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इस पाठ का सारांश बनाएं: सुप्रीम कोर्ट ने  भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्‍यक्ष अनुराग ठाकुर के माफीनामे को नामंजूर कर दिया है. हालांकि शीर्ष अदालत ठाकुर के खिलाफ अदालत की अवमानना और परजरी के मामले को बंद करने को तैयार है, लेकिन कोर्ट ने उन्‍हें बिना शर्त माफीनामा दाखिल करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने उन्‍हें 14 जुलाई को पेश होने के आदेश दिया है. साथ ही सख्‍त ताकीद की है कि माफीनामे की भाषा एकदम स्‍पष्‍ट होना चाहिए और इसमें किसी तरह का गोलमोल नहीं होना चाहिए.टिप्पणियां अदालत की अवमानना और परजरी के मामले में ठाकुर के माफीनामे पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुनाया है. अनुराग ठाकुर ने इस मामले में अदालत से माफी मांगी थी. दरअसल शीर्ष अदालत ने अनुराग से कहा था कि अगर उनके खिलाफ यह साबित हो जाता है कि उन्होंने बीसीसीआई में सुधार पर अड़ंगा नहीं लगाने की झूठी शपथ ली है तो उन्‍हें जेल भेजा जा सकता है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में अनुराग ठाकुर ने कहा था, 'उनका कतई भी ऐसा इरादा नहीं था. अगर इस तरह का नजरिया बन रहा है तो वह इसके लिए बिना शर्त माफी मांगते हैं. परजरी (अदालत के समक्ष गलतबयानी करना) मामले में नोटिस जारी करने के बाद अनुराग द्वारा दाखिल इस हलफनामे में कहा गया था कि वह तीन बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं और बहुत कम उम्र से सार्वजनिक जीवन जी रहे हैं. वह अदालत का बहुत सम्मान करते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अब तक ऐसा कोई काम नहीं किया जिसमें अदालत की अनदेखी की गई हो. पिछले साल 15 दिसंबर को अदालत ने कहा था कि प्रथम दृष्‍टया अनुराग ठाकुर पर न्यायालय की अवमानना और परजरी का मामला बनता है क्योंकि उन्होंने आईसीसी को पत्र लिखकर यह कहने के लिए कहा था कि बीसीसीआई में सीएजी के प्रतिनिधि को शामिल करने की लोढ़ा कमेटी की सिफारिश वास्तव में बोर्ड में सरकारी दखलअंदाजी है. अनुराग ने इस बात से इनकार किया था कि उन्होंने आईसीसी चेयरमैन को ऐसा कोई पत्र लिखा था. हालांकि शशांक मनोहर ने कहा था कि अनुराग ने उनसे इस तरह का पत्र लिखने के लिए कहा था लेकिन मैंने इनकार कर दिया था. अदालत की अवमानना और परजरी के मामले में ठाकुर के माफीनामे पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुनाया है. अनुराग ठाकुर ने इस मामले में अदालत से माफी मांगी थी. दरअसल शीर्ष अदालत ने अनुराग से कहा था कि अगर उनके खिलाफ यह साबित हो जाता है कि उन्होंने बीसीसीआई में सुधार पर अड़ंगा नहीं लगाने की झूठी शपथ ली है तो उन्‍हें जेल भेजा जा सकता है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में अनुराग ठाकुर ने कहा था, 'उनका कतई भी ऐसा इरादा नहीं था. अगर इस तरह का नजरिया बन रहा है तो वह इसके लिए बिना शर्त माफी मांगते हैं. परजरी (अदालत के समक्ष गलतबयानी करना) मामले में नोटिस जारी करने के बाद अनुराग द्वारा दाखिल इस हलफनामे में कहा गया था कि वह तीन बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं और बहुत कम उम्र से सार्वजनिक जीवन जी रहे हैं. वह अदालत का बहुत सम्मान करते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अब तक ऐसा कोई काम नहीं किया जिसमें अदालत की अनदेखी की गई हो. पिछले साल 15 दिसंबर को अदालत ने कहा था कि प्रथम दृष्‍टया अनुराग ठाकुर पर न्यायालय की अवमानना और परजरी का मामला बनता है क्योंकि उन्होंने आईसीसी को पत्र लिखकर यह कहने के लिए कहा था कि बीसीसीआई में सीएजी के प्रतिनिधि को शामिल करने की लोढ़ा कमेटी की सिफारिश वास्तव में बोर्ड में सरकारी दखलअंदाजी है. अनुराग ने इस बात से इनकार किया था कि उन्होंने आईसीसी चेयरमैन को ऐसा कोई पत्र लिखा था. हालांकि शशांक मनोहर ने कहा था कि अनुराग ने उनसे इस तरह का पत्र लिखने के लिए कहा था लेकिन मैंने इनकार कर दिया था. पिछले साल 15 दिसंबर को अदालत ने कहा था कि प्रथम दृष्‍टया अनुराग ठाकुर पर न्यायालय की अवमानना और परजरी का मामला बनता है क्योंकि उन्होंने आईसीसी को पत्र लिखकर यह कहने के लिए कहा था कि बीसीसीआई में सीएजी के प्रतिनिधि को शामिल करने की लोढ़ा कमेटी की सिफारिश वास्तव में बोर्ड में सरकारी दखलअंदाजी है. अनुराग ने इस बात से इनकार किया था कि उन्होंने आईसीसी चेयरमैन को ऐसा कोई पत्र लिखा था. हालांकि शशांक मनोहर ने कहा था कि अनुराग ने उनसे इस तरह का पत्र लिखने के लिए कहा था लेकिन मैंने इनकार कर दिया था.
संक्षिप्त पाठ: शीर्ष अदालत ने कहा-माफीनामे की भाषा एकदम स्‍पष्‍ट हो अवमानना और परजरी मामले में सुनाया आदेश गलत बयानी पर ठाकुर को जेल भेजने की दी थी चेतावनी
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['hin']
एक सारांश बनाओ: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Election) से पहले बीजेपी और शिवसेना के बीच राज्य में सीट बंटवारे को लेकर स्थिति साफ होती नहीं दिख रही है. ऐसे में यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है कि क्या इस बार दोनों पार्टियां एक गठबंधन के तौर पर ही चुनाव लड़ेंगे या दोनों पार्टियां सभी सीटों पर अपने अलग से उम्मीदवार उतारेगी. बीजेपी -शिवसेना गठबंधन से जुड़े एक सूत्र ने NDTV से कहा कि राज्य में चुनाव से पहले बीजेपी एक बड़े भाई की भूमिका निभाना चाहती है. और अगर ऐसा होता है शिवसेना को आगामी विधानसभा चुनाव में 288 सीटों की विधानसभा में से 120 से ज्यादा सीटें नहीं दी जाएंगी.  वहीं, खबर यह भी आ रही है कि शिवसेना इस गठबंधन को तोड़ने पर विचार तो नहीं कर रही है लेकिन वह इस चुनाव में अकेले उतर सकती है. हालांकि  आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के करीबी एक सूत्र ने बताया कि अभी तक पर्दे पीछे गठबंधन को लेकर जो भी बात हो रही है उससे इतना तो साफ है कि राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस बार चुनाव में सीटों के 50-50 फीसदी के बंटवारे वाले फॉर्मूले पर सहमत नहीं होंगे. यही वजह है कि कुछ दिन पहले फडणवीस ने इशारों ही इशारों में कहा था कि अभी तक सीट बंटवारे को लेकर कुछ भी तय नहीं किया जा सका है. उन्होंने कहा था कि अगर बीजेपी-शिवसेना को एक गठबंधन के तौर पर लड़ना है तो हमें हमेशा यह ध्यान में रखना होगा कि हमें कुछ मिलेगा और हमें कुछ नहीं मिलेगा.  गौरतलब है कि सीट बंटवारे से पहले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अनुच्छेद 370 को लेकर केंद्र सरकार की तारीफ की थी. साथ ही उन्होंने राम मंदिर बनाने की मांग भी की थी. उन्होंने कहा था कि अब राम मंदिर के लिए इंतजार करने का कोई मतलब नहीं बनता है. ठाकरे ने कहा था कि हमनें शिवसेना कार्यकर्ताओं से कहा है कि वह तैयार रहे हैं. अब समय आ गया है जब राम मंदिर की आधारशिला अयोध्या में रखी जाएगी.  यह वह मुद्दा है जिसे हमारे संस्थापक बालासाहेब ठाकरे ने देखा था.  उद्धव ठाकरे ने आगे कहा था  कि जिस तरह से सरकार काम कर रही है, उसने हमारी उम्मीदें बढ़ा दी हैं कि सरकार जल्द ही अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कराएगी. अब इंतजार करने का कोई मतबल नहीं बनता है. बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान उद्धव ठाकरे ने राम मंदिर निर्माण को लेकर बीजेपी पर कई बार हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि जिस तरह से मोदी सरकार ने बीते पांच सालों में काम किया है, उससे ऐसा कहीं से भी नहीं लगता है कि वह राम मंदिर बनवाने को लेकर किसी तरह से गंभीर है.  गौरतलब है कि महाराष्ट्र में आसन्न विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए सीटों के बंटवारे पर सत्तारूढ़ भाजपा और शिवसेना के अपना रुख सख्त करने की खबरों के बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में, दोनों दलों का गठबंधन ‘‘अटल'' है और यह गठबंधन एक बार फिर से सत्ता में वापसी करेगा. मुंबई में एक कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान ठाकरे ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री की सराहना की और अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने और समान नागरिक संहिता लाने की अपील की थी. ठाकरे ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को नेतृत्व और दिशा प्रदान की है जिसमें प्रगति और विकास करने की अपार क्षमता है. संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने और चंद्रयान -2 अभियान के लिए मैं मोदी को बधाई देता हूं ...अब राष्ट्र अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण तथा समान नागरिक संहिता का इंतजार कर रहा है.''  उन्होंने कहा था कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा. पीएम मोदी ने इसे न केवल शब्दों में बल्कि वास्तविकता में सिद्ध कर दिया है.ठाकरे ने कहा था कि महत्वाकांक्षी चंद्रमा मिशन की लिए देश को इसरो के वैज्ञानिकों पर भी गर्व है. भारत में अपार क्षमता है, और मोदी में, देश को (सही) दिशा देने वाला नेतृत्व मिला है. ठाकरे ने यह भी कहा था कि भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन जारी रहेगा.
यहाँ एक सारांश है:कुछ महीने बाद ही होने हैं विधानसभा चुनाव बीजेपी सीटों के 50-50 बंटवारे के फॉर्मूले के पक्ष में नहीं शिवसेना अकेले लड़ सकती है चुनाव
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['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: इसके साथ ही भाजपा नीत राजग को लोकसभा चुनाव में मिले बहुमत को ‘देश की हार' बताने के लिए कांग्रेस पर बरसते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि ऐसा कहना देश के करोड़ों मतदाताओं, किसानों एवं मीडिया का अपमान है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के हारने से देश नहीं हार जाता क्योंकि कांग्रेस देश नहीं है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ‘ऐसे अवसर बहुत कम आते हैं जब चुनाव स्वयं जनता लड़ती है. 2019 का चुनाव दलों से परे देश की जनता लड़ रही थी.' उन्होंने कहा कि ये चुनाव विशेष थे, कई दशकों के बाद पूर्ण बहुमत की सरकारें बनना मतदाताओं की सोच की स्थिरता जाहिर करता है. मोदी ने कहा कि भाजपा की जीत को लोकतंत्र तथा देश की हार बताना लोकतंत्र का अपमान है. विपक्षी कांग्रेस पर तंज करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा ‘कांग्रेस हारी तो देश हार गया. देश यानी कांग्रेस, कांग्रेस यानी देश. अहंकार की एक सीमा होती है.' उन्होंने कहा कि कांग्रेस के हारने से देश नहीं हार जाता क्योंकि कांग्रेस देश नहीं है.
संक्षिप्त पाठ: चमकी बुखार से हो रही मौत पर पीएम ने तोड़ी चुप्पी पीएम ने कहा कि यह बड़े 'दुख और शर्म' की बात है राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दे रहे थे पीएम
22
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: एक मुस्लिम युवक, जिसने गांव के मदरसे में प्रारंभिक पढ़ाई पूरी करके मौलवी की पदवी हासिल की; संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) 2018 की ऑल इंडिया रैंकिंग में 751वां स्थान प्राप्त किया है. UPSC की परीक्षा उतीर्ण करने वाले बिहार के गया जिले के निवासी शाहिद रजा खान की शुरुआती पढ़ाई बेहद ही मुश्किलों से हुई. पिछले दिनों यूपीएससी का रिजल्ट आने के कई दिनों बाद शाहिद लाइम लाइट में आए. न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए शाहिद ने अपने विचार व व्यक्तिगत जीवन के बारे में विस्तृत रूप से बतलाया. शाहिद का कहना है कि मदरसे में पढ़ाई के दौरान ही सिविल सर्विसेज में जाने के लिए बेहद आतुर था. मदरसे में पढ़ाई करने के बाद मौलवी बने शाहिद रजा खान ने अपने बारे में बताया कि ''मेरी प्रारंभिक शिक्षा एक छोटे से गांव के कस्बे में हुई. इसके बाद मैं आगे की पढ़ाई के लिए आजमगढ़ के मुबारकपुर स्थित अल जमातुल अशर्फिया चला गया. अब मैं जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से पीएचडी (PhD) कर रहा हूं.'' शाहिद रजा ने अपने इस सफलता के पीछे की पूरी कहानी भी बतलाई. रजा ने एएनआई को अपने बारे में बतलाते हुए कहा, ''मैंने मदरसे से अपनी पढ़ाई की, लेकिन शुरुआत से ही सिविल सर्विजेज में जाने के लिए इच्छुक था. इसके लिए मेरी मां ही प्रेरणा देती हैं, मैं जो कुछ भी चाहता था उन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया और मेरे पढ़ाई पर जोर दिया.'' शाहिद रजा खान ने आगे कहा, ''कोई भी मदरसा, मस्जिद या फिर धर्म रूढ़ नहीं होना चाहिए. धर्म हमें मानवता की सेवा करना सिखाता है, मैं भी यही करूंगा.''
संक्षिप्त पाठ: मौलवी ने पास की UPSC मदरसे से की है पढ़ाई JNU से कर रहे पीएचडी
27
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: रेलवे भर्ती बोर्ड (Railway Recruitment Board) किसी भी समय ग्रुप डी के 62 हजार 907 पदों पर हुई परीक्षा का रिजल्ट (RRB Group D Result) जारी कर सकता है. आरआरबी के वरिष्ठ अधिकारी ने NDTV को बताया, ''परीक्षा का रिजल्ट (Railway Group D Result) मध्य फरवरी में किसी भी दिन जारी कर दिया जाएगा. रिजल्ट (RRB Result) जारी करने को लेकर कोई तारीख तय नहीं हुई है.'' बता दें कि मध्य फरवरी के हिसाब से अब रिजल्ट (RRB Group D Result 2018-19) किसी भी दिन और समय जारी किया जा सकता है. ऐसे में उम्मीदवार अपने रीजन की आआरबी वेबसाइट पर रेगुलर विजित करते रहें. रिजल्ट जारी होने के बाद ग्रुप डी (RRB Group D) के पदों पर दूसरे स्टेज की परीक्षा आयोजित की जाएगी. दूसरे स्टेज के लिए उम्मीदवारों को अभी से तैयारी शुरू कर देनी चाहिए. दूसरे स्टेज में शारीरिक दक्षता परीक्षा होगी. बता दें कि ये परीक्षा आसान नहीं होने वाली है, ऐसे में उम्मीदवारों को अच्छी तैयारी की जरूरत है. रिजल्ट और बाकी सभी अपडेट के लिए लाइव अपडेट चेक करें.   RRB Group D Result 2018-19: जल्द जारी होगा रिजल्ट, जानिए हर डिटेल और अपडेट
सारांश: ग्रुप डी का रिजल्ट किसी भी समय जारी किया जा सकता है. रिजल्ट सभी आरआरबी वेबसाइट्स पर जारी किया जाएगा. रिजल्ट चेक करने के लिए वेबसाइट्स पर रेगुलर विजिट करते रहें.
31
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: सीमा सुरक्षा बल :बीएसएफ: की परिवहन विमान हासिल करने की योजना को उस वक्त करारा झटका लगा जब तकनीकी विवरणों से लैस दस्तावेजों में कुछ कथित खामियां पाई गईं। इसके बाद गृह मंत्रालय और भारतीय वायुसेना को जांच का आदेश देना पड़ा। सौदे में खामियों से जुड़े इस पूरे वाकये पर बीएसएफ तो अब तक खामोश है लेकिन सूत्रों का कहना है कि पूरे मामले की तहकीकात जारी है। भारतीय वायुसेना के सूत्रों ने कहा कि दिसंबर के आखिरी हफ्ते में मामले की जांच शुरू कर दी गई थी। गृह मंत्रालय ने भी उस वक्त जांच के आदेश दिए जब पाया गया कि बीएसएफ के दस्तावेजों के साथ संभवत: छेड़छाड़ की गईं। उन्होंने कहा कि हाल में यह खामियां उस वक्त सामने आयीं जब उस अंतरराष्ट्रीय कंपनी के साथ बातचीत जारी थी जिसने लाखों डॉलर के इस सौदे के लिए अपनी रुचि दिखायी थी। सूत्रों ने कहा कि अंतिम चरण में रही बातचीत के दौरान पाया गया कि राडार प्रणालियों सहित कई तकनीकी मामलों में कुछ बदलाव लाए गए। ऐसे दस्तावेजों पर भारतीय वायुसेना के अधिकारियों के दस्तखत थे।
संक्षिप्त पाठ: सौदे में खामियों से जुड़े इस पूरे वाकये पर बीएसएफ तो अब तक खामोश है लेकिन सूत्रों का कहना है कि पूरे मामले की तहकीकात जारी है।
13
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: संकटग्रस्त अदाकारा लिंडसे लोहान को बेवर्ली हिल्स स्थित मकान से बाहर होना पड़ सकता है, क्योंकि उनके पास किराया अदा करने के लिए भी पैसे नहीं हैं।टिप्पणियां ऐसशोबिज के मुताबिक, पैसे नहीं होने के कारण लोहान मकान के पट्टे से हटना चाहती हैं। इस मकान को उन्होंने ‘लिज एंड डिक’ फिल्म साइन करने के बाद इस साल के शुरू में किराए पर लिया था। कर नहीं चुकाने के कारण अधिकारियों ने उनके बैंक खाते सील कर दिए थे जिससे उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। मकान का पट्टा फरवरी 2013 तक है। मकान मालिक ने उन्हें आगाह किया है कि पट्टा तोड़ने पर उन्हें भारी-भरकम जुर्माना देना पड़ सकता है। ऐसशोबिज के मुताबिक, पैसे नहीं होने के कारण लोहान मकान के पट्टे से हटना चाहती हैं। इस मकान को उन्होंने ‘लिज एंड डिक’ फिल्म साइन करने के बाद इस साल के शुरू में किराए पर लिया था। कर नहीं चुकाने के कारण अधिकारियों ने उनके बैंक खाते सील कर दिए थे जिससे उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। मकान का पट्टा फरवरी 2013 तक है। मकान मालिक ने उन्हें आगाह किया है कि पट्टा तोड़ने पर उन्हें भारी-भरकम जुर्माना देना पड़ सकता है। कर नहीं चुकाने के कारण अधिकारियों ने उनके बैंक खाते सील कर दिए थे जिससे उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। मकान का पट्टा फरवरी 2013 तक है। मकान मालिक ने उन्हें आगाह किया है कि पट्टा तोड़ने पर उन्हें भारी-भरकम जुर्माना देना पड़ सकता है।
संकटग्रस्त अदाकारा लिंडसे लोहान को बेवर्ली हिल्स स्थित मकान से बाहर होना पड़ सकता है, क्योंकि उनके पास किराया अदा करने के लिए भी पैसे नहीं हैं।
6
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: दिल्ली में प्रदूषण बेहद ख़तरनाक स्तर तक पहुंच चुका है. शनिवार की सुबह प्रदूषण का स्तर 500 दर्ज किया गया. इससे पहले शुक्रवार को कई जगह एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 500 के पार पहुंच गया था. यानी दिल्ली में इमरजेंसी जैसे हालात हो चुकी है, जिसके मद्देनज़र दिल्ली सरकार ने 5 नवंबर तक सभी स्कूल बंद करने का ऐलान किया है. शुक्रवार से दिल्ली सरकार ने मुफ़्त मास्क बांटना भी शुरू कर दिया. इस बीच ऑड ईवन के लिए दफ्तरों के टाइम बदल दिये गये हैं. AIIMS के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने NDTV से बात कर दिल्ली में फैले प्रदूषण के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी है. रणदीप गुलेरिया ने कहा, ''AIIMS की OPD और IPD में मरीज़ 20% बढ़ गई है. प्रदूषण बेहद ख़तरनाक स्थिति में है. बच्चों, बुज़ुर्गों, गर्भवती महिलाओं के अलावा सेहतमंद लोग पर भी प्रभाव पड़ने लगा है.'' मास्क को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, ''मास्क प्रदूषण से बचाने के लिए कारगर नहीं है. N95 मास्क जो सरकार बांट रही है उससे बचाव नहीं. ये ढीला रहता है अगल बगल से प्रदूषण जाता रहता है. मास्क को बहुत टाइट रखना होगा. आप ज़्यादा टाइट रखेंगे तो आपका दम घुटेगा, इसलिए मास्क कारगर नहीं है. हमे प्रदूषण ख़त्म करना होगा.'' सुझाव में रणदीप में बताया कि लोगों को मॉर्निंग या इवनिंग वॉक बंद करना चाहिए. ज्यादा बाहर नहीं रहना चाहिए. काफ़ी लोग दिल्ली से बाहर चले गए हैं. हर व्यक्ति की सेहत पर प्रभाव पड़ रहा है. बताते चले कि प्रदूषण के इस स्तर को देख दिल्ली में हेल्थ एमरजेंसी घोषित कर दी गई है. लोधी रोड एरिया में पीएम2.5 (PM2.5) और पीएम10 (PM10) दोनों ही 500 पाए गए. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने 1 नवंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस खतरनाक प्रदूषण की वजह पंजाब और हरियाणा में जलती पराली को बताया. साथ ही प्रदूषण को कम करने के पहल में ऑड-ईवन (Odd-Even) के बारे में भी चर्चा की. दिल्ली में 4 नवंबर सोमवार से 12 दिन तक वाहनों को सम-विषम के आधार पर चलाने की योजना जारी रहेगी.
संक्षिप्त पाठ: दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक शनिवार की सुबह प्रदूषण का स्तर 500 दर्ज किया गया AIIMS के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कही ये बात
14
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने अपने कार्यक्रम 'सत्यमेव जयते' के जरिए मेडिकल समुदाय के प्रति 'गलत संदेश' भेजने को लेकर आमिर खान से माफी की मांग की है, लेकिन गीतकार जावेद अख्तर ने आईएमए की मांग को गलत बताया है।टिप्पणियां अख्तर ने तो यहां तक कहा कि आमिर से माफी मांगने संबंधी आईएमए का फैसला गलत है। अख्तर ने ट्विटर पर जारी अपने संदेश में लिखा है, आईएमए ने आमिर से माफी की मांग की है। यह गलत है। आमिर को ऐसा इसलिए कहने को कहा जा रहा है, क्योंकि उन्होंने चिकित्सा क्षेत्र की गलतियों को उजागर किया है। कन्या भ्रूण हत्या और दहेज जैसी सामाजिक बुराइयों पर प्रकाश डालने के बाद आमिर ने अपने कार्यक्रम के एक एपिसोड में स्वास्थ्य पेशे में जारी गलत कार्यों को उजागर करने का काम किया था। इसी एपिसोड पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए देश की सबसे बड़ी मेडिकल संस्था-आईएमए ने आमिर से माफी की मांग की है। अख्तर ने इस बारे में लिखा है, आमिर नहीं, बल्कि कुछ लालची, अनैतिक और भ्रष्ट डॉक्टर इस पेशे और ईमानदार डॉक्टरों की तौहीन कर रहे हैं। अख्तर ने तो यहां तक कहा कि आमिर से माफी मांगने संबंधी आईएमए का फैसला गलत है। अख्तर ने ट्विटर पर जारी अपने संदेश में लिखा है, आईएमए ने आमिर से माफी की मांग की है। यह गलत है। आमिर को ऐसा इसलिए कहने को कहा जा रहा है, क्योंकि उन्होंने चिकित्सा क्षेत्र की गलतियों को उजागर किया है। कन्या भ्रूण हत्या और दहेज जैसी सामाजिक बुराइयों पर प्रकाश डालने के बाद आमिर ने अपने कार्यक्रम के एक एपिसोड में स्वास्थ्य पेशे में जारी गलत कार्यों को उजागर करने का काम किया था। इसी एपिसोड पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए देश की सबसे बड़ी मेडिकल संस्था-आईएमए ने आमिर से माफी की मांग की है। अख्तर ने इस बारे में लिखा है, आमिर नहीं, बल्कि कुछ लालची, अनैतिक और भ्रष्ट डॉक्टर इस पेशे और ईमानदार डॉक्टरों की तौहीन कर रहे हैं। कन्या भ्रूण हत्या और दहेज जैसी सामाजिक बुराइयों पर प्रकाश डालने के बाद आमिर ने अपने कार्यक्रम के एक एपिसोड में स्वास्थ्य पेशे में जारी गलत कार्यों को उजागर करने का काम किया था। इसी एपिसोड पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए देश की सबसे बड़ी मेडिकल संस्था-आईएमए ने आमिर से माफी की मांग की है। अख्तर ने इस बारे में लिखा है, आमिर नहीं, बल्कि कुछ लालची, अनैतिक और भ्रष्ट डॉक्टर इस पेशे और ईमानदार डॉक्टरों की तौहीन कर रहे हैं।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 'सत्यमेव जयते' के जरिए मेडिकल समुदाय के प्रति कथित गलत संदेश भेजने पर आमिर से माफी की मांग की है, लेकिन जावेद अख्तर ने आईएमए की मांग को गलत बताया है।
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['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: एमए चिदम्बरम स्टेडियम में तमिलनाडु और राजस्थान की टीमों के बीच खेला गया रणजी ट्रॉफी फाइनल मुकाबला सोमवार को हार-जीत के फैसले के बगैर खत्म हुआ लेकिन पहली पारी में मिली बढ़त के आधार राजस्थान ने विजेता बनने का गौरव हासिल किया। राजस्थान की टीम लगातार दूसरी बार चैम्पियन बनी है। राजस्थान द्वारा जीत के लिए रखे गए 531 रनों के जवाब में तमिलनाडु की टीम ने मैच के पांचवें दिन सोमवार को दो विकेट के नुकसान पर आठ रन बनाए। कुथेथुरश्री वासुदेवदास सात रन पर और सुब्रह्यण्यम बद्रीनाथ बिना खाता खोले नाबाद लौटे। पहली पारी में 257 रन बनाने वाले विनीत सक्सेना को 'मैन ऑफ द मैच' घोषित किया गया। तमिलनाडु की दूसरी पारी की शुरुआत अच्छी नहीं रही और पारी के पहले ओवर की पहली ही गेंद पर यो महेश खाता खोले बगैर गजेन्द्र सिंह की गेंद पर पगबाधा आउट हो गए। टीम के कुल योग में अभी सात रन ही जुड़े थे कि अभिनव मुकुंद भी एक रन बनाकर गजेन्द्र के दूसरे शिकार हो गए। राजस्थान की ओर से दूसरी पारी में गजेन्द्र ने दो विकेट झटके। इससे पहले, राजस्थान ने अपनी दूसरी पारी पांच विकेट पर 204 रन बनाकर घोषित की। राजस्थान की ओर से दूसरी पारी में रोबिन बिष्ट ने सबसे अधिक 92 रन बनाए। उन्होंने इस दौरान 185 गेंदों पर 13 चौके लगाए। राजस्थान की ओर से पांचवें दिन के खेल की शुरुआत रविवार को नाबाद लौटे बल्लेबाज आकाश चोपड़ा (10) और विनीत सक्सेना (10) ने की। राजस्थान ने चौथे दिन के खेल की समाप्ति तक अपनी दूसरी पारी में बिना कोई विकेट गंवाए 21 रन बनाए थे। चोपड़ा सुबह आठ रन और जोड़कर 18 रन के निजी योग पर जगन्नाथन कौशिक की गेंद पर उन्हीं को कैच थमा बैठे। इसके बाद पहली पारी में दोहरा शतक लगाने वाले सक्सेना दूसरी पारी में कुछ खास नहीं कर सके और वह एक चौके की मदद से 13 रन बनाकर रामास्वामी प्रसन्ना की गेंद पर बोल्ड हो गए। कप्तान ऋषिकेश कानितकर को 12 रन के निजी योग पर मुरली विजय ने पगबाधा आउट किया। कानितकर ने बिष्ट के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 41 रन जोड़े। पुनीत यादव बिना खाता खोले आउट हुए वहीं रश्मि परिदा (43) और दिशांत याज्ञनिक (9) नाबाद लौटे। तमिलनाडु की ओर से दूसरी पारी में प्रसन्ना ने तीन विकेट झटके वहीं कौशिक और विजय के खाते में एक-एक विकेट गया। उल्लेखनीय है कि राजस्थान ने अपनी पहली पारी में 621 रन बनाए थे। इसके जवाब में तमिलनाडु की पहली पारी 295 रनों पर सिमट गई थी। राजस्थान को पहली पारी में 326 रनों की बढ़त प्राप्त थी।टिप्पणियां राजस्थान ने पिछले वर्ष बड़ौदा को हराकर खिताबी जीत दर्ज की थी। इस हार के साथ तमिलनाडु के हाथ से तीसरी बार चैम्पियन बनने का मौका निकल गया। उल्लेखनीय है कि राजस्थान दसवीं बार खिताबी मुकाबले में पहुंचा था। इससे पहले, सात मौकों पर राजस्थान को 39 बार के चैम्पियन मुम्बई के हाथों हार का सामना करना पड़ा था जबकि एक बार फाइनल में उसे कर्नाटक ने हराया था। राजस्थान द्वारा जीत के लिए रखे गए 531 रनों के जवाब में तमिलनाडु की टीम ने मैच के पांचवें दिन सोमवार को दो विकेट के नुकसान पर आठ रन बनाए। कुथेथुरश्री वासुदेवदास सात रन पर और सुब्रह्यण्यम बद्रीनाथ बिना खाता खोले नाबाद लौटे। पहली पारी में 257 रन बनाने वाले विनीत सक्सेना को 'मैन ऑफ द मैच' घोषित किया गया। तमिलनाडु की दूसरी पारी की शुरुआत अच्छी नहीं रही और पारी के पहले ओवर की पहली ही गेंद पर यो महेश खाता खोले बगैर गजेन्द्र सिंह की गेंद पर पगबाधा आउट हो गए। टीम के कुल योग में अभी सात रन ही जुड़े थे कि अभिनव मुकुंद भी एक रन बनाकर गजेन्द्र के दूसरे शिकार हो गए। राजस्थान की ओर से दूसरी पारी में गजेन्द्र ने दो विकेट झटके। इससे पहले, राजस्थान ने अपनी दूसरी पारी पांच विकेट पर 204 रन बनाकर घोषित की। राजस्थान की ओर से दूसरी पारी में रोबिन बिष्ट ने सबसे अधिक 92 रन बनाए। उन्होंने इस दौरान 185 गेंदों पर 13 चौके लगाए। राजस्थान की ओर से पांचवें दिन के खेल की शुरुआत रविवार को नाबाद लौटे बल्लेबाज आकाश चोपड़ा (10) और विनीत सक्सेना (10) ने की। राजस्थान ने चौथे दिन के खेल की समाप्ति तक अपनी दूसरी पारी में बिना कोई विकेट गंवाए 21 रन बनाए थे। चोपड़ा सुबह आठ रन और जोड़कर 18 रन के निजी योग पर जगन्नाथन कौशिक की गेंद पर उन्हीं को कैच थमा बैठे। इसके बाद पहली पारी में दोहरा शतक लगाने वाले सक्सेना दूसरी पारी में कुछ खास नहीं कर सके और वह एक चौके की मदद से 13 रन बनाकर रामास्वामी प्रसन्ना की गेंद पर बोल्ड हो गए। कप्तान ऋषिकेश कानितकर को 12 रन के निजी योग पर मुरली विजय ने पगबाधा आउट किया। कानितकर ने बिष्ट के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 41 रन जोड़े। पुनीत यादव बिना खाता खोले आउट हुए वहीं रश्मि परिदा (43) और दिशांत याज्ञनिक (9) नाबाद लौटे। तमिलनाडु की ओर से दूसरी पारी में प्रसन्ना ने तीन विकेट झटके वहीं कौशिक और विजय के खाते में एक-एक विकेट गया। उल्लेखनीय है कि राजस्थान ने अपनी पहली पारी में 621 रन बनाए थे। इसके जवाब में तमिलनाडु की पहली पारी 295 रनों पर सिमट गई थी। राजस्थान को पहली पारी में 326 रनों की बढ़त प्राप्त थी।टिप्पणियां राजस्थान ने पिछले वर्ष बड़ौदा को हराकर खिताबी जीत दर्ज की थी। इस हार के साथ तमिलनाडु के हाथ से तीसरी बार चैम्पियन बनने का मौका निकल गया। उल्लेखनीय है कि राजस्थान दसवीं बार खिताबी मुकाबले में पहुंचा था। इससे पहले, सात मौकों पर राजस्थान को 39 बार के चैम्पियन मुम्बई के हाथों हार का सामना करना पड़ा था जबकि एक बार फाइनल में उसे कर्नाटक ने हराया था। तमिलनाडु की दूसरी पारी की शुरुआत अच्छी नहीं रही और पारी के पहले ओवर की पहली ही गेंद पर यो महेश खाता खोले बगैर गजेन्द्र सिंह की गेंद पर पगबाधा आउट हो गए। टीम के कुल योग में अभी सात रन ही जुड़े थे कि अभिनव मुकुंद भी एक रन बनाकर गजेन्द्र के दूसरे शिकार हो गए। राजस्थान की ओर से दूसरी पारी में गजेन्द्र ने दो विकेट झटके। इससे पहले, राजस्थान ने अपनी दूसरी पारी पांच विकेट पर 204 रन बनाकर घोषित की। राजस्थान की ओर से दूसरी पारी में रोबिन बिष्ट ने सबसे अधिक 92 रन बनाए। उन्होंने इस दौरान 185 गेंदों पर 13 चौके लगाए। राजस्थान की ओर से पांचवें दिन के खेल की शुरुआत रविवार को नाबाद लौटे बल्लेबाज आकाश चोपड़ा (10) और विनीत सक्सेना (10) ने की। राजस्थान ने चौथे दिन के खेल की समाप्ति तक अपनी दूसरी पारी में बिना कोई विकेट गंवाए 21 रन बनाए थे। चोपड़ा सुबह आठ रन और जोड़कर 18 रन के निजी योग पर जगन्नाथन कौशिक की गेंद पर उन्हीं को कैच थमा बैठे। इसके बाद पहली पारी में दोहरा शतक लगाने वाले सक्सेना दूसरी पारी में कुछ खास नहीं कर सके और वह एक चौके की मदद से 13 रन बनाकर रामास्वामी प्रसन्ना की गेंद पर बोल्ड हो गए। कप्तान ऋषिकेश कानितकर को 12 रन के निजी योग पर मुरली विजय ने पगबाधा आउट किया। कानितकर ने बिष्ट के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 41 रन जोड़े। पुनीत यादव बिना खाता खोले आउट हुए वहीं रश्मि परिदा (43) और दिशांत याज्ञनिक (9) नाबाद लौटे। तमिलनाडु की ओर से दूसरी पारी में प्रसन्ना ने तीन विकेट झटके वहीं कौशिक और विजय के खाते में एक-एक विकेट गया। उल्लेखनीय है कि राजस्थान ने अपनी पहली पारी में 621 रन बनाए थे। इसके जवाब में तमिलनाडु की पहली पारी 295 रनों पर सिमट गई थी। राजस्थान को पहली पारी में 326 रनों की बढ़त प्राप्त थी।टिप्पणियां राजस्थान ने पिछले वर्ष बड़ौदा को हराकर खिताबी जीत दर्ज की थी। इस हार के साथ तमिलनाडु के हाथ से तीसरी बार चैम्पियन बनने का मौका निकल गया। उल्लेखनीय है कि राजस्थान दसवीं बार खिताबी मुकाबले में पहुंचा था। इससे पहले, सात मौकों पर राजस्थान को 39 बार के चैम्पियन मुम्बई के हाथों हार का सामना करना पड़ा था जबकि एक बार फाइनल में उसे कर्नाटक ने हराया था। टीम के कुल योग में अभी सात रन ही जुड़े थे कि अभिनव मुकुंद भी एक रन बनाकर गजेन्द्र के दूसरे शिकार हो गए। राजस्थान की ओर से दूसरी पारी में गजेन्द्र ने दो विकेट झटके। इससे पहले, राजस्थान ने अपनी दूसरी पारी पांच विकेट पर 204 रन बनाकर घोषित की। राजस्थान की ओर से दूसरी पारी में रोबिन बिष्ट ने सबसे अधिक 92 रन बनाए। उन्होंने इस दौरान 185 गेंदों पर 13 चौके लगाए। राजस्थान की ओर से पांचवें दिन के खेल की शुरुआत रविवार को नाबाद लौटे बल्लेबाज आकाश चोपड़ा (10) और विनीत सक्सेना (10) ने की। राजस्थान ने चौथे दिन के खेल की समाप्ति तक अपनी दूसरी पारी में बिना कोई विकेट गंवाए 21 रन बनाए थे। चोपड़ा सुबह आठ रन और जोड़कर 18 रन के निजी योग पर जगन्नाथन कौशिक की गेंद पर उन्हीं को कैच थमा बैठे। इसके बाद पहली पारी में दोहरा शतक लगाने वाले सक्सेना दूसरी पारी में कुछ खास नहीं कर सके और वह एक चौके की मदद से 13 रन बनाकर रामास्वामी प्रसन्ना की गेंद पर बोल्ड हो गए। कप्तान ऋषिकेश कानितकर को 12 रन के निजी योग पर मुरली विजय ने पगबाधा आउट किया। कानितकर ने बिष्ट के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 41 रन जोड़े। पुनीत यादव बिना खाता खोले आउट हुए वहीं रश्मि परिदा (43) और दिशांत याज्ञनिक (9) नाबाद लौटे। तमिलनाडु की ओर से दूसरी पारी में प्रसन्ना ने तीन विकेट झटके वहीं कौशिक और विजय के खाते में एक-एक विकेट गया। उल्लेखनीय है कि राजस्थान ने अपनी पहली पारी में 621 रन बनाए थे। इसके जवाब में तमिलनाडु की पहली पारी 295 रनों पर सिमट गई थी। राजस्थान को पहली पारी में 326 रनों की बढ़त प्राप्त थी।टिप्पणियां राजस्थान ने पिछले वर्ष बड़ौदा को हराकर खिताबी जीत दर्ज की थी। इस हार के साथ तमिलनाडु के हाथ से तीसरी बार चैम्पियन बनने का मौका निकल गया। उल्लेखनीय है कि राजस्थान दसवीं बार खिताबी मुकाबले में पहुंचा था। इससे पहले, सात मौकों पर राजस्थान को 39 बार के चैम्पियन मुम्बई के हाथों हार का सामना करना पड़ा था जबकि एक बार फाइनल में उसे कर्नाटक ने हराया था। इससे पहले, राजस्थान ने अपनी दूसरी पारी पांच विकेट पर 204 रन बनाकर घोषित की। राजस्थान की ओर से दूसरी पारी में रोबिन बिष्ट ने सबसे अधिक 92 रन बनाए। उन्होंने इस दौरान 185 गेंदों पर 13 चौके लगाए। राजस्थान की ओर से पांचवें दिन के खेल की शुरुआत रविवार को नाबाद लौटे बल्लेबाज आकाश चोपड़ा (10) और विनीत सक्सेना (10) ने की। राजस्थान ने चौथे दिन के खेल की समाप्ति तक अपनी दूसरी पारी में बिना कोई विकेट गंवाए 21 रन बनाए थे। चोपड़ा सुबह आठ रन और जोड़कर 18 रन के निजी योग पर जगन्नाथन कौशिक की गेंद पर उन्हीं को कैच थमा बैठे। इसके बाद पहली पारी में दोहरा शतक लगाने वाले सक्सेना दूसरी पारी में कुछ खास नहीं कर सके और वह एक चौके की मदद से 13 रन बनाकर रामास्वामी प्रसन्ना की गेंद पर बोल्ड हो गए। कप्तान ऋषिकेश कानितकर को 12 रन के निजी योग पर मुरली विजय ने पगबाधा आउट किया। कानितकर ने बिष्ट के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 41 रन जोड़े। पुनीत यादव बिना खाता खोले आउट हुए वहीं रश्मि परिदा (43) और दिशांत याज्ञनिक (9) नाबाद लौटे। तमिलनाडु की ओर से दूसरी पारी में प्रसन्ना ने तीन विकेट झटके वहीं कौशिक और विजय के खाते में एक-एक विकेट गया। उल्लेखनीय है कि राजस्थान ने अपनी पहली पारी में 621 रन बनाए थे। इसके जवाब में तमिलनाडु की पहली पारी 295 रनों पर सिमट गई थी। राजस्थान को पहली पारी में 326 रनों की बढ़त प्राप्त थी।टिप्पणियां राजस्थान ने पिछले वर्ष बड़ौदा को हराकर खिताबी जीत दर्ज की थी। इस हार के साथ तमिलनाडु के हाथ से तीसरी बार चैम्पियन बनने का मौका निकल गया। उल्लेखनीय है कि राजस्थान दसवीं बार खिताबी मुकाबले में पहुंचा था। इससे पहले, सात मौकों पर राजस्थान को 39 बार के चैम्पियन मुम्बई के हाथों हार का सामना करना पड़ा था जबकि एक बार फाइनल में उसे कर्नाटक ने हराया था। राजस्थान की ओर से पांचवें दिन के खेल की शुरुआत रविवार को नाबाद लौटे बल्लेबाज आकाश चोपड़ा (10) और विनीत सक्सेना (10) ने की। राजस्थान ने चौथे दिन के खेल की समाप्ति तक अपनी दूसरी पारी में बिना कोई विकेट गंवाए 21 रन बनाए थे। चोपड़ा सुबह आठ रन और जोड़कर 18 रन के निजी योग पर जगन्नाथन कौशिक की गेंद पर उन्हीं को कैच थमा बैठे। इसके बाद पहली पारी में दोहरा शतक लगाने वाले सक्सेना दूसरी पारी में कुछ खास नहीं कर सके और वह एक चौके की मदद से 13 रन बनाकर रामास्वामी प्रसन्ना की गेंद पर बोल्ड हो गए। कप्तान ऋषिकेश कानितकर को 12 रन के निजी योग पर मुरली विजय ने पगबाधा आउट किया। कानितकर ने बिष्ट के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 41 रन जोड़े। पुनीत यादव बिना खाता खोले आउट हुए वहीं रश्मि परिदा (43) और दिशांत याज्ञनिक (9) नाबाद लौटे। तमिलनाडु की ओर से दूसरी पारी में प्रसन्ना ने तीन विकेट झटके वहीं कौशिक और विजय के खाते में एक-एक विकेट गया। उल्लेखनीय है कि राजस्थान ने अपनी पहली पारी में 621 रन बनाए थे। इसके जवाब में तमिलनाडु की पहली पारी 295 रनों पर सिमट गई थी। राजस्थान को पहली पारी में 326 रनों की बढ़त प्राप्त थी।टिप्पणियां राजस्थान ने पिछले वर्ष बड़ौदा को हराकर खिताबी जीत दर्ज की थी। इस हार के साथ तमिलनाडु के हाथ से तीसरी बार चैम्पियन बनने का मौका निकल गया। उल्लेखनीय है कि राजस्थान दसवीं बार खिताबी मुकाबले में पहुंचा था। इससे पहले, सात मौकों पर राजस्थान को 39 बार के चैम्पियन मुम्बई के हाथों हार का सामना करना पड़ा था जबकि एक बार फाइनल में उसे कर्नाटक ने हराया था। चोपड़ा सुबह आठ रन और जोड़कर 18 रन के निजी योग पर जगन्नाथन कौशिक की गेंद पर उन्हीं को कैच थमा बैठे। इसके बाद पहली पारी में दोहरा शतक लगाने वाले सक्सेना दूसरी पारी में कुछ खास नहीं कर सके और वह एक चौके की मदद से 13 रन बनाकर रामास्वामी प्रसन्ना की गेंद पर बोल्ड हो गए। कप्तान ऋषिकेश कानितकर को 12 रन के निजी योग पर मुरली विजय ने पगबाधा आउट किया। कानितकर ने बिष्ट के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 41 रन जोड़े। पुनीत यादव बिना खाता खोले आउट हुए वहीं रश्मि परिदा (43) और दिशांत याज्ञनिक (9) नाबाद लौटे। तमिलनाडु की ओर से दूसरी पारी में प्रसन्ना ने तीन विकेट झटके वहीं कौशिक और विजय के खाते में एक-एक विकेट गया। उल्लेखनीय है कि राजस्थान ने अपनी पहली पारी में 621 रन बनाए थे। इसके जवाब में तमिलनाडु की पहली पारी 295 रनों पर सिमट गई थी। राजस्थान को पहली पारी में 326 रनों की बढ़त प्राप्त थी।टिप्पणियां राजस्थान ने पिछले वर्ष बड़ौदा को हराकर खिताबी जीत दर्ज की थी। इस हार के साथ तमिलनाडु के हाथ से तीसरी बार चैम्पियन बनने का मौका निकल गया। उल्लेखनीय है कि राजस्थान दसवीं बार खिताबी मुकाबले में पहुंचा था। इससे पहले, सात मौकों पर राजस्थान को 39 बार के चैम्पियन मुम्बई के हाथों हार का सामना करना पड़ा था जबकि एक बार फाइनल में उसे कर्नाटक ने हराया था। कप्तान ऋषिकेश कानितकर को 12 रन के निजी योग पर मुरली विजय ने पगबाधा आउट किया। कानितकर ने बिष्ट के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 41 रन जोड़े। पुनीत यादव बिना खाता खोले आउट हुए वहीं रश्मि परिदा (43) और दिशांत याज्ञनिक (9) नाबाद लौटे। तमिलनाडु की ओर से दूसरी पारी में प्रसन्ना ने तीन विकेट झटके वहीं कौशिक और विजय के खाते में एक-एक विकेट गया। उल्लेखनीय है कि राजस्थान ने अपनी पहली पारी में 621 रन बनाए थे। इसके जवाब में तमिलनाडु की पहली पारी 295 रनों पर सिमट गई थी। राजस्थान को पहली पारी में 326 रनों की बढ़त प्राप्त थी।टिप्पणियां राजस्थान ने पिछले वर्ष बड़ौदा को हराकर खिताबी जीत दर्ज की थी। इस हार के साथ तमिलनाडु के हाथ से तीसरी बार चैम्पियन बनने का मौका निकल गया। उल्लेखनीय है कि राजस्थान दसवीं बार खिताबी मुकाबले में पहुंचा था। इससे पहले, सात मौकों पर राजस्थान को 39 बार के चैम्पियन मुम्बई के हाथों हार का सामना करना पड़ा था जबकि एक बार फाइनल में उसे कर्नाटक ने हराया था। पुनीत यादव बिना खाता खोले आउट हुए वहीं रश्मि परिदा (43) और दिशांत याज्ञनिक (9) नाबाद लौटे। तमिलनाडु की ओर से दूसरी पारी में प्रसन्ना ने तीन विकेट झटके वहीं कौशिक और विजय के खाते में एक-एक विकेट गया। उल्लेखनीय है कि राजस्थान ने अपनी पहली पारी में 621 रन बनाए थे। इसके जवाब में तमिलनाडु की पहली पारी 295 रनों पर सिमट गई थी। राजस्थान को पहली पारी में 326 रनों की बढ़त प्राप्त थी।टिप्पणियां राजस्थान ने पिछले वर्ष बड़ौदा को हराकर खिताबी जीत दर्ज की थी। इस हार के साथ तमिलनाडु के हाथ से तीसरी बार चैम्पियन बनने का मौका निकल गया। उल्लेखनीय है कि राजस्थान दसवीं बार खिताबी मुकाबले में पहुंचा था। इससे पहले, सात मौकों पर राजस्थान को 39 बार के चैम्पियन मुम्बई के हाथों हार का सामना करना पड़ा था जबकि एक बार फाइनल में उसे कर्नाटक ने हराया था। उल्लेखनीय है कि राजस्थान ने अपनी पहली पारी में 621 रन बनाए थे। इसके जवाब में तमिलनाडु की पहली पारी 295 रनों पर सिमट गई थी। राजस्थान को पहली पारी में 326 रनों की बढ़त प्राप्त थी।टिप्पणियां राजस्थान ने पिछले वर्ष बड़ौदा को हराकर खिताबी जीत दर्ज की थी। इस हार के साथ तमिलनाडु के हाथ से तीसरी बार चैम्पियन बनने का मौका निकल गया। उल्लेखनीय है कि राजस्थान दसवीं बार खिताबी मुकाबले में पहुंचा था। इससे पहले, सात मौकों पर राजस्थान को 39 बार के चैम्पियन मुम्बई के हाथों हार का सामना करना पड़ा था जबकि एक बार फाइनल में उसे कर्नाटक ने हराया था। राजस्थान ने पिछले वर्ष बड़ौदा को हराकर खिताबी जीत दर्ज की थी। इस हार के साथ तमिलनाडु के हाथ से तीसरी बार चैम्पियन बनने का मौका निकल गया। उल्लेखनीय है कि राजस्थान दसवीं बार खिताबी मुकाबले में पहुंचा था। इससे पहले, सात मौकों पर राजस्थान को 39 बार के चैम्पियन मुम्बई के हाथों हार का सामना करना पड़ा था जबकि एक बार फाइनल में उसे कर्नाटक ने हराया था। उल्लेखनीय है कि राजस्थान दसवीं बार खिताबी मुकाबले में पहुंचा था। इससे पहले, सात मौकों पर राजस्थान को 39 बार के चैम्पियन मुम्बई के हाथों हार का सामना करना पड़ा था जबकि एक बार फाइनल में उसे कर्नाटक ने हराया था।
संक्षिप्त पाठ: एमए चिदम्बरम स्टेडियम में तमिलनाडु और राजस्थान की टीमों के बीच खेला गया रणजी ट्रॉफी फाइनल मुकाबला सोमवार को हार-जीत के फैसले के बगैर खत्म हुआ लेकिन पहली पारी में मिली बढ़त के आधार राजस्थान ने विजेता बनने का गौरव हासिल किया। राजस्थान की टीम लगातार दूसरी बा
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['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: दिल्ली विश्वविद्यालय के कुछ विद्यालयों ने विज्ञान विषयों में प्रवेश के लिए अहर्ता अंकों में कटौती के साथ रविवार को दूसरी कट-ऑफ सूची जारी की। लेडी श्रीराम कॉलेज, रामजस कॉलेज तथा हंसराज कॉलेज ने नवीन चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए दूसरी कट-ऑफ सूची की घोषणा कर दी। वनस्पतिशास्त्र, भौतिकी, रसायन एवं जंतुविज्ञान में ऑनर्स के लिए इन महाविद्यालयों में कट-ऑफ अंकों में दो से चार प्रतिशत तक की कटौती की गई है। हंसराज कॉलेज में वनस्पतिशास्त्र के लिए कट-ऑफ अंक 86 प्रतिशत है, जबकि इससे पहले यह 92 प्रतिशत था। हंसराज कॉलेज के प्रधानाचार्य वीके कवात्रा ने कहा, "दिल्ली विश्वविद्यालय में इस वर्ष शुरू किए गए बी.टेक. पाठ्यक्रम के कारण अनेक विद्यार्थियों ने इसका चुनाव किया है, क्योंकि इससे उन्हें इंजीनियरिंग की डिग्री मिलेगी। इसीलिए विज्ञान विषयों के कट-ऑफ में गिरावट आई है।" हालांकि विज्ञान विषयों में प्रवेश चाहने वाले विद्यार्थियों को इससे भले ही राहत मिली हो, लेकिन मानविकी में प्रवेश चाहने वाले विद्यार्थियों के लिए राहत की कोई बात नहीं है। मानविकी विषयों के लिए जारी दूसरी कट-ऑफ सूची में अंकों में बमुश्किल 0.25 से एक प्रतिशत तक की गिरावट आई है। टिप्पणियां अर्थशास्त्र में प्रवेश चाहने वाले विद्यार्थियों के लिए कट-ऑफ अभी भी 97 प्रतिशत है। दिल्ली विश्वविद्यालय के अन्य महाविद्यालयों द्वारा एक जुलाई तक दूसरी कट-ऑफ सूची जारी किए जाने की संभावना है। लेडी श्रीराम कॉलेज, रामजस कॉलेज तथा हंसराज कॉलेज ने नवीन चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए दूसरी कट-ऑफ सूची की घोषणा कर दी। वनस्पतिशास्त्र, भौतिकी, रसायन एवं जंतुविज्ञान में ऑनर्स के लिए इन महाविद्यालयों में कट-ऑफ अंकों में दो से चार प्रतिशत तक की कटौती की गई है। हंसराज कॉलेज में वनस्पतिशास्त्र के लिए कट-ऑफ अंक 86 प्रतिशत है, जबकि इससे पहले यह 92 प्रतिशत था। हंसराज कॉलेज के प्रधानाचार्य वीके कवात्रा ने कहा, "दिल्ली विश्वविद्यालय में इस वर्ष शुरू किए गए बी.टेक. पाठ्यक्रम के कारण अनेक विद्यार्थियों ने इसका चुनाव किया है, क्योंकि इससे उन्हें इंजीनियरिंग की डिग्री मिलेगी। इसीलिए विज्ञान विषयों के कट-ऑफ में गिरावट आई है।" हालांकि विज्ञान विषयों में प्रवेश चाहने वाले विद्यार्थियों को इससे भले ही राहत मिली हो, लेकिन मानविकी में प्रवेश चाहने वाले विद्यार्थियों के लिए राहत की कोई बात नहीं है। मानविकी विषयों के लिए जारी दूसरी कट-ऑफ सूची में अंकों में बमुश्किल 0.25 से एक प्रतिशत तक की गिरावट आई है। टिप्पणियां अर्थशास्त्र में प्रवेश चाहने वाले विद्यार्थियों के लिए कट-ऑफ अभी भी 97 प्रतिशत है। दिल्ली विश्वविद्यालय के अन्य महाविद्यालयों द्वारा एक जुलाई तक दूसरी कट-ऑफ सूची जारी किए जाने की संभावना है। वनस्पतिशास्त्र, भौतिकी, रसायन एवं जंतुविज्ञान में ऑनर्स के लिए इन महाविद्यालयों में कट-ऑफ अंकों में दो से चार प्रतिशत तक की कटौती की गई है। हंसराज कॉलेज में वनस्पतिशास्त्र के लिए कट-ऑफ अंक 86 प्रतिशत है, जबकि इससे पहले यह 92 प्रतिशत था। हंसराज कॉलेज के प्रधानाचार्य वीके कवात्रा ने कहा, "दिल्ली विश्वविद्यालय में इस वर्ष शुरू किए गए बी.टेक. पाठ्यक्रम के कारण अनेक विद्यार्थियों ने इसका चुनाव किया है, क्योंकि इससे उन्हें इंजीनियरिंग की डिग्री मिलेगी। इसीलिए विज्ञान विषयों के कट-ऑफ में गिरावट आई है।" हालांकि विज्ञान विषयों में प्रवेश चाहने वाले विद्यार्थियों को इससे भले ही राहत मिली हो, लेकिन मानविकी में प्रवेश चाहने वाले विद्यार्थियों के लिए राहत की कोई बात नहीं है। मानविकी विषयों के लिए जारी दूसरी कट-ऑफ सूची में अंकों में बमुश्किल 0.25 से एक प्रतिशत तक की गिरावट आई है। टिप्पणियां अर्थशास्त्र में प्रवेश चाहने वाले विद्यार्थियों के लिए कट-ऑफ अभी भी 97 प्रतिशत है। दिल्ली विश्वविद्यालय के अन्य महाविद्यालयों द्वारा एक जुलाई तक दूसरी कट-ऑफ सूची जारी किए जाने की संभावना है। हंसराज कॉलेज में वनस्पतिशास्त्र के लिए कट-ऑफ अंक 86 प्रतिशत है, जबकि इससे पहले यह 92 प्रतिशत था। हंसराज कॉलेज के प्रधानाचार्य वीके कवात्रा ने कहा, "दिल्ली विश्वविद्यालय में इस वर्ष शुरू किए गए बी.टेक. पाठ्यक्रम के कारण अनेक विद्यार्थियों ने इसका चुनाव किया है, क्योंकि इससे उन्हें इंजीनियरिंग की डिग्री मिलेगी। इसीलिए विज्ञान विषयों के कट-ऑफ में गिरावट आई है।" हालांकि विज्ञान विषयों में प्रवेश चाहने वाले विद्यार्थियों को इससे भले ही राहत मिली हो, लेकिन मानविकी में प्रवेश चाहने वाले विद्यार्थियों के लिए राहत की कोई बात नहीं है। मानविकी विषयों के लिए जारी दूसरी कट-ऑफ सूची में अंकों में बमुश्किल 0.25 से एक प्रतिशत तक की गिरावट आई है। टिप्पणियां अर्थशास्त्र में प्रवेश चाहने वाले विद्यार्थियों के लिए कट-ऑफ अभी भी 97 प्रतिशत है। दिल्ली विश्वविद्यालय के अन्य महाविद्यालयों द्वारा एक जुलाई तक दूसरी कट-ऑफ सूची जारी किए जाने की संभावना है। हंसराज कॉलेज के प्रधानाचार्य वीके कवात्रा ने कहा, "दिल्ली विश्वविद्यालय में इस वर्ष शुरू किए गए बी.टेक. पाठ्यक्रम के कारण अनेक विद्यार्थियों ने इसका चुनाव किया है, क्योंकि इससे उन्हें इंजीनियरिंग की डिग्री मिलेगी। इसीलिए विज्ञान विषयों के कट-ऑफ में गिरावट आई है।" हालांकि विज्ञान विषयों में प्रवेश चाहने वाले विद्यार्थियों को इससे भले ही राहत मिली हो, लेकिन मानविकी में प्रवेश चाहने वाले विद्यार्थियों के लिए राहत की कोई बात नहीं है। मानविकी विषयों के लिए जारी दूसरी कट-ऑफ सूची में अंकों में बमुश्किल 0.25 से एक प्रतिशत तक की गिरावट आई है। टिप्पणियां अर्थशास्त्र में प्रवेश चाहने वाले विद्यार्थियों के लिए कट-ऑफ अभी भी 97 प्रतिशत है। दिल्ली विश्वविद्यालय के अन्य महाविद्यालयों द्वारा एक जुलाई तक दूसरी कट-ऑफ सूची जारी किए जाने की संभावना है। हालांकि विज्ञान विषयों में प्रवेश चाहने वाले विद्यार्थियों को इससे भले ही राहत मिली हो, लेकिन मानविकी में प्रवेश चाहने वाले विद्यार्थियों के लिए राहत की कोई बात नहीं है। मानविकी विषयों के लिए जारी दूसरी कट-ऑफ सूची में अंकों में बमुश्किल 0.25 से एक प्रतिशत तक की गिरावट आई है। टिप्पणियां अर्थशास्त्र में प्रवेश चाहने वाले विद्यार्थियों के लिए कट-ऑफ अभी भी 97 प्रतिशत है। दिल्ली विश्वविद्यालय के अन्य महाविद्यालयों द्वारा एक जुलाई तक दूसरी कट-ऑफ सूची जारी किए जाने की संभावना है। अर्थशास्त्र में प्रवेश चाहने वाले विद्यार्थियों के लिए कट-ऑफ अभी भी 97 प्रतिशत है। दिल्ली विश्वविद्यालय के अन्य महाविद्यालयों द्वारा एक जुलाई तक दूसरी कट-ऑफ सूची जारी किए जाने की संभावना है। दिल्ली विश्वविद्यालय के अन्य महाविद्यालयों द्वारा एक जुलाई तक दूसरी कट-ऑफ सूची जारी किए जाने की संभावना है।
यह एक सारांश है: दिल्ली विश्वविद्यालय के कुछ विद्यालयों ने विज्ञान विषयों में प्रवेश के लिए अहर्ता अंकों में कटौती के साथ रविवार को दूसरी कट-ऑफ सूची जारी की।
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['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: दिल्ली में प्रशिक्षु फीजियोथेरापिस्ट के साथ चलती बस में क्रूरतापूर्ण सामूहिक दुष्कर्म और हिंसा के कारण हुई उसकी मौत के मामले में गुरुवार को पुलिस ने पांच आरोपियों के खिलाफ 33 पृष्ठों का आरोप-पत्र दाखिल कर दिया। मामले के औपचारिक आरोप पत्र में छठे आरोपी को शामिल नहीं किया गया है। छठा आरोपी नाबालिग है इसलिए उसके खिलाफ मामले की सुनवाई किशोर न्यायिक बोर्ड में होगी। महानगर दंडाधिकारी सूर्य मलिक ग्रोवर के समक्ष आरोप पत्र पेश किया गया है। दंडाधिकारी आरोप पत्र पर 5 जनवरी को विचार करेंगे।टिप्पणियां लोक अभियोजक राजीव मोहन ने आरोप पत्र दाखिल करते हुए ई-आरोप पत्र दाखिल करने के लिए एक दिन का समय मांगा। ज्ञात हो कि 16 दिसंबर की रात छह लोगों ने 23 वर्षीया युवती के साथ चलती बस में दुष्कर्म किया था और विरोध करने पर उसे और उसके मित्र की बुरी तरह पिटाई की थी। घायल युवक और युवती को चलती बस से आरोपियों ने फेंक दिया था। उसे इलाज के लिए सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां हालत बिगड़ने पर उसे इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया। इलाज के दौरान 29 दिसम्बर को सिंगापुर में युवती की मौत हो गई। दिल्ली में 30 दिसम्बर को उसका अंतिम संस्कार किया गया। मामले के औपचारिक आरोप पत्र में छठे आरोपी को शामिल नहीं किया गया है। छठा आरोपी नाबालिग है इसलिए उसके खिलाफ मामले की सुनवाई किशोर न्यायिक बोर्ड में होगी। महानगर दंडाधिकारी सूर्य मलिक ग्रोवर के समक्ष आरोप पत्र पेश किया गया है। दंडाधिकारी आरोप पत्र पर 5 जनवरी को विचार करेंगे।टिप्पणियां लोक अभियोजक राजीव मोहन ने आरोप पत्र दाखिल करते हुए ई-आरोप पत्र दाखिल करने के लिए एक दिन का समय मांगा। ज्ञात हो कि 16 दिसंबर की रात छह लोगों ने 23 वर्षीया युवती के साथ चलती बस में दुष्कर्म किया था और विरोध करने पर उसे और उसके मित्र की बुरी तरह पिटाई की थी। घायल युवक और युवती को चलती बस से आरोपियों ने फेंक दिया था। उसे इलाज के लिए सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां हालत बिगड़ने पर उसे इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया। इलाज के दौरान 29 दिसम्बर को सिंगापुर में युवती की मौत हो गई। दिल्ली में 30 दिसम्बर को उसका अंतिम संस्कार किया गया। महानगर दंडाधिकारी सूर्य मलिक ग्रोवर के समक्ष आरोप पत्र पेश किया गया है। दंडाधिकारी आरोप पत्र पर 5 जनवरी को विचार करेंगे।टिप्पणियां लोक अभियोजक राजीव मोहन ने आरोप पत्र दाखिल करते हुए ई-आरोप पत्र दाखिल करने के लिए एक दिन का समय मांगा। ज्ञात हो कि 16 दिसंबर की रात छह लोगों ने 23 वर्षीया युवती के साथ चलती बस में दुष्कर्म किया था और विरोध करने पर उसे और उसके मित्र की बुरी तरह पिटाई की थी। घायल युवक और युवती को चलती बस से आरोपियों ने फेंक दिया था। उसे इलाज के लिए सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां हालत बिगड़ने पर उसे इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया। इलाज के दौरान 29 दिसम्बर को सिंगापुर में युवती की मौत हो गई। दिल्ली में 30 दिसम्बर को उसका अंतिम संस्कार किया गया। लोक अभियोजक राजीव मोहन ने आरोप पत्र दाखिल करते हुए ई-आरोप पत्र दाखिल करने के लिए एक दिन का समय मांगा। ज्ञात हो कि 16 दिसंबर की रात छह लोगों ने 23 वर्षीया युवती के साथ चलती बस में दुष्कर्म किया था और विरोध करने पर उसे और उसके मित्र की बुरी तरह पिटाई की थी। घायल युवक और युवती को चलती बस से आरोपियों ने फेंक दिया था। उसे इलाज के लिए सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां हालत बिगड़ने पर उसे इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया। इलाज के दौरान 29 दिसम्बर को सिंगापुर में युवती की मौत हो गई। दिल्ली में 30 दिसम्बर को उसका अंतिम संस्कार किया गया। ज्ञात हो कि 16 दिसंबर की रात छह लोगों ने 23 वर्षीया युवती के साथ चलती बस में दुष्कर्म किया था और विरोध करने पर उसे और उसके मित्र की बुरी तरह पिटाई की थी। घायल युवक और युवती को चलती बस से आरोपियों ने फेंक दिया था। उसे इलाज के लिए सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां हालत बिगड़ने पर उसे इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया। इलाज के दौरान 29 दिसम्बर को सिंगापुर में युवती की मौत हो गई। दिल्ली में 30 दिसम्बर को उसका अंतिम संस्कार किया गया।
दिल्ली की साकेत कोर्ट में पुलिस ने गुरुवार को ई-चार्जशीट दायर कर दी है। कुल 11 धाराओं में पुलिस ने चार्जशीट दायर की है। पांच लोगों को पुलिस ने आरोपी बनाया है। छठे आरोपी पर मामला जूविनाइल कोर्ट में चलेगा।
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['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: 2जी मामले में 122 लाइसेंसों के खारिज किए जाने के फैसले के बाद अगली रणनीति तैयार करने के लिए दूरसंचार कम्पनियों ने नामी गिरामी वकीलों और कानूनी सलाहकार कम्पनियों को नियुक्त किया है। वरिष्ठ वकीलों का हालांकि यह मानना है कि फैसले में कोई बदलाव की नगण्य सम्भावना है। वकील समुदाय के बीच उपलब्ध जानकारी के मुताबिक 2जी मामले की सुनवाई के दौरान सलाह देने के लिए टाटा टेलीसर्विसेज और एलियांज इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड ने हरीश साल्वे को नियुक्त किया है। आईडिया सीएस वैद्यनाथन को बरकरार रखा है, जबकि लूप ने अर्यामा सुंदरम को नियुक्त किया है। इसके अलावा कम्पनियों ने हम्मूराबी और सोलोमन, अमरचंद मंगलदास, जे. सागर एंड एसोसिएट्स एंड करंजावाला एंड कम्पनी जैसी कानूनी सलाहकार कम्पनियों की भी सेवा ले रखी है। दूरसंचार कम्पनी आइडिया के एक बयान में कहा गया कि उसे सिर्फ इसलिए दंडित किया गया, क्योंकि उस 18 महीने बाद लाइसेंस जारी किया गया था। बयान में कहा गया, "हम सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर विचार करेंगे और अपने निवेश की सुरक्षा की सम्भावना तलाशेंगे।" यूनीनॉर में निवेश करने वाली नॉर्वे की कम्पनी ने एक बयान में कहा, "टेलीनॉर समूह चाहता है कि यूनीनार का संचालन जारी रहे। हमारी मंशा देश में हमारे कानून सम्मत निवेश को बचाने के लिए लड़ने की है।"टिप्पणियां कुछ कानूनी जानकारों का हालांकि कहना है कि फैसले में बदलाव होने की कम ही सम्भावना है। वैद्यनाथ ने कहा, "समीक्षा याचिका पर कई बार सुनवाई नहीं होती है।" उन्होंने कहा कि जहां तक उपचारात्मक याचिका का सवाल है। इसपर सुनवाई तभी होती है, जब आपके पास इस बात का पुख्ता आधार हो कि आपको सुनवाई का मौका नहीं मिला और आपके प्राकृतिक न्याय के अधिकार का उल्लंघन हुआ। उन्होंने कहा कि इस मामले में यह स्थिति नहीं है। इसलिए कम्पनियों के लिए मुनासिब यही है कि वे वाजिब प्रक्रिया (स्पेक्ट्रम की नीलामी) में शामिल हों। वकील समुदाय के बीच उपलब्ध जानकारी के मुताबिक 2जी मामले की सुनवाई के दौरान सलाह देने के लिए टाटा टेलीसर्विसेज और एलियांज इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड ने हरीश साल्वे को नियुक्त किया है। आईडिया सीएस वैद्यनाथन को बरकरार रखा है, जबकि लूप ने अर्यामा सुंदरम को नियुक्त किया है। इसके अलावा कम्पनियों ने हम्मूराबी और सोलोमन, अमरचंद मंगलदास, जे. सागर एंड एसोसिएट्स एंड करंजावाला एंड कम्पनी जैसी कानूनी सलाहकार कम्पनियों की भी सेवा ले रखी है। दूरसंचार कम्पनी आइडिया के एक बयान में कहा गया कि उसे सिर्फ इसलिए दंडित किया गया, क्योंकि उस 18 महीने बाद लाइसेंस जारी किया गया था। बयान में कहा गया, "हम सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर विचार करेंगे और अपने निवेश की सुरक्षा की सम्भावना तलाशेंगे।" यूनीनॉर में निवेश करने वाली नॉर्वे की कम्पनी ने एक बयान में कहा, "टेलीनॉर समूह चाहता है कि यूनीनार का संचालन जारी रहे। हमारी मंशा देश में हमारे कानून सम्मत निवेश को बचाने के लिए लड़ने की है।"टिप्पणियां कुछ कानूनी जानकारों का हालांकि कहना है कि फैसले में बदलाव होने की कम ही सम्भावना है। वैद्यनाथ ने कहा, "समीक्षा याचिका पर कई बार सुनवाई नहीं होती है।" उन्होंने कहा कि जहां तक उपचारात्मक याचिका का सवाल है। इसपर सुनवाई तभी होती है, जब आपके पास इस बात का पुख्ता आधार हो कि आपको सुनवाई का मौका नहीं मिला और आपके प्राकृतिक न्याय के अधिकार का उल्लंघन हुआ। उन्होंने कहा कि इस मामले में यह स्थिति नहीं है। इसलिए कम्पनियों के लिए मुनासिब यही है कि वे वाजिब प्रक्रिया (स्पेक्ट्रम की नीलामी) में शामिल हों। इसके अलावा कम्पनियों ने हम्मूराबी और सोलोमन, अमरचंद मंगलदास, जे. सागर एंड एसोसिएट्स एंड करंजावाला एंड कम्पनी जैसी कानूनी सलाहकार कम्पनियों की भी सेवा ले रखी है। दूरसंचार कम्पनी आइडिया के एक बयान में कहा गया कि उसे सिर्फ इसलिए दंडित किया गया, क्योंकि उस 18 महीने बाद लाइसेंस जारी किया गया था। बयान में कहा गया, "हम सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर विचार करेंगे और अपने निवेश की सुरक्षा की सम्भावना तलाशेंगे।" यूनीनॉर में निवेश करने वाली नॉर्वे की कम्पनी ने एक बयान में कहा, "टेलीनॉर समूह चाहता है कि यूनीनार का संचालन जारी रहे। हमारी मंशा देश में हमारे कानून सम्मत निवेश को बचाने के लिए लड़ने की है।"टिप्पणियां कुछ कानूनी जानकारों का हालांकि कहना है कि फैसले में बदलाव होने की कम ही सम्भावना है। वैद्यनाथ ने कहा, "समीक्षा याचिका पर कई बार सुनवाई नहीं होती है।" उन्होंने कहा कि जहां तक उपचारात्मक याचिका का सवाल है। इसपर सुनवाई तभी होती है, जब आपके पास इस बात का पुख्ता आधार हो कि आपको सुनवाई का मौका नहीं मिला और आपके प्राकृतिक न्याय के अधिकार का उल्लंघन हुआ। उन्होंने कहा कि इस मामले में यह स्थिति नहीं है। इसलिए कम्पनियों के लिए मुनासिब यही है कि वे वाजिब प्रक्रिया (स्पेक्ट्रम की नीलामी) में शामिल हों। दूरसंचार कम्पनी आइडिया के एक बयान में कहा गया कि उसे सिर्फ इसलिए दंडित किया गया, क्योंकि उस 18 महीने बाद लाइसेंस जारी किया गया था। बयान में कहा गया, "हम सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर विचार करेंगे और अपने निवेश की सुरक्षा की सम्भावना तलाशेंगे।" यूनीनॉर में निवेश करने वाली नॉर्वे की कम्पनी ने एक बयान में कहा, "टेलीनॉर समूह चाहता है कि यूनीनार का संचालन जारी रहे। हमारी मंशा देश में हमारे कानून सम्मत निवेश को बचाने के लिए लड़ने की है।"टिप्पणियां कुछ कानूनी जानकारों का हालांकि कहना है कि फैसले में बदलाव होने की कम ही सम्भावना है। वैद्यनाथ ने कहा, "समीक्षा याचिका पर कई बार सुनवाई नहीं होती है।" उन्होंने कहा कि जहां तक उपचारात्मक याचिका का सवाल है। इसपर सुनवाई तभी होती है, जब आपके पास इस बात का पुख्ता आधार हो कि आपको सुनवाई का मौका नहीं मिला और आपके प्राकृतिक न्याय के अधिकार का उल्लंघन हुआ। उन्होंने कहा कि इस मामले में यह स्थिति नहीं है। इसलिए कम्पनियों के लिए मुनासिब यही है कि वे वाजिब प्रक्रिया (स्पेक्ट्रम की नीलामी) में शामिल हों। यूनीनॉर में निवेश करने वाली नॉर्वे की कम्पनी ने एक बयान में कहा, "टेलीनॉर समूह चाहता है कि यूनीनार का संचालन जारी रहे। हमारी मंशा देश में हमारे कानून सम्मत निवेश को बचाने के लिए लड़ने की है।"टिप्पणियां कुछ कानूनी जानकारों का हालांकि कहना है कि फैसले में बदलाव होने की कम ही सम्भावना है। वैद्यनाथ ने कहा, "समीक्षा याचिका पर कई बार सुनवाई नहीं होती है।" उन्होंने कहा कि जहां तक उपचारात्मक याचिका का सवाल है। इसपर सुनवाई तभी होती है, जब आपके पास इस बात का पुख्ता आधार हो कि आपको सुनवाई का मौका नहीं मिला और आपके प्राकृतिक न्याय के अधिकार का उल्लंघन हुआ। उन्होंने कहा कि इस मामले में यह स्थिति नहीं है। इसलिए कम्पनियों के लिए मुनासिब यही है कि वे वाजिब प्रक्रिया (स्पेक्ट्रम की नीलामी) में शामिल हों। कुछ कानूनी जानकारों का हालांकि कहना है कि फैसले में बदलाव होने की कम ही सम्भावना है। वैद्यनाथ ने कहा, "समीक्षा याचिका पर कई बार सुनवाई नहीं होती है।" उन्होंने कहा कि जहां तक उपचारात्मक याचिका का सवाल है। इसपर सुनवाई तभी होती है, जब आपके पास इस बात का पुख्ता आधार हो कि आपको सुनवाई का मौका नहीं मिला और आपके प्राकृतिक न्याय के अधिकार का उल्लंघन हुआ। उन्होंने कहा कि इस मामले में यह स्थिति नहीं है। इसलिए कम्पनियों के लिए मुनासिब यही है कि वे वाजिब प्रक्रिया (स्पेक्ट्रम की नीलामी) में शामिल हों। वैद्यनाथ ने कहा, "समीक्षा याचिका पर कई बार सुनवाई नहीं होती है।" उन्होंने कहा कि जहां तक उपचारात्मक याचिका का सवाल है। इसपर सुनवाई तभी होती है, जब आपके पास इस बात का पुख्ता आधार हो कि आपको सुनवाई का मौका नहीं मिला और आपके प्राकृतिक न्याय के अधिकार का उल्लंघन हुआ। उन्होंने कहा कि इस मामले में यह स्थिति नहीं है। इसलिए कम्पनियों के लिए मुनासिब यही है कि वे वाजिब प्रक्रिया (स्पेक्ट्रम की नीलामी) में शामिल हों।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: 2जी मामले में 122 लाइसेंसों के खारिज किए जाने के फैसले के बाद अगली रणनीति तैयार करने के लिए दूरसंचार कम्पनियों ने नामी गिरामी वकीलों और कानूनी सलाहकार कम्पनियों को नियुक्त किया है।
11
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: नेशलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता  शरद पवार ने दावा किया था कि पीएम मोदी ने साथ काम करने का प्रस्ताव दिया था इस पर एनडीटीवी इंडिया से खास बातचीत करते हुए कहा कि यह पीएम मोदी की 'उदारता' थी लेकिन मेरे पिता ने 'विनम्रतापूर्वक' मना कर दिया था.  उन्होंने कहा, 'मैं इस मीटिंग में नहीं थी. यह दो वरिष्ठों के बीच थी. यह पीएम मोदी की उदारता था कि उन्होंने ऐसा प्रस्ताव दिया. महाराष्ट्र में व्यक्तिगत संबंधों का काफी महत्व होता है भले ही वैचारिक मतभेद हों. लेकिन आपने पवार जी को सुना होगा कि उन्होंने क्या कहा- मैंने विनम्रतापूर्वक न कह दिया'. सुप्रिया सुले ने आगे कहा, 'पवार जी सिर्फ मेरे पिता नहीं हैं वह मेरे बॉस भी हैं. और जैसा कि आप जानते हैं कि बॉस हमेशा सही होते हैं. गौरतलब है कि NCP प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को एक मराठी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में यह दावा किया था 'मोदी ने मुझे साथ मिलकर काम करने का प्रस्ताव दिया था. मैंने उनसे कहा था कि हमारे निजी संबंध बहुत अच्छे हैं और वे हमेशा रहेंगे, लेकिन मेरे लिए साथ मिलकर काम करना संभव नहीं है.' शरद पवार ने ऐसी खबरों को खारिज कर दिया कि मोदी सरकार ने उन्हें देश का राष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव दिया. उन्होंने कहा, 'लेकिन, मोदी नेतृत्व वाली कैबिनेट में सुप्रिया (सुले) को मंत्री बनाने का एक प्रस्ताव जरूर मिला था.' सुप्रिया सुले, पवार की बेटी हैं और पुणे जिला में बारामती से लोकसभा सदस्य हैं. महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चल रहे घटनाक्रम के बीच शरद पवार ने पिछले महीने मोदी से मुलाकात की थी. पीएम नरेंद्र मोदी कई मौके पर पवार की तारीफ कर चुके हैं. पिछले दिनों पीएम मोदी ने कहा था कि संसदीय नियमों का पालन कैसे किया जाता है इस बारे में सभी दलों को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) से सीखना चाहिए. आपको बता दें कि कई नाटकीय घटनमक्रमों के बाद महाराष्ट्र में Congresss- NCP और शिवसेना के गठबंधन वाली सरकार बनी है और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनाए गए हैं.
सारांश: NDTV से खास बातचीत में बोलीं सुप्रिया सुले पीएम मोदी ने दिखाई थी उदारता मेरे पिता ने भी विनम्रतापूर्वक मना कर दिया
33
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: नाथुला दर्रे से जो रास्ता मानसरोवर के लिए जाता था, वो इस  साल के लिए बंद हो गया है. ये अब तय हो चला है. विदेश मंत्रालय से एनडीटीवी इंडिया को मिली हुई जानकारी के मुताबिक़ 28 जून तक दिल्ली से गैंगटोक के लिए चौथा जत्था रवाना होना था. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "अब सिर्फ़ चार बैच और बचे हैं. आख़िरी बैच को 22 जुलाई को दिल्ली से जाना है. जब पहले चार नाथुला क्रॉस नहीं कर पाए तो बाक़ी कैसे जा पाएंगे. इसीलिए इस साल तो ऐसा ही लग रहा है कि नाथूला वाला रूट मानसरोवर यात्रा के लिए बंद है." उधर, भारत और चीन के बीच डोकला में ही नहीं बल्कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर कई जगह तनाव बढ़ गया है.   सेना प्रमुख बिपिन रावत ख़ुद सिक्किम हालत की समीक्षा करने पहुंचे हैं. उन्होंने फ़ॉर्मेशन कमांडर से बैठक की. हलात की समीक्षा करने के बाद दिल्ली आकर वो रिपोर्ट प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंपेंगे.  उत्तर-पूर्व के प्रभारी राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, "हमारे पास जो जानकारी है उसके मुताबिक़ सिक्यरिटी ग्रीड उस इलाक़े की समीक्षा कर रहा है और हालात के मुताबिक़ करवाई की जा रही है." सिंह के मुताबिक़ जब से भाजपा की सरकार आई है तब से पूर्वोत्तर के हर राज्य में हालात बेहतर हुए हैं.  जीतेंद्र सिंह का यह बयान इसीलिए अहम है क्योंकि चीन शायद ये सोच रहा था कि मानसरोवर यात्रा पर रोक लगाकर वो भारत पर दबाव बनाएगा. एक अन्य केंद्रीय मंत्री ने बताया, "चीन ने शायद यह सोचकर गलती कर दी कि धर्म के मुद्दे को आधार बनाकर पैदा किया गया दबाव वर्तमान सरकार पर काम कर जाएगा."   सिक्किम सरकार द्वारा केंद्र सरकार को भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक़ चीन चुंबी घाटी में सड़कें बनाने में जुटा है लेकिन भारतीय सैनिकों ने रोक दिया.  उत्तर-पूर्व डेस्क के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "ये जगह भारत-भूटान के लिए बेहद अहम है. अगर चीन यहां अपनी सड़कों का जाल बिछा लेता है तो उसे भारत-भूटान पर रणनीतिक तौर पर बेहद अहम बढ़त हासिल हो जाएगी." टिप्पणियां अधिकारी के मुताबिक़ चीन जिस जगह सड़के बनाने पर अड़ा हुआ है वो मैकमोहन लाइन के मुताबिक भारत के क्षेत्र में पड़ता है लेकिन चीन 1914 के इस समझौते को मानता ही नहीं और उसे अपना हिस्सा बताता है. यही वजह है कि भारत और चीन की सेनाएं सिक्किम की चुंबी घाटी में आमने-सामने आ गई हैं.  उधर, मानसरोवर यात्रा उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे से 12 जून को शुरू हो गई थी. अभी तक क़रीब 150 यात्री मानसरोवर जा चुके हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक़ इस रास्ते से इस बार 1080 यात्रियों ने अपना रेजिस्ट्रेशन करवाया था. यहां से 28 जून तक पांच बैच जा चुके है और 19 अगस्त तक 13 और बैच जाएंगे. सेना प्रमुख बिपिन रावत ख़ुद सिक्किम हालत की समीक्षा करने पहुंचे हैं. उन्होंने फ़ॉर्मेशन कमांडर से बैठक की. हलात की समीक्षा करने के बाद दिल्ली आकर वो रिपोर्ट प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंपेंगे.  उत्तर-पूर्व के प्रभारी राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, "हमारे पास जो जानकारी है उसके मुताबिक़ सिक्यरिटी ग्रीड उस इलाक़े की समीक्षा कर रहा है और हालात के मुताबिक़ करवाई की जा रही है." सिंह के मुताबिक़ जब से भाजपा की सरकार आई है तब से पूर्वोत्तर के हर राज्य में हालात बेहतर हुए हैं.  जीतेंद्र सिंह का यह बयान इसीलिए अहम है क्योंकि चीन शायद ये सोच रहा था कि मानसरोवर यात्रा पर रोक लगाकर वो भारत पर दबाव बनाएगा. एक अन्य केंद्रीय मंत्री ने बताया, "चीन ने शायद यह सोचकर गलती कर दी कि धर्म के मुद्दे को आधार बनाकर पैदा किया गया दबाव वर्तमान सरकार पर काम कर जाएगा."   सिक्किम सरकार द्वारा केंद्र सरकार को भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक़ चीन चुंबी घाटी में सड़कें बनाने में जुटा है लेकिन भारतीय सैनिकों ने रोक दिया.  उत्तर-पूर्व डेस्क के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "ये जगह भारत-भूटान के लिए बेहद अहम है. अगर चीन यहां अपनी सड़कों का जाल बिछा लेता है तो उसे भारत-भूटान पर रणनीतिक तौर पर बेहद अहम बढ़त हासिल हो जाएगी." टिप्पणियां अधिकारी के मुताबिक़ चीन जिस जगह सड़के बनाने पर अड़ा हुआ है वो मैकमोहन लाइन के मुताबिक भारत के क्षेत्र में पड़ता है लेकिन चीन 1914 के इस समझौते को मानता ही नहीं और उसे अपना हिस्सा बताता है. यही वजह है कि भारत और चीन की सेनाएं सिक्किम की चुंबी घाटी में आमने-सामने आ गई हैं.  उधर, मानसरोवर यात्रा उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे से 12 जून को शुरू हो गई थी. अभी तक क़रीब 150 यात्री मानसरोवर जा चुके हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक़ इस रास्ते से इस बार 1080 यात्रियों ने अपना रेजिस्ट्रेशन करवाया था. यहां से 28 जून तक पांच बैच जा चुके है और 19 अगस्त तक 13 और बैच जाएंगे. उत्तर-पूर्व के प्रभारी राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, "हमारे पास जो जानकारी है उसके मुताबिक़ सिक्यरिटी ग्रीड उस इलाक़े की समीक्षा कर रहा है और हालात के मुताबिक़ करवाई की जा रही है." सिंह के मुताबिक़ जब से भाजपा की सरकार आई है तब से पूर्वोत्तर के हर राज्य में हालात बेहतर हुए हैं.  जीतेंद्र सिंह का यह बयान इसीलिए अहम है क्योंकि चीन शायद ये सोच रहा था कि मानसरोवर यात्रा पर रोक लगाकर वो भारत पर दबाव बनाएगा. एक अन्य केंद्रीय मंत्री ने बताया, "चीन ने शायद यह सोचकर गलती कर दी कि धर्म के मुद्दे को आधार बनाकर पैदा किया गया दबाव वर्तमान सरकार पर काम कर जाएगा."   सिक्किम सरकार द्वारा केंद्र सरकार को भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक़ चीन चुंबी घाटी में सड़कें बनाने में जुटा है लेकिन भारतीय सैनिकों ने रोक दिया.  उत्तर-पूर्व डेस्क के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "ये जगह भारत-भूटान के लिए बेहद अहम है. अगर चीन यहां अपनी सड़कों का जाल बिछा लेता है तो उसे भारत-भूटान पर रणनीतिक तौर पर बेहद अहम बढ़त हासिल हो जाएगी." टिप्पणियां अधिकारी के मुताबिक़ चीन जिस जगह सड़के बनाने पर अड़ा हुआ है वो मैकमोहन लाइन के मुताबिक भारत के क्षेत्र में पड़ता है लेकिन चीन 1914 के इस समझौते को मानता ही नहीं और उसे अपना हिस्सा बताता है. यही वजह है कि भारत और चीन की सेनाएं सिक्किम की चुंबी घाटी में आमने-सामने आ गई हैं.  उधर, मानसरोवर यात्रा उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे से 12 जून को शुरू हो गई थी. अभी तक क़रीब 150 यात्री मानसरोवर जा चुके हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक़ इस रास्ते से इस बार 1080 यात्रियों ने अपना रेजिस्ट्रेशन करवाया था. यहां से 28 जून तक पांच बैच जा चुके है और 19 अगस्त तक 13 और बैच जाएंगे. सिक्किम सरकार द्वारा केंद्र सरकार को भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक़ चीन चुंबी घाटी में सड़कें बनाने में जुटा है लेकिन भारतीय सैनिकों ने रोक दिया.  उत्तर-पूर्व डेस्क के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "ये जगह भारत-भूटान के लिए बेहद अहम है. अगर चीन यहां अपनी सड़कों का जाल बिछा लेता है तो उसे भारत-भूटान पर रणनीतिक तौर पर बेहद अहम बढ़त हासिल हो जाएगी." टिप्पणियां अधिकारी के मुताबिक़ चीन जिस जगह सड़के बनाने पर अड़ा हुआ है वो मैकमोहन लाइन के मुताबिक भारत के क्षेत्र में पड़ता है लेकिन चीन 1914 के इस समझौते को मानता ही नहीं और उसे अपना हिस्सा बताता है. यही वजह है कि भारत और चीन की सेनाएं सिक्किम की चुंबी घाटी में आमने-सामने आ गई हैं.  उधर, मानसरोवर यात्रा उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे से 12 जून को शुरू हो गई थी. अभी तक क़रीब 150 यात्री मानसरोवर जा चुके हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक़ इस रास्ते से इस बार 1080 यात्रियों ने अपना रेजिस्ट्रेशन करवाया था. यहां से 28 जून तक पांच बैच जा चुके है और 19 अगस्त तक 13 और बैच जाएंगे. उत्तर-पूर्व डेस्क के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "ये जगह भारत-भूटान के लिए बेहद अहम है. अगर चीन यहां अपनी सड़कों का जाल बिछा लेता है तो उसे भारत-भूटान पर रणनीतिक तौर पर बेहद अहम बढ़त हासिल हो जाएगी." टिप्पणियां अधिकारी के मुताबिक़ चीन जिस जगह सड़के बनाने पर अड़ा हुआ है वो मैकमोहन लाइन के मुताबिक भारत के क्षेत्र में पड़ता है लेकिन चीन 1914 के इस समझौते को मानता ही नहीं और उसे अपना हिस्सा बताता है. यही वजह है कि भारत और चीन की सेनाएं सिक्किम की चुंबी घाटी में आमने-सामने आ गई हैं.  उधर, मानसरोवर यात्रा उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे से 12 जून को शुरू हो गई थी. अभी तक क़रीब 150 यात्री मानसरोवर जा चुके हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक़ इस रास्ते से इस बार 1080 यात्रियों ने अपना रेजिस्ट्रेशन करवाया था. यहां से 28 जून तक पांच बैच जा चुके है और 19 अगस्त तक 13 और बैच जाएंगे. अधिकारी के मुताबिक़ चीन जिस जगह सड़के बनाने पर अड़ा हुआ है वो मैकमोहन लाइन के मुताबिक भारत के क्षेत्र में पड़ता है लेकिन चीन 1914 के इस समझौते को मानता ही नहीं और उसे अपना हिस्सा बताता है. यही वजह है कि भारत और चीन की सेनाएं सिक्किम की चुंबी घाटी में आमने-सामने आ गई हैं.  उधर, मानसरोवर यात्रा उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे से 12 जून को शुरू हो गई थी. अभी तक क़रीब 150 यात्री मानसरोवर जा चुके हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक़ इस रास्ते से इस बार 1080 यात्रियों ने अपना रेजिस्ट्रेशन करवाया था. यहां से 28 जून तक पांच बैच जा चुके है और 19 अगस्त तक 13 और बैच जाएंगे. उधर, मानसरोवर यात्रा उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे से 12 जून को शुरू हो गई थी. अभी तक क़रीब 150 यात्री मानसरोवर जा चुके हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक़ इस रास्ते से इस बार 1080 यात्रियों ने अपना रेजिस्ट्रेशन करवाया था. यहां से 28 जून तक पांच बैच जा चुके है और 19 अगस्त तक 13 और बैच जाएंगे.
