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लेख: इन्फोसिस को बुरे समय से निकालने के पुराने दिनों को याद करते हुये चेयरमैन एनआर नारायणमूर्ति ने कहा कि इन्फोसिस को फिर से मनचाही ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए कम से कम तीन साल का समय लगेगा और इसके लिए कुछ कड़े फैसले लेने होंगे जो पीड़ादायक हो सकते हैं।
सेवानिवृति के बाद एक बार फिर इन्फोसिस की कमान संभालने वाले मूर्ति ने कंपनी की 32वीं सालाना आम बैठक में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा ‘चुनौती कड़ी है और काम मुश्किल।’ सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की अग्रणी कंपनी इन्फोसिस पिछले कुछ समय से निराशाजनक परिणाम दे रही है जिससे निवेशकों में चिंता बढ़ गई है। कंपनी को फिर से ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए दो सप्ताह पहले ही नारायणमूर्ति को कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त किया गया।टिप्पणियां
शेयरधारकों को संबोधित करते हुए मूर्ति ने कहा ‘कुशल गुणवत्ता और पूरी लगन के साथ काम करने वाली टीम होने के बावजूद जैसा हम चाहते हैं उस तरह का इन्फोसिस बनाने में कम से कम 36 महीने का समय लगेगा। इस प्रक्रिया में कुछ कड़े फैसले लेने होंगे जो कि बाद में पीड़ादायक हो सकते हैं।’ मूर्ति ने अगले तीन साल के दौरान कंपनी की इस अहम यात्रा में शेयरधारकों से उनके समर्थन का आह्वान किया। स्थिति को समझने, समर्थन देने और आगे बढ़ने में प्रोत्साहन की अपील की।
मूर्ति ने इन्फोसिस के कार्यकारी की भूमिका सात साल पहले छोड़ दी थी और अगस्त 2011 को वह कंपनी से सेवानिवृत्त हो गए थे। केवी कामत के स्थान पर एक जून 2013 को फिर से उन्हें कंपनी का कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त किया गया। कामत के कार्यकाल में कंपनी के शेयर 15 प्रतिशत गिर गए थे।
सेवानिवृति के बाद एक बार फिर इन्फोसिस की कमान संभालने वाले मूर्ति ने कंपनी की 32वीं सालाना आम बैठक में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा ‘चुनौती कड़ी है और काम मुश्किल।’ सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की अग्रणी कंपनी इन्फोसिस पिछले कुछ समय से निराशाजनक परिणाम दे रही है जिससे निवेशकों में चिंता बढ़ गई है। कंपनी को फिर से ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए दो सप्ताह पहले ही नारायणमूर्ति को कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त किया गया।टिप्पणियां
शेयरधारकों को संबोधित करते हुए मूर्ति ने कहा ‘कुशल गुणवत्ता और पूरी लगन के साथ काम करने वाली टीम होने के बावजूद जैसा हम चाहते हैं उस तरह का इन्फोसिस बनाने में कम से कम 36 महीने का समय लगेगा। इस प्रक्रिया में कुछ कड़े फैसले लेने होंगे जो कि बाद में पीड़ादायक हो सकते हैं।’ मूर्ति ने अगले तीन साल के दौरान कंपनी की इस अहम यात्रा में शेयरधारकों से उनके समर्थन का आह्वान किया। स्थिति को समझने, समर्थन देने और आगे बढ़ने में प्रोत्साहन की अपील की।
मूर्ति ने इन्फोसिस के कार्यकारी की भूमिका सात साल पहले छोड़ दी थी और अगस्त 2011 को वह कंपनी से सेवानिवृत्त हो गए थे। केवी कामत के स्थान पर एक जून 2013 को फिर से उन्हें कंपनी का कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त किया गया। कामत के कार्यकाल में कंपनी के शेयर 15 प्रतिशत गिर गए थे।
शेयरधारकों को संबोधित करते हुए मूर्ति ने कहा ‘कुशल गुणवत्ता और पूरी लगन के साथ काम करने वाली टीम होने के बावजूद जैसा हम चाहते हैं उस तरह का इन्फोसिस बनाने में कम से कम 36 महीने का समय लगेगा। इस प्रक्रिया में कुछ कड़े फैसले लेने होंगे जो कि बाद में पीड़ादायक हो सकते हैं।’ मूर्ति ने अगले तीन साल के दौरान कंपनी की इस अहम यात्रा में शेयरधारकों से उनके समर्थन का आह्वान किया। स्थिति को समझने, समर्थन देने और आगे बढ़ने में प्रोत्साहन की अपील की।
मूर्ति ने इन्फोसिस के कार्यकारी की भूमिका सात साल पहले छोड़ दी थी और अगस्त 2011 को वह कंपनी से सेवानिवृत्त हो गए थे। केवी कामत के स्थान पर एक जून 2013 को फिर से उन्हें कंपनी का कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त किया गया। कामत के कार्यकाल में कंपनी के शेयर 15 प्रतिशत गिर गए थे।
मूर्ति ने इन्फोसिस के कार्यकारी की भूमिका सात साल पहले छोड़ दी थी और अगस्त 2011 को वह कंपनी से सेवानिवृत्त हो गए थे। केवी कामत के स्थान पर एक जून 2013 को फिर से उन्हें कंपनी का कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त किया गया। कामत के कार्यकाल में कंपनी के शेयर 15 प्रतिशत गिर गए थे।
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मुंबई में भारी बारिश हो रही है, जबकि दिल्ली में गर्मी का कहर जारी है. मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक, चार जुलाई तक मानसून दिल्ली पहुंचेगा, लेकिन तब तक लोगों को जबरदस्त गर्मी का सामना करना पड़ सकता है. आज यानी मंगलवार को तापमान 42 डिग्री तक पहुंच सकता है.
दिल्ली में प्रचंड गर्मी पड़ रही है, दिल्ली के लोगों को जल्दी ही भीषण गर्मी से राहत मिलने की भी खबर है. मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली में 4 जुलाई को मॉनसून दस्तक दे सकता है. ऐसे में गर्मी के प्रकोप से जूझ रहे दिल्लीवासियों को राहत के लिए 2 दिन और इंतजार करना पड़ सकता है.
मॉनसून की देरी का सामना कर रहे कई राज्यों में मॉनसून ने तेजी पकड़ ली है. ओडिशा, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में मॉनसून ने दस्तक दे दी है. मौसम विभाग ने देश के बाकी हिस्सों में जुलाई के पहले सप्ताह में मॉनसून के पहुंचने की संभावना जताई है. जबकि दिल्ली में 4 जुलाई को बारिश हो सकती है.
गर्मी से बिजली की मांग बढ़ी
राज्य लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी) के मुताबिक भीषण गर्मी के बीच दिल्ली में बिजली की मांग पिछले रिकॉर्ड को पार कर 7,241 मेगावाट तक पहुंच गई. पिछले साल बिजली की मांग 7,016 मेगावाट तक पहुंच गई थी, जो अब तक सबसे अधिक रही थी. अब यह रिकार्ड टूट गया है.
राज्य लोड डिस्पैच सेंटर के एक अधिकारी बताया कि पिछले साल कि मांग को पार करते हुए 1 जुलाई को दोपहर बाद 3.29 बजे ऑल टाइम पीक पावर डिमांड 7,241 मेगावाट पर पहुंच गई. पिछले साल 9 जुलाई, 2018 को यह मांग 7,016 मेगावाट की थी. 2 जून को सबसे अधिक बिजली की मांग 6,560 मेगावाट रही थी. यह 6 जून 2017 की मांग से अधिक थी. 6 जून 2017 को यह मांग 6,526 मेगावाट थी.
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार शाम यूपी के मंत्रियों के विभागों का बंटवारा किया. विभागों के बंटवारे के बाद यूपी के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते बताया कि बैठक में मुख्यमंत्री ने जनता की समस्याओं को हल करने और राज्य में कानून-व्यवस्था को बहाल करने के लिए कहा है.
लाइसेंस वाले बूचड़खाने चलते रहेंगे
बता दें कि वादे के मुताबिक, बूचड़खाने पर कार्रवाई, एंटी रोमियो दल का गठन, कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने आदि को लेकर योगी खुद पहल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि लाइसेंस वाले बूचड़खाने चलते रहेंगे इस बारे में किसी भी तरह का कोई भ्रम नहीं होना चाहिए.
संकल्प पत्र में बीजेपी ने महिलाओं को छेड़खाने से बचाने के लिए एंटी
रोमियो स्क्वायड
बनाने का वादा किया था. इस वादे पर भी योगी ने काम चालू कर दिया है. मंगलवार को कई जगह कॉलेजों और सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं से छेड़खानी करने वाले मनचलों की धरपकड़ की गई. कैबिनेट की बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मासूम या कोई अपने मित्र के साथ बैठा हो तो उसे तंग नहीं किया जाए.
Anti Romeo squad's aim is to make women feel safe and to prevent any wrong incidents against women from happening:Sidharthnath Singh,UP Min
pic.twitter.com/hqV5fGU4VQ
— ANI UP (@ANINewsUP)
March 22, 2017
Aadesh diye gaye hain ki kisi masoom ya koi apne friends ke saath baitha ho use tang nhi kiya jaye: SN Singh,UP minister on anti-romeo squad
pic.twitter.com/Si2NaghOlP
— ANI UP (@ANINewsUP)
March 22, 2017
गौरतलब है कि बीजेपी ने घोषणापत्र में यूपी के किसानों से वादा किया है कि
उत्तर प्रदेश
में उनकी सरकार बनते ही वो किसानों का कर्ज माफ करेंगे. पीएम मोदी ने यूपी चुनाव के दौरान कई बार कहा कि उनकी सरकार बनते ही पहली मीटिंग में पार्टी अपने इस वादे को पूरा करेगी.
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अमरनाथ यात्रा को लेकर तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की शुरुआत हो चुकी है. जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने इसे शुरू किया. इस साल एक जुलाई से यात्रा शुरू होगी.
राज्यपाल श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अध्यक्ष हैं, जो कश्मीर घाटी के अनंतनाग जिले में अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा का प्रबंधन करता है. एसएएसबी ने एक बयान में कहा, 'राज्यपाल ने यात्रियों के लिए पायलट आधार पर ऑनलाइन पंजीकरण शुरू किया है.'
बयान में कहा गया है, 'ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा हर दिन 500 इच्छुक तीर्थयात्रियों के लिए होगी. यह दोनों मार्गो पहलगाम से 250 यात्रियों और बालताल से 250 यात्रियों के लिए उपलब्ध होगी.' इसमें कहा गया है कि एक नई पहल के रूप में श्राइन बोर्ड यात्रा परमिट फॉर्म (वाईपीएफ) के क्यूआर कोडिंग/ बार कोडिंग को पेश कर रहा है. क्यूआर कोड यात्री के डेटाबेस से जुड़ा हुआ है. क्यूआर कोड वाले वाईपीएफ को एक्सेस कंट्रोल गेट्स डोमेल और चंदनवारी और मध्यवर्ती शिविरों दोनों में स्कैन किया जाएगा. इससे यात्रियों की गिनती और वास्तविक समय के आधार पर उनकी ट्रैकिंग में मदद मिलेगी.
वहीं इस बार सुरक्षा के कडे बंदोबस्त करने के भी निर्देंश दिए गए हैं. पंजीकरण तिथि और रूट स्तर पर ही यात्रियों को यात्रा के लिए इजाजत दी जाएगी. बोर्ड की ओर से पायलट स्तर पर सीमित नंबरों की ऑनलाइन पंजीकरण के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. यात्रा के लिए एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा. इसमें चिकित्सा, स्वच्छता, दोनों ट्रैक पर रेलिंग की स्थापना, पर्यावरण के अनुकूल कचरा हटाने, यात्रा क्षेत्र में अनुकूल वातावरण स्थापित करने समेत अन्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
12 साल के कम उम्र के बच्चों को अनुमति नहीं
अमरनाथ यात्रा के लिए 12 साल से कम और 75 साल से अधिक उम्र वाले यात्रियों को अनुमति नहीं दी जाएगी. यही नहीं, यात्रा के सभी एंट्री प्वाइंट पर कड़ाई से जांच की जाएगी.
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स्वसंगठन (self-organization), जो स्वप्रसूत व्यवस्था (spontaneous order) भी कहलाता है, ऐसी प्रक्रिया होती है जिसमें किसी अव्यवस्थित तंत्र (सिस्टम) के भाग अपनी-अपनी गतिविधियों द्वारा एक-दूसरे को प्रभावित कर के उस तंत्र में (बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के) स्वयं ही व्यवस्थित कर लेते हैं। यह उभरने वाला संगठन उस तंत्र के सभी भागों को अपने-आप में सम्मिलित कर लेता है। स्वसंगठन जटिल तंत्रों में उदगमता (ऍमेर्जेन्स) से उत्पन्न होता है। अक्सर यह उदगम व्यवस्था मज़बूत होती है और, यदी तंत्र को छेड़कर इस संगठन को भंग करा जाये तो तंत्र कुछ हद तक इसकी स्वयं ही मरम्म्त कर के उसे पुनःस्थापित करने में सक्षम होता है।
उदाहरण
मानव समाज में, जब जनसंख्या कुछ हद से अधिक हो जाये, तो मंडियाँ व बाज़ार स्वयं ही संगठित हो जाते हैं।
पक्षियों के दलों में प्रत्येक पक्षी अपनी सहज प्रवृत्ति के अनुसार व्यवहार करता है लेकिन उनके आपसी प्रभाव से इन दलों में स्वसंगठित रूप से झुंड व्यवहार उत्पन्न हो जाता है। ठीक यही कीटों व मछलियों के दलों में देखा जाता है।
रेगिस्तानों में रेत पर वायु प्रवाह से रेत के कण स्वयं ही लहरों में स्वसंगठित हो जाते हैं।
इन सभी उदाहरणों में यदी किसी बाहरी हस्तक्षेप से स्वसंगठन को छोटी मात्रा में भंग करा जाये तो समय के साथ-साथ यह फिर से उत्पन्न हो जाता है।
इन्हें भी देखें
जटिल तंत्र
उदगमन
सन्दर्भ
साइबर्नेटिक्स
तन्त्र सिद्धान्त
भौतिकी की अवधारणाएँ
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पाकिस्तान के ''आतंकवाद की जननी'' होने संबंधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने आरोप लगाया कि भारतीय नेता इस मुद्दे पर ब्रिक्स देशों को ''गुमराह'' कर रहे हैं.
अजीज ने कहा, ''मोदी अपने ब्रिक्स और बिम्सटेक सहयोगियों को गुमराह कर रहे हैं.'' उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारतीय नेतृत्व जम्मू-कश्मीर में ''अपनी निर्ममता को छिपाने के लिए व्यग्रता से प्रयास कर रहा है.''टिप्पणियां
अजीज ने कहा कि आतंकवाद की निंदा करने में पाकिस्तान, ब्रिक्स और बिम्सटेक के सभी सदस्यों के साथ है तथा वह ''पाकिस्तान की धरती पर भारतीय राज्य द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ सहित'' बिना किसी भेदभाव के आतंकवाद की समस्या से मुकाबला करने के लिए अपनी पूरी प्रतिबद्धता जताता है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अजीज ने कहा, ''मोदी अपने ब्रिक्स और बिम्सटेक सहयोगियों को गुमराह कर रहे हैं.'' उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारतीय नेतृत्व जम्मू-कश्मीर में ''अपनी निर्ममता को छिपाने के लिए व्यग्रता से प्रयास कर रहा है.''टिप्पणियां
अजीज ने कहा कि आतंकवाद की निंदा करने में पाकिस्तान, ब्रिक्स और बिम्सटेक के सभी सदस्यों के साथ है तथा वह ''पाकिस्तान की धरती पर भारतीय राज्य द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ सहित'' बिना किसी भेदभाव के आतंकवाद की समस्या से मुकाबला करने के लिए अपनी पूरी प्रतिबद्धता जताता है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अजीज ने कहा कि आतंकवाद की निंदा करने में पाकिस्तान, ब्रिक्स और बिम्सटेक के सभी सदस्यों के साथ है तथा वह ''पाकिस्तान की धरती पर भारतीय राज्य द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ सहित'' बिना किसी भेदभाव के आतंकवाद की समस्या से मुकाबला करने के लिए अपनी पूरी प्रतिबद्धता जताता है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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यह लेख है: पीएम मोदी बिहार दौरे पर हैं. यहां की पटना यूनिवर्सिटी में पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्रियों पर हंसते-हंसते तंज किया.पीएम मोदी ने पटना विश्वविद्यालय परिसर में पहले प्रधानमंत्री के रूप में आने का गौरव पाने पर कहा, पूर्व के प्रधानमंत्री हमारे लिए कुछ अच्छे काम का मौका छोड़ कर गए और आज मुझे ये मौका मिला है कि मैं इस ऐतिहासिक विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह दिवस में मौजूद हूं और मुझे यहां के छात्रों को संबोधित करने का मौका मिला है.पीएम मोदी आज पटना में... पिछली बार रैली में हुए थे बम धमाके, आज सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बिहार के गौरवशाली इतिहास की चर्चा करते हुए कहा कि विरासत ही समाज की प्रेरणा होती है. समृद्ध इतिहास ही भावी इतिहास को गढ़ने की प्रेरणा देता है. पटना विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार की समृद्ध विरासत रही है. उन्होंने प्राचीन नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय की चर्चा करते हुए कहा कि जितनी पुरानी यहां गंगा धारा बहती है, उतनी ही पुरानी यहां ज्ञान धारा भी बहती है.
उन्होंने कहा कि प्रारंभ से ही बिहार ज्ञान की धरती रही है. इसे सरस्वती के साथ ही अब लक्ष्मी की भी जरूरत है. उन्होंने कहा कि विकास के प्रति प्रतिबद्ध बिहार सरकार और पूवरेत्तर राज्यों के विकास के प्रति संकल्पित केंद्र सरकार बिहार को 2022 तक विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के प्रति दृढ़ संकल्पित है.बीजेपी में 80 फीसदी लोग चाहते थे लालकृष्ण आडवाणी को राष्ट्रपति बनाना : शत्रुघ्न सिन्हा
पीएम मोदी ने कहा कि यह विश्वविद्यालय इस बात का सुबूत है कि जो बीज सौ साल पहले यहां बोया गया था, आज वह भारत के विकास में भी योगदान कर रहा है.टिप्पणियां
इससे पूर्व मोदी के पटना हवाईअड्डा पहुंचने पर बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई गणमान्य लोगों ने उनका स्वागत किया. इस कार्यक्रम में भाग लेने के बाद प्रधानमंत्री मोदी पटना से करीब 90 किलोमीटर दूर मोकामा जाएंगे, जहां विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास करने के बाद वह एक आमसभा को संबोधित करेंगे. इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उपस्थित रहेंगे. बिहार की सत्ता से महागठबंधन को बेदखल करने और राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की यह पहली सार्वजनिक सभा होगी.
(इनपुट्स IANS)
पीएम मोदी आज पटना में... पिछली बार रैली में हुए थे बम धमाके, आज सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बिहार के गौरवशाली इतिहास की चर्चा करते हुए कहा कि विरासत ही समाज की प्रेरणा होती है. समृद्ध इतिहास ही भावी इतिहास को गढ़ने की प्रेरणा देता है. पटना विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार की समृद्ध विरासत रही है. उन्होंने प्राचीन नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय की चर्चा करते हुए कहा कि जितनी पुरानी यहां गंगा धारा बहती है, उतनी ही पुरानी यहां ज्ञान धारा भी बहती है.
उन्होंने कहा कि प्रारंभ से ही बिहार ज्ञान की धरती रही है. इसे सरस्वती के साथ ही अब लक्ष्मी की भी जरूरत है. उन्होंने कहा कि विकास के प्रति प्रतिबद्ध बिहार सरकार और पूवरेत्तर राज्यों के विकास के प्रति संकल्पित केंद्र सरकार बिहार को 2022 तक विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के प्रति दृढ़ संकल्पित है.बीजेपी में 80 फीसदी लोग चाहते थे लालकृष्ण आडवाणी को राष्ट्रपति बनाना : शत्रुघ्न सिन्हा
पीएम मोदी ने कहा कि यह विश्वविद्यालय इस बात का सुबूत है कि जो बीज सौ साल पहले यहां बोया गया था, आज वह भारत के विकास में भी योगदान कर रहा है.टिप्पणियां
इससे पूर्व मोदी के पटना हवाईअड्डा पहुंचने पर बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई गणमान्य लोगों ने उनका स्वागत किया. इस कार्यक्रम में भाग लेने के बाद प्रधानमंत्री मोदी पटना से करीब 90 किलोमीटर दूर मोकामा जाएंगे, जहां विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास करने के बाद वह एक आमसभा को संबोधित करेंगे. इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उपस्थित रहेंगे. बिहार की सत्ता से महागठबंधन को बेदखल करने और राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की यह पहली सार्वजनिक सभा होगी.
(इनपुट्स IANS)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बिहार के गौरवशाली इतिहास की चर्चा करते हुए कहा कि विरासत ही समाज की प्रेरणा होती है. समृद्ध इतिहास ही भावी इतिहास को गढ़ने की प्रेरणा देता है. पटना विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार की समृद्ध विरासत रही है. उन्होंने प्राचीन नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय की चर्चा करते हुए कहा कि जितनी पुरानी यहां गंगा धारा बहती है, उतनी ही पुरानी यहां ज्ञान धारा भी बहती है.
उन्होंने कहा कि प्रारंभ से ही बिहार ज्ञान की धरती रही है. इसे सरस्वती के साथ ही अब लक्ष्मी की भी जरूरत है. उन्होंने कहा कि विकास के प्रति प्रतिबद्ध बिहार सरकार और पूवरेत्तर राज्यों के विकास के प्रति संकल्पित केंद्र सरकार बिहार को 2022 तक विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के प्रति दृढ़ संकल्पित है.बीजेपी में 80 फीसदी लोग चाहते थे लालकृष्ण आडवाणी को राष्ट्रपति बनाना : शत्रुघ्न सिन्हा
पीएम मोदी ने कहा कि यह विश्वविद्यालय इस बात का सुबूत है कि जो बीज सौ साल पहले यहां बोया गया था, आज वह भारत के विकास में भी योगदान कर रहा है.टिप्पणियां
इससे पूर्व मोदी के पटना हवाईअड्डा पहुंचने पर बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई गणमान्य लोगों ने उनका स्वागत किया. इस कार्यक्रम में भाग लेने के बाद प्रधानमंत्री मोदी पटना से करीब 90 किलोमीटर दूर मोकामा जाएंगे, जहां विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास करने के बाद वह एक आमसभा को संबोधित करेंगे. इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उपस्थित रहेंगे. बिहार की सत्ता से महागठबंधन को बेदखल करने और राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की यह पहली सार्वजनिक सभा होगी.
(इनपुट्स IANS)
उन्होंने कहा कि प्रारंभ से ही बिहार ज्ञान की धरती रही है. इसे सरस्वती के साथ ही अब लक्ष्मी की भी जरूरत है. उन्होंने कहा कि विकास के प्रति प्रतिबद्ध बिहार सरकार और पूवरेत्तर राज्यों के विकास के प्रति संकल्पित केंद्र सरकार बिहार को 2022 तक विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के प्रति दृढ़ संकल्पित है.बीजेपी में 80 फीसदी लोग चाहते थे लालकृष्ण आडवाणी को राष्ट्रपति बनाना : शत्रुघ्न सिन्हा
पीएम मोदी ने कहा कि यह विश्वविद्यालय इस बात का सुबूत है कि जो बीज सौ साल पहले यहां बोया गया था, आज वह भारत के विकास में भी योगदान कर रहा है.टिप्पणियां
इससे पूर्व मोदी के पटना हवाईअड्डा पहुंचने पर बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई गणमान्य लोगों ने उनका स्वागत किया. इस कार्यक्रम में भाग लेने के बाद प्रधानमंत्री मोदी पटना से करीब 90 किलोमीटर दूर मोकामा जाएंगे, जहां विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास करने के बाद वह एक आमसभा को संबोधित करेंगे. इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उपस्थित रहेंगे. बिहार की सत्ता से महागठबंधन को बेदखल करने और राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की यह पहली सार्वजनिक सभा होगी.
(इनपुट्स IANS)
बीजेपी में 80 फीसदी लोग चाहते थे लालकृष्ण आडवाणी को राष्ट्रपति बनाना : शत्रुघ्न सिन्हा
पीएम मोदी ने कहा कि यह विश्वविद्यालय इस बात का सुबूत है कि जो बीज सौ साल पहले यहां बोया गया था, आज वह भारत के विकास में भी योगदान कर रहा है.टिप्पणियां
इससे पूर्व मोदी के पटना हवाईअड्डा पहुंचने पर बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई गणमान्य लोगों ने उनका स्वागत किया. इस कार्यक्रम में भाग लेने के बाद प्रधानमंत्री मोदी पटना से करीब 90 किलोमीटर दूर मोकामा जाएंगे, जहां विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास करने के बाद वह एक आमसभा को संबोधित करेंगे. इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उपस्थित रहेंगे. बिहार की सत्ता से महागठबंधन को बेदखल करने और राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की यह पहली सार्वजनिक सभा होगी.
(इनपुट्स IANS)
पीएम मोदी ने कहा कि यह विश्वविद्यालय इस बात का सुबूत है कि जो बीज सौ साल पहले यहां बोया गया था, आज वह भारत के विकास में भी योगदान कर रहा है.टिप्पणियां
इससे पूर्व मोदी के पटना हवाईअड्डा पहुंचने पर बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई गणमान्य लोगों ने उनका स्वागत किया. इस कार्यक्रम में भाग लेने के बाद प्रधानमंत्री मोदी पटना से करीब 90 किलोमीटर दूर मोकामा जाएंगे, जहां विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास करने के बाद वह एक आमसभा को संबोधित करेंगे. इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उपस्थित रहेंगे. बिहार की सत्ता से महागठबंधन को बेदखल करने और राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की यह पहली सार्वजनिक सभा होगी.
(इनपुट्स IANS)
इससे पूर्व मोदी के पटना हवाईअड्डा पहुंचने पर बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई गणमान्य लोगों ने उनका स्वागत किया. इस कार्यक्रम में भाग लेने के बाद प्रधानमंत्री मोदी पटना से करीब 90 किलोमीटर दूर मोकामा जाएंगे, जहां विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास करने के बाद वह एक आमसभा को संबोधित करेंगे. इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उपस्थित रहेंगे. बिहार की सत्ता से महागठबंधन को बेदखल करने और राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की यह पहली सार्वजनिक सभा होगी.
(इनपुट्स IANS)
इस कार्यक्रम में भाग लेने के बाद प्रधानमंत्री मोदी पटना से करीब 90 किलोमीटर दूर मोकामा जाएंगे, जहां विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास करने के बाद वह एक आमसभा को संबोधित करेंगे. इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उपस्थित रहेंगे. बिहार की सत्ता से महागठबंधन को बेदखल करने और राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की यह पहली सार्वजनिक सभा होगी.
(इनपुट्स IANS)
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: स्टार बल्लेबाज विराट कोहली भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से दबाव भरे हालात में संयमित बने रहने की कला सीखना चाहते हैं।टिप्पणियां
कोहली ने कहा, मैं धोनी के बारे में एक चीज काफी पसंद करता हूं और यह उनका धैर्य है। काश मैं उनका थोड़ा सा भी हिस्सा ले पाता। वह ऐसे व्यक्ति हैं, जो ज्यादा कुछ दर्शाते नहीं हैं, जिससे प्रतिद्वंद्वी टीम को पता नहीं चलता कि उनके दिमाग में क्या चल रहा है। काश मैं भी उनका कुछ संयम ले पाता।
उन्होंने कहा कि सचिन तेंदुलकर के बिना भारतीय टीम के बारे में सोचना मुश्किल है। इस 23-वर्षीय बल्लेबाज ने एनडीटीवी से कहा, 23 साल तक, उन्होंने हमें दिखाया कि जब हर कोई आपसे प्रत्येक दिन शतक जड़ने की उम्मीद कर रहा हो, तो कैसे प्रदर्शन किया जाए। यह अविश्वसनीय है। मैं तेंदुलकर के बिना टीम की कल्पना भी नहीं कर सकता, लेकिन एक दिन संन्यास का फैसला करना होता है।
कोहली ने कहा, मैं धोनी के बारे में एक चीज काफी पसंद करता हूं और यह उनका धैर्य है। काश मैं उनका थोड़ा सा भी हिस्सा ले पाता। वह ऐसे व्यक्ति हैं, जो ज्यादा कुछ दर्शाते नहीं हैं, जिससे प्रतिद्वंद्वी टीम को पता नहीं चलता कि उनके दिमाग में क्या चल रहा है। काश मैं भी उनका कुछ संयम ले पाता।
उन्होंने कहा कि सचिन तेंदुलकर के बिना भारतीय टीम के बारे में सोचना मुश्किल है। इस 23-वर्षीय बल्लेबाज ने एनडीटीवी से कहा, 23 साल तक, उन्होंने हमें दिखाया कि जब हर कोई आपसे प्रत्येक दिन शतक जड़ने की उम्मीद कर रहा हो, तो कैसे प्रदर्शन किया जाए। यह अविश्वसनीय है। मैं तेंदुलकर के बिना टीम की कल्पना भी नहीं कर सकता, लेकिन एक दिन संन्यास का फैसला करना होता है।
उन्होंने कहा कि सचिन तेंदुलकर के बिना भारतीय टीम के बारे में सोचना मुश्किल है। इस 23-वर्षीय बल्लेबाज ने एनडीटीवी से कहा, 23 साल तक, उन्होंने हमें दिखाया कि जब हर कोई आपसे प्रत्येक दिन शतक जड़ने की उम्मीद कर रहा हो, तो कैसे प्रदर्शन किया जाए। यह अविश्वसनीय है। मैं तेंदुलकर के बिना टीम की कल्पना भी नहीं कर सकता, लेकिन एक दिन संन्यास का फैसला करना होता है।
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यह एक लेख है: अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के सदस्यों ने 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाए जाने के केंद्र सरकार के निर्णय का विरोध किया है. सरकार के फैसले पर विरोध प्रदर्शन के लिए सरकारी और निजी बैंकों काम कर रहे इस संगठन के सदस्य यहां शनिवार को कार्यस्थलों पर काली पट्टी बांध कर काम कर रहे थे. संघ के महासचिव सी. एच. वेंकटचालम ने कहा कि सरकार ने यह निर्णय गलत समय पर लिया है और इसकी समीक्षा की जरूरत है. उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा कि इसके विरोध में एक रैली की भी योजना है. उन्होंने कहा कि कि इस विलय का मतलब छह बैंकों का बंद होना है.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने शुक्रवार को 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने की घोषणा की. विलय की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंकों के विलय का लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय स्तर के मजबूत बैंकों का निर्माण करना है, ताकि देश को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाया जा सके. सरकार ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन बैंक में कुछ दूसरे सरकारी बैंकों का विलय कर के चार बड़े बैंक बनाने की घोषणा की है.
इसमें पीएनबी में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का, केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का एवं इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक का विलय किया जाएगा. पीएनबी विलय के बाद देश का दूसरा और केनरा बैंक चौथा सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा.
विलय के बाद कुल सरकारी बैंकों की संख्या 12 रह जाएगी. पीएनबी के बाद बैंक आफ बड़ौदा तीसरा बड़ा बैंक होगा. वेंकटचालम ने कहा कि सरकार इसे विलय कह सकती है लेकिन इससे छह बैंक बैंकिंग क्षेत्र से गायब हो जाएंगे जिन्हें बनने में सालों लगे हैं. उन्होंने कहा कि हड़ताल पर जाने को लेकर दिल्ली में 11 सितंबर को संघ की बैठक होगी.
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हिंदुस्तान के इतिहास की सबसे कामयाब फिल्म बन गई है 'चेन्नई एक्सप्रेस'. शाहरुख खान की फिल्म ने आमिर खान की फिल्म 'थ्री इडियट्स' को पछाड़ दिया है. चेन्नई एक्सप्रेस की कुल कमाई अब 202.67 करोड़ रुपये हो गई है.
इसी के साथ चेन्नई एक्सप्रेस के डायरेक्टर रोहित शेट्टी हिंदी सिनेमा के सबसे कामयाब निर्देशक बन गए हैं. उनकी एक फिल्म 200 करोड़ और तीन फिल्में 100 करोड़ से ज्यादा कमा चुकी हैं.
'थ्री इडियट्स' ने कुल 202.47 करोड़ रुपये कमाए थे. इसी के साथ सलमान खान की फिल्म 'एक था टाइगर' तीसरे नंबर पर खिसक गई है. इस फिल्म ने 198.78 करोड़ रुपये कमाए थे.
ये हैं टॉप
10
कमाऊ फिल्में
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रैंक
फिल्म
कमाई
100 करोड़ पहुंचने में लगे दिन
1.
चेन्नई एक्सप्रेस
202.67 करोड़ (अब तक का आंकड़ा)
4
2.
3 इडियट्स
202.47 करोड़
9
3.
एक था टाइगर
198.78 करोड़
5
4.
ये जवानी है दीवानी
188.57 करोड़
7
5.
दबंग 2
155 करोड़
6
6.
बॉडीगार्ड
148.86 करोड़
7
7.
दबंग
138.88 करोड़
10
8.
राउडी राठौड़
133.25 करोड़
11
9.
जब तक है जान
120.85 करोड़
14
10.
रेडी
119.78 करोड़
11
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वैसे तो चांद को हमारे सौरमंडल का एक अहम हिस्सा माना जाता है लेकिन हमारी दुनिया के शायरों, कवियों और आशिकों ने इसे न जाने किन-किन संज्ञाओं से नवाजा है. चांद में जहां एक प्रेमी को अपनी प्रेमिका नजर आती है तो वहीं छोटे बच्चों को मां इसे मामा के तौर पर दिखलाती है. मुक्तिबोध अपनी कविता में चांद के टेढ़े मुंह की ओर ध्यान आकर्षित करवाते हैं तो वहीं दिनकर चांद के कुर्ते को लेकर चिंतित दिखते हैं.
चांद के इर्द-गिर्द दुनिया की तमाम भाषाओं और बोलियों में मुहावरे और कहावतें प्रचलित हैं. जाहिर है कि अंग्रेजी भी इससे कहां अछूती रहने वाली थी. यहां हम खास आपके लिए लेकर आए हैं चांद (Moon) से जुड़े कुछ मुहावरे और प्रयोग. पढ़ें और आगे इन्हें इस्तेमाल की भी कोशिश करें...
1. Blood moon
- कुछ बुरा होने का एहसास या प्रतीक/ अपशकुन - शीशे का टूटना आम घरों में अच्छा नहीं माना जाता. वे इसे blood moon की तरह लेते हैं.
2. The moon on a stick
- किसी के लिए सब-कुछ करने को तैयार रहना- कई पेरंट्स बच्चों के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं. डनकी सिचुएशन बिल्कुल, the moon on a stick की तरह होती है.
3. Bark at the moon
- व्यर्थ में शक्ति लगाना या प्रयास करना- आप सभी को इस बात की शुभकामनाएं कि आप सभी विधायकजी से गुहार लगा रहे हैं. वैसे मुझे लगता है कि यह Bark at the moon जैसा ही है.
4. Cry for the moon
- अव्यवहारिक व अनुचित मांग- उम्मीद वही रखो, जो पूरी हो सके. याद रहे, किसी भी सूरत में do not cry for the moon.
5. Moon about someone or something
- किसी चीज को लेकर निराश हो जाना- अरे भाई अब इसमें इतनी परेशान होने वाली बात थोड़े न है. Do not moon about it. यह नहीं मिली तो क्या, दूसरी नौकरी तुम्हें जल्द मिल जाएगी.
6. Once in a blue moon
- बहुत मुश्किल से होने वाली बात- उसका ऑफिस में टाइम पर आना Once in a blue moon वाली बात है.
7. Promise the moon
- किसी को बड़े-बड़े वादे करना जिनको पूरा न किया जा सके- चुनाव के दौरान तो राजनेताओं की आदत ही है कि वे पहले तो Promise the moon वाली बात करते हैं और फिर गायब हो जाते हैं.
8. Over the moon
- बहुत ज्यादा खुश होना- जब उसने मुझे फूलों का गुलदस्ता और केक भेंट किया तब मैं तो बस Over the moon थी.
9. Many moons ago
- काफी समय पहले- मुझे तो यह बात कायदे से याद भी नहीं, बात Many moon ago की है न.
10. Reach for the moon/stars
- कुछ बहुत कठिन हासिल करने की कोशिश करना- अगर हौसले बुलंद हों तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है. Yes, you can even reach for the moon.
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पढ़ाई और उसके बाद अच्छी नौकरी पाने का दवाब यूनिवर्सिटी में आने के बाद और भी बढ़ जाता है. यहीं से स्टूडेंट्स में डिप्रेशन का दौर भी शुरू होता है. अगर समय रहते उनको सही माहौल और काउंसलिंग न मिले तो वे आत्महत्या जैसा कदम तक उठा लेते हैं.
छात्रों में इस तरह के बढ़ते मामलों को देखते हुए यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने सभी यूनिवर्सिटीज को 'स्टूडेंट्स काउंसलिंग सिस्टम' बनाने तक को कहा है. इसके तहत स्टूडेंट्स की समस्याओं का हल निकाला जाएगा.
यूजीसी का यह आदेश
हैदराबाद यूनिवर्सिटी
के दलित रिसर्च स्कॉलर रोहित वेमुला की आत्महत्या के बाद आया है. इस केस के बाद देश भर में यूजीसी और शिक्षा मंत्रालय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
यूजीसी के सेक्रेटरी जसपाल सिंह संधु ने 'स्टूडेंट काउंसलिंग सिस्टम' बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं. ये हैं इसकी कुछ प्रमुख गाइडलाइंस:
1.
यूजीसी के अनुसार सभी हायर इंस्टीट्यूट्स में स्टूडेंट्स काउंसलिंग सिस्टम बनाना अनिवार्य कर दिया गया है.
2.
इस सिस्टम में छात्रों की तमाम परेशानियों जैसे गुस्सा, तनाव और फेल होने के डर से लेकर घर की बहुत ज्यादा याद आने तक जैसी बातों को शामिल करना चाहिए.
3.
इसमें टीचर्स, पैरेंट्स और स्टूडेंट्स को शामिल कर बातचीत करनी चाहिए.
4.
जब भी जरूरत हो तो अच्छे साइकायट्रिस्ट की मदद भी लेनी चाहिए.
5.
हॉस्टल में वार्डन और टीचर काउंसलर एक साथ मिलकर स्टूडेंट्स की
पर्सनल डिटेल्स
और उसके व्यवहार पर बात करें.
यूजीसी की ओर से
यूनिवर्सिटीज
को ये निर्देश स्टूडेंट्स के लिए पढ़ाई का बेहतर माहौल तैयार करने के लिए दिए गए हैं.
वहीं, यूजीसी ने वाइसचांसलर्स को लिखे एक दूसरे पत्र में 30 जनवरी को शहीद दिवस और 21 फरवरी को मातृभाषा दिवस के रूप में शामिल करने को कहा है.
