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शोधक विवेकीका नहीं. २ अयुक्त, असंभव वा साध्य दृष्टांतोंका उपयोग करना - जेसे पंचदशीके ध्यानदीपमें गोदावरी आदि नदियोंके स्नानसे पापकी निवृत्तिका दृष्टांत दिया हे, - अजामेल ओर रावणादिको अन्यथा मोक्ष मिलना मानके उदाहरण दिया हे अथवा बाजीगरके बनाये हुये छुहारेके वृक्षको मिथ्या मानना कल्पितकी निवृत्ति अधि ष्ठानरूप मानना अर्थात् भगेर (दीपडे) में कुत्तेकी भ्रांति ओर उस कल्पित ( कुत्ते ) की निवृत्ति उसके शत्रु-अधिष्ठान [भ. गेर] के स्वरूप मानना किंवा पंचदशीमें लिखा है कि, 'इ क्षणासे प्रवेशतक ईश्वर कल्पित सृष्टेि, ओर जाग्रतसे मोक्ष प र्यंत जीव कल्पित सृष्टि " अक्रियसे आकाशादिकी त्पत्ति - इत्यादि अयुक्त असंभव वात न हों. ३ पंचदशी वगैरे कितनेक ग्रंथों में जिनको श्रुति वाक्य लिखा है, उनमें बहोत से ऐसे वाक्य हें कि चारों वेदोंमें नहीं. हे; परंतु श्रुतिपद लिखके वाचक वा श्रोतागणको दाबा है. वेसा नहीं हो. ४ युक्तिसे युक्तिका, बुद्धिसे बुद्धिका, विद्याका विद्यासे, अनुभवका अनुभवसे मुकाबला करना योग्य हे. अन्यथा नहीं. इत्यादि वातों का ध्यान रहेगा तो, लोक हितकारी हो पडेगा. निदान जो आपका वोह लेख प्रत्युत्तर, पक्ष रहित, यथार्थ ओर लोक हितकारी होगा, और उसमें अमुक एक दोषकाही निवारण [एक शंका का समाधान नहीं किंतु, सर्व * वासना ज्ञान विना नहीं जाती वामनाके अभाव विना जन्म मरण नहीं टलता ( बेदांत पक्षको संमत्त हे ), वासना जाय ओर ज्ञान न हो वा ज्ञान हो ओर वासना रहे तो मोक्ष नहीं होता अर्थात् उभय हुये मोक्ष होना संभव हे. परंतु युवति भोगे सदा संन्यासी " इत्यादि वातें - वाक्य - प्रचलित हुई, इसको क्या समझें ? निदान एसेवा पु. कि. कु. इ. जै. के गप्पों समान लेख न हो. दोषोंके निवारण पूर्वक सर्व रीतिसे योग्य प्रकार पूर्वक स्वप क्षका प्रतिपादन किया गया होगा; तथा जीवन हे तो, में स्वलेख खंडन- सत्पक्ष मंडन वांचके वा उस लेखकी प्रसि द्धि सुनकं प्रसन्न और उत्तर प्रदका आभारी हूंगा इति. सत्य शोधन जिज्ञामा उत्पादक पूर्वपक्ष समाप्त हुवा. * [नोट] अपनी परीक्षा और शांति होने - इत्यादि कितनेक कारणोंको लेके में (स्त्रवेद्य लक्षणका अपरीक्षक) ने शिष्य समान कितनेक महाशयको पूर्वोक्त टीप सुना के उत्तर मिलने की जिज्ञासाकी; उन में से किसी महात्माने यह उत्तर दिया, "इसका भार वही उठावे कि जिसको भार है, हम नहीं उठा सकते. " एक महात्माने कहा कि " फिलोसोफी ओर खंडन मंडनमें कुछ हाथ नहीं लगता, उन्मत्त, उद्यमहीन, वा बडबाडयोंका काम हे. " दो तीन महापुरुषोंने यह कहा कि "जितना कुछ धर्म पंथ, खंडन मंडन, पक्षपात ओर कृति चलरहे हें, इनसे कुछ हाथ नहीं लगता. विवेक करके, वैराग्यवान होके मन वृत्तिका निग्रह करों, निरुद्ध हुये जो कुछ होगा सो ( अकथ विषय ) आपही मिलजायगा. बाकी सर्व, परमार्थ संबंधी प्रचलित वातें (गप्पे ) हें. ( में, उक्त उत्तरकी रमजों- लक्ष्यभावको नहीं समझा ). एक महाशयने उपनिषद्की स्वतः प्रमाणता, जीव ब्रह्मकी एकता वा भेद, माया अनादिसांत - इन तीन विषय पक्षको छोडके - इनसे उपराम होके शेष कितनीक वातोंका उत्तर दिया; परंतु मेरी बुद्धिमें संतोषकारक नहीं जानपडा, इसलिये नहीं लिखा; विश्वासी, दंभी, वाचाल, शुष्क ज्ञानीजनोंको, प्रसंगोपात प्रासंगिक विषय पूछे जानेपर, उलटा मुझ कुतर्कों मंदमतिके कल्पित (कर्तवी) संतोष- शांतिभी जातेथे. निदान अब सत्य शोधन वा शोधित प्राप्तिक उत्तेजनार्थ प्रसिद्धि में डालनेकी जिज्ञासा रखता हूँ. पूरी हो. इति.
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एक दिन भी यहीं नहीं नाहती। हरदम पर पैसा चाहिये । बन्ने नई भी देते हैं तो उनका मन सलवाता है। वह चुप हो गई। लल्लन याने कोई जवाब नहीं दिया। दोनो अमुसये गाथ-साथ चलते रहे । थोड़ी देर बाद मानती ने जैसे उनका मन टटोलने के लिए कहा- आप ठीक समझे तो थोडा ओर एक मंगे। 'नही नहीं, कल हो चलना ठीक रहेगा। सही कहती हो तुम, मैं खुद भी यही गोच रहा था। उन्होंने कहा और गधे हुए कदमों से चलते रहे । सूरज अपनी किरणों का जाल समेट रहा था। साथ-साथ सिमट रही थी रोशनी, उनकी परछाइयाँ लयी होती जा रही थी, अँधेश घिर आने को तैयारी कर चुका था । 160 तपती धरती का पेड़ उसका दर्द मोतीभाई ने दाहिने हाथ की अगुलियों को तीन बार दरवाजे की दहलीज और तीन हो वार अपने माथे से हुआ। होठो से कुछ बुदबुदाया। वही, जो रोज दुकान खोलने वक्त बुदबुदाया करते है । ताते खोलकर शटर को ऊपर की ओर हल्का-सा धक्का दिया । एक कर्कश आवाज उठी और आसपास की दुकानों में निकलने वाली ऐसी ही आवाज के साथ मिलकर भाग गई । दुकान से गरम-गरम भभका निकला। सोलन, जग और रातभर से कंद हवा वा मिश्रण । मोनीमाई ने नाक के पास हथेली लेजाकर दो बार सू-सू किया आज सूर्य स्वर चल रहा था, सो उमने पहले दाया पाव दुकान पर रखा । बाया पाव उठाया ही था कि पीछे से अभिवादन किया, 'मोतीमाई राम राम ।' 'माली कुत्ते की बौलाद ।' दुकान का माइनवोर्ड एक मिरे से सुलकर नीचे झूल गया था । मोतीभाई जैसे ही दुकान पर चढे कि बोर्ड का किनारा सोपड़ी मे आ टकराया। थोडी देर वह माया पत्रडवर वही खडे रहे, सुरे सुबे विस हरामी का मुह देखा था' अभिवादनवर्त्ता भी अपने मन में यही बात लिये वहा से खिसक गया । मोतीभाई ने स्टूल पर चढकर साइनबोर्ड को पुन यथास्थिति स्थापित किया । बई वर्ष पहले इस पर माफ चमकदार अक्षरों में लिखा रहता था, 'मोनीमाई तालेवाला ।' पर धीरे-धीरे बोटं की हालत भी मोतीमाई की ही तरह मस्ता होनी चली गयो । रग उसडने लगा । जग प्रटने लगा । अक्षराव होने गए । आज अगर बोई मोतीमाई की दुकान वेदल सादनवोद के भरोगे दृढ़ने निव ले तो सारा शहर छान मारने पर भी वह निराम ही होगा। बीच वे दोनों शब्द गायव हो चुके हैं, रह गया है बेवल 'मोतीवाना।' यदि बोई मोती लेने मोतीभाई को दुबान पर पहुंच जाए तो? बाई पाचपुटी उस बोटरिया के एक कोने में विगरे दिखाई
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छत्तीसगढ़ भाजपा का मिशन-2023 शुरू हो गया है। संगठन को मजबूत करने और भूपेश सरकार को आक्रमक रूप से घेरने शीर्ष नेतृत्व ने महत्वपूर्ण पदों पर बदलाव कर दिए। अब प्रदेश संगठन में बदलाव हुए हैं। छत्तीसगढ़ भाजपा का मिशन-2023 शुरू हो गया है। संगठन को मजबूत करने और भूपेश सरकार को आक्रमक रूप से घेरने शीर्ष नेतृत्व ने महत्वपूर्ण पदों पर बदलाव कर दिए। अब प्रदेश संगठन में बदलाव हुए हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने रविवार देर शाम कार्यकारिणी में बदलाव कर दिया। अधिकांश पुराने नेताओं को साइड लगा दिया गया है। सबसे ज्यादा चौंकाने वाला फैसला प्रदेश कोषाध्यक्ष रहे गौरीशंकर अग्रवाल को हटाकर लिया गया है। भाजपा ने प्रदेश युवा मोर्चा में आदिवासी कार्ड खेलते हुए रवि भगत को भारतीय जनता युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। टीम में नए चेहरों को मौका मिला है। जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन के साथ छत्तीसगढ़ियावाद को सबसे ज्यादा महत्व दिया गया है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को देखते हुए बदलाव जारी है। 3 दिन पहले छत्तीसगढ़ भाजपा प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी को बदलकर ओम माथुर को जिम्मेदारी दी गई। इससे पहले छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को बदला गया। अरुण साव को जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष के तौर पर नारायण चंदेल को कमान सौंपी गई है। अब छत्तीसगढ़ भाजपा में पूरी टीम को नए सिरे से गढ़ा गया है। छत्तीसगढ़ में मिशन 2023 की लड़ाई और संगठन को मजबूत करने यह बदलाव हुए हैं। अरुण साव ने प्रदेश पदाधिकारियों, भाजपा मीडिया टीम, सोशल मीडिया टीम, आईटी संयोजक, प्रदेश प्रवक्ता, मोर्चा और प्रकोष्ठों के अध्यक्ष बदल दिए हैं। नए संभागीय प्रभारियों की भी घोषणा की गई है। भाजपा के प्रदेश स्तरीय टीम में 60 प्लस वालों और डॉ. रमन सिंह खेमे के कई नेताओं की छुट्टी कर दी गई है। इस बदलाव के बाद अब जिला संगठनों में बदलाव होंगे। 26 जिलों के अध्यक्षों और जिला महामंत्रियों को बदलने की तैयारी है। भाजपा ने प्रदेश उपाध्यक्ष के लिए शिवरतन शर्मा, निर्मल सिन्हा, मधुसूदन यादव, लखनलाल देवांगन, भूपेन्द्र सवन्नी, सरला कोसरिया, उदेश्वरी पैकरा और लक्ष्मी वर्मा को जिम्मा सौंपी है। प्रदेश महामंत्री के लिए केदार कश्यप, विजय शर्मा, ओपी चौधरी को चुना गया है। प्रदेश महामंत्री संगठन की जिम्मेदारी पवन साय को दी गई है। प्रदेश मंत्री के लिए प्रबल प्रताप सिंह जूदेव, अवधेश चंदेल, जगदीश रोहरा, परमेश्वर राजवाड़े, ओजस्वी मांडवी, किशोर महानंद, श्याम बाई साहू, महेश जैन को चुना गया है। छत्तीसगढ़ भाजपा प्रवक्ता के लिए अजय चंद्राकर मुख्य प्रवक्ता, राजेश मूणत, कृष्णमूर्ति बांधी, रंजना साहू, अनुराग सिंह देव, नीलू शर्मा, संदीप शर्मा, केदारनाथ गुप्ता, देवलाल ठाकुर, दीपक म्हस्के, अमित साहू और नलनिश ठोकने को जिम्मेदारी दी गई है। रायपुर में नंदन जैन को छत्तीसगढ़ बीजेपी का प्रदेश कोषाध्यक्ष बनाया गया है। भाजपा ने संभागीय प्रभारी भी बनाए हैं। संतोष पांडे को बस्तर का संभागीय प्रभारी, भूपेंद्र सवन्नी को दुर्ग संभागीय प्रभारी, किरण देव को बिलासपुर संभागीय प्रभारी, संजय श्रीवास्तव को सरगुजा संभागीय प्रभारी और सौरव सिंह को रायपुर का संभागीय प्रभारी बनाया गया है। भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत को बनाया गया है। प्रदेश महिला मोर्चा की जिम्मेदारी शालिनी राजपूत को दी गई है। प्रदेश अध्यक्ष किसान मोर्चा का जिम्मा पवन कुमार साहू को मिला है। प्रदेश अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग मोर्चा की कमान भरतलाल वर्मा को दी गई है। प्रदेश अध्यक्ष अजजा मोर्चा का अध्यक्ष विकास मरकाम को बनाया गया है। प्रदेश अध्यक्ष अजा मोर्चा की कमान नवीन मार्कंडेय को सौंपी गई है। प्रदेश अध्यक्ष अल्पसंख्यक मोर्चा का जिम्मा शकील अहमद को सौंपा गया है।
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जानकारी के मुताबिक, एलओसी पर कितने जवानों की तैनाती की गई है, इसका कोई सरकारी रिकॉर्ड नहीं मिल पाया लेकिन यह संख्या हजारो में है। जम्मूः भीषण गर्मी के कारण इस बार एलओसी पर बर्फ के तेजी से पिघलने के कारण, घुसपैठ का खतरा भयानक रूप से मंडराने लगा है। अधिकारियों ने इसे माना है कि कश्मीर के कई सेक्टरों से कई दर्जन आतंकी पिछले दिनों घुसने में कामयाब रहे थे और उनके खात्मे के लिए सेना बहुत बडे़ अभियान को भी छेड़ चुकी है। हालांकि कश्मीर की घुसपैठ के बाद आरंभ हुई सैनिक कार्रवाई की सच्चाई यह है कि सेना अभी तक इन आतंकियों को खोज नहीं पाई है। रक्षाधिकारियों के बकौल, ऐसी की घटना पुनः न हो इसके लिए पूरी बर्फ के पिघलने से पहले ही पारंपारिक घुसपैठ के रास्तों पर नजर रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात कर देना जरूरी है। कितने अतिरिक्त सैनिकों को एलओसी और बार्डर पर भेजा गया है कोई आंकड़ा सरकारी तौर पर मुहैया नहीं करवाया गया है पर सूत्र कहते हैं कि ये संख्या हजारों में है। इतना जरूर है कि सेना को एलओसी पर घुसपैठ तथा कश्मीर के भीतर आंतरिक आतंकवाद विरोधी अभियानों के दोहरे मोर्चे पर जूझने के लिए अब सेना सैनिकों की कमी इसलिए महसूस कर रही है क्योंकि उसकी सूचनाएं कहती हैं कि आतंकवादी एकसाथ दोहरा मोर्चा खोल सेना के लिए मुसीबतें पैदा कर सकते हैं। इसकी खातिर सेना को आतंकवाद विरोधी अभियानों में जुटे हुए सैनिकों को भी हटा कर एलओसी पर भेजने की मजूबरी के दौर से गुजरना पड़ रहा है।
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उत्तरपयडिट्टिदिउदीरणार गाणाजीबेहि कालो अपज० मिच्छ० गबुंस० जह० ट्ठिदिउदी० जह० एयस०, - जह० एयस०, उक● आवलि० असंखे० भागो । अज० जह० भावलिया समयूणा, णवुंस० अंतोमुहुर्त्त, उक्क० पलिदो० असंखे० भागो । सोलसक० बराणोक० एवं चेत्र । णवरि अजह० ट्ठिदिउदी० जह० एयस०, उक्क पलिदो० असंखे० भागो । ३६८४. देवेसु दंसणतियमोघं । सेसपय• जह• ट्ठिदिउदी० जह० एयसमओ, उक० आवलि० असंखे० भागो । अजह० सव्वद्धा । एवं भवरण० वाणवें० । णवरि सम्म० मिच्छत्तभंगो । जोदिमियादि जाव खत्रगेवज्जा ति दंसणतिय मोघं । सेसपय● जह० ट्ठिदिउदी० जह० एयसम, उक० संखेजा समया । अजह० सव्वद्धा । नवरि अणंताणु० चउक० जह० द्विदिउदी० जह० एयसमओ, उक्क० अंतोमु० । बरि जोदिमि० सम्म० मिच्छत्तभंगो । आणदादि णवगेवजा त्ति अनंताणु०४ जह० डिदिउदी० जह• एयस०, उक० संखेजा समया । अजह० सव्वद्धा । अणुहिसादि सच्चा त्ति सव्वपय● जह० ट्ठिदिउदी० जह० एयस०, उक्क० संखेजा समया । अजह सव्वद्धा । एवं जाव० । संख्यात समय है। अजघन्य स्थितिके उदीरकोंका काल सर्वदा है। इतनी विशेषता है कि इनमे सम्यग्मिध्यात्वका भंग सामान्य मनुष्यों के समान है। मनुष्य अपर्याप्तकों में मिथ्यास्व और नपुंसकवेदकी जघन्य स्थितिके उदीरकोंका जघन्य काल एक समय है और उत्कृष्ट काल आवलिके असंख्यातवें भागप्रमाण है। अजघन्य स्थितिके उदीरकोका जघन्य काल मिथ्यात्वका एक समय कम एक आवलिप्रमाण है, नपुंसक वेदका अन्तर्मुहूर्त है और उत्कृष्ट काल पत्यके असंख्य भागप्रमाण है। सोलह कषाय और छह नोकपायोंका इसीप्रकार है। इतनी विशेषता है कि अजघन्य स्थितिके उदीरकोंका जघन्य काल एक समय है और उत्कृष्ट काल पत्यके असंख्यातवें भागप्रमाण है। ८ ६८४. देबोंमें दर्शनमोहनीयत्रिकका भंग ओघके समान है। शेष प्रकृतियोंकी जघन्य स्थितिके उदीरकोंका जघन्य काल एक समय है और उत्कृष्ट काल आवलिके असंख्यातवें भागप्रमाण है। अजघन्य स्थिति के उदोरकोका काल सर्वदा है। इसीप्रकार भवनवासी और व्यन्तर देवोंमे जानना चाहिए। इतनी विशेषता है कि इनमे सम्यक्त्वका भंग मिथ्यात्म के समान है। ज्योतिषी देवोसे लेकर नौ ग्रैवेयक तकके देवोमे दर्शन मोहनीयत्रिकका भंग ओघ के समान है। शेष प्रकृतियोंकी जघन्य स्थितिके उदीरकोंका जवन्य काल एक समय है और उत्कृष्ट काल संख्यात समय है। अजघन्य स्थितिके उदीरकोंका काल सर्वदा है। इतनी विशेषता है कि अनन्तानुबन्धी चतुक की जघन्य स्थितिके उदीरकोंका जघन्य काल एक समय है और उत्कृष्ट काल अन्तर्मुहूर्त है। इतनी विशेषता है कि ज्योतिषी देवोंमें सम्यक्त्वका भंग मिथ्यात्व के समान है। तथा मानतकल्पसे लेकर नौ मैवेयक तकके देवोंमें अनन्तानुबन्धी चतुष्क की जघन्य स्थितिके उदीरकोंका जवन्य काल एक समय है और उत्कृष्ट काल संख्यात समय है । अजघन्य स्थिति के उदोरकों का काल सर्वदा है। अनुदिशसे लेकर सर्वार्थसिद्धितक के देवोंमें सब प्रकृतियों की जघन्य स्थितिके उदीरकोका जघन्य काल एक समय है और उत्कृष्ट काल संख्यात समय है। अजवन्य स्थितिके उदीरकोंका काल सर्वदा है। इसीप्रकार अनाहारक मार्गणातक
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देवियों curvaceous कभी कभी पतलून सूट से बचने, लेकिन वे व्यर्थ में पूरी तरह से करते हैं। ठीक तरह से पैंट फिट और एक जैकेट या शीर्ष मूल नेत्रहीन आंकड़ा स्लिमर और स्लिमर बना सकते हैं। मुख्य बात - सही ढंग से प्लस आकार महिलाओं के लिए pantsuits चयन करने के लिए सक्षम होने के लिए। एक सुडौल आकार के साथ एक औरत के लिए पोशाक के ऊपरी भाग शीर्ष, जैकेट, ब्लाउज या अंगरखा हो सकता है। मुख्य बात - जो चयनित आइटम की गरिमा पर जोर देती है आंकड़ा (एक सुंदर छिपाने - लाइन गर्दन, लंबी गर्दन), और पूर्ण कंधे या पेट। छुट्टियों, खेल, व्यापार, हर रोजः महिलाओं और कुछ अवसरों के लिए मोटा आंकड़ा के साथ लड़कियों के लिए वहाँ pantsuits। पैंट दोनों क्लासिक कटौती और भड़का हो सकता है, और लंबाई दोनों अधिक से अधिक और छोटा हो सकता है। प्लस आकार महिलाओं के लिए pantsuits खरीदें, यह कभी कभी मुश्किल है। समस्या यह है कि एक अच्छा सूट बड़े आकार उत्कृष्ट फिट और कठोर शैली होना आवश्यक है, इसलिए जब एक पोशाक चुनने जैकेट की कटौती पर ध्यान देना बहुत महत्वपूर्ण है, वास्तव में, वह नाजुक खामियों को छिपाने और उसके गरिमा का पूरा आंकड़ा उजागर करने के लिए सक्षम है। यह एक रूप-फिटिंग मॉडल लम्बी शैली, मुलायम सामग्री के बने चयन करने के लिए सबसे अच्छा है। जैकेट के उत्तम पूरक एक स्टाइलिश जैकेट हो सकता है। हालांकि, प्लस आकार महिलाओं के लिए pantsuits - न केवल एक आदर्श बैठे है "ऊपर" क्योंकि बड़ी भूमिका द्वारा निभाई गई और कैसे इन पैंट सेटों में देखो। यह एक रंग के कपड़े की पतलून की क्लासिक कटौती पर बंद करने के लिए बेहतर है। सबसे अच्छा विकल्प - प्रत्यक्ष मॉडल के लिए मध्य जांघ से झुंड। क्लासिक कटौती पतलून हमेशा सबसे ऊपर और जैकेट के साथ पूरी तरह से फिट है, और यह आंकड़ा बढ़ नहीं करता है। पतलून सूट के लिए कपड़े की पसंद के बारे में, सर्दियों के लिए इस तरह के ऊन या ट्वीड के रूप में सही सामग्री है, लेकिन गर्मियों पतलून सूट फेफड़े के ऊतकों से या एक पतली डेनिम से सिले जा सकता है। इन पोशाकों की रंग योजना बहुत ही विविध किया जा सकता है, और एक सुडौल आकार के साथ महिलाओं सुस्त ग्रे रंगों पर ध्यान केन्द्रित करना आवश्यक नहीं है। हालांकि, अत्यधिक विपरीत भी पतलून के रंग और जैकेट भारी आकार के बीच अंतर के रूप में तेजी से, बचा जाना चाहिए और कूल्हों की ओर ध्यान खींचता है। यह पूर्ण महिलाओं के लिए pantsuits पर बहुत सामंजस्यपूर्ण लंबवत बार लग रहा है। यह नेत्रहीन सिल्हूट फैला है और यह आंकड़ा और अधिक सुरुचिपूर्ण बनाता है। एक सूट में खड़ी पट्टियों एक एकरंगा कपड़े ब्लाउज या शीर्ष के साथ जोड़ा जा सकता है। जब प्लस आकार महिलाओं के लिए pantsuits के लिए जूते का चयन करके, ज्यादा से बचना चाहिए हाइ हील्स, स्टड भारी तलवों पर कुंद नाक के साथ और जूते। यह मध्यम ऊँची एड़ी के जूते के साथ आरामदायक जूते पर चुनाव रोकने के लिए बेहतर है। Pantsuit दिखावटी सामान के साथ पूरक किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, सुरुचिपूर्ण और स्टाइलिश ब्रोच गहने, आप सख्त व्यापार शैली में सूट करने के लिए चुन सकते हैं। अधिक उत्सव पोशाक मुक्त शैली उज्ज्वल गहने और मूल बैग के पूरक कर सकते हैं। आप सच है कि अधिकांश बहुत सनकी suiting की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए एक बड़े आकार वेशभूषा का चयन करें और एक नाजुक कपड़े धोने की आवश्यकता है। अगर कोई निश्चित है कि इस पोशाक हाथ धोने के बाद उपस्थिति खो देंगे है, यह ड्राई क्लीनिंग सेवाओं का उपयोग करने के लिए बेहतर है।
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नष्ट निकालने की विधि सगमाणेहि विभक्त सेसं लक्खितु संखिवे रुवं । लक्खिज्जतं सुद्ध, एवं सम्वत्थ कायव्वं ॥ २४ ॥ ( भू. शी. ) अर्थ-जिस संख्यावाला शील का भंग जानना हो उतनी संख्या रखकर उसमें क्रम से शील के प्रमाण का भाग देना चाहिए। भाग देने पर जो रूप अर्थात् शेष रहे, उतनी संख्या का अक्षस्थान समझना चाहिए। यदि शेष कुछ भी न रहे अर्थात् शेष शून्य आवे तो अन्त का अक्षस्थान समझना चाहिए और लब्ध में एक नहीं मिलाना चाहिए। जो संख्या लब्घ आवे, उसमें रूप ( एक ) मिलाकर आगे वाले शील के प्रमाण का भाग देना चाहिए। इसी प्रकार अन्त तक करते जाना चाहिए । जैसेदोहजार अस्सी संख्या का कौनसा भंग है ? इस प्रकार पूछने पर बताई हुई २०८० संख्या को रखकर उसमें प्रथम शील योग के प्रमाण तीन का भाग देने से लब्ध छहसौ तिरानवे ६६३ आये और शेष एक आया, इसलिए योग अक्षका प्रथम स्थान मनोयोग हुआ । लब्ध ६६३ में एक मिलाकर आगे के शील करण के प्रमाण तीन का भाग देने पर दोसौ इकतीस लब्ध आये और शेष एक रहा । इसलिए करण अक्ष का प्रथम स्थान 'मनकरण' हुआ और लब्ध मे एक मिलाना चाहिए। अतः दोसौ बतीस में आगेके शील संज्ञा के प्रमाण चार का भाग देने पर लब्ध अठाचन आये और शेप शून्य रहा; इसलिए लब्ध में एक नहीं मिलाना और संज्ञा का अन्त स्थान परिग्रह संज्ञा समझना चाहिए । उक्त ठावन संख्या में आगे के शील 'इन्द्रिय' के प्रमाण पांच का भाग देने पर ग्यारह लब्ध आये और शेष तीन रहे । इसलिए इन्द्रिय का तीसरा स्थान धारण समझना चाहिए। ग्यारह में एक मिलाकर ऊपर के शील जीवराशि के प्रमाण दश का भाग देने पर लब्ध एक आया, उसमे एक मिलाना चाहिए। शेष दो रहे, इसलिए जीवराशि का दूसरा काय स्थान समझना चाहिए। तथा दो मे आगे के शील मुनिघर्म के प्रमाण दश का भाग नहीं जाता है। अतः मुनिधर्म का दूसरा स्थान मार्दव समझना चाहिए । दो हजार संख्या वाला भंग मनो गुप्ति पालक, मन करण का त्यागी, परिग्रह सज्ञा रहित, घाण इन्द्रिय-चिरक्त, अपूकाय संयमी, और मार्दव धर्म पालक हुआ है। उद्दिष्ट का विधान संठाविण रूवं उवरीदो संगुणित सगमाणे । अवणिज्ज अकिदयं कृज्जा पढ़मंति जावेच ॥ २५ ।। ( मूला० शो) अर्थ - रूप ( एक ) का स्थापन करके उसको ऊपर के शील का जितना प्रमाण है उससे गुणा करना चाहिए तथा उसमें जो अनंकित हो उसका परित्याग करना चाहिए। इसी प्रकार अन्त तक करने से उद्दिष्ट का प्रमाण निकलता है । भावार्थ --शील के भग को स्थापन कर संख्या निकालने को उद्दिष्ट कहते हैं। उसकी रीति निम्नोक्त प्रकार है । जैसे- मनोगुप्ति पालक, मनकरण का त्यागी, घाणेन्द्रिय विरक्त, परिषद संज्ञा रहित, अपकायारम्भत्यागी और मार्दव धर्म का पालक यह शील का भंग कितनी संख्या वाला है ? इस प्रकार किसी के प्रश्न करने पर प्रथम एक का श्र स्थापन करके ऊपर के शील गुनिधर्म के प्रमाण दश से उस एकको गुणा करना चाहिए । गुणनफल दश हुए । उनमें से अति आर्जव शौच सत्य संयमादि आठ धर्म हैं, क्योंकि पूछेगये भंग में मार्दव धर्मका मदय है अतः शेष आर्जवादि धर्म आठ हैं उनको दशमें से घटाने से दो रहे । उनको ऊपर के शील जीवराशि के, प्रमाण वश से गुणा करने पर बीस होते हैं। उनमें अनकित तेज कार्यादि आठ हैं उनको बीस में से घटाने पर शेप आरह रहे । उनको आगे के शील स्पर्शनादि पांच इन्द्रियों के साथ गुणा करने पर साठ होते हैं। उनमें से अनहित चक्षु इन्द्रिय और श्रोत्र इन्द्रिय दो घटाने से मान रहे । उनको आगे के शोल संज्ञा प्रमाण चार से गुणा करने पर दोसो बत्तीस होते हैं। संज्ञा में अति कोई नहीं है; क्योंकि प्रश्न में परिग्रह संज्ञा का. मद्दण किया गया है । अतः दोसौ बत्तीस को आगे के शील 'करण' प्रमाण तीन से गुणा करने पर छमसो दयानवे होते हैं। उनमें से अनकित वचनकरण और कायकरण ( दो ) को घटाने से शेष छहसौ चौरानवे रहे । उनको आगे के शील योग गुप्ति प्रमाण तीन से गुणा करने पर दो हजार बियासी होते हैं। उनमें अनहित वचन योगऔर फाययोग को घटाने से शेष दो हजार अस्सी प्रमाण रहता है । यह वो हजार अस्सी शील की संख्या उक्त प्रश्न का उत्तर है। इसी प्रकार सर्वत्र भंगों से संख्या निकाल • लेना चाहिए। इस प्रकार शील व मतों के भेदों को जान कर उनके पालन का पूर्ण प्रयत्न करना चाहिए और साथ ही मूलगुणों के पालन में भी पूर्ण सावधानी रखनी चाहिए। यह मुनि-मार्ग बड़ा कठिन है। कहीं जरा भी चूका और गिरा। चाहे कोई कितना ही तपस्वी हो, यदि वह मूलगुणों की विराघनी करता है तो सभा साधु नहीं। मूलाचार में स्पष्ट लिखा है" मूलं छित्ता समयो जो गिएदादी य बाहिरं जोगं । माहिरजोगा. सन्चे मूलविणस्स किं करिस्संति ।। जो साधु अहिंसा, सत्य आदि मूलगुणों का विनाश करके मासोपवास, वृक्षमूल, आतपन योग आदि उत्तरगुणों का आचरण करता है उसके वे दुर्घर कायक्लेशादि सम योग-जिसकी जब फूट गई. ऐसे वृक्ष के पत्र पुष्पादि के समान-निरर्थक हैं। अर्थात् जैसे वृक्ष की जड़
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देश में बलात्कार पीड़ित महिलाओं और नाबालिग बच्चियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए शीघ्र न्याय दिलाने की दिशा में नरेंद्र मोदी सरकार की कैबिनेट ने अहम फैसला लिया है. केंद्रीय कैबिनेट ने 1023 फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने की योजना को अपनी मंजूरी दे दी है. इस योजना के तहत केंद्र सरकार बड़ी संख्या में फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करेगी. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि नाबालिग बच्चियों और महिलाओं को रेप के मामलों में न्याय दिलाने के लिए 1,023 फास्ट ट्रैक कोर्ट चलाए जाएंगे. इस योजना में कुल 1,586 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसे 31 मार्च 2023 तक जारी रखा जाएगा. अगले दो वर्षों में तेज गति से फास्ट ट्रैक कोर्ट का निर्माण किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बुधवार की अहम बैठक में केंद्रीय कैबिनेट ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह भी कहा है कि नाबालिग बच्चियों से होने वाले यौन अपराधों में जल्द न्याय दिलाने के लिए इन फास्ट ट्रैक कोर्ट्स में से, 389 पॉक्सो ( Protection of Children from Sexual Offences act) कोर्ट हैं. Explainer: क्या है POCSO एक्ट का सेक्शन-8, बॉम्बे HC के फैसले से उठे सवाल? केंद्र सरकार ने साफ किया है कि इन फास्ट ट्रैक कोर्ट्स पर होने वाले खर्चों में 971 करोड़ रुपये के करीब केंद्र सरकार वहन करेगी, वहीं 601. 16 करोड़ रुपये राज्य सरकारों को वहन करना होगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस योजना को जब 2019 में लॉन्च किया गया था, तब सरकार की यही मानसिकता थी कि यौन अपराधों की शिकार महिलाओं और बच्चियों को जल्द से जल्द न्याय मिल सके. उसके लिए कई अदालतें शुरू की गई थीं. 2018 में क्रिमिनल लॉ एमेंडमेंट एक्ट में संशोधन कर यौन अपराधों के जघन्य मामलों में दोषियों के मृत्युदंड तक की व्यवस्था की गई थी. फास्ट ट्रैक की यह योजना मार्च 2023 तक जारी रहेगी. केंद्र सरकार की इस पहल से पीड़िताओं को जल्द से जल्द इंसाफ मिल सकेगा. वहीं स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए समग्र शिक्षा योजना पर सरकार विशेष बल देगी. समग्र शिक्षा अभियान पर लगभग 3 लाख करोड़ रुपये 2026 तक खर्च किए जाएंगी. तीन साल के बच्चों को भी खेल से जोड़ा जाएगा. सर्व शिक्षा अभियान को भी इसमें जोड़ा गया है. इस योजना से करीब 15. 6 करोड़ छात्रों को भी फायदा पहुंचेगा. पहली बार प्ले स्कूल की भी परिकल्पना इस योजना में की गई है. बच्चों की सुरक्षा को इसमें शामिल किया गया है. समग्र शिक्षा अभियान योजना में बच्चों को ट्रांसपोर्टेशन के लिए भी इंसेटिव दिया जाएगा. स्कूल में खेल को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त ग्रांट दिया जाएगा. बैगलेस स्कूल पर भी योजना के तहत काम किया जाएगा. कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय को 12वीं तक किया जाएगा. रानी लक्ष्मीबाई आत्म रक्षा प्रशिक्षण को 3 हजार से 5 हजार किया जाएगा. पढ़ाई और कमाई स्किल और स्कूल को बढ़ावा दिया जाएगा. 6 से 12वीं तक के बच्चों को एक्सपोजर दिया जाएगा. साथ ही गांवों तक इंटरनेट की योजना पहुंचाई जाएगी. गांव में भी इंटरनेट का फायदा पहुंचेगा, जिससे स्मार्ट क्लास रूम और डिजिटिल बोर्ड को बढ़ावा मिले.
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शहर के रींगस रोड स्थित सैनी समाज सभा भवन में रविवार को माली समाज विकास समिति चौमूं की ओर से युवक-युवती परिचय सम्मेलन समिति अध्यक्ष घीसालाल सैनी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। इसमें आगामी रामनवमी 30 मार्च 2023 को आयोजित होने वाले सामूहिक विवाह सम्मेलन के पोस्टर का विमोचन किया गया। इसमें 13 जोड़ों का रजिस्ट्रेशन किया गया। इस अवसर पर सामूहिक विवाह सम्मेलन की तैयारियों को लेकर चर्चा की गई। चौमूं नगरपालिका चेयरमैन विष्णु कुमार सैनी, समिति के संरक्षक मंडल, समिति के प्रबंध कार्यकारिणी के द्वारा महात्मा फुले दंपती की मूर्ति के समक्ष सामूहिक विवाह सम्मेलन के पोस्टर का विमोचन किया गया। समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मौहरीलाल चांदोलिया ने बताया कि अब तक 13 जोड़ों का विवाह के लिए रजिस्ट्रेशन किया गया है। पूर्व अध्यक्ष दिनेश कुमार तिगरिया ने बताया कि रविवार को 25 युवक-युवतियों ने अपना परिचय दिया है। अगला युवक-युवती परिचय सम्मेलन सैनी समाज सभा भवन में 5 मार्च 2023 को होगा। समिति के महामंत्री मदनलाल बागड़ी ने बताया कि आगामी 30 मार्च रामनवमी के अबूझ सावे पर होने वाले सामूहिक विवाह सम्मेलन को लेकर तैयारियां जोरों शोरों से शुरू की गई हैं। समिति के सभी पदाधिकारियों को विवाह सम्मेलन को लेकर अलग-अलग जिम्मेदारियां दी गई हैं। इस मौके पर रामचंद्र तुंदवाल, राधेश्याम तंवर पूर्व अध्यक्ष, कैलाश चंद बैनाडिया पूर्व सरपंच, अभिषेक सैनी, नानूराम सैनी पूर्व चेयरमैन, प्रभातीलाल सैनी कोषाध्यक्ष, कन्हैयालाल संयुक्त मंत्री, प्रभाती लाल तंवर ठेकेदार सहित अनेक समाज बंधु उपस्थित रहे। This website follows the DNPA Code of Ethics.