संक्षिप्त पाठ: सेना प्रमुख बिपिन रावत ख़ुद सिक्किम हालत की समीक्षा करने पहुंचे हैं चीन चुंबी घाटी में सड़कें बना रहा है लेकिन भारतीय सैनिकों ने रोक दिया भारत और चीन की सेनाएं सिक्किम की चुंबी घाटी में आमने-सामने
13
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: ऑगस्टावेस्टलैंड से हेलीकॉप्टर डील पर उठे विवाद के बाद देश के सुरक्षा बलों के आधुनिकीकरण के सामने प्रश्न खड़े हो गए हैं। सीबीआई द्वारा हेलीकॉप्टर सौदे की जांच के बीच सेनाओं को यह चिंता सताने लगी है कि कहीं 1970 और 1980 के दशक के हथियारों के आधुनिकीकरण में समस्या न आए। इन लोगों का मानना है कि कहीं फिर से भारत को रूस पर ही निर्भर न होना पड़े। रक्षामंत्री एके एंटनी ने कहा कि हर खरीद पर प्रश्न नहीं उठाए जाने चाहिए। हमें पड़ोसियों की बदौलत जल्द आधुनिकीकरण पर ध्यान देना चाहिए। वहीं, सूत्रों का कहना है कि चॉपर सौदे में सीबीआई जांच के बाद अधिकारी इस मामले में कुछ धीमे हो गए हैं। पिछले पांच सालों में भारतीय नौसेना ने तेजी से खर्च कर आधुनिकीकरण किया है। सूत्रों के अनुसार इस मामले में सबसे ज्यादा नुकसान नौसेना का होगा। नौसेना 16 मल्टी रोल हेलीकॉप्टर खरीद के मामले में दाम पर बात कर रही है। सूत्रों का कहना है कि अगर ऑगस्टावेस्टलैंड को प्रतिबंधित किया जाता है तो इस कंपनी के साथ यूरोकॉप्टर के उपक्रम से लिए जा रहे हेलीकॉप्टरों की पिछले 13 साल से जारी प्रक्रिया को एक बार फिर आरंभ करना पड़ेगा। ये नए हेलीकॉप्टरों पुराने पड़े सीकिंग हेलीकॉप्टरों को बदलने के लिए खरीदे जा रहे थे। इन हेलीकॉप्टरों की जरूरत में पनडुब्बियों के संभावित हमले से सुरक्षा के लिए आवश्यक है। इनके अलावा 56 हल्के हेलीकॉप्टरों की खरीद का भी भारतीय नौसेना प्रयास कर रही है। इन खरीदारी में भी ऑगस्टावेस्टलैंड एक बोली कर्ता है।टिप्पणियां वहीं, भारतीय सेना भी तोप और बंदूकें खरीदने का इंतजार कर रही है। पिछली बार 1987 में बोफोर्स तोप खरीदी गई थीं। इससे पहले चार विदेशी कंपनियों को गलत काम करने की वजह से प्रतिबंधित किया गया है। इसके साथ और कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करने से प्रतिस्पर्धा कम हो जाएगी। इससे पहले रक्षा बजट में 14000 करोड़ रुपये की कटौती की गई थी। सीबीआई द्वारा हेलीकॉप्टर सौदे की जांच के बीच सेनाओं को यह चिंता सताने लगी है कि कहीं 1970 और 1980 के दशक के हथियारों के आधुनिकीकरण में समस्या न आए। इन लोगों का मानना है कि कहीं फिर से भारत को रूस पर ही निर्भर न होना पड़े। रक्षामंत्री एके एंटनी ने कहा कि हर खरीद पर प्रश्न नहीं उठाए जाने चाहिए। हमें पड़ोसियों की बदौलत जल्द आधुनिकीकरण पर ध्यान देना चाहिए। वहीं, सूत्रों का कहना है कि चॉपर सौदे में सीबीआई जांच के बाद अधिकारी इस मामले में कुछ धीमे हो गए हैं। पिछले पांच सालों में भारतीय नौसेना ने तेजी से खर्च कर आधुनिकीकरण किया है। सूत्रों के अनुसार इस मामले में सबसे ज्यादा नुकसान नौसेना का होगा। नौसेना 16 मल्टी रोल हेलीकॉप्टर खरीद के मामले में दाम पर बात कर रही है। सूत्रों का कहना है कि अगर ऑगस्टावेस्टलैंड को प्रतिबंधित किया जाता है तो इस कंपनी के साथ यूरोकॉप्टर के उपक्रम से लिए जा रहे हेलीकॉप्टरों की पिछले 13 साल से जारी प्रक्रिया को एक बार फिर आरंभ करना पड़ेगा। ये नए हेलीकॉप्टरों पुराने पड़े सीकिंग हेलीकॉप्टरों को बदलने के लिए खरीदे जा रहे थे। इन हेलीकॉप्टरों की जरूरत में पनडुब्बियों के संभावित हमले से सुरक्षा के लिए आवश्यक है। इनके अलावा 56 हल्के हेलीकॉप्टरों की खरीद का भी भारतीय नौसेना प्रयास कर रही है। इन खरीदारी में भी ऑगस्टावेस्टलैंड एक बोली कर्ता है।टिप्पणियां वहीं, भारतीय सेना भी तोप और बंदूकें खरीदने का इंतजार कर रही है। पिछली बार 1987 में बोफोर्स तोप खरीदी गई थीं। इससे पहले चार विदेशी कंपनियों को गलत काम करने की वजह से प्रतिबंधित किया गया है। इसके साथ और कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करने से प्रतिस्पर्धा कम हो जाएगी। इससे पहले रक्षा बजट में 14000 करोड़ रुपये की कटौती की गई थी। रक्षामंत्री एके एंटनी ने कहा कि हर खरीद पर प्रश्न नहीं उठाए जाने चाहिए। हमें पड़ोसियों की बदौलत जल्द आधुनिकीकरण पर ध्यान देना चाहिए। वहीं, सूत्रों का कहना है कि चॉपर सौदे में सीबीआई जांच के बाद अधिकारी इस मामले में कुछ धीमे हो गए हैं। पिछले पांच सालों में भारतीय नौसेना ने तेजी से खर्च कर आधुनिकीकरण किया है। सूत्रों के अनुसार इस मामले में सबसे ज्यादा नुकसान नौसेना का होगा। नौसेना 16 मल्टी रोल हेलीकॉप्टर खरीद के मामले में दाम पर बात कर रही है। सूत्रों का कहना है कि अगर ऑगस्टावेस्टलैंड को प्रतिबंधित किया जाता है तो इस कंपनी के साथ यूरोकॉप्टर के उपक्रम से लिए जा रहे हेलीकॉप्टरों की पिछले 13 साल से जारी प्रक्रिया को एक बार फिर आरंभ करना पड़ेगा। ये नए हेलीकॉप्टरों पुराने पड़े सीकिंग हेलीकॉप्टरों को बदलने के लिए खरीदे जा रहे थे। इन हेलीकॉप्टरों की जरूरत में पनडुब्बियों के संभावित हमले से सुरक्षा के लिए आवश्यक है। इनके अलावा 56 हल्के हेलीकॉप्टरों की खरीद का भी भारतीय नौसेना प्रयास कर रही है। इन खरीदारी में भी ऑगस्टावेस्टलैंड एक बोली कर्ता है।टिप्पणियां वहीं, भारतीय सेना भी तोप और बंदूकें खरीदने का इंतजार कर रही है। पिछली बार 1987 में बोफोर्स तोप खरीदी गई थीं। इससे पहले चार विदेशी कंपनियों को गलत काम करने की वजह से प्रतिबंधित किया गया है। इसके साथ और कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करने से प्रतिस्पर्धा कम हो जाएगी। इससे पहले रक्षा बजट में 14000 करोड़ रुपये की कटौती की गई थी। पिछले पांच सालों में भारतीय नौसेना ने तेजी से खर्च कर आधुनिकीकरण किया है। सूत्रों के अनुसार इस मामले में सबसे ज्यादा नुकसान नौसेना का होगा। नौसेना 16 मल्टी रोल हेलीकॉप्टर खरीद के मामले में दाम पर बात कर रही है। सूत्रों का कहना है कि अगर ऑगस्टावेस्टलैंड को प्रतिबंधित किया जाता है तो इस कंपनी के साथ यूरोकॉप्टर के उपक्रम से लिए जा रहे हेलीकॉप्टरों की पिछले 13 साल से जारी प्रक्रिया को एक बार फिर आरंभ करना पड़ेगा। ये नए हेलीकॉप्टरों पुराने पड़े सीकिंग हेलीकॉप्टरों को बदलने के लिए खरीदे जा रहे थे। इन हेलीकॉप्टरों की जरूरत में पनडुब्बियों के संभावित हमले से सुरक्षा के लिए आवश्यक है। इनके अलावा 56 हल्के हेलीकॉप्टरों की खरीद का भी भारतीय नौसेना प्रयास कर रही है। इन खरीदारी में भी ऑगस्टावेस्टलैंड एक बोली कर्ता है।टिप्पणियां वहीं, भारतीय सेना भी तोप और बंदूकें खरीदने का इंतजार कर रही है। पिछली बार 1987 में बोफोर्स तोप खरीदी गई थीं। इससे पहले चार विदेशी कंपनियों को गलत काम करने की वजह से प्रतिबंधित किया गया है। इसके साथ और कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करने से प्रतिस्पर्धा कम हो जाएगी। इससे पहले रक्षा बजट में 14000 करोड़ रुपये की कटौती की गई थी। सूत्रों का कहना है कि अगर ऑगस्टावेस्टलैंड को प्रतिबंधित किया जाता है तो इस कंपनी के साथ यूरोकॉप्टर के उपक्रम से लिए जा रहे हेलीकॉप्टरों की पिछले 13 साल से जारी प्रक्रिया को एक बार फिर आरंभ करना पड़ेगा। ये नए हेलीकॉप्टरों पुराने पड़े सीकिंग हेलीकॉप्टरों को बदलने के लिए खरीदे जा रहे थे। इन हेलीकॉप्टरों की जरूरत में पनडुब्बियों के संभावित हमले से सुरक्षा के लिए आवश्यक है। इनके अलावा 56 हल्के हेलीकॉप्टरों की खरीद का भी भारतीय नौसेना प्रयास कर रही है। इन खरीदारी में भी ऑगस्टावेस्टलैंड एक बोली कर्ता है।टिप्पणियां वहीं, भारतीय सेना भी तोप और बंदूकें खरीदने का इंतजार कर रही है। पिछली बार 1987 में बोफोर्स तोप खरीदी गई थीं। इससे पहले चार विदेशी कंपनियों को गलत काम करने की वजह से प्रतिबंधित किया गया है। इसके साथ और कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करने से प्रतिस्पर्धा कम हो जाएगी। इससे पहले रक्षा बजट में 14000 करोड़ रुपये की कटौती की गई थी। ये नए हेलीकॉप्टरों पुराने पड़े सीकिंग हेलीकॉप्टरों को बदलने के लिए खरीदे जा रहे थे। इन हेलीकॉप्टरों की जरूरत में पनडुब्बियों के संभावित हमले से सुरक्षा के लिए आवश्यक है। इनके अलावा 56 हल्के हेलीकॉप्टरों की खरीद का भी भारतीय नौसेना प्रयास कर रही है। इन खरीदारी में भी ऑगस्टावेस्टलैंड एक बोली कर्ता है।टिप्पणियां वहीं, भारतीय सेना भी तोप और बंदूकें खरीदने का इंतजार कर रही है। पिछली बार 1987 में बोफोर्स तोप खरीदी गई थीं। इससे पहले चार विदेशी कंपनियों को गलत काम करने की वजह से प्रतिबंधित किया गया है। इसके साथ और कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करने से प्रतिस्पर्धा कम हो जाएगी। इससे पहले रक्षा बजट में 14000 करोड़ रुपये की कटौती की गई थी। इनके अलावा 56 हल्के हेलीकॉप्टरों की खरीद का भी भारतीय नौसेना प्रयास कर रही है। इन खरीदारी में भी ऑगस्टावेस्टलैंड एक बोली कर्ता है।टिप्पणियां वहीं, भारतीय सेना भी तोप और बंदूकें खरीदने का इंतजार कर रही है। पिछली बार 1987 में बोफोर्स तोप खरीदी गई थीं। इससे पहले चार विदेशी कंपनियों को गलत काम करने की वजह से प्रतिबंधित किया गया है। इसके साथ और कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करने से प्रतिस्पर्धा कम हो जाएगी। इससे पहले रक्षा बजट में 14000 करोड़ रुपये की कटौती की गई थी। वहीं, भारतीय सेना भी तोप और बंदूकें खरीदने का इंतजार कर रही है। पिछली बार 1987 में बोफोर्स तोप खरीदी गई थीं। इससे पहले चार विदेशी कंपनियों को गलत काम करने की वजह से प्रतिबंधित किया गया है। इसके साथ और कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करने से प्रतिस्पर्धा कम हो जाएगी। इससे पहले रक्षा बजट में 14000 करोड़ रुपये की कटौती की गई थी। इससे पहले चार विदेशी कंपनियों को गलत काम करने की वजह से प्रतिबंधित किया गया है। इसके साथ और कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करने से प्रतिस्पर्धा कम हो जाएगी। इससे पहले रक्षा बजट में 14000 करोड़ रुपये की कटौती की गई थी।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: सीबीआई द्वारा हेलीकॉप्टर सौदे की जांच के बीच सेनाओं को यह चिंता सताने लगी है कि कहीं 1970 और 1980 के दशक के हथियारों के आधुनिकीकरण में समस्या न आए।
19
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: भारत ने न्यू वांडर्स स्टेडियम पर दक्षिण अफ्रीका के साथ खेले जा रहे दूसरे एकदिवसीय मुकाबले में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 15 ओवरों में एक विकेट के नुकसान पर 54 रन बना लिए हैं। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर 18 रन बनाकर नाबाद हैं जबकि विराट कोहली भी इतने ही रन बनाकर उनका साथ दे रहे हैं। तेंदुलकर ने अब तक 34 गेंदों का सामना किया है और दो चौके लगाए हैं जबकि कोहली ने 24 गेंदों का सामना किया है और एक चौका जड़ा है। भारत को पहला झटका मुरली विजय के रूप में लगा। मैच के आठवें ओवर में 26 के कुल योग पर वह आउट हुए। उन्हें तेज गेंदबाज लोनवाबे त्सोत्सोबे ने आउट किया। विजय ने 32 गेंदों पर 16 रन बनाए। भारतीय टीम पांच मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला में 0-1 से पीछे है। दक्षिण अफ्रीका ने किंग्समीड मैदान पर खेले गए पहले एकदिवसीय मुकाबले में भारत को 135 रनों से हराया था। दोनों ही टीमों ने इस मैच के लिए कोई परिवर्तन नहीं किया है और उन्हीं खिलाड़ियों पर भरोसा जताया है जो डरबन में टीम में शामिल थे। भारतीय टीम इस प्रकार है : महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान), सचिन तेंदुलकर, मुरली विजय, सुरेश रैना, रोहित शर्मा, विराट कोहली, युवराज सिंह, हरभजन सिंह, जहीर खान, आशीष नेहरा और मुनाफ पटेल। दक्षिण अफ्रीकी टीम इस प्रकार है : ग्रीम स्मिथ (कप्तान), हाशिम अमला, कोलिन इन्ग्राम, अब्राहम डिविलियर्स, जेपी ड्यूमिनी, डेविड मिलर, मोर्न मोर्कल, जोहान बोथा, वायने पार्नेल, डेल स्टेन और लोनवाबो त्सोत्सोबे।
संक्षिप्त सारांश: भारत ने द. अफ्रीका के साथ खेले जा रहे दूसरे एकदिवसीय मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुए 15 ओवरों में एक विकेट के नुकसान पर 54 रन बना लिए।
23
['hin']
एक सारांश बनाओ: बॉलीवुड अभिनेत्री श्रीदेवी ने फिल्म 'इंग्लिश विंग्लिश' के साथ बॉलीवुड में भले ही शानदार वापसी की है, लेकिन उनकी बेटी जाह्न्वी कपूर का फिलहाल ऐसा कोई इरादा नहीं है। सोमवार को मुंबई में पत्रिका 'पीपुल' के अनावरण पर मौजूद 15 वर्षीय स्टार पुत्री ने कहा, पता नहीं, मैं दुविधा में हूं। अभी मेरी पढ़ाई पूरी नहीं हुई है। यह बहुत जल्दबाजी होगी।टिप्पणियां जाह्न्वी कहती हैं, हर सप्ताह उनका अपने भविष्य के बारे में अलग विचार होता है। कभी वह जासूस बनना चाहती हैं, कभी पुरातत्व विज्ञानी तो कभी लेखिका। अभिनेत्री श्रीदेवी भी चाहती हैं कि उनकी दोनों बेटियां जाह्न्वी और खुशी पहले अपनी शिक्षा पूरी करें। सोमवार को मुंबई में पत्रिका 'पीपुल' के अनावरण पर मौजूद 15 वर्षीय स्टार पुत्री ने कहा, पता नहीं, मैं दुविधा में हूं। अभी मेरी पढ़ाई पूरी नहीं हुई है। यह बहुत जल्दबाजी होगी।टिप्पणियां जाह्न्वी कहती हैं, हर सप्ताह उनका अपने भविष्य के बारे में अलग विचार होता है। कभी वह जासूस बनना चाहती हैं, कभी पुरातत्व विज्ञानी तो कभी लेखिका। अभिनेत्री श्रीदेवी भी चाहती हैं कि उनकी दोनों बेटियां जाह्न्वी और खुशी पहले अपनी शिक्षा पूरी करें। जाह्न्वी कहती हैं, हर सप्ताह उनका अपने भविष्य के बारे में अलग विचार होता है। कभी वह जासूस बनना चाहती हैं, कभी पुरातत्व विज्ञानी तो कभी लेखिका। अभिनेत्री श्रीदेवी भी चाहती हैं कि उनकी दोनों बेटियां जाह्न्वी और खुशी पहले अपनी शिक्षा पूरी करें। अभिनेत्री श्रीदेवी भी चाहती हैं कि उनकी दोनों बेटियां जाह्न्वी और खुशी पहले अपनी शिक्षा पूरी करें।
यह एक सारांश है: बॉलीवुड अभिनेत्री श्रीदेवी ने फिल्म 'इंग्लिश विंग्लिश' के साथ बॉलीवुड में भले ही शानदार वापसी की है, लेकिन उनकी बेटी जाह्न्वी कपूर का फिलहाल ऐसा कोई इरादा नहीं है।
21
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: वित्तमंत्री ने बजट में आम करदाताओं को राहत देते हुए आयकर छूट की सीमा को मौजूदा 1.80 लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया है। अब दो लाख रुपये की आमदनी पर कोई कर नहीं लगेगा। दो लाख से पांच लाख रुपये तक 10 प्रतिशत की दर से आयकर देना होगा, जबकि पांच लाख से 10 लाख पर 20 प्रतिशत और 10 लाख से ऊपर की आमदनी पर 30 प्रतिशत कर चुकाना होगा। आयकर छूट की सीमा बढ़ाए जाने से दो लाख तक की आय पर करदाताओं को 2060 रुपये की बचत होगी, जबकि दो से आठ लाख तक की आय पर भी इतनी ही रकम का फायदा होगा। आठ से 10 लाख तक की आमदनी वालों को अधिकतम 22,660 रुपये की बचत होगी। 10 लाख से अधिक की आय पर भी यही बचत रहेगी। वित्तमंत्री ने सर्विस टैक्स को 10 से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने का ऐलान किया। एक्साइज ड्यूटी भी दो प्रतिशत बढ़ा दी गई है। आयातित सोना, प्लैटिनम, हीरा, विदेशी साइकिलें, सिगरेट, हवाई सफर, होटलों में खाना, बड़ी कारें, और साधारण टीवी-फ्रिज महंगे हो गए हैं, जबकि एलसीडी और एलईडी टीवी सस्ते होंगे। इसके अलावा एचआईवी और कैंसर की दवाएं, माचिस और नमक भी सस्ती हो जाएंगी। आम लोगों के घर के सपने को साकार करने के लिए वित्तमंत्री ने 25 लाख रुपये से कम के होम लोन पर ब्याज में एक फीसदी की छूट का ऐलान किया। साथ ही उन्होंने कहा कि सस्ते मकान बनाने के लिए बिल्डर विदेशों से भी कर्ज ले सकेंगे। वित्तमंत्री ने किसानों को 5.75 लाख करोड़ का कर्ज देने का ऐलान करते हुए दूसरी हरित क्रांति के लिए 1000 करोड़ खर्च किए जाने की भी घोषणा की। इसके साथ ही समय पर लोन चुकाने वाले किसानों को 3 प्रतिशत की छूट जारी रहेगी। किसान क्रेडिट कार्ड को अब एटीएम की तरह इस्तेमाल किया जा सकेगा। वित्तमंत्री ने कहा कि इस साल सात लाख 71 हजार करोड़ रुपये का टैक्स जुटाया गया, जो अनुमान से 15 प्रतिशत ज्यादा है। उन्होंने कहा कि अगले साल 14 लाख 90 हजार 425 करोड़ खर्च होने का अनुमान है। सरकार का घाटा लक्ष्य से सवा फीसदी ज्यादा है। विदेश में रखी संपत्ति और दो लाख रुपये से अधिक के सोने-चांदी की खरीद की जानकारी आयकर विभाग को देना अनिवार्य होगा। वित्तमंत्री ने रक्षा बजट के मद में एक लाख 93 हजार 407 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। शिक्षा के अधिकार के लिए 25,555 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को कर्ज देने के लिए नाबार्ड को सरकार 10 हजार करोड रुपये मुहैया कराएगी। दिसंबर, 2012 तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली नेटवर्क का कंप्यूटरीकरण कर दिया जाएगा। मिड डे मील योजना के लिए 11,937 करोड़ और सबला योजना के लिए 7050 करोड़ रुपये के आवंटन का ऐलान किया। गांवों में पानी और टॉयलेट की सुविधा के विस्तार के लिए 14000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। एम्स की तर्ज पर सात नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। शिक्षा कर्ज के लिए अलग से फंड की व्यवस्था की जाएगी। विकलांग और विधवा पेंशन को 200 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। स्वयं सहायता महिला समूह के तीन लाख रुपये तक के बैंक कर्ज सात प्रतिशत ब्याज दर पर दिए जाएंगे और समय पर कर्ज लौटाने वालों को चार प्रतिशत पर कर्ज मिलेगा। दिसंबर, 2012 तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली नेटवर्क का कंप्यूटरीकरण कर दिया जाएगा। मिड डे मील योजना के लिए 11,937 करोड़ और सबला योजना के लिए 7050 करोड़ रुपये के आवंटन का ऐलान किया। गांवों में पानी और टॉयलेट की सुविधा के विस्तार के लिए 14000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। सब्सिडी के मुद्दे पर वित्तमंत्री ने कहा कि सब्सिडी का फायदा सीधे ग्राहकों को मिले और कुछ चीजों पर सब्सिडी अब गैर-जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगले छह महीने के दौरान 50 जिलों में रसोई गैस, केरोसिन की सब्सिडी लाभार्थी के बैंक खाते में डालने की शुरुआत होगी। अगले तीन साल में केंद्रीय सब्सिडी घटाकर जीडीपी के 1.7 प्रतिशत तक लाने की कोशिश होगी। वित्तमंत्री ने राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम शुरू करने का ऐलान किया, जिससे 10 लाख रुपये से कम आय वालों को फायदा होगा। मुखर्जी ने कहा कि विनिवेश के 40 हजार करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 2011-12 में केवल 14 हजार करोड़ रुपये ही जुटाये जा सके। उन्होंने 2012-13 में विनिवेश से 30 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 15,888 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का ऐलान किया, साथ ही 60 हजार करोड़ के इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड जारी किए जाने की भी घोषणा की। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए वित्तीय होल्डिंग कंपनी बनाने का प्रस्ताव भी रखा।टिप्पणियां प्रणब ने घरेलू अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार, निवेश में सुधार, विभिन्न क्षेत्रों में विकास की बाधाओं को दूर करना, 200 जिलों में कुपोषण की समस्या को दूर करना और सुशासन तथा काले धन के खिलाफ कदम को बजट के पांच उद्देश्य गिनाए। अपने बजट भाषण में उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्विक हालातों का काफी असर रहा, फिर भी अन्य देशों के मुकाबले हमने बेहतर प्रगति की और वित्तवर्ष 2011-12 में जीडीपी की वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। प्रणब ने कहा कहा कि पूरे साल महंगाई काफी ऊंची रही और अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कठोर फैसले लेने जरूरी हैं। आयात-निर्यात के मोर्चे पर प्रदर्शन बेहतर रहा और देश के सकल निर्यात में एशिया-आसियान देशों का हिस्सा 2000-01 के 33.3 प्रतिशत से बढ़कर 53.7 प्रतिशत हुआ। वित्तमंत्री ने सर्विस टैक्स को 10 से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने का ऐलान किया। एक्साइज ड्यूटी भी दो प्रतिशत बढ़ा दी गई है। आयातित सोना, प्लैटिनम, हीरा, विदेशी साइकिलें, सिगरेट, हवाई सफर, होटलों में खाना, बड़ी कारें, और साधारण टीवी-फ्रिज महंगे हो गए हैं, जबकि एलसीडी और एलईडी टीवी सस्ते होंगे। इसके अलावा एचआईवी और कैंसर की दवाएं, माचिस और नमक भी सस्ती हो जाएंगी। आम लोगों के घर के सपने को साकार करने के लिए वित्तमंत्री ने 25 लाख रुपये से कम के होम लोन पर ब्याज में एक फीसदी की छूट का ऐलान किया। साथ ही उन्होंने कहा कि सस्ते मकान बनाने के लिए बिल्डर विदेशों से भी कर्ज ले सकेंगे। वित्तमंत्री ने किसानों को 5.75 लाख करोड़ का कर्ज देने का ऐलान करते हुए दूसरी हरित क्रांति के लिए 1000 करोड़ खर्च किए जाने की भी घोषणा की। इसके साथ ही समय पर लोन चुकाने वाले किसानों को 3 प्रतिशत की छूट जारी रहेगी। किसान क्रेडिट कार्ड को अब एटीएम की तरह इस्तेमाल किया जा सकेगा। वित्तमंत्री ने कहा कि इस साल सात लाख 71 हजार करोड़ रुपये का टैक्स जुटाया गया, जो अनुमान से 15 प्रतिशत ज्यादा है। उन्होंने कहा कि अगले साल 14 लाख 90 हजार 425 करोड़ खर्च होने का अनुमान है। सरकार का घाटा लक्ष्य से सवा फीसदी ज्यादा है। विदेश में रखी संपत्ति और दो लाख रुपये से अधिक के सोने-चांदी की खरीद की जानकारी आयकर विभाग को देना अनिवार्य होगा। वित्तमंत्री ने रक्षा बजट के मद में एक लाख 93 हजार 407 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। शिक्षा के अधिकार के लिए 25,555 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को कर्ज देने के लिए नाबार्ड को सरकार 10 हजार करोड रुपये मुहैया कराएगी। दिसंबर, 2012 तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली नेटवर्क का कंप्यूटरीकरण कर दिया जाएगा। मिड डे मील योजना के लिए 11,937 करोड़ और सबला योजना के लिए 7050 करोड़ रुपये के आवंटन का ऐलान किया। गांवों में पानी और टॉयलेट की सुविधा के विस्तार के लिए 14000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। एम्स की तर्ज पर सात नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। शिक्षा कर्ज के लिए अलग से फंड की व्यवस्था की जाएगी। विकलांग और विधवा पेंशन को 200 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। स्वयं सहायता महिला समूह के तीन लाख रुपये तक के बैंक कर्ज सात प्रतिशत ब्याज दर पर दिए जाएंगे और समय पर कर्ज लौटाने वालों को चार प्रतिशत पर कर्ज मिलेगा। दिसंबर, 2012 तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली नेटवर्क का कंप्यूटरीकरण कर दिया जाएगा। मिड डे मील योजना के लिए 11,937 करोड़ और सबला योजना के लिए 7050 करोड़ रुपये के आवंटन का ऐलान किया। गांवों में पानी और टॉयलेट की सुविधा के विस्तार के लिए 14000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। सब्सिडी के मुद्दे पर वित्तमंत्री ने कहा कि सब्सिडी का फायदा सीधे ग्राहकों को मिले और कुछ चीजों पर सब्सिडी अब गैर-जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगले छह महीने के दौरान 50 जिलों में रसोई गैस, केरोसिन की सब्सिडी लाभार्थी के बैंक खाते में डालने की शुरुआत होगी। अगले तीन साल में केंद्रीय सब्सिडी घटाकर जीडीपी के 1.7 प्रतिशत तक लाने की कोशिश होगी। वित्तमंत्री ने राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम शुरू करने का ऐलान किया, जिससे 10 लाख रुपये से कम आय वालों को फायदा होगा। मुखर्जी ने कहा कि विनिवेश के 40 हजार करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 2011-12 में केवल 14 हजार करोड़ रुपये ही जुटाये जा सके। उन्होंने 2012-13 में विनिवेश से 30 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 15,888 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का ऐलान किया, साथ ही 60 हजार करोड़ के इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड जारी किए जाने की भी घोषणा की। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए वित्तीय होल्डिंग कंपनी बनाने का प्रस्ताव भी रखा।टिप्पणियां प्रणब ने घरेलू अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार, निवेश में सुधार, विभिन्न क्षेत्रों में विकास की बाधाओं को दूर करना, 200 जिलों में कुपोषण की समस्या को दूर करना और सुशासन तथा काले धन के खिलाफ कदम को बजट के पांच उद्देश्य गिनाए। अपने बजट भाषण में उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्विक हालातों का काफी असर रहा, फिर भी अन्य देशों के मुकाबले हमने बेहतर प्रगति की और वित्तवर्ष 2011-12 में जीडीपी की वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। प्रणब ने कहा कहा कि पूरे साल महंगाई काफी ऊंची रही और अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कठोर फैसले लेने जरूरी हैं। आयात-निर्यात के मोर्चे पर प्रदर्शन बेहतर रहा और देश के सकल निर्यात में एशिया-आसियान देशों का हिस्सा 2000-01 के 33.3 प्रतिशत से बढ़कर 53.7 प्रतिशत हुआ। आम लोगों के घर के सपने को साकार करने के लिए वित्तमंत्री ने 25 लाख रुपये से कम के होम लोन पर ब्याज में एक फीसदी की छूट का ऐलान किया। साथ ही उन्होंने कहा कि सस्ते मकान बनाने के लिए बिल्डर विदेशों से भी कर्ज ले सकेंगे। वित्तमंत्री ने किसानों को 5.75 लाख करोड़ का कर्ज देने का ऐलान करते हुए दूसरी हरित क्रांति के लिए 1000 करोड़ खर्च किए जाने की भी घोषणा की। इसके साथ ही समय पर लोन चुकाने वाले किसानों को 3 प्रतिशत की छूट जारी रहेगी। किसान क्रेडिट कार्ड को अब एटीएम की तरह इस्तेमाल किया जा सकेगा। वित्तमंत्री ने कहा कि इस साल सात लाख 71 हजार करोड़ रुपये का टैक्स जुटाया गया, जो अनुमान से 15 प्रतिशत ज्यादा है। उन्होंने कहा कि अगले साल 14 लाख 90 हजार 425 करोड़ खर्च होने का अनुमान है। सरकार का घाटा लक्ष्य से सवा फीसदी ज्यादा है। विदेश में रखी संपत्ति और दो लाख रुपये से अधिक के सोने-चांदी की खरीद की जानकारी आयकर विभाग को देना अनिवार्य होगा। वित्तमंत्री ने रक्षा बजट के मद में एक लाख 93 हजार 407 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। शिक्षा के अधिकार के लिए 25,555 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को कर्ज देने के लिए नाबार्ड को सरकार 10 हजार करोड रुपये मुहैया कराएगी। दिसंबर, 2012 तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली नेटवर्क का कंप्यूटरीकरण कर दिया जाएगा। मिड डे मील योजना के लिए 11,937 करोड़ और सबला योजना के लिए 7050 करोड़ रुपये के आवंटन का ऐलान किया। गांवों में पानी और टॉयलेट की सुविधा के विस्तार के लिए 14000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। एम्स की तर्ज पर सात नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। शिक्षा कर्ज के लिए अलग से फंड की व्यवस्था की जाएगी। विकलांग और विधवा पेंशन को 200 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। स्वयं सहायता महिला समूह के तीन लाख रुपये तक के बैंक कर्ज सात प्रतिशत ब्याज दर पर दिए जाएंगे और समय पर कर्ज लौटाने वालों को चार प्रतिशत पर कर्ज मिलेगा। दिसंबर, 2012 तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली नेटवर्क का कंप्यूटरीकरण कर दिया जाएगा। मिड डे मील योजना के लिए 11,937 करोड़ और सबला योजना के लिए 7050 करोड़ रुपये के आवंटन का ऐलान किया। गांवों में पानी और टॉयलेट की सुविधा के विस्तार के लिए 14000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। सब्सिडी के मुद्दे पर वित्तमंत्री ने कहा कि सब्सिडी का फायदा सीधे ग्राहकों को मिले और कुछ चीजों पर सब्सिडी अब गैर-जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगले छह महीने के दौरान 50 जिलों में रसोई गैस, केरोसिन की सब्सिडी लाभार्थी के बैंक खाते में डालने की शुरुआत होगी। अगले तीन साल में केंद्रीय सब्सिडी घटाकर जीडीपी के 1.7 प्रतिशत तक लाने की कोशिश होगी। वित्तमंत्री ने राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम शुरू करने का ऐलान किया, जिससे 10 लाख रुपये से कम आय वालों को फायदा होगा। मुखर्जी ने कहा कि विनिवेश के 40 हजार करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 2011-12 में केवल 14 हजार करोड़ रुपये ही जुटाये जा सके। उन्होंने 2012-13 में विनिवेश से 30 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 15,888 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का ऐलान किया, साथ ही 60 हजार करोड़ के इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड जारी किए जाने की भी घोषणा की। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए वित्तीय होल्डिंग कंपनी बनाने का प्रस्ताव भी रखा।टिप्पणियां प्रणब ने घरेलू अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार, निवेश में सुधार, विभिन्न क्षेत्रों में विकास की बाधाओं को दूर करना, 200 जिलों में कुपोषण की समस्या को दूर करना और सुशासन तथा काले धन के खिलाफ कदम को बजट के पांच उद्देश्य गिनाए। अपने बजट भाषण में उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्विक हालातों का काफी असर रहा, फिर भी अन्य देशों के मुकाबले हमने बेहतर प्रगति की और वित्तवर्ष 2011-12 में जीडीपी की वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। प्रणब ने कहा कहा कि पूरे साल महंगाई काफी ऊंची रही और अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कठोर फैसले लेने जरूरी हैं। आयात-निर्यात के मोर्चे पर प्रदर्शन बेहतर रहा और देश के सकल निर्यात में एशिया-आसियान देशों का हिस्सा 2000-01 के 33.3 प्रतिशत से बढ़कर 53.7 प्रतिशत हुआ। वित्तमंत्री ने कहा कि इस साल सात लाख 71 हजार करोड़ रुपये का टैक्स जुटाया गया, जो अनुमान से 15 प्रतिशत ज्यादा है। उन्होंने कहा कि अगले साल 14 लाख 90 हजार 425 करोड़ खर्च होने का अनुमान है। सरकार का घाटा लक्ष्य से सवा फीसदी ज्यादा है। विदेश में रखी संपत्ति और दो लाख रुपये से अधिक के सोने-चांदी की खरीद की जानकारी आयकर विभाग को देना अनिवार्य होगा। वित्तमंत्री ने रक्षा बजट के मद में एक लाख 93 हजार 407 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। शिक्षा के अधिकार के लिए 25,555 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को कर्ज देने के लिए नाबार्ड को सरकार 10 हजार करोड रुपये मुहैया कराएगी। दिसंबर, 2012 तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली नेटवर्क का कंप्यूटरीकरण कर दिया जाएगा। मिड डे मील योजना के लिए 11,937 करोड़ और सबला योजना के लिए 7050 करोड़ रुपये के आवंटन का ऐलान किया। गांवों में पानी और टॉयलेट की सुविधा के विस्तार के लिए 14000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। एम्स की तर्ज पर सात नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। शिक्षा कर्ज के लिए अलग से फंड की व्यवस्था की जाएगी। विकलांग और विधवा पेंशन को 200 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। स्वयं सहायता महिला समूह के तीन लाख रुपये तक के बैंक कर्ज सात प्रतिशत ब्याज दर पर दिए जाएंगे और समय पर कर्ज लौटाने वालों को चार प्रतिशत पर कर्ज मिलेगा। दिसंबर, 2012 तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली नेटवर्क का कंप्यूटरीकरण कर दिया जाएगा। मिड डे मील योजना के लिए 11,937 करोड़ और सबला योजना के लिए 7050 करोड़ रुपये के आवंटन का ऐलान किया। गांवों में पानी और टॉयलेट की सुविधा के विस्तार के लिए 14000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। सब्सिडी के मुद्दे पर वित्तमंत्री ने कहा कि सब्सिडी का फायदा सीधे ग्राहकों को मिले और कुछ चीजों पर सब्सिडी अब गैर-जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगले छह महीने के दौरान 50 जिलों में रसोई गैस, केरोसिन की सब्सिडी लाभार्थी के बैंक खाते में डालने की शुरुआत होगी। अगले तीन साल में केंद्रीय सब्सिडी घटाकर जीडीपी के 1.7 प्रतिशत तक लाने की कोशिश होगी। वित्तमंत्री ने राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम शुरू करने का ऐलान किया, जिससे 10 लाख रुपये से कम आय वालों को फायदा होगा। मुखर्जी ने कहा कि विनिवेश के 40 हजार करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 2011-12 में केवल 14 हजार करोड़ रुपये ही जुटाये जा सके। उन्होंने 2012-13 में विनिवेश से 30 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 15,888 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का ऐलान किया, साथ ही 60 हजार करोड़ के इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड जारी किए जाने की भी घोषणा की। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए वित्तीय होल्डिंग कंपनी बनाने का प्रस्ताव भी रखा।टिप्पणियां प्रणब ने घरेलू अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार, निवेश में सुधार, विभिन्न क्षेत्रों में विकास की बाधाओं को दूर करना, 200 जिलों में कुपोषण की समस्या को दूर करना और सुशासन तथा काले धन के खिलाफ कदम को बजट के पांच उद्देश्य गिनाए। अपने बजट भाषण में उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्विक हालातों का काफी असर रहा, फिर भी अन्य देशों के मुकाबले हमने बेहतर प्रगति की और वित्तवर्ष 2011-12 में जीडीपी की वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। प्रणब ने कहा कहा कि पूरे साल महंगाई काफी ऊंची रही और अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कठोर फैसले लेने जरूरी हैं। आयात-निर्यात के मोर्चे पर प्रदर्शन बेहतर रहा और देश के सकल निर्यात में एशिया-आसियान देशों का हिस्सा 2000-01 के 33.3 प्रतिशत से बढ़कर 53.7 प्रतिशत हुआ। वित्तमंत्री ने रक्षा बजट के मद में एक लाख 93 हजार 407 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। शिक्षा के अधिकार के लिए 25,555 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को कर्ज देने के लिए नाबार्ड को सरकार 10 हजार करोड रुपये मुहैया कराएगी। दिसंबर, 2012 तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली नेटवर्क का कंप्यूटरीकरण कर दिया जाएगा। मिड डे मील योजना के लिए 11,937 करोड़ और सबला योजना के लिए 7050 करोड़ रुपये के आवंटन का ऐलान किया। गांवों में पानी और टॉयलेट की सुविधा के विस्तार के लिए 14000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। एम्स की तर्ज पर सात नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। शिक्षा कर्ज के लिए अलग से फंड की व्यवस्था की जाएगी। विकलांग और विधवा पेंशन को 200 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। स्वयं सहायता महिला समूह के तीन लाख रुपये तक के बैंक कर्ज सात प्रतिशत ब्याज दर पर दिए जाएंगे और समय पर कर्ज लौटाने वालों को चार प्रतिशत पर कर्ज मिलेगा। दिसंबर, 2012 तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली नेटवर्क का कंप्यूटरीकरण कर दिया जाएगा। मिड डे मील योजना के लिए 11,937 करोड़ और सबला योजना के लिए 7050 करोड़ रुपये के आवंटन का ऐलान किया। गांवों में पानी और टॉयलेट की सुविधा के विस्तार के लिए 14000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। सब्सिडी के मुद्दे पर वित्तमंत्री ने कहा कि सब्सिडी का फायदा सीधे ग्राहकों को मिले और कुछ चीजों पर सब्सिडी अब गैर-जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगले छह महीने के दौरान 50 जिलों में रसोई गैस, केरोसिन की सब्सिडी लाभार्थी के बैंक खाते में डालने की शुरुआत होगी। अगले तीन साल में केंद्रीय सब्सिडी घटाकर जीडीपी के 1.7 प्रतिशत तक लाने की कोशिश होगी। वित्तमंत्री ने राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम शुरू करने का ऐलान किया, जिससे 10 लाख रुपये से कम आय वालों को फायदा होगा। मुखर्जी ने कहा कि विनिवेश के 40 हजार करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 2011-12 में केवल 14 हजार करोड़ रुपये ही जुटाये जा सके। उन्होंने 2012-13 में विनिवेश से 30 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 15,888 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का ऐलान किया, साथ ही 60 हजार करोड़ के इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड जारी किए जाने की भी घोषणा की। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए वित्तीय होल्डिंग कंपनी बनाने का प्रस्ताव भी रखा।टिप्पणियां प्रणब ने घरेलू अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार, निवेश में सुधार, विभिन्न क्षेत्रों में विकास की बाधाओं को दूर करना, 200 जिलों में कुपोषण की समस्या को दूर करना और सुशासन तथा काले धन के खिलाफ कदम को बजट के पांच उद्देश्य गिनाए। अपने बजट भाषण में उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्विक हालातों का काफी असर रहा, फिर भी अन्य देशों के मुकाबले हमने बेहतर प्रगति की और वित्तवर्ष 2011-12 में जीडीपी की वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। प्रणब ने कहा कहा कि पूरे साल महंगाई काफी ऊंची रही और अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कठोर फैसले लेने जरूरी हैं। आयात-निर्यात के मोर्चे पर प्रदर्शन बेहतर रहा और देश के सकल निर्यात में एशिया-आसियान देशों का हिस्सा 2000-01 के 33.3 प्रतिशत से बढ़कर 53.7 प्रतिशत हुआ। विकलांग और विधवा पेंशन को 200 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। स्वयं सहायता महिला समूह के तीन लाख रुपये तक के बैंक कर्ज सात प्रतिशत ब्याज दर पर दिए जाएंगे और समय पर कर्ज लौटाने वालों को चार प्रतिशत पर कर्ज मिलेगा। दिसंबर, 2012 तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली नेटवर्क का कंप्यूटरीकरण कर दिया जाएगा। मिड डे मील योजना के लिए 11,937 करोड़ और सबला योजना के लिए 7050 करोड़ रुपये के आवंटन का ऐलान किया। गांवों में पानी और टॉयलेट की सुविधा के विस्तार के लिए 14000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। सब्सिडी के मुद्दे पर वित्तमंत्री ने कहा कि सब्सिडी का फायदा सीधे ग्राहकों को मिले और कुछ चीजों पर सब्सिडी अब गैर-जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगले छह महीने के दौरान 50 जिलों में रसोई गैस, केरोसिन की सब्सिडी लाभार्थी के बैंक खाते में डालने की शुरुआत होगी। अगले तीन साल में केंद्रीय सब्सिडी घटाकर जीडीपी के 1.7 प्रतिशत तक लाने की कोशिश होगी। वित्तमंत्री ने राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम शुरू करने का ऐलान किया, जिससे 10 लाख रुपये से कम आय वालों को फायदा होगा। मुखर्जी ने कहा कि विनिवेश के 40 हजार करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 2011-12 में केवल 14 हजार करोड़ रुपये ही जुटाये जा सके। उन्होंने 2012-13 में विनिवेश से 30 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 15,888 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का ऐलान किया, साथ ही 60 हजार करोड़ के इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड जारी किए जाने की भी घोषणा की। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए वित्तीय होल्डिंग कंपनी बनाने का प्रस्ताव भी रखा।टिप्पणियां प्रणब ने घरेलू अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार, निवेश में सुधार, विभिन्न क्षेत्रों में विकास की बाधाओं को दूर करना, 200 जिलों में कुपोषण की समस्या को दूर करना और सुशासन तथा काले धन के खिलाफ कदम को बजट के पांच उद्देश्य गिनाए। अपने बजट भाषण में उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्विक हालातों का काफी असर रहा, फिर भी अन्य देशों के मुकाबले हमने बेहतर प्रगति की और वित्तवर्ष 2011-12 में जीडीपी की वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। प्रणब ने कहा कहा कि पूरे साल महंगाई काफी ऊंची रही और अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कठोर फैसले लेने जरूरी हैं। आयात-निर्यात के मोर्चे पर प्रदर्शन बेहतर रहा और देश के सकल निर्यात में एशिया-आसियान देशों का हिस्सा 2000-01 के 33.3 प्रतिशत से बढ़कर 53.7 प्रतिशत हुआ। सब्सिडी के मुद्दे पर वित्तमंत्री ने कहा कि सब्सिडी का फायदा सीधे ग्राहकों को मिले और कुछ चीजों पर सब्सिडी अब गैर-जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगले छह महीने के दौरान 50 जिलों में रसोई गैस, केरोसिन की सब्सिडी लाभार्थी के बैंक खाते में डालने की शुरुआत होगी। अगले तीन साल में केंद्रीय सब्सिडी घटाकर जीडीपी के 1.7 प्रतिशत तक लाने की कोशिश होगी। वित्तमंत्री ने राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम शुरू करने का ऐलान किया, जिससे 10 लाख रुपये से कम आय वालों को फायदा होगा। मुखर्जी ने कहा कि विनिवेश के 40 हजार करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 2011-12 में केवल 14 हजार करोड़ रुपये ही जुटाये जा सके। उन्होंने 2012-13 में विनिवेश से 30 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 15,888 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का ऐलान किया, साथ ही 60 हजार करोड़ के इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड जारी किए जाने की भी घोषणा की। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए वित्तीय होल्डिंग कंपनी बनाने का प्रस्ताव भी रखा।टिप्पणियां प्रणब ने घरेलू अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार, निवेश में सुधार, विभिन्न क्षेत्रों में विकास की बाधाओं को दूर करना, 200 जिलों में कुपोषण की समस्या को दूर करना और सुशासन तथा काले धन के खिलाफ कदम को बजट के पांच उद्देश्य गिनाए। अपने बजट भाषण में उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्विक हालातों का काफी असर रहा, फिर भी अन्य देशों के मुकाबले हमने बेहतर प्रगति की और वित्तवर्ष 2011-12 में जीडीपी की वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। प्रणब ने कहा कहा कि पूरे साल महंगाई काफी ऊंची रही और अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कठोर फैसले लेने जरूरी हैं। आयात-निर्यात के मोर्चे पर प्रदर्शन बेहतर रहा और देश के सकल निर्यात में एशिया-आसियान देशों का हिस्सा 2000-01 के 33.3 प्रतिशत से बढ़कर 53.7 प्रतिशत हुआ। मुखर्जी ने कहा कि विनिवेश के 40 हजार करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 2011-12 में केवल 14 हजार करोड़ रुपये ही जुटाये जा सके। उन्होंने 2012-13 में विनिवेश से 30 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 15,888 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का ऐलान किया, साथ ही 60 हजार करोड़ के इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड जारी किए जाने की भी घोषणा की। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए वित्तीय होल्डिंग कंपनी बनाने का प्रस्ताव भी रखा।टिप्पणियां प्रणब ने घरेलू अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार, निवेश में सुधार, विभिन्न क्षेत्रों में विकास की बाधाओं को दूर करना, 200 जिलों में कुपोषण की समस्या को दूर करना और सुशासन तथा काले धन के खिलाफ कदम को बजट के पांच उद्देश्य गिनाए। अपने बजट भाषण में उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्विक हालातों का काफी असर रहा, फिर भी अन्य देशों के मुकाबले हमने बेहतर प्रगति की और वित्तवर्ष 2011-12 में जीडीपी की वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। प्रणब ने कहा कहा कि पूरे साल महंगाई काफी ऊंची रही और अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कठोर फैसले लेने जरूरी हैं। आयात-निर्यात के मोर्चे पर प्रदर्शन बेहतर रहा और देश के सकल निर्यात में एशिया-आसियान देशों का हिस्सा 2000-01 के 33.3 प्रतिशत से बढ़कर 53.7 प्रतिशत हुआ। प्रणब ने घरेलू अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार, निवेश में सुधार, विभिन्न क्षेत्रों में विकास की बाधाओं को दूर करना, 200 जिलों में कुपोषण की समस्या को दूर करना और सुशासन तथा काले धन के खिलाफ कदम को बजट के पांच उद्देश्य गिनाए। अपने बजट भाषण में उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्विक हालातों का काफी असर रहा, फिर भी अन्य देशों के मुकाबले हमने बेहतर प्रगति की और वित्तवर्ष 2011-12 में जीडीपी की वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। प्रणब ने कहा कहा कि पूरे साल महंगाई काफी ऊंची रही और अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कठोर फैसले लेने जरूरी हैं। आयात-निर्यात के मोर्चे पर प्रदर्शन बेहतर रहा और देश के सकल निर्यात में एशिया-आसियान देशों का हिस्सा 2000-01 के 33.3 प्रतिशत से बढ़कर 53.7 प्रतिशत हुआ। अपने बजट भाषण में उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्विक हालातों का काफी असर रहा, फिर भी अन्य देशों के मुकाबले हमने बेहतर प्रगति की और वित्तवर्ष 2011-12 में जीडीपी की वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। प्रणब ने कहा कहा कि पूरे साल महंगाई काफी ऊंची रही और अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कठोर फैसले लेने जरूरी हैं। आयात-निर्यात के मोर्चे पर प्रदर्शन बेहतर रहा और देश के सकल निर्यात में एशिया-आसियान देशों का हिस्सा 2000-01 के 33.3 प्रतिशत से बढ़कर 53.7 प्रतिशत हुआ।
यहाँ एक सारांश है:वित्तमंत्री ने बजट में आम करदाताओं को राहत देते हुए आयकर छूट की सीमा को मौजूदा 1.80 लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया है।
17
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: काबुल में संसद भवन के समीप एक इलाके में एक आत्मघाती मोटरसाइकिल विस्फोट होने से कम से कम चार व्यक्ति मारे गए और 29 घायल हो गए। राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय के अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटक से लदा अपना वाहन उस मिनी बस के समीप विस्फोट से उड़ा दिया जिसमें अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसी के कर्मचारी जा रहे थे। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता जेमारइ बाशरी ने बताया, पुलिस ने लोगों को अस्पताल पहुंचा। हताहतों की संख्या चार है।  स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता गुलाम साखी नरोगली ने बताया कि समीपवर्ती अस्पताल में 29 घायलों को भी भर्ती कराया गया है। उसने बताया, एक घायल की हालत गंभीर है। बाशरे ने यह नहीं बताया कि क्या बम विस्फोट एनडीएस के वाहन को लक्ष्य बना कर किया गया, लेकिन मौके पर मौजूद एनडीएस के एक अधिकारी ने बताया कि खुफिया एजेंसी के कर्मचारी मिनी बस से जा रहे थे, उसी समय विस्फोट हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों ने मोटरसाइकिल के कलपुर्जे और मानव अंगों को विस्फोट के बाद बिखरते देखा। संभवत: ये मानव अंग अवशेष आत्मघाती हमलावर के थे।
संक्षिप्त पाठ: प्रत्यक्षदर्शियों ने मोटरसाइकिल के कलपुर्जे और मानव अंगों को विस्फोट के बाद बिखरते देखा। ये मानव अंग अवशेष आत्मघाती हमलावर के थे।
13
['hin']
एक सारांश बनाओ: जिले के पाली गांव में एक बांध के जलाशय में मिनी बस के गिरने से रविवार को 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 17 अन्य घायल हो गए. विदिशा के पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र चौधरी ने बताया, "32 सीटों वाली यह बस भोपाल से लटेरी जा रही थी. दोपहर करीब तीन बजे एक पुल पार करते समय यह संजय सागर बांध के जलाशय में गिर गई." उन्होंने कहा कि मृतकों में चार पुरुष, तीन महिलाएं और तीन बच्चे शामिल हैं. घायलों को एक अस्पताल ले जाया गया है. चौधरी ने कहा कि बस में सवार ये लोग पानी में डूब गए. जलाशय 20-25 मीटर गहरा है और मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. बचाव कार्य जारी है.टिप्पणियां प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि मिनी बस का ड्राइवर समय पर गंतव्य पहुंचने के लिए जल्दबाजी में था और उसने वाहन पर से नियंत्रण खो दिया. यह पूछे जाने पर कि क्या यह बस पुल पर बने गड्ढे के कारण अनियंत्रित होकर गिरी, उन्होंने कहा कि इसकी जांच चल रही है. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने कहा कि मृतकों में चार पुरुष, तीन महिलाएं और तीन बच्चे शामिल हैं. घायलों को एक अस्पताल ले जाया गया है. चौधरी ने कहा कि बस में सवार ये लोग पानी में डूब गए. जलाशय 20-25 मीटर गहरा है और मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. बचाव कार्य जारी है.टिप्पणियां प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि मिनी बस का ड्राइवर समय पर गंतव्य पहुंचने के लिए जल्दबाजी में था और उसने वाहन पर से नियंत्रण खो दिया. यह पूछे जाने पर कि क्या यह बस पुल पर बने गड्ढे के कारण अनियंत्रित होकर गिरी, उन्होंने कहा कि इसकी जांच चल रही है. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि मिनी बस का ड्राइवर समय पर गंतव्य पहुंचने के लिए जल्दबाजी में था और उसने वाहन पर से नियंत्रण खो दिया. यह पूछे जाने पर कि क्या यह बस पुल पर बने गड्ढे के कारण अनियंत्रित होकर गिरी, उन्होंने कहा कि इसकी जांच चल रही है. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
संक्षिप्त सारांश: पाली गांव में हुआ हादस, भोपाल से लटेरी जा रही थी बस दोपहर करीब तीन बजे बस संजय सागर बांध के जलाशय में गिर गई मृतकों में चार पुरुष, तीन महिलाएं और तीन बच्चे शामिल
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['hin']
एक सारांश बनाओ: पिछले कुछ समय से बल्लेबाजी में जौहर दिखाने वाले हरभजन सिंह टेस्ट मैचों में 2000 रन और 300 विकेट का डबल पूरा करने वाले दुनिया के 11वें और भारत के तीसरे क्रिकेटर बन गए हैं। हरभजन ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में 32 रन की संख्या छूते ही यह उपलब्धि हासिल की। उन्होंने डेल स्टेन की गेंद पर छक्का जमाकर अपना 2000वां रन पूरा किया। अपना 93वां टेस्ट मैच खेल रहे इस ऑफ स्पिनर ने अब तक 386 विकेट भी लिए हैं। हरभजन से पहले टेस्ट क्रिकेट में 2000 रन और 300 विकेट का डबल इमरान खान, रिचर्ड हैडली, इयान बॉथम, कपिल देव, वसीम अकरम, अनिल कुंबले, शेन वार्न, चमिंडा वास, शान पोलाक और डेनियल विटोरी ने पूरा किया था। भारत की तरफ से कपिल 5248 रन बनाने के अलावा 434 विकेट लिए, जबकि कुंबले के नाम पर 2506 रन और 708 विकेट दर्ज हैं। टेस्ट क्रिकेट में हालांकि हरभजन 24वें ऐसे खिलाड़ी बन गए हैं, जिनके नाम पर 2000 से अधिक रन और 100 से अधिक विकेट दर्ज हैं। भारत की तरफ से यह कारनामा कपिल, कुंबले और हरभजन के अलावा वीनू मांकड़ (2109 रन और 162 विकेट) और रवि शास्त्री (3830 रन और 151 विकेट) ने भी यह उपलब्धि हासिल की है। हरभजन भारत की तरफ से 2000 रन बनाने वाले 32वें बल्लेबाज भी बन गए हैं।
यहाँ एक सारांश है:हरभजन सिंह टेस्ट मैचों में 2000 रन और 300 विकेट का डबल पूरा करने वाले दुनिया के 11वें और भारत के तीसरे क्रिकेटर बन गए हैं।
15
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: किंगफिशर को कर्ज दे रखे बैंकों ने संकटग्रस्त विमानन कंपनी पर बकाया 7,500 करोड़ रुपये कर्ज की वसूली करने का फैसला कर लिया है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के एक उच्च अधिकारी ने यह जानकारी दी। कंपनी प्रतिनिधियों के साथ मंगलवार को दो घंटे चली बैठक के बाद एसबीआई के उप प्रबंध निदेशक (मिड कॉरपोरेट) श्यामल आचार्य ने संवाददाताओं को बताया, हमने किंगफिशर को दिए गए ऋणों की वसूली की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय किया है। हालांकि, प्रत्येक बैंक का बोर्ड भावी कार्रवाई पर निर्णय करेगा। बैठक में एसबीआई की अगुवाई में पांच बैंकों के अधिकारियों और कंपनी के सीईओ संजय अग्रवाल व यूबी समूह के अध्यक्ष व सीएफओ (मुख्य वित्त अधिकारी) रवि नेदुंगडी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बाद में नेदुंगडी ने बताया, हम बैंकों के समूह से औपचारिक सूचना मिलने के बाद इस बारे में कोई बयान देंगे। यह निर्णय ऐसे समय में किया गया है, जब किंगफिशर के चेयरमैन विजय माल्या कंपनी के कर्मचारियों को उनकी 11 महीने की बकाया तनख्वाह देने का वादा कर चुके हैं और साथ ही उन्होंने आगामी ग्रीष्मकालीन सारणी के साथ परिचालन दोबारा शुरू करने का आश्वासन दिया है। आचार्य ने कहा, विमानन कंपनी के प्रबंधन द्वारा परिचालन दोबारा शुरू करने के संबंध में अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है और बैंकों को लगता है कि कंपनी को पर्याप्त समय दिया जा चुका है। टिप्पणियां उल्लेखनीय है कि संकटग्रस्त विमानन कंपनी पर बैंकों का 6,360 करोड़ रुपये का ऋण बाकी है। वहीं ब्याज और चक्रवृद्धि ब्याज को शामिल करने पर कुल बकाया 7,500 करोड़ रुपये से अधिक का है। बैंकों के समूह के अगुवा एसबीआई का किंगफिशर में 1,600 करोड़ रुपये ऋण लगा है, वहीं पीएनबी का 800 करोड़ रुपये, आईडीबीआई बैंक का 800 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ इंडिया का 650 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा का 550 करोड़ रुपये लगा है। वेतन भुगतान को लेकर कर्मचारियों के बीच अशांति के बाद 1 अक्टूबर से ही कंपनी का परिचालन ठप है। कंपनी ने पिछले साल मई से कंपनी को वेतन नहीं दिया है। किंगफिशर को यूनाइटेड बैंक ने 430 करोड़ रुपये, सेंट्रल बैंक ने 410 करोड़ रुपये, यूको बैंक ने 320 करोड़ रुपये, कॉरपोरेशन बैंक ने 310 करोड़ रुपये, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर ने 150 करोड़ रुपये, इंडियन ओवरसीज बैंक ने 140 करोड़ रुपये, फेडरल बैंक ने 90 करोड़ रुपये, पंजाब एंड सिंध बैंक ने 60 करोड़ रुपये और एक्सिस बैंक ने 50 करोड़ रुपये का ऋण दे रखा है। कंपनी प्रतिनिधियों के साथ मंगलवार को दो घंटे चली बैठक के बाद एसबीआई के उप प्रबंध निदेशक (मिड कॉरपोरेट) श्यामल आचार्य ने संवाददाताओं को बताया, हमने किंगफिशर को दिए गए ऋणों की वसूली की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय किया है। हालांकि, प्रत्येक बैंक का बोर्ड भावी कार्रवाई पर निर्णय करेगा। बैठक में एसबीआई की अगुवाई में पांच बैंकों के अधिकारियों और कंपनी के सीईओ संजय अग्रवाल व यूबी समूह के अध्यक्ष व सीएफओ (मुख्य वित्त अधिकारी) रवि नेदुंगडी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बाद में नेदुंगडी ने बताया, हम बैंकों के समूह से औपचारिक सूचना मिलने के बाद इस बारे में कोई बयान देंगे। यह निर्णय ऐसे समय में किया गया है, जब किंगफिशर के चेयरमैन विजय माल्या कंपनी के कर्मचारियों को उनकी 11 महीने की बकाया तनख्वाह देने का वादा कर चुके हैं और साथ ही उन्होंने आगामी ग्रीष्मकालीन सारणी के साथ परिचालन दोबारा शुरू करने का आश्वासन दिया है। आचार्य ने कहा, विमानन कंपनी के प्रबंधन द्वारा परिचालन दोबारा शुरू करने के संबंध में अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है और बैंकों को लगता है कि कंपनी को पर्याप्त समय दिया जा चुका है। टिप्पणियां उल्लेखनीय है कि संकटग्रस्त विमानन कंपनी पर बैंकों का 6,360 करोड़ रुपये का ऋण बाकी है। वहीं ब्याज और चक्रवृद्धि ब्याज को शामिल करने पर कुल बकाया 7,500 करोड़ रुपये से अधिक का है। बैंकों के समूह के अगुवा एसबीआई का किंगफिशर में 1,600 करोड़ रुपये ऋण लगा है, वहीं पीएनबी का 800 करोड़ रुपये, आईडीबीआई बैंक का 800 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ इंडिया का 650 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा का 550 करोड़ रुपये लगा है। वेतन भुगतान को लेकर कर्मचारियों के बीच अशांति के बाद 1 अक्टूबर से ही कंपनी का परिचालन ठप है। कंपनी ने पिछले साल मई से कंपनी को वेतन नहीं दिया है। किंगफिशर को यूनाइटेड बैंक ने 430 करोड़ रुपये, सेंट्रल बैंक ने 410 करोड़ रुपये, यूको बैंक ने 320 करोड़ रुपये, कॉरपोरेशन बैंक ने 310 करोड़ रुपये, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर ने 150 करोड़ रुपये, इंडियन ओवरसीज बैंक ने 140 करोड़ रुपये, फेडरल बैंक ने 90 करोड़ रुपये, पंजाब एंड सिंध बैंक ने 60 करोड़ रुपये और एक्सिस बैंक ने 50 करोड़ रुपये का ऋण दे रखा है। हालांकि, प्रत्येक बैंक का बोर्ड भावी कार्रवाई पर निर्णय करेगा। बैठक में एसबीआई की अगुवाई में पांच बैंकों के अधिकारियों और कंपनी के सीईओ संजय अग्रवाल व यूबी समूह के अध्यक्ष व सीएफओ (मुख्य वित्त अधिकारी) रवि नेदुंगडी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बाद में नेदुंगडी ने बताया, हम बैंकों के समूह से औपचारिक सूचना मिलने के बाद इस बारे में कोई बयान देंगे। यह निर्णय ऐसे समय में किया गया है, जब किंगफिशर के चेयरमैन विजय माल्या कंपनी के कर्मचारियों को उनकी 11 महीने की बकाया तनख्वाह देने का वादा कर चुके हैं और साथ ही उन्होंने आगामी ग्रीष्मकालीन सारणी के साथ परिचालन दोबारा शुरू करने का आश्वासन दिया है। आचार्य ने कहा, विमानन कंपनी के प्रबंधन द्वारा परिचालन दोबारा शुरू करने के संबंध में अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है और बैंकों को लगता है कि कंपनी को पर्याप्त समय दिया जा चुका है। टिप्पणियां उल्लेखनीय है कि संकटग्रस्त विमानन कंपनी पर बैंकों का 6,360 करोड़ रुपये का ऋण बाकी है। वहीं ब्याज और चक्रवृद्धि ब्याज को शामिल करने पर कुल बकाया 7,500 करोड़ रुपये से अधिक का है। बैंकों के समूह के अगुवा एसबीआई का किंगफिशर में 1,600 करोड़ रुपये ऋण लगा है, वहीं पीएनबी का 800 करोड़ रुपये, आईडीबीआई बैंक का 800 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ इंडिया का 650 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा का 550 करोड़ रुपये लगा है। वेतन भुगतान को लेकर कर्मचारियों के बीच अशांति के बाद 1 अक्टूबर से ही कंपनी का परिचालन ठप है। कंपनी ने पिछले साल मई से कंपनी को वेतन नहीं दिया है। किंगफिशर को यूनाइटेड बैंक ने 430 करोड़ रुपये, सेंट्रल बैंक ने 410 करोड़ रुपये, यूको बैंक ने 320 करोड़ रुपये, कॉरपोरेशन बैंक ने 310 करोड़ रुपये, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर ने 150 करोड़ रुपये, इंडियन ओवरसीज बैंक ने 140 करोड़ रुपये, फेडरल बैंक ने 90 करोड़ रुपये, पंजाब एंड सिंध बैंक ने 60 करोड़ रुपये और एक्सिस बैंक ने 50 करोड़ रुपये का ऋण दे रखा है। यह निर्णय ऐसे समय में किया गया है, जब किंगफिशर के चेयरमैन विजय माल्या कंपनी के कर्मचारियों को उनकी 11 महीने की बकाया तनख्वाह देने का वादा कर चुके हैं और साथ ही उन्होंने आगामी ग्रीष्मकालीन सारणी के साथ परिचालन दोबारा शुरू करने का आश्वासन दिया है। आचार्य ने कहा, विमानन कंपनी के प्रबंधन द्वारा परिचालन दोबारा शुरू करने के संबंध में अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है और बैंकों को लगता है कि कंपनी को पर्याप्त समय दिया जा चुका है। टिप्पणियां उल्लेखनीय है कि संकटग्रस्त विमानन कंपनी पर बैंकों का 6,360 करोड़ रुपये का ऋण बाकी है। वहीं ब्याज और चक्रवृद्धि ब्याज को शामिल करने पर कुल बकाया 7,500 करोड़ रुपये से अधिक का है। बैंकों के समूह के अगुवा एसबीआई का किंगफिशर में 1,600 करोड़ रुपये ऋण लगा है, वहीं पीएनबी का 800 करोड़ रुपये, आईडीबीआई बैंक का 800 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ इंडिया का 650 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा का 550 करोड़ रुपये लगा है। वेतन भुगतान को लेकर कर्मचारियों के बीच अशांति के बाद 1 अक्टूबर से ही कंपनी का परिचालन ठप है। कंपनी ने पिछले साल मई से कंपनी को वेतन नहीं दिया है। किंगफिशर को यूनाइटेड बैंक ने 430 करोड़ रुपये, सेंट्रल बैंक ने 410 करोड़ रुपये, यूको बैंक ने 320 करोड़ रुपये, कॉरपोरेशन बैंक ने 310 करोड़ रुपये, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर ने 150 करोड़ रुपये, इंडियन ओवरसीज बैंक ने 140 करोड़ रुपये, फेडरल बैंक ने 90 करोड़ रुपये, पंजाब एंड सिंध बैंक ने 60 करोड़ रुपये और एक्सिस बैंक ने 50 करोड़ रुपये का ऋण दे रखा है। उल्लेखनीय है कि संकटग्रस्त विमानन कंपनी पर बैंकों का 6,360 करोड़ रुपये का ऋण बाकी है। वहीं ब्याज और चक्रवृद्धि ब्याज को शामिल करने पर कुल बकाया 7,500 करोड़ रुपये से अधिक का है। बैंकों के समूह के अगुवा एसबीआई का किंगफिशर में 1,600 करोड़ रुपये ऋण लगा है, वहीं पीएनबी का 800 करोड़ रुपये, आईडीबीआई बैंक का 800 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ इंडिया का 650 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा का 550 करोड़ रुपये लगा है। वेतन भुगतान को लेकर कर्मचारियों के बीच अशांति के बाद 1 अक्टूबर से ही कंपनी का परिचालन ठप है। कंपनी ने पिछले साल मई से कंपनी को वेतन नहीं दिया है। किंगफिशर को यूनाइटेड बैंक ने 430 करोड़ रुपये, सेंट्रल बैंक ने 410 करोड़ रुपये, यूको बैंक ने 320 करोड़ रुपये, कॉरपोरेशन बैंक ने 310 करोड़ रुपये, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर ने 150 करोड़ रुपये, इंडियन ओवरसीज बैंक ने 140 करोड़ रुपये, फेडरल बैंक ने 90 करोड़ रुपये, पंजाब एंड सिंध बैंक ने 60 करोड़ रुपये और एक्सिस बैंक ने 50 करोड़ रुपये का ऋण दे रखा है। वेतन भुगतान को लेकर कर्मचारियों के बीच अशांति के बाद 1 अक्टूबर से ही कंपनी का परिचालन ठप है। कंपनी ने पिछले साल मई से कंपनी को वेतन नहीं दिया है। किंगफिशर को यूनाइटेड बैंक ने 430 करोड़ रुपये, सेंट्रल बैंक ने 410 करोड़ रुपये, यूको बैंक ने 320 करोड़ रुपये, कॉरपोरेशन बैंक ने 310 करोड़ रुपये, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर ने 150 करोड़ रुपये, इंडियन ओवरसीज बैंक ने 140 करोड़ रुपये, फेडरल बैंक ने 90 करोड़ रुपये, पंजाब एंड सिंध बैंक ने 60 करोड़ रुपये और एक्सिस बैंक ने 50 करोड़ रुपये का ऋण दे रखा है।
संक्षिप्त सारांश: किंगफिशर को कर्ज दे रखे बैंकों ने संकटग्रस्त विमानन कंपनी पर बकाया 7,500 करोड़ रुपये कर्ज की वसूली करने का फैसला कर लिया है। वेतन भुगतान को लेकर कर्मचारियों के बीच अशांति के बाद 1 अक्टूबर से ही कंपनी का परिचालन ठप है।
29
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: आशंका है कि ब्रजपाल तेवतिया पर हमले की वजह मेहरौली गांव की जमीन हो सकती है. इस जमीन को लेकर पहले कई हत्याएं हो चुकी हैं.टिप्पणियां गाजियाबाद पुलिस सूत्रों के मुताबिक ब्रजपाल तेवतिया के हमले के मामले में दो मुख्य संदिग्ध हैं राकेश हसनपुरिया की बीवी और मनोज. ब्रजपाल तेवतिया और मनोज दोनों मेहरौली गांव के रहने वाले हैं. मनोज का परिवार फरार है. उसकी मोबाइल की लोकेशन राजस्थान आ रही है.   हत्या के पीछे सौ एकड़ जमीन का मामला भी हो सकता है. इस जमीन के मालिक ने मनोज के पिता को यह वसीयत में दी थी. इसके बाद लगातार इसी जमीन के चलते कई हत्याएं हुई हैं. ब्रजपाल तेवतिया के नजदीकी एक व्यक्ति से मनोज का विवाद चल रहा था.   इस वाहन से आए थे हमलावर. राकेश हसनपुरिया का इनकाउंटर करीब तेरह साल पहले हुआ था. उसकी बीवी पुलिस में है, इसलिए इसकी संभावना कम है कि उसने यह हमला करवाया होगा. बीते बारह घंटे से राकेश हसनपुरिया की बीवी से बातचीत में भी कुछ ऐसी महत्वपूर्ण जानकारी नहीं मिल पाई है. इसी के चलते पुलिस अब मेहरौली गांव के कई लोगों से पूछताछ कर रही है. साथ ही इस इलाके की दूसरे गैंग मसलन सुंदर भाटी, दुजाना और रामपाल त्यागी जैसी गैंगों के लोगों से भी पुलिस पूछताछ कर रही है. गाजियाबाद पुलिस सूत्रों के मुताबिक ब्रजपाल तेवतिया के हमले के मामले में दो मुख्य संदिग्ध हैं राकेश हसनपुरिया की बीवी और मनोज. ब्रजपाल तेवतिया और मनोज दोनों मेहरौली गांव के रहने वाले हैं. मनोज का परिवार फरार है. उसकी मोबाइल की लोकेशन राजस्थान आ रही है.   हत्या के पीछे सौ एकड़ जमीन का मामला भी हो सकता है. इस जमीन के मालिक ने मनोज के पिता को यह वसीयत में दी थी. इसके बाद लगातार इसी जमीन के चलते कई हत्याएं हुई हैं. ब्रजपाल तेवतिया के नजदीकी एक व्यक्ति से मनोज का विवाद चल रहा था.   इस वाहन से आए थे हमलावर. राकेश हसनपुरिया का इनकाउंटर करीब तेरह साल पहले हुआ था. उसकी बीवी पुलिस में है, इसलिए इसकी संभावना कम है कि उसने यह हमला करवाया होगा. बीते बारह घंटे से राकेश हसनपुरिया की बीवी से बातचीत में भी कुछ ऐसी महत्वपूर्ण जानकारी नहीं मिल पाई है. इसी के चलते पुलिस अब मेहरौली गांव के कई लोगों से पूछताछ कर रही है. साथ ही इस इलाके की दूसरे गैंग मसलन सुंदर भाटी, दुजाना और रामपाल त्यागी जैसी गैंगों के लोगों से भी पुलिस पूछताछ कर रही है. राकेश हसनपुरिया का इनकाउंटर करीब तेरह साल पहले हुआ था. उसकी बीवी पुलिस में है, इसलिए इसकी संभावना कम है कि उसने यह हमला करवाया होगा. बीते बारह घंटे से राकेश हसनपुरिया की बीवी से बातचीत में भी कुछ ऐसी महत्वपूर्ण जानकारी नहीं मिल पाई है. इसी के चलते पुलिस अब मेहरौली गांव के कई लोगों से पूछताछ कर रही है. साथ ही इस इलाके की दूसरे गैंग मसलन सुंदर भाटी, दुजाना और रामपाल त्यागी जैसी गैंगों के लोगों से भी पुलिस पूछताछ कर रही है.
वारदात के बाद संदिग्ध मनोज सपरिवार फरार ब्रजपाल तेवतिया के नजदीकी व्यक्ति से चल रहा था मनोज का विवाद राकेश हसनपुरिया की बीवी से कोई महत्वपूर्ण जानकारी नहीं मिली
6
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: देश के करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के लिए इस हफ्ते होने वाली कैबिनेट की बैठक से एक बड़ी खुशखबरी मिल सकती है. इस कैबिनेट की बैठक में अलाउंस से जुड़े कैबिनेट नोट पर चर्चा के बाद स्वीकार किए जाने की उम्मीद की जा रही है.  इसी नोट में एचआरए से जुड़ा मुद्दा भी शामिल होगा. केंद्रीय कर्मचारियों को अन्य अलाउंसेस के अलावा एचआरए के मुद्दे पर सरकार के फैसले का इंतजार है. यह इंतजार अब एक साल का होने जा रहा है. उल्लेखनीय है कि पिछले साल 28 जून को ही सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का फैसला लिया था. सरकार ने वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू करने का ऐलान किया था. लेकिन वेतन आयोग की कई सिफारिशों के बाद केंद्रीय कर्मचारियों ने कई मुद्दों पर अपनी आपत्ति जताई थी. इन मुद्दों में अलाउंसेस को लेकर विवाद भी था.  सरकार ने इसके लिए एक समिति का गठन किया था. समिति ने अपनी रिपोर्ट 27 अप्रैल को वित्तमंत्री को सौंप दी थी. वित्तमंत्रालय की ओर से यह रिपोर्ट अधिकार प्राप्त सचिवों की समिति को भेजा गया था. अब इस रिपोर्ट पर चर्चा के बाद 1 जून को सचिवों की अधिकार प्राप्त समिति ने एक कैबिनेट नोट तैयार किया है. अब माना जा रहा है कि हर बुधवार को होने वाली केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस बारे में फैसला हो सकता है. यह साफ नहीं है कि यह नोट इस बार की बैठक में रखा जाएगा. सूत्रों का कहना है कि ऐसा हो सकता है.  सूत्रों का कहना है कि कर्मचारियों से चर्चा के लिए बनी लवासा समिति ने सातवें वेतन आयोग की अलाउंसेस को लेकर की गई कुछ सिफारिशों में संशोधन के सुझाव दिए हैं. जानकारी के लिए बता दें कि सातवां वेतन आयोग से पहले केंद्रीय कर्मचारी 196 किस्म के अलाउंसेस के हकदार थे. लेकिन सातवें वेतन आयोग ने कई अलाउंसेस को समाप्त कर दिया या फिर उन्हें मिला दिया जिसके बाद केवल 55 अलाउंस बाकी रह गए. तमाम कर्मचारियों को कई अलाउंस समाप्त होने का मलाल है. टिप्पणियां बता दें कि सातवें वेतन आयोग (Seventh Pay Commission) द्वारा केन्द्रीय कर्मचारियों को दिए जाने वाले कई भत्तों को लेकर असमंजस की स्थिति है. नरेंद्र मोदी सरकार ने 2016 में सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों को मंजूरी दी थी और 1 जनवरी 2016 से 7वें वेतन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया था. लेकिन, भत्तों के साथ कई मुद्दों पर असहमति होने की वजह से इन सिफारिशें पूरी तरह से लागू नहीं हो पाईं. अब जब अशोक लवासा समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है और जल्द ही वित्तमंत्री अरुण जेटली इस रिपोर्ट पर कोई अंतिम फैसला सरकार की ओर से ले लेंगे. बता दें कि वेतन आयोग (पे कमीशन) ने अपनी रिपोर्ट में एचआरए को आरंभ में 24%, 16% और 8% तय किया था और कहा गया था कि जब डीए 50 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा तो यह 27%, 18% और 9% क्रमश: हो जाएगा. इतना ही नहीं वेतन आयोग (पे कमिशन) ने यह भी कहा था कि जब डीए 100% हो जाएगा तब यह दर 30%, 20% और 10% क्रमश : एक्स, वाई और जेड शहरों के लिए हो जाएगी. कर्मचारियों का कहना है कि वह इस दर को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.   इसी नोट में एचआरए से जुड़ा मुद्दा भी शामिल होगा. केंद्रीय कर्मचारियों को अन्य अलाउंसेस के अलावा एचआरए के मुद्दे पर सरकार के फैसले का इंतजार है. यह इंतजार अब एक साल का होने जा रहा है. उल्लेखनीय है कि पिछले साल 28 जून को ही सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का फैसला लिया था. सरकार ने वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू करने का ऐलान किया था. लेकिन वेतन आयोग की कई सिफारिशों के बाद केंद्रीय कर्मचारियों ने कई मुद्दों पर अपनी आपत्ति जताई थी. इन मुद्दों में अलाउंसेस को लेकर विवाद भी था.  सरकार ने इसके लिए एक समिति का गठन किया था. समिति ने अपनी रिपोर्ट 27 अप्रैल को वित्तमंत्री को सौंप दी थी. वित्तमंत्रालय की ओर से यह रिपोर्ट अधिकार प्राप्त सचिवों की समिति को भेजा गया था. अब इस रिपोर्ट पर चर्चा के बाद 1 जून को सचिवों की अधिकार प्राप्त समिति ने एक कैबिनेट नोट तैयार किया है. अब माना जा रहा है कि हर बुधवार को होने वाली केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस बारे में फैसला हो सकता है. यह साफ नहीं है कि यह नोट इस बार की बैठक में रखा जाएगा. सूत्रों का कहना है कि ऐसा हो सकता है.  सूत्रों का कहना है कि कर्मचारियों से चर्चा के लिए बनी लवासा समिति ने सातवें वेतन आयोग की अलाउंसेस को लेकर की गई कुछ सिफारिशों में संशोधन के सुझाव दिए हैं. जानकारी के लिए बता दें कि सातवां वेतन आयोग से पहले केंद्रीय कर्मचारी 196 किस्म के अलाउंसेस के हकदार थे. लेकिन सातवें वेतन आयोग ने कई अलाउंसेस को समाप्त कर दिया या फिर उन्हें मिला दिया जिसके बाद केवल 55 अलाउंस बाकी रह गए. तमाम कर्मचारियों को कई अलाउंस समाप्त होने का मलाल है. टिप्पणियां बता दें कि सातवें वेतन आयोग (Seventh Pay Commission) द्वारा केन्द्रीय कर्मचारियों को दिए जाने वाले कई भत्तों को लेकर असमंजस की स्थिति है. नरेंद्र मोदी सरकार ने 2016 में सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों को मंजूरी दी थी और 1 जनवरी 2016 से 7वें वेतन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया था. लेकिन, भत्तों के साथ कई मुद्दों पर असहमति होने की वजह से इन सिफारिशें पूरी तरह से लागू नहीं हो पाईं. अब जब अशोक लवासा समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है और जल्द ही वित्तमंत्री अरुण जेटली इस रिपोर्ट पर कोई अंतिम फैसला सरकार की ओर से ले लेंगे. बता दें कि वेतन आयोग (पे कमीशन) ने अपनी रिपोर्ट में एचआरए को आरंभ में 24%, 16% और 8% तय किया था और कहा गया था कि जब डीए 50 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा तो यह 27%, 18% और 9% क्रमश: हो जाएगा. इतना ही नहीं वेतन आयोग (पे कमिशन) ने यह भी कहा था कि जब डीए 100% हो जाएगा तब यह दर 30%, 20% और 10% क्रमश : एक्स, वाई और जेड शहरों के लिए हो जाएगी. कर्मचारियों का कहना है कि वह इस दर को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.   सरकार ने इसके लिए एक समिति का गठन किया था. समिति ने अपनी रिपोर्ट 27 अप्रैल को वित्तमंत्री को सौंप दी थी. वित्तमंत्रालय की ओर से यह रिपोर्ट अधिकार प्राप्त सचिवों की समिति को भेजा गया था. अब इस रिपोर्ट पर चर्चा के बाद 1 जून को सचिवों की अधिकार प्राप्त समिति ने एक कैबिनेट नोट तैयार किया है. अब माना जा रहा है कि हर बुधवार को होने वाली केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस बारे में फैसला हो सकता है. यह साफ नहीं है कि यह नोट इस बार की बैठक में रखा जाएगा. सूत्रों का कहना है कि ऐसा हो सकता है.  सूत्रों का कहना है कि कर्मचारियों से चर्चा के लिए बनी लवासा समिति ने सातवें वेतन आयोग की अलाउंसेस को लेकर की गई कुछ सिफारिशों में संशोधन के सुझाव दिए हैं. जानकारी के लिए बता दें कि सातवां वेतन आयोग से पहले केंद्रीय कर्मचारी 196 किस्म के अलाउंसेस के हकदार थे. लेकिन सातवें वेतन आयोग ने कई अलाउंसेस को समाप्त कर दिया या फिर उन्हें मिला दिया जिसके बाद केवल 55 अलाउंस बाकी रह गए. तमाम कर्मचारियों को कई अलाउंस समाप्त होने का मलाल है. टिप्पणियां बता दें कि सातवें वेतन आयोग (Seventh Pay Commission) द्वारा केन्द्रीय कर्मचारियों को दिए जाने वाले कई भत्तों को लेकर असमंजस की स्थिति है. नरेंद्र मोदी सरकार ने 2016 में सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों को मंजूरी दी थी और 1 जनवरी 2016 से 7वें वेतन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया था. लेकिन, भत्तों के साथ कई मुद्दों पर असहमति होने की वजह से इन सिफारिशें पूरी तरह से लागू नहीं हो पाईं. अब जब अशोक लवासा समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है और जल्द ही वित्तमंत्री अरुण जेटली इस रिपोर्ट पर कोई अंतिम फैसला सरकार की ओर से ले लेंगे. बता दें कि वेतन आयोग (पे कमीशन) ने अपनी रिपोर्ट में एचआरए को आरंभ में 24%, 16% और 8% तय किया था और कहा गया था कि जब डीए 50 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा तो यह 27%, 18% और 9% क्रमश: हो जाएगा. इतना ही नहीं वेतन आयोग (पे कमिशन) ने यह भी कहा था कि जब डीए 100% हो जाएगा तब यह दर 30%, 20% और 10% क्रमश : एक्स, वाई और जेड शहरों के लिए हो जाएगी. कर्मचारियों का कहना है कि वह इस दर को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.   सूत्रों का कहना है कि कर्मचारियों से चर्चा के लिए बनी लवासा समिति ने सातवें वेतन आयोग की अलाउंसेस को लेकर की गई कुछ सिफारिशों में संशोधन के सुझाव दिए हैं. जानकारी के लिए बता दें कि सातवां वेतन आयोग से पहले केंद्रीय कर्मचारी 196 किस्म के अलाउंसेस के हकदार थे. लेकिन सातवें वेतन आयोग ने कई अलाउंसेस को समाप्त कर दिया या फिर उन्हें मिला दिया जिसके बाद केवल 55 अलाउंस बाकी रह गए. तमाम कर्मचारियों को कई अलाउंस समाप्त होने का मलाल है. टिप्पणियां बता दें कि सातवें वेतन आयोग (Seventh Pay Commission) द्वारा केन्द्रीय कर्मचारियों को दिए जाने वाले कई भत्तों को लेकर असमंजस की स्थिति है. नरेंद्र मोदी सरकार ने 2016 में सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों को मंजूरी दी थी और 1 जनवरी 2016 से 7वें वेतन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया था. लेकिन, भत्तों के साथ कई मुद्दों पर असहमति होने की वजह से इन सिफारिशें पूरी तरह से लागू नहीं हो पाईं. अब जब अशोक लवासा समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है और जल्द ही वित्तमंत्री अरुण जेटली इस रिपोर्ट पर कोई अंतिम फैसला सरकार की ओर से ले लेंगे. बता दें कि वेतन आयोग (पे कमीशन) ने अपनी रिपोर्ट में एचआरए को आरंभ में 24%, 16% और 8% तय किया था और कहा गया था कि जब डीए 50 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा तो यह 27%, 18% और 9% क्रमश: हो जाएगा. इतना ही नहीं वेतन आयोग (पे कमिशन) ने यह भी कहा था कि जब डीए 100% हो जाएगा तब यह दर 30%, 20% और 10% क्रमश : एक्स, वाई और जेड शहरों के लिए हो जाएगी. कर्मचारियों का कहना है कि वह इस दर को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.   जानकारी के लिए बता दें कि सातवां वेतन आयोग से पहले केंद्रीय कर्मचारी 196 किस्म के अलाउंसेस के हकदार थे. लेकिन सातवें वेतन आयोग ने कई अलाउंसेस को समाप्त कर दिया या फिर उन्हें मिला दिया जिसके बाद केवल 55 अलाउंस बाकी रह गए. तमाम कर्मचारियों को कई अलाउंस समाप्त होने का मलाल है. टिप्पणियां बता दें कि सातवें वेतन आयोग (Seventh Pay Commission) द्वारा केन्द्रीय कर्मचारियों को दिए जाने वाले कई भत्तों को लेकर असमंजस की स्थिति है. नरेंद्र मोदी सरकार ने 2016 में सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों को मंजूरी दी थी और 1 जनवरी 2016 से 7वें वेतन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया था. लेकिन, भत्तों के साथ कई मुद्दों पर असहमति होने की वजह से इन सिफारिशें पूरी तरह से लागू नहीं हो पाईं. अब जब अशोक लवासा समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है और जल्द ही वित्तमंत्री अरुण जेटली इस रिपोर्ट पर कोई अंतिम फैसला सरकार की ओर से ले लेंगे. बता दें कि वेतन आयोग (पे कमीशन) ने अपनी रिपोर्ट में एचआरए को आरंभ में 24%, 16% और 8% तय किया था और कहा गया था कि जब डीए 50 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा तो यह 27%, 18% और 9% क्रमश: हो जाएगा. इतना ही नहीं वेतन आयोग (पे कमिशन) ने यह भी कहा था कि जब डीए 100% हो जाएगा तब यह दर 30%, 20% और 10% क्रमश : एक्स, वाई और जेड शहरों के लिए हो जाएगी. कर्मचारियों का कहना है कि वह इस दर को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.   बता दें कि सातवें वेतन आयोग (Seventh Pay Commission) द्वारा केन्द्रीय कर्मचारियों को दिए जाने वाले कई भत्तों को लेकर असमंजस की स्थिति है. नरेंद्र मोदी सरकार ने 2016 में सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों को मंजूरी दी थी और 1 जनवरी 2016 से 7वें वेतन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया था. लेकिन, भत्तों के साथ कई मुद्दों पर असहमति होने की वजह से इन सिफारिशें पूरी तरह से लागू नहीं हो पाईं. अब जब अशोक लवासा समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है और जल्द ही वित्तमंत्री अरुण जेटली इस रिपोर्ट पर कोई अंतिम फैसला सरकार की ओर से ले लेंगे. बता दें कि वेतन आयोग (पे कमीशन) ने अपनी रिपोर्ट में एचआरए को आरंभ में 24%, 16% और 8% तय किया था और कहा गया था कि जब डीए 50 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा तो यह 27%, 18% और 9% क्रमश: हो जाएगा. इतना ही नहीं वेतन आयोग (पे कमिशन) ने यह भी कहा था कि जब डीए 100% हो जाएगा तब यह दर 30%, 20% और 10% क्रमश : एक्स, वाई और जेड शहरों के लिए हो जाएगी. कर्मचारियों का कहना है कि वह इस दर को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.   बता दें कि वेतन आयोग (पे कमीशन) ने अपनी रिपोर्ट में एचआरए को आरंभ में 24%, 16% और 8% तय किया था और कहा गया था कि जब डीए 50 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा तो यह 27%, 18% और 9% क्रमश: हो जाएगा. इतना ही नहीं वेतन आयोग (पे कमिशन) ने यह भी कहा था कि जब डीए 100% हो जाएगा तब यह दर 30%, 20% और 10% क्रमश : एक्स, वाई और जेड शहरों के लिए हो जाएगी. कर्मचारियों का कहना है कि वह इस दर को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.
यह एक सारांश है: कैबिनेट की बैठक में अलाउंस को लेकर नोट पर हो सकती है चर्चा अधिकार प्राप्त सचिवों की समिति ने लवासा समिति की रिपोर्ट पर चर्चा की कुछ अलाउंसेस पर बदलाव की संभावना.