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लौट आओ तृषा एक भारतीय हिन्दी धारावाहिक है, जो स्पेनिश उपन्यास दोंदे एस्ता इलिज़ा का भारतीय रूपान्तर है। कार्यक्रम का आगाज़ 21 जुलाई 2014 से हुआ है। यह लाइफ ओके पर प्रसारित होता है।
कथानक
यह धारावाहिक अमीर एवं ख्यात लोगों के जीवन की कहानी है। एक अमीर परिवार की बेटी तृषा लापता हो जाती है। यह धारावाहिक उस 18 वर्षीय लापता बेटी को खोजने की एक मां की यात्रा का चित्रण है।
मुख्य पात्र
सन्दर्भ
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत चिकित्सा के क्षेत्र में शोध के मामले में पिछड़ रहा है। इस दिशा में और काम किए जाने की जरूरत है।
मोदी ने भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के 42वें दीक्षांत समारोह में कहा, "भारत चिकित्सा के क्षेत्र में शोध के मामले में पिछड़ रहा है और इस दिशा में काफी कुछ किए जाने की जरूरत है। हमें शोध, विशेषकर केस हिस्ट्री पर ध्यान देने की जरूरत है। यह मानवता के लिए बड़ा योगदान होगा।"
उन्होंने दीक्षांत समारोह में विशेष अतिथियों को आमंत्रित करने का सुझाव दिया।
मोदी ने कहा, "क्या हम दीक्षांत समारोह में विशेष अतिथियों को बुलाने की परंपरा शुरू कर सकते हैं? विशेष अतिथि से मेरा मतलब गांव के आठवीं-नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों से है। उन्हें आमंत्रित करना चाहिए, ताकि वे दुनिया को देख सकें।"
सभागार में तालियों की गड़गड़ाहट के बीच मोदी ने कहा, "यह विद्यार्थियों के बीच उत्सुकता पैदा करेगा, उन्हें सपना देखने में मदद करेगा जिसका बड़ा प्रभाव होगा।"
उन्होंने संस्थान से डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों से कहा कि वे अपने अंदर के छात्र को हमेशा जिंदा रखें। प्रधानमंत्री ने कहा, "क्या आपको लगता है कि यहां आपका छात्र जीवन समाप्त हो गया? ज्ञान और सीखने की ललक कभी समाप्त नहीं होनी चाहिए।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि एम्स में आप बेहद सुरक्षित थे। यहां आपकी मदद के लिए वरिष्ठ छात्रों से लेकर शिक्षक हर कोई मौजूद था। लेकिन अब आप बड़ी कक्षाओं में प्रवेश करने जा रहे हैं, जहां आपको अपने फैसले खुद लेने होंगे।
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लेख: महिला एकल वर्ग में भारत की युवा स्टार पीवी सिंधु इंडिया ओपन सुपर सीरीज बैडमिंटन टूर्नामेंट से बाहर हो गई हैं। सिंधु ने क्वार्टर फाइनल मैच में शुक्रवार को टूर्नामेंट की चौथी वरीयता प्राप्त चीनी खिलाड़ी यानजियाओ जियांग को कड़ी टक्कर दीं लेकिन वह अपनी हार को नहीं टाल सकीं।
सिंधु ने हालांकि जियांग को हारते-हारते दिखा दिया कि वह भी आसानी से हार नहीं मानने वाली हैं। सिंधु यह मैच 21-18, 12-21, 18-21 से हार गई।
विश्व की 28वीं वरीयता प्राप्त सिंधु ने सातवीं वरीय अनुभवी जियांग को जीत के लिए 56 मिनट तक इंतजार कराया। सिंधु ने दूसरे दौर में टूर्नोमंट की आठवीं वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी जी ह्यून सुंग को पराजित किया था।
इससे पहले, टूर्नामेंट की दूसरी वरीयता प्राप्त चीन की ली जुइरेई ने आसान जीत के साथ सेमीफाइनल में जगह बना ली है। जुईरेई ने क्वार्टर फाइनल में सिंगापुर की जुआन गू को 21-15, 21-11 से पराजित किया।
जुइरेई ने यह मैच मात्र 29 मिनट में अपने नाम किया। विश्व की चौथी वरीयता प्राप्त जुइरेई और 17वीं वरीय गू के बीच यह कुल चौथी भिड़ंत थी। इससे पहले दो बार जुइरेई की जीत हुई थी जबकि एक बार गू को जीत मिली थी।
मिश्रित युगल के क्वार्टर फाइनल में इंडोनेशिया के तोंतोवी अहमद और लिलियाना नैस्तीर की दूसरी वरीय जोड़ी ने चीन के हेनबीन ही और यिजिन बाओ 21-14, 21-16 से हराया।
शुक्रवार को दोपहर तीन बजे सत्र की शुरुआत के साथ ही दो चौंकाने वाले परिणाम सामने आए थे। पुरुष वर्ग में टूर्नामेंट के दूसरे वरीयता प्राप्त खिलाड़ी डेनमार्क के पीटर गेड और महिला वर्ग में शीर्ष वरीय चीन की शिजियान वांग की चुनौती समाप्त हो गई जबकि मिश्रित युगल वर्ग में कोरिया के योंग देई ली और जुंग इयूनु हा की तीसरी वरीयता प्राप्त जोड़ी सेमीफाइनल में पहुंच गई हैं।
इस जोड़ी ने जापान के शिनतारो इकेदा और रेइको शियोता की सातवीं वरीयता प्राप्त जोड़ी को 19-21, 21 -13, 21-4 से हराया। पुरुष एकल में गेड और महिला एकल में शिजियान की हार वाकई चौंकाने वाली रही।
विश्व के पांचवें वरीय गेड को विश्व के 17वें वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी शोन वान हू ने 24-22, 21-18 से पराजित किया। इससे पहले गेड और हू के बीच छह बार भिड़ंत हुए थी और हर बार गेड ने जीत हासिल की थी।
शिजियान को खिताब का दावेदार माना जा रहा था। उन्हें टूर्नामेंट की छठी वरीयता प्राप्त जर्मन खिलाड़ी जूलिएन शेंक ने 6-21, 21-10, 21-16 से पराजित किया।टिप्पणियां
यह मैच एक घंटा चला। दोनों खिलाड़ियों के बीच यह आठवीं भिड़ंत थी। इससे पहले पांच बार शिजियान विजयी रही थीं जबकि दो बार शेंक को जीत मिली थी।
पुरुष युगल क्वार्टर फाइनल में मलेशिया के कीन कीत कू और बून हेयोंग तान की छठी वरीय जोड़ी को हार का सामना करना पड़ा है। इस जोड़ी को इंडोनेशिया के अन्गा प्रातामा और रेयान अंगुग सापुत्रा की गैर वरीय जोड़ी ने 21-18, 15-21, 21-19 से हराया।
सिंधु ने हालांकि जियांग को हारते-हारते दिखा दिया कि वह भी आसानी से हार नहीं मानने वाली हैं। सिंधु यह मैच 21-18, 12-21, 18-21 से हार गई।
विश्व की 28वीं वरीयता प्राप्त सिंधु ने सातवीं वरीय अनुभवी जियांग को जीत के लिए 56 मिनट तक इंतजार कराया। सिंधु ने दूसरे दौर में टूर्नोमंट की आठवीं वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी जी ह्यून सुंग को पराजित किया था।
इससे पहले, टूर्नामेंट की दूसरी वरीयता प्राप्त चीन की ली जुइरेई ने आसान जीत के साथ सेमीफाइनल में जगह बना ली है। जुईरेई ने क्वार्टर फाइनल में सिंगापुर की जुआन गू को 21-15, 21-11 से पराजित किया।
जुइरेई ने यह मैच मात्र 29 मिनट में अपने नाम किया। विश्व की चौथी वरीयता प्राप्त जुइरेई और 17वीं वरीय गू के बीच यह कुल चौथी भिड़ंत थी। इससे पहले दो बार जुइरेई की जीत हुई थी जबकि एक बार गू को जीत मिली थी।
मिश्रित युगल के क्वार्टर फाइनल में इंडोनेशिया के तोंतोवी अहमद और लिलियाना नैस्तीर की दूसरी वरीय जोड़ी ने चीन के हेनबीन ही और यिजिन बाओ 21-14, 21-16 से हराया।
शुक्रवार को दोपहर तीन बजे सत्र की शुरुआत के साथ ही दो चौंकाने वाले परिणाम सामने आए थे। पुरुष वर्ग में टूर्नामेंट के दूसरे वरीयता प्राप्त खिलाड़ी डेनमार्क के पीटर गेड और महिला वर्ग में शीर्ष वरीय चीन की शिजियान वांग की चुनौती समाप्त हो गई जबकि मिश्रित युगल वर्ग में कोरिया के योंग देई ली और जुंग इयूनु हा की तीसरी वरीयता प्राप्त जोड़ी सेमीफाइनल में पहुंच गई हैं।
इस जोड़ी ने जापान के शिनतारो इकेदा और रेइको शियोता की सातवीं वरीयता प्राप्त जोड़ी को 19-21, 21 -13, 21-4 से हराया। पुरुष एकल में गेड और महिला एकल में शिजियान की हार वाकई चौंकाने वाली रही।
विश्व के पांचवें वरीय गेड को विश्व के 17वें वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी शोन वान हू ने 24-22, 21-18 से पराजित किया। इससे पहले गेड और हू के बीच छह बार भिड़ंत हुए थी और हर बार गेड ने जीत हासिल की थी।
शिजियान को खिताब का दावेदार माना जा रहा था। उन्हें टूर्नामेंट की छठी वरीयता प्राप्त जर्मन खिलाड़ी जूलिएन शेंक ने 6-21, 21-10, 21-16 से पराजित किया।टिप्पणियां
यह मैच एक घंटा चला। दोनों खिलाड़ियों के बीच यह आठवीं भिड़ंत थी। इससे पहले पांच बार शिजियान विजयी रही थीं जबकि दो बार शेंक को जीत मिली थी।
पुरुष युगल क्वार्टर फाइनल में मलेशिया के कीन कीत कू और बून हेयोंग तान की छठी वरीय जोड़ी को हार का सामना करना पड़ा है। इस जोड़ी को इंडोनेशिया के अन्गा प्रातामा और रेयान अंगुग सापुत्रा की गैर वरीय जोड़ी ने 21-18, 15-21, 21-19 से हराया।
विश्व की 28वीं वरीयता प्राप्त सिंधु ने सातवीं वरीय अनुभवी जियांग को जीत के लिए 56 मिनट तक इंतजार कराया। सिंधु ने दूसरे दौर में टूर्नोमंट की आठवीं वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी जी ह्यून सुंग को पराजित किया था।
इससे पहले, टूर्नामेंट की दूसरी वरीयता प्राप्त चीन की ली जुइरेई ने आसान जीत के साथ सेमीफाइनल में जगह बना ली है। जुईरेई ने क्वार्टर फाइनल में सिंगापुर की जुआन गू को 21-15, 21-11 से पराजित किया।
जुइरेई ने यह मैच मात्र 29 मिनट में अपने नाम किया। विश्व की चौथी वरीयता प्राप्त जुइरेई और 17वीं वरीय गू के बीच यह कुल चौथी भिड़ंत थी। इससे पहले दो बार जुइरेई की जीत हुई थी जबकि एक बार गू को जीत मिली थी।
मिश्रित युगल के क्वार्टर फाइनल में इंडोनेशिया के तोंतोवी अहमद और लिलियाना नैस्तीर की दूसरी वरीय जोड़ी ने चीन के हेनबीन ही और यिजिन बाओ 21-14, 21-16 से हराया।
शुक्रवार को दोपहर तीन बजे सत्र की शुरुआत के साथ ही दो चौंकाने वाले परिणाम सामने आए थे। पुरुष वर्ग में टूर्नामेंट के दूसरे वरीयता प्राप्त खिलाड़ी डेनमार्क के पीटर गेड और महिला वर्ग में शीर्ष वरीय चीन की शिजियान वांग की चुनौती समाप्त हो गई जबकि मिश्रित युगल वर्ग में कोरिया के योंग देई ली और जुंग इयूनु हा की तीसरी वरीयता प्राप्त जोड़ी सेमीफाइनल में पहुंच गई हैं।
इस जोड़ी ने जापान के शिनतारो इकेदा और रेइको शियोता की सातवीं वरीयता प्राप्त जोड़ी को 19-21, 21 -13, 21-4 से हराया। पुरुष एकल में गेड और महिला एकल में शिजियान की हार वाकई चौंकाने वाली रही।
विश्व के पांचवें वरीय गेड को विश्व के 17वें वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी शोन वान हू ने 24-22, 21-18 से पराजित किया। इससे पहले गेड और हू के बीच छह बार भिड़ंत हुए थी और हर बार गेड ने जीत हासिल की थी।
शिजियान को खिताब का दावेदार माना जा रहा था। उन्हें टूर्नामेंट की छठी वरीयता प्राप्त जर्मन खिलाड़ी जूलिएन शेंक ने 6-21, 21-10, 21-16 से पराजित किया।टिप्पणियां
यह मैच एक घंटा चला। दोनों खिलाड़ियों के बीच यह आठवीं भिड़ंत थी। इससे पहले पांच बार शिजियान विजयी रही थीं जबकि दो बार शेंक को जीत मिली थी।
पुरुष युगल क्वार्टर फाइनल में मलेशिया के कीन कीत कू और बून हेयोंग तान की छठी वरीय जोड़ी को हार का सामना करना पड़ा है। इस जोड़ी को इंडोनेशिया के अन्गा प्रातामा और रेयान अंगुग सापुत्रा की गैर वरीय जोड़ी ने 21-18, 15-21, 21-19 से हराया।
इससे पहले, टूर्नामेंट की दूसरी वरीयता प्राप्त चीन की ली जुइरेई ने आसान जीत के साथ सेमीफाइनल में जगह बना ली है। जुईरेई ने क्वार्टर फाइनल में सिंगापुर की जुआन गू को 21-15, 21-11 से पराजित किया।
जुइरेई ने यह मैच मात्र 29 मिनट में अपने नाम किया। विश्व की चौथी वरीयता प्राप्त जुइरेई और 17वीं वरीय गू के बीच यह कुल चौथी भिड़ंत थी। इससे पहले दो बार जुइरेई की जीत हुई थी जबकि एक बार गू को जीत मिली थी।
मिश्रित युगल के क्वार्टर फाइनल में इंडोनेशिया के तोंतोवी अहमद और लिलियाना नैस्तीर की दूसरी वरीय जोड़ी ने चीन के हेनबीन ही और यिजिन बाओ 21-14, 21-16 से हराया।
शुक्रवार को दोपहर तीन बजे सत्र की शुरुआत के साथ ही दो चौंकाने वाले परिणाम सामने आए थे। पुरुष वर्ग में टूर्नामेंट के दूसरे वरीयता प्राप्त खिलाड़ी डेनमार्क के पीटर गेड और महिला वर्ग में शीर्ष वरीय चीन की शिजियान वांग की चुनौती समाप्त हो गई जबकि मिश्रित युगल वर्ग में कोरिया के योंग देई ली और जुंग इयूनु हा की तीसरी वरीयता प्राप्त जोड़ी सेमीफाइनल में पहुंच गई हैं।
इस जोड़ी ने जापान के शिनतारो इकेदा और रेइको शियोता की सातवीं वरीयता प्राप्त जोड़ी को 19-21, 21 -13, 21-4 से हराया। पुरुष एकल में गेड और महिला एकल में शिजियान की हार वाकई चौंकाने वाली रही।
विश्व के पांचवें वरीय गेड को विश्व के 17वें वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी शोन वान हू ने 24-22, 21-18 से पराजित किया। इससे पहले गेड और हू के बीच छह बार भिड़ंत हुए थी और हर बार गेड ने जीत हासिल की थी।
शिजियान को खिताब का दावेदार माना जा रहा था। उन्हें टूर्नामेंट की छठी वरीयता प्राप्त जर्मन खिलाड़ी जूलिएन शेंक ने 6-21, 21-10, 21-16 से पराजित किया।टिप्पणियां
यह मैच एक घंटा चला। दोनों खिलाड़ियों के बीच यह आठवीं भिड़ंत थी। इससे पहले पांच बार शिजियान विजयी रही थीं जबकि दो बार शेंक को जीत मिली थी।
पुरुष युगल क्वार्टर फाइनल में मलेशिया के कीन कीत कू और बून हेयोंग तान की छठी वरीय जोड़ी को हार का सामना करना पड़ा है। इस जोड़ी को इंडोनेशिया के अन्गा प्रातामा और रेयान अंगुग सापुत्रा की गैर वरीय जोड़ी ने 21-18, 15-21, 21-19 से हराया।
जुइरेई ने यह मैच मात्र 29 मिनट में अपने नाम किया। विश्व की चौथी वरीयता प्राप्त जुइरेई और 17वीं वरीय गू के बीच यह कुल चौथी भिड़ंत थी। इससे पहले दो बार जुइरेई की जीत हुई थी जबकि एक बार गू को जीत मिली थी।
मिश्रित युगल के क्वार्टर फाइनल में इंडोनेशिया के तोंतोवी अहमद और लिलियाना नैस्तीर की दूसरी वरीय जोड़ी ने चीन के हेनबीन ही और यिजिन बाओ 21-14, 21-16 से हराया।
शुक्रवार को दोपहर तीन बजे सत्र की शुरुआत के साथ ही दो चौंकाने वाले परिणाम सामने आए थे। पुरुष वर्ग में टूर्नामेंट के दूसरे वरीयता प्राप्त खिलाड़ी डेनमार्क के पीटर गेड और महिला वर्ग में शीर्ष वरीय चीन की शिजियान वांग की चुनौती समाप्त हो गई जबकि मिश्रित युगल वर्ग में कोरिया के योंग देई ली और जुंग इयूनु हा की तीसरी वरीयता प्राप्त जोड़ी सेमीफाइनल में पहुंच गई हैं।
इस जोड़ी ने जापान के शिनतारो इकेदा और रेइको शियोता की सातवीं वरीयता प्राप्त जोड़ी को 19-21, 21 -13, 21-4 से हराया। पुरुष एकल में गेड और महिला एकल में शिजियान की हार वाकई चौंकाने वाली रही।
विश्व के पांचवें वरीय गेड को विश्व के 17वें वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी शोन वान हू ने 24-22, 21-18 से पराजित किया। इससे पहले गेड और हू के बीच छह बार भिड़ंत हुए थी और हर बार गेड ने जीत हासिल की थी।
शिजियान को खिताब का दावेदार माना जा रहा था। उन्हें टूर्नामेंट की छठी वरीयता प्राप्त जर्मन खिलाड़ी जूलिएन शेंक ने 6-21, 21-10, 21-16 से पराजित किया।टिप्पणियां
यह मैच एक घंटा चला। दोनों खिलाड़ियों के बीच यह आठवीं भिड़ंत थी। इससे पहले पांच बार शिजियान विजयी रही थीं जबकि दो बार शेंक को जीत मिली थी।
पुरुष युगल क्वार्टर फाइनल में मलेशिया के कीन कीत कू और बून हेयोंग तान की छठी वरीय जोड़ी को हार का सामना करना पड़ा है। इस जोड़ी को इंडोनेशिया के अन्गा प्रातामा और रेयान अंगुग सापुत्रा की गैर वरीय जोड़ी ने 21-18, 15-21, 21-19 से हराया।
मिश्रित युगल के क्वार्टर फाइनल में इंडोनेशिया के तोंतोवी अहमद और लिलियाना नैस्तीर की दूसरी वरीय जोड़ी ने चीन के हेनबीन ही और यिजिन बाओ 21-14, 21-16 से हराया।
शुक्रवार को दोपहर तीन बजे सत्र की शुरुआत के साथ ही दो चौंकाने वाले परिणाम सामने आए थे। पुरुष वर्ग में टूर्नामेंट के दूसरे वरीयता प्राप्त खिलाड़ी डेनमार्क के पीटर गेड और महिला वर्ग में शीर्ष वरीय चीन की शिजियान वांग की चुनौती समाप्त हो गई जबकि मिश्रित युगल वर्ग में कोरिया के योंग देई ली और जुंग इयूनु हा की तीसरी वरीयता प्राप्त जोड़ी सेमीफाइनल में पहुंच गई हैं।
इस जोड़ी ने जापान के शिनतारो इकेदा और रेइको शियोता की सातवीं वरीयता प्राप्त जोड़ी को 19-21, 21 -13, 21-4 से हराया। पुरुष एकल में गेड और महिला एकल में शिजियान की हार वाकई चौंकाने वाली रही।
विश्व के पांचवें वरीय गेड को विश्व के 17वें वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी शोन वान हू ने 24-22, 21-18 से पराजित किया। इससे पहले गेड और हू के बीच छह बार भिड़ंत हुए थी और हर बार गेड ने जीत हासिल की थी।
शिजियान को खिताब का दावेदार माना जा रहा था। उन्हें टूर्नामेंट की छठी वरीयता प्राप्त जर्मन खिलाड़ी जूलिएन शेंक ने 6-21, 21-10, 21-16 से पराजित किया।टिप्पणियां
यह मैच एक घंटा चला। दोनों खिलाड़ियों के बीच यह आठवीं भिड़ंत थी। इससे पहले पांच बार शिजियान विजयी रही थीं जबकि दो बार शेंक को जीत मिली थी।
पुरुष युगल क्वार्टर फाइनल में मलेशिया के कीन कीत कू और बून हेयोंग तान की छठी वरीय जोड़ी को हार का सामना करना पड़ा है। इस जोड़ी को इंडोनेशिया के अन्गा प्रातामा और रेयान अंगुग सापुत्रा की गैर वरीय जोड़ी ने 21-18, 15-21, 21-19 से हराया।
शुक्रवार को दोपहर तीन बजे सत्र की शुरुआत के साथ ही दो चौंकाने वाले परिणाम सामने आए थे। पुरुष वर्ग में टूर्नामेंट के दूसरे वरीयता प्राप्त खिलाड़ी डेनमार्क के पीटर गेड और महिला वर्ग में शीर्ष वरीय चीन की शिजियान वांग की चुनौती समाप्त हो गई जबकि मिश्रित युगल वर्ग में कोरिया के योंग देई ली और जुंग इयूनु हा की तीसरी वरीयता प्राप्त जोड़ी सेमीफाइनल में पहुंच गई हैं।
इस जोड़ी ने जापान के शिनतारो इकेदा और रेइको शियोता की सातवीं वरीयता प्राप्त जोड़ी को 19-21, 21 -13, 21-4 से हराया। पुरुष एकल में गेड और महिला एकल में शिजियान की हार वाकई चौंकाने वाली रही।
विश्व के पांचवें वरीय गेड को विश्व के 17वें वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी शोन वान हू ने 24-22, 21-18 से पराजित किया। इससे पहले गेड और हू के बीच छह बार भिड़ंत हुए थी और हर बार गेड ने जीत हासिल की थी।
शिजियान को खिताब का दावेदार माना जा रहा था। उन्हें टूर्नामेंट की छठी वरीयता प्राप्त जर्मन खिलाड़ी जूलिएन शेंक ने 6-21, 21-10, 21-16 से पराजित किया।टिप्पणियां
यह मैच एक घंटा चला। दोनों खिलाड़ियों के बीच यह आठवीं भिड़ंत थी। इससे पहले पांच बार शिजियान विजयी रही थीं जबकि दो बार शेंक को जीत मिली थी।
पुरुष युगल क्वार्टर फाइनल में मलेशिया के कीन कीत कू और बून हेयोंग तान की छठी वरीय जोड़ी को हार का सामना करना पड़ा है। इस जोड़ी को इंडोनेशिया के अन्गा प्रातामा और रेयान अंगुग सापुत्रा की गैर वरीय जोड़ी ने 21-18, 15-21, 21-19 से हराया।
इस जोड़ी ने जापान के शिनतारो इकेदा और रेइको शियोता की सातवीं वरीयता प्राप्त जोड़ी को 19-21, 21 -13, 21-4 से हराया। पुरुष एकल में गेड और महिला एकल में शिजियान की हार वाकई चौंकाने वाली रही।
विश्व के पांचवें वरीय गेड को विश्व के 17वें वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी शोन वान हू ने 24-22, 21-18 से पराजित किया। इससे पहले गेड और हू के बीच छह बार भिड़ंत हुए थी और हर बार गेड ने जीत हासिल की थी।
शिजियान को खिताब का दावेदार माना जा रहा था। उन्हें टूर्नामेंट की छठी वरीयता प्राप्त जर्मन खिलाड़ी जूलिएन शेंक ने 6-21, 21-10, 21-16 से पराजित किया।टिप्पणियां
यह मैच एक घंटा चला। दोनों खिलाड़ियों के बीच यह आठवीं भिड़ंत थी। इससे पहले पांच बार शिजियान विजयी रही थीं जबकि दो बार शेंक को जीत मिली थी।
पुरुष युगल क्वार्टर फाइनल में मलेशिया के कीन कीत कू और बून हेयोंग तान की छठी वरीय जोड़ी को हार का सामना करना पड़ा है। इस जोड़ी को इंडोनेशिया के अन्गा प्रातामा और रेयान अंगुग सापुत्रा की गैर वरीय जोड़ी ने 21-18, 15-21, 21-19 से हराया।
विश्व के पांचवें वरीय गेड को विश्व के 17वें वरीयता प्राप्त कोरियाई खिलाड़ी शोन वान हू ने 24-22, 21-18 से पराजित किया। इससे पहले गेड और हू के बीच छह बार भिड़ंत हुए थी और हर बार गेड ने जीत हासिल की थी।
शिजियान को खिताब का दावेदार माना जा रहा था। उन्हें टूर्नामेंट की छठी वरीयता प्राप्त जर्मन खिलाड़ी जूलिएन शेंक ने 6-21, 21-10, 21-16 से पराजित किया।टिप्पणियां
यह मैच एक घंटा चला। दोनों खिलाड़ियों के बीच यह आठवीं भिड़ंत थी। इससे पहले पांच बार शिजियान विजयी रही थीं जबकि दो बार शेंक को जीत मिली थी।
पुरुष युगल क्वार्टर फाइनल में मलेशिया के कीन कीत कू और बून हेयोंग तान की छठी वरीय जोड़ी को हार का सामना करना पड़ा है। इस जोड़ी को इंडोनेशिया के अन्गा प्रातामा और रेयान अंगुग सापुत्रा की गैर वरीय जोड़ी ने 21-18, 15-21, 21-19 से हराया।
शिजियान को खिताब का दावेदार माना जा रहा था। उन्हें टूर्नामेंट की छठी वरीयता प्राप्त जर्मन खिलाड़ी जूलिएन शेंक ने 6-21, 21-10, 21-16 से पराजित किया।टिप्पणियां
यह मैच एक घंटा चला। दोनों खिलाड़ियों के बीच यह आठवीं भिड़ंत थी। इससे पहले पांच बार शिजियान विजयी रही थीं जबकि दो बार शेंक को जीत मिली थी।
पुरुष युगल क्वार्टर फाइनल में मलेशिया के कीन कीत कू और बून हेयोंग तान की छठी वरीय जोड़ी को हार का सामना करना पड़ा है। इस जोड़ी को इंडोनेशिया के अन्गा प्रातामा और रेयान अंगुग सापुत्रा की गैर वरीय जोड़ी ने 21-18, 15-21, 21-19 से हराया।
यह मैच एक घंटा चला। दोनों खिलाड़ियों के बीच यह आठवीं भिड़ंत थी। इससे पहले पांच बार शिजियान विजयी रही थीं जबकि दो बार शेंक को जीत मिली थी।
पुरुष युगल क्वार्टर फाइनल में मलेशिया के कीन कीत कू और बून हेयोंग तान की छठी वरीय जोड़ी को हार का सामना करना पड़ा है। इस जोड़ी को इंडोनेशिया के अन्गा प्रातामा और रेयान अंगुग सापुत्रा की गैर वरीय जोड़ी ने 21-18, 15-21, 21-19 से हराया।
पुरुष युगल क्वार्टर फाइनल में मलेशिया के कीन कीत कू और बून हेयोंग तान की छठी वरीय जोड़ी को हार का सामना करना पड़ा है। इस जोड़ी को इंडोनेशिया के अन्गा प्रातामा और रेयान अंगुग सापुत्रा की गैर वरीय जोड़ी ने 21-18, 15-21, 21-19 से हराया।
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भारत ने रविवार को इस बात के संकेत दिये हैं कि एफबीआई द्वारा गिरफ्तार संदिग्ध आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली और तहव्वुर राणा पर आरोप साबित हो जाने के बाद दोनों तक उसकी पहुंच संभव हो सकती है.
केंद्रीय गृह सचिव जी के पिल्लै ने कहा ‘‘दोष साबित हो जाने के बाद हमें उन दोनों तक पहुंच होने की उम्मीद है.’’ पिल्लै से पूछा गया था कि क्या भारतीय जांचकर्ताओं के इन गिरफ्तार संदिग्धों तक पहुंच होने की कोई संभावना है जिन्होंने लश्कर ए तैयबा की शह पर देश में बड़े आतंकी हमले की योजना बनाई. एक समारोह से इतर पिल्लै ने कहा कि आतंकवाद से जुड़े दोनों संदिग्धों के बारे में जांचकार्य में तीन से चार सप्ताह का और समय लगेगा.
हेडली जहां पाकिस्तानी मूल का अमेरिकी नागरिक है, वहीं राणा पाकिस्तान में जन्मा कनाडा का नागरिक है. अगले सप्ताह एफबीआई के एक उच्चस्तरीय दल के यहां आने पर भारत को हेडली और राणा की योजना और नेटवर्क के बारे में और अधिक जानकारी मिलने की उम्मीद है. इससे पहले रविवार को ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम के नारायणन ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कहा कि वह हेडली और राणा के मामले पर नजर रखे हुए हैं.
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फिल्म रिव्यूः गुंडे
एक्टरः रणवीर सिंह, अर्जुन कपूर, प्रियंका चोपड़ा, इरफान
डायरेक्टरः अली अब्बास जफर
स्टारः 5 में 3.5
मैं ये तो नहीं कह सकता कि वेलंटाइंस डे के दिन फिल्म गुंडे देखना ठीक रहेगा या नहीं, मगर ये दावा जरूर है कि अगर आप यह फिल्म देखने गए, तो पैसा खराब नहीं करेंगे. गुंडे में एक्शन,इमोशन, दोस्ती, ड्रामा और जबरदस्त एक्टिंग का पैकेज है.
फिल्म की कहानी को संदर्भ मुहैया कराता है 1971 का पाकिस्तान विभाजन, जिसके नतीजे में एक नया मुल्क बांग्लादेश बना. जमीन और भावनाओं का एक और विभाजन, जिसकी कोख से पैदा हुए कई शरणार्थी. गुंडे कहानी है दो दोस्तों बिक्रम (रनवीर सिंह) और बाला (अर्जुन कपूर) की, जो सत्तर के दशक में कोलकाता में बसे हैं. इन दो किरदारों के बचपन के चित्रांकन में डायरेक्टर साहब इतने मशगूल हो गए कि एकबारगी लगने लगा कि फिल्म के हीरो रनवीर और अर्जुन की एंट्री इंटरवल के बाद ही होगी. मगर राहत की बात यह है कि ऐसा नहीं हुआ.
जैसा की होता आया है, बिक्रम और बाला नाम के बालकों ने शुरुआती दौर में सम्मानजनक ढंग से दो वक्त की रोटी कमाने की कोशिश की, मगर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. दोनों हालात से बेबस होकर मालगाड़ी से कोयले की चोरी में रम गए. और फिर कुछ ही बरसों में कलकत्ता(उस वक्त शहर का नाम) के सबसे बड़े कोयला माफिया बन गए. तो अब शब्द के प्रचलित अर्थों में वह गुंडे थे. मगर रॉबिनहुड नुमा. वे अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा स्कूलों और अस्पतालों में खर्च करते थे.
इस मोड़ पर फिल्म में एंट्री होती है असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस सत्यजीत सरकार (इरफान) की. सरकार को जिम्मा सौंपा गया है शहर में पनपे गैरकानूनी धंधों को बंद कराने का. और जाहिर है इस क्रम में माफिया को खत्म करने का भी. अब तक एक ही सिक्के के दो पहलू बन रहते ब्रिकम और बाला के सामने सिर्फ पुलिस की चुनौती ही नहीं है. लव का मामला भी है. दोनों एक ही औरत के प्यार में पड़ जाते हैं, जो पेशे से कैबरे डांसर है. उसका नाम है नंदिता (प्रियंका चोपड़ा)
इंटरवल के बाद स्टोरी कई पेच खाती है और इसकी वजह से दर्शक सीट पर बंधे रहते हैं. दोनों नायकों के बीच कमाल की केमिस्ट्री है, जो इस सफर को और भी दिलचस्प बनाती है. रणवीर सिंह सेल्युलाइड स्क्रीन पर अपना लोहा साबित कर चुके हैं और अर्जुन कपूर ने भी उनके स्तर तक पहुंचने के लिए जमकर मेहनत की है. गुंडे की एक शान इसकी नायिका प्रियंका चोपड़ा भी हैं, जिन्होंने अपने एक्टिंग स्कूल में एक नया पाठ जोड़ा है इस फिल्म के जरिए. इरफान के हिस्से ज्यादा सीन नहीं आए हैं, मगर जो आए हैं. उन्हें वह बिलाशक खूब छाए हैं.
फिल्म गुंडे का म्यूजिक दिया है, सुहैल सेन ने, मगर वह फिल्म जितना उम्दा नहीं है. अगर ऐसा होता तो गुंडे का भोकाल और भी टाइट होता.
फिल्म के एक्शन सीक्वेंस और कैमरा वर्क बहुत अच्छा है. मगर कुछेक सीन्स में हड़बड़ी भी दिखती है. मसलन, बाला जब एक गोडाउन उड़ाता है तो लगता है जैसे पुरानी सिनेमाई तरकीबों से ही काम चला लिया गया, स्पेशल इफेक्ट्स के नाम पर.
गुंडे एक मनोरंजक मसाला फिल्म है. नई बोतल में पुरानी शराब की तरह, जिसका स्वाद उम्दा है.
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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को कहा कि यदि 52 हजार करोड़ रुपये की कृषि ऋण माफी योजना में अनियमितता का पता चलता है, तो कठोर कार्रवाई की जाएगी. मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में कहा, 'यदि अनियमितता का पता चलता है, तो हम कठोर कदम उठाएंगे'
संसद में बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और अन्य पार्टियों ने इस मुद्दे पर जोरदार विरोध किया.
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने संसद में मंगलवार को 'कृषि ऋण माफी और कर्ज राजत योजना 2008 के क्रियान्वयन' पर पेश अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हर पांच में से कम से कम एक मामले में अनियमितता सामने आई है.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार ने 2008 में देश भर के किसानों के लिए ऋण माफी की घोषणा की थी। विश्लेषकों के मुताबिक सरकार को 2009 का आम चुनाव जीतने में इससे बड़ी मदद मिली थी.
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लेख: रेलवे को एक यात्री ने जम्मू और दिल्ली के बीच ट्रेन किराये पर सरकार द्वारा वहन की जाने वाली सब्सिडी को त्यागते हुए 950 रुपये का चेक भेजकर उलझन में डाल दिया है. फिलहाल, रेलवे सभी रेल किराए का 43 फीसदी खर्च वहन करती है. यात्री किराए पर सब्सिडी देने से रेलवे को हर साल तकरीबन 30 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होता है.
रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, 'इस तरह का चेक स्वीकार करने का कोई प्रावधान नहीं है, इसलिये हम इसे लौटाएंगे.' किराए पर सब्सिडी के बोझ के बारे में यात्रियों को जागरुक बनाने के लिए रेलवे ने पिछले साल 22 जून से कंप्यूटरीकृत टिकटों पर यह प्रकाशित करना शुरू कर दिया था कि भारतीय रेलवे यात्रा पर आने वाली लागत का सिर्फ 57 फीसदी वसूल करती है.
हाल में, जम्मू से नई दिल्ली की यात्रा कर रहे एक व्यक्ति ने अपने टिकट पर रेलवे द्वारा वहन की जाने वाली 43 फीसदी सब्सिडी से संबंधित संदेश पढ़ा. उसने तब सब्सिडी छोड़ने का फैसला किया और आईआरसीटीसी को जम्मू में उसने और अपनी पत्नी द्वारा की गई इसी तरह की ट्रेन यात्रा के लिए 950 रुपये का चेक भेज दिया. टिप्पणियां
उसने चेक के साथ रेल मंत्री के नाम एक पत्र लिखा जिसमें उसने कहा कि वह भविष्य में इस तरह का वित्तीय लाभ कभी नहीं लेगा. रेलवे ने पहले ही वरिष्ठ नागरिकों को टिकट खरीदने के दौरान इस तरह की रियायत छोड़ने का विकल्प दिया था. उन्होंने कहा, 'लेकिन वरिष्ठ नागरिकों का छूट को छोड़ना फिलहाल स्वैच्छिक है और हम इसे व्यापक बनाने की योजना बना रहे हैं जिसके दायरे में अन्य श्रेणियों को भी रखा जाएगा.'(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, 'इस तरह का चेक स्वीकार करने का कोई प्रावधान नहीं है, इसलिये हम इसे लौटाएंगे.' किराए पर सब्सिडी के बोझ के बारे में यात्रियों को जागरुक बनाने के लिए रेलवे ने पिछले साल 22 जून से कंप्यूटरीकृत टिकटों पर यह प्रकाशित करना शुरू कर दिया था कि भारतीय रेलवे यात्रा पर आने वाली लागत का सिर्फ 57 फीसदी वसूल करती है.
हाल में, जम्मू से नई दिल्ली की यात्रा कर रहे एक व्यक्ति ने अपने टिकट पर रेलवे द्वारा वहन की जाने वाली 43 फीसदी सब्सिडी से संबंधित संदेश पढ़ा. उसने तब सब्सिडी छोड़ने का फैसला किया और आईआरसीटीसी को जम्मू में उसने और अपनी पत्नी द्वारा की गई इसी तरह की ट्रेन यात्रा के लिए 950 रुपये का चेक भेज दिया. टिप्पणियां
उसने चेक के साथ रेल मंत्री के नाम एक पत्र लिखा जिसमें उसने कहा कि वह भविष्य में इस तरह का वित्तीय लाभ कभी नहीं लेगा. रेलवे ने पहले ही वरिष्ठ नागरिकों को टिकट खरीदने के दौरान इस तरह की रियायत छोड़ने का विकल्प दिया था. उन्होंने कहा, 'लेकिन वरिष्ठ नागरिकों का छूट को छोड़ना फिलहाल स्वैच्छिक है और हम इसे व्यापक बनाने की योजना बना रहे हैं जिसके दायरे में अन्य श्रेणियों को भी रखा जाएगा.'(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
हाल में, जम्मू से नई दिल्ली की यात्रा कर रहे एक व्यक्ति ने अपने टिकट पर रेलवे द्वारा वहन की जाने वाली 43 फीसदी सब्सिडी से संबंधित संदेश पढ़ा. उसने तब सब्सिडी छोड़ने का फैसला किया और आईआरसीटीसी को जम्मू में उसने और अपनी पत्नी द्वारा की गई इसी तरह की ट्रेन यात्रा के लिए 950 रुपये का चेक भेज दिया. टिप्पणियां
उसने चेक के साथ रेल मंत्री के नाम एक पत्र लिखा जिसमें उसने कहा कि वह भविष्य में इस तरह का वित्तीय लाभ कभी नहीं लेगा. रेलवे ने पहले ही वरिष्ठ नागरिकों को टिकट खरीदने के दौरान इस तरह की रियायत छोड़ने का विकल्प दिया था. उन्होंने कहा, 'लेकिन वरिष्ठ नागरिकों का छूट को छोड़ना फिलहाल स्वैच्छिक है और हम इसे व्यापक बनाने की योजना बना रहे हैं जिसके दायरे में अन्य श्रेणियों को भी रखा जाएगा.'(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उसने चेक के साथ रेल मंत्री के नाम एक पत्र लिखा जिसमें उसने कहा कि वह भविष्य में इस तरह का वित्तीय लाभ कभी नहीं लेगा. रेलवे ने पहले ही वरिष्ठ नागरिकों को टिकट खरीदने के दौरान इस तरह की रियायत छोड़ने का विकल्प दिया था. उन्होंने कहा, 'लेकिन वरिष्ठ नागरिकों का छूट को छोड़ना फिलहाल स्वैच्छिक है और हम इसे व्यापक बनाने की योजना बना रहे हैं जिसके दायरे में अन्य श्रेणियों को भी रखा जाएगा.'(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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उत्तर प्रदेश पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि आरुषि-हेमराज हत्याकांड में डॉ. राजेश तलवार की संलिप्तता के पर्याप्त सबूत हैं. पुलिस ने कहा है कि डॉक्टर तलवार की गिरफ्तारी में नियमों का पूरी तरह पालन किया गया.
सुप्रीम कोर्ट को उत्तर प्रदेश पुलिस ने हलफनामा दायर कर कहा है कि डॉ. राजेश तलवार की गिरफ्तारी से पूर्व पुलिस ने निष्पक्ष तरीके से जांच की. हलफनामे में कहा गया है कि हत्याकांड में पहली नजर में डॉ. तलवार की संलिप्तता के बाद ही जांच अधिकारी द्वारा उनकी गिरफ्तारी की गई. दोहरे हत्याकांड में जांच अधिकारी ने ऐसे कई साक्ष्य जुटाए, जिससे डॉ. तलवार की संलिप्तता का पता चलता है.
गौरतलब है कि गत 16 मई को डॉ. राजेश तलवार के नोएडा स्थित आवास में उनकी पुत्री आरुषि और घरेलू नौकर हेमराज की हत्या कर दी गई थी.
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यह एक लेख है: दुनिया की दो सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं भारत और चीन की रफ्तार में भी अब गिरावट दिख रही है। आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन ओईसीडी ने यह बात कही।
ओईसीडी ने कहा कि दूसरी ओर जापान, अमेरिका और रूस की अर्थव्यवस्थाओं में सुधार देखने को मिलेगा।
नया अनुमान कम्पोजिट लीडिंग इंडिकेटर्स सीएलआई पर आधारित है, जो किसी देश की अर्थव्यवस्था में बदलाव के शुरुआती संकेतों की जानकारी देता है।टिप्पणियां
ओईसीडी ने कहा कि चीन और भारत के आकलन में पिछले महीने से काफी बदलाव आया है। दोनों देशों के लिए सीएलआई दीर्घावधि के रुख से नीचे की गतिविधियों का संकेत देता है। अप्रैल में भारत का सीएलआई 98 रहा, जो मार्च के 98.2 की तुलना में कम है। इसी तरह चीन का सीएलआई 99.4 से घटकर 99.1 पर आ गया।
ओईसीडी का यह आकलन ऐसे समय आया है जब भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता जताई जा रही है। खासकर 2011-12 के लिए आर्थिक वृद्धि दर घटकर नौ साल के निचले स्तर 6.5 फीसद पर आने के बाद चिंता और बढ़ी है।
ओईसीडी ने कहा कि दूसरी ओर जापान, अमेरिका और रूस की अर्थव्यवस्थाओं में सुधार देखने को मिलेगा।
नया अनुमान कम्पोजिट लीडिंग इंडिकेटर्स सीएलआई पर आधारित है, जो किसी देश की अर्थव्यवस्था में बदलाव के शुरुआती संकेतों की जानकारी देता है।टिप्पणियां
ओईसीडी ने कहा कि चीन और भारत के आकलन में पिछले महीने से काफी बदलाव आया है। दोनों देशों के लिए सीएलआई दीर्घावधि के रुख से नीचे की गतिविधियों का संकेत देता है। अप्रैल में भारत का सीएलआई 98 रहा, जो मार्च के 98.2 की तुलना में कम है। इसी तरह चीन का सीएलआई 99.4 से घटकर 99.1 पर आ गया।
ओईसीडी का यह आकलन ऐसे समय आया है जब भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता जताई जा रही है। खासकर 2011-12 के लिए आर्थिक वृद्धि दर घटकर नौ साल के निचले स्तर 6.5 फीसद पर आने के बाद चिंता और बढ़ी है।
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ओईसीडी का यह आकलन ऐसे समय आया है जब भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता जताई जा रही है। खासकर 2011-12 के लिए आर्थिक वृद्धि दर घटकर नौ साल के निचले स्तर 6.5 फीसद पर आने के बाद चिंता और बढ़ी है।
ओईसीडी ने कहा कि चीन और भारत के आकलन में पिछले महीने से काफी बदलाव आया है। दोनों देशों के लिए सीएलआई दीर्घावधि के रुख से नीचे की गतिविधियों का संकेत देता है। अप्रैल में भारत का सीएलआई 98 रहा, जो मार्च के 98.2 की तुलना में कम है। इसी तरह चीन का सीएलआई 99.4 से घटकर 99.1 पर आ गया।
ओईसीडी का यह आकलन ऐसे समय आया है जब भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता जताई जा रही है। खासकर 2011-12 के लिए आर्थिक वृद्धि दर घटकर नौ साल के निचले स्तर 6.5 फीसद पर आने के बाद चिंता और बढ़ी है।
ओईसीडी का यह आकलन ऐसे समय आया है जब भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता जताई जा रही है। खासकर 2011-12 के लिए आर्थिक वृद्धि दर घटकर नौ साल के निचले स्तर 6.5 फीसद पर आने के बाद चिंता और बढ़ी है।
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यह लेख है: कश्मीर एक दुखती हुई कहानी का नाम है- एक उदास सुंदरता का अफ़साना जो न जाने कब से बंदूकों के साये में बहती बोझिल हवा में सांस लेने को मजबूर है।
यह उदासी कभी-कभी ऐसे वहशी गुस्से में बदल जाती है जो सबकुछ जला डालने पर, सबकुछ तहस-नहस कर डालने पर आमादा दिखता है, वो हर किसी पर पत्थर चलाती है, ख़ून का बदला खून से लेने की कसम खाती है, लेकिन आख़िरकार पाती है कि वहशत ने उसे बीमार कर दिया है, नफ़रत ने उसे अलगाववादी बना दिया है, सियासत ने उसे बारूद की गंध और फौजी बूटों की सौगात दी है।
ये कश्मीर एक हांफता हुआ कश्मीर है जिसे अपनों से बेईमानी की और ज़ुल्म की शिकायत है। ये एक डरा हुआ कश्मीर है जो राहत के लिए बाहर देखता है और उम्मीद करता है कि सरहद पार से कोई मदद चली आएगी। ये एक ज़ख़्मी कश्मीर है जिसे असल में मरहम चाहिए, अपनेपन का भरोसा चाहिए, आज़ादी का वह एहसास चाहिए जो उसके लिए महज एक नारा बन गया है।
इस कश्मीर में हर कोई दहशत से लेकर सियासत तक के कारोबार में लगा है, लेकिन वो दवा नहीं ला रहा जिससे उसके टीसते बदन की तकलीफ़ कुछ कम हो। अफ़स्पा नाम का जो नश्तर हम कश्मीर की जर्राही के लिए बरसों से इस्तेमाल कर रहे हैं, उसने इलाज कम दिए हैं, बदन में घाव ज्यादा किए हैं- ये एहसास भी सबको है। टिप्पणियां
मगर ऐसे नश्तर इस्तेमाल करना जितना आसान होता है, उन्हें बाहर निकालना उतना ही मुश्किल। कश्मीर की मुश्किल भी यही है। लेकिन इस मुश्किल के पार पाने का रास्ता भी हमें ही निकालना होगा और कुछ इस तरह निकालना होगा कि हमारा जम्हूरियत का इक़बाल बुलंद हो, उसमें कश्मीर का भरोसा लौटे। उसकी सूखी हुई आंखें दोस्ती की आस में कुछ छलछला सकें।
फिलहाल तो अपने-आप से और अपनों से जूझते कश्मीर के लिए ये बात किसी यूटोपिया से कम नहीं, लेकिन ऐसे यूटोपिया पर हम यक़ीन करें- यह कश्मीर के भविष्य के लिए ज़रूरी है।
यह उदासी कभी-कभी ऐसे वहशी गुस्से में बदल जाती है जो सबकुछ जला डालने पर, सबकुछ तहस-नहस कर डालने पर आमादा दिखता है, वो हर किसी पर पत्थर चलाती है, ख़ून का बदला खून से लेने की कसम खाती है, लेकिन आख़िरकार पाती है कि वहशत ने उसे बीमार कर दिया है, नफ़रत ने उसे अलगाववादी बना दिया है, सियासत ने उसे बारूद की गंध और फौजी बूटों की सौगात दी है।
ये कश्मीर एक हांफता हुआ कश्मीर है जिसे अपनों से बेईमानी की और ज़ुल्म की शिकायत है। ये एक डरा हुआ कश्मीर है जो राहत के लिए बाहर देखता है और उम्मीद करता है कि सरहद पार से कोई मदद चली आएगी। ये एक ज़ख़्मी कश्मीर है जिसे असल में मरहम चाहिए, अपनेपन का भरोसा चाहिए, आज़ादी का वह एहसास चाहिए जो उसके लिए महज एक नारा बन गया है।
इस कश्मीर में हर कोई दहशत से लेकर सियासत तक के कारोबार में लगा है, लेकिन वो दवा नहीं ला रहा जिससे उसके टीसते बदन की तकलीफ़ कुछ कम हो। अफ़स्पा नाम का जो नश्तर हम कश्मीर की जर्राही के लिए बरसों से इस्तेमाल कर रहे हैं, उसने इलाज कम दिए हैं, बदन में घाव ज्यादा किए हैं- ये एहसास भी सबको है। टिप्पणियां
मगर ऐसे नश्तर इस्तेमाल करना जितना आसान होता है, उन्हें बाहर निकालना उतना ही मुश्किल। कश्मीर की मुश्किल भी यही है। लेकिन इस मुश्किल के पार पाने का रास्ता भी हमें ही निकालना होगा और कुछ इस तरह निकालना होगा कि हमारा जम्हूरियत का इक़बाल बुलंद हो, उसमें कश्मीर का भरोसा लौटे। उसकी सूखी हुई आंखें दोस्ती की आस में कुछ छलछला सकें।
फिलहाल तो अपने-आप से और अपनों से जूझते कश्मीर के लिए ये बात किसी यूटोपिया से कम नहीं, लेकिन ऐसे यूटोपिया पर हम यक़ीन करें- यह कश्मीर के भविष्य के लिए ज़रूरी है।
ये कश्मीर एक हांफता हुआ कश्मीर है जिसे अपनों से बेईमानी की और ज़ुल्म की शिकायत है। ये एक डरा हुआ कश्मीर है जो राहत के लिए बाहर देखता है और उम्मीद करता है कि सरहद पार से कोई मदद चली आएगी। ये एक ज़ख़्मी कश्मीर है जिसे असल में मरहम चाहिए, अपनेपन का भरोसा चाहिए, आज़ादी का वह एहसास चाहिए जो उसके लिए महज एक नारा बन गया है।
इस कश्मीर में हर कोई दहशत से लेकर सियासत तक के कारोबार में लगा है, लेकिन वो दवा नहीं ला रहा जिससे उसके टीसते बदन की तकलीफ़ कुछ कम हो। अफ़स्पा नाम का जो नश्तर हम कश्मीर की जर्राही के लिए बरसों से इस्तेमाल कर रहे हैं, उसने इलाज कम दिए हैं, बदन में घाव ज्यादा किए हैं- ये एहसास भी सबको है। टिप्पणियां
मगर ऐसे नश्तर इस्तेमाल करना जितना आसान होता है, उन्हें बाहर निकालना उतना ही मुश्किल। कश्मीर की मुश्किल भी यही है। लेकिन इस मुश्किल के पार पाने का रास्ता भी हमें ही निकालना होगा और कुछ इस तरह निकालना होगा कि हमारा जम्हूरियत का इक़बाल बुलंद हो, उसमें कश्मीर का भरोसा लौटे। उसकी सूखी हुई आंखें दोस्ती की आस में कुछ छलछला सकें।
फिलहाल तो अपने-आप से और अपनों से जूझते कश्मीर के लिए ये बात किसी यूटोपिया से कम नहीं, लेकिन ऐसे यूटोपिया पर हम यक़ीन करें- यह कश्मीर के भविष्य के लिए ज़रूरी है।
इस कश्मीर में हर कोई दहशत से लेकर सियासत तक के कारोबार में लगा है, लेकिन वो दवा नहीं ला रहा जिससे उसके टीसते बदन की तकलीफ़ कुछ कम हो। अफ़स्पा नाम का जो नश्तर हम कश्मीर की जर्राही के लिए बरसों से इस्तेमाल कर रहे हैं, उसने इलाज कम दिए हैं, बदन में घाव ज्यादा किए हैं- ये एहसास भी सबको है। टिप्पणियां
मगर ऐसे नश्तर इस्तेमाल करना जितना आसान होता है, उन्हें बाहर निकालना उतना ही मुश्किल। कश्मीर की मुश्किल भी यही है। लेकिन इस मुश्किल के पार पाने का रास्ता भी हमें ही निकालना होगा और कुछ इस तरह निकालना होगा कि हमारा जम्हूरियत का इक़बाल बुलंद हो, उसमें कश्मीर का भरोसा लौटे। उसकी सूखी हुई आंखें दोस्ती की आस में कुछ छलछला सकें।
फिलहाल तो अपने-आप से और अपनों से जूझते कश्मीर के लिए ये बात किसी यूटोपिया से कम नहीं, लेकिन ऐसे यूटोपिया पर हम यक़ीन करें- यह कश्मीर के भविष्य के लिए ज़रूरी है।
मगर ऐसे नश्तर इस्तेमाल करना जितना आसान होता है, उन्हें बाहर निकालना उतना ही मुश्किल। कश्मीर की मुश्किल भी यही है। लेकिन इस मुश्किल के पार पाने का रास्ता भी हमें ही निकालना होगा और कुछ इस तरह निकालना होगा कि हमारा जम्हूरियत का इक़बाल बुलंद हो, उसमें कश्मीर का भरोसा लौटे। उसकी सूखी हुई आंखें दोस्ती की आस में कुछ छलछला सकें।
फिलहाल तो अपने-आप से और अपनों से जूझते कश्मीर के लिए ये बात किसी यूटोपिया से कम नहीं, लेकिन ऐसे यूटोपिया पर हम यक़ीन करें- यह कश्मीर के भविष्य के लिए ज़रूरी है।
फिलहाल तो अपने-आप से और अपनों से जूझते कश्मीर के लिए ये बात किसी यूटोपिया से कम नहीं, लेकिन ऐसे यूटोपिया पर हम यक़ीन करें- यह कश्मीर के भविष्य के लिए ज़रूरी है।
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भारतीय रिजर्व बैंक ने विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा मारति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल) के शेयर खरीदने पर लगा प्रतिबंध आज हटा दिया। कंपनी में एफआईआई की अंशधारिता उल्लिखित सीमा से नीचे आने के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है।
केंद्रीय बैंक ने एक अधिसूचना में कहा है कि कंपनी के शेयरों की खरीद पर लगी रोक तत्काल प्रभाव से वापस ले ली गई है।
केंद्रीय बैंक ने एक अधिसूचना में कहा है कि कंपनी के शेयरों की खरीद पर लगी रोक तत्काल प्रभाव से वापस ले ली गई है।
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उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से बीजेपी सांसद सतीश गौतम की दादागिरी का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वो रेलवे के अधिकारियों को हड़काते हुए नजर आ रहे हैं. अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय की अगवानी करने पहुंचे सांसद सतीश गौतम ट्रेन लेट होने पर अचानक भड़क गए.
इसके बाद उन्होंने फोन पर रेलवे अधिकारियों को हड़काते हुए सभी ट्रेनों को रोकने और उस ट्रेन को पहले स्टेशन लाने की बात कहने लगे, जिसमें बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय आ रहे थे. बताया जा रहा है कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वैशाली एक्सप्रेस से अलीगढ़ पहुंचे थे और सांसद इसी ट्रेन की बात कर रहे थे.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में सांसद सतीश गौतम रेलवे स्टेशन पर खड़े दिखाई दे रहे हैं. वह फोन पर रेलवे अधिकारी को आदेश दे रहे हैं. वह फोन पर कह रहे हैं कि सारी गाड़ियों को रोक लें और जल्दी से वैशाली एक्सप्रेस को निकालें. 15 मिनट में मुझे यहां पर गाड़ी चाहिए. तुम वैशाली के लिए तत्काल बोलो. पता करो वैशाली 10 मिनट में यहां चाहिए.
#WATCH
Aligarh BJP MP Satish Gautam heard ordering someone on phone, saying, 'stop Rajdhani train, I want Vaishali at the station within 10 minutes'
pic.twitter.com/m1wEQBhnEN
— ANI UP (@ANINewsUP)
May 6, 2018
बीजेपी सांसद यहीं नहीं रुके और यहां तक कहा कि राजधानी को रोक दो, वैशाली को निकालो. राजधानी बाद में भी तो जा सकती है. दरअसल, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय वैशाली एक्सप्रेस से
अलीगढ़
दौरे पर जा रहे थे. बीजेपी सांसद का यह विवादित वीडियो सामने आने पर कांग्रेस ने करारा हमला बोला है. कांग्रेस नेता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि बीजेपी के नेताओं का व्यवहार लोकतंत्र के खिलाफ है.
वही, विवाद बढ़ने पर बीजेपी सांसद गौतम के प्रवक्ता संदीप चाणक्य ने सफाई दी. उन्होंने दलील दी कि ट्रेन पांच घंटे लेट आई और जब इस बाबत पूछताछ की गई, तो पता चला कि यह ट्रेन
अलीगढ़
स्टेशन से पहले ही खड़ी है. इस पर सांसद गौतम ने सिर्फ इतना ही कहा था कि ट्रेन 10 मिनट की दूरी पर खड़ी है. इसको जल्दी लाया जाए.
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उत्तर प्रदेश में प्राइवेट यूनिवर्सिटीज़ के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath) ने नए अध्यादेश के ड्राफ्ट को मंजूरी दी है. उत्तर प्रदेश प्राइवेट यूनिवर्सिटीड ऑर्डिनेंस 2019 के मुताबिक अब प्राइवेट यूनिवर्सिटीज को एक शपथ पत्र देना होगा कि यूनिवर्सिटी किसी भी तरह की राष्ट्रविरोधी गतिविधि में शामिल नहीं होगी और न ही कैंपस में इस तरह की गतिविधियां होने दी जाएंगी. अगर ऐसा हुआ तो यह कानून का उल्लंघन माना जाएगा और सरकार यूनिवर्सिटी के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है. इस नए अध्यादेश के तहत यूपी के सभी 27 प्राइवेट यूनिवर्सिटी एक कानून के अंदर आ जाएंगी. हालांकि यूपी सरकार के अध्यादेश में राष्ट्रविरोधी गतिविधि की परिभाषा नहीं बताई गई है.
यह अध्यादेश मंगलवार को योगी मंत्रिमंडल द्वारा पारित किया गया. अध्यादेश अब विधानसभा सत्र में रखा जाएगा. मामले में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया है कि विश्वविद्यालयों में सिर्फ शिक्षा दी जाए न कि वहां राष्ट्र विरोध गतिविधियां पनपें.
डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश ही नहीं देश के किसी भी विश्वविद्यालय हो या शैक्षिक संस्थान में राष्ट्रविरोधी गतिविधि हो उसे कोई स्वीकार नहीं करेगा. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस दिशा में निर्णय लिया है कि शिक्षा के मंदिर में सिर्फ शिक्षा का ही काम होना चाहिए. वहां किसी ऐसी गतिविधि को ऐसी छूट नहीं दी जा सकती है जो देश के हित में नहीं हो.
बता दें कि इस अध्यादेश का उद्देश्य 'इन विश्वविद्यालयों के कामकाज और शैक्षणिक स्तर में सुधार' लाना है. विश्वविद्यालयों को 50 प्रतिशत शुल्क पर गरीब समुदायों के विशिष्ट छात्रों के लिए प्रवेश सुनिश्चित करना होगा और 75 प्रतिशत संकायों को स्थायी कर्मचारियों के रूप में रखना होगा. विसंगतियों के मामलों में, राज्य की उच्च शिक्षा परिषद को अब इस मामले की जांच करने का अधिकार दिया जाएगा. ये प्रावधान राज्य सरकार को निजी विश्वविद्यालयों की वित्तीय और अकादमिक गतिविधियों पर नजर रखने के लिए और अधिक शक्ति देंगे. इसे निजी विश्वविद्यालयों के कामकाज को नियमित करने और उन्हें सरकारी दायरे में लाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.
अध्यादेश में यह भी कहा गया है कि 'विश्वविद्यालयों को राज्य सरकार की पूर्वानुमति के बिना मानद उपाधि देने की अनुमति नहीं' दी जाएगी. कुलपति की नियुक्ति कुलाधिपति द्वारा शासी निकाय के परामर्श के बाद ही की जा सकती है. अध्यादेश के अनुसार, 'अध्यादेश में यह प्रस्ताव किया गया है कि विश्वविद्यालय के लिए जमीन बेची नहीं जा सकती व हस्तांतरित या पट्टे पर नहीं दी जा सकती, हालांकि इसे विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए किसी बैंक या वित्तीय संस्थान को गिरवी रखा जा सकता है.'
अध्यादेश के अनुसार, राज्य उच्च शिक्षा परिषद अब नोडल एजेंसी होगी, जो अध्यादेश और नियमों के अनुपालन की देखरेख करेगी. यह परिषद को कार्रवाई के लिए सरकार के साथ रिपोर्ट दर्ज करने का अधिकार देती है, अगर वह किसी निजी विश्वविद्यालय से समय की निश्चित अवधि के भीतर जानकारी प्राप्त करने में असमर्थ है. अध्यादेश के अनुसार, परिषद वर्ष में कम से कम एक बार एक विश्वविद्यालय का निरीक्षण करेगी, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता और नियमों के अनुपालन की निगरानी की जा सके और इसके कामकाज पर एक वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की जा सके. यदि कोई उल्लंघन सामने आता है, तो राज्य सरकार उचित निर्देश जारी करेगी, जिसका पालन करना विश्वविद्यालय के लिए अनिवार्य होगा.
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उत्तर प्रदेश के उन्नाव रेप मामले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को तीस हजारी कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है और 25 लाख का जुर्माना लगाया है. इसके बाद कुलदीप सिंह सेंगर की विधायकी जानी तय हो गई है और साथ ही वो अब ताउम्र चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. सेंगर इकलौते विधायक नहीं है जिन्हें अपनी योग्यता गंवानी पड़ रही है. देश में लोक जनप्रतिनिधित्व कानून के आने के बाद से अब तक 12 सांसद और विधायकों को विभिन्न अपराधों में दोषी ठहराए जाने के बाद अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी है.