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किं योगेः किं विरागेश्च जपैरन्यैः किमर्चनैः । यन्त्रेर्मन्त्रेस्तथा तन्त्रैः किमन्येरुप्रकर्मभिः ॥ स्मरणात्कीर्तनाच्चैव श्रवणाल्लेखनादपि । दर्शनाडारणदेव रामनामाखिनेष्टदम् ॥ तीर्थों और व्रतों से तथा होम और तप से क्या होता है ? यज्ञ दान और ध्यान तथा ज्ञान, विज्ञान और समाधि से क्या होता है ? योग, वैराग्य, जप, पूजन, यंत्र, मंत्र तथा तंत्रों से और उग्र क्मों से क्या होता है ? रामनाम के स्मरण करने से, कीर्तन से, श्रवण से लिखने से, दर्शन से ही सब इष्टफलों की प्राप्ति होती है। गुरुजी का न ठीक है - विना नाम के जपे कोई परमेश्वर को कदापि ध्यारा नहीं हो सका है। ५० -- इस लोक और परलोक के जो विषय भोग हैं उनकी प्राप्ति साधनों ही से होती है या विना साधनों के भी १ उ० । मू० - जेती सृष्ट उपाई वेषांविणकर्मा किमिलेलई । टी० - इस जगत् में ईश्वर की उत्पन्न की हुई जितनी सृष्टि तुम देखते हो उसमें से किसी को भी विणकर्मा, त्रिना कर्मों के क्या कुछ भी मिलता है ? कुछ भी नहीं मिलता । अर्थात् सत्र सांसारिक भोग जन्मान्तर के कर्मों के अधीन ही है । जिसने पूर्व जन्म में जैसे कर्म किये हैं, उन्हें उनके अनुसार ही दूसरे जन्म में फल मिलता है । विना कर्म के कुछ भी नहीं मिलता है । एक दृष्टांत भी है - एक राजा की दो कन्याएँ थीं । जिस समय राजा अपने घर में जाता, तो छोटी कन्या कहती - - राजन् ! तुम्हारी सदा जय हो। आप ही के मताप से हम सब लोग जीते हैं। दूसरी जो बडी कन्या थी वह कहती राजन् ! जन्मान्तर के पुण्य-कर्मों के फल को भोगो । प्रतिदिन छोटी और बडी दोनों ऊपरवाली बातों को कहतीं । एक दिन राजा को वडी क्न्या के ऊपर क्रोध थाया । बजीर को बुलाकर राजा ने कहा किसी गरीब और दुःखी लड़के के साथ इस बढी कन्या की शादी करके इस देश से दोनों को निकाल दो । वजीर राजा की आज्ञा सुनकर बाजार में लड़के की खोज में निकला । आगे एक दूसरे राजा के घर एक लड़का पैदा हु था । जब वह वड़ा हुआ, तो उसको एक वडा रोग लग गया। वह रोग अनेक उपायों से भी जब दूर न हुआ तब वह लड़का दुःखी होकर अपने देश से रात्रि में फकीर वनकर इस नगर में भाग थाया था । उसी लड़के को वजीर ने देखा । यतेि दुबला, पतला और चलने में असमर्थ । अति मलिन वस्त्रों को पहरे हुए बाजार में भीख माँग रहा है। वजीर ने उस लड़के को पकड़कर उसके साथ राजा की बड़ी लड़की की शादी कर दोनों को अपने देश से निकाल दिया। वह कन्या उस लड़के को साथ लेकर दूसरे देश में चली गई । एक दिन सवेरे चलते-चलते जब दोनों थक गए तब एक ग्राम के बाहर एक कूप के पास जाकर दोनों बैठ गए। थोड़ी देर के बाद उस लड़के को वहाँ पर बिठाकर कन्या ग्राम में भिक्षा माँगने गई । वह लड़का वहीं सो • गया । उसके भीतर एक पतला और लंबा सांप घुसा हुआ था । वही उसका रोग था । वह साँप उसके मुख से श्राधा निकलकर, वहाँ पर एक बिल थी। उस बिल में भी एक साँप रहता था, उस विलपर सिर घरकर, विलवाले साँप से बातें करने लगा। बिलवाले साँप ने उससे कहा तुम क्यों गरीब को दुःख देते हो ? यदि कोई काँजी या खट्टी या इस लड़के को पिलावे, तो तुम टुकड़े-टुकड़े होकर इसके मुख से बाहर आजायोगे । बिलवाले से उसने भी कहा कि यदि कोई तुझार गरम पानी डाले तब तुम भी मर जाओ और जिस द्रव्यपर तुम बैठे हो उसके हाथ लग जाय । इतने में कन्या आ गई और उसने दोनों की बातों को सुना । सुनकर तुरंत फिर ग्राम में चली गई और किसी के घर से कॉजी मॉग लाई और उसे उस लड़के को पिला दी । तुरंत ही लड़के के उदर में से साँप टुकड़े-टुकड़े होकर मुख द्वारा गिर पड़ा और लड़के का रूप बड़ा सुंदर हो गया । शरीर निरोग्य होगया । फिर कन्या ने पानी गरम करके उस बिलवाले सांप पर डाल दिया । वह भी मर गया । उसके द्रव्य को भी कन्या ने निकाल लिया और दोनों लड़के के देश में जाकर राज्य भोगने लगे। जिसके कर्मों में सुख होता है उसको वह हर तरह से मिलता है । जिसके नहीं होना उनको किसी तरह से भी नहीं मिलता। दृष्टांत - एक बनिया बड़ा कृपण था । उसने अपने सव धन का स्वर्ण खरीद कर उसकी उन सबको दीवार में गाड़ दीं । उसके पड़ोसी को स्वप्न याया कि दीवार में स्वर्ण की बहुत सी रोणीयें गड़ी हैं उनको तुम निकाल लो। दोनों के घरों में वह दीवार एक ही थी । उसने अपनी तरफ से उसे खोदकर सब निकालकर खाने खिलाने लगा । तब वनिये ने पूछा तुमको द्रव्य कहाँ से मिला। उसने सत्र हाल कह दिया । चनिया ने राजा के पास जाकर फरयाद की । राजा ने बनिये से कहा तुम्हारे कर्मों में यह नहीं था । इसी के कर्म में था । इसको मिला । विना कर्मों के किसी को भी कुछ नहीं मिलता है। गुरुजी का कथन ठीक है कि बिना कर्मों से कुछ नहीं मिलता । जीव को उचित हैं कि कर्मों को करता ही रहे । श्रुतिस्मृति भी कर्मों के करने का ही उपदेश करती है । श्रुतिः -- कुर्वन्नेवेह कर्माणि जिजीविषेच्छ तथं समाः । कमों को करता हुआ ही सौ वरस जीने की इच्छा करे । स्मृतिःश्रौतं चापि तथा स्मार्त कर्मालम्व्य वसेद्विजः । तद्विहीनः पतत्येव ह्यानम्वरहितान्धवत् ।। श्रुतिप्रतिपाद्य तथा स्मृति प्रतिपाद्य कर्मों को संसार में रहे । कर्मों से हीन हुआ अंधे की तरह आश्रय से रहित "होकर पतित हो जाता है । तात्पर्य यह है कि बिना कर्मों के ईश्वर भी कुछ फल नहीं देता । जब तक जीने कर्मों को करे । लिखा भी है-गवां सर्पिः शरीरस्थं न करोति हि पोषणम् । तदेव कर्मरचितं पुनस्तस्यैव भेषजम् ॥ एवं स्वस्त्रशरीरस्थं सर्पिर्वत्परमेश्वरम् । विना चोपासनामेव न करोति हितं नृणाम् ॥ गौ के शरीर में घृत रहता है, परंतु उसके शरीर की पुष्टि नहीं करता । वही घृत उसके दूध से निकाल कर मोषधी बनाकर जब उस को दिया जाता है तब उसके शरीर की पुष्टि करता है। इसी प्रकार घृत की तरह सबके शरीरों में परमेश्वर रहता है, परंतु विना उपासना करने के कुछ भी फल नहीं देता है। गुरुजी ने कहा भी है कि विना कमों के कुछ भी नहीं मिलता है । म० - - कर्म का स्वरूप क्या है १ कर्म कितने प्रकार के हैं ? उ० - - कर्म अनेक प्रकार के हैं। कर्म नाम क्रिया का है । क्रिया शरीर, मन, वाणी और इंद्रियों से होती है । अच्छे बुरे संकल्पों का फुरना मन की क्रिया है । अच्छे संकल्प का नाम शुभ कर्म है । बुरे संकल्पों का नाम अशुभ कर्म हैं । मन से जो शुभ अशुभ कर्म किए जाते हैं उसका फल भी मन से ही भोगा जाता है । किसी की स्तुति करनी, मिय भाषण, सत्य भाषण करना, राम राम कहना इत्यादि वारणी के शुभ कर्म हैं। किसी की चुगुली करनी, निंदा करनी, झूठ बोलना इत्यादि वाणी के अशुभ कर्म हैं । इन दोनों का फल वाणी द्वारा ही भोगा जाता है । किसी दुःखी की सेवा करनी, हाथ से अधिकारी को देना, खिनाना, इस तरह के शारीरिक शुभ कर्म हैं । परस्त्री गमन करना, जीव की हिंसा करनी, इस तरह के अशुभ कर्म शारीरिक कर्म हैं। उनका शुभ अशुभ फल शरीर द्वारा ही भोगा जाता है। कर्म यद्यपि अनेक हैं तथापि वह शरीर, मन, वाणी से ही होते है । भक्ति तथा उपासना भी मन की वृत्तिरूप क्रियाएँ हैं । ये भी कर्म के ही अंतर्भूत हो सके हैं । विना कर्म करने के संसार में कोई जीव भी नहीं रह सक्का । इस वास्ते सदैव शुभ चिंतन करना सबको उचित है; क्योंकि विना शुभ चिंतन के दोनों लोकों में सुख कदापि नहीं मिलता है। इसी वास्ते गुरुजी ने कहा है कि बिना कर्मों के कुछ भी नहीं मिलता है । - आपने कहा है कि बिना उपासना के और भक्ति के परमेश्वर पुरुषों के हित को नहीं करता है पर शरीर में रहता है सो वह समग्र
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Amazon, Flipkart और 20 अन्य ऑनलाइन विक्रेताओं को अवैध रूप से ऑनलाइन ड्रग्स बेचने के लिए भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल (DCGI) से कारण बताओ पत्र प्राप्त हुए हैं। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने Amazon और Flipkart Health Plus सहित ऑनलाइन दवाओं की अवैध बिक्री के लिए 20 ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं को कारण बताओ नोटिस भेजा है। 12 दिसंबर, 2018 के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश, जो लाइसेंस के बिना दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगाता है, को डीसीजीआई वीजी सोमानी द्वारा 8 फरवरी को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस में संदर्भित किया गया था। नोटिस के मुताबिक डीसीजीआई ने आवश्यक प्रतिक्रिया और अनुपालन प्राप्त करने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मई और नवंबर 2019 में और एक बार फिर 3 फरवरी को आदेश भेजा था। नोटिस में कहा गया है, "आपसे अनुरोध किया जाता है कि ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 के प्रावधानों के उल्लंघन में दवाओं की बिक्री, स्टॉक, प्रदर्शन, बिक्री की पेशकश या वितरण के लिए आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। इसके तहत बनाए गए नियम, इस नोटिस के जारी होने की तारीख से 2 दिनों के भीतर। नोटिस में कहा गया है कि किसी भी दवा की बिक्री, भंडारण, प्रदर्शन, बिक्री की पेशकश या वितरण के लिए संबंधित राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण से लाइसेंस की आवश्यकता होती है और लाइसेंस धारकों को अपने लाइसेंस की शर्तों का पालन करना चाहिए। DCGI के अनुसार, यदि कोई कंपनी जवाब नहीं देती है, तो यह माना जाएगा कि इस मामले में उसे कुछ नहीं कहना है और बिना किसी नोटिस के उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। संपर्क करने पर, फ्लिपकार्ट हेल्थ प्लस ने कहा कि यह एक डिजिटल हेल्थकेयर मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म है, जो देश भर में लाखों ग्राहकों को स्वतंत्र विक्रेताओं से वास्तविक, सस्ती दवाओं और स्वास्थ्य संबंधी उत्पादों तक आसानी से और आसानी से पहुंचने की अनुमति देता है। "हम सीडीएससीओ (सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन) के नोटिस का उचित जवाब दे रहे हैं। फ्लिपकार्ट हेल्थ प्लस ने कहा, एक कंपनी के रूप में, हम स्थानीय कानूनों को बनाए रखने और ग्राहकों के विश्वास को बढ़ावा देने और ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने के लिए अपने मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म पर अपनी प्रक्रियाओं, जांचों और नियंत्रणों को लगातार बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं। This website uses cookies.
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नई दिल्ली- 2023 के आखिरी में राजस्थान समेत चार राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है। जिसको लेकर पूरे प्रदेश में हलचल तेज है इस बीच कांग्रेस पार्टी भी पूरी तरीके से चुनाव मैदान में है। और जीत का दावा करती हुई नजर आ रही इस मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान और मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ को लेकर बड़ा दावा किया है। नीचे खबर में जानिए कि मुख्यमंत्री की तरफ से क्या दावा किया गया और किस तरीके की चीजों का जिक्र किया गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे। जहां पर उन्होंने बड़ा दावा कर दिया है। अभी दो दिन पहले राजस्थान अपने एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खरगोन कहा था कि राजस्थान में बहुत गरीबी मुकाबला होगा। लेकिन इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा दावा कर दिया। उन्होंने पार्टी की जीत को सुनिश्चित बताया और कहा कि कांग्रेस पूरी ताकत से चुनाव मैदान में है। और इस बार बड़ी जीत सुनिश्चित करेंगे। यही नहीं उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए भी बड़ा बयान दिया उन्होंने कहा कि जिस तरीके से एक बार फिर से कांग्रेस सरकार रिपीट होने जा रही है। यह राजस्थान की जनता का प्यार है। उन्होंने आगे कहा कि हमें चुनौती दी गई और हम इसे स्वीकार करते हैं। हम उन्हें दिखा देंगे। की पार्टी की जीत में राजस्थान मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से कितना आगे निकल जाएगा। अनुसार आपको बता दे की कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था। कांग्रेस निश्चित रूप से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में जीत रही शायद व तेलंगाना में भी जीत दर्ज करेगी। और राजस्थान को लेकर उन्होंने कहा कि राजस्थान में बेहद करीबी मुकाबला हो सकता है। उन्होंने और आगे कहा था। कि पार्टी को पूरा भरोसा है। कि वह विजय की ओर बढ़ रही राहुल ने पार्टी की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर दिल्ली में एक सम्मेलन में कहा था। मैं कहूंगा कि अभी हम संभवत तेलंगाना जीत रहे हम निश्चित तौर पर मध्य प्रदेश जीत रहे हैं हम निश्चित तौर पर छत्तीसगढ़ पर काबिज चुने जा रहे है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे बयान देते हुए कहा कि जो मुकदमा मुझ पर चल रहा है। अगर गरीब जमा कर्ताओं को उनका पैसा मिल जाएगा तो वह जेल जाने के लिए पूरी तरह से हम तैयार हैं। गहलोत ने कहा कि इससे पहले शेखावत पर घोटाले में शामिल होने का आरोप है। - बेहद सस्ते में मिल रहा है सबसे यूनीक फोन, Flipkart या Amazon जानिए कहां से शॉपिंग करना है फायदेमंद?
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इस साल आईपीएल सीजन में किंग्स इलेवन पंजाब के लिए खेलने वाले युवराज सिंह को उनकी फ्रेंचाइज़ी ने कुछ दिन पहले ही टीम से रिलीज़ कर दिया है। वह आरोन फिंच के साथ उन ग्यारह खिलाड़ियों में शामिल थे जिन्हें टीम मैनेजमेंट द्वारा रिलीज़ किया गया है। युवराज सिंह ने 2018 के आईपीएल सीजन में अपनी 6 पारियों में केवल 65 रन बनाए थे। खराब फॉर्म और फिटनेस समस्याओं की वजह से युवराज को टीम से बाहर रखने का फैसला किया गया। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए आईपीएल सीज़न 2018 बहुत निराशाजनक रहा था और टीम 14 मैचों में से सिर्फ 6 में जीत दर्ज कर छठे स्थान पर रही थी। इस सीज़न में आरसीबी का कोई भी बल्लेबाज़ उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाया जिसकी वजह से वे प्ले-ऑफ में भी जगह नहीं बना पाए। इस सप्ताह बैंगलोर फ्रैंचाइज़ी ने ब्रेंडन मैकलम, कोरी एंडरसन और क्रिस वोक्स जैसे दिग्गज खिलाड़ियों को टीम से रिलीज़ कर दिया है। ऐसे में टीम प्रबंधन किसी भारतीय ऑलराउंडर को टीम में शामिल करना चाहेगा और इस स्थिति में युवराज सिंह आरसीबी के लिए एक संभावित विकल्प हो सकते हैं। इससे पहले युवराज ने आईपीएल सीज़न 2014 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का प्रतिनिधित्व किया था, जहां उन्होंने 14 मैचों में 376 रन बनाए थे। उन्होंने 83 के उच्चतम स्कोर के साथ उस सीज़न में तीन अर्धशतक लगाए थे। चिन्नास्वामी स्टेडियम की पिच युवराज के लिए हमेशा अच्छी साबित हुई है और अगर वह आईपीएल सीज़न 2019 में अच्छा प्रदर्शन कर पाए तो उनको विश्वकप 2019 में भारतीय टीम का हिस्सा बनने का मौका भी मिल सकता है। आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स का बूरा दौर अभी ख़त्म नहीं हुआ है। डीडी टीम प्रबंधन ने हर सीजन में अपनी टीम में कई बदलाव किए लेकिन फिर भी टीम आवश्यक परिणाम नहीं दे सकी। पिछले सीज़न में टीम को टूर्नामेंट के मध्य में कप्तान बदलना पड़ा लेकिन फिर भी टीम प्ले-ऑफ में जगह नहीं बना पाई। इसके परिणामस्वरूप, टीम प्रबंधन ने अगले सीज़न के लिए भी टीम में कई बदलाव किये हैं। उन्होंने गौतम गंभीर, जेसन रॉय, जूनियर डाला, लिआम प्लंकेट, मोहम्मद शमी, सायन घोष, डैनियल क्रिश्चियन, ग्लेन मैक्सवेल, गुरकीरत सिंह मान और नमन ओझा को टीम से रिलीज़ किया है। ऐसे में टीम में कोई भी अनुभवी खिलाड़ी नहीं होने के कारण, दिल्ली डेयरडेविल्स आगामी सीज़न के लिए युवराज सिंह को टीम में शामिल कर सकते हैं। इससे पहले आईपीएल सीज़न 2015 में युवराज ने दिल्ली डेयरडेविल्स का प्रतिनिधित्व किया और 14 मैचों में 19. 15 की औसत से 249 रन बनाए थे। कोलकाता नाइट राइडर्स के पास इस साल हुए आईपीएल में दिनेश कार्तिक की कप्तानी में अच्छा प्रदर्शन करने का मौका था और टीम 14 मैचों से 8 जीत में जीत दर्ज कर तीसरे स्थान पर रही थी। अगले महीने होने वाली आईपीएल नीलामी से ठीक एक महीने पहले केकेआर टीम प्रबंधन ने अपने कुछ बड़े खिलाड़ियों को टीम से रिलीज़ किया है जिनमें मिचेल स्टार्क, मिचेल जॉनसन और टॉम करन के नाम शामिल हैं। ऑस्ट्रेलिया के तेज़ गेंदबाज़ मिचेल स्टार्क 11वें सीजन में केकेआर के लिए एक भी मैच नहीं खेल पाए जबकि मिचेल जॉनसन ने 6 मैचों में केवल 2 विकेट लिए थे। टीम में आंद्रे रसेल और सुनील नारेन जैसे ऑलराउंडर्स के साथ, केकेआर प्रबंधन एक भारतीय ऑलराउंडर को टीम में शामिल करना चाहेगा। ऐसे में भारतीय टीम के आलराउंडर युवराज सिंह एक बेहतर विकल्प हो सकते हैं और कोलकाता फ्रैंचाइज़ी उन्हें टीम में शामिल करने पर विचार कर सकती है।
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'ओह माई गॉड' की सफलता से अक्षय कुमार काफी खुश हैं। 'ओह माई गॉड'ने बॉक्स ऑफिस पर 50 करोड़ रूपये का बिजनेस किया है। और अक्की इसे एक आश्चर्य मानते हैं। अक्षय का कहना है कि हम शुरुआत से ही जानते थे कि सब कुछ अच्छा होगा। फिल्म की आइडिया और स्क्रिप्ट पर हमें पहले से ही विश्वास था। हमें यह पूरा भरोसा था कि फिल्म लोगों को पंसद आयेगी। और ऐसा ही हुआ। इस फिल्म को आलोचको नें भी पंसद किया है। लेकिन कुछ लोगों ने इस फिल्म को लेकर सवाल भी खडे किये थे। साथ ही अक्षय ने यह भी बताया कि हम फिल्म के जरिये लोंगों एक मैसेज देना चाहते थें कि ईश्वर मानवता में है। आज की दुनिया में हम ईश्वर को खुश करने के लिए हर तरीका अपनाते हैं लेकिन मानवता को भूल जाते हैं। हमें खुशी है कि हम अपने उद्देश्य में सफल रहे।'ओह माई गॉड'अन्य हिन्दी फिल्मों से काफी हटकर है क्योंकि इसमें कोई हीरोइन नहीं थी। और इस फिल्म में मुख्य रोल में परेश रावेल थे। 'ओह माई गॉड'अभी तक बॉक्स ऑफिस पर अच्छा बिजनेस कर रही है। और लोगों को पंसद आ रही है। Know when the festival of colors, Holi, is being observed in 2020 and read its mythological significance. Find out Holi puja muhurat and rituals to follow. मकर संक्रांति 2020 में 15 जनवरी को पूरे भारत वर्ष में मनाया जाएगा। जानें इस त्योहार का धार्मिक महत्व, मान्यताएं और इसे मनाने का तरीका।
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नयी दिल्लीः राजधानी की अब रद्द कर दी गई शराब बिक्री नीति के सिलसिले में सीबीआई ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आज गिरफ्तार कर लिया, जिससे मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया। जांच 2021 में पेश की गई अब वापस ली गई दिल्ली शराब बिक्री नीति से संबंधित है। मनीष सिसोदिया दिल्ली के आबकारी विभाग के प्रमुख हैं, जिस कारण वह निशाने पर आ गए हैं। नीति के तहत, अधिकांश राज्यों में मानदंडों से हटकर, सरकार का अब शराब बेचने से कोई लेना-देना नहीं था और केवल निजी दुकानों को ही ऐसा करने की अनुमति थी। इसका मुख्य उद्देश्य कालाबाजारी को रोकना, राजस्व में वृद्धि करना और उपभोक्ता अनुभव में सुधार करना था। इसने शराब की होम डिलीवरी और दुकानों को सुबह 3 बजे तक खुले रहने की भी अनुमति दी। लाइसेंसधारी असीमित छूट भी दे सकते हैं। सरकार ने नीति से आय में 27 प्रतिशत की भारी वृद्धि दर्ज की, जिससे लगभग 8,900 करोड़ रुपये की आय हुई। हालाँकि, सुधार जल्द ही मुश्किल में पड़ गए, पहले दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के साथ, जो केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को रिपोर्ट करती है। फिर दिल्ली के नए उपराज्यपाल वीके सक्सेना के साथ केंद्र सरकार के प्रतिनिधि भी। दिल्ली के शीर्ष नौकरशाह की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए श्री सिसोदिया पर नियमों को झुकने और शराब के लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ प्रदान करने का आरोप लगाते हुए, श्री सक्सेना ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच के लिए कहा। कुछ ही समय बाद, मनीष सिसोदिया ने कहा कि नीति रद्द होने जा रही है क्योंकि भाजपा विक्रेताओं को डराने के लिए अपने नियंत्रण वाली जांच एजेंसियों का उपयोग कर रही है। उन्होंने श्री सक्सेना के पूर्ववर्ती अनिल बैजल को "अंतिम-मिनट के परिवर्तन" के लिए भी दोषी ठहराया, जिसने सुधारों को पंगु बना दिया। आज उनकी गिरफ्तारी तक, एजेंसी द्वारा दायर चार्जशीट में श्री सिसोदिया का नाम नहीं लिया गया था। लेकिन पिछले साल सीबीआई ने उनके घर समेत 31 ठिकानों पर छापेमारी की थी. एजेंसी को कुछ भी आपत्तिजनक नहीं लगा, मंत्री ने कहा - एक स्टैंड को एजेंसी ने चुनौती नहीं दी। ईडी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता को फंसाने और भाजपा के एक अन्य तीखे आलोचक के रूप में जांच का दायरा बढ़ाया और उनके पूर्व लेखाकार को गिरफ्तार किया। इसने दावा किया कि नीति से सरकार को 2,800 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
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GORAKHPUR : गोरखपुर के रास्ते पूरे देश में फैले नकली नोटों के जाल का अब पर्दाफाश होने वाला है। आई नेक्स्ट के कैंपेन 'नकली नोट पर चोट' का असर है कि एसएसपी ने सभी थानों को निर्देश जारी कर दिए हैं। अब अगर नोट लेते हुए कोई भी शख्स पकड़ा गया तो उस पर तत्काल कार्रवाई होगी। इसके अलावा फेक करेंसी पर लगाम लगाने के लिए बैंक ने भी कमर कस ली है। इसकी पहल करते हुए यूनयिन बैंक ऑफ इंडिया ने अवेयरनेस कैंप लगाने का निर्णय लिया है। आई नेक्स्ट में लगातार फेक करेंसी पर न्यूज पब्लिश होने के बाद पुलिस महकमा भी हरकत में आ गया है। नकली नोटों के पूरे जाल को पर्दाफाश करने की प्लानिंग तैयार की जा रही है। इसकी पहल करते हुए गोरखपुर के एसएसपी ने सभी थानों को निर्देश जारी किए है कि अगर कोई भी व्यक्ति नकली नोट में पकड़ा जाता है तो उससे सघन पूछताछ की जाए। इसके अलावा अगर कोई संदिग्ध भी पाया जाता है तो सख्ती से पूछताछ कर पूरे मामले को स्कैन किया जाना चाहिए। नकली नोट का नेक्सस नेपाल से होते हुए पूरे देश में फैला हुआ है। इंटेलीजेंस एजेंसियों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि नकली नोट नेपाल के रास्ते ही इंडिया में आते हैं। इस बात को गौरतलब रखते हुए एसएसपी ने थानों को जारी किए हैं कि नेपाल बॉर्डर की ओर से आने वाली बसों और निजी वाहनों की सघन चेकिंग की जाए। उन्होंने बार्डर एरिया से आने वाली ट्रेनों पर भी नजर रखने के निर्देश दिए है। फेक करेंसी के मामले आए दिन उजागर होते हैं। पुलिस इसे बहुत ही लाइट मोड में लेती है। फेक करेंसी देने वाले को यह नोट कहां से मिला, इस पूरी चेन को स्कैन करने के बजाय, केवल उसे डांट-डपट कर भगा दिया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। आई नेक्स्ट की खबर के बाद पुलिस महकमे ने इस चेन को पूरी तरह से स्कैन करने की ठानी है। वह कड़ी दर कड़ी नोट किस तरह बाजार में आता है, उस पर नजर रखकर पूरे स्कैम को उजागर करने की तैयारी में है। गोरखपुर एसएसपी प्रदीप कुमार ने जहां थानों को सख्ती करने के आदेश किए हैं, वहीं जनता से भी अपील की है कि ऐसे मामलों को लाइट मोड में न लें। अगर कोई नकली नोट मिलता है तो उसकी कंप्लेंट तत्काल पुलिस को करें, जिससे हर दिन फैल रहे इस जाल को बेनकाब किया जा सके। देश की इकॉनमी को भारी नुकसान पहुंचाने वाली फेक करेंसी को रोकने के लिए डिस्ट्रिक्ट के सभी थानों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। पब्लिक से अपील है कि फेक करेंसी के मामले में किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को देखते ही पुलिस को सूचना दें। आई नेक्स्ट की ओर से फेक करेंसी के खिलाफ चलाया गया अभियान सराहनीय है। यूनियन बैंक फेक करेंसी प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए बाजारों में अवेयरनेस कैंप लगाएगा। इसमें लोगों को फेक करेंसी और ओरिजनल करेंसी के बीच फर्क बताया जाएगा।
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मायके से पत्नी घर से नहीं लौटी तो पति ने आग लगाकर अपनी जान दे दी। घटना शुक्रवार देर रात तंबौर थाना क्षेत्र के सुरसी गांव में घटित हुई। शनिवार सुबह इलाज के दौरान हुई मौत के बाद पुलिस ने पीड़ित पक्ष के बयान लेकर विधिक कार्रवाई शुरू की है। 25 वर्षीय सहजराम बचपन में पिता की मृत्यु के बाद से अपनी मां जयदेवी के साथ तंबौर थाना क्षेत्र में सुरसा गांव स्थित अपनी ननिहाल में रह रहा था। बताते हैं कि सहजराम की पत्नी पूजा पड़ोस स्थित गांव अपने मायके चली गई थी। दो दिनों से मायके में रह रही पत्नी पूजा को लेने सहजराम शुक्रवार शाम ससुराल पहुंचा। यहां किसी बात को लेकर दंपति के बीच विवाद हुआ। युवक की मां जयदेवी की माने तो उसन पत्नी को साथ चलने के लिए कहा। जिसको लेकर पूजा ने इंकार कर दिया। देर रात घर लौटने के बाद सहजराम पुत्र मदनलाल ने केरोसिन छिड़ककर खुद को आग के हवाले कर दिया। वृद्ध मां का कहना है कि चीख पुकार सुनकर उसकी आंख खुल गई। आसपास के लोग आए। किसी तरह से आग को बुझाया गया। तब तक सहजराम गंभीर रूप से झुलस चुका था। इलाज के लिए परिवार के लोग उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। शनिवार सुबह सहजराम ने दम तोड़ दिया। जिला अस्पताल से मिली सूचना के बाद कोतवाली पुलिस भी मौके पर पहुंची। जांच पड़ताल के बीच परिवार के लोगों ने बताया है कि कुछ दिनों से दंपति के बीच विवाद चल रहा था। इसी कारण पूजा अपने 9 माह के बच्चे को लेकर मायके चली गई थी। सहजराम उसे लेने के लिए ससुराल गया हुआ था। दोनों के बीच विवाद हुआ। जिसके बाद ही उसने आग लगा ली फिलहाल पुलिस ने बयानों को दर्ज करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। कुल मामले में जांच पड़ताल की जा रही है।
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शॉर्टकटः मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ। जावास्क्रिप्ट एक कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा है। यह एक स्क्रिप्टिंग भाषा है और मुख्यतः क्लाएंट साइड में वेबपेज के निर्माण में प्रयुक्त होती है। . सबसे पहले हिन्दी टाइप शायद वर्डस्टार (वर्जन III प्लस) जैसे एक शब्द संसाधक 'अक्षर' में आया। फिर विंडोज़ आया और पेजमेकर व वेंचुरा का समय आया। इस सारी यात्रा में कम्प्यूटर केवल प्रिटिंग की दुनिया की सहायता भर कर रहा था। यूनिकोड के आगमन एवं प्रसार के पश्चात हिन्दी कम्प्यूटिंग प्रिंटिंग तक सीमित न रहकर संगणन के विभिन्न पहलुओं तक पहुँच गयी। अब भाषायी संगणन के सभी क्षेत्रों में हिन्दी अपनी पहुँच बना रही है। हिन्दी कम्प्यूटिंग को वर्तमान स्थिति तक पहुँचाने में सरकार, अनेक संस्थाओं, समूहों एवं प्रोग्रामरों-डैवलपरों का योगदान रहा। . जावास्क्रिप्ट और हिन्दी कम्प्यूटिंग का इतिहास आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): सी (प्रोग्रामिंग भाषा), जावा। सी (प्रोग्रामिंग भाषा) "'सी"' प्रोग्रामन भाषा के रचयिताओं की लिखी पुस्तक का मुखपृष्ठ। सी (C) एक सामान्य उपयोग में आने वाली कम्प्यूटर की प्रोग्रामन भाषा है। इसका विकास डेनिस रिची ने बेल्ल टेलीफोन प्रयोगशाला में सन् १९७२ में किया था जिसका उद्देश्य यूनिक्स संचालन तंत्र का निर्माण करना था। इस समय (२००९ में) 'सी' पहली या दूसरी सर्वाधिक लोकप्रिय प्रोग्रामिंग भाषा है। यह भाषा विभिन्न सॉफ्टवेयर फ्लेटफार्मों पर बहुतायत में उपयोग की जाती है। शायद ही कोई कम्प्यूटर-प्लेटफार्म हो जिसके लिये सी का कम्पाइलर उपलब्ध न हो। सी++, जावा, सी#(C-Sharp) आदि अनेक प्रोग्रामन भाषाओं पर सी भाषा का गहरा प्रभाव देखा जा सकता है। . कोई विवरण नहीं। जावास्क्रिप्ट 3 संबंध है और हिन्दी कम्प्यूटिंग का इतिहास 92 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 2.11% है = 2 / (3 + 92)। यह लेख जावास्क्रिप्ट और हिन्दी कम्प्यूटिंग का इतिहास के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखेंः
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बेरी पार्फेट हेजलनट वाइट चॉकलेट सेबल रेसिपी बेरी पार्फेट हेजलनट वाइट चॉकलेट सेबल रेसिपीः यह एक बहुत ही स्वादिष्ट डिजर्ट है जिसे बेरी से तैयार किया जाता है। इसे हेजलनट क्रंबल के साथ सर्व किया जाता है जिसे वाइट चॉकलेट, कोको और मुरमुरे से बनाया जाता है। इस स्पेशल डिजर्ट को आप अपने स्पेशल वन के लिए इस बार वैलेंटाइन डे के मौके पर बना सकते हैं। बेरी पाफेट बनाने के लिएः हेजलनट स्ट्रेसेल के लिएः हेजलनट वाइट चॉकलेट प्रेस्ड सेबल के लिएः फ्लेक्सी बेरी के लिएः बेरी पार्फेट बनाने के लिएः 1. थोड़े से पानी के साथ चीनी उबालें। अंडे के पीले भाग को फेंट और इसमें आराम से चीनी का सिरप डालें और मिक्स करें। 2. इसमें बेरी प्यूरी, क्रीम चीज और डबल क्रीम डालें। इसे मोल्डस में डालकर पूरी रात फ्रिज में रख दें। हेजलनट स्ट्रेसेल बनाने के लिएः 1. सारी सामग्री को मिलाकर अच्छी तरह तब तक मिक्स करें जब तक कि या क्रंबल न हो जाए। इसे 12 मिनट के 165 डिग्री तापमान पर बेक करें। इसे ओवन से निकाल कर ठंडा होने दें। हेजलनट वाइट चॉकलेट प्रेस्ड सेबल तैयार करने के लिएः1. सारी सामग्री को मिक्स करके अपने मनचाहे मोल्डस में डालकर किसी फ्लैट चीज से इसे अच्छे से दबाएं। इसे पूरी तरह तैयार होने के लिए फ्रिज में रख दें। फ्लेक्सी बेरी तैयार करने के लिएः 1. एक पैन में बेरी प्यूरी को गर्म करें, इसमें 100 ग्राम चीनी और ग्लूकोज डाले। जब यह 60 प्रतिशत बचें तो इसमें बची हुई चीनी और पेक्टीन डालकर अच्छे से पकाएं। 2. इसे सिलपट पर फैलाएं और 140 पर 12 मिनट के लिए ओवन में रखें।
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MUZAFFARPUR: खबर मुजफ्फरपुर की है, जहां 6 महीने के मासूम की तलवार से काटकर हत्या कर दी गई है। हमलावर अपराधी पिता को मारना चाहता था। लेकिन हमले के वक्त मासूम अपने पिता की गोद में था। हमलावर ने जैसे ही पिता पर हमला किया वो झुका गया और तलवार का दूसरा वार मासूम के ऊपर लग गया। जिससे मासूम बच्चा बुरी तरह जख्मी हो गया। अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। यह मामला काजी मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के कटही पुल इलाके का है। बताया जाता है कि देर रात नकाबपोश बदमाशों ने बच्चे के पिता राजा पटेल की हत्या करने आया था। तलवार से बदमाशों ने पहला वार बच्चे के पिता पर किया। हमले के बाद उसके सिर और गर्दन से खून निकलने लगा। तभी नकाबपोश बदमाश ने दूसरा वार किया। जिससे बच्चे के सिर पर तलवार लग गई। इसी दौरान बदमाश पूल से 20 फीट नीचे कूद गया। नीचे रेलवे लाइन पर एक ट्रेन रुकी हुई थी। घटना को अंजाम देने के बाद बदमाश ट्रेन से फरार हो गया। इस घटना के बाद परिजन बच्चे को लेकर आनन-फानन में सदर अस्पताल ले गए। बच्चे की स्तिथि गंभीर देख कर वहां से SKMCH रेफर कर दिया गया। जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृत बच्चा माहिर कुमार महज 6 महीने का था। घटना के बाद पुरे इलाके में मातमी सन्नाटा पसर गया है। बच्चे को देखने के लिए लोगो की भीड़ जुट गई। इस घटना की सुचना मिलते ही थानेदार सत्येंद्र सिन्हा और सब इंस्पेक्टर शशि भगत ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। मृत बच्चे के पिता राजा के बयान पर अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। मृतक के पिता राजा ने बताया कि उसके पिता को पैरालाइसिस अटैक था। इसलिए उन्हें चलने में दिक्कत आती है। उनके लिए व्हीलचेयर खरीदने के लिए बेटे को गोद में लेकर मोतीझील जा रहा था। जैसे ही वो पूल पर पंहुचा तभी एक नकाबपोश व्यक्ति हाथ में तलवार लिए आया और उसपर जोरदार वार कर दिया। वह किसी तरह बच गया। लेकिन, दूसरे वार में उसके बच्चे की मौत हो गयी। राजा ने बताया कि हमलावर ने अपना चेहरे गमछा से ढंका हुआ था। इसलिए उसे नहीं पहचान पाया। फिलहाल, पुलिस आसपास के लोगो से पूछताछ कर रही है।
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पौराणिक मान्यताओं के अनुसार आषाढ़ शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी के दिन श्री हरि विष्णु चार महीनों के लिए योगनिद्रा में लीन रहते हैं और कार्तिक मास की देवउठनी एकादशी के दिन जागते हैं । भगवान विष्णु के जागृत होने के बाद उनके शीलाग्राम अवतार के साथ तुलसी जी का विवाह कराए जाने की परंपरा है। कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को तुलसी विवाह के रूप में मनाया जाता है। Tulsi Vivah 2022 Date Puja Vidhi Muhurat: प्रत्येक वर्ष कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को तुलसी विवाह के रूप में मनाया जाता है। सनातन हिंदू धर्म में तुलसी को एक पवित्र पौधे के रूप में जानते हैं। तुलसी को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। हर साल इस दिन तुलसी जी का विवाह भगवान विष्णु के स्वरूप शालीग्राम के साथ कराया जाता है। इस वर्ष तुलसी विवाह 05 नवंबर 2022 को है। आइए जानते हैं तुलसी विवाह के मुहूर्त, महत्व और पूजन विधि के बारे में। इस साल तुलसी विवाह का पर्व शनिवार 05 नवंबर 2022 को मनाया जाएगा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार आषाढ़ शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी के दिन श्री हरि विष्णु चार महीनों के लिए योगनिद्रा में लीन रहते हैं और कार्तिक मास की देवउठनी एकादशी के दिन जागते हैं । भगवान विष्णु के जागृत होने के बाद उनके शीलाग्राम अवतार के साथ तुलसी जी का विवाह कराए जाने की परंपरा है। ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से एक हजार अश्वमेध यज्ञ करने जितना फल मिलता है। तुलसी विवाह के दिन तुलसी जी और शालीग्राम का विवाह कराने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और भक्त की सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती है। तुलसी विवाह के बाद से ही शादी-विवाह के शुभ मुहूर्त भी शुरू हो जाते हैं। तुलसी विवाह के दिन प्रातः काल स्नानआदि कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। तुलसी विवाह पूजन संध्या कल में की जाती है। तुलसी विवाह के लिए एक चौकी में वस्त्र बिछाएं और उसमें तुलसी का पौधा और शालिग्राम को स्थापित करें। इसके बाद तुलसी जी और शालीग्राम में गंगाजल छिड़कें। चौकी के पास एक कलश में जल भरकर रखें और घी का दीप जलाएं। इसके बाद तुलसी और शालीग्राम को रोली व चंदन का तिलक लगाएं। तुलसी पौधे के गमले में गन्ने का मंडप बनाएं। तुलसी पौधे की पत्तियों में सिंदूर लगाएं, लाल चुनरी चढ़ाएं और श्रृंगार का सामान सिंदूर, चूड़ी, बिंदी आदि चढ़ाएं। हाथ में शालीग्राम रखकर तुलसी जी की परिक्रमा करें और इसके बाद आरती भी करें। पूजा समाप्त होने के बाद हाथ जोड़कर तुलसी माता और भगवान शालीग्राम से सुखी वैवाहिक जीवन की प्रार्थना करें। हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें। Read the latest and breaking Hindi news on amarujala. com. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. Register with amarujala. com to get all the latest Hindi news updates as they happen.
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(www. arya-tv. com)दुनिया में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 7. 52 करोड़ के ज्यादा हो गया। 5 करोड़ 28 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक 16 लाख 67 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। अमेरिका और जर्मनी के बाद कोलंबिया में संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसकी वजह छुट्टियों के दौरान लोगों का प्रतिबंधों को नजरअंदाज करना माना जा रहा है। गुरुवार को यहां 12 हजार से ज्यादा केस सामने आए। कोलंबिया में गुरुवार को कुल 12 हजार 196 केस सामने आए। इसके पहले अगस्त में एक दिन में 13 हजार 55 मामले सामने आए थे। यहां अब तक कुल 14 लाख 68 हजार 795 मामले सामने आ चुके हैं। इसी दौरान 39 हजार 787 लोगों की मौत भी हुई है। राष्ट्रपति इवान डुके ने गुरुवार को हेल्थ मिनिस्ट्री के अफसरों के साथ मीटिंग की। इसके बाद जारी बयान में लोगों को चेतावनी दी। कहा- फेस्टिव सीजन में संयम बरतें, क्योंकि संक्रमण कम होने की बजाए तेजी से फैल रहा है। कोलंबिया सरकार का कहना है कि जनवरी 2021 के पहले वैक्सीनेशन शुरू होना मुश्किल है। हालांकि, सरकार इसके लिए सभी तैयारियां कर चुकी है। दक्षिण अमेरिकी देशों ब्राजील के अलावा कोलंबिया ही सबसे ज्यादा प्रभावित है। अमेरिका के प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन की टेस्ट रिपोर्ट गुरुवार रात निगेटिव आई। उनके व्हाइट हाउस एडवाइजर सेड्रिक रिचमंड गुरुवार को ही पॉजिटिव पाए गए थे। वे कई दिन से बाइडेन के लगातार संपर्क में थे। बाइडेन की प्रवक्ता ने कहा- प्रेसिडेंट इलेक्ट का कोरोना टेस्ट कराया गया था। उनकी टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है। उनके एडवाइजर मिस्टर रिचमंड पॉजिटिव पाए गए थे। प्रेसिडेंट इलेक्ट अगले हफ्ते सार्वजनिक तौर पर वैक्सीनेशन कराएंगे। दूसरी तरफ, हेल्थ मिनिस्ट्री ने साफ कर दिया है कि राज्यों को भेजी जाने वाली वैक्सीन डोजेस में सोमवार से काफी तेजी आएगी।
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भारत और न्यूजीलैंड ने साइबर सुरक्षा, साइबर अपराध और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में करीबी सहयोग के साथ काम करने पर बुधवार को सहमति व्यक्त की। विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी। मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, बुधवार को संपन्न दो दिवसीय डिजिटल वार्ता में दोनों देशों के बीच साइबर क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का फैसला किया गया। बयान में कहा गया है कि भारत-न्यूजीलैंड द्विपक्षीय साइबर वार्ता के दूसरे संस्करण में साइबर क्षेत्र में वर्तमान सहयोग के विभिन्न आयामों पर चर्चा की गई तथा इसे और आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की गई। भारत और न्यूजीलैंड ने ने साइबर सुरक्षा साइबर अपराध तथा क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में करीबी सहयोग के साथ काम करने पर सहमति व्यक्त की। साथ ही दोनों पक्षों ने आपसी हित से जुड़े विविध विषयों पर चर्चा की। बयान के मुताबिक, 'साइबर वार्ता के दौरान दोनों देशों ने साइबर क्षेत्र में वर्तमान द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न आयामों पर चर्चा की और साइबर मुद्दे पर हालिया घटनाक्रमों पर विचारों का आदान-प्रदान किया तथा इस क्षेत्र में सहयोग और बढ़ाने की संभावनाओं पर विचार किया। ' दोनों पक्षों ने साइबर सुरक्षा, साइबर अपराध तथा क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में करीबी सहयोग के साथ काम करने पर सहमति व्यक्त की तथा आपसी हित से जुड़े विविध विषयों पर चर्चा की। भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में साइबर कूटनीति पर संयुक्त सचिव अतुल मल्हारी गोटसुर्वे ने किया, जबकि न्यूजीलैंड के शिष्टमंडल का नेतृत्व वहां की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के निदेशक डान एटान ने किया। उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) द्वारा 29 जून 2021 को शुरू किए गए वैश्विक साइबर सुरक्षा सूचकांक (जीसीआई) 2020 में भारत का 10वां स्थान रहा और उसके दर्जे में 37 स्थानों का सुधार हुआ। साइबर सुरक्षा के लिहाज से सूची में सबसे ऊपर अमेरिका है और उसके बाद ब्रिटेन तथा सऊदी अरब एक साथ दूसरे स्थान पर हैं, जबकि सूचकांक में तीसरे स्थान पर एस्टोनिया है। भारत एक वैश्विक आईटी महाशक्ति के रूप में उभर रहा है और डेटा गोपनीयता तथा नागरिक के ऑनलाइन अधिकारों की सुरक्षा के लिए दृढ़ उपायों के साथ अपनी डिजिटल संप्रभुता का दावा करता है।
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बुर्के और घूंघट पर काफी चर्चा हो रही है. या यूं कहें कि इसका मुद्दा अभी गर्माया हुआ है. क्यों. . क्योंकि श्रीलंका में जब ईस्टर के दिन कई धमाके हुए तो वहां के राष्ट्रपति ने मुंह ढंकने पर पाबंदी लगा दी थी और हिजाब का इस्तेमाल न करने का आदेश दिया था. भारत में जब वो खबर पहुंची तो लोगों ने उसे कुछ और ही सुन लिया. वहां तो हिजाब पर पाबंदी थी, लेकिन यहां के नेता पूरे के पूरे बुर्के पर बैन लगाने की रेस में शामिल हो गए. ऐसे में गीतकार जावेद अख्तर भी बुर्के की बात पर सुर्खियों में आए. उन्होंने कहा था कि महिला सशक्तिकरण के लिए महिलाओं का मुंह ढंकना ही बंद करना चाहिए, वो चाहे नकाब से हो या फिर घूंघट से. दोनों को बंद करना चाहिए. ये बात हुई ही थी कि इसकी चपेट में फिल्म एक्ट्रेस शबाना आज़मी भी आ गईं. इनकम टैक्स : इस साल ऑनलाइन टैक्स में 6. 60 लाख लोगों की कमी ! ये है शबाना आज़मी का ट्वीट, जिसमें उन्होंने अपने पति जावेद अख्तर को भी टैग किया है. इसमें वो जावेद अख्तर को बोलना तो कुछ और ही चाह रही हैं, लेकिन ट्रोल्स के ट्रोल ने शबाना आज़मी के रोमांस की बैंड बजा दी. ट्रोल्स उन पर बुर्के को लेकर कमेंट करने लगे. इसके बाद ट्रोल्स की बारिश होने लगी. किसी ने 'जिहादी' कहा तो किसी ने 'तालिबानी'. हालांकि शबाना आज़मी ने किसी भी ट्रोल का पलटकर जवाब नहीं दिया है. लेकिन ट्रोल्स का क्या है? किसी और बात पर बवाल मचाएंगे, किसी और को पाकिस्तान भेजेंगे. किसी और को गालियां देंगे. इसके बिना खाना पचता कहां है उनका.
