्या-क्या उपलब्ध कर लिया था। यह अपने वाणों से अपने गुरु की उपलब्धियों की यशोगाथा अंकितं कर रहा था । और फिर पंचालराज द्रुपद का वह वय भी नहीं रहा । अर्जुन का वय धृष्टद्युम्न के लगभग ही रहा होगा। उसकी स्फूर्ति, उसकी शक्ति, उसकी ऊर्जा कितना अच्छा होता यदि धृष्टद्युम्न और शिखंडी आज यहाँ होते...
306 / महासमर - 2 | pdf |
d99944041aef245c842cf2c095eb7dbfe581bb05 | विश्व अल्ज़ाइमर दिवस 21 सितंबर को मनाया जाता है और सितंबर का महीना विश्व अल्जाइमर का महीना माना जाता है. विश्व अल्जाइमर का दिन डिमेंशिया के चेतावनी लक्षणों और जल्द से जल्द निदान लेने की आवश्यकता को हाइलाइट करने के लिए देखा जाता है. 2021 में विश्व अल्जाइमर के महीने का थीम 'अल्जाइमर जानें, अल्जाइमर जानें' है. कई स्वास्थ्य संगठन विश्व अल्ज़ाइमर दिवस पर अल्जाइमर के चलते हैं. विश्व भर के समुदायों में अल्ज़ाइमर के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए सेमिनार और सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं.
इस बीमारी का नाम जर्मन साइकिएट्रिस्ट और पैथोलॉजिस्ट एलोइस अल्ज़ाइमर के नाम पर दिया जाता है, जिन्होंने 1901 में 50 वर्षीय महिला में इस बीमारी का पता लगाया. अल्ज़ाइमर एक डीजनरेटिव ब्रेन डिसऑर्डर है. यह किसी व्यक्ति की मेमोरी और अन्य मस्तिष्क फंक्शन को धीरे-धीरे नष्ट करता है. अंत में, जब किसी के पास अल्ज़ाइमर होता है, तो वे सरल कार्य करने की क्षमता खो देते हैं. अल्जाइमर डिमेंशिया का सबसे आम कारण है. चिकित्सा विज्ञान को अभी तक इलाज नहीं मिला है, न ही बीमारी को रोकने का कोई तरीका है. इस बीमारी को प्रभावी रूप से इलाज करने में पहले पता लगाने से रोगी को लाभ मिलता है. इलाज की पद्धतियों में दवा, मनोवैज्ञानिक और देखभाल के पहलू शामिल हैं. फैमिली एंड सोशल सपोर्ट एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं.
अल्ज़ाइमर की बीमारी अधिकतर बुजुर्गों को प्रभावित करती है. चूंकि भारत में बुजुर्गों की जनसंख्या बढ़ रही है, इसलिए यह अलार्म का कारण है. डिमेंशिया इंडिया रिपोर्ट 2010 के अनुसार अल्जाइमर्स एंड रिलेटेड डिसऑर्डर्स सोसाइटी ऑफ इंडिया (एआरडीएसआई) द्वारा, 2010 में लगभग 3. 7 मिलियन भारतीय थे जिनकी डिमेंशिया 2030 तक 7. 6 मिलियन हो गई थी. अल्ज़ाइमर की बीमारी के बारे में सामान्य जागरूकता देश भर में कम रहती है और ग्रामीण और अविकसित क्षेत्रों में भी कम रहती है. यह चीजों को भूलने से शुरू करता है और अल्प स्मृति हानि विकसित करता है जिसके परिणामस्वरूप हाल ही की घटनाओं को याद रखने में कठिनाई होती है, जिसके परिणामस्वरूप दैनिक गतिविधियों और बुनियादी आवश्यकताओं की देखभाल करने में अक्षमता होती है.
अल्जाइमर का 7thदुनिया भर में सबसे गंभीर बीमारी है. यह स्थिति किसी अन्य बीमारी से अधिक विकलांगता और गरीब स्वास्थ्य का कारण बनती है. दुर्भाग्यवश, अल्जाइमर की बीमारी को वापस नहीं किया जा सकता है, हालांकि, अधिक जागरूकता के साथ, रोगी के परिवार के सदस्य इस स्थिति को प्रबंधित करना सीख सकते हैं.
भारत जीरियाट्रिक रोगों की जागरूकता की कमी के कारण डिजेनरेटिव रोगों के बोझ से निपटने के लिए तैयार नहीं है. आइए डिमेंशिया के सामान्य लोगों और इसके लक्षणों में जागरूकता पैदा करने की कोशिश करें ताकि इसका शुरुआती पता लगाया जा सके.
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f6eaacebdfa46b5e4b2d3e4d375045e180e500d4 | ह्यूस्टनः अमेरिका में भारतीय मूल की एक अनुसंधानकर्ता की जॉगिंग करते हुए हत्या कर दी गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि शर्मिष्ठा सेन (43) टेक्सास के प्लानो शहर में रहती थीं। बीती एक अगस्त को शहर के चिशोल्म ट्रेल पार्क के पास जॉगिंग करते समय उन पर अचानक से हमला किया गया और उनकी हत्या कर दी गई।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, लीगेसी ड्राइव और मार्चमैन वे के पास क्रीक इलाके में एक राहगीर ने उनके शव को देखा। शर्मिष्ठा फार्मासिस्ट और अनुसंधानकर्ता थीं जो कैंसर रोगियों के लिए काम करती थीं। उनके दो बेटे हैं। इस मामले में एक संदिग्ध को लूटपाट के आरोपों में गिरफ्तार कर लिया गया है। खबर के अनुसार उसकी पहचान 29 वर्षीय बकारी एबियोना मोनक्रीफ के तौर पर की गयी है। एथलीट रहीं शर्मिष्ठा हर सुबह चिशोल्म ट्रेल में दौड़ लगाती थीं।
शर्मिष्ठा के परिवार ने बताया कि वह एक उदार महिला थीं और उन्हें दूसरों की मदद करना अच्छा लगता था। परिजनों ने कहा कि वह शनिवार को भी रोज की तरह जॉगिंग के लिए बाहर गई थीं लेकिन फिर कभी वापस नहीं आ सकीं। शनिवार की सुबह करीब 7 बजे पुलिस को एक राहगीर ने रास्ते में शर्मिष्ठा का शव पड़े होने की जानकारी दी थी। वहीं, गिरफ्तार शख्स के बारे में बात करते हुए पुलिस ने कहा कि उन्हें बकारी एबियोना मोनक्रीफ पर शर्मिष्ठा की लूटपाट के दौरान हत्या करने का शक है, लेकिन उन्हें इसे साबित भी करना होगा। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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a4025e319cab63dc5e6892a8d06c5a8b5ce00a228b5bb1ac3787558d407100f4 | जैसे, "पूरनमासी सी तू उजरी अरु तोसी उज्यारी है पूरनमासी ।" परन्तु क्रमालंकार में जिस ऋम से उपमेयों का वर्णन किया जाता है, उपमेय के अनन्तर उसी क्रम से उपमानों का भी वर्णन होता है । जैसे 'भाव विलास' के ५९६४ छंद में पहले केश, भाल, भृकुटी, नयन आदि के बाद उसी क्रम से उनके उपमान कुहू-तम, चंद-चाप, खंजन आदि का वर्णन हुआ है । इस प्रकार किंचित भ्रम होने से दोहे में उपमेयोपमा के स्थान पर क्रमालंकार का लक्षण वर्णित हो गया है। भा० सा० का० प्रतियों का पाठ उप योपमा अलंकार का अनुपयुक्त लक्षण होने के कारण अग्राह्य है अतः केवल नी० हि० प्रतियों में प्राप्त पाठ संगत होने के कारण यहाँ स्वीकृत हुआ है । केवल ज० प्रति में प्राप्त तथा स्वीकृत पाठ :
२ः३६ चिंता लक्षण दोहा ।
"इष्ट वस्तु पाये बिना व्यग्र चित्त अति होइ "
रेखांकित पाठ केवल ज० प्रति में मिलता है, अन्य प्रतियों में पाठ की स्थिति इस प्रकार है "एक अग्र चित होइ" - सा० का० प्रतियाँ, "बहु व्याकुल चित होइ" - नी० हि० प्रतियाँ, "एक आस चित होइ" - भा० प्रति । का० सा० प्रतियों का 'अग्र' पाठ दृष्टि-भ्रम से 'व्यग्र' से संभव है, इसी प्रकार नी० हि० प्रतियों का पाठ भी 'व्यग्र' का पर्याय है एवं भा० प्रति का पाठ प्रसंग के विचार से असंगत है अतः केवल ज० प्रति में प्राप्त पाठ स्वीकृत हुआ है ।
" देव हृदै पथ आइ मनो चढ़ि धाई मनोरथ के रथ ऊपर । "
रेखांकित पाठ केवल ज० प्रति में तथा भा० प्रति में 'सुदै', का० सा० प्रतियों में 'हुदै' एवं नी० हि० प्रतियों में 'ह्न दै' पाठ है । ज० प्रति के अतिरिक्त सभी पाठ असंगत हैं तथा ज०प्रति के पाठ से ये विकृत पाठ संभव हैं अतः केवल ज०प्रति में प्राप्त पाठ यहाँ स्वीकृत हुआ है। केवल सा० प्रति में प्राप्त तथा स्त्रीकृत पाठ :
"व्याकुल ह्वै बिरहानल सों तचि घूमि गिरी गुनगौरि गली पर ।"
• रेखांकित पाठ केवल सा० प्रति में है । ज० नी० हि० प्रतियों में इसी पाठ में भ्रम होने के कारण 'तब', का० प्रति में 'बरि' पर्याय तथा भा० प्रति में 'तजि' पाठ मिलता है । 'भवानी विलास' में इस छंद में 'जरि' पर्याय मिलता है। प्रसंग पर विचार करते हुए भा० प्रति का 'तजि' पाठ असंगत तथा नी० हि० ज० प्रतियों का 'तब' पाठ भी अग्राह्य मालूम देता है एवं ये दोनों ही पाठ मूल में 'तचि' पाठ होने की संभावना पुष्ट करते हैं अतः प्रस्तुत स्थल पर केवल सा० प्रति में प्राप्त 'तचि' संगत पाठ स्वीकृत हुआ है ।
केवल का० प्रति में प्राप्त तथा स्वीकृत पाठ :
५.७८-७९-८० संख्या के दोहे, जो केवल का० प्रति में प्राप्त होते हैं, मूल प्रति के माने गये हैं। कारणों के लिए देखें ""भाव विलास के अंतिम दोहों की प्रामाणिकता" शीर्षक पृ० ५४ । इन दोहों का पाठ इस प्रकार है
"अपनी बुद्धि समान मैं कह्यो कछू निरधार । ताते मो पर करि कृपा लैहैं सुमति सुधार ॥ | pdf |
7c381fe666139b10803b57972189db366e0af0a3 | Bihar Politics बिहार में राजद अपने संगठन को मजबूती देने के साथ ही भाजपा को जोरदार झटका देने की तैयारी में जुटा है। इस क्रम में भाजपा के कोर वोट बैंक को अपनी ओर करने की कवायद शुरू कर दी है।
भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। Bihar Politics: राजद अपने पुराने चेहरे और पुराने गणित से युवा नेतृत्व को सुदढ़ करने की कवायद कर रहा है। सबसे महत्वपूर्ण बात है कि अपने मजबूत वोट बैंक को बरकरार रखने के जतन के साथ-साथ अब उसकी निगाह भाजपा के कोर वोट बैंक पर है। इसका ट्रेलर भी दिखाया जा चुका है। पार्टी के संगठनात्मक चुनाव के साथ राजद अपने चेहरे को और भी स्पष्ट अंदाज में साफ करने में भिड़ा है।
राजद के संगठनात्मक चुनाव के साथ यह चर्चा तेज है कि अब जगदानंद (RJD President Jagdanand Singh) की जगह अब्दुल बारी सिद्दीकी (Abdul Bari Siddiqi) को राजद का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाएगा। यह चर्चा यूं ही नहीं है। इसके मूल में राजद का एमवाई समीकरण (RJD MY Equation) है तो है ही साथ में कई अन्य नजरिए से यह मामला आगे बढ़ा है। पिछले कई चुनाव चाहे वह विधानसभा का चुनाव रहा हो या फिर लोकसभा का, राजद का एमवाई समीकरण ठोस तरीके से उसके साथ रहा है। इसका ख्याल रखते हुए इस बार एम या मुस्लिम को राजद का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की बात चल रही है।
वोट बैंक के लिहाज यह कहा जा रहा कि भाजपा से अलग होने के बाद एम का रूझान नीतीश कुमार के प्रति भी बढ़ा है। इसकी वजह यह है कि एनडीए में रहने के बाद नीतीश कुमार की राय अल्पसंख्यकों से जुड़े मसले पर भाजपा से बिल्कुल ही अलग रही। जनसंख्या नियंत्रण को ले कानून (Population Control Act) की उन्होंने खुलकर आलोचना की थी। इसके अतिरिक्त अल्पसंख्यकों के लिए उन्होंने समय-समय पर कई योजनाएं भी शुरू की। यह भी नोटिस में लिया गया कि भाजपा के साथ रहते हुए उन्होंने अल्पसंख्यक समाज के अधिकारी को बिहार का मुख्य सचिव बनाया।
राजद ने अपने पुराने समीकरण को गति देने के साथ-साथ अपने पुराने चेहरे को भी आगे करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। विधानसभा अध्यक्ष का पद हो या महागठबंधन की सरकार में अपने कोटे के मंत्रियों के चयन का मामला हो। इन सब में राजद का पुराना समीकरण तो दिखा ही साथ ही साथ पुराने चेहरे भी प्रमुखता से दिखे। अब राजद के प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भी यह बात सामने आ रही।
राजद की निगाह अब भाजपा के कोर वोट बैंक पर है। वैश्य समाज के माध्यम से वह इसमें सेंधमारी की तैयारी कर रहा। रामचंद्र पूर्वे तो राजद के पुराने योद्धा रहे हैं। उन्हें फिर से पद दिया गया और साथ में समीर महासेठ को मंत्री पद दिया गया। जिला स्तर पर भी वैश्य समाज के नेताओं को आगे किया जा रहा।
वर्ष 1995 के चुनाव में लालू प्रसाद (Lalu Prasad) यह कहा करते थे कि मतपेटी से जिन्न निकलेगा। बात अति पिछड़ा वर्ग के वोट को लेकर थी। तब इस जिन्न ने राजद की गोटी लाल कर दी थी। फिर से इस जिन्न पर नजर है।
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fde4a95469e6e0bf903b84e86e7311640086b7e6b8382675ec1bb7afb9b5a254 | नवमाध्याय .
ऊर्ध्वं तु कांलादेतस्मादिदेत सदृश पतिम् ।।६७।।: पदा०-(ऋतुमती, संती ) रजस्वला होने पर (कुमारी ): कन्या ( श्रीणि, वर्षाणि ) तीन वर्ष तक ( उदीक्षेत ) प्रतीक्षा करे. (तु ) पुनः ( एतस्माद, कालीव, ऊधै ) इस अवधि के व्यतीत होने पश्चात् ( सदृश, पति, विन्देत ) : अपने समान गुण वाले पति को विवाह लेवे, अर्थाद ऋतुकाल से तीन वर्ष पर्यन्त तो पिता माता की प्रतीक्षा करे "कि वही मेरा विवाह करें " उनके न करने पर स्वयं अपने सदृश पति के साथ विवाह करले ।। : अदीयमाना भर्तारमधिगच्छेद्यदि स्वयम् । नैनः किञ्चिदवाप्नोति न च यं सांधिगच्छति ॥६८॥ पदा० - ( यदि ) यदि तीन वर्ष तक ( अंदीयमाना ) ने विवादी हुई कन्या ( स्वयं, भतर, अधिगच्छेद ) स्वयं ही अपने सदृश पति के साथ विवाह करके, तो उस कन्या को ( किञ्चिवं,' एनः ) कुछ भी पाप (न, अवाप्नोति ) नहीं होता (च) और ( यं, सा ) जिस पति को वह कन्या (अधिगच्छति ) प्राप्त होती है वह भी पाप का भांगी ( न ) नहीं होता अलङ्कार नांददीत- पित्र्यं कन्या स्वयंम्वरा । मातृकं भ्रातृदत्त वा स्तेना स्याद्यदि तं हरेत् ।।६९॥
' पदा० - ( स्त्रयम्बरा, कन्या ) स्वयं विवाह करने वाली कन्या ( पित्र्यं.) पिंता (. मातृकं ) माता (वा) अथवा (आदतं, अलङ्कार) भ्राता के दिये हुए आभूषणों को (न, आददीत) ग्रहण न करे ( यदि, तं, हरेन) यदि उसको लेलेवे तो (स्तेना, स्याव) कन्या चोर हो ॥
देवदत्तां पतिर्भाय विन्दते नेच्छयात्मनः । तां साध्वीं विभृयान्नित्यं देवानां प्रियमाचरन् ॥ ७० ॥ : पदा० - ( पतिः ) स्वामी ( देवदत्तां, भार्थी ) देव=परमात्मा के अनुग्रह से दीहुई स्त्री को (विन्दते) पाता है (आत्मनः, इच्छया, न.) अपनी इच्छा से नहीं, इसलिये पुरुप ( देवानां ) देवता= विद्वानों का (प्रियं, आचरन ) मियाचरण = सत्कार करता हुआ (नियं) सदा (तां, साव) उस देवी का (त्रिभृयाद ) पालन करे ॥ प्रजनार्थ स्त्रियः सृष्टाः सन्तानार्थं च मानवाः । तस्मात्साधारणो धर्मः श्रुतौ पन्या सहोदितः ॥ ७१।। पदा० - ( मजनार्थ ) परमात्मा ने गर्भधारण करने के लिये (स्त्रियः-) स्त्रियां (च.) और ( सन्तानार्थ) गर्भाधान करने के लिये ( मानवाः ) पुरुष (सृष्टा ) उत्पन्न किये हैं. (तस्माव ) इसलिये (पल्पा, सह ) पत्नी के साथ पुरुप का ( श्रुतौ ) वेद में ( साधारणः, धर्मःः) समानधर्म ( उदितः ) कहा है, अर्थात् पुरुष के बिना स्त्री और स्त्री के विना पुरुष सन्तानोत्पत्ति में असमर्थ होने से दोनों का समान धर्म है ।
आददीत न शूद्रोऽपि शुल्कं दुहितरं ददन् । शुल्कं हि गृह्णन्कुरुते छन्नं दुहितृ विक्रयम् ॥ ७२ ॥ पदा० - (शूद्र, अपि ) शुद्र भी ( दुहितर, ददन ) कन्या देता हुआ ( शुल्क, न, आददीत ) शुल्क = मोल न ले ( हि ) क्योंकि ( शुल्कं, गृह्णनूं ) कन्या का मोल लेने वाला ( छनं, दुहितृविक्रय ) छिपा हुआ कन्या का विक्रय (कुरुते ) करता है ।। एतत्तु न परे चंकुनी परे जातु साधवः ।.. यदन्यस्य प्रतिज्ञाय पुनरन्यस्य दीयते ॥ ७३ ॥ | pdf |
f772e1b1ded88a511ca43f9c1381e9e84a89118f | शॉर्टकटः मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
फिलिप बर्न-जोन्स द्वारा पिशाच, 1897 पिशाच कल्पित प्राणी है जो जीवित प्राणियों के जीवन-सार खाकर जीवित रहते हैं आमतौर पर उनका खून पीकर. कोरोनरी धमनियों के साथ मानव हृदय. हृदय या हिया या दिल एक पेशीय (muscular) अंग है, जो सभी कशेरुकी (vertebrate) जीवों में आवृत ताल बद्ध संकुचन के द्वारा रक्त का प्रवाह शरीर के सभी भागो तक पहुचाता है। कशेरुकियों का ह्रदय हृद पेशी (cardiac muscle) से बना होता है, जो एक अनैच्छिक पेशी (involuntary muscle) ऊतक है, जो केवल ह्रदय अंग में ही पाया जाता है। औसतन मानव ह्रदय एक मिनट में ७२ बार धड़कता है, जो (लगभग ६६वर्ष) एक जीवन काल में २.५ बिलियन बार धड़कता है। इसका भार औसतन महिलाओं में २५० से ३०० ग्राम और पुरुषों में ३०० से ३५० ग्राम होता है। .
पिशाच और हृदय आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): यकृत।
यकृत की स्थिति (4) यकृत या जिगर या कलेजा (Liver) शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि है, जो पित्त (Bile) का निर्माण करती है। पित्त, यकृती वाहिनी उपतंत्र (Hepatic duct system) तथा पित्तवाहिनी (Bile duct) द्वारा ग्रहणी (Duodenum), तथा पित्ताशय (Gall bladder) में चला जाता है। पाचन क्षेत्र में अवशोषित आंत्ररस के उपापचय (metabolism) का यह मुख्य स्थान है। .
पिशाच 79 संबंध है और हृदय 31 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 0.91% है = 1 / (79 + 31)।
यह लेख पिशाच और हृदय के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखेंः
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0b32266fa56872460eeb88b48093104aec9fb59b | Ranchi : राजधानी रांची के हटिया डिविजन के दो जलमीनार लंबे समय से तैयार है, लेकिन इसका फायदा वहां के लोगों को नहीं मिल पा रहा है. एक जलमीनार हटिया के सिंह मोड़ के पास है और दूसरा टुपुदाना मे है. ये दोनों जलमीनार बहुत विशाल है, जिसकी क्षमता 3 लाख गैलन पानी की है. सिंह मोड़ और टुपुदाना के ये दोनों जलमीनार शुरू हो जाये तो 3 किलोमीटर की रेडियस में रहने वाले लोगों की पानी की जरूरत को पूरा किया जा सकता है. लोगों तक पानी मुहैया कराने के लिए पाइपलाइन बिछाने का काम भी पूरा हो चुका है.
जेएनयूआरम के तहत एल एंड टी के जरिये यह काम किया जा रहा है. पीएचईडी विभाग के एक्सक्यूटिव इंजीनियर पीके सिंह ने बताया कि सिंह मोड़ और टुपुदाना के दोनों जलमीनार के लिए रूक्का डैम से जलापूर्ति होना है. इसके लिए वहां प्लांट भी तैयार कर लिया गया है.
इन दोनों जलमीनार से जलापूर्ति के लिए रिंग रोड में विकास से रामपुर के बीच में 10. 7 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाने का काम पूरा नहीं हो पा रहा है. यहां पर रिंग रोड के लिए जमीन अधिग्रहण की समस्या है. जब तक जमीन अधिग्रहण का काम पूरा नहीं होगा, वहां पाईप लाइन नहीं बिछाया जा सकेगा. इसके लिए हमने एनएचएआई और राज्य सरकार को लिखा गया है. जब भी जमीन अधिग्रहण का काम पूरा होगा, पाईपलाइन बिछाने का काम पूरा कर लिया जायेगा और इलाके में पानी की सप्लाई शुरू हो जायेगी.
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73102258c90ecaf4fe58b4d778941610288310f9 | बच्चों की अनाफरन जैसी दवाएं ज्यादातर माता-पिता के लिए जानी जाती हैं। डॉक्टर इसे रोकथाम के लिए, साथ ही साथ वायरल ईटियोलॉजी संक्रमण के इलाज के लिए भी लिखते हैं। यह दवा होम्योपैथिक उपचार से संबंधित है और मानव गामा इंटरफेरॉन के साथ-साथ कुछ होम्योपैथिक dilutions के मिश्रण के लिए शुद्ध एंटीबॉडी भी शामिल है। इसका मुख्य प्रभाव immunomodulating (रोकथाम के साधन के रूप में) और कोशिकाओं वायरस में पहले से ही मुकाबला करने में है। यह सेलुलर के साथ ही विनम्र प्रतिक्रिया को बहुत अच्छी तरह से उत्तेजित करता है।
इस दवा को इन्फ्लूएंजा के इलाज और रोकथाम, तीव्र श्वसन वायरल संक्रमण, साथ ही साथ संक्रामक बीमारियों के बाद उत्पन्न होने वाली जटिलताओं के लिए संकेत दिया जाता है, उदाहरण के लिए, ट्रेकोब्रोनकाइटिस, लैरींगिटिस, राइनाइटिस, फेरींगजाइटिस।
यह दवा जटिल थेरेपी के ढांचे के भीतर प्रभावी है, साथ ही हर्पीवीरस संक्रमण (जननांग हरपीज सहित) की रोकथाम, जो पुरानी और आवर्ती है। यह एक अलग ईटियोलॉजी रखने वाले माध्यमिक immunodeficiency राज्यों के इलाज के लिए निर्धारित है। वायरल और जीवाणु संक्रमण की जटिलताओं से लड़ने से संकेत मिलता है।
वर्तमान में, एक टिक काटने के साथ शिशु अनाफरन के उपयोग में अनुभव प्राप्त होता है। यह आपातकालीन गैर-विशिष्ट प्रोफेलेक्सिस के लिए वायरस का मुकाबला करने के साधन के रूप में निर्धारित किया जाता है, जो शरीर में इंटरफेरॉन और एंटीबॉडी के गठन में वृद्धि करता है, जो टिक-बोर्न एनसेफलाइटिस का विरोध करने में एक प्रमुख भूमिका निभाता है।
बच्चों के लिए इस दवा के सामान्य और रूप के बीच महत्वपूर्ण अंतर होते हैं, जो मुख्य रूप से सक्रिय पदार्थों की खुराक के कारण होते हैं। दवा के वयस्क रूप का उपयोग बाल चिकित्सा में नहीं किया जा सकता है। बच्चों के लिए लक्षित दवा का रूप, 6 महीने से 14 वर्ष की आयु के लिए गणना की जाती है। अब बच्चों में इस दवा का उपयोग 1 महीने से बढ़ाया गया है, क्योंकि स्वास्थ्य मंत्रालय की फार्माकोलॉजिकल कमेटी ने अध्ययन के बाद आयु रेखा कम कर दी है।
एक बच्चे Anaferon कैसे लेते हैं?
यह जानना महत्वपूर्ण है कि बेबी अनाफरन को सही तरीके से कैसे पीना है। प्रोफाइलैक्टिक के रूप में, दिन में एक बार 1-3 महीने के लिए 1 टैबलेट लिया जाता है। वायरल बीमारियों के इलाज के लिए इसे योजना के अनुसार लेना आवश्यक हैः
- बीमारी के पहले संकेतों की उपस्थिति के तुरंत बाद - 5 गोलियाँ प्रत्येक आधे घंटे और तीन और गोलियाँ, जिन्हें बीमारी के पहले दिन (पहले दिन कुल 8 गोलियां) के दौरान समान रूप से वितरित किया जाना चाहिए।
- दूसरे और बाद के दिनों में, तापमान को सामान्य होने तक एक दिन में 3 गोलियाँ, और कैटररल घटना गायब नहीं होगी। आप रोग के बाद जटिलताओं की घटना को रोकने के लिए पाठ्यक्रम को दो सप्ताह तक बढ़ा सकते हैं, धीरे-धीरे खुराक को प्रति दिन एक खुराक में कम कर सकते हैं।
चूंकि बच्चों को अनाफेरोन बच्चों को ठोस रूप में देना मुश्किल है, इसलिए दवा को कुचल दिया जा सकता है और पानी की थोड़ी मात्रा में दिया जा सकता है। बड़े बच्चों को जीभ के नीचे इसे भंग करना सीखना चाहिए।
अनाफरन बच्चों के अनुरूप - अमीक्सिन और तिक्लोफरन। दोनों immunomodulators हैं।
एक दृष्टिकोण यह है कि अनाफरन बच्चे कैंसर का कारण बनता है, इस तर्क के आधार पर कि यह एजेंट स्टेम कोशिकाओं के विकास का कारण बनता है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि किसी भी शोध से किसी ने इसे साबित नहीं किया है।
शिशु अनाफरॉन का एक अधिक मात्रा आज तक तय नहीं किया गया है, लेकिन अगर किसी बच्चे ने गलती से बड़ी खुराक ली है, तो सलाह दी जाती है कि सावधानीपूर्वक उसकी स्थिति की निगरानी करें और असामान्य लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर को बुलाएं।
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2b830175eb358de0e0e6829589536a3cbd3f818a | 05 नवंबर 2019: करेंट अफेयर्स प्रश्नोत्तरी प्रश्न और उत्तर आपकी सामान्य जागरूकता बढ़ाने के लिए। हमारे करंट अफेयर्स क्विज़ के साथ 05 नवंबर 2019 के प्रश्नों का अभ्यास करें जो पूरे भारत के साथ-साथ विश्व की सभी महत्वपूर्ण घटनाओं को कवर करता है। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं और साक्षात्कार में सफल होने के लिए, सभी महत्वपूर्ण करंट अफेयर्स प्रश्नोत्तरी का उपयोग 05 नवंबर 2019 को यहां दिए गए उत्तरों के साथ करें।
1.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को __________ द्वारा ऑनलाइन खरीदारी को एक व्यसनी विकार के रूप में पहचानना है।
उत्तरः
व्याख्या :
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को 2024 तक ऑनलाइन शॉपिंग को एक नशे की लत विकार के रूप में पहचानना है। लाखों लोग डिजिटल कॉमर्स का दुरुपयोग करते हैं और ऑनलाइन शॉपिंग के कारण वित्तीय तनाव का सामना करते हैं।
2.
नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा el वास्टेलैंड एटलस 2019 'का ______ संस्करण जारी किया गया था?
उत्तरः
व्याख्या :
बंजर भूमि/वेस्टलैंड एटलस को राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर (NRSC) के सहयोग से भूमि संसाधन विभाग द्वारा तैयार किया गया था। इससे पहले, अंतरिक्ष विभाग ने वर्ष 2000, 2005, 2010 और 2011 संस्करणों में भारत के अपशिष्ट जल एटलस प्रकाशित किए हैं। भारतीय रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट डेटा का उपयोग करते हुए नया बंजर भूमि मानचित्रण अभ्यास, वेस्टलैंड एटलस 2019 का पांचवा संस्करण है।
3.
मिजोरम के राज्यपाल के रूप में किसने शपथ ली?
उत्तरः
व्याख्या :
5 नवंबर 2019 को पीएस श्रीधरन पिल्लई को मिजोरम के नए राज्यपाल के रूप में शपथ दिलाई गई। शपथ ग्रहण कार्यालय का संचालन गौहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय लांबा द्वारा राजभवन, मिजोरम में किया गया। श्री पिल्लई केरल से मिजोरम के राज्यपाल के रूप में नियुक्त होने वाले तीसरे राज्यपाल हैं।
4.
पहली बार वेस्टलैंड एटलस कब जारी किया गया था?
उत्तरः
व्याख्या :
राष्ट्रीय दूरस्थ संवेदी केंद्र (NRSC) के सहयोग से भूमि संसाधन विभाग द्वारा बंजर भूमि/वेस्टलैंड एटलस तैयार किया गया था। इससे पहले, अंतरिक्ष विभाग ने वर्ष 2000, 2005, 2010 और 2011 संस्करणों में भारत के बंजर भूमि एटलस को प्रकाशित किया है।
5.
बंजर भूमि एटलस 2019 को किसने जारी किया?
उत्तरः
व्याख्या :
बंजर भूमि/वेस्टलैंड एटलस को राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर (NRSC) के सहयोग से भूमि संसाधन विभाग द्वारा तैयार किया गया था। इससे पहले, अंतरिक्ष विभाग ने वर्ष 2000, 2005, 2010 और 2011 संस्करणों में भारत के अपशिष्ट जल एटलस प्रकाशित किए हैं। भारतीय रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट डेटा का उपयोग करते हुए नया बंजर भूमि मानचित्रण अभ्यास, वेस्टलैंड एटलस 2019 का पांचवा संस्करण है।
6.
किस एनजीओ ने कोयम्बटूर रेलवे स्टेशन को दृष्टिबाधित मैत्रीपूर्ण स्टेशन बनने में मदद की?
उत्तरः
व्याख्या :
कोयम्बटूर रेलवे स्टेशन अब दृष्टिगत रूप से अनुकूल हो गया है। मैसूरु, बेंगलुरु, और मुंबई, महाराष्ट्र में बोरीवली स्टेशन के बाद ऐसी सुविधा वाला यह चौथा स्टेशन बन गया। रेलवे स्टेशन ने 1 नवंबर 2019 को ब्रेल सूचना बोर्ड और ब्रेल-एम्बॉस किए गए हैंड्रिल स्थापित किए हैं। कोयम्बटूर रेलवे स्टेशन में यह पहल बेंगलुरु स्थित एनजीओ अनुप्रेयस द्वारा की गई है। अनुप्रेयस ने चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन को उत्तर भारत का पहला नेत्रहीन दोस्ताना स्टेशन बनने में मदद की।
7.
किस राज्य सरकार ने राज्य के जंगलों को बहाल करने और इसकी जैव विविधता को संरक्षित करने के लिए फ्रांसीसी विकास एजेंसी (एएफडी) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए?
उत्तरः
व्याख्या :
असम राज्य सरकार ने फ्रांसीसी विकास एजेंसी (एएफडी) के साथ 50 मिलियन यूरो (400 करोड़ रुपये) के समझौते पर हस्ताक्षर किए। समझौते का उद्देश्य राज्य के जंगलों को बहाल करने और इसकी जैव विविधता को संरक्षित करने में मदद करना है।
8.
कौन सा रेलवे स्टेशन सबसे पहले एक नेत्रहीन मैत्रीपूर्ण स्टेशन बन गया?
उत्तरः
व्याख्या :
मैसूरु रेलवे स्टेशन एक दृष्टिबाधित मैत्रीपूर्ण स्टेशन बनने वाला पहला शहर बन गया।
9.
असम राज्य सरकार ने राज्य के जंगलों को बहाल करने और इसकी जैव विविधता को संरक्षित करने के लिए फ्रांसीसी विकास एजेंसी (एएफडी) के साथ ________ के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
उत्तरः
व्याख्या :
असम राज्य सरकार ने फ्रांसीसी विकास एजेंसी (एएफडी) के साथ 50 मिलियन यूरो (400 करोड़ रुपये) के समझौते पर हस्ताक्षर किए। समझौते का उद्देश्य राज्य के जंगलों को बहाल करने और इसकी जैव विविधता को संरक्षित करने में मदद करना है।
10.
कौन सा तमिलनाडु रेलवे स्टेशन अब दृष्टिगत रूप से अनुकूल हो गया है?
उत्तरः
व्याख्या :
कोयम्बटूर रेलवे स्टेशन अब दृष्टिगत रूप से अनुकूल हो गया है। मैसूरु, बेंगलुरु, और मुंबई, महाराष्ट्र में बोरीवली स्टेशन के बाद ऐसी सुविधा वाला यह चौथा स्टेशन बन गया।
11.
वन और जैव विविधता संरक्षण (APFBC) के लिए असम परियोजना का पहला चरण कब शुरू किया गया था?
उत्तरः
व्याख्या :
वन और जैव विविधता संरक्षण (APFBC) के असम परियोजना के पहले चरण में, 21,000 हेक्टेयर भूमि को पुनर्निर्मित किया गया था। यह वर्ष 2013 में शुरू हुआ। राज्य ने वन्यजीवों के लिए 33 बाढ़ शरण स्थल बनाए, और एएफडी के समर्थन से वैकल्पिक आजीविका में स्थानीय समुदायों के 6,000 से अधिक सदस्यों को प्रशिक्षित किया।
12.
महिला वैज्ञानिकों और उद्यमियों के सम्मेलन का __________ संस्करण 7-8 नवंबर, 2019 को कोलकाता में इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF) में आयोजित किया जाएगा।
उत्तरः
व्याख्या :
5 वां भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (IISF) कोलकाता में 5 से 8 नवंबर, 2019 तक आयोजित किया जा रहा है। महिला वैज्ञानिकों के तीसरे संस्करण और उद्यमियों के सम्मेलन का आयोजन कोलकाता में 7-8 पर इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF) में किया जाएगा। नवंबर 2019।
13.
___________ के साथ केंद्र साझेदारी ने कौशल निर्माण मंच का शुभारंभ किया।
उत्तरः
व्याख्या :
केंद्र को आईबीएम के सहयोग से स्किल बिल्ड प्लेटफॉर्म लॉन्च करना है। यह प्रशिक्षण महानिदेशालय (DGT) द्वारा घोषित किया गया था, जो कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) के तहत कार्य करता है।
14.
असम राज्य सरकार ने वन और जैव विविधता संरक्षण (APFBC) के असम परियोजना के दूसरे चरण के लिए कितना आवंटित किया?
उत्तरः
व्याख्या :
परियोजना के लिए राज्य द्वारा असम परियोजना वन और जैव विविधता संरक्षण (APFBC) के दूसरे चरण के लिए आवंटित बजट 500 करोड़ रुपये है।
15.
आयुध निर्माणी बोर्ड (OFB) का मुख्यालय कहाँ स्थित है?
उत्तरः
व्याख्या :
आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) की स्थापना 1712 में हुई थी। मुख्यालय कोलकाता, पश्चिम बंगाल में स्थित है।
16.
आयुध निर्माणी बोर्ड (OFB) के महानिदेशक और अध्यक्ष कौन हैं?
उत्तरः
व्याख्या :
सौरभ कुमार आयुध कारखानों के महानिदेशक (DGOF) और कोलकाता में आयुध निर्माणी बोर्ड (OFB) के अध्यक्ष हैं। वह 1982 बैच के भारतीय आयुध निर्माणी सेवा के अधिकारी हैं, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एम-टेक हैं।
17.
आयुध निर्माणी बोर्ड (OFB) का मुख्यालय कहाँ स्थित है?
उत्तरः
व्याख्या :
आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) की स्थापना 1712 में हुई थी। मुख्यालय कोलकाता, पश्चिम बंगाल में स्थित है।
18.
आयुध निर्माणी बोर्ड (OFB) की स्थापना कब की गई थी?
उत्तरः
व्याख्या :
ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) की स्थापना 1712 में हुई थी। ओएफबी हवा, जमीन और समुद्री प्रणालियों के क्षेत्रों में एक व्यापक उत्पाद रेंज के परीक्षण, विपणन, अनुसंधान और रसद में लगी हुई है। यह रक्षा मंत्रालय (MoD) के रक्षा उत्पादन विभाग के अधीन कार्य करता है।
19.
स्वीडिश बोफोर्स Haubits FH77 भारत द्वारा कब आयात किया गया था?
उत्तरः
व्याख्या :
भारतीय सेना ने आधिकारिक तौर पर अप्रैल 2019 में धनुष लॉन्ग-रेंज आर्टिलरी गन्स को शामिल किया। यह ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी), कोलकाता द्वारा विकसित किया गया है। तोपों का निर्माण गन कैरिज फैक्ट्री, जबलपुर द्वारा स्वीडिश बोफोर्स हूबिट्स FH77 के आधार पर किया जाता है। यह 1980 के दशक में भारत द्वारा आयात किया गया था।
20.
_________ ने मिशन इनोवेशन (एमआई) नाम दिया, जिसे COP-21 के दौरान 20 देशों द्वारा लॉन्च किया गया था।
उत्तरः
व्याख्या :
प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मिशन इनोवेशन (एमआई) का नाम रखा। इसे COP-21 के दौरान 20 देशों द्वारा 30 नवंबर 2015 को लॉन्च किया गया था। एमआई में वर्तमान में 24 सदस्यीय देश और यूरोपीय आयोग शामिल हैं।
21.
विज्ञान समागम, भारत की पहली वैश्विक मेगा-विज्ञान प्रदर्शनी है, जिसका उद्घाटन ___________ में साइंस सिटी में किया गया था।
उत्तरः
व्याख्या :
विज्ञान समागम, भारत की पहली वैश्विक मेगा-विज्ञान प्रदर्शनी, का उद्घाटन 4 नवंबर 2019 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल में साइंस सिटी में किया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री और पृथ्वी विज्ञान मंत्री भारत सरकार, डॉ। हर्षवर्धन। विज्ञान समागम कोलकाता में 4 नवंबर से 31 दिसंबर 2019 तक आयोजित किया जाएगा।
22.
क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) द्वारा टैरिफ में कमी के लिए आधार वर्ष के रूप में किस वर्ष उपयोग किया जाता है?
उत्तरः
व्याख्या :
2014 को क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) द्वारा टैरिफ में कमी के लिए आधार वर्ष के रूप में उपयोग किया जाता है। भारत ने टैरिफ में कमी के लिए आधार वर्ष के रूप में 2014 के उपयोग के कदम पर एक लाल झंडा उठाया है। जबकि आरसीईपी वार्ताकार 2020 में समझौते पर हस्ताक्षर करने की मांग कर रहे हैं, नए टैरिफ शासन को 2022 से लागू किया जाएगा और कर्तव्यों को 2014 के स्तर पर वापस जाना होगा।
23.
धनुष आर्टिलरी गन्स का विकास कौन कर रहा है?
उत्तरः
व्याख्या :
भारतीय सेना ने आधिकारिक तौर पर अप्रैल 2019 में धनुष लॉन्ग-रेंज आर्टिलरी गन्स को शामिल किया। यह ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी), कोलकाता द्वारा विकसित किया गया है।
24.
मिशन इनोवेशन (MI) कब शुरू किया गया था?
उत्तरः
व्याख्या :
प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मिशन इनोवेशन (एमआई) का नाम रखा। इसे COP-21 के दौरान 20 देशों द्वारा 30 नवंबर 2015 को लॉन्च किया गया था। एमआई में वर्तमान में 24 सदस्यीय देश और यूरोपीय आयोग शामिल हैं।
25.
क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) के अंतर्गत कितने सदस्य देश हैं?
उत्तरः
व्याख्या :
RCEP में 10 आसियान राष्ट्र और इसके मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के छह साझेदार शामिल हैं, अर्थात् भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड। आरसीईपी का लक्ष्य दुनिया में सबसे बड़ा मुक्त-व्यापार क्षेत्र बनाना है।
26.
भारतीय सेना के पास मार्च 2020 तक स्वदेशी रूप से उन्नत धनुष तोपों की पहली रेजिमेंट होगी।
उत्तरः
व्याख्या :
भारतीय सेना के पास मार्च 2020 तक 18 स्वदेशी रूप से उन्नत धनुष तोपों की पहली रेजिमेंट होगी। उम्मीद है कि इसे 2022 तक सभी 114 बंदूकें मिलेंगी। अप्रैल में, ऑर्डनेंस फैक्ट्री गन कैरिज फैक्ट्री, जबलपुर, से 18 फरवरी को सेना ने, OFB ने 6 धनुष तोपों का पहला जत्था सौंपा। 114 बंदूकें 2019 के निर्माण के लिए थोक उत्पादन क्लीयरेंस प्राप्त किया।
27.
किस देश ने क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) समझौते में शामिल होने से इनकार कर दिया क्योंकि आरसीईपी देश द्वारा उठाए गए वार्ता को संबोधित करने में विफल रहा?
उत्तरः
व्याख्या :
भारत ने मेगा रीजनल कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (RCEP) समझौते में शामिल होने से इनकार कर दिया है, क्योंकि RCEP भारत द्वारा की गई बातचीत को संबोधित करने में विफल रहा। भारत ने टैरिफ के अंतर के कारण नियमों के उद्गम की परिधि के खतरे सहित चिंताओं को उठाया। यह व्यापार घाटे और सेवाओं के उद्घाटन के मुद्दों को संबोधित करने में विफल रहा।
28.
कंबोडिया और बांग्लादेश _________ में व्यायाम कैरेट में शामिल होने वाले पहले प्रतिभागी बने।
उत्तरः
व्याख्या :
2010 में, कंबोडिया और बांग्लादेश व्यायाम सहयोग अफलोत रेडीनेस एंड ट्रेनिंग (CARAT) में शामिल होने वाले पहले प्रतिभागी बने।
29.
चैटरोग्राम कहाँ स्थित है?
उत्तरः
व्याख्या :
चिट्टागोंग, जिसे आधिकारिक तौर पर चटोग्राम के रूप में जाना जाता है, दक्षिण-पूर्वी बांग्लादेश में एक प्रमुख तटीय शहर और वित्तीय केंद्र है। शहर की आबादी 2. 5 मिलियन से अधिक है, जबकि महानगरीय क्षेत्र की आबादी 2011 में 4,009,423 थी, जो इसे देश का दूसरा सबसे बड़ा शहर बनाता है।
30.
मिशन इनोवेशन (MI) के तहत कितने सदस्य देश हैं?
उत्तरः
व्याख्या :
प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मिशन इनोवेशन (एमआई) का नाम रखा। इसे COP-21 के दौरान 20 देशों द्वारा 30 नवंबर 2015 को लॉन्च किया गया था। एमआई में वर्तमान में 24 सदस्यीय देश और यूरोपीय आयोग शामिल हैं।
31.
अभ्यास सहयोग Afloat Readiness and Training /अफलोत रेडीनेस एंड ट्रेनिंग (CARAT) 2019 __________ के बीच आयोजित किया जाता है।
A. श्रीलंका और यू. एस.
C. बांग्लादेश और यू. एस.
उत्तरः
व्याख्या :
अमेरिका और बांग्लादेश के बीच एक नौसैनिक अभ्यास सहयोग अफलोत रेडीनेस एंड ट्रेनिंग (CARAT), 2019 की शुरुआत 4 नवंबर, 2019 को बांग्लादेश के चटोग्राम में हुई थी। इसकी घोषणा बांग्लादेश सशस्त्र बलों के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) विंग ने की थी।
32.
2019 द्विवार्षिक राष्ट्रमंडल कानून मंत्रियों के सम्मेलन का विषय क्या है?
उत्तरः
व्याख्या :
द्विवार्षिक राष्ट्रमंडल विधि मंत्रियों का सम्मेलन कोलंबो, श्रीलंका में आयोजित किया जा रहा है। यह सम्मेलन 4-7 नवंबर 2019 को आयोजित किया जाएगा। सम्मेलन का विषय न्याय के लिए समान पहुंच और कानून का नियम है। सम्मेलन का उद्देश्य उन चुनौतियों का समाधान करना है जो कानूनी समस्याओं या विवादों को सुलझाने के लिए लाखों लोगों द्वारा सामना की जाती हैं।
33.
नौसेना अभ्यास सहयोग अफलोत रेडीनेस एंड ट्रेनिंग (CARAT) 2019 कहाँ आयोजित किया जाता है?
उत्तरः
व्याख्या :
अमेरिका और बांग्लादेश के बीच एक नौसैनिक अभ्यास सहयोग अफलोत रेडीनेस एंड ट्रेनिंग (CARAT), 2019 की शुरुआत 4 नवंबर, 2019 को बांग्लादेश के चटोग्राम में हुई थी। इसकी घोषणा बांग्लादेश सशस्त्र बलों के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) विंग ने की थी। व्यायाम अलग-अलग विषय-आधारित प्रशिक्षण और व्यायाम के साथ प्रदान किया जाता है।
34.
ऑस्ट्रेलिया के प्रधान मंत्री कौन हैं?
उत्तरः
व्याख्या :
स्कॉट जॉन मॉरिसन अगस्त 2018 से ऑस्ट्रेलिया के 30 वें और वर्तमान प्रधान मंत्री और लिबरल पार्टी के नेता हैं। उन्होंने पहले ऑस्ट्रेलिया के कोषाध्यक्ष के रूप में 2013 से 2018 तक मंत्रिमंडल में कार्य किया। मॉरिसन 2007 में कुक के लिए पहली बार संसद सदस्य चुने गए थे।
35.
किस देश ने 2019 द्विवार्षिक राष्ट्रमंडल कानून मंत्रियों के सम्मेलन की मेजबानी की?
उत्तरः
व्याख्या :
द्विवार्षिक राष्ट्रमंडल विधि मंत्रियों का सम्मेलन कोलंबो, श्रीलंका में आयोजित किया जा रहा है। यह सम्मेलन 4-7 नवंबर 2019 को आयोजित किया जाएगा। केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
36.
वियतनाम के समाजवादी गणराज्य के प्रधान मंत्री कौन हैं?
उत्तरः
व्याख्या :
गुयेन जुआन फुक वियतनाम के सोशलिस्ट रिपब्लिक के प्रधान मंत्री हैं। गुयेन जुआन फुक भी नेशनल असेंबली का एक पूर्ण सदस्य है, जो अपनी 11 वीं, 12 वीं, 13 वीं और 14 वीं शर्तों पर कार्य कर रहा है।
37.
सेंडाइ सेवन अभियान कब शुरू किया गया था?
उत्तरः
व्याख्या :
वर्ष 2016 में, संयुक्त राष्ट्र कार्यालय आपदा जोखिम न्यूनीकरण (UNDRR) ने सेंदाई सेवन अभियान शुरू किया। इसका उद्देश्य आपदा जोखिम और आपदा नुकसान को कम करने के लिए सभी क्षेत्रों को बढ़ावा देना है। अभियान ने आपदा से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए प्रगति को मापने के लिए 7 लक्ष्य और 38 संकेतक निर्धारित किए हैं।
38.
भारत-आसियान और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन 2019 कहाँ आयोजित किया गया है?
उत्तरः
व्याख्या :
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 नवंबर 2019 को बैंकाक में भारत-आसियान और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन 2019 के अवसर पर वियतनाम के समाजवादी गणराज्य के प्रधान मंत्री श्री गुयेन जुआन फुक से मुलाकात की।
39.
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मीडिया कॉन्क्लेव कहाँ आयोजित किया जाता है?
उत्तरः
व्याख्या :
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय एक विज्ञान और प्रौद्योगिकी मीडिया कॉन्क्लेव का आयोजन कर रहा है। यह फेस्टिवल 6-7 नवंबर 2019 को कोलकाता में इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF) 2019 में आयोजित किया जाएगा। मीडिया कॉन्क्लेव का उद्घाटन प्रसार भारती के चेयरमैन श्री ए। सूर्य प्रकाश और डॉ। विजय प्रकाश भाटकर द्वारा किया जाएगा। अध्यक्ष, विज्ञान भारती।
40.
विश्व सुनामी जागरूकता दिवस कब मनाया जाता है?
उत्तरः
व्याख्या :
विश्व सुनामी जागरूकता दिवस 5 नवंबर 2019 को विश्व स्तर पर मनाया जाता है। यह दिन सुनामी जागरूकता बढ़ाने और जोखिम कम करने के लिए नवीन दृष्टिकोण साझा करने के लिए मनाया गया था। 2019 विश्व सुनामी जागरूकता दिवस सेंदाई सात अभियान पर लक्ष्यों को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। यह महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के लिए आपदा क्षति को कम करने और बुनियादी सेवाओं के विघटन पर केंद्रित है।
41.
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 5 नवंबर को विश्व सुनामी जागरूकता दिवस के रूप में कब नियुक्त किया?
