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चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने फिर कह दी कांग्रेस का दिल तोड़ने वाली बात। नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के लिए अपनी सफल चुनावी रणनीतियों से भारतीय जनता पार्टी का सपना तोड़ने वाले पेशेवर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक ऐसा बयान दिया जिसने कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है। वहीं उनका ये बयान बीजेपी के कानों को शहद से भी मीठे का अहसास कराने वाला है। पीके ने गोवा में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि बीजेपी 'कई दशकों' तक कहीं नहीं जाने वाली है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के साथ समस्या यह है कि वह इस बात को समझते ही नहीं हैं। प्रशांत किशोर के कुछ समय पहले तक कांग्रेस में शामिल होने की चर्चाएं थीं। कन्हैया कुमार की कांग्रेस में एंट्री और जिग्नेश मेवानी के पार्टी के साथ आने के पीछे भी पीके को ही माना जा रहा था। लेकिन उनके ताजा बयान से यह साफ हो चुका है कि कांग्रेस में उनकी संभावित एंट्री खटाई में पड़ गई है। वैसे भी जी - 23 सहित पार्टी के कई नेता पीके को कांग्रेस में प्राथमिकता देने के मूड में नहीं हैं। प्रशांत किशोर यहीं नहीं रुके, उन्होंने यहां तक कह दिया कि लखीमपुर कांड का कांग्रेस को कोई लाभ नहीं मिलेगा। उनका ये बयान राहुल और प्रियंका गांधी का दिल तोड़ने वाली बात है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि बीजेपी भारतीय राजनीति का केंद्र बनने जा रही है... वह भले जीतें या हार जाएं, लेकिन अब वह वैसी है जैसे कांग्रेस आजादी के बाद अपने शुरुआती 40 सालों में थी। बीजेपी कहीं नहीं जा रही हैं। एक बार आप राष्ट्रीय स्तर पर 30 प्रतिशत वोट हासिल कर लेते हैं तो आप इतनी जल्दी नहीं जाते। इसलिए कांग्रेस के नेता कभी भी इस वहम में न रहें कि लोग नाराज हो रहे हैं और वे मोदी को उखाड़ फेंकेंगे। हो सकता है कि वे मोदी को उखाड़ फेंके, लेकिन बीजेपी कहीं नहीं जा रही। वह यही रहेगी...अगले कई दशकों तक रहेगी...। प्रशांत किशोर ने इससे आगे जो कुछ कहा उससे यह लगभग यह साफ हो गया है कि वह फिलहाल कांग्रेस में नहीं जा रहे हैं। पीके ने कहा कि दिक्कत शायद राहुल गांधी के ही साथ है। वह सोचते हैं कि बस कुछ वक्त की बात है, लोग उन्हें ( नरेंद्र मोदी ) को उखाड़ फेंकेंगे। यह नहीं होने वाला है। जबतक आप उनकी ( पीएम मोदी ) की ताकत को समझेंगे नहीं, मानेंगे नहीं, तबतक आप उन्हें काउंटर नहीं कर सकते। उन्हें कभी पराजित नहीं कर सकते। इससे पहले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा था कि समस्याएं कांग्रेस के भीतर गहराई में हैं और लखीमपुर खीरी कांड से पार्टी पुनर्जीवित नहीं हो पाएगी। प्रशांत किशोर जाने-माने चुनाव रणनीतिकार हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की शानदार जीत का श्रेय उनकी रणनीतियों को भी दिया जाता है। ये बात अलग है कि उनकी बीजेपी से अनबन हो गई। उसके अगले साल ही 2015 में उन्होंने बिहार में जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन के लिए काम किया और चुनाव में इस महागठबंधन ने शानदार जीत भी हासिल की थी। जीत के बाद जेडीयू महागठबंधन को छोड़कर फिर से बीजेपी के साथ आ गई थी। हाल ही में पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की अगुआई में टीएमसी और तमिलनाडु में एमके स्टालिन की अगुआई में डीएमके की प्रचंड जीत के पीछे उनकी रणनीति काफी अहम मानी गई थी।
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भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने (i) बैंकों में साइबर सुरक्षा ढांचा और (ii) वाणिज्यिक बैंकों और चुनिंदा एफ़आई द्वारा धोखाधड़ी के वर्गीकरण और रिपोर्टिंग पर रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निर्देशों का पालन न करने के लिए कॉर्पोरेशन बैंक (बैंक) पर 31 जुलाई 2019 के आदेश के द्वारा ₹ 1 करोड़ का मौद्रिक दंड लगाया। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 46ए (4) (i) और 51 (1) के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। रद्द किए गए डेबिट कार्ड का उपयोग करके धोखाधड़ी से लेनदेन के बारे में बैंक द्वारा प्रस्तुत साइबर सुरक्षा की घटना की रिपोर्ट से पता चला कि बैंकों में साइबर सुरक्षा ढांचे तथा वाणिज्यिक बैंकों और चुनिंदा एफ़आई द्वारा धोखाधड़ी के वर्गीकरण और रिपोर्टिंग पर रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निर्देशों के अनुपालन में बैंक विफल हुआ है। बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें यह सूचित किया गया कि वह कारण बताएं कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निर्देशों का पालन न करने के लिए उस पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए। बैंक से प्राप्त उत्तरों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतिकरण पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि रिज़र्व बैंक के निर्देशों के गैर- अनुपालन के उपरोक्त आरोप सिद्ध हुए हैं अतः मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
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पूरा देश इस वक्त कोरोना वायरस की लड़ाई लड़ रहा है। ऐसे में हर एक शख्स इस बीमारी को हराने में अपना योगदान दे रहा है। ना केवल बड़े बल्कि बच्चे भी कोरोना को हराने के लिए अपनी तरफ से दान करने की कोशिश कर रहे हैं। कानपुरः पूरा देश इस वक्त कोरोना वायरस की लड़ाई लड़ रहा है। ऐसे में हर एक शख्स इस बीमारी को हराने में अपना योगदान दे रहा है। ना केवल बड़े बल्कि बच्चे भी अपनी तरफ से दान करने की कोशिश कर रहे हैं। एक ऐसा ही किस्सा उत्तर प्रदेश के कानपुर से आया है। जहां पर बच्चों ने पुलिसकर्मियों को अपनी गुल्लक दी और कहा कि इसे मोदी और योगी अंकल के पास पहुंचा दो। यूपी के कानपुर में लॉकडाउन के मद्देनजर गश्त कर रहे सिपाहियों को रोककर कुछ मासूम बच्चों ने अपनी-अपनी गुल्लक भेंट कर दी और मासूमों ने अपील की कि इन गुल्लकों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा दो, जिससे कोरोना से लड़ा जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि हम अपना सारा पैसा देने को तैयार हैं और देश व प्रदेशवासियों को पीएम और सीएम बचा लें। मिली जानकारी के अनुसार कानपुर के थाना कल्याणपुर के अंतर्गत रावतपुर गांव में जब पुलिस लॉकडाउन का पालन करवाने के लिए गश्त पर पहुंची, तो लोगों ने फूल माला और नाश्ते का सामान देकर उनका स्वागत किया। लेकिन इसी बीच कुछ मासूम बच्चे वहां पहुंचे और अपनी गुल्लक में इकट्ठा किये हुए पैसे पुलिस कर्मियों को थमा कर उसे मुख्यमंत्री राहतकोष में देने की अपील की,बच्चों के इस समपर्ण को देख वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने भी तालियां बजाकर उनका हौसला बढ़ाया। इस दौरान नन्हे मुन्हे बच्चों से जब बात की गई तो उन्होंने जो बाते कहीं वो हर किसी के दिल को छू गई। आठ साल की बच्ची गीत ने बताया कि कोरोना से पूरा देश लड़ रहा है,ऐसे में सभी को सावधानी बरतनी चाहिए। गीत ने कहा कि वो अपनी सेविंग के पैसे राहतकोष में इसलिये दे रही है ताकि कोरोना से लड़ा जा सके। तो वहीं मासूम वैभव को लॉकडाउन के चलते गांव में फंसे अपने पापा की चिंता सता रही है, राहत कोष में दान देने के लिए अपनी गुल्लक लेकर पहुंची वैभव ने कहा कि मोदी और योगी अंकल मेरी सेविंग के पैसे ले लीजिए और जल्दी से कोरोना को खत्म कर के सबको ठीक कर दीजिए, मेरे पापा की दवा खत्म हो गई है और वो लॉकडाउन की वजह से दवा लेने नहीं आ पा रहे हैं। पांच वर्षीय मासूम आलोक ने कहा कि वो अपनी सेविंग के पैसे इसलिए दे रहा है क्योंकि बहुत से लोग भूखे सोते हैं, तो उसके पैसों से कुछ लोगों को खाना मिल जाएगा। यह सब देख मौके पर मौजूद इलाकाई लोग भावुक हो गए तो वहीं पुलिस भी अपनी भावनाओं छिपा न पाए। देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।
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Independence Day: अगर आप भी अपनी देशभक्ति दिखाने के लिए गाड़ी या बाइक पर तिरंगा लगाने की सोच रहे हैं तो सावधान हो जाएं, नहीं तो जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है और मोटा चालान भी भुगतना पड़ सकता है. इंडिपेंडेंस डे के आने में अब कुछ ही रह गए हैं इस दौरान लोगों ने अपनी देशभक्ति दिखाने के लिए गाड़ियों पर झंडे लगाना शूरू कर दिया है. लेकिन क्या आपको पता है आपका ये शौक आपको भारी नुकसान करा सकते है और आपको जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है. मार्केट में सड़को पर हर जगह तिरंगे बिकते नजर आ रहे हैं और अगर आपने भी अपनी गाड़ी पर लगाने के लिए तिरंगा खरीद लिया है तो सावधान हो जाएं नहीं तो पछताना पड़ सकता है. इंडियन फ्लैग कोड के मुताबिक, गाड़ियों पर झंडा लगाने का अधिकार कुछ स्पेशल लोगों को होता हैं अगर आप उनमें से एक नहीं और आपने गाड़ी पर तिरंगा लगा रखा है तो आपको ये भारी पड़ सकता है. दरअसल नेशनल फ्लैग फहराने को लेकर 21 साल पहले यानी साल 2002 में इंडियन फ्लैग कोड बनाया गया था. इसके मुताबिक, झंडा फहराने को लेकर कुछ स्पेशल रूल्स बनाए गए हैं. इन रूल्स में से एक है गाड़ियों पर झंडा कौन लगा सकता है और इसके लिए, उनको स्पेशल अधिकार दिए गए हैं या नहीं. गाड़ियो पर तिरंगा केवल ये लोग लगा सकते हैं जिसमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री, कैबिनेट राज्यमंत्री, स्पीकर और डिप्टी स्पीकर (लोकसभा-राज्यसभा), गवर्नर, लेफ्टिनेंट गवर्नर, मुख्यमंत्री, स्पीकर और डिप्टी स्पीकर (विधानसभा-विधानपरिषद), चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, सुप्रीम कोर्ट के जज, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस, हाईकोर्ट के जज आदि शामिल हैं. इनके अलावा अगर किसी और गाड़ी पर तिरंगा लगा हुआ पाया गया तो पुलिस चालान काट सकती है और आपको जेल भी हो सकती है. बता दें कि साल 2004 में ही लोगों को घर में तिरंगा फेहराने की इजाजत दी गई थी इससे पहले लोग घरों में तिरंगा नहीं फहरा सकते थे. अब रात में भी फहरा सकते हैं तिरंगा साल 2009 से पहले किसी को भी रात के अंधेरे में झंदा फेहराने की इजाजत नहीं थी. साल 2009 में गृह मंत्रालय ने कुछ कंडीशन्स के साथ रात में तिरंगा फेहराने की इजाजत दी गई. इसमें सबसे पहली कंडीशन से थी कि रात को भी उतनी रौशनी का इंतजाम किया जाए कि वो रात ना लगे.
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इंडिया न्यूज, नई दिल्लीः रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को आज 52 दिन हो चुके हैं। कुछ दिन पहले तक रूसी सेना के पीछने हटने से लग रहा था कि शायद ये जंग थम जाएं। लेकिन 2 दिन पहले काला सागर में रूसी युद्धपोत डूबने से रूस फिल से बौखला गया है। इसक बाद से रूस ने एक बार फिर यूक्रेन में हमले तेज कर दिया हैं। (Russias Warning To America) बीते दिन भी खारकीव और कीव में कई जगह रूस ने हमले किए। शनिवार को खारकीम में हुए रूसी हमले में अब तक 10 लोगों की मौत हो गई। जबकि 35 लोग घायल हुए हैं। वहीं अब रूस ने अमेरिका को भी चेतावनी दी है कि अमेरिका यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई देना बंद करे। यदि अमेरिका ने हथियारों सप्लाई न रोकी तो उसे ऐसे जोखिम का सामना करना पड़ सकता है, जिसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता। इस मामले में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि यूक्रेन का अमेरिका को समर्थन जारी रहेगा, उन्हें कोई नहीं रोक सकता। रूस को यूक्रेन के लिए अमेरिकी समर्थन से आश्चर्यचकित नहीं होना चाहिए। बता दें कि रूस ओर यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने से पहले ही अमेरिका यूक्रेन का साथ देता आ रहा है। हालांकि अमेरिका की ओर से यूक्रेन में सैनिक नहीं भेजे गए हैं लेकिन अमेरिका यूक्रेन को सैन्य मदद देता आ रहा है। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन के लिए 800 मिलियन डॉलर की सैन्य मदद को मंजूरी दी है। इसकी पहली खेप अगले 24 घंटों में यूक्रेन पहुंचने वाली है, जिसमें 11 हेलिकॉप्टर, 18 हॉवित्जर तोप और 300 स्विचब्लेड ड्रोन शामिल हैं।
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Gupt Navratri 2022 : 2 फरवरी से गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) शुरू होगी। ज्योतिषियों के अनुसार माघ माह की इस गुप्त नवरात्रि में देवी व तंत्र साधकों के लिए ही होती है लेकिन अब आम श्रद्धालुओं द्वारा भी देवी मंदिरों में पूजन अर्चन के साथ दर्शन करने का लाभ लिया जाता है। साल में चार बार नवरात्रि आती है। इनमें से दो प्राकट्य व दो गुप्त होती है। प्राकट्य चैत्र व कुंवार माह में होती है। ज्योतिषियों ने बताया कि वर्ष में दो बार आने वाली गुप्त नवरात्रि गुप्त तरह की साधना करने के लिए अति श्रेष्ठ रहती है। यही कारण होता है कि उज्जैन, कामख्या, बगुलामखी जैसे सिद्ध स्थानों पर तंत्र व देवी साधम नौ दिनों में जुटकर साधना करते है। वैसे सामान्य लोगों के लिए गुप्त नवरात्रि मान्य नहीं होती है लेकिन इसके बाद भी कुछ वर्षों से ये गुप्त नवरात्रि लोगों के लिए महत्व रखने लगी है। ज्योतिषियों के अनुसार नौ दिनों तक सामान्य पूजन अर्चन करना चाहिए। सुबह शाम माता की आराधना पूजन करने के साथ यथा योग्य भोग अर्पण कर सुख समृद्धि की प्रार्थना करें तो निश्चित ही देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। तंत्र व देवी साधक उज्जैन के साथ ही अन्य शक्तिपीठों का महत्व गुप्त नवरात्रि में अधिक मानते है। उज्जैन में भी हरसिद्धि मंदिर एक शक्तिपीठ है। इस शक्तिपीठ की स्थिति को लेकर विद्वानों में मतभेद हैं। कुछ उज्जैन के निकट शिप्रा नदी के तट पर स्थित भैरवपर्वत को, तो कुछ गुजरात के गिरनार पर्वत के सन्निकट भैरवपर्वत को वास्तविक शक्तिपीठ मानते हैं। दोनों ही स्थानों पर शक्तिपीठ की मान्यता है। हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। देवी पुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है।
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PATNA: प्रदेश के फ् आइएएस अधिकारियों को अवैध रूप से सचिव से प्रधान सचिव बनाने के मामले में कई खेल किया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारों को इस्तेमाल कर सरकार ने चहेते अफसरों को तेहरा लाभ पहुंचाया। तीनों अफसरों ने लगभग साढ़े तीन लाख रुपए बढ़ा वेतन ले लिया है जिसकी रिकवरी के साथ अन्य वैधानिक कार्रवाई की जा सकती है। आई नेक्स्ट ने जब इस बड़े खुलासे के बाद आइएएस और आईपीएस अफसरों से बात की तो लाभ की मंशा उजागर हुई। एक जुलाई को देश के सभी आइएएस को इंक्रीमेंट मिलता है। सरकार के तीनों चहते अफसरों को इसका लाभ देने के लिए ख्ब् जून को ही चंचल कुमार, हरजोत कौर और दीपक कुमार सिंह को प्रधान सचिव के पद पर नियम विरुद्ध पदोन्नति दे दी गई। इस प्रमोशन से पहला लाभ बढ़े वेतनमान का लाभ मिला और फिर इंक्रीमेंट लगने के साथ सातवें पे कमीशन का भी लाभ दिलाने की मंशा रही। दस हजार रुपए से अधिक की निकासी पर कार्मिक विभाग में जांच का नियम है। भारत सरकार की आपत्ति के बाद अवैध रूप से पदोन्नति पाए आइएएस अधिकारियों द्वारा निकाली गई लगभग साढ़े तीन लाख रुपए की अतिरिक्त धनराशि की जांच भी कराई जाएगी। कुछ आइएएस अफसरों का कहना है कि ऐसे मामलों में रिकवरी के साथ वैधानिक कार्रवाई का भी नियम है। इस बारे में कई आइएएस और आइपीएस अधिकारियों ने कहा कि पदोन्नति सरासर अवैध है। आउट ऑफ टर्म पदोन्नति का अधिकार सिर्फ पीएमओ को है। बिहार सरकार ने ऐसा कर भारत सरकार के अधिकारों में दखल दिया है। वहीं जिम्मेदार अधिकारियों का इस मामले में चुप्पी साध जाना भी कई सवाल खड़ा कर रहा है। एक आइएएस का कहना है कि भारत सरकार की गाइड लाइन के बाद बिहार सरकार ने वर्ष ख्008 में संकल्प तैयार किया था जिसमें डीपीसी यानि डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी में प्रधान सचिव और मुख्य सचिव के साथ वित्त सचिव को शामिल करना था। लेकिन जूनियर आइएएस अफसर सचिव व्यय को शामिल कर प्रदेश सरकार ने संकल्प तोड़ दिया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली इस कमेटी में ऐसा क्यों किया गया ये बड़ा और अनसुलझा सवाल है। प्रमोशन आउट ऑफ टर्म किया गया है जिसपर भारत सरकार ने आपत्ति की है। अब इसकी पड़ताल की जा रही है।
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हमारे सामने आती है, वहीं मधुर सुसज्जित या सुन्दर रूप में, कहीं रूखे बेडौल या कर्कश रूप में, कहीं मत्त, विशाल या विचित्र रूप में, कहीं उग्र, कराल या भयंकर रूप में । अतएव काव्य में प्रकृति चित्रण की विविध प्रणालियाँ प्रचलित हैं और समीक्षक प्रकृति चित्रण की विविध प्रणालियों का उल्लेख करते समय उनकी चार से लेकर ग्यारह बारह तक संख्या मानते हैं पर हम प्रकृति चित्रण की केवल निम्नलिखित प्रणालियाँ मानने के पक्ष में हैं. आलम्बन, उद्दीपन, अलंकार या अलंकृत रूप, रहस्य भावना की अभिव्यक्ति, मानवीकरण, नीति और उपदेश का माध्यम तथा प्रतीक । हम यहां यह स्पष्ट कर देना उचित समझते हैं कि उक्त प्रणालियाँ एक दूसरे से सर्वथा पृथक नहीं हैं और उनमें से किसी एक रूप में किए जाने वाले प्रकृति चित्रण में दूसरे रूप या रूपों से भी सहायता ली जा सकती है। उदाहरणार्थ, आलम्बन रूप में देखा जाने वाला कोई पदार्थ रहस्य भावना के लिए भी पथ प्रशस्त कर सकता है । साथ ही यहाँ यह भी स्मरणीय है कि प्रयोगवादी कवियों ने नूतन सौंदर्य- बोध के कारण प्रकृति चित्रण की उक्त प्रणालियों को मान्यता नहीं दी है पर श्री गिरिजाकुमार माथुर की कृतियों में अवश्य इनमें से कुछ प्रणालियों का प्रयोग हुआ है जिनका परिचय यहाँ दिया जा रहा है । सामान्यतया कवि माथुर की कृतियों में प्रकृति चित्रण की आलम्बन प्रणाली को सर्वाधिक अपनाया गया है और आलम्बन रूप में प्रकृति-चित्रण करते समय प्रकृति बहुधा साधन न बनकर साध्य बन जाती है और कवि अर्थग्रहण की अपेक्षा बिम्ब ग्रहण पर अधिक जोर देता है तथा अपनी सूक्ष्म प्रकृति पर्यवेक्षणी शक्ति द्वारा प्रकृति के सूक्ष्म तिसूक्ष्म तत्वों के प्रति आकृष्ट हो प्राकृतिक वस्तुओं के अंग प्रत्यंग, वर्ण आकृति तथा अस पास की परिस्थितियों का परस्पर संश्लिष्ट वर्णन करता है । इस प्रकार आलम्बन रूप में प्रकृति चित्रण करते समय प्रकृति का यथातथ्य चित्रण ही किया जाता है और कवि माथुर की काव्य कृतियों में अनेक स्थलों पर प्रकृति का आलम्बन रूप में अत्यंत हृदयग्राही चित्रण किया भी गया है। यहाँ 'धूप के धान' काव्य संग्रह की प्रसिद्ध रचना 'ढाकवनी' का कुछ अंश उदाहरणार्थ प्रस्तुत किया जा रहा है - सनसनाती साँझ सूनी, वायु का कठला खनकता झींगुरों की खंजड़ी पर झाँझ सा बोहड़ झनकत कंटकित बेरी करोंदे महकते हैं सागौन वन के सुत्र हैं सागौन वन के कान जैसे पात चौड़े ढूह, टोले, टौरियों पर धूप सूखी घास भूरी हाड़ टूटे देह कुबड़ी चुप पड़ी है गेल बूढ़ी ताड़ तेंदू नीम रेंजर चित्र लिखीं खजूर पातें छाँह मंदी डाल जिन पर ऊगती है शुक्ल सातें बीच सूने में बनैले ताल का फैला अतल जल इस प्रकार कवि ने प्रकृति-चित्रण में पूर्ण तन्मयता दिखाई है और उसकी उक्तियों में प्रकृति अत्यन्त ही चेतन हो उठी है तथा उसका एक-एक उपकरण सजीव प्रतीत होता है । यहाँ यह स्मरणीय है कि उक्त पंक्तियों में कवि ने सांध्यकालीन वातावरण का मनोरम वर्णन किया है और वह रमणीय प्रकृति के साथ-साथ भयावते चित्र भी अंकित करता है. पूर्व से उठ चाँद आधा स्याह जल में चमचमाता बन चमेली की जड़ों से नाग कसकर लिपट जाता इसी प्रकार कवि ने कहीं-कहीं प्रकृति वर्णन को अधिकाधिक वायवीयता भी प्रदान की है; जैसेचांदनी की रैन चिड़िया, गंध फलियों पर उतरतो मूंद लेती नंन गोरे, पाँख धीरे बंद करती गंघ घोड़े पर चढ़ी दुलकी चली आती हवाएँ टाप हल्के पड़े जल में गोल लहरें उछल आएँ कवि ने प्रकृति की नैसर्गिक शोभा का चित्रण मात्र ही नहीं किया बल्कि उसने वहाँ के निवासियों के घर, बर्तन आदि का भी उल्लेख किया हैं क्योंकि उनके बिना उक्त चित्रण अधूरा ही जान पड़ता । इस प्रकार कवि कहता हैबीच पेड़ों की कटन में हैं पड़े दो-चार छप्पर हाँडियाँ, मचिया कठौते, लट्ठ, गूदड़ बैल बक्खर राख, गोबर, घरी औंगन, तेल, रस्सी, हल कुल्हाड़ी सूत की मोटी फतोई, चका, हँसिया और गाड़ी वस्तुतः कवि माथुर का दृष्टिकोण हमेशा व्यापक रहा है और वह डाकबनी की प्राकृतिक सुषमा पर जितना अधिक विभोर हुए थे उतनी हो तीव्र प्रतिक्रिया उन्होंने उस वन प्रदेश की जनता के जन-जीवन की गर्हित दशा पर व्यक्त की हैयहाँ की जिन्दगी पर शाप नल का स्याह भारी भूख की मनहुस छाया जबकि भोजन सामने हो आदमी हो ठीकरे सा जबकि साधन सामने हो धन बनस्पति भरे जंगल और यह जीवन भिखारी अन्त में कवि ने यह आशा भी प्रकट की है कि 'ढाकबनी' की वर्तमान दशा में पुनः चमक आयेगी और निष्क्रियता समाप्त होगी तथा फिर लाल पत्थर, लाल मिट्टी, लाल कंकड़, लाल बजरी फिर खिलेंगे ढाक के बन, फिर उठेगी फाग कजरी माथुर जी की कृतियों में प्रकृति चित्रण की उद्दीपन नामक प्रणाली का भी कई स्थलों पर सफल प्रयोग हुआ है और यहाँ यह स्मरणीय कि 'आलम्बन रूप में प्रकृति चित्रण करते समय कवि अपनी भावस्थिति में प्रकृति के समक्ष रहता है पर पर काव्य का विस्तार तो भावाभिव्यक्ति में ही है और प्रकृति द्वारा ही कवियों को भावोद्दीपन की प्रेरणा होती है । इस प्रकार स्वाभाविक ही कवियों ने अपनी कृतियों में प्रकृति के उद्दीपन रूप का ही अधिक चित्रण किया है और हिन्दी साहित्य में उद्दीपन रूप में प्रकृति का वर्णन प्राचीनकाल से ही बहुतायत से होता रहा है तथा रीतिकाल में तो यह परिपाटी सबसे अधिक प्रचलित रही है। इस प्रकार उमड़ते हुए मेघों को देखकर वियोगिनी को उनकी गरज में प्रिय की आकुल पुकार सुनाई देने लगती है और पपीहे की पुकार आधी रात में उसके विरह व्यथित हृदय पर एक टीस सी उत्पन्न करने लगी तथा बैशाख में पलाश के फूले हुए पुष्प उसके हृदय को कचोटने लगे। अतएव नायिकाओं के विरह और मिलन
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IAS एसोसिएशन के नए पदाधिकारियों की घोषणा की गई है. मनोज कुमार पिंगुआ IAS एसोसिएशन के अध्यक्ष बनाए गए हैं. रीता शांडिल्य उपाध्यक्ष बनीं हैं. आर. प्रसन्ना महासचिव बने हैं. संयुक्त सचिव धनंजय देवांगन, अय्याज तम्बोली शारदा वर्मा को कोषाध्यक्ष बनाया गया है. हिम शिखर गुप्ता सांस्कृतिक सचिव बनाए गए हैं. त्योहारों का सीजन देखते हुए रेलवे ने 13 अक्टूबर से दुर्ग से हटिया के बीच पूजा स्पेशल ट्रेन (08186/08185) की शुरुआत की है। यह ट्रेन सप्ताह में दो दिन चलेगी। दुर्ग से ट्रेन हर बुधवार-शुक्रवार और हटिया से मंगलवार-गुरुवार को चलेगी। फिलहाल इसका परिचालन 5 नवंबर तक किए जाने का फैसला लिया गया है, लेकिन त्योहार पर यात्रियों की संख्या और भीड़ को देखते हुए इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है। एटीएम से छेड़छाड़ कर 20 लाख रुपए पार करने का मामला सामने आया है. मामले में एक संदिग्ध सीसीटीवी फुटेज हाथ लगा है. पत्थलगांव थाना पुलिस मामले की विस्तृत तस्दीक में जुट चुकी है. मिली प्राथमिक जानकारी के मुताबिक स्टेट बैंक के एटीएम से अलग-अलग एटीएम कार्ड से पैसे निकाले गए हैं. 20 लाख का ट्रांजेक्शन पिछले 10 महीनों में हुआ है. पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. हालाँकि आरोपी तक पहुँचने में संदिग्ध सीसीटीवी फुटेज भी अहम माना जा रहा है. जिले में हरिभूमि व inh न्यूज की खबर का बड़ा असर हुआ है. शिक्षकों की लापरवाही मामले में जिला शिक्षा अधिकारी बी एक्का ने कार्रवाई करते हुए एक शिक्षक को निलंबित और 3 को शोकॉज नोटिस जारी किया है. जिले के वाड्रफनगर चौकी क्षेत्र की एक महिला पुलिसकर्मी का रोते हुए वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में महिला पुलिसकर्मी को बीजेपी के कार्यकर्ता धक्का देते नजर आ रहे हैं. राज्य शासन द्वारा जारी नई गाइडलाइन के बाद कोरोना मृत्यु पर 50 हजार का अनुदान लेने गठित कोविड-19 मृत्यु विनिश्चय समिति द्वारा जारी मृत्यु प्रमाणपत्र की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। अब कोरोना के उपचार से संबंधित दस्तावेजों को भी इसके लिए मान्य किया जाएगा। छठवें मंजिल से कूदकर युवक ने जान दे दी. स्मृति नगर पुलिस मामले की जांच में जुट चुकी है. मिली प्राथमिक जानकारी के मुताबिक न्यू खुर्सीपार निवासी ललित शर्मा ने गृह निर्माण मंडल के छठवें माले से कूदकर ख़ुदकुशी कर ली है. मामला स्मृति नगर चौकी अंतर्गत दीनदयाल कॉलोनी खमरिया की है. आत्महत्या का कारण अज्ञात है. स्मृति नगर चौकी पुलिस मामले की विस्तृत विवेचना कर रही है. राजधानी में गुढ़ियारी के शुक्रवारी बाजार स्थित नवकार ज्वेलर्स शोरूम से फिल्मी अंदाज में एक करोड़ रुपए के सोने-चांदी के जेवरात व एक लाख 61 हजार रुपए नकद चोरी का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। झारखंड के गिरोह ने शोरूम में चोरी की घटना को अंजाम दिया था। गिरोह के दो शातिर सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। गिरोह के मास्टर माइंड समेत पांच सदस्य फरार बताए जा रहे हैं। उनके पास से लाखों रुपए के चांदी के जेवरात और स्कार्पियो वाहन बरामद किया गया है। हरिभूमि और आईएनएच द्वारा वीआईपी रोड़ स्थित होटल ग्रैंड इम्पीरिया में 13 और 14 अक्टूबर को रास गरबा का आयोजन किया गया है। सोशल मीडिया में कार्यक्रम का पोस्टर जारी कर दिया गया है। प्रशासन की गाइडलाइन मिलने के बाद युवाओं ने गरबा में बेहतर प्रस्तुति देने तैयारी भी शुरू कर दी है। बाजार में गरबा पोशाकों की खरीदी बिक्री बढ़ गई है। प्रदेश के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में दाखिले का आज अंतिम दिन है। इसके एक दिन पूर्व शुक्रवार को ही मुख्य कॉलेजों में छात्रों की भीड़ देखी गई। सूत्रों के अनुसार स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों ही स्तर पर आवेदन सिर्फ शनिवार तक ही स्वीकार किए जाएंगे।
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का मिश्रित जातियों के सिद्धान्त, कल्पित और बालकों के किस्से कहानियों से प्रमाणित होते है ? हमारे जो पाठक व गाल के चाण्डालो के विषय में कुछ भी जानकारी रखते हैं उन्हें उनकी बुद्धि कह देगी कि ये लोग दक्षिण-पूर्वी वांगाल के आदिम निवासी थे और वहाँ जो बहुतायत से खाड़ी और नहर है उनमें मछली मार कर अपनी जीविका निर्वाह करते थे और जब आर्य लोग वगाल में आकर वसे तो उन्होंने स्वभावतः हिन्दुओं का धर्म उनकी भाषा और सभ्यता ग्रहण कर ली । हम यह दिखला चुके हैं कि कैवर्त और चाण्डाल लोग जुदी-जुदी आदिवासीं जाति के थे और जब उन्हें विजयी आर्यों ने हिन्दू वनाया तब उनकी हिन्दू जातियों में गणना हुई । बौंगाल में ऐसे ही और भी है । पाठकगण उपरोक्त सूची में कोच, वाग्दी, पोद, वौरी, और तेोर लोगों का नाम देखेंगे, और ये सब भिन्न-भिन्न हैं। बंगाल में हिन्दुप्रो के आने के पहले ये भिन्न-भिन्न जातियाँ आदिवासी जाति की थीं और न् प्राचीन काल की प्रत्येक शताब्दी में वे विजयी हिन्दुओं को शरण ती गईं एवं उनकी भाषा, धर्म और जोतने वाने की रीति को ग्रहण करके हिन्दुओं की जाति में नीच जातियां वन गई । वंगाल की इन जातियों में से बहुत से नाम मनु को विदित नहीं थे। जो में जातियां इसको विदित थीं उनकी उत्पति के विषय में कोई एतिहासिक अथवा मनुष्य गणना के प्रमाण न होने के कारण उसने अपने ही सिद्धान्तों के अनुसार उनकी उत्पत्ति वर्णन करने का यत्न किया गया है । अब हम इन उपजातियों को छोड़ कर व्यवसाय करने वाली जातियों का उल्लेख करेंगे। उपरोक्त सूची में पाठकों को कायस्थ अथवा लेखक, गोल अर्थात् गाय रखने वाले, नापित अर्थात् हजाम, तेली अर्थात् तेल बनाने वाले, जेलियों अर्थात् मा है, तांती अर्थात् कपड़ा बीननेवाले, वनियां अर्थात् व्यापारी, कुमर अर्थात् लोहार, कुम्हार अर्थात् के वर्तन बनाने वाले, धोबी अर्थात् कपड़ा धोने वाले इत्यादि जातियों के नाम मिलेंगे । यह वात भुत है कि कि मनु की मिश्रित जातियों की सूची में कुछ उपजातियों के नाम मिलते हैं परन्तु उस सूची में व्यवसाय करने वाली एक भी जाति का नाम नहीं मिलता । तो क्या ये व्यवसाय मनु के समय में थे ही नहीं ? क्या मनु के समय में लेखक और व्यापारी लोग, लोहार, और कुम्हार लोग, हज्जाम और धोबी लोग थे ही नहीं ? यह कल्पना विना सिर पैर की है, क्योंकि मनु के समय में भारतवर्ष सभ्यता में चढ़ा बढ़ा था और मनु ने अपनी स्मृति में इनके व्यवसाय का उल्लेख भी किया है । परन्तु उसने अपनी मिश्रित जातियों की सूची में उनका उल्लेख नहीं किया और न उन्हें जाति को भांति कहीं लिखा है। इससे यह बात दृढ़ निश्चय के साथ प्रमाणित होती है कि मनु के समय में ये भिन्न-भिन्न व्यवसाय केवल व्यवसाय ही थे । उनको भिन्न-भिन्न और जातियां नहीं बनी थीं । वैश्य लोगों की और ऐसे ही शुद्ध लोगों की भी अब तक एक हो नाति थी यद्यपि वे लोग भिन्न-भिन्न व्यवसाय और व्यापार करते थे । अब हमको उन व्यवसाय की जातियों की सच्ची उत्पत्ति का पता लग गया जो कि मनु के समय में नहीं थीं और जो उसके उपरान्त बनी है । हमको उन उपजातियों को उत्पत्ति भी विदित हो गई जो कि मनु के समय के पहले बन गई थी और जो मनु को विदित थी । अन्त में हमें यह भी विदित हो गया कि मनु ने उपजातियों की उत्पत्ति लिखने में कैसी भूल की है । मनु की भूल ऐसी थी जिससे वह वच नहीं सकता था । उसने कैवतों और चाण्डालों की तरह भिन्न-भिन्न जातियाँ देख और उसे उन जातियों की उत्पत्ति का इतिहान विदित नहीं था । उनके समय में यह धार्मिक कथा प्रचलित थी कि सब मनुष्य जाति की चार मुख्य जातियों में ही उत्पत्ति हुई है और इसलिये उसे अपने समय की नई जातियों की उत्पत्ति के लिये भी इसी प्राचीन सिद्धान्त का आश्रय लेना पड़ा । यह सब बात समझ में करने योग्य है । जो बात समझ में नहीं तो वह यह है कि इस प्राचीन वारदेि हासिक खोज और गणना के समय में भी कुछ हिन्दू लोग कैसे विश्वास नहीं है। य इस स्मृति की पवित्रता ही ऐतिहासिक खोज को दूर भगाती है. है और गुण और दोष की परीक्षा करने वालो कामहद है कि मिश्रित जातियों का प्राचीन सिद्धान्त बहुत से प्रमाणी औरत के सी हुए भी इतनी शताव्दियों तक मान और रीड से देखा है। जाँच तथा झूठ और सच की परीक्षा न किए जाने से यह सिद हिन्दुओं के विचार और विश्वास में स्थान पाता है। फिर भी हमिहि ऐसा सभ्य और समझ में आने योग्य तथा ऐरी है सोडा की झोली हुए जाने के साथ ही साबुन के एक वृन्दर बुलबुले के सातुन होता है। एक्तालीसवाँ अध्याय मनु ने गृह विधानों का जो वृत्तान्त लिखा है वह प्राचीन सूत्रकारों के आधार पर ही है । जात कर्म बच्चे के जनमते ही नारा काटे जाने के पहले होना चाहिये । जन्म के दसवें अथवा बारहवें दिन अथवा किसी शुभ दिन शुभ मुहूर्त और शुभ -नक्षत्र में नाम करण की रीति की जानी चाहिये और बच्चों का नाम रक्खा जाना चाहिये । चौथे मास में निष्क्रमण की रीति करके बच्चे को घर के बाहर निकालना चाहिये और छठें मास में बच्चे के अन्नप्रासन अर्थात् उसे पहली बार चावल खिलाने की रीति की जानी चाहिये । उपनयन अर्थात् विद्यारम्भ कराने की रोति ब्राह्मण के लिये आठवें वर्ष, क्षत्रिय के लिये ग्यारहवें वर्ष और वैश्य के लिये वारहवें वर्ष में की जानी चाहिये और तब लड़के को यज्ञोपवीत पहना कर गुरू को सौंपना चाहिये । विद्यार्थी के जीवन के नियम वे ही हैं जो कि धर्मसूत्रो में कहे गये हैं । विद्यार्थी को एक धोतो, एक छड़ी और एक या दो कपड़े होने चाहिये । उसे अपने गुरु की आज्ञा माननी और उसका सत्कार करना चाहिये । उसे नित्य द्वार द्वार भीख मांग कर जो कुछ मिले उसे गुरू के सामने ला रखना चाहिये और प्रतिदिन जब कि वह विद्या सीखता जाय तो उसे अपने गुरु के यहाँ रह कर उसको सब प्रकार की नीच सेवा भी करनी चाहिये । केशान्त अर्थात् सिर मुड़ाने की रीति ब्राह्मण के लिये १६ वें वर्ष, क्षत्रिय के लिये २२ वें वर्ष और वैश्य के लिये २४ वें वर्ष की जाना चाहिये । तोनों वेदों के पढ़ने का समय ३६ वर्ष अथवा जब तक विद्यार्थी पूरी तरह से न पढ़ लें, कहा गया हैं । यहाँ पर ( ३, १ ) हमें चौये वेद का नाम नहीं मिलता और न थन् सीखने के लिये कोई सनय नियत किया गया है। विद्यार्थी अपना अध्ययन समाप्त करने पर स्नान करके स्नातक हो जाता था और घर लौट कर विवाह करता था, फिर गृहस्थ हो कर रहता था । विवाह के समय पवित्र अग्नि जलायी
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होनी चाहिए। एक-एक कथा मे दो-तीन पात्र प्रवश्य ही होगे। इस प्रकार सैकडों पात्र हैं तो उनके चरित्र भी दर्जनो प्रकार के ही होने चाहिए । ( २ ) 'मोनल भीग' कृति मे केवल एक ही पात्र है- मनुष्य का मन (बुद्धि - तत्व ) ; केवल एक कथावस्तु (महानी ) है भगवान ने प्रकृति की रचना की और मनुष्य भीरचा । हर मनुष्य को अपनी जिन्दगी भर की कुछ घटनामों में अपनी सगति देनी है। चरित्र भी हर मानव का एक ही है - प्रसतु घटनाओ से विरति का चिन्तन । एक उदाहरण राजा से राणी मादी पड़ी। बीमारी बघतो गई पर कोई इलाज कारगर नीं हुयो । बेहोस राणी रे पलग कन्नै राजा चुपचाप बैठ्यो हो पर भांख्या सू प्रासुदा से धारा वर्ष हो । राजा देख्यो के महल से भीत पर माड्योर्ड चित्राम र हिरण री यासू भी मासुवा रो बूंदा पडनो सरू हुई । राजा नै प्रजरज हुयो । बो बोल्यो, चित्राम रा हिरण, काई तन्नं भी राणी जो री पीड़ा से इतरी घणो दुख है हिरण उत्तर दियो, 'राजा, मन्ने राणी से पीडा रो दुख कोनो पण तेरी पोडा रो दुख है । किसी दिन तू जंगल में मायर सिकार रं नाव सू मेरी हिरणी रा प्राण लिया तो मैं तन सराप दियो हो । पण माज में तेरी हालत देखर पिसतावू हू के तन्तै सराप देवर में बड़ी भूल करी 15 शिल्पः शैलो - वैशिष्ट्य 'सोनल भीग' की शैली ग्राकर्षक है। लेखक किसी भी साधारण घटना मे दो-तीन पात्रों का निर्माण करते हैं, जो एक-दो सवाद बोलता है, पर पाठकों को आश्चर्य मे छोड़कर छुमतर हो जाता है । रचनाकार का एक ही उद्देश्य है कि उनके लेखन की शैलीगत विशेषता से पाठको का सत्-चिंतन जागृत हो और पाठक भी अपने प्रास-पास को घटनामो को लेखक की शैली के अनुसार निराले ढंग से सोचे और समझें । इस शैली का उद्देश्य है- मानवता की निजी क्षमता पर घमण्ड, दिखावा, लालच, अधिकार, घृणा, ध, धलगाव मादि वृत्सित भावनाएं भसत् Terrएं- धीरे-धीरे समाप्त हो । मनुष्य विचारdewr और पक्की लगन से इनसे पार पा सकता है। एक उदाहरणएक मेत में पूगर प्रादमी साप मैं छोड दियो साप बिल मे बडा लाग्यो तो मैं पूछो - नाग देवता, मर्न एक भेद बतायर पर्छ बिल मे बढ़ । तू ई भादमी रं दांत क्यू नो लगाया ? ३५ सोनल मींग- राजा राणी, पू. ३० साप बोल्यो, 'म्हारो जाति-मुभाव कोष है। पण म्है भी घर पर प्रेम नं पिछारणा हा । भाप र प्रेमी नै पो कुण देवं ? ई भादमी री बस या हो मन्त्रसाधना है ।' मैं पूछयो, 'जे में तन पडू तो तू के मानसी, वैर या प्रेम ?' साप उत्तर दियो- 'ई बात शे फळ पैनी नी बतायो जा सके । तूं हाथ घालर देख 198 भाषागत सौन्दर्य 'सोनल-भीग' की भाषा पर भी राजस्थानी भाषा की शेखावाटी बोली की छाप है। शब्द और मुहावरे भी इनके कथ्य को भावना को सागोपाग प्रस्तुत करने मे पूरे सफल हुए हैं। मतीरो, घड़बो, टापी, भेलवाड़, कंट, बाड, गडतुम्बो, गुवाळियों, बचियो, ऊदरो श्रादि राजस्थानी रग को सिंचित करते हैं तो पहावतें व मुहावरं प्रत्येक मानव को दैनिक जिन्दगी की बोलती कहानी है । एक दो उदाहरण द्रष्टव्य हैं-'सूरज और भी तेजी मे भायो मर बोल्यो - या छोटे मूडें बड़ी बात है । 37 'आखर प्राख खुलगी 138 'सोनल-भोग' कृति के सामूहिक प्रभाव के विषय मे श्री मम्बूजी शर्मा के उद्गार सटीक हैं- 'सामूहिक प्रभाव से दृष्टि सू लाम्बै गद्य-गीता ने छोड़कर बाकी रानं आपा मोर्ट रूप सू दो पाळी मे बाट सका । एक वै, जिका पढता ई तुरन्त समझ मे मा जावे अथवा जिला से रहस्य या शिक्षावा माचरण-कथायां रैंरूप मे पाठका सू एकदम अपरिचित नी । पण दूजा गद्य-गीत बँ है, जिका पढतों परात समझ मे श्राव भर वै बुद्धि-राज्य में पार करता या बिहारी कवि है 'नावक र तीर' री ज्यू ठेठ काळजो बीघे । वाणी री विदग्धता या उक्ति से विचित्रता जाँ प्रबूझ तो नी, पण रसज्ञ जणा से कल्पनावा सू भी इतणी कारी भर नुवी नवादा है के जठें ममंज्ञ जणा रो सिर सचालन सवारण घर सबदांवळो नीं, पण वाणी बिना पर डकार छिक कर रस पीवण से मतवाळ महिमा वाळो प्रलमस्त भोगी-भवरो है । पाठक जे एक बार थां गद्य-गीता मे बड्यो तो सुवाद रो रसियो बाघड कर बारणं मू डो मो करे - स्यात में गीत ई 'सोनल भोग' रा सान जडाऊ होरक-हार है 199 ३६ सोनल मोग- सरप रो हेत, पृ. ६१ ३७ वही बादळ घर सूरज, पृ. २ ३८ वही, कूंज-कतार, पू. ३ ३६ डा. मनोहरजी शर्मा अभिनन्दन ग्रंथ, पू. २० विशेष- श्री पम्बूजी शर्मा ने सोनल भींग को गद्य गीत माना है । [ २ ]
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राज बब्बर के बेटे और एक्टर प्रतीक बब्बर 23 जनवरी को अपनी लॉन्ग टाइम गर्लफ्रेंड सान्या सागर के साथ शादी के बंधन में बंध गए. दोनों के शादी की पहली तस्वीर इंटरनेट पर खूब वायरल हो गई है. फैन्स और शुभचिंतक सोशल मीडिया पर नवविवाहितों को आशीर्वाद दे रहे हैं. कथित तौर पर ये शादी सान्या सागर के होमटाउन लखनऊ में हुई. शादी मराठी परंपराओं के साथ हुई. इस शादी में केवल परिवार और करीबी दोस्तों ही शामिल हुए. खबरों के अनुसार प्रतीक बब्बर के पिता राज बब्बर शादी के लिए बेहद उत्साहित थे और उन्होंने शादी में 'बचना ऐ हसीनों' गाने पर डांस किया. प्रतीक की बहन जूही बब्बर ने एक लीडिंग टैब्लॉयड से बात करते हुए कहा, 'म्यूजिक बजते ही हम सभी पागल हो गए. ये मेरे पिता के जीवन में सबसे बड़े दिनों में से एक था. उन्हें नाचते हुए देखना रेयर है, लेकिन उसने शादी में बहुत कुछ किया. वो बहुत खुश थे. ' उन्होंने बताया, 'ये एक शानदार शादी थी. प्रतीक घर का बच्चा है और उसकी शादी होना एक अद्भुत एहसास है. भगवान सान्या और उसे आशीर्वाद दें. ' दोनों के हनीमून प्लान्स के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि वो इस समय हनीमून पर नहीं जाएंगे क्योंकि प्रतीक के कुछ काम है लेकिन बाद में हॉलीडे का प्लान बना सकतें है. फिल्म इंडस्ट्री के दोस्तों और सहकर्मियों के लिए प्रतीक बब्बर शुक्रवार को एक फ्लैपर-थीम वाली पार्टी की होस्ट कर रहे हैं. बता दें, प्रतीक और सान्या एक-दूसरे को आठ साल से जानते हैं. लेकिन सान्या के लंदन से लौटने के बाद 2017 में दोनों ने एक दूसरे को डेट करना शुरू कर दिया था.