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394 : प्रेमचंद रचनावली 10 चाहूं प्रेम करूं। बोलो मानते हो? विलियम : यह कैसे मुमकिन है, जेनी ! तुम हंसी करती हो। उस वक्त अगर कोई मर्द तुम्हारी तरफ आंखें भी उठाये, तो उसका खून पी जाऊं, खोदकर जमीन में गाडं दूं, जीता निगल जाऊं। जेनी : तो फिर हमारी- तुम्हारी विधि नहीं मिलती। विलियमः देखो जेनी, मेरी अभिलाषाओं का खून न करो। मेरी जिंदगी बरबाद हो जाएगी। जेनी : अच्छा बस, अब हंसी हो चुकी विलियम ! तुमने कभी सोचा है, तुम क्यों शादी करना चाहते हो? विलियम : (हक्का-बक्का होकर) आखिर और सब लोग क्यों शादी करते हैं? जेनी : और सब लोग झक मारते हैं। मैं तुमसे पूछती हूं, तुम क्यों शादी करना चाहते हो ? विलियम सिर खुजलाता है और बगलें झांकता है। जेनी : तुम्हें नहीं मालूम। अच्छा मुझसे सुनो। तुम केवल इसलिए विवाह करना चाहते हो, कि तुम्हारा चित्त प्रसन्न करने के लिए तुम्हारे घर में एक खिलौना आ जाय। विलियम : बस-बस यही बात है, जेनी! तुम कितनी बुद्धिमती हो । जेनी : तुम इसलिए विवाह करना चाहते हो कि जब मैं बढ़िया सूफियाना साड़ी पहनकर तुम्हारी मोटर साइकिल पर तुम्हारे साथ निकलूं, तो लोग हंस-हंसकर कहें 'वह जा रहा भाग्य का धनी विलियम !' विलियम : बस-बस यही बात है, जेनी ! सचमुच तुम बड़ी बुद्धिमती हो। जेनीः इसलिए कि जब तुम अपने अफसरों की दावत करो, तो मैं उनसे मीठी-मीठी बातें करके उनका दिल खुश करूं और अफसर खुश होकर तुम्हारी तरक्की करें। विलियम : बस-बस यही बात है जेनी। जेनीः इसलिए कि तुम्हारे बच्चे हो जायं और तुमने जो थोड़ी-सी चांदी जमा कर रखी है, उसके वारिस पैदा हो जायं। विलियम : बस-बस जेनी ! सुभान अल्लाह ! जेनी : तो मैंने इसके लिए एक बहुत अच्छी औरत तलाश कर रखी है। वह मुझसे कहीं अच्छी बीवी होगी तुम्हारी। तुम जैसे
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दबाव के क्षणों में धौनी-विराट को बेहतर तरीके से टीम को संभालने की नसीहत देते हैं। अभिषेक त्रिपाठी, बेंगलुरु। सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण, अनिल कुंबले जैसे क्रिकेटरों के एक के बाद एक संन्यास लेने के बावजूद महेंद्र सिंह धौनी ने भारतीय टीम को बेहतर ढंग से संभाला। वहीं, रिकी पोंटिंग, शेन वार्न, एडम गिलक्रिस्ट और ग्लेन मैक्ग्रा जैसे दिग्गजों के बाद ऑस्ट्रेलियन टीम कभी लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई। टेस्ट से धौनी के संन्यास लेने और वनडे व टी-20 की कप्तानी छोडऩे के बाद विराट कोहली ने टीम को सही दिशा दी है। खासतौर पर सीमित ओवरों के क्रिकेट में दबाव के क्षणों में धौनी ने जिस तरह से कोहली की मदद की है उससे भारतीय क्रिकेट के अच्छे दिन बरकरार रहने की पूरी उम्मीद है। एक समय खराब प्रदर्शन के बावजूद कोहली को टीम में बरकरार रखने में धौनी ने अहम भूमिका निभाई थी, लेकिन बाद में दोनों के बीच खटास बढ़ गई थी। हालांकि कभी इन दोनों ने इसे जाहिर नहीं होने दिया, लेकिन पिछले एक साल से इन दोनों के बीच में जो केमिस्ट्री देखी जा रही है वह शानदार है। खासतौर पर पिछले तीन वनडे और तीन टी-20 में धौनी ने जिस तरह उनका साथ दिया वह महत्वपूर्ण है। कोहली ने भी यह माना है। माही से सीख रहा हूं गुर : विराट ने तीन टी-20 मैच की सीरीज जीतने के बाद कहा कि मैं टेस्ट प्रारूप में कप्तानी कर रहा था, लेकिन वनडे और टी-20 मैच काफी तेज होते हैं। इसलिए ऐसे व्यक्ति (धौनी) से अहम मौकों पर सलाह लेना कोई बुरा विचार नहीं है, जिसने इस स्तर पर क्रिकेट की टीम की काफी लंबे समय तक कप्तानी की हो और वह खेल को अच्छी तरह समझता हो। मिला अच्छा सुझाव : उन्होंने कहा कि युजवेंद्र चहल के ओवर खत्म होने के तुरंत बाद जसप्रीत बुमराह को गेंदबाजी के लिए लाने से पहले मैं हार्दिक पांड्या को एक ओवर देने के बारे में सोच रहा था, लेकिन धौनी और आशीष नेहरा ने सुझाव दिया कि 19वें ओवर तक इंतजार मत करो, बल्कि मुख्य गेंदबाजों को लगाओ। इसलिए इस तरह की चीजें बहुत मदद करती हैं जब आप सीमित ओवरों के प्रारूप में नए कप्तान हों। कोहली ने कहा कि मैं कप्तानी में नया नहीं हूं, लेकिन छोटे प्रारूपों में अगुआई के लिए जिस तरह के कौशल की जरूरत होती है, उसे समझने में संतुलन होना चाहिए। धौनी इसमें काफी मददगार रहे हैं। टीम ने तेजी से प्रगति की : भारतीय टीम ने काफी तेज प्रगति की है, जिसमें काफी युवा खिलाड़ी मौजूद हैं। हमें वैसे ही परिणाम मिले, जैसे हम चाहते थे। निश्चित रूप से तीनों सीरीज में जीतकर काफी अच्छा महसूस हो रहा है। सचमुच अब काफी अच्छा है क्योंकि हम अब शीर्ष स्तर की टीम के खिलाफ खेलेंगे। हम समझते हैं कि यह जानते हुए कि हमारी टीम में इतने अनुभवी खिलाड़ी मौजूद नहीं हैं, उसके बावजूद सभी तीनों सीरीज में अव्वल आने के बाद अच्छा लगता है। उन्होंने कहा कि टेस्ट टीम भी उतनी ही अच्छी है। वनडे में भी हमारे पास तीन-चार अनुभवी खिलाड़ी हैं, लेकिन बाकी सारे खिलाड़ी जिन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है, सभी युवा हैं। जो मुझे लगता है कि भारतीय क्रिकेट के लिए काफी मनोबल बढ़ाने वाला है। अच्छी बात यह है कि युवा खिलाड़ी व्यक्तिगत प्रदर्शन के बजाय टीम के लिए मैच जीतने के भूखे थे। चहल ने किया काम आसान : चहल के मध्य ओवरों में विकेट लेने से मेरे लिए काम आसान हो गया। अगर हमें मध्य के ओवरों में विकेट नहीं मिलते तो बेंगलुरु में कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। कोई भी स्कोर ज्यादा बड़ा नहीं लगता और दुनिया की कोई भी बल्लेबाजी लाइनअप अंत में फटाफट रन जुटाती है। इसलिए इस मैच में हमारे लिए अहम चीज मध्य के ओवरों में विकेट लेना रही और चहल ने ये विकेट लेकर काफी अच्छा काम किया। उन्होंने यह भी कहा कि इंग्लैंड के बल्लेबाजी क्रम के आउट होने का आइपीएल नीलामी में इंग्लैंड के खिलाडिय़ों के चुने जाने पर कोई असर नहीं होगा। मुझे नहीं लगता कि इस प्रदर्शन से किसी के भी आइपीएल में चुने जाने के मौके पर कोई प्रभाव पड़ेगा। यह निर्भर करता है कि कौन सी टीम किसे चाहती है जो उनकी टीम को बेहतर संतुलन प्रदान करे।
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मालेः भारत ने रविवार को मालदीव में दक्षिण एशिया की संसदों के अध्यक्षों के शिखर सम्मेलन के दौरान कश्मीर मुद्दा उठाने की पाकिस्तान की कोशिश नाकाम कर दी। भारत ने कहा कि इस्लामाबाद को आतंकवाद को सभी तरह का राजकीय सहयोग खत्म करना चाहिए क्योंकि यह मानवता के लिए 'सबसे बड़ा खतरा' है। मालदीव की संसद में हुए इस सम्मेलन के दौरान दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। सम्मेलन में दक्षिण एशियाई देशों के प्रतिनिधि जुटे थे। नेशनल असेंबली में पाकिस्तानी डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने "सतत विकास लक्ष्य" (एसडीजी) पर चर्चा के दौरान 'कश्मीर मुद्दा' उठाने की कोशिश की। भारत ने फौरन नियमों का हवाला दिया जिसके बाद पीठासीन अधिकारी ने सूरी को भारतीय प्रतिनिधि एवं राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश को बोलने देने के लिए कहा। लेकिन उन्होंने (सूरी) ने इसे अनसुना कर दिया, जिसे लेकर हंगामा हुआ। हरिवंश ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और भारत के आंतरिक विषय को उठाने को लेकर तथा इस मंच को राजनीतिक रंग देने को लेकर पाकिस्तान की आलोचना की। उन्होंने कहा कि कराची समझौता (28 अप्रैल, 1949) ने पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर को खंडित कर दिया और सामरिक रूप से अहम इसके 85 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र को पाकिस्तान के सीधे नियंत्रण में ला दिया। इस दौरान शोरगुल के बीच स्पीकर नशीद ने दोनों पक्षों को शांत करने की कोशिश की क्योंकि पाकिस्तानी प्रतिनिधि लगातार बोले जा रही थी। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने किया। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को रद्द किए जाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। पाकिस्तान विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को लगातार उठाने की कोशिश करता रहा है लेकिन भारत का यह कहना रहा है कि यह एक आंतरिक विषय है।
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अर्जुन, भीम और द्रौपदी- तीनो दुर्योधन से बहुत खिलाफ थे, फिर भी उन्हें युधिष्ठिर के वचनो पर ऐसा दृढ़ विश्वास था तो तुम्हे भगवान् के वचनो पर कितना अधिक विश्वास होना चाहिए । भगवान् कहते है - सिर काटने वाला वैरी भी मिच ही है । वास्तव मे तो कोई किसी का सिर काट ही नहीं सकता, किन्तु आत्मा ही अपना शिरच्छेद कर सकती है। ही अपना असली वैरी है । अर्जुन ने गन्धर्व से कहा - 'भले ही तुम हमारे हित की बात कहते होओ, मगर अपने भाई की बात के सामने में तुम्हारी बात नहीं मान सकता । मुझे अपने ज्येष्ठ भ्राता युधिष्ठिर की बात शिरोधार्य करके दुर्योधन को तुम्हारे वन्धन से छुडाना है। अतः तुम उसे वन्धन - मुक्त कर दो। अगर यो नहीं मुक्त करना चाहते तो युद्ध करो । अगर तुमने हमारे हित के लिए कर रखा हो तो मेरा यही कहना है कि उसे छोड दो। मुझे उसकी करतूतें नहीं देखनी है, मुझे की आज्ञा का पालन करना है। उसे छोड़ दो। न दुर्योधन को छुड़ा लाया । युधिष्ठिर अर्जुन पर बहुत प्रसन्न हुए और कहने लगे - 'तू मेरा सच्चा भाई है ।" उन्होंने द्रौपदी से कहा- देखो, इस जगल मे कैसा मंगल हैं। इस प्रकार युधिष्ठिर ने जंगल मे और संकट के समय में वर्म का पालन किया था। मगर इस पर से आप अपने विषय में विचार करो कि आप उपाश्रय में धर्म का पालन करने या अपने अभिमान का पोषण करने ? वर्मस्थान करते ही 'निम्मी - निन्मही' कहकर अभिमान, क्रोध निषे करना चाहिए। अगर इनका निषेध किये बिना उदाहरणाला ] हैं - अपने ऊपर भले ही लाखो जुल्म करता हो, मगर यदि वह भाई किसी तीसरे द्वारा दबाया जाता हो या पीड़ित किया जाता हो तो उसे पीडा मुक्त करना भाई का धर्म है । अर्जुन पहले कहता था- दुर्योधन, गधर्व द्वारा कैद कर लिया गया, यह बहुत अच्छा हुआ। परन्तु युधिष्ठिर की आज्ञा होते ही वह गंधर्व के पास गया । उसने दुर्योधन को बंधनमुक्त करने के लिए कहा । यह सुनकर गधर्व ने अर्जुन से कहा- 'मित्र' तुम यह क्या कह रहे हो ? तुम इतना भी विचार नहीं करते कि दुर्योधन बड़ा ही दुष्ट है और तुम सबको मारने के लिए जा रहा था । ऐसी स्थिति मे मैने उसे पकड़ कर कैद कर लिया है तो बुरा क्या किया है ? इसलिए तुम अपने घर जाओ और इसे छुडाने के प्रयत्न मे मत पडो । अर्जुन ने उत्तर दिया- दुर्योधन चाहे जैसा हो आखिर तो हमारा भाई ही है, अतएव उसे बधनमुक्त करना ही पड़ेगा ।' अर्जुन तो भाई की रक्षा के लिए इस प्रकार कहता है, मगर आप लोग भाई भाई कोर्ट में मुकद्दमेबाजी तो नहीं करते ? कदाचित् कोई कहे कि हमारा भाई बहुत खराब है तो उससे यही कहा जा सकता है कि वह कितना ही खराब क्यों न हो, मगर दुर्योधन के समान खराब तो नहीं है । जब युधिष्ठिर ने दुर्योधन के समान भाई के प्रति इतनी क्षमा और सहनशीलता का परिचय दिया तो तुम अपने भाई के प्रति इतनी क्षमा और सहनशीलता का परिचय नहीं दे सकते ? मगर तुम मे भाई के प्रति इतनी क्षमा और सहनशीलता नहीं है और इसी कारण तुम भाई के खिलाफ न्यायालय मे मुकद्दमा दायर करते हो । अमर मरंता मैंने देखे ! एक सेठ का नाम उनठनपाल था । नाम ठनठनपाल होने पर भी वह बहुत धनवान था और उसकी बहुत अच्छी प्रतिष्ठा भो यो । प्राचीन काल के श्रीमन्त, श्रीमन्त होने पर भी अपना कोई काम छोड नहीं बैठते थे । आज जरा-सी लक्ष्मी प्राप्त होते ही लोग सय काम छोडछाड़ कर बैठे रहते है और ऐसा करने में ही अपनी श्रीमताई समझते है । टनटनपाल सेठ की पत्नी सेठानी होने पर भी पानी भरना, टापोमना, कूटना आदि सब घरू काम-काज अपने हाथों करती थी। अपने हाथ में किया हुआ काम जितना अच्छा होता है, उतना अच्छा दूसरे के हाथ से करवाया काम नहीं होता । परन्तु आजकल बहुत से लोग धर्मध्यान करने के बहाने से घर का काम करना छोड़ देते हैं। उन्हें यह विचार नहीं कि वर्मयान करने वाला व्यक्ति क्या कभी आलसी बन ही धर्मस्थान में आते हो तो कहना चाहिए कि धर्मतत्व से दूर हैं । भीम ने युधिष्ठिर से कहा - 'गन्धर्व द्वारा दुर्योधन के कैद होने से तो हमे प्रसन्नता हुई थी । आप न होते तो हम इसी पाप में पड़ते रहते ।। भीम का यह कथन सुनकर युधिष्ठिर ने उत्तर दिया- 'यह तो ठीक है, मगर अर्जुन जैसा भाई न होता तो मेरी आज्ञा कौन मानता ? तुम भी झस्थ हो । तुम्हारे अन्तःकरण में इस प्रकार का पापा सभव है। फिर भी आज्ञा शिरोधार्य करने का व्यान तो तुम्हे भी रखना चाहिए । भगवान् की आज्ञा है कि सब को अपना मित्र को अपराध के लिए क्षमा माँगो और दूसरो के अपराध क्षमा कर दो । इस आज्ञा का पालन करने मे ऐसी पॉलिसी का उपयोग नही करना चाहिए कि जिनके साथ लड़ाई-झगडा किया हो उनसे तो क्षमा माँगो नहीं और दूसरो से केवल व्यवहार के लिए क्षमा याचना करो । सच्ची क्षमा माँगने का और क्षमा देने का यह सच्चा मार्ग नहीं है । शत्रु हो या मित्र, सब पर क्षमाभाव रखना ही महावीर भगवान् का महामार्ग है । भगवान् के इस महामार्ग पर चलोगे तो आपका कल्याण होगा । आज युधिष्ठिर तो रहे नही मगर उनकी कही बात रह गई है, इस बात को तुम ध्यान मे रक्खो और जीवनव्यवहार मे उतारो । [ अमर मरंता मैंने देखे सारांश यह है कि लोग अपने हाथ से काम न करके दूसरो से काम कराने मे अपनी महत्ता मानते है । उन्हें इस बात का विचार ही नहीं है कि अपने हाथ से और दूसरे के हाथ से काम करने कराने मे कितना ज्यादा अन्तर है । ठनठनपाल श्रीमान् था, फिर भी उसकी पत्नी पीसना, कूटना आदि काम अपने हाथ ही से करती थी । किन्तु जब वह अपनी पड़ोसिनो से मिलती तो पडोसिने उसकी हँसी करने के लिए कहती - 'पधारो श्रीमती ठनठनपालजी " ठनठनपालजी की पत्नी को यह मजाक रुचिकर नहीं होता था । एक दिन इस मजाक से उसे बहुत बुरा लगा। वह उदास हो कर बैठी थी कि उसी समय सेठ ठनठनपाल आ गये। अपनी पत्नी को उदास देखकर उन्होने पूछा- 'श्राज उदास क्यो दिखाई देती हो ? सेठानी बोली- तुम्हारा यह नाम कैसा विचित्र है । तुम्हारे नाम के कारण पड़ौसिने मेरी हँसी करती है। तुम अपना नाम बदल क्यों नहीं डालते ? ठनठनपाल ने कहा- - मेरे नाम से सभी लेनदेन चल रहा है। अव नाम बदल लेना सरल बात नहीं हैं। कैसे बदल सकता हूँ ? उसकी पत्नी बोली- 'जैसे बने तैसे तुम्हे यह नाम तो बदलना ही पड़ेगा । नाम न वदला तो में अपने मायके चली जाऊँगी । ठनटनपाल ने कहा- मायके जाना है तो अभी चली जा, मगर मै नाम नहीं बदल सफ्ता । तेरी जैसी हटीली श्री मायके चली जाय तो हर्ज भी क्या है ? टनटनपाल की श्री रूठ कर मायके चली । वह नगर के पर पहुंची कि कुछ लोग एक सुर्दे को उठाये वहाँ से निकले। ने उनसे पूछा- 'यह कौन मर गया है ?" लोगों ने उत्तर सकता है ? जो कार्य अपने ही हाथ से भलीभाँति हो सकता है, शास्त्रकार उसके त्याग करने का आदेश नहीं देते । तुम स्वयं जो काम करोगे, विवेकपूर्वक करोगे, दूसरे से ऐसे विवेक की आशा कैसे रक्खी जा सकती है ? इस प्रकार अपने हाथ से विवेकपूर्वक किये गये काम मे एकान्त लाभ ही है। स्वयं आलसी बनकर दूसरे से काम कराने मे विवेक नहीं रहता और परिणामस्वरूप हानि होती है। आजकल बिजली द्वारा चलने वाली चक्कियॉ बहुत प्रच लित हो गई है और हाथ की चक्कियाँ बन्द होती जा रही है । क्या घर की चक्कियाँ बन्द होने के कारण यह कहा जा सकता है कि थोड़ा हो गया है ? वर की चक्कियाँ बन्द करने से तुम निरास्रवी नहीं हुए हो परन्तु उलटे महापाप में पड़ गये हो । घर की चक्की और बिजली की चक्की का अन्तर देखोगे तो अवश्य मालूम हो जायगा कि तुम किस प्रकार महापाप मे पड़ गये हो । विचार करोगे तो हाथ चक्की और बिजली की चक्की मे राई और पहाड जितना अन्तर प्रतीत होगा। बिजली से चलने वाली चक्की से व्यवहार और निश्चय - दोनो की हानि हुई है और साथ ही साथ स्वास्थ्य की भी हानि हुई है और हो रही है। पुराने लोग मानते है कि डाकिनी लग जाती है और जिस पर उसकी नजर पड जाती है उसका वह सत्त्व चूस लेती है । डाकिनी की यह बात तो गलत भी हो सकती है परन्तु विजली से चलने वाली चक्की तो डाकिनी से भी बढकर है । वह अनाज का सत्त्व चूस लेती है यह तो सभी जानते हैं। बिजली की चक्की मे पिसाया हुआ आटा कितना ज्यादा गरम होता है, यह देखने पर विदित होगा कि आटेका सत्त्व भस्म हो गया है ।
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TV Serials Update 21 october 2022: आज के एपिसोड में आप देखेंगे कि आरोही नील को यकीन दिलाती है कि अक्षरा जैसी दिखती है वैसी है नही. . वो हमारी शादी से खुश नहीं है लेकिन नील कहता है कि अक्षरा भाभी ऐसी नहीं है। नई दिल्ली। छोटे पर्दे के पॉपुलर सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है और कुंडली भाग्य में रोजाना ट्विस्ट देखने को मिल रहे हैं। ये रिश्ता क्या कहलाता है के बीते एपिसोड में आपने देखा कि अक्षरा को पता चलता है कि आरोही महिमा को घर की सारे बातें बताती है। वो आरोही से कहती है कि तू नील से प्यार नहीं बल्कि बिरला के पावर और पैसे से प्यार करती हैं। अक्षरा कहती है कि वो उसकी शादी नील से नहीं होने देगी। वही कुंडली भाग्य में प्रीता अर्जुन के साथ से मिठाई खा लेती है। अर्जुन बहुत खुश होता है कि वो अपने प्लान में कामयाब रहा है। आज के एपिसोड में आप देखेंगे कि आरोही नील को यकीन दिलाती है कि अक्षरा जैसी दिखती है वैसी है नही. . वो हमारी शादी से खुश नहीं है लेकिन नील कहता है कि अक्षरा भाभी ऐसी नहीं है। इसके बाद अक्षरा नील को मिलने के लिए बुलाती है और अभिमन्यु आरोही को। अक्षरा नील को समझाने की कोशिश करती है कि आरोही सही नहीं है वो सिर्फ बिरला अस्पताल के लिए तुम्हारा इस्तेमाल कर रही हैं। वहीं दूसरी तरफ अभिमन्यु आरोही को बड़े अस्पताल का ऑफर करता है। जैसे ही बात नील को पता चलती है तो वो अभि से सवाल करता है कि ऐसा क्यों किया। पूरा परिवार नील को समझाने की कोशिश करता है लेकिन नील गुस्से में हाथापाई पर उतर आता है और अभिमन्यु को धक्का देता है। अपकमिंग एपिसोड में अक्षरा अभिमन्यु से वादा लेती है कि वो आरोही और नील की शादी नहीं होने देगा। वहीं कुंडली भाग्य में शर्लिन गुस्से में पृथ्वी से पूछती है कि क्या वह अर्जुन से बदला लेगा या नहीं। पृथ्वी कहता है कि वो अर्जुन से बदला जरूर लेगा। इस बीच, ऋषभ प्रीता को आराम करने के लिए कहता है और उसने सुबह के लिए डॉक्टर का अपॉइंटमेंट बुक कर लिया है। प्रीता उससे कहती है कि इसकी जरूरत नहीं है लेकिन ऋषभ कोई बहाना सुनने को तैयार नहीं है और उसे बताता है कि उसकी सेहत पहले आती है। अगली सुबह, पृथ्वी स्कूल से काव्या का अपहरण करने का प्लान करता है जिससे वो ऋषभ से लाखों रुपये की फिरौती मांग सके। हालांकि पृथ्वी को नहीं पता है कि पहले से आतंकी काव्या के स्कूल में घुस चुके हैं।
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Early sign and symptoms of blood cancer or leukemia in kids : इस तरह के संकेत और लक्षण दिखने पर आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और सही इलाज कराना चाहिए. ब्लड कैंसर (Blood cancer) को ल्यूकेमिया (Leukemia) के नाम से भी जाना जाता है जो बच्चों को भी हो सकता है। नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के अनुसार, 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में यह कैंसर का सबसे आम प्रकार है। लगभग 4 में से 3 बच्चे और किशोर जो ल्यूकेमिया से पीड़ित हैं। यह 5 से कम उम्र के बच्चों में सबसे आम है अधिकतर मामले में 2 और 4 के बीच देखने को मिलते हैं। यह लड़कों की तुलना में लड़कियों में कम है। ब्लड कैंसर में रक्त कोशिकाएं प्रभावित होती हैं। ब्लड कैंसर होने पर अस्थि मज्जा (Bone Marrow) में सफेद रक्त कोशिकाएं बनने लगती हैं। यह ब्लड फ्लो के जरिए पूरे शरीर में फैलने लगत्ती हैं और हेल्दी ब्लड सेल्स के उत्पादन को दबा देते हैं। ब्लड कैंसर के संकेत और लक्षण वैसे तो सभी लोगों में सामान होते हैं लेकिन बच्चों में कुछ लक्षण अलग हो सकते हैं। ब्लड कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचानना थोड़ा मुश्किल है और सभी बच्चों में अलग-अलग हो सकते हैं। अगर आपके बच्चे में बार-बार एनीमिया के लक्षण दिखते हैं, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। एनीमिया तब होता है जब शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी होती है। लाल रक्त कोशिकाएं शरीर के चारों ओर ऑक्सीजन ले जाने के लिए जिम्मेदार होती हैं, और यदि कोई पर्याप्त उत्पादन नहीं कर रहा है, तो बच्चे में थकान, दुर्बलता, चक्कर आना, सांस फूलना, सिर दर्द, पीली त्वचा, असामान्य रूप से ठंड लगना जैसे लक्षण महसूस होने लगते हैं। यदि किसी बच्चे को आसानी से चोट लग जाती है और नाक या मसूड़ों से खून आता है, तो यह ल्यूकेमिया की ओर इशारा कर सकता है। इस प्रकार के कैंसर वाले बच्चे में प्लेटलेट्स की कमी होगी जो रक्तस्राव को रोकने में मदद करता है। ब्लड कैंसर वाले बच्चों में सफेद रक्त कोशिका ज्यादा होती हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश कोशिकाएं सही ढंग से काम नहीं कर रही हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि असामान्य कोशिकाएं स्वस्थ सफेद रक्त कोशिकाओं की जगह ले रही होती हैं। श्वेत रक्त कोशिकाएं शरीर की रक्षा करने और संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं। अगर आपका बच्चा बार-बार बीमार हो रहा है, तो होशियार हो जाएं। यदि कोई बच्चा लगातार यह शिकायत करता है कि उसकी हड्डियों या जोड़ों में दर्द हो रहा है, तो यह चाइल्डहुड ल्यूकेमिया का संकेत दे सकता है। जब ल्यूकेमिया विकसित होता है, तो असामान्य कोशिकाएं जोड़ों के अंदर या हड्डियों की सतह के करीब इकट्ठा हो सकती हैं। ब्लड कैंसर के संकेत में शरीर के विभिन्न अंगों में सूजन होना भी शामिल है जिसमें मुख्यतः पेट, चेहरा और हाथ, लिम्फ नोड्स, अंडरआर्म्स में या कॉलरबोन पर शामिल हैं। अगर इन हिस्सों में को छोटी गांठ बन रही है, तो डॉक्टर के पास जाएं। अचानक भूख में कमी, हमेशा पेट दर्द रहना, वजन कम होना, खांसी, सांस लेने में परेशानी, सिरदर्द, उल्टी, सुन्नता, धुंधला दिखना, बैलेंस बनाने में परेशानी, त्वचा पर दाग-धब्बे, बहुत ज्यादा थकान रहना, हमेशा बीमार रहना आदि भी इसके लक्षणों में हैं।
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तेज बहादुर यादव के नामांकन में गलती पर भेजे गए नोटिस में चुनाव आयोग ने खुद भी की गलती! तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द हो चुका है, लेकिन तेज बहादुर यादव के नामांकन में कमी निकालनेवाले चुनाव आयोग ने खुद अपने नोटिस में एक गलती कर दी. चुनाव में सबके नामांकन पत्र जांचनेवाला जिला निर्वाचन आयोग भी कभी-कभी गलती कर बैठता है. ये तब पता चला जब आयोग ने वाराणसी से लोकसभा प्रत्याशी बने तेज बहादुर यादव को नोटिस भेजा. आयोग ने ये नोटिस दो-दो हलफनामे दाखिल करने के मामले में तेज बहादुर को भेजा था. तेज बहादुर ने एक हलफनामा निर्दलीय उम्मीदवार तो दूसरा समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर जमा किया था. उन्हें शालिनी यादव की जगह उम्मीदवार बनाया गया था. जिला निर्वाचन आयोग ने जो नोटिस भेजा उसमें आप साफ देख सकते हैं कि तेज बहादुर यादव को साक्ष्य जमा करने के लिए 90 साल का समय दिया गया है. दरअसल लिखना तो 1-05-2019 था लेकिन लिखा गया 1-05-2109. ज़ाहिर है, टाइपिंग करनेवाले ने ये गलती की है. नोटिस भेजने से पहले किसी ने इस पर ध्यान भी नहीं दिया. गौरतलब है कि ऐसी गलतियां करने पर उम्मीदवारों के नामांकन पत्र तक निरस्त हो जाते हैं लेकिन खुद आयोग ने वैसी ही गलती की. आपको बता दें कि जब तेज बहादुर ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पर्चा भरा था तब उन्होंने सेना की बर्खास्तगी की जानकारी लिखी थी, लेकिन समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में नामांकन करते हुए वो संभवतः जानकारी छिपा गए. नामांकन पत्र की जांच के दौरान रिटर्निंग अफसर ने जब ये देखा तो उन्हें नोटिस भेज जवाब मांगा. वैसे तेज बहादुर का नामांकन पत्र अब निरस्त हो चुका है. जैसे ही ये खबर आई तो देशभर से प्रतिक्रियाएं मिलने लगीं. RLSP उपेंद्र कुशवाहा ने लिखा कि कुछ दिनों पूर्व PM मोदी जी के विमान की तलाशी लेने वाला ईमानदार IAS पर्यवेक्षक मो. मोहसिन की बर्खास्तगी और अब गरीब किसान का बेटा व पूर्व BSF जवान श्री तेजबहादुर यादव की वाराणासी से उम्मीदवारी रदद्! कुछ दिनों पूर्व PM मोदी जी के विमान की तलाशी लेने वाला ईमानदार IAS पर्यवेक्षक मो. मोहसिन की बर्खास्तगी और अब गरीब किसान का बेटा व पूर्व BSF जवान श्री तेजबहादुर यादव की वाराणासी से उम्मीदवारी रदद्! दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने तो पीएम मोदी पर ही नामांकन रद्द कराने का आरोप लगा दिया.
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[ श्री मधु लिमये) दूसरे सोमबार साल पहले जिस मंत्रालय के पास कुछ हथियार भी ऐसे मौजूद थे जिनका इस्तेमाल करके जिस मंत्री अर्थव्यवस्था पर अपना कुछ रोब जमा सकते । मगर रेवेन्यू इंटेलिजेन्स उनसे छीन लिया गया। डायरेक्टोरेट ग्राफ एन्फोर्समेन्ट विदेशी मुद्रा की बोरी के बारे में, वह भी सरकार का जो सीमा शुल्क है या प्रावकारी शुल्क है, इसके बारे में जो चोरियां होती है या भाय कर है या सम्पत्ति कर हैइनके ऊपर निगरानी रखने के लिए जो रेवेन्यु इन्टेलिजेन्स होता है वह इनसे छीन लिया गया, एन्फोर्समेन्ट डायरेक्टोरेट छीन लिया गया । नतीजा यह हुमा, बिल मंत्री यह इच्छा रखने हैं या नहीं मुझे पता नहीं लेकिन अगर रखते हैं तो भाज उनमें बह सामर्थ य नहीं हैं. उनके वह हथियार नहीं है जिससे वे पूरी अर्थ व्यवस्था को प्रभावित कर सकें । मेरी प्रापके मार्फत सरकार से विनती है कि सरकारी विभाग को पुनरंचना के बारे में और गठन के बारे में यह दोदाग मोज में क्योंकि अर्थव्यवस्था चौपट हो रही है । अभी वित्त मंत्री जो ने कहा कि एक वर्षा फेल होने का यह नतीजा है किगन साल. भाप जानते हैं. चुनाव के समय प्रधान मंत्रा का मैं बिहार में भाषण पढ़ रहा था कि जो बढ़िया रबी को फग़ल बाई है बह नीतियों की वजह से हमारी सेहत क्रान्ति की वजह से है। लेकिन आप जानते हैं गंगाजी में 1971 में भयंकर बाढ़ ग्राई थी। बाढ़ से कमान भी होता है परन्तु उसले नयी मिट्टी मातो है, जमीन में नमःती है । जगके बलोड़िया कमल 1973 में माई। लेकिन पहा गया मेरी वजह से हम कान्ति की बजह से ! तो मैंने कहा में जो वाड़ भाई वह भी शायद सापकी वजह से बाई । मेरी समझ में नहीं प्राग है अकेल होती है तो इन्द्र भगःगम का दोष औौरमा जाती है ताश्रय जी को तो हम इन्द्र और इन्दिरा के बक्कर में हमारा देश चोपट होना चला जा रहा है । मेरा साथ मंत्रालय और विदेश व्यापार मंत्रालय के ऊपर आरोप है। विगत तीन वर्षों में अर्थ व्यवस्था को चौपट करने की सबसे अधिक जिम्मेदारी प्रमर, किन्हीं मंत्रालयों की होगी तो वह बाथ मंत्रालय और व्यापार मंत्रालय की है । ** Expunged as ordered by the Chair.. Finance Bill, 1973: 268 चीनी पैदावार जहां 42 सान हो गई यहां एक साथ में आपने यह करिश्मा विवाया कि -11 लाख टन बीनी पैदावार घट गई 31 लाख टन पर आ गई। विगत माल चीनी जो दोप किलो का दाम था वही आज दि रुपये किलो बिक रही है तो उसकी मवालय की है । जो चीनी की मिले हैं जिनके राष्ट्रीय करण की घोषणा मापने बम्बई कांग्रेस में की थी क्या बजह है शशि भूषण जैसे युवा तुकं लोग इसका जवाब दें, 1970 में बम्बई कांग्रेस में घोषणा करने के बाद उत्तर प्रदेश की हकूमत प्रापके हाथ में रहो फिर भी तीन साल तक चीनी के मामले को ठीक करने का काम आपने नहीं किया ? 11 लाख टन चीनी की पैदावार कम हो जाती है और आप अपना जो अपयश है उसको स्वीकारने के लिए तैयार नहीं होने व्यापार मंत्रालय के बारे में क्या पाज मन्त्री महोदय बनाने की स्थिति में हैं कि किन काम के लिए टैरिफ कमीशन बनाया गया था ? टैरिफ कमिशन के सामने कई मामले प्राय थे जिनमें एक कृतिम धार्म का मामला था, मैनमंड फाइबर सौ यार्म का । मेरे क्याल से तकरीबन 4 रपट टेरिफ कमिशन के द्वारा सरकार को दी गई हैं। एक रपट जब में इस सभा का सदस्य था, प्रतिम शीत सव 1970 में दो गयी थी। उस समय मुझे याद है श्री मलित नारायण मिश्र ने इस मंत्र से घोषणा की थी कि सरकार इस रिपोर्ट का अध्ययन करके इसको प्रकाशित करने का काम करंगी । 28 महीने हो गए क्या वजह है मैनमेड फाइबस यान के बारे में टैरिफ कमीशन की जितनी रपट हैं वे अभी तक प्रकाशित क्यों नही हुई ? रेयॉन कार्ड के बारे में मेरे पास मारी सूची है । मुझे बड़ी तकलीफ होती है कि टैरिफ कमाशन का मह काम या कि दामों के ढांचे के बारे में पूरी जान करके वह अपनी सिफारिमें सरकार के पास भेजे और सरकार हम सिफारिशों को प्रकाशित कर अपना जो निर्णय है, कैमला है उसके बारे में बह सदन के मामने वक्तव्य रखें। यह अब तक का तरीका जान जबसे हमारे विदेश व्यापार मंत्री बने उस समय से टैरिफ कमीशन की रपट का इस्तेमाल महोदय । ग्राम बैठिये देखिये एक बात है इस तरह से किसी की तौहीन करना ठीक नहीं है । इस्तेमाल किया है वह ठीक नहीं है। चाप भोग क्यों बोल रहे हैं । VAISAKHA 13. 1895 (SAKA) Finance Bill, 1973 270 श्री मधु लिमये : भाप कहते है तो मैं श्री ललित नारायण मिथ ही कहता हू । (व्य) : मापने नाम लिया, यह ठीक है लेकिन इस तरह का शब्द मन कहिये । उसको में हटा दूगा श्री मधु नयेः जब ग्राप फर्मा रहे है ललित नारायण ही कहू तो मैं आपकी बात मानना हू । डा० कैलास : कल ही यहां पर संसद की मर्यादा श्री ये बात कर रहे थे लेकिन ग्राज इस तरह की बाते कर रहे हैं। क्या यह हो मर्यादा रखने का तरीका है सजापति महोदय : मैने कहा और उन्होंने मान लिया है। अब आप इस बात को भागे क्यो बड़ा रहे हैं। उन्होंने जो कहा उसका मैं ने एक्सेप्शन में लिया है। अब भाप लोग किम लिए बोल रहे है। धन उनको बोलने बीजिए । श्री मधु लिमये में अजं कर रहा था कि विदेश व्यापार मत्रालय की तहत जितने विजय आते हैं एक एक को भाप ले लीजिए। मैं माघे बा मिनट में समाप्त करता हूँ। मनी इस बात को काट सकते हैं कि दो साल पहले कई के जो दाम मे उनको तुलना में रूई के दाम इस माल 30 प्रतिशत कम चल रहे हैं। यह महाराष्ट्र के हैं, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब की तरह कई पैदा करने वाले इलाके के मिल मालिक को साल पहले कहते थे चूंकि कई के दाम ज्यादा बड़ है इसलिए कपड़े के दाम बढ़ाना जरूरी है और इस तर्क को अपने माना। लेकिन जब कई के दाम 30 प्रतिशत घट गए तो मापने क्यो नही मजदूर किया कि मि मासिको को कपड़े के दाम भी कम से कम 18 प्रतिशत बढाये इस सवाल पर आप लोगो को हल्ला करना चाहिए था जो मंब बाते हैं लेकिन बहू नहीं करते। हल्ला करने के लिए एक ही विषय है न सिमये : नेकिन मत मालिक के समापति महोदय, इमलिये वित्त मंत्री जी इम बात की मफाई दें कि सई के दाम घटने के बाद कम मे कम 15 प्रतिशत दाम कपडे के क्यों नहीं घंटे 20 प्रतिशत मोटे कपडे के दाम बड़े हैं और महीन कपडे के 30 से 50 प्रतिशत दाम बढ़े हैं । सूत के मामले मे में कुछ ग्रांकडे देता है । वियन माल 80/2 डेनियर का सून 10₹० बजट के पहले था। इस साल 16३० हुमा और बजट के बाद 24रु० हा गया । मेरी बात का आाप काट सकते हैं। ? प्राप कहते हैं कि लोग सड़क पर आ रहे हैं। सड़क पर नही आयेंगे ता क्या करेंगे क्योंकि आप अथव्यवस्था को नियतित करने में बिल्कुल अमफल रहे। 10३० से शुरुआत होती है और 24० तक सूत वा दाम हो जाता है। मेरे यहां मिवारपूर, कैरी, उहया यादि कई ऐसे मोमीनों के गाव है जहा लोग मर रहे हैं। महाराष्ट्र के शिवन्डी, मालेगाव मे भौर उत्तर प्रदेश मे मऊ मे बुनकरों को क्या कृत्रिम घाये के दामो को जो हालत है उम कारण है कि श्री ललित नारायण मिश्र इम सदन करत हुए टैरिक कमोशन की रिपोर्ट को छुपा रखा है और लटकती हुई नलवार के तौर पर उन का इस्तेमाल कर क वह अपन दल के लिये चन्दा वसूल करने हैं । अगर आप चाहते हैं कि इन बातो की जब मे जायें तो एक जान कमोशन नियुक्त कीजिये । वाम का मामला केवल एक वर्षा मौनतून फेल होने से खराब नहीं हुआ है। यह एक कारण है, लेकिन सब से बड़ा कारण है अर्ब व्यवस्था मे दामो की बढ़ने की प्रेरणा आप के ऐसे कामा में मिल रही है । इसलिये मैं चाहता हू कि सरकार पूरी जानकारी दे कि कितनी रिपोर्ट टैरिफ कमीशन की भाबी, कितनी प्रकाशित की गयी और क्या निर्णय किये गये १ सारा सिलसिलेवार ब्यौरा हमारे सामन याये । रामावतार शास्त्रीः सभापति जी, जो दिस विधेयक प्रस्तुत है मैं उसका विरोध करने के लिये बड़ा हमहू । नरकार दावा करती है कि इस विशेषक के द्वारा प्राण हिन्दुस्तान मे जो माथिक संकट दिन
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Here. 2g = Zp 28 is the load impedance per phase. _S = P + jQ = √3VqIL 20 • Remember that V2.lz. Vp. and I are all rms values and e is the angle of the load impedance or the angle between the phase voltage and the phase current. • A major advantage of three-phase systems for power distribution is that the three-phase system uses a lesser amount of wire than the single-phase system for the same line voltage V, and the same absorbed power PL. We will compare these cases and assume in both that the wires are of the same material (e.g., copper with same resistivity ). of the same length, l, and that the loads are resistive (i.e., unity power factor). अब अगर Z_ = Z_ ८0, तो आप काम्प्लेक्स (Complex) पावर (Power) को लिख सकते हैं, S = P + jQ = √3V_L 20 पावर (Power) डिस्ट्रीब्यूशन (Distribution) के लिए 3 फेज (Phase) सिस्टम (System) का प्रमुख लाभ यह है कि 3-फेज (Phase) सिस्टम (System) सिंगल (Single) - फेज (Phase) सिस्टम (System) की तुलना में कम मात्रा में वायर (Wire) का उपयोग करता है समान लाइन (Line) वोल्टेज (Voltage) Vi और समान अब्सोर्बेड (Absorbed) पावर (Power) P, के लिए । कैसे? आइए हम यह पता लगाने और साबित करने की कोशिश करें कि पावर (Power) डिस्ट्रीब्यूशन (Distribution) के लिए 3-फेज (Phase) सिस्टम (System) वायर (Wire) की कम मात्रा का उपयोग करेगा जब हम सिंगल (Single) फेज (Phase) सिस्टम (System) के साथ तुलना करते हैं जिसमें समान लाइन (Line) वोल्टेज (Voltage) है और लोड (Load) को समान पावर (Power) दी जा रही है । तो हम क्या करेंगे? हम पहले मान लेंगे कि दोनों सिस्टम (System) में, एक 3 फेज (Phase) है और दूसरा सिंगल (Single) फेज (Phase) सिस्टम (System) है, इन दोनों सिस्टम (System) में हम एक ही मटेरियल (Material) का उपयोग कर रहे हैं जिसका अर्थ है कि कॉपर (Copper) एक ही रेसिस्टिविटी (Resistivity) के साथ और वायर (Wire) की समान लंबाई का उपयोग किया जा रहा है, आइए कहते हैं कि वायर (Wire) की लंबाई 1 है और आसानी के लिए हम मान लेंगे कि लोड (Load ) रेसिस्टिव (Resistive) है अर्थात लोड (Load) में पावर (Power) फैक्टर (Factor) 1 है। (Refer Slide Time 17:51)
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300 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिक रफ़्तार से दौड़ती गाड़ियां, कहीं है यू टर्न तो कहीं है लंबी सी सड़क. कभी एक आगे निकलता है तो कभी दूसरा. 12 टीमें, 24 ड्राइवर जिनका मकसद है एक दूसरे से आगे निकलना. ऐसा है क्रेज़ फॉर्मूला 1 रेस का. फॉर्मूला 1 या एफ़1 (F1) जिसे एफ़आईए (फेडरेशन इंटरनेशनल डी आई ऑटोमोबाइल) या फार्मूला वन विश्व चैम्पियनशिप के आधिकारिक नाम से भी जाना जाता है, उच्चतम श्रेणी की एकल ऑटो रेसिंग प्रतियोगिता है जो हर वर्ष विभिन्न जगहों पर आयोजित होती है. "फॉर्मूला" जिसे हिंदी में "सूत्र" भी कहा जाता है वह नियम हैं जिसका प्रतियोगिता में भाग लेने वाली सभी कारें पालन करती हैं. फॉर्मूला 1 ऑटो कारों की वार्षिक प्रतियोगिता है जिसे ग्रांड प्रिक्स यानि "बड़ा पुरस्कार" भी कहा जाता है. फॉर्मूला 1 का आयोजन मार्च से नवंबर माह के बीच, दुनियां भर के विभिन्न देशों में खास रूप से तैयार की गई सड़कें जिन्हें हम सर्किट भी कहते है, में किया जाता है. वर्ष भर हुई इन रेसों के आधार पर दो विश्व चैंपियनशिप दी जाती है. यह चैंपियनशिप विभिन्न रेसों में अर्जित किए गए पॉइंट्स पर आधारित होते हैं. फॉर्मूला 1 का उदय 1920-1930 में यूरोप से हुआ. शुरुआत में इसे यूरोपियन ग्रांड प्रिक्स के नाम से जाना जाता था. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1946 में सभी ने सहमति से एक फॉर्मूला ड्राफ्ट तैयार किया जिसका पालन सभी ऑटो टीमों और ड्राइवरों को करना था. तब से फॉर्मूला 1 की शुरुआत हुई. इसी वर्ष एक अनाधिकारिक रेस का आयोजन भी किया गया. प्रथम विश्व चैम्पियनशिप का आयोजन 1950 में सिल्वरस्टोन, यूनाइटेड किंगडम में हुआ. 1. इस वर्ष की फॉर्मूला 1 का आयोजन मार्च महीने के आखिरी सप्ताह में 25 से 27 तारीख के बीच ऑस्ट्रेलिया के मेलबोर्न शहर से शुरू होगा. 2. इस बार कुल मिलाकर 19 रेसें होंगी. 3. 2011 की फॉर्मूला 1 में 12 टीमें और 24 ड्राइवर भाग लेंगे. 4. इस बार 28 से 30 अक्टूबर के बीच ग्रेटर नोएडा (भारत) में पहली बार फॉर्मूला 1 का आयोजन होगा. 5. भारत में होने वाली फॉर्मूला 1 की सर्किट जेपी ग्रुप बना रही है. 6. इस बार की फॉर्मूला 1 में पहली बार दो भारतीय एक साथ भाग लेंगे. करून चंडोक और नारायण कार्तिकेयन. 7. विजय माल्या की टीम फोर्स इंडिया इस बार की फॉर्मूला 1 में मजबूत दावेदार के तौर पर उतरेगी. 8. इस बार पहली बार फॉर्मूला 1 के इतिहास में पांच विश्व चैम्पियन भाग लेंगे.