उत्तरः
व्याख्या :
दिसंबर 2015 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 5 नवंबर को विश्व सुनामी जागरूकता दिवस के रूप में चिह्नित किया। दिन का अवलोकन जापान द्वारा शुरू किया गया था। जापान ने वर्षों में सुनामी के कारण विनाश का अनुभव किया है।
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b0af952932acadcbfff51a28e476069d12627d36c65f21f5d8f62dd1d46d1c99 | 3.680 हे., निस्तार मद में 213.286 हे. की जानकारी दी गई थी। (ख) जिला-खरगोन की तहसील - बड़वाह अंतर्गत 09 वन ग्रामों के वर्ष 1948-49 के मिसल व मिसल का नक्शा हल्का पटवारी के पास उपलब्ध है एवं वर्ष 1948-49 एवं वर्ष 1980-81 की मिसल बंदोबस्त, खसरा पंजी, खातोनी पंजी, पटवारी मानचित्र वन मण्डल कार्यालय बड़वाह में उपलब्ध है। (ग) मध्य भारत वन विधान 1950 की धारा 20 के तहत् फॉरेस्ट एण्ड ट्राइबल वेलफेयर डिपार्टमेंट ग्वालियर की अधिसूचना क्रमांक / 1623/X-F/114 (54) दिनांक 09/10/1954 राजपत्र दिनांक 21/10/1954 से आरक्षित वन अधिसूचित किया गया है। इन वन ग्रामों के अभिलेख पटवारी मानचित्र (नक्शा) राजस्व विभाग द्वारा गिरदावरी एवं आर.बी.सी. 6 (4) के लिए संधारण करता है। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार अधिसूचना राजपत्र में दिनांक 21/10/1954 को आरक्षित वन अधिसूचित किया गया।
ग्रामीण संसाधनों पर अधिकार
11. ( क्र. 136 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल हरदा एवं होशंगाबाद जिले के कितने राजस्व ग्रामों के निस्तार पत्रक की प्रतिया प्रश्नांकित दिनांक तक ग्रामसभा / ग्राम पंचायत को प्रदान कर उनमें दर्ज कितनी-कितनी भूमियों के अधिकार नियंत्रण एवं प्रबंधन भी ग्रामसभा या ग्राम पंचायत को सौंप दिये गये हैं। (ख) ग्राम के पटवारी मानचित्र में दर्ज निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में किस-किस सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजनों के लिये किस-किस मद में दर्ज जमीनों के संबंध में ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को संविधान की 11वीं अनुसूची, पैसा कानून 1996 एवं वन अधिकार कानून 2006 में क्या-क्या अधिकार दिए गये हैं ? (ग) सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजनों के लिये दर्ज जमीनों के संबंध में माननीय सर्वोच्च अदालत ने सिविल अपील प्रकरण क्रमांक 19869/2010 में दिनांक 28 जनवरी 2011 को दिये आदेश में ग्राम सभा और ग्राम पंचायत बावत् क्या-क्या निर्देश दिये हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) बैतूल जिले के 1303 राजस्व ग्रामों के निस्तार पत्र में दर्ज 209418 हे. भूमि के निस्तार पत्रक की प्रतियां तथा जिला नर्मदापुरम के 936 राजस्व ग्रामों के निस्तार पत्रक में दर्ज 140803 हे. के निस्तार पत्रक की प्रतियां ग्राम पंचायत को सौंपी गई है जबकि जिला हरदा में अभी कोई ऐसी प्रतियां उपलब्ध नहीं कराई गई है। (ख) संविधान की 11 वीं अनूसूची, पेसा कानून 1996 एवं वन अधिकार कानून 2006 में किये गये प्रावधानों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- "अ" अनुसार । (ग) माननीय सर्वोच्च अदालत की सिविल अपील प्रकरण क्रमांक 19869/2010 आदेश दिनांक 28 जनवरी 2011 में दिये गये प्रावधानों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- "ब" अनुसार ।
लघु वनोपज पर ग्रामसभा का अधिकार [वन]
12. ( क्र. 137 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायतों को किस-किस लघु वनोपज पर संविधान की 11वीं अनुसूची पेसा कानून 1996, वन अधिकार कानून 2006, भू-राजस्व संहिता 1959 एवं भारतीय वन अधिनियम 1927 की
किस-किस धारा में क्या-क्या अधिकार दिया है, किस-किस धारा में वन विभाग को क्या-क्या अधिकार दिया है ? पृथक-पृथक बतावें । (ख) ग्रामसभा एवं ग्रामपंचायतों को किस-किस लघु वनोपज
पर क्या-क्या अधिकार सौंपे जाने के संबंध में राज्य मंत्रालय भोपाल ने किस-किस दिनांक को आदेश जारी किया, किस-किस लघु वनोपज को वन विभाग के नियंत्रण से मुक्त किए जाने के संबंध में किस-किस दिनांक को राजपत्र में अधिसूचना का प्रकाशन किया, आदेश एवं अधिसूचना की प्रति सहित बतावें। (ग) ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को लघु वनोपज पर प्राप्त अधिकारों में हस्तक्षेप कर लघु वनोपज पर प्रतिबंध लगाने, लघु वनोपज के वन अपराध पंजीबद्ध कर जप्ती एवं राजसात करने का अधिकार राज्य शासन ने किस आदेश दिनांक से वन विभाग के किस श्रेणी के अधिकारी को सौंपा हैं?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- एक अनुसार है। (ख) ग्राम सभाओं को प्रत्योजित अधिकार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ग) ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत को लघु वनोपज पर प्राप्त अधिकारों पर कोई प्रतिबंध नहीं है किन्तु संग्रहण सतत् पोषणीय पद्धति से न करने पर एवं संग्रहण प्रकिया में वनोपज को नुकसान पहुंचाने के कारण भारतीय वन अधिनियम, 1927 के प्रावधानों के अंतर्गत वन अधिकारी कार्यवाही करने हेतु अधिकृत हैं।
विवाह सहायता राशि भुगतान के प्रकरण
13. ( क्र. 153 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 25 जून 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल में पंजीकृत किन-किन के विवाह सहायता राशि भुगतान के प्रकरण किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित हैं? (ख) संबंधितों के परिजनों को राशि का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को 1 जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र विवाह सहायता राशि भुगतान हेतु कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नकर्ता विधायक के पत्रों में उल्लेखित किन-किन को राशि का भुगतान कर दिया गया तथा किन-किन को राशि का भुगतान क्यों नहीं किया तथा कब तक राशि का भुगतान होगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) 25 जून 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल अंतर्गत पंजीकृत 80 हितग्राहियों के विवाह सहायता योजनांतर्गत राशि भुगतान के प्रकरण जनपद पंचायत / नगरीय निकाय स्तर पर लंबित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार है। त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन एवं नगरीय निर्वाचन में संलग्न होने के कारण प्रकरण में कार्यवाही प्रचलित है । (ख) म.प्र. राजपत्र दिनांक 15 अप्रैल 2022 में मंडल की 'विवाह सहायता योजना में आंशिक संशोधन संबंधी अधिसूचना जारी की गई है, जिसमें योजनांतर्गत पंजीकृत पात्र महिला श्रमिक अथवा पंजीकृत श्रमिक की पुत्री (प्रति श्रमिक 02 पुत्रियों तक) द्वारा सामाजिक न्याय विभाग की "मुख्यमंत्री कन्यादान योजना" अंतर्गत आयोजित होने वाले सामूहिक विवाह कार्यक्रमों में सम्मिलित होकर विवाह करने पर
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के प्रावधान अनुसार हितग्राही को सामाजिक न्याय विभाग के माध्यम से हितलाभ प्रदान किए जाने संबंधी प्रावधान किया गया है। विवाह सहायता योजना में उक्त संशोधन के परिणाम स्वरूप मंडल के पत्र क्रमांक 4135 दिनांक 20-05-2022 अनुसार दिनांक 22-04-2022 के पूर्व संपन्न हुए विवाहों में संबंधित जिला कलेक्टर से प्राप्त मांग पत्र अनुसार विवाह सहायता राशि का आवंटन प्रदाय किया जायेगा तथा दिनांक 22-04-2022 को अथवा इसके पश्चात संपन्न हुए विवाहों हेतु "मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत आयोजित होने वाले सामूहिक विवाह कार्यक्रमों में सम्मिलित होकर विवाह करने पर मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के प्रावधान अनुसार हितग्राही को सामाजिक न्याय विभाग के माध्यम से हितलाभ प्रदान किया जायेगा। (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को 1 जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रश्नकर्ता विधायक का 01 पत्र प्राप्त हुआ, जिस पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
अन्त्येष्टि एवं अनुग्रह सहायता राशि का प्रदाय
14. ( क्र. 154 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 25 जून 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना तथा मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल में पंजीकृत श्रमिकों की मृत्यु उपरांत अन्त्येष्टि एवं अनुग्रह सहायता राशि भुगतान के किन-किन प्रकरण में किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित हैं? (ख) उक्त लंबित प्रकरणों का कब तक निराकरण होगा तथा संबंधित के परिजनों को राशि का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा ? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को 1 जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई ? (घ) प्रश्नकर्ता विधायक के पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ तथा किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ तथा कब तक निराकरण होगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल ) योजना के अंतर्गत रायसेन जिले में 25 जून 2022 की स्थिति में पंजीकृत श्रमिकों की मृत्यु उपरांत अन्तेष्टि सहायता का कोई भी प्रकरण भुगतान हेतु लंबित नहीं है। अनुग्रह सहायता राशि भुगतान के 189 प्रकरण में ई.पी.ओ. जारी है। जिनमें पर्याप्त बजट उपलब्धता पर भुगतान किया जाता है। मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत 25 जून 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि एवं अनुग्रह सहायता योजनांतर्गत कोई भी प्रकरण भुगतान हेतु लंबित नहीं है । (ख) म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत प्रकरणों में पात्रता अनुसार राशि भुगतान एक सतत् प्रक्रिया है। पदाभिहित अधिकारियों द्वारा पात्रता अनुसार प्रकरण स्वीकृति उपरान्त ई.पी.ओ. जारी कर डिजीटली हस्ताक्षरित किये जाने तथा मृत्यु सत्यापन की कार्यवाही पश्चात् राज्य स्तर पर प्रकरणों में बजट उपलब्धता अनुसार भुगतान किया जाता है। (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में माननीय विधायक महोदय द्वारा माननीय
मंत्री जी को संबोधित पत्र क्रमांक 1030 दिनांक 20-04-2022 मंत्री महोदय के माध्यम से दिनांक 27-04-2022 को सचिव, असंगठित मण्डल को प्राप्त हुआ। जिस संबंध में वस्तुस्थिति से माननीय विधायक महोदय को मण्डल के पत्र क्रमांक 1539 दिनांक 29-04-2022 द्वारा अवगत कराया गया, साथ ही उक्त पत्र श्रम पदाधिकारी, मण्डीदीप की ओर आवश्यक कार्यवाही हेतु अग्रेषित किया गया। 2. इसी प्रकार माननीय विधायक महोदय का समविषयक पत्र माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय के माध्यम से दिनांक 06-06-2022 को प्राप्त हुआ। जिसे श्रम पदाधिकारी, मण्डीदीप को आवश्यक कार्यवाही बावत् पत्र क्र. 2538 दिनांक 13-06-2022 द्वारा प्रेषित किया गया। जिसकी प्रतिलिपि माननीय विधायक महोदय जी को भी प्रेषित की गई है। 3. माननीय विधायक महोदय का माननीय मंत्री जी श्रम विभाग को संबोधित पत्र क्रमांक 1058 दिनांक 28-04-2022 माननीय मंत्री जी
कार्यालय के माध्यम से दिनांक 13-06-2022 को प्राप्त हुआ। जो कि पत्र क्रमांक 8849 दिनांक 28-06-2022 के माध्यम से आवश्यक कार्यवाही हेतु श्रम पदाधिकारी, रायसेन को भेजा गया। जिसकी प्रतिलिपि माननीय विधायक महोदय जी को भी प्रेषित की गई है। प्रश्नांश (क) के संबंध में भवन मंडल अंतर्गत माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को 1 जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रश्नकर्ता विधायक का 01 पत्र प्राप्त हुआ, जिस पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) असंगठित मंडल अंतर्गत माननीय विधायक महोदय के पत्रों में उल्लेखित सभी समस्याओं के निराकरण हेतु तत्परता से कार्यवाही करते हुये श्रम पदाधिकारी, मण्डीदीप द्वारा मुख्य कार्यापालन अधिकारी जनपद पंचायत सिलवानी / बेगमगंज एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी सिलवानी / बेगमगंज को कार्यवाही हेतु पत्र प्रेषित किये गये, जिन पर त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन एवं नगरीय निर्वाचन में संलग्न होने के कारण कार्यवाही प्रचलन में है। माननीय विधायक महोदय द्वारा प्रकरणों में भुगतान लंबित होने की समस्या का उल्लेख किया गया था। प्रकरणों में भुगतान एक सतत् प्रक्रिया है। पदाभिहित अधिकारियों द्वारा पात्रता अनुसार प्रकरण स्वीकृति उपरान्त ई.पी.ओ. जारी कर डिजीटली हस्ताक्षरित किये जाने तथा मृत्यु सत्यापन की कार्यवाही पश्चात् राज्य स्तर पर प्रकरणों में बजट उपलब्धता अनुसार भुगतान किया जाता है। भवन मंडल अंतर्गत प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
परिशिष्ट - "सैंतीस"
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना
15. ( क्र. 170 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत पात्रता हेतु क्या-क्या नियम एवं निर्देश हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में बी. पी. एल. कार्डधारियों को निःशुल्क गैस कनेक्शन दिये जाने का प्रावधान हैं? (ग) यदि हाँ, तो सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत स्थिति इण्डेन गैस एजेंसी रामपुर कला द्वारा ऐसे पात्र हितग्राहियों से राशि वसूली गई है? यदि हाँ, तो क्या उक्त एजेंसी के विरूद्ध कोई शिकायती आवेदन विभाग को प्राप्त हुए है? यदि हाँ, तो प्राप्त आवेदनों का विवरण व आज दिनांक तक उक्त गैस एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत पात्रता हेतु भारत सरकार के पत्र दिनांक 04 अगस्त 2021 एवं म.प्र. शासन के पत्र क्रमांक 608/पी.एस.फूड/उज्जवला/ 2021 दिनांक 16.08.2021, पत्र क्र. 635 / पी. एस. खाद्य / उज्जवला/2021 दिनांक 25.08.2021, पत्र क्र.706 /उज्जवला/2021 दि.15.09.2021, पत्र क्र.756/पी.एस. खाद्य/उज्जवला/2021 दिनांक 28.09.2021, पत्र क्र. 9551/पी.एस.खाद्य/उज्जवला /2021 दिनांक 22.10.2021 के द्वारा विभागीय दिशा निर्देश जारी किये गये, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" अनुसार है। (ख) जी हाँ । (ग) इण्डेन गैस एजेंसी रामपुरकलां के संचालक द्वारा अवैध राशि प्राप्त कर उज्जवला का गैस कनेक्शन देने के संबंध में प्राप्त शिकायत की जांच कराई गई एवं जांच प्रतिवेदन अनुसार पाई गई अनियमितताओं के संबंध में इण्डेन गैस एजेंसी रामपुरकलां के संचालक के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई। उक्त प्रकरण में मान. न्यायालय कलेक्टर जिला मुरैना के प्र.क्र. 83 / ब-121/2020-21 में पारित आदेश दिनांक 18.03.2021 द्वारा रूपये 10000/- अर्थदण्ड कर जमा करने हेतु आदेश पारित किया गया है। उपरोक्त आदेश के विरूद्ध गैस एजेंसी संचालक द्वारा मा. न्यायालय सत्र न्यायाधीश, सत्र खण्ड मुरैना के आपराधिक अपील क्र. 51/2021 में पारित आदेश दिनांक 10 जून 2022 द्वारा अपील स्वीकार करते हुए आलोच्य आदेश को अपास्त किया गया है। उक्त एजेंसी के विरूद्ध प्राप्त शिकायती आवेदन एवं उक्त गैस एजेंसी के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ब" अनुसार है।
वृक्षारोपण की जांच व स्थानांतरित रेन्जरों को कार्यमुक्त करना
16. ( क्र. 191 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह की हटा वीट अंतर्गत वर्ष 2019-20, 2020-21 व वर्ष 2021-22 में किस-किस प्रजाति के कितने वृक्ष एवं पौधे कहां-कहां रोपे गये एवं वृक्षारोपण में सरकार का कितना व्यय हुआ ? वृक्षारोपण में स्थलवार जीवित पौधों की संख्या बतायी जावे व प्राक्कलन सहित गड्ढों की खुदाई व रोपण पर व संरक्षण पर व्यय की जानकारी दी जावे । वृक्षारोपण की शिकायतें लगातार प्राप्त होती रहती है तो क्या एक प्रदेश स्तरीय जांच समिति बनाकर हटा बीट अंतर्गत हुये वृक्षारोपण की जांच कराकर कार्यवाही की जावेगी? (ख) साथ ही बताया जावे कि वन विभाग में शासन द्वारा कुछ रेंजरों की परिवीक्षा अवधि के पूर्ण हो जाने उपरांत नवीन पदस्थापना की गई थी लेकिन आज दिनांक तक नवीन पदस्थापना स्थल पर कितने रेंजरों ने कार्य भार लिया? हटा के रेंजर द्वारा नवीन पदस्थापना स्थल पर कार्यभार क्यों ग्रहण नहीं किया ?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जिला दमोह में आने वाले वन मण्डल दमोह एवं नौरादेही (वन्यप्राणी) वन मण्डल के अंतर्गत बीट हटा नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) परिवीक्षा अवधि पूर्ण हो जाने के उपरांत नवीन पदस्थापना पर 54 वन क्षेत्रपालों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। परिक्षेत्र हटा में किसी अन्य वनक्षेत्रपाल की पदस्थिति न होने से तथा तत्पश्चात कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी दमोह के आदेश क्रमांक - 185, दिनांक 31.05.2022 एवं आदेश क्रमांक-718, दिनांक 21.06.2022 द्वारा परिक्षेत्र अधिकारी हटा को त्रि-स्तरीय पंचायत आम निर्वाचन 2022 में
सेक्टर अधिकारी नियुक्त किया गया है, जिस कारण नवीन पदस्थापना में कार्यभार ग्रहण करने हेतु भारमुक्त नहीं किया जा सका।
कोरोना मृतकों के परिजनों को अनुग्रह राशि का प्रदाय [राजस्व]
17. (क्र. 204 ) श्री तरूण भनोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोरोना से होने वाली मृत्यु पर मृतक के परिजन को 50 लाख अथवा अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने का प्रावधान है अथवा नहीं? (ख) यदि वर्णित (क) हाँ तो जबलपुर जिले में कितने कोरोना से मृतकों के परिजनों को 50 लाख अथवा अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई है, जानकारी उनके नामवार एवं पतावार दी जावे। (ग) क्या उक्त योजना एस. टी. / एस. सी. कर्मचारियों के लिये भी है? यदि हाँ, तो जबलपुर स्थित शासकीय सेठ गोविन्ददास चिकित्सालय अंतर्गत कार्यरत कोरोना से मृतक एस.डी. प्रधान के परिजनों को कब अनुकंपा नियुक्ति अथवा 50 हजार की राशि प्राप्त होगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ । (ख) जबलपुर जिले में डॉ. क्षीतिज भटनागर की पत्नी डॉ. शिखा भटनागर को 50 लाख की राशि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज योजना में प्रदान की गई। इसी प्रकार श्री अब्दुल मुबीन लैब टैक्नीशियन की पत्नी श्रीमति आरजू बानो को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज योजना के अंतर्गत 50 लाख की राशि एवं अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई। श्री एस. डी. प्रधान कंपाउंडर की पत्नी को 50 लाख की राशि एवं उनके पुत्र को अनुकंपा नियुक्ति का प्रकरण संचालनालय, स्वास्थ्य सेवायें में प्रक्रियाधीन है। (ग) जी हाँ । शासकीय सेठ गोविन्ददास चिकित्सालय जबलपुर के श्री एस. डी. प्रधान कंपाउंडर की पत्नी को 50 लाख की राशि का भुगतान बीमा कंपनी में प्रक्रियाधीन है एवं उनके पुत्र को अनुकंपा नियुक्ति का प्रकरण संचालनालय, स्वास्थ्य सेवायें में प्रक्रियाधीन है।
नर्मदा तट पर अवैध मुरूम उत्खन्न [खनिज साधन]
18. ( क्र. 210 ) श्री तरूण भनोत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भेड़ाघाट नर्मदा तट स्थित सरस्वती घाट और भीटा गांव में बेजा तरीके से अवैध मुरूम उत्खनन की घटनाओं की शिकायतें मिली हैं? (ख) यदि हाँ, तो इन शिकायतों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या अवैध मुरूम उत्खनन के कारण मिट्टी के ढेरों में टिटहरी पक्षी के अंडे नष्ट हो रहे है और अवैध उत्खनन से पर्यावरण को होने वाले संभावित नुकसान के साथ ही पशुपक्षियों को होने वाले नुकसान को कम करने के लिये क्या कदम उठाये जा रहे है ? (घ) क्या सरकार अवैध उत्खनन को रोकने और पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिये किसी ठोस नीतिगत फैसले पर विचार करेगी ?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है । (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है ।
निराकृत प्रकरणों की जानकारी [राजस्व]
19. ( क्र. 239 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की महाराजपुर तहसील में पदस्थ वर्तमान तहसीलदार द्वारा भूमि संबंधी वसीयत सीमांकन, नामांतरण, बंटवारा आदि के प्रकरण निराकृत किये गये है ? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो वर्तमान पदस्थ तहसीलदार के पदांकन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक निराकृत प्रकरणों की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार वसीयत प्रकरणों में आपत्तियां लगी है? यदि हाँ, तो किन-किन प्रकरणों में ?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ । (ख) उपरोक्त वसीयत, सीमांकन, नामांतरण, बंटवारा आदि के प्रकरणों का निराकरण म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109,110 के तहत नामांतरण/वसीयत नामांतरण धारा 129 के तहत सीमांकन, धारा 178, 178 (क) के तहत बंटवारा के प्रकरणों में विधि संगत न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत प्रकरणों का निराकरण किया गया। प्रकरणों में निराकृत आदेश की नियमानुसार प्रतियां आर. सी. एम. एस. पोर्टल पर डिजिटल साईन से अपलोड की गई है। (ग) जी हाँ। कुल 03 वसीयत नामांतरण पर आपत्तियाँ प्राप्त हुई है। आपत्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार ।
ग्रेनाइट पत्थर उत्खनन की स्वीकृति
20. ( क्र. 240 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डी.जी. मिनरल्स कम्पनी लवकुश नगर को ग्रेनाइट पत्थर उत्खनन की स्वीकृत शासन के नियम व निर्देशों के तहत की गयी थी? यदि हाँ, तो नियम व निर्देशों की प्रति तथा स्वीकृत दिनांक की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या उक्त कम्पनी संचालक द्वारा नियम व निर्देशों का पालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या कम्पनी नगर की बीच बस्ती में संचालित है तथा स्वीकृत क्षेत्र के बाहर पत्थर खोदा जा रहा है ? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो जिला खनिज अधिकारी द्वारा कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ, तो कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो क्यों कारण बतायें। (घ) विगत दिनों कम्पनी की दीवाल गिरने से आर. के. महाविद्यालय के दो विद्यार्थियों की मृत्यु तथा कुछ विद्यार्थी घायल हुये थे तथा इसके पूर्व भी जन हानि की सूचनाएं प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो शासन कम्पनी संचालक व निरीक्षणकर्ता अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ, तो कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो कारण बतायें ।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ । मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 अधिसूचित है। डी.जी. मिनरल्स कंपनी को शासन के आदेश दिनांक 21/04/2022 से स्वीकृत किया गया है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। कंपनी द्वारा नगर के बीच बस्ती में खदान संचालित नहीं है, बल्कि नगर के बाहर एक छोर में बस्ती से निर्धारित दूरी छोड़कर खदान संचालित की जा रही है। खदान में पत्थर उत्खनन स्वीकृत क्षेत्र के अंदर किया जा रहा है। (ग) कंपनी संचालक द्वारा नियम व निर्देशों का पालन किये जाने एवं स्वीकृत क्षेत्रान्तर्गत खनन कार्य संपादित करने से कंपनी पर
कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। दिनांक 28/03/2022 की घटना को संज्ञान में लेते हुए थाना लवकुश नगर में अपराध क्रमांक 123/2022 धारा 304 ए ता. हि. का प्रकरण दर्ज किया गया है। विवेचना में दीवार निर्माण करने वाले ठेकेदार इकबाल मोहम्मद निवासी लवकुश नगर, आर. के. कॉलेज प्रबंधन समिति के प्रमुख श्री योगेन्द्र खरे व श्री रजनीश सोनी एवं डी.जी. मिनरल्स प्रायवेट लिमिटेड के प्रमुख श्री मुकेश मीना को जिम्मेदार मानते हुए अपराध में नामजद किया गया है। मामले में विवेचना जारी है। चालानी कार्यवाही होना शेष है। इस घटना के अतिरिक्त ग्रेनाईट खदान में उत्खनन के दौरान पूर्व में अन्य कोई भी जन हानि या किसी के घायल होने की सूचना थाना ईकाई में पंजीकृत नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कोरोना काल में अनियमितता
21. ( क्र. 246 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन में वैश्विक महामारी कोरोना में कितने पीड़ितों ने इलाज या मृत्यु होने पर राहत राशि मुआवजे के लिए आवेदन प्रस्तुत किये, कितने पीड़ितों को इलाज के लिए किस-किस मद में राशि दी गयी ? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित कितने पीडितों को किस कारण से मुवावजा राशि नहीं दी गयी ? (ग) कोरोना पीड़ित की मृत्यु होने पर राहत राशि मुआवजा राशि प्राप्त करने के क्या नियम प्रावधान थे, रतलाम मंदसौर जिले में ऐसे कितने आवेदन लंबित है जिनमें समस्त शासन द्वारा चाही गयी जानकारी होने के बावजूद भी पीड़ित परिवारों को मुवावजा नहीं दिया गया ? (घ) उज्जैन संभाग में कोरोना अवधि (1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक) में खरीदी आदि अनियमितता करने के मामले में जिला कलेक्टरों द्वारा क्या-क्या सम्बन्धित के खिलाफ कार्यवाही की गयी नाम सहित जांच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध कराये?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) उज्जैन जिले अन्तर्गत कुल 1599 मृतकों के वैध वारिसानों द्वारा अनुग्रह राशि हेतु आवेदन प्रस्तुत किये। कोविड- 19 संक्रमण से मृत्यु होने पर विभाग द्वारा अनुग्रह राशि प्रदाय किये जाने के निर्देश है, ईलाज के लिये राशि प्रदाय किये जाने का प्रावधान नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" अनुसार है। (ग) कोरोना पीड़ित की मृत्यु होने पर मुआवजा राशि प्राप्त करने के दिशा-निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ब" अनुसार है। रतलाम एवं जिला मंदसौर में अनुग्रह राशि हेतु पात्र पीड़ित परिवारों के आवेदन लंबित नहीं है। (घ) उज्जैन संभाग में कोरोना अवधि (1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक) में खरीदी आदि अनियमितता के संबंध में कोई मामला नहीं है। अतः शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
अवैध उत्खनन की जानकारी
22. ( क्र. 248 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में 1 जनवरी 2018 के पश्चात अवैध उत्खनन के कितने माम कहाँकहाँ, दर्ज किये गये ? इसमें कौन-कौन सा खनिज कितनी - कितनी मात्रा में जप्त किया गया तथा किस कारण से कितना वापस छोड़ा गया, कितना खनन माफिया जबरन छुड़ा ले गये ? समस्त जानकारी
देवें। (ख) वर्तमान में उक्त संभाग में किस-किस सामग्री के कितने-कितने ठेके किस-किस कम्पनी/व्यक्ति के नाम से हैं जिनकी कितनी - कितनी मात्रा में खनन की स्वीकृति है? विभाग इसकी निगरानी किस तरह करता है? समस्त जानकारी देवें । (ग) प्रश्नांश (क) एवं ( ख ) संदर्भित खदानों की निगरानी विभाग किस तरह करता है? ठेकेदारों द्वारा स्वीकृत खनन से अधिक खनन के कितने मामले उक्त संभागों में, उक्त अवधि में, कहाँ-कहाँ सामने आये? उनके विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाही विभाग द्वारा की गयी? कितनी कार्यवाही अभी भी प्रचलन में है? समस्त जानकारी देवें । (घ) खनिज विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के विरुद्ध उक्त अवधि में, उक्त संभागों में, जांच एजेंसियों/विभाग द्वारा की गयी कार्यवाही का विवरण देवें तथा प्रतिवेदन की प्रतिलिपि देते हुए प्रकरण की वर्तमान स्थिति से अवगत करायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित संभाग के जिलों में प्रश्नाधीन अवधि में दर्ज अवैध उत्खनन के प्रकरणों तथा उनमें जप्त की गई खनिज की मात्रा का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - अ में दर्शित है। जप्तशुदा खनिज अर्थदण्ड राशि जमा होने पर छोड़ा गया परंतु खनिज माफिया द्वारा जबरन छुड़ा कर खनिज ले जाने संबंधी कोई स्थिति प्रकाश में नहीं आयी है । (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित संभाग के जिलो उज्जैन, रतलाम, आगर-मालवा, शाजापुर, मंदसौर तथा नीमच में कोई भी खनिज ठेके पर स्वीकृत नहीं किया गया है। देवास जिले में रेत खनिज का ठेका मेसर्स परम एजेन्सीस भोपाल के पक्ष में स्वीकृत किया गया है, उक्त ठेके में खनन हेतु स्वीकृत खनिज मात्रा का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - ब अनुसार है। विभागीय अधिकारियों के साथ ही राजस्व एवं पुलिस विभाग द्वारा इसकी निगरानी नियमित निरीक्षण तथा औचक निरीक्षण कर की जा रही है । (ग) प्रश्नांश अनुसार विभाग द्वारा विभागीय अमले से खदानों का सामयिक निरीक्षण कराता है तथा औचक निरीक्षण हेतु दल गठित कर कार्यवाही कराया जाता है। संभाग के किसी भी जिले में ठेकेदारों द्वारा खनिज खनन हेतु स्वीकृत मात्रा से अधिक मात्रा में खनन किये जाने का कोई प्रकरण प्रश्नाधीन अवधि में नहीं पाया गया, अतः प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) संभाग में प्रश्नाधीन अवधि में विभाग के किसी भी अधिकारी, कर्मचारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई। प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजस्व अधिकारी/कर्मचारियों के विरुद्ध जांच
23. ( क्र. 249 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2018 के पश्चात राजस्व विभाग में पदस्थ राजस्व अधिकारी, संयुक्त कलेक्टर, ADM, SDM / SDO, अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, पटवारी सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी के विरुद्ध भ्रष्टाचार, ट्रेप अपराधिक प्रकरणों के अपराध क्रमांक, दिनांक, धारा सहित अपराध का विवरण देते हुए समस्त जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश "क" संदर्भित उक्त सभी अधिकारी कर्मचारी के विरुद्ध प्रचलित विभागीय कार्यवाही का विवरण प्राप्त प्रतिवेदन का विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश "क", "ख" संदर्भित उक्त अवधि में किस-किस अधिकारी कर्मचारी के विरुद्ध विभागीय जाँच नस्तीबद्ध / समाप्त की गयी है? आदेश की प्रतिलिपि देवें ।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरणों में संबंधित न्यायालयों में विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त / जांच एजेंसी द्वारा कार्यवाही की जाती है।
पृथक अनुविभागीय अधिकारी राजस्व न्यायालय की स्थापना
24. ( क्र. 256 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत तीन माह पूर्व विकासखण्ड सिरमौर में आयोजित कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री महोदय के द्वारा तहसील जवा में पृथक अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय (एस. डी. एम. कोर्ट) को स्थापित कर डभौरा एवं अतरैला में उप तहसील कार्यालय संचालित कराने संबंधी घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त घोषणा के अनुक्रम में क्या कार्यवाही की गई है ? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त घोषित पृथक अनुविभागीय राजस्व न्यायालय ( एस. डी. एम. कोर्ट) के संचालन एवं डभौरा तथा अतरैला में नियमित रूप से उप तहसील कार्यालय संचालित करने के संबंध में क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई है? विभाग के द्वारा जवा में पृथक अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय ( एस. डी. एम. कोर्ट) कब से प्रारंभ किया जा सकेगा? क्या उप तहसील कार्यालय डभौरा एवं अतरैला में नियमित स्टाफ की पदस्थापना एवं नियमित कार्यालय संचालन की व्यवस्था की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा दिनांक 30 मई 2022 को प्रेषित नोटशीट के माध्यम से सिरमौर में आयोजित कार्यक्रम में तहसील जवा में अनुविभाग कार्यालय स्थापित किए जाने की घोषणा की जाने की आधिकारिक सूचना प्राप्त हुई। जिसके क्रम में जवा में पृथक अनुविभाग बनाए जाने के संबंध में कलेक्टर रीवा से प्रस्ताव प्राप्त करने की कार्रवाई प्रचलित है। (ख) जवा में अनुविभाग कार्यालय गठन संबंधी घोषणा के क्रम में कलेक्टर रीवा से विधिवत प्रस्ताव प्राप्त करने की कार्रवाई प्रचलित है। कलेक्टर रीवा से प्रस्ताव प्राप्त होने पर, घोषणा के अनुरूप नियमनुसार कार्रवाई की जाना प्रस्तावित हैं।
योजना का लाभ दिया जाना
25. ( क्र. 266 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले की विधानसभा क्षेत्र दमोह अंतर्गत कितने बुजुर्ग राशनकार्ड धारक हैं जिनके अंगूठे के निशान के बॉयोमेट्रिक मशीन से मैच न होने के कारण राशन नहीं मिल रहा है ? (ख) क्या ऐसे मामलों में परिवार से बाहर के व्यक्ति को नामांकित करने का नियम है? (ग) यदि हाँ, तो क्या सरकार बुजुर्ग राशनकार्ड धारकों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए अंगूठे के निशान के बॉयोमेट्रिक मशीन से मैच न होने की स्थिति में ओ.टी.पी., आई स्केनर या आधार कार्ड की कापी से राशन देने का प्रावधान करेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) दमोह जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र हितग्राहियों में से बुजुर्ग हितग्राहियों के अंगूठे की रेखाएं घिसने सिकुड़ने से पी.ओ.एस. मशीन पर बॉयोमेट्रिक सत्यापन विफल होने के कारण राशन प्राप्त करने से कोई हितग्राही वंचित नहीं है । (ख) जी हाँ। बॉयोमेट्रिक सत्यापन सफल न होने वाले हितग्राहियों को नॉमिनी के माध्यम से राशन वितरण का प्रावधान है। (ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों में से परिवार के किसी भी सदस्य द्वारा पी. ओ. एस. मशीन पर बॉयोमेट्रिक सत्यापन के आधार पर राशन प्राप्त किया जा सकता है। हितग्राही की एक अंगुली/ अंगूठा की रेखाओं से बॉयोमेट्रिक सत्यापन सफल न होने पर एक से अधिक अंगुलियों (फ्यूजन फिंगर) के बॉयोमेट्रिक सत्यापन किया जाता है। साथ ही, बॉयोमेट्रिक सत्यापन न होने पर आधार नंबर से लिंक मोबाइल नंबर पर ओ.टी.पी. अथवा नॉमिनी के माध्यम से राशन सामग्री के वितरण की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। हितग्राही द्वारा आधार पंजीयन केन्द्र पर अपने आधार नंबर को अपडेट कराने तथा मोबाइल नंबर लिंक कराने की सुविधा उपलब्ध है। किसी भी पात्र हितग्राही को बॉयोमेट्रिक सत्यापन सफल न होने के आधार पर राशन से वंचित नहीं किया जा रहा है।
कोटवारों का नियमितीकरण
26. ( क्र. 268 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के कोटवारों को प्रति माह कितना वेतन तथा कौन-कौन सी अन्य सुविधाएं दी जाती हैं? (ख) क्या वर्तमान में प्रदेश के कोटवारों को दिया जाने वाला वेतन उनके परिवार के भरण पोषण के लिए पर्याप्त है? (ग) क्या प्रदेश के कोटवारों को नियमित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी घोषित करने और उन्हें कलेक्टर रेट पर वेतन दिए जाने के लिए कार्यवाही करेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) ग्राम कोटवार को मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता1959 की धारा-231 अनुसार सेवा भूमि या पारिश्रमिक या दोनों का प्रावधान किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इसके अतिरिक्त कोटवारों को प्रतिवर्ष वर्दी, जूते, टार्च, बेल्ट एवं गरम कोट प्रदाय किये जाते हैं। (ख) कोटवारों को उनकी सेवाओं के लिए सेवाभूमि या पारिश्रमिक या दोनों मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता- 1959 के प्रावधानों अनुसार प्रदाय किए जाते हैं। (ग) ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है ।
परिशिष्ट- "अडतीस "
गहरी खदानों के अपशिष्ट से फसलें एवं जमीनें खराब होना
27. ( क्र. 295 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनिज संपदा निकालने हेतु कितने फिट गहराई तक खुदाई का प्रावधान है? ( ख ) जबलपुर
जिले के अंतर्गत गांधी ग्राम से लगे बडखेरा रोड पर आयरन ओर की खदान 300 फीट तक खोदी गई, क्या यह सही है या नहीं? (ग) क्या खदान से निकल रहा पानी एवं अपशिष्ट नाली, नहरों एवं
खेतों में बहाया जा रहा है? (घ) क्या व्यक्तिगत लाभ के लिए फसल, जमीन की उर्वरा शक्ति एवं पर्यावरण को क्षति नहीं हो रही है? यदि हाँ, तो क्या शासन कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) रेत खनन को छोड़कर शेष खनिज के खनन कार्य हेतु गहराई की कोई सीमा नहीं है । (ख) से (घ) जी नहीं।
ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायतों को अधिकार
28. ( क्र. 470 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामसभा और ग्राम पंचायत को पटवारी मानचित्र में दर्ज सामुदायिक भूमियों, किस-किस लघु वनोपज पर क्या-क्या अधिकार संविधान की 11वीं अनुसूची, पेसा कानून 1996, वन अधिकार कानून 2006, भू-राजस्व संहिता 1959 की किस-किस धारा में दिया गया है, इनमें से किस-किस धारा में वन विभाग को क्या-क्या अधिकार दिए गए है? पृथक-पृथक बतावें। (ख) राज्य शासन ने पटवारी मानिचत्र, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख में सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजनों के लिए दर्ज सामुदायिक भूमियों एवं किस-किस लघु वनोपज के अधिकार, नियंत्रण एवं प्रबंधन ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को सौंपे जाने का किस-किस दिनांक को आदेश या अधिसूचना जारी की है? प्रति सहित बतावें। (ग) पटवारी मानिचत्र एवं निस्तार पत्रक में दर्ज सामुदायिक भूमियों को वन विभाग द्वारा वर्किंग प्लान में शामिल कर कब्जा किए जाने, लघु वनोपज पर प्रतिबंध लगाकर लघु वनोपज के वन अपराध पंजीबद्ध किए जाने पर संबंधित वन अधिकारियों के विरूद्ध किस-किस कानून की किस-किस धारा के अनुसार कौन-कौन सी कार्यवाही के क्या-क्या अधिकार वर्तमान में किसे दिए गए है?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। लघु वनोपजों में तेन्दूपत्ता विनिर्दिष्ट वनोपज घोषित होने से इसके विपणन की कार्यवाही म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा की जाती है । (ख) प्रश्नांश से संबंधित राज्य शासन द्वारा कोई विशिष्ट आदेश जारी नहीं किये गये है। (ग) वन विभाग द्वारा वर्किंग प्लान में अधिसूचित वन भूमियों को शामिल किया जाता है, जिसके प्रबंधन एवं नियंत्रण का अधिकार वन अधिकारियों को प्राप्त है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट - "उनतालीस"
गौण खनिज पर ग्राम पंचायतों को छूट
[ खनिज साधन]
29. (क्र. 471 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायतों द्वारा किए जाने वाले निर्माण कार्यों और ग्रामीण विकास से संबंधित जिला पंचायत द्वारा नियंत्रित मदों से स्वीकृत किए गए कार्यों में लगने वाले गौण खनिज से संबंधित क्या-क्या छूट म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 एवं म.प्र. रेत नियम 2019 में दी गई है, इस छूट में ग्राम पंचायतों और जनपद पंचायतों को क्या-क्या अधिकार दिए गए है? (ख) गत दो वर्षों में मण्डला, डिण्डोरी एवं बैतूल जिले में किस-किस ग्राम पंचायत एवं किस-किस एजेन्सी ने ग्रामीण
विकास के कितने कार्यों में कितना गौण खनिज किस दर पर क्रय किया? कितने गौण खनिज के परिवहन पर कितनी राशि खर्च की? कितने गौण खनिज की कितनी रॉयल्टी का सप्लायर को या खनिज विभाग को भुगतान किया गया ? (ग) राजपत्र में अधिसूचित छूट से संबंधित नियमों का पालन नहीं किए जाने का क्या-क्या कारण रहा है? राज्य शासन ने नियमों में दी गई छूट का लाभ सुनिश्चित किए जाने के संबंध में किस-किस दिनांक को पत्र परिपत्र, आदेश, निर्देश जारी किए? प्रति सहित बतावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 3 में ग्राम पंचायतों, जनपद पंचायतों, जिला पंचायतों द्वारा किये जाने वाले निर्माण कार्यों के संबंध में छूट से संबंधित निम्नानुसार प्रावधान हैंः- "नियम - 3 ( छूट) ग्राम पंचायतों, जनपद पंचायतों, जिला पंचायतों तथा उपभोक्ता संस्थाओं द्वारा सार्वजनिक कार्यों के लिये संबंधित पंचायतों तथा जल उपभोक्ता संस्थाओं द्वारा हाथ में लिये गये कार्यों के लिए शासकीय भूमि से निकाले गये गौण खनिज के लिए लागू नहीं होगी। (तथापि शासकीय विभागों को नियम 10 के उप-नियम ( 3 ) में निहित राजस्व प्राप्ति शीर्ष के अधीन रॉयल्टी जमा करना होगी)"। मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्यापार) नियम, 2019 के नियम 4 (1) में पंचायतों के संबंध में छूट से संबंधित निम्नानुसार प्रावधान हैंः- "नियम 4 (1) (छूट) - पंचायत / नगरीय निकाय द्वारा शुरू की गई शासकीय योजना या अन्य लाभप्रद कार्यों (स्वच्छ भारत अधियान, प्रधानमंत्री आवास योजना आदि) के लिए निकटतम स्वीकृत रेत खदान से रॉयल्टी का भुगतान करने के उपरांत ही रेत प्राप्त की जा सकेगी। पंचायत/नगरीय निकाय द्वारा जमा की गई रॉयल्टी की संपूर्ण रकम, लदान (लोडिंग) एवं परिवहन छोड़कर, की वापसी आवश्यक जांच एवं प्रमाणीकरण के आधार पर की जाएगी परंतु पंचायत/नगरीय निकाय के लिए कार्य ठेकेदार द्वारा किए जाते हैं, तो उपरोक्त जमा रॉयल्टी वापस नहीं की जाएगी।" (ख) ग्राम पंचायत द्वारा खनिजों का क्रय तथा परिवहन व्यय की जानकारी का संधारण किया जाना मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में प्रावधानित नहीं है। ग्राम पंचायतों द्वारा रॉयल्टी का भुगतान किये जाने का प्रावधान नहीं है। अतः प्रश्नांश की जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 3 में प्रावधानित छूट अधिसूचित है। अधिसूचित नियमों के संबंध में पृथक से निर्देश जारी किया जाना आवश्यक नहीं है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन ग्रामों की जानकारी [वन]
30. ( क्र. 472 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य के 925 वनग्रामों के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रश्न क्रमांक 2175 दिनांक 7.3.2017 एवं प्रश्न क्रमांक 3248 दिनांक 8.3.2017 में पटल पर प्रस्तुत करने के बाद भी ग्रामों के पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी आदि बनाने के लिए पटवारियों की पदस्थापना बाबत् वन विभाग ने राज्य शासन को पत्र लिखा है? (ख) 925 वनग्रामों में किस ग्राम का पटवारी मानचित्र खसरा पंजी राज्य शासन के आदेश दिनांक 28.02.1980 के तहत बनाए गए ? (ग) किस ग्राम को किस अधिसूचना क्रमांक दिनांक से किस कानून की किस धारा के तहत अधिसूचित आरक्षित वन / संरक्षित
वन कक्ष में कब बसाया गया, उसमें से किस-किस अधिसूचना की प्रति वन विभाग के पास उपलब्ध है? प्रति सहित बतावें ।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ । (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
राजस्व ग्राम को वन ग्राम घोषित करना
31. ( क्र. 473 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा वनवृत्त के किस-किस राजस्व ग्राम को किस अधिसूचना क्रमांक या आदेश दिनांक से वनग्राम घोषित किया? किस वनग्राम को किस अधिसूचना क्रमांक या आदेश दिनांक से वीरान ग्राम घोषित किया? राजस्व ग्राम को वन ग्राम एवं वीरान ग्राम घोषित करने का क्याक्या अधिकार या छूट वन विभाग को किस कानून की किस धारा में दी है? (ख) खंडवा वनवृत्त में प्रतिवेदित किस-किस वनग्राम की भूमि से संबंधित कौन-कौन सी मिसल बंदोबस्त, खसरा पंजी, खतौनी पंजी, पटवारी मानचित्र वनमंडलों में उपलब्ध है? किस ग्राम की किस वर्ष की खसरा पंजी खतौनी पंजी भू-पोर्टल पर उपलब्ध है? इनमें किस ग्राम में कितनी निजी भूमि, कितनी आबादी मद की भूमि कितनी निस्तार मद और जंगल मद की भूमि दर्ज है? (ग) खंडवा वनवृत्त में प्रतिवेदित किस वनग्राम की कितनी निजी भूमि, कितनी आबाद मद की भूमि, कितनी निस्तार मद एवं जंगल मद की भूमि को मध्य भारत वन विधान 1950 की धारा 20 के अनुसार राजपत्र में किस दिनांक को आरक्षित वन अधिसूचित किया ? इन भूमियों से संबंधित धारा 4 की अधिसूचना किस दिनांक को प्रकाशित की गई धारा 5 से 19 तक की जांच किस प्रकरण में कर किस दिनांक को आदेश दिए गए ? धारा 4 की अधिसूचना एवं आदेश की प्रति सहित बतावें ।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वनवृत्त खण्डवा अंतर्गत वनमंडल खण्डवा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वाह, बडवानी एवं सेंधवा में किसी भी राजस्व ग्राम को वनग्राम अथवा वीरान घोषित नहीं किया गया है। राजस्व ग्रामों को वनग्राम एवं वीरान ग्राम घोषित करने का वन विभाग के पास कोई अधिकार / कानून नहीं है। (ख) वनवृत्त खण्डवा अंतर्गत वनमंडल खण्डवा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वाह, बडवानी एवं सेंधवा के कुल 225 वनग्रामों के खसरा पंजी, मानचित्र, खसरा-खतौनी, अभिलेख, राजस्व अभिलेखागार एवं वनमंडल कार्यालय में उपलब्ध हैं। वनग्रामों में स्थित निजी भूमि, आबादी भूमि, निस्तार मद एवं जंगल मद की वनभूमियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वन वृत्त खण्डवा के अंतर्गत मध्य भारत विधान 1950 की धारा-20 के अनुसार राजपत्र दिनांक 21.10.1954 में वनमण्डल खरगोन के 58 वनग्राम, बड़वाह के 09, बड़वानी के 45 वनग्राम तथा सेंधवा के 25 वनग्राम इस प्रकार कुल 137 वनग्रामों को पुनः आरक्षित वनभूमि के रूप में अधिसूचित की गई है। खण्डवा वनवृत्त के वनग्राम पूर्व से ही धारा-20 में आरक्षित वन के रूप में घोषित होने से धारा-5 से 19 तक की कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जल संसाधन विभाग की स्वीकृत योजनाएं
[जल संसाधन]
32. ( क्र. 528 ) श्री उमंग सिंघारः क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले की गंधवानी विधानसभा में जल संसाधन विभाग द्वारा निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ, तो गंधवानी, बाग एवं तिरला विकासखण्ड में कौन-कौन से कार्य कितनीकितनी लागत राशि के कब-कब स्वीकृत किये गये हैं? विकासखण्ड, कार्यवार एवं राशिवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांकित (क) यदि हाँ, तो स्वीकृत कार्यों की प्रश्न दिनांक तक निविदा जारी कर टेण्डर प्रक्रिया क्यों नहीं की गई है? इसका जिम्मेदार कौन है तथा कब तक निविदा जारी कर टेण्डर प्रक्रिया कर दी जायेगी ? यदि नहीं, तो क्यों ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। गंधवानी बाग एवं तिरला विकासखण्ड में स्वीकृत 05 परियोजनाओं में से 02 परियोजनाओं की निविदा स्वीकृत की जा चुकी है। 02 परियोजनाओं की निविदा की कार्यवाही प्रचलन में है। शेष 01 परियोजना से प्रभावित होने वाली वनभूमि व्यपवर्तन की अनुमति के अभाव में निविदा की कार्यवाही नहीं की जा सकी है। अतः किसी अधिकारी के जिम्मेदार होने की स्थिति नहीं है। निविदा जारी कर टेण्डर प्रक्रिया करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
परिशिष्ट- "चालीस"
प्राप्त राशि का उपयोग [वन]
33. ( क्र. 557 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में रायसेन जिले में विभाग को किसकिस योजना में कब-कब शासन से कितनी - कितनी राशि प्राप्त हुई ? (ख) उक्त प्राप्त राशि में से क्या-क्या, कितनी-कितनी राशि के किसकी अनुशंसा पर कहाँ-कहाँ कार्य स्वीकृत किये गये? (ग) वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई ? (घ) प्रश्नांश (ग) में प्राप्त पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ तथा क्यों? इसके लिए कौन-कौन दोषी है तथा उल्लेखित समस्याओं का निराकरण कब तक होगा?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट3 अनुसार है। (घ) वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में माननीय वन मंत्री जी एवं विधायकों के 44 पत्र प्राप्त हुये, जिसमें से 34 पत्रों का निराकरण किया गया है तथा उत्तरांश "ग" के परिशिष्ट में लिखे कारणों से 10 पत्रों के निराकरण की कार्यवाही जारी है, जिनका निराकरण शीघ्र किया जावेगा। इसके लिये कोई दोषी नहीं है।
किसान सम्मान निधि
34. ( क्र. 558 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 25 जून, 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में कितने किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि मिल रही है? तहसीलवार संख्या बतायें । ( ख ) 25 जून, 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में कितने किसानों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशि मिल रही है? तहसीलवार संख्या बतायें। (ग) रायेसन जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि प्राप्त करने वाले कितने किसानों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशि नहीं मिल रही है तथा इस हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही की ? (घ) प्रश्नांश (क) एवं ( ख ) के संबंध में जिला कार्यालय रायसेन को 1 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में रायसेन जिले के किन-किन सांसद तथा विधायकों के पत्र प्राप्त हुए तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) 25 जून, 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में 161065 किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि मिल रही है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट - 1 अनुसार है । (ख) 25 जून 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में 159225 किसानों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशि मिल रही है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि प्राप्त करने वाला प्रत्येक हितग्राही मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशि प्राप्त करने हेतु पात्र होता है। सत्यापन की प्रक्रिया पूर्ण होते ही राशि हितग्राही के खाते में अंतरित कर दी जाती है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं ( ख ) के संबंध में जिला कार्यालय रायसेन को 01 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में माननीय प्रभारी मंत्री जिला रायसेन, माननीय मंत्री लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मध्यप्रदेश शासन एवं माननीय विधायक विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 143 सिलवानी के पत्र प्राप्त हुए है। प्राप्त पत्रों पर नियमानुसार कार्यवाही हेतु संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं तहसीलदारों को निर्देशित किया गया है।
परिशिष्ट - "इकतालीस"
दोषियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही
35. ( क्र. 571 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय कर्म. गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित, तलैनी, सारंगपुर राजगढ़ के सम्बंध में प्रमुख सचिव राजस्व को प्रदान किये गये पत्र क्रमांक-561, दिनांक 30.05.2022 तथा समिति के सदस्यों के अभ्यावेदन के बिन्दु क्रमांक-1 से 5 तक बिन्दुवार जांच करवाते हुए स्वीकृत नक्शे के अनुसार सीमांकन नहीं करने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी तथा तत्कालीन सरपंच द्वारा अपने नाबालिक पुत्रों को आवासीय पट्टे प्रदान करने तथा पट्टों पर क्षेत्रफल, चतुःसीमा, क्र., दिनांक का उल्लेख नहीं होने पर क्या पट्टे निरस्त किये गये हैं? (ख) प्रश्न क्रमांक - 470 दिनांक 10.03.2022 को एवं मुख्यमंत्री मेनिट के अभ्यावेदन के बिन्दुवार जांच कब करवाई गई तथा जांच प्रतिवेदन से अवगत कराया जाएगा ? स्वीकृत नक्शे के अनुसार जांच करने पर पाये गये आवास अतिक्रमण क्यों नहीं हटाया गया तथा पुनः दूसरी बार जांच 29.03.2022 को मनमानी करते हुए टी. एण्ड सी. पी.