दरअसल दस जुलाई 2013 को सुप्रीम कोर्ट ने लिली थामस बनाम भारत संघ मामले में एक बड़ा फैसला दिया था. कोर्ट ने फैसला दिया था कि अगर कोई विधायक, सांसद या विधान परिषद सदस्य किसी भी अपराध में दोषी पाया जाता है और इसके चलते उसे कम से कम दो साल की सजा होती है तो ऐसे में वो तुरंत अयोग्य हो जाएगा यानी जनप्रतिनिधि नहीं रहेगा. इस तरह से उसकी योग्यता खत्म हो जाएगी. इसके बाद से लगातार विधायक और सासंद दोषी ठहराए जाने के बाद से विधायकी और संसद सदस्यता खो रहे हैं.
लालू यादव
राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया और बिहार के
मुख्यमंत्री रहे लालू यादव
सितंबर, 2013 में चारा घोटाले के दोषी पाए गए थे. इसके बाद उनकी सांसदी चली गई थी, जिसके बाद चुनाव लड़ने पर रोक लग गई थी. इसके बाद से लालू जेल में बंद हैं.
जयललिता
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री और ऑल इंडिया अन्ना द्रमुक मुनेत्र कड़गम की मुखिया रहीं जे जयललिता को सितंबर 2014 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी पाया गया था. 10 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगी थी, जिसके बाद उन्हें सीएम पद छोड़ना पड़ा था.
कमल किशोर भगत
झारखंड में आजसू विधायक
कमल किशोर भगत को दोषी करार
दिए जाने के बाद अपनी कर्सी गंवानी पड़ी है. कमल किशोर भगत तो जून 2015 में हत्या के दोषी पाए गए थे, जिसके बाद उनकी सदस्यता चली गई थी. बता दें कि कमल किशोर भगत 2014 में झारखंड की लोहरदगा सीट से आजसू के टिकट पर विधायक चुने गए थे.
रशीद मसूद
काजी रशीद मसूद राज्यसभा के सांसद रहते हुए दोषी पाए गए थे, जिसके बाद उन्हें राज्यसभा सदस्यता चली गई थी. रशीद मसूद उत्तर प्रदेश से कांग्रेस के राज्यसभा के सांसद थे. 2013 में एमबीबीएस सीट घोटाले में दोषी पाए गए थे. चार साल की सजा हुई और सांसदी चली गई थी.
सुरेश हलवंकर
महाराष्ट्र में बीजेपी के विधायक सुरेश हलवंकर को भी अपनी सदस्यता गवांनी पड़ी है. सुरेश हलवंकर को बिजली चोरी के मामले में कोर्ट ने मई, 2014 में तीन साल की जेल की सजा सुनाई थी, जिसके चलते उनकी विधायकी चली गई. हालांकि उन्होंने हाई कोर्ट से निचली अदालत के फैसले के खिलाफ स्टे लेकर आए थे और 2014 में चुनाव लड़कर विधायक चुने गए थे.
जगदीश शर्मा
बिहार के जगदीश शर्मा को भी चारा घोटाले में सजा हुई थी, जिसके बाद सांसदी चली गई थी. बिहार के जहानाबाद से सांसद थे. शर्मा 2013 में चारा घोटाले में दोषी पाए गए थे, जिसके बाद सांसद सदस्यता से हाथ धोना पड़ा था. जगदीश शर्मा को लालू यादव के साथ चार साल की सजा हुई. सजा पूरी होने के छह साल बाद तक चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा में सक्रिय हैं.
पप्पू कालानी
महाराष्ट्र की उल्लाहसनगर सीट से निर्दलीय विधायक पप्पू कालानी को अपनी सदस्यता गवांनी पड़ी थी. कालानी पर कई आपराधिक मामले हैं. कोर्ट ने 2013 में पप्पू कालानी को हत्या के मामले में उम्रकैद सुनाई थी, जिसके बाद उनकी विधायकी गई और उनके ताउम्र चुनाव लड़ने पर रोक लग गई है.
मित्रसेन यादव
उत्तर प्रदेश की फैजाबाद सीट से समाजवादी पार्टी से मित्रसेन यादव सांसद थे, जिन्हें भी अपनी सदस्यता गवांनी पड़ी है. 2009 में धोखाधड़ी के एक मामले में मित्रसेन यादव को कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी सांसदी चली गई. 2015 में मित्रसेन यादव का निधन हो गया है.
अशोक चंदेल
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर से बीजेपी विधायक रहे अशोक सिंह चंदेल को 22 साल पुराने हत्याकांड में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई. अशोक सिंह चंदेल पर बीजेपी नेता राजीव शुक्ला की हत्या के दोषी पाए गए थे. चंदेल को हाईकोर्ट ने सामूहिक हत्याकांड का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
आशा रानी
मध्य प्रदेश में बीजेपी विधायक आशा रानी और उनके पति पूर्व विधायक भैया राजा को नौकरानी तिज्जी बाई की हत्या मामले में 10 साल की सजा सुनाई थी. इसके चलते आशा रानी को अपनी विधायकी पद से छोड़ना पड़ा था.
बता दें कि कुलदीप सिंह सेंगर बीजेपी के चौथे विधायक हैं, जिन्हें अदालत ने दोषी करार दिया है और वो पद के अयोग्य साबित हुए हैं और ताउम्र चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. कुलदीप सिंह सेंगर को बलात्कार के मामले में अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है और 25 लाख का जुर्माना लगाया गया है.
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जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) राज्य से आर्टिकल 370 (Article 370) हटाए जाने के बाद से ही हिरासत में हैं. इस बीच उनकी बेटी इल्तिजा ने महबूबा मुफ्ती के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट कर कहा है, 'जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती 5 अगस्त से ही हिरासत में हैं. ऐसे में वह इस ट्वीटर अकाउंट को एक्सेज नहीं कर पा रही हैं. अब मैं उनकी (महबूबा मुफ्ती) की अनुमति से उनके ट्वीटर अकाउंट का संचालन कर रही हूं.' इल्तिजा ने इसके साथ ही भारत सरकार के गृह सचिव और जम्मू-कश्मीर सरकार के गृह सचिव को लिखे एक पत्र की प्रति भी साझा की और कहा कि मैं अभी भी इन सवालों के जवाब का इंतजार कर रही हूं.'
Ms Mehbooba Mufti, former Chief Minister J&K to whom this twitter handle belongs has been detained since 5th August 2019 without access to the account. This handle is now operated by myself, Iltija daughter of Ms Mufti with due authorisation.
इल्तिजा ने इस पत्र में लिखा है, अपनी मां (महबूबा मुफ्ती) से मुलाकात के दौरान उन्होंने राज्य के मौजूदा हालात पर चिंता जताई. खासकर राज्य का विशेष दर्जा वापस लिये जाने के बाद यहां बड़ी संख्या में नागरिकों को हिरासत में लेने की वजह से वह काफी चिंतित हैं.
I, Iltija emailed the Home Secretary of GOI & Home Secretary of J&K on 18th September seeking certain information for my mother, Ms Mufti. I am still awaiting a response. ???????? pic.twitter.com/ZtjFodUMEV
इल्तिजा ने अपनी मां की ओर से गृह सचिव से राज्य में हिरासत में लिये गए लोगों की संख्या और मौजूदा हालात समेत विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी मांगी है. बता दें कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद से ही वहां के तमाम नेताओं को एहतियातन हिरासत में रखा गया है, जिसमें महबूबा मुफ्ती भी शामिल हैं.
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रेलवे बोर्ड ने एक आदेश जारी किया है जिसके तहत अब जनरल टिकट सिर्फ 3 घंटे के लिए ही मान्य होंगे. यानी अगर जनरल टिकट जारी होने के 3 घंटे के भीतर ही यात्रा शुरू नहीं करते हैं तो आप बेटिकट माने जाएंगे.
1 मार्च 2016 से नया नियम लागू
रेलवे का यह नया नियम
1 मार्च 2016 से लागू होगा
. इस फैसले के पीछे वजह यह बताई जा रही है कि इससे अनारक्षित टिकट पर दिनभर यात्रा करने वालों की चालबाजी पर लगाम लगेगी.
इस वजह से बदले गए नियम
सूत्रों के मुताबिक, रेलवे बोर्ड के पास बहुत समय से ऐसी शिकायतें आ रही थीं कि यात्री एक बार अनारक्षित टिकट खरीदने के बाद उस पर दिन भर में कई बार यात्रा कर लेते हैं. इसी वजह से
रेलवे को यह सख्त कदम उठाना पड़ा.
समय सीमा के साथ जारी किए जाएंगे टिकट
रेलवे बोर्ड के निदेशक पैसेंजर मार्केटिंग विक्रम सिंह ने एक बयान में बताया कि अनारक्षित टिकट, पहली ट्रेन छूटने तक या टिकट जारी होने के
तीन घंटे तक ही मान्य रहेंगे
. इन टिकटों को समय सीमा के साथ जारी किया जाएगा.
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'प्रतिज्ञा' उपन्यास विषम परिस्थितियों में घुट घुट कर जी रही भारतीय नारी की विवशताओं और नियति का सजीव चित्रण है। प्रतिज्ञा का नायक विधुर अमृतराय किसी विधवा से शादी करना चाहता है ताकि किसी नवयौवना का जीवन नष्ट न हो। ..। नायिका पूर्णा आश्रयहीन विधवा है। समाज के भूखे भेड़िये उसके संचय को तोड़ना चाहते हैं। उपन्यास में प्रेमचंद ने विधवा समस्या को नए रूप में प्रस्तुत किया है एवं विकल्प भी सुझाया है। इसी पुस्तक में प्रेमचंद की अंतिम और अपूर्ण उपन्यास मंगलसूत्र भी है। इसका बहुत थोड़ा अंश ही वे लिख पाए थे। यह गोदान के तुरंत बाद की कृति है जिसमें लेखक अपनी शक्तियों के चरमोत्कर्ष पर था।
प्रतिज्ञा का सारांश
बनारस में अमृतराय नामक सज्जन रहते हैं। वे पेशे से वकील हैं पर उन्हें वकालत से ज्यादा समाज - सेवा ही पसंद है, दाननाद उन्के मित्र हैं। अमृतराय का विवाह शहर के जाने माने रईस लाला बदरी प्रसाद की प्रथम पुत्री से होता है पर प्रसव - काल में ही उसकी और बच्चे की भी मौत हो जाती है। अमृतराय दो साल देशाटन करके वापस लौटते हैं और तब तक लालाजी की दूसरी कन्या प्रेमा सयानी हो चुकी होती है। प्रेमा के परिचय से अमृतराय अपनी वेदना भूल जाते है और दोनों का परस्पर प्रेम होता है। लालाजी तो प्रेमा का विवह अमृतराय के दोस्त दाननाद से करना चाहते थे, पर अमृतराय से प्रमा का लगाव देखकर अपना निर्णय बद्ल्ते हैं। अमृतराय और प्रेमा का विवह होनेवाला ही है, पर एक घटना से सब कुछ बदल जाता है।
अमृतराय आर्य - मंदिर में एक व्याख्यान सुनकर प्रतिज्ञा करते हैं कि वे एक विधवा से ही शादी करेंगे। इस प्रतिज्ञा से लालाजी नाराज हो जाते है कि यह संप्रदाय के खिलाफ है। पर प्रेमा उसके निर्ण्य का स्वगत करती है और उस से अपना प्रेम त्याग देति है। अब दाननाद से फिर प्रेमा का विवाह तय होता है, दाननाद तो संकोच करते हैं कि मित्र से प्रेम करनेवाली युवती इस विवाह के लिए तयार नहीं होगी। पर अमृतराय के कारण दाननाद विवाह के लिए 'हॉ ' कहते हैं। दाननाद और प्रेमा का विवाह हो जाता है।
लाला बदरीप्रसाद के पडोस वसन्तकुमार प्रवाह के बीच में जाकर डूब जाते हैं इसलिए पूर्णा विदवा बन जाती है। उसका अपना कोई नहीं है। अत: लालाजी अपने घर में उसे आश्रय देखर उसकी रक्षा करते हैं। लालाजी का पुत्र कमलाप्रसाद दुराचारी और लम्पट है। पूर्णा के सौंदर्य से वह चकित हो जात है और गलतनीति अपनाकर उसे पाने का प्रयास करते रहता है। वह जाल बिछाकर पूरणा को फॅसाना चाहता है और कई झूठी बातें कहकर उसका मन जीतने की कोशिश करता है। सुमित्रा, जो उसकी पत्नी है-पूर्णा को धैर्य देती है और अन्याय के खिलाफ लडने की प्रेरणा देती है।
दाननाद प्रेमा को पाकर संतुषट नहीं शंकालु बन जाते हैं। उन्हें शक है कि प्रेमा अभी अमृतराय के प्रेम से बाहर नहीं आयी। वे कमलाप्रसाद की दोस्ती से अमृतराय के खिलाफ जाने लगते हैं और उनकी निन्दा भी करने लगते हैं। अमृतराय अपनी जमीन -जायदाद बेचकर ' वनीता-भवन' का निर्माण करते हैं जो विदधवाओं और अनाथ बालिकाओं का शरणालय है, उसके संचालन के लिए अमृतराय चन्दा वसुल करना चाहते हैं तो कमलाप्रसाद और दाननाध इसकी भी आलोचना करते हैं। एक कार्यक्रम में कमलाप्रसाद के भेजे गये गुणडे लोग अमृतराय पर आक्रमण करते है। पर प्रेमा बीच में आकर उन्हें रोकती है। उसके भाषण से चन्दा - वसूली कार्यक्रम सफल हो जाता है। पर इससे दाननाद और प्रेमा के बीच दूरियॉ बढ जाती है।
एक दिन बहान बनाकर कमलाप्रसाद पूर्णा को शहर से दूर अपने बगीचे में ले चलता हैं। वहां पूर्णा पर बलात्कार करने की कोशिश करता है, तो पूर्णा उस्के चेहरे पर कुर्सी दे-मारकर भाग जाती है, कमलाप्रसाद बुरीतरह चोट खाकर गिर पड़ता है। पूर्णा भागकर अमृतराय की शरण में जाती है और वनिता भवन में आश्रय पाती है। पूर्णा के कारण कमलाप्रसाद की जगहंसाई होती है और वह पूरी तरह बदल जाता है। इधर दाननाद भी अपने किए पर पछतात है कि कमलाप्रसाद जैसे दुषट की बातों में आकर वे अमृतराय का विरोध करते आये। वे अमृतराय से क्षमा मांगते हैं और अमृतराय तो सह्र्दय हैं, वे भी मित्रता का हाथ आगे बढ़ाते हैं। दोनों मित्रों के पुनर्मिलन से प्रेमा बहुत खुश होती है और दाननाध को पूरे दिल के साथ अपनाती है।
वनिता-भवन में जाकर पूर्णा मानसिक शान्ति का अनुभव करती है। वह भवन विधवाओं का आश्रम ही नहीं, उनका प्रशिक्षणाय भी है, वहं विधवाओं की बनी चीजों की बिक्री होती है और इससे उन्हें स्वावलम्बन का अनुभव भी होता है। जब दाननाद अपने मित्र को प्रतिज्ञा की याद दिलाते हैं तब अमृतराय वनिता भवन की ओर दिखाकर सूचना देते है कि अब उसका निर्वाह करने में ही प्रतिज्ञा पूरी होगी। दाननाद जानते है कि अब अमृतराय आजीवन अविवाहित रहकर समाज सेवा करेगें।
समीक्षा
इस उपन्यास में प्रेमचन्द ने नन्कलीन भारतीय समाज में व्याप्त विध्वा-समस्या का चित्रण किया। पूर्णा पात्र के द्वारा समाज में तिरस्कृत और पीड़ित विधवाओं की मजबूरियों का मरमस्पर्शी चित्रण किया गया। सुमित्रा और प्रेमा के पात्र आदर्श नारी - पात्र हैं तो कमलाप्रसाद अबलाओं पर अत्याचार करनेवाले दुष्टों का प्रतिनिधि है। प्रेमचन्द ने विध्वा-समस्या का समाधान अर्थिक स्ववलम्बन में दिखाया, जो आचरणात्मक है। प्रेमचन्द ने अपने जीवन में स्व्यं एक बाल - विधवा से विवाह करके समाग के सामने आदर्श प्रस्तुत किया। प्रस्तुत उपन्यास की भाषा सरल और व्यावहारिक है। कहावतों और मुहावरों के प्रयोग से उपन्यास सजीव बन पड़ा। हर दृष्टि से यह उपन्यास प्रेमचन्द की उत्तम कृतियों में से एक है।
भारतीय उपन्यास
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अपने बयानों के कारण चर्चा में रहने वाले हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर एक बार फिर निशाना साधा है. निपाह वायरस को लेकर देश के कई राज्यों में अलर्ट जारी किया जा चुका है. वहीं हरियाण के स्वास्थ्य मंत्री ने इस संबंध में एक विवादित बयान दिया है. अनिल विज ने खतरनाक निपाह वायरस की तुलना राहुल गांधी से कर दी है.
अनिल विज
ने कहा कि विपक्ष भले ही एकजुट हो जाए, लेकिन जो पार्टियां राहुल गांधी के संपर्क में आएंगी वह खत्म हो जाएंगी, क्योंकि राहुल गांधी निपाह वायरस जैसे हैं जो बेहद खतरनाक है.
अनिल विज ने इससे पहले 26 मई को ट्वीट भी किया था कि राहुल गांधी
निपाह वायरस
के समान है, जो भी राजनीतिक पार्टी इसके सम्पर्क में आएगी वह फना हो जाएगी.
पहले भी किया था राहुल पर हमला
आपको बता दें कि अनिल विज के मुंह से ऐसे बिगड़े बोल पहली बार नहीं निकले हैं. इससे पहले भी राहुल गांधी और महात्मा गांधी को लेकर उनके बयान पर विवाद हो चुका है. राहुल के लिए इससे पहले अनिल विज ने कहा था कि पूरा देश उम्मीद कर रहा था कि राहुल गांधी नानी के घर जाएंगे तो बुद्धि लेकर आएंगे, लेकिन लगता है वो वहां से खाली हाथ लौटे हैं. नानी के घर जाकर भी उनका दिमाग ठीक नहीं हुआ है. अनिल विज ने ये जवाब राहुल गांधी के द्वारा अमरनाथ यात्रा के दौरान हुए आतंकी हमले पर सवाल उठाने पर दिया था.
वहीं खादी कैलेंडर विवाद के समय मंत्री अनिल विज ने कहा था है कि खादी के बाद अब धीरे-धीरे नोटों पर से भी गांधी जी की तस्वीर हट जाएगी. उन्होंने कहा था कि जब से महात्मा गांधी की फोटो नोट पर लगी है, तब से नोट की कीमत गिरना शुरू हो गई. गांधी के नाम से खादी पेटेंट नहीं है बल्कि खादी के साथ गांधी का नाम जुड़ने से खादी डूब गई है. इसकी बिक्री में गिरावट आई. वहीं विज ने गांधी से जुड़े एक गीत ‘दे दी हमें आजादी बिना खड्ग बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल’ पर भी विवादित बयान दिया था.
गांधी टोपी को लेकर विवादास्पद बयान (07 अक्टूबर 2016)
अपने बयानों के लिए चर्चा में रहने वाले हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने 2016 के अक्टूबर महीने में कहा था कि कांग्रेस के नेताओं को अब पारंपरिक गांधी टोपी पहनने की जगह हेल्मेट पहनना चाहिए. विज ने यह टिप्पणी कांग्रेस के एक कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और अशोक तंवर के समर्थकों के बीच हुए खूनी संघर्ष के बाद की थी. संघर्ष में तंवर और कुछ अन्य लोग घायल हो गए, उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा.
अपनी सरकार को भी नहीं छोड़ा (22 फरवरी 2016)
हरियाणा में जाट आंदोलन के बाद अनिल विज के एक बयान से पार्टी के सामने नई चुनौती खड़ी हो गई थी. अनिल विज ने धमकी भरे अंदाज में कहा था कि जाट आरक्षण हिंसा में मरे लोगों को अगर मुआवजा दिया गया तो वह इस्तीफा दे देंगे. अपने बेबाक विचारों के लिए मशहूर हरियाणा के स्वास्थ्य एवं खेल मंत्री अनिल विज, ओ पी धनकड़ के उस ट्वीट से नाराज थे, जिसमें हिंसा में मरने वाले प्रत्येक व्यक्ति को 10 लाख रुपये का मुआवजा और उसके घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की बात कही गई थी.
गोमांस पर अनिल विज के बयान से हंगामा (12 फरवरी 2016)
पिछले साल फरवरी में ही हरियाणा के मंत्री अनिल विज के एक और बयान से हंगामा खड़ा हो गया था. उन्होंने कहा था कि जो लोग गोमांस के बिना जिंदा नहीं रह सकते, उन्हें हरियाणा नहीं आना चाहिए. विज का बयान हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के इस बयान के बाद आया था कि राज्य में गोमांस पर रोक को लेकर कोई विवाद नहीं है. हरियाणा में साल 2015 में लागू हुए एक कानून के मुताबिक राज्य में गोमांस की बिक्री नहीं की जा सकती.
महिला अफसर से जब भिड़े अनिल विज (27 नवंबर 2015)
विवादों में रहने वाले हरियाणा के स्वास्थ्य एवं खेल मंत्री अनिल विज साल 2015 के नवंबर में एक बैठक के दौरान वरिष्ठ महिला पुलिस अफसर पर चिल्ला पड़े. उन्होंने अफसर से कहा 'गेट आउट'. पुलिस अफसर ने बैठक से बाहर जाने से मना कर दिया और खुद विज को झुंझला कर बैठक से जाना पड़ा. दरअसल फतेहाबाद में शराब की तस्करी मामले को लेकर अफसर और मंत्री के बीच की बहस में नौबत यहां तक पहुंच गई थी. विज ने फतेहाबाद की पुलिस अधीक्षक आईपीएस संगीता कालिया से बैठक से निकल जाने के लिए कहा. संगीता के मना करने पर विज गुस्से में बैठक से चले गए. जब विज ने संगीता से कहा 'गेट आउट', तब संगीता ने कहा, 'मैं नहीं जाऊंगी. आप इस तरह से मेरा अपमान नहीं कर सकते.'
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उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में रिश्तों को कलंकित करने का शर्मनाक मामला सामने आया है. जहां एक वहशी पिता ने अपनी की नाबालिग बेटी को हवस का शिकार बना डाला. आरोपी पिता पांच माह से बेटी पर ज्यादती कर रहा था. जिसकी वजह से बेटी गर्भवती हो गई. और मामले का खुलासा हो गया.
पिता-पुत्री के रिश्ते को तार तार कर देने वाली यह वारदात मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना कस्बे की है. जहां कोतवाली रोड निवासी आरोपी व्यक्ति मजदूरी करता है. उसकी पत्नी भी घरों में झाड़ू-पोंछे का काम करती है.
मंगलवार की सुबह मजदूर की पत्नी अपनी बेटी को लेकर कोतवाली थाने पहुंच गई. और उसने वहां अपने पति के खिलाफ
बेटी
के साथ दुष्कर्म करने की तहरीर दी. महिला ने पुलिस को पूरी घटना बताई.
पीड़ित लड़की की मां ने पुलिस को बताया कि जनवरी में वह किसी के घर काम करने के लिए गई हुई थी. उसका पति और नाबालिग बेटी घर पर अकेले थे. इसी दौरान उसके पिता ने उसके साथ दुष्कर्म किया.
महिला के अनुसार, इसके बाद से आरोपी पिता लगातार अपनी बेटी के साथ
दुष्कर्म
करता रहा. किशोरी ने भी डर के कारण किसी को कुछ नहीं बताया, लेकिन जब वह गर्भवती हो गई, तब मां को इस बात का पता चला.
जैसे ही इस मामले की सूचना पुलिस के आला अधिकारियों को मिली तो सीओ ए.सी. शर्मा भी कोतवाली पहुंच गए. उन्होंने महिला पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में पीड़ित किशोरी से पूछताछ की.
पुलिस वाले आरोपी पिता की हरकत सुनकर हैरान रह गए. पुलिस ने फौरन कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. उसे कोर्ट में पेश करने के बाद अदालत के आदेश पर जेल भेज दिया गया.
बुढ़ाना के थानाध्यक्ष अरुण त्यागी ने बताया कि आरोपी पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज उसे कोर्ट ले जाया गया था. जहां से अदालत ने उसे जेल भेजने के आदेश दिए. पीड़ित बच्ची का मेडिकल कराया गया है. उसके बयान भी दर्ज किए गए हैं.
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ओनिडा ब्रांड नाम से इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद बनाने वाली कंपनी मिर्क इलेक्ट्रॉनिक्स को मार्च, 2011 में समाप्त तिमाही के दौरान 9.71 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है, जो पिछले साल की इसी तिमाही से 97 फीसदी अधिक है। इससे पिछले साल की इसी तिमाही में कंपनी को 5.19 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। आलोच्य तिमाही में कंपनी की कुल बिक्री 46 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 574.31 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो पिछले साल 393.41 करोड़ रुपये थी। इसी प्रकार, मार्च में समाप्त साल के दौरान कंपनी का एकीकृत शुद्ध लाभ 46 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 29.01 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो पिछले साल 19.9 करोड़ रुपये थी। इसी अवधि में कंपनी की कुल बिक्री 1,939.74 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो पिछले साल 1,526.69 करोड़ रुपये थी।
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद भवन में मुलाकात की और उनको लोकसभा में जीत की बधाई दी. अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है और दिल्ली के विकास के लिए केंद्र और राज्य को दोनों को मिलकर काम करना चाहिए. दिल्ली भी केंद्र के साथ मिलकर काम करेगी और उम्मीद है कि केंद्र भी दिल्ली को पूरा सहयोग देगा.
अरविंद केजरीवाल ने यमुना के पानी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि दिल्ली में जो पानी एलोकेशन हुआ था वह 1994 में हुआ था. उसके बाद दिल्ली की आबादी दोगुनी हो गई है. उस वक्त दिल्ली की आबादी कम थी, जब पानी दिया गया था इसलिए दिल्ली में पानी की समस्या है पानी की कमी है. यमुना में जो पानी बह जाता है उसका पूरी योजना हमारे पास है. यमुना के दोनों तरफ लेक बनाई जाए पानी स्टोर किया जाए. इससे पूरे साल दिल्ली वालों को पानी की परेशानी नहीं होगी. अरविंद केजरीवाल का कहना है कि अभी बरसात में 1 महीने का समय है तो इस वक्त कुछ किया जा सकता है. ताकि दिल्ली वाले परेशानी से बच सकें.
Met Sh
@narendramodi
ji n congratulated him for LS victory
1. Del govt plans to store yamuna water during rainy season. One season’s water sufficient to meet one year’s Delhi’s water needs. Requested Centre’s support
2. Invited PM to visit a Mohalla clinic n Del govt school
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal)
June 21, 2019
Assured full cooperation of Del govt. To develop Delhi, capital city of India, it is imp that Del govt n Centre work together.
https://t.co/zer8OIVBGN
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal)
June 21, 2019
अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिल्ली के सरकारी स्कूलों को देखने का न्योता भी दिया और कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में दिल्ली सरकार ने शानदार काम किया है. सरकारी स्कूलों का रिजल्ट 94 परसेंट रहा है. दिल्ली के सरकारी स्कूलों को अगर प्रधानमंत्री देखेंगे तो उनका मनोबल बढ़ेगा. अरविंद केजरीवाल ने मोहल्ला क्लीनिक और पॉलीक्लिनिक देखने के लिए प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया और कहा कि प्रधानमंत्री आएंगे तो उनको अच्छा लगेगा. अरविंद केजरीवाल का कहना था कि दिल्ली के कानून-व्यवस्था के बारे में कोई बातचीत प्रधानमंत्री से नहीं हुई है.
कई बार पीएम मोदी पर आरोप लगा चुके हैं केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल और पीएम नरेंद्र मोदी के रिश्ते तल्खी भरे रहे हैं. केजरीवाल ने पीएम मोदी पर काम नहीं करने देने के आरोप कई बार लगाए हैं. अफसरों के ट्रांसफर और नियुक्ति के मामले को लेकर केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिस पर फैसला आना बाकी है. एक देश एक चुनाव के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बुलाई गई ऑल पार्टी मीटिंग में भी अरविंद केजरीवाल नहीं आए थे. उम्मीद है कि दोनों नेताओं के बीच बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हो सकती है.
इससे पहले दिल्ली सरकार की अगले तीन महीने में महिलाओं के लिए डीटीसी बसों, क्लस्टर बसों और दिल्ली मेट्रो में मुफ्त यात्रा की योजना की मोदी सरकार ने आलोचना की थी. केजरीवाल ने कहा था कि सभी महिलाएं डीटीसी बसों, क्लस्टर बसों और मेट्रो में मुफ्त यात्रा का फायदा उठा सकती हैं. उन्होंने कहा था कि अगले 2-3 महीने में यह योजना लागू कर दी जाएगी. इस योजना से दिल्ली सरकार पर 700 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्चा आएगा. केजरीवाल ने साथ में यह भी कहा था कि इसके लिए केंद्र सरकार से किसी तरह की मंजूरी की जरूरत नहीं है.
इस पर केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप एस. पुरी ने कहा कि उन्हें महिलाओं को मुफ्त यात्रा संबंधी कोई प्रस्ताव नहीं मिला है. उन्होंने कहा, दिल्ली सरकार के पास 50,000 करोड़ का बजट है, जिसका इस्तेमाल उसने स्वच्छ भारत या आयुष्मान भारत योजना में नहीं किया, लेकिन मुफ्त सवारी के लिए 2,500 रुपये की सब्सिडी देना चाहती है.
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यह एक लेख है: हॉलीवुड अभनेत्री एंजलीना जोली ने अपने अभिनेता पति ब्रैड पिट से तलाक के लिए कोर्ट में अर्ज़ी दी है. खबरें हैं कि ब्रैड पिट अपने बच्चों से खराब व्यवहार करते हैं और इस वजह से एंजलीना ने उनसे अलग होने का फैसला लिया है. बच्चों से दुर्व्यवहार के मामले में एफबीआई ने जांच शुरू कर दी है.
सेलिब्रिटी वेबसाइट टीएमज़ेड की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने ब्रैड पिट के खिलाफ जांच शुरू की है. वह कुछ दिनों पहले एक प्राइवेट विमान में अपने बच्चों पर भड़क गए थे और उनपर हाथ भी उठाया था.
एफबीआई ने गुरुवार देर शाम बयान जारी कर इस बात की पुष्टि की है कि विशेष विमान न्यायक्षेत्र के तहत ब्रैड पिट पर लगे आरोपों की जांच शुरू कर दी गई है. प्रेस रिलीज में कहा गया है, 'एफबीआई इस संबंध में जानकारी जुटा रही है. इसके बाद यह तय किया जाएगा कि संघीय स्तर पर इस मामले की जांच आगे बढ़ाई जाए या नहीं.' प्रेस रिलीज में जांच के संबंध में और अधिक जानकारी नहीं दी गई है.
हालांकि लॉस एंजिलस पुलिस डिपार्टमेंट ने ब्रैड पिट मामले में जांच शुरू नहीं की है. विभाग के स्पोक्समैन लॉरेंज़ो क्वैज़ादा ने एएफपी को बताया, "हमारे रिकॉर्ड में इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है और हम ब्रैड पिट से जुड़ी कोई जांच नहीं कर रहे हैं."
इस सप्ताह अमेरिकी मीडिया में खबरें आईं कि ब्रैड पिट गुस्से में अपने बच्चों पर चिल्लाते हैं और उन पर हाथ भी उठाते हैं. इस वजह से ही जोली ने उनसे अलग होने का फैसला लिया. एंजलीना ने सोमवार को ब्रैड पिट से तलाक के लिए कोर्ट में अर्जी दी थी. उन्होंने तलाक के लिए दोनों के बीच के नहीं मिट सकने वाले अंतर को कारण बताया था. इसके साथ ही उन्होंने अपने छह बच्चों की कस्टडी की भी मांग की थी.टिप्पणियां
दोनों अमेरिका के सबसे बड़े फिल्म सितारों में शामिल हैं. दोनों की जोड़ी हॉलीवुड की सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली जोड़ी है, जो 'ब्रैंजलीना' के नाम से चर्चित है. दोनों ने फ्रांस में दो साल पहले शादी की थी, लेकिन दोनों साल 2004 से ही साथ रह रहे हैं. दोनों के छह बच्चों में से तीन उनके अपने हैं, जबकि तीन को उन्होंने गोद लिया हुआ है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सेलिब्रिटी वेबसाइट टीएमज़ेड की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने ब्रैड पिट के खिलाफ जांच शुरू की है. वह कुछ दिनों पहले एक प्राइवेट विमान में अपने बच्चों पर भड़क गए थे और उनपर हाथ भी उठाया था.
एफबीआई ने गुरुवार देर शाम बयान जारी कर इस बात की पुष्टि की है कि विशेष विमान न्यायक्षेत्र के तहत ब्रैड पिट पर लगे आरोपों की जांच शुरू कर दी गई है. प्रेस रिलीज में कहा गया है, 'एफबीआई इस संबंध में जानकारी जुटा रही है. इसके बाद यह तय किया जाएगा कि संघीय स्तर पर इस मामले की जांच आगे बढ़ाई जाए या नहीं.' प्रेस रिलीज में जांच के संबंध में और अधिक जानकारी नहीं दी गई है.
हालांकि लॉस एंजिलस पुलिस डिपार्टमेंट ने ब्रैड पिट मामले में जांच शुरू नहीं की है. विभाग के स्पोक्समैन लॉरेंज़ो क्वैज़ादा ने एएफपी को बताया, "हमारे रिकॉर्ड में इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है और हम ब्रैड पिट से जुड़ी कोई जांच नहीं कर रहे हैं."
इस सप्ताह अमेरिकी मीडिया में खबरें आईं कि ब्रैड पिट गुस्से में अपने बच्चों पर चिल्लाते हैं और उन पर हाथ भी उठाते हैं. इस वजह से ही जोली ने उनसे अलग होने का फैसला लिया. एंजलीना ने सोमवार को ब्रैड पिट से तलाक के लिए कोर्ट में अर्जी दी थी. उन्होंने तलाक के लिए दोनों के बीच के नहीं मिट सकने वाले अंतर को कारण बताया था. इसके साथ ही उन्होंने अपने छह बच्चों की कस्टडी की भी मांग की थी.टिप्पणियां
दोनों अमेरिका के सबसे बड़े फिल्म सितारों में शामिल हैं. दोनों की जोड़ी हॉलीवुड की सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली जोड़ी है, जो 'ब्रैंजलीना' के नाम से चर्चित है. दोनों ने फ्रांस में दो साल पहले शादी की थी, लेकिन दोनों साल 2004 से ही साथ रह रहे हैं. दोनों के छह बच्चों में से तीन उनके अपने हैं, जबकि तीन को उन्होंने गोद लिया हुआ है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
एफबीआई ने गुरुवार देर शाम बयान जारी कर इस बात की पुष्टि की है कि विशेष विमान न्यायक्षेत्र के तहत ब्रैड पिट पर लगे आरोपों की जांच शुरू कर दी गई है. प्रेस रिलीज में कहा गया है, 'एफबीआई इस संबंध में जानकारी जुटा रही है. इसके बाद यह तय किया जाएगा कि संघीय स्तर पर इस मामले की जांच आगे बढ़ाई जाए या नहीं.' प्रेस रिलीज में जांच के संबंध में और अधिक जानकारी नहीं दी गई है.
हालांकि लॉस एंजिलस पुलिस डिपार्टमेंट ने ब्रैड पिट मामले में जांच शुरू नहीं की है. विभाग के स्पोक्समैन लॉरेंज़ो क्वैज़ादा ने एएफपी को बताया, "हमारे रिकॉर्ड में इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है और हम ब्रैड पिट से जुड़ी कोई जांच नहीं कर रहे हैं."
इस सप्ताह अमेरिकी मीडिया में खबरें आईं कि ब्रैड पिट गुस्से में अपने बच्चों पर चिल्लाते हैं और उन पर हाथ भी उठाते हैं. इस वजह से ही जोली ने उनसे अलग होने का फैसला लिया. एंजलीना ने सोमवार को ब्रैड पिट से तलाक के लिए कोर्ट में अर्जी दी थी. उन्होंने तलाक के लिए दोनों के बीच के नहीं मिट सकने वाले अंतर को कारण बताया था. इसके साथ ही उन्होंने अपने छह बच्चों की कस्टडी की भी मांग की थी.टिप्पणियां
दोनों अमेरिका के सबसे बड़े फिल्म सितारों में शामिल हैं. दोनों की जोड़ी हॉलीवुड की सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली जोड़ी है, जो 'ब्रैंजलीना' के नाम से चर्चित है. दोनों ने फ्रांस में दो साल पहले शादी की थी, लेकिन दोनों साल 2004 से ही साथ रह रहे हैं. दोनों के छह बच्चों में से तीन उनके अपने हैं, जबकि तीन को उन्होंने गोद लिया हुआ है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
हालांकि लॉस एंजिलस पुलिस डिपार्टमेंट ने ब्रैड पिट मामले में जांच शुरू नहीं की है. विभाग के स्पोक्समैन लॉरेंज़ो क्वैज़ादा ने एएफपी को बताया, "हमारे रिकॉर्ड में इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है और हम ब्रैड पिट से जुड़ी कोई जांच नहीं कर रहे हैं."
इस सप्ताह अमेरिकी मीडिया में खबरें आईं कि ब्रैड पिट गुस्से में अपने बच्चों पर चिल्लाते हैं और उन पर हाथ भी उठाते हैं. इस वजह से ही जोली ने उनसे अलग होने का फैसला लिया. एंजलीना ने सोमवार को ब्रैड पिट से तलाक के लिए कोर्ट में अर्जी दी थी. उन्होंने तलाक के लिए दोनों के बीच के नहीं मिट सकने वाले अंतर को कारण बताया था. इसके साथ ही उन्होंने अपने छह बच्चों की कस्टडी की भी मांग की थी.टिप्पणियां
दोनों अमेरिका के सबसे बड़े फिल्म सितारों में शामिल हैं. दोनों की जोड़ी हॉलीवुड की सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली जोड़ी है, जो 'ब्रैंजलीना' के नाम से चर्चित है. दोनों ने फ्रांस में दो साल पहले शादी की थी, लेकिन दोनों साल 2004 से ही साथ रह रहे हैं. दोनों के छह बच्चों में से तीन उनके अपने हैं, जबकि तीन को उन्होंने गोद लिया हुआ है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इस सप्ताह अमेरिकी मीडिया में खबरें आईं कि ब्रैड पिट गुस्से में अपने बच्चों पर चिल्लाते हैं और उन पर हाथ भी उठाते हैं. इस वजह से ही जोली ने उनसे अलग होने का फैसला लिया. एंजलीना ने सोमवार को ब्रैड पिट से तलाक के लिए कोर्ट में अर्जी दी थी. उन्होंने तलाक के लिए दोनों के बीच के नहीं मिट सकने वाले अंतर को कारण बताया था. इसके साथ ही उन्होंने अपने छह बच्चों की कस्टडी की भी मांग की थी.टिप्पणियां
दोनों अमेरिका के सबसे बड़े फिल्म सितारों में शामिल हैं. दोनों की जोड़ी हॉलीवुड की सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली जोड़ी है, जो 'ब्रैंजलीना' के नाम से चर्चित है. दोनों ने फ्रांस में दो साल पहले शादी की थी, लेकिन दोनों साल 2004 से ही साथ रह रहे हैं. दोनों के छह बच्चों में से तीन उनके अपने हैं, जबकि तीन को उन्होंने गोद लिया हुआ है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दोनों अमेरिका के सबसे बड़े फिल्म सितारों में शामिल हैं. दोनों की जोड़ी हॉलीवुड की सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली जोड़ी है, जो 'ब्रैंजलीना' के नाम से चर्चित है. दोनों ने फ्रांस में दो साल पहले शादी की थी, लेकिन दोनों साल 2004 से ही साथ रह रहे हैं. दोनों के छह बच्चों में से तीन उनके अपने हैं, जबकि तीन को उन्होंने गोद लिया हुआ है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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शनिवार का दिन भारत के इतिहास का स्वर्णिम दिन होने जा रहा है. उस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को भारत में बना अब तक का सबसे बड़ा जंगी युद्धपोत समर्पित करेंगे. यह है 6,800 टन का आईएनएस कोलकाता.
यह विशाल जहाज 2,606 करोड़ रुपए से बना है और यह कई तरह के आधुनिक हथियारों से लैस है. ध्यान रहे कि प्रधान मंत्री मोदी ने भारत के सबसे बड़े विमानवाहक जहाज आईएनएस विक्रमादित्य को देश को समर्पित किया था.
आईएनएस कोलकाता मुंबई स्थित मझगांव डॉकयार्ड में बनाया गया है और समय से तीन साल बाद बनकर तैयार हुआ है. इसमें अभी कुछ खास तरह की मिसाइल लगनी बाकी है लेकिन इसके बावजूद यह बहुत शक्तिशाली और आधुनिक जहाज है. यह आधुनिकतम ब्रह्मोस मिसाइल से भी लैस है.
इसके अलावा इसमें बराक मिसाइलें भी हैं जो 70 किलोमीटर की दूरी तक मार करने में समर्थ है. इसमें कुल 64 मिसाइलें तथा शक्तिशाली तोपें हैं. इसके अलावा दुश्मन की पनडुब्बियों की खबर लेने के लिए इसमें 4 टॉरपीडो तथा 2 ऐंटी सबमरीन रॉकेट भी हैं.
यह जहाज विशाल होने के बावजूद स्टेल्थ तकनीक से लैस है यानी यह दुश्मनों के रडार से काफी समय तक छुपा रह सकता है. इस विशाल जहाज में ज्यादातर प्रणालियां भारत में बनी हैं, हालांकि इसका इंजन यूक्रेन से लिया गया है और यह नौसेना के ट्रायल में सफल रहा. इसमें दो हेलीकॉप्टर रखने की भी व्यवस्था है. इसके रडार बहुत शक्तिशाली हैं और दूर से दुश्मनों को भांप लेते हैं. इसमें 50 ऑफिसर और 250 नौसैनिक रहेंगे.
हालांकि कहा जा रहा है कि अभी इस जहाज में और जरूरी लंबी दूरी के मिसाइल नहीं लग पाए हैं लेकिन जानकारों का मानना है कि अभी यह वर्तमान परिस्थितियों के लिए उपयुक्त है.
एक अन्य समुद्री जहाज आईएनएस कामोर्त को रक्षा मंत्री अरुण जेटली इस महीने के अंत में देश के नाम समर्पित करेंगे. यह मुख्य रूप से पनडुब्बी नाशक जहाज है. इस जहाज में 15 ऑफिसर और 180 नौसेनिक रहेंगे.
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यूपी की राजधानी लखनऊ में स्थित फाइव स्टार होटल ताज में एक मशहूर कलाकार के रिश्तेदारों के साथ चोरी की सनसनीखेज घटना घटी है. यहां एक शादी समारोह में शामिल होने आए गायक अनूप जलोटा की बहू का डायमंड का नेकलेस और दो कंगन होटल के कमरे से चोरी हो गए. इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है. होटल में लगे सीसीटीवी के फुटेज खंगाला जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक, अनूप जलोटा के भाई अमन जलोटा अमेरिका में रहते हैं. पिछले हफ्ते वह अपनी पत्नी राखी के साथ लखनऊ में एक शादी में शामिल होने आए थे. मंगलवार की शाम जब वह रिश्तेदारों से मिलकर वापस होटल के कमरा नंबर 333 में पहुंचे, तो देखा कि उनकी पत्नी का हीरे से जड़ा हार बैग से
गायब
है. इसकी जानकारी उन्होंने रिसेप्शन पर दी. इसके बाद होटल में अफरा-तफरी मच गई.
बताया जा रहा है कि शुरू में होटल प्रशासन ने इस मामले को अपने स्तर पर डील करने की बात कहते हुए दबाने की कोशिश, लेकिन पीड़ित पक्ष ने इसकी सूचना गोमती नगर थाने में दे दी. होटल पहुंची
पुलिस
देर रात तक छानबीन करती रही. थानाध्यक्ष अखिलेश चन्द्र पांडेय ने बताया कि अमन की तहरीर पर चोरी का केस दर्ज कर लिया गया है. गायब हुए आभूषणों की कीमत करीब 20 लाख रुपये है.
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मुंबई हमलों
के सह आरोपी
डेविड कोलमन हेडली
ने अपनी गवाही में कहा है कि उसे भारत के खिलाफ जासूसी का प्रशिक्षण पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी
आईएसआई
से मिला था.
हेडली ने शिकागो की एक अदालत में कहा कि आईएसआई ने मुझे जासूसी का प्रशिक्षण दिया. शिकागो की एक अदालत में मुंबई हमलों के सह आरोपी तहाव्वुर हुसैन राणा के मामले का मुकदमा चल रहा है. हेडली ने यह खुलासा एटॉर्नी चार्ल्स डी स्व्फ्टि की ओर से हो रही गहन पूछताछ के दौरान किया. यह वक्तव्य हेडली के बयान का एक भाग है.
संघीय अभियोजकों ने अदालत में जो दस्तावेज पेश किए, यह बयान भी उसी का एक भाग है. इस बारे में बुधवार को सीलबंद दस्तावेज सार्वजनिक किए गए. इस खुलासे ने भारत के इस आरोप को और मजबूती दी है कि मुंबई हमलों में आईएसआई के कई तत्व शामिल थे.
हेडली को आईएसआई की ओर से यह प्रशिक्षण मेजर इकबाल ने दिया. मेजर इकबाल आईएसआई में हेडली का आका था. हेडली ने न्यायाधीशों को बताया कि उसे यह प्रशिक्षण लाहौर हवाईअड्डे के पास के एक सुरक्षित दो मंजिला मकान में दिया गया.
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त्रिपुरा हाई कोर्ट में वैकेंसी निकली हैं. इच्छुक उम्मीदवार 11 मार्च तक आवेदन कर सकते हैं.
पद का नाम:
त्रिपुरा ज्यूडिसियल सर्विस ग्रेड-III
पदों की संख्या:
13
योग्यता:
बैचलर डिग्री इन लॉ
उम्र सीमा:
35 साल
चयन प्रक्रिया:
उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के आधार पर किया जाएगा.
ज्यादा जानकारी के लिए
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महाराष्ट्र सरकार ने विपक्ष के इन आरोपों को खारिज कर दिया कि कांग्रेसी नेता पवनराज निंबालकर की हत्या के मामले को जानबूझकर ढका जा रहा है.
सरकार ने कहा कि राकांपा सांसद पद्मसिंह पाटिल को मुंबई पुलिस द्वारा पकड़े गये दो अन्य आरोपियों के कारण ही गिरफ्तार किया गया है. गृहमंत्री जयंत पाटिल ने विधानसभा में बताया कि मुंबई पुलिस ने एक अन्य मामले में पारसमल जैन और दिनेश तिवारी को गिरफ्तार किया था.
सदन में कानून व्यवस्था पर हो रही बहस में पाटिल ने कहा जब पुलिस को पता चला कि दोनों पवनराज निंबालकर की हत्या के मामले में शामिल थे उन्हें सीबीआई हिरासत में भेजा गया.
गृहमंत्री के अनुसार सीबीआई ने उनसे पूछताछ कर मामले में जांच शुरू कर दी और इस आधार पर पाटिल को गिरफ्तार किया गया. उन्होंने कहा इस तरह मामले को ढकने का सवाल ही नहीं उठता. पाटिल ने कहा यदि राज्य सरकार का कोई और मकसद होता तो दोनों को सीबीआई के सुपुर्द नहीं किया जाता.
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हरियाणा की आदमपुर सीट से बीजेपी प्रत्याशी हैं सोनाली फोगाट
सोनाली फोगाट ने आजतक से बातचीत में बताई अपनी दिनचर्या
भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर हरियाणा की आदमपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहीं टिकटॉक स्टार सोनाली फोगाट चर्चा के साथ-साथ विवादों में भी आ गई हैं. एक तरफ जहां उनके टिकटॉक वीडियो वायरल हो रहे हैं, वहीं भारत माता की जय को लेकर उनकी टिप्पणी विवाद का केंद्र बन गई है. इस सबके बीच सोनाली फोगाट जमकर चुनाव प्रचार कर रही हैं, साथ ही अपनी नियमित दिनचर्या का भी भरपूर ध्यान रख रही हैं.
हिसार में सोनाली फोगाट के घर पर आजतक ने उनसे खास बातचीत की, जिसमें सोनाली ने अपनी निजी जिंदगी से लेकर राजनीति तक तमाम मसलों पर राय रखी. सोनाली ने कहा कि वह अभिनय के साथ-साथ राजनीति भी जारी रखेंगी.
टिकटॉक करना लगता है अच्छा
सोशल मीडिया ऐप टिकटॉक पर वीडियो बनाने वालीं सोनाली फोगाट काफी चर्चा में हैं. उनके वीडियो काफी पसंद किए जा रहे हैं. आजतक से बातचीत में सोनाली ने बताया कि उन्हें टिकटॉक करना अच्छा लगता है, इसलिए वह टिकटॉक भी करती रहेंगी.
अपने घर में बच्चों के साथ सोनाली फोगाट
योग से होती है दिन की शुरुआत
सोनाली फोगाट ने बताया कि चुनाव प्रचार पर निकलने से पहले वो सुबह-सुबह योग करती हैं. सोनाली फोगाट ने पहले योग किया और उसके बाद पूजा अर्चना की. सोनाली ने बताया कि वह रोज योग करती हैं, जिससे उनका पूरा दिन अच्छा जाता है. उन्होंने कहा कि वह काफी लंबे समय से राजनीति में काम कर रही हैं और उन्हें राजनीति का सफर अच्छा लगता है.
शिवभक्त हैं सोनाली फोगाट
सोनाली फोगाट ने बताया कि भगवान शिव मेरे इष्ट देव हैं. मैं उनको याद करती हूं और हमेशा ओम नमः शिवाय का जाप करती हूं.
अभिनय की वजह से राजनीति में एंट्री
सोनाली फोगाट ने बताया कि वह अभिनय की वजह से राजनीति में आईं. उन्होंने कहा, 'मैं दिल्ली में जब काम कर रही थी, उस समय बीजेपी के ऐसे कुछ लोगों से मुलाकात हुई, जिनसे मैं बहुत प्रभावित हुई. सुमित्रा महाजन, सुषमा स्वराज के काम को लेकर अच्छा लगा. मुझे भी लगा कि ऐसा काम करना चाहिए.'
ये हैं चुनाव में मुद्दे
सोनाली फोगाट का कहना है कि राजनीति हो या एक्टिंग उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन हिम्मत के साथ काम करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि कोई चीज आसान नहीं होती है, लेकिन दिल से करने पर सब आसान हो जाता है. चुनावी मुद्दों के बारे में सोनाली फोगाट ने बताया कि पिछले 5 सालों में जो विकास हुआ है, वही मेरे लिए सबसे बड़ा मुद्दे हैं. कांग्रेस सरकारों ने देश के लिए कुछ नहीं सोचा. भारतीय जनता पार्टी ऐसी पार्टी है जिसके लिए राष्ट्र सब कुछ है.
