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इस पाठ का सारांश बनाओ: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के स्यान में हुई हिंसा के मामले में सात आरोपियों को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. जीतू फौजी सहित सात आरोपियों को इस मामले में जमानत मिली है. आरोपियों में सचिन, सौरभ, छोटू, हेमू, कलुवा, रोहित, राघव के नाम शामिल हैं. हत्या और बवाल के आरोप में सात आरोपियों की पहले ही जमानत हो चुकी थी, लेकिन धारा 24ए राजद्रोह का संज्ञान लेने के बाद आरोपियों की रिहाई रूक गई थी. प्रयागराज हाईकोर्ट ने अब देशद्रोह की धारा में सात आरोपियों को जमानत दे दी है.
3 दिसंबर 2018 को स्याना के चिंगरावठी में यह हिंसा हुई थी. इस हिंसा में उत्तर प्रदेश पुलिस के इंस्परेक्टर सुबोध कुमार समेत दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. गौकशी के बाद भड़की इस हिंसा में 22 नामजद और 50-60 अज्ञात बवनाइयों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. इस हिंसा के मामले में 42 आरोपी जेल में बंद हैं. जीतू फौजी समेत सात आरोपियों को जमानत मिली है.
गौरतलब है कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या के बाद यूपी सरकार की काफी किरकिरी हुई थी यहां तक की तकरीबन 80 रिटायर्ड अधिकारियों नें पत्र लिख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा तक मांगा था. बता दें कि पिछले साल 3 दिसंबर को बुलंदशहर के स्याना इलाके में कथित रूप से गौवंश के अवशेष मिलने के बाद हिंसा फैल गई थी. गौवंश के अवशेष मिलने के बाद पुलिस को इसकी सूचना दी गई थी, पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां लोगों की भीड़ पहले से मौजूद थी. पुलिस भीड़ को समझाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन लोग काफी उग्र थे और उन्होंने पुलिस पर ही हमला कर दिया.
हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई. वहीं गोली लगने से सुमित नाम का एक युवक भी मारा गया था. बुलंदशहर हिंसा के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को न सिर्फ गोली मारी गई थी, बल्कि पहले कुल्हाड़ी से उनके सिर पर वार कर बुरी तरह से घायल कर दिया गया था. पुलिस ने 28 दिन बाद इस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह पर कुल्हाड़ी से हमला करने वाले कलुआ उर्फ राजीव को गिरफ्तार किया था. | संक्षिप्त सारांश: बुलंदशहर हिंसा मामले में 7 आरोपियों को मिली जमानत
जीतू फौजी समेत 7 आरोपियों को मिली जमानत
इस हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध सिंह ने गंवाई थी जान | 0 | ['hin'] |
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की खबरों पर अभी विराम नहीं लगा है. दिल्ली में एक बार फिर से आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की सुगबुगाहट तेज हो गई है और आज इसे लेकर कांग्रेस ने एक बैठक भी बुलाई थी. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गठबंधन पर फैसला लेने के लिए आज सुबह 10 बजे अपने आवासा पर एक अहम बैठक बुलाई थी. इस बैठक में दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष शीला दीक्षित, तीनों कार्यकारी अध्यक्ष और दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाको भी मौजूद थे. माना जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आज कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से आप के साथ गठबंधन पर फैसला ले सकती है. हालांकि, बैठक अब खत्म हो चुकी है और शाम तक गठबंधन पर फैसला आ सकता है.
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गठबंधन के पक्ष में हैं. इसके लिए कांग्रेस ने अपने कार्यकर्ताओं में एक सर्वे और ऑपिनियन पोल करवाया. इसमें गठबंधन करने पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को फायदा होते हुए दिखाया. इसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी से अपने फैसले पर दोबारा से विचार करने के लिए कहा. हालांकि, अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है. गौर करने वाली बात यह है कि दिल्ली कांग्रेस प्रमुख शीला दीक्षित इस गठबंधन के खिलाफ हैं, लेकिन दिल्ली पार्टी प्रभारी पीसी चाको इसके पक्ष में हैं. पीसी चाको ने कॉल करके कांग्रेस कार्यकर्ताओं से गठबंधन पर राय भी मांगी थी.
सूत्रों के मुताबिक वरिष्ठ केंद्रीय नेताओं से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन पर शक्ति ऐप के जरिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं से राय मांगी थी. इसके बाद उस फीडबैक का नतीजा राहुल गांधी को दे दिया गया है. | यह एक सारांश है: आज होगा AAP-कांग्रेस के बीच गठबंधन पर अंतिम फैसला.
राहुल गांधी ने अपने आवास पर एक अहम बैठक बुलाई है.
एक बार फिर से राहुल गांधी गठबंधन पर चर्चा करेंगे. | 9 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाओ: सरकार ने गुरुवार को संकेत दिए कि वह डीजल से चलने वाली कारों के लिए सब्सिडी वाला ईंधन देने की नीति खत्म कर सकती है। सरकार ने यह संकेत ऐसे समय दिये हैं जब डीजल की कुल खपत में कारों की हिस्सेदारी 15 फीसदी है। वित्तमंत्री ने महंगाई के मुद्दे पर लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए कहा, ..हम आपका (विपक्ष का) सुझाव स्वीकार कर सकते हैं और ऐसा तंत्र बनाने की दिशा में काम कर सकते हैं जिससे इस श्रेणी (डीजल कार चलाने वालों) को सब्सिडी नहीं मिले। सरकार डीजल पर 6.08 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी देती है। पेट्रोल की कीमतें जहां बाजार भाव से जुड़ी हैं, वहीं सरकार सब्सिडी और तेल बॉन्ड के जरिये डीजल, केरोसीन और रसोई गैस की बिक्री पर तेल विपणन कंपनियों को होने वाले नुकसान की प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से क्षतिपूर्ति करती है। सरकार पहले ही संकेत दे चुकी है कि वह डीजल और रसोई गैस के मूल्य को नियंत्रण से मुक्त करना चाहती है, लेकिन केरोसीन के लिये सब्सिडी देती रहेगी क्योंकि इसका इस्तेमाल गरीब जनता करती है। मुखर्जी ने कहा कि डीजल की कुल खपत में से इस ईंधन का 10 फीसदी इस्तेमाल उद्योगों, छह फीसदी रेलवे, 12 फीसदी कृषि क्षेत्र और 15 फीसदी कार चालकों द्वारा किया जाता है। आठ फीसदी डीजल का इस्तेमाल बिजली उत्पादन के लिये होता है। कुल खपत में से बसों में 12 फीसदी और ट्रकों में 37 फीसदी डीजल इस्तेमाल होता है। उन्होंने कहा कि हालिया समय में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि के बावजूद सरकारी तेल कंपनियों का अब भी 1.22 लाख करोड़ रुपये का भुगतान बकाया है। जद-यू नेता और राजग संयोजक शरद यादव ने लक्जरी कार चलाने वालों और दूरसंचार टॉवर लगाने वाली कंपनियों को सब्सिडी वाला डीजल मुहैया कराने की सरकार की नीति पर सवाल उठाए थे। | सरकार ने यह संकेत ऐसे समय दिए हैं जब डीजल की कुल खपत में कारों की हिस्सेदारी 15 फीसदी है। | 1 | ['hin'] |
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: रेलवे ग्रुप डी (RRC, RRB Group D) परीक्षा के लिए जिन उम्मीदवारों के आवेदन अस्वीकार किए गए हैं, उन्हें दूसरा मौका मिल सकता है. यह जानकारी अधिकारियों के हवाले से मिली है. रेलवे ने 25 जुलाई से अपनी वेबसाइट पर परीक्षा के लिए आवेदनों की स्थिति प्रदर्शित करना शुरू किया और वह 31 जुलाई तक ऐसा करेगा. इससे उम्मीदवार यह पता कर सकते हैं कि उनका आवेदन स्वीकार किया गया है या अस्वीकार किया गया है. देशभर में कई उम्मीदवारों ने अमान्य फोटो की गलती का हवाला देते हुए शिकायत की थी कि निर्देशों को पूरा करने के बावजूद, उनके आवेदन अस्वीकार कर दिए गए.
यूपी के गोरखपुर से आवेदन करने वाले संजय कुमार ने कहा, 'मेरे आवेदन को अस्वीकार कर दिया गया जबकि वह निर्देशों के अनुसार पूरी तरह से सही साइज में था. यह गलत होगा, अगर मेरे जैसे आवेदक इस गलती की वजह से परीक्षा में बैठने का मौका गंवा दें.' एक रेलवे अधिकारी ने कहा, 'जिन आवेदकों का दावा सही है उन्हें दूसरा मौका दिया जाएगा. प्रत्येक शिकायत की जांच की जाएगी.'
उन्होंने कहा, 'हमें 'अमान्य फोटो' का हवाला देते हुए आवेदनों से शिकायत मिली है. हमने अपनी वेबसाइट पर जानकारी के माध्यम से सभी आवेदकों को स्पष्ट कर दिया है कि उनके पास इस मुद्दे के बारे में हमें सूचित करने और अपना पक्ष रखने के लिए 31 जुलाई तक का समय है. हम प्रत्येक शिकायत की छानबीन करेंगे और अगर ऐसे मामले हैं जहां वैध फोटो के बावजूद आवेदन खारिज कर दिए गए हैं तो हम उन मामलों पर विचार करेंगे.' | दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: ग्रुप डी के लाखों उम्मीदवारों के एप्लीकेशन रिजेक्ट हुए
आवेदनों को गलत तरीके से अस्वीकार किया गया
उम्मीदवारों को मिल सकता है दूसरा मौका | 19 | ['hin'] |
एक सारांश बनाओ: बीकानेर जिले के श्रीकोलायत थाना इलाके में कल रात एक शराबी पिता ने अपनी पांच महीने और तीन साल की बेटियों की पिटाई कर उनके हाथ, होंठ और नाक चबा गया। दोनों बच्चियों को गंभीर हालत में बीकानेर अस्पताल लाया गया है जहां से एक बेटी राधा को जयपुर भेजा गया है।
श्रीकोलायत पुलिस थाने में जांच अधिकारी पूर्ण सिंह के अनुसार सियाणा गांव का आरोपी शिवदान सिंह राजपूत शराब के नशे में घर पहुंचा और पत्नी सरोज देवी की पिटाई की। आरोपी ने बाद में कमरे में सो रही पांच महीने की बेटी राधा और तीन साल की बेटी भंवरी की पिटाई करना शुरू कर दिया।टिप्पणियां
सिंह के अनुसार, आरोपी राधा के होंठ, नाक, गाल और बड़ी बेटी भंवरी का हाथ चबा गया। पड़ोसियों की सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपी शिवदान सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 326, 341, 323 और 324 के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने घायल मां और बेटियों को श्रीकोलायत के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया।
बीकानेर पीबीएम अस्पताल के शिशु रोग चिकित्सक गिरीश प्रभाकर ने बताया कि मां और दोनों बेटियों का उपचार शुरू कर दिया गया। उन्होंने बताया कि पांच महीने की राधा के ऊपर के होंठ के ऊपरी हिस्सा और नाक का निचला हिस्सा भी नहीं था। डॉ. प्रभाकर के अनुसार, बीकानेर अस्पताल में कॉस्मेटिक सर्जरी नहीं होने के कारण राधा को जयपुर भेजा गया है।
श्रीकोलायत पुलिस थाने में जांच अधिकारी पूर्ण सिंह के अनुसार सियाणा गांव का आरोपी शिवदान सिंह राजपूत शराब के नशे में घर पहुंचा और पत्नी सरोज देवी की पिटाई की। आरोपी ने बाद में कमरे में सो रही पांच महीने की बेटी राधा और तीन साल की बेटी भंवरी की पिटाई करना शुरू कर दिया।टिप्पणियां
सिंह के अनुसार, आरोपी राधा के होंठ, नाक, गाल और बड़ी बेटी भंवरी का हाथ चबा गया। पड़ोसियों की सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपी शिवदान सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 326, 341, 323 और 324 के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने घायल मां और बेटियों को श्रीकोलायत के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया।
बीकानेर पीबीएम अस्पताल के शिशु रोग चिकित्सक गिरीश प्रभाकर ने बताया कि मां और दोनों बेटियों का उपचार शुरू कर दिया गया। उन्होंने बताया कि पांच महीने की राधा के ऊपर के होंठ के ऊपरी हिस्सा और नाक का निचला हिस्सा भी नहीं था। डॉ. प्रभाकर के अनुसार, बीकानेर अस्पताल में कॉस्मेटिक सर्जरी नहीं होने के कारण राधा को जयपुर भेजा गया है।
सिंह के अनुसार, आरोपी राधा के होंठ, नाक, गाल और बड़ी बेटी भंवरी का हाथ चबा गया। पड़ोसियों की सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपी शिवदान सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 326, 341, 323 और 324 के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने घायल मां और बेटियों को श्रीकोलायत के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया।
बीकानेर पीबीएम अस्पताल के शिशु रोग चिकित्सक गिरीश प्रभाकर ने बताया कि मां और दोनों बेटियों का उपचार शुरू कर दिया गया। उन्होंने बताया कि पांच महीने की राधा के ऊपर के होंठ के ऊपरी हिस्सा और नाक का निचला हिस्सा भी नहीं था। डॉ. प्रभाकर के अनुसार, बीकानेर अस्पताल में कॉस्मेटिक सर्जरी नहीं होने के कारण राधा को जयपुर भेजा गया है।
बीकानेर पीबीएम अस्पताल के शिशु रोग चिकित्सक गिरीश प्रभाकर ने बताया कि मां और दोनों बेटियों का उपचार शुरू कर दिया गया। उन्होंने बताया कि पांच महीने की राधा के ऊपर के होंठ के ऊपरी हिस्सा और नाक का निचला हिस्सा भी नहीं था। डॉ. प्रभाकर के अनुसार, बीकानेर अस्पताल में कॉस्मेटिक सर्जरी नहीं होने के कारण राधा को जयपुर भेजा गया है। | दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: बीकानेर जिले के श्रीकोलायत थाना इलाके में कल रात एक शराबी पिता ने अपनी पांच महीने और तीन साल की बेटियों की पिटाई कर उनके हाथ, होंठ और नाक चबा गया। | 32 | ['hin'] |
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: कोलंबो टेस्ट में बांग्लादेश ने श्रीलंका के ख़िलाफ़ ऐतिहासिक जीत दर्ज़ की है. बांग्लादेश ने 4 विकेट से यह जीत हासिल की और इसी के साथ टेस्ट सीरीज़ 1-1 की बराबरी पर ख़त्म हुई. बांग्ला टाइगर्स ने अपने 100वें टेस्ट मैच में श्रीलंका को हराया और श्रीलंका पर उसकी यह पहली जीत है.
जीत के लिए श्रीलंका ने बांग्लादेश को 191 रन का लक्ष्य दिया था. बांग्लादेशी खिलाड़ियों ने इस लक्ष्य को दूसरी पारी में लड़खड़ाती हुई बल्लेबाज़ी के बावजूद हासिल कर लिया. ओपनर तमीम इक़बाल ने 82 और सब्बीर रहमान ने 41 रन बनाए और तीसरे विकेट के लिए 109 रन की साझेदारी बनाकर मैच का रुख बांग्लादेश की तरफ मोड़ दिया. आख़िरी के कुछ ओवरों में कप्तान मुश्फ़िकुर रहीम ने नाबाद 22 रन बनाकर टीम को जीत दिलाई.
विकेटों के मामले में भी श्रीलंका के ख़िलाफ़ मिली जीत बांग्लादेश के लिए दूसरी सबसे बड़ी जीत है. इससे पहले 2009 में बांग्लादेश ने 4 विकेट से वेस्ट इंडीज़ को हराया था. बांग्लादेश ने पिछले कुछ सालों में टेस्ट क्रिकेट में काफ़ी तरक्की की है. बांग्लादेशी टाइगर्स गत अक्टूबर में इंग्लैंड जैसी टीम को भी मात देकर अपने-आप को टेस्ट खेलने के लायक साबित कर चुके हैं. टिप्पणियां
100 टेस्ट खेल चुकी बांग्लादेश की टीम ने सबसे ज़्यादा 18 टेस्ट श्रीलंका के ख़िलाफ़ खेले हैं. 15 हार और 2 ड्रॉ के बाद उसे पहली जीत हासिल हुई है. वैसे टेस्ट में बांग्लादेश ने कुल 9 जीत हासिल की हैं. बांग्लादेश ने सबसे ज़्यादा 5 जीत ज़िंबाब्वे के ख़िलाफ़ दर्ज़ की हैं. 2 जीत उसे वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ मिली हैं.
अपने 100वें टेस्ट में शानदार जीत हासिल कर बांग्लादेशी टाइगर्स ने जीत के जश्न को दोगुना कर दिया. अपने 100वें टेस्ट में जीत हासिल करने के मामले में बांग्लादेश ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और वेस्ट इंडीज़ के बाद चौथी टीम है.
जीत के लिए श्रीलंका ने बांग्लादेश को 191 रन का लक्ष्य दिया था. बांग्लादेशी खिलाड़ियों ने इस लक्ष्य को दूसरी पारी में लड़खड़ाती हुई बल्लेबाज़ी के बावजूद हासिल कर लिया. ओपनर तमीम इक़बाल ने 82 और सब्बीर रहमान ने 41 रन बनाए और तीसरे विकेट के लिए 109 रन की साझेदारी बनाकर मैच का रुख बांग्लादेश की तरफ मोड़ दिया. आख़िरी के कुछ ओवरों में कप्तान मुश्फ़िकुर रहीम ने नाबाद 22 रन बनाकर टीम को जीत दिलाई.
विकेटों के मामले में भी श्रीलंका के ख़िलाफ़ मिली जीत बांग्लादेश के लिए दूसरी सबसे बड़ी जीत है. इससे पहले 2009 में बांग्लादेश ने 4 विकेट से वेस्ट इंडीज़ को हराया था. बांग्लादेश ने पिछले कुछ सालों में टेस्ट क्रिकेट में काफ़ी तरक्की की है. बांग्लादेशी टाइगर्स गत अक्टूबर में इंग्लैंड जैसी टीम को भी मात देकर अपने-आप को टेस्ट खेलने के लायक साबित कर चुके हैं. टिप्पणियां
100 टेस्ट खेल चुकी बांग्लादेश की टीम ने सबसे ज़्यादा 18 टेस्ट श्रीलंका के ख़िलाफ़ खेले हैं. 15 हार और 2 ड्रॉ के बाद उसे पहली जीत हासिल हुई है. वैसे टेस्ट में बांग्लादेश ने कुल 9 जीत हासिल की हैं. बांग्लादेश ने सबसे ज़्यादा 5 जीत ज़िंबाब्वे के ख़िलाफ़ दर्ज़ की हैं. 2 जीत उसे वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ मिली हैं.
अपने 100वें टेस्ट में शानदार जीत हासिल कर बांग्लादेशी टाइगर्स ने जीत के जश्न को दोगुना कर दिया. अपने 100वें टेस्ट में जीत हासिल करने के मामले में बांग्लादेश ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और वेस्ट इंडीज़ के बाद चौथी टीम है.
विकेटों के मामले में भी श्रीलंका के ख़िलाफ़ मिली जीत बांग्लादेश के लिए दूसरी सबसे बड़ी जीत है. इससे पहले 2009 में बांग्लादेश ने 4 विकेट से वेस्ट इंडीज़ को हराया था. बांग्लादेश ने पिछले कुछ सालों में टेस्ट क्रिकेट में काफ़ी तरक्की की है. बांग्लादेशी टाइगर्स गत अक्टूबर में इंग्लैंड जैसी टीम को भी मात देकर अपने-आप को टेस्ट खेलने के लायक साबित कर चुके हैं. टिप्पणियां
100 टेस्ट खेल चुकी बांग्लादेश की टीम ने सबसे ज़्यादा 18 टेस्ट श्रीलंका के ख़िलाफ़ खेले हैं. 15 हार और 2 ड्रॉ के बाद उसे पहली जीत हासिल हुई है. वैसे टेस्ट में बांग्लादेश ने कुल 9 जीत हासिल की हैं. बांग्लादेश ने सबसे ज़्यादा 5 जीत ज़िंबाब्वे के ख़िलाफ़ दर्ज़ की हैं. 2 जीत उसे वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ मिली हैं.
अपने 100वें टेस्ट में शानदार जीत हासिल कर बांग्लादेशी टाइगर्स ने जीत के जश्न को दोगुना कर दिया. अपने 100वें टेस्ट में जीत हासिल करने के मामले में बांग्लादेश ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और वेस्ट इंडीज़ के बाद चौथी टीम है.
100 टेस्ट खेल चुकी बांग्लादेश की टीम ने सबसे ज़्यादा 18 टेस्ट श्रीलंका के ख़िलाफ़ खेले हैं. 15 हार और 2 ड्रॉ के बाद उसे पहली जीत हासिल हुई है. वैसे टेस्ट में बांग्लादेश ने कुल 9 जीत हासिल की हैं. बांग्लादेश ने सबसे ज़्यादा 5 जीत ज़िंबाब्वे के ख़िलाफ़ दर्ज़ की हैं. 2 जीत उसे वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ मिली हैं.
अपने 100वें टेस्ट में शानदार जीत हासिल कर बांग्लादेशी टाइगर्स ने जीत के जश्न को दोगुना कर दिया. अपने 100वें टेस्ट में जीत हासिल करने के मामले में बांग्लादेश ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और वेस्ट इंडीज़ के बाद चौथी टीम है.
अपने 100वें टेस्ट में शानदार जीत हासिल कर बांग्लादेशी टाइगर्स ने जीत के जश्न को दोगुना कर दिया. अपने 100वें टेस्ट में जीत हासिल करने के मामले में बांग्लादेश ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और वेस्ट इंडीज़ के बाद चौथी टीम है. | संक्षिप्त पाठ: 100वें टेस्ट में श्रीलंका को हराकर बांग्लादेश ने इतिहास रचा है
18 टेस्ट खेलने के बाद पहली बार श्रीलंका को हराया बांग्लादेश ने
100वें टेस्ट में जीत हासिल करने वाली चौथी टीम बनी बांग्लादेश | 22 | ['hin'] |
इस के लिए एक सारांश बनाएं: फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के चौथे संस्करण के अंतर्गत सोमवार को खेले जाने वाले लीग मुकाबले में दिल्ली डेयर डेविल्स की टीम कोच्चि टस्कर्स केरल के खिलाफ दूसरी जीत दर्ज करने के इरादे से उतरेगी वहीं कोच्चि की कोशिश पिछले हार के बदले को चुकता करने पर होगी। शनिवार को खेले गए मुकाबले में दिल्ली ने कोच्चि को 38 रनों से हराकर शानदार जीत दर्ज की थी। दिल्ली ने आईपीएल-4 में अब तक आठ मुकाबले खेले हैं जिनमें से तीन मैचों में उसे जीत मिली है जबकि पांच मुकाबलों में उसे हार का सामना करना पड़ा है। छह अंकों के साथ दिल्ली अंक तालिका में सातवें स्थान पर है। कोच्चि ने भी इस प्रतियोगिता में अब तक आठ मुकाबले खेले हैं और तीन मैचों में जीत दर्ज किए हैं वहीं पांच मैचों में उसे मुंह की खानी पड़ी है। छह अंकों के साथ नेट रनरेट के आधार पर वह नौंवे स्थान पर है। दिल्ली के लिए अच्छी बात यह है कि उसके कप्तान व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग शानदार फॉर्म में लौट आए हैं जिससे उसकी कुछ मुश्किलें आसान होती दिखाई दे रही है। सहवाग ने कोच्चि के खिलाफ शानदार 80 रन बनाए थे। एक छोर पर जहां विकेटों का पतझड़ हो हरा था वहीं दूसरे छोर पर सहवाग मोर्चा सम्भाले हुए थे। दिल्ली को तेज शुरुआत दिलाने की जिम्मेदारी सहवाग और डेविड वार्नर के कंधों पर होगा। दिल्ली के लिए उसका मध्यक्रम चिंता का विषय बना हुआ है। वेणुगोपाल राव को छोड़कर बाकी के बल्लेबाजों ने अब तक निराश किए हैं। नमन ओझा, योगेश नागर ट्रेविस बर्ट और हरफनमौला इरफान पठान को अच्छी पारी खेलने की जरूरत है। तेज गेंदबाजी में मोर्ने मोर्केल की अगुआई में अनुभवी अजित अगरकर और पिछले दो मैचों में पठान ने अच्छी गेंदबाजी की है। इसके आलावा उमेश यादव और अशोक डिंडा को टीम में मौका मिलने पर विकेट झटकने होंगे जबकि स्पिन का दारोमदार एक बार फिर रुएलोफ वैन डेर मर्व के कंधों पर होगा जिन्होंने पिछले मैच में बेहतरीन गेंदबाजी की थी। दूसरी ओर, कोच्चि के लिए विस्फोटक सलामी बल्लेबाज ब्रेंडन मैक्लम का खराब फॉर्म चिंता का विषय है। इसके अलावा कोच्चि की बल्लेबाजी कप्तान माहेला जयवर्धने, पार्थिव पटेल, ब्रैड हॉज और रविंद्र जडेजा के इर्द-गिर्द रहेगा वहीं तेज गेंदबाजी की जिम्मेदारी शांताकुमारन श्रीसंत और रुद्रप्रताप सिंह सम्भालेंगे। स्पिन के लिए रमेश पवार के रूप में बेहतरीन गेंदबाज है। | सारांश: दिल्ली ने आईपीएल-4 में अब तक आठ मुकाबले खेले हैं जिनमें से तीन मैचों में उसे जीत मिली है जबकि पांच मुकाबलों में उसे हार का सामना करना पड़ा है। | 31 | ['hin'] |
इस के लिए एक सारांश बनाएं: वाईएसआर कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष वाईएस जगनमोहन रेड्डी की बहन वाईएस शर्मिला ने सोमवार को हैदराबाद पुलिस कमिशनर से मुलाकात कर उन लोगों पर कार्रवाई करने की मांग की है जो सोशल मीडिया पर उनकी छवि खराब कर रहे हैं. आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर शर्मिला का नाम बाहुबली फेम प्रभास के साथ जोड़ा जा रहा है. हालांकि अपनी शिकायत में शर्मिला ने साफ तौर पर इन अफवाहों का खंडन करते हुए इन सबके लिए तेलुगुदेशम पार्टी (टीडीपी) को जिम्मेदार ठहराया है.
वाईएसआर कांग्रेस की नेता शर्मिला ने हैदराबाद पुलिस कमिशनर अंजनि कुमार को मामले के बारे बताया और अपने बारे में आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. अपने पति अनिल कुमार के साथ थाने पहुंची शर्मिला ने प्रभास के साथ नाम जोड़ने पर आपत्ति जताई और इसे अपने खिलाफ टीडीपी का प्रोपेगेंडा बताया.
इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए उनकी छवि खराब करने के मकसद यह सब किया जा रहा है. आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम वाईएसआर रेड्डी की बेटी शर्मिला का मानना है कि इन सबके पीछे और कोई नहीं बल्कि टीडीपी है.
उन्होंने कहा, "इस तरह के प्रोपेगेंडा की शुरुआत 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले हुई थी और अब आगामी चुनावी को देखते हुए फिर से इनकी वापसी हो रही है. मैंने उन लोगों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है जो चरित्र हनन का काम कर रहे हैं. मेरा दृढ़ विश्वास है कि इन अफवाहों को फैलाने के पीछे टीडीपी है."
इसी के साथ शर्मिला ने यह भी कहा कि उनका न तो प्रभास से कोई रिश्ता है और न ही उन्होंने उनसे कभी बात की है.
उन्होंने कहा, "एक मां, पत्नी और पारिवारिक रिश्तों से जुड़ी महिला को ऐसी अफवाहों और घिनौने अभियान से तकलीफ होती है. अगर मैं कोई प्रतिक्रिया नहीं दूंगी तो इसका निष्कर्ष बुरा होगा और इसी वजह से मैंने कार्यवाही के मकसद से शिकायत दर्ज कराई है." | सारांश: वाईएसआर कांग्रेस की नेता वाईएस शर्मिला ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई है
सोशल मीडिया पर उनका नाम एक्टर प्रभास के साथ जोड़ा जा रहा है
इसके लिए उन्होंने टीडीपी को जिम्मेदार ठहराया है | 31 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाएं: बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैंकों से रुपये निकालने वाले लोगों की उंगलियों पर न मिटने वाली स्याही लगाने के केन्द्र सरकार के फैसले की आज निंदा करते हुए कहा कि सरकार आम आदमी पर ‘विश्वास’ नहीं करती है.
मुख्यमंत्री ने ट्वीट करके कहा, ‘‘ अमिट स्याही के साथ शुरू किया गया यह ‘काला तंत्र’ सरकार का हताशा भरा कदम है, जो दिखाता है कि यह सरकार आम लोगों पर विश्वास नहीं करती है.’’ तृणमूल कांग्रेस सुप्रिमो ने आगे कहा, ‘‘ 19 नवंबर से उपचुनाव हैं, संभावित वोटरों की उंगलियों पर स्याही लगाने के बारे में चुनाव आयोग क्या कहेगा?’’ बनर्जी आज दिल्ली जा रही हैं और वह वहां राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से उच्च मूल्य वाली म्रुदा पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर बात करेंगी.टिप्पणियां
मुख्यमंत्री ने रविवार को राष्ट्रपति से इस मुद्दे पर बातचीत की थी और कहा था कि राजनीतिक दलों के प्रतिनिधी राष्ट्रपति से अगले सप्ताह इस मुद्दे पर मिलेंगे. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मुख्यमंत्री ने ट्वीट करके कहा, ‘‘ अमिट स्याही के साथ शुरू किया गया यह ‘काला तंत्र’ सरकार का हताशा भरा कदम है, जो दिखाता है कि यह सरकार आम लोगों पर विश्वास नहीं करती है.’’ तृणमूल कांग्रेस सुप्रिमो ने आगे कहा, ‘‘ 19 नवंबर से उपचुनाव हैं, संभावित वोटरों की उंगलियों पर स्याही लगाने के बारे में चुनाव आयोग क्या कहेगा?’’ बनर्जी आज दिल्ली जा रही हैं और वह वहां राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से उच्च मूल्य वाली म्रुदा पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर बात करेंगी.टिप्पणियां
मुख्यमंत्री ने रविवार को राष्ट्रपति से इस मुद्दे पर बातचीत की थी और कहा था कि राजनीतिक दलों के प्रतिनिधी राष्ट्रपति से अगले सप्ताह इस मुद्दे पर मिलेंगे. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मुख्यमंत्री ने रविवार को राष्ट्रपति से इस मुद्दे पर बातचीत की थी और कहा था कि राजनीतिक दलों के प्रतिनिधी राष्ट्रपति से अगले सप्ताह इस मुद्दे पर मिलेंगे. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) | यह एक सारांश है: कहा, सरकार आम आदमी पर विश्वास नहीं करती
‘काला तंत्र’ सरकार का हताशा भरा कदम
19 नवंबर से उपचुनाव, चुनाव आयोग क्या कहेगा? | 2 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाओ: पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के ऑफ स्पिन गेंदबाज सईद अजमल ने आईसीसी विश्व कप-2011 के अंतर्गत खेले जाने वाले सेमीफाइनल को पाकिस्तानी गेंदबाज बनाम भारतीय बल्लेबाजों के बीच मुकाबला बताया है। विश्व कप के अंतर्गत बुधवार को मोहाली के पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन (पीसीए) स्टेडियम में भारत और पाकिस्तान के बीच सेमीफाइनल मुकाबला खेला जाएगा। इस विश्व कप में अजमल ने पाकिस्तान की ओर से केवल दो मैच खेले हैं। अजमल और अनुभवी बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज अब्दुर रहमान के बीच टीम में चुने जाने को लेकर कांटे की टक्कर चल रही है फिर भी अजमल को उम्मीद है कि भारत के खिलाफ खेलने का उन्हें जरूर मौका मिलेगा। वेबसाइट 'पाकपैशन डॉट नेट' ने अजमल के हवाले से लिखा है, "हर किसी के लिए यह एक बड़ा मैच है। इस मुकाबले को लेकर प्रशंसकों में काफी उत्सुकता है।"अजमल ने भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मुकाबले को आस्ट्रेलिया और इंग्लैड के बीच खेले जाने वाले एशेज श्रृंखला से तुलना की है। अजमल ने कहा, "ऑस्ट्रेलियाई और इंग्लैंड के खिलाड़ियों के लिए सबसे बड़ी एशेज श्रृंखला होती है। भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला बेहद 'स्पेशल' होता है। पूरा विश्व इस मुकाबले पर नजर गड़ाए हुए है। यह बहुत ही बढ़िया मौका है। कुछ मैच ऐसे होते हैं जिनमें खेलना आपका सपना होता है।"अजमल ने कहा कि पाकिस्तानी स्पिन गेंदबाजों के आगे भारतीय बल्लेबाजों को खेलने में कठिनाई हो सकती है। अजमल ने कहा, "हम जानते हैं कि हमारी गेंदबाजी मजबूत है और उनकी बल्लेबाजी। मौजूदा विश्व कप में हमारे गेंदबाज बेहतरीन फॉर्म में हैं। कप्तान शाहिद अफरीदी, उमर गुल और मोहम्मद हफीज अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं। इसके अलावा अन्य गेंदबाज भी अपना काम बखूबी निभा रहे हैं। टीम के सभी खिलाड़ी एकजुट होकर शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि उनका यह बेहतरीन प्रदर्शन आगे के मुकाबलों में भी जारी रहेगा।" | पाकिस्तानी गेंदबाज सईद अजमल ने सेमीफाइनल को पाकिस्तानी गेंदबाज बनाम भारतीय बल्लेबाजों के बीच मुकाबला बताया है। | 1 | ['hin'] |
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनयाहू ने रविवार को कहा कि उनके देश को अमेरिका व ईरान के बीच किसी प्रकार की वार्ता की जानकारी नहीं है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक नेतनयाहू की ये टिप्पणियां तब आई हैं जब 'द न्यूयार्क टाइम्स' में अमेरिका व ईरान के वार्ता पर सहमत होने की खबर प्रकाशित हुई है।
समाचार पत्र के मुताबिक, दोनों देश ईरान के परमाणु कार्यक्रम और ईरान व पश्चिमी देशों के बीच जारी अनबन को समाप्त करने के लिए बातचीत पर तैयार हो गए हैं। वैसे, रविवार को व्हाइट हाउस की ओर से इस तरह की किसी वार्ता से इनकार किया गया।टिप्पणियां
नेतनयाहू ने कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम रोकने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि वहां यूरेनियम संवर्धन रोक दिया जाए, संवर्धित यूरेनियम हटा दिया जाए और उस पर प्रतिबंध लगाए जाएं व सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दी जाए।
उन्होंने कहा, मैं कह सकता हूं कि जब तक मैं इस्राइल का प्रधानमंत्री हूं तब तक ईरान को सैन्य परमाणु क्षमता हासिल नहीं करने दी जाएगी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक नेतनयाहू की ये टिप्पणियां तब आई हैं जब 'द न्यूयार्क टाइम्स' में अमेरिका व ईरान के वार्ता पर सहमत होने की खबर प्रकाशित हुई है।
समाचार पत्र के मुताबिक, दोनों देश ईरान के परमाणु कार्यक्रम और ईरान व पश्चिमी देशों के बीच जारी अनबन को समाप्त करने के लिए बातचीत पर तैयार हो गए हैं। वैसे, रविवार को व्हाइट हाउस की ओर से इस तरह की किसी वार्ता से इनकार किया गया।टिप्पणियां
नेतनयाहू ने कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम रोकने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि वहां यूरेनियम संवर्धन रोक दिया जाए, संवर्धित यूरेनियम हटा दिया जाए और उस पर प्रतिबंध लगाए जाएं व सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दी जाए।
उन्होंने कहा, मैं कह सकता हूं कि जब तक मैं इस्राइल का प्रधानमंत्री हूं तब तक ईरान को सैन्य परमाणु क्षमता हासिल नहीं करने दी जाएगी।
समाचार पत्र के मुताबिक, दोनों देश ईरान के परमाणु कार्यक्रम और ईरान व पश्चिमी देशों के बीच जारी अनबन को समाप्त करने के लिए बातचीत पर तैयार हो गए हैं। वैसे, रविवार को व्हाइट हाउस की ओर से इस तरह की किसी वार्ता से इनकार किया गया।टिप्पणियां
नेतनयाहू ने कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम रोकने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि वहां यूरेनियम संवर्धन रोक दिया जाए, संवर्धित यूरेनियम हटा दिया जाए और उस पर प्रतिबंध लगाए जाएं व सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दी जाए।
उन्होंने कहा, मैं कह सकता हूं कि जब तक मैं इस्राइल का प्रधानमंत्री हूं तब तक ईरान को सैन्य परमाणु क्षमता हासिल नहीं करने दी जाएगी।
नेतनयाहू ने कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम रोकने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि वहां यूरेनियम संवर्धन रोक दिया जाए, संवर्धित यूरेनियम हटा दिया जाए और उस पर प्रतिबंध लगाए जाएं व सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दी जाए।
उन्होंने कहा, मैं कह सकता हूं कि जब तक मैं इस्राइल का प्रधानमंत्री हूं तब तक ईरान को सैन्य परमाणु क्षमता हासिल नहीं करने दी जाएगी।
उन्होंने कहा, मैं कह सकता हूं कि जब तक मैं इस्राइल का प्रधानमंत्री हूं तब तक ईरान को सैन्य परमाणु क्षमता हासिल नहीं करने दी जाएगी। | सारांश: इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनयाहू ने रविवार को कहा कि उनके देश को अमेरिका व ईरान के बीच किसी प्रकार की वार्ता की जानकारी नहीं है। | 20 | ['hin'] |
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: शहर के आशियाना इलाके में भारी बारिश के कारण एक पेड़ गिरने से एक वकील की मौत हो गयी जबकि एक सिपाही घायल हो गया. पुलिस प्रवक्ता ने आज बताया कि कल शाम बारिश के दौरान वकील रजनीश मिश्रा व सिपाही राजीव एक पेड़ के नीचे खड़े थे, तभी पेड़ उनपर गिर गया.टिप्पणियां
आसपास के लोगों ने दोनों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया जहां वकील मिश्रा को मृत घोषित कर दिया गया जबकि राजीव का इलाज चल रहा है. उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
आसपास के लोगों ने दोनों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया जहां वकील मिश्रा को मृत घोषित कर दिया गया जबकि राजीव का इलाज चल रहा है. उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) | दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: लखनऊ के आशियाना इलाके की बात
बारिश के दौरान पेड़ के नीचे खड़े थे दोनो व्यक्ति
सिपाही रीजीव का इलाज चल रहा है | 19 | ['hin'] |
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: लखनऊ में रेलवे अधिकारी केले से अधिक प्राथमिकता सफाई को देते नजर आ रहे हैं क्योंकि उनका ऐसा मानना है कि केले के छिलकों से गंदगी फैलती है और इसी के चलते रेलवे प्रशासन ने यहां चारबाग रेलवे स्टेशन पर फल की बिक्री पर रोक लगा दी है. प्रशासन ने इस बात की भी चेतावनी दी है कि यदि कोई इस नियम को तोड़ते हुए पाया जाएगा तो उसे जुर्माने सहित सख्त कार्रवाई का भी सामना करना होगा. हालांकि विक्रेता और यात्री इस कदम से खुश नहीं दिखाई दे रहे हैं.
चारबाग स्टेशन पर एक विक्रेता ने कहा, 'मैंने पिछले 5-6 दिनों से केले की बिक्री नहीं की है. प्रशासन ने इसकी बिक्री पर रोक लगा दी है. पहले गरीब लोग केले की खरीदारी करते थे क्योंकि अधिकतर अन्य फल महंगे होते हैं.'
लखनऊ और कानपुर के बीच रोजाना रेलवे सफर करने वाले अरविंद नागर ने कहा, "केले सबसे सस्ते, स्वास्थ्यवर्धक और सुरक्षित फल हैं जिसका उपयोग कोई सफर के दौरान कर सकता है. यह कहना बेतुका है कि केले से गंदगी फैलती है. यदि यह सच है कि शौचालयों में भी प्रतिबंध लगा देना चाहिए क्योंकि सबसे ज्यादा गंदगी वहीं पैदा होती है. पानी की बोतलों और पैक किए हुए स्नैक्स पर भी प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए."
उन्होंने कहा कि केले के छिलके जैविक होते हैं और यह पर्यावरण के लिए नुकसानरहित होते हैं बल्कि इसके अलावा यह गरीबों के लिए पोषण का एक सस्ता स्रोत है. | यहाँ एक सारांश है:रेलवे प्रशासन ने किया फैसला
स्टेशन पर सफाई रखने के लिए दिए आदेश
नहीं मानने पर होगा जुर्मान | 12 | ['hin'] |
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: पाकिस्तानी सैनिकों ने सोमवार को पुंछ जिले के मेंढर सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर भारतीय चौकियों और रिहाइशी इलाकों को निशाना बनाते हुए मोर्टार से गोले बरसाए जिसका भारत के सुरक्षा बलों ने मुंहतोड़ जवाब दिया.
रक्षा प्रवक्ता ने बताया, "आज सुबह नौ बजकर 15 मिनट पर पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ जिले के मेंढर सेक्टर में बिना उकसावे के संघर्ष विराम का उल्लंघन किया." उनके मुताबिक पाकिस्तान ने भारतीय चौकियों और रिहाइशी इलाकों को निशाना बनाते हुए स्वचलित हथियारों से गोलीबारी की और 120 मिमी तथा 82 मिमी के गोले दागे. सीमा की सुरक्षा में तैनात जवानों ने गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया. अंतिम खबर आने तक दोनों ओर से गोलीबारी जारी थी.
कल यानी रविवार को पाकिस्तानी सेना ने पुंछ जिले के पुंछ सेक्टर और नियंत्रण रेखा के कृष्ण घाटी सेक्टर के जरिए घुसपैठ की दो कोशिशों को अंजाम देने के लिए गोलीबारी की आड़ दी थी. इसमें सेना के दो जवान शहीद हो गए थे और पांच अन्य घायल हो गए थे. घायलों में दो जवान, एक बीएसएफ का अधिकारी और दो महिलाएं शामिल हैं.
लक्षित हमलों के बाद से जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के नजदीक स्थित रिहाइशी इलाकों और भारतीय चौकियों पर निशाना साधते हुए संघर्ष विराम की लगभग 100 घटनाएं हो चुकी हैं.
अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा के नजदीक जम्मू-कश्मीर के पांच सेक्टरों में आम आबादी को निशाने पर लेते हुए पाकिस्तान की ओर से गोले दागे जाने की सबसे बड़ी घटना एक नवंबर को हुई थी जिसमें दो बच्चों और चार महिलाओं समेत आठ लोग मारे गए थे जबकि 22 अन्य घायल हो गए थे. जवाबी कार्रवाई में भारतीय जवानों ने पाकिस्तान की 14 चौकियों को तबाह कर दिया था और दो पाक सौनिकों को मार गिराया था. जम्मू इलाके में सीमापार से जारी भारी गोलीबारी के मद्देनजर राज्य सरकार ने अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर स्थित 400 स्कूलों को बंद करवा दिया है.टिप्पणियां
जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा गोलीबारी किए जाने और गोले दागे जाने के कारण अब तक 12 आम नागरिकों समेत कुल 18 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 83 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
रक्षा प्रवक्ता ने बताया, "आज सुबह नौ बजकर 15 मिनट पर पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ जिले के मेंढर सेक्टर में बिना उकसावे के संघर्ष विराम का उल्लंघन किया." उनके मुताबिक पाकिस्तान ने भारतीय चौकियों और रिहाइशी इलाकों को निशाना बनाते हुए स्वचलित हथियारों से गोलीबारी की और 120 मिमी तथा 82 मिमी के गोले दागे. सीमा की सुरक्षा में तैनात जवानों ने गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया. अंतिम खबर आने तक दोनों ओर से गोलीबारी जारी थी.
कल यानी रविवार को पाकिस्तानी सेना ने पुंछ जिले के पुंछ सेक्टर और नियंत्रण रेखा के कृष्ण घाटी सेक्टर के जरिए घुसपैठ की दो कोशिशों को अंजाम देने के लिए गोलीबारी की आड़ दी थी. इसमें सेना के दो जवान शहीद हो गए थे और पांच अन्य घायल हो गए थे. घायलों में दो जवान, एक बीएसएफ का अधिकारी और दो महिलाएं शामिल हैं.
लक्षित हमलों के बाद से जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के नजदीक स्थित रिहाइशी इलाकों और भारतीय चौकियों पर निशाना साधते हुए संघर्ष विराम की लगभग 100 घटनाएं हो चुकी हैं.
अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा के नजदीक जम्मू-कश्मीर के पांच सेक्टरों में आम आबादी को निशाने पर लेते हुए पाकिस्तान की ओर से गोले दागे जाने की सबसे बड़ी घटना एक नवंबर को हुई थी जिसमें दो बच्चों और चार महिलाओं समेत आठ लोग मारे गए थे जबकि 22 अन्य घायल हो गए थे. जवाबी कार्रवाई में भारतीय जवानों ने पाकिस्तान की 14 चौकियों को तबाह कर दिया था और दो पाक सौनिकों को मार गिराया था. जम्मू इलाके में सीमापार से जारी भारी गोलीबारी के मद्देनजर राज्य सरकार ने अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर स्थित 400 स्कूलों को बंद करवा दिया है.टिप्पणियां
जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा गोलीबारी किए जाने और गोले दागे जाने के कारण अब तक 12 आम नागरिकों समेत कुल 18 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 83 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
कल यानी रविवार को पाकिस्तानी सेना ने पुंछ जिले के पुंछ सेक्टर और नियंत्रण रेखा के कृष्ण घाटी सेक्टर के जरिए घुसपैठ की दो कोशिशों को अंजाम देने के लिए गोलीबारी की आड़ दी थी. इसमें सेना के दो जवान शहीद हो गए थे और पांच अन्य घायल हो गए थे. घायलों में दो जवान, एक बीएसएफ का अधिकारी और दो महिलाएं शामिल हैं.
लक्षित हमलों के बाद से जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के नजदीक स्थित रिहाइशी इलाकों और भारतीय चौकियों पर निशाना साधते हुए संघर्ष विराम की लगभग 100 घटनाएं हो चुकी हैं.
अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा के नजदीक जम्मू-कश्मीर के पांच सेक्टरों में आम आबादी को निशाने पर लेते हुए पाकिस्तान की ओर से गोले दागे जाने की सबसे बड़ी घटना एक नवंबर को हुई थी जिसमें दो बच्चों और चार महिलाओं समेत आठ लोग मारे गए थे जबकि 22 अन्य घायल हो गए थे. जवाबी कार्रवाई में भारतीय जवानों ने पाकिस्तान की 14 चौकियों को तबाह कर दिया था और दो पाक सौनिकों को मार गिराया था. जम्मू इलाके में सीमापार से जारी भारी गोलीबारी के मद्देनजर राज्य सरकार ने अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर स्थित 400 स्कूलों को बंद करवा दिया है.टिप्पणियां
जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा गोलीबारी किए जाने और गोले दागे जाने के कारण अब तक 12 आम नागरिकों समेत कुल 18 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 83 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
लक्षित हमलों के बाद से जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के नजदीक स्थित रिहाइशी इलाकों और भारतीय चौकियों पर निशाना साधते हुए संघर्ष विराम की लगभग 100 घटनाएं हो चुकी हैं.
अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा के नजदीक जम्मू-कश्मीर के पांच सेक्टरों में आम आबादी को निशाने पर लेते हुए पाकिस्तान की ओर से गोले दागे जाने की सबसे बड़ी घटना एक नवंबर को हुई थी जिसमें दो बच्चों और चार महिलाओं समेत आठ लोग मारे गए थे जबकि 22 अन्य घायल हो गए थे. जवाबी कार्रवाई में भारतीय जवानों ने पाकिस्तान की 14 चौकियों को तबाह कर दिया था और दो पाक सौनिकों को मार गिराया था. जम्मू इलाके में सीमापार से जारी भारी गोलीबारी के मद्देनजर राज्य सरकार ने अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर स्थित 400 स्कूलों को बंद करवा दिया है.टिप्पणियां
जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा गोलीबारी किए जाने और गोले दागे जाने के कारण अब तक 12 आम नागरिकों समेत कुल 18 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 83 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा के नजदीक जम्मू-कश्मीर के पांच सेक्टरों में आम आबादी को निशाने पर लेते हुए पाकिस्तान की ओर से गोले दागे जाने की सबसे बड़ी घटना एक नवंबर को हुई थी जिसमें दो बच्चों और चार महिलाओं समेत आठ लोग मारे गए थे जबकि 22 अन्य घायल हो गए थे. जवाबी कार्रवाई में भारतीय जवानों ने पाकिस्तान की 14 चौकियों को तबाह कर दिया था और दो पाक सौनिकों को मार गिराया था. जम्मू इलाके में सीमापार से जारी भारी गोलीबारी के मद्देनजर राज्य सरकार ने अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर स्थित 400 स्कूलों को बंद करवा दिया है.टिप्पणियां
जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा गोलीबारी किए जाने और गोले दागे जाने के कारण अब तक 12 आम नागरिकों समेत कुल 18 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 83 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा गोलीबारी किए जाने और गोले दागे जाने के कारण अब तक 12 आम नागरिकों समेत कुल 18 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 83 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) | दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: पाकिस्तानी सैनिकों ने सुबह 9:15 पर की रिहायशी इलाके में फायरिंग
भारतीय चौकियों और रिहाइशी इलाकों को निशाना बनाया
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद संघर्ष विराम की 100 घटनाएं | 19 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाएं: मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल (केईएम) अस्पताल में 37 साल से एक ही बिस्तर पर बेसुध पड़ी ज़िन्दगी काट रही अरुणा रामचंद्र शानबाग को जीना ही पड़ेगा, और उसे इच्छामृत्यु नहीं मिलेगी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपने बहुप्रतीक्षित फैसले में व्यवस्था दी है कि असाधारण परिस्थितियों में रोगी को 'पैसिव यूथेन्सिया' (ऐसी मृत्यु, जिसमें रोगी का इलाज रोक दिया जाए या उसे जीवनरक्षक उपकरणों से हटा लिया जाए) की अनुमति दी जा सकती है, लेकिन 'एक्टिव यूथेन्सिया' (ऐसी मृत्यु, जिसमें रोगी का जीवन इंजेक्शन इत्यादि देकर खत्म कर दिया जाए) अवैध है। सोमवार को न्यायमूर्ति मार्कण्डेय काटजू और न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा की पीठ ने नर्स अरुणा की ओर से उनके जीवन पर किताब लिखने वाली पिन्की वीरानी द्वारा दायर की गई याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि प्रस्तुत मामले में तथ्यों, परिस्थितियों, चिकित्सीय साक्ष्यों तथा अन्य सामग्री से पता चलता है कि पीड़ित को इच्छामृत्यु दिए जाने की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अरुणा के मामले में सुनाए गए इस निर्णय से अब हमारा देश भी उन मुल्कों की फेहरिस्त में दर्ज हो गया है, जहां किसी न किसी रूप में इच्छामृत्यु वैध है। पीठ ने हालांकि यह भी कहा कि चूंकि मौजूदा समय में हमारे देश में इच्छामृत्यु को लेकर कोई कानून नहीं है, परंतु मरणासन्न स्थिति वाले रोगी को 'असाधारण मामलों में' पैसिव यूथेन्सिया की अनुमति दी जा सकती है। पीठ ने स्पष्ट किया कि जब तक संसद इसे लेकर कोई कानून नहीं बनाती, यह फैसला इच्छामृत्यु के दोनों तरीकों (एक्टिव और पैसिव यूथेन्सिया) पर लागू रहेगा तथा पैसिव यूथेन्सिया के लिए भी हाईकोर्ट से स्वीकृति लेना अनिवार्य होगा। पैसिव यूथेन्सिया की अनुमति के लिए पीठ ने स्पष्ट किया कि रोगी के माता-पिता, जीवनसाथी, अन्य संबंधी अथवा निकट संबंधियों के न होने की स्थिति में निकट मित्र या उपचाररत डॉक्टर जीवनरक्षक उपकरण या इलाज हटाने का फैसला कर सकता है, सो, अरुणा के मामले में यह निर्णय करने का अधिकार केईएम अस्पताल के स्टाफ को है, जो पिछले कई दशकों से उसका उपचार और देखभाल कर रहा है। अदालत ने कहा कि अस्पताल का स्टाफ चाहता है कि अरुणा को जीने दिया जाए, इसलिए याचिकाकर्ता को अरुणा की ज़िन्दगी के बारे में निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि केईएम अस्पताल स्टाफ भी भविष्य में अपना विचार बदलता है तो उसे बंबई हाईकोर्ट से अनुमति लेनी होगी। उल्लेखनीय है कि अस्पताल की ओर से प्रस्तुत वकील वल्लभ सिसोदिया ने याचिका को विरोध करते हुए अदालत को जानकारी दी थी कि अस्पतालकर्मी, विशेषकर अरुणा की इलाज और तीमारदारी कर रहे डॉक्टर और नर्सें पिछले 37 साल से काफी अच्छा काम कर रहे हैं और वे उसे मारे जाने के आग्रह के विरुद्ध हैं। उल्लेखनीय है कि इस समय 60 वर्ष की हो चुकी अरुणा के साथ अस्पताल में ही 27 नवम्बर, 1973 को अस्पताल के एक सफाईकर्मी ने बर्बर तरीके से बलात्कार किया था। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को जानकारी दी कि अस्पताल के एक सफाईकर्मी ने अरुणा के गले में कुत्ते की चेन लपेटकर झटक दिया था, जिससे वह कोमा में चली गई थी। याचिका के अनुसार, बलात्कारी ने अरुणा से बलात्कार की कोशिश की, लेकिन चूंकि उसका मासिक धर्म जारी था, उसने अरुणा के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म किया। अरुणा की ओर से विरोध को रोकने के लिए आरोपी ने उसके गले में चेन लपेटकर झटका दिया था। इस जघन्य अपराध को अंजाम देने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया था। याचिकाकर्ता ने बताया कि गला घुट जाने से अरुणा के मस्तिष्क को ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो गई और उसका कार्टेक्स क्षतिग्रस्त हुआ। इस आक्रमण के कारण अरुणा की ग्रीवारज्जु के साथ-साथ मस्तिष्क नलिकाओं में भी अंदरूनी चोट पहुंची। याचिकाकर्ता के मुताबिक वारदात के बाद पिछले 37 साल में अरुणा का वजन बेहद कम हो गया है और उसकी हड्डियां चरमरा चुकी हैं। बिस्तर पर पड़े रहने के कारण उसकी त्वचा में भी संक्रमण हो गया है, उसकी कलाइयां अंदर की ओर मुड़ गई हैं, दांत नष्ट हो चुके हैं और उसे केवल मथा हुआ भोजन दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अरुणा लगातार बेहोशी की हालत में है, उसका मस्तिष्क असल में मृत हो चुका है और उसे दुनिया की कोई सुध नहीं है। इसी आधार पर याचिकाकर्ता ने अरुणा के लिए इच्छामृत्यु की मांग की थी। पीठ ने इस मामले में विभिन्न पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद पिछले सप्ताह अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मुद्दे पर अपना-अपना पक्ष रखने वालों में अटार्नी जनरल जीई वाहनवती, अदालत की मदद के लिए नियुक्त किए गए वकील टीआर अध्यार्जुना, अस्पताल की ओर से वल्लभ सिसोदिया और याचिकाकर्ता की ओर से प्रस्तुत हुए वकील शेखर नफाडे शामिल थे। पीठ ने कहा कि वह वरिष्ठ अधिवक्ता अध्यार्जुना की दलील से सहमत है कि हमारे देश में भी विशेष परिस्थितियों में पैसिव यूथेन्सिया की अनुमति होनी चाहिए। पीठ ने इसका विरोध करने वाले वाहनवती की दलील को ठुकरा दिया।(इनपुट एजेंसियों से भी) संबंधित वीडियो : अरुणा को नहीं मिलेगी इच्छामृत्यु... | जीना ही होगा अरुणा को... | अरुणा की इच्छामृत्यु पर फैसला... | यहाँ एक सारांश है:सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि असाधारण परिस्थितियों में रोगी को 'पैसिव यूथेन्सिया' की अनुमति दी जा सकती है, लेकिन अरुणा को अनुमति नहीं मिलेगी। | 4 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाएं: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में भी नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है. सरकार ने इस मामले में अभी तक अपना रुख साफ नहीं किया है. वहीं बीजेपी ने इस मुद्दे पर कई जिला मुख्यालयों में रैली निकाली, मांग की सरकार फौरन इस कानून को लागू करे. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के नेतृत्व में बीजेपी के नेता लगभग उसी वक्त राजभवन पहुंचे, जिस वक्त राजभवन के ठीक सामने मिंटो हॉल में कमलनाथ सरकार सत्ता में साल भर पूरे होने का जश्न मना रही थी.
मंगलवार को कानून लागू करने की मांग को लेकर बीजेपी के विधायक, पदाधिकारी राजधानी भोपाल की सड़क पर प्रदर्शन करने उतरे, राजभवन में ज्ञापन देकर प्रदेश में इस कानून को तत्काल लागू करने की मांग की. बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कांग्रेस अल्पसंख्यक वर्ग के मन में डर पैदा करना चाहती है, वोटों की पॉलिटिक्स करना चाहते हैं बीजेपी कहना चाहती है कि ये कानून मुसलमानों के खिलाफ नहीं है. किसी कारण से बांग्लादेश, पाकिस्तान में वहां के जो अल्पसंख्यक फंस गए उनका मानवाधिकार सुरक्षित करने का कानून है.
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा ये अंसभव है, सवाल ही नहीं पैदा होता, संसद के बनाए कानून को राज्य सरकार को लागू करना ही होगा.
सोमवार को भोपाल के इकबाल मैदान में जमा छात्रों ने कानून का विरोध किया, साथ ही अलग-अलग विश्वविद्यालयों में पुलिस की कथित ज्यादती का भी.
उधर सरकार का कहना है, फैसला कमलनाथ और आलाकमान करेगा बीजेपी नहीं. ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने कहा शिवराज जी के कहने से मप्र सरकार नहीं चलेगी, कमलनाथजी के कहने से चलेगी. वहीं राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा शिवराज सिंह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री नहीं है, कौन सा कानून लागू करना, कौन सा नहीं लागू नहीं करना ये प्रदेश सरकार के ऊपर है. सरकार अभी अध्ययन कर रही है इसके बाद इसको लागू करना है या नहीं मुख्यमंत्री फैसला करेंगे.