के स्वीकृत नक्शे के अनुसार नहीं करने पर दोषियों को निलंबित किया जायेगा ? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार राजस्व निरीक्षक द्वारा दोनों बार जांच में बनाये गये पंचनामा तथा जांच रिपोर्ट प्रदान की जाएगी तथा स्वीकृत नक्शे के अनुसार गुमराहपूर्वक जांच रिपोर्ट तैयार करने वाले अधिकारियों को निलम्बित करते हुए, अतिक्रमण हटाया जायेगा तथा निष्पक्ष जांच कराई जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) शासकीय कर्म गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित, तलेनी, सारंगपुर जिला राजगढ़ के संबंध में समिति के सदस्यों के अभ्यावेदन के बिंदु क्रमांक (1) से (5) की जांच प्रचलित है। जांच प्रतिवेदन अनुसार कार्यवाही प्रावधानित है। तत्कालीन सरपंच द्वारा अपने नाबालिग पुत्रों को आवासीय पट्टा प्रदान करने के संबंध में न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी सारंगपुर में प्रकरण क्रमांक 41 / बी-121/2022-23 (विविध) दर्ज कर कार्यवाही प्रचलित है। (ख) मुख्यमंत्री कार्यालय भोपाल का पत्र क्रमांक 6090/CMS/PUB/2022 भोपाल, दिनांक 08/04/2022 तहसीलदार सारंगपुर को जांच हेतु प्रेषित किया गया। प्रथम बार राजस्व निरीक्षक व दल द्वारा दिनांक 24/02/2022 को आवेदक की उपस्थिति में मौका जांच की गई जिसके प्रतिवेदन व पंचनामे में अतिक्रमण का उल्लेख नहीं है एवं दिनांक 29/03/2022 को राजस्व निरीक्षक व दल द्वारा आवेदक की उपस्थिति में सीमांकन किया गया जिसमें कोई अतिक्रमण नहीं पाया गया। शेष जानकारी उपरोक्त (क) अनुसार है। (ग) प्रश्नांश "ख" के अनुसार राजस्व निरीक्षक द्वारा दोनों बार जांच में बनाए गए पंचनामा तथा जांच रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष जानकारी उपरोक्त (क) अनुसार है ।
किसान क्रेडिट कार्ड की जानकारी
36. ( क्र. 613 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र में सिहावल सहित सीधी एवं सिंगरौली जिले में प्रश्न दिनांक तक कुल कितने कृषि भूमिधारक किसान हैं? (ख) उपरोक्त में से कितने किसानों के पास बैंकों द्वारा जारी किसान क्रेडिट कार्ड हैं तथा कितने किसान फसल बीमा से जुड़े हैं? (ग) क्या सरकार की जानकारी में है कि जिन किसानों के पास बैंकों द्वारा जारी किसान क्रेडिट कार्ड नहीं हैं उन्हें निजी साहूकारों से कर्ज लेने के लिए मजबूर होना पड़ता है ? (घ) यदि हाँ, तो क्या सरकार सभी किसानों को समय-सीमा में
किसान क्रेडिट कार्ड के दायरे में लाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित करेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सिहावल विधानसभा क्षेत्र सहित सीधी जिले में कुल 166520 एवं सिंगरौली जिले में कुल 269794 कृषि भूमि धारक किसान है । (ख) सीधी जिले में बैंकों द्वारा जारी किये गये किसान क्रेडिट कार्ड की संख्या 29080 एवं सिंगरौली जिले में 59351 है तथा सीधी जिले में खरीफ 2021 में 2525 एवं रबी 2021-22 में 2945 किसान फसल बीमा से जुड़े है एवं सिंगरौली जिले में 4876 किसान बीमा से जुड़े हुये है। (ग) जी नहीं। सीधी एवं सिंगरौली जिले में ऐसा कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) के प्रकाश में, प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय भूमियों की जानकारी
37. ( क्र. 631 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत किन-किन स्थानों पर कितनी-कितनी शासन / विभाग की वन भूमि स्थित है? क्षेत्रफल सहित बताएं । (ख) साथ ही विकासखंडवार किन-किन स्थानों पर कितनी-कितनी भूमियां हैं ? जानकारी देकर स्पष्ट करें कि उन भूमियों पर किस किस प्रकार के कार्य किए जा रहे हैं? कितने भूमियों का उपयोग होकर कितनी भूमियां रिक्त पड़ी हैं अथवा स्थाई या अस्थाई प्रकार का अतिक्रमण, अवैध कब्जा है? स्पष्ट जानकारी दें? (ग) बताएं कि वर्ष 2018-19 से लेकर प्रश्न दिनांक तक विभाग की भूमियों पर किस-किस प्रकार के कार्य किए जाते रहे हैं? विकासखंडवार, ग्रामवार किए गए कार्यवार स्वीकृत बजट एवं व्यय राशि सहित कार्यों की पूर्णता, अपूर्णता की जानकारी दें। (घ) बताएं कि वर्ष 2018-19 से लेकर प्रश्न दिनांक तक उपरोक्तानुसार उपरोक्त उल्लेखित भूमियों पर किए गए कार्यों के उल्लेखनीय कार्य क्या होकर, उससे क्या लाभ हुआ तथा विगत समय में किसकिस स्थान पर नवीन योजनाएं बनाकर भूमियों का संरक्षण व उपयोग किया जाना सुनिश्चित हुआ? वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) भारतीय वन अधिनियम, 1927 में अधिसूचित वन भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) वन विभाग द्वारा वन परिक्षेत्रों में वन कक्षों के अंतर्गत कार्य किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) रतलाम वनमंडल में विगत समय में कराये गये विभिन्न वानिकी कार्यों के फलस्वरूप इंडिया स्टेट ऑफ फारेस्ट रिपोर्ट 2019 एवं 2021 के तुलनात्मक विश्लेषण में रतलाम जिले के अंतर्गत 15.31 वर्ग कि.मी. वन आवरण की वृद्धि हुई। पर्यावरणीय लाभ के साथ स्थानीय समुदायों को रोजगार, चारा, जलाऊ एवं लघु वनोपज की प्राप्ति हुई। योजना बनाकर विगत समय में भूमि संरक्षण एवं वृक्षारोपण कार्य का स्थलवार विवरण उत्तरांश 'ग' के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।
राजस्व भूमियों के संबंध में [राजस्व]
38. ( क्र. 632 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा नगर फोरलेन सड़क स्थित जावरा चौपाटी से लेकर अरनियापीथा मंडी, भेसाना फंटा से आगे ग्राम रूपनगर फंटे तक सड़क के दोनों और अनेक स्थानों पर शासन की राजस्व भूमिया हैं? (ख) यदि हाँ, तो फोरलेन सड़क निर्माण के पूर्व एवं फोरलेन सड़क निर्माण के पश्चात उपरोक्त दोनों स्थलों पर शासन की राजस्व भूमियों पर कब-कब सीमांकन किया गया और किसके द्वारा किया गया? सीमांकन में निर्माण के पूर्व व पश्चात भूमियों की स्थितियां किस प्रकार की रही ? (ग ) साथ ही बताएं कि विगत वर्षों में अरनिया पीथा मंडी परिसर की बाउंड्रीवाल की चारों दिशाओं से लगी भूमियों पर एवं अरनिया पीथा मंडी के सामने ग्राम अरनिया पीथा एवं ग्राम भैसाना की भूमियों पर तथा हिंगलाज माता मंदिर के पास एवं मंदिर के सामने व औद्योगिक क्षेत्र थाना जावरा के पास व सामने शासन की भूमियों की क्या स्थिति है? (घ) अवगत कराएं कि वर्ष 2021-22 एवं वर्ष 2022-23 में विभाग द्वारा उक्त समस्त शासकीय भूमियों की जांच हेतु जांच दल गठित किए गए तो जांच
दल द्वारा किस-किस दिनांक को किस-किस प्रकार की कार्यवाही करते हुए शासन की भूमि से अवैध कब्जे हटाकर अतिक्रमण मुक्त की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ । (ख) शासकीय भूमियां होने से सीमांकन नहीं किया। फोरलेन निर्माण के पश्चात बन्नाखेडा भूमि सर्वे नम्बर 185/251 पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय बनाया है। निर्माण पूर्व / पश्चात भूमि सर्वे नं. 226/2 पर बस स्टेण्ड दुकान आदि, सर्वे नम्बर 226/3 व 226/4 पर श्रीराम कालोनी के मकान व दुकानें बनी है। सर्वे नम्बर 240/8 ग्राम रूपनगर, मंगलदास महाराज का आश्रम एवं बालाजी का मंदिर बना है। (ग) अरनियापीथा मण्डी के सामने भूमि सर्वे नम्बर 148/1/1/1 रकबा 5.036 हेक्टेयर भूमि में स्कूल भवन, खेल मैदान, पानी की टंकी (पेयजल), आबादी व खेतों के आने-जाने के रास्ते है। ग्राम भैसाना भूमि सर्वे नम्बर 161/1 रकबा 0.880 हेक्टेयर नोईयत चरागाह व सर्वे नम्बर 164 रकबा 0.430 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण है। हिंगलाज माता मंदिर कस्बा जावरा के सर्वे नम्बर 87 रकबा 3.743 हेक्टेयर नोईयत में रास्ता है एवं मंदिर के पास बगीचा भी है। इसी सर्वे नम्बर पर बागरी समाज के श्मशान की भूमि आवंटित है व कुछ भाग पर अतिक्रमण है। औद्योगिक क्षेत्र थाना जावरा के आस-पास व सामने की भूमि खाते की भूमि है। (घ) जी नहीं।
राजस्व प्रकरणों का निपटारा
39. ( क्र. 644 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 01 अप्रैल 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन सीमांकन, नामांतरण बंटवारे के प्राप्त हुये? कितने आवेदनों के संबंध में न्यायालय में प्रकरण दर्ज किए गए। उसमें कितने प्रकरण दर्ज करना शेष हैं? (ख) प्राप्त आवेदनों में से कितने सीमांकन, नामांतरण बंटवारा समय-सीमा में स्वीकृत किये गये? कितने आवेदन अस्वीकृत व विचाराधीन हैं? कारण सहित विवरण दें। (ग) कितने सीमांकन, त्रुटि सुधार, बंटवारा, नामांतरण के प्रकरण राजस्व अधिकारी द्वारा समय-सीमा में कार्यवाही नहीं करने के कारण निरस्त हुये हैं? आवेदनकर्ता के नाम कारण सहित विवरण दें। (घ) सिवनी जिले में 01 नवम्बर से 15 नवम्बर 2021 तक शासन द्वारा भू अभिलेख रिकार्ड शुद्धिकरण अभियान के अंतर्गत नक्शा संबंधित त्रुटियों में सुधार फोती नामांतरण, भूमि सुधार, खसरा रकबा में सुधार व्यपवर्तन डाटा एन्ट्री हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुये ? राजस्व अधिकारी द्वारा उसमें कितने प्रकरण का निराकरण कर दिया गया तथा कितने शेष है? नाम सहित विवरण दें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला सिवनी अंतर्गत आने वाली सभी तहसीलों में नामांतरण, बंटवारा एवं सीमांकन के प्रकरणों की स्थिति निम्नानुसार हैःमद
न्यायालय में कुल प्राप्त आवेदन
न्यायालय में कुल दर्ज आवेदन
दर्ज होने से शेष आवेदन
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4a64ec610e552391ab53b52dc1353a9f46c4d0ff | जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार शहीद सैनिको के परिवारों की मदद में कोई कमी नहीं आने देगी। गहलोत आज यहां उन्हैं मिले स्मृति चिन्हों तथा उपहारों के नीलामी कार्यक्रम वीराजंली में शहीदों के परिवारों की मदद के लिए सहयोग करने वाले भामाशाहों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सभी देशवासी इस मुश्किल घड़ी में शहीदों के परिवारों के साथ खड़े है। जब जब भी ऐसे मौके आए राज्य सरकार के साथ प्रदेशवासियों ने भी आगे आकर खुले मन से शहीद परिवारों की मदद के लिए सहयोग किया।
उन्होंने कहा कि करगिल युद्ध के समय मुझे 56 शहीदों के परिवारो की पीड़ा को नजदीक से जानने तथा बहादुर सैनिकों की शहादत का नमन करने का मौका मिला था। उस समय हमारी सरकार ने शहीदों के परिवारों की सहायाता के लिए जो पैकेज दिया, वह देश में सबसे बेहतर था। उन्होंने कहा कि अब हमने इस पैकेज की राशि बढ़ाकर 50 लाख रूपए तक कर दी है।
भारत सेवा संस्थान के माध्यम से महावीर जैन स्कूल मे आयोजित कार्यक्रम में श्री गहलोत को मिले स्मृति चिन्हों तथा उपहारों की नीलामी और भामाशाहों द्वारा करीब एक करोड 36 लाख रूपए की राशि प्राप्त हुई।
इनमें से एक करोड़ छह लाख रूपए चैक के माध्यम से तथा करीब 30 लाख रूपए का सहयोग उपलब्ध कराने के लिए दानदाताओं ने अपनी प्रतिबद्धता दर्शायी साथ ही भामाशाहों ने शहीदों के परिवारों के लिए पांच फ्लैट भी समर्पित किए। यह राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष के माध्यम से शहीदों के परिवारों की मदद के लिए दी जाएगी।
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bc9fa9e5afafeef534a12e703908c8a209f98dc7 | 4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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5fb183cd15d05336873f0a69b0b27a171460f5e9 | बिहारः क्यों आज के युग में मासूम बच्ची, लड़की और एक औरत को ही हमेशा लोग अपनी हैवानियत का शिकार बनाते है. जहां एक तरफ सभी लोग टीचर्स को अपना आदर्श मानते है और स्कूल को विद्या का मंदिर कहते है, वहीं एक ऐसी घटना हुई है जिसने स्थानीय लोगों समेत सभी को हैरान कर दिया है. जी हां, एक बार फिर से बिहार शहर के छपरा जिले में प्रिंसिपल, टीचर्स और छात्राओं ने एक किशोरी के साथ कथित तौर पर मासूम के साथ सात महीने तक दुष्कर्म जैसी वारदात को अंजाम दिया है.
बता दें कि बिहार के छपरा जिले में एक छात्रा के साथ गैंगरेप व ब्लैकमेल करने का मामला दर्ज किया गया है. इस पर विद्यालय के प्रिंसिपल समेत 2 और शिक्षक और 15 छात्र पर गैंगरेप और ब्लैकमेलिंग का आरोप लगा है. किशोरी की शिकायत के बाद शुक्रवार को प्रिंसिपल, एक टीचर और दो छात्रों को हिरासत में ले लिया गया. उपरोक्त जानकारी के बारे में सारण एसपी ने दी है.
किशोरी ने आरोप लगाया है कि उसके साथ स्कूल के प्रिंसिपल, शिक्षक तथा छात्रों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग की गई है. अपनी शिकायत में नाबालिग ने 18 आरोपियों के नाम भी दर्ज कराए है. छात्रा के साथ पहली बार रेप दिसंबर 2017 में किया गया था. क्लास के छात्र ने उसके साथ दुष्कर्म किया. उसके बाद उसी के ब्लैकमेलिंग के दौरान चार-पांच युवकों के अलावा दो शिक्षकों और प्रिंसिपल ने भी छात्रा का यौन शोषण किया.
पीड़िता ने आगे बताया कि यह सिलसिला पिछले सात महीनों से चल रही है. इसके बाद उसने अपने पिता के जेल से रिहा होने के बाद शुक्रवार को छपरा के परसागढ़ के एकमा पुलिस स्टेशन जाकर इस मामले को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई. आनन-फानन में महिला पुलिस को अपना बयान दर्ज करवाया. बहरहाल, इसके बाद उसे मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए सिविल सर्जन ने मेडिकल बोर्ड का गठन कर पीड़िता की जांच कराई है.
गौरतलब है कि पुलिस ने फिलहाल कुछ आरोपियों को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है. अभी अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस जुटी हुई है. इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में स्कूल प्रशासन को लेकर काफी गुस्सा है. वहीं लोग स्कूल बंद करने की मांग भी करने में अड़े हुए है. पुलिस का कहना है कि दोष साबित होने के बाद आरोपियों पर सख्त तरीके से कार्यवाही भी की जाएगी.
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9e0d2192e403e5885d7efeedcf7db36930c86784 | गुरुवार को कानपुर देहात के मडौली गांव जा रहे राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोक लिया। आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीश राय और राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे समेत दर्जनों कार्यकर्ता कानपुर देहात जा रहे थे। पुलिस ने सभी को जाजमऊ में रोक लिया। कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया तो पुलिस ने सभी को अरेस्ट कर थाने में बैठा लिया।
जाजमऊ में रालोद के प्रांतीय उपाध्यक्ष सुरेश गुप्ता ने बताया कि कानपुर देहात में बीते सोमवार को हुई शर्मनाक घटना सरकार की बेलगाम अफसरशाही का नमूना है। प्रदेश अध्यक्ष को उन्नाव की ललऊखेड़ा पुलिस चौकी पर गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी की सूचना पर कानपुर के जाजमऊ पुल पर रालोद के प्रांतीय उपाध्यक्ष सुरेश गुप्ता, नगर अध्यक्ष मो. उस्मान के साथ दर्जनों कार्यकर्ता ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने बताया कि प्रशासन के आला अधिकारियों की गैर जिम्मेदराना हरकत से एक मां-बेटी जिंदा जल जाती हैं। वहीं कानपुर देहात की डीएम नृत्य में व्यस्त हैं, उन्होंने मौके पर जाने की भी जरूरत नहीं समझी।
इस घटना में समय नहीं बीता और एक बार फिर सीतापुर में एक गरीब व्यक्ति की दुकान बुलडोजर से ऊखाड फेंकी गई। यह तानाशाही सरकार है जो गरीबों पर जरा भी कृपा नहीं करती है। डॉ. सोहेल चौधरी विजय शंकर लाल, राजकुमार सहित दर्जनों की संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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ecab96fc8265ed5fcc5f08fc9539f121faa2eb29 | फीता के बने कपड़े बहुत मूडी हैं, एक छोटे सेयाद आती है - और एक शानदार दिवा के बजाय आप अशिष्ट और सस्ते देखेंगे। इसलिए, फंसने के क्रम में, किसी शैली, सहायक उपकरण और अन्य अतिरिक्त को अलग-अलग करने के लिए कुछ नियमों का पालन करना चाहिए।
शुरू करने के लिए, फीता के कपड़े हर किसी के लिए नहीं हैं,वे एक आदर्श आंकड़े पर बहुत अच्छे लगते हैं, लेकिन कुछ अपूर्णता वाले लड़कियों को निराशा नहीं करना चाहिए, वे सामने वाले या पीठ पर लेस आवेषण के साथ आउटलेट के साथ संपर्क करेंगे। यहां आप लंबाई के साथ भी प्रयोग कर सकते हैं उच्च लड़कियों पर फर्श में बहुत सुंदर कपड़े लगते हैं, और निष्पक्ष सेक्स के लघु प्रतिनिधि छोटे कपड़े के लिए अधिक उपयुक्त होते हैं। और फिर भीः चूंकि फीता एक पारभासी सामग्री है, इसे सिर्फ पहनने में सक्षम नहीं होना चाहिए, आपको इसके ठीक तरीके से व्यवहार करने में सक्षम होना चाहिए।
इसके अलावा यह याद किया जाना चाहिए कि फीता -आत्मनिर्भर सामग्री, और यहां मुख्य बात यह है कि सजावट के साथ बहुत दूर नहीं जाना चाहिए, बालियां और एक सुंदर अंगूठी के लिए पर्याप्त है लेस से एक पोशाक के लिए यह लैस सामान और जैकेट का चयन करना आवश्यक नहीं है, अन्यथा आप दादी की मंजिल दीपक की तरह दिखेंगे शाम तक रेशम या साटन के साथ कपड़े के स्वर में एक छोटा सा क्लच होगा।
कपड़े की एक किस्म का संयोजन, देखो, फीता- यह एक भारी सामग्री है, इसलिए यह प्रकाश और हवादार कपड़ों के साथ अच्छी तरह से फिट नहीं है और फिर भी, कपड़े और कपड़े के तत्वों को एक और कपड़े से जोड़कर याद रखें, रंग सद्भाव प्राप्त करना मुश्किल होगा, इसलिए उनका रंग मैच होगा।
स्वस्थ लड़कियां अंधेरे फीता के संगठनों के लिए अधिक उपयुक्त हैं, और मेले-रंग वाले कपड़े - पेस्टल रंगों में कपड़े, इसलिए वे अधिक रोमांटिक और निविदाएं देखेंगे।
अक्सर फीता कपड़े का उपयोग किया जाता हैकवर किया। यह आवश्यक रूप से फीता संगठन की लंबाई के साथ मेल खाना चाहिए, अपवाद एक डिजाइन विचार हो सकता है। छोटे लेस से संगठनों को चुनना बेहतर होता है, इसलिए वे अधिक सटीक और परिष्कृत दिखेंगे।
लाल फीता लाल कपड़े के साथ बहुत अच्छी लगती है। सोने के रंग की फीता सामंजस्यपूर्ण रूप से एक गहरे हरे या बरगंडी रंग के साथ मिलती है। नीला रंग थोड़ा मुश्किल हो सकता है - इसे सोने या काले कपड़े से संयोजित करने का प्रयास करें। पेस्टल रंगों की परतों के लिए, स्वर में कपड़े सूट होगा।
और एक बार फिर फीता पर लौट रहा है, मैं चाहता हूँफीता से बने विशेष रूप से सुरुचिपूर्ण देखो शाम के कपड़े कहते हैं। इस तरह के एक पोशाक पहने हुए, आप शाम की रानी होगी। क्रोकेटेड शाम के कपड़े आपके व्यक्तित्व पर जोर देंगे।
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67a1eafd8d4a136e2f77697af33f9cbdc3821a08 | सुहाना खान, खुशी कपूर और अगस्त्य नंदा फिल्मों में डेब्यू करने जा रहे हैं। इस वक्त उनकी फिल्म 'द आर्चीज' की शूटिंग चल रही है।
सुहाना खान, खुशी कपूर और अगस्त्य नंदा फिल्मों में डेब्यू करने जा रहे हैं। इस वक्त उनकी फिल्म 'द आर्चीज' की शूटिंग चल रही है। खासकर सुहाना को लेकर फैन्स के बीच काफी उत्साह है। इन स्टारकिड के अलावा काफी समय से इब्राहिम अली खान के डेब्यू के कयास लगाए जा रहे हैं।
सैफ अली खान और अमृता सिंह की बेटी सारा अली खान पहले ही धमाल मचा रही हैं। अब इब्राहिम की पहली फिल्म को लेकर जानकारी सामने आई है। इब्राहिम एक्टिंग के क्षेत्र में कदम रखने से पहले असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम कर चुके हैं।
अब वह एक्टिंग में जलवा बिखेरेंगे। इब्राहिम मलयालम फिल्म 'हृदयम' के हिंदी रीमेक में काम करेंगे। इस फिल्म में मोहनलाल के बेटे प्रणव मोहनलाल थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इब्राहिम का फिल्म में लीड रोल है।
'हृदयम' के हिंदी रीमेक को करण जौहर और स्टार स्टूडियोज बनाएगी। बॉलीवुड हंगामा को एक करीबी सूत्र ने बताया, 'इब्राहिम के लॉन्च के लिए यह बेस्ट प्रोजेक्ट है। पिछले कुछ समय से करण, इब्राहिम के लॉन्च के लिए एक फिल्म की कहानी तलाश रहे थे। वह इस किरदार के लिए बिल्कुल सही हैं।
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7aa3554a71b0a66d218e74f84bafb146a2368bc588ecc29b8fcb1d5797ad74a2 | [R.46] परिचितेहि सेदावक्खित्तेहि धम्मिकेहि धम्मलद्धेहि ये ते समणब्राह्मणा मदप्पमादा पटिविरता खन्तिसोरच्चे निविट्ठा एकमत्तानं दमेन्ति, एकमत्तानं समेन्ति एकमत्तानं परिनिब्बापेन्ति, तथारूपेसु समणब्राह्मणेसु उद्धग्गिकं दक्खिणं पतिद्वापेति सोवग्गिकं सुखविपाकं, सग्गसंवत्तनिकं । अयं पञ्चमो भोगानं आदियो ।
इमे खो, गहपति, पञ्च भोगानं आदिया।
६. "तस्स चे, गहपति, अरियसावकस्स इमे पञ्च भोगानं आदिये आदियतो भोगा परिक्खयं गच्छन्ति, तस्स एवं होति - 'ये वत भोगानं आदिया ते चाहं आदियामि भोगा च मे परिक्खयं गच्छन्ती' ति । इतिस्स होति अविप्पटिसारो । तस्स चे, गहपति, [B.40] अरियसावकस्स इमे पञ्च भोगानं आदिये आदियतो भोगा अभिवड्ढन्ति, तस्स एवं होति - 'ये वत भोगानं आदिया ते चाहं आदियामि भोगा च मे अभिवढन्ती' ति । इतिस्स होति उभयेनेव अविप्पटिसारो ति ।
" भुत्ता भोगा भता भच्चा, वितिण्णा आपदासु मे। उद्धग्गा दक्खिणा दिन्ना, अथो पञ्चबलीकता । उपट्टिता सीलवन्तो, सञता ब्रह्मचारयो । "यदत्थं भोगं इच्छेय्य, पण्डितो घरमावसं । सो मे अत्थो अनुप्पत्तो, कतं अननुतापियं ॥ "एतं अनुस्सरं मच्चो, अरियधम्मे ठितो नरो। इधेव नं पसंसन्ति, पेच्च सग्गे पमोदती" ति॥
५. "पुनः, गृहपति ! वह आर्यश्रावक ... पूर्ववत्... उन अपने कामभोगों में से कुछ अंश उन श्रमण ब्राह्मणों को दान करता रहता है; जो दान उसको देहपात के बाद सुगतिमय स्वर्ग में पहुँचाने की सामर्थ्य रखता है। वे श्रमण ब्राह्मण मद एवं प्रमाद से दूर रहते हैं, क्षान्ति एवं नम्रता की साक्षात् मूर्ति हैं; जो अपने शम दम एवं निर्वाण की साधना में सतत दत्तचित्त रहते हैं। यह उसके कामभोगों का पञ्चम आरम्भ है। इस प्रकार, गृहपति ! कामभोगों के ये पाँच आरम्भ होते हैं । (५)
६. "गृहपति ! यदि उस आर्यश्रावक द्वारा इन पाँच कामभोगों को लेने के आरम्भ में ही इनका क्षय होने लगे तो उसको यह खेद नहीं होता कि जिन कामभोगों की प्राप्ति का मैं आरम्भ कर रहा हूँ वे कामभोग पहले ही नष्ट होते जा रहे हैं। तथा इन कामभोगों के आरम्भ करने के बाद इनकी क्रमशः वृद्धि होने लगे तो उसको उसका हर्ष भी नहीं होता कि मेरे आरब्ध कामभोग वृद्धि प्राप्त कर रहे हैं। इस प्रकार, गृहपति! उस आर्यश्रावक को उभय प्रकार से कहीं भी खेद या हर्ष नहीं होता । 'कामभोगों का यथेष्ट उपभोग किया, उनसे पालनीय लोगों का पालन पोषण किया, आपत्तियों से उनकी रक्षा की । उपरि लोक में गये परिवारजनों के हेतु दान किया तथा उससे अतिथि आदि को पाँच आगन्तुक दान किये एवं सदाचारियों का सत्कार किया ॥
"विद्वानों द्वारा जिसके लिये कामभोग चाहे जाते हैं वह सब मैंने यथेच्छ और विना किसी कष्ट के प्राप्त किया ।
२. सप्पुरिससुत्तं : १. "सप्पुरिसो, भिक्खवे, कुले जायमानो बहुनो [N.312] जनस्स अत्थाय हिताय सुखाय होति; मातापितूनं अत्थाय हिताय सुखाय होति; पुत्तदारस्स अत्थाय हिताय सुखाय होति; दासकम्मकरपोरिसस्स अत्थाय हिताय सुखाय होति; मित्तामच्चानं अत्थाय हिताय सुखाय होति; समणब्राह्मणानं अत्थाय हिताय सुखाय होति ।
२. "सेय्यथापि, भिक्खवे, महामेघो सब्बसस्सानि सम्पादेन्तो बहुनो [R.47] जनस्स अत्थाय हिताय सुखाय होति; एवमेव खो, भिक्खवे, सप्पुरिसो कुले जायमानो बहुनो जनस्स अत्थाय हिताय सुखाय होति; मातापितूनं अत्थाय हिताय सुखाय होति; पुत्तदारस्स अत्थाय हिताय सुखाय होति; मित्तामच्चानं अत्थाय हिताय सुखाय होति; समणब्राह्मणानं अत्थाय हिताय सुखाय होती ति ।
"हितो बहुन्नं पटिपज्ज भोगे, तं देवता रक्खति धम्मगुत्तं । बहुस्सुतं सीलवतूपपन्नं, धम्मे ठितं न विजहाति कित्ति ॥
धम्म सीलसम्पन्नं,
हिरीमनं ।
नेक्खं जम्बोनदस्सेव को तं निन्दितुमरहति ।
देवा पि नं पसंसन्ति, ब्रह्म॒ना पि पसंसितो" ति॥
३. इट्ठसुत्तं : १. अथ खो अनाथपिण्डिको गहपति येन भगवा तेनुपसङ्कमि; उपसङ्कमित्वा भगवन्तं अभिवादेत्वा एकमन्तं निसीदि। एकमन्तं निसिन्नं खो अनाथपिण्डिकं गहपतिं भगवा एतदवोच[B.41]
"आर्यधर्म में प्रतिष्ठित किसी भी पुरुष को निरन्तर यह बात स्मरण रखनी चाहिये। ऐसे पुरुष की इस लोक में भी प्रशंसा होती है तथा मरणानन्तर स्वर्ग में भी वह दिव्य सुख का अनुभव करता है ॥ "
सत्पुरुष के पाँच लाभ १. "भिक्षुओ ! कुल में उत्पन्न हुआ सत्पुरुष अनेक जनों के हित एवं सुख का साधक होता है। वह (१) माता पिता के...; (२) पुत्र एवं पत्नी के...; (३) दास एवं भृत्य आदि के...; (४) मित्र एवं साथियों के...; एवं (५) श्रमणों ब्राह्मणों के हितसुख का साधक होता है।
२. "जैसे, भिक्षुओ! महामेघ (वर्षा का जल) सभी धान्यों को उत्पन्न करता हुआ बहुत लोगों के हित सुख का सम्पादन करता है; इसी प्रकार, भिक्षुओ! कुल में उत्पन्न सत्पुरुष बहुत लोगों के ... पूर्ववत्... श्रमण ब्राह्मणों के हित एवं सुख का सम्पादक होता है।
"जो कामभोगों को प्राप्त कर बहुत से लोगों के हित में लगा रहता है, ऐसे धर्म से रक्षित सत्पुरुष की देवता भी रक्षा करते हैं। जो बहुश्रुत होता है, सदाचार एवं व्रतपालन से सम्पन्न है, धर्माचरण में तत्पर है ऐसे पुरुष का यश साथ नहीं छोड़ता ॥
"धर्मनिष्ठ, सदाचारपरायण, सत्यवादी, पापकर्म में लज्जित होनेवाला पुरुष किसी की निन्दा का पात्र नहीं होता; जैसे कसौटी पर चढ़ा हुआ शुद्ध सुवर्ण । उसकी देवता भी प्रशंसा करते हैं तथा वह देवाधिदेव ब्रह्मा द्वारा भी प्रशंसित होता है । "
२. "पञ्चिमे, गहपति, धम्मा इट्ठा कन्ता मनापा दुल्लभा लोकस्मि । कतमे पञ्च ? आयु, गहपति, इट्ठो कन्तो मनापो दुल्लभो लोकस्मि; वण्णो इट्ठो कन्तो मनापो दुल्लभो लोकस्मि; सुखं इट्टं कन्तं मनापं दुल्लभं लोकस्मि; यसो इट्ठो कन्तो मनापो दुल्लभो [N.313] लोकस्मि; सग्गा इट्ठा कन्ता मनापा दुल्लभा लोकस्मि । इमे खो, गहपति, पञ्च धम्मा इट्ठा कन्ता मनापा दुल्लभा लोकस्मि ।
३. "इमेसं खो, गहपति, पञ्चन्नं धम्मानं इट्टानं कन्तानं मनापानं दुल्लभानं लोकस्मि न आयाचनहेतु वा पत्थनाहेतु वा पटिलाभं वदामि । इमेसं खो, गहपति, पञ्चन्नं [R.48] धम्मानं इट्ठानं कन्तानं मनापानं दुल्लभानं लोकस्मि आयाचनहेतु वा पत्थनाहेतु वा पटिलाभो अभविस्स, को इध केन हायेथ!
४. "न खो, गहपति, अरहति अरियसावको आयुकामो आयुं आयाचितुं वा अभिनन्दितुं वा आयुस्स वा पि हेतु। आयुकामेन, गहपति, अरियसावकेन आयुसंवत्तनिका पटिपदा पटिपज्जितब्बा आयुसंवत्तनिका हिस्स पटिपदा पटिपन्ना आयुपटिलाभाय संवत्तति। सो लाभी होति आयुस्स दिब्बस्स वा मानुसस्स वा ।
५. "न खो, गहपति, अरहति अरियसावको वण्णकामो वण्णं आयाचितुं वा अभिनन्दितुं वा वण्णस्स वा पि हेतु । वण्णकामेन, गहपति, अरियसावकेन वण्णसंवत्तनिका पटिपदा पटिपज्जितब्बा। वण्णसंवत्तनिका हिस्स पटिपदा पटिपन्ना वण्णपटिलाभाय संवत्तति । सो लाभी होति वण्णस्स दिब्बस्स वा मानुसस्स वा ।
लोक में दुर्लभ पाँच धर्म १. ...तब अनाथपिण्डिक गृहपति भगवान् के सम्मुख पहुँचे। पहुँचकर उनको प्रणाम कर एक ओर बैठ गये। एक ओर बैठे गृहपति को भगवान् यों बोले२. "गृहपति! लोक में ये पाँच इष्ट, कान्त, मनाप धर्म दुर्लभ है। कौन पाँच ? गृहपति इष्ट कान्त मनाप आयु लोक में दुर्लभ हैं; इष्ट, कान्त मनाप वर्ण लोक में दुर्लभ हैं; इष्ट, कान्त मनाप सुख लोक में दुर्लभ हैं; इष्ट कान्त मनाप यश लोक में दुर्लभ हैं; इष्ट कान्त मनाप स्वर्ग लोक में दुर्लभ है। गृहपति ! लोक में ये पाँच इष्ट कान्त मनाप धर्म लोक में दुर्लभ हैं ।
३. "गृहपति! इन पाँचों इष्ट कान्त मनाप धर्मों को लोक में किसी से माँगने, याच्या करने में मैं कोई लाभ नहीं देखता; क्योंकि माँगने या याच्या करने से यदि ये मिल जाते तो कोई इनको क्यों छोड़ता ।
४. "गृहपति! आयुर्वृद्धि की इच्छा रखने वाले किसी आर्य श्रावक का किसी से आयु का माँगना उचित नहीं; अपितु इसे आयु बढ़ाने वाले मार्ग का स्वयं अनुसरण करना चाहिये । इस आयुर्वर्धक मार्ग के अनुसरण से ही उसकी आयु बढ़ सकेगी। और वह दिव्य एवं लौकिक दीर्घायु प्राप्त कर सकेगा । (१)
५. "गृहपति! वर्णवृद्धि की इच्छा रखनेवाले ... पूर्ववत्... वह दिव्य एवं लौकिक वर्ण प्राप्त कर सकेगा । (२) | pdf |
7b297292ce9f9fb36e301376bd30207f3c9a34b3 | रानीखेत भारत के उत्तराखण्ड राज्य का एक प्रमुख पहाड़ी पर्यटन स्थल है। यह राज्य के अल्मोड़ा जनपद के अंतर्गत स्थित एक फौजी छावनी है। देवदार और बलूत के वृक्षों से घिरा रानीखेत बहुत ही रमणीक हिल स्टेशन है। इस स्थान से हिमाच्छादित मध्य हिमालयी श्रेणियाँ स्पष्ट देखी जा सकती हैं। रानीखेत से सुविधापूर्वक भ्रमण के लिए पिण्डारी ग्लेशियर, कौसानी, चौबटिया और कालिका पहुँचा जा सकता है। चौबटिया में प्रदेश सरकार के फलों के उद्यान हैं। इस पर्वतीय नगरी का मुख्य आकर्षण यहाँ विराजती नैसर्गिक शान्ति है। रानीखेत में फ़ौजी छावनी भी है और गोल्फ़ प्रेमियों के लिए एक सुन्दर पार्क भी है। १८६९ में ब्रिटिश सरकार ने कुमाऊं रेजिमेंट के मुख्यालय की स्थापना रानीखेत में की, और भारतीय गर्मियों से बचने के लिए हिल स्टेशन के रूप में इस नगर का प्रयोग किया जाने लगा। ब्रिटिश राज के दौरान एक समय में, यह शिमला के स्थान पर भारत सरकार के ग्रीष्मकालीन मुख्यालय के रूप में भी प्रस्तावित किया गया था। १९०० में इसकी गर्मियों की ७,७०५ जनसंख्या थी, और उसी साल की सर्दियों की जनसंख्या १९०१ में ३,१५३ मापी गई थी। स्वच्छ सर्वेक्षण २०१८ के अनुसार रानीखेत दिल्ली और अल्मोड़ा छावनियों के बाद भारत की तीसरी सबसे स्वच्छ छावनी है। .
37 संबंधोंः चौखुटिया, द्वाराहाट, दूनागिरी, नागा रेजिमेंट, बदरीनाथ, बिनसर, बैजनाथ, उत्तराखण्ड, भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - प्रदेश अनुसार, भारत के शहरों की सूची, भारतीय थलसेना, भांग का पौधा, भवाली, मानिला देवी मन्दिर, उत्तराखण्ड, मॉंसी, रानीखेत तहसील, रानीखेत रोग, श्यामाचरण लाहिड़ी, सोमेश्वर, उत्तराखण्ड, हल्द्वानी में यातायात, जी डी बिरला मैमोरियल स्कूल, रानीखेत, खैरना, गोविन्द बल्लभ पन्त, गोविन्द बल्लभ पन्त (हिन्दी साहित्यकार), कटारमल सूर्य मन्दिर, काठगोदाम, काला चौना, कुमाऊँ मण्डल, कुमाऊँ मोटर ओनर्स यूनियन लिमिटेड, कुमाऊँ विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों की सूची, कुमाऊं रेजिमेंट, अल्मोड़ा, अल्मोड़ा का इतिहास, उत्तराखण्ड, उत्तराखण्ड में जिलावार विधानसभा सीटें, उत्तराखण्ड के नगरों की सूची, उत्तराखण्ड के राज्य राजमार्गों की सूची, उत्तराखण्ड की राजनीति।
चौखुटिया, अल्मोड़ा जिला, उत्तराखंड में स्थित एक क्षेत्र है। यह कुमाऊँ मण्डल में आता है। .
द्वाराहाट उत्तराखण्ड राज्य के अल्मोड़ा ज़िले का एक कस्बा है जो रानीखेत से लगभग 21 किलोमीटर दूर स्थित है। द्वाराहाट में तीन वर्ग के मन्दिर हैं - कचहरी, मनिया तथा रत्नदेव। इसके अतिरिक्त बहुत से मन्दिर प्रतिमाविहीन हैं। द्वाराहाट में गूजरदेव का मन्दिर सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है। .
दूनागिरी भूमंडल में दक्षिण एशिया स्थित भारतवर्ष के उत्तराखण्ड प्रदेश के अन्तर्गत कुमांऊँ क्षेत्र के अल्मोड़ा जिले में एक पौराणिक पर्वत शिखर का नाम है। द्रोण, द्रोणगिरी, द्रोण-पर्वत, द्रोणागिरी, द्रोणांचल, तथा द्रोणांचल-पर्वत इसी पर्वत के पर्यायवाची शब्द हैं। कालान्तर के उपरांत द्रोण का अपभ्रंश होते-होते वर्तमान में इस पर्वत को कुमांऊँनी बोली के समरूप अथवा अनुसार दूनागिरी नाम से पुकारा जाने लगा है। यथार्थतः यह पौराणिक उल्लिखित द्रोण है। .
"नागा रेजीमेंट" भारतीय सेना का एक सैन्य-दल है। नागा रेजिमेंट भारतीय सेना के एक पैदल सेना की रेजिमेंट है। यह भारतीय सेना की सबसे कम उम्र की रेजिमेंटों में से एक है - 1९७० में रानीखेत में पहली बटालियन (1 नागा) उठाया गया था। रेजिमेंट मुख्यतः नागालैंड से भर्ती होती है। .
बद्रीनाथ घाटी तथा अलकनन्दा नदी बदरीनाथ भारत के उत्तरी भाग में स्थित एक स्थान है जो हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थ है। यह उत्तराखण्ड के चमोली जिले में स्थित एक नगर पंचायत है। यहाँ बद्रीरीनाथ मन्दिर है जो हिन्दुओं के चार प्रसिद्ध धामों में से एक है। .
बिनसर उत्तरांचल में अल्मोड़ा से लगभग ३४ किलोमीटर दूर है। यह समुद्र तल से लगभग २४१२ मीटर की उंचाई पर बसा है। लगभग ११वीं से १८वीं शताब्दी तक ये चन्द राजाओं की राजधानी रहा था। अब इसे वन्य जीव अभयारण्य बना दिया गया है। बिनसर झांडी ढार नाम की पहाडी पर है। यहां की पहाड़ियां झांदी धार के रूप में जानी जाती हैं। बिनसर गढ़वाली बोली का एक शब्द है -जिसका अर्थ नव प्रभात है। यहां से अल्मोड़ा शहर का उत्कृष्ट दृश्य, कुमाऊं की पहाडियां और ग्रेटर हिमालय भी दिखाई देते हैं। घने देवदार के जंगलों से निकलते हुए शिखर की ओर रास्ता जाता है, जहां से हिमालय पर्वत श्रृंखला का अकाट्य दृश्य और चारों ओर की घाटी देखी जा सकती है। बिनसर से हिमालय की केदारनाथ, चौखंबा, त्रिशूल, नंदा देवी, नंदाकोट और पंचोली चोटियों की ३०० किलोमीटर लंबी शृंखला दिखाई देती है, जो अपने आप में अद्भुत है और ये बिनसर का सबसे बड़ा आकर्षण भी हैं। .
बैजनाथ उत्तराखण्ड राज्य के बागेश्वर जनपद में गोमती नदी के किनारे एक छोटा सा नगर है। यह अपने प्राचीन मंदिरों के लिए विख्यात है, जिन्हें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों के रूप में मान्यता प्राप्त है। बैजनाथ उन चार स्थानों में से एक है, जिन्हें भारत सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत 'शिव हेरिटेज सर्किट' से जोड़ा जाना है। बैजनाथ को प्राचीनकाल में "कार्तिकेयपुर" के नाम से जाना जाता था, और तब यह कत्यूरी राजवंश के शासकों की राजधानी थी। कत्यूरी राजा तब गढ़वाल, कुमाऊँ तथा डोटी क्षेत्रों तक राज करते थे। .
भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों का संजाल भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची भारतीय राजमार्ग के क्षेत्र में एक व्यापक सूची देता है, द्वारा अनुरक्षित सड़कों के एक वर्ग भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण। ये लंबे मुख्य में दूरी roadways हैं भारत और के अत्यधिक उपयोग का मतलब है एक परिवहन भारत में। वे में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा भारतीय अर्थव्यवस्था। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 laned (प्रत्येक दिशा में एक), के बारे में 65,000 किमी की एक कुल, जिनमें से 5,840 किमी बदल सकता है गठन में "स्वर्ण Chathuspatha" या स्वर्णिम चतुर्भुज, एक प्रतिष्ठित परियोजना राजग सरकार द्वारा शुरू की श्री अटल बिहारी वाजपेयी.
कोई विवरण नहीं।
भारतीय थलसेना, सेना की भूमि-आधारित दल की शाखा है और यह भारतीय सशस्त्र बल का सबसे बड़ा अंग है। भारत का राष्ट्रपति, थलसेना का प्रधान सेनापति होता है, और इसकी कमान भारतीय थलसेनाध्यक्ष के हाथों में होती है जो कि चार-सितारा जनरल स्तर के अधिकारी होते हैं। पांच-सितारा रैंक के साथ फील्ड मार्शल की रैंक भारतीय सेना में श्रेष्ठतम सम्मान की औपचारिक स्थिति है, आजतक मात्र दो अधिकारियों को इससे सम्मानित किया गया है। भारतीय सेना का उद्भव ईस्ट इण्डिया कम्पनी, जो कि ब्रिटिश भारतीय सेना के रूप में परिवर्तित हुई थी, और भारतीय राज्यों की सेना से हुआ, जो स्वतंत्रता के पश्चात राष्ट्रीय सेना के रूप में परिणत हुई। भारतीय सेना की टुकड़ी और रेजिमेंट का विविध इतिहास रहा हैं इसने दुनिया भर में कई लड़ाई और अभियानों में हिस्सा लिया है, तथा आजादी से पहले और बाद में बड़ी संख्या में युद्ध सम्मान अर्जित किये। भारतीय सेना का प्राथमिक उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रवाद की एकता सुनिश्चित करना, राष्ट्र को बाहरी आक्रमण और आंतरिक खतरों से बचाव, और अपनी सीमाओं पर शांति और सुरक्षा को बनाए रखना हैं। यह प्राकृतिक आपदाओं और अन्य गड़बड़ी के दौरान मानवीय बचाव अभियान भी चलाते है, जैसे ऑपरेशन सूर्य आशा, और आंतरिक खतरों से निपटने के लिए सरकार द्वारा भी सहायता हेतु अनुरोध किया जा सकता है। यह भारतीय नौसेना और भारतीय वायुसेना के साथ राष्ट्रीय शक्ति का एक प्रमुख अंग है। सेना अब तक पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ चार युद्धों तथा चीन के साथ एक युद्ध लड़ चुकी है। सेना द्वारा किए गए अन्य प्रमुख अभियानों में ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत और ऑपरेशन कैक्टस शामिल हैं। संघर्षों के अलावा, सेना ने शांति के समय कई बड़े अभियानों, जैसे ऑपरेशन ब्रासस्टैक्स और युद्ध-अभ्यास शूरवीर का संचालन किया है। सेना ने कई देशो में संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशनों में एक सक्रिय प्रतिभागी भी रहा है जिनमे साइप्रस, लेबनान, कांगो, अंगोला, कंबोडिया, वियतनाम, नामीबिया, एल साल्वाडोर, लाइबेरिया, मोज़ाम्बिक और सोमालिया आदि सम्मलित हैं। भारतीय सेना में एक सैन्य-दल (रेजिमेंट) प्रणाली है, लेकिन यह बुनियादी क्षेत्र गठन विभाजन के साथ संचालन और भौगोलिक रूप से सात कमान में विभाजित है। यह एक सर्व-स्वयंसेवी बल है और इसमें देश के सक्रिय रक्षा कर्मियों का 80% से अधिक हिस्सा है। यह 1,200,255 सक्रिय सैनिकों और 909,60 आरक्षित सैनिकों के साथ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्थायी सेना है। सेना ने सैनिको के आधुनिकीकरण कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसे "फ्यूचरिस्टिक इन्फैंट्री सैनिक एक प्रणाली के रूप में" के नाम से जाना जाता है इसके साथ ही यह अपने बख़्तरबंद, तोपखाने और उड्डयन शाखाओं के लिए नए संसाधनों का संग्रह एवं सुधार भी कर रहा है।.