सोनाली ने कहा कि कश्मीर से 370 हटाई गई क्योंकि ऐसा करने की हिम्मत पीएम नरेंद्र मोदी के अंदर है. साथ ही सोनाली ने कहा कि उनकी एक्टिंग और राजनीति दोनों साथ चलेगी.
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श्रीलंका से भारतीय क्रिकेट टीम पांच वन-डे और एक टी-20 की सीरीज खेलने जा रही है। सीरीज का पहला मैच शनिवार को खेला जाएगा।
आखिरी बार टीम इंडिया का श्रीलंका से सामना एशिया कप में हुआ था। सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने उस मैच में 100 और उप-कप्तान विराट कोहली ने 108 रनों की जबरदस्त पारी खेली थी। अगर भारतीय बल्लेबाजों का ये तेवर श्रीलंका में बरकरार रहा तो महेन्द्र सिंह धोनी की टीम के लिए ये बेहतरीन मौका होगा वन−डे में टॉप पर पहुंचने का लेकिन इसके लिए भारतीय टीम को श्रीलंका का व्हाइटवाश करना होगा। पांच मैचों की सीरीज का हर मैच जीतना होगा। श्रीलंका को उसकी जमीन पर 5−0 से हराना आसान नहीं होगा। वैसे, भारत ने श्रीलंका में पिछली दो सीरीज जीती हैं जिससे जीत की उम्मीद बनती है।टिप्पणियां
गौरतलब है कि 2008 में महेन्द्र सिंह धोनी की टीम ने 3−2 से सीरीज जीती थी। धोनी ने उस सीरीज में दो हाफ सेंचुरी लगाई थी और मैन ऑफ द सीरीज भी रहे थे। 2009 में भारत ने श्रीलंका को 4−1 से हराया था। तब युवराज सिंह मैन ऑफ द सीरीज रहे थे।
उल्लेखनीय है कि इस समय ऑस्ट्रेलिया 119 अंको के साथ पहले नंबर पर है। दूसरे नंबर पर दक्षिण अफ्रीका और तीसरे पर इंग्लैंड है। दोनों ही टीमों के 118 अंक हैं। भारत 117 प्वाइंट्स के साथ चौथे नंबर पर है। अगर भारत सभी पांच मैच जीत लेता है तो वह 120 अंकों के साथ टॉप पर पहुंच जाएगा।
आखिरी बार टीम इंडिया का श्रीलंका से सामना एशिया कप में हुआ था। सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने उस मैच में 100 और उप-कप्तान विराट कोहली ने 108 रनों की जबरदस्त पारी खेली थी। अगर भारतीय बल्लेबाजों का ये तेवर श्रीलंका में बरकरार रहा तो महेन्द्र सिंह धोनी की टीम के लिए ये बेहतरीन मौका होगा वन−डे में टॉप पर पहुंचने का लेकिन इसके लिए भारतीय टीम को श्रीलंका का व्हाइटवाश करना होगा। पांच मैचों की सीरीज का हर मैच जीतना होगा। श्रीलंका को उसकी जमीन पर 5−0 से हराना आसान नहीं होगा। वैसे, भारत ने श्रीलंका में पिछली दो सीरीज जीती हैं जिससे जीत की उम्मीद बनती है।टिप्पणियां
गौरतलब है कि 2008 में महेन्द्र सिंह धोनी की टीम ने 3−2 से सीरीज जीती थी। धोनी ने उस सीरीज में दो हाफ सेंचुरी लगाई थी और मैन ऑफ द सीरीज भी रहे थे। 2009 में भारत ने श्रीलंका को 4−1 से हराया था। तब युवराज सिंह मैन ऑफ द सीरीज रहे थे।
उल्लेखनीय है कि इस समय ऑस्ट्रेलिया 119 अंको के साथ पहले नंबर पर है। दूसरे नंबर पर दक्षिण अफ्रीका और तीसरे पर इंग्लैंड है। दोनों ही टीमों के 118 अंक हैं। भारत 117 प्वाइंट्स के साथ चौथे नंबर पर है। अगर भारत सभी पांच मैच जीत लेता है तो वह 120 अंकों के साथ टॉप पर पहुंच जाएगा।
गौरतलब है कि 2008 में महेन्द्र सिंह धोनी की टीम ने 3−2 से सीरीज जीती थी। धोनी ने उस सीरीज में दो हाफ सेंचुरी लगाई थी और मैन ऑफ द सीरीज भी रहे थे। 2009 में भारत ने श्रीलंका को 4−1 से हराया था। तब युवराज सिंह मैन ऑफ द सीरीज रहे थे।
उल्लेखनीय है कि इस समय ऑस्ट्रेलिया 119 अंको के साथ पहले नंबर पर है। दूसरे नंबर पर दक्षिण अफ्रीका और तीसरे पर इंग्लैंड है। दोनों ही टीमों के 118 अंक हैं। भारत 117 प्वाइंट्स के साथ चौथे नंबर पर है। अगर भारत सभी पांच मैच जीत लेता है तो वह 120 अंकों के साथ टॉप पर पहुंच जाएगा।
उल्लेखनीय है कि इस समय ऑस्ट्रेलिया 119 अंको के साथ पहले नंबर पर है। दूसरे नंबर पर दक्षिण अफ्रीका और तीसरे पर इंग्लैंड है। दोनों ही टीमों के 118 अंक हैं। भारत 117 प्वाइंट्स के साथ चौथे नंबर पर है। अगर भारत सभी पांच मैच जीत लेता है तो वह 120 अंकों के साथ टॉप पर पहुंच जाएगा।
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यह लेख है: अजिंक्य रेहाने की शानदार बल्लेबाजी और केवोन कूपर की घातक गेंदबाजी की बदौलत राजस्थान रॉयल्स टीम ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पांचवें संस्करण के तहत शुक्रवार को सवाई मानसिंह स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में किंग्स इलेवन पंजाब को 31 रनों से हराकर जीत के साथ शुरुआत की।
राजस्थान की ओर से रखे गए 192 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए किंग्स इलेवन पंजाब की टीम निर्धारित 20 ओवरों में नौ विकेट खोकर 160 रन ही बना सकी। राजस्थान की जीत के नायक रहे अजिंक्य रेहाने और केवोन कूपर। रेहाने ने बल्लेबाजी में अपना जौहर दिखाते हुए 98 रनों की पारी खेली तो कूपर ने गेंद से अपना जलवा बिखेरा और चार विकेट हासिल किए। रेहाने को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच के पुरस्कार से नवाजा गया।
पंजाब की ओर से मंदीप सिंह ने सर्वाधिक 34 रन बनाए जबकि कप्तान एडम गिलक्रिस्ट ने 27 रन बनाए। उन्होंने 18 गेंदों का सामना किया और तीन चौके तथा एक छक्का लगाया।
पॉल वल्थाटी भी कुछ खास नहीं कर सके। वह 13 रन बनाकर पवेलियन लौटे। शॉन मार्श सिर्फ सात ही रन बना सके जबकि अभिषेक नायर 10 रन बनाकर आउट हुए। राजस्थान के शेष बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर सके और सस्ते में अपना विकेट गंवाते चले गए।
राजस्थान की ओर से केवोन कूपर ने घातक गेंदबाजी करते हुए पंजाब के चार बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई है। अंकित चावला के खाते में दो जबकि अमित सिंह और सिद्धार्थ त्रिवेदी के खाते में एक-एक विकेट गया।
इससे पहले राजस्थान ने किंग्स इलेवन पंजाब टीम के सामने 192 रनों का चुनौतिपूर्ण लक्ष्य रखा। राजस्थान की ओर से अजिंक्य रेहाने ने 98 रनों की बेमिसाल पारी खेली।
टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी के लिए बुलाए जाने पर राजस्थान की टीम ने शुरुआत में संयम का परिचय दिया और फिर आखिरी ओवरों में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवरों में चार विकेट गंवाकर 191 रन बटोरे।
अंजिक्य रेहाने ने 98 रनों की आतिशी पारी खेली और सिर्फ दो रनों से वह इस सत्र का पहला शतक लगाने से चूक गए। रेहाने ने अपनी इस पारी के दौरान 66 गेंदों का सामना किया और 16 चौके तथ एक छक्का लगाया।
कप्तान राहुल द्रविड़ के साथ मिलकर रेहाने ने पहले विकेट के लिए 77 रनों की साझेदारी की। द्रविड़ ने 28 रन बनाए। द्रविड़ ने 24 गेंदों पर तीन चौके लगाए।
ब्रेड हॉज ने 16 गेंदों पर एक चौके तथा एक छक्के की मदद से 21, ओवैश शाह ने आठ गेंदों पर दो चौकों की मदद से 14 और केवोन कूपर ने तीन गेंदों पर एक चौके तथा एक छक्के की मदद से 11 रन बनाए।
पंजाब की ओर से जेम्स फॉकनर सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने दो विकेट झटके जबकि पीयूष चावला और हरमीत सिंह के खाते में एक-एक विकेट गया।टिप्पणियां
दोनों टीमें इस सत्र में अपना पहला मैच खेल रही हैं। दोनों की कोशिश इस मुकाबले को जीतकर टूर्नामेंट में अपनी मजबूत दावेदारी पेश करने की होगी।
वर्ष 2008 में चैम्पियन बनाने वाले कप्तान शेन वार्न की सेवाएं राजस्थान को इस बार नहीं मिल रही हैं। राजस्थान की बागडोर हाल में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले राहुल द्रविड़ के हाथों में है जबकि पंजाब की कप्तानी ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान गिलक्रिस्ट के पास है।
राजस्थान की ओर से रखे गए 192 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए किंग्स इलेवन पंजाब की टीम निर्धारित 20 ओवरों में नौ विकेट खोकर 160 रन ही बना सकी। राजस्थान की जीत के नायक रहे अजिंक्य रेहाने और केवोन कूपर। रेहाने ने बल्लेबाजी में अपना जौहर दिखाते हुए 98 रनों की पारी खेली तो कूपर ने गेंद से अपना जलवा बिखेरा और चार विकेट हासिल किए। रेहाने को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच के पुरस्कार से नवाजा गया।
पंजाब की ओर से मंदीप सिंह ने सर्वाधिक 34 रन बनाए जबकि कप्तान एडम गिलक्रिस्ट ने 27 रन बनाए। उन्होंने 18 गेंदों का सामना किया और तीन चौके तथा एक छक्का लगाया।
पॉल वल्थाटी भी कुछ खास नहीं कर सके। वह 13 रन बनाकर पवेलियन लौटे। शॉन मार्श सिर्फ सात ही रन बना सके जबकि अभिषेक नायर 10 रन बनाकर आउट हुए। राजस्थान के शेष बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर सके और सस्ते में अपना विकेट गंवाते चले गए।
राजस्थान की ओर से केवोन कूपर ने घातक गेंदबाजी करते हुए पंजाब के चार बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई है। अंकित चावला के खाते में दो जबकि अमित सिंह और सिद्धार्थ त्रिवेदी के खाते में एक-एक विकेट गया।
इससे पहले राजस्थान ने किंग्स इलेवन पंजाब टीम के सामने 192 रनों का चुनौतिपूर्ण लक्ष्य रखा। राजस्थान की ओर से अजिंक्य रेहाने ने 98 रनों की बेमिसाल पारी खेली।
टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी के लिए बुलाए जाने पर राजस्थान की टीम ने शुरुआत में संयम का परिचय दिया और फिर आखिरी ओवरों में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवरों में चार विकेट गंवाकर 191 रन बटोरे।
अंजिक्य रेहाने ने 98 रनों की आतिशी पारी खेली और सिर्फ दो रनों से वह इस सत्र का पहला शतक लगाने से चूक गए। रेहाने ने अपनी इस पारी के दौरान 66 गेंदों का सामना किया और 16 चौके तथ एक छक्का लगाया।
कप्तान राहुल द्रविड़ के साथ मिलकर रेहाने ने पहले विकेट के लिए 77 रनों की साझेदारी की। द्रविड़ ने 28 रन बनाए। द्रविड़ ने 24 गेंदों पर तीन चौके लगाए।
ब्रेड हॉज ने 16 गेंदों पर एक चौके तथा एक छक्के की मदद से 21, ओवैश शाह ने आठ गेंदों पर दो चौकों की मदद से 14 और केवोन कूपर ने तीन गेंदों पर एक चौके तथा एक छक्के की मदद से 11 रन बनाए।
पंजाब की ओर से जेम्स फॉकनर सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने दो विकेट झटके जबकि पीयूष चावला और हरमीत सिंह के खाते में एक-एक विकेट गया।टिप्पणियां
दोनों टीमें इस सत्र में अपना पहला मैच खेल रही हैं। दोनों की कोशिश इस मुकाबले को जीतकर टूर्नामेंट में अपनी मजबूत दावेदारी पेश करने की होगी।
वर्ष 2008 में चैम्पियन बनाने वाले कप्तान शेन वार्न की सेवाएं राजस्थान को इस बार नहीं मिल रही हैं। राजस्थान की बागडोर हाल में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले राहुल द्रविड़ के हाथों में है जबकि पंजाब की कप्तानी ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान गिलक्रिस्ट के पास है।
पंजाब की ओर से मंदीप सिंह ने सर्वाधिक 34 रन बनाए जबकि कप्तान एडम गिलक्रिस्ट ने 27 रन बनाए। उन्होंने 18 गेंदों का सामना किया और तीन चौके तथा एक छक्का लगाया।
पॉल वल्थाटी भी कुछ खास नहीं कर सके। वह 13 रन बनाकर पवेलियन लौटे। शॉन मार्श सिर्फ सात ही रन बना सके जबकि अभिषेक नायर 10 रन बनाकर आउट हुए। राजस्थान के शेष बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर सके और सस्ते में अपना विकेट गंवाते चले गए।
राजस्थान की ओर से केवोन कूपर ने घातक गेंदबाजी करते हुए पंजाब के चार बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई है। अंकित चावला के खाते में दो जबकि अमित सिंह और सिद्धार्थ त्रिवेदी के खाते में एक-एक विकेट गया।
इससे पहले राजस्थान ने किंग्स इलेवन पंजाब टीम के सामने 192 रनों का चुनौतिपूर्ण लक्ष्य रखा। राजस्थान की ओर से अजिंक्य रेहाने ने 98 रनों की बेमिसाल पारी खेली।
टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी के लिए बुलाए जाने पर राजस्थान की टीम ने शुरुआत में संयम का परिचय दिया और फिर आखिरी ओवरों में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवरों में चार विकेट गंवाकर 191 रन बटोरे।
अंजिक्य रेहाने ने 98 रनों की आतिशी पारी खेली और सिर्फ दो रनों से वह इस सत्र का पहला शतक लगाने से चूक गए। रेहाने ने अपनी इस पारी के दौरान 66 गेंदों का सामना किया और 16 चौके तथ एक छक्का लगाया।
कप्तान राहुल द्रविड़ के साथ मिलकर रेहाने ने पहले विकेट के लिए 77 रनों की साझेदारी की। द्रविड़ ने 28 रन बनाए। द्रविड़ ने 24 गेंदों पर तीन चौके लगाए।
ब्रेड हॉज ने 16 गेंदों पर एक चौके तथा एक छक्के की मदद से 21, ओवैश शाह ने आठ गेंदों पर दो चौकों की मदद से 14 और केवोन कूपर ने तीन गेंदों पर एक चौके तथा एक छक्के की मदद से 11 रन बनाए।
पंजाब की ओर से जेम्स फॉकनर सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने दो विकेट झटके जबकि पीयूष चावला और हरमीत सिंह के खाते में एक-एक विकेट गया।टिप्पणियां
दोनों टीमें इस सत्र में अपना पहला मैच खेल रही हैं। दोनों की कोशिश इस मुकाबले को जीतकर टूर्नामेंट में अपनी मजबूत दावेदारी पेश करने की होगी।
वर्ष 2008 में चैम्पियन बनाने वाले कप्तान शेन वार्न की सेवाएं राजस्थान को इस बार नहीं मिल रही हैं। राजस्थान की बागडोर हाल में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले राहुल द्रविड़ के हाथों में है जबकि पंजाब की कप्तानी ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान गिलक्रिस्ट के पास है।
पॉल वल्थाटी भी कुछ खास नहीं कर सके। वह 13 रन बनाकर पवेलियन लौटे। शॉन मार्श सिर्फ सात ही रन बना सके जबकि अभिषेक नायर 10 रन बनाकर आउट हुए। राजस्थान के शेष बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर सके और सस्ते में अपना विकेट गंवाते चले गए।
राजस्थान की ओर से केवोन कूपर ने घातक गेंदबाजी करते हुए पंजाब के चार बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई है। अंकित चावला के खाते में दो जबकि अमित सिंह और सिद्धार्थ त्रिवेदी के खाते में एक-एक विकेट गया।
इससे पहले राजस्थान ने किंग्स इलेवन पंजाब टीम के सामने 192 रनों का चुनौतिपूर्ण लक्ष्य रखा। राजस्थान की ओर से अजिंक्य रेहाने ने 98 रनों की बेमिसाल पारी खेली।
टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी के लिए बुलाए जाने पर राजस्थान की टीम ने शुरुआत में संयम का परिचय दिया और फिर आखिरी ओवरों में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवरों में चार विकेट गंवाकर 191 रन बटोरे।
अंजिक्य रेहाने ने 98 रनों की आतिशी पारी खेली और सिर्फ दो रनों से वह इस सत्र का पहला शतक लगाने से चूक गए। रेहाने ने अपनी इस पारी के दौरान 66 गेंदों का सामना किया और 16 चौके तथ एक छक्का लगाया।
कप्तान राहुल द्रविड़ के साथ मिलकर रेहाने ने पहले विकेट के लिए 77 रनों की साझेदारी की। द्रविड़ ने 28 रन बनाए। द्रविड़ ने 24 गेंदों पर तीन चौके लगाए।
ब्रेड हॉज ने 16 गेंदों पर एक चौके तथा एक छक्के की मदद से 21, ओवैश शाह ने आठ गेंदों पर दो चौकों की मदद से 14 और केवोन कूपर ने तीन गेंदों पर एक चौके तथा एक छक्के की मदद से 11 रन बनाए।
पंजाब की ओर से जेम्स फॉकनर सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने दो विकेट झटके जबकि पीयूष चावला और हरमीत सिंह के खाते में एक-एक विकेट गया।टिप्पणियां
दोनों टीमें इस सत्र में अपना पहला मैच खेल रही हैं। दोनों की कोशिश इस मुकाबले को जीतकर टूर्नामेंट में अपनी मजबूत दावेदारी पेश करने की होगी।
वर्ष 2008 में चैम्पियन बनाने वाले कप्तान शेन वार्न की सेवाएं राजस्थान को इस बार नहीं मिल रही हैं। राजस्थान की बागडोर हाल में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले राहुल द्रविड़ के हाथों में है जबकि पंजाब की कप्तानी ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान गिलक्रिस्ट के पास है।
राजस्थान की ओर से केवोन कूपर ने घातक गेंदबाजी करते हुए पंजाब के चार बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई है। अंकित चावला के खाते में दो जबकि अमित सिंह और सिद्धार्थ त्रिवेदी के खाते में एक-एक विकेट गया।
इससे पहले राजस्थान ने किंग्स इलेवन पंजाब टीम के सामने 192 रनों का चुनौतिपूर्ण लक्ष्य रखा। राजस्थान की ओर से अजिंक्य रेहाने ने 98 रनों की बेमिसाल पारी खेली।
टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी के लिए बुलाए जाने पर राजस्थान की टीम ने शुरुआत में संयम का परिचय दिया और फिर आखिरी ओवरों में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवरों में चार विकेट गंवाकर 191 रन बटोरे।
अंजिक्य रेहाने ने 98 रनों की आतिशी पारी खेली और सिर्फ दो रनों से वह इस सत्र का पहला शतक लगाने से चूक गए। रेहाने ने अपनी इस पारी के दौरान 66 गेंदों का सामना किया और 16 चौके तथ एक छक्का लगाया।
कप्तान राहुल द्रविड़ के साथ मिलकर रेहाने ने पहले विकेट के लिए 77 रनों की साझेदारी की। द्रविड़ ने 28 रन बनाए। द्रविड़ ने 24 गेंदों पर तीन चौके लगाए।
ब्रेड हॉज ने 16 गेंदों पर एक चौके तथा एक छक्के की मदद से 21, ओवैश शाह ने आठ गेंदों पर दो चौकों की मदद से 14 और केवोन कूपर ने तीन गेंदों पर एक चौके तथा एक छक्के की मदद से 11 रन बनाए।
पंजाब की ओर से जेम्स फॉकनर सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने दो विकेट झटके जबकि पीयूष चावला और हरमीत सिंह के खाते में एक-एक विकेट गया।टिप्पणियां
दोनों टीमें इस सत्र में अपना पहला मैच खेल रही हैं। दोनों की कोशिश इस मुकाबले को जीतकर टूर्नामेंट में अपनी मजबूत दावेदारी पेश करने की होगी।
वर्ष 2008 में चैम्पियन बनाने वाले कप्तान शेन वार्न की सेवाएं राजस्थान को इस बार नहीं मिल रही हैं। राजस्थान की बागडोर हाल में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले राहुल द्रविड़ के हाथों में है जबकि पंजाब की कप्तानी ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान गिलक्रिस्ट के पास है।
इससे पहले राजस्थान ने किंग्स इलेवन पंजाब टीम के सामने 192 रनों का चुनौतिपूर्ण लक्ष्य रखा। राजस्थान की ओर से अजिंक्य रेहाने ने 98 रनों की बेमिसाल पारी खेली।
टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी के लिए बुलाए जाने पर राजस्थान की टीम ने शुरुआत में संयम का परिचय दिया और फिर आखिरी ओवरों में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवरों में चार विकेट गंवाकर 191 रन बटोरे।
अंजिक्य रेहाने ने 98 रनों की आतिशी पारी खेली और सिर्फ दो रनों से वह इस सत्र का पहला शतक लगाने से चूक गए। रेहाने ने अपनी इस पारी के दौरान 66 गेंदों का सामना किया और 16 चौके तथ एक छक्का लगाया।
कप्तान राहुल द्रविड़ के साथ मिलकर रेहाने ने पहले विकेट के लिए 77 रनों की साझेदारी की। द्रविड़ ने 28 रन बनाए। द्रविड़ ने 24 गेंदों पर तीन चौके लगाए।
ब्रेड हॉज ने 16 गेंदों पर एक चौके तथा एक छक्के की मदद से 21, ओवैश शाह ने आठ गेंदों पर दो चौकों की मदद से 14 और केवोन कूपर ने तीन गेंदों पर एक चौके तथा एक छक्के की मदद से 11 रन बनाए।
पंजाब की ओर से जेम्स फॉकनर सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने दो विकेट झटके जबकि पीयूष चावला और हरमीत सिंह के खाते में एक-एक विकेट गया।टिप्पणियां
दोनों टीमें इस सत्र में अपना पहला मैच खेल रही हैं। दोनों की कोशिश इस मुकाबले को जीतकर टूर्नामेंट में अपनी मजबूत दावेदारी पेश करने की होगी।
वर्ष 2008 में चैम्पियन बनाने वाले कप्तान शेन वार्न की सेवाएं राजस्थान को इस बार नहीं मिल रही हैं। राजस्थान की बागडोर हाल में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले राहुल द्रविड़ के हाथों में है जबकि पंजाब की कप्तानी ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान गिलक्रिस्ट के पास है।
टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी के लिए बुलाए जाने पर राजस्थान की टीम ने शुरुआत में संयम का परिचय दिया और फिर आखिरी ओवरों में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवरों में चार विकेट गंवाकर 191 रन बटोरे।
अंजिक्य रेहाने ने 98 रनों की आतिशी पारी खेली और सिर्फ दो रनों से वह इस सत्र का पहला शतक लगाने से चूक गए। रेहाने ने अपनी इस पारी के दौरान 66 गेंदों का सामना किया और 16 चौके तथ एक छक्का लगाया।
कप्तान राहुल द्रविड़ के साथ मिलकर रेहाने ने पहले विकेट के लिए 77 रनों की साझेदारी की। द्रविड़ ने 28 रन बनाए। द्रविड़ ने 24 गेंदों पर तीन चौके लगाए।
ब्रेड हॉज ने 16 गेंदों पर एक चौके तथा एक छक्के की मदद से 21, ओवैश शाह ने आठ गेंदों पर दो चौकों की मदद से 14 और केवोन कूपर ने तीन गेंदों पर एक चौके तथा एक छक्के की मदद से 11 रन बनाए।
पंजाब की ओर से जेम्स फॉकनर सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने दो विकेट झटके जबकि पीयूष चावला और हरमीत सिंह के खाते में एक-एक विकेट गया।टिप्पणियां
दोनों टीमें इस सत्र में अपना पहला मैच खेल रही हैं। दोनों की कोशिश इस मुकाबले को जीतकर टूर्नामेंट में अपनी मजबूत दावेदारी पेश करने की होगी।
वर्ष 2008 में चैम्पियन बनाने वाले कप्तान शेन वार्न की सेवाएं राजस्थान को इस बार नहीं मिल रही हैं। राजस्थान की बागडोर हाल में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले राहुल द्रविड़ के हाथों में है जबकि पंजाब की कप्तानी ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान गिलक्रिस्ट के पास है।
अंजिक्य रेहाने ने 98 रनों की आतिशी पारी खेली और सिर्फ दो रनों से वह इस सत्र का पहला शतक लगाने से चूक गए। रेहाने ने अपनी इस पारी के दौरान 66 गेंदों का सामना किया और 16 चौके तथ एक छक्का लगाया।
कप्तान राहुल द्रविड़ के साथ मिलकर रेहाने ने पहले विकेट के लिए 77 रनों की साझेदारी की। द्रविड़ ने 28 रन बनाए। द्रविड़ ने 24 गेंदों पर तीन चौके लगाए।
ब्रेड हॉज ने 16 गेंदों पर एक चौके तथा एक छक्के की मदद से 21, ओवैश शाह ने आठ गेंदों पर दो चौकों की मदद से 14 और केवोन कूपर ने तीन गेंदों पर एक चौके तथा एक छक्के की मदद से 11 रन बनाए।
पंजाब की ओर से जेम्स फॉकनर सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने दो विकेट झटके जबकि पीयूष चावला और हरमीत सिंह के खाते में एक-एक विकेट गया।टिप्पणियां
दोनों टीमें इस सत्र में अपना पहला मैच खेल रही हैं। दोनों की कोशिश इस मुकाबले को जीतकर टूर्नामेंट में अपनी मजबूत दावेदारी पेश करने की होगी।
वर्ष 2008 में चैम्पियन बनाने वाले कप्तान शेन वार्न की सेवाएं राजस्थान को इस बार नहीं मिल रही हैं। राजस्थान की बागडोर हाल में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले राहुल द्रविड़ के हाथों में है जबकि पंजाब की कप्तानी ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान गिलक्रिस्ट के पास है।
कप्तान राहुल द्रविड़ के साथ मिलकर रेहाने ने पहले विकेट के लिए 77 रनों की साझेदारी की। द्रविड़ ने 28 रन बनाए। द्रविड़ ने 24 गेंदों पर तीन चौके लगाए।
ब्रेड हॉज ने 16 गेंदों पर एक चौके तथा एक छक्के की मदद से 21, ओवैश शाह ने आठ गेंदों पर दो चौकों की मदद से 14 और केवोन कूपर ने तीन गेंदों पर एक चौके तथा एक छक्के की मदद से 11 रन बनाए।
पंजाब की ओर से जेम्स फॉकनर सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने दो विकेट झटके जबकि पीयूष चावला और हरमीत सिंह के खाते में एक-एक विकेट गया।टिप्पणियां
दोनों टीमें इस सत्र में अपना पहला मैच खेल रही हैं। दोनों की कोशिश इस मुकाबले को जीतकर टूर्नामेंट में अपनी मजबूत दावेदारी पेश करने की होगी।
वर्ष 2008 में चैम्पियन बनाने वाले कप्तान शेन वार्न की सेवाएं राजस्थान को इस बार नहीं मिल रही हैं। राजस्थान की बागडोर हाल में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले राहुल द्रविड़ के हाथों में है जबकि पंजाब की कप्तानी ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान गिलक्रिस्ट के पास है।
ब्रेड हॉज ने 16 गेंदों पर एक चौके तथा एक छक्के की मदद से 21, ओवैश शाह ने आठ गेंदों पर दो चौकों की मदद से 14 और केवोन कूपर ने तीन गेंदों पर एक चौके तथा एक छक्के की मदद से 11 रन बनाए।
पंजाब की ओर से जेम्स फॉकनर सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने दो विकेट झटके जबकि पीयूष चावला और हरमीत सिंह के खाते में एक-एक विकेट गया।टिप्पणियां
दोनों टीमें इस सत्र में अपना पहला मैच खेल रही हैं। दोनों की कोशिश इस मुकाबले को जीतकर टूर्नामेंट में अपनी मजबूत दावेदारी पेश करने की होगी।
वर्ष 2008 में चैम्पियन बनाने वाले कप्तान शेन वार्न की सेवाएं राजस्थान को इस बार नहीं मिल रही हैं। राजस्थान की बागडोर हाल में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले राहुल द्रविड़ के हाथों में है जबकि पंजाब की कप्तानी ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान गिलक्रिस्ट के पास है।
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वर्ष 2008 में चैम्पियन बनाने वाले कप्तान शेन वार्न की सेवाएं राजस्थान को इस बार नहीं मिल रही हैं। राजस्थान की बागडोर हाल में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले राहुल द्रविड़ के हाथों में है जबकि पंजाब की कप्तानी ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान गिलक्रिस्ट के पास है।
दोनों टीमें इस सत्र में अपना पहला मैच खेल रही हैं। दोनों की कोशिश इस मुकाबले को जीतकर टूर्नामेंट में अपनी मजबूत दावेदारी पेश करने की होगी।
वर्ष 2008 में चैम्पियन बनाने वाले कप्तान शेन वार्न की सेवाएं राजस्थान को इस बार नहीं मिल रही हैं। राजस्थान की बागडोर हाल में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले राहुल द्रविड़ के हाथों में है जबकि पंजाब की कप्तानी ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान गिलक्रिस्ट के पास है।
वर्ष 2008 में चैम्पियन बनाने वाले कप्तान शेन वार्न की सेवाएं राजस्थान को इस बार नहीं मिल रही हैं। राजस्थान की बागडोर हाल में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले राहुल द्रविड़ के हाथों में है जबकि पंजाब की कप्तानी ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान गिलक्रिस्ट के पास है।
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बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान और वरुण धवन की जोड़ी बनने के बाद अब शाहरुख और रणवीर सिंह की जोड़ी भी बनने वाली है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 'आदित्य चोपड़ा के ये दोनों फेवरेट एक्टर्स उनकी अगली प्रोडक्शन वेंचर में नजर आएंगे.'
रणवीर सिंह ने अपने करियर की शुरुआत यशराज फिल्म्स से की थी और हाल ही में उन्होंने आदित्य के डायरेक्शन में बनी फिल्म '
बेफिक्रे'
की शूटिंग पूरी की है. डीएनए की रिपोर्ट के मुताबिक, इस फिल्म को शिमित अमीन डायरेक्ट करेंगे.
साल की शुरुआत में जब
रणवीर
से इस फिल्म के बारे में पूछा गया था तब रणवीर ने इसपर कुछ कमेंट नहीं किया था. हालांकि बाद में रणवीर ने कहा कि अभी कुछ फाइनल नहीं हुआ है कि मैं किस प्रोजेक्ट पर काम करूंगा. अभी के लिए मैं बस इतना जानता हूं कि मैं 'बेफिक्रे' में काम कर रहा हूं.
रणवीर ने संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' भी साइन की है. इसमें रणवीर के साथ हमें दीपिका पादुकोण नजर आएंगी. शाहरुख के पास भी फिल्मों की लंबी लाइन है, वह इम्तियाज अली और आनंद एल राय की फिल्म में नजर आएंगे.
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लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) की सरगर्मी जोरों पर है. इस बार भी भारतीय जनता पार्टी दिल्ली की सभी सातों सीटों को जीतने के लिए पूरा दमखम लगा रही है. वहीं, दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस (Congress) भी अपनी तरफ से कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रहे. दक्षिण दिल्ली से आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार राघव चड्ढा (Raghav Chadha) का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (BJP) के रमेश विधूड़ी (Ramesh Bidhuri) और कांग्रेस (Congress) के विजेंदर सिंह (Vijender Singh) से है. दिल्ली में छठे चरण में 12 मई को मतदान होना है. इस बीच राघव चड्ढा (Raghav Chadha News) भी जोरशोर से चुनाव प्रचार में लगे हैं और उन्होंने कालकाजी इलाके में रोड शो किया और वहां के लोगों की परेशानियों को जाना. NDTV के रवीश कुमार (Ravish Kumar) इस दौरान राघव चड्ढ़ा के साथ थे और उन्होंने उनसे कई मुद्दों पर बात की. राघव चड्ढा ने दिल्ली वालों के लिए आरक्षण का मतलब भी बताया.
राघव चड्ढा ने कहा, 'जब-जब हम ये कहते हैं दिल्ली वालों को हम यहां के कॉलेजों में आरक्षण देंगे...हम उसी सांस में एक और चीज कहते हैं कि दिल्ली वाले से हमारा मतलब है जो दिल्ली में वोट डालता हो. चाहे वह कही ये भी आया हो. बिहार से आया हो, यूपी से आया हो, मध्यप्रदेश, राजस्थान से, उत्तराखंड से आया हो. वह दिल्ली में वोट डालता है और वह दिल्ली का मतदाता है और पक्का दिल्ली वाला है.'
बीजेपी पर निशाना साधते हुए राघव चड्ढा ने कहा कि मोदी और अमित शाह की जोड़ी एक साथ आ गई तो
मोदी-शाह की जोड़ी सत्ता में आई तो न संविधान बचेगा न देश बचेगा और न ही पार्टियां बचेंगी. उसके खातिर हमलोग कांग्रेस से गठबंधन करने को तैयार थे. उन्होंने कहा कि हमने तो स्पष्ठ कहा है कि कोई भी गैर भाजपा सरकार बनती है. अगर वह हमारा जो चुनावी मुद्दा है...हम कह रहे हैं कि हमें दिल्ली के पूर्ण राज्य का दर्जा चाहिए. अगर कोई पूर्ण राज्या का दर्जा गैर भाजपा सरकार देती है तो हम उसे समर्थन देने के लिए पूरा विचार करेंगे.
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यह लेख है: कश्मीर के सोपोर में सेना को एक अजीबोगरीब हालात से जूझना पड़ा जहां एक ओर वो आतंकियों से लोहा ले रहे थे वहीं दूसरी तरफ उनपर लगातार गोलियां बरसायी जा रही थीं। और तो और हिंसा पर उतारू भीड़ के पथराव से भी बचने की कोशिश कर रहे थे सेना के जवान।टिप्पणियां
वैसे पहली बार नहीं है कि सेना को ऐसे विपरीत हालात से मुकाबला करना पड़ रहा हो। कश्मीर में सेना के लिये अब ये आम बात हो चली है। सेना के लोग खुलकर तो नहीं लेकिन दबे स्वर में वो जरूर कहते है कि आखिर हम किसके लिये लड़ रहे हैं? सोपोर में सेना ने दो आतंकियों को मार गिराया और उनके पास से एके-47 राइफल, एक पिस्टल और भारी मात्रा में गोला बारूद बरामद किया। मारे गए आतंकी हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े थे।
सेना को जब खुफिया जानकारी मिली कि सोपोर के बोम्मई गांव में आतंकी के छिपे हैं तो सेना ने पुलिस के साथ मिलकर चना मोहल्ला इलाके में स्थित एक घर को घेर लिया। जवान जैसे ही घर के करीब पहुंचे, वहां छिपे आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। करीब छह घंटे तक चली मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने दोनों आतंकियों को मार गिराया।
पिछले चार दिनों में आतंकियों के मारे जाने के बाद आसपास के गांव से बड़ी संख्या में युवक मुठभेड़ स्थल वाले इलाके में जमा हो गए। उन्होंने सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंके। पिछले चार दिनों में सेना ने सात आतंकी मार गिराए हैं। दो जवान भी शहीद हुए हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने अगाह किया है कि पवित्र रमजान के मौके पर आतंकी संगठन लगातार आतंकियों को घुसपैठ के लिए उकसाएंगे और कश्मीर के हालात को खराब करने की कोशिश करेंगे।
वैसे पहली बार नहीं है कि सेना को ऐसे विपरीत हालात से मुकाबला करना पड़ रहा हो। कश्मीर में सेना के लिये अब ये आम बात हो चली है। सेना के लोग खुलकर तो नहीं लेकिन दबे स्वर में वो जरूर कहते है कि आखिर हम किसके लिये लड़ रहे हैं? सोपोर में सेना ने दो आतंकियों को मार गिराया और उनके पास से एके-47 राइफल, एक पिस्टल और भारी मात्रा में गोला बारूद बरामद किया। मारे गए आतंकी हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े थे।
सेना को जब खुफिया जानकारी मिली कि सोपोर के बोम्मई गांव में आतंकी के छिपे हैं तो सेना ने पुलिस के साथ मिलकर चना मोहल्ला इलाके में स्थित एक घर को घेर लिया। जवान जैसे ही घर के करीब पहुंचे, वहां छिपे आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। करीब छह घंटे तक चली मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने दोनों आतंकियों को मार गिराया।
पिछले चार दिनों में आतंकियों के मारे जाने के बाद आसपास के गांव से बड़ी संख्या में युवक मुठभेड़ स्थल वाले इलाके में जमा हो गए। उन्होंने सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंके। पिछले चार दिनों में सेना ने सात आतंकी मार गिराए हैं। दो जवान भी शहीद हुए हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने अगाह किया है कि पवित्र रमजान के मौके पर आतंकी संगठन लगातार आतंकियों को घुसपैठ के लिए उकसाएंगे और कश्मीर के हालात को खराब करने की कोशिश करेंगे।
पिछले चार दिनों में आतंकियों के मारे जाने के बाद आसपास के गांव से बड़ी संख्या में युवक मुठभेड़ स्थल वाले इलाके में जमा हो गए। उन्होंने सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंके। पिछले चार दिनों में सेना ने सात आतंकी मार गिराए हैं। दो जवान भी शहीद हुए हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने अगाह किया है कि पवित्र रमजान के मौके पर आतंकी संगठन लगातार आतंकियों को घुसपैठ के लिए उकसाएंगे और कश्मीर के हालात को खराब करने की कोशिश करेंगे।
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शोपियां कांड से जुड़ी डीएनए टेस्ट रिपोट से कथित छेड़छाड़ को लेकर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बुधवार को जमकर हंगामा होने से प्रश्नकाल स्थगित कर दिया गया. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) नेता महबूबा मुफ्ती और उनका समर्थन कर रहे पार्टी सदस्य तथा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सदस्यों ने सदन की कार्यवाही शुरू होते हुए यह मुद्दा उठाया. सत्तारूढ़ नेशनल कांफ्रेंस के कुछ सदस्यों ने भी इस मामले पर चर्चा कराने की मांग की.
विधानसभाध्यक्ष एम. के. नूर ने इस मामले को प्रश्नकाल के बाद उठाने की बार-बार की गुजारिश के नाकाम होने के बाद प्रश्नकाल को निलम्बित कर दिया. जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ताज मोहिउद्दीन की आंदोलित सदस्यों को समझाने-बुझाने की कोशिश नाकाम रही. उन्होंने कहा कि शोपियां कांड से जुड़ी डीएनए रिपोट से कथित छेड़छाड़ के बारे में अखबारों में छपी खबरों को आधिकारिक नहीं कहा जा सकता.
मोहिउद्दीन ने कहा कि हम अखबारों की खबरों पर निर्भर नहीं रह सकते. हम जांच की कोशिश कर रहे हैं. यह मामला पूर्वाग्रह से ग्रस्त है. बहरहाल, विपक्षी दलों ने इसे एक ‘गम्भीर मुद्दा’ बताते हुए विरोध जारी रखा. गौरतलब है कि आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को कहा था कि विशेष जांच दल द्वारा जांच के लिये भेजे गए नमूने शोपियां में बलात्कार के बाद हत्या की शिकार हुई नीलोफर और आसिया से नहीं मिलते है.
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इसपर आपसे कुछ जानकारी मांगी जाएगी. जानकारी देते ही आपके सामने आपका परिणाम खुल जाएगा.
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सेना प्रमुख जनरल वी.के. सिंह
ने अपने और रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी के बीच किसी तरह के मतभेद से इनकार करते हुए मौजूदा विवादों के लिए नौकरशाही में मौजूद शरारती तत्वों को जिम्मेदार ठहराया है.
जनरल सिंह ने काठमांडू में समाचार पत्र 'द हिंदू' से कहा, 'कुछ भी गड़बड़ी नहीं है. मेरा वही रुख है, जो सरकार का है. हमारे अच्छे सम्बंध हैं और मंत्री के साथ मेरे कोई मतभेद नहीं हैं.' अखबार ने कहा है कि सेना प्रमुख ने विवाद भड़काने के लिए नौकरशाही में मौजूद शरारती तत्वों को जिम्मेदार ठहराया है.
जनवरी में सेना की दो इकाइयों के कथितरूप से बिना सूचना के
दिल्ली कूच
करने से सम्बंधित विवाद के बाद जनरल सिंह ने किसी अखबार से पहली बार विशेष बातचीत की है. जनरल सिंह ने कहा कि 16-17 जनवरी को सेना की दो इकाइयों का दिल्ली के लिए कूच करना एक नियमित गतिविधि थी और सरकार को इसके बारे सूचित करने की कोई आवश्यकता नहीं थी. जनरल सिंह ने कहा, 'किस लिए सूचना दी जाती? क्या हो रहा था? हम ऐसा अक्सर करते रहते हैं.'
उन्होंने कहा कि इंडियन एक्सप्रेस में बुधवार को प्रकाशित रिपोर्ट बेतुकी और दुखद थी. यह पूछे जाने पर कि आखिर इसके पीछे किसका हाथ हो सकता है, जनरल सिंह ने कहा कि वह इस बारे में सोचकर समय बर्बाद नहीं करना चाहते. लेकिन उन्होंने नौकरशाही के एक वर्ग की ओर उंगली उठाई.
सिंह ने कहा, 'कई कहानियां चर्चा में हैं. एक अखबार में खबर थी कि यह सब एक केंद्रीय मंत्री के इशारे पर हो रहा है. नौकरशाही का एक वर्ग गलत सूचनाएं दे सकता है. उन्होंने राई का पहाड़ बना दिया है.. ईश्वर ही जानता है कि इसमें कौन लोग लिप्त हो सकते हैं, मैं इस बारे में सोचकर समय बर्बाद नहीं करना चाहता.'
जनरल सिंह ने अपनी जन्म तिथि को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर करने के समय और सैनिकों के कूच के बीच किसी तरह का सम्बंध होने की बात भी खारिज कर दी. उन्होंने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया कि सेना सरकार को डराने के लिए दिल्ली आ रही थी.
सिंह ने कहा, 'आप सर्वोच्च न्यायालय जाते हैं. इसमें सरकार को डराने के लिए क्या है? ये सब रुग्ण मानसिकता की उपज है. जिस भी व्यक्ति को इसमें कोई सम्बंध दिखाई देता हो, उसे किसी मनोचिकित्सक से मिलना चाहिए. मैंने लोकतांत्रिक संविधान में निहित नियमों का पालन किया और सर्वोच्च न्यायालय गया. इसमें संदेह की बात कहां बचती है?'
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने शनिवार को केंद्र सरकार को देश में बढ़ रही आर्थिक मंदी के खतरे के बारे में चेताया है. उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक मंदी है और केंद्र सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए. मायावती ने ट्वीट कर कहा, ''देश में व्यापक बेरोजगारी, गरीबी, महंगाई, अशिक्षा, तनाव/हिंसा आदि की चिन्ताओं के बीच अब आर्थिक मन्दी का खतरा है, जिससे देश पीड़ित है. व्यापारी वर्ग भी काफी दुःखी व परेशान है. छंटनी आदि के उपायों के बाद वे आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहे हैं. केन्द्र इसे पूरी गंभीरता से ले.''
देश में व्यापक बेरोजगारी, गरीबी, महंगाई, अशिक्षा, स्वास्थ्य, तनाव/हिंसा आदि की चिन्ताओं के बीच अब आर्थिक मन्दी का खतरा है, जिससे देश पीड़ित है। व्यापारी वर्ग भी काफी दुःखी व परेशान है। छटनी आदि के उपायों के बाद वे आत्महत्या तक को मजबूर हो रहे हैं। केन्द्र इसे पूरी गंभीरता से ले।
इससे पहले गुरुवार को मायावती ने 73वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लाल किले की प्राचीर से दिए गए सम्बोधन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि प्रधानमंत्री का अपने भाषण में देश भर में छाई खासकर व्यापक गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी और अशिक्षा के साथ-साथ हिंसा, तनाव और जातिवादी द्वेष जैसे मुद्दों का कोई जिक्र ना करना यह साबित करता है कि देश की आम जनता के जीवन में बेहतर बदलाव की आशा बहुत कम है.