नागरिकता संशोधन कानून के पारित होने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि इतने महत्वपूर्ण विषय पर कानून बनाने से पहले राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक नहीं बुलाना दुर्भाग्यपूर्ण था. उधर बीजेपी इस मामले को राजभवन तक तो लेकर गई ही है, वो इस मामले में जनजागरण अभियान चलाने की भी बात कह रही है. | दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: कमलनाथ सरकार ने सत्ता में साल भर पूरे होने का जश्न मनाया
भोपाल के इकबाल मैदान में छात्रों ने कानून का विरोध किया
शिवराज ने कहा-संसद के बनाए कानून को राज्य को लागू करना ही होगा | 25 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाएं: देश के शेयर बाजारों में सोमवार को गिरावट का रुख रहा। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 134.36 अंकों की गिरावट के साथ 19,293.20 पर और निफ्टी 37.35 अंकों की गिरावट के साथ 5,835.25 पर बंद हुआ।
बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 144.93 अंकों की गिरावट के साथ 19,282.63 पर खुला और 134.36 अंकों या 0.69 फीसदी गिरावट के साथ 19,293.20 पर बंद हुआ। दिन भर के कारोबार में सेंसेक्स ने 19,345.42 के ऊपरी और 19,232.23 के निचले स्तर को छुआ।
सेंसेक्स के 30 में से छह शेयरों में तेजी रही। सिप्ला (1.70 फीसदी), हिंदुस्तान यूनिलीवर (1.20 फीसदी), एचडीएफसी बैंक (0.75 फीसदी), आईटीसी (0.66 फीसदी) और हीरो मोटोकॉर्प (0.18 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।
सेंसेक्स में गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे कोल इंडिया (5.41 फीसदी), टाटा पावर (3.43 फीसदी), गेल (3.16 फीसदी), मारुति सुजुकी (2.98 फीसदी) और स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (2.68 फीसदी)।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 55.85 अंकों की गिरावट के साथ 5,816.75 पर खुला और 37.35 अंकों या 0.64 फीसदी गिरावट के साथ 5,835.25 पर बंद हुआ। दिन भर के कारोबार में निफ्टी ने 5,850.20 के ऊपरी और 5,814.35 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट रही। मिडकैप 18.35 अंकों की गिरावट के साथ 6,367.78 पर और स्मॉलकैप 41.68 अंकों की गिरावट के साथ 6,137.85 पर बंद हुआ।
बीएसई के 13 में से तीन सेक्टरों तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (0.68 फीसदी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (0.32 फीसदी) और स्वास्थ्य सेवा (0.30 फीसदी) में तेजी रही।टिप्पणियां
गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे धातु (2.34 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनियां (1.64 फीसदी), वाहन (1.44 फीसदी), रियल्टी (1.21 फीसदी) और तेल एवं गैस (1.20 फीसदी)।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1091 शेयरों में तेजी और 1757 में गिरावट रही, जबकि 121 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ।
बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 144.93 अंकों की गिरावट के साथ 19,282.63 पर खुला और 134.36 अंकों या 0.69 फीसदी गिरावट के साथ 19,293.20 पर बंद हुआ। दिन भर के कारोबार में सेंसेक्स ने 19,345.42 के ऊपरी और 19,232.23 के निचले स्तर को छुआ।
सेंसेक्स के 30 में से छह शेयरों में तेजी रही। सिप्ला (1.70 फीसदी), हिंदुस्तान यूनिलीवर (1.20 फीसदी), एचडीएफसी बैंक (0.75 फीसदी), आईटीसी (0.66 फीसदी) और हीरो मोटोकॉर्प (0.18 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।
सेंसेक्स में गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे कोल इंडिया (5.41 फीसदी), टाटा पावर (3.43 फीसदी), गेल (3.16 फीसदी), मारुति सुजुकी (2.98 फीसदी) और स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (2.68 फीसदी)।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 55.85 अंकों की गिरावट के साथ 5,816.75 पर खुला और 37.35 अंकों या 0.64 फीसदी गिरावट के साथ 5,835.25 पर बंद हुआ। दिन भर के कारोबार में निफ्टी ने 5,850.20 के ऊपरी और 5,814.35 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट रही। मिडकैप 18.35 अंकों की गिरावट के साथ 6,367.78 पर और स्मॉलकैप 41.68 अंकों की गिरावट के साथ 6,137.85 पर बंद हुआ।
बीएसई के 13 में से तीन सेक्टरों तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (0.68 फीसदी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (0.32 फीसदी) और स्वास्थ्य सेवा (0.30 फीसदी) में तेजी रही।टिप्पणियां
गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे धातु (2.34 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनियां (1.64 फीसदी), वाहन (1.44 फीसदी), रियल्टी (1.21 फीसदी) और तेल एवं गैस (1.20 फीसदी)।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1091 शेयरों में तेजी और 1757 में गिरावट रही, जबकि 121 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ।
सेंसेक्स के 30 में से छह शेयरों में तेजी रही। सिप्ला (1.70 फीसदी), हिंदुस्तान यूनिलीवर (1.20 फीसदी), एचडीएफसी बैंक (0.75 फीसदी), आईटीसी (0.66 फीसदी) और हीरो मोटोकॉर्प (0.18 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।
सेंसेक्स में गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे कोल इंडिया (5.41 फीसदी), टाटा पावर (3.43 फीसदी), गेल (3.16 फीसदी), मारुति सुजुकी (2.98 फीसदी) और स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (2.68 फीसदी)।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 55.85 अंकों की गिरावट के साथ 5,816.75 पर खुला और 37.35 अंकों या 0.64 फीसदी गिरावट के साथ 5,835.25 पर बंद हुआ। दिन भर के कारोबार में निफ्टी ने 5,850.20 के ऊपरी और 5,814.35 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट रही। मिडकैप 18.35 अंकों की गिरावट के साथ 6,367.78 पर और स्मॉलकैप 41.68 अंकों की गिरावट के साथ 6,137.85 पर बंद हुआ।
बीएसई के 13 में से तीन सेक्टरों तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (0.68 फीसदी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (0.32 फीसदी) और स्वास्थ्य सेवा (0.30 फीसदी) में तेजी रही।टिप्पणियां
गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे धातु (2.34 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनियां (1.64 फीसदी), वाहन (1.44 फीसदी), रियल्टी (1.21 फीसदी) और तेल एवं गैस (1.20 फीसदी)।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1091 शेयरों में तेजी और 1757 में गिरावट रही, जबकि 121 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ।
सेंसेक्स में गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे कोल इंडिया (5.41 फीसदी), टाटा पावर (3.43 फीसदी), गेल (3.16 फीसदी), मारुति सुजुकी (2.98 फीसदी) और स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (2.68 फीसदी)।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 55.85 अंकों की गिरावट के साथ 5,816.75 पर खुला और 37.35 अंकों या 0.64 फीसदी गिरावट के साथ 5,835.25 पर बंद हुआ। दिन भर के कारोबार में निफ्टी ने 5,850.20 के ऊपरी और 5,814.35 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट रही। मिडकैप 18.35 अंकों की गिरावट के साथ 6,367.78 पर और स्मॉलकैप 41.68 अंकों की गिरावट के साथ 6,137.85 पर बंद हुआ।
बीएसई के 13 में से तीन सेक्टरों तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (0.68 फीसदी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (0.32 फीसदी) और स्वास्थ्य सेवा (0.30 फीसदी) में तेजी रही।टिप्पणियां
गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे धातु (2.34 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनियां (1.64 फीसदी), वाहन (1.44 फीसदी), रियल्टी (1.21 फीसदी) और तेल एवं गैस (1.20 फीसदी)।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1091 शेयरों में तेजी और 1757 में गिरावट रही, जबकि 121 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 55.85 अंकों की गिरावट के साथ 5,816.75 पर खुला और 37.35 अंकों या 0.64 फीसदी गिरावट के साथ 5,835.25 पर बंद हुआ। दिन भर के कारोबार में निफ्टी ने 5,850.20 के ऊपरी और 5,814.35 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट रही। मिडकैप 18.35 अंकों की गिरावट के साथ 6,367.78 पर और स्मॉलकैप 41.68 अंकों की गिरावट के साथ 6,137.85 पर बंद हुआ।
बीएसई के 13 में से तीन सेक्टरों तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (0.68 फीसदी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (0.32 फीसदी) और स्वास्थ्य सेवा (0.30 फीसदी) में तेजी रही।टिप्पणियां
गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे धातु (2.34 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनियां (1.64 फीसदी), वाहन (1.44 फीसदी), रियल्टी (1.21 फीसदी) और तेल एवं गैस (1.20 फीसदी)।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1091 शेयरों में तेजी और 1757 में गिरावट रही, जबकि 121 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट रही। मिडकैप 18.35 अंकों की गिरावट के साथ 6,367.78 पर और स्मॉलकैप 41.68 अंकों की गिरावट के साथ 6,137.85 पर बंद हुआ।
बीएसई के 13 में से तीन सेक्टरों तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (0.68 फीसदी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (0.32 फीसदी) और स्वास्थ्य सेवा (0.30 फीसदी) में तेजी रही।टिप्पणियां
गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे धातु (2.34 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनियां (1.64 फीसदी), वाहन (1.44 फीसदी), रियल्टी (1.21 फीसदी) और तेल एवं गैस (1.20 फीसदी)।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1091 शेयरों में तेजी और 1757 में गिरावट रही, जबकि 121 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ।
बीएसई के 13 में से तीन सेक्टरों तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (0.68 फीसदी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (0.32 फीसदी) और स्वास्थ्य सेवा (0.30 फीसदी) में तेजी रही।टिप्पणियां
गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे धातु (2.34 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनियां (1.64 फीसदी), वाहन (1.44 फीसदी), रियल्टी (1.21 फीसदी) और तेल एवं गैस (1.20 फीसदी)।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1091 शेयरों में तेजी और 1757 में गिरावट रही, जबकि 121 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ।
गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे धातु (2.34 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनियां (1.64 फीसदी), वाहन (1.44 फीसदी), रियल्टी (1.21 फीसदी) और तेल एवं गैस (1.20 फीसदी)।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1091 शेयरों में तेजी और 1757 में गिरावट रही, जबकि 121 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1091 शेयरों में तेजी और 1757 में गिरावट रही, जबकि 121 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ। | संक्षिप्त सारांश: देश के शेयर बाजारों में सोमवार को गिरावट का रुख रहा। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 134.36 अंकों की गिरावट के साथ 19,293.20 पर और निफ्टी 37.35 अंकों की गिरावट के साथ 5,835.25 पर बंद हुआ। | 29 | ['hin'] |
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: ‘‘भारत बिना नेतृत्व के काम कर रहा है’’ एक समय यह कहकर चौंकाने वाले सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की अग्रणी कंपनी विप्रो के प्रमुख अजीम प्रेमजी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर भरोसा जताते हुये कहा कि उन्हें सुधारों को आगे बढ़ाने के लिये उचित समय दिया जाना चाहिये।
अजीम प्रेमजी का यह वक्तव्य देश के प्रमुख उद्योगपति रतन टाटा की उस टिप्पणी के कुछ ही समय बाद आया है जिसमें टाटा ने कहा था कि देश की मौजूदा आर्थिक चिंताओं के लिये प्रधानमंत्री सिंह पर ही पूरा दोष मढ़ना अनुचित होगा।
प्रेमजी ने कहा ‘‘यह कहना मुश्किल है कि सुधार प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ेगी। मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री की अपनी जिम्मेदारियों के साथ साथ अब वित्त मंत्रालय का कार्यभार भी संभाला है। इसलिये अब हमें उम्मीद रखनी चाहिये और उन्हें इसके लिये उपयुक्त समय दिया जाना चाहिये।’’
प्रेमजी ने कहा कि नीतिगत प्रयासों से भी ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि सरकार को मौजूदा नीतियों में शामिल विभिन्न मुद्दों को ही सुनियोजित तरीके से अमल में लाना चाहिये। टिप्पणियां
उन्होंने कहा ‘‘ढांचागत क्षेत्र की परियोजना हो या फिर सरकारी परियोजना, जो परियोजनायें चल रही हैं और जिनमें विस्तार की आवश्यकता है, सरकार को उन व्यापक क्षेत्रों पर ध्यान देने की आवश्यकता है जिनपर अमल होना है और जिनपर निर्णय लिया जा चुका है। यही काम हो सकता है, क्योंकि यह सरकार की अहम जिम्मेदारी है।’’
पिछले सप्ताह टाटा ने ट्वीट किया था कि देश के आर्थिक सुधारों के आड़े आने वाले समस्याओं के लिये केवल प्रधानमंत्री को दोष दिया जाना गलत होगा। सिंह के समर्थन में खड़े होते हुये टाटा ने कहा ‘‘यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान विपक्ष, मीडिया, कुछ नागरिकों ने और यहां तक कि सत्तापक्ष की पार्टी के कुछ सदस्यों ने हमारे प्रधानमंत्री के बारे में निर्दयतापूर्वक कहा और लिखा है। सिंह जो कि वर्ष 1991 में शुरु हुये आर्थिक सुधारों के जनक रहे हैं और जिससे देश को आर्थिक समृद्धि तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिली है।’’ अजीम प्रेमजी ने इससे पहले पिछले महीने ही कहा था ‘‘..हम एक देश के रुप में बिना नेता के काम कर रहे हैं। यदि हम बदलते नहीं हैं तो कई सालों के लिये पीछे चले जायेंगे।’’
अजीम प्रेमजी का यह वक्तव्य देश के प्रमुख उद्योगपति रतन टाटा की उस टिप्पणी के कुछ ही समय बाद आया है जिसमें टाटा ने कहा था कि देश की मौजूदा आर्थिक चिंताओं के लिये प्रधानमंत्री सिंह पर ही पूरा दोष मढ़ना अनुचित होगा।
प्रेमजी ने कहा ‘‘यह कहना मुश्किल है कि सुधार प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ेगी। मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री की अपनी जिम्मेदारियों के साथ साथ अब वित्त मंत्रालय का कार्यभार भी संभाला है। इसलिये अब हमें उम्मीद रखनी चाहिये और उन्हें इसके लिये उपयुक्त समय दिया जाना चाहिये।’’
प्रेमजी ने कहा कि नीतिगत प्रयासों से भी ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि सरकार को मौजूदा नीतियों में शामिल विभिन्न मुद्दों को ही सुनियोजित तरीके से अमल में लाना चाहिये। टिप्पणियां
उन्होंने कहा ‘‘ढांचागत क्षेत्र की परियोजना हो या फिर सरकारी परियोजना, जो परियोजनायें चल रही हैं और जिनमें विस्तार की आवश्यकता है, सरकार को उन व्यापक क्षेत्रों पर ध्यान देने की आवश्यकता है जिनपर अमल होना है और जिनपर निर्णय लिया जा चुका है। यही काम हो सकता है, क्योंकि यह सरकार की अहम जिम्मेदारी है।’’
पिछले सप्ताह टाटा ने ट्वीट किया था कि देश के आर्थिक सुधारों के आड़े आने वाले समस्याओं के लिये केवल प्रधानमंत्री को दोष दिया जाना गलत होगा। सिंह के समर्थन में खड़े होते हुये टाटा ने कहा ‘‘यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान विपक्ष, मीडिया, कुछ नागरिकों ने और यहां तक कि सत्तापक्ष की पार्टी के कुछ सदस्यों ने हमारे प्रधानमंत्री के बारे में निर्दयतापूर्वक कहा और लिखा है। सिंह जो कि वर्ष 1991 में शुरु हुये आर्थिक सुधारों के जनक रहे हैं और जिससे देश को आर्थिक समृद्धि तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिली है।’’ अजीम प्रेमजी ने इससे पहले पिछले महीने ही कहा था ‘‘..हम एक देश के रुप में बिना नेता के काम कर रहे हैं। यदि हम बदलते नहीं हैं तो कई सालों के लिये पीछे चले जायेंगे।’’
प्रेमजी ने कहा ‘‘यह कहना मुश्किल है कि सुधार प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ेगी। मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री की अपनी जिम्मेदारियों के साथ साथ अब वित्त मंत्रालय का कार्यभार भी संभाला है। इसलिये अब हमें उम्मीद रखनी चाहिये और उन्हें इसके लिये उपयुक्त समय दिया जाना चाहिये।’’
प्रेमजी ने कहा कि नीतिगत प्रयासों से भी ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि सरकार को मौजूदा नीतियों में शामिल विभिन्न मुद्दों को ही सुनियोजित तरीके से अमल में लाना चाहिये। टिप्पणियां
उन्होंने कहा ‘‘ढांचागत क्षेत्र की परियोजना हो या फिर सरकारी परियोजना, जो परियोजनायें चल रही हैं और जिनमें विस्तार की आवश्यकता है, सरकार को उन व्यापक क्षेत्रों पर ध्यान देने की आवश्यकता है जिनपर अमल होना है और जिनपर निर्णय लिया जा चुका है। यही काम हो सकता है, क्योंकि यह सरकार की अहम जिम्मेदारी है।’’
पिछले सप्ताह टाटा ने ट्वीट किया था कि देश के आर्थिक सुधारों के आड़े आने वाले समस्याओं के लिये केवल प्रधानमंत्री को दोष दिया जाना गलत होगा। सिंह के समर्थन में खड़े होते हुये टाटा ने कहा ‘‘यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान विपक्ष, मीडिया, कुछ नागरिकों ने और यहां तक कि सत्तापक्ष की पार्टी के कुछ सदस्यों ने हमारे प्रधानमंत्री के बारे में निर्दयतापूर्वक कहा और लिखा है। सिंह जो कि वर्ष 1991 में शुरु हुये आर्थिक सुधारों के जनक रहे हैं और जिससे देश को आर्थिक समृद्धि तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिली है।’’ अजीम प्रेमजी ने इससे पहले पिछले महीने ही कहा था ‘‘..हम एक देश के रुप में बिना नेता के काम कर रहे हैं। यदि हम बदलते नहीं हैं तो कई सालों के लिये पीछे चले जायेंगे।’’
प्रेमजी ने कहा कि नीतिगत प्रयासों से भी ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि सरकार को मौजूदा नीतियों में शामिल विभिन्न मुद्दों को ही सुनियोजित तरीके से अमल में लाना चाहिये। टिप्पणियां
उन्होंने कहा ‘‘ढांचागत क्षेत्र की परियोजना हो या फिर सरकारी परियोजना, जो परियोजनायें चल रही हैं और जिनमें विस्तार की आवश्यकता है, सरकार को उन व्यापक क्षेत्रों पर ध्यान देने की आवश्यकता है जिनपर अमल होना है और जिनपर निर्णय लिया जा चुका है। यही काम हो सकता है, क्योंकि यह सरकार की अहम जिम्मेदारी है।’’
पिछले सप्ताह टाटा ने ट्वीट किया था कि देश के आर्थिक सुधारों के आड़े आने वाले समस्याओं के लिये केवल प्रधानमंत्री को दोष दिया जाना गलत होगा। सिंह के समर्थन में खड़े होते हुये टाटा ने कहा ‘‘यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान विपक्ष, मीडिया, कुछ नागरिकों ने और यहां तक कि सत्तापक्ष की पार्टी के कुछ सदस्यों ने हमारे प्रधानमंत्री के बारे में निर्दयतापूर्वक कहा और लिखा है। सिंह जो कि वर्ष 1991 में शुरु हुये आर्थिक सुधारों के जनक रहे हैं और जिससे देश को आर्थिक समृद्धि तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिली है।’’ अजीम प्रेमजी ने इससे पहले पिछले महीने ही कहा था ‘‘..हम एक देश के रुप में बिना नेता के काम कर रहे हैं। यदि हम बदलते नहीं हैं तो कई सालों के लिये पीछे चले जायेंगे।’’
उन्होंने कहा ‘‘ढांचागत क्षेत्र की परियोजना हो या फिर सरकारी परियोजना, जो परियोजनायें चल रही हैं और जिनमें विस्तार की आवश्यकता है, सरकार को उन व्यापक क्षेत्रों पर ध्यान देने की आवश्यकता है जिनपर अमल होना है और जिनपर निर्णय लिया जा चुका है। यही काम हो सकता है, क्योंकि यह सरकार की अहम जिम्मेदारी है।’’
पिछले सप्ताह टाटा ने ट्वीट किया था कि देश के आर्थिक सुधारों के आड़े आने वाले समस्याओं के लिये केवल प्रधानमंत्री को दोष दिया जाना गलत होगा। सिंह के समर्थन में खड़े होते हुये टाटा ने कहा ‘‘यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान विपक्ष, मीडिया, कुछ नागरिकों ने और यहां तक कि सत्तापक्ष की पार्टी के कुछ सदस्यों ने हमारे प्रधानमंत्री के बारे में निर्दयतापूर्वक कहा और लिखा है। सिंह जो कि वर्ष 1991 में शुरु हुये आर्थिक सुधारों के जनक रहे हैं और जिससे देश को आर्थिक समृद्धि तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिली है।’’ अजीम प्रेमजी ने इससे पहले पिछले महीने ही कहा था ‘‘..हम एक देश के रुप में बिना नेता के काम कर रहे हैं। यदि हम बदलते नहीं हैं तो कई सालों के लिये पीछे चले जायेंगे।’’
पिछले सप्ताह टाटा ने ट्वीट किया था कि देश के आर्थिक सुधारों के आड़े आने वाले समस्याओं के लिये केवल प्रधानमंत्री को दोष दिया जाना गलत होगा। सिंह के समर्थन में खड़े होते हुये टाटा ने कहा ‘‘यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान विपक्ष, मीडिया, कुछ नागरिकों ने और यहां तक कि सत्तापक्ष की पार्टी के कुछ सदस्यों ने हमारे प्रधानमंत्री के बारे में निर्दयतापूर्वक कहा और लिखा है। सिंह जो कि वर्ष 1991 में शुरु हुये आर्थिक सुधारों के जनक रहे हैं और जिससे देश को आर्थिक समृद्धि तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिली है।’’ अजीम प्रेमजी ने इससे पहले पिछले महीने ही कहा था ‘‘..हम एक देश के रुप में बिना नेता के काम कर रहे हैं। यदि हम बदलते नहीं हैं तो कई सालों के लिये पीछे चले जायेंगे।’’ | संक्षिप्त पाठ: विप्रो के प्रमुख अजीम प्रेमजी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर भरोसा जताते हुए कहा कि उन्हें सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए उचित समय दिया जाना चाहिए। | 22 | ['hin'] |
एक सारांश बनाओ: देश की अदालातों में लंबित लगभग ढाई करोड़ मामालों की समस्या से निपटने के प्रयास में सरकार ने जल्द न्याय दिलाने के लिए न्याय प्रदान एवं कानून सुधार राष्ट्रीय मिशन लागू करने को बृहस्पतिवार को मंजूरी दे दी। इसका लक्ष्य यह होगा कि 2015 तक मामलों के लंबित रहने का औसत समय वर्तमान 15 वर्ष से घट कर तीन साल रह जाए। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कानून मंत्रालय के इस प्रस्ताव को स्वीकार किया गया। बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने संवाददाताओं को बताया कि मिशन का उद्देश्य न्याय में विलंब को कम करना और ढांचागत परिवर्तन तथा कार्य निष्पादन के मानदंड स्थापित करके इस बारे में जवाबदेही को और बढ़ाना है। इस पर अगले पांच साल में 5510 करोड़ रुपयों का खर्च आएगा। इसमें से 75 प्रतिशत का वहन केन्द्र करेगा और शेष का संबंधित राज्य। पूर्वोत्तर राज्यों के मामलों में केन्द्र 90 प्रतिशत खर्च उठाएगा। इस बारे में जारी बयान में दावा किया गया कि जल्द न्याय मुहैया कराने के इस मिशन के तहत प्रयास यह होगा कि 2015 तक अदालतों में मामलों के लंबित रहने की अवधि को 15 से घटा का तीन साल तक कर दिया जाए। पहले यह समय सीमा 2012 तय की गई थी। यह मिशन आज से लागू हो जाएगा, हालांकि कैबिनेट दिसंबर 2009 में इसे सिद्धांतत: मंजूरी दे चुका है। | संक्षिप्त पाठ: सरकार ने जल्द न्याय दिलाने के लिए न्याय प्रदान एवं कानून सुधार राष्ट्रीय मिशन लागू करने को मंजूरी दे दी। | 30 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाओ: भारत की शीर्ष वरीयता प्राप्त महिला बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल आसान जीत के साथ इंडिया ओपन सुपर सीरीज बैडमिंटन टूर्नामेंट के एकल वर्ग के दूसरे दौर में पहुंच गई हैं। साइना के अलावा दो अन्य महिला नेहा पंडित और पीवी सिंधु भी दूसरे दौर में पहुंच गई हैं। पुरुष वर्ग से अजय जयराम और पुरुपल्ली कश्यप भी दूसरे दौर में पहुंच गए हैं।
महिला तथा पुरुष युगल के अलावा मिश्रित युगल में भारत को सीमित सफलता हाथ लगी। भारत की शीर्ष मिश्रित युगल जोड़ीदार ज्वाला गुट्टा और वी. दीजू पहले दौर की बाधा नहीं पार कर सके।
तरुण कोना और अश्विनी पोनप्पा हालांकि इस वर्ग के दूसरे दौर में पहुंच गए हैं।
पुरुष युगल में मनीष गुप्ता और गौरव वेंकट तथा रुपेश कुमार और सानावे थामस भी दूसरे दौर में पहुंचने में सफल रहे हैं। इसके अलावा भारत की 14 जोड़ियों को विभिन्न वर्गों में हार का सामना करना पड़ा है।
साइना ने करोड़ों देशवासियों की उम्मीदों को जिंदा रखते हुए हांगकांग की पुई यिन यिप को 21-14, 21-6 से पराजित किया। यह मैच 29 मिनट तक चला।
इससे पहले भी यिप और साइना के बीच चार बार भिड़ंत हुई थी, जिसमें साइना ने तीन बार बाजी मारी थी। अगले दौर में साइना की भिड़ंत कोरिया की युओन जू बेई से होगा। विश्व की पांचवीं वरीय खिलाड़ी साइना और 12वीं वरीय जू के बीच अब तक पांच बार भिड़ंत हुई है, जिसमें से चार बार साइना की जीत हुई है।
गुट्टा और दीजू को चीन के तियाओ जियामिंग और जिया हुआन ने 21-18, 21-19 से हराया। गुट्टा और दीजू सिर्फ 35 मिनट तक चीनी जोड़ीदारों की चुनौती दे सकीं।
क्वालीफाईंग की परीक्षा से सफल होकर मुख्य दौर में जगह बनाने वाली नागपुर की राष्ट्रीय चैम्पियन अरुंधति पंटावने भी पहले ही दौर में हार गईं। अरुंधति को टूर्नामेंट की चौथी वरीय चीनी खिलाड़ी यानजिआवो जियान ने 21-9, 21-11 से पराजित किया।
इससे पहले, कश्यप ने जहां शानदार जीत के साथ के पुरुषों के एकल वर्ग के दूसरे दौर में जगह बना ली वहीं कोना और पोनप्पा की मिश्रित युगल जोड़ी भी दूसरे दौर में पहुंच गई।
रुपेश कुमार और सानावे थामस भी पहले दौर में मिले वॉक ओवर के बाद आसानी से दूसरे दौर में पहुंच गए। कश्यप ने जोरदार खेल दिखाते हुए बेल्जियम के खिलाड़ी युहान तान को 21-11, 21-14 से हराया। कश्यप ने यह मैच 32 मिनट में जीता। मैच की शुरुआत से ही कश्यप आत्मविश्वास से भरे नजर आ रहे थे।
कश्यप का आत्मविश्वास उनके खेल में दिखा और यही कारण था कि तान दोयम साबित हुए। अगले दौर में कश्यप का सामना थाईलैंड के बूनसाक पोनसाना से होना है। इन दोनों के बीच इससे पहले तीन बार भिड़ंत हो चुकी है, जिसमें से दो बार कश्यप की जीत हुई है।
कोना और पोनप्पा ने मिश्रित युगल में इंडोनेशिया के मोहम्मद रिजाल और डेबी सुसांतो को 20-22, 21-18, 22-20 से पराजित किया। पहली बाधा पार करने में कोना और पोनप्पा को 49 मिनट लगे।
कोना और पोनप्पा का अगले दौर में मुकाबला जापान की सोजी सातो और शिजुका मातसुओ से होगा। दोनों जोड़ियों के बीच यह पहली भिड़ंत होगी।
पुरुषों के युगल वर्ग में जहां रुपेश और सानावे को कोरिया के जेई सुंग जुंग और योंग देई ली की शीर्ष वरीय जोड़ी के खिलाफ वॉकओवर मिला वहीं मनीष गुप्ता और गौरव वेंकट ने अपने ही देश के संजीत एस. और जगदीश यादव की जोड़ी को 21-14, 15-21, 21-15 से पराजित किया।
रुपेश और सानावे अगले दौर में कोरिया के की जुंग किम और सा रांग किम से भिड़ेंगे। इससे पहले दोपहर के सत्र में, क्वालीफाईंग की बाधा पार करके मुख्य दौर में जगह बनाने वाली भारत की नेहा पंडित मलेशियाई खिलाड़ी जिंग यी ती को हराकर महिलाओं के एकल वर्ग के दूसरे दौर में पहुंच गई।
विश्व की 128वीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी नेहा ने 63वीं वरीय ती को 21-18, 9-21, 21-19 से पराजित किया। यह मैच 48 मिनट चला। इसके साथ नेहा ने 2011 सिंगापुर इंटरनेशनल सीरीज में मिली हार का हिसाब ती से बराबर कर लिया।
नेहा ने क्वालीफाईंग के पहले दौर में भारत की तृप्ति मुरगुंडे को पराजित किया था जबकि दूसरे दौर में वह मोहिता सचदेव पर भारी पड़ी थीं। अगले दौर में नेहा सिंगापुर की खिलाड़ी जुआन गू से भिड़ेंगी।
भारत के अजय जयराम ने भी पहली बाधा पार कर ली है। जयराम ने अपने ही देश के सौरव वर्मा को बुधवार को सुबह के सत्र में खेले गए एकल मुकाबले में 21-15, 17-21, 21-11 से हराया।टिप्पणियां
बीते साल इंडिया ओपन में पहली बार खेलते हुए तीसरे दौर तक का सफर तय करने वाले सौरव इस साल कुछ कमाल नहीं दिखा सके। सिरी फोर्ट स्टेडियम में उन्होंने अजय को 55 मिनट तक कोर्ट पर उलझाए रखा लेकिन अंतत: उनकी हार हुई। अजय अगले दौर में टूर्नामेंट के सर्वोच्च वरीय खिलाड़ी चोंग वेई ली के साथ भिड़ेंगे।
महिला वर्ग में युवा खिलाड़ी सिंधु ने भी जीत के साथ शुरुआत की है। सिंधु ने चीनी ताइपे की जु यिंग ताई को 21-17, 21-19 से पराजित किया। सिंधु ने यह मैच 31 मिनट में जीता। अगले दौर में सिंधु की भिड़ंत टूर्नोमंट की आठवीं वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी जी ह्यून सुंग से होगा।
महिला तथा पुरुष युगल के अलावा मिश्रित युगल में भारत को सीमित सफलता हाथ लगी। भारत की शीर्ष मिश्रित युगल जोड़ीदार ज्वाला गुट्टा और वी. दीजू पहले दौर की बाधा नहीं पार कर सके।
तरुण कोना और अश्विनी पोनप्पा हालांकि इस वर्ग के दूसरे दौर में पहुंच गए हैं।
पुरुष युगल में मनीष गुप्ता और गौरव वेंकट तथा रुपेश कुमार और सानावे थामस भी दूसरे दौर में पहुंचने में सफल रहे हैं। इसके अलावा भारत की 14 जोड़ियों को विभिन्न वर्गों में हार का सामना करना पड़ा है।
साइना ने करोड़ों देशवासियों की उम्मीदों को जिंदा रखते हुए हांगकांग की पुई यिन यिप को 21-14, 21-6 से पराजित किया। यह मैच 29 मिनट तक चला।
इससे पहले भी यिप और साइना के बीच चार बार भिड़ंत हुई थी, जिसमें साइना ने तीन बार बाजी मारी थी। अगले दौर में साइना की भिड़ंत कोरिया की युओन जू बेई से होगा। विश्व की पांचवीं वरीय खिलाड़ी साइना और 12वीं वरीय जू के बीच अब तक पांच बार भिड़ंत हुई है, जिसमें से चार बार साइना की जीत हुई है।
गुट्टा और दीजू को चीन के तियाओ जियामिंग और जिया हुआन ने 21-18, 21-19 से हराया। गुट्टा और दीजू सिर्फ 35 मिनट तक चीनी जोड़ीदारों की चुनौती दे सकीं।
क्वालीफाईंग की परीक्षा से सफल होकर मुख्य दौर में जगह बनाने वाली नागपुर की राष्ट्रीय चैम्पियन अरुंधति पंटावने भी पहले ही दौर में हार गईं। अरुंधति को टूर्नामेंट की चौथी वरीय चीनी खिलाड़ी यानजिआवो जियान ने 21-9, 21-11 से पराजित किया।
इससे पहले, कश्यप ने जहां शानदार जीत के साथ के पुरुषों के एकल वर्ग के दूसरे दौर में जगह बना ली वहीं कोना और पोनप्पा की मिश्रित युगल जोड़ी भी दूसरे दौर में पहुंच गई।
रुपेश कुमार और सानावे थामस भी पहले दौर में मिले वॉक ओवर के बाद आसानी से दूसरे दौर में पहुंच गए। कश्यप ने जोरदार खेल दिखाते हुए बेल्जियम के खिलाड़ी युहान तान को 21-11, 21-14 से हराया। कश्यप ने यह मैच 32 मिनट में जीता। मैच की शुरुआत से ही कश्यप आत्मविश्वास से भरे नजर आ रहे थे।
कश्यप का आत्मविश्वास उनके खेल में दिखा और यही कारण था कि तान दोयम साबित हुए। अगले दौर में कश्यप का सामना थाईलैंड के बूनसाक पोनसाना से होना है। इन दोनों के बीच इससे पहले तीन बार भिड़ंत हो चुकी है, जिसमें से दो बार कश्यप की जीत हुई है।
कोना और पोनप्पा ने मिश्रित युगल में इंडोनेशिया के मोहम्मद रिजाल और डेबी सुसांतो को 20-22, 21-18, 22-20 से पराजित किया। पहली बाधा पार करने में कोना और पोनप्पा को 49 मिनट लगे।
कोना और पोनप्पा का अगले दौर में मुकाबला जापान की सोजी सातो और शिजुका मातसुओ से होगा। दोनों जोड़ियों के बीच यह पहली भिड़ंत होगी।
पुरुषों के युगल वर्ग में जहां रुपेश और सानावे को कोरिया के जेई सुंग जुंग और योंग देई ली की शीर्ष वरीय जोड़ी के खिलाफ वॉकओवर मिला वहीं मनीष गुप्ता और गौरव वेंकट ने अपने ही देश के संजीत एस. और जगदीश यादव की जोड़ी को 21-14, 15-21, 21-15 से पराजित किया।
रुपेश और सानावे अगले दौर में कोरिया के की जुंग किम और सा रांग किम से भिड़ेंगे। इससे पहले दोपहर के सत्र में, क्वालीफाईंग की बाधा पार करके मुख्य दौर में जगह बनाने वाली भारत की नेहा पंडित मलेशियाई खिलाड़ी जिंग यी ती को हराकर महिलाओं के एकल वर्ग के दूसरे दौर में पहुंच गई।
विश्व की 128वीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी नेहा ने 63वीं वरीय ती को 21-18, 9-21, 21-19 से पराजित किया। यह मैच 48 मिनट चला। इसके साथ नेहा ने 2011 सिंगापुर इंटरनेशनल सीरीज में मिली हार का हिसाब ती से बराबर कर लिया।
नेहा ने क्वालीफाईंग के पहले दौर में भारत की तृप्ति मुरगुंडे को पराजित किया था जबकि दूसरे दौर में वह मोहिता सचदेव पर भारी पड़ी थीं। अगले दौर में नेहा सिंगापुर की खिलाड़ी जुआन गू से भिड़ेंगी।
भारत के अजय जयराम ने भी पहली बाधा पार कर ली है। जयराम ने अपने ही देश के सौरव वर्मा को बुधवार को सुबह के सत्र में खेले गए एकल मुकाबले में 21-15, 17-21, 21-11 से हराया।टिप्पणियां
बीते साल इंडिया ओपन में पहली बार खेलते हुए तीसरे दौर तक का सफर तय करने वाले सौरव इस साल कुछ कमाल नहीं दिखा सके। सिरी फोर्ट स्टेडियम में उन्होंने अजय को 55 मिनट तक कोर्ट पर उलझाए रखा लेकिन अंतत: उनकी हार हुई। अजय अगले दौर में टूर्नामेंट के सर्वोच्च वरीय खिलाड़ी चोंग वेई ली के साथ भिड़ेंगे।
महिला वर्ग में युवा खिलाड़ी सिंधु ने भी जीत के साथ शुरुआत की है। सिंधु ने चीनी ताइपे की जु यिंग ताई को 21-17, 21-19 से पराजित किया। सिंधु ने यह मैच 31 मिनट में जीता। अगले दौर में सिंधु की भिड़ंत टूर्नोमंट की आठवीं वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी जी ह्यून सुंग से होगा।
तरुण कोना और अश्विनी पोनप्पा हालांकि इस वर्ग के दूसरे दौर में पहुंच गए हैं।
पुरुष युगल में मनीष गुप्ता और गौरव वेंकट तथा रुपेश कुमार और सानावे थामस भी दूसरे दौर में पहुंचने में सफल रहे हैं। इसके अलावा भारत की 14 जोड़ियों को विभिन्न वर्गों में हार का सामना करना पड़ा है।
साइना ने करोड़ों देशवासियों की उम्मीदों को जिंदा रखते हुए हांगकांग की पुई यिन यिप को 21-14, 21-6 से पराजित किया। यह मैच 29 मिनट तक चला।
इससे पहले भी यिप और साइना के बीच चार बार भिड़ंत हुई थी, जिसमें साइना ने तीन बार बाजी मारी थी। अगले दौर में साइना की भिड़ंत कोरिया की युओन जू बेई से होगा। विश्व की पांचवीं वरीय खिलाड़ी साइना और 12वीं वरीय जू के बीच अब तक पांच बार भिड़ंत हुई है, जिसमें से चार बार साइना की जीत हुई है।
गुट्टा और दीजू को चीन के तियाओ जियामिंग और जिया हुआन ने 21-18, 21-19 से हराया। गुट्टा और दीजू सिर्फ 35 मिनट तक चीनी जोड़ीदारों की चुनौती दे सकीं।
क्वालीफाईंग की परीक्षा से सफल होकर मुख्य दौर में जगह बनाने वाली नागपुर की राष्ट्रीय चैम्पियन अरुंधति पंटावने भी पहले ही दौर में हार गईं। अरुंधति को टूर्नामेंट की चौथी वरीय चीनी खिलाड़ी यानजिआवो जियान ने 21-9, 21-11 से पराजित किया।
इससे पहले, कश्यप ने जहां शानदार जीत के साथ के पुरुषों के एकल वर्ग के दूसरे दौर में जगह बना ली वहीं कोना और पोनप्पा की मिश्रित युगल जोड़ी भी दूसरे दौर में पहुंच गई।
रुपेश कुमार और सानावे थामस भी पहले दौर में मिले वॉक ओवर के बाद आसानी से दूसरे दौर में पहुंच गए। कश्यप ने जोरदार खेल दिखाते हुए बेल्जियम के खिलाड़ी युहान तान को 21-11, 21-14 से हराया। कश्यप ने यह मैच 32 मिनट में जीता। मैच की शुरुआत से ही कश्यप आत्मविश्वास से भरे नजर आ रहे थे।
कश्यप का आत्मविश्वास उनके खेल में दिखा और यही कारण था कि तान दोयम साबित हुए। अगले दौर में कश्यप का सामना थाईलैंड के बूनसाक पोनसाना से होना है। इन दोनों के बीच इससे पहले तीन बार भिड़ंत हो चुकी है, जिसमें से दो बार कश्यप की जीत हुई है।
कोना और पोनप्पा ने मिश्रित युगल में इंडोनेशिया के मोहम्मद रिजाल और डेबी सुसांतो को 20-22, 21-18, 22-20 से पराजित किया। पहली बाधा पार करने में कोना और पोनप्पा को 49 मिनट लगे।
कोना और पोनप्पा का अगले दौर में मुकाबला जापान की सोजी सातो और शिजुका मातसुओ से होगा। दोनों जोड़ियों के बीच यह पहली भिड़ंत होगी।
पुरुषों के युगल वर्ग में जहां रुपेश और सानावे को कोरिया के जेई सुंग जुंग और योंग देई ली की शीर्ष वरीय जोड़ी के खिलाफ वॉकओवर मिला वहीं मनीष गुप्ता और गौरव वेंकट ने अपने ही देश के संजीत एस. और जगदीश यादव की जोड़ी को 21-14, 15-21, 21-15 से पराजित किया।
रुपेश और सानावे अगले दौर में कोरिया के की जुंग किम और सा रांग किम से भिड़ेंगे। इससे पहले दोपहर के सत्र में, क्वालीफाईंग की बाधा पार करके मुख्य दौर में जगह बनाने वाली भारत की नेहा पंडित मलेशियाई खिलाड़ी जिंग यी ती को हराकर महिलाओं के एकल वर्ग के दूसरे दौर में पहुंच गई।
विश्व की 128वीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी नेहा ने 63वीं वरीय ती को 21-18, 9-21, 21-19 से पराजित किया। यह मैच 48 मिनट चला। इसके साथ नेहा ने 2011 सिंगापुर इंटरनेशनल सीरीज में मिली हार का हिसाब ती से बराबर कर लिया।
नेहा ने क्वालीफाईंग के पहले दौर में भारत की तृप्ति मुरगुंडे को पराजित किया था जबकि दूसरे दौर में वह मोहिता सचदेव पर भारी पड़ी थीं। अगले दौर में नेहा सिंगापुर की खिलाड़ी जुआन गू से भिड़ेंगी।
भारत के अजय जयराम ने भी पहली बाधा पार कर ली है। जयराम ने अपने ही देश के सौरव वर्मा को बुधवार को सुबह के सत्र में खेले गए एकल मुकाबले में 21-15, 17-21, 21-11 से हराया।टिप्पणियां
बीते साल इंडिया ओपन में पहली बार खेलते हुए तीसरे दौर तक का सफर तय करने वाले सौरव इस साल कुछ कमाल नहीं दिखा सके। सिरी फोर्ट स्टेडियम में उन्होंने अजय को 55 मिनट तक कोर्ट पर उलझाए रखा लेकिन अंतत: उनकी हार हुई। अजय अगले दौर में टूर्नामेंट के सर्वोच्च वरीय खिलाड़ी चोंग वेई ली के साथ भिड़ेंगे।
महिला वर्ग में युवा खिलाड़ी सिंधु ने भी जीत के साथ शुरुआत की है। सिंधु ने चीनी ताइपे की जु यिंग ताई को 21-17, 21-19 से पराजित किया। सिंधु ने यह मैच 31 मिनट में जीता। अगले दौर में सिंधु की भिड़ंत टूर्नोमंट की आठवीं वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी जी ह्यून सुंग से होगा।
पुरुष युगल में मनीष गुप्ता और गौरव वेंकट तथा रुपेश कुमार और सानावे थामस भी दूसरे दौर में पहुंचने में सफल रहे हैं। इसके अलावा भारत की 14 जोड़ियों को विभिन्न वर्गों में हार का सामना करना पड़ा है।
साइना ने करोड़ों देशवासियों की उम्मीदों को जिंदा रखते हुए हांगकांग की पुई यिन यिप को 21-14, 21-6 से पराजित किया। यह मैच 29 मिनट तक चला।
इससे पहले भी यिप और साइना के बीच चार बार भिड़ंत हुई थी, जिसमें साइना ने तीन बार बाजी मारी थी। अगले दौर में साइना की भिड़ंत कोरिया की युओन जू बेई से होगा। विश्व की पांचवीं वरीय खिलाड़ी साइना और 12वीं वरीय जू के बीच अब तक पांच बार भिड़ंत हुई है, जिसमें से चार बार साइना की जीत हुई है।
गुट्टा और दीजू को चीन के तियाओ जियामिंग और जिया हुआन ने 21-18, 21-19 से हराया। गुट्टा और दीजू सिर्फ 35 मिनट तक चीनी जोड़ीदारों की चुनौती दे सकीं।
क्वालीफाईंग की परीक्षा से सफल होकर मुख्य दौर में जगह बनाने वाली नागपुर की राष्ट्रीय चैम्पियन अरुंधति पंटावने भी पहले ही दौर में हार गईं। अरुंधति को टूर्नामेंट की चौथी वरीय चीनी खिलाड़ी यानजिआवो जियान ने 21-9, 21-11 से पराजित किया।
इससे पहले, कश्यप ने जहां शानदार जीत के साथ के पुरुषों के एकल वर्ग के दूसरे दौर में जगह बना ली वहीं कोना और पोनप्पा की मिश्रित युगल जोड़ी भी दूसरे दौर में पहुंच गई।
रुपेश कुमार और सानावे थामस भी पहले दौर में मिले वॉक ओवर के बाद आसानी से दूसरे दौर में पहुंच गए। कश्यप ने जोरदार खेल दिखाते हुए बेल्जियम के खिलाड़ी युहान तान को 21-11, 21-14 से हराया। कश्यप ने यह मैच 32 मिनट में जीता। मैच की शुरुआत से ही कश्यप आत्मविश्वास से भरे नजर आ रहे थे।
कश्यप का आत्मविश्वास उनके खेल में दिखा और यही कारण था कि तान दोयम साबित हुए। अगले दौर में कश्यप का सामना थाईलैंड के बूनसाक पोनसाना से होना है। इन दोनों के बीच इससे पहले तीन बार भिड़ंत हो चुकी है, जिसमें से दो बार कश्यप की जीत हुई है।
कोना और पोनप्पा ने मिश्रित युगल में इंडोनेशिया के मोहम्मद रिजाल और डेबी सुसांतो को 20-22, 21-18, 22-20 से पराजित किया। पहली बाधा पार करने में कोना और पोनप्पा को 49 मिनट लगे।
कोना और पोनप्पा का अगले दौर में मुकाबला जापान की सोजी सातो और शिजुका मातसुओ से होगा। दोनों जोड़ियों के बीच यह पहली भिड़ंत होगी।
पुरुषों के युगल वर्ग में जहां रुपेश और सानावे को कोरिया के जेई सुंग जुंग और योंग देई ली की शीर्ष वरीय जोड़ी के खिलाफ वॉकओवर मिला वहीं मनीष गुप्ता और गौरव वेंकट ने अपने ही देश के संजीत एस. और जगदीश यादव की जोड़ी को 21-14, 15-21, 21-15 से पराजित किया।
रुपेश और सानावे अगले दौर में कोरिया के की जुंग किम और सा रांग किम से भिड़ेंगे। इससे पहले दोपहर के सत्र में, क्वालीफाईंग की बाधा पार करके मुख्य दौर में जगह बनाने वाली भारत की नेहा पंडित मलेशियाई खिलाड़ी जिंग यी ती को हराकर महिलाओं के एकल वर्ग के दूसरे दौर में पहुंच गई।
विश्व की 128वीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी नेहा ने 63वीं वरीय ती को 21-18, 9-21, 21-19 से पराजित किया। यह मैच 48 मिनट चला। इसके साथ नेहा ने 2011 सिंगापुर इंटरनेशनल सीरीज में मिली हार का हिसाब ती से बराबर कर लिया।
नेहा ने क्वालीफाईंग के पहले दौर में भारत की तृप्ति मुरगुंडे को पराजित किया था जबकि दूसरे दौर में वह मोहिता सचदेव पर भारी पड़ी थीं। अगले दौर में नेहा सिंगापुर की खिलाड़ी जुआन गू से भिड़ेंगी।
भारत के अजय जयराम ने भी पहली बाधा पार कर ली है। जयराम ने अपने ही देश के सौरव वर्मा को बुधवार को सुबह के सत्र में खेले गए एकल मुकाबले में 21-15, 17-21, 21-11 से हराया।टिप्पणियां
बीते साल इंडिया ओपन में पहली बार खेलते हुए तीसरे दौर तक का सफर तय करने वाले सौरव इस साल कुछ कमाल नहीं दिखा सके। सिरी फोर्ट स्टेडियम में उन्होंने अजय को 55 मिनट तक कोर्ट पर उलझाए रखा लेकिन अंतत: उनकी हार हुई। अजय अगले दौर में टूर्नामेंट के सर्वोच्च वरीय खिलाड़ी चोंग वेई ली के साथ भिड़ेंगे।
महिला वर्ग में युवा खिलाड़ी सिंधु ने भी जीत के साथ शुरुआत की है। सिंधु ने चीनी ताइपे की जु यिंग ताई को 21-17, 21-19 से पराजित किया। सिंधु ने यह मैच 31 मिनट में जीता। अगले दौर में सिंधु की भिड़ंत टूर्नोमंट की आठवीं वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी जी ह्यून सुंग से होगा।
साइना ने करोड़ों देशवासियों की उम्मीदों को जिंदा रखते हुए हांगकांग की पुई यिन यिप को 21-14, 21-6 से पराजित किया। यह मैच 29 मिनट तक चला।
इससे पहले भी यिप और साइना के बीच चार बार भिड़ंत हुई थी, जिसमें साइना ने तीन बार बाजी मारी थी। अगले दौर में साइना की भिड़ंत कोरिया की युओन जू बेई से होगा। विश्व की पांचवीं वरीय खिलाड़ी साइना और 12वीं वरीय जू के बीच अब तक पांच बार भिड़ंत हुई है, जिसमें से चार बार साइना की जीत हुई है।
गुट्टा और दीजू को चीन के तियाओ जियामिंग और जिया हुआन ने 21-18, 21-19 से हराया। गुट्टा और दीजू सिर्फ 35 मिनट तक चीनी जोड़ीदारों की चुनौती दे सकीं।
क्वालीफाईंग की परीक्षा से सफल होकर मुख्य दौर में जगह बनाने वाली नागपुर की राष्ट्रीय चैम्पियन अरुंधति पंटावने भी पहले ही दौर में हार गईं। अरुंधति को टूर्नामेंट की चौथी वरीय चीनी खिलाड़ी यानजिआवो जियान ने 21-9, 21-11 से पराजित किया।
इससे पहले, कश्यप ने जहां शानदार जीत के साथ के पुरुषों के एकल वर्ग के दूसरे दौर में जगह बना ली वहीं कोना और पोनप्पा की मिश्रित युगल जोड़ी भी दूसरे दौर में पहुंच गई।
रुपेश कुमार और सानावे थामस भी पहले दौर में मिले वॉक ओवर के बाद आसानी से दूसरे दौर में पहुंच गए। कश्यप ने जोरदार खेल दिखाते हुए बेल्जियम के खिलाड़ी युहान तान को 21-11, 21-14 से हराया। कश्यप ने यह मैच 32 मिनट में जीता। मैच की शुरुआत से ही कश्यप आत्मविश्वास से भरे नजर आ रहे थे।
कश्यप का आत्मविश्वास उनके खेल में दिखा और यही कारण था कि तान दोयम साबित हुए। अगले दौर में कश्यप का सामना थाईलैंड के बूनसाक पोनसाना से होना है। इन दोनों के बीच इससे पहले तीन बार भिड़ंत हो चुकी है, जिसमें से दो बार कश्यप की जीत हुई है।
कोना और पोनप्पा ने मिश्रित युगल में इंडोनेशिया के मोहम्मद रिजाल और डेबी सुसांतो को 20-22, 21-18, 22-20 से पराजित किया। पहली बाधा पार करने में कोना और पोनप्पा को 49 मिनट लगे।
कोना और पोनप्पा का अगले दौर में मुकाबला जापान की सोजी सातो और शिजुका मातसुओ से होगा। दोनों जोड़ियों के बीच यह पहली भिड़ंत होगी।
पुरुषों के युगल वर्ग में जहां रुपेश और सानावे को कोरिया के जेई सुंग जुंग और योंग देई ली की शीर्ष वरीय जोड़ी के खिलाफ वॉकओवर मिला वहीं मनीष गुप्ता और गौरव वेंकट ने अपने ही देश के संजीत एस. और जगदीश यादव की जोड़ी को 21-14, 15-21, 21-15 से पराजित किया।
रुपेश और सानावे अगले दौर में कोरिया के की जुंग किम और सा रांग किम से भिड़ेंगे। इससे पहले दोपहर के सत्र में, क्वालीफाईंग की बाधा पार करके मुख्य दौर में जगह बनाने वाली भारत की नेहा पंडित मलेशियाई खिलाड़ी जिंग यी ती को हराकर महिलाओं के एकल वर्ग के दूसरे दौर में पहुंच गई।
विश्व की 128वीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी नेहा ने 63वीं वरीय ती को 21-18, 9-21, 21-19 से पराजित किया। यह मैच 48 मिनट चला। इसके साथ नेहा ने 2011 सिंगापुर इंटरनेशनल सीरीज में मिली हार का हिसाब ती से बराबर कर लिया।
नेहा ने क्वालीफाईंग के पहले दौर में भारत की तृप्ति मुरगुंडे को पराजित किया था जबकि दूसरे दौर में वह मोहिता सचदेव पर भारी पड़ी थीं। अगले दौर में नेहा सिंगापुर की खिलाड़ी जुआन गू से भिड़ेंगी।
भारत के अजय जयराम ने भी पहली बाधा पार कर ली है। जयराम ने अपने ही देश के सौरव वर्मा को बुधवार को सुबह के सत्र में खेले गए एकल मुकाबले में 21-15, 17-21, 21-11 से हराया।टिप्पणियां
बीते साल इंडिया ओपन में पहली बार खेलते हुए तीसरे दौर तक का सफर तय करने वाले सौरव इस साल कुछ कमाल नहीं दिखा सके। सिरी फोर्ट स्टेडियम में उन्होंने अजय को 55 मिनट तक कोर्ट पर उलझाए रखा लेकिन अंतत: उनकी हार हुई। अजय अगले दौर में टूर्नामेंट के सर्वोच्च वरीय खिलाड़ी चोंग वेई ली के साथ भिड़ेंगे।
महिला वर्ग में युवा खिलाड़ी सिंधु ने भी जीत के साथ शुरुआत की है। सिंधु ने चीनी ताइपे की जु यिंग ताई को 21-17, 21-19 से पराजित किया। सिंधु ने यह मैच 31 मिनट में जीता। अगले दौर में सिंधु की भिड़ंत टूर्नोमंट की आठवीं वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी जी ह्यून सुंग से होगा।
इससे पहले भी यिप और साइना के बीच चार बार भिड़ंत हुई थी, जिसमें साइना ने तीन बार बाजी मारी थी। अगले दौर में साइना की भिड़ंत कोरिया की युओन जू बेई से होगा। विश्व की पांचवीं वरीय खिलाड़ी साइना और 12वीं वरीय जू के बीच अब तक पांच बार भिड़ंत हुई है, जिसमें से चार बार साइना की जीत हुई है।
गुट्टा और दीजू को चीन के तियाओ जियामिंग और जिया हुआन ने 21-18, 21-19 से हराया। गुट्टा और दीजू सिर्फ 35 मिनट तक चीनी जोड़ीदारों की चुनौती दे सकीं।
क्वालीफाईंग की परीक्षा से सफल होकर मुख्य दौर में जगह बनाने वाली नागपुर की राष्ट्रीय चैम्पियन अरुंधति पंटावने भी पहले ही दौर में हार गईं। अरुंधति को टूर्नामेंट की चौथी वरीय चीनी खिलाड़ी यानजिआवो जियान ने 21-9, 21-11 से पराजित किया।
इससे पहले, कश्यप ने जहां शानदार जीत के साथ के पुरुषों के एकल वर्ग के दूसरे दौर में जगह बना ली वहीं कोना और पोनप्पा की मिश्रित युगल जोड़ी भी दूसरे दौर में पहुंच गई।
रुपेश कुमार और सानावे थामस भी पहले दौर में मिले वॉक ओवर के बाद आसानी से दूसरे दौर में पहुंच गए। कश्यप ने जोरदार खेल दिखाते हुए बेल्जियम के खिलाड़ी युहान तान को 21-11, 21-14 से हराया। कश्यप ने यह मैच 32 मिनट में जीता। मैच की शुरुआत से ही कश्यप आत्मविश्वास से भरे नजर आ रहे थे।
कश्यप का आत्मविश्वास उनके खेल में दिखा और यही कारण था कि तान दोयम साबित हुए। अगले दौर में कश्यप का सामना थाईलैंड के बूनसाक पोनसाना से होना है। इन दोनों के बीच इससे पहले तीन बार भिड़ंत हो चुकी है, जिसमें से दो बार कश्यप की जीत हुई है।
कोना और पोनप्पा ने मिश्रित युगल में इंडोनेशिया के मोहम्मद रिजाल और डेबी सुसांतो को 20-22, 21-18, 22-20 से पराजित किया। पहली बाधा पार करने में कोना और पोनप्पा को 49 मिनट लगे।
कोना और पोनप्पा का अगले दौर में मुकाबला जापान की सोजी सातो और शिजुका मातसुओ से होगा। दोनों जोड़ियों के बीच यह पहली भिड़ंत होगी।
पुरुषों के युगल वर्ग में जहां रुपेश और सानावे को कोरिया के जेई सुंग जुंग और योंग देई ली की शीर्ष वरीय जोड़ी के खिलाफ वॉकओवर मिला वहीं मनीष गुप्ता और गौरव वेंकट ने अपने ही देश के संजीत एस. और जगदीश यादव की जोड़ी को 21-14, 15-21, 21-15 से पराजित किया।
रुपेश और सानावे अगले दौर में कोरिया के की जुंग किम और सा रांग किम से भिड़ेंगे। इससे पहले दोपहर के सत्र में, क्वालीफाईंग की बाधा पार करके मुख्य दौर में जगह बनाने वाली भारत की नेहा पंडित मलेशियाई खिलाड़ी जिंग यी ती को हराकर महिलाओं के एकल वर्ग के दूसरे दौर में पहुंच गई।
विश्व की 128वीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी नेहा ने 63वीं वरीय ती को 21-18, 9-21, 21-19 से पराजित किया। यह मैच 48 मिनट चला। इसके साथ नेहा ने 2011 सिंगापुर इंटरनेशनल सीरीज में मिली हार का हिसाब ती से बराबर कर लिया।
नेहा ने क्वालीफाईंग के पहले दौर में भारत की तृप्ति मुरगुंडे को पराजित किया था जबकि दूसरे दौर में वह मोहिता सचदेव पर भारी पड़ी थीं। अगले दौर में नेहा सिंगापुर की खिलाड़ी जुआन गू से भिड़ेंगी।
भारत के अजय जयराम ने भी पहली बाधा पार कर ली है। जयराम ने अपने ही देश के सौरव वर्मा को बुधवार को सुबह के सत्र में खेले गए एकल मुकाबले में 21-15, 17-21, 21-11 से हराया।टिप्पणियां
बीते साल इंडिया ओपन में पहली बार खेलते हुए तीसरे दौर तक का सफर तय करने वाले सौरव इस साल कुछ कमाल नहीं दिखा सके। सिरी फोर्ट स्टेडियम में उन्होंने अजय को 55 मिनट तक कोर्ट पर उलझाए रखा लेकिन अंतत: उनकी हार हुई। अजय अगले दौर में टूर्नामेंट के सर्वोच्च वरीय खिलाड़ी चोंग वेई ली के साथ भिड़ेंगे।
महिला वर्ग में युवा खिलाड़ी सिंधु ने भी जीत के साथ शुरुआत की है। सिंधु ने चीनी ताइपे की जु यिंग ताई को 21-17, 21-19 से पराजित किया। सिंधु ने यह मैच 31 मिनट में जीता। अगले दौर में सिंधु की भिड़ंत टूर्नोमंट की आठवीं वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी जी ह्यून सुंग से होगा।
गुट्टा और दीजू को चीन के तियाओ जियामिंग और जिया हुआन ने 21-18, 21-19 से हराया। गुट्टा और दीजू सिर्फ 35 मिनट तक चीनी जोड़ीदारों की चुनौती दे सकीं।
क्वालीफाईंग की परीक्षा से सफल होकर मुख्य दौर में जगह बनाने वाली नागपुर की राष्ट्रीय चैम्पियन अरुंधति पंटावने भी पहले ही दौर में हार गईं। अरुंधति को टूर्नामेंट की चौथी वरीय चीनी खिलाड़ी यानजिआवो जियान ने 21-9, 21-11 से पराजित किया।
इससे पहले, कश्यप ने जहां शानदार जीत के साथ के पुरुषों के एकल वर्ग के दूसरे दौर में जगह बना ली वहीं कोना और पोनप्पा की मिश्रित युगल जोड़ी भी दूसरे दौर में पहुंच गई।
रुपेश कुमार और सानावे थामस भी पहले दौर में मिले वॉक ओवर के बाद आसानी से दूसरे दौर में पहुंच गए। कश्यप ने जोरदार खेल दिखाते हुए बेल्जियम के खिलाड़ी युहान तान को 21-11, 21-14 से हराया। कश्यप ने यह मैच 32 मिनट में जीता। मैच की शुरुआत से ही कश्यप आत्मविश्वास से भरे नजर आ रहे थे।
कश्यप का आत्मविश्वास उनके खेल में दिखा और यही कारण था कि तान दोयम साबित हुए। अगले दौर में कश्यप का सामना थाईलैंड के बूनसाक पोनसाना से होना है। इन दोनों के बीच इससे पहले तीन बार भिड़ंत हो चुकी है, जिसमें से दो बार कश्यप की जीत हुई है।
कोना और पोनप्पा ने मिश्रित युगल में इंडोनेशिया के मोहम्मद रिजाल और डेबी सुसांतो को 20-22, 21-18, 22-20 से पराजित किया। पहली बाधा पार करने में कोना और पोनप्पा को 49 मिनट लगे।
कोना और पोनप्पा का अगले दौर में मुकाबला जापान की सोजी सातो और शिजुका मातसुओ से होगा। दोनों जोड़ियों के बीच यह पहली भिड़ंत होगी।
पुरुषों के युगल वर्ग में जहां रुपेश और सानावे को कोरिया के जेई सुंग जुंग और योंग देई ली की शीर्ष वरीय जोड़ी के खिलाफ वॉकओवर मिला वहीं मनीष गुप्ता और गौरव वेंकट ने अपने ही देश के संजीत एस. और जगदीश यादव की जोड़ी को 21-14, 15-21, 21-15 से पराजित किया।
रुपेश और सानावे अगले दौर में कोरिया के की जुंग किम और सा रांग किम से भिड़ेंगे। इससे पहले दोपहर के सत्र में, क्वालीफाईंग की बाधा पार करके मुख्य दौर में जगह बनाने वाली भारत की नेहा पंडित मलेशियाई खिलाड़ी जिंग यी ती को हराकर महिलाओं के एकल वर्ग के दूसरे दौर में पहुंच गई।
विश्व की 128वीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी नेहा ने 63वीं वरीय ती को 21-18, 9-21, 21-19 से पराजित किया। यह मैच 48 मिनट चला। इसके साथ नेहा ने 2011 सिंगापुर इंटरनेशनल सीरीज में मिली हार का हिसाब ती से बराबर कर लिया।
नेहा ने क्वालीफाईंग के पहले दौर में भारत की तृप्ति मुरगुंडे को पराजित किया था जबकि दूसरे दौर में वह मोहिता सचदेव पर भारी पड़ी थीं। अगले दौर में नेहा सिंगापुर की खिलाड़ी जुआन गू से भिड़ेंगी।
भारत के अजय जयराम ने भी पहली बाधा पार कर ली है। जयराम ने अपने ही देश के सौरव वर्मा को बुधवार को सुबह के सत्र में खेले गए एकल मुकाबले में 21-15, 17-21, 21-11 से हराया।टिप्पणियां
बीते साल इंडिया ओपन में पहली बार खेलते हुए तीसरे दौर तक का सफर तय करने वाले सौरव इस साल कुछ कमाल नहीं दिखा सके। सिरी फोर्ट स्टेडियम में उन्होंने अजय को 55 मिनट तक कोर्ट पर उलझाए रखा लेकिन अंतत: उनकी हार हुई। अजय अगले दौर में टूर्नामेंट के सर्वोच्च वरीय खिलाड़ी चोंग वेई ली के साथ भिड़ेंगे।
महिला वर्ग में युवा खिलाड़ी सिंधु ने भी जीत के साथ शुरुआत की है। सिंधु ने चीनी ताइपे की जु यिंग ताई को 21-17, 21-19 से पराजित किया। सिंधु ने यह मैच 31 मिनट में जीता। अगले दौर में सिंधु की भिड़ंत टूर्नोमंट की आठवीं वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी जी ह्यून सुंग से होगा।
क्वालीफाईंग की परीक्षा से सफल होकर मुख्य दौर में जगह बनाने वाली नागपुर की राष्ट्रीय चैम्पियन अरुंधति पंटावने भी पहले ही दौर में हार गईं। अरुंधति को टूर्नामेंट की चौथी वरीय चीनी खिलाड़ी यानजिआवो जियान ने 21-9, 21-11 से पराजित किया।
इससे पहले, कश्यप ने जहां शानदार जीत के साथ के पुरुषों के एकल वर्ग के दूसरे दौर में जगह बना ली वहीं कोना और पोनप्पा की मिश्रित युगल जोड़ी भी दूसरे दौर में पहुंच गई।
रुपेश कुमार और सानावे थामस भी पहले दौर में मिले वॉक ओवर के बाद आसानी से दूसरे दौर में पहुंच गए। कश्यप ने जोरदार खेल दिखाते हुए बेल्जियम के खिलाड़ी युहान तान को 21-11, 21-14 से हराया। कश्यप ने यह मैच 32 मिनट में जीता। मैच की शुरुआत से ही कश्यप आत्मविश्वास से भरे नजर आ रहे थे।
कश्यप का आत्मविश्वास उनके खेल में दिखा और यही कारण था कि तान दोयम साबित हुए। अगले दौर में कश्यप का सामना थाईलैंड के बूनसाक पोनसाना से होना है। इन दोनों के बीच इससे पहले तीन बार भिड़ंत हो चुकी है, जिसमें से दो बार कश्यप की जीत हुई है।
कोना और पोनप्पा ने मिश्रित युगल में इंडोनेशिया के मोहम्मद रिजाल और डेबी सुसांतो को 20-22, 21-18, 22-20 से पराजित किया। पहली बाधा पार करने में कोना और पोनप्पा को 49 मिनट लगे।
कोना और पोनप्पा का अगले दौर में मुकाबला जापान की सोजी सातो और शिजुका मातसुओ से होगा। दोनों जोड़ियों के बीच यह पहली भिड़ंत होगी।
पुरुषों के युगल वर्ग में जहां रुपेश और सानावे को कोरिया के जेई सुंग जुंग और योंग देई ली की शीर्ष वरीय जोड़ी के खिलाफ वॉकओवर मिला वहीं मनीष गुप्ता और गौरव वेंकट ने अपने ही देश के संजीत एस. और जगदीश यादव की जोड़ी को 21-14, 15-21, 21-15 से पराजित किया।
रुपेश और सानावे अगले दौर में कोरिया के की जुंग किम और सा रांग किम से भिड़ेंगे। इससे पहले दोपहर के सत्र में, क्वालीफाईंग की बाधा पार करके मुख्य दौर में जगह बनाने वाली भारत की नेहा पंडित मलेशियाई खिलाड़ी जिंग यी ती को हराकर महिलाओं के एकल वर्ग के दूसरे दौर में पहुंच गई।
विश्व की 128वीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी नेहा ने 63वीं वरीय ती को 21-18, 9-21, 21-19 से पराजित किया। यह मैच 48 मिनट चला। इसके साथ नेहा ने 2011 सिंगापुर इंटरनेशनल सीरीज में मिली हार का हिसाब ती से बराबर कर लिया।
नेहा ने क्वालीफाईंग के पहले दौर में भारत की तृप्ति मुरगुंडे को पराजित किया था जबकि दूसरे दौर में वह मोहिता सचदेव पर भारी पड़ी थीं। अगले दौर में नेहा सिंगापुर की खिलाड़ी जुआन गू से भिड़ेंगी।
भारत के अजय जयराम ने भी पहली बाधा पार कर ली है। जयराम ने अपने ही देश के सौरव वर्मा को बुधवार को सुबह के सत्र में खेले गए एकल मुकाबले में 21-15, 17-21, 21-11 से हराया।टिप्पणियां
बीते साल इंडिया ओपन में पहली बार खेलते हुए तीसरे दौर तक का सफर तय करने वाले सौरव इस साल कुछ कमाल नहीं दिखा सके। सिरी फोर्ट स्टेडियम में उन्होंने अजय को 55 मिनट तक कोर्ट पर उलझाए रखा लेकिन अंतत: उनकी हार हुई। अजय अगले दौर में टूर्नामेंट के सर्वोच्च वरीय खिलाड़ी चोंग वेई ली के साथ भिड़ेंगे।
महिला वर्ग में युवा खिलाड़ी सिंधु ने भी जीत के साथ शुरुआत की है। सिंधु ने चीनी ताइपे की जु यिंग ताई को 21-17, 21-19 से पराजित किया। सिंधु ने यह मैच 31 मिनट में जीता। अगले दौर में सिंधु की भिड़ंत टूर्नोमंट की आठवीं वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी जी ह्यून सुंग से होगा।
इससे पहले, कश्यप ने जहां शानदार जीत के साथ के पुरुषों के एकल वर्ग के दूसरे दौर में जगह बना ली वहीं कोना और पोनप्पा की मिश्रित युगल जोड़ी भी दूसरे दौर में पहुंच गई।
रुपेश कुमार और सानावे थामस भी पहले दौर में मिले वॉक ओवर के बाद आसानी से दूसरे दौर में पहुंच गए। कश्यप ने जोरदार खेल दिखाते हुए बेल्जियम के खिलाड़ी युहान तान को 21-11, 21-14 से हराया। कश्यप ने यह मैच 32 मिनट में जीता। मैच की शुरुआत से ही कश्यप आत्मविश्वास से भरे नजर आ रहे थे।
कश्यप का आत्मविश्वास उनके खेल में दिखा और यही कारण था कि तान दोयम साबित हुए। अगले दौर में कश्यप का सामना थाईलैंड के बूनसाक पोनसाना से होना है। इन दोनों के बीच इससे पहले तीन बार भिड़ंत हो चुकी है, जिसमें से दो बार कश्यप की जीत हुई है।
कोना और पोनप्पा ने मिश्रित युगल में इंडोनेशिया के मोहम्मद रिजाल और डेबी सुसांतो को 20-22, 21-18, 22-20 से पराजित किया। पहली बाधा पार करने में कोना और पोनप्पा को 49 मिनट लगे।
कोना और पोनप्पा का अगले दौर में मुकाबला जापान की सोजी सातो और शिजुका मातसुओ से होगा। दोनों जोड़ियों के बीच यह पहली भिड़ंत होगी।
पुरुषों के युगल वर्ग में जहां रुपेश और सानावे को कोरिया के जेई सुंग जुंग और योंग देई ली की शीर्ष वरीय जोड़ी के खिलाफ वॉकओवर मिला वहीं मनीष गुप्ता और गौरव वेंकट ने अपने ही देश के संजीत एस. और जगदीश यादव की जोड़ी को 21-14, 15-21, 21-15 से पराजित किया।
रुपेश और सानावे अगले दौर में कोरिया के की जुंग किम और सा रांग किम से भिड़ेंगे। इससे पहले दोपहर के सत्र में, क्वालीफाईंग की बाधा पार करके मुख्य दौर में जगह बनाने वाली भारत की नेहा पंडित मलेशियाई खिलाड़ी जिंग यी ती को हराकर महिलाओं के एकल वर्ग के दूसरे दौर में पहुंच गई।
विश्व की 128वीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी नेहा ने 63वीं वरीय ती को 21-18, 9-21, 21-19 से पराजित किया। यह मैच 48 मिनट चला। इसके साथ नेहा ने 2011 सिंगापुर इंटरनेशनल सीरीज में मिली हार का हिसाब ती से बराबर कर लिया।
नेहा ने क्वालीफाईंग के पहले दौर में भारत की तृप्ति मुरगुंडे को पराजित किया था जबकि दूसरे दौर में वह मोहिता सचदेव पर भारी पड़ी थीं। अगले दौर में नेहा सिंगापुर की खिलाड़ी जुआन गू से भिड़ेंगी।
भारत के अजय जयराम ने भी पहली बाधा पार कर ली है। जयराम ने अपने ही देश के सौरव वर्मा को बुधवार को सुबह के सत्र में खेले गए एकल मुकाबले में 21-15, 17-21, 21-11 से हराया।टिप्पणियां
बीते साल इंडिया ओपन में पहली बार खेलते हुए तीसरे दौर तक का सफर तय करने वाले सौरव इस साल कुछ कमाल नहीं दिखा सके। सिरी फोर्ट स्टेडियम में उन्होंने अजय को 55 मिनट तक कोर्ट पर उलझाए रखा लेकिन अंतत: उनकी हार हुई। अजय अगले दौर में टूर्नामेंट के सर्वोच्च वरीय खिलाड़ी चोंग वेई ली के साथ भिड़ेंगे।
महिला वर्ग में युवा खिलाड़ी सिंधु ने भी जीत के साथ शुरुआत की है। सिंधु ने चीनी ताइपे की जु यिंग ताई को 21-17, 21-19 से पराजित किया। सिंधु ने यह मैच 31 मिनट में जीता। अगले दौर में सिंधु की भिड़ंत टूर्नोमंट की आठवीं वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी जी ह्यून सुंग से होगा।
रुपेश कुमार और सानावे थामस भी पहले दौर में मिले वॉक ओवर के बाद आसानी से दूसरे दौर में पहुंच गए। कश्यप ने जोरदार खेल दिखाते हुए बेल्जियम के खिलाड़ी युहान तान को 21-11, 21-14 से हराया। कश्यप ने यह मैच 32 मिनट में जीता। मैच की शुरुआत से ही कश्यप आत्मविश्वास से भरे नजर आ रहे थे।
कश्यप का आत्मविश्वास उनके खेल में दिखा और यही कारण था कि तान दोयम साबित हुए। अगले दौर में कश्यप का सामना थाईलैंड के बूनसाक पोनसाना से होना है। इन दोनों के बीच इससे पहले तीन बार भिड़ंत हो चुकी है, जिसमें से दो बार कश्यप की जीत हुई है।
कोना और पोनप्पा ने मिश्रित युगल में इंडोनेशिया के मोहम्मद रिजाल और डेबी सुसांतो को 20-22, 21-18, 22-20 से पराजित किया। पहली बाधा पार करने में कोना और पोनप्पा को 49 मिनट लगे।
कोना और पोनप्पा का अगले दौर में मुकाबला जापान की सोजी सातो और शिजुका मातसुओ से होगा। दोनों जोड़ियों के बीच यह पहली भिड़ंत होगी।
पुरुषों के युगल वर्ग में जहां रुपेश और सानावे को कोरिया के जेई सुंग जुंग और योंग देई ली की शीर्ष वरीय जोड़ी के खिलाफ वॉकओवर मिला वहीं मनीष गुप्ता और गौरव वेंकट ने अपने ही देश के संजीत एस. और जगदीश यादव की जोड़ी को 21-14, 15-21, 21-15 से पराजित किया।
रुपेश और सानावे अगले दौर में कोरिया के की जुंग किम और सा रांग किम से भिड़ेंगे। इससे पहले दोपहर के सत्र में, क्वालीफाईंग की बाधा पार करके मुख्य दौर में जगह बनाने वाली भारत की नेहा पंडित मलेशियाई खिलाड़ी जिंग यी ती को हराकर महिलाओं के एकल वर्ग के दूसरे दौर में पहुंच गई।
विश्व की 128वीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी नेहा ने 63वीं वरीय ती को 21-18, 9-21, 21-19 से पराजित किया। यह मैच 48 मिनट चला। इसके साथ नेहा ने 2011 सिंगापुर इंटरनेशनल सीरीज में मिली हार का हिसाब ती से बराबर कर लिया।
नेहा ने क्वालीफाईंग के पहले दौर में भारत की तृप्ति मुरगुंडे को पराजित किया था जबकि दूसरे दौर में वह मोहिता सचदेव पर भारी पड़ी थीं। अगले दौर में नेहा सिंगापुर की खिलाड़ी जुआन गू से भिड़ेंगी।
भारत के अजय जयराम ने भी पहली बाधा पार कर ली है। जयराम ने अपने ही देश के सौरव वर्मा को बुधवार को सुबह के सत्र में खेले गए एकल मुकाबले में 21-15, 17-21, 21-11 से हराया।टिप्पणियां
बीते साल इंडिया ओपन में पहली बार खेलते हुए तीसरे दौर तक का सफर तय करने वाले सौरव इस साल कुछ कमाल नहीं दिखा सके। सिरी फोर्ट स्टेडियम में उन्होंने अजय को 55 मिनट तक कोर्ट पर उलझाए रखा लेकिन अंतत: उनकी हार हुई। अजय अगले दौर में टूर्नामेंट के सर्वोच्च वरीय खिलाड़ी चोंग वेई ली के साथ भिड़ेंगे।
महिला वर्ग में युवा खिलाड़ी सिंधु ने भी जीत के साथ शुरुआत की है। सिंधु ने चीनी ताइपे की जु यिंग ताई को 21-17, 21-19 से पराजित किया। सिंधु ने यह मैच 31 मिनट में जीता। अगले दौर में सिंधु की भिड़ंत टूर्नोमंट की आठवीं वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी जी ह्यून सुंग से होगा।
कश्यप का आत्मविश्वास उनके खेल में दिखा और यही कारण था कि तान दोयम साबित हुए। अगले दौर में कश्यप का सामना थाईलैंड के बूनसाक पोनसाना से होना है। इन दोनों के बीच इससे पहले तीन बार भिड़ंत हो चुकी है, जिसमें से दो बार कश्यप की जीत हुई है।
कोना और पोनप्पा ने मिश्रित युगल में इंडोनेशिया के मोहम्मद रिजाल और डेबी सुसांतो को 20-22, 21-18, 22-20 से पराजित किया। पहली बाधा पार करने में कोना और पोनप्पा को 49 मिनट लगे।
कोना और पोनप्पा का अगले दौर में मुकाबला जापान की सोजी सातो और शिजुका मातसुओ से होगा। दोनों जोड़ियों के बीच यह पहली भिड़ंत होगी।
पुरुषों के युगल वर्ग में जहां रुपेश और सानावे को कोरिया के जेई सुंग जुंग और योंग देई ली की शीर्ष वरीय जोड़ी के खिलाफ वॉकओवर मिला वहीं मनीष गुप्ता और गौरव वेंकट ने अपने ही देश के संजीत एस. और जगदीश यादव की जोड़ी को 21-14, 15-21, 21-15 से पराजित किया।
रुपेश और सानावे अगले दौर में कोरिया के की जुंग किम और सा रांग किम से भिड़ेंगे। इससे पहले दोपहर के सत्र में, क्वालीफाईंग की बाधा पार करके मुख्य दौर में जगह बनाने वाली भारत की नेहा पंडित मलेशियाई खिलाड़ी जिंग यी ती को हराकर महिलाओं के एकल वर्ग के दूसरे दौर में पहुंच गई।
विश्व की 128वीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी नेहा ने 63वीं वरीय ती को 21-18, 9-21, 21-19 से पराजित किया। यह मैच 48 मिनट चला। इसके साथ नेहा ने 2011 सिंगापुर इंटरनेशनल सीरीज में मिली हार का हिसाब ती से बराबर कर लिया।
नेहा ने क्वालीफाईंग के पहले दौर में भारत की तृप्ति मुरगुंडे को पराजित किया था जबकि दूसरे दौर में वह मोहिता सचदेव पर भारी पड़ी थीं। अगले दौर में नेहा सिंगापुर की खिलाड़ी जुआन गू से भिड़ेंगी।
भारत के अजय जयराम ने भी पहली बाधा पार कर ली है। जयराम ने अपने ही देश के सौरव वर्मा को बुधवार को सुबह के सत्र में खेले गए एकल मुकाबले में 21-15, 17-21, 21-11 से हराया।टिप्पणियां
बीते साल इंडिया ओपन में पहली बार खेलते हुए तीसरे दौर तक का सफर तय करने वाले सौरव इस साल कुछ कमाल नहीं दिखा सके। सिरी फोर्ट स्टेडियम में उन्होंने अजय को 55 मिनट तक कोर्ट पर उलझाए रखा लेकिन अंतत: उनकी हार हुई। अजय अगले दौर में टूर्नामेंट के सर्वोच्च वरीय खिलाड़ी चोंग वेई ली के साथ भिड़ेंगे।
महिला वर्ग में युवा खिलाड़ी सिंधु ने भी जीत के साथ शुरुआत की है। सिंधु ने चीनी ताइपे की जु यिंग ताई को 21-17, 21-19 से पराजित किया। सिंधु ने यह मैच 31 मिनट में जीता। अगले दौर में सिंधु की भिड़ंत टूर्नोमंट की आठवीं वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी जी ह्यून सुंग से होगा।
कोना और पोनप्पा ने मिश्रित युगल में इंडोनेशिया के मोहम्मद रिजाल और डेबी सुसांतो को 20-22, 21-18, 22-20 से पराजित किया। पहली बाधा पार करने में कोना और पोनप्पा को 49 मिनट लगे।
कोना और पोनप्पा का अगले दौर में मुकाबला जापान की सोजी सातो और शिजुका मातसुओ से होगा। दोनों जोड़ियों के बीच यह पहली भिड़ंत होगी।
पुरुषों के युगल वर्ग में जहां रुपेश और सानावे को कोरिया के जेई सुंग जुंग और योंग देई ली की शीर्ष वरीय जोड़ी के खिलाफ वॉकओवर मिला वहीं मनीष गुप्ता और गौरव वेंकट ने अपने ही देश के संजीत एस. और जगदीश यादव की जोड़ी को 21-14, 15-21, 21-15 से पराजित किया।
रुपेश और सानावे अगले दौर में कोरिया के की जुंग किम और सा रांग किम से भिड़ेंगे। इससे पहले दोपहर के सत्र में, क्वालीफाईंग की बाधा पार करके मुख्य दौर में जगह बनाने वाली भारत की नेहा पंडित मलेशियाई खिलाड़ी जिंग यी ती को हराकर महिलाओं के एकल वर्ग के दूसरे दौर में पहुंच गई।
विश्व की 128वीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी नेहा ने 63वीं वरीय ती को 21-18, 9-21, 21-19 से पराजित किया। यह मैच 48 मिनट चला। इसके साथ नेहा ने 2011 सिंगापुर इंटरनेशनल सीरीज में मिली हार का हिसाब ती से बराबर कर लिया।
नेहा ने क्वालीफाईंग के पहले दौर में भारत की तृप्ति मुरगुंडे को पराजित किया था जबकि दूसरे दौर में वह मोहिता सचदेव पर भारी पड़ी थीं। अगले दौर में नेहा सिंगापुर की खिलाड़ी जुआन गू से भिड़ेंगी।
भारत के अजय जयराम ने भी पहली बाधा पार कर ली है। जयराम ने अपने ही देश के सौरव वर्मा को बुधवार को सुबह के सत्र में खेले गए एकल मुकाबले में 21-15, 17-21, 21-11 से हराया।टिप्पणियां
बीते साल इंडिया ओपन में पहली बार खेलते हुए तीसरे दौर तक का सफर तय करने वाले सौरव इस साल कुछ कमाल नहीं दिखा सके। सिरी फोर्ट स्टेडियम में उन्होंने अजय को 55 मिनट तक कोर्ट पर उलझाए रखा लेकिन अंतत: उनकी हार हुई। अजय अगले दौर में टूर्नामेंट के सर्वोच्च वरीय खिलाड़ी चोंग वेई ली के साथ भिड़ेंगे।
महिला वर्ग में युवा खिलाड़ी सिंधु ने भी जीत के साथ शुरुआत की है। सिंधु ने चीनी ताइपे की जु यिंग ताई को 21-17, 21-19 से पराजित किया। सिंधु ने यह मैच 31 मिनट में जीता। अगले दौर में सिंधु की भिड़ंत टूर्नोमंट की आठवीं वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी जी ह्यून सुंग से होगा।
कोना और पोनप्पा का अगले दौर में मुकाबला जापान की सोजी सातो और शिजुका मातसुओ से होगा। दोनों जोड़ियों के बीच यह पहली भिड़ंत होगी।
पुरुषों के युगल वर्ग में जहां रुपेश और सानावे को कोरिया के जेई सुंग जुंग और योंग देई ली की शीर्ष वरीय जोड़ी के खिलाफ वॉकओवर मिला वहीं मनीष गुप्ता और गौरव वेंकट ने अपने ही देश के संजीत एस. और जगदीश यादव की जोड़ी को 21-14, 15-21, 21-15 से पराजित किया।
रुपेश और सानावे अगले दौर में कोरिया के की जुंग किम और सा रांग किम से भिड़ेंगे। इससे पहले दोपहर के सत्र में, क्वालीफाईंग की बाधा पार करके मुख्य दौर में जगह बनाने वाली भारत की नेहा पंडित मलेशियाई खिलाड़ी जिंग यी ती को हराकर महिलाओं के एकल वर्ग के दूसरे दौर में पहुंच गई।
विश्व की 128वीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी नेहा ने 63वीं वरीय ती को 21-18, 9-21, 21-19 से पराजित किया। यह मैच 48 मिनट चला। इसके साथ नेहा ने 2011 सिंगापुर इंटरनेशनल सीरीज में मिली हार का हिसाब ती से बराबर कर लिया।
नेहा ने क्वालीफाईंग के पहले दौर में भारत की तृप्ति मुरगुंडे को पराजित किया था जबकि दूसरे दौर में वह मोहिता सचदेव पर भारी पड़ी थीं। अगले दौर में नेहा सिंगापुर की खिलाड़ी जुआन गू से भिड़ेंगी।
भारत के अजय जयराम ने भी पहली बाधा पार कर ली है। जयराम ने अपने ही देश के सौरव वर्मा को बुधवार को सुबह के सत्र में खेले गए एकल मुकाबले में 21-15, 17-21, 21-11 से हराया।टिप्पणियां
बीते साल इंडिया ओपन में पहली बार खेलते हुए तीसरे दौर तक का सफर तय करने वाले सौरव इस साल कुछ कमाल नहीं दिखा सके। सिरी फोर्ट स्टेडियम में उन्होंने अजय को 55 मिनट तक कोर्ट पर उलझाए रखा लेकिन अंतत: उनकी हार हुई। अजय अगले दौर में टूर्नामेंट के सर्वोच्च वरीय खिलाड़ी चोंग वेई ली के साथ भिड़ेंगे।
महिला वर्ग में युवा खिलाड़ी सिंधु ने भी जीत के साथ शुरुआत की है। सिंधु ने चीनी ताइपे की जु यिंग ताई को 21-17, 21-19 से पराजित किया। सिंधु ने यह मैच 31 मिनट में जीता। अगले दौर में सिंधु की भिड़ंत टूर्नोमंट की आठवीं वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी जी ह्यून सुंग से होगा।
पुरुषों के युगल वर्ग में जहां रुपेश और सानावे को कोरिया के जेई सुंग जुंग और योंग देई ली की शीर्ष वरीय जोड़ी के खिलाफ वॉकओवर मिला वहीं मनीष गुप्ता और गौरव वेंकट ने अपने ही देश के संजीत एस. और जगदीश यादव की जोड़ी को 21-14, 15-21, 21-15 से पराजित किया।
रुपेश और सानावे अगले दौर में कोरिया के की जुंग किम और सा रांग किम से भिड़ेंगे। इससे पहले दोपहर के सत्र में, क्वालीफाईंग की बाधा पार करके मुख्य दौर में जगह बनाने वाली भारत की नेहा पंडित मलेशियाई खिलाड़ी जिंग यी ती को हराकर महिलाओं के एकल वर्ग के दूसरे दौर में पहुंच गई।
विश्व की 128वीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी नेहा ने 63वीं वरीय ती को 21-18, 9-21, 21-19 से पराजित किया। यह मैच 48 मिनट चला। इसके साथ नेहा ने 2011 सिंगापुर इंटरनेशनल सीरीज में मिली हार का हिसाब ती से बराबर कर लिया।
नेहा ने क्वालीफाईंग के पहले दौर में भारत की तृप्ति मुरगुंडे को पराजित किया था जबकि दूसरे दौर में वह मोहिता सचदेव पर भारी पड़ी थीं। अगले दौर में नेहा सिंगापुर की खिलाड़ी जुआन गू से भिड़ेंगी।
भारत के अजय जयराम ने भी पहली बाधा पार कर ली है। जयराम ने अपने ही देश के सौरव वर्मा को बुधवार को सुबह के सत्र में खेले गए एकल मुकाबले में 21-15, 17-21, 21-11 से हराया।टिप्पणियां
बीते साल इंडिया ओपन में पहली बार खेलते हुए तीसरे दौर तक का सफर तय करने वाले सौरव इस साल कुछ कमाल नहीं दिखा सके। सिरी फोर्ट स्टेडियम में उन्होंने अजय को 55 मिनट तक कोर्ट पर उलझाए रखा लेकिन अंतत: उनकी हार हुई। अजय अगले दौर में टूर्नामेंट के सर्वोच्च वरीय खिलाड़ी चोंग वेई ली के साथ भिड़ेंगे।
महिला वर्ग में युवा खिलाड़ी सिंधु ने भी जीत के साथ शुरुआत की है। सिंधु ने चीनी ताइपे की जु यिंग ताई को 21-17, 21-19 से पराजित किया। सिंधु ने यह मैच 31 मिनट में जीता। अगले दौर में सिंधु की भिड़ंत टूर्नोमंट की आठवीं वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी जी ह्यून सुंग से होगा।
रुपेश और सानावे अगले दौर में कोरिया के की जुंग किम और सा रांग किम से भिड़ेंगे। इससे पहले दोपहर के सत्र में, क्वालीफाईंग की बाधा पार करके मुख्य दौर में जगह बनाने वाली भारत की नेहा पंडित मलेशियाई खिलाड़ी जिंग यी ती को हराकर महिलाओं के एकल वर्ग के दूसरे दौर में पहुंच गई।
विश्व की 128वीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी नेहा ने 63वीं वरीय ती को 21-18, 9-21, 21-19 से पराजित किया। यह मैच 48 मिनट चला। इसके साथ नेहा ने 2011 सिंगापुर इंटरनेशनल सीरीज में मिली हार का हिसाब ती से बराबर कर लिया।
नेहा ने क्वालीफाईंग के पहले दौर में भारत की तृप्ति मुरगुंडे को पराजित किया था जबकि दूसरे दौर में वह मोहिता सचदेव पर भारी पड़ी थीं। अगले दौर में नेहा सिंगापुर की खिलाड़ी जुआन गू से भिड़ेंगी।
भारत के अजय जयराम ने भी पहली बाधा पार कर ली है। जयराम ने अपने ही देश के सौरव वर्मा को बुधवार को सुबह के सत्र में खेले गए एकल मुकाबले में 21-15, 17-21, 21-11 से हराया।टिप्पणियां
बीते साल इंडिया ओपन में पहली बार खेलते हुए तीसरे दौर तक का सफर तय करने वाले सौरव इस साल कुछ कमाल नहीं दिखा सके। सिरी फोर्ट स्टेडियम में उन्होंने अजय को 55 मिनट तक कोर्ट पर उलझाए रखा लेकिन अंतत: उनकी हार हुई। अजय अगले दौर में टूर्नामेंट के सर्वोच्च वरीय खिलाड़ी चोंग वेई ली के साथ भिड़ेंगे।
महिला वर्ग में युवा खिलाड़ी सिंधु ने भी जीत के साथ शुरुआत की है। सिंधु ने चीनी ताइपे की जु यिंग ताई को 21-17, 21-19 से पराजित किया। सिंधु ने यह मैच 31 मिनट में जीता। अगले दौर में सिंधु की भिड़ंत टूर्नोमंट की आठवीं वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी जी ह्यून सुंग से होगा।
विश्व की 128वीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी नेहा ने 63वीं वरीय ती को 21-18, 9-21, 21-19 से पराजित किया। यह मैच 48 मिनट चला। इसके साथ नेहा ने 2011 सिंगापुर इंटरनेशनल सीरीज में मिली हार का हिसाब ती से बराबर कर लिया।
नेहा ने क्वालीफाईंग के पहले दौर में भारत की तृप्ति मुरगुंडे को पराजित किया था जबकि दूसरे दौर में वह मोहिता सचदेव पर भारी पड़ी थीं। अगले दौर में नेहा सिंगापुर की खिलाड़ी जुआन गू से भिड़ेंगी।
भारत के अजय जयराम ने भी पहली बाधा पार कर ली है। जयराम ने अपने ही देश के सौरव वर्मा को बुधवार को सुबह के सत्र में खेले गए एकल मुकाबले में 21-15, 17-21, 21-11 से हराया।टिप्पणियां
बीते साल इंडिया ओपन में पहली बार खेलते हुए तीसरे दौर तक का सफर तय करने वाले सौरव इस साल कुछ कमाल नहीं दिखा सके। सिरी फोर्ट स्टेडियम में उन्होंने अजय को 55 मिनट तक कोर्ट पर उलझाए रखा लेकिन अंतत: उनकी हार हुई। अजय अगले दौर में टूर्नामेंट के सर्वोच्च वरीय खिलाड़ी चोंग वेई ली के साथ भिड़ेंगे।
महिला वर्ग में युवा खिलाड़ी सिंधु ने भी जीत के साथ शुरुआत की है। सिंधु ने चीनी ताइपे की जु यिंग ताई को 21-17, 21-19 से पराजित किया। सिंधु ने यह मैच 31 मिनट में जीता। अगले दौर में सिंधु की भिड़ंत टूर्नोमंट की आठवीं वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी जी ह्यून सुंग से होगा।
नेहा ने क्वालीफाईंग के पहले दौर में भारत की तृप्ति मुरगुंडे को पराजित किया था जबकि दूसरे दौर में वह मोहिता सचदेव पर भारी पड़ी थीं। अगले दौर में नेहा सिंगापुर की खिलाड़ी जुआन गू से भिड़ेंगी।
भारत के अजय जयराम ने भी पहली बाधा पार कर ली है। जयराम ने अपने ही देश के सौरव वर्मा को बुधवार को सुबह के सत्र में खेले गए एकल मुकाबले में 21-15, 17-21, 21-11 से हराया।टिप्पणियां
बीते साल इंडिया ओपन में पहली बार खेलते हुए तीसरे दौर तक का सफर तय करने वाले सौरव इस साल कुछ कमाल नहीं दिखा सके। सिरी फोर्ट स्टेडियम में उन्होंने अजय को 55 मिनट तक कोर्ट पर उलझाए रखा लेकिन अंतत: उनकी हार हुई। अजय अगले दौर में टूर्नामेंट के सर्वोच्च वरीय खिलाड़ी चोंग वेई ली के साथ भिड़ेंगे।
महिला वर्ग में युवा खिलाड़ी सिंधु ने भी जीत के साथ शुरुआत की है। सिंधु ने चीनी ताइपे की जु यिंग ताई को 21-17, 21-19 से पराजित किया। सिंधु ने यह मैच 31 मिनट में जीता। अगले दौर में सिंधु की भिड़ंत टूर्नोमंट की आठवीं वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी जी ह्यून सुंग से होगा।
भारत के अजय जयराम ने भी पहली बाधा पार कर ली है। जयराम ने अपने ही देश के सौरव वर्मा को बुधवार को सुबह के सत्र में खेले गए एकल मुकाबले में 21-15, 17-21, 21-11 से हराया।टिप्पणियां
बीते साल इंडिया ओपन में पहली बार खेलते हुए तीसरे दौर तक का सफर तय करने वाले सौरव इस साल कुछ कमाल नहीं दिखा सके। सिरी फोर्ट स्टेडियम में उन्होंने अजय को 55 मिनट तक कोर्ट पर उलझाए रखा लेकिन अंतत: उनकी हार हुई। अजय अगले दौर में टूर्नामेंट के सर्वोच्च वरीय खिलाड़ी चोंग वेई ली के साथ भिड़ेंगे।
महिला वर्ग में युवा खिलाड़ी सिंधु ने भी जीत के साथ शुरुआत की है। सिंधु ने चीनी ताइपे की जु यिंग ताई को 21-17, 21-19 से पराजित किया। सिंधु ने यह मैच 31 मिनट में जीता। अगले दौर में सिंधु की भिड़ंत टूर्नोमंट की आठवीं वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी जी ह्यून सुंग से होगा।
बीते साल इंडिया ओपन में पहली बार खेलते हुए तीसरे दौर तक का सफर तय करने वाले सौरव इस साल कुछ कमाल नहीं दिखा सके। सिरी फोर्ट स्टेडियम में उन्होंने अजय को 55 मिनट तक कोर्ट पर उलझाए रखा लेकिन अंतत: उनकी हार हुई। अजय अगले दौर में टूर्नामेंट के सर्वोच्च वरीय खिलाड़ी चोंग वेई ली के साथ भिड़ेंगे।
महिला वर्ग में युवा खिलाड़ी सिंधु ने भी जीत के साथ शुरुआत की है। सिंधु ने चीनी ताइपे की जु यिंग ताई को 21-17, 21-19 से पराजित किया। सिंधु ने यह मैच 31 मिनट में जीता। अगले दौर में सिंधु की भिड़ंत टूर्नोमंट की आठवीं वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी जी ह्यून सुंग से होगा।
महिला वर्ग में युवा खिलाड़ी सिंधु ने भी जीत के साथ शुरुआत की है। सिंधु ने चीनी ताइपे की जु यिंग ताई को 21-17, 21-19 से पराजित किया। सिंधु ने यह मैच 31 मिनट में जीता। अगले दौर में सिंधु की भिड़ंत टूर्नोमंट की आठवीं वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी जी ह्यून सुंग से होगा। | यह एक सारांश है: भारत की शीर्ष वरीयता प्राप्त महिला बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल आसान जीत के साथ इंडिया ओपन सुपर सीरीज बैडमिंटन टूर्नामेंट के एकल वर्ग के दूसरे दौर में पहुंच गई हैं। | 24 | ['hin'] |
एक सारांश बनाओ: ऐश्वर्या राय बच्चन 70वें कान फिल्म फेस्टिवल का हिस्सा बनने के लिए फ्रेंच रिवेरा पहुंच चुकी हैं और अपने पहले दिन के ही रेड कारपेट लुक से ऐश्वर्या ने साबित कर दिया कि वह इस फेस्टिवल में हिस्सा लेने और यहां के लुक्स को समझने के लिए बॉलीवुड की किसी भी एक्ट्रेस से काफी सीनियर हैं और बाकी की जूनियर एक्ट्रेस को उनसे कुछ सीखना चाहिए. ऐश्वर्या अच्छे से जानती हैं कि इस इंटरनेशनल स्टेज पर सारी निगाहें कैसे अपनी तरफ मोड़नी हैं. 15 बार कान फिल्म फेस्टिवल का हिस्सा बन चुकी ऐश्वर्या राय इस साल 16वीं बार इस महोत्सव का हिस्सा बन रही हैं. दिलचस्प है कि मिस वर्ल्ड का खिताब जीत चुकी ऐश्वर्या के साथ ही एक और शख्स है जो पिछले 5 सालों से इस फेस्टिवल का हिस्सा बन रहा है और वह है ऐश्वर्या की बेटी आराध्या राय बच्चन. बल्कि आराध्या इस मामले में दीपिका पादुकोण से भी सीनियर हैं. दरअसल इस साल कान फिल्म फेस्टिवल में दीपिका का पहला ही साल था, जबकि आराध्या यहां अपनी मम्मी के साथ पिछले 5 सालों से जा रही हैं.टिप्पणियां
साल 2002 से इस फेस्टिवल में शरीक होने वाली ऐश्वर्या ने हर साल इस फेस्टिवल में शिरकत की है. शादी के बाद 2011 में जब ऐश्वर्या मां बनी तो उम्मीद की जा रही थी कि शायद इस साल ऐश यहां नहीं नजर आएंगी. लेकिन सब को चौंकाते हुए ऐश्वर्या अपनी नन्हीं सी अराध्या के साथ ही इस फेस्टिवल का हिस्सा बनीं. साल 2012 में ऐश्वर्या अपने साल सिर्फ 6 महीने की आराध्या को लेकर गई थीं.
भले ही यहां ऐश्वर्या फिल्म फेस्टिवल का हिस्सा बनने गईं हों, लेकिन इस दौरान वह अपनी बेटी के साथ टाइम बिताना नहीं भूलतीं और इस साल इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए निकली आराध्या को देखकर कहा जा सकता है कि वह भी फ्रेंच रिवेरा घूमना काफी इंजॉय करती है.
इस साल भी आराध्या का मम्मी के साथ कान फिल्म फेस्टिवल में घूमती नजर आ रही हैं. बुधवार रात को भारत से फ्रांस के लिए रवाना हुई ऐश्वर्या और आराध्या को छोड़ने उनके पति अभिषेक बच्चन भी ऐयरपोर्ट आए. ऐसे में मम्मी के साथ आराध्या भी कैमरों की लाइट को काफी इंजॉय करती दिखी. ब्लू एंड व्हाइट लुक में नजर आईं 5 वर्षीय आराध्या मीडिया के कैमरों को देख, क्यूट एक्सप्रेशन्स दे रही थीं.
कॉस्मेटिक ब्रांड लॉरियल को प्रिजेंट कर रहीं ऐश्वर्या 19 और 20 मई को कान के रेड कार्पेट पर नजर आएंगी. 2002 में पहली बार उन्होंने इसके रेड कारपेट पर 'देवदास' को डायरेक्टर संजय लीला भंसाली और शाहरुख खान के साथ पेश किया था.
साल 2002 से इस फेस्टिवल में शरीक होने वाली ऐश्वर्या ने हर साल इस फेस्टिवल में शिरकत की है. शादी के बाद 2011 में जब ऐश्वर्या मां बनी तो उम्मीद की जा रही थी कि शायद इस साल ऐश यहां नहीं नजर आएंगी. लेकिन सब को चौंकाते हुए ऐश्वर्या अपनी नन्हीं सी अराध्या के साथ ही इस फेस्टिवल का हिस्सा बनीं. साल 2012 में ऐश्वर्या अपने साल सिर्फ 6 महीने की आराध्या को लेकर गई थीं.