भांग का पौधा और उसके विभिन्न भाग भांग (वानस्पतिक नामः Cannabis indica) एक प्रकार का पौधा है जिसकी पत्तियों को पीस कर भांग तैयार की जाती है। उत्तर भारत में इसका प्रयोग बहुतायत से स्वास्थ्य, हल्के नशे तथा दवाओं के लिए किया जाता है। भारतवर्ष में भांग के अपने आप पैदा हुए पौधे सभी जगह पाये जाते हैं। भांग विशेषकर उत्तर प्रदेश, बिहार एवं पश्चिम बंगाल में प्रचुरता से पाया जाता है। भांग के पौधे 3-8 फुट ऊंचे होते हैं। इसके पत्ते एकान्तर क्रम में व्यवस्थित होते हैं। भांग के ऊपर की पत्तियां 1-3 खंडों से युक्त तथा निचली पत्तियां 3-8 खंडों से युक्त होती हैं। निचली पत्तियों में इसके पत्रवृन्त लम्बे होते हैं। भांग के नर पौधे के पत्तों को सुखाकर भांग तैयार की जाती है। भांग के मादा पौधों की रालीय पुष्प मंजरियों को सुखाकर गांजा तैयार किया जाता है। भांग की शाखाओं और पत्तों पर जमे राल के समान पदार्थ को चरस कहते हैं। भांग की खेती प्राचीन समय में 'पणि' कहे जानेवाले लोगों द्वारा की जाती थी। ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने कुमाऊँ में शासन स्थापित होने से पहले ही भांग के व्यवसाय को अपने हाथ में ले लिया था तथा काशीपुर के नजदीक डिपो की स्थापना कर ली थी। दानपुर, दसोली तथा गंगोली की कुछ जातियाँ भांग के रेशे से कुथले और कम्बल बनाती थीं। भांग के पौधे का घर गढ़वाल में चांदपुर कहा जा सकता है। इसके पौधे की छाल से रस्सियाँ बनती हैं। डंठल कहीं-कहीं मशाल का काम देता है। पर्वतीय क्षेत्र में भांग प्रचुरता से होती है, खाली पड़ी जमीन पर भांग के पौधे स्वभाविक रूप से पैदा हो जाते हैं। लेकिन उनके बीज खाने के उपयोग में नहीं आते हैं। टनकपुर, रामनगर, पिथौरागढ़, हल्द्वानी, नैनीताल, अल्मोडा़, रानीखेत,बागेश्वर, गंगोलीहाट में बरसात के बाद भांग के पौधे सर्वत्र देखे जा सकते हैं। नम जगह भांग के लिए बहुत अनुकूल रहती है। पहाड़ की लोक कला में भांग से बनाए गए कपड़ों की कला बहुत महत्वपूर्ण है। लेकिन मशीनों द्वारा बुने गये बोरे, चटाई इत्यादि की पहुँच घर-घर में हो जाने तथा भांग की खेती पर प्रतिबन्ध के कारण इस लोक कला के समाप्त हो जाने का भय है। होली के अवसर पर मिठाई और ठंडाई के साथ इसका प्रयोग करने की परंपरा है। भांग का इस्तेमाल लंबे समय से लोग दर्द निवारक के रूप में करते रहे हैं। कई देशों में इसे दवा के रूप में भी उपलब्ध कराया जाता है। .
भवाली या भुवाली उत्तराखण्ड राज्य के नैनीताल जनपद में स्थित एक नगर है। यह कुमाऊँ मण्डल में आता है। शान्त वातावरण और खुली जगह होने के कारण 'भवाली' कुमाऊँ की एक शानदार नगरी है। यहाँ पर फलों की एक मण्डी है। यह एक ऐसा केन्द्र - बिन्दु है जहाँ से काठगोदाम हल्द्वानी और नैनीताल, अल्मोड़ा - रानीखेत भीमताल - सातताल और रामगढ़ - मुक्तेश्वर आदि स्थानों को अलग - अलग मोटर मार्ग जाते हैं। भवाली नगर अपने प्राचीन टीबी सैनिटोरियम के लिए विख्यात है, जिसकी स्थापना १९१२ में हुई थी। चीड़ के पेड़ों की हवा टी.
मानिला देवी मन्दिर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के अल्मोड़ा ज़िले के शल्ट क्षेत्र में स्थित है। यह स्थान रामनगर से लगभग ७० किमी की दूरी पर स्थित है। यहाँ तक बस या निजी वाहन द्वारा पहुँचा जा सकता है। यह इस क्षेत्र का एक प्रसिद्द मन्दिर है और हर वर्ष यहाँ दूर-दूर से लोग देवी के दर्शनों के लिए आते हैं। यह मन्दिर कत्यूरी लोगो की पारिवारिक देवी मानिला का मंदिर है। मन्दिर दो भागों में बँटा हुआ है जिसे स्थानीय भाषा में मल मानिला (ऊपरी मानिला) और तल मानिला (निचला मानिला) कहते है। प्राचीन मन्दिर तो तल मनीला में ही स्थित है लेकिन मल मानिला मन्दिर के पीछे की कहानी जो स्थानीय लोगो के बीच बहुत प्रचलित है वो ये हैं कि "एक बार कुछ चोर मानिला देवी की मूर्ति को चुराना चाहते थे। लेकिन जब वो मूर्ति उठा रहे थे तो उठा न सके और तब वे मूर्ति का एक हाथ ही उखाड़ कर ले गए, लेकिन उस हाथ को भी वे अधिक दूर ना लेजा सके।" और तबसे वही पर माता का एक और मन्दिर स्थापित कर दिया गया जिसे आज मल मानिला के नाम से लोग जानते है। .
मॉंसी एक गाँव है जो रामगंगा नदी के पूर्वी किनारे पर चौखुटिया (गनांई) तहसील के तल्ला गेवाड़ पट्टी में भारतवर्ष के उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत कुमांऊँ क्षेत्र के अल्मोड़ा जिले में स्थित है। यह मूलतः मासीवाल नामक उपनाम से विख्यात कुमांऊॅंनी हिन्दुओं का पुश्तैनी गाँव है। यह अपनी ऐतिहासिक व सॉस्कृतिक विरासत, ठेठ कुमांऊॅंनी सभ्यता व संस्कृति, पर्वतीय जीवन शैली तथा समतल उपजाऊ भूमि के लिए पहचाना जाता है। .
रानीखेत तहसील भारत के उत्तराखण्ड राज्य में अल्मोड़ा जनपद की एक तहसील है। अल्मोड़ा जनपद के मध्य भाग में स्थित इस तहसील के मुख्यालय रानीखेत छावनी में स्थित हैं। इसके पूर्व में अल्मोड़ा तहसील, पश्चिम में भिक्यासैंण तहसील, उत्तर में द्वाराहाट तहसील, तथा दक्षिण में नैनीताल जनपद की कोश्याकुटौली तहसील है। .
यह मुर्गियों में फैलने वाला रोग है। यह रोग सर्वप्रथम उत्तर प्रदेश के रानीखेत में देखा गया था। श्रेणीःपशु पक्षी रोग.
श्यामाचरण लाहिड़ी (30 सितम्बर 1828 - 26 सितम्बर 1895) 18वीं शताब्दी के उच्च कोटि के साधक थे जिन्होंने सद्गृहस्थ के रूप में यौगिक पूर्णता प्राप्त कर ली थी। आपका जन्म बंगाल के नदिया जिले की प्राचीन राजधानी कृष्णनगर के निकट धरणी नामक ग्राम के एक संभ्रांत ब्राह्मण कुल में अनुमानतः 1825-26 ई. में हुआ था। आपका पठनपाठन काशी में हुआ। बंगला, संस्कृत के अतिरिक्त अपने अंग्रेजी भी पड़ी यद्यपि कोई परीक्षा नहीं पास की। जीविकोपार्जन के लिए छोटी उम्र में सरकारी नौकरी में लग गए। आप दानापुर में मिलिटरी एकाउंट्स आफिस में थे। कुछ समय के लिए सरकारी काम से अल्मोड़ा जिले के रानीखेत नामक स्थान पर भेज दिए गए। हिमालय की इस उपत्यका में गुरुप्राप्ति और दीक्षा हुई। आपके तीन प्रमुख शिष्य युक्तेश्वर गिरि, केशवानंद और प्रणवानंद ने गुरु के संबंध में प्रकाश डाला है। योगानंद परमहंस ने 'योगी की आत्मकथा' नामक जीवनवृत्त में गुरु को बाबा जी कहा है। दीक्षा के बाद भी इन्होंने कई वर्षों तक नौकरी की और इसी समय से गुरु के आज्ञानुसार लोगों को दीक्षा देने लगे थे। सन् 1880 में पेंशन लेकर आप काशी आ गए। इनकी गीता की आध्यात्मिक व्याख्या आज भी शीर्ष स्थान पर है। इन्होंने वेदांत, सांख्य, वैशेषिक, योगदर्शन और अनेक संहिताओं की व्याख्या भी प्रकाशित की। इनकी प्रणाली की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि गृहस्थ मनुष्य भी योगाभ्यास द्वारा चिरशांति प्राप्त कर योग के उच्चतम शिखर पर आरूढ़ हो सकता है। आपने अपने सहज आडंबररहित गार्हस्थ्य जीवन से यह प्रमाणित कर दिया था। धर्म के संबंध में बहुत कट्टरता के पक्षपाती न होने पर भी आप प्राचीन रीतिनीति और मर्यादा का पूर्णतया पालन करते थे। शास्त्रों में आपका अटूट विश्वास था। जब आप रानीखेत में थे तो अवकाश के समय शून्य विजन में पर्यटन पर प्राकृतिक सौंदर्यनिरीक्षण करते। इसी भ्रमण में दूर से अपना नाम सुनकर द्रोणगिरि नामक पर्वत पर चढ़ते-चढ़ते एक ऐसे स्थान पर पहुँचे जहाँ थोड़ी सी खुली जगह में अनेक गुफाएँ थीं। इसी एक गुफा के करार पर एक तेजस्वी युवक खड़े दीख पड़े। उन्होंने हिंदी में गुफा में विश्राम करने का संकेत किया। उन्होंने कहा 'मैंने ही तुम्हें बुलाया था'। इसके बाद पूर्वजन्मों का वृत्तांत बताते हुए शक्तिपात किया। बाबा जी से दीक्षा का जो प्रकार प्राप्त हुआ उसे क्रियायोग कहा गया है। क्रियायोग की विधि केवल दीक्षित साधकों को ही बताई जाती है। यह विधि पूर्णतया शास्त्रोक्त है और गीता उसकी कुंजी है। गीता में कर्म, ज्ञान, सांख्य इत्यादि सभी योग है और वह भी इतने सहज रूप में जिसमें जाति और धर्म के बंधन बाधक नहीं होते। आप हिंदू, मुसलमान, ईसाई सभी को बिना भेदभाव के दीक्षा देते थे। इसीलिए आपके भक्त सभी धर्मानुयायी हैं। उन्होंने अपने समय में व्याप्त कट्टर जातिवाद को कभी महत्व नहीं दिया। वह अन्य धर्मावलंबियों से यही कहते थे कि आप अपनी धार्मिक मान्यताओं का आदर और अभ्यास करते हुए क्रियायोग द्वारा मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं। पात्रानुसार भक्ति, ज्ञान, कर्म और राजयोग के आधार पर व्यक्तित्व और प्रवृत्तियों के अनुसार साधना करने की प्रेरणा देते। उनके मत से शास्त्रों पर शंका अथवा विवाद न कर उनका तथ्य आत्मसात् करना चाहिए। अपनी समस्याओं के हल करने का आत्मचिंतन से बढ़कर कोई मार्ग नहीं। लाहिड़ी महाशय के प्रवचनों का पूर्ण संग्रह प्राप्य नहीं है किंतु गीता, उपनिषद्, संहिता इत्यादि की अनेक व्याख्याएँ बँगला में उपलब्ध हैं। भगवद्गीताभाष्य का हिंदी अनुवाद लाहिड़ी महाशय के शिष्य श्री भूपेंद्रनाथ सान्याल ने प्रस्तुत किया है। श्री लाहिड़ी की अधिकांश रचनाएँ बँगला में हैं। .
सोमेश्वर उत्तराखण्ड राज्य के अल्मोड़ा जनपद में स्थित एक कस्बा है। कोसी और साई नदियों के संगम पर स्थित सोमेश्वर अल्मोड़ा का एक प्रमुख कस्बा है, तथा इसी नाम की एक तहसील का मुख्यालय भी है। सोमेश्वर अल्मोड़ा के उत्तरी क्षेत्र के दर्जनों गांवों का प्रमुख बाजार है, और यहां करीब ३५० दुकानें हैं। यहां से होकर बागेश्वर, अल्मोड़ा, रानीखेत, द्वाराहाट तथा कौसानी आदि स्थानों को प्रतिदिन सैकड़ों वाहन आते जाते हैं। यहां एक ऐतिहासिक शिव मंदिर भी है। .
कुमाऊँ का प्रवेश द्वार, हल्द्वानी उत्तराखण्ड के नैनीताल ज़िले में स्थित हल्द्वानी राज्य के सर्वाधिक जनसँख्या वाले नगरों में से है। इसे "कुमाऊँ का प्रवेश द्वार" भी कहा जाता है। नगर के यातायात साधनों में २ रेलवे स्टेशन, २ बस स्टेशन तथा एक अधिकृत टैक्सी स्टैंड है। इनके अतिरिक्त नगर से २८ किमी की दूरी पर एक घरेलू हवाई अड्डा स्थित है, और नगर में एक अंतर्राज्यीय बस अड्डा निर्माणाधीन है। .
जी डी बिरला मैमोरियल स्कूल की स्थापना १९८७ में भारतीय उद्योगपति घंश्याम दास बिरला की स्मृति में श्री बी के बिरला और श्रीमती सरला बिरला द्वारा कि गई थी। यह एक विद्यालय है जो भारत के उत्तराखण्ड राज्य के अल्मोड़ा जिले के रानीखेत नामक कस्बे में स्थित है। यहाँ गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान कि जाती है और इस विद्यालय में आवासीय सुविधा के साथ कक्षा ४ से १२ तक ७०० छात्र पढ़ते हैं। यह दिल्ली से ३६० किमी दूर है। यह विद्यालय, एक पहाड़ी के हलके ढलान पर रानीखेत से ५ किमी की दूरी पर है। निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है जो ८५ किमी दूर है। .
खैरना उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले में एक छोटा सा नगर है, जो इसी नाम के पुल के दोनों ओर बस गया। खैरना पुल कोसी नदी पर ब्रिटिश काल के समय से ही स्थित है। खैरना मछिलयों के शिकार के लिए विख्यात है। .
नैनीताल में गोविन्द वल्लभ पन्त की प्रतिमा पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त या जी॰बी॰ पन्त (जन्म १० सितम्बर १८८७ - ७ मार्च १९६१) प्रसिद्ध स्वतन्त्रता सेनानी और वरिष्ठ भारतीय राजनेता थे। वे उत्तर प्रदेश राज्य के प्रथम मुख्य मन्त्री और भारत के चौथे गृहमंत्री थे। सन 1957 में उन्हें भारतरत्न से सम्मानित किया गया। गृहमंत्री के रूप में उनका मुख्य योगदान भारत को भाषा के अनुसार राज्यों में विभक्त करना तथा हिन्दी को भारत की राजभाषा के रूप में प्रतिष्ठित करना था। .
गोविन्द बल्लभ पन्त (हिन्दी साहित्यकार)
गोविन्द बल्लभ पन्त (१८९८ - १९९८) हिन्दी के नाटककार थे। .
कटारमल सूर्य मन्दिर भारतवर्ष का प्राचीनतम सूर्य मन्दिर है। यह पूर्वाभिमुखी है तथा उत्तराखण्ड राज्य में अल्मोड़ा जिले के अधेली सुनार नामक गॉंव में स्थित है। इसका निर्माण कत्यूरी राजवंश के तत्कालीन शासक कटारमल के द्वारा छठीं से नवीं शताब्दी में हुआ था। यह कुमांऊॅं के विशालतम ऊँचे मन्दिरों में से एक व उत्तर भारत में विलक्षण स्थापत्य एवम् शिल्प कला का बेजोड़ उदाहरण है तथा समुद्र सतह से लगभग 2116 मीटर की ऊँचाई पर पर्वत पर स्थित है। .
काठगोदाम भारत के उत्तराखण्ड राज्य में स्थित हल्द्वानी नगर के अंतर्गत स्थित एक क्षेत्र है। इसे ऐतिहासिक तौर पर कुमाऊँ का द्वार कहा जाता रहा है। यह छोटा सा नगर पहाड़ के पाद प्रदेश में बसा है। गौला नदी इसके दायें से होकर हल्द्वानी बाजार की ओर बढ़ती है। पूर्वोतर रेलवे का यह अन्तिम स्टेशन है। यहाँ से बरेली, लखनऊ तथा आगरा के लिए छोटी लाइन की रेल चलती है। काठगोदाम से नैनीताल, अल्मोड़ा, रानीखेत और पिथौरागढ़ के लिए केएमओयू की बसें जाती है। कुमाऊँ के सभी अंचलों के लिए यहाँ से बसें जाती हैं। १९०१ में काठगोदाम ३७५ की जनसंख्या वाला एक छोटा सा गाँव था। १९०९ तक इसे रानीबाग़ के साथ जोड़कर नोटिफ़िएड एरिया घोषित कर दिया गया। काठगोदाम-रानीबाग़ १९४२ तक स्वतंत्र नगर के रूप में उपस्थित रहा, जिसके बाद इसे हल्द्वानी नोटिफ़िएड एरिया के साथ जोड़कर नगर पालिका परिषद् हल्द्वानी-काठगोदाम का गठन किया गया। २१ मई २०११ को हल्द्वानी-काठगोदाम को नगर पालिका परिषद से नगर निगम घोषित किया गया, और फिर इसके विस्तार को देखते हुए इसका नाम बदलकर नगर निगम हल्द्वानी कर दिया गया। .
काला चौना एक गॉंव है। यह रामगंगा नदी के पूर्वी किनारे पर चौखुटिया तहसील के तल्ला गेवाड़ नामक पट्टी में, भारतवर्ष के उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत कुमाऊँ मण्डल के अल्मोड़ा जिले में स्थित है। यह गॉंव मूलरूप से कनौंणियॉं नामक उपनाम से विख्यात कुमांऊॅंनी हिन्दू राजपूतों का प्राचीन और पुश्तैनी चार गाँवों में से एक है। दक्षिणी हिमालय की तलहटी में बसा यह काला चौना अपनी ऐतिहासिक व सॉंस्कृतिक विरासत, ठेठ कुमांऊॅंनी सभ्यता व संस्कृति, पर्वतीय जीवन शैली, प्रकृति संरक्षण, अलौकिक प्राकृतिक छटा तथा समतल-उपजाऊ भूमि के लिए पहचाना जाता है। .
यह लेख कुमाऊँ मण्डल पर है। अन्य कुमाऊँ लेखों के लिए देखें कुमांऊॅं उत्तराखण्ड के मण्डल कुमाऊँ मण्डल भारत के उत्तराखण्ड राज्य के दो प्रमुख मण्डलों में से एक हैं। अन्य मण्डल है गढ़वाल। कुमाऊँ मण्डल में निम्न जिले आते हैंः-.
हल्द्वानी के केमू स्टेशन में खड़ी बसें। कुमाऊँ मोटर ओनर्स यूनियन लिमिटेड (Kumaon Motor Owners Union Limited), जो अपने संक्षिप्त नाम के॰एम॰ओ॰यू॰ (K.M.O.U) या केमू से अधिक प्रसिद्ध है, उत्तराखण्ड के कुमाऊँ क्षेत्र में बस सेवा प्रदान करने वाली एक निजी कम्पनी है। १९३९ में १३ निजी कम्पनियों के विलय द्वारा अस्तित्व में आयी यह मोटर कम्पनी स्वतन्त्रता पूर्व कुमाऊँ क्षेत्र में बसें चलाने वाली एकमात्र बस कम्पनी थी। १९८७ तक यह इस क्षेत्र की सबसे बड़ी बस कम्पनी थी। .
कुमाऊं विश्वविद्यालय का प्रतीक चिह्न निम्नलिखित सूची कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल से सम्बद्ध राजकीय महाविद्यालयों की हैः .
कुमांऊँ रेजीमेंट भारतीय सशस्त्र सेना का एक सैन्य-दल है, जिसकी स्थापना सन् 1788 में हुई। यह कुमांऊँ नामक हिमालयी क्षेत्र के निवासियों से सम्बन्धित भारतीय सैन्य-दल है। जिसका मुख्यालय उत्तराखण्ड के कुमांऊँ क्षेत्र के रानीखेत नामक पर्वतीय स्थान में स्थित है तथा भारतीय सशस्त्र सेना के वीरता का प्रथम सर्वश्रेष्ठ सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित है। कुमांऊँ रेजिमेंट को 1947 में हुए भारत-पाकिस्तान तथा 1962 के भारत और चीन युद्ध के लिये विशेष गौरवपूर्ण माना जाता है। .
अल्मोड़ा भारतीय राज्य उत्तराखण्ड का एक महत्वपूर्ण नगर है। यह अल्मोड़ा जिले का मुख्यालय भी है। अल्मोड़ा दिल्ली से ३६५ किलोमीटर और देहरादून से ४१५ किलोमीटर की दूरी पर, कुमाऊँ हिमालय श्रंखला की एक पहाड़ी के दक्षिणी किनारे पर स्थित है। भारत की २०११ की जनगणना के अनुसार अल्मोड़ा की कुल जनसंख्या ३५,५१३ है। अल्मोड़ा की स्थापना राजा बालो कल्याण चंद ने १५६८ में की थी। महाभारत (८ वीं और ९वीं शताब्दी ईसा पूर्व) के समय से ही यहां की पहाड़ियों और आसपास के क्षेत्रों में मानव बस्तियों के विवरण मिलते हैं। अल्मोड़ा, कुमाऊं राज्य पर शासन करने वाले चंदवंशीय राजाओं की राजधानी थी। स्वतंत्रता की लड़ाई में तथा शिक्षा, कला एवं संस्कृति के उत्थान में अल्मोड़ा का विशेष हाथ रहा है। .
२०१३ में अल्मोड़ा अल्मोड़ा, भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित एक नगर है। यह अल्मोड़ा जिले का प्रशासनिक मुख्यालय भी है। इस नगर को राजा कल्याण चंद ने १५६८ में स्थापित किया था। महाभारत (८ वीं और ९वीं शताब्दी ईसा पूर्व) के समय से ही यहां की पहाड़ियों और आसपास के क्षेत्रों में मानव बस्तियों के विवरण मिलते हैं। अल्मोड़ा, कुमाऊँ राज्य पर शासन करने वाले चंदवंशीय राजाओं की राजधानी थी। .
उत्तराखण्ड (पूर्व नाम उत्तरांचल), उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है जिसका निर्माण ९ नवम्बर २००० को कई वर्षों के आन्दोलन के पश्चात भारत गणराज्य के सत्ताइसवें राज्य के रूप में किया गया था। सन २००० से २००६ तक यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। जनवरी २००७ में स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य का आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया। राज्य की सीमाएँ उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं। पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसकी सीमा से लगे राज्य हैं। सन २००० में अपने गठन से पूर्व यह उत्तर प्रदेश का एक भाग था। पारम्परिक हिन्दू ग्रन्थों और प्राचीन साहित्य में इस क्षेत्र का उल्लेख उत्तराखण्ड के रूप में किया गया है। हिन्दी और संस्कृत में उत्तराखण्ड का अर्थ उत्तरी क्षेत्र या भाग होता है। राज्य में हिन्दू धर्म की पवित्रतम और भारत की सबसे बड़ी नदियों गंगा और यमुना के उद्गम स्थल क्रमशः गंगोत्री और यमुनोत्री तथा इनके तटों पर बसे वैदिक संस्कृति के कई महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थान हैं। देहरादून, उत्तराखण्ड की अन्तरिम राजधानी होने के साथ इस राज्य का सबसे बड़ा नगर है। गैरसैण नामक एक छोटे से कस्बे को इसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए भविष्य की राजधानी के रूप में प्रस्तावित किया गया है किन्तु विवादों और संसाधनों के अभाव के चलते अभी भी देहरादून अस्थाई राजधानी बना हुआ है। राज्य का उच्च न्यायालय नैनीताल में है। राज्य सरकार ने हाल ही में हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये कुछ पहल की हैं। साथ ही बढ़ते पर्यटन व्यापार तथा उच्च तकनीकी वाले उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए आकर्षक कर योजनायें प्रस्तुत की हैं। राज्य में कुछ विवादास्पद किन्तु वृहत बाँध परियोजनाएँ भी हैं जिनकी पूरे देश में कई बार आलोचनाएँ भी की जाती रही हैं, जिनमें विशेष है भागीरथी-भीलांगना नदियों पर बनने वाली टिहरी बाँध परियोजना। इस परियोजना की कल्पना १९५३ मे की गई थी और यह अन्ततः २००७ में बनकर तैयार हुआ। उत्तराखण्ड, चिपको आन्दोलन के जन्मस्थान के नाम से भी जाना जाता है। .
उत्तराखण्ड में जिलावार विधानसभा सीटें उत्तराखण्ड के जिलों के अन्तर्गत आने वाली विधानसभा सीटें हैं। इस सूची में जिला और उस जिले में उत्तराखण्ड विधानसभा की कौन-कौन सी सीटें हैं दिया गया है। भारतीय चुनाव आयोग द्वारा विर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन किए जाए से उत्तराखण्ड में भी सीटों में बदलाव आया है। इस सूची में भूतपूर्व सीटें किसी भी जिले में नहीं दी गई हैं। .
उत्तराखण्ड के नगर नामक इस सूची में भारत के उत्तराखण्ड राज्य के सभी नगरों की ज़िलेवार सूची दी गई है, जो वर्णमालानुसार क्रमित है। .
निम्नलिखित सूची उत्तराखण्ड राज्य के राज्य राजमार्गों की हैः .
उत्तराखण्ड की राजनीति भारत के उत्तराखण्ड की राजनैतिक व्यवस्था को कहते हैं। इस राज्य राजनीति की विशेषता है राष्ट्रीय दलों और क्षेत्रिय दलों के बीच आपसी संयोजन जिससे राज्य में शासन व्यव्स्था चलाई जाती है। उत्तराखण्ड राज्य २००० में बनाया गया था। एक अलग राज्य की स्थापना लम्बे समय से ऊपरी हिमालय की पहाड़ियों पर रह रहे लोगों की हार्दिक इच्छा थी।भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी), उत्तराखण्ड की राजनीति में सबसे प्रमुख राष्ट्रीय दल हैं। इसके अतिरिक्त बहुजन समाज पार्टी(बसपा) का भी राज्य के मैदानी क्षेत्रों में जनाधार है। राष्ट्रीय स्तर के दलों को उत्तराखण्ड के राज्य स्तरीय दलों से मजबूत समर्थन प्राप्त है। विशेष रूप से, उत्तराखण्ड क्रान्ति दल (उक्राद), जिसकी स्थापना १९७० के दशक में पृथक राज्य के लिए लोगों को जागृत करने के लिए कि गई थी और जो पर्वतिय निवासियों के लिए अलग राज्य के गठन के पीछे मुख्य विचारक था, अभी भी उत्तराखण्ड की राजनीति के मैदान में एक विस्तृत प्रभाव वाला दल है। राज्य गठन के बाद सबसे पहले चुनाव २००२ में आयिजित किए गए थे। इन चुनावों में कांग्रेस सबसे बड़े दल के रूप में उभरा और राज्य में प्रथम सरकार बनाई। इन चुनावों में भाजपा, दूसरा सबसे बड़ा दल था। इसके बाद, फ़रवरी २००७ के दूसरे विधानसभा चुनावों में सरकार-विरोधी लहर के चलते, भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में सामने आया। भाजपा को इन चुनावों में ३४ सीटें प्राप्त हुईं, जो बहुत से एक कम थी जिसे उक्राद के तीन सदस्यों के समर्थ्न ने पूरा कर दिया। उत्तराखण्ड राज्य विधायिका, उत्तराखण्ड की राजनीति का केन्द्र बिन्दू है। वर्तमान (2017)चुनाव में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने राज्य की 70 विधानसभा सीटों में से 57 सीटों पर जीत का परचम लहराया है। यह राज्य में अब तक के इतिहास में न केवल भारतीय जनता पार्टी, बल्कि किसी भी दल के लिए सबसे बड़ा आंकड़ा है। वहीं, कांग्रेस के खाते में बस 11 सीटें ही आई.
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e8aebde433008c0fc7aad441055405554bc0a192 | Manohar Murder Case मनोहर हत्याकांड मामले में तीन आरोपितों को चंबा न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। मनोहर हत्याकांड के बाद पुलिस ने मामले की जांच के दौरान एक-एक करके कुल 11 लोगों को जांच के दायरे में लिया था। बाद में छह लोगों के नाम मामला दर्ज करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
चंबा, संवाद सहयोगी। जिला चंबा के उपमंडल सलूणी की ग्राम पंचायत भांदल में बीते छह जून को हुए मनोहर हत्याकांड मामले में तीन आरोपितों को चंबा न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। मामले में आरोपित नाबालिगों की ओर से जमानत याचिका दायर की गई थी, जिसे न्यायालय ने खारिज करते हुए उन्हें बाल सुधार गृह ऊना भेज दिया है।
मनोहर हत्याकांड के आरोपित मुसाफिर हुसैन, उसकी पत्नी फरीदा और शब्बीर को न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कर्म प्रताप सिंह ठाकुर की अदालत से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। तीनों आरोपितों की न्यायिक हिरासत खत्म होने पर शनिवार को उन्हें न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें दोबारा न्यायिक हिरासत मिली है। वहीं किशोर न्याय बोर्ड चंबा/तीसा में मनोहर हत्याकांड के तीन नाबालिग आरोपितों की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है।
शनिवार को तीनों आरोपितों को किशोर न्याय बोर्ड चंबा/तीसा में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए किशोर निरीक्षण गृह ऊना से पेश किया गया। दोपहर बाद जमानत याचिका पर फैसला होने के बाद उन्हें वापस किशोर निरीक्षण गृह ऊना भेज दिया गया। मनोहर हत्याकांड सामने आने के बाद पुलिस ने मामले की जांच के दौरान एक-एक करके कुल 11 लोगों को जांच के दायरे में लिया था। बाद में छह लोगों के नाम मामला दर्ज करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तार छह आरोपितों में तीन व्यस्क और तीन 18 साल से कम आयु के आरोपित हैं। बता दें कि गत छह जून को मनोहर लापता हो गया था। नौ जून को मनोहर का शव सात टुकड़ों में नाले में बोरी में बंद मिला था। पुलिस अधीक्षक चंबा अभिषेक यादव ने बताया कि मामले में मुख्य आरोपित सहित कुल तीन आरोपितों को फिर से न्यायिक हिरासत मिली है। वहीं, नाबालिग आरोपितों को वर्चुअल तरीके से किशोर न्याय बोर्ड चंबा/तीसा के समक्ष पेश किया गया। उन्हें बाल सुधार गृह ऊना भेज दिया गया है।
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2029aafe42228a15376d5577529e253175e0f5c3 | बस्तर पुलिस की महिला सेल में 138 ऐसे मामले पहुंचे हैं, जिनमें पति या पत्नी घर पर अपनी प्रेमिका से चैटिंग करते पकड़े गए। दरअसल सारे मामले लॉकडाउन के दौरान के हैं। इनमें से 50 मामले तो ऐसे हैं, जिनमें परिवार टूट की कगार पर पहुंच गया है। पुलिस इनमें समझौता कराने की कोशिश कर रही है। वैसे तो लॉकडाउन के दौरान ज्यादातर लोग घरों पर ही थे। इस दौरान उनके मोबाइल फोन ने परिवार में टूट की शुरूआत कर दी। महिला सेल में ऐसे कई मामले आये हैं जिनमें पत्नियों ने अपने पति को दूसरी लड़की से चैट और फोन पर बातें करते पकड़ा तो कुछ मामले ऐसे भी हैं जिनमें पति ने अपनी पत्नी को दूसरे मर्द से बातें करते हुए पकड़ा है। कोरोना काल के इस एक साल में सेल में करीब 138 मामले पहुंचे।
आपको बता दें कि इनमें से तक़रीबन 50 ऐसे मामले थे जिनमें पति-पत्नी के एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर्स की शिकायत लेकर सेल तक पहुंचे, जिनमें परिवार टूटने की नौबत तक आ पहुंची है। कुछ मामले धर्म परिवर्तन के भी हैं, जिनमें पत्नी ने अपना धर्म बदल लिया और अब पति जिस धर्म को मानता है उस धर्म के रीति-रिवाजों का पत्नी पालन नहीं कर रही है। जिनके एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर्स थे, वे लोग घरों पर ही छिप-छिपकर सोशल मीडिया पर अपनी प्रेमिका से बातें कर रहे थे। कई घंटों की चैटिंग और फोन पर लंबी बातचीत ने पहले पति और पत्नियों के मन में शक का बीज बोया और इसके बाद जब लड़ाई झगड़े की शुरूआत हुई तो मोबाइल के रिकार्ड्स ने सबूत दे दिए।
महिला सेल की प्रभारी पद्मनी ठाकुर ने बताया कि अभी महिला सेल में महिलाएं तो शिकायतें लेकर आ ही रही हैं लेकिन ऐसे कई मामले हैं जिनमें पुरूष भी शिकायत लेकर आने लगे हैं। महिला सेल में पहुंचने वाले मामलों में हमारी कोशिश होती है कि हम पति-पत्नी के बीच में समझौता करवा दें। इसके लिए कई चरणों की काउंसिलिंग भी होती है यदि काउंसिलिंग के बाद भी मामला नहीं सुलझता है तो फिर हम एफआईआर दर्ज करते हैं।
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f8d1fcea9fde9f7ae4693527161513b1f5b0998e97ffed9095fb984382d1e1c1 | दायित्व अनेक क्षेत्रो में है । आपका अपने निर्वाचन क्षेत्रो मे, जिनके हितों की रक्षा करने के लिए आप यहा आये है, व्यक्तिगत उत्तरदायित्व होगा । लेकिन उस उत्तरदायित्व के साथ-साथ इस तथ्य को भी हृदयगम करना है कि एक निकाय के रूप मे विधान-सभा का उद्देश्य अपेक्षाकृत अधिक उच्च है और वह है सामूहिक रूप से तथा शासन के साथ मिल-जुलकर राज्य की भलाई के लिए कार्य करना । राज्य और जनता के हित समान होते है । लेकिन अंश पूर्ण रूप से सदैव छोटा ही रहता है । कोई भी इकाई अकेली चाहे कितनी भी बड़ी और महत्त्वपूर्ण क्यों न हो, पर वह राज्य की वरावरी नही कर सकती। अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्र से आने पर भी आपको पूरे राज्य की भलाई के लिए उपाय खोज निकालने होगे । दूसरे शब्दों में अधिकतम लोगो की अधिकतम भलाई के लिए प्रयत्न करना होगा ।" श्री बापना ने जो सलाह उस समय दी थी, वह आज भी पूरी तरह सार्थक है ।
नाबालिग शासन के समय से ही वापनाजी द्वारा अपनाई गई दूरदर्शितापूर्ण विदेश नीति के परिणामस्वरूप १९३१ मे इदौर रेजीडेन्स बाजार राज्य को वापस दे दिया गया और राज्य के चादगढ पर दावे के बदले मानपुर परगना भारत सरकार द्वारा होल्कर राज्य को सौप दिया गया। विदेशी नीति के क्षेत्र में श्री बापना की ये महान् सफलताए थी । तत्कालीन वायसराय और गवर्नर जनरल र्ड विलिंग्डन ने कहा था कि इन दोनो ही मामलो में उन क्षेत्रों के निवासियों ने ब्रिटिश अधिकार क्षेत्र से इदौर शासन के अंतर्गत जाना प्रसन्नतापूर्वक स्वीकार कर लिया । यह इस बात का परिचायक है कि उस समय इन्दौर के लोग बड़े सतुष्ट थे । उनके प्रयत्नो से पोलिटिकल डिपार्टमेट द्वारा दिल्ली में स्थित वायसराय के कोर्ट मे होल्कर राज्य का एक प्रतिनिधि भेजने का अधिकार स्वीकार कर लिया गया । किसी अन्य राज्य किसी अन्य राज्य को यह अधिकार प्राप्त नही था । राज्य का एक वरिष्ठ मंत्री इस प्रयोजन से दिल्ली रखा गया ।
बापनासाहब का अपने ढंग से इस ओर भी ध्यान गया था कि गावों में सदियों से चले आ रहे शिल्प-उद्योग-धंधो का विकास हो । | pdf |
0a8556577bcde18ce7177d7fdc9955a96e40d889 | सरकार ने फिर दोहराया कि अगर नक्सली हथियार त्याग दें तो केंद्र और राज्य सरकारें उनके साथ बातचीत के लिए तैयार हैं.
राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि वामपंथी एक खास विचारधारा से प्रभावित हैं और वह सशस्त्र सैन्य क्रांति को जरूरी मानते हैं तथा इसके माध्यम से वह संसदीय व्यवस्था को ध्वस्त करना चाहते हैं.
उन्होंने बसपा के एस पी सिंह बघेल के पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि अगर नक्सली हथियार और हिंसा त्याग दें तो केंद्र और राज्य सरकारें उनके साथ बातचीत के लिए तैयार हैं.
गृह मंत्री ने कहा कि नक्सल समस्या का गहराई से अध्ययन करने पर पता चलता है कि गरीबी और इलाकों की उपेक्षा वामपंथियों को समर्थन का मुख्य कारण है. उन्होंने कहा कि इस समस्या के हल के लिए दोतरफा नीति अपनाई जा रही है. नक्सल प्रभवित 60 जिलों में एक ओर जहां कानून व्यवस्था के लिए वामपंथियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जा रही है वहीं दूसरी ओर विकास पर भी जोर दिया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि ओडिशा के मलकानगिरी जिले में 10 फरवरी 2012 को नक्सलियों के हमले में बीएसएफ के चार कर्मी मारे गए थे. इस मामले की जांच की जा रही है.
चिदंबरम ने बताया कि इस तरह की कार्रवाई में मारे गए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के कर्मियों के परिजन को 15-15 लाख रूपये की अनुग्रह राशि दी जाती है. केंद्र सरकार सुरक्षा संबंधी व्यय योजना के तहत नक्सली हमले में मारे गए सुरक्षा कर्मी के परिवार को तीन लाख रूपये की अनुग्रह राशि देती है.