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गोवा के विकास को लेकर गोवा के लोगों को के साथ मिलकर हमने एक विस्तृत प्लान बनाया है। गोवा बहुत खूबसूरत राज्य है, यहां के लोग बहुत अच्छे हैं। भगवान ने गोवा को सब कुछ दिया, लेकिन अभी तक सभी नेताओं और पार्टियों ने मिलकर गोवा को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जिसे भी मौका मिला, उसने गोवा को लूटा और सभी अपने मौके की तलाश में रहते हैं। हमें इस लूट को बंद करना है। कुछ दिन पहले जब मैं गोवा आया था, तब उस प्लान का पहला प्वाइंट अनाउंस किया था। मैं जनता का आदमी हूं, आम आदमी का दर्द समझता हूं। आज हम गोवा के युवाओं की बात करेंगे। यहां का युवा बहुत परेशान है। उसके पास रोजगार नहीं है, कोरोना के कारण कितने लोगों के रोजगार चले गए, परिवार कंगाल हो गए। पिछले कई साल से गोवा में माइनिंग नहीं हो रही है। युवा गोवा छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। हमें गोवा में जॉब अपॉर्चुनिटी क्रिएट करनी है। यह हो सकता है, लेकिन इसके लिए ईमानदार और अच्छी नियत वाली सरकार चाहिए। हमने सुना है कि गोवा में अगर सरकारी नौकरी चाहिए, तो किसी एमएलए या अधिकारी से दोस्ती जरूरी है, बिना सिफारिश और रिश्वत के गोवा में सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती है। इसे हमें बंद करना है। कुछ दिन पहले सुना कि सावंत साहब ने गोवा में पानी फ्री कर दिया है, हमने दिल्ली में 4 साल पहले यह कर दिया था। अब सुन रहे हैं कि वे डोर स्टेप डिलीवरी शुरू करने जा रहे हैं, यह हमने दिल्ली में 3 साल पहले किया था। दिल्ली में जो काम हो रहा है, उसे यह कॉपी कर रहे हैं लेकिन जब ओरिजिनल अवेलेबल है तो डुप्लीकेट की क्या जरूरत है। Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।
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नई सरकार के गठन के लिए भारतीय लोकतंत्र के महाकुंभ में पहली आहुति डालने की गुरुवार को विधिवत शुरुआत हो गई. इस महाकुंभ की शुरुआत का गूगल ने भी डूडल बनाकर स्वागत किया है. गौरतलब है कि सात चरणों की 19वीं लोकसभा के गठन की प्रक्रिया के तहत पहले चरण का मतदान गुरुवार सुबह सात बजे शुरू हुआ. जनमानस को अपने-अपने घरों से निकल कर अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए गूगल ने भी डूडल बनाकर संदेश जारी किया है. यही नहीं, वोट डालने की पूरी प्रक्रिया की गूगल ने अपने डूडल से लोगों को जानकारी भी दी है. गूगल भी इस महाचुनाव मे मतदाओ को वोट करने के लिए प्रेरित कर रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार 20 राज्यों की 91 संसदीय सीटों पर पहले चरण में चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों का भाग्य मतपेटी में बंद हो जाएगा. 91 संसदीय सीटों के अलावा आंध्र प्रदेश, सिक्किम और 60 सदस्यीय अरुणाचल प्रदेश विधानसभा के लिए पहले चरण में वोट डाले जा रहे हैं. ओड़िशा विधानसभा के पहले चरण का मतदान भी गुरुवार को ही हो रहा है. लोकसभा के लिए अपना-अपना भाग्य पहले चरण में कुल 1,279 उम्मीदवार आजमा रहे हैं. दुनिया के लोकतांत्रिक इतिहास का भी 2019 का आम चुनाव सबसे महंगा चुनाव होने जा रहा है. अमेरिका के कार्नेगी एंडॉमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस थिंक-टैंक के मुताबिक अमेरिका में 2016 में हुए राष्ट्रपति और कांग्रेस के चुनाव में लगभग 650 करोड़ अमेरिकी डालर खर्च हुए, यानी 46 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा. वहीं 2014 के आम चुनाव में भारत में 500 करोड़ अमेरिकी डालर यानी 35 हजार करोड़ रुपए खर्च हुए. थिंक टैंक का अनुमान है कि इस बार भारत में यह आंकड़ा 2014 के चुनाव के मुकाबले दोगुना होगा. माना जा रहा है कि इस बार चुनाव मे 70 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च होने का अनुमान है.
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भारतवर्ष के शिक्षा मन्त्री ने पांच वर्षो तक और जी को शिक्षा का माध्यम बनाना चाहा था परन्तु राधाकृष्णन यूनिवर्सिटी कमीशन ने अजी के स्थान पर भारतीय भाषायों के उत्तरोत्तर प्रयोग के पक्ष में अपना मत प्रकट किया। अधिकाश विश्वविद्यालयों में हिन्दी के ही माध्यम से शिक्षा दी जा रही है, इसलिये हिन्दी में ज्ञान विज्ञान को उत्तमोत्तम पुस्तकों की महती आवश्यकता का अनुभव किया जा रहा है। 'अब गांव की पा यतों से लेकर हाईकोटों तक प्रान्त और केन्द्र की पार्लियामेंटों तक, प्राथमिक पाठशालाओं से लेकर उच्च विद्यालयों तक का स्थान मातृभाषा लेने जा रही है।" हिन्दी में सबसे पहले जो समस्या या उपस्थित हुयी है वह शब्दों की । हमें कम से कम ४लास पारिभाषिक शब्दों की आवश्यकता है। कोष को समस्या पारिभाषिक शब्दों के लिये अधिक से अधिक शब्द हम संस्कृत से लेंगे । राहुल जो के सम्पादकत्व में हिन्दी साहित्य सम्मेलन ने १५००० शब्दों का शासन शब्द कोप तैयार किया है। मूल्य है १५ रुपये । "पार्लियामेण्ट, व्यवस्थापिका सभा, न्यायालय, सरकारी कार्यालय, सचिवालय और शासन प्रबन्ध में व्यवहृत होने वाले समस्त शब्दों का संक्लन इस कोष मे किया गया है। हिन्दी भाषा में यह सर्वप्रथम और सर्वांगीण प्रयत्न है । अब तक इस दिशा में उत्तर भारत की सारी भाषाओं द्वारा किये गये सारे प्रयत्नों का महत्वपूर्ण समन्वय इसमें हो गया है । यह कोप भारतवर्ष के समस्त प्रान्तों और राज्य-संघों के लिये उपयोगी सिद्ध होगा ।" शुद्ध विज्ञान और कला के अन्य विषयों पर पारिभाषिक शब्द निर्माण का कार्य अन्य सस्थायें भी कर रही हैं। सम्मेलन ने व्यावहारिक विज्ञान की २३ शासाओं के शब्दों का काम अपने हाथ में लिया है। इसमें कुल सवा लास शब्द होंगे। यह वैज्ञानिक कोष छः जिल्दों में तैयार होगा, चिकित्सा, विज्ञान, इंजीनियरिंग, भूगर्भ, नौ विमान, रसायन तथा कृषि आदि। अन्य विज्ञान मे परिरमारिफ शब्दों के निर्माण के लिये निम्नति द्विानों की कमेटियाँ बनी हैं ।
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ज्योतिषशास्त्र में मांगलिक योग, कालसर्प योग, केमद्रुम, जैसे अशुभ योगों में विषकन्या योग भी शामिल है। विषकन्या योग को सभी अशुभ योगों में प्रमुख में कह सकते हैं। इस योग के होने से सबसे ज्यादा परेशानी वैवाहिक जीवन में देखा जाता है। इसलिए विवाह के समय इस योग की जांच जरूर करनी चाहिए। - अश्लेषा या शतभिषा नक्षत्र में जन्म हो और उस दिन रविवार के साथ द्वितीया तिथि भी हो तो विषकन्या योग बनता है। - कृतिका, विशाख़ा या शतभिषा शतभिषा नक्षत्र हो और उस दिन रविवार के साथ द्वादशी तिथि भी मौजूद हो तब यह योग बनता है। - अश्लेषा, विशाखा या शतभिषा नक्षत्र हो औऱ साथ में मंगलवार और सप्तमी तिथि भी हो तब विषकन्या योग निर्मित होता है। - अश्लेषा नक्षत्र शनिवार के दिन कन्या का जन्म हो और साथ में द्वितीया तिथि भी हो तो यह अशुभ योग कुंडली में होता है। - शतभिषा नक्षत्र में मंगलवार के दिन द्वादशी तिथि में किसी कन्या के जन्म होने पर उस कन्या की कुंडली में यह अशुभ विषकन्या योग बनता है। - शनिवार के दिन कृतिका नक्षत्र हो साथ में सप्तमी या द्वादशी तिथि हो तब विषकन्या योग प्रभावी होता है। - कुंडली में शनि लग्न में, सूर्य पंचम भाव में और मंगल नवम भाव में होने पर भी 'विषकन्या योग का निर्माण होता है। - कुंडली के लग्न में कोई पाप ग्रह बैठा है और अन्य शुभ ग्रह जैसे चंद्रमा, शुक्र, गुरु, बुध कुंडली छठे, आठवें या बारहवें घर में हों तब विषकन्या योग बनता है। - किसी कन्या की कुंडली में छठे स्थान पर कोई पाप ग्रह जैसे शनि,राहु, केतु किसी अन्य दो शुभ ग्रहों के साथ युति बनाए तो यह 'विषकन्या योग बनाता है। - इसके अलावा यदि किसी कन्या की जन्मकुंडली के सप्तम स्थान में कोई भी पाप ग्रह राहु,केतु,शनि,मंगल बैठा हो और उसे इनमें से कोई दूसरा ग्रह आमने-सामने बैठकर देख रहा हो ता विषकन्या योग प्रभावी होता है। जिस भी स्त्री की कुंडली में विषकन्या योग का निर्माण होता है उसे वटसावित्री व्रत जरूर करना चाहिए। विषकन्या योग से पीड़ित कन्या के विवाह से पूर्व कुंभ, श्रीविष्णु, पीपल अथवा शमी या बेर के वृक्ष के साथ उसका विवाह कराना चाहिए। इससे प्रतिकूल प्रभाव दूर होता है। विषकन्या योग से निजात पाने के लिए सर्वकल्याणकारी "विष्णुसहस्त्रनाम" का पाठ आजीवन करना चाहिए। गुरु बृहस्पति की आराधना से भी विषकन्या योग के अशुभ फलों में कमी आती है।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे देश की संस्कृति हमारी ताकत है। भारत के अलग-अलग राज्यों में रहने वाले लोगों का खानपान, वेशभूषा और भाषा भले ही भिन्न हो पर इस अनेकता में एकता ही संगमम का भाव है। मुख्यमंत्री योगी अमर उजाला और उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग के तत्वाधान में लखनऊ के संगीत नाटक अकादमी में आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम 'संगमम' के दूसरे दिन आयोजन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन सराहनीय हैं क्योंकि इससे हमेशा ही संस्कृतियों के बीच फैले दुष्प्रचार को खत्म करने में मदद मिलती है जिससे देश मजबूत होता है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि मैं तो चाहूंगा कि प्रदेश के हर बड़े महानगर में एक गली ऐसी जरूर हो जहां पर लोग अलग-अलग समाजों से जुड़े खानपान का आनंद ले सकें। इससे उन्हें यह भी पता चलेगा कि अलग-अलग राज्यों में जाने पर उन्हें खाने के लिए क्या मिलेगा। संगमम में मुख्यमंत्री योगी ने अलग-अलग राज्यों के खानपान के पांडाल का निरीक्षण किया और उनके बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इस तरह के आयोजन हमारे देश की संस्कृति को समझने में मदद करते हैं। मुख्यमंत्री योगी ने अलग-अलग राज्यों से आए कलाकारों से बात की और उनका उत्साह बढ़ाया। अलग-अलग राज्यों से आए कलाकारों ने मुख्यमंत्री योगी के सामने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी।
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टी20 इंटरनेशनल में राशिद खान ने एक ऐसी अनोखी सेंचुरी बनाई है, जिसके बारे में सोचना ही मुश्किल है। जिस फॉर्मेट में बिना बाउंड्री खाए एक ओवर मुश्किल होता है, वहां राशिद 100 से ज्यादा गेंदें ऐसी फेंकी। टी20 इंटरनेशनल एक ऐसा फॉर्मेट है, जहां गेंदबाजों पर हमेशा दबाव बना रहता है। एक ओवर बिना बाउंड्री खाए करना मुश्किल होता है, ऐसे में सोचिए जरा किसी गेंदबाज ने 100 से ज्यादा ऐसी लगातार गेंदें फेंकी हों, जिस पर बाउंड्री ना लगी हो। टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में ऐसे रिकॉर्ड के बारे में सोचना ही मुश्किल है, लेकिन अफगानिस्तान के स्टार स्पिनर और कप्तान राशिद खान के नाम यह रिकॉर्ड दर्ज हो चुका है। पाकिस्तान के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज के आखिरी टी20 इंटरनेशनल मैच के दौरान राशिद ने यह उपलब्धि हासिल की। राशिद खान की 106वीं गेंद पर यह रिकॉर्ड टूटा, जब पाकिस्तान के सैम अयूब ने उन्हें छक्का लगाया। पाकिस्तान ने सीरीज पहले ही गंवा दी थी, लेकिन तीसरा मैच 66 रनों से जीतकर क्लीन स्वीप से खुद को बचा लिया। राशिद खान के रिकॉर्ड पर नजर डालें, तो उन्होंने 80 टी20 इंटरनेशनल मैचों में 14. 16 की औसत और 14. 16 के स्ट्राइक रेट से कुल 129 विकेट लिए हैं। राशिद ने इस दौरान महज 6. 18 के इकॉनमी रेट से रन खर्चे हैं। टी20 इंटरनेशनल में दो बार राशिद खान पांच विकेट भी ले चुके हैं। खैर पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच आखिरी टी20 इंटरनेशनल मैच की बात करें तो पाकिस्तान ने पहले बैटिंग करते हुए 20 ओवर में सात विकेट पर 182 रन बनाए। जवाब में अफगानिस्तान की टीम 18. 4 ओवर में 116 रनों पर ही सिमट गई।
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प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दर में काफी कमी आ गयी है. इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों में OPD सेवाएं फिर से शुरू करने और कोविड मरीजों के लिए आरक्षित बिस्तरों की संख्या को कम करने का फैसला लिया. इस सम्बंध में स्वास्थ्य संचालक ने कलेक्टरों को निर्देश जारी किए हैं. रायपुर. प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दर में कमी देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने आज से अस्पतालों में OPD सेवाएं फिर से शुरू करने का फैसला लिया है. साथ ही कोविड मरीजों के लिए आरक्षित बिस्तरों की संख्या में भी कमी की गयी है. इस सम्बंध में स्वास्थ्य संचालक ने कलेक्टरों को निर्देश जारी किए हैं. बता दें कोरोना के तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकारी और निजी अस्पतालों की अधिकतर OPD सेवाओं को बंद कर दिया गया था. गैर जरुरी ऑपरेशन रोक दिये गए थे. साथ ही कोविड मरीजों के लिए 70 फीसदी बिस्तर आरक्षित किये गए थे. अब कोरोना के संक्रमण दर में काफी कमी आई है. हास्पिटल में कोरोना मरीजों की संख्या पहले के मुकाबले बहुत कम है. इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने आज से अस्पतालों में OPD सेवाएं फिर शुरू करने का फैसला लिया है. इसके लिए स्वास्थ्य संचालक ने जिले की सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी किए हैं. ओपीडी सेवाएं शुरू करने के साथ ही अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए पहले से आरक्षित किये गए 70 प्रतिशत बिस्तर को घटाकर 20 प्रतिशत करने के निर्देश भी जारी किये गए हैं.
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जर्मन ऑनलाइन प्रकाशन स्पीगल ने अपनी वेबसाइट पर सामग्री को साफ किया और यूक्रेनी नागरिक नताल्या उस्मानोवा की कहानी वाला एक वीडियो हटा दिया, जिसे रूसी सैन्य कर्मियों ने एक दिन पहले अज़ोवस्टल संयंत्र के क्षेत्र से निकाला था। प्रकाशन ने अस्पष्ट रूप से समझाया कि वीडियो को हटाने का कारण "बाद में सामग्री में विसंगतियों की पहचान की गई थी। " एक वीडियो के बजाय जो अचानक "गलत" हो गया, उस्मानोवा की एक तस्वीर बस में साइट पेज पर पोस्ट की गई थी, जिस पर हमारी सेना संयंत्र के क्षेत्र से बंधकों को डीपीआर के नोवोअज़ोव्स्की जिले के बेज़मेनोय गांव में ले गई थी। हटाया गया वीडियो तीन मिनट की रिकॉर्डिंग थी जिसमें उस्मानोवा स्पष्ट रूप से इस बारे में बात करती है कि वास्तव में संयंत्र के अवरुद्ध क्षेत्र में क्या हो रहा है। एक मिनट के साक्षात्कार का एक हल्का संस्करण रॉयटर्स की वेबसाइट पर पोस्ट किया गया है। इसमें गोलाबारी की तीव्रता और बंकर में रहने की कठिन परिस्थितियों के बारे में केवल एक महिला के शब्द हैं। हालाँकि, सच्चाई, पश्चिमी मीडिया के लिए असुविधाजनक है कि उक्रोनाज़ियों द्वारा नियंत्रित अज़ोवस्टल के क्षेत्र में क्या हो रहा है, अभी भी छुपाया नहीं जा सका है। तथ्य यह है कि उस्मानोवा न केवल विदेशी पत्रकारों के साथ संवाद करने में कामयाब रहे। इसलिए, RIA "समाचार" उसने कहा कि आज़ोव उग्रवादियों ने मानवीय गलियारों के बारे में घिरे नागरिकों से एक शब्द भी नहीं कहा। जिन लोगों ने रेडियो संदेशों से इसके बारे में सीखा, उन्हें राष्ट्रीय बटालियनों द्वारा संयंत्र के क्षेत्र को छोड़ने से मना किया गया था। साक्षात्कार के अंत में, पूर्व बंधक ने कहा कि आखिरकार, यूक्रेन एक राज्य के रूप में उसके लिए अस्तित्व में नहीं रहा। जर्मन स्पीगल ने साइट से असुविधाजनक वीडियो को हटाने का कारण काफी समझ में आता है। आखिरकार, उनके द्वारा नियंत्रित पश्चिमी राजनेताओं और पत्रकारों का दावा है कि यह रूस है जो अज़ोवस्टल के क्षेत्र से नागरिकों की निकासी को रोकता है। आधिकारिक कीव अपने स्वयं के नागरिकों को बचाने में मदद करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है, जिन्हें आतंकवादियों द्वारा मानव ढाल के रूप में संयंत्र के प्रलय में रखा जा रहा है। राष्ट्रीय बटालियनें स्वयं इस जानकारी को छुपाती हैं कि रूसी सेना प्रतिदिन मानवीय गलियारे खोलती है जिसके माध्यम से वे संयंत्र में मौजूद सभी लोगों को निर्बाध पहुंच प्रदान करते हैं। राष्ट्रीय बटालियन सहित - निरस्त्रीकरण और स्वैच्छिक आत्मसमर्पण की शर्त पर। * सैन्य गठन को चरमपंथी के रूप में मान्यता प्राप्त है और रूसी संघ के क्षेत्र में प्रतिबंधित है।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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महाराष्ट्र में इन दिनों पुलिस कांस्टेबल की भर्ती हो रही है। चूंकि मुंबई में सर्वाधिक पदों पर भर्ती होनी है इसलिए गांवों से बड़ी संख्या में युवा महानगर पहुंचे हैं। बेरोजगारी का आलम यह है कि सिपाही बनने के लिए डॉक्टर, इंजीनियर, एलएलबी और एमबीए डिग्रीधारी भी कतार में हैं। मुंबई में 1400 पदों के लिए दो लाख से ज्यादा उम्मीदवारों ने आवेदन किया है। महिला पुलिस कांस्टेबल के 460 पदों के लिए 32,280 लड़कियों ने आवेदन किया है। कांस्टेबल के लिए शैक्षणिक योग्यता 12वीं है जबकि मुंबई पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इसके लिए प्राप्त दो लाख आवेदनों में से करीब 40 हजार से ज्यादा अभ्यर्थी स्नातक और तीन हजार से ज्यादा अभ्यर्थी स्नातकोत्तर हैं। इसके अलावा तीन डॉक्टर और पांच वकील की डिग्री हासिल करने वाले भी सिपाही बनने के लिए कतार में हैं। इतना ही नहीं 167 एमबीए, 423 इंजीनियर डिग्रीधारी भी पुलिस बल में शामिल होने को उत्सुक हैं। मुंबई के अलावा पालघर जिले में भी कमोबेश यही स्थिति है। संयुक्त पुलिस आयुक्त अर्चना त्यागी ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया आठ अप्रैल से शुरू की गई है जो आठ मई तक चलेगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इनमें अधिकांश पढ़े/लिखे युवाओं की अंग्रेजी भाषा में पकड़ कमजोर है इसलिए इन्हें प्राइवेट नौकरी नहीं मिल रही है। लिहाजा ये सिपाही ही सही लेकिन सरकारी नौकरी चाहते हैं। हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें। Read the latest and breaking Hindi news on amarujala. com. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. Register with amarujala. com to get all the latest Hindi news updates as they happen.
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विधि संवाददाता नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सरकार द्वारा तीन सप्ताह पहले लाये गये खाद्य सुरक्षा अध्यादेश को चुनौती देने वाली जनहित याचिका स्वीकार करने से आज इंकार कर दिया। न्यायमूर्ति टीएस "ाकुर और न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन की पी" ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इंकार करते हुए याचिकाकर्ता से अपनी चिंताओं को उच्च न्यायालय के सामने रखने के लिए कहा। न्यायालय ने अधिवक्ता एमएल शर्मा द्वारा दायर याचिका पर आदेश पारित किया। शर्मा ने आरोप लगाया था कि केन्द सरकार राजनीतिक उद्देश्यों के लिए अध्यादेश लाई है और अदालत को इसकी वैधता जांचनी चाहिए। हालांकि पी" ने स्पष्ट किया कि अदालत इस आधार पर अध्यादेश की जांच नहीं कर सकती कि इसके पीछे राजनीतिक मंशा छिपी हुई है। पी" ने याचिकाकर्ता से अध्यादेश की वैधता को अन्य आधारों पर चुनौती देने के लिए उच्च न्यायालय से गुहार लगाने के लिए कहा। याचिका में अध्यादेश को खारिज करने की मांग करते हुए आरोप लगाया गया कि चुनावों से पहले प्रचार और राजनीतिक लाभ के लिए संवैधानिक प्रावधान का दुरूपयोग किया गया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पांच जुलाई को खाद्य सुरक्षा अध्यादेश पर हस्ताक्षर किये थे। इस अध्यादेश के तहत देश की दो तिहाई आबादी को एक से तीन रूपये प्रति किलो की सब्सिडी दर पर हर महीने पांच किलोग्राम खाद्यान्न दिए जाने का प्रावधान है। जनहित याचिका के अनुसार, अध्यादेश लाने के लिए कोई आपातकालीन परिस्थितियां नहीं थीं। इसलिए यह संविधान के अनुच्छेद 123 के नियमों के अनुकूल नहीं है। यह अधिसूचना असंवैधानिक है और इसे शून्य घोषित किया जाना चाहिए। याचिका में इस संबंध में कई सवाल खड़े किये जिसमें यह सवाल भी शामिल है कि सरकार आपातकालीन स्थिति के बगैर अनुच्छेद 123 लगा सकती है या नहीं।
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नई दिल्लीः हीरो स्प्लेंडर प्लस बाइक को गांव से लेकर शहरों तक खूब पसंद किया जाता है, जिसकी खरीदारी को लोग घरों से बाहर निकलते हैं। अगर आप हीरो स्प्लेंडर प्लस की खरीदारी करने का प्लान बना रहे हैं तो फिर बिल्कुल भी देर नहीं करें। मार्केट में इन दिनों धाकड़ वेरिएंट को खूब पसंद किया जा रहा है, जिसे आप कम कीमत में खरीदकर घर ला सकते हैं। यह बाइक हीरो स्प्लेंडर प्लस 100cc है, जिसका माइलेज और लुक भी एकदम फाड़ू है। कंपनी की ओर से सेल बढ़ाने के लिए अब इस पर फाइनेंस प्लान दिया जा रहा है, जिसे कम कीमत खर्च कर घर ला सकते हैं। आपने खरीदारी का अवसर हाथ से निकाला तो फिर पछतावा करना होगा। फाइनेंस प्लान की डिटेल जानने के लिए आपको हमारा आर्टिकल ध्यान से पढ़ने की जरूरत होगी। देश की बड़ी टू-व्हीलर कंपनियों में गिने जाने हीरो कंपनी अपनी स्प्लेंडर प्लस 100cc को मार्केट में खूब बेच रही है, जिसपर फाइनेंस प्लान भी दे रही है। अगर आप खरीदारी करना चाहते हैं तो वैसे शोरूम में हीरो स्प्लेंडर प्लस का प्राइस 70,658 रुपये से शउरू होकर ऑन रोड तक 85,098 रुपये तक तय किया गया है। वहीं, इसके फीचर्स की बात करें तो सबसे अलग हैं, जो लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं। बाइक में 97.2cc का 4 स्ट्रोक, एयर कूल्ड तकनीक पर आधारित सिंगल सिलेंडर इंजन शामिल किया गया है। इंजन 8.02 ps की अधिकतम पावर और 8.05 Nm का पीक टॉर्क पैदा करने में सफल है। बाइक के इंजन के साथ 4 स्पीड गियरबॉक्स शामिल किया गया है। इसके माइलेज की बात करें तो 83 किलोमीटर का प्रति लीटर देती है। इसे कंपनी द्वारा प्रमाणित किया गया है। हीरो स्प्लेंडर प्लस 100cc को आप बहुत कम में खरीदकर घर ला सकते हैं। बाइक को फाइनेंस प्लान पर खरीदते हैं तो आपको 76,098 रुपये का लोन मिल रहा है। खरीदने के लिए आपको 9,000 रुपये डाउन पेमेंट करनी होगी। इसके बाद आपको तीन साल तक हर महीना 2,445 रुपये मंथली ईएमआई भरनी होगी। लोन चुकाने के साथ 9.7 फीसदी सालाना दर से ब्याज का भुगतान करना होगा।
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अपनी मायाका विस्तार कर उन्होंने लोगोंको अनेक प्रकारको शिक्षा देने का प्रयत्न किया । बाल लीला - कंसको अष चैन कहां ? उसे योग मायाकी बातपर पूरा पूरा विश्वास हो गया था। प्रति 'पल वह अपने शत्रुको खोज, उसे मार डालनेकी चिन्तामें व्यश् रहता था। राक्षसोंने चारों ओर अत्याचार करना आरम्भ कर दिया था। केवल सन्देह वश, सैकड़ों सुकुमार बच्चे निर्दयता पूर्वक मार डाले जाते थे और अनेक अभागे दम्पतियोंके -लाल जबर्दस्ती उनके हाथोंसे छीन लिये जाते थे। लाख यह करने परभी कृष्ण और बलदेव उन दानवोंको दृष्टिसे न वच सके। कंसको तुरन्त सूचना दी गयीं, क्योंकि नन्दके प्रभाव, उनके व्यक्तित्व और प्रवन्धके कारण वहां हरएककी दाल न गलती थी । कंसने सोचविचार करनेके बाद इस कार्य का भार पूतना नामक राक्षसीको दिया । वह एक सुन्दर ग्वालिनका वेश धारणकर नन्दके घर गयी । यशोदाने उसका यथोचित सत्कार कर बैठनेको आसन दिया। पूतनाने बड़े प्रेमसे कृष्णको उठा लिया और उन्हें स्तनपान कराने लगी। उस दुष्टाने स्तनोंपर विष लगा रक्खा था। उसने समझ रक्खा था, कि विषपान करते ही कृष्णका अन्त हो जायगा, परन्तु मायापतिले दी उसकी यह माया कैसे चल सकती थी ! कृष्ण स्तनपान करते हुए उसकी जीवनी शक्तिका हरण करने लगे। पूननाको घ्याकुलता चढ़ने लगी। अङ्गप्रत्यङ्गमें असहा वेदना होने लगी और अन्त में उसकी आंखें उलट गयीं। उसने अपने आपको छुड़ाना चाहा, परन्तु कृष्णने न छोड़ा। वह चिल्लाती हुई वहां से भगी और निर्जीव हो' गिर पड़ी । नन्द वहांसे कृष्णको उठा लाये और उनकी रक्षापर परमात्माको धन्यवाद देने लगे । इस घटनाको देख कंसको दृढ़ विश्वास हो गया, कि कृष्णही मेरा शत्रु है। अग्नि, रोग, ऋण और रिपुको बढ़नेका अवसर न दे आरम्भहीमें नाश करना चाहिये । यह सोच वह उनके मारनेकी प्राणपणसे चेष्टा करने लगा। प्रतिदिन एक न एक वधिक इस कार्यके लिये गोकुल जाता और यथाशक्ति प्रयत्न करता । एक दिन एक राक्षस ब्राह्मण के वेशमें वहां गया, उसने यशोदासे कृष्णके दर्शनकी अभिलाषा प्रकट की। यशोदा जल भरने जा रहीं थीं, अतः लौट आनेतक बैठनेकी प्राथना की। कृष्ण भी उस समय सो रहे थे । यशोदाकी अनुपस्थिति देख उस राक्षसने उन्हें मार डालना चाहा और उनके पास गया । कृष्णने उसकी जीभ पकड़कर ऐंठ दी और मुहमें दहीभर दिया। आसपास जो पात्र पड़े थे वह भी तोड़ फोड़ डाले। यशोदाने आकर देखा, कि मटुकियां फूटी पड़ी हैं, वही दूधफा कीचड़ मच रहा है और ब्राह्मण देवता खड़े घबड़ा रहे है। उन्होंने उससे पूछा, "दही खाया तो खाया यह बरतन क्यों फोड़ ढाले ?" श्रीकृष्ण ल राक्षसमें बोलने की शक्ति न थी । उसने कृष्ण की ओर उ'गली उठादी । यशोदाको विश्वास न हुआ। एक अबोध चालक यह सब कैसे कर सकता है ? उन्होंने उसे ही दोषी समझा, परन्तु ब्राह्मण जान केवल घरसे निकाल दिया और कोई सजा न दी । इसके बाद कागासुर पहुंचा। कृष्ण ने उसकी गरदन ऐंठ फेंक दिया और वह निर्जीव हो कंसके सम्मुख जा गिरा । फिर शकटासुरकी बारी आई और उसको भी यही दशा हुई । 'एक दिन तृणावर्त्त आया और वह यशोदा सहित कृष्णको उठा ले जाने की बात सोचने लगा। इतने में बड़े जोरले आँधी आयी । कृष्णने अपना वजन बढ़ा दिया। यशोदा उन्हें उठाकर अन्दर न लेजा सकीं। समझाने पर भी वह आँगा न उडे । यशोदा ज्योंही वहाँले स्थानान्तरित हुई त्योंही कृष्ण ने उस दुष्ट का गला घोट डाला। वह निर्जीव हो, वहीं गिर गया। यह देख यशोदादिके आश्चध्यका चारापारन रहा । उन्होंने कृण की बलैया ले बहुत कुछ दान पुण्य किये । एक दिन किसीने शिकायत कर दो, कि कृष्ण ने मिट्टी खा ली है । यशोदाने उन्हें धमका कर मुह दिखाने को कहा । कृष्णने अपनी निर्दोषिता सिद्ध करने के लिये उनके सम्मुख अपना मुंह खोल दिया। यशोदाका उसमें तीनो लोक दिखायो पड़ने लगे और उनके आश्चध्यको सीमा न रहो । शुक्ल पक्षके चन्द्रकी तरह कृष्णचन्द्रकी कला मीर बढ़ती जा रही थी। ज्यों ज्यों वह बड़े होते गये त्यों त्यों अपनी बाल लीलाका विस्तार करने लगे। गोकुलकी समस्त जनता उनको अधिकाधिक चाहने लगी। सबका स्नेह भाव उनपर बढ़ताही गया। यहांतक कि, वह उत्पात करें, दही दूध नष्ट करदें, वरतन फोड़ दे, तब भी वह उन्हें उसी भावसे बुलाते, बैठाते और खिलाते । गोकुलका एक भी घर ऐसा न था। जहां कृष्णका आवागमन न हो । वह प्रत्येक. घरमें जाते, खेल कूद करते, दही दूध खाते और मौज उड़ाते थे । कहीं कहीं उत्पात कर बैठते और हसो खेलमें मटुकियां फोड़ डालते थे । क्षणमात्रमें वह उत्पात वर इधरसे उधर हो आते। उनमें इतनी चञ्चलता, इतनी स्फूर्त्ति, इतना चिलबिलापन था, कि उन्हें स्थानान्तरित होते देरही न लगती थी। एक दिन मुहल्ले में बड़ा उत्पात मचाया। प्रत्येक घरमें कुछ न कुछ तोड़ फोड़ दिया। चारों ओरसे यशोदाके पास उलाहन आने लगे। यशोदाने कहा, कृष्णतो कहीं गयाही नहीं। वास्तव में बात कुछ ऐसीही थी। उन्हें इसका पताही न रहता था कि कृष्ण कथ बाहर जाते है और कब लौट आते हैं। वह इधर उधर काम करके आतों, तो उन्हें घरमेंही पातीं । कृष्णको अनेकस्थानों में देख लोगोंको भ्रम हो जाता था। उन्हें मालूम पड़ता कि अनेक कृष्ण एकही समय अनेक स्थानों में विचरण कर रहे ।। इसका कारण उनका बिलबिलापन ही था। एक दिन कृष्ण ने अपनेहो घरमें उत्पात मचाया। वह और उनके बाल मित्रोंने खूब दही दूध और माखन उड़ाया । अन्तमें मटुकियां फोड़ डालीं और घर भरमें दही दूधकी नदियां वहा दीं। यशोदाने आकर यह देखा और बड़ा क्रोध प्रकट किया। सब लड़के तो भाग गये, परन्तु कृष्ण पकड़ लिये गये । यशोदाने उनकी कमर एक दामनसे बांध दी और उसका सिरा एक वजनदार ऊखलमेंः अटका दिया। कृष्ण बैठे बैठे रोते और विनय अनुनय करते रहे, परन्तु छूट न सके । यशोदाने आज 'कठोर दण्ड देनेका निश्चय किया था अतः मुहल्लेको कितनीही स्त्रियोंके समझाने बुझाने पर भी, उन्हें न छोड़ा । कृष्णने खड़े हो उस ऊखलको आँगनकी ओर घसीटना आरम्भ किया। वह बड़े हृष्ट पुष्ट और बलिष्ट थे । फिर भी यह काम : साधारण बच्च की शक्तिके बाहर था । कृष्ण जमीन पर पैर अड़ा अड़ा कर उसे दामनके सहारे खींचते और कुछ न कुछ खिसका ही ले जाते। उनके आँगन में दो वृक्ष थे। वह दोनों पासही पास थे।. कृष्णने उस ऊखलको उन दोनोके बीच में फंसा कर ऐसा जोर लगाया, कि वह उखड़ कर गिर पड़े। लोगोंके आश्चर्यका वार पार न रहा । उन वृक्षोंको गिरा देना आसान काम न था। यशोदाने विस्मित हो, सहर्ष उन्हें बन्धन मुक्त कर दिया। कुबेरके दो पुत्र नारदके शापसे इन वृक्षोंके रूपमें परिवर्तित हो गये थे वृक्षोंके उखड़तेही उन दोनोंका उद्धार हुआ। उन्होंने दिव्य रूपमें प्रकट हो कृष्णकी स्तुति की और फिर अन्तर्द्धान हो गये 1 कृष्णकी यह लीला देख, गोकुलके लोगोंको मितना होता था, कंसको उसका सौगुना संताप होता था। उसने अब "तक कृष्ण को मार डालनेके लिये जितनी चालें चली थीं वह सब बेकार हो गयी थीं। जितनी चेष्टायें की थीं घे सभी निष्फल : सिद्ध हुई थीं। उसका एक भी प्रयत्न सफल न हुआ था। कंसने - अब असुरोंको बड़ी कड़ी आज्ञा दी, खूब प्रलोभन भी दिया । कहा - किसी न किसी तरह कृष्ण को अवश्य मार डालो। इसी लिये राक्षसोंका उत्पात अब बहुत बढ़ गया । गोकुलमें आये दिन एक न एक अनर्थ होने लंगा। नन्दको बड़ी चिन्ता हुई। बह गोकुलको छोड़ वृन्दावन में जा बसे । वह समझे, कि अब सुरक्षित स्थानमें आ गये, परन्तु कंसके अनुचरोंने यहां भी पीछा नःछोडा । वह तो कृष्ण की घातमें थे । नन्द चाहे घरमें रहें या जङ्गलमें, गोकुलमें रहें या वृन्दावन में उन्हें तो अपने कामसे काम था । जब कृष्ण की अवस्था पांच वर्ष की हुई, तब वह अपन बालमित्रोंके साथ बछड़ोंको चरानेके लिये जङ्गलमें जाने लगे। एक : दिन एक राक्षस बछड़ेका रूप धारण कर उन्हें मारनेको चेष्टा करने लगा। कृष्णको यह रहस्य मालूम होगया। उन्होंने पैर पकड़ उसे इस जोरसे पटका कि उसके प्राण निकल गये। दूसरे दिन बकासुर आ पहुंचा। वह बड़ेही भयानक पक्षोके रूप में, था । कृष्ण के निकट वह चोंच फैलाकर बैठ गया । कृष्ण उसके उदरमें प्रवेश कर गये । ज्योंही वह अन्दर पहुंचे त्योंही उसके पेटमें दाह होने लगा। उसने कृष्ण को उसी क्षण बाहर निकाल दिया। वृष्णने ररु. की चोन पकड़ कर चीर डाली । सब लड़के उसके विकसित मुखमें बैठ, खेल करने लगे। कृष्ण भी उन्होंमें जा भिले। परन्तु राक्षसका प्राण अभी निकला नथा । उसने सबको अपने मुख में बैठे देख, वडे वेगसे सांस ली। सांसके साथही सबके सव उसके पेट में चले गये। राक्षस. प्रसन्न हुआ, परन्तु लड़कोंके प्राण सक्टमें जापढ़े। कृष्णने तुरन्त अपना शरीर बढ़ाना आरम्भ किया, यहां तक कि वत्सासुरका पेट फट गया और सबके सबबाहर निकल पड़े। एक दिन बछड़े चर रहे थे । ग्वाल-चालोंको क्षुधा लग रही थी। सबके सब एक साथ भोजन करने बैठ गये । कृष्ण मे भी उनका साथ दिया। देवताओंको यह देख सन्देह हुआ। उन्होंने कृष्णकी परीक्षा लेनेका निश्चय किया और बछड़े कहीं स्थानान्तरित कर दिये । ग्वाल-चाल खा पीकर उठे तो बछड़े गायव ! वे घवड़ाने और रोने लगे । कृष्णने उन्हें आश्वासन दिया और उसी रूप रडके बछड़े तय्यार कर दिये। बछड़ोंको पाकर ग्वाल बाल बड़े प्रसन्न हुए और देवताओंको भी विश्वास हो गया कि कृष्ण सभी कुछ करनेमें समर्थ हैं। इसी प्रकार श्रीकृष्ण अनेक लीलाओंका विस्तार कर रहे थे। एक दिन गायोंको खोजते खोजते गोपगण श्रीकृष्णसे विलग हो गये। परिश्रम करनेके कारण उन्होंने अत्यन्त तृषित होकर यमुनाका जल पी लिया। यमुनाका इस स्थानका जल विषाक था। उसे पीतेही सबके सब व्याकुल हो उठे। अचा६
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स्थान : देशनोक करणी माता का मंदिर। मंदिर के ठीक बाहर खुला मैदान। एक नहीं बल्कि दर्जनों अस्थायी दुकानें सज गई हैं। प्लास्टिक के डिब्बों में प्रसाद, करणी माता के चित्र वाले की रिंग, कार के आगे लगाने वाली तस्वीर, बच्चों के लिए हर तरह के खिलौने, चुनरी। वो सब कुछ इस चौक में नजर आता है जो आमतौर पर मेलों में दिखता है। दूर गांव से महिलाएं घरों पर चाकू, चकले, बैलन भी बनाकर लाई है ताकि बेचकर रोटी का इंतजाम कर सके। इन सबके विपरीत चौक में सन्नाटा पसरा हुआ है। दुकानें है, खिलौने हैं, बस ग्राहक नहीं है। कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए करणी माता मंदिर को 13 से 21 अप्रैल तक बंद कर दिया गया है। श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकते। ऐसे में नवरात्र में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या महज 20% रह गई। ये श्रद्धालु भी मंदिर के बाहर से ही हाथ जोड़कर निकल जाते हैं। ऐसे में खरीददारों का अभाव है। दुकानदार आमतौर पर ग्राहक को अपनी ओर खींचने के लिए पानी से हाथ धुलवाने के बहाने पानी से भरी गिलास लिए खड़ा रहता है, जैसे ही श्रद्धालु हाथ धोता है, उसे प्रसाद लेने के लिए प्रेरित किया जाता है। इस बार दुकानदार गिलास लेकर ही खड़े है लेकिन ग्राहक नहीं है। नवरात्र के दौरान देशनोक में प्रवेश करना मुश्किल होता है। एक से डेढ़ किलोमीटर दूर यातायात पुलिस वाहनों को रोक देती है। इस बार ऐसा कुछ नहीं है। आप मंदिर के ठीक पास अपना वाहन ले जा सकते हैं। आमतौर पर जहां कदम रखने को जगह नहीं है, वहां पक्षियों का जमावड़ा है और आराम से गेहूं के दाने चुग रहे हैं। मंदिर के मुख्य कपाट बंद है। कुछ मंदिर कर्मचारी ही अंदर आते-जाते दिख रहे हैं। जो लोग आसपास की दुकानों से प्रसाद लेकर आ रहे हैं, वो सिक्याेरिटी पर ही एक शख्स ले लेता है। वो कुछ प्रसाद रखता है और शेष वापस दे देता है। कहा जा रहा है कि यह प्रसाद बाद में निज मंदिर तक पहुंच जाता है। हालांकि इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही। बीकानेर में देशनोक के अलावा नागणेचीजी मंदिर में भी ऐसे ही हालात है। यहां मंदिर के बाहर एक LED लगा दिया गया है। जहां श्रद्धालु दर्शन करके वापस लौट रहे हैं। मंदिर के अंदर आम श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं मिल रहा है। ऐसे में यहां लगने वाला मेला भी खत्म हो गया। आमतौर पर यहां भी लंबे-चौड़े क्षेत्र में नवरात्र में शाम से देर रात तक मेला भरता है। मंदिर में दिनभर भजन-कीर्तन चलते हैं। श्रद्धालु बड़े भाव से यहां देर रात तक भजनों में हिस्सा लेते हैं। This website follows the DNPA Code of Ethics.
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Itarsi News: इटारसी नवदुनिया प्रतिनिधि। शहर के एफसीआइ सूरजगंज रोड वाले मैदान पर कुछ शिकारियों द्वाराखुले मैदान में हथगोले ( विस्फोटक पदार्थ) बनाकर रखे जा रहे हैं। बुधवार को मैदान में चरने गई एक गाय ने यह बम निगल लिया, जिससे गोला उसके जबड़े में जाते ही फट गया, इससे गाय का पूरा जबड़ा फट गया है। लहुलुहान हालत में बेदम हो चुकी गाय को गोशाला में लाया गया है। गौ सेवक दीपू पठोदिया, लखन कश्यप उसका उपचार कर रहे हैं। दीपू पठोदिया ने बताया कि कुछ माह पहले भी इसी तरह एक हथगोला खाने से एक बछड़े का जबड़ा फट गया था, काफी इलाज के बावजूद उसकी जान नहीं बच सकी। हिन्दू संगठन पहुंचे थानेः सूरजगंज एफसीआइ क्षेत्र के रिहायशी इलाके में विस्फोटक सामग्री और हथगोले रखने से लगातार गौवंशी मवेशी हादसे का शिकार हो रहे हैं। दूसरी बार इस तरह की घटना सामने आई है, इसके बाद हिन्दू संगठन के पदाधिकारियों ने थाने जाकर पुलिस को ज्ञापन देकर इस मामले की जांच करने एवं हथगोले बनाकर रखने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। युवाअों ने कहा कि इस तरह हथगोले खुले मैदान में रखने से बच्चे भी हादसे का शिकार हो सकते हैं। बताया जाता है कि सूरजगंज एफसीआइ के पीछे रहने वाले कुछ परिवार कच्ची शराब उतारने का कारोबार करते हैं, साथ ही जंगल में जाकर ये लोग जंगली सुअर का शिकार भी करते हैं, सुअरों को मारने के लिए कम मारक क्षमता वाले हथगोले बनाए जाते हैं, फटने के डर से हथगोलों को आसपास मैदान में फेंक दिया जाता है, जिसे खाकर गौवंशी मवेशी हादसे का शिकार हो रहे हैं। बुधवार को हुई घटना के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंची, पिछली घटना से पुलिस अधिकारियों ने कोई सबक नहीं लिया, जिससे दूसरी दफा यह हादसा हो गया। विस्फोटक अधिनियम का उल्लंघनः किसी भी तरह की विस्फोटक सामग्री, हथगोले या बारूद से बने खतरनाक बम इस तरह मैदान में नहीं रखे जा सकते हैं, इस मामले में विस्फोटक अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकती है, लेकिन पुलिस इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है, जिससे आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं, पुलिस की चूक कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है।
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PATNA : बिहार कांग्रेस ने एक बार फिर पटना की सड़कों पर पोस्टर लगा कर केन्द्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बनाये गए 35 एयरपोर्ट का नाम और राफेल विमान का दाम आम जनता से पूछा है। इसके लिए 5 करोड़ का इनाम देने की घोषणा भी पोस्टर में की गई है। बिहार कांग्रेस की गतिविधियां आम जनता के बीच कम सिर्फ पटना की पोस्टरों में ही दिखाई देती है। इस बार भी पोस्टर लगाने वाले वही कांग्रेस नेता हैं जिन्होंने कुछ दिनों पहले पोस्टर लगाकर सोनिया गांधी, राहुल गांधी से लेकर अपने तमाम बड़े नेताओं की जाति बताई थी। वैसे हर बार पोस्टर लगने पर कांग्रेस आधिकारिक रुप से अपने आप को इससे अलग कर लेती है। लेकिन पोस्टर लगाने वाले अपने नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं करती। अब बिहार कांग्रेस के इन पोस्टरबाज नेताओं को कौन समझाए की राफेल की कीमत राहुल गांधी को भी नहीं पता, तभी तो वे अपनी हर सभा में राफेल की अलग-अलग कीमत बताते रहते हैं। अच्छा होता कि कांग्रेस नेता राफेल की सही कीमत अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष से ही पूछ लेते तो उनको ईनाम देने की जरुरत नहीं पड़ती। बता दें कि भारत और फांस के बीच हुए राफेल डील में कीमत को गोपनीय रखने का जिक्र है। कांग्रेस की पोस्टर वाली सियासत को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा है कि देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी के पास कोई मुद्दा नहीं है। राफेल में कोई घोटाला नहीं हुआ है। पीएम मोदी पर लगाए गए आरोप गलत हैं।
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दोस्त के मोबाइल फोन में रिकॉर्ड हुई है. हरिद्वारः देहरादून में रहकर नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) की तैयारी कर रहा छात्र हरिद्वार में गंगा नदी में डूब गया. दोस्तों के सामने ही वह गंगा नदी में समा गया. पूरी घटना उसके दोस्त के मोबाइल फोन में रिकॉर्ड हुई है. ओम पुल से तेज धार गंगा के जल में छलांग लगाने के बाद वह किनारे पर नहीं आ सका और कुछ सेकेंंड में पानी में समा गया. घटना के बाद से छात्र की डेड बॉडी नहीं मिली है. उसके शव की तलाश की जा रही है. मृतक छात्र का नाम आयुष पटवाल था और वह यूपी के गाजियाबाद का रहने वाला था. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. जानकारी के मुताबिक यूपी के गाजियाबाद के प्रताप विहार के रहने वाला आयुष पटवाल पुत्र अनूप सिंह पटवाल देहरादून में रहकर एनडीए की तैयारी कर रहा था. छुट्टी होने के चलते वह अपने दोस्तों के साथ शनिवार को हरिद्वार घूमने के लिए आया हुआ था. दोपहर के वक्त सभी दोस्त ओम पुल के पास गंगा नदी में नहा रहे थे. आयुष पुल से नदी में गोता लगा रहा था. उसके गोता लगाने का वीडियो एक दोस्त अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर रहा था. घटना का जो वीडियो सामने आया है उसमें देखा जा सकता है कि ओम पुल से आयुष गंगा नदी में छलांग लगाता है. पानी के तेज बहाव के साथ वह कुछ दूरी पर तैरता हुआ जाता है, लेकिन किनारे नहीं आ पाता. इसी बीच वीडियो में आवाज सुनाई देती है 'डूब गया. . डूब गया' और कुछ सेकेंड बाद आयुष गंगा में समा जाता है. मौके पर मौजूद जल पुलिस को जैसे ही छात्र के डूबने की जानकारी मिलती है वह आयुष के सर्च ऑपरेशन में जुट जाती है. स्थानीय पुलिस भी घटना स्थल पर पहुंची थी. बताया गया है कि घटना को 24 घंटे पूरे होने को हैं. मगर, आयुष के शव अभी तक नहीं मिला है. जल पुलिस सहित कई टीमें सर्च ऑपरशेन में जुटी हुई हैं. आयुष के परिवार को भी घटना की जानकारी दी गई है वह लोग भी हरिद्वार पहुंचे हैं. मामले पर हरिद्वार सिटी एसपी स्वतंत्र कुमार सिंह का कहना है कि देहरादून में रहकर एनडीए की तैयारी कर रहे यूपी गायिजाबाद का छात्र गंगा नदी में डूब गया है. घटना के बाद से उसके शव की तलाश के लिए टीमें प्रयास कर रही हैं. फिलहाल छात्र का शव बरामद नहीं हुआ है. एसपी ने आगे कहा कि पहले भी ऐसा हादसा हुआ था, जिसमें तैरते हुए थकने के बाद युवक पानी में डूब गया था. हमारी लोगों से अपील है कि यदि उन्हें तैरना नहीं आता है तो नदी में न उतरें. ऐसा करने में बहुत खतरा है. स्नान करने के लिए रेलिंग का सहारा लें.