9
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र नोएडा, गाजियाबाद में घरों में सीधे पाइप के जरिये पहुंचने वाली गैस महंगी कर दी गई है। इन क्षेत्रों के 3.7 लाख परिवारों को अब पाइप गैस के लिये डेढ़ से चार रुपये प्रति घनमीटर तक अधिक चुकाना होगा। सीएनजी और पाइप के जरिये घरों में प्राकृतिक गैस पहुंचाने वाली कंपनी इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड ने दिल्ली में पाइप गैस का दाम प्रत्येक दो महीने में 30 घनमीटर तक की खपत पर डेढ़ रुपये बढ़ाकर 23.50 रुपये प्रति घनमीटर कर दिए हैं जबकि 30 घनमीटर से अधिक खपत पर भी इतनी ही वृद्धि कर इसे 35.50 रुपये प्रति घनमीटर कर दिया गया है। कंपनी के अनुसार नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में वैट अथवा अन्य कर अलग होने की वजह से दाम प्रत्येक दो महीने में 30 घनमीटर तक की खपत के लिए 25 रुपये प्रति घनमीटर कर दिए गए हैं। पहले यह 23.50 रुपये घनमीटर पर थे।टिप्पणियां इसी प्रकार 30 घनमीटर से अधिक की खपत होने पर अब इन क्षेत्र के घरेलू उपभोक्ताओं को 34 रुपये की बजाय 38 रुपये प्रति घनमीटर की दर से भुगतान करना होगा। कंपनी का कहना है कि पिछली बार उसने सितंबर 2011 में दाम में संशोधन किया था तब से रुपये की विनिमय दर में काफी बदलाव हुआ है और लागत बढ़ी है। इसलिए दाम बढ़ाए गए हैं। सीएनजी और पाइप के जरिये घरों में प्राकृतिक गैस पहुंचाने वाली कंपनी इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड ने दिल्ली में पाइप गैस का दाम प्रत्येक दो महीने में 30 घनमीटर तक की खपत पर डेढ़ रुपये बढ़ाकर 23.50 रुपये प्रति घनमीटर कर दिए हैं जबकि 30 घनमीटर से अधिक खपत पर भी इतनी ही वृद्धि कर इसे 35.50 रुपये प्रति घनमीटर कर दिया गया है। कंपनी के अनुसार नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में वैट अथवा अन्य कर अलग होने की वजह से दाम प्रत्येक दो महीने में 30 घनमीटर तक की खपत के लिए 25 रुपये प्रति घनमीटर कर दिए गए हैं। पहले यह 23.50 रुपये घनमीटर पर थे।टिप्पणियां इसी प्रकार 30 घनमीटर से अधिक की खपत होने पर अब इन क्षेत्र के घरेलू उपभोक्ताओं को 34 रुपये की बजाय 38 रुपये प्रति घनमीटर की दर से भुगतान करना होगा। कंपनी का कहना है कि पिछली बार उसने सितंबर 2011 में दाम में संशोधन किया था तब से रुपये की विनिमय दर में काफी बदलाव हुआ है और लागत बढ़ी है। इसलिए दाम बढ़ाए गए हैं। कंपनी के अनुसार नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में वैट अथवा अन्य कर अलग होने की वजह से दाम प्रत्येक दो महीने में 30 घनमीटर तक की खपत के लिए 25 रुपये प्रति घनमीटर कर दिए गए हैं। पहले यह 23.50 रुपये घनमीटर पर थे।टिप्पणियां इसी प्रकार 30 घनमीटर से अधिक की खपत होने पर अब इन क्षेत्र के घरेलू उपभोक्ताओं को 34 रुपये की बजाय 38 रुपये प्रति घनमीटर की दर से भुगतान करना होगा। कंपनी का कहना है कि पिछली बार उसने सितंबर 2011 में दाम में संशोधन किया था तब से रुपये की विनिमय दर में काफी बदलाव हुआ है और लागत बढ़ी है। इसलिए दाम बढ़ाए गए हैं। इसी प्रकार 30 घनमीटर से अधिक की खपत होने पर अब इन क्षेत्र के घरेलू उपभोक्ताओं को 34 रुपये की बजाय 38 रुपये प्रति घनमीटर की दर से भुगतान करना होगा। कंपनी का कहना है कि पिछली बार उसने सितंबर 2011 में दाम में संशोधन किया था तब से रुपये की विनिमय दर में काफी बदलाव हुआ है और लागत बढ़ी है। इसलिए दाम बढ़ाए गए हैं। कंपनी का कहना है कि पिछली बार उसने सितंबर 2011 में दाम में संशोधन किया था तब से रुपये की विनिमय दर में काफी बदलाव हुआ है और लागत बढ़ी है। इसलिए दाम बढ़ाए गए हैं।
यहाँ एक सारांश है:दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र नोएडा, गाजियाबाद में घरों में सीधे पाइप के जरिये पहुंचने वाली गैस महंगी कर दी गई है। इन क्षेत्रों के 3.7 लाख परिवारों को अब पाइप गैस के लिये डेढ़ से चार रुपये प्रति घनमीटर तक अधिक चुकाना होगा।
4
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: लोकपाल बिल के मसौदे में सुधार के बाद आज इसे कैबिनेट के सामने रखा जाएगा। इस बिल को अंतिम रूप  देने के लिए सरकार के पांच वरिष्ठ मंत्रियों ने कल बैठक की थी। कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने बताया कि निर्देशों के मुताबिक ही इसमें सुधार किए गए हैं।सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने लोकपाल बिल के ड्राफ्ट में कई बदलाव किए हैं। अब लोकपाल के पास जांच शाखा नहीं होगी, जैसा कि दूसरे ड्राफ्ट में प्रस्ताव रखा गया था। इसकी जगह एक इन्क्वायरी विंग होगी, साथ ही लोकपाल को किसी भी मामले में खुद पहल करके सुनवाई का अधिकार नहीं होगा। सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति प्रधानमंत्री, लोकसभा के नेता विपक्ष और चीफ जस्टिस मिलकर करेंगे। पहले चीफ जस्टिस की जगह लोकपाल का प्रस्ताव था। सीबीआई के इन्वेस्टिगेशन और प्रॉसिक्यूशन विंग अलग नहीं होंगे। लोकपाल बिल सहित तीन बिलों को पारित कराने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र को तीन दिन के लिए बढ़ाया जाएगा। इस बिल को कैबिनेट में रखे जाने से पहले इसे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी देखेंगे। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इस बिल को संसद में पेश किया जाएगा।
यहाँ एक सारांश है:नए ड्राफ्ट के मुताबिक लोकपाल के पास जांच शाखा नहीं होगी, जैसा कि दूसरे ड्राफ्ट में प्रस्ताव रखा गया था। इसकी जगह एक इन्क्वायरी विंग होगी।
17
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: Kumkum Bhagya Written Update: जी टीवी के शो 'कुमकुम भाग्य (Kumkum Bhagya)' में इन दिनों काफी हंगामा चल रहा है. अभी (Shabir Ahluwalia) और प्रज्ञा (Sriti Jha) के रोमांस के बीच रिया, प्राची को लेकर प्लेन बना रही हैं. सीरियल 'कुमकुम भाग्य' के पिछले एपिसोड में दिखाया गया कि विक्रम, मिताली से पल्लवी और अपनी मां के लड़ाई करवाने के लिए हेल्प मांगता है. विक्रम मिताली की बात सुनकर पल्लवी के सामने अपनी मां की खूब तारीफ करता है, जिस वजह से पल्लवी को बुरा महसूस होता है. दूसरी ओर रणबीर, प्राची (Mugdha Chapekar) को संजू से बात करने से रोकता है. इस बात पर रणबीर और प्राची की लड़ाई हो जाती है. सृती झा (Sriti Jha) और शब्बीर आहलुवालिया (Shabir Ahluwalia) के शो 'कुमकुम भाग्य (Kumkum Bhagya)' के पिछले एपिसोड में दिखाया गया कि प्रज्ञा और अभी फ्यूज ठीक करते हैं. वहीं, लाइट आने से पहले अभी, प्रज्ञा से रोमांटिक बाते करता है. दूसरी ओर रिया, रणबीर को कहती है कि अगर प्राची, संजू के साथ रहना चाहती है तो उन्हें प्राची का दिल तोड़ने वाला अपना प्लेन छोड़ देना चाहिए.  सीरियल 'कुमकुम भाग्य (Kumkum Bhagya)' के अपकमिंग एपिसोड में दिखाया जाएगा कि अभी, प्रज्ञा से कहेगा कि तुम घर में इंतजार करो मैं कुछ देर में आ रहा हूं. अभी, प्रज्ञा (Sriti Jha) से कहेगा कि वह उसके लिए एक सरप्राइज लेने जा रहा है. प्रज्ञा उसे यह कहकर रोकने की कोशिश करती है कि उसे मिस्टर मेहरा के घर दिवाली पार्टी में जाना है, लेकिन प्रज्ञा की बात सुनने से पहले ही अभी निकल जाएगा. वहीं, मधु, प्रज्ञा को सलाह देगी कि उसे मिस्टर मेहरा के घर के लिए निकल जाना चाहिए. वह अभी (Shabir Ahluwalia) को इंतजार करने के लिए कह देगी. अब देखना होगा कि अभी, प्रज्ञा को क्या सरप्राइज देगा.
यह एक सारांश है: साीरियल 'कुमकुम भाग्य' में जानिए क्या होगा अभी देगा प्रज्ञा को सरप्राइज जानिए 'कुमकुम भाग्य' के अपकमिंग एपिसोड में क्या होगा
9
['hin']
एक सारांश बनाओ: यूपी के नोएडा-ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों की जालसाजी में फंसने की आपने कई कहानियां तो सुनी ही होंगी. सरकार दम भरती रहीं कि रेरा जैसे कानून को लाकर उन्होंने बिल्डरों पर नकेल कस दी है. साथ ही समय-समय पर देश की सर्वोच्च अदालत ने फर्जीवाड़ा करने वाले बिल्डरों को जेल तक की हवा खिला दी लेकिन नोएडा-ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों की फर्जी वाड़ा का धंधा जोरशोर से चल रहा है जिसके शिकार बायर्स दर दर की ठोकरें खाते फिर रहे हैं. इसी तरह का एक मामला ग्रेटर नोएडा के द ग्रेंड वेनिस मॉल के मालिक का सामने आ चुका है. मॉल के मालिक ने दुकानें बेचने का सपना दिखाकर करोड़ों रुपये की उगाही की और कमर्शियल दुकान के नाम पर अब बायर्स धक्के खाने को मजबूर हैं. लेकिन पुलिस की गिरफ्त में आये बिल्डर को फिलहाल जेल की हवा खाने का अदालत ने फरमान सुनाया है. अगर आप ग्रेटर नोएडा के किसी चमकदार डेस्टीनेशन पर घूमने के मूड से निकले हैं तो द ग्रेंड वेनिस मॉल को देखने की तमाम सलाहें मिल जाऐंगी. मॉल की खासियत ये है कि मॉल के अन्दर नाव चलती है. इटली के एक शहर के नाम पर पड़े इस मॉल की यूएसपी ही पानी पर चल रही नाव, तमाम रंगबिरंगे फाउंटेन और चमकदार लाईटिंग हैं. लेकिन इस मॉल के बहते हुए पानी की तरह सैकड़ों लोगों की उम्मीद भी पानी की तरह सालों से बहती हुई दिख रही हैं. मॉल में अपनी शानदार कमर्शियल स्पेस की चाह रखने वालों ने यहां अपने खून पसीने से कमाई हुए पैसों को ये सोचकर लगाया कि भविष्य में ये पैसा उनको अच्छी जिंदगी देना का सहारा बन सकता है. सैकड़ों तो ऐसे लोग भी इनमें शामिल थे जिन्होने जिदंगी भर नौकरी करके रिटायर्मेंट के बाद मिलने वाले पीएफ, फंड को इस सोच से बिल्डर के हवाले किया कि पेंशन से थोड़ी ऊपर आमदनी हो जाऐगी तो दवाई इलाज और परिवार चलाना आसान हो जाऐगा. लेकिन इनके सपनों पर काली स्याही पोतने वाले द ग्रेंड वेनिस मॉल के मालिक सत्येन्द्र भसीन मोंटू भसीन तो लालच के उस समुन्दर में डुबकियां लगा रहा था जहां वो मानता था कि कानून उसका क्या बिगाड़ लेगा. सैकड़ों लोगों ने लाखों लाख रुपया देकर दुकानें खरीदने का करार तो मोंटू के साथ किया लेकिन दुकान तो दूर अपने पैसों की वापसी के लिए बायर्स अब थाना और अदालतों के चक्कर मारते घूम रहे हैं. फिलहाल करीब 8 साल से चल रहे मोंटू भसीन के फर्जीवाड़े का उस वक्त अंत हुआ जब वो नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण के दफ्तर अपने पैसे के बल पर सेटिंग करने पहुंच गया. तेजतर्रार एसएसपी ने मोंटू भसीन के काले कारनामे पहले से सुन रखे थे इसलिए बिना देरी किए एसएसपी ने कासना पुलिस को बुलाकार मोंटू भसीन को उसके सही घर पहुंचा दिया जहां उसे कई साल पहले पहुंचना था. कासना पुलिस ने मोंटू भसीन को कोर्ट के सामने पेश किया जहां से उसे 14 दिन की जेल में भेजने का आदेश हो गया. पुलिस के मुताबिक मोंटू भसीन के खिलाफ ग्रेटर नोएडा के कासना थाने में 9 मुकदमे दर्ज हैं जबकि सूरजपुर थाने में 1 मुकदमा दर्ज है. पुलिस के मुताबिक करीब 4 मामलों में मोंटू भसीन के खिलाफ अदालत ने गैर जमानती वारंट भी जारी किए हुए हैं.
यहाँ एक सारांश है:मॉल का मालिक हुआ गिरफ्तार एसएसपी दफ्तर में ही हुई गिरफ्तारी दुकानों का सपना दिखाकर की करोड़ों की उगाही
15
['hin']
एक सारांश बनाओ: किंग्स इलेवन पंजाब ने अजहर महमूद (80) और शान मार्श (63) के अर्द्धशतकों के बाद कसी गेंदबाजी से शनिवार को इंडियन प्रीमियर लीग टी-20 मैच में शीर्ष पर चल रही मुंबई इंडियंस को 50 रन से पराजित किया। बल्लेबाजी का न्यौता मिलने के बाद पंजाब की टीम खराब शुरुआत के बावजूद महमूद और मार्श ने 14.2 ओवर में तीसरे विकेट के लिये 148 रन की भागीदारी से आठ विकेट पर 183 रन का सम्मानजनक स्कोर खड़ा करने में सफल रही। महमूद ने 44 गेंद की पारी में आठ चौके और चार छक्के जड़े जबकि मार्श ने 47 गेंद की पारी में 11 चौके जमाये। मुंबई इंडियंस इसके जवाब में 19.1 ओवर में 133 रन ही बना सकी। उसके लिए अम्बाती रायुडू 26 रन बनाकर शीर्ष स्कोरर रहे जबकि कप्तान रोहित शर्मा ने 25, सलामी बल्लेबाज आदित्य तारे ने 22 और किरोन पोलार्ड ने 22 और ऋषी धवन ने 14 रन बनाये। मुंबई इंडियंस की टीम अंतिम मैच में हार से शीर्ष से दूसरे स्थान पर खिसक गयी, उसने 16 मैचों में 11 जीत दर्ज की और पांच में उसे शिकस्त मिली। उसके 22 अंक हैं। प्रीति जिंटा की टीम पंजाब ने अपना अभियान 16 मैचों में 16 अंक से छठे स्थान पर समाप्त किया। किंग्स इलेवन पंजाब के लिए पीयूष चावला ने 20 रन, संदीप शर्मा ने 30 रन और महमूद ने 24 रन देकर दो दो विकेट प्राप्त किये जबकि प्रवीण कुमार, परविंदर अवाना और एडम गिलक्रिस्ट के नाम एक-एक विकेट रहा। अपना अंतिम आईपीएल में मैच खेल रहे किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान गिलक्रिस्ट ने मैच का अंतिम ओवर गेंदबाजी करने का फैसला किया और दिलचस्प बात यह रही कि उन्होंने इसकी पहली गेंद पर हरभजन सिंह (05) का विकेट भी झटक लिया। फिर गेंदबाजी के दौरान चोटिल हुए धवल कुलकर्णी बल्लेबाजी के लिए नहीं उतरे जिससे किंग्स इलेवन पंजाब ने पांच गेंद रहते जीत दर्ज की। महमूद को अर्द्धशतकीय पारी खेलने के बाद दो विकेट हासिल कर ऑलराउंड प्रदर्शन करने के लिए ‘मैन आफ द मैच’ से नवाजा गया। प्ले ऑफ की दौड़ से पहले ही बाहर हो चुकी पंजाब के बल्लेबाज मार्श और महमूद ने चौके और छक्के जमाकर मुंबई इंडियंस के गेंदबाजों की धज्जियां उड़ा दी। टीम ने तीसरे ओवर में छह रन पर दो विकेट खो दिए थे। इन दोनों खिलाड़ियों में महमूद ज्यादा आक्रामक थे, जिन्होंने एक ओवर में 10 से ज्यादा रन बनाए। मनन वोहरा ने अंत में आठ गेंद में नाबाद 20 रन की पारी खेली। मुंबई इंडियंस के लिये लसिथ मलिंगा ने 39 रन देकर तीन विकेट जबकि नाथन कोल्टर नील, रिषी धवन, हरभजन और कीरोन पोलार्ड ने एक-एक विकेट लिया। पंजाब की शुरुआत काफी खराब रही, सलामी बल्लेबाज मनदीप सिंह (01) और एडम गिलक्रिस्ट (05) तीसरे ओवर तक ड्रेसिंग रूम पहुंच गये, तब स्कोर केवल छह रन था। मनदीप ने ऋषी धवन की गेंद को समझ नहीं सके और दूसरे ओवर में मिड ऑफ पर पोलार्ड को सीधा कैच दे बैठे। गिलक्रिस्ट तीसरे ओवर में कोल्टर नील की गेंद पर बोल्ड हो गये। दो झटकों से पंजाब की बल्लेबाजी को धीमा कर दिया लेकिन मार्श और महमूद ने धीरे-धीरे इसमें सुधार करना शुरू किया। मार्श ने धवल कुलकर्णी के छठे ओवर में तीन चौके जमाकर आक्रामकता की शुरुआत की जबकि महमूद ने लगातार गेंदों पर एक छक्का और तीन चौके जमाकर मलिंगा को धोया और आठवें ओवर में 20 रन जुटाये। पंजाब ने 10 ओवर के बाद दो विकेट पर 80 रन बना लिये थे। महमूद ने 13वें ओवर में ग्लेन मैक्सवेल पर लगातार गेंद में दो छक्के और एक चौका जमाया। अगले ओवर में जब वह 50 रन पर थे तो कोल्टर नील ने उनका कैच छोड़ दिया।टिप्पणियां मार्श को भी हरभजन सिंह ने इसी ओवर में जीवनदान दिया, तब वह 54 रन के स्कोर पर थे। यह ऑस्ट्रेलियाई 17वें ओवर में हरभजन की गेंद पर आउट हुआ। इसके बाद महमूद भी मलिंगा की गेंद पर पगबाधा आउट हो गये। डेविड मिलर (06), गुरकीरत सिंह (00), पीयूष चावला (01) और प्रवीण कुमार (00) भी ज्यादा देर तक नहीं टिके। बल्लेबाजी का न्यौता मिलने के बाद पंजाब की टीम खराब शुरुआत के बावजूद महमूद और मार्श ने 14.2 ओवर में तीसरे विकेट के लिये 148 रन की भागीदारी से आठ विकेट पर 183 रन का सम्मानजनक स्कोर खड़ा करने में सफल रही। महमूद ने 44 गेंद की पारी में आठ चौके और चार छक्के जड़े जबकि मार्श ने 47 गेंद की पारी में 11 चौके जमाये। मुंबई इंडियंस इसके जवाब में 19.1 ओवर में 133 रन ही बना सकी। उसके लिए अम्बाती रायुडू 26 रन बनाकर शीर्ष स्कोरर रहे जबकि कप्तान रोहित शर्मा ने 25, सलामी बल्लेबाज आदित्य तारे ने 22 और किरोन पोलार्ड ने 22 और ऋषी धवन ने 14 रन बनाये। मुंबई इंडियंस की टीम अंतिम मैच में हार से शीर्ष से दूसरे स्थान पर खिसक गयी, उसने 16 मैचों में 11 जीत दर्ज की और पांच में उसे शिकस्त मिली। उसके 22 अंक हैं। प्रीति जिंटा की टीम पंजाब ने अपना अभियान 16 मैचों में 16 अंक से छठे स्थान पर समाप्त किया। किंग्स इलेवन पंजाब के लिए पीयूष चावला ने 20 रन, संदीप शर्मा ने 30 रन और महमूद ने 24 रन देकर दो दो विकेट प्राप्त किये जबकि प्रवीण कुमार, परविंदर अवाना और एडम गिलक्रिस्ट के नाम एक-एक विकेट रहा। अपना अंतिम आईपीएल में मैच खेल रहे किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान गिलक्रिस्ट ने मैच का अंतिम ओवर गेंदबाजी करने का फैसला किया और दिलचस्प बात यह रही कि उन्होंने इसकी पहली गेंद पर हरभजन सिंह (05) का विकेट भी झटक लिया। फिर गेंदबाजी के दौरान चोटिल हुए धवल कुलकर्णी बल्लेबाजी के लिए नहीं उतरे जिससे किंग्स इलेवन पंजाब ने पांच गेंद रहते जीत दर्ज की। महमूद को अर्द्धशतकीय पारी खेलने के बाद दो विकेट हासिल कर ऑलराउंड प्रदर्शन करने के लिए ‘मैन आफ द मैच’ से नवाजा गया। प्ले ऑफ की दौड़ से पहले ही बाहर हो चुकी पंजाब के बल्लेबाज मार्श और महमूद ने चौके और छक्के जमाकर मुंबई इंडियंस के गेंदबाजों की धज्जियां उड़ा दी। टीम ने तीसरे ओवर में छह रन पर दो विकेट खो दिए थे। इन दोनों खिलाड़ियों में महमूद ज्यादा आक्रामक थे, जिन्होंने एक ओवर में 10 से ज्यादा रन बनाए। मनन वोहरा ने अंत में आठ गेंद में नाबाद 20 रन की पारी खेली। मुंबई इंडियंस के लिये लसिथ मलिंगा ने 39 रन देकर तीन विकेट जबकि नाथन कोल्टर नील, रिषी धवन, हरभजन और कीरोन पोलार्ड ने एक-एक विकेट लिया। पंजाब की शुरुआत काफी खराब रही, सलामी बल्लेबाज मनदीप सिंह (01) और एडम गिलक्रिस्ट (05) तीसरे ओवर तक ड्रेसिंग रूम पहुंच गये, तब स्कोर केवल छह रन था। मनदीप ने ऋषी धवन की गेंद को समझ नहीं सके और दूसरे ओवर में मिड ऑफ पर पोलार्ड को सीधा कैच दे बैठे। गिलक्रिस्ट तीसरे ओवर में कोल्टर नील की गेंद पर बोल्ड हो गये। दो झटकों से पंजाब की बल्लेबाजी को धीमा कर दिया लेकिन मार्श और महमूद ने धीरे-धीरे इसमें सुधार करना शुरू किया। मार्श ने धवल कुलकर्णी के छठे ओवर में तीन चौके जमाकर आक्रामकता की शुरुआत की जबकि महमूद ने लगातार गेंदों पर एक छक्का और तीन चौके जमाकर मलिंगा को धोया और आठवें ओवर में 20 रन जुटाये। पंजाब ने 10 ओवर के बाद दो विकेट पर 80 रन बना लिये थे। महमूद ने 13वें ओवर में ग्लेन मैक्सवेल पर लगातार गेंद में दो छक्के और एक चौका जमाया। अगले ओवर में जब वह 50 रन पर थे तो कोल्टर नील ने उनका कैच छोड़ दिया।टिप्पणियां मार्श को भी हरभजन सिंह ने इसी ओवर में जीवनदान दिया, तब वह 54 रन के स्कोर पर थे। यह ऑस्ट्रेलियाई 17वें ओवर में हरभजन की गेंद पर आउट हुआ। इसके बाद महमूद भी मलिंगा की गेंद पर पगबाधा आउट हो गये। डेविड मिलर (06), गुरकीरत सिंह (00), पीयूष चावला (01) और प्रवीण कुमार (00) भी ज्यादा देर तक नहीं टिके। मुंबई इंडियंस इसके जवाब में 19.1 ओवर में 133 रन ही बना सकी। उसके लिए अम्बाती रायुडू 26 रन बनाकर शीर्ष स्कोरर रहे जबकि कप्तान रोहित शर्मा ने 25, सलामी बल्लेबाज आदित्य तारे ने 22 और किरोन पोलार्ड ने 22 और ऋषी धवन ने 14 रन बनाये। मुंबई इंडियंस की टीम अंतिम मैच में हार से शीर्ष से दूसरे स्थान पर खिसक गयी, उसने 16 मैचों में 11 जीत दर्ज की और पांच में उसे शिकस्त मिली। उसके 22 अंक हैं। प्रीति जिंटा की टीम पंजाब ने अपना अभियान 16 मैचों में 16 अंक से छठे स्थान पर समाप्त किया। किंग्स इलेवन पंजाब के लिए पीयूष चावला ने 20 रन, संदीप शर्मा ने 30 रन और महमूद ने 24 रन देकर दो दो विकेट प्राप्त किये जबकि प्रवीण कुमार, परविंदर अवाना और एडम गिलक्रिस्ट के नाम एक-एक विकेट रहा। अपना अंतिम आईपीएल में मैच खेल रहे किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान गिलक्रिस्ट ने मैच का अंतिम ओवर गेंदबाजी करने का फैसला किया और दिलचस्प बात यह रही कि उन्होंने इसकी पहली गेंद पर हरभजन सिंह (05) का विकेट भी झटक लिया। फिर गेंदबाजी के दौरान चोटिल हुए धवल कुलकर्णी बल्लेबाजी के लिए नहीं उतरे जिससे किंग्स इलेवन पंजाब ने पांच गेंद रहते जीत दर्ज की। महमूद को अर्द्धशतकीय पारी खेलने के बाद दो विकेट हासिल कर ऑलराउंड प्रदर्शन करने के लिए ‘मैन आफ द मैच’ से नवाजा गया। प्ले ऑफ की दौड़ से पहले ही बाहर हो चुकी पंजाब के बल्लेबाज मार्श और महमूद ने चौके और छक्के जमाकर मुंबई इंडियंस के गेंदबाजों की धज्जियां उड़ा दी। टीम ने तीसरे ओवर में छह रन पर दो विकेट खो दिए थे। इन दोनों खिलाड़ियों में महमूद ज्यादा आक्रामक थे, जिन्होंने एक ओवर में 10 से ज्यादा रन बनाए। मनन वोहरा ने अंत में आठ गेंद में नाबाद 20 रन की पारी खेली। मुंबई इंडियंस के लिये लसिथ मलिंगा ने 39 रन देकर तीन विकेट जबकि नाथन कोल्टर नील, रिषी धवन, हरभजन और कीरोन पोलार्ड ने एक-एक विकेट लिया। पंजाब की शुरुआत काफी खराब रही, सलामी बल्लेबाज मनदीप सिंह (01) और एडम गिलक्रिस्ट (05) तीसरे ओवर तक ड्रेसिंग रूम पहुंच गये, तब स्कोर केवल छह रन था। मनदीप ने ऋषी धवन की गेंद को समझ नहीं सके और दूसरे ओवर में मिड ऑफ पर पोलार्ड को सीधा कैच दे बैठे। गिलक्रिस्ट तीसरे ओवर में कोल्टर नील की गेंद पर बोल्ड हो गये। दो झटकों से पंजाब की बल्लेबाजी को धीमा कर दिया लेकिन मार्श और महमूद ने धीरे-धीरे इसमें सुधार करना शुरू किया। मार्श ने धवल कुलकर्णी के छठे ओवर में तीन चौके जमाकर आक्रामकता की शुरुआत की जबकि महमूद ने लगातार गेंदों पर एक छक्का और तीन चौके जमाकर मलिंगा को धोया और आठवें ओवर में 20 रन जुटाये। पंजाब ने 10 ओवर के बाद दो विकेट पर 80 रन बना लिये थे। महमूद ने 13वें ओवर में ग्लेन मैक्सवेल पर लगातार गेंद में दो छक्के और एक चौका जमाया। अगले ओवर में जब वह 50 रन पर थे तो कोल्टर नील ने उनका कैच छोड़ दिया।टिप्पणियां मार्श को भी हरभजन सिंह ने इसी ओवर में जीवनदान दिया, तब वह 54 रन के स्कोर पर थे। यह ऑस्ट्रेलियाई 17वें ओवर में हरभजन की गेंद पर आउट हुआ। इसके बाद महमूद भी मलिंगा की गेंद पर पगबाधा आउट हो गये। डेविड मिलर (06), गुरकीरत सिंह (00), पीयूष चावला (01) और प्रवीण कुमार (00) भी ज्यादा देर तक नहीं टिके। मुंबई इंडियंस की टीम अंतिम मैच में हार से शीर्ष से दूसरे स्थान पर खिसक गयी, उसने 16 मैचों में 11 जीत दर्ज की और पांच में उसे शिकस्त मिली। उसके 22 अंक हैं। प्रीति जिंटा की टीम पंजाब ने अपना अभियान 16 मैचों में 16 अंक से छठे स्थान पर समाप्त किया। किंग्स इलेवन पंजाब के लिए पीयूष चावला ने 20 रन, संदीप शर्मा ने 30 रन और महमूद ने 24 रन देकर दो दो विकेट प्राप्त किये जबकि प्रवीण कुमार, परविंदर अवाना और एडम गिलक्रिस्ट के नाम एक-एक विकेट रहा। अपना अंतिम आईपीएल में मैच खेल रहे किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान गिलक्रिस्ट ने मैच का अंतिम ओवर गेंदबाजी करने का फैसला किया और दिलचस्प बात यह रही कि उन्होंने इसकी पहली गेंद पर हरभजन सिंह (05) का विकेट भी झटक लिया। फिर गेंदबाजी के दौरान चोटिल हुए धवल कुलकर्णी बल्लेबाजी के लिए नहीं उतरे जिससे किंग्स इलेवन पंजाब ने पांच गेंद रहते जीत दर्ज की। महमूद को अर्द्धशतकीय पारी खेलने के बाद दो विकेट हासिल कर ऑलराउंड प्रदर्शन करने के लिए ‘मैन आफ द मैच’ से नवाजा गया। प्ले ऑफ की दौड़ से पहले ही बाहर हो चुकी पंजाब के बल्लेबाज मार्श और महमूद ने चौके और छक्के जमाकर मुंबई इंडियंस के गेंदबाजों की धज्जियां उड़ा दी। टीम ने तीसरे ओवर में छह रन पर दो विकेट खो दिए थे। इन दोनों खिलाड़ियों में महमूद ज्यादा आक्रामक थे, जिन्होंने एक ओवर में 10 से ज्यादा रन बनाए। मनन वोहरा ने अंत में आठ गेंद में नाबाद 20 रन की पारी खेली। मुंबई इंडियंस के लिये लसिथ मलिंगा ने 39 रन देकर तीन विकेट जबकि नाथन कोल्टर नील, रिषी धवन, हरभजन और कीरोन पोलार्ड ने एक-एक विकेट लिया। पंजाब की शुरुआत काफी खराब रही, सलामी बल्लेबाज मनदीप सिंह (01) और एडम गिलक्रिस्ट (05) तीसरे ओवर तक ड्रेसिंग रूम पहुंच गये, तब स्कोर केवल छह रन था। मनदीप ने ऋषी धवन की गेंद को समझ नहीं सके और दूसरे ओवर में मिड ऑफ पर पोलार्ड को सीधा कैच दे बैठे। गिलक्रिस्ट तीसरे ओवर में कोल्टर नील की गेंद पर बोल्ड हो गये। दो झटकों से पंजाब की बल्लेबाजी को धीमा कर दिया लेकिन मार्श और महमूद ने धीरे-धीरे इसमें सुधार करना शुरू किया। मार्श ने धवल कुलकर्णी के छठे ओवर में तीन चौके जमाकर आक्रामकता की शुरुआत की जबकि महमूद ने लगातार गेंदों पर एक छक्का और तीन चौके जमाकर मलिंगा को धोया और आठवें ओवर में 20 रन जुटाये। पंजाब ने 10 ओवर के बाद दो विकेट पर 80 रन बना लिये थे। महमूद ने 13वें ओवर में ग्लेन मैक्सवेल पर लगातार गेंद में दो छक्के और एक चौका जमाया। अगले ओवर में जब वह 50 रन पर थे तो कोल्टर नील ने उनका कैच छोड़ दिया।टिप्पणियां मार्श को भी हरभजन सिंह ने इसी ओवर में जीवनदान दिया, तब वह 54 रन के स्कोर पर थे। यह ऑस्ट्रेलियाई 17वें ओवर में हरभजन की गेंद पर आउट हुआ। इसके बाद महमूद भी मलिंगा की गेंद पर पगबाधा आउट हो गये। डेविड मिलर (06), गुरकीरत सिंह (00), पीयूष चावला (01) और प्रवीण कुमार (00) भी ज्यादा देर तक नहीं टिके। किंग्स इलेवन पंजाब के लिए पीयूष चावला ने 20 रन, संदीप शर्मा ने 30 रन और महमूद ने 24 रन देकर दो दो विकेट प्राप्त किये जबकि प्रवीण कुमार, परविंदर अवाना और एडम गिलक्रिस्ट के नाम एक-एक विकेट रहा। अपना अंतिम आईपीएल में मैच खेल रहे किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान गिलक्रिस्ट ने मैच का अंतिम ओवर गेंदबाजी करने का फैसला किया और दिलचस्प बात यह रही कि उन्होंने इसकी पहली गेंद पर हरभजन सिंह (05) का विकेट भी झटक लिया। फिर गेंदबाजी के दौरान चोटिल हुए धवल कुलकर्णी बल्लेबाजी के लिए नहीं उतरे जिससे किंग्स इलेवन पंजाब ने पांच गेंद रहते जीत दर्ज की। महमूद को अर्द्धशतकीय पारी खेलने के बाद दो विकेट हासिल कर ऑलराउंड प्रदर्शन करने के लिए ‘मैन आफ द मैच’ से नवाजा गया। प्ले ऑफ की दौड़ से पहले ही बाहर हो चुकी पंजाब के बल्लेबाज मार्श और महमूद ने चौके और छक्के जमाकर मुंबई इंडियंस के गेंदबाजों की धज्जियां उड़ा दी। टीम ने तीसरे ओवर में छह रन पर दो विकेट खो दिए थे। इन दोनों खिलाड़ियों में महमूद ज्यादा आक्रामक थे, जिन्होंने एक ओवर में 10 से ज्यादा रन बनाए। मनन वोहरा ने अंत में आठ गेंद में नाबाद 20 रन की पारी खेली। मुंबई इंडियंस के लिये लसिथ मलिंगा ने 39 रन देकर तीन विकेट जबकि नाथन कोल्टर नील, रिषी धवन, हरभजन और कीरोन पोलार्ड ने एक-एक विकेट लिया। पंजाब की शुरुआत काफी खराब रही, सलामी बल्लेबाज मनदीप सिंह (01) और एडम गिलक्रिस्ट (05) तीसरे ओवर तक ड्रेसिंग रूम पहुंच गये, तब स्कोर केवल छह रन था। मनदीप ने ऋषी धवन की गेंद को समझ नहीं सके और दूसरे ओवर में मिड ऑफ पर पोलार्ड को सीधा कैच दे बैठे। गिलक्रिस्ट तीसरे ओवर में कोल्टर नील की गेंद पर बोल्ड हो गये। दो झटकों से पंजाब की बल्लेबाजी को धीमा कर दिया लेकिन मार्श और महमूद ने धीरे-धीरे इसमें सुधार करना शुरू किया। मार्श ने धवल कुलकर्णी के छठे ओवर में तीन चौके जमाकर आक्रामकता की शुरुआत की जबकि महमूद ने लगातार गेंदों पर एक छक्का और तीन चौके जमाकर मलिंगा को धोया और आठवें ओवर में 20 रन जुटाये। पंजाब ने 10 ओवर के बाद दो विकेट पर 80 रन बना लिये थे। महमूद ने 13वें ओवर में ग्लेन मैक्सवेल पर लगातार गेंद में दो छक्के और एक चौका जमाया। अगले ओवर में जब वह 50 रन पर थे तो कोल्टर नील ने उनका कैच छोड़ दिया।टिप्पणियां मार्श को भी हरभजन सिंह ने इसी ओवर में जीवनदान दिया, तब वह 54 रन के स्कोर पर थे। यह ऑस्ट्रेलियाई 17वें ओवर में हरभजन की गेंद पर आउट हुआ। इसके बाद महमूद भी मलिंगा की गेंद पर पगबाधा आउट हो गये। डेविड मिलर (06), गुरकीरत सिंह (00), पीयूष चावला (01) और प्रवीण कुमार (00) भी ज्यादा देर तक नहीं टिके। अपना अंतिम आईपीएल में मैच खेल रहे किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान गिलक्रिस्ट ने मैच का अंतिम ओवर गेंदबाजी करने का फैसला किया और दिलचस्प बात यह रही कि उन्होंने इसकी पहली गेंद पर हरभजन सिंह (05) का विकेट भी झटक लिया। फिर गेंदबाजी के दौरान चोटिल हुए धवल कुलकर्णी बल्लेबाजी के लिए नहीं उतरे जिससे किंग्स इलेवन पंजाब ने पांच गेंद रहते जीत दर्ज की। महमूद को अर्द्धशतकीय पारी खेलने के बाद दो विकेट हासिल कर ऑलराउंड प्रदर्शन करने के लिए ‘मैन आफ द मैच’ से नवाजा गया। प्ले ऑफ की दौड़ से पहले ही बाहर हो चुकी पंजाब के बल्लेबाज मार्श और महमूद ने चौके और छक्के जमाकर मुंबई इंडियंस के गेंदबाजों की धज्जियां उड़ा दी। टीम ने तीसरे ओवर में छह रन पर दो विकेट खो दिए थे। इन दोनों खिलाड़ियों में महमूद ज्यादा आक्रामक थे, जिन्होंने एक ओवर में 10 से ज्यादा रन बनाए। मनन वोहरा ने अंत में आठ गेंद में नाबाद 20 रन की पारी खेली। मुंबई इंडियंस के लिये लसिथ मलिंगा ने 39 रन देकर तीन विकेट जबकि नाथन कोल्टर नील, रिषी धवन, हरभजन और कीरोन पोलार्ड ने एक-एक विकेट लिया। पंजाब की शुरुआत काफी खराब रही, सलामी बल्लेबाज मनदीप सिंह (01) और एडम गिलक्रिस्ट (05) तीसरे ओवर तक ड्रेसिंग रूम पहुंच गये, तब स्कोर केवल छह रन था। मनदीप ने ऋषी धवन की गेंद को समझ नहीं सके और दूसरे ओवर में मिड ऑफ पर पोलार्ड को सीधा कैच दे बैठे। गिलक्रिस्ट तीसरे ओवर में कोल्टर नील की गेंद पर बोल्ड हो गये। दो झटकों से पंजाब की बल्लेबाजी को धीमा कर दिया लेकिन मार्श और महमूद ने धीरे-धीरे इसमें सुधार करना शुरू किया। मार्श ने धवल कुलकर्णी के छठे ओवर में तीन चौके जमाकर आक्रामकता की शुरुआत की जबकि महमूद ने लगातार गेंदों पर एक छक्का और तीन चौके जमाकर मलिंगा को धोया और आठवें ओवर में 20 रन जुटाये। पंजाब ने 10 ओवर के बाद दो विकेट पर 80 रन बना लिये थे। महमूद ने 13वें ओवर में ग्लेन मैक्सवेल पर लगातार गेंद में दो छक्के और एक चौका जमाया। अगले ओवर में जब वह 50 रन पर थे तो कोल्टर नील ने उनका कैच छोड़ दिया।टिप्पणियां मार्श को भी हरभजन सिंह ने इसी ओवर में जीवनदान दिया, तब वह 54 रन के स्कोर पर थे। यह ऑस्ट्रेलियाई 17वें ओवर में हरभजन की गेंद पर आउट हुआ। इसके बाद महमूद भी मलिंगा की गेंद पर पगबाधा आउट हो गये। डेविड मिलर (06), गुरकीरत सिंह (00), पीयूष चावला (01) और प्रवीण कुमार (00) भी ज्यादा देर तक नहीं टिके। महमूद को अर्द्धशतकीय पारी खेलने के बाद दो विकेट हासिल कर ऑलराउंड प्रदर्शन करने के लिए ‘मैन आफ द मैच’ से नवाजा गया। प्ले ऑफ की दौड़ से पहले ही बाहर हो चुकी पंजाब के बल्लेबाज मार्श और महमूद ने चौके और छक्के जमाकर मुंबई इंडियंस के गेंदबाजों की धज्जियां उड़ा दी। टीम ने तीसरे ओवर में छह रन पर दो विकेट खो दिए थे। इन दोनों खिलाड़ियों में महमूद ज्यादा आक्रामक थे, जिन्होंने एक ओवर में 10 से ज्यादा रन बनाए। मनन वोहरा ने अंत में आठ गेंद में नाबाद 20 रन की पारी खेली। मुंबई इंडियंस के लिये लसिथ मलिंगा ने 39 रन देकर तीन विकेट जबकि नाथन कोल्टर नील, रिषी धवन, हरभजन और कीरोन पोलार्ड ने एक-एक विकेट लिया। पंजाब की शुरुआत काफी खराब रही, सलामी बल्लेबाज मनदीप सिंह (01) और एडम गिलक्रिस्ट (05) तीसरे ओवर तक ड्रेसिंग रूम पहुंच गये, तब स्कोर केवल छह रन था। मनदीप ने ऋषी धवन की गेंद को समझ नहीं सके और दूसरे ओवर में मिड ऑफ पर पोलार्ड को सीधा कैच दे बैठे। गिलक्रिस्ट तीसरे ओवर में कोल्टर नील की गेंद पर बोल्ड हो गये। दो झटकों से पंजाब की बल्लेबाजी को धीमा कर दिया लेकिन मार्श और महमूद ने धीरे-धीरे इसमें सुधार करना शुरू किया। मार्श ने धवल कुलकर्णी के छठे ओवर में तीन चौके जमाकर आक्रामकता की शुरुआत की जबकि महमूद ने लगातार गेंदों पर एक छक्का और तीन चौके जमाकर मलिंगा को धोया और आठवें ओवर में 20 रन जुटाये। पंजाब ने 10 ओवर के बाद दो विकेट पर 80 रन बना लिये थे। महमूद ने 13वें ओवर में ग्लेन मैक्सवेल पर लगातार गेंद में दो छक्के और एक चौका जमाया। अगले ओवर में जब वह 50 रन पर थे तो कोल्टर नील ने उनका कैच छोड़ दिया।टिप्पणियां मार्श को भी हरभजन सिंह ने इसी ओवर में जीवनदान दिया, तब वह 54 रन के स्कोर पर थे। यह ऑस्ट्रेलियाई 17वें ओवर में हरभजन की गेंद पर आउट हुआ। इसके बाद महमूद भी मलिंगा की गेंद पर पगबाधा आउट हो गये। डेविड मिलर (06), गुरकीरत सिंह (00), पीयूष चावला (01) और प्रवीण कुमार (00) भी ज्यादा देर तक नहीं टिके। इन दोनों खिलाड़ियों में महमूद ज्यादा आक्रामक थे, जिन्होंने एक ओवर में 10 से ज्यादा रन बनाए। मनन वोहरा ने अंत में आठ गेंद में नाबाद 20 रन की पारी खेली। मुंबई इंडियंस के लिये लसिथ मलिंगा ने 39 रन देकर तीन विकेट जबकि नाथन कोल्टर नील, रिषी धवन, हरभजन और कीरोन पोलार्ड ने एक-एक विकेट लिया। पंजाब की शुरुआत काफी खराब रही, सलामी बल्लेबाज मनदीप सिंह (01) और एडम गिलक्रिस्ट (05) तीसरे ओवर तक ड्रेसिंग रूम पहुंच गये, तब स्कोर केवल छह रन था। मनदीप ने ऋषी धवन की गेंद को समझ नहीं सके और दूसरे ओवर में मिड ऑफ पर पोलार्ड को सीधा कैच दे बैठे। गिलक्रिस्ट तीसरे ओवर में कोल्टर नील की गेंद पर बोल्ड हो गये। दो झटकों से पंजाब की बल्लेबाजी को धीमा कर दिया लेकिन मार्श और महमूद ने धीरे-धीरे इसमें सुधार करना शुरू किया। मार्श ने धवल कुलकर्णी के छठे ओवर में तीन चौके जमाकर आक्रामकता की शुरुआत की जबकि महमूद ने लगातार गेंदों पर एक छक्का और तीन चौके जमाकर मलिंगा को धोया और आठवें ओवर में 20 रन जुटाये। पंजाब ने 10 ओवर के बाद दो विकेट पर 80 रन बना लिये थे। महमूद ने 13वें ओवर में ग्लेन मैक्सवेल पर लगातार गेंद में दो छक्के और एक चौका जमाया। अगले ओवर में जब वह 50 रन पर थे तो कोल्टर नील ने उनका कैच छोड़ दिया।टिप्पणियां मार्श को भी हरभजन सिंह ने इसी ओवर में जीवनदान दिया, तब वह 54 रन के स्कोर पर थे। यह ऑस्ट्रेलियाई 17वें ओवर में हरभजन की गेंद पर आउट हुआ। इसके बाद महमूद भी मलिंगा की गेंद पर पगबाधा आउट हो गये। डेविड मिलर (06), गुरकीरत सिंह (00), पीयूष चावला (01) और प्रवीण कुमार (00) भी ज्यादा देर तक नहीं टिके। मुंबई इंडियंस के लिये लसिथ मलिंगा ने 39 रन देकर तीन विकेट जबकि नाथन कोल्टर नील, रिषी धवन, हरभजन और कीरोन पोलार्ड ने एक-एक विकेट लिया। पंजाब की शुरुआत काफी खराब रही, सलामी बल्लेबाज मनदीप सिंह (01) और एडम गिलक्रिस्ट (05) तीसरे ओवर तक ड्रेसिंग रूम पहुंच गये, तब स्कोर केवल छह रन था। मनदीप ने ऋषी धवन की गेंद को समझ नहीं सके और दूसरे ओवर में मिड ऑफ पर पोलार्ड को सीधा कैच दे बैठे। गिलक्रिस्ट तीसरे ओवर में कोल्टर नील की गेंद पर बोल्ड हो गये। दो झटकों से पंजाब की बल्लेबाजी को धीमा कर दिया लेकिन मार्श और महमूद ने धीरे-धीरे इसमें सुधार करना शुरू किया। मार्श ने धवल कुलकर्णी के छठे ओवर में तीन चौके जमाकर आक्रामकता की शुरुआत की जबकि महमूद ने लगातार गेंदों पर एक छक्का और तीन चौके जमाकर मलिंगा को धोया और आठवें ओवर में 20 रन जुटाये। पंजाब ने 10 ओवर के बाद दो विकेट पर 80 रन बना लिये थे। महमूद ने 13वें ओवर में ग्लेन मैक्सवेल पर लगातार गेंद में दो छक्के और एक चौका जमाया। अगले ओवर में जब वह 50 रन पर थे तो कोल्टर नील ने उनका कैच छोड़ दिया।टिप्पणियां मार्श को भी हरभजन सिंह ने इसी ओवर में जीवनदान दिया, तब वह 54 रन के स्कोर पर थे। यह ऑस्ट्रेलियाई 17वें ओवर में हरभजन की गेंद पर आउट हुआ। इसके बाद महमूद भी मलिंगा की गेंद पर पगबाधा आउट हो गये। डेविड मिलर (06), गुरकीरत सिंह (00), पीयूष चावला (01) और प्रवीण कुमार (00) भी ज्यादा देर तक नहीं टिके। पंजाब की शुरुआत काफी खराब रही, सलामी बल्लेबाज मनदीप सिंह (01) और एडम गिलक्रिस्ट (05) तीसरे ओवर तक ड्रेसिंग रूम पहुंच गये, तब स्कोर केवल छह रन था। मनदीप ने ऋषी धवन की गेंद को समझ नहीं सके और दूसरे ओवर में मिड ऑफ पर पोलार्ड को सीधा कैच दे बैठे। गिलक्रिस्ट तीसरे ओवर में कोल्टर नील की गेंद पर बोल्ड हो गये। दो झटकों से पंजाब की बल्लेबाजी को धीमा कर दिया लेकिन मार्श और महमूद ने धीरे-धीरे इसमें सुधार करना शुरू किया। मार्श ने धवल कुलकर्णी के छठे ओवर में तीन चौके जमाकर आक्रामकता की शुरुआत की जबकि महमूद ने लगातार गेंदों पर एक छक्का और तीन चौके जमाकर मलिंगा को धोया और आठवें ओवर में 20 रन जुटाये। पंजाब ने 10 ओवर के बाद दो विकेट पर 80 रन बना लिये थे। महमूद ने 13वें ओवर में ग्लेन मैक्सवेल पर लगातार गेंद में दो छक्के और एक चौका जमाया। अगले ओवर में जब वह 50 रन पर थे तो कोल्टर नील ने उनका कैच छोड़ दिया।टिप्पणियां मार्श को भी हरभजन सिंह ने इसी ओवर में जीवनदान दिया, तब वह 54 रन के स्कोर पर थे। यह ऑस्ट्रेलियाई 17वें ओवर में हरभजन की गेंद पर आउट हुआ। इसके बाद महमूद भी मलिंगा की गेंद पर पगबाधा आउट हो गये। डेविड मिलर (06), गुरकीरत सिंह (00), पीयूष चावला (01) और प्रवीण कुमार (00) भी ज्यादा देर तक नहीं टिके। मनदीप ने ऋषी धवन की गेंद को समझ नहीं सके और दूसरे ओवर में मिड ऑफ पर पोलार्ड को सीधा कैच दे बैठे। गिलक्रिस्ट तीसरे ओवर में कोल्टर नील की गेंद पर बोल्ड हो गये। दो झटकों से पंजाब की बल्लेबाजी को धीमा कर दिया लेकिन मार्श और महमूद ने धीरे-धीरे इसमें सुधार करना शुरू किया। मार्श ने धवल कुलकर्णी के छठे ओवर में तीन चौके जमाकर आक्रामकता की शुरुआत की जबकि महमूद ने लगातार गेंदों पर एक छक्का और तीन चौके जमाकर मलिंगा को धोया और आठवें ओवर में 20 रन जुटाये। पंजाब ने 10 ओवर के बाद दो विकेट पर 80 रन बना लिये थे। महमूद ने 13वें ओवर में ग्लेन मैक्सवेल पर लगातार गेंद में दो छक्के और एक चौका जमाया। अगले ओवर में जब वह 50 रन पर थे तो कोल्टर नील ने उनका कैच छोड़ दिया।टिप्पणियां मार्श को भी हरभजन सिंह ने इसी ओवर में जीवनदान दिया, तब वह 54 रन के स्कोर पर थे। यह ऑस्ट्रेलियाई 17वें ओवर में हरभजन की गेंद पर आउट हुआ। इसके बाद महमूद भी मलिंगा की गेंद पर पगबाधा आउट हो गये। डेविड मिलर (06), गुरकीरत सिंह (00), पीयूष चावला (01) और प्रवीण कुमार (00) भी ज्यादा देर तक नहीं टिके। मार्श ने धवल कुलकर्णी के छठे ओवर में तीन चौके जमाकर आक्रामकता की शुरुआत की जबकि महमूद ने लगातार गेंदों पर एक छक्का और तीन चौके जमाकर मलिंगा को धोया और आठवें ओवर में 20 रन जुटाये। पंजाब ने 10 ओवर के बाद दो विकेट पर 80 रन बना लिये थे। महमूद ने 13वें ओवर में ग्लेन मैक्सवेल पर लगातार गेंद में दो छक्के और एक चौका जमाया। अगले ओवर में जब वह 50 रन पर थे तो कोल्टर नील ने उनका कैच छोड़ दिया।टिप्पणियां मार्श को भी हरभजन सिंह ने इसी ओवर में जीवनदान दिया, तब वह 54 रन के स्कोर पर थे। यह ऑस्ट्रेलियाई 17वें ओवर में हरभजन की गेंद पर आउट हुआ। इसके बाद महमूद भी मलिंगा की गेंद पर पगबाधा आउट हो गये। डेविड मिलर (06), गुरकीरत सिंह (00), पीयूष चावला (01) और प्रवीण कुमार (00) भी ज्यादा देर तक नहीं टिके। पंजाब ने 10 ओवर के बाद दो विकेट पर 80 रन बना लिये थे। महमूद ने 13वें ओवर में ग्लेन मैक्सवेल पर लगातार गेंद में दो छक्के और एक चौका जमाया। अगले ओवर में जब वह 50 रन पर थे तो कोल्टर नील ने उनका कैच छोड़ दिया।टिप्पणियां मार्श को भी हरभजन सिंह ने इसी ओवर में जीवनदान दिया, तब वह 54 रन के स्कोर पर थे। यह ऑस्ट्रेलियाई 17वें ओवर में हरभजन की गेंद पर आउट हुआ। इसके बाद महमूद भी मलिंगा की गेंद पर पगबाधा आउट हो गये। डेविड मिलर (06), गुरकीरत सिंह (00), पीयूष चावला (01) और प्रवीण कुमार (00) भी ज्यादा देर तक नहीं टिके। मार्श को भी हरभजन सिंह ने इसी ओवर में जीवनदान दिया, तब वह 54 रन के स्कोर पर थे। यह ऑस्ट्रेलियाई 17वें ओवर में हरभजन की गेंद पर आउट हुआ। इसके बाद महमूद भी मलिंगा की गेंद पर पगबाधा आउट हो गये। डेविड मिलर (06), गुरकीरत सिंह (00), पीयूष चावला (01) और प्रवीण कुमार (00) भी ज्यादा देर तक नहीं टिके। डेविड मिलर (06), गुरकीरत सिंह (00), पीयूष चावला (01) और प्रवीण कुमार (00) भी ज्यादा देर तक नहीं टिके।
संक्षिप्त पाठ: किंग्स इलेवन पंजाब ने अजहर महमूद (80) और शान मार्श (63) के अर्द्धशतकों के बाद कसी गेंदबाजी से शनिवार को इंडियन प्रीमियर लीग टी-20 मैच में शीर्ष पर चल रही मुंबई इंडियंस को 50 रन से पराजित किया।
30
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: अभिनेत्री जिया खान द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले में मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ्तार बॉलीवुड अभिनेता आदित्य पंचोली के बेटे सूरज पंचोली को कोर्ट ने पुलिस हिरासत में भेज दिया है। पुलिस ने सोमवार को सूरज को गिरफ्तार किया था। जुहू पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अरुण भगत ने पत्रकारों को बताया, "सूरज को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306 के तहत गिरफ्तार किया गया है, जो आत्महत्या के लिए उकसाने के अपराध के लिए है, और सूरज पंचोली को कल (मंगलवार) को अंधेरी में दंडाधिकारी की अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा।" जिया खान द्वारा आत्महत्या करने से पहले लिखे गए एक पत्र को उसके परिजनों ने पुलिस को सौंपा था, जिसके दो दिन के भीतर यह गिरफ्तारी की गई है। यह पत्र जिया खान द्वारा 3 जून को आत्महत्या किए जाने के तीन दिन बाद उसके परिजनों को प्राप्त हुआ था। इससे पहले, सोमवार को पहली बार जिया की मां राबिया खान मीडिया के सामने आई थीं और उन्होंने सूरज पंचोली को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा था कि जिया प्रोफेशनल नहीं, पसर्नल लाइफ से तनाव में थी। इससे पहले, जिया खान के परिवार को छह पृष्ठों का एक नोट मिला था, जिसमें उसने आत्महत्या करने से पहले एक अभिनेता दंपति के बेटे के साथ तनावपूर्ण प्रेम संबंधों के बारे में लिखा था। जुहू थाने के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जिया के परिवार के सदस्यों ने पुलिस कार्रवाई के संदेह से मूल चिट्ठी अपने पास रखना पसंद किया, लेकिन वे उसकी सत्यापित प्रति जांचकर्ताओं को देने पर सहमत हो गए।टिप्पणियां पुलिस यह पता करने के लिए हस्तलिपि विशेषज्ञों की मदद भी लेगी कि क्या यह पत्र जिया ने खुद लिखा है। हालांकि परिवार ने दावा किया कि यह उसकी ही हस्तलिपि है। खबरों के अनुसार, नोट में कहा गया है, "तुमने मुझे धोखा दिया है... मैं इस संबंध पर भरोसा करती थी, लेकिन तुमने इस संबंध की परवाह नहीं की... जब तुम यह पत्र पढ़ रहे होगे, मैं शायद इस दुनिया में न रहूं।" उल्लेखनीय है कि 25-वर्षीय अभिनेत्री जिया खान का शव सोमवार की रात 11 बजे जुहू में सागर संगीत निवास में लटका हुआ मिला था, जहां वह अपनी मां एवं बहन के साथ रहती थी। जब उसने फांसी लगाई, उसकी मां और बहन कहीं गई हुई थीं। जुहू पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अरुण भगत ने पत्रकारों को बताया, "सूरज को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306 के तहत गिरफ्तार किया गया है, जो आत्महत्या के लिए उकसाने के अपराध के लिए है, और सूरज पंचोली को कल (मंगलवार) को अंधेरी में दंडाधिकारी की अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा।" जिया खान द्वारा आत्महत्या करने से पहले लिखे गए एक पत्र को उसके परिजनों ने पुलिस को सौंपा था, जिसके दो दिन के भीतर यह गिरफ्तारी की गई है। यह पत्र जिया खान द्वारा 3 जून को आत्महत्या किए जाने के तीन दिन बाद उसके परिजनों को प्राप्त हुआ था। इससे पहले, सोमवार को पहली बार जिया की मां राबिया खान मीडिया के सामने आई थीं और उन्होंने सूरज पंचोली को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा था कि जिया प्रोफेशनल नहीं, पसर्नल लाइफ से तनाव में थी। इससे पहले, जिया खान के परिवार को छह पृष्ठों का एक नोट मिला था, जिसमें उसने आत्महत्या करने से पहले एक अभिनेता दंपति के बेटे के साथ तनावपूर्ण प्रेम संबंधों के बारे में लिखा था। जुहू थाने के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जिया के परिवार के सदस्यों ने पुलिस कार्रवाई के संदेह से मूल चिट्ठी अपने पास रखना पसंद किया, लेकिन वे उसकी सत्यापित प्रति जांचकर्ताओं को देने पर सहमत हो गए।टिप्पणियां पुलिस यह पता करने के लिए हस्तलिपि विशेषज्ञों की मदद भी लेगी कि क्या यह पत्र जिया ने खुद लिखा है। हालांकि परिवार ने दावा किया कि यह उसकी ही हस्तलिपि है। खबरों के अनुसार, नोट में कहा गया है, "तुमने मुझे धोखा दिया है... मैं इस संबंध पर भरोसा करती थी, लेकिन तुमने इस संबंध की परवाह नहीं की... जब तुम यह पत्र पढ़ रहे होगे, मैं शायद इस दुनिया में न रहूं।" उल्लेखनीय है कि 25-वर्षीय अभिनेत्री जिया खान का शव सोमवार की रात 11 बजे जुहू में सागर संगीत निवास में लटका हुआ मिला था, जहां वह अपनी मां एवं बहन के साथ रहती थी। जब उसने फांसी लगाई, उसकी मां और बहन कहीं गई हुई थीं। जिया खान द्वारा आत्महत्या करने से पहले लिखे गए एक पत्र को उसके परिजनों ने पुलिस को सौंपा था, जिसके दो दिन के भीतर यह गिरफ्तारी की गई है। यह पत्र जिया खान द्वारा 3 जून को आत्महत्या किए जाने के तीन दिन बाद उसके परिजनों को प्राप्त हुआ था। इससे पहले, सोमवार को पहली बार जिया की मां राबिया खान मीडिया के सामने आई थीं और उन्होंने सूरज पंचोली को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा था कि जिया प्रोफेशनल नहीं, पसर्नल लाइफ से तनाव में थी। इससे पहले, जिया खान के परिवार को छह पृष्ठों का एक नोट मिला था, जिसमें उसने आत्महत्या करने से पहले एक अभिनेता दंपति के बेटे के साथ तनावपूर्ण प्रेम संबंधों के बारे में लिखा था। जुहू थाने के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जिया के परिवार के सदस्यों ने पुलिस कार्रवाई के संदेह से मूल चिट्ठी अपने पास रखना पसंद किया, लेकिन वे उसकी सत्यापित प्रति जांचकर्ताओं को देने पर सहमत हो गए।टिप्पणियां पुलिस यह पता करने के लिए हस्तलिपि विशेषज्ञों की मदद भी लेगी कि क्या यह पत्र जिया ने खुद लिखा है। हालांकि परिवार ने दावा किया कि यह उसकी ही हस्तलिपि है। खबरों के अनुसार, नोट में कहा गया है, "तुमने मुझे धोखा दिया है... मैं इस संबंध पर भरोसा करती थी, लेकिन तुमने इस संबंध की परवाह नहीं की... जब तुम यह पत्र पढ़ रहे होगे, मैं शायद इस दुनिया में न रहूं।" उल्लेखनीय है कि 25-वर्षीय अभिनेत्री जिया खान का शव सोमवार की रात 11 बजे जुहू में सागर संगीत निवास में लटका हुआ मिला था, जहां वह अपनी मां एवं बहन के साथ रहती थी। जब उसने फांसी लगाई, उसकी मां और बहन कहीं गई हुई थीं। इससे पहले, सोमवार को पहली बार जिया की मां राबिया खान मीडिया के सामने आई थीं और उन्होंने सूरज पंचोली को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा था कि जिया प्रोफेशनल नहीं, पसर्नल लाइफ से तनाव में थी। इससे पहले, जिया खान के परिवार को छह पृष्ठों का एक नोट मिला था, जिसमें उसने आत्महत्या करने से पहले एक अभिनेता दंपति के बेटे के साथ तनावपूर्ण प्रेम संबंधों के बारे में लिखा था। जुहू थाने के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जिया के परिवार के सदस्यों ने पुलिस कार्रवाई के संदेह से मूल चिट्ठी अपने पास रखना पसंद किया, लेकिन वे उसकी सत्यापित प्रति जांचकर्ताओं को देने पर सहमत हो गए।टिप्पणियां पुलिस यह पता करने के लिए हस्तलिपि विशेषज्ञों की मदद भी लेगी कि क्या यह पत्र जिया ने खुद लिखा है। हालांकि परिवार ने दावा किया कि यह उसकी ही हस्तलिपि है। खबरों के अनुसार, नोट में कहा गया है, "तुमने मुझे धोखा दिया है... मैं इस संबंध पर भरोसा करती थी, लेकिन तुमने इस संबंध की परवाह नहीं की... जब तुम यह पत्र पढ़ रहे होगे, मैं शायद इस दुनिया में न रहूं।" उल्लेखनीय है कि 25-वर्षीय अभिनेत्री जिया खान का शव सोमवार की रात 11 बजे जुहू में सागर संगीत निवास में लटका हुआ मिला था, जहां वह अपनी मां एवं बहन के साथ रहती थी। जब उसने फांसी लगाई, उसकी मां और बहन कहीं गई हुई थीं। इससे पहले, जिया खान के परिवार को छह पृष्ठों का एक नोट मिला था, जिसमें उसने आत्महत्या करने से पहले एक अभिनेता दंपति के बेटे के साथ तनावपूर्ण प्रेम संबंधों के बारे में लिखा था। जुहू थाने के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जिया के परिवार के सदस्यों ने पुलिस कार्रवाई के संदेह से मूल चिट्ठी अपने पास रखना पसंद किया, लेकिन वे उसकी सत्यापित प्रति जांचकर्ताओं को देने पर सहमत हो गए।टिप्पणियां पुलिस यह पता करने के लिए हस्तलिपि विशेषज्ञों की मदद भी लेगी कि क्या यह पत्र जिया ने खुद लिखा है। हालांकि परिवार ने दावा किया कि यह उसकी ही हस्तलिपि है। खबरों के अनुसार, नोट में कहा गया है, "तुमने मुझे धोखा दिया है... मैं इस संबंध पर भरोसा करती थी, लेकिन तुमने इस संबंध की परवाह नहीं की... जब तुम यह पत्र पढ़ रहे होगे, मैं शायद इस दुनिया में न रहूं।" उल्लेखनीय है कि 25-वर्षीय अभिनेत्री जिया खान का शव सोमवार की रात 11 बजे जुहू में सागर संगीत निवास में लटका हुआ मिला था, जहां वह अपनी मां एवं बहन के साथ रहती थी। जब उसने फांसी लगाई, उसकी मां और बहन कहीं गई हुई थीं। पुलिस यह पता करने के लिए हस्तलिपि विशेषज्ञों की मदद भी लेगी कि क्या यह पत्र जिया ने खुद लिखा है। हालांकि परिवार ने दावा किया कि यह उसकी ही हस्तलिपि है। खबरों के अनुसार, नोट में कहा गया है, "तुमने मुझे धोखा दिया है... मैं इस संबंध पर भरोसा करती थी, लेकिन तुमने इस संबंध की परवाह नहीं की... जब तुम यह पत्र पढ़ रहे होगे, मैं शायद इस दुनिया में न रहूं।" उल्लेखनीय है कि 25-वर्षीय अभिनेत्री जिया खान का शव सोमवार की रात 11 बजे जुहू में सागर संगीत निवास में लटका हुआ मिला था, जहां वह अपनी मां एवं बहन के साथ रहती थी। जब उसने फांसी लगाई, उसकी मां और बहन कहीं गई हुई थीं। उल्लेखनीय है कि 25-वर्षीय अभिनेत्री जिया खान का शव सोमवार की रात 11 बजे जुहू में सागर संगीत निवास में लटका हुआ मिला था, जहां वह अपनी मां एवं बहन के साथ रहती थी। जब उसने फांसी लगाई, उसकी मां और बहन कहीं गई हुई थीं।
सारांश: अभिनेत्री जिया खान द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले में मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ्तार बॉलीवुड अभिनेता आदित्य पंचोली के बेटे सूरज पंचोली को कोर्ट ने पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
33
['hin']
एक सारांश बनाओ: दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी (Sridevi) के अभिनय से सजी फिल्म 'मॉम' (Mom) चीन में 22 मार्च को रिलीज होगी. एक बयान के अनुसार, 'जी स्टूडियोज इंटरनेशनल' फिल्म को पोलैंड, रूस, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और सिंगापुर सहित 40 क्षेत्रों में लांच कर चुका है. अब यह फिल्म चीन में रिलीज की जा रही है. 'जी स्टूडियोज इंटरनेशनल' के फिल्म निर्माण, वितरण और अधिकरण मामले की प्रमुख विभा चोपड़ा ने कहा, "एक कलाकार की विरासत उसके काम में रह जाती है जो वह हमारे लिए छोड़ गई हैं. और 'मॉम' इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है. यह फिल्म जहां-जहां रिलीज हुई, हर जगह इसे बहुत ज्यादा सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली. इस मार्मिक फिल्म को एक और बाजार में ले जाने, उनके बेहतर और व्यापक उपहार को प्रसारित करने पर हमें गर्व है." रवि उद्यावर द्वारा निर्देशित फिल्म में श्रीदेवी ने एक मां का किरदार निभाया था जो अपनी सौतेली बेटी का बदला लेने के लिए निकलती है. उनकी सौतेली बेटी का किरदार पाकिस्तानी अभिनेत्री सजल अली ने निभाया था. बदला लेने वाली मां का किरदार निभाने के कारण श्रीदेवी को मरणोपरांत सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार दिया था.   बोनी कपूर ने कहा, "'मॉम' ऐसी फिल्म है जो हर क्षेत्र में दोनों- माताओं और दर्शकों को जोड़ती है. यह श्रीदेवी की अंतिम फिल्म है और हमारा लक्ष्य इस खूबसूरत फिल्म और उनकी सबसे यादगार अंतिम फिल्म को ज्यादा से ज्यादा लोगों को दिखाना है." 'इंग्लिश विंग्लिश' के पांच साल बाद श्रीदेवी ने 2017 में रवि उद्यावर की 'मॉम' में शानदार अभिनय किया था. उन्होंने पिछले साल रिलीज हुई 'जीरो' में भी एक छोटी भूमिका की थी. अभिनेत्री का पिछले साल 24 फरवरी को निधन हो गया था.
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: श्रीदेवी की फिल्म 'मॉम' चीन में होगी रिलीज यह फिल्म श्रीदेवी की आखिरी फिल्म थी बोनी कपूर ने दिया ये बयान
32
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: पिछले कुछ महीनों से मलाइका अरोड़ा खान अपने पति अरबाज खान से अलग रह रही हैं. हाल ही में खबर आई थी कि दोनों ने मुंबई के बांद्रा फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दी है. दोनों के अलग होने के बाद से ही खबरें आ रही थीं कि मलाइका और अरबाज के अलग होने की वजह अर्जुन कपूर हैं. कहा जा रहा था कि अर्जुन और मलाइका के बीच अफेयर हैं.टिप्पणियां आमतौर पर अपने रिश्ते को लेकर चुप रहने वाली मलाइका अरोरा खान ने अंतत: अर्जुन कपूर से अपने रिश्ते को लेकर चुप्पी तोड़ दी है. डीएनए की एक रिपोर्ट के अनुसार मलाइका ने कहा, 'अर्जुन मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं. लेकिन लोग इस रिश्ते का अलग ही मतलब निकाल रहे हैं जो गलत है.' कुछ समय पहले अर्जुन कपूर को रात के वक्त मलाइका के घर के बाहर देखा गया था जिसके बाद अफवाहें उड़ने लगी थीं कि दोनों के बीच अफेयर है. अरबाज खान और मलाइका इस साल मार्च में अलग हुए थे, इसके बाद दोनों के रिश्तों को लेकर काफी कुछ कहा जाने लगा था. इसके जवाब में दोनों ने एक जॉइन्ट स्टेटमेंट में कहा था, 'हां, हम अगल हो गए हैं. सच यह है कि हमने ब्रेक लिया है लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि लोग हमारे बारे में कुछ भी सोचें या बात करें. हमने अब तक इस मामले में कुछ नहीं कहा था लेकिन इससे काफी कन्फ्यूजन क्रिएट हो गया है और हमारे परिवारों के लिए परेशानी बढ़ गई है. इसलिए सभी अफवाहों पर लगाम लगाते हुए हम यह बयान दे रहे हैं. कुछ लोग खुद को हमारा दोस्त बताते हुए हमारे बारे में गलत जानकारी दे रहे हैं. हमारा एक बेटा है और हमारे परिवार इससे जुडे़ हैं, लेकिन हमने इस बारे में हमने कुछ नहीं  कहा इसका मतलब यह नहीं है कि कोई हमारे बारे में कुछ भी सोच सकता है.' आमतौर पर अपने रिश्ते को लेकर चुप रहने वाली मलाइका अरोरा खान ने अंतत: अर्जुन कपूर से अपने रिश्ते को लेकर चुप्पी तोड़ दी है. डीएनए की एक रिपोर्ट के अनुसार मलाइका ने कहा, 'अर्जुन मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं. लेकिन लोग इस रिश्ते का अलग ही मतलब निकाल रहे हैं जो गलत है.' कुछ समय पहले अर्जुन कपूर को रात के वक्त मलाइका के घर के बाहर देखा गया था जिसके बाद अफवाहें उड़ने लगी थीं कि दोनों के बीच अफेयर है. अरबाज खान और मलाइका इस साल मार्च में अलग हुए थे, इसके बाद दोनों के रिश्तों को लेकर काफी कुछ कहा जाने लगा था. इसके जवाब में दोनों ने एक जॉइन्ट स्टेटमेंट में कहा था, 'हां, हम अगल हो गए हैं. सच यह है कि हमने ब्रेक लिया है लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि लोग हमारे बारे में कुछ भी सोचें या बात करें. हमने अब तक इस मामले में कुछ नहीं कहा था लेकिन इससे काफी कन्फ्यूजन क्रिएट हो गया है और हमारे परिवारों के लिए परेशानी बढ़ गई है. इसलिए सभी अफवाहों पर लगाम लगाते हुए हम यह बयान दे रहे हैं. कुछ लोग खुद को हमारा दोस्त बताते हुए हमारे बारे में गलत जानकारी दे रहे हैं. हमारा एक बेटा है और हमारे परिवार इससे जुडे़ हैं, लेकिन हमने इस बारे में हमने कुछ नहीं  कहा इसका मतलब यह नहीं है कि कोई हमारे बारे में कुछ भी सोच सकता है.' अरबाज खान और मलाइका इस साल मार्च में अलग हुए थे, इसके बाद दोनों के रिश्तों को लेकर काफी कुछ कहा जाने लगा था. इसके जवाब में दोनों ने एक जॉइन्ट स्टेटमेंट में कहा था, 'हां, हम अगल हो गए हैं. सच यह है कि हमने ब्रेक लिया है लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि लोग हमारे बारे में कुछ भी सोचें या बात करें. हमने अब तक इस मामले में कुछ नहीं कहा था लेकिन इससे काफी कन्फ्यूजन क्रिएट हो गया है और हमारे परिवारों के लिए परेशानी बढ़ गई है. इसलिए सभी अफवाहों पर लगाम लगाते हुए हम यह बयान दे रहे हैं. कुछ लोग खुद को हमारा दोस्त बताते हुए हमारे बारे में गलत जानकारी दे रहे हैं. हमारा एक बेटा है और हमारे परिवार इससे जुडे़ हैं, लेकिन हमने इस बारे में हमने कुछ नहीं  कहा इसका मतलब यह नहीं है कि कोई हमारे बारे में कुछ भी सोच सकता है.'
सारांश: कुछ महीनों पहले अरबाज खान से अलग हुई हैं मलाइका अरोरा खान. अफवाहें थीं कि अर्जुन और मलाइका के बीच अफेयर है. हाल ही में मलाइका और अरबाज ने दी है तलाक की अर्जी.
7
['hin']
एक सारांश बनाओ: उत्तर प्रदेश में एक महिला के साथ दरिंदगी की घटना सामने आई है. पुलिस के अनुसार छह आरोपियों ने एक महिला के साथ पहले गैंगरेप किया और बाद में उसका वीडियो बनाकर सोशल साइट्स पर वायरल कर दिया. घटना यूपी के बांदा जिले के मऊ पुलिस थाने इलाके की है. पुलिस के अनुसार घटना को उस समय हुई जब महिला अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ अपने परिजनों से मिलने जा रही थी. महिला का आरोप है कि आरोपियों ने पहले उनके परिवार को बीच रास्ते में रोका. उसके बाद उसके परिवार के अन्य सदस्यों को पेड़ से बांधकर उनके सामने ही महिला के साथ गैंगरेप किया गया. महिला का आरोप है कि जब उसने स्थानीय पुलिस को घटना की जानकारी दी तो उन्होंने उसका मामला दर्ज करने से मना कर दिया और उसे पुलिस स्टेशन से जाने के लिए कहा. इसके बाद ही महिला ने जिले के एसपी को इस पूरे मामले की जानकारी दी. इसके बाद ही पुलिस ने घटना को लेकर मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू की है. मामले की जांच कर रहे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने महिला के साथ रेप करने के दौरान उसका 14 सेकेंड का वीडियो भी बनाया था. जिसे बाद में आरोपियों ने सोशल साइट्स पर वायरल कर दिया.  यूपी में गैंगरेप की यह कोई पहली घटना नहीं है. कुछ समय पहले भी ऐसी ही एक घटना सामने आई थी. चित्रकूट जिले की शहर कोतवाली कर्वी में एक युवती के साथ कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किये जाने के मामले में छह आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. कर्वी शहर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) अनिल कुमार सिंह ने दर्ज रिपोर्ट के हवाले से बताया था कि दो सप्ताह पहले 23 साल की युवती अपने गांव जाने के लिए शहर के एक इंटर कॉलेज के पास किसी वाहन का इंतजार कर रही थी. इसी बीच चार पहिया वाहन में सवार कुछ लोगों ने वाहन उसके गांव का होने का झांसा दे कर उसे बैठा लिया. अज्ञात स्थान में ले जाकर उसके साथ दो दिनों तक कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया एवं अप्राकृतिक संबंध बनाया गया.''
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: परिजनों से मिलने जा रही थी पीड़ित महिला स्थानीय पुलिस ने केस दर्ज करने से किया मना एसपी से की महिला ने शिकायत तो दर्ज हुआ केस
32
['hin']
एक सारांश बनाओ: माली में तख्तापलट करने वाले नेता ने कहा है कि सत्ता से बेदखल किए गए राष्ट्रपति की सुरक्षा में एक भी सैनिक नहीं है और उन्हें जवाबी विद्रोह का कोई भय नहीं है। अमेरिका में प्रशिक्षित कैप्टन अमादोउ सानोगो ने कहा कि वह नहीं बताएंगे कि राष्ट्रपति अमादोउ तौमानी तोउरो कहां हैं भले ही उन्हें उनके ठिकाने का पता चल जाए। तीन दिन पहले सोनोगो ने रक्तहीन विद्रोह में तोउरो को सत्ताच्युत कर दिया था। सोनोगो ने काटी शहर में एक साक्षात्कार में यह बात कही।टिप्पणियां सोनोगो ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा संकट को टालने के लिए काम किया क्योंकि सरकार अलगाववादी उत्तरी विद्रोहियों से लड़ने के लिए हथियार और गोला बारूद उपलब्ध नहीं करा रही थी। उन्होंने कहा कि अलगाववादी कबायली तौरेग लोगों ने दर्जनों सैनिकों की हत्या कर दी। विद्रोह से सेना में विभेद पैदा हो गया है और विद्रोही किदाल शहर की ओर बढ़ गए। अमेरिका में प्रशिक्षित कैप्टन अमादोउ सानोगो ने कहा कि वह नहीं बताएंगे कि राष्ट्रपति अमादोउ तौमानी तोउरो कहां हैं भले ही उन्हें उनके ठिकाने का पता चल जाए। तीन दिन पहले सोनोगो ने रक्तहीन विद्रोह में तोउरो को सत्ताच्युत कर दिया था। सोनोगो ने काटी शहर में एक साक्षात्कार में यह बात कही।टिप्पणियां सोनोगो ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा संकट को टालने के लिए काम किया क्योंकि सरकार अलगाववादी उत्तरी विद्रोहियों से लड़ने के लिए हथियार और गोला बारूद उपलब्ध नहीं करा रही थी। उन्होंने कहा कि अलगाववादी कबायली तौरेग लोगों ने दर्जनों सैनिकों की हत्या कर दी। विद्रोह से सेना में विभेद पैदा हो गया है और विद्रोही किदाल शहर की ओर बढ़ गए। सोनोगो ने काटी शहर में एक साक्षात्कार में यह बात कही।टिप्पणियां सोनोगो ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा संकट को टालने के लिए काम किया क्योंकि सरकार अलगाववादी उत्तरी विद्रोहियों से लड़ने के लिए हथियार और गोला बारूद उपलब्ध नहीं करा रही थी। उन्होंने कहा कि अलगाववादी कबायली तौरेग लोगों ने दर्जनों सैनिकों की हत्या कर दी। विद्रोह से सेना में विभेद पैदा हो गया है और विद्रोही किदाल शहर की ओर बढ़ गए। सोनोगो ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा संकट को टालने के लिए काम किया क्योंकि सरकार अलगाववादी उत्तरी विद्रोहियों से लड़ने के लिए हथियार और गोला बारूद उपलब्ध नहीं करा रही थी। उन्होंने कहा कि अलगाववादी कबायली तौरेग लोगों ने दर्जनों सैनिकों की हत्या कर दी। विद्रोह से सेना में विभेद पैदा हो गया है और विद्रोही किदाल शहर की ओर बढ़ गए। विद्रोह से सेना में विभेद पैदा हो गया है और विद्रोही किदाल शहर की ओर बढ़ गए।
माली में तख्तापलट करने वाले नेता ने कहा है कि सत्ता से बेदखल किए गए राष्ट्रपति की सुरक्षा में एक भी सैनिक नहीं है और उन्हें जवाबी विद्रोह का कोई भय नहीं है।
26
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के कुल्लू (Kullu) में एक 29 साल के मेक्सिकन सैलानी (Mexican Tourist) की मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि मेक्सिकन पर्यटक की मौत मंगलवार को कुल्लू के मुख्य स्वास्थ्य केंद्र में हुई.  कुल्लू पुलिस अधीक्षक ने बताया कि, मेक्सिकन सैलानी रोमन (Roman) ने मनीकरण के एक रेस्टोरेंट में नाश्ता किया था, जिसके बाद से ही उसे बेचैनी महसूस हो रही थी लेकिन अभी तक मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है.  सिंह ने बताया कि रोमन की तबीयत अचानक बिगड़ने पर दो अन्य विदेश पर्यटक उसे सुबह 11 बजे रेस्टोरेंट से पास के स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए लेकर गए थे. यहां इलाज के एक घंटे के अंदर ही डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था.  यह भी पढ़ें: बोधगया में पेड़ से लटका मिला ऑस्ट्रेलिया के पर्यटक का शव, हत्या की आशंका पुलिस अधिकारी ने बताया कि जैसे ही उन्हें इसकी सूचना मिली तो वह तुरंत स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे.  पुलिस को अब तक रोमन का सामान नहीं मिला है, जिसमें उसका पासपोर्ट भी शामिल है. साथ ही उसके शव को फिलहाल कुल्लू के अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाया गया है.  कुल्लू पुलिस ने यह मामला धारा 174 के तहत दर्ज किया है, जिसके बाद कुल्लू पुलिस इस मामले की आत्महत्या के शक के आधार पर जांच कर रही है.
सारांश: रेस्टोरेंट में खाना खाने के बाद हुई पर्यटक की मौत पुलिस को अभी तक नहीं मिला टूरिस्ट का सामान और पासपोर्ट पुलिस ने धारा 174 के तहत दर्ज किया मामला
20
['hin']
एक सारांश बनाओ: विधेयक के उद्देश्य एवं कारणों में कहा गया है कि उपदान संदाय संशोधन विधेयक 2017 में अन्य बातों के साथ साथ अधिनियम की धारा 2क का संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है जिससे सरकार को निरंतर सेवा विधेयक में शामिल महिला कर्मचारियों को वर्तमान 12 सप्ताह के स्थान पर 'प्रसूति छुट्टी की अवधि' को अधिसूचित किया जाए. ऐसा इसलिये किया गया क्योंकि प्रसूति सुविधा संशोधन अधिनियम 2017 के माध्यम से प्रसूति छुट्टी की अवधि को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया गया था. ऐसे में केंद्र सरकार को वर्तमान 12 सप्ताह की अवधि को ऐसी अन्य अवधि के लिये अधिसूचित करने की बात कही गई है. इसके तहत दस लाख रुपये शब्द के स्थान पर ‘एक ऐसी रकम जो केंद्रीय सरकार द्वारा समय समय पर अधिसूचित की जाए’ शब्द रखने के लिये अधिनियम की धारा 4 का संशोधन करने का प्रस्ताव है. इसके तहत दस लाख रुपये शब्द के स्थान पर ‘एक ऐसी रकम जो केंद्रीय सरकार द्वारा समय समय पर अधिसूचित की जाए’ शब्द रखने के लिये अधिनियम की धारा 4 का संशोधन करने का प्रस्ताव है.