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कैसी विडंबना है कि विश्व की भुखमरी सूची में भारत का स्थान 107 वां है याने दुनिया के 106 देशों से भी ज्यादा भुखमरी भारत में है और दूसरी तरफ हमें गर्व करने की यह खबर आई है कि विश्व की चिकित्सा पद्धतियों में भारत के आयुर्वेद को पहली बार अग्रणी सम्मान मिला है। यह सम्मान दिया है, अमेरिका की स्टेनफोर्ड युनिवर्सिटी और यूरोपीय पब्लिशर्स एल्सेवियर ने! यह सम्मान मिला है, पंतजलि आयुर्वेद के आचार्य बालकृष्ण को! विश्व के प्रतिष्ठित शोधकर्त्ता वैज्ञानिकों की श्रेणी में अब उनकी गणना हो गई है। यह अकेले आचार्य बालकृष्ण का ही सम्मान नहीं है। यह भारत की प्राचीन और परिणाम सिद्ध चिकित्सा-प्रणाली को मिली वैश्विक मान्यता है। स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने देश के करोड़ों लोगों के लिए उत्तम और सुलभ औषधियों का बड़े पैमाने पर निर्माण ही नहीं किया है बल्कि उन्होंने ऐसे बुनियादी अनुसंधान भी किए हैं, जो आयुर्वेद को एलोपेथी से भी अधिक प्रभावशाली और उपयोगी बना देते हैं। ऐसे कुछ शोध-ग्रंथों का विमोचन कुछ वर्ष पहले मैंने और श्री नितीन गडकरी ने हरिद्वार के एक बड़े समारोह में किया था। अपने भाषण में उस समय मैंने कहा था कि शंहशाहों द्वारा बनाए गए महल और किले तो 5-7 सौ साल में ढेर हो जाएंगे लेकिन बालकृष्णजी के ये ग्रंथ चरक, सुश्रुत, वाग्भट आदि के ग्रंथों की तरह हजारों साल तक मानवता की सेवा करते रहेंगे। यदि भारत पर विदेशी आक्रमण नहीं होते तो हमारा आयुर्वेद आज दुनिया का सर्वश्रेष्ठ उपचार तंत्र बन जाता। सौ साल पहले तक ऐलोपेथी के डाक्टरों को यह पता ही नहीं था कि आपरेशन के पहले मरीजों को बेहोश कैसे किया जाए? हमारे यहां हजारों साल पहले से चरक-संहिता में इसका विस्तृत विधान है। ऐलोपेथी कुछ वर्षों तक सिर्फ शरीर का इलाज करती थी लेकिन आयुर्वेद का वैद्य जब दवाई देता है तो वह मरीज़ के शरीर, मन, मस्तिष्क और आत्मा का भी ख्याल करता है। अब ऐलोपेथी भी धीरे-धीरे इस रास्ते पर आ रही है। आयुर्वेद का नाड़ी-विज्ञान आज भी इतना गजब का है कि दिल्ली के स्व. बृहस्पतिदेव त्रिगुणा जैसे वैद्य मरीज़ की सिर्फ नाड़ी देखकर ऐसा विलक्षण रोग-विश्लेषण कर देते थे कि जैसा ऐलोपेथी के आठ यंत्र भी एक साथ नहीं कर सकते हैं। आज सारी दुनिया में ऐलोपेथी लोगों का जितना भला कर रही है, उससे ज्यादा वह उनकी ठगी कर रही है। भारत के करोड़ों गरीब लोगों को उसकी सुविधा नसीब ही नहीं है। भारत में आयुर्वेद, यूनानी, तिब्बती और होम्योपेथी (घरेलू इलाज) का अनुसंधान बढ़ जाए और आधुनिकीकरण हो जाए तो देश के निर्धन और वंचित लोगों का सबसे अधिक लाभ होगा। हमारे पड़ौसी देशों के लोग भी भारत दौड़े चले आएंगे। भारत के पड़ौसी देशों के लेागों को भारत से जोड़ने का यह सर्वोत्तम साधन है। भारत के वैद्य जिसकी जान बचा देंगे, वह भारत का भक्त हुए बिना नहीं रहेगा।
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बनूड़ के समीप गांव टंगोरी वासी 31 साल की शीला को इस बात की बड़ी खुशी है कि यदि आगामी पंजाब विधानसभा के चुनाव में आम आदमी पार्टी- 'आप' की सरकार बन गई तो उसे हर महीने 1,000 रुपए मिल जाया करेंगे क्योंकि दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ऐसी घोषणाअपने चुनावी वादे में कर रखी है। हालांकि रविवार को पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने एक कदम आगे बढ़कर वादा किया कि सूबे में यदि सरकार कांग्रेस की बनती है तो वह हर महिला को हर महीने 1,100 रुपए देंगे। चन्नी की इस घोषणा ने शीला को दुविधा में डाल दिया है क्योंकि अब वे सोच रही हैं, मैं अब वोट किसे दूं? मेरे गांव में हर कोई आप की ही चर्चा कर रहा है लेकिन कुछ महिलाएं सोचती हैं कि क्यों न कांग्रेस को वोट दिया जाए क्योंकि वह तो जीतने पर हमें 1,100 रुपए प्रतिमाह देने वाली है। मैंने कल चन्नी के इस एलान को टीवी पर सुना था। दरअसल, राजनीतिक दलों के इन मुफ्त के चुनावी वादों के चक्कर में भ्रमित होने वाली शीला अकेली नहीं हैं। चन्नी के ही हलका चमकौर साहिब के गांव रौड़ा वासी चरण कौर कहती हैं, 'हमें अच्छे से पता है कि चुनाव जीतने के बाद कोई भी अपना वादा पूरा नहीं करने वाला लेकिन यह सब हमें लुभा जरूर रहे हैं। यह जानते-समझते हुए कि राजनीतिक दलों के ऐसे लोक-लुभावन वादे जनता को खूब पसंद आते हैं, तो राजनेता क्यों ऐसा करने में पीछे रहें और यही वजह है कि विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब में ऐसे वादों की मानो झड़ी लगी है। ऐसे चुनावी वादे करने में पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी और दिल्ली के मुख्यमंत्री सबसे आगे हैं। केजरीवाल ने अपनी चुनावी घोषणा में 18 साल से अधिक उम्र की सभी महिलाओं को पंजाब आप की सरकार बनने पर हर महीने 1000 रुपए देने का वादा किया है। असल में उनकी इस घोषणा पर बहस इसलिए हो रही है क्योंकि पंजाब में 1. 10 करोड़ महिलाएं हैं और राज्य में बिजली पर देय 10 हजार करोड़ रुपए की सबसिडी का बोझ पहले से है। यानी इस नई घोषणा के बाद पंजाब पर इतना ही बोझ और पड़ने वाला है जो पहले ही 2. 5 लाख करोड़ रुपए के कर्ज तले दबा है। लेकिन बताया जाता है कि कांग्रेस को लगता है कि महिलाएं हर माह 1,000 रुपए रकम के प्रलोभन में आप की ओर आकर्षित हो रही हैं। यही सोचकर कांग्रेस ने रविवार को अपना भी पत्ता फेंका और मुख्यमंत्री चन्नी ने रविवार को प्रियंका गांधी की उपस्थिति में चुनावी रैली के मंच से पंजाब की महिलाओं के लिए 1,100 रुपए देने का वादा कर दिया। उन्होंने एक कदम आगे बढ़ते हुए हर साल आठ एलपीजी सिलेंडर देने का भी वादा कर दिया। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने फेसबुक पेज पर सवाल उठाया कि यदि 'आप' सत्ता में आ भी गई तो अपना वादा पूरा करने के लिए रकम कहां से लाएगी। वैसे अमरिंदर और उनके गठबंधन में सहयोगी भाजपा की ओर से यह घोषणा की गई है कि वे पांच एकड़ से कम जमीन वाले सभी किसानों का कृषि कर्ज पूरा माफ कर देंगे। इधर पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार कहा कि रेत तो अब भी पहले वाले दाम पर ही मिल रही है। उधर, मुख्यमंत्री चन्नी ने भी केवल शुल्क 100 रुपए प्रतिमाह तक सीमित कर देने की घोषणा कर दी और उन्होंने एक नए विवाद को भी जन्म दे दिया है क्योंकि अब कई नेता कहने लगे हैं कि वे निजी केबल संचालकों की ओर से वसूले जा रहे शुल्क का दायरा तय नहीं कर सकते। आप से बागी हुए उसके ही खरड़ से विधायक कंवर संधू जो पहले भी यह मसला उठाते आए हैं, का कहना है कि केबल शुल्क की सीमा केवल कानून बनाकर ही सीमित की जा सकती है। संधू का कहना है कि राजनीतिक दलों की ओर से आए दिन लुभावने वादों का एलान पंजाब के लिए बेहद खतरनाक साबित होगा। उनका कहना है कि ऐसी घोषणाएं करने से पहले इन पर शोध किया जाना जरूरी है, चूंकि पंजाब पहले ही कर्ज के बोझ तले दबा है, ऐसे में इन वादों पर अमल कैसे हो पाएगा, यह बड़ा सवाल है। तब विकास के लिए पैसा कहां से आएगा।
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आजादी के अमृत महोत्सव के तहत शनिवार को नेहरू युवा केंद्र की ओर से फिट इंडिया फ्रीडम रन 2 का आयोजन किया गया। शहर के प्रथम नागरिक सभापति के साथ ही युवाओं व बच्चों ने दौड़ लगाई और लोगों को कोरोना काल में फिट रहने का संदेश दिया गया। वहीं, देश की आजादी में बलिदान देने वाले महापुरुषों को याद किया गया। नेहरू युवा केंद्र की ओर से आयोजित कार्यक्रम के तहत शनिवार सुबह शहीद स्मारक पार्क में नगर सभापति अमृत कलासुआ, पार्षद राजीव चौबीसा, सुखदेव यादव सहित कई लोगों ने देश की आजादी के लिए जान न्यौछावर करने वाले चंद्रशेखर आजाद, भगतसिंह और राजगुरु की मूर्तियों पर माल्यार्पण किया। इसके बाद सभापति ने फिट इंडिया फ्रीडम रन 2 को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके बाद सभापति सहित युवाओं और बच्चों ने तिरंगे झंडे के साथ दौड़ लगाई। इसके माध्यम से राष्ट्र प्रेम के साथ ही स्वस्थ रहने का संदेश दिया गया। इस दौरान भारत माता के जयकारे भी लगाएं गए। दौड़ नया बस स्टैंड से शुरू होकर कॉलेज रोड, पुराना बस स्टैंड, तहसील चौराहा से होते हुए कलेक्ट्री पहुंची। कलेक्ट्री परिसर में स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी की मूर्ति पर माल्यार्पण करते हुए अहिंसा के मार्ग चलने का आव्हान किया। वहीं, डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति पर भी माल्यार्पण किया गया। सभापति अमृत कलासुआ ने युवाओ व बच्चों को फिट इंडिया फ्रीडम की शपथ भी दिलाई गई। This website follows the DNPA Code of Ethics.
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उत्तर प्रदेश में एक महीने पहले जीएसटी को लेकर हुई छापेमारी से व्यापारियों में हडक़ंप मचा था। अब महँगाई को लेकर जनता में हाहाकार मचा हुआ है। व्यापारियों तथा दुकानदारों ने जीएसटी के नाम पर कई उपयोगी वस्तुओं के भाव बढ़ा दिये हैं। दुकानदारों का कहना है कि ऊपर से ही महँगाई बढ़ गयी है। उपभोक्ता क्या करे उसे तो रोटी खानी ही पड़ेगी। महँगाई के चलते एक आम उपभोक्ता की थाली से धीरे-धीरे पौष्टिक आहार छिनते जा रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, कुछ जनपदों में अभी भी जीएसटी टीमें अचानक छापेमारी करने पहुँच रही हैं। जनवरी के पहले सप्ताह में मकरंदापुर मधवापुर में अचानक जीएसटी टीमों की छापेमारी से खलबली मच गयी। दुकानदारों ने फटाफट दुकानों के शटर बन्द कर दिये। जीएसटी टीमें किसी भी प्रकार के व्यापारियों को नहीं छोड़ रही हैं, चाहे वो एमआरपी वाली वस्तुओं का विक्रेता हो, चाहे खुली वस्तुओं का विक्रेता हो। यहाँ तक कि लकड़ी तथा कोयला बेचने वालों को, टेंट की दुकान चलाने वालों को भी नहीं छोड़ा जा रहा है। इस डर से खोखे तथा खोमचे वाले भी सहमे रहते हैं। उत्तर प्रदेश में बिजली सप्लाई की दो व्यवस्थाएँ हैं। नगरीय व्यवस्था तथा ग्रामीण व्यवस्था। नगरों में बिजली कटौती कम होती है, मगर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती बड़े पैमाने पर होती है। ग्रामीण क्षेत्रों में सात से बाहर घंटे ही बिजली रहती है। इस समय में बिजली के बार बार लगते कट परेशान किये रहते हैं। उत्तर प्रदेश में बिजली महँगी भी बहुत है। अब खलबली इस बात को लेकर मची है कि बिजली और अधिक महँगी होने जा रही है। उत्तर प्रदेश की बिजली कम्पनियों ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बिजली दरों में औसतन 15. 85 प्रतिशत की बढ़ोतरी का प्रस्ताव राज्य विद्युत नियामक आयोग के पास भेजा है। अगर इस प्रस्ताव को राज्य विद्युत नियामक आयोग मान लेता है तथा विधानसभा में भी इस प्रस्ताव पर मुहर लग जाती है, तो बिजली बिलों में 18 से 23 प्रतिशत तक बढ़ोतरी निश्चित है। इसमें उद्योगों की बिजली दरों में 16 प्रतिशत तथा कृषि उपयोग के लिए बिजली की दरों में 10 से 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो जाएगी। इस बढ़ोतरी से बिजली कम्पनियों को इस वित्त वर्ष की तुलना में आगामी वित्त वर्ष में लगभग 9,140 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। इस वित्त वर्ष में बिजली कम्पनियों को बिल के माध्यम से लगभग 65,000 करोड़ रुपये का राजस्व मिलना चाहिए, जो कि सरकार द्वारा अनुमति ज्ञापित है। इस आधार पर वित्त वर्ष 2022-23 में बिजली कम्पनियों को लगभग 74,140 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा। बिजली कम्पनियों ने अपने प्रस्ताव में वित्त वर्ष 2023-24 के कुल $खर्चों के लिए वार्षिक राजस्व की आवश्यकता 92,547 करोड़ रुपये बतायी है। प्रस्ताव में वार्षिक राजस्व की आवश्यकता के ब्योरे में एक वित्त वर्ष का नुक़सान 14. 90 प्रतिशत दिखाया गया है,। इसका अर्थ यह है कि राजस्व में लगभग 9,140 करोड़ रुपये घाटा बिजली कम्पनियों ने राज्य विद्युत नियामक आयोग को बताया है। जानकारी के अनुसार, बिजली कम्पनियों का उपभोक्ताओं पर लगभग 25,133 करोड़ रुपये शेष हैं। भौजीपुरा निवासी सत्यवीर का कहना है कि बिजली तो पहले से ही बहुत महँगी है। अब अगर बिजली और महँगी की जाएगी, तो महँगाई के इस दौर में आम जनता पिस जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आम जनता का दर्द समझना चाहिए। विदित हो प्रदेश में बिजली दरों में बढ़ोतरी वित्त वर्ष 2014-15 में हुई थी। इसके बाद वित्त वर्ष 2017-18 में फिर अन्तिम बार वित्त वर्ष 2019-20 में बिजली बिलों में बढ़ोतरी हुई थी। कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता,समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव तथा आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह बिजली दलों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं। विदित हो बीते चुनाव में भाजपा ने किसानों को सिंचाई के लिए मुफ़्त बिजली देने का वादा अपने घोषणा पत्र में किया था, मगर अब वह तरह तरह से महँगाई बढ़ाकर किसानों की आर्थिक दशा बिगाडऩे पर तुली हुई है।
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मङ्क १२ को टीका (लिपि सन् १८५३) में अस्पष्ट सडान्वयी व्याख्या है, परन्तु गूढ़ स्थलों को समझाने के कारण यह पर्याप्त महत्त्वपूर्ण है । भाषा मिश्रित है । 'दृष्टांत सागर टीका' रामसनेही पंथ के संस्थापक श्री रामचरन दास के ग्रंथ 'दृष्टांत सागर की टीका है जो उनके अन्तेवासी रामजन द्वारा सं० १८४० के लगभग लिखी गई थी। इस टीका की भाषा राजस्थानी प्रजभाषा - मिश्रित, विकृत तथा तद्भव-निष्ठ है । 'मानस' की महंत रामचरणदास और संतसिंह पंजाबी कृत टीकाओ में क्रमशः अवधी-मिश्रित और पंजाबी प्रभावित खड़ीबोली प्रयुक्त है । 'सूर्य सिद्धांत' (सं० १८३६) पंडित कमोदानंद मिश्र द्वारा संस्कृत से अनूदित ज्योतिप्-ग्रंथ है। भाषा पर पूर्वी प्रभाव है। 'गोराबादल की वारता (सं० १८८० के लगभग ) जटमल कृत 'गोराबादल की बात का अनुवाद है । भाषा अशक्त और अव्यवस्थित है । अ इन टीकात्मक तथा अनूदित रचनाओं के अतिरिक्त रीतिकाल में मौलिक स्वतंन गद्य-रचनाएँ भी पर्याप्त संख्या में निर्मित हुईं । इस काल की ब्रजभाषा, फ़ारसी, फ़ारसी पंजाबी आदि से प्रभावित खड़ीबोली- गद्य की कुछ उल्लेखनीय मौलिक रचनाएँ हैं - एकादशी महिमा', 'सीधा रास्ता' (इस्लामविक 'फर्मदामा' (पोथोसलोत्री की), 'बाजनामा ' 'सकुनावली', 'हकीकत', 'नरलिदास गाँड़ की दवावैत', 'जिनसुखसूरि मजलस', 'लखपन राउ दवावेत', 'मंडोबर का वर्णन', 'सुगसुर निर्णय', 'चकत्ता की पातस्याही की परम्परा', 'मोक्षमार्गप्रकाश', 'अनुभव नकाश', 'चिविलास' गीर 'परमात्मपुराण । इनमें प्रथम दो धार्मिक, तीसरी-चौथी चिकित्सा विषयक, पंचम शकुन विषयक, छटी प्रणामी सम्प्रदाय के 'मारफत सागर' ग्रंथ का परिचय, सातवी, आठवीं, नवीं और दसवीं अनुप्रासयुक्त ललित गद्य को कथात्मक वर्णनात्मक रचनाएँ, ग्यारहवी निबंधात्मक, बारहवीं इतिहास विषयक और अन्तिम वार जैनदर्शन दिपक रचनाएँ है। यहाँ यह उल्लेख करना असंगत न होगा कि जटमल कृत 'गोरा बादल की बात' पद्य-रचना है, गद्य की नहीं। इसका गद्यरूपान्तर किसी ने १८२४ ई० के लगभग किया था । उल्लित 'दवावैत' संज्ञक मानुप्रास गद्य की रचनाएँ प्रायः राजस्थानी मिश्रित खड़ीबोली में है। वर्णनात्मक कथात्मक तथा निबन्धात्मक रचनाएँ विरल हैं । कुछ नाटकों और पत्रों में भी ललित गद्य के दर्शन होते हैं। जैसा कि हम कह चुके हैं, ललित गद्य की अपेक्षा उपयोगी गद्य का -- दार्शनिक, धार्मिक और चिकित्सा, ज्योतिष, इतिहास, भूगोल, सामुद्रिक, शकुन प्रादि विषयों के शुष्क गद्य का - प्राधान्य है। यह भी अनूदित रूप में अधिक है। ईसा की १६वीं सदी के प्रारम्भ में फोर्ट विलियम कॉलिज में भी खड़ीबोली- गद्य मे महत्त्वपूर्ण पुस्तकों का निर्मात हुआ । इस कॉलिज से सम्बद्ध व्यक्तियों द्वारा रचित कुछ ग्रथ है - 'नातिकतोपाख्यान', 'रामचरित्र', 'प्रेम सागर', 'लालचन्द्रिका टीका', 'सिंहासन बत्तीसी', 'बैताल पच्चीसी', 'भक्तमाल ठीका' और 'हातिमताई' का अनुवाद । सदलमिश्र कृत 'नासिकेतोपाख्यान', 'यजुर्वेद' तथा 'कठोपनिषद्' की नचिकेत - कथा पर आधृत है। इस पुस्तक में पूर्वी प्रयोगों, ब्रजभाषा-रूपों, पंडिताऊपन तथा असंतुलित शिथिल वाक्यों के होने पर भी खड़ीबोली गद्य का पर्याप्त स्वच्छ सुठु रूप है । 'रामचरित्र' भी सदल मिश्र की रचना है । की प्रति लंदन के इंडिया आफिस लायब्रेरी में सुरक्षित थी और अब बिहार
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Atal Pension Yojana: आयकर कानून के तहत 2. 5 लाख रुपये तक की कर योग्य आय वाले लोगों को आयकर का भुगतान करने की जरूरत नहीं है। Atal Pension Yojana: आयकरदाता एक अक्टूबर से सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजना एपीवाई में नामांकन नहीं कर सकेंगे। एक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई। सरकार ने मुख्य रूप से असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए एक जून, 2015 को अटल पेंशन योजना (एपीवाई) शुरू की थी। मंत्रालय ने एपीवाई पर अपनी पिछली अधिसूचना में बदलाव किया है। बुधवार को जारी नयी अधिसूचना उन अंशधारकों पर लागू नहीं होगी, जो एक अक्टूबर 2022 से पहले इस योजना में शामिल हुए हैं। अधिसूचना के मुताबिक, यदि कोई अंशधारक, जो एक अक्टूबर, 2022 को या उसके बाद इस योजना में शामिल हुआ है। बाद में पाया जाता है कि वह आवेदन की तारीख को या उससे पहले आयकरदाता रहा है, तो उसका एपीवाई खाता बंद कर दिया जाएगा और अबतक की संचित पेंशन राशि उसे दे दी जाएगी। वित्तीय सेवा विभाग ने एक ट्वीट में कहा, "एक अक्टूबर, 2022 से आयकरदाता एपीवाई में शामिल होने के पात्र नहीं होंगे। आबादी के वंचित तबके तक पेंशन का लाभ बेहतर ढंग से पहुंचाने के लिए एपीवाई में संशोधन किया गया है। " विभाग वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आता है। आयकर कानून के तहत 2. 5 लाख रुपये तक की कर योग्य आय वाले लोगों को आयकर का भुगतान करने की जरूरत नहीं है।
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न व्यापारी नाश्रमी च सर्वकर्मविवजित । ध्यायेन्नारायण शश्वत् स सन्यासीति कीर्तित ॥ शववन्मौनी ब्रह्मचारी सम्भापालापवर्जित । सर्व ब्रह्ममय पश्येत् स सन्यामीति कीर्तित ।। सर्वत्र ममबुद्धिश्च हिंसामाया विवजित । क्रोघाहकाररहित म सन्यासीति कीर्तित ।। अयाचितोपस्थितश्च मिष्टामिष्टच भुक्तवान् । न याचेत् भक्षणार्थी स सन्यामोति कोर्तित । न च पश्येत् मुख स्त्रीणा न तिष्ठेत्तत्समीपत । दारवीमपि योषाञ्चन स्पृशेद् य स भिक्षुक ।। [ सदन्न अथवा कदन्न में लोष्ट्र अथवा काञ्चन में जिसको समान बुद्धि रहती है वह सन्यासी कहलाता है । जो दण्ड, कमण्डल और रक्तवस्त्र धारण करता है और एक स्थान में न रहकर नित्य प्रवास में रहता है वह सन्यासी कहलाता है । जो शुद्ध आचार वाले द्विज का अन्न खाता है, लोभादि से रहित होता है और किसी से कुछ माँगता नहीं, वह सन्यासी कहलाता है । जो व्यापार नहीं करता, जो प्रथम तीन आश्रमो का त्याग कर चुका है, सभी कर्मों में अनासक्त, सदा नारायण का ध्यान करता है, वह सन्यासी कहलाता है । सदा मौन रहनेवाला, ब्रह्मचारी, सम्माषण और आलाप न करनेवाला और सब को ग्रह्ममय देखनेवाला होता है, वह सन्यासी कहलाता है । सर्वत्र समबुद्धि रखनेवाला, हिमा और माया से रहित, क्रोध और मह से मुक्त सन्यासी कहलाता है । विना निमत्रण के उपस्थित, मिष्ट-अमिष्ट का भोजन करनेवाला और भोजन के लिए कभी न मागनेवाला सन्यासी कहलाता है । जो स्त्री का मुख कभी नही देखता, न उनके समोप खडा होता है और काष्ठ की स्त्री को भी नही छूता, वह भिक्षुक ( सन्यासी ) है । ] गरुडपुराण ( अध्याय ४९ ) में भी सन्यासी का धर्म वर्णित है तपसा कर्षितोऽत्यन्त यस्तु ध्यानपरो भवेत् । सन्यासीह स विज्ञेयो वानप्रस्थाश्रमे स्थित ॥ योगाभ्यासरतो नित्यमारुरुक्षुज्र्ज्जितेन्द्रिय । ज्ञानाय वर्तते भिक्षु प्रोच्यते पारमेष्ठिक ॥ यस्त्वात्मरतिरेव स्यान्नित्यतृप्तो महामुनि । सम्यक् च दमसम्पन्न स योगी भिक्षुरुच्यते ॥ 'श्रुत मौनित्व तपो ध्यान विशेषतः । सम्यक् च ज्ञान-चैराग्ये धर्मोऽय भिक्षुके मत ।। ज्ञानसन्यामिन केचिद् वेदमन्यासिनोऽपरे । कर्मसन्यासिन केचित् विविध पारमैष्ठिक ।॥ योगी च विविधो ज्ञेयो भोतिको मोक्ष एव च । तृतीयोऽन्त्याश्रमी प्रोक्तो योगमूर्तिसमाश्रित ।। प्रथमा भावना पूर्व मोक्ष त्वक्षरभावना । तृतीये चान्तिमा प्रोक्ता भावना पारमेश्वरी ॥ यतीना यतचित्ताना न्यासिनामूर्ध्वरेतमाम् । आनन्द ब्रह्म तत्स्थान यस्मान्नावर्तते मुनि ।। योगिनाममृत स्थान व्योमारूय परमक्षरम् । आनन्दमैश्वर यस्मान्मुक्तो नावर्तते नर ।। कूर्मपुराण ( उपविभाग, अध्याय २७, यतिवर्मनामक अध्याय २८ ) में भी सन्यासी धर्म का विस्तार से वर्णन पाया जाता है । दे० 'आश्रम' । सपिण्ड - जिनके पिण्ड अथवा मूल पुरुष समान होते है वे आपस में सपिण्ड कहलाते हैं । सात पुरुष तक पिण्ड की ज्ञाति हैं । अशोच, विवाह और दाय के भेद से पिण्ड तीन प्रकार का होता है। एक गोत्र में दान, भोग एव अन्य सम्बन्ध से अशौच-सपिण्ड सात पुरुष तक होता है । पिता तथा पितृ-चन्धु की अपेक्षा से सात पुरुष तक विवाहसपिण्ड होता है तथा मातामह एव मातृ चन्धु की अपेक्षा से पाँच पुरुष तक होता है । उद्वाह-तत्त्व नामक ग्रन्थ में नारद का निम्नाकित वचन उद्घृत है । पञ्चमात् सप्तमाद्द्व मातृत पितृत क्रमात् । सपिण्डता निवर्तेत सर्ववर्णेष्वय विधि ॥ दाय सपिण्ड तीन पुरुष तक ही होता है । वे तीन पुरुष हैं पिता, पितामह और प्रपितामह और उनके पुत्र पौत्र एव प्रपौत्र-दौहित । इसी प्रकार मातामह, प्रमातामह, और बृद्ध प्रमातामह और उनके पुत्र, पौत्र और प्रपौत्र । (दे० दायभाग ) । मत्स्यपुराण में भी सपिण्ड का विचार किया गया है । लेपभाजश्चतुर्थाद्या पित्राद्या पिण्डद सप्तमस्तेषा सापिण्डय पिण्डभागिन । साप्तपौरुषम् ॥ सपिण्डीकरण - प्रेत को पूर्वज पितरो के साथ मिलाने वाला एक पिण्ड श्राद्ध । इसमें प्रेतपिण्ड का तीन पितृपिण्डों के साथ मिश्रीकरण होता है । कूर्मपुराण (उपविभाग सत गोवावर सभा अध्याय २२) में मिलता है। सपिण्डीकरण का वर्णन इस प्रकार सपिण्डीकरण प्रोक्त पूर्वे सवत्सरे पुन । कुर्याच्चत्वारि पात्राणि प्रेतादीना द्विजोत्तमा ॥ प्रेतार्थं पितृपात्रे पु पात्रमासे चये तत । ये समाना इति द्वाम्या पिण्डानप्येवमेव हि ॥ सपिण्डीकरणश्राद्ध देवपूर्व विधीयते । पितॄनावाहयेदयत्र पृथक् पिण्डारच निद्दिशेत् ।। ये सपिण्डीकृता प्रेता न तेषा स्यात् पृथक् क्रिया । यस्तु कुर्यात् पृथक् पिण्डान् पितृहा सोऽपि जायते ॥ सप्त गोदावर - गोदावरी - समुद्र सगम का एक तीर्थ । यह आन्ध्र देश के समुद्र तट पर है । महाभारत (३८५४४) में इसका माहात्म्य वर्णित है । सप्तपदी - विवाह संस्कार का अनिवार्य और मुख्य अङ्ग । इसमें वर उत्तर दिशा में वधू को सात मन्त्रो द्वारा सप्तमण्डलिकाओ में मात पदो तक साथ ले जाता है । वधू भी दक्षिण पाद उठाकर पुन वामपाद मण्डलिकाओं में रखती है। इसके बिना विवाह कर्म पक्का नही होता । अग्नि की चार परिक्रमाओ (फेरा) से यह कृत्य अलग है । सप्तर्षि - मूल सात ऋषियो का समूह । इनके नाम इस प्रकार हैं - मरीचि, अत्रि, अङ्गिरा, पुलस्त्य, पुलह, ऋतु और वसिष्ठ । प्रत्येक मन्वन्तर में सप्तर्षि भिन्न भिन्न होते है । इनका वृत्तान्त 'ऋषि' शब्द के अन्तर्गत देखिए । सप्तर्षि मण्डल - - समर्षि मण्डल आकाश में सत्र के उत्तर दिखाई पड़ता है । ब्रह्मा के द्वारा विनियुक्त सात ऋषि इसमें बसते हैं । ये ब्रह्मा के मानस पुत्र है । ब्रह्मवादियो के द्वारा ये सात ब्राह्मण कहे जाते हैं । इनकी पत्नियाँ है मरीचि की सभूति, अत्रि की अनसूया, पुलह की क्षमा, पुलस्य की प्रीति, क्रतु की सन्नति, अगिरा की लज्जा तथा वशिष्ट की अरुन्धती, जो लोकमाता कहलाती है। त्रिकाल सन्ध्या की उपासना करने वाले और गायत्री के जप में तत्पर ब्रह्मवादी ब्राह्मण सप्तर्षि लोक में निवास करते हैं । (दे० पद्मपुराण, स्वर्ग खण्ड, अध्याय ११ ) सप्तशती -सात सौ श्लोको का समूह देवीमाहात्म्य । इसको चण्डीपाठ भी कहते हैं । अर्गलास्तोत्र में कथन है । अर्गल कीलक चादी पठित्वा कवच तत । जपेत् सप्तशती चण्डी क्रम एष शिवोदित ।। नागोजी भट्ट के अनुसार तत्राद्य चरिताघ्याये श्लोका अगीतिरुत्तमा । अथ मध्ये चरित्र तु पञ्चाष्टकसुसख्यका ।। त्रयोऽध्यायाश्चतु सप्तचतुर्वेदस्ववेदका । अथोत्तरचरित्र तु पषडग्निश्लोकभाक् ।। अग्नीसोम । ध्यायवती गीता सप्तशती स्मृता । सप्तसागर अथवा सप्तसमुद्र व्रत - चेत्र शुक्ल प्रतिपदा से इस का आरम्भ होता है। सुप्रभा, काञ्चनाक्षी, विशाला मानमोद्भवा, मेघनादा, सुवेणु तथा विमलोदका धारामो का क्रमश सात दिनपर्यन्त पूजन होना चाहिए । सात सागरो के नामो से दही का हवन हो तथा ब्राह्मणो को दघियुक्त भोजन कराया जाए । व्रती स्वय रात्रि को घृत मिश्रित चावल खाए । एक वर्षपर्यन्त इस व्रत का आचरण विहित है। किसी पवित्र स्थान पर किसी भी ब्राह्मण को सात वस्त्रो का दान करना चाहिए । इस व्रत का नाम सारस्वत व्रत भी है। प्रतीत होता है कि उपर्युक्त गिनाए हुए सात नाम या तो सरस्वती नदी के है अथवा उसकी सहायक नदियों के । अतएव इस व्रत का नाम 'सारस्वत व्रत' अथवा 'सप्तसागर व्रत' । उचित ही प्रतीत होता है। इस सात नदियों के लिए तथा सारस्वत व्रत की सार्थकता के लिए दे० विष्णुधर्म० ३१६४१-७ सप्तसुन्दर व्रत - इस व्रत में पार्वती का सात नामो से पूजन करना चाहिए। वे नाम है - कुमुदा, माधवी, गौरी भवानी, पार्वती, उमा तथा अम्बिका । सात दिनपर्यन्त सात कन्याओं को (जो लगभग आठ वर्ष की अवस्था की हो ) भोजन कराना चाहिए । प्रतिदिन सात नामो में से एक नाम उच्चारण करते हुए प्रार्थना की जाय जैसे 'कुमुदा देवि प्रसोद' । उसी प्रकार क्रमश अन्य नामो का ६ दिनो तक प्रयोग किया जाना चाहिए। सातवें दिन समस्त नामो का उच्चारण करके पार्वती का पूजनादि करने के लिए गन्धाक्षतादि के साथ साथ ताम्बूल, सिन्दूर तथा नारियल अर्पित किया जाय। पूजन के उपरान्त प्रत्येक कन्या को एक दर्पण प्रदान किया जाय । इस व्रत के आचरण से सौभाग्य और सौन्दर्य की उपलब्धि होती है तथा पाप क्षीण होते है । सभा - जहाँ साथ साथ लोग शोभायमान होते है वह स्थान (सह यान्ति शोभन्ते यत्रेति ) । मनु ने इसका लक्षण (न्याय सभा के लिए ) इस प्रकार दिया है१६० यस्मिन् देशे निषीदन्ति विप्रा वदविदस्य । राज्ञः प्रतिकृतो विद्वान् ब्राह्मणास्ता सभा विदु ॥ [ जिस स्थान में तीन वेदविद् विप्र राजा के प्रति निषि विद्वान् ब्राह्मण बैठते है उसको सभा कहा गया है ] सभा का ही पर्याय परिषद् है इसकी परिभाषा इस प्रकार है विद्यो हेतुस्तक निरुक्तो धर्मपाठक । त्रयश्चाश्रमिण पूर्वे परिषत् स्याद्दशावरा ॥ [ तीन वेदपारग, हैतुक ( सयुक्तिव्यवहारी), तर्कशास्त्री, निरक्त जाननेवाला धर्मशास्त्री तथा तीन आश्रमियो के प्रतिनिधि-इन दसो से मिलकर 'दगावरा' परिषद् बनती है। ] कात्यायन ने सभा का लक्षण निम्नाकित प्रकार से क्रिया है फुल-शील-वयां-वृत्त-वित्तवद्भिरधिष्ठितम् । वणिग्भि स्यात् कतिपये कुलवृद्धैरधिष्ठितम् ।। [ कुल, शोल, वय, वृत्त तथा वित्तयुक्त सभ्यो एव कुलवृद्ध कुछ वणिग्-जनों से अघिठिन स्थान को गभा कहते हैं । ] सभा (राजसभा) में न्याय का वितरण होता था । अत सभा के सदस्यों में सत्य और न्याय के गुणो की आवश्यकता पर जोर दिया जाता था । समय - ( १ ) शपथ, आचार, करार अथवा आचारसहिता । ऋषीणा समये नित्य ये चरन्ति युधिष्ठिर निश्चिता सर्व्वधर्मज्ञास्तान् देवान् ब्राह्मणान् विंदु ।। ( महाभारत, १३९०५०) धर्मशास्त्र में धर्म अथवा विधि के स्रोतो में समय को ' गणना है 'धर्मज्ञममय प्रमाणम् (२) आगमसिद्धान्तानुमार देवाराधना का एक रूप 'समयाचार' जैसे तन्त्रों में इसका निरूपण हुआ है । समाधि- -वह स्थिति, जिसमें सम्यक् प्रकार से मन का आधान ( ठहराव ) होता है। समाधि अष्टाङ्गयोग का अन्तिम अङ्ग है - यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि । यह योग की चरम स्थिति है । पातञ्जल योगदर्शन में समाधि का विशद निरूपण है। चित्तवृत्ति का निरोध ही योग है अत समाधि को अवस्था में चित्त की वृत्तियों का पूर्ण निरोध हो जाता है । ये चित्तवृत्तियाँ है - प्रमाण, विपर्यय, विकल्प, निद्रा और स्मृति ।। चित्तवृत्ति का निरोध वैराग्य और अभ्यास से होता है । निरोध की अवस्था के भेद से समाधि दो प्रकार की होती है - सप्रज्ञात समाधि और असप्रज्ञात समाधि । सप्रज्ञात समाधि की स्थिति में चित्त किसी एक वस्तु पर एकाग्र रहता है । तब उसकी वही एकमात्र वृत्ति जागृत रहती है, अन्य सव वृत्तियाँ क्षीण होकर उसी में लीन हो जाती हैं। इसी वृत्ति में ध्यान लगाने से उसमें 'प्रज्ञा' का उदय होता है। इसी को सप्रज्ञात समाधि कहते हैं । इसका अन्य नाम 'सबोज समाघि' भी है । इसमें एक न एक आलम्बन बना रहता है और इस आलम्वन का भान भी । इस अवस्था में चित्त एकाग्र रहता है, यथार्थ तत्त्व को प्रकाशित करता है, क्लेशो का नाश करता है, कर्मजन्य बन्धनो को शिथिल करता है और निरोध के निकट पहुँचाता है । सप्रज्ञात समाधि के भी चार भेद है - (१) वितर्कानुगत (२) विचारानुगत ( ३ ) आनन्दानुगत और अस्मितानुगत । यद्यपि सप्रज्ञात समाधि में प्रज्ञा का उदय हो जाता है किन्तु इसमें आलम्बन वना रहता है और ज्ञान, जाता, ज्ञेय का भेद भी लगा रहता है। असप्रज्ञात समाधि में ज्ञान, ज्ञाता, ज्ञेय का भेद मिट जाता है । इसमें तीनो भावनायें अत्यन्त एकीभूत हो जाती है। परम वैराग्य से मभी वृत्तियाँ पूर्णत निरुद्ध हो जाती है। आलम्बन का अभाव हो जाता है। केवल सस्कारमात्र शेष रह जाता है । इमको 'निर्वीज समाधि' भी कहते हैं, क्योकि इसमें क्लेश और कर्माशय का पूर्णत अभाव रहता है । असप्रज्ञात समाधि के भी दो भेद हैभवप्रत्यय तथा उपाय प्रत्यय । भवप्रत्यय में प्रज्ञा के उदय होने पर भी पूणज्ञान का उदय नहीं होता, अविद्या बनी रहती है । इसलिये उसमें ससार की ओर प्रवृत्त हो जाने की आशका रहती है। उपाय प्रत्यय में अविद्या का सम्पूर्ण नाश हो जाता है और चित्त ज्ञान में समग्र रूप से प्रतिष्ठित हो जाता है, उसके पतन का भय सदा के लिये समाप्त हो जाता है । पुराणो में भी समाधि का विवेचन है । गरुडपुराण (अध्याय ४४) में समाधि का निम्नलिखित लक्षण पाया जाता है नित्य शुद्ध बुद्धियुक्त सत्यमानन्द मद्वयम् । तुरीयमक्षर ब्रह्म अहमस्मि पर पदम् ।
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- 6 hrs ago राम चरण की सुपरहिट फिल्म 'आरआरआर' का जल्द आएगा सीक्वल, परंतु राजामौली नहीं होगे डायरेक्टर! - 6 hrs ago Shahrukh Khan की 'जवान' प्रीव्यू पर सलमान खान का शानदार रिएक्शन, बोले, "पठान जवान बन गया, वाह. . " Don't Miss! - Travel आखिर क्यों कोई नहीं कर पाया कैलाश पर्वत की चढ़ाई? क्या है इसका वैज्ञानिक कारण? 'चार दोस्त क्या छुपा रही हैं? ' जैसा कि दर्शक इस सवाल पर विचार कर रहे हैं, प्राइम वीडियो ने आज अपने आगामी क्राइम ड्रामा अमेज़न ओरिजिनल हश हश से कृतिका कामरा की विशेषता वाले एक और करैक्टर प्रोमो को जारी कर दिया है। अभिनेत्री ने डॉली दलाल की भूमिका निभाई है, जो एक संपन्न परिवार की बहू है, जिसे आजादी की लालसा रहती है। प्रोमो में दिखाया गया है कि डॉली सामाजिक दबावों में फंसी हुई महसूस कर रही है, साथ ही एक ऐसे रहस्य से भी जूझ रही है जिसने उसके डर को बढ़ा दिया है। सीरीज के लिए उन्हें आकर्षित करने वाली बात को साझा करते हुए, कृतिका ने कहा है, "मेरे लिए असल में जो काम आया वह यह था कि जब आप इतनी सारी महिलाओं के एक साथ आने के बारे में सोचते हैं, तो आप उस तरह के शो की उम्मीद नहीं करते हैं। यह अब तक अन्य महिला प्रधान शो की तुलना में ज्यादा तीव्र है। " वह आगे कहती हैं, "भले ही मैं जिस किरदार को निभा रही हूं, मैं वैसी बिल्कुल भी नहीं हूं, लेकिन मुझे ऐसा लगा कि मैं डॉली जैसे लोगों को जानती हूं। तो यह कुछ ऐसा था जिसे मैं एक्सप्लोर करना चाहती थी। मैं एक ऐसा किरदार निभाना चाहती थिज़ जो लोगों से जुड़ा हो। " तनुजा चंद्रा द्वारा निर्देशित और सह-निर्मित, हश हश एक क्राइम ड्रामा है जिसमें सोहा अली खान, कृतिका कामरा, शाहना गोस्वामी, करिश्मा तन्ना और आयशा जुलखा भी हैं, और यह विशेष रूप से 22 सितंबर को भारत और दुनिया भर के 240 देशों में प्राइम वीडियो पर रिलीज़ होगी। . हश हश 23 सितंबर से शुरू होने वाले ग्रेट इंडियन फेस्टिवल 2022 के लिए प्राइम वीडियो के फेस्टिव लाइन-अप का एक हिस्सा है। प्राइम वीडियो चैनलों के माध्यम से भागीदारों से आकर्षक "दिवाली विशेष छूट" के अलावा लाइन-अप में कई अन्य मूल श्रृंखला और कई भाषाओं में ब्लॉकबस्टर फिल्में भी शामिल हैं।
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देहरादूनः उत्तराखंड इस समय गहन शोक में डूबा हुआ है। आप सभी को बता दें कि इस समय शोक में पूरा देश ही डूबा हुआ है क्योंकि यह दुःख का समय है। देश ने अपनी तीनों सेनाओं का पहला सर्वोच्च अफसर खोया है। लेकिन इस बीच उत्तराखंड की विडंबना यह है कि सैन्य क्षेत्र में सर्वोच्चता के शिखर पर पहुंचा कोई भी अधिकारी अलग-अलग कारणों से अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया। जी हाँ, इस लिस्ट में जहाँ जनरल बिपिन रावत और जनरल बिपिन चंद्र जोशी का कार्यकाल उनके असमय निधन के कारण पूरा नहीं हो पाया। वहीं, उत्तराखंड से नौसेना के शीर्ष पर पहुंचे अल्मोड़ा निवासी एकमात्र एडमिरल डीके जोशी ने साल-2014 में सिंधुरत्न हादसे के बाद बीच कार्यकाल में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उत्तराखंड एक ऐसी जगह है जहाँ हर दूसरे-तीसरे घर से सैनिक निकलता है। हालाँकि, पहले पहल सेना के शीर्ष पर पहुंचने का मौका उत्तराखंड को 1993 में मिला। यह उस समय की बात है जब पिथौरागढ़ के जनरल बिपिन चंद्र जोशी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (थल सेनाध्यक्ष) बने। हालाँकि जनरल जोशी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। केवल सालभर में 18 नवम्बर 1994 को उनका असामयिक निधन हो गया। वह 17वें आर्मी चीफ थे। वहीं जनरल जोशी के 22 साल बाद देश को 27वें आर्मी चीफ मिले उत्तराखंड से। वह रहे जनरल बिपिन रावत। जनरल रावत थल सेना प्रमुख के बाद देश की तीनों सेनाओं के प्रमुख यानी 'चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ' बनाए गए। हालाँकि सीडीएस के तौर पर उनका कार्यकाल बाकी था, जो वे पूरा नहीं कर पाए। अब इसे हादसा कहे या फिर इत्तेफाक कुछ कहा नहीं जा सकता। दोनों को ही उत्तराखंड और यहां के पहाड़ के प्रति गहरा लगाव था। देहरादून से भी दोनों का शैक्षणिक जुड़ाव रहा है।
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भारत और श्रीलंका के बीच तीन टेस्ट मैचों की सीरीज का दूसरा टेस्ट एसएससी स्टेडियम कोलंबो में खेला जा रहा है. पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया ने 95 ओवर में 4 विकेट गंवा कर 364 रन बना लिए हैं. रविचंद्रन अश्विन (8 रन) और अजिंक्य रहाणे (110 रन) क्रीज पर हैं. एक तरफ जहां भारत बड़े स्कोर की तरफ बढ़ रहा है, वहीं अजिंक्य रहाणे की नजरें अपने दोहरे शतक पर होगी. भारतीय टेस्ट टीम की 'दीवार' माने जाने वाले चेतेश्वर पुजारा ने अपने करियर के 50वें टेस्ट में अहम मुकाम हासिल कर लिया. पुजारा ने कोलंबो टेस्ट में अपने 34 रन पूरे करते हुए ही टेस्ट क्रिकेट में अपने 4000 रन पूरे कर लिए. इतना ही नहीं उन्होंने अपने 50वें टेस्ट में शतक जड़ कर इसे यादगार बना दिया है. पुजारा के लिए सबसे खास बात ये रही कि उन्होंने ये उपलब्धि अपने 50वें टेस्ट मैच में हासिल की है. पुजारा से पहले पॉली उमरीगर, गुंडप्पा विश्वनाथ, सुनील गावस्कर , कपिल देव, वीवीएस लक्ष्मण और विराट कोहली भी 50वें टेस्ट में सेन्चुरी लगा चुके हैं. भारत के जिन बल्लेबाजों ने 50 टेस्ट में 4000 से ज्यादा रन बनाए हैं, तो उनमें चेतेश्वर पुजारा का दूसरा सबसे बेहतरीन औसत है. 50वें टेस्ट में सुनील गावस्कर ने 57. 52 के औसत से रन बनाए थे. जबकि 50वें टेस्ट में पुजारा का औसत 52. 63 है. राहुल द्रविड़ का 50वें टेस्ट के बाद 52. 34 और वीरेंद्र सहवाग का 50वें टेस्ट के बाद 51. 28 औसत था. अजिंक्य रहाणे ने मैच में टेस्ट करियर की 9वीं सेन्चुरी लगाई. दिलचस्प बात ये है कि रहाणे ने 9 शतकों में से 6 शतक विदेशी धरती पर लगाए हैं. रहाणे ने अपना शतक 151 गेंदों में पूरा किया है. अपनी शतकीय पारी के दौरान रहाणे ने 12 चौके लगाए हैं. टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने उतरी भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही और 56 के स्कोर पर शिखर धवन के रूप में पहला झटका लग गया. 10. 1 ओवर में दिलरुवान परेरा ने शिखर धवन को एलबीडब्लू कर दिया. धवन ने काफी तेज बल्लेबाजी करते हुए 37 गेंदों पर 35 रन बनाए. लंच के बाद भारत का दूसरा विकेट लोकेश राहुल के रूप में गिरा. 30. 4 ओवर में वे चांडीमल ने उन्हें रनआउट कर दिया. थोड़ी देर बाद तीसरा विकेट विराट कोहली (13) के रूप में गिरा. वे 38. 5 ओवर में रंगना हेराथ की बॉल पर एंजेलो मैथ्यूज को कैच दे बैठे. उस वक्त भारत का स्कोर 133 रन था. के एल राहुल ने श्रीलंका के खिलाफ अर्धशतक जड़कर ऑस्ट्रेलियाई सीरीज से चल रही अपनी बेहतरीन फॉर्म को बरकरार रखा है. इसी के साथ ही के एल राहुल इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए बेंगलुरु टेस्ट से लेकर अब तक 6 पारियों में लगातार 6 अर्धशतक लगा चुके हैं. 1. बेंगलुरु टेस्ट बनाम ऑस्ट्रेलिया : 90 (पहली पारी), 51(दूसरी पारी) 2. रांची टेस्ट बनाम ऑस्ट्रेलिया : 67 (पहली पारी) 3. धर्मशाला टेस्ट बनाम ऑस्ट्रेलिया : 60 (पहली पारी), 51(दूसरी पारी) 4. कोलंबो टेस्ट बनाम श्रीलंका : 57 (पहली पारी) इससे पहले भारतीय कप्तान विराट कोहली ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया. पहले टेस्ट मैच में शानदार जीत से उत्साहित टीम इंडिया दूसरे मैच में भी शानदार प्रदर्शन के दम पर सीरीज पर कब्जा जमाना चाहेगी. भारत सीरीज में 1-0 से आगे है. अगर टीम इंडिया कोलंबो टेस्ट जीत जाती है, तो यह उसकी श्रीलंका में लगातार दूसरी सीरीज जीत होगी. इससे पहले, भारत ने 2015 में तीन टेस्ट की सीरीज पर 2-1 से कब्जा किया था. टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन में एक बदलाव हुआ है. अभिनव मुकुंद की जगह पर केएल राहुल को टीम में लिया गया है. राहुल वायरल बुखार के कारण पहला टेस्ट नहीं खेल सके थे. अब वे पूरी तरह से फिट हैं. टीम इंडिया अगर इस मैच को जीत जाती है, तो विराट की कप्तानी में विदेशी धरती पर ये उसकी छठवीं जीत होगी. विराट की कप्तानी में टीम इंडिया ने अबतक विदेश में 11 मैच खेले हैं जिनमें से 5 जीते हैं. वहीं भारत अगर इस मैच को जीत जाता है तो फिर विराट विदेश में जीत के मामले में पूर्व कप्तान एमएस धोनी की बराबरी कर लेंगे. एमएस धोनी की कप्तानी में भारत ने विदेश में कुल 30 मैच खेले, जिसमें से केवल 6 मैचों में ही टीम को जीत मिली. जबकि विराट के सामने करियर के 12वें (विदेश में) मैच में ही धोनी की बराबरी करने का मौका है. विदेश में सबसे ज्यादा मैच जीतने का रिकॉर्ड पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के नाम पर है, जिनकी कप्तानी में भारत ने 11 मैच जीते थे. भारत और श्रीलंका का इस मैदान पर जीत-हार का रिकॉर्ड मिलाजुला रहा है. दोनों टीमों ने यहां आठ टेस्ट खेले हैं, जिनमें से चार ड्रॉ रहे हैं. दोनों टीमें यहां दो-दो मैच जीतकर बराबरी पर हैं.