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एक अनूठा और अच्छी तरह से पसंद किया जाने वाला रायता, जनता से रिश्ता वेबडेस्क। एक अनूठा और अच्छी तरह से पसंद किया जाने वाला रायता, आपको यह साइड डिश विभिन्न भारतीय रेस्तरां में थाली या पूर्ण भोजन के हिस्से के रूप में परोसा जाएगा। बूंदी छोटे तले हुए गोले होते हैं जिन्हें चने या बेसन के आटे से बनाया जाता है और गोल छेद वाली एक विशेष करछुल में डाला जाता है। नटटी बूंदी का क्रंच चाट मसाला और मिर्च पाउडर के साथ मिलकर एक स्वादिष्ट दही मसाला बनाता है। 1 ¼ कप ताजा दही / दही (जरूरत हो तो ज्यादा) नमक आवश्यकता अनुसार (बूंदी नमकीन है इसलिए बहुत कम प्रयोग करें) ¼ से ½ छोटा चम्मच भुना जीरा पाउडर (गार्निश के लिए और अधिक) ¼ छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर (स्वादानुसार समायोजित करें) ½ छोटा चम्मच चाट मसाला (वैकल्पिक, स्वादानुसार समायोजित करें) बूंदी का रायता कैसे बनाते हैं? 1. दही को नमक और जीरा पाउडर के साथ फेंट लें। हरा धनिया डालकर मिलाएँ। आप चाहें तो दही में थोड़ी सी लाल मिर्च पाउडर भी मिला सकते हैं। 2. आप बाकी बचे मसालों के साथ छोटे तले हुए बॉल्स को सीधे दही के मिश्रण में मिला सकते हैं। लेकिन अगर आप अपने रायते में चिकने स्वाद से बचना चाहते हैं, तो एक वैकल्पिक तरीका है। तली हुई बूंदी को एक कटोरी पानी में एक से दो मिनट के लिए भिगो दें। सभी तरल को निकालने और दही में जोड़ने के लिए अच्छी तरह से निचोड़ें। 3. स्वाद चखें और यदि आवश्यक हो तो और मसाला डालें। 4. गार्निश के लिए कुछ कुरकुरी बूंदी, मिर्च पाउडर, पिसा हुआ जीरा और हरा धनिया छिड़कें।
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संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने म्याँमार में, प्रदर्शनकारियों पर घातक बल प्रयोग किये जाने की निन्दा की है. ध्यान रहे कि म्याँमार में, सेना द्वारा, 1 फ़रवरी 2021 को, सरकार अपने हाथों में लेने के विरोध में, प्रदर्शनों का सिलसिला बढ़ता जा रहा है. मीडिया ख़बरों के अनुसार, मंडालय में, शनिवार को प्रदर्शनों के दौरान कम से कम दो लोगों को मौत हो गई. I condemn the use of deadly violence in Myanmar. The use of lethal force, intimidation & harassment against peaceful demonstrators is unacceptable. Everyone has a right to peaceful assembly. I call on all parties to respect election results and return to civilian rule. मंडालय, यंगून के बाद, म्याँमार का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. म्याँमार में, 1 फ़रवरी को सेना द्वारा देश की सत्ता पर क़ब्ज़ा किये जाने के बाद, जन प्रदर्शनों का सिलसिला बढ़ता देखा गया है. ध्यान रहे कि नवम्बर 2020 में, देश की सिविल सरकार के लिये चुनाव हुए थे, जिसमें आँग सान सू ची के नेतृत्व वाली पार्टी - नेशनल लीग फ़ॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) ने जीत हासिल की थी. उसके बाद से ही, देश में राजनैतिक तनाव बढ़ता देखा गया था. सेना ने, 1 फ़रवरी को, सत्ता पर क़ब्ज़ा करने के साथ-साथ, देश के शीर्ष राजनेताओं को गिरफ़्तार कर लिया था, जिनमें आँग सान सू ची भी शामिल थीं. प्रदर्शनों के दौरान मौत का शिकार हुई एक युवती म्या थ्वेट थ्वेट ख़ाइन के अन्तिम संस्कार में, रविवार को, राजधानी नाय प्यी थाव में, बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए. 19 वर्षीय इस युवती की, प्रदर्शनों में जान गँवाने वाले पहले व्यक्ति के रूप में पुष्टि की गई है. उन्हें 9 फ़रवरी को, प्रदर्शनों के दौरान, सिर में गोली लगी थी, और शुक्रवार, 19 फ़रवरी को उनकी मौत हो गई. म्याँमार में, मानवाधिकार स्थिति पर, सयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत टॉम एंड्रयूज़ ने इस युवती की मौत पर गहरा दुख प्रकट किया. शनिवार को, मंडालय में उस समय दो लोगों की मौत हो गई, जब सुरक्षा बलों ने, शिपयार्ड (जहाज़ मरम्मत स्थल) पर हड़तालकर्मियों पर गोलियाँ चला दीं. टॉम एंड्रयूज़ ने और भी ज़्यादा लोगों के मौत का शिकार होने पर असीम क्रोध व्यक्त किया. मारे गए दो लोगों में, एक किशोर लड़का भी था. शनिवार को ही, उससे पहले, एक अन्य ट्वीट सन्देश में उन्होंने कहा था कि मंडालय में (शनिवार को) प्रदर्शनकारियों पर गोलियाँ चलाने में 33वीं लाइट इनफ़ैन्टरी डिवीज़न शामिल थी. टॉम एंड्रयूज़ जैसे विशेष रैपोर्टेयर, संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारी नहीं होते हैं और ना ही उन्हें संगठन से कोई वेतन मिलता है. उनकी नियुक्ति, किसी विशेष देश में किसी ख़ास स्थिति या किसी विशेष मानवाधिकार मुद्दे की निगरानी करने, और सलाह देने के लिये, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद द्वारा की जाती है. As an independent media platform, we do not take advertisements from governments and corporate houses. It is you, our readers, who have supported us on our journey to do honest and unbiased journalism. Please contribute, so that we can continue to do the same in future.
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मंडी - मंडी जिला के 112 स्कूलों ने वेबसाइट इंटरनेट फीस जमा करवाने में गंभीरता नहीं दिखा रहे है। बार-बार निर्देश जारी के बाद भी उक्त स्कूलों ने फीस जमा नहीं करवाई है। अगर उक्त स्कूलों ने दो दिन के भीतर फीस जमा नहीं करवाई, तो विभाग द्वारा फीस जमा न करवाने वाले स्कूल मुखियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। शिक्षा विभाग ने कहा कि जिला के 84 वरिष्ठ, जबकि 28 हाई स्कूल वेबसाइट इंटरनेट फीस जमा नहीं करवा रहे हैं। अगर आगामी दो दिन के भीतर इंटरनेट फीस जमा न करवाई गई, तो विभाग द्वारा सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी, जिसके लिए संबंधित स्कूल मुखिया स्वयं जिम्मेदार होंगे। इस बारे में उच्च शिक्षा उपनिदेशक अशोक शर्मा का कहना है कि जिलाभर के 112 स्कूलों द्वारा अभी तक वेबसाइट इंटरनेट फीस जमा नहीं करवाई गई है। दो दिन के भीतर फीस जमा न करवाई तो विभाग द्वारा संबंधित स्कूल मुखियाओं के खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसके चलते निर्धारित दिनों के भीतर फीस जाम करवाए। राजकीय उच्च पाठशाला आलसू, लांब सफर, बोरत, तांदी रंधाड़ा, पलहोटा, घागंणूं, चौकरी, कोठी, सकरोह, गाती नागचला, बाग पंडोल, खद्दर, मठियाना, सयुन, तरस्वाण, मैगल, हुक्कल, चत्तर पिपली, गयुन, रियुर, चोलागढ़, मटयारा, कांगू, मझगांव, नालन, बिहनधार व चज्वाण खाबू जबकि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रिवालसर, चौकी चंद्राहण, सेरला खाबू, कोटली, ननवाण, कोट स्नोर, बांधी, हटौण, शिवा बदार, नगवाईं, सेरी चैहटीगढ़, थलौट, बड़ोग, पनारसा, प्रेसी, कांढा, कन्या स्कूल मंडी, नसलोह, खील, माहुंनाग, सोमा कोठी, करसोग, गवालपुर, भाटकीधार, बीर तुंगल, कड़कोह, धरवारथाच, खोलानाल, नरायणगढ़, खुहन, थाची, सराची, गाड़ागुशैणी, घाट, देवधार, सोम नाचनी, मजैठ, बलद्वाड़ा, सिद्धवाणी टिक्करी, कोटनी ढलवान, पपलोग, गैहरा, संधोल, टौरा खोला, मंडप, सिद्वपुर, गदीधार, चोलथरा, घरवासड़ा, सुधार, धार, रोपा, द्रंग, उरला, टिकरु, नौहली, कपाही, कन्या स्कूल जोगिंद्रनगर, लडभड़ोल, पंडोल, गोहर, निमेलरी, लांगणा, जहल, चैलचौक, मौवीसेरी, देवधार, चच्योट, डडोह, हटगढ़, सिध्याणी, पैड़ी, तलेली, बरतो, ध्वाल, दोघरी, बालग, सलवाणा, डैहर, सावल, कनैड़, शारती, सलोट व घनियार सहित अन्य स्कूल शामिल हैं। जीवनसंगी की तलाश है? तो आज ही भारत मैट्रिमोनी पर रजिस्टर करें- निःशुल्क रजिस्ट्रेशन करे!
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नई दिल्लीःRealme Neo GT Smartphone: मार्केट में चाईनीज फोन मेकर कंपनी धमाल करी रही है, जिससे ग्राहकों के एक से बढ़कर एक स्मार्टफोन मिल रही है। इस कढ़ी में सस्ते फोन मेकर कंपनी रियलमी के मोबाइल धमाल मचा रहे है। कंपनी ने हाल ही में लॉन्च किया फोन मार्केट में खूब सेल हो रहा है, जिसे आप भी खरीदने का प्लान कर रहे हैं जो यहां पर जान सकते हैं। Realme Neo GT Smartphone के बारे में..... जब से भारतीय बाजार में रियलमी कंपनी आई तो ग्राहकों के लिए धांकड़ खासियत के साथ में सस्ते फोन को लॉन्च किए जा रही है। वही कंपनी के पोर्टफोलियों में ऐसे-ऐसे धांसू फोन हैं जो ग्राहकों के दिलों पर राज कर रहे हैं, इन फोन्स में Realme Neo GT भी एक Realme के इस सबसे जबरदस्त स्मार्टफोन है। इसमें शानदार फीचर्स के साथ खूब सेल हो रहा है। कंपनी ने Realme Neo GT मोबाइल में प्रोसेसर के तौर पर इसमें आपको MediaTek Dimensity 1200 MT6893 प्रोसेसर दिया है ये फोन Android v11 ऑपरेटिंग सिस्टम पर रन करता है। Realme Neo GT में 6.43 इंच का Super AMOLED डिस्प्ले देखने को मिल जाता है जो कि 120Hz रिफ्रेश रेट के साथ आता है। इसके अलावा आपको इसमें गोरिल्ला ग्लास की प्रोटेक्शन देखने को मिल जाती है ! वही इस फोनके रैम और इंटरनल स्टोरेज की बात की जाए तो आपको इस स्मार्टफोन के अंदर 128GB 6GB RAM, 128GB 8GB RAM, 256GB 12GB RAM और इंटरनल स्टोरेज देखने को मिल जाएगी ! इस फोन में कंपनी ने जबरदस्त कैमरा सेटअप दिया है जो अच्छी फोटो और विडियों को कैप्चर करता है,स्मार्टफोन में आपको पीछे की तरफ ट्रिपल कैमरा का सेटअप है जिसका प्राइमरी कैमरा 64MP मेगापिक्सल का उसके अलावा 8MP मेगापिक्सल का अल्ट्रा वाइड कैमरा और 2MP मेगापिक्सल का माइक्रो कैमरा लगा है वहीं सेल्फी फोटो लेने के लिए 16MP मेगापिक्सल का सेल्फी कैमरा देखने को मिलेगा। कंपनी ने Realme Neo GT में आपको 4500mAh की पावरफुल बैटरी देखने को मिलती है तो 50W वाट की फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करती है और चार्ज करने के लिए टाइप सी चार्जिंग सॉकेट दिया गया है। Realme Neo GT 3 स्टोरेज वेरिएंट में सेल किया जा रहा है, - इसके 6GB + 128GB मॉडल की कीमत 29,999 रुपये है। - 8GB + 128GB मॉडल की कीमत 31,999 रुपये है। - 8GB + 256GB की कीमत 33,999 रुपये है।
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एशियन पेंट, एनटीपीसी, मारुति, बजाज फाइनेंस, एचसीएल टेक, एलटी, भारती एयरटेल, आईटीसी, एमएंडएम, इंफी, टाइटन, रिलायंस, टीसीएस, नेस्लेइंडिया, एचडीएफसी बैंक आदि लाल निशान पर चल रहे हैं। इंफी, बजाज फाइनेंस, टाटा स्टील, सनफार्मा, आईटीसी, सनफार्मा, रिलायंस, विप्रो आदि हरे निशान पर बने हुए हैं। वहीं मारुति, एलटी, आईसीआईसीआई बैंक, भारती, एशियन पेंट लाल निशान पर ब्लिंक कर रहा है। जानकारी के अनुसार ग्लोबल मार्केट से लगातार कमजोर संकेत मिल रहे हैं। पांच दिन की लगातार तेजी के बाद अमेरिकी बाजार में गिरावट देखने को मिली। बीते बुधवार को भी मार्केट में अच्छे संकेत देखने को मिले थे। आज दिग्गज कंपनी और आईटी सेक्टर में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है। निफ्टी 139 अंक ऊपर गया। इसे देखते ही निवेशकों के चेहरे खिल उठे। ग्लोबल बाजारों में हल्का सुधार का असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा है। सरार्फा कारोबार में आज सोना लुढ़का हुआ है वहीं चांदी का भाव स्थिर बना हुआ है। 24 कैरेट प्रति 10 ग्राम सोने का भाव आज 52,030 रुपये है। जबकि 1 किलोग्राम चांदी का भाव आज 57,400 रुपये पर स्थिर बना हुआ है। सरार्फा कारोबार में आज सोना और चांदी दोनों मजबूत हैं। राजधानी दिल्ली के सरार्फा कारोबार में आज प्रति 10 ग्राम 22 कैरेट सोने का भाव 47,650 रुपये है। 1 किलोग्राम चांदी का भाव 57,700 रुपये प्रति किलोग्राम है। आज सरार्फा कारोबार में सोना और चांदी दोनों की धातुओं के दाम गिरे हैं। राजधानी दिल्ली के वायदा कारोबार में आज 22 कैरेट प्रति 10 ग्राम सोने का भाव 47,300 रुपये पहुंच गया है।
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Please note that all translations are automatically generated. इमेजिंग फ्लो cytometry व्यक्तिगत और जनसंख्या स्तर पर कोशिकाओं के रूपात्मक और कार्यात्मक परिवर्तन का पता लगाने के लिए एक आदर्श दृष्टिकोण प्रदान करता है । प्रदूषक-उजागर मानव वृक्ष कोशिकाओं में लिपिड प्रतिजन प्रस्तुति के लिए बाधित endocytic समारोह जीन अभिव्यक्ति और प्रोटीन की तस्करी के रूपात्मक प्रदर्शन की एक संयुक्त transcriptomic रूपरेखा के साथ प्रदर्शन किया गया । ये विधियां अगली पीढ़ी के अनुक्रमण और प्रवाह साइटोमेट्री इमेजिंग विश्लेषण को एकीकृत करते हैं। यह दिलचस्प सवालों के जवाब में मदद कर सकता है, जैसे कि क्या कुछ फेनोटाइपिक परिवर्तन को फंसाया जाता है, बजाय ट्रांसक्रिप्टोम के, विशेष रूप से प्रदूषक जोखिम वातावरण में। हमारे लिए इस सरल विधि का मुख्य लाभ यह है कि हम इसका उपयोग जैविक रूप से महत्वपूर्ण प्रोटीन के कोलोकैलाइजेशन को मापने के लिए कर सकते हैं, एक कार्यात्मक स्तर पर प्रमुख अंतर जीन अभिव्यक्ति के परिणामों की व्याख्या करने के लिए । इस तकनीक के निहितार्थ पैथोलॉजिकल और विष विज्ञान के परिणामों के निदान की ओर विस्तार करते हैं। एक सामान्य इमेजर दृष्टिकोण के रूप में, फोर्सी में जीन अभिव्यक्ति को प्रोटीन फ़ंक्शन से जोड़ने की क्षमता है। आम तौर पर, इमेजिंग और ट्रांसक्रिप्टोमिक विश्लेषण की उच्च तकनीकी मांगों के कारण इस विधि में नए व्यक्ति संघर्ष करेंगे। मानव मोनोसाइट व्युत्पन्न डेंड्रिटिक सेल लाइब्रेरी को अनुक्रमित करने के लिए, पहले अनुक्रमण बायोसिंथेसिस और इंडेक्सिंग रिएजेंट रैक पर अनुक्रमण और अनुक्रमण अभिकर् थरों को लोड करें, और रैक को एक घंटे के लिए प्रयोगशाला ग्रेड पानी स्नान में रखें, जब तक कि सभी बर्फ पिघल न जाए, और रीजेंट्स को अच्छी तरह से मिलाया जाए। जबकि रिएजेंट्स विगलन कर रहे हैं, सीक्वेंसर पर बिजली, कंप्यूटर को नेटवर्क ड्राइव से कनेक्ट करते हैं जब डू नॉट इजेक्शन ड्राइव दिखाई देता है, और सीक्वेंसर कंट्रोल सॉफ्टवेयर लॉन्च करते हैं। इसके बाद, अनुक्रमण बायोसिंथेसिस रिएजेंट रैक में प्रत्येक बोतल में रखरखाव धोने के समाधान के बारे में 100 मिलीलीटर जोड़ें, और प्रत्येक बोतल पर एक कीप कैप स्क्रू करें। अनुक्रमण अभिकर्मक रैक में प्रत्येक 15 मिलीलीटर शंकु नली में रखरखाव धोने के समाधान के लगभग 12 मिलीलीटर जोड़ें, और टोपियां त्यागें। फिर दोनों रैक को सीक्वेंसर पर लोड करें। सीक्वेंसर नियंत्रण सॉफ्टवेयर के भीतर रखरखाव धोने का चयन करें, और अनुक्रमक द्रव प्रणाली की सफाई के लिए निर्देशों का पालन करें। गलियों से गुजरने वाले बुलबुले के लिए प्रवाह कोशिका का निरीक्षण करने के लिए एक टॉर्च का उपयोग करें, यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई रिसाव नहीं है। जब वॉश सीक्वेंस समाप्त हो जाता है, तो अनुक्रम टैब खोलें, और एक नया रन शुरू करें, आउटपुट डेटा को नेटवर्क ड्राइव पर निर्देशित करें। डिमुलिप्लेक्सिंग के लिए एक नमूना शीट अपलोड करें, और उचित अभिकर्मित जानकारी दर्ज करें। अनुक्रमण अभिकर् स के साथ, सिस्टम को प्राइम करने के लिए उपयोग किए गए प्रवाह सेल का उपयोग करें। क्लस्टर जनरेशन पूरा होने के बाद फ्लो सेल को हटा दें। और सेल को पानी से हल्का स्प्रे करें। लेंस पेपर के साथ प्रवाह सेल सूखी पोंछें, इसके बाद 95% इथेनॉल के साथ एक हल्का स्प्रे करें। प्रवाह कोशिका को फिर से सूखी पोंछने के बाद, प्रकाश के खिलाफ प्रवाह कोशिका की सतह की जांच करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह मलबे या नमक अवशेषों के बिना साफ है। जब प्रधान चरण समाप्त हो जाता है, तो संकुल प्रवाह सेल लोड करें, और अनुक्रमण शुरू करें। सीक्वेंस एनालिसिस व्यूअर सॉफ्टवेयर अपने आप शुरू हो जाएगा। लगभग 26 घंटे बाद, उच्च अनुक्रम नियंत्रण सॉफ्टवेयर के माध्यम से अनुक्रमण डेटा गुणवत्ता की निगरानी करें, और डेटा की गुणवत्ता का आकलन करने के लिए और किसी भी समस्या निवारण के लिए विश्लेषण दृश्य सॉफ्टवेयर अनुक्रमण करें। फिर, जब अनुक्रम समाप्त हो जाता है, तो प्रवाह सेल गैसकेट बदलें, और अगले रन की शुरुआत करने से पहले रखरखाव धोने का प्रदर्शन करें। प्रदूषक-उजागर डेंड्रिटिक कोशिकाओं के प्रवाह साइटोमेट्रिक इमेजिंग के बाद, इमेजजे फिजी खोलें, और उपचार समूह के अनुसार गैर-उजागर और प्रदूषक-उजागर मानव डेंड्रिटिक सेल नमूना समूहों के लिए 100 सहेजे गए सेल छवियों को अलग-अलग फ़ाइलों में मर्ज करें। CD1d का विश्लेषण करने के लिए, और दो आबादी के भीतर Lamp1 colocalization, प्रदूषक उजागर १०० विलय सेल छवि खोलने के लिए, और छवि, रंग का चयन करें, और विभाजन चैनलों प्रति चैनल एक फ्लोरोफोर के साथ दो व्यक्तिगत छवियों में छवि विभाजित करने के लिए । कोलोकैलाइज्ड पिक्सल का एक स्कैटर प्लॉट बनाने के लिए, एनालिसिस, कोलोकैलाइजेशन और कोलोकैलाइजेशन थ्रेसहोल्ड का चयन करें, और स्कैटर प्लॉट को बचाने के लिए प्रिंट स्क्रीन दबाएं। प्रत्येक एकल-सेलुलर छवि के लिए मंडेर के कोलोकैलाइजेशन गुणांक की गणना करने के लिए, स्प्लिट चैनलों के साथ छवि फ़ाइल पर एकल-सेल छवि का चयन करने के लिए अंडाकार चयन उपकरण का उपयोग करें, और विश्लेषण, कोलोकैलाइजेशन और कोलोकैलाइजेशन थ्रेसहोल्ड का फिर से चयन करें। फिर रुचि के क्षेत्र के लिए संवाद बॉक्स से चैनल 1 का चयन करें, और ठीक क्लिक करें । जब गुणांक की गणना सभी 100 सेल छवियों के लिए की गई है, तो परिणामों को एक उपयुक्त स्प्रेडशीट में आयात करें, और नियंत्रण गैर-उजागर सेल नमूने के लिए विश्लेषण दोहराएं। आरएनए अनुक्रमण और ट्रांसक्रिप्टोमिक डेटा विश्लेषण का उपयोग करके, प्रदूषक-उजागर डीसी में लिपिड मेटाबोलिज्म और एंडोसाइटिक कार्यों सहित कई प्रमुख परिवर्तित जीन समूहों की पहचान की गई थी । व्यक्तिगत सेल छवि स्तर पर, HLADR सकारात्मक CD11c सकारात्मक dendritic कोशिकाओं gated जा सकता है, उनके CD1d और Lamp1 coexpression के अनुसार । नियंत्रण गैर-उजागर डेंड्रिटिक कोशिकाएं न्यूनतम सीडी 1डी और लैम्प1 प्रोटीन कोलोकैलाइजेशन प्रदर्शित करती हैं, जो सीडी 1डी एंडोसाइटिक तस्करी के बेसल स्तर और शारीरिक परिस्थितियों में सतह अभिव्यक्ति का एक उच्च स्तर दर्शाती है। जबकि CD1d प्रदूषक उजागर डेंड्रिटिक कोशिकाओं के देर से एंडोसाइटिक डिब्बों में बनाए रखा है, इस प्रयोगात्मक सेल आबादी में बदल अंतःस्यात जीन प्रोफाइल की पुष्टि । व्यक्तिगत सेलुलर छवियों को एक छवि फ़ाइल में विलय करने के बाद, व्यक्तिगत छवियों को उनकी फ्लोरोफोर अभिव्यक्ति के अनुसार विभाजित किया जा सकता है, और दो चैनलों के बीच पिक्सेल तीव्रता के कोलोकैलाइजेशन को एक स्कैटर प्लॉट में कल्पना की जा सकती है। दो उपचार समूहों में CD1d और Lamp1 प्रोटीन के बीच कोलोकैलाइजेशन की डिग्री को मंडेर के गुणांकों का उपयोग करके निर्धारित किया जा सकता है। यदि प्रोटीन की तीव्रता कोलोकैलाइज्ड और गैर-कोलोकैलिज्ड क्षेत्रों के बीच विषम है, तो कोलोकैलाइज्ड तीव्रता कोलोकैलाइज्ड क्षेत्रों के समानांतर नहीं होगी, इसलिए पिक्सेल तीव्रता के आधार पर दो प्रोटीन के कोलोकलाइजेशन का और आकलन करना भी महत्वपूर्ण है । एक बार महारत हासिल होने के बाद, छवि विश्लेषण को दो घंटे में पूरा किया जा सकता है, और आरएनए अनुक्रमण सेटअप को तीन घंटे में पूरा किया जा सकता है, यदि प्रत्येक तकनीक ठीक से की जाती है। इस प्रक्रिया का प्रयास करते समय, यह सुनिश्चित करना याद रखना महत्वपूर्ण है कि सभी अभिकर् य सही स्थितियों में ठीक से लोड किए गए हैं, और अनुक्रमक में कोई रिसाव नहीं है। इस प्रक्रिया के बाद, माइक्रो आरएनए, एक्सोम, या मस्त सेल अनुक्रमण जैसे अन्य तरीकों को क्रमशः वैश्विक माइक्रो आरएनए अभिव्यक्ति, जीन उत्परिवर्तन या डीएनए मिथाइलेशन के बारे में अतिरिक्त सवालों के जवाब देने के लिए किया जा सकता है। तो इसके विकास के बाद, इस तकनीक सेलुलर इमेजिंग विश्लेषण के क्षेत्र में शोधकर्ताओं की मदद मिलेगी, और अगली पीढ़ी अनुक्रमण जीन अभिव्यक्ति और प्रोटीन समारोह पर पर्यावरण प्रदूषक के प्रभाव का पता लगाने के लिए । इस वीडियो को देखने के बाद, आपको इस बात की अच्छी समझ होनी चाहिए कि अगली पीढ़ी के अनुक्रमण को कैसे स्थापित किया जाए, और प्रोटीन कोलोकैलाइजेशन का इमेजर विश्लेषण किया जाए। यह न भूलें कि मानव रक्त के नमूनों में जहरीले प्रदूषक रसायनों के साथ काम करना बेहद खतरनाक हो सकता है। इन प्रक्रियाओं को निष्पादित करते समय रासायनिक धुएं हुड और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करने जैसी सावधानियां हमेशा ली जानी चाहिए।
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Bilaspur News: बिलासपुर। ग्राम बिरकोना ना तो पूरी तरह ग्रामीण परिवेश है और न ही शहरी पृष्ठभूमि। शहर के करीब होने और अब नगर निगम सीमा में शामिल होने के बाद अब ग्राम पंचायत वार्ड बन गया है। ग्रामीण परिवेश के बाद भी यहां संचालित किए जा रहे सरस्वती शिशु मंदिर के संचालकों व व्यवस्थापकों की सोच गजब की है। छठवी से 10 वीं कक्षा तक पढ़ाई होती है। यहां पढ़ने वाले बच्चों को पाठयक्रम के साथ ही नैतिक शिक्षा का पाठ भी शिक्षक पढ़ा रहे हैं। अध्ययन अध्यापन के अलावा विद्यालय परिसर में आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन की पाठ भी पढ़ाई जा रही है। सामाजिक सहभागिता की दिशा में इससे अच्छा उदाहरण और कहीं देखने को नहीं मिलेगा। स्कूल प्रबंधन द्वारा गांव की महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के साथ ही स्वावलंबन की पाठ पढ़ाने के लिए सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण दे रहे हैं। प्रशिक्षण पूरी तरह निश्शुल्क है। प्रशिक्षण देने के लिए विशेषज्ञ महिलाओं की सेवाएं ली जा रही हैं। सिलाई कढ़ाई में पारंगत होने वाली महिलाओं को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराने का काम किया जा रहा है। दान की जमीन पर शिक्षा का यह मंदिर अपने कामकाज के दम पर दमक रहा है और नाम भी कमा रहा है। जुलाई से प्रारंभ होने वाले शैक्षिणक सत्र से ग्यारहवीं व बारहवीं की कक्षा भी प्रारंभ हो रही है। अरुण उदय से लेकर बारहवीं की पढ़ाई स्कूल में होगी। स्कूली बच्चों को पाठ्यक्रम आधारित शिक्षा के साथ ही नई शिक्षा नीति के तहत नैतिक शिक्षा की पाठ भी पढ़ाई जा रही है। नवाचार हमारी प्राथमिकता में शामिल है। गांव की महिलाओं और बेटियों को निश्शुल्क सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण दे रहे हैं। इस वर्ष से स्कूल में पढ़ने वाली बेटियों को भी आत्मनिर्भरता की पाठ पढ़ाएंगे। इसी उद्देश्य के साथ सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण की व्यवस्था पूरी कर ली गई है। जुलाई से प्रारंभ होने वाले शैक्षणिक सत्र से कक्षा नवमीं से लेकर बारहवीं तक के स्कूली बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा भी देंगे। नियमित अध्ययन अध्यापन के अलावा कंप्यूटर के लिए अलग से क्लास लगाएंगे। कंप्यूटर के अलावा स्कूल में पढ़ने वाली बेटियों को इस वर्ष से सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण देंगे। किताबी ज्ञान के साथ ही स्वावलंबन की पाठ भी पढ़ाएंगे। स्कूल प्रबंधन ने एक और नवाचार करने का निर्णय लिया है। विज्ञान के स्टूडेंट के लिए अत्याधुनिक व सर्वसुविधायुक्त प्रयोगशाला के साथ ही पैथोलैब बनाया जा रहा है। पैथोलेब में शहर के विशेषज्ञ चिकित्सक सप्ताह में एक दिन स्टूडेंट को प्रशिक्षित करेंगे। छठवीं से आठवीं तक के बच्चों को थर्मामीटर पकड़ना और उसे पढ़ना सिखाएंगे। खास बात ये कि सरस्वती शिशु मंदिर संचालन समिति में एक दर्जन से ज्यादा विशेषज्ञ चिकित्सक हैं। ये चिकित्सक पैथोलैब के संचालन के लिए उपकरण उपलब्ध करा रहे हैं। इसके अलावा सप्ताह में एक दिन स्कूल पहुंचकर बच्चों को प्रशिक्षित भी करेंगे।
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।ग्राम क्रमांक : ।ग्राम का नाम : ।तहसील : ।जनपद : ।फसली वर्ष : ।भाग : ।प्रत्येक गाटे का क्षेत्रफल (हे.) ।1 - ऐसी भूमि, जिसमें सरकार अथवा गाँवसभा या अन्य स्थानीय अधिकारिकी जिसे1950 ई. के उ. प्र. ज. वि.एवं भू. व्य. अधि.की धारा 117 - क के अधीन भूमि का प्रबन्ध सौंपा गया हो , खेती करता हो । ( नदारद ) ।1क(क) - रिक्त ( नदारद ) ।1-ख - ऐसी भूमि जो गवर्नमेंट ग्रांट एक्ट केअन्तर्गत व्यक्तियों के पास हो । ( नदारद ) ।2 - भूमि जो असंक्रमणीय भूमिधरो केअधिकार में हो। ।3 - भूमि जो असामियों के अध्यासन या अधिकारमें हो। ( नदारद ) ।4 - भूमि जो उस दशा में बिना आगम केअध्यासीनों के अधिकार में हो जब खसरेके स्तम्भ 4 में पहले से ही किसी व्यक्तिका नाम अभिलिखित न हो। ( नदारद ) ।4-क - उ.प्र. अधिकतम जोत सीमा आरोपण.अधि.अन्तर्गत अर्जित की गई अतिरिक्त भूमि -(क)जो उ.प्र.जोत सी.आ.अ.के उपबन्धो केअधीन किसी अन्तरिम अवधि के लिये किसी पट्टेदार द्वारा रखी गयी हो । ( नदारद ) ।4-क(ख) - अन्य भूमि । ( नदारद ) ।5-1 - कृषि योग्य भूमि - नई परती (परतीजदीद) ( नदारद ) ।5-2 - कृषि योग्य भूमि - पुरानी परती (परतीकदीम) ( नदारद ) ।5-3-क - कृषि योग्य बंजर - इमारती लकड़ी केवन। ( नदारद ) ।5-3-ख - कृषि योग्य बंजर - ऐसे वन जिसमें अन्यप्रकर के वृक्ष,झाडि़यों के झुन्ड,झाडि़याँ इत्यादि हों। ( नदारद ) ।5-3-ग - कृषि योग्य बंजर - स्थाई पशुचर भूमि तथा अन्य चराई की भूमियाँ । ( नदारद ) ।5-3-घ - कृषि योग्य बंजर - छप्पर छाने की घास तथा बाँस की कोठियाँ । ( नदारद ) ।5-3-ङ - अन्य कृषि योग्य बंजर भूमि। ( नदारद ) ।5-क (क) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - कृषि हेतु ( नदारद ) ।5-क (ख) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - आबादी हेतु ( नदारद ) ।5-क (ग) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - सामुदायिक वनाधिकार हेतु ( नदारद ) ।6-1 - अकृषिक भूमि - जलमग्न भूमि । ।6-2 - अकृषिक भूमि - स्थल, सड़कें, रेलवे,भवन और ऐसी दूसरी भूमियां जोअकृषित उपयोगों के काम में लायी जाती हो। ।6-3 - कब्रिस्तान और श्मशान (मरघट) , ऐसेकब्रस्तानों और श्मशानों को छोड़ करजो खातेदारों की भूमि या आबादी क्षेत्र में स्थित हो। ( नदारद ) ।6-4 - जो अन्य कारणों से अकृषित हो । ( नदारद ) ।यह खतौनी इलेक्ट्रोनिक डिलीवरी सिस्टम द्वारा तैयार की गयी है तथा डाटा डिजीटल हस्ताक्षर द्वारा हस्ताक्षरित है।
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स्वयं को काफी बदला है किन्तु हमारी प्रगति में वह तेजी नहीं आई है जिसकी हमें अपेक्षा थी। आवश्यकता इस रात की है कि हम आज की आवश्यकताओं के अनुरूप अपने को ढालें और रूढ़ियों और कुरीतियों से यथाशक्ति मुक्ति पायें। सामाजिक उत्थान हमारे सर्वागीण विकास की पहली शर्त है। श्री अगरचन्द नाहटा, दुर्गाप्रसाद लोहिया, हजारीमल याँठिया, बाबू वृन्दावनदास, रामप्रसाद लोहिया के सामयिक भाषण हुए। उसी दिन, रात्रि को बिजली काटन मिल के विशाल मंच पर ब्रजभाषा कला गण्डल द्वारा अनुपम एवं स्मरणीय सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया जिसका संचालन किया सुप्रसिद्ध हास्य कवि काका हाथरसी ने। करने के लिए एडहाक कमेटी की स्थापना और राजस्थान का अकाल, राजस्थानी भाषा का प्रचार आदि। इन प्रस्तावों पर सरे श्री रामगोपाल जी आजाद अलीगढ, क्रान्तिस्वरूप सिंह, कृष्णलाल गर्ग झांसी, मुरलीघर पोद्दार हाथरस, उमरावसिंह गर्ग, केशरीचन्द सिंघी, दीनदयाल ओझा, राजनारायण अग्रवाल, रमांशकर चाण्डक, हरिशंकर पोद्दार, रोशनलाल गाहेश्वरी अलीगढ़, हजारीगल बाँठिया, डा० टी० एन० विमल. अगरचन्द नाहटा, सम्मेलन के प्रधानमंत्री श्री रघुनाथ प्रसाद एवं सम्मेलन के संगठन मंत्री श्री रामकृष्ण सरावगी आदि ने अपने विचारों को व्यक्त किया। आगामी वर्ष के लिए श्री रामबाबू लाल अग्रवाल एवं श्री रामेश्वर जटिया, युर्जा उपसभापति श्री भवरलाल सेठिया कानपुर, प्रधानमंत्री श्री हजारीमल बाठिया, श्री युगलकिशोर परशुरामपुरिया - सहायक मंत्री एवं श्री गिल्लूगल बजाज कोषाध्यक्ष चुने गये। इस दिन एक महिला सम्मेलन का भी आयोजन किया गया था जिसकी अध्यक्षा श्रीमती उमालाल एमज ए० थीं. एवं उद्घाटन रानी लक्ष्मी कुमारी चूणावत ने किया। लगभग चार हजार महिलाओं ने इस अधिवेशन में सोत्साह भाग लिया। सर्वश्री धन्नालाल लोहिया, रामबाबू लाल अग्रवाल, हजारीमल माठिया, गोपाल प्रसाद सेकसरिया उमरावसिंह गर्ग, दुर्गा प्रसाद लोहिया, मुरलीधर पोद्दार, आदि के नेतृत्व में स्वागत समिति द्वारा अधिवेशन की सुन्दर व्यवस्था की गई थी और इस प्रकार उत्तर प्रादेशिक गारवाड़ी सम्मेलन का यह अधिनेशन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। विशिष्ट समारोह 25 धनी हैं। संगीत कार्यालय में लगे सभी तैल चित्र चित्रकार काकाजी की प्रतिभा के परिचायक हैं। ब्रजकला केन्द्र से काकाजी का अत्यधिक निकट का सम्बन्ध रहा है। हाथरस शाखा के प्रथम अध्यक्ष होने के साथ-साथ केन्द्र की गति विधियों और क्रिया कलापों में काकाजी सदैव ही एक सक्रिय कार्यकर्ता और परामर्शक के रूप में भाग लेते रहे हैं। इन्होने केन्द्र के लिए रास लीलाएँ प्रहसन आदि लिखे और निर्देशित भी किये। काका बहुमुखी प्रतिभा के व्यक्ति हैं, जिनपर लक्ष्मी और सरस्वती दोंनों की ही कृपा है। जो लोग काकाजी के अद्यतन जीवन से परिचित हैं, वे इस सत्य को स्वीकार करेंगे कि काकाजी का अभिनन्दन एक कर्मठ, परिश्रमी, अध्यवसायी, संघर्षशील और संयमी व्यक्ति का अभिनन्दन है. ब्रज कला केन्द्र के एक निस्पृह कार्यकर्ता का अभिनन्दन है, अभिनन्दन है हिन्दी मे हास्यरस का और समग्र रूप से अभिनन्दन है हाथरस की पावन नगरी का. ऐसे मंगलमय अवसर पर मेरी काका हाथरसी को तथा उनकी मातृभूमि हाथरस की पुण्य-स्थली को शत-शत बधाइयां । स्वागत मंत्री श्री हजारीमल बाँठिया ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहामाननीय राजवहादुर जी. मान्य अध्यक्ष महोदय, बहिनो एवं भाइयो काकाजी ब्रजक्षेत्र के एक मात्र ऐसे साहित्यिक है जिन्होंने हिन्दी, खड़ी बोली और ब्रजभाषा में कविता के तथा व्रज के मच के लिए रूपक लिखे हैं और उन्हें सफलता पूर्वक अपने निर्देशन में प्रस्तुत किया है। इस दृष्टि से काका का यह प्रयास अपने आप में अकेला और अनूठा है और इस दृष्टि से वे केवल ब्रजकला के ही नहीं वरन पूरे ब्रजक्षेत्र के लिए अभिनन्दनीय बन गये हैं। मिलनसार व्यवहार और उनके साहित्यकार और कलाकार रूप मे मणि-काचन संयोग जैसा है। इसलिए हाथरस ब्रजकला केन्द्र ने यह निश्चय किया कि आज जब काकाजी अपने जीवन के ६० वर्ष पूरे कर ६१वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, तब इस शुभ अवसर पर उनकी हीरक जयन्ती का आयोजन किया जाय। इस प्रकार आज हाथरस नगर ही नहीं वरन् ब्रजक्षेत्र और हिन्दी क्षेत्र से पधारे मान्य महानुभाव अपने इस साहित्यकार और कलाकार का अभिनंदन करने के लिए यहाँ उपस्थित है ! जहाँ इस उत्सव में ब्रजक्षेत्र के विभिन्न स्थानों के प्रतिनिधि विद्यमान हैं, यहाँ प्रतिष्ठित साहित्यकारों और माननीय श्री राजबहादुरजी जैसे राजनेता के पधारने से हम कृतकृत्य हैं। यह सब क्षेत्रो, सब वर्गों का सहयोग ही काकाजी की लोकप्रियता तथा आज के इस समारोह में इस तथ्य का प्रमाण है कि काकाजी हम सभी के अभिनन्दनीय एवं अभिवंदनीय है। मैं ब्रजकला केन्द्र की ओर से आप सब महानुभावों का हार्दिक स्वागत करता हूँ और आशा करता है, ब्रजकला केन्द्र को आप सबका सहयोग इसी प्रकार मिलता रहेगा। हजारीमल याँठिया संयोजक काका हीरक जयन्ती समारोह
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जयपुरः राजधानी से इस वक्त लूट की बड़ी खबर सामने आ रही है। जयपुर के वैशाली नगर थाना इलाके के हनुमान नगर एक्सटेंशन में सोमवार को बदमाशों ने दिनदहाड़े एक डॉक्टर दंपती को घर में बंधक बनाकर लूटपाट की। बदमाशों ने डॉक्टर दंपति के साथ मारपीट करके अलमारी में रखे लाखों रुपये के जेवर व नकदी लूट कर फरार हो गए। सूचना मिलने के बाद पुलिस और FSL की टीम मौके पर पहुंची। एफएसएल की टीम ने मौके से सबूत भी जुटाए हैं। इसके बाद मिली सुचना के आधार पर वैशाली नगर थाने की घेराबंदी की गई, लेकिन बदमाशों का कोई सुराग नहीं लगा। वहीं लूट की वारदात को अंजाम देने में उनके ही यहां काम करने वाले नेपाली नौकर का हाथ बताया जा रहा है, लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। इस दौरान लुटेरों ने डॉक्टर इकबाल और उनकी पत्नी नसरीन भारती को बंधक बनाकर मारपीट की। बाद में घर से लाखों रुपए की नकदी और जेवरात लेकर चले गए। डॉक्टर इकबाल की पत्नी नसरीन भारती भी डॉक्टर है। लुटेरों ने डॉक्टर मोहम्मद इकबाल से मारपीट की। जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। जहां पर उनका इलाज जारी है। पुलिस की जांच पड़ताल में सामने आया है कि डॉक्टर के यहां पर पहले एक नौकरानी नेपाली मूल की अनु काम करती थी। लेकिन कुछ समय पहले डॉक्टर मोहम्मद इकबाल भारती ने उसे हटा दिया था। ऐसे में अंदेशा जताया जा रहा है कि नेपाली मूल की नौकरानी अनु ने अपने साथियों के साथ मिलकर इस लूट की वारदात को अंजाम दिया। फिलहाल पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर इस पूरे प्रकरण की जांच पड़ताल में जुट गई है।
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मुंबई, 4 जून । फिल्मकार अशोक पंडित ने रविवार को इंग्लैंड में चल रहे चैम्पियंस ट्रॉफी में भारत और पाकिस्तान के बहुप्रतीक्षित मैच के बहिष्कार का आह्वान किया है। फिल्मकार ने बहिष्कार के पीछे दोनों देशों के बीच सीमा चल रहे तनाव का हवाला दिया है। वहीं दूसरी ओर अशोक पंडित को अपनी टिप्पणी पर बॉलीवुड के सितारों की कड़ी आलोचना का शिकार होना पड़ा। अपने ट्वीट में पंडित ने कहा, "प्यारे क्रिकेट खिलाड़ियों, जब आप पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच खेलने में व्यस्त रहेंगे, तब शनिवार को सीमा पर शहीद हुए जवानों के परिजन रो रहे होंगे। पाकिस्तान के मैच का बहिष्कार करें। यह उन सभी शहीदों का अपमान है, जिन्होंने पाकिस्तान के कारण अपनी जान गंवाई है।" पंडित के इस ट्वीट के खिलाफ फिल्म जगत के कई सितारों ने अपने विचार ट्वीट के जरिए सामने रखे। 'रईस' फिल्म के निर्देशक राहुल ढोलकिया ने कहा, "भारत और पाकिस्तान की क्रिकेट टीमों के बीच मैच बर्मिघम में है न कि वाघा सीमा पर।" फिल्मकार शेखर कपूर ने अपने पोस्ट में कहा, "खेल लोगों को एक साथ लाता है। नफरत करना क्रिकेट का अनादर करना है। खेल की भावना को खत्म कर देना। क्रिकेट मैच का आनंद लें।" इसी प्रकार की प्रतिक्रिया देते हुए फिल्मकार अनुभव सिन्हा ने कहा, "रोमांचक बात है कि तुम क्रिकेट खिलाड़ियों को बाहर निकलने के लिए कह रहे हो न कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) या सरकार को।" सिन्हा के इस संदेश के जवाब में पंडित ने कहा, "क्या खिलाड़ी मैदान पर उतरने से इनकार नहीं कर सकते? क्या उनकी देश के जवानों के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं है? बीसीसीआई और सरकार एक-समान ही जिम्मेदार हैं।" सिन्हा ने कहा, "अपनी विनम्र राय में मैं यह कहना चाहता हूं कि यह मामला नीतिगत होना चाहिए न कि मनमानी वाला। फिल्मों, क्रिकेट और व्यवसाय के लिए अलग-अलग नीतियां नहीं हो सकतीं?"