संक्षिप्त पाठ: ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा को 10 से बढ़ाकर 20 लाख कर दिया गया है उपदान भुगतान (संशोधन) विधेयक 2017 को पारित करने के लिये पेश किया भारी हंगामे के बीच सदन ने इस विधेयक को ध्वनि मत से मंजूरी मिली
30
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: केंद्रीय मंत्रिमंडल के पृथक तेलंगाना गठन के फैसले के विरोध में शुक्रवार को विरोध तेज हो गया। क्षेत्र के कुछ केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों ने अपने इस्तीफे की घोषणा की। 48 घंटे के बंद के कारण सीमांध्र (रायलसीमा व तटीय आंध्र) के सभी 13 जिलों में दुकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान व शैक्षिक संस्थान बंद रहे और सड़कों पर वाहन नहीं दिखे। वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने शनिवार से यहां अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की घोषणा की, तो तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने सोमवार से नई दिल्ली में आमरण अनशन करने का ऐलान किया है। कांग्रेस सांसद वी. हनुमंत राव और तेलंगाना समर्थक कुछ और नेताओं ने पुलिस प्रमुख प्रसाद राव से मुलाकात कर जगन को भूख हड़ताल करने की अनुमति नहीं देने का अनुरोध किया है। तेलंगाना के वकीलों की संयुक्त कार्रवाई समिति ने जगन की भूख हड़ताल में बाधा डालने की धमकी दी है। उधर, राज्य के मंत्रियों और कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा नहीं देने की घोषणा की ताकि वे विधानसभा में तेलंगाना पर प्रस्ताव के खिलाफ मतदान कर सकें। मंत्रियों और विधायकों सहित कांग्रेस के 70 से ज्यादा विधायकों एवं नेताओं ने मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी के साथ बैठक में फैसला लिया। नेताओं ने आंध्र प्रदेश के विभाजन का विरोध करने की ठानी है। आंध्र प्रदेश के विभाजन के विरोध में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे और जबरन होटल एवं दुकानें बंद कराईं। विरोध में मुख्य मार्गो पर पहिए फूंके गए। उन्होंने राज्य की सड़कों व राष्ट्रीय राज्यमार्गों को अवरुद्ध किया, जिससे कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा से आवागमन अवरुद्ध हो गया। कहीं-कहीं से हिंसा की भी जानकारी मिली है। प्रदर्शनकारियों ने 'जय समेक्य आंध्र' के नारे लगाते हुए कांग्रेसी नेताओं के पुतले फूंके और विशाखापट्टनम, विजयवाड़ा, गुंटूर, तिरुपति, अनंतपुर, कुरनूल और अन्य शहरों की जिंदगी में ठहराव ला दिया। विजयनगरम में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बोत्सा सत्यनारायण के कैंप कार्यालय पर हमला बोलने वाली भीड़ को तितर-बितर करने के लए पुलिस ने आंसू गैस का प्रयोग किया। प्रदर्शनकारी यहां बोत्सा के कार्यालय के समीप धरना देकर बैठ गए हैं। विजयवाड़ा और विशाखापट्टनम में बिजली उत्पादन थम गया है क्योंकि यहां के कर्मचारी 48 घंटों के बंद में शामिल हो गए हैं। अधिकारियों ने कहा है कि इससे कुछ जिलों में विद्युत आपूर्ति पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। अनंतपुर और प्रकाशम जिले में भी तनाव पैदा हो गया। यहां तेलुगू देशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में भिड़ंत हो गई। तेलंगाना के विरोध में कर्मचारियों की हड़ताल के कारण करीब दो माह से सरकारी स्वामित्व वाली बसें नहीं चल रही हैं। बंद के कारण निजी वाहन भी सड़कों पर नहीं उतरे जिससे यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। 30 जुलाई को कांग्रेस की ओर से तेलंगाना को हरी झंडी दिए जाने के बाद 13 अगस्त से राज्य में छह लाख सरकारी कर्मचारी, शिक्षक और कामगार हड़ताल पर हैं। राज्य के मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी ने शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कानून एवं व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की और पुलिस को स्थिति से निपटने के दौरान सावधानी बरतने के लिए कहा है। उन्होंने पुलिस से रबर की गोलियां इस्तेमाल नहीं करने के लिए कहा है। सूत्रों ने बताया है कि राज्य की पुलिस ने सीमांध्र में तैनाती के लिए केंद्र सरकार से अर्ध सैनिक बलों की 20 कंपनियों की मांग की है। कम से कम 45 कंपनियां अभी यहां तैनात हैं। पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के फैसले के विरोध में आंध्र प्रदेश के सीमांध्र क्षेत्र के छह केंद्रीय मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। गुरुवार की मंत्रिमंडल की बैठक में उपस्थित कपड़ा मंत्री केएस राव और मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू ने देर रात अपने इस्तीफे दिए। राज्य मंत्री के. चिरंजीव और कोटला सूर्यप्रकाश रेड्डी ने भी अपने इस्तीफों की घोषणा कर दी। डी. पुरन्देश्वरी और के. क्रुपा रानी ने भी शुक्रवार को कहा कि पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के मंत्रिमंडल के फैसले के विरोध में वे इस्तीफा दे रही हैं। सूर्यप्रकाश रेड्डी रायलसीमा के हैं जबकि अन्य मंत्री तटीय आंध्र के हैं। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने कहा कि चिरंजीवी ने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को फैक्स कर दिया। अन्य मंत्रियों ने कहा कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि उन्होंने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री को भेजा है या नहीं।टिप्पणियां पल्लम राजू ने मंत्रिमंडल की बैठक के तत्काल बाद प्रधानमंत्री से मुलाकात की और इस्तीफे के अपने फैसले से उन्हें अवगत कराया। मनमोहन सिंह ने उन्हें जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाने को कहा। कांग्रेस के चार सांसदों वी. अरुण कुमार, अनंत, वेंकटरामी रेड्डी, ए. साई प्रताप और सबम हरि ने गुरुवार को ही इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। राज्य के कानून मंत्री ई प्रताप रेड्डी ने मंत्रिमंडल और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने शनिवार से यहां अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की घोषणा की, तो तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने सोमवार से नई दिल्ली में आमरण अनशन करने का ऐलान किया है। कांग्रेस सांसद वी. हनुमंत राव और तेलंगाना समर्थक कुछ और नेताओं ने पुलिस प्रमुख प्रसाद राव से मुलाकात कर जगन को भूख हड़ताल करने की अनुमति नहीं देने का अनुरोध किया है। तेलंगाना के वकीलों की संयुक्त कार्रवाई समिति ने जगन की भूख हड़ताल में बाधा डालने की धमकी दी है। उधर, राज्य के मंत्रियों और कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा नहीं देने की घोषणा की ताकि वे विधानसभा में तेलंगाना पर प्रस्ताव के खिलाफ मतदान कर सकें। मंत्रियों और विधायकों सहित कांग्रेस के 70 से ज्यादा विधायकों एवं नेताओं ने मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी के साथ बैठक में फैसला लिया। नेताओं ने आंध्र प्रदेश के विभाजन का विरोध करने की ठानी है। आंध्र प्रदेश के विभाजन के विरोध में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे और जबरन होटल एवं दुकानें बंद कराईं। विरोध में मुख्य मार्गो पर पहिए फूंके गए। उन्होंने राज्य की सड़कों व राष्ट्रीय राज्यमार्गों को अवरुद्ध किया, जिससे कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा से आवागमन अवरुद्ध हो गया। कहीं-कहीं से हिंसा की भी जानकारी मिली है। प्रदर्शनकारियों ने 'जय समेक्य आंध्र' के नारे लगाते हुए कांग्रेसी नेताओं के पुतले फूंके और विशाखापट्टनम, विजयवाड़ा, गुंटूर, तिरुपति, अनंतपुर, कुरनूल और अन्य शहरों की जिंदगी में ठहराव ला दिया। विजयनगरम में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बोत्सा सत्यनारायण के कैंप कार्यालय पर हमला बोलने वाली भीड़ को तितर-बितर करने के लए पुलिस ने आंसू गैस का प्रयोग किया। प्रदर्शनकारी यहां बोत्सा के कार्यालय के समीप धरना देकर बैठ गए हैं। विजयवाड़ा और विशाखापट्टनम में बिजली उत्पादन थम गया है क्योंकि यहां के कर्मचारी 48 घंटों के बंद में शामिल हो गए हैं। अधिकारियों ने कहा है कि इससे कुछ जिलों में विद्युत आपूर्ति पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। अनंतपुर और प्रकाशम जिले में भी तनाव पैदा हो गया। यहां तेलुगू देशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में भिड़ंत हो गई। तेलंगाना के विरोध में कर्मचारियों की हड़ताल के कारण करीब दो माह से सरकारी स्वामित्व वाली बसें नहीं चल रही हैं। बंद के कारण निजी वाहन भी सड़कों पर नहीं उतरे जिससे यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। 30 जुलाई को कांग्रेस की ओर से तेलंगाना को हरी झंडी दिए जाने के बाद 13 अगस्त से राज्य में छह लाख सरकारी कर्मचारी, शिक्षक और कामगार हड़ताल पर हैं। राज्य के मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी ने शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कानून एवं व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की और पुलिस को स्थिति से निपटने के दौरान सावधानी बरतने के लिए कहा है। उन्होंने पुलिस से रबर की गोलियां इस्तेमाल नहीं करने के लिए कहा है। सूत्रों ने बताया है कि राज्य की पुलिस ने सीमांध्र में तैनाती के लिए केंद्र सरकार से अर्ध सैनिक बलों की 20 कंपनियों की मांग की है। कम से कम 45 कंपनियां अभी यहां तैनात हैं। पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के फैसले के विरोध में आंध्र प्रदेश के सीमांध्र क्षेत्र के छह केंद्रीय मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। गुरुवार की मंत्रिमंडल की बैठक में उपस्थित कपड़ा मंत्री केएस राव और मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू ने देर रात अपने इस्तीफे दिए। राज्य मंत्री के. चिरंजीव और कोटला सूर्यप्रकाश रेड्डी ने भी अपने इस्तीफों की घोषणा कर दी। डी. पुरन्देश्वरी और के. क्रुपा रानी ने भी शुक्रवार को कहा कि पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के मंत्रिमंडल के फैसले के विरोध में वे इस्तीफा दे रही हैं। सूर्यप्रकाश रेड्डी रायलसीमा के हैं जबकि अन्य मंत्री तटीय आंध्र के हैं। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने कहा कि चिरंजीवी ने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को फैक्स कर दिया। अन्य मंत्रियों ने कहा कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि उन्होंने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री को भेजा है या नहीं।टिप्पणियां पल्लम राजू ने मंत्रिमंडल की बैठक के तत्काल बाद प्रधानमंत्री से मुलाकात की और इस्तीफे के अपने फैसले से उन्हें अवगत कराया। मनमोहन सिंह ने उन्हें जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाने को कहा। कांग्रेस के चार सांसदों वी. अरुण कुमार, अनंत, वेंकटरामी रेड्डी, ए. साई प्रताप और सबम हरि ने गुरुवार को ही इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। राज्य के कानून मंत्री ई प्रताप रेड्डी ने मंत्रिमंडल और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस सांसद वी. हनुमंत राव और तेलंगाना समर्थक कुछ और नेताओं ने पुलिस प्रमुख प्रसाद राव से मुलाकात कर जगन को भूख हड़ताल करने की अनुमति नहीं देने का अनुरोध किया है। तेलंगाना के वकीलों की संयुक्त कार्रवाई समिति ने जगन की भूख हड़ताल में बाधा डालने की धमकी दी है। उधर, राज्य के मंत्रियों और कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा नहीं देने की घोषणा की ताकि वे विधानसभा में तेलंगाना पर प्रस्ताव के खिलाफ मतदान कर सकें। मंत्रियों और विधायकों सहित कांग्रेस के 70 से ज्यादा विधायकों एवं नेताओं ने मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी के साथ बैठक में फैसला लिया। नेताओं ने आंध्र प्रदेश के विभाजन का विरोध करने की ठानी है। आंध्र प्रदेश के विभाजन के विरोध में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे और जबरन होटल एवं दुकानें बंद कराईं। विरोध में मुख्य मार्गो पर पहिए फूंके गए। उन्होंने राज्य की सड़कों व राष्ट्रीय राज्यमार्गों को अवरुद्ध किया, जिससे कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा से आवागमन अवरुद्ध हो गया। कहीं-कहीं से हिंसा की भी जानकारी मिली है। प्रदर्शनकारियों ने 'जय समेक्य आंध्र' के नारे लगाते हुए कांग्रेसी नेताओं के पुतले फूंके और विशाखापट्टनम, विजयवाड़ा, गुंटूर, तिरुपति, अनंतपुर, कुरनूल और अन्य शहरों की जिंदगी में ठहराव ला दिया। विजयनगरम में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बोत्सा सत्यनारायण के कैंप कार्यालय पर हमला बोलने वाली भीड़ को तितर-बितर करने के लए पुलिस ने आंसू गैस का प्रयोग किया। प्रदर्शनकारी यहां बोत्सा के कार्यालय के समीप धरना देकर बैठ गए हैं। विजयवाड़ा और विशाखापट्टनम में बिजली उत्पादन थम गया है क्योंकि यहां के कर्मचारी 48 घंटों के बंद में शामिल हो गए हैं। अधिकारियों ने कहा है कि इससे कुछ जिलों में विद्युत आपूर्ति पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। अनंतपुर और प्रकाशम जिले में भी तनाव पैदा हो गया। यहां तेलुगू देशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में भिड़ंत हो गई। तेलंगाना के विरोध में कर्मचारियों की हड़ताल के कारण करीब दो माह से सरकारी स्वामित्व वाली बसें नहीं चल रही हैं। बंद के कारण निजी वाहन भी सड़कों पर नहीं उतरे जिससे यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। 30 जुलाई को कांग्रेस की ओर से तेलंगाना को हरी झंडी दिए जाने के बाद 13 अगस्त से राज्य में छह लाख सरकारी कर्मचारी, शिक्षक और कामगार हड़ताल पर हैं। राज्य के मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी ने शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कानून एवं व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की और पुलिस को स्थिति से निपटने के दौरान सावधानी बरतने के लिए कहा है। उन्होंने पुलिस से रबर की गोलियां इस्तेमाल नहीं करने के लिए कहा है। सूत्रों ने बताया है कि राज्य की पुलिस ने सीमांध्र में तैनाती के लिए केंद्र सरकार से अर्ध सैनिक बलों की 20 कंपनियों की मांग की है। कम से कम 45 कंपनियां अभी यहां तैनात हैं। पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के फैसले के विरोध में आंध्र प्रदेश के सीमांध्र क्षेत्र के छह केंद्रीय मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। गुरुवार की मंत्रिमंडल की बैठक में उपस्थित कपड़ा मंत्री केएस राव और मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू ने देर रात अपने इस्तीफे दिए। राज्य मंत्री के. चिरंजीव और कोटला सूर्यप्रकाश रेड्डी ने भी अपने इस्तीफों की घोषणा कर दी। डी. पुरन्देश्वरी और के. क्रुपा रानी ने भी शुक्रवार को कहा कि पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के मंत्रिमंडल के फैसले के विरोध में वे इस्तीफा दे रही हैं। सूर्यप्रकाश रेड्डी रायलसीमा के हैं जबकि अन्य मंत्री तटीय आंध्र के हैं। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने कहा कि चिरंजीवी ने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को फैक्स कर दिया। अन्य मंत्रियों ने कहा कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि उन्होंने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री को भेजा है या नहीं।टिप्पणियां पल्लम राजू ने मंत्रिमंडल की बैठक के तत्काल बाद प्रधानमंत्री से मुलाकात की और इस्तीफे के अपने फैसले से उन्हें अवगत कराया। मनमोहन सिंह ने उन्हें जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाने को कहा। कांग्रेस के चार सांसदों वी. अरुण कुमार, अनंत, वेंकटरामी रेड्डी, ए. साई प्रताप और सबम हरि ने गुरुवार को ही इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। राज्य के कानून मंत्री ई प्रताप रेड्डी ने मंत्रिमंडल और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उधर, राज्य के मंत्रियों और कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा नहीं देने की घोषणा की ताकि वे विधानसभा में तेलंगाना पर प्रस्ताव के खिलाफ मतदान कर सकें। मंत्रियों और विधायकों सहित कांग्रेस के 70 से ज्यादा विधायकों एवं नेताओं ने मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी के साथ बैठक में फैसला लिया। नेताओं ने आंध्र प्रदेश के विभाजन का विरोध करने की ठानी है। आंध्र प्रदेश के विभाजन के विरोध में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे और जबरन होटल एवं दुकानें बंद कराईं। विरोध में मुख्य मार्गो पर पहिए फूंके गए। उन्होंने राज्य की सड़कों व राष्ट्रीय राज्यमार्गों को अवरुद्ध किया, जिससे कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा से आवागमन अवरुद्ध हो गया। कहीं-कहीं से हिंसा की भी जानकारी मिली है। प्रदर्शनकारियों ने 'जय समेक्य आंध्र' के नारे लगाते हुए कांग्रेसी नेताओं के पुतले फूंके और विशाखापट्टनम, विजयवाड़ा, गुंटूर, तिरुपति, अनंतपुर, कुरनूल और अन्य शहरों की जिंदगी में ठहराव ला दिया। विजयनगरम में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बोत्सा सत्यनारायण के कैंप कार्यालय पर हमला बोलने वाली भीड़ को तितर-बितर करने के लए पुलिस ने आंसू गैस का प्रयोग किया। प्रदर्शनकारी यहां बोत्सा के कार्यालय के समीप धरना देकर बैठ गए हैं। विजयवाड़ा और विशाखापट्टनम में बिजली उत्पादन थम गया है क्योंकि यहां के कर्मचारी 48 घंटों के बंद में शामिल हो गए हैं। अधिकारियों ने कहा है कि इससे कुछ जिलों में विद्युत आपूर्ति पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। अनंतपुर और प्रकाशम जिले में भी तनाव पैदा हो गया। यहां तेलुगू देशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में भिड़ंत हो गई। तेलंगाना के विरोध में कर्मचारियों की हड़ताल के कारण करीब दो माह से सरकारी स्वामित्व वाली बसें नहीं चल रही हैं। बंद के कारण निजी वाहन भी सड़कों पर नहीं उतरे जिससे यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। 30 जुलाई को कांग्रेस की ओर से तेलंगाना को हरी झंडी दिए जाने के बाद 13 अगस्त से राज्य में छह लाख सरकारी कर्मचारी, शिक्षक और कामगार हड़ताल पर हैं। राज्य के मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी ने शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कानून एवं व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की और पुलिस को स्थिति से निपटने के दौरान सावधानी बरतने के लिए कहा है। उन्होंने पुलिस से रबर की गोलियां इस्तेमाल नहीं करने के लिए कहा है। सूत्रों ने बताया है कि राज्य की पुलिस ने सीमांध्र में तैनाती के लिए केंद्र सरकार से अर्ध सैनिक बलों की 20 कंपनियों की मांग की है। कम से कम 45 कंपनियां अभी यहां तैनात हैं। पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के फैसले के विरोध में आंध्र प्रदेश के सीमांध्र क्षेत्र के छह केंद्रीय मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। गुरुवार की मंत्रिमंडल की बैठक में उपस्थित कपड़ा मंत्री केएस राव और मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू ने देर रात अपने इस्तीफे दिए। राज्य मंत्री के. चिरंजीव और कोटला सूर्यप्रकाश रेड्डी ने भी अपने इस्तीफों की घोषणा कर दी। डी. पुरन्देश्वरी और के. क्रुपा रानी ने भी शुक्रवार को कहा कि पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के मंत्रिमंडल के फैसले के विरोध में वे इस्तीफा दे रही हैं। सूर्यप्रकाश रेड्डी रायलसीमा के हैं जबकि अन्य मंत्री तटीय आंध्र के हैं। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने कहा कि चिरंजीवी ने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को फैक्स कर दिया। अन्य मंत्रियों ने कहा कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि उन्होंने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री को भेजा है या नहीं।टिप्पणियां पल्लम राजू ने मंत्रिमंडल की बैठक के तत्काल बाद प्रधानमंत्री से मुलाकात की और इस्तीफे के अपने फैसले से उन्हें अवगत कराया। मनमोहन सिंह ने उन्हें जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाने को कहा। कांग्रेस के चार सांसदों वी. अरुण कुमार, अनंत, वेंकटरामी रेड्डी, ए. साई प्रताप और सबम हरि ने गुरुवार को ही इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। राज्य के कानून मंत्री ई प्रताप रेड्डी ने मंत्रिमंडल और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। मंत्रियों और विधायकों सहित कांग्रेस के 70 से ज्यादा विधायकों एवं नेताओं ने मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी के साथ बैठक में फैसला लिया। नेताओं ने आंध्र प्रदेश के विभाजन का विरोध करने की ठानी है। आंध्र प्रदेश के विभाजन के विरोध में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे और जबरन होटल एवं दुकानें बंद कराईं। विरोध में मुख्य मार्गो पर पहिए फूंके गए। उन्होंने राज्य की सड़कों व राष्ट्रीय राज्यमार्गों को अवरुद्ध किया, जिससे कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा से आवागमन अवरुद्ध हो गया। कहीं-कहीं से हिंसा की भी जानकारी मिली है। प्रदर्शनकारियों ने 'जय समेक्य आंध्र' के नारे लगाते हुए कांग्रेसी नेताओं के पुतले फूंके और विशाखापट्टनम, विजयवाड़ा, गुंटूर, तिरुपति, अनंतपुर, कुरनूल और अन्य शहरों की जिंदगी में ठहराव ला दिया। विजयनगरम में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बोत्सा सत्यनारायण के कैंप कार्यालय पर हमला बोलने वाली भीड़ को तितर-बितर करने के लए पुलिस ने आंसू गैस का प्रयोग किया। प्रदर्शनकारी यहां बोत्सा के कार्यालय के समीप धरना देकर बैठ गए हैं। विजयवाड़ा और विशाखापट्टनम में बिजली उत्पादन थम गया है क्योंकि यहां के कर्मचारी 48 घंटों के बंद में शामिल हो गए हैं। अधिकारियों ने कहा है कि इससे कुछ जिलों में विद्युत आपूर्ति पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। अनंतपुर और प्रकाशम जिले में भी तनाव पैदा हो गया। यहां तेलुगू देशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में भिड़ंत हो गई। तेलंगाना के विरोध में कर्मचारियों की हड़ताल के कारण करीब दो माह से सरकारी स्वामित्व वाली बसें नहीं चल रही हैं। बंद के कारण निजी वाहन भी सड़कों पर नहीं उतरे जिससे यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। 30 जुलाई को कांग्रेस की ओर से तेलंगाना को हरी झंडी दिए जाने के बाद 13 अगस्त से राज्य में छह लाख सरकारी कर्मचारी, शिक्षक और कामगार हड़ताल पर हैं। राज्य के मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी ने शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कानून एवं व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की और पुलिस को स्थिति से निपटने के दौरान सावधानी बरतने के लिए कहा है। उन्होंने पुलिस से रबर की गोलियां इस्तेमाल नहीं करने के लिए कहा है। सूत्रों ने बताया है कि राज्य की पुलिस ने सीमांध्र में तैनाती के लिए केंद्र सरकार से अर्ध सैनिक बलों की 20 कंपनियों की मांग की है। कम से कम 45 कंपनियां अभी यहां तैनात हैं। पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के फैसले के विरोध में आंध्र प्रदेश के सीमांध्र क्षेत्र के छह केंद्रीय मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। गुरुवार की मंत्रिमंडल की बैठक में उपस्थित कपड़ा मंत्री केएस राव और मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू ने देर रात अपने इस्तीफे दिए। राज्य मंत्री के. चिरंजीव और कोटला सूर्यप्रकाश रेड्डी ने भी अपने इस्तीफों की घोषणा कर दी। डी. पुरन्देश्वरी और के. क्रुपा रानी ने भी शुक्रवार को कहा कि पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के मंत्रिमंडल के फैसले के विरोध में वे इस्तीफा दे रही हैं। सूर्यप्रकाश रेड्डी रायलसीमा के हैं जबकि अन्य मंत्री तटीय आंध्र के हैं। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने कहा कि चिरंजीवी ने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को फैक्स कर दिया। अन्य मंत्रियों ने कहा कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि उन्होंने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री को भेजा है या नहीं।टिप्पणियां पल्लम राजू ने मंत्रिमंडल की बैठक के तत्काल बाद प्रधानमंत्री से मुलाकात की और इस्तीफे के अपने फैसले से उन्हें अवगत कराया। मनमोहन सिंह ने उन्हें जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाने को कहा। कांग्रेस के चार सांसदों वी. अरुण कुमार, अनंत, वेंकटरामी रेड्डी, ए. साई प्रताप और सबम हरि ने गुरुवार को ही इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। राज्य के कानून मंत्री ई प्रताप रेड्डी ने मंत्रिमंडल और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। आंध्र प्रदेश के विभाजन के विरोध में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे और जबरन होटल एवं दुकानें बंद कराईं। विरोध में मुख्य मार्गो पर पहिए फूंके गए। उन्होंने राज्य की सड़कों व राष्ट्रीय राज्यमार्गों को अवरुद्ध किया, जिससे कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा से आवागमन अवरुद्ध हो गया। कहीं-कहीं से हिंसा की भी जानकारी मिली है। प्रदर्शनकारियों ने 'जय समेक्य आंध्र' के नारे लगाते हुए कांग्रेसी नेताओं के पुतले फूंके और विशाखापट्टनम, विजयवाड़ा, गुंटूर, तिरुपति, अनंतपुर, कुरनूल और अन्य शहरों की जिंदगी में ठहराव ला दिया। विजयनगरम में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बोत्सा सत्यनारायण के कैंप कार्यालय पर हमला बोलने वाली भीड़ को तितर-बितर करने के लए पुलिस ने आंसू गैस का प्रयोग किया। प्रदर्शनकारी यहां बोत्सा के कार्यालय के समीप धरना देकर बैठ गए हैं। विजयवाड़ा और विशाखापट्टनम में बिजली उत्पादन थम गया है क्योंकि यहां के कर्मचारी 48 घंटों के बंद में शामिल हो गए हैं। अधिकारियों ने कहा है कि इससे कुछ जिलों में विद्युत आपूर्ति पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। अनंतपुर और प्रकाशम जिले में भी तनाव पैदा हो गया। यहां तेलुगू देशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में भिड़ंत हो गई। तेलंगाना के विरोध में कर्मचारियों की हड़ताल के कारण करीब दो माह से सरकारी स्वामित्व वाली बसें नहीं चल रही हैं। बंद के कारण निजी वाहन भी सड़कों पर नहीं उतरे जिससे यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। 30 जुलाई को कांग्रेस की ओर से तेलंगाना को हरी झंडी दिए जाने के बाद 13 अगस्त से राज्य में छह लाख सरकारी कर्मचारी, शिक्षक और कामगार हड़ताल पर हैं। राज्य के मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी ने शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कानून एवं व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की और पुलिस को स्थिति से निपटने के दौरान सावधानी बरतने के लिए कहा है। उन्होंने पुलिस से रबर की गोलियां इस्तेमाल नहीं करने के लिए कहा है। सूत्रों ने बताया है कि राज्य की पुलिस ने सीमांध्र में तैनाती के लिए केंद्र सरकार से अर्ध सैनिक बलों की 20 कंपनियों की मांग की है। कम से कम 45 कंपनियां अभी यहां तैनात हैं। पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के फैसले के विरोध में आंध्र प्रदेश के सीमांध्र क्षेत्र के छह केंद्रीय मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। गुरुवार की मंत्रिमंडल की बैठक में उपस्थित कपड़ा मंत्री केएस राव और मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू ने देर रात अपने इस्तीफे दिए। राज्य मंत्री के. चिरंजीव और कोटला सूर्यप्रकाश रेड्डी ने भी अपने इस्तीफों की घोषणा कर दी। डी. पुरन्देश्वरी और के. क्रुपा रानी ने भी शुक्रवार को कहा कि पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के मंत्रिमंडल के फैसले के विरोध में वे इस्तीफा दे रही हैं। सूर्यप्रकाश रेड्डी रायलसीमा के हैं जबकि अन्य मंत्री तटीय आंध्र के हैं। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने कहा कि चिरंजीवी ने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को फैक्स कर दिया। अन्य मंत्रियों ने कहा कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि उन्होंने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री को भेजा है या नहीं।टिप्पणियां पल्लम राजू ने मंत्रिमंडल की बैठक के तत्काल बाद प्रधानमंत्री से मुलाकात की और इस्तीफे के अपने फैसले से उन्हें अवगत कराया। मनमोहन सिंह ने उन्हें जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाने को कहा। कांग्रेस के चार सांसदों वी. अरुण कुमार, अनंत, वेंकटरामी रेड्डी, ए. साई प्रताप और सबम हरि ने गुरुवार को ही इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। राज्य के कानून मंत्री ई प्रताप रेड्डी ने मंत्रिमंडल और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। प्रदर्शनकारियों ने 'जय समेक्य आंध्र' के नारे लगाते हुए कांग्रेसी नेताओं के पुतले फूंके और विशाखापट्टनम, विजयवाड़ा, गुंटूर, तिरुपति, अनंतपुर, कुरनूल और अन्य शहरों की जिंदगी में ठहराव ला दिया। विजयनगरम में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बोत्सा सत्यनारायण के कैंप कार्यालय पर हमला बोलने वाली भीड़ को तितर-बितर करने के लए पुलिस ने आंसू गैस का प्रयोग किया। प्रदर्शनकारी यहां बोत्सा के कार्यालय के समीप धरना देकर बैठ गए हैं। विजयवाड़ा और विशाखापट्टनम में बिजली उत्पादन थम गया है क्योंकि यहां के कर्मचारी 48 घंटों के बंद में शामिल हो गए हैं। अधिकारियों ने कहा है कि इससे कुछ जिलों में विद्युत आपूर्ति पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। अनंतपुर और प्रकाशम जिले में भी तनाव पैदा हो गया। यहां तेलुगू देशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में भिड़ंत हो गई। तेलंगाना के विरोध में कर्मचारियों की हड़ताल के कारण करीब दो माह से सरकारी स्वामित्व वाली बसें नहीं चल रही हैं। बंद के कारण निजी वाहन भी सड़कों पर नहीं उतरे जिससे यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। 30 जुलाई को कांग्रेस की ओर से तेलंगाना को हरी झंडी दिए जाने के बाद 13 अगस्त से राज्य में छह लाख सरकारी कर्मचारी, शिक्षक और कामगार हड़ताल पर हैं। राज्य के मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी ने शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कानून एवं व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की और पुलिस को स्थिति से निपटने के दौरान सावधानी बरतने के लिए कहा है। उन्होंने पुलिस से रबर की गोलियां इस्तेमाल नहीं करने के लिए कहा है। सूत्रों ने बताया है कि राज्य की पुलिस ने सीमांध्र में तैनाती के लिए केंद्र सरकार से अर्ध सैनिक बलों की 20 कंपनियों की मांग की है। कम से कम 45 कंपनियां अभी यहां तैनात हैं। पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के फैसले के विरोध में आंध्र प्रदेश के सीमांध्र क्षेत्र के छह केंद्रीय मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। गुरुवार की मंत्रिमंडल की बैठक में उपस्थित कपड़ा मंत्री केएस राव और मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू ने देर रात अपने इस्तीफे दिए। राज्य मंत्री के. चिरंजीव और कोटला सूर्यप्रकाश रेड्डी ने भी अपने इस्तीफों की घोषणा कर दी। डी. पुरन्देश्वरी और के. क्रुपा रानी ने भी शुक्रवार को कहा कि पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के मंत्रिमंडल के फैसले के विरोध में वे इस्तीफा दे रही हैं। सूर्यप्रकाश रेड्डी रायलसीमा के हैं जबकि अन्य मंत्री तटीय आंध्र के हैं। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने कहा कि चिरंजीवी ने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को फैक्स कर दिया। अन्य मंत्रियों ने कहा कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि उन्होंने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री को भेजा है या नहीं।टिप्पणियां पल्लम राजू ने मंत्रिमंडल की बैठक के तत्काल बाद प्रधानमंत्री से मुलाकात की और इस्तीफे के अपने फैसले से उन्हें अवगत कराया। मनमोहन सिंह ने उन्हें जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाने को कहा। कांग्रेस के चार सांसदों वी. अरुण कुमार, अनंत, वेंकटरामी रेड्डी, ए. साई प्रताप और सबम हरि ने गुरुवार को ही इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। राज्य के कानून मंत्री ई प्रताप रेड्डी ने मंत्रिमंडल और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। विजयनगरम में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बोत्सा सत्यनारायण के कैंप कार्यालय पर हमला बोलने वाली भीड़ को तितर-बितर करने के लए पुलिस ने आंसू गैस का प्रयोग किया। प्रदर्शनकारी यहां बोत्सा के कार्यालय के समीप धरना देकर बैठ गए हैं। विजयवाड़ा और विशाखापट्टनम में बिजली उत्पादन थम गया है क्योंकि यहां के कर्मचारी 48 घंटों के बंद में शामिल हो गए हैं। अधिकारियों ने कहा है कि इससे कुछ जिलों में विद्युत आपूर्ति पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। अनंतपुर और प्रकाशम जिले में भी तनाव पैदा हो गया। यहां तेलुगू देशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में भिड़ंत हो गई। तेलंगाना के विरोध में कर्मचारियों की हड़ताल के कारण करीब दो माह से सरकारी स्वामित्व वाली बसें नहीं चल रही हैं। बंद के कारण निजी वाहन भी सड़कों पर नहीं उतरे जिससे यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। 30 जुलाई को कांग्रेस की ओर से तेलंगाना को हरी झंडी दिए जाने के बाद 13 अगस्त से राज्य में छह लाख सरकारी कर्मचारी, शिक्षक और कामगार हड़ताल पर हैं। राज्य के मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी ने शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कानून एवं व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की और पुलिस को स्थिति से निपटने के दौरान सावधानी बरतने के लिए कहा है। उन्होंने पुलिस से रबर की गोलियां इस्तेमाल नहीं करने के लिए कहा है। सूत्रों ने बताया है कि राज्य की पुलिस ने सीमांध्र में तैनाती के लिए केंद्र सरकार से अर्ध सैनिक बलों की 20 कंपनियों की मांग की है। कम से कम 45 कंपनियां अभी यहां तैनात हैं। पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के फैसले के विरोध में आंध्र प्रदेश के सीमांध्र क्षेत्र के छह केंद्रीय मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। गुरुवार की मंत्रिमंडल की बैठक में उपस्थित कपड़ा मंत्री केएस राव और मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू ने देर रात अपने इस्तीफे दिए। राज्य मंत्री के. चिरंजीव और कोटला सूर्यप्रकाश रेड्डी ने भी अपने इस्तीफों की घोषणा कर दी। डी. पुरन्देश्वरी और के. क्रुपा रानी ने भी शुक्रवार को कहा कि पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के मंत्रिमंडल के फैसले के विरोध में वे इस्तीफा दे रही हैं। सूर्यप्रकाश रेड्डी रायलसीमा के हैं जबकि अन्य मंत्री तटीय आंध्र के हैं। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने कहा कि चिरंजीवी ने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को फैक्स कर दिया। अन्य मंत्रियों ने कहा कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि उन्होंने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री को भेजा है या नहीं।टिप्पणियां पल्लम राजू ने मंत्रिमंडल की बैठक के तत्काल बाद प्रधानमंत्री से मुलाकात की और इस्तीफे के अपने फैसले से उन्हें अवगत कराया। मनमोहन सिंह ने उन्हें जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाने को कहा। कांग्रेस के चार सांसदों वी. अरुण कुमार, अनंत, वेंकटरामी रेड्डी, ए. साई प्रताप और सबम हरि ने गुरुवार को ही इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। राज्य के कानून मंत्री ई प्रताप रेड्डी ने मंत्रिमंडल और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। विजयवाड़ा और विशाखापट्टनम में बिजली उत्पादन थम गया है क्योंकि यहां के कर्मचारी 48 घंटों के बंद में शामिल हो गए हैं। अधिकारियों ने कहा है कि इससे कुछ जिलों में विद्युत आपूर्ति पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। अनंतपुर और प्रकाशम जिले में भी तनाव पैदा हो गया। यहां तेलुगू देशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में भिड़ंत हो गई। तेलंगाना के विरोध में कर्मचारियों की हड़ताल के कारण करीब दो माह से सरकारी स्वामित्व वाली बसें नहीं चल रही हैं। बंद के कारण निजी वाहन भी सड़कों पर नहीं उतरे जिससे यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। 30 जुलाई को कांग्रेस की ओर से तेलंगाना को हरी झंडी दिए जाने के बाद 13 अगस्त से राज्य में छह लाख सरकारी कर्मचारी, शिक्षक और कामगार हड़ताल पर हैं। राज्य के मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी ने शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कानून एवं व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की और पुलिस को स्थिति से निपटने के दौरान सावधानी बरतने के लिए कहा है। उन्होंने पुलिस से रबर की गोलियां इस्तेमाल नहीं करने के लिए कहा है। सूत्रों ने बताया है कि राज्य की पुलिस ने सीमांध्र में तैनाती के लिए केंद्र सरकार से अर्ध सैनिक बलों की 20 कंपनियों की मांग की है। कम से कम 45 कंपनियां अभी यहां तैनात हैं। पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के फैसले के विरोध में आंध्र प्रदेश के सीमांध्र क्षेत्र के छह केंद्रीय मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। गुरुवार की मंत्रिमंडल की बैठक में उपस्थित कपड़ा मंत्री केएस राव और मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू ने देर रात अपने इस्तीफे दिए। राज्य मंत्री के. चिरंजीव और कोटला सूर्यप्रकाश रेड्डी ने भी अपने इस्तीफों की घोषणा कर दी। डी. पुरन्देश्वरी और के. क्रुपा रानी ने भी शुक्रवार को कहा कि पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के मंत्रिमंडल के फैसले के विरोध में वे इस्तीफा दे रही हैं। सूर्यप्रकाश रेड्डी रायलसीमा के हैं जबकि अन्य मंत्री तटीय आंध्र के हैं। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने कहा कि चिरंजीवी ने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को फैक्स कर दिया। अन्य मंत्रियों ने कहा कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि उन्होंने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री को भेजा है या नहीं।टिप्पणियां पल्लम राजू ने मंत्रिमंडल की बैठक के तत्काल बाद प्रधानमंत्री से मुलाकात की और इस्तीफे के अपने फैसले से उन्हें अवगत कराया। मनमोहन सिंह ने उन्हें जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाने को कहा। कांग्रेस के चार सांसदों वी. अरुण कुमार, अनंत, वेंकटरामी रेड्डी, ए. साई प्रताप और सबम हरि ने गुरुवार को ही इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। राज्य के कानून मंत्री ई प्रताप रेड्डी ने मंत्रिमंडल और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। अनंतपुर और प्रकाशम जिले में भी तनाव पैदा हो गया। यहां तेलुगू देशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में भिड़ंत हो गई। तेलंगाना के विरोध में कर्मचारियों की हड़ताल के कारण करीब दो माह से सरकारी स्वामित्व वाली बसें नहीं चल रही हैं। बंद के कारण निजी वाहन भी सड़कों पर नहीं उतरे जिससे यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। 30 जुलाई को कांग्रेस की ओर से तेलंगाना को हरी झंडी दिए जाने के बाद 13 अगस्त से राज्य में छह लाख सरकारी कर्मचारी, शिक्षक और कामगार हड़ताल पर हैं। राज्य के मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी ने शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कानून एवं व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की और पुलिस को स्थिति से निपटने के दौरान सावधानी बरतने के लिए कहा है। उन्होंने पुलिस से रबर की गोलियां इस्तेमाल नहीं करने के लिए कहा है। सूत्रों ने बताया है कि राज्य की पुलिस ने सीमांध्र में तैनाती के लिए केंद्र सरकार से अर्ध सैनिक बलों की 20 कंपनियों की मांग की है। कम से कम 45 कंपनियां अभी यहां तैनात हैं। पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के फैसले के विरोध में आंध्र प्रदेश के सीमांध्र क्षेत्र के छह केंद्रीय मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। गुरुवार की मंत्रिमंडल की बैठक में उपस्थित कपड़ा मंत्री केएस राव और मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू ने देर रात अपने इस्तीफे दिए। राज्य मंत्री के. चिरंजीव और कोटला सूर्यप्रकाश रेड्डी ने भी 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कर्मचारियों की हड़ताल के कारण करीब दो माह से सरकारी स्वामित्व वाली बसें नहीं चल रही हैं। बंद के कारण निजी वाहन भी सड़कों पर नहीं उतरे जिससे यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। 30 जुलाई को कांग्रेस की ओर से तेलंगाना को हरी झंडी दिए जाने के बाद 13 अगस्त से राज्य में छह लाख सरकारी कर्मचारी, शिक्षक और कामगार हड़ताल पर हैं। राज्य के मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी ने शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कानून एवं व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की और पुलिस को स्थिति से निपटने के दौरान सावधानी बरतने के लिए कहा है। उन्होंने पुलिस से रबर की गोलियां इस्तेमाल नहीं करने के लिए कहा है। सूत्रों ने बताया है कि राज्य की पुलिस ने सीमांध्र में तैनाती के लिए केंद्र सरकार से अर्ध सैनिक बलों की 20 कंपनियों की मांग की है। कम से कम 45 कंपनियां अभी यहां तैनात हैं। पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के फैसले के विरोध में आंध्र प्रदेश के सीमांध्र क्षेत्र के छह केंद्रीय मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। गुरुवार की मंत्रिमंडल की बैठक में उपस्थित कपड़ा मंत्री केएस राव और मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू ने देर रात अपने इस्तीफे दिए। राज्य मंत्री के. चिरंजीव और कोटला सूर्यप्रकाश रेड्डी ने भी अपने इस्तीफों की घोषणा कर दी। डी. पुरन्देश्वरी और के. क्रुपा रानी ने भी शुक्रवार को कहा कि पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के मंत्रिमंडल के फैसले के विरोध में वे इस्तीफा दे रही हैं। सूर्यप्रकाश रेड्डी रायलसीमा के हैं जबकि अन्य मंत्री तटीय आंध्र के हैं। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने कहा कि चिरंजीवी ने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को फैक्स कर दिया। अन्य मंत्रियों ने कहा कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि उन्होंने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री को भेजा है या नहीं।टिप्पणियां पल्लम राजू ने मंत्रिमंडल की बैठक के तत्काल बाद प्रधानमंत्री से मुलाकात की और इस्तीफे के अपने फैसले से उन्हें अवगत कराया। मनमोहन सिंह ने उन्हें जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाने को कहा। कांग्रेस के चार सांसदों वी. अरुण कुमार, अनंत, वेंकटरामी रेड्डी, ए. साई प्रताप और सबम हरि ने गुरुवार को ही इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। राज्य के कानून मंत्री ई प्रताप रेड्डी ने मंत्रिमंडल और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। 30 जुलाई को कांग्रेस की ओर से तेलंगाना को हरी झंडी दिए जाने के बाद 13 अगस्त से राज्य में छह लाख सरकारी कर्मचारी, शिक्षक और कामगार हड़ताल पर हैं। राज्य के मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी ने शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कानून एवं व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की और पुलिस को स्थिति से निपटने के दौरान सावधानी बरतने के लिए कहा है। उन्होंने पुलिस से रबर की गोलियां इस्तेमाल नहीं करने के लिए कहा है। सूत्रों ने बताया है कि राज्य की पुलिस ने सीमांध्र में तैनाती के लिए केंद्र सरकार से अर्ध सैनिक बलों की 20 कंपनियों की मांग की है। कम से कम 45 कंपनियां अभी यहां तैनात हैं। पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के फैसले के विरोध में आंध्र प्रदेश के सीमांध्र क्षेत्र के छह केंद्रीय मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। गुरुवार की मंत्रिमंडल की बैठक में उपस्थित कपड़ा मंत्री केएस राव और मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू ने देर रात अपने इस्तीफे दिए। राज्य मंत्री के. चिरंजीव और कोटला सूर्यप्रकाश रेड्डी ने भी अपने इस्तीफों की घोषणा कर दी। डी. पुरन्देश्वरी और के. क्रुपा रानी ने भी शुक्रवार को कहा कि पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के मंत्रिमंडल के फैसले के विरोध में वे इस्तीफा दे रही हैं। सूर्यप्रकाश रेड्डी रायलसीमा के हैं जबकि अन्य मंत्री तटीय आंध्र के हैं। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने कहा कि चिरंजीवी ने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को फैक्स कर दिया। अन्य मंत्रियों ने कहा कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि उन्होंने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री को भेजा है या नहीं।टिप्पणियां पल्लम राजू ने मंत्रिमंडल की बैठक के तत्काल बाद प्रधानमंत्री से मुलाकात की और इस्तीफे के अपने फैसले से उन्हें अवगत कराया। मनमोहन सिंह ने उन्हें जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाने को कहा। कांग्रेस के चार सांसदों वी. अरुण कुमार, अनंत, वेंकटरामी रेड्डी, ए. साई प्रताप और सबम हरि ने गुरुवार को ही इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। राज्य के कानून मंत्री ई प्रताप रेड्डी ने मंत्रिमंडल और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। राज्य के मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी ने शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कानून एवं व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की और पुलिस को स्थिति से निपटने के दौरान सावधानी बरतने के लिए कहा है। उन्होंने पुलिस से रबर की गोलियां इस्तेमाल नहीं करने के लिए कहा है। सूत्रों ने बताया है कि राज्य की पुलिस ने सीमांध्र में तैनाती के लिए केंद्र सरकार से अर्ध सैनिक बलों की 20 कंपनियों की मांग की है। कम से कम 45 कंपनियां अभी यहां तैनात हैं। पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के फैसले के विरोध में आंध्र प्रदेश के सीमांध्र क्षेत्र के छह केंद्रीय मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। गुरुवार की मंत्रिमंडल की बैठक में उपस्थित कपड़ा मंत्री केएस राव और मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू ने देर रात अपने इस्तीफे दिए। राज्य मंत्री के. चिरंजीव और कोटला सूर्यप्रकाश रेड्डी ने भी अपने इस्तीफों की घोषणा कर दी। डी. पुरन्देश्वरी और के. क्रुपा रानी ने भी शुक्रवार को कहा कि पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के मंत्रिमंडल के फैसले के विरोध में वे इस्तीफा दे रही हैं। सूर्यप्रकाश रेड्डी रायलसीमा के हैं जबकि अन्य मंत्री तटीय आंध्र के हैं। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने कहा कि चिरंजीवी ने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को फैक्स कर दिया। अन्य मंत्रियों ने कहा कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि उन्होंने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री को भेजा है या नहीं।टिप्पणियां पल्लम राजू ने मंत्रिमंडल की बैठक के तत्काल बाद प्रधानमंत्री से मुलाकात की और इस्तीफे के अपने फैसले से उन्हें अवगत कराया। मनमोहन सिंह ने उन्हें जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाने को कहा। कांग्रेस के चार सांसदों वी. अरुण कुमार, अनंत, वेंकटरामी रेड्डी, ए. साई प्रताप और सबम हरि ने गुरुवार को ही इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। राज्य के कानून मंत्री ई प्रताप रेड्डी ने मंत्रिमंडल और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। सूत्रों ने बताया है कि राज्य की पुलिस ने सीमांध्र में तैनाती के लिए केंद्र सरकार से अर्ध सैनिक बलों की 20 कंपनियों की मांग की है। कम से कम 45 कंपनियां अभी यहां तैनात हैं। पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के फैसले के विरोध में आंध्र प्रदेश के सीमांध्र क्षेत्र के छह केंद्रीय मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। गुरुवार की मंत्रिमंडल की बैठक में उपस्थित कपड़ा मंत्री केएस राव और मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू ने देर रात अपने इस्तीफे दिए। राज्य मंत्री के. चिरंजीव और कोटला सूर्यप्रकाश रेड्डी ने भी अपने इस्तीफों की घोषणा कर दी। डी. पुरन्देश्वरी और के. क्रुपा रानी ने भी शुक्रवार को कहा कि पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के मंत्रिमंडल के फैसले के विरोध में वे इस्तीफा दे रही हैं। सूर्यप्रकाश रेड्डी रायलसीमा के हैं जबकि अन्य मंत्री तटीय आंध्र के हैं। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने कहा कि चिरंजीवी ने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को फैक्स कर दिया। अन्य मंत्रियों ने कहा कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि उन्होंने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री को भेजा है या नहीं।टिप्पणियां पल्लम राजू ने मंत्रिमंडल की बैठक के तत्काल बाद प्रधानमंत्री से मुलाकात की और इस्तीफे के अपने फैसले से उन्हें अवगत कराया। मनमोहन सिंह ने उन्हें जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाने को कहा। कांग्रेस के चार सांसदों वी. अरुण कुमार, अनंत, वेंकटरामी रेड्डी, ए. साई प्रताप और सबम हरि ने गुरुवार को ही इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। राज्य के कानून मंत्री ई प्रताप रेड्डी ने मंत्रिमंडल और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के फैसले के विरोध में आंध्र प्रदेश के सीमांध्र क्षेत्र के छह केंद्रीय मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। गुरुवार की मंत्रिमंडल की बैठक में उपस्थित कपड़ा मंत्री केएस राव और मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू ने देर रात अपने इस्तीफे दिए। राज्य मंत्री के. चिरंजीव और कोटला सूर्यप्रकाश रेड्डी ने भी अपने इस्तीफों की घोषणा कर दी। डी. पुरन्देश्वरी और के. क्रुपा रानी ने भी शुक्रवार को कहा कि पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के मंत्रिमंडल के फैसले के विरोध में वे इस्तीफा दे रही हैं। सूर्यप्रकाश रेड्डी रायलसीमा के हैं जबकि अन्य मंत्री तटीय आंध्र के हैं। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने कहा कि चिरंजीवी ने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को फैक्स कर दिया। अन्य मंत्रियों ने कहा कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि उन्होंने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री को भेजा है या नहीं।टिप्पणियां पल्लम राजू ने मंत्रिमंडल की बैठक के तत्काल बाद प्रधानमंत्री से मुलाकात की और इस्तीफे के अपने फैसले से उन्हें अवगत कराया। मनमोहन सिंह ने उन्हें जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाने को कहा। कांग्रेस के चार सांसदों वी. अरुण कुमार, अनंत, वेंकटरामी रेड्डी, ए. साई प्रताप और सबम हरि ने गुरुवार को ही इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। राज्य के कानून मंत्री ई प्रताप रेड्डी ने मंत्रिमंडल और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। गुरुवार की मंत्रिमंडल की बैठक में उपस्थित कपड़ा मंत्री केएस राव और मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू ने देर रात अपने इस्तीफे दिए। राज्य मंत्री के. चिरंजीव और कोटला सूर्यप्रकाश रेड्डी ने भी अपने इस्तीफों की घोषणा कर दी। डी. पुरन्देश्वरी और के. क्रुपा रानी ने भी शुक्रवार को कहा कि पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के मंत्रिमंडल के फैसले के विरोध में वे इस्तीफा दे रही हैं। सूर्यप्रकाश रेड्डी रायलसीमा के हैं जबकि अन्य मंत्री तटीय आंध्र के हैं। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने कहा कि चिरंजीवी ने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को फैक्स कर दिया। अन्य मंत्रियों ने कहा कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि उन्होंने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री को भेजा है या नहीं।टिप्पणियां पल्लम राजू ने मंत्रिमंडल की बैठक के तत्काल बाद प्रधानमंत्री से मुलाकात की और इस्तीफे के अपने फैसले से उन्हें अवगत कराया। मनमोहन सिंह ने उन्हें जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाने को कहा। कांग्रेस के चार सांसदों वी. अरुण कुमार, अनंत, वेंकटरामी रेड्डी, ए. साई प्रताप और सबम हरि ने गुरुवार को ही इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। राज्य के कानून मंत्री ई प्रताप रेड्डी ने मंत्रिमंडल और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। डी. पुरन्देश्वरी और के. क्रुपा रानी ने भी शुक्रवार को कहा कि पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के मंत्रिमंडल के फैसले के विरोध में वे इस्तीफा दे रही हैं। सूर्यप्रकाश रेड्डी रायलसीमा के हैं जबकि अन्य मंत्री तटीय आंध्र के हैं। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने कहा कि चिरंजीवी ने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को फैक्स कर दिया। अन्य मंत्रियों ने कहा कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि उन्होंने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री को भेजा है या नहीं।टिप्पणियां पल्लम राजू ने मंत्रिमंडल की बैठक के तत्काल बाद प्रधानमंत्री से मुलाकात की और इस्तीफे के अपने फैसले से उन्हें अवगत कराया। मनमोहन सिंह ने उन्हें जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाने को कहा। कांग्रेस के चार सांसदों वी. अरुण कुमार, अनंत, वेंकटरामी रेड्डी, ए. साई प्रताप और सबम हरि ने गुरुवार को ही इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। राज्य के कानून मंत्री ई प्रताप रेड्डी ने मंत्रिमंडल और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने कहा कि चिरंजीवी ने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को फैक्स कर दिया। अन्य मंत्रियों ने कहा कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि उन्होंने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री को भेजा है या नहीं।टिप्पणियां पल्लम राजू ने मंत्रिमंडल की बैठक के तत्काल बाद प्रधानमंत्री से मुलाकात की और इस्तीफे के अपने फैसले से उन्हें अवगत कराया। मनमोहन सिंह ने उन्हें जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाने को कहा। कांग्रेस के चार सांसदों वी. अरुण कुमार, अनंत, वेंकटरामी रेड्डी, ए. साई प्रताप और सबम हरि ने गुरुवार को ही इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। राज्य के कानून मंत्री ई प्रताप रेड्डी ने मंत्रिमंडल और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। पल्लम राजू ने मंत्रिमंडल की बैठक के तत्काल बाद प्रधानमंत्री से मुलाकात की और इस्तीफे के अपने फैसले से उन्हें अवगत कराया। मनमोहन सिंह ने उन्हें जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाने को कहा। कांग्रेस के चार सांसदों वी. अरुण कुमार, अनंत, वेंकटरामी रेड्डी, ए. साई प्रताप और सबम हरि ने गुरुवार को ही इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। राज्य के कानून मंत्री ई प्रताप रेड्डी ने मंत्रिमंडल और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस के चार सांसदों वी. अरुण कुमार, अनंत, वेंकटरामी रेड्डी, ए. साई प्रताप और सबम हरि ने गुरुवार को ही इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। राज्य के कानून मंत्री ई प्रताप रेड्डी ने मंत्रिमंडल और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
यह एक सारांश है: क्षेत्र के कुछ केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों ने अपने इस्तीफे की घोषणा की। 48 घंटे के बंद के कारण सीमांध्र के सभी 13 जिलों में दुकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान व शैक्षिक संस्थान बंद रहे और सड़कों पर वाहन नहीं दिखे।
2
['hin']
एक सारांश बनाओ: यूपी के बुलंदशहर में मां- बेटी से गैंगरेप के मामले की सुनवाई के दौरान आजम खान की तरफ से किसी के भी पेश नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नोटिस जारी होने के बावजूद वह पेश नहीं हुए, जबकि उनकी तरफ किसी को तो पेश होना ही चाहिए था. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को याचिका की कॉपी और नोटिस आजम खान को देने के लिए कहा है. इस मामले की अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी. दरअसल आजम खां ने इस घटना को कथित रूप से राजनीतिक षड्यंत्र बताया था, जिसके बाद गैंगरेप पीड़ित के पिता की अपील पर संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार और राज्य के शहरी विकास मंत्री आजम खान को नोटिस जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान की टिप्पणियों पर यूपी सरकार और आजम खान को नोटिस जारी करते वक्त फटकार लगाते हुए कहा था कि क्या प्रशासन या सरकार के अहम ओहदे पर बैठा व्यक्ति यह कह सकता है कि इस तरह की घटनाएं राजनीतिक साजिश के तहत होती हैं, जबकि घटना से व्यक्ति का कोई लेना-देना न हो. कोर्ट ने कहा, क्या राज्य सरकार और कानून व्यवस्था को बरकरार रखने की जिम्मेदारी वाला शख्स ऐसे बयानों की अनुमति दे सकता है, जिसका असर पीड़िता पर पड़ेगा और वह निष्पक्ष जांच में अपना विश्वास खो देगी. क्या ये संविधान द्वारा दिए गए बोलने के अधिकार की सीमा को पार करना नहीं है.टिप्पणियां इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 8 सितंबर को बुलंदशहर सामूहिक बलात्कार मामले में  सीबीआई जांच पर लगी रोक हटा दी थी और कहा था सीबीआई ही मामले की जांच करेगी. कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को कहा था कि वह इस मामले में सुनवाई न करे और सीबीआई इस मामले में तेजी से जांच करे. सुप्रीम कोर्ट गैंगरेप पीड़ित मां-बेटी की याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिन्होंने केस को दिल्ली ट्रांसफर करने और कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच कराने की मांग की थी. इसके साथ ही पीड़ित परिवार ने ऐसे बयान देने के लिए आजम खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी. इसके साथ ही याचिका में कहा गया है कि लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए. दरअसल आजम खां ने इस घटना को कथित रूप से राजनीतिक षड्यंत्र बताया था, जिसके बाद गैंगरेप पीड़ित के पिता की अपील पर संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार और राज्य के शहरी विकास मंत्री आजम खान को नोटिस जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान की टिप्पणियों पर यूपी सरकार और आजम खान को नोटिस जारी करते वक्त फटकार लगाते हुए कहा था कि क्या प्रशासन या सरकार के अहम ओहदे पर बैठा व्यक्ति यह कह सकता है कि इस तरह की घटनाएं राजनीतिक साजिश के तहत होती हैं, जबकि घटना से व्यक्ति का कोई लेना-देना न हो. कोर्ट ने कहा, क्या राज्य सरकार और कानून व्यवस्था को बरकरार रखने की जिम्मेदारी वाला शख्स ऐसे बयानों की अनुमति दे सकता है, जिसका असर पीड़िता पर पड़ेगा और वह निष्पक्ष जांच में अपना विश्वास खो देगी. क्या ये संविधान द्वारा दिए गए बोलने के अधिकार की सीमा को पार करना नहीं है.टिप्पणियां इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 8 सितंबर को बुलंदशहर सामूहिक बलात्कार मामले में  सीबीआई जांच पर लगी रोक हटा दी थी और कहा था सीबीआई ही मामले की जांच करेगी. कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को कहा था कि वह इस मामले में सुनवाई न करे और सीबीआई इस मामले में तेजी से जांच करे. सुप्रीम कोर्ट गैंगरेप पीड़ित मां-बेटी की याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिन्होंने केस को दिल्ली ट्रांसफर करने और कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच कराने की मांग की थी. इसके साथ ही पीड़ित परिवार ने ऐसे बयान देने के लिए आजम खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी. इसके साथ ही याचिका में कहा गया है कि लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए. सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान की टिप्पणियों पर यूपी सरकार और आजम खान को नोटिस जारी करते वक्त फटकार लगाते हुए कहा था कि क्या प्रशासन या सरकार के अहम ओहदे पर बैठा व्यक्ति यह कह सकता है कि इस तरह की घटनाएं राजनीतिक साजिश के तहत होती हैं, जबकि घटना से व्यक्ति का कोई लेना-देना न हो. कोर्ट ने कहा, क्या राज्य सरकार और कानून व्यवस्था को बरकरार रखने की जिम्मेदारी वाला शख्स ऐसे बयानों की अनुमति दे सकता है, जिसका असर पीड़िता पर पड़ेगा और वह निष्पक्ष जांच में अपना विश्वास खो देगी. क्या ये संविधान द्वारा दिए गए बोलने के अधिकार की सीमा को पार करना नहीं है.टिप्पणियां इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 8 सितंबर को बुलंदशहर सामूहिक बलात्कार मामले में  सीबीआई जांच पर लगी रोक हटा दी थी और कहा था सीबीआई ही मामले की जांच करेगी. कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को कहा था कि वह इस मामले में सुनवाई न करे और सीबीआई इस मामले में तेजी से जांच करे. सुप्रीम कोर्ट गैंगरेप पीड़ित मां-बेटी की याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिन्होंने केस को दिल्ली ट्रांसफर करने और कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच कराने की मांग की थी. इसके साथ ही पीड़ित परिवार ने ऐसे बयान देने के लिए आजम खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी. इसके साथ ही याचिका में कहा गया है कि लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए. कोर्ट ने कहा, क्या राज्य सरकार और कानून व्यवस्था को बरकरार रखने की जिम्मेदारी वाला शख्स ऐसे बयानों की अनुमति दे सकता है, जिसका असर पीड़िता पर पड़ेगा और वह निष्पक्ष जांच में अपना विश्वास खो देगी. क्या ये संविधान द्वारा दिए गए बोलने के अधिकार की सीमा को पार करना नहीं है.टिप्पणियां इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 8 सितंबर को बुलंदशहर सामूहिक बलात्कार मामले में  सीबीआई जांच पर लगी रोक हटा दी थी और कहा था सीबीआई ही मामले की जांच करेगी. कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को कहा था कि वह इस मामले में सुनवाई न करे और सीबीआई इस मामले में तेजी से जांच करे. सुप्रीम कोर्ट गैंगरेप पीड़ित मां-बेटी की याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिन्होंने केस को दिल्ली ट्रांसफर करने और कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच कराने की मांग की थी. इसके साथ ही पीड़ित परिवार ने ऐसे बयान देने के लिए आजम खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी. इसके साथ ही याचिका में कहा गया है कि लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 8 सितंबर को बुलंदशहर सामूहिक बलात्कार मामले में  सीबीआई जांच पर लगी रोक हटा दी थी और कहा था सीबीआई ही मामले की जांच करेगी. कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को कहा था कि वह इस मामले में सुनवाई न करे और सीबीआई इस मामले में तेजी से जांच करे. सुप्रीम कोर्ट गैंगरेप पीड़ित मां-बेटी की याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिन्होंने केस को दिल्ली ट्रांसफर करने और कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच कराने की मांग की थी. इसके साथ ही पीड़ित परिवार ने ऐसे बयान देने के लिए आजम खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी. इसके साथ ही याचिका में कहा गया है कि लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए. सुप्रीम कोर्ट गैंगरेप पीड़ित मां-बेटी की याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिन्होंने केस को दिल्ली ट्रांसफर करने और कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच कराने की मांग की थी. इसके साथ ही पीड़ित परिवार ने ऐसे बयान देने के लिए आजम खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी. इसके साथ ही याचिका में कहा गया है कि लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए.
सारांश: बुलंदशहर में जुलाई में एक मां और बेटी के साथ गैंगरेप की घटना सामने आई थी आजम खां ने कथित रूप से गैंगरेप की इस घटना को राजनीतिक षड्यंत्र बताया था उनके इस बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हे व यूपी सरकार को नोटिस जारी किया था
5
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: अमेरिका की छठी वरीय सेरेना विलियम्स ने विम्बलडन टेनिस टूर्नामेंट के रोमांचक महिला एकल फाइनल में पोलैंड की तीसरी वरीय एग्निेस्का रादवांस्का को 6-1, 5-7, 6-2 से हराकर अपना पांचवां विम्बलडन खिताब हासिल किया। यह सेरेना का 14वां ग्रैंडस्लैम एकल खिताब था और इससे उन्हें 17.8 लाख डॉलर की ईनामी राशि मिली। वह 1990 में मार्टिना नवरातिलोवा के बाद 30 वर्ष से ज्यादा की उम्र में विम्बलडन जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी है। सेमीफाइनल में सेरेना से हारने वाली विक्टोरिया अजारेंका अब विश्व रैंकिंग में पहला स्थान हासिल कर लेगी। सेरेना ने इस जीत से अपनी बहन वीनस विलियम्स के ऑल इंग्लैंड क्लब में पांच खिताबों की बराबरी कर ली और 2010 में अपनी पिछली विम्बलडन खिताबी जीत के बाद पहले बड़े टूर्नामेंट की ट्राफी हासिल की।टिप्पणियां सेरेना को सेंटर कोर्ट पर हुए इस मुकाबले में शुरू में थोड़ी परेशानी हुई लेकिन उसने अपने ताकतवर ग्राउंड स्ट्रोक्स से पहला ग्रैंडस्लैम फाइनल खेल रही रादवांस्का के खिलाफ पहले पांच गेम अपने नाम कर सेट जीत लिया। रादवांस्का सांस की समस्या के कारण दूसरे सेट के दौरान खांसती दिखी। वह पिछले कुछ दिनों इस समस्या से जूझ रही है जिससे उसने युगल स्पर्धा से भी नाम वापस ले लिया था और मैच से पहले मीडिया से बात करने से भी मना कर दिया था। यह सेरेना का 14वां ग्रैंडस्लैम एकल खिताब था और इससे उन्हें 17.8 लाख डॉलर की ईनामी राशि मिली। वह 1990 में मार्टिना नवरातिलोवा के बाद 30 वर्ष से ज्यादा की उम्र में विम्बलडन जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी है। सेमीफाइनल में सेरेना से हारने वाली विक्टोरिया अजारेंका अब विश्व रैंकिंग में पहला स्थान हासिल कर लेगी। सेरेना ने इस जीत से अपनी बहन वीनस विलियम्स के ऑल इंग्लैंड क्लब में पांच खिताबों की बराबरी कर ली और 2010 में अपनी पिछली विम्बलडन खिताबी जीत के बाद पहले बड़े टूर्नामेंट की ट्राफी हासिल की।टिप्पणियां सेरेना को सेंटर कोर्ट पर हुए इस मुकाबले में शुरू में थोड़ी परेशानी हुई लेकिन उसने अपने ताकतवर ग्राउंड स्ट्रोक्स से पहला ग्रैंडस्लैम फाइनल खेल रही रादवांस्का के खिलाफ पहले पांच गेम अपने नाम कर सेट जीत लिया। रादवांस्का सांस की समस्या के कारण दूसरे सेट के दौरान खांसती दिखी। वह पिछले कुछ दिनों इस समस्या से जूझ रही है जिससे उसने युगल स्पर्धा से भी नाम वापस ले लिया था और मैच से पहले मीडिया से बात करने से भी मना कर दिया था। सेरेना ने इस जीत से अपनी बहन वीनस विलियम्स के ऑल इंग्लैंड क्लब में पांच खिताबों की बराबरी कर ली और 2010 में अपनी पिछली विम्बलडन खिताबी जीत के बाद पहले बड़े टूर्नामेंट की ट्राफी हासिल की।टिप्पणियां सेरेना को सेंटर कोर्ट पर हुए इस मुकाबले में शुरू में थोड़ी परेशानी हुई लेकिन उसने अपने ताकतवर ग्राउंड स्ट्रोक्स से पहला ग्रैंडस्लैम फाइनल खेल रही रादवांस्का के खिलाफ पहले पांच गेम अपने नाम कर सेट जीत लिया। रादवांस्का सांस की समस्या के कारण दूसरे सेट के दौरान खांसती दिखी। वह पिछले कुछ दिनों इस समस्या से जूझ रही है जिससे उसने युगल स्पर्धा से भी नाम वापस ले लिया था और मैच से पहले मीडिया से बात करने से भी मना कर दिया था। सेरेना को सेंटर कोर्ट पर हुए इस मुकाबले में शुरू में थोड़ी परेशानी हुई लेकिन उसने अपने ताकतवर ग्राउंड स्ट्रोक्स से पहला ग्रैंडस्लैम फाइनल खेल रही रादवांस्का के खिलाफ पहले पांच गेम अपने नाम कर सेट जीत लिया। रादवांस्का सांस की समस्या के कारण दूसरे सेट के दौरान खांसती दिखी। वह पिछले कुछ दिनों इस समस्या से जूझ रही है जिससे उसने युगल स्पर्धा से भी नाम वापस ले लिया था और मैच से पहले मीडिया से बात करने से भी मना कर दिया था। रादवांस्का सांस की समस्या के कारण दूसरे सेट के दौरान खांसती दिखी। वह पिछले कुछ दिनों इस समस्या से जूझ रही है जिससे उसने युगल स्पर्धा से भी नाम वापस ले लिया था और मैच से पहले मीडिया से बात करने से भी मना कर दिया था।
सारांश: अमेरिका की छठी वरीय सेरेना विलियम्स ने विम्बलडन टेनिस टूर्नामेंट के रोमांचक महिला एकल फाइनल में पोलैंड की तीसरी वरीय एग्निेस्का रादवांस्का को 6-1, 5-7, 6-2 से हराकर अपना पांचवां विम्बलडन खिताब हासिल किया।
31
['hin']
एक सारांश बनाओ: वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस सदी के मध्य के आसपास तक पृथ्वी पर रहने वाले लोगों की संख्या स्थिर हो जाएगी। स्पेन स्थित साइंटिफिक इन्फार्मेशन एंड न्यूज सर्विस (एसआईएनसी) ने बताया कि यह निष्कर्ष भौतिक विज्ञानियों द्वारा इस्तेमाल एक मॉडल से प्राप्त हुआ है। यह संयुक्त राष्ट्र के गिरावट के पूर्वानुमान से मेल खाता है। संयुक्त राष्ट्र के पूर्वानुमान के अनुसार 2100 में विश्व की जनसंख्या सर्वोच्च अनुमान के मुताबिक 15.8 अरब और निम्नतम अनुमान (न्यूनतम प्रजनन क्षमता) के अनुसार 6.2 अरब होगी जो कि वर्तमान के सात अरब के आंकड़े से भी नीचे है।टिप्पणियां ऑटोनॉमस यूनीवर्सिटी ऑफ मैड्रिड (यूएएम) और सीईयू-सान पैबलो यूनीवर्सिटी (दोनों स्पेन की) निम्न अनुमान की पुष्टि करती प्रतीत होती हैं। संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 1950 और 2100 के बीच मुहैया कराई गई जनसंख्या संभावना का इस्तेमाल पत्रिका ‘सिमुलेशन’ में प्रकाशित अध्ययन करने के लिए किया गया। यूएएफ अनुसंधानकर्ता फेलिक्स एफ मुनोज ने कहा, ‘‘यह एक ऐसा मॉडल है जो दो स्तरीय प्रणाली का विकास का वर्णन करता है जिसमें एक स्तर से दूसरे में गुजरने की संभावना है।’’ स्पेन स्थित साइंटिफिक इन्फार्मेशन एंड न्यूज सर्विस (एसआईएनसी) ने बताया कि यह निष्कर्ष भौतिक विज्ञानियों द्वारा इस्तेमाल एक मॉडल से प्राप्त हुआ है। यह संयुक्त राष्ट्र के गिरावट के पूर्वानुमान से मेल खाता है। संयुक्त राष्ट्र के पूर्वानुमान के अनुसार 2100 में विश्व की जनसंख्या सर्वोच्च अनुमान के मुताबिक 15.8 अरब और निम्नतम अनुमान (न्यूनतम प्रजनन क्षमता) के अनुसार 6.2 अरब होगी जो कि वर्तमान के सात अरब के आंकड़े से भी नीचे है।टिप्पणियां ऑटोनॉमस यूनीवर्सिटी ऑफ मैड्रिड (यूएएम) और सीईयू-सान पैबलो यूनीवर्सिटी (दोनों स्पेन की) निम्न अनुमान की पुष्टि करती प्रतीत होती हैं। संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 1950 और 2100 के बीच मुहैया कराई गई जनसंख्या संभावना का इस्तेमाल पत्रिका ‘सिमुलेशन’ में प्रकाशित अध्ययन करने के लिए किया गया। यूएएफ अनुसंधानकर्ता फेलिक्स एफ मुनोज ने कहा, ‘‘यह एक ऐसा मॉडल है जो दो स्तरीय प्रणाली का विकास का वर्णन करता है जिसमें एक स्तर से दूसरे में गुजरने की संभावना है।’’ संयुक्त राष्ट्र के पूर्वानुमान के अनुसार 2100 में विश्व की जनसंख्या सर्वोच्च अनुमान के मुताबिक 15.8 अरब और निम्नतम अनुमान (न्यूनतम प्रजनन क्षमता) के अनुसार 6.2 अरब होगी जो कि वर्तमान के सात अरब के आंकड़े से भी नीचे है।टिप्पणियां ऑटोनॉमस यूनीवर्सिटी ऑफ मैड्रिड (यूएएम) और सीईयू-सान पैबलो यूनीवर्सिटी (दोनों स्पेन की) निम्न अनुमान की पुष्टि करती प्रतीत होती हैं। संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 1950 और 2100 के बीच मुहैया कराई गई जनसंख्या संभावना का इस्तेमाल पत्रिका ‘सिमुलेशन’ में प्रकाशित अध्ययन करने के लिए किया गया। यूएएफ अनुसंधानकर्ता फेलिक्स एफ मुनोज ने कहा, ‘‘यह एक ऐसा मॉडल है जो दो स्तरीय प्रणाली का विकास का वर्णन करता है जिसमें एक स्तर से दूसरे में गुजरने की संभावना है।’’ ऑटोनॉमस यूनीवर्सिटी ऑफ मैड्रिड (यूएएम) और सीईयू-सान पैबलो यूनीवर्सिटी (दोनों स्पेन की) निम्न अनुमान की पुष्टि करती प्रतीत होती हैं। संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 1950 और 2100 के बीच मुहैया कराई गई जनसंख्या संभावना का इस्तेमाल पत्रिका ‘सिमुलेशन’ में प्रकाशित अध्ययन करने के लिए किया गया। यूएएफ अनुसंधानकर्ता फेलिक्स एफ मुनोज ने कहा, ‘‘यह एक ऐसा मॉडल है जो दो स्तरीय प्रणाली का विकास का वर्णन करता है जिसमें एक स्तर से दूसरे में गुजरने की संभावना है।’’ यूएएफ अनुसंधानकर्ता फेलिक्स एफ मुनोज ने कहा, ‘‘यह एक ऐसा मॉडल है जो दो स्तरीय प्रणाली का विकास का वर्णन करता है जिसमें एक स्तर से दूसरे में गुजरने की संभावना है।’’
यह एक सारांश है: स्पेन स्थित साइंटिफिक इन्फार्मेशन एंड न्यूज सर्विस (एसआईएनसी) ने बताया कि यह निष्कर्ष भौतिक विज्ञानियों द्वारा इस्तेमाल एक मॉडल से प्राप्त हुआ है। यह संयुक्त राष्ट्र के गिरावट के पूर्वानुमान से मेल खाता है।
21
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: राजस्व घटने और खर्च में वृद्धि के कारण बढ़ते वित्तीय घाटे के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को घाटे में कमी लाने की जरूरत बताई और कहा कि इसे 'प्रबंधनीय सीमा' के अंदर होना चाहिए। यहां आयकर विभाग के नए प्रशासनिक भवन के उद्घाटन अवसर पर मुखर्जी ने कहा, "हम अपने वित्तीय घाटे को एक निश्चित सीमा से आगे नहीं जाने दे सकते हैं। हमें अपनी प्राप्ति और भुगतान को व्यवस्थित करने की जरूरत है, ताकि हमारा वित्तीय घाटा, तथा कर्ज प्रबंधनीय सीमाओं के भीतर हों।" इस बात की चिंता जताई जा रही है कि मौजूदा कारोबारी साल में केंद्र सरकार का वित्तीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 4.6 फीसदी बजट अनुमान को पार कर सकता है। रियायत में इजाफा और विनिवेश के मामले में धीमी प्रगति के कारण सरकार की वित्तीय समस्या बढ़ गई है। चालू वित्त वर्ष के दौरान रियायत पर अतिरिक्त एक लाख करोड़ रुपये राशि खर्च हो सकती है। साथ ही 40,000 करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य हासिल होने की सम्भावना काफी नहीं है। सरकार राजस्व और खर्च के अंतर को पाटने के लिए 90,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त कर्ज लेने की घोषणा कर चुकी है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत को यूरोपीय कर्ज संकट से सबक लेने की जरूरत है। मुखर्जी ने कहा, "हमें यूरो जोन संकट से सबक लेने की जरूरत है। वहां कुछ देशों का वित्तीय घाटा जीडीपी के आकार से अधिक हो गया है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में जो कुछ हो रहा है, उससे हम स्वयं को अलग नहीं कर सकते, लेकिन वित्तीय घाटे का बुद्धिमानीपूर्वक प्रबंधन कर सकते हैं।"
संक्षिप्त सारांश: राजस्व घटने और खर्च में वृद्धि के कारण बढ़ते वित्तीय घाटे के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने घाटे में कमी लाने की जरूरत बताई और कहा कि इसे 'प्रबंधनीय सीमा' के अंदर होना चाहिए।
10
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से संजय जोशी के निष्कासन के लगभग 10 दिन बाद मंगलवार को दिल्ली से अहमदाबाद तक पोस्टरों का खेल चला। इन पोस्टरों में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाया गया है। पोस्टरों में हालांकि मोदी का नाम नहीं लिया गया है। इस बीच संजय जोशी ने सफाई दी है कि ये पोस्टर उन्होंने नहीं लगवाए। फिलहाल यह रहस्य बना हुआ है कि आखिरकार इन पोस्टरों को लगवाया किसने। मंगलवार को भाजपा के दिल्ली मुख्यालय, गोल डाक चौराहा, पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह और वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के आवास के बाहर संजय जोशी की तस्वीर वाले पोस्टर लगे पाए गए जिन पर लिखा था- "भाजपा की यह क्या मजबूरी, नहीं चलेगी दादागीरी। एक नेता को खुश करें, दूसरे से इस्तीफा मांगें। क्या यही है भाजपा की नीति?" ऐसे ही पोस्टर गुजरात के अहमदाबाद में भी जगह-जगह लगे पाए गए। वहां के पोस्टर में अटल बिहारी की वाजपेयी की कविता का अंश लेकर लिखा गया है- "छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता..टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता..कहो दिल से, संजय जोशी फिर से।" गौरतलब है कि पिछले महीने मुम्बई में हुई भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मोदी तब तक नहीं पहुंचे जब तक कि राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने संजय जोशी से राष्ट्रीय कार्यकारिणी से इस्तीफा नहीं ले लिया। कयास लगाया जा रहा है कि पोस्टरों का यह खेल जोशी के समर्थकों के दिमाग की उपज है, हालांकि स्वयं संजय जोशी ने कहा है कि उन्हें पता नहीं है कि ये पोस्टर किसने लगाए। एक निजी समाचार चैनल से बातचीत में जोशी ने कहा, "मुझे नहीं पता ऐसा काम किसके इशारे पर किया गया..इस मामले में मेरी किसी रूप में संलिप्तता नहीं है।" उधर, भाजपा नेताओं का कहना है कि पार्टी की ओर से ऐसे पोस्टर नहीं लगाए गए। पार्टी से जुड़े कई लोगों का अनुमान है कि यह भाजपा के विरोधी किसी दल का कारनामा हो सकता है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि रंगीन पोस्टर छपवाने और उसे रातोंरात दीवारों पर लगवाने में किसने इतनी दिलचस्पी दिखाई। अब एक-एक कर ये पोस्टर हटवाए जा रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, "यह कुछ शरारती तत्वों द्वारा किया गया काम लगता है।"टिप्पणियां वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा, "भाजपा को देश की मुख्य विपक्षी पार्टी की भूमिका जिम्मेदारी से निभानी चाहिए भी लेकिन उसके नेता आपस में ही लड़ रहे हैं। यह भाजपा का अंदरूनी मामला है, इस पर ज्यादा कुछ कहना ठीक नहीं होगा।"      उल्लेखनीय है कि जोशी और मोदी के बीच पिछले काफी समय से प्रतिद्वंदिता चली आ रही है। जोशी को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाए जाने से भी मोदी नाराज थे और इसलिए वह हाल ही में सम्पन्न राज्य विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के प्रचार अभियान में शामिल नहीं हुए। मोदी और जोशी दोनों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से घनिष्ठ सम्बंध हैं। पोस्टरों में हालांकि मोदी का नाम नहीं लिया गया है। इस बीच संजय जोशी ने सफाई दी है कि ये पोस्टर उन्होंने नहीं लगवाए। फिलहाल यह रहस्य बना हुआ है कि आखिरकार इन पोस्टरों को लगवाया किसने। मंगलवार को भाजपा के दिल्ली मुख्यालय, गोल डाक चौराहा, पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह और वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के आवास के बाहर संजय जोशी की तस्वीर वाले पोस्टर लगे पाए गए जिन पर लिखा था- "भाजपा की यह क्या मजबूरी, नहीं चलेगी दादागीरी। एक नेता को खुश करें, दूसरे से इस्तीफा मांगें। क्या यही है भाजपा की नीति?" ऐसे ही पोस्टर गुजरात के अहमदाबाद में भी जगह-जगह लगे पाए गए। वहां के पोस्टर में अटल बिहारी की वाजपेयी की कविता का अंश लेकर लिखा गया है- "छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता..टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता..कहो दिल से, संजय जोशी फिर से।" गौरतलब है कि पिछले महीने मुम्बई में हुई भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मोदी तब तक नहीं पहुंचे जब तक कि राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने संजय जोशी से राष्ट्रीय कार्यकारिणी से इस्तीफा नहीं ले लिया। कयास लगाया जा रहा है कि पोस्टरों का यह खेल जोशी के समर्थकों के दिमाग की उपज है, हालांकि स्वयं संजय जोशी ने कहा है कि उन्हें पता नहीं है कि ये पोस्टर किसने लगाए। एक निजी समाचार चैनल से बातचीत में जोशी ने कहा, "मुझे नहीं पता ऐसा काम किसके इशारे पर किया गया..इस मामले में मेरी किसी रूप में संलिप्तता नहीं है।" उधर, भाजपा नेताओं का कहना है कि पार्टी की ओर से ऐसे पोस्टर नहीं लगाए गए। पार्टी से जुड़े कई लोगों का अनुमान है कि यह भाजपा के विरोधी किसी दल का कारनामा हो सकता है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि रंगीन पोस्टर छपवाने और उसे रातोंरात दीवारों पर लगवाने में किसने इतनी दिलचस्पी दिखाई। अब एक-एक कर ये पोस्टर हटवाए जा रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, "यह कुछ शरारती तत्वों द्वारा किया गया काम लगता है।"टिप्पणियां वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा, "भाजपा को देश की मुख्य विपक्षी पार्टी की भूमिका जिम्मेदारी से निभानी चाहिए भी लेकिन उसके नेता आपस में ही लड़ रहे हैं। यह भाजपा का अंदरूनी मामला है, इस पर ज्यादा कुछ कहना ठीक नहीं होगा।"      उल्लेखनीय है कि जोशी और मोदी के बीच पिछले काफी समय से प्रतिद्वंदिता चली आ रही है। जोशी को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाए जाने से भी मोदी नाराज थे और इसलिए वह हाल ही में सम्पन्न राज्य विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के प्रचार अभियान में शामिल नहीं हुए। मोदी और जोशी दोनों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से घनिष्ठ सम्बंध हैं। मंगलवार को भाजपा के दिल्ली मुख्यालय, गोल डाक चौराहा, पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह और वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के आवास के बाहर संजय जोशी की तस्वीर वाले पोस्टर लगे पाए गए जिन पर लिखा था- "भाजपा की यह क्या मजबूरी, नहीं चलेगी दादागीरी। एक नेता को खुश करें, दूसरे से इस्तीफा मांगें। क्या यही है भाजपा की नीति?" ऐसे ही पोस्टर गुजरात के अहमदाबाद में भी जगह-जगह लगे पाए गए। वहां के पोस्टर में अटल बिहारी की वाजपेयी की कविता का अंश लेकर लिखा गया है- "छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता..टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता..कहो दिल से, संजय जोशी फिर से।" गौरतलब है कि पिछले महीने मुम्बई में हुई भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मोदी तब तक नहीं पहुंचे जब तक कि राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने संजय जोशी से राष्ट्रीय कार्यकारिणी से इस्तीफा नहीं ले लिया। कयास लगाया जा रहा है कि पोस्टरों का यह खेल जोशी के समर्थकों के दिमाग की उपज है, हालांकि स्वयं संजय जोशी ने कहा है कि उन्हें पता नहीं है कि ये पोस्टर किसने लगाए। एक निजी समाचार चैनल से बातचीत में जोशी ने कहा, "मुझे नहीं पता ऐसा काम किसके इशारे पर किया गया..इस मामले में मेरी किसी रूप में संलिप्तता नहीं है।" उधर, भाजपा नेताओं का कहना है कि पार्टी की ओर से ऐसे पोस्टर नहीं लगाए गए। पार्टी से जुड़े कई लोगों का अनुमान है कि यह भाजपा के विरोधी किसी दल का कारनामा हो सकता है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि रंगीन पोस्टर छपवाने और उसे रातोंरात दीवारों पर लगवाने में किसने इतनी दिलचस्पी दिखाई। अब एक-एक कर ये पोस्टर हटवाए जा रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, "यह कुछ शरारती तत्वों द्वारा किया गया काम लगता है।"टिप्पणियां वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा, "भाजपा को देश की मुख्य विपक्षी पार्टी की भूमिका जिम्मेदारी से निभानी चाहिए भी लेकिन उसके नेता आपस में ही लड़ रहे हैं। यह भाजपा का अंदरूनी मामला है, इस पर ज्यादा कुछ कहना ठीक नहीं होगा।"      उल्लेखनीय है कि जोशी और मोदी के बीच पिछले काफी समय से प्रतिद्वंदिता चली आ रही है। जोशी को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाए जाने से भी मोदी नाराज थे और इसलिए वह हाल ही में सम्पन्न राज्य विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के प्रचार अभियान में शामिल नहीं हुए। मोदी और जोशी दोनों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से घनिष्ठ सम्बंध हैं। गौरतलब है कि पिछले महीने मुम्बई में हुई भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मोदी तब तक नहीं पहुंचे जब तक कि राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने संजय जोशी से राष्ट्रीय कार्यकारिणी से इस्तीफा नहीं ले लिया। कयास लगाया जा रहा है कि पोस्टरों का यह खेल जोशी के समर्थकों के दिमाग की उपज है, हालांकि स्वयं संजय जोशी ने कहा है कि उन्हें पता नहीं है कि ये पोस्टर किसने लगाए। एक निजी समाचार चैनल से बातचीत में जोशी ने कहा, "मुझे नहीं पता ऐसा काम किसके इशारे पर किया गया..इस मामले में मेरी किसी रूप में संलिप्तता नहीं है।" उधर, भाजपा नेताओं का कहना है कि पार्टी की ओर से ऐसे पोस्टर नहीं लगाए गए। पार्टी से जुड़े कई लोगों का अनुमान है कि यह भाजपा के विरोधी किसी दल का कारनामा हो सकता है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि रंगीन पोस्टर छपवाने और उसे रातोंरात दीवारों पर लगवाने में किसने इतनी दिलचस्पी दिखाई। अब एक-एक कर ये पोस्टर हटवाए जा रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, "यह कुछ शरारती तत्वों द्वारा किया गया काम लगता है।"टिप्पणियां वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा, "भाजपा को देश की मुख्य विपक्षी पार्टी की भूमिका जिम्मेदारी से निभानी चाहिए भी लेकिन उसके नेता आपस में ही लड़ रहे हैं। यह भाजपा का अंदरूनी मामला है, इस पर ज्यादा कुछ कहना ठीक नहीं होगा।"      उल्लेखनीय है कि जोशी और मोदी के बीच पिछले काफी समय से प्रतिद्वंदिता चली आ रही है। जोशी को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाए जाने से भी मोदी नाराज थे और इसलिए वह हाल ही में सम्पन्न राज्य विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के प्रचार अभियान में शामिल नहीं हुए। मोदी और जोशी दोनों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से घनिष्ठ सम्बंध हैं। एक निजी समाचार चैनल से बातचीत में जोशी ने कहा, "मुझे नहीं पता ऐसा काम किसके इशारे पर किया गया..इस मामले में मेरी किसी रूप में संलिप्तता नहीं है।" उधर, भाजपा नेताओं का कहना है कि पार्टी की ओर से ऐसे पोस्टर नहीं लगाए गए। पार्टी से जुड़े कई लोगों का अनुमान है कि यह भाजपा के विरोधी किसी दल का कारनामा हो सकता है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि रंगीन पोस्टर छपवाने और उसे रातोंरात दीवारों पर लगवाने में किसने इतनी दिलचस्पी दिखाई। अब एक-एक कर ये पोस्टर हटवाए जा रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, "यह कुछ शरारती तत्वों द्वारा किया गया काम लगता है।"टिप्पणियां वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा, "भाजपा को देश की मुख्य विपक्षी पार्टी की भूमिका जिम्मेदारी से निभानी चाहिए भी लेकिन उसके नेता आपस में ही लड़ रहे हैं। यह भाजपा का अंदरूनी मामला है, इस पर ज्यादा कुछ कहना ठीक नहीं होगा।"      उल्लेखनीय है कि जोशी और मोदी के बीच पिछले काफी समय से प्रतिद्वंदिता चली आ रही है। जोशी को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाए जाने से भी मोदी नाराज थे और इसलिए वह हाल ही में सम्पन्न राज्य विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के प्रचार अभियान में शामिल नहीं हुए। मोदी और जोशी दोनों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से घनिष्ठ सम्बंध हैं। उधर, भाजपा नेताओं का कहना है कि पार्टी की ओर से ऐसे पोस्टर नहीं लगाए गए। पार्टी से जुड़े कई लोगों का अनुमान है कि यह भाजपा के विरोधी किसी दल का कारनामा हो सकता है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि रंगीन पोस्टर छपवाने और उसे रातोंरात दीवारों पर लगवाने में किसने इतनी दिलचस्पी दिखाई। अब एक-एक कर ये पोस्टर हटवाए जा रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, "यह कुछ शरारती तत्वों द्वारा किया गया काम लगता है।"टिप्पणियां वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा, "भाजपा को देश की मुख्य विपक्षी पार्टी की भूमिका जिम्मेदारी से निभानी चाहिए भी लेकिन उसके नेता आपस में ही लड़ रहे हैं। यह भाजपा का अंदरूनी मामला है, इस पर ज्यादा कुछ कहना ठीक नहीं होगा।"      उल्लेखनीय है कि जोशी और मोदी के बीच पिछले काफी समय से प्रतिद्वंदिता चली आ रही है। जोशी को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाए जाने से भी मोदी नाराज थे और इसलिए वह हाल ही में सम्पन्न राज्य विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के प्रचार अभियान में शामिल नहीं हुए। मोदी और जोशी दोनों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से घनिष्ठ सम्बंध हैं। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, "यह कुछ शरारती तत्वों द्वारा किया गया काम लगता है।"टिप्पणियां वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा, "भाजपा को देश की मुख्य विपक्षी पार्टी की भूमिका जिम्मेदारी से निभानी चाहिए भी लेकिन उसके नेता आपस में ही लड़ रहे हैं। यह भाजपा का अंदरूनी मामला है, इस पर ज्यादा कुछ कहना ठीक नहीं होगा।"      उल्लेखनीय है कि जोशी और मोदी के बीच पिछले काफी समय से प्रतिद्वंदिता चली आ रही है। जोशी को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाए जाने से भी मोदी नाराज थे और इसलिए वह हाल ही में सम्पन्न राज्य विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के प्रचार अभियान में शामिल नहीं हुए। मोदी और जोशी दोनों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से घनिष्ठ सम्बंध हैं। वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा, "भाजपा को देश की मुख्य विपक्षी पार्टी की भूमिका जिम्मेदारी से निभानी चाहिए भी लेकिन उसके नेता आपस में ही लड़ रहे हैं। यह भाजपा का अंदरूनी मामला है, इस पर ज्यादा कुछ कहना ठीक नहीं होगा।"      उल्लेखनीय है कि जोशी और मोदी के बीच पिछले काफी समय से प्रतिद्वंदिता चली आ रही है। जोशी को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाए जाने से भी मोदी नाराज थे और इसलिए वह हाल ही में सम्पन्न राज्य विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के प्रचार अभियान में शामिल नहीं हुए। मोदी और जोशी दोनों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से घनिष्ठ सम्बंध हैं। उल्लेखनीय है कि जोशी और मोदी के बीच पिछले काफी समय से प्रतिद्वंदिता चली आ रही है। जोशी को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाए जाने से भी मोदी नाराज थे और इसलिए वह हाल ही में सम्पन्न राज्य विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के प्रचार अभियान में शामिल नहीं हुए। मोदी और जोशी दोनों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से घनिष्ठ सम्बंध हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से संजय जोशी के निष्कासन के लगभग 10 दिन बाद मंगलवार को दिल्ली से अहमदाबाद तक पोस्टरों का खेल चला। इन पोस्टरों में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाया गया है।
28
['hin']
एक सारांश बनाओ: भारतीय उद्योगपति मुकेश अंबानी को बैंक ऑफ अमेरिका से 2011 में 1.4 करोड़ रुपये का मानदेय मिला है। अंबानी पिछले साल ही बैंक के निदेशक मंडल में शामिल हुए थे। बैंक ऑफ अमेरिका द्वारा शेयरधारकों को 9 मई, 2012 को होने वाली बैठक के लिए भेजे गए नोटिस में निदेशक की फीस और अन्य भुगतान का उल्लेख किया गया है। बैठक के दौरान शेयरधारक मुकेश अंबानी सहित 12 निदेशकों की नियुक्ति के लिए मतदान करेंगे। साथ ही उनके लिए मानदेय को भी मंजूरी देंगे। भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी मार्च, 2011 में बैंक ऑफ अमेरिका के निदेशक मंडल में स्वतंत्र निदेशक के रूप में शामिल हुए थे।टिप्पणियां विभिन्न निदेशकों को दिए गए मानदेय का ब्योरा देते हुए नोटिस में कहा गया है कि अंबानी को 2011 में 92,282 डालर की नकद फीस, 1,84,534 डालर के स्टाक अवार्ड का भुगतान किया गया है। इस तरह पूरी राशि 2,76,816 डालर (1.4 करोड़ रुपये) बैठती है। बैंक ऑफ अमेरिका के निदेशकों में 2011 में मानदेय पाने के मामले में अंबानी चौथे स्थान पर रहे। उनके ज्यादा भुगतान चार्ल्स गिफार्ड (5,17,190 डालर), चार्ल्स होलिडे (5,00,000 डालर) और डोनाल्ड पावेल (3,15,000 डालर) को किया गया। बैंक ऑफ अमेरिका द्वारा शेयरधारकों को 9 मई, 2012 को होने वाली बैठक के लिए भेजे गए नोटिस में निदेशक की फीस और अन्य भुगतान का उल्लेख किया गया है। बैठक के दौरान शेयरधारक मुकेश अंबानी सहित 12 निदेशकों की नियुक्ति के लिए मतदान करेंगे। साथ ही उनके लिए मानदेय को भी मंजूरी देंगे। भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी मार्च, 2011 में बैंक ऑफ अमेरिका के निदेशक मंडल में स्वतंत्र निदेशक के रूप में शामिल हुए थे।टिप्पणियां विभिन्न निदेशकों को दिए गए मानदेय का ब्योरा देते हुए नोटिस में कहा गया है कि अंबानी को 2011 में 92,282 डालर की नकद फीस, 1,84,534 डालर के स्टाक अवार्ड का भुगतान किया गया है। इस तरह पूरी राशि 2,76,816 डालर (1.4 करोड़ रुपये) बैठती है। बैंक ऑफ अमेरिका के निदेशकों में 2011 में मानदेय पाने के मामले में अंबानी चौथे स्थान पर रहे। उनके ज्यादा भुगतान चार्ल्स गिफार्ड (5,17,190 डालर), चार्ल्स होलिडे (5,00,000 डालर) और डोनाल्ड पावेल (3,15,000 डालर) को किया गया। बैठक के दौरान शेयरधारक मुकेश अंबानी सहित 12 निदेशकों की नियुक्ति के लिए मतदान करेंगे। साथ ही उनके लिए मानदेय को भी मंजूरी देंगे। भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी मार्च, 2011 में बैंक ऑफ अमेरिका के निदेशक मंडल में स्वतंत्र निदेशक के रूप में शामिल हुए थे।टिप्पणियां विभिन्न निदेशकों को दिए गए मानदेय का ब्योरा देते हुए नोटिस में कहा गया है कि अंबानी को 2011 में 92,282 डालर की नकद फीस, 1,84,534 डालर के स्टाक अवार्ड का भुगतान किया गया है। इस तरह पूरी राशि 2,76,816 डालर (1.4 करोड़ रुपये) बैठती है। बैंक ऑफ अमेरिका के निदेशकों में 2011 में मानदेय पाने के मामले में अंबानी चौथे स्थान पर रहे। उनके ज्यादा भुगतान चार्ल्स गिफार्ड (5,17,190 डालर), चार्ल्स होलिडे (5,00,000 डालर) और डोनाल्ड पावेल (3,15,000 डालर) को किया गया। भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी मार्च, 2011 में बैंक ऑफ अमेरिका के निदेशक मंडल में स्वतंत्र निदेशक के रूप में शामिल हुए थे।टिप्पणियां विभिन्न निदेशकों को दिए गए मानदेय का ब्योरा देते हुए नोटिस में कहा गया है कि अंबानी को 2011 में 92,282 डालर की नकद फीस, 1,84,534 डालर के स्टाक अवार्ड का भुगतान किया गया है। इस तरह पूरी राशि 2,76,816 डालर (1.4 करोड़ रुपये) बैठती है। बैंक ऑफ अमेरिका के निदेशकों में 2011 में मानदेय पाने के मामले में अंबानी चौथे स्थान पर रहे। उनके ज्यादा भुगतान चार्ल्स गिफार्ड (5,17,190 डालर), चार्ल्स होलिडे (5,00,000 डालर) और डोनाल्ड पावेल (3,15,000 डालर) को किया गया। विभिन्न निदेशकों को दिए गए मानदेय का ब्योरा देते हुए नोटिस में कहा गया है कि अंबानी को 2011 में 92,282 डालर की नकद फीस, 1,84,534 डालर के स्टाक अवार्ड का भुगतान किया गया है। इस तरह पूरी राशि 2,76,816 डालर (1.4 करोड़ रुपये) बैठती है। बैंक ऑफ अमेरिका के निदेशकों में 2011 में मानदेय पाने के मामले में अंबानी चौथे स्थान पर रहे। उनके ज्यादा भुगतान चार्ल्स गिफार्ड (5,17,190 डालर), चार्ल्स होलिडे (5,00,000 डालर) और डोनाल्ड पावेल (3,15,000 डालर) को किया गया। बैंक ऑफ अमेरिका के निदेशकों में 2011 में मानदेय पाने के मामले में अंबानी चौथे स्थान पर रहे। उनके ज्यादा भुगतान चार्ल्स गिफार्ड (5,17,190 डालर), चार्ल्स होलिडे (5,00,000 डालर) और डोनाल्ड पावेल (3,15,000 डालर) को किया गया।
सारांश: भारतीय उद्योगपति मुकेश अंबानी को बैंक ऑफ अमेरिका से 2011 में 1.4 करोड़ रुपये का मानदेय मिला है। अंबानी पिछले साल ही बैंक के निदेशक मंडल में शामिल हुए थे।
5
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: नेपाल की सेति नदी में आई बाढ़ में मरने वालों की तादाद बढ़कर 26 हो गई है। अन्नपूर्णा श्रृंखला की पहाड़ियों में हिमस्खलन के बाद नदी में बाढ़ की स्थिति पैदा हुई। पुलिस ने मंगलवार को भी कुछ शव बरामद किए।टिप्पणियां समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने पुलिस के हवाले से बताया है कि अभी शवों की पहचान नहीं हो सकी है। पुलिस का कहना है कि तीन विदेशी नागरिकों सहित करीब 40 लोग अब भी लापता है। उन्होंने कहा कि इन लोगों को खोजने की कोशिश जारी है। वैसे किसी के जीवित बचने की सम्भावना बहुत कम है। इस बीच नेपाल की सेना, सशस्त्र पुलिस बल व नेपाल पुलिस का खोज अभियान जारी है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने पुलिस के हवाले से बताया है कि अभी शवों की पहचान नहीं हो सकी है। पुलिस का कहना है कि तीन विदेशी नागरिकों सहित करीब 40 लोग अब भी लापता है। उन्होंने कहा कि इन लोगों को खोजने की कोशिश जारी है। वैसे किसी के जीवित बचने की सम्भावना बहुत कम है। इस बीच नेपाल की सेना, सशस्त्र पुलिस बल व नेपाल पुलिस का खोज अभियान जारी है। पुलिस का कहना है कि तीन विदेशी नागरिकों सहित करीब 40 लोग अब भी लापता है। उन्होंने कहा कि इन लोगों को खोजने की कोशिश जारी है। वैसे किसी के जीवित बचने की सम्भावना बहुत कम है। इस बीच नेपाल की सेना, सशस्त्र पुलिस बल व नेपाल पुलिस का खोज अभियान जारी है।
यह एक सारांश है: नेपाल की सेति नदी में आई बाढ़ में मरने वालों की तादाद बढ़कर 26 हो गई है। अन्नपूर्णा श्रृंखला की पहाड़ियों में हिमस्खलन के बाद नदी में बाढ़ की स्थिति पैदा हुई।
24
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने मंगलवार को कहा कि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) की सांसद कनिमोई को 2-जी स्पेक्ट्रम मामले में सिर्फ इसलिए जमानत नहीं मिलनी चाहिए कि वह महिला हैं। जयललिता ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "जमानत के लिए यह गलत तर्क है। राजनीति में महिला होने के नाते आपको कोई रियायत नहीं मिलती। आपराधिक गतिविधियों के लिए भी यही नियम लागू होता है।" कनिमोई के वकील राम जेठमलानी ने इसके पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत में नई दिल्ली में कहा था कि कनिमोई महिला हैं और वह कलैगनार टीवी के दैनिक कामकाज से सम्बद्ध नहीं रही हैं, इसलिए उन्हें जमानत दे दी जानी चाहिए। सीबीआई ने 25 अप्रैल के अपने पूरक आरोप पत्र में कनिमोई और शरद कुमार को 2 जी स्पेक्ट्रम मामले में सह आरोपी बनाया था। इसके पहले सीबीआई ने कलैगनार टीवी के साथ हुए 214 करोड़ रुपये के एक अवैध लेने-देन को पकड़ा था। कलैगनार टीवी की बड़ी हिस्सेदारी डीएमके प्रमुख एम. करुणानिधि के परिवार के पास है। कनिमोई 20 मई से ही तिहाड़ जेल में हैं। जयललिता ने 2जी घोटाले पर बोलते हुए कहा कि लोगों का न्याय प्रणाली पर विश्वास फिर से बढ़ा है। उन्होंने कहा, "अंतत: कानून अपना काम कर रहा है।" जयललिता ने यह भी कहा कि उनकी सरकार को केंद्रीय गृह मंत्रालय से इस सम्बंध में कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है कि पेरिस में एक भारतीय नागरिक को अलकायदा से सम्बंधों के कारण गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार व्यक्ति मदुरै मूल का है। विधानसभा चुनाव के पूर्व आल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा करने के सम्बंध में जयललिता ने कहा कि तीन जून को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण में कई घोषणाएं की जाएंगी।
संक्षिप्त पाठ: जयललिता ने कहा कि डीएमके की सांसद कनिमोई को 2-जी स्पेक्ट्रम मामले में सिर्फ इसलिए जमानत नहीं मिलनी चाहिए कि वह महिला हैं।
14
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: गृह राज्यमंत्री किरेन रिजीजू बुधवार से अरुणाचल प्रदेश के तीन दिन के दौरे पर जाएंगे. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के साथ मशहूर गायिका आशा भोंसले के भी जाने की खबर है. वे वहां पर अर्धसैनिक बलों और जवानों  के लिए सरहद पर गीत भी गाएंगी. रिजीजू 18 अगस्त को तवांग के लुमला की बॉर्डर आउटपोस्ट में रक्षा बंधन कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. वे वहीं अगले दिन शुक्रवार को पासीघाट के एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड का उद्घाटन करेंगे. पासीघाट एयरफील्ड भारत के लिए रणनीतिक तौर पर बेहद अहम है. वायुसेना की पूर्वी कमान के अंतर्गत इस एयरफील्ड के कारण चीन से सटी सीमा पर भारत की ऑपरेशनल क्षमताएं काफी हद तक बढ़ जाएंगी. पासीघाट में एयरफील्ड पहले काफी छोटा था लेकिन साल 2010 में एयरफोर्स ने यहां उड्डयन ढांचे के विस्तार का बीड़ा उठाया था. अब यह बनकर तैयार हो गया है. रिजीजू 18 अगस्त को तवांग के लुमला की बॉर्डर आउटपोस्ट में रक्षा बंधन कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. वे वहीं अगले दिन शुक्रवार को पासीघाट के एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड का उद्घाटन करेंगे. पासीघाट एयरफील्ड भारत के लिए रणनीतिक तौर पर बेहद अहम है. वायुसेना की पूर्वी कमान के अंतर्गत इस एयरफील्ड के कारण चीन से सटी सीमा पर भारत की ऑपरेशनल क्षमताएं काफी हद तक बढ़ जाएंगी. पासीघाट में एयरफील्ड पहले काफी छोटा था लेकिन साल 2010 में एयरफोर्स ने यहां उड्डयन ढांचे के विस्तार का बीड़ा उठाया था. अब यह बनकर तैयार हो गया है.