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देश के रक्षा मंत्री ने टूरिज्म को ध्यान में रखते हुए एक अहम फैसला लिया है। राजनाथ ने सियाचिन सहित दूसरे हाई ऑल्टिट्यूड एरिया में, जहां अब तक आम लोगों का जाना मना था अब टूरिस्टों के लिए खोलने का फैसला किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बात की जानकारी ट्वीट कर दी है। उन्होंने बताया है कि सियाचिन अब टूरिस्टों के लिए खोल दिया गया है। सूत्रों के मुताबकि रक्षा मंत्री का पद संभालने के बाद जब राजनाथ सिंह कुमार पोस्ट गए थे उसी वक्त उन्होंने आर्मी के सीनियर अधिकारियों से कहा था कि यहां हमारी फौज कितनी कठिन परिस्थितियों में रह रही है ये आम लोगों को पता होना चाहिए। उन्हें पता होना चाहिए कि हमारे फौजी किस परिस्थिति में देश की रक्षा के लिए तैनात हैं। यही नहीं, आर्मी ने दूसरे हाई ऑल्टिट्यूट एरिया को भी आम लोगों के लिए खोलना शुरू कर दिया है। आर्मी के एक अधिकारी ने बताया कि अब अरुणाचल प्रदेश में किबितू और टूटिंग एरिया में भी आम लोग जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस संबंध में आर्मी को भी लिखा था कि वह आम लोगों को इन जगहों पर जाने की इजाजत दें। जिस पर आर्मी ने मना नहीं किया। हालांकि उन्होंने संवेदनशीलता को देखते हुए कुछ नियम व शर्ते रखी हैं। आर्मी के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि जो एरिया हमारा हैं और जहां तक हम आम लोगों को जाने दे सकते हैं उन फॉरवर्ड एरिया में हम उन्हें जाने की इजाजत देंगे। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर सिक्किम के भी कई इलाकों को आम लोगों के लिए खोल दिया गया है। The Siachen area is now open for tourists and Tourism. From Siachen Base Camp to Kumar Post, the entire area has been opened for Tourism purposes.
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Republic Summit 2023 : असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने राज्य में अल्पसंख्यकों के मसले पर बड़ा बयान दिया है। रिपब्लिक समिट में बोलते हुए हिमंता बिस्वा सरमा ( Himanta Biswa Sarma ) ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद आपको अल्पसंख्यकों के डॉक्टरों और इंजीनियरों की जरूरत है, हमें सिर्फ मौलवियों नहीं चाहिए। हिमंता ने कहा कि पहले एक दृष्टिकोण था कि अल्पसंख्यक लोगों को राजनीति का साधन होना चाहिए। हमने अल्पसंख्यक लोगों को इस धारणा से मुक्त करने के लिए कड़ी मेहनत की है। हमने अल्पसंख्यकों को आजाद कराने के लिए बहुत मेहनत की है। रिपब्लिक समिट 2023 में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने मदरसों पर अपनी कार्रवाई के बारे में बताया। हिमंता ने कहा, 'हमें अब अल्पसंख्यक समुदायों के डॉक्टर और इंजीनियर चाहिए, हमें केवल मौलवी नहीं चाहिए। यदि वैदिक स्कूल आपको केवल पुजारी बनने के लिए कहते हैं, तो मेरे पास निश्चित रूप से दूसरा विचार होगा। लेकिन वैदिक ज्ञान विज्ञान और दर्शन के बारे में बोलता है और यह एक किताब तक ही सीमित नहीं है।' रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी के साथ बातचीत में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि मोदी सरकार की जन-समर्थक नीति से सबसे अधिक संख्या में अल्पसंख्यक लोग लाभान्वित हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अल्पसंख्यकों की प्रगति के लिए बहुत काम किया है। हम बिना तुष्टिकरण के विकास चाहते हैं। असम की कानून व्यवस्था पर हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि मेरा मुख्य ध्यान विकास और कानून व्यवस्था पर है। मेरा पहला लक्ष्य असम को सकल घरेलू उत्पाद, साक्षरता और प्रति व्यक्ति आय में शीर्ष 10 राज्यों में लाना है और फिर शीर्ष पर लाना है। पांच राज्यों में यह मेरा पहला लक्ष्य है। सरमा ने आगे कहा, '2014 के बाद असम बहुत बदल गया है। शांति लौट आई है और पूर्वोत्तर को मुख्यधारा में लाया गया है।' यह भी पढ़ें : Republic Summit: यूनिफार्म सिविल कोड के विरोध में ओवैसी के लॉजिक से कितना सहमत हैं आप'
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मुंबईः एयरक्राफ्ट कैरियर निर्माण करने वाले देशों की श्रेणी में शुमार भारत के पास अब दो एयरक्राफ्ट करियर हैं। सोवियस संघ से प्राप्त 'विक्रमादित्य' (INS Vikramaditya) के बाद अब आत्मनिर्भर भारत के तहत स्वदेश में निर्मित 'आईएनएस विक्रांत' (INS Vikrant) समुद्र में चलता-फिरता किला है। दो एयरक्राफ्ट के बाद भी भारत की समुद्री सुरक्षा जरूरतों को देखते हुए और एयक्राफ्ट की जरूरत महसूस की जा रही है। इस बात को 'आईएनएस विक्रांत' के कमांडिंग अफिसर विद्याधर हरके ने भी स्वीकार किया है। मुंबई दौरे पर पहली बार आए विक्रांत के 'डेक' पर शुक्रवार को मुलाकात के दौरान हरके ने कहा कि भारत तीन ओर से समुद्री सीमाओं से घिरा है। इस लंबी सीमा की रक्षा करना भारत की सेनाओं के लिए हमेशा चुनौती पूर्ण रहा है। लंबी समुद्री सीमा को देखते हुए ज्यादा से ज्यादा एयरक्राफ्ट कैरियर की आवश्यकता है। कोमोडोर हरके ने कहा कि पड़ोसी चीन और पाकिस्तान से देश को हमेशा खतरा बना रहता है। इसलिए समुद्री सीमाओं की रक्षा के लिए इस वक्त कम से कम तीन एयरक्राफ्ट की जरूरत है। हरके ने कहा कि भारत दुनिया के उन पांच देशों की श्रेणी में आ चुका हैं, जहां वह खुद अत्याधुनिक एयरक्राफ्ट कैरियर का निर्माण कर रहा है और आपरेशन भी। कोमोडोर हरके ने कहा कि 'विक्रांत' में 76 प्रतिशत सामग्री स्वदेशी है। उन्होंने कहा कि आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज 'विक्रांत' पर सवार हुए और उसकी खूबियों का निरीक्षण किया और प्रशंसा की। हरके के अनुसार, अल्बनीज ने कहा कि इस बार 'मालाबार' अभ्यास आस्ट्रेलिया के पास होना चाहिए। हरके के अनुसार, विक्रांत के आने से इंडियन ओसन रीजन में भारत काफी मजबूत हुआ है। उन्होंने कहा कि तीसरे एयरक्राफ्ट कैरियर की योजना बन चुकी है। शीघ्र ही इसे क्रियांन्वित किया जाएगा।
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मोतिहारी में स्वर्ण कारोबारी की गोली मारकर हत्या (प्रतीकात्मक फोटो) देवरिया. यूपी के देवरिया जिले (Deoria) के बनकटा थाना क्षेत्र के ताली मठिया में यूपी-बिहार बार्डर पर स्थित देसी शराब (Wine Shop) की दुकान के मुनीम की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी. घटना के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई. मौके पर एसपी डा. श्रीपति मिश्र समेत अन्य अधिकारी पहुंचे और घटना की जानकारी ली. इस मामले में अज्ञात बदमाशों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है. पुलिस घटना के पीछे रंजिश बता रही है. बता दें कि गोरखपुर जिले के परसा निवासी (48) वर्षीय राजेश यादव ताली मठिया स्थित रामप्रवेश राय के देसी शराब की दुकान पर मुनीम थे. जानकारी के मुताबिक बाइक पर सवार 4-5 बदमाश पहुंचे और किसी बात को लेकर राजेश से नोंकझोंक के बाद बदमाशों ने उनके सीने में गोली मार दी. गोली चलने की आवाज सुनकर आसपास के लोग आए, लेकिन तब तक बदमाश यूपी बार्डर पार कर बिहार में फरार हो गए. लोगों ने राजेश को इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया. घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने कारतूस व अन्य सामान भी मौके से बरामद किया. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे देवरिया के एसपी डा. श्रीपति मिश्र ने बताया कि अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए कई टीमें लगी है. जल्द ही बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. ये भी पढे़ंः .
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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गोली की आवाज सुनकर व्यक्ति को बचाने जब उसकी पत्नी आई तो बदमाशों ने महिला को भी पीटा और उसका सिर फोड़ दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश फरार हो गए। बदमाशों के जाने के बाद परिजनों ने मामले की सूचना पुलिस को दी। विशेष संवाददाता, डाबड़ी डाबड़ी थाना क्षेत्र में दो हथियारबंद बदमाशों ने एक व्यक्ति को उसके घर में घुसकर गोली मार दी। गोली की आवाज सुनकर व्यक्ति को बचाने जब उसकी पत्नी आई तो बदमाशों ने महिला को भी पीटा और उसका सिर फोड़ दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश फरार हो गए। बदमाशों के जाने के बाद परिजनों ने मामले की सूचना पुलिस को दी। दोनों घायलों को पास के अस्पताल पहुंचाया गया। पुलिस ने डाबड़ी थाने में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री की पत्नी की हत्या में तीसरा आरोपी भी अरेस्ट पुलिस अधिकारी के अनुसार घायल नरेश के बयान पर मामला दर्ज किया गया है। अभी तक की जांच में पता चला है कि घायल पर भी विभिन्न धाराओं के तहत आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस आशंका जता रही है कि आपसी रंजिश के चलते वारदात को अंजाम दिया गया है। पुलिस के अनुसार सोमवार देर रात डाबड़ी थाने को यह जानकारी मिली थी। इसके बाद पुलिस को पता चला कि घायलों को अस्पताल ले जाया गया है। पुलिस टीम अस्पताल पहुंची तो पता चला कि नरेश को पैर में गोली लगी है। नरेश ने पुलिस को बताया कि देर रात दो लोगों ने उसका दरवाजा खटखटाया। जब उसने गेट खोला तो वह दोनों जबरन अंदर आ गए। उनमें से एक के हाथ में पिस्टल थी। उसी ने नरेश पर गोली चला दी। गोली लगने के बाद नरेश गिर गए। Delhi News: लॉकडाउन खुलते ही लूट और झपटमारी की वारदात में इजाफा इसी दौरान गोली की आवाज पर नरेश की पत्नी बाहर आई। आरोपियों और नरेश की पत्नी के बीच झड़प हो गई। इस दौरान आरोपियों ने उसे जमकर पीटा और उसका सिर फोड़ कर फरार हो गए। बदमाशों के जाने के बाद पुलिस को मामले की सूचना दी गई। फिलहाल पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर लिया है और आरोपियों की पहचान का प्रयास कर रही है।
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जिन सेन भाचार्य हुए। ये अनेक शास्त्रो के ज्ञात और ( सेन-देव-मिठ और नन्हीं ) चारों संभों के उद्धार करने में समर्थ हुए। इनके पश्चात् विशेषज्ञ विनय मेन नि हुए। इनके गुण भद्र और कुमार सेन नाम के दो शिष्य हुए। उन्होने गुरु आाझा से विमुख होकर संन्यास लेलिया और भ्रष्ट होगये । गुरु जी भी नन्दी तट गांव में विद्यमान थे। अतः अपने मनोनुकूल मन्थों की रचना को एवं तदनुकूल उपदेश दिया । उन ने सब से प्रथम देव पूजन की प्ररूपणा की। वहां पर प्रतिमा नथी, अत. पूजन किस की हो सकता थी । विना प्रतिमा कार्य नहीं चल सकता था । पाषाण का प्रतिमा देर में बनतो । अतः उत्तम काष्ड की प्रतिमा बनवाई और कहा कि विना पुजन तथा दान के श्रावक नहीं हो सकता । जैसे कहा भी है-"दाणं पूजा मुक्खं सावय धम्मेण सावया तेख विया । झायज्झयणं मुक्खं जइ घम्मे तं विणा तहा सोषि ॥ ११ ॥ जिणपूजा मुणिदाणं करेइ जो देह सत्ति रूवेण । सम्माइठ्ठी सावयधम्मी सो होइ मोक्ख मम्गखो ॥ १२ ॥ " [ रयणसार ] तात्पर्य - आवक के लिये दान देना तथा पूजा करना मुख्य कर्तव्य है । विना पूजा और दान के श्रावक धर्म नहीं होता है। जो लगा हुआ है। अपनी शक्ति के अनुसार जिन भगवान् की पूजा तथा मुनि के लिये आहारदान करता है वह ही सम्यग्दृष्टि श्रावक मोक्ष मार्ग में आविकायें धर्म साधन करने लग गये। और जल से अभिषेक होता ही था सो करने लग गये। अनन्तर उस काष्ठ की प्रतिमा की बड़े उत्सव एवं समारोह के साथ प्रतिष्ठापना और पूजा कराई। उस दिन से आवक और काष्ठा संघ में पंचामृताभिषेक अनन्तर जल से अभिषेक होने के कारण वह काष्ठ की प्रतिमा फटने लगी। तम आवकों ने जाकर उन मुनि राजा से कहा कि अब क्या करें। उन्होंने कहा कि प्रतिमा फटने से तो अविनय होता है। तुम प्रथम प्रतिमा का जल से अभिषेक मत करो, प्रथम ही दुग्ध वही, घृत, इक्षुरस और सर्वौषधि से श्री जी का अभिषेक करो। इस से किसी प्रकार की न तो अशुद्धता ही आवेगी और न मूर्ति ही फटेगी। बाद में जल से अभिषेक करो। मगर यह पंचामृतामिषेक भी तब तक करना जब तक धातु, पाषाण की दूसरी प्रतिमा तैय्यार न हो जावे। जब दूसरी छ. कि. ३
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यशोधरा में गुरुजी की नारी- भावना पारिवारिक स्नेहही विश्व-प्रेम का जन्मदाता है। जननी 'तुच्छ न समझो मुझको नाथ । यशोधरा यह अच्छी तरह समझती है कि नारी के मातृत्व रूप का गौरव बुद्ध की तपस्या से किसी भी अंश में, कम नहींइसीलिए अपने प्राणेश्वर को स्पष्ट शब्दों में कहा है अमृत तुम्हारी अंजलि में तो भाजन मेरे हाथ । तुल्य दृष्टि यदि तुम्ने पाई तो हममे ही सृष्टि समाई । स्वयं स्वजनता में वह 'बेटा रे, प्रसव की-सी पीडा मुझे होती है।' देकर हम स्वजनों का साथ ।' - यही कारण है कि यशोधरा के जीवन का संबल, उसका आधार, उसका पुत्र राहुल है । वह अपने आप के लिए जी नहीं रही है बल्कि अपनी गूदड़ी के लाल के लिए आँखो का खारा पानी पी रही है। राहुल किशोर हो गया है, वह दुनियाँ को समझने लगा है और दुनियाँदारी को भी । राहुल अपने माँ की अन्तर्व्यथा से परिचित हो चला है और इसीलिए अ यशोधरा भी अपनी करुण कहानी अपने पुत्र से नहीं क्योंकि राहुल बड़ा हो गया है और वह जीवन के सुच-दुखः का भागी है। इसी हेतु वद राहुल से अपने को पीडा को स्पष्ट शब्दों में कहती है मातृत्व रूप का सुन्दर, निदर्शन प्रस्तुत करती है। राहुल माता की दयनीय दशा की भागी बन गया है और वह समझता है कि मेरी माना
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राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन की भागीदारी के साथ खोला गया, अतातुर्क हवाई अड्डे पर एक बड़े क्षेत्र में 1008-बिस्तर प्रोफेसर बनाया गया। डॉ Murat Dilmener आपातकालीन अस्पताल Yeşilköy में स्थित है। बहुउद्देश्यीय आपातकालीन अस्पताल को महामारी, भूकंप और आपदा अस्पताल के रूप में इस्तेमाल करने का लक्ष्य है। येसिल्कोय प्रो। डॉ मूरत दिलमनेर इमरजेंसी अस्पताल में 1 जून से सेवा देना शुरू कर देगा। अस्पताल, जो कोविद -19 महामारी प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, स्वास्थ्य पर्यटन के दायरे में विदेशी रोगियों की भी सेवा करेगा। येसिल्कोय प्रोफेसर 125 हजार वर्ग मीटर के क्षेत्र में स्थापित किया गया। डॉ मूरत दिलमनेर इमरजेंसी अस्पताल में 75 हजार वर्ग मीटर का एक बंद क्षेत्र है। येसिल्कोय, जो कि 9 अप्रैल को इसकी नींव रखी जाने के बाद 45 दिनों में पूरा हो गया था। डॉ मूरत दिलमनेर आपातकालीन अस्पताल 125 हजार वर्ग मीटर के क्षेत्र में स्थापित किया गया था। अस्पताल, जिसमें 75 हजार वर्ग मीटर का एक बंद क्षेत्र है, में 1008 बेड की क्षमता है, और प्रत्येक कमरे को अनुरोध पर गहन देखभाल में परिवर्तित किया जा सकता है। अस्पताल में 500 वाहन पार्किंग स्थल, 16 ऑपरेटिंग कमरे, 36 डायलिसिस और गहन देखभाल बुनियादी ढांचा, 576 बाथरूम रोगी बेडरूम, 36 डायलिसिस रोगी अवसंरचना, 432 गहन देखभाल बेड, 36 आपातकालीन अवलोकन बेड, 8 ट्राइएज, 2 सीआरपी, 4 टमाटर हैं। इसमें 4 एमआर, 2 एक्स-रे कमरे हैं। अस्पताल, जो नए प्रकार के कोरोनावायरस (कोविद -19) के प्रकोप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, स्वास्थ्य पर्यटन के दायरे में विदेशी रोगियों की भी सेवा करेगा। इस्तांबुल इलेक्ट्रिक ट्राम एंड टनल एंटरप्राइजेज (IETT), प्रो। डॉ यह घोषणा की गई थी कि मूरत दिलमनेर आपातकालीन अस्पताल में परिवहन प्रदान करने के लिए 73H लाइन को सेवा में रखा जाएगा। बयान में, "अतातुर्क हवाई अड्डे में खोले जाने वाले प्रो। डॉ IETT मूरत दिलमनेर इमरजेंसी अस्पताल तक पहुंचने के लिए एक नई लाइन खोल रहा है। यह कहा जाता है कि अस्पताल पहले स्थान पर 300 कर्मियों के साथ सेवा शुरू करेगा। इस संदर्भ में, अस्पताल के कर्मचारियों के लिए मारमार, मेट्रोबस और मेट्रो लाइन के परिवहन के लिए 73H अतातुर्क हवाई अड्डे-आपातकालीन अस्पताल लाइन को सोमवार को चालू किया गया है। लाइन को बेयसोल और सेफ़ाकॉई मेट्रोबस स्टॉप और अतातुर्क एयरपोर्ट मेट्रो स्टॉप के साथ 2 वाहनों के साथ एकीकृत करने की योजना बनाई गई थी। " जानकारी दी गई। बयान में, जिसे अस्पताल के काम के घंटों के अनुसार बनाया जाना बताया गया था, इस बात पर जोर दिया गया था कि यदि लाइन पर मांग बढ़ती है, तो उड़ानों और वाहनों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।
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नहीं रहते । लक्ष्मीजी गन्दे, पेटू, कटुवादो, आलसी और अधिक सोनेवाले को त्याग देती हैं । नारीके लिये भी लक्ष्मीजीने कुछ गुणोंकी चर्चा की है। जो स्त्रियाँ लक्ष्मीजीको प्रिय हैं, उनके लक्षण इस प्रकार हैंप्रकीर्णभाण्डान्यनपेक्ष्यकारिणीं सदा च भर्तुः प्रतिकूलवादिनीम् । वेश्माभिरतामलज्जामेवंविधानां परिवर्जयामि ॥ - लक्ष्मीजी उन स्त्रियोंके निकट नहीं रहना चाहतीं जो अपनी गृहस्थी के सामान -- वस्त्र- पात्रादिको जहाँ-तहाँ बेढंगे तरीकेसे छितराये रहती हैं, चीजें ठिकाने नहीं रखतीं । उन्हें वे भी स्त्रियाँ बहुत अप्रिय हैं, जो सदा पतिके प्रतिकूल बातें कहकर दुःख देती हैं। जिस स्त्रीका मन सदा दूसरेके घरमें लगता है, जो निर्लज्ज रहती है, उसके पास भी उन्हें जाने में संकोच रहता है । साथ ही उन्हें उन स्त्रियोंसे भी बड़ी चिढ़ है, जो पापपरायणा, अपवित्र, गन्दी, चोर, अधीर, झगड़ालू, सदा सोनेवाली तथा उनींदी रहनेवाली हैं । अतः लक्ष्मीजीकी प्रिय पात्र बननेके लिये स्त्रियोंका आचरण पवित्र और वृत्तियाँ सात्त्विक होनी चाहिये । लक्ष्मीके दुरुपयोगमें दोष 'कादम्बरी' में लक्ष्मीके दोषोंका भी वर्णन आता है । दुरुपयोग करने से लक्ष्मी ( अर्थ ) शत्रु बन जाती है । जो नाना भोगविलासकी वस्तुएँ एकत्रित करता है, वह हर प्रकारसे अपना
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महाराष्ट्र में ठाणे की एक विशेष अदालत ने एक लड़की का पीछा करने के जुर्म में 24 वर्षीय युवक को 22 महीने के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। हाल ही में जारी आदेश में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर आर वैष्णव ने दोषी सुनील कुमार दुखीलाल जायसवाल पर 500 रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने सुनील को भारतीय दंड संहिता की धारा 354 डी (पीछा करना) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत दोषी करार दिया। अतिरिक्त लोक अभियोजक उज्ज्वला मोहोलकर ने अदालत को बताया कि युवक लगातार एक लड़की का पीछा करता था। लड़की के पिता ने जून 2016 में शिकायत दर्ज कराई थी। निर्भया केस के बाद हुए थे उत्पीड़न के कानूनों में बदलावः बता दें कि 2012 के निर्भया केस के बाद रेप और छेड़छाड़ से जुड़े कानूनों में बड़े स्तर पर बदलाव किए गए और इन्हें और ज्यादा सख्त बनाया गया है। कानूनी बदलाव के बाद आईपीसी की धारा-354 के तहत दोषी करार दिए जाने पर 5 साल तक की कैद की सजा का प्रावधान किया गया। इसमें कम से कम एक साल कैद की सजा का प्रावधान किया गया। छेड़छाड़ को गैरजमानती बनाया गया है। पहले जमानती था। धारा-354 में कई उपधाराएं भी बनाई गईं। धारा-354 ए, 354 बी, 354 सी और 354 डी का प्रावधान किया गया है। धारा-354ए में चार पार्ट हैं। मनचलों ने पीछा कर लड़की से की छेड़खानी, भाई ने किया विरोध, तो चाकू माराः इसी हफ्ते बिहार के जहानाबद में युवक को अपनी बहन के साथ छेड़खानी कर रहे बदमाशों का विरोध करना मंहगा पड़ गया। विरोध करने पर बदमाशों ने युवक को चाकू से गोदकर गंभीर रूप से घायल कर दिया और मौके से फरार हो गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भाई-बहन अपने रिश्तेदार की बर्थडे पार्टी में शामिल होने एक होटल में गए थे। वहां कुछ बदमाश उसकी बहन से छेड़खानी करने लगे। जब लड़के ने विरोध किया, तो 2-3 अपराधियों ने उसका पीछा किया और घात लगाकर सड़क पर ही उसके साथ मारपीट की। बाद में वे उसे चाकू मारकर फरार हो गए।
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हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले (Una District) की एक नाबालिग लड़की (Minor Girl) को पड़ोसी में रह रहे युवक पर भगाकर ले जाने का आरोप है। बताया जा रहा है कि भगाने वाला लड़का उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के संत कबीर नगर जिले का रहने वाला है। लड़की की मां का कहना हैं की लड़का हमारी लड़की को वहीं लेकर चला गया है। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले (Una District) की एक नाबालिग लड़की (Minor Girl) को पड़ोसी में रह रहे युवक पर भगाकर ले जाने का आरोप है। बताया जा रहा है कि भगाने वाला लड़का उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के संत कबीर नगर जिले का रहने वाला है। लड़की की मां का कहना हैं की लड़का हमारी लड़की को वहीं लेकर चला गया है। आपको बात दें कि यहां यूपी (UP) का एक परिवार मजदूरी कर अपना गुजर बसर कर रहा था। इस परिवार में एक 16 साल की नाबालिग सिलाई सीखने जाती थी। जो बीते सोमवार को सिलाई सेंटर से वापस घर नहीं लौटी। नाबालिग की मां ने बुधवार को युवती की गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस थाना में दर्ज करवाई है। अपनी शिकायत में उसने पड़ोस में रहने वाले यूपी के संत कबीर नगर जिले के धनघटा का युवक पर उसकी लड़की को बहला फुसला कर भगाने के आरोप लगाए हैं। वहीं पुलिस ने महिला की शिकायत पर मामला दर्ज कर आगामी जांच शुरू कर दी है। मिली जानकारी के अनुसार पुलिस थाना अंब में दी शिकायत में महिला ने बताया कि उसकी बेटी अंब के ही एक सिलाई सेंटर में सलाई कढ़ाई का काम सीख रही थी। बेटी रोज की तरह गत सोमवार को भी सुबह करीब 11 बजे सिलाई सेंटर गई थी, लेकिन शाम तक घर नहीं लौटी। इसके बाद उन्होंने अपने स्तर पर ही बेटी (Daughter) को तलाश करने की काफी कोशिश की, लेकिन घटना के दो दिन बाद भी उसका कोई सुराग नहीं लगा। महिला ने आरोप लगाया है कि उनके पड़ोस में रहने वाला आरोपित युवक राहुल निवासी बंटबार जिला धनघटा उत्तर प्रदेश भी उसी दिन से घर से गायब (Missing) है। महिला ने बताया कि उसे पूरा संदेह है कि आरोपी युवक ही उसकी नाबालिग बेटी को बहला फुसलाकर अपने साथ कहीं ले गया है। महिला ने पुलिस से जल्द से जल्द उसकी बेटी को वापस लाने की गुहार लगाई है। वहीं पुलिस ने महिला की शिकायत पर अपहरण (Kidnapping) का मामला दर्ज कर आगामी जांच शुरू कर दी है।
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जैन-विद्वानों ने स्वय ग्रंथ निर्माण करने के साथ साथ दूसरों के रचे ग्रथों पर विशद टोकाए भी बनाई है। क्रिसन रुकमणी वेलि को ही लीजिये - इस पर लाखा चारण की जैनेतर, टीका एक ही उपलब्ध है, पर जैन विद्वानों द्वारा रचित ६६७ टीकाए प्राप्त हो चुकी हैं, जिनमें से दो टीकाए तो सस्कृत मापा में भी है। इसी प्रकार हिंदी और सस्कृत के जैनेतर सर्वोपयोगी प्रथो पर भी जैनविद्वानो ने राजस्थानी भाषा में टीकाए लिसी है। उदाहरणार्थ सरकृत के भतृहरि शतक, अमरु शतक, लघुस्तोत्र, सारस्वत व्याकरण आदि पर जैन यतियों द्वारा रचित राजस्थानी टीकाए प्राप्त हे । भर्तृहरिशतक की तो रूपचद और लक्ष्मी वल्लभ की ढो टीकाए हैं। हिंदी ग्रंथों में से रसिक प्रिया पर कुशलदेव की ओर केशवदास के नख-शिख की राजस्थानी टोका उपलब्ध है अनेक राजस्थानी ग्रन्थों को बचा रखने का श्रेय भी जैनविद्वानों को ही है। जैसे -- वीसलदेव रासो को उपलब्ध समस्त प्रतियाँ जैन यतिओं को लिखित ही है। जैनेत्तर रचित एक भी प्रति कहीं प्राप्त नहीं है। इसी प्रकार हमारे सग्रह में बीकानेर के राव जैठसी संबधो ऐतिहासिक मथ जैतसी रासो की दो प्रतियाँ उपलब्ध है, जबकि इस प्रग की अन्य एक भी प्रति जैतसी के वशज अनूपसिंह जी की विशिष्ट लायनरी में भी प्राप्त नहीं है । चारण साकुर कवि रचित 'बच्छावत वशावली' चारण रतनू कृष्णदास रचित 'रासा विज्ञास' नाम के ऐतिहासिक काव्य एवं हमीर रचित राजस्थान का छद मन्थ 'लखपत गुण पिंगल' इसी प्रकार जैनवर राजस्थानी मन्थों की प्रतिय जैन - भएठारों में ही सुरक्षित मिलती है। जोधपुर के महाराजा जसवन्तसिंहजी का मन्त्री लेघराज रचित कई मन्थों की प्रतियें हाल ही जैन भण्डारों से प्राप्त हुई हैं। जिनकी अन्य प्रतियें जोधपुर के राजकीय सम्रहालय आदि में कहीं नहीं है। भागवत के राजस्थानी गानुवाद की सचित प्रति भी जैन यति द्वारा लिखित हमारे समह में प्राप्त है। कवि हालू रचित 'वेताल पच्चीसी', विप्र वस्ता रचित 'विक्रम परकाय प्रदेश' कथा । वल्ड रचित 'विन्दण चरित चौपाई' ज्ञान रचित विक्रमादित्य चौपाई आदि और भी अनेक जैनेटर राजस्थानी मन्य जैन भएदारों में हो प्राप्त है। प्राचीन चाग्य आदि कवियों के पर्थो के संरक्षण का श्रेय भी जैन विद्वानों को ही है।
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हुए भी भारत को उस घटना का स्मरण दिलाते है जिसम सम्राट अशोक ने युद्ध जनित विश्वस राव विनाश से द्रवित हो महिमा का पाठ गया था। विनोवा की भी यही धारणा है कि विश्व युद्ध से होने वाले सहार को देपर व्यक्ति एवं राष्ट्र युद्ध का अन्त करने वा प्रयत्न करते है और ये महिमा के समीप पहुचने का प्रयास करते हैं। विनोवा विश्व युद्ध से उतने भयभीत नहीं जितने छोटे युद्धी एवं भगढो से विश्व युद्ध व्यक्ति को सीता की परिधि से बाहर कर उसे गमस्त मानवता के लिए चिंतन करने को वाध्य करता है जबि छोटे युद्धो का प्रभाव टौर इसो पिरीत हो होता है। जहाँ विश्व युद्ध घसा भी धार घटता हुआ चरण है वहाँ छोटे युद्ध महिसा वो दूर धनेलने का प्रयास करते हैं। यह विश्व शांति के लिए विश्व युद्ध से भी अधिक भयावह स्थिति है। हिंसर म निष्ठा रखने वाले राष्ट्र जहाँ विश्व युद्ध को समाप्त करने की बात परत हैं वहाँ उमरा सोमित युद्ध को चनाते रने का स्वार्थ यह सिद्ध करता है कि वे निश्स शाति अथवा महिंसा के समर्थव नहीं हैं। का वातावरण बनाये रखने के लिए इन छोटे छोटे युद्ध को रोकना प्रत्यावश्यव है 138 विनोश के उपर्युक्त विचार प्राधुनिन समयको पोत-युद्ध की राजनीति पर वारा प्रहार है। आथिर मानता की अवधारणा को विनोबा भावे ते त्या महत्व दिया है। मादिगाना तिच्छे समाज को ना निरर्थन है। विनोवा ने भारत के जीवन मस्या की भावना को समानता के श्राधुनिर श्रादर्श से सम्बन्धित करने वा प्रयाम दिया है। प्राध्यामि साधना के लिए भौतिक सुविधामा एवं समृद्धि को त्यागना उचित माना गया है। प्रथम श्रम (द लेवर) तथा वेतन की समानता के माध्यम साथ समानता का श्रादर्श स्थापित या प्रयास किया गया है। विनोबा इस दृष्टि से गाधीजी ने पदचिह्नो पर अमर होत दिखाई देते हैं। बाधोजो वे सदृश, विनोजावी भी यही धारणा है कि श्रावश्यकतामा प्रथदा इच्छायो को बहुगुणित करने के स्थान पर उनका वरना चाहिए ताकि सगाज म समन्वय एवं संतोष वा वातावरण बना रहे । प्रकृति ने हमारी श्राश्यता के अनुरूप अनुपात ममत्र वस्तुग्रो वो उत्पन्न दिया है मन प्रत्येक व्यक्ति द्वारा केवल अपनी आवश्यतानुसार वस्तुमा वा उपभोग किया जाय, सहन किया जाय तो विश्व में रोई व्यक्ति क्षुधापीडित प्रथवा अन्य प्रकार से पीड़ित नही रह माता । अनी आवश्यता से अधिक का अधिग्रहण अपराध है, योगी है। परिग्रह एय अस्तेय द्वारा समस्त सामाजिन एवं प्राधिक बुराइयों को दूर किया जा सकता है। विनाबा ने अनुसार किसी भी वस्तु वा उत्पादन स्थय के निमित्त न होकर राष्ट्र एवं समाज ये निमित्त मानना चाहिए। उत्पादन समाज अथवा राष्ट्र को अर्पित कर व्यक्ति स्वार्थ से उपर उठ जाता है। समाज इस उत्पादन वो जब पुन व्यक्ति को प्रत्येव की प्रावस्यक्तामुसार वितरित रता है तब व्यक्ति में नवीन जीवनदायिनी शक्ति का राधार होता है । सहज में व्यक्ति तथा समष्टि की अन्योन्याश्रितता स्पष्ट हो जाती है 38 विजोया के प्राधिक समानता सम्बन्धी विचारों का यह तात्पय नहीं कि वे पूर्ण समानता थवा गणितीय समानता के पक्षपाती हैं। विनोचा गरिणतीय समानता के स्थान पर मौचित्यपूर्ण प्रपवा ऐसी समानता चाहते हैं जैसी को हाथ की पाच अंगुलियों में होती अनेक हैं। पांचा अगुलियाँ बराबर न होते हुए भी पूर्ण सहयोग से एक साथ मिलवर वाप
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नसोहत की और कई साधु सन्तों द्वारा उपदेश दिलाया, लेकिन उसने अपनी वह आदत नहीं छोड़ी। दुष्ट आदमी अपनी कुटेव इस तरह थोड़े हो छोड़ता है । लुब्धक जवान का मीठा था, इसलिए उसका दर्जा धीरे धीरे बढ़ता गया । एक दिन सारे राज्य में उसकी तूती बोलने लगी । उसकी वक्र दृष्टि से बचने के लिए और उसकी मदरबानी प्राप्त करने के लिए गरजमन्द लोग उसे सलाम भरने लगे और नजराने देने लगे। लुब्धक के गाँव के नजदीक तुगभद्र-नामक एक कुनबी रहता था । वह पैसे-टके से सुखी था । जाति-बिरादरी में भी उसकी अच्छी इज्जत थी । वह एक सक्षम व्यक्ति माना जाता था। वह बड़ा दान पुण्य करता, साधु-सर्वो को जिमाता और गरीब, निराधार या या अपग लोगों को भी यथाशक्ति सहायता देकर सन्तुष्ट करता । उसकी इस उदारता और सेवा परायण वृत्ति के कारण उसे लोग 'भगत' कहने लगे । सन लोग उसका चड़ा सम्मान करते थे । यह देखकर लुब्धक का ईष्यालु हृदय जल्ने लगा। उसे विचार हुआ - "बैल का दुम पकड़नेवाला यह पटेल पाँच भिखमर्गो को रोटी का टुकड़ा फेंक कर बड़ा धर्मात्मा बन बैठा है और मुझे कभी सलाम करने भी नहीं आता । अत उसे अवश्य देख लेना चाहिए ।" तुगभद्र सलाम करने नहीं आता था, यह उसका भयकर गुनाई था और इसलिए उसे दण्ड देने की तैयारी ! इस जगत में दुष्ट व्यक्ति की दुष्टता भी किस हद तक जाती है ? लुब्धक ने तुगभद्र को फँसाने के लिए जाल फैलाया, पर वह व्यर्थ गया ' तुगभद्र उसमें नहीं फँसा ! दूसरी चार भी