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इस वर्ष के बजट में अधिक वृद्धि की उम्मीद अवश्य थी पर पिछले वर्ष के संशोधित अनुमान की तुलना में देखें तो 7050 करोड़ रुपए से कम होकर इस वर्ष का बजट अनुमान मात्र 7000 करोड़ रुपए रह गया है। गर्मी की दस्तक होने के साथ ही देश के अनेक गांवों में गंभीर पेयजल संकट के समाचार मिलने आरंभ हो गए है। इस संदर्भ में एक बड़ा सवाल यह है कि जब ग्रामीण पेयजल को एक उच्च प्राथमिकता मानने के बारे में व्यापक सहमति है, तो फिर ग्रामीण पेयजल व्यवस्था के लिए पर्याप्त आर्थिक संसाधन उपलब्ध करवाने में केंद्रीय सरकार कंजूसी क्यों दिखा रही है। गांवों की प्यास बुझाने के लिए राष्ट्रीय स्तर के प्रमुख कार्यक्रम का नाम है राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम। इस कार्यक्रम के लिए केन्द्रीय सरकार के बजट में होने वाले आवंटन को हम यदि देखें तो स्पष्ट होता है कि इसमें महत्त्वपूर्ण कमी आई है। यह तालिका में दिखाया गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के लिए केन्द्रीय बजट में वास्तविक खर्च या आवंटनः इस तालिका से स्पष्ट है कि वर्ष 2012-13 में इस कार्यक्रम के लिए 10,490 करोड़ रुपए खर्च हुआ था जबकि वर्ष 2018-19 के बजट में मात्र 7,000 करोड़ रुपए का आवंटन है। मुख्य गिरावट वर्ष 2015-16 में आई। इसकी एक वजह यह बताई जाती है कि 14 वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार अधिक धनराशि राज्य सरकारों को दी गई। पर इतनी ऊंची प्राथमिकता के कार्यक्रम में इतनी बड़ी कमी नहीं करनी चाहिए थी क्योंकि नई स्थिति को संभालने में वक्त लगता है। राज्य सरकारों का आवंटन इतना भी नहीं बढ़ा कि वे इतने बड़े झटके को संभाल सकें। उसके बाद भी जो अगले दो वर्षों में वृद्धि की गई वह मामूली सी ही थी व उससे पहले हुई क्षति की भरपाई नहीं हो सकी। इस वर्ष के बजट में अधिक वृद्धि की उम्मीद अवश्य थी पर पिछले वर्ष के संशोधित अनुमान की तुलना में देखें तो 7050 करोड़ रुपए से कम होकर इस वर्ष का बजट अनुमान मात्र 7000 करोड़ रुपए रह गया है। यदि मंहगाई के असर को भी देखा जाए तो यह कमी और भी अधिक नजर आएगी। वर्ष 2012-13 की तुलना में गिरावट को देखें तो यह बड़ी गिरावट है, पर यदि इसे महंगाई का असर हटाकर देखा जाए तो गिरावट और भी बड़ी है। इस पृष्ठभूमि में हमें यह समझना होगा कि देश के बहुत से गांवों से गंभीर जल संकट के समाचार पिछले कुछ वर्षों में क्यों बढ़ते रहे हैं। निश्चय ही इसके व्यापक पर्यावरणीय कारण भी हैं पर साथ में पर्याप्त संसाधन उपलब्ध न होना भी एक बड़ी समस्या रहा है। अतः अब यह समय आ गया है कि शीघ्र ही सरकार को इस क्षेत्र के संदर्भ में कदम उठाना चाहिए ताकि राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम स्वयं जरूरी संसाधनों के अभाव में प्यासा न रह जाए।
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नई दिल्ली। चक्रवाती तूफान तौकते गोवा में तबाही मचाने के बाद अब गुजरात की ओर मुड़ चुका है और मौसम विभाग के मुताबिक आज शाम तक इसके गुजरात तट तक पहुंचने की संभावना है। साथ ही 18 मई की सुबह तूफान पोरबंदर और भावनगर जिले के महुआ के बीच से गुजरेगा। तूफान को लेकर सरकार की तैयारियां जोरों पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृहमंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री लगातार तैयारियों का जायजा ले रहे हैं। मौसम विभाग पहले ही तूफान के और विनाशकारी रूप लेने का अनुमान जता चुका है। इसके लेकर कई राज्यों को अलर्ट पर रखा गया है और एनडीएमए, कोस्ट गार्ड समेत अन्य राहत दलों ने मोर्चा संभाल लिया है। अरब सागर से उठे चक्रवात तौकते से 5 राज्यों में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। गुजरात के तटीय इलाकों से करीब 1. 5 लाख लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है। तूफान मंगलवार सुबह पोरबंदर और महुवा (भावनगर) के बीच गुजरात के तट से टकरा सकता है। इस दौरान तूफान की गति 185 किलोमीटर प्रतिघंटे तक हो सकती है। नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स के डायरेक्टर जनरल एस एन प्रधान ने बताया है कि 7 जिलों में एनडीआरएफ की 100 से ज्यादा टीमें तैनात की गई हैं। तूफान का सबसे ज्यादा असर गुजरात पर दिख सकता है, इसलिए अकेले गुजरात में 50 टीमें तैनात हैं। चक्रवाती तूफान टाउते 18 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से मुंबई की ओर बढ़ रहा है। टाउते तूफान अभी मुंबई से करीब 200 किलोमीटर और गुजरात से 400 किलोमीटर दूर है। इस तूफान से निपटने के लिए मुंबई में एनडीआरएफ की तीन टीमों समेत पूरे महाराष्ट्र में 12 टीमें तैनात की गई हैं।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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रियो डी जेनेरियो। ब्राजील की संकटपूर्ण अर्थव्यवस्था का असर ओलंपिक और पैरालम्पिक खेलों के आयोजन समारोहों पर भी होने जा रहा है। देश की खराब अर्थव्यवस्था को देखते हुए वर्ष 2016 में होने वाले ओलंपिक और इसी साल होने वाले पैरालम्पिक खेलों के आयोजन समारोह का बजट कम किया गया है। यह बजट लंदन में आयोजित ओलंपिक समारोहों के बजट से बहुत कम है। ओलंपिक समारोहों के निदेशकों ने इसके बजट में कटौती की जानकारी दी। ब्राजील की अर्थव्यवस्था 2015 की शुरुआत से ही खराब है, जिसके कारण बाजार में निराशावादी दृष्टिकोण बढ़ा है। नए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, ब्राजील की अर्थव्यवस्था में 2.1 प्रतिशत तक की गिरावट आएगी, वार्षिक महंगाई दर 9.25 प्रतिशत तक रहेगी और ब्राजील की राष्ट्रपति डिल्मा रॉसेफ के खिलाफ महाभियोग की मांग भी हो रही है। रियो ओलंपिक समारोहों के निदेशकों में से एक फर्नाडो मिरेलेस हैं, जो साल 2000 में ऑस्कर के लिए नामित 'सिटी ऑफ गॉड' के निर्देशन के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अनुमान जताया कि तीन साल पहले लंदन में आयोजित ओलंपिक के चार समारोहों में खर्च की गई राशि का केवल 10 प्रतिशत ही रियो ओलंपिक के आयोजन समारोह में खर्च होगा। हांगझोऊ। चीन के हांगझोऊ में चल रहे एशियाई खेल 2023 में भारतीय खिलाड़ियों ने अब तक अच्छा प्रदर्शन किया है। चार दिन में भारत की झोली में 22 पदक आए। पांचवें दिन भी कई खिलाड़ियों से पदक की उम्मीद है। शूटिंग और घुड़सवारी में भारत को स्वर्ण पदक मिल चुके हैं और आज भी इन्हीं दो खेलों में पदक की उम्मीद सबसे ज्यादा है। प्रतियोगिता के पहले दिन भारत को पांच, दूसरे दिन छह, तीसरे दिन तीन और चौथे दिन आठ पदक मिले। सरबजोत सिंह, अर्जुन चीमा और शिव नरवाल की पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल टीम ने चीन को एक अंक से हरा दिया है। भारत ने 1734 (स्वर्ण), चीन ने 1733 (रजत) और वियतनाम ने 1730 (कांस्य) के स्कोर के साथ पदक पर कब्जा जमाया। 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग में भारत के दो खिलाड़ी फाइनल में पहुंच गए हैं। शुरुआत में पिछड़ने के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार वापसी की है। बैडमिंटन में भारत ने पहले मैच में मंगोलिया को 3-0 से हरा दिया है। भारत के लिए तीनों महिला खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया। क्वार्टर फाइनल में अब भारत का सामना थाईलैंड से होगा। इस मैच में दोनों टीमों के बीच कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है। भारतीय निशानेबाज सरबजोत 10 मीटर एयर पिस्टल की निजी स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहे। वह करीबी अंतर से पदक जीतने से चूक गए। हालांकि, टीम इंडिया को स्वर्ण पदक दिलाने में उनका योगदान बेहद अहम था। मनिका बत्रा और साथियान राउंड-16 के मुकाबले में सिंगापुर के क्लेरेंस च्यू और झेंग जियान से हार गए हैं। भारतीय टीम 2-0 से आगे थी और क्वार्टरफाइनल की ओर अग्रसर दिख रही थी, लेकिन सिंगापुर के खिलाड़ियों ने अंत में दमदार वापसी कर मुकाबला 13-11, 12-10, 11-3 से अपने नाम किया और टीम मुकाबले में सिंगापुर की वापसी कराई। मिश्रित युगल में, हरमीत देसाई और श्रीजा अकुला राउंड 16 में थाईलैंड के फाकपूम एस और ओरावन पी से हार गए।
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शराब के नशे में धुत्त बारातियों ने डी. जे. पर डांस करने को लेकर शादी के जश्न को भंग कर दिया। दोनों पक्षों में डीजे पर डांस करने को लेकर विवाद हो गया। बात इतनी आगे बढ़ गई कि लड़के पक्ष के लोगों ने लड़की वालों से जमकर मारपीट की। जिसमे रपीट में दुल्हन पक्ष के कई लोग घायल हो गए। शामलीः शराब के नशे में धुत्त बारातियों ने डी. जे. पर डांस करने को लेकर शादी के जश्न को भंग कर दिया। दोनों पक्षों में डीजे पर डांस करने को लेकर विवाद हो गया। बात इतनी आगे बढ़ गई कि लड़के पक्ष के लोगों ने लड़की वालों से जमकर मारपीट की। जिसमे रपीट में दुल्हन पक्ष के कई लोग घायल हो गए। इस पर गुस्से लड़की ने शादी से इनकार कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने सुलह की लाख कोशश की, मगर लड़की नहीं मानी। क्या है पूरा मामला? - जनपद शामली के सदर कोतवाल क्षेत्र के शुगर मिल निवासी राजकुमार जावला की पुत्री शिवानी की हरियाणा के सिम्भालखा कस्बे से बारात आई हुई थी। - शादी की तैयारी बड़ी धूमधाम से चल रही थी। तभी डी. जे. पर डांस कर रहे शराब के नशे में धुत्त बाराती की दुल्हन के बड़े भाई से किसी बात को लेकर कहा सुनी हो गई। - इस पर शराब के नशे में धुत्त आठ दस बरातियों के साथ दूल्हे ने दुल्हन के भाई को मारना शुरू कर दिया। - बीच बचाव करने आए दुल्हन के चाचा व अन्य घरातियों से भी दूल्हे पक्ष के लोगों ने जमकर मारपीट की। - इन सब से गुस्से में आई दुल्हन ने शादी करने से इनकार कर दिया। - लड़की ने कहा कि जब लड़का मेरे घरवालों की इज्जत नहीं कर सकता वो मुझे क्या खुश रखेगा। दुल्हन के भाई सचिन ने बताया कि मेरे और मेरे चाचा के साथ दुल्हे और उसके दोस्तों ने मारपीट की है। मेरी बहन ने शादी से साफ मना कर दिया।
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राष्ट्रपति श्री प्रतिभा देवीसिंह पाटील ने पंजाब और राजस्थान के राज्यपाल श्री शिवराज पाटील की अध्यक्षता में देश के कृषि क्षेत्र विशेषकर वर्षा पर आधारित खेती की उत्पादकता, मुनाफा, स्थायित्व और प्रतिस्पर्द्धा बढा़ने के उपायों का अध्ययन करने और सुझाव देने के लिए राज्यपालों की एक समिति गठित की है। यह समिति ग्रामीण अर्थव्यवस्था को एकीकृत करने और कृषि एवं इसके सहयोगी क्षेत्रकों में निवेश लाने के लिए स्थानीय स्तर पर अपेक्षित नीतिगत पहलों और विधायी उपायों, योजनाओं के पुनर्गठन और सम्मिलन जैसे संस्थागत सुधार तैयार करने की जरूरत पर चर्चा करेगी। यह समिति कृषि और सहयोगी क्षेत्रकों में नवाचारों और अत्याधुनिक तकनीकों के हस्तांतरण करने, कृषि श्रमिकों और खेती के मशीनीकरण के उभरते माहौल को साधने के लिए जरूरी कदमों पर भी चर्चा करेगी। यह राज्य और केंद्र स्तर पर धारणीय कृषि और ज्ञान प्रबंधन को प्रोत्साहित करने और किसान-उद्योगों के बीच भागीदारी बढ़ाने के लिए कृषि संबंधी सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों, कृषि विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों की भूमिका और सहभागिता पर भी चर्चा कर जरूरी सिफारिशें करेगी। पंजाब और राजस्थान के राज्यपाल श्री शिवराज पाटिल के अलावा इस समिति में महाराष्ट्र और गोवा के राज्यपाल श्री के. शंकरनारायणन, जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल एन. एन. वोहरा, मेघालय के राज्यपाल आर. एस. मूसाहारी, कर्नाटक के राज्यपाल श्री एच. आर. भारद्वाज, बिहार के राज्यपाल श्री देवानंद कुंवर, उत्तराखंड के राज्यपाल श्रीमती माग्ररेट अल्वा, नगालैंड के राज्यपाल श्री निखिल कुमार, असम के राज्यपाल श्री जे. बी. पटनायक, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री शेखर दत्त, तमिलनाडु के राज्यपाल श्री के. रोसैया, मिजोरम के राज्यपाल श्री वी. पुरुषोत्तमन और अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के उपराज्यपाल ले. जनरल (रिटायर्ड) श्री भूपिंदर सिंह शामिल हैं।
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आगरा के कारोबारी से तीन पुलिसकर्मियों ने 50 किलो चांदी लूटी थी। इस मामले में कानपुर देहात के भोगनीपुर इंस्पेक्टर, दारोगा व सिपाही ही लूटेरे निकले हैं। कानपुर देहात व औरैया जनपद की पुलिस ने देर रात इंस्पेक्टर के आवास पर छापेमारी कर चांदी भी बरामद कर ली है। औरैया पुलिस इंस्पेक्टर व दारोगा को अरेस्ट कर अपने साथ लेकर गई। वहीं, हेड कॉन्स्टेबल मौके से फरार हो गया। पुलिस उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है। बता दें कि तीन दिन पहले आगरा के व्यापारी मनीष सोनी से बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर लूट हुई थी। जांच में कानपुर देहात के पुलिसकर्मी ही लुटेरे निकले। एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति ने बताया कि तीनों पुसिसकर्मी के निलंबन की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। एसपी औरैया चारू निगम ने बताया कि 6 जून को आगरा के सर्राफा कारोबारी मनीष सोनी 50 किलो चांदी लेकर फतेहपुर से आगरा जा रहे थे। दो नंबर की चांदी होने की जानकारी मिलने पर भोगनीपुर इंस्पेक्टर अजय पाल शर्मा, दरोगा चिंतन कौशिक और हेड कॉन्स्टेबल रमाशंकर ने औरैया सीमा में जाकर व्यापारी को कार समेत रोक लिया। इसके बाद तलाशी के दौरान चांदी बरामद की और जांच-पड़ताल के दौरान कागजात नहीं दिखा सका तो इंस्पेक्टर अपनी टीम के साथ सरकारी गाड़ी में चांदी लूटकर भाग निकले। पीड़ित ने स्थानीय कोतवाली में इसकी शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई। एसपी औरैया ने बताया, जांच पड़ताल शुरू हुई तो पता चला कि ये बदमाश नहीं थे। बल्कि पुलिसवाले थे। इसमें कानपुर देहात के पुलिसकर्मियों का नाम सामने निकलकर आया। इसके बाद एडीजी कानपुर आलोक सिंह को पूरे मामले की जानकारी दी। एडीजी ने कानपुर देहात एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति से संपर्क किया। जानकारी होने के बाद कानपुर देहात एसपी गुरुवार भोगनीपुर कोतवाली पहुंचे। यहां पर इंस्पेक्टर के सरकारी आवास पर छापेमारी कर 50 किलो चांदी बरामद कर ली। ये चांदी सफेद रंग के एक थैले में रखी हुई थी। इसके थोड़ी देर बाद ही एसपी औरैया चारू निगम के साथ पुलिस की टीम पहुंची। एसपी कानपुर देहात ने बताया, इंस्पेक्टर व दारोगा कोतवाली में ही थे। उन्हें तत्काल प्रभाव से अरेस्ट कर लिया गया। वहीं, हेड कॉन्स्टेबल रमाशंकर अपने आवास पर था। उसे छापेमारी की बात पता चली तो वह मौके से भाग गया। जब तक उसके आवास पर पहुंचे, वह जा चुका था। दोनों आरोपी पुलिसकर्मियों को औरैया पुलिस को सौंप दिया गया है। घटना बेहद गंभीर है, उन सभी के खिलाफ विभागीय करवाई की जा रही है। बांदा के रहने वाले मनीष सोनी उर्फ सागर पेशे से सर्राफ हैं। उन्होंने तहरीर दी कि 6 जून को क्रेटा गाड़ी से बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से औरेया जा रहा था। कार में मामा का लड़का रवि, भाभी सोनाली, उनकी बेटी आशी बैठे थे। कार को ड्राइवर जगनन्दन चला रहा था। करीब 2. 20 बजे सड़क पर स्कॉर्पियों कार खड़ी थी। पास में 4 लोग थे। कुछ ने वर्दी पहनी थी। उन्होंने हाथ दिखाकर कार को रोक लिया। 2 लोग सादे कपड़ों में थे। एक दरोगा जैसा था, उसकी कमर में पिस्टल लगी थी। उन्होंने ड्राइवर से आईडी मांगी। हमारे ड्राइवर ने आईडी नहीं दी। तो उससे कहा कि तुम नीचे उतरकर खड़े हो जाओ। सर्राफ ने कहा कि हम लोग भी कार के बाहर आकर खड़े हो गए। इसके बाद, सभी लोग गाड़ी की तलाशी लेने लगे। उन्होंने गाड़ी में रखे दो बैग अपने कब्जे में लिए। इनमें 30 टुकड़े चांदी के रखे थे। ये उन्होंने अपनी स्कॉर्पियो में रख लिए। फिर ड्राइवर को कहा कि तुम गाड़ी में बैठो। उसको गाड़ी में लेकर वो लोग चले गए। हमसें उन्होंने ज्यादा कुछ पूछताछ नहीं की। हमारे मोबाइल अपने कब्जे में ले लिए। इसके बाद हम लोग घबरा गए। हम गाड़ी लेकर औरैया अपने मामा के घर आ गए। करीब दो घंटे बाद ड्राइवर भी वहां आ गया। उसने बताया कि वो लोग गाड़ी लेकर भाऊपुर पुल के नीचे पहुंचे थे। यहां पेट्रोल भरवाया। इसके बाद ड्राइवर को गाड़ी से उतार दिया। चांदी लेकर चले गए। इसके बाद सर्राफ मनीष ने औरैया पुलिस से 7 जून को संपर्क किया और पूरी घटना बताई। This website follows the DNPA Code of Ethics.
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छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के बेटे पलाश चंदेल पर एक आदिवासी युवती ने रेप का केस दर्ज कराया है। युवती ने रायपुर के महिला थाने में शिकायत की है कि उसके साथ जांजगीर चांपा निवासी पलाश चंदेल पिता नारायण चंदेल नाम के युवक ने रेप किया है और जब वह गर्भवती हो गई तो गर्भपात भी कराया है। युवती की शिकायत पर पुलिस ने पलाश के खिलाफ दुष्कर्म सहित अन्य धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर लिया है। शिकायत करने वाली महिला सरकारी नौकरी करती है। उसने बताया कि 2018 में फेसबुक के माध्यम से पलाश चंदेल उसके संपर्क में आया था। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि पलाश ने उसे शादी का प्रस्ताव दिया था और शादी करने के नाम पर लंबे समय से उसका शारीरिक शोषण कर रहा था। आरोपी को ये भी मालूम था कि, पीड़िता आदिवासी वर्ग से है। पीड़ित युवती के मुताबिक आरोपी द्वारा लगातार किये जा रहे शारीरिक शोषण से 2021 में वह गर्भवती हो गई थी। लेकिन पलाश ने धोखे से उसे गर्भपात की गोली खिला दी। जिससे उसका गर्भपात हो गया था। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि आरोपी उसके साथ मारपीट भी करता था। पलाश युवती को अपने पिता नारायण चंदेल के रूतबे का डर दिखाकर धमकाया करता था कि, वह उसे नौकरी से निकलवा देगा। आरोपी के ऐसे डराने धमकाने और अपने यौन शोषण से त्रस्त होकर पीड़िता ने रायपुर आकर अनुसूचित जनजाति आयोग, राज्य महिला आयोग, महिला थाना रायपुर में शिकायत की। जिसके बाद आरोपी के खिलाफ 376, 376(2) (छ), 313 व 3(2) एसटी/एससी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। पीड़िता ने आरोपी पलाश चंदेल से अपनी एवं अपने परिवार की सुरक्षा की भी मांग की है। This website follows the DNPA Code of Ethics.
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महिला कल्याण विभाग में बतौर परार्मशदाता तैनात सरिता सिंह उत्पीड़न की शिकार बेटियों को नई राह दिखाने में जुटी हैं। उनकी काउंसलिंग करने के साथ ही जीवन में आने वाली बाधाओं से निपटने के लिए उनमें हिम्मत भर रही हैं। उनके प्रयास से जनपद की करीब 300 बेटियों में हौसला जागा है। वे अपने साथ हुई दुर्घटना को भूलकर आगे बढ़ रही हैं। मूलतः मेंहदावल कस्बे की रहने वाली सरिता सिंह ने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की। उसके बाद घर-गृहस्थी में व्यस्त हो गईं। वह महिलाओं और बेटियों की मदद कर उन्हें आगे बढ़ाने में भागीदार बनना चाहती थीं। लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते ऐसा नहीं कर सकीं। ससुराल में उन्होंने अपने मिशन के लिए राह की तलाश शुरू की। वर्ष 2014 में महिला कल्याण विभाग से परामर्शदाता की जगह निकली। इस पद पर उनका चयन हो गया। तभी से वह बेटियों को सशक्त बनाने में जुट गईं। उत्पीड़न की घटना से अवसाद में जा चुकी करीब 300 बेटियों की काउंसलिंग कर उन्हें उबार चुकी हैं। कोरोना संक्रमण के दौरान भी वह अपने मिशन में जुटी रहीं। गांवों में जाकर भी बेटियों की काउंसलिंग करती हैं, जिससे भविष्य में वे हर परिस्थिति का डटकर मुकाबला कर सकें।
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योग न केवल शारीरिक और मानसिक लाभ देता है बल्कि साधना के साथ आंतरिक शांति भी देता है इसलिए व्यक्ति इसे पूर्ण शक्ति और संतुलित जीवन के लिए अनुकूलित कर सकता है। व्यायाम का यह अभ्यास नियमित शरीर की बीमारी को कम करने में भी मदद करता है और अन्य प्रमुख बीमारियों में भी मदद करता है जिन्हें योग के सरल और नियमित अभ्यास से आसानी से ठीक किया जा सकता है। पूर्वोत्तर के लोग बदलते समय के साथ योग के लाभों के बारे में काफी जागरूक हो गए हैं और इसे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्लेटफॉर्म से सीख रहे हैं। इसलिए स्वस्थ जीवन के सर्वोत्तम विकल्प के साथ पूर्वोत्तर के लोग भी चाहते हैं कि सर्वोत्तम योग केंद्र इसे सीखें और अनगिनत लाभों के साथ इसका अभ्यास करें। आपके अभ्यास को अगले स्तर तक ले जाने में मदद करने के लिए पूर्वोत्तर का क्षेत्र योग हॉटस्पॉट से जगमगा रहा है। असम के गुवाहाटी में स्थित यह योग केंद्र 7 वर्षों से अधिक समय से लोगों की सेवा कर रहा है। यह विभिन्न प्रकार के योग जैसे अयंगर योग, अष्टांग योग, कर्म योग, गर्भावस्था योग, कुंडलिनी योग, शक्ति योग, पारिवारिक योग और अन्य को सीखने में मदद करता है। इसके अलावा, केंद्र ध्यान कक्षाएं, एक शारीरिक फिटनेस कार्यक्रम, वजन घटाने की सेवाएं और मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है। कक्षाओं में निर्देश के लिए क्षेत्रों में पेशेवरों की नियुक्ति की जाती है। मणिपुर के इम्फाल के थंगमीबंद क्षेत्र में स्थित योग केंद्र अपने रखरखाव और विभिन्न प्रकार के योग शिक्षण के लिए पूर्वोत्तर में सर्वश्रेष्ठ में जाना जाता है। असम के डिब्रूगढ़ जिले में स्थित योग स्टूडियो को चैंपियनशिप के लिए योग, अष्टांग योग, बच्चों के लिए योग और अन्य सहित कई सेवाओं के साथ अभ्यास के सर्वोत्तम शिक्षण के लिए जाना जाता है। मेघालय के शिलांग के लचुमियर में स्थित 'गोल्ड जिम का शिलांग' व्यवसाय नाम वाला योग केंद्र पेशेवर प्रशिक्षकों और कर्मचारियों से अत्यधिक सुसज्जित है। असम के महोरा कपौहुवा में स्थित पूर्वोत्तर में बहुत लोकप्रिय योग केंद्र 'द आर्ट ऑफ लिविंग टिंगखोंग' 8 वर्षों से सेवा प्रदान कर रहा है। यह स्थानीय लोगों और अन्य क्षेत्रों के लोगों को सर्वोत्तम योग अभ्यास सिखाता है।
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वीडियो में हम शहनवाज हुसैन को दोनों हाथ से तिरंगा फहराते देख सकते हैं। वहीं दूसरी वीडियो में हम सैंकड़ों की भीड़ को भाजपा के लिए नारे लगाते और हाथ में तिरंगा फहराते भी देख सकते हैं। संदीप चौधरी जम्मू कश्मीर में अनंतनाग के SSP हैं। पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ मुखर इस IPS अधिकारी के खिलाफ 'The Wire' ने लेख लिखा है। डल झील में पत्रकारों और भाजपा कार्यकर्ताओं को ले जा रही एक नाव पलट गई, जिस पर तरह-तरह के चुटकुले बनाए गए। इतिहास में पहली बार पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थी, गोरखा और वाल्मीकि समुदाय के लोग भी मतदान कर सकेंगे। अभी तक ये अभागे और उपेक्षित समुदाय राज्य के चुनावों में मतदान के अपने लोकतान्त्रिक अधिकार से वंचित रहे हैं। जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के पूर्व अध्यक्ष फिरोज पीरजादा ने शेहला रशीद के पिता अब्दुल राशिद शोरा को दस करोड़ रुपये के मानहानि दावे का नोटिस भेजा है। जम्मू-कश्मीर में पुलवामा के टिकेन इलाके में सुरक्षा बलों ने बुधवार (9 दिसंबर, 2020) को तीन इस्लामिक आतंकवादियों को मुठभेड़ के दौरान ढेर कर दिया है। कॉन्ग्रेस ने 'भारत किसानों के साथ है, मोदी अंबानी के साथ हैं' टैगलाइन के साथ देश का गलत नक्शा शेयर किया और लद्दाख को पाकिस्तान में दिखा दिया। एक सोशल मीडिया यूजर ने JioTV प्लस ऐप के फ्रंट पेज पर नजर आ रहे समाचार चैनल Aaj Tak की तस्वीरें शेयर की हैं जिनमें भारत का गलत नक्शा देखा जा सकता है। नाबालिग बहनें लाएबा जुबैर और सना जुबैर सीमा पार कर भारत आ गईं थी। पूछताछ के बाद सेना ने उन्हें घर वापस भेज दिया।
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अमृतांशी जोशी, भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव (MP Vidhan Sabha Chunav 2023) के लिए कुछ ही समय बचा हैं। इसे लेकर कांग्रेस ने तैयारियां तेज कर दी है। प्रदेश में कांग्रेस की चुनावी समितियां जल्द ही गठित होंगी। सोमवार को केंद्रीय नेतृत्व के पदाधिकारियों के सामने दिग्गजों ने प्रस्ताव रखा था। चुनाव अभियान समिति और प्रचार अभियान समिति का जल्द गठन करने की मांग की है। एमपी विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह (Govind Singh) ने कहा कि हमने शीर्ष नेतृत्व से चर्चा की है। जल्द से जल्द समितियों का गठन होगा तो संगठन में मजबूती और काम में तेजी आएगी। हारी हुई सीटों पर टिकट देने को लेकर केंद्रीय नेतृत्व फैसला करेगा। वहीं चुनावी अभियान में चेहरे को लेकर बोले गोविंद सिंह ने कहा कि हमारे पास चेहरों की कोई कमी नहीं है। गोविंद सिंह ने मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना (Mukhyamantri Sikho Kamao Yojana) को लेकर कहा कि सरकार ने प्रदेश का खजाना खाली कर दिया। युवाओं को 8 हजार कहां से देंगे। इन्होंने क्या कमाया जो लुटा रहे है। अंतिम समय में दान पुण्य करने से कुछ नहीं होगा। प्रदेश की जनता जबाव देने के तैयार बैठी है। दिसंबर में परिणाम सामने आ जाएगा। प्रदेश खजाना खोखला हो चुका है। लाखों करोड़ों का कर्ज चढ़ चुका हैं।
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आज कोलकाता के ईडन गार्डन में कोलकाता नाईट राइडर्स और रॉयल चैलेंजर बैंगलौर के बीच इस आईपीएल का 48 वाँ मैच खेला गया, टॉस जीतकर रॉयल चैलेंजर बैंगलौर ने पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया और मेजबान कोलकाता को पहले बल्लेबाजी के लिए निमंत्रित किया. कोलकाता की पारी की शुरुआत हमेशा की तरह आज भी रोबिन उथप्पा और कप्तान गौतम गंभीर ने किया लेकिन आज रोबिन उथप्पा थोड़े दुर्भाग्यशाली रहे और मात्र 2 के निजी स्कोर पर अब्दुल्लाह को अपना विकेट थमा बैठे इस समय तक कोलकाता 14 गेंदों में मात्र 14 रन ही बना पायी थी, इसके बाद मनीष पाण्डेय बल्लेबाजी के लिए और कप्तान से दबाव हटाते हुए उन्हें खुलकर खेलने का मौका दिया, लेकिन दोनों के बीच थोड़ी सी मिसअंडरस्टैंडिंग की वजह से कप्तान गौतम गम्भीर को वाटसन के हाथों रन आउट होना पड़ा, उस समय तक कोलकाता 10. 3 ओवर में 90 रन बना चुकी थी, जिसमे गंभीर ने 34 गेंदों में 7 चौके से 51 रनों का योगदान दिया, गंभीर के जाने के बाद युसूफ पठान के साथ मनीष पाण्डेय ने भी अपना अर्द्धशतक पूरा किया, लेकिन अर्द्धशतक पूरा करते ही वो अरविन्द की गेंद पर डिविलियर्स को कैच थमा बैठे, पाण्डेय ने 35 गेंदों में 5 चौके और 2 छक्कों की मदद से 50 रन बनाये. मनीष पाण्डेय के आउट होने के बाद युसूफ पठान भी अपने आप को नहीं रोक पाये आज युसूफ ने काफी धीमी बल्लेबाजी किया और मात्र 6 रन बनाये, जिसके लिए उन्होंने 12 गेंदों के सामना किया. पठान के साथ उपकप्तान सूर्यकुमार यादव ने आज भी निराश किया और मात्र 5 रनों का योगदान टीम को दिया. पठान और यादव के बाद आंद्रे रसेल और शाकिब अल हसन ने अपनी जिम्मेदारी उठाया और तेजी से रन बनाये, दोनों ने 30 गेंदों में 57 रन टीम के लिए जोड़े. रसेल ने 19 गेंदों में 2 चौके और 3 छक्के की मदद से 39 रन बनाये, तो शाकिब ने 11 गेंदों में 1 चौके और 1 छक्के की मदद से 18 रन बनाये. आरसीबी की तरफ से अब्दुल्लाह सबसे किफायती गेंदबाज रहे उन्होंने 4 ओवर में 22 रन देकर 1 विकेट लिया, तो अरविन्द ने 4 ओवर में 41 रन लुटाकर 2 विकेट लिए. लक्ष्य का पीछा करने उतरी रॉयल चैलेंजर बैंगलौर की शुरुआत क्रिस गेल और विराट कोहली ने किया, काफी लम्बे समय से आउट ऑफ़ फॉर्म चल रहे क्रिस गेल ने आज कोलकाता के उपर शुरू से ही दबाव बनाये रखा, दुसरे छोर से विराट कोहली स्ट्राइक रोटेट करते रहे, दोनों बल्लेबाजों ने काफी सूझ बुझ से पहले विकेट के लिए 71 रनों की साझेदारी निभाया, इस साझेदारी का अंत सुनील नरेन ने गेल को एल्बीडब्ल्यू करके किया आउट होने से पहले गेल ने 31 गेंदों में 5 चौके और 4 छक्के की मदद से 49 रन बनाये, उसके बाद विराट कोहली का साथ देने पिछले मैच में शतक लगा चुके एबी डिविलियर्स मैदान पर पहुंचे, डिविलियर्स और कोहली ने पहले सम्भलकर खेला ,लेकिन कुछ देर बाद दोनों ने अपने बल्ले का मुहं खोल दिया. और अंत तक मैदान पर डटे रहे दोनों के बीच दुसरे विकेट के लिए 10. 5 ओवर में 115 रनों की साझेदारी हुई जिसकी बदौलत बैंगलौर ने ये मैच 8 गेंद रहते ही 9 विकेट से जीत लिया. बैंगलौर के कप्तान विराट कोहली ने आज भी धमाकेदार पारी खेली और 51 गेंदों में 5 चौके और 3 छक्कों की मदद से 75 रन बनाये, तो उनके साथी डिविलियर्स ने मात्र 31 गेंदों में 5 चौके और 3 छक्कों की मदद से 59 रन ठोक डाले. कोलकाता की तरफ से सुनील नरेन सबसे सफल गेंदबाज रहे उन्होंने 4 ओवर में 34 रन देकर 1 विकेट लिया. इन सबके बीच इस मैच के हारने में कप्तान गौतम गंभीर के साथ युसूफ पठान ने अहम भूमिका निभाया, पहले युसूफ ने काफी धीमी पारी खेली और 12 गेंदों में मात्र 6 रन ही बना सके यहाँ से कोलकाता को 20 से 25 रनों का नुकसान हुआ, तो बाद में कप्तान गौतम गंभीर ने विराट कोहली का कैच छोड़कर दूसरी गलती कर डाली, जब कोहली 34 के निजी स्कोर पर बल्लेबाजी कर रहे थे, तो गंभीर ने शाकिब की गेंद पर कोहली का कैच छोड़ा उसके बाद कोहली ने मात्र 22 गेंदों में 41 रनों की तुफानी पारी खेल डाली, जबकि अगर गंभीर यह कैच लपक लेते तो आने वाले बल्लेबाज पर दबाव बढ़ता और वो इतनी तेजी से रन नहीं बना सकता था, वहीं डिविलियर्स भी दबाव में आकर इतनी बड़ी पारी खेलने से डरते इसके लिए वो और कुछ गेंद लेते जिसकी बदौलत कोलकाता यह मैच जीत सकती थी या अंत तक खींच सकती थी. संछिप्त स्कोरबोर्डः कोलकाताः 183/5, 20 ओवर में (गौतम गंभीर 51, मनीष पाण्डेय 50, अरविन्द 4-41-2, अब्दुल्लाह 4-22-1) बैंगलौरः186/1, 18. 4 ओवर में (विराट कोहली 75*, डिविलियर्स 59*, नरेन 4-32-1) परिणामः बैंगलौर 9 विकेट से विजयी.