यह एक सारांश है: गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजू के साथ करेंगी दौरा तवांग के लुमला की बॉर्डर आउटपोस्ट में मनेगा रक्षा बंधन पासीघाट के एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड का होगा उद्घाटन
2
['hin']
एक सारांश बनाओ: अभिनेता रणवीर सिंह 'यश राज फिल्म्स' (वाईआरएफ) से बाहर की फिल्में कर रहे हैं वहीं 'लेडिज वर्सेज रिकी बहल' फिल्म में उनकी सह-अभिनेत्री रहीं परिणिति चोपड़ा इस बैनर से किए समझौते से बंधी हुई हैं और उन्हें दूसरी फिल्म चुनने की आजादी नहीं है। ऐसी खबर है कि वह तमिल की सफल फिल्म 'थुप्पक्की' के हिन्दी संस्करण में काम करना चाहती थीं और इसके निर्माता विपुल शाह ने उनके सामने यह प्रस्ताव भी रखा था। सम्भवत: इसके अभिनेता अक्षय भी उन्हें इस फिल्म में लेना चाहते थे लेकिन 'वाईआरएफ' ने परिणिति को यह समझौते नहीं तोड़ने दिया। आदित्य चोपड़ा ने परिणिति को 'वाईआरएफ'  से बाहर की फिल्में करने से मना किया जो इस बैनर के तले निर्देशक मनीष शर्मा की फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत के साथ काम कर रही हैं।टिप्पणियां अक्षय ने इस संदर्भ में हस्तक्षेप करने की कोशिश की, लेकन इसका कोई लाभ नहीं हुआ और अंतत:  सोनाक्षी सिन्हा को ले लिया गया। इसकी पुष्टि करते हुए निर्देशक ए. मुरुगादौस ने कहा, हमने परिणिति के लिए काफी कोशिश की, लेकिन वह 'वाईआरएफ' के साथ किए गए समझौते से बंधी हुई हैं। ऐसी खबर है कि वह तमिल की सफल फिल्म 'थुप्पक्की' के हिन्दी संस्करण में काम करना चाहती थीं और इसके निर्माता विपुल शाह ने उनके सामने यह प्रस्ताव भी रखा था। सम्भवत: इसके अभिनेता अक्षय भी उन्हें इस फिल्म में लेना चाहते थे लेकिन 'वाईआरएफ' ने परिणिति को यह समझौते नहीं तोड़ने दिया। आदित्य चोपड़ा ने परिणिति को 'वाईआरएफ'  से बाहर की फिल्में करने से मना किया जो इस बैनर के तले निर्देशक मनीष शर्मा की फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत के साथ काम कर रही हैं।टिप्पणियां अक्षय ने इस संदर्भ में हस्तक्षेप करने की कोशिश की, लेकन इसका कोई लाभ नहीं हुआ और अंतत:  सोनाक्षी सिन्हा को ले लिया गया। इसकी पुष्टि करते हुए निर्देशक ए. मुरुगादौस ने कहा, हमने परिणिति के लिए काफी कोशिश की, लेकिन वह 'वाईआरएफ' के साथ किए गए समझौते से बंधी हुई हैं। सम्भवत: इसके अभिनेता अक्षय भी उन्हें इस फिल्म में लेना चाहते थे लेकिन 'वाईआरएफ' ने परिणिति को यह समझौते नहीं तोड़ने दिया। आदित्य चोपड़ा ने परिणिति को 'वाईआरएफ'  से बाहर की फिल्में करने से मना किया जो इस बैनर के तले निर्देशक मनीष शर्मा की फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत के साथ काम कर रही हैं।टिप्पणियां अक्षय ने इस संदर्भ में हस्तक्षेप करने की कोशिश की, लेकन इसका कोई लाभ नहीं हुआ और अंतत:  सोनाक्षी सिन्हा को ले लिया गया। इसकी पुष्टि करते हुए निर्देशक ए. मुरुगादौस ने कहा, हमने परिणिति के लिए काफी कोशिश की, लेकिन वह 'वाईआरएफ' के साथ किए गए समझौते से बंधी हुई हैं। आदित्य चोपड़ा ने परिणिति को 'वाईआरएफ'  से बाहर की फिल्में करने से मना किया जो इस बैनर के तले निर्देशक मनीष शर्मा की फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत के साथ काम कर रही हैं।टिप्पणियां अक्षय ने इस संदर्भ में हस्तक्षेप करने की कोशिश की, लेकन इसका कोई लाभ नहीं हुआ और अंतत:  सोनाक्षी सिन्हा को ले लिया गया। इसकी पुष्टि करते हुए निर्देशक ए. मुरुगादौस ने कहा, हमने परिणिति के लिए काफी कोशिश की, लेकिन वह 'वाईआरएफ' के साथ किए गए समझौते से बंधी हुई हैं। अक्षय ने इस संदर्भ में हस्तक्षेप करने की कोशिश की, लेकन इसका कोई लाभ नहीं हुआ और अंतत:  सोनाक्षी सिन्हा को ले लिया गया। इसकी पुष्टि करते हुए निर्देशक ए. मुरुगादौस ने कहा, हमने परिणिति के लिए काफी कोशिश की, लेकिन वह 'वाईआरएफ' के साथ किए गए समझौते से बंधी हुई हैं। इसकी पुष्टि करते हुए निर्देशक ए. मुरुगादौस ने कहा, हमने परिणिति के लिए काफी कोशिश की, लेकिन वह 'वाईआरएफ' के साथ किए गए समझौते से बंधी हुई हैं।
संक्षिप्त पाठ: ऐसी खबर है कि वह तमिल की सफल फिल्म 'थुप्पक्की' के हिन्दी संस्करण में काम करना चाहती थीं और इसके निर्माता विपुल शाह ने उनके सामने यह प्रस्ताव भी रखा था।
30
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: ओलिंपिक पदक जीतना साइना नेहवाल का सपना है लेकिन यह दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी दबाव में नहीं आना चाहती और लंदन ओलिंपिक खेलों की बैडमिंटन स्पर्धा में मिले ‘कड़े ड्रा’ के बावजूद वह आगे बढ़ने के लिए अपने अनुभव पर निर्भर हैं।टिप्पणियां बीजिंग खेलों में अपने ओलिंपिक पदार्पण के दौरान इंडोनेशिया के मारिया क्रिस्टीन यूलियांती के हाथों शिकस्त के बाद पदक से चूकी 22 वर्षीय साइना ने कहा, ‘‘यह (पदक जीतना) सभी भारतीयों और मेरे लिए सपना है। लेकिन मैं अपने ऊपर दबाव नहीं बनाना चाहती।’ ’दुनिया की पांचवें नंबर की खिलाड़ी साइना अपने अभियान की शुरूआत स्विट्जरलैंड की सबरीना जैक्वेट के खिलाफ करेंगी लेकिन इसके बाद उन्हें सेमीफाइनल के सफर के दौरान हालैंड की याओ जेई और दो बार की आल इंग्लैंड चैम्पियन डेनमार्क की टाइन बाउन के रूप में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। साइना ने कहा कि उन्हें कुछ अच्छे मैचों की उम्मीद है। साइना ने कहा, ‘‘ड्रा काफी मुश्किल लग रहा है। मैं पहले भी इनके खिलाफ खेली हूं और इन्होंने मुझे चुनौती दी थी। मुझे अच्छे मुकाबलों की उम्मीद है। लेकिन मैं एक बार में एक मैच पर ध्यान दे रही हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक खिलाड़ी के रूप में मेरा विकास हुआ है। यह मेरा दूसरा ओलिंपिक है और मैं अधिक राहत के साथ खेलना चाहती हूं और अधिक दबाव में नहीं खेलना चाहती।’’ बीजिंग खेलों में अपने ओलिंपिक पदार्पण के दौरान इंडोनेशिया के मारिया क्रिस्टीन यूलियांती के हाथों शिकस्त के बाद पदक से चूकी 22 वर्षीय साइना ने कहा, ‘‘यह (पदक जीतना) सभी भारतीयों और मेरे लिए सपना है। लेकिन मैं अपने ऊपर दबाव नहीं बनाना चाहती।’ ’दुनिया की पांचवें नंबर की खिलाड़ी साइना अपने अभियान की शुरूआत स्विट्जरलैंड की सबरीना जैक्वेट के खिलाफ करेंगी लेकिन इसके बाद उन्हें सेमीफाइनल के सफर के दौरान हालैंड की याओ जेई और दो बार की आल इंग्लैंड चैम्पियन डेनमार्क की टाइन बाउन के रूप में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। साइना ने कहा कि उन्हें कुछ अच्छे मैचों की उम्मीद है। साइना ने कहा, ‘‘ड्रा काफी मुश्किल लग रहा है। मैं पहले भी इनके खिलाफ खेली हूं और इन्होंने मुझे चुनौती दी थी। मुझे अच्छे मुकाबलों की उम्मीद है। लेकिन मैं एक बार में एक मैच पर ध्यान दे रही हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक खिलाड़ी के रूप में मेरा विकास हुआ है। यह मेरा दूसरा ओलिंपिक है और मैं अधिक राहत के साथ खेलना चाहती हूं और अधिक दबाव में नहीं खेलना चाहती।’’ साइना ने कहा, ‘‘ड्रा काफी मुश्किल लग रहा है। मैं पहले भी इनके खिलाफ खेली हूं और इन्होंने मुझे चुनौती दी थी। मुझे अच्छे मुकाबलों की उम्मीद है। लेकिन मैं एक बार में एक मैच पर ध्यान दे रही हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक खिलाड़ी के रूप में मेरा विकास हुआ है। यह मेरा दूसरा ओलिंपिक है और मैं अधिक राहत के साथ खेलना चाहती हूं और अधिक दबाव में नहीं खेलना चाहती।’’
यहाँ एक सारांश है:बीजिंग खेलों में अपने ओलिंपिक पदार्पण के दौरान इंडोनेशिया के मारिया क्रिस्टीन यूलियांती के हाथों शिकस्त के बाद पदक से चूकी 22 वर्षीय साइना ने कहा, ‘‘यह (पदक जीतना) सभी भारतीयों और मेरे लिए सपना है। लेकिन मैं अपने ऊपर दबाव नहीं बनाना चाहती।’
12
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: जापान में शक्तिशाली भूकंप और सुनामी से तीन रिएक्टरों के नष्ट होने से जहां परमाणु संकट का जबर्दस्त खतरा पैदा हो गया है वहीं मरने वालों की संख्या 10 हजार से ऊपर पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। प्रधानमंत्री नाओतो कान ने इसे द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद का सबसे बड़ा संकट करार दिया है। भयानक आपदा की चपेट में आए जापान में रविवार को उस समय भी खतरे की घंटी बज उठी जब दक्षिण पश्चिमी क्षेत्र में स्थित 1421 मीटर के आकार वाला शिनमोदाक ज्वालामुखी फट गया। इससे आसमान में राख और चट्टानी धूल का गुबार छा गया। तत्काल यह स्पष्ट नहीं है कि क्या यह जबर्दस्त भूकंप के प्रभाव के चलते फटा। जपानी प्रधानमंत्री नाओतो कान ने टेलीविजन पर प्रसारित बयान में कहा कि भूकंप और सुनामी से हुई तबाही द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद का सबसे बड़ा संकट है। फुकुशिमा परमाणु संयंत्र में आज उस समय गंभीर गड़बड़ी सामने आयी जब उसकी आपातकालीन कूलिंग प्रणाली ने काम करना बंद कर दिया जिससे फिर से विकिरण का खतरा उत्पन्न हो गया। इसके बाद जापानी सरकार ने चेतावनी जारी की। इससे एक दिन पहले भूकंप और सुनामी के बाद एक संयंत्र में विस्फोट हो गया था। फुकुशिमा ऊर्जा संयंत्र के आपरेटर ने कहा कि संयंत्र की कूलिंग प्रणाली में गड़बड़ी आने के बाद रिएक्टर नम्बर तीन में दबाव लगातार बढ़ रहा है। इससे पहले राजधानी तोक्यो से 240 किलोमीटर उत्तर दिशा में स्थित फुकुशिमा स्थित रिएक्टर नम्बर एक में विस्फोट और रिसाव हुआ था। बहरहाल, इस विस्फोट से पहले ही आसपास से हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका था। इस विस्फोट में रिएक्टर के चारों ओर स्थित दीवार और छत उड़ गई थी। संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी एजेंसी आईएईए का अनुमान है कि संयंत्र के आसपास स्थित क्षेत्रों से करीब एक लाख 70 हजार लोगों को हटाया गया है। परमाणु संयंत्र को संचालित करने वाली तोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी ने जापान की परमाणु सुरक्षा एजेंसी को बताया कि फुकुशिमा नम्बर एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र में विकिरण कानूनी स्तर को पार कर गया है। क्योदो संवाद समिति के अनुसार संयंत्र में प्रति घंटे 882 माइक्रो सिवर्ट रेडिएशन मापी गई जबकि मान्य रेडिएशन स्तर 500 है। परमाणु सुरक्षा एजेंसी ने कहा कि तोक्यो इलेक्ट्रिक कंपनी ने यह भी कहा कि फुकुशिमा संयंत्र के नम्बर तीन रिएक्टर की कूलिंग प्रणाली में गड़बड़ी आ गई है। संयंत्र के आसपास कम से कम 22 लोग विकिरण की चपेट में आये हैं। फुकुशिमा नम्बर एक और नम्बर दो संयंत्र का यह छठा रिएक्टर है जिसकी कूलिंग प्रणाली में गड़बड़ी आयी है। यह गड़बड़ी गत शुक्रवार को जापान में जबर्दस्त भूकंप से सुनामी के कारण आई। संवाद समिति क्योदो के अनुसार छोटे से नगर मिनामीसनारिकू की आधी जनसंख्या करीब 10 हजार लोगों का कोई अता पता नहीं है। फुकुशिमा और मियाजाकी में 600 से अधिक शव पाये गए हैं। मियागी में करीब 4400 लोगों ने स्कूलों, अस्पतालों और धर्मशालाओं में शरण ली हुई है। रिकुजेनतकाता शहर में रविवार की सुबह मलबे के नीचे से कई शव निकाले गए। भूकंप के बाद आयी सुनामी के कारण शहर के करीब पांच हजार मकान डूब गए हैं। पुलिस और स्थानीय अधिकारियों के अनुसार ऐसे हजारों लोग हैं जिनसे स्थानीय प्रशासन सम्पर्क नहीं कर पाया है। कान ने कहा, यह द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद का सबसे भयावह संकट है। मैंने ज्यादा से ज्यादा लोगों तक सहायता पहुंचाने और लोगों की जिंदगी बचाने के प्रयास तेज करने का आदेश दिया है। इस आपदा से उबरने के लिए हम हरसंभव कदम उठायेंगे। पुलिस के मुताबिक मरने वालों की संख्या 10 हजार से अधिक हो सकती है। मरने वाले और प्रभावितों की संख्या के बारे में सटीक जानकारी नहीं मिली है। लाखों लोग अस्थायी शिविरों में शरण लिये हुए हैं। उधर, दक्षिण पश्चिमी जापान में लगभग दो सप्ताह तक खामोश रहने के बाद रविवार को एक ज्वालामुखी फिर से भड़क उठा और आसमान में चार किलोमीटर उपर तक राख तथा चट्टानी धूल छा गई। तत्काल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि क्या यह ज्वालामुखी शुक्रवार को आए 8.9 की तीव्रता वाले भूकंप के प्रभाव के चलते फटा। किरिशिमा क्षेत्र में स्थित एक हजार 421 मीटर के आकार वाला शिनमोदाक ज्वालामुखी 52 साल के बाद जनवरी में पहली बार फूटा था। एक मार्च से इस स्थल पर कोई बड़ी गतिविधि नहीं देखी गई थी।
संक्षिप्त पाठ: जापान में शक्तिशाली भूकंप और सुनामी से तीन रिएक्टरों के नष्ट होने से परमाणु संकट का जबर्दस्त खतरा पैदा हो गया है।
14
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: बिहार के गया जिले के बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर परिसर और उसके आसपास 7 जुलाई को हुए सिलसिलेवार 10 बम विस्फोटों को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह और राज्यसभा में पार्टी के नेता अरुण जेटली केंद्र सरकार पर बरसे लेकिन बिहार की नीतीश सरकार के प्रति उनका रुख आज नरम दिखा। राजनाथ सिंह ने बोधगया में विस्फोट स्थलों का निरीक्षण और महाबोधि मंदिर के गर्भ-गृह में जाकर भगवान बुद्ध की पूजा-अर्चना करने के बाद कहा कि वह बीजेपी की ओर से इस घटना की तीव्र भर्त्सना करते हैं और पूरे मामले की जांच की मांग करते हैं। उन्होंने कहा कि वह केंद्र सरकार से अपेक्षा करते हैं कि वह इस अंतरराष्टीय बौद्ध केंद्र की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंधन करे। राजनाथ ने कहा कि केंद्र सरकार को यहां हमले को लेकर आठ-नौ महीने खुफिया सूचना मिली थी लेकिन जो खास खुफिया जानकारी मिलनी थी वह शायद न मिली हो। उन्होंने कहा कि यदि खुफिया सूचना मिली थी तो उस स्थिति में, जो भी प्रमुख बौद्ध केंद्र हैं उनकी सुरक्षा की व्यवस्था राज्य और केंद्र सरकार द्वारा की जानी चाहिए थी। राजनाथ ने कहा कि कोई राज्य अकेले आतंकवाद और माओवाद से नहीं लड़ सकता। ऐसे में केंद्र की यह जिम्मेवारी बनती है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पूरी व्यवस्था करे। मीडियाकर्मियों द्वारा इस मामले में पूर्व में सतर्क किए जाने के बावजूद बिहार की नीतीश सरकार की ओर से सुरक्षा का बेहतर इंतजाम करने में विफल रहने के बारे में पूछे जाने पर राजनाथ और जेटली ने राज्य सरकार पर प्रहार करने के बजाए केंद्र को निशाना बनाना जारी रखा। राजनाथ सिंह ने आतंकवाद से निपटने के लिए देश में व्यापक कार्य योजना बनाए जाने की वकालत करते हुए कहा कि ऐसी मांग उनकी पार्टी की ओर से कई बार की जा चुकी है लेकिन केंद्र की संप्रग सरकार चुप्पी साधे हुए है। राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता अरुण जेटली ने आरोप लगाया कि केंद्र की कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने देश की सुरक्षा को वोट बैंक की राजनीति के साथ जोड़ रखा है, ऐसे में इस तरह के आतंकी हमले होते रहेंगे। जेटली और राज्यसभा में भाजपा के उपनेता प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद, बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव सहित पार्टी के अन्य नेताओं के साथ राजनाथ सिंह ने गया जिला स्थित मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल जाकर बोधगया विस्फोट में घायल हुए दो बौद्ध भिक्षुओं से सभी मुलाकात की और उनके इलाज के बारे में जानकारी हासिल की।टिप्पणियां रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हम चाहते हैं कि देश आगे बढे और आतंकवाद के खिलाफ एक स्वर में लड़े और बिहार सरकार को भी आगे आना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बोधगया विस्फोट को लेकर दिए गए बयान के बारे में पूछे जाने पर प्रसाद ने कहा कि सिंह हल्की बातें करते रहते हैं और उसका वे जवाब देना उचित नहीं समझते। राजनाथ सिंह ने बोधगया में विस्फोट स्थलों का निरीक्षण और महाबोधि मंदिर के गर्भ-गृह में जाकर भगवान बुद्ध की पूजा-अर्चना करने के बाद कहा कि वह बीजेपी की ओर से इस घटना की तीव्र भर्त्सना करते हैं और पूरे मामले की जांच की मांग करते हैं। उन्होंने कहा कि वह केंद्र सरकार से अपेक्षा करते हैं कि वह इस अंतरराष्टीय बौद्ध केंद्र की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंधन करे। राजनाथ ने कहा कि केंद्र सरकार को यहां हमले को लेकर आठ-नौ महीने खुफिया सूचना मिली थी लेकिन जो खास खुफिया जानकारी मिलनी थी वह शायद न मिली हो। उन्होंने कहा कि यदि खुफिया सूचना मिली थी तो उस स्थिति में, जो भी प्रमुख बौद्ध केंद्र हैं उनकी सुरक्षा की व्यवस्था राज्य और केंद्र सरकार द्वारा की जानी चाहिए थी। राजनाथ ने कहा कि कोई राज्य अकेले आतंकवाद और माओवाद से नहीं लड़ सकता। ऐसे में केंद्र की यह जिम्मेवारी बनती है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पूरी व्यवस्था करे। मीडियाकर्मियों द्वारा इस मामले में पूर्व में सतर्क किए जाने के बावजूद बिहार की नीतीश सरकार की ओर से सुरक्षा का बेहतर इंतजाम करने में विफल रहने के बारे में पूछे जाने पर राजनाथ और जेटली ने राज्य सरकार पर प्रहार करने के बजाए केंद्र को निशाना बनाना जारी रखा। राजनाथ सिंह ने आतंकवाद से निपटने के लिए देश में व्यापक कार्य योजना बनाए जाने की वकालत करते हुए कहा कि ऐसी मांग उनकी पार्टी की ओर से कई बार की जा चुकी है लेकिन केंद्र की संप्रग सरकार चुप्पी साधे हुए है। राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता अरुण जेटली ने आरोप लगाया कि केंद्र की कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने देश की सुरक्षा को वोट बैंक की राजनीति के साथ जोड़ रखा है, ऐसे में इस तरह के आतंकी हमले होते रहेंगे। जेटली और राज्यसभा में भाजपा के उपनेता प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद, बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव सहित पार्टी के अन्य नेताओं के साथ राजनाथ सिंह ने गया जिला स्थित मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल जाकर बोधगया विस्फोट में घायल हुए दो बौद्ध भिक्षुओं से सभी मुलाकात की और उनके इलाज के बारे में जानकारी हासिल की।टिप्पणियां रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हम चाहते हैं कि देश आगे बढे और आतंकवाद के खिलाफ एक स्वर में लड़े और बिहार सरकार को भी आगे आना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बोधगया विस्फोट को लेकर दिए गए बयान के बारे में पूछे जाने पर प्रसाद ने कहा कि सिंह हल्की बातें करते रहते हैं और उसका वे जवाब देना उचित नहीं समझते। उन्होंने कहा कि वह केंद्र सरकार से अपेक्षा करते हैं कि वह इस अंतरराष्टीय बौद्ध केंद्र की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंधन करे। राजनाथ ने कहा कि केंद्र सरकार को यहां हमले को लेकर आठ-नौ महीने खुफिया सूचना मिली थी लेकिन जो खास खुफिया जानकारी मिलनी थी वह शायद न मिली हो। उन्होंने कहा कि यदि खुफिया सूचना मिली थी तो उस स्थिति में, जो भी प्रमुख बौद्ध केंद्र हैं उनकी सुरक्षा की व्यवस्था राज्य और केंद्र सरकार द्वारा की जानी चाहिए थी। राजनाथ ने कहा कि कोई राज्य अकेले आतंकवाद और माओवाद से नहीं लड़ सकता। ऐसे में केंद्र की यह जिम्मेवारी बनती है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पूरी व्यवस्था करे। मीडियाकर्मियों द्वारा इस मामले में पूर्व में सतर्क किए जाने के बावजूद बिहार की नीतीश सरकार की ओर से सुरक्षा का बेहतर इंतजाम करने में विफल रहने के बारे में पूछे जाने पर राजनाथ और जेटली ने राज्य सरकार पर प्रहार करने के बजाए केंद्र को निशाना बनाना जारी रखा। राजनाथ सिंह ने आतंकवाद से निपटने के लिए देश में व्यापक कार्य योजना बनाए जाने की वकालत करते हुए कहा कि ऐसी मांग उनकी पार्टी की ओर से कई बार की जा चुकी है लेकिन केंद्र की संप्रग सरकार चुप्पी साधे हुए है। राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता अरुण जेटली ने आरोप लगाया कि केंद्र की कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने देश की सुरक्षा को वोट बैंक की राजनीति के साथ जोड़ रखा है, ऐसे में इस तरह के आतंकी हमले होते रहेंगे। जेटली और राज्यसभा में भाजपा के उपनेता प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद, बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव सहित पार्टी के अन्य नेताओं के साथ राजनाथ सिंह ने गया जिला स्थित मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल जाकर बोधगया विस्फोट में घायल हुए दो बौद्ध भिक्षुओं से सभी मुलाकात की और उनके इलाज के बारे में जानकारी हासिल की।टिप्पणियां रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हम चाहते हैं कि देश आगे बढे और आतंकवाद के खिलाफ एक स्वर में लड़े और बिहार सरकार को भी आगे आना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बोधगया विस्फोट को लेकर दिए गए बयान के बारे में पूछे जाने पर प्रसाद ने कहा कि सिंह हल्की बातें करते रहते हैं और उसका वे जवाब देना उचित नहीं समझते। राजनाथ ने कहा कि केंद्र सरकार को यहां हमले को लेकर आठ-नौ महीने खुफिया सूचना मिली थी लेकिन जो खास खुफिया जानकारी मिलनी थी वह शायद न मिली हो। उन्होंने कहा कि यदि खुफिया सूचना मिली थी तो उस स्थिति में, जो भी प्रमुख बौद्ध केंद्र हैं उनकी सुरक्षा की व्यवस्था राज्य और केंद्र सरकार द्वारा की जानी चाहिए थी। राजनाथ ने कहा कि कोई राज्य अकेले आतंकवाद और माओवाद से नहीं लड़ सकता। ऐसे में केंद्र की यह जिम्मेवारी बनती है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पूरी व्यवस्था करे। मीडियाकर्मियों द्वारा इस मामले में पूर्व में सतर्क किए जाने के बावजूद बिहार की नीतीश सरकार की ओर से सुरक्षा का बेहतर इंतजाम करने में विफल रहने के बारे में पूछे जाने पर राजनाथ और जेटली ने राज्य सरकार पर प्रहार करने के बजाए केंद्र को निशाना बनाना जारी रखा। राजनाथ सिंह ने आतंकवाद से निपटने के लिए देश में व्यापक कार्य योजना बनाए जाने की वकालत करते हुए कहा कि ऐसी मांग उनकी पार्टी की ओर से कई बार की जा चुकी है लेकिन केंद्र की संप्रग सरकार चुप्पी साधे हुए है। राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता अरुण जेटली ने आरोप लगाया कि केंद्र की कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने देश की सुरक्षा को वोट बैंक की राजनीति के साथ जोड़ रखा है, ऐसे में इस तरह के आतंकी हमले होते रहेंगे। जेटली और राज्यसभा में भाजपा के उपनेता प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद, बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव सहित पार्टी के अन्य नेताओं के साथ राजनाथ सिंह ने गया जिला स्थित मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल जाकर बोधगया विस्फोट में घायल हुए दो बौद्ध भिक्षुओं से सभी मुलाकात की और उनके इलाज के बारे में जानकारी हासिल की।टिप्पणियां रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हम चाहते हैं कि देश आगे बढे और आतंकवाद के खिलाफ एक स्वर में लड़े और बिहार सरकार को भी आगे आना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बोधगया विस्फोट को लेकर दिए गए बयान के बारे में पूछे जाने पर प्रसाद ने कहा कि सिंह हल्की बातें करते रहते हैं और उसका वे जवाब देना उचित नहीं समझते। उन्होंने कहा कि यदि खुफिया सूचना मिली थी तो उस स्थिति में, जो भी प्रमुख बौद्ध केंद्र हैं उनकी सुरक्षा की व्यवस्था राज्य और केंद्र सरकार द्वारा की जानी चाहिए थी। राजनाथ ने कहा कि कोई राज्य अकेले आतंकवाद और माओवाद से नहीं लड़ सकता। ऐसे में केंद्र की यह जिम्मेवारी बनती है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पूरी व्यवस्था करे। मीडियाकर्मियों द्वारा इस मामले में पूर्व में सतर्क किए जाने के बावजूद बिहार की नीतीश सरकार की ओर से सुरक्षा का बेहतर इंतजाम करने में विफल रहने के बारे में पूछे जाने पर राजनाथ और जेटली ने राज्य सरकार पर प्रहार करने के बजाए केंद्र को निशाना बनाना जारी रखा। राजनाथ सिंह ने आतंकवाद से निपटने के लिए देश में व्यापक कार्य योजना बनाए जाने की वकालत करते हुए कहा कि ऐसी मांग उनकी पार्टी की ओर से कई बार की जा चुकी है लेकिन केंद्र की संप्रग सरकार चुप्पी साधे हुए है। राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता अरुण जेटली ने आरोप लगाया कि केंद्र की कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने देश की सुरक्षा को वोट बैंक की राजनीति के साथ जोड़ रखा है, ऐसे में इस तरह के आतंकी हमले होते रहेंगे। जेटली और राज्यसभा में भाजपा के उपनेता प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद, बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव सहित पार्टी के अन्य नेताओं के साथ राजनाथ सिंह ने गया जिला स्थित मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल जाकर बोधगया विस्फोट में घायल हुए दो बौद्ध भिक्षुओं से सभी मुलाकात की और उनके इलाज के बारे में जानकारी हासिल की।टिप्पणियां रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हम चाहते हैं कि देश आगे बढे और आतंकवाद के खिलाफ एक स्वर में लड़े और बिहार सरकार को भी आगे आना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बोधगया विस्फोट को लेकर दिए गए बयान के बारे में पूछे जाने पर प्रसाद ने कहा कि सिंह हल्की बातें करते रहते हैं और उसका वे जवाब देना उचित नहीं समझते। राजनाथ ने कहा कि कोई राज्य अकेले आतंकवाद और माओवाद से नहीं लड़ सकता। ऐसे में केंद्र की यह जिम्मेवारी बनती है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पूरी व्यवस्था करे। मीडियाकर्मियों द्वारा इस मामले में पूर्व में सतर्क किए जाने के बावजूद बिहार की नीतीश सरकार की ओर से सुरक्षा का बेहतर इंतजाम करने में विफल रहने के बारे में पूछे जाने पर राजनाथ और जेटली ने राज्य सरकार पर प्रहार करने के बजाए केंद्र को निशाना बनाना जारी रखा। राजनाथ सिंह ने आतंकवाद से निपटने के लिए देश में व्यापक कार्य योजना बनाए जाने की वकालत करते हुए कहा कि ऐसी मांग उनकी पार्टी की ओर से कई बार की जा चुकी है लेकिन केंद्र की संप्रग सरकार चुप्पी साधे हुए है। राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता अरुण जेटली ने आरोप लगाया कि केंद्र की कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने देश की सुरक्षा को वोट बैंक की राजनीति के साथ जोड़ रखा है, ऐसे में इस तरह के आतंकी हमले होते रहेंगे। जेटली और राज्यसभा में भाजपा के उपनेता प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद, बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव सहित पार्टी के अन्य नेताओं के साथ राजनाथ सिंह ने गया जिला स्थित मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल जाकर बोधगया विस्फोट में घायल हुए दो बौद्ध भिक्षुओं से सभी मुलाकात की और उनके इलाज के बारे में जानकारी हासिल की।टिप्पणियां रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हम चाहते हैं कि देश आगे बढे और आतंकवाद के खिलाफ एक स्वर में लड़े और बिहार सरकार को भी आगे आना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बोधगया विस्फोट को लेकर दिए गए बयान के बारे में पूछे जाने पर प्रसाद ने कहा कि सिंह हल्की बातें करते रहते हैं और उसका वे जवाब देना उचित नहीं समझते। मीडियाकर्मियों द्वारा इस मामले में पूर्व में सतर्क किए जाने के बावजूद बिहार की नीतीश सरकार की ओर से सुरक्षा का बेहतर इंतजाम करने में विफल रहने के बारे में पूछे जाने पर राजनाथ और जेटली ने राज्य सरकार पर प्रहार करने के बजाए केंद्र को निशाना बनाना जारी रखा। राजनाथ सिंह ने आतंकवाद से निपटने के लिए देश में व्यापक कार्य योजना बनाए जाने की वकालत करते हुए कहा कि ऐसी मांग उनकी पार्टी की ओर से कई बार की जा चुकी है लेकिन केंद्र की संप्रग सरकार चुप्पी साधे हुए है। राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता अरुण जेटली ने आरोप लगाया कि केंद्र की कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने देश की सुरक्षा को वोट बैंक की राजनीति के साथ जोड़ रखा है, ऐसे में इस तरह के आतंकी हमले होते रहेंगे। जेटली और राज्यसभा में भाजपा के उपनेता प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद, बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव सहित पार्टी के अन्य नेताओं के साथ राजनाथ सिंह ने गया जिला स्थित मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल जाकर बोधगया विस्फोट में घायल हुए दो बौद्ध भिक्षुओं से सभी मुलाकात की और उनके इलाज के बारे में जानकारी हासिल की।टिप्पणियां रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हम चाहते हैं कि देश आगे बढे और आतंकवाद के खिलाफ एक स्वर में लड़े और बिहार सरकार को भी आगे आना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बोधगया विस्फोट को लेकर दिए गए बयान के बारे में पूछे जाने पर प्रसाद ने कहा कि सिंह हल्की बातें करते रहते हैं और उसका वे जवाब देना उचित नहीं समझते। राजनाथ सिंह ने आतंकवाद से निपटने के लिए देश में व्यापक कार्य योजना बनाए जाने की वकालत करते हुए कहा कि ऐसी मांग उनकी पार्टी की ओर से कई बार की जा चुकी है लेकिन केंद्र की संप्रग सरकार चुप्पी साधे हुए है। राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता अरुण जेटली ने आरोप लगाया कि केंद्र की कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने देश की सुरक्षा को वोट बैंक की राजनीति के साथ जोड़ रखा है, ऐसे में इस तरह के आतंकी हमले होते रहेंगे। जेटली और राज्यसभा में भाजपा के उपनेता प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद, बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव सहित पार्टी के अन्य नेताओं के साथ राजनाथ सिंह ने गया जिला स्थित मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल जाकर बोधगया विस्फोट में घायल हुए दो बौद्ध भिक्षुओं से सभी मुलाकात की और उनके इलाज के बारे में जानकारी हासिल की।टिप्पणियां रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हम चाहते हैं कि देश आगे बढे और आतंकवाद के खिलाफ एक स्वर में लड़े और बिहार सरकार को भी आगे आना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बोधगया विस्फोट को लेकर दिए गए बयान के बारे में पूछे जाने पर प्रसाद ने कहा कि सिंह हल्की बातें करते रहते हैं और उसका वे जवाब देना उचित नहीं समझते। राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता अरुण जेटली ने आरोप लगाया कि केंद्र की कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने देश की सुरक्षा को वोट बैंक की राजनीति के साथ जोड़ रखा है, ऐसे में इस तरह के आतंकी हमले होते रहेंगे। जेटली और राज्यसभा में भाजपा के उपनेता प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद, बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव सहित पार्टी के अन्य नेताओं के साथ राजनाथ सिंह ने गया जिला स्थित मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल जाकर बोधगया विस्फोट में घायल हुए दो बौद्ध भिक्षुओं से सभी मुलाकात की और उनके इलाज के बारे में जानकारी हासिल की।टिप्पणियां रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हम चाहते हैं कि देश आगे बढे और आतंकवाद के खिलाफ एक स्वर में लड़े और बिहार सरकार को भी आगे आना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बोधगया विस्फोट को लेकर दिए गए बयान के बारे में पूछे जाने पर प्रसाद ने कहा कि सिंह हल्की बातें करते रहते हैं और उसका वे जवाब देना उचित नहीं समझते। जेटली और राज्यसभा में भाजपा के उपनेता प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद, बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव सहित पार्टी के अन्य नेताओं के साथ राजनाथ सिंह ने गया जिला स्थित मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल जाकर बोधगया विस्फोट में घायल हुए दो बौद्ध भिक्षुओं से सभी मुलाकात की और उनके इलाज के बारे में जानकारी हासिल की।टिप्पणियां रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हम चाहते हैं कि देश आगे बढे और आतंकवाद के खिलाफ एक स्वर में लड़े और बिहार सरकार को भी आगे आना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बोधगया विस्फोट को लेकर दिए गए बयान के बारे में पूछे जाने पर प्रसाद ने कहा कि सिंह हल्की बातें करते रहते हैं और उसका वे जवाब देना उचित नहीं समझते। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हम चाहते हैं कि देश आगे बढे और आतंकवाद के खिलाफ एक स्वर में लड़े और बिहार सरकार को भी आगे आना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बोधगया विस्फोट को लेकर दिए गए बयान के बारे में पूछे जाने पर प्रसाद ने कहा कि सिंह हल्की बातें करते रहते हैं और उसका वे जवाब देना उचित नहीं समझते। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बोधगया विस्फोट को लेकर दिए गए बयान के बारे में पूछे जाने पर प्रसाद ने कहा कि सिंह हल्की बातें करते रहते हैं और उसका वे जवाब देना उचित नहीं समझते।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवाद को काबू करने में कांग्रेसनीत यूपीए सरकार पूरी तरह से विफल रही है। उन्होंने कहा कि देश को हर तरह के हमले के लिए तैयार रखा चाहिए। सरकार को आतंकवाद के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ाई लड़नी चाहिए।
11
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान नेताओं के ट्वीट की भाषा पर भी तीखी हो चली है. बिहार के राजद नेता तेजस्वी यादव(Tejashwi Yadav) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार(Nitish Kumar) पर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा- नीतीश जी हार की बौखलाहट में अब खुलेआम मंचों से छाती पीट धमकी दे रहे है कि लालू जी को कभी भी जेल से बाहर नहीं आने दूंगा. यानि मान रहे है कि उन्होंने अपने गुर्गों के साथ साज़िश कर लालू जी को जेल भेजा . दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा- नीतीश जी, आपके दोहरे चरित्र का आपका पर्दाफ़ाश हो चुका है. नीतीश जी, संविधान का ज़रा सा भी ज्ञान है तो पता कर लीजिये निचली अदालत से ऊपर और भी अदालतें हैं. हम आपकी तरह ज़मीर और जनादेश नहीं बेचते. हम फासीवादियों से डटकर लड़ते और जीतते है. आप 2015 में क्यों लालू जी के पैरों में गिरे थे? क्या जेल से बचने के लिए आपने जनादेश का चीरहरण किया था? नीतीश कुमार ने बिहार के नियोजित शिक्षकों का सर्वोच्च न्यायालय में केस जान बूझकर ठीक से नहीं लड़ा. नीतीश-मोदी की निरंकुशता और मिलीभगत से आज बिहार के 3.5 लाख शिक्षकों के बीच समान काम के लिए समान वेतन नहीं मिलने से शोक का लहर है. तेजस्वी यादव ने कहा कि, नीतीश-मोदी के पास अपने प्रिय पूंजीपतियों पर लुटाने और भगाने के लिए खरबों करोड़ हैं, लेकिन बिहार के भविष्य को पढ़ाने और आत्मनिर्भर बनाने वाले शिक्षकों के लिए धन नहीं है. आपको बता दें कि  सुप्रीम कोर्ट ने आज नियोजित शिक्षकों को नियमित शिक्षकों के समान वेतन देने का आदेश देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने बिहार सरकार की याचिका मंजूर करते हुए पटना हाईकोर्ट का आदेश रद्द कर दिया. दरअसल, 31 अक्टूबर 2017 को पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए नियोजित शिक्षकों के पक्ष में आदेश दिया था और कहा था कि नियोजित शिक्षकों को भी नियमित शिक्षकों के बराबर वेतन दिया जाए. राज्य सरकार की ओर से इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की गई थी. बिहार सरकार की दलील थी कि इस आदेश से उस पर करीब 9500 करोड़ रुपए का आर्थिक बोझ पड़ेगा.
सारांश: राजद नेता तेजस्वी यादव ने बोला सीएम नीतीश कुमार पर हमला कहा- 2015 में लालू जी के पैरों पर क्यों गिरे थे लगातार नीतीश कुमार पर हमलावर हैं तेजस्वी यादव
33
['hin']
एक सारांश बनाओ: चीन ने मंगलवार को इनकार किया कि गहरे समुद्र में स्थित सामरिक रूप से महत्वपूर्ण ग्वादार बंदरगाह में किसी नौसेना अड्डे के निर्माण पर पाकिस्तान के साथ उसकी कोई बात हुई है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जियांग यू ने इनकार किया कि पिछले हफ्ते पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी जब चीन आए थे तो इस तरह की कोई पेशकश सामने आई थी। जियांग ने यह बात तब कही जब उनसे ग्वादार बंदरगाह की परियोजना के बारे में पाकिस्तानी रक्षा मंत्री चौधरी अहमद मुख्तार की कथित टिप्पणी के बारे में पूछा गया था। जियांग ने कहा, चीन और पाकिस्तान मित्र पड़ोसी हैं और सभी मामलों में व्यापक सहयोग में लगे हैं। जहां तक आपने जिस सहयोग परियोजना की चर्चा की, मैंने उसके बारे में नहीं सुना है। चीनी प्रवक्ता ने कहा, इन वषरें के दौरान चीन ने अपनी क्षमता के हिसाब से पाकिस्तान को सहायता प्रदान की है। जियांग ने कहा, हमें उम्मीद है कि यह सहायता पाकिस्तान को अपना जीवन-स्तर सुधारने में और सतत आर्थिक एवं सामाजिक विकास पाने में मदद करेगा और हम भविष्य में ऐसा करना जारी रखेंगे। चीनी प्रवक्ता से पूछा गया कि क्या वह इससे इनकार कर रही हैं कि ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ है तो उन्होंने कहा, जहां तक मैं जानती हूं, पिछले हफ्ते यात्रा के दौरान यह विषय नहीं उठाया गया था। जियांग की टिप्पणी पाकिस्तानी रक्षा मंत्री अहमद मुख्तार के इस बयान का खंडन करती है कि चीन सरकार ने पाकिस्तान का यह आग्रह स्वीकार कर लिया है कि जैसे ही सिंगापुर पोर्ट अथारिटी के साथ समझौते की शर्त खत्म होती है वह ग्वादार पोर्ट का संचालन अपने हाथ में ले ले। हाल ही में संपन्न गिलानी की चीन यात्रा में मुख्तार भी उनके साथ थे।
सारांश: चीन ने इनकार किया कि गहरे समुद्र में स्थित सामरिक रूप से महत्वपूर्ण ग्वादार बंदरगाह में किसी नौसेना अड्डे के निर्माण पर पाकिस्तान के साथ उसकी कोई बात हुई है।
5
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार का मानना है कि विरोध प्रदर्शन के तौर पर अनशन का इस्तेमाल करने के बापू और सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के तरीके में अंतर है। तुषार गांधी ने कहा, हजारे का अनशन इसलिए अलग है, क्योंकि बापू का अनशन किसी शत्रु को मित्र में बदलने के लिए था, वहीं अन्ना का अनशन शत्रु के खिलाफ है। यह एक तरह से मैं बनाम तुम का मामला है। उन्होंने कहा, कल से हम जो देख रहे हैं, वह लोकतांत्रिक अधिकारों के प्रति जनता की चिंता है। लोगों और सरकार के बीच बेमेल का भाव है। उन्होंने कहा कि पूरे आंदोलन में यह दिखाई दिया है। तुषार से जब पूछा गया कि यदि महात्मा गांधी होते, तो अन्ना के आंदोलन को कैसे देखते, इस पर उन्होंने कहा, बापू कभी हालात को इस स्तर पर नहीं पहुंचने देते। जब बीमारी शुरुआती स्तर पर होती, तभी वह सक्रिय हो जाते। उन्होंने कहा, हालांकि एक सकारात्मक चीज (हजारे के आंदोलन से) सामने आई है कि अहिंसा शक्तिशाली है। प्रदर्शनकारियों ने एक भी कांच नहीं तोड़ा है, एक भी पत्थर नहीं फेंका। यह अच्छा संकेत है। यह अहिंसा की ताकत दिखाता है।
तुषार गांधी ने कहा, बापू का अनशन किसी शत्रु को मित्र में बदलने के लिए था, वहीं अन्ना का अनशन शत्रु के खिलाफ है।
28
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: घोटाले में फंसे पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (PMC) के जमाकर्ता आपातकालीन चिकित्कीय जरूरतों की स्थिति में एक लाख रुपये तय की निकासी के लिये रिजर्व बैंक द्वारा नियुक्त प्रशासक से संपर्क कर सकते हैं. रिजर्व बैंक ने मंगलवार को मुंबई हाईकोर्ट में दायर शपथपत्र में कहा कि विवाह, शिक्षा, जीवनयापन आदि जैसी दिक्कतों की स्थिति में निकासी की सीमा 50 हजार रुपये है. शपथपत्र में कहा गया कि बैंक और इसके जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिये इस तरह की सीमा तय करना आवश्यक था. बता दें, रिजर्व बैंक के वकील वेंकटेश धोंड ने न्यायमूर्ति एस.सी. धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति आर.आई. चागला की पीठ को बताया कि दिक्कतों से जूझ रहे जमाकर्ता केंद्रीय बैंक द्वारा नियुक्त प्रशासक से मिलकर एक लाख रुपये तक की निकासी की मांग कर सकते हैं. केंद्रीय बैंक ने न्यायालय को बताया कि PMC बैंक में व्यापक स्तर पर गड़बड़ियां पाई गई हैं. पीठ इस मामले पर अगली सुनवाई चार दिसंबर को करेगी. उल्लेखनीय है कि वित्तीय गड़बड़ियों के आरोपों के मद्देनजर रिजर्व बैंक ने 23 सितंबर को PMC बैंक पर छह महीने के लिये नियामकीय रुकावटें लगा दी थी.
यह एक सारांश है: आपातकालीन चिकित्कीय जरूरतों की स्थिति में एक लाख रुपये निकाल सकते हैं एक लाख रुपये निकालने के लिए आरबीआई से संपर्क करते हैं जमाकर्ता विवाह, शिक्षा, जीवनयापन आदि जैसी स्थिति में निकासी की सीमा 50 रुपये है
16
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: अमेरिका के मिसौरी में आए भीषण तूफान में जिन लोगों को लापता बताया जा रहा था, उन सभी का अधिकारियों ने पता लगा लिया है और इस आपदा में मरने वाले सभी 134 लोगों की पहचान की जा चुकी है। मिसौरी के गवर्नर जे निक्सन ने बुधवार को यह जानकारी दी। 22 मई को आए इस तूफान ने मिसौरी के जोपलिन शहर को मलबे में तब्दील कर दिया है। मकान, स्कूल, अस्पताल तथा कारोबारी प्रतिष्ठान पूरी तरह नष्ट हो गए हैं और हर ओर केवल तबाही नजर आ रही है। फोन सेवाएं ठप हो गई हैं और लोग सोने के लिए सुरक्षित स्थान तलाश रहे हैं। गवर्नर ने प्रशासन से लोगों की हरसंभव मदद करने को कहा है। बड़ी संख्या में लोग उन परिजनों की तलाश कर रहे हैं जो इस आपदा में उनसे बिछड़ गए हैं। निक्सन ने कहा प्रशासन और सेना ने लापता लोगों की तलाश और प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए अथक परिश्रम किया। एक ओर जहां आधिकारिक सूची में किसी भी लापता व्यक्ति का नाम नहीं है वहीं तूफान आने के दस दिन बाद भी बचाव कर्मी मलबे में लगातार खोज कर रहे हैं कि कहीं कोई व्यक्ति दबा तो नहीं है।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: 22 मई को आए इस तूफान ने मिसौरी के जोपलिन शहर को मलबे में तब्दील कर दिया है।
25
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: स्वामी असीमानंद को वर्ष 2007 के समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले में कथित संलिप्तता की वजह से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक अदालत ने गुरुवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। असीमानंद को कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश किया गया। उसे यहां से 35 किलोमीटर दूर अम्बाला जेल में रखा जाएगा। असीमानंद की पेशी के दौरान अदालत की सुनवाई बंद कमरे में चली और मीडिया को प्रवेश की इजाजत नहीं दी गई। इससे पहले एनआईए के विशेष न्यायाधीश ने असीमानंद को गत तीन जनवरी को 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था। दक्षिणपंथी हिंदूवादी संगठन अभिनव भारत के सदस्य असीमानंद को 23 दिसम्बर को हैदराबाद से यहां लाया गया था। असीमानंद 2007 के मक्का मस्जिद विस्फोट का भी आरोपी है। इस विस्फोट में 14 लोग मारे गए थे। एनआईए 18 फरवरी 2007 के समझौता एक्सप्रेस विस्फोट के बारे में असीमानंद से पूछताछ कर रही है। इस विस्फोट में 68 लोग मारे गए थे। मरने वालों में से ज्यादातर पाकिस्तानी थे। असीमानंद को केंद्रीय जांच ब्यूरो ने मक्का मस्जिद विस्फोट में कथित भूमिका के आरोप में गत 19 नवम्बर को हरिद्वार से गिरफ्तार किया था।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: असीमानंद को कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश किया गया। उसे यहां से 35 किलोमीटर दूर अम्बाला जेल में रखा जाएगा।
3
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट ल्यूक पॉमर्सबैच ने यह कबूल किया है कि उन्होंने अमेरिकी महिला के साथ शराब के नशे में छेड़छाड़ की थी। इसके बाद हुए झगड़े में अमेरिकी महिला जोहल हमीद के मंगेतर के साथ मार-पीट हुई थी।टिप्पणियां ल्यूक ने यह बयान में धारा 161 के तहत दिल्ली पुलिस को दिया है। पहले वह मीडिया में अपनी इस हरकत से मुकर गए थे। अब सभी को इस बात का इंतजार है कि वह अदालत में क्या बयान देते हैं। बता दें कि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर के आईपीएल क्रिकेटर ल्यूक पॉमर्सबैच से छेडछाड़ की शिकार अमेरिकी महिला जोहल हमीद ने आरोप लगाया था कि क्रिकेटर ने उसका चुंबन लेने की कोशिश की और जब उन्होंने उसके साथ ड्रिंक लेने से इनकार किया तो उसने उसके मंगेतर को कई घूंसे जड़े। आईपीएल पार्टी के बाद शहर के एक पांच सितारा होटल में पोमेरबाश ने उस महिला के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ की और उसके मंगेतर को पीटा। ल्यूक ने यह बयान में धारा 161 के तहत दिल्ली पुलिस को दिया है। पहले वह मीडिया में अपनी इस हरकत से मुकर गए थे। अब सभी को इस बात का इंतजार है कि वह अदालत में क्या बयान देते हैं। बता दें कि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर के आईपीएल क्रिकेटर ल्यूक पॉमर्सबैच से छेडछाड़ की शिकार अमेरिकी महिला जोहल हमीद ने आरोप लगाया था कि क्रिकेटर ने उसका चुंबन लेने की कोशिश की और जब उन्होंने उसके साथ ड्रिंक लेने से इनकार किया तो उसने उसके मंगेतर को कई घूंसे जड़े। आईपीएल पार्टी के बाद शहर के एक पांच सितारा होटल में पोमेरबाश ने उस महिला के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ की और उसके मंगेतर को पीटा। बता दें कि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर के आईपीएल क्रिकेटर ल्यूक पॉमर्सबैच से छेडछाड़ की शिकार अमेरिकी महिला जोहल हमीद ने आरोप लगाया था कि क्रिकेटर ने उसका चुंबन लेने की कोशिश की और जब उन्होंने उसके साथ ड्रिंक लेने से इनकार किया तो उसने उसके मंगेतर को कई घूंसे जड़े। आईपीएल पार्टी के बाद शहर के एक पांच सितारा होटल में पोमेरबाश ने उस महिला के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ की और उसके मंगेतर को पीटा।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: ऑस्ट्रेलियन क्रिकेटर ल्यूक पॉमर्सबैच ने यह कबूल किया है कि उन्होंने अमेरिकी महिला के साथ शराब के नशे में छेड़छाड़ की थी।
25
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी से उन्हें न तो लगाव है और न ही कोई परहेज, वह तो केवल 100 करोड़ हिंदुओं के प्रति समर्पित हैं। तोगड़िया ने एक संवाददाता सम्मेलन में इस बारे में पूछे जाने पर उपरोक्त बात कही। ऐसा माना जाता है कि पिछले कुछ समय से मोदी और तोगड़िया के रिश्ते मधुर नहीं हैं, जिसके चलते विहिप ने पिछले विधानसभा चुनाव में गुजरात के मुख्यमंत्री का खुलकर समर्थन नहीं किया था। मोदी को हाल ही में भाजपा की चुनाव अभियान समिति का प्रमुख बनाये जाने पर तोगड़िया ने कहा, ‘जो भी व्यक्ति या संगठन बीस करोड़ या 120 करोड़ लोगों की बात छोड़ कर सौ करोड़ हिंदुओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करेगा मैं उसके साथ हूं, अन्यथा मेरा उसे समर्थन नहीं हो सकता।’ उन्होंने दो टूक कहा कि वह किसी व्यक्ति में नहीं, बल्कि हिंदूवादी सिद्धान्तों में विश्वास करते हैं और जो भी इनका पालन और संरक्षण करेगा विहिप उसका समर्थन करेगी फिर चाहे वह कांग्रेस ही क्यों न हो।टिप्पणियां तोगड़िया ने कहा कि भाजपा को यदि देश के हिंदुओं और विहिप जैसे संगठनों का समर्थन चाहिए तो उसे राष्ट्रहित और अखंड भारत की बात करनी चाहिए और इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए आगे बढ़ना चाहिए। मोदी के साथ विवाद के बारे में पूछे जाने पर तोगड़िया ने कहा ‘मेरा व्यक्तिगत न किसी से राग है और न द्वेष, जो हिंदुओं के साथ खुलकर खड़ा है मैं उसके साथ हूं।’ उन्होंने उत्तराखंड में हाल में बादल फटने की विभीषिका से हुए नुकसान पर भारी अफसोस जताते हुए कहा कि इस मामले में कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। तोगड़िया ने एक संवाददाता सम्मेलन में इस बारे में पूछे जाने पर उपरोक्त बात कही। ऐसा माना जाता है कि पिछले कुछ समय से मोदी और तोगड़िया के रिश्ते मधुर नहीं हैं, जिसके चलते विहिप ने पिछले विधानसभा चुनाव में गुजरात के मुख्यमंत्री का खुलकर समर्थन नहीं किया था। मोदी को हाल ही में भाजपा की चुनाव अभियान समिति का प्रमुख बनाये जाने पर तोगड़िया ने कहा, ‘जो भी व्यक्ति या संगठन बीस करोड़ या 120 करोड़ लोगों की बात छोड़ कर सौ करोड़ हिंदुओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करेगा मैं उसके साथ हूं, अन्यथा मेरा उसे समर्थन नहीं हो सकता।’ उन्होंने दो टूक कहा कि वह किसी व्यक्ति में नहीं, बल्कि हिंदूवादी सिद्धान्तों में विश्वास करते हैं और जो भी इनका पालन और संरक्षण करेगा विहिप उसका समर्थन करेगी फिर चाहे वह कांग्रेस ही क्यों न हो।टिप्पणियां तोगड़िया ने कहा कि भाजपा को यदि देश के हिंदुओं और विहिप जैसे संगठनों का समर्थन चाहिए तो उसे राष्ट्रहित और अखंड भारत की बात करनी चाहिए और इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए आगे बढ़ना चाहिए। मोदी के साथ विवाद के बारे में पूछे जाने पर तोगड़िया ने कहा ‘मेरा व्यक्तिगत न किसी से राग है और न द्वेष, जो हिंदुओं के साथ खुलकर खड़ा है मैं उसके साथ हूं।’ उन्होंने उत्तराखंड में हाल में बादल फटने की विभीषिका से हुए नुकसान पर भारी अफसोस जताते हुए कहा कि इस मामले में कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। मोदी को हाल ही में भाजपा की चुनाव अभियान समिति का प्रमुख बनाये जाने पर तोगड़िया ने कहा, ‘जो भी व्यक्ति या संगठन बीस करोड़ या 120 करोड़ लोगों की बात छोड़ कर सौ करोड़ हिंदुओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करेगा मैं उसके साथ हूं, अन्यथा मेरा उसे समर्थन नहीं हो सकता।’ उन्होंने दो टूक कहा कि वह किसी व्यक्ति में नहीं, बल्कि हिंदूवादी सिद्धान्तों में विश्वास करते हैं और जो भी इनका पालन और संरक्षण करेगा विहिप उसका समर्थन करेगी फिर चाहे वह कांग्रेस ही क्यों न हो।टिप्पणियां तोगड़िया ने कहा कि भाजपा को यदि देश के हिंदुओं और विहिप जैसे संगठनों का समर्थन चाहिए तो उसे राष्ट्रहित और अखंड भारत की बात करनी चाहिए और इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए आगे बढ़ना चाहिए। मोदी के साथ विवाद के बारे में पूछे जाने पर तोगड़िया ने कहा ‘मेरा व्यक्तिगत न किसी से राग है और न द्वेष, जो हिंदुओं के साथ खुलकर खड़ा है मैं उसके साथ हूं।’ उन्होंने उत्तराखंड में हाल में बादल फटने की विभीषिका से हुए नुकसान पर भारी अफसोस जताते हुए कहा कि इस मामले में कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। तोगड़िया ने कहा कि भाजपा को यदि देश के हिंदुओं और विहिप जैसे संगठनों का समर्थन चाहिए तो उसे राष्ट्रहित और अखंड भारत की बात करनी चाहिए और इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए आगे बढ़ना चाहिए। मोदी के साथ विवाद के बारे में पूछे जाने पर तोगड़िया ने कहा ‘मेरा व्यक्तिगत न किसी से राग है और न द्वेष, जो हिंदुओं के साथ खुलकर खड़ा है मैं उसके साथ हूं।’ उन्होंने उत्तराखंड में हाल में बादल फटने की विभीषिका से हुए नुकसान पर भारी अफसोस जताते हुए कहा कि इस मामले में कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। मोदी के साथ विवाद के बारे में पूछे जाने पर तोगड़िया ने कहा ‘मेरा व्यक्तिगत न किसी से राग है और न द्वेष, जो हिंदुओं के साथ खुलकर खड़ा है मैं उसके साथ हूं।’ उन्होंने उत्तराखंड में हाल में बादल फटने की विभीषिका से हुए नुकसान पर भारी अफसोस जताते हुए कहा कि इस मामले में कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।
यहाँ एक सारांश है:विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी से उन्हें न तो लगाव है और न ही कोई परहेज, वह तो केवल 100 करोड़ हिंदुओं के प्रति समर्पित हैं।
18
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: मध्य-पूर्व में जारी राजनीतिक संकट, औद्योगिक उत्पादन के कमजोर आंकड़ों और ऊंची तेल कीमतों के चलते इस सप्ताह भारी उतार-चढ़ाव भरे कारोबार के बाद भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स इस सप्ताह कुल 312.36 अंक (1.69 प्रतिशत) गिरकर 18,174.09 अंक पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह यह 18,486.45 अंक पर बंद हुआ था। केंद्र सरकार में सत्ताधारी गठबंधन के सहयोगी दल द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) और कांग्रेस के बीच मतभेद उभरने से शेयर बाजार कमजोरी के साथ खुले। डीएमके छह मंत्रियों ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने की धमकी दी थी। अगले दिनों में सत्ताधारी दलों में सीट बंटवारा समझौते पर सहमति बनने से बाजार में खरीददारी आई थी लेकिन सप्ताह के अंत तक औद्योगिक उत्पादन के कमजोर आंकड़ों और मध्यपूर्व में राजनीतिक संकट बढ़ने की आशंकाओं के चलते गिरावट दर्ज की गई। शुक्रवार को औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े जारी होने के बाद सेंसेक्स 153.89 अंक गिरकर 18,174.09 अंक पर बंद हुआ। देश में औद्योगिक उत्पादन की विकास दर जनवरी महीने में 3.7 प्रतिशत दर्ज की गई है। दिसम्बर महीने में यह दर 2.53 प्रतिशत और पिछले साल के जनवरी महीने में 16.8 प्रतिशत रही थी। शुक्रवार को जारी किए गए आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक विनिर्माण क्षेत्र की विकास दर इस माह केवल 3.3 प्रतिशत रही है जिसकी औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में 80 प्रतिशत हिस्सेदारी है। वहीं 10.47 हिस्सेदारी वाले खनन क्षेत्र की विकास दर 1.6 प्रतिशत रही है। बिजली क्षेत्र में जनवरी महीने में 10.5 प्रतिशत की विकास दर दर्ज की गई है जो कि जनवरी 2010 में 5.6 प्रतिशत थी। वहीं जापान में आए भूकम्प और सुनामी से हुई तबाही ने भी बाजार पर दबाव बनाया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला सूचकांक निफ्टी शुक्रवार को 48.95 अंक गिरकर 5,445.45 अंक पर बंद हुआ। धातु, प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी, बिजली और उपभोक्ता वस्तुएं क्षेत्र के शेयरों में तेज गिरावट दर्ज की गई। इस सप्ताह जापान का निक्केई सूचकांक 1.72 प्रतिशत गिरकर 10,254.40 अंक पर बंद हुआ। हांग कांग के हेंग सेंग सूचकांक में भी 1.55 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
संक्षिप्त पाठ: बीएसई सूचकांक सेंसेक्स इस सप्ताह कुल 312.36 अंक गिरकर 18,174.09 अंक पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह यह 18,486.45 अंक पर बंद हुआ था।
27
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: रेलवे भर्ती बोर्ड (Railway Recruitment Board) ने उम्मीदवारों के रॉ मार्क्स जारी कर दिए हैं. अब उम्मीदवार अपने रॉ मार्क्स (RRB Raw Marks) के साथ ये चेक कर सकते हैं कि उनके कितने सवाल सही और गलत हुए हैं. उम्मीदवारों को रॉ मार्क्स चेक करने के लिए अपने रीजन की आरआरबी वेबसाइट पर जाकर लॉग इन करना होगा. रॉ मार्क्स चेक करने के लिए आपको रजिस्ट्रेशन नंबर और जन्मतिथि डालकर लॉग इन करना होगा. बता दें कि उम्मीदवारों की मांग के बाद रेलवे (RRB) ने रॉ मार्क्स जारी किए हैं. कई उम्मीदवारों को ग्रुप डी रिजल्ट (RRB Group D Result) में 100 से ज्यादा नॉर्मलाइज्ड मार्क्स मिले हैं, जिसको लेकर कई उम्मीदवारों ने सवाल खड़े किए हैं. उम्मीदवारों का कहना है कि अगर पेपर कठिन था तो उम्मीदवारों के 100 से ज्यादा नॉर्मलाइज्ड मार्क्स (RRB Normalized Marks) कैसे हो गए. उम्मीदवारों का कहना है कि अगर किसी उम्मीदवार को 110 नॉर्मलाइज्ड मार्क्स मिले हैं यानी कि उसके रॉ मार्क्स करीब 90 है, अगर उम्मीदवार को 90 नंबर मिले हैं तो पेपर कठिन कैसे हुआ? बता दें कि नॉर्मलाइजेशन के बाद किसी के 4 तो किसी के 20 से ज्यादा अंक तक बढ़ाए गए हैं. बता दें कि हर शिफ्ट में अलग अलग सेट का पेपर होता है, कोई पेपर आसान तो कोई मुश्किल हो सकता है. जिन उम्मीदवारों का पेपर कठिन होता है उनके नंबर बढ़ा दिए जाते हैं और जिनका आसान होता है उनके नंबर काट लिए जाते हैं. RRB Group D PET Admit card: जारी हुआ शारीरिक दक्षता परीक्षा का एडमिट कार्ड, ऐसे करें डाउनलोड आपको बता दें कि उम्मीदवारों का कहना है कि रेलवे ग्रुप डी (RRB Group D) परीक्षा में बहुत बड़ा घोटाला हुआ है. पटना में उम्मीदवार प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके अलावा कई शहरों में ग्रुप डी रिजल्ट के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है. उम्मीदवारों ने रिजल्ट रद्द करने की मांग की है.
आरआरबी ने रॉ मार्क्स जारी कर दिए हैं. उम्मीदवार अब रॉ मार्क्स चेक कर सकते हैं. रिजल्ट 4 मार्च को जारी हुआ था.
1
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद ने ताल मेमोरियल शतरंज टूर्नामेंट के नौवें और आखिरी दौर में रूस के सर्जेइ कर्जाकिन से ड्रॉ खेला। इस्राइल के बोरिस गेलफेंड ने रूस के ब्लादीमिर क्रामनिक से ड्रॉ खेलकर टूर्नामेंट जीता। गेलफेंड के कुल छह अंक रहे और वह दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी नार्वे के मैग्नस कार्लसन से आधा अंक आगे रहे।टिप्पणियां कार्लसन ने अजरबैजान के शखरियार मामेदियारोव से ड्रॉ खेला। मामेदियारोव और रूस के दमित्री आंद्रेइकिन और इटली के फेबियानो कारूआना तीसरे स्थान पर रहे। अमेरिका के हिकारू नकामूरा उनसे आधा अंक पीछे रहे, जिन्हें रूस के अलेक्जेंदर मोरोजेविच ने हराया। कर्जाकिन सातवें स्थान पर रहे जबकि आनंद और मोरोजेविच संयुक्त आठवें स्थान पर रहे। क्रामनिक सिर्फ तीन अंक लेकर आखिरी स्थान पर रहे। इस्राइल के बोरिस गेलफेंड ने रूस के ब्लादीमिर क्रामनिक से ड्रॉ खेलकर टूर्नामेंट जीता। गेलफेंड के कुल छह अंक रहे और वह दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी नार्वे के मैग्नस कार्लसन से आधा अंक आगे रहे।टिप्पणियां कार्लसन ने अजरबैजान के शखरियार मामेदियारोव से ड्रॉ खेला। मामेदियारोव और रूस के दमित्री आंद्रेइकिन और इटली के फेबियानो कारूआना तीसरे स्थान पर रहे। अमेरिका के हिकारू नकामूरा उनसे आधा अंक पीछे रहे, जिन्हें रूस के अलेक्जेंदर मोरोजेविच ने हराया। कर्जाकिन सातवें स्थान पर रहे जबकि आनंद और मोरोजेविच संयुक्त आठवें स्थान पर रहे। क्रामनिक सिर्फ तीन अंक लेकर आखिरी स्थान पर रहे। कार्लसन ने अजरबैजान के शखरियार मामेदियारोव से ड्रॉ खेला। मामेदियारोव और रूस के दमित्री आंद्रेइकिन और इटली के फेबियानो कारूआना तीसरे स्थान पर रहे। अमेरिका के हिकारू नकामूरा उनसे आधा अंक पीछे रहे, जिन्हें रूस के अलेक्जेंदर मोरोजेविच ने हराया। कर्जाकिन सातवें स्थान पर रहे जबकि आनंद और मोरोजेविच संयुक्त आठवें स्थान पर रहे। क्रामनिक सिर्फ तीन अंक लेकर आखिरी स्थान पर रहे। कर्जाकिन सातवें स्थान पर रहे जबकि आनंद और मोरोजेविच संयुक्त आठवें स्थान पर रहे। क्रामनिक सिर्फ तीन अंक लेकर आखिरी स्थान पर रहे।
यहाँ एक सारांश है:विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद ने ताल मेमोरियल शतरंज टूर्नामेंट के नौवें और आखिरी दौर में रूस के सर्जेइ कर्जाकिन से ड्रॉ खेला।
4
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ की बड़ी अर्धशतकीय पारी और कप्तान अभिषेक शर्मा के आलराउंड प्रदर्शन से भारत अंडर-19 टीम ने यहां मलेशिया को 235 रन से करारी शिकस्त देकर एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) अंडर-19 एशिया कप में अपने अभियान का शानदार आगाज किया. भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करके निर्धारित 50 ओवरों में आठ विकेट पर 289 रन बनाए और फिर मलेशिया की टीम को केवल 22.3 ओवर में 54 रन पर ढेर कर दिया. गौरतलब है कि मुंबई के शॉ 2013 में हैरिस शील्ड एलीट डिविजन मैच में 546 रन का स्कोर बनाकर खबरों में आए थे. मुंबई के 17 वर्षीय बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने 79 गेंदों पर 12 चौकों और एक छक्के की मदद से 89 रन की जोरदार पारी खेली. उन्होंने हिमांशु राणा (31) के साथ पहले विकेट के लिए 85 और अभिषेक शर्मा (59) के साथ 74 रन जोड़े. भारतीय टीम ने हालांकि बीच में 29 रन के अंदर चार विकेट गंवाए जिनमें पृथ्वी और अभिषेक भी शामिल थे. इससे 35वें ओवर तक टीम का स्कोर छह विकेट पर 200 रन हो गया. विकेटकीपर बल्लेबाज हेत पटेल (58) और राहुल चाहर (34) ने यहां से जिम्मेदारी संभाली तथा सातवें विकेट के लिये 70 रन जोड़कर टीम को मजबूत स्कोर तक पहुंचाया.टिप्पणियां मलेशिया की तरफ से मोहम्मद आमिर ने 33 रन देकर तीन विकेट लिए. सैयद अजीज ने दो विकेट हासिल किए लेकिन इसके लिये उन्होंने 84 रन लुटाए. इसके बाद मलेशिया की अनुभवहीन टीम भारतीय स्पिन आक्रमण के सामने ताश के पत्तों की तरह बिखर गई. लेग स्पिनर कमलेश नागरकोटी ने गेंदबाजी का आगाज किया और सात ओवर में 12 रन देकर चार विकेट लिए. बायें हाथ के स्पिनर अभिषेक ने पांच ओवर में नौ रन देकर दो विकेट जबकि आफ स्पिनर यश ठाकुर ने 19 रन देकर दो विकेट लिए.आयुश जामवाल और हेरंब परब ने एक एक विकेट लिए. मलेशिया के केवल दो बल्लेबाज अजरुन थिलंतन (14) और मोहम्मद हफीज (14) ही दोहरे अंक में पहुंचे. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) मुंबई के 17 वर्षीय बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने 79 गेंदों पर 12 चौकों और एक छक्के की मदद से 89 रन की जोरदार पारी खेली. उन्होंने हिमांशु राणा (31) के साथ पहले विकेट के लिए 85 और अभिषेक शर्मा (59) के साथ 74 रन जोड़े. भारतीय टीम ने हालांकि बीच में 29 रन के अंदर चार विकेट गंवाए जिनमें पृथ्वी और अभिषेक भी शामिल थे. इससे 35वें ओवर तक टीम का स्कोर छह विकेट पर 200 रन हो गया. विकेटकीपर बल्लेबाज हेत पटेल (58) और राहुल चाहर (34) ने यहां से जिम्मेदारी संभाली तथा सातवें विकेट के लिये 70 रन जोड़कर टीम को मजबूत स्कोर तक पहुंचाया.टिप्पणियां मलेशिया की तरफ से मोहम्मद आमिर ने 33 रन देकर तीन विकेट लिए. सैयद अजीज ने दो विकेट हासिल किए लेकिन इसके लिये उन्होंने 84 रन लुटाए. इसके बाद मलेशिया की अनुभवहीन टीम भारतीय स्पिन आक्रमण के सामने ताश के पत्तों की तरह बिखर गई. लेग स्पिनर कमलेश नागरकोटी ने गेंदबाजी का आगाज किया और सात ओवर में 12 रन देकर चार विकेट लिए. बायें हाथ के स्पिनर अभिषेक ने पांच ओवर में नौ रन देकर दो विकेट जबकि आफ स्पिनर यश ठाकुर ने 19 रन देकर दो विकेट लिए.आयुश जामवाल और हेरंब परब ने एक एक विकेट लिए. मलेशिया के केवल दो बल्लेबाज अजरुन थिलंतन (14) और मोहम्मद हफीज (14) ही दोहरे अंक में पहुंचे. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) मलेशिया की तरफ से मोहम्मद आमिर ने 33 रन देकर तीन विकेट लिए. सैयद अजीज ने दो विकेट हासिल किए लेकिन इसके लिये उन्होंने 84 रन लुटाए. इसके बाद मलेशिया की अनुभवहीन टीम भारतीय स्पिन आक्रमण के सामने ताश के पत्तों की तरह बिखर गई. लेग स्पिनर कमलेश नागरकोटी ने गेंदबाजी का आगाज किया और सात ओवर में 12 रन देकर चार विकेट लिए. बायें हाथ के स्पिनर अभिषेक ने पांच ओवर में नौ रन देकर दो विकेट जबकि आफ स्पिनर यश ठाकुर ने 19 रन देकर दो विकेट लिए.आयुश जामवाल और हेरंब परब ने एक एक विकेट लिए. मलेशिया के केवल दो बल्लेबाज अजरुन थिलंतन (14) और मोहम्मद हफीज (14) ही दोहरे अंक में पहुंचे. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सारांश: मुंबई के पृथ्‍वी शॉ ने 89 रनों की शानदार पारी खेली भारतीय टीम ने मलेशिया को 235 रन से हराया भारत के 289 के जवाब में 54 रन पर ढेर हुआ मलेशिया
7
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: बॉलीवुड में दो दशक से सक्रिय रहे राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता मनोज बाजपेयी जल्द ही फिल्म निर्माण के क्षेत्र में कदम रखना चाहते हैं। उनका मानना है कि फिल्म निर्माण से उनकी ताकत में इजाफा होगा। उन्होंने कहा, कल अगर मेरे पास पैसा होगा तो मैं बेशक फिल्म निर्माता बनूंगा। फिल्म निर्माण से मुझे वह करने की आजादी मिलेगी जो मैं करना चाहता हूं। चाहे वह मुख्यधारा की फिल्म हो या कुछ और। फिल्म निर्माण से मुझे काफी ताकत मिलेगी। उन्होंने कहा, मैं बेशक जल्द ही फिल्म निर्माण में कदम रखूंगा। देखें, यह कब होता है।टिप्पणियां फिल्म 'सत्या' की सफलता से न सिर्फ उनके करियर को नई उड़ान मिली बल्कि उन्होंने राष्ट्रीय पुरस्कार भी हासिल किया। इस फिल्म के बाद उन्होंने 'कौन?', 'शूल' और चंद्रप्रकाश द्विवेदी की फिल्म 'पिंजर' में सराहनीय भूमिका की जिसकी बदौलत उन्होंने दोबारा राष्ट्रीय पुरस्कार अपने नाम किया। इसके बाद भले ही उनका करियर खराब दौर से गुजरा हो, लेकिन उन्होंने फिल्म 'राजनीति', 'चक्रव्यूह' और 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' से दोबारा बॉलीवुड में अपने अभिनय को साबित किया। उन्होंने कहा, कल अगर मेरे पास पैसा होगा तो मैं बेशक फिल्म निर्माता बनूंगा। फिल्म निर्माण से मुझे वह करने की आजादी मिलेगी जो मैं करना चाहता हूं। चाहे वह मुख्यधारा की फिल्म हो या कुछ और। फिल्म निर्माण से मुझे काफी ताकत मिलेगी। उन्होंने कहा, मैं बेशक जल्द ही फिल्म निर्माण में कदम रखूंगा। देखें, यह कब होता है।टिप्पणियां फिल्म 'सत्या' की सफलता से न सिर्फ उनके करियर को नई उड़ान मिली बल्कि उन्होंने राष्ट्रीय पुरस्कार भी हासिल किया। इस फिल्म के बाद उन्होंने 'कौन?', 'शूल' और चंद्रप्रकाश द्विवेदी की फिल्म 'पिंजर' में सराहनीय भूमिका की जिसकी बदौलत उन्होंने दोबारा राष्ट्रीय पुरस्कार अपने नाम किया। इसके बाद भले ही उनका करियर खराब दौर से गुजरा हो, लेकिन उन्होंने फिल्म 'राजनीति', 'चक्रव्यूह' और 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' से दोबारा बॉलीवुड में अपने अभिनय को साबित किया। उन्होंने कहा, मैं बेशक जल्द ही फिल्म निर्माण में कदम रखूंगा। देखें, यह कब होता है।टिप्पणियां फिल्म 'सत्या' की सफलता से न सिर्फ उनके करियर को नई उड़ान मिली बल्कि उन्होंने राष्ट्रीय पुरस्कार भी हासिल किया। इस फिल्म के बाद उन्होंने 'कौन?', 'शूल' और चंद्रप्रकाश द्विवेदी की फिल्म 'पिंजर' में सराहनीय भूमिका की जिसकी बदौलत उन्होंने दोबारा राष्ट्रीय पुरस्कार अपने नाम किया। इसके बाद भले ही उनका करियर खराब दौर से गुजरा हो, लेकिन उन्होंने फिल्म 'राजनीति', 'चक्रव्यूह' और 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' से दोबारा बॉलीवुड में अपने अभिनय को साबित किया। फिल्म 'सत्या' की सफलता से न सिर्फ उनके करियर को नई उड़ान मिली बल्कि उन्होंने राष्ट्रीय पुरस्कार भी हासिल किया। इस फिल्म के बाद उन्होंने 'कौन?', 'शूल' और चंद्रप्रकाश द्विवेदी की फिल्म 'पिंजर' में सराहनीय भूमिका की जिसकी बदौलत उन्होंने दोबारा राष्ट्रीय पुरस्कार अपने नाम किया। इसके बाद भले ही उनका करियर खराब दौर से गुजरा हो, लेकिन उन्होंने फिल्म 'राजनीति', 'चक्रव्यूह' और 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' से दोबारा बॉलीवुड में अपने अभिनय को साबित किया। इसके बाद भले ही उनका करियर खराब दौर से गुजरा हो, लेकिन उन्होंने फिल्म 'राजनीति', 'चक्रव्यूह' और 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' से दोबारा बॉलीवुड में अपने अभिनय को साबित किया।
यहाँ एक सारांश है:बॉलीवुड में दो दशक से सक्रिय रहे राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता मनोज बाजपेयी जल्द ही फिल्म निर्माण के क्षेत्र में कदम रखना चाहते हैं। उनका मानना है कि फिल्म निर्माण से उनकी ताकत में इजाफा होगा।
4
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: टेलीकॉम कंपनियों में एकदूसरे को पीछे पछाड़ने की होड़ मची हुई है और इस होड़ का फायदा टेलीफोन उपभोक्ताओं को हो रहा है. टेलीकॉम की दुनिया में उपहारों की बौछार कर नंबर वन बने रिलायंस जियो को टक्कर देने के लिए सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल ने अपने ग्राहकों को ऑफरों की नई सौगात दी है.टिप्पणियां जानकारी के मुताबिक बीएसएनएल ने एकसाथ तीन नए प्लान पेश किए हैं. कंपनी ने अपने पुराने STV-339 प्लान में बदलाव करते हुए अब रोज़ाना 2-जीबी डाटा की जगह 3-जीबी डाटा देने का फैसला किया है. नए प्लानों में बीएसएनएल ने 349 रुपये वाला प्लान 'दिल खोल के बोल' (STV349), 333 रुपये वाला 'ट्रिपल एस' (Triple Ace) (STV333) और 395 रुपये मासिक वाला 'नहले पर दहला' (STV395)प्लान बाज़ार में पेश किए हैं. दिल खोल के बोल (STV349) प्लान में रोज़ाना 2-जीबी डाटा दिया जाएगा. अपने नेटवर्क पर बेहिसाब लोकल और एसटीडी कॉल की सुविधा दी जाएगी. ट्रिपल एस (STV333)प्लान में 90 दिनों के लिए 3-जीबी डाटा दिया जा रहा है और नहले पर दहला (STV395)प्लान में अपने घरेलू नेटवर्क पर फोन करने के लिए 3000 मिनट दिए जाएंगे. 1800 मिनट दूसरे नेटवर्क के लिए तथा 2-जीबी डाटा रोज़ाना दिया जाएगा. बीएसएनएल का दावा है कि नई योजनाओं से उसके पास बड़े पैमाने पर उपभोक्ता जुड़ रहे हैं. जानकारी के मुताबिक बीएसएनएल ने एकसाथ तीन नए प्लान पेश किए हैं. कंपनी ने अपने पुराने STV-339 प्लान में बदलाव करते हुए अब रोज़ाना 2-जीबी डाटा की जगह 3-जीबी डाटा देने का फैसला किया है. नए प्लानों में बीएसएनएल ने 349 रुपये वाला प्लान 'दिल खोल के बोल' (STV349), 333 रुपये वाला 'ट्रिपल एस' (Triple Ace) (STV333) और 395 रुपये मासिक वाला 'नहले पर दहला' (STV395)प्लान बाज़ार में पेश किए हैं. दिल खोल के बोल (STV349) प्लान में रोज़ाना 2-जीबी डाटा दिया जाएगा. अपने नेटवर्क पर बेहिसाब लोकल और एसटीडी कॉल की सुविधा दी जाएगी. ट्रिपल एस (STV333)प्लान में 90 दिनों के लिए 3-जीबी डाटा दिया जा रहा है और नहले पर दहला (STV395)प्लान में अपने घरेलू नेटवर्क पर फोन करने के लिए 3000 मिनट दिए जाएंगे. 1800 मिनट दूसरे नेटवर्क के लिए तथा 2-जीबी डाटा रोज़ाना दिया जाएगा. बीएसएनएल का दावा है कि नई योजनाओं से उसके पास बड़े पैमाने पर उपभोक्ता जुड़ रहे हैं. दिल खोल के बोल (STV349) प्लान में रोज़ाना 2-जीबी डाटा दिया जाएगा. अपने नेटवर्क पर बेहिसाब लोकल और एसटीडी कॉल की सुविधा दी जाएगी. ट्रिपल एस (STV333)प्लान में 90 दिनों के लिए 3-जीबी डाटा दिया जा रहा है और नहले पर दहला (STV395)प्लान में अपने घरेलू नेटवर्क पर फोन करने के लिए 3000 मिनट दिए जाएंगे. 1800 मिनट दूसरे नेटवर्क के लिए तथा 2-जीबी डाटा रोज़ाना दिया जाएगा. बीएसएनएल का दावा है कि नई योजनाओं से उसके पास बड़े पैमाने पर उपभोक्ता जुड़ रहे हैं.
सारांश: STV-339 प्लान में अब रोज़ाना 2-जीबी डाटा की जगह 3-जीबी डाटा दिया जाएगा STV349 प्लान में रोज़ाना 2-जीबी डाटा दिया जाएगा और अनलिमिटेड कॉलिंग STV395 में अपने घरेलू नेटवर्क पर 3000 मिनट तथा 2-जीबी डाटा रोज़ाना
31
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: मालदीव को स्पष्ट संदेश देते हुए भारत ने गुरुवार को कहा कि वह 50 करोड़ डॉलर की जीएमआर माले हवाई अड्डा परियोजना में मुआवजे के सिलसिले में सभी प्रकार की कानूनी प्रक्रिया पूरी होते हुए तथा सभी प्रासंगिक अनुबंधों एवं समझौतों का पालन होते हुए देखना चाहता है। सिंगापुर की एक अदालत ने व्यवस्था दी है कि मालदीव सरकार इस निजी फर्म से माले हवाई अड्डे का काम वापस ले सकती है। इस फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने कहा कि मंत्रालय और माले स्थित भारतीय उच्चायोग फैसले का अध्ययन कर रहे हैं और उनके वकीलों को यह बात समझनी चाहिए।टिप्पणियां उन्होंने कहा कि इस मामले में दो हिस्से हैं-पहला किसी राष्ट्र का संप्रभु अधिकार और दूसरा, समझौते का कानूनी पक्ष ,जो जीएमआर और मलेशिया में उसकी सहयोगी कंपनियों के लिए मुआवजे से सम्बंधित है। प्रवक्ता ने कहा कि आज के फैसले में इस दूसरे हिस्से के बारे में कुछ भी नहीं कहा गया है। सिंगापुर की एक अदालत ने व्यवस्था दी है कि मालदीव सरकार इस निजी फर्म से माले हवाई अड्डे का काम वापस ले सकती है। इस फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने कहा कि मंत्रालय और माले स्थित भारतीय उच्चायोग फैसले का अध्ययन कर रहे हैं और उनके वकीलों को यह बात समझनी चाहिए।टिप्पणियां उन्होंने कहा कि इस मामले में दो हिस्से हैं-पहला किसी राष्ट्र का संप्रभु अधिकार और दूसरा, समझौते का कानूनी पक्ष ,जो जीएमआर और मलेशिया में उसकी सहयोगी कंपनियों के लिए मुआवजे से सम्बंधित है। प्रवक्ता ने कहा कि आज के फैसले में इस दूसरे हिस्से के बारे में कुछ भी नहीं कहा गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में दो हिस्से हैं-पहला किसी राष्ट्र का संप्रभु अधिकार और दूसरा, समझौते का कानूनी पक्ष ,जो जीएमआर और मलेशिया में उसकी सहयोगी कंपनियों के लिए मुआवजे से सम्बंधित है। प्रवक्ता ने कहा कि आज के फैसले में इस दूसरे हिस्से के बारे में कुछ भी नहीं कहा गया है। प्रवक्ता ने कहा कि आज के फैसले में इस दूसरे हिस्से के बारे में कुछ भी नहीं कहा गया है।
संक्षिप्त सारांश: मालदीव को स्पष्ट संदेश देते हुए भारत ने गुरुवार को कहा कि वह 50 करोड़ डॉलर की जीएमआर माले हवाई अड्डा परियोजना में मुआवजे के सिलसिले में सभी प्रकार की कानूनी प्रक्रिया पूरी होते हुए तथा सभी प्रासंगिक अनुबंधों एवं समझौतों का पालन होते हुए देखना चाहता है।
23
['hin']
एक सारांश बनाओ: अक्सर जीवन की कई छोटी घटनाएं भी आपको कुछ बड़ा करने को प्रेरित कर देती हैं. दिल्ली में भी कला के छात्रों के एक समूह के साथ ऐसा ही कुछ हुआ और मात्र 250 रुपये की लागत से उन्होंने एक स्टार्टअप शुरू किया. यहां चल रहे 19वें भारत रंग महोत्सव के 'थिएटर बाजार' में एक स्टॉल पर हाथ से पेटिंग बनाई हुई टी-शर्ट मिल रही हैं. इसी के साथ ही यहां बेल्ट, गुलदान, बैग और तकिए के कवर इत्यादि पर भी पेटिंग बनाकर उन्होंने इसे बाजार में उतारा है. यह समूह 'वीकलआर्ट डॉट कॉम' के माध्यम से ऑनलाइन कारोबार भी करता है. इस कंपनी को वरूण बकोलिया, मयंक बकोलिया, सैफ, कनिष्क और अजय ने करीब डेढ़ साल पहले शुरू किया था. मयंक बकोलिया ने कहा, ''यह स्टार्टअप वरूण के दिमाग की उपज है. पहले हम चित्रकला प्रदर्शनी में पेटिंग का प्रदर्शन किया करते थे. लेकिन काफी समय तक ऐसा करने के बाद भी पेटिंग सही कीमत पर बिक नहीं पाती थीं.'' मयंक ने कहा, ''उसके बाद हमने सोचा कि इस हुनर का रोजमर्रा की वस्तुओं पर इस्तेमाल करना चाहिए. हमने 250 रुपये की एक टी-शर्ट ली और उस पर चिलम पीते हुए एक बाबा की पेटिंग बनाई. इस टी-शर्ट की फोटो हमने फेसबुक पर साझा की और हमें काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली. इस प्रकार मात्र 250 रुपये की लागत में हमारा कारोबार चलने लगा.'' टिप्पणियां रोजमर्रा की वस्तुओं पर पेंटिंग करने के लिए वे एक्रिलिक रंगों का प्रयोग करते हैं क्योंकि यह कभी उतरते नहीं और ना ही फीके पड़ते हैं. कपड़ों पर लगाने के बाद इन्हें धोने में भी कोई परेशानी नहीं होती है. मयंक ने बताया कि उनके यहां सबसे कम कीमत पर 250 रुपये में उत्पाद मिल जाते हैं. यहां रंग महोत्सव में अपने स्टॉल पर वह एक टी-शर्ट की कीमत 400 रुपये ले रहे हैं. इसके अलावा वह लोगों की पसंद के हिसाब से भी उनके लिए उत्पाद बनाते हैं. वीकल आर्ट जल्द ही घड़ी के डायल, पर्स, जींस इत्यादि श्रेणियों में भी अपने रंग-बिरंगे उत्पाद पेश करेगा. रंग महोत्सव के अलावा कॉमिक कॉन एवं अन्य इस प्रकार की प्रदर्शनियों में भी वह अपना स्टॉल लगाते हैं. मयंक के ही सहयोगी सैफ ने बताया कि पिछले साल रंग महोत्सव में उन्हें अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी लेकिन इस बार बाजार थोड़ा फीका है. हो सकता है कि नकदी की कमी की वजह से बिक्री में यह कमी आई हो. इस कंपनी को वरूण बकोलिया, मयंक बकोलिया, सैफ, कनिष्क और अजय ने करीब डेढ़ साल पहले शुरू किया था. मयंक बकोलिया ने कहा, ''यह स्टार्टअप वरूण के दिमाग की उपज है. पहले हम चित्रकला प्रदर्शनी में पेटिंग का प्रदर्शन किया करते थे. लेकिन काफी समय तक ऐसा करने के बाद भी पेटिंग सही कीमत पर बिक नहीं पाती थीं.'' मयंक ने कहा, ''उसके बाद हमने सोचा कि इस हुनर का रोजमर्रा की वस्तुओं पर इस्तेमाल करना चाहिए. हमने 250 रुपये की एक टी-शर्ट ली और उस पर चिलम पीते हुए एक बाबा की पेटिंग बनाई. इस टी-शर्ट की फोटो हमने फेसबुक पर साझा की और हमें काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली. इस प्रकार मात्र 250 रुपये की लागत में हमारा कारोबार चलने लगा.'' टिप्पणियां रोजमर्रा की वस्तुओं पर पेंटिंग करने के लिए वे एक्रिलिक रंगों का प्रयोग करते हैं क्योंकि यह कभी उतरते नहीं और ना ही फीके पड़ते हैं. कपड़ों पर लगाने के बाद इन्हें धोने में भी कोई परेशानी नहीं होती है. मयंक ने बताया कि उनके यहां सबसे कम कीमत पर 250 रुपये में उत्पाद मिल जाते हैं. यहां रंग महोत्सव में अपने स्टॉल पर वह एक टी-शर्ट की कीमत 400 रुपये ले रहे हैं. इसके अलावा वह लोगों की पसंद के हिसाब से भी उनके लिए उत्पाद बनाते हैं. वीकल आर्ट जल्द ही घड़ी के डायल, पर्स, जींस इत्यादि श्रेणियों में भी अपने रंग-बिरंगे उत्पाद पेश करेगा. रंग महोत्सव के अलावा कॉमिक कॉन एवं अन्य इस प्रकार की प्रदर्शनियों में भी वह अपना स्टॉल लगाते हैं. मयंक के ही सहयोगी सैफ ने बताया कि पिछले साल रंग महोत्सव में उन्हें अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी लेकिन इस बार बाजार थोड़ा फीका है. हो सकता है कि नकदी की कमी की वजह से बिक्री में यह कमी आई हो. मयंक ने कहा, ''उसके बाद हमने सोचा कि इस हुनर का रोजमर्रा की वस्तुओं पर इस्तेमाल करना चाहिए. हमने 250 रुपये की एक टी-शर्ट ली और उस पर चिलम पीते हुए एक बाबा की पेटिंग बनाई. इस टी-शर्ट की फोटो हमने फेसबुक पर साझा की और हमें काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली. इस प्रकार मात्र 250 रुपये की लागत में हमारा कारोबार चलने लगा.'' टिप्पणियां रोजमर्रा की वस्तुओं पर पेंटिंग करने के लिए वे एक्रिलिक रंगों का प्रयोग करते हैं क्योंकि यह कभी उतरते नहीं और ना ही फीके पड़ते हैं. कपड़ों पर लगाने के बाद इन्हें धोने में भी कोई परेशानी नहीं होती है. मयंक ने बताया कि उनके यहां सबसे कम कीमत पर 250 रुपये में उत्पाद मिल जाते हैं. यहां रंग महोत्सव में अपने स्टॉल पर वह एक टी-शर्ट की कीमत 400 रुपये ले रहे हैं. इसके अलावा वह लोगों की पसंद के हिसाब से भी उनके लिए उत्पाद बनाते हैं. वीकल आर्ट जल्द ही घड़ी के डायल, पर्स, जींस इत्यादि श्रेणियों में भी अपने रंग-बिरंगे उत्पाद पेश करेगा. रंग महोत्सव के अलावा कॉमिक कॉन एवं अन्य इस प्रकार की प्रदर्शनियों में भी वह अपना स्टॉल लगाते हैं. मयंक के ही सहयोगी सैफ ने बताया कि पिछले साल रंग महोत्सव में उन्हें अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी लेकिन इस बार बाजार थोड़ा फीका है. हो सकता है कि नकदी की कमी की वजह से बिक्री में यह कमी आई हो. रोजमर्रा की वस्तुओं पर पेंटिंग करने के लिए वे एक्रिलिक रंगों का प्रयोग करते हैं क्योंकि यह कभी उतरते नहीं और ना ही फीके पड़ते हैं. कपड़ों पर लगाने के बाद इन्हें धोने में भी कोई परेशानी नहीं होती है. मयंक ने बताया कि उनके यहां सबसे कम कीमत पर 250 रुपये में उत्पाद मिल जाते हैं. यहां रंग महोत्सव में अपने स्टॉल पर वह एक टी-शर्ट की कीमत 400 रुपये ले रहे हैं. इसके अलावा वह लोगों की पसंद के हिसाब से भी उनके लिए उत्पाद बनाते हैं. वीकल आर्ट जल्द ही घड़ी के डायल, पर्स, जींस इत्यादि श्रेणियों में भी अपने रंग-बिरंगे उत्पाद पेश करेगा. रंग महोत्सव के अलावा कॉमिक कॉन एवं अन्य इस प्रकार की प्रदर्शनियों में भी वह अपना स्टॉल लगाते हैं. मयंक के ही सहयोगी सैफ ने बताया कि पिछले साल रंग महोत्सव में उन्हें अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी लेकिन इस बार बाजार थोड़ा फीका है. हो सकता है कि नकदी की कमी की वजह से बिक्री में यह कमी आई हो. वीकल आर्ट जल्द ही घड़ी के डायल, पर्स, जींस इत्यादि श्रेणियों में भी अपने रंग-बिरंगे उत्पाद पेश करेगा. रंग महोत्सव के अलावा कॉमिक कॉन एवं अन्य इस प्रकार की प्रदर्शनियों में भी वह अपना स्टॉल लगाते हैं. मयंक के ही सहयोगी सैफ ने बताया कि पिछले साल रंग महोत्सव में उन्हें अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी लेकिन इस बार बाजार थोड़ा फीका है. हो सकता है कि नकदी की कमी की वजह से बिक्री में यह कमी आई हो.