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प्रौर श्रीमती इंदिरा गाँधी के नेतृत्व में कुछ कांग्रेसियों ने भी कांग्रेस के निर्णय को न मानकर उनका समर्थन किया । इस प्रकार श्री गिरि को काफी समर्थन मिल गया । कुलं निर्वाचक मत साढ़े आठ लाख थे । श्री गिरि १४६५० मतों से विजयी हुए । जनतंत्र में बहुमत का जाता है। वह बहुमत अधिक है या अल्प, यह निःसार है । श्री गिरि को भारतीय संविधान के अनुसार चुना गया है और देश ने उन्हें राष्ट्रपति पद पर आसीन किया है । हम उनका हार्दिक अभिनन्दन करते है । जीवन वड़ा सुखी और आदर्श है। उनके १६ सन्तान हुई जिनमें ११ जीवित हैं । वे आस्थावान व्यक्ति हैं और धर्मनिरपेक्षता में पूर्ण विश्वास रखते हुए भी अपने धर्म में उनकी श्रद्धा है। राष्ट्रपति पद ग्रहरण करने के एक दिन पूर्व वे रामकृष्ण पुरम् (नई दिल्ली) में हाल ही में बने श्री वेङ्कटेश्वर भगवान् के मन्दिर में दर्शनार्थ गये थे। उनका व्यक्तिगत चरित्र निर्मल और उच्च है । वे हिन्दी के विरोधी नहीं है, किन्तु उन्हें हिन्दी में कोई विशेष रुचि भी नही है । वे अंग्रेजी ही में भाषरण देते रहे हैं । उन्होंने राष्ट्रपतिपद की शपथ भी अंग्रेजी ही में ग्रहण की थी और अपना पदग्रहरण-भाषरण भी अंग्रेजी ही में दिया । स्व० डाक्टर जाकिर हुसेन हिन्दी में भाषण देते थे । राष्ट्रपति राजेन्द्रप्रसादजी के कार्यकाल में राष्ट्रपति भवन और कार्यालय में राजभाषा हिन्दी को जो स्थान मिल गया था वह उनके उत्तराधिकारियों के समय में नहीं रहा । श्री गिरि का जन्म अगस्त, १८९४ में वरहामपुर में हुआ था । यह नगर पहिले तत्कालीन मदरास प्रान्त में था, किंतु उड़ीसा से मिली हुई सीमा पर था । यहाँके बहुसंख्यक निवासी उड़ियाभाषी है। मदरास प्रान्त में उत्तरी क्षेत्र में तेलगू भाषी आंध्र और दक्षिण में तामिलभाषी द्रविड़ या तमिल लोग रहते थे । जब भाषावार प्रान्त बने तब वरहामपुर उड़ीसा में चला गया । श्री गिरि का परिवार तेलगूभापी आंध्र है । उनके पिता साधारण वकील थे 7 श्री गिरि उच्च शिक्षा के लिए आयरलैण्ड गये थे, किंतु उन दिनों आयरलैण्ड अंग्रेजों के शासन मे था और वहाँके लोग अंग्रेजों से मुक्त होने के लिए उग्र आन्दोलन कर रहे थे । श्री डि वैलरा उसके नेता थे । आयरलैण्ड में श्री गिरि ने उस आन्दोलन में इतना सक्रिय भाग लिया कि अंग्रेज सरकार ने आयरलैण्ड से उनका निष्कासन करके उन्हें भारत लौटने को बाध्य किया। यहाँ आकर वे महात्माजी के सम्पर्क में प्राये और उनकी सलाह से उन्होंने श्रमिक आन्दोलन में काम करना आरंभ किया। उन्होंने अखिल भारतीय रेल कर्मचारी संघ संगठित किया और उसे एक बड़ी शक्तिशाली संस्था बना दिया। वे दीर्घकाल तक उसके सर्वेसर्वा रहे। बाद में वे मदरास विधानसभा के लिए चुनाव लड़े, सफल हुए और मंत्री बने । वे संसद के सदस्य भी रहे । स्वतंत्रता के बाद वे भारत के उच्च आयुक्त वनाकर श्रीलंका भेजे गये, जहाँ उन्होंने भारत और लंका के संबंधों को सुधारने में बड़ा काम किया। बाद में वे उत्तर प्रदेश, केरल प्रौर मैसूर के राज्यपाल बनाये गये, और डा० जाकिर हुसेन के राष्ट्रपति चुने जाने पर कांग्रेस ने उन्हें उपराष्ट्रपति के लिए अपना प्रत्याशी बनाया और वे चुनाव में सफल होकर उपराष्ट्रपति हुए । श्री गिरि मध्यवित्त परिवार के हैं और उनका गृहस्थयद्यपि राष्ट्रपति का यह चुनाव सबके मध्य में हुआ है, तथापि संविधान के अनुसार उनका कार्यकाल पूरे पाँच वर्ष का होगा । श्री गिरि की अवस्था ७५ वर्ष की है, किन्तु वे बहुत स्वस्थ, क्रियाशील औौर कर्मठ है । उनके विचार संतुलित और उदार है । उनका सारा जीवन देश और देश के मेहनतकश लोगों की सेवा में बीता है। उन्होंने अपने को भारत की सेवा के लिए समर्पित कर दिया है । अपनी योग्यता, उदार विचारों, दीर्घ अनुभव और उच्च चरित्र के कारण वे सारे देश के हार्दिक सम्मान और आदर के पात्र है। हमें विश्वास है कि वे भारत के राष्ट्रपतिपद की गरिमा और गौरव को बढ़ाएँगे । हम एक बार फिर उनका हार्दिक अभिनन्दन करते हुए उनकी सफलता और उनके दीर्घ जीवन की कामना करते हैं । घटनाबहुल और उत्तेजनापूर्ण दो पखवारे-हम प्रत्येक भास की १५-१६ र २०-२१ तारीखों के बीच ये टिप्पगियाँ लिखते है, इस मास हम उन्हें कुछ देर से लिख रहे है, किन्तु जब हम टिप्पणी लिखने के लिए जुलाई के उत्तरार्द्ध और अगस्त के पूर्वार्द्ध के इन दो पखवारों की घटनाओं में से उपयुक्त विषय चुनने लगे तो असमंजस में पड़ गये । इन दो पखवारों में एक साथ नाना प्रकार की इतनी महत्त्वपूर्ण घटनाएँ घटी है कि उनमें से टिप्पणियाँ
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रेलवे ने शुक्रवार को एक आदेश जारी किया है, जिसमें उसने मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए स्पेशल टैग को हटा दिया है. इसके साथ टिकट की कीमतों को तुरंत प्रभाव से कोविड-19 पूर्व पर वापस कर दिया गया है. मुसाफिरों से किराये पर दबाव के बाद, रेलवे ने शुक्रवार को एक आदेश जारी किया है, जिसमें उसने मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए स्पेशल टैग को हटा दिया है. इसके साथ टिकट की कीमतों को तुरंत प्रभाव से कोविड-19 पूर्व पर वापस कर दिया गया है. जब से महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन में रियायतें दी गई थीं, उस समय से रेलवे केवल स्पेशल ट्रेनें चला रहा है. यह लंबी दूरी की ट्रेनों के साथ शुरू हुआ था. और छोटी दूरी की पैसेंजर सेवाओं को भी स्पेशल ट्रेनों के तौर पर चलाया जा रहा है. इनका किराया थोड़ा ज्यादा है, जिससे लोगों को गैर-जरूरी सफर से बचने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके. जोनल रेलवे को शुक्रवार को एक खत में, रेलवे बोर्ड ने कहा कि ट्रेनें अब अपनी आम संख्या के साथ चलाई जाएंगी. और किराये वापस सामान्य कोरोना-पूर्व के स्तर पर कर दिए जाएंगे. स्पेशल ट्रेनों और हॉलिडे स्पेशल ट्रेनों के किराये थोड़े ज्यादा हैं. रेलवे ने क्या कहा है? 12 नवंबर को आदेश में कहा गया है कि कोरोना महामारी को देखते हुए, सभी रेगुलर मेल/ एक्सप्रेस ट्रेनों को MSPC (मेल/ एक्सप्रेस स्पेशल) और HSP (हॉलिडे स्पेशल) के तौर पर चलाया जा रहा था. अब यह फैसला किया गया है कि MSPC और HSP ट्रेन सेवाएं, जो वर्किंग टाइम टेबल, 2021 में शामिल हैं, उन्हें रेगुलर संख्या के साथ चलाया जाएगा. इनके किराये ट्रेन के टाइप और संबंधित क्लास के लिए उपयुक्त के मुताबिक कीमत होगी. आदेश में बताया गया है कि इसे रेलवे बोर्ड के पैसेंजर मार्केटिंग डायरेक्टोरेट की सहमति के साथ जारी किया गया है. हालांकि, आदेश में यह साफ नहीं किया गया है कि जोनल रेलवे को कोरोना पूर्व रेगुलर सेवाओं पर कब तक वापस लौटने की जरूरत है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई से कहा है कि जोनल रेलवे को निर्देश दे दिए गए हैं. जहां आदेश तुरंत प्रभाव के साथ है, प्रक्रिया में एक या दो दिन लग जाएंगे. एक अन्य अधिकारी ने कहा कि अगले कुछ दिनों में 1,700 से ज्यादा ट्रेनों को दोबारा शुरू कर दिया जाएगा. पहली संख्या अब शून्य नहीं होगी, जैसा कि पहले स्पेशल ट्रेनों के मामलों में होता है. आदेश में यह नहीं बताया गया है कि स्पेशल ट्रेनों में जो छूट को वापस लिया गया था, क्या उसे दोबारा लागू किया जाएगा. स्पेशल ट्रेनों को चलाने और बिना किसी छूट के साथ, रेलवे के रेवेन्यू में भी बड़ी ग्रोथ देखी गई है. रेलवे को 2021-22 की दूसरी तिमाही के दौरान पैसेंजर सेगमेंट से कमाई में 113 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
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महादिया पर औला है। करते। कोतको मेर बट्रास होडरविया, जवना दिरा दो, मैं दरवाजे से घर के नहीं माना और उन्हें जाने का एक हिस्सा निराना पड एकदिन भी माना कि उम्रकानमा ठडा हुआ और लोग म के लिए मे गए। उसे जाकर सह पर लोगों को मोड़ जन गई। हमें भर्ती कराने से जा रहे हैं।" और यह कि बिदा होता रहा। तभी से निकली। किसे विलकर गाड़ी रोकने को कहा और बाड़ी से पड़ा। यह अनुरूप के पास जाना और जमीन तक मुक्कर बोला 'मेरी जान, मेरी प्यारी, मैंने तुमसे दो साल तक प्यार किया और अज ये मुझे फ़ौज मे भर्ती करने से जा रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि तुझ बंडी निर्दोष सड़की मेरे गुनाहो को माफ कर देगी। और यह कहकर वह फिर झुक गया। अकुल्का पहले तो ऐसी निष्कम्प-सी सड़ी रही जैसे वह भयभीत हो । लेकिन कुछ देर बाद वह भी झुको और बोलो, 'अलविदा, मेरे जवान, मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं। इसके बाद वह घर क ओर मुड़ गई। मैं भी उसके पीछे चल पड़ा। घर में पहुंचकर मैंने कहा 'चुड़ैल, तूने उससे ऐसा क्यों कहा ?' यकीन करो या न करो, मगर उसने जवाब दिया, 'मैंने उससे ऐसा इसलिए कहा कि मुझे उससे प्यार है। "वया बकते हो !" "उसके बाद सारा दिन मैंने उससे कुछ नहीं कहा। शाम हुई और तब मैं बोला, 'अतुल्का, इसके लिए मैं तुम्हारी जान लेकर रहूंगा। मैं उस रात सो नहीं सका और गलियारे में जाकर स्वासपी आया
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सूर्या (Suriya) बेहतरीन एक्टिंग से अपनी अलग पहचान बना चुके हैं. सूर्या को कई अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है. उन्होंने हाल ही में अपनी नई फिल्म का फर्स्ट पोस्टर रिलीज किया था. तमिल के सुपरस्टार सूर्या (Suriya) आज अपना 46वां जन्मदिन मना रहे हैं. सूर्या का जन्म 23 जुलाई 1975 को चेन्नई में हुआ था. सूर्या ने अपने फिल्मी करियर में कई सुपरहिट फिल्में दी हैं. वह फैंस के बीच सिंघम के तौर पर जाने जाते हैं. उनके इस किरदार ने सभी का दिल जीत लिया था. सूर्या ने फिल्म नेरुक्कु नेर से अपनी शुरुआत की थी. उसके बाद से वह कई फिल्मों में नजर आ चुके हैं. अपनी बेहतरीन एक्टिंग से अपनी अलग पहचान बना चुके सूर्या को कई अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है. आइए आज सूर्या के बर्थडे पर हम आपको उनकी पांच सुपरहिट फिल्मों के बारे में बताते हैं. वारणाम आईराम फिल्म एक पिता और बेटे के रिश्ते को दिखाया गया है. यह फिल्म साल 2008 में रिलीज हुई थी. इस फिल्म में सूर्या के साथ समीरा रेड्डी लीड रोल में नजर आईं थीं. पितामगन एक सामाजिक बहिष्कृत चित्तन और ठग शक्ति के बीच दोस्ती की एक प्यारी कहानी है. इस फिल्म को बाला ने डायरेक्ट किया था. इस फिल्म को काफी पसंद किया गया था. 24 एक साइ-फाई फिल्म है जिसे विक्रम कुमार ने डायरेक्ट किया था. इस फिल्म की कहानी एक टाइम ट्रेवलिंग वॉच के इर्द-गिर्द घूमती है. जिसे बचाना बहुत जरुरी होता है. सूर्या की यह फिल्म एमेजॉन प्राइम पर रिलीज हुई थी. इस फिल्म में सूर्या लीड रोल में नजर आए थे. इस फिल्म को दर्शकों का बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिला है. फिल्म में आर माधवान और परेश रावल भी अहम किरदार निभाते नजर आए हैं. सूर्या एक्ट्रेस तमन्ना के साथ भी काम कर चुके हैं. उन्होंने एक्शन थ्रिलर फिल्म अयान में साथ काम किया है. इस फिल्म में ड्रग्स माफिया के बारे में दिखाया गया है. अयान को केवी आनंद ने डायरेक्ट किया था. सूर्या के अपकमिंग प्रोजेक्ट्स की बात करें तो हाल ही में अपनी फिल्म वाणीवासल का फर्स्ट लुक पोस्टर शेयर किया था. सूर्या की इस फिल्म का फैंस बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
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१६८ / दलित रंगमच निवेदक २ : स्वाभिभान की रक्षा के लिए वे लडने लगे और वही बात गाँव को अच्छी नहीं लगी । निवेदक १ : गाँव धधकने लगा । निवेदक २ : बराबर । [ दो चार लोगो को भजन मंडली बन जाती है] गाँव अवसर की प्रतीक्षा करने लगता है । निवेदक १ : श्रा जारी विठाबाई । मेरी पढरी की माई । [कोरस भी गा रहा है ] कोरस : तो हा माधव वखा । तो हा विठ्ठल बखा । ज्ञानदेव तुकाराम-निवृति महाराज....! सूत्रधार : ईश्वर की आराधना करने लगे और दिन बीतने लगे । विचारों मे डूबा गाँव अवसर की प्रतीक्षा करने लगा । जीवन मृत्यु का प्रश्न गाँव को छुड़ाना था। गाँव उसी क्षण की प्रतीक्षा करने लगा । [ तन्मय हो सभी गाते है । ] रघुपति राघव राजाराम । सबको सम्मति दे भगवान । ईश्वर अल्ला तेरो नाम । सबको मन्मति दे भगवान । कोरस : एरणगाँव- एरणगांव-एरणगाँव । निवेदक १ : और भगवान् ने गाँव की प्रार्थना सुन ली । भगवान् दुखियों की सहायता के लिए आये। अपने श्राप भवसर प्राया । कोरस : गाँव का सवाल हल हुघ्रा ! गाँव हँसने लगा । गाँव चहकने लगा । विन चेहरे का गाँव १६९ निवेदक १ : गाँव मे हैजे को वोमारी प्रायो। और (एक व्यक्ति गिर जाता है। दो चार उमे राम बोलो कहते हुए उठावर से जाते हैं। निवेदक २ : एक गया । [दूसरा गिरता है। उठा ले जाते हैं । ] दूसरा गया । निवेदक १ : देखते-देखते एक एक कर गांव के लोग मरने लगे। पटेल मुखिया विचार करने लगे है कोरस : विचार करने लगे जो-सोचने लगे। निवेदक १ है की बीमारी से सोग मरने संग पोर मृविया की जिम्मेदारी बढ गयो । निवेदक २ : उन्होने देवी माँ के भगत को बुलाया। [ भगत को लाया जाता है। उसके सामने मोडू, कणि और पूजा साहित्य रया गया। भगत अब देई इट. रहा है। मुखियाः गो गाँव में लोग मरने लगे हैं। भगत : जानती हूँ
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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बेंगलुरु में संप्रदाय विशेष की भीड़ द्वारा किए गए दंगों के दौरान उग्र भीड़ डीजे हल्ली पुलिस स्टेशन के बेसमेंट में घुस गई और कथित तौर पर 200-250 वाहनों में आग लगा दी। खबरों के मुताबिक, कॉन्ग्रेस विधायक के आवास पर तोड़फोड़ करने वाली संप्रदाय विशेष की भीड़ ने मंगलवार (अगस्त 11, 2020) को पुलिस थाने में यह मानकर तोड़फोड़ और वाहनों को क्षतिग्रस्त किया कि पुलिस ने आरोपितों को हिरासत में रखा है। जिन पुलिसकर्मियों ने दंगाइयों को रोकने की कोशिश की, उन पर भी संप्रदाय विशेष की भीड़ ने हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप 60 से अधिक पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। मंगलवार रात पूर्वी बेंगलुरु में भड़की इस हिंसा में 3 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। डीजे हल्ली पुलिस स्टेशन के बाहर मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों का संप्रदाय विशेष की सशस्त्र दंगाई भीड़ ने पीछा किया और उन्हें आस-पास के इलाकों में शरण लेनी पड़ी, यहाँ तक कि उन्हें सुरक्षाबल के आने का इंतजार करना पड़ा। इन दंगों में कई मीडियाकर्मी भी घायल हुए, कुछ को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। जबकि, कुछ लोगों को संप्रदाय विशेष की भीड़ के रोष का सामना करना पड़ा, जबकि कुछ को दंगों की स्थिति को कवर करने के दौरान दंगाइयों की हिंसा का शिकार होना पड़ा। इसके अलावा, पत्थरबाजी के दौरान लगभग 70 पुलिसकर्मियों को चोटें आईं। भीड़ ने उन पर धारदार हथियार भी फेंके। इनमें, 40 घायल पुलिस डीजे हल्ली पुलिस स्टेशन के थे, 10 केजी हल्ली स्टेशन के थे जबकि, शेष 20 अधिकारी आसपास के थानों से थे। उपद्रवियों ने दंगा प्रभावित क्षेत्रों में स्ट्रीटलाइट्स और सीसीटीवी कैमरों को भी नुकसान पहुँचाया, ताकि वो निश्चिन्त रहें कि पुलिस बाद में उनकी पहचान करने और उन्हें ट्रैक करने में कामयाब नहीं हो पाएगी। डीसीपी गेल्ड के वाहन चालक वेलयुधा पर भीड़ ने हथियारों से हमला किया, जिस कारण उनके हाथ में फ्रैक्चर हो गया। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, पुलिस कमिश्नर कमल पंत द्वारा किए गए फोन के बाद भीड़ ने पुलिस अधिकारियों को निशाना बनाया। भीड़ ने उनके वाहनों को निशाना बनाते हुए उन पर हमला कर दिया और उन्हें प्रतिक्रिया करने तक का समय नहीं दिया। देवराजीवनहल्ली पुलिस स्टेशन और कडुगोंडानहल्ली पुलिस स्टेशन पर भीड़ ने हमला किया। यह सब तब शुरू हुआ, जब पुलिस अधिकारी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ़ इंडिया (SDPI) के एक कार्यकर्ता मुज़म्मिल पाशा की शिकायत पर बातचीत कर रहे थे। मुजम्मिल पाशा ने कांग्रेस विधायक अखण्ड श्रीनिवास मूर्ति के रिश्तेदार नवीन पी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा था। मुजम्मिल का आरोप था कि नवीन ने पैगंबर मोहम्मद के बारे में अपमानजनक पोस्ट किया था। संप्रदाय विशेष की दंगाइयों की भीड़ इस बात से आक्रोशित थी कि पुलिस ने नवीन को तुरंत गिरफ्तार नहीं किया और देखते ही देखते डीजे हॉल पुलिस स्टेशन में हिंसा भड़क उठी। कुछ ही देर बाद जब पुलिस की एक टीम नवीन के घर से वापस आ गई तो संप्रदाय विशेष की भीड़ ये देखकर नाराज हो गई कि पुलिस वैन में उनके साथ नहीं था। कर्नाटक सरकार के रेवेन्यू मिनिस्टर आर अशोक ने विधानसभा में कांग्रेस नेता श्रीमूर्ति से मुलाकात की और कहा कि हमलावर चाहे जो हों, चाहे जहाँ छिपे हों, हम उन्हें खोज निकालेंगे। अशोक का आरोप है कि संप्रदाय विशेष के दंगाई कॉन्ग्रेस विधायक की हत्या करना चाहते थे। रेवेन्यू मिनिस्टर अशोक ने कहा कि इस मामले से बहुत सख्ती से निपटा जाएगा ताकि आगे इस तरह की घटनाएँ न हों। उन्होंने कहा कि जिस तरह से दंगा भड़का, उससे स्पष्ट होता है कि इसके लिए गहरी साजिश रची गई थी।
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जीव जंतु से बहुत प्यार करते हैं। उनका इंसानों की तरह ख्याल रखना चाहते हैं। ऐसे निमल्स लवर्स या तो जीव जंतु को पालते हैं या फिर उनका रेस्क्यू कर उन्हें ठीक स्थान पहुंचाते हैं। मगर कुछ लोगों का प्यार एक अलग ही लेवल का होता है। जिसे दर्शाने का उनका अंदाज लोगों को दंग कर जाता है। एक वायरल वीडियो में पानी के जानवर के प्यार में पड़े शख्स ने गहराई में जाकर दिखाया प्यार। ट्विटर के @LiesZebulon पर शेयर एक वीडियो में एक शख्स मछली को गले लगाकर नाचता दिखा तो लोग देखते ही रह गए। नजारा किसी बड़े एक्वैरियम या फिर वाटर पार्क जैसा लग रहा है जहां ढेरों मछलियों के बीच वह शख्स एक विशाल मछली की बांहों में बाहें डालकर गाने की धुन में मगन दिखाई दिया। वीडियो को करीब 92,000 व्यूज मिल चुके हैं। शार्क के साथ शख्स का रोमांटिक डांस! सोशल मीडिया पर लोगों को शार्क के साथ शख्स का डांस बहुत पसंद आ रहा है। जहां शख्स शार्क की बाहों में बाहें डालकर ऐसे नाच रहा था मानों वो कोई जानवर ना होकर उसकी गर्लफ्रेंड या पत्नी हो। मछली पानी के बिना नहीं रह सकती इसलिए शख्स पानी की गहराई में उतरकर उसके साथ डांस करता दिखाई दिया। डांस के दौरान बैकग्राऊंड में बहुत रोमांटिक गाना बज रहा था, जिसे लेकर यूज़र्स ने आश्चर्य भी जताई। कुछ तो पूछ बैठे कि ये स्लो मोशन रोमांटिक सॉन्ग मछली के साथ डांस करते हुए क्यों बजाया रहा है? डांस का वीडियो किसी एक्वेरियम या वॉटर शो वाली स्थान का लग रहा है। क्योंकि शार्क के साथ नाचते शख्स ने बाकायदा ऑक्सीज़न सिलेंडर और मास्क पहन रखा है। तो वहीं सामने कुछ लोग एक अनोखे डांस शो का आनंद लेते भी दिखाई दे रहे थे। लोगों को शार्क के साथ नाचते शख्स का वीडियो बहुत पसंद आ रहा है। कुछ लोग तो उस आदमी की स्थान स्वयं के होने की ख्वाहिश जाहिर करते ही देखे गए। वीडियो को 92 हज़ार से अधिक व्यूज़ मिले हैं। और 5 हज़ार से अधिक लोगों ने वीडियो लाइक किया है।
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यूपी के गोरखपुर की एक फोटो इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। बताया जा रहा है कि यहां एक 70 साल के बुजुर्ग ने अपनी ही 28 साल की बहू से शादी कर ली। गोरखपुरः सोशल मीडिया पर इन दिनों मंदिर में विवाह की एक फोटो जमकर वायरल हो रही है। यह फोटो बड़हलगंज कोतवाली क्षेत्र के छपिया उमराव गांव निवासी 70 वर्षीय कैलाश यादव और उनकी 28 वर्षीय बहू पूजा की है। दोनों ने मंदिर में जाकर विवाह कर लिया। जिसके बाद यह मामला क्षेत्र में चर्चाओं का विषय बना हुआ है। हालांकि वायरल हो रही इस फोटो की पुष्टि एशियानेट न्यूज हिंदी के द्वारा नहीं की जा रही है। बताया जा रहा है कि कैलाश यादव बड़हलगंज थाने में चौकीदार हैं। उनकी पत्नी की मृत्यु 12 साल पहले हो चुकी है। कैलाश के चार बच्चों में से तीसरे नंबर के बेटे की मौत हो गई है। बेटे की मौत के बाद कैलाश ने अपनी बहू की शादी दूसरी जगह पर करवा दी। हालांकि वहां से वह वापस चली गई। इसके बाद वह अपने पहले वाले ससुराल में ही रहने लगी। इस बीच दोनों की शादी की फोटो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो लोगों ने तरह-तरह की चर्चाएं शुरू कर दी। इस मामले को लेकर कोतवाल जेएन शुक्ला के द्वारा जानकारी दी गई कि कैलाश और उनका एक बेटा थाने में चौकीदार और फॉलोअर का काम करते हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फोटो को लेकर जानकारी की जा रही है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस फोटो को लेकर जब कैलाश और उनके परिवार के अन्य लोगों से बातचीत का प्रयास मीडिया के द्वारा किया गया तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। हालांकि क्षेत्र के व्हाट्सएप ग्रुप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह फोटो इन दिनों चर्चाओं का केंद्र बनी हुई है। वहीं आसपास के लोग भी इसे कैलाश का पारिवारिक मामला बताते हुए मीडिया के सामने खुलकर कुछ भी बोलने से फिलहाल इंकार कर रहे हैं।
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अगरतला (आईएएनएस)। रियो ओलम्पिक में देश के नाम रोशन करने वाली महिला जिम्नास्ट दीपा कर्माकर हैदराबाद जिला बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष द्वारा पुरस्कार स्वरूप दी जाने वाली बीएमडब्ल्यू कार को लेकर पशोपेश में फंस गई हैं। रियो ओलम्पिक में मामूली अंकों के अंतर से कांस्य पदक से चूक गईं दीपा को रजत पदक विजेता बैडमिंटन खिलाड़ी पी. वी. सिंधु और कांस्य पदक विजेता महिला पहलवान साक्षी मलिक के साथ हैदराबाद जिला बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष वी. चामुण्डेश्वरनाथ ने अगस्त में बीएमडब्ल्यू कार भेंट की थी। दीपा ने हालांकि मीडिया में आई उन खबरों का खंडन किया था कि वह भेंट में मिली कार चामुण्डेश्वरनाथ को लौटाना चाहती हैं। बल्कि उन्होंने कहा कि वह त्रिपुरा में इस महंगी कार के रखरखाव और मरम्मत की सुविधा न होने के कारण वापस कर रही हैं। दीपा ने कहा, "मेरे कोच बिशेश्वर नंदी ने चामुण्डेश्वनाथ से इन सब बातों पर चर्चा की। उन्होंने मुझे भेंट की गई कार की कीमत के बराबर धनराशि मेरे बैंक खाते में जमा करवाने पर सहमति व्यक्त की है। वह हमें इस बीएमडब्ल्यू कार के बदले जो भी राशि भेंट करेंगे हमें खुशी होगी।" अगरतला की रहने वाली दीपा ने कहा कि उन्होंने यह फैसला खुद नहीं लिया है बल्कि कोच और परिवार के सभी सदस्यों से विचार-विमर्श के बाद उन्होंने यह निर्णय लिया। दीपा ने अपनी आगे की तैयारियों के बारे में बताया, "अब मैं एक महीने बाद जर्मनी में होने वाली चैलेंजर्स कप की तैयारियों में जुट गई हूं। कोच सर ने मुझे भेंट में मिली महंगी चीजों के बारे में चिंता करने की बजाय अपना पूरा ध्यान आगामी चुनौतियों पर केंद्रित करने की सलाह दी है।"
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नई दिल्लीः शनाया कपूर के एक्टिंग डेब्यू को लेकर काफी समय से खबरें आ रही हैं. हालांकि, करियर शुरू करने से पहले ही उन्होंने देशभर के लोगों के बीच अपने लिए खास जगह बना ली है। शनाया सोशल मीडिया के जरिए भी अपने फैंस से जुड़ी रहती हैं. अक्सर उनके नए लुक्स की झलक उनके इंस्टाग्राम पेज पर देखी जा सकती है. ऐसे में उनके फॉलोअर्स की लिस्ट भी लंबी होती जा रही है. शनाया की एक झलक के लिए फैंस बेताब रहते हैं. अब एक बार फिर उन्होंने अपना हॉट अंदाज दिखाकर फैंस के दिलों की धड़कनें बढ़ा दी हैं. तस्वीरों में शनाया अपने फुर्सत के पलों को एन्जॉय करती नजर आ रही हैं। इस दौरान उन्होंने पिंक ब्रा के साथ व्हाइट लोअर पेयर किया है। इस दौरान एक्ट्रेस ने नो-मेकअप लुक रखा है और बालों को खुला छोड़ सिंपल हेयरस्टाइल बनाया है. साथ ही उन्होंने बड़ी सी टोपी भी पहनी हुई है. इस लुक में शनाया बेहद खूबसूरत और आकर्षक लग रही हैं। शनाया का बेबाक अंदाज उनके फैंस को भी खूब पसंद आ रहा है. फैंस ने एक्ट्रेस की तारीफ करते हुए खूब कमेंट्स किए हैं. कुछ ही देर में शनाया की फोटोज पर करीब एक लाख लाइक्स आ चुके हैं. फैंस उन पर खूब प्यार बरसाने लगे हैं. वहीं अगर शनाया के अपकमिंग प्रोजेक्ट की बात करें तो वह जल्द ही साउथ सुपरस्टार मोहनलाल की पैन इंडिया फिल्म 'वृषभ' से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत करने जा रही हैं. इससे पहले करण जौहर ने शनाया की फिल्म 'बेधड़क' की घोषणा की थी। हालांकि, माना जा रहा है कि यह फिल्म बंद हो चुकी है।
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शान्तिदायी पिवार । का कष्ट नहीं दे सकते । कष्ट का कारण अपना वह मन है जिसमें यह झूठी भावना झूठी कल्पना और झूठा विश्वास समाया हुआ है कि भूत भी इस लोक की कोई वस्तु हैं। तुमारा सारा ज्ञान और सारी विद्या व्यर्थ है यदि तुम्हारे मन में भूतों पर अब तक विश्वास है। जिसके हृदय में भूत है उसे सच्ची शान्ति नहीं मिल सकती । जो किसी अदृश्य लोक में भूतों का होना स्वीकार करते हूँ उनसे भी हम निश्चित रूप में कहते हैं कि अब तक किसी ने भूतों को नहीं देखा । झाड़ी रही, ठूठा वृक्ष रहा, कोई जानवर रहा, पर यह निश्चय है कि जिसे तुमने देखा भूत नहीं था। भूतों से डरनेवाले यदि साहस करके अपने भूतों के निकट चले जायें तो सारा भेद खुल जाय । सच्चे और निर्भर मनुष्य कभी भूत नहीं देखते। जिसके हृदय में भूत है उसमें आत्मवल नहीं श्री सकता । यदि हृदय में शान्ति और आनन्द का अनुभव करते हुए जीवनमुक्त होना चाहते हो तो हर प्रकार के भूतों को हृदय से निकाल दो। भूतों के निकल जाने से हृदय में अपने सच्चे स्वरूप का प्रकाश होगा । भय, ज्ञान और अन्धविश्वास अनेक प्रकार के भूतों की रचना करते हैं। बहुत से अज्ञानी इन भूतों को देवता भी कहते हैं इन्हीं की पूजा भी करते हैं । अज्ञानियों के देवता वही हैं जो उन्हें डरा सकते हैं या जिनसे वह डरते हैं । दुःख पड़ने पर या दुःखों से बचने के लिये पूजा होती है । इन अज्ञानियों के देवता' सताते हैं, बदला लेते हैं भय दिखालाते हैं, दोजख में डालते हैं. और यदि इनकी पूजा न दो तो क्रोध भी कर बैठते हैं ज्ञानियों और मुक्त जोगों के हृदय से ऐसे भूत देवता, और ईश्वर का भाव निकल जाता है। और जब अन्धविश्वास का परदा हृदय से हट जाता है तो अपनी आत्मा का सच्चा स्वरूप चमक उठता है । इस यात्मदेव के प्रकाश में शान्ति की हवा चलती और आनन्द की वृद्धि होती है। जो पूजा न पानेपर क्रोध करता और भय दिखलाता है, वह ईश्वर और देवता कैसा है ?/ अज्ञान हृदय में भय की मात्रा अधिक रहती है । यही भय, अन्धविश्वास और झूठी कल्पना के भीतर ऐसे देवताओं, ऐसे ईश्वर और भूतों की सृष्टि करता है। जिसके हृदय में इस प्रकार के भय लगे हुए हैं वह मुक्त नहीं वद्ध है। हृदय में जब तक भय है तबतक स्वतन्त्रता और मुक्ति कहाँ ? सच्ची स्वतन्त्रता और सच्ची मुक्ति के साथ ही सच्ची शान्ति और सच्चा आनन्द है। भूतों के माननेवाले जिस तरह से भूतों को देखते हैं, जिस अन्ध विश्वास से भूतों द्वारा उनको अनेक विपत्तियों का सामना करना पड़ता है, उसी अन्धविश्वास और झूठी कल्पना से कभी कभी उनके ऋष्ट छूट भी जाते हैं और बिपत्तियाँ टल जाती हैं। पर यह सत्य है कि भूत कोई वस्तु नहीं, उनका अस्तित्व कहीं नहीं है उनके तमाम किस्से गलत हैं। अपनी आत्मा ही अपने विश्वास के अनुसार अनेक रूप धारण करती है । श्रज्ञान पूर्ण, विपरीत, झूठे और अन्धविश्वास से यही भूक कष्ट पहुँचाती और मनुष्य के स्वभाव को डरपोक बना देती है ।
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जोशी ने पीटीआई (प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया) कर्मचारी संघ के 'ऑल इंडिया फेडरेशन' की वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही। जोशी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के प्रसार के चलते मीडिया की विश्वसनीयता बहुत बदल गयी है। उन्होंने कहा कि जिन संस्थानों पर लोकतंत्र खड़ा है अगर उन्हें ही कमजोर कर दिया गया तो लोकतंत्र को मजबूत नहीं किया जा सकता। उन्होंने मीडिया के लोगों को एकजुट होने तथा लोकतंत्र के समक्ष मौजूद चुनौतियों का डटकर मुकाबला करने की अपील की। समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष अर्चना शर्मा ने कहा कि वर्तमान संदर्भ में समाचारों का स्वरूप बदल गया है। उन्होंने कहा कि मीडियाकर्मियों ने (कोविड-19) महामारी की दूसरी लहर के दौरान गंगा में तैरते शवों, अस्पतालों और अन्य स्थानों पर लोगों की स्थिति आदि पर खबरें देते हुए अपनी जान को खतरे में डाला। शर्मा ने कहा कि यह सभी के लिए जरूरी है कि खबरों की विश्वसनीयता और निष्पक्षता बरकरार रहे। पीटीआई कर्मचारी संघ के 'ऑल इंडिया फेडरेशन' के महासचिव एम एस यादव ने मीडिया के समक्ष मौजूद चुनौतियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पत्रकारों और अन्य मीडिया कर्मियों की सामाजिक सुरक्षा पर तत्काल ध्यान दिया जाना चाहिए। वार्षिक आम बैठक के एक अन्य सत्र को संबोधित करते हुए तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष गर्ग ने कहा कि गहलोत सरकार पत्रकारों सहित समाज के सभी वर्गों के हित में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में आलोचना करने का मीडिया का अधिकार बरकरार रहना चाहिए।
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भोपाल। राजधानी में एक युवती ने एक आयुर्वेदिक डॉक्टर एवं टीआई पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। युवती का आरोप है कि डॉक्टर ने इलाज के नाम पर उसके साथ गंदी हरकत की और पुलिस ने बजाए डॉक्टर को पकड़ने के, उसे व उसके भाईयों गिरफ्तार कर लिया। युवती न्याय की प्रत्याशा में यहां वहां भटक रही है। पीड़िता के भाई सुरेन्द्र अहिरवार ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि पिछली 25 जून को आयुर्वेद अस्पताल के डॉक्टर सरमनप्रसाद वर्मा ने इलाज के बहाने उनकी बहन के साथ अशलील हरकत की थी। इस घटना के बाद उन्होंने अपने भाई महेन्द्र अहिरवार के साथ मिलकर अस्पताल परिसर में डॉक्टर की पिटाई कर दी। हमले से बचने के लिए डॉक्टर ने डायल 100 को फोन कर दिया। पुलिस दोनों पक्षों को हबीबगंज थाने ले गई। हबीबगंज थाने के टीआई रविन्द्र यादव ने डॉक्टर वर्मा का पक्ष लेते हुए उन्हें एवं भाई-बहन को हवालात में बंद कर दिया और एफआईआर भी दर्ज कर दी, जबकि डॉक्टर को छोड़ दिया। सुरेन्द्र अहिरवार का कहना है कि इस दौरान टीआई रविन्द्र यादव ने उन्हें धमकी देते हुए कहा कि वह डॉक्टर वर्मा को अच्छे से जानते हैं, डॉक्टर वर्मा ऐसी कोई हरकत नहीं कर सकते। इस घटना के बाद जब वह अपनी बहन को लेकर महिला थाने जहांगीराबाद पहुंचे तो महिला पुलिस स्टॉफ ने उन्हें वापस करते हुए कहा कि हबीबगंज पुलिस ने कहा है कि आपके खिलाफ हबीबगंज थाने में एफआईआर दर्ज है, आपकी रिपोर्ट नहीं लिखी जा सकती। सुरेन्द्र अहिरवार का कहना है कि थानों के चक्कर काटने के बाद उन्होंने जनसुनवाई में इस मामले की शिकायत की। शिकायत दर्ज कराने के उपरांत उन्हें वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अरुणा मोहन राव से आश्वासन मिला कि इस मामले की जांच की जाएगी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। सुरेन्द्र अहिरवार का कहना है कि इस घटना के मुख्य आरोपी डॉ. सरमनप्रसाद वर्मा ने उन्हें एक लीगल नोटिस भेजा है जिसमें कहा गया है कि प्रकरण वापस ले लो और किसी से कोई शिकायत मत करो, अन्यथा बीस लाख रुपए की मानहानि का दावा ठोक दूंगा। सुरेन्द्र अहिरवार ने अपनी बहन पर हुए अत्याचार का हवाला देते हुए कहा कि राजधानी में एक महिला के साथ हुई शर्मनाक घटना के बाद भी पुलिस प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। उनकी बहन न्याय पाने के लिए दर-दर भटक रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अपनी बहन को उचित न्याय दिलाने की मांग की है।
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(१०) "काँगड़ा" लाहोर से उत्तर ॥ १६७७ में घोर युद्ध होने के अनन्तर के पहाड़ी जिले में पञ्जाम का नामी कि काँगड़े का किला सम्राट जहाँगीर को ला है वह मजबूती और अता में मिला। "अधिकार लाभ" (पृ० भी प्रसिद्ध है । पञ्जाब के जमींदारों में लिखा है कि करणसिंहजी ने काँगड़े का कहना है कि यह किला परमात्मा का किला लेने के लिए प्राणान्तक युद्ध का बनाया हुआ है। संवत् १४४०-४५ किया था उसमें वह और उनके ४भाई के सुलतान फीरोजशाह ने एक बार तथा साथ के बहुत से आदमी काम घड़ी भारी तैयारी के साथ इसको वेरा आए थे। उनमें करणसिंहजी कामथा किन्तु कई दिनों तक जन और धन याब ( सफल मनोरथ ) हुए थे और का बहुत नाश होने पर भी वह हाथ विजय होने पर क़िले का जो सामान नहीं आया तब हताश होकर चला हाथ आया था वह बादशाह के पास गया था। इस विषय में "मासिरुल भेज दिया था इस बर्ताव और विजय उमरा" (पृ० ३८५ ) की टिप्पणी में से बादशाह उनपर बहुत खुश हुए लिखा है कि 'किला मिल गया था और उनकी राजभक्ति तथा वीरता स्तु। दूसरी बार संवत् १६४५ में की सराहना की। इसके सिवा इति - सम्राट अकबर ने इसके लेने का प्रयत्न हास के विलक्षण विद्वान माधवगोकिया । तन्निमित हुसेन कुलीखाँ के पालजी मण्डाहर के लेखानुसार साथ शाही सेना भेजी गई किन्तु किला 'काँगड़ा विजय के उपलक्ष में करणनहीं मिला हुई। तीसरी बार 1 सिंहजी को किरणदार पाघ, जड़ाऊ सम्राट स्वयं काँगड़ा देखने गये थे। तलवार, सच्चे मोतियों का क़राठा, रत्नों उस समय राजा बीरबल की जागीर के जड़े हुए बहु मूल्य ज़ेवर और बहुत के 'देसूथ' गाँव में डेरा किया था। सी मुहरें दी गई थी। परन्तु सम्भव उसी डेरे में रात के समय सम्राट को है यह सामान चढ़ाई के समय दिया स्वम हुआ कि 'तुम्हारा अभ्युदय अभी गया हो और पीछे विजयोपलक्ष्य के और बढ़ेगा अतः तुम इस किला के पुरस्कार में लिखा गया हो अस्तु । करण लेने का प्रयत्न मत करों तब अकबरसिंहजी का काँगड़े की युद्ध भूमि में वापस गए। उसके बाद संवत् बैकुण्ठवास होने की सुनकर स्वदेश में