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मिस इंडिया रह चुकी बॉलीवुड अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने अपनी डेब्यू फिल्म 'आशिक बनाया आपने' में जबरदस्त बोल्ड सीन देकर लोगों का दिल जीत लिया था। हाल ही में उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री के कुछ सनसनीखेज खुलासे किए हैं जिन्हें लेकर वह पिछले काफी दिनों से सुर्खियों में बनी हुई हैं। उन्होंने #metoo कैम्पेन के तहत कई दिग्गज सेलेब्रिटीज पर यौन शोषण का आरोप लगाया है, जिसने फिल्म इंडस्ट्री में एक बार फिर इस टॉपिक पर बहस छेड़ दी है। तनुश्री की ये तस्वीर साल 2004 की है जब उन्होंने मिस इंडिया यूनिवर्स का खिताब अपने नाम किया था। इसके बाद उन्होंने मिस यूनिवर्स 2004 में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें वह टॉप 10 में जगह बना पाई थीं। इसके बाद साल 2005 में तनुश्री ने फिल्म 'आशिक बनाया आपने' से डेब्यू किया था। पहली फिल्म में ही उनकी बोल्डनेस और खूबसूरती का हर कोई कायल हो गया था, लेकिन आज वह इतना बदल गई हैं कि अगर आप उनकी लेटेस्ट तस्वीरों को ध्यान से देखेंगे तो शायद आप उन्हें पहचान भी नहीं पाएंगे। तनुश्री के पहले के और अब के लुक में जमीन आसमान का फर्क है। इस बात का अंदाजा आप खुद उनकी इन लेटेस्ट तस्वीरों को देखकर लगा सकते हैं। पहले के मुकाबले वह काफी बदल गई हैं और उनका वजन भी काफी बढ़ गया है। हॉट तनुश्री अब पूरे कपड़ों में नजर आने लगी हैं। उनके चेहरे पर भी काफी फैट जमा हो गया है जिस वजह से उनको पहचान पाना थोड़ा मुश्किल हो रहा है। शुरुआत में जब तनुश्री का यह लुक सामने आया तो उनके फैंस के लिए ये काफी हैरान करने वाला था।
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वाराणसीः वराणसी की ज्ञानवापी में पूजा के अधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 21 जुलाई को सुनवाई होनी है, ये याचिका माँ श्रृंगार गौरी मामले में याचिकाकर्ता महिलाओं ने दाखिल की है। याचिकाकर्ता के वकील विष्णु शंकर जैन ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी कि ज्ञानवापी परिसर में हुए सर्वे को चुनौती देने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमिटी की याचिका पर 21 जुलाई को सुनवाई होनी है। ऐसे में मुख्य न्यायाधीश ने इस मामले को जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और पीएस नरसिम्हन की बेंच में सुनवाई के लिए लिस्ट कर दिया है। ज्ञानवापी को लेकर इस वक्त वाराणसी के जिला जज भी सुनवाई कर रहे हैं, वही दूसरी तरफ हिंदू पक्ष पूजा करने के संवैधानिक अधिकार के तहत सावन के महीने में ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की पूजा की मांग कर रहा है। इस याचिका मुख्य रूप से तीन मांग उठाई गई हैं। जिसका मकसद श्रावण मास में भगवान शिव के भक्तों की आस्था को ध्यान में रखते हुए शिवलिंग दर्शन की इच्छा को पूरा किया जा सके। 1. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराए जाने का आदेश दिया जाए ये आदेश प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत दिया जाए. याचिका में दलील दी गई है कि कार्बन डेटिंग से पता चलेगा कि शिवलिंग कितना प्राचीन है। 2. इसके साथ ही याचिका में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को शिवलिंग मिलने वाले स्थान का उचित सर्वेक्षण का आदेश देने या फिर जीपीआर यानी ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार सिस्टम के जरिए भूमिगत परिस्थिति का पता लगाने का आदेश देने की मांग की गई हैं। ये भी कहा गया है कि अगर उस जगह के नीचे किसी तरह के निर्माण का पता लगाने के लिए खुदाई की जरूरत हो तो वो भी करवाई जाए। 3. याचिका में तीसरी मांग है कि शिवभक्तों की आसानी के लिए 16 मई के कोर्ट कमिश्नर सर्वे में सामने आए शिवलिंगम के दर्शन के लिए लाइन स्ट्रीमिंग की व्यवस्था की जाए और इसका सजीव प्रसारण काशी विश्वनाथ ट्रस्ट की वेबसाइट पर किया जाए। इससे भक्त शिवलिंग से 83 फीट की दूरी पर मौजूद नंदी के पास खड़े होकर वर्चुअल दर्शन कर सकें। Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।
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हक्सलेन इन तत्वोंको निर्जीव बतलाया है, परन्तु इनका निर्जीव होना स्वीकार करते हुए भी लिखा है कि इन चार तत्वोंमें से जब कार्वन और आक्सिजन विशेषमात्रामें और विशेष अवस्था में मिलते हैं, तो कार्बोनिक एसिड उत्पन्न करते हैं। आक्सिजन और हाइड्रोजनसे जल बनता है, और नाइट्रोजन और कुछ अन्य मूलभूत (जो अबतक अज्ञात हैं) जब मिलते हैं तो "नाइ - ट्रोजनस साल्ट " पैदा करते हैं । हक्सले को स्वीकार हैं कि कि यह तीनों मिश्रित वस्तुऐं भी निर्जीव हैं, परन्तु वह कहता है कि जब यही तीनों मिश्रित वस्तुयें किसी विशेष रीतिसे (यह रीति भी अज्ञात है ) मिलते हैं, तो अपनेसे भी अधिक दुर्बोध वस्तु कललरसको उत्पन्न करदेते हैं, और इसी रससे जीवन के दृश्य प्रकट होते हैं । हक्सलेका यह बाद कितना अधूरा है, यह इससे ही प्रकट है कि वह यह नहीं जानता कि नाइट्रोजनस साल्ट के निर्माण के लिये नाइट्रोजन के साथ दूसरा मूलभूत कौनसा मिलता है, वह यह भी नहीं जानता कि वह "विशेष रीति क्या है जिससे यह तीनों मिश्रित वस्तुयें मिलती हैं"। यह तो प्रश्न ही अभी पृथक् है कि कललरसमें चेतना है या नहीं। हैकलने स्वीकार किया है कि कललरस भी निर्जीव ही है, परन्तु यहां तो हक्सले तथा अन्य वैज्ञानिकोंको जिनमें हैकल भी सम्मिलित है, यह भी ज्ञात नहीं कि कललरस किस प्रकार बनता है, और वह उसके बनाने में अब तक सर्वथा असमर्थ हैं। हक्सले को अपने इस बादकी निर्बलता स्वयं भी ज्ञात होगई थी, ऐसा प्रतीत होता है, इसी लिये उसने अपने एक दूसरे पुस्तककी भूमिका में जो उपर्युक्त व्याख्यानके बाद उसने लिखी थी, और जो पशुओंके वर्गीकरण से संबंधित थी, लिखा है कि "जीब शरीरकी रचना की हेतु है, परिणाम नहीं" । उसके शब्द यह हैं " Life is the cause and not the consequence of organisation " उसने इस वादका " उत्तमतया स्थापित बाद कहकर लिखा है और इसी सम्बन्ध में जान इंटरका भी उल्लख करते हुये लिखा है कि उन्होंने इसका बहुधा समर्थन किया है। ऐसी दशामें जब हक्सले को अन्तमे यह स्वीकार करलेना पड़ा कि जीव शरीरसे स्वतन्त्र कोई वस्तु है, और यह कि वह शरीरके संगठनका परिणाम नहीं, किन्तु शरीरके संघटनका कारण है, तब जीवन का प्राकृतिक आधार कहां रहा ? इस प्रकारकी सम्मति देने के बाद हक्सलेको जडाद्वैतवादी नहीं कह सकते। हक्सलेकी अपेक्षा हैकलने जीवन के प्राकृतिक आधार की कल्पनाको अधिक श्रृंखलावद्ध रूपमे प्रकट किया है, परन्तु चेतनाका कार्य जड प्रकृतिसे किस प्रकार चल सकता था, इसलिये जडप्रकृति से चेतनाकी उत्पत्ति सिद्ध करने के लिये उसे अनेक - कमसेकम सन्चरह ( १७) -
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ईसाई धर्म में तो प्रभु ईसा ने पग पग पर प्रार्थना के द्वारा ही शक्ति प्राप्त करने का मार्ग बतलाया है। हम किसी कार्य के प्रारम्भ में ईश्वर की प्रार्थना के द्वारा उसकी पूर्ति के लिए शक्ति मांगे, कार्य के अंत में उसका धन्यवाद दें । अपने में त्रुटि का अनुभव करते हुये भी प्रार्थना द्वारा भगवान् से शक्ति पाकर जीवन सफल करें - स्वार्थ के लिये नहीं वरन त्रुटि में शक्ति संचय और भगवान की ही इच्छा पूर्ति के लिए । भगवान् ही हमारा सब कुछ है और हम प्रार्थना द्वारा उसकी कृपा प्राप्त करें । महाभारत के भार से भ्रम में पड़ा हुआ अर्जुन भगवान् की प्रार्थना करता है । त्वमेव माताश्च पिता त्वमेव । त्वमेव बंधुश्च सखा त्वमेव ।। त्वमेव विद्या च द्रविणं त्वमेव । त्वमेव सर्वम् मम देव देव ।। *:६- सदाचार हमने जननी जन्मभूमि, गुरु, समाज और ईश्वर के प्रति अपने कर्तव्य देखे । इन कर्तव्यों का ठीक २ पालने ही जीवन का उद्देश्य है । उद्देश्य एक कार्य है और कर्तव्यों का पालन कारण है। जिस प्रकार मिट्टी के बने हुये घड़े के कण २ में मिट्टी का अंश रहता है, इसी प्रकार कार्य में कारणों का भी समावेश होता है। कार्य कारण से परे कोई वस्तु भिन्न नहीं है वरन कारण का ही एक अभिन्न रूप है । कार्य परिणाम है और कारण साधन है। यदि साधन ठीक हैं तो परिणाम की चिंता निरर्थक है। यदि हमारे कर्तव्य ठीक है तो उद्देश्य के ठीक होने में कोई आशंका नहीं । साधनों का उत्तम होना परिणाम की उत्तमता का द्योतक है, परन्तु यह आवश्यक नहीं है कि इसका उल्टा भी ठीक हो । अतएव ऐसा विचार हमें भ्रम में डालने वाला है कि हम परिणाम ठीक करले चाहे उसके साधन कैसे भी हों । एक विद्यार्थी ने किसो वर्ष नकुल करके परीक्षा में सफलता माप्त करली । साधन अच्छा नहीं था परन्तु परिणाम अच्छा हुआ । उसने समझा परिणाम ही मुख्य है चाहे साधन जैसा भी हो । यह उसका भ्रम था। दूसरे वर्ष वही विद्यार्थी नकल करते हुये पकड़ा गया और दो वर्ष के लिए परीक्षा से उसने समझा कि बुरे साधनों का परिणाम कभी अच्छा हो ही नहीं सकता । कर्तव्य पथ से विचलित होने पर हमारी जीवन यात्रा ऐसे स्थान पर रुकेगी जहाँ निराशा और दुःख के अतिरिक्त कुछ नहीं । बालपन में कुछ कारण आ जाते हैं जो हमें कर्तव्य से कर देते हैं। कभी-कभी तो हमें ऐसे लोगों का संग मिल जाता है जो हमारी सुटुत्तियों को बदल देता है और हम सतमार्ग छोड़ कर कुमार्ग पर चलने लगते हैं। मित्रों के चुनने में बड़ी ही सावधानी करनी चाहिए। पाठशालाओं में बहुत अंश तक चरित्र भ्रष्टता कुलङ्ग का ही परिणाम होता है। कुसङ्ग से बढ़ कर कोई दुःख नहीं और सतसङ्ग से बढ़ कर कोई सुख नहीं । तुलसी दास जी लिखते हैं । बरु भल वास नरक कर ताता। दुष्ट सङ्ग जनि देय विधाता ॥ "सात स्वर्ग अपवर्ग सुख धरिय तुला इक सङ्ग । तुलै न ताहि सकल मिलि जो सुख लव सतसङ्ग॥" सङ्ग के अतिरिक्त अनेक कारण हैं जो हमें कर्तव्य पथ से अलग करना चाहते हैं । इन कारणों से बचने के लिए इम में बल होना चाहिए और इस बल के लिए हमें प्रतिदिन भगवान् पर विश्वास रखते हुए उससे मार्थना करनी चाहिए । पग-पग पर हमारे लिए संसार की चकाचौंध एक परीक्षा है और हमें उस परीक्षा में उतीर्ण होना है। ईसा ने भगवान् से प्रार्थना की है " हे मभ के परीक्षा
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Don't Miss! भोजपुरी एक्ट्रेस त्रिशाकर मधु के बाद सिंगर शिल्पी राज का इंटीमेट वीडियो लीक हुआ है। शिल्पी राज का यह वीडियो सनसनी फैला रहा है। जहां पर शिल्पी राज एक पुरुष के साथ निजी समय बिता रही हैं। आपको बता दें कि भोजपुरी इंडस्ट्री में कलाकारों के साथ सिंगर भी काफी लोकप्रिय होते हैं। ऐसे में शिल्पी राज का नाम भी चर्चित गायिकाओं में से एक है। शिल्पी ने खेसारी लाल यादव से लेकर पवन सिंह जैसे बड़े स्टार्स के साथ गाना गाया है। शिल्पी राज का यह वीडियो सामने आने से भोजपुरी इंडस्ट्री हैरान है। सोशल मीडिया से लेकर यूट्यूब तक शिल्पी राज का यह प्राइवेट वीडियो लगातार भोजपुरी दर्शकों के बीच सर्च किया जा रहा है। शिल्पी राज अश्लील वीडियो नाम से इसे खोजा जा रहा है। बता दें कि इस वीडियो में शिल्पी राज अपने एक मित्र के साथ है। वहीं कई रिपोर्ट में यह बोला जा रहा है कि केवल शिल्पी और उनके मित्र के अलावा कोई तीसरा व्यक्ति भी कमरे हैं । जिसने इस पूरे वीडियो को कैमरे में कैद करने का काम कमरे में खड़े होकर किया है। बताया जा रहा है कि वीडियो में जो शख्स मौजूद है वो शिल्पी का बॉयफ्रेंड हैं। काफी लंबे समय से दोनों एक दूसरे को डेट कर रहे हैं। गौरतलब है कि पिछली बार त्रिशाकरमधु का वीडियो लीक होने पर उन्होंने बाद में आकर इस पर सफाई देते हुए कहा था वह वीडियो के लीक होने से बेहद दुखी हैं। शिल्पी राज की तरफ से अभी तक उनके इस वीडियो को लेकर कोई भी आधिकारिक बयान या जानकारी सामने नहीं आयी है। ज्ञात हो कि फिल्मीबीट हिंदी ऐसे किसी भी वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।
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Mahindra Scorpio भारत में सबसे प्रसिद्ध एसयूवी में से एक है। यह अपने बीहड़पन, बुच दिखता है, उच्च जमीनी निकासी और विश्वसनीयता के लिए जाना जाता है। Mahindra Scorpio मुख्य रूप से एक रियर-व्हील ड्राइव एसयूवी है जबकि निर्माता भी 4×4 ड्राइवट्रेन की पेशकश करते थे जो अब बंद हो गया है। जबकि स्कॉर्पियो एक बहुत अच्छा और सक्षम ऑफ-रोडर है, कभी-कभी हर एसयूवी फंस जाती है। यहां एक Mahindra Scorpio का वीडियो रेत में फंसता हुआ दिखाई दे रहा है और एक Force Gurkha बचाव के लिए आता है। वीडियो को SHRI Vlogs ने अपने YouTube चैनल पर अपलोड किया है। वीडियो में, हम देख सकते हैं कि Scorpio चालक ने रिवर्स गियर लगा दिया है और टो रस्सी को Scorpio और Force Gurkha के पीछे के छोर से बांध दिया गया है। Gurkha का ड्राइवर पहले कोमल के पास जाने की कोशिश करता है और स्कॉर्पियो को खींचने की कोशिश करता है, लेकिन एसयूवी चलती नहीं है। फिर Gurkha का ड्राइवर पलट जाता है और स्कॉर्पियो को एक झटके से खींचने की कोशिश करता है और इस बार एसयूवी चलती है लेकिन फिर से अटक जाती है। तीसरी बार, Gurkha Scorpio के करीब आता है, ताकि यह अधिक गति प्राप्त कर सके और स्कॉर्पियो चालक रिवर्स गियर भी संलग्न करता है। एक बार जब स्कॉर्पियो चलना शुरू होता है, Gurkha चालक नहीं रुकता है और स्कॉर्पियो को तब तक खींचता रहता है जब तक कि रेत थोड़ी सख्त नहीं हो जाती। Gurkha 2.6-लीटर, चार-सिलेंडर डीजल इंजन के साथ आता है जो अधिकतम 85 बीएचपी का पावर और 230 एनएम का पीक टॉर्क आउटपुट देता है। यह केवल 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स के साथ 4×4 सिस्टम और कम-अनुपात हस्तांतरण मामले के साथ पेश किया गया था। वर्तमान में, Gurkha को आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया गया है क्योंकि BS6 डीजल इंजन के साथ एक फेसलिफ्ट आ रही है। Gurkha के 2.2-लीटर डीजल इंजन के साथ आने की भी उम्मीद है जो 140 पीएस अधिकतम शक्ति और 321 एनएम का पीक टॉर्क आउटपुट देगा। इंजन को 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स के लिए रखा गया है। दूसरी ओर, Scorpio अपने 2.2-लीटर डीजल इंजन के साथ अधिक शक्तिशाली है जो 120 पीएस या 140 पीएस अधिकतम शक्ति और 320 एनएम के 280 एनएम के पीक टॉर्क आउटपुट का उत्पादन करता है। इंजन 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स या 6-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स के लिए आता है। Scorpio 11.99 लाख रुपये एक्स-शोरूम से शुरू होता है 16.52 लाख रुपये एक्स-शोरूम तक जाता है । Scorpio हाल ही में लॉन्च हुए S3 + वैरिएंट के जुड़ने के कारण 69,000 रुपये से अधिक सस्ती हो गई। इससे पहले स्कॉर्पियो का बेस वेरिएंट S5 था और यह 12.67 लाख रुपये एक्स-शोरूम से शुरू हुआ था। आप S3 + वैरिएंट के बारे में और अधिक पढ़ सकते हैं और यहां क्लिक करके यह सब क्या प्रदान करता है या याद करता है। Mahindra Scorpio की एक नई पीढ़ी पर भी काम कर रहा है, जिसे 2021 की दूसरी छमाही में लॉन्च किया जाएगा। नई Scorpio मौजूदा एक से अधिक आयामों में बड़ी होगी और यह भी एक रेवेरेड लैडर फ्रेम चेसिस पर आधारित होगी। Mahindra Scorpio को 2.0-लीटर पेट्रोल इंजन या 2.2-लीटर डीजल इंजन के साथ पेश करेगी। दोनों इंजनों को 6-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स या 6-स्पीड टॉर्क कन्वर्टर ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के साथ पेश किया जाएगा।
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महिला सशक्तिकरण का नारा देने वाले राजनीतिक दल महिला जनप्रतिनिधियों को मंत्री मंडल में तवज्जो नहीं देते हैं। यह स्थिति तब है जब देश में लगभग आधी आबादी महिलाओं की है। एडीआर रिपोर्ट में राज खुले हैं। महिला सशक्तिकरण का नारा देने वाले राजनीतिक दल महिला जनप्रतिनिधियों को मंत्री मंडल में तवज्जो नहीं देते हैं। यह स्थिति तब है जब देश में लगभग आधी आबादी महिलाओं की है। एडीआर के मुताबिक 28 राज्यों व दो केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्री मंडल में महिलाओं की भागीदारी नौ फीसदी ही है। दिल्ली, हिमाचल सहित नौ विधानसभाओं में तो महिला मंत्रियों की भागीदारी शून्य है। उत्तराखंड में भी नौ में से केवल एक महिला को मंत्री की कुर्सी मिली है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने वर्तमान मंत्री परिषद के शपथपत्रों के आधार पर बीते दिनों एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक 28 राज्यों व दो केंद्र शासित प्रदेशों के 558 मंत्रियों का विश्लेषण किया गया। इसमें महिला मंत्रियों की संख्या महज 51 है। जबकि पुरुष मंत्रियों की संख्या महिला मंत्रियों की अपेक्षा नौ गुना अधिक यानि 507 है। पश्चिम बंगाल में सर्वाधिक आठ महिलाएं मंत्री हैं। ओडीशा और उत्तर प्रदेश में पांच-पांच महिलाएं मंत्री पद पर विराजमान हैं। देश की नौ विधानसभाओं में महिला मंत्रियों की भागीदारी शून्य है। इनमें दिल्ली, अरूणाचल, मिजोरम, नागालैंड, मेघालय, गोवा, हिमाचल महाराष्ट्र और सिक्किम शामिल है। इसके अलावा नौ प्रदेशों में एक-एक ही महिला मंत्री है। 28 प्रदेश और दो केंद्र शासित प्रदेशों के वर्तमान मंत्री परिषद के नौ फीसदी ही मंत्री महिलाएं हैं। पश्चिम बंगाल में सर्वाधिक आठ महिला मंत्री हैं। उत्तराखंड में मंत्री पद पर एक महिला विराजमान है।
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लखनऊ। यूपी विधान सभा चुनाव से पहले आयकर विभाग की टीमें बेहद सक्रिय हो गयी हैं। आज टीमों ने एसीई ग्रुप के प्रमोटर अजय चौधरी के चार ठिकानों और आगरा के तीन कारोबारियों के यहां छापेमारी की। टीमें कारोबारियों के ठिकानों को खंगाल रही हंै। आयकर टीम की कार्रवाई से कारोबारियों में हडक़ंप मच गया है। आयकर विभाग की टीम ने आज एसीई ग्रुप की कंपनियों और उसके प्रमोटर अजय चौधरी के दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और आगरा स्थित ठिकानों पर छापेमारी की। अजय चौधरी को सपा प्रमुख अखिलेश यादव का करीबी बताया जा रहा है। कानपुर और कन्नौज के बाद आयकर विभाग ने आगरा में भी ताबड़तोड़ छापेमारी की। आगरा के भरतपुर हाउस कॉलोनी में शू एक्सपोटर्स विजय आहूजा के घर और मानसी चंद्रा की जूता फैक्ट्री पर छापा पड़ा है। आगरा के भरतपुर हाउस कॉलोनी में शू एक्सपोट्र्स विजय आहूजा के घर में इनकम टैक्स टीम के करीब आठ से 10 अधिकारी मौजूद हैं। वहीं मानसी चंद्रा के जूता फैक्ट्री पर भी आयकर विभाग की टीम के साथ बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी भी मौजूद हैं। वहीं कारोबारी मन्नू अलघ के यहां भी टीम पहुंची है। टीम ने आज सुबह चंद्रा कंपोनेंट, आहूजा इंटरनेशनल, नोवा शूज पर कार्रवाई शुरू की है। जैसे ही इन काराबोरियों के यहां आयकर विभाग की टीमें पहुंचीं, इलाके में हडक़ंप मच गया। फिलहाल, आयकर विभाग की टीम की ओर से अभी कोई जानकारी सामने नहीं आई है। टीम ने बैंक खातों को सील कर दिया है। वहीं सूत्रों के मुताबिक एसीई ग्रुप के चीफ अजय चौधरी बहुत दिनों से आयकर विभाग के राडार पर थे। पीयूष जैन के यहां पड़ी छापेमारी के दौरान करोड़ों रुपये और सोने की बरामदगी को लेकर सपा ने भाजपा पर निशाना साधा था। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पूछा था कि सरकार बताए कि नोटबंदी के बाद भी एक व्यक्ति के यहां इतना पैसा कहां से आया। इससे पहले जीएसटी टीम ने कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष जैन और आयकर टीम ने पुष्पराज जैन उर्फ पंपी जैन के ठिकानों पर भी छापेमारी की थी। पुष्पराज जैन समाजवादी पार्टी के एमएलसी हैं। अभी तक पुष्पराज जैन के घर से बरामदगी को लेकर कोई सूचना नहीं आई है। वहीं बीते 6 दिनों से जारी रेड में पीयूष जैन के घर से जीएसटी टीम को 197 करोड़ रुपये कैश बरामद हुए थे, वहीं 23 किलो सोना मिला था। पीयूष जैन पर कर चोरी का आरोप है और अब उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। लखनऊ। विधान सभा चुनाव से पहले सपा का कुनबा लगातार बढ़ रहा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के नेतृत्व में विश्वास करते हुए भाजपा और बसपा समेत विभिन्न दलों के नेता और विधायक लगातार पार्टी में शामिल हो रहे हैं। आज देश बचाओ पार्टी के राष्टï्रीय अध्यक्ष जितेंद्र पंवार और भाजपा नेता जय प्रकाश पांडेय ने सपा का दामन थामा। सपा के आधिकारिक ट्वीटर के मुताबिक आज सपा प्रमुख अखिलेश यादव के नेतृत्व में आस्था जताते हुए देश बचाओ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेंद्र पंवार और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता जय प्रकाश पांडेय अपने साथियों के साथ सपा में हुए शामिल हुए। इसके पहले सोमवार को भाजपा की विधायक माधुरी वर्मा और बसपा के पूर्व सांसद राकेश पांडेय सहित विभिन्न दलों के नेता समर्थकों समेत सपा में शामिल हुए थे। नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना संक्रमण डराने लगा हैं। आज आम आदमी पार्टी के मुखिया एवं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और भाजपा सांसद मनोज तिवारी कोरोना संक्रमित हो गए है। वहीं बढ़ते संक्रमण को देखते हुए दिल्ली में वीकेंड कर्फ्यू लागू हो गया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, मैं कोरोना संक्रमित हो गया हूं। संक्रमण के हल्के लक्षण हैं। जिसे देखते हुए घर में खुद को आइसोलेट कर लिया है। जो लोग पिछले कुछ दिनों में मेरे संपर्क में आए हैं, वे खुद को आइसोलेट करें और जांच करवाएं। केजरीवाल ने पार्टी के प्रचार के लिए गोवा और पंजाब जैसे चुनावी राज्यों में कई दौरे किए हैं। वहीं भाजपा सांसद मनोज तिवारी भी कोरोना संक्रमित हो गए हैं। उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। संक्रमण को देखते हुए उपराज्यपाल अनिल बैजल ने डीडीएमए की बैठक बुलाई थी। बैठक में संक्रमण को देखते हुए कई पाबंदियों पर चर्चा की गई। इसके तहत अब सरकारी कार्यालयों में अनिवार्य सेवाओं को छोडक़र वर्क फ्रॉम होम लागू होगा। केवल अनिवार्य सेवाओं के कार्यालय खुले रहेंगे। दिल्ली में प्राइवेट कार्यालयों में 50 प्रतिशत स्टाफ को काम करने की इजाजत होगी। राज्य में शनिवार और रविवार को वीकेंड कर्फ्यू लागू रहेगा। शादी समारोह में बीस लोग शामिल हो सकेंगे।
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आजकल के खानपान ने कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दिया है। जिसके रहते हर किसी को तरह-तरह की परेशानी झेलनी पड़ती है। लोग हर दूसरे दिन यहां दर्द वहां दर्द जैसी समस्याओं से परेशान रहते हैं। कई बार यह बीमारियां इतनी बढ़ जाती है कि आपको बता ही नहीं चलता है। लेकिन हमारी प्रकृति में ऐसे कई फल और सब्जियां मौजूद है जिनके सेवन से आपको फायदा जरूर मिलेगा। इसमें शरीर को पोषण प्रदान करने वाले सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं। जिनके सेवन से आपको कभी भी किसी परेशानी का सामना करने की आवश्यता नहीं पड़ती है। लेकिन यह हृदय रोग, स्ट्रो क और रक्ता वाहिनियों को प्रभावित करने वाले अन्ये रोगों को बढ़ावा देता है। ब्लूबेरी में ऐसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जिसके सेवन के बाद आपको अपने अंदर कई तरह के बदलाव नजर आने लगेंगे। इतना ही ब्लूोबेरी में पॉलीफिनोल्स-एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। यह हृदय कोशिकाओं को मजबूत बनाते हैं। साथ ही रक्तचाप को कम करने में मदद करता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए यह बहुत ही आवश्यक होता है। एक सर्व में यह बात सामने आई है कि अगर ब्लूमबेरी का इस्तेमाल कच्चा ही किया जाए तो यह हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। यहीं उसे अगर पकाकर खाया जाए तो उसको पौष्टिकता कम हो जाती है।
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गोड्डाः गोड्डा कॉलेज, गोड्डा के राजनीति विज्ञान विभाग में मंगलवार को एक समारोह आयोजित कर नए विभागाध्यक्ष एवं नवागंतुक छात्रों का स्वागत किया गया। मालूम हो कि राजनीति विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉक्टर इंदिरा तिवारी को कॉलेज का प्रभारी प्राचार्य नियुक्त किया गया है। उनके प्रभारी प्राचार्य बन जाने से राजनीति विज्ञान विभाग का विभागाध्यक्ष डॉ सरफराज इस्लाम को बनाया गया है। मंगलवार को राजनीति विज्ञान विभाग में नए छात्र-छात्राओं का स्वागत समारोह आयोजित किया गया। साथ ही नवनियुक्त विभागाध्यक्ष डॉ सरफराज इस्लाम का भी स्वागत किया गया। इस स्वागत समारोह की अध्यक्षता भूतपूर्व विभागाध्यक्षा एवं वर्तमान में महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्य डॉ इन्दिरा तिवारी ने की। उन्होंने अपने अध्यक्षीय संबोधन में डॉ सरफराज इस्लाम के नेतृत्व में राजनीति विज्ञान विभाग को निरंतर समृद्ध होने की शुभकामना दी। साथ ही शिक्षा के महत्त्व को रेखांकित करते हुए छात्र-छात्राओं को शिक्षा के माध्यम से अपने जीवन को एक नई दिशा देने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर विभाग के अन्य शिक्षक डॉ सुबोध प्रसाद रजक एवं प्रो ज्योत्सना कुमारी ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये। छात्रों की तरफ से मो इब्राहिम एवं छात्राओं की ओर से कोमल कुमारी ने अपने अनुभव एवं विचार साझा किये। मंच संचालन छात्र मो मौसीन ने किया। इस समारोह का आयोजन यूजी सेमेस्टर 5 के छात्र-छात्राओं के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में सन्नी, गुलशन कुमार, विनय, आशीष आदि शामिल थे।
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आरटीआई के तहत प्राप्त किए गए दस्तावेज़ों से पता चलता है कि कॉरपोरेट मंत्रालय ने अपनी फाइलों में ये लिखा है कि पीएम केयर्स फंड का गठन केंद्र सरकार द्वारा किया गया है. केंद्र सरकार द्वारा गठित कोई भी विभाग आरटीआई एक्ट के दायरे में आता है. प्रसिद्ध राजनीतिशास्त्री और सीएसडीएस के संस्थापक सदस्यों में से एक रामाश्रय राय के लेखन में सैद्धांतिक गहराई और व्यावहारिक समझ का अनूठा संगम देखने को मिलता है. एक ओर वे समकालीन विचारकों से संवाद करते हैं, वहीं दूसरी ओर पाठकों को भारतीय राजनीति की ज़मीनी हक़ीक़त से भी रूबरू कराते चलते हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 58 हज़ार से ज़्यादा वेंटिलेटर्स का ऑर्डर पाने वाली पांच कंपनियों में गुजरात की ज्योति सीएनसी भी थी. मई में अहमदाबाद के अस्पताल में भेजे गए उनके वेंटिलेटर्स पर सवाल उठे थे. अब सामने आया है कि 20 जुलाई तक मंत्रालय की एक समिति ने इस कंपनी से वेंटिलेटर लेने की सिफ़ारिश नहीं की थी. भारत में 16 दिन पहले सात अगस्त को कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 20 लाख के पार पहुंची थी. यह लगातार पांचवां दिन है, जब नए मामलों की संख्या 60 हज़ार से अधिक दर्ज की गई है. देश में मरने वालों की संख्या 56,706 हो गई है. विश्व में संक्रमण के 2. 32 करोड़ से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. असम के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तरुण गोगोई का कहना है कि उनके सूत्रों के अनुसार रंजन गोगोई का नाम अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवारों की सूची में हैं. राज्य में 2021 में चुनाव होने हैं. गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, शशि थरूर समेत कई पूर्व मुख्यमंत्रियों, पूर्व केंद्रीय मंत्रियों और प्रदेशाध्यक्षों द्वारा लिखे पत्र में पार्टी में व्यापक सुधार लाने, सत्ता का विकेंद्रीकरण करने, राज्य इकाइयों को सशक्त करने और एक केंद्रीय संसदीय बोर्ड के तत्काल गठन की मांग की गई है. बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने तबलीग़ी जमात के 29 विदेशी सदस्यों के ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर रद्द करते हुए कहा कि दिल्ली में जमात के कार्यक्रम में शामिल होने आए विदेशियों के ख़िलाफ़ मीडिया में दुष्प्रचार किया गया और ऐसी छवि बनाने की कोशिश की गई कि ये ही भारत में कोविड-19 फ़ैलाने के ज़िम्मेदार थे. बीते 14 अगस्त को आज़मगढ़ ज़िले के तरवां थाना क्षेत्र के बांसगांव के ग्राम प्रधान सत्यमेव जयते की गोली मारकर हत्या कर दी गई. अनुसूचित जाति से आने वाले प्रधान के परिजनों का आरोप है कि गांव के कथित ऊंची जाति के लोगों ने ऐसा यह संदेश देने के लिए किया कि आगे कोई दलित निर्भीकता से खड़ा न हो सके. तेलंगाना-आंध्र प्रदेश सीमा पर स्थित श्रीसैलम पनबिजली संयंत्र में गुरुवार देर रात आग लगने से हुआ हादसा. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने घटना की सीआईडी जांच के आदेश दिए हैं. पार्टी बदलने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया के पहली बार ग्वालियर पहुंचने पर भाजपा तीन दिवसीय 'सदस्यता ग्रहण समारोह' आयोजित कर रही है, जिसमें ग्वालियर-चंबल अंचल के सभी ज़िलों के हज़ारों कार्यकर्ता शामिल होने वाले हैं. कोरोना संक्रमण के प्रसार के मामले में ग्वालियर प्रदेश में तीसरे स्थान पर है. वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को अदालत की अवमानना का दोषी ठहराए के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने कहा कि इससे पता चलता है कि लोकतंत्र का यह स्तंभ इतना खोखला हो चुका है कि महज़ दो ट्वीट से इसकी नींव हिल सकती है. बीते 14 अगस्त को अवमानना के दोषी ठहराए गए प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट को दिए अपने बयान में कहा कि उन्हें दुख है कि जिस अदालत की महिमा क़ायम रखने के लिए वे तीन दशकों से काम करते आ रहे हैं, उन्हें उसी की अवमानना का दोषी माना गया है. कोर्ट ने भूषण को अपने बयान पर 2-3 दिन पुनर्विचार कर जवाब देने को कहा है. दिल्ली दंगों संबंधी मामले में दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अपूर्वानंद से पूछताछ के बाद कई मीडिया रिपोर्ट्स में दिल्ली पुलिस द्वारा लीक जानकारी के आधार पर उन्हें 'दंगों का मास्टरमाइंड' कहा गया. प्रामाणिक तथ्यों के बिना आ रही ऐसी ख़बरों का मक़सद केवल उनकी छवि धूमिल कर उनके ख़िलाफ़ माहौल बनाना लगता है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आंकड़ों के मुताबिक इस साल अकेले जुलाई महीने में ही 50 लाख नौकरियां गई हैं. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस कुरियन जोसेफ ने कहा कि भारत के संविधान की व्याख्या पर क़ानून के मूलभूत सवालों के मद्देनज़र और इसके मौलिक अधिकारों पर पड़ने वाले गंभीर प्रभावों को ध्यान में रखते हुए इन विषयों को संविधान पीठ द्वारा सुना जाना चाहिए.
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NHPC Recruitment 2022: सरकारी नौकरी करने की इच्छा रखने वाले उम्मीदवारों के लिए बेहद शानदार मौका आया है। नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन (एनएचपीसी) में विभिन्न पदों के लिए बंपर वैकेंसी निकाली है। एनएचपीसी ने ट्रेनी इंजीनियर और ट्रेनी ऑफिसर के पदों के लिए पात्र उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। ऑनलाइन आवेदन 21 दिसंबर, 2021 से शुरू हो गया है। एनएचपीसी में ट्रेनी इंजीनियर के तहत सिविल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल के लिए उम्मीदवारों की भर्ती होगी। जबकि ट्रेनी ऑफिसर के तहत फाइनेंस और कंपनी सेक्रेटरी की भर्ती की जाएगी। इन पदों पर भर्ती के लिए इच्छुक उम्मीदवार एनएचपीसी की आधिकारिक वेबसाइट nhpcindia. co. in पर जाकर 17 जनवरी तक आवेदन कर सकते हैं। उम्मीदवारों को 50,000 से 1,60,000 तक सैलरी दी जाएगी। ट्रेनी इंजीनियर- उम्मीदवार को इंजीनियरिंग/ टेक्नोलॉजी / बी. एससी में बैचलर डिग्री होनी चाहिए। इसके लिए उम्मीदवार को कम से कम 60% अंक होने चाहिए। ट्रेनी ऑफिसर (फाइनेंस)- चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया/आईसीडब्लूए या सीएमए से सीए पास होना चाहिए। ट्रेनी ऑफिसर (कंपनी सेक्रेटरी)- इस पद के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवार को कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया का मेंबर होना जरूरी है। - एनएचपीसी की आधिकारिक वेबसाइट http://www. nhpcindia. com पर जाएं। - अब 'करियर' विकल्प पर क्लिक करें। - होमपेज पर उपलब्ध 'ऑनलाइन आवेदन के लिए यहां क्लिक करें' विकल्प को चुने। - ऑनलाइन आवेदन पत्र भरें। - फॉर्म जमा करने के बाद, 'भुगतान करें' टैब पर क्लिक करें। - भविष्य के संदर्भ के लिए सिस्टम द्वारा जारी फॉर्म का प्रिंटआउट लें। जनरल, ईडब्ल्यूएस और ओबीसी (एनसीएल) श्रेणी से संबंधित उम्मीदवारों को ऑनलाइन मोड के माध्यम से 295 रुपये शुल्क का भुगतान करना आवश्यक है। अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / पीडब्ल्यूबीडी / भूतपूर्व सैनिक श्रेणी के उम्मीदवारों को पंजीकरण शुल्क का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है।
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जितना महत्वपूर्ण है पढ़ाई उतना ही महत्वपू्र्ण है जो पढ़ा उसे दोहराना। रिविजन करने से आप जो पढ़ते हैं उसे आप याद भी रख पाते हैं। इतना ही नहीं इससे आपका आत्मविश्वास भी बढ़ता है। जिस टॉपिक्स को समझने में आपको कठिनाई हो रही है, उसपर थोड़ा ज्यादा ध्यान दें। इससे आप अन्य चीजों को और भी सरलता से समझ पाएंगे। आज के डिजिटल समय में आपके पास हजार ऑप्शन होता है ऐसे में टाइम वेस्ट करने से बेहतर है अपने नोट्स और सिलेबस के अनुसार ही पढ़ें। किसी भी परीक्षा में MCQs बेहद महत्वपूर्ण होता है। इसे सबसे पहले हल करना चाहिए। पिछले वर्ष के प्रश्न- पत्र से आपको परीक्षा का पैटर्न समझ में आएगा तथा आप समझ पाएंगे कि पेपर का क्या पैटर्न है। किसी भी परीक्षा में केवल प्रश्नों को हल करना ही जरूरी नहीं है। उत्तर लिखने का तरीका भी अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। सबसे सरल एवं स्पष्ट तरीके से ही प्रश्नों का उत्तर दें। किसी भी प्रश्न का उत्तर लिखने से पहले उस प्रश्न को पढ़े और यह समझने की कोशिश करें कि प्रश्न में पूछा क्या जा रहा है। तनाव में रहकर कोई भी काम सही तरीके से नहीं किया जा सकता है। इसलिए तनाव से दूर रहें, परीक्षा से घबराए नहीं और खुद पर विश्वास करें. आपने जो पढ़ा है उस पर भरोसा करें। कभी भी इस उम्मीद पर ना बैठे कि परीक्षा से दो दिन पहले आपकी तैयारी पूरी हो जाएगी।
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घटना को अंजाम देकर कार सवार लोग फरार हो गए। आसपास किसानों ने घटना की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी। सूचना मिलते ही एएसपी नितिश अग्रवाल मौके पर पहुंच गए और फोरेंसिक टीम की सहायता से मौके से सबूतों को जुटाया। गांव हाडवा खेतों में धान की पनीरी लाने गए किसान (Farmer) की वीरवार को सुबह अज्ञात लोगों ने गोली मार कर हत्या कर दी। घटना की सूचना पाकर एएसपी नितिश अग्रवाल फोरेंसिक टीम (Forensics Team) के साथ मौके पर पहुंच गए और हालातों का जायजा लिया। फिलहाल पिल्लूखेड़ा थाना पुलिस (Police) मामले की जांच कर रही है। गांव हाडवा निवासी सतप्रकाश (52) वीरवार सुबह गांव बागडू की तरफ खेत में धान की पनीरी लाने गया हुआ था। जब वह पनीरी को उखाड़ कर बाइक पर रख दूसरे खेत में जाने की तैयारी कर रहा था तो उसी दौरान कार सवार लोगों ने सतप्रकाश पर फायरिंग कर दी। जिसमें सतप्रकाश को दो-तीन गोलियां लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना को अंजाम देकर कार सवार लोग फरार हो गए। आसपास किसानों ने घटना की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी। सूचना मिलते ही एएसपी नितिश अग्रवाल मौके पर पहुंच गए और फोरेंसिक टीम की सहायता से मौके से सबूतों को जुटाया। फिलहाल यह खुलासा नहीं हो पाया कि सतप्रकाश की हत्या किसने की और इसके पीछे क्या वजह रही।
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में बदलाव किए हैं। केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की है, इसे 6 फीसदी से कम करके 5. 75 फीसदी कर दिया है। रेपो रेट घटने से बैंक से लोन लेने वाले कर्जदारों को थोड़ी राहत जरूर मिलने वाली है। जानकारों के मुताबिक आरबीआई के इस कदम से लोन सस्ता हो सकता है। इसके अलावा रिवर्स रेपो रेट को भी संतुलित करने की कोशिश की गई है। इसे 5. 50 फीसदी किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति के सभी मेंबर रेपो रेट में 0. 25% की कटौती और बदलाव के पक्ष में रहे। मौद्रिक नीति सिमिति की बैठक का पूरा ब्यौरा 20 जून 2019 को जारी किया जएगा। रिजर्व बैंक के इस कदम से बैंक से ऋण लेने वाले या ईएमआई वालों को राहत मिलने के आसार हैं। पिछले पांच महीनों में उधारी दर यानी रेपो दर में यह तीसरी कटौती है। इससे बैंकों के धन की लागत कम होने और उनकी ओर से मकान, कारोबार और वाहनों के कर्ज पर मासिक किस्त (ईएमआई) कम किए जाने की संभावना है। साथ ही कंपनियों पर कर्ज लौटाने का बोझ कम होगा। Cमाना जा रहा है रेपो रेट में कटौती की वजह से बैंक अपने ब्याज दर घटा सकते हैं। क्योंकि, इस कदम से अब बैंको का मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) भी घट जाएगा। हालांकि, जमाकर्ताओं के बैंक में जमा धनराशि पर कमाई कम हो जाएगी। गौरतलब है कि यह बदलाव पिछले महीने आधिकारिक आंकड़ों के सामने आने के बाद किया गया है। उस दौरान बताया गया था कि देश की जीडीपी में 31 मार्च तक 5. 8 फीसदी पर आ गई है और भारत की अर्थव्यवस्था चीन से पिछड़ने लगी है। रिपोर्ट में बताया गया कि भारत के विकास की रफ्तार सुस्त हो रही है और वह तेजी से बढ़ने वाली इकॉनमी का स्टेटस खो चुका है।
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- 1 hr ago मारुति सुजुकी इन्विक्टो रिव्यूः एमपीवी सेगमेंट को मिलेगा नया किंग? Don't Miss! - Travel आखिर क्यों कोई नहीं कर पाया कैलाश पर्वत की चढ़ाई? क्या है इसका वैज्ञानिक कारण? क्या आप हाई सिक्यूरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट के बारें में जानतें है? क्या आप हाई सिक्यूरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट के बारें में जानतें हैं? आखिर क्या है हाई सिक्यूरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट? हाल ही में देश में एक नया कानून बना है कि देश की सड़कों पर फर्राटा भर रही वाहनों में अब आम रजिस्ट्रेशन प्लेट नहीं बल्कि हाई सिक्यूरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगायें जायेंगे। हाई सिक्यूरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट का नाम सुनकर इतना तो आपको अंदाजा हो ही गया होगा कि इस नये तरह नंबर प्लेट को आपकी सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखकर लगाया जा रहा है। लेकिन इस नये हाई सिक्यूरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट में इतना ही नहीं है यह बेहद ही शानदार पहल है तो आइयें आज हम आपको अपने इस लेख में हाई सिक्यूरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट से जुड़ी सारी बातों के बारें में पूणतयाः जानकारी देतें है। क्या है हाई सिक्यूरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेटः जैसा कि आपको इसके नाम से ही पता चल गया होगा कि यह नया नंबर प्लेट पहले के मुकाबले बेहतर और सुरक्षित होगा। आपको बता दें कि, हाई सिक्यूरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट एल्यूमिनीयम का बना हुआ एक प्लेट होगा। इस नंबर प्लेट पर एक होलोग्राम लगा होगा जिसपर एक चक्र बना होगा। यह होलोग्राम एक ऐसा स्टीकर होगा जिसपर वाहन के इंजन और चेसिस नंबर इंगित होगा। सबसे खास बात यह है कि यह होलोग्राम जल्द नष्ट होने वाली नहीं होगा। इसके अलावा हर प्लेट पर 7 अंकों का एक यूनीक लेजर कोड होगा जो कि हर वाहन के नंबर प्लेट पर अलग-अलग होगा। इस नंबर प्लेट पर आपके वाहन का जो रजिस्टेशन नंबर होगा वो सबसे खास होगा। जिसे हटाने या फिर मिटाने में पसीने छूट जायेंगे। इस नंबर प्लेट पर आपके वाहन का जो रजिस्ट्रेशन नंबर लिखा गया होगा वो किसी पेंट या फिर स्टीकर आदि से नहीं लिखा होगा। नंबर को आपके प्लेट पर प्रेसर मशीन से लिखा गया होगा जो कि प्लेट पर उभरा हुआ दिखेगा। यह कार्य आरटीओ द्वारा किया जायेगा इस वजह से जो अंक और अक्षर उभरेगा उस पर भी आईएनडी दिखेगा। इस कार्य में कोई जालसाजी नहीं हो सकती है क्योंकि कोई भी व्यक्ति अपने मन से न तो इन नंबरों में कोई फेर बदल कर सकता है और न ही उन्हे मिटा सकता है। आखिर हाई सिक्यूरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट आपकी कैसे मदद करेगा और इसके लिए आपको कितना पैसा खर्च करना होगा जानने के लिए नेक्स्ट बटन पर क्लिक करें।
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समाजशास्त्र का विश्लेषण करने और विभिन्न घटकों है कि एक समाज या सभ्यता को बनाने के समझने के लिए करना है। छात्रों सीखना होगा कि कैसे इन समाजों वे कैसे निरंतर कर रहे हैं के रूप में आयोजित किया जाता है, के रूप में अच्छी तरह से। अन्य मानविकी से संबंधित मुद्दों पर भी अध्ययन किया जा सकता है। संयुक्त अरब अमीरात फारस की खाड़ी के द्वार पर, अरब प्रायद्वीप के पूर्वी हिस्से में सात अमीरात के एक महासंघ है. ज्यादातर संयुक्त अरब अमीरात में काम बल के विदेशी प्रवासियों हैं - इसलिए देश 'की जनसंख्या मेकअप अपने ही देश में एक अल्पसंख्यक होने के नाते अमीरात नागरिकों के साथ है, तो विविध जा रहा है. छात्रों के एक स्नातक की डिग्री कार्यक्रम पूरा करने के बाद स्नातकोत्तर किया है। एक परास्नातक प्राप्त करने के लिए, आप आमतौर पर अक्सर व्यापक परीक्षण और / या एक शोध पूरा शामिल है कि 12 से 18 कॉलेज के पाठ्यक्रम को पूरा करने की जरूरत है। ऑन-कैंपस लर्निंग का तात्पर्य व्यक्तिगत रूप से कक्षाओं में भाग लेने से है। इसमें आम तौर पर पारंपरिक कक्षाओं और व्याख्यानों में जाना, समूह गतिविधियों में भाग लेना और व्यक्तिगत रूप से संकाय और साथियों के साथ जुड़ना शामिल है। ऑन-कैंपस सीखने में अक्सर प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों और अन्य कैंपस संसाधनों जैसे कि छात्र क्लब, करियर सेवा कार्यालय और मनोरंजन केंद्र तक पहुंच शामिल होती है।
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जैसे कि आप जानते हैं कि दिल्ली में अभी कंपाने वाली सर्दी शुरू होने में काफी समय है, लेकिन सुबह और रात के समय दिल्लीवासियों को मोटे कंबल की जरूरत पड़ने लगी है, लेकिन वहीं दिन के समय अभी इतनी ठंड महसूस नहीं हो रही है, क्योंकि दिन के समय काफी तेज धूप निकली रहती है. अगर हम दिल्ली के तापमान की बात करें तो आज यह अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया जा सकता है. मौसम विभाग के मुताबिक, आने वाले दिनों में दिल्ली में कोहरा छाया रहने की संभावना जताई जा रही है. यह भी बताया जा रहा है कि दिल्ली-NCR में आज से हवाएं तेज हो सकती हैं. ऐसी स्थिति में प्रदूषण में भी गिरावट देखने को मिल सकती है. मौसम विभाग ने वर्षा की चेतावनी जारी करते हुए कहा कि तमिलनाडु, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश और केरल में अलग-अलग स्थानों पर 13 दिसंबर, 2022 तक भारी वर्षा होने की संभावना है और उसके बाद इस क्षेत्र में वर्षा की गतिविधि में कमी आएगी. बता दें कि यह जानकारी भारत मौसम विज्ञान विभाग ने अपने ट्विटर अकाउंट पर जारी की है. हल्की बारिश की गतिविधियां महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में भी देखने को मिल सकती हैं और साथ ही मुंबई में आज बादल छाए रहने की संभावना है. यह भी अनुमान है कि 13 दिसंबर तक मध्य प्रदेश के भी कुछ इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले कुछ दिनों से दक्षिणी राज्यों में चक्रवाती तूफान मैंडूस ने मौसम की स्थिति को बदल कर रख दिया है. मौसम विभाग की मानें तो आज चक्रवाती तूफान मैंडूस के चलते तमिलनाडु और इसके आस-पास के क्षेत्रों में गरज के साथ अच्छी बारिश होनी की संभावना है. यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि यह भारी बारिश आने वाले कुछ दिनों तक लगातार जारी रहेंगी. मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में बादल छाए रहने की संभावना है. दिसंबर महीने की शुरुआती दिनों से ही ज्यादातर पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी का सिलसिला जारी है. इसका असर अब देश के बाकी राज्यों जैसे कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और दिन और रात के समय दिल्ली में भी देखने को मिल रहा है. पहाड़ी क्षेत्र में रहने वाले लोगों का इस मौसम में घर से बाहर निकलना भी जोखिम से भरा साबित हो सकता है.
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Akhilesh Yadav-Samajwadi Party President समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव मंगलवार को दिन में लखनऊ से चलकर इत्रनगरी कन्नौज पहुंचेंगे। अखिलेश यादव दोपहर में करीब एक बजे कन्नौज पहुंचने के बाद रामप्रकाश शाक्य के घर जाएंगे। इसके बाद उनका रजनीकांत यादव के घर भी जाने का कार्यक्रम है। लखनऊ, जेएनएन। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ के साथ ही रामपुर में 23 जून हो होने वाले लोकसभा के उप चुनाव में प्रचार से किनारा कर लिया है। आजमगढ़ की सीट छोडऩे वाले अखिलेश यादव एक बार भी प्रचार करने नहीं निकले। आज प्रचार के अंतिम दिन भी वह रामपुर या आजमगढ़ ना जाकर कन्नौज में रहेंगे। समाजवादी पार्टी का गढ़ माने जाने वाले रामपुर और आजमगढ़ में पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव का प्रचार से किनारा करना किसी के भी गले नहीं उतर रहा है। 23 जून को होने वाले लोकसभा चुनाव में रामपुर तथा आजमगढ़ में आज प्रचार का अंतिम दिन है। भारतीय जनता पार्टी ने दोनों जगह पर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है जबकि रामपुर में आजम खां ने अकेले ही मोर्चा संभाल रखा है। आजमगढ़ से सांसद रहे अखिलेश यादव ने अपने चचेरे भाई धर्मेन्द्र यादव को मैदान में उतारा है, लेकिन उनका प्रचार करने एक भी दिन नहीं गए। लोकसभा उपचुनाव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव का अभी तक प्रचार में नहीं उतरना चर्चा का विषय बना हुआ है। आजमगढ़ की सीट छोडऩे के बाद उसको बरकरार रखने के प्रयास में लगी समाजवादी पार्टी के मुखिया का प्रचार से दूर रहना पार्टी के नेताओं को भी हजम नहीं हो रहा है। आजमगढ़ सीट 2019 में अखिलेश यादव ने ही जीती थी। इनसे पहले 2014 में यहां से मुलायम सिंह यादव सांसद थे। बीते विधानसभा चुनाव में मैनपुरी के करहल से जीतने के बाद अखिलेश यादव ने लोकसभा से इस्तीफा देने से पहले आजमगढ़ आकर लोगों की राय भी ली थी। इसके बाद भी आजमगढ़ में प्रचार के लिए नहीं आए हैं। आजमगढ़ में बीते दो लोकसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड लहर के बाद भी समाजवादी पार्टी ने जीती थी। 2014 में मुलायम सिंह और 2019 में अखिलेश यादव इस सीट से जीते थे। इस बार विधानसभा चुनाव में सपा ने आजमगढ़ की सभी दस सीट जीती है। लगता है कि विधानसभा चुनाव में क्लीन स्वीप के कारण अखिलेश यादव लोकसभा उप चुनाव में भी जीत के लिए काफी आशवस्त भी हैं। आजमगढ़ के साथ ही अखिलेश यादव रामपुर में भी एक बार भी प्रचार करने नहीं गए। यहां पर आजम खां ने मोर्चा संभाल रखा है। रामपुर लोकसभा के चुनाव में 2019 में आजम खां जीते थे, लेकिन 2022 में विधानसभा का चुनाव जीतने के बाद लोकसभा से इस्तीफा दे दिया था। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव मंगलवार को दिन में लखनऊ से चलकर इत्रनगरी कन्नौज पहुंचेंगे। अखिलेश यादव दोपहर में करीब एक बजे कन्नौज पहुंचने के बाद रामप्रकाश शाक्य के घर जाएंगे। यहां पर वह श्रद्धाजंलि देंगे। इसके बाद उनका रजनीकांत यादव के घर भी जाने का कार्यक्रम है। अखिलेश यादव आज कन्नौज में पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। कन्नौज को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है। अखिलेश यादव के बाद डिंपल यादव यहां से सांसद रहे हैं। 2019 में डिंपल को यहां से पराजय झेलनी पड़ी थी। इसके साथ ही बीते विधानसभा चुनाव में भी समाजवादी पार्टी को यहां से अपेक्षित सफलता नहीं मिली थी। इस कारण अखिलेश यादव की चिंता बढ़ गई है।
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cwhntlvwh> lRo=wrlgt Œr;rlr" dÞtbeK R˜tfUtuk mu ˜ufUh FkzJt, Rk=tih ytih Ctuvt˜ ;fU mVUh fUhtlu Jt˜e rs˜u fUe 125 cmtuk bü mu yr"fUtkN vrhJnl rJCtd Åtht ;g btlfUtuk fUtu ;tfU vh hFfUh =ti\z hne nik> Rlbü mu yr"fUtkN cmtu. . . madhya pradeshSat, 27 Oct 2018 04:00 AM (IST) नोट : सारंगपुर पेज के लिए लीड समाचारः -किसी को ड्रायवर सीट और किसी को आपातकालीन द्वार से निकाला -पेयजल योजना की पाइपलाइन के लिए खोदे गड्ढे बन रहे मुसीबत -नपा की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे लोग सचित्र एसआरपी 9 गड्ढे मे. . . madhya pradeshSat, 01 Sep 2018 01:53 AM (IST) बीते साल बस हादसों में आधा सैकड़ा से ज्यादा मौतें होने के बाद परिवहन विभाग ने यात्री बसों के संचालन के लिए कुछ नियम तय किए थे। जिसमें आपातकालीन द्वार, अग्निशमन यंत्र, फर्स्ट एड बाक्स, चालक-परिचालक की वर्दी, उनका वेरीफिकेश. . . madhya pradeshMon, 16 Jul 2018 06:14 PM (IST) जिला योजना भवन में जिला अस्पताल के कायाकल्प प्रोजेक्ट की समीक्षा की गई। समीक्षा में जिला भिंड के मॉडल पर जिला अस्पताल के उन्नयन के लिए ड्रेनेज सिस्टम, आपातकालीन द्वार, गार्डन, प्रवेश क्षेत्र, लैब, डॉक्टरों की ड्यूटी से स. . . madhya pradeshMon, 22 Jan 2018 08:46 PM (IST) -अनदेखी : यात्रियों के लिए नहीं हैं सुविधाएं, ओवरलोडिंग भी जमकर हो रही- नलखेड़ा। नईदुनिया न्यूज बसों में सफर करने वाले यात्रियों को कई परेशानी उठानी पड़ रही है। खटारा हालत में दौड़ रही कई बसों में खिड़कियां, दरवाजे तक टूट. . . madhya pradeshThu, 18 May 2017 07:08 PM (IST) - बसों में न किराया सूची चस्पा, न फिटनेस की जानकारी खुरई। नवदुनिया न्यूज यहां के बस स्टैंड से चलने वाली बसों के संचालन में लापरवाही बरती जा रही है। बस संचालक परिवहन विभाग के नियमों का मखौल उड़ा रहे हैं। इसका खामियाजा य. . . madhya pradeshWed, 05 Apr 2017 04:00 AM (IST) परिवहन आयुक्त के आदेश बाद गुरूवार से यात्री बसों की जांच परिवहन विभाग और पुलिस द्वारा की गई। 30 बसों की जांच के दौरान तीन बसें ऐसे मिली, जिनके आपातकालीन द्वार काफी मश्क्कत के बाद भी नहीं खोले जा सके। जिसके बाद तीनों बसों. . . madhya pradeshThu, 01 Sep 2016 11:29 PM (IST) स्टेशन पर प्रवेश, निकासी के अलावा आपातकालीन द्वार भी बनाए गए हैं। madhya pradeshWed, 16 Mar 2016 02:21 PM (IST) खंडवा। नियमों का पालन नहीं करने वाले बस ऑपरेटरों पर बुधवार को परिवहन विभाग ने कार्रवाई की। 5 अनफिट बसों के परमिट निरस्त कर दिए गए हैं। इसी के साथ 15 बस ऑपरेटरों को नोटिस दिए गए। आपातकालीन खिड़की की जगह आपातकालीन द्वार लगा. . . madhya pradeshThu, 14 May 2015 04:00 AM (IST) बुरहानपुर। मुसाफिरों की सुविधा के लिए राज्य शासन द्वारा बनाए नियमों को यात्री बसों के चालक-संचालक हवा में उड़ा रहे हैं। इस पर कई वाहन चालकों को जल्दी ही नियमों की शर्तों पर खरा उतरने की हिदायत दी गई। कुछ वाहनों पर चालानी . . . madhya pradeshSat, 09 May 2015 08:22 AM (IST)
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करियर डेस्क. IAS Interview Etiquettes/ UPSC personality Test Tips: आईएएस इंटरव्यू के लिए जाते समय कैंडिडेट्स को बाकी बातों के अलावा शिष्टाचार संबंधित कुछ छोटी लेकिन जरूरी बातों का भी ध्यान रखना चाहिए। इससे इंटरव्यू पैनल पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। ये हैं एकदम आम बातें पर कई बार नर्वसनेस में कैंडिडेट इन्हें भूल जाते हैं। शिष्टाचार पर बात करने से पहले जरूरी है समय के बारे में बात करना। अगर कैंडिडेट समय से तैयार नहीं होगा तो शिष्टाचार दिखाने के पहले ही बात बिगड़ जाएगी। किसी भी प्रकार की हड़बड़ी आपका पहला ही इंप्रेशन खराब कर सकती है। इसलिए घर से समय से निकलें, सारे डॉक्यूमेंट्स पहले ही कायदे से देखकर एक फाइल में लगा लें और ऑफिस में पहुंचने के बाद ऑफिशियल्स से कोऑर्डिनेट करके अपने डॉक्यूमेंट्स आदि मैच करा लें। याद रखें यहां पर सेलफोन बंद रखें क्योंकि यूपीएससी का ऑफिस नो मोबाइल्स ज़ोन के अंतर्गत आता है। साक्षात्कार के पहले सभी औपचारिकताएं पूरी करके आपके लिए एलॉट सीट पर बैठ जाएं। - साक्षात्कार के लिए जाने से पहले हल्का भोजन लें ताकि आप फ्रेश फील करें। न नींद आए, न सुस्ती और न ही गैस आदि कि समस्या हो। - खाली पेट भी न रहें जिससे पैनल के सामने ही बर्प करें या कोई और समस्या होने लगे। - बुलावा आने के पहले एक बार वॉशरूम जाकर खुद को चेक कर लें कि कपड़े आदि सब ठीक हैं और आप प्रेजेंटेबल लग रहे हैं। - कक्ष में घुसने के पहले परमिशन मांगें और अंदर जाकर पहले सबको ग्रीट करें। महिला सदस्यों को पहले ग्रीट करें। - जब कहा जाए तभी बैठें और चेयर आराम से खीचें। किसी प्रकार का शोर नहीं होना चाहिए। कई बार पैनल आपके पेशेंस चेक करने के लिए आपको देर से बैठने का इशारा करता है। ऐसे में कहे जाने का वेट करें। - कक्ष में प्रवेश करते समय शरीर सीधा रखें, चाल में कांफिडेंस होना चाहिए और बॉडी लैंग्वेज जितनी संभव हो सहज होनी चाहिए। न बहुत तेज एंट्री करें न ही बहुत धीरे। - इस समय किसी का भी नर्वस होना एकदम नेचुरल है। बोर्ड भी इस बात को समझता है। कोशिश करें कि बहुत न घबराएं पर ऐसा हो तो इसका बर्डन न लें क्योंकि बोर्ड आपकी नर्वसनेस को समझते हुए पहले आपको नॉर्मल करने का पूरा प्रयास करता है। - बैठते समय अपने पॉश्चर का ध्यान रखें, कोशिश भर सीधे बैठें और हाथ चेयर के हैंडल पर रखें। - साक्षात्कार होने के बाद सबको थैंक्यू बोलें और बाहर निकलते समय भी सीधा चलें। - पुरुष उम्मीदवार पैर नीचे रखकर बैठें, महिलाएं पैर क्रॉस करके बैठें पर पैर हिलाएं नहीं। - बात करते समय आई कॉन्टैक्ट बनाकर जवाब दें। - बातचीत के दौरान चेहरे पर सौम्य सी मुस्कान रखें। किसी गंभीर बात पर स्माइल न करें और न ही गंभीर दिखने के चक्कर में ऐसा मुंह बनाएं कि नाराज दिखें। - किसी प्रश्न का उत्तर नहीं आता तो बहुत पोलाइट मैनर में उसके लिए सॉरी बोल दें।
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आज हम एक ऐसी एक्ट्रेस के बारे में बात करने जा रहे है, जो एक गाने की वजह से रातोरात सुपरस्टार बन गई थी. जी हां यह एक्ट्रेस एक गाने की वजह से रातोरात प्रसिद्ध हो गई थी. वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दे कि हम यहाँ किसी और एक्ट्रेस की नहीं बल्कि काँटा लगा गर्ल शैफाली जरीवाला की बात कर रहे है. गौरतलब है कि ये वही शैफाली है जिसने काँटा लगा गाने पर डांस करके लाखो नहीं बल्कि करोड़ो लोगो का दिल लूट लिया था. अब यूँ तो ये गाना कई सालो पहले आया था, लेकिन फिर भी लोग आज भी इस गाने के दीवाने है. शायद यही वजह है कि आज भी कई पार्टियों और डिस्को में यह गाना बजाय जाता है. बता दे कि यह गाना नब्बे के दशक का सबसे प्रसिद्ध गाना है और उस दशक में यह आइटम सांग काफी प्रसिद्ध भी था. वैसे आप सोच रहे होंगे कि हम अचानक इस गाने की बात क्यों कर रहे है, तो हम आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस गाने से प्रसिद्ध होने वाली एक्ट्रेस शैफाली जरीवाला इतने सालो के बाद एक बार फिर से अभिनय की दुनिया में कदम रखने वाली है. यानि अगर हम सीधे शब्दों में कहे तो वो टीवी की दुनिया में फिर से वापसी करने वाली है. गौरतलब है कि इससे पहले उन्होंने साल 2002 में काँटा लगा गाने पर डांस करके टीवी की दुनिया में चारो तरफ धमाल मचाया था. मगर इस बार वो किसी वीडियो सांग में नहीं बल्कि एक वेब सीरीज में नजर आने वाली है. जी हां ये तो सब जानते ही है कि आज कल इंटरनेट का दौर चल रहा है और अब टीवी सीरियल्स से ज्यादा वेब सीरीज को तवज्जु दिया जाता है. बरहलाल जिस वेब सीरीज में वो काम करने वाली है, उसका नाम बेबी कम ना है. इसके इलावा आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यह वेब सीरीज फरहाद समजी द्वारा बनाई गई है और यह वेब सीरीज कॉमेडी होगी. जी हां इसका मतलब ये है कि अब शैफाली अपने फैंस को अपनी अदाओ से खूब हंसाती हुई नजर आएंगी. वैसे जो लोग नहीं जानते उनकी जानकारी के लिए हम बता दे कि इससे पहले शैफाली मुझसे शादी करोगी फिल्म में केमियो भी कर चुकी है. जी हां इस फिल्म में भी उन्होंने अपने ही गाने पर डांस किया था और इस फिल्म में उनका किरदार केवल एक सेकंड का ही था. इसके साथ ही हम आपको बता दे कि इस वेब सीरीज में वह बॉलीवुड एक्टर श्रेयस तलपड़े के साथ नजर आएंगी. वैसे भी श्रेयस तलपड़े इससे पहले भी कई फिल्मो में कॉमेडी कर चुके है. ऐसे में इस सीरीज के लिए उनसे बेहतर एक्टर तो कोई हो ही नहीं सकता. गौरतलब है कि यह एकता कपूर के बाला जी टेलीफिल्म्स के बाइस ऑरिजनल्स शोज में से एक है. जिसे उन्होंने खुद प्रोड्यूस किया है. गौरतलब है कि शैफाली ने इससे पहले कभी किसी कॉमेडी शो में काम नहीं किया है.