दिल्‍ली में कला के छात्रों ने शुरू किया काम हाथ से पेंटिंग बनाई हुई टी-शर्ट से जुड़ा काम वीकलआर्ट डॉट कॉम के माध्‍यम से ऑनलाइन कारोबार
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['hin']
एक सारांश बनाओ: मशहूर पंजाबी डांसर मनप्रीत टुर (Manpreet Toor) का एक वीडियो इंटरनेट पर तहलका मचा रहा है. इस वीडियो में मनप्रीत डिस्को में अपने 'भांगड़े' से सबके होश उड़ा रही हैं. 'भंगड़ा पाउंदी (Bhangra Paundi)' सॉन्ग पर मनप्रीत टुर सिंगर पीबीएन (PBN) के साथ मिलकर डिस्को में जमकर डांस कर रही हैं. हालांकि यह गाना तो पुराना है, लेकिन इस सॉन्ग को अब  तक 77 लाख से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं. उनका ये डांस वीडियो अब खूब वायरल हो रहा है. इस गाने में मनप्रीत और पीएनबी की जोड़ी लोगों को खूब पसंद आ रही है.  पवन सिंह ने इस भोजपुरी सॉन्ग से YouTube पर मचाई धूम, खूब देखा जा रहा Video मनप्रीत टुर (Manpreet Toor) के वीडियो वैसे भी आते ही छा जाते हैं. इस बार भी उनके वीडियो के साथ ऐसा ही हुआ है. उनकी डांसिंग स्टाइल यूनिक होने की वजह से लोग उनके वीडियो को खूब पसंद करते हैं. हाल ही में उनका 'आंख मारे' (Aankh Marey) सॉन्ग पर धमाकेदार डांस वीडियो हुआ था. यह सॉन्ग फिल्म 'सिंबा' (Simmba) का है, जिसे नेहा कक्कड़ (Neha Kakkar) और मीका सिंह ने मिलकर गाया है. कुल मिलाकर मनप्रीत टुर के डांस वीडियो ने फिर से धमाल मचाया दिया है. 'दबंग 3' का नया सॉन्ग 'हबीबी के नैन' सॉन्ग हुआ रिलीज, इस अंदाज में नजर आए सलमान खान बताया जाता है कि मनप्रीत टुर (Manpreet Toor) को डांस टीचर के तौर पर भी जाना जाता है. वो नए अंदाज में ऑनलाइन वीडियो बनाकर डांस सिखाती हैं. उनके कई टिकटॉक वीडियो (TikTok Video) जमकर वायरल हो रहे हैं. इन वीडियो में वो बॉलीवुड, भांगड़ा और गिद्दा जैसी डांसिंग स्टाइल करती दिख रही है. इन वीडियो में इनके स्टेप्स वाकई बहुत कमाल के हैं. खबरों के मुताबिक, उन्होंने साल 2004 से ही डांस सिखाना शुरू कर दिया था.  मनप्रीत टुर के सोशल मीडिया पर फॉलोवर्स भी काफी संख्या में हैं.
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: मनप्रीत टुूर का नया वीडियो हुआ वायरल डिस्को में किया धमाकेदार डांस सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है वीडियो
32
['hin']
एक सारांश बनाओ: छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली हमले में 25 जवानों की शहादत और जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में तीन जवानों के शहीद होने पर एक लड़की काफी गुस्से में दिख रही है. इस लड़की ने वीडियो जारी कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह से नक्सलियों और आतंकियों के के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. वीडियो में यह लड़की काफी जोश में दिख रही है. वह देश के नागरिकों से अपील कर रही है कि वे किसी धर्मगुरु की बात सुनने के बजाय खुद से पढ़ाई करें और सच्चाई के साथ चलें. सुकमा हमले के बाद से यह वीडियो वाट्सऐप पर काफी तेजी से शेयर किया जा रहा है. वीडियो को देखकर लगता है कि लड़की ने खुद मोबाइल से इस वीडियो को रिकॉर्ड किया है. उसने देश की गरीबी, भुखमरी की ओर भी सरकार का ध्यान दिलाने की कोशिश की है. वह देश के लोगों से अपील कर रही है कि वे देशविरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों का बिल्कुल भी साथ न दें. वह कह रही है कि किसी इंसान के लिए देश से बढ़कर कुछ नहीं है.टिप्पणियां हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि यह लड़की कौन है और कहां रहती है. इसके बाद भी इसके बनाए वीडियो को लोग सोशल प्लेटफॉर्म पर काफी तेजी से शेयर कर रहे हैं. मालूम हो कि पिछले साल नवंबर में जम्मू कश्मीर के उड़ी में हुए आतंकी हमले में करीब 19 भारतीयों की शहादत के बाद कई लोग वीडियो जारी कर अपने भाव जाहिर कर चुके हैं. वीडियो को देखकर लगता है कि लड़की ने खुद मोबाइल से इस वीडियो को रिकॉर्ड किया है. उसने देश की गरीबी, भुखमरी की ओर भी सरकार का ध्यान दिलाने की कोशिश की है. वह देश के लोगों से अपील कर रही है कि वे देशविरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों का बिल्कुल भी साथ न दें. वह कह रही है कि किसी इंसान के लिए देश से बढ़कर कुछ नहीं है.टिप्पणियां हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि यह लड़की कौन है और कहां रहती है. इसके बाद भी इसके बनाए वीडियो को लोग सोशल प्लेटफॉर्म पर काफी तेजी से शेयर कर रहे हैं. मालूम हो कि पिछले साल नवंबर में जम्मू कश्मीर के उड़ी में हुए आतंकी हमले में करीब 19 भारतीयों की शहादत के बाद कई लोग वीडियो जारी कर अपने भाव जाहिर कर चुके हैं. हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि यह लड़की कौन है और कहां रहती है. इसके बाद भी इसके बनाए वीडियो को लोग सोशल प्लेटफॉर्म पर काफी तेजी से शेयर कर रहे हैं. मालूम हो कि पिछले साल नवंबर में जम्मू कश्मीर के उड़ी में हुए आतंकी हमले में करीब 19 भारतीयों की शहादत के बाद कई लोग वीडियो जारी कर अपने भाव जाहिर कर चुके हैं. मालूम हो कि पिछले साल नवंबर में जम्मू कश्मीर के उड़ी में हुए आतंकी हमले में करीब 19 भारतीयों की शहादत के बाद कई लोग वीडियो जारी कर अपने भाव जाहिर कर चुके हैं.
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: सुकमा हमले में भारतीय जवानों की शहादत पर लड़की को आया गुस्सा वीडियो संदेश जारी कर पीएम और गृहमंत्री से की कार्रवाई की मांग लोगों से धर्म गुरुओं के झांसे में आने के बजाय खुद से पढ़ने की अपील
32
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: 100 से अधिक दिनों तक 2017 में दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन की अगुवाई कर चुके अय्याकन्नू ने बताया, 'जिस क्षण वे अपने घोषणा-पत्र में सुनिश्चित करेंगे कि हमारी मांगें पूरी की जाएंगी, हम मोदी के खिलाफ लड़ने का अपना फैसला वापस ले लेंगे.' उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो वे मोदी के खिलाफ चुनाव जरूर लड़ेंगे. अय्याकन्नू ने कहा कि चुनाव लड़ने के फैसले का हर जगह के किसानों और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने समर्थन किया है. यह पूछे जाने पर कि वे अपनी मांग सिर्फ भाजपा से क्यों कर रहे हैं, कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों से क्यों नहीं कर रहे, इस पर उन्होंने कहा कि भाजपा अब भी सत्ताधारी पार्टी और मोदी प्रधानमंत्री हैं. उन्होंने कहा कि द्रमुक और अम्मा मक्कल मुन्नेत्र कड़गम जैसी पार्टियों ने अपने घोषणा-पत्र में पूरी कर्ज माफी के वादे को शामिल करने का आश्वासन दिया है. किसान नेता ने कहा, 'हम भाजपा या अपने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ नहीं हैं. सत्ता हासिल करने से पहले मोदी जी ने हमारी मांगें पूरी करने का वादा किया था और हमारी आय दोगुनी करने का आश्वासन दिया था.' उन्होंने कहा कि 300 किसानों के वाराणसी जाने के लिए टिकट पहले ही बुक किए जा चुके हैं. तिरुवन्नमलई और तिरुचिरापल्ली सहित कई अन्य जिलों के किसान वाराणसी पहुंचेंगे. किसान नेता ने कहा, 'तमिलनाडु से भाजपा के एकमात्र सांसद पौन राधाकृष्णन भी यदि वादा कर दें कि हमारी मांगों को घोषणा-पत्र में सम्मान मिलेगा तो हम अपने फैसले पर फिर से विचार कर सकते हैं.' 1.5 करोड़ मतदाता पहली बार डालेंगे वोटलोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) की तारीखों का ऐलान हो चुका है. इस बार कुल सात चरणों में चुनाव कराए जा रहे हैं. पहला चरण 11 अप्रैल को जबकि अंतिम चरण 19 मई को होगा. वोटों की गिनती 23 मई को होगी. इस बार भी ऐसे मतदाताओं की संख्‍या बड़ी है जो पहली बार वोट डालेंगे. मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि इस बार लोकसभा चुनाव में मतदान करनेवालों की संख्या लगभग 90 करोड़ होगी. उन्होंने आगामी चुनाव को लोकतंत्र का सबसे बड़ा त्योहार बताया. उन्होंने कहा कि इस बार लगभग 10 लाख मतदान केंद्र होंगे, जो 2014 के आम चुनाव में रहे नौ लाख से अधिक है. कुल मतदाताओं में 1.50 करोड़ मतदाता 18-19 साल उम्र के होंगे. उन्होंने कहा, "निर्वाचन आयोग ने चुनाव के लिए एक बहुत ही व्यापक तैयारी की है."
संक्षिप्त सारांश: वाराणसी से 111 किसान मोदी के खिलाफ लड़ेंगे चुनाव तमिलनाडु के किसान जल्द ही दाखिल करेंगे नामांकन अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में दे चुके हैं धरना
23
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल से पूर्व भाजपा ने रविवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से अपने कैबिनेट से गृह मंत्री पी चिदंबरम और दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल को हटाने की मांग की। भाजपा प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा, प्रधानमंत्री ने अपनी साफ छवि बनाई है लेकिन उनके मंत्रिमंडल के सदस्य भ्रष्ट हैं। प्रधानमंत्री को अपने मंत्रिमंडल को साफ सुथरा बनाना चाहिए और भ्रष्ट मंत्रियों के समूह के नेता के तौर पर उन्हें ऐसे मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए। उन्होंने कहा, यह सर्वविदित है कि 1.76 लाख करोड़ रुपये (टू जी आवंटन) में तत्कालीन वित्त मंत्री का जुड़ाव सामने आया है। राजा अभी मंत्रिमंडल से बाहर है लेकिन वह भी इसका हिस्सा रहे हैं। लेकिन चिदंबरम अभी भी मंत्री है। देश चाहेगा कि प्रधानमंत्री इस विषय पर कोई निर्णय लें। सिब्बल को आड़े हाथों लेते हुए हुसैन ने कहा, एक निजी कंपनी जो प्रति जोन के हिसाब से 650 करोड़ रूपये के दंड का सामना कर रही थी, उसे सिब्बल ने घटाकर पांच करोड़ रूपये प्रति जोन कर दिया। सिब्बल को 50 करोड़ रूपये प्रति जोन को घटाकर पांच करोड़ रूपये प्रति जोन करने का अधिकार किसने दिया। सिब्बल पर रिलायंस टेलीकाम को ग्रामीण टेलीफोनी सेवा बंद करने के लिए 650 करोड़ रूपये के दंड को पांच करोड़ रूपये करने के आरोप लग रहे हैं। सिब्बल ने हालांकि इन आरोपों को दुर्भावना से प्रेरित बताया है और दावा किया है कि सभी नियमों का पालन किया गया।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: भाजपा ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से अपने कैबिनेट से गृह मंत्री पी चिदंबरम और दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल को हटाने की मांग की।
25
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: जलवायु परिवर्तन पर दोहा दौर की वार्ता को बचाने की मेजबान देश कतर द्वारा निराशापूर्ण कोशिश किए जाने के बीच क्योटो प्रोटोकॉल की अवधि बढ़ाने पर सहमति बन गई, जिसके माध्यम से 2020 तक धनी देशों में ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को नियंत्रित किया जाएगा। वार्ता की अवधि एक दिन तक बढ़ने के बाद वार्ता का समापन करने से पहले एक समझौते तक पहुंचने के राष्ट्रों के संकल्प के बाद करीब 200 देशों ने क्योटो प्रोटोकॉल को अगले आठ साल तक कायम रखने पर सहमति जताई। गौरतलब है कि यह ऐतिहासिक समझौता इस साल के अंत में समाप्त हो रहा है इस पर 1997 में देशों ने सहमति जताई थी। हालांकि नए समझौते के दायरे में केवल वे विकसित राष्ट्र आएंगे, जिनका वैश्विक ग्रीन हाउस उत्सर्जन में हिस्सेदारी 15 फीसदी से कम है। भारत के अलावा चीन और अमेरिका जैसे बड़े प्रदूषक देश इसके दायरे से बाहर होंगे। यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड और आठ अन्य औद्योगिक राष्ट्रों के 2020 तक उत्सर्जन कटौती करने के बाध्यकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के साथ प्रोटोकॉल का विस्तार हो गया। टिप्पणियां कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष अब्दुल्ला बिन हमद अल अतीया ने इस समझौते को 'दोहा क्लाइमेट गेटवे' बताया। समझौते में ग्लोबल वार्मिंग का मुकाबला करने में गरीब देशों को वित्तीय मदद बढ़ाने और ऊर्जा के स्रोतों को पर्यावरण अनुकूल बनाने की बात भी शामिल है। बहरहाल, अमेरिका ने इस सम्मेलन के तहत खुद को किसी नए समझौते से जोड़ने की बात से इनकार किया है। वहीं, रूस ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया, जबकि जी-77 एवं चीन, बेसिक समूह के देशों ने दोहा के नतीजों का स्वागत किया है। यह बैठक शाम को ही खत्म होनी थी, लेकिन यह निर्धारित समय से आगे खिंच गई। यह घटनाक्रम वार्ताकारों द्वारा रात भर जटिल ब्यौरों और सभी को स्वीकार्य तथ्यों को लेकर किए गए विचार-विमर्श के बात हुआ। यह वार्ता 12 दिनों तक चली, जिसमें कई उतार-चढ़ाव आए। गरीब देशों ने इस बात पर जोर दिया कि धनी देश ग्रीन हाउस गैसों में कटौती का ठोस वादा करें और गरीब देशों को वित्तीय मदद दें। वार्ता की अवधि एक दिन तक बढ़ने के बाद वार्ता का समापन करने से पहले एक समझौते तक पहुंचने के राष्ट्रों के संकल्प के बाद करीब 200 देशों ने क्योटो प्रोटोकॉल को अगले आठ साल तक कायम रखने पर सहमति जताई। गौरतलब है कि यह ऐतिहासिक समझौता इस साल के अंत में समाप्त हो रहा है इस पर 1997 में देशों ने सहमति जताई थी। हालांकि नए समझौते के दायरे में केवल वे विकसित राष्ट्र आएंगे, जिनका वैश्विक ग्रीन हाउस उत्सर्जन में हिस्सेदारी 15 फीसदी से कम है। भारत के अलावा चीन और अमेरिका जैसे बड़े प्रदूषक देश इसके दायरे से बाहर होंगे। यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड और आठ अन्य औद्योगिक राष्ट्रों के 2020 तक उत्सर्जन कटौती करने के बाध्यकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के साथ प्रोटोकॉल का विस्तार हो गया। टिप्पणियां कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष अब्दुल्ला बिन हमद अल अतीया ने इस समझौते को 'दोहा क्लाइमेट गेटवे' बताया। समझौते में ग्लोबल वार्मिंग का मुकाबला करने में गरीब देशों को वित्तीय मदद बढ़ाने और ऊर्जा के स्रोतों को पर्यावरण अनुकूल बनाने की बात भी शामिल है। बहरहाल, अमेरिका ने इस सम्मेलन के तहत खुद को किसी नए समझौते से जोड़ने की बात से इनकार किया है। वहीं, रूस ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया, जबकि जी-77 एवं चीन, बेसिक समूह के देशों ने दोहा के नतीजों का स्वागत किया है। यह बैठक शाम को ही खत्म होनी थी, लेकिन यह निर्धारित समय से आगे खिंच गई। यह घटनाक्रम वार्ताकारों द्वारा रात भर जटिल ब्यौरों और सभी को स्वीकार्य तथ्यों को लेकर किए गए विचार-विमर्श के बात हुआ। यह वार्ता 12 दिनों तक चली, जिसमें कई उतार-चढ़ाव आए। गरीब देशों ने इस बात पर जोर दिया कि धनी देश ग्रीन हाउस गैसों में कटौती का ठोस वादा करें और गरीब देशों को वित्तीय मदद दें। गौरतलब है कि यह ऐतिहासिक समझौता इस साल के अंत में समाप्त हो रहा है इस पर 1997 में देशों ने सहमति जताई थी। हालांकि नए समझौते के दायरे में केवल वे विकसित राष्ट्र आएंगे, जिनका वैश्विक ग्रीन हाउस उत्सर्जन में हिस्सेदारी 15 फीसदी से कम है। भारत के अलावा चीन और अमेरिका जैसे बड़े प्रदूषक देश इसके दायरे से बाहर होंगे। यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड और आठ अन्य औद्योगिक राष्ट्रों के 2020 तक उत्सर्जन कटौती करने के बाध्यकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के साथ प्रोटोकॉल का विस्तार हो गया। टिप्पणियां कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष अब्दुल्ला बिन हमद अल अतीया ने इस समझौते को 'दोहा क्लाइमेट गेटवे' बताया। समझौते में ग्लोबल वार्मिंग का मुकाबला करने में गरीब देशों को वित्तीय मदद बढ़ाने और ऊर्जा के स्रोतों को पर्यावरण अनुकूल बनाने की बात भी शामिल है। बहरहाल, अमेरिका ने इस सम्मेलन के तहत खुद को किसी नए समझौते से जोड़ने की बात से इनकार किया है। वहीं, रूस ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया, जबकि जी-77 एवं चीन, बेसिक समूह के देशों ने दोहा के नतीजों का स्वागत किया है। यह बैठक शाम को ही खत्म होनी थी, लेकिन यह निर्धारित समय से आगे खिंच गई। यह घटनाक्रम वार्ताकारों द्वारा रात भर जटिल ब्यौरों और सभी को स्वीकार्य तथ्यों को लेकर किए गए विचार-विमर्श के बात हुआ। यह वार्ता 12 दिनों तक चली, जिसमें कई उतार-चढ़ाव आए। गरीब देशों ने इस बात पर जोर दिया कि धनी देश ग्रीन हाउस गैसों में कटौती का ठोस वादा करें और गरीब देशों को वित्तीय मदद दें। भारत के अलावा चीन और अमेरिका जैसे बड़े प्रदूषक देश इसके दायरे से बाहर होंगे। यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड और आठ अन्य औद्योगिक राष्ट्रों के 2020 तक उत्सर्जन कटौती करने के बाध्यकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के साथ प्रोटोकॉल का विस्तार हो गया। टिप्पणियां कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष अब्दुल्ला बिन हमद अल अतीया ने इस समझौते को 'दोहा क्लाइमेट गेटवे' बताया। समझौते में ग्लोबल वार्मिंग का मुकाबला करने में गरीब देशों को वित्तीय मदद बढ़ाने और ऊर्जा के स्रोतों को पर्यावरण अनुकूल बनाने की बात भी शामिल है। बहरहाल, अमेरिका ने इस सम्मेलन के तहत खुद को किसी नए समझौते से जोड़ने की बात से इनकार किया है। वहीं, रूस ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया, जबकि जी-77 एवं चीन, बेसिक समूह के देशों ने दोहा के नतीजों का स्वागत किया है। यह बैठक शाम को ही खत्म होनी थी, लेकिन यह निर्धारित समय से आगे खिंच गई। यह घटनाक्रम वार्ताकारों द्वारा रात भर जटिल ब्यौरों और सभी को स्वीकार्य तथ्यों को लेकर किए गए विचार-विमर्श के बात हुआ। यह वार्ता 12 दिनों तक चली, जिसमें कई उतार-चढ़ाव आए। गरीब देशों ने इस बात पर जोर दिया कि धनी देश ग्रीन हाउस गैसों में कटौती का ठोस वादा करें और गरीब देशों को वित्तीय मदद दें। कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष अब्दुल्ला बिन हमद अल अतीया ने इस समझौते को 'दोहा क्लाइमेट गेटवे' बताया। समझौते में ग्लोबल वार्मिंग का मुकाबला करने में गरीब देशों को वित्तीय मदद बढ़ाने और ऊर्जा के स्रोतों को पर्यावरण अनुकूल बनाने की बात भी शामिल है। बहरहाल, अमेरिका ने इस सम्मेलन के तहत खुद को किसी नए समझौते से जोड़ने की बात से इनकार किया है। वहीं, रूस ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया, जबकि जी-77 एवं चीन, बेसिक समूह के देशों ने दोहा के नतीजों का स्वागत किया है। यह बैठक शाम को ही खत्म होनी थी, लेकिन यह निर्धारित समय से आगे खिंच गई। यह घटनाक्रम वार्ताकारों द्वारा रात भर जटिल ब्यौरों और सभी को स्वीकार्य तथ्यों को लेकर किए गए विचार-विमर्श के बात हुआ। यह वार्ता 12 दिनों तक चली, जिसमें कई उतार-चढ़ाव आए। गरीब देशों ने इस बात पर जोर दिया कि धनी देश ग्रीन हाउस गैसों में कटौती का ठोस वादा करें और गरीब देशों को वित्तीय मदद दें। वहीं, रूस ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया, जबकि जी-77 एवं चीन, बेसिक समूह के देशों ने दोहा के नतीजों का स्वागत किया है। यह बैठक शाम को ही खत्म होनी थी, लेकिन यह निर्धारित समय से आगे खिंच गई। यह घटनाक्रम वार्ताकारों द्वारा रात भर जटिल ब्यौरों और सभी को स्वीकार्य तथ्यों को लेकर किए गए विचार-विमर्श के बात हुआ। यह वार्ता 12 दिनों तक चली, जिसमें कई उतार-चढ़ाव आए। गरीब देशों ने इस बात पर जोर दिया कि धनी देश ग्रीन हाउस गैसों में कटौती का ठोस वादा करें और गरीब देशों को वित्तीय मदद दें।
संक्षिप्त पाठ: जलवायु परिवर्तन पर दोहा दौर की वार्ता को बचाने की मेजबान देश कतर द्वारा निराशापूर्ण कोशिश किए जाने के बीच क्योटो प्रोटोकॉल की अवधि बढ़ाने पर सहमति बन गई, जिसके माध्यम से 2020 तक धनी देशों में ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को नियंत्रित किया जाएगा।
27
['hin']
एक सारांश बनाओ: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि बलात्कार के मामलों में समझौता नहीं हो सकता और न ही इन्हें क्षमा किया जा सकता है फिर चाहे पीड़ित ने ही क्यों न अपराध के आरोपी को माफ कर दिया हो।टिप्पणियां प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी. सतशिवम की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि यदि इस तरह के मामलों में समझौते होते हैं तो वे अवैध हैं और निचली अदालतों द्वारा असाधारण मामलों में जघन्य अपराधों के लिए सजा कम करने के प्रावधानों का लापरवाही से इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर गहरी चिंता जताई कि हाल के समय में बलात्कार के मामले बढ़ने के बावजूद निचली अदालतों में बलात्कारी व पीड़ित के बीच समझौते के आधार पर इस तरह के अपराधों के लिए समझौतों की इजाजत देने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी. सतशिवम की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि यदि इस तरह के मामलों में समझौते होते हैं तो वे अवैध हैं और निचली अदालतों द्वारा असाधारण मामलों में जघन्य अपराधों के लिए सजा कम करने के प्रावधानों का लापरवाही से इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर गहरी चिंता जताई कि हाल के समय में बलात्कार के मामले बढ़ने के बावजूद निचली अदालतों में बलात्कारी व पीड़ित के बीच समझौते के आधार पर इस तरह के अपराधों के लिए समझौतों की इजाजत देने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर गहरी चिंता जताई कि हाल के समय में बलात्कार के मामले बढ़ने के बावजूद निचली अदालतों में बलात्कारी व पीड़ित के बीच समझौते के आधार पर इस तरह के अपराधों के लिए समझौतों की इजाजत देने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है।
यहाँ एक सारांश है:बलात्कार से जुड़े मामलों पर सख्ती बरतते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाईकोर्ट और निचली अदालतों को निर्देश दिया है कि वे सजा घटाने या सजा से बचाने के लिए बलात्कार पीड़ित और आरोपी के बीच समझौता कराने को बढ़ावा न दें।
15
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: देश के सरकारी लेखाकार ने कहा है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कृष्णा-गोदावरी बेसिन से गैस निकासी पर आने वाली लागत को लगातार बढ़ा कर बताया, जो एक अरब डॉलर बैठता है, जबकि सरकार ने इसकी इजाजत नहीं दी थी. भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में कहा गया है, 'पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने मई 2012 में सलाह दी थी कि संचालक को अतिरिक्त क्षमता की कुल लागत वसूलने का अधिकार नहीं है, जो वर्ष 2011-12 तक 100.50 करोड़ डॉलर (6,043 करोड़ रुपये) बैठती है.' ऑडिट रिपोर्ट में मंगलवार को कहा गया है, 'मंत्रालय के निर्देश के बावजूद संचालक 2012-13 और 2013-14 की निकासी लागत में इस राशि को लगातार जोड़ता गया.' रिपोर्ट में रिलायंस इंडस्ट्रीज के जवाब भी शामिल हैं. रिपोर्ट में कहा गया है, 'संचालक ने जवाब में (अगस्त 2015) कहा कि यह मुद्दा मध्यस्थता की प्रक्रिया में है और इसलिए न्यायाधीन है. संचालक ने मध्यस्थता में शामिल दूसरे पक्ष के संभावित किसी नुकसान से बचने के लिए इस विषय पर अपनी टिप्पणी देने से मना कर दिया.' रिपोर्ट में एक स्वतंत्र विशेषज्ञ डीगोलयर एंड मैक्नॉटन द्वारा किए गए एक आंकलन को भी संज्ञान में लिया गया है, जिसमें संकेत किया गया है कि सरकारी स्वामित्व वाले तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) द्वारा संचालित बगल के गैस ब्लॉक से भी कुछ गैस रिलायंस इंडस्ट्रीज को आवंटित गैस ब्लॉक में लाई गई. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सरकार अगर आंकलन को स्वीकार करती है और रिलायंस इंडस्ट्रीज को इसके लिए ओएनजीसी को भुगतान का निर्देश देती है, तो यह कथित गैस ब्लॉक की वित्तीय व्यवस्था को प्रभावित कर सकता है, जिसमें अप्रैल 2009 से लेकर अबतक के पूरे संचालन के दौरान की लागत, मुनाफा, रॉयल्टी और कर शामिल होंगे.टिप्पणियां ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है, 'डीगोलयर एंड मैक्नॉटन की यह रिपोर्ट इस समय एक सदस्यी समिति के विचाराधीन है.' न्यायमूर्ति ए.पी. शाह इस रिपोर्ट की समीक्षा कर रहे हैं, और समीक्षा के बाद वह इस पर अपनी सिफारिश सौंपेंगे.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में कहा गया है, 'पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने मई 2012 में सलाह दी थी कि संचालक को अतिरिक्त क्षमता की कुल लागत वसूलने का अधिकार नहीं है, जो वर्ष 2011-12 तक 100.50 करोड़ डॉलर (6,043 करोड़ रुपये) बैठती है.' ऑडिट रिपोर्ट में मंगलवार को कहा गया है, 'मंत्रालय के निर्देश के बावजूद संचालक 2012-13 और 2013-14 की निकासी लागत में इस राशि को लगातार जोड़ता गया.' रिपोर्ट में रिलायंस इंडस्ट्रीज के जवाब भी शामिल हैं. रिपोर्ट में कहा गया है, 'संचालक ने जवाब में (अगस्त 2015) कहा कि यह मुद्दा मध्यस्थता की प्रक्रिया में है और इसलिए न्यायाधीन है. संचालक ने मध्यस्थता में शामिल दूसरे पक्ष के संभावित किसी नुकसान से बचने के लिए इस विषय पर अपनी टिप्पणी देने से मना कर दिया.' रिपोर्ट में एक स्वतंत्र विशेषज्ञ डीगोलयर एंड मैक्नॉटन द्वारा किए गए एक आंकलन को भी संज्ञान में लिया गया है, जिसमें संकेत किया गया है कि सरकारी स्वामित्व वाले तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) द्वारा संचालित बगल के गैस ब्लॉक से भी कुछ गैस रिलायंस इंडस्ट्रीज को आवंटित गैस ब्लॉक में लाई गई. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सरकार अगर आंकलन को स्वीकार करती है और रिलायंस इंडस्ट्रीज को इसके लिए ओएनजीसी को भुगतान का निर्देश देती है, तो यह कथित गैस ब्लॉक की वित्तीय व्यवस्था को प्रभावित कर सकता है, जिसमें अप्रैल 2009 से लेकर अबतक के पूरे संचालन के दौरान की लागत, मुनाफा, रॉयल्टी और कर शामिल होंगे.टिप्पणियां ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है, 'डीगोलयर एंड मैक्नॉटन की यह रिपोर्ट इस समय एक सदस्यी समिति के विचाराधीन है.' न्यायमूर्ति ए.पी. शाह इस रिपोर्ट की समीक्षा कर रहे हैं, और समीक्षा के बाद वह इस पर अपनी सिफारिश सौंपेंगे.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) रिपोर्ट में कहा गया है, 'संचालक ने जवाब में (अगस्त 2015) कहा कि यह मुद्दा मध्यस्थता की प्रक्रिया में है और इसलिए न्यायाधीन है. संचालक ने मध्यस्थता में शामिल दूसरे पक्ष के संभावित किसी नुकसान से बचने के लिए इस विषय पर अपनी टिप्पणी देने से मना कर दिया.' रिपोर्ट में एक स्वतंत्र विशेषज्ञ डीगोलयर एंड मैक्नॉटन द्वारा किए गए एक आंकलन को भी संज्ञान में लिया गया है, जिसमें संकेत किया गया है कि सरकारी स्वामित्व वाले तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) द्वारा संचालित बगल के गैस ब्लॉक से भी कुछ गैस रिलायंस इंडस्ट्रीज को आवंटित गैस ब्लॉक में लाई गई. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सरकार अगर आंकलन को स्वीकार करती है और रिलायंस इंडस्ट्रीज को इसके लिए ओएनजीसी को भुगतान का निर्देश देती है, तो यह कथित गैस ब्लॉक की वित्तीय व्यवस्था को प्रभावित कर सकता है, जिसमें अप्रैल 2009 से लेकर अबतक के पूरे संचालन के दौरान की लागत, मुनाफा, रॉयल्टी और कर शामिल होंगे.टिप्पणियां ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है, 'डीगोलयर एंड मैक्नॉटन की यह रिपोर्ट इस समय एक सदस्यी समिति के विचाराधीन है.' न्यायमूर्ति ए.पी. शाह इस रिपोर्ट की समीक्षा कर रहे हैं, और समीक्षा के बाद वह इस पर अपनी सिफारिश सौंपेंगे.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) रिपोर्ट में एक स्वतंत्र विशेषज्ञ डीगोलयर एंड मैक्नॉटन द्वारा किए गए एक आंकलन को भी संज्ञान में लिया गया है, जिसमें संकेत किया गया है कि सरकारी स्वामित्व वाले तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) द्वारा संचालित बगल के गैस ब्लॉक से भी कुछ गैस रिलायंस इंडस्ट्रीज को आवंटित गैस ब्लॉक में लाई गई. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सरकार अगर आंकलन को स्वीकार करती है और रिलायंस इंडस्ट्रीज को इसके लिए ओएनजीसी को भुगतान का निर्देश देती है, तो यह कथित गैस ब्लॉक की वित्तीय व्यवस्था को प्रभावित कर सकता है, जिसमें अप्रैल 2009 से लेकर अबतक के पूरे संचालन के दौरान की लागत, मुनाफा, रॉयल्टी और कर शामिल होंगे.टिप्पणियां ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है, 'डीगोलयर एंड मैक्नॉटन की यह रिपोर्ट इस समय एक सदस्यी समिति के विचाराधीन है.' न्यायमूर्ति ए.पी. शाह इस रिपोर्ट की समीक्षा कर रहे हैं, और समीक्षा के बाद वह इस पर अपनी सिफारिश सौंपेंगे.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सरकार अगर आंकलन को स्वीकार करती है और रिलायंस इंडस्ट्रीज को इसके लिए ओएनजीसी को भुगतान का निर्देश देती है, तो यह कथित गैस ब्लॉक की वित्तीय व्यवस्था को प्रभावित कर सकता है, जिसमें अप्रैल 2009 से लेकर अबतक के पूरे संचालन के दौरान की लागत, मुनाफा, रॉयल्टी और कर शामिल होंगे.टिप्पणियां ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है, 'डीगोलयर एंड मैक्नॉटन की यह रिपोर्ट इस समय एक सदस्यी समिति के विचाराधीन है.' न्यायमूर्ति ए.पी. शाह इस रिपोर्ट की समीक्षा कर रहे हैं, और समीक्षा के बाद वह इस पर अपनी सिफारिश सौंपेंगे.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है, 'डीगोलयर एंड मैक्नॉटन की यह रिपोर्ट इस समय एक सदस्यी समिति के विचाराधीन है.' न्यायमूर्ति ए.पी. शाह इस रिपोर्ट की समीक्षा कर रहे हैं, और समीक्षा के बाद वह इस पर अपनी सिफारिश सौंपेंगे.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में ऐसा कहा गया है इस रिपोर्ट में रिलायंस इंडस्ट्रीज के जवाब भी शामिल हैं इसमें स्वतंत्र विशेषज्ञ द्वारा किए गए आंकलन को भी संज्ञान में लिया गया है
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['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: विश्व की दूसरी वरीयता प्राप्त रूस की मारिया शारापोवा और फ्रांस की मरियन बर्तोली इंडियन वेल्स टूर्नामेंट के चौथे दौर में जगह बनाने में सफल रही हैं जबकि मौजूदा अमेरिकी ओपन ग्रैंड स्लैम चैम्पियन आस्ट्रेलिया की समांथा स्टोसुर को हार का सामना करना पड़ा है। महिला टेनिस संघ (डब्ल्यूटीए) की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, सोमवार को खेले गए एकल स्पर्धा के तीसरे दौर के मुकाबले में शारापोवा ने रोमानिया की सिमोना हालेप को सीधे सेटों में 6-3, 6-4 से मात दी। शारापोवा वर्ष 2006 में इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम कर चुकी हैं। अगले दौर में शारापोवा का सामना इटली की रोबर्टा विंसी से होगा। विंसी ने स्लोवाकिया की डोमिनिका सिबुल्कोवा को 6-7, 6-0, 6-4 से मात दी।टिप्पणियां विश्व की सातवीं वरीयता प्राप्त बर्तोली ने दक्षिण अफ्रीका की चैनले शीपर्स को 6-2, 6-0 से पराजित किया। एक अन्य मुकाबले में विश्व की 33वीं वरीयता प्राप्त रूस की नादिया पेत्रोवा ने स्टोसुर को संघर्षपूर्ण मुकाबले में 6-1, 6-7(6), 7-6(5) से हराया। पेत्रोवा अगले दौर में हमवतन मारिया किरिलेंको से भिड़ेंगी। किरिलेंको ने स्पेन की लूर्डेस डोमिनगेज लिनो को 6-2, 4-6,  6-4 से पराजित किया। महिला टेनिस संघ (डब्ल्यूटीए) की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, सोमवार को खेले गए एकल स्पर्धा के तीसरे दौर के मुकाबले में शारापोवा ने रोमानिया की सिमोना हालेप को सीधे सेटों में 6-3, 6-4 से मात दी। शारापोवा वर्ष 2006 में इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम कर चुकी हैं। अगले दौर में शारापोवा का सामना इटली की रोबर्टा विंसी से होगा। विंसी ने स्लोवाकिया की डोमिनिका सिबुल्कोवा को 6-7, 6-0, 6-4 से मात दी।टिप्पणियां विश्व की सातवीं वरीयता प्राप्त बर्तोली ने दक्षिण अफ्रीका की चैनले शीपर्स को 6-2, 6-0 से पराजित किया। एक अन्य मुकाबले में विश्व की 33वीं वरीयता प्राप्त रूस की नादिया पेत्रोवा ने स्टोसुर को संघर्षपूर्ण मुकाबले में 6-1, 6-7(6), 7-6(5) से हराया। पेत्रोवा अगले दौर में हमवतन मारिया किरिलेंको से भिड़ेंगी। किरिलेंको ने स्पेन की लूर्डेस डोमिनगेज लिनो को 6-2, 4-6,  6-4 से पराजित किया। अगले दौर में शारापोवा का सामना इटली की रोबर्टा विंसी से होगा। विंसी ने स्लोवाकिया की डोमिनिका सिबुल्कोवा को 6-7, 6-0, 6-4 से मात दी।टिप्पणियां विश्व की सातवीं वरीयता प्राप्त बर्तोली ने दक्षिण अफ्रीका की चैनले शीपर्स को 6-2, 6-0 से पराजित किया। एक अन्य मुकाबले में विश्व की 33वीं वरीयता प्राप्त रूस की नादिया पेत्रोवा ने स्टोसुर को संघर्षपूर्ण मुकाबले में 6-1, 6-7(6), 7-6(5) से हराया। पेत्रोवा अगले दौर में हमवतन मारिया किरिलेंको से भिड़ेंगी। किरिलेंको ने स्पेन की लूर्डेस डोमिनगेज लिनो को 6-2, 4-6,  6-4 से पराजित किया। विश्व की सातवीं वरीयता प्राप्त बर्तोली ने दक्षिण अफ्रीका की चैनले शीपर्स को 6-2, 6-0 से पराजित किया। एक अन्य मुकाबले में विश्व की 33वीं वरीयता प्राप्त रूस की नादिया पेत्रोवा ने स्टोसुर को संघर्षपूर्ण मुकाबले में 6-1, 6-7(6), 7-6(5) से हराया। पेत्रोवा अगले दौर में हमवतन मारिया किरिलेंको से भिड़ेंगी। किरिलेंको ने स्पेन की लूर्डेस डोमिनगेज लिनो को 6-2, 4-6,  6-4 से पराजित किया। पेत्रोवा अगले दौर में हमवतन मारिया किरिलेंको से भिड़ेंगी। किरिलेंको ने स्पेन की लूर्डेस डोमिनगेज लिनो को 6-2, 4-6,  6-4 से पराजित किया।
यहाँ एक सारांश है:विश्व की दूसरी वरीयता प्राप्त रूस की मारिया शारापोवा और फ्रांस की मरियन बर्तोली इंडियन वेल्स टूर्नामेंट के चौथे दौर में जगह बनाने में सफल रही हैं जबकि मौजूदा अमेरिकी ओपन ग्रैंड स्लैम चैम्पियन आस्ट्रेलिया की समांथा स्टोसुर को हार का सामना करना पड़ा है।
4
['hin']
एक सारांश बनाओ: Maharashtra Assembly Election 2019: महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray)  ने एक बार फिर बीजेपी के खिलाफ अपना मोर्चा खोल रखा है. उन्होंने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के फैसले को भुनाने के लिए बीजेपी नेताओं की आलोचना की है. उन्होंने राज्य में किसान आत्महत्या और सड़कों की खराब स्थिति जैसे मुद्दों पर बीजेपी की चुप्पी पर भी सवाल उठाया.  राज ठाकरे ने ठाणे जिले के भिवंडी और कल्याण में मनसे उम्मीदवारों के लिए शनिवार रात आयोजित चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ बीजेपी के नेता उन मुद्दों को उठा रहे हैं जिनका राज्य के चुनावों से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं, विशेष रूप से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने महाराष्ट्र में अपनी रैलियों में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करने के फैसले के बारे में बार-बार जिक्र किया.
संक्षिप्त पाठ: राज ठाकरे ने जमकर साधा बीजेपी पर निशाना धारा 370 हटाने के फैसले को भुनाने के लिए की आलोचना मतदाताओं से की सही को चुनने की अपील
30
['hin']
एक सारांश बनाओ: कोई लड़की अचानक राह चलते हाथ पकड़ ले तो कोई भी सकपका जाएगा. IDIOTUBE नाम के चैनल ने इस शरारती और हंसी से भरपूर वीडियो को यूट्यूब पर लोड किया है. इसमें एक लड़की और लड़का राह चलते लोगों से प्रैंक करते दिख रहे हैं. वीडियो में दिखाया गया है कि एक लड़का और लड़की मोबाइल हाथ में लिए साथ-साथ चलते हैं, लेकिन लड़की अचानक आगे चलते हुए किसी ओर का हाथ पकड़ लेती है. जैसे ही वह हाथ पकड़ती है, सामने वाला झेंप जाता है, या शरमा जाता है. यही नहीं कोई गुस्से से मुंह भी बना लेता है. जिन लोगों का यह लड़की हाथ पकड़ती है उनके इंप्रेशन को वीडियो में बहुत खूबसूरत तरीके से कैद किया गया है. यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इसे अब तक 15 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है.टिप्पणियां थकान और तनाव से भरी जिदंगी में यह वीडियो आपको गुदगुदाने के लिए मजबूर तो करेगा ही साथ ही हैरान भी करेगा कि कैसे यह लड़की अनजान लोगों का यूं ही सड़क पर चलते हुए हाथ पकड़ लेती है. हालांकि उनका साथ देने के लिए एक लड़का मौजूद था, लेकिन जिस इरादे के साथ लड़की निकली थी, वह पूरा करने में कामयाब जरूर रहती है. यही नहीं वीडियो की शुरुआत में यह साफ किया जाता है कि इस वीडियो को सिर्फ एंटरटेनमेंट के लिए बनाया है. इसके जरिए किसी भी व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं है. आप भी हंसना चाहते हैं तो नीचे दिए वीडियो पर क्लिक करें... वीडियो में दिखाया गया है कि एक लड़का और लड़की मोबाइल हाथ में लिए साथ-साथ चलते हैं, लेकिन लड़की अचानक आगे चलते हुए किसी ओर का हाथ पकड़ लेती है. जैसे ही वह हाथ पकड़ती है, सामने वाला झेंप जाता है, या शरमा जाता है. यही नहीं कोई गुस्से से मुंह भी बना लेता है. जिन लोगों का यह लड़की हाथ पकड़ती है उनके इंप्रेशन को वीडियो में बहुत खूबसूरत तरीके से कैद किया गया है. यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इसे अब तक 15 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है.टिप्पणियां थकान और तनाव से भरी जिदंगी में यह वीडियो आपको गुदगुदाने के लिए मजबूर तो करेगा ही साथ ही हैरान भी करेगा कि कैसे यह लड़की अनजान लोगों का यूं ही सड़क पर चलते हुए हाथ पकड़ लेती है. हालांकि उनका साथ देने के लिए एक लड़का मौजूद था, लेकिन जिस इरादे के साथ लड़की निकली थी, वह पूरा करने में कामयाब जरूर रहती है. यही नहीं वीडियो की शुरुआत में यह साफ किया जाता है कि इस वीडियो को सिर्फ एंटरटेनमेंट के लिए बनाया है. इसके जरिए किसी भी व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं है. आप भी हंसना चाहते हैं तो नीचे दिए वीडियो पर क्लिक करें... थकान और तनाव से भरी जिदंगी में यह वीडियो आपको गुदगुदाने के लिए मजबूर तो करेगा ही साथ ही हैरान भी करेगा कि कैसे यह लड़की अनजान लोगों का यूं ही सड़क पर चलते हुए हाथ पकड़ लेती है. हालांकि उनका साथ देने के लिए एक लड़का मौजूद था, लेकिन जिस इरादे के साथ लड़की निकली थी, वह पूरा करने में कामयाब जरूर रहती है. यही नहीं वीडियो की शुरुआत में यह साफ किया जाता है कि इस वीडियो को सिर्फ एंटरटेनमेंट के लिए बनाया है. इसके जरिए किसी भी व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं है. आप भी हंसना चाहते हैं तो नीचे दिए वीडियो पर क्लिक करें... यही नहीं वीडियो की शुरुआत में यह साफ किया जाता है कि इस वीडियो को सिर्फ एंटरटेनमेंट के लिए बनाया है. इसके जरिए किसी भी व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं है. आप भी हंसना चाहते हैं तो नीचे दिए वीडियो पर क्लिक करें...
लड़की के अचानक हाथ पकड़ने से कुछ लोग सकपका गए कुछ मुंह बनाकर साइड में चले गए तो कुछ इसे अपनी खुशकिस्मती समझ मुस्कुराने लगे
26
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के बलिपुर गांव में शाम का वक्त था, जब गांव के प्रधान नन्हें यादव को चार लोगों ने गोलियां मार दी। यह इलाका राजा भैया का कहा जाता है। इसी क्षेत्र से राजा भैया लगातार पांच बार विधायक बने हैं। कहा जा रहा है कि जिन चार लोगों ने प्रधान को गोली मारी वे राजा भैया के लोग थे। यह दावा स्थानीय पुलिस के लोग भी कर रहे हैं। गांव के प्रधान की हत्या ठीक उसी जगह पर की गई जहां पर कुछ दुकानों के कब्जे को लेकर विवाद था। इस हत्या की खबर सुनने के बाद डीएसपी जिया उल हक मौके पर तीन पुलिस वालों के साथ पहुंचे और घायल प्रधान को लेकर अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद वह प्रधान के शव के लेकर वापस गांव लौटे। इस समय तक उनके पास करीब आठ पुलिस वाले आ गए थे। लेकिन जब तक वह लौटे तब तक गांव में करीब 300 लोगों की क्रोधित भीड़ जमा हो चुकी थी। कहा जा रहा है कि इस भीड़ में कुछ लोग हथियार से लैस थे।   भीड़ को बेकाबू होते देख डीएसपी हक से साथ मौजूद पुलिसवाले धीमे-धीमे छुपने की जगहों पर पहुंच गए। उनका कहना है कि हक को लोगों ने अलग कर लिया। और प्रधान के घर के पीछे लेकर चले गए। इसके बाद तीन गोलियों की आवाज सुनाई दी। पुलिस का कहना है कि तीन में से दो गोलियां प्रधान के भाई सुरेश यादव को मारी गईं। वहीं से पांच मीटर की दूरी पर डीएसपी हक को बुरी तरह से पीटा गया। और फिर पीछे से गोली मार दी गई। डीएसपी के मृत शरीर को फिर घसीटकर कुंए के पास ले जाया गया।टिप्पणियां लेकिन डीएसपी हक की विधवा परवीन आजाद इस कहानी पर यकीन नहीं करतीं। उनका कहना है कि पुलिस वाले उन्हें जानबूझकर छोड़कर भाग गए। डीएसपी की हत्या के मामले में राजा भैया ने यूपी सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। सीबीआई ने भी हत्या के मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। कहा जा रहा है कि जिन चार लोगों ने प्रधान को गोली मारी वे राजा भैया के लोग थे। यह दावा स्थानीय पुलिस के लोग भी कर रहे हैं। गांव के प्रधान की हत्या ठीक उसी जगह पर की गई जहां पर कुछ दुकानों के कब्जे को लेकर विवाद था। इस हत्या की खबर सुनने के बाद डीएसपी जिया उल हक मौके पर तीन पुलिस वालों के साथ पहुंचे और घायल प्रधान को लेकर अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद वह प्रधान के शव के लेकर वापस गांव लौटे। इस समय तक उनके पास करीब आठ पुलिस वाले आ गए थे। लेकिन जब तक वह लौटे तब तक गांव में करीब 300 लोगों की क्रोधित भीड़ जमा हो चुकी थी। कहा जा रहा है कि इस भीड़ में कुछ लोग हथियार से लैस थे।   भीड़ को बेकाबू होते देख डीएसपी हक से साथ मौजूद पुलिसवाले धीमे-धीमे छुपने की जगहों पर पहुंच गए। उनका कहना है कि हक को लोगों ने अलग कर लिया। और प्रधान के घर के पीछे लेकर चले गए। इसके बाद तीन गोलियों की आवाज सुनाई दी। पुलिस का कहना है कि तीन में से दो गोलियां प्रधान के भाई सुरेश यादव को मारी गईं। वहीं से पांच मीटर की दूरी पर डीएसपी हक को बुरी तरह से पीटा गया। और फिर पीछे से गोली मार दी गई। डीएसपी के मृत शरीर को फिर घसीटकर कुंए के पास ले जाया गया।टिप्पणियां लेकिन डीएसपी हक की विधवा परवीन आजाद इस कहानी पर यकीन नहीं करतीं। उनका कहना है कि पुलिस वाले उन्हें जानबूझकर छोड़कर भाग गए। डीएसपी की हत्या के मामले में राजा भैया ने यूपी सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। सीबीआई ने भी हत्या के मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। इस हत्या की खबर सुनने के बाद डीएसपी जिया उल हक मौके पर तीन पुलिस वालों के साथ पहुंचे और घायल प्रधान को लेकर अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद वह प्रधान के शव के लेकर वापस गांव लौटे। इस समय तक उनके पास करीब आठ पुलिस वाले आ गए थे। लेकिन जब तक वह लौटे तब तक गांव में करीब 300 लोगों की क्रोधित भीड़ जमा हो चुकी थी। कहा जा रहा है कि इस भीड़ में कुछ लोग हथियार से लैस थे।   भीड़ को बेकाबू होते देख डीएसपी हक से साथ मौजूद पुलिसवाले धीमे-धीमे छुपने की जगहों पर पहुंच गए। उनका कहना है कि हक को लोगों ने अलग कर लिया। और प्रधान के घर के पीछे लेकर चले गए। इसके बाद तीन गोलियों की आवाज सुनाई दी। पुलिस का कहना है कि तीन में से दो गोलियां प्रधान के भाई सुरेश यादव को मारी गईं। वहीं से पांच मीटर की दूरी पर डीएसपी हक को बुरी तरह से पीटा गया। और फिर पीछे से गोली मार दी गई। डीएसपी के मृत शरीर को फिर घसीटकर कुंए के पास ले जाया गया।टिप्पणियां लेकिन डीएसपी हक की विधवा परवीन आजाद इस कहानी पर यकीन नहीं करतीं। उनका कहना है कि पुलिस वाले उन्हें जानबूझकर छोड़कर भाग गए। डीएसपी की हत्या के मामले में राजा भैया ने यूपी सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। सीबीआई ने भी हत्या के मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। लेकिन जब तक वह लौटे तब तक गांव में करीब 300 लोगों की क्रोधित भीड़ जमा हो चुकी थी। कहा जा रहा है कि इस भीड़ में कुछ लोग हथियार से लैस थे।   भीड़ को बेकाबू होते देख डीएसपी हक से साथ मौजूद पुलिसवाले धीमे-धीमे छुपने की जगहों पर पहुंच गए। उनका कहना है कि हक को लोगों ने अलग कर लिया। और प्रधान के घर के पीछे लेकर चले गए। इसके बाद तीन गोलियों की आवाज सुनाई दी। पुलिस का कहना है कि तीन में से दो गोलियां प्रधान के भाई सुरेश यादव को मारी गईं। वहीं से पांच मीटर की दूरी पर डीएसपी हक को बुरी तरह से पीटा गया। और फिर पीछे से गोली मार दी गई। डीएसपी के मृत शरीर को फिर घसीटकर कुंए के पास ले जाया गया।टिप्पणियां लेकिन डीएसपी हक की विधवा परवीन आजाद इस कहानी पर यकीन नहीं करतीं। उनका कहना है कि पुलिस वाले उन्हें जानबूझकर छोड़कर भाग गए। डीएसपी की हत्या के मामले में राजा भैया ने यूपी सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। सीबीआई ने भी हत्या के मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस का कहना है कि तीन में से दो गोलियां प्रधान के भाई सुरेश यादव को मारी गईं। वहीं से पांच मीटर की दूरी पर डीएसपी हक को बुरी तरह से पीटा गया। और फिर पीछे से गोली मार दी गई। डीएसपी के मृत शरीर को फिर घसीटकर कुंए के पास ले जाया गया।टिप्पणियां लेकिन डीएसपी हक की विधवा परवीन आजाद इस कहानी पर यकीन नहीं करतीं। उनका कहना है कि पुलिस वाले उन्हें जानबूझकर छोड़कर भाग गए। डीएसपी की हत्या के मामले में राजा भैया ने यूपी सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। सीबीआई ने भी हत्या के मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। लेकिन डीएसपी हक की विधवा परवीन आजाद इस कहानी पर यकीन नहीं करतीं। उनका कहना है कि पुलिस वाले उन्हें जानबूझकर छोड़कर भाग गए। डीएसपी की हत्या के मामले में राजा भैया ने यूपी सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। सीबीआई ने भी हत्या के मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। डीएसपी की हत्या के मामले में राजा भैया ने यूपी सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। सीबीआई ने भी हत्या के मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
यह एक सारांश है: पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के बलिपुर गांव में शाम का वक्त था, जब गांव के प्रधान नन्हें यादव को चार लोगों ने गोलियां मार दी। यह इलाका राजा भैया का कहा जाता है। इसी क्षेत्र से राजा भैया लगातार पांच बार विधायक बने हैं।
9
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: भोपाल सेंट्रल जेल से कथित तौर पर फरार आठ कैदियों के एनकाउंटर के मामले में अब मध्य प्रदेश सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं. सरकार ने कहा है कि इस मामले में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जांच करेंगे. बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट से रिटायर्ज जज जस्टिस  एसके पांडे इस पूरे मामले की जांच करेंगे. सरकार ने अब यह भी साफ कर दिया है कि यह जांच केवल कैदियों के जेल से फरार होने तक सीमित नहीं रहेगी बल्कि जांच का दायरा एनकाउंटर तक रहेगा. उल्लेखनीय है कि भोपाल की जेल से रविवार रात गार्ड की हत्या कर फरार हुए सभी कैदियों को पुलिस ने शहर के बाहरी इलाके में एक एनकाउंटर में मार गिराया था. यह एनकाउंटर भोपाल से 12 किलोमीटर दूर ईंटखेड़ा गांव में हुआ था.   कहा गया कि फरार होने से पहले इन कथित सिमी के आतंकियों ने ड्यूटी पर तैनात गार्ड रमाशंकर यादव की हत्या की. हत्या के लिए कैदियों ने कोई धारदार वस्तु का इस्तेमाल किया. और फिर चादर के सहारे जेल की दीवार फांद कर फरार हो गए थे.टिप्पणियां इस एनकाउंटर से जुड़े कई वीडियो सोशल साइट्स पर आए और उसके बाद एनकाउंटर पर सवाल उठाए जाने लगे. पुलिस जहां अपने दावों को सही ठहरा रही थी वहीं, मारे गए लोगों के परिजनों के साथ तमाम अन्य लोग पूरे वारदात पर संदेह व्यक्त कर रहे थे. तभी से इस पूरे मामले में जांच की मांग की जा रही थी.   सरकार ने अब यह भी साफ कर दिया है कि यह जांच केवल कैदियों के जेल से फरार होने तक सीमित नहीं रहेगी बल्कि जांच का दायरा एनकाउंटर तक रहेगा. उल्लेखनीय है कि भोपाल की जेल से रविवार रात गार्ड की हत्या कर फरार हुए सभी कैदियों को पुलिस ने शहर के बाहरी इलाके में एक एनकाउंटर में मार गिराया था. यह एनकाउंटर भोपाल से 12 किलोमीटर दूर ईंटखेड़ा गांव में हुआ था.   कहा गया कि फरार होने से पहले इन कथित सिमी के आतंकियों ने ड्यूटी पर तैनात गार्ड रमाशंकर यादव की हत्या की. हत्या के लिए कैदियों ने कोई धारदार वस्तु का इस्तेमाल किया. और फिर चादर के सहारे जेल की दीवार फांद कर फरार हो गए थे.टिप्पणियां इस एनकाउंटर से जुड़े कई वीडियो सोशल साइट्स पर आए और उसके बाद एनकाउंटर पर सवाल उठाए जाने लगे. पुलिस जहां अपने दावों को सही ठहरा रही थी वहीं, मारे गए लोगों के परिजनों के साथ तमाम अन्य लोग पूरे वारदात पर संदेह व्यक्त कर रहे थे. तभी से इस पूरे मामले में जांच की मांग की जा रही थी.   उल्लेखनीय है कि भोपाल की जेल से रविवार रात गार्ड की हत्या कर फरार हुए सभी कैदियों को पुलिस ने शहर के बाहरी इलाके में एक एनकाउंटर में मार गिराया था. यह एनकाउंटर भोपाल से 12 किलोमीटर दूर ईंटखेड़ा गांव में हुआ था.   कहा गया कि फरार होने से पहले इन कथित सिमी के आतंकियों ने ड्यूटी पर तैनात गार्ड रमाशंकर यादव की हत्या की. हत्या के लिए कैदियों ने कोई धारदार वस्तु का इस्तेमाल किया. और फिर चादर के सहारे जेल की दीवार फांद कर फरार हो गए थे.टिप्पणियां इस एनकाउंटर से जुड़े कई वीडियो सोशल साइट्स पर आए और उसके बाद एनकाउंटर पर सवाल उठाए जाने लगे. पुलिस जहां अपने दावों को सही ठहरा रही थी वहीं, मारे गए लोगों के परिजनों के साथ तमाम अन्य लोग पूरे वारदात पर संदेह व्यक्त कर रहे थे. तभी से इस पूरे मामले में जांच की मांग की जा रही थी.   इस एनकाउंटर से जुड़े कई वीडियो सोशल साइट्स पर आए और उसके बाद एनकाउंटर पर सवाल उठाए जाने लगे. पुलिस जहां अपने दावों को सही ठहरा रही थी वहीं, मारे गए लोगों के परिजनों के साथ तमाम अन्य लोग पूरे वारदात पर संदेह व्यक्त कर रहे थे. तभी से इस पूरे मामले में जांच की मांग की जा रही थी.
यहाँ एक सारांश है:हाईकोर्ट से रिटायर्ज जस्टिस एसके पांडे इस पूरे मामले की जांच करेंगे. भोपाल की जेल से रविवार रात गार्ड की हत्या कर आठ कैदी हुए थे फरार सभी को भोपाल से 12 किलोमीटर दूर एनकाउंटर में मारा गया.
12
['hin']
एक सारांश बनाओ: देश का सबसे बड़ा टैक्स डिफॉल्टर हसन अली आखिरकार कानून के फंदे में फंस ही गया। मंगलवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। गिरफ्तारी से पहले प्रवर्तन निदेशालय ने उससे करीब छह घंटे तक पूछताछ की। सोमवार को हसन अली के पुणे और मुंबई के घर पर छापा मारा था। दिल्ली, गुड़गांव, कोलकाता और हैदराबाद में उसके सहयोगियों के ठिकानों की भी तलाशी ली गई थी। खबर है कि हसन अली के आर्म्स डीलर अदनान खशहोग्गी से संबंधों का पता चला है जो अगर साबित हो गए तो उस पर बेहद सख्त धाराएं लगाई जा सकती हैं। ये गिरफ्तारी इस मायने में अहम है कि आज ब्लैक मनी के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सरकार को इस पर जवाब देना है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को आड़े हाथों लेते हुए पूछा था कि हसन अली को कस्टडी में लेकर पूछताछ क्यों नहीं की गई। सरकार आज कोर्ट को बताएगी है कि वो काला धन रखने वाले अपराधियों से निपटने के लिए क्या कर रही है?