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आईपीएल का 12 वां संस्करण शुरु हो चुका है, सभी टीमें इस समय जोरदार प्रर्दशन करती हुई नजर आ रही है. देखा जाए तो एक या दो टीमों को अगर छोड़ दिया जाए तो इस बार अभी ये कहबना मुश्किल होगी कि कौन सी टीम अभी प्लेआफ में पहुंचने की हकदार है, इसके बावजूदस आज हम आपको कुछ आंकड़े दिखाएंगे कि कौन सी टीमें प्लेआफ में जगह बना सकती है. ये हैं चार टीमें जो प्लेआफ में जगह बना सकती हैंः दिल्ली कैपिटल ने अपने 6 मैचों में से सिर्फ 3 में जीत हासिल की है, लेकिन टीम निश्चित रूप से अंतिम चार में जगह बनाने के दावेदारों में से एक है. दिल्ली अंक तालिका में बहुत ऊपर होती, अगर उसने कुछ मैच जो कम अंतर से गंवाए है, उनको बचाने में कामयाब हो जाती. कगिसो रबाडा की तेज गति के कारण विपक्षी बल्लेबाजों को काफी परेशानी हुई. दक्षिण अफ्रीका के उनके साथी क्रिस मॉरिस भी गेंद से काफी प्रभावित रहे हैं. हालांकि, दिल्ली की सबसे बड़ी ताकत उनका शीर्ष क्रम है. पृथ्वी शॉ, श्रेयस अय्यर और ऋषभ पंत ने शानदार पारियां खेलकर टीम को जीत दिलान में योगदान दिया है. तो ये टीम इस बार आईपीएल में खिताब की होड़ में अवश्य दिखाई देगी. कोलकाता नाइट राइडर्स ने एक बार फिर अपने प्रदर्शन से सभी को हैरान कर दिया है. शुरुआती मौकों में कई खिलाड़ी को मौका नहीं दिया गया, खासकर जब शिवम मावी, कमलेश नागरकोटी और एनरिक एनट्रोज़ को चोट के कारण टीम से बाहर रखा गया. आंद्रे रसेल ने केकेआर के लिए कई मौकों पर अकेल दम पर मैच जीताने में टीम को योगदान दिया है. नीतीश राणा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. केकेआर की तेज गेंदबाजी इंग्लैंड के तेज गेंदबाज हैरी गुरनी के आने से पहले थोड़ी कमजोर दिख रही थी, अब इस पर भी विराम लग गया है. उनकी गेंदबाजी मे सुधार देखने को मिल रहा है. सुनील नरेन, कुलदीप यादव और पीयूष चावला की स्पिन तिकड़ी धमाल मचा रही है. इसके अलावा, बल्लेबाजी में क्रिस लिन, सुनील नारायण और रॉबिन उथप्पा ने वापसी कर अच्छी बल्लेबाजी के संकेत दे दिए है. पिछले साल निराशाजनक सीजन के बाद, मुंबई इंडियंस ने आईपीएल 2019 में अच्छी शुरुआत की है. दिल्ली कैपिटल के खिलाफ अपना पहला मैच हारने के बाद, मुंबई इंडियंस ने मजबूत वापसी की है, अपने पिछले 4 मैचों में से 3 जीते, जिसमें सीएसके के खिलाफ बड़ी जीत शामिल है. हार्दिक पांड्या और क्रुणाल पांड्या ने अच्छा प्रर्दशन कर टीम को जीत दिलाने में अहम योगदान दिया है. वहीं पोलार्ड भी वापसी के संकत दे चुके है. पोलार्ड मुंबई इंडियंस के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. रोहित शर्मा भी बल्लेबाजी में अच्छा योगदान दे रहे है. गत चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स ने अपने चौथे आईपीएल मेों शानदार शुरुआत की है. सीएसके ने अपने 5 मैचों में से 4 में जीत हासिल की है. एमएस धोनी ने एक बार फिर से आईपीएल में अहम योगदान दिया है. है और टीम के लिए कुछ मैच जीतने वाली पारियां खेली हैं. उन्होंने यह भी दिखाया है कि धीमे भारतीय विकेटों पर एक कप्तान के रूप में वह कितने प्रभावी हैं. सीएसके हालांकि उनकी गेंदबाजी को लेकर थोड़ा चिंतित होगा. भले ही स्पिनरों ने अच्छा प्रर्दशन किया हो, लेकिन पेसरों ने अभी तक कुछ अच्छा खेल नहीं दिखाया है. चेन्नई सुपरकिंग्स भी प्लेआफ में जगह बनाने में कामयाब हो सकती है. आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया हो तो प्लीज इसे लाइक करें। अपने दोस्तों तक इस खबर को सबसे पहले पहुंचाने के लिए शेयर करें। साथ ही कोई सुझाव देना चाहे तो प्लीज कमेंट करें। अगर आपने हमारा पेज अब तक लाइक नहीं किया हो तो कृपया इसे जल्दी लाइक करें, जिससे लेटेस्ट अपडेट आप तक पहुंचा सके।
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रविवार देर रात को मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि संजय बठला ने गेस्ट टीचरों के पास पहुंचे और उनकी मांगों को पूरा करवाने व CM से उनकी बात करवाने का आश्वासन देकर धरने को समाप्त करवाया। धरना समाप्त करने के बाद प्रदेश भर के गेस्ट टीचरों ने अपने आवासों की तरफ लौट गए। अपनी मांगों को लेकर रविवार शाम को प्रदेश के गेस्ट टीचरों ने सेक्टर 12 से प्रेम नगर स्थित CM आवास को घेराव किया था। CM आवास से कुछ दूरी पर पुलिस ने गेस्ट टीचरों को ने बेरिकेटिंग कर दी। जिसके बाद प्रदेशभर के गेस्ट टीचर वहीं पर धरना लगा कर बैठ गए थे। प्रदेशभर के गेस्ट टीचरों के धरने को देखते हुए CM प्रतिनिधि संजय बठला ने मौके पर पहुंचकर गेस्ट टीचरों को आश्वान देकर उनका धरना समाप्त करवाया। CM आवास के बाहर देर रात तक बैठे प्रदर्शनकारी अध्यापकों ने कहा कि हरियाणा में गेस्ट टीचरों की एक पॉलिसी थी, जिसके खिलाफ कोई भी नियमित अध्यापक नहीं आ सकता था। ग्रामीण क्षेत्र के लिए यह पॉलिसी बनाई गई थी, लेकिन इस पॉलिसी के विपरीत में गेस्ट टीचरों की ट्रांसफर कर दी। अतिथि अध्यापकों के लिए 10-10 जिले मांगे गए और उसमें गृह जिला भी मांगा गया, लेकिन किसी को भी गृह जिला नहीं दिया गया। इसके अलावा 400 किलोमीटर दूर ट्रांसफर कर दी। जिसके विरोध में गेस्ट टीचर्स को प्रदर्शन करना पड़ रहा है। जब तक पॉलिसी वापिस नहीं होती तब तक यूं ही प्रदर्शन चलेगा। रात के अंधेरे में CM आवास का घेराव करने के लिए पहुंचे गेस्ट टीचर ट्रांसफर पॉलिसी के खिलाफ है और लगातार इस पॉलिसी का विरोध करते आ रहे है। लेकिन सरकार उनकी मांगें सुनने तक को भी तैयार नहीं है। रविवार शाम को प्रदेश भर के गेस्ट टीचरों ने करनाल के सेक्टर-12 पार्क से प्रदर्शन करते हुए प्रेमनगर में CM आवास तक पहुंचे। जिसके बाद पुलिस हरकत में आ गई और पुलिस ने गेस्ट टीचरों को CM आवास से कुछ दूर पहले ही बेरिकेटिंग से रोक लिया। गेस्ट टीचर अपनी मांग पर अडिग रहे और कहा जब तक मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक वह पीछे नहीं हटेंगे। देर रात को धरने पर बैठे अतिथि अध्यापकों ने कहा कि सरकार द्वारा उनसे 10-10 जिले मांगे गए और उसमें गृह जिला भी मांगा गया, लेकिन किसी को भी गृह जिला नहीं दिया गया। इसके अलावा 400 किलोमीटर दूर ट्रांसफर कर दी। जिसके विरोध में गेस्ट टीचर्स को प्रदर्शन करना पड़ रहा है। जब तक पॉलिसी वापस नहीं होती तब तक यूं ही प्रदर्शन चलेगा। मुख्यमंत्री प्रतिनिधि संजय बठला ने बताया कि कुछ टीचर्स की ड्यूटी 200 किलोमीटर दूर तक भी लगी हुई है। टीचर मांग कर रहे है कि उन्हें होम डिस्ट्रिक्ट या फिर साथ लगते जिले में भेजा जाए। हालांकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पॉलिसी बनाई भी हुई हैं कि गेस्ट टीचर्स को होम डिस्ट्रिक्ट में ही रखा, या दूर भी भेजना पड़ रहा हैं तो नजदीकी डिस्ट्रिक्ट में भेजा जाए लेकिन कुछ गेस्ट टीचर्स ने समस्या रखी। जिसको लेकर मुख्यमंत्री से बात की जाएगी और समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि वह गेस्ट टीचरों के बीच पहुंचे और गेस्ट टीचरों की बात को ध्यान से सुना और उनकी मांग को लेकर ठोस आश्वासन दिया। This website follows the DNPA Code of Ethics.
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नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) ने राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि भारत सरकार के राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में चेयरमैन, वाइस चेयरमैन तथा सदस्यों के पिछले दस महीने से खाली पड़े पदों पर जल्द नियुक्ति की जाए। दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन के प्रभारी प्रोफेसर हंसराज सुमन ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की स्थापना संविधान के तहत एक संवैधानिक संस्था के रूप में है। इसमें एक चेयरमैन, एक वाइस चेयरमैन तथा तीन सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है तथा इनका कार्यकाल 3 वषों का होता है। अनुसूचित जाति से जुड़े लोगों के हितों की रक्षा के लिए संवैधानिक निकाय राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में पिछले दस महीने से चेयरमैन, वाइस चेयरमैन का पद खाली पड़ा हुआ है। प्रोफेसर सुमन ने बताया है कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में पिछले दस महीने से चेयरमैन, वाइस चेयरमैन व सदस्यों की नियुक्ति न होने से आयोग में दलितों के खिलाफ अत्याचार से संबंधित शिकायतों का अंबार लगा हुआ है। प्रोफेसर सुमन की जानकारी के मुताबिक पूरे देश से हर रोज 80 से 100 शिकायतें आयोग में आती है। इस समय आयोग के समक्ष लगभग 40,000 शिकायतें लंबित है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्रों के साथ जातीय भेदभाव की घटनाओं में इजाफा हो रहा है। आयोग में दौलतराम कॉलेज, दयालसिंह कॉलेज, स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, गार्गी कॉलेज, आर्यभट्ट कॉलेज, भारती कॉलेज के अलावा बहुत से कॉलेजों के मामले हैं जिनका निपटारा नहीं हुआ है। राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में उनसे मांग की गई है कि वे जल्द से जल्द किसी सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश, सेवानिवृत्त कुलपति या गैर राजनीतिक योग्य व्यक्ति को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग का चेयरमैन, वाइस चांसलर और तीन अन्य सदस्यों की नियुक्ति की जाए। आयोग के सदस्यों की नियुक्ति करते समय उसकी पृष्ठभूमि देखी जाए वह राजनीतिक दल से न हो वरना उनके अनुसार ही कार्य करेंगे।
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Saturday December 23, 2023, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी स्टार्टअप ओला इलेक्ट्रिक () ने अपने IPO के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के साथ अपने ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) को दाखिल कर दिए हैं. शेयर बाजारों का रूख करने वाली यह पहली भारतीय इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) कंपनी है. कंपनी के आगामी आईपीओ में 5,500 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयरों का फ्रेश इश्यू और 10 रुपये के अंकित मूल्य पर 95.2 मिलियन इक्विटी शेयरों का ऑफर फोर सेल (OFS) शामिल होगा. DRHP के अनुसार, इश्यू का न्यूनतम 75% योग्य संस्थागत खरीदारों को आवंटित किया जाएगा, 15% तक गैर-संस्थागत बोलीदाताओं को आवंटन के लिए उपलब्ध होगा, और अधिकतम 10% खुदरा व्यक्तिगत बोलीदाताओं को आवंटन के लिए नामित किया जाएगा. DRHP के अनुसार, फ्रेश इश्यू से कुल आय में से, फंड का सबसे बड़ा हिस्सा, यानी 1,600 करोड़ रुपये का उपयोग कंपनी की R&D (रिसर्च एंड डेवलपमेंट) परियोजनाओं के लिए किया जाएगा. साथ ही, ओला गीगाफैक्ट्री परियोजना के निर्माण के लिए सहायक कंपनी OCT (Ola Cell Technologies) द्वारा 1,226.4 करोड़ रुपये का उपयोग किया जाएगा. 800 करोड़ रुपये का उपयोग ऋणों के पुनर्भुगतान के लिए किया जाएगा, और शेष का उपयोग जैविक विकास पहल और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा. ओला इलेक्ट्रिक ईवी और सेल सहित मुख्य ईवी कंपोनेंट्स के लिए इंटीग्रेटेड टेक्नोलॉजी और विनिर्माण क्षमताओं का निर्माण कर रही है. यह तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले में अपनी विनिर्माण सुविधा ओला फ्यूचरफैक्ट्री में ईवी और बैटरी पैक और मोटर्स जैसे मुख्य ईवी कंपोनेंट बनाती है. रेडसीर की रिपोर्ट के अनुसार, 30 सितंबर, 2023 तक उत्पादन क्षमता के आधार पर ओला फ्यूचरफैक्ट्री भारत में सबसे बड़ा एकीकृत और स्वचालित E2W (इलेक्ट्रिक दोपहिया) विनिर्माण संयंत्र है. यह तमिलनाडु के कृष्णागिरी और धर्मपुरी जिलों में सक्रिय रूप से एक इलेक्ट्रिक वाहन हब का निर्माण कर रही है. इस हब में ओला फ्यूचरफैक्ट्री, आगामी ओला गीगाफैक्ट्री और कृष्णागिरी में संबंधित आपूर्तिकर्ता शामिल हैं. DRHP के अनुसार, कंपनी 31 अक्टूबर, 2023 तक अपने डायरेक्ट-टू-कस्टमर (D2C) ओमनीचैनल डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क का संचालन करती है, जिसमें 414 सर्विस सेंटर सहित पूरे भारत में 935 अनुभव केंद्र शामिल हैं. वित्त वर्ष23 में, ओला का ऑपरेशनल रेवेन्यू सात गुना बढ़कर 2,630.93 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले वर्ष यह 373.42 करोड़ रुपये था. 30 जून, 2023 को समाप्त तिमाही के लिए, ऑपरेशनल रेवेन्यू 1,242.75 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. कंपनी को प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजनाओं के लिए भी मंजूरी दी गई है, जिसमें एडवांस्ड ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स के निर्माण के लिए ऑटोमोबाइल पीएलआई योजना और सेल कैमेस्ट्री बैटरी को आगे बढ़ाने के लिए सेल पीएलआई योजना शामिल है. आईपीओ के लिए बुक-रनिंग लीड मैनेजरों में कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लिमिटेड, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, बोफा सिक्योरिटीज इंडिया लिमिटेड, गोल्डमैन सैक्स (इंडिया) सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड, एक्सिस कैपिटल लिमिटेड, ICICI सिक्योरिटीज लिमिटेड, एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड और बीओबी कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड शामिल हैं. लिंक इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को ऑफर के रजिस्ट्रार के रूप में नियुक्त किया गया है. इक्विटी शेयरों को बीएसई और एनएसई दोनों पर सूचीबद्ध करने का इरादा है. (Translated by: रविकांत पारीक) (डिस्क्लेमरः YourStory की फाउंडर और सीईओ श्रद्धा शर्मा, ओला इलेक्ट्रिक में एक स्वतंत्र निदेशक हैं.)
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प्रगतिवाद की प्रवृत्तियों भारतेंदु को इस बात की भारी चिंता थी कि 'धन बिदेस चि ज्ञात' । पर इन कवियों की यह भावना किसी सुनिश्चित विचारपद्धति पर नहीं खड़ी थी । मशीन युग ने आर्थिक वैषम्य को तीव्रतर बना दिया है और मार्क्स जैसे विचारक ने समाज के विकासक्रम में आर्थिक आधार को प्रमुखता दी है। बिना आर्थिक वैषम्य को दूर किए समाज का कल्याण नहीं । प्रगतिवादी कवि भी इस आर्थिक स्वतन्त्रता को प्राप्त करने में ही पूर्ण सचेष्ट है । उसकी धारणा है कि 'इस दुनिया में दो दुनिया है - एक गरीब की और दूसरी अमीर की, एक शोषित की और दूसरी शोषक की । इस वैषम्य को मिटाए बिना और वर्गहीन समाज स्थापित कर आर्थिक स्वतन्त्रता प्राप्त किये बिना समाज का कल्याण नहीं हो सकता । इन्हीं भावनाओं से परिचालित होकर प्रगतिवादी कवि आर्थिक स्वतन्त्रता की भावना की तीव्र व्यंजना अपनी रचनाओं द्वारा करते हैं । उनकी स्वातन्त्र्य भावना मुख्यतः आर्थिक स्वतन्त्रता की भावना है । बल्कि यह भी कहा जा सकता है कि इन कवियों की सभी सामाजिक रचनाओ की मूल प्रेरणा आर्थिक स्वतन्त्रता प्राप्त करने की कामना ही है । संपूर्ण विश्व को शोषक और शोषित वर्ग में बॉट देने से प्रगतिवादी कवि अंतर्राष्ट्रीयता की ओर अधिक उन्मुख है । यहाँ अंतर्राष्ट्रीयता का तात्पर्य विश्व के संपूर्ण दलित वर्ग के प्रति समानुभूति ही है । निम्नवर्ग के जीवन में जो हाहाकार है, व्यथा है, वह सभी देशो में एक सी है । सभी देशो के श्रमिक प्रायः एक ही प्रकार के आर्थिक वैषम्य की ज्वाला में झुलस रहे हैं, और इतनी व्यापक पीड़ा का सृजन करनेवाली व्यवस्था भी सभी स्थानों में प्रायः एक प्रकार की ही है । इस प्रकार प्रगतिवादी कवि के अनुसार सारे विश्व में पूँजीवादी अर्थनीति से प्रताड़ित निम्न वर्ग का एक विशाल समुदाय निर्मित हो गया है। इन सबमें एकता स्थापित करके वर्तमान आर्थिक प्रणाली के विरुद्ध संघटन करने में सहायता देना और
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Jhalak Dikhhla Jaa 10: सेलिब्रिटी डांस रिएलिटी शो 'झलक दिखला जा 10' जब से शुरू हुआ, तब से सभी का पसंदीदा शो बना हुआ है. ये शो अपने आखिरी पड़ाव पर है. 27 नवंबर 2022 को शो का फिनाले है, जिसमें अनाउंस किया जाएगा कि, कौन सीजन का विनर होगा. इस बीच एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें गशमीर महाजनी (Gashmeer Mahajani) हिंदी सिनेमा की क्वीन काजोल (Kajol) के साथ रोमांटिक सीन रिक्रिएट करते हुए नजर आ रहे हैं. दरअसल, काजोल की फिल्म 'सलाम वेंकी' (Salaam Venky) जल्द ही सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है. काजोल इस फिल्म को लेकर काफी एक्साइटेड हैं और वह इसका प्रमोशन कर रही हैं. हाल ही में, काजोल 'झलक दिखला जा 10' (Jhalak Dikhhla Jaa 10) के मंच पर अपनी फिल्म का प्रमोशन करने पहुंचीं. इस दौरान उन्होंने कंटेस्टेंट गशमीर महाजनी के साथ एक रोमांटिक सीन रिक्रिएट किया. अपने इंस्टा हैंडल पर शेयर किए गए वीडियो में गशमीर महाजनी शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) की एक्टिंग करते नजर आ रहे हैं. उन्होंने 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' का शाहरुख खान का एक फेमस डायलॉग बोला. उनके एक्सप्रेशन और डायलॉग एकदम करेक्ट थे, जिसमें काजोल भी खो गईं. सभी ने गशमीर की जमकर तारीफ की. गशमीर महाजनी का ये वीडियो फैंस को खूब पसंद आ रहा है. सिर्फ पसंद ही नहीं, लोग गशमीर के इस एक्ट की तुलना शाहरुख खान से कर रहे हैं. कुछ लोग तो ये भी कह रहे हैं कि, शाहरुख खान से अच्छा डायलॉग गशमीर महाजनी ने बोला. वीडियो के कमेंट बॉक्स में एक यूजर ने कहा, "धर्मा प्रोडक्शन में एंट्री. " एक अन्य ने कहा, "शाहरुख खान शॉक हो गए होंगे. गशमीर उनसे बेहतर हैं. " लोगों ने उनके इस एक्सप्रेशन को बहुत पसंद किया. 'इमली' (Imlie) फेम गशमीर महाजनी 'झलक दिखला जा 10' के फाइनलिस्ट्स में से एक हैं. झलक के मंच पर उनका सफर काफी अच्छा रहा. आज फिनाले है. देखते हैं इस सीजन की ट्रॉफी किसके हाथ लगती है.
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महोबाः जिले में संचालित देश के पहले रोटी बैंक ने आज गरीबों के लिए निशुल्क कैम्प का आयोजन किया। ये कैंप बाकियों से ज़रा हटके रहा। अक्सर हर कार्यक्रम का उद्घाटन नीली बत्ती की गाडी वाले मंत्री करते हैं लेकिन यहां एक विकलांग रिक्शाचालक ने कैम्प का फीता काटकर उद्घाटन किया। -इन अतिथियों का काफिला इनके कार्यक्रमों की शोभा बढ़ता है तो वहीँ मीडिया भी ऐसे कार्यक्रमों को खूब कवरेज देती है। -मगर बुंदेलखंड के महोबा में रोटी बैंक ने अपने निशुल्क आँखों के कैम्प के शुभारम्भ के लिए एक मेहनतकश विकलांग रिक्शे वाले को मुख्यातिथि बनाकर लोगों को अपनी धारणा बदलने के लिए ही मजबूर कर दिया। -देश का पहला रोटी बैंक खोलकर पहले से ही चर्चा बटोर चुके महोबा में इस तरह की नजीरें सोच बदलने के लिए मजबूर कर देती है। -पालीवाल मार्केट के पास रोटी बैंक के निशुल्क आँखों के कैम्प का मौका था। -सैकड़ों गरीब,असहाय और बुजुर्ग अपनी आँखों को इलाज कराने के लिए कैम्प में इकठ्ठा हुए थे। -तभी अचानक इदरीस नामक एक विलकलांग रिक्शा चालक कैम्प के पास रुकता है और कार्यकर्त्ता उस ओर दौड़ पड़ते है। -रिक्शे वाले का स्वागत माला पहनाकर किया जाता है। तब जाकर सबको पता चलता है की चीफ गेस्ट कोई और नहीं बल्कि ये रिक्शा चालाक ही है।
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कतिपय ग्रन्थ अवश्य उपलब्ध हैं जिनमें भाचार्य का जीवनवृत्त गद्य में, वा पद्य में निबद्ध किया गया है, परन्तु ये सब शङ्कर के माविर्भाव के बहुत पीछे लिखे गये थे . कहा जाता है कि उनके साक्षात् शिष्य पद्मपादाचार्य ने अपने गुरु के दिग्विजय, का वृत्तान्त लिपिवद्ध किया था । यदि यह ग्रन्थ कही उपलब्ध होता तो यह हमारे बड़े काम का होता । पद्मपाद आचार्य के केवल प्रथम शिष्य ही न थे, प्रत्युत उनके दिग्विजयो में सदा उनके सहचर भी थे। आदि से लेकर अन्त तक वे प्राचार्य साथ में ही थे, वे उनके नितान्त अन्तरङ्ग थे । वे उनके उद्देश तथा प्रचार कार्य से भलो-भांति परिचित थे। ऐसे व्यक्ति के द्वारा लिखा गया चरित अवश्य हो प्रामाणिक तथा उपादेय होता परन्तु हम उस कराल काल को क्या कहें जिसने इस मूल्यवान् ग्रन्थ को कवलित कर श्राचार्य के चरित को अन्धकारमय बनाने में विशेष योग दिया। प्रपरोक्ष सामग्री का प्रभाव चरित लिखने में बड़ा भारी बाधक होता है। इस बाधा को दूर करने के साधन-ग्रन्थ अवश्य विद्यमान हैं जिन्हें हम शङ्करदिग्विजय के नाम से अभिहित करते हैं, परंतु इनमें से कोई भी ग्रन्थ प्राचार्य का समसामयिक नहीं है । ये अनेक शताब्दियो के मनन्तर निबद्ध हुए थे। इनके स्वरूप की समीक्षा हम आगे चल कर करेंगे । यहाँ इतना ही कहना पर्याप्त होगा कि आजकल श्राचार्य के विषय में हमारी जो कुछ भी जानकारी है, वह इन्हो ग्रन्थों पर भवलम्बित है । श्राचार्य शङ्कर ने अपने धर्मोद्धारक कार्य को मधुरा बनाये रखने के लिए भारतवर्ष के चारो सुप्रसिद्ध धामो में अपने चार प्रधान पोठो को स्थापना की है । दक्षिण में मैसूर रियासत में गेम है जिसे प्राचार्य के द्वारा स्थापित पीठो में प्रथम पीठ होने का गौरव प्राप्त है। प्रत्य धामो में स्थापित मठों के नाम ये हैं - गोवर्धनमठ (जगायपुरी), शारदामठ ( ढारिवा), ज्योतिमंठ (बदरिकाश्रम, जो भाजाल 'जोशीमठ' नाम से प्रसिद्ध है ) मठों की स्थापना कर शङ्कराचार्य ने अपने पट्टशिष्यो को इनका प्रध्यक्ष बना दिया । ज्योतिमंठ की माचार्य परम्परा तो बीच में उच्छिन्न हो गयी थो पर भन्य तीनों मठो के भध्यक्षो को परम्परा भाज भो मधुराण रूप से विद्यमान है । कोका कामकोटिपोड अपने वो भाचार्य के द्वारा प्रतिष्ठापित होने की घोषणा करता है । इन मों में शङ्कराचार्य का जोवन-चरित परम्परागत उपलब्ध होता है । जिसअनुसरण विभिन्न दिग्विजयो में किया गया है, परन्तु यह कुछ कम माश्चर्य को बात नहीं है कि इन सब मटों में एक हो परम्परा मधुराण रूप से प्रचलित नहीं मिलती यदि मिलती तो किसो प्रकार का सङ्कट हो नही होता पार्थषय यहाँ तक है कि याचार्य के भावा-पिता, जन्मस्थान, विशेषान
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कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा में मुर्शिदाबाद में एक कांग्रेस कार्यकर्ता की कथित हत्या के बाद पीड़ित परिवार से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने टीएमसी पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अभी कहीं नहीं दिखेंगी। राज्य चुनाव आयोग भी कहीं नहीं दिखेगा। उन्होंने सवाल किया कि बंगाल में और कितने लोग मारे जाएंगे। कोलकाता, एएनआइ। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दिन हुई हिंसा को लेकर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने इसे लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा है। 'बंगाल में और कितने लोग मारे जाएंगे? ' अधीर रंजन चौधरी ने पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा में मुर्शिदाबाद में एक कांग्रेस कार्यकर्ता की कथित हत्या के बाद पीड़ित परिवार से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा, "कल यहां एक 62 वर्षीय व्यक्ति की हत्या कर दी गई। हत्या का उद्देश्य यह था कि इन्हें मार कर तीन-चार बूथ पर कब्जा किया जा सके। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अभी कहीं नहीं दिखेंगी, राज्य चुनाव आयोग कहीं नहीं दिखेगा। बंगाल में और कितने लोग मारे जाएंगे? " 'हम हत्या के खिलाफ आंदोलन करेंगे' कांग्रेस सांसद ने कहा कि चुनाव से पहले और चुनाव के बाद हिंसा जारी रहती है। तृणमूल और पुलिस दोनों में कोई फर्क नहीं है। जो काम तृणमूल नहीं कर पाती है, वह पुलिस कर देती है। इस हत्या के खिलाफ हम सड़क और कोर्ट तक जाएंगे। हम आंदोलन करेंगे। " पंचायत चुनाव के दौरान 20 जिलों में व्यापक हिंसा, मतपत्रों की लूट और धांधली हुई। मुर्शिदाबाद, कूच बिहार, मालदा, दक्षिण 24 परगना, उत्तरी दिनाजपुर और नादिया जैसे कई जिलों से बूथ कैप्चरिंग, मतपेटियों को नुकसान पहुंचाने और पीठासीन अधिकारियों पर हमले की खबरें आईं। पंचायत चुनाव में हुई हिंसा को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने राज्य चुनाव आयोग पर निशाना साधा। वहीं, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने भी राज्य चुनाव आयोग पर कड़ा प्रहार किया और कहा कि संवेदनशील मतदान केंद्रों पर बीएसएफ के बार-बार अनुरोध के बावजूद कोई जानकारी नहीं दी गई। ऐसे बूथों को केंद्रीय सुरक्षा बलों को सौंप दिया गया। बीएसएफ के डीआइजी एसएस गुलेरिया ने कहा कि बीएसएफ ने राज्य चुनाव आयोग को कई पत्र लिखकर संवेदनशील मतदान केंद्रों के बारे में जानकारी मांगी, लेकिन 7 जून को छोड़कर कोई जानकारी नहीं दी गई। उन्हें केवल ऐसे बूथों की संख्या के बारे में बताया गया था, लेकिन उनके स्थान के बारे में कुछ नहीं बताया गया।
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Delhi-NCR Heavy Rainfall: दिल्ली में पिछले दो दिनों से लगातार बारिश (Delhi-NCR Rainfall) हो रही है. इस कारण पूरी दिल्ली जलमग्न हो गई है. बारिश ने पिछले 41 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इतनी जोरदार बारिश हुई है कि दिल्ली की सड़कें अब तालाब बन गई हैं. देखने से ऐसा लग रहा है कि मानों सड़कों पर नदियां बह रही हो. दिल्ली के कई इलाकों में जमजमाव की खबरें हैं. यहां तक की VIP इलाकों में भी पानी भर गया है. कई मंत्रियों और सांसदों के घरों तक में पानी घुस गया है. पानी केवल आम लोगों के घरों में नहीं बल्कि सांसद, विधायक और मंत्रियों के घरों में भी घुस चुका है. भारी बारिश के चलते अंडरपास के नीचे पानी भरने से 9 जुलाई को मिंटो ब्रिज को बंद कर दिया गया था. (फोटो DD News) देश का सबसे VIP इलाका माना जाने वाले लुटियंस जोन के कई बंगलों में पानी घुसने की खबर लगातार आ रही है. PMO के पीछे लुटियन दिल्ली के बंगले डूबा गए हैं. खबर है कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के घर में भी पानी घुस गया है. (फोटो Twitter/@nonawalia) जहां एकतरफ आतिशी सड़कों पर उतरकर दिल्ली की बिगड़ी हुई हालत को देख रही थीं, वहीं दूसरी तरफ उनके सरकारी आवास में बारिश का पानी प्रवेश कर चुका था. हालांकि पंप की मदद से बाद में दिल्ली की PWD मंत्री आतिशी के सरकारी आवास से पानी निकाला गया. (फोटो PTI) मूसलाधार बारिश और हरियाणा द्वारा पानी छोड़ने की वजह से यमुना के जल स्तर में लगातार बढ़ोतरी जारी है. यमुना जल स्तर में बढ़ोतरी की वजह से दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बारिश थमने के बावजूद बरकरार है. भारी बारिश की वजह से उत्पन्न हालात को देखते हुए आप सरकार ने आज सभी स्कूलों को बंद रखने का फैसला लिया है. (फोटो CNBCTV18) राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आम दिनों में जलभराव बड़ी समस्या बन चुका थी. अब भारी बारिश ने इसकी पोल खोल दी है. बीते डेढ दशक में ये समस्या कम होने के बजाय और बढ़ी है. इस समस्या का समाधान करने के तमाम दावों की पोल बारिश खोल रही है. जलभराव का सबसे बड़ा और एकमात्र कारण ड्रेनेज का चोक होना है. (फोटो Twitter/@BJYM) राजधानी के नरेला, अलीपुर, रोहिणी, पीतमपुरा, पश्चिम विहार, पंजाबी बाग, कश्मीरी गेट, सीलमपुर, राजौरी गार्डन, लाल किला, राजीव चौक, आईटीओ, नजफगढ़, द्वारका, इंडिया गेट, लोधी रोड, अक्षरधाम, पालम, आईजीआई एयरपोर्ट पर जैसे इलाकों में बारिश के चलते भारी जलजमाव की स्थिति देखी गई. (फोटो Twitter/@BJYM) मिजोरम में आधी रात को डोली धरती, नगोपा में आया भूकंप, कितना जोरदार था झटका?
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Sri Ram Temple: श्रीरामजन्म भूमि में विराजमान रामलला के निर्माणाधीन दिव्य मंदिर में गर्भगृह के परिक्रमा पथ की छत पड़ चुकी है। इसके साथ समतल एरिया में नक्काशीदार पत्थर लगाए जा रहे हैं। Sri Ram Temple: अयोध्या में श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के आवासीय कार्यालय में गृह प्रवेश के लिए सोमवार को पूजन का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम में संघ परिवार के साथ संत-महंत आमन्त्रित हैं। उधर, राममंदिर निर्माण का काम भी तेजी से चल रहा है। जन्मभूमि में विराजमान रामलला के निर्माणाधीन दिव्य मंदिर में गर्भगृह के परिक्रमा पथ की छत पड़ चुकी है। समतल एरिया में नक्काशीदार पत्थर लगाए जा रहे हैं। राम मंदिर के आर्किटेक्ट और मेसर्स सीबी सोमपुरा कांस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक आशीष सोमपुरा की मानें तो जून में भूतल के साथ प्रथम तल का भी काम शुरू हो जाएगा। दूसरी ओर राम मंदिर के हर काम को पूरी विशिष्टता और विविधता पूर्ण बनाने की दिशा में प्रयास हो रहा है। इसी दृष्टि से राम मंदिर की प्रकाश व्यवस्था भी इस तरह करने का प्रयास है, जिस किसी की नजर पड़े तो वह बस राम मंदिर के सौन्दर्य को निहारता रह जाए। मंदिर परिसर में आधुनिक तकनीक से लाइट व साउंड सिस्टम लगाए जा रहे। इसकी कार्यदाई संस्था बंगलुरु की शंकर इलेक्ट्रिकल्स प्राइवेट लिमिटेड है। इस कंपनी के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक राजेश शेट्टी पहली बार यहां पहुंचे। वह अपने गुरु देव आंध्रप्रदेश के स्वामी वासुदेवानंद नंद महाराज के साथ आए थे। उन्होंने रामजन्म भूमि में विराजमान रामलला के दर्शन करने के साथ राम मंदिर के निर्माण का भी अवलोकन किया। इसके साथ कंपनी को मिली जिम्मेदारी से सम्बन्धित कामों का फीडबैक भी लिया। इस दौरान उनके प्रोजेक्ट मैनेजर संजय पुजारी ने उन्हें आवश्यक जानकारी दी। राम मंदिर माडल के आर्किटेक्ट व मेसर्स सीबी सोमपुरा कांस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक आशीष सोमपुरा ने बताते हैं कि राममंदिर की प्रकाश व्यवस्था को लेकर इंजीनियरों ने प्रजेंटेशन दिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि यह व्यवस्था विशेष थीम पर आधारित है। बताया गया कि मंदिर के आंतरिक व बाहरी हिस्से की प्रकाश व्यवस्था अलग-अलग होगी। मंदिर के बाहरी परिसर को प्रकाशित करने के लिए फसाड लाइट लगाई जानी है। विशेष पर्व एवं त्योहारों पर प्रकाश की अलग-अलग व्यवस्था की जाएगी। बताया गया कि 161 फीट ऊंचे मंदिर के शिखर की नक्काशी व भव्यता रात में नहीं दिख पाएगी। इसीलिए ऐसी डिजाइन की जा रही है कि मंदिर के हर तल समेत शिखर तक की अद्भुत नक्काशी और भव्यता रोशनी के माध्यम से देखी जा सके।
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'चंद्रयान-2′ का लैंडर 'विक्रम' शुक्रवार और शनिवार को देर रात 1. 30 बजे चांद की सतह पर उतरना शुरू होगा। इसरो के वैज्ञानिकों के साथ-साथ पूरे विश्व के लोग इस ऐतिहासिक क्षण की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसके साथ ही भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बन जाएगा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात चंद्रयान-2 की लैंडिंग का साक्षी बनने के लिए बेंगलुरु में इसरो के सेंटर में वैज्ञानिकों के साथ मौजूद रहेंगे, उनके साथ देशभर से चुने हुए बच्चे भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा, 'मैं भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के इतिहास के असाधारण क्षण का गवाह बनने के लिए बेंगलुरु के इसरो केंद्र में आकर बेहद उत्साहित हूं। उन विशेष पलों को देखने के लिए विभिन्न राज्यों के युवा भी मौजूद रहेंगे। इसके अलावा भूटान के युवा भी मौजूद रहेंगे। I am extremely excited to be at the ISRO Centre in Bengaluru to witness the extraordinary moment in the history of India's space programme. Youngsters from different states will also be present to watch those special moments! There would also be youngsters from Bhutan.