भले ही यहां ऐश्वर्या फिल्म फेस्टिवल का हिस्सा बनने गईं हों, लेकिन इस दौरान वह अपनी बेटी के साथ टाइम बिताना नहीं भूलतीं और इस साल इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए निकली आराध्या को देखकर कहा जा सकता है कि वह भी फ्रेंच रिवेरा घूमना काफी इंजॉय करती है.
इस साल भी आराध्या का मम्मी के साथ कान फिल्म फेस्टिवल में घूमती नजर आ रही हैं. बुधवार रात को भारत से फ्रांस के लिए रवाना हुई ऐश्वर्या और आराध्या को छोड़ने उनके पति अभिषेक बच्चन भी ऐयरपोर्ट आए. ऐसे में मम्मी के साथ आराध्या भी कैमरों की लाइट को काफी इंजॉय करती दिखी. ब्लू एंड व्हाइट लुक में नजर आईं 5 वर्षीय आराध्या मीडिया के कैमरों को देख, क्यूट एक्सप्रेशन्स दे रही थीं.
कॉस्मेटिक ब्रांड लॉरियल को प्रिजेंट कर रहीं ऐश्वर्या 19 और 20 मई को कान के रेड कार्पेट पर नजर आएंगी. 2002 में पहली बार उन्होंने इसके रेड कारपेट पर 'देवदास' को डायरेक्टर संजय लीला भंसाली और शाहरुख खान के साथ पेश किया था.
बुधवार रात को भारत से फ्रांस के लिए रवाना हुई ऐश्वर्या और आराध्या को छोड़ने उनके पति अभिषेक बच्चन भी ऐयरपोर्ट आए. ऐसे में मम्मी के साथ आराध्या भी कैमरों की लाइट को काफी इंजॉय करती दिखी. ब्लू एंड व्हाइट लुक में नजर आईं 5 वर्षीय आराध्या मीडिया के कैमरों को देख, क्यूट एक्सप्रेशन्स दे रही थीं.
कॉस्मेटिक ब्रांड लॉरियल को प्रिजेंट कर रहीं ऐश्वर्या 19 और 20 मई को कान के रेड कार्पेट पर नजर आएंगी. 2002 में पहली बार उन्होंने इसके रेड कारपेट पर 'देवदास' को डायरेक्टर संजय लीला भंसाली और शाहरुख खान के साथ पेश किया था. | दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: 6 महीने की आराध्या को ही लेकर कान पहुंच गई थीं ऐश्वर्या
2012 से ही आराध्या भी जा रही हैं हर साल कान फिल्म फेस्टिवल
आज (20 मई) ऐश्वर्या का रेड कारपेट पर आखिरी दिन है | 32 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाएं: उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के बबेरू क्षेत्र में एक कार के पेड़ से टकराकर पानी भरी गहरी खाई में गिरने से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं हादसे में छह अन्य घायल हो गए. पुलिस अधीक्षक श्रीपति मिश्र ने गुरुवार को बताया कि फतेहपुर जिले के खखरेरू थानाक्षेत्र अंतर्गत कोट गांव निवासी एक परिवार बांदा के गूलरनाका मुहल्ले के एक व्यक्ति के जनाजे में शामिल होने जा रहा था. रास्ते में सोनहुला संपर्क मार्ग पर उसकी कार अनियंत्रित होकर एक पेड़ से जा टकराई और फिर सड़क किनारे पानी से भरी गहरी खाई में पलट गई.
उन्होंने बताया कि हादसे में कार सवार बलीगुज्जमा (45), उसकी मां असगरन्निसां (65) और चाची शिकतुन्निसां (62) की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं मर्सत अली, नसीमुन मियां, सिबगतउल्ला, तौहीद फातिमा, हिफाजत अली और आदिल हसन (45) गंभीर रूप से जख्मी हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मिश्र ने बताया कि तीनों शवों को पोटस्मार्टम के लिए भेज दिया गया है. टिप्पणियां
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने बताया कि हादसे में कार सवार बलीगुज्जमा (45), उसकी मां असगरन्निसां (65) और चाची शिकतुन्निसां (62) की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं मर्सत अली, नसीमुन मियां, सिबगतउल्ला, तौहीद फातिमा, हिफाजत अली और आदिल हसन (45) गंभीर रूप से जख्मी हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मिश्र ने बताया कि तीनों शवों को पोटस्मार्टम के लिए भेज दिया गया है. टिप्पणियां
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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) | यह एक सारांश है: सोनहुला के पास अनियंत्रित कार खाई में गिरी
घायलों का अस्पताल में चल रहा है इलाज
शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया | 2 | ['hin'] |
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: मध्य क्षेत्र ने राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में खेले जा रहे दलीप ट्रॉफी के दूसरे सेमी-फाइनल मुकाबले के दूसरे दिन सोमवार को उत्तर क्षेत्र की पहली पारी 451 रनों पर समेटने के बाद चायकाल तक अपनी पहली पारी में बिना कोई विकेट गंवाए 61 रन बना लिए हैं। उत्तर क्षेत्र की पहली पारी में बनाए गए कुल रन संख्या से मध्य क्षेत्र अब भी 390 रन पीछे है।
विनीत सक्सेना 27 और तन्मय श्रीवास्तव 22 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद हैं। दोनों बल्लेबाजों के बीच पहले विकेट के लिए 61 रनों की साझेदारी हो चुकी है।
इससे पहले, उत्तर क्षेत्र ने युवराज सिंह के 208 रनों क बदौलत अपनी पहली पारी में 451 रन बनाए। उत्तर क्षेत्र ने पहले दिन चार विकेट पर 346 रन बनाए थे। कल के नाबाद लौटे बल्लेबाज युवराज (133) और पारस डोगरा (30) ने दूसरे दिन के खेल की शुरुआत की।
दिन का पहला विकेट डोगरा के रूप में गिरा। डोगरा अपने कल की निजी रन संख्या में सात रन और जोड़कर 37 के योग पर आउट हुए। उन्हें प्रवीण कुमार की गेंद पर अम्पायर ने पगबाधा करार दिया।
इसके बाद ऋषि धवन और अमित मिश्रा तीन-तीन रन बनाकर आउट हुए। धवन को भुवनेश्वर कुमार ने मोहम्मद कैफ के हाथों कैच कराया जबकि मिश्रा को मुरली कार्तिक की गेंद पर अम्पायर ने पगबाधा करार दिया।टिप्पणियां
राहुल शर्मा खाता खोले बगैर आउट हुए। उन्हें कार्तिक ने बोल्ड किया। युवराज के रूप में उत्तर क्षेत्र का नौवां विकेट गिरा, युवराज अपनी मैराथन पारी में 241 गेंदों पर 33 चौके और तीन छक्के लगाए। उन्हें कार्तिक ने अपनी ही गेंद पर कैच किया।
इशांत शर्मा को आठ रन के निजी योग पर प्रवीण ने बोल्ड किया। परविंदर अवाना छह रन पर नाबाद लौटे। मध्य क्षेत्र की ओर से प्रवीण और कार्तिक ने चार-चार जबकि भुवनेश्वर और रितुराज सिंह ने एक-एक विकेट झटका। उल्लेखनीय है कि उत्तर क्षेत्र की ओर से पहले दिन कप्तान शिखर धवन ने 121 रनों की पारी खेली थी।
विनीत सक्सेना 27 और तन्मय श्रीवास्तव 22 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद हैं। दोनों बल्लेबाजों के बीच पहले विकेट के लिए 61 रनों की साझेदारी हो चुकी है।
इससे पहले, उत्तर क्षेत्र ने युवराज सिंह के 208 रनों क बदौलत अपनी पहली पारी में 451 रन बनाए। उत्तर क्षेत्र ने पहले दिन चार विकेट पर 346 रन बनाए थे। कल के नाबाद लौटे बल्लेबाज युवराज (133) और पारस डोगरा (30) ने दूसरे दिन के खेल की शुरुआत की।
दिन का पहला विकेट डोगरा के रूप में गिरा। डोगरा अपने कल की निजी रन संख्या में सात रन और जोड़कर 37 के योग पर आउट हुए। उन्हें प्रवीण कुमार की गेंद पर अम्पायर ने पगबाधा करार दिया।
इसके बाद ऋषि धवन और अमित मिश्रा तीन-तीन रन बनाकर आउट हुए। धवन को भुवनेश्वर कुमार ने मोहम्मद कैफ के हाथों कैच कराया जबकि मिश्रा को मुरली कार्तिक की गेंद पर अम्पायर ने पगबाधा करार दिया।टिप्पणियां
राहुल शर्मा खाता खोले बगैर आउट हुए। उन्हें कार्तिक ने बोल्ड किया। युवराज के रूप में उत्तर क्षेत्र का नौवां विकेट गिरा, युवराज अपनी मैराथन पारी में 241 गेंदों पर 33 चौके और तीन छक्के लगाए। उन्हें कार्तिक ने अपनी ही गेंद पर कैच किया।
इशांत शर्मा को आठ रन के निजी योग पर प्रवीण ने बोल्ड किया। परविंदर अवाना छह रन पर नाबाद लौटे। मध्य क्षेत्र की ओर से प्रवीण और कार्तिक ने चार-चार जबकि भुवनेश्वर और रितुराज सिंह ने एक-एक विकेट झटका। उल्लेखनीय है कि उत्तर क्षेत्र की ओर से पहले दिन कप्तान शिखर धवन ने 121 रनों की पारी खेली थी।
इससे पहले, उत्तर क्षेत्र ने युवराज सिंह के 208 रनों क बदौलत अपनी पहली पारी में 451 रन बनाए। उत्तर क्षेत्र ने पहले दिन चार विकेट पर 346 रन बनाए थे। कल के नाबाद लौटे बल्लेबाज युवराज (133) और पारस डोगरा (30) ने दूसरे दिन के खेल की शुरुआत की।
दिन का पहला विकेट डोगरा के रूप में गिरा। डोगरा अपने कल की निजी रन संख्या में सात रन और जोड़कर 37 के योग पर आउट हुए। उन्हें प्रवीण कुमार की गेंद पर अम्पायर ने पगबाधा करार दिया।
इसके बाद ऋषि धवन और अमित मिश्रा तीन-तीन रन बनाकर आउट हुए। धवन को भुवनेश्वर कुमार ने मोहम्मद कैफ के हाथों कैच कराया जबकि मिश्रा को मुरली कार्तिक की गेंद पर अम्पायर ने पगबाधा करार दिया।टिप्पणियां
राहुल शर्मा खाता खोले बगैर आउट हुए। उन्हें कार्तिक ने बोल्ड किया। युवराज के रूप में उत्तर क्षेत्र का नौवां विकेट गिरा, युवराज अपनी मैराथन पारी में 241 गेंदों पर 33 चौके और तीन छक्के लगाए। उन्हें कार्तिक ने अपनी ही गेंद पर कैच किया।
इशांत शर्मा को आठ रन के निजी योग पर प्रवीण ने बोल्ड किया। परविंदर अवाना छह रन पर नाबाद लौटे। मध्य क्षेत्र की ओर से प्रवीण और कार्तिक ने चार-चार जबकि भुवनेश्वर और रितुराज सिंह ने एक-एक विकेट झटका। उल्लेखनीय है कि उत्तर क्षेत्र की ओर से पहले दिन कप्तान शिखर धवन ने 121 रनों की पारी खेली थी।
दिन का पहला विकेट डोगरा के रूप में गिरा। डोगरा अपने कल की निजी रन संख्या में सात रन और जोड़कर 37 के योग पर आउट हुए। उन्हें प्रवीण कुमार की गेंद पर अम्पायर ने पगबाधा करार दिया।
इसके बाद ऋषि धवन और अमित मिश्रा तीन-तीन रन बनाकर आउट हुए। धवन को भुवनेश्वर कुमार ने मोहम्मद कैफ के हाथों कैच कराया जबकि मिश्रा को मुरली कार्तिक की गेंद पर अम्पायर ने पगबाधा करार दिया।टिप्पणियां
राहुल शर्मा खाता खोले बगैर आउट हुए। उन्हें कार्तिक ने बोल्ड किया। युवराज के रूप में उत्तर क्षेत्र का नौवां विकेट गिरा, युवराज अपनी मैराथन पारी में 241 गेंदों पर 33 चौके और तीन छक्के लगाए। उन्हें कार्तिक ने अपनी ही गेंद पर कैच किया।
इशांत शर्मा को आठ रन के निजी योग पर प्रवीण ने बोल्ड किया। परविंदर अवाना छह रन पर नाबाद लौटे। मध्य क्षेत्र की ओर से प्रवीण और कार्तिक ने चार-चार जबकि भुवनेश्वर और रितुराज सिंह ने एक-एक विकेट झटका। उल्लेखनीय है कि उत्तर क्षेत्र की ओर से पहले दिन कप्तान शिखर धवन ने 121 रनों की पारी खेली थी।
इसके बाद ऋषि धवन और अमित मिश्रा तीन-तीन रन बनाकर आउट हुए। धवन को भुवनेश्वर कुमार ने मोहम्मद कैफ के हाथों कैच कराया जबकि मिश्रा को मुरली कार्तिक की गेंद पर अम्पायर ने पगबाधा करार दिया।टिप्पणियां
राहुल शर्मा खाता खोले बगैर आउट हुए। उन्हें कार्तिक ने बोल्ड किया। युवराज के रूप में उत्तर क्षेत्र का नौवां विकेट गिरा, युवराज अपनी मैराथन पारी में 241 गेंदों पर 33 चौके और तीन छक्के लगाए। उन्हें कार्तिक ने अपनी ही गेंद पर कैच किया।
इशांत शर्मा को आठ रन के निजी योग पर प्रवीण ने बोल्ड किया। परविंदर अवाना छह रन पर नाबाद लौटे। मध्य क्षेत्र की ओर से प्रवीण और कार्तिक ने चार-चार जबकि भुवनेश्वर और रितुराज सिंह ने एक-एक विकेट झटका। उल्लेखनीय है कि उत्तर क्षेत्र की ओर से पहले दिन कप्तान शिखर धवन ने 121 रनों की पारी खेली थी।
राहुल शर्मा खाता खोले बगैर आउट हुए। उन्हें कार्तिक ने बोल्ड किया। युवराज के रूप में उत्तर क्षेत्र का नौवां विकेट गिरा, युवराज अपनी मैराथन पारी में 241 गेंदों पर 33 चौके और तीन छक्के लगाए। उन्हें कार्तिक ने अपनी ही गेंद पर कैच किया।
इशांत शर्मा को आठ रन के निजी योग पर प्रवीण ने बोल्ड किया। परविंदर अवाना छह रन पर नाबाद लौटे। मध्य क्षेत्र की ओर से प्रवीण और कार्तिक ने चार-चार जबकि भुवनेश्वर और रितुराज सिंह ने एक-एक विकेट झटका। उल्लेखनीय है कि उत्तर क्षेत्र की ओर से पहले दिन कप्तान शिखर धवन ने 121 रनों की पारी खेली थी।
इशांत शर्मा को आठ रन के निजी योग पर प्रवीण ने बोल्ड किया। परविंदर अवाना छह रन पर नाबाद लौटे। मध्य क्षेत्र की ओर से प्रवीण और कार्तिक ने चार-चार जबकि भुवनेश्वर और रितुराज सिंह ने एक-एक विकेट झटका। उल्लेखनीय है कि उत्तर क्षेत्र की ओर से पहले दिन कप्तान शिखर धवन ने 121 रनों की पारी खेली थी। | दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: उत्तर क्षेत्र ने युवराज सिंह के 208 रनों क बदौलत अपनी पहली पारी में 451 रन बनाए। उत्तर क्षेत्र ने पहले दिन चार विकेट पर 346 रन बनाए थे। | 19 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाओ: अमेरिका के एक बोगस विश्वविद्यालय के बंद हो जाने से प्रभावित हुए भारतीय छात्रों के मसले को सुलझाने के लिए अमेरिका ने भारत के साथ पूरा सहयोग करने का वादा किया है लेकिन उसने कहा है कि अभी यह कहना बहुत मुश्किल है कि मामले में क्या कार्रवाई की जाएगी क्योंकि पूरी जांच लम्बित है। विदेश विभाग के प्रवक्ता पीजे क्राउले से जब बुधवार को संवाददाताओं ने प्रभावित छात्रों के भविष्य के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच चल रही है। कैलीफोर्निया स्थित ट्राई-वैली बोगस विश्वविद्यालय वीजा धोखाधड़ी के आरोपों के चलते बंद हो गया। ट्राई-वैली विश्वविद्यालय में करीब 1,555 छात्र थे। इनमें से 90 प्रतिशत छात्र भारतीय हैं और उनमें ज्यादातर आंध्र प्रदेश से हैं। उनके छात्र वीजा को मान्य बनाए रखने के लिए जब तक उन्हें अन्य संस्थानों में प्रवेश नहीं मिल जाता तब तक उनके निर्वासन का खतरा बना रहेगा। क्राउले ने कहा, "हम इस बात को अच्छी तरह समझ रहे हैं कि छात्र इस मामले में फंस गए हैं।" इस मामले को अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के समक्ष उठाया गया था और भारत स्थित अमेरिकी दूतावास व अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास में भी इस पर चर्चा हुई है। उन्होंने कहा, "अमेरिका इस दिशा में सहयोगात्मक रवैया रखेगा, हम भारत सरकार के साथ हैं और इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं लेकिन अभी यह कहना मुश्किल है कि इस मामले में क्या किया जा सकता है क्योंकि अभी मामले की जांच चल रही है।" उन्होंने कहा, "हम इस मामले को लेकर और खासतौर पर वीजा धोखाधड़ी को लेकर चिंतित हैं। हमें इस दिशा में जांच जारी रखने की आवश्यकता है कि इस तरह की घटनाएं कैसे होती हैं और हमें भविष्य में ऐसा होने से रोकने के लिए हर संभव कोशिश करनी है।" भारतीय विदेशमंत्री एसएम कृष्णा और यहां की यात्रा पर पहुंचीं विदेश सचिव निरूपमा राव को दिए गए आश्वासन के विषय में पूछने पर उन्होंने कहा, "मैं आपसे वादा करना चाहता हूं कि जहां तक संभव होगा हम इस मामले में सरकार के साथ सहयोगात्मक ढंग से काम करेंगे और इन मामलों को सुलझाने में मदद करेंगे।" | दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: बोगस विश्वविद्यालय के बंद हो जाने से प्रभावित हुए भारतीय छात्रों के मसले को सुलझाने के लिए अमेरिका ने भारत के साथ पूरे सहयोग का वादा किया। | 11 | ['hin'] |
एक सारांश बनाओ: मध्य प्रदेश के इंदौर में एक युवती पर प्रेम विवाह का ऐसा भूत सवार हुआ कि विरोध करने पर उसने अपनी ही मां को मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने आरोपी युवती को गिरफ्तार कर लिया है।टिप्पणियां
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार रिश्तों को तार-तार कर देने वाला यह मामला गवली पलासिया महू के आनंद नगर का है। जहां गीता अग्रवाल (48 वर्ष) की बीते दिनों सरिया से हमला कर हत्या कर दी गई थी। पुलिस को जब बेटी मीना पर शक हुआ और उससे पूछताछ की, तो उसने आरोप स्वीकार कर लिया।
मीना ने बताया कि वह एक लड़के से प्रेम करती थी और वह उससे विवाह करना चाहती थी। मीना फिजियोथैरेपी की छात्रा है। बडगोंदा के थाना प्रभारी पुरुषोत्तम मरावी के मुताबिक मीना की प्रेम विवाह करने की इच्छा का मां ने विरोध किया, जिस पर विवाद हुआ और मीना ने सरिया से प्रहार कर मां गीता की हत्या कर दी। पुलिस ने मीना से पूछताछ की तो उसने अपराध स्वीकार कर लिया। पुलिस ने मीना को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार रिश्तों को तार-तार कर देने वाला यह मामला गवली पलासिया महू के आनंद नगर का है। जहां गीता अग्रवाल (48 वर्ष) की बीते दिनों सरिया से हमला कर हत्या कर दी गई थी। पुलिस को जब बेटी मीना पर शक हुआ और उससे पूछताछ की, तो उसने आरोप स्वीकार कर लिया।
मीना ने बताया कि वह एक लड़के से प्रेम करती थी और वह उससे विवाह करना चाहती थी। मीना फिजियोथैरेपी की छात्रा है। बडगोंदा के थाना प्रभारी पुरुषोत्तम मरावी के मुताबिक मीना की प्रेम विवाह करने की इच्छा का मां ने विरोध किया, जिस पर विवाद हुआ और मीना ने सरिया से प्रहार कर मां गीता की हत्या कर दी। पुलिस ने मीना से पूछताछ की तो उसने अपराध स्वीकार कर लिया। पुलिस ने मीना को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया है।
मीना ने बताया कि वह एक लड़के से प्रेम करती थी और वह उससे विवाह करना चाहती थी। मीना फिजियोथैरेपी की छात्रा है। बडगोंदा के थाना प्रभारी पुरुषोत्तम मरावी के मुताबिक मीना की प्रेम विवाह करने की इच्छा का मां ने विरोध किया, जिस पर विवाद हुआ और मीना ने सरिया से प्रहार कर मां गीता की हत्या कर दी। पुलिस ने मीना से पूछताछ की तो उसने अपराध स्वीकार कर लिया। पुलिस ने मीना को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया है। | संक्षिप्त पाठ: मध्य प्रदेश के इंदौर में एक युवती पर प्रेम विवाह का ऐसा भूत सवार हुआ कि विरोध करने पर उसने अपनी ही मां को मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने आरोपी युवती को गिरफ्तार कर लिया है। | 30 | ['hin'] |
एक सारांश बनाओ: ऑस्ट्रेलियाई स्पिन जादूगर शेन वॉर्न को लगता है कि इंग्लैंड के तेज गेंदबाज क्रिस ट्रेमलेट का कद, तेजी और लाइन एवं लेंग्थ भारत के खिलाफ घरेलू सरजमीं पर होने वाली चार मैचों की टेस्ट सीरीज के दौरान सचिन तेंदुलकर के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है। वॉर्न ने कहा कि छह फुट आठ इंच का यह तेज गेंदबाज श्रीलंका के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों में कई परेशानियां खड़ी कर सभी को प्रभावित कर चुका है। वॉर्न ने डेली टेलीग्राफ में अपने कॉलम में लिखा, एक खिलाड़ी जो मजबूत दिखता है, वह क्रिस ट्रेमलेट है। उसके कद, उछाल और आत्मविश्वास को देखते हुए वह शृंखला का अहम खिलाड़ी होगा। वह सबसे ज्यादा विकेट चटकाएगा और सचिन तेंदुलकर को भी काफी परेशान करेगा। उन्होंने कहा, स्ट्रॉस के लिए ट्रेमलेट से नई गेंद से अधिक से अधिक गेंदबाजी कराना ही मेरी सलाह होगी। उसे शार्ट गेंद फेंकने दें और पांच से ज्यादा ओवर नहीं दें तथा उसका इस्तेमाल महत्वपूर्ण गेंदबाज के रूप में करें। उसे तरोताजा रखें, ताकि वह उछाल हासिल करता रहे। ट्रेमलेट श्रीलंका के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट शृंखला में 23.40 के औसत से 15 विकेट चटकाकर मैन ऑफ द सीरीज रहे थे। | यह एक सारांश है: वॉर्न को लगता है कि इंग्लैंड के गेंदबाज क्रिस ट्रेमलेट का कद, तेजी और लाइन एवं लेंग्थ टेस्ट सीरीज के दौरान तेंदुलकर के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है। | 21 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाओ: गूगल के 44 वर्षीय मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचाई को वर्ष 2016 में वेतन एवं मानदेय इत्यादि मिलाकर करीब 20 करोड़ डॉलर की राशि मिली है जो उन्हें 2015 में मिली राशि का दुगना है.
वर्ष 2016 में पिचाई को 6,50,000 डॉलर का वेतन मिला जो 2015 में मिले 6,52,500 डॉलर के वेतन से मामूली तौर पर कम है. लेकिन भारत में जन्मे पिचाई को अगस्त 2015 में कंपनी पुनर्गठन के दौरान मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनाया गया.
सीएनएन की खबर के अनुसार इसके बाद उनकी शेयर मद की आय बढ़कर 2016 में 19.87 करोड़ रुपए हो गई जो 2015 की इसी मद की 9.98 करोड़ डॉलर की आय से लगभग दोगुनी है.टिप्पणियां
मालूम हो कि सुंदर पिचाई इसी साल जनवरी में भारत आए थे. इस दौरान सुंदर पिचाई पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में आईआईटी कैंपस में स्टूडेंट्स को संबोधित किया था. उन्होंने कैंपस में स्टूडेंट्स से अपने अनुभव साझा किए. जब उनसे पूछा गया कि 10 साल बाद आप खुद को कहां देखते हैं. उन्होंने कहा कि 10 साल बड़ा समय होता है. पता नहीं कहां होऊंगा लेकिन इच्छा यही है कि ऐसी चीजें बनाता रहूं जो काम आएं.
इनपुट: भाषा
वर्ष 2016 में पिचाई को 6,50,000 डॉलर का वेतन मिला जो 2015 में मिले 6,52,500 डॉलर के वेतन से मामूली तौर पर कम है. लेकिन भारत में जन्मे पिचाई को अगस्त 2015 में कंपनी पुनर्गठन के दौरान मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनाया गया.
सीएनएन की खबर के अनुसार इसके बाद उनकी शेयर मद की आय बढ़कर 2016 में 19.87 करोड़ रुपए हो गई जो 2015 की इसी मद की 9.98 करोड़ डॉलर की आय से लगभग दोगुनी है.टिप्पणियां
मालूम हो कि सुंदर पिचाई इसी साल जनवरी में भारत आए थे. इस दौरान सुंदर पिचाई पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में आईआईटी कैंपस में स्टूडेंट्स को संबोधित किया था. उन्होंने कैंपस में स्टूडेंट्स से अपने अनुभव साझा किए. जब उनसे पूछा गया कि 10 साल बाद आप खुद को कहां देखते हैं. उन्होंने कहा कि 10 साल बड़ा समय होता है. पता नहीं कहां होऊंगा लेकिन इच्छा यही है कि ऐसी चीजें बनाता रहूं जो काम आएं.
इनपुट: भाषा
सीएनएन की खबर के अनुसार इसके बाद उनकी शेयर मद की आय बढ़कर 2016 में 19.87 करोड़ रुपए हो गई जो 2015 की इसी मद की 9.98 करोड़ डॉलर की आय से लगभग दोगुनी है.टिप्पणियां
मालूम हो कि सुंदर पिचाई इसी साल जनवरी में भारत आए थे. इस दौरान सुंदर पिचाई पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में आईआईटी कैंपस में स्टूडेंट्स को संबोधित किया था. उन्होंने कैंपस में स्टूडेंट्स से अपने अनुभव साझा किए. जब उनसे पूछा गया कि 10 साल बाद आप खुद को कहां देखते हैं. उन्होंने कहा कि 10 साल बड़ा समय होता है. पता नहीं कहां होऊंगा लेकिन इच्छा यही है कि ऐसी चीजें बनाता रहूं जो काम आएं.
इनपुट: भाषा
मालूम हो कि सुंदर पिचाई इसी साल जनवरी में भारत आए थे. इस दौरान सुंदर पिचाई पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में आईआईटी कैंपस में स्टूडेंट्स को संबोधित किया था. उन्होंने कैंपस में स्टूडेंट्स से अपने अनुभव साझा किए. जब उनसे पूछा गया कि 10 साल बाद आप खुद को कहां देखते हैं. उन्होंने कहा कि 10 साल बड़ा समय होता है. पता नहीं कहां होऊंगा लेकिन इच्छा यही है कि ऐसी चीजें बनाता रहूं जो काम आएं.
इनपुट: भाषा
इनपुट: भाषा | यहाँ एक सारांश है:गूगल के सीईओ सुंदर पिचई ने 2016 में 6,50,000 डॉलर वेतन लिया
पिचई ने 2015 में 6,52,500 डॉलर वेतन लिया था
पिछले एक साल में सुंदर पिचई की सैलरी में आई गिरावट | 18 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाओ: भारत−इंग्लैंड सीरीज के शुरू होने के करीब दो हफ्ते पहले सुनील गावस्कर के एक बयान ने टीम इंडिया और उसके फैन्स को हिलाकर रख दिया है। गावस्कर ने कहा कि मौजूदा टीम पिछले तीन दशकों की सबसे कमजोर भारतीय टीम है।
टीम इंडिया के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के करियर का यह अब तक का शायद सबसे बड़ा इम्तिहान है। धोनी कहते हैं कि कागज पर हम कमज़ोर हैं। राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण के संन्यास के बाद टीम अलग लगती है लेकिन हम बेहतर हो जाएंगे।
मुंबई में इंडिया−ए और इंग्लैंड-11 के बीच खेला गया मैच ड्रॉ रहा। उससे भी बुरी बात यह है कि टीम की गेंदबाजी को लेकर सवाल बरकरार रहे। इस मैच में भारत की ओर से सबसे ज़्यादा विकेट युवराज सिंह के नाम रहे। युवराज ने मैच में 94 रन देकर पांच विकेट झटके लेकिन, उनका मैच में खेलना तय नहीं नज़र आ रहा है।
कप्तान सुरेश रैना ने मैच में खुद सहित आठ गेंदबाज़ों का इस्तेमाल किया लेकिन, मेहमान टीम ने पहली पारी में 426 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया। मैच में मेहमान कप्तान एलिस्टर कुक और समित पटेल ने शतकीय पारियां खेलीं, तो जोनाथन ट्रॉट और मैट प्रायर ने अर्द्धशतक जमाकर भारतीय गेंदबाज़ी को खोखला साबित किया।
एक बात तो तय है कि भारत−इंग्लैंड सीरीज़ में टीम इंडिया की कामयाबी या नाकामी काफ़ी हद तक उसके गेंदबाज़ों के हाथ में होगी। फ़िलहाल ये गेंदबाज़ इंग्लैंड−ए के खिलाफ़ नाकाम नज़र आए। अगर रणजी में भी इनकी रंगत नहीं बदली तो कई दिग्गजों का डर सच साबित हो जाएगा।
2012−13 का रणजी सीज़न शुक्रवार को शुरू होगा और भारतीय टीम मैनेजमेंट के लिए यह वरदान साबित हो सकता है। करीब दस साल बाद रणजी के पहले ही मैच में सचिन तेंदुलकर जौहर आज़माएंगे। रणजी सीज़न का पहला मैच टीम इंडिया के गेंदबाज़ों को परखने का शानदार मौका भी साबित होगा।टिप्पणियां
करीब सवा साल पहले क्रिकेट के मक्का लॉर्ड्स पर पहले टेस्ट मैच के पहले ही दिन जब कप्तान धोनी अपने विकेटकीपिंग ग्लव्स राहुल द्रविड़ के हाथों में सौंप कर बॉलिंग क्रीज़ पर आए तो टीम की कमज़ोरी साफ दिखाई देने लगी थी। उसके बाद पहले इंग्लैंड ने और फिर ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 0−4 से पीटा और टीम इंडिया का मनोबल तोड़ दिया।
बात सिर्फ विदेशी पिचों की नहीं, पिछले ही साल कमज़ोर मानी जाने वाली वेस्ट इंडीज़ टीम ने भारत के खिलाफ मुंबई में 590 रन की बड़ी पारी खेलकर टीम इंडिया की गेंदबाज़ी पर सवाल खड़े कर दिए।
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर मानते हैं कि सालभर बाद भी टीम इंडिया उसी हालत में है जैसे सालभर पहले थी। टीम इंडिया के सामने कई सवाल हैं, जैसे -
1. कितने कारगर होंगे ज़हीर ख़ान?
2. कौन देगा ज़हीर का साथ?
3. क्या स्पिनरों को मिलेगा पिच का साथ?
धोनी, भज्जी और दूसरे कई खिलाड़ी आनेवाली सीरीज़ में टर्निंग ट्रैक की मांगकर रहे हैं लेकिन, बड़ी चुनौती यह है कि टीम के सामने उठ रहे सवालों का जवाब कौन गेंदबाज़ ढूंढ़ पाएगा। गेंदबाज़ रणजी का इम्तिहान कैसे पास करते हैं और उसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ अपनी काबिलियत साबित कर पाते हैं या नहीं इन सवालों के जवाब खिलाड़ी और टीम इंडिया के आने वाले कल की तस्वीर तय करेंगे।
मुंबई में इंडिया−ए और इंग्लैंड-11 के बीच खेला गया मैच ड्रॉ रहा। उससे भी बुरी बात यह है कि टीम की गेंदबाजी को लेकर सवाल बरकरार रहे। इस मैच में भारत की ओर से सबसे ज़्यादा विकेट युवराज सिंह के नाम रहे। युवराज ने मैच में 94 रन देकर पांच विकेट झटके लेकिन, उनका मैच में खेलना तय नहीं नज़र आ रहा है।
कप्तान सुरेश रैना ने मैच में खुद सहित आठ गेंदबाज़ों का इस्तेमाल किया लेकिन, मेहमान टीम ने पहली पारी में 426 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया। मैच में मेहमान कप्तान एलिस्टर कुक और समित पटेल ने शतकीय पारियां खेलीं, तो जोनाथन ट्रॉट और मैट प्रायर ने अर्द्धशतक जमाकर भारतीय गेंदबाज़ी को खोखला साबित किया।
एक बात तो तय है कि भारत−इंग्लैंड सीरीज़ में टीम इंडिया की कामयाबी या नाकामी काफ़ी हद तक उसके गेंदबाज़ों के हाथ में होगी। फ़िलहाल ये गेंदबाज़ इंग्लैंड−ए के खिलाफ़ नाकाम नज़र आए। अगर रणजी में भी इनकी रंगत नहीं बदली तो कई दिग्गजों का डर सच साबित हो जाएगा।
2012−13 का रणजी सीज़न शुक्रवार को शुरू होगा और भारतीय टीम मैनेजमेंट के लिए यह वरदान साबित हो सकता है। करीब दस साल बाद रणजी के पहले ही मैच में सचिन तेंदुलकर जौहर आज़माएंगे। रणजी सीज़न का पहला मैच टीम इंडिया के गेंदबाज़ों को परखने का शानदार मौका भी साबित होगा।टिप्पणियां
करीब सवा साल पहले क्रिकेट के मक्का लॉर्ड्स पर पहले टेस्ट मैच के पहले ही दिन जब कप्तान धोनी अपने विकेटकीपिंग ग्लव्स राहुल द्रविड़ के हाथों में सौंप कर बॉलिंग क्रीज़ पर आए तो टीम की कमज़ोरी साफ दिखाई देने लगी थी। उसके बाद पहले इंग्लैंड ने और फिर ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 0−4 से पीटा और टीम इंडिया का मनोबल तोड़ दिया।
बात सिर्फ विदेशी पिचों की नहीं, पिछले ही साल कमज़ोर मानी जाने वाली वेस्ट इंडीज़ टीम ने भारत के खिलाफ मुंबई में 590 रन की बड़ी पारी खेलकर टीम इंडिया की गेंदबाज़ी पर सवाल खड़े कर दिए।
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर मानते हैं कि सालभर बाद भी टीम इंडिया उसी हालत में है जैसे सालभर पहले थी। टीम इंडिया के सामने कई सवाल हैं, जैसे -
1. कितने कारगर होंगे ज़हीर ख़ान?
2. कौन देगा ज़हीर का साथ?
3. क्या स्पिनरों को मिलेगा पिच का साथ?
धोनी, भज्जी और दूसरे कई खिलाड़ी आनेवाली सीरीज़ में टर्निंग ट्रैक की मांगकर रहे हैं लेकिन, बड़ी चुनौती यह है कि टीम के सामने उठ रहे सवालों का जवाब कौन गेंदबाज़ ढूंढ़ पाएगा। गेंदबाज़ रणजी का इम्तिहान कैसे पास करते हैं और उसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ अपनी काबिलियत साबित कर पाते हैं या नहीं इन सवालों के जवाब खिलाड़ी और टीम इंडिया के आने वाले कल की तस्वीर तय करेंगे।
कप्तान सुरेश रैना ने मैच में खुद सहित आठ गेंदबाज़ों का इस्तेमाल किया लेकिन, मेहमान टीम ने पहली पारी में 426 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया। मैच में मेहमान कप्तान एलिस्टर कुक और समित पटेल ने शतकीय पारियां खेलीं, तो जोनाथन ट्रॉट और मैट प्रायर ने अर्द्धशतक जमाकर भारतीय गेंदबाज़ी को खोखला साबित किया।
एक बात तो तय है कि भारत−इंग्लैंड सीरीज़ में टीम इंडिया की कामयाबी या नाकामी काफ़ी हद तक उसके गेंदबाज़ों के हाथ में होगी। फ़िलहाल ये गेंदबाज़ इंग्लैंड−ए के खिलाफ़ नाकाम नज़र आए। अगर रणजी में भी इनकी रंगत नहीं बदली तो कई दिग्गजों का डर सच साबित हो जाएगा।
2012−13 का रणजी सीज़न शुक्रवार को शुरू होगा और भारतीय टीम मैनेजमेंट के लिए यह वरदान साबित हो सकता है। करीब दस साल बाद रणजी के पहले ही मैच में सचिन तेंदुलकर जौहर आज़माएंगे। रणजी सीज़न का पहला मैच टीम इंडिया के गेंदबाज़ों को परखने का शानदार मौका भी साबित होगा।टिप्पणियां
करीब सवा साल पहले क्रिकेट के मक्का लॉर्ड्स पर पहले टेस्ट मैच के पहले ही दिन जब कप्तान धोनी अपने विकेटकीपिंग ग्लव्स राहुल द्रविड़ के हाथों में सौंप कर बॉलिंग क्रीज़ पर आए तो टीम की कमज़ोरी साफ दिखाई देने लगी थी। उसके बाद पहले इंग्लैंड ने और फिर ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 0−4 से पीटा और टीम इंडिया का मनोबल तोड़ दिया।
बात सिर्फ विदेशी पिचों की नहीं, पिछले ही साल कमज़ोर मानी जाने वाली वेस्ट इंडीज़ टीम ने भारत के खिलाफ मुंबई में 590 रन की बड़ी पारी खेलकर टीम इंडिया की गेंदबाज़ी पर सवाल खड़े कर दिए।
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर मानते हैं कि सालभर बाद भी टीम इंडिया उसी हालत में है जैसे सालभर पहले थी। टीम इंडिया के सामने कई सवाल हैं, जैसे -
1. कितने कारगर होंगे ज़हीर ख़ान?
2. कौन देगा ज़हीर का साथ?
3. क्या स्पिनरों को मिलेगा पिच का साथ?
धोनी, भज्जी और दूसरे कई खिलाड़ी आनेवाली सीरीज़ में टर्निंग ट्रैक की मांगकर रहे हैं लेकिन, बड़ी चुनौती यह है कि टीम के सामने उठ रहे सवालों का जवाब कौन गेंदबाज़ ढूंढ़ पाएगा। गेंदबाज़ रणजी का इम्तिहान कैसे पास करते हैं और उसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ अपनी काबिलियत साबित कर पाते हैं या नहीं इन सवालों के जवाब खिलाड़ी और टीम इंडिया के आने वाले कल की तस्वीर तय करेंगे।
2012−13 का रणजी सीज़न शुक्रवार को शुरू होगा और भारतीय टीम मैनेजमेंट के लिए यह वरदान साबित हो सकता है। करीब दस साल बाद रणजी के पहले ही मैच में सचिन तेंदुलकर जौहर आज़माएंगे। रणजी सीज़न का पहला मैच टीम इंडिया के गेंदबाज़ों को परखने का शानदार मौका भी साबित होगा।टिप्पणियां
करीब सवा साल पहले क्रिकेट के मक्का लॉर्ड्स पर पहले टेस्ट मैच के पहले ही दिन जब कप्तान धोनी अपने विकेटकीपिंग ग्लव्स राहुल द्रविड़ के हाथों में सौंप कर बॉलिंग क्रीज़ पर आए तो टीम की कमज़ोरी साफ दिखाई देने लगी थी। उसके बाद पहले इंग्लैंड ने और फिर ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 0−4 से पीटा और टीम इंडिया का मनोबल तोड़ दिया।
बात सिर्फ विदेशी पिचों की नहीं, पिछले ही साल कमज़ोर मानी जाने वाली वेस्ट इंडीज़ टीम ने भारत के खिलाफ मुंबई में 590 रन की बड़ी पारी खेलकर टीम इंडिया की गेंदबाज़ी पर सवाल खड़े कर दिए।
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर मानते हैं कि सालभर बाद भी टीम इंडिया उसी हालत में है जैसे सालभर पहले थी। टीम इंडिया के सामने कई सवाल हैं, जैसे -
1. कितने कारगर होंगे ज़हीर ख़ान?
2. कौन देगा ज़हीर का साथ?
3. क्या स्पिनरों को मिलेगा पिच का साथ?
धोनी, भज्जी और दूसरे कई खिलाड़ी आनेवाली सीरीज़ में टर्निंग ट्रैक की मांगकर रहे हैं लेकिन, बड़ी चुनौती यह है कि टीम के सामने उठ रहे सवालों का जवाब कौन गेंदबाज़ ढूंढ़ पाएगा। गेंदबाज़ रणजी का इम्तिहान कैसे पास करते हैं और उसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ अपनी काबिलियत साबित कर पाते हैं या नहीं इन सवालों के जवाब खिलाड़ी और टीम इंडिया के आने वाले कल की तस्वीर तय करेंगे।
करीब सवा साल पहले क्रिकेट के मक्का लॉर्ड्स पर पहले टेस्ट मैच के पहले ही दिन जब कप्तान धोनी अपने विकेटकीपिंग ग्लव्स राहुल द्रविड़ के हाथों में सौंप कर बॉलिंग क्रीज़ पर आए तो टीम की कमज़ोरी साफ दिखाई देने लगी थी। उसके बाद पहले इंग्लैंड ने और फिर ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 0−4 से पीटा और टीम इंडिया का मनोबल तोड़ दिया।
बात सिर्फ विदेशी पिचों की नहीं, पिछले ही साल कमज़ोर मानी जाने वाली वेस्ट इंडीज़ टीम ने भारत के खिलाफ मुंबई में 590 रन की बड़ी पारी खेलकर टीम इंडिया की गेंदबाज़ी पर सवाल खड़े कर दिए।
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर मानते हैं कि सालभर बाद भी टीम इंडिया उसी हालत में है जैसे सालभर पहले थी। टीम इंडिया के सामने कई सवाल हैं, जैसे -
1. कितने कारगर होंगे ज़हीर ख़ान?
2. कौन देगा ज़हीर का साथ?
3. क्या स्पिनरों को मिलेगा पिच का साथ?
धोनी, भज्जी और दूसरे कई खिलाड़ी आनेवाली सीरीज़ में टर्निंग ट्रैक की मांगकर रहे हैं लेकिन, बड़ी चुनौती यह है कि टीम के सामने उठ रहे सवालों का जवाब कौन गेंदबाज़ ढूंढ़ पाएगा। गेंदबाज़ रणजी का इम्तिहान कैसे पास करते हैं और उसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ अपनी काबिलियत साबित कर पाते हैं या नहीं इन सवालों के जवाब खिलाड़ी और टीम इंडिया के आने वाले कल की तस्वीर तय करेंगे।
धोनी, भज्जी और दूसरे कई खिलाड़ी आनेवाली सीरीज़ में टर्निंग ट्रैक की मांगकर रहे हैं लेकिन, बड़ी चुनौती यह है कि टीम के सामने उठ रहे सवालों का जवाब कौन गेंदबाज़ ढूंढ़ पाएगा। गेंदबाज़ रणजी का इम्तिहान कैसे पास करते हैं और उसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ अपनी काबिलियत साबित कर पाते हैं या नहीं इन सवालों के जवाब खिलाड़ी और टीम इंडिया के आने वाले कल की तस्वीर तय करेंगे। | दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: टीम इंडिया के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के करियर का यह अब तक का शायद सबसे बड़ा इम्तिहान है। धोनी कहते हैं कि कागज पर हम कमज़ोर हैं लेकिन, हम बेहतर हो जाएंगे। | 11 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाएं: सरकार की ओर से रक्षामंत्री एके एंटनी ने मंगलवार को संसद को आश्वासन दिया कि पाकिस्तान की ओर से बार-बार किए जा रहे नियंत्रण रेखा के उल्लंघन को रोकने के लिए देश की सेना सभी आवश्यक कदम उठाने के लिए तैयार है।
पाकिस्तान द्वारा रात्रि 2.00 बजे जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में नियंत्रण रेखा के निकट घात लगाकर भारतीय सेना के पांच जवानों को मौत के घाट उतारे जाने की घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि 2012 में एक जनवरी से 5 अगस्त की अवधि की तुलना में पाकिस्तान की ओर से इस वर्ष इसी अवधि में घुसपैठ के प्रयासों की संख्या दोगुनी हो गयी है।
उन्होंने बताया कि इस साल युद्धविराम संबंधी 57 उल्लंघन भी हुए हैं जो पिछले साल की इस अवधि के उल्लंघनों से 80 फीसदी अधिक हैं।
एंटनी ने बताया कि आज तड़के घात लगाकर किया गया यह हमला पाक सेना के वर्दीधारी व्यक्तियों सहित पूरी तरह से हथियारों से लैस लगभग 20 आतंकवादियों द्वारा किया गया था।
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘हम इस अकारण घटना की कड़ी निंदा करते हैं। भारत सरकार ने पाकिस्तान सरकार के साथ राजनयिक माध्यमों के जरिए कड़ा विरोध दर्ज किया है। मैं सदन को आश्वस्त करता हूं कि हमारी सेना नियंत्रण रेखा की अनुल्लंघनीयता को बरकरार रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने को तैयार है।’
उन्होंने कहा कि सरकार उन शहीदों के परिवारों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करती है जिन्होंने अपने कर्तव्य की खातिर सर्वोच्च बलिदान दिया।
रक्षामंत्री के जवाब से असहमति जताते हुए भाजपा सदस्यों ने भारी हंगामा किया जिसके चलते सदन की बैठक कुछ ही देर बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।टिप्पणियां
इससे पूर्व, शून्यकाल के दौरान सपा के मुलायम सिंह यादव और भाजपा के यशवंत सिन्हा ने इस मुद्दे को उठाते हुए पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दिए जाने की जरूरत बताई थी।
गौरतलब है कि हमले में 21 बिहार यूनिट के एक सूबेदार और चार जवान शहीद हो गए। यह हमला रात्रि करीब 2.00 बजे भारतीय सीमा में नियंत्रण रेखा से 450 मीटर की दूरी पर हुआ।
पाकिस्तान द्वारा रात्रि 2.00 बजे जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में नियंत्रण रेखा के निकट घात लगाकर भारतीय सेना के पांच जवानों को मौत के घाट उतारे जाने की घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि 2012 में एक जनवरी से 5 अगस्त की अवधि की तुलना में पाकिस्तान की ओर से इस वर्ष इसी अवधि में घुसपैठ के प्रयासों की संख्या दोगुनी हो गयी है।
उन्होंने बताया कि इस साल युद्धविराम संबंधी 57 उल्लंघन भी हुए हैं जो पिछले साल की इस अवधि के उल्लंघनों से 80 फीसदी अधिक हैं।
एंटनी ने बताया कि आज तड़के घात लगाकर किया गया यह हमला पाक सेना के वर्दीधारी व्यक्तियों सहित पूरी तरह से हथियारों से लैस लगभग 20 आतंकवादियों द्वारा किया गया था।
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘हम इस अकारण घटना की कड़ी निंदा करते हैं। भारत सरकार ने पाकिस्तान सरकार के साथ राजनयिक माध्यमों के जरिए कड़ा विरोध दर्ज किया है। मैं सदन को आश्वस्त करता हूं कि हमारी सेना नियंत्रण रेखा की अनुल्लंघनीयता को बरकरार रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने को तैयार है।’
उन्होंने कहा कि सरकार उन शहीदों के परिवारों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करती है जिन्होंने अपने कर्तव्य की खातिर सर्वोच्च बलिदान दिया।
रक्षामंत्री के जवाब से असहमति जताते हुए भाजपा सदस्यों ने भारी हंगामा किया जिसके चलते सदन की बैठक कुछ ही देर बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।टिप्पणियां
इससे पूर्व, शून्यकाल के दौरान सपा के मुलायम सिंह यादव और भाजपा के यशवंत सिन्हा ने इस मुद्दे को उठाते हुए पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दिए जाने की जरूरत बताई थी।
गौरतलब है कि हमले में 21 बिहार यूनिट के एक सूबेदार और चार जवान शहीद हो गए। यह हमला रात्रि करीब 2.00 बजे भारतीय सीमा में नियंत्रण रेखा से 450 मीटर की दूरी पर हुआ।
उन्होंने बताया कि इस साल युद्धविराम संबंधी 57 उल्लंघन भी हुए हैं जो पिछले साल की इस अवधि के उल्लंघनों से 80 फीसदी अधिक हैं।
एंटनी ने बताया कि आज तड़के घात लगाकर किया गया यह हमला पाक सेना के वर्दीधारी व्यक्तियों सहित पूरी तरह से हथियारों से लैस लगभग 20 आतंकवादियों द्वारा किया गया था।
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘हम इस अकारण घटना की कड़ी निंदा करते हैं। भारत सरकार ने पाकिस्तान सरकार के साथ राजनयिक माध्यमों के जरिए कड़ा विरोध दर्ज किया है। मैं सदन को आश्वस्त करता हूं कि हमारी सेना नियंत्रण रेखा की अनुल्लंघनीयता को बरकरार रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने को तैयार है।’
उन्होंने कहा कि सरकार उन शहीदों के परिवारों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करती है जिन्होंने अपने कर्तव्य की खातिर सर्वोच्च बलिदान दिया।
रक्षामंत्री के जवाब से असहमति जताते हुए भाजपा सदस्यों ने भारी हंगामा किया जिसके चलते सदन की बैठक कुछ ही देर बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।टिप्पणियां
इससे पूर्व, शून्यकाल के दौरान सपा के मुलायम सिंह यादव और भाजपा के यशवंत सिन्हा ने इस मुद्दे को उठाते हुए पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दिए जाने की जरूरत बताई थी।
गौरतलब है कि हमले में 21 बिहार यूनिट के एक सूबेदार और चार जवान शहीद हो गए। यह हमला रात्रि करीब 2.00 बजे भारतीय सीमा में नियंत्रण रेखा से 450 मीटर की दूरी पर हुआ।
एंटनी ने बताया कि आज तड़के घात लगाकर किया गया यह हमला पाक सेना के वर्दीधारी व्यक्तियों सहित पूरी तरह से हथियारों से लैस लगभग 20 आतंकवादियों द्वारा किया गया था।
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘हम इस अकारण घटना की कड़ी निंदा करते हैं। भारत सरकार ने पाकिस्तान सरकार के साथ राजनयिक माध्यमों के जरिए कड़ा विरोध दर्ज किया है। मैं सदन को आश्वस्त करता हूं कि हमारी सेना नियंत्रण रेखा की अनुल्लंघनीयता को बरकरार रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने को तैयार है।’
उन्होंने कहा कि सरकार उन शहीदों के परिवारों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करती है जिन्होंने अपने कर्तव्य की खातिर सर्वोच्च बलिदान दिया।
रक्षामंत्री के जवाब से असहमति जताते हुए भाजपा सदस्यों ने भारी हंगामा किया जिसके चलते सदन की बैठक कुछ ही देर बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।टिप्पणियां
इससे पूर्व, शून्यकाल के दौरान सपा के मुलायम सिंह यादव और भाजपा के यशवंत सिन्हा ने इस मुद्दे को उठाते हुए पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दिए जाने की जरूरत बताई थी।
गौरतलब है कि हमले में 21 बिहार यूनिट के एक सूबेदार और चार जवान शहीद हो गए। यह हमला रात्रि करीब 2.00 बजे भारतीय सीमा में नियंत्रण रेखा से 450 मीटर की दूरी पर हुआ।
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘हम इस अकारण घटना की कड़ी निंदा करते हैं। भारत सरकार ने पाकिस्तान सरकार के साथ राजनयिक माध्यमों के जरिए कड़ा विरोध दर्ज किया है। मैं सदन को आश्वस्त करता हूं कि हमारी सेना नियंत्रण रेखा की अनुल्लंघनीयता को बरकरार रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने को तैयार है।’
उन्होंने कहा कि सरकार उन शहीदों के परिवारों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करती है जिन्होंने अपने कर्तव्य की खातिर सर्वोच्च बलिदान दिया।
रक्षामंत्री के जवाब से असहमति जताते हुए भाजपा सदस्यों ने भारी हंगामा किया जिसके चलते सदन की बैठक कुछ ही देर बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।टिप्पणियां
इससे पूर्व, शून्यकाल के दौरान सपा के मुलायम सिंह यादव और भाजपा के यशवंत सिन्हा ने इस मुद्दे को उठाते हुए पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दिए जाने की जरूरत बताई थी।
गौरतलब है कि हमले में 21 बिहार यूनिट के एक सूबेदार और चार जवान शहीद हो गए। यह हमला रात्रि करीब 2.00 बजे भारतीय सीमा में नियंत्रण रेखा से 450 मीटर की दूरी पर हुआ।
उन्होंने कहा कि सरकार उन शहीदों के परिवारों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करती है जिन्होंने अपने कर्तव्य की खातिर सर्वोच्च बलिदान दिया।
रक्षामंत्री के जवाब से असहमति जताते हुए भाजपा सदस्यों ने भारी हंगामा किया जिसके चलते सदन की बैठक कुछ ही देर बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।टिप्पणियां
इससे पूर्व, शून्यकाल के दौरान सपा के मुलायम सिंह यादव और भाजपा के यशवंत सिन्हा ने इस मुद्दे को उठाते हुए पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दिए जाने की जरूरत बताई थी।
गौरतलब है कि हमले में 21 बिहार यूनिट के एक सूबेदार और चार जवान शहीद हो गए। यह हमला रात्रि करीब 2.00 बजे भारतीय सीमा में नियंत्रण रेखा से 450 मीटर की दूरी पर हुआ।
रक्षामंत्री के जवाब से असहमति जताते हुए भाजपा सदस्यों ने भारी हंगामा किया जिसके चलते सदन की बैठक कुछ ही देर बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।टिप्पणियां
इससे पूर्व, शून्यकाल के दौरान सपा के मुलायम सिंह यादव और भाजपा के यशवंत सिन्हा ने इस मुद्दे को उठाते हुए पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दिए जाने की जरूरत बताई थी।
गौरतलब है कि हमले में 21 बिहार यूनिट के एक सूबेदार और चार जवान शहीद हो गए। यह हमला रात्रि करीब 2.00 बजे भारतीय सीमा में नियंत्रण रेखा से 450 मीटर की दूरी पर हुआ।
इससे पूर्व, शून्यकाल के दौरान सपा के मुलायम सिंह यादव और भाजपा के यशवंत सिन्हा ने इस मुद्दे को उठाते हुए पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दिए जाने की जरूरत बताई थी।
गौरतलब है कि हमले में 21 बिहार यूनिट के एक सूबेदार और चार जवान शहीद हो गए। यह हमला रात्रि करीब 2.00 बजे भारतीय सीमा में नियंत्रण रेखा से 450 मीटर की दूरी पर हुआ।
गौरतलब है कि हमले में 21 बिहार यूनिट के एक सूबेदार और चार जवान शहीद हो गए। यह हमला रात्रि करीब 2.00 बजे भारतीय सीमा में नियंत्रण रेखा से 450 मीटर की दूरी पर हुआ। | सारांश: सरकार ने मंगलवार को संसद को आश्वासन दिया कि पाकिस्तान की ओर से बार-बार किए जा रहे नियंत्रण रेखा के उल्लंघन को रोकने के लिए देश की सेना सभी आवश्यक कदम उठाने के लिए तैयार है। | 7 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाओ: अखिलेश यादव के कांग्रेस से गठबंधन के बाद पिता मुलायम सिंह की नाराजगी जाहिर होने के बाद पार्टी में खींचतान शुरू हो गई है. सबसे ज्यादा नाराजगी मुलायम समर्थक टिकट के दावेदारों में है. कई नेताओं ने बागी रुख अख्तियार कर लिए हैं. इनमें से बड़ा नाम अखिलेश सरकार में मंत्री शारदा प्रसाद शुक्ल का है. वह कैबिनेट में उच्च शिक्षा विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं. उनके बारे में कहा जा रहा है कि अखिलेश ने उनको टिकट देने से इनकार कर दिया है.टिप्पणियां
लिहाजा उन्होंने सोमवार को बिना सपा छोड़े ही राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के टिकट पर लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से पर्चा भर दिया. पिछली बार शारदा प्रताप शुक्ला इसी सीट से जीते थे. हालांकि इस सीट से खुद अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने की चर्चा चली थी. हालांकि अखिलेश ने इसका खंडन कर दिया. अखिलेश यादव ने इस सीट से अपने चचेरे भाई अनुराग यादव को उतार दिया है. इसके चलते शारदा प्रताप शुक्ला ने यह कदम उठाया है.
उधर बीजेपी ने प्रदेश महिला विंग की अध्यक्ष स्वाति सिंह को इस सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. आपको याद होगा कि कुछ समय पहले यूपी में बीजेपी के नेता दयाशंकर सिंह अचानक सुर्खियों में आ गए थे. दरअसल बीएसपी सुप्रीमो मायावती के खिलाफ अमर्यादित, अभद्र टिप्पणी के चलते वह राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियां बने. बीजेपी ने उसकी सख्त सजा भी दी और दयाशंकर को पार्टी से बाहर कर दिया गया. बसपा ने भी लखनऊ में उनके खिलाफ जबर्दस्त मोर्चा खोला और उनकी पत्नी एवं बेटी के खिलाफ टिप्पणियां भी कीं. दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह उनसे विचलित हो गईं और परिवार की रक्षा के लिए मैदान में उतरते हुए उन्होंने बसपा को जवाब दिया. इसका नतीजा यह हुआ कि बसपा रक्षात्मक मुद्रा में आ गई और स्वाति सिंह अचानक नेता बन गईं. बसपा के शिव शंकर सिंह भी इस सीट से चुनाव मैदान में हैं.
लिहाजा उन्होंने सोमवार को बिना सपा छोड़े ही राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के टिकट पर लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से पर्चा भर दिया. पिछली बार शारदा प्रताप शुक्ला इसी सीट से जीते थे. हालांकि इस सीट से खुद अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने की चर्चा चली थी. हालांकि अखिलेश ने इसका खंडन कर दिया. अखिलेश यादव ने इस सीट से अपने चचेरे भाई अनुराग यादव को उतार दिया है. इसके चलते शारदा प्रताप शुक्ला ने यह कदम उठाया है.
उधर बीजेपी ने प्रदेश महिला विंग की अध्यक्ष स्वाति सिंह को इस सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. आपको याद होगा कि कुछ समय पहले यूपी में बीजेपी के नेता दयाशंकर सिंह अचानक सुर्खियों में आ गए थे. दरअसल बीएसपी सुप्रीमो मायावती के खिलाफ अमर्यादित, अभद्र टिप्पणी के चलते वह राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियां बने. बीजेपी ने उसकी सख्त सजा भी दी और दयाशंकर को पार्टी से बाहर कर दिया गया. बसपा ने भी लखनऊ में उनके खिलाफ जबर्दस्त मोर्चा खोला और उनकी पत्नी एवं बेटी के खिलाफ टिप्पणियां भी कीं. दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह उनसे विचलित हो गईं और परिवार की रक्षा के लिए मैदान में उतरते हुए उन्होंने बसपा को जवाब दिया. इसका नतीजा यह हुआ कि बसपा रक्षात्मक मुद्रा में आ गई और स्वाति सिंह अचानक नेता बन गईं. बसपा के शिव शंकर सिंह भी इस सीट से चुनाव मैदान में हैं.
उधर बीजेपी ने प्रदेश महिला विंग की अध्यक्ष स्वाति सिंह को इस सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. आपको याद होगा कि कुछ समय पहले यूपी में बीजेपी के नेता दयाशंकर सिंह अचानक सुर्खियों में आ गए थे. दरअसल बीएसपी सुप्रीमो मायावती के खिलाफ अमर्यादित, अभद्र टिप्पणी के चलते वह राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियां बने. बीजेपी ने उसकी सख्त सजा भी दी और दयाशंकर को पार्टी से बाहर कर दिया गया. बसपा ने भी लखनऊ में उनके खिलाफ जबर्दस्त मोर्चा खोला और उनकी पत्नी एवं बेटी के खिलाफ टिप्पणियां भी कीं. दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह उनसे विचलित हो गईं और परिवार की रक्षा के लिए मैदान में उतरते हुए उन्होंने बसपा को जवाब दिया. इसका नतीजा यह हुआ कि बसपा रक्षात्मक मुद्रा में आ गई और स्वाति सिंह अचानक नेता बन गईं. बसपा के शिव शंकर सिंह भी इस सीट से चुनाव मैदान में हैं. | यह एक सारांश है: लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से अखिलेश के चचेरे भाई मैदान में
पिछली बार शारदा प्रताप शुक्ला ने जीती थी यह सीट
नाराज शारदा ने रालोद के टिकट पर नामांकन भरा | 24 | ['hin'] |
इस के लिए एक सारांश बनाएं: नरेंद्र मोदी के गढ़ में पहुंचे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि गुजरात में सिर्फ कुछ लोगों का ही विकास हुआ है। जवाब में मोदी ने सवाल पूछा कि असम में हुए दंगों पर पीएम ने अब तक क्या किया है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुजरात के वनसाड में एक चुनावी रैली में कहा कि गुजरात में विकास कुछ ही लोगों के लिए है और बड़ा तबका इससे अछूता है। उन्होंने राज्य के लोगों से कहा कि अगर वे राज्य में कांग्रेस की सरकार बनवाएंगे तो राज्य का हर नागरिक खुद को सुरक्षित महसूस करेगा। उन्होंने कहा कि हम विपक्षी दलों की तरह लोगों के बीच भेदभाव नहीं करते और हम राज्य में एकता और विकास चाहते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात के लोगों को विभाजनकारी राजनीति करने वाले नेताओं से मुक्ति पानी चाहिए। उन्होंने कहा कि गुजरात, 1970 के दशक में कांग्रेस सरकार द्वारा लाई गई औद्योगिकरण नीति के कारण ही आज एक विकसित राज्य होने का दावा कर सका है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मानव विकास के सूचकांक में गुजरात देश के 20 प्रमुख राज्यों में 18वें स्थान पर है। उन्होंने कहा, यह दुखद है कि गुजरात में 41 फीसदी महिलाएं कुपोषण और 15 से 50 वर्ष उम्र की 55 फीसदी महिलाएं खून की कमी की शिकार हैं। टिप्पणियां
ग्रामीण गुजरात में बच्चों का एक बड़ा समूह प्राथमिक शिक्षा तथा उच्चतर प्राथमिक शिक्षा पूरी नहीं कर पाता। मनमोहन सिंह ने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में इससे बहुत बेहतर काम हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना जैसी केंद्रीय योजनाएं तथा अन्य योजनाओं ने कांग्रेस शासित राज्यों में विकास लाया है। लोगों से कांग्रेस को वोट देने की अपील करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा, केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ गुजरात के लोगों तक नहीं पहुंच रहा है। उल्लेखनीय है कि गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 13 और 17 दिसम्बर को होना है। परिणामों की घोषणा 20 दिसम्बर को होगी।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुजरात के वनसाड में एक चुनावी रैली में कहा कि गुजरात में विकास कुछ ही लोगों के लिए है और बड़ा तबका इससे अछूता है। उन्होंने राज्य के लोगों से कहा कि अगर वे राज्य में कांग्रेस की सरकार बनवाएंगे तो राज्य का हर नागरिक खुद को सुरक्षित महसूस करेगा। उन्होंने कहा कि हम विपक्षी दलों की तरह लोगों के बीच भेदभाव नहीं करते और हम राज्य में एकता और विकास चाहते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात के लोगों को विभाजनकारी राजनीति करने वाले नेताओं से मुक्ति पानी चाहिए। उन्होंने कहा कि गुजरात, 1970 के दशक में कांग्रेस सरकार द्वारा लाई गई औद्योगिकरण नीति के कारण ही आज एक विकसित राज्य होने का दावा कर सका है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मानव विकास के सूचकांक में गुजरात देश के 20 प्रमुख राज्यों में 18वें स्थान पर है। उन्होंने कहा, यह दुखद है कि गुजरात में 41 फीसदी महिलाएं कुपोषण और 15 से 50 वर्ष उम्र की 55 फीसदी महिलाएं खून की कमी की शिकार हैं। टिप्पणियां
ग्रामीण गुजरात में बच्चों का एक बड़ा समूह प्राथमिक शिक्षा तथा उच्चतर प्राथमिक शिक्षा पूरी नहीं कर पाता। मनमोहन सिंह ने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में इससे बहुत बेहतर काम हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना जैसी केंद्रीय योजनाएं तथा अन्य योजनाओं ने कांग्रेस शासित राज्यों में विकास लाया है। लोगों से कांग्रेस को वोट देने की अपील करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा, केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ गुजरात के लोगों तक नहीं पहुंच रहा है। उल्लेखनीय है कि गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 13 और 17 दिसम्बर को होना है। परिणामों की घोषणा 20 दिसम्बर को होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात के लोगों को विभाजनकारी राजनीति करने वाले नेताओं से मुक्ति पानी चाहिए। उन्होंने कहा कि गुजरात, 1970 के दशक में कांग्रेस सरकार द्वारा लाई गई औद्योगिकरण नीति के कारण ही आज एक विकसित राज्य होने का दावा कर सका है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मानव विकास के सूचकांक में गुजरात देश के 20 प्रमुख राज्यों में 18वें स्थान पर है। उन्होंने कहा, यह दुखद है कि गुजरात में 41 फीसदी महिलाएं कुपोषण और 15 से 50 वर्ष उम्र की 55 फीसदी महिलाएं खून की कमी की शिकार हैं। टिप्पणियां
ग्रामीण गुजरात में बच्चों का एक बड़ा समूह प्राथमिक शिक्षा तथा उच्चतर प्राथमिक शिक्षा पूरी नहीं कर पाता। मनमोहन सिंह ने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में इससे बहुत बेहतर काम हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना जैसी केंद्रीय योजनाएं तथा अन्य योजनाओं ने कांग्रेस शासित राज्यों में विकास लाया है। लोगों से कांग्रेस को वोट देने की अपील करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा, केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ गुजरात के लोगों तक नहीं पहुंच रहा है। उल्लेखनीय है कि गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 13 और 17 दिसम्बर को होना है। परिणामों की घोषणा 20 दिसम्बर को होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मानव विकास के सूचकांक में गुजरात देश के 20 प्रमुख राज्यों में 18वें स्थान पर है। उन्होंने कहा, यह दुखद है कि गुजरात में 41 फीसदी महिलाएं कुपोषण और 15 से 50 वर्ष उम्र की 55 फीसदी महिलाएं खून की कमी की शिकार हैं। टिप्पणियां
ग्रामीण गुजरात में बच्चों का एक बड़ा समूह प्राथमिक शिक्षा तथा उच्चतर प्राथमिक शिक्षा पूरी नहीं कर पाता। मनमोहन सिंह ने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में इससे बहुत बेहतर काम हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना जैसी केंद्रीय योजनाएं तथा अन्य योजनाओं ने कांग्रेस शासित राज्यों में विकास लाया है। लोगों से कांग्रेस को वोट देने की अपील करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा, केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ गुजरात के लोगों तक नहीं पहुंच रहा है। उल्लेखनीय है कि गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 13 और 17 दिसम्बर को होना है। परिणामों की घोषणा 20 दिसम्बर को होगी।
ग्रामीण गुजरात में बच्चों का एक बड़ा समूह प्राथमिक शिक्षा तथा उच्चतर प्राथमिक शिक्षा पूरी नहीं कर पाता। मनमोहन सिंह ने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में इससे बहुत बेहतर काम हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना जैसी केंद्रीय योजनाएं तथा अन्य योजनाओं ने कांग्रेस शासित राज्यों में विकास लाया है। लोगों से कांग्रेस को वोट देने की अपील करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा, केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ गुजरात के लोगों तक नहीं पहुंच रहा है। उल्लेखनीय है कि गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 13 और 17 दिसम्बर को होना है। परिणामों की घोषणा 20 दिसम्बर को होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा, ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना जैसी केंद्रीय योजनाएं तथा अन्य योजनाओं ने कांग्रेस शासित राज्यों में विकास लाया है। लोगों से कांग्रेस को वोट देने की अपील करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा, केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ गुजरात के लोगों तक नहीं पहुंच रहा है। उल्लेखनीय है कि गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 13 और 17 दिसम्बर को होना है। परिणामों की घोषणा 20 दिसम्बर को होगी। | सारांश: गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के गढ़ में पहुंचे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि राज्य में सिर्फ कुछ लोगों का ही विकास हुआ है। | 31 | ['hin'] |
एक सारांश बनाओ: खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के विवादास्पद फैसले को रोके जाने की पेशकश पर मुख्य विपक्षी दल ने सोमवार को कहा कि इस बारे में सरकार की ओर से औपचारिक एवं स्पष्ट बयान आने के बाद ही वह संसद में अपने भविष्य के रूख के बारे में निर्णय करेगी। इस मुद्दे सहित विभिन्न मामलों को लेकर हंगामे के कारण 22 नवंबर से शुरू हुए शीतकालीन सत्र में संसद अभी तक ठप्प है। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने बताया कि वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने उनसे इस पेशकश के बारे में बात की और कहा कि विपक्ष संसद को चलने दे जिससे वह एफडीआई पर सरकार के रूख के संबंध में सदन में बयान दे सकें। यह पूछे जाने पर कि मुखर्जी ने उनसे इस फैसले को वापस लेने की बात कही या सिर्फ फिलहाल रोके जाने का भरोसा दिलाया, सुषमा ने कहा कि वित्त मंत्री ने इस मामले में विस्तार से बात नहीं की और यही कहा कि वह सदन में सरकार के रूख को स्पष्ट करेंगे। उन्होंने कहा, मैंने प्रणब दा से कहा कि चूंकि उन्होंने पिछली सर्वदलीय बैठक में कहा था कि वह प्रधानमंत्री से बात करके दोबारा लौटेंगे, इसलिए बुधवार, सात दिसंबर की सुबह उन्हें ऐसी ही बैठक बुलाकर सरकार का रूख स्पष्ट करना चाहिए। बाद में सुषमा ने संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल से भी बात की और सर्वदलीय बैठक बुलाने पर ज़ोर डाला। | यहाँ एक सारांश है:भाजपा ने कहा कि इस बारे में सरकार की ओर से औपचारिक एवं स्पष्ट बयान आने के बाद वह संसद में अपने रूख के बारे में निर्णय करेगी। | 15 | ['hin'] |
इस के लिए एक सारांश बनाएं: वहीं, दूसरी तरह अपनी सफाई में विश्वविद्यालय की ओर से कहा गया कि प्रोक्टोरियल जांच समिति की सिफारिश के बाद लगाई गई जुर्माने की राशि को पांडे ने भुगतान करने से इनकार कर दिया और वे अन्य अधिकारियों की तरह ही अपनी बकाया राशि का भुगतान कर सकते थे, और ऐसा न करने पर सजा वह सजा के हकदार हैं. इसके लिए प्रशासन ने एक दूसरे आंदोलनरत छात्र दिलीप यादव का उदाहरण दिया, जिनका भी नामांकन नहीं किया गया है. विवि प्रशासन ने कहा कि यादव को दिल्ली उच्च न्यायालय ने जुर्माने को जमा करने का आदेश दिया गया था। दरअसल, दिलीप यादव ने प्रॉक्टोरियल जांच समिति द्वारा उनके खिलाफ दण्डात्मक उपाय संबंधी कदम उठाए जाने के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.
विश्वविद्यालय प्रशासन ने सोशल मीडिया में फैलाए जा रहे गलत सूचनाओं के अभियान का खंडन करते हुए कहा कि लापता छात्र नजीब अहमद के खिलाफ विरोध कर रहे छात्रों को दण्डित नहीं किया गया है. जैसा कि उनके द्वारा प्रशासन द्वारा इस मामले में लापरवाही बरते जाने का दावा किया गया. | दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: कुछ फैला रहें गलत जानकारी
जेएनयू ने जारी की विज्ञप्ति
छात्रसंघ अध्यक्ष मोहित पांडे के खिलाफ हुई थी कार्रवाई | 3 | ['hin'] |
इस के लिए एक सारांश बनाएं: ओबामा प्रशासन ने रूस से कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) की जानकारी लीक करने वाले भगोड़े एडवर्ड स्नोडेन को ‘बिना देरी किए’ ‘निष्कासित’ करे। हालांकि उसने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से इस बात को लेकर सहमति जताई है कि दोनों देशों को इस मुद्दे पर राजनयिक शक्ति परीक्षण से बचना चाहिए।
इससे पहले पुतिन ने कहा था कि उनकी इच्छा है कि स्नोडेन के मुद्दे पर राजनयिक शक्ति परीक्षण से बचना चाहिए, लेकिन उन्होंने स्नोडेन को अमेरिका को सौंपने से मना करने के फैसले पर पीछे हटने से इनकार कर दिया।
एनएसए के प्रवक्ता कैटलिन हेडेन ने कहा, राष्ट्रपति पुतिन भी इस बात से सहमत हैं कि हम नहीं चाहते कि इस मुद्दे का नकारात्मक असर हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर पड़े, हालांकि हमारी रूस के साथ प्रत्यर्पण संधि नहीं है, इसके बावजूद यात्रा दस्तावेजों और उनके खिलाफ लंबित आरोपों के आधार पर स्नोडेन को निष्कासित करने का स्पष्ट कानूनी आधार है।टिप्पणियां
हेडन ने कहा, इसी के अनुसार हम रूसी सरकार से कह रहे हैं कि बिना देरी किए स्नोडेन को निष्कासित करने के लिए कदम उठाए और कानून लागू करने के लिए सहयोग को मजबूत करें जैसाकि हमारे बीच है, विशेष रूप से बोस्टन मैराथन बम विस्फोट के बाद से।
स्नोडेन तीसरे दिन भी शेरेमेतयेवो हवाई अड्डे के पारगमन जोन में हैं और पुतिन ने कहा है कि वह हमारी पहुंच से बाहर हैं, क्योंकि उन्होंने आव्रजन सीमा पार नहीं की है और तकनीकी रूप से वह रूसी सीमा में नहीं हैं। इस बीच अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि अमेरिका विवाद के स्तर को बढ़ाना नहीं चाहता है और कहा कि वह चाहता है कि इसका समाधान सामान्य तरीके से कानून लागू करने वाली एजेंसियों के जरिये किया जाना चाहिए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता पैट्रिक वेट्रेल ने कहा, हम अपनी बात बहुत स्पष्ट तरीके से रख रहे हैं और हम ऐसा करना जारी रखेंगे। हम उसे निष्कासित होते देखना चाहेंगे और हम समझते हैं कि ऐसा करने का एक कानूनी आधार भी है और हमने पहले भी ऐसे बहुत से मामलों में सहयोग किया है। उन्होंने कहा कि इससे पहले कई कुख्यात अपराधियों को अमेरिका से रूस भेजा गया है।
इससे पहले पुतिन ने कहा था कि उनकी इच्छा है कि स्नोडेन के मुद्दे पर राजनयिक शक्ति परीक्षण से बचना चाहिए, लेकिन उन्होंने स्नोडेन को अमेरिका को सौंपने से मना करने के फैसले पर पीछे हटने से इनकार कर दिया।
एनएसए के प्रवक्ता कैटलिन हेडेन ने कहा, राष्ट्रपति पुतिन भी इस बात से सहमत हैं कि हम नहीं चाहते कि इस मुद्दे का नकारात्मक असर हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर पड़े, हालांकि हमारी रूस के साथ प्रत्यर्पण संधि नहीं है, इसके बावजूद यात्रा दस्तावेजों और उनके खिलाफ लंबित आरोपों के आधार पर स्नोडेन को निष्कासित करने का स्पष्ट कानूनी आधार है।टिप्पणियां
हेडन ने कहा, इसी के अनुसार हम रूसी सरकार से कह रहे हैं कि बिना देरी किए स्नोडेन को निष्कासित करने के लिए कदम उठाए और कानून लागू करने के लिए सहयोग को मजबूत करें जैसाकि हमारे बीच है, विशेष रूप से बोस्टन मैराथन बम विस्फोट के बाद से।
स्नोडेन तीसरे दिन भी शेरेमेतयेवो हवाई अड्डे के पारगमन जोन में हैं और पुतिन ने कहा है कि वह हमारी पहुंच से बाहर हैं, क्योंकि उन्होंने आव्रजन सीमा पार नहीं की है और तकनीकी रूप से वह रूसी सीमा में नहीं हैं। इस बीच अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि अमेरिका विवाद के स्तर को बढ़ाना नहीं चाहता है और कहा कि वह चाहता है कि इसका समाधान सामान्य तरीके से कानून लागू करने वाली एजेंसियों के जरिये किया जाना चाहिए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता पैट्रिक वेट्रेल ने कहा, हम अपनी बात बहुत स्पष्ट तरीके से रख रहे हैं और हम ऐसा करना जारी रखेंगे। हम उसे निष्कासित होते देखना चाहेंगे और हम समझते हैं कि ऐसा करने का एक कानूनी आधार भी है और हमने पहले भी ऐसे बहुत से मामलों में सहयोग किया है। उन्होंने कहा कि इससे पहले कई कुख्यात अपराधियों को अमेरिका से रूस भेजा गया है।
एनएसए के प्रवक्ता कैटलिन हेडेन ने कहा, राष्ट्रपति पुतिन भी इस बात से सहमत हैं कि हम नहीं चाहते कि इस मुद्दे का नकारात्मक असर हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर पड़े, हालांकि हमारी रूस के साथ प्रत्यर्पण संधि नहीं है, इसके बावजूद यात्रा दस्तावेजों और उनके खिलाफ लंबित आरोपों के आधार पर स्नोडेन को निष्कासित करने का स्पष्ट कानूनी आधार है।टिप्पणियां
हेडन ने कहा, इसी के अनुसार हम रूसी सरकार से कह रहे हैं कि बिना देरी किए स्नोडेन को निष्कासित करने के लिए कदम उठाए और कानून लागू करने के लिए सहयोग को मजबूत करें जैसाकि हमारे बीच है, विशेष रूप से बोस्टन मैराथन बम विस्फोट के बाद से।
स्नोडेन तीसरे दिन भी शेरेमेतयेवो हवाई अड्डे के पारगमन जोन में हैं और पुतिन ने कहा है कि वह हमारी पहुंच से बाहर हैं, क्योंकि उन्होंने आव्रजन सीमा पार नहीं की है और तकनीकी रूप से वह रूसी सीमा में नहीं हैं। इस बीच अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि अमेरिका विवाद के स्तर को बढ़ाना नहीं चाहता है और कहा कि वह चाहता है कि इसका समाधान सामान्य तरीके से कानून लागू करने वाली एजेंसियों के जरिये किया जाना चाहिए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता पैट्रिक वेट्रेल ने कहा, हम अपनी बात बहुत स्पष्ट तरीके से रख रहे हैं और हम ऐसा करना जारी रखेंगे। हम उसे निष्कासित होते देखना चाहेंगे और हम समझते हैं कि ऐसा करने का एक कानूनी आधार भी है और हमने पहले भी ऐसे बहुत से मामलों में सहयोग किया है। उन्होंने कहा कि इससे पहले कई कुख्यात अपराधियों को अमेरिका से रूस भेजा गया है।
हेडन ने कहा, इसी के अनुसार हम रूसी सरकार से कह रहे हैं कि बिना देरी किए स्नोडेन को निष्कासित करने के लिए कदम उठाए और कानून लागू करने के लिए सहयोग को मजबूत करें जैसाकि हमारे बीच है, विशेष रूप से बोस्टन मैराथन बम विस्फोट के बाद से।
स्नोडेन तीसरे दिन भी शेरेमेतयेवो हवाई अड्डे के पारगमन जोन में हैं और पुतिन ने कहा है कि वह हमारी पहुंच से बाहर हैं, क्योंकि उन्होंने आव्रजन सीमा पार नहीं की है और तकनीकी रूप से वह रूसी सीमा में नहीं हैं। इस बीच अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि अमेरिका विवाद के स्तर को बढ़ाना नहीं चाहता है और कहा कि वह चाहता है कि इसका समाधान सामान्य तरीके से कानून लागू करने वाली एजेंसियों के जरिये किया जाना चाहिए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता पैट्रिक वेट्रेल ने कहा, हम अपनी बात बहुत स्पष्ट तरीके से रख रहे हैं और हम ऐसा करना जारी रखेंगे। हम उसे निष्कासित होते देखना चाहेंगे और हम समझते हैं कि ऐसा करने का एक कानूनी आधार भी है और हमने पहले भी ऐसे बहुत से मामलों में सहयोग किया है। उन्होंने कहा कि इससे पहले कई कुख्यात अपराधियों को अमेरिका से रूस भेजा गया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता पैट्रिक वेट्रेल ने कहा, हम अपनी बात बहुत स्पष्ट तरीके से रख रहे हैं और हम ऐसा करना जारी रखेंगे। हम उसे निष्कासित होते देखना चाहेंगे और हम समझते हैं कि ऐसा करने का एक कानूनी आधार भी है और हमने पहले भी ऐसे बहुत से मामलों में सहयोग किया है। उन्होंने कहा कि इससे पहले कई कुख्यात अपराधियों को अमेरिका से रूस भेजा गया है। | सारांश: ओबामा प्रशासन ने रूस से कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) की जानकारी लीक करने वाले भगोड़े एडवर्ड स्नोडेन को ‘बिना देरी किए’ ‘निष्कासित’ करे। | 31 | ['hin'] |
एक सारांश बनाओ: बॉलीवुड के 'सुल्तान' सलमान खान (Salman Khan) की फिल्म 'दबंग 3 (Dabangg 3)' दिसंबर में रिलीज होने वाली है. फिल्म की शूटिंग पूरी हो चुकी है. 'दबंग 3' को लेकर फैन्स में अभी से काफी एक्साइटमेंट है. हाल ही में, चुलबुल पांडे बने सलमान खान ने 'दबंग 3' के नए किरदार 'खुशी' को फैन्स से इंट्रोड्यूस कराया है. चुलबुल रॉबिनहुड पांडे ने फैन्स के जोश को और ज्यादा बढ़ाते हुए, दर्शकों को डेब्यू कलाकार साई एम मांजरेकर (Sai S Manjrekar) द्वारा निभाए जा रहे 'खुशी' के किरदार से रू-ब-रू कराया. 'खुशी' का परिचय देने के लिए, निर्माताओं ने एक मोशन पोस्टर साझा किया है, जहां चुलबुल पांडे चलते हुए साई को खुशी के रूप में इंट्रोड्यूस कर रहे हैं.