यहाँ एक सारांश है:देश का सबसे बड़ा टैक्स डिफॉल्टर हसन अली आखिरकार कानून के फंदे में फंस ही गया। मंगलवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।
15
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: यूनान में बढ़ते राजनीतिक गतिरोध और सरकार के मितव्यतता उपायों के प्रति बढ़ते असंतोष के मद्देनजर यूरोपीय संघ ने ऋण संकट में फंसे इस देश के लिए अरबों यूरो का राहत पैकेज देने का फैसला फिलहाल टाल दिया है। यूरोपीय आयोग ने गुरुवार को यह जरूर कहा कि यूनान को दिवालिया होने से बचाने के लिए पिछले साल मंजूर किए गए 110 अरब यूरो (159 अरब डॉलर) के राहत पैकेज की पांचवीं किस्त के रूप में उसे 12 अरब यूरो दिए जाएंगे। यूरो क्षेत्र के वित्त मंत्रियों की इसी सप्ताह लक्जमबर्ग में बैठक होने जा रही है, जिसमें इस बारे में आगे विचार किया जाएगा। यूरोपीय आयोग के मौद्रिक ममलों के प्रभारी आयुक्त ओलि रेन ने कहा कि इस 12 अरब यूरो से यूनान अगले कुछ माह के लिए अपने कर्ज को चुका पाएगा और सितंबर तक दिवालिया होने से बचा रहेगा। यूरोपीय संघ के वित्त मंत्रियों की 11 जुलाई को बैठक होनी है। उसी में यूनान के लिए दूसरे राहत पैकेज पर फैसला किया जाएगा। रेन ने यूरो क्षेत्र के वित्त मंत्रियों से आग्रह किया कि वे अपने मतभेदों को भुलाकर इस बारे में कोई जिम्मेदारी वाला करार करें। यूरोपीय संघ ने यह फैसला ऐसे समय किया है, जब यूनान के प्रधानमंत्री जॉर्ज पापान्द्रूयू नया मंत्रिमंडल बनाने तथा अपने नए मितव्यतता उपायों के लिए संसद का समर्थन पाने के लिए कड़ा संघर्ष कर रहे हैं। समझा जाता है कि जर्मनी ने कहा है कि यूनान के लिए दूसरे राहत पैकेज पर फैसला सितंबर तक टाला जाए, पर यूनान, आयरलैंड, पुर्तगाल के साथ स्पेन, इटली और बेल्जियम ने जर्मनी के प्रस्ताव का विरोध किया है।
सारांश: यूनान में बढ़ते राजनीतिक गतिरोध के चलते यूरोपीय संघ ने ऋण संकट में फंसे इस देश के लिए अरबों यूरो का राहत पैकेज देने का फैसला टाल दिया है।
33
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: देश के शेयर बाजारों में लगातार दूसरे सप्ताह तेजी रही। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स आलोच्य अवधि में 2.09 फीसदी या 359.81 अंकों की तेजी के साथ 17,557.74 पर बंद हुआ। सेंसेक्स पिछले सप्ताह 2.13 फीसदी या 358.74 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 17,197.93 पर बंद हुआ था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी आलोच्य सप्ताह में 2.00 फीसदी या 104.70 अंकों की तेजी के साथ 5,320.40 पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह निफ्टी 2.27 फीसदी या 115.85 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 5,215.70 पर बंद हुआ था। आलोच्य अवधि में बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में मामूली तेजी रही। मिडकैप 0.45 फीसदी या 27.08 अंकों की तेजी के साथ 6,099.61 पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह मिडकैप में 3.14 फीसदी तेजी रही थी। बीएसई का स्मॉलकैप 0.06 फीसदी या 4.07 अंकों की तेजी के साथ 6,549.77 पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह स्मॉलकैप में 2.96 फीसदी की तेजी रही थी। गत सप्ताह सेंसेक्स में तेजी में रहने वाले प्रमुख शेयरों में रहे स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (8.77 फीसदी), महिंद्रा एंड महिंद्रा (7.77 फीसदी), हिंदुस्तान युनिलीवर (6.54 फीसदी), रिलायंस इंडस्ट्रीज (5.27 फीसदी) और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (5.23 फीसदी)। सेंसेक्स में इस सप्ताह गिरावट में रहने वाले शेयरों में प्रमुख रहे भारती एयरटेल (13.73 फीसदी), भारतीय स्टेट बैंक (5.86 फीसदी), हीरो मोटोकॉर्प (2.28 फीसदी), डॉ. रेड्डीज लैब (1.56 फीसदी) और एचडीएफसी (1.32 फीसदी)। गत सप्ताह बीएसई के 13 में से 11 सेक्टरों में तेजी रही। वाहन (3.86 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (3.56 फीसदी), धातु (3.12 फीसदी), तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (2.85 फीसदी) और तेल एवं गैस (2.51 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। बीएसई के दो सेक्टरों उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (1.80 फीसदी) और रियल्टी (0.25 फीसदी) में गिरावट रही। इस सप्ताह के महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा कि निवेशकों की अपेक्षाओं के मुताबिक सरकार आर्थिक नीतियों में संशोधन करेगी, वित्तीय घाटा कम करेगी और विकास में तेजी लाएगी। उन्होंने कहा, "हम सम्भावित निवेशकों से अपनी नीतियों के बारे में बेहतर संवाद बनाएंगे। हमारा लक्ष्य भारत में कारोबार की राह में समझी जाने वाली बाधाओं को हटाना होगा, इसके तहत अनुचित नियमों के बोझ का डर भी शामिल है।" चिदम्बरम ने कहा कि विशाल नकदी भंडार वाली भारतीय कम्पनियों को निवेश शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा और विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के पास आए प्रस्तावों पर तेजी से फैसला लेना होगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने सरकार को वित्तीय घाटा कम करने के उपाय सुझाने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो कुछ ही सप्ताह में अपनी सिफारिश देगी। चिदम्बरम ने कहा कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति आधारभूत संरचना परियोजनाओं को तेजी से लागू करने के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करेगी। चिदम्बरम ने कहा, "कुछ क्षेत्र दबाव में हैं जैसे पेट्रोलियम, बिजली और कपड़ा क्षेत्र। हमें कोयला, खनन, पेट्रोलियम, बिजली, सड़क परिवहन, रेलवे और बंदरगाह क्षेत्र में उच्च उत्पादन को बाधित करने वाली समस्याओं का व्यावहारिक समाधान खोजना हेागा।" मंगलवार को शोध एवं रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने मौजूदा कारोबारी वर्ष में देश की विकास दर का अनुमान घटाकर 5.5 फीसदी कर दिया। एजेंसी ने पहले 6.5 फीसदी विकास दर की सम्भावना जताई थी। एजेंसी ने खराब मानसून और यूरोपीय संकट के लगातार गम्भीर होने के कारण विकास दर का अनुमान घटाया। गुरुवार को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन में काफी गिरावट दर्ज किए जाने के कारण जून में देश का समग्र औद्योगिक उत्पादन 1.8 फीसदी कम रहा। पिछले चार महीने में तीसरी बार औद्योगिक उत्पादन घटा है। औद्योगिक उत्पादन में अप्रैल-जून की अवधि में 0.1 फीसदी गिरावट रही। केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने औद्योगिक उत्पादन आंकड़े पर निराशा जताई और कहा महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान देने, बाधाओं को हटाने और उत्पादन को बढ़ाने की जरूरत है। आलोच्य अवधि में विनिर्माण क्षेत्र में 3.2 फीसदी और पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में 27.9 फीसदी गिरावट रही थी।टिप्पणियां फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष आर.वी. कनोरिया ने कहा, "पूंजीगत वस्तु अर्थव्यवस्था का रणनीतिक क्षेत्र है। इसमें पिछले कुछ महीने से नकारात्मक विकास देखा जा रहा है और जून में इसमें लगभग 28 फीसदी गिरावट रही। हमें इस क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए विशेष कदम उठाने होंगे।" आलोच्य अवधि में बिजली से चलने वाली मशीनों और उपकरणों के उत्पादन में 56 फीसदी, खाद्य और पेय उद्योग में 5.7 फीसदी और तम्बाकू उत्पादन में 5.4 फीसदी गिरावट रही। सेंसेक्स पिछले सप्ताह 2.13 फीसदी या 358.74 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 17,197.93 पर बंद हुआ था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी आलोच्य सप्ताह में 2.00 फीसदी या 104.70 अंकों की तेजी के साथ 5,320.40 पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह निफ्टी 2.27 फीसदी या 115.85 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 5,215.70 पर बंद हुआ था। आलोच्य अवधि में बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में मामूली तेजी रही। मिडकैप 0.45 फीसदी या 27.08 अंकों की तेजी के साथ 6,099.61 पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह मिडकैप में 3.14 फीसदी तेजी रही थी। बीएसई का स्मॉलकैप 0.06 फीसदी या 4.07 अंकों की तेजी के साथ 6,549.77 पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह स्मॉलकैप में 2.96 फीसदी की तेजी रही थी। गत सप्ताह सेंसेक्स में तेजी में रहने वाले प्रमुख शेयरों में रहे स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (8.77 फीसदी), महिंद्रा एंड महिंद्रा (7.77 फीसदी), हिंदुस्तान युनिलीवर (6.54 फीसदी), रिलायंस इंडस्ट्रीज (5.27 फीसदी) और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (5.23 फीसदी)। सेंसेक्स में इस सप्ताह गिरावट में रहने वाले शेयरों में प्रमुख रहे भारती एयरटेल (13.73 फीसदी), भारतीय स्टेट बैंक (5.86 फीसदी), हीरो मोटोकॉर्प (2.28 फीसदी), डॉ. रेड्डीज लैब (1.56 फीसदी) और एचडीएफसी (1.32 फीसदी)। गत सप्ताह बीएसई के 13 में से 11 सेक्टरों में तेजी रही। वाहन (3.86 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (3.56 फीसदी), धातु (3.12 फीसदी), तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (2.85 फीसदी) और तेल एवं गैस (2.51 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। बीएसई के दो सेक्टरों उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (1.80 फीसदी) और रियल्टी (0.25 फीसदी) में गिरावट रही। इस सप्ताह के महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा कि निवेशकों की अपेक्षाओं के मुताबिक सरकार आर्थिक नीतियों में संशोधन करेगी, वित्तीय घाटा कम करेगी और विकास में तेजी लाएगी। उन्होंने कहा, "हम सम्भावित निवेशकों से अपनी नीतियों के बारे में बेहतर संवाद बनाएंगे। हमारा लक्ष्य भारत में कारोबार की राह में समझी जाने वाली बाधाओं को हटाना होगा, इसके तहत अनुचित नियमों के बोझ का डर भी शामिल है।" चिदम्बरम ने कहा कि विशाल नकदी भंडार वाली भारतीय कम्पनियों को निवेश शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा और विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के पास आए प्रस्तावों पर तेजी से फैसला लेना होगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने सरकार को वित्तीय घाटा कम करने के उपाय सुझाने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो कुछ ही सप्ताह में अपनी सिफारिश देगी। चिदम्बरम ने कहा कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति आधारभूत संरचना परियोजनाओं को तेजी से लागू करने के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करेगी। चिदम्बरम ने कहा, "कुछ क्षेत्र दबाव में हैं जैसे पेट्रोलियम, बिजली और कपड़ा क्षेत्र। हमें कोयला, खनन, पेट्रोलियम, बिजली, सड़क परिवहन, रेलवे और बंदरगाह क्षेत्र में उच्च उत्पादन को बाधित करने वाली समस्याओं का व्यावहारिक समाधान खोजना हेागा।" मंगलवार को शोध एवं रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने मौजूदा कारोबारी वर्ष में देश की विकास दर का अनुमान घटाकर 5.5 फीसदी कर दिया। एजेंसी ने पहले 6.5 फीसदी विकास दर की सम्भावना जताई थी। एजेंसी ने खराब मानसून और यूरोपीय संकट के लगातार गम्भीर होने के कारण विकास दर का अनुमान घटाया। गुरुवार को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन में काफी गिरावट दर्ज किए जाने के कारण जून में देश का समग्र औद्योगिक उत्पादन 1.8 फीसदी कम रहा। पिछले चार महीने में तीसरी बार औद्योगिक उत्पादन घटा है। औद्योगिक उत्पादन में अप्रैल-जून की अवधि में 0.1 फीसदी गिरावट रही। केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने औद्योगिक उत्पादन आंकड़े पर निराशा जताई और कहा महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान देने, बाधाओं को हटाने और उत्पादन को बढ़ाने की जरूरत है। आलोच्य अवधि में विनिर्माण क्षेत्र में 3.2 फीसदी और पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में 27.9 फीसदी गिरावट रही थी।टिप्पणियां फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष आर.वी. कनोरिया ने कहा, "पूंजीगत वस्तु अर्थव्यवस्था का रणनीतिक क्षेत्र है। इसमें पिछले कुछ महीने से नकारात्मक विकास देखा जा रहा है और जून में इसमें लगभग 28 फीसदी गिरावट रही। हमें इस क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए विशेष कदम उठाने होंगे।" आलोच्य अवधि में बिजली से चलने वाली मशीनों और उपकरणों के उत्पादन में 56 फीसदी, खाद्य और पेय उद्योग में 5.7 फीसदी और तम्बाकू उत्पादन में 5.4 फीसदी गिरावट रही। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी आलोच्य सप्ताह में 2.00 फीसदी या 104.70 अंकों की तेजी के साथ 5,320.40 पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह निफ्टी 2.27 फीसदी या 115.85 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 5,215.70 पर बंद हुआ था। आलोच्य अवधि में बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में मामूली तेजी रही। मिडकैप 0.45 फीसदी या 27.08 अंकों की तेजी के साथ 6,099.61 पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह मिडकैप में 3.14 फीसदी तेजी रही थी। बीएसई का स्मॉलकैप 0.06 फीसदी या 4.07 अंकों की तेजी के साथ 6,549.77 पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह स्मॉलकैप में 2.96 फीसदी की तेजी रही थी। गत सप्ताह सेंसेक्स में तेजी में रहने वाले प्रमुख शेयरों में रहे स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (8.77 फीसदी), महिंद्रा एंड महिंद्रा (7.77 फीसदी), हिंदुस्तान युनिलीवर (6.54 फीसदी), रिलायंस इंडस्ट्रीज (5.27 फीसदी) और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (5.23 फीसदी)। सेंसेक्स में इस सप्ताह गिरावट में रहने वाले शेयरों में प्रमुख रहे भारती एयरटेल (13.73 फीसदी), भारतीय स्टेट बैंक (5.86 फीसदी), हीरो मोटोकॉर्प (2.28 फीसदी), डॉ. रेड्डीज लैब (1.56 फीसदी) और एचडीएफसी (1.32 फीसदी)। गत सप्ताह बीएसई के 13 में से 11 सेक्टरों में तेजी रही। वाहन (3.86 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (3.56 फीसदी), धातु (3.12 फीसदी), तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (2.85 फीसदी) और तेल एवं गैस (2.51 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। बीएसई के दो सेक्टरों उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (1.80 फीसदी) और रियल्टी (0.25 फीसदी) में गिरावट रही। इस सप्ताह के महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा कि निवेशकों की अपेक्षाओं के मुताबिक सरकार आर्थिक नीतियों में संशोधन करेगी, वित्तीय घाटा कम करेगी और विकास में तेजी लाएगी। उन्होंने कहा, "हम सम्भावित निवेशकों से अपनी नीतियों के बारे में बेहतर संवाद बनाएंगे। हमारा लक्ष्य भारत में कारोबार की राह में समझी जाने वाली बाधाओं को हटाना होगा, इसके तहत अनुचित नियमों के बोझ का डर भी शामिल है।" चिदम्बरम ने कहा कि विशाल नकदी भंडार वाली भारतीय कम्पनियों को निवेश शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा और विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के पास आए प्रस्तावों पर तेजी से फैसला लेना होगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने सरकार को वित्तीय घाटा कम करने के उपाय सुझाने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो कुछ ही सप्ताह में अपनी सिफारिश देगी। चिदम्बरम ने कहा कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति आधारभूत संरचना परियोजनाओं को तेजी से लागू करने के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करेगी। चिदम्बरम ने कहा, "कुछ क्षेत्र दबाव में हैं जैसे पेट्रोलियम, बिजली और कपड़ा क्षेत्र। हमें कोयला, खनन, पेट्रोलियम, बिजली, सड़क परिवहन, रेलवे और बंदरगाह क्षेत्र में उच्च उत्पादन को बाधित करने वाली समस्याओं का व्यावहारिक समाधान खोजना हेागा।" मंगलवार को शोध एवं रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने मौजूदा कारोबारी वर्ष में देश की विकास दर का अनुमान घटाकर 5.5 फीसदी कर दिया। एजेंसी ने पहले 6.5 फीसदी विकास दर की सम्भावना जताई थी। एजेंसी ने खराब मानसून और यूरोपीय संकट के लगातार गम्भीर होने के कारण विकास दर का अनुमान घटाया। गुरुवार को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन में काफी गिरावट दर्ज किए जाने के कारण जून में देश का समग्र औद्योगिक उत्पादन 1.8 फीसदी कम रहा। पिछले चार महीने में तीसरी बार औद्योगिक उत्पादन घटा है। औद्योगिक उत्पादन में अप्रैल-जून की अवधि में 0.1 फीसदी गिरावट रही। केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने औद्योगिक उत्पादन आंकड़े पर निराशा जताई और कहा महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान देने, बाधाओं को हटाने और उत्पादन को बढ़ाने की जरूरत है। आलोच्य अवधि में विनिर्माण क्षेत्र में 3.2 फीसदी और पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में 27.9 फीसदी गिरावट रही थी।टिप्पणियां फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष आर.वी. कनोरिया ने कहा, "पूंजीगत वस्तु अर्थव्यवस्था का रणनीतिक क्षेत्र है। इसमें पिछले कुछ महीने से नकारात्मक विकास देखा जा रहा है और जून में इसमें लगभग 28 फीसदी गिरावट रही। हमें इस क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए विशेष कदम उठाने होंगे।" आलोच्य अवधि में बिजली से चलने वाली मशीनों और उपकरणों के उत्पादन में 56 फीसदी, खाद्य और पेय उद्योग में 5.7 फीसदी और तम्बाकू उत्पादन में 5.4 फीसदी गिरावट रही। पिछले सप्ताह निफ्टी 2.27 फीसदी या 115.85 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 5,215.70 पर बंद हुआ था। आलोच्य अवधि में बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में मामूली तेजी रही। मिडकैप 0.45 फीसदी या 27.08 अंकों की तेजी के साथ 6,099.61 पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह मिडकैप में 3.14 फीसदी तेजी रही थी। बीएसई का स्मॉलकैप 0.06 फीसदी या 4.07 अंकों की तेजी के साथ 6,549.77 पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह स्मॉलकैप में 2.96 फीसदी की तेजी रही थी। गत सप्ताह सेंसेक्स में तेजी में रहने वाले प्रमुख शेयरों में रहे स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (8.77 फीसदी), महिंद्रा एंड महिंद्रा (7.77 फीसदी), हिंदुस्तान युनिलीवर (6.54 फीसदी), रिलायंस इंडस्ट्रीज (5.27 फीसदी) और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (5.23 फीसदी)। सेंसेक्स में इस सप्ताह गिरावट में रहने वाले शेयरों में प्रमुख रहे भारती एयरटेल (13.73 फीसदी), भारतीय स्टेट बैंक (5.86 फीसदी), हीरो मोटोकॉर्प (2.28 फीसदी), डॉ. रेड्डीज लैब (1.56 फीसदी) और एचडीएफसी (1.32 फीसदी)। गत सप्ताह बीएसई के 13 में से 11 सेक्टरों में तेजी रही। वाहन (3.86 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (3.56 फीसदी), धातु (3.12 फीसदी), तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (2.85 फीसदी) और तेल एवं गैस (2.51 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। बीएसई के दो सेक्टरों उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (1.80 फीसदी) और रियल्टी (0.25 फीसदी) में गिरावट रही। इस सप्ताह के महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा कि निवेशकों की अपेक्षाओं के मुताबिक सरकार आर्थिक नीतियों में संशोधन करेगी, वित्तीय घाटा कम करेगी और विकास में तेजी लाएगी। उन्होंने कहा, "हम सम्भावित निवेशकों से अपनी नीतियों के बारे में बेहतर संवाद बनाएंगे। हमारा लक्ष्य भारत में कारोबार की राह में समझी जाने वाली बाधाओं को हटाना होगा, इसके तहत अनुचित नियमों के बोझ का डर भी शामिल है।" चिदम्बरम ने कहा कि विशाल नकदी भंडार वाली भारतीय कम्पनियों को निवेश शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा और विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के पास आए प्रस्तावों पर तेजी से फैसला लेना होगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने सरकार को वित्तीय घाटा कम करने के उपाय सुझाने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो कुछ ही सप्ताह में अपनी सिफारिश देगी। चिदम्बरम ने कहा कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति आधारभूत संरचना परियोजनाओं को तेजी से लागू करने के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करेगी। चिदम्बरम ने कहा, "कुछ क्षेत्र दबाव में हैं जैसे पेट्रोलियम, बिजली और कपड़ा क्षेत्र। हमें कोयला, खनन, पेट्रोलियम, बिजली, सड़क परिवहन, रेलवे और बंदरगाह क्षेत्र में उच्च उत्पादन को बाधित करने वाली समस्याओं का व्यावहारिक समाधान खोजना हेागा।" मंगलवार को शोध एवं रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने मौजूदा कारोबारी वर्ष में देश की विकास दर का अनुमान घटाकर 5.5 फीसदी कर दिया। एजेंसी ने पहले 6.5 फीसदी विकास दर की सम्भावना जताई थी। एजेंसी ने खराब मानसून और यूरोपीय संकट के लगातार गम्भीर होने के कारण विकास दर का अनुमान घटाया। गुरुवार को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन में काफी गिरावट दर्ज किए जाने के कारण जून में देश का समग्र औद्योगिक उत्पादन 1.8 फीसदी कम रहा। पिछले चार महीने में तीसरी बार औद्योगिक उत्पादन घटा है। औद्योगिक उत्पादन में अप्रैल-जून की अवधि में 0.1 फीसदी गिरावट रही। केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने औद्योगिक उत्पादन आंकड़े पर निराशा जताई और कहा महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान देने, बाधाओं को हटाने और उत्पादन को बढ़ाने की जरूरत है। आलोच्य अवधि में विनिर्माण क्षेत्र में 3.2 फीसदी और पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में 27.9 फीसदी गिरावट रही थी।टिप्पणियां फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष आर.वी. कनोरिया ने कहा, "पूंजीगत वस्तु अर्थव्यवस्था का रणनीतिक क्षेत्र है। इसमें पिछले कुछ महीने से नकारात्मक विकास देखा जा रहा है और जून में इसमें लगभग 28 फीसदी गिरावट रही। हमें इस क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए विशेष कदम उठाने होंगे।" आलोच्य अवधि में बिजली से चलने वाली मशीनों और उपकरणों के उत्पादन में 56 फीसदी, खाद्य और पेय उद्योग में 5.7 फीसदी और तम्बाकू उत्पादन में 5.4 फीसदी गिरावट रही। आलोच्य अवधि में बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में मामूली तेजी रही। मिडकैप 0.45 फीसदी या 27.08 अंकों की तेजी के साथ 6,099.61 पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह मिडकैप में 3.14 फीसदी तेजी रही थी। बीएसई का स्मॉलकैप 0.06 फीसदी या 4.07 अंकों की तेजी के साथ 6,549.77 पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह स्मॉलकैप में 2.96 फीसदी की तेजी रही थी। गत सप्ताह सेंसेक्स में तेजी में रहने वाले प्रमुख शेयरों में रहे स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (8.77 फीसदी), महिंद्रा एंड महिंद्रा (7.77 फीसदी), हिंदुस्तान युनिलीवर (6.54 फीसदी), रिलायंस इंडस्ट्रीज (5.27 फीसदी) और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (5.23 फीसदी)। सेंसेक्स में इस सप्ताह गिरावट में रहने वाले शेयरों में प्रमुख रहे भारती एयरटेल (13.73 फीसदी), भारतीय स्टेट बैंक (5.86 फीसदी), हीरो मोटोकॉर्प (2.28 फीसदी), डॉ. रेड्डीज लैब (1.56 फीसदी) और एचडीएफसी (1.32 फीसदी)। गत सप्ताह बीएसई के 13 में से 11 सेक्टरों में तेजी रही। वाहन (3.86 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (3.56 फीसदी), धातु (3.12 फीसदी), तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (2.85 फीसदी) और तेल एवं गैस (2.51 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। बीएसई के दो सेक्टरों उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (1.80 फीसदी) और रियल्टी (0.25 फीसदी) में गिरावट रही। इस सप्ताह के महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा कि निवेशकों की अपेक्षाओं के मुताबिक सरकार आर्थिक नीतियों में संशोधन करेगी, वित्तीय घाटा कम करेगी और विकास में तेजी लाएगी। उन्होंने कहा, "हम सम्भावित निवेशकों से अपनी नीतियों के बारे में बेहतर संवाद बनाएंगे। हमारा लक्ष्य भारत में कारोबार की राह में समझी जाने वाली बाधाओं को हटाना होगा, इसके तहत अनुचित नियमों के बोझ का डर भी शामिल है।" चिदम्बरम ने कहा कि विशाल नकदी भंडार वाली भारतीय कम्पनियों को निवेश शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा और विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के पास आए प्रस्तावों पर तेजी से फैसला लेना होगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने सरकार को वित्तीय घाटा कम करने के उपाय सुझाने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो कुछ ही सप्ताह में अपनी सिफारिश देगी। चिदम्बरम ने कहा कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति आधारभूत संरचना परियोजनाओं को तेजी से लागू करने के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करेगी। चिदम्बरम ने कहा, "कुछ क्षेत्र दबाव में हैं जैसे पेट्रोलियम, बिजली और कपड़ा क्षेत्र। हमें कोयला, खनन, पेट्रोलियम, बिजली, सड़क परिवहन, रेलवे और बंदरगाह क्षेत्र में उच्च उत्पादन को बाधित करने वाली समस्याओं का व्यावहारिक समाधान खोजना हेागा।" मंगलवार को शोध एवं रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने मौजूदा कारोबारी वर्ष में देश की विकास दर का अनुमान घटाकर 5.5 फीसदी कर दिया। एजेंसी ने पहले 6.5 फीसदी विकास दर की सम्भावना जताई थी। एजेंसी ने खराब मानसून और यूरोपीय संकट के लगातार गम्भीर होने के कारण विकास दर का अनुमान घटाया। गुरुवार को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन में काफी गिरावट दर्ज किए जाने के कारण जून में देश का समग्र औद्योगिक उत्पादन 1.8 फीसदी कम रहा। पिछले चार महीने में तीसरी बार औद्योगिक उत्पादन घटा है। औद्योगिक उत्पादन में अप्रैल-जून की अवधि में 0.1 फीसदी गिरावट रही। केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने औद्योगिक उत्पादन आंकड़े पर निराशा जताई और कहा महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान देने, बाधाओं को हटाने और उत्पादन को बढ़ाने की जरूरत है। आलोच्य अवधि में विनिर्माण क्षेत्र में 3.2 फीसदी और पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में 27.9 फीसदी गिरावट रही थी।टिप्पणियां फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष आर.वी. कनोरिया ने कहा, "पूंजीगत वस्तु अर्थव्यवस्था का रणनीतिक क्षेत्र है। इसमें पिछले कुछ महीने से नकारात्मक विकास देखा जा रहा है और जून में इसमें लगभग 28 फीसदी गिरावट रही। हमें इस क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए विशेष कदम उठाने होंगे।" आलोच्य अवधि में बिजली से चलने वाली मशीनों और उपकरणों के उत्पादन में 56 फीसदी, खाद्य और पेय उद्योग में 5.7 फीसदी और तम्बाकू उत्पादन में 5.4 फीसदी गिरावट रही। बीएसई का स्मॉलकैप 0.06 फीसदी या 4.07 अंकों की तेजी के साथ 6,549.77 पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह स्मॉलकैप में 2.96 फीसदी की तेजी रही थी। गत सप्ताह सेंसेक्स में तेजी में रहने वाले प्रमुख शेयरों में रहे स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (8.77 फीसदी), महिंद्रा एंड महिंद्रा (7.77 फीसदी), हिंदुस्तान युनिलीवर (6.54 फीसदी), रिलायंस इंडस्ट्रीज (5.27 फीसदी) और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (5.23 फीसदी)। सेंसेक्स में इस सप्ताह गिरावट में रहने वाले शेयरों में प्रमुख रहे भारती एयरटेल (13.73 फीसदी), भारतीय स्टेट बैंक (5.86 फीसदी), हीरो मोटोकॉर्प (2.28 फीसदी), डॉ. रेड्डीज लैब (1.56 फीसदी) और एचडीएफसी (1.32 फीसदी)। गत सप्ताह बीएसई के 13 में से 11 सेक्टरों में तेजी रही। वाहन (3.86 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (3.56 फीसदी), धातु (3.12 फीसदी), तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (2.85 फीसदी) और तेल एवं गैस (2.51 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। बीएसई के दो सेक्टरों उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (1.80 फीसदी) और रियल्टी (0.25 फीसदी) में गिरावट रही। इस सप्ताह के महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा कि निवेशकों की अपेक्षाओं के मुताबिक सरकार आर्थिक नीतियों में संशोधन करेगी, वित्तीय घाटा कम करेगी और विकास में तेजी लाएगी। उन्होंने कहा, "हम सम्भावित निवेशकों से अपनी नीतियों के बारे में बेहतर संवाद बनाएंगे। हमारा लक्ष्य भारत में कारोबार की राह में समझी जाने वाली बाधाओं को हटाना होगा, इसके तहत अनुचित नियमों के बोझ का डर भी शामिल है।" चिदम्बरम ने कहा कि विशाल नकदी भंडार वाली भारतीय कम्पनियों को निवेश शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा और विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के पास आए प्रस्तावों पर तेजी से फैसला लेना होगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने सरकार को वित्तीय घाटा कम करने के उपाय सुझाने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो कुछ ही सप्ताह में अपनी सिफारिश देगी। चिदम्बरम ने कहा कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति आधारभूत संरचना परियोजनाओं को तेजी से लागू करने के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करेगी। चिदम्बरम ने कहा, "कुछ क्षेत्र दबाव में हैं जैसे पेट्रोलियम, बिजली और कपड़ा क्षेत्र। हमें कोयला, खनन, पेट्रोलियम, बिजली, सड़क परिवहन, रेलवे और बंदरगाह क्षेत्र में उच्च उत्पादन को बाधित करने वाली समस्याओं का व्यावहारिक समाधान खोजना हेागा।" मंगलवार को शोध एवं रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने मौजूदा कारोबारी वर्ष में देश की विकास दर का अनुमान घटाकर 5.5 फीसदी कर दिया। एजेंसी ने पहले 6.5 फीसदी विकास दर की सम्भावना जताई थी। एजेंसी ने खराब मानसून और यूरोपीय संकट के लगातार गम्भीर होने के कारण विकास दर का अनुमान घटाया। गुरुवार को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन में काफी गिरावट दर्ज किए जाने के कारण जून में देश का समग्र औद्योगिक उत्पादन 1.8 फीसदी कम रहा। पिछले चार महीने में तीसरी बार औद्योगिक उत्पादन घटा है। औद्योगिक उत्पादन में अप्रैल-जून की अवधि में 0.1 फीसदी गिरावट रही। केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने औद्योगिक उत्पादन आंकड़े पर निराशा जताई और कहा महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान देने, बाधाओं को हटाने और उत्पादन को बढ़ाने की जरूरत है। आलोच्य अवधि में विनिर्माण क्षेत्र में 3.2 फीसदी और पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में 27.9 फीसदी गिरावट रही थी।टिप्पणियां फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष आर.वी. कनोरिया ने कहा, "पूंजीगत वस्तु अर्थव्यवस्था का रणनीतिक क्षेत्र है। इसमें पिछले कुछ महीने से नकारात्मक विकास देखा जा रहा है और जून में इसमें लगभग 28 फीसदी गिरावट रही। हमें इस क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए विशेष कदम उठाने होंगे।" आलोच्य अवधि में बिजली से चलने वाली मशीनों और उपकरणों के उत्पादन में 56 फीसदी, खाद्य और पेय उद्योग में 5.7 फीसदी और तम्बाकू उत्पादन में 5.4 फीसदी गिरावट रही। गत सप्ताह सेंसेक्स में तेजी में रहने वाले प्रमुख शेयरों में रहे स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (8.77 फीसदी), महिंद्रा एंड महिंद्रा (7.77 फीसदी), हिंदुस्तान युनिलीवर (6.54 फीसदी), रिलायंस इंडस्ट्रीज (5.27 फीसदी) और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (5.23 फीसदी)। सेंसेक्स में इस सप्ताह गिरावट में रहने वाले शेयरों में प्रमुख रहे भारती एयरटेल (13.73 फीसदी), भारतीय स्टेट बैंक (5.86 फीसदी), हीरो मोटोकॉर्प (2.28 फीसदी), डॉ. रेड्डीज लैब (1.56 फीसदी) और एचडीएफसी (1.32 फीसदी)। गत सप्ताह बीएसई के 13 में से 11 सेक्टरों में तेजी रही। वाहन (3.86 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (3.56 फीसदी), धातु (3.12 फीसदी), तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (2.85 फीसदी) और तेल एवं गैस (2.51 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। बीएसई के दो सेक्टरों उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (1.80 फीसदी) और रियल्टी (0.25 फीसदी) में गिरावट रही। इस सप्ताह के महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा कि निवेशकों की अपेक्षाओं के मुताबिक सरकार आर्थिक नीतियों में संशोधन करेगी, वित्तीय घाटा कम करेगी और विकास में तेजी लाएगी। उन्होंने कहा, "हम सम्भावित निवेशकों से अपनी नीतियों के बारे में बेहतर संवाद बनाएंगे। हमारा लक्ष्य भारत में कारोबार की राह में समझी जाने वाली बाधाओं को हटाना होगा, इसके तहत अनुचित नियमों के बोझ का डर भी शामिल है।" चिदम्बरम ने कहा कि विशाल नकदी भंडार वाली भारतीय कम्पनियों को निवेश शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा और विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के पास आए प्रस्तावों पर तेजी से फैसला लेना होगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने सरकार को वित्तीय घाटा कम करने के उपाय सुझाने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो कुछ ही सप्ताह में अपनी सिफारिश देगी। चिदम्बरम ने कहा कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति आधारभूत संरचना परियोजनाओं को तेजी से लागू करने के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करेगी। चिदम्बरम ने कहा, "कुछ क्षेत्र दबाव में हैं जैसे पेट्रोलियम, बिजली और कपड़ा क्षेत्र। हमें कोयला, खनन, पेट्रोलियम, बिजली, सड़क परिवहन, रेलवे और बंदरगाह क्षेत्र में उच्च उत्पादन को बाधित करने वाली समस्याओं का व्यावहारिक समाधान खोजना हेागा।" मंगलवार को शोध एवं रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने मौजूदा कारोबारी वर्ष में देश की विकास दर का अनुमान घटाकर 5.5 फीसदी कर दिया। एजेंसी ने पहले 6.5 फीसदी विकास दर की सम्भावना जताई थी। एजेंसी ने खराब मानसून और यूरोपीय संकट के लगातार गम्भीर होने के कारण विकास दर का अनुमान घटाया। गुरुवार को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन में काफी गिरावट दर्ज किए जाने के कारण जून में देश का समग्र औद्योगिक उत्पादन 1.8 फीसदी कम रहा। पिछले चार महीने में तीसरी बार औद्योगिक उत्पादन घटा है। औद्योगिक उत्पादन में अप्रैल-जून की अवधि में 0.1 फीसदी गिरावट रही। केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने औद्योगिक उत्पादन आंकड़े पर निराशा जताई और कहा महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान देने, बाधाओं को हटाने और उत्पादन को बढ़ाने की जरूरत है। आलोच्य अवधि में विनिर्माण क्षेत्र में 3.2 फीसदी और पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में 27.9 फीसदी गिरावट रही थी।टिप्पणियां फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष आर.वी. कनोरिया ने कहा, "पूंजीगत वस्तु अर्थव्यवस्था का रणनीतिक क्षेत्र है। इसमें पिछले कुछ महीने से नकारात्मक विकास देखा जा रहा है और जून में इसमें लगभग 28 फीसदी गिरावट रही। हमें इस क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए विशेष कदम उठाने होंगे।" आलोच्य अवधि में बिजली से चलने वाली मशीनों और उपकरणों के उत्पादन में 56 फीसदी, खाद्य और पेय उद्योग में 5.7 फीसदी और तम्बाकू उत्पादन में 5.4 फीसदी गिरावट रही। सेंसेक्स में इस सप्ताह गिरावट में रहने वाले शेयरों में प्रमुख रहे भारती एयरटेल (13.73 फीसदी), भारतीय स्टेट बैंक (5.86 फीसदी), हीरो मोटोकॉर्प (2.28 फीसदी), डॉ. रेड्डीज लैब (1.56 फीसदी) और एचडीएफसी (1.32 फीसदी)। गत सप्ताह बीएसई के 13 में से 11 सेक्टरों में तेजी रही। वाहन (3.86 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (3.56 फीसदी), धातु (3.12 फीसदी), तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (2.85 फीसदी) और तेल एवं गैस (2.51 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। बीएसई के दो सेक्टरों उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (1.80 फीसदी) और रियल्टी (0.25 फीसदी) में गिरावट रही। इस सप्ताह के महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा कि निवेशकों की अपेक्षाओं के मुताबिक सरकार आर्थिक नीतियों में संशोधन करेगी, वित्तीय घाटा कम करेगी और विकास में तेजी लाएगी। उन्होंने कहा, "हम सम्भावित निवेशकों से अपनी नीतियों के बारे में बेहतर संवाद बनाएंगे। हमारा लक्ष्य भारत में कारोबार की राह में समझी जाने वाली बाधाओं को हटाना होगा, इसके तहत अनुचित नियमों के बोझ का डर भी शामिल है।" चिदम्बरम ने कहा कि विशाल नकदी भंडार वाली भारतीय कम्पनियों को निवेश शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा और विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के पास आए प्रस्तावों पर तेजी से फैसला लेना होगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने सरकार को वित्तीय घाटा कम करने के उपाय सुझाने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो कुछ ही सप्ताह में अपनी सिफारिश देगी। चिदम्बरम ने कहा कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति आधारभूत संरचना परियोजनाओं को तेजी से लागू करने के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करेगी। चिदम्बरम ने कहा, "कुछ क्षेत्र दबाव में हैं जैसे पेट्रोलियम, बिजली और कपड़ा क्षेत्र। हमें कोयला, खनन, पेट्रोलियम, बिजली, सड़क परिवहन, रेलवे और बंदरगाह क्षेत्र में उच्च उत्पादन को बाधित करने वाली समस्याओं का व्यावहारिक समाधान खोजना हेागा।" मंगलवार को शोध एवं रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने मौजूदा कारोबारी वर्ष में देश की विकास दर का अनुमान घटाकर 5.5 फीसदी कर दिया। एजेंसी ने पहले 6.5 फीसदी विकास दर की सम्भावना जताई थी। एजेंसी ने खराब मानसून और यूरोपीय संकट के लगातार गम्भीर होने के कारण विकास दर का अनुमान घटाया। गुरुवार को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन में काफी गिरावट दर्ज किए जाने के कारण जून में देश का समग्र औद्योगिक उत्पादन 1.8 फीसदी कम रहा। पिछले चार महीने में तीसरी बार औद्योगिक उत्पादन घटा है। औद्योगिक उत्पादन में अप्रैल-जून की अवधि में 0.1 फीसदी गिरावट रही। केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने औद्योगिक उत्पादन आंकड़े पर निराशा जताई और कहा महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान देने, बाधाओं को हटाने और उत्पादन को बढ़ाने की जरूरत है। आलोच्य अवधि में विनिर्माण क्षेत्र में 3.2 फीसदी और पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में 27.9 फीसदी गिरावट रही थी।टिप्पणियां फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष आर.वी. कनोरिया ने कहा, "पूंजीगत वस्तु अर्थव्यवस्था का रणनीतिक क्षेत्र है। इसमें पिछले कुछ महीने से नकारात्मक विकास देखा जा रहा है और जून में इसमें लगभग 28 फीसदी गिरावट रही। हमें इस क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए विशेष कदम उठाने होंगे।" आलोच्य अवधि में बिजली से चलने वाली मशीनों और उपकरणों के उत्पादन में 56 फीसदी, खाद्य और पेय उद्योग में 5.7 फीसदी और तम्बाकू उत्पादन में 5.4 फीसदी गिरावट रही। गत सप्ताह बीएसई के 13 में से 11 सेक्टरों में तेजी रही। वाहन (3.86 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (3.56 फीसदी), धातु (3.12 फीसदी), तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (2.85 फीसदी) और तेल एवं गैस (2.51 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। बीएसई के दो सेक्टरों उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (1.80 फीसदी) और रियल्टी (0.25 फीसदी) में गिरावट रही। इस सप्ताह के महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा कि निवेशकों की अपेक्षाओं के मुताबिक सरकार आर्थिक नीतियों में संशोधन करेगी, वित्तीय घाटा कम करेगी और विकास में तेजी लाएगी। उन्होंने कहा, "हम सम्भावित निवेशकों से अपनी नीतियों के बारे में बेहतर संवाद बनाएंगे। हमारा लक्ष्य भारत में कारोबार की राह में समझी जाने वाली बाधाओं को हटाना होगा, इसके तहत अनुचित नियमों के बोझ का डर भी शामिल है।" चिदम्बरम ने कहा कि विशाल नकदी भंडार वाली भारतीय कम्पनियों को निवेश शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा और विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के पास आए प्रस्तावों पर तेजी से फैसला लेना होगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने सरकार को वित्तीय घाटा कम करने के उपाय सुझाने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो कुछ ही सप्ताह में अपनी सिफारिश देगी। चिदम्बरम ने कहा कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति आधारभूत संरचना परियोजनाओं को तेजी से लागू करने के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करेगी। चिदम्बरम ने कहा, "कुछ क्षेत्र दबाव में हैं जैसे पेट्रोलियम, बिजली और कपड़ा क्षेत्र। हमें कोयला, खनन, पेट्रोलियम, बिजली, सड़क परिवहन, रेलवे और बंदरगाह क्षेत्र में उच्च उत्पादन को बाधित करने वाली समस्याओं का व्यावहारिक समाधान खोजना हेागा।" मंगलवार को शोध एवं रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने मौजूदा कारोबारी वर्ष में देश की विकास दर का अनुमान घटाकर 5.5 फीसदी कर दिया। एजेंसी ने पहले 6.5 फीसदी विकास दर की सम्भावना जताई थी। एजेंसी ने खराब मानसून और यूरोपीय संकट के लगातार गम्भीर होने के कारण विकास दर का अनुमान घटाया। गुरुवार को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन में काफी गिरावट दर्ज किए जाने के कारण जून में देश का समग्र औद्योगिक उत्पादन 1.8 फीसदी कम रहा। पिछले चार महीने में तीसरी बार औद्योगिक उत्पादन घटा है। औद्योगिक उत्पादन में अप्रैल-जून की अवधि में 0.1 फीसदी गिरावट रही। केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने औद्योगिक उत्पादन आंकड़े पर निराशा जताई और कहा महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान देने, बाधाओं को हटाने और उत्पादन को बढ़ाने की जरूरत है। आलोच्य अवधि में विनिर्माण क्षेत्र में 3.2 फीसदी और पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में 27.9 फीसदी गिरावट रही थी।टिप्पणियां फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष आर.वी. कनोरिया ने कहा, "पूंजीगत वस्तु अर्थव्यवस्था का रणनीतिक क्षेत्र है। इसमें पिछले कुछ महीने से नकारात्मक विकास देखा जा रहा है और जून में इसमें लगभग 28 फीसदी गिरावट रही। हमें इस क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए विशेष कदम उठाने होंगे।" आलोच्य अवधि में बिजली से चलने वाली मशीनों और उपकरणों के उत्पादन में 56 फीसदी, खाद्य और पेय उद्योग में 5.7 फीसदी और तम्बाकू उत्पादन में 5.4 फीसदी गिरावट रही। बीएसई के दो सेक्टरों उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (1.80 फीसदी) और रियल्टी (0.25 फीसदी) में गिरावट रही। इस सप्ताह के महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा कि निवेशकों की अपेक्षाओं के मुताबिक सरकार आर्थिक नीतियों में संशोधन करेगी, वित्तीय घाटा कम करेगी और विकास में तेजी लाएगी। उन्होंने कहा, "हम सम्भावित निवेशकों से अपनी नीतियों के बारे में बेहतर संवाद बनाएंगे। हमारा लक्ष्य भारत में कारोबार की राह में समझी जाने वाली बाधाओं को हटाना होगा, इसके तहत अनुचित नियमों के बोझ का डर भी शामिल है।" चिदम्बरम ने कहा कि विशाल नकदी भंडार वाली भारतीय कम्पनियों को निवेश शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा और विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के पास आए प्रस्तावों पर तेजी से फैसला लेना होगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने सरकार को वित्तीय घाटा कम करने के उपाय सुझाने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो कुछ ही सप्ताह में अपनी सिफारिश देगी। चिदम्बरम ने कहा कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति आधारभूत संरचना परियोजनाओं को तेजी से लागू करने के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करेगी। चिदम्बरम ने कहा, "कुछ क्षेत्र दबाव में हैं जैसे पेट्रोलियम, बिजली और कपड़ा क्षेत्र। हमें कोयला, खनन, पेट्रोलियम, बिजली, सड़क परिवहन, रेलवे और बंदरगाह क्षेत्र में उच्च उत्पादन को बाधित करने वाली समस्याओं का व्यावहारिक समाधान खोजना हेागा।" मंगलवार को शोध एवं रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने मौजूदा कारोबारी वर्ष में देश की विकास दर का अनुमान घटाकर 5.5 फीसदी कर दिया। एजेंसी ने पहले 6.5 फीसदी विकास दर की सम्भावना जताई थी। एजेंसी ने खराब मानसून और यूरोपीय संकट के लगातार गम्भीर होने के कारण विकास दर का अनुमान घटाया। गुरुवार को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन में काफी गिरावट दर्ज किए जाने के कारण जून में देश का समग्र औद्योगिक उत्पादन 1.8 फीसदी कम रहा। पिछले चार महीने में तीसरी बार औद्योगिक उत्पादन घटा है। औद्योगिक उत्पादन में अप्रैल-जून की अवधि में 0.1 फीसदी गिरावट रही। केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने औद्योगिक उत्पादन आंकड़े पर निराशा जताई और कहा महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान देने, बाधाओं को हटाने और उत्पादन को बढ़ाने की जरूरत है। आलोच्य अवधि में विनिर्माण क्षेत्र में 3.2 फीसदी और पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में 27.9 फीसदी गिरावट रही थी।टिप्पणियां फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष आर.वी. कनोरिया ने कहा, "पूंजीगत वस्तु अर्थव्यवस्था का रणनीतिक क्षेत्र है। इसमें पिछले कुछ महीने से नकारात्मक विकास देखा जा रहा है और जून में इसमें लगभग 28 फीसदी गिरावट रही। हमें इस क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए विशेष कदम उठाने होंगे।" आलोच्य अवधि में बिजली से चलने वाली मशीनों और उपकरणों के उत्पादन में 56 फीसदी, खाद्य और पेय उद्योग में 5.7 फीसदी और तम्बाकू उत्पादन में 5.4 फीसदी गिरावट रही। इस सप्ताह के महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा कि निवेशकों की अपेक्षाओं के मुताबिक सरकार आर्थिक नीतियों में संशोधन करेगी, वित्तीय घाटा कम करेगी और विकास में तेजी लाएगी। उन्होंने कहा, "हम सम्भावित निवेशकों से अपनी नीतियों के बारे में बेहतर संवाद बनाएंगे। हमारा लक्ष्य भारत में कारोबार की राह में समझी जाने वाली बाधाओं को हटाना होगा, इसके तहत अनुचित नियमों के बोझ का डर भी शामिल है।" चिदम्बरम ने कहा कि विशाल नकदी भंडार वाली भारतीय कम्पनियों को निवेश शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा और विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के पास आए प्रस्तावों पर तेजी से फैसला लेना होगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने सरकार को वित्तीय घाटा कम करने के उपाय सुझाने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो कुछ ही सप्ताह में अपनी सिफारिश देगी। चिदम्बरम ने कहा कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति आधारभूत संरचना परियोजनाओं को तेजी से लागू करने के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करेगी। चिदम्बरम ने कहा, "कुछ क्षेत्र दबाव में हैं जैसे पेट्रोलियम, बिजली और कपड़ा क्षेत्र। हमें कोयला, खनन, पेट्रोलियम, बिजली, सड़क परिवहन, रेलवे और बंदरगाह क्षेत्र में उच्च उत्पादन को बाधित करने वाली समस्याओं का व्यावहारिक समाधान खोजना हेागा।" मंगलवार को शोध एवं रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने मौजूदा कारोबारी वर्ष में देश की विकास दर का अनुमान घटाकर 5.5 फीसदी कर दिया। एजेंसी ने पहले 6.5 फीसदी विकास दर की सम्भावना जताई थी। एजेंसी ने खराब मानसून और यूरोपीय संकट के लगातार गम्भीर होने के कारण विकास दर का अनुमान घटाया। गुरुवार को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन में काफी गिरावट दर्ज किए जाने के कारण जून में देश का समग्र औद्योगिक उत्पादन 1.8 फीसदी कम रहा। पिछले चार महीने में तीसरी बार औद्योगिक उत्पादन घटा है। औद्योगिक उत्पादन में अप्रैल-जून की अवधि में 0.1 फीसदी गिरावट रही। केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने औद्योगिक उत्पादन आंकड़े पर निराशा जताई और कहा महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान देने, बाधाओं को हटाने और उत्पादन को बढ़ाने की जरूरत है। आलोच्य अवधि में विनिर्माण क्षेत्र में 3.2 फीसदी और पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में 27.9 फीसदी गिरावट रही थी।टिप्पणियां फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष आर.वी. कनोरिया ने कहा, "पूंजीगत वस्तु अर्थव्यवस्था का रणनीतिक क्षेत्र है। इसमें पिछले कुछ महीने से नकारात्मक विकास देखा जा रहा है और जून में इसमें लगभग 28 फीसदी गिरावट रही। हमें इस क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए विशेष कदम उठाने होंगे।" आलोच्य अवधि में बिजली से चलने वाली मशीनों और उपकरणों के उत्पादन में 56 फीसदी, खाद्य और पेय उद्योग में 5.7 फीसदी और तम्बाकू उत्पादन में 5.4 फीसदी गिरावट रही। चिदम्बरम ने कहा कि विशाल नकदी भंडार वाली भारतीय कम्पनियों को निवेश शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा और विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के पास आए प्रस्तावों पर तेजी से फैसला लेना होगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने सरकार को वित्तीय घाटा कम करने के उपाय सुझाने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो कुछ ही सप्ताह में अपनी सिफारिश देगी। चिदम्बरम ने कहा कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति आधारभूत संरचना परियोजनाओं को तेजी से लागू करने के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करेगी। चिदम्बरम ने कहा, "कुछ क्षेत्र दबाव में हैं जैसे पेट्रोलियम, बिजली और कपड़ा क्षेत्र। हमें कोयला, खनन, पेट्रोलियम, बिजली, सड़क परिवहन, रेलवे और बंदरगाह क्षेत्र में उच्च उत्पादन को बाधित करने वाली समस्याओं का व्यावहारिक समाधान खोजना हेागा।" मंगलवार को शोध एवं रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने मौजूदा कारोबारी वर्ष में देश की विकास दर का अनुमान घटाकर 5.5 फीसदी कर दिया। एजेंसी ने पहले 6.5 फीसदी विकास दर की सम्भावना जताई थी। एजेंसी ने खराब मानसून और यूरोपीय संकट के लगातार गम्भीर होने के कारण विकास दर का अनुमान घटाया। गुरुवार को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन में काफी गिरावट दर्ज किए जाने के कारण जून में देश का समग्र औद्योगिक उत्पादन 1.8 फीसदी कम रहा। पिछले चार महीने में तीसरी बार औद्योगिक उत्पादन घटा है। औद्योगिक उत्पादन में अप्रैल-जून की अवधि में 0.1 फीसदी गिरावट रही। केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने औद्योगिक उत्पादन आंकड़े पर निराशा जताई और कहा महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान देने, बाधाओं को हटाने और उत्पादन को बढ़ाने की जरूरत है। आलोच्य अवधि में विनिर्माण क्षेत्र में 3.2 फीसदी और पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में 27.9 फीसदी गिरावट रही थी।टिप्पणियां फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष आर.वी. कनोरिया ने कहा, "पूंजीगत वस्तु अर्थव्यवस्था का रणनीतिक क्षेत्र है। इसमें पिछले कुछ महीने से नकारात्मक विकास देखा जा रहा है और जून में इसमें लगभग 28 फीसदी गिरावट रही। हमें इस क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए विशेष कदम उठाने होंगे।" आलोच्य अवधि में बिजली से चलने वाली मशीनों और उपकरणों के उत्पादन में 56 फीसदी, खाद्य और पेय उद्योग में 5.7 फीसदी और तम्बाकू उत्पादन में 5.4 फीसदी गिरावट रही। चिदम्बरम ने कहा कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति आधारभूत संरचना परियोजनाओं को तेजी से लागू करने के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करेगी। चिदम्बरम ने कहा, "कुछ क्षेत्र दबाव में हैं जैसे पेट्रोलियम, बिजली और कपड़ा क्षेत्र। हमें कोयला, खनन, पेट्रोलियम, बिजली, सड़क परिवहन, रेलवे और बंदरगाह क्षेत्र में उच्च उत्पादन को बाधित करने वाली समस्याओं का व्यावहारिक समाधान खोजना हेागा।" मंगलवार को शोध एवं रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने मौजूदा कारोबारी वर्ष में देश की विकास दर का अनुमान घटाकर 5.5 फीसदी कर दिया। एजेंसी ने पहले 6.5 फीसदी विकास दर की सम्भावना जताई थी। एजेंसी ने खराब मानसून और यूरोपीय संकट के लगातार गम्भीर होने के कारण विकास दर का अनुमान घटाया। गुरुवार को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन में काफी गिरावट दर्ज किए जाने के कारण जून में देश का समग्र औद्योगिक उत्पादन 1.8 फीसदी कम रहा। पिछले चार महीने में तीसरी बार औद्योगिक उत्पादन घटा है। औद्योगिक उत्पादन में अप्रैल-जून की अवधि में 0.1 फीसदी गिरावट रही। केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने औद्योगिक उत्पादन आंकड़े पर निराशा जताई और कहा महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान देने, बाधाओं को हटाने और उत्पादन को बढ़ाने की जरूरत है। आलोच्य अवधि में विनिर्माण क्षेत्र में 3.2 फीसदी और पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में 27.9 फीसदी गिरावट रही थी।टिप्पणियां फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष आर.वी. कनोरिया ने कहा, "पूंजीगत वस्तु अर्थव्यवस्था का रणनीतिक क्षेत्र है। इसमें पिछले कुछ महीने से नकारात्मक विकास देखा जा रहा है और जून में इसमें लगभग 28 फीसदी गिरावट रही। हमें इस क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए विशेष कदम उठाने होंगे।" आलोच्य अवधि में बिजली से चलने वाली मशीनों और उपकरणों के उत्पादन में 56 फीसदी, खाद्य और पेय उद्योग में 5.7 फीसदी और तम्बाकू उत्पादन में 5.4 फीसदी गिरावट रही। चिदम्बरम ने कहा, "कुछ क्षेत्र दबाव में हैं जैसे पेट्रोलियम, बिजली और कपड़ा क्षेत्र। हमें कोयला, खनन, पेट्रोलियम, बिजली, सड़क परिवहन, रेलवे और बंदरगाह क्षेत्र में उच्च उत्पादन को बाधित करने वाली समस्याओं का व्यावहारिक समाधान खोजना हेागा।" मंगलवार को शोध एवं रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने मौजूदा कारोबारी वर्ष में देश की विकास दर का अनुमान घटाकर 5.5 फीसदी कर दिया। एजेंसी ने पहले 6.5 फीसदी विकास दर की सम्भावना जताई थी। एजेंसी ने खराब मानसून और यूरोपीय संकट के लगातार गम्भीर होने के कारण विकास दर का अनुमान घटाया। गुरुवार को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन में काफी गिरावट दर्ज किए जाने के कारण जून में देश का समग्र औद्योगिक उत्पादन 1.8 फीसदी कम रहा। पिछले चार महीने में तीसरी बार औद्योगिक उत्पादन घटा है। औद्योगिक उत्पादन में अप्रैल-जून की अवधि में 0.1 फीसदी गिरावट रही। केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने औद्योगिक उत्पादन आंकड़े पर निराशा जताई और कहा महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान देने, बाधाओं को हटाने और उत्पादन को बढ़ाने की जरूरत है। आलोच्य अवधि में विनिर्माण क्षेत्र में 3.2 फीसदी और पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में 27.9 फीसदी गिरावट रही थी।टिप्पणियां फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष आर.वी. कनोरिया ने कहा, "पूंजीगत वस्तु अर्थव्यवस्था का रणनीतिक क्षेत्र है। इसमें पिछले कुछ महीने से नकारात्मक विकास देखा जा रहा है और जून में इसमें लगभग 28 फीसदी गिरावट रही। हमें इस क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए विशेष कदम उठाने होंगे।" आलोच्य अवधि में बिजली से चलने वाली मशीनों और उपकरणों के उत्पादन में 56 फीसदी, खाद्य और पेय उद्योग में 5.7 फीसदी और तम्बाकू उत्पादन में 5.4 फीसदी गिरावट रही। मंगलवार को शोध एवं रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने मौजूदा कारोबारी वर्ष में देश की विकास दर का अनुमान घटाकर 5.5 फीसदी कर दिया। एजेंसी ने पहले 6.5 फीसदी विकास दर की सम्भावना जताई थी। एजेंसी ने खराब मानसून और यूरोपीय संकट के लगातार गम्भीर होने के कारण विकास दर का अनुमान घटाया। गुरुवार को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन में काफी गिरावट दर्ज किए जाने के कारण जून में देश का समग्र औद्योगिक उत्पादन 1.8 फीसदी कम रहा। पिछले चार महीने में तीसरी बार औद्योगिक उत्पादन घटा है। औद्योगिक उत्पादन में अप्रैल-जून की अवधि में 0.1 फीसदी गिरावट रही। केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने औद्योगिक उत्पादन आंकड़े पर निराशा जताई और कहा महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान देने, बाधाओं को हटाने और उत्पादन को बढ़ाने की जरूरत है। आलोच्य अवधि में विनिर्माण क्षेत्र में 3.2 फीसदी और पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में 27.9 फीसदी गिरावट रही थी।टिप्पणियां फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष आर.वी. कनोरिया ने कहा, "पूंजीगत वस्तु अर्थव्यवस्था का रणनीतिक क्षेत्र है। इसमें पिछले कुछ महीने से नकारात्मक विकास देखा जा रहा है और जून में इसमें लगभग 28 फीसदी गिरावट रही। हमें इस क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए विशेष कदम उठाने होंगे।" आलोच्य अवधि में बिजली से चलने वाली मशीनों और उपकरणों के उत्पादन में 56 फीसदी, खाद्य और पेय उद्योग में 5.7 फीसदी और तम्बाकू उत्पादन में 5.4 फीसदी गिरावट रही। गुरुवार को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन में काफी गिरावट दर्ज किए जाने के कारण जून में देश का समग्र औद्योगिक उत्पादन 1.8 फीसदी कम रहा। पिछले चार महीने में तीसरी बार औद्योगिक उत्पादन घटा है। औद्योगिक उत्पादन में अप्रैल-जून की अवधि में 0.1 फीसदी गिरावट रही। केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने औद्योगिक उत्पादन आंकड़े पर निराशा जताई और कहा महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान देने, बाधाओं को हटाने और उत्पादन को बढ़ाने की जरूरत है। आलोच्य अवधि में विनिर्माण क्षेत्र में 3.2 फीसदी और पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में 27.9 फीसदी गिरावट रही थी।टिप्पणियां फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष आर.वी. कनोरिया ने कहा, "पूंजीगत वस्तु अर्थव्यवस्था का रणनीतिक क्षेत्र है। इसमें पिछले कुछ महीने से नकारात्मक विकास देखा जा रहा है और जून में इसमें लगभग 28 फीसदी गिरावट रही। हमें इस क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए विशेष कदम उठाने होंगे।" आलोच्य अवधि में बिजली से चलने वाली मशीनों और उपकरणों के उत्पादन में 56 फीसदी, खाद्य और पेय उद्योग में 5.7 फीसदी और तम्बाकू उत्पादन में 5.4 फीसदी गिरावट रही। केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने औद्योगिक उत्पादन आंकड़े पर निराशा जताई और कहा महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान देने, बाधाओं को हटाने और उत्पादन को बढ़ाने की जरूरत है। आलोच्य अवधि में विनिर्माण क्षेत्र में 3.2 फीसदी और पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में 27.9 फीसदी गिरावट रही थी।टिप्पणियां फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष आर.वी. कनोरिया ने कहा, "पूंजीगत वस्तु अर्थव्यवस्था का रणनीतिक क्षेत्र है। इसमें पिछले कुछ महीने से नकारात्मक विकास देखा जा रहा है और जून में इसमें लगभग 28 फीसदी गिरावट रही। हमें इस क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए विशेष कदम उठाने होंगे।" आलोच्य अवधि में बिजली से चलने वाली मशीनों और उपकरणों के उत्पादन में 56 फीसदी, खाद्य और पेय उद्योग में 5.7 फीसदी और तम्बाकू उत्पादन में 5.4 फीसदी गिरावट रही। आलोच्य अवधि में विनिर्माण क्षेत्र में 3.2 फीसदी और पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में 27.9 फीसदी गिरावट रही थी।टिप्पणियां फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष आर.वी. कनोरिया ने कहा, "पूंजीगत वस्तु अर्थव्यवस्था का रणनीतिक क्षेत्र है। इसमें पिछले कुछ महीने से नकारात्मक विकास देखा जा रहा है और जून में इसमें लगभग 28 फीसदी गिरावट रही। हमें इस क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए विशेष कदम उठाने होंगे।" आलोच्य अवधि में बिजली से चलने वाली मशीनों और उपकरणों के उत्पादन में 56 फीसदी, खाद्य और पेय उद्योग में 5.7 फीसदी और तम्बाकू उत्पादन में 5.4 फीसदी गिरावट रही। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष आर.वी. कनोरिया ने कहा, "पूंजीगत वस्तु अर्थव्यवस्था का रणनीतिक क्षेत्र है। इसमें पिछले कुछ महीने से नकारात्मक विकास देखा जा रहा है और जून में इसमें लगभग 28 फीसदी गिरावट रही। हमें इस क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए विशेष कदम उठाने होंगे।" आलोच्य अवधि में बिजली से चलने वाली मशीनों और उपकरणों के उत्पादन में 56 फीसदी, खाद्य और पेय उद्योग में 5.7 फीसदी और तम्बाकू उत्पादन में 5.4 फीसदी गिरावट रही। आलोच्य अवधि में बिजली से चलने वाली मशीनों और उपकरणों के उत्पादन में 56 फीसदी, खाद्य और पेय उद्योग में 5.7 फीसदी और तम्बाकू उत्पादन में 5.4 फीसदी गिरावट रही।
सारांश: देश के शेयर बाजारों में लगातार दूसरे सप्ताह तेजी रही। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स आलोच्य अवधि में 2.09 फीसदी या 359.81 अंकों की तेजी के साथ 17,557.74 पर बंद हुआ।
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['hin']
एक सारांश बनाओ: मंगलवार को 'बिग बॉस' ने एक ऐसा टास्‍क दिया जिससे यूं तो घर में प्‍यार की हवा बहनी चाहिए थी लेकिन स्‍वामी ओम और प्रियंका जग्‍गा ने अपने कार्य की आड़ में कुछ ऐसा कर दिया कि न केवल पूरे घरवालों को बल्कि खुद बिग बॉस को सारे मामले में दखल देना पड़ा. घर में हालात कुछ ऐसे बने कि हमेशा शांति से रहने वाले बिग बॉस भी गुस्‍से से भड़क गए.टिप्पणियां घर में दिन की शुरुआत 'यह लड़का है दीवाना' गाने से हुई जिस पर नाचते हुए सारे घर वाले दिखे. दिन की शुरुआत में मनु और मनवीर स्‍वामी ओम को एक दिन पहले की बात पर बानी का साथ देने के लिए समझाते दिखे. उसके बाद बिग बॉस ने घर वालों को लग्‍जरी बजट कार्य दिया जिसका नाम था 'बीबी होस्‍टल'.    इस टास्‍क में पूरे घर को बीबी होस्‍टल में तब्‍दील कर दिया गया. इसके चलते किचिन एरिया, लिविंग एरिया और बेडरूम लड़कियों का होस्‍टल बना दिया गया जबकि गार्डन एरिया को गुरुकुल की तरह लड़कों का होस्‍टल बना दिया गया. टास्‍क में प्रियंका जग्‍गा को लड़कियों की कड़क वॉर्डन जबकि स्‍वामी ओम को लड़कों का कड़क वॉर्डन बनने की जिम्‍मेदारी दी गई. इस काम में लड़कों को वॉर्डन से छिपकर लड़कियों को प्रेम-पत्र देने हैं और लड़कियों को यह प्रेम-पत्र छिपा कर रखने हैं.   इस कार्य में लोपामुद्रा और रोहन, बानी और गौरव, मोना और मनु व मनवीर और नितिभा की जोड़ी बनाई गई जिन्‍हें एक दूसरे को प्रेम-पत्र देने थे. इन सभी जोड़‍ियों को कुल 20 या उससे ज्‍यादा प्रेम पत्र एक दूसरे को देने थे. अगर जोड़‍ियां ऐसा कर पाएंगी तो वॉर्डन हार जाएंगे और जोड़‍ियां ये टास्‍क जीत जाएंगी, जबकि वहीं यदि ऐसा नहीं होता तो दोनों वॉर्डन यह कार्य जीत जाते. इस कार्य में जीतने वाली जोड़ी ही आगे चल कर कप्‍तानी के लिए भी टास्‍क करने वाली है.   कार्य की शुरुआत से ही बानी और गौरव काफी एक्टिव दिखे और बानी ने सबसे पहले अपने प्रेम-पत्र लॉकर में डाल भी दिए. सभी जोड़‍ियां इस कार्य में काफी कोशिश करती दिख रहीं थी और इस बीच मनवीर ने काफी मजेदार शायरी भी लिखी.   लेकिन शुरुआत में ही स्‍वामी ओम रोहन के पीछे बाथरूम में चले गए और उसे बाहर निकालने के लिए बाथरूम के गेट में लात मारने लगे. इस घटना में बाथरूम का गेट भी टूट गया. इस दौरान रोहन, लोपा और स्‍वामी ओम में झड़प हो गई और रोहन और स्‍वामी ओम आपस में भिड़ गए. इससे बढ़ता हुआ देख खुद बिग बॉस ने कार्य बीच में रोका और स्‍वामी ओम को उनकी हरकत के लिए जम कर खरी-खरी सुनाई.   बिग बास ने साफ किया कि यह एक मनोरंजक खेल है जिसे अनुशासन से खेलना है. लेकिन इसके बाद भी चीजें ज्‍यादा नहीं बदलीं. वहीं दूसरी तरफ गौरव और बानी इस दौरान काफी खुश दिखे. गार्डन एरिया से गौरव ने चिल्‍ला कर कहा 'बानी आई मिस यू'. वहीं नितिभा और मनवरी भी आपस में काफी हंसते-मुस्‍कुराते और प्रेम-पत्र  देते हुए दिखे. लेकिन इस बार प्रियंका ने मनु और मोना के रिश्‍ते पर बोलना शुरू किया और साथ ही घर से बाहर मोना के बॉयफ्रेंड का नाम लेकर उन्‍हें भला बुरा सुनाया. वहीं एक बार फिर लोपा और रोहन से प्रियंका और स्‍वामी ओम झगड़ पड़े और इस बार रोहन की अंगुली में चोट भी आ गई. इसके बार बिग बॉस ने कार्य रोक दिया और स्‍वामी ओम को कंफेशन रूम में बुलाया. स्‍वामी ओम को लताड़ते हुए बिग बॉस ने साफ कहा कि यदि वह एक और बार घर में धमकी देते या किसी के साथ शारीरिक हिंसा करते हुए पाए गए तो उन्‍हें घर से बाहर निकाल दिया जाएगा.   इसके बाद जहां मोना लॉकर रूम में अकेले रोते हुए दिखीं तो वहीं मनु उनके हर बात पर रोने से काफी चिढ़ गए. कार्य खत्‍म होने के बाद स्‍वामी ओम मनु और मनुवीर से अपनी गलती पूछते और सफाई देते दिखे. घर में दिन की शुरुआत 'यह लड़का है दीवाना' गाने से हुई जिस पर नाचते हुए सारे घर वाले दिखे. दिन की शुरुआत में मनु और मनवीर स्‍वामी ओम को एक दिन पहले की बात पर बानी का साथ देने के लिए समझाते दिखे. उसके बाद बिग बॉस ने घर वालों को लग्‍जरी बजट कार्य दिया जिसका नाम था 'बीबी होस्‍टल'.    इस टास्‍क में पूरे घर को बीबी होस्‍टल में तब्‍दील कर दिया गया. इसके चलते किचिन एरिया, लिविंग एरिया और बेडरूम लड़कियों का होस्‍टल बना दिया गया जबकि गार्डन एरिया को गुरुकुल की तरह लड़कों का होस्‍टल बना दिया गया. टास्‍क में प्रियंका जग्‍गा को लड़कियों की कड़क वॉर्डन जबकि स्‍वामी ओम को लड़कों का कड़क वॉर्डन बनने की जिम्‍मेदारी दी गई. इस काम में लड़कों को वॉर्डन से छिपकर लड़कियों को प्रेम-पत्र देने हैं और लड़कियों को यह प्रेम-पत्र छिपा कर रखने हैं.   इस कार्य में लोपामुद्रा और रोहन, बानी और गौरव, मोना और मनु व मनवीर और नितिभा की जोड़ी बनाई गई जिन्‍हें एक दूसरे को प्रेम-पत्र देने थे. इन सभी जोड़‍ियों को कुल 20 या उससे ज्‍यादा प्रेम पत्र एक दूसरे को देने थे. अगर जोड़‍ियां ऐसा कर पाएंगी तो वॉर्डन हार जाएंगे और जोड़‍ियां ये टास्‍क जीत जाएंगी, जबकि वहीं यदि ऐसा नहीं होता तो दोनों वॉर्डन यह कार्य जीत जाते. इस कार्य में जीतने वाली जोड़ी ही आगे चल कर कप्‍तानी के लिए भी टास्‍क करने वाली है.   कार्य की शुरुआत से ही बानी और गौरव काफी एक्टिव दिखे और बानी ने सबसे पहले अपने प्रेम-पत्र लॉकर में डाल भी दिए. सभी जोड़‍ियां इस कार्य में काफी कोशिश करती दिख रहीं थी और इस बीच मनवीर ने काफी मजेदार शायरी भी लिखी.   लेकिन शुरुआत में ही स्‍वामी ओम रोहन के पीछे बाथरूम में चले गए और उसे बाहर निकालने के लिए बाथरूम के गेट में लात मारने लगे. इस घटना में बाथरूम का गेट भी टूट गया. इस दौरान रोहन, लोपा और स्‍वामी ओम में झड़प हो गई और रोहन और स्‍वामी ओम आपस में भिड़ गए. इससे बढ़ता हुआ देख खुद बिग बॉस ने कार्य बीच में रोका और स्‍वामी ओम को उनकी हरकत के लिए जम कर खरी-खरी सुनाई.   बिग बास ने साफ किया कि यह एक मनोरंजक खेल है जिसे अनुशासन से खेलना है. लेकिन इसके बाद भी चीजें ज्‍यादा नहीं बदलीं. वहीं दूसरी तरफ गौरव और बानी इस दौरान काफी खुश दिखे. गार्डन एरिया से गौरव ने चिल्‍ला कर कहा 'बानी आई मिस यू'. वहीं नितिभा और मनवरी भी आपस में काफी हंसते-मुस्‍कुराते और प्रेम-पत्र  देते हुए दिखे. लेकिन इस बार प्रियंका ने मनु और मोना के रिश्‍ते पर बोलना शुरू किया और साथ ही घर से बाहर मोना के बॉयफ्रेंड का नाम लेकर उन्‍हें भला बुरा सुनाया. वहीं एक बार फिर लोपा और रोहन से प्रियंका और स्‍वामी ओम झगड़ पड़े और इस बार रोहन की अंगुली में चोट भी आ गई. इसके बार बिग बॉस ने कार्य रोक दिया और स्‍वामी ओम को कंफेशन रूम में बुलाया. स्‍वामी ओम को लताड़ते हुए बिग बॉस ने साफ कहा कि यदि वह एक और बार घर में धमकी देते या किसी के साथ शारीरिक हिंसा करते हुए पाए गए तो उन्‍हें घर से बाहर निकाल दिया जाएगा.   इसके बाद जहां मोना लॉकर रूम में अकेले रोते हुए दिखीं तो वहीं मनु उनके हर बात पर रोने से काफी चिढ़ गए. कार्य खत्‍म होने के बाद स्‍वामी ओम मनु और मनुवीर से अपनी गलती पूछते और सफाई देते दिखे. वहीं एक बार फिर लोपा और रोहन से प्रियंका और स्‍वामी ओम झगड़ पड़े और इस बार रोहन की अंगुली में चोट भी आ गई. इसके बार बिग बॉस ने कार्य रोक दिया और स्‍वामी ओम को कंफेशन रूम में बुलाया. स्‍वामी ओम को लताड़ते हुए बिग बॉस ने साफ कहा कि यदि वह एक और बार घर में धमकी देते या किसी के साथ शारीरिक हिंसा करते हुए पाए गए तो उन्‍हें घर से बाहर निकाल दिया जाएगा.   इसके बाद जहां मोना लॉकर रूम में अकेले रोते हुए दिखीं तो वहीं मनु उनके हर बात पर रोने से काफी चिढ़ गए. कार्य खत्‍म होने के बाद स्‍वामी ओम मनु और मनुवीर से अपनी गलती पूछते और सफाई देते दिखे.
सारांश: बिग बॉस ने दिया घर में प्रेम-पत्र का टास्‍क स्‍वामी ओम ने घर में तोड़ा दरवाजा, भड़के बिग बॉस प्रियंका जग्‍गा ने मनु और मोना के रिश्‍ते पर सुनाई खरी-खरी
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['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: पिछले कुछ दिनों से चर्चा में चल रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान को मोदी सरकार ने केरल का राज्यपाल बनाया है. पिछले दिनों आरिफ मोहम्मद खान के बयान का ही हवाला देकर पीएम मोदी ने संसद में कहा था कि कांग्रेस के नेता ने कहा था कि मुस्लिम अगर गढ्ढे में रहना चाहते हैं तो रहने दो क्या हम मुस्लिमों के समाज सुधारक हैं. बाद में इस बात की पुष्टि आरिफ मोहम्मद खान ने यह कहते हुए की थी कि जब उन्होंने तीन तलाक के मुद्दे पर राजीव गांधी सरकार से इस्तीफा दिया था तो पीवी नरसिम्हा राव ने उनसे यह बात कही थी. आरिफ मोहम्मद खान तीन तलाक सहित कई मुद्दों पर मोदी सरकार के साथ खड़े दिखाई देते रहे हैं. आपको बता दें कि सरकार ने रविवार को खान के अलावा भाजपा के कई नेताओं को भी विभिन्न राज्यों के राज भवनों में भेजा है.   राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी आदेश के अनुसार, भाजपा नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी (77) को महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. वहीं भाजपा की तमिलनाडु अध्यक्ष तमिलसाई सुन्दरराजन (58) को तेलंगाना का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. इसी तरह, हाल ही में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल नियुक्त किए गए पूर्व केन्द्रीय मंत्री कलराज मिश्र को राजस्थान भेजा गया है. मिश्र उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह की जगह लेंगे. सिंह का पांच साल का कार्यकाल खत्म हो रहा है. जबकि पूर्व केन्द्रीय श्रम मंत्री बंडारु दतात्रेय (72) को हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. कोश्यारी महाराष्ट्र के निवर्तमान राज्यपाल विद्या सागर राव की जगह लेंगे. जबकि सुन्दरराजन तेलंगाना में ईएसएल नरसिम्हन की उत्तराधिकारी होंगी।
संक्षिप्त पाठ: आरिफ मोहम्मद खान को बनाया गया केरल का गवर्नर सरकार ने दी अहम जिम्मेदारी तीन तलाक समेत कई मुद्दों पर सरकार के साथ रहे हैं खान
27
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: अभिनेता अभिषेक बच्चन ने कहा कि राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता प्रसिद्ध फिल्मकार ऋतुपर्णो घोष एक मात्र ऐसे निर्देशक थे, जिनके साथ समूचे बच्चन परिवार ने काम किया। ऋतुपर्णो घोष का गुरुवार को कोलकाता में निधन हो गया। 37 वर्षीय अभिषेक ने ट्विटर पर लिखा, "ऋतु दा के निधन का समाचार सुनकर अत्यंत दुख हुआ। वह एक प्यारे दोस्त और महान निर्देशक थे, इसके अलावा अद्भुत इंसान थे।"टिप्पणियां उन्होंने आगे लिखा, "ऋतु दा एकमात्र ऐसे निर्देशक थे जिनके साथ मेरे समूचे परिवार ने काम किया है। पा (अमिताभ) ने फिल्म 'द लास्ट लियर, मां (जया) ने 'सन ग्लास', ऐश्वर्या ने 'चोखेर बाली' व 'रेनकोट' और मैंने 'अंतरमहल' में उनके निर्देशन में काम किया था।" उल्लेखनीय है कि अग्नाशय शोथ से पीड़ित ऋतुपर्णो घोष ने दक्षिणी कोलकाता स्थित अपने निवास पर सुबह लगभग 7.30 बजे अंतिम सांस ली। फिल्म उद्योग के सूत्रों के मुताबिक, पहले से ही बीमार ऋतु दा को दिल का दौरा पड़ा। वह 49 वर्ष के थे। 37 वर्षीय अभिषेक ने ट्विटर पर लिखा, "ऋतु दा के निधन का समाचार सुनकर अत्यंत दुख हुआ। वह एक प्यारे दोस्त और महान निर्देशक थे, इसके अलावा अद्भुत इंसान थे।"टिप्पणियां उन्होंने आगे लिखा, "ऋतु दा एकमात्र ऐसे निर्देशक थे जिनके साथ मेरे समूचे परिवार ने काम किया है। पा (अमिताभ) ने फिल्म 'द लास्ट लियर, मां (जया) ने 'सन ग्लास', ऐश्वर्या ने 'चोखेर बाली' व 'रेनकोट' और मैंने 'अंतरमहल' में उनके निर्देशन में काम किया था।" उल्लेखनीय है कि अग्नाशय शोथ से पीड़ित ऋतुपर्णो घोष ने दक्षिणी कोलकाता स्थित अपने निवास पर सुबह लगभग 7.30 बजे अंतिम सांस ली। फिल्म उद्योग के सूत्रों के मुताबिक, पहले से ही बीमार ऋतु दा को दिल का दौरा पड़ा। वह 49 वर्ष के थे। उन्होंने आगे लिखा, "ऋतु दा एकमात्र ऐसे निर्देशक थे जिनके साथ मेरे समूचे परिवार ने काम किया है। पा (अमिताभ) ने फिल्म 'द लास्ट लियर, मां (जया) ने 'सन ग्लास', ऐश्वर्या ने 'चोखेर बाली' व 'रेनकोट' और मैंने 'अंतरमहल' में उनके निर्देशन में काम किया था।" उल्लेखनीय है कि अग्नाशय शोथ से पीड़ित ऋतुपर्णो घोष ने दक्षिणी कोलकाता स्थित अपने निवास पर सुबह लगभग 7.30 बजे अंतिम सांस ली। फिल्म उद्योग के सूत्रों के मुताबिक, पहले से ही बीमार ऋतु दा को दिल का दौरा पड़ा। वह 49 वर्ष के थे। उल्लेखनीय है कि अग्नाशय शोथ से पीड़ित ऋतुपर्णो घोष ने दक्षिणी कोलकाता स्थित अपने निवास पर सुबह लगभग 7.30 बजे अंतिम सांस ली। फिल्म उद्योग के सूत्रों के मुताबिक, पहले से ही बीमार ऋतु दा को दिल का दौरा पड़ा। वह 49 वर्ष के थे।
संक्षिप्त सारांश: अभिनेता अभिषेक बच्चन ने कहा कि राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता प्रसिद्ध फिल्मकार ऋतुपर्णो घोष एक मात्र ऐसे निर्देशक थे, जिनके साथ समूचे बच्चन परिवार ने काम किया। ऋतुपर्णो घोष का गुरुवार को कोलकाता में निधन हो गया।
29
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: दुनियाभर में बहुत से आतंकी हमलों का हुक्म देने वाले और अपनी आतंकी गतिविधियों से पश्चिमी देशों की नाक में दम कर देने वाले अलकायदा सरगना पर जब अमेरिका के विशेष बलों ने हमला किया तो वह एक महिला के पीछे छिप गया जिसे उसकी बीवी माना जाता है। विश्व में सर्वाधिक वांछित यह खूंखार आतंकवादी पाकिस्तान के ऐबटाबाद में दस लाख डॉलर की लागत वाले एक मकान में छिपा हुआ था। आतंकवाद विरोधी एवं गृह सुरक्षा मामलों के राष्ट्रीय उप सलाहकार जॉन ब्रेनन ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं को बताया कि लादेन ने अमेरिकी हमले के समय एक महिला को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया जो उसकी बीवी मानी जाती है। अमेरिका की इस कार्रवाई में अलकायदा के दो और सदस्य मारे गए जो लादेन के संदेशवाहक के रूप में काम कर रहे थे। इनमें से एक उसका बेटा खालिद और एक महिला शामिल है, जो ओसामा बिन लादेन की बीवी मानी जाती है। उन्होंने कहा मेरा मानना है कि उसने (महिला) लादेन की ढाल के रूप में काम किया। हम अब भी सही रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं कि उन खास क्षणों में क्या हुआ। उप सलाहकार ने कहा कि जब लादेन को पकड़ने का मौका आया तो उस महिला ने लड़ाई लड़ी। वह इस तरह तैनात थी जिससे पता चल रहा था कि उसे ढाल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
पश्चिमी देशों की नाक में दम कर देने वाले अलकायदा सरगना पर जब अमेरिका के विशेष बलों ने हमला किया तो वह एक महिला के पीछे छिप गया जिसे उसकी बीवी माना जाता है।
28
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले की जांच कर रही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) दयानिधि मारन और ए राजा सहित 1998 से अब तक के सभी दूरसंचार मंत्रियों को अपने बयान दर्ज कराने के लिए समिति के समक्ष पेश होने को कहेगी। समिति ने अपनी बैठक में उन 85 लोगों की सूची को अंतिम रूप दे दिया जिन्हें इस संबंध में गवाही के लिए तलब किया जाना है। जेपीसी के अध्यक्ष पीसी चाको ने यह जानकारी देते हुए इस सिलसिले में राजा को भी तलब किए जा सकने का संकेत देते हुए कहा, जेपीसी उन लोगों को गवाही देने के लिए तलब कर सकती है जो 2जी घोटाले के मामले में इन दिनों जेल में हैं। उन्होंने हालांकि कहा कि मारन को उनपर लगे हाल के आरोपों के संबंध में नहीं बुलाया जाएगा। कपड़ा मंत्री मारन पर आरोप है कि दूरसंचार मंत्री रहते उन्होंने एक मलेशियाई दूरसंचार कंपनी को लाभ पहुंचाया जिसके बदले में उस कंपनी ने उनके पारिवार के सन टीवी समूह में करोड़ों रुपयों का निवेश किया। मारन ने हालांकि इस आरोप का खंडन किया है। चाको ने कहा, समिति के अधिकार क्षेत्र में साफ कहा गया है कि 1998 से 2009 तक के सभी दूरसंचार मंत्रियों को तलब किया जाएगा। ऐसे में स्वाभाविक तौर पर मारन को भी तलब किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जेपीसी ने इन 10 सालों की उन सभी फाइलों और अन्य दस्तावेजों को उपलब्ध कराने को कहा है जिसमें 2जी स्पेक्ट्रम के आवंटन से संबंधित विवादास्पद नीतिगत फैसलों का उल्लेख है।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: 2जी घोटाले की जांच कर रही जेपीसी मारन, राजा सहित 1998 से अबतक के सभी दूरसंचार मंत्रियों को अपने बयान दर्ज कराने के लिए पेश होने को कहेगी।
19
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: श्रीलंका दौरे पर ज़हीर खान, उमेश यादव, विनय कुमार, अशोक डिंडा के ऊपर ही टीम इंडिया की तेज़ गेंदबाज़ी की बागडोर होगी। लंका की स्लो और लो होती पिचों पर इन गेंदबाज़ों को ही शुरुआत में विकेट झटकाकर लंकाई चीतों को बैकफुट पर धकेलना होगा। ज़हीर खान 4 महीने के आराम के बाद टीम इंडिया में वापसी कर रहे हैं। ज़हीर श्रीलंका में तेज़ गेंदबाज़ों के लीडर होंगे और सबसे अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ होने के कारण विकेट लेने की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर होगी। हालात चाहे कैसे भी हों लेकिन ज़हीर गेंद को स्विंग और बाद में रिवर्स स्विंग कराने में माहिर हैं। ज़हीर बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के खिलाफ कारगार साबित हुए हैं और इन-फॉर्म संगकारा को सस्ते में समेटने के लिए धोनी उन्हीं पर भरोसा करेंगे। ज़हीर का रिकॉर्ड भी श्रीलंकाई ज़मीन पर अच्छा है। ज़हीर ने श्रीलंका में 32 मैच खेले हैं और करीब 29 की औसत से 43 विकेट झटके हैं। उमेश यादव भारत के सबसे तेज़ तर्रार गेंदबाज़ों में से एक हैं। 24 साल के इस नौजवान को उनकी तेज़ गेंदबाज़ी की वजह से नाम मिला है नागपुर एक्सप्रेस। उमेश पर श्रीलंका की बेजान पिचों पर अपनी कंधों की ताकत से बाउंस और स्पीड निकालने का दारोमदार होगा। खासतौर पर नई गेंद का उमेश को भरपूर फायदा उठाना होगा। उमेश का यह पहला श्रीलंकाई दौरा है लिहाज़ा उन्हें सीखने को भी काफी कुछ मिलेगा। वैसे 15 वनडे पुराने उमेश का वनडे से ज्यादा टेस्ट में प्रदर्शन अभी तक बेहतर रहा है। विनय कुमार न तो गेंद को बहुत ज्यादा स्विंग कराते है न ही उनकी गेंदों में वह रफ्तार है। लेकिन लाइन लेंथ पकड़कर गेंदबाज़ी करना और स्लो गेंद का बेहतरीन इस्तेमाल करने की कला उन्हें बखूबी आती है। विनय पर मिडिल ओवरों में रनों को सुखाने की जिम्मेदारी होगी।टिप्पणियां लेग कर्टस की वजह से विनय की गेंदों को हल्के में लेना श्रीलंकाई गेंदबाज़ों को भारी भी पड़ सकता है। 22 वनडे पुराने विनय का भी ये पहला श्रीलंका दौरा है और उनके करियर के लिए काफी अहम भी क्योंकि श्रीलंका की ज़मीन पर प्रदर्शन विनय के करियर की दिशा काफी हद तक तय कर देगा। आईपीएल और रणजी मैचों में जोश और जज्बे से भरपूर इस गेंदबाज़ ने सबको प्रभावित किया है। अशोक डिंडा का नाम काफी वक्त से घरेलू सर्किल में धमाल मचा रहा है और अबा बारी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को साबित करने की है। श्रीलंका में 2010 में हुए एशिया कप में डिंडा को 1 मैच खेलने का अनुभव है। 2012 में हुए एशिया कप में भी डिंडा टीम का हिस्सा थे लेकिन वह कोई कमाल नहीं कर पाए। डिंडा के पास अच्छा गेंदबाज़ होने के सारे गुण मौजूद है और श्रीलंका में इस बार उन्हें अपनी उपयोगिता साबित करनी ही होगी। ज़हीर खान 4 महीने के आराम के बाद टीम इंडिया में वापसी कर रहे हैं। ज़हीर श्रीलंका में तेज़ गेंदबाज़ों के लीडर होंगे और सबसे अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ होने के कारण विकेट लेने की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर होगी। हालात चाहे कैसे भी हों लेकिन ज़हीर गेंद को स्विंग और बाद में रिवर्स स्विंग कराने में माहिर हैं। ज़हीर बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के खिलाफ कारगार साबित हुए हैं और इन-फॉर्म संगकारा को सस्ते में समेटने के लिए धोनी उन्हीं पर भरोसा करेंगे। ज़हीर का रिकॉर्ड भी श्रीलंकाई ज़मीन पर अच्छा है। ज़हीर ने श्रीलंका में 32 मैच खेले हैं और करीब 29 की औसत से 43 विकेट झटके हैं। उमेश यादव भारत के सबसे तेज़ तर्रार गेंदबाज़ों में से एक हैं। 24 साल के इस नौजवान को उनकी तेज़ गेंदबाज़ी की वजह से नाम मिला है नागपुर एक्सप्रेस। उमेश पर श्रीलंका की बेजान पिचों पर अपनी कंधों की ताकत से बाउंस और स्पीड निकालने का दारोमदार होगा। खासतौर पर नई गेंद का उमेश को भरपूर फायदा उठाना होगा। उमेश का यह पहला श्रीलंकाई दौरा है लिहाज़ा उन्हें सीखने को भी काफी कुछ मिलेगा। वैसे 15 वनडे पुराने उमेश का वनडे से ज्यादा टेस्ट में प्रदर्शन अभी तक बेहतर रहा है। विनय कुमार न तो गेंद को बहुत ज्यादा स्विंग कराते है न ही उनकी गेंदों में वह रफ्तार है। लेकिन लाइन लेंथ पकड़कर गेंदबाज़ी करना और स्लो गेंद का बेहतरीन इस्तेमाल करने की कला उन्हें बखूबी आती है। विनय पर मिडिल ओवरों में रनों को सुखाने की जिम्मेदारी होगी।टिप्पणियां लेग कर्टस की वजह से विनय की गेंदों को हल्के में लेना श्रीलंकाई गेंदबाज़ों को भारी भी पड़ सकता है। 22 वनडे पुराने विनय का भी ये पहला श्रीलंका दौरा है और उनके करियर के लिए काफी अहम भी क्योंकि श्रीलंका की ज़मीन पर प्रदर्शन विनय के करियर की दिशा काफी हद तक तय कर देगा। आईपीएल और रणजी मैचों में जोश और जज्बे से भरपूर इस गेंदबाज़ ने सबको प्रभावित किया है। अशोक डिंडा का नाम काफी वक्त से घरेलू सर्किल में धमाल मचा रहा है और अबा बारी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को साबित करने की है। श्रीलंका में 2010 में हुए एशिया कप में डिंडा को 1 मैच खेलने का अनुभव है। 2012 में हुए एशिया कप में भी डिंडा टीम का हिस्सा थे लेकिन वह कोई कमाल नहीं कर पाए। डिंडा के पास अच्छा गेंदबाज़ होने के सारे गुण मौजूद है और श्रीलंका में इस बार उन्हें अपनी उपयोगिता साबित करनी ही होगी। हालात चाहे कैसे भी हों लेकिन ज़हीर गेंद को स्विंग और बाद में रिवर्स स्विंग कराने में माहिर हैं। ज़हीर बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के खिलाफ कारगार साबित हुए हैं और इन-फॉर्म संगकारा को सस्ते में समेटने के लिए धोनी उन्हीं पर भरोसा करेंगे। ज़हीर का रिकॉर्ड भी श्रीलंकाई ज़मीन पर अच्छा है। ज़हीर ने श्रीलंका में 32 मैच खेले हैं और करीब 29 की औसत से 43 विकेट झटके हैं। उमेश यादव भारत के सबसे तेज़ तर्रार गेंदबाज़ों में से एक हैं। 24 साल के इस नौजवान को उनकी तेज़ गेंदबाज़ी की वजह से नाम मिला है नागपुर एक्सप्रेस। उमेश पर श्रीलंका की बेजान पिचों पर अपनी कंधों की ताकत से बाउंस और स्पीड निकालने का दारोमदार होगा। खासतौर पर नई गेंद का उमेश को भरपूर फायदा उठाना होगा। उमेश का यह पहला श्रीलंकाई दौरा है लिहाज़ा उन्हें सीखने को भी काफी कुछ मिलेगा। वैसे 15 वनडे पुराने उमेश का वनडे से ज्यादा टेस्ट में प्रदर्शन अभी तक बेहतर रहा है। विनय कुमार न तो गेंद को बहुत ज्यादा स्विंग कराते है न ही उनकी गेंदों में वह रफ्तार है। लेकिन लाइन लेंथ पकड़कर गेंदबाज़ी करना और स्लो गेंद का बेहतरीन इस्तेमाल करने की कला उन्हें बखूबी आती है। विनय पर मिडिल ओवरों में रनों को सुखाने की जिम्मेदारी होगी।टिप्पणियां लेग कर्टस की वजह से विनय की गेंदों को हल्के में लेना श्रीलंकाई गेंदबाज़ों को भारी भी पड़ सकता है। 22 वनडे पुराने विनय का भी ये पहला श्रीलंका दौरा है और उनके करियर के लिए काफी अहम भी क्योंकि श्रीलंका की ज़मीन पर प्रदर्शन विनय के करियर की दिशा काफी हद तक तय कर देगा। आईपीएल और रणजी मैचों में जोश और जज्बे से भरपूर इस गेंदबाज़ ने सबको प्रभावित किया है। अशोक डिंडा का नाम काफी वक्त से घरेलू सर्किल में धमाल मचा रहा है और अबा बारी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को साबित करने की है। श्रीलंका में 2010 में हुए एशिया कप में डिंडा को 1 मैच खेलने का अनुभव है। 2012 में हुए एशिया कप में भी डिंडा टीम का हिस्सा थे लेकिन वह कोई कमाल नहीं कर पाए। डिंडा के पास अच्छा गेंदबाज़ होने के सारे गुण मौजूद है और श्रीलंका में इस बार उन्हें अपनी उपयोगिता साबित करनी ही होगी। ज़हीर बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के खिलाफ कारगार साबित हुए हैं और इन-फॉर्म संगकारा को सस्ते में समेटने के लिए धोनी उन्हीं पर भरोसा करेंगे। ज़हीर का रिकॉर्ड भी श्रीलंकाई ज़मीन पर अच्छा है। ज़हीर ने श्रीलंका में 32 मैच खेले हैं और करीब 29 की औसत से 43 विकेट झटके हैं। उमेश यादव भारत के सबसे तेज़ तर्रार गेंदबाज़ों में से एक हैं। 24 साल के इस नौजवान को उनकी तेज़ गेंदबाज़ी की वजह से नाम मिला है नागपुर एक्सप्रेस। उमेश पर श्रीलंका की बेजान पिचों पर अपनी कंधों की ताकत से बाउंस और स्पीड निकालने का दारोमदार होगा। खासतौर पर नई गेंद का उमेश को भरपूर फायदा उठाना होगा। उमेश का यह पहला श्रीलंकाई दौरा है लिहाज़ा उन्हें सीखने को भी काफी कुछ मिलेगा। वैसे 15 वनडे पुराने उमेश का वनडे से ज्यादा टेस्ट में प्रदर्शन अभी तक बेहतर रहा है। विनय कुमार न तो गेंद को बहुत ज्यादा स्विंग कराते है न ही उनकी गेंदों में वह रफ्तार है। लेकिन लाइन लेंथ पकड़कर गेंदबाज़ी करना और स्लो गेंद का बेहतरीन इस्तेमाल करने की कला उन्हें बखूबी आती है। विनय पर मिडिल ओवरों में रनों को सुखाने की जिम्मेदारी होगी।टिप्पणियां लेग कर्टस की वजह से विनय की गेंदों को हल्के में लेना श्रीलंकाई गेंदबाज़ों को भारी भी पड़ सकता है। 22 वनडे पुराने विनय का भी ये पहला श्रीलंका दौरा है और उनके करियर के लिए काफी अहम भी क्योंकि श्रीलंका की ज़मीन पर प्रदर्शन विनय के करियर की दिशा काफी हद तक तय कर देगा। आईपीएल और रणजी मैचों में जोश और जज्बे से भरपूर इस गेंदबाज़ ने सबको प्रभावित किया है। अशोक डिंडा का नाम काफी वक्त से घरेलू सर्किल में धमाल मचा रहा है और अबा बारी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को साबित करने की है। श्रीलंका में 2010 में हुए एशिया कप में डिंडा को 1 मैच खेलने का अनुभव है। 2012 में हुए एशिया कप में भी डिंडा टीम का हिस्सा थे लेकिन वह कोई कमाल नहीं कर पाए। डिंडा के पास अच्छा गेंदबाज़ होने के सारे गुण मौजूद है और श्रीलंका में इस बार उन्हें अपनी उपयोगिता साबित करनी ही होगी। उमेश यादव भारत के सबसे तेज़ तर्रार गेंदबाज़ों में से एक हैं। 24 साल के इस नौजवान को उनकी तेज़ गेंदबाज़ी की वजह से नाम मिला है नागपुर एक्सप्रेस। उमेश पर श्रीलंका की बेजान पिचों पर अपनी कंधों की ताकत से बाउंस और स्पीड निकालने का दारोमदार होगा। खासतौर पर नई गेंद का उमेश को भरपूर फायदा उठाना होगा। उमेश का यह पहला श्रीलंकाई दौरा है लिहाज़ा उन्हें सीखने को भी काफी कुछ मिलेगा। वैसे 15 वनडे पुराने उमेश का वनडे से ज्यादा टेस्ट में प्रदर्शन अभी तक बेहतर रहा है। विनय कुमार न तो गेंद को बहुत ज्यादा स्विंग कराते है न ही उनकी गेंदों में वह रफ्तार है। लेकिन लाइन लेंथ पकड़कर गेंदबाज़ी करना और स्लो गेंद का बेहतरीन इस्तेमाल करने की कला उन्हें बखूबी आती है। विनय पर मिडिल ओवरों में रनों को सुखाने की जिम्मेदारी होगी।टिप्पणियां लेग कर्टस की वजह से विनय की गेंदों को हल्के में लेना श्रीलंकाई गेंदबाज़ों को भारी भी पड़ सकता है। 22 वनडे पुराने विनय का भी ये पहला श्रीलंका दौरा है और उनके करियर के लिए काफी अहम भी क्योंकि श्रीलंका की ज़मीन पर प्रदर्शन विनय के करियर की दिशा काफी हद तक तय कर देगा। आईपीएल और रणजी मैचों में जोश और जज्बे से भरपूर इस गेंदबाज़ ने सबको प्रभावित किया है। अशोक डिंडा का नाम काफी वक्त से घरेलू सर्किल में धमाल मचा रहा है और अबा बारी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को साबित करने की है। श्रीलंका में 2010 में हुए एशिया कप में डिंडा को 1 मैच खेलने का अनुभव है। 2012 में हुए एशिया कप में भी डिंडा टीम का हिस्सा थे लेकिन वह कोई कमाल नहीं कर पाए। डिंडा के पास अच्छा गेंदबाज़ होने के सारे गुण मौजूद है और श्रीलंका में इस बार उन्हें अपनी उपयोगिता साबित करनी ही होगी। विनय कुमार न तो गेंद को बहुत ज्यादा स्विंग कराते है न ही उनकी गेंदों में वह रफ्तार है। लेकिन लाइन लेंथ पकड़कर गेंदबाज़ी करना और स्लो गेंद का बेहतरीन इस्तेमाल करने की कला उन्हें बखूबी आती है। विनय पर मिडिल ओवरों में रनों को सुखाने की जिम्मेदारी होगी।टिप्पणियां लेग कर्टस की वजह से विनय की गेंदों को हल्के में लेना श्रीलंकाई गेंदबाज़ों को भारी भी पड़ सकता है। 22 वनडे पुराने विनय का भी ये पहला श्रीलंका दौरा है और उनके करियर के लिए काफी अहम भी क्योंकि श्रीलंका की ज़मीन पर प्रदर्शन विनय के करियर की दिशा काफी हद तक तय कर देगा। आईपीएल और रणजी मैचों में जोश और जज्बे से भरपूर इस गेंदबाज़ ने सबको प्रभावित किया है। अशोक डिंडा का नाम काफी वक्त से घरेलू सर्किल में धमाल मचा रहा है और अबा बारी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को साबित करने की है। श्रीलंका में 2010 में हुए एशिया कप में डिंडा को 1 मैच खेलने का अनुभव है। 2012 में हुए एशिया कप में भी डिंडा टीम का हिस्सा थे लेकिन वह कोई कमाल नहीं कर पाए। डिंडा के पास अच्छा गेंदबाज़ होने के सारे गुण मौजूद है और श्रीलंका में इस बार उन्हें अपनी उपयोगिता साबित करनी ही होगी। विनय पर मिडिल ओवरों में रनों को सुखाने की जिम्मेदारी होगी।टिप्पणियां लेग कर्टस की वजह से विनय की गेंदों को हल्के में लेना श्रीलंकाई गेंदबाज़ों को भारी भी पड़ सकता है। 22 वनडे पुराने विनय का भी ये पहला श्रीलंका दौरा है और उनके करियर के लिए काफी अहम भी क्योंकि श्रीलंका की ज़मीन पर प्रदर्शन विनय के करियर की दिशा काफी हद तक तय कर देगा। आईपीएल और रणजी मैचों में जोश और जज्बे से भरपूर इस गेंदबाज़ ने सबको प्रभावित किया है। अशोक डिंडा का नाम काफी वक्त से घरेलू सर्किल में धमाल मचा रहा है और अबा बारी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को साबित करने की है। श्रीलंका में 2010 में हुए एशिया कप में डिंडा को 1 मैच खेलने का अनुभव है। 2012 में हुए एशिया कप में भी डिंडा टीम का हिस्सा थे लेकिन वह कोई कमाल नहीं कर पाए। डिंडा के पास अच्छा गेंदबाज़ होने के सारे गुण मौजूद है और श्रीलंका में इस बार उन्हें अपनी उपयोगिता साबित करनी ही होगी। लेग कर्टस की वजह से विनय की गेंदों को हल्के में लेना श्रीलंकाई गेंदबाज़ों को भारी भी पड़ सकता है। 22 वनडे पुराने विनय का भी ये पहला श्रीलंका दौरा है और उनके करियर के लिए काफी अहम भी क्योंकि श्रीलंका की ज़मीन पर प्रदर्शन विनय के करियर की दिशा काफी हद तक तय कर देगा। आईपीएल और रणजी मैचों में जोश और जज्बे से भरपूर इस गेंदबाज़ ने सबको प्रभावित किया है। अशोक डिंडा का नाम काफी वक्त से घरेलू सर्किल में धमाल मचा रहा है और अबा बारी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को साबित करने की है। श्रीलंका में 2010 में हुए एशिया कप में डिंडा को 1 मैच खेलने का अनुभव है। 2012 में हुए एशिया कप में भी डिंडा टीम का हिस्सा थे लेकिन वह कोई कमाल नहीं कर पाए। डिंडा के पास अच्छा गेंदबाज़ होने के सारे गुण मौजूद है और श्रीलंका में इस बार उन्हें अपनी उपयोगिता साबित करनी ही होगी। आईपीएल और रणजी मैचों में जोश और जज्बे से भरपूर इस गेंदबाज़ ने सबको प्रभावित किया है। अशोक डिंडा का नाम काफी वक्त से घरेलू सर्किल में धमाल मचा रहा है और अबा बारी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को साबित करने की है। श्रीलंका में 2010 में हुए एशिया कप में डिंडा को 1 मैच खेलने का अनुभव है। 2012 में हुए एशिया कप में भी डिंडा टीम का हिस्सा थे लेकिन वह कोई कमाल नहीं कर पाए। डिंडा के पास अच्छा गेंदबाज़ होने के सारे गुण मौजूद है और श्रीलंका में इस बार उन्हें अपनी उपयोगिता साबित करनी ही होगी।
संक्षिप्त पाठ: श्रीलंका दौरे पर ज़हीर खान, उमेश यादव, विनय कुमार, अशोक डिंडा के ऊपर ही टीम इंडिया की तेज़ गेंदबाज़ी की बागडोर होगी।
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['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह व्हाइट हाउस संवाददाता संघ (व्हाइट हाउस कॉरेसपॉण्डेंट्स असोसिएशन-डब्ल्यूएचसीए) के वाषिर्क रात्रिभोज में शामिल नहीं होंगे. इसके साथ ही ट्रंप ऐसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति होने जा रहे हैं जो मीडिया के साथ अपनी तनातनी के बीच इस भव्य समारोह में नहीं जा रहे. ट्रंप का यह कदम वर्षों से चली आ रही उस परंपरा के विपरीत है, जिसके तहत अमेरिकी राष्ट्रपति इस समारोह में शिरकत करते हैं. ट्रंप ने ट्विटर पर घोषणा की,  'मैं इस साल व्हाइट हाउस कॉरेसपॉण्डेंट्स असोसिएशन के रात्रिभोज में शामिल नहीं होउंगा. कृपया हर किसी को मेरी शुभकामनाएं दें.' इस भोज में पत्रकारिता छात्रवृत्तियों के लिए धन जुटाया जाता है. इस वार्षिक समारोह में राष्ट्रपति, पत्रकार, चर्चित हस्तियां और वाशिंगटन के चुनिंदा लोग शामिल होते हैं. सीएनएन की खबर के अनुसार, इस समारोह में शिरकत न करने वाले पिछले राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन थे. वह इसलिए इसमें शामिल नहीं हुए थे क्योंकि वह वर्ष 1981 में अपने उपर हुए घातक हमले से उबर रहे थे. हालांकि उन्होंने फोन पर अपना संबोधन दिया था. एनपीआर के अनुसार, रिचर्ड निक्सन ने वर्ष 1972 में इस समारोह में शिरकत नहीं की थी. पिछले कुछ दिनों में ट्रंप ने अमेरिका के मुख्यधारा के मीडिया को देश का असली शत्रु बताया है. ट्रंप की इस घोषणा से एक दिन पहले ही द न्यूयार्क टाइम्स, सीएनएन और बीबीसी समेत कई बड़े खबरिया समूहों को व्हाइट हाउस के एक संवाददाता सम्मेलन में हिस्सा लेने से रोक दिया गया था. इस अभूतपूर्व कदम के कारण ट्रंप प्रशासन और मीडिया के संबंधों में चल रहा तनाव और अधिक बढ़ गया. वाशिंगटन डीसी के इस उच्च स्तरीय कार्यक्रम में पारंपरिक तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति और हॉलीवुड की चर्चित हस्तियां इस समारोह में शिरकत करती हैं. पहली बार इस समारोह का आयोजन वर्ष 1920 में किया गया था. इस साल यह रात्रिभोज 29 अप्रैल को आयोजित किया जाना है. द न्यूयार्क टाइम्स ने कहा, 'हास्य-विनोद से परिपूर्ण इस समारोह के साथ मौजूदा तनाव का स्तर बेहद बेमेल है. इस समारोह में हाल के वषरें में शीर्ष स्तर की चर्चित हस्तियां आती रही हैं. इसमें संवाददाताओं और राष्ट्रपति के बीच हास-परिहास होता है और कोई चर्चित हास्य कलाकार अपनी प्रस्तुति देता है. राष्ट्रपतियों से उम्मीद की जाती है कि वे अपनी आलोचना सुन सकें लेकिन श्रीमान ट्रंप ऐसे नहीं हैं.'टिप्पणियां डब्ल्यूएचसीए के अध्यक्ष जेफ मैसन ने कहा, 'डब्ल्यूएचसीए ट्विटर पर राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा की गई घोषणा पर गौर करता है कि उनकी योजना रात्रिभोज में न आने की है. यह रात्रिभोज पहले संशोधन और स्वतंत्र मीडिया द्वारा एक स्वस्थ गणतंत्र के लिए निभाई गई अहम भूमिका का जश्न रहा है और रहेगा.'(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) ट्रंप ने ट्विटर पर घोषणा की,  'मैं इस साल व्हाइट हाउस कॉरेसपॉण्डेंट्स असोसिएशन के रात्रिभोज में शामिल नहीं होउंगा. कृपया हर किसी को मेरी शुभकामनाएं दें.' इस भोज में पत्रकारिता छात्रवृत्तियों के लिए धन जुटाया जाता है. इस वार्षिक समारोह में राष्ट्रपति, पत्रकार, चर्चित हस्तियां और वाशिंगटन के चुनिंदा लोग शामिल होते हैं. सीएनएन की खबर के अनुसार, इस समारोह में शिरकत न करने वाले पिछले राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन थे. वह इसलिए इसमें शामिल नहीं हुए थे क्योंकि वह वर्ष 1981 में अपने उपर हुए घातक हमले से उबर रहे थे. हालांकि उन्होंने फोन पर अपना संबोधन दिया था. एनपीआर के अनुसार, रिचर्ड निक्सन ने वर्ष 1972 में इस समारोह में शिरकत नहीं की थी. पिछले कुछ दिनों में ट्रंप ने अमेरिका के मुख्यधारा के मीडिया को देश का असली शत्रु बताया है. ट्रंप की इस घोषणा से एक दिन पहले ही द न्यूयार्क टाइम्स, सीएनएन और बीबीसी समेत कई बड़े खबरिया समूहों को व्हाइट हाउस के एक संवाददाता सम्मेलन में हिस्सा लेने से रोक दिया गया था. इस अभूतपूर्व कदम के कारण ट्रंप प्रशासन और मीडिया के संबंधों में चल रहा तनाव और अधिक बढ़ गया. वाशिंगटन डीसी के इस उच्च स्तरीय कार्यक्रम में पारंपरिक तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति और हॉलीवुड की चर्चित हस्तियां इस समारोह में शिरकत करती हैं. पहली बार इस समारोह का आयोजन वर्ष 1920 में किया गया था. इस साल यह रात्रिभोज 29 अप्रैल को आयोजित किया जाना है. द न्यूयार्क टाइम्स ने कहा, 'हास्य-विनोद से परिपूर्ण इस समारोह के साथ मौजूदा तनाव का स्तर बेहद बेमेल है. इस समारोह में हाल के वषरें में शीर्ष स्तर की चर्चित हस्तियां आती रही हैं. इसमें संवाददाताओं और राष्ट्रपति के बीच हास-परिहास होता है और कोई चर्चित हास्य कलाकार अपनी प्रस्तुति देता है. राष्ट्रपतियों से उम्मीद की जाती है कि वे अपनी आलोचना सुन सकें लेकिन श्रीमान ट्रंप ऐसे नहीं हैं.'टिप्पणियां डब्ल्यूएचसीए के अध्यक्ष जेफ मैसन ने कहा, 'डब्ल्यूएचसीए ट्विटर पर राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा की गई घोषणा पर गौर करता है कि उनकी योजना रात्रिभोज में न आने की है. यह रात्रिभोज पहले संशोधन और स्वतंत्र मीडिया द्वारा एक स्वस्थ गणतंत्र के लिए निभाई गई अहम भूमिका का जश्न रहा है और रहेगा.'(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) सीएनएन की खबर के अनुसार, इस समारोह में शिरकत न करने वाले पिछले राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन थे. वह इसलिए इसमें शामिल नहीं हुए थे क्योंकि वह वर्ष 1981 में अपने उपर हुए घातक हमले से उबर रहे थे. हालांकि उन्होंने फोन पर अपना संबोधन दिया था. एनपीआर के अनुसार, रिचर्ड निक्सन ने वर्ष 1972 में इस समारोह में शिरकत नहीं की थी. पिछले कुछ दिनों में ट्रंप ने अमेरिका के मुख्यधारा के मीडिया को देश का असली शत्रु बताया है. ट्रंप की इस घोषणा से एक दिन पहले ही द न्यूयार्क टाइम्स, सीएनएन और बीबीसी समेत कई बड़े खबरिया समूहों को व्हाइट हाउस के एक संवाददाता सम्मेलन में हिस्सा लेने से रोक दिया गया था. इस अभूतपूर्व कदम के कारण ट्रंप प्रशासन और मीडिया के संबंधों में चल रहा तनाव और अधिक बढ़ गया. वाशिंगटन डीसी के इस उच्च स्तरीय कार्यक्रम में पारंपरिक तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति और हॉलीवुड की चर्चित हस्तियां इस समारोह में शिरकत करती हैं. पहली बार इस समारोह का आयोजन वर्ष 1920 में किया गया था. इस साल यह रात्रिभोज 29 अप्रैल को आयोजित किया जाना है. द न्यूयार्क टाइम्स ने कहा, 'हास्य-विनोद से परिपूर्ण इस समारोह के साथ मौजूदा तनाव का स्तर बेहद बेमेल है. इस समारोह में हाल के वषरें में शीर्ष स्तर की चर्चित हस्तियां आती रही हैं. इसमें संवाददाताओं और राष्ट्रपति के बीच हास-परिहास होता है और कोई चर्चित हास्य कलाकार अपनी प्रस्तुति देता है. राष्ट्रपतियों से उम्मीद की जाती है कि वे अपनी आलोचना सुन सकें लेकिन श्रीमान ट्रंप ऐसे नहीं हैं.'टिप्पणियां डब्ल्यूएचसीए के अध्यक्ष जेफ मैसन ने कहा, 'डब्ल्यूएचसीए ट्विटर पर राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा की गई घोषणा पर गौर करता है कि उनकी योजना रात्रिभोज में न आने की है. यह रात्रिभोज पहले संशोधन और स्वतंत्र मीडिया द्वारा एक स्वस्थ गणतंत्र के लिए निभाई गई अहम भूमिका का जश्न रहा है और रहेगा.'(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) ट्रंप की इस घोषणा से एक दिन पहले ही द न्यूयार्क टाइम्स, सीएनएन और बीबीसी समेत कई बड़े खबरिया समूहों को व्हाइट हाउस के एक संवाददाता सम्मेलन में हिस्सा लेने से रोक दिया गया था. इस अभूतपूर्व कदम के कारण ट्रंप प्रशासन और मीडिया के संबंधों में चल रहा तनाव और अधिक बढ़ गया. वाशिंगटन डीसी के इस उच्च स्तरीय कार्यक्रम में पारंपरिक तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति और हॉलीवुड की चर्चित हस्तियां इस समारोह में शिरकत करती हैं. पहली बार इस समारोह का आयोजन वर्ष 1920 में किया गया था. इस साल यह रात्रिभोज 29 अप्रैल को आयोजित किया जाना है. द न्यूयार्क टाइम्स ने कहा, 'हास्य-विनोद से परिपूर्ण इस समारोह के साथ मौजूदा तनाव का स्तर बेहद बेमेल है. इस समारोह में हाल के वषरें में शीर्ष स्तर की चर्चित हस्तियां आती रही हैं. इसमें संवाददाताओं और राष्ट्रपति के बीच हास-परिहास होता है और कोई चर्चित हास्य कलाकार अपनी प्रस्तुति देता है. राष्ट्रपतियों से उम्मीद की जाती है कि वे अपनी आलोचना सुन सकें लेकिन श्रीमान ट्रंप ऐसे नहीं हैं.'टिप्पणियां डब्ल्यूएचसीए के अध्यक्ष जेफ मैसन ने कहा, 'डब्ल्यूएचसीए ट्विटर पर राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा की गई घोषणा पर गौर करता है कि उनकी योजना रात्रिभोज में न आने की है. यह रात्रिभोज पहले संशोधन और स्वतंत्र मीडिया द्वारा एक स्वस्थ गणतंत्र के लिए निभाई गई अहम भूमिका का जश्न रहा है और रहेगा.'(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) वाशिंगटन डीसी के इस उच्च स्तरीय कार्यक्रम में पारंपरिक तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति और हॉलीवुड की चर्चित हस्तियां इस समारोह में शिरकत करती हैं. पहली बार इस समारोह का आयोजन वर्ष 1920 में किया गया था. इस साल यह रात्रिभोज 29 अप्रैल को आयोजित किया जाना है. द न्यूयार्क टाइम्स ने कहा, 'हास्य-विनोद से परिपूर्ण इस समारोह के साथ मौजूदा तनाव का स्तर बेहद बेमेल है. इस समारोह में हाल के वषरें में शीर्ष स्तर की चर्चित हस्तियां आती रही हैं. इसमें संवाददाताओं और राष्ट्रपति के बीच हास-परिहास होता है और कोई चर्चित हास्य कलाकार अपनी प्रस्तुति देता है. राष्ट्रपतियों से उम्मीद की जाती है कि वे अपनी आलोचना सुन सकें लेकिन श्रीमान ट्रंप ऐसे नहीं हैं.'टिप्पणियां डब्ल्यूएचसीए के अध्यक्ष जेफ मैसन ने कहा, 'डब्ल्यूएचसीए ट्विटर पर राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा की गई घोषणा पर गौर करता है कि उनकी योजना रात्रिभोज में न आने की है. यह रात्रिभोज पहले संशोधन और स्वतंत्र मीडिया द्वारा एक स्वस्थ गणतंत्र के लिए निभाई गई अहम भूमिका का जश्न रहा है और रहेगा.'(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) द न्यूयार्क टाइम्स ने कहा, 'हास्य-विनोद से परिपूर्ण इस समारोह के साथ मौजूदा तनाव का स्तर बेहद बेमेल है. इस समारोह में हाल के वषरें में शीर्ष स्तर की चर्चित हस्तियां आती रही हैं. इसमें संवाददाताओं और राष्ट्रपति के बीच हास-परिहास होता है और कोई चर्चित हास्य कलाकार अपनी प्रस्तुति देता है. राष्ट्रपतियों से उम्मीद की जाती है कि वे अपनी आलोचना सुन सकें लेकिन श्रीमान ट्रंप ऐसे नहीं हैं.'टिप्पणियां डब्ल्यूएचसीए के अध्यक्ष जेफ मैसन ने कहा, 'डब्ल्यूएचसीए ट्विटर पर राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा की गई घोषणा पर गौर करता है कि उनकी योजना रात्रिभोज में न आने की है. यह रात्रिभोज पहले संशोधन और स्वतंत्र मीडिया द्वारा एक स्वस्थ गणतंत्र के लिए निभाई गई अहम भूमिका का जश्न रहा है और रहेगा.'(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) डब्ल्यूएचसीए के अध्यक्ष जेफ मैसन ने कहा, 'डब्ल्यूएचसीए ट्विटर पर राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा की गई घोषणा पर गौर करता है कि उनकी योजना रात्रिभोज में न आने की है. यह रात्रिभोज पहले संशोधन और स्वतंत्र मीडिया द्वारा एक स्वस्थ गणतंत्र के लिए निभाई गई अहम भूमिका का जश्न रहा है और रहेगा.'(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
संक्षिप्त सारांश: पहली बार इस समारोह का आयोजन वर्ष 1920 में किया गया था. रिचर्ड निक्सन ने वर्ष 1972 में इस समारोह में शिरकत नहीं की थी. इस साल यह रात्रिभोज 29 अप्रैल को आयोजित किया जाना है.