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क्लोमपाद (Branchiopoda) संधिपाद प्राणी समुदाय की क्रस्टेशिआ (Crastacea) श्रेणी की एक उपश्रेणी। इस उपश्रेणी के प्राणियों का शरीर वर्म से ढका रहता है। विभिन्न क्लोमपादों के वर्म की रचना में बड़ी भिन्नता होती है, किंतु उन सभी के पाद, जो किसी किसी में बहुसंख्यक होते हैं, चिपटे और मीनपक्ष (Fin) अथवा गलफड़ (gill) सदृश होते हैं। इसीलिए इस श्रेणी का नाम क्लोमपाद अथवा 'गलफड़ पाद' पड़ा हैं।
यद्यपि खोलकी प्राणियों की भाँति इनके प्रचलित नाम नहीं हैं, तथापि प्राकृतिक इतिहास के अनेक लेखकों ने इस उपश्रेणी के अनेक जीवों का नामकरण फ़ेयरी श्रिंप (Fairy Shrimp), अथवा परी चिंगट, बाल-मंडूक (Tadpole) चिंगट, क्लाम (Clam) चिंगट तथा जल पिस्सू (वाटर फ्ली, Water flea) इत्यादि किया है। प्राय: सभी क्लोमपाद प्राणी मधुरजलीय होते हैं और सभी अलैंगिक जनन के लिये उल्लेखनीय हैं। इनके अंडों की एक विशेषता यह है कि ये शीघ्र सूखते नहीं और शुष्कावस्था में भी दीर्घकाल तक जीवित रह सकते हैं। अतएव शुष्क प्रदेशों के जलकुंडों में भी ये बड़ी संख्या में उपलब्ध होते हैं।
वर्गीकरण
इस उपश्रेणी के अंतर्गत चार मुख्य वर्ग हैं :
(क) ऐनॉस्ट्राका (Anostraca),
(ख) नोटॉस्ट्राका (Notostraca),
(ग) कॉनकॉस्ट्राका (Conchostraca) तथा
(घ) क्लाडॉसरा (Cladocera)।
यद्यपि इन चारों वर्गों के प्राणियों की रचना एक दूसरे से बहुत भिन्न होती है तथापि इनके खंड (Segments) धड़ तथा शाखाएँ समान होती हैं।
ऐनॉस्ट्राका
इस वर्ग का प्रतिनिधि परी चिंगट अथवा फ़ेयरी श्रिंप है। यह पोखरे, तालाब और बरसाती गड्ढे में मिलता है। यह लगभग एक इंच लंबा, पारदर्शक और द्रुम तथा शाखाओं पर लाल होता है। कृमि की भाँति संपूर्ण शरीर खंडों में बँटा होता है। सिर के पीछे प्रथम ग्यारह खंडों में से प्रत्येक में गलफड़ सदृश युग्म शाखाएँ होती है। किंतु पश्च खंडों में अधिक शाखाएँ नहीं होती, केवल दो में विभाजित होकर पूँछ बन जाती है। सिरवाले भाग में दो चलायमान डंठलों पर काली एवं बड़ी बड़ी दो आँखें होती है और सामने दो पतले संस्पर्शक होते हैं। मादा के तलभाग में, शाखाओं के अंतिम जोड़े के ठीक पीछे, अंडे ढोने के लिए एक बड़ी थैली होती है। नर के सिरवाले भाग में एक जोड़ा आलिंगक (Claspers) होते हैं। प्रत्येक आलिंगक हाथ सदृश बना होता हैं, जिसमें झिल्लीदार अँगुलियाँ होती है। ये मादा का आलिंगन करने के काम आती है।
परी चिंगट प्राय: पीठ के बल तैरता है। तैरते समय पैर विशेष रीति और क्रम से चलते हैं। यह तैरनेवाले सूक्ष्म जंतुओं का भोजन करता है। भोजन पैर द्वारा उत्पन्न जलधारा के साथ पीछे से आगे की ओर मुख में पह़ुँच जाता हैं।
अनेक क्लेमपादों की भाँति परी चिंगट भी छोटे छोटे जलाशयों में, जिनके ग्रीष्म ऋतु में सूखने की संभावना रहती है, पाए जाते हैं। जलाश्य सूखने पर अंडे कीचड़ में सुप्तावस्था में पड़े रहते हैं और वर्षा होने पर क्रियाशील होकर विकसित होने लगते हैं। डिंभ (larva) तीन बार त्वचाविसर्जन करता है। इसके फलस्वरूप शरीर लंबा और खंडयुक्त होता चलता है तथा शाखाएँ विकसित होने लगती है। अंतिम त्वचा विसर्जन के बाद डिंभ वयस्क में बदल जाता है। (चित्र १)
परी चिंगट की भाँति एक और चिंगट होता है जिसे खारे जल का चिंगट (Brine shrimp) कहते हैं। यह ऐसे खारे जल में मिलता हैं जिसमें अन्य जीवों का जीना कठिन होता हैं। यह परी चिंगट से आधा और हल्के लाल रंग का होता है। यह इतनी संख्या में पाया जाता है कि जल लाल रक्तमय दिखाई पड़ता है। खारे जल के चिंगट की एक विशेषता यह है कि कहीं कहीं मादाएँ ही पाई जाती हैं और उनमें अलैंगिक जनन होता है।
नोटॉस्ट्राका
इस वर्ग के प्राणियों की पीठ चौड़ी ढाल अथवा वर्म से ढकी रहती है। वर्म घोड़े के पादचिह्न के आकार का होता है जिसके अग्रभाग के मध्य में एक जोड़ा अर्द्धचंद्राकार आँखें होती है। शरीर के खंडों की संख्या बहुत अधिक होती हैं और युग्म पत्राकार शाखाओं की संख्या और भी अधिक होती है। शरीर के अंतिम छोर पर परी चिंगट की भाँति द्विशाखीय पूँछ पर चाबुकनुमा अवयव होते हैं। इस वर्ग में नर विरले ही होते हैं। इनकी संतानोत्पत्ति अलैंगिक रीति से होती हैं। एपस (Apus) इस वर्ग का मुख्य गण है जो दो अथवा तीन इंच लंबा होता है (चित्र २)।
कॉनकॉस्ट्राका (Conchostraca) या क्लाम चिंगट
इनमें वर्म सीपी की भाँति द्विपाटिक खोली होती हैं। क्लाम चिंगट का संपूर्ण शरीर और शाखाएँ खोली से ढकी होती है। शंबुक की भाँति कपाटों पर एक केंद्रीभूत होकर वृद्धि के स्तर होते हैं। युग्म नेत्र डंठन विहीन तथा एक दूसरे में समाहित होते हैं।
क्लाडॉसरा
इस वर्ग के सदस्य जलपिस्सू (Water-flea) कहलाते हैं और सभी स्थानों के गड्डों और पोखरों में पाए जाते हैं। ये सभी सूक्ष्म होते हैं और केवल सूक्ष्मदर्शी द्वारा ही इनका अध्ययन किया जा सकता हैं। कॉनकॉस्ट्राका की भाँति इनका वर्म द्विपाटिक खोल होता है, जिसका भीतर से सिर भाग, जिसमें एक जोड़ा द्विशाखीय संस्पर्शक लगे होते हैं, आगे की ओर निकला होता हैं। संस्पर्शकों द्वारा पीछे की ओर बार बार थपेड़े देकर यह विचित्र उछाल के साथ तैरता है। इसी कारण इसका नाम जलपिस्सू पड़ा है। शरीर पारदर्शक होने के कारण इसकी अंत:रचना का अध्ययन जीवित अवस्था में सूक्ष्मदर्शी द्वारा किया जा सकता है। पाँच या छह जोड़ी शाखाओं की गति के कारणा इसके शरीर के मध्यतलीय भाग में जल की एक धारा भोजन कुल्या (Food groove) में प्रवाहित होती है। इस जलधारा के साथ आया हुआ अपना विशेष प्रकार का भोजन यह अपने पंखदार शुंडों द्वारा छानकर ग्रहण कर लेता है।
सिर के अग्रभाग मेंकेवल एक बड़ी आँख होती है। पीठ के समीप हृदय की धड़कन देखी जा सकती है। इसके ठीक पीछे शरीर और खोल के बीच एक स्थान होता है जो मादा में अंडे सेने की थैली का काम करता है और प्राय: अनेक विकसित अंडों से भरा रहता है। वर्ष के अधिकांश भाग में नर नहीं पाए जाते। अतएव मादा ऐसे अंडे देती है जिनका विकास बिना गर्भाधान के होता हैं, किंतु वर्ष की किसी विशेष ऋतु में नर के प्रकट होने पर मादा ऐसे अंडे देती है जिनके विकास के लिये गर्भाधान की आवश्यकता होती है। ये अंडे मोटी खोल के भीतर बंद होते है और जब खोल का विसर्जन हो जाता है तब उनपर रक्षात्मक आवरण बन जाता है। वह कुछ दिनों तक निष्क्रिय पड़े रहते हैं। सूखने पर भी इन्हें कोई हानि नहीं पहुँचती। इस अवस्था में चिड़ियों के पंख में फँसकर अथवा हवा के साथ उड़कर वे एक जलाशय से दूसरे में भी पहुँच जाते हैं। अन्य क्लोमपादों की भाँति क्लॉडॉसरा में नियमत: डिंभावस्था नहीं होती और बच्चा छोटे पैमाने के वयस्क जैसा ही अंडे के बाहर निकलता है। जलपिस्सू की कुछ जातियों की लंबाई एक इंच के सौवे भाग से भी कम होती है। अतएव यह विद्यमान खोलकियों में सबसे छोटो होता है।
जन्तुविज्ञान
संधिपाद
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तेज गेंदबाज लोंवाबो सोटसोबे ने भारतीय बल्लेबाजों के अनुशासनहीन प्रदर्शन का फायदा उठाते हुए चार विकेट चटकाए जिसकी बदौलत द. अफ्रीका ने मेहमान टीम को दूसरे एक दिवसीय क्रिकेट मैच में 190 रन पर समेट दिया। सोतसोबे ने 22 रन देकर चार विकेट लिए जबकि डेल स्टेन और मोर्ने मोर्कल को दो-दो विकेट मिले। भारत ने 40 रन के भीतर सात विकेट गंवा दिए। भारत के आखिरी चार विकेट 14 रन के भीतर तीसरे पावरप्ले में गिरे। युवराज सिंह (68 गेंद पर 53 रन) और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (61 गेंद पर 38 रन) ने चौथे विकेट के लिए 83 रन जोड़कर भारतीय पारी को संभालने की कोशिश की। एक समय पर भारत का स्कोर तीन विकेट पर 150 रन था जो नौ विकेट पर 184 रन हो गया। सोतसोबे ने मुरली विजय, युवराज, धोनी और सुरेश रैना के विकेट चटकाए। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने वाली भारतीय टीम को सचिन तेंदुलकर और विजय ने धीमी शुरुआत दी। विजय उस समय पवेलियन लौट गए जब स्कोर बोर्ड पर 21 रन टंगे थे। तेंदुलकर और विराट कोहली ने 42 रन की साझेदारी की जो कोहली के रन आउट होने से टूट गई। डेविड मिलर ने सीधे थ्रो पर कोहली को पवेलियन भेजा। सर्वाधिक एक दिवसीय मैच (444) खेलने के श्रीलंका के सनत जयसूर्या के रिकार्ड की बराबरी करने वाले तेंदुलकर ने कुछ अच्छे शाट खेले लेकिन जोहान बोथा की टर्न लेती गेंद पर आउट हो गए।
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केंद्र सरकार ने मंगलवार को विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक के एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) को आतंकवाद निरोधक कानून के तहत पांच साल के लिए प्रतिबंधित करने का फैसला किया. आईआरएफ की कथित आतंकवादी गतिविधियों के लिए उस पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि कैबिनेट ने आईआरएफ को गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत पांच साल के लिए एक 'प्रतिबंधित संगठन' घोषित करने के प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी. गृह मंत्रालय की ओर से जल्द ही इस बाबत एक अधिसूचना जारी कर दी जाएगी.
अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय की छानबीन में पता चला कि एनजीओ के कथित संदिग्ध रिश्ते 'पीस टीवी' के साथ हैं, जिस पर आतंकवाद फैलाने का आरोप है. 'पीस टीवी' एक अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक चैनल है. टिप्पणियां
गृह मंत्रालय के मुताबिक, आईआरएफ के प्रमुख नाइक ने कथित तौर पर कई भड़काउ भाषण दिए हैं और कथित तौर पर आतंकी दुष्प्रचार में शामिल रहा है. अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र पुलिस ने भी युवाओं में कट्टरपंथी भावनाएं भड़काने में शामिल होने और उन्हें आतंकवादी गतिविधियों की तरफ आकर्षित करने के आरोप में नाइक के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए हैं.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि कैबिनेट ने आईआरएफ को गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत पांच साल के लिए एक 'प्रतिबंधित संगठन' घोषित करने के प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी. गृह मंत्रालय की ओर से जल्द ही इस बाबत एक अधिसूचना जारी कर दी जाएगी.
अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय की छानबीन में पता चला कि एनजीओ के कथित संदिग्ध रिश्ते 'पीस टीवी' के साथ हैं, जिस पर आतंकवाद फैलाने का आरोप है. 'पीस टीवी' एक अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक चैनल है. टिप्पणियां
गृह मंत्रालय के मुताबिक, आईआरएफ के प्रमुख नाइक ने कथित तौर पर कई भड़काउ भाषण दिए हैं और कथित तौर पर आतंकी दुष्प्रचार में शामिल रहा है. अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र पुलिस ने भी युवाओं में कट्टरपंथी भावनाएं भड़काने में शामिल होने और उन्हें आतंकवादी गतिविधियों की तरफ आकर्षित करने के आरोप में नाइक के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए हैं.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय की छानबीन में पता चला कि एनजीओ के कथित संदिग्ध रिश्ते 'पीस टीवी' के साथ हैं, जिस पर आतंकवाद फैलाने का आरोप है. 'पीस टीवी' एक अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक चैनल है. टिप्पणियां
गृह मंत्रालय के मुताबिक, आईआरएफ के प्रमुख नाइक ने कथित तौर पर कई भड़काउ भाषण दिए हैं और कथित तौर पर आतंकी दुष्प्रचार में शामिल रहा है. अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र पुलिस ने भी युवाओं में कट्टरपंथी भावनाएं भड़काने में शामिल होने और उन्हें आतंकवादी गतिविधियों की तरफ आकर्षित करने के आरोप में नाइक के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए हैं.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
गृह मंत्रालय के मुताबिक, आईआरएफ के प्रमुख नाइक ने कथित तौर पर कई भड़काउ भाषण दिए हैं और कथित तौर पर आतंकी दुष्प्रचार में शामिल रहा है. अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र पुलिस ने भी युवाओं में कट्टरपंथी भावनाएं भड़काने में शामिल होने और उन्हें आतंकवादी गतिविधियों की तरफ आकर्षित करने के आरोप में नाइक के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए हैं.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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किसी न्यायालय या न्यायधीश द्वारा दिये गये निर्णय की अवहेलना करना या निरादर करना न्यायालय की अवमानना (Contempt of court) कहलाता है। यह एक अपराध है। यह दो तरह का होता है-
(१) किसी न्यायधीश का निरादर करना, न्यायालय में उपद्रव (अशांति) फैलाना (विशेष रूप से, न्यायधीध के चेतावनी देने के बावजूद)
(२) किसी न्यायालय के आदेश का जानबूझकर पालन न करना।
इन्हें भी देखें
संसद की अवमानना
बाहरी कड़ियाँ
समाचार पत्र और न्यायालय की अवमानना (देशबन्धु)
न्यायालय की अवमानना और आरटीआई (चौथी दुनिया)
अदालत की अवमानना (बीबीसी हिन्दी)
It’s time to amend law on contempt of court (Markandey Katju)
विधि
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यह लेख है: भड़काऊ भाषण देने के आरोपों से घिरे जाकिर नाईक सोमवार सुबह को मुंबई आने वाले थे। ज़ाकिर नाईक तो आए नहीं लेकिन शाम तक एक प्रेस रिलीज़ जारी करके अपनी बात कही।
अपने बयान में नाईक ने अब तक लगे इल्ज़ामों के लिए मीडिया को दोषी ठहरा दिया। जाकिर ने अपने बयान में कहा कि उनका मीडिया ट्रायल हुआ है। उनके बयानों को गलत सन्दर्भ में तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है। दिखाए जा रहे कई वीडियो के साथ छेड़ छाड़ हुई है। सभी आरोपों का जवाब जल्द ही वह मीडिया और सोशल मीडिया पर देंगे।
नाईक ने कहा कि अब तक किसी भारतीय एजेंसी ने किसी भी पूछताछ के लिए उनसे सम्पर्क नहीं किया है। और उन्होंने कभी भी आतंकवाद को बढ़ावा नहीं दिया। चूंकि नाईक मुंबई नहीं आये इसलिए उनकी प्रेस कांफ्रेंस रद्द कर दी गई। फ़िलहाल जांच एजेंसियां नाईक के चैनल पीस टीवी और उनके एनजीओ को मिलने वाले पैसे की जांच में जुटी हैं।टिप्पणियां
वहीं महाराष्ट्र में सत्ता में बीजेपी की भागीदार शिवसेना ने सरकार पर ज़ाकिर नाईक पर नरम रुख़ अपनाने का आरोप लगाया। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सवाल किया है कि जाकिर नाईक के खिलाफ़ कार्रवाई में देरी क्यों हो रही है? फ़िलहाल जाकिर नाईक मदीना में हैं। इसके बाद वो अफ्रीका दौरे पर निकलेंगे। 2-3 हफ्ते बाद वो भारत आ सकते हैं।
जाकिर नाईक के खिलाफ अब तक किसी तरह की कोई शिकायत दर्ज़ नहीं करवाई गयी है। ऐसे में उसे भारत आने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। अन्य एजेंसियों के साथ साथ मुम्बई पुलिस भी मामले की छानबीन में लगी है। और जांच की रिपोर्ट सामने आने से पहले पुलिस इस बारे में बात करने को तैयार नहीं।
अपने बयान में नाईक ने अब तक लगे इल्ज़ामों के लिए मीडिया को दोषी ठहरा दिया। जाकिर ने अपने बयान में कहा कि उनका मीडिया ट्रायल हुआ है। उनके बयानों को गलत सन्दर्भ में तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है। दिखाए जा रहे कई वीडियो के साथ छेड़ छाड़ हुई है। सभी आरोपों का जवाब जल्द ही वह मीडिया और सोशल मीडिया पर देंगे।
नाईक ने कहा कि अब तक किसी भारतीय एजेंसी ने किसी भी पूछताछ के लिए उनसे सम्पर्क नहीं किया है। और उन्होंने कभी भी आतंकवाद को बढ़ावा नहीं दिया। चूंकि नाईक मुंबई नहीं आये इसलिए उनकी प्रेस कांफ्रेंस रद्द कर दी गई। फ़िलहाल जांच एजेंसियां नाईक के चैनल पीस टीवी और उनके एनजीओ को मिलने वाले पैसे की जांच में जुटी हैं।टिप्पणियां
वहीं महाराष्ट्र में सत्ता में बीजेपी की भागीदार शिवसेना ने सरकार पर ज़ाकिर नाईक पर नरम रुख़ अपनाने का आरोप लगाया। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सवाल किया है कि जाकिर नाईक के खिलाफ़ कार्रवाई में देरी क्यों हो रही है? फ़िलहाल जाकिर नाईक मदीना में हैं। इसके बाद वो अफ्रीका दौरे पर निकलेंगे। 2-3 हफ्ते बाद वो भारत आ सकते हैं।
जाकिर नाईक के खिलाफ अब तक किसी तरह की कोई शिकायत दर्ज़ नहीं करवाई गयी है। ऐसे में उसे भारत आने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। अन्य एजेंसियों के साथ साथ मुम्बई पुलिस भी मामले की छानबीन में लगी है। और जांच की रिपोर्ट सामने आने से पहले पुलिस इस बारे में बात करने को तैयार नहीं।
नाईक ने कहा कि अब तक किसी भारतीय एजेंसी ने किसी भी पूछताछ के लिए उनसे सम्पर्क नहीं किया है। और उन्होंने कभी भी आतंकवाद को बढ़ावा नहीं दिया। चूंकि नाईक मुंबई नहीं आये इसलिए उनकी प्रेस कांफ्रेंस रद्द कर दी गई। फ़िलहाल जांच एजेंसियां नाईक के चैनल पीस टीवी और उनके एनजीओ को मिलने वाले पैसे की जांच में जुटी हैं।टिप्पणियां
वहीं महाराष्ट्र में सत्ता में बीजेपी की भागीदार शिवसेना ने सरकार पर ज़ाकिर नाईक पर नरम रुख़ अपनाने का आरोप लगाया। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सवाल किया है कि जाकिर नाईक के खिलाफ़ कार्रवाई में देरी क्यों हो रही है? फ़िलहाल जाकिर नाईक मदीना में हैं। इसके बाद वो अफ्रीका दौरे पर निकलेंगे। 2-3 हफ्ते बाद वो भारत आ सकते हैं।
जाकिर नाईक के खिलाफ अब तक किसी तरह की कोई शिकायत दर्ज़ नहीं करवाई गयी है। ऐसे में उसे भारत आने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। अन्य एजेंसियों के साथ साथ मुम्बई पुलिस भी मामले की छानबीन में लगी है। और जांच की रिपोर्ट सामने आने से पहले पुलिस इस बारे में बात करने को तैयार नहीं।
वहीं महाराष्ट्र में सत्ता में बीजेपी की भागीदार शिवसेना ने सरकार पर ज़ाकिर नाईक पर नरम रुख़ अपनाने का आरोप लगाया। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सवाल किया है कि जाकिर नाईक के खिलाफ़ कार्रवाई में देरी क्यों हो रही है? फ़िलहाल जाकिर नाईक मदीना में हैं। इसके बाद वो अफ्रीका दौरे पर निकलेंगे। 2-3 हफ्ते बाद वो भारत आ सकते हैं।
जाकिर नाईक के खिलाफ अब तक किसी तरह की कोई शिकायत दर्ज़ नहीं करवाई गयी है। ऐसे में उसे भारत आने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। अन्य एजेंसियों के साथ साथ मुम्बई पुलिस भी मामले की छानबीन में लगी है। और जांच की रिपोर्ट सामने आने से पहले पुलिस इस बारे में बात करने को तैयार नहीं।
जाकिर नाईक के खिलाफ अब तक किसी तरह की कोई शिकायत दर्ज़ नहीं करवाई गयी है। ऐसे में उसे भारत आने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। अन्य एजेंसियों के साथ साथ मुम्बई पुलिस भी मामले की छानबीन में लगी है। और जांच की रिपोर्ट सामने आने से पहले पुलिस इस बारे में बात करने को तैयार नहीं।
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नेपाल के पूर्व कुख्यात राजकुमार पारस शाह ने कहा है कि अगर लोगों की इच्छा हो तो देश में राजतंत्र लौट सकता है.
बीरगंज में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए बुधवार को शाह ने कहा कि राजा बनने में उनकी कोई व्यक्तिगत रूचि नहीं है लेकिन अगर लोग चाहें तो राजतंत्र की ‘व्यवस्था’ लौट सकती है.
उन्होंने यह भी दावा किया कि राज परिवार ने शांति की खातिर सत्ता छोड़ दी.
शाह ने कहा कि मैं राजा नहीं बनना चाहता लेकिन ‘अगर लोग चाहें तो राजशाही लौट सकती है.’ उन्होंने देश के हिंसा की ओर जाने पर चिंता जताते हुए कहा कि देश में शांति अत्यावश्यक है.
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आपने सस्ते लेकिन फीचर्स से भरपूर स्मार्टफोन के बार में तो काफी कुछ पढ़ा. अब बारी है लैपटॉप की. हम पेश कर रहे हैं दस किफायती लैपटॉप की कीमतें.
एप्पल मैकबुक एयर
गैजेट्स की दुनिया में एप्पल का बड़ा नाम है. उसके लैपटॉप तो गजब के हैं. यहां हम बात कर रहे हैं एप्पल मैकबुक एयर की. 13 इंच स्क्रीन वाले इस लैपटॉप की न्यूनतम कीमत है 55,900 रुपये. eshop12 पर इसकी कीमत है 55,900 रुपये, amazon.in पर यह 57,797 रुपये तथा gadgetsguru पर 63,422 रुपये.
डेल
इन्सिपिरॉन 3542 (सिल्वर)
जो ग्राहक थोड़े दाम में बढ़िया लैपटॉप चाहते हैं उनके लिए डेल इन्सिपिरॉन 3542 काफी बढ़िया विकल्प है. 15.6 इंच स्क्रीन वाले इस लैपटॉप की कीमत है महज 26,912 रुपये और यह amazon.in पर मिल रहा है. इसके अलावा यह डेल के स्टोर्स में उपलब्ध है.
HP 15-R014TX
एचपी यानी हेवलेट पैकर्ड का 15-R014TX दरअसल 15.6 इंच स्क्रीन वाला बेहतरीन लैपटॉप है. इसकी न्यूनतम कीमत amazon.in 38,990 रुपये, croma मेगास्टोर पर 45,990 रुपये, eBay.in पर 41,941 रुपये और gadgetsguru पर 43,926 रुपये है.
Lenovo G50 59422410
चीन की बड़ी इलेक्ट्रॉनिक कंपनी लेनोवो कंप्यूटर निर्माण में शोहरत हासिल कर चुकी है. उसका यह प्रॉडक्ट इस समय काफी पॉपुलर है. इसकी न्यूनतम कीमत 38,950 रुपये amazon.in पर है जबकि indiatimesshopping पर यह 41,820 रुपये है.
HP का 15 P001TX
इस अमेरिकी कंपनी के पैविलियन सरीज के लैपटॉप काफी बिके. 15.6 इंच स्क्रीन वाले इन लैपटॉप को कैरी करना भी आसान है. इसकी न्यूनतम कीमत 42,100 रुपये है जो amazon.in ने ऑफर किया है. वैसे आप पास के स्टोर में जाकर खुद देख सकते हैं.
Asus X550LD-XX082D
ऐसुस का यह लैपटॉप भी काफी लोकप्रिय है और इसे खासा पसंद भी किया जाता है. इसका स्क्रीन 15.6 इंच का है. इसके डार्क ग्रे संस्करण की कीमत 44,650 रुपये है और यह amazon.in पर उपलब्ध है.
Dell Vostro 3546
अमेरिकी कंपनी का यह लैपटॉप वोस्ट्रो सीरीज का है और काफी बिका. इसका स्क्रीन 15.6 इंच का है. इसकी न्यूनतम कीमत 32,148 रुपये है और यह amazon.in पर उपलब्ध है. इसके अलावा यह स्थानीय स्टोर्स पर भी मिलता है.
लेनोवो योगा 2
लेनोवो का यह लैपटॉप उन्हें पसंद आएगा जो टचस्क्रीन पसंद करते हैं. यह दो रंगों सिल्वर और ग्रे में उपलब्ध है. इसका स्क्रीन 13.3 इंच का है. इसकी सबसे कम कीमत 57,650 रुपये है और यह amazon.in पर मिल रहा है. इसके अलावा यह कई कंप्यूटर स्टोर्स पर भी मिलता है.
ऐसर ऐस्पायर E1-571-BT
यह भी एक विश्वसनीय लैपटॉप है जिसमें 500 जीबी तक स्पेस है. इसका स्क्रीन 15.6 इंच का है. इसकी न्यूनतम कीमत 30,859 रुपये है और यह hindbuy.com पर उपलब्ध है. इसके अलावा भी यह कई स्टोर्स में मिलता है.
डेल 3542
यह लैपटॉप उनके लिए उपयुक्त है जो पहली बार लैपटॉप खरीदने जा रहे हैं. इंटेल प्रोसेर वाले इस लैपटॉप का स्क्रीन 15 इंच का है. इसकी न्यूनतम कीमत 27,130 रुपये है और amazon.in पर यह इस कीमत में उपल्ब्ध है. इसके अलावा यह कई स्टोर्स में भी उपलब्ध है.
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यह लेख है: सचिन तेंदुलकर भले ही लॉर्ड्स पर कभी शतक नहीं बना पाए लेकिन इंग्लैंड के अन्य मैदानों पर उनका बल्ला खूब चला है। इसलिए उम्मीद की जानी चाहिए कि रिकॉर्डों का बादशाह का जल्द ही अपना 100वां अंतरराष्ट्रीय शतक पूरा करेगा। क्रिकेट के मक्का लॉर्ड्स पर तेंदुलकर ने शुरू से ही बेहद लचर प्रदर्शन किया है। उन्होंने इस मैदान पर जो पांच टेस्ट मैच में खेले हैं उनमें केवल 195 रन बनाए हैं और उनका उच्चतम स्कोर 37 रन है। वह भारत और इंग्लैंड के बीच यहां खेले गए पहले टेस्ट मैच में 34 और 12 रन ही बना पाए थे लेकिन जब इंग्लैंड के अन्य मैदानों की बात आती है तो तस्वीर एकदम से बदल जाती है। ट्रेंटब्रिज, एजबेस्टन, मैनचेस्टर, हैंडिंग्ले जैसे मैदानों पर उनकी तूती बोली है लेकिन लंदन के ही एक अन्य मैदान ओवल पर उन्हें पहले शतक का इंतजार है। ओवल में इस श्रृंखला का चौथा और अंति टेस्ट मैच होगा। नाटिंघम के ट्रेंटब्रिज मैदान पर 29 जुलाई से दूसरा टेस्ट मैच खेला जाएगा। इस मैदान पर तेंदुलकर ने तीन मैच में 78.16 की औसत से 469 रन बनाए हैं। उन्होंने 1996 में ट्रेंटब्रिज पर जो पहला मैच खेला था उसमें 177 रन ठोके थे लेकिन तेंदुलकर को सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि इसके बाद उन्होंने इस मैदान पर जो दो अन्य टेस्ट मैच (2002 और 2007 में) खेले उन दोनों में वह नर्वस नाइंटीज के शिकार बने थे। लॉर्ड्स की तरह लंदन में स्थित अन्य मशहूर टेस्ट मैदान ओवल में भी तेंदुलकर का रिकॉर्ड आकर्षक नहीं है। इस मैदान पर उन्होंने अब तक तीन टेस्ट मैच में 158 रन बनाए हैं जिसमें उनका उच्चतम स्कोर 82 रन है। तेंदुलकर अब 18 अगस्त से होने वाले चौथे टेस्ट मैच में ओवल में शतक जड़ने की कोशिश करेंगे। इन चारों मैदान के अलावा तेंदुलकर ने इंग्लैंड के मैनचेस्टर और लीड्स में भी टेस्ट मैच खेले हैं। वह मैनचेस्टर का ओल्ड ट्रैफर्ड का ही मैदान था जहां 1990 में तेंदुलकर ने अपने अंतरराष्ट्रीय कैरियर का पहला शतक जड़ा था। यह उनका नौवां टेस्ट मैच था जिसकी दूसरी पारी में उन्होंने नाबाद 119 रन बनाये थे। इसके अलावा उन्होंने हेंडिग्ले, लीड्स में भी एक टेस्ट मैच खेला जिसकी एकमात्र पारी में उन्होंने 193 रन बनाए थे। भारत को इस दौरे में इन दोनों स्थानों पर टेस्ट मैच नहीं खेलने हैं लेकिन वह मैनचेस्टर में ट्वेंटी-20 मैच खेलेगा। तेंदुलकर भारतीय ट्वेंटी-20 टीम के सदस्य नहीं हैं लेकिन उन्हें इस दौरे में लार्ड्स पर शतक जड़ने का एक और मौका मिल सकता है। भारत को इंग्लैंड के खिलाफ चौथा एकदिवसीय मैच इसी ऐतिहासिक मैदान पर खेलना है और वन-डे में भारतीय पारी का आगाज करने वाले तेंदुलकर तब मौका नहीं गंवाना चाहेंगे।
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स्वच्छता अभियान के तहत खुले में शौच पर रोक के दौरान हुई मजदूर नेता जफर खान की मौत की जांच पांचवे दिन भी आगे नहीं बढ़ पाई. इसकी बड़ी वजह है कि पुलिस जांच करना ही नहीं चाहती है. इसके बजाए पुलिस बीजेपी के नेताओं के साथ मिलकर मामले को रफा-दफा करने में लगी है. यहां तक की जफर के पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर भी भाग रहे हैं. उधर बीजेपी सलेक्टिव वीडियो वायरल कर खुद ही फंस रही है. पहले कहा था कि कोई मारपीट नहीं हुई है और अब जफर के मारने का वीडियो जारी किया है.
राजस्थान के प्रतापगढ़ में सुबह शौच के दौरान सरकारी अधिकारी और कर्मचारी से झगड़े के दौरान मजदूर नेता जफर खान की मौत का रहस्य गहराता जा रहा है. दो दिन पहले प्रतापगढ़ अस्पताल के पांच डॉक्टरों की टीम ने अपनी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की प्रारंभिक वजह कार्डियक एण्ड रिस्परेटरी फेल्योर बताया है. जब 'आज तक' की टीम ने उनसे मिलना चाहा तो पांचों अलग-अलग बहाने कर अस्पताल ही नहीं आए. इनके पास इस बात का जवाब नहीं था कि लंग्स या हार्ट में दोनों में से कौन और क्या खराब था.
इसके बाद 'आज तक' की टीम ने नगरपालिका के चेयरमैन कमलेश दोषी को ढूंढना शुरू किया तो पता चला कि घटना के बाद से ही वे भूमिगत हो गए हैं. टीम ने उन्हें शहर के दिव्यम होटल में ढूंढा. चेयरमैन ने पहले तो 'आज तक' पर जमकर अपनी भड़ास निकाली और फिर जफर के झगड़े के दो छोटे वीडियो दिये. इसमें उन्होंने जफर के झगड़ा करते हुए, महिलाओं के हाथ में पत्थर लिए और अपने कर्मचारी कमल जमदार के शरीर पर लगे खून के धब्बे दिखाए. दरअसल बीजेपी के कार्यकर्ता वीडियो एडिट कर वायरल तो कर रहे हैं लेकिन इसी में फंस रहे हैं. उन्होंने एक वीडियो जारी कर कहा कि जफर ने धमकियां दी थी और कोई झगड़ा नहीं हुआ. मगर उस वीडियो में सरकारी कर्मचारी के नाक से बहता खून और उसके
शर्ट पर खून के धब्बे
दिए गए. उसके बाद एक और वीडियो जारी कर अब इस बात पर आ गए कि झगड़ा और मारपीट तो हुआ था मगर केवल जफर ने ही सबको मारा था. चेयरमैन साहब ने कैमराबंद कर जो बातचीत की उसमें असली बात बताई कहा कि हमने ही पांच डाक्टरों की मेडिकल टीम बनवाई थी आगे चलकर कोर्ट में हम फंसे नहीं. चेयरमैन ने ये भी बताया कि उसने जफर से झगड़े के बाद किस तरह से पुलिस और अस्पताल में फोनकर अपने लोगों को सुरक्षित किया था.
'आज तक' की टीम चेयरमैन से बातचीत कर ही रही थी कि उसी वक्त जांच अधिकारी और एसएचओ दिव्यम होटल के चेयरमैन के कमरे में दाखिल हुए. एसएचओ साहब 15 मिनट पहले ही इंटरव्यू देने से ये कहते हुए मना कर दिया था कि हमें जरूरी नाके में जाना है अधिकारी का फोन आ गया है. वो एसएचओ और मामले के जांच अधिकारी मांगीलाल विश्नोई होटल के कमरे में चेयरमैन के साथ बैठे थे.
इसके बाद 'आज तक' की टीम एसपी शिवराज मीणा के पास गई लेकिन उन्होंने तो किसी को भी अरेस्ट करने से ही इंकार कर दिया और कहा कि अभी तो जांच जारी है. उसके बाद टीम मौके पर मौजूद और आरोपी कमीश्नर अशोक जैन को फोन कर उनसे मिलना चाहा लेकिन उन्होंने व्यस्तता का बहाना बनाकर मिलने से मना कर दिया और वीडियो देखने के लिए समझाने लगे.
बीजेपी
ने जिन पांच लोगों के बारे में कहा कि जफर ने उन्हें पीटा उनमें से सभी ने मिलने से मना कर दिया.
इस मामले में हैरान करने वाली बात है कि चेयरमैन ने जो दो वीडियो 'आज तक' की टीम को दिया और कहा कि हम इसे वायरल कर रहे हैं उसमें दिखने वाले सभी लोगों से बात की लेकिन पुलिस को अब तक पांच दिन बाद भी कोई चश्मदीद नहीं मिल रहा है. सारे लोगों ने सिलसिलेवार बताया कि जफर चाचा हमारी अवाज सुनकर गुस्से में आए थे और पहला वार भी किया था लेकिन उसके बाद उन्हें जमीन पर गिराकर उनके शरीर पर बैठकर पांच लोगों ने लगातार वार किया है. फिर सभी भाग गए. किसी तरह बस्ती वाले उन्हें आटो में डालकर ले गए.
अस्पताल पहुंच कर जब 'आज तक' की टीम ने छानबीन शुरू की तो शक और गहरा गया. सुबह के 7.30 बजे इमरजेंसी में जफर खान लाए गए थे और हमारे पास मौजूद डाक्यूमेंट के अनुसार वो मृत अवस्था में लाए गए थे. दस मिनट के अंदर उनको मोर्चरी में डिस्चार्ज कर दिया गया. मगर 7.40 को काटकर मोर्चरी भेजना 3.12 दिखाया गया है. यानी शव को सुबह साढ़े सात बजे से 3.12 तक इमरजेंसी में ही रखना बताया गया है. जबकि परिवार वालों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने कहा कि वो आईसीयू में हैं जहां किसी को भी जाने की इजाजत नहीं है.
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मदुरई कोच्चि राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो बसों की टक्कर में 16 लोगों की मौत हो गई जबकि 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. टक्कर 2 निजी बसों में हुआ.
हादसा मदुरई-कोच्चि राष्ट्रीय राजमार्ग पर आंदिपट्टी के समीप सनमुगासुंदरपुरम में हुआ.
शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक घटना उस वक्त हुई जब एक बस मदुरई से थेनी आ रही थी जबकि दूसरी बस चिन्नामनुर से मदुरई जा रही थी.
घायलों को तत्काल सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. कुछ घायलों की स्थिति चिंताजनक बतायी गई है.
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पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उमा भारती इन दिनों उत्तराखंड दौरे पर हैं. उमा भारती ने उत्तराखंड में अमीरी-गरीबी की गहरी खाई बढ़ने के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि राज्य में अमीरों और गरीबों के बीज बढ़ती खाई के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है.
उमा भारती ने अपने चुनाव न लड़ने और मंत्रिमंडल में शामिल न होने पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि संगठन में बीजेपी अध्यक्ष ने जो जिम्मेदारी दी उसे पूरा करेंगी. उमा भारती ने यह भी कहा कि उनका ध्यान गंगा की सफाई पर भी रहेगा और गरीबों के हक के लिए काम करेंगी.
उमा भारती ने गुप्ता बंधुओं की शादी पर भी टिप्पणी करते हुए लिखा कि हमारे देश में शादी के नाम पर होने वाली फिजूलघखर्ची ही कन्याओं की भ्रूण हत्या का कारण है. बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पूरे देश में ऐसी शादियों पर रोक लगनी चाहिए.
उमा भारती ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि उत्तराखंड में डेस्टिनेशन वेडिंग होना चाहिए. टूरिज्म को भी बढ़ावा देना जरूरी है लेकिन पहले यह अध्ययन करना भी जरूरी है कि रोजगार बढ़े, राज्य के विकास में योगदान हो इसकी जगह कहीं उल्टा ना हो जाए कि राज्य के अभावग्रस्त लोगों को हताशा एवं कुंठा घेर ले तथा वह अपने को वंचित समझें.
8.मैं नही जानती कि गुप्ता बंधु कौन है। उन्हें सुझाव दूंगी कि अपना कुछ पैसा दुर्दशा का शिकार जोशीमठ के शंकराचार्य मठ पर खर्च करें, कुछ पैसा पेयजल, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के संकट निवारण के लिए दें तथा शांति से कुछ पंडितों एवं परिजनों की मौजूदगी में अपने बच्चों को विदा करके ले जाएं।
— Uma Bharti (@umasribharti)
June 12, 2019
उमा भारती ने यह भी कहा कि वे गुप्ता बंधुओं को नहीं जानती. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'मैं नहीं जानती कि गुप्ता बंधु कौन हैं. उन्हें सुझाव दूंगी कि अपना कुछ पैसा दुर्दशा का शिकार जोशीमठ के शंकराचार्य मठ पर खर्च करें, कुछ पैसा पेयजल, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के संकट निवारण के लिए दें तथा शांति से कुछ पंडितों एवं परिजनों की मौजूदगी में अपने बच्चों को विदा करके ले जाएं.'
गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका से ताल्लुक रखने वाले NRI गुप्ता बंधुओं के दो बेटों की हाई-प्रोफाइल शादी उत्तराखंड के शानदार हिल स्टेशन औली में होने जा रही है. हाई प्रोफाइल इसलिए कि शादी में 200 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
कौन हैं गुप्ता ब्रदर्स
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से 1993 में तीन भाई अजय गुप्ता, अतुल गुप्ता और राजेश गुप्ता दक्षिण अफ्रीका पहुंचे थे. इन तीनों भाइयों के दक्षिण अफ्रीका में बिजनेस का विशाल साम्राज्य खड़ा करने की कहानी बिल्कुल फिल्मी है. दक्षिण अफ्रीका के व्यापार जगत में तीनों भाइयों का बड़ा नाम है. इनकी कई बड़ी कंपनियां हैं. जोहानिसबर्ग और केपटाउन में सैकड़ों एकड़ में फैला आलीशान विला है. मौजूदा दौर में गुप्ता बंधु के दक्षिण अफ्रीका में कंप्यूटरिंग, माइनिंग, एयर ट्रेवल, एनर्जी, टेक्नॉलॉजी और मीडिया का बिजनेस फैला हुआ है.
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भारतीय पुरुष तीरंदाजी टीम शनिवार को लॉर्ड्स क्रिकेट मैदान में जापान से तनावपूर्ण प्री क्वार्टरफाइनल शूट ऑफ में हारकर ओलिंपिक खेलों से बाहर हो गई। जयंत तालुकदार, राहुल बनर्जी और तरुणदीप राय की तिकड़ी शुक्रवार को रैंकिंग राउंड में अंतिम 12वें स्थान पर रही थी।
भारतीय टीम नियमित चार राउंड के बाद शनिवार को जापनी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ 214 के स्कोर से बराबरी पर थी, लेकिन यू इजियू, हिदेकी किकुची और ताकाहारू फुरूकावा की तिकड़ी ने शूट ऑफ में भारतीयों को 29-27 से पछाड़ दिया।टिप्पणियां
भारतीय तीरंदाज काफी निराश होंगे, क्योंकि वे नियमित समय में दो अंक से बढ़त बनाए थे, लेकिन जापानी टीम बराबरी कर मैच टाई ब्रेकर तक ले गई। अब ये तीनों भारतीय व्यक्तिगत एलीमिनेशन राउंड में भाग लेंगे, जो सोमवार से शुरू होगा।
सभी की निगाहें अब महिला टीम पर लगी हैं, जो रविवार को डेनमार्क के खिलाफ एलीमिनेटर में भाग लेगी। महिला टीम शुक्रवार को शुरुआती राउंड में नौंवे स्थान पर रही थी।
भारतीय टीम नियमित चार राउंड के बाद शनिवार को जापनी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ 214 के स्कोर से बराबरी पर थी, लेकिन यू इजियू, हिदेकी किकुची और ताकाहारू फुरूकावा की तिकड़ी ने शूट ऑफ में भारतीयों को 29-27 से पछाड़ दिया।टिप्पणियां
भारतीय तीरंदाज काफी निराश होंगे, क्योंकि वे नियमित समय में दो अंक से बढ़त बनाए थे, लेकिन जापानी टीम बराबरी कर मैच टाई ब्रेकर तक ले गई। अब ये तीनों भारतीय व्यक्तिगत एलीमिनेशन राउंड में भाग लेंगे, जो सोमवार से शुरू होगा।
सभी की निगाहें अब महिला टीम पर लगी हैं, जो रविवार को डेनमार्क के खिलाफ एलीमिनेटर में भाग लेगी। महिला टीम शुक्रवार को शुरुआती राउंड में नौंवे स्थान पर रही थी।
भारतीय तीरंदाज काफी निराश होंगे, क्योंकि वे नियमित समय में दो अंक से बढ़त बनाए थे, लेकिन जापानी टीम बराबरी कर मैच टाई ब्रेकर तक ले गई। अब ये तीनों भारतीय व्यक्तिगत एलीमिनेशन राउंड में भाग लेंगे, जो सोमवार से शुरू होगा।
सभी की निगाहें अब महिला टीम पर लगी हैं, जो रविवार को डेनमार्क के खिलाफ एलीमिनेटर में भाग लेगी। महिला टीम शुक्रवार को शुरुआती राउंड में नौंवे स्थान पर रही थी।
सभी की निगाहें अब महिला टीम पर लगी हैं, जो रविवार को डेनमार्क के खिलाफ एलीमिनेटर में भाग लेगी। महिला टीम शुक्रवार को शुरुआती राउंड में नौंवे स्थान पर रही थी।
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कपकोट तहसील भारत के उत्तराखण्ड राज्य में बागेश्वर जनपद की एक तहसील है। बागेश्वर जनपद के उत्तरी भाग में स्थित इस तहसील के मुख्यालय कपकोट नगर में स्थित हैं। इसके पूर्व में पिथौरागढ़ जनपद की बेरीनाग तहसील, पश्चिम में चमोली जनपद की जोशीमठ और थराली तहसील, उत्तर में पिथौरागढ़ जनपद की मुनस्यारी तहसील, तथा दक्षिण में कांडा, गरुड़ और बागेश्वर तहसील है।
जनसांख्यिकी
तहसील के अधिकार क्षेत्र में कुल १४६ गाँव आते हैं, और २०११ की जनगणना के अनुसार इसकी जनसंख्या ६४,८९४ है।
इन्हें भी देखें
उत्तराखण्ड की तहसीलें
सन्दर्भ
बागेश्वर की तहसीलें
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कांच बिंदु रोग (अंग्रेज़ी:ग्लूकोमा) या काला मोतिया नेत्र का रोग है। यह रोग तंत्र में गंभीर एवं निरंतर क्षति करते हुए धीरे-धीरे दृष्टि को समाप्त ही कर देता है। किसी वस्तु से प्रकाश की किरणें आंखों तक पहुंचती हैं, व उसकी छवि दृष्टि पटल पर बनाती हैं। दृष्टि पटल (रेटिना) से ये सूचना विद्युत तरंगों द्वारा मस्तिष्क तक नेत्र तंतुओं द्वारा पहुंचाई जाती है। आंख में एक तरल पदार्थ भरा होता है। इससे लगातार एक तरल पदार्थ आंख के गोले को चिकना किए रहता है। यदि यह तरल पदार्थ रुक जाए तो अंतःनेत्र दाब (इंट्राऑक्यूलर प्रेशर) बढ़ जाता है। कांच बिंदु में अंत:नेत्र पर दाब, प्रभावित आँखों की सहने की क्षमता से अधिक हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप नेत्र तंतु को क्षति पहुँचती है जिससे दृष्टि चली जाती है। किसी वस्तु को देखते समय कांच बिंदु वाले व्यक्ति को केवल वस्तु का केन्द्र दिखाई देता है। समय बीतने के साथ स्थिति बद से बदतर होती जाती है, व व्यक्ति यह क्षमता भी खो देता है। सामान्यत:, लोग इस पर कदाचित ही ध्यान देते हैं जबतक कि काफी क्षति न हो गई हो। प्रायः ये रोग बिना किसी लक्षण के विकसित होता है व दोनों आँखों को एक साथ प्रभावित करता है। हालाँकि यह ४० वर्ष से अधिक आयु के वयस्कों के बीच में पाया जाता है, फिर भी कुछ मामलों में यह नवजात शिशुओं को भी प्रभावित कर सकता हैं। मधुमेह, आनुवांशिकता, उच्च रक्तचाप व हृदय रोग इस रोग के प्रमुख कारणों में से हैं।
कारण
मानव आँख में स्थित कॉर्निया के पीछे आँखों को सही आकार और पोषण देने वाला तरल पदार्थ होता है, जिसे एक्वेस ह्यूमर कहते हैं। लेंस के चारों ओर स्थित सीलियरी ऊतक इस तरल पदार्थ को लगातार बनाते रहते हैं। यह तरल पुतलियों के द्वारा आँखों के भीतरी हिस्से में जाता है। इस तरह से आँखों में एक्वेस ह्यूमर का बनना और बहना लगातार होता रहता है, स्वस्थ आँखों के लिए यह आवश्यक है। आँखों के भीतरी हिस्से में कितना दबाव रहे यह तरल पदार्थ की मात्रा पर निर्भर रहता है। ग्लूकोमा रोगियों की आंखों में इस तरल पदार्थ का दबाव अत्यधिक बढ़ जाता है। कभी-कभी आँखों की बहाव नलिकाओं का मार्ग रुक जाता है, लेकिन सीलियरी ऊतक इसे लगातार बनाते ही जाते हैं। ऐसे में जब आँखों में दृष्टि-तंतु के ऊपर तरल का दबाव अचानक बढ़ जाता है तो ग्लूकोमा हो जाता है। यदि आँखों में तरल का इतना ही दबाव लंबे समय तक बना रहता है तो इससे आँखों की तंतु नष्ट भी हो सकती है। समय रहते यदि इस बीमारी का इलाज नहीं कराया जाता तो इससे दृष्टि पूरी तरह जा सकती है।
प्रकार
कांच बिंदु रोग मुख्यतः दो प्रकार का होता है: प्राथमिक खुला कोण और बंद कोण कांच बिंदु। इसके अलावा ये सैकेंडरी भी हो सकता है। बच्चों को होने वाला कालामोतिया भी एक प्रकार में अलग से रखा गया है, जिसे कन्जनाइटल ग्लूकोमा कहते हैं।
प्राथमिक खुला कोण
इस प्रकार के कांच बिंदु में आँख की तरल निकासी नली धीरे-धीरे बंद होती जाती है। तरल निकासी प्रणाली ठीक ढंग से कार्य नहीं करने के कारण आंख का आंतरिक दाब बढ़ जाता है। यहां हालाँकि, तरल-निकासी नली का प्रवेश प्रायः काम कर रहा होता हैं एवं अवरुद्ध नहीं होता हैं, किन्तु रुकावट अंदर होती है एवं द्रव बाहर नहीं आ पाता है, इस कारण आंख के अंदर दबाव में वृद्धि होती है। इस प्रकार के कांच बिंदु से सबंधित कोई विशेष लक्षण नहीं होते हैं। निश्चित अंतराल पर किया जाने वाला आँख परीक्षण कांच बिंदु को शीश्ग्रातिशीघ्र पहचान करने के लिए आवश्यक है। इसके द्वारा इसे औषधि द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है।
कोण बंद
ये एक तीव्र प्रकार का कांच बिंदु (ग्लूकोमा) होता है। इस स्थिति में आंखों में दबाव तेजी से बढ़ता है। आईरिस एवं कॉर्निया की चौड़ाई कम होती है, परिणामस्वरूप तरल-निकासी नली के आकार में कमी होती है। वयस्कों में परिधीय दृष्टि की हानि होती है और कुण्डल या इंद्रधनुष-रंग के गोले या रोशनी दिखाई देती है। उनकी दृष्टि मटमैली या धुँधली हो जाती है। रोगी आंख में दर्द एवं लालिमा अनुभव करते हैं तथा दृष्टि का क्षेत्र इतना कम होता है कि रोगी स्वतंत्र रूप से चल भी नहीं पाते हैं। जब भी आंखों की चोट के बाद दर्द या दृष्टि में कमी हो तो माध्यमिक कांच बिंदु की आशंका करनी चाहिए। मधुमेह के रोगी भी कांच बिंदु से पीड़ित हो सकते हैं।
कन्जनाइटल ग्लूकोमा
कन्जनाइटल ग्लूकोमा शिशुओं एवं बच्चों में जन्मजात होता है। इसके लक्षणों मे लालिमा, पानी आना, आँखों का बड़ा होना, कॉर्निया का धुंधलापन एवं प्रकाश भीति शामिल है।
जाँच
कालेमोतिया का कारण अक्षि-चिकित्सक (ऑप्थैल्मोलॉजिस्ट) ही बेहतर पहचान सकता है। नियमित जांच से इसकी पहचान संभव हो सकती है। इसकी जाँच मुख्यतः चार भागों में की जाती है- पहले सामान्य नेत्र परीक्षण किया जाता है, जिससे आँखों की दृष्टि क्षमता मापी जाती है। इसके बाद आँखों में थोड़ी देर तक आई ड्राप डालकर रखते हैं। उसके बाद मशीन से रेटिना और आँखों की तंत्रिका की गहन जाँच की जाती है। आँखों के साइड विजन की जाँच में वह कमजोर निकलता है तो इसका अर्थ यह है कि ऐसा व्यक्ति ग्लूकोमा से पीड़ित है।
लक्षण एवं उपचार
जाँच के बाद उपचार की प्रक्रिया इस बात पर निर्भर करती है कि यह बीमारी अभी किस अवस्था में है। शुरुआती दौर में दवाओं से उपचार किया जाता है लेकिन यदि बीमारी गंभीर अवस्था में हो तो सर्जरी द्वारा भी इसका उपचार किया जाता है। ऑपरेशन के 15 दिनों के बाद रोगी बिल्कुल ठीक हो जाता है लेकिन ऑपरेशन के बाद भी डॉक्टर द्वारा नियमित जाँच और डॉक्टर द्वारा बताए निर्देशों का पालन जरूरी है।
इस रोग में रोगी को सिरदर्द, मितली और धुंधला आना शुरू हो जाता है। कई रोगियों को रात में दिखना बंद भी हो जाता है। टय़ूब लाइट या बल्ब की रोशनी चारों ओर से धुंधली दिखने लगती है। आंखों में तेज दर्द भी होने लगता है। ओपन एंगल ग्लूकोमा में चश्मे के नंबर तेजी से बदलना पड़ता है। इसकी जांच में विशेषज्ञ दृष्टि-तंतु (ऑप्टिक नर्व) के मस्तिष्क से जुड़ने वाले स्थान पर होने वाले परिवर्तन की जांच करते हैं।
ग्लूकोमा के उपचार की कई विधियां होती हैं जिनमें आंखों में दवा डालना, लेजर उपचार और शल्य-क्रिया शामिल हैं। यदि ग्लूकोमा रोगी उसके प्रति असावधानी व लापरवाही से रहें, तो आंखों की रोशनी भी जा सकती है। अतएव इसके उपचार को शीघ्रातिशीघ्र एवं सावधानी से कराना चाहिए। शल्य-क्रिया उन्हीं रोगियों के लिए आवश्यक होती है जिनका रोग उन्नत स्तर में पहुंच चुका होता है। ऐसे रोगियों में तरल दवा अधिक प्रभाव नहीं छोड़ती है। इसका लेजर से भी ऑपरेशन किया जाता है। कई मामलों में यह बीमारी आनुवांशिक प्रभावी भी देखी गई है। एक आंख में यदि काला मोतिया उतरा है तो उसके दूसरी आंख में भी होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए इसकी प्रारंभिक आईओपी जांच के परिणामों पर गंभीरता से निर्णय लेकर उपचार करा लेना चाहिए।
विश्व स्तर पर कांच बिंदु लगभग छह करोड़ लोगों को प्रभावित करता है और भारत में यह अंधत्व का दूसरा सबसे आम कारण है। लगभग एक करोड़ भारतीय कांच बिंद से पीड़ित हैं जिनमें से १.५ लाख नेत्रहीन हैं।
सन्दर्भ
इन्हें भी देखें
मोतियाबिंद
बाहरी कड़ियाँ
ग्लौकोमा हेतु जालस्थल
सतर्कता बचा सकता है ग्लूकोमा से
ग्लूकोमा
सतर्कता बरतने पर बचा जा सकता है ग्लूकोमा से
आज विश्व ग्लूकोमा दिवस है
नेशनल आई इंस्टीट्यूट से ग्लूकोमा शोध संसाधन निर्देशिका
यूरोपियाई ग्लूकोमा सोसाइटी
ग्लूकोमा शोध फाउंडेशन
आँख के रोग
अंधता
दृष्टि रोग
अक्षि विज्ञान
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War Box Office Collection Day 25: ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) और टाइगर श्रॉफ (Tiger Shroff) की फिल्म 'वॉर (War)' का धमाकेदार प्रदर्शन दिवाली के दिन भी सिनेमाघरों में जारी रहा. यूं तो फिल्म ने चौथे हफ्ते में प्रवेश कर लिया है, लेकिन इस फिल्म को लेकर अभी भी दर्शकों में जबरदस्त क्रेज देखने को मिल रहा है. दिवाली के मौके पर भी इस फिल्म ने काफी अच्छी कमाई की. ऋतिक की फिल्म के एक्शन सीक्वेंस और धमाकेदार ट्विस्ट फैन्स को खूब पसंद आए. ऋतिक रोशन और टाइगर श्रॉफ की फिल्म 'वॉर (War)' ने बॉक्स ऑफिस पर धुआं उड़ाने वाली 'सुल्तान' और 'पद्मावत' जैसी जबरदस्त फिल्मों को भी पीछे छोड़ दिया है. इसके शुरुआती आंकड़ों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि 'वॉर' (हिंदी वर्जन) ने बीते दिन 1.50 करोड़ की कमाई की है. इस लिहाज से फिल्म का कुल कलेक्शन 297.50 करोड़ हो सकता है. वहीं, अपने सभी वर्जन में 'वॉर' ने कुल मिलाकर 311.50 करोड़ का कलेक्शन किया होगा.