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जम्मू-कश्मीर में तैनात अधिकारी और सुरक्षबलों की मानें तो परिस्थितियां काफी चुनौतीपूर्ण हैं। धारा 370 हटाए जाने के बाद से ही घाटी में बंद है। वहां मौजूद अधिकारियों का मानना है कि स्थिति सामान्य होने के बजाय और भी ज्यादा बिगड़ सकती है। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से ही मोदी सरकार लगातार यही दावा कर रही है कि घाटी में सब ठीक है, सब कुछ सामान्य है। लेकिन, जम्मू-कश्मीर में तैनात अधिकारी और सुरक्षबलों की मानें तो परिस्थितियां काफी चुनौतीपूर्ण हैं। धारा 370 हटाए जाने के बाद से ही घाटी में बंद है, दो महीने बाद भी हालात जस के तस हैं। वहां मौजूद अधिकारियों का मानना है कि स्थिति सामान्य होने के बजाय और भी ज्यादा बिगड़ सकती है। बाजार में अब भी सन्नाटा पसरा हुआ है। इनंटरनेट और सेलफोन सेवा अभी तक पूरी तरह से बहाल नहीं हो पाई है। इसका असर स्वास्थ्य सेवाओं पर भी पड़ रहा है। इसके अलावा स्कूल और कॉलेज बंद हैं। सैकड़ों लोग हिरासत में हैं। हालांकि, राज्यपाल कह रहे हैं कि हालात पहले से काफी बेहतर हुए हैं और इसी वजह से पर्यटकों को प्रतिबंधित करने वाले आदेश वापस लिए जा रह हैं। लेकिन इसका कोई असर होता दिख नहीं रहा है। इस स्थिति में कोई भी पर्यटक शायद ही वहां जाए। वहीं बीजेपी को छोड़कर 24 अक्टूबर को होने वाले ब्लॉक विकास परिषद (बीडीसी) का चुनाव लड़ने से सभी दलों ने इनकार कर दिया है।
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कोलकाता। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) घोटाले में पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ मंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज नेता पार्थ चटर्जी को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। ईडी ने एसएससी घोटाले से कथित तौर पर जुड़े होने के आरोप में आज चटर्जी को उनके दक्षिण कोलकाता स्थित आवास से गिरफ्तार किया। उल्लेखनीय है कि जब प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों के गैर-शिक्षण और शिक्षण कर्मचारियों के पदों पर विवादास्पद भर्तियां की गई थीं, उस समय चटर्जी राज्य के शिक्षा मंत्री थे। ईडी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि कोलकाता के नकटला इलाके में चटर्जी के घर पर 27 घंटे की लंबी छापेमारी के दौरान वह इस संबंध में संतोषजनक जवाब नहीं दे सके, जिसके बाद अधिकारियों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों ने बताया कि ईडी अधिकारियों ने चटर्जी से उनकी एक करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट से भारी मात्रा में नकदी की बरामदगी को लेकर भी सवाल पूछे, जिसका वह संतोषजनकर जवाब नहीं दे सके। ईडी ने अर्पिता मुखर्जी को भी हिरासत में ले लिया है। तृणमूल कांग्रेस के ताकतवर महासचिव एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विश्वासपात्र चटर्जी को अब मेडिकल परीक्षण के लिए जोका के ईएसआई अस्पताल ले जाया गया है। 2006 से 2011 तक राज्य में विपक्ष के नेता रहे एवं पांच बार के विधायक चटर्जी ने कोलकाता के बाहरी इलाके में स्थित अस्पताल के बाहर कार से उतरने के बाद मीडिया के सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया। इससे पहले करीब 10 बजे गिरफ्तारी के बाद चटर्जी को केंद्रीय बलों के साथ एक काफिले के साथ ले जाया गया। ईडी ने वाणिज्य, उद्योग एवं संसदीय कार्य मंत्री चटर्जी के आवास और राज्य के विभिन्न हिस्सों में उनके करीबी सहयोगियों तथा रिश्तेदारों के ठिकानों पर शुक्रवार सुबह छापेमारी शुरू हुई थी। ईडी ने शुक्रवार रात को अर्पिता मुखर्जी के आवासीय परिसर से लगभग 20 करोड़ रुपए नकद बरामद करने का दावा किया था। ईडी के कम से कम नौ अधिकारियों ने घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग एंगल की जांच के तहत चटर्जी के घर पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान चटर्जी के वकील भी उनके आवास पर मौजूद थे। ईडी ने शुक्रवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में चटर्जी के कई सहयोगियों और उनके दामाद कल्याणमय भट्टाचार्य सहित उनके करीबी रिश्तेदारों के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। ईडी के अधिकारियों ने उत्तर बंगाल में कूचबिहार जिले के मेखलीगंज में शिक्षा राज्य मंत्री परेश चंद्र अधिकारी के आवास पर भी तलाशी अभियान चलाया। इसके अलावा ईडी ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के विधायक माणिक भट्टाचार्य, पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष के आवास और कई मौजूदा तथा पूर्व अधिकारियों के परिसरों पर घोटाले से उनके कथित संबंधों को लेकर छापे मारे। ईडी के अनुसार भारी मात्रा में नकदी बरामद करने के अलावा अर्पिता मुखर्जी के पास से 20 मोबाइल फोन भी बरामद किए, जिसका उद्देश्य और उपयोग पता लगाया जा रहा है। ईडी ने शुक्रवार रात मीडिया को बताया कि कैश काउंटिंग मशीन के जरिए बरामद रुपयों की गिनती के लिए सर्च टीम बैंक अधिकारियों की मदद ले रही है। ईडी ने कहा कि इसके अलावा घोटाले से जुड़े व्यक्तियों के विभिन्न परिसरों से कई अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज, रिकॉर्ड, संदिग्ध कंपनियों का विवरण, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, विदेशी मुद्रा और सोना भी बरामद किया गया है। उल्लेखनीय है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अप्रैल में कई रिट याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए समूह सी और डी कर्मचारियों, नौवीं-बारहवीं कक्षा के सहायक शिक्षकों और प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती घोटाले की जांच करने का निर्देश दिया था। ईडी ने कहा कि ईडी गैर-शिक्षण कर्मचारियों (ग्रुप सी एंड डी), कक्षा IX-XII के सहायक शिक्षकों और प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों की अवैध नियुक्ति से जुड़े मामलों की धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 के तहत जांच कर रही है। इससे पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) चटर्जी और अधिकारी से पूछताछ कर चुकी है। कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार योग्यता सूची की अनदेखी करके रोजगार हासिल करने को लेकर अधिकारी की पुत्री को स्कूल शिक्षक की नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। साथ ही, उन्हें अपनी नौकरी से प्राप्त पूरा वेतन वापस करने के लिए कहा गया था और उसे स्कूल परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया गया था।
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पेन्सिलवेनिया यूनिर्वसिटी में कानून की प्रोफेसर एमी वैक्स ने एक राष्ट्रीय रूढि़वादी टॉक शो में उन लोगों के खिलाफ कई भड़काऊ टिप्पणियां कीं, जो अमरीका के आलोचक हैं। फिलाडेल्फिया इन्क्वायरर की रिपोर्ट में ये कहा गया है। वैक्स ने एक राजनीतिक टिप्पणीकार टकर कार्लसन से कहा, पश्चिमी देशों के लोगों के योगदान के लिए पश्चिमी लोगों के खिलाफ गैर-पश्चिमी लोगों की नाराजगी शर्म की बात है। यह वास्तव में असहनीय है। वैक्स ने एशियाई और दक्षिण एशियाई भारतीय डॉक्टरों की आलोचना की। उन्होंने कहा, ये लोग नस्लवाद विरोधी पहल करने यहां चले आते हैं। उन्होंने खास कर भारत की ब्राह्मण महिलाओं को निशाना बनाया। समस्या यहां है। उन्होंने कहा, उन्हें सिखाया जाता है कि वे हर किसी से बेहतर हैं क्योंकि वे ब्राह्मण हैं और फिर भी उनका देश गंदा है. . . उन्हें पता है कि हमने उन्हें हर तरह से पछाड़ दिया है। इससे वे क्रोधित महसूस करते हैं, ईष्र्या महसूस करते हैं, शर्म महसूस करते हैं. . . यह बहुत खराब स्तर की कृतघ्नता पैदा करता है। यूनिवर्सिटी की एक लॉ टीचर नील मखीजा ने कहा, यह बहुत दुख की बात है। देश के सबसे अच्छे लॉ स्कूलों में से एक की ये प्रोफेसर मूर्ख है। लेकिन, उन्होंने कहा कि वैक्स एक बात के बारे में सही हैं - अमरीका में रहने वाले भारतीय लोग नस्लीय समानता की परवाह करते हैं। वैक्स सालों से अपने बयानों से लोगों को भड़काती रही हैं। उन्होंने काले रंग के छात्रों की शैक्षणिक क्षमता पर सवाल उठाया और कहा कि अमेरिका तब बेहतर होगा जब एशिया से कम लोग यहां आएंगे। फिलाडेल्फिया इन्क्वायरर ने बताया कि यूनिवर्सिटी ने पहले भी उनके बयानों की निंदा की है, और 2018 में उन्हें पढ़ाने से हटा दिया था, लेकिन अकादमिक स्वतंत्रता का हवाला देकर फिर उन्हें रख लिया गया।
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अपनी बद्सूरती को कोसे। मासूमियत बिखेरते हुये बोला। "चाय...? " - वेटर चौंका। भी अपना जवाबी प्लीज़, ज़रुरत से ज्यादा लंबा खींच दिया। दोनों इंसान ही, बेचारी कहाँ तक लड़तीं। रैस्टोरेंट में होने का एहसास हुआ। ऑर्डर याद दिलाते हुये वेटर बोला। चाय बोलने से काजल चिढ़ गई। वेटर ने चाय टेबल पर रखी और टेढ़ी मुस्कान देता हुआ जाने लगा। की जली-कटी सुन कर बड़ी हुई थी। होती तो ताई बात किस विषय पर करतीं। "भाभी जी, हमने तो सब करके देख लिया। जैतून के तेल से मालिश, कि माँ उसकी तरफ है या ताई की। झेलनी पड़ैगी। हमारी तो दो लौंडिया हैं और किसी की नजर ना लगै, अपराध से कम नहीं। सबको अपने बेटे के लिये गोरी बहू जो चाहिये। को और धीरे-धीरे पीना शुरू कर दिया। थी, इसीलिये तो तू चाय की तरह काली हो गई। "कहाँ सपनों में...?"- माँ ने मजाक उड़ा दिया। अपनी गरदन दिखाते हुये माँ से बोली। "भगवान ने मेरी सुन ली है। रहे थे। से आ गये थे। संभावना से ही बड़ी खुश थी। कान पाये थे ताई ने। "हैं ..... भला ऐसे भी कोई गोरा होता है कहीं। बुलईयो तो जरा। बेटियाँ जल-जल कर बिल्कुल ही राख हो जायेंगे। बाकि थे मतलब मुश्किल से चार-पाँच मिनट और खींचा जा सकता था। मिलने के लिये कहा था। पर ग्यारह तो कब के बज चुके थे। इसका फैसला काजल ने चाय पर ही छोड़ दिया। करता हुआ डॉक्टर बोला। हँसाने की कोशिश की। तारीफ को काटते हुये काजल की माँ बीच में बोली। में कलम घसीटता हुआ डॉक्टर बोला। ये तो लोग खुद भी सोच सकते हैं। वहीं बैठ गया। खतरनाक होते हैं कि आधा तो मरीज नाम सुनकर ही मर जाये। सविता ऐसे सुन रही थी जैसे डॉक्टर का एक-एक शब्द समझ रही हो। बात पर आ गई। "कोई इलाज नहीं। क्यों हो जाता है इसकी भी कोई जानकारी नहीं। दें कि उसके साथ क्या हो रहा है। बाकि सब कुछ नॉरमल रहेगा। वेटरों को छोड़कर सब कुछ बदल गया था। खाली टेबलें भर गई थीं, नज़दीक आ रहा था रैस्टोरैंट में भीड़ बढ़ती जा रही थी। विशेष को एस एम एस भेज दिया - "आशा है कि तुन आ रहे हो- काजल". चाय और मँगा ही ली। डॉक्टर की दी हुई दवाईयों का कुछ खास असर काजल पर नहीं पड़ा। हुआ। काजल की बीमारी ने न तो काजल को काला ही छोड़ा और न गोरा। छिड़क दिया हो या सफेद कैनवास पर काला। काजल चितकबरी हो गई थी। से बात की थी, जब उस दिन उस लड़के ने उससे चाय के लिये पूछा। था कि ये हाँ है या ना। मुस्कुरा कर लड़का काजल के साथ चल पड़ा। घर से बाहर निकलना छोड़ दिया। कर दिया और लोगों ने पढ़ना। विशेष जिसे आज काजल मिलने आई थी, पर धीरे-धीरे काजल को भी उसे चैटिंग करना अच्छा लगने लगा था। है। पर सुनना और बात है देखना और। टेबल पर पड़े कागजों के बंडल को उठाकर वेटर चिल्लाया। देख मैनेजर खुद ही बोला। वेटर ने मजाक बनाया। चुपचाप काऊंटर की तरफ बढ़ गई। चुपचाप रैस्टोरैंट से चली गई। खयाली नहीं हूँ/मैं काली परी हूँ।
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तीन साल पहले तक पूरे भारत में, अधिकतर ग्रामीण और कई शहरी इलाकों में लाखों लोग सुबह के नित्यकर्म को लेकर बेपरवाह थे। खासकर वे खुले में खुद को कहीं भी हल्का कर लेते थे। उन्हें स्वच्छता के साथ-साथ इस वजह से होने वाली बीमारियों की तनिक भी चिन्ता नहीं रहती थी। माता-पिता अपने बच्चों को गंभीर खतरे में डाल रहे थे। 2 अक्टूबर, 2019 तक (महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती) तक सार्वभौमिक स्वच्छता के साथ स्वच्छ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के बाद लोगों की आदतों में बड़ा बदलाव आया है। इस दौरान सदियों से चली आ रही खुले में शौच की आदत में उल्लेखनीय कमी आई है। सार्वभौमिक स्वच्छता भारत के विकास एजेंडे में सबसे ऊपर है। 2014 तक, केवल 39 प्रतिशत लोगों तक ही सुरक्षित स्वच्छता वाली सुविधाओं की पहुंच थी। आज स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) के तीन साल पूरे होने के बाद पूरे देश में पांच राज्यों, लगभग 200 जिलों और लगभग 2.4 लाख गांवों ने खुद को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया है। इसके अलावा, गांवों में ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन के आधार पर 1.5 लाख गांवों ने स्वच्छता सूचकांक में रैंकिग दर्ज कराई है। बेहतर स्वच्छता के परिणामस्वरूप घरेलू बचत हुई है। एसबीएम के लागत लाभ का अनुमान लगाने के लिए यूनिसेफ द्वारा हाल ही में किए एक स्वतंत्र अध्ययन से यह पता चला है कि स्वच्छता में सुधार के लिए निवेश किए गए प्रत्येक रुपये से 4.30 रुपये की बचत हुई है। अध्ययन में पाया गया कि औसत लागत-लाभ का अनुपात 430 प्रतिशत था। अध्ययन में "एक तरफ घरेलू और सरकारी व्यय, और दूसरी तरफ बेहतर स्वच्छता से प्रेरित वित्तीय बचत के विचार" का पता चला। इससे लाभ लेने वाली आबादी में सर्वाधिक संख्या गरीबों की थी। इसके अलावा, पूरी तरह से ओडीएफ समुदाय में, एक औसत परिवार जो शौचालय में निवेश करता है वह प्रति वर्ष करीब 50,000 रुपये की बचत करता है। चिकित्सा लागत और मृत्यु दर पर ध्यान दिया जा रहा है और समय की बचत भी हो रही है। 12 राज्यों में चयनित 10,000 ग्रामीण परिवारों पर किए गए अध्ययन में यह पाया गया कि 85 प्रतिशत परिवार के सदस्य अपने शौचालयों का उपयोग करते हैं। सर्वेक्षण घरेलू स्तर पर स्वच्छता के आर्थिक प्रभाव को मापने के लिए किया गया था। जल और स्वच्छता मंत्रालय के सचिव परमेश्वरन अय्यर बताते हैं कि भारतीय गुणवत्ता परिषद ने 1,40,000 घरों में एक स्वतंत्र सर्वेक्षण किया था, जिसमें पाया गया कि 'घरेलू शौचालय का उपयोग करने वालों की संख्या 91 प्रतिशत है।' सुलभ और सुरक्षित शौचालयों की बदौलत ग्रामीणों के जीवन में एक बड़ा गुणात्मक परिवर्तन आया है। विशेष रूप से उन महिलाओं को सुरक्षा प्राप्त हुई है जो अंधेरे में खुले में शौच जाने के लिए मजबूर थे तथा उन्हें मानसिक यातना का सामना करना पड़ता था। उचित स्वच्छता की सुविधाओं की कमी से स्वास्थ्य और परिव्यय में वृद्धि हो जाती है जिसका खामियाजा भारत की जीडीपी पर प्रतिवर्ष 6 प्रतिशत पड़ता है। अनुसंधान में शौचालय, कुपोषण जैसी तथ्यों का जिक्र किया गया है। शौचालय की कमी के कारण दूषित वातावरण के सम्पर्क में रहने से आमजन के स्वास्थ्य पर दूरगामी प्रभाव पड़ सकता है। अतिसार बीमारियों से प्रभावित 10,000 बच्चों की मौतें डायरिया के कारण हुईं हैं। विश्व बैंक के अनुसार भारत के लगभग 40 प्रतिशत बच्चे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रभावित रहे हैं। सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि लोगों की सोच में परिवर्तन लाया जाए, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र की जनता में जिनके पास शौचालय की कमी है जिसे एक बुनियादी ढांचे के कार्यक्रम के द्वारा पूरा किया जा सकता है। सभी महत्वपूर्ण कारकों पर ध्यान केंद्रित करना होगा तथा सदियों पुरानी बुरी आदत से निपटने और इसके बारे में बात करने के लिए जागरूक करना होगा। स्वच्छता के लिए सामुदायिक बहस के जरिये कई पारस्परिक तकनीकों के उपयोग के माध्यम से देश में परिवर्तन लाया जा रहा है। मिशन मजबूत करने और इसे आगे बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार त्वरित पखवाड़ा अभियान के तहत 'स्वच्छता ही सेवा है' जैसे कई कार्यक्रमों का संचालन कर रही है, जिसमें शौचालयों, बस स्टैंड, सिनेमा घरों, रेलवे स्टेशनों, सार्वजनिक सभागारों और कई अन्य की सफाई शामिल है। इस अभियान का समापन 2 अक्तूबर को 'स्वच्छ भारत दिवस' के साथ होगा। खुले में शौचमुक्त शहरों के वर्तमान अभियान को आगे बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं और भूमि तथा नदियों को नुकसान पहुंचाए बिना सुरक्षित शहरी पर्यावरण के प्रबंधन की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। हर दिन भारत में लगभग 1.7 मिलियन टन मल संबंधी कचरा पैदा होता है। इसका लगभग 78 प्रतिशत मल अनुपचारित रहता है और इसे नदियों, झीलों या भूजल में फेंक दिया जाता है। इससे बैक्टीरिया और रोगजनक पैदा होते हैं, जिससे बीमारी होने का खतरा बना रहता है और स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक बन जाता है। पहाड़ी, सूखे से प्रभावित, बाढ़ प्रभावी और दूर-दराज के क्षेत्रों में टिकाऊ, पर्यावरण अनुकूल और सस्ती शौचालय तकनीक के लिए युवाओं तथा अन्य हितधारकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। शौचालयों के उपयोग तथा उनकी निगरानी के लिए तकनीकी समाधान और व्यावहारिक परिवर्तन लाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। खुली अवधि वाली योजनाओं के विपरीत यह मिशन कार्य को पूरा करने की दिशा में तेजी से अग्रसर है और 12 लाख शौचालयों का निर्माण करके भारत को खुले में शौच कराने की दिशा में अग्रसर है। यह एक कठिन और ज्यादा समय लेने वाला अभियान है, जिसमें व्यावहारिक परिवर्तन और स्वच्छता के प्रति प्रत्येक का सहयोग शामिल है, जो प्रधान या कलेक्टर या सांसद द्वारा भी किया जा सकता है। इसे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों, जिला मजिस्ट्रेट, गांव के मुखियाओं द्वारा संचालित किया जा रहा है। इसके अलावा स्वच्छाग्राही सेना बनाई गई है और नुक्कड़ नाटकों को बढ़ावा दिया गया है। व्यावहारिक परिवर्तनों को आम जन द्वारा प्रेरित किया जा रहा है और प्रमुख हस्तियों द्वारा संदेश के माध्यम से खुले में शौच के प्रति जागरूकता पैदा की जा रही है। ** लेखक एक स्वतंत्र पत्रकार और स्तंभकार हैं, जो मीडिया जगत - प्रिंट, ऑनलाइन, रेडियो और टेलीविजन में चार दशकों का अनुभव रखते हैं। लेखक विज्ञान और विकास संबंधी मुद्दों पर लिखते हैं। ** लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं।
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सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश डीवाइ चंद्रचूड़ ने हाल ही में जोर देकर कहा है कि आतंकवाद से निपटने के लिए बनाए गए कानूनों का दुरुपयोग देश में नागरिकों की असहमति व्यक्त करने के अधिकारों को कुचलने में नहीं किया जाना चाहिए। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने यह टिप्पणी ऐसे समय की है, जबकि एनआइए की अदालत एवं बम्बई उच्च न्यायालय द्वारा फादर स्टेन स्वामी की स्वास्थ्यगत आधार पर जमानत की मांग को बार-बार ठुकरा दिए जाने से देश में काफी रोष है। गौरतलब है कि हाल ही में बुजुर्ग फादर की कैद में ही मौत हो गई थी। स्टेन स्वामी को भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गैरकानूनी गतिविधियां निवारक अधिनियम (यूएपीए) के अधीन गिरफ्तार किया गया था। देश के अनेक बुद्धिजीवियों एवं जनजातीय समुदायों के अधिकारों के लिए संघर्षरत कार्यकर्ताओं ने इसे "न्यायिक हत्या" करार दिया है। हाल ही में, यूएपीए के तहत गिरफ्तार कई लोगों को रिहा किया गया है, जो सालों से देश की विभिन्न जेलों में बंद थे। उदारहरण के लिए, श्रीनगर के बशीर अहमद बाबा को बडोदरा की केंद्रीय कारा से 11 साल बाद रिहा किया गया है। असम के किसान नेता अखिल गोगोई को, जिन्हें नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का विरोध करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था और इसी तरह, आइआइएससी शूटिंग केस में गिरफ्तार त्रिपुरा के मोहम्मद हबीब को भी रिहा कर दिया गया है। यह आलेख मूल रूप से लीफ्लेट में प्रकाशित किया गया था। अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें। अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।
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ALLAHABAD: बढ़ते अपराध और लंबित मामलों को देखते हुए आज न्याय को गति देने की जरूरत है। इसके लिए न्याय प्रक्रिया में सभी अधिवक्ता अपना सहयोग दें। जिससे की सभी को न्याय जल्द मिले। मेरा प्रयास यही होगा कि अधिवक्ताओं की समस्याओं को दूर किया जाए। उक्त बातें ट्यूजडे को सिटी पहुंचे नवनियुक्त महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह ने अपने आवास पर अधिवक्ताओं से कहीं। इस दौरान हाईकोर्ट के अधिवक्ता सुरेश बहादुर सिंह व संजय मिश्रा के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में अधिवक्ताओं ने महाधिवक्ता का जोरदार वेलकम किया। इस मौके पर संजय पाठक, निदेश प्रताप श्रवण पाण्डेय, लाल विजय सिंह, केपी सिंह, उदय प्रताप सिंह, रवि प्रकाश श्रीवास्तव योगेन्द्र परिहार सहित सैकड़ों की संख्या अधिवक्तागण मौजूद थे। अपने आवास पर मीडिया से बातचीत के दौरान महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह ने बताया कि स्टेट गवर्नमेंट ने हाईकोर्ट के आसपास खाली पड़ी करोड़ों की जमीन कोर्ट को देने का निर्णय लिया है। हाईकोर्ट के आस-पास वाहनों से जाम की समस्या को लेकर आम पब्लिक परेशान है। वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था कर इस समस्या को जल्द ही दूर किया जाएगा। अधिवक्ताओं की पेंशन, मकान की व्यवस्था, चैंबर आदि प्रमुख समस्याओं का निदान जल्द ही किया जाएगा।
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बॉलीवुड में कई अभिनेत्रियों के बीच कैटफाइट देखने को मिलती हैं। करीना और प्रियंका के बीच लंबे समय से सबकुछ ठीक नहीं रहा है। अब एक बार फिर करीना के बयान से ये जाहिर हुआ जब उन्होंने प्रियंका के ऊपर कटाक्ष किया। एक इंटरव्यू के दौरान करीना से सवाल पूछा गया कि 'बॉलीवुड में 50 साल का हीरो 20 साल की हीरोइन के साथ रोमांस कर रहा होता है लेकिन 50 साल की एक हीरोइन को पर्दे पर हीरो की तरह रोमांस करने का मौका नहीं मिलता क्योंकि उस जोड़ी को अजीब कहा जाता है। ' इस सवाल के जवाब में करीना ने प्रियंका और निक का उदाहरण दिया। करीना ने कहा कि 'यह लोगों की माइंड सेट की वजह से है। लोग इसी तरह की सोच रखते हैं। उनको लगता है कि 50 साल की औरत है तो तलाकशुदा होगी। अब मैं भी उम्र के उस पड़ाव पर पहुंच रही हूं। मैं जरूर फिल्मों में इस तरह के किरदार करूंगी और उस सोच को बदलूंगी। ' करीना आगे कहती हैं कि 'मुझे उम्मीद है कि इस सोच को मैं तोड़ूंगी। यह असल जिंदगी में भी होता है। अब देखिए प्रियंका चोपड़ा और निक जोनस दोनों अलग-अलग जनरेशन के हैं लेकिन दोनों में प्यार हुआ है न। सैफ और मैं, अलग जनरेशन के हैं लेकिन हम दोनों को भी प्यार हुआ। इसमें क्या बड़ी बात है। समाज में ये हो रहा है। अब निर्माताओं का भी माइंड सेट होना जरूरी है। 'बधाई हो' जैसी फिल्मों से बदलाव हो भी रहा है। ' करीना और प्रियंका के बीच लंबे समय से अनबन की खबरें आती रही हैं। साल 2018 में 'कॉफी विद करण' में भी जब दोनों साथ पहुंचे तो एक दूसरे पर तंज कसते हुए दिखे थे। करीना ने प्रियंका के बोलने के अंदाज को लेकर कहा था कि 'यह एक्सेंट कहां से मिला? ' इस पर प्रियंका ने भी करारा जवाब देते हुए कहा था- 'वहीं से जहां सैफ अली खान को मिला। ' बता दें कि प्रियंका और निक के बीच करीब 10 साल का फासला है। प्रियंका, निक से 10 साल बड़ी हैं। शुरुआत में दोनों के रिश्ते को बहुत ट्रोल भी किया गया लेकिन दोनों ही बखूबी इसे निभा रहे हैं। वहीं करीना, सैफ से उम्र में 10 साल छोटी हैं।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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नई दिल्ली (Exam Tips, Career Tips, Self Study Tips, Entrance Exams). देशभर के कई स्कूलों ने अपने यहां फीस में अचानक वृद्धि की घोषणा कर दी है (School Fees Hike). इसकी वजह से अभिभावकों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. आज-कल स्कूल की पढ़ाई के साथ ही ज्यादातर स्टूडेंट्स को कोचिंग या ट्यूशन का भी सहारा लेना पड़ता है, जिसका असर अभिभावकों की जेब पर पड़ता है. स्कूल की पढ़ाई हो, कॉलेज की या एंट्रेंस एग्जाम और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी, हर परीक्षा को उत्तीर्ण करने के लिए कोचिंग या ट्यूशन का सहारा लेना अनिवार्य हो गया है. हालांकि, कुछ स्टूडेंट्स सेल्फ स्टडी के जरिए भी परीक्षा को अच्छे अंकों के साथ पास कर लेते हैं. अगर आप भी बिना कोचिंग जॉइन किए सेल्फ स्टडी की मदद से पढ़ाई करना चाहते हैं तो ये टिप्स आपके काम आ सकते हैं. 1- आप जिस भी परीक्षा में शामिल होने वाले हैं, सिलेबस के हिसाब से उसका पूरा स्टडी मटीरियल तैयार कर लें. अपनी किताबें, नोट्स आदि पहले से अरेंज कर लें. 2- सेल्फ स्टडी का यह मतलब बिल्कुल भी नहीं होता है कि अपने लिए एक रूटीन न सेट किया जाए. इस दौरान अपना स्टडी शेड्यूल फिक्स करें और उसका सख्ती से पालन करें. 3- अपना लक्ष्य स्पष्ट रखें और उसे हासिल करने के लिए हर दिन कोशिश करें. मॉक टेस्ट आदि के जरिए अपनी तैयारी चेक करते रहें. 4- अगर आप एंट्रेंस एग्जाम या प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो करंट अफेयर्स पर पकड़ मजबूत रखें. ये भी पढ़ेंः .
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7th Pay Commission, 7th CPC Latest News Today 2020: कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार की नक्शे कदम पर चलते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनर्स के मंहगाई भत्ते और महंगाई राहत की अतिरिक्त किस्तें रोकने का फैसला किया है। जनवरी से प्रस्तावित महंगाई भत्ते और महंगाई राहत के अलावा सअन्य 6 तरह के भत्तों पर भी रोक लगाई गई है। सरकार के इस फैसले का असर 31 मार्च 2021 तक रहेगा। यानि करीब डेढ़ साल तक डीए और डीआर पर मिलने वाली अतिरिक्त किस्त अब नहीं मिलेंगी। इस फैसले से राज्य के 16 लाख कर्मचारियों और तकरीबन सात लाख पेंशनर्स प्रभावित होंगे। सरकार की इस फैसले से साफ है कि छमाही में होने वाली ये बढ़ोत्तरी जनवरी 2021 तक नहीं रोक रहेगी। यानी जनवरी 2020, जुलाई 2020 और जनवरी 2021 में भत्ते में कोई भी वृद्धि नहीं की जाएगी। फाइनेंस डिपॉर्टमेंट के ऑर्डर में कहा गया है कि कर्मचारियों और पेंशनर्स को एक जुलाई 2019 से लागू दरों पर अनुमन्य महंगाई भत्ता और महंगाई राहत का भुगतान किया जाता रहेगा। राज्य कर्मचारियों के अलावा यह फैसला प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों के कर्मचारियों और पेंशनरों पर भी लागू होगा। इन 6 तरह के भत्तों पर चली कैंचीः नगर प्रतिकर भत्ता, सचिवालय भत्ता, पुलिस विभाग के अपराध शाखा, सीबीसीआईडी, भ्रष्टाचार निवारण संगठन, आर्थिक अपराध अनुसंधान विभाग, सतर्कता अधिष्ठान, अभिसूचना विभाग, सुरक्षा शाखा एवं विशेष जांच शाखा में तैनात अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अनुमन्य विशेष वेतन, अवर अभियन्ता को अनुमन्य विशेष भत्ता, लोक निर्माणा विभाग में तैनात अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अनुमन्य रिसर्च भत्ता, अर्दली भत्ता एवं डिजाइन भत्ता और सिंचाई विभाग में तैनात अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अनुमन्य आई एंड पी भत्ता एवं अर्दली भत्ता।
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Don't Miss! - Lifestyle New Year 2024: भारत में एक बार नहीं बल्कि 5 बार मनाया जाता है नया साल! जानिए कैसे? आखिरकार सारा अली खान, सुशांत सिंह राजपूत के अपोज़िट, अभिषेक कपूर की फिल्म केदारनाथ के साथ आज डेब्यू कर रही हैं। फिल्म का टीज़र, ट्रेलर और पोस्टर सब कुछ लोगों को काफी पसंद आया था। उम्मीद की जा रही थी कि फिल्म 8 - 9 करोड़ की ओपनिंग कर सकती है। कुछ ट्रेड पंडितों का मानना था कि सारा - सुशांत की केमिस्ट्री फिल्म को 2 अंकों की ओपनिंग भी दे सकती है। यानि कि 10 - 11 करोड़। लेकिन 2.0 की रिलीज़ के बाद, हिंदी दर्शकों में 2.0 का क्रेज़ देख, केदरनाथ के लिए संकट अभी से मंडराता नज़र आ रहा है। फिल्म की ओपनिंग को लेकर लोग शंका में हैं और माना जा रहा है कि फिल्म 4 - 5 करोड़ की ही ओपनिंग कर पाएगी। फिल्म की आगे की कमाई पूरी तरह से फिल्म के वर्ड ऑफ माउथ पर निर्भर करेगी। गौरतलब है कि सारा अली खान के डेब्यू की तैयारी, 2 साल से चल रही है। दर्शक उन्हें परदे पर देखना चाहते हैं और इसके लिए हर दूसरी फिल्म के साथ उनका नाम जुड़ चुका है। अब एक ही महीने में सारा दो दो फिल्मों में नज़र आएंगी - केदारनाथ और सिंबा। देखना है कि बॉलीवुड में उनका बॉक्स ऑफिस पर डेब्यू कैसा रहता है।
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जमशेदपुर, झारखंड. यह तस्वीर मदर्स-डे पर सामने आई है। जब सारी दुनिया मां का गुणगान कर रही थी, अंधेरे में यह बच्चा झाड़ियों में मरने के लिए फेंक दिया गया। गनीमत रही कि उसकी रोने की आवाज ने वहां से गुजर रहे एक साइकिलवाले का ध्यान आकर्षित किया और उसकी जान बच गई। मामला सरायकेला-खरसावां जिला अंतर्गत राजनगर रोड पर स्थित तितिरबिला गांव का है। रविवार रात करीब 8 बजे तितिरबिला गांव का एक युवक अपनी साइकिल से गुजर रहा था। तभी उसे झाड़ियों से बच्चे के रोने की आवाज आई। युवक ने इसकी जानकारी गांववालों को दी। गांववालों ने फौरान सरायकेला पुलिस को सूचित किया। लॉकडाउन की वजह से बंद हुए काम-धंधों के चलते पलायन कर रहे मजदूरों की मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। कहीं कोई सड़के हादसे का शिकार हो रहा है तो कहीं कोई भूखा ही अपने प्राण गंवा रहा है। एक ऐसा दर्दनाक मामला झारखंड में सामने आया है, जहां 4 मजदूरों की सड़क हादसे में मौत हो गई। 10 मई को यानी आज पूरी दुनिया में मदर्स डे मनाया जा रहा है। मां अपनी जान पर खेलकर भी अपने बच्चों की जिंदगी बचाती हैं। लेकिन, झारखंड में आज के दिन ममता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामना आया है। जहां एक कलयुगी मां ने अपने बेटे की हत्या कर दी। लॉकडाउन के चलते अब देश कई हिस्सों से रोज अपराध की खबरें आने लगी हैं। ऐसी ही एक मानवता को शर्मसार कर देने वाली घिनौनी घटना झारखंड से सामने आई है। जहां एक अधेड़ हैवान ने एक नाबालिग बच्ची के साथ बलात्कार किया। 27 वर्षीय इस महिला के साहस के आगे खूंखार नक्सलियों के भी हाथ-पैर फूल गए। नक्सली उसके घर में घुसकर धमकाने आए थे। अपने परिवार को खतरे में देखकर महिला ने काली का रूप धरा और अकेले की नक्सलियों पर टूट पड़ी। उसने नक्सली कमांडर को मार गिराया। इसके बाद बाकी नक्सली डरके मारे जंगलों में भाग निकले। पुलिस ने महिला की हिम्मत को सराहा है। महिला ने कहा कि अगर वो ऐसा नहीं करती, तो नक्सली उसके परिवार को नुकसान पहुंचा सकते थे। लॉकडाउन के चलते दो बार शादी कैंसल होने पर दूल्हे को सनक चढ़ी। प्रशासन ने उसे अनुमति नहीं दी थी। इस बार उसने ठान लिया कि किसी को कानों-कान खबर नहीं होने देगा और चुपचाप 7 फेरे ले लेगा। मंदिर में शादी चल रही थी, लेकिन घरवालों के अलावा बहुत सारे बिन बुलाए मेहमान भी आ टपके। भीड़ बढ़ी, तो किसी ने पुलिस से मुखबिरी कर दी। बस फिर क्या था, जैसे ही पुलिस शादी समारोह में पहुंची. . भगदड़ मच गई। पुलिस ने दूल्हा-दुल्हन के 10, जबकि 40 अज्ञात मेहमानों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। गिरिडीह (झारखंड). एक ओर जहां लोग धर्म के नाम पर आए दिन एक-दूसरे के खून के प्यासे हैं। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति दूसरे धर्म के व्यक्ति की जान बचाने के लिए अपना खून दान करें तो इससे बढ़कर इंसानियत और कुछ नहीं हो सकती। ऐसी ही मानवता की मिसाल पेश की है, झारखंड के सलीम अंसारी ने, जिसने अपना रोजा तोड़कर एक हिंदू बच्चे को खून देकर उसकी जिंदगी बचाई। रिश्तों में आई कड़वाहट कितनी खतरनाक साबित होती है, यह घटना इसी का उदाहरण है। यहां एक 8 साल के बच्चे की बुरी तरह हत्या कर दी गई। उसका सिर पत्थर से कुचल दिया गया। लाश जंगल में छोड़ दी, ताकि कोई जंगली जानवर आकर उसे खा जाए। मां तक कपड़े देखकर ही अपने मासूम बेटे को पहचान पाई। महिला इस हत्या का इल्जाम अपने ही पति पर लगा रही है। यह शॉकिंग मामला झारखंड के चाईबासा के एक गांव का है। यह आशिक मिजाज आदमी गांव में किराये से रहता है। इसका कहना है कि घर में टॉयलेट नहीं होने से वो तालाब पर जाता था, लेकिन महिलाओं का तर्क है कि वो झाड़ियों में छुपकर उन्हें नहाते देखता था। हालांकि, पुलिस ने इस शख्स की शिकायत पर तीन लोगों के खिलाफ मारपीट की FIR दर्ज की है। अब गांववाले इसके खिलाफ केस दर्ज कराने जा रहे हैं। लवमैरिज के बाद भी किसी और के प्यार में पड़कर एक आदमी ने अपने ही मासूम बेटे की जान ले ली। घटना झारखंड के गुमला की है। यह आरोपी बच्चे की मां ने लगाया है। बताते हैं कि 2 साल पहले लवमैरिज के कुछ समय बाद ही शख्स काम के सिलसिले में हिमाच प्रदेश चला गया था। फरवरी में वो होली मनाने घर आया था। इसी बीच दोनों के बीच अनबन हो गई थी। इसके बाद दोनों अलग-अलग रहने लगे थे।
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गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर द्वारा स्थापित विश्व भारती विश्वविद्यालय या शान्ति निकेतन अनिश्चितकाल तक के लिए बन्द कर दिया गया है। यह स्वयं में आश्चर्य का विषय है कि विश्वविद्यालय ऐसे कारण की वजह से बन्द किया गया है जिसका सम्बन्ध पं. बंगाल की महान बांग्ला संस्कृति से है। इस खुले विश्वविद्यालय के परिसर में आने वाले एक मैदान में ही प्रतिवर्ष दिसम्बर महीने में 'पौष उत्सव' का आयोजन होता है जिसमें आसपास के गांवों व जिलों तक के लोग शामिल होते हैं और पौष मेले में इन इलाकों में रहने वाले दस्तकार, शिल्पकार व कारीगर अपनी कलात्मक कृतियों का प्रदर्शन एक अस्थायी बाजार लगा कर करते हैं। इस महोत्सव का बांग्ला संस्कृति में बहुत महत्व है। सर्दियों के मौसम में पड़ने वाले इस पर्व पर बंगाली लोग प्रकृति की रंग-बिरंगी छटा का उत्सव उसी प्रकार मनाते हैं जिस प्रकार 'पोहला बैशाख' पर्व पर, जो कि बांग्ला संस्कृति में 'नव वर्ष' होता है। पौहला बैशाख का महत्व इतना है कि बांग्लादेश में भी यह पर्व राष्ट्रीय उत्सव के रूप में मनाया जाता है। बंगाल के तीज-त्यौहार धर्म की सीमा से ऊपर होकर मनाये जाते हैं। मजहब का इनसे कोई खास लेना-देना नहीं होता। पौष और बैशाख उत्सव भी इसी श्रेणी में आते हैं, परन्तु शान्ति निकेतन के अधिकारियों ने एेसा फैसला किया जिससे इस विश्व विद्यालय के करीब रहने वाले लोगों में रोष फैल गया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने मैदान में दीवार खड़ी करने का फैसला किया और उसका काम भी शुरू कर दिया गया। इस पर लोगों में रोष व्याप्त हो गया और तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक श्री नरेश बावरी के नेतृत्व में इस दीवार और नये बने दरवाजे को तोड़ डाला गया। वास्तव में विश्वविद्यालय प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ संघर्ष करने के लिए स्थानीय लोगों ने 'पौष मेला मठ बचाओ समिति' का गठन किया था। इसी समिति ने दीवार स्थल पर जाकर आन्दोलन करना शुरू किया और अन्ततः श्री बावरी के नेतृत्व में उसे तोड़ डाला और बुलडोजर तक का इस्तेमाल किया। इस समिति के साथ स्थानीय व आसपास के दुकानदारों का संगठन भी है और जब से उसे पता चला कि प्रशासन मैदान की चारदीवारी या उसे बन्द करने की योजना बना रहा है, तो उसने आंदोलन करना शुरू कर दिया। 'बोलपुर व्यवसायी समिति' का कहना है कि प्रशासन का यह कार्य बांग्ला संस्कृति के विरुद्ध है। वर्षों से विश्वविद्यालय के खुले परिसर के दायरे में ही पौष उत्सव मनता आ रहा है और इस पर कभी आपत्ति नहीं की गई। शान्ति निकेतन तो सांस्कृतिक मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए ही गुरुदेव ने स्थापित किया था और इसी दृष्टि से इस महोत्सव में विश्वविद्यालय के छात्र व स्थानीय लोग मिल-जुल कर हिस्सा लेते हैं। ठीक एेसा ही मत राज्य की मुख्यमन्त्री सुश्री ममता बनर्जी का भी है। उन्होंने दीवार बनाने को बंगाल की मान्यताओं व संस्कृति के खिलाफ बताया और कहा कि यह गुरुदेव की परिकल्पना कभी नहीं रही थी, परन्तु वर्ष 2017 में एनजीटी ने विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी दी थी कि वह पर्यावरण के सन्तुलन का ध्यान रखे। उसके बाद प्रशासन ने विगत जुलाई महीने में फैसला किया कि उस स्थान की सीमा बांध दी जाये जहां हर वर्ष पौष उत्सव होता है। विश्वविद्यालय की अधिशासी परिषद द्वारा यह फैसला किया गया। परिषद विश्वविद्यालय की सर्वोच्च प्रशासनिक इकाई होती है। कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती का यह कहना है कि विश्वविद्यालय पौष महोत्सव जैसे पर्व का इन्तजाम नहीं देख सकता और इसके बाद की चीजों को नहीं संभाल सकता। अतः यह अपने भूभाग का अहाता सुनिश्चित कर देगा। जब यह अहाता बनने लगा तो स्थानीय व आसपास के लोगों ने इसका पुरजोर विरोध किया। बोलपुर व वीरभूमि जिले शान्ति निकेतन के आसपास ही पड़ते हैं और पौष उत्सव में इन जिलों के लोग व व्यवसायी व दस्तकार भाग लेने आते हैं मगर हर बात पर बीच में टांग अड़ाने में माहिर इस राज्य के राज्यपाल महामहिम जगदीप धनखड़ इस विवाद पर भी बोल पड़े और उन्होंने मुख्यमन्त्री ममता दी को सलाह दी कि वह उन लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाये जिनका इस मामले में दोष है। वह राजनीतिक आग्रहों से ऊपर उठ कर कार्रवाई करें। राज्यपाल का इस प्रकार दैनन्दिन के कामों में हस्तक्षेप किसी भी प्रकार उचित नहीं कहा जा सकता मगर धनखड़ साहब खड़-खड़ करने के आदी हो चुके हैं। इस पर ममता दी ने भी कह दिया कि जो कुछ भी विश्वविद्यालय में हुआ है वह बांग्ला संस्कृति के विरुद्ध है। गुरुदेव तो शान्ति निकेतन को खुला (ओपन एयर) विश्वविद्यालय देखना चाहते थे। दीवार बनाना ही उनके विश्वविद्यालय के चरित्र के विरुद्ध है। हालांकि दीवार गिराये जाने वाले दिन पुलिस भी हरकत में नजर आयी और उसने आठ लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया है मगर इसके बाद विश्वविद्यालय को अगले आदेश तक बन्द कर दिया गया। पूरे पश्चिम बंगाल में शान्ति निकेतन ही एकमात्र केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। अतः विश्वविद्यालय प्रशासन इस मामले में केन्द्र सरकार के सम्बन्धित विभागों को भी सूचित कर रहा है, परन्तु मूल प्रश्न तो बांग्ला संस्कृति व परंपराओं का है। जरूरी यह है कि शान्ति निकेतन की परंपराओं का ध्यान रखते हुए इस समस्या का हल निकाला जाये और जल्दी से जल्दी विश्वविद्यालय खोला जाए।
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