29
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: 'लव सेक्स और धोखा' तथा 'यह है बकरापुर' जैसी फिल्मों में नजर आ चुके एक्टर अंशुमन झा (Anshuman Jha) की मॉम कैंसर से जंग लड़ रही हैं. अंशुमन झा पिछले कुछ समय से अपनी मां की इस खतरनाक बीमारी के साथ जंग में पूरी तरह साथ निभा रहे हैं. अंशुमन झा अपनी मम्मी को इस बीमारी से निजात दिलाने के लिए हर तरह का बेहतरीन इलाज मुहैया कराने के लिए जी-जान लगाए हुए हैं. अंशुमन झा (Anshuman Jha) ने अपनी मॉम को कैंसर को लेकर कहा है, 'मेरी मां एक योद्धा है. मैंने अपनी ओर से हर संभव कोशिश की है और उनके साथ रहा हूं. विटामिन बी-17 के लिए अनुराग कश्यप सर के मकई के दाने खिलाने के सुझाव से लेकर आयुर्वेद, कीमोथेरेपी और धर्मशाला में तिब्बती उपचार तक मैंने सबकुछ किया है और मेरी योजना ब्रिटेन के कैम्ब्रिज में उपचार कराने की भी है." अंशुमन झा (Anshuman Jha) ने आगे बताया कि, "पिछले 13 महीने के मेरे इस सफर ने मुझे एक बात सिखाई है और वह यह कि मैं कैंसर से लड़ने की कोशिश नहीं करता या इसे एक भयावह बीमारी के तौर पर नहीं देखता हूं, क्योंकि यह हमारे शरीर के अंदर है तो यह हमारा ही एक हिस्सा है, बल्कि इन सबके बजाय समस्या को जड़ से खत्म करने की कोशिश में शरीर को धीरे-धीरे मजबूत बनाने की कोशिश करता हूं, ताकि इसे अंदर से ठीक होने में मदद मिले." साल 2018 के अक्टूबर में अंशुमन झा (Anshuman Jha) की मां के शरीर में कैंसर होने का पता लगा.  33 वर्षीय अंशुमन झा (Anshuman Jha) प्रयागराज के रहने वाले हैं और उन्होंने मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन कर रखा है. अंशुमन झा को अपनी बेहतरीन एक्टिंग के लिए पहचाना जाता है और उन्होंने इसी वजह से खास पहचान भी बनाई है. उनकी अगली फिल्म 'हम भी अकेले तुम भी अकेले' है जिसमें वे जरीन खान के साथ नजर आएंगे.
संक्षिप्त सारांश: इस बॉलीवुड एक्टर ने किया खुलासा कैंसर से जंग लड़ रही हैं मॉम मॉम के इलाज को लेकर कही ये बात
29
['hin']
एक सारांश बनाओ: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता के एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानों के लिए राहत पैकेज की मांग को लेकर रविवार को केंद्र सरकार के खिलाफ अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करेंगे। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष प्रभात झा ने संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री अनशन पर बैठने जा रहे हैं, क्योंकि उन्होंने एक लाख से अधिक किसानों से वादा किया है कि वह उनके लिए लड़ेंगे। मध्य प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा, जब मुख्यमंत्री केंद्र सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठेंगे। चौहान दशहरा मैदान स्थित अनशन स्थल से ही प्रदेश सचिवालय का संचालन करेंगे। गौरतलब है कि चौहान ने 10 फरवरी को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे पत्र में मध्य प्रदेश के प्रति केंद्र सरकार की नीति में बदलाव लाने की मांग की थी। चौहान ने पत्र में कहा था कि उन्होंने किसानों के लिए राहत पैकेज, प्रदेश के लिए कोयले की आपूर्ति तथा गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के लिए अनाज का आवंटन जैसे मुद्दों पर प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट करने के लिए अनशन करने का निर्णय लिया है।
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान किसानों के लिए राहत पैकेज की मांग को लेकर रविवार को केंद्र सरकार के खिलाफ अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करेंगे।
32
['hin']
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: कंपनियों के अंकेक्षकों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर कार्रवाई करने का कंपनियों को निर्देश देते हुए बाजार नियामक सेबी ने लेखा-जोखा में किसी भी तरह के बदलाव के बारे में उन्हें निवेशकों को सूचित करने को कहा है।टिप्पणियां इससे पहले सेबी ने पिछले साल अगस्त में दिशा-निर्देश जारी किया था जिसमें सूचीबद्ध कंपनियों को एक अलग ‘पात्र वार्षिक लेखा रिपोर्ट’ में अंकेक्षकों द्वारा उठाए गए मुद्दों का उल्लेख कर ब्यौरा देने को कहा था। सेबी ने एक ‘पात्र अंकेक्षण समीक्षा समिति’ का गठन किया है जिसमें भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) और शेयर बाजार के अलावा अन्य क्षेत्र के प्रतिनिधि शामिल हैं। यह समिति पात्र वार्षिक लेखा रिपोर्ट की समीखा और विश्लेषण करने के लिए गठित की गई है। इससे पहले सेबी ने पिछले साल अगस्त में दिशा-निर्देश जारी किया था जिसमें सूचीबद्ध कंपनियों को एक अलग ‘पात्र वार्षिक लेखा रिपोर्ट’ में अंकेक्षकों द्वारा उठाए गए मुद्दों का उल्लेख कर ब्यौरा देने को कहा था। सेबी ने एक ‘पात्र अंकेक्षण समीक्षा समिति’ का गठन किया है जिसमें भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) और शेयर बाजार के अलावा अन्य क्षेत्र के प्रतिनिधि शामिल हैं। यह समिति पात्र वार्षिक लेखा रिपोर्ट की समीखा और विश्लेषण करने के लिए गठित की गई है। सेबी ने एक ‘पात्र अंकेक्षण समीक्षा समिति’ का गठन किया है जिसमें भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) और शेयर बाजार के अलावा अन्य क्षेत्र के प्रतिनिधि शामिल हैं। यह समिति पात्र वार्षिक लेखा रिपोर्ट की समीखा और विश्लेषण करने के लिए गठित की गई है।
कंपनियों के अंकेक्षकों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर कार्रवाई करने का कंपनियों को निर्देश देते हुए बाजार नियामक सेबी ने लेखा-जोखा में किसी भी तरह के बदलाव के बारे में उन्हें निवेशकों को सूचित करने को कहा है।
6
['hin']
एक सारांश बनाओ: उत्तराखंड में बचाव कार्य में लगी विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी की बात को स्वीकार करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने शनिवार को कहा कि राज्य में फंसे करीब 40,000 तीर्थयात्रियों को बाहर निकालने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। भारी बारिश की वजह से आई इस त्रासदी के बाद जारी बचाव अभियानों की समीक्षा के लिए पहुंचे शिंदे ने फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने के काम में लगी एजेंसियों के लिए तीन दिन की समयसीमा निर्धारित की है। उन्होंने कहा कि खराब मौसम की वजह से सुरक्षा बलों को बचाव अभियान में पेश आ रही दिक्कतों के बावजूद फंसे हुए लोगों को निकालने का काम युद्धस्तर पर चलाया रहा है। यहां सचिवालय में मुख्यमंत्री सहित दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए शिंदे ने कहा कि फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए बद्रीनाथ से पंडुकेश्वर और केदारनाथ के बीच पैदल पुल बनाए जा रहे हैं। टिप्पणियां जंगलछत्ती इलाके में फंसे लोगों को प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षा बलों द्वारा तत्काल राहत प्रदान की जा रही है। गृहमंत्री ने बचाव अभियान में लगी विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी की बात को स्वीकारते हुए कहा कि बचाव कार्यों के समन्वय और निगरानी के लिए आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ वीके दुग्गल को यहां तैनात किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बचाव कार्यों पर निगाह बनाए हुए है, हालांकि उन्होंने साफ किया कि यह कोई मानव निर्मित त्रासदी नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक आपदा है। शिंदे ने कहा कि कुछ जगहों से बरामद हुए शव इतने खराब हो चुके हैं कि उन्हें पहचान पाना तक मुश्किल है। इसके साथ उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान के लिए उनका डीएनए संरक्षित किया जाएगा। भारी बारिश की वजह से आई इस त्रासदी के बाद जारी बचाव अभियानों की समीक्षा के लिए पहुंचे शिंदे ने फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने के काम में लगी एजेंसियों के लिए तीन दिन की समयसीमा निर्धारित की है। उन्होंने कहा कि खराब मौसम की वजह से सुरक्षा बलों को बचाव अभियान में पेश आ रही दिक्कतों के बावजूद फंसे हुए लोगों को निकालने का काम युद्धस्तर पर चलाया रहा है। यहां सचिवालय में मुख्यमंत्री सहित दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए शिंदे ने कहा कि फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए बद्रीनाथ से पंडुकेश्वर और केदारनाथ के बीच पैदल पुल बनाए जा रहे हैं। टिप्पणियां जंगलछत्ती इलाके में फंसे लोगों को प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षा बलों द्वारा तत्काल राहत प्रदान की जा रही है। गृहमंत्री ने बचाव अभियान में लगी विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी की बात को स्वीकारते हुए कहा कि बचाव कार्यों के समन्वय और निगरानी के लिए आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ वीके दुग्गल को यहां तैनात किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बचाव कार्यों पर निगाह बनाए हुए है, हालांकि उन्होंने साफ किया कि यह कोई मानव निर्मित त्रासदी नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक आपदा है। शिंदे ने कहा कि कुछ जगहों से बरामद हुए शव इतने खराब हो चुके हैं कि उन्हें पहचान पाना तक मुश्किल है। इसके साथ उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान के लिए उनका डीएनए संरक्षित किया जाएगा। यहां सचिवालय में मुख्यमंत्री सहित दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए शिंदे ने कहा कि फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए बद्रीनाथ से पंडुकेश्वर और केदारनाथ के बीच पैदल पुल बनाए जा रहे हैं। टिप्पणियां जंगलछत्ती इलाके में फंसे लोगों को प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षा बलों द्वारा तत्काल राहत प्रदान की जा रही है। गृहमंत्री ने बचाव अभियान में लगी विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी की बात को स्वीकारते हुए कहा कि बचाव कार्यों के समन्वय और निगरानी के लिए आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ वीके दुग्गल को यहां तैनात किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बचाव कार्यों पर निगाह बनाए हुए है, हालांकि उन्होंने साफ किया कि यह कोई मानव निर्मित त्रासदी नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक आपदा है। शिंदे ने कहा कि कुछ जगहों से बरामद हुए शव इतने खराब हो चुके हैं कि उन्हें पहचान पाना तक मुश्किल है। इसके साथ उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान के लिए उनका डीएनए संरक्षित किया जाएगा। जंगलछत्ती इलाके में फंसे लोगों को प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षा बलों द्वारा तत्काल राहत प्रदान की जा रही है। गृहमंत्री ने बचाव अभियान में लगी विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी की बात को स्वीकारते हुए कहा कि बचाव कार्यों के समन्वय और निगरानी के लिए आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ वीके दुग्गल को यहां तैनात किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बचाव कार्यों पर निगाह बनाए हुए है, हालांकि उन्होंने साफ किया कि यह कोई मानव निर्मित त्रासदी नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक आपदा है। शिंदे ने कहा कि कुछ जगहों से बरामद हुए शव इतने खराब हो चुके हैं कि उन्हें पहचान पाना तक मुश्किल है। इसके साथ उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान के लिए उनका डीएनए संरक्षित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बचाव कार्यों पर निगाह बनाए हुए है, हालांकि उन्होंने साफ किया कि यह कोई मानव निर्मित त्रासदी नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक आपदा है। शिंदे ने कहा कि कुछ जगहों से बरामद हुए शव इतने खराब हो चुके हैं कि उन्हें पहचान पाना तक मुश्किल है। इसके साथ उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान के लिए उनका डीएनए संरक्षित किया जाएगा।
यह एक सारांश है: उत्तराखंड में बचाव कार्य में लगी विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी की बात को स्वीकार करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने शनिवार को कहा कि राज्य में फंसे करीब 40,000 तीर्थयात्रियों को बाहर निकालने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है।
21
['hin']
एक सारांश बनाओ: उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) रविवार को दो टुकड़ों में बंट गई. 'असंवैधानिक' करार दिए गए पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अध्यक्ष बनाए जाने से नाराज सपा नेता मुलायम सिंह यादव ने सम्मेलन में पारित सभी प्रस्तावों को अवैध करार देते हुए आयोजन के कर्ताधर्ता सपा महासचिव रामगोपाल यादव तथा उसमें शामिल पार्टी उपाध्यक्ष किरणमय नंदा और महासचिव नरेश अग्रवाल को पार्टी से निकाल दिया. यही नहीं मुलायम सिंह यादव, शिवपाल यादव और अमर सिंह सोमवार को दिल्ली में चुनाव आयोग से मिलकर पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन को अवैध घोषित करने की मांग करेंगे और उसमें लिए गए फ़ैसले के ख़िलाफ़ शिकायत करेंगे. सपा महासचिव रामगोपाल यादव द्वारा बुलाए गए राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश की सपा अध्यक्ष के रूप में ताजपोशी कर दी गई और मुलायम को पार्टी का संरक्षक घोषित किया गया. वहीं, झगड़े की जड़ माने जा रहे राष्ट्रीय महासचिव अमर सिंह को पार्टी से निकाल दिया गया, जबकि शिवपाल यादव को सपा के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया. अधिवेशन में किरणमय नंदा, नरेश अग्रवाल, रेवती रमण सिंह और रामगोविन्द चौधरी समेत सपा के तमाम वरिष्ठ नेता, ज्यादातर विधायक और विधानपरिषद सदस्य तथा जिलों के पदाधिकारी शामिल हुए. इससे जाहिर हो गया कि सपा अब वास्तविक रूप से टूट चुकी है, बस औपचारिकता भर बाकी है. राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद अखिलेश ने अपने पहले आदेश में विधानपरिषद सदस्य नरेश उत्तम पटेल को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया. मंच पर बैठे उन तमाम वरिष्ठ नेताओं ने हाथ उठाकर अखिलेश को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के प्रस्ताव का समर्थन किया, जो कभी मुलायम के बगलगीर थे. दूसरे प्रस्ताव के तहत मुलायम सिंह यादव को सपा का सर्वोच्च संरक्षक बनाया गया, जबकि तीसरे प्रस्ताव के तहत शिवपाल सिंह यादव को सपा के प्रदेश अध्यक्ष पद से तत्काल हटाया गया और पार्टी महासचिव अमर सिंह को सपा से तत्काल निष्कासित कर दिया गया. हालांकि अधिवेशन शुरू होने से कुछ ही देर पहले मुलायम ने एक चिट्ठी जारी कर इसे 'असंवैधानिक' बताते हुए इसमें शामिल होने वाले नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी थी. मुलायम सिंह ने आनन-फानन में सपा के संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई, जिसमें अधिवेशन के तमाम फैसलों को अवैध करार दिया गया. साथ ही उन्होंने अधिवेशन के कर्ताधर्ता रामगोपाल यादव के साथ-साथ उसमें शिरकत करने वाले पार्टी उपाध्यक्ष किरणमय नंदा और महासचिव नरेश अग्रवाल को पार्टी से निकाल दिया. रामगोपाल को शनिवार को ही पार्टी में दोबारा वापस लिया गया था. अग्रवाल ने कहा कि अब अखिलेश उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, लिहाजा मुलायम को उन्हें दल से निकालने का कोई हक नहीं है. शिवपाल यादव द्वारा 'ट्वीट' किए गए बिना लेटर हेड वाले एक पत्र के अनुसार, संसदीय बोर्ड की बैठक में सपा प्रमुख द्वारा गत 28 दिसंबर को जारी प्रत्याशियों की सूची को अनुमोदित करते हुए बची हुई सीटों पर उम्मीदवारों के चयन के लिये मुलायम को अधिकृत किया गया. खत के मुताबिक, संसदीय बोर्ड ने रविवार के अधिवेशन के बाद फैले 'भ्रम' को दूर करने के लिए आगामी पांच जनवरी को पार्टी का आकस्मिक राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाने का निर्णय भी लिया है. बहरहाल, आज के अधिवेशन के बाद अखिलेश समर्थक जबरन सपा कार्यालय में घुस गए और प्रदेश अध्यक्ष के कक्ष के बाहर लगी शिवपाल यादव की नेम प्लेट उखाड़कर फेंक दी. 'नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष' नरेश उत्तम पटेल ने अपना कार्यभार भी फौरन ग्रहण कर लिया. राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि वह हमेशा मुलायम सिंह का सम्मान करते थे और अब पहले से ज्यादा सम्मान करते हैं. जब समाज का हर वर्ग सपा की दोबारा सरकार बनाने का मन बना चुका था, तभी कुछ ताकतें साजिशों में जुट गईं. अब प्रदेश में जब दोबारा सपा की सरकार बनेगी तो सबसे ज्यादा खुशी नेताजी को होगी. भावुक हुए अखिलेश ने कहा कि नेताजी का स्थान सबसे ऊपर है. उन्हें डर था कि चुनाव से ऐन पहले 'ना जाने कौन मिलकर उनसे (मुलायम) क्या करा देता. मुझे पार्टी के लिए कोई भी त्याग करना होगा, तो मैं करूंगा'. उन्होंने कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देते हुए आहवान किया कि आने वाले दो-ढाई महीने बहुत महत्वपूर्ण हैं. प्रदेश में एक ऐसी धर्मनिरपेक्ष सरकार बनानी है, जो उसे खुशहाली की राह पर ले जा सके. इसके पूर्व, रामगोपाल यादव ने अपने संबोधन में कहा कि पार्टी और सरकार का काम बहुत ठीक तरीके से चल रहा था और उसी दौरान पार्टी के दो व्यक्तियों ने साजिश करके अखिलेश को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटवा दिया. पार्टी में फिर एक संकट पैदा हो गया. उन्होंने कहा कि पार्टी में टिकटों का बंटवारा मनमाने ढंग से होने लगा था. प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरफ से मनमाने असंवैधानिक फैसले लेते रहे. जो लोग पार्टी के सदस्य भी नहीं है, उन्हें टिकट दिए गए. स्पष्ट था यह लोग किसी भी कीमत पर नहीं चाहते थे, सपा चुनाव जीते और अखिलेश फिर मुख्यमंत्री बनें. रामगोपाल यादव ने कहा कि पानी जब सिर से ऊपर निकल गया तब पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं ने विशेष अधिवेशन बुलाने की लिखित मांग की थी. हमने दो महीने तक सुधार का इंतजार किया. तब यह निर्णय लिया गया कि पार्टी का विशेष आपातकालीन अधिवेशन बुलाया जाए. मालूम हो कि एक जनवरी को सपा का राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन बुलाने के रामगोपाल के फैसले को लेकर मुलायम सिंह यादव ने गत शुक्रवार को रामगोपाल तथा अखिलेश दोनों को पार्टी से छह साल के लिये निष्कासित कर दिया था.टिप्पणियां शनिवार को अखिलेश द्वारा अपने आवास पर बुलाई गई विधानमण्डल दल की बैठक में 200 से ज्यादा विधायकों के जुटने और मुलायम द्वारा पार्टी राज्य मुख्यालय पर आहूत प्रत्याशियों की बैठक में बहुत कम उम्मीदवार पहुंचने से मिले संदेश और सपा के वरिष्ठ नेता की मध्यस्थता के बाद मुलायम ने अखिलेश और रामगोपाल का निष्कासन रद्द कर दिया था. हालांकि दोनों की बर्खास्‍तगी की मुख्य वजह बने राष्ट्रीय अधिवेशन को बुलाने का फैसला बरकरार रखा गया था.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) यही नहीं मुलायम सिंह यादव, शिवपाल यादव और अमर सिंह सोमवार को दिल्ली में चुनाव आयोग से मिलकर पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन को अवैध घोषित करने की मांग करेंगे और उसमें लिए गए फ़ैसले के ख़िलाफ़ शिकायत करेंगे. सपा महासचिव रामगोपाल यादव द्वारा बुलाए गए राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश की सपा अध्यक्ष के रूप में ताजपोशी कर दी गई और मुलायम को पार्टी का संरक्षक घोषित किया गया. वहीं, झगड़े की जड़ माने जा रहे राष्ट्रीय महासचिव अमर सिंह को पार्टी से निकाल दिया गया, जबकि शिवपाल यादव को सपा के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया. अधिवेशन में किरणमय नंदा, नरेश अग्रवाल, रेवती रमण सिंह और रामगोविन्द चौधरी समेत सपा के तमाम वरिष्ठ नेता, ज्यादातर विधायक और विधानपरिषद सदस्य तथा जिलों के पदाधिकारी शामिल हुए. इससे जाहिर हो गया कि सपा अब वास्तविक रूप से टूट चुकी है, बस औपचारिकता भर बाकी है. राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद अखिलेश ने अपने पहले आदेश में विधानपरिषद सदस्य नरेश उत्तम पटेल को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया. मंच पर बैठे उन तमाम वरिष्ठ नेताओं ने हाथ उठाकर अखिलेश को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के प्रस्ताव का समर्थन किया, जो कभी मुलायम के बगलगीर थे. दूसरे प्रस्ताव के तहत मुलायम सिंह यादव को सपा का सर्वोच्च संरक्षक बनाया गया, जबकि तीसरे प्रस्ताव के तहत शिवपाल सिंह यादव को सपा के प्रदेश अध्यक्ष पद से तत्काल हटाया गया और पार्टी महासचिव अमर सिंह को सपा से तत्काल निष्कासित कर दिया गया. हालांकि अधिवेशन शुरू होने से कुछ ही देर पहले मुलायम ने एक चिट्ठी जारी कर इसे 'असंवैधानिक' बताते हुए इसमें शामिल होने वाले नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी थी. मुलायम सिंह ने आनन-फानन में सपा के संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई, जिसमें अधिवेशन के तमाम फैसलों को अवैध करार दिया गया. साथ ही उन्होंने अधिवेशन के कर्ताधर्ता रामगोपाल यादव के साथ-साथ उसमें शिरकत करने वाले पार्टी उपाध्यक्ष किरणमय नंदा और महासचिव नरेश अग्रवाल को पार्टी से निकाल दिया. रामगोपाल को शनिवार को ही पार्टी में दोबारा वापस लिया गया था. अग्रवाल ने कहा कि अब अखिलेश उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, लिहाजा मुलायम को उन्हें दल से निकालने का कोई हक नहीं है. शिवपाल यादव द्वारा 'ट्वीट' किए गए बिना लेटर हेड वाले एक पत्र के अनुसार, संसदीय बोर्ड की बैठक में सपा प्रमुख द्वारा गत 28 दिसंबर को जारी प्रत्याशियों की सूची को अनुमोदित करते हुए बची हुई सीटों पर उम्मीदवारों के चयन के लिये मुलायम को अधिकृत किया गया. खत के मुताबिक, संसदीय बोर्ड ने रविवार के अधिवेशन के बाद फैले 'भ्रम' को दूर करने के लिए आगामी पांच जनवरी को पार्टी का आकस्मिक राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाने का निर्णय भी लिया है. बहरहाल, आज के अधिवेशन के बाद अखिलेश समर्थक जबरन सपा कार्यालय में घुस गए और प्रदेश अध्यक्ष के कक्ष के बाहर लगी शिवपाल यादव की नेम प्लेट उखाड़कर फेंक दी. 'नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष' नरेश उत्तम पटेल ने अपना कार्यभार भी फौरन ग्रहण कर लिया. राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि वह हमेशा मुलायम सिंह का सम्मान करते थे और अब पहले से ज्यादा सम्मान करते हैं. जब समाज का हर वर्ग सपा की दोबारा सरकार बनाने का मन बना चुका था, तभी कुछ ताकतें साजिशों में जुट गईं. अब प्रदेश में जब दोबारा सपा की सरकार बनेगी तो सबसे ज्यादा खुशी नेताजी को होगी. भावुक हुए अखिलेश ने कहा कि नेताजी का स्थान सबसे ऊपर है. उन्हें डर था कि चुनाव से ऐन पहले 'ना जाने कौन मिलकर उनसे (मुलायम) क्या करा देता. मुझे पार्टी के लिए कोई भी त्याग करना होगा, तो मैं करूंगा'. उन्होंने कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देते हुए आहवान किया कि आने वाले दो-ढाई महीने बहुत महत्वपूर्ण हैं. प्रदेश में एक ऐसी धर्मनिरपेक्ष सरकार बनानी है, जो उसे खुशहाली की राह पर ले जा सके. इसके पूर्व, रामगोपाल यादव ने अपने संबोधन में कहा कि पार्टी और सरकार का काम बहुत ठीक तरीके से चल रहा था और उसी दौरान पार्टी के दो व्यक्तियों ने साजिश करके अखिलेश को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटवा दिया. पार्टी में फिर एक संकट पैदा हो गया. उन्होंने कहा कि पार्टी में टिकटों का बंटवारा मनमाने ढंग से होने लगा था. प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरफ से मनमाने असंवैधानिक फैसले लेते रहे. जो लोग पार्टी के सदस्य भी नहीं है, उन्हें टिकट दिए गए. स्पष्ट था यह लोग किसी भी कीमत पर नहीं चाहते थे, सपा चुनाव जीते और अखिलेश फिर मुख्यमंत्री बनें. रामगोपाल यादव ने कहा कि पानी जब सिर से ऊपर निकल गया तब पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं ने विशेष अधिवेशन बुलाने की लिखित मांग की थी. हमने दो महीने तक सुधार का इंतजार किया. तब यह निर्णय लिया गया कि पार्टी का विशेष आपातकालीन अधिवेशन बुलाया जाए. मालूम हो कि एक जनवरी को सपा का राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन बुलाने के रामगोपाल के फैसले को लेकर मुलायम सिंह यादव ने गत शुक्रवार को रामगोपाल तथा अखिलेश दोनों को पार्टी से छह साल के लिये निष्कासित कर दिया था.टिप्पणियां शनिवार को अखिलेश द्वारा अपने आवास पर बुलाई गई विधानमण्डल दल की बैठक में 200 से ज्यादा विधायकों के जुटने और मुलायम द्वारा पार्टी राज्य मुख्यालय पर आहूत प्रत्याशियों की बैठक में बहुत कम उम्मीदवार पहुंचने से मिले संदेश और सपा के वरिष्ठ नेता की मध्यस्थता के बाद मुलायम ने अखिलेश और रामगोपाल का निष्कासन रद्द कर दिया था. हालांकि दोनों की बर्खास्‍तगी की मुख्य वजह बने राष्ट्रीय अधिवेशन को बुलाने का फैसला बरकरार रखा गया था.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) सपा महासचिव रामगोपाल यादव द्वारा बुलाए गए राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश की सपा अध्यक्ष के रूप में ताजपोशी कर दी गई और मुलायम को पार्टी का संरक्षक घोषित किया गया. वहीं, झगड़े की जड़ माने जा रहे राष्ट्रीय महासचिव अमर सिंह को पार्टी से निकाल दिया गया, जबकि शिवपाल यादव को सपा के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया. अधिवेशन में किरणमय नंदा, नरेश अग्रवाल, रेवती रमण सिंह और रामगोविन्द चौधरी समेत सपा के तमाम वरिष्ठ नेता, ज्यादातर विधायक और विधानपरिषद सदस्य तथा जिलों के पदाधिकारी शामिल हुए. इससे जाहिर हो गया कि सपा अब वास्तविक रूप से टूट चुकी है, बस औपचारिकता भर बाकी है. राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद अखिलेश ने अपने पहले आदेश में विधानपरिषद सदस्य नरेश उत्तम पटेल को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया. मंच पर बैठे उन तमाम वरिष्ठ नेताओं ने हाथ उठाकर अखिलेश को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के प्रस्ताव का समर्थन किया, जो कभी मुलायम के बगलगीर थे. दूसरे प्रस्ताव के तहत मुलायम सिंह यादव को सपा का सर्वोच्च संरक्षक बनाया गया, जबकि तीसरे प्रस्ताव के तहत शिवपाल सिंह यादव को सपा के प्रदेश अध्यक्ष पद से तत्काल हटाया गया और पार्टी महासचिव अमर सिंह को सपा से तत्काल निष्कासित कर दिया गया. हालांकि अधिवेशन शुरू होने से कुछ ही देर पहले मुलायम ने एक चिट्ठी जारी कर इसे 'असंवैधानिक' बताते हुए इसमें शामिल होने वाले नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी थी. मुलायम सिंह ने आनन-फानन में सपा के संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई, जिसमें अधिवेशन के तमाम फैसलों को अवैध करार दिया गया. साथ ही उन्होंने अधिवेशन के कर्ताधर्ता रामगोपाल यादव के साथ-साथ उसमें शिरकत करने वाले पार्टी उपाध्यक्ष किरणमय नंदा और महासचिव नरेश अग्रवाल को पार्टी से निकाल दिया. रामगोपाल को शनिवार को ही पार्टी में दोबारा वापस लिया गया था. अग्रवाल ने कहा कि अब अखिलेश उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, लिहाजा मुलायम को उन्हें दल से निकालने का कोई हक नहीं है. शिवपाल यादव द्वारा 'ट्वीट' किए गए बिना लेटर हेड वाले एक पत्र के अनुसार, संसदीय बोर्ड की बैठक में सपा प्रमुख द्वारा गत 28 दिसंबर को जारी प्रत्याशियों की सूची को अनुमोदित करते हुए बची हुई सीटों पर उम्मीदवारों के चयन के लिये मुलायम को अधिकृत किया गया. खत के मुताबिक, संसदीय बोर्ड ने रविवार के अधिवेशन के बाद फैले 'भ्रम' को दूर करने के लिए आगामी पांच जनवरी को पार्टी का आकस्मिक राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाने का निर्णय भी लिया है. बहरहाल, आज के अधिवेशन के बाद अखिलेश समर्थक जबरन सपा कार्यालय में घुस गए और प्रदेश अध्यक्ष के कक्ष के बाहर लगी शिवपाल यादव की नेम प्लेट उखाड़कर फेंक दी. 'नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष' नरेश उत्तम पटेल ने अपना कार्यभार भी फौरन ग्रहण कर लिया. राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि वह हमेशा मुलायम सिंह का सम्मान करते थे और अब पहले से ज्यादा सम्मान करते हैं. जब समाज का हर वर्ग सपा की दोबारा सरकार बनाने का मन बना चुका था, तभी कुछ ताकतें साजिशों में जुट गईं. अब प्रदेश में जब दोबारा सपा की सरकार बनेगी तो सबसे ज्यादा खुशी नेताजी को होगी. भावुक हुए अखिलेश ने कहा कि नेताजी का स्थान सबसे ऊपर है. उन्हें डर था कि चुनाव से ऐन पहले 'ना जाने कौन मिलकर उनसे (मुलायम) क्या करा देता. मुझे पार्टी के लिए कोई भी त्याग करना होगा, तो मैं करूंगा'. उन्होंने कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देते हुए आहवान किया कि आने वाले दो-ढाई महीने बहुत महत्वपूर्ण हैं. प्रदेश में एक ऐसी धर्मनिरपेक्ष सरकार बनानी है, जो उसे खुशहाली की राह पर ले जा सके. इसके पूर्व, रामगोपाल यादव ने अपने संबोधन में कहा कि पार्टी और सरकार का काम बहुत ठीक तरीके से चल रहा था और उसी दौरान पार्टी के दो व्यक्तियों ने साजिश करके अखिलेश को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटवा दिया. पार्टी में फिर एक संकट पैदा हो गया. उन्होंने कहा कि पार्टी में टिकटों का बंटवारा मनमाने ढंग से होने लगा था. प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरफ से मनमाने असंवैधानिक फैसले लेते रहे. जो लोग पार्टी के सदस्य भी नहीं है, उन्हें टिकट दिए गए. स्पष्ट था यह लोग किसी भी कीमत पर नहीं चाहते थे, सपा चुनाव जीते और अखिलेश फिर मुख्यमंत्री बनें. रामगोपाल यादव ने कहा कि पानी जब सिर से ऊपर निकल गया तब पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं ने विशेष अधिवेशन बुलाने की लिखित मांग की थी. हमने दो महीने तक सुधार का इंतजार किया. तब यह निर्णय लिया गया कि पार्टी का विशेष आपातकालीन अधिवेशन बुलाया जाए. मालूम हो कि एक जनवरी को सपा का राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन बुलाने के रामगोपाल के फैसले को लेकर मुलायम सिंह यादव ने गत शुक्रवार को रामगोपाल तथा अखिलेश दोनों को पार्टी से छह साल के लिये निष्कासित कर दिया था.टिप्पणियां शनिवार को अखिलेश द्वारा अपने आवास पर बुलाई गई विधानमण्डल दल की बैठक में 200 से ज्यादा विधायकों के जुटने और मुलायम द्वारा पार्टी राज्य मुख्यालय पर आहूत प्रत्याशियों की बैठक में बहुत कम उम्मीदवार पहुंचने से मिले संदेश और सपा के वरिष्ठ नेता की मध्यस्थता के बाद मुलायम ने अखिलेश और रामगोपाल का निष्कासन रद्द कर दिया था. हालांकि दोनों की बर्खास्‍तगी की मुख्य वजह बने राष्ट्रीय अधिवेशन को बुलाने का फैसला बरकरार रखा गया था.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) अधिवेशन में किरणमय नंदा, नरेश अग्रवाल, रेवती रमण सिंह और रामगोविन्द चौधरी समेत सपा के तमाम वरिष्ठ नेता, ज्यादातर विधायक और विधानपरिषद सदस्य तथा जिलों के पदाधिकारी शामिल हुए. इससे जाहिर हो गया कि सपा अब वास्तविक रूप से टूट चुकी है, बस औपचारिकता भर बाकी है. राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद अखिलेश ने अपने पहले आदेश में विधानपरिषद सदस्य नरेश उत्तम पटेल को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया. मंच पर बैठे उन तमाम वरिष्ठ नेताओं ने हाथ उठाकर अखिलेश को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के प्रस्ताव का समर्थन किया, जो कभी मुलायम के बगलगीर थे. दूसरे प्रस्ताव के तहत मुलायम सिंह यादव को सपा का सर्वोच्च संरक्षक बनाया गया, जबकि तीसरे प्रस्ताव के तहत शिवपाल सिंह यादव को सपा के प्रदेश अध्यक्ष पद से तत्काल हटाया गया और पार्टी महासचिव अमर सिंह को सपा से तत्काल निष्कासित कर दिया गया. हालांकि अधिवेशन शुरू होने से कुछ ही देर पहले मुलायम ने एक चिट्ठी जारी कर इसे 'असंवैधानिक' बताते हुए इसमें शामिल होने वाले नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी थी. मुलायम सिंह ने आनन-फानन में सपा के संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई, जिसमें अधिवेशन के तमाम फैसलों को अवैध करार दिया गया. साथ ही उन्होंने अधिवेशन के कर्ताधर्ता रामगोपाल यादव के साथ-साथ उसमें शिरकत करने वाले पार्टी उपाध्यक्ष किरणमय नंदा और महासचिव नरेश अग्रवाल को पार्टी से निकाल दिया. रामगोपाल को शनिवार को ही पार्टी में दोबारा वापस लिया गया था. अग्रवाल ने कहा कि अब अखिलेश उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, लिहाजा मुलायम को उन्हें दल से निकालने का कोई हक नहीं है. शिवपाल यादव द्वारा 'ट्वीट' किए गए बिना लेटर हेड वाले एक पत्र के अनुसार, संसदीय बोर्ड की बैठक में सपा प्रमुख द्वारा गत 28 दिसंबर को जारी प्रत्याशियों की सूची को अनुमोदित करते हुए बची हुई सीटों पर उम्मीदवारों के चयन के लिये मुलायम को अधिकृत किया गया. खत के मुताबिक, संसदीय बोर्ड ने रविवार के अधिवेशन के बाद फैले 'भ्रम' को दूर करने के लिए आगामी पांच जनवरी को पार्टी का आकस्मिक राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाने का निर्णय भी लिया है. बहरहाल, आज के अधिवेशन के बाद अखिलेश समर्थक जबरन सपा कार्यालय में घुस गए और प्रदेश अध्यक्ष के कक्ष के बाहर लगी शिवपाल यादव की नेम प्लेट उखाड़कर फेंक दी. 'नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष' नरेश उत्तम पटेल ने अपना कार्यभार भी फौरन ग्रहण कर लिया. राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि वह हमेशा मुलायम सिंह का सम्मान करते थे और अब पहले से ज्यादा सम्मान करते हैं. जब समाज का हर वर्ग सपा की दोबारा सरकार बनाने का मन बना चुका था, तभी कुछ ताकतें साजिशों में जुट गईं. अब प्रदेश में जब दोबारा सपा की सरकार बनेगी तो सबसे ज्यादा खुशी नेताजी को होगी. भावुक हुए अखिलेश ने कहा कि नेताजी का स्थान सबसे ऊपर है. उन्हें डर था कि चुनाव से ऐन पहले 'ना जाने कौन मिलकर उनसे (मुलायम) क्या करा देता. मुझे पार्टी के लिए कोई भी त्याग करना होगा, तो मैं करूंगा'. उन्होंने कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देते हुए आहवान किया कि आने वाले दो-ढाई महीने बहुत महत्वपूर्ण हैं. प्रदेश में एक ऐसी धर्मनिरपेक्ष सरकार बनानी है, जो उसे खुशहाली की राह पर ले जा सके. इसके पूर्व, रामगोपाल यादव ने अपने संबोधन में कहा कि पार्टी और सरकार का काम बहुत ठीक तरीके से चल रहा था और उसी दौरान पार्टी के दो व्यक्तियों ने साजिश करके अखिलेश को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटवा दिया. पार्टी में फिर एक संकट पैदा हो गया. उन्होंने कहा कि पार्टी में टिकटों का बंटवारा मनमाने ढंग से होने लगा था. प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरफ से मनमाने असंवैधानिक फैसले लेते रहे. जो लोग पार्टी के सदस्य भी नहीं है, उन्हें टिकट दिए गए. स्पष्ट था यह लोग किसी भी कीमत पर नहीं चाहते थे, सपा चुनाव जीते और अखिलेश फिर मुख्यमंत्री बनें. रामगोपाल यादव ने कहा कि पानी जब सिर से ऊपर निकल गया तब पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं ने विशेष अधिवेशन बुलाने की लिखित मांग की थी. हमने दो महीने तक सुधार का इंतजार किया. तब यह निर्णय लिया गया कि पार्टी का विशेष आपातकालीन अधिवेशन बुलाया जाए. मालूम हो कि एक जनवरी को सपा का राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन बुलाने के रामगोपाल के फैसले को लेकर मुलायम सिंह यादव ने गत शुक्रवार को रामगोपाल तथा अखिलेश दोनों को पार्टी से छह साल के लिये निष्कासित कर दिया था.टिप्पणियां शनिवार को अखिलेश द्वारा अपने आवास पर बुलाई गई विधानमण्डल दल की बैठक में 200 से ज्यादा विधायकों के जुटने और मुलायम द्वारा पार्टी राज्य मुख्यालय पर आहूत प्रत्याशियों की बैठक में बहुत कम उम्मीदवार पहुंचने से मिले संदेश और सपा के वरिष्ठ नेता की मध्यस्थता के बाद मुलायम ने अखिलेश और रामगोपाल का निष्कासन रद्द कर दिया था. हालांकि दोनों की बर्खास्‍तगी की मुख्य वजह बने राष्ट्रीय अधिवेशन को बुलाने का फैसला बरकरार रखा गया था.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद अखिलेश ने अपने पहले आदेश में विधानपरिषद सदस्य नरेश उत्तम पटेल को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया. मंच पर बैठे उन तमाम वरिष्ठ नेताओं ने हाथ उठाकर अखिलेश को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के प्रस्ताव का समर्थन किया, जो कभी मुलायम के बगलगीर थे. दूसरे प्रस्ताव के तहत मुलायम सिंह यादव को सपा का सर्वोच्च संरक्षक बनाया गया, जबकि तीसरे प्रस्ताव के तहत शिवपाल सिंह यादव को सपा के प्रदेश अध्यक्ष पद से तत्काल हटाया गया और पार्टी महासचिव अमर सिंह को सपा से तत्काल निष्कासित कर दिया गया. हालांकि अधिवेशन शुरू होने से कुछ ही देर पहले मुलायम ने एक चिट्ठी जारी कर इसे 'असंवैधानिक' बताते हुए इसमें शामिल होने वाले नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी थी. मुलायम सिंह ने आनन-फानन में सपा के संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई, जिसमें अधिवेशन के तमाम फैसलों को अवैध करार दिया गया. साथ ही उन्होंने अधिवेशन के कर्ताधर्ता रामगोपाल यादव के साथ-साथ उसमें शिरकत करने वाले पार्टी उपाध्यक्ष किरणमय नंदा और महासचिव नरेश अग्रवाल को पार्टी से निकाल दिया. रामगोपाल को शनिवार को ही पार्टी में दोबारा वापस लिया गया था. अग्रवाल ने कहा कि अब अखिलेश उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, लिहाजा मुलायम को उन्हें दल से निकालने का कोई हक नहीं है. शिवपाल यादव द्वारा 'ट्वीट' किए गए बिना लेटर हेड वाले एक पत्र के अनुसार, संसदीय बोर्ड की बैठक में सपा प्रमुख द्वारा गत 28 दिसंबर को जारी प्रत्याशियों की सूची को अनुमोदित करते हुए बची हुई सीटों पर उम्मीदवारों के चयन के लिये मुलायम को अधिकृत किया गया. खत के मुताबिक, संसदीय बोर्ड ने रविवार के अधिवेशन के बाद फैले 'भ्रम' को दूर करने के लिए आगामी पांच जनवरी को पार्टी का आकस्मिक राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाने का निर्णय भी लिया है. बहरहाल, आज के अधिवेशन के बाद अखिलेश समर्थक जबरन सपा कार्यालय में घुस गए और प्रदेश अध्यक्ष के कक्ष के बाहर लगी शिवपाल यादव की नेम प्लेट उखाड़कर फेंक दी. 'नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष' नरेश उत्तम पटेल ने अपना कार्यभार भी फौरन ग्रहण कर लिया. राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि वह हमेशा मुलायम सिंह का सम्मान करते थे और अब पहले से ज्यादा सम्मान करते हैं. जब समाज का हर वर्ग सपा की दोबारा सरकार बनाने का मन बना चुका था, तभी कुछ ताकतें साजिशों में जुट गईं. अब प्रदेश में जब दोबारा सपा की सरकार बनेगी तो सबसे ज्यादा खुशी नेताजी को होगी. भावुक हुए अखिलेश ने कहा कि नेताजी का स्थान सबसे ऊपर है. उन्हें डर था कि चुनाव से ऐन पहले 'ना जाने कौन मिलकर उनसे (मुलायम) क्या करा देता. मुझे पार्टी के लिए कोई भी त्याग करना होगा, तो मैं करूंगा'. उन्होंने कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देते हुए आहवान किया कि आने वाले दो-ढाई महीने बहुत महत्वपूर्ण हैं. प्रदेश में एक ऐसी धर्मनिरपेक्ष सरकार बनानी है, जो उसे खुशहाली की राह पर ले जा सके. इसके पूर्व, रामगोपाल यादव ने अपने संबोधन में कहा कि पार्टी और सरकार का काम बहुत ठीक तरीके से चल रहा था और उसी दौरान पार्टी के दो व्यक्तियों ने साजिश करके अखिलेश को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटवा दिया. पार्टी में फिर एक संकट पैदा हो गया. उन्होंने कहा कि पार्टी में टिकटों का बंटवारा मनमाने ढंग से होने लगा था. प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरफ से मनमाने असंवैधानिक फैसले लेते रहे. जो लोग पार्टी के सदस्य भी नहीं है, उन्हें टिकट दिए गए. स्पष्ट था यह लोग किसी भी कीमत पर नहीं चाहते थे, सपा चुनाव जीते और अखिलेश फिर मुख्यमंत्री बनें. रामगोपाल यादव ने कहा कि पानी जब सिर से ऊपर निकल गया तब पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं ने विशेष अधिवेशन बुलाने की लिखित मांग की थी. हमने दो महीने तक सुधार का इंतजार किया. तब यह निर्णय लिया गया कि पार्टी का विशेष आपातकालीन अधिवेशन बुलाया जाए. मालूम हो कि एक जनवरी को सपा का राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन बुलाने के रामगोपाल के फैसले को लेकर मुलायम सिंह यादव ने गत शुक्रवार को रामगोपाल तथा अखिलेश दोनों को पार्टी से छह साल के लिये निष्कासित कर दिया था.टिप्पणियां शनिवार को अखिलेश द्वारा अपने आवास पर बुलाई गई विधानमण्डल दल की बैठक में 200 से ज्यादा विधायकों के जुटने और मुलायम द्वारा पार्टी राज्य मुख्यालय पर आहूत प्रत्याशियों की बैठक में बहुत कम उम्मीदवार पहुंचने से मिले संदेश और सपा के वरिष्ठ नेता की मध्यस्थता के बाद मुलायम ने अखिलेश और रामगोपाल का निष्कासन रद्द कर दिया था. हालांकि दोनों की बर्खास्‍तगी की मुख्य वजह बने राष्ट्रीय अधिवेशन को बुलाने का फैसला बरकरार रखा गया था.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) हालांकि अधिवेशन शुरू होने से कुछ ही देर पहले मुलायम ने एक चिट्ठी जारी कर इसे 'असंवैधानिक' बताते हुए इसमें शामिल होने वाले नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी थी. मुलायम सिंह ने आनन-फानन में सपा के संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई, जिसमें अधिवेशन के तमाम फैसलों को अवैध करार दिया गया. साथ ही उन्होंने अधिवेशन के कर्ताधर्ता रामगोपाल यादव के साथ-साथ उसमें शिरकत करने वाले पार्टी उपाध्यक्ष किरणमय नंदा और महासचिव नरेश अग्रवाल को पार्टी से निकाल दिया. रामगोपाल को शनिवार को ही पार्टी में दोबारा वापस लिया गया था. अग्रवाल ने कहा कि अब अखिलेश उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, लिहाजा मुलायम को उन्हें दल से निकालने का कोई हक नहीं है. शिवपाल यादव द्वारा 'ट्वीट' किए गए बिना लेटर हेड वाले एक पत्र के अनुसार, संसदीय बोर्ड की बैठक में सपा प्रमुख द्वारा गत 28 दिसंबर को जारी प्रत्याशियों की सूची को अनुमोदित करते हुए बची हुई सीटों पर उम्मीदवारों के चयन के लिये मुलायम को अधिकृत किया गया. खत के मुताबिक, संसदीय बोर्ड ने रविवार के अधिवेशन के बाद फैले 'भ्रम' को दूर करने के लिए आगामी पांच जनवरी को पार्टी का आकस्मिक राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाने का निर्णय भी लिया है. बहरहाल, आज के अधिवेशन के बाद अखिलेश समर्थक जबरन सपा कार्यालय में घुस गए और प्रदेश अध्यक्ष के कक्ष के बाहर लगी शिवपाल यादव की नेम प्लेट उखाड़कर फेंक दी. 'नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष' नरेश उत्तम पटेल ने अपना कार्यभार भी फौरन ग्रहण कर लिया. राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि वह हमेशा मुलायम सिंह का सम्मान करते थे और अब पहले से ज्यादा सम्मान करते हैं. जब समाज का हर वर्ग सपा की दोबारा सरकार बनाने का मन बना चुका था, तभी कुछ ताकतें साजिशों में जुट गईं. अब प्रदेश में जब दोबारा सपा की सरकार बनेगी तो सबसे ज्यादा खुशी नेताजी को होगी. भावुक हुए अखिलेश ने कहा कि नेताजी का स्थान सबसे ऊपर है. उन्हें डर था कि चुनाव से ऐन पहले 'ना जाने कौन मिलकर उनसे (मुलायम) क्या करा देता. मुझे पार्टी के लिए कोई भी त्याग करना होगा, तो मैं करूंगा'. उन्होंने कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देते हुए आहवान किया कि आने वाले दो-ढाई महीने बहुत महत्वपूर्ण हैं. प्रदेश में एक ऐसी धर्मनिरपेक्ष सरकार बनानी है, जो उसे खुशहाली की राह पर ले जा सके. इसके पूर्व, रामगोपाल यादव ने अपने संबोधन में कहा कि पार्टी और सरकार का काम बहुत ठीक तरीके से चल रहा था और उसी दौरान पार्टी के दो व्यक्तियों ने साजिश करके अखिलेश को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटवा दिया. पार्टी में फिर एक संकट पैदा हो गया. उन्होंने कहा कि पार्टी में टिकटों का बंटवारा मनमाने ढंग से होने लगा था. प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरफ से मनमाने असंवैधानिक फैसले लेते रहे. जो लोग पार्टी के सदस्य भी नहीं है, उन्हें टिकट दिए गए. स्पष्ट था यह लोग किसी भी कीमत पर नहीं चाहते थे, सपा चुनाव जीते और अखिलेश फिर मुख्यमंत्री बनें. रामगोपाल यादव ने कहा कि पानी जब सिर से ऊपर निकल गया तब पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं ने विशेष अधिवेशन बुलाने की लिखित मांग की थी. हमने दो महीने तक सुधार का इंतजार किया. तब यह निर्णय लिया गया कि पार्टी का विशेष आपातकालीन अधिवेशन बुलाया जाए. मालूम हो कि एक जनवरी को सपा का राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन बुलाने के रामगोपाल के फैसले को लेकर मुलायम सिंह यादव ने गत शुक्रवार को रामगोपाल तथा अखिलेश दोनों को पार्टी से छह साल के लिये निष्कासित कर दिया था.टिप्पणियां शनिवार को अखिलेश द्वारा अपने आवास पर बुलाई गई विधानमण्डल दल की बैठक में 200 से ज्यादा विधायकों के जुटने और मुलायम द्वारा पार्टी राज्य मुख्यालय पर आहूत प्रत्याशियों की बैठक में बहुत कम उम्मीदवार पहुंचने से मिले संदेश और सपा के वरिष्ठ नेता की मध्यस्थता के बाद मुलायम ने अखिलेश और रामगोपाल का निष्कासन रद्द कर दिया था. हालांकि दोनों की बर्खास्‍तगी की मुख्य वजह बने राष्ट्रीय अधिवेशन को बुलाने का फैसला बरकरार रखा गया था.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) मुलायम सिंह ने आनन-फानन में सपा के संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई, जिसमें अधिवेशन के तमाम फैसलों को अवैध करार दिया गया. साथ ही उन्होंने अधिवेशन के कर्ताधर्ता रामगोपाल यादव के साथ-साथ उसमें शिरकत करने वाले पार्टी उपाध्यक्ष किरणमय नंदा और महासचिव नरेश अग्रवाल को पार्टी से निकाल दिया. रामगोपाल को शनिवार को ही पार्टी में दोबारा वापस लिया गया था. अग्रवाल ने कहा कि अब अखिलेश उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, लिहाजा मुलायम को उन्हें दल से निकालने का कोई हक नहीं है. शिवपाल यादव द्वारा 'ट्वीट' किए गए बिना लेटर हेड वाले एक पत्र के अनुसार, संसदीय बोर्ड की बैठक में सपा प्रमुख द्वारा गत 28 दिसंबर को जारी प्रत्याशियों की सूची को अनुमोदित करते हुए बची हुई सीटों पर उम्मीदवारों के चयन के लिये मुलायम को अधिकृत किया गया. खत के मुताबिक, संसदीय बोर्ड ने रविवार के अधिवेशन के बाद फैले 'भ्रम' को दूर करने के लिए आगामी पांच जनवरी को पार्टी का आकस्मिक राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाने का निर्णय भी लिया है. बहरहाल, आज के अधिवेशन के बाद अखिलेश समर्थक जबरन सपा कार्यालय में घुस गए और प्रदेश अध्यक्ष के कक्ष के बाहर लगी शिवपाल यादव की नेम प्लेट उखाड़कर फेंक दी. 'नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष' नरेश उत्तम पटेल ने अपना कार्यभार भी फौरन ग्रहण कर लिया. राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि वह हमेशा मुलायम सिंह का सम्मान करते थे और अब पहले से ज्यादा सम्मान करते हैं. जब समाज का हर वर्ग सपा की दोबारा सरकार बनाने का मन बना चुका था, तभी कुछ ताकतें साजिशों में जुट गईं. अब प्रदेश में जब दोबारा सपा की सरकार बनेगी तो सबसे ज्यादा खुशी नेताजी को होगी. भावुक हुए अखिलेश ने कहा कि नेताजी का स्थान सबसे ऊपर है. उन्हें डर था कि चुनाव से ऐन पहले 'ना जाने कौन मिलकर उनसे (मुलायम) क्या करा देता. मुझे पार्टी के लिए कोई भी त्याग करना होगा, तो मैं करूंगा'. उन्होंने कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देते हुए आहवान किया कि आने वाले दो-ढाई महीने बहुत महत्वपूर्ण हैं. प्रदेश में एक ऐसी धर्मनिरपेक्ष सरकार बनानी है, जो उसे खुशहाली की राह पर ले जा सके. इसके पूर्व, रामगोपाल यादव ने अपने संबोधन में कहा कि पार्टी और सरकार का काम बहुत ठीक तरीके से चल रहा था और उसी दौरान पार्टी के दो व्यक्तियों ने साजिश करके अखिलेश को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटवा दिया. पार्टी में फिर एक संकट पैदा हो गया. उन्होंने कहा कि पार्टी में टिकटों का बंटवारा मनमाने ढंग से होने लगा था. प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरफ से मनमाने असंवैधानिक फैसले लेते रहे. जो लोग पार्टी के सदस्य भी नहीं है, उन्हें टिकट दिए गए. स्पष्ट था यह लोग किसी भी कीमत पर नहीं चाहते थे, सपा चुनाव जीते और अखिलेश फिर मुख्यमंत्री बनें. रामगोपाल यादव ने कहा कि पानी जब सिर से ऊपर निकल गया तब पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं ने विशेष अधिवेशन बुलाने की लिखित मांग की थी. हमने दो महीने तक सुधार का इंतजार किया. तब यह निर्णय लिया गया कि पार्टी का विशेष आपातकालीन अधिवेशन बुलाया जाए. मालूम हो कि एक जनवरी को सपा का राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन बुलाने के रामगोपाल के फैसले को लेकर मुलायम सिंह यादव ने गत शुक्रवार को रामगोपाल तथा अखिलेश दोनों को पार्टी से छह साल के लिये निष्कासित कर दिया था.टिप्पणियां शनिवार को अखिलेश द्वारा अपने आवास पर बुलाई गई विधानमण्डल दल की बैठक में 200 से ज्यादा विधायकों के जुटने और मुलायम द्वारा पार्टी राज्य मुख्यालय पर आहूत प्रत्याशियों की बैठक में बहुत कम उम्मीदवार पहुंचने से मिले संदेश और सपा के वरिष्ठ नेता की मध्यस्थता के बाद मुलायम ने अखिलेश और रामगोपाल का निष्कासन रद्द कर दिया था. हालांकि दोनों की बर्खास्‍तगी की मुख्य वजह बने राष्ट्रीय अधिवेशन को बुलाने का फैसला बरकरार रखा गया था.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) रामगोपाल को शनिवार को ही पार्टी में दोबारा वापस लिया गया था. अग्रवाल ने कहा कि अब अखिलेश उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, लिहाजा मुलायम को उन्हें दल से निकालने का कोई हक नहीं है. शिवपाल यादव द्वारा 'ट्वीट' किए गए बिना लेटर हेड वाले एक पत्र के अनुसार, संसदीय बोर्ड की बैठक में सपा प्रमुख द्वारा गत 28 दिसंबर को जारी प्रत्याशियों की सूची को अनुमोदित करते हुए बची हुई सीटों पर उम्मीदवारों के चयन के लिये मुलायम को अधिकृत किया गया. खत के मुताबिक, संसदीय बोर्ड ने रविवार के अधिवेशन के बाद फैले 'भ्रम' को दूर करने के लिए आगामी पांच जनवरी को पार्टी का आकस्मिक राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाने का निर्णय भी लिया है. बहरहाल, आज के अधिवेशन के बाद अखिलेश समर्थक जबरन सपा कार्यालय में घुस गए और प्रदेश अध्यक्ष के कक्ष के बाहर लगी शिवपाल यादव की नेम प्लेट उखाड़कर फेंक दी. 'नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष' नरेश उत्तम पटेल ने अपना कार्यभार भी फौरन ग्रहण कर लिया. राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि वह हमेशा मुलायम सिंह का सम्मान करते थे और अब पहले से ज्यादा सम्मान करते हैं. जब समाज का हर वर्ग सपा की दोबारा सरकार बनाने का मन बना चुका था, तभी कुछ ताकतें साजिशों में जुट गईं. अब प्रदेश में जब दोबारा सपा की सरकार बनेगी तो सबसे ज्यादा खुशी नेताजी को होगी. भावुक हुए अखिलेश ने कहा कि नेताजी का स्थान सबसे ऊपर है. उन्हें डर था कि चुनाव से ऐन पहले 'ना जाने कौन मिलकर उनसे (मुलायम) क्या करा देता. मुझे पार्टी के लिए कोई भी त्याग करना होगा, तो मैं करूंगा'. उन्होंने कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देते हुए आहवान किया कि आने वाले दो-ढाई महीने बहुत महत्वपूर्ण हैं. प्रदेश में एक ऐसी धर्मनिरपेक्ष सरकार बनानी है, जो उसे खुशहाली की राह पर ले जा सके. इसके पूर्व, रामगोपाल यादव ने अपने संबोधन में कहा कि पार्टी और सरकार का काम बहुत ठीक तरीके से चल रहा था और उसी दौरान पार्टी के दो व्यक्तियों ने साजिश करके अखिलेश को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटवा दिया. पार्टी में फिर एक संकट पैदा हो गया. उन्होंने कहा कि पार्टी में टिकटों का बंटवारा मनमाने ढंग से होने लगा था. प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरफ से मनमाने असंवैधानिक फैसले लेते रहे. जो लोग पार्टी के सदस्य भी नहीं है, उन्हें टिकट दिए गए. स्पष्ट था यह लोग किसी भी कीमत पर नहीं चाहते थे, सपा चुनाव जीते और अखिलेश फिर मुख्यमंत्री बनें. रामगोपाल यादव ने कहा कि पानी जब सिर से ऊपर निकल गया तब पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं ने विशेष अधिवेशन बुलाने की लिखित मांग की थी. हमने दो महीने तक सुधार का इंतजार किया. तब यह निर्णय लिया गया कि पार्टी का विशेष आपातकालीन अधिवेशन बुलाया जाए. मालूम हो कि एक जनवरी को सपा का राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन बुलाने के रामगोपाल के फैसले को लेकर मुलायम सिंह यादव ने गत शुक्रवार को रामगोपाल तथा अखिलेश दोनों को पार्टी से छह साल के लिये निष्कासित कर दिया था.टिप्पणियां शनिवार को अखिलेश द्वारा अपने आवास पर बुलाई गई विधानमण्डल दल की बैठक में 200 से ज्यादा विधायकों के जुटने और मुलायम द्वारा पार्टी राज्य मुख्यालय पर आहूत प्रत्याशियों की बैठक में बहुत कम उम्मीदवार पहुंचने से मिले संदेश और सपा के वरिष्ठ नेता की मध्यस्थता के बाद मुलायम ने अखिलेश और रामगोपाल का निष्कासन रद्द कर दिया था. हालांकि दोनों की बर्खास्‍तगी की मुख्य वजह बने राष्ट्रीय अधिवेशन को बुलाने का फैसला बरकरार रखा गया था.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) शिवपाल यादव द्वारा 'ट्वीट' किए गए बिना लेटर हेड वाले एक पत्र के अनुसार, संसदीय बोर्ड की बैठक में सपा प्रमुख द्वारा गत 28 दिसंबर को जारी प्रत्याशियों की सूची को अनुमोदित करते हुए बची हुई सीटों पर उम्मीदवारों के चयन के लिये मुलायम को अधिकृत किया गया. खत के मुताबिक, संसदीय बोर्ड ने रविवार के अधिवेशन के बाद फैले 'भ्रम' को दूर करने के लिए आगामी पांच जनवरी को पार्टी का आकस्मिक राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाने का निर्णय भी लिया है. बहरहाल, आज के अधिवेशन के बाद अखिलेश समर्थक जबरन सपा कार्यालय में घुस गए और प्रदेश अध्यक्ष के कक्ष के बाहर लगी शिवपाल यादव की नेम प्लेट उखाड़कर फेंक दी. 'नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष' नरेश उत्तम पटेल ने अपना कार्यभार भी फौरन ग्रहण कर लिया. राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि वह हमेशा मुलायम सिंह का सम्मान करते थे और अब पहले से ज्यादा सम्मान करते हैं. जब समाज का हर वर्ग सपा की दोबारा सरकार बनाने का मन बना चुका था, तभी कुछ ताकतें साजिशों में जुट गईं. अब प्रदेश में जब दोबारा सपा की सरकार बनेगी तो सबसे ज्यादा खुशी नेताजी को होगी. भावुक हुए अखिलेश ने कहा कि नेताजी का स्थान सबसे ऊपर है. उन्हें डर था कि चुनाव से ऐन पहले 'ना जाने कौन मिलकर उनसे (मुलायम) क्या करा देता. मुझे पार्टी के लिए कोई भी त्याग करना होगा, तो मैं करूंगा'. उन्होंने कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देते हुए आहवान किया कि आने वाले दो-ढाई महीने बहुत महत्वपूर्ण हैं. प्रदेश में एक ऐसी धर्मनिरपेक्ष सरकार बनानी है, जो उसे खुशहाली की राह पर ले जा सके. इसके पूर्व, रामगोपाल यादव ने अपने संबोधन में कहा कि पार्टी और सरकार का काम बहुत ठीक तरीके से चल रहा था और उसी दौरान पार्टी के दो व्यक्तियों ने साजिश करके अखिलेश को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटवा दिया. पार्टी में फिर एक संकट पैदा हो गया. उन्होंने कहा कि पार्टी में टिकटों का बंटवारा मनमाने ढंग से होने लगा था. प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरफ से मनमाने असंवैधानिक फैसले लेते रहे. जो लोग पार्टी के सदस्य भी नहीं है, उन्हें टिकट दिए गए. स्पष्ट था यह लोग किसी भी कीमत पर नहीं चाहते थे, सपा चुनाव जीते और अखिलेश फिर मुख्यमंत्री बनें. रामगोपाल यादव ने कहा कि पानी जब सिर से ऊपर निकल गया तब पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं ने विशेष अधिवेशन बुलाने की लिखित मांग की थी. हमने दो महीने तक सुधार का इंतजार किया. तब यह निर्णय लिया गया कि पार्टी का विशेष आपातकालीन अधिवेशन बुलाया जाए. मालूम हो कि एक जनवरी को सपा का राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन बुलाने के रामगोपाल के फैसले को लेकर मुलायम सिंह यादव ने गत शुक्रवार को रामगोपाल तथा अखिलेश दोनों को पार्टी से छह साल के लिये निष्कासित कर दिया था.टिप्पणियां शनिवार को अखिलेश द्वारा अपने आवास पर बुलाई गई विधानमण्डल दल की बैठक में 200 से ज्यादा विधायकों के जुटने और मुलायम द्वारा पार्टी राज्य मुख्यालय पर आहूत प्रत्याशियों की बैठक में बहुत कम उम्मीदवार पहुंचने से मिले संदेश और सपा के वरिष्ठ नेता की मध्यस्थता के बाद मुलायम ने अखिलेश और रामगोपाल का निष्कासन रद्द कर दिया था. हालांकि दोनों की बर्खास्‍तगी की मुख्य वजह बने राष्ट्रीय अधिवेशन को बुलाने का फैसला बरकरार रखा गया था.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि वह हमेशा मुलायम सिंह का सम्मान करते थे और अब पहले से ज्यादा सम्मान करते हैं. जब समाज का हर वर्ग सपा की दोबारा सरकार बनाने का मन बना चुका था, तभी कुछ ताकतें साजिशों में जुट गईं. अब प्रदेश में जब दोबारा सपा की सरकार बनेगी तो सबसे ज्यादा खुशी नेताजी को होगी. भावुक हुए अखिलेश ने कहा कि नेताजी का स्थान सबसे ऊपर है. उन्हें डर था कि चुनाव से ऐन पहले 'ना जाने कौन मिलकर उनसे (मुलायम) क्या करा देता. मुझे पार्टी के लिए कोई भी त्याग करना होगा, तो मैं करूंगा'. उन्होंने कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देते हुए आहवान किया कि आने वाले दो-ढाई महीने बहुत महत्वपूर्ण हैं. प्रदेश में एक ऐसी धर्मनिरपेक्ष सरकार बनानी है, जो उसे खुशहाली की राह पर ले जा सके. इसके पूर्व, रामगोपाल यादव ने अपने संबोधन में कहा कि पार्टी और सरकार का काम बहुत ठीक तरीके से चल रहा था और उसी दौरान पार्टी के दो व्यक्तियों ने साजिश करके अखिलेश को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटवा दिया. पार्टी में फिर एक संकट पैदा हो गया. उन्होंने कहा कि पार्टी में टिकटों का बंटवारा मनमाने ढंग से होने लगा था. प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरफ से मनमाने असंवैधानिक फैसले लेते रहे. जो लोग पार्टी के सदस्य भी नहीं है, उन्हें टिकट दिए गए. स्पष्ट था यह लोग किसी भी कीमत पर नहीं चाहते थे, सपा चुनाव जीते और अखिलेश फिर मुख्यमंत्री बनें. रामगोपाल यादव ने कहा कि पानी जब सिर से ऊपर निकल गया तब पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं ने विशेष अधिवेशन बुलाने की लिखित मांग की थी. हमने दो महीने तक सुधार का इंतजार किया. तब यह निर्णय लिया गया कि पार्टी का विशेष आपातकालीन अधिवेशन बुलाया जाए. मालूम हो कि एक जनवरी को सपा का राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन बुलाने के रामगोपाल के फैसले को लेकर मुलायम सिंह यादव ने गत शुक्रवार को रामगोपाल तथा अखिलेश दोनों को पार्टी से छह साल के लिये निष्कासित कर दिया था.टिप्पणियां शनिवार को अखिलेश द्वारा अपने आवास पर बुलाई गई विधानमण्डल दल की बैठक में 200 से ज्यादा विधायकों के जुटने और मुलायम द्वारा पार्टी राज्य मुख्यालय पर आहूत प्रत्याशियों की बैठक में बहुत कम उम्मीदवार पहुंचने से मिले संदेश और सपा के वरिष्ठ नेता की मध्यस्थता के बाद मुलायम ने अखिलेश और रामगोपाल का निष्कासन रद्द कर दिया था. हालांकि दोनों की बर्खास्‍तगी की मुख्य वजह बने राष्ट्रीय अधिवेशन को बुलाने का फैसला बरकरार रखा गया था.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) इसके पूर्व, रामगोपाल यादव ने अपने संबोधन में कहा कि पार्टी और सरकार का काम बहुत ठीक तरीके से चल रहा था और उसी दौरान पार्टी के दो व्यक्तियों ने साजिश करके अखिलेश को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटवा दिया. पार्टी में फिर एक संकट पैदा हो गया. उन्होंने कहा कि पार्टी में टिकटों का बंटवारा मनमाने ढंग से होने लगा था. प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरफ से मनमाने असंवैधानिक फैसले लेते रहे. जो लोग पार्टी के सदस्य भी नहीं है, उन्हें टिकट दिए गए. स्पष्ट था यह लोग किसी भी कीमत पर नहीं चाहते थे, सपा चुनाव जीते और अखिलेश फिर मुख्यमंत्री बनें. रामगोपाल यादव ने कहा कि पानी जब सिर से ऊपर निकल गया तब पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं ने विशेष अधिवेशन बुलाने की लिखित मांग की थी. हमने दो महीने तक सुधार का इंतजार किया. तब यह निर्णय लिया गया कि पार्टी का विशेष आपातकालीन अधिवेशन बुलाया जाए. मालूम हो कि एक जनवरी को सपा का राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन बुलाने के रामगोपाल के फैसले को लेकर मुलायम सिंह यादव ने गत शुक्रवार को रामगोपाल तथा अखिलेश दोनों को पार्टी से छह साल के लिये निष्कासित कर दिया था.टिप्पणियां शनिवार को अखिलेश द्वारा अपने आवास पर बुलाई गई विधानमण्डल दल की बैठक में 200 से ज्यादा विधायकों के जुटने और मुलायम द्वारा पार्टी राज्य मुख्यालय पर आहूत प्रत्याशियों की बैठक में बहुत कम उम्मीदवार पहुंचने से मिले संदेश और सपा के वरिष्ठ नेता की मध्यस्थता के बाद मुलायम ने अखिलेश और रामगोपाल का निष्कासन रद्द कर दिया था. हालांकि दोनों की बर्खास्‍तगी की मुख्य वजह बने राष्ट्रीय अधिवेशन को बुलाने का फैसला बरकरार रखा गया था.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) मालूम हो कि एक जनवरी को सपा का राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन बुलाने के रामगोपाल के फैसले को लेकर मुलायम सिंह यादव ने गत शुक्रवार को रामगोपाल तथा अखिलेश दोनों को पार्टी से छह साल के लिये निष्कासित कर दिया था.टिप्पणियां शनिवार को अखिलेश द्वारा अपने आवास पर बुलाई गई विधानमण्डल दल की बैठक में 200 से ज्यादा विधायकों के जुटने और मुलायम द्वारा पार्टी राज्य मुख्यालय पर आहूत प्रत्याशियों की बैठक में बहुत कम उम्मीदवार पहुंचने से मिले संदेश और सपा के वरिष्ठ नेता की मध्यस्थता के बाद मुलायम ने अखिलेश और रामगोपाल का निष्कासन रद्द कर दिया था. हालांकि दोनों की बर्खास्‍तगी की मुख्य वजह बने राष्ट्रीय अधिवेशन को बुलाने का फैसला बरकरार रखा गया था.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) शनिवार को अखिलेश द्वारा अपने आवास पर बुलाई गई विधानमण्डल दल की बैठक में 200 से ज्यादा विधायकों के जुटने और मुलायम द्वारा पार्टी राज्य मुख्यालय पर आहूत प्रत्याशियों की बैठक में बहुत कम उम्मीदवार पहुंचने से मिले संदेश और सपा के वरिष्ठ नेता की मध्यस्थता के बाद मुलायम ने अखिलेश और रामगोपाल का निष्कासन रद्द कर दिया था. हालांकि दोनों की बर्खास्‍तगी की मुख्य वजह बने राष्ट्रीय अधिवेशन को बुलाने का फैसला बरकरार रखा गया था.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: मुलायम ने किरणमय नंदा और महासचिव नरेश अग्रवाल को पार्टी से निकाला अखिलेश ने विधानपरिषद सदस्य नरेश उत्तम पटेल को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बनाया अखिलेश ने अमर सिंह को पार्टी तो शिवपाल को प्रदेश अध्‍यक्ष से हटाया.
32
['hin']
इस के लिए एक सारांश बनाएं: राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को दविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के अध्यक्ष एम. करुणानिधि से चेन्नई में मुलाकात करने के साथ अपना प्रचार अभियान शुरू कर दिया। प्रणब ने करुणानिधि से उनकी पार्टी का समर्थन मांगा।टिप्पणियां शाम को चेन्नई पहुंचे प्रणब सीधे करुणानिधि के आवास पर गए, जहां ढोल-नगाड़े के साथ उनका स्वागत किया गया। प्रणब ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि डीएमके संप्रग-1 और 2 की मुख्य घटक रही है। वह अपने चुनाव के लिए सभी दलों का समर्थन चाहेंगे। शाम को चेन्नई पहुंचे प्रणब सीधे करुणानिधि के आवास पर गए, जहां ढोल-नगाड़े के साथ उनका स्वागत किया गया। प्रणब ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि डीएमके संप्रग-1 और 2 की मुख्य घटक रही है। वह अपने चुनाव के लिए सभी दलों का समर्थन चाहेंगे। प्रणब ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि डीएमके संप्रग-1 और 2 की मुख्य घटक रही है। वह अपने चुनाव के लिए सभी दलों का समर्थन चाहेंगे।
संक्षिप्त सारांश: राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को दविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के अध्यक्ष एम. करुणानिधि से चेन्नई में मुलाकात करने के साथ अपना प्रचार अभियान शुरू कर दिया।
23
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: दार्जिलिंग (Darjeeling) में जारी आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संगठन ने दावा किया है कि अनेक लोग, अधिकतर युवा अलग गोरखालैंड (Gorkhaland) राज्य के लिए अपनी जान न्यौछावर करने को तैयार हैं. गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जो 15 जून से यहां जारी बंद की अगुवाई कर रहा है) ने अमरण अनशन करने की धमकी दी है. पार्टी के नेताओं ने बताया कि पार्टी की युवा शाखा ने जमीनी स्तर पर युवाओं को आत्मदाह के लिए तैयार करने का काम शुरू कर दिया है.   जीजेएम (Gorkha Janmukti Morcha) की युवा शाखा युवा मोर्चा के अध्यक्ष प्रकाश गुरुंग ने कहा, 'हमनें जब से इस बात की घोषणा की है कि हम अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए आत्मदाह की राह चुनेंगे, तब से सैकड़ों लोगों ने हमसे संपर्क किया है और पहाड़ों से कई लोगों एवं युवाओं ने हमें संदेश भेजे हैं कि वे इसके लिए अपनी जान न्यौछावर करने की इच्छा जाहिर करते हैं.' टिप्पणियां उन्होंने कहा, 'इसके लिए कोई शर्त नहीं है और जो आत्मदाह करना चाहते हैं वे ऐसा अपनी शर्तों एवं इच्छाओं पर करेंगे.' उन्होंने प्रस्ताव भेजने वाले लोगों के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी बस कहा कि आने वाले दिनों में आंदोलन और उग्र होगा. गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) से मई में इस्तीफा देने वाले प्रकाश ने तेलंगाना आंदोलन की तरह ही अलग से राज्य के स्तर पर एक आंदोलन शुरू करने का प्रस्ताव रखा है.   अलग राज्य की मांग को लेकर दार्जिलिंग में पहले भी लोग आत्मदाह कर चुके हैं. जुलाई2013 में 45 वर्षीय एक व्यक्ति ने कलिम्पोंग शहर (अब एक जिला) में दमबर चौक पर आत्मदाह कर लिया था. एक माह बाद उसकी मौत हो गई थी.   वर्ष 2013 में जीजेएम के समर्थक, 32 वर्षीय शारीरिक रूप से अक्षम एक व्यक्ति ने आत्मदाह करने की कोशिश की थी लेकिन लंबे समय तक इलाज चलने के बाद उसकी जान बचा ली गई थी. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने कहा, 'इसके लिए कोई शर्त नहीं है और जो आत्मदाह करना चाहते हैं वे ऐसा अपनी शर्तों एवं इच्छाओं पर करेंगे.' उन्होंने प्रस्ताव भेजने वाले लोगों के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी बस कहा कि आने वाले दिनों में आंदोलन और उग्र होगा. गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) से मई में इस्तीफा देने वाले प्रकाश ने तेलंगाना आंदोलन की तरह ही अलग से राज्य के स्तर पर एक आंदोलन शुरू करने का प्रस्ताव रखा है.   अलग राज्य की मांग को लेकर दार्जिलिंग में पहले भी लोग आत्मदाह कर चुके हैं. जुलाई2013 में 45 वर्षीय एक व्यक्ति ने कलिम्पोंग शहर (अब एक जिला) में दमबर चौक पर आत्मदाह कर लिया था. एक माह बाद उसकी मौत हो गई थी.   वर्ष 2013 में जीजेएम के समर्थक, 32 वर्षीय शारीरिक रूप से अक्षम एक व्यक्ति ने आत्मदाह करने की कोशिश की थी लेकिन लंबे समय तक इलाज चलने के बाद उसकी जान बचा ली गई थी. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
यह एक सारांश है: गोरखा जनमुक्ति मोर्चा गोरखालैंड राज्य की कर रहा है मांग गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने अमरण अनशन की भी धमकी दी मोर्चा के यूथ विंग ने आत्मदाह का रास्ता अपनाने की भी धमकी दी
2
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के स्टार हरफनमौला खिलाड़ी शाहिद अफरीदी का मानना है कि जिस दिन उन्हें लगेगा कि वह देश के लिए अपना सौ फीसदी प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं उसी दिन वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह देंगे। हाल में पाकिस्तान ने फाइनल मुकाबले में मेजबान बांग्लादेश को हराकर 12 वर्ष बाद एशिया कप पर कब्जा किया था। इस टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में 'मैन ऑफ द मैच' रहे अफरीदी ने कहा कि वह खुशकिस्मत हैं कि वह पाकिस्तान के लिए लगभग 15-16 वर्ष से खेल रहे हैं।टिप्पणियां समाचार पत्र 'द न्यूज' से बातचीत में अफरीदी ने कहा, "इस समय मैं पूरी तरह फिट हूं। मेरी योजना लगातार कड़ी मेहनत करनी है ताकि मैं देश के लिए अपना सौ फीसदी प्रदर्शन कर सकूं। जिस दिन मुझे लगेगा कि मैं देश के लिए सौ फीसदी प्रदर्शन नहीं कर पा रहा हूं उसी दिन मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लूंगा।" उल्लेखनीय है कि अफरीदी उन हरफनमौला खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्होंने सीमित ओवरों में सात हजार से अधिक रन और 300 से अधिक विकेट झटके हैं। अफरीदी ने 342 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में 7040 रन बनाए हैं। इसके अलावा उनके नाम 344 विकेट दर्ज है। हाल में पाकिस्तान ने फाइनल मुकाबले में मेजबान बांग्लादेश को हराकर 12 वर्ष बाद एशिया कप पर कब्जा किया था। इस टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में 'मैन ऑफ द मैच' रहे अफरीदी ने कहा कि वह खुशकिस्मत हैं कि वह पाकिस्तान के लिए लगभग 15-16 वर्ष से खेल रहे हैं।टिप्पणियां समाचार पत्र 'द न्यूज' से बातचीत में अफरीदी ने कहा, "इस समय मैं पूरी तरह फिट हूं। मेरी योजना लगातार कड़ी मेहनत करनी है ताकि मैं देश के लिए अपना सौ फीसदी प्रदर्शन कर सकूं। जिस दिन मुझे लगेगा कि मैं देश के लिए सौ फीसदी प्रदर्शन नहीं कर पा रहा हूं उसी दिन मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लूंगा।" उल्लेखनीय है कि अफरीदी उन हरफनमौला खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्होंने सीमित ओवरों में सात हजार से अधिक रन और 300 से अधिक विकेट झटके हैं। अफरीदी ने 342 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में 7040 रन बनाए हैं। इसके अलावा उनके नाम 344 विकेट दर्ज है। समाचार पत्र 'द न्यूज' से बातचीत में अफरीदी ने कहा, "इस समय मैं पूरी तरह फिट हूं। मेरी योजना लगातार कड़ी मेहनत करनी है ताकि मैं देश के लिए अपना सौ फीसदी प्रदर्शन कर सकूं। जिस दिन मुझे लगेगा कि मैं देश के लिए सौ फीसदी प्रदर्शन नहीं कर पा रहा हूं उसी दिन मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लूंगा।" उल्लेखनीय है कि अफरीदी उन हरफनमौला खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्होंने सीमित ओवरों में सात हजार से अधिक रन और 300 से अधिक विकेट झटके हैं। अफरीदी ने 342 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में 7040 रन बनाए हैं। इसके अलावा उनके नाम 344 विकेट दर्ज है। उल्लेखनीय है कि अफरीदी उन हरफनमौला खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्होंने सीमित ओवरों में सात हजार से अधिक रन और 300 से अधिक विकेट झटके हैं। अफरीदी ने 342 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में 7040 रन बनाए हैं। इसके अलावा उनके नाम 344 विकेट दर्ज है।
संक्षिप्त पाठ: अफरीदी ने कहा, इस समय मैं पूरी तरह फिट हूं। मेरी योजना लगातार कड़ी मेहनत करनी है ताकि मैं देश के लिए अपना सौ फीसदी प्रदर्शन कर सकूं।
13
['hin']
इस पाठ का सारांश बनाओ: दिनेश त्रिवेदी ने अपनी अवज्ञा समाप्त करते हुए रेल मंत्री पद छोड़ने का निर्णय किया। त्रिवेदी ने इसके साथ ही रेल बजट में यात्री किराया बढ़ाने को लेकर अपनी पार्टी की नाराजगी के बाद पांच दिन से जारी नाटक पर विराम लगा दिया।टिप्पणियां तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले कहा, ‘त्रिवेदी ने मुझे फोन किया और बताया कि वह पार्टी के निर्णय का पालन करेंगे और अपना त्यागपत्र भेज देंगे।’ उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि त्रिवेदी ने उन्हें बताया कि वह पार्टी के साथ ही रहेंगे। 61 वर्षीय त्रिवेदी ने दिल्ली में कहा कि उन्होंने वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए ममता को फोन किया। ‘उन्होंने मुझे त्यागपत्र के लिए कहने में काफी उदारता दिखाई और उनके लिए मेरे भीतर काफी सम्मान है। मैं पार्टी अनुशासन का पालन करूंगा।’ उन्होंने ममता के हवाले से कहा कि उनका निर्णय पार्टी का निर्णय है और उन्हें इसका पालन करना होगा। त्रिवेदी का निर्णय एंटी क्लाइमैक्स के रूप में सामने आया है क्योंकि उन्होंने गत पांच दिन से कड़ी अवज्ञा दिखाते हुए अपना पद तब तक छोड़ने से इनकार कर दिया था जब तक कि ममता यह लिखित में नहीं देतीं। तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले कहा, ‘त्रिवेदी ने मुझे फोन किया और बताया कि वह पार्टी के निर्णय का पालन करेंगे और अपना त्यागपत्र भेज देंगे।’ उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि त्रिवेदी ने उन्हें बताया कि वह पार्टी के साथ ही रहेंगे। 61 वर्षीय त्रिवेदी ने दिल्ली में कहा कि उन्होंने वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए ममता को फोन किया। ‘उन्होंने मुझे त्यागपत्र के लिए कहने में काफी उदारता दिखाई और उनके लिए मेरे भीतर काफी सम्मान है। मैं पार्टी अनुशासन का पालन करूंगा।’ उन्होंने ममता के हवाले से कहा कि उनका निर्णय पार्टी का निर्णय है और उन्हें इसका पालन करना होगा। त्रिवेदी का निर्णय एंटी क्लाइमैक्स के रूप में सामने आया है क्योंकि उन्होंने गत पांच दिन से कड़ी अवज्ञा दिखाते हुए अपना पद तब तक छोड़ने से इनकार कर दिया था जब तक कि ममता यह लिखित में नहीं देतीं। त्रिवेदी का निर्णय एंटी क्लाइमैक्स के रूप में सामने आया है क्योंकि उन्होंने गत पांच दिन से कड़ी अवज्ञा दिखाते हुए अपना पद तब तक छोड़ने से इनकार कर दिया था जब तक कि ममता यह लिखित में नहीं देतीं।
संक्षिप्त पाठ: त्रिवेदी ने इसके साथ ही रेल बजट में यात्री किराया बढ़ाने को लेकर अपनी पार्टी की नाराजगी के बाद पांच दिन से जारी नाटक पर विराम लगा दिया।
27
['hin']
एक सारांश बनाओ: अभिनेता इमरान हाशमी व अभिनेत्री विद्या बालन एक बार फिर बड़े पर्दे पर साथ नजर आएंगे। 'द डर्टी पिक्चर' के बाद अब रोमांच से भरी हास्यप्रधान फिल्म 'घनचक्कर' में दोनों सितारे साथ दिखेंगे।टिप्पणियां यूटीवी मोशन पिक्चर्स की इस फिल्म की शूटिंग अगस्त में शुरू होने की उम्मीद है। राजकुमार गुप्ता इसका निर्देशन करेंगे। विद्या पहले भी राजकुमार के साथ 'नो वन किल्ड जेसिका' में काम कर चुकी हैं। राजकुमार का दावा है कि 'घनचक्कर' अब तक की सबसे अच्छी फिल्म है। उन्होंने कहा कि दोनों सितारों को साथ में पेश करने से पहले काफी सोचा गया। उन्होंने कहा, "एक निर्देशक के नाते आप हमेशा पहले से ही अपनी भूमिकाओं के लिए कलाकार सोच लेते हैं और यदि आपको समझौता नहीं करना पड़ा, तो आप आधी लड़ाई तो जीत ही लेते हैं।" राजकुमार ने कहा, "मैं पहली बार इमरान के साथ काम करने जा रहा हूं। मुझे लगता है कि वह अपनी भूमिका के साथ पूरा न्याय करेंगे। दर्शक पहली बार उन्हें एक सनकी आदमी के रूप में देखेंगे।" उन्होंने कहा, "मैं विद्या के साथ पहले काम कर चुका हूं। वह इस भूमिका के लिए निश्चित रूप से मेरी पहली पसंद थीं। मैं एकदम अलग शैली की फिल्म में उन्हें प्रस्तुत कर रहा हूं, जो बहुत खुशी की बात है।" यूटीवी मोशन पिक्चर्स की इस फिल्म की शूटिंग अगस्त में शुरू होने की उम्मीद है। राजकुमार गुप्ता इसका निर्देशन करेंगे। विद्या पहले भी राजकुमार के साथ 'नो वन किल्ड जेसिका' में काम कर चुकी हैं। राजकुमार का दावा है कि 'घनचक्कर' अब तक की सबसे अच्छी फिल्म है। उन्होंने कहा कि दोनों सितारों को साथ में पेश करने से पहले काफी सोचा गया। उन्होंने कहा, "एक निर्देशक के नाते आप हमेशा पहले से ही अपनी भूमिकाओं के लिए कलाकार सोच लेते हैं और यदि आपको समझौता नहीं करना पड़ा, तो आप आधी लड़ाई तो जीत ही लेते हैं।" राजकुमार ने कहा, "मैं पहली बार इमरान के साथ काम करने जा रहा हूं। मुझे लगता है कि वह अपनी भूमिका के साथ पूरा न्याय करेंगे। दर्शक पहली बार उन्हें एक सनकी आदमी के रूप में देखेंगे।" उन्होंने कहा, "मैं विद्या के साथ पहले काम कर चुका हूं। वह इस भूमिका के लिए निश्चित रूप से मेरी पहली पसंद थीं। मैं एकदम अलग शैली की फिल्म में उन्हें प्रस्तुत कर रहा हूं, जो बहुत खुशी की बात है।" उन्होंने कहा, "एक निर्देशक के नाते आप हमेशा पहले से ही अपनी भूमिकाओं के लिए कलाकार सोच लेते हैं और यदि आपको समझौता नहीं करना पड़ा, तो आप आधी लड़ाई तो जीत ही लेते हैं।" राजकुमार ने कहा, "मैं पहली बार इमरान के साथ काम करने जा रहा हूं। मुझे लगता है कि वह अपनी भूमिका के साथ पूरा न्याय करेंगे। दर्शक पहली बार उन्हें एक सनकी आदमी के रूप में देखेंगे।" उन्होंने कहा, "मैं विद्या के साथ पहले काम कर चुका हूं। वह इस भूमिका के लिए निश्चित रूप से मेरी पहली पसंद थीं। मैं एकदम अलग शैली की फिल्म में उन्हें प्रस्तुत कर रहा हूं, जो बहुत खुशी की बात है।"
यहाँ एक सारांश है:अभिनेता इमरान हाशमी व अभिनेत्री विद्या बालन एक बार फिर बड़े पर्दे पर साथ नजर आएंगे। 'द डर्टी पिक्चर' के बाद अब रोमांच से भरी हास्यप्रधान फिल्म 'घनचक्कर' में दोनों सितारे साथ दिखेंगे।
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['hin']
इस पाठ का सारांश बनाएं: जम्मू-कश्मीर, दिल्ली और पंजाब में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप की तीव्रता 5.8 रही। जम्मू-कश्मीर के भदरवाह और किश्तवाड़ के स्कूल की इमारत गिरने से करीब 25 छात्र घायल हो गए। चिनाब घाटी के कई मकानों में दरारें आई हैं। जम्मू के पास भदरवाह भूकंप का केंद्र था। इसके अलावा झटके राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों महसूस किए गए। गुडगांव और नोएडा में करीब 20- 25 सेकंड तक भूकंप के झटके महसूस किए गए। फिलहाल किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। हरियाणा के जींद तथा इसके आसपास क्षेत्रों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।टिप्पणियां इसके साथ ही सूचना मिली है कि पाकिस्तान स्थित इस्लामाबाद में ये झटके महसूस किए गए हैं। पिछले बुधवार को 25 तारीख को भी दिल्ली समेत भारत कई शहरों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जिसका केंद्र अफगानिस्तान की हिन्दुकुश की पहाड़ियों में था। इसकी तीव्रता 5.7 थी। इससे पहले 16 अप्रैल को 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था और इसका केन्द्र पाकिस्तान ईरान सीमा पर था। इसके अलावा झटके राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों महसूस किए गए। गुडगांव और नोएडा में करीब 20- 25 सेकंड तक भूकंप के झटके महसूस किए गए। फिलहाल किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। हरियाणा के जींद तथा इसके आसपास क्षेत्रों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।टिप्पणियां इसके साथ ही सूचना मिली है कि पाकिस्तान स्थित इस्लामाबाद में ये झटके महसूस किए गए हैं। पिछले बुधवार को 25 तारीख को भी दिल्ली समेत भारत कई शहरों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जिसका केंद्र अफगानिस्तान की हिन्दुकुश की पहाड़ियों में था। इसकी तीव्रता 5.7 थी। इससे पहले 16 अप्रैल को 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था और इसका केन्द्र पाकिस्तान ईरान सीमा पर था। इसके साथ ही सूचना मिली है कि पाकिस्तान स्थित इस्लामाबाद में ये झटके महसूस किए गए हैं। पिछले बुधवार को 25 तारीख को भी दिल्ली समेत भारत कई शहरों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जिसका केंद्र अफगानिस्तान की हिन्दुकुश की पहाड़ियों में था। इसकी तीव्रता 5.7 थी। इससे पहले 16 अप्रैल को 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था और इसका केन्द्र पाकिस्तान ईरान सीमा पर था। पिछले बुधवार को 25 तारीख को भी दिल्ली समेत भारत कई शहरों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जिसका केंद्र अफगानिस्तान की हिन्दुकुश की पहाड़ियों में था। इसकी तीव्रता 5.7 थी। इससे पहले 16 अप्रैल को 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था और इसका केन्द्र पाकिस्तान ईरान सीमा पर था।
संक्षिप्त सारांश: जम्मू-कश्मीर, दिल्ली और पंजाब में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप की तीव्रता 5.8 रही।
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['hin']