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केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पचास करोड़ रूपये तक के निवेश वाले उद्योगों को सूक्ष्म लघु और मझौले उद्योगों को मिलने वाले लाभ देने का फैसला किया खरीफ की चौदह फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को भी मंजूरी दी गई है केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश में कोविड19 के मरीजों की स्वस्थ ने होने की दर चार हज़ार आठ सौ उन्नीस प्रतिशत हो गई है हरियाणा में आज कोविड19 के दो सौ इकसठ पोजिटिव मामले सामने आये हरियाणा के मुख्यमंत्री ने आज के राजदूत सतोशी सजुकी सतोशी सज़ुकी से वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से बात की जापानी कंपनियों ने हरियाणा में और निवेश करने में दिलचस्पी दिखाई जापान केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज सूक्षम लघु और मझौले उद्योगों एमएसएमई किसानों रेहड़ी व फड़ी पर सामान बेचने वालों की मदद करने के लिए कई ऐतिहासिक फैस्ले लिये है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिये गये फैसले के बारे मीडिया को बताते हुये सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सूक्षम लघु और मझौले उद्योगों की परिभाषा मे और संशोधन किया गया है जिससे और उद्योग भी इसके दायरे में आ जायेंगे जिन उद्योगों में पचास करोड़ रूपये तक का निवेश हुआ है और कारोबरा ाई सौ करोड़ रूपये तक है वे अब एमएसएमई सेक्टर के लाभ भी ले सकते है केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने खरीफ की चौदह फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को भी मंजूरी दे दी है और अब किसानों को उनकी लागत पर पचास से तिरासी प्रतिशत लाभ होगा कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि अब किसानों को ऋण उतारने के लिए अगस्त का सयम मिला गया है मंत्रिमंडल ने धान के न्यूनतम समर्थनमूल्य में तिरेपन रूये प्रति क्विंटल इजाफे को मंजूरी दी है जोकि अब एक हज़ार आठ सौ अड़सठ रूपये हो जायेगा जबकि कपास के समर्थनमूल्य में दो सौ साठ रूपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है जो पाँच हज़ार पाँच सौ पंद्रह रूपये प्रति क्विंटल के दाम बिकेगा ने स्कूलों केन्द्र सरकार ने सोशल मीडिया पर वायरल किये गये उस दावे का खंडन किया है कि केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सीबीएससी ने को निर्देश दिये है कि द्वारा की गई एप्प खरीद कर ऑन लाइन परीक्षायें ली जायें और इस कार्य के लिए डॉ साहिल गहलोत को विशेष्ज्ञ कार्य अधिकारी ओएसडी नियुक्त किया है पत्र सूचना कार्यालय ने एक टवीट में इस खबर को झूठी और गुमराहूपर्ण बताया है इसने सीबीएससी ने इस कार्य के लिए कोई ओएसडी नियुक्त नहीं किया कहा कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश में कोविड19 के मरीजों की स्वस्थ होने की दर चार हज़ार आठ सौ उन्नीस प्रतिशत हो गई है पिछले चौबिस घंटों के दौरान कोविड19 के चार हज़ार आठ सौ पैंतीस मरीज़ स्वस्थ हुये है मंत्रालय ने कहा है कि अब तक बानवे हजार कोरोना मरीज़ स्वस्थ हो चुके है इस समय कोविड19 के तिरानवे हजार तीन सौ बाईस मरीज़ उपचाराधीन है और उन्हें डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है मंत्रालय ने कहा कि सरकार राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से मिलकर कोविड19 की रोकथाम और प्रबंधन के लिए बहुत उठा रही है इसने कहा है कि एक तरफ मरीज़ों की स्वस्थ होने की दर में सुधार है दूसरी ओर मृत्यु दर में भी कमी आई है भारत में मृत्यु दर दो सौ तिरासी प्रतिशत है जबकि विश्व में औसतन मृत्यु दर छः सौ उन्नीस प्रतिशत है से कदम चंडीगढ़ में आज बापूधाम कालोनी की एक पचहत्तर वर्षीय महिला को स्वस्थ होने के बाद पीजीआई चंडीगढ़ से छुटटी दे दी गई है महिला कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई थी हमारे संवाददाता ने बताया कि कल देर रात मनी माजरा ने प्रसव के दौरान कोरोना पोजिटिव पाई गई अट्ठाईस वर्षीय महिला के दस पारिवारिक सम्बधियों के नमूने लिये गये है ये महिला बापूधाम कालोनी से है इसके साथ चंडीगढ़ में कोविड19 के मरीजों की गिनती दो सौ चौरानवे हो गई है जिनमें से दो सौ व्यक्ति स्वस्थ हो गये है और चार लोगों की मृत्यु हुई है अंतिम आंकड़ों के अनुसार कोविड19 के नब्बे मरीज़ उपचाराधीन है रवाना हरियाणा में अम्बाला छावनी से रेल सेवा शुरू हो गई है आज हरिद्वार के लिए अमृतसरहरिद्वार जन शताब्दी की गई हमारे संवाददाता ने बताया कि पहले दिन इस रेलगाड़ी में सवार होने के लिए अम्बाला छावनी रेलवे स्टेशन पर बाईस यात्री पहुंचे जबकि पंद्रह यात्री गाड़ी से इस स्टेशन पर उतरे अम्बाला से सवार होने वाले यात्रियों की मुख्य द्वारा पर थर्मल स्क्रीनिंग भी की गई अम्बाला मंडल रेल प्रबंधक जी एम सिंह ने बताया कि सामाजिक दूरी का पालन करते हुये आज से देश मे सौ जोड़ा रेलगाडियां चलनी शुरू हो गई है होडल पुलिस ने आज पुन्हाना मोड़ पर एक कार से इक्कीस किलो गांजा बरामद किया है पुलिस ने चालक को गिरफ्तार कर लिया है होडल अपराध जांच शाखा प्रभारी ने बताया कि ने अपना नाम आविद बताया है वह गांव नई का रहने वाला है पूछताछ में आरोपी में आरोपी युवक तीन हरियाणा के आज कोविड19 के दो सौ इकसठ नये पोजिटिव मामले सामने आये है जबकि सात कोरोना मरीज़ों की स्वस्थ होने के बाद छुटटी दी गई है हमारे सवादाता ने बताया है कि आज सर्वाधिक एक सौ उनतीस पोजिटिव मामले गुरूग्राम से आये है इसके साथ ही अब पोजिटिव पाये गये कोविड19 मरीज़ों की गिनती दो हज़ार तीन सौ बावन हो गई है जबकि स्वस्थ होने वाले कोरोना मरीज़ों की गिनती एक हज़ार पचपन हो गई है प्रदेश में अबकि तक कोरोना संक्रमण से बीस लोगों की मृत्यु हुई है इस सयम एक हज़ार दो सौ सतहत्तर कोरोना मरीज़ विभिन्न अस्पतालों में उपचाराधीन है सिरसा से हमारे संवाददाता ने बताया कि आज एक कविड19 के अट्ठाईस पोजिटिव मामले आये है जिनमें मुम्बई से लौटे पंद्रह व्यक्तेि चार कैदी और जेल में तैनात एक पुलिस कर्मी शामिल है सिविल सर्जन डॉ सुरेन्द्र जैन ने बताया कि दो कैदी जमानत पर रिहा हुये थे उन्होंने कहा कि छब्बीस लोगों की सिरसा के कोविड अस्पताल में और दो मरीजों को अग्रोहा मेडिकल कालेज में दाखिल करवाया गया है फतेहाबाद जिले मे भी कोविड19 के दो नये मामले सामने आये है इनमें से दिल्ली से टोहाना पहुंचे गुजराती परिवार का एक व्यक्ति और रेलवे पुलिस बल का जाखल प्रभारी भी शामिल है जाखल रेलवे स्टेशन के पीछे लगती गली को सैनेटाइज़ किया किया गया भिवानी में कोविड19 के पांच और चरखी दादरी में सात मामले सामने आये है पंचकूला में एक तिरेसठ वर्षीय एक बुजुर्ग वायरस से संक्रमित पाया गया है सिविल सर्जन डा जसजीत कौर ने बताया कि यह बुजुर्ग मूलत दिल्ली के रहने वाले है और इन्हें पीजीआई चंडीगढ़ में भर्ती किया गया है वहीं गया है वहीं भिवानी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि विद्यायक व उनकी बेटी के दोबारा नमूने लेकर रोहतक भेजे थे जिनकी रिपोट नेगीटिव आई है रोहतक में नगर निगम के एक सफाई कर्मचारी की कोरोना संक्रमण से मृत्यु हो गई है सिविल सर्जन डॉ अनिल बिरला ने बताया कि कई दिन पहले तबीयत खराब होने पर उसे पीजीआई में भर्ती करवाया गया था इसके अलावा पीजीआई की दो स्टाफ नर्सी के कोरोना पोजिटिव पाये जाने की भी खबर है हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज भारत में जापान के राजदूत सतोषी सुजुकी के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से बातचीत की पहले से हरियाणा मे काम कर रही कई जापानी कंपनियों से हरियाणा मे और निवेश करने में रूचि दिखाई मुख्यमंत्री ने राजय सरकार द्वारा विदेशी निवेशकों को उद्योग के लिए भूमि को उद्योग के लिए भूमि आंवटित करने सहित कई जानकारियां दी उन्होंने बताया कि नई औद्योगिक विकास नीति देश मे बेहतर नीति है जिसमें निवेश को और आसान बनाया गया है मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने सूक्ष्म लघु और मझौले उद्योगों के लिए तीन नये विभाग भी कायम किये है
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आज समाज डिजिटल, अंबाला : Arjun Kapoor Shared Pictures : अर्जुन कपूर ने हाल ही में विशाल भारद्वाज की कुट्टी की शूटिंग पूरी की। वह एक विलेन रिटर्न्स में अगले स्टार होंगे। इन दिनों एक्टर अर्जुन कपूर किसी फिल्म में अपना जादू चलाते हुए नजर नहीं आ रहे हैं। लेकिन वो अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर पोस्ट की वजह से हेडलाइंस में बने रहते हैं। हाल ही में अर्जुन कपूर अपने दोस्त और फिल्ममेकर लव रंजन और अलीशा वैद की शादी की कुछ खास तस्वीरें फैंस के बीच शेयर की हैं। इन तस्वीरों में शादी के कुछ स्पेशल फंक्शन्स झलक नजर आ रही है। सोमवार शाम को, अर्जुन कपूर ने भी समारोह से कुछ तस्वीरें शेयर करने के लिए अपने इंस्टाग्राम फीड पर लिया। उन्होंने हल्दी समारोह से तस्वीरें भी शेयर कीं, एक तस्वीर में, रणबीर को लव को गाल पर किस देते हुए नजर आ रहे है। उन्होंने रणबीर की एक तस्वीर भी शेयर की, जहां वे रुके हुए थे, ताजमहल को देख रहे थे। तस्वीर को रणबीर ने क्लिक किया था। अर्जुन ने खुलासा किया कि रणबीर ने पहली बार ताजमहल देखा था और यह आलिया के साथ नहीं बल्कि उनके साथ था। हालांकि अर्जुन ने तस्वीर में आलिया भट्ट को टैग किया। तस्वीरों में साफ नजर आ रहा है कि एक्टर ने लव रंजन और अलीशा वैद की शादी के हर पल को कैसे खूब एंजॉय किया है। शेयर की गई तस्वीरों में लव रंजन और अलीशा वैद के साथ-साथ अर्जुन कपूर, रणबीर कपूर और वरुण शर्मा भी दिखाई दिए हैं।
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लंदन, (भाषा)। प्रवासी उद्यमी लॉर्ड स्वराज पॉल को लगता है कि भारतीय नर्स जेसिन्था सल्धाना ने प्रेस द्वारा परेशान किए जाने पर आत्महत्या की है। हाउस ऑफ लॉर्डस में जस्टिस लेवेसन की रिपोर्ट पर बहस करते हुए लॉर्ड पॉल ने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना भी व्यक्त की। जस्टिस लेवेसन की यह रिपोर्ट प्रेस की संस्कृति, तौर तरीकों और मूल्यों के बारे में थी। 46 वर्षीय सल्धाना ने राजकुमार प्रिंस विलियम की पत्नी के बारे में दो ऑस्ट्रेलियाई रेडियो प्रस्तोताओं को कुछ जानकारी दी थी। इन प्रस्तोताओं ने लाइव शो के दौरान उसे कॉल करके उसके साथ मजाक किया जिससे नर्स को लगा कि वे दोनों कोई और नहीं बल्कि खुद महारानी और राजकुमार चार्ल्स हैं। इस घटना के बाद नर्स सल्धाना मृत अवस्था में पाई गई थीं। लॉर्ड पॉल कैपेरो समूह के प्रमुख भी हैं। उन्होंने कहा कि अपनी रिपोर्ट तैयार करते समय लॉर्ड लेवेसन ने भी यह सोचा भी नहीं होगा कि ऑस्ट्रेलियाई रेडियो प्रस्तोताओं का यह मजाक किस तरह एक त्रासदी में बदल जाएगा। लॉर्ड पॉल ने कहा, सल्धाना अपने पति और बच्चों के साथ एक युवा प्रशिक्षित नर्स के तौर पर ब्रिटेन में आई थीं। उन्होंने यहां मेहनत की और देश के लोगों के कल्याण के लिए योगदान दिया। फिर भी वह अनजाने में मीडिया की पीड़ित बनी। लगता है कि पैस के परेशान किये जाने से वह यह कदम उ"ाने को मजबूर हुई होगी। लॉर्ड पॉल ने कहा, मैं शाही परिवार और उनकी बहू के प्रति सहानुभूति रखता हूं क्योंकि वे भी इस त्रासदी के पीड़ित हैं। आगे उन्होंने कहा, यह मामला मीडिया को मिली ताकत के दुरूपयोग की पराकाष्"ा दिखाता है। उन्होंने कहा, ताकत के साथ जिम्मेदारी भी होती है। फिर भी मीडिया अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करने में पूरी तरह असफल रहा है। अब वक्त आ गया है कि इस ताकत को नियंत्रित किया जाए और मैं सरकार से अपील करता हूं कि वह लॉर्ड जस्टिस लेवेसन की रिपोर्ट में की गई सिफारिशों को पूरी तरह लागू करें, खासकर तब जबकि इसे सभी दलों का समर्थन हासिल है।
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India Alliance :- कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को इंडिया गठबंधन की तीसरी बैठक के दौरान सहयोगियों से सत्तारूढ़ पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अधिक हमलों के लिए तैयार रहने को कहा। उन्होंने बताया कि इंडिया गठबंधन की बढ़ती ताकत से सरकार परेशान है। उन्होंने देश में हेट क्राइम्स में वृद्धि के लिए भाजपा और आरएसएस पर भी निशाना साधा। इसके साथ राज्यों को नियंत्रण में रखने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया। बैठक के दूसरे दिन इंडिया ब्लॉक के नेताओं को संबोधित करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पटना और बेंगलुरु में हमारी दोनों बैठकों की सफलता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषणों में न सिर्फ हम पर हमला बोला है, हमारे प्यारे देश के नाम की तुलना आतंकवादी संगठन और गुलामी के प्रतीक से की। उन्होंने कहा कि हमें इस सरकार की प्रतिशोध की राजनीति के कारण आने वाले महीनों में और अधिक हमलों, अधिक छापेमारी और गिरफ्तारियों के लिए तैयार रहना चाहिए। कांग्रेस नेता ने इस बात पर जोर दिया कि जितना अधिक इंडिया गठबंधन मजबूत होगा उतना ही अधिक भाजपा सरकार विपक्षी नेताओं के खिलाफ एजेंसियों का दुरुपयोग करेगी। उन्होंने महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल में केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाइयों और झारखंड के साथ छत्तीसगढ़ में हाल की घटनाओं का भी उदाहरण दिया। खड़गे ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज हमारे समाज का हर वर्ग - चाहे वह किसान, युवा, महिलाएं, हाशिए पर रहने वाले लोग, मध्यम वर्ग, बुद्धिजीवी, गैर सरकारी संगठन और पत्रकार हो - सभी भाजपा के सत्तावादी कुशासन के शिकार हैं। हमारी तरफ 140 करोड़ भारतीय अपने दुखों को दूर करने की आशा के साथ देख रहे हैं। भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर पलटवार करते हुए खड़गे ने कहा, "भाजपा और आरएसएस ने पिछले नौ वर्षों में जो सांप्रदायिक जहर फैलाया है, वह अब निर्दोष ट्रेन यात्रियों और निर्दोष स्कूली बच्चों के खिलाफ हेट क्राइम्स के रूप में देखा जा रहा है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि जब देश के एक हिस्से में भयानक बलात्कार में शामिल लोगों को रिहा किया जाता है और सम्मानित किया जाता है, तो दूसरे हिस्से में भयानक अपराधों और नग्न महिलाओं की परेड को बढ़ावा मिलता है। मोदी जी के भारत में कारगिल युद्ध के एक वीर की पत्नी को भी नहीं बख्शा जाता है। कांग्रेस अध्यक्ष ट्रेन में आरपीएफ कांस्टेबल के चार लोगों की हत्या करने, मणिपुर में महिलाओं की नग्न परेड, बिलकिस बानो बलात्कार के आरोपी की रिहाई का जिक्र कर रहे थे। उन्होंने मध्य प्रदेश की घटना का जिक्र करते हुए कहा, "यह हाशिये पर पड़े लोगों के प्रति भाजपा सरकार की उदासीनता है, जिसके कारण उनके नेता गरीब आदिवासियों और दलितों पर पेशाब करते हैं। दोषियों को खुलेआम घूमने के लिए छोड़ दिया जाता है। सरकार की आलोचना करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार राज्यों को नियंत्रण में रखना चाहती है। उन्होंने कहा कि राज्यों को कर राजस्व के उनके हिस्से से वंचित किया जा रहा है। विपक्ष शासित राज्यों को मनरेगा का बकाया नहीं दिया जा रहा है। वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार विशेष अनुदान और राज्य विशिष्ट अनुदान जारी नहीं किए जाते हैं। इन्वेस्टर्स को इन्वेस्टमेंट और परियोजनाओं को विपक्ष शासित राज्यों की जगह भाजपा सरकार वाले राज्यों में ले जाने के लिए मजबूर किया जाता है। खड़गे ने सवाल किया कि उन्होंने (राहुल गांधी) मॉरीशस स्थित कंपनी से राउंड ट्रिपिंग के आरोपों और अपारदर्शी निवेश की रिपोर्ट की जेपीसी जांच की मांग की। यह समझ से बाहर है कि प्रधानमंत्री इस मामले (अडानी केस) की जांच क्यों नहीं करा रहे हैं? खड़गे ने आरोप लगाया कि भाजपा एजेंसियों और संस्थानों पर पूर्ण नियंत्रण चाहती है - वह ईडी प्रमुख, सीबीआई निदेशक, चुनाव आयुक्तों, यहां तक कि देश भर की अदालतों के न्यायाधीशों की नियुक्ति को नियंत्रित करने पर अड़ी हुई है। खड़गे के मुताबिक तीन बैठकों के दौरान इंडिया गठबंधन ने एक संयुक्त मोर्चे के रूप में संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह सरकार को सफलतापूर्वक जवाबदेह बनाया है। हमारी ताकत सरकार को परेशान करती है। यही कारण है कि इसने संसद में महत्वपूर्ण विधेयकों को आगे बढ़ाया है, हमारे सांसदों को मामूली बात पर निलंबित कर दिया है। हमारे खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव दायर किया, हमारे माइक बंद कर दिए, कैमरों को हमारे विरोध-प्रदर्शन को कवर करने की अनुमति नहीं दी, संसद टीवी पर हमारे भाषणों को खुलेआम सेंसर कर दिया। खड़गे ने खासतौर पर जिक्र किया, "चंद्रयान 3 और इसरो के हमारे वैज्ञानिकों की सफलता, नीरज चोपड़ा और शतरंज के जादूगर प्रगनानंद जैसे खिलाड़ियों की सफलता हम सभी को गौरवान्वित करती है। मैं अगली पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए उन सभी को उनकी सफलता पर बधाई देना चाहता हूं। (आईएएनएस)
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Bigg Boss 13: Devoleena पर बुरी तरह से भड़के एक्स कंटेस्टेंट Arhaan Khan, बोले- 'मेरे और रश्मि का रिश्ता गहरा...' रश्मि देसाई (Rashmi Desai) और एक्स कंटेस्टेंट अरहान खान (Arhaan Khan) अपने रिलेशनशिप को लेकर हमेशा चर्चा में बने हुए रहते हैं। टीवी रियलिटी शो 'बिग बॉस' के सीजन 13 (Bigg Boss 13) में रश्मि देसाई (Rashmi Desai) और एक्स कंटेस्टेंट अरहान खान (Arhaan Khan) को लेकर लगातार चर्चा में बने हुए हैं। मिली जानकारी के अनुसार, रश्मि देसाई और अरहान खान एक दूसरे को पसंद करते है और एक दूसरे के साथ रिलेशनशिप में हैं। हाल ही में रश्मि की बेस्ट फ्रेंड देवोलीना भट्टाचार्जी (Devoleena Bhattacharjee) ने बिग बॉस के घर में उनको सपोर्ट करने के लिए एंट्री की है। हाल ही में देवोलीना भट्टाचार्जी और रश्मि देसाई बिग बॉस के घर में अरहान खान के बारे में बात करते दिखाई दिए थे। इस दौरान देवोलीना ने रश्मि देसाई को सलाह देते हुए कहा था कि वो अरहान खान से दूर रहे। देवोलीना के इन बातों पर पूर्व सदस्य अरहान खान (Arhaan Khan) ने जवाब दिया है। (इसे भी पढ़े- Bigg Boss 13: Himanshi Khurana का टूटा भरोसा, रश्मि के सामने Asim Riaz के प्यार को बताया 'फिल्मी') एक्स बिग बॉस कंटेस्टेंट अरहान खान (Arhaan Khan) ने स्पॉटबॉय से बातचीत में कहा है, 'देवोलीना कुछ भी कर ले रश्मि को वो मुझसे अलग नहीं कर सकती।' इस पर बात करते हुए अरहान खान ने आगे कहा- 'मुझे देवोलीना पर हैरानी होती है कि वो ऐसी सलाह रश्मि को कैसे दे सकती है। वो रश्मि की पर्सनल लाइफ में जबरदस्ती घुसती नजर आ रही हैं। वो हम दोनों के बीच में बोलकर अच्छा नहीं कर रही हैं।' अरहान खान (Arhaan Khan) ने आगे कहा- 'देवोलीना जिस तरह से बर्ताव कर रही हैं उससे ज्यादा फर्क पड़ने वाला नहीं हैं। अगर सलमान खान ने मेरे बारे में ये बाते कहीं होती तो मुझे इससे फर्क पड़ता लेकिन देवोलीना के बोलने से मुझे फर्क नही पड़ता।' (इसे भी पढ़े- Devoleena से पहले Rashami के राखी भाई Mrunal Jain को शो मेकर्स ने किया था अप्रोच, इस वजह से नहीं बन पाए Bigg Boss 13 का हिस्सा) अरहान खान ने कहा- 'आपने देखा होगा देवोलीना भट्टाचार्जी जान बूजकर मेरे बारे में बात करती दिखाई देती है। इस पर रश्मि कुछ भी कहने से बचती नजर आती है। मेरे और रश्मि का रिश्ता बहुत गहरा है और सच्चा भी। मैं अपने रिश्ते को लेकर काफी कोन्फिडेंट हूं। हम दोनों एक साथ है।' बॉलीवुड, हॉलीवुड, साउथ, भोजपुरी और टीवी जगत की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें...बॉलीवुड लाइफ हिन्दी के फेसबुक पेज, ट्विटर पेज, ताजा गॉसिप के लिए हमें Facebook Messenger पर फॉलो करें।
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।अकराश (Akrash) मंगल ग्रह मेष राशि का स्वामी माना जाता है। मेष राशि का आराध्य देव भगवान श्री गणेश को माना जाता है। अकराश नाम के लड़कों के जन्म लेने का मौसम काफी सुहावना होता है। इस जाति के अकराश नाम के लड़के रक्त की अशुद्धि से होने वाले रोगों, दांतों में दर्द (पायरिया), ज्वर, अनिद्रा, जल्दी गुस्सा आना, सिरदर्द आदि समस्याओं से अकराश नाम के लड़के पीड़ित रहते हैं। मेष राशि के अकराश नाम के लड़कों में चेहरे की हड्डियों, मस्तिष्क, पीयूष ग्रंथि (पिट्युटरी ग्लैंड) और जबड़े से सम्बंधित बीमारियां होने का खतरा रहता है। मेष राशि के अकराश नाम के लड़कों का अपने मन पर नियंत्रण नहीं होता जिस कारण ये खुद को खाने से रोक नहीं पाते और पेट की बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं। अकराश नाम के लड़के मेहनती होते हैं और कार्य पूरा करने के लिए देर तक काम कर सकते हैं। अगर आप अपने बच्चे का नाम अकराश रखने की सोच रहें हैं तो पहले उसका मतलब जान लेना जरूरी है। आपको बता दें कि अकराश का मतलब मोह लेने वाला होता है। अकराश नाम रखने से आपका बच्चा भी इस नाम के मतलब की तरह व्यव्हार करने लगता है। आपको बता दें कि अपने शिशु को अकराश नाम देकर आप उसके जीवन में सकारात्मक संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं। अकराश नाम रखने से आपका बच्चा भी वो गुण ले लेता है जो इसके अर्थ में समाहित होता है। अकराश नाम वाले व्यक्ति बिलकुल अपने नाम के मतलब की तरह यानी मोह लेने वाला होते हैं। आगे पढ़ें अकराश नाम की राशि, इसका लकी नंबर क्या है, अकराश नाम के मोह लेने वाला मतलब के बारे में विस्तार से जानें। अकराश नाम के लोगों का ग्रह स्वामी मंगल है। इनका शुभ अंक 9 होता है। 9 लकी नंबर वाले लोग दिमागी तौर पर स्वस्थ होते हैं और उनमें मुसीबतों से लड़ने का जुनून होता है। अकराश नाम के लोग सफलता के लिए हर संभव कोशिश करते हैं। भले ही इन्हें ज्यादा मेहनत करनी पड़े, लेकिन ये कभी पीछे नहीं हटते। अकराश नाम वाले लोग किसी भी व्यक्ति या परिस्थति से नहीं डरते, कभी-कभी यही बात इनके लिए परेशानी का सबब बन जाती है। 9 लकी नंबर वाले लोगों में अच्छा नेता बनने के गुण होते हैं। 9 लकी नंबर वाले लोग दोस्ती ही नहीं दुश्मनी भी पूरे साहस से निभाते हैं। जिनका नाम अकराश है उनकी राशि मेष होती है, ये लोग साहसी होते हैं और इन्हें खुद पर भरोसा होता है। ये आत्मविश्वासी होते हैं और हमेशा कुछ जानने की इच्छा रखते हैं। अकराश नाम के व्यक्ति को जोखिम उठाने में बिलकुल भी डर महसूस नहीं होता है। ये लोग नए काम के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। मेष राशि के लोग चुनौतियों को खुशी से स्वीकार करते हैं और ये खूब ऊर्जावान होते हैं। अकराश नाम के लोगों में काफी अहंकार व हठ होता है। ये लोग करियर और पैसों के मामले में किसी तरह का समझौता नहीं करते।
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सुधार के बाद रूसी विशेष बलों का भविष्य क्या है? सशस्त्र बलों में सुधार लाने और उन्हें एक नए रूप में लाने के संदर्भ में सैन्य खुफिया और विशेष बलों को पुनर्गठित करने की समस्या शायद समाज में सबसे अधिक चर्चा में है। इसी समय, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इस मुद्दे पर राय विभाजित हैंः जनसंख्या का एक हिस्सा सुधारों का समर्थन करता है, लेकिन अधिक लोग अभी भी नवाचारों के बारे में बहुत गंभीर रूप से बोलते हैं। द्वारा और बड़े, इस रवैये का मुख्य कारण प्रशंसनीय जानकारी की कमी है, हालांकि विशेष बलों, परिभाषा के अनुसार, अपनी योजनाओं को जनता को समर्पित नहीं करना चाहिए। लेकिन आज, समय के साथ तालमेल बनाए रखते हुए, सैन्य सुधार की समस्या पर चर्चा करना काफी तर्कसंगत लगता है। सैन्य विषय में रुचि रखने वाले लोगों में, अफवाहें हैं कि रूसी विशेष बलों की गुप्त इकाइयां दुनिया भर में गुप्त विशेष अभियान चला रही हैं। लेकिन इस जानकारी को नौसेना खुफिया के 1 रैंक के कप्तान द्वारा मना कर दिया गया था बेड़ा जी। सिज़िकोव। उनके मुताबिक, मयूर काल में इस तरह के ऑपरेशन करने की जरूरत नहीं होती है। बेशक, सैन्य नेतृत्व एक संभावित दुश्मन के बारे में विश्वसनीय डेटा के लिए बाध्य है, लेकिन साधारण स्काउट्स इस कार्य के साथ काफी सामना कर सकते हैं। आज भी, रूसी विशेष बलों के पास एक अधिक महत्वपूर्ण कार्य है - प्रबंधन प्रणाली का पुनर्गठन। सुधार की आवश्यकता को बड़ी संख्या में तथ्यों से संकेत मिलता है। इसलिए, उदाहरण के लिए, विशेषज्ञों का कहना है कि दुनिया के अन्य राज्यों के उदाहरण के बाद, रूसी विशेष संचालन बलों का आधुनिकीकरण करना आवश्यक है। लेकिन साथ ही, रूसी विशेष बलों को इस तरह से आधुनिक बनाने में स्पष्ट अनिच्छा या अक्षमता है कि यह आधुनिकता की आवश्यकताओं को पूरा करती है। इस तथ्य के बावजूद कि रूस में विशेष संचालन बलों के निर्माण के संबंध में निर्णय अभी भी किया गया था, इसके कार्यान्वयन के पहले चरण स्पष्ट रूप से आश्चर्यजनक हैं। इसलिए, यह स्पष्ट नहीं है कि विशेष बलों के अलग ब्रिगेड को अलग क्यों करें या उन्हें अन्य विभागों में अधीनस्थ करें। अक्सर ऐसा होता है कि विशेष बल इकाइयां तैनाती के अपने स्थानों को बदलने के लिए बाध्य होती हैं। इसी समय, राय काफी गंभीरता से व्यक्त की जाती है कि जो लोग सैन्य विभाग के नेतृत्व के फैसलों का समर्थन नहीं करते हैं और जो सशस्त्र बलों में सुधार करना पसंद नहीं करते हैं, उनका कोई स्थान नहीं है। और कभी-कभी स्थिति बेतुकी बात पर खुलकर आती हैः असंतुष्टों को लगभग पूरी तरह से सेना और राज्य के पतन के लिए दोषी ठहराया जाता है। इस तरह के निर्णय से बड़ी संख्या में प्रश्न उत्पन्न हुए हैं, जिनके उत्तर नहीं हैं। यदि यह निर्णय राजनीति से संबंधित है, तो इसकी शीघ्रता को कैसे समझाया जा सकता है? दरअसल, ब्रिगेड के स्थानांतरण के मामले में, उलान-उडे से नोवोसिबिर्स्क तक के क्षेत्र में, और एक सीधी रेखा में इस एक्सएनयूएमएक्स किलोमीटर में एक भी सैन्य इकाई या इकाई नहीं होगी? यदि निर्णय में सैन्य जड़ें हैं, तो कैसे और क्या समझा जाए कि राज्य का एक चौथाई क्षेत्र, जो रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है (यह वह जगह है जहां बैकल स्थित है - ताजे पानी का स्रोत), रक्षाहीन है। और सशस्त्र बलों की गतिशीलता कैसे हासिल की जाएगी और संचालन रणनीतिक कमान के पदों की स्थापना की जाएगी, अगर निकटतम सैन्य इकाई XNUMM00 किलोमीटर से अधिक है? इसके मूल में, विशेष बल सेना के विशेष रूप से बनाए गए, प्रशिक्षित और सुसज्जित इकाइयाँ हैं, जिन्हें युद्ध में और युद्धकाल में राजनीतिक, सैन्य और अन्य लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कुछ कार्य करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। लेकिन सोवियत विशेष बलों के खाते में सफल संचालन की एक बड़ी संख्या थी। उनका सबसे अच्छा समय वह समय माना जाता है जब अफगानिस्तान में सैन्य अभियान चलाए जाते थे। उस समय, विशेष बलों में एक्सएनयूएमएक्स अलग ब्रिगेड, दो प्रशिक्षण रेजिमेंट, एक्सएनयूएमएक्स के आदेश में, अलग-अलग कंपनियां शामिल थीं। जब अफगानिस्तान में शत्रुता शुरू हुई, तो यह विशेष बल थे जिन्होंने 14 और 30 को विशेष बलों के अलग-अलग ब्रिगेड बनाने का आधार बनाया, जो संघर्ष क्षेत्र में संचालित थे। युद्ध के वर्षों के दौरान वहां किए गए सभी ऑपरेशनों में से तीन-चौथाई विशेष बलों की सक्रिय भागीदारी के बिना नहीं गए, भले ही उनकी संख्या सोवियत सेना की कुल संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक न हो। चेचन्या में युद्ध के वर्षों के दौरान, जीआरयू विशेष बलों ने भी विशेष अभियान चलाने में सक्रिय भाग लिया। इस अवधि के दौरान, 29 विशेष बलों ने रूस के नायकों का खिताब प्राप्त किया, और 2002 के लिए एक वर्ष के लिए 2 के बारे में हजारों विशेष बलों को लड़ाकू पदक और आदेश दिए गए। इसके अलावा, क्रास्नोडार क्षेत्र में पूर्ण कर्मचारियों को प्राप्त करने के लिए, 10-I विशेष बल विशेष (विशेष) ब्रिगेड को अतिरिक्त रूप से बनाया गया था, जो यूएसएसआर के दौरान क्रीमिया में तैनात था। इस प्रकार, रूसी सशस्त्र बलों के सुधार की शुरुआत के समय, विशेष बलों के पास एक्सएनयूएमएक्स विशेष ब्रिगेड थे। उनमें सोवियत संघ के 9 हीरोज़ और रूस के 5 हीरोज़ शामिल थे। यह इस बात का एक ज्वलंत प्रमाण है कि न केवल विशेष बल के सैनिक अपने विशेष साहस और देश के प्रति वफादारी से प्रतिष्ठित हैं, बल्कि यह भी है कि उनके पास अत्यधिक पेशेवर कौशल और युद्ध के अनुभव का एक बड़ा सौदा है। सभी छह सैन्य जिलों में विशेष बल ब्रिगेड वितरित किए गए। 2005-2007 में, 2, 16, 10 और 22 ब्रिगेड को फेडरल टारगेट प्रोग्राम ट्रांजिशन टू कॉन्ट्रैक्ट के हिस्से के रूप में धन आवंटित किया गया था। 24 और 14 टीमों के लिए पर्याप्त धन नहीं था। 67 विशेष बल विशेष बल ब्रिगेड की स्थिति अत्यंत कठिन थी, क्योंकि कई वर्षों तक इसके रखरखाव और विकास के लिए कोई धन आवंटित नहीं किया गया था। केवल एक चीज जो अपनी तैनाती के स्थान पर की गई थी, वह बैरक का एक प्रमुख ओवरहाल था। इसके अलावा, यदि हम 2003-2010 की अवधि पर विचार करते हैं, तो दोनों टीमों - 14 और 24 - को 3 मिलियन रूबल (! ) के लिए कुल बेस बेस, इंफ्रास्ट्रक्चर और ट्रेनिंग ग्राउंड के विकास के लिए मिला। 2007 में, 67-I विशेष बल विशेष बल ब्रिगेड, जो चेचन्या में संचालन करने में लगे हुए थे, को भंग कर दिया गया था। प्रारंभ में, यह माना गया था कि इसकी व्यवस्था के लिए धन आवंटित किया जाएगा, लेकिन फिर अचानक इसे भंग करने का आदेश मिला। इस प्रकार, विशेष बल, जिनके पास व्यापक युद्ध का अनुभव था, राज्य और सरकार के लिए बेकार हो गया। अधिकांश सेनानियों ने छोड़ दिया, कुछ पीछे की समर्थन इकाइयों तक, अन्य सैन्य इकाइयों में सेवा करने के लिए चले गए। और अब "हाथ पहुंच गए हैं" और 24 ब्रिगेड के लिए। प्रारंभ में, यूनिट उलान-उडे में तैनात था। एक अच्छा प्रशिक्षण आधार था, जिसने मुकाबला प्रशिक्षण को सबसे प्रभावी रूप से संचालित करना संभव बना दिया। और चूंकि ब्रिगेड एयरफील्ड से बहुत दूर नहीं थी, इसलिए यह कहना सुरक्षित है कि यह वास्तव में मोबाइल सैन्य इकाई थी। लगभग सभी कर्मियों को आवास प्रदान किए गए थे। और सैन्य आधार और उसके संचार के बुनियादी ढांचे ने नवीनतम विश्व मानकों के अनुसार ब्रिगेड को लैस करने के लिए बहुत अधिक खर्च किए बिना इसे संभव बना दिया। अचानक, सैन्य नेतृत्व ने इसके कारणों को बताए बिना, इरकुत्स्क को ब्रिगेड को स्थानांतरित करने का फैसला किया। इसके अलावा, "पुनर्वास" के लिए कोई धनराशि आवंटित नहीं की गई थी, इसलिए इकाई को अपने दम पर फिर से तैयार करने के लिए मजबूर किया गया था (और यह एक्सएनयूएमएक्स किलोमीटर है)। इस तरह की व्यवस्थाओं से जीता गया सैन्य विभाग पूरी तरह से समझ में नहीं आता है, क्योंकि नई जगह पर न तो एक उपयुक्त प्रशिक्षण आधार था, न ही एक प्रशिक्षण मैदान जहां वे मुकाबला प्रशिक्षण और शूटिंग में लगे हो सकते हैं। इसके अलावा, लड़ाकू, प्रशिक्षण के बजाय, यूनिट की व्यवस्था करने के लिए और अपने खर्च पर मजबूर थे। लेकिन तमाम मुश्किलों के बावजूद, सेना की घटनाओं में उच्च पुरस्कार लेते हुए, 24-I ब्रिगेड शीर्ष पर रही। नई जगह 24 स्पेशल फोर्सेस ब्रिगेड की विकास संभावनाएं बहुत ज्यादा नहीं हैं। नए आंदोलन में फिर से कीमती समय लगता है जिसे युद्ध प्रशिक्षण पर खर्च किया जा सकता है। इसके बजाय, सेनानियों को एक विशाल क्षेत्र की सुरक्षा, बुनियादी ढांचे के विकास के लिए मजबूर किया जाएगा। ब्रिगेड पूर्ण रूप से युद्ध प्रशिक्षण भी नहीं कर पाएगी, क्योंकि सैन्य इकाई का क्षेत्र खुद शहर के केंद्र में स्थित है, लेकिन प्रशिक्षण का कोई आधार नहीं है। इसके अलावा, नए स्थान पर सैनिकों के जीवन स्तर में काफी गिरावट आएगी, क्योंकि उनके परिवार के सदस्य फिर से बेरोजगार हो जाएंगे और उन्हें बसने के तरीकों की तलाश करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, क्योंकि रक्षा मंत्रालय उनके लिए काम खोजने में सहायता प्रदान करने का कार्य नहीं करता है। अगर इसी तरह की स्थिति में विकास जारी रहा, तो बहुत जल्द रूस को विशेष बलों के बारे में भूलना होगा। या विशेष बलों के संबंध में नीति को बदलना आवश्यक है। वर्तमान में, विशेष बलों के लड़ाकों का भविष्य केवल राज्य के प्रमुख पर निर्भर करता है, कि वह अंतर्राष्ट्रीय हितों में देश के राष्ट्रीय हितों और सुरक्षा की रक्षा करने में सक्षम बल के अस्तित्व में कितना रुचि रखता है। ऐसा करने के लिए, कार्यों की एक बहुत विस्तृत श्रृंखला के कार्यान्वयन की निगरानी करना आवश्यक है जो वास्तव में विशेष बलों को सुधारने में मदद करेंगे, इसे युद्ध के लिए तैयार, पेशेवर, मोबाइल, कॉम्पैक्ट, अच्छी तरह से सुसज्जित और प्रशिक्षित बल में बदल देंगे। प्रयुक्त सामग्रीः - लेखकः
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कोरोना के सभी सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए सभी तैयारियां पूरी की जा रही है. सम्मेलन में मैथिली साहित्य एवं संस्कृति की अविरल धारा लगातार दो दिनों तक बहेगी. जबकि जानकी जन्मभूमि के संरक्षण सहित मैथिली को संवैधानिक अधिकार दिलाने पर होगा विशेष जोर होगा. इसमें विचार गोष्ठी प्रभारी मणिकांत झा के नेतृत्व में जहाँ 'मिथिला, मैथिली एवं मैथिलक उत्कर्ष' विषय पर केन्द्रित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन होगा। वहीं, हरिश्चंद्र हरित के संयोजन में भव्य अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. सम्मेलन में विशेष रूप से संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल होने के 18 साल बीतने के बाद भी इसे अब तक यथोचित संवैधानिक अधिकार नहीं मिलने के कारणों की पड़ताल किए जाने के साथ ही आगे की रणनीति तैयार की जाएगी. आयोजन समिति के मुख्य संरक्षक परमपूज्य श्रीश्री 1008 गौ संतसेवी श्री महंथ कौशल किशोर दास जी महाराज ने बताया कि मां जानकी के ससुराल में आयोजित हो रहे इस सम्मेलन के बहाने उनके मायके के लोगों की हो रही भारी जुटान में उनके आवभगत में किसी प्रकार की कमी नहीं हो, इस पर उनका विशेष ध्यान है. साथ ही, रामजन्मभूमि की तर्ज पर मां जानकी की जन्मभूमि के भी सर्वांगीण विकास पर आयोजन समिति की विशेष नजर होगी. उन्होंने बताया कि सम्मेलन के दौरान संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल विभिन्न भाषाओं में उत्कृष्ट साहित्यिक अवदान देने वाले साहित्यकारों सहित अन्य विधाओं में बेहतर प्रदर्शन करने वाले व्यक्तियों को मिथिला रत्न सम्मानोपाधि प्रदान किए जाने के साथ ही भव्य संत समागम का आयोजन किया जाएगा. समीक्षा बैठक में आनलाइन जुड़ते हुए मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा ने मिथिला एवं अयोध्या के बीच के मधुर संबंधों को रेखांकित करते हुए 19 वें अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन के आयोजन के उद्देश्यों को विस्तार से बताया. साहित्यकार मणिकांत झा ने कहा कि यह आयोजन मिथिला और अयोध्या के संबंधों को जीवंत बनाने में मील का पत्थर साबित होगा. सचिव प्रो जीव कांत मिश्र ने कहा कि यह आयोजन सीता के मायके एवं ससुराल के बीच के संबंध को और भी प्रगाढ़ स्वरूप प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन के अध्यक्ष डा महेन्द्र नारायण राम ने कहा कि ब्रजभूमि वृन्दावन के बाद मैया सीता के ससुराल और मर्यादा पुरुषोत्तम पाहुन राम की जन्म भूमि अयोध्या में आयोजित हो रहा यह आयोजन अनेक रचनात्मक कीर्तिमान गढ़ेगा. मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा ने कहा कि इस कार्यक्रम के बहाने आम मिथिलावासी को पाहुन राम की जन्मभूमि को करीब से देखने का अवसर मिलने के साथ ही मां जानकी की जन्मभूमि के संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति उत्कंठा जगेगी. स्वागत समिति के अध्यक्ष श्रीश्री 1008 श्री महंथ स्वामी अवधेश कुमार दास जी महाराज ने बैठक में धन्यवाद ज्ञापित करते कहा कि यह आयोजन न सिर्फ यादगार होगा बल्कि कई मायनों में मिसाल गढ़ने वाला भी साबित होगा. बैठक में गणेश झा, जगन्नाथ झा एवं मणिभूषण राजू आदि ने भी अपने विचार रखे।
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प्रतिवर्ष 02 दिसंबर को विश्व भर में राष्ट्रीय समुदायों के बीच कंप्यूटर साक्षरता को लेकर जागरूकता पैदा करने और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने हेतु 'विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस' मनाया जाता है। यह दिवस तकनीकी कौशल को बढ़ावा देने पर ज़ोर देता है। इस दिवस का लक्ष्य बच्चों और महिलाओं को और अधिक सीखने तथा कंप्यूटर का अधिक-से-अधिक उपयोग करने में सक्षम बनाना है। ज्ञात हो कि मौजूदा आधुनिक युग में तेज़ी से बढ़ती तकनीक और डिजिटल क्रांति के कारण कंप्यूटर मानव जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन गया है। कंप्यूटर का ज्ञान वर्तमान समय में काफी महत्त्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह बहुत सटीक, तीव्र है और कई कार्यों को एक साथ आसानी से पूरा करने में सक्षम है। इसके अलावा यह स्वयं में बड़ी मात्रा में डेटा संग्रहीत कर सकता है और इंटरनेट का उपयोग करके विभिन्न पहलुओं पर जानकारी प्राप्त करने में भी सहायता करता है। इस वर्ष 'विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस' का विषय 'मानव-केंद्रित रिकवरी के लिये साक्षरताः डिजिटल विभाजन को कम करना' है। समाज के सभी क्षेत्रों में विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों और कल्याण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 'अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस' का आयोजन किया जाता है। सर्वप्रथम संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 1981 को 'विकलांगजनों के लिये अंतर्राष्ट्रीय वर्ष' घोषित किया था। इसके पश्चात् 1983-92 के दशक को 'विकलांगजनों के लिये अंतर्राष्ट्रीय दशक' घोषित किया गया। वर्ष 1992 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा प्रतिवर्ष 3 दिसंबर को 'विश्व विकलांगता दिवस' के रूप में मनाने की शुरुआत की गई। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, विश्व की 15.3% आबादी किसी-न-किसी प्रकार की अशक्तता से पीड़ित है। इस प्रकार यह विश्व का सबसे बड़ा 'अदृश्य अल्पसंख्यक समूह' है। 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत की कुल जनसंख्या का मात्र 2.21% ही विकलांगता से पीड़ित है। इस दिवस को मनाने का सबसे महत्त्वपूर्ण उद्देश्य अशक्त-जनों की अक्षमता के मुद्दों पर समाज में लोगों की जागरूकता, समझ और संवेदनशीलता को बढ़ावा देना है। इसके अतिरिक्त यह विकलांगजनों के आत्म-सम्मान, कल्याण और आजीविका की सुरक्षा सुनिश्चित करने में उनकी सहायता पर भी ज़ोर देता है। 3 दिसंबर, 2021 को उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी है। 3 दिसंबर, 1884 को जन्मे डॉ. राजेंद्र प्रसाद एक स्वतंत्रता कार्यकर्त्ता, वकील, विद्वान और भारत के पहले राष्ट्रपति थे। वे भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान भारतीय राष्ट्रीय काॅन्ग्रेस का हिस्सा और बिहार तथा महाराष्ट्र के एक प्रसिद्ध नेता थे। जब भारत एक गणतंत्र बना, तो डॉ. राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा का अध्यक्ष चुना गया। डॉ. राजेंद्र प्रसाद वर्ष 1950 से वर्ष 1962 तक देश के राष्ट्रपति रहे। वह देश के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले राष्ट्रपति हैं। इसके अलावा वे राष्ट्रपति के तौर पर दो पूर्ण कार्यकालों तक सेवा देने वाले एकमात्र राष्ट्रपति भी हैं। स्वतंत्रता आंदोलन के एक कार्यकर्त्ता होने के नाते राजेंद्र प्रसाद को ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा नमक सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जेल भेज दिया गया। राजेंद्र प्रसाद को वर्ष 1962 में सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'भारत रत्न' से भी सम्मानित किया गया था। राजेंद्र प्रसाद का 78 वर्ष की आयु में 28 फरवरी, 1983 को निधन हो गया। पटना में राजेंद्र स्मृति संग्रहालय उन्हें समर्पित है। सरकार ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर में पारंपरिक 'नमदा शिल्प' को पुनर्जीवित करने और बढ़ावा देने के लिये एक पायलट परियोजना शुरू की है, जिसका उद्देश्य राज्य के 'कालीन' निर्यात को 600 करोड़ रुपए से 6,000 करोड़ रुपए तक बढ़ाने का प्रयास करना है। 'नमदा परियोजना' से श्रीनगर, बारामूला, गांदरबल, बांदीपोरा, बडगाम और अनंतनाग सहित कश्मीर के छह ज़िलों के 30 नमदा समूहों के 2,250 लोगों को लाभ मिलेगा। 'नमदा' सामान्य बुनाई प्रक्रिया के बजाय फेल्टिंग तकनीक के माध्यम से भेड़ के ऊन से बना एक 'गलीचा' है। कच्चे माल की अनुपलब्धता, कुशल जनशक्ति और विपणन तकनीकों की कमी के कारण वर्ष 1998 से वर्ष 2008 के बीच इस शिल्प के निर्यात में लगभग 100 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
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ऑटो डेस्कः बेंगलुरु आधारित इलेक्ट्रिक व्हीकल स्टार्ट अप कंपनी बैरल मोटर्स जल्द ही भारतीय बाजार में एक इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल लॉन्च करने जा रही हैं। Barrel Motors इस इलेक्ट्रिक बाइक को Veloc-e (वेलोक-ई) के नाम से बाजार में लॉन्च करेगी। यह इलेक्ट्रिक बाइक भारतीय बाजार में मौजूद अन्य इलेक्ट्रिक बाइक्स की तुलना में काफी अलग होने वाली है। कंपनी की यह मोटरसाइकिल एक इलेक्ट्रिक डर्ट बाइक है जो पहाड़ी और पथरीले रास्तों पर चलाने के लिए डिजाइन की गई है। यह ई-बाइक चट्टान, कीचड़, बर्फ और रेत पर चलाने के लिए डिजाइन की गई है। फिलहाल कंपनी इस बाइक के प्रोटोटाइप मॉडल की टेस्टिंग कर रही है। टेस्टिंग की प्रक्रिया पूरी होने के बाद बाजार की जरूरत के हिसाब से बाइक का उत्पादन शुरू किया जाएगा। कंपनी का कहना है कि इस बाइक की टेस्टिंग की प्रक्रिया को पूरा करने में एक से डेढ़ साल का समय लग सकता है। कंपनी के अनुसार Veloc-e डर्ट बाइक का उत्पादन 2024 में शुरू किया जा सकता है और इसी साल बाजार में बाइक की बिक्री होगी। Barrel Motors का कहना है कि वह बाजार में बिकने वाली आम कम्यूटर बाइक से अलग केवल ऑफ-रोड इलेक्ट्रिक पर ध्यान केंद्रित कर रही है। बैरल मोटर्स Veloc-e इस सेगमेंट में हीरो एक्सपल्स और केटीएम 390 एडवेंचर जैसी पेट्रोल से चलने वाली मोटरसाइकिलों को टक्कर देगी. कंपनी के मुताबिक Veloc-e बाइक का पॉवर आउटपुट एक 200cc की पेट्रोल बाइक से बेहतर होगा। यह इलेक्ट्रिक बाइक ने केवल अधिक पावर देगी बल्कि इसका टॉर्क भी एक 200cc बाइक से कहीं अधिक होगा। Barrel Motors का कहना है कि वह कुछ ऐसे इलेक्ट्रिक वाहन विकसित कर रही है जो भारतीय सेना की जरूरतों को पूरा करेगी। Veloc-e इलेक्ट्रिक बाइक सीमा से सटे इलाकों में पेट्रोलिंग के लिए इस्तेमाल में लाई जा सकती है। यह बाइक लद्दाख और सियाचिन के कठोर मौसम में भी काम कर सकती है। बैरल मोटर्स Veloc-e दो वेरिएंट में आएगी - एक स्ट्रीट-फ्रेंडली वर्जन जिसमें हाई-परफॉर्मेंस वेरिएंट पर स्विच करने का विकल्प होगा. कंपनी की योजना अंततः एडवेंचर टूरिंग और लंबी दूरी की टूरिंग स्पेस में प्रवेश करने की है। फर्म प्रदर्शन संख्या और यहां तक कि रेंज पर भी चुप्पी साधे हुए है लेकिन सुंदरराजन ने सुझाव दिया कि बाइक एक बार चार्ज करने पर लगभग 150 किमी चलेगी।
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आजम खां को न्यायपालिका से न्याय मिल गया है। सरकार की ओर से फंसाए गए सपा के अन्य नेताओं को भी जल्द न्याय मिलेगा। यह बात शनिवार को सपा के राष्ट्रीय सचिव शिवपाल सिंह यादव ने कही। नगर के पूर्व माध्यमिक कन्या विद्यालय में आयोजित किए गए नवनिर्वाचित नगर पालिका अध्यक्ष और सभासदों के शपथ ग्रहण समारोह में पत्रकारों से वार्ता करते हुए सपा के राष्ट्रीय महासचिव और विधायक शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि भाजपा की ओर से सपा नेता आजम खां, इरफान सोलंकी, अफजाल अंसारी आदि पर फर्जी मुकदमे लगाए गए। अब न्यायपालिका से आजम खां को न्याय मिल गया है। आगे अन्य लोगों को भी जल्द न्याय मिलेगा। शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि साफ-सफाई व जल निकासी की समस्याओं को दुरुस्त करते हुए नगर को सुंदर बनाना है। इसमें यदि पालिका के बजट में कोई कमी पड़ती है तो उसे विधायक निधि से पूरा करूंगा। उन्होंने नवनिर्वाचित चेयरमैन सतनारायण संखवार को विकास कार्यों को कराने में सभासदों की राय को भी प्राथमिकता से तवज्जो देने की सलाह दी। साथ ही उनका भी सम्मान करें। हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें। Read the latest and breaking Hindi news on amarujala. com. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. Register with amarujala. com to get all the latest Hindi news updates as they happen.