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71aba2fa12d9cc459b37737130126d4b29b788fd | Coal scam case: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी (33) मध्य दिल्ली के जाम नगर हाउस स्थित केन्द्रीय एजेंसी के कार्यालय पहुंचे।
Coal scam case: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी कोयला घोटाला मामले में सोमवार को दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए। ईडी अभिषेक बनर्जी से मनी लॉन्ड्रिंग के केस में पूछताछ कर रही है।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद और राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को उनकी पत्नी रुजीरा के साथ एक कथित कोयला घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए तलब किया गया था। हालांकि, रुजीरा ने ईडी से कोलकाता में अधिकारियों के सामने पेश होने की अनुमति देने का आग्रह किया, क्योंकि उन्होंने कोविड -19 के कारण राष्ट्रीय राजधानी की यात्रा करने की अनिच्छा व्यक्त की थी।
अभिषेक बनर्जी ने रविवार को कहा था कि अगर कोई केंद्रीय एजेंसी किसी भी अवैध लेनदेन में उनकी संलिप्तता को सामने ला सकती है तो वह खुद को फांसी पर लटका लेंगे। पश्चिम बंगाल में कथित कोयला घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए उन्हें 6 सितंबर को नई दिल्ली में मामले के जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए तलब किया गया है।
पश्चिम बंगाल में स्थानीय कोयला संचालक अनूप मांझी उर्फ लाला इस अवैध लेन-देन में प्रमुख आरोपी है। ईडी ने दावा किया था कि अभिषेक बनर्जी इस अवैध लेद-देन से प्राप्त धन के लाभार्थी थे। ईडी ने मामले में अभी तक दो लोगों को गिरफ्तार किया है। उनमें से एक तृणमूल कांग्रेस युवा शाखा के नेता विनय मिश्रा के भाई विकास मिश्रा शामिल हैं।
ऐसा बताया जा रहा है कि विनय मिश्रा कुछ समय पहले देश से बाहर चला गया और उसने संभवतः देश की नागरिकता भी त्याग दी है। इसके अलावा इस मामले में निदेशालय ने बांकुड़ा थाने के पूर्व प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार मिश्रा को इस साल की शुरुआत में गिरफ्तार किया था।
ईडी ने दावा किया था कि मिश्रा बंधुओं ने इस मामले में " कुछ प्रभावशाली लोगों के लिए और खुद के लिए 730 करोड़ रुपये की राशि" प्राप्त की। इस मामले में अनुमानित 1,352 करोड़ रुपये शामिल थे। निदेशालय ने मामले में इस साल मई में आरोप पत्र दाखिल किया था।
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09f9a7db9d0814157f314e28f9807ecaf9d44536 | KATIHAR : जिला मुख्यालय से चमचमाती सरकारी गाड़ी से फर्राटा भरते हुए कुर्सेला प्रखंड के गंगा नदी के तट तक पहुंचकर नाव के सहारे दियारा के सुदूर इलाके तक पहुंचना फिर कुछ दूर पैदल और कई किलोमीटर ट्रैक्टर की सवारी करके जिला प्रशासन के तमाम अधिकारी को अगर डीएम के साथ किसी गांव तक पहुंचना पड़े तो इस गांव की भौगोलिक स्थिति और अब तक हुए विकास की तस्वीर को अब खुद समझ सकते हैं।
बात कटिहार कुरसेला प्रखंड के गोबराही दियारा का कर रहे हैं जहां के ग्रामीणों के माने तो पहली बार वे लोग अपने गांव में सरकार की किसी योजना के बारे में लाभ ले रहे हैं अब तक कारण चाहे जो भी हो इस गांव तक पहुंचने के या विकास योजनाओं को पहुंचाने की कोशिश कभी नहीं की गई है। इसलिए न तो बिजली की सुविधा है ना सड़क है और ना ही पेयजल की कोई व्यवस्था लगभग 3000 से अधिक आबादी बहुल यह गांव के लोग मानो अब भी आदिम युग में जी रहे हो, अब से कई साल पहले इस गांव तक सोलर के सहारे जो बिजली व्यवस्था बहाल हुई थी, वह अभी खराब पड़ी हुई है। जिसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है।
लेकिन पहली बार कटिहार जिला प्रशासन जिलाधिकारी के नेतृत्व में इस गांव तक पहुंच कर तमाम विभागों को कैंप लगाकर लोगों तक विकास पहुंचाने की एक अच्छी कोशिश की शुरुआत किया है अपने ग्रामीण इससे बेहद संतुष्ट है और उम्मीद कर रहे हैं कि आगे इस गांव के तस्वीर में बदलाव आएगा स्थानीय विधायक ने अब हालात बदलने की उम्मीद जता रहे हैं।
पहली गांव परिवार इस गांव तक जिला प्रशासन के तमाम आमला विकास के साथ आपके द्वार तक पहुंचने के सवाल पर जिलाधिकारी रवि प्रकाश कहते हैं उनकी जानकारी में यह बात उनके जॉइनिंग करने के बाद ही आया था। इसलिए उन्होंने इसे प्राथमिकता के आधार पर चुनौती के रूप में लेते हुए काम शुरू किया और आप इस इलाके तक पहुंच कर तमाम विभागों के कैंप लगाकर लोगों को सरकारी योजनाओं की लाभ पहुंचाया जा रहा है। जहां तक ग्रामीणों की डिमांड की बात जून के सामने आया है। उसमें स्वास्थ, शिक्षा और बिजली प्रमुख है, ग्रामीणों के इन मांगों पर भी जल्द सुविधा बहाल करने की प्रयास किए जाएंगे।
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ced628333380223792a9b84ea8bbb21b7e4e788b | भिवानी के बडे़सरा गांव पूर्व सरपंच प्रतिनिधि आनंद और पूर्व सरपंच मनोज के परिवारों की आपसी रंजिश को लेकर काफी चर्चित रहा है। मनोज समेत उसके परिवार के पांच सदस्यों की इस वारदात में हत्या की जा चुकी है। बाकी पर भी खतरा अभी मंडरा रहा है।
भिवानी, जागरण संवाददाता। भिवानी के गांव बडेसरा में बुधवार रात को बाइक पर सवार होकर आए दो हथियारबंद व्यक्तियों ने खेत से आ रहे एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी, जबकि एक अन्य व्यक्ति को गोली मारकर घायल कर डाला। वारदात को अंजाम देकर हमलावर आसानी से फरार हो गए। दोनों को हिसार के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। वहां पर महेंद्र नामक व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही बवानीखेड़ा थाना प्रभारी संदीप शर्मा ने टीम के साथ मौके पर पहुंच कर घटना की जांच की।
गांव बडेसरा निवासी 50 वर्षीय किसान महेंद्र सिंह व परिवार का ही अजीत उर्फ वालिया एक साथ बुधवार रात करीब साढ़े सात बजे खेत से अपने घर आ रहे थे। उनके खेत गांव से बाहर थे। इसी दौरान बाइक पर सवार होकर दो व्यक्ति आए। दोनों के हाथों में पिस्तौल थी। उन्हें रोक कर महेंद्र के सिर पर गोली चला दी। जिसके बाद वह नीचे गिर पड़ा। अजीत वहां से भागने लगा तो उस पर भी कई गोलियां चलाई।
गोली लगने से अजीत भी गंभीर रूप से घायल हो गया। दोनों को मृत समझ कर हमलावर फरार हो गए। गांव के लोगों को गोली चलने का पता चला तो वह मौके पर पहुंचे। दोनों को परिवार के लोग कार में डालकर सीधे हिसार के एक निजी अस्पताल ले गए, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही महेंद्र की मौत हो चुकी थी। पुलिस ने सूचना मिलते ही आस-पास के एरिया में नाकाबंदी कर हमलावरों को पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस को सफलता नहीं मिल पाई।
पुलिस ने महेंद्र व अजीत के परिवार से पूछताछ कर रंजिश का पता लगाने का प्रयास किया, लेकिन परिजन अभी ज्यादा कुछ नहीं बता पाए। परिजनों का कहना था कि उनके परिवार की ऐसी कोई बड़ी दुश्मनी किसी से नहीं है।
बडे़सरा गांव पूर्व सरपंच प्रतिनिधि आनंद और पूर्व सरपंच मनोज के परिवारों की आपसी रंजिश को लेकर काफी चर्चित रहा है। मनोज समेत उसके परिवार के पांच सदस्यों की इस वारदात में हत्या की जा चुकी है। बाकी पर भी खतरा अभी मंडरा रहा है। वहीं आनंद, उसके दोनों बेटे व कुछ रिश्तेदार इस मामले में जेल में है। वर्ष 2021 में भी कुछ युवक एक व्यक्ति को गोली मारकर फरार हो गए थे।
पुलिस द्वारा मौके पर पहुंच कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। हमलावर बाइक पर आए थे। महेंद्र नामक व्यक्ति की मौत हुई है। पुलिस द्वारा हमलावरों को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
-- अजीत सिंह, शेखावत, एसपी भिवानी।
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329ab8f55e5592a55950e7617feffa19b3db502bd9edb577b0f9f3e9853ce89a | नाहीं । जो चोरनिमें शिरोमणि अर जारनिमें शिरोमणि है सो कैसे आराधने योग्य होय । बहुरि सर्वज्ञवीतरागका उपदेश्या अर प्रत्यक्ष अनुमानादिकरि जामें सर्वथा बाधा नाहीं आवै अर समस्त छहकायके जीवनिकी हिंसारहित धर्मका उपदेशक आत्माका उद्धारक अनेकांतरूप वस्तुकू साक्षात् प्रगट करनेवाला ही गम है सो पढ़ने पढ़ावने श्रवणकरने श्रद्धानकरने वंदने योग्य है । अर जे रागी द्वेषीनिकरि प्ररूपणकिये अर विषयानुराग अर कषायके बधावनेवारे जिनमें हिंसा के करनेका उपदेश है ऐसे प्रत्यक्ष अनुमानकरि बाधित एकांतरूप शास्त्र श्रवण पढनेयोग्य नाहीं वन्दनायोग्य नाहीं हैं। बहुरि विषयनिकी वांछाका अर कषायका अरआरम्भपरिग्रहका जाकै अत्यन्त अभाव भया, केवल आत्माकी उज्ज्वलता करनेमें उद्यमी, ध्यान स्वाध्याय में अत्यन्त लोन, स्वाधीन कर्मवं धजनित दुःख सुखमें साम्यभावके धारक, जीवन मरण, लाभ श्रलाभ स्तवननिंदनेमें रागद्वेषरहित उपसर्गपरीषहनिके सहने में अकम्प धैर्यके धारक परमनिर्ग्रन्थ दिगम्बर गुरु ही वंदन स्तवन करनेयोग्य हैं अन्य आरम्भी कषायी विषयानुरागी कुगुरु कदाचित् स्तवन वन्दन करने योग्य नाहीं हैं। बहुरि जीवदया ही धर्म है हिंसा कदाचित् धर्म नाहीं जो कदाचित् सूर्यका उदय पश्चिम दिशा में होजाय अर अग्नि शीतल होजाय अर सर्पका मुखमें अमृत हो जाय र मेरु चलि जाय श्रर पृथ्वी उलटपलट होजाय तो हू हिंसामें तो धर्म कदाचित् नाहीं होय । ऐसा दृढश्रद्धान सम्यग्दृष्टिके होय है जाकै अपने आत्माके अनुभवन में अर सर्वज्ञ वीतरागरूप आपके स्वरूप में कर निग्रंथ विषयकषायरहित गुरुमें अर अने
कांतस्वरूप आगममें अर दयारूप धर्ममें शंकाका अभाव सो निःशंकित अग है सम्यग्दृष्टि यामें कदाचित् शंका नाहीं करै है ।
बहुरि सम्यग्दृष्टि है सो धर्मसेवनकरि विषयनिकी वांछा नाहीं करै है जातैं सम्यग्दृष्टिकू इन्द्र अहमिन्द्रलोकके विषै हू महान वेदनारूप विनाशीक पापका बीज दोख़ है अर धर्मका फल अनन्त अविनाशी स्वाधीन सुखकरियुक्त मोक्ष दीखे है तातैं ज सें बहूमूल्य रत्न छांडि काचखण्डकू जोहरी नाहीं ग्रहण करें है तैसें जाकू सांचा आत्मीक अविनाशी बाधारहित सुख दीख्या सो झूठा बाधासहित विषयनिका सुखमें कैसैं वांछा करता सम्यग्दृष्टि वांछारहित ही होय है। श्रर जो अव्रती सम्यग्दृष्टिके वर्तमानकालमें आजीविका दिकनिमें तथा स्थानादिकपरिग्रह में वेदनाके अभाव जो वांछा होय है सो वर्तमानकालकी वेदना सहने की सामर्थ्य वेदनाका इलाजमात्र चाहै है। जैसे रोगी कति विरक्त होय है तो हू वेदनाका दःख नाहीं सह्या जाय तातैं कडवी औषधि वमन विरेचनादिकका कारण हू ग्रहण करै है, दुर्गंध तैलादिक हू लगावै है अन्तरङ्गमें औषधित अनुराग नहीं है तँसैं सम्यग्दृष्टि निर्वाछक है तो हू वर्तमानके दुःख मेटनेकू' योग्य न्यायके विषयनिकी वांछा करै है। जिनकै प्रत्याख्यान अप्रत्याख्यानावरणकषायका अभाव भया अपना सौ खंड होय तो हू विषयवांछा नाहीं करें हैं यात सम्यग्दृष्टिके निःकांक्षित गुरण होय ही है।
बहुरि सम्यग्दृष्टि अशुभ कर्मके उदय प्राप्त भई अशुभ सामग्री तिसमें ग्लानि नाहीं करै, परिणाम नाहीं विगार्डे है
पूष जैसा कर्म बांध्या तैसा भोजन पान स्त्री पुत्र दरिद्र संपदा आपदाकू प्राप्त भया हूँ तथा अन्य किसीकू रोगी दरिद्री हीन नीच मलीन देखि परिणाम नाहीं विगाड़े है, पापकी सामग्री जानि कलुषता नाहीं करै है तथा मलमुत्र कर्दमादि द्रव्यकू' देखि अर भयङ्कर श्मसान वनादि क्षेत्रकू देखि, भयरूप दुःखदायी कालकू देखि, दुष्टपना कडवापना इत्यादिक वस्तुका स्वभावकू देखि अपना निर्विचिकित्सित अंग सम्यग्दृष्टिके होय ही है ।
बहुरि खोटे शास्त्रनित तथा व्यन्तरादिक देवनिकृत विक्रिया तथा मरिण मन्त्र औषदिनिके प्रभाव अनेक वस्तुनिके , विपरीत स्वभाव देखि सत्यार्थ धर्म चलायमान नाहीं होना सो सम्यग्दर्शनका अमूढदृष्टि गुण है सो सम्यग्दृष्टिके होय ही है । बहुरि सम्यग्दृष्टि अन्य जीवनिके ज्ञान
लगे हुए दोष देखि आच्छादन करै है जो संसारीजीव ज्ञानावरण दर्शनावरण मोहनीय कमके वशि होय अपना स्वभाव भूल रहे हैं कर्मके आधीन असत्य परधनहरण कुशीलादि पापनि में प्रवृत्ति करें हैं जे पापति दूर बतें हैं ते धन्य हैं । बहुरि कोऊ धर्मात्मा पुरुष (नामी पुरुष) पापके उदय चूकि जाय ताकू देखि ऐसा विचारै जो यो दोष प्रगट होसी तो अन्य धर्मात्मा भर जिन धर्मकी बड़ी निन्दा होसी या जानि दोष आच्छादन करै अर अपना गुण होय ताकी प्रशंसा का इच्छुक नाहीं होय है सो यो उपगूहनगुण सम्यक्त्वको है इन गुणनितैं पवित्र उज्ज्वल दर्शन विशुद्धता नाम भावना होय है ।
बहुरि जो धर्मसहित पुरुषका परिणाम कदाचित् रोगकी
३६१ ) वेदनाकरि धर्म चलि जाय तथा दारिद्रकरि चलि जाय तथा उपसर्ग परीसहनिकरि चलिजाय तथा असहायताकरि तथा आहारपानका निरोधकरि परिणाम धर्मर्ते शिथिल हो जाय ताकू उपदेशकरि धर्म में स्थम्भन करै । भो ज्ञानी भो धर्मके धारक ! तुम सचेत होहू कैसे कायरता धारणकरि धर्ममें सिथिल भए हो जो रोगकी वेदना धर्म चिगो हो, ज्ञानी होय कैसैं भूलो हो यो असतावेदनकर्म अपना अवसर पाय उदय में आ गया है अब जो कायर होय दीनताकरि रुदनविलापादि करते भोगोगे तो कर्म नाहीं छोड़ेगा कर्मके दया नाहीं होय है और धीर
तो कर्म नाहीं छोड़ेगा कोऊ देवदानव मन्त्रतन्त्र औषधादिक तथा स्त्री, पुत्र, मित्र, बांधव सेवक सुभटादिक उदयमें आया कर्म हरनेकू' समर्थ है नाहीं यो तुम अच्छी तरह समझो हो अब इस वेदनामें कायर होय अपना धर्म अर यश अर परलोक इनकू कैसें विगाडौ हो अर इनकू' विगाड़ि स्वच्छंद चेष्टा विलापादि करनेतैं वेदना नाहीं घटै है ज्यों ज्यों कायर होवोगे त्यों त्यों वेदना दुःख बढैगा । तातैं अब साहस धारण करि परमधर्मका शरण ग्रहण करो । संसारमें नरकके तथा तिर्यंचनिके क्षुधा तृषा रोग सन्ताप ताडन मारण शीत उष्णादिक घोर दुःख असंख्यातकाल पर्यन्त अनेक वार अनन्तभव धारण करि भोगे ये तुम्हारै कहा दुःख है अल्पकाल में निर्जरैगा अर रोग वेदना देहकू मारैगा तुम्हारा चेतनस्वरूप आत्माकू नाहीं मारैगा श्रर देहका मारना अवश्य होयगा जो देह धारण किया ताकै अवश्यंभावी मरण है सो अब सचेत होहू यो कर्मका जीतवाको अवसर है अब भगवान पंच
परमेष्ठीका शरण महणकर अपना अमर अखंड ज्ञाता दृष्टा स्वरूपका ग्रहण करो ऐसा अवसर फेरि मिलना दुर्लभ है इत्यादिक धर्मका उपदेश देय धर्ममें दृढ़ करना अर अनित्य रादिभावनाका ग्रहण शीघ्र करावना, त्याग व्रतादिक छांडि दिये होंय तो फिर ग्रहण करावना तथा शरीरका मर्दनादिक करि दुःख दूरि करना अर कोऊ टहल करनेवाला नाहीं होय तो आप टहल करना अन्य साधर्मीनका मेल मिला देना आहार पान औषधादिकर स्थितिकरण करना तथा मलमूत्र कफादिक होय तो धोवना पूछना इत्यादिक करि स्थिर करना तथा दारिद्रकरि चलायमान होय तिनका भोजनपानादिककरि आजीविकादिक लगाय देने करि, उपसर्ग परीषहादिक दूर करनेकरि सत्यार्थधर्म में स्थापन करना सो स्थितिकरण अंग सम्यग्दृष्टिके होय है ।
बहुरि वात्सल्य नामगुण सम्यग्दृष्टिके होय है संसारी जीवनिकी प्रीति तो अपने स्त्रीपुत्रदिकनिमें तथा इन्द्रियनिके विषयभोगनिमें धनके उपार्जनमें बहुत रहै है जाकै स्त्री पुत्र धन परिग्रह विषयादिकनिकू संसारपरिभ्रमरण के कारण जानि रंग विरागता धारण करि जाकी धर्मात्मा में रत्नत्रयके धारक मुनि अर्जिका श्रावक श्राविका वा धर्मके आयतननिमें अत्यन्त प्रीति होय ताकै सम्यग्दर्शनका वात्सल्य होय है ।
बहुरि जो अपने मनकरि वचनकरि कायकरि धनकरि दानकरि व्रतकरि तपकर भक्तिकरि रत्नत्रयका भाव प्रगट करै सो मार्ग प्रभावना अंग है। याका विशेष प्रभावना अगकी भावनामें वर्णन करियेगा । ऐसें सम्यग्दर्शन के अष्ट धारण करने इन गुणनिका प्रतिपक्षी शंकाकांक्षादिक दोषनिका अभावकरि दर्शना( ३६३ )
विशुद्धता होय है। बहुरि लोकमूढता देवमूढता गुरुमूढताका परिणामनिकू छांडि श्रद्धानकू उज्वल करना ।
अब लोकमूढताका स्वरूप ऐसा है जो मृतकनिका हाड नखादिक गंगामें पहुँचाने में मुक्ति भई मानै हैं तथा गंगाजलकू उत्तम मानना तथा गंगास्नानमें अन्य नदीके स्नानमें नदीकी लहर लेने में धर्म मानना तथा मृतक भर्ता के साथ जीवती स्त्री तथा दासी अग्निमें दग्ध होजाय ताकू सतीमानि पूजना मरयाकू पितर मानि पूजना पितरनिकू पातडी में स्थापन करि पहरना तथा सूर्यचन्द्र मंगलादिक ग्रहनिकू सुवर्णरूपाका बनाय गले में पहरना तथा ग्रहनिका दोष दूरि करनेकू दान देना संक्रांति व्यतिपात सोमोती अमावसी मानि दान करना सूर्यचन्द्रमाका ग्रहणका निमित्तितें स्नान करना, डाभकू शुद्ध मानना, हस्तीके दंतनिकू शुद्ध मानना कूवा पूजना सूर्यचंद्रमाकू अर्घ देना देहली पूजना मूशलकू' पूजना छककू पूजना, विनायक नामकरि गणेश पूजना, तथा दीपकको जोतिकू' पूजना तथा देवताकी बोलारी बोलना जडूला चोटी रखना देवताकी भेटके करार अपना सन्तानादिककू जीवित मानना सन्तानकू देवताका दिया मानना तथा अपने लाभ वास्ते तथा कार्यसिद्धि वास्तै ऐसी वीनती करै जो मेरे एता लाभ होजाय तथा सन्तानका रोग मिटि जाय तथा सन्तान होजाय वा वैरी का नाश होजाय तो मैं आपके छत्र चढ़ाऊ इतना धन भेट करू ऐसा करार करै है देवताकू सौंक (रिसवत) देय कार्य की सिद्धि के वास्ते वां है। तथा रात जगा करना कुलदेवकू पूजना शीतलाकू' पूजना, लक्ष्मीकू पूजना, सोना रूपाकू' पूजना पशुनिकू
पूजना अन्नकू' जलकू' पूजना, शस्त्रकू' वृक्षकू' पूजना, अग्नि देव मानि पूजना सो लोकमढता मिथ्यादर्शनका प्रभावर्ते श्रद्धानके विपरीतपना है सो त्यागने योग्य है ।
बहुरि देवकुदेवका विचाररहित होय कामी क्रोधी शस्त्रधारीहूमें ईश्वरपना की बुद्धि करना जो यह भगवान् परमेश्वर हैं समस्त रचना याकी है ये ही कर्त्ता हैं हर्त्ता हैं जो कुछ होय है सो ईश्वरको कियो होय है, समस्त छी बुरी लोकनिसू. ईश्वर करावे है ईश्वरका किया बिना कळू ही नाहीं होय है, सब ईश्वर की इच्छाके आधीन है शुभकर्म ईश्वरकी प्रेरणा बिना नाहीं होय है इत्यादिक परिणाम मिथ्यादर्शनके उदयकरि होय सो देवमूढ़ता है।
बहुरि पाखण्डी हीन-चार धारक तथा परिग्रही, लोभी विषयनिका लोलुपीनिकू करामाती मानना, वाका वचन सिद्ध मानना तथा ये प्रसन्न हो जाय तो हमारा वांछित सिद्ध हो जाय ये तपस्वी हैं, पूज्य हैं, महापुरुष हैं, पुराण हैं इत्यादिक विपरीत श्रद्धान करै सो गुरुमूढता है तातैं जिनके परिणामनितैं इन तीनमूढताका लेशमात्र हू नाहीं होय ताकै दर्शनकी विशुद्धता होय है । बहुरि छह अनायतनका त्याग करि दर्शनविशुद्धता होय है कुदेव कुगुरु कुशास्त्र अर इनके सेवन करने वाले ये धर्मके आयतन कहिये स्थान नाहीं तातैं ये अनयतन हैं ।
भावार्थ - जो रागी द्वेषी कामी क्रोधी लोभी शस्त्रादिक सहित मिथ्यात्वकार सहित हैं तिनमें सम्यक् धर्म नाहीं पाईये तातैं कुदेव हैं ते अनायतन हैं । बहुरि पंचइन्द्रियनिके विषय निके लोलुपी परिग्रहके धारी आरंभ करनेवाले ऐसे भेषधारी ते गुरु नाहीं, धर्महीन हैं तातैं अनायतन हैं । बहुरि हिंसाके आरंभकी प्रेरणा करने( ३६५ )
वाला रागद्वेषकामादिक दोषनिका बधावनेवाला सर्वथा एकान्तका प्ररूपक शास्त्र हैं ते कुशास्त्र धर्मरहित हैं ता अनायत है बहुरि देवी दिहाडी क्षेत्रपालादिक देवकू वंदने वाले अनायतन बहुरि कुगुरुनिके सेवक हैं भक्ति धर्म रहित हैं ते अनाया है बहुरि मिथ्याशास्त्रके पढ़नेवाले अर इनकी सेवाभक्ति करनेवाले एकांती धर्मका स्थान नाहीं तारौँ अनायतन हैं ऐसे कुदेव कुगुरु कुशास्त्र अर इनकी सेवा भक्ति करनेवाले इन छहूनिमें सम्यकधर्म नाहीं है ऐसा दृढ़श्रद्धानकरि दर्शनविशुद्धता होय है । बहुरि जातिमद कुलमद ऐश्वर्यमद रूपमद शासनका मद तपकामद बलकामद विज्ञानमढ़ इन अष्ट मदनिका जाकै अत्यन्त प्रभाव होय है ताकै दर्शनविशुद्धता होय है सम्यग्दृष्टि के सांचा विचार ऐसा है हे आत्मन् ! या उच्च जाति है सो तुम्हारा स्वभाव नाहीं यह तो कर्मकी परिणमनि है, परकृत है विनाशीक है, कर्मनिके अधीन है। संसार अनेकवार अनेक जाति पाई हैं माताकी पक्षकू जाति कहिये है जीव अनेक बार चांडालोके तथा भीलनीके तथा म्लेक्षणीके चमारी के धोबन के नायणिके डूमणिके नटनीके वेश्याके दासीके कलालीके धीवरी इत्यादि मनुष्यनिके गर्भमें उपज्या है तथा सूकरी कूकरी गई भी स्यालणी कागली इत्यादिक तिर्यचनिके गर्भ में अनंतबार उपजि उपजि मरथा है अनन्तबार नीचजाति पावै तब एकबार उच्चजाति पावै फिर अनंतबार नीचजाति पावै तब एकबार उच्चजाति पावै ऐसे उच्च जाति भी अनंतबार पाई तो हू संसारपरिभ्रमण ही किया अर ऐसें ही पिताकी पक्षका कुल हू ऊंचा नीचा अनंतबार प्राप्त भया संसारमें जातिका, कुलका मद कैसें करिये है स्वर्गका
महर्द्धिकदेव मरिकरि एकेन्द्रिय उपजै है तथा श्वानादिक निद्य तिर्यचनिमें उपजै है तथा उत्तम कुलका धारक होय सो चांडाल में जाय उपजै तातैं जातिकुल अहंकार करना मिथ्यादर्शन है । हे आत्मन् तुम्हारा जातिकुल तो सिद्धनिके समान है तुम आपाभूलि माताका रुविर पिताका वीर्यतै उपजे जाति कुल में मिथ्या
घरि फेरनन्तकाल निगोदवास मति करो । वीतरागका उपदेश ग्रहण किया है तो इस देहकी जातिकू हू संयम शील दया सत्यवचनादिकरि सफल करो जो में उत्तम जातिकुल पाय नीचकर्मीनिकेसे हिंसा असत्य परधनहरण कुशीलसेवन अभक्ष्य भक्षणादि योग्य आचरण कैसे करू नाही करू ऐसा अहंकार करना योग्य है सम्यग्दृष्टिके कर्मकृत पुद्गलपर्याय में कदाचित आत्मबुद्धि नाहीं होय है । बहुरि ऐश्वर्य पाय ताका मद कैसे करिये यो ऐश्वर्य तो आग भुलाय बहु आरंभ रागद्वेषादिकमें प्रवृत्ति कराय चतुर्गति में परिभ्रमणका कारण है और निर्मंथपना तीनलो कमें ध्यावने योग्य है पूज्य है अर यो ऐश्वर्य क्षणभंगुर है बड़े । २ इंद्र
निका पतनसहित है बलभद्र नारायणनिका ऐश्वर्य चरणमात्रमें नष्ट हो गया अन्य जीवनिका ऐश्वर्य केताक है ऐसें जानि ऐश्वर्य दोय दिन पाया है तो दुःखित जीवनिका उपकार करो विनयवान होय दान देहु परमात्मस्वरूप अपना ऐश्वर्य जानि इस कर्मकृत ऐश्वर्य में विरक्त होना योग्य है । बहुरि रूपका मद मति करो यो विनाशीक पुद्गलको रूपमा स्वरूप नाहीं विनाशीक है क्षणक्षरण में नष्ट होय है इस रूपकू रोग वियोग दरिद्र जरा महाकुरूप करैगा ऐसा हाडचामका रूपमें रागी होय मद करना बडा
अथ है। इस माका रूप तो केवलज्ञान है जिसमें लोक लोक सर्व प्रतिबिंबित होय हैं तातैं चामडाका रूपमें आपा छांडि अविनाशी ज्ञानस्वरूप में आपाधारहू । बहुरि श्रुतका गर्वकू छांडहू आत्मज्ञानरहितका श्रुत निष्फल है, जातै एकादश अंगका ज्ञान सहित होय करके हूं अभव्य संसारहीमें परिभ्रमरण करै है सम्यग्दर्शन विना अनेक व्याकरण छंद अलंकार काव्य कोषादिक पढना विपरीत धर्ममें अभिमान लोभमें प्रवर्तन कराय संसाररूप अंध डुवोबनेके । और इस इंद्रियजनित ज्ञानका
कहा गर्व है एकक्षण में वातपित्तकफादिकके घटनेबधने ज्ञान चलायमान हो जाय है अर इंद्रियजनित ज्ञान तो इनका विनाशकी साथ हो विनशैगा अर मिथ्याज्ञान तो ज्यों बंधैगा त्यों खोटे काव्य, खोटी टीकादिकनिकी रचनामें प्रवर्तन कराय अनेक जीवनिकू दुराचार में प्रवर्तन कराय डबोय देगा तारौँ श्रुतका मद छांडहू, ज्ञान पाय आत्मविशुद्धता करहू, ज्ञान पाय अज्ञानी कैसे आचरणकरि संसार में भ्रमण करना योग्य नाहीं । बहुरि सम्यक्त्व विना मिथ्यादृष्ट्रिका तप निष्फल है तपको मद करो हो जो मैं बडा तपस्वी हूं सो मदके प्रभाव बुद्धि नष्टकरिकेँ यो तप दुर्गति में परिभ्रमण करावेगा तातैं तपका गर्व करना महा अनर्थ जानि भव्यनिकू तपका गर्व करना योग्य नाहीं है । बहुरि जिस बलकरि कर्मरूप वैरीकू जीतिये कथा काम क्रोध लोभकू जीतिये सो बल तो प्रशंसायोग्य है और देहका बल यौवनका बल ऐश्वर्यका बल पाय अन्य निर्बल अनाथ जीवनिकू मारिलेना, धनखोसिलेना जमी जीविका खोसिलेना, कुशील सेवनकरना, दुराचार में प्रवर्तन | pdf |
deaba48ec741d96d7462448468acd58dcc91d04c | भारत और न्यूजीलैंड के बीच आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मैच खेला जा रहा है। इंग्लैंड के साउथैम्पटन में खिताबी जंग जारी है, जहां वैसे तो इन्द्र देवता ने काफी हद तक अपना रौद्र रूप दिखाते हुए मैच को बर्बाद किया है। लेकिन जो खेल हुआ वहां इंग्लैंड की कंडीशन के अनुसार जबरदस्त स्विंग गेंदबाजी देखने को मिली।
इंग्लैंड की सरजमीं पर गेंदबाजों को जबरदस्त स्विंग हासिल होती है, ऐसे में पहले से ही इसका अनुमान था. न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने कंडीशन का जबरदस्त फायदा उठाते हुए अपनी स्विंग गेंदबाजी का नमूना पेश किया।
वहीं दूसरी तरफ भारतीय टीम के गेंदबाजों को ज्यादा स्विंग हासिल नहीं हो सकी। भारत ने इस मैच में जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और ईशांत शर्मा को मौका दिया। तीनों ही गेंदबाजों का नाम विश्वस्तरीय माना जाता है।
भारत के गेंदबाजों को इस स्विंग कंडीशन में पहली सफलता के लिए 34 ओवर का इंतजार करना पड़ा और वो पहला विकेट भी स्पिन गेंदबाज ने दिलाया। इसी बात का कारण न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर साइमन डूल ने बताया है। साइमन डूल ने भारत के गेंदबाजों को स्विंग नहीं मिलने का कारण बताया है। जिसमें उन्होंने अभ्यास की कमी को प्रमुख वजह माना।
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0d5d9d380e32b71b5eb3bf616ba63a0eb1bc6a25 | नई दिल्ली, Vastu Tips: वास्तु शास्त्र की उत्पत्ति हमारे वेदों से हुई है, इसका उल्लेख हमारे वेद, पुराण, वास्तु ग्रंथों में किया गया है, यहां तक के रामायण और महाभारत में भी वास्तु के संदर्भ में विशेष वर्णन है। वास्तु का सरल अर्थ होता है, जहां तुम वास करते हो। घर में रहने वाले सभी सदस्यों पर वास्तु का असर पड़ता है, ये जान लेना बहुत जरूरी है कि घर के वास्तु उपाय ये असर सकारात्मक है या नकारात्मक। इसके लिए वास्तु का पूर्ण ज्ञान होना बहुत ही जरूरी है।
वास्तु के अनुसार भूखंड विशेषण, घर का निर्माण, मुख्य द्वार, कमरे, पानी का स्थान, रसोई घर, भ्रमस्थान बनाना बहुत जरूरी है।
आल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ अकल्ट साइंस की वास्तु विशेषज्ञ रम्मन एस खन्ना जी के मुताबिक वास्तु का असर घर की खुशहाली, सुख समृद्धि, पारिवारिक सुख पर सीधा असर पड़ता है।
वास्तु का वैवाहिक जीवन पर भी बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। अपने विवाहिक जीवन को सुखी समृद्धि रखने के लिए ये सरल वास्तु टिप्स का प्रयोग करें और जिंदगी भर की खुशियां पाएं।
- नवविवाहित दम्पति को घर के उत्तर पश्चिम क्षेत्र के कमरे में रहना चाहिए, इससे जीवन और संबंध में खुशहाली आती है।
- नवविवाहित दम्पति को पश्चिम की ओर स्थित कमरे में सोना चाहिए। दक्षिण पश्चिम क्षेत्र पृथ्वी तत्व होता है और वो रिश्ते को स्थिरता और संतुलन देता है।
- शादीशुदा जिंदगी को खुशहाल बनाने के लिए दम्पति के बेडरूम में एक ही बेड हो जिस पर डबल बेड मैट्रेस हो, दो सिंगल मैट्रेस नहीं होने चाहिए, इससे रिश्ते में दरार आ सकती है।
- पति-पत्नी के आपस के संबंध मधुर हो इसमें दीवार के रंगों का भी बहुत महत्व होता है। जहां तक हो सके अपने कमरे के रंगो को हल्का रखें। ज्यादा गहरे रंग जैसे काला और लाल रिश्तों में परेशानियां ला सकते हैं। मधुर रंग जैसे गुलाबी या लाइट रंगो का प्रयोग करें।
आल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ अकल्ट साइंस की वास्तु विशेषज्ञ रम्मन एस खन्ना जी के अनुसार, जहां तक हो सके पति पत्नी को कभी साउथ ईस्ट डायरेक्शन के कमरे में नहीं सोना चाहिए, ये अग्नि का कोना होता है, इससे या तो उनकी सेहत पर असर पड़ सकता है, जैसे ब्लड प्रेशर या एसिडिटी या तो रिश्ते में तकरार आ सकती है। अगर साउथ ईस्ट कमरे में सोने के अलावा और कोई आप्शन ना तो आप कमरे में एक छोटा लाल बल्ब जला ले साउथ ईस्ट डायरेक्शन में।
अपने पूर्वजों की फोटो को हमेशा साउथ वेस्ट की ओर दीवार पर लगाएं।
- बेडरूम को मोमबतियों, फूलों और सजावट से सुज्जित करें, शादीशुदा जोड़े की फोटो फ्रेम में लगा के कमरे के वेस्ट साइड पर रखें।
- पति-पत्नी को हमेशा दक्षिण दिशा में सिर रख के सोना चाहिए।
- बेडरूम से जितना हो सके इलेक्ट्रॉनिक आइटम दूर रखें, इससे नकारात्मक ऊर्जा कम होगी।
- शुक्रवार को लक्ष्मी जी की वंदना करें, घर में पूजा पाठ करें। सुगंधित अगरबत्तियां पूरे घर में जलाएं। इससे घर में सकारात्मक उर्जा बढ़ेगी और शादीशुदा जिंदगी और भी मधुर बनेगी। देवी को सफेद मिठाई अर्पण करें और उसका प्रसाद पूरे परिवार को खिलाएं। मां के आशीर्वाद से घर में सुख समृद्धि और धन में वृद्धि होगी।
रम्मन एस खन्ना, वास्तु विशेषज्ञ (आल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ अकल्ट साइंससे बातचीत पर आधारित)
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64403362582b2c61bc37e2703c72d8e6b2055ffb | कर्नाटक से शुरू हुआ बुर्का और हिजाब विवाद (Karnataka Burqa/Hijab Controversy) थमने का नाम नहीं ले रहा है। कहीं, मुस्लिम छात्राएँ कॉलेज प्रशासन के आदेशकी धज्जियाँ उड़ाते बुर्के में कॉलेज पहुँच रही हैं और नारेबाजी कर रही हैं तो कहीं हिजाब के नाम पर इस्तीफा दिया रहा है। वहीं, राजनीतिक दल भी इस मौके को भूनाने से नहीं चुक रहे हैं।
उधर तुमकुरु में ही पुलिस ने एक सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की 15 छात्राओं के खिलाफ IPC की धारा 144 का तहत निषेधाज्ञा के उल्लंघन का मामला दर्ज किया है। बुधवार (16 फरवरी) को टाउनहॉल के पास गवर्नमेंट एम्प्रेस जूनियर पीयू कॉलेज में लगभग 40 छात्राएँ हिजाब और बुर्का पहनकर कक्षा में घुसने का प्रयास कर रही थीं। जब कॉलेज प्रशासन ने उन्हें रोक दिया, तब वो नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन करने लगीं।
इस दौरान इन छात्राओं ने बहुत कम दूरी तक और बहुत कम समय के लिए रैली भी निकाली। उपायुक्त के आदेश के बाद प्रिंसिपल ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करवाई है। हालाँकि, FIR में किसी का नाम नहीं दिया गया है।
कर्नाटक कॉन्ग्रेस ने शुक्रवार (18 फरवरी) को कहा कि सरकार वक्फ विभाग के अंतर्गत आने वाले अल्पसंख्यक संस्थानों को हिजाब मानदंडों का पालन करने वाले सर्कुलर को वापस ले। प्रदेश कॉन्ग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश उन संस्थानों तक ही सीमित है, जिनमें कॉलेज विकास समितियों (सीडीसी) ने यूनीफॉर्म निर्धारित की है। सभी कॉलेज इसके दायरे में नहीं आते हैं।
सिद्धारमैया ने कहा कि वक्फ विभाग ने एक पत्र जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि यह आदेश विभाग द्वारा संचालित आवासीय स्कूलों और कॉलेजों पर लागू होता है। विभाग द्वारा चलाए जा रहे संस्थानों में सीडीसी नहीं है। इसलिए इसका सर्कुलर हाईकोर्ट के आदेश के विपरीत है।
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1e3f9cc1850d11f8d8d507e0b2cf69ae309e88c7 | अमित शाह का 'तीखा' सवाल, झारखंड का विरोध करने वालों के साथ हेमंत ने क्यों बनाई सरकार?
रांची। झारखंड के आगामी चुनावों अपनी पूरी ताकत झोंक रही भाजपा अब तीखे जुबानी हमलों का भी सहारा ले रही है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए कहा कि आखिर झारखंड के गठन का विरोध करने वाले दलों के साथ ही मिलकर उन्होंने राज्य में सरकार क्यों बनाई।
अमित शाह ने धुर्वा स्थित प्रभात तारा मैदान में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सवाल किया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन ने झारखंड राज्य के गठन का विरोध करने वाले दलों के साथ ही गठबंधन कैसे कर लिया।
'शौचालय'
शाह ने झारखंड सरकार में शामिल लालू प्रसाद के राजद और कांग्रेस की ओर इशारा करते हुए सोरेन पर निशाना साधा कि जब उनके पिता झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन झारखंड राज्य के गठन को लेकर संघर्ष कर रहे थे तो राजद और कांग्रेस का क्या रुख था?
इस मौके पर उन्होंने कहा कि हुर्रियत के अलगाववादी नेताओं से बातचीत कर रहे पाकिस्तान से द्विपक्षीय बातचीत रद्द कर मोदी सरकार ने दुनिया को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि विदेश नीति के मामले में मोदी सरकार दुनिया में किसी के सामने झुकने वाली नहीं है। हालांकि शाह के चुनावी तैयारियों का परिणाम भाजपा के पक्ष में किस कदर आएगा इसका जवाब वक्त के पास है।
Mathura: पाकिस्तानी हिन्दुओं की दुर्दशा पर बोले संतः '100 में से केवल 1 करोड़ सनातनियों को जागना होगा'
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533115f952b54d92ed18c6e377a71c92ee755e9d | बोरिस बर्डा खाना पकाने के अभिमानी के रूप में,दूरदर्शी - यह डिश है, जिसके बिना ओडेसा से कोई भी अपने बचपन के बारे में सोच सकता है। और अगर आप चुटकुले को एक तरफ अलग कर देते हैं, तो आप शायद यहूदी रसोई में नमकीन और मसालेदार नोटों के खेल से भरा एक अधिक नाजुक नाश्ता नहीं पा सकते हैं।
वैसे, पाक किताबों में यह व्यंजनके रूप में नामित किया गया है "forshmak" अंतर, ऐसा लगता है, एक अक्षर है, लेकिन वह वह है जो सही उद्देश्य को निर्धारित करता है - जर्मन में अनुवाद में "प्रत्याशा" इसलिए, हम एक स्नैक्स के रूप में शिरकत करेंगे।
सवाल उठता है कि कैसे तैयार करना हैfarshmak? स्पष्ट जवाब बहुत सरल है। ऐसा करने के लिए, हेरिंग, ज्यादा नमक, दूध, दो प्याज, तीन अंडे, सरसों, शराब या साइडर सिरका, वनस्पति तेल, चीनी, काली मिर्च, रोटी के दो सौ ग्राम, सुगंधित काले रोटी, दो खट्टा सेब का एक गिलास की तुलना में बेहतर पर शेयर।
तैयारी किला निम्नानुसार हैः हेरिंग कटलेट के साथ, जिसके बाद यह रात के लिए दूध में भिगोती है अगली सुबह पट्टिका बाहर ले जाती है और एक तरफ रखती है। और उसके स्थान पर रोटी भेजा जबकि वह दूर भिगोते हैं, अंडे उबालें, शांत और योनि से प्रोटीन अलग।
यॉल्क्स को दोनों प्रकार के काली मिर्च के साथ जोड़ा जाना चाहिए,मक्खन, सिरका के दो बड़े चम्मच, सरसों के चम्मच और चीनी एक ही के दो बड़े चम्मच। जिसके परिणामस्वरूप "सलाद" अच्छी तरह से मिश्रित कर रहे हैं और इतनी के रूप में एक समान पेस्ट प्राप्त करने के लिए एक कांटा के साथ मला।
"संयोजन" की प्रक्रिया Forshmak निम्न प्रकार हैजिस तरह से। खाद्य प्रोसेसर में (अगर यह नहीं है, तो बस एक मांस की चक्की में) हेरिंग पट्टियां पीसें। फिर जर्दी के मिश्रण को जोड़ने, फिर से कटाई प्रक्रिया के माध्यम से गुजरती हैं उसके बाद खट्टे सेब की बारी आती है, रोटी के दूध से निचोड़ा जाता है, ज्यादातर प्रोटीनों और एक बड़े कटा हुआ प्याज। नतीजतन, आपको एक सजातीय क्रीमयुक्त पेस्ट मिलनी चाहिए। यहाँ यह है और एक तैयार किया प्रहसन है यह सृजन हेरिंगबोन में रखा गया है और कटा हुआ हरा प्याज के साथ छिड़का हुआ है और कटा हुआ प्रोटीन शेष है।
शास्त्रीय संस्करण, जो ऊपर प्रस्तुत किया गया है, को अक्सर सबसे भिन्न संशोधनों के अधीन किया जाता है। यह अक्सर दूरसंचार में अखरोट जोड़ा जाता है। यह निम्नानुसार किया जाता है।
उत्पादों की मूल सूची से छोड़ दिया जाता हैहेरिंग, अंडे, प्याज और खट्टा सेब, लेकिन अखरोट की 100 ग्राम, उबले आलू का एक कंद, मेयोनेज़ और डिल के दो बड़े चम्मच जोड़ें। इस स्नैक को पकाना बहुत आसान है मेयोनेज़ और डिल को छोड़कर सभी सामग्रियों को जोड़कर जोड़ा जाता है, एक मलाईदार द्रव्यमान के लिए जमीन। उसके बाद, मेयोनेज़ के साथ तैयार करें और मेज पर काम करें, डिल और पतले कटा हुआ उबला अंडे के साथ छिड़का।
एक और बात यह है कि कॉटेज पनीर के साथ एक दूरसंचार बनाने की जरूरत है। यह व्यंजन उत्सव की मेज को सजाने होगा। इसे बनाने के लिए, आपको 200 ग्राम कॉटेज पनीर के साथ दो हेरिंग फ़िललेट्स को पीसने की ज़रूरत है। मेयोनेज़ या वनस्पति तेल के बजाय, पांच चम्मच खट्टा क्रीम का उपयोग किया जाता है, और पूरे द्रव्यमान के लिए सूक्ष्मता बारीक कटा हुआ हरा प्याज और डिल, साथ ही साथ नमक और काली मिर्च द्वारा दी जाती है। इस तरह के शंख को केवल ठंडा किया जाना चाहिए, और केवल पनीर के साथ अग्रानुक्रम में।
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ec6717653f250580606cd18c133bd89a8fa1fe78 | आदेश के अनुसार अजय मिश्रा, प्रीतिंदर सिंह और रमित शर्मा को क्रमशः गाजियाबाद, आगरा तथा प्रयागराज का पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया है।
लखनऊः उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद, आगरा और प्रयागराज में तीन नये कमिश्नरेट में सोमवार को पुलिस आयुक्तों की नियुक्ति कर दी गयी। सोमवार रात जारी एक शासकीय आदेश में यह जानकारी दी गयी। आदेश के अनुसार अजय मिश्रा, प्रीतिंदर सिंह और रमित शर्मा को क्रमशः गाजियाबाद, आगरा तथा प्रयागराज का पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया है।
उधर, यूपी सरकार ने आधी रात गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) के पुलिस आयुक्त आलोक सिंह समेत वाराणसी, आगरा, गाजियाबाद, अयोध्या, मथुरा, लखनऊ, बहराइच और प्रयागराज सहित विभिन्न जिलों से 16 भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों का तबादला कर दिया।
आदेश के अनुसार आलोक सिंह का तबादला लखनऊ स्थित पुलिस महानिदेशक कार्यालय में अपर पुलिस महानिदेशक के रूप में किया गया है। उनकी जगह लखनऊ परिक्षेत्र में पुलिस महानिरीक्षक के रूप में पदस्थ लक्ष्मी सिंह को नोएडा का नया पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया है। इसी तरह अशोक मुथा जैन को वाराणसी का नया पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया है।
वहीं पुलिस आयुक्तालय प्रणाली लागू होने के 3 दिन बाद नवगठित प्रयागराज समेत 3 पुलिस आयुक्तालय के पुलिस आयुक्तों के नाम की घोषणा हुई। बरेली रेंज के IG रमित शर्मा को प्रयागराज का पहला पुलिस कमिश्नर,चंद्रप्रकाश को IG रेंज प्रयागराज और SSP प्रयागराज शैलेश कुमार पांडे को SSP मथुरा बनाया गया।
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aa941e9a09f7a979a6c1d9c76996ab21eee8f7ca | नयी दिल्ली, 18 फरवरी दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) द्वारा प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में कथित रूप से जाति आधारित प्रश्न पूछे जाने के मामले में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत संबंधित प्राधिकरण को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है ।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रविंदर बेदी ने कहा कि प्रथम दृष्टया 2018 और 2019 के प्रश्न पत्रों में कथित शब्दों ने डीएसएसएसबी द्वारा किए गए विभिन्न संज्ञेय अपराधों का खुलासा किया।
कोर्ट ने अधिनियम के तहत सक्षम अधिकारी से मामले में जांच कराने और अदालत के समक्ष मासिक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
अदालत के निर्देश अधिवक्ता सत्यप्रकाश गौतम की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए गए जिसमें डीएसएसएसबी अध्यक्ष और परीक्षा समिति के दोषी अधिकारियों के खिलाफ अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग की गई थी।
याचिका में दावा किया गया था कि डीएसएसएसबी द्वारा 13 अक्टूबर 2018 को आयोजित परीक्षा में जाति आधारित प्रश्न पूछा गया था।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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bab25ab1aa03be5361e7f1b51c10b5358e0ef3c7 | इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा के छठे दिन शनिवार को दोनों पालियों में 1005 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। अच्छी बात यह रही कि छठे दिन एक भी परीक्षार्थी निष्कासित नहीं हुए। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर शांतिपूर्ण ढंग से परीक्षा हुई। परीक्षा में परीक्षार्थी अब अपने ज्ञान के अनुसार किसी विषय में या ज्यादा या कम प्रश्न पत्र हल किये।
शनिवार की प्रथम पाली में कुल 7723 परीक्षार्थियों में 6744 ही उपस्थित हुए। जबकि 979 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। वहीं द्वितीय पाली में 948 में 922 परीक्षार्थी उपस्थित हुए। इस पाली में 26 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। दोनों पालियों में कई पदाधिकारी विभिन्न केन्द्रों का जायजा लेते रहे।
कल साइकॉलजी, एग्रीकल्चर व बिजनेस स्टडी विषय की होगी परीक्षा : परीक्षा के सातवें दिन सोमवार को प्रथम पाली में साइंस में एग्रीकल्चर, कामर्स का बिजनेस स्टडी तथा द्वितीय पाली आर्टस के सायकॉलजी विषय की परीक्षा होगी।
कहते डीईओ : डीईओ जयशंकर ठाकुर ने कहा कि छठे दिन दोनों पालियों की परीक्षा शांतिपूर्ण सम्पन्न हुई। एक भी परीक्षार्थी कदाचार में नहीं पकड़े गए।
सिमरी बख्तियारपुर से ए. सं. के अनुसार अनुमंडल में इंटर के दो परीक्षा केंद्र पर शनिवार को छठे दिन परीक्षा शांतिपूर्ण एवं कदाचार मुक्त वातावरण में परीक्षा संपन्न हो गया। उच्च विद्यालय परीक्षा केंद्र पर प्रथम पाली में हिन्दी की परीक्षा में कुल 133 परीक्षार्थी में 2 परीक्षार्थी अनुपस्थित रही, वहीं दूसरी पाली अर्थशास्त्र विषय के 13 परीक्षार्थी में सभी उपस्थित रही।
डीसी इंटर कॉलेज में हिन्दी के प्रथम पाली में 219 परीक्षार्थी में सभी उपस्थित थीं। एवं दूसरी पारी में अर्थशास्त्र में 8 परीक्षार्थी में 1 परीक्षार्थी अनुपस्थित रही। एएसडीएम अश्वनी कुमार, नपं ईओ कमलेश कुमार प्रसाद एवं बख्तियारपुर थाना अध्यक्ष सुधाकर कुमार चरणबद्ध तरीके से दोनों परीक्षा केंद्र पर निरीक्षण करते रहे।
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9098db058ff93afaec212703cd06579734e5544a | इंडियन प्रीमियर लीग पर एक तरफ जहां बल्लेबाजों और विकेटकीपर पर धनवर्षा हुई वहीं तेज गेंदबाजों को इतने पैसे नहीं मिले। ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज पैट कमिंस को सबसे ज्यादा 5 करोड़ 40 लाख रु. कीमत मिली। कमिंस को मुंबई इंडियंस ने अपनी टीम में शामिल किया। द.अफ्रीका के तेज गेंदबाज कागिसो रबाडा को भी 4 करोड़ 20 लाख रु. मिले। रबाडा को उनकी पिछली फ्रेंचाइजी दिल्ली डेयरडेविल्स ने राइट टू मैच कार्ड का इस्तेमाल कर अपनी टीम में शामिल किया।
टीम इंडिया के तेज गेंदबाज उमेश यादव को भी 4 करोड़ 20 लाख रु. की बड़ी कीमत मिली। उमेश यादव को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर टीम में भी जगह मिली। मोहम्मद शमी को भी दिल्ली डेयरडेविल्स ने राइट टू मैच के तहत रीटेन किया। शमी महज 3 करोड़ रु. में बिके। बांग्लादेश के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मुस्तिफिजुर रहमान को मुंबई इंडियंस ने 2 करोड़ 20 लाख रु. में अपने स्क्वॉड में शामिल किया।
आईपीएल के सबसे सफल गेंदबाज लसिथ मलिंगा को कोई खरीदार नहीं मिला। ईशांत शर्मा को भी किसी फ्रेंचाइजी ने नहीं खरीदा। टिम साउदी और टी20 स्पेशलिस्ट मिचेल मैक्लेनेघन को भी किसी ने अपनी टीम में मौका नहीं दया। मिचेल जॉनसन, जॉश हेजलवुड पर भी किसी फ्रेंचाइजी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। हालांकि अभी भी इन गेंदबाजों को खरीदा जा सकता है।
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6272a360e50184828e47def2b87e8c3249bd7b42 | Dhanbad : झरिया के पाथरडीह स्थित राजकीय मध्य विद्यालय में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के दौरान जमकर बवाल हुआ. आरोप है कि झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के अंगरक्षक ने एक व्यक्ति की जमकर पिटाई कर दी. जिसके बाद स्थानीय लोग भड़क गये और माहौल बिगड़ गया. इसके बाद गुस्साए लोगों ने विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के विरोध में नारेबाजी की. इसके बाद स्थानीय लोग विरोध में धरना पर बैठ गये हैं. इसे लेकर कार्यक्रम में कुछ देर के लिए तनाव उत्पन्न हो गया.
शुक्रवार, 10 दिसंबर को झरिया अंचल के पाथरडीह सुतुकडीह स्थित राजकीय मध्य विद्यालय में प्रोग्राम आयोजित किया गया था. इसमें मुख्य रूप से झरिया सीओ प्रमेश कुशवाहा और विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह उपस्थिति थे.
कार्यक्रम के दौरान फरियादियों की काफी भीड़ लग गई, सभी फरियादी अपनी-अपनी समस्या लेकर पहुंचे थे. इसी दौरान भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष साधन महतो अपने ग्रामीणों के साथ समस्या को लेकर पत्र देने आये.
तभी झरिया विधायक के सरकारी बॉडीगार्ड ने उसकी पिटाई कर दी. पिटाई के बाद साधन महतो और स्थानीय महिलाएं आक्रोशित हो गईं और धरना पर बैठ गये.
उन्होंने कहा कि पूर्व पार्षद सुमित सुपकार के कहने पर हमें सीओ के पास जाने से रोका गया और झरिया विधायक के सरकारी बॉडीगार्ड के द्वारा उन्हें और महिलाओं को पीटा गया.