गांधी जयंती के मौके पर रिलीज हुई 'वॉर' (War) ने प्री-बुकिंग के जरिए ही 32 करोड़ की कमाई की थी. इसके अलावा ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) और टाइगर श्रॉफ (Tiger Shroff) की 'वॉर' (War) ने भारत में बॉक्स ऑफिस पर कब्जा जमाने के साथ ही विदेशों में भी अपना खूब जादू चलाया. कमाई से इतर फिल्म अपने कंटेंट और कलाकारों के जरिए दर्शकों का दिल जीतने में भी कामयाब रही है. खासकर ऋतिक और टाइगर की जोड़ी को पर्दे पर देखने के लिए फैंस में काफी क्रेज देखने को मिला.
बता दें कि फिल्म 'वॉर (War)' की कहानी 'कबीर' ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) और 'खालिद' टाइगर श्रॉफ (Tiger Shroff) की है. फिल्म में हालात कुछ ऐसे बनते हैं कि गुरु और शिष्य एक दूसरे से टकराने को मजबूर हो जाते हैं. बेकाबू गुरु पर नकेल कसने के लिए शिष्य खालिद का इस्तेमाल किया जाता है, और फिर शुरू होते हैं जबरदस्त एक्शन. बाइक, कार, हेलीकॉप्टर, बर्फ पहाड़ हर जगह एक्शन देखने को मिलता है. कहानी में कई जबरदस्त ट्विस्ट भी डाले गए हैं और फिल्म का अंत भी थोड़ा सरप्राइजिंग रखा गया है. इन सबसे इतर दर्शकों को 'वॉर' (War) में भरपूर मात्रा में ऐक्शन और स्टंट्स देखने को मिलेगा.
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मुंबई के मरीन ड्राइव में नाकेबंदी के दौरान एक ऑडी कार ने पांच लोगों को टक्कर मार दी। इस हादसे में तीन पुलिसवाले भी घायल हुए हैं, जिसमें से एक की हालत नाजुक है। आरोपी ड्राइवर को हिरासत में ले लिया गया है।
यह हादसा उस वक्त हुआ, जब पुलिसवालों ने मरीन ड्राइव पर नाकेबंदी कर रखी थी। इसी बीच तेज रफ्तार से आ रही एक ऑडी कार ने वहां खड़े पुलिसवालों को टक्कर मार दी, जिस वक्त यह हादसा हुआ, उस वक्त कार का ड्राइवर अपने मालिक को लेने जा रहा था।
यह हादसा उस वक्त हुआ, जब पुलिसवालों ने मरीन ड्राइव पर नाकेबंदी कर रखी थी। इसी बीच तेज रफ्तार से आ रही एक ऑडी कार ने वहां खड़े पुलिसवालों को टक्कर मार दी, जिस वक्त यह हादसा हुआ, उस वक्त कार का ड्राइवर अपने मालिक को लेने जा रहा था।
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यह लेख है: देश के 15वें प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी के शपथ-ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए विशेष रूप से आमंत्रित सार्क देशों के नेताओं और उनके प्रतिनिधियों के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी एक 'निजी रात्रिभोज' आयोजित करेंगे, जिसमें मेहमानों को गुजरात से लेकर तमिलनाडु तक के व्यंजनों का लुत्फ उठाने का मौका मिलेगा।
रात्रिभोज का आयोजन 'येलो ड्रॉइंग रूम' में किया जाएगा, जिसमें नए प्रधानमंत्री और उनकी टीम भी शामिल होगी। इस भोज के दौरान मेहमानों को गुजरात का 'केला मेथी नू शाक', तमिलनाडु का 'चिकन चेट्टीनाद', पंजाब का 'दाल मखनी' और बंगाल का 'पौटोल दोरमा' जैसे मशहूर व्यंजन परोसे जाएंगे।
राष्ट्रपति भवन और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने अपने आंतरिक शेफों से सलाह-मशविरे के बाद रात्रिभोज का मेन्यू तैयार किया है। इस रात्रिभोज में 'प्रॉन सुक्का' या 'चिकन चेट्टीनाद', बीरबली कोफ्ता करी (मुगलई) और जयपुरी भिंडी (राजस्थान) भी परोसी जाएगी। शपथ-ग्रहण संपन्न होने के बाद लोगों को गुजराती शाकाहारी व्यंजन ढोकला सहित छह तरह के नमकीन दिए जाएंगे। इसके बाद राष्ट्रपति-भवन से रवाना होते वक्त गणमान्य हस्तियों को 'पान' खिलाकर विदा किया जाएगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या नए प्रधानमंत्री के गुजरात से होने की वजह से ढोकला परोसा जाएगा, इस पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की सचिव ओमिता पॉल ने मुस्कुराते हुए कहा, 'नहीं, नहीं..यह तो हम अपनी इच्छा से कर रहे हैं।'
गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई, भूटान के प्रधानमंत्री त्शेरिंग तोबगे, नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोईराला और मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन अब्दुल गयूम शपथ-ग्रहण में शामिल होने वाले दक्षेस देशों के प्रमुख होंगे।
वहीं बांग्लादेश की स्पीकर शिरीन चौधरी प्रधानमंत्री शेख हसीना की नुमाइंदगी करेंगी। हसीना सोमवार को जापान के दौरे पर होंगी। दक्षेस देशों के अलावा मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम भी शपथ-ग्रहण समारोह में शिरकत करेंगे।
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परिणीति चोपड़ा ने 'लेडीज वर्सेज रिक्की बहल' से अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की थी. उस समय खबरें आई थीं कि उनका और फिल्म के डायरेक्टर मनीष शर्मा का अफेयर है. हालांकि बाद में खबरें आई कि दोनों का ब्रेकअप हो गया है, लेकिन हालिया रिपोर्ट्स की मानें तो दोनों एक बार फिर साथ हो गए हैं.
डीएनए की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों का पैचअप हो गया है. उनको पिछले हफ्ते एक प्राइवेट पार्टी में साथ भी देखा गया था. वो साथ में काफी समय बिता रहे हैं.
गोलमाल के बाद केसरी में अक्षय के सामने दिखेंगी परिणीति
आपको बता दें कि 'लेडीज वर्सेज रिक्की बहल' के बाद परिणीति ने मनीष की एक और फिल्म शुद्ध देसी रोमांस में भी काम किया था. मनीष से ब्रेकअप के बाद परिणीति का नाम एक असिस्टेंट डायरेक्टर से भी जुड़ चुका है.
सानिया से परिणीति की 'चेस्ट' बॉन्डिंग, मिर्जा की बायोपिक में आ सकती हैं नजर
फिल्मों की बात करें तो वो फिलहाल 'संदीप और पिंकी फरार' में काम कर रही हैं. फिल्म में उनके साथ अर्जुन कपूर हैं. दोनों ने इसके पहले 'इश्कजादे' में भी काम किया था.
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केशव या केशवदास (जन्म (अनुमानत:) 1555 विक्रमी और मृत्यु (अनुमानत:) 1618 विक्रमी) हिन्दी साहित्य के रीतिकाल की कवि-त्रयी के एक प्रमुख स्तंभ हैं। वे संस्कृत काव्यशास्त्र का सम्यक् परिचय कराने वाले हिंदी के प्राचीन आचार्य और कवि हैं।
इनका जन्म जिझौतिया ब्राह्मण कुल में हुआ था। इनके पिता का नाम काशीराम था जो ओड़छानरेश मधुकरशाह के विशेष स्नेहभाजन थे। मधुकरशाह के पुत्र महाराज इन्द्रजीत सिंह इनके मुख्य आश्रयदाता थे। वे केशव को अपना गुरु मानते थे। रसिकप्रिया के अनुसार केशव ओड़छा राज्यातर्गत तुंगारराय के निकट बेतवा नदी के किनारे स्थित ओड़छा नगर में रहते थे।
जीवन परिचय
आचार्य केशवदास का जन्म 1555 ईस्वी में ओरछा में हुआ था। वे जिझौतिया ब्राह्मण थे। उनके पिता का नाम काशीनाथ था। ओरछा के राजदरबार में उनके परिवार का बड़ा मान था। केशवदास स्वयं ओरछा नरेश महाराज रामसिंह के भाई इन्द्रजीत सिंह के दरबारी कवि, मन्त्री और गुरु थे। इन्द्रजीत सिंह की ओर से इन्हें इक्कीस गाँव मिले हुए थे। वे आत्मसम्मान के साथ विलासमय जीवन व्यतीत करते थे।
केशवदास संस्कृत के उद्भट विद्वान थे। उनके कुल में भी संस्कृत का ही प्रचार था। नौकर-चाकर भी संस्कृत बोलते थे। उनके कुल में भी संस्कृत छोड़ हिंदी भाषा में कविता करना उन्हें कुछ अपमानजनक-सा लगा -
भाषा बोल न जानहीं, जिनके कुल के दास।तिन भाषा कविता करी, जडमति केशव दास।।
केशव बड़े भावुक और रसिक व्यक्ति थे। कहा जाता कि एक बार वृध्दावस्था में वे किसी कुएं पर बैठे थे। वहां पानी भरने के लिए आई हुई कुछ स्त्रियों ने उन्हें बाबा कहकर संबोधन किया। इस पर उन्होंने निम्न दोहा कहा -
केशव केसनि असि करी, बैरिहु जस न कराहिं।चंद्रवदन मृगलोचनी बाबा कहि कहि जाहिं।।
संवत 1608 के लगभग जहांगीर ने ओरछा का राज्य वीर सिंह देव को दे दिया। केशव कुछ समय तक वीर सिंह के दरबार में रहे, फिर गंगातट पर चले गए और वहीं रहने लगे।
1618 ईस्वी में उनका देहावसान हो गया।
रचनाएं
केशवदास रचित प्रामाणिक ग्रंथ नौ हैं : रसिकप्रिया, कविप्रिया, नखशिख, छंदमाला, रामचंद्रिका, वीरसिंहदेव चरित, रतनबावनी, विज्ञानगीता और जहाँगीर जसचंद्रिका। रसिकप्रिया केशव की प्रौढ़ रचना है जो काव्यशास्त्र संबंधी ग्रंथ हैं। इसमें रस, वृत्ति और काव्यदोषों के लक्षण उदाहरण दिए गए हैं। इसके मुख्य आधारग्रंथ हैं - नाट्यशास्त्र, कामसूत्र और रुद्रभट्ट का शृंगारतिलक। कविप्रिया काव्यशिक्षा संबंधी ग्रंथ है जो इन्द्रजीतसिंह की रक्षिता और केशव की शिष्या प्रवीणराय के लिये प्रस्तुत किया गया था। यह कविकल्पलतावृत्ति और काव्यादर्श पर आधारित है। रामचंद्रिका उनका सर्वाधिक प्रसिद्ध महाकाव्य है जिसकी रचना में प्रसन्नराघव, हनुमन्नाटक, कादंबरी आदि कई ग्रंथो से सामगी ग्रहण की गई हैं। रतनबावनी में मधुकरशाह के पुत्र रतनसेन, वीरसिंह चरित में इन्द्रजीतसिंह के अनुज वीरसिंह तथा जहाँगीर जसचंद्रिका का यशोगान किया गया है। विज्ञानगीता में प्रबोधचंद्रोदय के आधार पर रचित अन्यापदेशिक काव्य है।
काव्यगत विशेषताएं
केशव अलंकार सम्प्रदायवादी आचार्य कवि थे। इसलिये स्वाभाविक था कि वे भामह, उद्भट और दंडी आदि अलंकार सम्प्रदाय के आचार्यों का अनुसरण करते। इन्होंने अलंकारों के दो भेद माने हैं, साधारण और विशिष्ट। साधारण के अन्तर्गत वर्णन, वर्ण्य, भूमिश्री-वर्णन और राज्यश्री-वर्णन आते है जो काव्यकल्पलतावृत्ति और अलंकारशेखर पर आधारित हैं। इस तरह वे अलंकार्य और अलंकार में भेद नहीं मानते। अलंकारों के प्रति विशेष रुचि होने के कारण काव्यपक्ष दब गया है और सामान्यत: ये सहृदय कवि नहीं माने जाते। अपनी क्लिष्टता के कारण इन्हें आचार्य रामचंद्र शुक्ल जीने कठिन काव्य के प्रेत कहा है। विशिष्ट प्रबंधकाव्य रामचंद्रिका प्रबधनिर्वाह, मार्मिक स्थलों की पहचान, प्रकृतिवर्णन आदि की दृष्टि से श्रेष्ठ नहीं है। परंपरा पालन तथा अधिकाधिक अलंकारों को समाविष्ट करने के कारण वर्णनों की भरमार है। चहल-पहल, नगरशोभा, साजसज्जा आदि के वर्णन में इनका मन अधिक रमा है। संवादों की योजना में, नाटकीय तत्वों के संनिवेश के कारण, इन्हें विशेष सफलता मिली है। प्रबंधों की अपेक्षा मुक्तकों में इनकी सरलता अधिक स्थलों पर व्यक्त हुई है।
वर्ण्य विषय
केशव दरबारी कवि थे। अन्य दरबारी कवियों की भांति उन्होंने भी अपने आश्रयदाता राजाओं का यशोगान किया है। वीर सिंह देव चरित और जहांगीर जस चंद्रिका उनकी ऐसी ही रचनाएं हैं।
केशव का दूसरा रूप आचार्य का है। कवि-प्रिया और रसिक-प्रिया में इन्होंने संस्कृत के लक्षण, ग्रंथों का अनुवाद किया और उदाहरण स्वरूप अपनी कविताओं की रचना की।
राम चंद्रिका का विषय राम-भक्ति है किंतु केशव कवि पहले थे, भक्त बाद में। अतः उनमें भक्ति-भावना की अपेक्षा काव्य-चमत्कार के प्रदर्शन की भावना अधिक है।
विज्ञान गीता में केशव ने वैराग्य से संबंधित भावनाओं को व्यक्त किया है।
प्रकृति चित्रण
राजदरबारों की साज-सज्जा के बीच रहने के कारण केशव की प्रवृत्ति प्रकृति में नहीं रही। उनका प्रकृति-चित्रण दोष-पूर्ण है। उसमें परंपरा का निर्वाद अधिक है, मौलिकता और नवीनता कम। वर्णन करने में कहीं-कहीं केशव ने काल और स्थान का भी ध्यान नहीं रखा है।
अलंकारों के बोझ से दबी प्रकृति अपना सहन सौंदर्य खो बैठी है। प्रकृति के संबंध में केशव की कल्पनाएं कहीं-कहीं पर बड़ी असंगत और अरुचिकर हो गई हैं। अरुण सूर्य को कापालिक काल का रक्त से भरा कपाल बना देना कसे का चकर प्रतीत होगा -
कै सोनित कलित कपाल यह,किल कपालिक काल को।
संवाद योजना
दरबारी कवि होने के कारण केशव में राजदरबारों की वाक्पटुता वर्तमान थी। अतः संवादों की योजना में उन्हें असाधारण सफलता मिली। उनके संवाद अत्यन्त आकर्षक हैं। उनमें राजदरबारों जैसी हाज़िर-जवाबी और शिष्टता है। उनके द्वारा चरित्रों का उद्धाटन सुंदर ढंग से हुआ है। जनक-विश्वामित्र संवाद, लव-कुश संवाद, सीता-हनुमान संवाद इसी प्रकार के संवाद हैं।
'अंगद-रावण-संवाद' के अन्तर्गत एक उत्तर-प्रत्युत्तर देखिए -
रावण-
गेंद करेउं मैं खैल की, हर-गिरि केशोदास।
सीस चढाए आपने, कमल समान सहास।।
अंगद-
जैसो तुम कहत उठायो एक गिरिवर,
ऐसे कोटि कपिल के बालक उठावहीं।
काटे जो कहत सीस काटन घनेरे घाघ,
मगर के खेले कहा भट-पद पावहीं।।
पांडित्य-प्रदर्शन
आचार्य केशवदास उच्चकोटि के विद्वान थे। अतः उनके काव्य में कल्पना और मस्तिष्क को योग अधिक है। उनका ध्यान जितना पांडित्य-प्रदर्शन की ओर था उतना भाव-प्रदर्शन की ओर नहीं। पांडित्य-प्रदर्शन की इसी प्रवृत्ति के कारण कुछ आलोचकों ने केशव को हृदय-हीन कवि कहा है, किंतु यह आरोप पूर्णतः सत्य नहीं, क्योंकि पांडित्य प्रदर्शन के साथ-साथ केशव के काव्य में ऐसे अनेकानेक स्थल हैं जहां उनकी भावुकता और सहृदयतापूर्ण साकार हो उठी है।
अशोक वाटिका में हनुमान जी सीता जी को रामचंद्र जी की मुद्रिका देते हैं। मुद्रिका के प्रति सीता जी का कथन कितना भावपूर्ण है-
श्री पुर में बन मध्य है, तू मग करी अनीति।कहि मुंदरी अब तियन की, को करि हैं परतीति।।
भाषा
केशव ने अपने काव्य का माध्यम बुंदेली को बनाया, परन्तु ब्रजभाषा का जो ढला हुआ रूप सूर आदि अष्ट छाप के कवियों में मिलता है वह केशव की कविता में नहीं। केशव संस्कृत के प्रकांड़ पंडित थे, अतः उनकी भाषा संस्कृत से अत्यधिक प्रभावित है। उन्होंने संस्कृत के तत्सम शब्दों को ही नहीं, संस्कृत की विभक्तियों को भी अपनाया है, कहीं-कहीं तो उनके छंदों की भाषा संस्कृत ही जान पड़ती है-
रामचंद्र पद पद्मं वृंदारक वृंदाभिवंदनीयम्।केशवमति भूतनया लोचनं चंचरीकायते।।
केशव की भाषा में बुंदेलखंडी भाषा का भी काफ़ी मिश्रण मिलता है। खारक (छोहारा), थोरिला (खूंटी), दुगई (दालान), गौरमदाइन (इन्द्रधनुष) आदि जैसे बुंदेली शब्दों का प्रयोग बराबर उनके काव्य में हुआ। अवधी भाषा के शब्दों का भी प्रयोग मिलता है। जैसे - इहां, उहां, दिखाउ, रिझाउ आदि।
केशव ने कहीं-कहीं तो शब्दों को गढ़ लिया है। जैसे - चाप से चापकीय। अप्रचलित शब्दों के प्रयोग में भी उन्होंने पूरी तरह स्वच्छंदता से काम लिया। जैसे - आलोक (कलंक), लांच (रिश्वत), नारी (समूह) आदि। जल के अर्थ में विष शब्द का प्रयोग केशव की भाषा में ही मिलता है -
विषमय यह गोदावरी, अमृतन को फल देति।
केशव जीवन हार को, दुख अशेष हर लेति।।
संस्कृत और बुंदेलखंडी के अत्यधिक प्रभाव, लंबी-लंबी शब्द-योजना अप्रचलित शब्दों के प्रयोग आदि के कारण केशव की भाषा में कहीं-कहीं अत्यन्त विलष्टता आ गई है।
केशव की भाषा का सामान्य रूप अपेक्षाकृत सुगम है। उसमें कहावतों और मुहावरों का भी यथा-स्थान प्रयोग हुआ है। लाज मरना कहावत का एक प्रयोग देखिए -
कहि केशव आपनि जांघ उघारि के,आपहि लाजन की मरिई।
शैली
केशव की शैली पर उनके व्यक्तित्व की छाप स्पष्ट दृष्टिगोचर होती है इस संबंध में उन्होंने अपने किसी पूर्व कवि का अनुसरण नहीं किया। अनेक कवियों की कविताओं के बीच उनकी कविता को सरलता से पहिचाना जा सकता है।
संक्षेप में केशव की शैली प्रौढ़ और गंभीर है। पांडित्य-प्रदर्शन के कारण वह कुछ दुरूह हो गई है।
रस
केशव दास जी ने अपने काव्य में अनेक स्थलों पर विविध रसों की उत्कृष्ट व्यंजना की है, किंतु मुख्यतः वे श्रृंगार और वीर रस के कवि हैं। श्रृंगार के दोनों पक्षों को उन्होंने अपनाया है। वीरोचित उत्साह के मार्मिक वर्णन में तो वे अपनी सानी नहीं रखते। शत्रुघ्न के बाणों से मूर्छित लव के लिए विलाप करती हुई सीता के प्रति कुश का कथन कितना उत्साहपूर्ण है _
रिपुहिं मारि संहारिदल यम ते लेहुं छुडाय।लवहिं मिलै हों देखिहों माता तेरे पाय।।
छंद
छंदों के विषय केशव का ज्ञान अपार था। जितने प्रकार के छंदों का प्रयोग उन्होंने किया हिंदी साहित्य में किसी ने नहीं किया। रामचंद्रिका में तो छंदों की विविधता इस सीमा तक पहुँच गई है कि विद्वानों ने उसे छंदों का अजायबघर कह दिया है। केशव ने स्वतः लिखा है -
रामचंद्र की चंद्रिका बरनति हौं बहु छंद।
केशव की छंद योजना संस्कृत साहित्य की छंद योजना है। उन्होंने कविता, सवैया, दोहा आदि छंदों का भी सफलतापूर्वक उपयोग किया है।
अलंकार
केशव को अलंकारों से विशेष मोह था उनके अनुसार -
जदपि सुजाति सुलच्छनी, सुबरन सरस सुवृत्तभूषन विन न विराजहीं कविता बनिता भित्त।।
अतः उनकी कविता में विभिन्न अलंकारों का प्रयोग सर्वत्र दिखाई देता है। अलंकारों के बोझ से कविता के भाव दब से गए हैं और पाठक को केवल चमत्कार हाथ लगता है।
जहां अलंकार-योजना प्रति केशव को कठोर आग्रह नहीं है, वहां उनकी कविता अत्यन्त हृदयग्राही और सरस हैं। उपमा-अलंकार का एक उदाहरण देखिए- दशरथ-मरण के उपरांत भरत जब महल में प्रवेश करते हैं तो वे माताओं को वृक्ष विहीन लताओं के समान पाते हैं।
मंदिर मातु विलोक अकेली।ज्यों बिनु वृक्ष विराजत बेली।।
साहित्य में स्थान
केशव दासजी हिंदी साहित्य के प्रथम आचार्य हैं। हिंदी में सर्व प्रथम उन्होंने ही काव्य के विभिन्न अंगों का शास्त्रीय पद्धति से विवेचन किया। यह ठीक है कि उनके काव्य में भाव पक्ष की अपेक्षा कला पक्ष की प्रधानता है और पांडित्य प्रदर्शन के कारण उन्हें कठिन काव्य के प्रेत कह कर पुकारा जाता है किंतु उनका महत्व बिल्कुल समाप्त नहीं हो जाता। आचार्य रामचंद्र शुक्ल के शब्दों में केशव की रचना में सुर, तुलसी आदि की सी सरलता और तन्मयता चाहे न हो पर काव्यांगों का विस्तृत परिचय करा कर उन्होंने आगे के लिए मार्ग खोला।
केशवदास जी वस्तुतः एक श्रेष्ठ कवि थे। सूर और तुलसी के पश्चात हिंदी-काव्य-जगत में उन्हीं की ही गणना की जाती है-
सूर सूर तुलसी ससी उडुगन केशवदास।अबके कवि खद्योत सम जह-तह करत प्रकाश।।
चित्र वीथिका
सन्दर्भ
इन्हें भी देखें
रसिकप्रिया
हिंदी साहित्य
रीति काल
बिहारी
भूषण
बाहरी कड़ियाँ
केशव (कविताकोश)
केशव
रीतिकाल के कवि
हिन्दी साहित्य
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यह एक लेख है: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने हाल में रसोई गैस सब्सिडी के लिए आवेदन किया है, जिसके कारण वह विवादों में हैं तथा इसको लेकर उनके विरोधियों ने उनकी आलोचना की है।
मुख्य विपक्षी दल नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष अब्दुल्ला ने दुर्गा नाग में सुपर गैस सर्विस को गैर आधार कार्ड आधारित एलपीजी सब्सिडी स्थानांतरण का एक फार्म इस साल 14 अगस्त को जमा करवाया था। एचपी गैस की इस वितरक कंपनी के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
पिछले साल लोकसभा चुनाव में उन्होंने 10 लाख रूपये से अधिक की सालाना आय तथा 13 करोड़ रूपये से अधिक की संपत्ति घोषित की थी। हालांकि वह चुनाव हार गए थे। उन्हें अपने 35 साल के राजनीतिक जीवन में पहली बार चुनावी हार का सामना करना पड़ा था।
गैस सब्सि़डी के मुद्दे पर अब्दुल्ला से प्रतिक्रिया हासिल करने के प्रयास सफल नहीं हो सके, क्योंकि उनके स्टाफ ने बताया कि वह एक बैठक में व्यस्त हैं।
सत्तारूढ़ पीडीपी के प्रवक्ता वहीदुर्र रहमान पारा ने उनकी ‘बड़ी संपत्ति’ होने के बावजूद एलपीजी सब्सिडी मांगने के लिए अब्दुल्ला की आलोचना की।टिप्पणियां
पारा ने कहा, ‘वह (अब्दुल्ला) समझते हैं कि वह एक शहजादे हैं। उनके परिवार ने काफी संपत्ति जमा की है, फिर भी वह सब्सिडी मांग रहे हैं। यदि वह इतने गरीब हैं तो हम उन्हें छह साल के लिए निशुल्क गैस आपूर्ति की पेशकश करते हैं।’
प्रधानमंत्री कई माह से इस बात की अपील कर रहे हैं कि संपन्न लोगों को रसोई गैस सब्सिडी छोड़ देनी चाहिए ताकि इसका लाभ जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाया जा सके। इस अपील पर पहले प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अब्दुल्ला ने जुलाई में कहा था कि इसे सांसदों की अंतरात्मा पर छोड़ देना चाहिए कि क्या वह रसोई गैस साब्सिडी लेना चाहते हैं या नहीं।
मुख्य विपक्षी दल नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष अब्दुल्ला ने दुर्गा नाग में सुपर गैस सर्विस को गैर आधार कार्ड आधारित एलपीजी सब्सिडी स्थानांतरण का एक फार्म इस साल 14 अगस्त को जमा करवाया था। एचपी गैस की इस वितरक कंपनी के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
पिछले साल लोकसभा चुनाव में उन्होंने 10 लाख रूपये से अधिक की सालाना आय तथा 13 करोड़ रूपये से अधिक की संपत्ति घोषित की थी। हालांकि वह चुनाव हार गए थे। उन्हें अपने 35 साल के राजनीतिक जीवन में पहली बार चुनावी हार का सामना करना पड़ा था।
गैस सब्सि़डी के मुद्दे पर अब्दुल्ला से प्रतिक्रिया हासिल करने के प्रयास सफल नहीं हो सके, क्योंकि उनके स्टाफ ने बताया कि वह एक बैठक में व्यस्त हैं।
सत्तारूढ़ पीडीपी के प्रवक्ता वहीदुर्र रहमान पारा ने उनकी ‘बड़ी संपत्ति’ होने के बावजूद एलपीजी सब्सिडी मांगने के लिए अब्दुल्ला की आलोचना की।टिप्पणियां
पारा ने कहा, ‘वह (अब्दुल्ला) समझते हैं कि वह एक शहजादे हैं। उनके परिवार ने काफी संपत्ति जमा की है, फिर भी वह सब्सिडी मांग रहे हैं। यदि वह इतने गरीब हैं तो हम उन्हें छह साल के लिए निशुल्क गैस आपूर्ति की पेशकश करते हैं।’
प्रधानमंत्री कई माह से इस बात की अपील कर रहे हैं कि संपन्न लोगों को रसोई गैस सब्सिडी छोड़ देनी चाहिए ताकि इसका लाभ जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाया जा सके। इस अपील पर पहले प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अब्दुल्ला ने जुलाई में कहा था कि इसे सांसदों की अंतरात्मा पर छोड़ देना चाहिए कि क्या वह रसोई गैस साब्सिडी लेना चाहते हैं या नहीं।
पिछले साल लोकसभा चुनाव में उन्होंने 10 लाख रूपये से अधिक की सालाना आय तथा 13 करोड़ रूपये से अधिक की संपत्ति घोषित की थी। हालांकि वह चुनाव हार गए थे। उन्हें अपने 35 साल के राजनीतिक जीवन में पहली बार चुनावी हार का सामना करना पड़ा था।
गैस सब्सि़डी के मुद्दे पर अब्दुल्ला से प्रतिक्रिया हासिल करने के प्रयास सफल नहीं हो सके, क्योंकि उनके स्टाफ ने बताया कि वह एक बैठक में व्यस्त हैं।
सत्तारूढ़ पीडीपी के प्रवक्ता वहीदुर्र रहमान पारा ने उनकी ‘बड़ी संपत्ति’ होने के बावजूद एलपीजी सब्सिडी मांगने के लिए अब्दुल्ला की आलोचना की।टिप्पणियां
पारा ने कहा, ‘वह (अब्दुल्ला) समझते हैं कि वह एक शहजादे हैं। उनके परिवार ने काफी संपत्ति जमा की है, फिर भी वह सब्सिडी मांग रहे हैं। यदि वह इतने गरीब हैं तो हम उन्हें छह साल के लिए निशुल्क गैस आपूर्ति की पेशकश करते हैं।’
प्रधानमंत्री कई माह से इस बात की अपील कर रहे हैं कि संपन्न लोगों को रसोई गैस सब्सिडी छोड़ देनी चाहिए ताकि इसका लाभ जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाया जा सके। इस अपील पर पहले प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अब्दुल्ला ने जुलाई में कहा था कि इसे सांसदों की अंतरात्मा पर छोड़ देना चाहिए कि क्या वह रसोई गैस साब्सिडी लेना चाहते हैं या नहीं।
गैस सब्सि़डी के मुद्दे पर अब्दुल्ला से प्रतिक्रिया हासिल करने के प्रयास सफल नहीं हो सके, क्योंकि उनके स्टाफ ने बताया कि वह एक बैठक में व्यस्त हैं।
सत्तारूढ़ पीडीपी के प्रवक्ता वहीदुर्र रहमान पारा ने उनकी ‘बड़ी संपत्ति’ होने के बावजूद एलपीजी सब्सिडी मांगने के लिए अब्दुल्ला की आलोचना की।टिप्पणियां
पारा ने कहा, ‘वह (अब्दुल्ला) समझते हैं कि वह एक शहजादे हैं। उनके परिवार ने काफी संपत्ति जमा की है, फिर भी वह सब्सिडी मांग रहे हैं। यदि वह इतने गरीब हैं तो हम उन्हें छह साल के लिए निशुल्क गैस आपूर्ति की पेशकश करते हैं।’
प्रधानमंत्री कई माह से इस बात की अपील कर रहे हैं कि संपन्न लोगों को रसोई गैस सब्सिडी छोड़ देनी चाहिए ताकि इसका लाभ जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाया जा सके। इस अपील पर पहले प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अब्दुल्ला ने जुलाई में कहा था कि इसे सांसदों की अंतरात्मा पर छोड़ देना चाहिए कि क्या वह रसोई गैस साब्सिडी लेना चाहते हैं या नहीं।
सत्तारूढ़ पीडीपी के प्रवक्ता वहीदुर्र रहमान पारा ने उनकी ‘बड़ी संपत्ति’ होने के बावजूद एलपीजी सब्सिडी मांगने के लिए अब्दुल्ला की आलोचना की।टिप्पणियां
पारा ने कहा, ‘वह (अब्दुल्ला) समझते हैं कि वह एक शहजादे हैं। उनके परिवार ने काफी संपत्ति जमा की है, फिर भी वह सब्सिडी मांग रहे हैं। यदि वह इतने गरीब हैं तो हम उन्हें छह साल के लिए निशुल्क गैस आपूर्ति की पेशकश करते हैं।’
प्रधानमंत्री कई माह से इस बात की अपील कर रहे हैं कि संपन्न लोगों को रसोई गैस सब्सिडी छोड़ देनी चाहिए ताकि इसका लाभ जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाया जा सके। इस अपील पर पहले प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अब्दुल्ला ने जुलाई में कहा था कि इसे सांसदों की अंतरात्मा पर छोड़ देना चाहिए कि क्या वह रसोई गैस साब्सिडी लेना चाहते हैं या नहीं।
पारा ने कहा, ‘वह (अब्दुल्ला) समझते हैं कि वह एक शहजादे हैं। उनके परिवार ने काफी संपत्ति जमा की है, फिर भी वह सब्सिडी मांग रहे हैं। यदि वह इतने गरीब हैं तो हम उन्हें छह साल के लिए निशुल्क गैस आपूर्ति की पेशकश करते हैं।’
प्रधानमंत्री कई माह से इस बात की अपील कर रहे हैं कि संपन्न लोगों को रसोई गैस सब्सिडी छोड़ देनी चाहिए ताकि इसका लाभ जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाया जा सके। इस अपील पर पहले प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अब्दुल्ला ने जुलाई में कहा था कि इसे सांसदों की अंतरात्मा पर छोड़ देना चाहिए कि क्या वह रसोई गैस साब्सिडी लेना चाहते हैं या नहीं।
प्रधानमंत्री कई माह से इस बात की अपील कर रहे हैं कि संपन्न लोगों को रसोई गैस सब्सिडी छोड़ देनी चाहिए ताकि इसका लाभ जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाया जा सके। इस अपील पर पहले प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अब्दुल्ला ने जुलाई में कहा था कि इसे सांसदों की अंतरात्मा पर छोड़ देना चाहिए कि क्या वह रसोई गैस साब्सिडी लेना चाहते हैं या नहीं।
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अपने 'राष्ट्रवाद' में शहीदों और उनकी शहादत का खासा ख्याल करने वाली बीजेपी के लिए यह असहज होने का मौका था, जब उसे देश के लिए जाने देने वाले एक शहीद के मुद्दे पर ही घिर जाना पड़ा. विपक्षी दलों के नेता शहीद के अपमान को मुद्दा बनाकर बीजेपी पर तीखे वार करते नजर आए. मामला, भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर(Pragya Singh Thakur के उस बयान से जुड़ा रहा, जिसमें उन्होंने मुंबई हमले के दौरान आतंकियों की गोली से शहीद हुए हेमंत करकरे को लेकर गलतबयानी की था. कहा था कि हेमंत करकरे को उन्होने श्राप दिया था, जिससे मौत हो गई. विरोधियों ने शहीद की शहादत के अपमान के मुद्दे को गरमाया तो मौके की नजाकत भांपते हुए बीजेपी को दिल्ली हेडक्वार्टर से सफाई जारी करना पड़ी कि प्रज्ञा के बयान से बीजेपी का लेना-देना नहीं है, उत्पीड़न की शिकार प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भावावेश में आकर ऐसा कुछ कह दिया होगा, हालांकि बीजेपी शहीद हेमंत करकरे का सम्मान करती है.
चुनावी मौसम में अभी इस बयान से मचा तूफान थमा ही था कि प्रज्ञा सिंह ठाकुर (Pragya Singh Thakur) के एक और बयान ने हलचल मचा दी. यह बयान था अयोध्या में विवादित ढांचे को गिराने से जुड़ा. साध्वी प्रज्ञा ने मस्जिद ढहाए जाने पर किसी तरह की अफसोस की जगह गर्व की बात कहते हुए कहा कि वह भी उसमें शामिल थीं. जितना खुल्लमखुल्ला बयान प्रज्ञा ने दिया, अमूमन वैसा बयान देने से बीजेपी के वे फायरब्रांड नेता भी बचते रहे हैं, जो अक्सर विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं. एक के बाद एक विवादित बयानों के कारण लगातार चुनाव आयोग से नोटिस भी जारी होती रही. अयोध्या से जुड़े विवादित बयान पर संतोषजनक जवाब न मिलने पर आयोग ने केस भी दर्ज कराया. इस बीच प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह का नाम लिए बगैर उन्हें आतंकी बता दिया.
वाजपेयी सरकार में केंद्रीय गृहराज्य मंत्री रहे और बीजेपी नेता स्वामी चिन्मयानंद का FB पोस्ट.
दिग्विजय सिंह को आतंकी बताए जाने वाले बयान पर प्रज्ञा ठाकुर ने सफाई देते हुए कहा है कि उन्होंने दिग्विजय को आतंकी नहीं कहा. प्रज्ञा ने सफाई में कहा है, "मैंने नहीं कहा आतंकी, वह कह सकते हैं. उन्होंने कहा है, हमने नहीं कहा." दरअसल, भोपाल के सीहोर में गुरुवार को प्रचार कार्यालय के उद्घाटन का मौका था. इस दौरान प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था, "राज्य में 16 साल पहले उमा दीदी ने हराया था और वह 16 साल मुंह नहीं उठा पाया, और राजनीति करने की कोशिश नहीं कर पाया. अब फिर से सिर उठा है तो दूसरी सन्यासी सामने आ गई है, जो उसके कर्मो का प्रत्यक्ष प्रमाण है."एक बार फिर ऐसे आतंकी का समापन करने के लिए, बेरोजगारी बढ़ाने वाले लोगों के लिए फिर से सन्यासी को खड़ा होना पड़ा है. अब जब समापन होगा, तो फिर कभी उग नहीं पाएगा. बता दें कि भोपाल में 12 मई को मतदान होना है.
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Xiaomi ने पिछले महीने अपने Redmi Note 7 और Redmi Note 7 Pro को लॉन्च किया था. इन बहुप्रतीक्षित स्मार्टफोन्स को पहले सेल में उपलब्ध कराया गया था, आज फिर इनकी सेल है. Redmi Note 7 के लिए ये तीसरी सेल होगी, वहीं Note 7 Pro की ये दूसरी सेल है. Note 7 की शुरुआती कीमत 9,999 रुपये है, वहीं Note 7 Pro की शुरुआती कीमत 13,999 रुपये है.
Redmi Note 7 को दो वेरिएंट 3GB रैम और 32GB स्टोरेज और 4GB रैम और 64GB स्टोरेज में पेश किया गया था. इनकी कीमत क्रमश: 9,999 रुपये और 11,999 रुपये रखी गई है. आज से ये दोनों वेरिएंट्स उपलब्ध होंगे. Redmi Note 7 Pro की बात करें तो कंपनी ने इसे भी दो वेरिएंट- 4GB रैम और 64GB स्टोरेज 6GB रैम और 128GB स्टोरेज में उतारा है. इनकी कीमत क्रमश: 13,999 रुपये और 16,999 रुपये है. ये दोनों वेरिएंट्स भी सेल में उपलब्ध होंगे.
ग्राहक इन दोनों ही स्मार्टफोन को आज फ्लिपकार्ट और शाओमी की वेबसाइट से दोपहर 12 बजे खरीद पाएंगे. ऑफर्स की बात करें तो इसमें ग्राहकों को एयरटेल की ओर से 1120GB तक 4G डेटा और अनलिमिटेड कॉलिंग मिलेगी. कलर वेरिएंट्स की बात करें तो नोट 7 प्रो को ग्राहक नेप्चून ब्लू, नेबुला रेड और स्पेस ब्लैक में खरीद पाएंगे.
Redmi Note 7 Pro की खूबियों की बात करें तो 11nm प्रोसेस पर बना क्वॉलकॉम स्नैपड्रैगन 675 प्रोसेसर मौजूद है. साथ ही इसमें 19.5:9 रेश्यो, गोरिल्ला ग्लास 5 और वाटरड्रॉप स्टाइल नॉच के साथ 6.3-इंच फुल-HD+ (1080x2340 पिक्सल) स्क्रीन दी गई है. फोटोग्राफी के लिए रियर में डुअल कैमरा सेटअप मौजूद हैं. यहां 48 मेगापिक्सल और 5 मेगापिक्सल के दो कैमरे दिए गए हैं. साथ ही 4K वीडियो रिकॉर्डिंग सपोर्ट भी दिया गया है.
वहीं फ्रंट में यहां सेल्फी के लिए 13 मेगापिक्सल का कैमरा दिया गया है. इसकी इंटरनल मेमोरी 64GB/ 128GB की है, जिसे कार्ड की मदद से बढ़ाया जा सकता है. इसकी बैटरी 4,000mAh की है. यहां फास्ट चार्जिंग का सपोर्ट भी दिया गया है.
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यह एक लेख है: लंबे समय से बीमार चल रहे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर (Manohar Parrikar) को शनिवार की रात को एक बार फिर गोवा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (जीएमसीएच) में भर्ती कराया गया है. मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक, उन्हें उच्च गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडोस्कोपी के लिए गोवा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. फिलहाल पर्रिकर (Manohar Parrikar) की सेहत स्थिर बनी हुई है और उन्हें करीब 48 घंटे डॉक्टरों की देखरेख में रखा जाएगा. मनोहर पर्रिकर को अस्पताल ले जाने के बाद जीएमसीएच के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. इससे पहले गोवा सरकार के वरिष्ठ मंत्री विजय सरदेसाई ने मुख्यमंत्री से उनके आवास पर मुलाकात की थी. इसके बाद सरदेसाई ने पर्रिकर (Manohar Parrikar) को जीवन रक्षक प्रणाली पर रखे जाने की खबरों को खारिज कर दिया. आपको बता दें कि पर्रिकर पिछले करीब एक साल से अस्वस्थ चल रहे हैं. उन्हें पैंक्रियाज संबंधी समस्या है.
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लेख: तमिलनाडु में इन दिनों राजनीति गरम है. एआईडीएमके के दोनों गुटों ने गुरुवार को राज्यपाल विद्यासागर राव से मुलाकात की. सबकी नजरें राज्यपाल के फैसले पर टिकी थीं. लेकिन अब खबर आई है कि राज्यपाल ने गेंद दिल्ली के पाले में डाल दी है. राज्यपाल ने केंद्र और राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेज दी है. गुरुवार को एआईडीएमके की महासचिव शशिकला ने 10 मंत्रियों के साथ राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया. शशिकला ने राज्यपाल को 129 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंपी. वहीं कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ पन्मीरसेल्वम ने राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा वापस लेने की अर्जी दी. पन्नीरसेल्वम ने कहा कि पार्टी ने उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया था. राज्यपाल से मुलाकात के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा था, अच्छा ही होगा और धर्म की जीत होगी.
राजभवन के सूत्रों के मुताबिक, राज्यपाल ने पन्नीरसेल्वम को आश्वासन दिया कि वह कानून के मुताबिक काम करेंगे. इधर, शशिकला के करीबी एम थंबीदुरई ने दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली से मुलाकात कर शशिकला के जल्द शपथ ग्रहण की मांग की. टिप्पणियां
सूत्रों के मुताबिक, शशिकला ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया और राज्यपाल को 129 विधायकों की लिस्ट दी. राज्यपाल ने 5 दिन बाद बहुमत की बात कही है. राज्यपाल ने बताया, पन्नीरसेल्वम ने 5 दिन का समय मांगा है. दरअसल, पन्नीरसेल्वम का कहना है कि शशिकला की लिस्ट फर्जी है. शशिकला ने इस पर कहा कि
हमारे पास 134 विधायकों का समर्थन है ,लेकिन 5 विधायक टूट भी सकते हैं. लेकिन 129 विधायकों के चलते हमारा बहुमत बल पूरा है.
राज्यपाल ने पूछा है कि हस्ताक्षरों की पुष्टि कौन करेगा? इस पर शशिकला ने कहा कि विधायकों को आधे घंटे में पेश कर सकते हैं. राज्यपाल ने कहा कि इसकी जरूरत नहीं. AIADMK के सीनियर अधिकारी और विधानसभा स्पीकर से हस्ताक्षरों की पुष्टि करवाने की बात पर दोनों में सहमति बनी है. शशिकला ने राज्यपाल से कहा कि देरी से खरीद-फरोख्त संभव है. इस पर राज्यपाल ने कहा कि मेरी ओर से कोई देरी नहीं, जल्द लेंगे फैसला. सूत्रों के मुताबिक, राज्य़पाल ने शशिकला को यह साफ किया कि उन्हें पन्नीरसेल्वम द्वारा उठाए गए मुद्दों को लेकर कुछ समय चाहिए.
राजभवन के सूत्रों के मुताबिक, राज्यपाल ने पन्नीरसेल्वम को आश्वासन दिया कि वह कानून के मुताबिक काम करेंगे. इधर, शशिकला के करीबी एम थंबीदुरई ने दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली से मुलाकात कर शशिकला के जल्द शपथ ग्रहण की मांग की. टिप्पणियां
सूत्रों के मुताबिक, शशिकला ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया और राज्यपाल को 129 विधायकों की लिस्ट दी. राज्यपाल ने 5 दिन बाद बहुमत की बात कही है. राज्यपाल ने बताया, पन्नीरसेल्वम ने 5 दिन का समय मांगा है. दरअसल, पन्नीरसेल्वम का कहना है कि शशिकला की लिस्ट फर्जी है. शशिकला ने इस पर कहा कि
हमारे पास 134 विधायकों का समर्थन है ,लेकिन 5 विधायक टूट भी सकते हैं. लेकिन 129 विधायकों के चलते हमारा बहुमत बल पूरा है.
राज्यपाल ने पूछा है कि हस्ताक्षरों की पुष्टि कौन करेगा? इस पर शशिकला ने कहा कि विधायकों को आधे घंटे में पेश कर सकते हैं. राज्यपाल ने कहा कि इसकी जरूरत नहीं. AIADMK के सीनियर अधिकारी और विधानसभा स्पीकर से हस्ताक्षरों की पुष्टि करवाने की बात पर दोनों में सहमति बनी है. शशिकला ने राज्यपाल से कहा कि देरी से खरीद-फरोख्त संभव है. इस पर राज्यपाल ने कहा कि मेरी ओर से कोई देरी नहीं, जल्द लेंगे फैसला. सूत्रों के मुताबिक, राज्य़पाल ने शशिकला को यह साफ किया कि उन्हें पन्नीरसेल्वम द्वारा उठाए गए मुद्दों को लेकर कुछ समय चाहिए.
सूत्रों के मुताबिक, शशिकला ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया और राज्यपाल को 129 विधायकों की लिस्ट दी. राज्यपाल ने 5 दिन बाद बहुमत की बात कही है. राज्यपाल ने बताया, पन्नीरसेल्वम ने 5 दिन का समय मांगा है. दरअसल, पन्नीरसेल्वम का कहना है कि शशिकला की लिस्ट फर्जी है. शशिकला ने इस पर कहा कि
हमारे पास 134 विधायकों का समर्थन है ,लेकिन 5 विधायक टूट भी सकते हैं. लेकिन 129 विधायकों के चलते हमारा बहुमत बल पूरा है.
राज्यपाल ने पूछा है कि हस्ताक्षरों की पुष्टि कौन करेगा? इस पर शशिकला ने कहा कि विधायकों को आधे घंटे में पेश कर सकते हैं. राज्यपाल ने कहा कि इसकी जरूरत नहीं. AIADMK के सीनियर अधिकारी और विधानसभा स्पीकर से हस्ताक्षरों की पुष्टि करवाने की बात पर दोनों में सहमति बनी है. शशिकला ने राज्यपाल से कहा कि देरी से खरीद-फरोख्त संभव है. इस पर राज्यपाल ने कहा कि मेरी ओर से कोई देरी नहीं, जल्द लेंगे फैसला. सूत्रों के मुताबिक, राज्य़पाल ने शशिकला को यह साफ किया कि उन्हें पन्नीरसेल्वम द्वारा उठाए गए मुद्दों को लेकर कुछ समय चाहिए.
राज्यपाल ने पूछा है कि हस्ताक्षरों की पुष्टि कौन करेगा? इस पर शशिकला ने कहा कि विधायकों को आधे घंटे में पेश कर सकते हैं. राज्यपाल ने कहा कि इसकी जरूरत नहीं. AIADMK के सीनियर अधिकारी और विधानसभा स्पीकर से हस्ताक्षरों की पुष्टि करवाने की बात पर दोनों में सहमति बनी है. शशिकला ने राज्यपाल से कहा कि देरी से खरीद-फरोख्त संभव है. इस पर राज्यपाल ने कहा कि मेरी ओर से कोई देरी नहीं, जल्द लेंगे फैसला. सूत्रों के मुताबिक, राज्य़पाल ने शशिकला को यह साफ किया कि उन्हें पन्नीरसेल्वम द्वारा उठाए गए मुद्दों को लेकर कुछ समय चाहिए.
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भारतीय जनता पार्टी सांसद योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दुनिया के किसी भी हिस्से की तुलना में
मुसलमान भारत में ज्यादा सुरक्षित
हैं और बहुसंख्यक आबादी स्वभाव से उदारवादी है.
रविवार को हुबली में आयोजित 'हिंदू समावेश' में उन्होंने कहा, 'हिंदू स्वभाव से उदारवादी हैं और इसलिए देश भी उदारवादी है. मुसलमान दुनिया के किसी दूसरी जगहों की तुलना में भारत में ज्यादा सुरक्षित हैं.'
मदर टेरेसा पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर सुर में सुर मिलाते हुए आदित्यनाथ ने कहा, 'गरीबों की सेवा के नाम पर धर्म परिवर्तन कराना गलत है.' आदित्यनाथ ने विश्व हिन्दू परीषद के वरिष्ठ नेता प्रवीण तोगड़िया के बंगलुरु में एंट्री पर पाबंदी के लिए कर्नाटक में कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए इसे एक गलत फैसला बताया.
भाषा से इनपुट
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यह लेख है: पिछले महीने ख़बर आई कि मुंबई से सटे उरण में पांच आतंकवादी घुस आए हैं. इसके बाद कॉम्बिंग ऑपरेशन चला, सघन जांच हुई, आतंकियों की ख़बर गलत निकली, लेकिन जांच ने कई और बातों से पर्दा उठा दिया. पता लगा कि देश के सबसे बड़े कन्टेनर बंदरगाह जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) में पिछले पांच सालों में अलग-अलग वजहों से हज़ारों की तादाद में जब्त कन्टेनर सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं, क्योंकि सालों-महीनों बीत जाने के बाद भी इनकी नीलामी नहीं हुई है, और इनमें से कई कन्टेनरों में विस्फोटक भी हैं.