इस मोशन पोस्टर में चुलबुल बने सलमान खान (Salman Khan) ने चेतावनी देते हुए यह भी कहा है कि 'इनकी खुशी के लिए हम किसी को भी दुखी कर सकते है' जिसने सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा है. और हर कोई यही सोच रहा है कि 'चुलबुल पांडे (Chulbul Pandey)' के जीवन में यह नई महिला आखिर कौन है.
बता दें, इससे पहले चुलबुल पांडे, रज्जो और दबंग 3 (Dabangg 3) के खलनायक 'बाली' के पोस्टर को फैन्स की जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल चुकी है. बता दें, प्रभुदेवा द्वारा निर्देशित, दबंग 3 सलमान खान फिल्म्स के बैनर तले बनी है. ये फिल्म 20 दिसंबर 2019 में रिलीज के लिए तैयार है. यह कई भाषाओं में रिलीज होने वाली सलमान की पहली फिल्म होगी. इस फिल्म को लेकर फैन्स में काफी एक्साइटमेंट है. | सारांश: सलमान खान ने 'दबंग 3' के नए किरदार से कराया इंट्रोड्यूस
इनकी खुशी के लिए कुछ भी कर सकते हैं चुलबुल पांडे
'खुशी' का मोशन पोस्टर हुआ रिलीज | 5 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाएं: फिल्म अभिनेता तुषार कपूर 'कारवां' और 'फर्ज' के अगले संस्करण में अपने पिता जीतेंद्र की भूमिका निभाना चाहते हैं। उनका मानना है कि 'हिम्मतवाला' की रिमेक में जीतेंद्र की भूमिका के लिए अजय देवगन सबसे उपयुक्त हैं।
जब उनसे पूछा गया कि वह अपने पिता द्वारा की गई कौन सी फिल्म में काम करना चाहेंगे तो उन्होंने कहा, "मैं 'कारवां' और 'फर्ज' में काम करना चाहता हूं। 'कारवां' मेरे उम्र के बिल्कुल अनुरूप है। यह एक हास्य फिल्म भी थी।"
अजय के साथ 'गोलमाल श्रृंखला' की फिल्म में काम कर चुके तुषार इस बात से खुश हैं कि अजय 'हिम्मतवाला' की रीमेक में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "मैंने उनके (अजय) साथ काम किया है। मुझे लगता है कि वह इस किरदार के लिए बिल्कुल उपयुक्त है। मैं खुश हूं कि एक महान टीम जिसमें साजिद खान और अजय देवगन जैसे लोग हैं इस बड़ी फिल्म को लेकर फिर आ रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "मैं इस फिल्म को देखने के लिए बेताब हूं मुझे विश्वास है कि अजय इसमें अपना जादू डालेंगे और इसे पहले की तरह ही एक बेहतरीन फिल्म बनाएंगे।" 1983 में बनीं सफल फिल्म 'हिम्मतवाला' में जितेंद्र और श्रीदेवी की जोड़ी थी। | दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: फिल्म अभिनेता तुषार कपूर 'कारवां' और 'फर्ज' के अगले संस्करण में अपने पिता जीतेंद्र की भूमिका निभाना चाहते हैं। उनका मानना है कि 'हिम्मतवाला' की रिमेक में जीतेंद्र की भूमिका के लिए अजय देवगन सबसे उपयुक्त हैं। | 25 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाओ: श्रीलंका और इंग्लैंड की क्रिकेट टीमों को ट्वेंटी-20 विश्व कप के सुपर-8 दौर में धीमी ओवर गति को लेकर जुर्माना भरना पड़ा है।
शनिवार को श्रीलंका की भिड़ंत वेस्टइंडीज से हुई थी। उससे पहले पाल्लेकेले अंतरराष्ट्रीय मैदान पर इंग्लैंड का सामना न्यूजीलैंड के साथ हुआ था।टिप्पणियां
मैच रेफरी जवागल श्रीनाथ ने इंग्लैंड के कप्तान स्टुअर्ट ब्रॉड और श्रीलंका के कप्तान माहेला जयवर्धने को निर्धारित समय में एक ओवर कम फेंकने का दोषी पाया।
इस कारण कप्तानों पर मैच फीस का 20 फीसदी और दोनों टीमों के बाकी के खिलाड़ियों पर मैच फीस का 10 फीसदी जुर्माना लगाया गया।
शनिवार को श्रीलंका की भिड़ंत वेस्टइंडीज से हुई थी। उससे पहले पाल्लेकेले अंतरराष्ट्रीय मैदान पर इंग्लैंड का सामना न्यूजीलैंड के साथ हुआ था।टिप्पणियां
मैच रेफरी जवागल श्रीनाथ ने इंग्लैंड के कप्तान स्टुअर्ट ब्रॉड और श्रीलंका के कप्तान माहेला जयवर्धने को निर्धारित समय में एक ओवर कम फेंकने का दोषी पाया।
इस कारण कप्तानों पर मैच फीस का 20 फीसदी और दोनों टीमों के बाकी के खिलाड़ियों पर मैच फीस का 10 फीसदी जुर्माना लगाया गया।
मैच रेफरी जवागल श्रीनाथ ने इंग्लैंड के कप्तान स्टुअर्ट ब्रॉड और श्रीलंका के कप्तान माहेला जयवर्धने को निर्धारित समय में एक ओवर कम फेंकने का दोषी पाया।
इस कारण कप्तानों पर मैच फीस का 20 फीसदी और दोनों टीमों के बाकी के खिलाड़ियों पर मैच फीस का 10 फीसदी जुर्माना लगाया गया।
इस कारण कप्तानों पर मैच फीस का 20 फीसदी और दोनों टीमों के बाकी के खिलाड़ियों पर मैच फीस का 10 फीसदी जुर्माना लगाया गया। | सारांश: श्रीलंका और इंग्लैंड की क्रिकेट टीमों को ट्वेंटी-20 विश्व कप के सुपर-8 दौर में धीमी ओवर गति को लेकर जुर्माना भरना पड़ा है। | 33 | ['hin'] |
इस के लिए एक सारांश बनाएं: इराकी राजधानी बगदाद और उसके आसपास के क्षेत्रों में कुछ मिनटों के अंतराल पर शृंखलाबद्ध बम विस्फोट हुए जिनमें कम से कम 37 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हो गए। मारे गए में ज्यादातर लोगों का ताल्लुक शिया समुदाय से है।
हमले इराक में बढ़ रहे जातीय तनाव बढ़ने के बीच हुए हैं। विस्फोट अधिकतर बाहरी बाजारों में स्थानीय कार्य सप्ताह शुरू होने के दिन हुए। विस्फोट के जरिये संभवत: उन निवासियों को निशाना बनाना था जो सुबह के समय बाजार जाते हैं।
साल 2006 और 2007 में हुई जातीय हिंसा के चरम पर रहने के बाद इराक में हिंसा का ग्राफ तेजी से नीचे चला गया था, लेकिन आतंकवाद सुरक्षा बलों को निशाना बनाते रहे हैं।टिप्पणियां
इस महीने यह तीसरा मौका है जब एक दिन के हमलों में 20 से अधिक लोग मारे गए हैं।
सुबह विस्फोट की शुरुआत शिया बहुल सद्र शहर में विस्फोटकों से भरी कार में विस्फोट से हुई। इसके बाद पास के क्षेत्र में दो अन्य खड़ी कारों में विस्फोट हुआ।
हमले इराक में बढ़ रहे जातीय तनाव बढ़ने के बीच हुए हैं। विस्फोट अधिकतर बाहरी बाजारों में स्थानीय कार्य सप्ताह शुरू होने के दिन हुए। विस्फोट के जरिये संभवत: उन निवासियों को निशाना बनाना था जो सुबह के समय बाजार जाते हैं।
साल 2006 और 2007 में हुई जातीय हिंसा के चरम पर रहने के बाद इराक में हिंसा का ग्राफ तेजी से नीचे चला गया था, लेकिन आतंकवाद सुरक्षा बलों को निशाना बनाते रहे हैं।टिप्पणियां
इस महीने यह तीसरा मौका है जब एक दिन के हमलों में 20 से अधिक लोग मारे गए हैं।
सुबह विस्फोट की शुरुआत शिया बहुल सद्र शहर में विस्फोटकों से भरी कार में विस्फोट से हुई। इसके बाद पास के क्षेत्र में दो अन्य खड़ी कारों में विस्फोट हुआ।
साल 2006 और 2007 में हुई जातीय हिंसा के चरम पर रहने के बाद इराक में हिंसा का ग्राफ तेजी से नीचे चला गया था, लेकिन आतंकवाद सुरक्षा बलों को निशाना बनाते रहे हैं।टिप्पणियां
इस महीने यह तीसरा मौका है जब एक दिन के हमलों में 20 से अधिक लोग मारे गए हैं।
सुबह विस्फोट की शुरुआत शिया बहुल सद्र शहर में विस्फोटकों से भरी कार में विस्फोट से हुई। इसके बाद पास के क्षेत्र में दो अन्य खड़ी कारों में विस्फोट हुआ।
इस महीने यह तीसरा मौका है जब एक दिन के हमलों में 20 से अधिक लोग मारे गए हैं।
सुबह विस्फोट की शुरुआत शिया बहुल सद्र शहर में विस्फोटकों से भरी कार में विस्फोट से हुई। इसके बाद पास के क्षेत्र में दो अन्य खड़ी कारों में विस्फोट हुआ।
सुबह विस्फोट की शुरुआत शिया बहुल सद्र शहर में विस्फोटकों से भरी कार में विस्फोट से हुई। इसके बाद पास के क्षेत्र में दो अन्य खड़ी कारों में विस्फोट हुआ। | यहाँ एक सारांश है:इराकी राजधानी बगदाद और उसके आसपास के क्षेत्रों में कुछ मिनटों के अंतराल पर शृंखलाबद्ध बम विस्फोट हुए जिनमें कम से कम 37 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हो गए। मारे गए में ज्यादातर लोगों का ताल्लुक शिया समुदाय से है। | 17 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाओ: जम्मू एवं कश्मीर के किश्तवाड़ कस्बे में भड़की सांप्रदायिक हिंसा को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे राज्य के गृह राज्य मंत्री सज्जाद अहमद किचलू ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया। तीन दिन पहले भड़की हिंसा में मरने वालों की संख्या तीन हो चुकी है।
किश्तवाड़ और जम्मू क्षेत्र के अन्य सात जिलों में अभी भी कर्फ्यू लागू है और सेना तैनात है। जिन अन्य जिलों में कर्फ्यू लगाना पड़ा है उनमें राजौरी, जम्मू, कठुआ, सांबा, रेआसी, उधमपुर और डोडा शामिल हैं। केवल पुंछ और रामबन कर्फ्यू से मुक्त हैं।
पुलिस द्वारा पड्डार गांव में एक और शव बरामद किए जाने से दंगों में मरने वालों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि पीड़ितों ने टकराव शुरू होने के बाद थाने में शरण ली थी, लेकिन ग्राम रक्षा समिति (वीडीसी) के लोगों ने उन्हें घसीट लिया और हत्या कर दी।
जम्मू के सुदूरवर्ती इलाकों में आतंकवादियों से लोहा लेने के लिए वीडीसी का गठन किया गया था और उनके सदस्यों को पुलिस ने हथियार मुहैया कराए थे। अलगाववादी नेताओं ने दंगे के लिए वीडीसी को जिम्मेदार ठहराया है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने किचलू का इस्तीफा स्वीकार कर लिया और उसे राज्यपाल एनएन वोहरा के पास भेज दिया है।
किचलू राज्य विधानसभा में किश्तवाड़ सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने इसके पहले संवाददाताओं से कहा कि वह उमर को अपना इस्तीफा सौंपने जा रहे हैं। गृह मंत्रालय का प्रभार उमर के पास ही है।
किश्तवाड़ के सांप्रदायिक माहौल को ठीक से न संभाल पाने के लिए किचलू तीव्र आलोचनाओं का सामना कर रहे थे। किश्तवाड़ की हिंसा बाद में जम्मू क्षेत्र के अन्य हिस्सों में फैल गई।
किचलू ने हालांकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा उनका इस्तीफा मांगे जाने के अधिकार पर सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा, "क्या नरेंद्र मोदी ने गुजरात दंगों के बाद इस्तीफा दिया था।"
किश्तवाड़ की स्थिति की गूंज सोमवार को संसद में भी सुनाई दी। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की और समाजवादी पार्टी इसका तुरंत विरोध किया।
उधर, अरुण जेटली को किश्तवाड़ का दौरा नहीं करने देने के सवाल पर उमर अब्दुल्ला व भारतीय जनता पार्टी के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है।
जेटली ने राज्य सभा में कहा कि किश्तवाड़ में ईद-उल-फितर के रोज शुरू हुई हिंसा देश की संप्रभुता के लिए खतरा है।
जेटली के हमले का जवाब देते हुए अब्दुल्ला ने ट्वीट में लिखा है, "क्या जेटली संसद को यह भी बताने की मेहरबानी करेंगे कि 2002 में गुजरात के गृह मंत्री या गृह राज्य मंत्री ने इस्तीफा दिया था।" उन्होंने आगे कहा है किश्तवाड़ में तीन मौतें हुई हैं- एक हिंदू और दो मुस्लिम की। और हम अपने मंत्री के इस्तीफे के साथ एक न्यायिक जांच कराने जा रहे हैं। क्या भाजपा 2002 में अपने कदमों को याद करने का साहस जुटा सकती है? उन्होंने कहा है, "निश्चित रूप से नहीं। क्योंकि उनके स्टार प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी सेना को बुलाने का इंतजार करते रहे और अभी तक पछतावा भी नहीं व्यक्त किया है। दिखावे के लिए ही सही।"
इधर, संसद में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि जम्मू क्षेत्र में हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इलाके से किसी को भी मजबूर होकर प्रवास करने जैसी स्थिति नहीं बनने देगी।
मंत्री ने राज्य सभा को बताया कि हिंसा प्रभावित जम्मू क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में आ गई है और तीन लोगों की मौत हुई है।
चिदंबरम ने कहा,"हम सभी भारतीय हैं। तीन भारतीयों ने जीवन गंवाया है और यह गंभीर दुख का विषय है।"टिप्पणियां
चिदंबरम ने कहा, "हम 1990 को नहीं दोहराने देंगे। हम मजबूरी में प्रवास की स्थिति नहीं पैदा होने देंगे। इलाके के हर व्यक्ति का जीवन सुरक्षित है।"
उल्लेखनीय है कि राज्य में आतंकवाद के फैलने के साथ ही 1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हुआ।
किश्तवाड़ और जम्मू क्षेत्र के अन्य सात जिलों में अभी भी कर्फ्यू लागू है और सेना तैनात है। जिन अन्य जिलों में कर्फ्यू लगाना पड़ा है उनमें राजौरी, जम्मू, कठुआ, सांबा, रेआसी, उधमपुर और डोडा शामिल हैं। केवल पुंछ और रामबन कर्फ्यू से मुक्त हैं।
पुलिस द्वारा पड्डार गांव में एक और शव बरामद किए जाने से दंगों में मरने वालों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि पीड़ितों ने टकराव शुरू होने के बाद थाने में शरण ली थी, लेकिन ग्राम रक्षा समिति (वीडीसी) के लोगों ने उन्हें घसीट लिया और हत्या कर दी।
जम्मू के सुदूरवर्ती इलाकों में आतंकवादियों से लोहा लेने के लिए वीडीसी का गठन किया गया था और उनके सदस्यों को पुलिस ने हथियार मुहैया कराए थे। अलगाववादी नेताओं ने दंगे के लिए वीडीसी को जिम्मेदार ठहराया है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने किचलू का इस्तीफा स्वीकार कर लिया और उसे राज्यपाल एनएन वोहरा के पास भेज दिया है।
किचलू राज्य विधानसभा में किश्तवाड़ सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने इसके पहले संवाददाताओं से कहा कि वह उमर को अपना इस्तीफा सौंपने जा रहे हैं। गृह मंत्रालय का प्रभार उमर के पास ही है।
किश्तवाड़ के सांप्रदायिक माहौल को ठीक से न संभाल पाने के लिए किचलू तीव्र आलोचनाओं का सामना कर रहे थे। किश्तवाड़ की हिंसा बाद में जम्मू क्षेत्र के अन्य हिस्सों में फैल गई।
किचलू ने हालांकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा उनका इस्तीफा मांगे जाने के अधिकार पर सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा, "क्या नरेंद्र मोदी ने गुजरात दंगों के बाद इस्तीफा दिया था।"
किश्तवाड़ की स्थिति की गूंज सोमवार को संसद में भी सुनाई दी। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की और समाजवादी पार्टी इसका तुरंत विरोध किया।
उधर, अरुण जेटली को किश्तवाड़ का दौरा नहीं करने देने के सवाल पर उमर अब्दुल्ला व भारतीय जनता पार्टी के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है।
जेटली ने राज्य सभा में कहा कि किश्तवाड़ में ईद-उल-फितर के रोज शुरू हुई हिंसा देश की संप्रभुता के लिए खतरा है।
जेटली के हमले का जवाब देते हुए अब्दुल्ला ने ट्वीट में लिखा है, "क्या जेटली संसद को यह भी बताने की मेहरबानी करेंगे कि 2002 में गुजरात के गृह मंत्री या गृह राज्य मंत्री ने इस्तीफा दिया था।" उन्होंने आगे कहा है किश्तवाड़ में तीन मौतें हुई हैं- एक हिंदू और दो मुस्लिम की। और हम अपने मंत्री के इस्तीफे के साथ एक न्यायिक जांच कराने जा रहे हैं। क्या भाजपा 2002 में अपने कदमों को याद करने का साहस जुटा सकती है? उन्होंने कहा है, "निश्चित रूप से नहीं। क्योंकि उनके स्टार प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी सेना को बुलाने का इंतजार करते रहे और अभी तक पछतावा भी नहीं व्यक्त किया है। दिखावे के लिए ही सही।"
इधर, संसद में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि जम्मू क्षेत्र में हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इलाके से किसी को भी मजबूर होकर प्रवास करने जैसी स्थिति नहीं बनने देगी।
मंत्री ने राज्य सभा को बताया कि हिंसा प्रभावित जम्मू क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में आ गई है और तीन लोगों की मौत हुई है।
चिदंबरम ने कहा,"हम सभी भारतीय हैं। तीन भारतीयों ने जीवन गंवाया है और यह गंभीर दुख का विषय है।"टिप्पणियां
चिदंबरम ने कहा, "हम 1990 को नहीं दोहराने देंगे। हम मजबूरी में प्रवास की स्थिति नहीं पैदा होने देंगे। इलाके के हर व्यक्ति का जीवन सुरक्षित है।"
उल्लेखनीय है कि राज्य में आतंकवाद के फैलने के साथ ही 1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हुआ।
पुलिस द्वारा पड्डार गांव में एक और शव बरामद किए जाने से दंगों में मरने वालों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि पीड़ितों ने टकराव शुरू होने के बाद थाने में शरण ली थी, लेकिन ग्राम रक्षा समिति (वीडीसी) के लोगों ने उन्हें घसीट लिया और हत्या कर दी।
जम्मू के सुदूरवर्ती इलाकों में आतंकवादियों से लोहा लेने के लिए वीडीसी का गठन किया गया था और उनके सदस्यों को पुलिस ने हथियार मुहैया कराए थे। अलगाववादी नेताओं ने दंगे के लिए वीडीसी को जिम्मेदार ठहराया है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने किचलू का इस्तीफा स्वीकार कर लिया और उसे राज्यपाल एनएन वोहरा के पास भेज दिया है।
किचलू राज्य विधानसभा में किश्तवाड़ सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने इसके पहले संवाददाताओं से कहा कि वह उमर को अपना इस्तीफा सौंपने जा रहे हैं। गृह मंत्रालय का प्रभार उमर के पास ही है।
किश्तवाड़ के सांप्रदायिक माहौल को ठीक से न संभाल पाने के लिए किचलू तीव्र आलोचनाओं का सामना कर रहे थे। किश्तवाड़ की हिंसा बाद में जम्मू क्षेत्र के अन्य हिस्सों में फैल गई।
किचलू ने हालांकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा उनका इस्तीफा मांगे जाने के अधिकार पर सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा, "क्या नरेंद्र मोदी ने गुजरात दंगों के बाद इस्तीफा दिया था।"
किश्तवाड़ की स्थिति की गूंज सोमवार को संसद में भी सुनाई दी। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की और समाजवादी पार्टी इसका तुरंत विरोध किया।
उधर, अरुण जेटली को किश्तवाड़ का दौरा नहीं करने देने के सवाल पर उमर अब्दुल्ला व भारतीय जनता पार्टी के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है।
जेटली ने राज्य सभा में कहा कि किश्तवाड़ में ईद-उल-फितर के रोज शुरू हुई हिंसा देश की संप्रभुता के लिए खतरा है।
जेटली के हमले का जवाब देते हुए अब्दुल्ला ने ट्वीट में लिखा है, "क्या जेटली संसद को यह भी बताने की मेहरबानी करेंगे कि 2002 में गुजरात के गृह मंत्री या गृह राज्य मंत्री ने इस्तीफा दिया था।" उन्होंने आगे कहा है किश्तवाड़ में तीन मौतें हुई हैं- एक हिंदू और दो मुस्लिम की। और हम अपने मंत्री के इस्तीफे के साथ एक न्यायिक जांच कराने जा रहे हैं। क्या भाजपा 2002 में अपने कदमों को याद करने का साहस जुटा सकती है? उन्होंने कहा है, "निश्चित रूप से नहीं। क्योंकि उनके स्टार प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी सेना को बुलाने का इंतजार करते रहे और अभी तक पछतावा भी नहीं व्यक्त किया है। दिखावे के लिए ही सही।"
इधर, संसद में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि जम्मू क्षेत्र में हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इलाके से किसी को भी मजबूर होकर प्रवास करने जैसी स्थिति नहीं बनने देगी।
मंत्री ने राज्य सभा को बताया कि हिंसा प्रभावित जम्मू क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में आ गई है और तीन लोगों की मौत हुई है।
चिदंबरम ने कहा,"हम सभी भारतीय हैं। तीन भारतीयों ने जीवन गंवाया है और यह गंभीर दुख का विषय है।"टिप्पणियां
चिदंबरम ने कहा, "हम 1990 को नहीं दोहराने देंगे। हम मजबूरी में प्रवास की स्थिति नहीं पैदा होने देंगे। इलाके के हर व्यक्ति का जीवन सुरक्षित है।"
उल्लेखनीय है कि राज्य में आतंकवाद के फैलने के साथ ही 1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हुआ।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि पीड़ितों ने टकराव शुरू होने के बाद थाने में शरण ली थी, लेकिन ग्राम रक्षा समिति (वीडीसी) के लोगों ने उन्हें घसीट लिया और हत्या कर दी।
जम्मू के सुदूरवर्ती इलाकों में आतंकवादियों से लोहा लेने के लिए वीडीसी का गठन किया गया था और उनके सदस्यों को पुलिस ने हथियार मुहैया कराए थे। अलगाववादी नेताओं ने दंगे के लिए वीडीसी को जिम्मेदार ठहराया है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने किचलू का इस्तीफा स्वीकार कर लिया और उसे राज्यपाल एनएन वोहरा के पास भेज दिया है।
किचलू राज्य विधानसभा में किश्तवाड़ सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने इसके पहले संवाददाताओं से कहा कि वह उमर को अपना इस्तीफा सौंपने जा रहे हैं। गृह मंत्रालय का प्रभार उमर के पास ही है।
किश्तवाड़ के सांप्रदायिक माहौल को ठीक से न संभाल पाने के लिए किचलू तीव्र आलोचनाओं का सामना कर रहे थे। किश्तवाड़ की हिंसा बाद में जम्मू क्षेत्र के अन्य हिस्सों में फैल गई।
किचलू ने हालांकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा उनका इस्तीफा मांगे जाने के अधिकार पर सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा, "क्या नरेंद्र मोदी ने गुजरात दंगों के बाद इस्तीफा दिया था।"
किश्तवाड़ की स्थिति की गूंज सोमवार को संसद में भी सुनाई दी। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की और समाजवादी पार्टी इसका तुरंत विरोध किया।
उधर, अरुण जेटली को किश्तवाड़ का दौरा नहीं करने देने के सवाल पर उमर अब्दुल्ला व भारतीय जनता पार्टी के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है।
जेटली ने राज्य सभा में कहा कि किश्तवाड़ में ईद-उल-फितर के रोज शुरू हुई हिंसा देश की संप्रभुता के लिए खतरा है।
जेटली के हमले का जवाब देते हुए अब्दुल्ला ने ट्वीट में लिखा है, "क्या जेटली संसद को यह भी बताने की मेहरबानी करेंगे कि 2002 में गुजरात के गृह मंत्री या गृह राज्य मंत्री ने इस्तीफा दिया था।" उन्होंने आगे कहा है किश्तवाड़ में तीन मौतें हुई हैं- एक हिंदू और दो मुस्लिम की। और हम अपने मंत्री के इस्तीफे के साथ एक न्यायिक जांच कराने जा रहे हैं। क्या भाजपा 2002 में अपने कदमों को याद करने का साहस जुटा सकती है? उन्होंने कहा है, "निश्चित रूप से नहीं। क्योंकि उनके स्टार प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी सेना को बुलाने का इंतजार करते रहे और अभी तक पछतावा भी नहीं व्यक्त किया है। दिखावे के लिए ही सही।"
इधर, संसद में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि जम्मू क्षेत्र में हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इलाके से किसी को भी मजबूर होकर प्रवास करने जैसी स्थिति नहीं बनने देगी।
मंत्री ने राज्य सभा को बताया कि हिंसा प्रभावित जम्मू क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में आ गई है और तीन लोगों की मौत हुई है।
चिदंबरम ने कहा,"हम सभी भारतीय हैं। तीन भारतीयों ने जीवन गंवाया है और यह गंभीर दुख का विषय है।"टिप्पणियां
चिदंबरम ने कहा, "हम 1990 को नहीं दोहराने देंगे। हम मजबूरी में प्रवास की स्थिति नहीं पैदा होने देंगे। इलाके के हर व्यक्ति का जीवन सुरक्षित है।"
उल्लेखनीय है कि राज्य में आतंकवाद के फैलने के साथ ही 1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हुआ।
जम्मू के सुदूरवर्ती इलाकों में आतंकवादियों से लोहा लेने के लिए वीडीसी का गठन किया गया था और उनके सदस्यों को पुलिस ने हथियार मुहैया कराए थे। अलगाववादी नेताओं ने दंगे के लिए वीडीसी को जिम्मेदार ठहराया है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने किचलू का इस्तीफा स्वीकार कर लिया और उसे राज्यपाल एनएन वोहरा के पास भेज दिया है।
किचलू राज्य विधानसभा में किश्तवाड़ सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने इसके पहले संवाददाताओं से कहा कि वह उमर को अपना इस्तीफा सौंपने जा रहे हैं। गृह मंत्रालय का प्रभार उमर के पास ही है।
किश्तवाड़ के सांप्रदायिक माहौल को ठीक से न संभाल पाने के लिए किचलू तीव्र आलोचनाओं का सामना कर रहे थे। किश्तवाड़ की हिंसा बाद में जम्मू क्षेत्र के अन्य हिस्सों में फैल गई।
किचलू ने हालांकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा उनका इस्तीफा मांगे जाने के अधिकार पर सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा, "क्या नरेंद्र मोदी ने गुजरात दंगों के बाद इस्तीफा दिया था।"
किश्तवाड़ की स्थिति की गूंज सोमवार को संसद में भी सुनाई दी। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की और समाजवादी पार्टी इसका तुरंत विरोध किया।
उधर, अरुण जेटली को किश्तवाड़ का दौरा नहीं करने देने के सवाल पर उमर अब्दुल्ला व भारतीय जनता पार्टी के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है।
जेटली ने राज्य सभा में कहा कि किश्तवाड़ में ईद-उल-फितर के रोज शुरू हुई हिंसा देश की संप्रभुता के लिए खतरा है।
जेटली के हमले का जवाब देते हुए अब्दुल्ला ने ट्वीट में लिखा है, "क्या जेटली संसद को यह भी बताने की मेहरबानी करेंगे कि 2002 में गुजरात के गृह मंत्री या गृह राज्य मंत्री ने इस्तीफा दिया था।" उन्होंने आगे कहा है किश्तवाड़ में तीन मौतें हुई हैं- एक हिंदू और दो मुस्लिम की। और हम अपने मंत्री के इस्तीफे के साथ एक न्यायिक जांच कराने जा रहे हैं। क्या भाजपा 2002 में अपने कदमों को याद करने का साहस जुटा सकती है? उन्होंने कहा है, "निश्चित रूप से नहीं। क्योंकि उनके स्टार प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी सेना को बुलाने का इंतजार करते रहे और अभी तक पछतावा भी नहीं व्यक्त किया है। दिखावे के लिए ही सही।"
इधर, संसद में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि जम्मू क्षेत्र में हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इलाके से किसी को भी मजबूर होकर प्रवास करने जैसी स्थिति नहीं बनने देगी।
मंत्री ने राज्य सभा को बताया कि हिंसा प्रभावित जम्मू क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में आ गई है और तीन लोगों की मौत हुई है।
चिदंबरम ने कहा,"हम सभी भारतीय हैं। तीन भारतीयों ने जीवन गंवाया है और यह गंभीर दुख का विषय है।"टिप्पणियां
चिदंबरम ने कहा, "हम 1990 को नहीं दोहराने देंगे। हम मजबूरी में प्रवास की स्थिति नहीं पैदा होने देंगे। इलाके के हर व्यक्ति का जीवन सुरक्षित है।"
उल्लेखनीय है कि राज्य में आतंकवाद के फैलने के साथ ही 1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हुआ।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने किचलू का इस्तीफा स्वीकार कर लिया और उसे राज्यपाल एनएन वोहरा के पास भेज दिया है।
किचलू राज्य विधानसभा में किश्तवाड़ सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने इसके पहले संवाददाताओं से कहा कि वह उमर को अपना इस्तीफा सौंपने जा रहे हैं। गृह मंत्रालय का प्रभार उमर के पास ही है।
किश्तवाड़ के सांप्रदायिक माहौल को ठीक से न संभाल पाने के लिए किचलू तीव्र आलोचनाओं का सामना कर रहे थे। किश्तवाड़ की हिंसा बाद में जम्मू क्षेत्र के अन्य हिस्सों में फैल गई।
किचलू ने हालांकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा उनका इस्तीफा मांगे जाने के अधिकार पर सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा, "क्या नरेंद्र मोदी ने गुजरात दंगों के बाद इस्तीफा दिया था।"
किश्तवाड़ की स्थिति की गूंज सोमवार को संसद में भी सुनाई दी। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की और समाजवादी पार्टी इसका तुरंत विरोध किया।
उधर, अरुण जेटली को किश्तवाड़ का दौरा नहीं करने देने के सवाल पर उमर अब्दुल्ला व भारतीय जनता पार्टी के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है।
जेटली ने राज्य सभा में कहा कि किश्तवाड़ में ईद-उल-फितर के रोज शुरू हुई हिंसा देश की संप्रभुता के लिए खतरा है।
जेटली के हमले का जवाब देते हुए अब्दुल्ला ने ट्वीट में लिखा है, "क्या जेटली संसद को यह भी बताने की मेहरबानी करेंगे कि 2002 में गुजरात के गृह मंत्री या गृह राज्य मंत्री ने इस्तीफा दिया था।" उन्होंने आगे कहा है किश्तवाड़ में तीन मौतें हुई हैं- एक हिंदू और दो मुस्लिम की। और हम अपने मंत्री के इस्तीफे के साथ एक न्यायिक जांच कराने जा रहे हैं। क्या भाजपा 2002 में अपने कदमों को याद करने का साहस जुटा सकती है? उन्होंने कहा है, "निश्चित रूप से नहीं। क्योंकि उनके स्टार प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी सेना को बुलाने का इंतजार करते रहे और अभी तक पछतावा भी नहीं व्यक्त किया है। दिखावे के लिए ही सही।"
इधर, संसद में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि जम्मू क्षेत्र में हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इलाके से किसी को भी मजबूर होकर प्रवास करने जैसी स्थिति नहीं बनने देगी।
मंत्री ने राज्य सभा को बताया कि हिंसा प्रभावित जम्मू क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में आ गई है और तीन लोगों की मौत हुई है।
चिदंबरम ने कहा,"हम सभी भारतीय हैं। तीन भारतीयों ने जीवन गंवाया है और यह गंभीर दुख का विषय है।"टिप्पणियां
चिदंबरम ने कहा, "हम 1990 को नहीं दोहराने देंगे। हम मजबूरी में प्रवास की स्थिति नहीं पैदा होने देंगे। इलाके के हर व्यक्ति का जीवन सुरक्षित है।"
उल्लेखनीय है कि राज्य में आतंकवाद के फैलने के साथ ही 1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हुआ।
किचलू राज्य विधानसभा में किश्तवाड़ सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने इसके पहले संवाददाताओं से कहा कि वह उमर को अपना इस्तीफा सौंपने जा रहे हैं। गृह मंत्रालय का प्रभार उमर के पास ही है।
किश्तवाड़ के सांप्रदायिक माहौल को ठीक से न संभाल पाने के लिए किचलू तीव्र आलोचनाओं का सामना कर रहे थे। किश्तवाड़ की हिंसा बाद में जम्मू क्षेत्र के अन्य हिस्सों में फैल गई।
किचलू ने हालांकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा उनका इस्तीफा मांगे जाने के अधिकार पर सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा, "क्या नरेंद्र मोदी ने गुजरात दंगों के बाद इस्तीफा दिया था।"
किश्तवाड़ की स्थिति की गूंज सोमवार को संसद में भी सुनाई दी। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की और समाजवादी पार्टी इसका तुरंत विरोध किया।
उधर, अरुण जेटली को किश्तवाड़ का दौरा नहीं करने देने के सवाल पर उमर अब्दुल्ला व भारतीय जनता पार्टी के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है।
जेटली ने राज्य सभा में कहा कि किश्तवाड़ में ईद-उल-फितर के रोज शुरू हुई हिंसा देश की संप्रभुता के लिए खतरा है।
जेटली के हमले का जवाब देते हुए अब्दुल्ला ने ट्वीट में लिखा है, "क्या जेटली संसद को यह भी बताने की मेहरबानी करेंगे कि 2002 में गुजरात के गृह मंत्री या गृह राज्य मंत्री ने इस्तीफा दिया था।" उन्होंने आगे कहा है किश्तवाड़ में तीन मौतें हुई हैं- एक हिंदू और दो मुस्लिम की। और हम अपने मंत्री के इस्तीफे के साथ एक न्यायिक जांच कराने जा रहे हैं। क्या भाजपा 2002 में अपने कदमों को याद करने का साहस जुटा सकती है? उन्होंने कहा है, "निश्चित रूप से नहीं। क्योंकि उनके स्टार प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी सेना को बुलाने का इंतजार करते रहे और अभी तक पछतावा भी नहीं व्यक्त किया है। दिखावे के लिए ही सही।"
इधर, संसद में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि जम्मू क्षेत्र में हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इलाके से किसी को भी मजबूर होकर प्रवास करने जैसी स्थिति नहीं बनने देगी।
मंत्री ने राज्य सभा को बताया कि हिंसा प्रभावित जम्मू क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में आ गई है और तीन लोगों की मौत हुई है।
चिदंबरम ने कहा,"हम सभी भारतीय हैं। तीन भारतीयों ने जीवन गंवाया है और यह गंभीर दुख का विषय है।"टिप्पणियां
चिदंबरम ने कहा, "हम 1990 को नहीं दोहराने देंगे। हम मजबूरी में प्रवास की स्थिति नहीं पैदा होने देंगे। इलाके के हर व्यक्ति का जीवन सुरक्षित है।"
उल्लेखनीय है कि राज्य में आतंकवाद के फैलने के साथ ही 1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हुआ।
किश्तवाड़ के सांप्रदायिक माहौल को ठीक से न संभाल पाने के लिए किचलू तीव्र आलोचनाओं का सामना कर रहे थे। किश्तवाड़ की हिंसा बाद में जम्मू क्षेत्र के अन्य हिस्सों में फैल गई।
किचलू ने हालांकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा उनका इस्तीफा मांगे जाने के अधिकार पर सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा, "क्या नरेंद्र मोदी ने गुजरात दंगों के बाद इस्तीफा दिया था।"
किश्तवाड़ की स्थिति की गूंज सोमवार को संसद में भी सुनाई दी। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की और समाजवादी पार्टी इसका तुरंत विरोध किया।
उधर, अरुण जेटली को किश्तवाड़ का दौरा नहीं करने देने के सवाल पर उमर अब्दुल्ला व भारतीय जनता पार्टी के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है।
जेटली ने राज्य सभा में कहा कि किश्तवाड़ में ईद-उल-फितर के रोज शुरू हुई हिंसा देश की संप्रभुता के लिए खतरा है।
जेटली के हमले का जवाब देते हुए अब्दुल्ला ने ट्वीट में लिखा है, "क्या जेटली संसद को यह भी बताने की मेहरबानी करेंगे कि 2002 में गुजरात के गृह मंत्री या गृह राज्य मंत्री ने इस्तीफा दिया था।" उन्होंने आगे कहा है किश्तवाड़ में तीन मौतें हुई हैं- एक हिंदू और दो मुस्लिम की। और हम अपने मंत्री के इस्तीफे के साथ एक न्यायिक जांच कराने जा रहे हैं। क्या भाजपा 2002 में अपने कदमों को याद करने का साहस जुटा सकती है? उन्होंने कहा है, "निश्चित रूप से नहीं। क्योंकि उनके स्टार प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी सेना को बुलाने का इंतजार करते रहे और अभी तक पछतावा भी नहीं व्यक्त किया है। दिखावे के लिए ही सही।"
इधर, संसद में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि जम्मू क्षेत्र में हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इलाके से किसी को भी मजबूर होकर प्रवास करने जैसी स्थिति नहीं बनने देगी।
मंत्री ने राज्य सभा को बताया कि हिंसा प्रभावित जम्मू क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में आ गई है और तीन लोगों की मौत हुई है।
चिदंबरम ने कहा,"हम सभी भारतीय हैं। तीन भारतीयों ने जीवन गंवाया है और यह गंभीर दुख का विषय है।"टिप्पणियां
चिदंबरम ने कहा, "हम 1990 को नहीं दोहराने देंगे। हम मजबूरी में प्रवास की स्थिति नहीं पैदा होने देंगे। इलाके के हर व्यक्ति का जीवन सुरक्षित है।"
उल्लेखनीय है कि राज्य में आतंकवाद के फैलने के साथ ही 1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हुआ।
किचलू ने हालांकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा उनका इस्तीफा मांगे जाने के अधिकार पर सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा, "क्या नरेंद्र मोदी ने गुजरात दंगों के बाद इस्तीफा दिया था।"
किश्तवाड़ की स्थिति की गूंज सोमवार को संसद में भी सुनाई दी। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की और समाजवादी पार्टी इसका तुरंत विरोध किया।
उधर, अरुण जेटली को किश्तवाड़ का दौरा नहीं करने देने के सवाल पर उमर अब्दुल्ला व भारतीय जनता पार्टी के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है।
जेटली ने राज्य सभा में कहा कि किश्तवाड़ में ईद-उल-फितर के रोज शुरू हुई हिंसा देश की संप्रभुता के लिए खतरा है।
जेटली के हमले का जवाब देते हुए अब्दुल्ला ने ट्वीट में लिखा है, "क्या जेटली संसद को यह भी बताने की मेहरबानी करेंगे कि 2002 में गुजरात के गृह मंत्री या गृह राज्य मंत्री ने इस्तीफा दिया था।" उन्होंने आगे कहा है किश्तवाड़ में तीन मौतें हुई हैं- एक हिंदू और दो मुस्लिम की। और हम अपने मंत्री के इस्तीफे के साथ एक न्यायिक जांच कराने जा रहे हैं। क्या भाजपा 2002 में अपने कदमों को याद करने का साहस जुटा सकती है? उन्होंने कहा है, "निश्चित रूप से नहीं। क्योंकि उनके स्टार प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी सेना को बुलाने का इंतजार करते रहे और अभी तक पछतावा भी नहीं व्यक्त किया है। दिखावे के लिए ही सही।"
इधर, संसद में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि जम्मू क्षेत्र में हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इलाके से किसी को भी मजबूर होकर प्रवास करने जैसी स्थिति नहीं बनने देगी।
मंत्री ने राज्य सभा को बताया कि हिंसा प्रभावित जम्मू क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में आ गई है और तीन लोगों की मौत हुई है।
चिदंबरम ने कहा,"हम सभी भारतीय हैं। तीन भारतीयों ने जीवन गंवाया है और यह गंभीर दुख का विषय है।"टिप्पणियां
चिदंबरम ने कहा, "हम 1990 को नहीं दोहराने देंगे। हम मजबूरी में प्रवास की स्थिति नहीं पैदा होने देंगे। इलाके के हर व्यक्ति का जीवन सुरक्षित है।"
उल्लेखनीय है कि राज्य में आतंकवाद के फैलने के साथ ही 1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हुआ।
किश्तवाड़ की स्थिति की गूंज सोमवार को संसद में भी सुनाई दी। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की और समाजवादी पार्टी इसका तुरंत विरोध किया।
उधर, अरुण जेटली को किश्तवाड़ का दौरा नहीं करने देने के सवाल पर उमर अब्दुल्ला व भारतीय जनता पार्टी के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है।
जेटली ने राज्य सभा में कहा कि किश्तवाड़ में ईद-उल-फितर के रोज शुरू हुई हिंसा देश की संप्रभुता के लिए खतरा है।
जेटली के हमले का जवाब देते हुए अब्दुल्ला ने ट्वीट में लिखा है, "क्या जेटली संसद को यह भी बताने की मेहरबानी करेंगे कि 2002 में गुजरात के गृह मंत्री या गृह राज्य मंत्री ने इस्तीफा दिया था।" उन्होंने आगे कहा है किश्तवाड़ में तीन मौतें हुई हैं- एक हिंदू और दो मुस्लिम की। और हम अपने मंत्री के इस्तीफे के साथ एक न्यायिक जांच कराने जा रहे हैं। क्या भाजपा 2002 में अपने कदमों को याद करने का साहस जुटा सकती है? उन्होंने कहा है, "निश्चित रूप से नहीं। क्योंकि उनके स्टार प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी सेना को बुलाने का इंतजार करते रहे और अभी तक पछतावा भी नहीं व्यक्त किया है। दिखावे के लिए ही सही।"
इधर, संसद में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि जम्मू क्षेत्र में हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इलाके से किसी को भी मजबूर होकर प्रवास करने जैसी स्थिति नहीं बनने देगी।
मंत्री ने राज्य सभा को बताया कि हिंसा प्रभावित जम्मू क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में आ गई है और तीन लोगों की मौत हुई है।
चिदंबरम ने कहा,"हम सभी भारतीय हैं। तीन भारतीयों ने जीवन गंवाया है और यह गंभीर दुख का विषय है।"टिप्पणियां
चिदंबरम ने कहा, "हम 1990 को नहीं दोहराने देंगे। हम मजबूरी में प्रवास की स्थिति नहीं पैदा होने देंगे। इलाके के हर व्यक्ति का जीवन सुरक्षित है।"
उल्लेखनीय है कि राज्य में आतंकवाद के फैलने के साथ ही 1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हुआ।
उधर, अरुण जेटली को किश्तवाड़ का दौरा नहीं करने देने के सवाल पर उमर अब्दुल्ला व भारतीय जनता पार्टी के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है।
जेटली ने राज्य सभा में कहा कि किश्तवाड़ में ईद-उल-फितर के रोज शुरू हुई हिंसा देश की संप्रभुता के लिए खतरा है।
जेटली के हमले का जवाब देते हुए अब्दुल्ला ने ट्वीट में लिखा है, "क्या जेटली संसद को यह भी बताने की मेहरबानी करेंगे कि 2002 में गुजरात के गृह मंत्री या गृह राज्य मंत्री ने इस्तीफा दिया था।" उन्होंने आगे कहा है किश्तवाड़ में तीन मौतें हुई हैं- एक हिंदू और दो मुस्लिम की। और हम अपने मंत्री के इस्तीफे के साथ एक न्यायिक जांच कराने जा रहे हैं। क्या भाजपा 2002 में अपने कदमों को याद करने का साहस जुटा सकती है? उन्होंने कहा है, "निश्चित रूप से नहीं। क्योंकि उनके स्टार प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी सेना को बुलाने का इंतजार करते रहे और अभी तक पछतावा भी नहीं व्यक्त किया है। दिखावे के लिए ही सही।"
इधर, संसद में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि जम्मू क्षेत्र में हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इलाके से किसी को भी मजबूर होकर प्रवास करने जैसी स्थिति नहीं बनने देगी।
मंत्री ने राज्य सभा को बताया कि हिंसा प्रभावित जम्मू क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में आ गई है और तीन लोगों की मौत हुई है।
चिदंबरम ने कहा,"हम सभी भारतीय हैं। तीन भारतीयों ने जीवन गंवाया है और यह गंभीर दुख का विषय है।"टिप्पणियां
चिदंबरम ने कहा, "हम 1990 को नहीं दोहराने देंगे। हम मजबूरी में प्रवास की स्थिति नहीं पैदा होने देंगे। इलाके के हर व्यक्ति का जीवन सुरक्षित है।"
उल्लेखनीय है कि राज्य में आतंकवाद के फैलने के साथ ही 1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हुआ।
जेटली ने राज्य सभा में कहा कि किश्तवाड़ में ईद-उल-फितर के रोज शुरू हुई हिंसा देश की संप्रभुता के लिए खतरा है।
जेटली के हमले का जवाब देते हुए अब्दुल्ला ने ट्वीट में लिखा है, "क्या जेटली संसद को यह भी बताने की मेहरबानी करेंगे कि 2002 में गुजरात के गृह मंत्री या गृह राज्य मंत्री ने इस्तीफा दिया था।" उन्होंने आगे कहा है किश्तवाड़ में तीन मौतें हुई हैं- एक हिंदू और दो मुस्लिम की। और हम अपने मंत्री के इस्तीफे के साथ एक न्यायिक जांच कराने जा रहे हैं। क्या भाजपा 2002 में अपने कदमों को याद करने का साहस जुटा सकती है? उन्होंने कहा है, "निश्चित रूप से नहीं। क्योंकि उनके स्टार प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी सेना को बुलाने का इंतजार करते रहे और अभी तक पछतावा भी नहीं व्यक्त किया है। दिखावे के लिए ही सही।"
इधर, संसद में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि जम्मू क्षेत्र में हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इलाके से किसी को भी मजबूर होकर प्रवास करने जैसी स्थिति नहीं बनने देगी।
मंत्री ने राज्य सभा को बताया कि हिंसा प्रभावित जम्मू क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में आ गई है और तीन लोगों की मौत हुई है।
चिदंबरम ने कहा,"हम सभी भारतीय हैं। तीन भारतीयों ने जीवन गंवाया है और यह गंभीर दुख का विषय है।"टिप्पणियां
चिदंबरम ने कहा, "हम 1990 को नहीं दोहराने देंगे। हम मजबूरी में प्रवास की स्थिति नहीं पैदा होने देंगे। इलाके के हर व्यक्ति का जीवन सुरक्षित है।"
उल्लेखनीय है कि राज्य में आतंकवाद के फैलने के साथ ही 1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हुआ।
जेटली के हमले का जवाब देते हुए अब्दुल्ला ने ट्वीट में लिखा है, "क्या जेटली संसद को यह भी बताने की मेहरबानी करेंगे कि 2002 में गुजरात के गृह मंत्री या गृह राज्य मंत्री ने इस्तीफा दिया था।" उन्होंने आगे कहा है किश्तवाड़ में तीन मौतें हुई हैं- एक हिंदू और दो मुस्लिम की। और हम अपने मंत्री के इस्तीफे के साथ एक न्यायिक जांच कराने जा रहे हैं। क्या भाजपा 2002 में अपने कदमों को याद करने का साहस जुटा सकती है? उन्होंने कहा है, "निश्चित रूप से नहीं। क्योंकि उनके स्टार प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी सेना को बुलाने का इंतजार करते रहे और अभी तक पछतावा भी नहीं व्यक्त किया है। दिखावे के लिए ही सही।"
इधर, संसद में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि जम्मू क्षेत्र में हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इलाके से किसी को भी मजबूर होकर प्रवास करने जैसी स्थिति नहीं बनने देगी।
मंत्री ने राज्य सभा को बताया कि हिंसा प्रभावित जम्मू क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में आ गई है और तीन लोगों की मौत हुई है।
चिदंबरम ने कहा,"हम सभी भारतीय हैं। तीन भारतीयों ने जीवन गंवाया है और यह गंभीर दुख का विषय है।"टिप्पणियां
चिदंबरम ने कहा, "हम 1990 को नहीं दोहराने देंगे। हम मजबूरी में प्रवास की स्थिति नहीं पैदा होने देंगे। इलाके के हर व्यक्ति का जीवन सुरक्षित है।"
उल्लेखनीय है कि राज्य में आतंकवाद के फैलने के साथ ही 1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हुआ।
इधर, संसद में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि जम्मू क्षेत्र में हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इलाके से किसी को भी मजबूर होकर प्रवास करने जैसी स्थिति नहीं बनने देगी।
मंत्री ने राज्य सभा को बताया कि हिंसा प्रभावित जम्मू क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में आ गई है और तीन लोगों की मौत हुई है।
चिदंबरम ने कहा,"हम सभी भारतीय हैं। तीन भारतीयों ने जीवन गंवाया है और यह गंभीर दुख का विषय है।"टिप्पणियां
चिदंबरम ने कहा, "हम 1990 को नहीं दोहराने देंगे। हम मजबूरी में प्रवास की स्थिति नहीं पैदा होने देंगे। इलाके के हर व्यक्ति का जीवन सुरक्षित है।"
उल्लेखनीय है कि राज्य में आतंकवाद के फैलने के साथ ही 1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हुआ।
मंत्री ने राज्य सभा को बताया कि हिंसा प्रभावित जम्मू क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में आ गई है और तीन लोगों की मौत हुई है।
चिदंबरम ने कहा,"हम सभी भारतीय हैं। तीन भारतीयों ने जीवन गंवाया है और यह गंभीर दुख का विषय है।"टिप्पणियां
चिदंबरम ने कहा, "हम 1990 को नहीं दोहराने देंगे। हम मजबूरी में प्रवास की स्थिति नहीं पैदा होने देंगे। इलाके के हर व्यक्ति का जीवन सुरक्षित है।"
उल्लेखनीय है कि राज्य में आतंकवाद के फैलने के साथ ही 1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हुआ।
चिदंबरम ने कहा,"हम सभी भारतीय हैं। तीन भारतीयों ने जीवन गंवाया है और यह गंभीर दुख का विषय है।"टिप्पणियां
चिदंबरम ने कहा, "हम 1990 को नहीं दोहराने देंगे। हम मजबूरी में प्रवास की स्थिति नहीं पैदा होने देंगे। इलाके के हर व्यक्ति का जीवन सुरक्षित है।"
उल्लेखनीय है कि राज्य में आतंकवाद के फैलने के साथ ही 1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हुआ।
चिदंबरम ने कहा, "हम 1990 को नहीं दोहराने देंगे। हम मजबूरी में प्रवास की स्थिति नहीं पैदा होने देंगे। इलाके के हर व्यक्ति का जीवन सुरक्षित है।"
उल्लेखनीय है कि राज्य में आतंकवाद के फैलने के साथ ही 1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हुआ।
उल्लेखनीय है कि राज्य में आतंकवाद के फैलने के साथ ही 1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हुआ। | सारांश: जम्मू एवं कश्मीर के किश्तवाड़ कस्बे में भड़की सांप्रदायिक हिंसा को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे राज्य के गृह राज्य मंत्री सज्जाद अहमद किचलू ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया। तीन दिन पहले भड़की हिंसा में मरने वालों की संख्या तीन हो चुकी है। | 33 | ['hin'] |
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: कश्मीर के हालात का क्रांतिकारी समाधान सुझाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम ने उस 'बड़े समझौते' (ग्रैंड बारगेन) की वकालत की, जिसके तहत कश्मीर का भारत में विलय हुआ था और उसे व्यापक स्वायत्तता दी गई थी। चिदंबरम ने कहा कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो देश को 'भारी कीमत' चुकानी पड़ेगी।'इंडिया टुडे' चैनल पर जाने-माने पत्रकार करण थापर से बातचीत में चिदंबरम ने कहा, "मैं समझता हूं कि उनका तरीका गलत है... हमने उस बड़े समझौते की अनदेखी की है, जिसके तहत कश्मीर का भारत में विलय हुआ था... मेरा मानना है कि हमने भरोसा तोड़ा, हमने वादे तोड़े और नतीजा यह हुआ कि हमने भारी कीमत चुकाई..."
चिदंबरम ने कहा कि उनके मुताबिक सबसे बेहतर समाधान यह है कि नई दिल्ली को कश्मीर की जनता को यह आश्वासन देना चाहिए कि कश्मीर के विलय होने के समय जिस 'बड़े समझौते' का वादा किया गया था, "उसका पूरी तरह पालन किया जाएगा..."
चिदंबरम ने कहा, "मैं गलत हो सकता हूं, मैं सही हो सकता हूं, लेकिन जरूरी तो यह आश्वासन देना है कि बड़े समझौते का पूरा पालन किया जाएगा... जहां तक संभव हो, उन्हें (कश्मीर के लोगों को) अपने कानून बनाने दीजिए और तब तक बनाने दीजिए, जब तक यह हमारे संविधान से परे न जाता हो..."
कांग्रेस नेता ने कहा, "हमें सुनिश्चित करना है कि हम पहचान, इतिहास, संस्कृति, धर्म का सम्मान करेंगे..." उत्तर एवं पूर्व के तमिल क्षेत्रों को ज्यादा अधिकार देने को लेकर भारत की ओर से श्रीलंका को दी जाने वाली सलाह का जिक्र करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि "हम श्रीलंका को जो उपदेश देते हैं, उन्हें हमें खुद भी लागू करना चाहिए..."
चिदंबरम ने कहा कि श्रीनगर और नई दिल्ली की सभी सरकारें कश्मीर के हालात से ठीक से नहीं निपट सकी हैं। उन्होंने कहा, "हम (यूपीए सरकार) ठीक से नहीं निपट सके, लेकिन 2010 में हमने खुद को सुधारा... अब दिल्ली और श्रीनगर की सरकारें बहुत, बहुत बुरे ढंग से हालात से निपट रही हैं..."टिप्पणियां
कश्मीर के लिए एक विशेष राजनीतिक समाधान की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए चिदंबरम ने मौजूदा संकट के लिए पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार को जिम्मेदार करार दिया और कहा कि उन्हें (गठबंधन को) कभी सत्ता में नहीं आना चाहिए था। कांग्रेस नेता ने कहा, "यह गठबंधन खुद ही घाटी के लिए बड़े उकसावे की बात है... यह एक जायज़ सरकार है, उनके पास संख्याबल है, लेकिन सरकार की वैधता इस तथ्य को समाप्त नहीं करती कि सरकार बनाने वाले इन दोनों साझीदारों ने कश्मीर के लोगों में खौफ पैदा कर दिया है..."
चिदंबरम ने कहा कि अलग-अलग लोगों के लिए 'आज़ादी' के मायने अलग-अलग होते हैं, लेकिन ज़रूरत यह आश्वासन देने की है कि बड़े समझौते का पालन पूरी तरह किया जाएगा।
'इंडिया टुडे' चैनल पर जाने-माने पत्रकार करण थापर से बातचीत में चिदंबरम ने कहा, "मैं समझता हूं कि उनका तरीका गलत है... हमने उस बड़े समझौते की अनदेखी की है, जिसके तहत कश्मीर का भारत में विलय हुआ था... मेरा मानना है कि हमने भरोसा तोड़ा, हमने वादे तोड़े और नतीजा यह हुआ कि हमने भारी कीमत चुकाई..."
चिदंबरम ने कहा कि उनके मुताबिक सबसे बेहतर समाधान यह है कि नई दिल्ली को कश्मीर की जनता को यह आश्वासन देना चाहिए कि कश्मीर के विलय होने के समय जिस 'बड़े समझौते' का वादा किया गया था, "उसका पूरी तरह पालन किया जाएगा..."
चिदंबरम ने कहा, "मैं गलत हो सकता हूं, मैं सही हो सकता हूं, लेकिन जरूरी तो यह आश्वासन देना है कि बड़े समझौते का पूरा पालन किया जाएगा... जहां तक संभव हो, उन्हें (कश्मीर के लोगों को) अपने कानून बनाने दीजिए और तब तक बनाने दीजिए, जब तक यह हमारे संविधान से परे न जाता हो..."
कांग्रेस नेता ने कहा, "हमें सुनिश्चित करना है कि हम पहचान, इतिहास, संस्कृति, धर्म का सम्मान करेंगे..." उत्तर एवं पूर्व के तमिल क्षेत्रों को ज्यादा अधिकार देने को लेकर भारत की ओर से श्रीलंका को दी जाने वाली सलाह का जिक्र करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि "हम श्रीलंका को जो उपदेश देते हैं, उन्हें हमें खुद भी लागू करना चाहिए..."
चिदंबरम ने कहा कि श्रीनगर और नई दिल्ली की सभी सरकारें कश्मीर के हालात से ठीक से नहीं निपट सकी हैं। उन्होंने कहा, "हम (यूपीए सरकार) ठीक से नहीं निपट सके, लेकिन 2010 में हमने खुद को सुधारा... अब दिल्ली और श्रीनगर की सरकारें बहुत, बहुत बुरे ढंग से हालात से निपट रही हैं..."टिप्पणियां
कश्मीर के लिए एक विशेष राजनीतिक समाधान की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए चिदंबरम ने मौजूदा संकट के लिए पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार को जिम्मेदार करार दिया और कहा कि उन्हें (गठबंधन को) कभी सत्ता में नहीं आना चाहिए था। कांग्रेस नेता ने कहा, "यह गठबंधन खुद ही घाटी के लिए बड़े उकसावे की बात है... यह एक जायज़ सरकार है, उनके पास संख्याबल है, लेकिन सरकार की वैधता इस तथ्य को समाप्त नहीं करती कि सरकार बनाने वाले इन दोनों साझीदारों ने कश्मीर के लोगों में खौफ पैदा कर दिया है..."
चिदंबरम ने कहा कि अलग-अलग लोगों के लिए 'आज़ादी' के मायने अलग-अलग होते हैं, लेकिन ज़रूरत यह आश्वासन देने की है कि बड़े समझौते का पालन पूरी तरह किया जाएगा।
चिदंबरम ने कहा कि उनके मुताबिक सबसे बेहतर समाधान यह है कि नई दिल्ली को कश्मीर की जनता को यह आश्वासन देना चाहिए कि कश्मीर के विलय होने के समय जिस 'बड़े समझौते' का वादा किया गया था, "उसका पूरी तरह पालन किया जाएगा..."
चिदंबरम ने कहा, "मैं गलत हो सकता हूं, मैं सही हो सकता हूं, लेकिन जरूरी तो यह आश्वासन देना है कि बड़े समझौते का पूरा पालन किया जाएगा... जहां तक संभव हो, उन्हें (कश्मीर के लोगों को) अपने कानून बनाने दीजिए और तब तक बनाने दीजिए, जब तक यह हमारे संविधान से परे न जाता हो..."
कांग्रेस नेता ने कहा, "हमें सुनिश्चित करना है कि हम पहचान, इतिहास, संस्कृति, धर्म का सम्मान करेंगे..." उत्तर एवं पूर्व के तमिल क्षेत्रों को ज्यादा अधिकार देने को लेकर भारत की ओर से श्रीलंका को दी जाने वाली सलाह का जिक्र करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि "हम श्रीलंका को जो उपदेश देते हैं, उन्हें हमें खुद भी लागू करना चाहिए..."
चिदंबरम ने कहा कि श्रीनगर और नई दिल्ली की सभी सरकारें कश्मीर के हालात से ठीक से नहीं निपट सकी हैं। उन्होंने कहा, "हम (यूपीए सरकार) ठीक से नहीं निपट सके, लेकिन 2010 में हमने खुद को सुधारा... अब दिल्ली और श्रीनगर की सरकारें बहुत, बहुत बुरे ढंग से हालात से निपट रही हैं..."टिप्पणियां
कश्मीर के लिए एक विशेष राजनीतिक समाधान की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए चिदंबरम ने मौजूदा संकट के लिए पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार को जिम्मेदार करार दिया और कहा कि उन्हें (गठबंधन को) कभी सत्ता में नहीं आना चाहिए था। कांग्रेस नेता ने कहा, "यह गठबंधन खुद ही घाटी के लिए बड़े उकसावे की बात है... यह एक जायज़ सरकार है, उनके पास संख्याबल है, लेकिन सरकार की वैधता इस तथ्य को समाप्त नहीं करती कि सरकार बनाने वाले इन दोनों साझीदारों ने कश्मीर के लोगों में खौफ पैदा कर दिया है..."
चिदंबरम ने कहा कि अलग-अलग लोगों के लिए 'आज़ादी' के मायने अलग-अलग होते हैं, लेकिन ज़रूरत यह आश्वासन देने की है कि बड़े समझौते का पालन पूरी तरह किया जाएगा।
चिदंबरम ने कहा, "मैं गलत हो सकता हूं, मैं सही हो सकता हूं, लेकिन जरूरी तो यह आश्वासन देना है कि बड़े समझौते का पूरा पालन किया जाएगा... जहां तक संभव हो, उन्हें (कश्मीर के लोगों को) अपने कानून बनाने दीजिए और तब तक बनाने दीजिए, जब तक यह हमारे संविधान से परे न जाता हो..."
कांग्रेस नेता ने कहा, "हमें सुनिश्चित करना है कि हम पहचान, इतिहास, संस्कृति, धर्म का सम्मान करेंगे..." उत्तर एवं पूर्व के तमिल क्षेत्रों को ज्यादा अधिकार देने को लेकर भारत की ओर से श्रीलंका को दी जाने वाली सलाह का जिक्र करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि "हम श्रीलंका को जो उपदेश देते हैं, उन्हें हमें खुद भी लागू करना चाहिए..."
चिदंबरम ने कहा कि श्रीनगर और नई दिल्ली की सभी सरकारें कश्मीर के हालात से ठीक से नहीं निपट सकी हैं। उन्होंने कहा, "हम (यूपीए सरकार) ठीक से नहीं निपट सके, लेकिन 2010 में हमने खुद को सुधारा... अब दिल्ली और श्रीनगर की सरकारें बहुत, बहुत बुरे ढंग से हालात से निपट रही हैं..."टिप्पणियां
कश्मीर के लिए एक विशेष राजनीतिक समाधान की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए चिदंबरम ने मौजूदा संकट के लिए पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार को जिम्मेदार करार दिया और कहा कि उन्हें (गठबंधन को) कभी सत्ता में नहीं आना चाहिए था। कांग्रेस नेता ने कहा, "यह गठबंधन खुद ही घाटी के लिए बड़े उकसावे की बात है... यह एक जायज़ सरकार है, उनके पास संख्याबल है, लेकिन सरकार की वैधता इस तथ्य को समाप्त नहीं करती कि सरकार बनाने वाले इन दोनों साझीदारों ने कश्मीर के लोगों में खौफ पैदा कर दिया है..."
चिदंबरम ने कहा कि अलग-अलग लोगों के लिए 'आज़ादी' के मायने अलग-अलग होते हैं, लेकिन ज़रूरत यह आश्वासन देने की है कि बड़े समझौते का पालन पूरी तरह किया जाएगा।
कांग्रेस नेता ने कहा, "हमें सुनिश्चित करना है कि हम पहचान, इतिहास, संस्कृति, धर्म का सम्मान करेंगे..." उत्तर एवं पूर्व के तमिल क्षेत्रों को ज्यादा अधिकार देने को लेकर भारत की ओर से श्रीलंका को दी जाने वाली सलाह का जिक्र करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि "हम श्रीलंका को जो उपदेश देते हैं, उन्हें हमें खुद भी लागू करना चाहिए..."
चिदंबरम ने कहा कि श्रीनगर और नई दिल्ली की सभी सरकारें कश्मीर के हालात से ठीक से नहीं निपट सकी हैं। उन्होंने कहा, "हम (यूपीए सरकार) ठीक से नहीं निपट सके, लेकिन 2010 में हमने खुद को सुधारा... अब दिल्ली और श्रीनगर की सरकारें बहुत, बहुत बुरे ढंग से हालात से निपट रही हैं..."टिप्पणियां
कश्मीर के लिए एक विशेष राजनीतिक समाधान की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए चिदंबरम ने मौजूदा संकट के लिए पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार को जिम्मेदार करार दिया और कहा कि उन्हें (गठबंधन को) कभी सत्ता में नहीं आना चाहिए था। कांग्रेस नेता ने कहा, "यह गठबंधन खुद ही घाटी के लिए बड़े उकसावे की बात है... यह एक जायज़ सरकार है, उनके पास संख्याबल है, लेकिन सरकार की वैधता इस तथ्य को समाप्त नहीं करती कि सरकार बनाने वाले इन दोनों साझीदारों ने कश्मीर के लोगों में खौफ पैदा कर दिया है..."
चिदंबरम ने कहा कि अलग-अलग लोगों के लिए 'आज़ादी' के मायने अलग-अलग होते हैं, लेकिन ज़रूरत यह आश्वासन देने की है कि बड़े समझौते का पालन पूरी तरह किया जाएगा।
चिदंबरम ने कहा कि श्रीनगर और नई दिल्ली की सभी सरकारें कश्मीर के हालात से ठीक से नहीं निपट सकी हैं। उन्होंने कहा, "हम (यूपीए सरकार) ठीक से नहीं निपट सके, लेकिन 2010 में हमने खुद को सुधारा... अब दिल्ली और श्रीनगर की सरकारें बहुत, बहुत बुरे ढंग से हालात से निपट रही हैं..."टिप्पणियां
कश्मीर के लिए एक विशेष राजनीतिक समाधान की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए चिदंबरम ने मौजूदा संकट के लिए पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार को जिम्मेदार करार दिया और कहा कि उन्हें (गठबंधन को) कभी सत्ता में नहीं आना चाहिए था। कांग्रेस नेता ने कहा, "यह गठबंधन खुद ही घाटी के लिए बड़े उकसावे की बात है... यह एक जायज़ सरकार है, उनके पास संख्याबल है, लेकिन सरकार की वैधता इस तथ्य को समाप्त नहीं करती कि सरकार बनाने वाले इन दोनों साझीदारों ने कश्मीर के लोगों में खौफ पैदा कर दिया है..."
चिदंबरम ने कहा कि अलग-अलग लोगों के लिए 'आज़ादी' के मायने अलग-अलग होते हैं, लेकिन ज़रूरत यह आश्वासन देने की है कि बड़े समझौते का पालन पूरी तरह किया जाएगा।
कश्मीर के लिए एक विशेष राजनीतिक समाधान की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए चिदंबरम ने मौजूदा संकट के लिए पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार को जिम्मेदार करार दिया और कहा कि उन्हें (गठबंधन को) कभी सत्ता में नहीं आना चाहिए था। कांग्रेस नेता ने कहा, "यह गठबंधन खुद ही घाटी के लिए बड़े उकसावे की बात है... यह एक जायज़ सरकार है, उनके पास संख्याबल है, लेकिन सरकार की वैधता इस तथ्य को समाप्त नहीं करती कि सरकार बनाने वाले इन दोनों साझीदारों ने कश्मीर के लोगों में खौफ पैदा कर दिया है..."
चिदंबरम ने कहा कि अलग-अलग लोगों के लिए 'आज़ादी' के मायने अलग-अलग होते हैं, लेकिन ज़रूरत यह आश्वासन देने की है कि बड़े समझौते का पालन पूरी तरह किया जाएगा।
चिदंबरम ने कहा कि अलग-अलग लोगों के लिए 'आज़ादी' के मायने अलग-अलग होते हैं, लेकिन ज़रूरत यह आश्वासन देने की है कि बड़े समझौते का पालन पूरी तरह किया जाएगा। | सारांश: हमने उस समझौते की अनदेखी की, जिससे कश्मीर का विलय हुआ था : चिदंबरम
"श्रीनगर, दिल्ली की सरकारें कश्मीर के हालात से ठीक से नहीं निपट सकीं..."
"PDP-BJP सरकार ने कश्मीर के लोगों में खौफ पैदा कर दिया है..." | 20 | ['hin'] |
एक सारांश बनाओ: टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा ने कहा है कि दुनिया की सबसे सस्ती कार टाटा नैनो की संभावनाओं का पूर्ण दोहन करने के लिए उसे फिर से सजा-संवार कर पेश करने की तैयारी है। टाटा ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘इस कार के विपणन के लिए हमें जितनी तैयारी करनी चाहिए थी, उतनी तैयारी हम नहीं कर कर सके थे। मेरे हिसाब से इसको लेकर जोशोखरोश के ठंडा होने के पीछे यह एक बड़ी वजह थी।’’
उन्होंने बाजार में नैनो कार की संभावनाओं का पूर्ण फायदा न मिलने के जो कारण गिनाए उनमें कारखाना दूसरी जगह ले जाने से जुड़े मुद्दे, प्रचार अभियान तथा डीलरशिप नेटवर्क की कमजोरी जैसे कारण प्रमुख हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या इन मुद्दों का समाधान कर लिया गया है, टाटा ने कहा, ‘‘इसका अब समाधान किया जा रहा है और मुझे लगता है कि हम सफल होंगे। यह तीन-चार साल पुराना उत्पाद है और हमें इसमें ताजगी भरने के लिए कुछ करना है और इस दिशा में हम काम कर रहे हैं।
यह पूछे जाने पर कि जनता की कार के रूप में प्रचारित लखटकिया कार के साथ आखिर क्या गड़बड़ी हुई जिसके कारण 2009 में पेश इस वाहन की संभावनाओं का दोहन नहीं हो पाया, टाटा ने कहा कि इसके पीछे पश्चिम बंगाल की घटनाओं समेत कई बातें रही।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें नया कारखाना बनाना पड़ा। इसके कारण इस कार के भारी उद्घाटन के बाद इसको पेश करने में एक वर्ष से अधिक की देरी हुई जबकि उद्घाटन के समय भारी उत्साह जगा था, होना यह चाहिए था कि उद्घाटन की तारीख के तीन माह में कार सड़कों पर होनी चाहिए थी।
नैनो को मूल रूप से पश्चिम बंगाल के सिंगूर स्थित कारखाने में तैयार किया जाना था लेकिन वहां राजनीतिक विरोध के कारण संयंत्र को गुजरात के साणंद ले जाना पड़ा।टिप्पणियां
पहली नैनो कार उत्तराखंड के पंतनगर स्थित कारखाने से वर्ष 2009 में निकली लेकिन साणंद से उत्पादन जून 2010 में शुरू हुआ।
शुरू में कार की कीमत करीब एक लाख रुपये थी जबकि फिलहाल इसकी कीमत 1.55 लाख रुपये से लेकर 1.66 लाख रुपये के बीच है। टाटा मोटर्स ने अबतक नैनो की 2.2 लाख से अधिक इकाई बिकी है। पिछले वित्त वर्ष में 74,521 नैनो बिकी थीं।
उन्होंने बाजार में नैनो कार की संभावनाओं का पूर्ण फायदा न मिलने के जो कारण गिनाए उनमें कारखाना दूसरी जगह ले जाने से जुड़े मुद्दे, प्रचार अभियान तथा डीलरशिप नेटवर्क की कमजोरी जैसे कारण प्रमुख हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या इन मुद्दों का समाधान कर लिया गया है, टाटा ने कहा, ‘‘इसका अब समाधान किया जा रहा है और मुझे लगता है कि हम सफल होंगे। यह तीन-चार साल पुराना उत्पाद है और हमें इसमें ताजगी भरने के लिए कुछ करना है और इस दिशा में हम काम कर रहे हैं।
यह पूछे जाने पर कि जनता की कार के रूप में प्रचारित लखटकिया कार के साथ आखिर क्या गड़बड़ी हुई जिसके कारण 2009 में पेश इस वाहन की संभावनाओं का दोहन नहीं हो पाया, टाटा ने कहा कि इसके पीछे पश्चिम बंगाल की घटनाओं समेत कई बातें रही।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें नया कारखाना बनाना पड़ा। इसके कारण इस कार के भारी उद्घाटन के बाद इसको पेश करने में एक वर्ष से अधिक की देरी हुई जबकि उद्घाटन के समय भारी उत्साह जगा था, होना यह चाहिए था कि उद्घाटन की तारीख के तीन माह में कार सड़कों पर होनी चाहिए थी।
नैनो को मूल रूप से पश्चिम बंगाल के सिंगूर स्थित कारखाने में तैयार किया जाना था लेकिन वहां राजनीतिक विरोध के कारण संयंत्र को गुजरात के साणंद ले जाना पड़ा।टिप्पणियां
पहली नैनो कार उत्तराखंड के पंतनगर स्थित कारखाने से वर्ष 2009 में निकली लेकिन साणंद से उत्पादन जून 2010 में शुरू हुआ।
शुरू में कार की कीमत करीब एक लाख रुपये थी जबकि फिलहाल इसकी कीमत 1.55 लाख रुपये से लेकर 1.66 लाख रुपये के बीच है। टाटा मोटर्स ने अबतक नैनो की 2.2 लाख से अधिक इकाई बिकी है। पिछले वित्त वर्ष में 74,521 नैनो बिकी थीं।
यह पूछे जाने पर कि क्या इन मुद्दों का समाधान कर लिया गया है, टाटा ने कहा, ‘‘इसका अब समाधान किया जा रहा है और मुझे लगता है कि हम सफल होंगे। यह तीन-चार साल पुराना उत्पाद है और हमें इसमें ताजगी भरने के लिए कुछ करना है और इस दिशा में हम काम कर रहे हैं।
यह पूछे जाने पर कि जनता की कार के रूप में प्रचारित लखटकिया कार के साथ आखिर क्या गड़बड़ी हुई जिसके कारण 2009 में पेश इस वाहन की संभावनाओं का दोहन नहीं हो पाया, टाटा ने कहा कि इसके पीछे पश्चिम बंगाल की घटनाओं समेत कई बातें रही।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें नया कारखाना बनाना पड़ा। इसके कारण इस कार के भारी उद्घाटन के बाद इसको पेश करने में एक वर्ष से अधिक की देरी हुई जबकि उद्घाटन के समय भारी उत्साह जगा था, होना यह चाहिए था कि उद्घाटन की तारीख के तीन माह में कार सड़कों पर होनी चाहिए थी।
नैनो को मूल रूप से पश्चिम बंगाल के सिंगूर स्थित कारखाने में तैयार किया जाना था लेकिन वहां राजनीतिक विरोध के कारण संयंत्र को गुजरात के साणंद ले जाना पड़ा।टिप्पणियां
पहली नैनो कार उत्तराखंड के पंतनगर स्थित कारखाने से वर्ष 2009 में निकली लेकिन साणंद से उत्पादन जून 2010 में शुरू हुआ।
शुरू में कार की कीमत करीब एक लाख रुपये थी जबकि फिलहाल इसकी कीमत 1.55 लाख रुपये से लेकर 1.66 लाख रुपये के बीच है। टाटा मोटर्स ने अबतक नैनो की 2.2 लाख से अधिक इकाई बिकी है। पिछले वित्त वर्ष में 74,521 नैनो बिकी थीं।
यह पूछे जाने पर कि जनता की कार के रूप में प्रचारित लखटकिया कार के साथ आखिर क्या गड़बड़ी हुई जिसके कारण 2009 में पेश इस वाहन की संभावनाओं का दोहन नहीं हो पाया, टाटा ने कहा कि इसके पीछे पश्चिम बंगाल की घटनाओं समेत कई बातें रही।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें नया कारखाना बनाना पड़ा। इसके कारण इस कार के भारी उद्घाटन के बाद इसको पेश करने में एक वर्ष से अधिक की देरी हुई जबकि उद्घाटन के समय भारी उत्साह जगा था, होना यह चाहिए था कि उद्घाटन की तारीख के तीन माह में कार सड़कों पर होनी चाहिए थी।
नैनो को मूल रूप से पश्चिम बंगाल के सिंगूर स्थित कारखाने में तैयार किया जाना था लेकिन वहां राजनीतिक विरोध के कारण संयंत्र को गुजरात के साणंद ले जाना पड़ा।टिप्पणियां
पहली नैनो कार उत्तराखंड के पंतनगर स्थित कारखाने से वर्ष 2009 में निकली लेकिन साणंद से उत्पादन जून 2010 में शुरू हुआ।
शुरू में कार की कीमत करीब एक लाख रुपये थी जबकि फिलहाल इसकी कीमत 1.55 लाख रुपये से लेकर 1.66 लाख रुपये के बीच है। टाटा मोटर्स ने अबतक नैनो की 2.2 लाख से अधिक इकाई बिकी है। पिछले वित्त वर्ष में 74,521 नैनो बिकी थीं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें नया कारखाना बनाना पड़ा। इसके कारण इस कार के भारी उद्घाटन के बाद इसको पेश करने में एक वर्ष से अधिक की देरी हुई जबकि उद्घाटन के समय भारी उत्साह जगा था, होना यह चाहिए था कि उद्घाटन की तारीख के तीन माह में कार सड़कों पर होनी चाहिए थी।
नैनो को मूल रूप से पश्चिम बंगाल के सिंगूर स्थित कारखाने में तैयार किया जाना था लेकिन वहां राजनीतिक विरोध के कारण संयंत्र को गुजरात के साणंद ले जाना पड़ा।टिप्पणियां
पहली नैनो कार उत्तराखंड के पंतनगर स्थित कारखाने से वर्ष 2009 में निकली लेकिन साणंद से उत्पादन जून 2010 में शुरू हुआ।
शुरू में कार की कीमत करीब एक लाख रुपये थी जबकि फिलहाल इसकी कीमत 1.55 लाख रुपये से लेकर 1.66 लाख रुपये के बीच है। टाटा मोटर्स ने अबतक नैनो की 2.2 लाख से अधिक इकाई बिकी है। पिछले वित्त वर्ष में 74,521 नैनो बिकी थीं।
नैनो को मूल रूप से पश्चिम बंगाल के सिंगूर स्थित कारखाने में तैयार किया जाना था लेकिन वहां राजनीतिक विरोध के कारण संयंत्र को गुजरात के साणंद ले जाना पड़ा।टिप्पणियां
पहली नैनो कार उत्तराखंड के पंतनगर स्थित कारखाने से वर्ष 2009 में निकली लेकिन साणंद से उत्पादन जून 2010 में शुरू हुआ।
शुरू में कार की कीमत करीब एक लाख रुपये थी जबकि फिलहाल इसकी कीमत 1.55 लाख रुपये से लेकर 1.66 लाख रुपये के बीच है। टाटा मोटर्स ने अबतक नैनो की 2.2 लाख से अधिक इकाई बिकी है। पिछले वित्त वर्ष में 74,521 नैनो बिकी थीं।
पहली नैनो कार उत्तराखंड के पंतनगर स्थित कारखाने से वर्ष 2009 में निकली लेकिन साणंद से उत्पादन जून 2010 में शुरू हुआ।
शुरू में कार की कीमत करीब एक लाख रुपये थी जबकि फिलहाल इसकी कीमत 1.55 लाख रुपये से लेकर 1.66 लाख रुपये के बीच है। टाटा मोटर्स ने अबतक नैनो की 2.2 लाख से अधिक इकाई बिकी है। पिछले वित्त वर्ष में 74,521 नैनो बिकी थीं।
शुरू में कार की कीमत करीब एक लाख रुपये थी जबकि फिलहाल इसकी कीमत 1.55 लाख रुपये से लेकर 1.66 लाख रुपये के बीच है। टाटा मोटर्स ने अबतक नैनो की 2.2 लाख से अधिक इकाई बिकी है। पिछले वित्त वर्ष में 74,521 नैनो बिकी थीं। | यहाँ एक सारांश है:टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा ने कहा है कि दुनिया की सबसे सस्ती कार टाटा नैनो की संभावनाओं का पूर्ण दोहन करने के लिए उसे फिर से सजा-संवार कर पेश करने की तैयारी है। | 15 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाओ: रैनबैक्सी (Ranbaxy) के पूर्व प्रमोटरों मालविंदर सिंह (Malvinder Singh) और शिविंदर सिंह (Shivinder Singh) को रेलिगेयर धोखाधड़ी मामले में चार दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. उनके अलावा कवि अरोड़ा, सुनील गोधवानी और सुनील सक्सेना को भी पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. आपको बता दें कि मालविंदर सिंह और शिविंदर सिंह को पुलिस ने धोखाधड़ी और ठगी के आरोप में गिरफ्तार किया था. मालविंदर और शिविंदर की गिरफ्तारी आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offences Wing) द्वारा हुई. शिविंदर को गुरुवार शाम को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया, वहीं, मालविंदर सिंह को आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने गुरुवार देर रात पंजाब से पकड़ा.