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36280b1ae83b7bdbc46b8941a294baab86124d1c | मथुरा (भाषा)। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में तीन दिन पहले हुई मुठभेड़ की पृष्ठभूमि में मथुरा में भी किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए पुलिस व प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है। इसके अलावा होली के त्योहार पर लाखों की संख्या में यहां आने वाले पर्यटकों की मौजूदगी के मद्देनजर भी चौकसी बढ़ा दी गई है।
अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने बताया, "मध्यप्रदेश में ट्रेन विस्फोट की घटना के बाद कानपुर-लखनऊ में सैफुल्ला का खुरासान मॉडल सामने आने के बाद संवेदनशील नगरों में सावधान रहने तथा चौकसी में कोई चूक नहीं करने के निर्देश स्थानीय स्तर पर भी मिले हैं, उनका अक्षरशः पालन किया जा रहा है।"
मथुरा के संबंध में किसी विशेष खुफिया जानकारी से इनकार करते हुए सिंह ने कहा, "अयोध्या और काशी साथ मथुरा पहले से ही प्रदेश के अति संवेदनशील धर्मस्थलों वाले नगरों की सूची में शामिल है, इसके अलावा मथुरा में हजारों-लाखों श्रद्घालुओं को एकसाथ एकबार में आकर्षित करने वाले कई धार्मिक स्थल मौजूद हैं जहां अशांति फैलाने वाले तत्व कभी भी सक्रिय हो सकते हैं। इसलिए यहां हर स्थिति में चाक-चौबंद रहना लाजिमी है और लगातार इसके प्रयास जारी हैं।"
उन्होंने बताया, "प्रदेश की वर्तमान संवेदनशीलता, चुनाव परिणाम व होली के मौके को देखते हुए जनपद में पूरी तरह से सतर्कता बरती जा रही है, सभी प्रांतीय व जनपदीय सीमाओं, राजमार्गों पर वाहनों की आकस्मिक जांच, रेलवे स्टेशन-बस स्टैण्ड व अन्य सार्वजनिक स्थलों, होटल-गेस्ट हाउस-धर्मशालाओं पर संदिग्ध व्यक्तियों की मौजूदगी की तलाश जैसे सुरक्षात्मक उपाय जारी हैं।"
सिंह ने कहा, "मथुरा रिफाइनरी एवं नामचीन मंदिरों सहित सभी संवेदनशील स्थलों की सुरक्षा के लिए सादी वर्दी में कर्मी तैनात किए गए हैं।"
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9c176f9a17926ef3690be504a29a5b88600f2c9e | दिल्ली के कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में संजय सिंह के दावे पर सियासी तकरार देखी जा रही है। आम आदमी पार्टी केंद्र पर हमले कर रही है तो दूसरी तरफ BJP ने तगड़ा वार-पलटवार किया है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह के उस दावे के बाद सियासत गरमा गई है जिसमें उन्होंने कहा है कि ईडी ने माना है कि उनका नाम गलती से कथित शराब घोटाले से जुड़े केस में डाल दिया गया था। इस दावे के बाद आम आदमी पार्टी आक्रामक है। AAP आरोप लगाया कि ईडी के आरोप पत्र में संजय सिंह के नाम का उल्लेख मुख्यमंत्री केजरीवाल को बदनाम करने की एक कोशिश है। वहीं BJP ने पटलवार करते हुए कहा कि 'आम आदमी पार्टी' अरविंद केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार से ध्यान भटकाने के लिए इस मामले पर हंगामा खड़ा कर रही है।
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि ईडी के आरोप पत्र में संजय सिंह के नाम का उल्लेख एजेंसी की एक लिपिकीय त्रुटि है। एजेंसी आरोप पत्र अदालत के संज्ञान में आने के तुरंत बाद इसे सही करने के लिए आवेदन दायर कर चुकी है। पूनावाला ने कहा कि ईडी 20 अप्रैल को आरोप पत्र में सुधार के लिए उपयुक्त न्यायिक मंच के समक्ष आवेदन दायर चुकी थी, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद सिंह ने 22 अप्रैल को केंद्रीय एजेंसी को कानूनी नोटिस भेजा। आम आदमी पार्टी अब अरविंद केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार से ध्यान भटकाने के लिए मामले पर हंगामा खड़ा कर रही है।
वहीं दिल्ली के कैबिनेट मंत्री और 'आम आदमी पार्टी' के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि सीबीआई और ईडी उत्पीड़न, अत्याचार, धमकी और किसी को बदनाम करने का पर्याय बन गई हैं। ईडी विपक्षी दलों से डरी हुई है। ईडी ने संजय सिंह से माफी मांगी है। ऐसा पहली बार हुआ जब ईडी के निदेशक को किसी से माफी मांगनी पड़ी है। एक तरह से केंद्र सरकार को संजय सिंह और 'आम आदमी पार्टी' से माफी मांगनी पड़ी है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह 'गलती' कैसे हुई। ऐसा कैसे हो सकता है? भाजपा के किसी सांसद का नाम तो गलती से नहीं आया।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह प्रधानमंत्री कार्यालय के इशारे पर डाला गया। पूरा कथित घोटाला फर्जी है। पूरा मामला झूठा है। इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मामले पर ट्वीट किया, क्या किसी का नाम आरोप-पत्र में गलती से भी डाला जाता है? इस से साफ है कि पूरा केस फर्जी है। हालांकि इन सबके बीच ईडी के सूत्रों ने कहा कि आरोप पत्र में 'आम आदमी पार्टी' के नेता का चार बार नाम आया है। इसमें से एक संदर्भ गलत है और यह अनजाने में टाइप हो गया था। एजेंसी ने आरोप पत्र में विसंगति को दूर करने के लिए अदालत में एक याचिका दायर की है।
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2b4145558460b85aa693523a8e67b7b6e6ecb949 | Cryptocurrency: क्रिप्टो कॉइन्स के फंक्शन में इसकी भूमिका का भी काफी खास महत्व होता है। क्रिप्टो मार्केट में लगातार नए लोग जुड़ रहे हैं और उनके बीच सिस्टम को समझने की जिज्ञासा भी देखी जाती है। लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है कि बिटकॉइन में निवेश करने के लिए आपको सारे टेक्निकल टर्म के बारे में पता हो। लेकिन इन सभी टर्म्स की बेसिक जानकारी होना अच्छी बात है।
Punjab Congress Row: कांग्रेस आलाकमान के आशीर्वाद से नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब में पार्टी अध्यक्ष बन गए। इसके बाद से ही वह लगातार कैप्टन के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं।
Blow To Pak: कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान ने तालिबान से तहरीक के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा था। अब तालिबान ने इससे साफ इनकार किया है और इससे पाकिस्तानी सेना और वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए कुछ कहने को नहीं रह गया है।
Armaan Kohli Arrest: बॉलीवुड एक्टर अरमान कोहली (Armaan Kohli) को एनसीबी (NCB) ने रविवार सुबह गिरफ्तार कर लिया। ये गिरफ्तारी ड्रग्स केस (Drugs Case) में हुई है। दरअसल, शनिवार शाम को एनसीबी ने एक्टर के घर पर छापेमारी की थी, जिसमें उनके घर से ड्रग्स बरामद हुए थे।
Black Money: जुलाई में रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी. रविशंकर ने भी इशारा किया था कि जल्दी ही केंद्रीय बैंक अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च कर सकता है। उन्होंने वैसे यह साफ किया था कि बैंक इस मामले में कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहता।
Terror: अफगानिस्तान खासकर काबुल में जमीन पर हालात बेहद खतरनाक बने हुए हैं। काबुल एयरपोर्ट पर एक और आतंकी हमले की आशंका अमेरिकी सेना के कमांडरों ने जताई है। बाइडेन इससे पहले भी इसी तरह के आतंकी हमलों की चेतावनी दे चुके हैं।
Indira And Ayodhya: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज अयोध्या में रामलला के दर्शन-पूजन करने आ रहे हैं। राम जन्मभूमि परिसर आने वाले वह देश के पहले राष्ट्रपति होंगे। उनसे पहले एक और राष्ट्रपति भी अयोध्या आए थे, लेकिन उन्होंने रामलला के दर्शन नहीं किए थे। उनका नाम था ज्ञानी जैल सिंह। ज्ञानी जैल सिंह ने राष्ट्रपति के तौर पर 1983 में अयोध्या का दौरा किया था।
Baghel Vs TS: छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने राहुल गांधी को अपनी ताकत दिखाकर बता दिया है कि अगर उन्हें छेड़ा गया, तो दिक्कत बढ़ सकती है। कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक 70 में से 60 विधायक बघेल के खेमे के हैं। ये सभी दिल्ली आए थे। जिसकी जानकारी मिलने के बाद राहुल गांधी और सोनिया ने चुप्पी साध लेना ही बेहतर समझा।
Ayodhya: राष्ट्रपति के दौरे के लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। पूरे अयोध्या में हाई सिक्योरिटी प्रोटोकॉल लागू किया गया है। लखनऊ से लेकर अयोध्या तक ट्रेन की पटरी के किनारे सुरक्षाबल के जवानों की भी तैनाती की गई है।
Haryana Farmers: एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर नवदीप विर्क ने जानकारी दी कि, उग्र किसानों पर पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए उनपर हल्का बल प्रयोग किया। इस मामले में मिली जानकारी के मुताबिक 4 किसानों को चोट आई है और 10 पुलिसकर्मियों को भी चोट आई है।
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aeee4af5f1b2716138be9a93372710b6911cf62e | हाल ही में रूस में दिखाई दियामेरा व्यवसाय नामक एक संबद्ध कार्यक्रम, जिसका मुख्य उद्देश्य ऑनलाइन अकाउंटिंग को लागू करना है यह उत्पाद अधिक लोकप्रिय हो रहा है, और इसके अस्तित्व के दौरान पहले से ही सैकड़ों हद तक अनुयायी जीतने में कामयाब हो गया है। और यह आश्चर्य की बात नहीं है आखिरकार, सिस्टम संपूर्ण लेखा पद्धति को पूरा करने में सक्षम है, साथ ही वर्तमान उपयोगकर्ता को वर्तमान विशेषज्ञ सलाह और सेवाएं प्रदान करता है।
"माय केस" नामक सेवा का इतिहास शुरू हुआवर्ष 200 9 में कंपनी की स्थापना आईटी प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में काम कर रहे दो व्यापारियों द्वारा की गई - मैक्सिम यारेमको और सेर्गेई पैनोव पहले से ही 2010 में उनके वंश ने "अर्थशास्त्र और व्यवसाय" के क्षेत्र में रूसी इंटरनेट के विकास में इस तरह का एक महत्वपूर्ण योगदान दिया था, जो प्रतिष्ठित "रननेट अवार्ड" के विजेता बन गया। 2011 में, कंपनी को "विशेषज्ञ ऑनलाइन" के क्षेत्र में शीर्ष पांच में सबसे अधिक आशाजनक में शामिल किया गया था।
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कंपनियों के बीच मतभेद हैंकराधान प्रणाली उनमें से केवल दो हैं यह एक सामान्य प्रणाली (ओएसएस) और सरलीकृत है - (यूएसएन)। उनमें से सबसे पहले संगठन को अपने शास्त्रीय रूप में लेखांकन रखना चाहिए। यह शासन छोटी कंपनियों के लिए लाभहीन है, लेकिन बड़े संगठन इसे मना नहीं कर सकते सरलीकृत कराधान प्रणाली के साथ, उद्यम में कम कर का बोझ होता है ऐसे शासन को कानूनी रूप से छोटे और मध्यम आकार के व्यवसायों के लिए निर्धारित किया गया है और इनमें चार किस्म हैंः यूएसएन 6%, 15%, साथ ही यूटीआईआई और यूएससीएन। नया इंटरनेट अकाउंटेंट कौन है? एसटीएस आईपी के लिए पहले तीन प्रकार ये सिस्टम हैंः
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093ca2bb94e58cc74872059b8bc23dcf7134a9a4 | भारत में अपने बूते विकास करने की पूरी क्षमता है। इसके लिए आर्थिक सुधारों और मजबूत आर्थिक नीति की दरकार है। ऐसा कर निवेशकों को भी आकर्षित किया जा सकता है। बता रहे हैं आकाश प्रकाश संकट के लिए चीन के लोग जिस शब्द का आमतौर पर इस्तेमाल करते हैं, वह खतरे और मौके का मिश्रण है और इन परिस्थितियों में दोनों ही भारत पर लागू होते हैं। अगर आर्थिक सुधार के मोर्चे पर हम दोनों को साथ लेकर नहीं चलेंगे तो अर्थव्यवस्था के पास कई साल तक मंदी में फिसल जाने का असली खतरा है। दूसरी ओर वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट भारत के लिए निर्यात आधारित विकास दर के मॉडल वाली अर्थव्यवस्था से अपने आपको अलग करने का असली मौका है। मेरे विचार से खतरा स्पष्ट है, 5 साल तक 8. 5 फीसदी की आर्थिक विकास दर और उत्साहजनक कर राजस्व के बावजूद हमारी राजकोषीय स्थिति जोखिम भरी है। साल 2009 में कुल मिलाकर हमारा राजकोषीय घाटा जीडीपी के 12 फीसदी के स्तर पर रहेगा जो अब तक का रिकॉर्ड होगा। सरकार का अपना अनुमान है कि साल 2010 में यह मामूली गिरकर 10-10. 5 फीसदी पर आ सकता है, बावजूद इसके कि हम जिंसों की कीमत को अनुकूल मानकर चल रहे हैं। दुर्भाग्य से अगर जिंस बाजार में एक बार फिर उछाल आ गया तो इन परिस्थितियों में साल 2010 और भी खराब हो सकता है। आप सवाल कर सकते हैं कि इस समय राजकोषीय स्थिति पर चिंता करने की जरूरत क्या है? क्या पूरी दुनिया में ऐसा नहीं हो रहा है, तो फिर हम अछूते कैसे रह सकते हैं? समस्या यह है कि ऐसे ऊंचे राजकोषीय घाटे की बदौलत हम असुरक्षित हो जाएंगे और विकास दर को बनाए रखने व आधारभूत ढांचे में निवेश की खातिर पूरी तरह से विदेशी पूंजी के प्रवाह पर निर्भर हो जाएंगे। साल 2003 में 27-28 फीसदी पर रहा बचत का स्तर पिछले साल 35 फीसदी पर पहुंच गया था, यह मुख्य रूप से कॉरपोरेट बचत दर में सुधार की बदौलत संभव हो पाया था, जो कि कुल मिलाकर दोगुना हो गया था। (जीडीपी के प्रतिशत के आधार पर) साथ ही संप्रग सरकार के शुरुआती दिनों में सरकारी सेक्टर में गैर-बचत से बचत की तरफ बढने केकारण भी ऐसा मुमकिन हो पाया था। घरेलू बचत में हमें वास्तव में इतना ज्यादा सुधार देखने को नहीं मिला। राजकोषीय स्थिति में कमी आने से सरकार एक बार फिर गैर-बचत की तरफ बढ़ जाएगी। ऐसे में अगर कॉरपोरेट सेक्टर की बात करें तो वहां बचत पिछले साल के मुकाबले आधी रह जाएगी क्योंकि उनके मुनाफेपर भारी असर पड़ा है। इस तरह 35 फीसदी की बचत दर को अगर हम आने वाले साल में 27-28 फीसदी के स्तर पर बनाए रखने में कामयाब रहे तो हम सौभाग्यशाली कहलाएंगे। इस तरह से निवेश की दर भी 37-38 फीसदी से गिरकर 30 फीसदी के आसपास आ जाएगी। विकास और पूंजी निर्माण पर यही असली असर होगा। राजकोष में भारी गिरावट के इस दौर में हम एक और समस्या से घिरने वाले हैं क्योंकि इस साल के लिए सरकारी उधारी तीन लाख करोड़ रुपये को पार कर जाएगी। वैसे साल में जब कॉरपोरेट क्रेडिट की मांग में कमी आ रही है, इस तरह की उधारी घरेलू बचत से पूरी की जा सकती है। लेकिन जैसे ही अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी, घरेलू बचत कॉरपोरेट इंडिया की विकास की जरूरतों को पूरा नहीं कर पाएगी, साथ ही बढ़ते सरकारी खर्चों के संबंध में भी। अगर बड़ी मात्रा में विदेशी पूंजी के प्रवाह के बिना हम 12 फीसदी के राजकोषीय घाटे के वित्त पोषण और 8 फीसदी की जीडीपी वृध्दि दर को बनाए रखना चाहते हैं तो ब्याज दर को उचित दर पर रखे जाने का कोई रास्ता नहीं है। बड़ी संख्या में कॉरपोरेट घरानों ने अपने वित्त की दिशा ऑफशोर यानी विदेशों की ओर मोड़ दी है, उनमें से ज्यादातर अब देश में पुनर्वित्त के जरिए आ रहा है। अगर ब्याज दर में बढ़ोतरी हुई तो यह एक बार फिर विकास, निवेश और कंपनियों के मुनाफे पर अवरोध खड़ा करेगा। अन्य मुद्दा है हमारे आधारभूत संरचना में कमी का। संसाधनों में कमी की वजह से सरकार ने इस बाबत पीपीपी रूट यानी सरकारी और निजी क्षेत्र की भागीदारी का सहारा लिया था ताकि इसके लिए पूंजी को आकर्षित किया जा सके। बढ़ते राजकोषीय घाटे के कारण अब आधारभूत संरचना के लिए रकम उपलब्ध नहीं है और अब वैश्विक स्तर पर भी पूंजी उपलब्ध है जो इस खाई को पाट सके। आधारभूत संरचना के कई क्षेत्रों को अब भी नीतिगत रूप से पीपीपी के लिए नहीं खोला गया है। इस संबंध में नीति की बाबत विवाद हो सकता है, लेकिन अपना लक्ष्य पूरा करने के लिए सरकार के पास कोई रास्ता नहीं है। सच्चाई यह है कि भारी भरकम राजकोषीय घाटे ने भारत को कॉरपोरेट सेक्टर व आधारभूत संरचना के वित्त पोषण के लिए प्राइवेट विदेशी पूंजी प्रवाह पर निर्भर बना दिया है। मजबूत पूंजी प्रवाह के बिना हम अपनी विकास दर का आकलन करने में सक्षम नहीं हो पा रहे, जैसा कि यह देश अपेक्षा कर रहा है। ऐसे समय में जब हम पूरी तरह पूंजी के प्रवाह पर निर्भर हैं, वैश्विक वातावरण खतरे वाली पूंजी की खातिर ज्यादा प्रतिकूल हो गया है। वर्तमान में लंबी अवधि वाली पूंजी के लिए तरलता के काफी कम स्रोत रह गए हैं या फिर वैसे लोग कम रह गए हैं जो ऐसे खतरे उठाने के लिए तैयार हों। ओईसीडी जहां पूरे बैंकिंग सिस्टम के अर्ध्दराष्ट्रीयकरण की बात कर रहा है, पूंजी देश में वापस लौट जाएगी। हमें इस बात का अहसास करना होगा कि किसी भगवान ने हमें अरबों की पूंजी हासिल करने का अधिकार नहीं दिया है । हमें पूंजी को आकर्षित करने के लिहाज से अपनी नीतियां बनानी होंगी और वैसे वैश्विक वित्तीय निवेशकों में आत्मविश्वास पैदा करना होगा जिन देशों से हमारा कारोबार चलता है। लंबी अवधि के निवेशकों को हमें बताना होगा कि लंबी अवधि तक विकास दर बनाए रखने की जरूरत के हिसाब से हम कठिन आर्थिक फैसले ले सकते हैं। उभरते हुए बाजार में उपलब्ध सीमित पूंजी को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए उनसे प्रतिद्वंद्विता करनी होगी। हमारी ढांचागत विकास दर को देखते हुए वैश्विक निवेशक एक बार फिर उत्साहित हो सकते हैं। हमारा मानना है कि निवेशक भारत में बने रहेंगे और यह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में भी आंशिक रूप से सही है कि वित्तीय पूंजी के मामले में इस तरह की कोई प्रतिबध्दता नहीं है। निवेशक वहीं जाएंगे जहां उन्हें अच्छा रिटर्न मिलेगा। ढांचागत राजकोषीय घाटे के मुद्दे से पार पाने के लिए या तो हम अपने खर्चों और सब्सिडी का लक्ष्य तय करें या फिर विनिवेश और सरकारी संपत्ति मसलन स्पेक्ट्रम की बिक्री करें। इन कदमों के अभाव में हम दहाई अंक के राजकोषीय घाटे, ऊंची ब्याज दर, कमजोर आधारभूत संरचना आदि में उलझ जाएंगे। अगर नई सरकार शिक्षा, श्रम नीति, वित्तीय प्रणाली आदि में दूसरी पीढ़ी के सुधार का काम हाथ में ले तो हम निवेशकों का भरोसा लौटा सकते हैं और वैश्विक पूंजी प्रवाह में अपने हिस्से का दावा कर सकते हैं। भारत की स्थिति मजबूत है। हमारी अर्थव्यवस्था बड़ी है जो निर्यात पर कम से कम निर्भर है। देसी बाजार में 65 फीसदी माल खपत होता है और हमारा जनसंख्या का स्वरूप बताता है कि उपभोग का स्तर मजबूत बना रहेगा और हमारी बैंकिंग प्रणाली दिवालिया होने से बची रहेगी। भारत की स्थिति अलग है और हमारी किस्मत भी काफी हद तक हमारे हाथों में ही है। अच्छी नीति उत्पादकता और विकास दोनों में भारी अंतर ला सकती है। अगर हम आर्थिक सुधार करते हैं और मजबूत आर्थिक नीति बनाते हैं तो हम अच्छी तरह विकास कर सकते हैं और निवेशकों को भी आकर्षित कर सकते हैं। यही मौका है जब हम अपने आपको दूसरे से अलग दिखा सकते हैं।
Apple जल्द Samsung को पछाड़ बन जाएगी भारत की सबसे बड़ी स्मार्टफोन निर्यातक !
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94c01ec28aa372ee25f4feeecdb4754e11e8fc13 | आजकल लोग खूबसूरत दिखने की चाह में तरह-तरह के ब्यूटी ट्रीटमेंट करवाते हैं लेकिन यह चाहत जीवन पर भी भारी पड़ सकती है, इस बारे में कोई सोच भी नहीं सकता। ऐसा ही एक मामला ब्रिटेन में सामने आया है। टैनिंग सैलून के अंदर नवविवाहितों की मृत्यु हो गई।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, टैनिंग सैलून में मरने वाली महिला न्यूजीलैंड की रहने वाली थी और उसकी शादी ब्रिटेन में हुई थी। सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई। टैनिंग सैलून में घुसने के दो घंटे बाद नवविवाहिता की मौत की खबर आई। वहीं, पति ने टैनिंग सैलून पर मामले में लापरवाही का आरोप लगाया है.
महिला ने टेनिंग सैलून में 11 मिनट के लिए अपना सेशन बुक किया था। उसका पति इफान जोन्स उसे दो घंटे तक फोन करता रहा लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। बाद में उसकी तलाश में महिला की सास-ससुर भी वहां पहुंच गई। यह घटना ब्रिटेन के एक टैनिंग सैलून में हुई।
वास्तव में, जैसे कुछ देशों में लोग वाइटनिंग के लिए इलाज करवाते हैं, वहीं कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं जो कृत्रिम टैनिंग से गुजरना पसंद करती हैं। कमाना के लिए एक उपकरण द्वारा पराबैंगनी विकिरण का उपयोग किया जाता है।
महिला का नाम पयता तौवाहर था। वह 30 साल की थी। वह एक मानसिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता था। वह 28 मई को वेल्स के स्वानसी टैनिंग सैलून में मृत पाए गए थे। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है।
हालांकि, टैनिंग सैलून ने परिवार के साथ सहानुभूति व्यक्त की और जांच में उनका सहयोग मांगा। सैलून के कर्मचारी एम्मा कॉलर माइल्स ने कहा कि जब तक उन्हें पता चला, पियाता पहले ही मर चुकी थी।
साउथ वेल्स पुलिस के डिटेक्टिव इंस्पेक्टर गैरेथ जोन्स ने कहा कि वेल्स एम्बुलेंस सर्विस ने यह जानकारी दी। महिला का शव वेल्स के फॉरेस्टफैच में कार्मार्थेन रोड पर एक व्यावसायिक परिसर में मिला था।
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f99edd8cc1c8516d9b886cf536a037cb1bfed380 | जनज्वार। वर्ष 2015 में अनुष्का शर्मा की एक फ़िल्म आई थी 'एन-एच 10' याद होगी! झूठी शान के लिए की गई हत्या पर फ़िल्म आधारित थी। फ़िल्म की कहानी ग्रामीण इलाके पर आधारित थी, जिसमें शहर से आया दम्पत्ति भी घटनाक्रमों में शामिल हो जाता है।
'जनज्वार' के फेसबुक पेज पर 15 मई, 2021 को शाम साढ़े सात बजे उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर स्थित घाटमपुर कोतवाली क्षेत्र बिराहीनपुर गांव में घर के अंदर अपनी नाबालिग बेटी और उसके प्रेमी को आपत्तिजनक स्थिति में देखने के बाद ट्रक ड्राइवर पिता द्वारा दोनों को कुल्हाड़ी से काट डालने की ख़बर पर वीडियो पोस्ट किया गया था।
1 जून तक 13 लाख से भी ज्यादा लोगों द्वारा देखे जा चुके इस वीडियो पर तेरह हज़ार से ज्यादा लोग अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर चुके हैं, एक हज़ार से ज़्यादा लोगों ने इस पर टिप्पणी दी और पांच हज़ार से ज्यादा लोगों ने इस वीडियो को साझा किया है।
झूठी शान और नाक की खातिर की गई इस हत्या पर समाज क्या सोचता है, यह हमें इस वीडियो पर लोगों द्वारा की गई टिप्पणियों से पता चल सकता है। उमेश पाल की टिप्पणी पर 136 लोग प्रतिक्रियाएं देते हैं। उमेश पाल कहते हैं पिता ने अगर एक ही को मारा होता तो वह गलत था, आपत्तिजनक हालत में देखने पर दोनों को मारा तो सराहनीय कार्य और वह ऐसा हर बाप को करने के लिए भी कहते हैं, जिससे सबमें डर बना रहे।
इस पर टिप्पणी करते हुए सोनी यादव लिखती हैं, हत्या करना अच्छा होता है तो तू भी अपनी बेटी को मार दे। उमेश के लिखे पर सोनी की इस टिप्पणी पर ही तीन-चार लोग सोनी नाम की महिला के लिए जिस तरह की भाषा का प्रयोग और गाली - गलौज करते हैं, उससे हमारे समाज की महिलाओं के प्रति मानसिकता को समझने में भी मदद मिलती है।
एडीवी मंजूर शेख तो यह निर्णय ही नहीं ले पा रहे कि वास्तव में लिखना क्या चाहिए, उनकी टिप्पणी है कि अपनी नाबालिग लड़की को ऐसे हालत में बालिग के साथ देखा होगा तो ज़ाहिर सी बात है गुस्से में मार दिया, हालांकि किसी को जान से मारना गलत है।
सतीश यादव हिंदू धर्म के ठेकेदार जान पड़ते हैं और लिखते हैं बहुत सही किया, हर एक परिवार वालों को ऐसा ही करना चाहिए, ताकि हिन्दू संस्कृति खत्म होने से पहले बच सके और कोई दूसरा ऐसा करने से पहले सौ बार सोचे।
ओम प्रकाश वैष्णव ओम अपने नाम के मुताबिक विचार वाले लगते और न ही उनकी लिखी हिंग्लिश समझ आती है, इसलिए विनय कुमार की टिप्पणी ली, हिंग्लिश में लिखी यह टिप्पणी समझनी थोड़ा आसान है। वह लिखते हैं कि जब वार्निंग दी थी तो नही जाना चाहिए, सही किया।
पिंकी वर्मा शालिनी वर्मा को उन बच्चों की मां से हमदर्दी थी और उन्होंने इस बात को गलत कहा। संदीप पटेल कहते हैं, यह उस तरह की लड़कियां हैं जो प्यार में पड़कर बाद में कहती हैं मुझे मेरा बाप मार डालेगा। इनको मार के इनकी दोनों लाशों को भी ठिकाने लगा देना चाहिए था, पुलिस से कहना था * फलाने के साथ भाग गई।
अल सबर लिखते हैं, बहुत ही सराहनीय काम किया है भाई ने, बहुत परिश्रम से परवरिश होती है बच्चों की। जगबीर कुमार लिखते हैं, बाप ने बिल्कुल सही किया है और हर एक बाप का ये करना भी जरूरी है।
दलजीत सिंह ने लिखा बहुत बढ़िया करे भाई, सत्यम सिंह भी सही किया लिखते हैं। आफ़ताब आलम भी अच्छा किया लिख हत्यारे पिता के पक्ष में हैं। यानी यहां एक बात समझ में आती है कि धर्म के ठेकेदार चाहे हिंदू हों या मुस्लिम वह इस तरह बाप द्वारा हत्या किये जाने का समर्थन करते नजर आते हैं।
ख़ुर्शीद अहमद ने लिखा, सही किया, पागल हो गए हैं आशिक़ी के चक्कर में पूरा घर रुलाया। प्यार मध्यमवर्गीय के लिए नही, अमीरों की मज़े लेने की चीज़ है। भोगेन्द्र राज रॉय ने भी लिखा, बहुत सही किया। किशोर भाई लिखते हैं लाइफ़ में पहली बार किसी बाप ने अपना फ़र्ज़ निभाया। अब आंखें खोलो दुनिया वालों और इनका साथ दो।
बसंत प्रजापति ने लिखा कि गुस्सा किसी तूफान से कम नहीं होता, लेकिन जो हुआ अफ़सोस की बात है। सेना के जवान की पेंटिंग को अपनी प्रोफाइल पिक्चर बनाए रियाज़ अहमद लिखते हैं कानून को अपने हाथ में नही लेना था पिता को बट सही किया!!!
धर्मराज सिंह लिखते हैं कि वेरी गुड, बहुत सही किया है बाप ने। जसवीर ठाकुर ने लिखा बहुत अच्छा किया है। संतोष सिंह लिखते हैं ऐसे पिता को सैल्यूट बनता है। नीरज कुमार ने लिखा बहुत सही किया बाप ने। विनय जाटव भी पिता की तरफ़ रहते हुए लिखते हैं एकदम सही किया। अहमद खान किसी विद्यालय के मास्टर या किसी क्रिकेट टीम के कोच जान पड़ते हैं, वह लिखते हैं गुड जॉब अच्छा किया बाप ने।
पाल अग्रवाल तो राजनीति और एक हिंदी फ़िल्म में अमरीश पुरी के निभाए किरदार मोगेम्बो से ज्यादा ही प्रेरित दिखाई लगते हैं, वह लिखते हैं योगी खुश हुआ, लड़की के बाप को बुलाइए इनाम मिलेगा।
रमेन्द्र द्विवेदी लिखते हैं लड़की का पिता सही है अपनी जगह। आरती मिश्रा सवाल पूछना चाहती हैं या अपनी राय दे रही हैं यह समझ नही आता। वह लिखती हैं कि गलत क्या किया दोनों को मार दिया।
एमडी शरीफ नाम के अनुसार बेहद शरीफ़ नज़र आते हैं और चुपके से टिप्पणी पर करेक्ट का स्टिकर चिपका देते हैं। संदीप पाल पहले ऐसे व्यक्ति नज़र आते हैं, जिन्हें प्यार करने वालों से हमदर्दी है वह लिखते हैं क्या प्यार करना गलत है भाई। वीडियो में की गयीं अधिकतर टिप्पणियां नफ़रत से भरी हुई थी, इतनी लिजलिजी कि इंसानियत शरमा जाये।
मोटामोटी आंकड़ा निकाला जाये तो केवल चार प्रतिशत लोगों को मरने वालों से सहानुभूति थी, बाकि सबका यही कहना था कि पिता ने ऐसा कर ठीक ही किया। टिप्पणी करने वाली महिलाओं की बात करें तो लगभग साठ प्रतिशत महिलाओं को प्रेमी जोड़े से सहानुभूति थी और चालीस प्रतिशत ने पिता को ही सही बताया।
सबसे बड़ी बात यह है कि नफ़रत भरी टिप्पणी करने वाले अधिकतर वह लोग हैं, जिन्हें न हिंदी अच्छे से लिखने आती है और न ही अंग्रेज़ी और इनका ज्यादातर ज्ञान वाट्सएप यूनिवर्सिटी से जुटाया गया लगता है। अगर इनके परिवार वालों को ही यह टिप्पणियां पढ़ा दी जाएं तो मारे शर्म के इनका मुंह लाल हो जाए।
इस वीडियो के साथ की गयी टिप्पणियों में जिस अभद्र और अश्लील भाषा का प्रयोग किया गया है, उससे लगता है कि सोशल मीडिया पर प्रतिबंध ऐसे ही लोगों की वज़ह से लगाया जाता है, जो ऐसे मौकों का फ़ायदा उठा हिंसा फैलाते हैं, इन लोगों की न कोई जाति होती है न धर्म। किसी मशहूर व्यक्ति के सोशल मीडिया अकाउंट पर यह लोग उसकी टांग खींचने या उसे मुफ्त का ज्ञान देने से पीछे नहीं रहते।
जनज्वार ने यह प्रयोग पत्रकारिता में अब तक लगभग असंभव माने जाने वाले फीडबैक को प्राप्त करने के लिए किया गया है, जिससे यह पता चले कि समाचारों में दिखाई जा रही इन खबरों के प्रति समाज के लोगों का क्या नज़रिया है, क्या ऐसी खबरों को दिखाए जाने के बाद लोग ऐसे अपराध कम करते हैं , क्या अपने मन में इतनी नफ़रत पाले इन लोगों को पत्रकारिता के माध्यम से जागरूक कर सुधारा जा सकता है।
भारतीय समाज आज चाहे कितना भी पश्चिम का आडम्बर ओढ़ ले, पर अपने समाज में उसे आज भी प्रेम सम्बन्धों से नफ़रत है। वह इसे अनैतिक मानता है, यह हमारी शिक्षा प्रणाली और संस्कारों की ही कमी है जो हम आज तक अपनी अगली पीढ़ी को प्रेम, महिलाओं के सम्मान के अर्थ नही समझा पाए। यह झूठी आन की वज़ह से ली जा रही मौतें जाने कब ख़त्म होगी।
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33442ec85e08f87c6a4adcf2e83ed05856af16ec | उत्तर प्रदेश सरकार धार्मिक केंद्रों के विकास के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करा रही है. योगी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही अयोध्या, काशी और मथुरा सहित अन्य धार्मिक स्थलों का तेजी से विकास कराया. अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. इसके साथ ही अयोध्या में आधारभूत ढांचे का विकास भी तेजी से हो रहा है. अयोध्या में 138 करोड़ रुपये की 17 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं. 54 परियोजनाओं में 3,126 करोड़ की लागत से काम युद्धस्तर पर चल रहा है. 84 कोसी परिक्रमा मार्ग पर पड़ने वाले तीर्थ स्थलों का विकास किया जा रहा है. अयोध्या को वैदिक सिटी के रूप में विकसित करने की योजना है. इसके लिए पंचकोसी, चौदह कोसी और चौरासी कोसी परिक्रमा के लिए मार्ग का निर्माण किया जा रहा है. हवाई अड्डे का निर्माण, सड़कों का निर्माण और बाजारों को व्यवस्थित किया जा रहा है ताकि पर्यटन को सुगम बनाया जा सके.
वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम का निर्माण कराया गया. पर्यटकों के लिए क्रूज सेवा का संचालन किया जा रहा है. 70 किलोमीटर लंबे पंचकोसी मार्ग को लेकर नई विकास परियोजना तैयार की गई है. देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों की संख्या में वृद्धि लगातार हो रही है. पवित्रता को बनाए रखते हुए ब्रज क्षेत्र की पहचान को देश-दुनिया तक पहुंचाया जा रहा है. ब्रज क्षेत्र को विश्व स्तर का पर्यटन स्थल बनाने के लिए लगातार प्रयत्न किया जा रहा है. इसके लिए ब्रज तीर्थ विकास परिषद का गठन किया गया है. ब्रज क्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से जुड़े प्रमुख स्थलों का पर्यटन की दृष्टि से विकास किया जा रहा है. बरसाना में रोप-वे का निर्माण हो रहा है.
वर्ष 2017 में ही वृंदावन, नंदगांव, गोवर्धन, गोकुल, बलदेव और राधाकुंड को तीर्थ क्षेत्र घोषित कर दिया गया था. वृंदावन में पर्यटन सुविधा केंद्र, गीता शोध संस्थान और ऑडिटोरियम, अन्नपूर्णा भवन का निर्माण, मथुरा में जुबली पार्क समेत बरसाना और नंदगांव में भी पर्यटकों की सुविधा के विकास कार्य किए जा रहे हैं. धार्मिक स्थलों और आसपास के क्षेत्र के विकास को नई गति मिली है.
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f6d5791998c44fd14e6f31d0606ce9da295e9a10 | आज के समय में तकनकी दुनिया में तरह तरह के रोबोट बनाये जा रहे है, ऐसे में हाल में एक ऐसे रोबोट डॉग का निर्मण किया गया है, जो भौंक कर नोटोफिकेशन की जानकारी देगा. रोबोट प्रोजैक्ट निर्माता जेसन बूज़ी (Jason Buzi) ने लंदन के जॉन नोलन स्टूडियो में एक सोशी (Soshee) नामक रोबोट डॉग विकसित किया है जो सोशल मीडिया से मैसेज आने पर नोटिफिकेशन अलर्ट देने में मदद करेगा.
इस रोबोट को ब्लूटुथ की सहायता से स्मार्टफोन के साथ कनैक्ट किया जा सकता है. यह फेसबुक, इंस्टाग्राम व ट्विटर अकाऊंट के नोटिफिकेशन्स का खड़े होकर, भौंक कर, सिर घुमाकर व पूंछ हिलाकर अलर्ट देगा. इस रोबोट की कीमत 149 डॉलर (लगभग 9756 रुपए) बताई गयी है.
रोबोट डॉग 4. 5 इंच ऊंचा, 6 इंच लम्बा व 2. 75 इंच चौड़ा है, जिसमे ऑडियो बोर्ड व माइक्रोकंट्रोलर लगाया गया है. इसकी फर के नीचे चार मोटर्स लगाई गई हैं जो बैटरी की मदद से चलती है. इसे अभी किक स्टार्टर के तौर पर तैयार किया गया है, किन्तु उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही इसे सभी यूज़र्स के लिए पेश किया जा सकता है, जिसमे काले, सफेद व भूरे रंग में इसे यूज़र्स खरीद सकेंगे.
तो क्या 2050 तक संबंध बनाने के लिए नहीं पड़ेगी मर्दों की जरुरत ?
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6889b83e730a046b3a92422d999a4bfaa950aaab | जलेश्वर । आज 28 बी अन्तर्ऱाष्ट्रीय ज्येष्ठ नागरिक दिवस समारोह का आयोजन संस्था के महोत्तरी जिला अध्यक्ष श्री महेश्वर राय जी के अध्यक्षता में जलेश्वर के जिला ज्येष्ठ नागरिक संघ के प्रांगण में हुआ। जिस मे प्रमुख अतिथि के रूप में जिला विकास समिति के संयोजक श्री सुरेसप्रसाद सिंह जी मंचासीन थें तो विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व मंत्री श्री गणेश नेपाली जी और अनुसंधाता तथा पूर्व डीन श्री नरेन्द्र चौधरी जी विराजमान थें। स्वागत मंतव्य देते हुए संस्था के श्रेष्ठ सदस्य श्री राजेश्वर ठाकुर जी ने वर्त्तमान पारिवारिक अवस्था में वृद्धों की दयनीय अवस्था पर प्रकास डालते हुए समस्या का हल समझदारी पूर्वक खोजने पर जोर दिया। संस्था के अध्यक्ष श्री महेश्वर राय जी ने वृद्ध पर हो रहे ज्यादती और हिंशा को केंद्र में रखकर मंतव्य प्रस्तुत और समाधान का उपाय अभिव्यक्त करने के लिए आग्रह किया। अपनी मंतव्य में श्री नरेन्द्र चौधरी जी ने संतो को राजनीति में आने और शुद्ध सांगठनिक रूप से आगे बढ़ने पर जोर देते हुए, दुसरे से वैसा व्यवहार न किया जाय जिसे हम पसंद नहीं करेंगे। बुजुर्गो का अनुभव सर्वोत्तम होता है एसा कहा, साथ ही कानूनी राज्य के गरिमा के लिए यूरोप अमेरिकी धटना परिघटना को भी समय सापेक्ष रूप में प्रभावकारी ढंग से प्रस्तुत किए। दुसरे वक्ता के रुपमे मैं (अजय कुमार) ने मैत्रीभाव फैलाने और बाबा पोते के बीच के दुरीको कम करने के लिए ज्येष्ठ नागरिक को विद्यालय से जुड़ने के लिए निवेदन किया। तीसरे वक्ता के रूप में ज्येष्ठ पत्रकार और ज्येष्ठ नागरिक कुवरकान्त झा जी और युवा पत्रकार प्रभु मिश्र ने वृद्धों को इज्जत और सेवा किए जा रहे परिवार को सम्मानित किए जाने की अपील की। इसी प्रकार पूर्व मंत्री श्री गणेश नेपाली जी ने अपनी राजनीतिक अनुभवको सम्प्रेषण करते हुए कहा की हम 2007 साल से अबतक जीतनी क्रांतियाँ हुई उसमे राजनैतिक सफलता तो मिली साथ ही राजनैतिक प्रदुषण को मैंने सदा आगे पाया,वैचारिक विचलन को सम्मानित होते पाया। न प्रधान मंत्रिय पद की न प्रधान न्यायिक पद की ही विश्वास जनता समक्ष कायम रहा।भ्रष्टाचार ही देस को निगलने पे लगा है।इसी प्रकार कोमल हृदय के स्वामि श्रद्धेय श्री बलराम शर्मा जी ने हम वृद्धों को अपनी गरिमा अपने कर्तव्य के जरिए ही मजबूत करना होगा। हमें कर्तव्यनिष्ठ रहना ही होगा। आज के प्रमुख अतिथि जिल्ला समन्वय समिति के अध्यक्ष श्री सुरेश शिंह जी ने वृद्ध के प्रति हो रहे हिंशा वास्तव में हृदय विदारक है। लेकिन इसका दोषी भी हमही हैं। उन्होंने मेरे विचार को समर्थन करते हुए कहा की हम बच्चों को पैसा कमाने बाला मेसिन समझते हैं। और नैतिक मूल्यों को हम दरकिनार कर देतें हैं।जबकि हमें अपनी बच्चों को अच्छा नागरिक बनाना एकदम आवश्यक हो गया है। अन्यथा हम बिखरते बिखरते पूर्णतःविखर जाएंगे। उन्होंने संस्था के लिए भौतिक व्यवस्था मिलाने के लिए पूरजोर प्रयास करने के वादा किया। साथ ही 86 वर्षीय ज्येष्ठ महिला श्रीमती रामपरी देवी को दोसल्ला ओढ़ा सम्मान के साथ साथ आशीष ग्रहण किए। कार्यक्रम के उदघोषण संस्था के सचिव श्री नरेन्द्रनारायण लाल कर्ण जी के द्वारा किया गया। समापन भाषण करते हुए अध्यक्ष श्री महेश्वर राय जी ने सबको धन्यवाद अर्पण करते हुए अब महोत्तरी के गली गली में जाकर ज्येष्ठ नागरिकों का हाल खबर लेते हुए जोड़ने का प्रयास करने की प्रतिज्ञा भी लिए।
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2ecc54840211ad7a4d6c0da4c2fa5617864e453c | यह कहना गलत नहीं होगा कि मेंस्ट्रुअल कप महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। लेकिन इसे साफ रखना भी बेहद जरूरी होता है।
इस बात से तो हम सभी वाकिफ हैं कि महिलाओं को हर महीने पीरियड्स होते हैं। लेकिन इन दिनों के दौरान होने वाले दर्द, कपड़ों पर लगने वाले दाग की समस्या सबसे ज्यादा होती है। पहले के समय में महिलाएं कपड़े का इस्तेमाल करती थीं। लेकिन धीरे-धीरे समय में बदलाव आया और फिर इजात हुआ पैड। हालांकि, पैड ने महिलाओं की समस्या को काफी हद तक दूर तो किया लेकिन इसके इस्तेमाल से भी कपड़े में खून के दाग लगने का डर हमेशा बना रहता था। इसके अलावा कई स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याओं के होने का भी खतरा रहता है।
लेकिन कहते हैं न आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है। महिलाओं की इस समस्या को और कम करने के लिएमेंस्ट्रुअल कप का आविष्कार हुआ। यह कप काफी किफायती होते हैं। मेंस्ट्रुअल कप के इस्तेमाल से महिलाएं कई स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों से भी बच सकती हैं। लेकिन सबसे जरूरी बात मेंस्ट्रुअल कप का सही तरीके से इस्तेमाल करना और कप की अच्छे से सफाई करना। अगर आपमेंस्ट्रुअल कप को सही तरीके से साफ नहीं करती हैं तो इससे यह जल्दी खराब हो सकता है। लेकिन अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि आज हम आपकोमेंस्ट्रुअल कप को साफ करने से लेकर स्टोर करने तक का तरीका बताएंगे। चलिए जानते हैंमेंस्ट्रुअल कप को साफ करने का तरीका।
मेंस्ट्रुअल कप क्या होता है?
जैसा कि कुछ हद तक इसके नाम से पता चलता है मेंस्ट्रुअल कप रियूजेबल फेमिनिन हाइजीन प्रोडक्ट है। यह कप रबर और सिलिकॉन से बना होता है, जो फनल की शेप का होता है। इसका इस्तेमाल पीरियड्स के दौरान किया जाता है।
- मेंस्ट्रुअल कप पैड और टैम्पोन की तुलना में अधिक ब्लड फ्लो होल्ड करता है।
- मेंस्ट्रुअल कप के इस्तेमाल से आप टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम जैसी खतरनाक बीमारी से बच सकती हैं।
- मेंस्ट्रुअल कप लंबे समय तक चलते हैं। इसका इस्तेमाल आप साफ करने के बाद कई बार कर सकती हैं। मेंस्ट्रुअलकप ईको-फ्रेंडली भी होते हैं।
मेंस्ट्रुअल कप को कैसे स्टोर करें?
- ज्यादातर मेंस्ट्रुअल कप को स्टोर करने के लिए इसके साथ बैग या पाउच दिया जाता है।
- लेकिन अगर आपके पास बैग या पाउच नहीं है, तो आप किसी भी ब्रिदेब्ल बैग का इस्तेमाल मेंस्ट्रुअलकप को स्टोर करने के लिए कर सकती हैं।
- मेंस्ट्रुअल कप वाले पाउच को कोल्ड और ड्राई वाली जगह पर रखें। ताकि यह आपके नेक्स्ट यूज के लिए पहले से ही सूखा हुआ हो।
- आपको हमेशा 6-12 घंटे के बीच में मेंस्ट्रुअल कप को रिमूव करना चाहिए। यह ब्लड फ्लो पर भी निर्भर करता है। हैवी ब्लड फ्लो में आपको जल्दी मेंस्ट्रुअल कप को हटाना चाहिए। (पीरियड्स के दौरान ये हेल्दी फूड्स खाएं)
- मेंस्ट्रुअल कप को रिमूव करने से पहले आपको हमेशा अपने हाथों को अच्छे से धोना चाहिए। क्योंकि हमारे हाथों में बैक्टीरिया होते हैं,यही कारण है कि आपको साफ हाथ से ही मेंस्ट्रुअल कप को हटाना चाहिए। लेकिन अगर आपके पास हाथ धोने के लिए पानी और साबुन नहीं है तो इस स्थिती में आप एंटीबैक्टीरियल वैट वाइप्स से हाथों को साफ कर सकती हैं। नॉन सेंटेड एंटीबैक्टीरियल वैट वाइप्स ही चुनें।
- वजाइनासे कप रिमूव करने के लिए स्क्वीज करें। सक्शन सील को तोड़ने के बाद मेंस्ट्रुअल कप को रिमूव करना आसान होता है। साइड्स को पिंच करने के बाद कप को कप को नीचे की ओर और बाहर खींचे। इस बात का ध्यान रखें कि हर ब्रांड के मेंस्ट्रुअल कप को रिमूव करने का तरीका अलग-अलग होता है। इसलिए आपको मेंस्ट्रुअल कप पर लिखे इंस्ट्रक्शन के अनुसार ही कप को रिमूव करना चाहिए।
- मेंस्ट्रुअल कप से ब्लड को टॉयलेट में फेंके। मेंस्ट्रुअल कप से ब्लड को टॉयलेट में डालकर फ्लश कर दें। अगर आप बाथरूम में है या शावर ले रही हैं तो यह और भी अच्छी बात है। क्योंकि बाथरूम में आप आसानी से कप को खाली कर सकती है, धो सकती हैं और दोबारा इस्तेमाल कर सकती हैं।
हर बार यूज करने के बाद कप को धोना बेहद जरूरी है। भले ही यह सिलीकॉन से बना हो, लेकिन फिर भी आपको इसे टाइम टू टाइम क्लीन करना चाहिए। गंदे मेंस्ट्रुअल कप से आपको कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। गंदे कप के इस्तेमाल से टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम जैसी गंभीर बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। (क्या है पीरियड से जुड़ा डिसऑर्डर हाइपोएस्ट्रोजेनिज्म, जानेंं)
मेंस्ट्रुअल कप को बहते पानी के नीचे डालें और फिर अनसेंटेड साबुन को कप पर अच्छे से लगा लें। इसके बाद कप को अच्छे से पानी से धो लें। अंसेटेंड साबुन का ही इस्तेमाल करें क्योंकि फ्रेगरेंस वाले साबुन से आपकी स्किन में इरिटेशन हो सकती है। कई ब्रांड मेंस्ट्रुअल कप को धोने के लिए स्पेशल क्लींजिंग फॉर्मूला भी बेचते हैं।
हर बार यह संभव नहीं होता है कि आप मेंस्ट्रुअल कप धो सकें। ऐसे में आपको अनसेंटेड फेमिनिन वाइप्स का पैकेट अपने पास रखना चाहिए। आप अनसेंटेड फेमिनिन वाइप्स को किसी भी मेडिकल स्टोर से आसानी से खरीद सकती हैं।
अगर आपके पास मेंस्ट्रुअल कप को धोने के लिए न ही पानी है और न ही वाइप्स तो इस स्थिती में आप टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल कर सकती हैं। बस मेंस्ट्रुअल कप को रिमूव करें और टॉयलेट पेपर की मदद से अच्छे से पोंछ लें। टॉयलेट पेपर की जगह आप चाहें तो पेपर टॉवल का भी उपयोग कर सकती हैं।
- मेंस्ट्रुअल कप को 2-3 मिनट के लिए गर्म पानी में भिगने के लिए रख दें। इससे कप के अंदर मौजूद सारी गंदगी बाहर निकल जाएगी। इसके बाद मेंस्ट्रुअल कप को स्क्रब करें।
- साफ टूथब्रश की मदद से मेंस्ट्रुअल कप में जमे किसी भी गंदगी को हटा लें। चलते हुए गरम पानी में ही कप को धोएं। इससे आसानी से कप साफ हो जाएगा। मेंस्ट्रुअल कप को साफ करने के लिए आप जिस टूथब्रश का इस्तेमाल करेंगे, उसका इस्तेमाल अन्य चीजों पर न करें। इसके बाद अनसेंटेड सोप से कप को अच्छे से साफ कर लें।
- एक बड़ा बर्तन लें और उसमें पानी को भर दें। इसके बाद उसमें मेंस्ट्रुअल कप डाल दें। पानी ज्यादा होना चाहिए ताकि कप नीचे बर्तन पर न लगे।
- अब पानी को उबलने के लिए गैस पर रख दें। करीब 5-10 मिनट तक मेंस्ट्रुअल कप को गरम पानी में उबाल लें। ज्यादा देर कप को उबालने से यह पिघल सकता है।
- इसके बाद कप को किसी साफ कपड़े या पेपर टॉवल से पोंछ लें।
- लीजिए अब आपका मेंस्ट्रुअल कप एकदम साफ हो चुका है। मेंस्ट्रुअल को किसी बैग या पाउच में रख दें।
तो ये थीमेंस्ट्रुअल कप से जुड़ी कुछ आवश्यक बातें और कप को साफ करने का तरीका। आपको हमारा आर्टिकल कैसा लगा, हमें कमेंट कर जरूर बताएं और जुड़े रहें हमारी वेबसाइट हरजिंदगी के साथ।
आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia. com पर हमसे संपर्क करें।
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ec2487194997a5571e345766e08d2c8a261f1baf | Tesla in India: टेस्ला ने अब आधिकारिक रूप से घोषणा कर दी है कि वह भारत में अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को बेचेगा और जल्द ही कंपनी अपने प्रोडक्शन प्लांट का काम शुरू कर सकती है। इसकी तैयारी अभी से ही शुरू हो गई हैं। सरकारी अधिकारियों ने बताया है कि टेस्ला को भारत में किसी भी प्रकार की रियायत या खास ट्रीटमेंट नहीं दिया जाएगा।
यानी कि टेस्ला भारत में अपने दम पर काम करेगी। उसे किसी भी प्रकार का अनुदान या फिर इंसेंटिव का लाभ नहीं मिलने वाला है। फिलहाल इस पर भारत सरकार कोई विचार नहीं करने वाली है। लेकिन इस सबके बावजूद फैसला भारत में आने वाली है और लोगों का इसके बीच काफी ज्यादा हाइट बन चुका है।
सरकारी अधिकारी के लिए बयान के मुताबिक सरकार पहले ही एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल यानी कि एसीसी बैट्री स्टोरेज के लिए 18100 करोड़ की PLI योजना और ऑटो कॉम्पोनेंट्स, ड्रॉन्स के लिए 26058 करोड़ के PLI योजना को शुरू किया है। इसलिए भारत में प्रोत्साहन पाने के लिए कम्पनी को प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव (PLI) योजना के तहत आवेदन करना होता है।
अगर टेस्ला को भी किसी भी प्रकार का प्रोत्साहन चाहिए तो उसे इस नीति के तहत आवेदन करना होगा। कुछ रिपोर्टर्स की माने तो भारत सरकार टेस्ला को खास फैसिलिटी दे सकती है। हालांकि अभी तक इस पर किसी भी प्रकार की आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।
उन्होंने बस इतना ही बताया है की टेस्ला के साथ बातचीत में उन्होंने अपनी नीतियों को साफ कर दिया है। अगर उन्हें किसी भी प्रकार की सहूलियत चाहिए तो PLI me के जरिए वह ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त उन्हें किसी भी प्रकार का लाभ नहीं मिलेगा। साथ ही भारत में वह काफी अच्छे से व्यापार कर सकते हैं।
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25a07b42a7a64cb2cde3115915572e2c81a1e0d3 | Bhopal: रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं इस समय कट चुकी है। थ्रेसरिंग का कार्य जोरों पर चल रहा है। वही सीजन का सबसे ज्यादा उपज देने वाले तथा वर्ष भर जरूरी खाद्य पदोर्थों में एक गेहूं का भंडार किया जा रहा है। आम तौर पर लोग गर्मी के इस सीजन में गेहूं खरीद कर वर्ष भर के लिए रखते हैं। लेकिन कई बार गलत किस्म का गेहूं खरीदकर रखने से वह खराब हो जाता है। उसमें कीडे लग जाते हैं। लेकिन आज हम गेहूं की कुछ खास किस्म के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हे वर्ष भर रखा जा सकता है।
वर्ष भर के लिए अगर आप गेहूं रखना चाहते हैं ते आपको चाहिए कि आप खास किस्म का गेहूं खरीदे। इसके लिए बताया गया है कि चंदौसी नाम का गेहूं बहुत उपयोगी है। वहीं मालवा अंचल में पैदा होने वाला गेहूं भी भंडारण के काफी उपयोगी है। वहीं मध्य प्रदेश में पैदा हेने वाला गेहूं जिसमें लोकवन, सुजाता, मालवराज में जल्दी कीडे नहीं लगते। वहीं इस गेहूं की रोटी बहुत स्वादिस्ट और मुलायम होती है।
वर्तमान समय में गेहूं का रेट बढ़ा हुआ है। कहा जाता है कि रूस यूक्रेन युद्ध के कारण यूरोपीय देशों में मध्य प्रदेश के गेहूं की जबरजस्त डिमांड बनी हुई है। बतया जाता है कि रूस-यूक्रेन में युद्ध चल रहा है। जबकि यही दोनों देश यूरोपीय देशां को सबसे ज्यादा गेहूं की सप्लाई किया करते थे। लेकिन युद्ध की वजह से या तो गेहूं की फसल बर्बाद हो गई या फिर सरकार व्यवस्था नहीं बना पा रही है।
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f3cd3fd7baa447e6028f927695fcdd8e2810d14d | Kashmir Target Killings: जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा है कि कश्मीर में पाकिस्तान साजिश रच रहा है, लेकिन हमारे सुरक्षाबल उसकी साजिशों को विफल कर रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी लगातार आम नागरिकों को निशाना (Kashmir Target Killings ) बना रहे हैं. वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. इस बीच उन्होंने गुरुवार को कुलगाम जिले में राजस्थान के एक बैंक कर्मचारी की गोली मारकर हत्या कर दी. आतंकवादियों ने जिले के अरेह मोहनपोरा में इलाकाई देहाती बैंक में एक बैंक कर्मचारी (प्रबंधक) विजय कुमार पर गोलीबारी की. यह जानकारी कश्मीर जोन पुलिस ने दी है. घटना के बाद जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष रविंद्र रैना (Ravinder Raina) ने कहा है कि कश्मीर में पाकिस्तान साजिश रच रहा है, लेकिन हमारे सुरक्षाबल उसकी साजिशों को विफल कर रहे हैं.
उन्होंने कहा है कि हमारे सुरक्षाबलों ने जम्मू-कश्मीर की आवाम के साथ मिलकर पाकिस्तानियों की हर साजिश को विफल किया है. धीरे-धीरे जम्मू-कश्मीर अमन और भाई चारे की ओर बढ़ रहा है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने विकास के बड़-बड़े प्रोजेक्ट मंजूर किए है. केंद्र की सभी योजनाएं लोगों की भलाई के लिए लागू हो रही हैं. ऐसे वक्त में एकबार फिर से पाकिस्तान परस्त आतंकवादी संगठनों ने एक बड़ी साजिश रची है.
बीजेपी नेता ने कहा, 'दुनिया के अंदर मानवाधिकारों का सबसे ज्यादा हनन पाकिस्तान परस्त आतंकवादियों ने कश्मीरियों को लहू लुहान करके किया. इंसानियत का कत्ल पाकिस्तान और आतंकवादी कर रहे हैं. मानवता को भी शर्म आ गई. हमारी सेना, पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स ने ऑपरेशन ऑल आउट चलाकर कश्मीर घाटी में आतंकवादी संगठनों के तमाम बड़े-बड़े सरगनाओं को मौत के घाट उतारा है. आज आतंकवादी संगठनों की कमर भारतीय सेना ने तोड़ दी, तो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और उसकी सेना के भारतीय विरोधी मॉड्यूल को यहां ध्वस्त किए गए हैं. हताश होकर पाकिस्तान के आतंवादियों ने कार्य प्रणाली को बदला है, एक टारगेटेड किलिंग का एक नई साजिश पाकिस्तान द्वारा रची जा रही है.' कश्मीर जोन पुलिस ने बताया है कि विजय कुमार राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के रहने वाले थे. घटना के बाद इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. घायल बैंक कर्मचारी विजय कुमार ने अस्पताल में दम तोड़ा.