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मुंबई : शिवसेना नेता संजय राउत पर हुए ईडी के ऐक्शन पर अमरावती की सांसद नवनीत का राणा की प्रतिक्रिया सामने आई है। अकसर शिवसेना पर हमलावर रहने वालीं नवनीत राणा ने कहा कि यह कार्रवाई तो ईडी को कई महीने पहले ही कर देनी चहिए थी। उन्होंने कहा कि पात्रा चॉल समेत कई जगहों पर घोटाला हुआ है। उन्होंने कहा कि संजय राउत 25 से 30 कंपनियों में पार्टनर हैं और उनके साथ मिलकर भ्रष्टाचार कर रहे थे। यही नहीं नवनीत राणा ने कहा कि जनता की गाढ़ी कमाई को भ्रष्टाचार के जरिए खाने वालों के खिलाफ ईडी को ऐक्शन लेने का अधिकार है। नवनीत राणा ने कहा कि संजय राउत तो ईडी के समन का ही जवाब नहीं दे रहे थे। कभी सरकार गठन की बात करते थे तो कभी कहते थे कि संसद के सत्र में व्यस्त हूं। भ्रष्टाचार के मामलों में वही जवाब नहीं दे पाता हो, जो गलत हो। महाराष्ट्र की जनता भ्रष्टाचार करने वालों के विरुद्ध जरूर लड़ेगी। यही छत्रपति शिवाजी महाराज ने हमें सिखाया था। उन्होंने कहा कि यदि आप इतने चरित्रवान हैं तो पहले ही आपको पूछताछ में शामिल होना चाहिए था। यदि आप गरीबों की कमाई से संपत्ति बनाते हैं तो फिर ईडी को पूरा अधिकार है कि पूछताछ की जाए। अमरावती की सांसद शिवसेना पर लगातार हमलावर रही हैं। यही नहीं उद्धव ठाकरे सरकार के कार्यकाल में उन्हें और उनके पति रवि राणा को गिरफ्तार करके जेल भी भेजा गया था। उन्होंने उद्धव ठाकरे के घर के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने का ऐलान किया था, जिसके बाद महाराष्ट्र की राजनीति में बवाल मच गया था। इसी मसले पर नवनीत राणा के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी और फिर उन्हें जेल जाना पड़ा था। करीब दो सप्ताह के बाद नवनीत राणा और उनके पति को बेल मिली थी। नवनीत राणा अकसर शिवसेना पर अटैक करती रही हैं। यही नहीं सीधे उद्धव ठाकरे पर भी वह कई बार निशाना साध चुकी हैं।
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है कि जल सूर्य एव चन्द्र को किरणा, वायु सम्बन्ध, गोबर एव गोमूत्र से शुद्ध हो जाता है। इनमें कुछ पदार्थ आधुनिक वैज्ञानिक सोजी से शुद्धिकारक मान लिये गये हैं। एक स्मृति-वचन (भपराकं, १० २७३) के अनुसार वन मे प्रपा (पोसरा या प्याऊ) या कूप के पास रखे हुए घडे ( जिससे काई भी कूप से जल निकाल सकता है) का जल या पत्थर या लक्डी वाले पात्र ( नोरामोवे लिए रहते हैं) का एवं नर्म-पात्र (चरम, मशव आदि) का जल, मले हो उससे सूद का कोई सम्बन्ध न हो, पीने के अयोग्य ठहराया गया है, किन्तु आपत-काल मे ऐसा जल जितना चाहे उतना पोया जा सकता है। इससे प्रकट होता है कि प्राचीन काल मे मो जलाभाव में जल चर्म-पात्र या ढोलक (मशक, जिसे आजकल मिस्तो काम मे लाते है) मे भरकर लाया जाता था और द्विज लोग भी उसे प्रयोग में लाते थे।" अब हम धातुओ एवं पात्रा की शुद्धि की चर्चा करेंगे। बी०६० मू० (१९५१-३४-३५ एव ११६१३७-४१), वसिष्ठ (३७५८ एव ६१-६३), मनु (५/१११-११४), याज्ञ० ( १८१८२ एवं १९०), विष्णु ० (२३१२७, २३-२४), शस (१६॥३-४), स्मृत्यभंसार (५० ७० ) ने धातु-शुद्धि के विषय मे नियम दिये है, जो विभिन्न प्रकार के हैं। अत केवल मनु एव दो-एक के मत यहाँ दिये जायेंगे । मनु (५१११३) का कहना है - बुधा (विद्वान् लोगा) ने उदघोषित किया है कि सोना आदि धातुएँ, मरक्त जैने रत्न एवं पत्थर के अन्य पात्र राख, जल एव मिट्टी से शुद्ध हो जाते हैं, सोने की वस्तुएँ (जो जूठे भोजन आदि से गन्दी नही हो गयी हैं) केवल जल से हो पवित्र हो जाती है। यही बात उन वस्तुओ के साथ भी पायी जाती है जो जल से प्राप्त होती हैं (यथा-सोपी, मूंगा, शरा आदि) या जो पत्थर से बनी होती हैं या चांदी से बनी होती हैं और जिन पर शिल्पकारी नहीं हुई रहती है। सोना-चांदी जल एव तेज से उत्पन्न होते हैं. अत उनकी शुद्धि उनके भूलमूत कारणों से ही होती है, अर्थात् जल से (थोडा अशुद्ध होने पर) एव अग्नि से (अधिक अशुद्ध होने पर)। ताम्र, लोह, कास्य, पीतल, टीन (त्रपु या रोगा) और सौसा को क्षार ( भस्म ), अम्ल एवं जल से परिस्थिति के अनुसार (जिस प्रकार की अशुद्धि हो) शुद्ध किया जाता है।' वसिष्ठ (३२५८, ६१-६३) वा कथन है - 'पु (टीन), सीसा, तांबा की शुद्धि नमक के पानी, अम्ल एव साधारण जल से हो जाती है, कांसा एवं लोह भस्म एव जल से शुद्ध होते हैं। लिंगपुराण (पूर्वाधं, १८९१५८) ने कहा है-कांसा भरम से, लोह-पात्र नमक से तौबा त्रपु एव सीसा पम्ल से शुद्ध होते हैं, सोने एव चाँदी के पात्र जल से, बहुमूल्य पत्थर, रल, मूंगे एवं मोती धातु-पात्रों के समान शुद्ध किये जाते हैं।' और देखिए वामनपुराण (१४॥७०) । मेघातिथि (मनु ५१११४) ने एक उक्ति उद्धृन को है'कमि या पीतल मे पात्र जब गायो द्वारा घाट लिये जायें या जिन्हें गायें सूंघ लें या जो कुत्तो द्वारा घाट या छू लिये जायें, जिनमें धूद्र भोजन कर ले तथा जिन्हें कौए अपवित्र कर दें, वे नमक या मस्म द्वारा १० बार रगडने से शुद्ध हो जाते हैं। देखिए पराशर मी (परा० मा०, जिल्द २, भाग १, पृ० १७२ ) । सामान्य जीवन में व्यवहृत पानी एवं बरतनो को शुद्धि के विषय मे बौघा० ६० सू० (१९५१३४-५० एवं १/६/३३-४२), याज्ञ० (१९१८२-१८३), विष्णु० (२३१२-५), दास (१६१११५) आदि ने विस्तृत नियम दिये हैं। इनका कतिपय नियमो मे मतैक्य नहीं है। मिताब (याश० १११९०) ने कहा है कि यह कोई आवश्यक नहीं है कि तान६८. प्रपास्वरप्पे पटगं च भूपे होच्यां संकोशातस्याप । ऋषि धूत्रात्तवपेयमाहूरापद्गत काशितबत् पिबेश ॥ यम (अपराकं, १० २७३ः १० प्र०, १० १०४) । ६९. गया प्रातानि कांस्यानि श्रोन्टिानि यानि च । शुम्पन्ति दशमि ः काकोपहतानि । मेया० (मनु ५।११३ एवं यास० १९१९० ) । भातुओं के विविध पात्रों (भरतनों) की शुद्धि शुद्धि केवल अम्ल (सटाई) से होती है, अन्य साधन मी प्रयुक्त हो सकते हैं। पात्रों को शुद्धि की विभिन्न विधियो के विषय में लिखना आवश्यक नहीं है। प्रकाश (पू० ११७-११८) की एक उक्ति इस विषय में पर्याप्त होगी कि मध्यकाल में पात्र-शुद्धि किस प्रकार की जाती थी - "सोने, चांदी, मूंगा, रत्न, सीपियो, पत्थरो, कांसे, पोतल, टोन, सोसा के पात्र केवल जल से शुद्ध हो जाते हैं यदि उनमें गन्दगी चिपकी हुई न हो, यदि उनमे उच्छिष्ट भोजन आदि लगे हों तो वे अम्ल, जल आदि से परिस्थिति के अनुसार शुद्ध किये जाते हैं; यदि ऐसे पात्र शूद्रो द्वारा बहुत दिनो तक प्रयोग में लाये गये हो या उनमे भोजन के कणो का स्पर्श हुआ हो तो उन्हें पहले गस्म से मांजना चाहिए और तीन बार जल से घोना चाहिए और अन्त मे उन्हें अग्नि मे उस सीमा तक तपाना चाहिए कि वे समग्र रह सकें अर्थात् टूट न जाये, गल न जायँ मा जल न जायें, तभी ये शुद्ध होते हैं। कांसे के बरतन यदि कुत्तो, कौओ, शूद्रो या उच्छिष्ट भोजन से केवल एक बार छू जायें तो उन्हें जल एक नमक से दस बार मांजना चाहिए, किन्तु यदि कई बार उपर्युक्त रूप से अशुद्ध हो जायें तो उन्हें २१ बार मौजकर शुद्धे करना चाहिए। यदि तोन उच्च वर्गों के पात्र को शूद्र व्यवहार मे लाये तो वह चार बार नमक से धोने एव तपाने से तथा जल से धोये गये शुद्ध हाथों में ग्रहण करने से शुद्ध हो जाता है। सय प्रसूता नारी द्वारा व्यवहृत कौसे का पात्र या वह जो मद्य से अशुद्ध हो गया हो तपाने से शुद्ध हो जाता है, किन्तु यदि वह उस प्रकार कई बार व्यवहृत हुआ हो तब वह पुनर्निर्मित होने में हो शुद्ध होता है। वह काँसे का बरतन जिसमे बहुधा कुल्ला किया गया हो, या जिसमे पर घोये गये हो उसे पृथिवी मे छ मास तक गाड देना चाहिए और उसे फिर तपाकर काम में लाना चाहिए (पराशर ७२४-२५), किन्तु यदि वह केवल एक बार इस प्रकार अशुद्ध हुआ हो तो केवल १० दिनो तक गाड देना चाहिए। सभी प्रकार के धातु-पात्र यदि थोडे काल के लिए शरीर की गन्दगियो, यथा - मल, मूत्र, वीर्यं से अशुद्ध हो जायें तो सात दिनो तक गोमूत्र में रखने या नदी में रखने से शुद्ध हो जाते हैं, किन्तु यदि वे कई बार अशुद्ध हो जायँ या शव, सद्य प्रसूता नारी या रजस्वला नारी मे छू जायें तो तीन बार नमक, अम्ल या जल से धोये जाने के उपरान्त तपाने से शुद्ध हो जाते हैं, किन्तु यदि वे मूत्र से बहुत समय तक अशुद्ध हो जायें तो पुर्नानिमित होने पर ही शुद्ध हो सकते हैं। विष्णु ० (२३।२ एव ५) ने कहा है कि सभी धातुपात्र जब अत्यन्त अशुद्ध हो जाते हैं तो वे तपाने से शुद्ध हो जाते हैं, किन्तु अत्यन्त अशुद्ध लकडी एवं मिट्टी के पात्र त्याग देने चाहिए। किन्तु देवल का कथन है कि कम अशुद्ध हुए काठपात्र तक्षण (छोलने) से या मिट्टी, गोबर या जल से स्वच्छ हो जाते है और मिट्टी के पात्र यदि अधिक अशुद्ध नहीं हुए रहते तो तपाने से शुद्ध हो जाते हैं (याज्ञ० १११८७ मे भी ऐसा ही है ) । किन्तु वसिष्ठ ( ३।५९) ने कहा है कि सुरा, सूत्र, मल, बलगम (इलेप्मा), आँसू, धीव एवं रक्त से अशुद्ध हुए मिट्टी के पात्र अग्नि मे तपाने पर भी शुद्ध नहीं होते। " वैदिक यज्ञो मे प्रयुक्त पात्रो एव वस्तुओ की शुद्धि के लिए विशिष्ट नियम हैं। बौघा० ६० सू० (१1५1५१५२) के मत मे यज्ञों में प्रयुक्त चमस-पात्र विशिष्ट वैदिक मन्त्रो से शुद्ध किये जाते है", क्योकि वेदानुसार जब उनमे सोमरम का पान किया जाता है तो चमस-पात्र उच्छिष्ट होने के दोष से मुक्त रहते हैं। मनु (५१११६ ११७ ), याज्ञ (१९१८३-१८५), विष्णु० (२३१८-११), शख (१६०६ ), पराशर (७१२-३ ) आदि ने भी यज्ञ-पात्रो की शुद्धि के ७०. महामंत्रे पुरोषैर्वा श्लेमपूपाभुशोणितेः । सस्पृष्टं नैव शुध्येत पुनपान मुन्मयम् ॥ वसिष्ठ (३५९= मनु] [५॥१२३)। ७१. वचनाद्यते चमसपात्राणाम् । न सोमेनोच्छिटा भवन्तौति श्रुतिः । ० ० ० (१०५/५१-५२ ) । वेलिए इस प्रत्य का सड २, अध्याय ३३, जहाँ एक के पश्चात् एक पुरोहितों द्वारा चमसों से सोम पीने का उल्लेख है।
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कोलकाता : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 153वीं बटालियन के सतर्क जवानों ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास से भारत छोड़कर भागने की कोशिश कर रहे एक वांछित बांग्लादेशी युवक को गिरफ्तार किया है। उस पर तमिलनाडु के पेरमदुरई स्थित मंदिर में तोड़फोड़ व लूट की साजिश में शामिल होने का आरोप है और गिरफ्तारी के डर से वह वापस बांग्लादेश भाग रहा था। तमिलनाडु पुलिस को उसकी तलाश थी और इसके लिए बंगाल पुलिस व अन्य एजेंसियों को वहां की पुलिस द्वारा अलर्ट किया गया था। इसके बाद बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर मुख्यालय, कोलकाता ने भी अपनी जिम्मेदारी के क्षेत्र में सीमा पर जवानों को सतर्क कर दिया था। इसी दरम्यान राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल यह अति वांछित अपराधी गुरुवार शाम में बीएसएफ के हत्थे चढ़ गया जब वह सीमा चौकी घोजाडांगा के क्षेत्र से बॉर्डर पार कर भागने की फिराक में था। आरोपित का नाम जहांगीर विश्वास (27) है। वह बांग्लादेश के सतखीरा जिले का रहने वाला है। 153वीं बटालियन बीएसएफ के कमांडेंट जवाहर सिंह नेगी ने बताया कि पूछताछ में आरोपित ने बताया है कि इस मामले में उसके तीन साथियों को चार-पांच दिन पहले तमिलनाडु पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ये सभी बांग्लादेशी तमिलनाडु में कंस्ट्रक्शन साइट पर पिछले कई वर्षों से काम करते थे। तमिलनाडु पुलिस के आरोप के अनुसार इस बीच कुछ दिनों पहले जहांगीर व उसके साथियों ने पेरमदुरई के एक मंदिर में तोड़फोड़ व उसमें मौजूद बहुत सारे सोना- चांदी को लूटने की साजिश रची थी। इस बारे में पता चलने पर पुलिस ने उसके तीन साथियों को पकड़ा जबकि जहांगीर गिरफ्तारी के डर से भाग गया था। इसके बाद तमिलनाडु पुलिस ने उसे भगोड़ा घोषित कर उसकी गिरफ्तारी के लिए सभी एजेंसियों से मदद मांगी थी।
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लगातार कट्टरपंथ की ओर जा रहे पाकिस्तान में अब सोशल मीडिया को लेकर भी नया नियम आ गया है. इसके तहत अगर वॉट्सऐप इजाजत दे तो सरकार किसी भी आम ग्राहक के वॉट्सऐप चैट को खंगाल सकती है. बात यहीं तक सीमित नहीं, ग्राहक किसी भी सोशल साइट का इस्तेमाल बगैर डरे नहीं कर सकेंगे कि कभी भी उनकी जानकारी सार्वजनिक हो सकती है. कुल मिलाकर इस मामले में भी पाकिस्तान चीन के रास्ते पर है. सीमा हैदर को पाकिस्तानी नहीं, बल्कि ये भारतीय क्रिकेटर है 'सबसे ज्यादा पसंद' इलेक्ट्रॉनिक अपराध रोकथाम अधिनियम 2016 के अंतर्गत नए नियम रिमूवल एंड ब्लॉकिंग ऑफ अनलाफुल ऑनलाइन कंटेंट रूल्स 2020 लाए गए हैं. इसके तहत सोशल मीडिया कंपनियों को सरकारी जांच कंपनी की मांग पर कोई भी जानकारी देनी पड़ सकती है. इसमें बेहद निजी जानकारियां जैसे ग्राहक की सूचना और यहां तक कि उसकी सारी बातचीत भी शामिल है. अब ऐसे में ग्राहक सोशल मीडिया के इस्तेमाल से परहेज करेंगे. यही देखते हुए सोशल नेटवर्किंग कंपनियां जमकर बवाल कर रही हैं. फेसबुक, गूगल और ट्विटर ने मिलकर इस पर एतराज दिखाते हुए कहा कि यही चलता रहा तो उन्हें पाकिस्तान से अपना बोरिया-बिस्तरा समेटने की तैयारी करनी होगी. नए डिजिटल नियम के पालन के लिए सारी सोशल नेटवर्किंग कंपनियों को पाकिस्तान में एक कार्यालय बनाना होगा, जहां के अधिकारी को पाकिस्तान की सरकार चाहे जब तलब कर सके. ये भी पढ़ेंः क्या है मेघालय के घने जंगलों में हरी-नीली रोशनी वाले मशरूमों का रहस्य? बता दें कि इसके लिए सरकार ने उन कंपनियों से कहा है, जिसके देश में 50 लाख से ज्यादा ग्राहक हों. ऐसी कंपनियों को इस्लामाबाद में अपना दफ्तर रखना होगा और समय-समय पर सरकार से बात करनी होगी. वहीं अगर कोई बात सरकार के कायदे के मुताबिक न हो तो कंपनी पर लगभग 50 करोड़ रुपये का जुर्माना हो सकता है. इस नियम पर पहले ही फरवरी में ड्राफ्ट पर बात हो चुकी है, जिस पर ऑफिस बनाने से कंपनियों ने इनकार कर दिया. इसके अलावा भी पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन अथॉरिटी के कई नियम काफी अजीब हैं, जिनका पालन करना मुश्किल हो सकता है. जैसे फिलहाल सोशल मीडिया पॉलिसी के अनुसार अगर कोई आपत्तिजनक कंटेट पोस्ट हो जाता है तो उसे हटाने के लिए 24 घंटे का समय मिलता है ताकि पूरी जांच के बाद हटाया जा सके. वही पीटीए ने इमरजेंसी में सूचना हटाने के लिए 6 घंटे का समय दिया है. इसके बाद भी लंबा-चौड़ा जुर्माना भरना पड़ सकता है. ये भी पढ़ेंः क्या है अराकान आर्मी, जो चीन की शह पर भारत के काम में अड़ंगा डाल रही है? सबसे ज्यादा बवाल ग्राहकों की जानकारी को सरकार को उपलब्ध कराने की बात पर हो रहा है. समा टीवी में इस बारे में आई रिपोर्ट के मुताबिक टेलीकॉम कंपनी अगर चाहे तो कंपनी को उपभोक्ता की सारी डिटेल देने को कह सकती है. जैसे अब तक वॉट्सऐप चैट एंड-टू-एंड एनक्रिप्टेड होते रहे लेकिन अगर पाकिस्तान का ये नियम लागू हो सका तो उपभोक्ता की जानकारी निजी नहीं रह सकेगी. इसके लिए सोशल मीडिया कंपनियों को अपना डाटा सेंटर पाकिस्तान में बनाने को कहा जा रहा है. चीन तो पाकिस्तान से भी आगे है. वहां सोशल मीडिया की ग्लोबल साइट्स पर पहले से ही बैन लगा हुआ है. इसकी तोड़ के तौर पर तकनीक में बेहद माहिर चीनियों ने अपनी ही सोशल नेटवर्किंग साइट्स बना डाली हैं. ये भी पढ़ेंः क्या बाइडन का आना कट्टर मुल्क ईरान को इजरायल पर हमले की छूट दे देगा? यही कारण है कि वहां फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सऐप सबकी नकल हाजिर है, जो वहां काफी लोकप्रिय है. जैसे वीबो चीन का अपना सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है. यह ट्विटर और फेसबुक का मिलाजुला रूप है. इसी तरह से गूगल की जगह एक दूसरा सर्च इंजन है, जिसके बाइडू कहते हैं. साल 2005 में चीन में गूगल की एंट्री हुई थी लेकिन 2009 खत्म होते-होते चीन ने इसे सेंसर कर दिया और बाइडू ले आया. और तो और, सुरक्षा का हवाला देकर उसने ट्विटर को भी बैन कर रखा है. .