दोनों भाइयों पर धोखाधड़ी (Fraud) और ठगी का आरोप है. शिविंदर के साथ तीन और लोगों की गिरफ्तारी हुई. इन चारों की गिरफ्तारी तब हुई थी जब इन सभी को मंदिर मार्ग में ईओडब्ल्यू कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था. आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की डीसीपी वर्षा शर्मा ने बताया कि पुलिस ने शिविंदर सिंह, सुनील गोडवानी, कवि अरोड़ा और अनिल सक्सेना को गिरफ्तार किया. आरोपियों को आईपीसी की धारा 409 और 420 के तहत गिरफ्तार किया गया है. रेलीगेयर फिनवेस्ट की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है.
बता दें कि शिविंदर सिंह पर 740 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी का आरोप है. गौरतलब है कि बीते अगस्त में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धनशोधन रोधी कानून से जुड़े एक मामले में रैनबैक्सी समूह के पूर्व प्रवर्तकों मालविंदर मोहन सिंह और शिविंदर मोहन सिंह के परिसरों पर छापेमारी की थी. अधिकारियों ने कहा कि धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत मामला दर्ज होने के बाद यह छापे मारे गए थे. एजेंसी की इस कार्रवाई को सिंह बंधुओं के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों और उसके बाद उनके कारोबार के पतन से जोड़कर देखा जा रहा है. | यहाँ एक सारांश है:मालविंदर और शिविंदर सिंह हिरासत में भेजे गए
धोखाधड़ी के मामले में 4 दिन की हिरासत में भेजे गए
पुलिस ने किया था गिरफ्तार | 18 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाओ: तमिलनाडु विधानसभा में बुधवार भारी हंगामा हुआ. सदन में सत्ताधारी एआईएडीएमके के एक सदस्य ने परोक्ष रूप से विपक्ष के नेता एमके स्टालिन का मजाक उड़ाने वाली टिप्पणियां की, जिसका डीएमके ने तीखा विरोध किया. इसके चलते डीएमके के सभी विधायकों को सदन से बाहर कर दिया गया और फिर सस्पेंड कर दिया गया. 234 सदस्य वाली तमिलनाडु विधानसभा में डीएमके के 89 विधायक हैं.
विधानसभा अध्यक्ष पी धनपाल ने विधानसभा के मार्शलों को डीएमके के सदस्यों को बाहर निकालने का आदेश दिया. इससे पहले विपक्ष के सदस्य खड़े होकर टिप्पणियों को रिकॉर्ड से निकाल देने की मांग कर रहे थे, लेकिन अध्यक्ष ने उनकी मांग को खारिज कर दिया और उनसे सदन को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करने को कहा. बाद में सरकार ने डीएमके सदस्यों को एक हफ्ते के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव रखा, जिसे ध्वनि मत से पारित कर दिया.
भवन और आईटी विभागों के लिए अनुदान की मांग को लेकर हो रही बहस के दौरान यह हंगामा तब हुआ, जब एआईएडीएमके सदस्य एस गुनासेकरन ने स्टालिन का नाम लिए बिना ‘नामाक्कू नामे’ कार्यक्रम पर कुछ टिप्पणियां की, जिसे इस साल विधानसभा चुनाव से पहले डीएमके के कोषाध्यक्ष ने शुरू किया था. ‘नामाक्कू नामे’ कार्यक्रम के दौरान स्टालिन ने राज्य का दौरा किया था और लोगों से बातचीत की थी.
कार्यक्रम के बारे में की टिप्पणियों पर डीएमके सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताई. वे चाहते थे कि विधानसभा स्पीकर उसे सदन की कार्यवाही से हटा दें. धनपाल ने हालांकि कहा कि विधायक ने सीधे तौर पर किसी का जिक्र नहीं किया, लिहाजा टिप्पणियों को हटाने की जरूरत नहीं है. सदन में डीएमके के उपनेता दुरई मुरुगन ने कहा कि नामक्कू नामे स्टालिन की पहल थी, लिहाजा टिप्पणियां सिर्फ उनके संदर्भ में की गई है और उन्होंने टिप्पणियों को हटाने की मांग की.
इस वक्त तक स्टालिन ने खुद खड़े हो कर कहा कि उन्हें गर्व है कि नामाक्कू नामे का जिक्र विधानसभा में बहस के दौरान हुआ. उन्होंने भी कुछ टिप्पणियां की जिन्हें बाद में स्पीकर ने कार्यवाही से हटा दिया. इसके बाद डीएमके सदस्य खड़े हो गए और स्पीकर की कार्रवाई का विरोध करने लगे, जबकि धनपाल ने उनसे सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करने को कहा.
जब डीएमके सदस्यों ने उनके द्वारा बार-बार किए जा रहे आग्रह पर ध्यान नहीं दिया तो उन्होंने मार्शलों को हंगामा कर रहे विधायकों को बाहर निकाल देने को कहा. स्टालिन को आखिरकार सदन से पकड़कर बाहर निकालने से पहले उन्होंने कुछ देर धरना दिया.टिप्पणियां
स्पीकर ने बाद में कहा कि उन्हें ऐसी कार्रवाई करनी पड़ी, क्योंकि डीएमके सदस्यों ने उनके सहयोग के आग्रहों पर ध्यान नहीं दिया. फिर सदन के नेता और वित्तमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने डीएमके सदस्यों को एक हफ्ते के लिए निलंबित करने के वास्ते एक प्रस्ताव पेश किया, जिसे एआईएडीएमके के प्रभुत्व वाले सदन में ध्वनि मत से पारित कर दिया गया.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
विधानसभा अध्यक्ष पी धनपाल ने विधानसभा के मार्शलों को डीएमके के सदस्यों को बाहर निकालने का आदेश दिया. इससे पहले विपक्ष के सदस्य खड़े होकर टिप्पणियों को रिकॉर्ड से निकाल देने की मांग कर रहे थे, लेकिन अध्यक्ष ने उनकी मांग को खारिज कर दिया और उनसे सदन को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करने को कहा. बाद में सरकार ने डीएमके सदस्यों को एक हफ्ते के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव रखा, जिसे ध्वनि मत से पारित कर दिया.
भवन और आईटी विभागों के लिए अनुदान की मांग को लेकर हो रही बहस के दौरान यह हंगामा तब हुआ, जब एआईएडीएमके सदस्य एस गुनासेकरन ने स्टालिन का नाम लिए बिना ‘नामाक्कू नामे’ कार्यक्रम पर कुछ टिप्पणियां की, जिसे इस साल विधानसभा चुनाव से पहले डीएमके के कोषाध्यक्ष ने शुरू किया था. ‘नामाक्कू नामे’ कार्यक्रम के दौरान स्टालिन ने राज्य का दौरा किया था और लोगों से बातचीत की थी.
कार्यक्रम के बारे में की टिप्पणियों पर डीएमके सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताई. वे चाहते थे कि विधानसभा स्पीकर उसे सदन की कार्यवाही से हटा दें. धनपाल ने हालांकि कहा कि विधायक ने सीधे तौर पर किसी का जिक्र नहीं किया, लिहाजा टिप्पणियों को हटाने की जरूरत नहीं है. सदन में डीएमके के उपनेता दुरई मुरुगन ने कहा कि नामक्कू नामे स्टालिन की पहल थी, लिहाजा टिप्पणियां सिर्फ उनके संदर्भ में की गई है और उन्होंने टिप्पणियों को हटाने की मांग की.
इस वक्त तक स्टालिन ने खुद खड़े हो कर कहा कि उन्हें गर्व है कि नामाक्कू नामे का जिक्र विधानसभा में बहस के दौरान हुआ. उन्होंने भी कुछ टिप्पणियां की जिन्हें बाद में स्पीकर ने कार्यवाही से हटा दिया. इसके बाद डीएमके सदस्य खड़े हो गए और स्पीकर की कार्रवाई का विरोध करने लगे, जबकि धनपाल ने उनसे सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करने को कहा.
जब डीएमके सदस्यों ने उनके द्वारा बार-बार किए जा रहे आग्रह पर ध्यान नहीं दिया तो उन्होंने मार्शलों को हंगामा कर रहे विधायकों को बाहर निकाल देने को कहा. स्टालिन को आखिरकार सदन से पकड़कर बाहर निकालने से पहले उन्होंने कुछ देर धरना दिया.टिप्पणियां
स्पीकर ने बाद में कहा कि उन्हें ऐसी कार्रवाई करनी पड़ी, क्योंकि डीएमके सदस्यों ने उनके सहयोग के आग्रहों पर ध्यान नहीं दिया. फिर सदन के नेता और वित्तमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने डीएमके सदस्यों को एक हफ्ते के लिए निलंबित करने के वास्ते एक प्रस्ताव पेश किया, जिसे एआईएडीएमके के प्रभुत्व वाले सदन में ध्वनि मत से पारित कर दिया गया.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
भवन और आईटी विभागों के लिए अनुदान की मांग को लेकर हो रही बहस के दौरान यह हंगामा तब हुआ, जब एआईएडीएमके सदस्य एस गुनासेकरन ने स्टालिन का नाम लिए बिना ‘नामाक्कू नामे’ कार्यक्रम पर कुछ टिप्पणियां की, जिसे इस साल विधानसभा चुनाव से पहले डीएमके के कोषाध्यक्ष ने शुरू किया था. ‘नामाक्कू नामे’ कार्यक्रम के दौरान स्टालिन ने राज्य का दौरा किया था और लोगों से बातचीत की थी.
कार्यक्रम के बारे में की टिप्पणियों पर डीएमके सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताई. वे चाहते थे कि विधानसभा स्पीकर उसे सदन की कार्यवाही से हटा दें. धनपाल ने हालांकि कहा कि विधायक ने सीधे तौर पर किसी का जिक्र नहीं किया, लिहाजा टिप्पणियों को हटाने की जरूरत नहीं है. सदन में डीएमके के उपनेता दुरई मुरुगन ने कहा कि नामक्कू नामे स्टालिन की पहल थी, लिहाजा टिप्पणियां सिर्फ उनके संदर्भ में की गई है और उन्होंने टिप्पणियों को हटाने की मांग की.
इस वक्त तक स्टालिन ने खुद खड़े हो कर कहा कि उन्हें गर्व है कि नामाक्कू नामे का जिक्र विधानसभा में बहस के दौरान हुआ. उन्होंने भी कुछ टिप्पणियां की जिन्हें बाद में स्पीकर ने कार्यवाही से हटा दिया. इसके बाद डीएमके सदस्य खड़े हो गए और स्पीकर की कार्रवाई का विरोध करने लगे, जबकि धनपाल ने उनसे सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करने को कहा.
जब डीएमके सदस्यों ने उनके द्वारा बार-बार किए जा रहे आग्रह पर ध्यान नहीं दिया तो उन्होंने मार्शलों को हंगामा कर रहे विधायकों को बाहर निकाल देने को कहा. स्टालिन को आखिरकार सदन से पकड़कर बाहर निकालने से पहले उन्होंने कुछ देर धरना दिया.टिप्पणियां
स्पीकर ने बाद में कहा कि उन्हें ऐसी कार्रवाई करनी पड़ी, क्योंकि डीएमके सदस्यों ने उनके सहयोग के आग्रहों पर ध्यान नहीं दिया. फिर सदन के नेता और वित्तमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने डीएमके सदस्यों को एक हफ्ते के लिए निलंबित करने के वास्ते एक प्रस्ताव पेश किया, जिसे एआईएडीएमके के प्रभुत्व वाले सदन में ध्वनि मत से पारित कर दिया गया.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
कार्यक्रम के बारे में की टिप्पणियों पर डीएमके सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताई. वे चाहते थे कि विधानसभा स्पीकर उसे सदन की कार्यवाही से हटा दें. धनपाल ने हालांकि कहा कि विधायक ने सीधे तौर पर किसी का जिक्र नहीं किया, लिहाजा टिप्पणियों को हटाने की जरूरत नहीं है. सदन में डीएमके के उपनेता दुरई मुरुगन ने कहा कि नामक्कू नामे स्टालिन की पहल थी, लिहाजा टिप्पणियां सिर्फ उनके संदर्भ में की गई है और उन्होंने टिप्पणियों को हटाने की मांग की.
इस वक्त तक स्टालिन ने खुद खड़े हो कर कहा कि उन्हें गर्व है कि नामाक्कू नामे का जिक्र विधानसभा में बहस के दौरान हुआ. उन्होंने भी कुछ टिप्पणियां की जिन्हें बाद में स्पीकर ने कार्यवाही से हटा दिया. इसके बाद डीएमके सदस्य खड़े हो गए और स्पीकर की कार्रवाई का विरोध करने लगे, जबकि धनपाल ने उनसे सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करने को कहा.
जब डीएमके सदस्यों ने उनके द्वारा बार-बार किए जा रहे आग्रह पर ध्यान नहीं दिया तो उन्होंने मार्शलों को हंगामा कर रहे विधायकों को बाहर निकाल देने को कहा. स्टालिन को आखिरकार सदन से पकड़कर बाहर निकालने से पहले उन्होंने कुछ देर धरना दिया.टिप्पणियां
स्पीकर ने बाद में कहा कि उन्हें ऐसी कार्रवाई करनी पड़ी, क्योंकि डीएमके सदस्यों ने उनके सहयोग के आग्रहों पर ध्यान नहीं दिया. फिर सदन के नेता और वित्तमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने डीएमके सदस्यों को एक हफ्ते के लिए निलंबित करने के वास्ते एक प्रस्ताव पेश किया, जिसे एआईएडीएमके के प्रभुत्व वाले सदन में ध्वनि मत से पारित कर दिया गया.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इस वक्त तक स्टालिन ने खुद खड़े हो कर कहा कि उन्हें गर्व है कि नामाक्कू नामे का जिक्र विधानसभा में बहस के दौरान हुआ. उन्होंने भी कुछ टिप्पणियां की जिन्हें बाद में स्पीकर ने कार्यवाही से हटा दिया. इसके बाद डीएमके सदस्य खड़े हो गए और स्पीकर की कार्रवाई का विरोध करने लगे, जबकि धनपाल ने उनसे सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करने को कहा.
जब डीएमके सदस्यों ने उनके द्वारा बार-बार किए जा रहे आग्रह पर ध्यान नहीं दिया तो उन्होंने मार्शलों को हंगामा कर रहे विधायकों को बाहर निकाल देने को कहा. स्टालिन को आखिरकार सदन से पकड़कर बाहर निकालने से पहले उन्होंने कुछ देर धरना दिया.टिप्पणियां
स्पीकर ने बाद में कहा कि उन्हें ऐसी कार्रवाई करनी पड़ी, क्योंकि डीएमके सदस्यों ने उनके सहयोग के आग्रहों पर ध्यान नहीं दिया. फिर सदन के नेता और वित्तमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने डीएमके सदस्यों को एक हफ्ते के लिए निलंबित करने के वास्ते एक प्रस्ताव पेश किया, जिसे एआईएडीएमके के प्रभुत्व वाले सदन में ध्वनि मत से पारित कर दिया गया.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
जब डीएमके सदस्यों ने उनके द्वारा बार-बार किए जा रहे आग्रह पर ध्यान नहीं दिया तो उन्होंने मार्शलों को हंगामा कर रहे विधायकों को बाहर निकाल देने को कहा. स्टालिन को आखिरकार सदन से पकड़कर बाहर निकालने से पहले उन्होंने कुछ देर धरना दिया.टिप्पणियां
स्पीकर ने बाद में कहा कि उन्हें ऐसी कार्रवाई करनी पड़ी, क्योंकि डीएमके सदस्यों ने उनके सहयोग के आग्रहों पर ध्यान नहीं दिया. फिर सदन के नेता और वित्तमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने डीएमके सदस्यों को एक हफ्ते के लिए निलंबित करने के वास्ते एक प्रस्ताव पेश किया, जिसे एआईएडीएमके के प्रभुत्व वाले सदन में ध्वनि मत से पारित कर दिया गया.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
स्पीकर ने बाद में कहा कि उन्हें ऐसी कार्रवाई करनी पड़ी, क्योंकि डीएमके सदस्यों ने उनके सहयोग के आग्रहों पर ध्यान नहीं दिया. फिर सदन के नेता और वित्तमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने डीएमके सदस्यों को एक हफ्ते के लिए निलंबित करने के वास्ते एक प्रस्ताव पेश किया, जिसे एआईएडीएमके के प्रभुत्व वाले सदन में ध्वनि मत से पारित कर दिया गया.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) | दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: डीएमके के सभी 89 विधायकों को किया गया निलंबित.
डीएमके नेता एमके स्टालिन पर अपमानजनक टिप्पणी का विरोध कर रहे थे विधायक.
एक सप्ताह तक विधानसभा आने पर लगी रोक. | 11 | ['hin'] |
एक सारांश बनाओ: दिल्ली पुलिस ने एनडीटीवी से कहा है कि आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग में कुछ अन्य खिलाड़ी भी शामिल हैं। स्पेशल सेल के स्पेशल कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि गिरफ्तार किए गए क्रिकेटरों का मैदान पर प्रदर्शन स्पॉट फिक्सिंग में उनके शामिल होने का सीधा सबूत है।
उन्होंने कहा कि पिछले गुरुवार को गिरफ्तार किए गए राजस्थान रॉयल्स के क्रिकेटर एस श्रीसंत के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। श्रीसंत को राजस्थान टीम के दो अन्य क्रिकेटरों अंकित चव्हाण और अजित चंदीला के साथ गिरफ्तार किया गया था।
वहीं, दिल्ली पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार ने कहा है कि चेन्नई सुपरकिंग्स के सीईओ गुरुनाथ मयप्पन के मामले से अभी उनका कोई लेना-देना नहीं है और वे इस मामले में बरामद की गई चीजों की जांच के जरिये आगे बढ़ रहे हैं। नीरज कुमार ने कहा कि उनके पास कुछ लीड्स हैं, जिनकी जांच हो रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले में अभी तक किसी विदेशी खिलाड़ी का नाम नहीं आया है।
उधर, दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को मुंबई पुलिस से संपर्क कर श्रीसंत की जब्त वस्तुओं का विवरण प्रदान करने की मांग की। मुंबई पुलिस ने श्रीसंत के होटल के कमरे से कई सामान जब्त किए थे। होटल के कमरे से जब्त वस्तुओं में श्रीसंत का मोबाइल फोन भी शामिल है। दिल्ली पुलिस ने मुंबई पुलिस की अपराध शाखा से श्रीसंत के ठहरने वाले होटल की सीसीटीवी फुटेज का विवरण भी मुहैया कराने की मांग की है। टिप्पणियां
वहीं, आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण ने गुरुवार को उस वक्त नया मोड़ ले लिया, जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने पाकिस्तान के विवादास्पद अंपायर असद राउफ को इंग्लैंड में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के लिए मैच अधिकारियों के पैनल से हटा दिया। मुंबई पुलिस स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण में राउफ की भूमिका की जांच कर रही है, जिसके कारण आईसीसी ने यह फैसला किया।
आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अधिकारी डेविड रिचर्डसन ने कहा, मुंबई पुलिस असद राउफ की गतिविधियों की जांच कर रही है, इन रिपोर्ट को देखते हुए हमारा मानना है कि असद और खेल से जुड़े लोगों तथा टूर्नामेंट का हित इसी में है कि उसे आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी से हटा दिया जाए।
उन्होंने कहा कि पिछले गुरुवार को गिरफ्तार किए गए राजस्थान रॉयल्स के क्रिकेटर एस श्रीसंत के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। श्रीसंत को राजस्थान टीम के दो अन्य क्रिकेटरों अंकित चव्हाण और अजित चंदीला के साथ गिरफ्तार किया गया था।
वहीं, दिल्ली पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार ने कहा है कि चेन्नई सुपरकिंग्स के सीईओ गुरुनाथ मयप्पन के मामले से अभी उनका कोई लेना-देना नहीं है और वे इस मामले में बरामद की गई चीजों की जांच के जरिये आगे बढ़ रहे हैं। नीरज कुमार ने कहा कि उनके पास कुछ लीड्स हैं, जिनकी जांच हो रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले में अभी तक किसी विदेशी खिलाड़ी का नाम नहीं आया है।
उधर, दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को मुंबई पुलिस से संपर्क कर श्रीसंत की जब्त वस्तुओं का विवरण प्रदान करने की मांग की। मुंबई पुलिस ने श्रीसंत के होटल के कमरे से कई सामान जब्त किए थे। होटल के कमरे से जब्त वस्तुओं में श्रीसंत का मोबाइल फोन भी शामिल है। दिल्ली पुलिस ने मुंबई पुलिस की अपराध शाखा से श्रीसंत के ठहरने वाले होटल की सीसीटीवी फुटेज का विवरण भी मुहैया कराने की मांग की है। टिप्पणियां
वहीं, आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण ने गुरुवार को उस वक्त नया मोड़ ले लिया, जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने पाकिस्तान के विवादास्पद अंपायर असद राउफ को इंग्लैंड में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के लिए मैच अधिकारियों के पैनल से हटा दिया। मुंबई पुलिस स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण में राउफ की भूमिका की जांच कर रही है, जिसके कारण आईसीसी ने यह फैसला किया।
आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अधिकारी डेविड रिचर्डसन ने कहा, मुंबई पुलिस असद राउफ की गतिविधियों की जांच कर रही है, इन रिपोर्ट को देखते हुए हमारा मानना है कि असद और खेल से जुड़े लोगों तथा टूर्नामेंट का हित इसी में है कि उसे आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी से हटा दिया जाए।
वहीं, दिल्ली पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार ने कहा है कि चेन्नई सुपरकिंग्स के सीईओ गुरुनाथ मयप्पन के मामले से अभी उनका कोई लेना-देना नहीं है और वे इस मामले में बरामद की गई चीजों की जांच के जरिये आगे बढ़ रहे हैं। नीरज कुमार ने कहा कि उनके पास कुछ लीड्स हैं, जिनकी जांच हो रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले में अभी तक किसी विदेशी खिलाड़ी का नाम नहीं आया है।
उधर, दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को मुंबई पुलिस से संपर्क कर श्रीसंत की जब्त वस्तुओं का विवरण प्रदान करने की मांग की। मुंबई पुलिस ने श्रीसंत के होटल के कमरे से कई सामान जब्त किए थे। होटल के कमरे से जब्त वस्तुओं में श्रीसंत का मोबाइल फोन भी शामिल है। दिल्ली पुलिस ने मुंबई पुलिस की अपराध शाखा से श्रीसंत के ठहरने वाले होटल की सीसीटीवी फुटेज का विवरण भी मुहैया कराने की मांग की है। टिप्पणियां
वहीं, आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण ने गुरुवार को उस वक्त नया मोड़ ले लिया, जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने पाकिस्तान के विवादास्पद अंपायर असद राउफ को इंग्लैंड में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के लिए मैच अधिकारियों के पैनल से हटा दिया। मुंबई पुलिस स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण में राउफ की भूमिका की जांच कर रही है, जिसके कारण आईसीसी ने यह फैसला किया।
आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अधिकारी डेविड रिचर्डसन ने कहा, मुंबई पुलिस असद राउफ की गतिविधियों की जांच कर रही है, इन रिपोर्ट को देखते हुए हमारा मानना है कि असद और खेल से जुड़े लोगों तथा टूर्नामेंट का हित इसी में है कि उसे आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी से हटा दिया जाए।
उधर, दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को मुंबई पुलिस से संपर्क कर श्रीसंत की जब्त वस्तुओं का विवरण प्रदान करने की मांग की। मुंबई पुलिस ने श्रीसंत के होटल के कमरे से कई सामान जब्त किए थे। होटल के कमरे से जब्त वस्तुओं में श्रीसंत का मोबाइल फोन भी शामिल है। दिल्ली पुलिस ने मुंबई पुलिस की अपराध शाखा से श्रीसंत के ठहरने वाले होटल की सीसीटीवी फुटेज का विवरण भी मुहैया कराने की मांग की है। टिप्पणियां
वहीं, आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण ने गुरुवार को उस वक्त नया मोड़ ले लिया, जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने पाकिस्तान के विवादास्पद अंपायर असद राउफ को इंग्लैंड में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के लिए मैच अधिकारियों के पैनल से हटा दिया। मुंबई पुलिस स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण में राउफ की भूमिका की जांच कर रही है, जिसके कारण आईसीसी ने यह फैसला किया।
आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अधिकारी डेविड रिचर्डसन ने कहा, मुंबई पुलिस असद राउफ की गतिविधियों की जांच कर रही है, इन रिपोर्ट को देखते हुए हमारा मानना है कि असद और खेल से जुड़े लोगों तथा टूर्नामेंट का हित इसी में है कि उसे आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी से हटा दिया जाए।
वहीं, आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण ने गुरुवार को उस वक्त नया मोड़ ले लिया, जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने पाकिस्तान के विवादास्पद अंपायर असद राउफ को इंग्लैंड में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के लिए मैच अधिकारियों के पैनल से हटा दिया। मुंबई पुलिस स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण में राउफ की भूमिका की जांच कर रही है, जिसके कारण आईसीसी ने यह फैसला किया।
आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अधिकारी डेविड रिचर्डसन ने कहा, मुंबई पुलिस असद राउफ की गतिविधियों की जांच कर रही है, इन रिपोर्ट को देखते हुए हमारा मानना है कि असद और खेल से जुड़े लोगों तथा टूर्नामेंट का हित इसी में है कि उसे आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी से हटा दिया जाए।
आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अधिकारी डेविड रिचर्डसन ने कहा, मुंबई पुलिस असद राउफ की गतिविधियों की जांच कर रही है, इन रिपोर्ट को देखते हुए हमारा मानना है कि असद और खेल से जुड़े लोगों तथा टूर्नामेंट का हित इसी में है कि उसे आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी से हटा दिया जाए। | संक्षिप्त सारांश: दिल्ली पुलिस ने एनडीटीवी से कहा कि गिरफ्तार किए गए क्रिकेटरों का मैदान पर प्रदर्शन स्पॉट फिक्सिंग में उनके शामिल होने का सीधा सबूत है। | 8 | ['hin'] |
इस के लिए एक सारांश बनाएं: डॉलर के मुकाबले रुपये में जारी गिरावट थामने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा किए गए उपाय बाजार की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरने से शेयर बाजार आज शुरुआती बढ़त गंवाने के बाद गिरावट लेकर बंद हुए।टिप्पणियां
बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स कारोबार के दौरान एक समय सात सप्ताह के उच्च स्तर 17,132.15 अंक को छू गया। लेकिन सरकारी बांडों में एफआईआई की निवेश सीमा बढ़ाकर 20 अरब डॉलर किए जाने और घरेलू कंपनियों को रुपये का बकाया कर्ज चुकाने के लिए विदेशों से 10 अरब डालर तक उधारी जुटाने की अनुमति देने के बाद बाजार में तेजी थम गई और सेंसेक्स 90.35 अंक टूटकर 16,882.16 अंक पर बंद हुआ।
इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 31.40 अंक कमजोर होकर 5,114.65 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में शामिल 30 में से 21 कंपनियों के शेयर टूटकर बंद हुए। ब्रोकरों ने कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए जिन उपायों की घोषणा की वे बाजार के अनुमान से कम थे। बिकवाली की मार सबसे अधिक बैंकिंग, वाहन, धातु और रीयल एस्टेट कंपनियों के शेयरों पर पड़ी। डालर के मुकाबले रुपया मजबूती के साथ खुला, लेकिन रिजर्व बैंक द्वारा उपायों की घोषणा किए जाने के तुरंत बाद यह टूटकर 57.92 के स्तर पर आ गया।
बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स कारोबार के दौरान एक समय सात सप्ताह के उच्च स्तर 17,132.15 अंक को छू गया। लेकिन सरकारी बांडों में एफआईआई की निवेश सीमा बढ़ाकर 20 अरब डॉलर किए जाने और घरेलू कंपनियों को रुपये का बकाया कर्ज चुकाने के लिए विदेशों से 10 अरब डालर तक उधारी जुटाने की अनुमति देने के बाद बाजार में तेजी थम गई और सेंसेक्स 90.35 अंक टूटकर 16,882.16 अंक पर बंद हुआ।
इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 31.40 अंक कमजोर होकर 5,114.65 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में शामिल 30 में से 21 कंपनियों के शेयर टूटकर बंद हुए। ब्रोकरों ने कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए जिन उपायों की घोषणा की वे बाजार के अनुमान से कम थे। बिकवाली की मार सबसे अधिक बैंकिंग, वाहन, धातु और रीयल एस्टेट कंपनियों के शेयरों पर पड़ी। डालर के मुकाबले रुपया मजबूती के साथ खुला, लेकिन रिजर्व बैंक द्वारा उपायों की घोषणा किए जाने के तुरंत बाद यह टूटकर 57.92 के स्तर पर आ गया।
इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 31.40 अंक कमजोर होकर 5,114.65 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में शामिल 30 में से 21 कंपनियों के शेयर टूटकर बंद हुए। ब्रोकरों ने कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए जिन उपायों की घोषणा की वे बाजार के अनुमान से कम थे। बिकवाली की मार सबसे अधिक बैंकिंग, वाहन, धातु और रीयल एस्टेट कंपनियों के शेयरों पर पड़ी। डालर के मुकाबले रुपया मजबूती के साथ खुला, लेकिन रिजर्व बैंक द्वारा उपायों की घोषणा किए जाने के तुरंत बाद यह टूटकर 57.92 के स्तर पर आ गया। | संक्षिप्त सारांश: डॉलर के मुकाबले रुपये में जारी गिरावट थामने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा किए गए उपाय बाजार की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरने से शेयर बाजार आज शुरुआती बढ़त गंवाने के बाद गिरावट लेकर बंद हुए। | 23 | ['hin'] |
इस के लिए एक सारांश बनाएं: जम्मू एवं कश्मीर के सत्तारुढ़ नेशनल कांफ्रेंस के संरक्षक एवं केंद्रीय मंत्री फारुक अब्दुल्ला ने पार्टी कार्यकर्ता की हिरासत में हुई मौत पर गुरुवार को चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि न तो वह और न ही पार्टी रिश्वत के लेनदेन में लिप्त है। उन्होंने लोगों से घटना की न्यायिक जांच के निर्णय का इंतजार करने की अपील की है। नेशनल कांफ्रेंस के मुख्यालय पर बैठक की अध्यक्षता करने के बाद फारुक ने कहा, "यह पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी का राजनीतिक नाटक है। उन्हें कहने दो जो वह कहना चाहते हैं।" फारुक अब्दुल्ला का बयान ऐसे समय पर आया है जब घटनाक्रम के प्रमुख गवाह अब्दुल सलाम ऋषि ने रिश्वत कांड में फारुक अब्दुल्ला का नाम लिया था। नेशनल कांफ्रेंस कार्यकर्ता सैयद मोहम्मद यूसुफ की 13 सितम्बर को पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। ऋषि ने टीवी चैनल को बताया था कि यूसुफ ने मंत्री बनाने के नाम पर एक अन्य कार्यकर्ता मोहम्मद यूसुफ भट्ट से रिश्वत ली थी। उसने बताया कि यह रकम फारुक अब्दुल्ला को देने के लिए ली गई थी। केंद्रीय मंत्री ने कहा, "न्यायिक जांच के निष्कर्षो का इंतजार कीजिए। सत्य मालूम हो जाएगा।" उन्होंने अपने पुत्र एवं राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का भी बचाव किया और कहा कि मुख्यमंत्री ने न्यायिक जांच का निर्णय खुद ही लिया है। उन्होंने इस बात से इंकार किया कि नेशनल कांफ्रेंस में मंत्री पद के लिए रिश्वत ली जाती है। अब्दुल्ला ने कहा, "यहां विधायक एवं विधान परिषद सदस्य मौजूद हैं। पूछ लीजिये कि क्या कभी किसी ने धन दिया है..?" | यह एक सारांश है: फारुक अब्दुल्ला ने पार्टी कार्यकर्ता की हिरासत में हुई मौत पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि न तो वह और न ही पार्टी रिश्वत के लेनदेन में लिप्त है। | 16 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाओ: ईवीएम के साथ छेड़छाड़ के राजनीतिक हमलों के बीच एक बार फिर चुनाव आयोग ने दावा किया है कि इस प्रकार के आरोप बेबुनियाद हैं और साफ कहा है कि ईवीएम के साथ कोई टैंपरिंग संभव नहीं है. आयोग ईवीएम के समर्थन में खुलकर सामने आया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर बार-बार सवाल उठाए जाने के बाद चुनाव आयोग मई के पहले हफ्ते में EVM से छेड़छाड़ साबित करने की चुनौती देगा. यह चुनौती 10 दिन तक खुली रहेगी. इस दौरान ईवीएम में तीन से चार स्तर तक टैंपरिंग करने की खुली चुनौती होगी. यही नहीं चुनाव आयोग ईवीएम मशीन खोलकर भी उसमें छेड़छाड़ करने की चुनौती दे सकता है. चुनाव आयोग का कहना है कि 2009 में भी ईवीएम की स्वामित्वता पर सवाल उठाए जाने के बाद हमने खुला चैलेंज दिया था लेकिन कोई इसे प्रूव नहीं कर सका. (एक ऐसी मशीन जिससे EVM पर शक करने की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी बाकी)
चुनाव आयोग के सूत्रों के हवाले से खबर है कि आयोग राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों को इस 'ओपेन चैलेंज' में बुलाएगा. इन प्रतिनिधियों के अलावा चुनाव आयोग उन लोगों को भी बुलाएगा जो टेक्नॉलोजी के बारे में अच्छे से जानते हैं. साथ ही उन लोगों और संगठनों को भी बुलाया जाएगा, जिन्होंने व्यक्तिगत तौर पर ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की शिकायत की है.
मंगलवार को भी केजरीवाल ने चुनाव आयोग को धृतराष्ट्र और बीजेपी को दुर्योधन को बताते हुए कहा था कि धृतराष्ट्र अपने बेटे दुर्योधन को किसी भी क़ीमत पर सत्ता में लाना चाहता है. केजरीवाल का आरोप है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल हुई ईवीएम में बड़ी सफाई से छेड़छाड़ हुई है. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के भिंड उपचुनाव की जिस ईवीएम में गड़बड़ी मिली है, उसे उत्तर प्रदेश से भेजा गया था.
केजरीवाल का चुनाव आयोग पर आरोप है कि इस मामले में कानून का उल्लंघन हुआ है. बगैर 45 दिन पूरा हुए मशीन दूसरे चुनाव में भेज दी गई. केजरीवाल ने आयोग से कहा कि वह ईवीएम उन्हें दे दे, वह दिखा देंगे कि इसमें छेड़छाड़ कैसे की जाती है. बगैर ईवीएम जांच के होने वाले चुनावों को केजरीवाल ने बेकार बताया है.
चुनाव आयोग ने पुरजोर तौर पर केजरीवाल के इन आरोपों को भी सिरे से खारिज कर दिया कि यूपी चुनाव में प्रयोग में लाई गई ईवीएम को मध्य प्रदेश के भिंड उपचुनाव के लिए भेजा गया था. आयोग ने कहा कि यूपी से कोई भी ईवीएम मध्य प्रदेश नहीं भेजी गई है. (चुनाव में धांधली? : आखिर ये वीवीपीएटी पर्ची है क्या जिसकी बात अरविंद केजरीवाल कर रहे हैं, आइए समझें)टिप्पणियां
पंजाब चुनावों के नतीजों के बाद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि राज्य विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के खराब प्रदर्शन के पीछे की वजह ईवीएम में गड़बड़ी हो सकती है. केजरीवाल ने दावा किया था कि 'आप' के खाते में आने वाले लगभग 20 से 25 प्रतिशत वोट शायद शिरोमणि अकाली दल (शिअद)-भाजपा गठबंधन को 'चले गए'. केजरीवाल ने कहा था कि आम आदमी पार्टी को सिर्फ 20 सीटें मिलना समझ से परे है और यह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की विश्वसनीयता पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है, क्योंकि विभिन्न राजनीतिक पंडितों ने पार्टी के लिए भारी जीत की भविष्यवाणी की थी. विधानसभा चुनावों में ईवीएम में गड़बड़ी के केजरीवाल के आरोपों पर चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी को नसीहत दी थी कि वह ईवीएम में दोष न निकालकर, पंजाब में हुई हार का आत्मनिरीक्षण करे.
गौरतलब है कि इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की बात कही थी. मायावती इस मुद्दे को लेकर कोर्ट भी गई हैं. बसपा के अलावा सपा, कांग्रेस भी ईवीएम छेड़छाड़ मुद्दे को जोर-शोर से उठाती रही है.
चुनाव आयोग के सूत्रों के हवाले से खबर है कि आयोग राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों को इस 'ओपेन चैलेंज' में बुलाएगा. इन प्रतिनिधियों के अलावा चुनाव आयोग उन लोगों को भी बुलाएगा जो टेक्नॉलोजी के बारे में अच्छे से जानते हैं. साथ ही उन लोगों और संगठनों को भी बुलाया जाएगा, जिन्होंने व्यक्तिगत तौर पर ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की शिकायत की है.
मंगलवार को भी केजरीवाल ने चुनाव आयोग को धृतराष्ट्र और बीजेपी को दुर्योधन को बताते हुए कहा था कि धृतराष्ट्र अपने बेटे दुर्योधन को किसी भी क़ीमत पर सत्ता में लाना चाहता है. केजरीवाल का आरोप है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल हुई ईवीएम में बड़ी सफाई से छेड़छाड़ हुई है. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के भिंड उपचुनाव की जिस ईवीएम में गड़बड़ी मिली है, उसे उत्तर प्रदेश से भेजा गया था.
केजरीवाल का चुनाव आयोग पर आरोप है कि इस मामले में कानून का उल्लंघन हुआ है. बगैर 45 दिन पूरा हुए मशीन दूसरे चुनाव में भेज दी गई. केजरीवाल ने आयोग से कहा कि वह ईवीएम उन्हें दे दे, वह दिखा देंगे कि इसमें छेड़छाड़ कैसे की जाती है. बगैर ईवीएम जांच के होने वाले चुनावों को केजरीवाल ने बेकार बताया है.
चुनाव आयोग ने पुरजोर तौर पर केजरीवाल के इन आरोपों को भी सिरे से खारिज कर दिया कि यूपी चुनाव में प्रयोग में लाई गई ईवीएम को मध्य प्रदेश के भिंड उपचुनाव के लिए भेजा गया था. आयोग ने कहा कि यूपी से कोई भी ईवीएम मध्य प्रदेश नहीं भेजी गई है. (चुनाव में धांधली? : आखिर ये वीवीपीएटी पर्ची है क्या जिसकी बात अरविंद केजरीवाल कर रहे हैं, आइए समझें)टिप्पणियां
पंजाब चुनावों के नतीजों के बाद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि राज्य विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के खराब प्रदर्शन के पीछे की वजह ईवीएम में गड़बड़ी हो सकती है. केजरीवाल ने दावा किया था कि 'आप' के खाते में आने वाले लगभग 20 से 25 प्रतिशत वोट शायद शिरोमणि अकाली दल (शिअद)-भाजपा गठबंधन को 'चले गए'. केजरीवाल ने कहा था कि आम आदमी पार्टी को सिर्फ 20 सीटें मिलना समझ से परे है और यह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की विश्वसनीयता पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है, क्योंकि विभिन्न राजनीतिक पंडितों ने पार्टी के लिए भारी जीत की भविष्यवाणी की थी. विधानसभा चुनावों में ईवीएम में गड़बड़ी के केजरीवाल के आरोपों पर चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी को नसीहत दी थी कि वह ईवीएम में दोष न निकालकर, पंजाब में हुई हार का आत्मनिरीक्षण करे.
गौरतलब है कि इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की बात कही थी. मायावती इस मुद्दे को लेकर कोर्ट भी गई हैं. बसपा के अलावा सपा, कांग्रेस भी ईवीएम छेड़छाड़ मुद्दे को जोर-शोर से उठाती रही है.
मंगलवार को भी केजरीवाल ने चुनाव आयोग को धृतराष्ट्र और बीजेपी को दुर्योधन को बताते हुए कहा था कि धृतराष्ट्र अपने बेटे दुर्योधन को किसी भी क़ीमत पर सत्ता में लाना चाहता है. केजरीवाल का आरोप है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल हुई ईवीएम में बड़ी सफाई से छेड़छाड़ हुई है. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के भिंड उपचुनाव की जिस ईवीएम में गड़बड़ी मिली है, उसे उत्तर प्रदेश से भेजा गया था.
केजरीवाल का चुनाव आयोग पर आरोप है कि इस मामले में कानून का उल्लंघन हुआ है. बगैर 45 दिन पूरा हुए मशीन दूसरे चुनाव में भेज दी गई. केजरीवाल ने आयोग से कहा कि वह ईवीएम उन्हें दे दे, वह दिखा देंगे कि इसमें छेड़छाड़ कैसे की जाती है. बगैर ईवीएम जांच के होने वाले चुनावों को केजरीवाल ने बेकार बताया है.
चुनाव आयोग ने पुरजोर तौर पर केजरीवाल के इन आरोपों को भी सिरे से खारिज कर दिया कि यूपी चुनाव में प्रयोग में लाई गई ईवीएम को मध्य प्रदेश के भिंड उपचुनाव के लिए भेजा गया था. आयोग ने कहा कि यूपी से कोई भी ईवीएम मध्य प्रदेश नहीं भेजी गई है. (चुनाव में धांधली? : आखिर ये वीवीपीएटी पर्ची है क्या जिसकी बात अरविंद केजरीवाल कर रहे हैं, आइए समझें)टिप्पणियां
पंजाब चुनावों के नतीजों के बाद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि राज्य विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के खराब प्रदर्शन के पीछे की वजह ईवीएम में गड़बड़ी हो सकती है. केजरीवाल ने दावा किया था कि 'आप' के खाते में आने वाले लगभग 20 से 25 प्रतिशत वोट शायद शिरोमणि अकाली दल (शिअद)-भाजपा गठबंधन को 'चले गए'. केजरीवाल ने कहा था कि आम आदमी पार्टी को सिर्फ 20 सीटें मिलना समझ से परे है और यह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की विश्वसनीयता पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है, क्योंकि विभिन्न राजनीतिक पंडितों ने पार्टी के लिए भारी जीत की भविष्यवाणी की थी. विधानसभा चुनावों में ईवीएम में गड़बड़ी के केजरीवाल के आरोपों पर चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी को नसीहत दी थी कि वह ईवीएम में दोष न निकालकर, पंजाब में हुई हार का आत्मनिरीक्षण करे.
गौरतलब है कि इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की बात कही थी. मायावती इस मुद्दे को लेकर कोर्ट भी गई हैं. बसपा के अलावा सपा, कांग्रेस भी ईवीएम छेड़छाड़ मुद्दे को जोर-शोर से उठाती रही है.
केजरीवाल का चुनाव आयोग पर आरोप है कि इस मामले में कानून का उल्लंघन हुआ है. बगैर 45 दिन पूरा हुए मशीन दूसरे चुनाव में भेज दी गई. केजरीवाल ने आयोग से कहा कि वह ईवीएम उन्हें दे दे, वह दिखा देंगे कि इसमें छेड़छाड़ कैसे की जाती है. बगैर ईवीएम जांच के होने वाले चुनावों को केजरीवाल ने बेकार बताया है.
चुनाव आयोग ने पुरजोर तौर पर केजरीवाल के इन आरोपों को भी सिरे से खारिज कर दिया कि यूपी चुनाव में प्रयोग में लाई गई ईवीएम को मध्य प्रदेश के भिंड उपचुनाव के लिए भेजा गया था. आयोग ने कहा कि यूपी से कोई भी ईवीएम मध्य प्रदेश नहीं भेजी गई है. (चुनाव में धांधली? : आखिर ये वीवीपीएटी पर्ची है क्या जिसकी बात अरविंद केजरीवाल कर रहे हैं, आइए समझें)टिप्पणियां
पंजाब चुनावों के नतीजों के बाद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि राज्य विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के खराब प्रदर्शन के पीछे की वजह ईवीएम में गड़बड़ी हो सकती है. केजरीवाल ने दावा किया था कि 'आप' के खाते में आने वाले लगभग 20 से 25 प्रतिशत वोट शायद शिरोमणि अकाली दल (शिअद)-भाजपा गठबंधन को 'चले गए'. केजरीवाल ने कहा था कि आम आदमी पार्टी को सिर्फ 20 सीटें मिलना समझ से परे है और यह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की विश्वसनीयता पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है, क्योंकि विभिन्न राजनीतिक पंडितों ने पार्टी के लिए भारी जीत की भविष्यवाणी की थी. विधानसभा चुनावों में ईवीएम में गड़बड़ी के केजरीवाल के आरोपों पर चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी को नसीहत दी थी कि वह ईवीएम में दोष न निकालकर, पंजाब में हुई हार का आत्मनिरीक्षण करे.
गौरतलब है कि इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की बात कही थी. मायावती इस मुद्दे को लेकर कोर्ट भी गई हैं. बसपा के अलावा सपा, कांग्रेस भी ईवीएम छेड़छाड़ मुद्दे को जोर-शोर से उठाती रही है.
चुनाव आयोग ने पुरजोर तौर पर केजरीवाल के इन आरोपों को भी सिरे से खारिज कर दिया कि यूपी चुनाव में प्रयोग में लाई गई ईवीएम को मध्य प्रदेश के भिंड उपचुनाव के लिए भेजा गया था. आयोग ने कहा कि यूपी से कोई भी ईवीएम मध्य प्रदेश नहीं भेजी गई है. (चुनाव में धांधली? : आखिर ये वीवीपीएटी पर्ची है क्या जिसकी बात अरविंद केजरीवाल कर रहे हैं, आइए समझें)टिप्पणियां
पंजाब चुनावों के नतीजों के बाद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि राज्य विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के खराब प्रदर्शन के पीछे की वजह ईवीएम में गड़बड़ी हो सकती है. केजरीवाल ने दावा किया था कि 'आप' के खाते में आने वाले लगभग 20 से 25 प्रतिशत वोट शायद शिरोमणि अकाली दल (शिअद)-भाजपा गठबंधन को 'चले गए'. केजरीवाल ने कहा था कि आम आदमी पार्टी को सिर्फ 20 सीटें मिलना समझ से परे है और यह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की विश्वसनीयता पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है, क्योंकि विभिन्न राजनीतिक पंडितों ने पार्टी के लिए भारी जीत की भविष्यवाणी की थी. विधानसभा चुनावों में ईवीएम में गड़बड़ी के केजरीवाल के आरोपों पर चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी को नसीहत दी थी कि वह ईवीएम में दोष न निकालकर, पंजाब में हुई हार का आत्मनिरीक्षण करे.
गौरतलब है कि इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की बात कही थी. मायावती इस मुद्दे को लेकर कोर्ट भी गई हैं. बसपा के अलावा सपा, कांग्रेस भी ईवीएम छेड़छाड़ मुद्दे को जोर-शोर से उठाती रही है.
पंजाब चुनावों के नतीजों के बाद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि राज्य विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के खराब प्रदर्शन के पीछे की वजह ईवीएम में गड़बड़ी हो सकती है. केजरीवाल ने दावा किया था कि 'आप' के खाते में आने वाले लगभग 20 से 25 प्रतिशत वोट शायद शिरोमणि अकाली दल (शिअद)-भाजपा गठबंधन को 'चले गए'. केजरीवाल ने कहा था कि आम आदमी पार्टी को सिर्फ 20 सीटें मिलना समझ से परे है और यह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की विश्वसनीयता पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है, क्योंकि विभिन्न राजनीतिक पंडितों ने पार्टी के लिए भारी जीत की भविष्यवाणी की थी. विधानसभा चुनावों में ईवीएम में गड़बड़ी के केजरीवाल के आरोपों पर चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी को नसीहत दी थी कि वह ईवीएम में दोष न निकालकर, पंजाब में हुई हार का आत्मनिरीक्षण करे.
गौरतलब है कि इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की बात कही थी. मायावती इस मुद्दे को लेकर कोर्ट भी गई हैं. बसपा के अलावा सपा, कांग्रेस भी ईवीएम छेड़छाड़ मुद्दे को जोर-शोर से उठाती रही है.
गौरतलब है कि इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की बात कही थी. मायावती इस मुद्दे को लेकर कोर्ट भी गई हैं. बसपा के अलावा सपा, कांग्रेस भी ईवीएम छेड़छाड़ मुद्दे को जोर-शोर से उठाती रही है. | यहाँ एक सारांश है:चुनाव आयोग ने दावा किया है कि इस प्रकार के आरोप बेबुनियाद हैं
केजरीवाल द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर सवाल उठाए गए
चुनाव आयोग ने इसके लिए खुला चैलेंज दिया है. | 18 | ['hin'] |
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में बदुरिया और आसपास के क्षेत्र में साम्प्रदायिक हिंसा के बाद बुधवार को हालात तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में हैं. यहां फेसबुक पर डाली गई एक आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर विवाद हुआ था. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, सुबह 11 बजे तक किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं थी.
क्षेत्र पर नजर रखने के लिए पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया गया है. सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली के माध्यम से कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए घोषणाएं की गयीं. पुलिस भी लोगों को सामान्य जीवन जीने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.टिप्पणियां
लोग अशोकनगर स्टेशन की रेल की पटरी पर बैठ गये जिसके कारण सियालदा-बानगांव रेलमार्ग प्रभावित हुआ. जीआरपी सूत्राों ने बताया कि सुबह बशीरहाट स्टेशन पर कई ट्रेनें फंसी रहीं.
केओशा बाजार, बनस्थला, रामचन्द्रपुर और तेनतुलिया सहित बदुरिया और आसपास के इलाकों में दुकानें और बाजार बंद रहे. पुलिस ने बताया कि बीएसएफ और पुलिसकर्मी स्कूल भवनों में मौजूद हैं, फिलहाल शिक्षण संस्थान बंद हैं.
क्षेत्र पर नजर रखने के लिए पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया गया है. सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली के माध्यम से कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए घोषणाएं की गयीं. पुलिस भी लोगों को सामान्य जीवन जीने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.टिप्पणियां
लोग अशोकनगर स्टेशन की रेल की पटरी पर बैठ गये जिसके कारण सियालदा-बानगांव रेलमार्ग प्रभावित हुआ. जीआरपी सूत्राों ने बताया कि सुबह बशीरहाट स्टेशन पर कई ट्रेनें फंसी रहीं.
केओशा बाजार, बनस्थला, रामचन्द्रपुर और तेनतुलिया सहित बदुरिया और आसपास के इलाकों में दुकानें और बाजार बंद रहे. पुलिस ने बताया कि बीएसएफ और पुलिसकर्मी स्कूल भवनों में मौजूद हैं, फिलहाल शिक्षण संस्थान बंद हैं.
लोग अशोकनगर स्टेशन की रेल की पटरी पर बैठ गये जिसके कारण सियालदा-बानगांव रेलमार्ग प्रभावित हुआ. जीआरपी सूत्राों ने बताया कि सुबह बशीरहाट स्टेशन पर कई ट्रेनें फंसी रहीं.
केओशा बाजार, बनस्थला, रामचन्द्रपुर और तेनतुलिया सहित बदुरिया और आसपास के इलाकों में दुकानें और बाजार बंद रहे. पुलिस ने बताया कि बीएसएफ और पुलिसकर्मी स्कूल भवनों में मौजूद हैं, फिलहाल शिक्षण संस्थान बंद हैं.
केओशा बाजार, बनस्थला, रामचन्द्रपुर और तेनतुलिया सहित बदुरिया और आसपास के इलाकों में दुकानें और बाजार बंद रहे. पुलिस ने बताया कि बीएसएफ और पुलिसकर्मी स्कूल भवनों में मौजूद हैं, फिलहाल शिक्षण संस्थान बंद हैं. | यहाँ एक सारांश है:क्षेत्र पर नजर रखने के लिए पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया है
जीआरपी सूत्रों ने बताया कि सुबह बशीरहाट स्टेशन पर कई ट्रेनें फंसी रहीं
फिलहाल शिक्षण संस्थान बंद हैं | 12 | ['hin'] |
इस के लिए एक सारांश बनाएं: गर्मी के बावजूद संस्थानों में शार्ट्स पहनने पर रोक लगाए जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में ब्रिटेन के एक स्कूल में किशोरों का एक समूह गुरुवार को कक्षा में स्कर्ट पहनकर आया.
डेवन, एक्सेटर में आईएससीए एकेडमी के पांच छात्रों से शिक्षकों ने कहा कि छोटे कपड़े पहनकर आने पर उन्हें कक्षा में अलग थलग कर दिया जाएगा. इस पर छात्र इस तरह के कपड़े पहनकर आए.
एक छात्र की मां ने कहा कि उनके 14 वर्षीय बच्चे ने एक दिन पहले प्रधानाध्यापक से गर्मी लगने की शिकायत की तो उन्होंने कहा कि अगर तुम्हें पसंद हो तो स्कर्ट पहनकर आ सकते हो. इसलिए प्रशासन की तरफ से किसी संभावित कार्रवाई से बचने के लिए वह चार अन्य छात्रों के साथ स्कर्ट पहनकर स्कूल आ गया.टिप्पणियां
छात्र की मां ने 'डेवन लाइव' से कहा, ''मेरा बेटा शार्ट्स पहनना चाहता था लेकिन कहा गया कि बाकी हफ्ते के लिए अलग-थलग कमरे में रहना होगा .'' मां ने कहा, ''प्रधानाचार्य ने उनसे कहा कि अगर चाहो तो तुम स्कर्ट पहन सकते हो, लेकिन मुझे लगता है कि वह व्यंग्य कर रही थी. हालांकि बच्चे ने इसे सच मान लिया और गुरुवार को पांच लड़के स्कर्ट पहनकर आए. चूंकि उनसे ऐसा कहा गया था इसलिए जब तक वे स्कूल में रहे वह कुछ नहीं कर पाईं.'' (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
डेवन, एक्सेटर में आईएससीए एकेडमी के पांच छात्रों से शिक्षकों ने कहा कि छोटे कपड़े पहनकर आने पर उन्हें कक्षा में अलग थलग कर दिया जाएगा. इस पर छात्र इस तरह के कपड़े पहनकर आए.
एक छात्र की मां ने कहा कि उनके 14 वर्षीय बच्चे ने एक दिन पहले प्रधानाध्यापक से गर्मी लगने की शिकायत की तो उन्होंने कहा कि अगर तुम्हें पसंद हो तो स्कर्ट पहनकर आ सकते हो. इसलिए प्रशासन की तरफ से किसी संभावित कार्रवाई से बचने के लिए वह चार अन्य छात्रों के साथ स्कर्ट पहनकर स्कूल आ गया.टिप्पणियां
छात्र की मां ने 'डेवन लाइव' से कहा, ''मेरा बेटा शार्ट्स पहनना चाहता था लेकिन कहा गया कि बाकी हफ्ते के लिए अलग-थलग कमरे में रहना होगा .'' मां ने कहा, ''प्रधानाचार्य ने उनसे कहा कि अगर चाहो तो तुम स्कर्ट पहन सकते हो, लेकिन मुझे लगता है कि वह व्यंग्य कर रही थी. हालांकि बच्चे ने इसे सच मान लिया और गुरुवार को पांच लड़के स्कर्ट पहनकर आए. चूंकि उनसे ऐसा कहा गया था इसलिए जब तक वे स्कूल में रहे वह कुछ नहीं कर पाईं.'' (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
एक छात्र की मां ने कहा कि उनके 14 वर्षीय बच्चे ने एक दिन पहले प्रधानाध्यापक से गर्मी लगने की शिकायत की तो उन्होंने कहा कि अगर तुम्हें पसंद हो तो स्कर्ट पहनकर आ सकते हो. इसलिए प्रशासन की तरफ से किसी संभावित कार्रवाई से बचने के लिए वह चार अन्य छात्रों के साथ स्कर्ट पहनकर स्कूल आ गया.टिप्पणियां
छात्र की मां ने 'डेवन लाइव' से कहा, ''मेरा बेटा शार्ट्स पहनना चाहता था लेकिन कहा गया कि बाकी हफ्ते के लिए अलग-थलग कमरे में रहना होगा .'' मां ने कहा, ''प्रधानाचार्य ने उनसे कहा कि अगर चाहो तो तुम स्कर्ट पहन सकते हो, लेकिन मुझे लगता है कि वह व्यंग्य कर रही थी. हालांकि बच्चे ने इसे सच मान लिया और गुरुवार को पांच लड़के स्कर्ट पहनकर आए. चूंकि उनसे ऐसा कहा गया था इसलिए जब तक वे स्कूल में रहे वह कुछ नहीं कर पाईं.'' (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
छात्र की मां ने 'डेवन लाइव' से कहा, ''मेरा बेटा शार्ट्स पहनना चाहता था लेकिन कहा गया कि बाकी हफ्ते के लिए अलग-थलग कमरे में रहना होगा .'' मां ने कहा, ''प्रधानाचार्य ने उनसे कहा कि अगर चाहो तो तुम स्कर्ट पहन सकते हो, लेकिन मुझे लगता है कि वह व्यंग्य कर रही थी. हालांकि बच्चे ने इसे सच मान लिया और गुरुवार को पांच लड़के स्कर्ट पहनकर आए. चूंकि उनसे ऐसा कहा गया था इसलिए जब तक वे स्कूल में रहे वह कुछ नहीं कर पाईं.'' (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) | दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: छात्रों ने एक दिन पहले प्रधानाध्यापक से गर्मी लगने की शिकायत की थी
शिक्षक ने कहा - तुम्हें पसंद हो तो स्कर्ट पहनकर आ सकते हो
स्कूल में स्कर्ट पहने बच्चों से कुछ नहीं कह पाईं प्रधानाध्यापक | 3 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाओ: - दिल्ली में 4 नवंबर से 15 नवंबर तक ऑड ईवन चलेगा. ऑड-ईवन का मतलब होता है कि ऑड (विषम- 1,3,5,7,9) तारीख को ऑड नंबर की कार और ईवन (सम संख्या - 2,4,6,8,0) तारीख को इवन नंबर की कार चलेगी.
- आपके कार नंबर का आखिरी डिजिट ऑड-ईवन में देखा जाता है.
- ऑड-ईवन सोमवार से शनिवार तक लागू होगा, जबकि रविवार छुट्टी होती है.
- हालांकि कमर्शियल कार जैसे ओला-ऊबर पर ऑड ईवन नियम लागू नहीं होता, लेकिन सीएम केजरीवाल ने कहा है कि ओला-ऊबर की मनमानी पर भी लगाम लगाएंगे.
- यदि नियम का उल्लंघन किया गया तो 4000 का जुर्माना भी भरना पड़ेगा.
- ऑड ईवन स्कीम लागू होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री तथा मंत्रियों को भी इसके दायरे में रखा गया है.
- दूसरे राज्यों से आने वाली गाड़ियों पर भी ऑड ईवन लागू होगा.
- ऑड-ईवन केवल निजी कारों पर भी लागू होता है.
- ऑड-ईवन के दौरान इस बार दिल्ली में निजी CNG गाड़ियों को छूट नहीं मिलेगी. | यह एक सारांश है: दिल्ली में आज से लागू हुआ ऑड-ईवन नियम
पहले दिन चलेंगी सम नंबर की कारें
नियम तोड़ने पर लगेगा 4 हजार रुपये का जुर्माना | 24 | ['hin'] |
एक सारांश बनाओ: हैदराबाद में फिर एक रैकेट पकड़ा गया जो अरब देशों से आए शेखों के साथ छोटी-छोटी लड़कियों की शादी कराने के नाम पर उनका सौदा करता है. ओमान से आए एक शेख के साथ शादी को मजबूर की गई की एक सोलह साल की लड़की की शिकायत पर केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने कार्रवाई शुरू की और फिर ये पूरा मामला पकड़ में आया.
पढ़ें : कॉन्ट्रेक्ट पर शादी कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़, आठ विदेशियों सहित 20 गिरफ्तारटिप्पणियां
हैदराबाद पुलिस ने 8 अरब शेखों को गिरफ़्तार किया है जिनमें से पांच ओमान, तीन क़तर के हैं. इनमें से एक 80 साल का है. अरब के शेखों के लिए हैदराबाद को मंडी बना देने वाले इस रैकेट पर पुलिस की अब तक ये सबसे बड़ी कार्रवाई है.
इतना ही नहीं तीन क़ाज़ी भी पकड़े गए हैं. इनमें एक मुंबई से आया मुख्य क़ाज़ी है. ये नाबालिग लड़कियों को भी देश से बाहर भेजने के लिए जाली दस्तावेज़ तैयार करते थे. मिली जानकारी के मुताबिक अब तक करीब 35 दलाल और लॉज वाले पुलिस की जांच के दायरे में हैं. इनकी हरकतों पर निगरानी रखी जा रही है.
हैदराबाद पुलिस ने 8 अरब शेखों को गिरफ़्तार किया है जिनमें से पांच ओमान, तीन क़तर के हैं. इनमें से एक 80 साल का है. अरब के शेखों के लिए हैदराबाद को मंडी बना देने वाले इस रैकेट पर पुलिस की अब तक ये सबसे बड़ी कार्रवाई है.
इतना ही नहीं तीन क़ाज़ी भी पकड़े गए हैं. इनमें एक मुंबई से आया मुख्य क़ाज़ी है. ये नाबालिग लड़कियों को भी देश से बाहर भेजने के लिए जाली दस्तावेज़ तैयार करते थे. मिली जानकारी के मुताबिक अब तक करीब 35 दलाल और लॉज वाले पुलिस की जांच के दायरे में हैं. इनकी हरकतों पर निगरानी रखी जा रही है.
इतना ही नहीं तीन क़ाज़ी भी पकड़े गए हैं. इनमें एक मुंबई से आया मुख्य क़ाज़ी है. ये नाबालिग लड़कियों को भी देश से बाहर भेजने के लिए जाली दस्तावेज़ तैयार करते थे. मिली जानकारी के मुताबिक अब तक करीब 35 दलाल और लॉज वाले पुलिस की जांच के दायरे में हैं. इनकी हरकतों पर निगरानी रखी जा रही है. | सारांश: नाबालिग लड़कियों के साथ करते थे शादी
एक शेख की उम्र 80 साल
हैदराबाद पुलिस की बड़ी कार्रवाई | 5 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाएं: ब्रिटेन में 90 साल की एक महिला और 73 साल के एक पुरुष बुजुर्ग ने सात साल के अपने प्रेम के बाद अंतत: शादी रचा ली। बेट्टी इर्स्किन (90) और रॉबिन ट्रेमायने (73) की मुलाकात डेवॉन काउंटी में उफकुल्मे शहर के एक वृद्धाश्रम ट्रैफाल्गर कोर्ट में हुई थी। रॉबिन की पत्नी की मौत 2004 में ही हो गई थी। इसके बाद वह लगातार बेट्टी के सम्पर्क में रहे। जैस-जैसे समय बीतता गया, उनके सम्बंध और प्रगाढ़ होते गए। दो साल पहले रॉबिन ने बेट्टी के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा था। रॉबिन के मुताबिक, "मैं बेट्टी से प्यार करता हूं। मैं सोचता हूं कि शादी के बाद हम और अच्छे से रहेंगे। हम कभी तर्क नहीं करते और हर चीज पर सहमत होते हैं। इसलिए यह बिल्कुल सही काम करने जैसा है।" बुजुर्ग युगल ने दावोन में दोस्तों और परिवार के बीच शनिवार को शादी की। बेट्टी और रॉबिन इस साल के बाद हनीमून पर जाएंगे। बेट्टी की दो बेटियां, एक बेटा और छह नाती-पोते हैं, जबकि रॉबिन का एक बेटा और एक बेटी है। उसके तीन नाती-पोते और चार परपोते हैं। | संक्षिप्त सारांश: बेट्टी इर्स्किन (90) और रॉबिन ट्रेमायने (73) की मुलाकात डेवॉन काउंटी में उफकुल्मे शहर के एक वृद्धाश्रम ट्रैफाल्गर कोर्ट में हुई थी। | 29 | ['hin'] |
इस के लिए एक सारांश बनाएं: बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल जनता दल (युनाइटेड) की मंगलवार को हुई बैठक के बाद आरजेडी को चार दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि पार्टी उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से इस्तीफा लेने या नहीं लेने का फैस्ला चार दिन में ले अन्यथा जेडीयू कोई फैसला लेने के लिए बाध्य होगी. इस मामले में आखिरी निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अधिकृत किया गया है. बैठक के बाद जद (यू) प्रवक्ता नीरज कुमार ने स्पष्ट किया है कि पार्टी परंपरा और सिद्धांतों से कोई समझौता नहीं करेगी. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के बारे में कहा गया कि जिन पर आरोप लगे हैं, वे तथ्यों के साथ जवाब दें.
यह पूछे जाने पर कि क्या मुख्यमंत्री तेजस्वी से इस्तीफा लेंगे, उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा, "जिन पर आरोप लगे हैं, वे तथ्यों के साथ जनता के सामने अपना पक्ष रखें, पार्टी उनसे यही अपेक्षा करती है। यह जनआकांक्षा भी है." उन्होंने आगे कहा, "उनसे इसकी अपेक्षा की जाती है कि तथ्य सामने रखें। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की जो लाइन हमने खींची है, उससे हम पीछे नहीं हट सकते।" टिप्पणियां
गौरतलब है कि सीबीआई ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद व उनके परिवार के सदस्यों से जुड़े पटना, दिल्ली, रांची व गुरुग्राम के 12 ठिकानों पर शुक्रवार को छापेमारी की थी. इस मामले में सीबीआई ने लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी तथा उनके पुत्र और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित कई अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. वैसे, पिछले कुछ दिनों से लालू प्रसाद और उनके परिवार के खिलाफ सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग द्वारा की गई कार्रवाई के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब तक चुप्पी साध रखी थी.
जदयू के इस प्रेस कांफ्रेंस के बाद राजद प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि आप अवगत हैं कि तेजस्वी प्रसाद यादव का कार्य उपमुख्यमंत्री, पथ एवं भवन निर्माण मंत्री के रूप में अतिसंतोषजनक और सराहनीय रहा है तथा इस अवधि में उनपर कहीं भी कोई आरोप नहीं लगा है इसलिए उनके इस्तीफा का कहीं कोई प्रश्न ही नहीं उठता. राजद प्रमुख लालू प्रसाद की पत्नी राबडी देवी के आवास के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्वे ने कहा कि युवा नेता के रूप में अपनी लोकप्रियता का प्रभाव तेजस्वी यादव ने बिहार और तमाम लोगों पर डाला है. यह पूछे जाने पर कि जदयू ने कहा है कि उनपर जो आरोप लगे हैं, उस बारे में तथ्यों के साथ जनता बीच जाएं, पूर्वे ने कहा कि वे हमारे नेता हैं. हमारा जो स्टैंड है वह हमने आपके सामने रखा है.
यह पूछे जाने पर कि क्या मुख्यमंत्री तेजस्वी से इस्तीफा लेंगे, उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा, "जिन पर आरोप लगे हैं, वे तथ्यों के साथ जनता के सामने अपना पक्ष रखें, पार्टी उनसे यही अपेक्षा करती है। यह जनआकांक्षा भी है." उन्होंने आगे कहा, "उनसे इसकी अपेक्षा की जाती है कि तथ्य सामने रखें। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की जो लाइन हमने खींची है, उससे हम पीछे नहीं हट सकते।" टिप्पणियां
गौरतलब है कि सीबीआई ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद व उनके परिवार के सदस्यों से जुड़े पटना, दिल्ली, रांची व गुरुग्राम के 12 ठिकानों पर शुक्रवार को छापेमारी की थी. इस मामले में सीबीआई ने लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी तथा उनके पुत्र और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित कई अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. वैसे, पिछले कुछ दिनों से लालू प्रसाद और उनके परिवार के खिलाफ सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग द्वारा की गई कार्रवाई के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब तक चुप्पी साध रखी थी.
जदयू के इस प्रेस कांफ्रेंस के बाद राजद प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि आप अवगत हैं कि तेजस्वी प्रसाद यादव का कार्य उपमुख्यमंत्री, पथ एवं भवन निर्माण मंत्री के रूप में अतिसंतोषजनक और सराहनीय रहा है तथा इस अवधि में उनपर कहीं भी कोई आरोप नहीं लगा है इसलिए उनके इस्तीफा का कहीं कोई प्रश्न ही नहीं उठता. राजद प्रमुख लालू प्रसाद की पत्नी राबडी देवी के आवास के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्वे ने कहा कि युवा नेता के रूप में अपनी लोकप्रियता का प्रभाव तेजस्वी यादव ने बिहार और तमाम लोगों पर डाला है. यह पूछे जाने पर कि जदयू ने कहा है कि उनपर जो आरोप लगे हैं, उस बारे में तथ्यों के साथ जनता बीच जाएं, पूर्वे ने कहा कि वे हमारे नेता हैं. हमारा जो स्टैंड है वह हमने आपके सामने रखा है.
गौरतलब है कि सीबीआई ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद व उनके परिवार के सदस्यों से जुड़े पटना, दिल्ली, रांची व गुरुग्राम के 12 ठिकानों पर शुक्रवार को छापेमारी की थी. इस मामले में सीबीआई ने लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी तथा उनके पुत्र और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित कई अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. वैसे, पिछले कुछ दिनों से लालू प्रसाद और उनके परिवार के खिलाफ सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग द्वारा की गई कार्रवाई के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब तक चुप्पी साध रखी थी.
जदयू के इस प्रेस कांफ्रेंस के बाद राजद प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि आप अवगत हैं कि तेजस्वी प्रसाद यादव का कार्य उपमुख्यमंत्री, पथ एवं भवन निर्माण मंत्री के रूप में अतिसंतोषजनक और सराहनीय रहा है तथा इस अवधि में उनपर कहीं भी कोई आरोप नहीं लगा है इसलिए उनके इस्तीफा का कहीं कोई प्रश्न ही नहीं उठता. राजद प्रमुख लालू प्रसाद की पत्नी राबडी देवी के आवास के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्वे ने कहा कि युवा नेता के रूप में अपनी लोकप्रियता का प्रभाव तेजस्वी यादव ने बिहार और तमाम लोगों पर डाला है. यह पूछे जाने पर कि जदयू ने कहा है कि उनपर जो आरोप लगे हैं, उस बारे में तथ्यों के साथ जनता बीच जाएं, पूर्वे ने कहा कि वे हमारे नेता हैं. हमारा जो स्टैंड है वह हमने आपके सामने रखा है.