जेएनपीटी में पिछले पांच साल में लगभग 7,000 कन्टेनर जब्त किए गए, जो कई साल से यहां अलग-अलग 32 फ्रेट स्टेशनों, यानी सीएफएस में रखे गए हैं. इन कन्टेनरों में से 282 में गोला-बारूद जैसे खतरनाक और ज्वलनशील पदार्थ हैं, 50 कन्टेनरों में चीन से आए पटाखे हैं. इन कन्टेनरों की कुल कीमत लगभग 2,500 करोड़ रुपये है. जेएनपीटी के डिप्टी चेयरमैन नीरज बंसल खुद मानते हैं, "1,000 दिन से ऊपर का होल्डिंग पीरियड हो गया, इतने वैल्यू का सामान लॉकअप पड़ा है, आने वाले टाइम में ज्यादा एक्टिव होने की ज़रूरत है..."
इन फ्रेट स्टेशनों की सुरक्षा कितनी लचर है, इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुछ दिन पहले कस्टम के गोदामों से तस्करों ने चंदन की लकड़ी से भरे तीन कन्टेनर चुरा लिए थे, जिसकी शिकायत खुद कस्टम अधिकारियों ने न्हावा-शेवा पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई थी. जेएनपीटी के दो टर्मिनलों से हर साल 45 लाख कन्टेनरों की आवाजाही होती है, सो, ऐसे में ये जब्त कन्टेनर खुद जेएनपीटी के लिए बड़ा सिरदर्द हैं. टिप्पणियां
बंसल के मुताबिक, अलग-अलग एजेंसियों से एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) नहीं मिलने से लेकर कन्टेनरों के सालों-साल वहां पड़े रहने की कई वजहें हैं. उन्होंने कहा, "हमने ज़ब्त किया... सामान जांचने के बाद कस्टम देखता है ड्यूटी भरी है या नहीं... उसके बाद नीलामी होती है... बार-बार ऑक्शन हो रहा है... हमें इसकी चिंता है... जब राजस्व सचिव आए थे, यहां बड़ी मीटिंग हुई... वित्त मंत्रालय भी काम कर रहा है... आने वाले दिनों में कुछ अच्छी ख़बर सुनने को शायद मिले..."
फिक्र पोर्ट पर लगे स्कैनरों की भी है, जो यहां आने वाले कन्टेनरों की जांच के लिए नाकाफी हैं. कस्टम एक्ट के तहत देश में आए सामान को आयात करने वाला शख्स अगर 60 दिन के भीतर नहीं लेता है, तो उसे डिस्पोज़ ऑफ किया जा सकता है, लेकिन अलग-अलग एजेंसियों के बीच तालमेल के अभाव में हालात विस्फोटक बनते जा रहे हैं.
जेएनपीटी में पिछले पांच साल में लगभग 7,000 कन्टेनर जब्त किए गए, जो कई साल से यहां अलग-अलग 32 फ्रेट स्टेशनों, यानी सीएफएस में रखे गए हैं. इन कन्टेनरों में से 282 में गोला-बारूद जैसे खतरनाक और ज्वलनशील पदार्थ हैं, 50 कन्टेनरों में चीन से आए पटाखे हैं. इन कन्टेनरों की कुल कीमत लगभग 2,500 करोड़ रुपये है. जेएनपीटी के डिप्टी चेयरमैन नीरज बंसल खुद मानते हैं, "1,000 दिन से ऊपर का होल्डिंग पीरियड हो गया, इतने वैल्यू का सामान लॉकअप पड़ा है, आने वाले टाइम में ज्यादा एक्टिव होने की ज़रूरत है..."
इन फ्रेट स्टेशनों की सुरक्षा कितनी लचर है, इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुछ दिन पहले कस्टम के गोदामों से तस्करों ने चंदन की लकड़ी से भरे तीन कन्टेनर चुरा लिए थे, जिसकी शिकायत खुद कस्टम अधिकारियों ने न्हावा-शेवा पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई थी. जेएनपीटी के दो टर्मिनलों से हर साल 45 लाख कन्टेनरों की आवाजाही होती है, सो, ऐसे में ये जब्त कन्टेनर खुद जेएनपीटी के लिए बड़ा सिरदर्द हैं. टिप्पणियां
बंसल के मुताबिक, अलग-अलग एजेंसियों से एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) नहीं मिलने से लेकर कन्टेनरों के सालों-साल वहां पड़े रहने की कई वजहें हैं. उन्होंने कहा, "हमने ज़ब्त किया... सामान जांचने के बाद कस्टम देखता है ड्यूटी भरी है या नहीं... उसके बाद नीलामी होती है... बार-बार ऑक्शन हो रहा है... हमें इसकी चिंता है... जब राजस्व सचिव आए थे, यहां बड़ी मीटिंग हुई... वित्त मंत्रालय भी काम कर रहा है... आने वाले दिनों में कुछ अच्छी ख़बर सुनने को शायद मिले..."
फिक्र पोर्ट पर लगे स्कैनरों की भी है, जो यहां आने वाले कन्टेनरों की जांच के लिए नाकाफी हैं. कस्टम एक्ट के तहत देश में आए सामान को आयात करने वाला शख्स अगर 60 दिन के भीतर नहीं लेता है, तो उसे डिस्पोज़ ऑफ किया जा सकता है, लेकिन अलग-अलग एजेंसियों के बीच तालमेल के अभाव में हालात विस्फोटक बनते जा रहे हैं.
इन फ्रेट स्टेशनों की सुरक्षा कितनी लचर है, इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुछ दिन पहले कस्टम के गोदामों से तस्करों ने चंदन की लकड़ी से भरे तीन कन्टेनर चुरा लिए थे, जिसकी शिकायत खुद कस्टम अधिकारियों ने न्हावा-शेवा पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई थी. जेएनपीटी के दो टर्मिनलों से हर साल 45 लाख कन्टेनरों की आवाजाही होती है, सो, ऐसे में ये जब्त कन्टेनर खुद जेएनपीटी के लिए बड़ा सिरदर्द हैं. टिप्पणियां
बंसल के मुताबिक, अलग-अलग एजेंसियों से एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) नहीं मिलने से लेकर कन्टेनरों के सालों-साल वहां पड़े रहने की कई वजहें हैं. उन्होंने कहा, "हमने ज़ब्त किया... सामान जांचने के बाद कस्टम देखता है ड्यूटी भरी है या नहीं... उसके बाद नीलामी होती है... बार-बार ऑक्शन हो रहा है... हमें इसकी चिंता है... जब राजस्व सचिव आए थे, यहां बड़ी मीटिंग हुई... वित्त मंत्रालय भी काम कर रहा है... आने वाले दिनों में कुछ अच्छी ख़बर सुनने को शायद मिले..."
फिक्र पोर्ट पर लगे स्कैनरों की भी है, जो यहां आने वाले कन्टेनरों की जांच के लिए नाकाफी हैं. कस्टम एक्ट के तहत देश में आए सामान को आयात करने वाला शख्स अगर 60 दिन के भीतर नहीं लेता है, तो उसे डिस्पोज़ ऑफ किया जा सकता है, लेकिन अलग-अलग एजेंसियों के बीच तालमेल के अभाव में हालात विस्फोटक बनते जा रहे हैं.
बंसल के मुताबिक, अलग-अलग एजेंसियों से एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) नहीं मिलने से लेकर कन्टेनरों के सालों-साल वहां पड़े रहने की कई वजहें हैं. उन्होंने कहा, "हमने ज़ब्त किया... सामान जांचने के बाद कस्टम देखता है ड्यूटी भरी है या नहीं... उसके बाद नीलामी होती है... बार-बार ऑक्शन हो रहा है... हमें इसकी चिंता है... जब राजस्व सचिव आए थे, यहां बड़ी मीटिंग हुई... वित्त मंत्रालय भी काम कर रहा है... आने वाले दिनों में कुछ अच्छी ख़बर सुनने को शायद मिले..."
फिक्र पोर्ट पर लगे स्कैनरों की भी है, जो यहां आने वाले कन्टेनरों की जांच के लिए नाकाफी हैं. कस्टम एक्ट के तहत देश में आए सामान को आयात करने वाला शख्स अगर 60 दिन के भीतर नहीं लेता है, तो उसे डिस्पोज़ ऑफ किया जा सकता है, लेकिन अलग-अलग एजेंसियों के बीच तालमेल के अभाव में हालात विस्फोटक बनते जा रहे हैं.
फिक्र पोर्ट पर लगे स्कैनरों की भी है, जो यहां आने वाले कन्टेनरों की जांच के लिए नाकाफी हैं. कस्टम एक्ट के तहत देश में आए सामान को आयात करने वाला शख्स अगर 60 दिन के भीतर नहीं लेता है, तो उसे डिस्पोज़ ऑफ किया जा सकता है, लेकिन अलग-अलग एजेंसियों के बीच तालमेल के अभाव में हालात विस्फोटक बनते जा रहे हैं.
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बता दें कि प्रियंका गांधी राजनीति के दंगल में कूदने के बाद, अपने पहले राजनीतिक दौरे पर सोमवार (11 फरवरी) को लखनऊ जा रही हैं. प्रियंका चार दिन उत्तर प्रदेश में बिताएंगी. प्रियंका के साथ भाई राहुल गांधी भी होंगे. अपने 4 दिनों के प्रवास के दौरान प्रियंका पार्टी के नेताओं और कार्यकताओं से संवाद करेंगी. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने यूपी की 80 में से 42 सीटों की जिम्मेदारी कांग्रेस को और 38 की जिम्मेदारी ज्योतिरादित्य सिंधिया को सौंपी है. प्रियंका और राहुल गांधी के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया भी लखनऊ जाएंगे. बताया जा रहा है कि प्रियंका गांधी हर लोकसभा क्षेत्र के वरिष्ठ नेताओं संग मुलाकात कर फीडबैक भी लेंगी. बता दें कि प्रियंका के साथ-साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी यूपी की जिम्मेदारी दी गई है.
प्रियंका गांधी भी कांग्रेस के महासचिवों की बीते दिनों हुई बैठक में यूपी से मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने की बात कह चुकी हैं. उन्होंने कहा था कि यूपी से मोदी को उखाड़ फेंकने के लिए वह पूरी ताकत लगा देंगी. प्रियंका ने पूरे यूपी में प्रचार करने की भी बात कही है. सूत्रों के अनुसार प्रियंका ने कहा कि' कांग्रेस अध्यक्ष का जो भी आदेश होगा वह मानूंगी. मैं सिर्फ 2019 के लिए नहीं लंबे वक्त के लिए जा रही हूं. जिम्मेदारी पूरी करने की पूरी कोशिश करूंगी.' उन्होंने कहा था कि 'मैं अभी नई हूं.
बता दें कि प्रियंका गांधी के कांग्रेस महासचिव बनने के बाद से पार्टी के कार्यकर्ताओं में नई जान आ गई है. प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra) के पद ग्रहण करने के बाद बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता पार्टी मुख्यालय के बाहर जमा होकर 'प्रियंका गांधी जिंदाबाद', प्रियंका नहीं ये आंधी है, दूसरी इंदिरा गांधी है', प्रियंका गांधी आई है, नयी रोशनी लाई है' के नारे लगाए थे.
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राष्ट्रीय राजधानी में तापमान में हल्की बढ़ोत्तरी के बावजूद चल रही शीतलहर का प्रकोप जारी है. दिल्ली में गुरुवार को न्यूनतम तापमान छह डिग्री सेल्सियस रहा. कल यह 5.2 डिग्री सेल्सियस था.
मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक नया साल अपेक्षाकृत गर्म रहेगा. आगामी एक जनवरी को न्यूनतम तापमान करीब सात डिग्री सेल्सियस तथा अधिकतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है.
शहर में आज हल्का कोहरा था लेकिन दृश्यता करीब 1000 मीटर होने की वजह से विमानों का परिचालन बाधित नहीं हुआ है. मौसम विभाग ने अनुमान व्यक्त किया है कि कल सुबह कोहरा छाया रह सकता है. हालांकि, दिन में आकाश साफ रहेगा.
वर्ष 2008 में दिल्ली में महीने का न्यूनतम तापमान 26 दिसंबर को दर्ज किया गया था. तब न्यूनतम तापमान 6.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। वहीं, 2007 में 29 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 3.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.
राष्ट्रीय राजधानी में अब तक का न्यूनतम तापमान 26 दिसंबर 1945 को दर्ज किया गया था जब पारा गिरकर 1.1 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया था.
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टेरीजा मे ने संसद में अपनी ताकत बढ़ाने को लेकर मध्यावधि चुनावों की घोषणा की थी. लेकिन अब उनका दाव उनपर ही उलटा पड़ गया. चुनावों के नतीजे उनके पक्ष में नही रहा और अब विपक्षी पार्टी उनसे इस्तिफे की मांग कर रहे हैं. जुलाई 2016 में टेरीजा ने प्रधानमंत्री का पद संभाला था. ब्रेजिक्ट के समर्थक रहे टेरीजा ने कैमरून के बाद प्रधानमंत्री बनी थीं. उनकी पार्टी के कुछ सांसद ब्रेजिक्ट के खिलाफ थें. जिसके बाद टेरीजा मे संसद में अपनी ताकत बढ़ाना चाहती थी. लेकिन उनका दांव उनपर ही उलटा पड़ गया.
एक व्यक्ति ने टेरीजा मे की रोते हुए तस्वीर लगगाकर लिखा कि आप कह सकते है कि जून का महिना 'मे'के लिए अंत होता है.
ब्रिटेन के क्लाक टॉवर को फांसी के फंदे पर लटकता हुआ दिखाया गया. कैप्शन में हंग पार्लियामेंट की बात की गई और टेरीजा मे पर हमला बोलते हुए लिखा गया आप अपना कोट उठाएं और अपने गेट बंद करके निकल जाइए.
चुनावी नतीजों के बाद किसी एक पार्टी को स्पष्ट बहुमत नही मिली. इसपर चिंता जताते हुए एक महिला लिखती हैं, हंग पार्लियामेंट, क्या हमने अपने आप को तो नही टांग लिया है?
टेरीजा का दाव उलटा पड़ने पर, चुटकी लेते हुए एक युवक लिखता है..
अप्रैल और मे के बीच क्या आता है?
जेरेमी कोरबन
टेरीजा में की हार को अपने लिए एक अच्छा दिन बताया गया है. साथ ही टेरीजा को अलविदा कहते हुए, एक चतुर लोमड़ी की तस्वीर लगाई गई है.
UK के चुनाव अब असभ्य होता जा रहा है लिखते हुए एक तस्वीर पोस्ट की गई है. इस तस्वीर में टेरीजा मे ने कॉल ऑफ डूयटी घोस्ट का टॉप पहन रखा है.
टेरीजा समर्थक ने लिखा अंग्रेज, कोर्बन को चयन करने के काफी करीब आ गए हैं... क्या उनसभी को मौत की चाहत है.. एक कार्टून के जरिए लेफ्ट विचारधारा पर हमला किया गया है.
ब्रिटेन के चुनावों को भारत की राजनीति से भी जोड़ा गया है. लिखते हैं, यही होता है, जब आप अपने वोटरों से इस तरह शासक रूप में बात करते हैं तो. बीजेपी के लिए एक सबक है.
कॉरबन समर्थक एक महिला लिखती हैं,.. मैं सुझाव देती हूं....थेरेक्जिट या मेक्जिट
टेरीजा समर्थक कॉरबन के फैन पर हमला बोलते हुए लिखते है, सिर्फ कॉरबन के कुछ फैन ही टेरीजा के विपक्ष में हैं. इस सवाल की टेरीजा मे को जाना चाहिए की नही, रबन के फैन कहते है: जाओं...
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रेडियोसहन (Radioresistance) किसी जीव की आयनकारी विकिरण (ionizing radiation) सहन करने की क्षमता को कहते हैं। यह विकिरण साधारण जीवों की कोशिकाओं और ऊतकों के लिये बहुत हानिकारक होता है और जानलेवा सिद्ध हो सकता है। अधिक मात्रा में आयनकारी विकिरण सह सकने वाले जीव रेडियोसहनी (radiodurants) कहलाते हैं। इनमें कुछ हद तक अपने शरीर में विकिरण द्वारा पहुँचाई गई हानि की मरम्म्त करने की क्षमता होती है।
आयनकारी विकिरण सहनशील जीवों की परिभाषा
वैज्ञानिकों ने एक डी10 (D10) नामक माप विकसित करा है। डी10 किसी बैक्टीरिया या अन्य कोशिका समूह में से 90% नष्ट करने के लिए आवश्यक आयनकारी विकिरण का माप है। आयनकारी विकिरण सहनशील जीव (Ionizing-radiation-resistant organisms, IRRO) वे जीव होते हैं जिनका डी10 आयनकारी विकिरण स्तर 1000 ग्रे (Gy) से अधिक हो।
इन्हें भी देखें
आयनकारी विकिरण
सन्दर्भ
रेडियोजैविकी
विकिरण स्वास्थ्य प्रभाव
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चूंकि ब्रिटानिया रेस्तरां दोनों डेक पर जहाज की पूरी चौड़ाई को घेरता है, एक ट्वीन डेक, जो डेक 3 एल कहलाती है, को इसलिए बनाया गया तकी यात्री डाइनिंग रूम से होकर गुजरे बिना ग्रांड लॉबी से क्वीन्स रूम में जा सकें. डेक में दो कोरिडोर हैं जो डेक 3 पर रेस्तरां की ऊपरी बालकोनी के नीचे से होकर जाते हैं, ये डेक 2 पर प्रमुख डाइनिंग रूम के ऊपर हैं। यही कारण है कि ब्रिटानिया में पतवार की ओर बढ़ते हुए स्तर बनाये गए हैं। इस व्यवस्था को पतवार पर चित्रित किया गया है, इस क्षेत्र में खिडकियों की तीन पंक्तियां हैं, जहां प्रमुख रेस्तरां है, ऊपर और नीचे वाली पंक्ति डाइनिंग रूम की है, बीच वाली पंक्ति डेक 3 एल की है। इसी तरह की व्यवस्था रॉयल कोर्ट थियेटर में भी की गयी है साथ ही, डेक 3 के दोनों और ऊपर की तरफ जाने वाले मार्ग प्रवेश द्वार से शुरू होकर कमरों की तरफ ले जाते हैं।5000 से अधिक प्रकार के कलात्मक कार्यों को क्वीन मैरी 2 ' के सार्वजनिक कमरों, कोरिडोर, स्टेट रूम और लॉबी में देखा जा सकता है, इन्हें सोलह अलग अलग राज्यों से 128 कलाकारों के द्वारा बनाया गया है। इनमें सबसे उल्लेखनीय दो कलाकृतियां हैं बारबरा ब्रोक्मेन की टेपेस्ट्री, जिसमें एक महासागरीय लाइनर, पुल और न्युयोर्क स्काइलाइन के विवरण का सार दर्शाया गया है, इसे ब्रिटानिया रेस्तरां की पूरी उंचाई में बनाया गया है। दूसरी ग्रांड लॉबी में जॉन मेक केना की कांस्य शीट है, जो मूल क्वीन मैरी के प्रमुख डाइनिंग रूम में कलात्मक भित्ति चित्रों से प्रेरित है।
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया विवाद पर पूर्व वित्त मंत्री
यशवंत सिन्हा
ने कहा, "इतिहास में पहली बार हुआ है कि
सरकार
को रिजर्व बैंक की धारा 7 के अंतर्गत डायरेक्शन आदेश देना पड़ रहा है. इसका मतलब है कि बातचीत से कोई नतीजा नहीं निकला. धारा 7 में ही लिखा हुआ है कि यह आदेश देने से पहले सरकार को रिजर्व बैंक के गवर्नर के साथ कंसल्टेशन करना होगा. क्या वह हुआ या नहीं हुआ? अगर कंसल्टेशन हुआ और रिजर्व बैंक के गवर्नर उसके लिए राजी नहीं हुए जो सरकार का सुझाव था तभी सरकार को इस धारा का इस्तेमाल करना पड़ा है. यह अपने आप में अत्यंत गंभीर मसला है. मैं मानता हूं कि वित्तीय क्षेत्र में इससे ज्यादा गंभीर घटनाक्रम आज तक कभी नहीं हुआ है."
सरकार की नीति पर सवाल उठाते हुए सिन्हा बोले, "यह सरकार तो रोज ही इतिहास बना रही है. रोज कहीं ना कहीं सर्जिकल स्ट्राइक कर रही है. कुछ दिन पहले उन्होंने सीबीआई के ऊपर सर्जिकल स्ट्राइक किया अब उनका अगला टारगेट रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया है. बाजार में लिक्विडिटी तो कम है ही, हमारी अर्थव्यवस्था में आज पेमेंट क्राइसिस है जो ILFS के फेल होने की वजह से हुआ है, इस वजह से संकट और गहराया है.
अर्थव्यवस्था की रीड़ की हड्डी आज के दिन झुकी
हमारे देश में नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFCs) की एक बड़ी भूमिका है. सब मिला जुला कर अर्थव्यवस्था की जो रीड़ की हड्डी है, वह आज के दिन झुक गई है. इस परिस्थिति में सरकार ने शायद कुछ रिजर्व बैंक से चर्चा में कहा होगा कि वह ऐसे कदम उठाएं जो गवर्नर ने मानने से इनकार कर दिया होगा, तब इन्होंने निर्देश जारी किए हैं."
सरकार के आदेश को स्वीकार नहीं कर सकते
आगे बोलते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा, "यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण होगा अगर उर्जित पटेल इस्तीफा देते हैं. सीबीआई में क्या हुआ? सीबीआई के डायरेक्टर और स्पेशल डायरेक्टर सरकार के द्वारा नियुक्त किए गए. उसी प्रकार
आरबीआई
के गवर्नर और डिप्टी गवर्नर जिन्होंने खुलेआम सरकार का विरोध किया, यह दोनों इसी सरकार द्वारा बनाए गए हैं. जब उनकी स्वायत्तता के ऊपर इतना भीषण आक्रमण हुआ तो जाहिर है कि रिजर्व बैंक विचलित हुआ और उन्होंने कहा कि यह सरकार के आदेश को स्वीकार नहीं कर सकते. तब सरकार ने उन्हें निर्देश दिया है धारा 7 के तहत."
सरकार संस्थाओं को नष्ट करने पर तुली
सरकार पर तंज कसते हुए सिन्हा बोले, "यह अत्यंत ही गंभीर मसला है और मुझे लगता है कि बड़े पैमाने पर देखें तो शायद यह सरकार हर उस संस्था को नष्ट करने पर तुली हुई है जिनका हमारे स्वतंत्र भारत के इतिहास में या उसके पहले भी बहुत बड़ी भूमिका रही है. मैं भी 4 साल वित्त मंत्रालय में था और उस समय के आरबीआई गवर्नर बिमल जालान के साथ बहुत ही मधुर संबंध थे, कभी कोई दिक्कत ही नहीं पैदा हुई तो आज क्या हो गया?"
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कैलिफ़ोर्निया का बॉडी नामक शहर भुतहे या खंडहर शहर के नाम से जाना जाता है। बहुत ही कम रह गई आबादी वाला यह शहर, १९३२ में एक अग्निकांड के कारण काफ़ी नुक्सान के बावजूद बीसवीं शती के अधिकतर भाग में आबाद रहा। आज इसका एक छोटा सा हिस्सा ही आबाद है। १९६१ में इसे राष्ट्रीय ऐतिहासिक स्थल घोषित कर दिया गया और १९६२ में इसे बॉडी स्टेट ऐतिहासिक पार्क का नाम दिया गया। आजकल उसे संरक्षित कर दिया गया है।
पर्यटक उस नगर की सुनसान सड़कों पर घूम सकते हैं जहाँ कभी १०,००० से अधिक लोग स्थाई रूप से निवास करते थे। साल भर यह सैलानियों के लिए खुला रहता है पर सर्दियों के मौसम में बर्फबारी होने पर यहाँ तक आने के रास्ते बंद हो जाने के कारण यहाँ पहुँचना संभव नहीं है।
चित्र दीर्घा
सन्दर्भ
कैलिफ़ोर्निया
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भारत के दो शीर्ष दूरसंचार उद्यमी एयरटेल के सुनील भारती मित्तल और आइडिया के कुमार मंगलम बिरला तथा दो आला कंपनियों के सीईओ वोडाफोन के विटोरियो कोलाओ और टेलीनॉर के जॉन फ्रेडरिक बक्सास दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक स्थित केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम के दफ्तर में बीती 2 मई की सुबह साढ़े दस बजे आए.
इन्होंने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राइ) की ठीक दो दिन पहले 30 अप्रैल को घोषित सिफारिशों पर अपनी गंभीर नाराजगी जताई और कहा कि ये सिफारिशें भारतीय दूरसंचार उद्योग के लिए काल बन सकती हैं. ये चारों शाम सात बजे तक मंत्रियों और नौकरशाहों से इस उम्मीद में मिलते रहे कि वे शायद दूरसंचार उद्योग की मदद कर सकें जिस पर पिछले तीन साल के दौरान लगातार मार पड़ी है. इन्होंने स्पेक्ट्रम कीमत निर्धारण पर मंत्रियों के विशेषाधिकार प्राप्त समूह के सदस्यों प्रणब मुखर्जी, शरद पवार, एम. वीरप्पा मोइली और मोंटेक सिंह अहलुवालिया से वक्त लिया.
इसके बाद वे कैबिनेट सचिव अजित सेठ, तत्कालीन वाणिज्य सचिव राहुल खुल्लर और प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम से भी मिले. इतने बड़े-बड़े कारोबारियों का एक सरकारी दफ्तर से दूसरे तक चक्कर लगाते देखना 1991 से पहले के लाइसेंस राज के दौर के आम दृश्यों की याद दिला दी.
ऐसा लगता है कि यूपीए सरकार और उसके आला कार्यवाहकों ने 20 साल पहले बोतल में बंद कर दिए गए समाजवादी व्यवस्था के जिन्न को फिर से बाहर निकाल दिया है. अक्सर सतर्क लेकिन नई दिल्ली में सत्ता के गलियारों में चक्कर काटने के बाद झ्ल्लाए मित्तल ने कह डाला, ''मैं पिछले 16 साल में नियामक कानूनों का यह सबसे विनाशक दौर देख रहा हूं.''
पिछले साल भारतीय उद्यमी यूपीए सरकार की नीतिगत गड़बड़ियों को लेकर लगातार शिकायत करते रहे. भ्रष्टाचार का साया जिस तरह इस सरकार पर मंडराया, वैसे में जांच के दायरे में आने के डर से नौकरशाहों ने पिछले साल सरकारी फाइलों से अपनी कलम को दूर रखने में ही भलाई समझी. इसके बाद 2012 में अचानक सरकार की नींद खुली और उसने खुद को बदनाम करने वालों पर शिकंजा कसा.
मुद्दा यह नहीं था कि भारतीय उद्यमियों का एक बड़ा तबका सरकार की नीतिगत गतिहीनता का शिकार रहा, बल्कि उन्हें दिक्कत उस अराजक नीतिगत सक्रियता से रही जो मनमानी है.
प्रमाणों से स्पष्ट है कि बुनियादी ढांचा, खनन और प्राकृतिक संसाधनों जैसे जो कारोबारी क्षेत्र सरकार से करीब होकर काम करते हैं, वे सभी संकट में हैं. जो क्षेत्र सरकार से दूरी बना कर चलते हैं, वे अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं.
एक प्रमुख बिजनेस अखबार का 989 कंपनियों के जनवरी-मार्च तिमाही के वित्तीय नतीजों का विश्लेषण बताता है कि सिर्फ पांच कारोबारी क्षेत्र मिलकर भारतीय उद्यमों के शुद्ध मुनाफे को बढ़ा रहे हैं. ये कंपनियां बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के कुल बाजार पूंजीकरण में 52 फीसदी हिस्सा रखती हैं.
उद्यमों का मुनाफा बढ़ाने वाले पांच क्षेत्र हैं- बैंकिंग, फार्मा, आइटी, एफएमसीजी और सीमेंट. इनकी सरकार से आम तौर पर सुरक्षित दूरी है. इनके अलावा बाकी उद्यमों का शुद्ध मुनाफा पिछले साल की इसी तिमाही की तुलना में 9.6 फीसदी गिरा है.
सीआइआइ के अध्यक्ष और बिजनेसमैन आदि गोदरेज कहते हैं, ''इसमें कोई शक नहीं कि जिन क्षेत्रों का सरकार से सीधे लेना-देना है वे पीड़ित हैं. जो सरकार से दूर हैं, वे बेहतर स्थिति में हैं.'' मनमोहन सिंह 1991 में लाइसेंस राज के खात्मे के लिए जाने जाते हैं, लेकिन अब लगता है कि वे उसे बहाल करने के लिए कुख्यात हो जाएंगे.
दूरसंचार, कोयला, ऊर्जा, गैस और टैक्स के क्षेत्रों पर हाल ही में सरकार के नीतिगत हस्तक्षेप की मार पड़ी है. निजी क्षेत्र पर मार पड़ने से अर्थव्यवस्था रसातल में जा रही है क्योंकि वही विकास की धुरी है. सबसे बुरी तस्वीर सामने आनी अब भी बाकी है. बीते बुधवार यानी 16 मई को डॉलर के मुकाबले रुपया अपने ऐतिहासिक न्यूनतम स्तर 54.46 पर पहुंच गया. केंद्रीय बजट के ठीक पहले सेंसेक्स 15 मार्च को 18,000 से कुछ ही अंक कम पर था, वह दो महीने के भीतर 16 मई को 16,000 से भी नीचे जा चुका है.
वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बाजार में व्याप्त चिंता को कम करने के लिए बयान दिया कि रुपया और शेयर बाजार संकटग्रस्त यूनान में राजनैतिक अनिश्चितता की वजह से प्रभावित हो रहे हैं. सचाई यह है कि असली दिक्कत घरेलू है. मार्च में औद्योगिक विकास दर नकारात्मक थी (-3.5 फीसदी), आर्थिक विकास दर 2010-11 के 8.4 फीसदी से गिरकर 2011-12 में 6.9 फीसदी पर आ चुकी है.
यूनान तो तब संकट में था जब भारत की वृद्धि दर आठ फीसदी से ज्यादा थी. इतना तो तय है कि 2012-13 में विकास दर सरकार द्वारा अनुमानित 7-7.5 फीसदी के आसपास भी नहीं होगी. बाजार का अनुमान है कि यह छह फीसदी के आसपास रहेगी. कुछ लोग यह छह फीसदी से भी नीचे होने की आशंका व्यक्त कर रहे हैं.
भारतीय अर्थव्यवस्था ठीक ऐसे वक्तरसातल में जा रही है जब इसे 10 फीसदी पर होना चाहिए था. यदि विकास दर छह फीसदी या उससे नीचे गई तो रोजगार, वेतन और बचत सब पर मार पड़ेगी. शायद पिछले 20 साल में पहली बार मध्यवर्ग की जीवन स्तर में गंभीर रूप से गिरावट देखी जाएगी.
टेलीकॉम, मीडिया के गले में ट्राइ का फंदा
ट्राइ के 13 मई, 2009 से 13 मई, 2012 तक प्रमुख रहे जे.एस. सरमा ने पहले से ही पस्त दूरसंचार क्षेत्र को अपने उन फैसलों से आहत कर दिया जिन्हें अटपटा कहा जा सकता है. सरमा की नियुक्ति विवादास्पद हालात में हुई थी. वे ए. राजा के वक्त केंद्रीय दूरसंचार सचिव थे. उन्हें बाद में दूरसंचार विवाद निबटारा और अपीलीय पंचाट में मुखिया बना दिया गया, जो ट्राइ के फैसलों के खिलाफ की गई अपीलों पर सुनवाई करता है. इस पद पर रहने के बाद उन्हें ट्राइ का प्रमुख बनाया जाना असामान्य है.
पद छोड़ने से महज दो हफ्ते पहले अप्रैल में उन्होंने कारोबार विरोधी कुछ दीर्घकालीन प्रभाव वाली सिफारिशें की थीं. यहां तक कि अपने कार्यकाल के आखिरी दिन 14 मई को उन्होंने अपनी मूल सिफारिशों पर दूरसंचार मंत्रालय के प्रश्नों का जवाब दिया, जो काम उन्हें अपने उत्तराधिकारी के लिए छोड़ जाना चाहिए था.
बिजनेस लीडर्स के मुताबिक सरमा ने सुप्रीम कोर्ट की सिफारिशों से आगे जाकर काम किया. उनकी बात में दम है. सुप्रीम कोर्ट ने ट्राइ को निर्देश दिया था कि वह ए. राजा के 2008 में बांटे गए 122 लाइसेंसों की दोबारा नीलामी के लिए दिशानिर्देश जारी करे, जिन्हें कोर्ट ने फरवरी में रद्द कर दिया था. भारत में 22 दूरसंचार सर्कल हैं, लिहाजा 122 लाइसेंसों का मोटा-सा मतलब छह अखिल भारतीय लाइसेंसों से हुआ. प्रत्येक अखिल भारतीय लाइसेंस को 4.4 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम आवंटित किया जाना है.
इसका मतलब यह है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई अंतिम तारीख 31 अगस्त से पहले कुल 26.6 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की दोबारा नीलामी की जानी है. सरमा की सिफारिशों में कहा गया है कि नीलामी के लिए सिर्फ 5 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम दिया जाएगा. यह सिर्फ एक अखिल भारतीय लाइसेंस के लिए ही काफी होगा.
जाहिर है स्पेक्ट्रम के ऐसे अभाव में बोली बढ़ जाएगी. इस लागत की समस्या को बढ़ाने के लिए सरमा ने एक और सिफारिश कर डाली कि राजा ने जितने में लाइसेंस बेचे थे, उसकी 10 गुना कीमत को आरक्षित मूल्य मान लिया जाए. सरमा के मुताबिक आखिरी बोली की कीमत आरक्षित मूल्य से महज 20 फीसदी ऊपर होगी.
यह गणना पिछले अनुभव के खिलाफ जाती है क्योंकि 3जी नीलामी में यह कीमत 80 फीसदी ऊपर थी. इससे भी अजीब बात यह है कि ट्राइ की सिफारिशों में दर्ज खुद सरमा की स्वीकारोक्ति के मुताबिक भारत में स्पेक्ट्रम की कीमत उच्च आय स्तर वाली विकसित अर्थव्यवस्थाओं में स्पेक्ट्रम के बदले ली जाने वाली कीमत के मुकाबले 70-80 फीसदी ज्यादा होती है.
सरमा के पास स्पेक्ट्रम को रोकने की अपनी वजहें हो सकती हैं, लेकिन साफ तौर पर अतिक्रमण का एक मामला उन पर तब बनता है जब उन्होंने रद्द किए गए 122 लाइसेंसों की नीलामी को स्पेक्ट्रम आवंटन में 'रिफार्मिंग' की भावी नीति के साथ जोड़ने का फैसला ले लिया. इस नीति के तहत ट्राइ एयरटेल, वोडाफोन और दूसरे ऑपरेटरों से अगले साल से 900 मेगाहर्ट्ज की बैंडविड्थ वापस ले लेगा जबकि उनका 20-20 साल के लाइसेंस समझैते खत्म होने लगेंगे और उसके बदले में कम क्षमता वाली 1,800 मेगाहर्ट्ज के बैंडविड्थ पर चले जाने को मजबूर करेगा, जो रद्द किए गए 122 लाइसेंसों के धारकों के पास था.
ऐसे किसी भी कदम से ऑपरेटरों को अपने टावरों की संख्या दोगुनी करनी पड़ेगी. वोडाफोन के एक आकलन के मुताबिक इस रीफार्मिंग की कीमत होगी 10,000 करोड़ रु. आइडिया सेलुलर ने इसकी लागत 17,000 करोड़ रु. आंकी है. भारती, वोडाफोन और आइडिया को अपने लाइसेंसों के नवीनीकरण के दौरान प्रत्येक को 45 से 50 हजार करोड़ रु. चुकाने होंगे. कुल मिलाकर ऐसी लागत उन टेलीकॉम कंपनियों को बरबाद करने के लिए काफी है जो पहले ही गलाकाट प्रतिस्पर्धा वाले इस बाजार में पैसा बनाने की लड़ाई लड़ रही हैं.
नीति निर्धारण से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक असल सवाल लागत का नहीं है. जाहिर है 20 साल बाद लाइसेंस नवीनीकरण में कुछ लागत तो आएगी ही, लेकिन असल मसला यह है कि ट्राइ ने सबके लिए समान अवसरों वाली लड़ाई नहीं छोड़ी है. वे कहते हैं, ''आप इस मामले में टाटा और रिलायंस जैसे दोहरी टेक्नोलॉजी ऑपरेटरों की संदिग्ध चुप्पी को देख सकते हैं.'' भले ही उनके भी कुछ स्पेक्ट्रम रीफार्म किए जाएंगे, लेकिन उनके पास ज्यादा सक्षम 900 मेगाहर्ट्ज वाले स्पेक्ट्रम पर बोली लगाने और लागत कम करने का अवसर होगा.
उन्होंने बताया, ''जीएसएम ऑपरेटरों के मुकाबले उन्हें कम नुकसान होगा.'' बीती 15 मई को सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने एक बयान जारी किया है, ''सीओएआइ ट्राइ की पक्षपातपूर्ण और त्रुटिपूर्ण सिफारिशों को सिरे से खरिज करता है. साथ ही दोहरी टेक्नोलॉजी के ऑपरेटरों और जीएसएम ऑपरेटरों के बीच बरते जा रहे भेदभाव तथा समान अवसरों के उल्लंघन की भर्त्सना करता है.''
स्पेक्ट्रम उपयोग को उदार बनाने यानी 2जी, 3जी या 4जी का इस्तेमाल किसी भी सेवा में करने संबंधी ट्राइ की सिफारिशों में भी दिक्कतें हैं. चूंकि सभी की नीलामी अलग-अलग दाम पर स्वायत्त तरीके से हुई है. इससे भी समान अवसरों का उल्लंघन होगा. पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा दूरसंचार क्षेत्र में आए इस बड़े संकट पर कहते हैं, ''विकास का एक बड़ा आधार दूरसंचार क्षेत्र खुद करीब दो साल से प्रगति नहीं कर रहा है.''
सरमा ने केवल दूरसंचार का नुकसान नहीं किया. दफ्तर में अपने कार्यकाल के आखिरी दिन उन्होंने टेलीविजन प्रसारकों के लिए लाइसेंस राज के दौर वाला एक आदेश पारित कर दिया-ट्राइ टेलीविजन प्रसारण का भी नियमन करता है. उन्होंने कहा कि कोई भी टीवी चैनल एक घंटे में साढ़े बारह मिनट से ज्यादा का विज्ञापन नहीं चला सकता. यह काम नियामक का नहीं है. ज़ाहिर है, इस फैसले के खिलाफ अपीलीय पंचाट में अपील की जाएगी.
लचर फैसले लेने के बावजूद सरमा का दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने दूसरे कार्यकाल के लिए समर्थन दिया. प्रधानमंत्री ने इसके बाद हालात काबू करते हुए वाणिज्य सचिव राहुल खुल्लर को इस पद पर नियुक्त कर दिया. बिना लाग-लपेट के बात करने और निष्पक्ष फैसले लेने के लिए मशहूर खुल्लर ने 15 मई को पद ग्रहण करने के बाद कहा, ''यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है.''
खुल्लर अपनी भूमिका निभा सकें, इसके लिए जरूरी है कि सरमा की सिफारिशों को सरकार खारिज करे या एक बार फिर ट्राइ को पुनर्विचार के लिए भेजे. सरकार को यह काम जल्द ही कर लेना चाहिए. सरकार ने दूरसंचार के क्षेत्र में किस कदर गड़बड़ी पैदा की है, 15 मई को ए. राजा की 15 माह बाद ज़मानत पर रिहाई उसे यह याद दिलाने के लिए काफी होनी चाहिए.
वित्त मंत्रालय, जिससे खौफ खाते हैं उद्योग
अकेले सरमा नहीं हैं जिन्होंने उद्यमियों को हालिया महीनों में नुकसान पहुंचाया हो. वित्त सचिव आर.एस. गुजराल, जिनके पास राजस्व विभाग की कमान है, उन्होंने ऐसी दो प्रतिगामी घोषणाएं कीं जिन्हें सुनकर विदेशी निवेशक भाग खड़े हुए-वोडाफोन के मामले में टैक्स कानूनों में पिछली तारीख से संशोधन और विदेशी निवेशकों के मामले में गार (सामान्य टैक्स परिवर्जक निवारक नियम), जिन्हें 16 मार्च को आम बजट में लाया गया. वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक इन प्रस्तावों को लेकर गुजराल और इनकम टैक्स विभाग के नौकरशाहों ने आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) समेत मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु को अंधेरे में रखा.
विदेशी निवेश, पूंजी बाजार और अर्थव्यवस्था के सभी मामलों को डीईए देखता है. गुजराल के राजस्व विभाग ने टैक्स प्रावधानों को बजट में डाल दिया, लेकिन वित्त मंत्री के अभिभाषण में वह नहीं जा सका जिसे डीईए तैयार करता है. सूत्रों की मानें तो गुजराल और टैक्स प्रशासन ने वित्त मंत्री को इस बात पर मना लिया कि राजस्व बढ़ाने के ये ही सबसे कारगर तरीके हैं जिनसे 5.9 फीसदी का वित्तीय घाटा कम करने में मदद मिल सकव्गी.
टैक्स कानूनों में पिछली तारीख से संशोधन की तो खूब आलोचना हुई है. आम तौर पर विनम्र बने रहने वाले आदि गोदरेज ने मुखर्जी के अभिभाषण के कुछ देर बाद कहा, ''कुछ फैसले (बजट के) तो बेहद घटिया थे. मुझे लगता है कि टैक्स कानूनों में पिछली तारीख से संशोधन बहुत नकारात्मक कदम है.'' वोडाफोन ने सुप्रीम कोर्ट में अपना केस जीत लिया है, लेकिन टैक्स कानूनों में पिछली तारीख से संशोधन का फैसला दिखाता है कि मौजूदा कानूनों की अखंडता कितनी कमजोर है.
गुजराल इस मामले में चार कदम आगे बढ़ गए. उन्होंने साफ कर दिया कि सरकार 11,000 करोड़ रु. की अपनी मूल बाध्यता तक टैक्स संग्रहण को सीमित नहीं कर देना चाहती. एक टेलीविज़न चैनल पर 9 मई को उन्होंने कहा कि सरकार दावे में दंड और ब्याज को भी जोड़ेगी. गुजराल ने इसके असर को कम करने की कोशिश की, ''एक बार लंबित ब्याज लग जाए, तो टैक्स संग्रह की मांग कुछ सौ करोड़ तक पहुंच जाएगी.''
वास्तव में यह आंकड़ा कुछ सौ नहीं बल्कि कुछ हजार करोड़ से 20,000 करोड़ रु. तक चला जाता है. गुजराल ने समझैते की किसी भी गुंजाइश से इनकार किया, ''कोई सवाल ही नहीं है कि सरकार किसी कंपनी के साथ समझैता करेगी.''
ऐसा नहीं कि सारे नौकरशाह गुजराल के समर्थक हैं. आर्थिक नीति से जुड़े एक वरिष्ठ अफसर कहते हैं, ''या तो गुजराल व्यापक अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभावों से बेखबर हैं या फिर वे लोकप्रिय कार्यक्रमों में पैसा लगाकर राजस्व बढ़ाने के मोटे तौर-तरीके सुझते 'ए अपने राजनैतिक आकाओं को खुश करना चाह रहे हैं.''
अप्रैल के अंत में गुजराल को प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष सी. रंगराजन ने तलब किया था. रंगराजन गुजराल को आइआइएम, अहमदाबाद में पढ़ा चुके हैं. उन्होंने गुजराल को लताड़ लगाई कि वे एक ऐसे वक्त में गार पर जोर दे रहे हैं जबकि सरकार जीडीपी के 4 फीसदी चालू खाता घाटे (निर्यात पर आयात की अधिकता) को झेल रही है. अभी तो जरूरत है कि विदेशी निवेशक डॉलर लेकर आएं और हमारे घाटे की भरपाई करें, बजाए इसके वे भागे जा रहे हैं.
गौरतलब है कि गार के तहत विदेशी निवेशकों को यह साबित करना होता है कि शून्य कररोपण वाले देशों में उनके धंधे वास्तविक हैं और वे निवेश के नाम पर सिर्फ अपनी कमाई उन देशों से भारत में नहीं मोड़ रहे हैं, मसलन मॉरीशस से, जहां जीरो टैक्स प्रणाली है. गुजराल के मुताबिक यह साबित करना निवेशक का जिम्मा है और टैक्स प्रशासन के पास उसकी जांच करने के पूरे अधिकार होने चाहिए.
रंगराजन, जो सरकार के भीतर मौजूद कारोबार समर्थक दुर्लभ आवाजों में एक हैं, खुद वित्त मंत्री के पास गए और गार को एक साल के लिए टालने को कहा. उन्होंने साबित करने की जिम्मेदारी भी निवेशक के बजाए टैक्स प्रशासन के कंधों पर डालने को कही. मुखर्जी को लगा कि उन्हें गलत सलाह दी गई है, लिहाजा उन्होंने संसद में वित्त विधेयक पर जवाब देते वक्त खुद को दुरुस्त कर लिया.
इसके बावजूद सरकार की नीयत को लेकर उद्योग-धंधे सशंकित हैं. फिक्की के महासचिव राजीव कुमार कहते हैं, ''सरकार निजी क्षेत्र को पीछे धकव्लकर खुद के लिए जगह बना रही है.'' कुमार का मानना है कि सरकार को अपने लोकलुभावन तरीकों से बाज आना चाहिए.
संसाधनों की मारी सरकार
सोनिया गांधी के करीबी पुलक चटर्जी को प्रधानमंत्री का प्रधान सचिव अक्तूबर, 2011 में बनाए जाने पर नौकरशाही और कारोबारी क्षेत्र दोनों में ही उत्साह की लहर दौड़ गई थी, एक उम्मीद जगी थी कि चलो अब कुछ काम हो जाएंगे. सात महीने से ज्यादा हो गए उन्हें इस पद पर, लेकिन खुद अपने लिए तय किया इकलौता काम वे अब तक नहीं करवा सके है-ऊर्जा क्षेत्र का गला घोंट रही कोयले की अपर्याप्त आपूर्ति को दुरुस्त करना. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया ने चटर्जी के निर्देशों को मानने से साफ इनकार कर दिया है.
इस साल फरवरी में चटर्जी ने कोल इंडिया को 31 मार्च, 2012 से पहले उन तमाम ऊर्जा संयंत्रों के साथ ईंधन आपूर्ति समझैते पर दस्तख्त करने को कहा था जिन्होंने ऊर्जा वितरण कंपनियों के साथ लंबी अवधि के बिजली खरीद सौदे किए हैं और जिन्हें 31 मार्च, 2015 से लागू कर दिया जाना है.
इन ईंधन आपूर्ति समझौतों के तहत कोल इंडिया इन संयंत्रों को उनकी जरूरत के 80 फीसदी कोयले की गारंटी देगी. उस वक्त कोल इंडिया के कार्यकारी अध्यक्ष और कोयला मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव जोहरा चटर्जी ने देश के सबसे ताकतवर नौकरशाह के निर्देशों को नहीं माना. इसके बाद 3 अप्रैल को सरकार को कोल इंडिया को एक दुर्लभ प्रेसिडेंशियल निर्देश जारी करना पड़ा कि वह ईंधन आपूर्ति समझैतों पर दस्तखत करे. कोल इंडिया का कहना है कि उसके पास आपूर्ति के लिए कोयला ही नहीं है. उसके मुताबिक पर्यावरण मंत्रालय द्वारा खनन और भूमि अधिग्रहण के लिए वर्जित क्षेत्रों के कारण कंपनी के घरेलू उत्पादन पर असर पड़ा है.
फिक्की के राजीव कुमार कोल इंडिया के इस दावे को खारिज करते हुए कहते हैं, ''यह कंपनी 56,000 करोड़ रु. के नकद भंडार पर बैठी हुई है और इसके पर्यावरणीय रूप से सुरक्षित स्थानों पर 20 करोड़ टन का कोयला भंडार है.'' कोयले की मौजूदा कमी 8.5 करोड़ टन है. उनके मुताबिक, ''यदि वर्जित क्षेत्रों से किसी को भी दिक्कत होगी, तो वे निजी ऊर्जा उत्पादक कंपनियां हैं जिन्हें कैप्टिव खदानों का वादा किया गया था लेकिन जो वहां खनन ही नहीं कर सके.''
ऐसे उत्पादकों के लिए आयात एक विकल्प हो सकता है, लेकिन वह महंगा है जिससे लागत 60 फीसदी बढ़ जाती है. आयात को लागत सक्षम बनाने के लिए उत्पादकों को बिजली वितरक कंपनियों के साथ दोबारा मोलभाव करना होगा. अधिकतर वितरक कंपनियां ऐसा करने को या तो राजी नहीं हैं या फिर वित्तीय रूप से सक्षम नहीं हैं.
पुलक चटर्जी और उनके सलाहकारों ने हालांकि कोल इंडिया को एक सुझाव दिया है. इस योजना के अंतर्गत कोल इंडिया बड़े पैमाने पर कोयले का आयात करे, अपने घरेलू उत्पादन के साथ मिश्रित करे और फिर उसे ऊर्जा उत्पादकों को दे. इसकी कीमत घरेलू कोयले से तो ज्यादा होगी लेकिन सिर्फ 15 फीसदी, जबकि कुल कोयला आयात करने पर 60 फीसदी ज्यादा लागत आएगी. कोल इंडिया ने इस सुझाव पर काम करने से अब तक इनकार किया है.
सरकार में एक वरिष्ठ सचिव कहते हैं, ''सरकार ने ऊर्जा उत्पादकों को हाशिये पर डाल दिया है.'' बिजली कंपनियां इसका शिकार हो रही हैं. एक उदाहरण अडाणी पावर का ले सकते हैं जिसे जनवरी-मार्च तिमाही में 300 करोड़ रु. का घाटा हुआ है जबकि इसी अवधि में पिछले साल 170 करोड़ रु. का लाभ हुआ था. आने वाले समय में बिजली की मांग आपूर्ति के मुकाबले काफी ज्यादा हो जाएगी और उपभोक्ताओं पर सीधा असर पड़ेगा.
आने वाले दिनों में भी कोई उम्मीद नजर नहीं आती. बीते 11 मई को हुई कैबिनेट बैठक में पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन ने नए कोयला नियामक विधेयक को मंजूरी देने से इनकार कर दिया जो कोल इंडिया के एकाधिकार पर निगरानी रखने की बात कहता है. उनके मुताबिक नया विधेयक खनन पर उनके मंत्रालय के अधिकार को छीनता है.