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बार फिर देश को 'मन की बात' कार्यक्रम के माध्यम से संबोधित कर रहे हैं। हर महीने के आखिरी रविवार को डीडी चैनलों और आकाशवाणी पर प्रसारित होने वाले मन की बात कार्यक्रम का ये 91वां एपिसोड है। इसी बीच पीएम मोदी ने कहा कि, इस बार 'मन की बात' हमारे लिए बहुत खास कार्यक्रम है। इसका कारण ये है कि, इस बार का स्वतंत्रता दिवस पर भारत अपनी आज़ादी के 75 वर्ष पूरे करने जा रहा है। हम सभी बहुत अद्भुत और ऐतिहासिक पल के गवाह बनने जा रहे हैं। हम सब को ईश्वर ने ये बहुत बड़ा सौभाग्य दिया है। वहीं, पीएम मोदी ने शहीद उद्यम सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि, आज के ही दिन हम सभी देशवासी, शहीद उद्यम सिंह जी की शहादत को नमन करते हैं। मैं ऐसे अन्य सभी महान क्रांतिकारियों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। पीएम मोदी ने मन की बात में आगे कहा कि मुझे ये देखकर काफी खुशी मिलती है कि आज़ादी का अमृत महोत्सव एक जन आंदोलन का रूप ले रहा है। देश के सभी इलाकों में समाज के हर वर्ग के लोग इससे जुड़े हुए अलग-अलग कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं। इसी दिशा में जुलाई महीने में एक बहुत ही रोचक प्रयास किया गया है, जिसका नाम है आज़ादी की रेलगाड़ी और रेलवे स्टेशन। इसका टारगेट है कि लोग आज़ादी की लड़ाई में भारतीय रेल की भूमिका को जानें। पीएम मोदी ने कहा कि, झारखंड के गोमो जंक्शन को अब आधिकारिक रूप से नेताजी सुभाष चंद्र बोस जंक्शन गोमो के नाम से जाना जाता है। देशभर के 24 राज्यों में फैले ऐसे 75 रेलवे स्टेशनों की पहचान की गई है। इन 75 स्टेशनों को बहुत ही खूबसूरती से सजाया जा रहा है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव को मध्यनजर रखते हुए कहा कि, 13 अगस्त से 15 अगस्त तक देश में एक विशेष अभियान 'हर घर तिरंगा' का आयोजन किया जा रहा है। आप सभी देश वासियो से आग्रह करता हूं कि इस अभियान का हिस्सा बनकर 13 से 15 अगस्त तक आप अपने घर पर तिरंगा जरूर फहराएं।
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चंडीगढ़ : हरियाणा में विपक्षी राजनीतिक दल इनेलो को अलविदा करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को हथीन के विधायक केहर सिंह रावत भी इनेलो को अलविदा करते हुए भाजपा में शामिल हो गए। एक सप्ताह में यह दूसरा मौका है जब इनेलो विधायक ने पार्टी को अलविदा करते हुए भाजपा का दामन थामा है। रावत के अलावा पैरालंपिक चैंपियन दीपा मलिक ने भी आज भाजपा में शामिल होने का ऐलान कर दिया। हथीन से इनेलो विधायक केहर सिंह रावत को लेकर भी पिछले कई दिनों से अटकलों का दौर चल रहा था। रावत की गिनती रणबीर सिंह गंगवा और फरीदाबाद एनआईटी के विधायक नगेंद्र भड़ाना के गुट में होती रही है। हालही में हुए विधानसभा सत्र के दौरान भी कई मुद्दों पर अभय चौटाला व केहर सिंह रावत के बीच मतभेद उजागर हुए हैं। गंगवा के भाजपा में शामिल होने के बाद यह अटकलें लगाई जा रही थी कि इनेलो के दो अन्य विधायक भाजपा में शामिल होने की तैयारी में है। जिसके चलते आज केहर सिंह रावत ने पार्टी प्रभारी अनिल जैन और प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला की मौजूदगी में भाजपा में शामिल होने का ऐलान कर दिया। केहर सिंह रावत 2014 में इनेलो की तरफ से विधायक चुने गए थे। इससे पिछला चुनाव भी केहर सिंह रावत ने इनेलो की टिकट पर लड़ा था लेकिन 18. 91 फीसदी वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे। 2014 में केहर सिंह रावत ने बीजेपी के हर्ष कुमार को हराया था। इसी दौरान पैरा ओलंपियन दीपा मलिक भी बीजेपी में शामिल हुई। दीपा मलिक ने बताया कि पिछले 70 सालों में खिलाडिय़ों के लिए काम नहीं किया जितना मोदी सरकार ने पांच साल में किया है। उन्होने कहा कि मेरा परिवार सेना से जुड़ा परिवार रहा है और अब वह बीजेपी सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर बीजेपी में शामिल हो रही हैं। इस अवसर पर बोलते हुए केहर ङ्क्षसह रावत ने कहा कि वह प्रदेश व केंद्र सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर ही भाजपा में शामिल हुए हैं। भाजपा में शामिल होने के लिए उनका किसी तरह का कोई समझौता नहीं हुआ है। इस अवसर पर भाजपा प्रभारी अनिल जैन ने केहर सिंह रावत का स्वागत करते हुए कहा कि भाजपा में उन्हें उचित मान-सम्मान दिया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी द्वारा बिना किसी भेदभाव के हरियाणा में करवाए गए विकास का परिणाम है कि आज विरोधी राजनीतिक दलों के नेता पार्टी में शामिल हो रहे हैं। (राजेश जैन)
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जयपुर के श्री पं० भगवान दास जैन उन चुने हुए विद्वानों में से हैं, जिन्होंने भारतीय स्थापत्य और वास्तु शिल्प के अध्ययन में विशेष परिश्रम किया है । सन् १९३६ में ठक्कुरफेरु विरचित 'वास्तु - सारप्रकरण' नामक वास्तु संबंधी महत्वपूर्ण प्राकृत ग्रन्थ को मूल हिन्दी भाषान्तर और अनेक चित्रों के साथ उन्होंने प्रकाशित किया था। उस ग्रन्थ को देखते ही मुझे निश्चय हो गया कि पं० भगवान् दास ने परम्परागत भारतीय शिल्प के पारिभाषिक शब्दों को ठीक प्रकार समझा है और उन पारिभाषाओं के आधार पर वे मध्य कालीन शिल्प-ग्रन्थों के सम्पादन और व्याख्यान के सर्वथा अधिकारी विद्वान् हैं। शिल्प शास्त्र के अनुसार निर्मित मन्दिरों या देव प्रासादों के वास्तु की भी वे बहुत अच्छी व्याख्या कर सकते हैं, इसका अनुभव मुझे तब हुम्रा जब कई वर्ष पूर्व उन्हें साथ लेकर में आमेर के भव्य मन्दिरों को देखने गया और वहां पण्डितजी ने प्रासाद के उत्सेध या उदय संबंधी भिन्न भिन्न भागों का प्राचीन शब्दावली के साथ विवेचन किया । इस प्रकार की योग्यता रखने वाले विद्वान् इस समय विरल ही हैं। भारतीय शिल्प - शास्त्र के जो अनेक ग्रन्थ विद्यमान हैं उनकी प्राचीन शब्दावली से मिलाकर अद्यावधि विद्यमान मंदिरों के वास्तु-शिल्प की व्याख्या, यह एक अत्यन्त आवश्यक कार्य है । जिस की पूर्ति वर्तमान समय में भारतीय स्थापत्य के सुस्पष्ट अध्ययन के लिये आवश्यक है । श्री पं० भगवान दास जैन इस ओर अग्रसर है, इसका महत्वपूर्ण प्रमाण उनका ऊपर किया हुआ। 'प्रासाद- मण्डन' का वर्तमान गुजराती अनुवाद है। इसमें मूल ग्रन्थ के साथ गुजराजी व्याख्या और अनेक टिप्पणियां दी गई हैं और साथ में विषय को स्पष्ट करने के लिए अनेकवि भी मुद्रित है । 'सूत्रधार मंडन' के विषय में हमें निश्चित जानकारी प्राप्त होती है। वे चित्तौड़ के राणा कुंभकर्ण या कुम्भा ( १४३३-१४६८ ई० ) राज्यकाल में हुए राणा कुम्भा ने अपने राज्य में अनेक प्रकार से संस्कृति का संवर्धन किया। संगीत की उन्नति के लिए उन्होंने प्रत्यन्त विशाल संगीत-राज' ग्रंथ का प्रपन किया। सौभाग्य से यह ग्रन्थ सुरक्षित है और इस समय हिन्दू विश्व विद्यालय की ओर से इसका मुद्रा हो रहा है। राणा कुम्भा ने कवि जयदेव के गीत गोविन्द पर स्वयं एक उत्तम टीका लिखी। उन्होंने ही चित्तौड़ में सुप्रसिद्ध कीर्तिस्तंभ का निर्माण कराया। उनके राज्य में कई प्रसिद्ध शिल्पी थे। उनके द्वारा राणा ने अनेक वास्तु और स्थापत्य के कार्य संगदित कराए । 'कीर्तिस्तम्भ के निर्माण का कार्य सूत्रधार 'जइता' और उसके दो पुत्र सूत्रधार नापा और पूजा ने १४४२ से १४४८ तक के समय में पूरा किया । इस कार्य में उसके दो अन्य पुत्र पामा और बलराज भी उसके सहायक थे । राणा कुंभा के अन्य प्रसिद्ध राजकीय स्थपति सूत्रधार मण्डन हुए। वे संस्कृत भाषा के भी अच्छे विद्वान् थे। उन्होंने निम्न लिखित शिल्प ग्रन्थों की संस्कृत में रचना की प्रासाद मण्डन, वास्तु मण्डन, रूप मण्डन, राज-बल्लभ मण्डन, देवता मूर्ति प्रकरण, रूपावतार, वास्तुसार, वास्तु शास्त्र । राजवल्लभ ग्रन्थ में उन्होंने अपने संरक्षक सम्राट् राणा कुंभा का इस प्रकार गौरव के साथ उल्लेख किया है १ - श्री रत्नचन्द्र अग्रवाल, १५ वीं शती में मेवाड़ के कुछ प्रसिद्ध सूत्रधार और स्थपति सम्राट् (Some Famous Soulptors & Architects of Mewar --- 15th century A. D. ) इन्डियन हिस्टॉरिकल क्वार्टरली, भाग ३३, अंक ४ दिसम्बर १९५७ पृ० ३२१ - ३३४ मेद्रपाटे नृपकुभक-स्तदंघ्रिराजीवपरागसेवी । समण्डनारूपो भुवि सूत्रधारस्तेनोद्ध तो भूपतिवल्लभोऽयम् ।" { १४-४३ ) रूपमण्डन ग्रन्थ में सूत्रधार मण्डन ने अपने विषय में लिखा है"श्रीमद्देशे मेदपाटाभिधाने क्षेत्राख्योऽभूत् सूत्रधारो वरिष्ठः पुत्री ज्येष्ठो मण्डनस्तस्य तेन प्रोक्त शास्त्रं मण्डनं रूपपूर्वम् । " इससे ज्ञात होता है कि भराडन के पिता का नाम सूत्रधार क्षेत्र था । इन्हें ही ग्रन्य लेखों में क्षेत्राक भी कहा गया है। क्षेत्राक का एक दूसरा पुत्र सूत्रधार नाथ भी था जिसने 'वास्तु मंजरी' नामक ग्रंथ की रचना की। सूत्रधार मण्डन का ज्येष्ठ पुत्र सूत्रधार गोविन्द और छोटा पुत्र सूत्रधार ईश्वर था। सूत्रधार गोविन्द ने तीन ग्रन्थों की रचना की - उद्धार धोरणि कलानिधि और द्वारदीपिका । कलानिधि ग्रन्थ में उसने अपने विषय में संरक्षक राणा श्री राजमल्ल ( राय मल्ल ) के विषय में लिखा है"सूत्रधारः सदाचारः कलाधारः कलानिधिः । दण्डाधारः सुरागारः श्रिये गोविन्दया दिशत् ।। राज्ञा श्री राजमल्ल (न) प्रीतस्यामि (ति) मनोहरे । प्रणम्यमाने प्रासादे गोविन्दः संव्यधादिदम् ।। " (विक्र. सं १५५४ ) राणा कुंभा की पुत्री रमा बाई का एक लेख (विक्रम सं. १५५४) जावर से प्राप्त हुआ है जिसमें क्षेत्राक के पौत्र और सूत्रधार मण्डन के पुत्र ईश्वर ने कमठारणा बनाने का उल्लेख है - "श्री मेदवाटे वरे देशे कुम्भकर नृपगृहे क्षेत्राकसूत्रधारस्य पुत्रो मण्डन आत्मवान् सूत्रधारमण्डन सुत ईशरए कमठार विरचितं । " ईश्वर ने जावर में विष्णु के मन्दिर का निर्माण किया था । इसी ईश्वर का पुत्र सूत्रधार छोतर था जिसका उल्लेख विक्रम सं. १५५६ (१४६६ ई.) के चितौड़ से प्राप्त एक लेख में प्राया है । यह राणा रायमल के समय में उनका राजकीय स्थपति था। इससे विदित होता है कि राणा कुंभा के बाद भी सूत्रधार मण्डन के वंशज राजकीय शिल्पियों के रूप में कार्य करते रहे। उन्होंने ही उदयपुर के प्रसिद्ध जगदीश मंदिर और उदयपुर से चालीस मील दूर कांकरौली में बने हुए राज समुद्र सागर का निर्माण किया । राणा कुंभा के राज्य काल में राणकपुर में सूत्रधार देपाक ने विक्रम सं. १४६६ (१४३६ ई.) में सुप्रसिद्ध जैन मन्दिर का निर्माण किया। कुंभा की पुत्री रमा बाई ने कुभलगढ़ में दामोदर मंदिर के निर्माण के लिये सूत्रधार रामा को नियुक्त किया। सूत्रधार मण्डन को राणा कुंभा का पूरा विश्वास प्राप्त था। उन्होंने कुभलगढ़ के प्रसिद्ध दुर्ग की वास्तु कल्पना और निर्माण का कार्य सूत्रधार मण्डन को सं. १५१५ (१४५८ ई.) में सौंपा । यह प्रसिद्ध दुर्ग श्राज भी अधिकांश में सुरक्षित है और मण्डन की प्रतिभा का साक्षी है । उदयपुर : से १४ मील दूर एकलिंग जी नामक भगवान् शिव का सुप्रसिद्ध मन्दिर है। उसी के समीप एक अन्य विष्णु मन्दिर भी है। श्री रत्नचन्द्र अग्रवाल का अनुमान है कि उसका निर्माण भी सूत्रधार मन्डन ने ही किया १ - गृह और देवालय आदि इमारती काम को अभी भी राजस्थानीय शिल्पी 'कमठार बोलते है । था । उस मंदिर की भित्तियों के बाहर की ओर तीन रथिकाएं हैं। उनमें नृसिंह वराह विष्णुमुखी तीन मूर्तियां स्थापित है। उनकी रचना रूप मण्डन ग्रंथ में वरिंगत लक्षणों के अनुसार ही की गई है। एक अष्टभुजी मूर्ति भगवान् वैकुण्ठ की है । दूसरी द्वादशभुजी मूर्ति भगवान् अनंत की है और तीसरी सोलह हाथों वाली मूर्ति लोक्य मोहन की है इनके लक्षण सूत्रधार मण्डन ने अपने रूपमण्डन ग्रंथ के तीसरे में (श्लोक ५२-६२ दिये हैं। इनके अतिरिक्त मूत्रधार मण्डन ने और भी कितनी ही ब्राह्मण धर्म संबंधी देव मूर्तियां बनाई थीं ! उपलब्ध मूर्तियों की चौकियों पर लेख उत्कीरण हैं। जिनमें मूर्ति का नाम राखा कुंभा का नाम और सं. १५१५-१५१६ की निर्माण तिथि का उल्लेख है। ये मूर्तियां लगभग कुंभलगढ़ दुर्ग के साथ ही बनाई गई थीं । तब तक दुर्ग में किसी मंदिर का निर्माण नहीं हुआ था, अतएव वे एक वट वृक्ष के नीचे स्वाहित कर दो गई थीं । इस प्रकार को छः मातृका मूर्तियां उदयपुर के संग्रहालय में विद्यमान हैं जिन पर इस प्रकार लेख हैं"स्वस्ति श्री सं० १५१५ वर्षे तथा शाके १३८० प्रवतमा फाल्गुन शुदि १२ बुधे पुष्य नक्षत्रे श्री कुंभल मेरु महादुर्गे महाराजाधिराज श्री कुंभकरणं पृथ्वी पुरन्दरेय श्री ब्रह्माणी मूर्तिः अस्मिन् वटे स्थापिता । शुभं भवत ।। श्री ॥ " इसी प्रकार के लेख माहेश्वरी, कौमारी, वैष्णवी, वाराही और ऐन्द्री मूर्तियों की चरण चौकियों पर भी हैं। इसी प्रकार चतुर्विंशति वर्ग को विष्णु मूर्तियों का भी रूप मण्डन में (अध्याय ३, श्लोक १०-२२) विशद न आया है। उनमें से १२ मूर्तियां कुभलगढ़ से प्राप्त हो चुकी हैं जो इस समय उदयपुर के संग्रहालय में सुरक्षित है। ये मूर्तियां भगवान विष्णु के संकर्षण, माधव, मधुसुदन, प्रोज, प्रदयुम्न, केशव, पुरुषोत्तम, अनिरुद्ध, वासुदेव, दामोदर, जनार्दन और गोविन्द रूप की हैं। इनको चौकियों पर इस प्रकार लेख है"स० १५१६ वर्षे शाके १३८२ वर्त्तमाने आश्विन शुद्ध ३ श्री कुंभमेरी महाराज श्री कुंभकरन वटे संकर्षरण मूर्ति संस्थापिता शुभं भवतु ॥ २॥ इन सब मूर्तियों की रचना रूप मण्डन ग्रन्थ में वर्णित लक्षणों के अनुसार यथार्थतः हुई है । स्पष्ट है कि सूत्रधार मण्डन शास्त्र और प्रयोग दोनों के निपुण अभ्यासी थे। शिल्प शास्त्र में वे जिन लक्षणों का उल्लेख करते थे उन्हीं के अनुसार स्वयं या अपने शिष्यों द्वारा देव मूर्तियों की रचना भी कराते जाते थे । किसी समय अपने देश में सूत्रधार मण्डन जैसे सहस्रों की संख्या में लब्ध कीर्ति स्थपति और वास्तु विद्याचार्य हुए । एलोरा के कैलाश मन्दिर, खजुराहो के कंदरिया महादेव, भुवनेश्वर के लिङ्गराज, तंजोर के बृहूदीश्वर, कोरणार्क के सूर्यदेउल आदि एक से एक भव्य देव प्रासादों के निर्माण का श्रेय जिन शिल्पाचार्यों की कल्पना में स्फुरित हुआ और जिन्होंने अपने कार्य कौशल से उन्हें मूर्त रूप दिया वे सचमुच धन्य ये और उन्होंने ही भारतीय संस्कृति के मार्ग दर्शन का शाश्वत कार्य किया । १ - दे० रहनचन्द्र अग्रवाल, राजस्थान की प्राचीन मूर्तिकला में महाविष्णु संबंधी कुछ पत्रिकाएं, शोधपत्रिका, उदयपुर, भाग ६, अंक १ ( पौष, वि० सं० २०१४ ) पृ० ६, १४, १७ ॥ २ - रत्नचन्द्र अग्रवाल रूप मण्डन तथा कुंभलगढ़ से प्राप्त महत्वपूर्ण प्रस्तर प्रतिमाएं, शोध पत्रिका, भाग ८ अंक ३ ( चैत्र, वि० सं० २०१४ ), पृ० १-१२ उन्हीं की परम्परा में सूत्रधार मण्डन भी थे । देव - प्रासाद एवं नृप मंदिर आदि के निर्माण कता सूत्रवारों का कितना अधिक सम्मानित स्थान था यह मराडन के निम्न लिखित श्लोक से ज्ञात होता है"इत्यनन्तरतः कुर्यात् सूत्रधारस्य पूजनम् 1 भूवित्तवस्त्रालङ्कार-महिष्यश्ववाहनैः प्रत्येषां शिल्पिती पूजा कर्त्तव्या कर्मकारिणाम् । स्वाधिकारानुसारेण वस्त्रताम्बूलभोजनैः ॥ काष्ठपाषाणनिर्माण - कारिणो यत्र मन्दिरे । भुञ्जतेऽसौ तत्र सौख्यं शङ्करत्रिदर्शः सह ॥ पुरावं प्रसादजं स्वामी प्रार्थयेत्सूत्रधारतः । सूत्रधारो वदेत् स्वामिनक्षयं भवतात्तव ॥" प्रसादमण्डनः ८८२-८५ अर्थात् निर्माण की समाप्ति के अनन्सर सूत्रधार का पूजन करना चाहिये और अपनी शक्ति के अनुभ सार भूमि, सुत्र, बस्त्र, अलङ्कार के द्वारा प्रधान सूत्रधार एवं उनके सहयोगी अन्य शिल्पियों का सम्मान करना आवश्यक है । जिस मन्दिर में शिला या काष्ठ द्वारा निर्माण कार्य करने वाले शिल्पी भोजन करते हैं वहीं भनवान् शंकर देवों के साथ विराजते हैं। प्रासाद या देव मन्दिर के निर्माण में जो पुराय है उस पुराय की प्राप्ति के लिये सूत्रधार से प्रार्थना करनी चाहिए, 'हे सूत्रधार, तुम्हारी कृपा से प्रासाद निर्माण का पुराय मुझे प्राप्त हो ।' इसके उत्तर में सूत्रधारक कहे - हे स्वामिन् ! सब प्रकार आप की अक्षय वृद्धि हो । सुत्रधार के प्रति सम्मान प्रदर्शन की यह प्रथा लोक में आजतक जीवित है, जब सूत्रधार शिल्पी नूतन गृह का द्वार रोककर स्वामी से कहता है 'आजतक यह गृह मेरा था, अब आज से यह तुम्हारा हुआ ' उसके अनन्तर गृह् स्वामी सूत्रधार को इष्ट-वस्तु देकर प्रसन्न करता है और फिर गृह में प्रवेश करता है । सूत्रधार मण्डन का प्रासाद - मण्डन ग्रन्थ भारतीय शिल्प ग्रन्थों में महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है । भण्डन ने ग्राठ अध्यायों में देव- प्रासादों के निर्माण का स्पष्ट और विस्तृत वर्णन किया है । पहले प्रध्याय में विश्व कर्मा को सृष्टि का प्रथम सूत्रधार कहा गया है। गृहों के विन्यास और प्रवेश की जो धार्मिक विधि है, उन सब का पालन देवायतनों में भी करना उचित है । चतुर्दश श्लोकों में जिन जिन प्रासादों के आकार देवों ने शंकर की पूजा के लिए बनाये उन्हीं की अनुकृति पर १४ प्रकार के प्रासाद प्रचलित हुए। उनमें देश-भेद से प्रकार के प्रासाद उत्तम जाति के माने जाते हैं. नागर, द्राविड़, भूमिज, लतिन, सावन्धार ( सान्धार ), विमान-नागर, पुष्पक और मिश्र लतिन सम्भवतः उस प्रकार के शिखर को कहते थे जिसके उरटंग में लता की प्रकृति का उठता हुम्रा रूप बनाया जाता था । शिखरों के ये भेद विशेषकर शृंग और तिलक नामक अलंकरणों के विभेद के कारण होते हैं। प्रासाद के लिए भूमि का निरूपण आवश्यक है। जो भूमि चुनी जाय उसमें ६४ या सौ पद या घर बनाने चाहिए । प्रत्येक घर का एक-एक देव होता है जिसके नाम से बह पद पुकारा जाता है। मंदिर के निर्माण में नक्षत्रों के शुभाशुभ का भी विचार किया जाता है। यहां तक कि निर्माण कर्ता के अतिरिक्त स्थापक अर्थात् स्थपति और जिस देवता का मन्दिर हो उनके भी नवाज नाड़ी वेध का मिलान आवश्यक माना गया है। काष्ठ, मिट्टी, ईंट, शिला, धातु और रत्न इन उपकरणों से मंदिर बनाए जाते हैं, इनमें उत्तरोत्तर का अधिक पुण्य है। पत्थर के प्रासाद का फल अनंत कहा गया है। भारतीय देव प्रासाद अत्यन्त पवित्र कल्पना है। विश्व को जन्म देने वाले देवाधिदेव भगवान का निवास देवगृह या मंदिर में माना जाता है। जिसे वेदों में हिरण्यगर्भ कहा गया है वही देव मंदिर का गर्भगृह है। सृष्टि का मूल जो प्राण तत्त्व है उसे ही हिरराय कहते हैं। प्रत्येक देव प्राणतत्त्व है, वही हिरण्य है । "एकं सद्विप्राः बहुधा वदन्ति" के अनुसार एक ही देव अनेक देवों के रूप में अभिव्यक्त होता है। प्रत्येक देव हिरण्य की एक - एक कला है अर्थात् मूलभूत प्रारग तत्त्व की एक-एक रश्मि है। मंदिर का जो उत्सेध या ब्रह्म सूत्र है वही समस्त सृष्टि का मेरु या यूप है । उसे ही वेदों में 'बाण' कहा गया है। एक बाख वह है जो स्थूल दृश्य सृष्टि का आधार है और जो पृथिवी से लेकर छ लोक तक प्रत्येक वस्तु में प्रोत-प्रोत है। द्यावा पृथिवी को वैदिक परिभाषा में रोदसी ब्रह्माण्ड कहते हैं । इस रोदसी सृष्टि में व्याप्त जो ब्रह्मसूत्र है वही इसका मूलावार है । उसे ही वैदिक भाषा में 'ओपश' भी कहा जाता है। बाण, प्रोपश, मेरु, ब्रह्मसूत्र ये सब समानार्थक हैं और इस दृश्य जगत् के उस प्राधार को सूचित करते हैं जिस ध्रुव बिन्दु पर प्रत्येक प्राणी अपने जीवन में जन्म से मृत्यु तक प्रतिष्ठित रहता है । यह मनुष्य शरीर और इसके भीतर प्रतिष्ठित प्राणतत्त्व विश्वकर्मा की सबसे रहस्यमयी कृति है। देव मंदिर का निर्माण भी सर्वथा इसी की अनुकृति है। जो चेतना या प्राण देव-विग्रह या देवमूर्ति है और मन्दिर उसका शरीर है। प्राण-प्रतिष्ठा से हो पाषाणघटित प्रतिमा देवत्व प्राप्त करती है। जिस प्रकार इस प्रत्यक्ष जगत् में भूमि अन्तरिक्ष प्रौर द्यौः, तीन लोक है, उसी प्रकार मनुष्य शरीर में और प्रासाद में भी तीन लोकों की कल्पना है। पैर पृथिवी हैं, मध्यभाग अन्तरिक्ष है और सिर द्य लोक है । इसी प्रकार मंदिर की जगती या अधिष्ठान पादस्थानीय है, गर्भगृह या मंडोवर मध्यस्थानीय है पौर शिखर द्यलोक या शीर्ष-भाग है। यह त्रिक यज्ञ की तीन प्रस्तियों का प्रतिनिधि है । मूलभूत एक अग्नि सृष्टि के लिये तीन रूपों में प्रकट हो रही है। उन्हें ही उपनिषदों की परिभाषा में मन, प्राण और वाक् कहते हैं । चहां वाक् का तात्पर्य पंचभूतों से है क्योंकि पंचभूतों में प्रकाश सबसे सूक्ष्म है और प्रकाश का गुण शब्द या बाक है। अतएव वाक् को ग्राकाशादि पांचों भूतों का प्रतीक मान लिया गया है। मनुष्य शरीर में जो प्राणाग्नि है वह मन, प्राग और पंचभूतों के मिलने से उत्पन्न हुई है ( एतन्मयो वाऽप्रयमात्मा वाङमयो मनोमयः प्राणमयः शतपथ १४।४।३।१० ) पुरुष के भीतर प्रज्वलित इस अग्नि को ही वैश्वानर कहते हैं ( स एषोऽग्निवैश्वानरो यत्पुरुषः, शतपथ १०।६।१।११ ) । जो वैश्वानर अति है वही पुरुष है। जो पुरुष है वही देव-विग्रह या देवमूर्ति के रूप में दृश्य होता है । मूर्त और अमूर्त, निसक्त और घनिसक्त ये प्रजापति के दो रूप हैं। जो मूर्त है वह त्रिलोको के रूप में दृश्य और परिमित है । जो प्रमूर्त है वह अव्यक्त और अपरिमित है । जिसे पुरुष के रूप में वैश्वानर कहा जाता है वही समष्टि के रूप में पृथिवी अंतरिक्ष और द्यलोक रूप "स यः स वैश्वानरः । इमे स लोकाः । इयमेव पृथिवी विश्वमग्निर्नरः । अंतरिक्षमेव विश्वं वाघुर्नरः । यौरेव विश्वमादित्यो नरः । शतपथ ६।३।११३ ।" इस प्रकार मनुष्य देह, अखिल ब्रह्माण्ड और देव प्रासाद इन तीनों का स्वरूप सर्वथा एक-दूसरे के साथ संतुलित एवं प्रतीकात्मक है । जो पिण्ड में है वही ब्रह्माण्ड में है और जो उन दोनों में हैं उसीका मूर्तरूप देव-प्रासाद है। इसी सिद्धान्त पर भारतीय देव मंदिर की ध्रुव कल्पना हुई है। मंदिर के गर्भ गृह में जो देव विग्रह है वह उस प्रतादि प्रनन्त ब्रह्म तत्व का प्रतीक है जिसे वैदिक भाषा में प्रारण कहा गया है । जो सृष्टि से पूर्व में भी था, जो विश्व के रोम-रोम में व्याप्त है, वही प्रारण सबका ईश्वर है । सब उसके वश में हैं। सृष्टि के पूर्व की अवस्था में उसे असत् कहा जाता है और सृष्टि की अवस्था में उसे ही सत् कहते हैं । देव और भूत ये हो दो तत्त्व हैं जिनसे समस्त विश्व विरचित है। देव, प्रमृत, ज्योति प्रौर सत्य है । भूत मर्त्य, तम और अतृत हैं। भूत को ही असुर कहते हैं । हम सबकी एक ही समस्या है अर्थात् मृत्यु, तम और असत्य से अपनी रक्षा करना और अमृत, ज्योति एवं सत्य की शरण में जाना । यही देव का प्राश्रम है। देव की शरणागति मनुष्य के लिए रक्षा का एक मात्र मार्ग है । यहाँ कोई प्राणी ऐसा नहीं जो मृत्यु और अन्धकार से बचकर प्रमृत और प्रकाश की आकांक्षा न करता हो अतएव देवाराधन ही मर्त्य मानव के लिये एकमात्र श्रेयपथ है । इस तत्त्व से ही भारतीय संस्कृति के वैदिक युग में यज्ञ संस्था का जन्म हुआ। प्राणाग्नि की उपासना ही यज्ञ का मूल है । त्रिलोकी या रोदसी ब्रह्माण्ड की मूलभूत शक्ति को रद्र कहते हैं । 'अग्निवै'रुद्रः' इस सूत्र के अनुसार जो प्राणाग्नि है वही रद्र है । 'एक_एवानिर्बहुधा समिद्धः' इस वैदिक परिभाषा के अनुसार जिस प्रकार एक मूलभूत अग्नि से अन्य अनेक अग्तियों का समिन्धन होता है उसी प्रकार एक देव अनेक देवों के रूप में लोक मानस की कल्पना में आता है। कौन देव महिमा में अधिक है. यह प्रश्न हो असंगत है । प्रत्येक देव प्रमृत का रूप है । वह शक्ति का अनन्त अक्षय स्रोत है । उसके विषय में उत्तर और अधर या बड़े-छोटे के तारतम्य की कल्पना नहीं की जा सकती । देव तत्त्व मूल में अव्यक्त है । उसे ही ध्यान की शक्ति से व्यक्त किया जाता है। हृदय की इस अदभुत शक्ति को ही प्रेम या भक्ति कहते हैं । यज्ञ के अनुष्ठान में और देवप्रासादों के अनुष्ठान में मूलतः कोई अन्तर नहीं है। जिस प्रकार यज्ञ को त्रिभुवन को नाभि कहा जाता था और उसकी अग्नि जिस वेदि में प्रज्वलित होती थी उस वेदि को अनादि अनंत पृथ्वी का केन्द्र मानते थे, उसी प्रकार देव मन्दिर के रूप में समष्टि विश्व व्यस्टि के लिये मूर्त बनता है और जो समष्टि का सहस्र शीर्षा पुरुष है वह व्यष्टि के लिये देव-विग्रह के रूप में मूर्त होता है । यज्ञों के द्वारा देव तत्व की उपासना एवं देव प्रासादों के द्वारा उसी देव तत्व की आराधना ये दोनों ही भारतीय संस्कृति के समान प्रतीक थे। देव मंदिर में जो मूत्त विग्रह को प्रदक्षिणा या परिक्रमा को जाती है उसका अभिप्राय भी यही है कि हम अपने प्रापको उस प्रभाव क्षेत्र में लीन कर देते हैं जिसे देव की महान् प्राणशक्ति या महिमा कहा जा सकता है । उपासना या आराधना का मूलतत्व यह है कि मनुष्य स्वयं देव हो जाय । जो स्वयं प्रदेव है अर्थात् देव नहीं बन पाता वह देव की पूजा नहीं कर सकता । मनुष्य के भीतर प्राण और मन ये दोनों देव रूप ही हैं। इनमें दिव्य भाव उत्पन्न करके ही प्राणी देव की उपासना के योग्य बनता है । . जो देव तत्त्व है वही वैदिक भाषा में अग्नि तत्त्व के नाम से अभिहित किया जाता है । कहा है ---- 'अग्निः सर्वा देवता' अर्थात् जितने देव हैं अग्नि सत्रका प्रतीक है । अग्नि सर्वदेवमय है। सृष्टि की जितनी दिव्य या समष्टिगत शक्तियां हैं उन सबको प्राणाग्नि इस मनुष्य देह में प्रतिष्ठित रखती है । इसी तत्व को लेकर देव प्रासादों के स्वरूपका विकास हुआ। जिस प्रकार यज्ञवेदी में अग्नि का स्थान है उसी प्रकार देव की प्रतिष्ठा के लिए प्रासाद की कल्पना है । देव तत्त्व के साक्षात्कार का महत्वपूर्ण सिद्धान्त यह है कि प्रत्येक प्राणी उसे अपने ही भीतर प्राप्त कर सकता है । जो देव द्यावा पृथिवी के विशाल अंतराल में व्याप्त है वही प्रत्येक प्राणी के अंतःकरण में है। जैसा कालिदास ने कहा है६
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नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बीच चलने वाली मेट्रो का इंतजार लगातार बढ़ता जा रहा है। मेट्रो के निर्माण के लिए कंपनी का चयन करने के लिए तीसरी बार निकाला गया टेंडर भी निरस्त हो गया। अब चौथी बार इसके लिए टेंडर डाला जाएगा। यह योजना पिछले डेढ़ साल से टेंडर प्रक्रिया में ही उलझी हुई है, जबकि इसकी घोषणा के साथ ही इसे 2022 में प्रारम्भ करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन अभी तक इस पर काम भी शुरू नहीं हो सका है। नोएडा सेक्टर-51 से ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-5 तक मेट्रो लाइन जानी है। तय कार्यक्रम के अनुसार, पहले चरण में सेक्टर-2 तक मेट्रो जाएगी। इसमें पांच स्टेशन सेक्टर-122, 123, सेक्टर-4 ग्रेटर नोएडा वेस्ट, सेक्टर-12 इकोटेक और सेक्ट-2 ग्रेटर नोएडा वेस्ट होंगे। नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एनएमआरसी) ने मई 2020 में पहली बार टेंडर जारी किए थे। जुलाई में खोले गए टेंडर में आईं तीन कंपनियों के कागजातों में कमी मिली थी। इसके बाद फिर से नए सिरे से टेंडर जारी किए गए लेकिन कंपनियों का चयन नहीं हो सका। नवंबर महीने में तीसरी बार टेंडर जारी किया गया। यह टेंडर 18 दिसंबर को खोला गया, लेकिन अब एक दिन पूर्व इस टेंडर को भी निरस्त करने की घोषणा कर दी गई है। अब इसके लिए चौथी बार टेंडर डाले जाएंगे। इस मेट्रो के लिए पहली बार जारी किए गए टेंडर में इसकी लागत 430 करोड़ 69 लाख रुपये रखी गई थी, लेकिन बाद में इसके डिजाइन में कुछ बदलाव किए जाने से इसकी लागत भी बढ़ गई और अब तीसरी बार जारी किए गए टेंडर में सिविल के काम की लागत बढ़ाकर 491 करोड़ रखी गई थी और तय शर्त के अनुसार जो भी कंपनी निर्माण का जिम्मा लेती उसे 20 माह में निर्माण कार्य को पूरा करना होता। नोएडा में चल रही मेट्रो के स्टेशन अभी तक सिर्फ एक मंजिल ही हैं, लेकिन नोएडा-ग्रेनो वेस्ट में चलने वाली मेट्रो के स्टेशन भी अलग ही होंगे और इनका निर्माण चार मंजिल तक किया जा सकेगा। इसका उल्लेख तीसरे टेंडर में भी किया गया था। एनएमआरसी द्वारा जारी टेंडर के अनुसार इन स्टेशनों का निर्माण प्रथम, द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ मंजिल तक किया जा सकेगा। इसके निर्माण का जिम्मा लेने वाली कंपनी को दूसरे तल तक ही निर्माण करना था और उसके ऊपर के दो तलों का निर्माण बीओटी आधार पर किया जाना था। इसका निर्माण करने वाले के द्वारा ही इसका संचालन किया जाएगा। यहां पर दुकानें, बैंक्वेट हॉल, रेस्टोरेंट आदि का निर्माण किया जा सकेगा। नोएडा-ग्रेनो वेस्ट मेट्रो का टेंडर तीसरी बार भी निरस्त हो जाने पर सोशल मीडिया पर भी सवाल उठ रहे हैं। नेफोवा के मनीष की ओर से टेंडर के निरस्तीकरण की सूचना को पोस्ट कर सीईओ प्राधिकरण, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव आदि से सवाल किया गया है कि नोएडा और ग्रेनो वेस्ट को जोड़ने वाली महत्वकांक्षी मेट्रो विस्तार परियोजना की निविदा लगातार तीसरी बार निरस्त। आखिर इस परियोजना में इतना विलम्ब क्यों? इस पोस्ट पर अनेक लोगों ने कमेंट कर सवाल भी उठाए हैं और कहा है कि मेट्रो की घोषणा का लाभ बिल्डरों ने ले लिया और अब मेट्रो के ना चल पाने से यहां पर रहने वाले लोगों की परेशानियां बढ़ रही हैं। नोएडा-ग्रेनो वेस्ट के बीच चलने वाली मेट्रो की डीपीआर को अभी तक केंद्र से मंजूरी नही मिल पाई है। इस वजह से भी काम शुरू होने में अटकाव है। यूपी सरकार से मंजूरी मिल चुकी है। एनएमआरसी के अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि जल्द केंद्र से मंजूरी मिल जाएगी।
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ऑस्ट्रेलिया ने वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में जीत के लिये 444 रन का रिकॉर्ड लक्ष्य दिया.ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी आठ विकेट पर 270 रन के स्कोर पर घोषित की. एलेक्स कैरी ने 105 गेंद में 66 और मिचेल स्टार्क ने 47 गेंद में 51 रन बनाये. दोनों ने सातवें विकेट के लिये 120 गेंद में 93 रन की साझेदारी की. ऑस्ट्रेलिया द्वारा दिए गए 444 रनों के विशाल टारगेट के जवाब में भारत ने चौथे दिन का खेल खत्म होने तक दूसरी पारी में 4 विकेट खोकर 164 रन स्कोरबोर्ड पर लगा दिए हैं. विराट कोहली 60 गेंदों पर 7 चौकों की मदद से 44 रन बनाकर नाबाद लौटे. अजिंक्य रहाणे भी 20 रन बनाकर क्रीज पर हैं. विराट कोहली ने अपनी इस 44 रनों की पारी के दौरान रिकॉर्ड्स की झड़ी लगा दी. विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीनों फॉर्मेट में कुल मिलाकर 5000 रन बनाने का कारनामा कर दिया है. ऐसा करने वाले वह सिर्फ दूसरे बल्लेबाज हैं. कोहली से पहले सचिन ने ये मुकाम हासिल किया था. कोहली एक टीम के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिकेट में 5 हजार रन का आंकड़ा छूने वाले सिर्फ तीसरे बल्लेबाज हैं. कोहली से पहले डॉन ब्रैडमैन ने ऑस्ट्रेलिया केे खिलाफ जबकि सचिन तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के खिलाफ ये बड़ी उपलब्धि हासिल की थी. - डॉन ब्रैडमैन बनाम इंग्लैंड (5028) - सचिन तेंदुलकर बनाम ऑस्ट्रेलिया (6707) - सचिन तेंदुलकर बनाम श्रीलंका (5108) - विराट कोहली बनाम ऑस्ट्रेलिया (5003*) यही नहीं, कोहली अब ICC नॉकआउट मैचों में भारत के लिए सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं. उन्होंने महान सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. कोहली ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट और वनडे दोनों में 2000 रन बनाने वाले दुनिया के चौथे बल्लेबाज भी बन गए हैं. इससे पहले ये मुकाम विवियन रिचर्ड्स, डेसमंड हेन्स और सचिन तेंदुलकर ने हासिल किया था. - 657 - सचिन तेंदुलकर (14) - 620 - रोहित शर्मा (17) - 514 - सौरव गांगुली (8) - 458 - युवराज सिंह (14)
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Nigrain Lite डॉक्टर के लिखे गए पर्चे पर मिलने वाली दवा है। यह दवाई टैबलेट में मिलती है। माइग्रेन के लिए मुख्य रूप से इस्तेमाल की जाती है। Nigrain Lite को कितनी मात्रा में लेना है, यह पूर्ण रूप से रोगी के वजन, लिंग, आयु और पिछले चिकित्सकीय इतिहास पर निर्भर करता है। इसकी खुराक मरीज की समस्या और दवा देने के तरीके पर भी आधारित की जाती है। नीचे दिए गए खुराक के खंड में इस बारे में पूरी जानकारी के साथ बताया गया है। इनके अलावा Nigrain Lite के कुछ अन्य दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, जो नीचे दिए गए हैं। सामान्य तौर पर Nigrain Lite के साइड इफेक्ट लंबे समय तक बने नहीं रहते हैं और एक बार जब इलाज खत्म हो जाता है तो ये भी ठीक हो जाते हैं। अगर ये दुष्प्रभाव और ज्यादा बिगड़ जाते हैं या ठीक नहीं होते तो अपने डॉक्टर से तुरंत बात करें। इसके अलावा Nigrain Lite का प्रभाव प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए अज्ञात है और जो महिलाएं बच्चों को दूध पिलाती हैं, उन पर इसका प्रभाव अज्ञात है। इसके अतिरिक्त Nigrain Lite का लिवर, हृदय और किडनी पर क्या असर होता है इस बारे में नीचे Nigrain Lite से जुड़ी चेतावनी के सेक्शन में चर्चा की गई है। अगर आपको पहले से ही कुछ समस्याएं हैं तो इस दवा का उपयोग न करें, इससे दुष्परिणाम हो सकते हैं। डिप्रेशन, पार्किंसन रोग इन समस्याओं के कुछ उदाहरण हैं। आगे ऐसी अन्य समस्याएं भी बताई गई हैं जिनमें Nigrain Lite लेने से आपको दुष्प्रभाव अनुभव हो सकते हैं। Nigrain Lite को कुछ दवाओं के साथ लेने से गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इन प्रतिक्रियाओं की विस्तृत सूची नीचे दी गई है। ऊपर बताई गई सावधानियों के अलावा यह भी ध्यान में रखें कि वाहन चलाते वक्त Nigrain Lite लेना असुरक्षित है, साथ ही इसकी लत नहीं पड़ सकती है। यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Nigrain Lite की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Nigrain Lite की खुराक अलग हो सकती है। क्या Nigrain Lite का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है? गर्भवती महिलाओं पर Nigrain Lite का असर क्या होगा इस बारे में कोई रिसर्च नहीं की गई है। इसलिए इसकी सही जानकारी मौजूद नही है। क्या Nigrain Lite का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है? स्तनपान कराने वाली स्त्रियों पर Nigrain Lite के क्या प्रभाव होंगे। इस बारे में शोध कार्य न हो पान के चलते कुछ नहीं कहा जा सकता है। फिलहाल इसको लेने से पहले डॉक्टर से पूछना जरूरी है। Nigrain Lite का प्रभाव गुर्दे पर क्या होता है? किडनी पर Nigrain Lite के खराब प्रभावों को जाने बिना भी आप इसका सेवन कर सकते हैं, क्योंकि इसका हानिकारक प्रभाव बेहद कम है। Nigrain Lite का जिगर (लिवर) पर क्या असर होता है? Nigrain Lite से लीवर को किसी भी तरह की हानि नहीं पहुंचती है और आपके लीवर पर होने वाले इसके बुरे प्रभाव कम होते है। क्या ह्रदय पर Nigrain Lite का प्रभाव पड़ता है? हृदय पर Nigrain Lite के साइड इफेक्ट दिखाई दे सकते हैं। क्या Nigrain Lite आदत या लत बन सकती है? नहीं, Nigrain Lite को लेने के बाद आपको इसकी आदत नहीं पड़ती है। क्या Nigrain Lite को लेते समय गाड़ी चलाना या कैसी भी बड़ी मशीन संचालित करना सुरक्षित है? नहींं, Nigrain Lite लेने के बाद आपको नींद आने लगेगी और कोई काम ठीक से नहीं कर पाएंगे। क्या Nigrain Lite को लेना सुरखित है? डॉक्टर के कहने के बाद ही Nigrain Lite का सेवन करें। वैसे यह सुरक्षित है। क्या मनोवैज्ञानिक विकार या मानसिक समस्याओं के इलाज में Nigrain Lite इस्तेमाल की जा सकती है? मस्तिष्क विकारों के लिए Nigrain Lite को लेने से कोई फायदा नहीं हो पाता। क्या Nigrain Lite को कुछ खाद्य पदार्थों के साथ लेने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है? Nigrain Lite व खाने को साथ में लेने से क्या प्रभाव होंगे इस बारे में शोध न हो पाने के कारण आंकड़े मौजूद नहीं हैं। जब Nigrain Lite ले रहे हों, तब शराब पीने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है क्या? रिसर्च न होने के कारण Nigrain Lite के नुकसान के विषय में पूर्ण जानकारी मौजूद नहीं है। अतः डॉक्टर की सलाह पर ही इसको लें।
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जब पूरा शरीर फिट होता है, लेकिन हाथ मोटे होते हैं, तो पूरा बॉडी देखने में थोड़ा अजीब लगता है। इसलिए हम आपके लिए लेकर आएं हैं हाथ पतला करने के लिए योगासन। 4 मिनट के इस वीडियो में हम आपको बताएंगे कि किस तरह आप योगा के माध्यम से बहुत आसानी से अपने हाथ की चर्बी को कम कर सकते हैं और अपने हाथों को स्लिम बना सकते हैं। (और पढ़ें - हाथों की चर्बी कैसे कम करें) - इस वीडियो में सबसे पहले स्क्वाट पोजीशन के बारे में बताया गया है। इस पोजीशन को करने के लिए वीडियो में जिस तरह दिखाया गया है उस मुद्रा में आ जाएं और इसका अभ्यास करें। जब हम इस मुद्रा को करते हैं, तो हमें हमारे गर्दन और कंधों पर तनाव महसूस होता है। साथ ही इससे हमारे हाथों की मांसपेशियों पर खिंचाव पड़ता है, जो हाथ की मसल्स को टोन करने में मदद करता है। इसके अलावा इससे कंधे और शरीर के पीछे के भाग के ऊपरी हिस्से में खिचाव आता है, जो इन्हें मज़बूत बनाता है। इस मुद्रा को करते समय भरपूर सांस लेना न भूलें। - इसके बाद अब वो प्लैंक पोजीशन के बारे में बता रहीं है और साथ में पुशअप्स के बारे में भी। इस पोजीशन में सबसे ज़्यादा बल हमारे हाथों पर पड़ता है, जो हाथों का फैट कम करने में बेहद लाभयादक है। साथ ही ये मुद्रा पेट की मांसपेशियों को मज़बूत बनाता है और पीठ व कमर दर्द से भी राहत दिलाता है। इसके अलावा इसे करने से शरीर में लचीलापन भी बढ़ता है। - प्लैंक पोजीशन के बाद वो अधो मुख श्वानासन के बारे में बता रहीं हैं। इस पोजीशन में शरीर का पूरा भार हाथ और पंजो पर होता है। हाथ पर भार होने की वजह से हाथ की मसल्स मज़बूत होती हैं, जिससे हाथ की चर्बी को करने में मदद मिलती है। साथ ही इस मुद्रा को करने से लचीलापन बढ़ता है और शारिरिक क्षमता भी बेहतर होती है। इसके अलावा ये पोजीशन हांड्डियों को मज़बूत बनाती है। इस पोजीशन को करते समय भी भरपूर सांस लेना न भूलें। (और पढ़ें - हाथ की चर्बी कम करने के उपाय)
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काशी शिव जी की नगरी है। कार्तिक पूर्णिमा के दीपोत्सव में देवता भी सहभागी होते है। इसीलिए यह देव दीपावली के रूप में प्रतिष्ठित है। योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से अयोध्या में त्रेता युग के दीपोत्सव की झलक दिखाई दी थी,उसी प्रकार देव दीपावली भी दिव्य और भव्य बन गई। गंगा जी के किनारे अनेक घाट अद्भुत प्रकाश से दैदीप्यमान हो उठे। सब तरफ शम्भू शम्भू नमामि शम्भू का उद्घोष होने लगा। देव दीपावली का यह दृश्य विलक्षण था। नरेंद्र मोदी ने प्रथम दीप प्रज्ज्वलित कर आयोजन का शुभारम्भ किया। इसके साथ ही काशी के आदिकेशव से अस्सी तक सभी घाट क्षण भर में ही असंख्य दीयों की रोशनी से जगमगा उठे। प्रधानमंत्री जी कार्तिक पूर्णिमा एवं देव दीपावली और गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व की बधाई दी। हर हर महादेव के उद्घोष से संबोधन प्रारम्भ किया। कहा कि सौ साल पहले माता अन्नपूर्णा की चोरी हुई मूर्ति वापस आ रही है। हमारे देवी देवताओं की प्राचीन मूर्तियां हमारी विरासत हैं। काशी की विरासत अब लौट रही है। माँ अन्नपूर्णा की कृपा से किसानों को बिचैलियों व उनका शोषण करने वालों से मुक्ति मिल रही है। रेहड़ी पटरी वालों को भी बैंक सहायता प्रदान कर रहे हैं। देश लोकल के लिए वोकल भी हो रहा है। वोकल फॉर लोकल जीवन का हिस्सा बनना चाहिए। सुधारों की सार्थकता सामने आने लगती है,तो विरोध शान्त हो जाता है। गंगा जी काशी विश्वनाथ मन्दिर धाम के निकट आ गई है। काशी का गौरव पुनर्जीवित हो रहा है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने नेतृत्व में एक भारत, श्रेष्ठ भारत का निर्माण हो रहा है। अयोध्या में पांच शताब्दी का सपना साकार हुआ। काशी के आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व को बनाए रखते हुए इसे वैश्विक मंच पर स्थापित किया है। छह वर्षों में मां गंगा को निर्मल एवं अविरल बनाया गया है। अब गंगा जल से आचमन किया जा सकता है। प्रधानमंत्री के प्रयासों से काशी विश्वनाथ व मां गंगा को जोड़ने का कार्य श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर धाम के माध्यम से हजारों साल बाद हो रहा है। प्रयागराज कुम्भ दो सौ देशों के राजदूतों को आमंत्रित कर दुनिया के वैश्विक मंच पर कुम्भ को स्थापित किया गया।
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हॉलीवुड की सुपर सितारा एंजेलिना जोली शौकिया तौर पर गहनों के डिजाइन बनाती हैं और उनका चैरिटी ट्रस्ट इन गहनों को लगभग सौ दुकानों के माध्यम से पूरे विश्व में बेचता है। इसके लाभ से आम जनता की भलाई के काम किए जाते हैं। हाल ही में एंजेलिना के ट्रस्ट ने वर्षों से संकट से जूझते अफगानिस्तान में कन्याओं के लिए एक स्कूल की स्थापना की है और निकट भविष्य में इस तरह के कुछ और स्कूल खोले जाएंगे। विगत वर्ष वे सीरिया के दौरे पर गई थीं और वहां के हालात देख रो पड़ी थीं। ज्ञातव्य है कि एंजेलिना पहले भी अफगानिस्तान का दौरा कर चुकी हैं और राजनीतिक षड्यंत्र के शिकार लोगों से मिल चुकी हैं। यह संभव है कि आहत मानवता के लिए कुछ करने के प्रयास में एक कलाकार की संवेदनाओं को धार मिलती है और इस तरह के अनुभव उनके अभिनय में उनकी मदद करते हैं। इसका यह अर्थ नहीं कि एंजेलिना स्वयं के अभिनय को मांजने के लिए आहत लोगों की मदद करती हैं। नेक इरादों पर संदेह नहीं किया जा सकता। इस प्रकरण में गौरतलब बात यह है कि अमेरिकी सरकार बम बरसाती है और वहां के कलाकार जख्मों पर मरहम लगाते हैं। इसे मिलीभगत का खेल नहीं कह सकते। एंजेलिना के कामों का रिकॉर्ड उनके पक्ष में है। अमेरिका की सरकार अमेरिका के जनसमूह की भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करती। हमारा हॉलीवुड फिल्मों के द्वारा अमेरिका के आम आदमी की पसंद-नापसंद को समझने का तरीका उतना ही गलत होगा, जितना किसी भी देश के द्वारा भारत को उसके सतही सिनेमा से समझने का दावा करना। क्या विगत 65 वर्षों में भारत की सरकारों द्वारा किए गए कार्य भारत के अवाम की आकांक्षा का प्रतिनिधित्व करते हैं। जनता द्वारा चुनी हुई सरकारें जनभावना के अनुरूप आचरण करती हों - यह संदिग्ध है। यह संभव है कि एंजेलिना जोली ने बुश को वोट दिया हो और उसे इसका अफसोस भी न हो, परंतु वे आहत अफगानिस्तान को राहत देने का प्रयास भी करती हैं अर्थात लोकप्रिय लहरों से प्रभावित हमारा राजनीतिक मत हमारी संवेदनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता। चीन का अवाम अपने देश के नेताओं का समर्थन नहीं करता। चीन में युवा वर्ग अंडरग्राउंड क्लब में रॉक संगीत के मजे लेता है, जबकि चीन की कम्युनिस्ट सरकार अमेरिकन जीवन-शैली का विरोध करती है। क्या पाकिस्तान का आम आदमी यह चाहता है कि उसकी सरकार पड़ोसी देश में आतंक मचाने वालों की मदद करे? पाकिस्तान का आम आदमी तो अपने ही देश में हिंसा के तांडव से परेशान है। सारांश यह कि अवाम के मतों से ही चुनी हुई सरकारें, उसी अवाम की संवेदनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करतीं। यह काम साहित्य करता है, विशेषकर कविता करती है। कभी-कभी यह काम सिनेमा भी करता है। कोई भी सरकार के आला अफसर या मंत्री साहित्य से कतई जुड़े नहीं हैं, इसलिए आम आदमी की संवेदना से अनभिज्ञ हैं। इतना ही नहीं तमाम शिक्षण संस्थाओं में साहित्य के छात्रों की संख्या विज्ञान या कॉमर्स के छात्रों से बहुत कम है। शिक्षण संस्थाओं में लोग वही विषय पढ़ते हैं, जिससे उन्हें नौकरियां मिलें या दहेज लाने वाली पत्नियां मिलें। नौकरी और छोकरी सोच का केंद्र हो तो साहित्य भला कौन साधे और क्यों साधे? एंजेलिना जोली ने अपने वक्तव्य में 'चिल्ड्रन ऑफ काइसिस' कहा है अर्थात युद्धरत या लगभग युद्ध जैसे माहौल को भुगतने वाले देशों के बच्चों की उन्हें चिंता है। उनकी सरकार ने इराक या अफगानिस्तान में इतने बम बरसाए हैं कि शायद ही कोई उद्यान वहां सुरक्षित हो या सड़कें सुरक्षित हों। इन मुल्कों में संकट के समय पैदा हुए बच्चे संभवतः चली हुई कारतूस के खोल से खेलते होंगे। उनके खेलने के लिए शायद ही कोई उद्यान बचा हो। उनके फेफड़ों में बारूद भर गई होगी। उनका लालन-पालन ध्वस्त इमारतों के बीच हो रहा है। उन्हें लोरियां सुनने के बदले खतरे के सायरन सुनने पड़े हैं। रोती-बिलखती मां के आंचल में दूध कहां से आता, वे नीर पीकर पल रहे हैं। अगर ये बच्चे जवां होकर स्वयं हथियार हो जाएं तो कोई आश्चर्य नहीं। अमेरिका को नहीं मालूम कि वह क्या बो रहा है? एंजेलिना द्वारा खोले गए स्कूल कोशिश कर सकते हैं कि ये बच्चे हथियार न बनें। एक तरह से वे ध्वस्त तोप के दहाने में चिडिय़ा का घोंसला बनाने का प्रयास कर रही हैं। कविता इस तरह जीवित रहती है। वही मनुष्य का आखिरी संबल है। यह सच है कि कविता से पेट नहीं भरता, परंतु पेट भरने से ही कोई जीता भी तो नहीं। एंजेलिना जोली ने बच्चे गोद भी लिए हैं। प्रचारित तौर पर युवा केंद्रित दुनिया में बच्चों और बूढ़ों के लिए स्थान नहीं होता, परंतु प्रचार कब सच होता है। मानवीय करुणा की धुरी पर ही संसार चल रहा है। इस प्रकरण से यह भी ज्ञात होता है कि अभिनय से प्ाप्त लोकप्रियता का उपयोग सामाजिक कार्यों के लिए कैसे किया जा सकता है। रमेश तलवार के नाटक 'काबुलीवाला की वापसी' में रवींद्रनाथ टैगोर की कहानी 'काबुलीवाला' जिस पर बंगाली और हिंदी में फिल्में बन चुकी हैं, के आगे की घटनाओं की कल्पना है कि किस तरह काबुलीवाला की प्रिय बालिका की डॉक्टर बेटी अफगानिस्तान जाकर घायलों की सेवा करते हुए उस दयामय काबुलीवाले की अपनी बेटी या उसके वंशजों को खोजती है, जिसने उसकी मां के बचपन में अपनी बेटी की छवि देखकर अपार स्नेह दिया था। स्वार्थहीन कार्य अनजान दुर्गम स्थानों पर कोंपलों के रूप में उगते हैं।
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देशभर में आज सिख धर्म के पहले गुरु श्री गुरुनानक देव जी महाराज का 550वां प्रकाश पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। मध्य प्रदेश के होशंगाबाद का प्रकाश पर्व अपने आप में खास मना जाता है। दरअसल, प्राचीन काल में स्वर्ण स्याही से श्री गुरु नानक जी द्वारा लिखी गई अमर गुरुमुखी वाणी जिस ग्रन्थ के 1430 पन्नों में दर्ज है वह ग्रन्थ साहिब नर्मदा किनारे स्थित श्री गुरु ग्रन्थ साहिब गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा में आज भी उपस्थित है। लगभग 350 वर्ष पहले धर्म प्रचार करते हुए होशंगाबाद में आये गुरु नानक जी ने नर्मदा किनारे मंगलवारा घाट पर राजा हुशंगशाह के बगीचे में बहुत ज्यादा समय बिताया था। इस दौरान गुरुवाणी में मिले मन्त्रों को पंजाब के कीरतपुर साहिब के ग्रन्थ साहिब में अंकित किया था। यह सिख समुदाय का दूसरा हस्तलिखत ग्रन्थ है। जिसमें अमिट सवर्ण स्याही बनाने का रहस्य भी उपस्थित है। गुरुद्वारा सेवक राजपाल चड्डा ने बताया कि सन 1718 में इस ग्रन्थ का निर्माण हुआ। इसमें गुरु नानक जी द्वारा बताए गए मन्त्र स्तुति पंजाबी लिपि में दर्ज हैं। जानकार बताते हैं कि यह जगह पाक के करतारपुर से भी ज्यादा जरूरी है। 1430 पन्नों के ग्रन्थ के आखिरी पन्ने में स्वर्ण स्याही बनाने का रहस्य के बारे में बताया गया है। इसमें लिखा है कि स्वर्ण स्याही बनाने के लिए विजय सार की लकड़ी का पानी, कीकर की गोंद, काजल को तांबे के बर्तन में रखकर बनाया जाता है। ग्रन्थ में नीम की लकड़ी के जरिए इस अमिट स्याही से शब्द उकेरे गए हैं। वहीं, होशंगाबाद के सिख समुदाय के लोगों ने पीएम नरेंद्र मोदी से अपील की है कि जो कोशिश उनके द्वारा करतारपुर कॉरिडोर खोलने के लिए किए गए वही कोशिश होशंगाबाद में ऐतिहासिक भव्य गुरुद्वारा खोलने के लिए किया जाए।
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