जदयू के इस प्रेस कांफ्रेंस के बाद राजद प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि आप अवगत हैं कि तेजस्वी प्रसाद यादव का कार्य उपमुख्यमंत्री, पथ एवं भवन निर्माण मंत्री के रूप में अतिसंतोषजनक और सराहनीय रहा है तथा इस अवधि में उनपर कहीं भी कोई आरोप नहीं लगा है इसलिए उनके इस्तीफा का कहीं कोई प्रश्न ही नहीं उठता. राजद प्रमुख लालू प्रसाद की पत्नी राबडी देवी के आवास के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्वे ने कहा कि युवा नेता के रूप में अपनी लोकप्रियता का प्रभाव तेजस्वी यादव ने बिहार और तमाम लोगों पर डाला है. यह पूछे जाने पर कि जदयू ने कहा है कि उनपर जो आरोप लगे हैं, उस बारे में तथ्यों के साथ जनता बीच जाएं, पूर्वे ने कहा कि वे हमारे नेता हैं. हमारा जो स्टैंड है वह हमने आपके सामने रखा है. | संक्षिप्त पाठ: जेडीयू ने दिया आरजेडी को दिए तेजस्वी पर कार्रवाई के लिए चार दिन
आखिरी निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अधिकृत किया गया
जेडीयू की प्रेस कॉन्फ़्रेंस के बाद आरजेडी ने मीडिया में रखा अपना पक्ष | 14 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाएं: मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में एक शिक्षिका ने तीन छात्राओं के बाल इसलिए काट दिए, क्योंकि वे चोटी बांधकर नहीं आई थीं। मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। घटना से डरी छात्राओं ने विद्यालय जाने से इंकार कर दिया है, जबकि शिक्षिका और शिक्षा विभाग ने इसे अनुशासनात्मक कार्रवाई बताया है। नौगांव की हाईस्कूल में पढ़ने वाली तीन छात्राओं के बाल मीता सिंह नाम की शिक्षिका ने काट दिए। एक पीड़ित छात्रा के परिजन अतर सिंह का कहना है कि शिक्षिका ने छात्राओं के बाल सिर्फ इसलिए काट दिए, क्योंकि वे चोटी बांधकर नहीं गई थी। बाल काटने की बजाय उन्हें छात्राओं को समझाना चाहिए था। वहीं, शिक्षिका मीता का कहना है कि उन्होंने अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत छात्राओं के बाल काटे। वह चाहती हैं कि छात्राएं विद्यालय में अनुशासन में रहें, इसलिए यह कदम उठाया। तीनों छात्राएं अक्सर चोटी बांधने की बजाय बाल खोलकर आती थीं। जिला शिक्षा अधिकारी धर्मेद्र शर्मा ने भी इस कार्रवाई को अनुशासन से जोड़ते हुए कहा कि इस प्रकरण की जांच विकास खंड शिक्षा अधिकारी से कराई जा रही है। शिक्षिका को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है। जांच रिपोर्ट आने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। | संक्षिप्त सारांश: सीहोर जिले में एक शिक्षिका ने तीन छात्राओं के बाल इसलिए काट दिए, क्योंकि वे चोटी बांधकर नहीं आई थीं। मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। | 29 | ['hin'] |
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: आईपीएस अधिकारी से वकील बने वाईपी सिंह ने महाराष्ट्र सरकार से उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए पुलिस पर सलमान के खिलाफ टक्कर मारकर भागने संबंधी उस मामले की सुनवाई विलंबित करने के लिए अपने अधिकारों का दुरुपयोग करने के साथ ही कानून का उल्लंघन करने और आरोप लगाया जिसमें बॉलीवुड अभिनेता मुख्य आरोपी हैं।
सिंह ने सुनवाई बेहद धीमी गति से होने के लिए संबंधित जांचकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराने के साथ ही उनपर अधिकारों का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया और उनके खिलाफ जांच कराने की मांग की।
सिंह ने अपनी पत्नी आभा सिंह के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘कई लोगों को इस बात का लेकर आश्चर्य हो रहा है कि (हिट एंड रन) टक्कर मारकर भागने के उस मामले की सुनवाई जहां करीब दो वर्ष में पूरी हो गई जिसमें प्रवासी भारतीय नूरिया हवेलीवाला शामिल थी और अलिस्टायर परेरा वाले मामले में यह केवल एक वर्ष में ही पूरी हो गई लेकिन सलमान खान वाले मामले को 10 वर्ष बीत चुके हैं और सुनवाई निकट भविष्य में पूरी होने की संभावना नहीं दिखती।’टिप्पणियां
सिंह ने सलमान मामले में अदालती सुनवाई के दस्तावेज दिखाते हुए कहा, ‘सुनवाई के प्रारंभिक स्तर में बांद्रा के मजिस्ट्रेटी अदालत ने 39 गवाहों को सम्मन जारी किए लेकिन पुलिस ने 24 गवाहों को सम्मन की तामील नहीं कराई।
सिंह ने कहा कि कि उन्होंने 13 गवाहों को ही सम्मन की तामील कराई जिसमें से केवल एक ही व्यक्ति अदालत में पेश हुआ। उन्होंने कहा कि गवाहों को पेश करना पुलिस का कर्तव्य है लेकिन वह अपेक्षित गवाहों को पेश करने में असफल रही जबकि उनमें से अधिकतर परिचित थे और शहर में ही रहते थे।
सिंह ने सुनवाई बेहद धीमी गति से होने के लिए संबंधित जांचकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराने के साथ ही उनपर अधिकारों का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया और उनके खिलाफ जांच कराने की मांग की।
सिंह ने अपनी पत्नी आभा सिंह के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘कई लोगों को इस बात का लेकर आश्चर्य हो रहा है कि (हिट एंड रन) टक्कर मारकर भागने के उस मामले की सुनवाई जहां करीब दो वर्ष में पूरी हो गई जिसमें प्रवासी भारतीय नूरिया हवेलीवाला शामिल थी और अलिस्टायर परेरा वाले मामले में यह केवल एक वर्ष में ही पूरी हो गई लेकिन सलमान खान वाले मामले को 10 वर्ष बीत चुके हैं और सुनवाई निकट भविष्य में पूरी होने की संभावना नहीं दिखती।’टिप्पणियां
सिंह ने सलमान मामले में अदालती सुनवाई के दस्तावेज दिखाते हुए कहा, ‘सुनवाई के प्रारंभिक स्तर में बांद्रा के मजिस्ट्रेटी अदालत ने 39 गवाहों को सम्मन जारी किए लेकिन पुलिस ने 24 गवाहों को सम्मन की तामील नहीं कराई।
सिंह ने कहा कि कि उन्होंने 13 गवाहों को ही सम्मन की तामील कराई जिसमें से केवल एक ही व्यक्ति अदालत में पेश हुआ। उन्होंने कहा कि गवाहों को पेश करना पुलिस का कर्तव्य है लेकिन वह अपेक्षित गवाहों को पेश करने में असफल रही जबकि उनमें से अधिकतर परिचित थे और शहर में ही रहते थे।
सिंह ने अपनी पत्नी आभा सिंह के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘कई लोगों को इस बात का लेकर आश्चर्य हो रहा है कि (हिट एंड रन) टक्कर मारकर भागने के उस मामले की सुनवाई जहां करीब दो वर्ष में पूरी हो गई जिसमें प्रवासी भारतीय नूरिया हवेलीवाला शामिल थी और अलिस्टायर परेरा वाले मामले में यह केवल एक वर्ष में ही पूरी हो गई लेकिन सलमान खान वाले मामले को 10 वर्ष बीत चुके हैं और सुनवाई निकट भविष्य में पूरी होने की संभावना नहीं दिखती।’टिप्पणियां
सिंह ने सलमान मामले में अदालती सुनवाई के दस्तावेज दिखाते हुए कहा, ‘सुनवाई के प्रारंभिक स्तर में बांद्रा के मजिस्ट्रेटी अदालत ने 39 गवाहों को सम्मन जारी किए लेकिन पुलिस ने 24 गवाहों को सम्मन की तामील नहीं कराई।
सिंह ने कहा कि कि उन्होंने 13 गवाहों को ही सम्मन की तामील कराई जिसमें से केवल एक ही व्यक्ति अदालत में पेश हुआ। उन्होंने कहा कि गवाहों को पेश करना पुलिस का कर्तव्य है लेकिन वह अपेक्षित गवाहों को पेश करने में असफल रही जबकि उनमें से अधिकतर परिचित थे और शहर में ही रहते थे।
सिंह ने सलमान मामले में अदालती सुनवाई के दस्तावेज दिखाते हुए कहा, ‘सुनवाई के प्रारंभिक स्तर में बांद्रा के मजिस्ट्रेटी अदालत ने 39 गवाहों को सम्मन जारी किए लेकिन पुलिस ने 24 गवाहों को सम्मन की तामील नहीं कराई।
सिंह ने कहा कि कि उन्होंने 13 गवाहों को ही सम्मन की तामील कराई जिसमें से केवल एक ही व्यक्ति अदालत में पेश हुआ। उन्होंने कहा कि गवाहों को पेश करना पुलिस का कर्तव्य है लेकिन वह अपेक्षित गवाहों को पेश करने में असफल रही जबकि उनमें से अधिकतर परिचित थे और शहर में ही रहते थे।
सिंह ने कहा कि कि उन्होंने 13 गवाहों को ही सम्मन की तामील कराई जिसमें से केवल एक ही व्यक्ति अदालत में पेश हुआ। उन्होंने कहा कि गवाहों को पेश करना पुलिस का कर्तव्य है लेकिन वह अपेक्षित गवाहों को पेश करने में असफल रही जबकि उनमें से अधिकतर परिचित थे और शहर में ही रहते थे। | संक्षिप्त सारांश: आईपीएस अधिकारी से वकील बने वाईपी सिंह ने महाराष्ट्र सरकार से उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए पुलिस पर सलमान के खिलाफ टक्कर मारकर भागने संबंधी उस मामले की सुनवाई विलंबित करने के लिए अपने अधिकारों का दुरुपयोग करने के साथ ही कानून का उल्लंघन करने और आरोप लग | 10 | ['hin'] |
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: लगातार बढ़ रही आत्महत्याओं की घटनाओं से परेशान मेट्रो इसे रोकने के लिए अब एक नया तरीका आज़माएगी। अब कई स्टेशनों पर खास दरवाज़ा लगाया जा रहा है जिससे लोग पटरी तक न पहुँच सकें।
दिल्ली में मेट्रो पब्लिक ट्रांसपोर्ट के साथ आत्महत्या करने की पसंदीदा जगह होती जा रही है। बीते छह महीने में आत्महत्या के प्रास के करीब 13 मामले आए हैं। लेकिन, अब आत्महत्या और भीड़ के चलते होने वाली दुघर्टनाएं कम होंगी क्योंकि इस तरह के सात फुट ऊंचे स्क्रीन डोर लगाने की कवायद शुरू हो चुकी है।टिप्पणियां
फिलहाल मेट्रो प्रशासन भारी भीड़ और ऐसी कोशिशों के लिहाज से संवेदनशील पांच मेट्रों स्टेशनों राजीव चौक, कश्मीर गेट, चावड़ी बाजार, चांदनी चौक, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और केंद्रीय सचिवालय पर ये दरवाज़े लगाने जा रहा है।
ये स्क्रीन डोर तभी खुलेंगे जब कोई मेट्रो स्टेशन पर आकर रुकेगी। इसके अलावा मेट्रो स्टेशन पर आत्महत्या रोकने के लिए कई पोस्टर और चेतावनी भी जारी की जा रही हैं।
दिल्ली में मेट्रो पब्लिक ट्रांसपोर्ट के साथ आत्महत्या करने की पसंदीदा जगह होती जा रही है। बीते छह महीने में आत्महत्या के प्रास के करीब 13 मामले आए हैं। लेकिन, अब आत्महत्या और भीड़ के चलते होने वाली दुघर्टनाएं कम होंगी क्योंकि इस तरह के सात फुट ऊंचे स्क्रीन डोर लगाने की कवायद शुरू हो चुकी है।टिप्पणियां
फिलहाल मेट्रो प्रशासन भारी भीड़ और ऐसी कोशिशों के लिहाज से संवेदनशील पांच मेट्रों स्टेशनों राजीव चौक, कश्मीर गेट, चावड़ी बाजार, चांदनी चौक, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और केंद्रीय सचिवालय पर ये दरवाज़े लगाने जा रहा है।
ये स्क्रीन डोर तभी खुलेंगे जब कोई मेट्रो स्टेशन पर आकर रुकेगी। इसके अलावा मेट्रो स्टेशन पर आत्महत्या रोकने के लिए कई पोस्टर और चेतावनी भी जारी की जा रही हैं।
फिलहाल मेट्रो प्रशासन भारी भीड़ और ऐसी कोशिशों के लिहाज से संवेदनशील पांच मेट्रों स्टेशनों राजीव चौक, कश्मीर गेट, चावड़ी बाजार, चांदनी चौक, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और केंद्रीय सचिवालय पर ये दरवाज़े लगाने जा रहा है।
ये स्क्रीन डोर तभी खुलेंगे जब कोई मेट्रो स्टेशन पर आकर रुकेगी। इसके अलावा मेट्रो स्टेशन पर आत्महत्या रोकने के लिए कई पोस्टर और चेतावनी भी जारी की जा रही हैं।
ये स्क्रीन डोर तभी खुलेंगे जब कोई मेट्रो स्टेशन पर आकर रुकेगी। इसके अलावा मेट्रो स्टेशन पर आत्महत्या रोकने के लिए कई पोस्टर और चेतावनी भी जारी की जा रही हैं। | संक्षिप्त पाठ: लगातार बढ़ रही आत्महत्याओं की घटनाओं से परेशान मेट्रो इसे रोकने के लिए अब एक नया तरीका आज़माएगी। अब कई स्टेशनों पर खास दरवाज़ा लगाया जा रहा है जिससे लोग पटरी तक न पहुँच सकें। | 22 | ['hin'] |
इस के लिए एक सारांश बनाएं: भारत के संसद भवन पर वर्ष 2001 में हुए हमले के मामले में दोषी अफजल गुरु की फांसी के बाद उसके शव को उसके परिवार को सौंपने के लिए भारतीय अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक ने 24 घंटों की भूख हड़ताल शुरू कर दी है।
अफजल को नई दिल्ली की एक जेल में फांसी देने के बाद वहीं दफना दिया गया।
अफजल की पत्नी और बेटी से मिलने के लिए एक निजी दौरे पर आए मलिक और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) और जमात-उद-दावा के सदस्यों ने इस्लामाबाद के बीचो-बीच स्थित नेशनल प्रेस क्लब के बाहर भूख हड़ताल शुरू की।
जेकेएलएफ के वरिष्ठ नेता अमानुल्ला खान ने भी विरोध में हिस्सा लिया।
मलिक ने कहा, ‘अफजल गुरु का शव उसके परिवार को सौंपा जाना चाहिए, इसी मांग को लेकर 24 घंटों की शांतिपूर्ण भूख हड़ताल की जा रही है। परिवार को उसकी फांसी के संबंध में जानकारी भी नही दी गई है।’
ऐसा माना जा रहा है कि अफजल के परिवार ने अधिकारियों से आग्रह किया था कि सुबह नई दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी देने के बाद अफजल का अंतिम संस्कार इस्लामी तरीके से करने की अनुमति दें। टिप्पणियां
मलिक ने कहा, ‘अफजल राजनीति का शिकार हुआ है जो आगामी चुनाव (भारत में अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव) को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि अफजल को फांसी देने जैसी घटनाएं विरोध के अहिंसक तरीकों को अपना चुके जम्मू-कश्मीर के युवकों को क्रोधित करेगा।
मलिक ने कहा कि वह किसी के लिए भी फांसी की सजा का समर्थन नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि हम पूरी तरह से मौत की सजा के खिलाफ हैं। हम कभी भी सरबजीत या किसी और को फांसी देने की मांग नहीं करेंगे।
अफजल को नई दिल्ली की एक जेल में फांसी देने के बाद वहीं दफना दिया गया।
अफजल की पत्नी और बेटी से मिलने के लिए एक निजी दौरे पर आए मलिक और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) और जमात-उद-दावा के सदस्यों ने इस्लामाबाद के बीचो-बीच स्थित नेशनल प्रेस क्लब के बाहर भूख हड़ताल शुरू की।
जेकेएलएफ के वरिष्ठ नेता अमानुल्ला खान ने भी विरोध में हिस्सा लिया।
मलिक ने कहा, ‘अफजल गुरु का शव उसके परिवार को सौंपा जाना चाहिए, इसी मांग को लेकर 24 घंटों की शांतिपूर्ण भूख हड़ताल की जा रही है। परिवार को उसकी फांसी के संबंध में जानकारी भी नही दी गई है।’
ऐसा माना जा रहा है कि अफजल के परिवार ने अधिकारियों से आग्रह किया था कि सुबह नई दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी देने के बाद अफजल का अंतिम संस्कार इस्लामी तरीके से करने की अनुमति दें। टिप्पणियां
मलिक ने कहा, ‘अफजल राजनीति का शिकार हुआ है जो आगामी चुनाव (भारत में अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव) को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि अफजल को फांसी देने जैसी घटनाएं विरोध के अहिंसक तरीकों को अपना चुके जम्मू-कश्मीर के युवकों को क्रोधित करेगा।
मलिक ने कहा कि वह किसी के लिए भी फांसी की सजा का समर्थन नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि हम पूरी तरह से मौत की सजा के खिलाफ हैं। हम कभी भी सरबजीत या किसी और को फांसी देने की मांग नहीं करेंगे।
अफजल की पत्नी और बेटी से मिलने के लिए एक निजी दौरे पर आए मलिक और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) और जमात-उद-दावा के सदस्यों ने इस्लामाबाद के बीचो-बीच स्थित नेशनल प्रेस क्लब के बाहर भूख हड़ताल शुरू की।
जेकेएलएफ के वरिष्ठ नेता अमानुल्ला खान ने भी विरोध में हिस्सा लिया।
मलिक ने कहा, ‘अफजल गुरु का शव उसके परिवार को सौंपा जाना चाहिए, इसी मांग को लेकर 24 घंटों की शांतिपूर्ण भूख हड़ताल की जा रही है। परिवार को उसकी फांसी के संबंध में जानकारी भी नही दी गई है।’
ऐसा माना जा रहा है कि अफजल के परिवार ने अधिकारियों से आग्रह किया था कि सुबह नई दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी देने के बाद अफजल का अंतिम संस्कार इस्लामी तरीके से करने की अनुमति दें। टिप्पणियां
मलिक ने कहा, ‘अफजल राजनीति का शिकार हुआ है जो आगामी चुनाव (भारत में अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव) को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि अफजल को फांसी देने जैसी घटनाएं विरोध के अहिंसक तरीकों को अपना चुके जम्मू-कश्मीर के युवकों को क्रोधित करेगा।
मलिक ने कहा कि वह किसी के लिए भी फांसी की सजा का समर्थन नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि हम पूरी तरह से मौत की सजा के खिलाफ हैं। हम कभी भी सरबजीत या किसी और को फांसी देने की मांग नहीं करेंगे।
जेकेएलएफ के वरिष्ठ नेता अमानुल्ला खान ने भी विरोध में हिस्सा लिया।
मलिक ने कहा, ‘अफजल गुरु का शव उसके परिवार को सौंपा जाना चाहिए, इसी मांग को लेकर 24 घंटों की शांतिपूर्ण भूख हड़ताल की जा रही है। परिवार को उसकी फांसी के संबंध में जानकारी भी नही दी गई है।’
ऐसा माना जा रहा है कि अफजल के परिवार ने अधिकारियों से आग्रह किया था कि सुबह नई दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी देने के बाद अफजल का अंतिम संस्कार इस्लामी तरीके से करने की अनुमति दें। टिप्पणियां
मलिक ने कहा, ‘अफजल राजनीति का शिकार हुआ है जो आगामी चुनाव (भारत में अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव) को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि अफजल को फांसी देने जैसी घटनाएं विरोध के अहिंसक तरीकों को अपना चुके जम्मू-कश्मीर के युवकों को क्रोधित करेगा।
मलिक ने कहा कि वह किसी के लिए भी फांसी की सजा का समर्थन नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि हम पूरी तरह से मौत की सजा के खिलाफ हैं। हम कभी भी सरबजीत या किसी और को फांसी देने की मांग नहीं करेंगे।
मलिक ने कहा, ‘अफजल गुरु का शव उसके परिवार को सौंपा जाना चाहिए, इसी मांग को लेकर 24 घंटों की शांतिपूर्ण भूख हड़ताल की जा रही है। परिवार को उसकी फांसी के संबंध में जानकारी भी नही दी गई है।’
ऐसा माना जा रहा है कि अफजल के परिवार ने अधिकारियों से आग्रह किया था कि सुबह नई दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी देने के बाद अफजल का अंतिम संस्कार इस्लामी तरीके से करने की अनुमति दें। टिप्पणियां
मलिक ने कहा, ‘अफजल राजनीति का शिकार हुआ है जो आगामी चुनाव (भारत में अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव) को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि अफजल को फांसी देने जैसी घटनाएं विरोध के अहिंसक तरीकों को अपना चुके जम्मू-कश्मीर के युवकों को क्रोधित करेगा।
मलिक ने कहा कि वह किसी के लिए भी फांसी की सजा का समर्थन नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि हम पूरी तरह से मौत की सजा के खिलाफ हैं। हम कभी भी सरबजीत या किसी और को फांसी देने की मांग नहीं करेंगे।
ऐसा माना जा रहा है कि अफजल के परिवार ने अधिकारियों से आग्रह किया था कि सुबह नई दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी देने के बाद अफजल का अंतिम संस्कार इस्लामी तरीके से करने की अनुमति दें। टिप्पणियां
मलिक ने कहा, ‘अफजल राजनीति का शिकार हुआ है जो आगामी चुनाव (भारत में अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव) को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि अफजल को फांसी देने जैसी घटनाएं विरोध के अहिंसक तरीकों को अपना चुके जम्मू-कश्मीर के युवकों को क्रोधित करेगा।
मलिक ने कहा कि वह किसी के लिए भी फांसी की सजा का समर्थन नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि हम पूरी तरह से मौत की सजा के खिलाफ हैं। हम कभी भी सरबजीत या किसी और को फांसी देने की मांग नहीं करेंगे।
मलिक ने कहा, ‘अफजल राजनीति का शिकार हुआ है जो आगामी चुनाव (भारत में अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव) को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि अफजल को फांसी देने जैसी घटनाएं विरोध के अहिंसक तरीकों को अपना चुके जम्मू-कश्मीर के युवकों को क्रोधित करेगा।
मलिक ने कहा कि वह किसी के लिए भी फांसी की सजा का समर्थन नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि हम पूरी तरह से मौत की सजा के खिलाफ हैं। हम कभी भी सरबजीत या किसी और को फांसी देने की मांग नहीं करेंगे।
मलिक ने कहा कि वह किसी के लिए भी फांसी की सजा का समर्थन नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि हम पूरी तरह से मौत की सजा के खिलाफ हैं। हम कभी भी सरबजीत या किसी और को फांसी देने की मांग नहीं करेंगे। | संक्षिप्त पाठ: भारत के संसद भवन पर वर्ष 2001 में हुए हमले के मामले में दोषी अफजल गुरु की फांसी के बाद उसके शव को उसके परिवार को सौंपने के लिए भारतीय अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक ने 24 घंटों की भूख हड़ताल शुरू कर दी है। | 14 | ['hin'] |
इस के लिए एक सारांश बनाएं: अन्ना हज़ारे के अनशन के आठवें दिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पत्र के जरिए उनसे सीधे संपर्क साधते हुए उपवास समाप्त करने की अपील की और वायदा किया कि सरकार के लोकपाल विधेयक के साथ ही संसद उनके जन लोकपाल विधेयक पर भी विचार कर सकती है। गांधीवादी कार्यकर्ता को लिखे पत्र में सिंह ने कहा, सरकार लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार से आग्रह करेगी कि लोकपाल विधेयक पर विचार कर रही संसद की स्थायी समिति के पास हज़ारे के जन लोकपाल विधेयक को भी भेजा जाए। उन्होंने समिति से यह आग्रह करने का भी आश्वासन दिया कि जितना जल्दी संभव हो वह लोकपाल विधेयक के प्रारूप को अंतिम रूप दे। सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार से निपटने को लेकर उनकी सरकार के उद्देश्य हजारे पक्ष के ही समान हैं और संसद की सर्वोच्चता तथा संवैधानिक दायित्वों को दिमाग में रखते हुए संविधान सम्मत एवं जहां तक संभव हो सर्वोत्तम लोकपाल गठित करने के लिए वह किसी से भी बात करने को तैयार हैं। अनशन समाप्त करने की अपील करते हुए पत्र में उन्होंने कहा, पिछले कुछ दिनों से, आपकी सेहत को लेकर मेरी चिंता बढ़ी है। प्रधानमंत्री ने कहा, सरकार और आपके पक्ष के बीच मतभेद के बावजूद, मुझे नहीं लगता कि किसी को इस बात में संदेह होना चाहिए कि मैं या हमारी सरकार आपकी सेहत को लेकर कितनी चिंतित है। संविधान सम्मत लोकपाल बनाने की पत्र में बात करते हुए सिंह ने कहा, मुझे उम्मीद है कि आप मेरे सुझाव पर विचार करेंगे और अपना अनशन समाप्त करेंगे, ताकि आप तेजी से अपना पूर्ण स्वास्थ्य और ऊर्जा पा सकें। | यहाँ एक सारांश है:अन्ना हज़ारे के अनशन के आठवें दिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पत्र के जरिए उनसे सीधे संपर्क साधते हुए उपवास समाप्त करने की अपील की। | 17 | ['hin'] |
एक सारांश बनाओ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह को नोएडा विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा है. पंकज सिंह 15 साल से पार्टी के लिए काम करते रहे हैं. पंकज सिंह कहते हैं कि उत्तर प्रदेश से ही दो अन्य युवा नेता अखिलेश यादव और राहुल गांधी को अपने राजनीतिक जीवन में सीधे ऊंचे पदों पर तरक्की मिल गई और आज वो अपनी-अपनी पार्टियों का नेतृत्व कर रहे हैं.
40 साल के पंकज सिंह अब चुनावी राजनीति में उतरने जा रहे हैं. बीजेपी ने उन्हें नोएडा से उम्मीदवार बनाया है और बीजेपी को अपने इस फैसले का बचाव भी करना होगा क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस अपील के बावजूद कि 'पार्टी कार्यकर्ताओं के परिवार के सदस्य चुनाव ना लड़ें', बीजेपी ने कई वरिष्ठ नेताओं के बेटे-बेटियों को टिकट दिया है.
पंकज सिंह ने NDTV से कहा कि उनकी उम्मीदवारी से प्रधानमंत्री के आदेश का उल्लंघन नहीं होता है. परिवारवाद के आरोपों को नकारते हुए उन्होंने कहा, 'मैं और मेरे पिता राजनीति पर बात नहीं करते. मुझे बस उनका आशीर्वाद चाहिए.' ऐसी खबरें हैं कि नोएडा के मौजूदा विधायक की जगह पंकज सिंह को टिकट दिए जाने से स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी है. हालांकि पंकज का कहना है कि उन्होंने सभी से बात की है और सभी ने उनका समर्थन किया है.
पंकज सिंह ने कहा, 'आप स्कूल से निकलकर सीधे पार्टी में चले जाएं, वैसी वंशवाद की राजनीति नहीं चलेगी.' उनका निशाना अपने राजनैतिक प्रतिद्वंद्वियों समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव और कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी की तरफ था, जो अपनी अपनी पार्टियों के शीर्ष परिवारों से आते हैं. इसके अलावा इस बारे में पंकज सिंह ने कुछ भी कहने से इनकार किया. उन्होंने कहा, 'मैं अखिलेश और राहुल के विषय में कुछ भी ऊटपटांग नहीं बोलूंगा, ये मेरी राजनीति नहीं है.'टिप्पणियां
2014 के लोकसभा चुनावों में भी उम्मीद की जा रही थी कि बीजेपी उन्हें टिकट देगी लेकिन उस वक्त पार्टी ने उनका चयन नहीं किया. सोमवार को ही बीजेपी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के प्रभारी ओम माथुर ने कहा, 'पंकज सिंह ने सालों से पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की है और इसलिए वह उम्मीदवारी के लिए 200 फीसदी योग्य हैं, न कि इस वजह से उनके पिता राज्य में पार्टी के सबसे कद्दावर नेता हैं.
पंकज सिंह ने दावा किया कि 2007 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें टिकट देने का प्रस्ताव दिया था लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था क्योंकि उन्हें लगता था कि वो उस वक्त तैयार नहीं थे. पंकज दो बार पार्टी महासचिव रह चुके हैं और उत्तर प्रदेश में बीजेपी की युवा इकाई के प्रमुख भी रहे हैं.
40 साल के पंकज सिंह अब चुनावी राजनीति में उतरने जा रहे हैं. बीजेपी ने उन्हें नोएडा से उम्मीदवार बनाया है और बीजेपी को अपने इस फैसले का बचाव भी करना होगा क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस अपील के बावजूद कि 'पार्टी कार्यकर्ताओं के परिवार के सदस्य चुनाव ना लड़ें', बीजेपी ने कई वरिष्ठ नेताओं के बेटे-बेटियों को टिकट दिया है.
पंकज सिंह ने NDTV से कहा कि उनकी उम्मीदवारी से प्रधानमंत्री के आदेश का उल्लंघन नहीं होता है. परिवारवाद के आरोपों को नकारते हुए उन्होंने कहा, 'मैं और मेरे पिता राजनीति पर बात नहीं करते. मुझे बस उनका आशीर्वाद चाहिए.' ऐसी खबरें हैं कि नोएडा के मौजूदा विधायक की जगह पंकज सिंह को टिकट दिए जाने से स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी है. हालांकि पंकज का कहना है कि उन्होंने सभी से बात की है और सभी ने उनका समर्थन किया है.
पंकज सिंह ने कहा, 'आप स्कूल से निकलकर सीधे पार्टी में चले जाएं, वैसी वंशवाद की राजनीति नहीं चलेगी.' उनका निशाना अपने राजनैतिक प्रतिद्वंद्वियों समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव और कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी की तरफ था, जो अपनी अपनी पार्टियों के शीर्ष परिवारों से आते हैं. इसके अलावा इस बारे में पंकज सिंह ने कुछ भी कहने से इनकार किया. उन्होंने कहा, 'मैं अखिलेश और राहुल के विषय में कुछ भी ऊटपटांग नहीं बोलूंगा, ये मेरी राजनीति नहीं है.'टिप्पणियां
2014 के लोकसभा चुनावों में भी उम्मीद की जा रही थी कि बीजेपी उन्हें टिकट देगी लेकिन उस वक्त पार्टी ने उनका चयन नहीं किया. सोमवार को ही बीजेपी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के प्रभारी ओम माथुर ने कहा, 'पंकज सिंह ने सालों से पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की है और इसलिए वह उम्मीदवारी के लिए 200 फीसदी योग्य हैं, न कि इस वजह से उनके पिता राज्य में पार्टी के सबसे कद्दावर नेता हैं.
पंकज सिंह ने दावा किया कि 2007 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें टिकट देने का प्रस्ताव दिया था लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था क्योंकि उन्हें लगता था कि वो उस वक्त तैयार नहीं थे. पंकज दो बार पार्टी महासचिव रह चुके हैं और उत्तर प्रदेश में बीजेपी की युवा इकाई के प्रमुख भी रहे हैं.
पंकज सिंह ने NDTV से कहा कि उनकी उम्मीदवारी से प्रधानमंत्री के आदेश का उल्लंघन नहीं होता है. परिवारवाद के आरोपों को नकारते हुए उन्होंने कहा, 'मैं और मेरे पिता राजनीति पर बात नहीं करते. मुझे बस उनका आशीर्वाद चाहिए.' ऐसी खबरें हैं कि नोएडा के मौजूदा विधायक की जगह पंकज सिंह को टिकट दिए जाने से स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी है. हालांकि पंकज का कहना है कि उन्होंने सभी से बात की है और सभी ने उनका समर्थन किया है.
पंकज सिंह ने कहा, 'आप स्कूल से निकलकर सीधे पार्टी में चले जाएं, वैसी वंशवाद की राजनीति नहीं चलेगी.' उनका निशाना अपने राजनैतिक प्रतिद्वंद्वियों समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव और कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी की तरफ था, जो अपनी अपनी पार्टियों के शीर्ष परिवारों से आते हैं. इसके अलावा इस बारे में पंकज सिंह ने कुछ भी कहने से इनकार किया. उन्होंने कहा, 'मैं अखिलेश और राहुल के विषय में कुछ भी ऊटपटांग नहीं बोलूंगा, ये मेरी राजनीति नहीं है.'टिप्पणियां
2014 के लोकसभा चुनावों में भी उम्मीद की जा रही थी कि बीजेपी उन्हें टिकट देगी लेकिन उस वक्त पार्टी ने उनका चयन नहीं किया. सोमवार को ही बीजेपी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के प्रभारी ओम माथुर ने कहा, 'पंकज सिंह ने सालों से पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की है और इसलिए वह उम्मीदवारी के लिए 200 फीसदी योग्य हैं, न कि इस वजह से उनके पिता राज्य में पार्टी के सबसे कद्दावर नेता हैं.
पंकज सिंह ने दावा किया कि 2007 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें टिकट देने का प्रस्ताव दिया था लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था क्योंकि उन्हें लगता था कि वो उस वक्त तैयार नहीं थे. पंकज दो बार पार्टी महासचिव रह चुके हैं और उत्तर प्रदेश में बीजेपी की युवा इकाई के प्रमुख भी रहे हैं.
पंकज सिंह ने कहा, 'आप स्कूल से निकलकर सीधे पार्टी में चले जाएं, वैसी वंशवाद की राजनीति नहीं चलेगी.' उनका निशाना अपने राजनैतिक प्रतिद्वंद्वियों समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव और कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी की तरफ था, जो अपनी अपनी पार्टियों के शीर्ष परिवारों से आते हैं. इसके अलावा इस बारे में पंकज सिंह ने कुछ भी कहने से इनकार किया. उन्होंने कहा, 'मैं अखिलेश और राहुल के विषय में कुछ भी ऊटपटांग नहीं बोलूंगा, ये मेरी राजनीति नहीं है.'टिप्पणियां
2014 के लोकसभा चुनावों में भी उम्मीद की जा रही थी कि बीजेपी उन्हें टिकट देगी लेकिन उस वक्त पार्टी ने उनका चयन नहीं किया. सोमवार को ही बीजेपी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के प्रभारी ओम माथुर ने कहा, 'पंकज सिंह ने सालों से पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की है और इसलिए वह उम्मीदवारी के लिए 200 फीसदी योग्य हैं, न कि इस वजह से उनके पिता राज्य में पार्टी के सबसे कद्दावर नेता हैं.
पंकज सिंह ने दावा किया कि 2007 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें टिकट देने का प्रस्ताव दिया था लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था क्योंकि उन्हें लगता था कि वो उस वक्त तैयार नहीं थे. पंकज दो बार पार्टी महासचिव रह चुके हैं और उत्तर प्रदेश में बीजेपी की युवा इकाई के प्रमुख भी रहे हैं.
2014 के लोकसभा चुनावों में भी उम्मीद की जा रही थी कि बीजेपी उन्हें टिकट देगी लेकिन उस वक्त पार्टी ने उनका चयन नहीं किया. सोमवार को ही बीजेपी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के प्रभारी ओम माथुर ने कहा, 'पंकज सिंह ने सालों से पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की है और इसलिए वह उम्मीदवारी के लिए 200 फीसदी योग्य हैं, न कि इस वजह से उनके पिता राज्य में पार्टी के सबसे कद्दावर नेता हैं.
पंकज सिंह ने दावा किया कि 2007 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें टिकट देने का प्रस्ताव दिया था लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था क्योंकि उन्हें लगता था कि वो उस वक्त तैयार नहीं थे. पंकज दो बार पार्टी महासचिव रह चुके हैं और उत्तर प्रदेश में बीजेपी की युवा इकाई के प्रमुख भी रहे हैं.
पंकज सिंह ने दावा किया कि 2007 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें टिकट देने का प्रस्ताव दिया था लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था क्योंकि उन्हें लगता था कि वो उस वक्त तैयार नहीं थे. पंकज दो बार पार्टी महासचिव रह चुके हैं और उत्तर प्रदेश में बीजेपी की युवा इकाई के प्रमुख भी रहे हैं. | यह एक सारांश है: 'मैं अखिलेश और राहुल के विषय में कुछ भी ऊटपटांग नहीं बोलूंगा'
'मेरी उम्मीदवारी से प्रधानमंत्री के आदेश का उल्लंघन नहीं होता है'
2007 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें टिकट का प्रस्ताव दिया था | 21 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाओ: इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है. जिसमें एक महिला अपनी कार की छत पर बैठी हुई है. अब आप सोच रहे होंगे कि इसमें नया क्या है. अरे जनाब आपको जानकार हैरानी होगी कि ये कार चल रही थी. जी हां, यह विचित्र घटना चीन की है. यह घटना चीन के निंग्स्या में हुई थी. दूसरी कार में बैठे एक यात्री ने यह वीडियो शूट किया, जो सोशल मीडिया पर डालते ही वायरल हो गया. शंघाईवादी के मुताबिक, वायरल फुटेज के बाद पुलिस ने कार्रवाई करने और महिला को ट्रैक करना शुरू कर दिया. पुलिस ने महिला पर 10 युआन का जुर्माना लगाया है.
एक लोकर रिर्पोटर की मानें तो यह एसयूवी 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी, जिसमें महिला कर की छत पर बैठी हुई नजर आ रही थी. इतना ही नहीं महिला कार पर बैठ कैमरे को देखकर मुस्कुरा भी रही थी.
हालांकि, वीडियो वायरल होने के बाद महिला ने और उसके ड्राइवर पर जुर्माना लगा दिया है.
हालांकि, वीडियो वायरल होने के बाद महिला ने और उसके ड्राइवर पर जुर्माना लगा दिया है. | यह एक सारांश है: चलती कार की छत पर बैठकर महिला ने बनवाया वीडियो
70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी एसयूवी
पुलिस ने महिला पर लगाया 10 युआन का जुर्माना | 24 | ['hin'] |
इस के लिए एक सारांश बनाएं: सबसे कम उम्र में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड बनाने जा रहे समाजवादी पार्टी (सपा) के सुपरमैन यानी अखिलेश प्रसाद प्रदेश की राजनीति में धूमकेतु की तरह उगा वह सितारा है जिसकी चमक के आगे राजनीति के तमाम धुरंधर फीके पड़ गए।
उम्मीद की साइकिल पर सवाल होकर उसने जनता के मन में सपा के लिए उम्मीदों के फूल खिलाए और ऐसा प्रचंड जनादेश दिलाया जो उसे आज तक नसीब नहीं हुआ।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती 39 साल की उम्र में उत्तर प्रदेश की सबसे युवा मुख्यमंत्री बनी थीं। 16वीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव में बसपा को परास्त करने में सबसे अहम भूमिका निभाने वाला सपा का युवा चेहरा अखिलेश यादव (38) अब सबसे कम में मुख्यमंत्री बनकर मायावती का रिकॉर्ड तोड़ेगा। सपा विधायक दल के नेता चुने गए अखिलेश यादव की 15 मार्च को ताजपोशी होनी है।
अखिलेश का जन्म 1 जुलाई 1973 को हुआ। मालती और मुलायम सिंह यादव के पुत्र अखिलेश की स्कूली पढ़ाई धौलपुर (राजस्थान) के सैनिक स्कूल में हुई। उसके बाद उन्होंने मैसूर के जेसी इंजीनियरिंग कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।
मैसूर के बाद अखिलेश पर्यावरण इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया चले गए। लेकिन जब लौटकर आए तो उन्हें सिविल इंजीनियरिंग नहीं, उत्तर प्रदेश की सोशल इंजीनियरिंग में उलझी राजनीति ही ज्यादा भायी।
12 साल पहले 26 साल के अखिलेश ने जब सक्रिय राजनीति में कदम रखा था तो वह महज एक शर्मीले नौजवान थे। सन 2000 में कन्नौज से उपचुनाव जीतकर पहली बार लोकसभा पहुंचे अखिलेश ने 2004 और 2009 में भी इस सीट पर जीत दर्ज की।
तीन साल पहले फिरोजाबाद संसदीय क्षेत्र में हुए उपचुनाव में जब उनकी पत्नी डिंपल यादव को कांग्रेस के उम्मीदवार राज बब्बर ने हरा दिया तो उन्हें और उनकी पार्टी को एक बड़ा झटका लगा था। अखिलेश 2009 का लोकसभा चुनाव कन्नौज के अलावा फिरोजबाद से भी जीते थे जहां से उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। इस हार का सिरा कहीं न कहीं 2007 में उत्तर प्रदेश की सत्ता से पार्टी की बदनाम विदाई से भी जुड़ा था। लेकिन अखिलेश ने तय कर लिया था कि वह सपा का चेहरा बदलेंगे।
इस बीच मुलायम ने अखिलेश को प्रदेश संगठन की कमान सौंपते हुए प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। बसपा सरकार के खिलाफ संघर्ष के लिए सड़क पर उतरे अखिलेश के साथ नौजवानों ने पुलिस की लाठी खाने से गुरेज नहीं किया। कल्याण सिंह से दोस्ती तोड़ी गई। बड़बोले अमर सिंह को पार्टी से बाहर कर दिया गया। यही नहीं, चुनाव के पहले जब आजम खान और शिवपाल यादव जैसे पार्टी दिग्गजों ने बाहुबली डीपी यादव और मुख्तार अंसारी को पार्टी में शामिल करने का प्रयास किया तो अखिलेश ने कड़ा विरोध किया।
राजनीतिक विश्लेषक रमेश दीक्षित कहते हैं, "अभिषेक मिश्रा जैसे पढ़े-लिखे और साफ सुथरी छवि वाले युवाओं को टिकट देना और माफियाओं के पार्टी में प्रवेश पर अखिलेश के कड़े रुख ने साफ कर दिया कि वह पार्टी की छवि बदलने को लेकर कितनी गम्भीर हैं। इस एक फैसले ने लोगों को उनके बारे में गम्भीरता से सोचने को मजबूर कर दिया।"
कम्प्यूटर और अंग्रेजी विरोधी पार्टी की छवि तोड़कर मुफ्त लैपटॉप देने जैसे ऐलान और क्रांतिरथ यात्रा के जरिए पूरे सूबे में समाजवाद का संदेश लेकर लोगों तक पहुंचने में अखिलेश ने कोई कसर नहीं छोड़ी।
सपा युवजन सभा के अध्यक्ष सुनील सिंह कहते हैं, "टीपू भैया (अखिलेश) ने प्रचार के दौरान न बांह चढ़ाई और न किसी नेता पर व्यक्तिगत टिप्पणी की। बस सादगी से अपनी बातें रखकर लोगों को भरोसा दिलाया कि इस बार मौका मिला तो सपा पुरानी गलती नहीं करेगी।"
यादव कहते हैं कि ब्लैक बेरी और आईपैड जैसे अत्याधुनिक गजट के शौकीन अखिलेश धाराप्रवाह अंग्रेजी बोल सकते हैं, लेकिन सार्वजनिक जीवन में शायद ही कभी अंग्रेजी बोलते हों। वह आम जनता से संवाद का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहते थे।टिप्पणियां
अखिलेश खुद अक्सर कहते हैं कि आज अंग्रेजी को सम्मान की भाषा बना दिया गया है। हिंदी और उर्दू अब गरीबों की भाषा हो गई है।
अखिलेश की सादगी और मेहनत ने जनता के मन में सपा के लिए उम्मीदों के फूल खिलाए, जिसकी वजह से पार्टी को इतिहास में पहली बार प्रदेश में अपने दम पर सरकार बनाने का मौका मिला। ये ऐसी कामयाबी है जो धरतीपुत्र कहे जाने वाले मुलायम के हिस्से कभी नहीं आई। वह भी मानते हैं कि इस सपने के पूरा होने के पीछे अखिलेश ही हैं।
उम्मीद की साइकिल पर सवाल होकर उसने जनता के मन में सपा के लिए उम्मीदों के फूल खिलाए और ऐसा प्रचंड जनादेश दिलाया जो उसे आज तक नसीब नहीं हुआ।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती 39 साल की उम्र में उत्तर प्रदेश की सबसे युवा मुख्यमंत्री बनी थीं। 16वीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव में बसपा को परास्त करने में सबसे अहम भूमिका निभाने वाला सपा का युवा चेहरा अखिलेश यादव (38) अब सबसे कम में मुख्यमंत्री बनकर मायावती का रिकॉर्ड तोड़ेगा। सपा विधायक दल के नेता चुने गए अखिलेश यादव की 15 मार्च को ताजपोशी होनी है।
अखिलेश का जन्म 1 जुलाई 1973 को हुआ। मालती और मुलायम सिंह यादव के पुत्र अखिलेश की स्कूली पढ़ाई धौलपुर (राजस्थान) के सैनिक स्कूल में हुई। उसके बाद उन्होंने मैसूर के जेसी इंजीनियरिंग कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।
मैसूर के बाद अखिलेश पर्यावरण इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया चले गए। लेकिन जब लौटकर आए तो उन्हें सिविल इंजीनियरिंग नहीं, उत्तर प्रदेश की सोशल इंजीनियरिंग में उलझी राजनीति ही ज्यादा भायी।
12 साल पहले 26 साल के अखिलेश ने जब सक्रिय राजनीति में कदम रखा था तो वह महज एक शर्मीले नौजवान थे। सन 2000 में कन्नौज से उपचुनाव जीतकर पहली बार लोकसभा पहुंचे अखिलेश ने 2004 और 2009 में भी इस सीट पर जीत दर्ज की।
तीन साल पहले फिरोजाबाद संसदीय क्षेत्र में हुए उपचुनाव में जब उनकी पत्नी डिंपल यादव को कांग्रेस के उम्मीदवार राज बब्बर ने हरा दिया तो उन्हें और उनकी पार्टी को एक बड़ा झटका लगा था। अखिलेश 2009 का लोकसभा चुनाव कन्नौज के अलावा फिरोजबाद से भी जीते थे जहां से उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। इस हार का सिरा कहीं न कहीं 2007 में उत्तर प्रदेश की सत्ता से पार्टी की बदनाम विदाई से भी जुड़ा था। लेकिन अखिलेश ने तय कर लिया था कि वह सपा का चेहरा बदलेंगे।
इस बीच मुलायम ने अखिलेश को प्रदेश संगठन की कमान सौंपते हुए प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। बसपा सरकार के खिलाफ संघर्ष के लिए सड़क पर उतरे अखिलेश के साथ नौजवानों ने पुलिस की लाठी खाने से गुरेज नहीं किया। कल्याण सिंह से दोस्ती तोड़ी गई। बड़बोले अमर सिंह को पार्टी से बाहर कर दिया गया। यही नहीं, चुनाव के पहले जब आजम खान और शिवपाल यादव जैसे पार्टी दिग्गजों ने बाहुबली डीपी यादव और मुख्तार अंसारी को पार्टी में शामिल करने का प्रयास किया तो अखिलेश ने कड़ा विरोध किया।
राजनीतिक विश्लेषक रमेश दीक्षित कहते हैं, "अभिषेक मिश्रा जैसे पढ़े-लिखे और साफ सुथरी छवि वाले युवाओं को टिकट देना और माफियाओं के पार्टी में प्रवेश पर अखिलेश के कड़े रुख ने साफ कर दिया कि वह पार्टी की छवि बदलने को लेकर कितनी गम्भीर हैं। इस एक फैसले ने लोगों को उनके बारे में गम्भीरता से सोचने को मजबूर कर दिया।"
कम्प्यूटर और अंग्रेजी विरोधी पार्टी की छवि तोड़कर मुफ्त लैपटॉप देने जैसे ऐलान और क्रांतिरथ यात्रा के जरिए पूरे सूबे में समाजवाद का संदेश लेकर लोगों तक पहुंचने में अखिलेश ने कोई कसर नहीं छोड़ी।
सपा युवजन सभा के अध्यक्ष सुनील सिंह कहते हैं, "टीपू भैया (अखिलेश) ने प्रचार के दौरान न बांह चढ़ाई और न किसी नेता पर व्यक्तिगत टिप्पणी की। बस सादगी से अपनी बातें रखकर लोगों को भरोसा दिलाया कि इस बार मौका मिला तो सपा पुरानी गलती नहीं करेगी।"
यादव कहते हैं कि ब्लैक बेरी और आईपैड जैसे अत्याधुनिक गजट के शौकीन अखिलेश धाराप्रवाह अंग्रेजी बोल सकते हैं, लेकिन सार्वजनिक जीवन में शायद ही कभी अंग्रेजी बोलते हों। वह आम जनता से संवाद का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहते थे।टिप्पणियां
अखिलेश खुद अक्सर कहते हैं कि आज अंग्रेजी को सम्मान की भाषा बना दिया गया है। हिंदी और उर्दू अब गरीबों की भाषा हो गई है।
अखिलेश की सादगी और मेहनत ने जनता के मन में सपा के लिए उम्मीदों के फूल खिलाए, जिसकी वजह से पार्टी को इतिहास में पहली बार प्रदेश में अपने दम पर सरकार बनाने का मौका मिला। ये ऐसी कामयाबी है जो धरतीपुत्र कहे जाने वाले मुलायम के हिस्से कभी नहीं आई। वह भी मानते हैं कि इस सपने के पूरा होने के पीछे अखिलेश ही हैं।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती 39 साल की उम्र में उत्तर प्रदेश की सबसे युवा मुख्यमंत्री बनी थीं। 16वीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव में बसपा को परास्त करने में सबसे अहम भूमिका निभाने वाला सपा का युवा चेहरा अखिलेश यादव (38) अब सबसे कम में मुख्यमंत्री बनकर मायावती का रिकॉर्ड तोड़ेगा। सपा विधायक दल के नेता चुने गए अखिलेश यादव की 15 मार्च को ताजपोशी होनी है।
अखिलेश का जन्म 1 जुलाई 1973 को हुआ। मालती और मुलायम सिंह यादव के पुत्र अखिलेश की स्कूली पढ़ाई धौलपुर (राजस्थान) के सैनिक स्कूल में हुई। उसके बाद उन्होंने मैसूर के जेसी इंजीनियरिंग कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।
मैसूर के बाद अखिलेश पर्यावरण इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया चले गए। लेकिन जब लौटकर आए तो उन्हें सिविल इंजीनियरिंग नहीं, उत्तर प्रदेश की सोशल इंजीनियरिंग में उलझी राजनीति ही ज्यादा भायी।
12 साल पहले 26 साल के अखिलेश ने जब सक्रिय राजनीति में कदम रखा था तो वह महज एक शर्मीले नौजवान थे। सन 2000 में कन्नौज से उपचुनाव जीतकर पहली बार लोकसभा पहुंचे अखिलेश ने 2004 और 2009 में भी इस सीट पर जीत दर्ज की।
तीन साल पहले फिरोजाबाद संसदीय क्षेत्र में हुए उपचुनाव में जब उनकी पत्नी डिंपल यादव को कांग्रेस के उम्मीदवार राज बब्बर ने हरा दिया तो उन्हें और उनकी पार्टी को एक बड़ा झटका लगा था। अखिलेश 2009 का लोकसभा चुनाव कन्नौज के अलावा फिरोजबाद से भी जीते थे जहां से उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। इस हार का सिरा कहीं न कहीं 2007 में उत्तर प्रदेश की सत्ता से पार्टी की बदनाम विदाई से भी जुड़ा था। लेकिन अखिलेश ने तय कर लिया था कि वह सपा का चेहरा बदलेंगे।
इस बीच मुलायम ने अखिलेश को प्रदेश संगठन की कमान सौंपते हुए प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। बसपा सरकार के खिलाफ संघर्ष के लिए सड़क पर उतरे अखिलेश के साथ नौजवानों ने पुलिस की लाठी खाने से गुरेज नहीं किया। कल्याण सिंह से दोस्ती तोड़ी गई। बड़बोले अमर सिंह को पार्टी से बाहर कर दिया गया। यही नहीं, चुनाव के पहले जब आजम खान और शिवपाल यादव जैसे पार्टी दिग्गजों ने बाहुबली डीपी यादव और मुख्तार अंसारी को पार्टी में शामिल करने का प्रयास किया तो अखिलेश ने कड़ा विरोध किया।
राजनीतिक विश्लेषक रमेश दीक्षित कहते हैं, "अभिषेक मिश्रा जैसे पढ़े-लिखे और साफ सुथरी छवि वाले युवाओं को टिकट देना और माफियाओं के पार्टी में प्रवेश पर अखिलेश के कड़े रुख ने साफ कर दिया कि वह पार्टी की छवि बदलने को लेकर कितनी गम्भीर हैं। इस एक फैसले ने लोगों को उनके बारे में गम्भीरता से सोचने को मजबूर कर दिया।"
कम्प्यूटर और अंग्रेजी विरोधी पार्टी की छवि तोड़कर मुफ्त लैपटॉप देने जैसे ऐलान और क्रांतिरथ यात्रा के जरिए पूरे सूबे में समाजवाद का संदेश लेकर लोगों तक पहुंचने में अखिलेश ने कोई कसर नहीं छोड़ी।
सपा युवजन सभा के अध्यक्ष सुनील सिंह कहते हैं, "टीपू भैया (अखिलेश) ने प्रचार के दौरान न बांह चढ़ाई और न किसी नेता पर व्यक्तिगत टिप्पणी की। बस सादगी से अपनी बातें रखकर लोगों को भरोसा दिलाया कि इस बार मौका मिला तो सपा पुरानी गलती नहीं करेगी।"
यादव कहते हैं कि ब्लैक बेरी और आईपैड जैसे अत्याधुनिक गजट के शौकीन अखिलेश धाराप्रवाह अंग्रेजी बोल सकते हैं, लेकिन सार्वजनिक जीवन में शायद ही कभी अंग्रेजी बोलते हों। वह आम जनता से संवाद का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहते थे।टिप्पणियां
अखिलेश खुद अक्सर कहते हैं कि आज अंग्रेजी को सम्मान की भाषा बना दिया गया है। हिंदी और उर्दू अब गरीबों की भाषा हो गई है।
अखिलेश की सादगी और मेहनत ने जनता के मन में सपा के लिए उम्मीदों के फूल खिलाए, जिसकी वजह से पार्टी को इतिहास में पहली बार प्रदेश में अपने दम पर सरकार बनाने का मौका मिला। ये ऐसी कामयाबी है जो धरतीपुत्र कहे जाने वाले मुलायम के हिस्से कभी नहीं आई। वह भी मानते हैं कि इस सपने के पूरा होने के पीछे अखिलेश ही हैं।
अखिलेश का जन्म 1 जुलाई 1973 को हुआ। मालती और मुलायम सिंह यादव के पुत्र अखिलेश की स्कूली पढ़ाई धौलपुर (राजस्थान) के सैनिक स्कूल में हुई। उसके बाद उन्होंने मैसूर के जेसी इंजीनियरिंग कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।
मैसूर के बाद अखिलेश पर्यावरण इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया चले गए। लेकिन जब लौटकर आए तो उन्हें सिविल इंजीनियरिंग नहीं, उत्तर प्रदेश की सोशल इंजीनियरिंग में उलझी राजनीति ही ज्यादा भायी।
12 साल पहले 26 साल के अखिलेश ने जब सक्रिय राजनीति में कदम रखा था तो वह महज एक शर्मीले नौजवान थे। सन 2000 में कन्नौज से उपचुनाव जीतकर पहली बार लोकसभा पहुंचे अखिलेश ने 2004 और 2009 में भी इस सीट पर जीत दर्ज की।
तीन साल पहले फिरोजाबाद संसदीय क्षेत्र में हुए उपचुनाव में जब उनकी पत्नी डिंपल यादव को कांग्रेस के उम्मीदवार राज बब्बर ने हरा दिया तो उन्हें और उनकी पार्टी को एक बड़ा झटका लगा था। अखिलेश 2009 का लोकसभा चुनाव कन्नौज के अलावा फिरोजबाद से भी जीते थे जहां से उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। इस हार का सिरा कहीं न कहीं 2007 में उत्तर प्रदेश की सत्ता से पार्टी की बदनाम विदाई से भी जुड़ा था। लेकिन अखिलेश ने तय कर लिया था कि वह सपा का चेहरा बदलेंगे।
इस बीच मुलायम ने अखिलेश को प्रदेश संगठन की कमान सौंपते हुए प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। बसपा सरकार के खिलाफ संघर्ष के लिए सड़क पर उतरे अखिलेश के साथ नौजवानों ने पुलिस की लाठी खाने से गुरेज नहीं किया। कल्याण सिंह से दोस्ती तोड़ी गई। बड़बोले अमर सिंह को पार्टी से बाहर कर दिया गया। यही नहीं, चुनाव के पहले जब आजम खान और शिवपाल यादव जैसे पार्टी दिग्गजों ने बाहुबली डीपी यादव और मुख्तार अंसारी को पार्टी में शामिल करने का प्रयास किया तो अखिलेश ने कड़ा विरोध किया।
राजनीतिक विश्लेषक रमेश दीक्षित कहते हैं, "अभिषेक मिश्रा जैसे पढ़े-लिखे और साफ सुथरी छवि वाले युवाओं को टिकट देना और माफियाओं के पार्टी में प्रवेश पर अखिलेश के कड़े रुख ने साफ कर दिया कि वह पार्टी की छवि बदलने को लेकर कितनी गम्भीर हैं। इस एक फैसले ने लोगों को उनके बारे में गम्भीरता से सोचने को मजबूर कर दिया।"
कम्प्यूटर और अंग्रेजी विरोधी पार्टी की छवि तोड़कर मुफ्त लैपटॉप देने जैसे ऐलान और क्रांतिरथ यात्रा के जरिए पूरे सूबे में समाजवाद का संदेश लेकर लोगों तक पहुंचने में अखिलेश ने कोई कसर नहीं छोड़ी।
सपा युवजन सभा के अध्यक्ष सुनील सिंह कहते हैं, "टीपू भैया (अखिलेश) ने प्रचार के दौरान न बांह चढ़ाई और न किसी नेता पर व्यक्तिगत टिप्पणी की। बस सादगी से अपनी बातें रखकर लोगों को भरोसा दिलाया कि इस बार मौका मिला तो सपा पुरानी गलती नहीं करेगी।"
यादव कहते हैं कि ब्लैक बेरी और आईपैड जैसे अत्याधुनिक गजट के शौकीन अखिलेश धाराप्रवाह अंग्रेजी बोल सकते हैं, लेकिन सार्वजनिक जीवन में शायद ही कभी अंग्रेजी बोलते हों। वह आम जनता से संवाद का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहते थे।टिप्पणियां
अखिलेश खुद अक्सर कहते हैं कि आज अंग्रेजी को सम्मान की भाषा बना दिया गया है। हिंदी और उर्दू अब गरीबों की भाषा हो गई है।
अखिलेश की सादगी और मेहनत ने जनता के मन में सपा के लिए उम्मीदों के फूल खिलाए, जिसकी वजह से पार्टी को इतिहास में पहली बार प्रदेश में अपने दम पर सरकार बनाने का मौका मिला। ये ऐसी कामयाबी है जो धरतीपुत्र कहे जाने वाले मुलायम के हिस्से कभी नहीं आई। वह भी मानते हैं कि इस सपने के पूरा होने के पीछे अखिलेश ही हैं।
मैसूर के बाद अखिलेश पर्यावरण इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया चले गए। लेकिन जब लौटकर आए तो उन्हें सिविल इंजीनियरिंग नहीं, उत्तर प्रदेश की सोशल इंजीनियरिंग में उलझी राजनीति ही ज्यादा भायी।
12 साल पहले 26 साल के अखिलेश ने जब सक्रिय राजनीति में कदम रखा था तो वह महज एक शर्मीले नौजवान थे। सन 2000 में कन्नौज से उपचुनाव जीतकर पहली बार लोकसभा पहुंचे अखिलेश ने 2004 और 2009 में भी इस सीट पर जीत दर्ज की।
तीन साल पहले फिरोजाबाद संसदीय क्षेत्र में हुए उपचुनाव में जब उनकी पत्नी डिंपल यादव को कांग्रेस के उम्मीदवार राज बब्बर ने हरा दिया तो उन्हें और उनकी पार्टी को एक बड़ा झटका लगा था। अखिलेश 2009 का लोकसभा चुनाव कन्नौज के अलावा फिरोजबाद से भी जीते थे जहां से उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। इस हार का सिरा कहीं न कहीं 2007 में उत्तर प्रदेश की सत्ता से पार्टी की बदनाम विदाई से भी जुड़ा था। लेकिन अखिलेश ने तय कर लिया था कि वह सपा का चेहरा बदलेंगे।
इस बीच मुलायम ने अखिलेश को प्रदेश संगठन की कमान सौंपते हुए प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। बसपा सरकार के खिलाफ संघर्ष के लिए सड़क पर उतरे अखिलेश के साथ नौजवानों ने पुलिस की लाठी खाने से गुरेज नहीं किया। कल्याण सिंह से दोस्ती तोड़ी गई। बड़बोले अमर सिंह को पार्टी से बाहर कर दिया गया। यही नहीं, चुनाव के पहले जब आजम खान और शिवपाल यादव जैसे पार्टी दिग्गजों ने बाहुबली डीपी यादव और मुख्तार अंसारी को पार्टी में शामिल करने का प्रयास किया तो अखिलेश ने कड़ा विरोध किया।
राजनीतिक विश्लेषक रमेश दीक्षित कहते हैं, "अभिषेक मिश्रा जैसे पढ़े-लिखे और साफ सुथरी छवि वाले युवाओं को टिकट देना और माफियाओं के पार्टी में प्रवेश पर अखिलेश के कड़े रुख ने साफ कर दिया कि वह पार्टी की छवि बदलने को लेकर कितनी गम्भीर हैं। इस एक फैसले ने लोगों को उनके बारे में गम्भीरता से सोचने को मजबूर कर दिया।"
कम्प्यूटर और अंग्रेजी विरोधी पार्टी की छवि तोड़कर मुफ्त लैपटॉप देने जैसे ऐलान और क्रांतिरथ यात्रा के जरिए पूरे सूबे में समाजवाद का संदेश लेकर लोगों तक पहुंचने में अखिलेश ने कोई कसर नहीं छोड़ी।
सपा युवजन सभा के अध्यक्ष सुनील सिंह कहते हैं, "टीपू भैया (अखिलेश) ने प्रचार के दौरान न बांह चढ़ाई और न किसी नेता पर व्यक्तिगत टिप्पणी की। बस सादगी से अपनी बातें रखकर लोगों को भरोसा दिलाया कि इस बार मौका मिला तो सपा पुरानी गलती नहीं करेगी।"
यादव कहते हैं कि ब्लैक बेरी और आईपैड जैसे अत्याधुनिक गजट के शौकीन अखिलेश धाराप्रवाह अंग्रेजी बोल सकते हैं, लेकिन सार्वजनिक जीवन में शायद ही कभी अंग्रेजी बोलते हों। वह आम जनता से संवाद का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहते थे।टिप्पणियां
अखिलेश खुद अक्सर कहते हैं कि आज अंग्रेजी को सम्मान की भाषा बना दिया गया है। हिंदी और उर्दू अब गरीबों की भाषा हो गई है।
अखिलेश की सादगी और मेहनत ने जनता के मन में सपा के लिए उम्मीदों के फूल खिलाए, जिसकी वजह से पार्टी को इतिहास में पहली बार प्रदेश में अपने दम पर सरकार बनाने का मौका मिला। ये ऐसी कामयाबी है जो धरतीपुत्र कहे जाने वाले मुलायम के हिस्से कभी नहीं आई। वह भी मानते हैं कि इस सपने के पूरा होने के पीछे अखिलेश ही हैं।
12 साल पहले 26 साल के अखिलेश ने जब सक्रिय राजनीति में कदम रखा था तो वह महज एक शर्मीले नौजवान थे। सन 2000 में कन्नौज से उपचुनाव जीतकर पहली बार लोकसभा पहुंचे अखिलेश ने 2004 और 2009 में भी इस सीट पर जीत दर्ज की।
तीन साल पहले फिरोजाबाद संसदीय क्षेत्र में हुए उपचुनाव में जब उनकी पत्नी डिंपल यादव को कांग्रेस के उम्मीदवार राज बब्बर ने हरा दिया तो उन्हें और उनकी पार्टी को एक बड़ा झटका लगा था। अखिलेश 2009 का लोकसभा चुनाव कन्नौज के अलावा फिरोजबाद से भी जीते थे जहां से उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। इस हार का सिरा कहीं न कहीं 2007 में उत्तर प्रदेश की सत्ता से पार्टी की बदनाम विदाई से भी जुड़ा था। लेकिन अखिलेश ने तय कर लिया था कि वह सपा का चेहरा बदलेंगे।
इस बीच मुलायम ने अखिलेश को प्रदेश संगठन की कमान सौंपते हुए प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। बसपा सरकार के खिलाफ संघर्ष के लिए सड़क पर उतरे अखिलेश के साथ नौजवानों ने पुलिस की लाठी खाने से गुरेज नहीं किया। कल्याण सिंह से दोस्ती तोड़ी गई। बड़बोले अमर सिंह को पार्टी से बाहर कर दिया गया। यही नहीं, चुनाव के पहले जब आजम खान और शिवपाल यादव जैसे पार्टी दिग्गजों ने बाहुबली डीपी यादव और मुख्तार अंसारी को पार्टी में शामिल करने का प्रयास किया तो अखिलेश ने कड़ा विरोध किया।
राजनीतिक विश्लेषक रमेश दीक्षित कहते हैं, "अभिषेक मिश्रा जैसे पढ़े-लिखे और साफ सुथरी छवि वाले युवाओं को टिकट देना और माफियाओं के पार्टी में प्रवेश पर अखिलेश के कड़े रुख ने साफ कर दिया कि वह पार्टी की छवि बदलने को लेकर कितनी गम्भीर हैं। इस एक फैसले ने लोगों को उनके बारे में गम्भीरता से सोचने को मजबूर कर दिया।"
कम्प्यूटर और अंग्रेजी विरोधी पार्टी की छवि तोड़कर मुफ्त लैपटॉप देने जैसे ऐलान और क्रांतिरथ यात्रा के जरिए पूरे सूबे में समाजवाद का संदेश लेकर लोगों तक पहुंचने में अखिलेश ने कोई कसर नहीं छोड़ी।
सपा युवजन सभा के अध्यक्ष सुनील सिंह कहते हैं, "टीपू भैया (अखिलेश) ने प्रचार के दौरान न बांह चढ़ाई और न किसी नेता पर व्यक्तिगत टिप्पणी की। बस सादगी से अपनी बातें रखकर लोगों को भरोसा दिलाया कि इस बार मौका मिला तो सपा पुरानी गलती नहीं करेगी।"
यादव कहते हैं कि ब्लैक बेरी और आईपैड जैसे अत्याधुनिक गजट के शौकीन अखिलेश धाराप्रवाह अंग्रेजी बोल सकते हैं, लेकिन सार्वजनिक जीवन में शायद ही कभी अंग्रेजी बोलते हों। वह आम जनता से संवाद का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहते थे।टिप्पणियां
अखिलेश खुद अक्सर कहते हैं कि आज अंग्रेजी को सम्मान की भाषा बना दिया गया है। हिंदी और उर्दू अब गरीबों की भाषा हो गई है।
अखिलेश की सादगी और मेहनत ने जनता के मन में सपा के लिए उम्मीदों के फूल खिलाए, जिसकी वजह से पार्टी को इतिहास में पहली बार प्रदेश में अपने दम पर सरकार बनाने का मौका मिला। ये ऐसी कामयाबी है जो धरतीपुत्र कहे जाने वाले मुलायम के हिस्से कभी नहीं आई। वह भी मानते हैं कि इस सपने के पूरा होने के पीछे अखिलेश ही हैं।
तीन साल पहले फिरोजाबाद संसदीय क्षेत्र में हुए उपचुनाव में जब उनकी पत्नी डिंपल यादव को कांग्रेस के उम्मीदवार राज बब्बर ने हरा दिया तो उन्हें और उनकी पार्टी को एक बड़ा झटका लगा था। अखिलेश 2009 का लोकसभा चुनाव कन्नौज के अलावा फिरोजबाद से भी जीते थे जहां से उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। इस हार का सिरा कहीं न कहीं 2007 में उत्तर प्रदेश की सत्ता से पार्टी की बदनाम विदाई से भी जुड़ा था। लेकिन अखिलेश ने तय कर लिया था कि वह सपा का चेहरा बदलेंगे।
इस बीच मुलायम ने अखिलेश को प्रदेश संगठन की कमान सौंपते हुए प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। बसपा सरकार के खिलाफ संघर्ष के लिए सड़क पर उतरे अखिलेश के साथ नौजवानों ने पुलिस की लाठी खाने से गुरेज नहीं किया। कल्याण सिंह से दोस्ती तोड़ी गई। बड़बोले अमर सिंह को पार्टी से बाहर कर दिया गया। यही नहीं, चुनाव के पहले जब आजम खान और शिवपाल यादव जैसे पार्टी दिग्गजों ने बाहुबली डीपी यादव और मुख्तार अंसारी को पार्टी में शामिल करने का प्रयास किया तो अखिलेश ने कड़ा विरोध किया।
राजनीतिक विश्लेषक रमेश दीक्षित कहते हैं, "अभिषेक मिश्रा जैसे पढ़े-लिखे और साफ सुथरी छवि वाले युवाओं को टिकट देना और माफियाओं के पार्टी में प्रवेश पर अखिलेश के कड़े रुख ने साफ कर दिया कि वह पार्टी की छवि बदलने को लेकर कितनी गम्भीर हैं। इस एक फैसले ने लोगों को उनके बारे में गम्भीरता से सोचने को मजबूर कर दिया।"
कम्प्यूटर और अंग्रेजी विरोधी पार्टी की छवि तोड़कर मुफ्त लैपटॉप देने जैसे ऐलान और क्रांतिरथ यात्रा के जरिए पूरे सूबे में समाजवाद का संदेश लेकर लोगों तक पहुंचने में अखिलेश ने कोई कसर नहीं छोड़ी।
सपा युवजन सभा के अध्यक्ष सुनील सिंह कहते हैं, "टीपू भैया (अखिलेश) ने प्रचार के दौरान न बांह चढ़ाई और न किसी नेता पर व्यक्तिगत टिप्पणी की। बस सादगी से अपनी बातें रखकर लोगों को भरोसा दिलाया कि इस बार मौका मिला तो सपा पुरानी गलती नहीं करेगी।"
यादव कहते हैं कि ब्लैक बेरी और आईपैड जैसे अत्याधुनिक गजट के शौकीन अखिलेश धाराप्रवाह अंग्रेजी बोल सकते हैं, लेकिन सार्वजनिक जीवन में शायद ही कभी अंग्रेजी बोलते हों। वह आम जनता से संवाद का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहते थे।टिप्पणियां
अखिलेश खुद अक्सर कहते हैं कि आज अंग्रेजी को सम्मान की भाषा बना दिया गया है। हिंदी और उर्दू अब गरीबों की भाषा हो गई है।
अखिलेश की सादगी और मेहनत ने जनता के मन में सपा के लिए उम्मीदों के फूल खिलाए, जिसकी वजह से पार्टी को इतिहास में पहली बार प्रदेश में अपने दम पर सरकार बनाने का मौका मिला। ये ऐसी कामयाबी है जो धरतीपुत्र कहे जाने वाले मुलायम के हिस्से कभी नहीं आई। वह भी मानते हैं कि इस सपने के पूरा होने के पीछे अखिलेश ही हैं।
इस बीच मुलायम ने अखिलेश को प्रदेश संगठन की कमान सौंपते हुए प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। बसपा सरकार के खिलाफ संघर्ष के लिए सड़क पर उतरे अखिलेश के साथ नौजवानों ने पुलिस की लाठी खाने से गुरेज नहीं किया। कल्याण सिंह से दोस्ती तोड़ी गई। बड़बोले अमर सिंह को पार्टी से बाहर कर दिया गया। यही नहीं, चुनाव के पहले जब आजम खान और शिवपाल यादव जैसे पार्टी दिग्गजों ने बाहुबली डीपी यादव और मुख्तार अंसारी को पार्टी में शामिल करने का प्रयास किया तो अखिलेश ने कड़ा विरोध किया।
राजनीतिक विश्लेषक रमेश दीक्षित कहते हैं, "अभिषेक मिश्रा जैसे पढ़े-लिखे और साफ सुथरी छवि वाले युवाओं को टिकट देना और माफियाओं के पार्टी में प्रवेश पर अखिलेश के कड़े रुख ने साफ कर दिया कि वह पार्टी की छवि बदलने को लेकर कितनी गम्भीर हैं। इस एक फैसले ने लोगों को उनके बारे में गम्भीरता से सोचने को मजबूर कर दिया।"
कम्प्यूटर और अंग्रेजी विरोधी पार्टी की छवि तोड़कर मुफ्त लैपटॉप देने जैसे ऐलान और क्रांतिरथ यात्रा के जरिए पूरे सूबे में समाजवाद का संदेश लेकर लोगों तक पहुंचने में अखिलेश ने कोई कसर नहीं छोड़ी।
सपा युवजन सभा के अध्यक्ष सुनील सिंह कहते हैं, "टीपू भैया (अखिलेश) ने प्रचार के दौरान न बांह चढ़ाई और न किसी नेता पर व्यक्तिगत टिप्पणी की। बस सादगी से अपनी बातें रखकर लोगों को भरोसा दिलाया कि इस बार मौका मिला तो सपा पुरानी गलती नहीं करेगी।"
यादव कहते हैं कि ब्लैक बेरी और आईपैड जैसे अत्याधुनिक गजट के शौकीन अखिलेश धाराप्रवाह अंग्रेजी बोल सकते हैं, लेकिन सार्वजनिक जीवन में शायद ही कभी अंग्रेजी बोलते हों। वह आम जनता से संवाद का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहते थे।टिप्पणियां
अखिलेश खुद अक्सर कहते हैं कि आज अंग्रेजी को सम्मान की भाषा बना दिया गया है। हिंदी और उर्दू अब गरीबों की भाषा हो गई है।
अखिलेश की सादगी और मेहनत ने जनता के मन में सपा के लिए उम्मीदों के फूल खिलाए, जिसकी वजह से पार्टी को इतिहास में पहली बार प्रदेश में अपने दम पर सरकार बनाने का मौका मिला। ये ऐसी कामयाबी है जो धरतीपुत्र कहे जाने वाले मुलायम के हिस्से कभी नहीं आई। वह भी मानते हैं कि इस सपने के पूरा होने के पीछे अखिलेश ही हैं।
राजनीतिक विश्लेषक रमेश दीक्षित कहते हैं, "अभिषेक मिश्रा जैसे पढ़े-लिखे और साफ सुथरी छवि वाले युवाओं को टिकट देना और माफियाओं के पार्टी में प्रवेश पर अखिलेश के कड़े रुख ने साफ कर दिया कि वह पार्टी की छवि बदलने को लेकर कितनी गम्भीर हैं। इस एक फैसले ने लोगों को उनके बारे में गम्भीरता से सोचने को मजबूर कर दिया।"
कम्प्यूटर और अंग्रेजी विरोधी पार्टी की छवि तोड़कर मुफ्त लैपटॉप देने जैसे ऐलान और क्रांतिरथ यात्रा के जरिए पूरे सूबे में समाजवाद का संदेश लेकर लोगों तक पहुंचने में अखिलेश ने कोई कसर नहीं छोड़ी।
सपा युवजन सभा के अध्यक्ष सुनील सिंह कहते हैं, "टीपू भैया (अखिलेश) ने प्रचार के दौरान न बांह चढ़ाई और न किसी नेता पर व्यक्तिगत टिप्पणी की। बस सादगी से अपनी बातें रखकर लोगों को भरोसा दिलाया कि इस बार मौका मिला तो सपा पुरानी गलती नहीं करेगी।"
यादव कहते हैं कि ब्लैक बेरी और आईपैड जैसे अत्याधुनिक गजट के शौकीन अखिलेश धाराप्रवाह अंग्रेजी बोल सकते हैं, लेकिन सार्वजनिक जीवन में शायद ही कभी अंग्रेजी बोलते हों। वह आम जनता से संवाद का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहते थे।टिप्पणियां
अखिलेश खुद अक्सर कहते हैं कि आज अंग्रेजी को सम्मान की भाषा बना दिया गया है। हिंदी और उर्दू अब गरीबों की भाषा हो गई है।
अखिलेश की सादगी और मेहनत ने जनता के मन में सपा के लिए उम्मीदों के फूल खिलाए, जिसकी वजह से पार्टी को इतिहास में पहली बार प्रदेश में अपने दम पर सरकार बनाने का मौका मिला। ये ऐसी कामयाबी है जो धरतीपुत्र कहे जाने वाले मुलायम के हिस्से कभी नहीं आई। वह भी मानते हैं कि इस सपने के पूरा होने के पीछे अखिलेश ही हैं।
कम्प्यूटर और अंग्रेजी विरोधी पार्टी की छवि तोड़कर मुफ्त लैपटॉप देने जैसे ऐलान और क्रांतिरथ यात्रा के जरिए पूरे सूबे में समाजवाद का संदेश लेकर लोगों तक पहुंचने में अखिलेश ने कोई कसर नहीं छोड़ी।
सपा युवजन सभा के अध्यक्ष सुनील सिंह कहते हैं, "टीपू भैया (अखिलेश) ने प्रचार के दौरान न बांह चढ़ाई और न किसी नेता पर व्यक्तिगत टिप्पणी की। बस सादगी से अपनी बातें रखकर लोगों को भरोसा दिलाया कि इस बार मौका मिला तो सपा पुरानी गलती नहीं करेगी।"
यादव कहते हैं कि ब्लैक बेरी और आईपैड जैसे अत्याधुनिक गजट के शौकीन अखिलेश धाराप्रवाह अंग्रेजी बोल सकते हैं, लेकिन सार्वजनिक जीवन में शायद ही कभी अंग्रेजी बोलते हों। वह आम जनता से संवाद का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहते थे।टिप्पणियां
अखिलेश खुद अक्सर कहते हैं कि आज अंग्रेजी को सम्मान की भाषा बना दिया गया है। हिंदी और उर्दू अब गरीबों की भाषा हो गई है।
अखिलेश की सादगी और मेहनत ने जनता के मन में सपा के लिए उम्मीदों के फूल खिलाए, जिसकी वजह से पार्टी को इतिहास में पहली बार प्रदेश में अपने दम पर सरकार बनाने का मौका मिला। ये ऐसी कामयाबी है जो धरतीपुत्र कहे जाने वाले मुलायम के हिस्से कभी नहीं आई। वह भी मानते हैं कि इस सपने के पूरा होने के पीछे अखिलेश ही हैं।
सपा युवजन सभा के अध्यक्ष सुनील सिंह कहते हैं, "टीपू भैया (अखिलेश) ने प्रचार के दौरान न बांह चढ़ाई और न किसी नेता पर व्यक्तिगत टिप्पणी की। बस सादगी से अपनी बातें रखकर लोगों को भरोसा दिलाया कि इस बार मौका मिला तो सपा पुरानी गलती नहीं करेगी।"
यादव कहते हैं कि ब्लैक बेरी और आईपैड जैसे अत्याधुनिक गजट के शौकीन अखिलेश धाराप्रवाह अंग्रेजी बोल सकते हैं, लेकिन सार्वजनिक जीवन में शायद ही कभी अंग्रेजी बोलते हों। वह आम जनता से संवाद का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहते थे।टिप्पणियां
अखिलेश खुद अक्सर कहते हैं कि आज अंग्रेजी को सम्मान की भाषा बना दिया गया है। हिंदी और उर्दू अब गरीबों की भाषा हो गई है।
अखिलेश की सादगी और मेहनत ने जनता के मन में सपा के लिए उम्मीदों के फूल खिलाए, जिसकी वजह से पार्टी को इतिहास में पहली बार प्रदेश में अपने दम पर सरकार बनाने का मौका मिला। ये ऐसी कामयाबी है जो धरतीपुत्र कहे जाने वाले मुलायम के हिस्से कभी नहीं आई। वह भी मानते हैं कि इस सपने के पूरा होने के पीछे अखिलेश ही हैं।
यादव कहते हैं कि ब्लैक बेरी और आईपैड जैसे अत्याधुनिक गजट के शौकीन अखिलेश धाराप्रवाह अंग्रेजी बोल सकते हैं, लेकिन सार्वजनिक जीवन में शायद ही कभी अंग्रेजी बोलते हों। वह आम जनता से संवाद का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहते थे।टिप्पणियां
अखिलेश खुद अक्सर कहते हैं कि आज अंग्रेजी को सम्मान की भाषा बना दिया गया है। हिंदी और उर्दू अब गरीबों की भाषा हो गई है।
अखिलेश की सादगी और मेहनत ने जनता के मन में सपा के लिए उम्मीदों के फूल खिलाए, जिसकी वजह से पार्टी को इतिहास में पहली बार प्रदेश में अपने दम पर सरकार बनाने का मौका मिला। ये ऐसी कामयाबी है जो धरतीपुत्र कहे जाने वाले मुलायम के हिस्से कभी नहीं आई। वह भी मानते हैं कि इस सपने के पूरा होने के पीछे अखिलेश ही हैं।
अखिलेश खुद अक्सर कहते हैं कि आज अंग्रेजी को सम्मान की भाषा बना दिया गया है। हिंदी और उर्दू अब गरीबों की भाषा हो गई है।
अखिलेश की सादगी और मेहनत ने जनता के मन में सपा के लिए उम्मीदों के फूल खिलाए, जिसकी वजह से पार्टी को इतिहास में पहली बार प्रदेश में अपने दम पर सरकार बनाने का मौका मिला। ये ऐसी कामयाबी है जो धरतीपुत्र कहे जाने वाले मुलायम के हिस्से कभी नहीं आई। वह भी मानते हैं कि इस सपने के पूरा होने के पीछे अखिलेश ही हैं।
अखिलेश की सादगी और मेहनत ने जनता के मन में सपा के लिए उम्मीदों के फूल खिलाए, जिसकी वजह से पार्टी को इतिहास में पहली बार प्रदेश में अपने दम पर सरकार बनाने का मौका मिला। ये ऐसी कामयाबी है जो धरतीपुत्र कहे जाने वाले मुलायम के हिस्से कभी नहीं आई। वह भी मानते हैं कि इस सपने के पूरा होने के पीछे अखिलेश ही हैं। | यह एक सारांश है: सबसे कम उम्र में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड बनाने जा रहे समाजवादी पार्टी (सपा) के सुपरमैन यानी अखिलेश प्रसाद प्रदेश की राजनीति में धूमकेतु की तरह उगा वह सितारा है जिसकी चमक के आगे राजनीति के तमाम धुरंधर फीके पड़ गए। | 16 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाएं: ऐसे समय जब एमएस धोनी (MS Dhoni) बल्ले (स्ट्राइक रेट के मामले में) से अपने कमजोर प्रदर्शन से आलोचकों के निशाने पर हैं, मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद (MSK Prasad) के एक बयान में टीम इंडिया के इस पूर्व कप्तान पर दबाव और बढ़ा दिया है. मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने कहा है कि ऋषभ पंत (Rishabh Pant) चैंपियन क्रिकेटर बनने की ओर अग्रसर हैं और इसी वर्ष इंग्लैंड में होने वाले वर्ल्डकप (World Cup 2019) के लिए वे भारतीय टीम की योजना में शामिल हैं. प्रसाद ने हालांकि एमएस धोनी (MS Dhoni) के बारे में सीधे तौर पर कोई बात नहीं कही है लेकिन उनका यह बयान एक तरह से इस बात का संकेत है कि पंत को वर्ल्डकप 2019 की भारतीय टीम में विकेटकीपर बल्लेबाज की हैसियत से स्थान मिल सकता है. ऐसे में बल्लेबाजी में खराब प्रदर्शन के कारण सुर्खियों में बने धोनी (MS Dhoni) के स्थान को खतरा हो सकता है.
जब महेंद्र सिंह धोनी के फैन्स ने जमकर उड़ाई ऋषभ पंत की खिल्ली...
धोनी (MS Dhoni) की इस बात को लेकर आलोचना हो रही है कि वे शॉर्टर फॉर्मेट के क्रिकेट में स्ट्राइक को तेजी से रोटेट नहीं कर पाते. शुरुआत के कुछ रन बनाने में वे काफी ज्यादा गेंदें ले लेते हैं इसके कारण आगे के बल्लेबाजों पर दबाव बढ़ जाता है. टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके 37 वर्षीय धोनी (MS Dhoni) की पहचान एक समय शॉर्टर फॉर्मेट के क्रिकेट के बेहतरीन 'फिनिशर' के रूप में की जाती थी लेकिन अब वे अपने इस प्रदर्शन की छाया मात्र ही नजर आ रह हैं. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन वनडे मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में हालांकि धोनी (MS Dhoni) ने मुश्किल परिस्थितियों में 51 रन की पारी खेली लेकिन इस दौरान उन्होंने 96 गेंदें खेल डालीं. उनका स्ट्राइक रेट 53.13 का रहा जो शॉर्टर फॉर्मेट के क्रिकेट के लिहाज से अच्छा नहीं माना जाता. हालांकि धोनी का समर्थन करने वालों का मानना है कि सिडनी वनडे में तीन विकेट सस्ते में गिरने के बाद विकेट पर टिककर खेलना समय की मांग थी लेकिन आलोचकों का कहना है कि विकेट पर सेट होने के बाद भी धोनी ने तेजी से रन नहीं बनाए. इसके कारण वांछित रन रेट लगातार बढ़ता गया और स्कोर बढ़ाने की पूरी जिम्मेदारी रोहित शर्मा पर आ गई.
विराट कोहली ने किया खुलासा, इस वजह से एमएस धोनी को टी-20 टीम में नहीं मिली जगह
एमएसके प्रसाद (MSK Prasad) का मानना है कि खेल के अलग प्रारूपों में बिना किसी परेशानी खुद को ढालने की काबिलियत के चलते पंत (Rishabh Pant) वर्ल्डकप 2019 अभियान के लिये भारतीय टीम की योजना में शामिल हैं. ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए आराम दिये जाने के बाद इंग्लैंड जाने वाली टीम में उसके स्थान को लेकर अटकलें लगने लगी हैं. प्रसाद ने PTI को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘ पंत (Rishabh Pant) ने ऑस्ट्रेलिया में तीन टी20 और चार टेस्ट मैच खेले, इससे उसके शरीर पर असर पड़ा. उसे दो हफ्तों के पूरे आराम की जरूरत है, उसके बाद ही हम फैसला करेंगे कि वह इंग्लैंड लायंस के खिलाफ कितने मैच खेलेगा. वह हमारी वर्ल्डकप योजनाओं का हिस्सा है.