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df1c52dea730460dad4c0ceec7455f7164e370b6883b0460a41d636a4eb1a336 | विशेष ध्यान रहना चाहिये कि दोनों को पानी में डूबे रहें। इसमे नूमोनिया होनेका डर नहीं रहता और जनेते मृत्यु भी नहीं होगी।
आजकल सनारमें सभी जगह घाव पर जल पट्टीका प्रयोग किया जाता है। थाव पर वैडेज, प्लास्टर या मलहम आदिका प्रयोग कर अन उन स्थानको भारावत नहीं करते। आये दिन कटे स्थानके घावको सुखानेके लिये बहुधा शीतल जल पट्टीका प्रयोग किया जाता है। इससे कटा हुआ चट्टामे चड़ा घाव भो वड़ी जल्दी सूख जाता है।
जल पट्टीरॆ इस्तेमालते कुचले या पीचे स्थान पर भी बहुत फायदा होता है। नरेन्द्र नाथ विश्वास नामक एक जसोहर जिलेका बालक किसी छापेखानेमें नौकरी करता था। एक दिन मशीन चलाते समय असावधानीने उसकी दो अगुलिया पिच गयौं । दोनो सगुलियाँके दोनो नातून उसी समय पट गये और उनसे खून गिरने लगा। प्रेसके किसी सज्जनने उसे पकड़ एक निथिलेटेड स्पीरिटसे भिगोकर एक कपड़ेसे दोनो उगलियोको बांध दिया और उसे सावधान कर दिया कि उस पर पानी न लगने पाये । किन्तु इससे उसका दर्द घटा नहीं बलि दर्द क्रमश बढ़ने लगा । तव बुझी हुई वत्तीकी तरह मुँह किये वह मेरे पास आया । मैंने फौरन कपड़ेको खोलकर पानीका एक कटोरेमें उसके हाथको दुवो दिया। उसके हाथमें जो असह्य पीड़ा हो रही थी वह पानीमें हुबाते डुवाते ही आघी हो गयी। इन प्रकार तीन घंटे तक वह हाथ पानी में इंवाये रहा । दर्द प्राय नहीं सा रह गया । तब एक भींगा कपड़ा उनपर लपेट दिया गया और उसे हिदायत कर दो गयी की वह उसे हमेशा पानी से तर रक्वे। दो दिनों तक उसने इस प्रकार उसे पानी से तर रखा। इस दो दिनमें ही उसका यह घाव बिल्कुल अच्छा हो गया और नाखूनों के जो गिर जाने की सभावना थी वह भी यथा स्थान ठीक चनी रहो ।
वोतल जलके प्रयोग से चोट या फटने या जलने सम्बन्धी सभी प्रकार | pdf |
bc2f54e6d6ff60754bb955b992ea287c2697bf48 | भारतीय टीम (Indian Cricket Team) ने पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले में रोमांचक जीत हासिल की और इस जीत का श्रेय जाता है दिग्गज बल्लेबाज हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) को जिन्होंने ऑलराउंड प्रदर्शन किया। हार्दिक पांड्या ने छक्के से जीत दिलाने के बाद पूर्व भारतीय कप्तान एम एस धोनी को याद किया। पांड्या ने बताया कि किस तरह से उन्होंने एम एस धोनी से ही मैच फिनिश करने की कला सीखी है। पांड्या ने कहा कि उन्होंने धोनी के अलावा हर एक क्रिकेटर से कुछ ना कुछ सीखा है जिनके साथ उन्होंने खेला है।
हार्दिक पांड्या ने पाकिस्तान के खिलाफ मैच में बेहतरीन प्रदर्शन किया। उन्होंने सबसे पहले गेंदबाजी में 3 विकेट चटकाए और उसके बाद बल्लेबाजी में भी 17 गेंद पर 4 चौके और 1 छक्के की मदद से नाबाद 33 रन बनाकर टीम को जीत दिला दी।
मैच के बाद स्टार स्पोर्ट्स पर बातचीत के दौरान हार्दिक पांड्या ने एम एस धोनी को याद किया और कहा कि उन्होंने उनकी ही तरह मैच फिनिश करने की कोशिश की। संजय बांगर और गौतम गंभीर से बातचीत में हार्दिक ने कहा,
मैं हमेशा सिंपल रखने की कोशिश करता हूं। निश्चित तौर पर माही भाई का भी असर है। जब भी उनके साथ खेला हूं देखा है मैंने, ज्यादा मैंने सवाल किए नहीं लेकिन नहीं भी देखा है तो भी मैं मानता हूं कि एक क्रिकेटर के तौर पर सिर्फ उनसे ही नहीं जिन-जिन प्लेयर्स के साथ मैंने खेला है और मैं उनसे जो-जो चीजें सीख सकता हूं वो सीखा है। मेरा मानना है कि अगर आपको कोई फैसला अपने जीवन में भी लेना है तो अगर आप शांत हैं और परिस्थितियों का आंकलन अच्छी तरह से कर सकते हैं तो फिर बेहतर फैसले ले सकते हैं।
आपको बता दें कि इससे पहले मोहम्मद कैफ को भी हार्दिक की पारी देखकर एम एस धोनी की याद आ गई थी। पूर्व खिलाड़ी ने कहा कि जिस तरह अहम मौकों पर एम एस धोनी के दौर में लोग टीवी नहीं बंद करते थे, ठीक उसी तरह अब हार्दिक की मौजूदगी में भी देखने को मिलेगा।
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8763bdad10003f3b9a9114cf0a78b6d0cdbd5b79 | इंडिया ए बीच दो मैचों की अनाधिकारी टेस्ट सीरीज का पहला मैच तिरुवनंतपुरम में खेला जा रहा है। भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने पहले दिन गेंदबाजी करने का फैसला किया था और दक्षिण अफ्रीका ए की पहली पारी सिर्फ 164 रनों पर सिमट गयी थी। इंडिया ए ने पहली पारी में 303 रन बना लिए थे। दूसरे दिन के खेल की समाप्ति पर दक्षिण अफ्रीका ने 5 विकेट पर 125 रन बना लिए थे।
मैच के तीसरे दिन बारिश की वजह से काफी खेल प्रभावित रहा। बारिश और मैदान गिला होने की वजह से दिन के पहले दो सत्र में एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी। इससे पहले इसी मैदान पर खेले गये वनडे सीरीज में भी कुछ ऐसा ही रहा था।
सीरीज का लगभग हर मैच बारिश से प्रभावित रहा था। सीरीज के चौथे मैच का फैसला एक दिन में नहीं निकल पाने के बाद उन्हें रिजर्व डे में ले जाने का फैसला किया गया था।
मैच के अंतिम सत्र में 20 ओवर के खेल हो पाया। 125/5 के स्कोर के बाद दक्षिण अफ्रीका के नाबाद बल्लेबाज हेनरिच क्लासेन और वियम मुल्डर ने अच्छी बल्लेबाजी की। दोनों ने टीम को 168 रनों तक पहुंचा दिया। हालाँकि दोनों अर्धशतक से चूक गये।
क्लासेन 48 रन बनाकर जलज सक्सेना की गेंद पर आउट हो गये। मुल्डर बदकिस्मत रहे और 46 रनों की पारी खेलने के बाद रन आउट हो गये। दोनों ने 6वें विकेट के लिए 74 रनों की साझेदारी बनाई।
छठवां विकेट गिरने के बाद दक्षिण अफ्रीका के विकेट गिरने का सिलसिला शरू हो गया। 168/5 से टीम का स्कोर 178/9 हो गया। दिन के खेल की समाप्ति पर दक्षिण अफ्रीका ए का स्कोर 9 विकेट पर 179 रन था।
लुथो सिपामला 5 और लुंगी एंगीदी बिना खाता खोले पिच पर टिके हैं। दक्षिण अफ्रीका के पास दूसरी पारी में सिर्फ 40 रनों की बढत है। इंडिया ए के लिए शाहबाज नदीम ने तीन, जलज सक्सेना ने दो जबकि सिराज, शार्दुल और गौतम ने एक- एक विकेट लिये।
देखें स्कोरकार्डः
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dfb8d65908783dcc5336e980862a64364e8bff60 | - #BrazilPirarucu Fish: एक ऐसी मछली जिसके लिए जंगल में होता है 'खूनखराबा', खाने के लेकर हर चीज में बेशकीमती!
- #BrazilBRICS meet: नई करेंसी, नये देश. . दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक, डॉलर को तोड़ने की तैयारी!
Woman Gives Birth to Superbaby: महिला को डॉक्टरो ने कह दिया था कि अब वो कभी गर्भवती नहीं हो पाएंगी, वो ही महिला ना ही केवल प्रेग्नेंट हुई बल्कि एक बहुत ही स्वस्थ बच्चें को जन्म दिया है। बच्ची का वजन और लंबाई ने डॉक्टरों तक को हैरान कारण मां ने अपनी इस बच्ची को सुपरबेबी बताया है।
41 साल की उम्र में पांच किलो के बच्चे को जन्म देने वाली महिला का नाम लुसियाना ब्रांट है जो ब्राजील में रहती हैं। लुसियाना ने बताया कि जन्म के बाद बच्ची को देखकर मैं क्या डॉक्टर तक हैरान थे। बच्ची का वजन और लंबाई के कारण मां ने अपनी इस बच्ची को सुपरबेबी बताया है।
द सन की रिपोर्ट के अनुसार लुसियाना ने बताया था कि डॉक्टरों ने उसे कहा था कि उम्र के चलते हार्मोन्स की कमी होने के कारण वो अब कभी मां नहीं बन सकती लेकिन उसके बाद मैं गर्भवती हुई और पांच किलो के स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया।
हालांकि बिट्रेन की लुसियाना का ये पहला बच्चा नहीं है, उनके पहले से पांच बच्चे है, और उनकी सबसे बड़ी बेटी की उम्र 23 साल है। लुसियाना ने कहा मुझे डॉक्टरों ने कहा था कि मेरे गर्भवती होने की संभावना कम है लेकिन मैंने अपना आत्मविश्वास बनाए रखा और गॉड ने मुझे ये खुशी दी।
लुसियाना ने अपनी इस साढ़े 5 किलो की बेटी को सुपर बेबी होने का दावा किया है और उसका नाम मारिया रखा है। मारिया की लंबाई 20 इंच और वजन साढ़े 5 किलो है। बच्चे का वजन अधिक होने के कारण डॉक्टर ने सिजेरियन डिलीवरी करवाई। डॉक्टरों के अनुसार जन्म के बाद बच्चों का वजन दो से तीन किलो ही होता है, जबकि मारिया का वजन साढ़े 5 किलो है। वजन के कारण मारिया बहुत ही क्यूट नजर आ रही, उसके जन्म के बाद अस्पाताल के लोग उसे देखने के लिए पहुंच रहे थे।
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36ec9ec4c67ea1f468547b9044ebd86db9cc2ce6 | लंदनः ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन मिला है, जिसके बाद वैज्ञानिकों और दुनिया के लोगों में खौफ और हड़कंप है। ब्रिटेन ने भी अपने यहां सख्ती को बढ़ा दिया है। इसके मद्देनजर ब्रिटेन में सबसे सख्त लॉकडाउन लागू किया गया है। ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने चेतावनी दी है कि लंदन महीनों तक लॉकडाउन के अधीन रह सकता है क्योंकि टीकाकरण शुरू होने तक कोरोना वायरस के अत्यधिक संक्रामक होने के कारण उसे काबू में रखना बहुत मुश्किल होगा।
मैट हैनकॉक ने कहा है कि टियर-4 इलाकों में रहने वाले लोगों को इस तरह से व्यवहार करना चाहिए कि उनके पास वायरस हो सकता है। यही एकमात्र तरीका है, जिससे हम इसे नियंत्रण में रख सकते हैं। स्थिति बहुत गंभीर है और वायरस के नए प्रकार ने इसे और अधिक कठिन बना दिया है। बता दें कि टियर-4 सबसे कड़ा प्रतिबंध है, जिसे ब्रिटेन के कुछ इलाकों में लगाने का एलान किया गया है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को उनकी टिप्पणी के कुछ ही समय बाद ब्रिटिश राजधानी और दक्षिण पूर्व इंग्लैंड के कुछ हिस्सों में टियर-4 के प्रतिबंध लागू हो गए। नए प्रतिबंध 30 दिसंबर तक लागू रहेंगे।
ब्रिटेन के जिन इलाक़ों में टियर-4 के प्रतिबंध लागू हैं, वहां लोगों को अपने घरों में ही रहने, जरूरत न होने पर घर से बाहर नहीं निकलने, अपने इलाके से बाहर न जाने और दूसरे इलाकों के लोगों से न मिलने के लिए कहा गया। साथ ही इन इलाकों में घर से बाहर निकल कर सार्वजनिक जगहों पर एक व्यक्ति केवल एक ही व्यक्ति से मुलाक़ात करने के लिए कहा गया है।
स्वास्थ्य सचिव मैट हैनकॉक ने कहा कि हमें नए संस्करण के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए सभी अलग-अलग उपाय अपनाने होंगे। पुराने संस्करण के कोरोना के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए यही मूलभूत समस्या रही। हैनकॉक ने ऐसे लोगों की भी आलोचना की जो चौथे चरण के लॉकडाउन लागू करने से पहले लंदन से फरार हो गए, यह पूरी तरह से गैर-जिम्मेदाराना हरकत है।
प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने लंदन, दक्षिण-पूर्वी और पूर्वी इंग्लैंड में क्रिसमस के कार्यक्रम को प्रभावी रूप से रद्द कर दिया क्योंकि रविवार आधी रात से इस क्षेत्र में दो सप्ताह के लिए लॉकडाउन लागू कर दिया गया है। बोरिस जॉनसन ने स्पष्ट किया कि क्रिसमस इस बार पहले से अलग होगा। उन्होंने कहा कि पहले जो योजना तैयार की गई थी, उसके अनुसार इस बार हम क्रिसमस नहीं मना सकते।
लंदन स्थित इंपीरियल कॉलेज के डॉ. एरिक वोल्ज ने कहा कि फिलहाल जो दिखाई दे रहा है, उसके मुताबिक यह बहुत तेजी से फैल रहा है। इस पर नजर बनाए रखने की जरूरत है। उधर, ब्रिटिश सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार पैट्रिक वालेंस ने कहा कि इसकी मौजूदगी अन्य देशों में भी हो सकती है, लेकिन इसकी शुरुआत ब्रिटेन से हुई है।
ब्रिटेन के पीएम बोरिस जानसन ने पिछले शनिवार को बताया था कि यूके में मिला नया स्ट्रेन करीब 60-70 फीसद तक अधिक संक्रामक है। लिहाजा ये पहले से ज्यादा खतरनाक है। उनके मुताबिक, इसकी वजह से अस्पतालों में मरीजों की संख्या में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है। इटली में जिन दो मरीजों में इस वायरस का नया स्ट्रेन मिला है, वे कुछ दिन पहले लंदन से आए थे। फिलहाल दोनों को आइसोलेशन में रखा गया है।
जर्मनी, फ्रांस, नीदरलैंड समेत यूरोप के कई देशों ने ब्रिटेन की फ्लाइट पर ही बैन लगा दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से कोरोना के इस नए स्ट्रेन पर अध्ययन किया जा रहा है।
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2d51595739d0e48e7851ddb27f9d0ba49caa0132 | प्रयागराज, जागरण संवाददाता। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर संदिग्ध वाहनों की जांच के दौरान मंगलवार की सुबह फतेहपुर के कारोबारी कैलाश प्रताप सिंह की कार से दो लाख रुपये मिले। पूछताछ के दौरान पैसे के संबंध में संतोषजनक जवाब और हिसाब न देने पर उसे जब्त करते हुए थाने के मालखाने में रखवा दिया गया। इसकी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को भी भेजी गई है। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले फूलपुर इलाके में भी फ्लाइंग स्कवायड ने एक कार रोककर उसमें 14 लाख रुपये बरामद किए थे। फिर आयकर विभाग ने जांच की थी।
बताया जाता है कि मंगलवार को भोर में चुनाव आयोग के निर्देश पर गठित उड़नदस्ता मजिस्ट्रेट पूरामुफ्ती में जीटी रोड पर दारोगा वीरेंद्र यादव टीम के साथ संदिग्ध वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान फतेहपुर की ओर से एक कार आती दिखाई दी। टीम ने उसे रोककर जांच की तो सीट के नीचे पांच-पांच सौ रुपये की नोट के दो लाख रुपये मिले। पूछताछ में पता चला कि कार में कैलाश प्रताप सिंह और उनका भाई शिवेंद्र प्रताप हैं। वह फतेहपुर जिले के विधायक रोड जयराम नगर के रहने वाले हैं। वह कारोबार करते हैं, लेकिन कौन सा व्यापार है, इस बार में नहीं बताया। पैसे के बारे में जब पूछा गया तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। थानाध्यक्ष पूरामुफ्ती उपेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि पैसा मालखाने में जमा करके रिपोर्ट भेजी गई है। अब आय़कर विभाग की टीम इस बारे में छानबीन करेगी।
यूपी चुनाव के दौरान वोटरों को रिझाने और अपने समर्थन में करने के लिए नकदी का प्रयोग किया जाता रहा है। इस पर रोक लगाने के लिए ही हर चुनाव में मतदान से पहले टीमें गठित कर नकदी के लेनदेन पर रोक के लिए इसी तरह से वाहनों की चेकिंग की जाती है।
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4dc6888fd449d7c4f311abf4f95500c85876a61b | जमशेदपुरः जमशेदपुर साकची बाजार स्थित जलेबी लाईन मे देर रात आग लग गयी. शनिवार की देर रात आग लगने की इस घटना में 10 दुकानें जलकर खाक हो गयी. आग इतनी भीषण थी कि आज सुबह पांच बजे 20 दमकल वाहों की मदद से आग पर काबू पाया जा सका.
घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार साकची बाजार के जलेबी लाइन स्थित हिंदुस्तान आर्ट की दुकान से देर रात आग लगनी शुरू हुई थी जिसने थोड़ी देर में भीषण रूप ले लिया और देखते-देखते कई दुकानों को आग ने अपनी चपेट में ले लिया.
आग पर काफी मशक्कत के बाद काबू पाया गया. बताया जा रहा है कि दुकान में आग लगने के बाद बाजार के नाईट गार्ड ने तत्काल थाना, दुकानदार और फिर फायर ब्रिगेड को सूचना दी जिसके बाद सरकारी फायर ब्रिगेड, टाटा स्टील और टाटा मोटर्स की करीब 20 दमकल की गाड़ियों ने आग पर काबू पाने की कोशिशें शुरू की जिसके बाद आग पर रविवार सुबह 5 बजे काबू पाया जा सका.
दुकान में आग कैसे लगी, अभी तक इसके कारणों का पता नहीं चल पाया है. दुकानदारों का कहना है की शॉर्ट सर्किट या किसी अन्य कारण से आग लगी है. रात करीब 1ः00 बजे से लेकर सुबह 5: 00 बजे तक आग पर काबू पाया गया. दुकानदारों का यह कहना है कि उनको नुकसान हुआ हैं, उनका कहना है कि उन्हें करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है. दुकानों में कॉस्मेटिक आइटम, मेडिकल दुकान और बैंड वाले के भी सामान जलकर राख हो गए.
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f0d9cd938f0c8a5aca8de4a5a6b720e3fbb4b43a | गगरेट। चुनावी साल में बिजली उपभोक्ताओं को एक सौ पच्चीस यूनिट बिजली निशुल्क देने का दाव खेल कर मतदाताओं को रिझाने वाली प्रदेश भाजपा सरकार के राज में अघोषित पावर कट ने उद्योगों की सेहत नासाज कर दी है। हालात यह हैं कि बिना कोई पूर्व सूचना के लग रहे अघोषित पावर कटों से उद्योगों के उत्पादन पर इतना प्रतिकूल असर पड़ा है कि उद्योगपतियों की कमर ही टूट कर रह गई है। उद्योगपतियों की मानें तो बिना किसी पूर्व सूचना के लग रहे इन कटों से उत्पादन तो गिर ही रहा है बल्कि कच्चे माल का भी काफी नुकसान हो रहा है। उद्योगपतियों ने सरकार से मांग की है कि उद्योगों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करे अन्यथा प्रदेश के उद्योग दूसरे राज्यों को पलायन को मजबूर होंगे। प्रदेश में उद्योग स्थापित करने के लिए उद्योगपति तभी उत्साहित हुए थे क्योंकि प्रदेश में एक तो दूसरे राज्यों की तुलना में सस्ती बिजली मिलती है तो दूसरी बात यह कि यहां निर्बाध विद्युत आपूर्ति की जाती है। पिछले कुछ दिनों से यहां भी उद्योग अन्य राज्यों जैसी परिस्थितियों का सामना करने को विवश हैं। हालात यह हैं कि औद्योगिक क्षेत्रों में बिना किसी पूर्व सूचना के ही घोषित बिजली कट लगाए जा रहे हैं। इसे लेकर अब उद्योगपतियों का भी पारा चढऩा शुरू हो गया है।
औद्योगिक क्षेत्र गगरेट में स्थित एक उद्योग के मालिक ने बताया कि शनिवार को अघोषित विद्युत कट लगने पर जब उन्होंने बिजली क्यों गई ौर कब आएगी यह जानने के लिए विद्युत विभाग के सहायक अभियंता को फोन किया तो जवाब मिला कि उन्हें कुछ पता नहीं ये कट पीछे से ही है। इसके बाद उन्होंने अधिशासी अभियंता को फोन किया तो वहां से भी उन्हें यही जवाब मिला। इसके बाद उन्होंने अधीक्षण अभियंता को फोन किया तो वहां से भी उन्हें ऐसा ही जवाब मिला। अगर सक्षम अधिकारी ही यह नहीं जानते तो उद्योगों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति कैसे होगी। उधर उपमंडल औद्योगिक संघ के महासचिव सुरेश शर्मा का कहना है कि अघोषित विद्युत कटों ने उद्योगों की कमर तोड़कर रख दी है। अगर यही सिलसिला रहा तो उद्योगों के पास यहां से पलायन के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। वहीं विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता अशोक परमार का कहना है कि औद्योगिक क्षेत्र गगरेट में पावर कट स्थानीय स्तर पर नहीं बल्कि पीछे से लगा था। फिर भी उच्च अधिकारियों को समस्या के बारे में अवगत करवाया गया है। जल्द ही इसका समाधान किया जाएगा।
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e43b9e33021afc28af72d9d8d5ef139b1ff216e9 | नई दिल्लीः
अभिनेत्री आलिया भट्ट (Alia Bhatt) को ऊटी में शूटिंग के दौरान अपने परिवार के साथ खास वक्त बिताने का अच्छा मौका मिल रहा है, जिससे आलिया (Alia Bhatt) काफी खुश हैं. आलिया (Alia Bhatt) ने इंस्टाग्राम पर अपनी मां सोनी राजदान (Soni Razdan) और बहन शाहिन भट्ट (Shaheen Bhatt) के साथ अपनी एक प्यारी तस्वीर शेयर की है.
तस्वीर में आलिया (Alia Bhatt) शाहीन को अपने आधे शॉल से ढके हुए और उनकी मां सोनी, आलिया को पीछे से गले लगाती दिख रही हैं. तस्वीर के कैप्शन में आलिया (Alia Bhatt) ने लिखा है, "ढेर सारा प्यार".
'राजी' अभिनेत्री आलिया भट्ट (Alia Bhatt) तस्वीर में बिना किसी मेकअप के बहुत सुंदर लग रही हैं. वहीं सोनी की मुस्कुराहट ने भी तस्वीर की शोभा बढ़ा दी है. आलिया भट्ट (Alia Bhatt) अपने पिता और फिल्म निर्माता महेश भट्ट की फिल्म 'सड़क 2' की शूटिंग के लिए ऊटी में हैं. यह फिल्म 10 जुलाई, 2020 को रिलीज होने वाली है. आगामी फिल्म 'सड़क 2' 1991 में आई फिल्म 'सड़क' का सीक्वल है. 'सड़क' में पूजा भट्ट और संजय दत्त मुख्य भूमिका में थे.
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बता दें कि आलिया भट्ट (Alia Bhatt) हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपने अभिनय का लोहा मनवा चुकी हैं. अभिनेत्री ने हाल ही में यूट्यूब की दुनिया में कदम रखा और अपना लॉगिंग चैनल 'आलियाबी' लांच किया है. जिसमें अभिनेत्री ने एक वीडियो शेयर कर मुंबई के जुहू स्थित पॉश इलाके के अपने नए फ्लैट में जाने की जानकारी दी. आलिया भट्ट (Alia Bhatt) ने इस फ्लैट को 2017 में खरीदा था और अब वह यहां अपनी बहन शाहीन के साथ इसमें रहने आ गई हैं.
बता दें कि रणबीर और आलिया भट्ट (Alia Bhatt) की फिल्म ब्रह्मास्त्र अगले साल रिलीज होगी. फिल्म को अयान मुखर्जी ने डायरेक्ट किया है. वैसे ये पहली बार है जब रणबीर और आलिया भट्ट (Alia Bhatt) किसी फिल्म में साथ नजर आएंगे.
(इनपुट- आईएएनएस)
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fad2fa9568340082bb5a71e5ae550a8343077fc8 | पूर्णिया/समस्तीपुर. बिहार से एक बेहद ही हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. समस्तीपुर रेल मंडल में रेलवे के एक इंजीनियर ने फर्जी चिट्ठी दिखाकर पुराने स्टीम इंजन का स्क्रैप (Railway engineer in Bihar sells steam engine) बेच दिया. मामले के खुलासे के बाद इस धोखाधड़ी में लिप्त इंजीनियर, हेल्पर और आरपीएफ (RPF ) के सब इंस्पेक्टर सस्पेंड को कर दिया गया है. इस पूरी घटना में समस्तीपुर रेलवे डिवीजन (Samastipur Railway Division) के एक इंजीनियर ने मुख्य भूमिका निभाई है. इंजीनियर पर आरोप है कि उसने रेलवे के स्क्रैप को बेचने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे. इसके बाद इन दस्तावेज को दिखाकर रेलवे लोकोमोटिव इंजन को बेच दिया. इंजीनियर की करतूत सामने आने के बाद पूरे रेलवे महकमे में हड़कंप मचा हुआ है.
इस जालसाजी के पूरे खेल का खुलासा आरपीएफ के एक सब इंस्पेक्टर ने किया है. इस मामले इंजीनियर और आरपीएफ दरोगा समेत सात लोग शामिल है. फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड SSE राजीव रंजन झा है. उन्होंने ही स्क्रैप गायब करने का पूरा खेल रचा है. झा ने बीते 14 दिसंबर को फर्जी टेंडर का पेपर दिखाकर हेल्पर सुशील यादव और एक कटर के साथ मिलकर पूर्णिया कोर्ट स्टेशन (Purnia Court Railway Station) के पास वर्षों से खड़ी पुराने स्टीम इंजन का फ्रेम काट दिया. इसके बाद इस खेल पर पर्दा डालने के लिए आरपीएफ दारोगा वीरेंद्र द्विवेदी ने इंजीनियर की मदद की. दरोगा से मिलीभगत कर सबकुछ सही दिखाने के लिए एक पिकअप वैन के आने की एंट्री करवा दी.
इसके बाद अवैध तरीके से ट्रक, पिकअप, जेसीबी से लाखों के स्क्रैप को गायब करवा दिया. एक प्रत्यक्षदर्शी रेलवे मजदूर ने बताया कि वो लोग दो तीन पहले स्क्रैप को कटिंग कर के और ट्रक पर लादकर ले गए. वहीं दूसरे प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि उन्होंने इंजन का कटिंग पहले से कर के रखा था. समस्तीपुर रेलवे मंडल में इस खबर से हड़कंप मचा हुआ है. स्टीम इंजन के स्क्रैप को माफिया के साथ मिलकर बेचने के मामलों को समस्तीपुर डीआरएम ने भी गंभीरता से लिया है.
इस बाबत बनमनखी आरपीएफ थाना में कोर्ट स्टेशन के आरपीएफ सब इंस्पेक्टर एम रहमान के आवेदन पर प्राथमिकी भी दर्ज की गई है जिसमें 7 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है जिसमें इंजीनियर राजीव रंजन झा, हेल्पर सुशील यादव पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. फिलहाल मामले की जांच की जा रही है. जानकारी के अनुसार जब इस मामले की सूचना समस्तीपुर के डीआरएम आलोक अग्रवाल को मिली तो उन्होंने इंजीनियर राजीव रंजन झा, हेल्पर सुशील यादव और आरपीएफ के सब इंस्पेक्टर वीरेंद्र द्विवेदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
आरपीएफ की टीम द्वारा इंजीनियर राजीव झा समेत अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापामारी की जा रही है. जानकारी के अनुसार आरपीएफ को कुछ साक्ष्य भी मिले हैं. इन साक्ष्यों के आधार पर लगातार छापामारी की जा रही है. बहरहाल देखना है कि इस मामले में जांच में क्या मामला सामने आता है. माना जा रहा है कि आगे भी सभी सात आरोपियों की मुश्किलें बढ़ने वाली है. जांच के बाद सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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न शाहरुख- सलमान, न रजनीकांत और अक्षय कुमार तोड़ पाए इस 63 साल के साउथ स्टार का ये रिकॉर्ड, 400 फिल्मों. .
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e4a70dbc76d9f6cba846389dbe86d9295af34ae8 | नेशनल डेस्कः कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल विधानसभा में अपने इकलौते विधायक बायरन बिस्वास के सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल होने के एक दिन बाद मंगलवार को कहा कि इस तरह की खरीद-फरोख्त से विपक्षी एकजुटता को मजबूती नहीं मिलेगी और सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के उद्देश्य पूरे होंगे। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने टीएमसी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, "ऐतिहासिक जीत के तीन महीने बाद कांग्रेस विधायक बायरन बिश्वास को टीएमसी ने प्रलोभन देकर अपने साथ कर लिया।
यह सागरदिघी विधानसभा क्षेत्र की जनता के जनादेश के साथ विश्वासघात है। " उन्होंने कहा, "इस तरह की खरीद-फरोख्त पहले भी गोवा, मेघालय, त्रिपुरा और कुछ राज्य में हो चुकी है। इससे विपक्षी एकता मजबूत नहीं होगी और सिर्फ भाजपा के उद्देश्यों की पूर्ति होगी। " पश्चिम बंगाल विधानसभा में कांग्रेस के इकलौते विधायक बायरन बिस्वास सोमवार को सत्तारूढ़ टीएमसी में शामिल हो गए।
बिस्वास सत्तारूढ़ पार्टी के जनसंपर्क अभियान 'नवज्वार' के दौरान टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए। बिस्वास ने इस साल की शुरुआत में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के टिकट पर सागरदिघी सीट जीती थी। इस तरह राज्य विधानसभा में कांग्रेस का खाता खुला था, क्योंकि 2021 के विधानसभा चुनावों में पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया था।
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af9de0ea000c85c171b70aa2d8afc1b09fb78c16 | सबगुरु न्यूज। कार्तिक मास, कृष्ण पक्ष, नवमी तिथि, वार शनिवार, सम्वत 2078, हेमंत ऋतु, रवि दक्षिणायन, दोपहर 02. 43 बजे बाद दशमी तिथि प्रारम्भ। आज आपका दिन कैसा रहेगा जानने के लिए पढें राशिफल।
मेष :- आज व्यापार में लाभ होगा। नौकरी में उन्नति का योग बनेगा। संतान का सहयोग प्राप्त होगा। आज अधिक से अधिक काम करने की कोशिश करें क्योकि आपको आज के अपने सब कामों में सफलता मिलेगी। आप अपने किसी करीबी से सलाह ले सकते हैं। अगर आप अपनी चीज़ों का ध्यान नहीं रखेंगे, तो उनके खोने या चोरी होने की संभावना है। नजदीकी लोगों से कई मतभेद उभर सकते हैं। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। आज का दिन आपको एक मनोवैज्ञानिक अंतर्दृष्टि प्रदान करता है, जो आपको निर्णय लेने में सहायता प्रदान करेगा। आपका मित्र आज आपको एक मूल्यवान प्रतिक्रिया दे सकता है।
मिथुन :- आज आपके व्यावसायिक स्थान पर कार्य भार बढ़ेगा। व्यापार-धंधे में लाभ होने की संभावना है। आपके घरेलू जीवन में अशांति का वातावरण देखने को मिल सकता है। बेहतर प्रयासों से आपको सफलता मिलेगी और आपकी आमदनी में भी वृद्धि की संभावना है। स्वास्थ्य सामान्य रूप से मध्यम रहेगा। अपना कार्य समय पर कर ले। बुजुर्गो के व्यवहार में कमी आ सकती है। जीवन साथी के साथ हाथ से हाथ मिला के चलना होगा। आप शांत होकर विचार करें और अपने काम पर ध्यान दे। किसी दुर्घटना कि वजह से चोट न लगे इसका खास ध्यान रखें। कारोबारी प्रतिस्पर्धा में यदि आगे निकलना है तो विश्लेषण भली-भांति कर लें।
कर्क :- आज अचानक से धन लाभ होने के योग है जिस से धन की तंगी दूर होगी। पारिवारिक सदस्य भी सहयोग व समर्थ देंगे। बुरे लोगों से दूर रहने की कोशिश करें। परिवार वालों की मांगों को पूरा करने में पूरा दिन और धन खर्च होगा आपका मजाकिया स्वभाव आपके चारों ओर के वातावरण को खुशनुमा बना देगा। आज वे कपड़े न पहनें जो आपके प्रिय को पसंद न हों। अपनों के साथ विनम्रता से पेश आए। आप अभी काफ़ी दबाव में होने के कारण आपको रिश्ते निभाने में मुश्किल हो सकती है। आपको सहकर्मियों की सहायता करनी पड़ेगी।
सिंह :- आज आपके दिमाग में मनोरंजन की बात छाई रहेगी। आगे कदम बढ़ाएं और आपने दोस्तों और परिवार जनों के साथ मिल कर कुछ खास करें। नौकरी-व्यवसाय के जगह भी साथी कर्मचारियों का और उच्च पदाधिकारियों का व्यवहार सहयोगपूर्ण न होने से मानसिक हताशा पैदा हो सकती है। संतान के संबंध में समस्या आएंगी। विरोधियों के साथ वाद-विवाद में उतरना अच्छा नहीं है। आज आप अपने सभी कामों को एक तरफ रख कर सिर्फ मौज-मस्ती करेंगे। आज आप ऐसे लोगों से जुड़ने से बचें जो आपकी प्रतिष्ठा को आघात पहुंचा सकते हैं। काम-काज से तनाव बढेगा। कोई नया काम या प्रोजेक्ट मिल सकता है।
कन्या :- आज कामकाज की जिज्ञासा बढ़ेगी। सुखवृद्धि एवं पारिवारिक उन्नति होगी। परिवार में क्लेश, मनमुटाव हो सकता है। निद्रा का अभाव रहेगा। मानहानि होने की आशंका है। आर्थिक योजनाओं में धन का निवेश हो सकता है। पड़ोसियों से किसी बात पर मतभेद की संभावना है। भविष्य को लेकर बेकार में चिंता करते रहना आपको बेचैन कर सकता है। मित्रों से मुलाकात होगी। कारोबार में अच्छी खबर मिलेगी। परिश्रम से इच्छित सफलता मिलेगी। शुभचिंतकों का हार्दिक सहयोग रहेगा। महत्वपूर्ण लोगों के साथ बातचीत करते वक़्त अपने शब्दों को गौर से चुनें।
तुला :- आज पैसों के संबंध में बड़े फैसले के लिए किसी से सलाह लेनी पड़ सकती है। कारोबार में इजाफा होगा। आमदनी के नए माध्यम नजर आएंगे। किसी पुराने प्रोजेक्ट या काम को शुरु करने के लिए आज का दिन शुभ है। लक्ष्य प्राप्ति के लिए किसी से सिफारिश करवानी पड़ सकती है। आत्मविश्वास से कार्य सिद्ध होंगे। आर्थिक योजनाएं सफलतापूर्वक सिद्ध होंगी। मानसिक प्रसन्नता रहेगी। वस्त्राभूषण हेतु खर्च होगा। सफलता हासिल करने के लिए समय के साथ अपने विचारों में बदलाव लाएं। इससे आपका दृष्टिकोण व्यापक होगा, समझ का दायरा बढ़ेगा, व्यक्तित्व में निखार आएगा और दिमाग विकसित होगा।
वृश्चिक :- आज कार्यस्थल पर आपको सफलता मिलेगी। आपके ऑफिस में काम का बोझ बढ़ सकता है। व्यवसायिक प्रतिद्वंदी आज शांत रहेंगे। कार्यों में देरी होने की सम्भावना है। आज के दिन आपको थोडी बहुत प्रतिकूलताओं का सामना करना पड़ सकता है। व्यवसाय वर्ग से जुड़े हुए लोगों के लिए आज के दिन विदेश से लाभ प्राप्त हो सकते हैं। आपको इस अवसर का लाभ उठाने के लिए खुद को उसके अनुसार डालना होगा। आज के दिन आपके विरोधी भी दोस्ती का हाथ बढ़ाएंगे। जोखिम लेने से बचे। संयम रखे आपको सफलता जरूर मिलेगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। आज आपकी सृजनात्मक शक्ति श्रेष्ठ रहेगी।
धनु :- आज परिवार से भरपूर सहयोग मिलेगा। मित्र भी आपके पक्ष में खड़े रहकर आपकी मदद करते नजर आएंगे। भाग्य आपके साथ है और सफलता आपके कदम चूमेगी। आज रिश्तों को समय दें। दोस्तों और परिजनों से बात करते समय सोच समझकर बोलें, किसी भी प्रकार के विवाद से बचें। आज किसी अनजान शख्स से सलाह ना लें। धन का अधिक से अधिक खर्च होगा। अपना व्यवहार सकारात्मक बनाए रखें। आपको आज अच्छे से प्रदर्शन करना होगा जिस वजह से आपको सभी लोगों से अपने काम के लिए सराहना मिलेगी। जल्द ही सफलता के द्वार खुलेंगे।
मकर :- आज आपको व्यापार-सम्बंधित कार्यों में लाभ होगा। आज का दिन आपके लिए सुखद समाचार ला सकता है। थोड़े प्रयत्न से आपको ज्यादा लाभ होगा। दिन के कामों को सेहत बाधित कर सकती है। विवाद सुलझाने का सही समय है। ऑफिस में संभलकर रहें वरना मुसीबत आएंगी। मुद्दों पर स्पष्टता से समस्याएं सुलझेगी। धैर्य से कार्य करें सफलता मिलेगी। धन का व्यय बढ़ेगा। अपनी दोस्ती सोच समझ कर करें। बुरे लोगो के संगत से बचे यह आपके लिए हानिकारक है। आज के दिन कार्यक्षेत्र में आप अपना आपा खो सकते हैं। संतान की जरूरतों पर ध्यान देना होगा।
कुंभ :- आज आप आनन्द का अनुभव करेंगे। काम पर ज्यादा ध्यान दे पाएंगे। मेहनत भी बहुत रहेगी। कुसंगति से बचें। कार्यक्षेत्र में अपनी महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए आप हर संभव कोशिश कर सकते हैं। जितना धैर्य रखेंगे आपके लिए उतना ही बेहतर होगा। कार्यों में भाग्य का साथ प्राप्त होगा। आप पैसा बना सकते हैं, बशर्ते आप अपनी जमा-पूंजी पारम्परिक तौर पर निवेश करें। परिवार के लोगों के साथ हंसी-मजाक से दिन खुशनुमा बीत सकता है। किसी भी नए कार्यो में रूकावट पैदा हो सकती है। अतः आप इस समय नये कार्य को शुरू न करें। क्रोध को अपने उपर हावी न होंने दें अन्यथा बनी बनाई योजनाओं पर पीनी फिर सकता है।
मीन :- आज अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें। छोटी परेशानियां आपको घेरे रहेंगी। इस बात का विशेष ध्यान रखें की आपके फैसले से ऐसी किसी व्यक्ति को दुःख न हो जो आप पर भावनात्मक रूप से निर्भर है। आज आपका विशेष ध्यान दोस्तों पर रहेगा। आपकी सोच-विचार में असामान्य स्पष्टता रहेगी। किसी पुराने दोस्त से या तो आप मिलेंगे या उनमे से कोई आपसे मिलने आज अचानक चला आएगा। बिजनेस में नुकसान होने की आशंका है। आज का दिन सभी गलतफहमी को दूर करने और अपने रिश्ते के जीवन की शक्ति को नवीनीकृत करने के लिए एकदम सही है।
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012bec3a827d88087bc7250369e7b6441252e0a0 | सोनीपत, 12 फरवरी (निस)
कुंडली औद्योगिक क्षेत्र में बिजली लाइन में आई खराबी को ठीक करते हुए अचानक करंट लगने से लाइनमैन की मौत हो गई। परिजनों ने मामले में अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सामान्य अस्पताल के सामने जाम लगा दिया। बाद में बिजली निगम की अधिकारियों व पुलिस ने परिजनों व ग्रामीणों को समझाकर जाम खुलवाया। पुलिस ने मामले में लाइनमैन के पिता के बयान पर एसडीओ समेत अन्य अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
गांव भूर्री निवासी अतुल कुमार (34) बिजली निगम में ठेका कर्मी था और कुंडली में तैनात था। शनिवार दोपहर बाद औद्योगिक क्षेत्र में लाइन में खराबी आ गई। जिस पर बिजली कर्मियों ने लाइन ठीक करने के लिए परमिट लेकर बिजली आपूर्ति को बंद करा दिया। इस पर अतुल कुमार बिजली लाइन पर काम करने लगा। वहां पर अधिकारी स्वयं मौजूद थे। करीब 5 मिनट बाद ही लाइन में अचानक करंट आ गया जिससे अतुल बुरी तरह से झुलस गया। एसडीओ व अन्य कर्मी उसे तुरंत लेकर अस्पताल में पहुंचे, जहां से उसकी मौत हो गई। मामले की सूचना के बाद पुलिस टीम मौके पहुंची और शव को कब्जे में ले लिया। पुलिस ने शाम को शव का पोस्टमार्टम कराया।
इसी बीच शाम को परिजनों ने सामान्य अस्पताल के बाहर महाराणा प्रताप चौक पर जाम लगा दिया। जिस पर निगम के अधिकारियों व पुलिस ने समझाकर शांत किया। पुलिस ने मामले में मृतक के पिता जयपाल के बयान पर पर एसडीओ समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
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ae2af60aa415c66623a0c8578cc64cada2a1ce13 | ( प्रियंका शर्मा, कनेड, शाहपुर )
कहा जाता है, 'यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता'। आज बेटियां हर क्षेत्र में अपनी सक्रिय उपस्थिति दर्ज करवा रही हैं। अंतरिक्ष से लेकर सेना तक में बेटियां सेवाएं दे रही हैं। इसके बावजूद इनकी स्थिति कई मायनों में चिंताजनक बनी हुई है। गिरता लिंगानुपात ऐसी ही एक समस्या है, जो भविष्य के गहरे संकट को दर्शा रही है। हिमाचल की यदि बात की जाए, तो हालात यहां भी संतोषजनक नहीं माने जा सकते। 2001 में जहां लिंगानुपात 957ः1000 था, वह वर्ष 2011 में 906ः1000 पहुंच चुका है। इससे स्थिति की भयावहता का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। इसका कारण भी स्पष्ट है। आज भी कई लोगों की सोच के अनुसार बेटियां बोझ हैं, जबकि बेटे घर की संपत्ति। इस घिनौनी सोच के कारण न जाने कितनी ही निर्दोष कन्याओं को यह संसार देखने ही नहीं दिया जाता। बेशक कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए देश में कई सख्त कानून बने हुए हैं, फिर भी चोरी-छिपे ऐसे अपराध को अंजाम दिया जाता रहा है। समाज को यह मानसिकता अब बदलनी होगी और बेटियों के प्रति जो गलत धारणाएं पैदा हो चुकी हैं, उन्हें जड़ से खत्म करते हुए बेटा-बेटी का फर्क मिटाना होगा। बेटी को भी बेटे की ही तरह उसके हिस्से का सम्मान मिलना चाहिए और तभी एक समृद्ध एवं सुदृढ़ राष्ट्र की नींव डलेगी।
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bc7009146ddedb83c3a1f45ade6092069286f653 | सूत्रों का कहना है कि मौजूदा चीफ जस्टिस आर. एम. लोढ़ा ने एच. एल. दत्तू के नाम वाली फाइल शुक्रवार को सरकार को सौंपी थी. इसके साथ ही पीएम के ऑफिस (PMO) की भी इस पर मुहर लग गई है. PMO की मंजूरी के बाद यह फाइल अब प्रेसीडेंट प्रणब मुखर्जी के पास जायेगी. आपको बता दें कि चीफ जस्टिस लोढ़ा इस महीने की 27 तारीख को रिटायर हो रहे हैं. इसके बाद दत्तू इस पद का कार्यभार संभालेंगे. गौरतलब है कि चीफ जस्टिस बनने के बाद दत्तू का कार्यकाल 1 साल से ज्यादा का होगा, वह दिसंबर 2015 में रिटायर होंगे.
जस्टिस दत्तू ऐसे समय में चीफ जस्टिस की कुर्सी संभालेंगे, जब नरेंद्र मोदी सरकार न्यायाधीशों की नियुक्ति की कोलेजियम सिस्टम को हटाने के लिये नेशनल जुडिशियल अपॉइनमेंट कमीशन लेकर आ रही है. इसके साथ ही बिल संसद के दोनों सदनों में पास हो चुका है, इसमें प्रावधान है कि एक 6 सदस्यीय आयोग न्यायाधीशों की नियुक्ति करेगा, जिसके मुखिया चीफ जस्टिस होंगे. जस्टिस दत्तू ने साल 2008 में बतौर जज SC ज्वॉइन किया था. 13 दिसंबर 1950 को जन्में जस्टिस आर. एल. दत्तू ने साल 2007 में कुछ महीनों के लिये छत्तीसगढ़ HC के मुख्य न्यायाधीश का पद भी संभाल चुके हैं.
सरकार द्वारा बनाये गये इस नये कानून के तहत 6 लोगों का कमीशन होगा, जो जजों के नाम का चयन करेंगे और फिर राष्ट्रपति की मंजूरी से उन्हें जज बनाया जायेगा. इसमें भारत के चीफ जस्टिस, 2 सुप्रीम कोर्ट के जज, कानून मंत्री और 2 अन्य लोग शामिल होंगे. इन दो नामों का चयन हाई पावर कमेटी करेगी.