ऋषभ पंत ने कहा, राहुल द्रविड़ सर से बहुत कुछ सीखा, अब धोनी भाई से सीखने का मिलेगा मौका...
पंत (Rishabh Pant) की तारीफ करते हुए मुख्य चयनकर्ता प्रसाद (MSK Prasad) ने कहा, वह (पंत) चैम्पियन क्रिकेटर बनने की ओर बढ़ रहा है. उसमें इस तरह की काबिलियत है, जिससे वह खुद ही पूरी तरह से वाकिफ नहीं है.'प्रसाद इस बात से खुश हैं कि ऋषभ इस बात को समझ रहा है कि कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री की उससे क्या उम्मीदें हैं और सिडनी में प्रदर्शन इसी को दर्शाता है. उन्होंने कहा, ‘रवि और विराट ने उसे मैच के हालात का सम्मान करने को कहा और उसने बिलकुल वैसा ही किया. उसने साबित किया कि वह बिना किसी परेशानी के खुद को खेल के अनुरूप ढाल सकता है. जब हमने उसे टेस्ट मैचों के लिये चुना था तो विशेषज्ञ उसकी विकेटकीपिंग को लेकर संशय में थे लेकिन इंग्लैंड में एक टेस्ट में 11 कैच और ऑस्ट्रेलियाई सीरीज में आउट करने के रिकॉर्ड से साबित होता है कि चयन समिति का पक्ष सही रहा.' | यहाँ एक सारांश है:MSK प्रसाद बोले, पंत हमारी वर्ल्डकप की योजना का हिस्सा
ऋषभ पंत चैंपियन खिलाड़ी बनने की ओर अग्रसर है
लचर स्ट्राइक रेट के कारण आलोचकों के निशाने पर हैं धोनी | 4 | ['hin'] |
इस के लिए एक सारांश बनाएं: प्याज की आसमान छूती कीमतों के बीच सरकार ने आज राज्य सरकारों को आश्वासन दिया कि वह बढ़ती कीमतों को काबू करने के लिए समाधान निकालेगी।
उपभोक्ता, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्री केवी थॉमस ने कहा कि प्याज की बढ़ी कीमतों तथा देश में इसके कम उत्पादन के कारण प्याज का कोई निर्यात नहीं हो रहा है।
थॉमस ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, पिछले दो दिनों में प्याज की कीमतों में इजाफा हुआ है तथा उत्पादन घटा है। दूसरे देशों के मुकाबले देश में प्याज की कीमतों के अधिक होने के कारण प्याज का कोई निर्यात नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह संकट का तत्काल समाधान तलाशने के लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित तथा अन्य राज्यों के प्रशासन के संपर्क में हैं।
थॉमस ने कहा, मैं दिल्ली जैसे राज्यों के संपर्क में हूं कि क्या वे नासिक से प्याज मंगाने में सक्षम हैं। शरद पवार (कृषि मंत्री) रविवार को आ रहे हैं। इसलिए मैं इसका कोई समाधान निकालूंगा। दिल्ली के बाजारों में प्याज 60 से 80 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा था।
इससे पूर्व लोकसभा में भी शून्यकाल के दौरान यह मामला उठा और मार्क्सवादी पी करूणाकरन ने कहा था कि प्याज सहित सारी साब्जियों और खानपान की चीजों के दाम बढ़ते जा रहे हैं। इससे आम लोगों का घरेलू बजट चरमरा गया है।टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि सरकार सब्जियों सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं के दामों को नियंत्रित करने में न केवल विफल रही है बल्कि पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाकर इसमें और आग लगा रही है।
करुणाकरण ने मांग की थी कि इस बारे में सदन में विशेष चर्चा हो, जिसमें सरकार बताए कि वह बेलगाम होती जा रही महंगाई को काबू करने के लिए क्या कदम उठा रही है।
उपभोक्ता, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्री केवी थॉमस ने कहा कि प्याज की बढ़ी कीमतों तथा देश में इसके कम उत्पादन के कारण प्याज का कोई निर्यात नहीं हो रहा है।
थॉमस ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, पिछले दो दिनों में प्याज की कीमतों में इजाफा हुआ है तथा उत्पादन घटा है। दूसरे देशों के मुकाबले देश में प्याज की कीमतों के अधिक होने के कारण प्याज का कोई निर्यात नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह संकट का तत्काल समाधान तलाशने के लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित तथा अन्य राज्यों के प्रशासन के संपर्क में हैं।
थॉमस ने कहा, मैं दिल्ली जैसे राज्यों के संपर्क में हूं कि क्या वे नासिक से प्याज मंगाने में सक्षम हैं। शरद पवार (कृषि मंत्री) रविवार को आ रहे हैं। इसलिए मैं इसका कोई समाधान निकालूंगा। दिल्ली के बाजारों में प्याज 60 से 80 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा था।
इससे पूर्व लोकसभा में भी शून्यकाल के दौरान यह मामला उठा और मार्क्सवादी पी करूणाकरन ने कहा था कि प्याज सहित सारी साब्जियों और खानपान की चीजों के दाम बढ़ते जा रहे हैं। इससे आम लोगों का घरेलू बजट चरमरा गया है।टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि सरकार सब्जियों सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं के दामों को नियंत्रित करने में न केवल विफल रही है बल्कि पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाकर इसमें और आग लगा रही है।
करुणाकरण ने मांग की थी कि इस बारे में सदन में विशेष चर्चा हो, जिसमें सरकार बताए कि वह बेलगाम होती जा रही महंगाई को काबू करने के लिए क्या कदम उठा रही है।
थॉमस ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, पिछले दो दिनों में प्याज की कीमतों में इजाफा हुआ है तथा उत्पादन घटा है। दूसरे देशों के मुकाबले देश में प्याज की कीमतों के अधिक होने के कारण प्याज का कोई निर्यात नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह संकट का तत्काल समाधान तलाशने के लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित तथा अन्य राज्यों के प्रशासन के संपर्क में हैं।
थॉमस ने कहा, मैं दिल्ली जैसे राज्यों के संपर्क में हूं कि क्या वे नासिक से प्याज मंगाने में सक्षम हैं। शरद पवार (कृषि मंत्री) रविवार को आ रहे हैं। इसलिए मैं इसका कोई समाधान निकालूंगा। दिल्ली के बाजारों में प्याज 60 से 80 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा था।
इससे पूर्व लोकसभा में भी शून्यकाल के दौरान यह मामला उठा और मार्क्सवादी पी करूणाकरन ने कहा था कि प्याज सहित सारी साब्जियों और खानपान की चीजों के दाम बढ़ते जा रहे हैं। इससे आम लोगों का घरेलू बजट चरमरा गया है।टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि सरकार सब्जियों सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं के दामों को नियंत्रित करने में न केवल विफल रही है बल्कि पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाकर इसमें और आग लगा रही है।
करुणाकरण ने मांग की थी कि इस बारे में सदन में विशेष चर्चा हो, जिसमें सरकार बताए कि वह बेलगाम होती जा रही महंगाई को काबू करने के लिए क्या कदम उठा रही है।
थॉमस ने कहा, मैं दिल्ली जैसे राज्यों के संपर्क में हूं कि क्या वे नासिक से प्याज मंगाने में सक्षम हैं। शरद पवार (कृषि मंत्री) रविवार को आ रहे हैं। इसलिए मैं इसका कोई समाधान निकालूंगा। दिल्ली के बाजारों में प्याज 60 से 80 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा था।
इससे पूर्व लोकसभा में भी शून्यकाल के दौरान यह मामला उठा और मार्क्सवादी पी करूणाकरन ने कहा था कि प्याज सहित सारी साब्जियों और खानपान की चीजों के दाम बढ़ते जा रहे हैं। इससे आम लोगों का घरेलू बजट चरमरा गया है।टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि सरकार सब्जियों सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं के दामों को नियंत्रित करने में न केवल विफल रही है बल्कि पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाकर इसमें और आग लगा रही है।
करुणाकरण ने मांग की थी कि इस बारे में सदन में विशेष चर्चा हो, जिसमें सरकार बताए कि वह बेलगाम होती जा रही महंगाई को काबू करने के लिए क्या कदम उठा रही है।
इससे पूर्व लोकसभा में भी शून्यकाल के दौरान यह मामला उठा और मार्क्सवादी पी करूणाकरन ने कहा था कि प्याज सहित सारी साब्जियों और खानपान की चीजों के दाम बढ़ते जा रहे हैं। इससे आम लोगों का घरेलू बजट चरमरा गया है।टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि सरकार सब्जियों सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं के दामों को नियंत्रित करने में न केवल विफल रही है बल्कि पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाकर इसमें और आग लगा रही है।
करुणाकरण ने मांग की थी कि इस बारे में सदन में विशेष चर्चा हो, जिसमें सरकार बताए कि वह बेलगाम होती जा रही महंगाई को काबू करने के लिए क्या कदम उठा रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार सब्जियों सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं के दामों को नियंत्रित करने में न केवल विफल रही है बल्कि पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाकर इसमें और आग लगा रही है।
करुणाकरण ने मांग की थी कि इस बारे में सदन में विशेष चर्चा हो, जिसमें सरकार बताए कि वह बेलगाम होती जा रही महंगाई को काबू करने के लिए क्या कदम उठा रही है।
करुणाकरण ने मांग की थी कि इस बारे में सदन में विशेष चर्चा हो, जिसमें सरकार बताए कि वह बेलगाम होती जा रही महंगाई को काबू करने के लिए क्या कदम उठा रही है। | दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: प्याज की आसमान छूती कीमतों के बीच सरकार ने आज राज्य सरकारों को आश्वासन दिया कि वह बढ़ती कीमतों को काबू करने के लिए समाधान निकालेगी। | 3 | ['hin'] |
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: संजय राउत ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, 'यदि शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 50:50 के फॉर्मूला के बारे में समय पर सूचना दी होती तो आज हम इस स्थिति का सामना नहीं कर रहे होते.' राजनीतिक संकट के चलते महाराष्ट्र में अब राष्ट्रपति शासन लागू है. उन्होंने कहा, 'मैंने प्रधानमंत्री मोदी को (चुनाव प्रचार के दौरान) यह कहते हुए सुना कि फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे, लेकिन हमने शिष्टाचार बनाए रखा और इस पर आपत्ति नहीं की क्योंकि हमने इसे अपने लिए राजनीतिक संदेश के रूप में नहीं देखा.'
राज्यसभा सदस्य ने कहा, 'मुझे आश्चर्य है कि क्या भाजपा के शीर्ष नेताओं ने उसके और शिवसेना के बीच हुए सीट बंटवारा समझौते को लेकर मोदी को अंधेरे में रखा?' उन्होंने कहा कि शाह और ठाकरे के बीच शिवसेना प्रमुख के आवास पर (लोकसभा चुनाव से पहले फरवरी में) बैठक हुई थी. राउत ने कहा, 'यह दिवंगत बालासाहेब ठाकरे का ड्राइंग रूम था, लेकिन हमारे लिए यह मंदिर है. बातचीत मंदिर में हुई थी. यदि कोई कहता है कि कोई वायदा नहीं किया गया तो यह मंदिर, बालासाहेब ठाकरे और महाराष्ट्र का अपमान है.' उन्होंने कहा कि शिवसैनिकों के लिए यह कमरा एक 'पवित्र स्थल' है.
बता दें कि अमित शाह ने बुधवार को एक बयान में कहा था कि निजी बातचीत में हुई चीजों को सार्वजनिक करना भाजपा का सिद्धांत नहीं है. बयान में 30 साल पुराने गठबंधन घटकों-भाजपा और शिवसेना के बीच समझौते के ब्यौरे के बारे में कुछ नहीं कहा गया. राउत ने कहा, 'जब बंद दरवाजे में किए गए वायदे को पूरा नहीं किया जाता तो तभी यह बाहर आता है. हमने राजनीति में कभी व्यापार नहीं किया, न ही हम राजनीति को लाभ-हानि के दृष्टिकोण से देखते हैं. हम इसे इसलिए सार्वजनिक कर रहे हैं, क्योंकि यह हमारे आत्म-सम्मान के बारे में है.' | शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी पर बोला हमला
50:50 फॉर्मूले को लेकर संजय राउत ने दिया बयान
'क्या पीएम को भी 50:50 फॉर्मूले को लेकर अंधेरे में रखा गया' | 6 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाओ: CAT 2019 की परीक्षा 24 नवंबर रविवार को आयोजित की जानी है. इस बार की कैट परीक्षा के आयोजक आईआईएम कोझीकोडे ने पहले ही परीक्षा के एडमिट कार्ड (CAT admit card 2019) जारी कर दिए हैं. उम्मीदवार iimcat.ac.in पर जाकर अपने एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं. बता दें कि कैट की प्रवेश परीक्षा देश भर के अलग-अलग प्रतिष्ठित बिजनेस स्कूल में दाखिले के लिए आयोजित की जाती है. यह एक पोस्ट ग्रेजुएट स्तरीय प्रवेश परीक्षा होती है. परीक्षा पास करने बाद उम्मीदवारों को मैनेजमेंट कोर्स में दाखिला दिया जाता है. इस रविवार को आयोजित होने वाली परीक्षा में लगभग 2 लाख 44 हजार छात्रों ने खुद को रजिस्टर कराया है. परीक्षा का आयोजन देश के अलग-अलग परीक्षा केंद्रो पर किया जाएगा.
परीक्षा देने जा रहे उम्मीदवार को इन बातों का ध्यान रखना है-
-परीक्षा की तारीख- 24 नवंबर 2019, रविवार.
- परीक्षा की अवधि- 3 घंटे/ पीडब्ल्यू उम्मीदवारों के लिए परीक्षा की समय सीमा 4 घंटे है.
यह भी पढे़ं- CTET Admit Card 2019: सीटेट एडमिट कार्ड मोबाइल परयह एक क्लिक में करें डाउनलोड
कुछ सवाल एमसीक्यू फॉरमेट में रहेंगे जबकि कुछ सब्जेक्टिव तौर पर पूछे जाएंगे. प्रत्येक सही जवाब के लिए एक अंक दिया जाएगा. परीक्षा में सिर्फ एमसीक्यू सवालों में ही नेगेटिव मार्किंग होगी. परीक्षा ऑनलाइन फॉरमेट में ली जाएगी. सब्जेक्टिव सवालों के लिए उम्मीदवार को वर्चुअल कीबोर्ड इस्तेमाल करना होगा. | दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: 24 नवंबर रविवार को होनी है CAT 2019 की परीक्षा.
एडमिट कार्ड भी कर दिए गए हैं जारी.
मैनेजमेंट कोर्स में मिलता है दाखिला. | 11 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाओ: उत्तर प्रदेश के सत्ता के गलियारों में नई हवा बहने के आसार दिख रहे हैं। नए चुनावी समीकरणों की आहट पाकर राजनीतिक दलों ने अपने-अपने मोहरे भी बिठाना शुरू कर दिया है।
कांग्रेसी नेता बेनी प्रसाद वर्मा ने चुनाव के बाद बसपा से ही गठबंधन किए जाने की वकालत की है।
हालांकि संभावित विजेता और संभावित परास्त, दोनों ही खेमे एग्जिट पोल को उनकी संपूर्णता में स्वीकार करने को तैयार नहीं दिख रहे हैं।टिप्पणियां
मायावती की पार्टी से गठजोड़ के बेनी के विचारों को उत्तर प्रदेश कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रमोद तिवारी तथा पार्टी महासचिव राशिद अल्वी समेत कई पार्टी नेताओं ने निजी विचार कहकर खारिज कर दिया है।
सपा की साख को पुन: पटरी पर लाने में मुख्य भूमिका अदा करने वाले पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव ने भरोसा जताया है कि उनकी पार्टी अपने दम पर बहुमत हासिल करेगी और बहुत संभव है कि सरकार बनाने के लिए उसे कांग्रेस के समर्थन की जरूरत नहीं पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी की सरकार बनी तो उनके पिता मुख्यमंत्री होंगे। हालांकि, उन्होंने संख्या बल कम पड़ने की सूरत में कांग्रेस या राहुल गांधी का समर्थन हासिल करने संबंधी सवालों को टाल दिया और कहा कि यह सब चुनावी नतीजों पर निर्भर करेगा।
कांग्रेसी नेता बेनी प्रसाद वर्मा ने चुनाव के बाद बसपा से ही गठबंधन किए जाने की वकालत की है।
हालांकि संभावित विजेता और संभावित परास्त, दोनों ही खेमे एग्जिट पोल को उनकी संपूर्णता में स्वीकार करने को तैयार नहीं दिख रहे हैं।टिप्पणियां
मायावती की पार्टी से गठजोड़ के बेनी के विचारों को उत्तर प्रदेश कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रमोद तिवारी तथा पार्टी महासचिव राशिद अल्वी समेत कई पार्टी नेताओं ने निजी विचार कहकर खारिज कर दिया है।
सपा की साख को पुन: पटरी पर लाने में मुख्य भूमिका अदा करने वाले पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव ने भरोसा जताया है कि उनकी पार्टी अपने दम पर बहुमत हासिल करेगी और बहुत संभव है कि सरकार बनाने के लिए उसे कांग्रेस के समर्थन की जरूरत नहीं पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी की सरकार बनी तो उनके पिता मुख्यमंत्री होंगे। हालांकि, उन्होंने संख्या बल कम पड़ने की सूरत में कांग्रेस या राहुल गांधी का समर्थन हासिल करने संबंधी सवालों को टाल दिया और कहा कि यह सब चुनावी नतीजों पर निर्भर करेगा।
हालांकि संभावित विजेता और संभावित परास्त, दोनों ही खेमे एग्जिट पोल को उनकी संपूर्णता में स्वीकार करने को तैयार नहीं दिख रहे हैं।टिप्पणियां
मायावती की पार्टी से गठजोड़ के बेनी के विचारों को उत्तर प्रदेश कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रमोद तिवारी तथा पार्टी महासचिव राशिद अल्वी समेत कई पार्टी नेताओं ने निजी विचार कहकर खारिज कर दिया है।
सपा की साख को पुन: पटरी पर लाने में मुख्य भूमिका अदा करने वाले पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव ने भरोसा जताया है कि उनकी पार्टी अपने दम पर बहुमत हासिल करेगी और बहुत संभव है कि सरकार बनाने के लिए उसे कांग्रेस के समर्थन की जरूरत नहीं पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी की सरकार बनी तो उनके पिता मुख्यमंत्री होंगे। हालांकि, उन्होंने संख्या बल कम पड़ने की सूरत में कांग्रेस या राहुल गांधी का समर्थन हासिल करने संबंधी सवालों को टाल दिया और कहा कि यह सब चुनावी नतीजों पर निर्भर करेगा।
मायावती की पार्टी से गठजोड़ के बेनी के विचारों को उत्तर प्रदेश कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रमोद तिवारी तथा पार्टी महासचिव राशिद अल्वी समेत कई पार्टी नेताओं ने निजी विचार कहकर खारिज कर दिया है।
सपा की साख को पुन: पटरी पर लाने में मुख्य भूमिका अदा करने वाले पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव ने भरोसा जताया है कि उनकी पार्टी अपने दम पर बहुमत हासिल करेगी और बहुत संभव है कि सरकार बनाने के लिए उसे कांग्रेस के समर्थन की जरूरत नहीं पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी की सरकार बनी तो उनके पिता मुख्यमंत्री होंगे। हालांकि, उन्होंने संख्या बल कम पड़ने की सूरत में कांग्रेस या राहुल गांधी का समर्थन हासिल करने संबंधी सवालों को टाल दिया और कहा कि यह सब चुनावी नतीजों पर निर्भर करेगा।
सपा की साख को पुन: पटरी पर लाने में मुख्य भूमिका अदा करने वाले पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव ने भरोसा जताया है कि उनकी पार्टी अपने दम पर बहुमत हासिल करेगी और बहुत संभव है कि सरकार बनाने के लिए उसे कांग्रेस के समर्थन की जरूरत नहीं पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी की सरकार बनी तो उनके पिता मुख्यमंत्री होंगे। हालांकि, उन्होंने संख्या बल कम पड़ने की सूरत में कांग्रेस या राहुल गांधी का समर्थन हासिल करने संबंधी सवालों को टाल दिया और कहा कि यह सब चुनावी नतीजों पर निर्भर करेगा। | दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: उत्तर प्रदेश के सत्ता के गलियारों में नई हवा बहने के आसार दिख रहे हैं। नए चुनावी समीकरणों की आहट पाकर राजनीतिक दलों ने अपने-अपने मोहरे भी बिठाना शुरू कर दिया है। | 11 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाएं: ब्रिटेन के एक स्कूल ने स्टूडेंटस को बेहद अजीबोगरीब होमवर्क दिया है. यहां के एक स्कूल ने शेक्सपियर के दुखांत नाटक 'मैकबेथ' पर एक मॉड्यूल के तहत 60 से अधिक स्टूडेंटस से होमवर्क के रूप में सुसाइड नोट लिखने को कहा. इससे भड़के रोष से स्कूल को माफी मांगनी पड़ी. लंदन के थॉमस टैलिस स्कूल के विद्याथर्यिों से कहा गया कि वे अपने प्रियजन को सुसाइड नोट लिखें. टेलीग्राफ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि अंग्रेजी शिक्षक के इस निर्देश से बच्चों के माता-पिताओं में रोष फैल गया और उन्होंने कहा कि मुद्दे से उनके बच्चे निजी तौर पर प्रभावित हुए हैं. स्कूल की मुख्य अध्यापिका कैरोलिन रॉबर्टस ने कहा कि एक बच्चे के माता-पिता ने इस संबंध में हमसे संपर्क किया और हमने स्कूल की तरफ से उनसे माफी मांग ली.
मालूम हो कि 'मैकबेथ' शेक्सपियर के दुखान्त नाटकों में अत्यन्त लोकप्रिय है. इनके रचनाकाल के संबंध में मतभेद है. हालांकि माना जाता है कि शेक्सपियर ने 1605-06 में मैकबेथ की रचना की थी. वस्तुतः यह युग शेक्सपियर जैसे महान मेधावी नाटककार के लिए अपनी दुःखान्त कृतियों के अनुकूल भी था. टिप्पणियां
शेक्सपियर ने जिस प्रकार अपने अन्य नाटकों के कथानकों के लिए दूसरी पूर्ववर्ती कृतियों से प्रेरणा ली है उसी प्रकार मूल रूप में 'मैकबेथ' का कथानक भी उसका अपना नहीं है. यह एक दुःखान्त नाटक है एवं इसके कथानक का आधार विश्वविश्रुत अंग्रेजी लेखक राफेल होलिन्शेड की स्कॉटलैण्ड-संबंधी एक ऐतिहासिक कृति है. 'मैकबेथ' में जिन घटनाओं का वर्णन है उन्हें पूर्णतया ऐतिहासिक अथवा काल्पनिक मान लेना भी युक्तियुक्त न होगा.
इनपुट: भाषा
मालूम हो कि 'मैकबेथ' शेक्सपियर के दुखान्त नाटकों में अत्यन्त लोकप्रिय है. इनके रचनाकाल के संबंध में मतभेद है. हालांकि माना जाता है कि शेक्सपियर ने 1605-06 में मैकबेथ की रचना की थी. वस्तुतः यह युग शेक्सपियर जैसे महान मेधावी नाटककार के लिए अपनी दुःखान्त कृतियों के अनुकूल भी था. टिप्पणियां
शेक्सपियर ने जिस प्रकार अपने अन्य नाटकों के कथानकों के लिए दूसरी पूर्ववर्ती कृतियों से प्रेरणा ली है उसी प्रकार मूल रूप में 'मैकबेथ' का कथानक भी उसका अपना नहीं है. यह एक दुःखान्त नाटक है एवं इसके कथानक का आधार विश्वविश्रुत अंग्रेजी लेखक राफेल होलिन्शेड की स्कॉटलैण्ड-संबंधी एक ऐतिहासिक कृति है. 'मैकबेथ' में जिन घटनाओं का वर्णन है उन्हें पूर्णतया ऐतिहासिक अथवा काल्पनिक मान लेना भी युक्तियुक्त न होगा.
इनपुट: भाषा
शेक्सपियर ने जिस प्रकार अपने अन्य नाटकों के कथानकों के लिए दूसरी पूर्ववर्ती कृतियों से प्रेरणा ली है उसी प्रकार मूल रूप में 'मैकबेथ' का कथानक भी उसका अपना नहीं है. यह एक दुःखान्त नाटक है एवं इसके कथानक का आधार विश्वविश्रुत अंग्रेजी लेखक राफेल होलिन्शेड की स्कॉटलैण्ड-संबंधी एक ऐतिहासिक कृति है. 'मैकबेथ' में जिन घटनाओं का वर्णन है उन्हें पूर्णतया ऐतिहासिक अथवा काल्पनिक मान लेना भी युक्तियुक्त न होगा.
इनपुट: भाषा
इनपुट: भाषा | यह एक सारांश है: इंग्लैंड के स्कूल में पढ़ाया जा रहा था दुखांत नाटक 'मैकबेथ'
टीचर ने छात्रों को होमवर्क के रूप में सुसाइड नोट लिखने को कहा
माता-पिता के हंगामे के बाद स्कूल ने मांगी माफी | 2 | ['hin'] |
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: नाबालिग लड़की के यौन शोषण मामले में आसाराम को न्यायिक हिरासत के तहत जेल भेजे जाने के बाद उनके बेटे नारायण सांई नए विवाद में घिर गए हैं।
इंदौर निवासी 37-वर्षीय एक महिला ने अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए नारायण पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने एक शादीशुदा शिष्य को तलाकशुदा बताकर धोखाधड़ी से उसकी शादी कराई और बाद में उसके साथ अश्लील हरकतें भी कीं।
महिला के वकील एनए शेख ने संवाददाताओं को बताया कि उनकी मुवक्किल ने प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रीति जैन के सामने नारायण, अपने पति और चार अन्य लोगों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 420, 493, 494, 495, 506 और 120 बी के तहत शिकायत पेश की। शेख ने बताया कि महिला ने मामले में पुलिस जांच की गुहार करते हुए अदालत में अलग आवेदन पेश किया है। इस आवेदन पर बहस के लिए 20 सितंबर की तारीख तय की गई है।
फिलहाल मायके में रह रही महिला ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि नारायण ने उससे यह झूठ बोलते हुए 10 दिसंबर, 2004 को इंदौर में उसकी शादी करा दी कि उनका शिष्य तलाकशुदा है। याचिकाकर्ता के मुताबिक वह और उसका परिवार आसाराम और उनके बेटे नारायण का भक्त है, इसलिये उसने नारायण की बात पर आंखें मूंदकर भरोसा किया और शादी कर ली। इस शादी में कथित तौर पर खुद नारायण ने धार्मिक विधियां सम्पन्न कराईं। महिला ने दावा किया कि उसे बाद में पता चला कि उसके पति का अपनी पहली पत्नी से तलाक नहीं हुआ था। टिप्पणियां
याचिकाकर्ता ने कहा कि उसके पति ने शादी के बाद कथित तौर पर करीब चार लाख रुपये के दहेज की मांग करते हुए उसके साथ मारपीट की। उसने यह आरोप भी लगाया कि जब वह गर्भवती हुई, तो उसके पति और ससुरालियों ने उस पर गर्भपात का दबाव भी डाला। महिला ने याचिका में कहा कि पूरी हकीकत जानने के बाद उसने नजदीकी कस्बे महू में 29 जनवरी, 2005 को नारायण से मिलकर शिकायत की, तो उन्होंने उसे गंभीर नतीजे भुगतने की धमकियां दीं। इसके साथ ही, उसे अपने पास बैठाकर उसके साथ अश्लील हरकतें भी कीं।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि नारायण ने जून, 2005 में उसके छोटे भाई को फोन करके बोला कि वह अपनी बहन को गर्भपात कराने के लिए कहे। महिला ने दावा किया कि नारायण के कथित प्रभाव, डर और धमकी के कारण उसने गुजरे बरसों में उनके खिलाफ रिपोर्ट नहीं की।
इंदौर निवासी 37-वर्षीय एक महिला ने अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए नारायण पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने एक शादीशुदा शिष्य को तलाकशुदा बताकर धोखाधड़ी से उसकी शादी कराई और बाद में उसके साथ अश्लील हरकतें भी कीं।
महिला के वकील एनए शेख ने संवाददाताओं को बताया कि उनकी मुवक्किल ने प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रीति जैन के सामने नारायण, अपने पति और चार अन्य लोगों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 420, 493, 494, 495, 506 और 120 बी के तहत शिकायत पेश की। शेख ने बताया कि महिला ने मामले में पुलिस जांच की गुहार करते हुए अदालत में अलग आवेदन पेश किया है। इस आवेदन पर बहस के लिए 20 सितंबर की तारीख तय की गई है।
फिलहाल मायके में रह रही महिला ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि नारायण ने उससे यह झूठ बोलते हुए 10 दिसंबर, 2004 को इंदौर में उसकी शादी करा दी कि उनका शिष्य तलाकशुदा है। याचिकाकर्ता के मुताबिक वह और उसका परिवार आसाराम और उनके बेटे नारायण का भक्त है, इसलिये उसने नारायण की बात पर आंखें मूंदकर भरोसा किया और शादी कर ली। इस शादी में कथित तौर पर खुद नारायण ने धार्मिक विधियां सम्पन्न कराईं। महिला ने दावा किया कि उसे बाद में पता चला कि उसके पति का अपनी पहली पत्नी से तलाक नहीं हुआ था। टिप्पणियां
याचिकाकर्ता ने कहा कि उसके पति ने शादी के बाद कथित तौर पर करीब चार लाख रुपये के दहेज की मांग करते हुए उसके साथ मारपीट की। उसने यह आरोप भी लगाया कि जब वह गर्भवती हुई, तो उसके पति और ससुरालियों ने उस पर गर्भपात का दबाव भी डाला। महिला ने याचिका में कहा कि पूरी हकीकत जानने के बाद उसने नजदीकी कस्बे महू में 29 जनवरी, 2005 को नारायण से मिलकर शिकायत की, तो उन्होंने उसे गंभीर नतीजे भुगतने की धमकियां दीं। इसके साथ ही, उसे अपने पास बैठाकर उसके साथ अश्लील हरकतें भी कीं।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि नारायण ने जून, 2005 में उसके छोटे भाई को फोन करके बोला कि वह अपनी बहन को गर्भपात कराने के लिए कहे। महिला ने दावा किया कि नारायण के कथित प्रभाव, डर और धमकी के कारण उसने गुजरे बरसों में उनके खिलाफ रिपोर्ट नहीं की।
महिला के वकील एनए शेख ने संवाददाताओं को बताया कि उनकी मुवक्किल ने प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रीति जैन के सामने नारायण, अपने पति और चार अन्य लोगों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 420, 493, 494, 495, 506 और 120 बी के तहत शिकायत पेश की। शेख ने बताया कि महिला ने मामले में पुलिस जांच की गुहार करते हुए अदालत में अलग आवेदन पेश किया है। इस आवेदन पर बहस के लिए 20 सितंबर की तारीख तय की गई है।
फिलहाल मायके में रह रही महिला ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि नारायण ने उससे यह झूठ बोलते हुए 10 दिसंबर, 2004 को इंदौर में उसकी शादी करा दी कि उनका शिष्य तलाकशुदा है। याचिकाकर्ता के मुताबिक वह और उसका परिवार आसाराम और उनके बेटे नारायण का भक्त है, इसलिये उसने नारायण की बात पर आंखें मूंदकर भरोसा किया और शादी कर ली। इस शादी में कथित तौर पर खुद नारायण ने धार्मिक विधियां सम्पन्न कराईं। महिला ने दावा किया कि उसे बाद में पता चला कि उसके पति का अपनी पहली पत्नी से तलाक नहीं हुआ था। टिप्पणियां
याचिकाकर्ता ने कहा कि उसके पति ने शादी के बाद कथित तौर पर करीब चार लाख रुपये के दहेज की मांग करते हुए उसके साथ मारपीट की। उसने यह आरोप भी लगाया कि जब वह गर्भवती हुई, तो उसके पति और ससुरालियों ने उस पर गर्भपात का दबाव भी डाला। महिला ने याचिका में कहा कि पूरी हकीकत जानने के बाद उसने नजदीकी कस्बे महू में 29 जनवरी, 2005 को नारायण से मिलकर शिकायत की, तो उन्होंने उसे गंभीर नतीजे भुगतने की धमकियां दीं। इसके साथ ही, उसे अपने पास बैठाकर उसके साथ अश्लील हरकतें भी कीं।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि नारायण ने जून, 2005 में उसके छोटे भाई को फोन करके बोला कि वह अपनी बहन को गर्भपात कराने के लिए कहे। महिला ने दावा किया कि नारायण के कथित प्रभाव, डर और धमकी के कारण उसने गुजरे बरसों में उनके खिलाफ रिपोर्ट नहीं की।
फिलहाल मायके में रह रही महिला ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि नारायण ने उससे यह झूठ बोलते हुए 10 दिसंबर, 2004 को इंदौर में उसकी शादी करा दी कि उनका शिष्य तलाकशुदा है। याचिकाकर्ता के मुताबिक वह और उसका परिवार आसाराम और उनके बेटे नारायण का भक्त है, इसलिये उसने नारायण की बात पर आंखें मूंदकर भरोसा किया और शादी कर ली। इस शादी में कथित तौर पर खुद नारायण ने धार्मिक विधियां सम्पन्न कराईं। महिला ने दावा किया कि उसे बाद में पता चला कि उसके पति का अपनी पहली पत्नी से तलाक नहीं हुआ था। टिप्पणियां
याचिकाकर्ता ने कहा कि उसके पति ने शादी के बाद कथित तौर पर करीब चार लाख रुपये के दहेज की मांग करते हुए उसके साथ मारपीट की। उसने यह आरोप भी लगाया कि जब वह गर्भवती हुई, तो उसके पति और ससुरालियों ने उस पर गर्भपात का दबाव भी डाला। महिला ने याचिका में कहा कि पूरी हकीकत जानने के बाद उसने नजदीकी कस्बे महू में 29 जनवरी, 2005 को नारायण से मिलकर शिकायत की, तो उन्होंने उसे गंभीर नतीजे भुगतने की धमकियां दीं। इसके साथ ही, उसे अपने पास बैठाकर उसके साथ अश्लील हरकतें भी कीं।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि नारायण ने जून, 2005 में उसके छोटे भाई को फोन करके बोला कि वह अपनी बहन को गर्भपात कराने के लिए कहे। महिला ने दावा किया कि नारायण के कथित प्रभाव, डर और धमकी के कारण उसने गुजरे बरसों में उनके खिलाफ रिपोर्ट नहीं की।
याचिकाकर्ता ने कहा कि उसके पति ने शादी के बाद कथित तौर पर करीब चार लाख रुपये के दहेज की मांग करते हुए उसके साथ मारपीट की। उसने यह आरोप भी लगाया कि जब वह गर्भवती हुई, तो उसके पति और ससुरालियों ने उस पर गर्भपात का दबाव भी डाला। महिला ने याचिका में कहा कि पूरी हकीकत जानने के बाद उसने नजदीकी कस्बे महू में 29 जनवरी, 2005 को नारायण से मिलकर शिकायत की, तो उन्होंने उसे गंभीर नतीजे भुगतने की धमकियां दीं। इसके साथ ही, उसे अपने पास बैठाकर उसके साथ अश्लील हरकतें भी कीं।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि नारायण ने जून, 2005 में उसके छोटे भाई को फोन करके बोला कि वह अपनी बहन को गर्भपात कराने के लिए कहे। महिला ने दावा किया कि नारायण के कथित प्रभाव, डर और धमकी के कारण उसने गुजरे बरसों में उनके खिलाफ रिपोर्ट नहीं की।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि नारायण ने जून, 2005 में उसके छोटे भाई को फोन करके बोला कि वह अपनी बहन को गर्भपात कराने के लिए कहे। महिला ने दावा किया कि नारायण के कथित प्रभाव, डर और धमकी के कारण उसने गुजरे बरसों में उनके खिलाफ रिपोर्ट नहीं की। | यहाँ एक सारांश है:इंदौर निवासी एक महिला ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए नारायण पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने एक शादीशुदा शिष्य को तलाकशुदा बताकर धोखाधड़ी से उसकी शादी कराई और बाद में उसके साथ अश्लील हरकतें भी कीं। | 12 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाएं: केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए कई बैंकों के आपस में विलय का ऐलान किया है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala sitharaman) ने कहा कि यूनाइटेड बैंक, अोरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और पंजाब नेशनल बैंक (PNB, OBC and United Bank) का विलय होगा. दूसरी तरफ, केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक का भी आपस में विलय किया जाएगा. इसी तरह यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का भी विलय किय़ा जाएगा. इंडिय़न बैंक और इलाहाबाद बैंक का भी आपस में विलय होगा. केंद्र सरकार के इस बड़े ऐलान के साथ ही अब देश में सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 रह जाएगी. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने जो फ़ैसले लिए थे, उन पर अमल की शुरुआत हो गई है. बैंक और NBFC के 4 टाइअप हुए.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala sitharaman) ने कहा कि एनबीएफसी कंपनियों के लिए आंशिक ऋण गारंटी योजना लागू. 3,300 करोड़ रुपये का पूंजी समर्थन दिया गया है और 30,000 करोड़ रुपये देने की तैयारी है. बैंकों के वाणिज्यिक फैसलों में सरकार का कोई दखल नहीं है. नीरव मोदी जैसी धोखाधड़ी रोकने के लिये स्विफ्ट संदेशों को कोर बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा गया है. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल फंसा कर्ज (एनपीए) दिसंबर 2018 के अंत में 8.65 लाख करोड़ रुपये से घटकर 7.9 लाख करोड़ रुपये रह गया है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सुधार से लाभ दिखने लगा है क्योंकि 2019-20 की पहली तिमाही में उनमें 14 बैंकों ने मुनाफा दर्ज किया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala sitharaman) ने बैंकों में नये विलय की बात करते हुए कहा कि बड़े बैंकों से कर्ज देने की क्षमता बढ़ती है. पंजाब नेशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक के विलय से ये देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बनेगा. पीएनबी, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक के विलय से बनने वाले बैंक के पास 17.95 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होगा और उसकी 11,437 शाखाएं होंगी. वित्त मंत्री ने कहा कि कैनरा बैंक और सिंडीकेट बैंक का विलय होगा और इससे 15.20 लाख करोड़ रुपये के कारोबार के साथ यह चौथा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बनेगा.
वहीं, यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक के विलय से यह देश का 5वां बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बनेगा. इसका कुल कारोबार 14.59 लाख करोड़ रुपये का होगा. जबकि दूसरी तरफ, इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक के विलय से 8.08 लाख करोड़ रुपये के कारोबार के साथ यह सार्वजनिक क्षेत्र का 7वां बड़ा बैंक बन जाएगा. | संक्षिप्त सारांश: केंद्र सरकार ने किया बड़ा ऐलान
कई बैंकों के आपस में विलय का फैसला
यूनियन, आंध्रा और कॉरपोरेशन बैंक का होगा विलय | 29 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाएं: सोनिया गांधी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) की 21 अक्तूबर को बैठक होगी जिसमें गरीबी मापदंड के विवादित मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। सूत्रों ने बताया कि एनएसी की बैठक 21 अक्तूबर को प्रस्तावित है जिसमें गरीबी की परिभाषा के लिए मानकों पर चर्चा किए जाने की संभावना है। उच्चतम न्यायालय में योजना आयोग द्वारा दायर एक हलफनामे के बाद गरीबी की परिभाषा को लेकर विवाद पैदा हुआ। अमेरिका से सोनिया गांधी की वापसी के बाद राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की यह पहली बैठक होगी। एनएसी की आखिरी बैठक 28 जुलाई को हुई थी। योजना आयोग ने अपने हलफनामे में कहा था कि ग्रामीण इलाकों में 25 रुपये से अधिक की दैनिक आय और शहरी इलाकों में 32 रुपये से अधिक की दैनिक आय वाले लोग गरीबी के दायरे में नहीं आते। एनएसी के सदस्य अरुणा राय और हर्ष मंदर ने मांग की थी कि योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलूवालिया या तो हलफनामा वापस लें या पद से त्यागपत्र दें। | संक्षिप्त पाठ: सूत्रों ने बताया कि एनएसी की बैठक 21 अक्तूबर को प्रस्तावित है जिसमें गरीबी की परिभाषा के लिए मानकों पर चर्चा किए जाने की संभावना है। | 13 | ['hin'] |
एक सारांश बनाओ: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे से फोन पर बात करके उन्हें समर्थन देने की बात कही है. टेरीजा की कंजर्वेटिव पार्टी ब्रिटेन के मध्याविधि चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल करने में नाकाम रही है.
व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, ‘‘राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका और ब्रिटेन के बीच विशेष संबंध की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया और इस बात को रेखांकित किया कि वह आने वाले वर्षों में ब्रिटेन की प्रधानमंत्री के साथ साझा लक्ष्यों और हितों को लेकर साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं.’’टिप्पणियां
प्रधानमंत्री टेरीजा मे की मध्याविधि कराने का दाव उल्टा पड़ गया है क्योंकि ब्रिटेन के मतदाताओं ने त्रिशंकु जनादेश दिया है, जिसने प्रधानमंत्री को सत्ता में बने रहने के लिए उत्तरी आयरिश पार्टी जैसी छोटी पार्टी से समर्थन मांगने पर मजबूर कर दिया है. देश ब्रेग्जिट की कठिन चर्चाओं के दौर से गुजर रहा है.
ब्रिटिश संसद की सभी 650 सीटों के परिणाम घोषित हो चुके हैं. कंजर्वेटिव पार्टी को 318 सीटें मिली हैं जबकि विपक्षी लेबर पार्टी को 262 सीट मिली है. पूर्ण बहुमत हासिल करने के लिए 326 सीटों की जरूरत है.
व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, ‘‘राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका और ब्रिटेन के बीच विशेष संबंध की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया और इस बात को रेखांकित किया कि वह आने वाले वर्षों में ब्रिटेन की प्रधानमंत्री के साथ साझा लक्ष्यों और हितों को लेकर साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं.’’टिप्पणियां
प्रधानमंत्री टेरीजा मे की मध्याविधि कराने का दाव उल्टा पड़ गया है क्योंकि ब्रिटेन के मतदाताओं ने त्रिशंकु जनादेश दिया है, जिसने प्रधानमंत्री को सत्ता में बने रहने के लिए उत्तरी आयरिश पार्टी जैसी छोटी पार्टी से समर्थन मांगने पर मजबूर कर दिया है. देश ब्रेग्जिट की कठिन चर्चाओं के दौर से गुजर रहा है.
ब्रिटिश संसद की सभी 650 सीटों के परिणाम घोषित हो चुके हैं. कंजर्वेटिव पार्टी को 318 सीटें मिली हैं जबकि विपक्षी लेबर पार्टी को 262 सीट मिली है. पूर्ण बहुमत हासिल करने के लिए 326 सीटों की जरूरत है.
प्रधानमंत्री टेरीजा मे की मध्याविधि कराने का दाव उल्टा पड़ गया है क्योंकि ब्रिटेन के मतदाताओं ने त्रिशंकु जनादेश दिया है, जिसने प्रधानमंत्री को सत्ता में बने रहने के लिए उत्तरी आयरिश पार्टी जैसी छोटी पार्टी से समर्थन मांगने पर मजबूर कर दिया है. देश ब्रेग्जिट की कठिन चर्चाओं के दौर से गुजर रहा है.
ब्रिटिश संसद की सभी 650 सीटों के परिणाम घोषित हो चुके हैं. कंजर्वेटिव पार्टी को 318 सीटें मिली हैं जबकि विपक्षी लेबर पार्टी को 262 सीट मिली है. पूर्ण बहुमत हासिल करने के लिए 326 सीटों की जरूरत है.
ब्रिटिश संसद की सभी 650 सीटों के परिणाम घोषित हो चुके हैं. कंजर्वेटिव पार्टी को 318 सीटें मिली हैं जबकि विपक्षी लेबर पार्टी को 262 सीट मिली है. पूर्ण बहुमत हासिल करने के लिए 326 सीटों की जरूरत है. | ट्रंप ने अमेरिका और ब्रिटेन के बीच विशेष संबंध की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर
ब्रिटेन की प्रधानमंत्री के साथ साझा लक्ष्यों और हितों को लेकर साथ काम
टेरीजा मे की मध्याविधि कराने का दाव उल्टा पड़ गया है | 26 | ['hin'] |
एक सारांश बनाओ: ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज शेन वाटसन ने साफ किया कि उनकी टीम 22 फरवरी से यहां शुरू होने वाली चार टेस्ट मैचों की सीरीज में भारतीय स्पिनरों के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाएगी।टिप्पणियां
वाटसन से पूछा गया कि क्या ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज भी इंग्लैंड के केविन पीटरसन की तरह खेलेंगे, उन्होंने कहा, बेशक। आपको स्पिनरों के खिलाफ इस तरह से आक्रामक रवैया अख्तियार करना होगा, जिससे कि वह लय हासिल नहीं कर पाएं। आपको स्पिनरों और तेज गेंदबाजों पर दबाव बनाना होगा। यहां जो विदेशी खिलाड़ी सफल रहे हैं, उन्होंने ऐसा किया। पीटरसन स्पिन को अच्छी तरह से खेलता है और निश्चिततौर पर वह स्पिनरों के खिलाफ काफी आक्रामक खेलता है।
ऑस्ट्रेलिया की तरफ से भारत-ए के खिलाफ 84 रन बनाने वाले वाटसन ने कहा, हमें में भी यहां अधिक से अधिक सफलता हासिल करने के लिए यह रणनीति अपनानी होगी। वाटसन का मानना है कि दूसरा अभ्यास मैच समाप्त होने तक ऑस्ट्रेलियाई टीम यहां की परिस्थितियों से अच्छी तरह वाकिफ हो जाएगी। उन्होंने कहा, निश्चित तौर पर भारतीय परिस्थितियों में स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ बल्लेबाजी करना आसान नहीं है। इसलिए हम दो अभ्यास मैच खेल रहे हैं ताकि पहला टेस्ट मैच शुरू होने तक खिलाड़ी परिस्थितियों से अवगत हो जाएं।
वाटसन से पूछा गया कि क्या ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज भी इंग्लैंड के केविन पीटरसन की तरह खेलेंगे, उन्होंने कहा, बेशक। आपको स्पिनरों के खिलाफ इस तरह से आक्रामक रवैया अख्तियार करना होगा, जिससे कि वह लय हासिल नहीं कर पाएं। आपको स्पिनरों और तेज गेंदबाजों पर दबाव बनाना होगा। यहां जो विदेशी खिलाड़ी सफल रहे हैं, उन्होंने ऐसा किया। पीटरसन स्पिन को अच्छी तरह से खेलता है और निश्चिततौर पर वह स्पिनरों के खिलाफ काफी आक्रामक खेलता है।
ऑस्ट्रेलिया की तरफ से भारत-ए के खिलाफ 84 रन बनाने वाले वाटसन ने कहा, हमें में भी यहां अधिक से अधिक सफलता हासिल करने के लिए यह रणनीति अपनानी होगी। वाटसन का मानना है कि दूसरा अभ्यास मैच समाप्त होने तक ऑस्ट्रेलियाई टीम यहां की परिस्थितियों से अच्छी तरह वाकिफ हो जाएगी। उन्होंने कहा, निश्चित तौर पर भारतीय परिस्थितियों में स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ बल्लेबाजी करना आसान नहीं है। इसलिए हम दो अभ्यास मैच खेल रहे हैं ताकि पहला टेस्ट मैच शुरू होने तक खिलाड़ी परिस्थितियों से अवगत हो जाएं।
ऑस्ट्रेलिया की तरफ से भारत-ए के खिलाफ 84 रन बनाने वाले वाटसन ने कहा, हमें में भी यहां अधिक से अधिक सफलता हासिल करने के लिए यह रणनीति अपनानी होगी। वाटसन का मानना है कि दूसरा अभ्यास मैच समाप्त होने तक ऑस्ट्रेलियाई टीम यहां की परिस्थितियों से अच्छी तरह वाकिफ हो जाएगी। उन्होंने कहा, निश्चित तौर पर भारतीय परिस्थितियों में स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ बल्लेबाजी करना आसान नहीं है। इसलिए हम दो अभ्यास मैच खेल रहे हैं ताकि पहला टेस्ट मैच शुरू होने तक खिलाड़ी परिस्थितियों से अवगत हो जाएं। | संक्षिप्त सारांश: ऑस्ट्रेलिया की तरफ से भारत-ए के खिलाफ 84 रन बनाने वाले वाटसन ने कहा, हमें में भी यहां अधिक से अधिक सफलता हासिल करने के लिए यह रणनीति अपनानी होगी। | 8 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाएं: सुशील कुमार ने लंदन ओलिंपिक में रजत पदक जीतने के बाद कहा कि वह स्वर्ण पदक जीतना चाहते थे एवं देश का राष्ट्रगान सुनना चाहते थे। सुशील ने रविवार को 66 किग्रा वर्ग फ्रीस्टाइल कुश्ती में रजत पदक जीता था।
सुशील फाइनल मुकाबला तासुहीरो योनेमित्सु से हार गए थे। इसके साथ ही वह पहले भारतीय एथलीट बन गए जिन्होंने लगातार व्यक्तिगत श्रेणी में दो बार ओलिंपिक पदक जीता।टिप्पणियां
सुशील ने बीजिंग ओलिंपिक में कांस्य पदक जीता था। उन्होंने योगेश्वर दत्त का उल्लेख करते हुए एनडीटीवी से कहा, "चोट इस खेल का हिस्सा है। लेकिन मैं यहां राष्ट्रगान सुनना चाहता हूं। कुश्ती का सुनहरा दिन वापस आ गया।" योगेश्वर ने शनिवार को कुश्ती के 60 किग्रा वर्ग में कांस्य जीता था।
ओलिंपिक सहित बड़े खेल आयोजनों में सिर्फ स्वर्ण पदक विजेताओं के लिए राष्ट्र गान बजाया जाता है।
सुशील फाइनल मुकाबला तासुहीरो योनेमित्सु से हार गए थे। इसके साथ ही वह पहले भारतीय एथलीट बन गए जिन्होंने लगातार व्यक्तिगत श्रेणी में दो बार ओलिंपिक पदक जीता।टिप्पणियां
सुशील ने बीजिंग ओलिंपिक में कांस्य पदक जीता था। उन्होंने योगेश्वर दत्त का उल्लेख करते हुए एनडीटीवी से कहा, "चोट इस खेल का हिस्सा है। लेकिन मैं यहां राष्ट्रगान सुनना चाहता हूं। कुश्ती का सुनहरा दिन वापस आ गया।" योगेश्वर ने शनिवार को कुश्ती के 60 किग्रा वर्ग में कांस्य जीता था।
ओलिंपिक सहित बड़े खेल आयोजनों में सिर्फ स्वर्ण पदक विजेताओं के लिए राष्ट्र गान बजाया जाता है।
सुशील ने बीजिंग ओलिंपिक में कांस्य पदक जीता था। उन्होंने योगेश्वर दत्त का उल्लेख करते हुए एनडीटीवी से कहा, "चोट इस खेल का हिस्सा है। लेकिन मैं यहां राष्ट्रगान सुनना चाहता हूं। कुश्ती का सुनहरा दिन वापस आ गया।" योगेश्वर ने शनिवार को कुश्ती के 60 किग्रा वर्ग में कांस्य जीता था।
ओलिंपिक सहित बड़े खेल आयोजनों में सिर्फ स्वर्ण पदक विजेताओं के लिए राष्ट्र गान बजाया जाता है।
ओलिंपिक सहित बड़े खेल आयोजनों में सिर्फ स्वर्ण पदक विजेताओं के लिए राष्ट्र गान बजाया जाता है। | यहाँ एक सारांश है:सुशील कुमार ने लंदन ओलिंपिक में रजत पदक जीतने के बाद कहा कि वह स्वर्ण पदक जीतना चाहते थे एवं देश का राष्ट्रगान सुनना चाहते थे। सुशील ने रविवार को 66 किग्रा वर्ग फ्रीस्टाइल कुश्ती में रजत पदक जीता था। | 4 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाओ: दिल्ली हाई कोर्ट ने एक एक महिला पर अपने पुरुष सहकर्मी के खिलाफ यौन शोषण की झूठी शिकायत दर्ज कराने के लिए 50,000 का जुर्माना लगाया है. न्यायमूर्ति जेआर मिढा की अध्यक्षता वाली कोर्ट की सिंगल जज बेंच ने 9 जुलाई को याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगा दिया. अदालत ने महिला को दिल्ली हाई कोर्ट के एडवोकेट वेलफेयर ट्रस्ट में राशि जमा करने का निर्देश दिया है. याचिकाकर्ता महिला ने आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) द्वारा पारित एक आदेश को चुनौती देते हुए आदमी को दिए गए रिटायरमेंट लाभों को खारिज करने की मांग की थी जिसके खिलाफ उसने शिकायत दर्ज की थी.
महिला ने आरोप लगाया था कि 2011 में उसके सीनियर ने यौन शोषण किया था. शिकायत के बाद एक आंतरिक शिकायत समिति का गठन उन आरोपों की जांच करने के लिए किया गया, जिसमें व्यक्ति ने शिकायत में आरोपों का खंडन किया था. व्यक्ति ने कहा था कि महिला ने ईर्ष्या की वजह से उसके खिलाफ शिकायत की है क्योंकि उसने महिला की अनुपस्थिति में कुछ आधिकारिक कामों को निपटा दिया था. इसी को लेकर महिला नाराज थी. | सारांश: महिला ने कोर्ट में दायर की थी याचिका
2011 में सीनियर द्वारा यौन शोषण का लगाया था आरोप
कोर्ट ने जांच में झूठ पाई महिला की शिकायत | 33 | ['hin'] |
एक सारांश बनाओ: जयपुर आयुक्तालय के लालकोठी थाना क्षेत्र में बुधवार को एक महिला रेजिडेंट चिकित्सक ने अपने छात्रावास के कमरे में पंखे से फांसी लगाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. थानाधिकारी रायसर सिंह ने बताया कि सांगानेरी गेट स्थित महिला चिकित्सालय की एक महिला रेजिडेंट चिकित्सक साक्षी गुप्ता (24) ने अपने छात्रावास के कमरे में लगे पंखे से फांसी लगाकर कथित आत्महत्या कर ली. कमरे में कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. सहायक पुलिस आयुक्त (गांधीनगर) नवाब खान ने बताया कि मृतका के परिजनों ने कुछ नामजद चिकित्सकों के विरूद्व उसे परेशान करने का मामला दर्ज करवाया है.
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उन्होंने बताया कि दर्ज शिकायत के आधार पर डॉ. लीला, डॉ. अदिति, डॉ. वर्षा, डॉ. त्रिपाल, डॉ. कविता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है. मृतका का पोस्टमार्टम कल सुबह करवाया जाएगा.
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महिला चिकित्सालय की अधीक्षक डॉ आशा मीणा ने बताया कि पंजाब में अबोहर के पास फाजिल्का निवासी जूनियर रेजिडेंट चिकित्सक साक्षी गुप्ता (24) ने प्रसूतिशास्र के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में आठ मई को प्रवेश लिया था. अस्पताल परिसर में स्थित छात्रावास के कमरे में बुधवार को उसने पंखे से लटक कर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. (इनपुट: भाषा) | यहाँ एक सारांश है:डॉक्टर ने छात्रावास के कमरे में की सुसाइड
कमरे में कोई सुसाइड नोट नहीं मिला
कल सुबह होगा मृतका का पोस्टमार्टम | 15 | ['hin'] |
एक सारांश बनाओ: हाल के विधानसभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद कांग्रेस केन्द्र में अपने मंत्रिमंडल में बड़े पैमाने पर फेरबदल पर विचार कर रही है ताकि अगले आम चुनावों में सफल प्रदर्शन किया जा सके।
एक वरिष्ठ पार्टी नेता ने बताया कि पार्टी नेतृत्व केन्द्रीय मंत्रिमंडल में बड़े पैमाने पर फेरबदल करने पर विचार कर रही है लेकिन यह नहीं बताया कि यह फेरबदल कब हो सकता है।
विधानसभा चुनावों के दौरान उत्तर प्रदेश से केन्द्रीय मंत्रिमंडल के कई सदस्यों ने अच्छा खासा विवाद पैदा कर दिया था।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी खराब चुनाव परिणामों के मद्देनजर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को बदले जाने की किसी भी संभावना से पहले ही इनकार कर चुकी हैं।
गत छह मार्च को घोषित हुए चुनाव परिणामों के एक दिन बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए सोनिया ने पार्टी के खराब प्रदर्शन की वजह प्रत्याशियों का गलत चयन, बहुत अधिक संख्या में नेता होना और पार्टी में संगठन के स्तर पर कमजोरियां बताया था। टिप्पणियां
यह पूछे जाने पर कि क्या नेतृत्व के अभाव के कारण पार्टी उत्तर प्रदेश में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी, उन्होंने कहा था, ‘हमारी समस्या नेताओं की कमी नहीं बल्कि बहुत अधिक नेता होना है।’ भाजपा शासित गुजरात और हिमाचल प्रदेश में इसी वर्ष और कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं जबकि वर्ष 2014 के मध्य में लोकसभा चुनाव होने हैं।
संसद के बजट सत्र के पहले चरण की समाप्ति 30 मार्च को हो रही है और उसके बाद तीन सप्ताह के विराम के बाद दूसरे चरण की शुरुआत होगी। ऐसी चर्चा है कि इसी दौरान पार्टी संगठन में भी फेरबदल हो सकता है।
एक वरिष्ठ पार्टी नेता ने बताया कि पार्टी नेतृत्व केन्द्रीय मंत्रिमंडल में बड़े पैमाने पर फेरबदल करने पर विचार कर रही है लेकिन यह नहीं बताया कि यह फेरबदल कब हो सकता है।
विधानसभा चुनावों के दौरान उत्तर प्रदेश से केन्द्रीय मंत्रिमंडल के कई सदस्यों ने अच्छा खासा विवाद पैदा कर दिया था।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी खराब चुनाव परिणामों के मद्देनजर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को बदले जाने की किसी भी संभावना से पहले ही इनकार कर चुकी हैं।
गत छह मार्च को घोषित हुए चुनाव परिणामों के एक दिन बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए सोनिया ने पार्टी के खराब प्रदर्शन की वजह प्रत्याशियों का गलत चयन, बहुत अधिक संख्या में नेता होना और पार्टी में संगठन के स्तर पर कमजोरियां बताया था। टिप्पणियां
यह पूछे जाने पर कि क्या नेतृत्व के अभाव के कारण पार्टी उत्तर प्रदेश में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी, उन्होंने कहा था, ‘हमारी समस्या नेताओं की कमी नहीं बल्कि बहुत अधिक नेता होना है।’ भाजपा शासित गुजरात और हिमाचल प्रदेश में इसी वर्ष और कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं जबकि वर्ष 2014 के मध्य में लोकसभा चुनाव होने हैं।
संसद के बजट सत्र के पहले चरण की समाप्ति 30 मार्च को हो रही है और उसके बाद तीन सप्ताह के विराम के बाद दूसरे चरण की शुरुआत होगी। ऐसी चर्चा है कि इसी दौरान पार्टी संगठन में भी फेरबदल हो सकता है।
विधानसभा चुनावों के दौरान उत्तर प्रदेश से केन्द्रीय मंत्रिमंडल के कई सदस्यों ने अच्छा खासा विवाद पैदा कर दिया था।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी खराब चुनाव परिणामों के मद्देनजर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को बदले जाने की किसी भी संभावना से पहले ही इनकार कर चुकी हैं।
गत छह मार्च को घोषित हुए चुनाव परिणामों के एक दिन बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए सोनिया ने पार्टी के खराब प्रदर्शन की वजह प्रत्याशियों का गलत चयन, बहुत अधिक संख्या में नेता होना और पार्टी में संगठन के स्तर पर कमजोरियां बताया था। टिप्पणियां
यह पूछे जाने पर कि क्या नेतृत्व के अभाव के कारण पार्टी उत्तर प्रदेश में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी, उन्होंने कहा था, ‘हमारी समस्या नेताओं की कमी नहीं बल्कि बहुत अधिक नेता होना है।’ भाजपा शासित गुजरात और हिमाचल प्रदेश में इसी वर्ष और कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं जबकि वर्ष 2014 के मध्य में लोकसभा चुनाव होने हैं।
संसद के बजट सत्र के पहले चरण की समाप्ति 30 मार्च को हो रही है और उसके बाद तीन सप्ताह के विराम के बाद दूसरे चरण की शुरुआत होगी। ऐसी चर्चा है कि इसी दौरान पार्टी संगठन में भी फेरबदल हो सकता है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी खराब चुनाव परिणामों के मद्देनजर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को बदले जाने की किसी भी संभावना से पहले ही इनकार कर चुकी हैं।
गत छह मार्च को घोषित हुए चुनाव परिणामों के एक दिन बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए सोनिया ने पार्टी के खराब प्रदर्शन की वजह प्रत्याशियों का गलत चयन, बहुत अधिक संख्या में नेता होना और पार्टी में संगठन के स्तर पर कमजोरियां बताया था। टिप्पणियां
यह पूछे जाने पर कि क्या नेतृत्व के अभाव के कारण पार्टी उत्तर प्रदेश में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी, उन्होंने कहा था, ‘हमारी समस्या नेताओं की कमी नहीं बल्कि बहुत अधिक नेता होना है।’ भाजपा शासित गुजरात और हिमाचल प्रदेश में इसी वर्ष और कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं जबकि वर्ष 2014 के मध्य में लोकसभा चुनाव होने हैं।
संसद के बजट सत्र के पहले चरण की समाप्ति 30 मार्च को हो रही है और उसके बाद तीन सप्ताह के विराम के बाद दूसरे चरण की शुरुआत होगी। ऐसी चर्चा है कि इसी दौरान पार्टी संगठन में भी फेरबदल हो सकता है।
गत छह मार्च को घोषित हुए चुनाव परिणामों के एक दिन बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए सोनिया ने पार्टी के खराब प्रदर्शन की वजह प्रत्याशियों का गलत चयन, बहुत अधिक संख्या में नेता होना और पार्टी में संगठन के स्तर पर कमजोरियां बताया था। टिप्पणियां
यह पूछे जाने पर कि क्या नेतृत्व के अभाव के कारण पार्टी उत्तर प्रदेश में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी, उन्होंने कहा था, ‘हमारी समस्या नेताओं की कमी नहीं बल्कि बहुत अधिक नेता होना है।’ भाजपा शासित गुजरात और हिमाचल प्रदेश में इसी वर्ष और कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं जबकि वर्ष 2014 के मध्य में लोकसभा चुनाव होने हैं।
संसद के बजट सत्र के पहले चरण की समाप्ति 30 मार्च को हो रही है और उसके बाद तीन सप्ताह के विराम के बाद दूसरे चरण की शुरुआत होगी। ऐसी चर्चा है कि इसी दौरान पार्टी संगठन में भी फेरबदल हो सकता है।
यह पूछे जाने पर कि क्या नेतृत्व के अभाव के कारण पार्टी उत्तर प्रदेश में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी, उन्होंने कहा था, ‘हमारी समस्या नेताओं की कमी नहीं बल्कि बहुत अधिक नेता होना है।’ भाजपा शासित गुजरात और हिमाचल प्रदेश में इसी वर्ष और कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं जबकि वर्ष 2014 के मध्य में लोकसभा चुनाव होने हैं।
संसद के बजट सत्र के पहले चरण की समाप्ति 30 मार्च को हो रही है और उसके बाद तीन सप्ताह के विराम के बाद दूसरे चरण की शुरुआत होगी। ऐसी चर्चा है कि इसी दौरान पार्टी संगठन में भी फेरबदल हो सकता है।
संसद के बजट सत्र के पहले चरण की समाप्ति 30 मार्च को हो रही है और उसके बाद तीन सप्ताह के विराम के बाद दूसरे चरण की शुरुआत होगी। ऐसी चर्चा है कि इसी दौरान पार्टी संगठन में भी फेरबदल हो सकता है। | संक्षिप्त पाठ: हाल के विधानसभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद कांग्रेस केन्द्र में अपने मंत्रिमंडल में बड़े पैमाने पर फेरबदल पर विचार कर रही है ताकि अगले आम चुनावों में सफल प्रदर्शन किया जा सके। | 30 | ['hin'] |
इस के लिए एक सारांश बनाएं: पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आज कहा कि सरकार के ऊंचे मूल्य के नोटों को बंद करने से कालेधन पर अंकुश लगने का दावा बेमानी है बल्कि इससे आम आदमी ही प्रभावित होगा.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम ने कहा कि लोगों को दवा खरीदने, बस और ट्रेन का टिकट खरीदने में और ऑटोरिक्शा का भाड़ा देने में परेशानी हो रही है क्योंकि अब तक चलन में रहे 500 और 1000 के नोट अचानक से बंद कर दिए गए हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘वे (सरकार) कहते हैं कि बंद किए गए नोटों से जो ज्यादा मात्रा में चलन में थे, आम लोगों को कोई परेशानी नहीं होगी. यह अपने आप में एक मजाकिया बयान है.’’ यहां पत्रकारों से बातचीत में चिदंबरम ने कहा, ‘‘यह कालेधन को कम करने के लिए उठाया कदम नहीं है. मेरी नजर में केंद्र सरकार के इस कदम से सिर्फ आम लोगों को परेशानी होगी.’’टिप्पणियां
उन्होंने कहा 2012 में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने सरकार को 2000 के नोट नहीं जारी करने की सलाह दी थी. बोर्ड का कहना था कि इससे आम लोगों को फायदे के बजाय नुकसान ज्यादा होगा. चिदंबरम ने कहा, ‘‘इस सलाह को किनारे रखते हुए सरकार ने 500 और 1000 के पुराने नोटों का चलन बंद कर दिया जो बड़ी मात्रा में बाजार में चलन में थे.’’ (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम ने कहा कि लोगों को दवा खरीदने, बस और ट्रेन का टिकट खरीदने में और ऑटोरिक्शा का भाड़ा देने में परेशानी हो रही है क्योंकि अब तक चलन में रहे 500 और 1000 के नोट अचानक से बंद कर दिए गए हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘वे (सरकार) कहते हैं कि बंद किए गए नोटों से जो ज्यादा मात्रा में चलन में थे, आम लोगों को कोई परेशानी नहीं होगी. यह अपने आप में एक मजाकिया बयान है.’’ यहां पत्रकारों से बातचीत में चिदंबरम ने कहा, ‘‘यह कालेधन को कम करने के लिए उठाया कदम नहीं है. मेरी नजर में केंद्र सरकार के इस कदम से सिर्फ आम लोगों को परेशानी होगी.’’टिप्पणियां
उन्होंने कहा 2012 में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने सरकार को 2000 के नोट नहीं जारी करने की सलाह दी थी. बोर्ड का कहना था कि इससे आम लोगों को फायदे के बजाय नुकसान ज्यादा होगा. चिदंबरम ने कहा, ‘‘इस सलाह को किनारे रखते हुए सरकार ने 500 और 1000 के पुराने नोटों का चलन बंद कर दिया जो बड़ी मात्रा में बाजार में चलन में थे.’’ (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा, ‘‘वे (सरकार) कहते हैं कि बंद किए गए नोटों से जो ज्यादा मात्रा में चलन में थे, आम लोगों को कोई परेशानी नहीं होगी. यह अपने आप में एक मजाकिया बयान है.’’ यहां पत्रकारों से बातचीत में चिदंबरम ने कहा, ‘‘यह कालेधन को कम करने के लिए उठाया कदम नहीं है. मेरी नजर में केंद्र सरकार के इस कदम से सिर्फ आम लोगों को परेशानी होगी.’’टिप्पणियां
उन्होंने कहा 2012 में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने सरकार को 2000 के नोट नहीं जारी करने की सलाह दी थी. बोर्ड का कहना था कि इससे आम लोगों को फायदे के बजाय नुकसान ज्यादा होगा. चिदंबरम ने कहा, ‘‘इस सलाह को किनारे रखते हुए सरकार ने 500 और 1000 के पुराने नोटों का चलन बंद कर दिया जो बड़ी मात्रा में बाजार में चलन में थे.’’ (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा 2012 में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने सरकार को 2000 के नोट नहीं जारी करने की सलाह दी थी. बोर्ड का कहना था कि इससे आम लोगों को फायदे के बजाय नुकसान ज्यादा होगा. चिदंबरम ने कहा, ‘‘इस सलाह को किनारे रखते हुए सरकार ने 500 और 1000 के पुराने नोटों का चलन बंद कर दिया जो बड़ी मात्रा में बाजार में चलन में थे.’’ (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) | दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: कालेधन पर अंकुश लगने का दावा बेमानी
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने 2000 के नोट जारी नहीं करने की सलाह दी थी
सरकार का आम लोगों को परेशानी न होने का बयान एक मजाक | 3 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाओ: विदेश में एक के बाद एक टेस्ट सीरीज में मिली करारी शिकस्त के बाद भारत के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली ने कहा है कि अगर महेन्द्र सिंह धोनी को टेस्ट मैच में कप्तान बने रहना है तो उन्हें उम्दा प्रदर्शन करना चाहिए।
गांगुली ने कहा कि अगर धोनी टेस्ट टीम में कप्तान बने रहना चाहते हैं तो उन्हें बेहतर प्रदर्शन करना होगा। उनके प्रदर्शन को देखिए। इस आधार पर उन्हें टेस्ट टीम में नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि विदेशी धरती पर भारत ने लगातार आठ मैच एक साथ गवांए हैं। बदलाव के लिए क्या यह पर्याप्त संकेत नहीं है। हालांकि गांगुली ने सहवाग की काफी प्रशंसा की।
गांगुली ने कहा कि अगर धोनी टेस्ट टीम में कप्तान बने रहना चाहते हैं तो उन्हें बेहतर प्रदर्शन करना होगा। उनके प्रदर्शन को देखिए। इस आधार पर उन्हें टेस्ट टीम में नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि विदेशी धरती पर भारत ने लगातार आठ मैच एक साथ गवांए हैं। बदलाव के लिए क्या यह पर्याप्त संकेत नहीं है। हालांकि गांगुली ने सहवाग की काफी प्रशंसा की। | यह एक सारांश है: गांगुली ने कहा है कि अगर महेन्द्र सिंह धोनी को टेस्ट मैच में कप्तान बने रहना है तो उन्हें उम्दा प्रदर्शन करना चाहिए। | 24 | ['hin'] |
एक सारांश बनाओ: तमिलनाडु के सलेम स्थित एक सरकारी अस्पताल में एक गर्भवती महिला से कथित रूप से रिश्वत मांगी गई और लेकिन रिश्वत देने में असमर्थ महिला को बच्चे को बसस्टैंड पर जन्म देने को बाध्य होना पड़ा।टिप्पणियां
अस्पताल के डीन डॉ. वल्लिनयागम ने बताया कि आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा की रहने वाली 24 वर्षीय महिला पेशे से मजदूर है। सुबह प्रसव पीड़ा होने पर वह अपने पति और दो बच्चों (पांच और दो वर्ष) के साथ अस्पताल आई। इस दौरान कुछ नर्सिंग कर्मचारियों ने कथित रूप से उससे प्रसव के लिए एक हजार रुपये की मांग की। उन्होंने बताया कि महिला जब रिश्वत का भुगतान नहीं कर पाई तो उसे कथित रूप से वार्ड से जबर्दस्ती बाहर कर दिया गया। जब वह अस्पताल से करीब एक किलोमीटर चलने के बाद सलेम के पुराने बसस्टैंड पर पहुंची तो उसने एक बच्चे को जन्म दिया। उन्होंने बताया कि वहां से गुजर रही दो महिलाओं ने उसकी मदद की। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों ने तत्काल एंबुलेंस बुलाई और उसे उसी अस्पताल पहुंचाया जहां मुझे मामले की जानकारी दी गई।
वल्लिनयागम ने बताया कि उनके नेतृत्व में तीन लोगों की एक टीम इसकी जांच करेगी और यदि घटना सही पाई गई तो संबंधित अस्पताल कर्मचारियों को निलंबित कर दिया जाएगा।
अस्पताल के डीन डॉ. वल्लिनयागम ने बताया कि आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा की रहने वाली 24 वर्षीय महिला पेशे से मजदूर है। सुबह प्रसव पीड़ा होने पर वह अपने पति और दो बच्चों (पांच और दो वर्ष) के साथ अस्पताल आई। इस दौरान कुछ नर्सिंग कर्मचारियों ने कथित रूप से उससे प्रसव के लिए एक हजार रुपये की मांग की। उन्होंने बताया कि महिला जब रिश्वत का भुगतान नहीं कर पाई तो उसे कथित रूप से वार्ड से जबर्दस्ती बाहर कर दिया गया। जब वह अस्पताल से करीब एक किलोमीटर चलने के बाद सलेम के पुराने बसस्टैंड पर पहुंची तो उसने एक बच्चे को जन्म दिया। उन्होंने बताया कि वहां से गुजर रही दो महिलाओं ने उसकी मदद की। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों ने तत्काल एंबुलेंस बुलाई और उसे उसी अस्पताल पहुंचाया जहां मुझे मामले की जानकारी दी गई।
वल्लिनयागम ने बताया कि उनके नेतृत्व में तीन लोगों की एक टीम इसकी जांच करेगी और यदि घटना सही पाई गई तो संबंधित अस्पताल कर्मचारियों को निलंबित कर दिया जाएगा।
वल्लिनयागम ने बताया कि उनके नेतृत्व में तीन लोगों की एक टीम इसकी जांच करेगी और यदि घटना सही पाई गई तो संबंधित अस्पताल कर्मचारियों को निलंबित कर दिया जाएगा। | यहाँ एक सारांश है:तमिलनाडु के सलेम स्थित एक सरकारी अस्पताल में एक गर्भवती महिला से कथित रूप से रिश्वत मांगी गई और लेकिन रिश्वत देने में असमर्थ महिला को बच्चे को बसस्टैंड पर जन्म देने को बाध्य होना पड़ा। | 15 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाओ: गुजरात उच्च न्यायालय ने मादक द्रव्य की जब्ती के दो दशक पुराने मामले में पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की ओर से दाखिल जमानत याचिका गुरुवार को खारिज कर दी. न्यायमूर्ति सोनिया गोखानी ने भट्ट को राहत देने से मना कर दिया. भट्ट मादक द्रव्य जब्ती के 23 साल पुराने मामले में पिछले साल सितंबर से जेल में हैं. पिछले साल दिसंबर में बनासकांठा जिला में सत्र अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया था. भट्ट को 2015 में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था. वह 1996 में बनासकांठा जिले में पुलिस अधीक्षक थे.
श्वेता भट्ट ने आगे लिखा, 'आइये हम उन्हें दिखा देते हैं कि यदि संजीव की आवाज दबाई गई तो उनकी जगह हजारों लोग खड़े हो जाएंगे. हम अकेले नहीं हैं. यह समय है जब हम उनके लिये लड़ें जिन्होंने न्याय के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया'. आपको बता दें कि पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट (Sanjiv Bhatt) को गुजरात सीआईडी ने 5 सितंबर को 22 साल पुराने एक मामले में गिरफ्तार किया था. पूर्व आईपीएस अधिकारी और 7 अन्य को 22 साल पहले कथित तौर पर मादक पदार्थ रखने के मामले में एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के संबंध में पूछताछ करने के लिए पहले हिरासत में लिया गया था. पुलिस महानिदेशक (अपराध जांच विभाग) आशीष भाटिया ने बताया कि पूछताछ के कुछ देर बाद भट्ट को अपराध जांच विभाग ने गिरफ्तार कर लिया, जबकि अन्य अब भी हिरासत में हैं. | यहाँ एक सारांश है:आईपीएस संजीव भट्ट को लगा गुजरात हाई कोर्ट से झटका
गुजरात हाई कोर्ट ने जमानत याचिका कर दी खारिज
21 साल पुराने मामले में पिछले छह महीने से जेल में बंद हैं संजीव भट्ट | 18 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाओ: एक नई हरकत यह भी है कि अब आतंकवादी घुसपैठ के लिए गर्मियां आने का इंतज़ार नहीं कर रहे हैं, जब ऊंचाई पर बने दर्रों में जमी बर्फ पिघल जाएगी. सर्दियों के हाल ही में गुज़रे मौसम के दौरान उरी सेक्टर में घुसपैठ की एक कोशिश को नाकाम किया गया था. सर्दियों के मौसम में लड़ने के लिए तैयार होकर आने वाले आतंकवादी पर्वतारोहण में इस्तेमाल किए जाने वाले प्रोफेशनल जूते और बर्फ में पहनी जा सकने वाली पोशाकों से लैस होकर आते हैं.
पिछले एक साल में जम्मू एव कश्मीर में घुसने वाले आतंकवादी ब्लूटूथ लिंक के ज़रिये अपने मोबाइल फोन को रेडियो सेट से जोड़कर अपने हैन्डलरों से बात करने में कामयाब रहे हैं. मेजर जनरल कलिता के अनुसार, "पिछले एक साल से हम लोगों ने उन्हें वाई-एसएमएस के ज़रिये संपर्क साधते देखा है, जिसे इंटरसेप्ट करना मुश्किल होता है... हालांकि हमारे लोग उस दिशा में काम कर रहे हैं, लेकिन दरअसल ये ट्रांसमिशन रेडियो के ज़रिये बेहद तेज़ी से हो जाते हैं..."
पिछले एक साल में जम्मू एव कश्मीर में घुसने वाले आतंकवादी ब्लूटूथ लिंक के ज़रिये अपने मोबाइल फोन को रेडियो सेट से जोड़कर अपने हैन्डलरों से बात करने में कामयाब रहे हैं. मेजर जनरल कलिता के अनुसार, "पिछले एक साल से हम लोगों ने उन्हें वाई-एसएमएस के ज़रिये संपर्क साधते देखा है, जिसे इंटरसेप्ट करना मुश्किल होता है... हालांकि हमारे लोग उस दिशा में काम कर रहे हैं, लेकिन दरअसल ये ट्रांसमिशन रेडियो के ज़रिये बेहद तेज़ी से हो जाते हैं..." | संक्षिप्त पाठ: 19वीं डिवीज़न के प्रमुख मेजर जनरल आरपी कलिता ने NDTV से बातचीत की
उन्होंने कहा, उरी के ठीक सामने पीओके में आतंकी लॉन्चपैड फिर सक्रिय हो गए
उन्होंने बताया, हमारे इलाके में नौ-दस लॉन्च पैड, जिनकी हमें जानकारी है | 27 | ['hin'] |
इस के लिए एक सारांश बनाएं: पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने माना कि कश्मीर मुद्दे का बातचीत एवं कूटनीति से हल करना होगा क्योंकि पाकिस्तान 21 वीं सदी में युद्ध नहीं झेल सकता। गिलानी ने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर पहले ही चार लड़ाइयां लड़ी जा चुकी हैं और यह क्षेत्र अब भी केंद्र में है लेकिन 21 वीं सदी में हम युद्ध नहीं झेल सकते।
उन्होंने कश्मीर एकजुटता दिवस पर प्रधानमंत्री सचिवालय में एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘हम वार्ता, कूटनीति, चौकस नीति तथा राष्ट्रीय सहमति से मुद्दों को हल करना चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दा अब भी देश की विदेश नीति का मुख्य बिंदु बना हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘हम कश्मीरियों को नैतिक, राजनीतिक तथा राजनयिक समर्थन जारी रखने के लिए कटिबद्ध हैं। सभी राजनीतिक दलों समेत पूरा राष्ट्र कश्मीर के मुद्दे पर एकजुट है।’’
उन्होंने कश्मीर एकजुटता दिवस पर प्रधानमंत्री सचिवालय में एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘हम वार्ता, कूटनीति, चौकस नीति तथा राष्ट्रीय सहमति से मुद्दों को हल करना चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दा अब भी देश की विदेश नीति का मुख्य बिंदु बना हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘हम कश्मीरियों को नैतिक, राजनीतिक तथा राजनयिक समर्थन जारी रखने के लिए कटिबद्ध हैं। सभी राजनीतिक दलों समेत पूरा राष्ट्र कश्मीर के मुद्दे पर एकजुट है।’’ | दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने माना कि कश्मीर मुद्दे का बातचीत एवं कूटनीति से हल करना होगा क्योंकि पाकिस्तान 21 वीं सदी में युद्ध नहीं झेल सकता। | 3 | ['hin'] |
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया की फरवरी माह की बिक्री 7.89 प्रतिशत के नुकसान के साथ 1,09,567 इकाई रह गई। पिछले साल इसी महीने में कंपनी ने 1,18,949 कारें बेची थीं।
कंपनी की ओर से जारी बयान के अनुसार घरेलू बाजार में उसकी बिक्री 9.01 फीसदी की गिरावट के साथ 97,955 इकाई रह गई, जो पिछले साल फरवरी में 1,07,653 इकाई रही थी। फरवरी में कंपनी का निर्यात 2.80 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 11,612 इकाई रहा, जो पिछले साल फरवरी में 11,296 इकाई रहा था।
घरेलू बाजार में कंपनी की यात्री कार बिक्री 10.89 प्रतिशत के नुकसान के साथ 83,865 इकाई रही, जो पिछले साल इसी महीने में 94,118 इकाई रही थी। फरवरी में कंपनी की छोटी कारों एम-800, ए-स्टार, आल्टो और वैगन आर की बिक्री 15.87 प्रतिशत की गिरावट के साथ 41,311 इकाई रही, जो फरवरी, 2012 में 49,104 इकाई रही थी।टिप्पणियां
कॉम्पैक्ट वर्ग (एस्टिलो, स्विफ्ट और रिट्ज) में कंपनी की बिक्री 13.90 प्रतिशत के नुकसान के साथ 24,021 इकाई रही, जो पिछले साल इसी महीने में 27,899 इकाई रही थी। हालांकि मारुति के डिजायर मॉडल की बिक्री 21.56 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 18,316 इकाई पर पहुंच गई, जो पिछले साल फरवरी में 15,068 इकाई रही थी। सेडान एसएक्स4 की बिक्री 89.42 फीसदी की गिरावट के साथ 215 इकाई पर आ गई, जो फरवरी, 2012 में 2,033 इकाई रही थी।
माह के दौरान कंपनी के लक्जरी सेडान मॉडल किजाशी की सिर्फ दो इकाइयां बिकीं, जो पिछले साल इसी महीने में 14 इकाई रही थी। कंपनी के यूटिलिटी वाहनों जिप्सी, एर्टिगा तथा ग्रैंड विटारा की बिक्री में माह में दौरान 26 गुना का इजाफा हुआ और यह 230 इकाई से बढ़कर 5,957 इकाई पर पहुंच गई। वहीं कंपनी के ओमनी और ईको मॉडलों की बिक्री 38.87 प्रतिशत के नुकसान के सथ 8,133 इकाई पर आ गई।
कंपनी की ओर से जारी बयान के अनुसार घरेलू बाजार में उसकी बिक्री 9.01 फीसदी की गिरावट के साथ 97,955 इकाई रह गई, जो पिछले साल फरवरी में 1,07,653 इकाई रही थी। फरवरी में कंपनी का निर्यात 2.80 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 11,612 इकाई रहा, जो पिछले साल फरवरी में 11,296 इकाई रहा था।
घरेलू बाजार में कंपनी की यात्री कार बिक्री 10.89 प्रतिशत के नुकसान के साथ 83,865 इकाई रही, जो पिछले साल इसी महीने में 94,118 इकाई रही थी। फरवरी में कंपनी की छोटी कारों एम-800, ए-स्टार, आल्टो और वैगन आर की बिक्री 15.87 प्रतिशत की गिरावट के साथ 41,311 इकाई रही, जो फरवरी, 2012 में 49,104 इकाई रही थी।टिप्पणियां
कॉम्पैक्ट वर्ग (एस्टिलो, स्विफ्ट और रिट्ज) में कंपनी की बिक्री 13.90 प्रतिशत के नुकसान के साथ 24,021 इकाई रही, जो पिछले साल इसी महीने में 27,899 इकाई रही थी। हालांकि मारुति के डिजायर मॉडल की बिक्री 21.56 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 18,316 इकाई पर पहुंच गई, जो पिछले साल फरवरी में 15,068 इकाई रही थी। सेडान एसएक्स4 की बिक्री 89.42 फीसदी की गिरावट के साथ 215 इकाई पर आ गई, जो फरवरी, 2012 में 2,033 इकाई रही थी।
माह के दौरान कंपनी के लक्जरी सेडान मॉडल किजाशी की सिर्फ दो इकाइयां बिकीं, जो पिछले साल इसी महीने में 14 इकाई रही थी। कंपनी के यूटिलिटी वाहनों जिप्सी, एर्टिगा तथा ग्रैंड विटारा की बिक्री में माह में दौरान 26 गुना का इजाफा हुआ और यह 230 इकाई से बढ़कर 5,957 इकाई पर पहुंच गई। वहीं कंपनी के ओमनी और ईको मॉडलों की बिक्री 38.87 प्रतिशत के नुकसान के सथ 8,133 इकाई पर आ गई।
घरेलू बाजार में कंपनी की यात्री कार बिक्री 10.89 प्रतिशत के नुकसान के साथ 83,865 इकाई रही, जो पिछले साल इसी महीने में 94,118 इकाई रही थी। फरवरी में कंपनी की छोटी कारों एम-800, ए-स्टार, आल्टो और वैगन आर की बिक्री 15.87 प्रतिशत की गिरावट के साथ 41,311 इकाई रही, जो फरवरी, 2012 में 49,104 इकाई रही थी।टिप्पणियां
कॉम्पैक्ट वर्ग (एस्टिलो, स्विफ्ट और रिट्ज) में कंपनी की बिक्री 13.90 प्रतिशत के नुकसान के साथ 24,021 इकाई रही, जो पिछले साल इसी महीने में 27,899 इकाई रही थी। हालांकि मारुति के डिजायर मॉडल की बिक्री 21.56 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 18,316 इकाई पर पहुंच गई, जो पिछले साल फरवरी में 15,068 इकाई रही थी। सेडान एसएक्स4 की बिक्री 89.42 फीसदी की गिरावट के साथ 215 इकाई पर आ गई, जो फरवरी, 2012 में 2,033 इकाई रही थी।
माह के दौरान कंपनी के लक्जरी सेडान मॉडल किजाशी की सिर्फ दो इकाइयां बिकीं, जो पिछले साल इसी महीने में 14 इकाई रही थी। कंपनी के यूटिलिटी वाहनों जिप्सी, एर्टिगा तथा ग्रैंड विटारा की बिक्री में माह में दौरान 26 गुना का इजाफा हुआ और यह 230 इकाई से बढ़कर 5,957 इकाई पर पहुंच गई। वहीं कंपनी के ओमनी और ईको मॉडलों की बिक्री 38.87 प्रतिशत के नुकसान के सथ 8,133 इकाई पर आ गई।
कॉम्पैक्ट वर्ग (एस्टिलो, स्विफ्ट और रिट्ज) में कंपनी की बिक्री 13.90 प्रतिशत के नुकसान के साथ 24,021 इकाई रही, जो पिछले साल इसी महीने में 27,899 इकाई रही थी। हालांकि मारुति के डिजायर मॉडल की बिक्री 21.56 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 18,316 इकाई पर पहुंच गई, जो पिछले साल फरवरी में 15,068 इकाई रही थी। सेडान एसएक्स4 की बिक्री 89.42 फीसदी की गिरावट के साथ 215 इकाई पर आ गई, जो फरवरी, 2012 में 2,033 इकाई रही थी।
माह के दौरान कंपनी के लक्जरी सेडान मॉडल किजाशी की सिर्फ दो इकाइयां बिकीं, जो पिछले साल इसी महीने में 14 इकाई रही थी। कंपनी के यूटिलिटी वाहनों जिप्सी, एर्टिगा तथा ग्रैंड विटारा की बिक्री में माह में दौरान 26 गुना का इजाफा हुआ और यह 230 इकाई से बढ़कर 5,957 इकाई पर पहुंच गई। वहीं कंपनी के ओमनी और ईको मॉडलों की बिक्री 38.87 प्रतिशत के नुकसान के सथ 8,133 इकाई पर आ गई।
माह के दौरान कंपनी के लक्जरी सेडान मॉडल किजाशी की सिर्फ दो इकाइयां बिकीं, जो पिछले साल इसी महीने में 14 इकाई रही थी। कंपनी के यूटिलिटी वाहनों जिप्सी, एर्टिगा तथा ग्रैंड विटारा की बिक्री में माह में दौरान 26 गुना का इजाफा हुआ और यह 230 इकाई से बढ़कर 5,957 इकाई पर पहुंच गई। वहीं कंपनी के ओमनी और ईको मॉडलों की बिक्री 38.87 प्रतिशत के नुकसान के सथ 8,133 इकाई पर आ गई। | दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया की फरवरी माह की बिक्री 7.89 प्रतिशत के नुकसान के साथ 1,09,567 इकाई रह गई। पिछले साल इसी महीने में कंपनी ने 1,18,949 कारें बेची थीं। | 19 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाओ: अमेरिका में मंदी की आशंका बढ़ने और यूरोप में सरकारों के गहराते ऋण संकट से दुनियाभर के बाजारों में गिरावट का सिलसिला जारी है और इसी के असर में बंबई स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 200 अंक और टूट गया। इस बीच, डॉलर के मुकाबले रुपया में गिरावट ने आयात पर निर्भर घरेलू कंपनियों की चिंता बढ़ा दी है। रुपया टूटकर ढाई साल के निचले स्तर 49.90 प्रति डॉलर पर आ गया। बृहस्पतिवार को 704 अंक टूटने वाला बीएसई सेंसेक्स और 199.09 अंक की गिरकर 16,162.06 अंक पर बंद हुआ। दो दिन में सेंसेक्स 900 से अधिक अंक टूट चुका है। कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स दिन के निचले स्तर 16,052.47 अंक पर आ गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 55.90 अंक टूटकर 4,867.75 अंक पर बंद हुआ। इस दौरान मेटल, कैपिटल गुड्स और ऑटो शेयरों पर बिकवाली की मार पड़ी। अन्य एशियाई बाजारों में नरमी के रुख और यूरोपीय बाजारों के कमजोर खुलने से भी स्थानीय शेयर बाजारों की धारणा कमजोर हुई। आज की गिरावट में सबसे अधिक झटका धातु सूचकांक को लगा जो 2.28 प्रतिशत तक टूट गया। वहीं कैपिटल गुड्स इंडेक्स 1.84 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ। | दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: बीएसई सेंसेक्स और 199.09 अंक की गिरकर 16,162.06 अंक पर बंद हुआ। दो दिन में सेंसेक्स 900 से अधिक अंक टूट चुका है। | 11 | ['hin'] |
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने के नीतीश कुमार के फैसले को सही कदम बताते हुए कहा कि नीतीश जितना जल्दी हो सके महागठबंधन से नाता तोड़कर एनडीए में आ जाएं, इससे बिहार का भला होगा.
दिल्ली से शनिवार को पटना पहुंचे पासवान ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, 'राष्ट्रपति चुनाव में कोविंद जी के समर्थन का नीतीश कुमार ने जो निर्णय लिया, उसका हम स्वागत करते हैं. उनसे आग्रह करते हैं जल्दी से एनडीए में आ जाएं. उनके आने से एनडीए भी मजबूत होगा और वे भी मजबूत होंगे तथा बिहार का भी भला हो जाएगा.'
उन्होंने हालांकि इस दौरान नीतीश को दो नाव पर सवारी नहीं करने की नसीहत भी दे डाली. पासवान ने कहा कि नीतीश महागठबंधन में असहज महसूस कर रहे हैं. हाल के दिनों में ऐसे कई मौके आए हैं, जब उनकी असहजता सामने आई है.
विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार को लेकर नीतीश द्वारा दिए गए बयान का समर्थन करते हुए रामविलास ने कहा कि उन्होंने (नीतीश) सही ही कहा है कि विपक्षी दलों ने जानबूझकर 'बिहार की बेटी' मीरा कुमार को हराने के लिए खड़ा किया है.टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि यह सभी लोग जानते हैं कि एनडीए उम्मीदवार की जीत तय है. एनडीए के सत्ता में रहने से आज बिहार भ्रष्टाचारमय हो गया है, अपराध की घटनाओं में वृद्धि हुई है. ऐसे में नीतीश के एनडीए में आते ही बिहार में भ्रष्टाचार पर अंकुश लग जाएगा और अपराध की घटनाओं में कमी आ जाएगी. हालांकि लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष पासवान ने यह भी कहा कि एनडीए में आना और नहीं आना नीतीश को ही तय करना है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दिल्ली से शनिवार को पटना पहुंचे पासवान ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, 'राष्ट्रपति चुनाव में कोविंद जी के समर्थन का नीतीश कुमार ने जो निर्णय लिया, उसका हम स्वागत करते हैं. उनसे आग्रह करते हैं जल्दी से एनडीए में आ जाएं. उनके आने से एनडीए भी मजबूत होगा और वे भी मजबूत होंगे तथा बिहार का भी भला हो जाएगा.'
उन्होंने हालांकि इस दौरान नीतीश को दो नाव पर सवारी नहीं करने की नसीहत भी दे डाली. पासवान ने कहा कि नीतीश महागठबंधन में असहज महसूस कर रहे हैं. हाल के दिनों में ऐसे कई मौके आए हैं, जब उनकी असहजता सामने आई है.
विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार को लेकर नीतीश द्वारा दिए गए बयान का समर्थन करते हुए रामविलास ने कहा कि उन्होंने (नीतीश) सही ही कहा है कि विपक्षी दलों ने जानबूझकर 'बिहार की बेटी' मीरा कुमार को हराने के लिए खड़ा किया है.टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि यह सभी लोग जानते हैं कि एनडीए उम्मीदवार की जीत तय है. एनडीए के सत्ता में रहने से आज बिहार भ्रष्टाचारमय हो गया है, अपराध की घटनाओं में वृद्धि हुई है. ऐसे में नीतीश के एनडीए में आते ही बिहार में भ्रष्टाचार पर अंकुश लग जाएगा और अपराध की घटनाओं में कमी आ जाएगी. हालांकि लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष पासवान ने यह भी कहा कि एनडीए में आना और नहीं आना नीतीश को ही तय करना है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने हालांकि इस दौरान नीतीश को दो नाव पर सवारी नहीं करने की नसीहत भी दे डाली. पासवान ने कहा कि नीतीश महागठबंधन में असहज महसूस कर रहे हैं. हाल के दिनों में ऐसे कई मौके आए हैं, जब उनकी असहजता सामने आई है.
विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार को लेकर नीतीश द्वारा दिए गए बयान का समर्थन करते हुए रामविलास ने कहा कि उन्होंने (नीतीश) सही ही कहा है कि विपक्षी दलों ने जानबूझकर 'बिहार की बेटी' मीरा कुमार को हराने के लिए खड़ा किया है.टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि यह सभी लोग जानते हैं कि एनडीए उम्मीदवार की जीत तय है. एनडीए के सत्ता में रहने से आज बिहार भ्रष्टाचारमय हो गया है, अपराध की घटनाओं में वृद्धि हुई है. ऐसे में नीतीश के एनडीए में आते ही बिहार में भ्रष्टाचार पर अंकुश लग जाएगा और अपराध की घटनाओं में कमी आ जाएगी. हालांकि लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष पासवान ने यह भी कहा कि एनडीए में आना और नहीं आना नीतीश को ही तय करना है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार को लेकर नीतीश द्वारा दिए गए बयान का समर्थन करते हुए रामविलास ने कहा कि उन्होंने (नीतीश) सही ही कहा है कि विपक्षी दलों ने जानबूझकर 'बिहार की बेटी' मीरा कुमार को हराने के लिए खड़ा किया है.टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि यह सभी लोग जानते हैं कि एनडीए उम्मीदवार की जीत तय है. एनडीए के सत्ता में रहने से आज बिहार भ्रष्टाचारमय हो गया है, अपराध की घटनाओं में वृद्धि हुई है. ऐसे में नीतीश के एनडीए में आते ही बिहार में भ्रष्टाचार पर अंकुश लग जाएगा और अपराध की घटनाओं में कमी आ जाएगी. हालांकि लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष पासवान ने यह भी कहा कि एनडीए में आना और नहीं आना नीतीश को ही तय करना है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा कि यह सभी लोग जानते हैं कि एनडीए उम्मीदवार की जीत तय है. एनडीए के सत्ता में रहने से आज बिहार भ्रष्टाचारमय हो गया है, अपराध की घटनाओं में वृद्धि हुई है. ऐसे में नीतीश के एनडीए में आते ही बिहार में भ्रष्टाचार पर अंकुश लग जाएगा और अपराध की घटनाओं में कमी आ जाएगी. हालांकि लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष पासवान ने यह भी कहा कि एनडीए में आना और नहीं आना नीतीश को ही तय करना है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) | यहाँ एक सारांश है:महागठबंधन में असहज महसूस कर रहे हैं नीतीश - पासवान
'नीतीश के आने से एनडीए भी मजबूत होगा और वे भी मजबूत होंगे'
'नीतीश के एनडीए में आते ही बिहार में भ्रष्टाचार पर अंकुश लग जाएगा' | 12 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाएं: अपनी रंगीन मिजाजी के लिए मशहूर इटली के प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी ने मिलान के बाहरी इलाके में कथित तौर पर एक हरम बनवा रखा है, जहां 14 खूबसूरत महिलाएं रहती हैं। ब्रिटिश समाचार पत्र द इंडिपेंडेंट ने मिलान में बर्लुस्कोनी के खिलाफ मामले के अभियोजकों के हवाले से यह दावा किया है। अखबार का कहना है कि इतालवी प्रधानमंत्री यहां इन हसीन महिलाओं के साथ जिस्मानी संबंध बनाने की एवज में उन्हें हर तरह की आधुनिक सुख-सुविधाएं और मोटी रकम भी मुहैया कराते हैं। इस हरम का नाम मिलानो ड्यू है। बर्लुस्कोनी ने यहां एक इमारत 1970 के दशक में बनवाई थी। यह एक ऐसी इमारत है, जिसमें अंडरग्राउंड पार्किंग, सुपरमार्केट, बार और दूसरी अन्य आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। मिलान में यह जगह काफी प्रचलित है। यहीं उनकी मीडिया कंपनी का दफ्तर भी है। अब इस इमारत का इस्तेमाल वह कथित तौर पर अपनी अय्याशियों के लिए करते हैं। वैसे यह खुलासा बर्लुस्कोनी की मुश्किलों को बढ़ाने वाला है, क्योंकि अभियोजक पहले से ही मांग कर रहे हैं कि मोरक्को मूल की एक किशोरी के साथ यौन संबंध बनाने के मामले में बर्लुस्कोनी के खिलाफ मुकदमा चलाया जाए। बर्लुस्कोनी इन दिनों न सिर्फ निजी, बल्कि राजनीतिक रूप से भी संकट का सामना कर रहे हैं। | संक्षिप्त पाठ: अपनी रंगीन मिजाजी के लिए मशहूर इटली के प्रधानमंत्री बर्लुस्कोनी ने मिलान के बाहरी इलाके में कथित तौर पर एक हरम बनवा रखा है, जहां 14 खूबसूरत महिलाएं रहती हैं। | 13 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाएं: पीएम नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने गुजरात के केवडिया में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह निर्णय सरदार पटेल से प्रेरित है. साथ ही उन्होंने कहा कि ये दशकों पुरानी समस्या का समाधान पाने की एक कोशिश है. बता दें कि मोदी सरकार ने पिछले महीने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर में धारा 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म कर दिया था, जिनके आधार पर राज्य को विशेष दर्जा मिला था. इसके साथ ही राज्य को दो हिस्सों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट कर उन्हें केंद्र शासित राज्य बनाने का निर्णय भी लिया गया है.
पीएम ने मोदी ने आगे कहा कि हैदराबाद मुक्ति दिवस सरदार पटेल की दूरदृष्टि का परिणाम है. हैदराबाद मुक्ति दिवस हर साल 17 सितंबर को ही मनाया जाता है. इसी दिन 1948 में हैदराबाद रियासत का भारत में विलय हुआ था.पीएम ने कहा कि मुझे खुशी है कि ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी'को देखने आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है. 133 साल पुराने ‘स्टेच्यु ऑफ लिबर्टी'को देखने प्रतिदिन 10,000 लोग जाते हैं, लेकिन ‘स्टेच्यु ऑफ यूनिटी'का लोकार्पण हुए सिर्फ 11 महीने ही हुए हैं और यहां 8,500 लोग प्रतिदिन आ रहे हैं.
ध्यान हो कि सरदार सरोवर परियोजना गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान की जरूरतों को पूरा कर रही है और वह सरदार सरोवर परियोजना को सफल बनाने के लिए काम करने वाले लाखों लोगों का आभार व्यक्त करते हैं. पीएम ने कहा कि सरदार सरोवर परियोजना गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान की जरूरतों को पूरा कर रही है और वह सरदार सरोवर परियोजना को सफल बनाने के लिए काम करने वाले लाखों लोगों का आभार व्यक्त करते हैं. बड़ी परियोजनाओं से पर्यावरण पर होने वाले असर पर पीएम ने कहा कि हमारी संस्कृति में हमेशा माना गया है कि पर्यावरण की रक्षा करते हुए भी विकास हो सकता है. प्रकृति हमारे लिए आराध्य है, प्रकृति हमारा आभूषण है. | यह एक सारांश है: गुजरात में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे पीएम मोदी
जम्मू-कश्मीर को लेकर पीएम ने दिया बयान
अपने जन्म दिन के मौके पर बोल रहे थे पीएम मोदी | 2 | ['hin'] |
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: सरकार ने शुक्रवार को कहा कि ट्रेनों में यात्रियों को अब जल्द ही मनपसंद खाना मिलेगा और डिब्बों में बायो शौचालय एवं वैक्यूम शौचालय लगाए जाएंगे.
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने राज्यसभा में पूरक प्रश्नों के जवाब में बताया कि ट्रेनों में खाने की गुणवत्ता सुधारने पर काम चल रहा है और ट्रेनों में समूचे खानपान की व्यवस्था देखने के लिए आईआरसीटीसी से कहा गया है जो एक नया आधुनिक ‘‘बेस किचन’’ विकसित कर रही है. यह किचन विभिन्न ट्रेनों में खानपान की गुणवत्ता को सुधारेगा.
मंत्री ने कहा कि खानपान संबंधी सभी व्यवस्था आईआरसीटीसी को सौंपे जाने का कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि ठेकेदारों द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले खानपान पर नजर नहीं रखी जा सकती. उन्होंने कहा कि ऐसी भी व्यवस्था की जा रही है कि ट्रेनों में यात्री मनपसंद खाना प्राप्त कर सकें.
मंत्री ने कहा, ‘‘यदि आनंद शर्मा जी को हिमाचली खाना पसंद है तो ट्रेन में सफर के दौरान वह हिमाचली खाना ले सकेंगे. यदि एंटनी जी को मलयाली भोजन पसंद है तो वह मलयाली भोजन ले सकेंगे.’’ प्रभु ने यह भी कहा कि ट्रेनों के डिब्बों में लगभग सभी शौचालयों को बायो-शौचालयों में तब्दील करने पर रेलवे द्वारा काम किया जा रहा है. ‘‘हमने चेन्नई से एक हरित कॉरिडोर की शुरुआत भी की है जिसमें पटरियों पर कोई मानव मल नहीं फेंका जाता. इससे पटरियों की स्थिति में सुधार होगा क्योंकि इन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. हम इसे आगे ले जाने पर काम कर रहे हैं.’’ टिप्पणियां
उन्होंने कहा, ‘‘रेलवे ने अपनी तरह का पहला वैक्यूम शौचालय विकसित किया है जैसा कि विमानों में इस्तेमाल होता है. ट्रेनों में जल्द वैक्यूम एवं बायो शौचालय लगाए जाने का विचार है.’’ मंत्री ने खानपान में सुधार के मुद्दे पर कहा, ‘‘हम ई कैटरिंग लाने जा रहे हैं और ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि कोई भी अपनी पसंद का खाना हासिल कर सकेगा.’’ उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे सभी डिब्बों की गुणवत्ता सुधारने की सतत प्रक्रिया में है. ‘‘हम अधिकारियों से पहले ही कह चुके हैं कि वे रेलवे की बीमार इकाइयों को दुरस्त करें.’’(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने राज्यसभा में पूरक प्रश्नों के जवाब में बताया कि ट्रेनों में खाने की गुणवत्ता सुधारने पर काम चल रहा है और ट्रेनों में समूचे खानपान की व्यवस्था देखने के लिए आईआरसीटीसी से कहा गया है जो एक नया आधुनिक ‘‘बेस किचन’’ विकसित कर रही है. यह किचन विभिन्न ट्रेनों में खानपान की गुणवत्ता को सुधारेगा.
मंत्री ने कहा कि खानपान संबंधी सभी व्यवस्था आईआरसीटीसी को सौंपे जाने का कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि ठेकेदारों द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले खानपान पर नजर नहीं रखी जा सकती. उन्होंने कहा कि ऐसी भी व्यवस्था की जा रही है कि ट्रेनों में यात्री मनपसंद खाना प्राप्त कर सकें.
मंत्री ने कहा, ‘‘यदि आनंद शर्मा जी को हिमाचली खाना पसंद है तो ट्रेन में सफर के दौरान वह हिमाचली खाना ले सकेंगे. यदि एंटनी जी को मलयाली भोजन पसंद है तो वह मलयाली भोजन ले सकेंगे.’’ प्रभु ने यह भी कहा कि ट्रेनों के डिब्बों में लगभग सभी शौचालयों को बायो-शौचालयों में तब्दील करने पर रेलवे द्वारा काम किया जा रहा है. ‘‘हमने चेन्नई से एक हरित कॉरिडोर की शुरुआत भी की है जिसमें पटरियों पर कोई मानव मल नहीं फेंका जाता. इससे पटरियों की स्थिति में सुधार होगा क्योंकि इन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. हम इसे आगे ले जाने पर काम कर रहे हैं.’’ टिप्पणियां
उन्होंने कहा, ‘‘रेलवे ने अपनी तरह का पहला वैक्यूम शौचालय विकसित किया है जैसा कि विमानों में इस्तेमाल होता है. ट्रेनों में जल्द वैक्यूम एवं बायो शौचालय लगाए जाने का विचार है.’’ मंत्री ने खानपान में सुधार के मुद्दे पर कहा, ‘‘हम ई कैटरिंग लाने जा रहे हैं और ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि कोई भी अपनी पसंद का खाना हासिल कर सकेगा.’’ उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे सभी डिब्बों की गुणवत्ता सुधारने की सतत प्रक्रिया में है. ‘‘हम अधिकारियों से पहले ही कह चुके हैं कि वे रेलवे की बीमार इकाइयों को दुरस्त करें.’’(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मंत्री ने कहा कि खानपान संबंधी सभी व्यवस्था आईआरसीटीसी को सौंपे जाने का कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि ठेकेदारों द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले खानपान पर नजर नहीं रखी जा सकती. उन्होंने कहा कि ऐसी भी व्यवस्था की जा रही है कि ट्रेनों में यात्री मनपसंद खाना प्राप्त कर सकें.
मंत्री ने कहा, ‘‘यदि आनंद शर्मा जी को हिमाचली खाना पसंद है तो ट्रेन में सफर के दौरान वह हिमाचली खाना ले सकेंगे. यदि एंटनी जी को मलयाली भोजन पसंद है तो वह मलयाली भोजन ले सकेंगे.’’ प्रभु ने यह भी कहा कि ट्रेनों के डिब्बों में लगभग सभी शौचालयों को बायो-शौचालयों में तब्दील करने पर रेलवे द्वारा काम किया जा रहा है. ‘‘हमने चेन्नई से एक हरित कॉरिडोर की शुरुआत भी की है जिसमें पटरियों पर कोई मानव मल नहीं फेंका जाता. इससे पटरियों की स्थिति में सुधार होगा क्योंकि इन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. हम इसे आगे ले जाने पर काम कर रहे हैं.’’ टिप्पणियां
उन्होंने कहा, ‘‘रेलवे ने अपनी तरह का पहला वैक्यूम शौचालय विकसित किया है जैसा कि विमानों में इस्तेमाल होता है. ट्रेनों में जल्द वैक्यूम एवं बायो शौचालय लगाए जाने का विचार है.’’ मंत्री ने खानपान में सुधार के मुद्दे पर कहा, ‘‘हम ई कैटरिंग लाने जा रहे हैं और ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि कोई भी अपनी पसंद का खाना हासिल कर सकेगा.’’ उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे सभी डिब्बों की गुणवत्ता सुधारने की सतत प्रक्रिया में है. ‘‘हम अधिकारियों से पहले ही कह चुके हैं कि वे रेलवे की बीमार इकाइयों को दुरस्त करें.’’(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मंत्री ने कहा, ‘‘यदि आनंद शर्मा जी को हिमाचली खाना पसंद है तो ट्रेन में सफर के दौरान वह हिमाचली खाना ले सकेंगे. यदि एंटनी जी को मलयाली भोजन पसंद है तो वह मलयाली भोजन ले सकेंगे.’’ प्रभु ने यह भी कहा कि ट्रेनों के डिब्बों में लगभग सभी शौचालयों को बायो-शौचालयों में तब्दील करने पर रेलवे द्वारा काम किया जा रहा है. ‘‘हमने चेन्नई से एक हरित कॉरिडोर की शुरुआत भी की है जिसमें पटरियों पर कोई मानव मल नहीं फेंका जाता. इससे पटरियों की स्थिति में सुधार होगा क्योंकि इन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. हम इसे आगे ले जाने पर काम कर रहे हैं.’’ टिप्पणियां
उन्होंने कहा, ‘‘रेलवे ने अपनी तरह का पहला वैक्यूम शौचालय विकसित किया है जैसा कि विमानों में इस्तेमाल होता है. ट्रेनों में जल्द वैक्यूम एवं बायो शौचालय लगाए जाने का विचार है.’’ मंत्री ने खानपान में सुधार के मुद्दे पर कहा, ‘‘हम ई कैटरिंग लाने जा रहे हैं और ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि कोई भी अपनी पसंद का खाना हासिल कर सकेगा.’’ उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे सभी डिब्बों की गुणवत्ता सुधारने की सतत प्रक्रिया में है. ‘‘हम अधिकारियों से पहले ही कह चुके हैं कि वे रेलवे की बीमार इकाइयों को दुरस्त करें.’’(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा, ‘‘रेलवे ने अपनी तरह का पहला वैक्यूम शौचालय विकसित किया है जैसा कि विमानों में इस्तेमाल होता है. ट्रेनों में जल्द वैक्यूम एवं बायो शौचालय लगाए जाने का विचार है.’’ मंत्री ने खानपान में सुधार के मुद्दे पर कहा, ‘‘हम ई कैटरिंग लाने जा रहे हैं और ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि कोई भी अपनी पसंद का खाना हासिल कर सकेगा.’’ उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे सभी डिब्बों की गुणवत्ता सुधारने की सतत प्रक्रिया में है. ‘‘हम अधिकारियों से पहले ही कह चुके हैं कि वे रेलवे की बीमार इकाइयों को दुरस्त करें.’’(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) | यह एक सारांश है: ट्रेनों में समूचे खानपान की व्यवस्था देखने के लिए IRCTC से कहा गया है
डिब्बों में शौचालयों को बायो-शौचालयों में तब्दील करने पर काम जारी है
रेलवे ने विमानों की तरह अपनी तरह का पहला वैक्यूम शौचालय विकसित किया है | 9 | ['hin'] |
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: रूस की सेना ने शुक्रवार को कहा कि उसने 28 मई को सीरिया में इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों की बैठक पर हमला किया था और वह इसकी पुष्टि करने की कोशिश कर रही है कि क्या इसमें आतंकवादी समूह का नेता अबू बकर अल बगदादी मारा गया.
मीडिया खबरों में सेना के एक बयान के हवाले से कहा गया कि यह हमला आईएस के मजबूत गढ़ रक्का के समीप एक स्थान पर किया गया और वहां आईएस नेता अबू बकर अल बगदादी भी था.टिप्पणियां
इसमें कहा गया है कि सेना कई तरीकों से यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या वह मारा गया. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मीडिया खबरों में सेना के एक बयान के हवाले से कहा गया कि यह हमला आईएस के मजबूत गढ़ रक्का के समीप एक स्थान पर किया गया और वहां आईएस नेता अबू बकर अल बगदादी भी था.टिप्पणियां
इसमें कहा गया है कि सेना कई तरीकों से यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या वह मारा गया. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इसमें कहा गया है कि सेना कई तरीकों से यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या वह मारा गया. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) | दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: रूस की सेना ने पिछले दिनों किया एक ऑपरेशन
उसी दौरान बगदादी के मारे जाने की संभावना
रूसी सेना इसकी पुष्टि करने की कोशिश कर रही | 19 | ['hin'] |
इस के लिए एक सारांश बनाएं: इंडिया अगेंस्ट करप्शन के नेता अरविंद केजरीवाल पर बिना नाम का उल्लेख किए चुटकी लेते हुए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के अध्यक्ष नंदन नीलेकणी ने सोमवार को कहा कि टेलीविजन अभियान, कानून में बदलाव या निरीक्षकों (लोकपाल) की तैनाती की तुलना में आधार आधारित सेवा आपूर्ति शृंखला से भ्रष्टाचार की अधिक प्रभावी रोकथाम की जा सकती है।
नीलेकणी ने कहा, "मैं भी किसी भी दूसरे व्यक्ति की तरह भ्रष्टाचार से लड़ रहा हूं और मेरा मानना है कि इसकी रोकथाम होनी चाहिए। लेकिन मैं नहीं मानता कि एक कानून पारित कर या अधिक निरीक्षक तैनातकर भ्रष्टाचार की समस्या का समाधान किया जा सकता है।" उन्होंने कहा, "यह मानना कि आप कुछ टीवी प्रसारण वैन से भ्रष्टाचार मिटा सकते हैं, मेरे खयाल से इससे भ्रष्टाचार नहीं मिटने वाला। मेरे खयाल से हम जो चाहते हैं उसके लिए दीर्घकालीन सांस्थानिक बदलाव के बारे में सोचने वालों की कमी है।"टिप्पणियां
नीलेकणी ने इस आरोप को खारिज किया कि शनिवार को राजस्थान में प्रधानमंत्री द्वारा आधार आधारित सेवा आपूर्ति शुरू किया जाना चुनावी हथकंडा है। उन्होंने कहा कि आधार से बजटीय खर्च अधिक चुस्त हो जाएगा और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।
नीलेकणी ने कहा कि आधार के दायरे में 20 करोड़ लोग आ चुके हैं और 2014 तक इसके दायरे में 60 करोड़ आ जाएंगे।
नीलेकणी ने कहा, "मैं भी किसी भी दूसरे व्यक्ति की तरह भ्रष्टाचार से लड़ रहा हूं और मेरा मानना है कि इसकी रोकथाम होनी चाहिए। लेकिन मैं नहीं मानता कि एक कानून पारित कर या अधिक निरीक्षक तैनातकर भ्रष्टाचार की समस्या का समाधान किया जा सकता है।" उन्होंने कहा, "यह मानना कि आप कुछ टीवी प्रसारण वैन से भ्रष्टाचार मिटा सकते हैं, मेरे खयाल से इससे भ्रष्टाचार नहीं मिटने वाला। मेरे खयाल से हम जो चाहते हैं उसके लिए दीर्घकालीन सांस्थानिक बदलाव के बारे में सोचने वालों की कमी है।"टिप्पणियां
नीलेकणी ने इस आरोप को खारिज किया कि शनिवार को राजस्थान में प्रधानमंत्री द्वारा आधार आधारित सेवा आपूर्ति शुरू किया जाना चुनावी हथकंडा है। उन्होंने कहा कि आधार से बजटीय खर्च अधिक चुस्त हो जाएगा और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।
नीलेकणी ने कहा कि आधार के दायरे में 20 करोड़ लोग आ चुके हैं और 2014 तक इसके दायरे में 60 करोड़ आ जाएंगे।
नीलेकणी ने इस आरोप को खारिज किया कि शनिवार को राजस्थान में प्रधानमंत्री द्वारा आधार आधारित सेवा आपूर्ति शुरू किया जाना चुनावी हथकंडा है। उन्होंने कहा कि आधार से बजटीय खर्च अधिक चुस्त हो जाएगा और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।
नीलेकणी ने कहा कि आधार के दायरे में 20 करोड़ लोग आ चुके हैं और 2014 तक इसके दायरे में 60 करोड़ आ जाएंगे।
नीलेकणी ने कहा कि आधार के दायरे में 20 करोड़ लोग आ चुके हैं और 2014 तक इसके दायरे में 60 करोड़ आ जाएंगे। | दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: इंडिया अगेंस्ट करप्शन के बिना उल्लेख किए चुटकी लेते हुए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के अध्यक्ष नंदन नीलेकणी ने कहा कि टेलीविजन अभियान, कानून में बदलाव या निरीक्षकों (लोकपाल) की तैनाती की तुलना में आधार आधारित सेवा आपूर्ति शृंखला से भ्रष्टाचार की अधिक प | 3 | ['hin'] |
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को कहा कि पीट-पीटकर हत्या की घटनाओं से मुझे बेहद गुस्सा आता है और मेरा खून खौलने लगता है. नेशनल हेराल्ड द्वारा स्मारक प्रकाशन जारी किए जाने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम से इतर प्रियंका से पूछा गया था कि अतिसर्तकता के नाम पर पीट-पीटकर हत्या जैसी घटनाओं को लेकर क्या उनके भी विचार अपनी मां और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के समान ही हैं.
प्रियंका ने एक चैनल से बातचीत में कहा, "मेरे विचार भी पूरी तरह से वही हैं. इनसे मुझे बेहद गुस्सा आता है, जब मैं ऐसी चीजें टीवी या इंटरनेट पर देखती हूं तो मेरा खून खौलने लगता है. मुझे बहुत ज्यादा गुस्सा आता है. मुझे लगता है कि इससे सही सोच वाले हर एक व्यक्ति का खून खौलना चाहिए."
उधर, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को नेशनल हेराल्ड के स्मारक संस्करण को लॉन्च किया. इस कार्यक्रम में प्रियंका गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कई विपक्षी दलों के नेता भी मौजूद थे. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भीड़ द्वारा लोगों को जान से मारने की घटनाओं पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है. प्रणब ने कहा कि नागरिकों, बुद्धिजीवियों और मीडिया की सतर्कता अंधी और प्रतिगामी ताकतों के खिलाफ सबसे बड़े प्रतिरोध के रूप में काम कर सकती है. टिप्पणियां
इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मौजूदा एनडीए सरकार पर भी निशाना साधा. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कानून का पालन करवाने की जिम्मदारी जिस पर है, वो उनका समर्थन कर रहे हैं, जो क्या खाएं या नहीं, किससे प्यार करें और किससे नहीं, जैसी चीजों पर जबरन अपने विचार थोप रहे हैं. सोनिया गांधी ने कहा कि घरेलू कुशासन भी विदेश कुशासन की तरह बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा कि अगर सत्ता के खिलाफ नहीं आवाज उठाई गई, तो फिर ये हमारी सहमति समझी जाएगी.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
प्रियंका ने एक चैनल से बातचीत में कहा, "मेरे विचार भी पूरी तरह से वही हैं. इनसे मुझे बेहद गुस्सा आता है, जब मैं ऐसी चीजें टीवी या इंटरनेट पर देखती हूं तो मेरा खून खौलने लगता है. मुझे बहुत ज्यादा गुस्सा आता है. मुझे लगता है कि इससे सही सोच वाले हर एक व्यक्ति का खून खौलना चाहिए."
उधर, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को नेशनल हेराल्ड के स्मारक संस्करण को लॉन्च किया. इस कार्यक्रम में प्रियंका गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कई विपक्षी दलों के नेता भी मौजूद थे. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भीड़ द्वारा लोगों को जान से मारने की घटनाओं पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है. प्रणब ने कहा कि नागरिकों, बुद्धिजीवियों और मीडिया की सतर्कता अंधी और प्रतिगामी ताकतों के खिलाफ सबसे बड़े प्रतिरोध के रूप में काम कर सकती है. टिप्पणियां
इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मौजूदा एनडीए सरकार पर भी निशाना साधा. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कानून का पालन करवाने की जिम्मदारी जिस पर है, वो उनका समर्थन कर रहे हैं, जो क्या खाएं या नहीं, किससे प्यार करें और किससे नहीं, जैसी चीजों पर जबरन अपने विचार थोप रहे हैं. सोनिया गांधी ने कहा कि घरेलू कुशासन भी विदेश कुशासन की तरह बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा कि अगर सत्ता के खिलाफ नहीं आवाज उठाई गई, तो फिर ये हमारी सहमति समझी जाएगी.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उधर, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को नेशनल हेराल्ड के स्मारक संस्करण को लॉन्च किया. इस कार्यक्रम में प्रियंका गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कई विपक्षी दलों के नेता भी मौजूद थे. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भीड़ द्वारा लोगों को जान से मारने की घटनाओं पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है. प्रणब ने कहा कि नागरिकों, बुद्धिजीवियों और मीडिया की सतर्कता अंधी और प्रतिगामी ताकतों के खिलाफ सबसे बड़े प्रतिरोध के रूप में काम कर सकती है. टिप्पणियां
इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मौजूदा एनडीए सरकार पर भी निशाना साधा. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कानून का पालन करवाने की जिम्मदारी जिस पर है, वो उनका समर्थन कर रहे हैं, जो क्या खाएं या नहीं, किससे प्यार करें और किससे नहीं, जैसी चीजों पर जबरन अपने विचार थोप रहे हैं. सोनिया गांधी ने कहा कि घरेलू कुशासन भी विदेश कुशासन की तरह बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा कि अगर सत्ता के खिलाफ नहीं आवाज उठाई गई, तो फिर ये हमारी सहमति समझी जाएगी.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मौजूदा एनडीए सरकार पर भी निशाना साधा. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कानून का पालन करवाने की जिम्मदारी जिस पर है, वो उनका समर्थन कर रहे हैं, जो क्या खाएं या नहीं, किससे प्यार करें और किससे नहीं, जैसी चीजों पर जबरन अपने विचार थोप रहे हैं. सोनिया गांधी ने कहा कि घरेलू कुशासन भी विदेश कुशासन की तरह बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा कि अगर सत्ता के खिलाफ नहीं आवाज उठाई गई, तो फिर ये हमारी सहमति समझी जाएगी.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) | प्रियंका ने कहा - ऐसी घटनाओं को देखकर मुझे बहुत गुस्सा आता है
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी हिंसक भीड़ की निंदा की थी
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एनडीए सरकार पर निशाना साधा | 6 | ['hin'] |
इस के लिए एक सारांश बनाएं: मध्याविध चुनावों की आशंका जाहिर करते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार को निर्देश दिया कि वह एक साल के अंदर अपने घोषणा पत्र के सारे वादे पूरे कर लें क्योंकि इस बात का कोई भरोसा नहीं कि 2014 के लोकसभा चुनाव कब हो जाएं।
डॉ. राम मनोहर लोहिया की 102वीं जयंती के मौके पर राजधानी के गोमती नगर स्थित लोहिया पार्क में आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए मुलायम ने सपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से कहा, " आप लोग घोषणा पत्र के सारे वादे जल्द पूरा करें। घोषणा पत्र की किताबें अधिकारियों को दे दें और उनके कहें कि अपने विभाग में इसे छह माह में लागू करिए।"
सपा मुखिया ने कहा, "घोषणा पत्र के सारे वादे पूरे करने में एक साल से ज्यादा का समय नहीं लगना चाहिए क्योंकि 2014 के लोकसभा चुनाव का कोई भरोसा नहीं है कि वह कब हो जाएं। घोषणा पत्र के वादे जल्द पूरे होने से जनता सपा को विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव के दौरान अपना पूरा समर्थन देगी।" टिप्पणियां
जानकारों के अनुसार विधानसभा चुनाव जबरदस्त जीत दर्ज करने वाले मुलायम को लोकसभा चुनाव समय से पहले होने में फायदा नजर आ रहा है। इसीलिए वह कांग्रेस-नीत केंद्र सरकार से लगातार दूरी बनाए हुए हैं।
सम्बोधन से पहले मुलायम सिंह यादव ने पार्क में मौजूद लोहिया की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस मौके पर सपा मुखिया ने 'डॉ. लोहिया : आज के संदर्भ में' पुस्तक का विमोचन भी किया। इस पुस्तक को वरिष्ठ पत्रकार के. विक्रम राव ने लिखा है।
डॉ. राम मनोहर लोहिया की 102वीं जयंती के मौके पर राजधानी के गोमती नगर स्थित लोहिया पार्क में आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए मुलायम ने सपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से कहा, " आप लोग घोषणा पत्र के सारे वादे जल्द पूरा करें। घोषणा पत्र की किताबें अधिकारियों को दे दें और उनके कहें कि अपने विभाग में इसे छह माह में लागू करिए।"
सपा मुखिया ने कहा, "घोषणा पत्र के सारे वादे पूरे करने में एक साल से ज्यादा का समय नहीं लगना चाहिए क्योंकि 2014 के लोकसभा चुनाव का कोई भरोसा नहीं है कि वह कब हो जाएं। घोषणा पत्र के वादे जल्द पूरे होने से जनता सपा को विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव के दौरान अपना पूरा समर्थन देगी।" टिप्पणियां
जानकारों के अनुसार विधानसभा चुनाव जबरदस्त जीत दर्ज करने वाले मुलायम को लोकसभा चुनाव समय से पहले होने में फायदा नजर आ रहा है। इसीलिए वह कांग्रेस-नीत केंद्र सरकार से लगातार दूरी बनाए हुए हैं।
सम्बोधन से पहले मुलायम सिंह यादव ने पार्क में मौजूद लोहिया की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस मौके पर सपा मुखिया ने 'डॉ. लोहिया : आज के संदर्भ में' पुस्तक का विमोचन भी किया। इस पुस्तक को वरिष्ठ पत्रकार के. विक्रम राव ने लिखा है।
सपा मुखिया ने कहा, "घोषणा पत्र के सारे वादे पूरे करने में एक साल से ज्यादा का समय नहीं लगना चाहिए क्योंकि 2014 के लोकसभा चुनाव का कोई भरोसा नहीं है कि वह कब हो जाएं। घोषणा पत्र के वादे जल्द पूरे होने से जनता सपा को विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव के दौरान अपना पूरा समर्थन देगी।" टिप्पणियां
जानकारों के अनुसार विधानसभा चुनाव जबरदस्त जीत दर्ज करने वाले मुलायम को लोकसभा चुनाव समय से पहले होने में फायदा नजर आ रहा है। इसीलिए वह कांग्रेस-नीत केंद्र सरकार से लगातार दूरी बनाए हुए हैं।
सम्बोधन से पहले मुलायम सिंह यादव ने पार्क में मौजूद लोहिया की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस मौके पर सपा मुखिया ने 'डॉ. लोहिया : आज के संदर्भ में' पुस्तक का विमोचन भी किया। इस पुस्तक को वरिष्ठ पत्रकार के. विक्रम राव ने लिखा है।
जानकारों के अनुसार विधानसभा चुनाव जबरदस्त जीत दर्ज करने वाले मुलायम को लोकसभा चुनाव समय से पहले होने में फायदा नजर आ रहा है। इसीलिए वह कांग्रेस-नीत केंद्र सरकार से लगातार दूरी बनाए हुए हैं।
सम्बोधन से पहले मुलायम सिंह यादव ने पार्क में मौजूद लोहिया की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस मौके पर सपा मुखिया ने 'डॉ. लोहिया : आज के संदर्भ में' पुस्तक का विमोचन भी किया। इस पुस्तक को वरिष्ठ पत्रकार के. विक्रम राव ने लिखा है।
सम्बोधन से पहले मुलायम सिंह यादव ने पार्क में मौजूद लोहिया की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस मौके पर सपा मुखिया ने 'डॉ. लोहिया : आज के संदर्भ में' पुस्तक का विमोचन भी किया। इस पुस्तक को वरिष्ठ पत्रकार के. विक्रम राव ने लिखा है। | दिए गए पाठ का सारांश यह हो सकता है: मध्याविध चुनावों की आशंका जाहिर करते हुए मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार को निर्देश दिया कि वह एक साल के अंदर अपने घोषणा पत्र के सारे वादे पूरे कर लें क्योंकि इस बात का कोई भरोसा नहीं कि 2014 के लोकसभा चुनाव कब हो जाएं। | 3 | ['hin'] |
इस के लिए एक सारांश बनाएं: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में शुक्रवार को एक निजी बस के सड़क पर फिसलकर 500 मीटर गहरी खाई में गिर जाने से कम से 18 लोगों की मौत हो गई, जबकि इतने ही लोग घायल हुए हैं।
पुलिस अधीक्षक सुमेधा द्विवेदी ने फोन पर बताया कि 18 शव निकाल लिए गए हैं।
दुर्घटना के वक्त बस में कम से कम 35 यात्री सवार थे और उनमें से कई घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि राजगढ़ व सोलन के अस्पतालों में घायलों का इलाज चल रहा है।टिप्पणियां
नाहान जिला मुख्यालय से करीब 130 किलोमीटर दूर सांगराह तहसील में बस यात्रियों को लेकर पुनरधार से सोलन जा रही थी। भरारी गांव के नजदीक यह दुर्घटना हो गई।
सिरमौर राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में से एक है। वहां बसें बहुत कम चलती हैं इसलिए उनमें से ज्यादातर में क्षमता से अधिक यात्री सवार रहते हैं।
पुलिस अधीक्षक सुमेधा द्विवेदी ने फोन पर बताया कि 18 शव निकाल लिए गए हैं।
दुर्घटना के वक्त बस में कम से कम 35 यात्री सवार थे और उनमें से कई घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि राजगढ़ व सोलन के अस्पतालों में घायलों का इलाज चल रहा है।टिप्पणियां
नाहान जिला मुख्यालय से करीब 130 किलोमीटर दूर सांगराह तहसील में बस यात्रियों को लेकर पुनरधार से सोलन जा रही थी। भरारी गांव के नजदीक यह दुर्घटना हो गई।
सिरमौर राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में से एक है। वहां बसें बहुत कम चलती हैं इसलिए उनमें से ज्यादातर में क्षमता से अधिक यात्री सवार रहते हैं।
दुर्घटना के वक्त बस में कम से कम 35 यात्री सवार थे और उनमें से कई घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि राजगढ़ व सोलन के अस्पतालों में घायलों का इलाज चल रहा है।टिप्पणियां
नाहान जिला मुख्यालय से करीब 130 किलोमीटर दूर सांगराह तहसील में बस यात्रियों को लेकर पुनरधार से सोलन जा रही थी। भरारी गांव के नजदीक यह दुर्घटना हो गई।
सिरमौर राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में से एक है। वहां बसें बहुत कम चलती हैं इसलिए उनमें से ज्यादातर में क्षमता से अधिक यात्री सवार रहते हैं।
नाहान जिला मुख्यालय से करीब 130 किलोमीटर दूर सांगराह तहसील में बस यात्रियों को लेकर पुनरधार से सोलन जा रही थी। भरारी गांव के नजदीक यह दुर्घटना हो गई।
सिरमौर राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में से एक है। वहां बसें बहुत कम चलती हैं इसलिए उनमें से ज्यादातर में क्षमता से अधिक यात्री सवार रहते हैं।
सिरमौर राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में से एक है। वहां बसें बहुत कम चलती हैं इसलिए उनमें से ज्यादातर में क्षमता से अधिक यात्री सवार रहते हैं। | हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में शुक्रवार को एक निजी बस के सड़क पर फिसलकर 500 मीटर गहरी खाई में गिर जाने से कम से 18 लोगों की मौत हो गई, जबकि इतने ही लोग घायल हुए हैं। | 28 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाओ: विवाद पाकिस्तानी क्रिकेट का पीछा छोड़ने का नाम नहीं ले रहे. पाकिस्तानी सुपर लीग (पीएसएल) में कुछ खिलाड़ियों के बुकीज से संपर्क में होने की मीडिया में आई खबरों के बाद एक और मामले में पाकिस्तानी क्रिकेट को शर्मसार किया है. एक अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है कि टीम के गेंदबाजी कोच अजहर महमूद और बॉलर सोहेल खान के बीच तीखी बहस हुई थी. इस रिपोर्ट के अनुसार गेंदबाजी कोच अजहर महमूद से झगड़े की वजह से ही तेज गेंदबाज सोहेल खान को वेस्टइंडीज दौरे पर सभी प्रारूपों में टीम से अपनी जगह गंवानी पड़ी.टिप्पणियां
मुख्य चयनकर्ता इंजमाम उल हक और राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच मिकी आर्थर ने दावा किया था कि सोहेल को फिटनेस कारणों से बाहर किया गया है लेकिन अखबार 'जंग' ने बताया कि सोहेल को अनुशासन कारणों से बाहर किया गया. अखबार ने दावा किया कि पाकिस्तान सुपर लीग के दौरान सोहेल की अजहर से झड़प हुई थी. वह कराची किंग्स के लिये खेल रहे थे जिसमें आर्थर मुख्य कोच और अजहर गेंदबाजी कोच थे.रिपोर्ट के अनुसार सोहेल ने अजहर महमूद पर अपने दो पसंदीदा गेंदबाजों वहाब रियाज और मोहम्मद आमिर का पक्ष लेने का आरोप लगाया.
गौरतलब है कि इससे पहले पाकिस्तान क्रिकेट लीग (पीएसएल) से जुड़ा स्पॉट फिक्सिंग मामला भी मीडिया की सुर्खियों में रहा था. पाकिस्तानी की टी20 लीग के दौरान सामने आए इस मामले की जांच में पाकिस्तान के करीब सात फुट लंबे गेंदबाज मो. इरफान पर एक साल का बैन और एक हजार डॉलर का जुर्माना लगाया गया है. इरफान से पहले शारजील खान, खालिद लतीफ और नासिर जमशेद को भी क्रिकेट के सभी प्रारूपों से निलंबित किया जा चुका है. पाकिस्तान के तेज गेंदबाज मोहम्मद इरफान ने यह बात स्वीकार की थी कि उन्हें फिक्सिंग का ऑफर मिला था लेकिन इसके बारे में उन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) और अधिकारियों को सूचित नहीं किया.
मुख्य चयनकर्ता इंजमाम उल हक और राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच मिकी आर्थर ने दावा किया था कि सोहेल को फिटनेस कारणों से बाहर किया गया है लेकिन अखबार 'जंग' ने बताया कि सोहेल को अनुशासन कारणों से बाहर किया गया. अखबार ने दावा किया कि पाकिस्तान सुपर लीग के दौरान सोहेल की अजहर से झड़प हुई थी. वह कराची किंग्स के लिये खेल रहे थे जिसमें आर्थर मुख्य कोच और अजहर गेंदबाजी कोच थे.रिपोर्ट के अनुसार सोहेल ने अजहर महमूद पर अपने दो पसंदीदा गेंदबाजों वहाब रियाज और मोहम्मद आमिर का पक्ष लेने का आरोप लगाया.
गौरतलब है कि इससे पहले पाकिस्तान क्रिकेट लीग (पीएसएल) से जुड़ा स्पॉट फिक्सिंग मामला भी मीडिया की सुर्खियों में रहा था. पाकिस्तानी की टी20 लीग के दौरान सामने आए इस मामले की जांच में पाकिस्तान के करीब सात फुट लंबे गेंदबाज मो. इरफान पर एक साल का बैन और एक हजार डॉलर का जुर्माना लगाया गया है. इरफान से पहले शारजील खान, खालिद लतीफ और नासिर जमशेद को भी क्रिकेट के सभी प्रारूपों से निलंबित किया जा चुका है. पाकिस्तान के तेज गेंदबाज मोहम्मद इरफान ने यह बात स्वीकार की थी कि उन्हें फिक्सिंग का ऑफर मिला था लेकिन इसके बारे में उन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) और अधिकारियों को सूचित नहीं किया.
गौरतलब है कि इससे पहले पाकिस्तान क्रिकेट लीग (पीएसएल) से जुड़ा स्पॉट फिक्सिंग मामला भी मीडिया की सुर्खियों में रहा था. पाकिस्तानी की टी20 लीग के दौरान सामने आए इस मामले की जांच में पाकिस्तान के करीब सात फुट लंबे गेंदबाज मो. इरफान पर एक साल का बैन और एक हजार डॉलर का जुर्माना लगाया गया है. इरफान से पहले शारजील खान, खालिद लतीफ और नासिर जमशेद को भी क्रिकेट के सभी प्रारूपों से निलंबित किया जा चुका है. पाकिस्तान के तेज गेंदबाज मोहम्मद इरफान ने यह बात स्वीकार की थी कि उन्हें फिक्सिंग का ऑफर मिला था लेकिन इसके बारे में उन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) और अधिकारियों को सूचित नहीं किया. | पाकिस्तानी अखबार जंग की रिपोर्ट में किया गया है यह दावा
इस झगड़े के कारण सोहेल को इंडीज दौरे से बाहर होना पड़ा
सोहेल ने अजहर पर लगाया दो गेंदबाजों पर खास ध्यान देने का आरोप | 1 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाओ: भारत की स्वदेशी तकनीक से निर्मित विमानवाहक पोत और दूसरे विश्वयुद्ध के बाद जापान के सबसे बड़े युद्धक पोत को चीन अपने लिए खतरा मान रहा है। चीन की सरकारी मीडिया में आई एक खबर में आरोप लगाया गया है कि कुछ देश बीजिंग की शक्ति को संतुलित करने के लिए नई दिल्ली का समर्थन कर रहे हैं।
'ग्लोबल टाइम्स' की वेबसाइट के एक लेख में कहा गया है कि भारत के 'आईएनएस विक्रांत' और जापान के हेलीकॉप्टर वाहक का सेना में शामिल किया जाना चीन के लिए चेतावनी की भांति है।
शंघाई इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल स्टडीज के सेंटर फॉर एशिया-पैसिफिक स्टडीज के सहायक शोधार्थी लियू जोंग्यी ने लेख में लिखा है, कुछ चीनी विद्वानों का कहना है कि भारत को अब भी पोत के लिए महत्वपूर्ण तकनीक हासिल करनी हैं और वह पोत की मरम्मत और उसमें सुधार के लिए अन्य देशों पर निर्भर रहेगा।टिप्पणियां
उन्होंने कहा, लेकिन यह भी सच है कि कई देश आधुनिक हथियार विकसित करने में भारत की मदद कर रहे हैं। वह ऐसा सिर्फ लाभ के लिए नहीं, बल्कि चीन की शक्ति को संतुलित करने के लिए भी कर रहे हैं। लेख में दावा किया गया है, भारत पश्चिमी देशों के इरादों से अच्छी तरह वाकिफ है। भारत के कुछ नेता और मीडिया संगठन चीन को रोकने के लिए जानबूझकर भारतीय सेना को बेहतर बनाने की भूमिका पर जोर देते रहते हैं। वे पारंपरिक शक्तिओं को खुश करने के लिए ऐसा करते हैं।
लेख में कहा गया है कि भारत के स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत को सेना में शामिल किए जाने पर खुशियां मनायी जानी चाहिए, क्योंकि यह हथियारों के भारतीयकरण की ओर एक मजबूत कदम है। लेख में कहा गया है, यह लॉन्च दिखाता है कि भारत सरकार को हथियारों के उत्पादन का स्वदेशीकरण करने में प्राथमिक सफलता मिल गई है। सरकार ने स्वदेशी पोत के निर्माण, अनुसंधान और विकास पर अरबों डॉलर खर्च किए हैं। स्वदेशी तकनीक से बनी नाभिकीय पनडुब्बी 'आईएनएस अरिहंत' के साथ इसके लॉन्च से अगले वर्ष आम चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी की स्थिति मजबूत होगी। उसमें लिखा है, ये हथियार उत्पादन के स्वदेशीकरण में भारत की सफलता को दिखाते हैं।
'ग्लोबल टाइम्स' की वेबसाइट के एक लेख में कहा गया है कि भारत के 'आईएनएस विक्रांत' और जापान के हेलीकॉप्टर वाहक का सेना में शामिल किया जाना चीन के लिए चेतावनी की भांति है।
शंघाई इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल स्टडीज के सेंटर फॉर एशिया-पैसिफिक स्टडीज के सहायक शोधार्थी लियू जोंग्यी ने लेख में लिखा है, कुछ चीनी विद्वानों का कहना है कि भारत को अब भी पोत के लिए महत्वपूर्ण तकनीक हासिल करनी हैं और वह पोत की मरम्मत और उसमें सुधार के लिए अन्य देशों पर निर्भर रहेगा।टिप्पणियां
उन्होंने कहा, लेकिन यह भी सच है कि कई देश आधुनिक हथियार विकसित करने में भारत की मदद कर रहे हैं। वह ऐसा सिर्फ लाभ के लिए नहीं, बल्कि चीन की शक्ति को संतुलित करने के लिए भी कर रहे हैं। लेख में दावा किया गया है, भारत पश्चिमी देशों के इरादों से अच्छी तरह वाकिफ है। भारत के कुछ नेता और मीडिया संगठन चीन को रोकने के लिए जानबूझकर भारतीय सेना को बेहतर बनाने की भूमिका पर जोर देते रहते हैं। वे पारंपरिक शक्तिओं को खुश करने के लिए ऐसा करते हैं।
लेख में कहा गया है कि भारत के स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत को सेना में शामिल किए जाने पर खुशियां मनायी जानी चाहिए, क्योंकि यह हथियारों के भारतीयकरण की ओर एक मजबूत कदम है। लेख में कहा गया है, यह लॉन्च दिखाता है कि भारत सरकार को हथियारों के उत्पादन का स्वदेशीकरण करने में प्राथमिक सफलता मिल गई है। सरकार ने स्वदेशी पोत के निर्माण, अनुसंधान और विकास पर अरबों डॉलर खर्च किए हैं। स्वदेशी तकनीक से बनी नाभिकीय पनडुब्बी 'आईएनएस अरिहंत' के साथ इसके लॉन्च से अगले वर्ष आम चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी की स्थिति मजबूत होगी। उसमें लिखा है, ये हथियार उत्पादन के स्वदेशीकरण में भारत की सफलता को दिखाते हैं।
शंघाई इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल स्टडीज के सेंटर फॉर एशिया-पैसिफिक स्टडीज के सहायक शोधार्थी लियू जोंग्यी ने लेख में लिखा है, कुछ चीनी विद्वानों का कहना है कि भारत को अब भी पोत के लिए महत्वपूर्ण तकनीक हासिल करनी हैं और वह पोत की मरम्मत और उसमें सुधार के लिए अन्य देशों पर निर्भर रहेगा।टिप्पणियां
उन्होंने कहा, लेकिन यह भी सच है कि कई देश आधुनिक हथियार विकसित करने में भारत की मदद कर रहे हैं। वह ऐसा सिर्फ लाभ के लिए नहीं, बल्कि चीन की शक्ति को संतुलित करने के लिए भी कर रहे हैं। लेख में दावा किया गया है, भारत पश्चिमी देशों के इरादों से अच्छी तरह वाकिफ है। भारत के कुछ नेता और मीडिया संगठन चीन को रोकने के लिए जानबूझकर भारतीय सेना को बेहतर बनाने की भूमिका पर जोर देते रहते हैं। वे पारंपरिक शक्तिओं को खुश करने के लिए ऐसा करते हैं।
लेख में कहा गया है कि भारत के स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत को सेना में शामिल किए जाने पर खुशियां मनायी जानी चाहिए, क्योंकि यह हथियारों के भारतीयकरण की ओर एक मजबूत कदम है। लेख में कहा गया है, यह लॉन्च दिखाता है कि भारत सरकार को हथियारों के उत्पादन का स्वदेशीकरण करने में प्राथमिक सफलता मिल गई है। सरकार ने स्वदेशी पोत के निर्माण, अनुसंधान और विकास पर अरबों डॉलर खर्च किए हैं। स्वदेशी तकनीक से बनी नाभिकीय पनडुब्बी 'आईएनएस अरिहंत' के साथ इसके लॉन्च से अगले वर्ष आम चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी की स्थिति मजबूत होगी। उसमें लिखा है, ये हथियार उत्पादन के स्वदेशीकरण में भारत की सफलता को दिखाते हैं।
उन्होंने कहा, लेकिन यह भी सच है कि कई देश आधुनिक हथियार विकसित करने में भारत की मदद कर रहे हैं। वह ऐसा सिर्फ लाभ के लिए नहीं, बल्कि चीन की शक्ति को संतुलित करने के लिए भी कर रहे हैं। लेख में दावा किया गया है, भारत पश्चिमी देशों के इरादों से अच्छी तरह वाकिफ है। भारत के कुछ नेता और मीडिया संगठन चीन को रोकने के लिए जानबूझकर भारतीय सेना को बेहतर बनाने की भूमिका पर जोर देते रहते हैं। वे पारंपरिक शक्तिओं को खुश करने के लिए ऐसा करते हैं।
लेख में कहा गया है कि भारत के स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत को सेना में शामिल किए जाने पर खुशियां मनायी जानी चाहिए, क्योंकि यह हथियारों के भारतीयकरण की ओर एक मजबूत कदम है। लेख में कहा गया है, यह लॉन्च दिखाता है कि भारत सरकार को हथियारों के उत्पादन का स्वदेशीकरण करने में प्राथमिक सफलता मिल गई है। सरकार ने स्वदेशी पोत के निर्माण, अनुसंधान और विकास पर अरबों डॉलर खर्च किए हैं। स्वदेशी तकनीक से बनी नाभिकीय पनडुब्बी 'आईएनएस अरिहंत' के साथ इसके लॉन्च से अगले वर्ष आम चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी की स्थिति मजबूत होगी। उसमें लिखा है, ये हथियार उत्पादन के स्वदेशीकरण में भारत की सफलता को दिखाते हैं।
लेख में कहा गया है कि भारत के स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत को सेना में शामिल किए जाने पर खुशियां मनायी जानी चाहिए, क्योंकि यह हथियारों के भारतीयकरण की ओर एक मजबूत कदम है। लेख में कहा गया है, यह लॉन्च दिखाता है कि भारत सरकार को हथियारों के उत्पादन का स्वदेशीकरण करने में प्राथमिक सफलता मिल गई है। सरकार ने स्वदेशी पोत के निर्माण, अनुसंधान और विकास पर अरबों डॉलर खर्च किए हैं। स्वदेशी तकनीक से बनी नाभिकीय पनडुब्बी 'आईएनएस अरिहंत' के साथ इसके लॉन्च से अगले वर्ष आम चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी की स्थिति मजबूत होगी। उसमें लिखा है, ये हथियार उत्पादन के स्वदेशीकरण में भारत की सफलता को दिखाते हैं। | संक्षिप्त पाठ: भारत की स्वदेशी तकनीक से निर्मित विमानवाहक पोत और दूसरे विश्वयुद्ध के बाद जापान के सबसे बड़े युद्धक पोत को चीन खतरा मान रहा है। चीन की सरकारी मीडिया में आई खबर में आरोप लगाया गया है कि कुछ देश बीजिंग की शक्ति को संतुलित करने के लिए नई दिल्ली का समर्थन कर | 27 | ['hin'] |
एक सारांश बनाओ: इंग्लैंड के ऑफ स्पिनर ग्रीम स्वान ने खुलासा किया कि हाल में समाप्त हुई वनडे सीरीज में भारत के हाथों 0-5 से करारी हार के बाद उन्हें मौत की धमकी मिली थी। इंग्लैंड मंगलवार को कोलकाता के ईडन गार्डन्स में आखिरी मैच भी हार गया था। उसने नाटकीय तरीके से अपने सभी विकेट 47 रन के अंदर गंवा दिए थे। इंग्लैंड ने 272 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए एक समय बिना किसी नुकसान के 129 रन बनाए थे, लेकिन इसके बाद विकेटों को पतझड़ शुरू हो गया था। स्वान ने सन समाचार पत्र में अपने कॉलम में लिखा है, हालांकि मैं ट्विटर पर दी गई मौत की धमकी को नजरअंदाज नहीं करता, लेकिन जब मंगलवार के मैच के बाद लगभग दो सौ लोगों ने बदले की भावना में धमकी दी, तो मैं उसे समझ सकता था। इस गेंदबाज ने कहा कि वह लोगों का गुस्सा समझते हैं, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने जोड़ा कि आखिर यह क्रिकेट का खेल है। इस बीच इस 33 वर्षीय ऑफ स्पिनर ने साफ किया है कि उपमहाद्वीप में उनके खराब प्रदर्शन का उनकी आत्मकथा के प्रकाशन से कोई लेना-देना नहीं है, जिसमें उन्होंने केविन पीटरसन के कप्तान के तौर पर कार्यकाल की आलोचना की थी। उन्होंने कहा, इंग्लैंड के लिए यह महीना बहुत भयावह रहा, लेकिन मैं साफ करना चाहता हूं कि मैंने अपनी किताब में केविन पीटरसन के बारे में जो कुछ लिखा था, उससे इसका कोई लेना-देना नहीं था। | यह एक सारांश है: इंग्लैंड के ऑफ स्पिनर ग्रीम स्वान ने खुलासा किया कि हाल में समाप्त हुई वनडे सीरीज में भारत के हाथों 0-5 से करारी हार के बाद उन्हें मौत की धमकी मिली थी। | 21 | ['hin'] |
इस पाठ का सारांश बनाएं: ऐसा समझा जाता है कि आवश्यक मंजूरी में देरी तथा जमीन अधिग्रहण जैसे मुद्दों से परेशान वैश्विक स्टील कंपनी आर्सेलर मित्तल ने उड़ीसा में प्रस्तावित 1.2 करोड़ टन सालाना क्षमता वाली स्टील परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। कंपनी सूत्रों के अनुसार राज्य में पिछले डेढ़ वर्ष में कंपनी के मामले में कोई प्रगति नहीं हुई है और इस समय कंपनी कर्नाटक तथा झारखंड में स्टील इकाइयों पर ध्यान दे रही है। सूत्रों के अनुसार कंपनी उड़ीसा में अपनी प्रस्तावित परियोजना के लिए जमीन का प्रबंध करने के काम में प्रगति से संतुष्ट नहीं है। सूत्रों के अनुसार अधिग्रहण के लिए ग्रामसभा के साथ ज्यादा बैठकें नहीं हुईं और स्थिति जस की तस बनी हुई है। आर्सेलर मित्तल ने 1.2 करोड़ टन सालाना स्टील उत्पादक इकाई लगाने के लिए उड़ीसा सरकार के साथ 2006 में सहमति पत्र पर दस्तखत किया था। यह कारखाना 10 अरब अमेरिकी डॉलर (50,000 करोड़ रुपये) के निवेश से क्योंझर में लगाया जाना था। सहमति पत्र को इस वर्ष दिसंबर में नवीनीकरण किया जाना है। यह पूछे जाने पर कि उड़ीसा में परियोजना अटक गई है, भारत में कंपनी के प्रवक्ता ने कुछ भी कहने से मना कर दिया। | सारांश: वैश्विक स्टील कंपनी आर्सेलर मित्तल ने उड़ीसा में प्रस्तावित 1.2 करोड़ टन सालाना क्षमता वाली स्टील परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। | 7 | ['hin'] |
एक सारांश बनाओ: स्वतंत्रता दिवस-2011 के अवसर पर सीबीआई के 24 अधिकारियों एवं कार्मिकों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक प्रदान किए गए। विशिष्ट सेवा के लिए पांच अधिकारियों, कार्मिकों को राष्ट्रपति पुलिस प्रदान किए गए हैं जबकि 19 अन्य अधिकारियों, कार्मिकों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक प्रदान किए गए। विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक पाने वालों के नाम है-- बीपी बागची (अपर पुलिस अधीक्षक), रमण राजाराम त्यागी (अपर पुलिस अधीक्षक), सोमराज ठाकुर (पुलिस उपाधीक्षक), सन्तराम नागर (सहायक उपनिरीक्षक) एवं जगदीश चन्द (प्रधान सिपाही)। सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक पाने वालों में एलएस पदम कुमार (अपर पुलिस अधीक्षक), नगेन्द्र प्रसाद (अपर पुलिस अधीक्षक), सीएस मोनी (पुलिस उपाधीक्षक), महेश कुमार पुरी (पुलिस उपाधीक्षक), रोहित श्रीवास्तव (पुलिस उपाधीक्षक), महेश कुमार (पुलिस उपाधीक्षक), गुल मोहम्मद अंसारी (निरीक्षक), टीवी जाय (निरीक्षक), भरत सिंह (निरीक्षक), संजय कुमार (उपनिरीक्षक), साइप्रिन समद (सहायक उपनिरीक्षक), नवल किशोर गुप्ता (सहायक उपनिरीक्षक), जीवन चन्द जोशी (प्रधान सिपाही), निर्मलजीत सिंह (प्रधान सिपाही), रघुविंदर सिंह (प्रधान सिपाही), मुंशी लाल (प्रधान सिपाही), लक्ष्मीचन्द (सिपाही), आईबी श्रीनिवासन (सिपाही) एवं संजय कुमार भटट (सिपाही) शामिल हैं। | यहाँ एक सारांश है:सीबीआई के 24 अधिकारियों एवं कार्मिकों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक प्रदान किए गए। | 15 | ['hin'] |
इस के लिए एक सारांश बनाएं: मियामी भारतीय स्टार रोहन बोपन्ना और सानिया मिर्जा ने एटीपी डब्ल्यूटीए सोनी ओपन में अपनी स्पर्धाओं में जीत दर्जकर दूसरे राउंड में प्रवेश किया।टिप्पणियां
बोपन्ना और उनके अमेरिकी जोड़ीदार राजीव राम ने दूसरे सेट में सभी सात ब्रेकप्वाइंट बचाते हुए एरिक बुटोराच और पाल हेनली को 7-6, 6-4 से शिकस्त दी। केवल बोपन्ना और राम की जोड़ी अब अगले राउंड में मारिन सिलिच और लुकास डलूही से भिड़ेगी।
महिला वर्ग में सातवीं वरीय सानिया मिर्जा और उनकी अमेरिकी जोड़ीदार बेथानी माटेक सैंड्स ने एक घंटे 21 मिनट में इवा बिर्नेरोवा और वारवारा लेपचेंको को 7-5, 6-3 से हराया। सानिया और माटेक-सैंड्स ने 16 में से 11 ब्रेक प्वाइंट बचाए और अपने प्रतिद्वंद्वियों के पांच डबल फाल्ट की तुलना में तीन डबल फाल्ट किए। अब उनकी भिड़ंत जर्मिला गाजदोसोवा और सैबिने कैथरीना लिस्की से होगी।
बोपन्ना और उनके अमेरिकी जोड़ीदार राजीव राम ने दूसरे सेट में सभी सात ब्रेकप्वाइंट बचाते हुए एरिक बुटोराच और पाल हेनली को 7-6, 6-4 से शिकस्त दी। केवल बोपन्ना और राम की जोड़ी अब अगले राउंड में मारिन सिलिच और लुकास डलूही से भिड़ेगी।
महिला वर्ग में सातवीं वरीय सानिया मिर्जा और उनकी अमेरिकी जोड़ीदार बेथानी माटेक सैंड्स ने एक घंटे 21 मिनट में इवा बिर्नेरोवा और वारवारा लेपचेंको को 7-5, 6-3 से हराया। सानिया और माटेक-सैंड्स ने 16 में से 11 ब्रेक प्वाइंट बचाए और अपने प्रतिद्वंद्वियों के पांच डबल फाल्ट की तुलना में तीन डबल फाल्ट किए। अब उनकी भिड़ंत जर्मिला गाजदोसोवा और सैबिने कैथरीना लिस्की से होगी।
महिला वर्ग में सातवीं वरीय सानिया मिर्जा और उनकी अमेरिकी जोड़ीदार बेथानी माटेक सैंड्स ने एक घंटे 21 मिनट में इवा बिर्नेरोवा और वारवारा लेपचेंको को 7-5, 6-3 से हराया। सानिया और माटेक-सैंड्स ने 16 में से 11 ब्रेक प्वाइंट बचाए और अपने प्रतिद्वंद्वियों के पांच डबल फाल्ट की तुलना में तीन डबल फाल्ट किए। अब उनकी भिड़ंत जर्मिला गाजदोसोवा और सैबिने कैथरीना लिस्की से होगी। | सारांश: मियामी भारतीय स्टार रोहन बोपन्ना और सानिया मिर्जा ने एटीपी डब्ल्यूटीए सोनी ओपन में अपनी स्पर्धाओं में जीत दर्जकर दूसरे राउंड में प्रवेश किया। | 31 | ['hin'] |
दिए गए पाठ के लिए एक सारांश बनाएं: घरेलू क्रिकेट में आमूलचूल बदलाव के लिये विशेष समिति की सिफारिशों को सोमवार को बीसीसीआई ने मंजूर कर दिया। इस तरह से अब रणजी ट्राफी में 27 टीमों को नौ-नौ टीमों के तीन ग्रुप में बांटा जाएगा।
बीसीसीआई कार्यकारिणी की सोमवार को यहां हुई बैठक में यह फैसला किया गया। अंडर-22 का अंतरराज्यीय टूर्नामेंट अब ‘ए’ टीमों का टूर्नामेंट कहलाएगा और इसमें अंडर-25 के क्रिकेटर खेल पाएंगे। इसके साथ फैसला किया गया कि भारत ‘ए’ टीम सितंबर-अक्तूबर में न्यूजीलैंड का दौरा करेगी।टिप्पणियां
बोर्ड ने इसके साथ ही छत्तीसगढ़ को अंडर-16 अंतरराज्यीय टूर्नामेंट (प्लेट ग्रुप) में भाग लेने की अनुमति भी दे दी है। इसके अलावा एनकेपी साल्वे चैलेंजर ट्राफी में विजय हजारे ट्राफी के विजेता भाग लेंगे। इन दो टीमों का चयन अखिल भारतीय सीनियर चयन समिति करेगी।
पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की अगुवाई वाली तकनीकी समिति ने 12 जून को घरेलू क्रिकेट में आमूलचूल बदलाव की सिफारिश की थी। इस समिति में एक अन्य पूर्व कप्तान अनिल कुंबले भी शामिल हैं।
बीसीसीआई कार्यकारिणी की सोमवार को यहां हुई बैठक में यह फैसला किया गया। अंडर-22 का अंतरराज्यीय टूर्नामेंट अब ‘ए’ टीमों का टूर्नामेंट कहलाएगा और इसमें अंडर-25 के क्रिकेटर खेल पाएंगे। इसके साथ फैसला किया गया कि भारत ‘ए’ टीम सितंबर-अक्तूबर में न्यूजीलैंड का दौरा करेगी।टिप्पणियां
बोर्ड ने इसके साथ ही छत्तीसगढ़ को अंडर-16 अंतरराज्यीय टूर्नामेंट (प्लेट ग्रुप) में भाग लेने की अनुमति भी दे दी है। इसके अलावा एनकेपी साल्वे चैलेंजर ट्राफी में विजय हजारे ट्राफी के विजेता भाग लेंगे। इन दो टीमों का चयन अखिल भारतीय सीनियर चयन समिति करेगी।
पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की अगुवाई वाली तकनीकी समिति ने 12 जून को घरेलू क्रिकेट में आमूलचूल बदलाव की सिफारिश की थी। इस समिति में एक अन्य पूर्व कप्तान अनिल कुंबले भी शामिल हैं।
बोर्ड ने इसके साथ ही छत्तीसगढ़ को अंडर-16 अंतरराज्यीय टूर्नामेंट (प्लेट ग्रुप) में भाग लेने की अनुमति भी दे दी है। इसके अलावा एनकेपी साल्वे चैलेंजर ट्राफी में विजय हजारे ट्राफी के विजेता भाग लेंगे। इन दो टीमों का चयन अखिल भारतीय सीनियर चयन समिति करेगी।
पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की अगुवाई वाली तकनीकी समिति ने 12 जून को घरेलू क्रिकेट में आमूलचूल बदलाव की सिफारिश की थी। इस समिति में एक अन्य पूर्व कप्तान अनिल कुंबले भी शामिल हैं।
पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की अगुवाई वाली तकनीकी समिति ने 12 जून को घरेलू क्रिकेट में आमूलचूल बदलाव की सिफारिश की थी। इस समिति में एक अन्य पूर्व कप्तान अनिल कुंबले भी शामिल हैं। | घरेलू क्रिकेट में आमूलचूल बदलाव के लिये विशेष समिति की सिफारिशों को सोमवार को बीसीसीआई ने मंजूर कर दिया। | 6 | ['hin'] |