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de46a66c08c72a8eb0663e79bebe9456087fff7550570c9013933a064d80122a | नही । धनी ज़मीदार पुलाव खाया करता है । वह अपनी किसी दरिद्र प्रजाको बासी भात खाते देखकर सोचता है कि 'इसके दुःखकी कोई सीमा नहीं हैं' - जिस तरह वह भूलता है, उसी तरह तुम भी भूलते हो ।
- श्रीकान्त पर्व २
जैसे लोग ही समाजकी अधिक निन्दा करते फिरने हैं, जो समाज से कोई सम्बन्ध ही नहीं रखते, बल्कि उसकी ओरसे सर्वथा उपेक्षित रहते है । तुम लोग न तो अच्छी तरह पराये समाजको जानते हो और न अच्छी तरह अपने ही समाजको ।
- श्रीकान्त, पर्व २
घरकी मालकिन सब लोगोसे ख़राब खाती-पीती है, कभी-कभी तो नौकरीकी अपेक्षा भी । बहुधा उसे नौकरोसे भी अधिक मेहनत करनी पड़ती है; किन्तु, तुम ( मर्द ) इस दुःखसे व्याकुल होकर रोते हुए मत फिरो; हम लोगोको दासीके समान ही बनी रहने दो, दूसरे देशो-जैसी रानी बना डालने की चेष्टा मत करो ।
श्रीकान्त पर्व २
एकका मर्मान्तक दुःख जब कि दूसरे के लिए उपहासकी वस्तु हो जाता है, तो इससे बढकर, ट्रैजेडी संसारमें और क्या हो सकती है? फिर भी होता यही है । लोक-समाज में रहते हुए भी जिस आदमीने लोकाचारको नही माना - विद्रोह किया है, वह फ़रियाद भी करे तो किससे ? -- श्रीकान्त, पर्व ३
X X अफसोस तो इस बातका है कि मनुष्य, पड़ोसी होकर, अपने दूसरे पडोसीकी जीवन-यात्राका मार्ग, बिना किसी दोपके, इतना दुर्गम और दु.खमय बना दे सकता है, ऐसी हृदयहीन निर्दय वर्बरताका उदाहरण दुनियामे शायद सिर्फ हिन्दू समाजके सिवा और कहीं न मिलेगा ।
- श्रीकान्त, पर्व ३ | pdf |
5abcc1934041e0bd3534c40d3c714ca2529b73b6 | फाइनैंशियल इमर्जेंसी के दौर में पर्सनल लोन एक भरोसेमंद समाधान होता है। इसकी मुख्य वजह यह है कि इसके बदले में कुछ गिरवी रखने की जरूरत नहीं पड़ती और दूसरी बात यह है कि लोन की धनराशि का उपयोग करने को लेकर कोई पाबंदी नहीं है। ये दोनों फीचर किसी पर्सनल लोन को लेना आसान और सुविधाजनक बनाते हैं।
आम तौर पर आपको केवल पर्सनल लोन का इलीजिबिलिटी क्राइटीरिया पूरा करने की आवश्यकता होती है और यह पक्का करना होता है कि आपका सिबिल स्कोर पर्याप्त ऊंचा हो, ताकि पर्सनल लोन की किफायती ब्याज दरों का लाभ मिल सके। कुछ लेंडर आजकल ऐसे-ऐसे पर्सनल लोन की पेशकश करते हैं जो उधार लेने वालों को 24 घंटे जितनी छोटी अवधि में फंड दिला सकते हैं।
दरअसल बजाज फिनसर्व जैसे लेंडरों ने योग्य ग्राहकों के लिए एक इंस्टैंट पर्सनल लोन की पेशकश करके प्रोसेसिंग में लगने वाले इस समय को और भी घटा दिया है। सिर्फ दो क्लिक दबाकर आपको अपनी जरूरत का पैसा जल्द से जल्द मिल सकता है, क्योंकि लोन की राशि केवल 20 मिनट में आपके बैंक खाते में डाल दी जाती है! लोन का तेज डिस्बर्सल होने के अलावा कोई हिडेन चार्ज चुकाए बगैर और कोई डॉक्यूमेंट जमा किए बिना ही लोन की पर्याप्त धनराशि आपके हाथ में आ जाती है। यह 100% डिजिटल प्रोसेस आपको अपने घर बैठे आराम से लोन हासिल करने में सक्षम बनाती है और आपको कहीं बाहर जाने की जरूरत तक नहीं पड़ती।
हालांकि किसी पर्सनल लोन के द्वारा पेश किए गए तमाम फायदों के बावजूद कुछ गलतफहमियां आपको समय पर लोन प्राप्त करने में बाधक बन जाती हैं। अगली बार कैश क्रंच की कोई स्थिति पैदा होने पर आपको ठोस विकल्प चुनने में मदद करने के लिए पर्सनल लोन से जुड़े यहां वे 6 कॉमन मिथ यहां बताए जा रहे हैं, जिन्हें आपको नजरअंदाज करना चाहिएः
हालांकि आपका CIBIL स्कोर एक महत्वपूर्ण फैक्टर होता है, जिस पर लेंडर आपके लोन एप्लीकेशन को रिव्यू करते समय विचार करते हैं, लेकिन एकमात्र यही फैक्टर नहीं होता। कोई डिसीजन लेने से पहले लेंडर आपकी इनकम और रोजगार की स्थिति जैसे अन्य फैक्टर भी देखते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप अपने सिबिल स्कोर पर ध्यान देना छोड़ दें, क्योंकि 750 और उससे अधिक का बढ़िया सिबिल स्कोर आपको पर्सनल लोन की किफायती ब्याज दरें और पर्याप्त लोन की मंजूरी दिलाता है। कुछ लेंडर आपका CIBIL स्कोर कम होने के बावजूद आपको पर्सनल लोन ऑफर करते हैं- लेकिन इसके लिए वे आपको किसी ऊंचे सिबिल स्कोर वाले को-एप्लीकेंट के साथ आवेदन करने को कह सकते हैं।
इस मिथ का हकीकत में कोई आधार नहीं है क्योंकि किसी लोन की मंजूरी देते समय लेंडर आपकी रीपेमेंट कैपेसिटी को रिव्यू करते हैं। इसलिए अगर आपकी इनकम आपके मौजूदा लोन के साथ-साथ किसी नए पर्सनल लोन को भी चुकाने के लिए पर्याप्त है, तो आप बिना किसी परेशानी के नया लोन प्राप्त कर सकते हैं। आमतौर पर लेंडर आपकी रीपेमेंट कैपेसिटी को कैलक्युलेट करते वक्त 40% से कम के डेब्ट टू इनकम रेश्यू को देखते हैं।
उधार लेने वालों के बीच का यह एक और कॉमन मिथ है। हालांकि आप बैंकों से पर्सनल लोन प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन नॉन-बैंकिंग फाइनैंस कंपनीज (एनबीएफसी) भी कंपटीटिव और एफोर्डेबल शर्तों पर पर्सनल लोन ऑफर करती हैं। कुछ मामलों में एनबीएफसी आपके लोन के लिए ज्यादा सरल इलिजिबिलिटी क्राइटीरिया ऑफर कर सकती हैं। अन्य लोग आपको बेहतर सेवा का ऑफर कर सकते हैं। इसलिए इस बात को जांच लें कि क्या आप अपने लेंडर के पर्सनल लोन इलिजिबिलिटी क्राइटीरिया को पूरा करते हैं या नहीं। साथ ही साथ आवेदन करने से पहले पक्के तौर पर कई विकल्पों की तुलना करें।
एक अन्य मिथ जो उधार लेने वालों को कोई पर्सनल लोन लेने से रोकता है, वो यह विश्वास है कि ऐसे लोन केवल वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए ही मंजूर किए जाते हैं। हालांकि रेग्युलर इनकम होने के चलते वेतनभोगियों का लोन जल्द मंजूर हो जाता है, लेकिन सेल्फ-एम्पलॉयड व्यक्ति भी पर्सनल लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं। यदि आप सेल्फ-एम्पलॉयड हैं, फिर चाहे आप कोई प्रोफेशनल व्यक्ति हों या कोई बिजनेस चलाते हों, अपना सिबिल स्कोर ऊंचा रखिए और अपने बिजनेस को खास बनाइए, आपको बड़ी आसानी से पर्सनल लोन मिल जाएगा।
यह मिथ इस फैक्ट से पैदा होता है कि अन्य प्रकार के लोन की तुलना में पर्सनल लोन का रीपेमेंट टेनर कम होता है। इसलिए उधार लेने वालों को लगता है कि वे चुने हुए टेनर के समाप्त होने से पहले पूरा लोन नहीं चुका सकते। हालांकि ऐसी कोई बात नहीं है, क्योंकि पर्सनल लोन को भी फोरक्लोज किया जा सकता है, फिर भी लेंडर इसके लिए कोई मिनिमम टेनर तय कर सकता है। आप लेंडर द्वारा लगाए गए प्रीपेमेंट चार्ज का भुगतान करके लोन को निबटा सकते हैं, जिनका उल्लेख उनके नियमों और शर्तों में किया जाता है।
यह एक ऑउटडेटेड मान्यता है जो आज के समय का सच नहीं है। चूंकि पर्सनल लोन बिना कुछ गिरवी रखे ही डिस्बर्स किए जाते हैं, इसलिए इनकी प्रोसेसिंग में होम लोन जैसे सिक्योर्ड लोन की तुलना में काफी कम समय लगता है। एक ओर जहां कुछ लेंडर पर्सनल लोन एप्लीकेशन को प्रोसेस करने में दो दिन या एक सप्ताह का समय लगा देते हैं, वहीं बजाज फिनसर्व जैसे लेंडर ने इस अवधि को एक दिन या कुछ मिनटों में ही समेट दिया है। उदाहरण के लिए जब आप किसी प्री-एप्रूव्ड ऑफर का उपयोग करके बजाज फिनसर्व पर्सनल लोन प्राप्त करते हैं, तो इसकी 100% डिजिटल प्रोसेस केवल 20 मिनट के अंदर आपके बैंक खाते में लोन की राशि मिल जाना सुनिश्चित करती है। एक नए ग्राहक के रूप में आप आवेदन करने के केवल 24 घंटों में ही लोन की राशि पा सकते हैं!
यह क्विक प्रोसेसिंग टाइम पर्सनल लोन को तत्कालिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने का एक आदर्श समाधान बनाता है।
पर्सनल लोन से जुड़े इन मिथों को आप जितनी जल्दी नजरअंदाज करेंगे, उतनी जल्दी आपको अपनी विभिन्न जरूरतों को पूरा करने के लिए धन मिलने में आसानी होगी। इसके अलावा बजाज फिनसर्व का इंस्टैंट पर्सनल लोन चुनने पर आपको धनराशि तुरंत मिलेगी। आपकी पर्सनल लोन इलिजिबिलिटी पहले ही तय हो जाने तथा आपके बेसिक डिल्टेल पहले से ही भरे होने के चलते आपको बस इतना करना है कि अपनी जरूरत का लोन पाने के लिए एक सिम्पल 2-क्लिक प्रोसेस को पूरा करना है।
अपनी इलिजिबिलिटी देखने के लिए आप अपने प्री-एप्रूव्ड ऑफर की जांच करें और अपने लिए तैयार रखे गए पर्सनलाइज्ड लोन का लाभ उठाएं।
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96701e79c38dc9a23cea4af9bb15d4f21f4e571f | 27 सितंबर को कोरोना टीकाकरण का चौथा महा अभियान चलाया जाएगा। प्रशासन चाहता है कि सोमवार को होने वाले इस महाअभियान में पहला डोज शत प्रतिशत हो जाए। जिले में अभी 2. 35 लाख लोगों को पहला डोज लगना बाकी है। जबकि 6. 20 लाख लोगों को दूसरा डोज लगाया जा चुका है। जिले में कुल 16 लाख 21 हजार 401 व्यक्तियों को फर्स्ट एवं सेकंड दोनों डोज लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
कलेक्टर आशीषसिंह ने शनिवार को प्रशासनिक अधिकारियों की मीटिंग में कहा कि सोमवार को होने वाले महाअभियान में जिले के शत प्रतिशत लोगों को पहला डोज लग जाना चाहिए। उन्होंने इस संबंध में शनिवार को जिले के सभी एसडीएम के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग भी की।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ अंकिता धाकरे, नगर निगम अपर आयुक्त मनोज पाठक, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. केसी परमार सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
टारगेट पूरा करने के लिए प्रशासन ने मंदिरों, बस स्टैंड और शॉपिंग मॉल में भी वैक्सीनेशन के इंतजाम किए हैं। लेकिन इन जगहों पर बाहर से आने वाले यात्री व श्रद्धालु भी रहते हैं, ऐसे में यह चिन्हित करना चुनौती है कि जिन्हें इन जगहों पर वैक्सीन लग रहा है, वे जिले के ही हैं।
जिले में 45 से अधिक उम्र के व्यक्तियों में टीकाकरण के लिए उत्साह ज्यादा है। इस आयु वर्ग के 4 लाख 90 हजार 644 व्यक्तियों ने कोरोना टीके का फर्स्ट डोज ले लिया है। इसी तरह 18 वर्ष से 44 वर्ष की आयु वर्ग के कुल 8 लाख 44 हजार 217 लोगों ने फर्स्ट डोज का टीका लगवा लिया है।
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1168bedc833c79ab04f910eff1ba530735b4e8df | जीएम फैबियानो कारुआना में राउंड तीन का एकमात्र विजेता था सुपरबेट क्लासिक रोमानिया 2023जीएम को ध्वस्त करना मैक्सिम वाचियर-लाग्रेवरैडिकल 3. h4 के साथ 'एस किंग्स इंडियन डिफेन्स' - शास्त्रीय उद्घाटन सिद्धांतों को हवा में उछालना। वह जीएम में शामिल हो गया इयान नेपोमनियात्चीजीएम रिचर्ड रैपर्टऔर जीएम वेस्ले सो लीड के चार-तरफ़ा हिस्से में।
ग्रैंड शतरंज टूर का पहला चरण मंगलवार, 9 मई को सुबह 5:00 बजे प्रशांत/14:00 सीईएसटी से शुरू होकर चौथे दौर के साथ जारी रहेगा।
सभी की निगाहें नेपोमनियात्ची बनाम डिंग पर थीं, जो उनके रोमांचक, कड़े मुकाबले वाले विश्व चैंपियनशिप मैच के तुरंत बाद फिर से एक-दूसरे का सामना कर रहे थे। डिंग की हालिया सफलता के बावजूद, नेपोमनियाचची के पास अभी भी छह जीत बनाम पांच हार के साथ 16 ड्रॉ के साथ अपने शास्त्रीय सिर-से-सिर में थोड़ी सी बढ़त है।
प्रतिशोध की उनकी उम्मीदों से परे, परिणाम में नेपोमनियाचची की एक और व्यक्तिगत हिस्सेदारी थीः खेल में प्रवेश करते हुए उनकी लाइव रेटिंग 2797―इंच दूर थी, जो 2800 से अधिक दुनिया के एकमात्र अन्य खिलाड़ी के रूप में कार्लसन में शामिल होने से थी। अपनी असफलताओं के बावजूद, उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह सर्वश्रेष्ठ बनने की अपनी आकांक्षा को नहीं छोड़ेंगे।
क्वीन्स गैम्बिट डिक्लाइन्ड में (अस्ताना में नेपोमनियाचची की 1. e4 की प्रमुख पसंद से एक आश्चर्यजनक स्विच), विश्व चैंपियन ने अप्रत्याशित 6...Bf5 खेला, जो मूल रूप से उनके मैच के लिए तैयार किया गया था। F6 पर एक प्रारंभिक रानी व्यापार ने डिंग को दोगुने, पृथक f-प्यादों के साथ छोड़ दिया। नेपोमनियाचची ने डिंग की स्थिति के कमजोर बिंदुओं पर दबाव डाला, लेकिन डिंग ने जवाबी कार्रवाई करते हुए बचाव को संतुलित करते हुए संसाधनपूर्ण तरीके से जवाब दिया। खेल शुरू से अंत तक एक आकर्षक लड़ाई थी जो राजा बनाम राजा के साथ समाप्त हुई।
जीएम रिचर्ड रैपर्ट तैयार जीएम अलिर्ज़ा फ़िरोज़ादुर्लभ 8...Bf5 के साथ आसानी से पेट्रॉफ़ में व्हाइट के लाभ को निष्प्रभावी कर दिया।
हालांकि फिरोजा ने विपरीत दिशा में कास्ट किया और किंगसाइड पर आक्रामक इरादों के साथ अपने एच-प्यादे को आगे बढ़ाया, बड़े पैमाने पर आदान-प्रदान हुआ जब सभी बदमाशों को खुली ई-फाइल पर कारोबार किया गया और रैपोर्ट की रानी ने व्हाइट की क्वीनसाइड में प्रवेश किया। खिलाड़ी एक समान रंग के बिशप के अंत तक पहुंचे और जल्द ही आकर्षित हुए।
वह सब कुछ खेलता है, इसलिए उसके खिलाफ तैयारी करना नामुमकिन है। वह सहीं मे अद्भुत है।
कारुआना और वाचिएर-लाग्रेव दो खिलाड़ी हैं जो एक दूसरे को अच्छी तरह से जानते हैं और उनके बीच शास्त्रीय खेलों का एक लंबा इतिहास रहा है। कारुआना ने 25 ड्रॉ के साथ 9-5 से जीत को लगभग दोगुना कर दिया है।
कारूआना ने उद्यमी 3. h4 बनाम वाचियर-लाग्रेव के किंग्स इंडियन डिफेंस को चुना-बिना किसी विकसित गोटियों के अपने फ्लैंक मोहरे को आगे बढ़ाया। टीकाकार जीएम यासिर सेरावान इस दृष्टिकोण को विस्मय के साथ देखते हैंः
"जब मैंने शतरंज खेलना शुरू किया, तो मेरी शुरुआती चाल h4 और Rh3 और a4 और Ra3 थी। जब मेरे विरोधियों ने मेरे बदमाशों पर कब्जा करना शुरू किया, आप जानते हैं, मुझे अपनी रणनीति बदलनी पड़ी।
बाद में, जब मैं 1200 का खिलाड़ी बन गया, तो h4 चाल की पूरी तरह से निंदा की गई। आप बस h4 नहीं खेल सके।
सौभाग्य से, इस तरह के खेलों का मतलब यह नहीं है कि अन्य सभी शतरंज खिलाड़ियों को वह सब कुछ बाहर फेंक देना चाहिए जो उन्होंने सोचा था कि वे खेल के बारे में जानते हैं और आत्मविश्वास के साथ उद्घाटन में अपने राजा के प्यादों को आगे बढ़ाना शुरू करते हैं।
मेरी अच्छाई, यह एक शुरुआती चाल है। यह नौसिखियों की चाल क्यों नहीं है?
बहुत शीर्ष खिलाड़ी नए विचारों के लिए बॉक्स के बाहर खोज करते हैं क्योंकि उनके सभी विरोधी मानक विकासशील चालों और योजनाओं के लिए बहुत अच्छी तरह से तैयार हैं। दोनों पक्षों को इस बात की इतनी मजबूत समझ है कि "बॉक्स के अंदर" खेलने का क्या मतलब है - एक उद्घाटन में सभी मूल सिद्धांत और मुख्य योजनाएँ - कि वे जानते हैं कि वे कहाँ कुछ असामान्य परीक्षण कर सकते हैं।
यह रचनात्मकता का आधार हैः एक नए विचार के साथ समझ की एक मजबूत नींव पर निर्माण करना।
कारुआना के अपरंपरागत दृष्टिकोण ने भुगतान किया। अपने प्रतिद्वंद्वी के बोल्ड किंगसाइड एडवांस से प्रेरित होकर, वाचियर-लाग्रेव ने क्वीन्ससाइड पर बेनको-शैली के प्यादा बलिदान के साथ मुकाबला किया और फिर अपने शूरवीरों को व्हाइट के दिल में छलांग लगाने के लिए अपने ई- और डी-प्यादे दोनों के केंद्र का आधार छोड़ दिया। पद। अमेरिकी ग्रैंडमास्टर ने उत्सुकता से सभी सामग्री को हटा दिया, अपने प्रतिद्वंद्वी के साहसी शूरवीरों को चकमा दिया, और डी5 और ई5 पर प्यादों के साथ एक अजेय केंद्र बनाया, जिसके कारण वाचियर-लाग्रेव ने 23 चाल पर सफेद झंडा फहराया।
जीएम द्वारा विश्लेषण किए गए विचारों की यह गतिशील लड़ाई हमारा गेम ऑफ द डे है राफेल लीताओ.
पहले टाई में शामिल होने के साथ, इस जीत ने कारुआना को लाइव रैंकिंग में साथी प्रतियोगी जीएम से एक स्थान आगे कर दिया। अनीश गिरी.
रोसोलिमो सिसिलियन में, जीएम जन-क्रिज़्सटॉफ़ डूडा जीएम बनाम स्पष्ट बढ़त हासिल की बोगडान-डैनियल डीक. एक चतुर सामरिक विचार द्वारा समर्थित, डूडा ने अपने प्रतिद्वंद्वी को एक अलग डी-प्यादा लेने के लिए मजबूर किया। क्या आप व्हाइट की प्रतिक्रिया को देख सकते हैं यदि डीक ने अपनी रानी के बजाय मोहरे के साथ ई 4 पर कब्जा करके अलग-थलग प्यादे से परहेज किया हो?
मिडलगेम के माध्यम से अंत में, डूडा ने जमे हुए पृथक मोहरे को अपने अधिक आराम से रखे हुए टुकड़ों के साथ दबाया। आखिरकार, डीक ने अपने बदमाश को दूसरी रैंक पर सक्रिय करने के लिए मोहरे को छोड़ दिया। एक अतिरिक्त मोहरे के साथ समय पर नियंत्रण करते हुए, डूडा ने क्षितिज पर जीत का मौका देखा और उस क्षण 41 की चाल में, उसने एक गलत चाल चली जिससे उसका फायदा हाथ से निकल गया। निष्क्रिय 41. Ndc1 के साथ b3 पर अपने अतिरिक्त मोहरे का बचाव करने के लिए, व्हाइट ने काले बदमाश को अपनी क्षमता को कम करते हुए, राहगीर के पीछे जाने दिया।
जीएम वेस्ले सो बनाम जीएम अनीश गिरी बर्लिन रक्षा में एक सूक्ष्म और संतुलित द्वंद्व था जो 56 चालों के बाद समाप्त होने वाले विपरीत रंग के बिशप में समाप्त हुआ।
रोमांचक मुकाबले राउंड 4 में आगे हैं जब सभी नेता आमने-सामने होंगे। कारुआना को लगातार दूसरी बार पहली चाल का फायदा होगा, इस बार बनाम नेपोमनियाचची। इसके अलावा, रैपॉर्ट के पास अपनी रचनात्मकता को सफेद मोहरों बनाम सो के साथ बहने देने का मौका है।
हालांकि दो सबसे कम उम्र के प्रतियोगियों, फ़िरोज़ा और डीक ने एक कठिन शुरुआत की है, उनका आगामी मैचअप एक को जहाज को सही करने का अवसर देता है जबकि दूसरे को समुद्र में और भी खो देता है।
पिछला कवरेजः
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ee89930ba1fe3918bd8412836fb5d9e66e8d6301 | बंदउँ गुरु पद कंज कृपा सिंधु नररूप हरि।
महामोह तम पुंज जासु बचन रबिकर निकर।।
इन श्लोको के साथ गुरु जी ने उपदेश शुरू किया।
सारे शिष्य हाथ जोड़े गुरु के चरणों को स्पर्श किया।
"आज का उपदेश मे हम अर्जुन के उस कथन को लेंगे जिसमे वो पूछते है - हे कृष्ण आप एक तरफ कहते हो हम कुछ नही करते, जो भी होता है वो सब पहले से सुनिश्चित है, हमारा उसमे कोई हाथ नही है, और दूसरी तरफ कहते हो हमारा धर्म लड़ना ही है। ये दो बिपरित बाते क्यों? ये मुझे बिस्तार से समझाये।"गुरू जी बोले।
"इस संदर्भ मे भगवान कृष्ण ने अर्जुन को समझाते हुए कहा - हे पार्थ, मेरे कहने का अर्थ कोई द्वंद पैदा करना नही है,बल्कि ये समझना है कि हम चाहे कुछ भी करे कर्म से अपना नाता नही तोड़ सकते। जैसे नाक का काम स्वास लेना, कान का काम सुनना है, जिव्हा का काम चखना है, इसमे से कोई भी अपना धर्म छोड़ दे तो शरीर ठीक से काम नही होगा, वैसे ही तुम जिस कर्म के लिए आए हो वो करना ही पड़ेगा, वैसे तो सब मै ही करता हूं, फिर भी तुम जब आये हो तो तुम्हे ही करना पड़ेगा।"गुरू जी ने बोल रहे थे।
सारे ध्यान मग्न होकर सुन रहे थे, पर उन सबमे कोई था जो अपने ही दुनिया मे ध्यान मग्न है। गुरुजी ये सब देख कर मंद मंद मुस्करा रहे है, पर उनने उस समय टोकन उचित नही समझा, उन्होनें उसके डुबकी लगा के बाहर किनारे तक आने का इंतजार किया। बीच मे टोकने का मतलब वो डूब सकता है। डुबकी जब लगायेगा तभी मोती भी पा सकेगा।
एक घंटे बाद जब उपदेश खतम हो गया,सब उठकर जाने के लिए गुरु जी से आदेश लेने लगे, चरण स्पर्श कर के एक एक कर के निकलने लगे।
वो अभी भी बैठा हुआ है,सब चले गए पर वो अभी भी ध्यान से निकल नही है।
" बेटा चुन्नी, आज का उपदेश खतम हो गया है, क्या तुम्हे अभी भी कुछ पूछना है आज के उपदेश के संदर्भ मे।" गुरु जी अपना फिर से पलाथी लगाते हुए बोले।
चुन्नी एक दम से जागा।
"क्षमा गुरुवर, आज मेरा ध्यान यहाँ पर बिल्कुल नही था। मेरी हालत भी महाभारत वाले अर्जुन सी हो गई है। आत्मा बोलता सब मोह माया है, मन बोलता तुम्हे यहाँ से भागने नही देंगे।"
"गुरुजी मेरा मार्ग दर्शन करे।"
"मुझे ये संसार बिल्कुल निर्थर्थक लगता, मन बिल्कुल नही लगता, मै संयास ग्रहण करना चाहता हूँ।"चुन्नी सकुचाते हुए बोला।
हँसते हुए। गुरू जी।
"मै तुम्हारी मनोदशा समझ रहा हूँ। मै भी कभी इस दशा से गुजर चुका हूँ। मुझे जो दिख रहा वो तुम्हे नही दिख रहा।वत्स, तुम भयंकर परिणाम से डर रहे हो। तुम्हे क्या लग रहा तुम ये संसार त्याग कर इससे बच जाओगे। नही, हर कदम पर के नया संसार है।संयास संसार छोड़ने से मिल जाता तो भगवान राम और कृष्ण कभी संयासी नही कहलाते।"
"पर गुरू जी।" चुन्नी बोलते बोलते रुक गया।
" ये पर के चक्कर मे नही पड़ो, यही तुम्हे भटका रहा।मार्ग बिल्कुल साफ है,भगवान ने भी गीता मे कहा है कि जो संसार मे रहते हुए अपने परिवार का ख्याल रखते हुए, ये मानकर की ये मेरा धर्म है, बिना लिप्त हुए आगे बढ़ते है, मेरी नजर मे वही सबसे बड़े संयासी है।"गुरू जी ने चुन्नी के अधूरे सवाल का पूरा जवाब दिया।
"गुरुवर कोटि कोटि नमन आपका, मेरे मार्ग को सुगम बना दिया आपने।मेरी मन मे जो बादल छाए थे वो अब छट रहे है।"
"गुरू वर आप मुझे आशीर्वाद दे कि मेरे मन मे कभी दुविधा का बादल नही छाए। मै आपकी आज्ञा का पालन करूँगा।" चुन्नी गुरु जी के चरण छूते हुए बोला।
"मेरे आशीर्वाद हमेशा तुम्हारे साथ है वत्स। तुम मेरे बेटे जैसे ही हो। तुम मेरे शब्दज पुत्र हो, शब्दज मतलब वो पुत्र जो शब्द से बनते है। तुम मेरे शब्द से बने हुए मेरे ही अंश हो।" गुरू जी भावुक होते हुए बोले।
दोनो भाव बिभोर हो गए।
कुछ पल के लिए समय जैसे थम गया। दोनो एक दूसरे के आँखो मे खो गए है। आँखो से अश्रु की धारा ऐसे फुट पड़ी जैसे नदी और समुद्र एक दूसरे से मिल रहे हो। जिसने भी वो पल देखा वो भी भाव मे बहता गया।
थोड़ी देर बाद दोनो प्रेम के सागर से बाहर निकले।
फिर चुन्नी ने गुरु जी के चरण और जोर से पकड़ लिए।
"पुत्र उठो, तुम प्रेम और भक्ति के चरम हो। तुम अपने सारे काम मे सफल होगे ये मेरा आशीर्वाद है। " गुरु जी चुन्नी को उठाते हुए बोले।
"गुरु वर मै कल सुबह पांच बजे की ट्रेन से निकल जाऊंगा।चार दिन बाद मेरे कॉलेज शुरू हो जायेंगे।
मद्रास मे दाखिल मिला है।"
"मुझे आज्ञा दीजिये और अपना आशीष प्रदान कीजिये जिससे मै अपने धर्म को अच्छे से निभा पाऊँ। " प्रणाम करते हुए चुन्नी उठने लगा।
"सदा खुश रहो।"
गुरू जी अपने पास रखे किताबों के गट्ठर से दो किताबे निकाल कर देते हुए बोला।
"ये मेरा प्रसाद समझकर रखो। जभी भी वक़्त मिले इन्हे आत्मसात करना। " गेरू जी ने किताबे चुन्नी को देते हुए बोला।
चुन्नी किताबों को लेकर आँखो से लगा लिया और प्रणाम कर के अपने थैले मे रख दिया।
"गुरु आज्ञा दे। अगली मुलाकात जब आपका आदेश होगा कभी हो पायेगा। " चुन्नी लाल ने हाथ जोड़कर आज्ञा ली।
"मंगलमय हो। " गुरू जी ने दोनो हाथ उपर उठा लिया।
चुन्नी वहाँ से निकल गया।
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c76d96d483dc93da3e4e8804a7b2e8ca70850449 | दिल्ली MCD चुनाव के बाद अब "आम आदमी पार्टी"(आप) मेयर के चयन में जुट चुकी है। वहीं बीजेपी पहले हार के बावजूद दिल्ली में अपना मेयर बनाने की बात कर रही थी मगर शुक्रवार को बीजेपी ने साफ कर दिया कि वह मेयर के रेस में नहीं है बल्कि मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएगी।
मेयर के रेस में आखिरकार बीजेपी ने अपनी हार मान ली है। पार्टी ने कहा है कि जनता ने जो दायित्व उसे दिया है वह उसे पूरा करेगी। वह मजबूत विपक्ष की भूमिका अदा करेगी। पहले बीजेपी हार के बावजूद दिल्ली में अपना मेयर बनाने की बात कर रही थी। पार्टी ने पहले से ज्यादा मत परसेंटेज के लिए दिल्ली को लोगों को धन्यवाद दिया।
जीत के बाद आम आदमी पार्टी अब मेयर के चयन में लग गई है। पार्टी का कहना है कि जिस दिन मेयर के चयन का नोटिफिकेशन होगा उस दिन आम आदमी पार्टी का मेयर चुन लिया जाएगा। पार्टी ने दिल्ली को बेहतर बनाने के लिए काम करना शुरू कर दिया है। पार्टी ने कहा कि बीजेपी ने आम आदमी पार्टी को तोड़ने की कोशिश की मगर नाकाम होने पर मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने की बात की।
इस बार दिल्ली नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी को 250 में से 134 सीट मिली है जबकी बीजेपी को 104 वहीं शुक्रवार को कांग्रेस का एक पार्षद आम आदमी पार्टी में शामिल हो गया। इससे उसकी संख्या 135 हो गई है। कांग्रेस पार्षदों की संख्या 9 से 8 हो गई है और 3 निर्दलीय हैं। 2017 में बीजेपी को 36. 09 प्रतिशत मत मिले थे जबकी 2022 में यह बढ़ कर 39. 09 हो गया है।
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0c56cbf1eaf35d5562f3ef68e3463c65ef6a5a2d | Sex In Lockdown in Germany: साल 2020 की शुरुआत से ही कोरोना वायरस (Coronavirus) का दंश लगभग पूरी दुनिया झेल रही है. इस महामारी (Pandemic) के प्रकोप का लोगों के जीवन पर बहुत असर पड़ा है. कोविड-19 (COVID-19) ने लोगों की सेक्स लाइफ (Sex Life) को भी काफी हद तक प्रभावित किया है. इस वायरस के खिलाफ जारी लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से एक ओर जहां कई कपल्स एक-दूसरे से अलग रहने को मजबूर हैं तो वहीं साथ रहने वाले कपल्स के लिए लॉकडाउन काफी मददगार भी साबित हुआ है. हाल ही में हुए एक सर्वे से पता चला है कि कोरोना वायरस महामारी के बावजूद जर्मनी में रहने वाले अधिकांश लोगों की सेक्स लाइफ पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. नूरेमबर्ग (Nuremberg) स्थित अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ता अनुसंधान एजेंसी (International Consumer Research Agency ) GfK ने डेटिंग पोर्टल Secret. de के लिए एक सर्वेक्षण कराया, जिसमें शामिल 1,000 लोगों में से करीब 87 फीसदी ने यह स्वीकार किया है कि कोरोना संकट की वजह से उनकी सेक्स लाइफ पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. इस सर्वेक्षण में शामिल करीब 60 फीसदी कपल्स ने माना है कि लॉकडाउन उन्हें एक-दूसरे के करीब लाने में मददगार साबित हुआ है.
करीब एक चौथाई लोगों ने यह माना कि लॉकडाउन के दौरान वे ऑनलाइन रोमांटिक हो गए और फ्लर्टिंग के लिए सोशल मीडिया व फोन का इस्तेमाल किया. हाल ही में जर्मनी स्थित कंडोम निर्माताओं ने खुलासा किया है कि उनके उपभोक्ता मार्च में टॉयलेट पेपर और नूडल्स के साथ कंडोम का स्टॉक खरीद रहे थे. बहरहाल, जर्मनी के लिए लोगों के लिए एक ओर जहां लॉकडाउन सेक्स लाइफ को बेहतर बनाने और कपल्स को करीब लाने में मददगार रहा है तो वहीं कई कपल्स की सेक्स लाइफ नकारात्मक रूप से प्रभावित भी हुई है.
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395b1078f2b1fc3173a0dcfd25aedfba23db335760dd0107968ad17f899d429a | " समझौते का भली प्रकार अध्ययन कीजिये । वह परिचारक, जो अपने समझौते की शता को अच्छी तरह नहीं जानता, कुतुबनुमाविहीन नाविक की भाँति है। अधिकतर शिकायते समझौते की शर्तों के भग होने से ही उत्पन्न होती हैं ।
"अपने विभाग पर एक सरसरी दृष्टि डालते रहिये । आपको जानना चाहिये कि विभाग से क्या काम हो रहे हैं, उसमे मशीने कैसो हैं तथा उन पर वेतन की दरे क्या हैं ।
"सहायता की प्रत्येक प्रार्थना पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाना चाहिये । परन्तु आपको अपने किसी साथी कर्मचारी की सही शिकायत, जिसे नित्रटाने के लिये आप श्रमनायक से कह सकते हैं तथा किसी ऐसी शिकायत के भेद को जानना चाहिये, जिसके लिये कम्पनी जिम्मेदार नहीं है ।
"यदि आपको यह विश्वास हो जाय कि शिकायत कोई शिकायत है ही नहीं तो उसको आगे न बढाइये । समझौते की व्याख्या करने मे किसी व्यक्तिगत मतभेद या गलती के कारण उत्पन्न कोई शिकायत सही शिकायत नहीं है ।
"श्रमनायक से मिलने के पहले ठहरिये और विचार कीजिये । अपने मन से प्रश्न कीजिये कि (१) क्या मुझे मजदूर से सभी तथ्य प्राप्त हो गये हैं से (२) मुझे भी जानकारियाँ प्राप्त हो चुकी हैं ? (३) क्या मैने समझौते की पुन. जॉच कर ली है ? (५) क्या मैने सम्बन्धित मजदूर को मामला समझा दिया है ? मस्तिष्क इस समय कैसा है ? शान्त, ठण्डा तथा स्थिर है ? तब आप श्रमनायक से मिलने के लिये तैयार हैं। जब किसी शिकायत की पैरवी करते हैं तो आप श्रमनायक से कृपा की भीख नहीं माँग रहे हैं । झुकने तथा गिड़गिड़ाने की कोई आवश्यकता नहीं । इसके विपरीत, यह भी याद रखिये कि यदि आप लाठी लेकर श्रमनायक से बात करने जाते हैं, तो आपको उससे बहुत सहयोग नहीं मिल सकता ।
"यदि श्रमनायक शिकायतों का विनिमय करना चाहे तात्पर्य यह कि यदि वह यह कहे कि आप उसकी कोई शिकायत मान लीजिये, तो वह आपकी मान लेगा तो आप इसे इनकार कर दीजिये । शिकायतों का विनियम करना सम्बन्धित मजदूरों के प्रति अन्याय है। प्रत्येक शिकायत को मामले के औचित्य, अनौचित्य पर ही तय कीजिये ।
'श्रमनायक जब आपको पागल बना दे, तत्र अपने क्रोध को शान्त रखने का प्रयत्न कीजिये । क्रोध से पागल होने पर कढाचित् ही कोई सही बात सोच
सकें । | pdf |
03867664a16cb155113cf66d6d7668257fe3f986 | बीते कुछ दिनों से राहत में गिरता हुआ तापमान और गुलाबी सर्दी लोगों को राहत दे रही थी लेकिन दिन की गर्मी और उमस लोगों को जमकर परेशान भी कर रही थी लेकिन अक्टूबर का महीना समाप्त होने से पहले ही अब दिन के तापमान में गिरावट के साथ लोगों को दिन में मामूली राहत मिलना प्रारम्भ हो गया है।
बीते 24 घंटों प्रदेश के अधिकांश जिलों में दिन के तापमान में करीब 1 से 2 डिग्री तक गिरावट दर्ज की गई तो वहीं इस सीजन में पहली बार सवाई माधोपुर में दिन का तापमान 30 डिग्री से नीचे पहुंचते हुए 29. 3 डिग्री दर्ज किया गया। साथ ही रात के तापमान में गिरावट के साथ ही लोगों को अब रात में मामूली सर्दी का अहसास होने लगा है। प्रदेश में बीते 24 घंटों में दिन और रात के तापमान में गिरावट के साथ ही मामूली राहत मिली है। बीती रात 10. 9 डिग्री के साथ चित्तौड़गढ़ में जहां सबसे कम तापमान दर्ज किय गया तो वहीं 11 जिलों में रात का तापमान 15 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया। इसके साथ ही करीब आधा दर्जन जिलों में रात का तापमान 13 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया। रात के साथ ही दिन के तापमान में भी गिरावट होने से लोगों को गर्मी से राहत मिली हालांकि अभी भी करीब दर्जनभर जिलों में दिन का तापमान 34 डिग्री के पार दर्ज किया जा रहा है।
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5c607103364e1cac310cfeacc56eb37e847e99e0 | मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar News)महामना मालवीय इंटर कॉलेज मु. नगर के प्रांगण में ग्रीष्मकालीन कला कार्यशाला के अंतर्गत क्रॉफ्टर मानसी नामदेव के द्वारा छात्र कलाकारों को क्राफ्ट कार्य का डेमोंसट्रेशन दिया गया।
जिसमें आपने बच्चों को वेस्टमैट्रियल के द्वारा फूलदान एवं कलर पेपर के द्वारा विभिन्न प्रकार के फूलों को बनाकर दिखाया तथा सुंदर- सुंदर पेपर मेसी के फ्लावर पोट, वॉल हैंगर कडिल आदि बनाकर भी दिखाए गए। मुजफ्फरनगर जिले में आप क्राफ्टर के रूप में मशहूर हैं।
इस अवसर पर वरेर्णा, कनिष्का नित्य राधिका सैनी हंस धीमान, वर्णन्या मेधावी वंशिका प्रत्यूष सिंह सार्थक अरोरा अंशिका वर्मा नसरा अक्षिता आयुषी सपना कल्याणी प्रीति धीमान योगेश श्रुति ज्योति आर्य अंशुल वंदिता मित्तल पूनम कुमारी शिवानी सृष्टि ऐश्वर्या एवं मोहम्मद शाहिद हसन आदि उपस्थित रहे।
सभी बच्चों ने उत्साह पूर्वक क्राफ्ट कार्य को सीखा। कार्यशाला के संयोजक डॉश अनिल सैनी ने बताया कि कल प्रसिद्ध मूर्तिकार सोनिया सैनी मूर्तिकला के अंतर्गत रेत का मोल्ड बनाकर मूर्ति की ढलाई के कार्य का प्रशिक्षण देंगी। जो बहुत ही अद्भुत एवं अनोखी तकनीक है।
कॉलेज के प्रवक्ता डॉ रंजन सिंह पुंडीर द्वारा शिविर में उपस्थित नन्हे-मुन्ने कलाकारों को भीषण गर्मी से निजात पाने के लिए ठंडे शरबत का वितरण भी कराया। शिविर में मीडिया प्रभारी डॉ राजबल सैनी, पुनीत राठी,सुनील कुमार, प्रिया सैनी, अर्जुन पाल, मनोज कुमार,एवं संदीप आदि का सहयोग रहा।
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852d2883eadbefbd2aaa47e17d31ec823ddccaa1 | Gopalganj : जिले की पुलिस ने इंटरस्टेट गिरोह के मास्टरमाइंड समेत तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है. इन अपराधियों के पास से एक पिस्टल, तीन जिंदा कारतूस, ज्वेलरी और ₹5000 नगद बरामद किया गया है. एसपी की ओर से गठित एसटीएफ ने उचकागांव थाना क्षेत्र के भुअला गांव के पास मंगलवर को इनकी गिरफ्तारी की है. पकड़े गये अपराधियों की पहचान मीरगंज थाना क्षेत्र के सबेया के रहनेवाले सर्फुद्दीन नट का पुत्र कुख्यात सद्दाम नट, इसी थाने के पेउली गांव के दारोगा मियां का पुत्र मंजूर आलम तथा निजामुद्दीन अली का पुत्र मो. मुस्ताक अली के रूप में हुई है.
एसआइटी की छापामारी के दौरान अपराधियों ने पुलिस टीम पर फायरिंग भी की है. गोपालगंज के एसपी आनंद कुमार ने कार्रवाई की जानकारी देते हुए बताया कि गिरफ्तार बदमाश लूट, रंगदारी, डकैती समेत 20 से अधिक अपराधिक घटनाओं में संलिप्त हैं.
इनके खिलाफ सीवान और गोपालगंज के विभिन्न थानों में अपराधिक मामले दर्ज हैं. पुलिस ने बताया कि तीन अंतरराज्यीय अपराधी उचकागांव थाना क्षेत्र के जमसड़ हाता एवं भुअला गांव के बीच सुनसान स्थान पर डकैती की योजना बना रहे थे.
छापेमारी के दौरान अपराधियों ने पुलिस को देखते ही गोली चलानी शुरू कर दी. जिसमें पुलिस बाल-बाल बच गयी. हालांकि पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए तीनों अपराधियों को मौके पर दबोच लिया.
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4c8402cb3bcda2e869f82d89e7e1af87e579e396 | आधुनिक लोगों ने छोड़ना शुरू कियाचश्मा का उपयोग, उन्हें संपर्क लेंस के साथ जगह एक असामान्य और उज्ज्वल छाया की आंखें किसी के ध्यान को आकर्षित करती हैं यह इस कारण से है कि हम में से कुछ समय के लिए कम से कम, लेकिन अपनी प्राकृतिक छाया बदलने की कोशिश करें। एड्रिया रंग के रूप में इस तरह के लेंस, इस मामले में प्रभावी रूप से मदद करते हैं, जिससे आपको हल्की छाया को अंधेरे में बदलने की अनुमति मिलती है, और इसके विपरीत।
Adria रंगीन लेंस बहुत नरम हैं, उनके लिएएक विशेष हाइड्रोगेल का उपयोग किया जाता है उन्हें हर 3 महीनों में बदला जाना चाहिए उत्पादन के लिए, नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है - हाई डेफिनेशन। कई परतों द्वारा एक विशेष रंग बनाने की प्रक्रिया में, आंखों के कॉर्निया रंजक के संपर्क में नहीं आते हैं यह आपको संभावित एलर्जी की प्रतिक्रिया को रोकने और रोके जाने की अनुमति देता है। विशेष विनिर्माण प्रौद्योगिकी प्रत्येक उत्पाद की अच्छी दृष्टि और उच्च गुणवत्ता की गारंटी देता है।
लेंस हर दिन उपयोग किया जाता है, आधार त्रिज्या 8.6 मिमी है, और व्यास 14.2 है। तरल सामग्री के लिए, यह 38% है पैकेज में, उपयोगकर्ता को दो लेंस की पेशकश की जाती है।
आज तक, निर्माता ऑफर करता हैनीलमणि और शहद, नीलम और अखरोट, फ़िरोज़ा जैसे रंग कोई फर्क नहीं पड़ता कि उपयोगकर्ता के पास क्या आंख का रंग है, हर कोई ऐड्रिया रंग लेंस बदल सकता है। नियमित ग्राहकों से प्रतिक्रिया की पुष्टि की है।
Adria रंग लेंस के लिए धन्यवाद, उपयोगकर्ताकिसी भी प्रकाश में अच्छी दृष्टि प्राप्त करने के लिए गारंटी यदि आप उनकी देखभाल ठीक से करते हैं, तो हर तिमाही में बदलाव करते हैं और देखभाल के लिए एक बहुउद्देश्यीय समाधान का उपयोग करते हैं। इस प्रकार, आँख स्वस्थ और सुंदर हो जाएंगे, और आसपास के लोग अपने नए आकर्षक रंगों से आश्चर्यचकित होंगे और आकर्षक होंगे।
निर्माता ने यह सुनिश्चित कर लिया है किउपयोगकर्ता का विकल्प था यह रंग के बारे में है लेंस ऐड्रिया रंग की कोई भी श्रृंखला आंखों की प्राकृतिक छाया पूरी तरह बदल देती है, उन्हें चमक देती है, और देखो सबसे अभिव्यंजक बनाता है।
संपर्क लेंस एड्रिया कलर सीरीज 1 टोन आँखों की गहन प्राकृतिक छाया बनाती है।
टोन 2 सीरीज के परिवर्तन के हल्के रंगों के उत्पादों, चमक और अंधेरे प्राकृतिक रंगों के लिए गहरा व्यक्तित्व दें।
3 श्रृंखला टोन सहायता के संपर्क लेंसस्वाभाविक रूप से प्राकृतिक प्रकाश और काले रंग के रंगों को बदलें। लेंस की सामने की सतह एक एस्फेरिकल शैली में बनाई जाती है, इसलिए इस प्रकार के उत्पाद पतले होते हैं। यह स्पष्ट और विपरीत दृष्टि प्रदान करता है, साथ ही जटिल विकृतियों में सुधार, जिसे गोलाकार aberrations कहा जाता है।
एड्रिया कलर लेंस का मूल रंग होता है, इसलिए वे रंग बदलते हैं और एक छाया को हल्के और काले आँखों में अधिक संतृप्त करते हैं।
लेंस की सतह पर चित्रण तीन टन से बना है, लेकिन एक ही रंग में।
- हल्के रंग के अंदर के साथ समोच्च चमक देता है।
- मुख्य स्वर आईरिस के क्षेत्र में प्राकृतिक छवि को पुनः उत्पन्न करता है।
- अंधेरे छाया जो बाहर फैलती है वह स्पष्ट दिखती है।
आंखों का रंग प्राकृतिक और प्राकृतिक बना रहता हैइस तथ्य के कारण कि एक स्वर से दूसरे स्वर में मुलायम संक्रमण मनाया जाता है। आस-पास के लोगों को यह भी अनुमान नहीं लगाया जाता कि यह रंग एड्रिया के उत्पादों के लिए धन्यवाद प्राप्त किया गया था।
उत्पादों का मुख्य लाभ हैन केवल आंखों के रंग को बदलने की क्षमता, बल्कि उन्हें दृष्टि से बढ़ाएं। एड्रिया रंगीन लेंस एक मजबूत छाप छोड़ने में मदद करेंगे, क्योंकि वे पूरी तरह से अलग छाया या पैटर्न के साथ आंखों के प्राकृतिक रंग को कवर करते हैं।
उत्पाद का रंग हिस्सा केवल आईरिस को कवर करता है, औरछात्र क्षेत्र में लेंस रंगहीन रहता है, इसलिए प्रकाश आंखों को स्वतंत्र रूप से प्रवेश करता है। अगर कोई तस्वीर है, तो यह दृष्टि की गुणवत्ता को प्रभावित नहीं करता है, भले ही कमरा अंधेरा हो।
Adria उत्पादों में diopters नहीं है, तोयह उन सभी द्वारा उपयोग किया जा सकता है जो चाहते हैं। सभी एड्रिया रंगीन लेंस यूवी संरक्षित हैं। उत्पादन के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री में सोडियम होता है, इससे लेंस को यथासंभव आरामदायक और सुविधाजनक उपयोग किया जाता है।
देखभाल नियमों को देखा जाना चाहिए ताकि एड्रिया रंग संपर्क लेंस लंबे समय तक और बिना किसी समस्या के सेवा कर सकें।
लेंस डालने या हटाने से पहले, आपको चाहिएअपने हाथ धोना और उन्हें सूखा साफ करना अच्छा होता है। सबसे पहले, एक विशेष समाधान के साथ दोनों तरफ प्रत्येक उत्पाद की सतह को गीला करें, धीरे-धीरे अपनी उंगलियों को कुल्लाएं और कुल्लाएं। हेरफेर के बाद, लेंस को कंटेनर में छोड़ा जाना चाहिए ताकि वे पूरी तरह तरल में डुबोए जाएं।
उपयोग करने से पहले, दोहरानासंपर्क लेंस एड्रिया रंग के साथ समान ऑपरेशन, और उपयोग के बाद उन्हें एक कंटेनर में हटा दें और पैक करें, इसे अच्छी तरह से बंद करें। एड्रिया उत्पादों की सफाई के लिए, विभिन्न समाधानों का उपयोग किया जा सकता है, उदाहरण के लिए वे जो लेंस की सतह से सबसे छोटी गंदगी को हटाते हैं। नतीजतन, दृष्टि स्पष्ट हो जाती है, और आंखें इतनी जल्दी थक जाती नहीं हैं, और लेंस लंबे समय तक चलते हैं।
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c543bb0e4348803da091d22353bcc0091d176d0e | उदयपुर. ग्रामीण क्षेत्रों में बार-बार बिजली गुल होने की वजह से बच्चों की पढ़ाई पर भी असर होता है. इसी के चलते राजस्थान के उदयपुर शहर के मदार गांव में पंचायत में सोलर ट्री लगाया गया. इस ट्री की मदद से सरकारी स्कूल में बिजली की सप्लाई जा रही है. महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के गोद लिए मदार गांव में राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट फंड से 5 किलोवाट का सोलर ट्री लगाया गया है.
दावा है कि एमपीयूएटी देश का पहला विवि है जिसने गांव में सोलर ट्री लगाया है. सोलर ट्री लगाने में 9. 80 लाख रुपए खर्च हुए. इसमें नाबार्ड से 8. 82 लाख रुपए और विश्वविद्यालय से 98 हजार रुपए दिए. अब इसका उपयोग कर मदार स्कूल के छात्रों को स्वच्छ जल के लिए नलकूप, रात में पढ़ाई के लिए लाइट व्यवस्था और ऑनलाइन पढ़ाई के लिए कम्प्यूटर से जोड़ा गया.
विश्वविद्यालय के प्रो. एल एन पंवार ने बताया कि गांव में सौर वृक्ष स्थापित करने वाला यह देश का पहला कृषि विश्वविद्यालय है. भविष्य में इसकी लागत में कमी आएगी और किसानों के बीच यह ज्यादा स्वीकार्य होगा. इससे ग्रामीणों को भी मदद मिली है. ग्रामीण क्षेत्र में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को ऑनलाइन क्लासेस में भी मदद मिली है. इसके साथ ही बाहर दो सोलर लाइट लगाई गई हैं, जो सोलर ट्री पैनल के जरिए रात के समय बिजली देती है, जिससे ग्रामीण को मदद मिली है.
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e17d9fb027fff44cb9a8bae3021f3f1a54b2817b | लोगों को जागरूक करने के लिए सड़कों पर दौड़ेगी 'कोरोना कार'
हैदराबाद के रहने वाले के. सुधाकर को अकल्पनीय आकार और रूपों वाली अजीब कारों को बनाने के लिए जाना जाता है।
उन्होंने अब खतरनाक वायरस के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए कोरोनो वायरस मॉडल की कार बनाई है। सुधा कार नाम का एक विचित्र संग्रहालय चलाने वाले सुधाकर ने बुधवार को इस नई कार का अनावरण किया।
सुधाकर ने बताया, "कोरोना वायरस के बारे में जागरूकता लाने और लोगों को अपने घर में रहने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए, मैंने कोरोना वायरस कार बनाई है। मैं लोगों को एक स्पष्ट संदेश देना चाहता हूं कि वे अपने घर से बाहर न निकलें और सुरक्षित रहें। "
सिंगल सीट की इस 100 सीसी इंजन वाली कार में छह पहिए और एक फाइबर बॉडी है।
सुधाकर ने कहा, "इस कार को बनाने में 10 दिन का समय लगा है जो अधिकतम 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार को छू सकती है। "
वह कोविड-19 के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद करने के लिए हैदराबाद पुलिस को यह कार दान करने की योजना बना रहे हैं।
दुनिया का सबसे बड़ा ट्राइसाइकिल डिजाइन करने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड रखने वाले सुधाकर के लिए सामाजिक संदेश देने वाली कारों का निर्माण करना कोई नई बात नहीं है।
सुधाकर ने कहा, "हमने हमेशा समाज को अपने तरीके से कुछ लौटाने के लिए विभिन्न तरीकों और कारणों से कारें बनाई हैं। "
पहले उन्होंने एक पिंजरे वाली कार बनाई थी ताकि लोगों को संदेश दे सकें कि वे पक्षियों को पिंजरे में न रखें। इसी तरह एड्स के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए कंडोम बाइक और स्टॉप स्मोकिंग मैसेज के लिए एक सिगरेट बाइक बनाई थी। वे हेलमेट कार बनाकर रोड सेफ्टी का संदेश भी दे चुके हैं।
खराब और अनुपयोगी ऑटोमोबाइल भागों का उपयोग करते हुए, सुधाकर ऑफबीट कार बनाते हैं, जिन्हें धीमी गति से चलाया जा सकता है। नेहरू प्राणी उद्यान के पास उनका अपना संग्रहालय है, जिसमें ये गाड़ियां प्रदर्शन में रखी गई हैं।
उन्होंने बर्गर, स्टिलेटो, बैग, कैमरा, फुटबॉल और कंप्यूटर के आकार में भी कारें बनाई हैं।
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Subsets and Splits