संसाधनों का यह संकट अकव्ले कोयले तक सीमित नहीं. तेल और गैस का क्षेत्र मुकव्श अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज और एस. जयपाल रेड्डी के पेट्रोलियम मंत्रालय की खींचतान में फंसा हुआ है. बीती 18 अप्रैल को रिलायंस ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लगा कर सरकार को उसका मध्यस्थ नियुक्त करने का आदेश दिए जाने को कहा है. हो सकता है सरकार का पक्ष मजबूत हो-भले मुकव्श अंबानी ऐसा न मानते हों-लेकिन अनुबंध में दी हुई प्रक्रिया को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
यदि 2011 में रिलायंस में बीपी के सात अरब डॉलर का निवेश छोड़ दिया जाए, तो हाल के वर्षों में तेल और गैस क्षेत्र में निवेश नहीं के बराबर रहा है. यदि अंबानी का यह हाल है, तो निश्चित तौर पर अन्य भारतीय उद्यमियों को सचेत हो जाना चाहिए.
-साथ में श्रव्या जैन, शांतनु गुहा रे, उदय माहूरकर और राजेश शर्मा
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एर्तुग़रुल ग़ाज़ी या इरातुगुल (तुर्क तुर्की: ارطغرل रोमानी: Erğoġrıl, तुर्की: Ertuğrul Gazi; अक्सर गाज़ी शीर्षक के साथ) (सन् 1280) (उस्मान प्रथम के पिता थे। उस्मानी साम्राज्य परंपरा के अनुसार, वह ओगुज़ तुर्क के कयि जनजाति के नेता सुलेमान शाह के बेटे थे, जो मंगोल आक्रमण से बचने के लिए पश्चिमी मध्य एशिया से अनातोलिया जा कार बस गया था, अपने पिता की मृत्यु के बाद,एर्तुग़रुल उनके अनुयायियों ने सल्तनत ऑफ रोम की सीमा में प्रवेश किया, जिसके लिए उन्हें बाइज़ेंटाइन साम्राज्य के साथ सीमा पर सोगुत शहर पर प्रभुत्व प्राप्त हुआ। इसने उन घटनाओं की श्रृंखला को बंद कर दिया जो अंतत उस्मानी साम्राज्य की स्थापना के लिए नेतृत्व करेंगे। अपने बेटे, उस्मान और उनके वंशजों की तरह, अर्तुगुल को अक्सर इस्लाम के कारणों के लिए ग़ाज़ी, एक वीर चैंपियन सेनानी के रूप में जाना जाता है।
प्रारम्भिक जीवन
इर्तुग्रुल गाजी के जीवन के बारे में निश्चितता के साथ कुछ भी ज्ञात नहीं है, इसके अलावा वह उस्मान प्रथम के पिता थे। इतिहासकारों को इस तरह से एक सदी से भी अधिक समय बाद उस्मान द्वारा लिखी गई कहानियों पर भरोसा करने के लिए मजबूर किया जाता है, जो कि संदिग्ध सटीकता के होते हैं। माना जाता है कि उस्मान के समय से एक अनगढ़ सिक्का, "अरतुग्रुल के पुत्र उस्मान मिंट द्वारा लिखित" से पता चलता है कि एर्तुग़रुल एक ऐतिहासिक व्यक्ति था। एक अन्य सिक्का में लिखा है "उस्मान बिन इर्तुग्रुल बिन गुंडुज़ अल्प, हालांकि इरतुग्रुल को पारंपरिक रूप से सुलेमान शाह का पुत्र माना जाता है। एनवेरी के ड्यूस्टर्नमे (1465) और करमनी मेहमत पाशा के कालक्रम (1481 से पहले) में, सुलेमान शाह ने गुंडुज अल्प को एर्टुगरुल के पिता के रूप में प्रतिस्थापित किया। [कब?) ओटोमन इतिहासकार आसिकापज़ादे के कालक्रम के बाद, सुलेमान शाह संस्करण आधिकारिक हो गया। इनके बाद की परंपराओं के अनुसार, एर्तुग़रुल क़य्य यानी क़ाई क़बीले के प्रमुख थे। बीजान्टिन के खिलाफ सेल्जूक्स को उनकी सहायता के परिणामस्वरूप, इर्तुग्रुल को अंगोरा (अब अंकारा) के पास एक पहाड़ी क्षेत्र, कयाकुबद आई, सेल्ज के सुल्तान सुल्तान द्वारा कराका डे में भूमि दी गई थी। एक खाते से संकेत मिलता है कि इर्तुग्रुल को देने के लिए सेल्जुक नेता की औचित्य अर्तुगुल के लिए बीजान्टिन या अन्य विरोधी से किसी भी शत्रुतापूर्ण उकसावे को पीछे हटाने के लिए थी। बाद में, उन्होंने सोट्ट गाँव प्राप्त किया जिसे उन्होंने आसपास की भूमि के साथ मिलकर जीत लिया। वह गाँव, जहाँ वह बाद में मर गया, उसके बेटे के तहत उस्मानिया सल्तनत की राजधानी बन गई, उस्मान प्रथम। उस्मानी सल्तनत के इतिहासकारों में इस बात पर अलग-अलग राय है कि क्या अर्टुएनरूल के उस्मान के अलावा दो या संभवत तीन अन्य बेटे थे। सरू बट्टू सवेक बेली, या सरु बाटू और सावेक बिय, और गुंडुज बे।
ये भी देखें
एर्तुगरुल गाजी (टीवी धारावाहिक)
सन्दर्भ
उस्मानी साम्राज्य
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यह लेख है: नरसिंह के साथ हुई साजिश की बात कहते हुए सिंह ने कहा कि सोनिपत के कैंप की महिला इंचार्ज पर शक की सुई जाती है। फेडरेशन का आरोप है कि 5 जून को खाने में छौंक लगाते समय प्रतिबंधित दवा डाली गई।
नरसिंह यादव ने 19 जुलाई को लिखित शिकायत फेडरेशन को दी है। उन्होंने साई के भी एक अधिकारी का नाम लिया है। नरसिंह यादव ने अगर कोई भी दवा का प्रयोग किया होता तो वह स्पेन में लड़ने से बचते। एक महीने के अंदर तीन बार डोप टेस्ट होना कहीं न कहीं संदेह पैदा करता है। नरसिंह यादव के साथ उसके रूम पार्टनर के शरीर में भी वही कैमिकर पाया गया है जो नरसिंह यादव के शरीर में पाया गया है।
हम जो यहां टेस्ट करते हैं वह वाडा के पास चला जाता है। नरसिंह का डोप टेस्ट पॉजिटिव आया। इसलिए उन्हें निलंबित किया गया है। ऐसे में मुद्दा पैनल के पास जाता है। जहां इस मुद्दे पर निर्णय लिया जाता है। खिलाड़ी को यहां पर अपनी बात रखने का मौका मिलता है। इस मामले में पूरी जांच बाकी है और इसके बाद ही तय हो पाएगा कि नरसिंह यादव जा पाएंगे या नहीं।
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पुरूजीत कुन्तिभोज नामक देश का राजा था। ये स्थान आज के मध्य प्रदेश में है। वह कुंती का भाई था और कर्ण , युधिष्ठिर , भीमसेन और अर्जुन का मामा। कुरुक्षेत्र के युद्ध में पुरूजीत ने पाण्डवों की ओर से युद्ध किया और अपने पुत्रों के साथ कई कौरव योद्धाओं को परास्त किया।
तीनों भाइयों, पुरूजीत, धृष्टकेतु और वृहद्क्षत्र का वध चौदहवें दिन के युद्ध में द्रोणाचार्य के हाथों हुआ। अन्य कैकेय बंधु अपने अन्य भाइयों द्वारा मारे गए जो कौरव सेना की ओर से युद्ध कर रहे थे।
सन्दर्भ
बाहरी सम्पर्क
महाभारत के पात्र
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कर्नाटक में बेंगलुरु से 71 किमी दूर टुमकुर जिले के एक प्राथमिक अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. लाचार पिता को अपनी 20 वर्षीय बेटी के शव को मोपेड पर ले जाना पड़ा क्योंकि अस्पताल की ओर से एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं की गई. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, रत्नम्मा नामा को प्राथमिक सेवा केंद्र में रविवार सुबह तेज बुखार और सांस लेने में तकलीफ होने के कारण भर्ती कराया गया था. उसके मजदूर पिता थिमप्पा ने आरोप लगाया किया कि डॉक्टर के इंतजार में बेटी ने दम तोड़ दिया.
रविवार का दिन होने के कारण थिमप्पा को बेटी को 20 किमी. दूर पास के बड़े अस्पताल में जाने को कहा गया. एंबुलेस की कोई व्यवस्था भी नहीं थी और उपचार में देरी हो जाने कारण रत्नम्मा की मौत हो गई. बाद में वे बाइक से मृत बेटी को वापस गांव लाने को मजबूर हुए.
थिमप्पा का कहना है कि उसे अस्पताल से बहुत जल्दी लौटना पड़ा क्योंकि उसे बताया गया था कि अगर मौत की खबर पुलिस को हो जाएगी तो उन्हें पोस्टमार्टम के लिए रुकना होगा. लड़की की मां गोवरामा टी ने आरोप लगाते हुए कहा, "वहां एंबुलेंस की कोई व्यवस्था नहीं थी और हर कोई हमसे वहां से लाश हटाने के लिए कह रहा था. हमें समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें. हमारे पास पैसा भी नहीं था इसलिए हम उसे मोपेड से घर ले आए."
वहीं, कर्नाटक सरकार दावा कार रही है कि एंबुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था किए जाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. हालांकि सरकार ने स्वीकार किया है कि ग्रामीण इलाकों में एंबुलेंस पर्याप्त संख्या में नहीं हैं. सरकार ने यह भी स्वीकार किया कि डॉक्टर मरीजों का इलाज करने से इनकार कर रहे हैं.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मैं इस मामले को दिखवाऊंगा...यदि डॉक्टरों की ओर से कोई लापरवाही की गई है तो हम कार्रवाई करेंगे."टिप्पणियां
बता दें कि पिछले साल अगस्त माह में ओडिशा के कालाहांडी में दाना मांझी का मामला सामने आया था जो लगातार छह घंटे तक अपनी पत्नी का शव कंधे पर लादे 10 किलोमीटर तक पैदल चलने के लिए मजबूर हुआ था.
पिछले महीने, ओडिशा के अंगुल जिले में गति धीबर अपनी पांच साल की बेटी का शव लेकर अस्पताल से ले जाने को मजबूर हुए थे और एक किलोमीटर तक उन्हें ऐसी कोई मदद नहीं मिली. बेटी का शव कंधे पर लादे लगातार एक घंटे तक पैदल चलते हुए धीबर को रास्ते में कई लोगों ने देखा, अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड किया था.
रविवार का दिन होने के कारण थिमप्पा को बेटी को 20 किमी. दूर पास के बड़े अस्पताल में जाने को कहा गया. एंबुलेस की कोई व्यवस्था भी नहीं थी और उपचार में देरी हो जाने कारण रत्नम्मा की मौत हो गई. बाद में वे बाइक से मृत बेटी को वापस गांव लाने को मजबूर हुए.
थिमप्पा का कहना है कि उसे अस्पताल से बहुत जल्दी लौटना पड़ा क्योंकि उसे बताया गया था कि अगर मौत की खबर पुलिस को हो जाएगी तो उन्हें पोस्टमार्टम के लिए रुकना होगा. लड़की की मां गोवरामा टी ने आरोप लगाते हुए कहा, "वहां एंबुलेंस की कोई व्यवस्था नहीं थी और हर कोई हमसे वहां से लाश हटाने के लिए कह रहा था. हमें समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें. हमारे पास पैसा भी नहीं था इसलिए हम उसे मोपेड से घर ले आए."
वहीं, कर्नाटक सरकार दावा कार रही है कि एंबुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था किए जाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. हालांकि सरकार ने स्वीकार किया है कि ग्रामीण इलाकों में एंबुलेंस पर्याप्त संख्या में नहीं हैं. सरकार ने यह भी स्वीकार किया कि डॉक्टर मरीजों का इलाज करने से इनकार कर रहे हैं.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मैं इस मामले को दिखवाऊंगा...यदि डॉक्टरों की ओर से कोई लापरवाही की गई है तो हम कार्रवाई करेंगे."टिप्पणियां
बता दें कि पिछले साल अगस्त माह में ओडिशा के कालाहांडी में दाना मांझी का मामला सामने आया था जो लगातार छह घंटे तक अपनी पत्नी का शव कंधे पर लादे 10 किलोमीटर तक पैदल चलने के लिए मजबूर हुआ था.
पिछले महीने, ओडिशा के अंगुल जिले में गति धीबर अपनी पांच साल की बेटी का शव लेकर अस्पताल से ले जाने को मजबूर हुए थे और एक किलोमीटर तक उन्हें ऐसी कोई मदद नहीं मिली. बेटी का शव कंधे पर लादे लगातार एक घंटे तक पैदल चलते हुए धीबर को रास्ते में कई लोगों ने देखा, अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड किया था.
थिमप्पा का कहना है कि उसे अस्पताल से बहुत जल्दी लौटना पड़ा क्योंकि उसे बताया गया था कि अगर मौत की खबर पुलिस को हो जाएगी तो उन्हें पोस्टमार्टम के लिए रुकना होगा. लड़की की मां गोवरामा टी ने आरोप लगाते हुए कहा, "वहां एंबुलेंस की कोई व्यवस्था नहीं थी और हर कोई हमसे वहां से लाश हटाने के लिए कह रहा था. हमें समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें. हमारे पास पैसा भी नहीं था इसलिए हम उसे मोपेड से घर ले आए."
वहीं, कर्नाटक सरकार दावा कार रही है कि एंबुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था किए जाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. हालांकि सरकार ने स्वीकार किया है कि ग्रामीण इलाकों में एंबुलेंस पर्याप्त संख्या में नहीं हैं. सरकार ने यह भी स्वीकार किया कि डॉक्टर मरीजों का इलाज करने से इनकार कर रहे हैं.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मैं इस मामले को दिखवाऊंगा...यदि डॉक्टरों की ओर से कोई लापरवाही की गई है तो हम कार्रवाई करेंगे."टिप्पणियां
बता दें कि पिछले साल अगस्त माह में ओडिशा के कालाहांडी में दाना मांझी का मामला सामने आया था जो लगातार छह घंटे तक अपनी पत्नी का शव कंधे पर लादे 10 किलोमीटर तक पैदल चलने के लिए मजबूर हुआ था.
पिछले महीने, ओडिशा के अंगुल जिले में गति धीबर अपनी पांच साल की बेटी का शव लेकर अस्पताल से ले जाने को मजबूर हुए थे और एक किलोमीटर तक उन्हें ऐसी कोई मदद नहीं मिली. बेटी का शव कंधे पर लादे लगातार एक घंटे तक पैदल चलते हुए धीबर को रास्ते में कई लोगों ने देखा, अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड किया था.
वहीं, कर्नाटक सरकार दावा कार रही है कि एंबुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था किए जाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. हालांकि सरकार ने स्वीकार किया है कि ग्रामीण इलाकों में एंबुलेंस पर्याप्त संख्या में नहीं हैं. सरकार ने यह भी स्वीकार किया कि डॉक्टर मरीजों का इलाज करने से इनकार कर रहे हैं.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मैं इस मामले को दिखवाऊंगा...यदि डॉक्टरों की ओर से कोई लापरवाही की गई है तो हम कार्रवाई करेंगे."टिप्पणियां
बता दें कि पिछले साल अगस्त माह में ओडिशा के कालाहांडी में दाना मांझी का मामला सामने आया था जो लगातार छह घंटे तक अपनी पत्नी का शव कंधे पर लादे 10 किलोमीटर तक पैदल चलने के लिए मजबूर हुआ था.
पिछले महीने, ओडिशा के अंगुल जिले में गति धीबर अपनी पांच साल की बेटी का शव लेकर अस्पताल से ले जाने को मजबूर हुए थे और एक किलोमीटर तक उन्हें ऐसी कोई मदद नहीं मिली. बेटी का शव कंधे पर लादे लगातार एक घंटे तक पैदल चलते हुए धीबर को रास्ते में कई लोगों ने देखा, अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड किया था.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मैं इस मामले को दिखवाऊंगा...यदि डॉक्टरों की ओर से कोई लापरवाही की गई है तो हम कार्रवाई करेंगे."टिप्पणियां
बता दें कि पिछले साल अगस्त माह में ओडिशा के कालाहांडी में दाना मांझी का मामला सामने आया था जो लगातार छह घंटे तक अपनी पत्नी का शव कंधे पर लादे 10 किलोमीटर तक पैदल चलने के लिए मजबूर हुआ था.
पिछले महीने, ओडिशा के अंगुल जिले में गति धीबर अपनी पांच साल की बेटी का शव लेकर अस्पताल से ले जाने को मजबूर हुए थे और एक किलोमीटर तक उन्हें ऐसी कोई मदद नहीं मिली. बेटी का शव कंधे पर लादे लगातार एक घंटे तक पैदल चलते हुए धीबर को रास्ते में कई लोगों ने देखा, अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड किया था.
बता दें कि पिछले साल अगस्त माह में ओडिशा के कालाहांडी में दाना मांझी का मामला सामने आया था जो लगातार छह घंटे तक अपनी पत्नी का शव कंधे पर लादे 10 किलोमीटर तक पैदल चलने के लिए मजबूर हुआ था.
पिछले महीने, ओडिशा के अंगुल जिले में गति धीबर अपनी पांच साल की बेटी का शव लेकर अस्पताल से ले जाने को मजबूर हुए थे और एक किलोमीटर तक उन्हें ऐसी कोई मदद नहीं मिली. बेटी का शव कंधे पर लादे लगातार एक घंटे तक पैदल चलते हुए धीबर को रास्ते में कई लोगों ने देखा, अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड किया था.
पिछले महीने, ओडिशा के अंगुल जिले में गति धीबर अपनी पांच साल की बेटी का शव लेकर अस्पताल से ले जाने को मजबूर हुए थे और एक किलोमीटर तक उन्हें ऐसी कोई मदद नहीं मिली. बेटी का शव कंधे पर लादे लगातार एक घंटे तक पैदल चलते हुए धीबर को रास्ते में कई लोगों ने देखा, अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड किया था.
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विशेष जांच दल अब इस बात का पता लगाएगा कि क्या आईएनएस कोच्चि में तैनात नेवी के अधिकारी बीवियों की अदला-बदली (वाइफ स्वैपिंग) में शामिल हैं. आईएनएस कोच्चि में अधिकारियों पर लगाए गए इस आरोप की जांच की मांग के लिए दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केरल के पुलिस महानिदेशक को ये आदेश दिया है कि वो एक एसआईटी का गठन कर मामले की जांच कराए.
SC ने दिए एसआईटी जांच के आदेश
सुप्रीम कोर्ट
के मुख्य न्यायधीश टीएस ठाकुर और जस्टिस आर भानुमति की बेंच ने एक नेवी अधिकारी की पत्नी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया है. कि इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया जाए.
पति अपनी पत्नी पर डाला था वाइफ स्वैपिंग का दबाव
याचिका में नेवी अधिकारी की पत्नी ने कहा है कि साल 2012 से वो अपने पति (जो कि एक नेवी अधिकारी हैं) के साथ कोच्चि में रहते हैं. वहां पर उसके पति ने एक दूसरे नेवी अधिकारी के साथ
वाइफ स्वैपिंग
करने के लिए दबाव डाला और उसे मजबूर करने की कोशिश की. लेकिन उसने इंकार कर दिया. जिसके बाद उसके पति ने उसे प्रताड़ित भी किया. उसे बाद में पता चला कि आईएनएस कोच्चि में वाइफ स्वैपिंग नेवी अधिकारियों के बीच काफी बड़े पैमाने पर हो रही है.
पीड़ित महिला ने की शिकायत
महिला ने नेवी
के आला अधिकारियों से शिकायत भी की. लेकिन उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिसके बाद महिला ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर मामले की सीबीआई या अन्य किसी विशेष एजेंसी से मामले की जांच कराने की मांग की थी. एसआईटी को जल्द से जल्द जांच पूरी करके अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में देनी है.
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मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि ट्वेंटी-20 फॉर्मेट समेत क्रिकेट में किए गए बदलावों ने इस खेल को और रोमांचक बना दिया है।
तेंदुलकर ने केएससीए के प्लैटिनम जयंती समारोह में कहा, क्रिकेट एकमात्र खेल है, जिसकी तीन विधाएं हैं और यह न केवल खिलाड़ियों, बल्कि दर्शकों के लिए भी अधिक रोमांचक होता जा रहा है। अब इसमें कलात्मकता है और (टेस्ट मैच) में अधिक परिणाम आ रहे हैं। बल्लेबाज जोखिम उठाना चाह रहे हैं।टिप्पणियां
पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने कहा, ट्वेंटी-20 फॉर्मेंट क्रिकेट में नयापन लेकर आया है। टेस्ट क्रिकेट में आपको खुद को मैदान पर जमाना होता है और किन्हीं दो खिलाड़ियों की तकनीक एक जैसी नहीं होती। खिलाड़ियों को अपनी आधारभूत तकनीकों पर टिके रहना होता है।
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने कहा कि कई ट्वेंटी-20 मैच खेले जाने के कारण अब क्रिकेटरों को नए फॉर्मेट के हिसाब से खुद को ढालने की जरूरत है।
तेंदुलकर ने केएससीए के प्लैटिनम जयंती समारोह में कहा, क्रिकेट एकमात्र खेल है, जिसकी तीन विधाएं हैं और यह न केवल खिलाड़ियों, बल्कि दर्शकों के लिए भी अधिक रोमांचक होता जा रहा है। अब इसमें कलात्मकता है और (टेस्ट मैच) में अधिक परिणाम आ रहे हैं। बल्लेबाज जोखिम उठाना चाह रहे हैं।टिप्पणियां
पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने कहा, ट्वेंटी-20 फॉर्मेंट क्रिकेट में नयापन लेकर आया है। टेस्ट क्रिकेट में आपको खुद को मैदान पर जमाना होता है और किन्हीं दो खिलाड़ियों की तकनीक एक जैसी नहीं होती। खिलाड़ियों को अपनी आधारभूत तकनीकों पर टिके रहना होता है।
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने कहा कि कई ट्वेंटी-20 मैच खेले जाने के कारण अब क्रिकेटरों को नए फॉर्मेट के हिसाब से खुद को ढालने की जरूरत है।
पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने कहा, ट्वेंटी-20 फॉर्मेंट क्रिकेट में नयापन लेकर आया है। टेस्ट क्रिकेट में आपको खुद को मैदान पर जमाना होता है और किन्हीं दो खिलाड़ियों की तकनीक एक जैसी नहीं होती। खिलाड़ियों को अपनी आधारभूत तकनीकों पर टिके रहना होता है।
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने कहा कि कई ट्वेंटी-20 मैच खेले जाने के कारण अब क्रिकेटरों को नए फॉर्मेट के हिसाब से खुद को ढालने की जरूरत है।
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने कहा कि कई ट्वेंटी-20 मैच खेले जाने के कारण अब क्रिकेटरों को नए फॉर्मेट के हिसाब से खुद को ढालने की जरूरत है।
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लेख: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं संसदीय लोकलेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष डॉ मुरली मनोहर जोशी ने मंगलवार को कहा कि सीबीआई को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करके इसके लिए अलग कानून बनाकर इसे संसद के प्रति उत्तरदायी बनाया जाना चाहिए। पीएसी का दोबारा अध्यक्ष बनाए जाने के बाद डॉ जोशी ने बताया, 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच रिपोर्ट में पीएसी ने यह सुझाव दिया है कि सीबीआई को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया जाये और इसके निदेशक की नियुक्ति केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) और महालेखा नियंत्रक एवं परीक्षक (कैग) के तर्ज पर एक समिति के द्वारा की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि पीएसी का सुझाव है कि फिलहाल दिल्ली पुलिस अधिनियम के तहत काम करने वाली सीबीआई के लिए अलग कानून बनाया जाये और यह व्यवस्था की जाये कि वह हर छह महीने में अपने कामकाज के बारे में संसद में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें, जिसमें विस्तार से यह जानकारी हो कि सीबीआई ने कितने मामलों में जांच की और उसका निष्कर्ष क्या रहा और कितने मामले लंबित हैं। डॉ जोशी ने आरोप लगाया कि कांग्रेसनीत संप्रग सरकार पीएसी को कठपुतली समिति बनाना चाहती है और इसे सरकार की इशारे पर चलाना चाहती है। ऐसे में पीएसी किसी मामले की जांच कैसे करेगी। यह बताते हुए कि पीएसी का काम है कि वह यह देखे कि सरकारी धन कहां से आ रहा है, कहां खर्च हो रहा है और सही जगह पर खर्च हो रहा है अथवा नहीं। जोशी ने कहा कि संप्रग सरकार के मंत्री कहते हैं कि पीएसी की रिपोर्ट रद्दी की टोकरी में फेंक देंगे। डॉ जोशी ने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री कहते हैं कि जनता भ्रष्टाचार के मामले में जल्दी कार्रवाई चाहती है और दूसरी तरफ उनके मंत्रिपरिषद के सदस्य जांच रूकवाते हैं। सवाल उठता है कि प्रधानमंत्री का मत्रिपरिषद के सदस्यों पर क्या असर है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि संप्रग सरकार के चार मंत्री कपिल सिब्बल, पी चिदम्बरम, पवन बंसल और नारायण स्वामी पार्टी के संसदीय कार्यालय में बैठ कर पीएसी में कांग्रेस के सदस्यों को निर्देश दे रहे थे। यह एक गंभीर मामला है क्योंकि पीएसी संसद की समिति है और दलीय राजनीति से ऊपर है। उन्होंने कहा कि पीएसी में कांग्रेस के सदस्य रिपोर्ट पर विचार करने को तैयार नहीं है, केवल खारिज करने को तैयार हैं। इसलिए कि इसमें प्रधानमंत्री और मंत्रियों के नाम हैं। जोशी ने कहा कि अभी हाल ही में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि हमारे देश में यदि घोटाले होते हैं तो उन पर निगरानी के लिए पीएसी और कैग जैसे संस्थाएं है। दूसरी तरफ, उन्हीं के सहयोगी मंत्री भ्रष्टाचार से उबरने के प्रयासों पर पानी फेरने में लगे हैं। उन्होंने इस संदर्भ में जनलोकपाल विधेयक लाने के लिए अन्ना हजारे और सिविल सोसायटी की मांग पर सरकार के कुछ मंत्रियों की विरोधाभासी टिप्पणियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह सब जनतंत्र के लिए खराब स्थिति है। जोशी ने कहा, यदि सरकार के खचरे पर रोक नहीं लगाती तो सरकार तानाशाह हो जायेगी। पीएसी की रिपोर्ट पर मतदान में सपा बसपा के कांग्रेस के सदस्यों के साथ खड़े हो जाने की ओर इशारा करते हुए जोशी ने आरोप लगाया कि पीएसी की बैठक में कांग्रेस और सपा बसपा ने मिल कर जो आचरण किया उससे यह साफ है कि भ्रष्टाचार को बनाए रखने और भ्रष्टाचार विरोधी जांच रोकने में वे एक हैं। उन्होंने कहा कि सपा बसपा को यह साफ करना चाहिये कि वे भ्रष्टाचार की जांच कराना चाहते हैं अथवा जांच रकवाना चाहते हैं। उत्तर प्रदेश में तीनों दल आपस में लड़ते हैं। मगर केन्द्र में एकजुट हैं, आखिर इसका क्या रहस्य है। जोशी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में स्थिति और भी गंभीर है, जहां भ्रष्टाचार के विरोध में आवाज उठाने पर लाठी चलती है। भ्रष्टाचार के सवाल पर उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुख्य प्रतिपक्षी दल समाजवादी पार्टी की नीयत पर परोक्ष रूप से सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि पीएसी तो यहां भी है, आखिर वह क्या कर रही है।
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बॉलीवुड अदाकारा करीना कपूर का करियर देव बेनेगल की फिल्म 'बॉम्बे समुराई' से एक नए रोमांचक स्तर की ओर बढ़ता दिख रहा है। शादी के बाद करीना प्रकाश झा की फिल्म 'सत्याग्रह' में बेमन से एक धर्मयोद्धा और 'गोरी तेरे प्यार में' एक पूरी तरह मूर्खतापूर्ण सामाजिक कार्यकर्ता की भूमिका में छटपटाती दिखी थीं। अंतत: शादी के बाद उन्हें सही फिल्म मिलती दिख रही है।
सूत्रों के मुताबिक, फिल्म रोमांचकपूर्ण मोड़ों की कहानी है। इसमें सात से आठ प्रमुख किरदार हैं, लेकिन उनमें करीना और फरहान अख्तर ही कहानी के संवाहक हैं। सूत्र ने कहा, वे ऐसे युगल की भूमिका में हैं, जो हमारी फिल्मों में पहले कभी नहीं दिखे। वे निराले और अप्रत्याशित हैं। दोनों कलाकारों को जोशपूर्ण किरदार निभाने का मौका मिलेगा।
करीना और फरहान दोनों ही एक-दूसरे के साथ काम करने के इच्छुक थे। फरहान का कहना है, मैं करीना का काम देख चुका हूं। वह लगातार उत्कृष्ट बनी हुई हैं। मैं उनके साथ काम करने का इच्छुक था। देव की फिल्म हमें कुछ अलग करने का मौका देती है। वहीं, करीना ने भी फरहान की बहुत प्रशंसा की।
उन्होंने कहा, मैं बहुप्रतिभाशाली होने की वजह से फरहान की तारीफ करती हूं और किस निर्देशक ने बतौर अभिनेता इतना अच्छा काम किया है? 'भाग मिल्खा भाग' में उनका अभिनय देख मेरी सांसें रुक गईं। मैं उनके साथ काम करने की राह देख रही हूं। फरहान-करीना की यह फिल्म करीना की दिसंबर में स्वीटजरलैंड की वार्षिक छुट्टियां खत्म होने के बाद शुरू होनी है।
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यह लेख है: उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर 49 थाना क्षेत्र के बरौला गांव में रहने वाले दर्जनभर महिला-पुरुषों ने बीती रात दबिश पर गई थाना पुलिस के साथ मारपीट की तथा एक महिला सिपाही की वर्दी फाड़ दी. इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस ने दो महिलाओं समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के मीडिया प्रभारी राकेश भदौरिया ने बताया कि बीती रात को बरौला चौकी प्रभारी दीपक कुमार, बरौला गांव में पुलिस टीम के साथ दबिश देने गए थे.
उन्होंने बताया कि पुलिस ने एक आरोपी सचिन कश्यप को गिरफ्तार कर लिया और इसी बीच वहां दर्जन भर महिला पुरूष इकट्ठे हो गए, उन लोगों ने पुलिस वालों के साथ गाली-गलौज एवं मारपीट शुरू कर दी. उन्होंने बताया सकि इन लोगों ने सरकारी कार्य में बाधा डालते हुए महिला सिपाही की वर्दी फाड़ दी.
उन्होंने बताया कि इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सचिन कश्यप व दो महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया है. उन्होंने बताया कि करवा चौथ वाले दिन इन लोगों ने पुलिस वालों के साथ बदसलूकी की थी और उसी मामले में गिरफ्तारी करने के लिए पुलिस की टीम बीती रात बरौला गांव में गई थी, तो आरोपियों ने फिर से पुलिसवालों के साथ बदसलूकी की. पकड़े गए आरोपियों को छुड़ाने के लिए भाजपा के कई नेता थाने पहुंचे. पुलिस ने एक भाजपा नेता को भी हिरासत में ले लिया है.
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यह लेख है: लेकिन “जब मैं बल्लेबाजी करने के लिए मैदान पर उतरता हूं तब वहां सिर्फ मैं और मेरा जोड़ीदार होता है। लोगों को यह पता नहीं कि जब मैं बल्लेबाजी करता हूं तब मैं ज्यादा शांति महसूस करता हूं क्योंकि मुझे ज्यादा लोगों के साथ बातचीत नहीं करना पड़ता है और न ही मुझे उनकी उम्मीद के बारे में पता चलता है। मुझे यह भी नहीं पता चलता है कि वह मुझसे क्या चाहते है। मैदान के अंदर मैं अपने आप पर ध्यान देता हूं। अपनी सोच और भाव को समझता हूं और उस पर अमल करता हूं।”
लोगों की उम्मीद को मैं आशीर्वाद के रूप में लेता हूँ : कोहली का कहना है कि जब कोई कुछ समय के लिए अच्छा खेलता है तो लोग उनसे उम्मीद करना शुरू कर देते हैं और वह इस उम्मीद को आशीर्वाद के रूप में लेते है। वह कहते हैं, “लोग इसीलिए मुझसे अच्छा प्रदर्शन कि उम्मीद करते हैं क्योंकि मेरी बैटिंग शैली को वह पसंद करते हैं और वह चाहते हैं कि मैं अच्छा करूं जिसकी वजह से टीम अच्छा करे।”
लोगों की उम्मीद को मैं आशीर्वाद के रूप में लेता हूँ : कोहली का कहना है कि जब कोई कुछ समय के लिए अच्छा खेलता है तो लोग उनसे उम्मीद करना शुरू कर देते हैं और वह इस उम्मीद को आशीर्वाद के रूप में लेते है। वह कहते हैं, “लोग इसीलिए मुझसे अच्छा प्रदर्शन कि उम्मीद करते हैं क्योंकि मेरी बैटिंग शैली को वह पसंद करते हैं और वह चाहते हैं कि मैं अच्छा करूं जिसकी वजह से टीम अच्छा करे।”
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लेख: पंजाब के मनसा जिले में एक 20 साल के युवक का शव बरामद हुआ है. युवक की एक टांग भी काट कर अलग कर दी गई है... चंडीगढ़ से 180 किलोमीटर दूरी पर स्थित मनसा जिले में हुई यह घटना सोमवार रात हुई बताई जा रही है. युवक के गांव के छह लोगों पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है.
पुलिस का कहना है कि सुखचैन सिंह पाली नामक यह युवक शराब की स्मगलिंग में शामिल था और विरोधी गैंग के सदस्यों द्वारा मार गिराया गया. पिछले कुछ महीनों में इन दोनों गुटों के बीच कई बार झड़प हो चुकी है. पाली के परिवार का कहना है कि उसका इसका खून किया गया क्योंकि वह दलित था. परिवार ने उसका अंतिम संस्कार तब तक करने के लिए मना कर दिया गया है जब तक कि उसकी कटी हुई टांग नहीं मिल जाती. सभी आरोपी सवर्ण समाज के हैं और गिरफ्तार कर लिए गए हैं.
युवक की बॉडी को मुर्दाघर में रखा गया है. युवक के पिता का कहना है कि सोमवार रात जब वह घर लौट रहा था जब उस पर हमला किया गया. पिता का आरोप है कि गांव के ताकतवर जमींदारों के इशारे पर यह हत्या हुई जो शराब की तस्करी में शामिल हैं. टिप्पणियां
युवक की बॉडी रात 10 बजे बरामद हुई. रेशम सिंह को बेटे के दोस्तों ने फोन करके बताया था कि उस पर हमला किया गया है. तब वह पुलिस के पास मदद के लिए दौड़े. अमनदीप, बलबीर, सीता सिंह, बबरीक सिंह, हरदीप सिंह और साधु सिंह के खिलाफ पुलिस ने दर्ज कर लिया है.
स्थानीय राजनेताओं ने गांव में प्रदर्शन किए और कहा कि दलितों पर हमले किए जा रहे हैं और उनका शोषण किया जा रहा है. पिछले साल दिसंबर में भीम तांक नामक दलित का शव भी ऐसे ही- टांग काटकर अलग कर दी गई थी- बरामद हुआ था.
पुलिस का कहना है कि सुखचैन सिंह पाली नामक यह युवक शराब की स्मगलिंग में शामिल था और विरोधी गैंग के सदस्यों द्वारा मार गिराया गया. पिछले कुछ महीनों में इन दोनों गुटों के बीच कई बार झड़प हो चुकी है. पाली के परिवार का कहना है कि उसका इसका खून किया गया क्योंकि वह दलित था. परिवार ने उसका अंतिम संस्कार तब तक करने के लिए मना कर दिया गया है जब तक कि उसकी कटी हुई टांग नहीं मिल जाती. सभी आरोपी सवर्ण समाज के हैं और गिरफ्तार कर लिए गए हैं.
युवक की बॉडी को मुर्दाघर में रखा गया है. युवक के पिता का कहना है कि सोमवार रात जब वह घर लौट रहा था जब उस पर हमला किया गया. पिता का आरोप है कि गांव के ताकतवर जमींदारों के इशारे पर यह हत्या हुई जो शराब की तस्करी में शामिल हैं. टिप्पणियां
युवक की बॉडी रात 10 बजे बरामद हुई. रेशम सिंह को बेटे के दोस्तों ने फोन करके बताया था कि उस पर हमला किया गया है. तब वह पुलिस के पास मदद के लिए दौड़े. अमनदीप, बलबीर, सीता सिंह, बबरीक सिंह, हरदीप सिंह और साधु सिंह के खिलाफ पुलिस ने दर्ज कर लिया है.
स्थानीय राजनेताओं ने गांव में प्रदर्शन किए और कहा कि दलितों पर हमले किए जा रहे हैं और उनका शोषण किया जा रहा है. पिछले साल दिसंबर में भीम तांक नामक दलित का शव भी ऐसे ही- टांग काटकर अलग कर दी गई थी- बरामद हुआ था.
युवक की बॉडी को मुर्दाघर में रखा गया है. युवक के पिता का कहना है कि सोमवार रात जब वह घर लौट रहा था जब उस पर हमला किया गया. पिता का आरोप है कि गांव के ताकतवर जमींदारों के इशारे पर यह हत्या हुई जो शराब की तस्करी में शामिल हैं. टिप्पणियां
युवक की बॉडी रात 10 बजे बरामद हुई. रेशम सिंह को बेटे के दोस्तों ने फोन करके बताया था कि उस पर हमला किया गया है. तब वह पुलिस के पास मदद के लिए दौड़े. अमनदीप, बलबीर, सीता सिंह, बबरीक सिंह, हरदीप सिंह और साधु सिंह के खिलाफ पुलिस ने दर्ज कर लिया है.
स्थानीय राजनेताओं ने गांव में प्रदर्शन किए और कहा कि दलितों पर हमले किए जा रहे हैं और उनका शोषण किया जा रहा है. पिछले साल दिसंबर में भीम तांक नामक दलित का शव भी ऐसे ही- टांग काटकर अलग कर दी गई थी- बरामद हुआ था.
युवक की बॉडी रात 10 बजे बरामद हुई. रेशम सिंह को बेटे के दोस्तों ने फोन करके बताया था कि उस पर हमला किया गया है. तब वह पुलिस के पास मदद के लिए दौड़े. अमनदीप, बलबीर, सीता सिंह, बबरीक सिंह, हरदीप सिंह और साधु सिंह के खिलाफ पुलिस ने दर्ज कर लिया है.
स्थानीय राजनेताओं ने गांव में प्रदर्शन किए और कहा कि दलितों पर हमले किए जा रहे हैं और उनका शोषण किया जा रहा है. पिछले साल दिसंबर में भीम तांक नामक दलित का शव भी ऐसे ही- टांग काटकर अलग कर दी गई थी- बरामद हुआ था.
स्थानीय राजनेताओं ने गांव में प्रदर्शन किए और कहा कि दलितों पर हमले किए जा रहे हैं और उनका शोषण किया जा रहा है. पिछले साल दिसंबर में भीम तांक नामक दलित का शव भी ऐसे ही- टांग काटकर अलग कर दी गई थी- बरामद हुआ था.
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उच्चतम न्यायालय ने
2जी मामले
में 122 लाइसेंस रद्द करने के उसके दो फरवरी के फैसले पर पुनर्विचार के लिये दायर केन्द्र सरकार की एक याचिका को छोड़कर अन्य सभी पुनर्विचार याचिकायें बुधवार को खारिज कर दी. खारिज की गई याचिकाओं में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा और सात दूरसंचार कंपनियों की पुनर्विचार याचिकायें भी शामिल हैं.
शीर्ष अदालत ने केन्द्र सरकार की एक पुनर्विचार याचिका पर 13 अप्रैल को सुनवाई का फैसला किया है. केन्द्र ने उच्चतम न्यायालय से उसके 2 फरवरी के फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह किया है. फैसले में न्यायालय ने केन्द्र की पहले आओ पहले पाओ नीति को असंवैधानिक करार दिया था. हालांकि, न्यायालय ने केन्द्र सरकार के उस आग्रह को ठुकरा दिया जिसमें उसने न्यायालय के ‘शिकायत दर्ज होने से पहले ही लोक सेवक के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने के फैसले पर भी पुनर्विचार का आग्रह किया था.’
न्यायमूर्ति जी.एस. सिंघवी और के.एस. राधाकृष्णन की पीठ ने राजा की तरफ से दायर उस याचिका को भी खारिज कर दिया जिसमें पूर्व दूरसंचार मंत्री ने आशंका जताई थी कि
2जी मामले
में लाइसेंस रद्द करने के न्यायालय के निर्णय से निचली अदालत में मामले में उसके (राजा) के खिलाफ पूर्वाग्रह बनेगा. उच्चतम न्यायालय ने सात दूरसंचार कंपनियों द्वारा दायर पुनर्विचार याचिकाओं को भी खारिज कर दिया. न्यायालय ने वीडियाकोन टेलिक्म्युनिकेशंस लि., एस. टेल लिमिटेड, सिस्तेमा श्याम टेलि सर्विसेज लिमिटेड, टाटा टेलिसर्विसेज लिमिटेड, यूनिटेक वायरलेस (तमिलनाडु) प्रा. लि., एतिसलात डीबी टेलिकॉम प्रा लिमिटेड और आइडिया सेल्यूलर लिमिटेड शामिल हैं.
उच्चतम न्यायालय की पीठ ने सात दूरसंचार कंपनियों द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका पर अलग से आदेश देते हुये कहा, ‘हमने पुनर्विचार याचिका और मामले के रिकार्ड पर सावधानीपूर्वक गौर किया और हम इस बात से संतुष्ट हैं कि जिस फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह किया गया है, उसमें ऐसी कोई गलती नहीं है जिससे इसके पुनर्विचार की जरूरत महसूस होती हो.’ न्यायालय ने कहा कि उसके उस फैसले में भी कोई त्रुटि नहीं है जिसमें प्रधानमंत्री कार्यालय की भी ‘अनुमति’ दिये जाने के मामले पर खिंचाई की गई थी. पीठ ने कहा उसके निर्णय में किसी तरह की गलती नहीं दिखाई देती है और इस संबंध में दायर पुनर्विचार याचिका को देखते हुये इसमें फिर से सुनवाई अथवा पुनर्विचार नहीं किया जा सकता है.
पीठ ने कहा, ‘हमने पुनर्विचार याचिका में दी गई दलीलों और कथन को ध्यानपूर्वक देखा, जिस आधार पर याचिकाकर्ता ने पुनर्विचार का आग्रह किया है उस फैसले में हमें कोई गलती नहीं दिखती जिससे उसपर पुनर्विचार किया जाये.’ पीठ ने कहा कि पुनर्विचार की आड़ में याचिकाकर्ता न्यायालय द्वारा तय किये गये मुद्दे की फिर से सुनवाई और पुनर्विचार की मांग नहीं कर सकता. इसलिये पुनर्विचार याचिका खारिज की जाती है.’
पीठ ने राजा की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत और न्यायिक मानदंडों का उल्लंघन किये जाने के आधार पर आदेश की समीक्षा किये जाने की मांग की गई थी. राजा की याचिका में कहा गया था कि उनका पक्ष सुने बिना देषी करार दिया गया, ‘क्योंकि आदेश में ही स्पष्ट कर दिया गया था कि आदेश के तहत दी गई व्यवस्था में याचिकाकर्ता समेत अन्य लोगों के साथ भेदभाव नहीं होगा जो सीबीआई की ओर से दर्ज मामले में अभियोग का सामना कर रहे है या जो आरोपपत्र के आधार पर अभियोक का सामना करेंगे जिसे सीबीआई भविष्य में दायर करेगी. सीबीआई न्यायाधीश इस आदेश के आलोक में मामले पर निर्णय करेंगे.’ पीठ ने कहा, ‘यह भी स्पष्ट किया गया है कि आदेश के आलोक में ऐसे किसी व्यक्ति के साथ भेदभाव नहीं किया जायेगा जो किसी अन्य जांच एजेंसी के कार्रवाई के दायरे में आ सकते हैं जिसपर आयकर अधिनियम 1961, धनशोधन रोकथाम अधिनियम 2002 या अन्य के तहत कार्रवाई होगी.’
पीठ ने कहा, ‘इस व्यवस्था के साथ समीक्षा याचिका खारिज की जाती है.’ सात दूरसंचार कंपनियों की समीक्षा याचिका के संदर्भ में पीठ ने अलग अलग आदेश पारित किया. पीठ ने कहा कि यूनीटेक वायरलेस के 22 लाइसेंस रद्द किये जाने में कानूनी दुर्बलता का कोई पहलू नहीं है जिसके कारण इस पर फिर से विचार किया जाए. जबकि सिस्टेमा श्याम टेलीसर्विसेज के संदर्भ में पीठ ने कहा कि एक ही प्रकार की समीक्षा याचिका होने के कारण याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज किया जाता है. सिस्टेमा श्याम टेलीसर्विसेज को 21 लाइसेंस प्रदान किये गए थे और यह एमटीएस के नाम से परिचालन कर रही थी.
वीडियोकोन की याचिका को खारिज करते हुए पीठ ने कहा कि समीक्षा याचिका की आड़ में याचिकाकर्ता इस मामले की फिर से सुनवाई कराना चाहता है और इसमें कोई वैध आधार नहीं है. पीठ ने स्वान टेलीकाम की समीक्षा याचिका को भी अस्वीकार कर दिया जिसके 15 लाइसेंस रद्द किये गए हैं. टाटा टेलीसर्विसेज की असम, जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर में तीन लाइसेंस को रद्द किये जाने के निर्णय की समीक्षा करने की याचिका को भी खारिज कर दिया गया. इस संदर्भ में एस टेल की याचिका को भी खारिज कर दिया गया. आइडिया सेल्यूलर की 13 लाइसेंस को रद्द करने की समीक्षा याचिका भी अस्वीकार कर दी गई.
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लेख: बलात्कार एवं तेजाब फेंकने के बढ़ते मामलों पर गंभीर संज्ञान लेते हुए महाराष्ट्र सरकार उनके चिकित्सकीय एवं कानूनी सहायता का खर्च वहन करने की योजना बना रही है।
महाराष्ट्र सरकार ‘पीड़ित महिला नवजीवन योजना’ के तहत पीड़ित महिला को न्याय पाने के लिए कानूनी लड़ाई और पुनर्वास के लिए दो लाख रुपये की वित्तीय मदद मुहैया कराने की योजना बना रही है ।
महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने इस आशय का प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिसे मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।टिप्पणियां
विभाग के अधिकारियों ने बताया, जैसे ही हमले संबंधी मामले का पता लगता है, पीड़ित को 20,000 रुपये की वित्तीय मदद उपलब्ध करा दी जाएगी। इसके अतिरिक्त कानूनी एवं चिकित्सकीय सहायता के रूप में 50,000 रुपये दिये जाएंगे। इसके अलावा पीड़ित के पुनर्वास के लिए 1.30 लाख रुपये की वित्तीय सहायता भी दी जाएगी।
सूत्रों ने बताया, मदद की समूची राशि को एक प्रक्रिया के तहत सीधे पीड़ित के बैंक खाते में डाला जाएगा। उन्होंने कहा, विभाग ने प्रस्ताव बनाकर मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय के पास भेज दिया है। उम्मीद की जाती है कि मंत्रिमंडल की अगली बैठक में इस प्रस्ताव पर निर्णय ले लिया जाएगा।
महाराष्ट्र सरकार ‘पीड़ित महिला नवजीवन योजना’ के तहत पीड़ित महिला को न्याय पाने के लिए कानूनी लड़ाई और पुनर्वास के लिए दो लाख रुपये की वित्तीय मदद मुहैया कराने की योजना बना रही है ।
महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने इस आशय का प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिसे मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।टिप्पणियां
विभाग के अधिकारियों ने बताया, जैसे ही हमले संबंधी मामले का पता लगता है, पीड़ित को 20,000 रुपये की वित्तीय मदद उपलब्ध करा दी जाएगी। इसके अतिरिक्त कानूनी एवं चिकित्सकीय सहायता के रूप में 50,000 रुपये दिये जाएंगे। इसके अलावा पीड़ित के पुनर्वास के लिए 1.30 लाख रुपये की वित्तीय सहायता भी दी जाएगी।
सूत्रों ने बताया, मदद की समूची राशि को एक प्रक्रिया के तहत सीधे पीड़ित के बैंक खाते में डाला जाएगा। उन्होंने कहा, विभाग ने प्रस्ताव बनाकर मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय के पास भेज दिया है। उम्मीद की जाती है कि मंत्रिमंडल की अगली बैठक में इस प्रस्ताव पर निर्णय ले लिया जाएगा।
महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने इस आशय का प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिसे मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।टिप्पणियां
विभाग के अधिकारियों ने बताया, जैसे ही हमले संबंधी मामले का पता लगता है, पीड़ित को 20,000 रुपये की वित्तीय मदद उपलब्ध करा दी जाएगी। इसके अतिरिक्त कानूनी एवं चिकित्सकीय सहायता के रूप में 50,000 रुपये दिये जाएंगे। इसके अलावा पीड़ित के पुनर्वास के लिए 1.30 लाख रुपये की वित्तीय सहायता भी दी जाएगी।
सूत्रों ने बताया, मदद की समूची राशि को एक प्रक्रिया के तहत सीधे पीड़ित के बैंक खाते में डाला जाएगा। उन्होंने कहा, विभाग ने प्रस्ताव बनाकर मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय के पास भेज दिया है। उम्मीद की जाती है कि मंत्रिमंडल की अगली बैठक में इस प्रस्ताव पर निर्णय ले लिया जाएगा।
विभाग के अधिकारियों ने बताया, जैसे ही हमले संबंधी मामले का पता लगता है, पीड़ित को 20,000 रुपये की वित्तीय मदद उपलब्ध करा दी जाएगी। इसके अतिरिक्त कानूनी एवं चिकित्सकीय सहायता के रूप में 50,000 रुपये दिये जाएंगे। इसके अलावा पीड़ित के पुनर्वास के लिए 1.30 लाख रुपये की वित्तीय सहायता भी दी जाएगी।
सूत्रों ने बताया, मदद की समूची राशि को एक प्रक्रिया के तहत सीधे पीड़ित के बैंक खाते में डाला जाएगा। उन्होंने कहा, विभाग ने प्रस्ताव बनाकर मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय के पास भेज दिया है। उम्मीद की जाती है कि मंत्रिमंडल की अगली बैठक में इस प्रस्ताव पर निर्णय ले लिया जाएगा।
सूत्रों ने बताया, मदद की समूची राशि को एक प्रक्रिया के तहत सीधे पीड़ित के बैंक खाते में डाला जाएगा। उन्होंने कहा, विभाग ने प्रस्ताव बनाकर मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय के पास भेज दिया है। उम्मीद की जाती है कि मंत्रिमंडल की अगली बैठक में इस प्रस्ताव पर निर्णय ले लिया जाएगा।
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लेख: पर्सनल कंप्यूटर बनाने वाली कंपनी लेनोवो ने तेजी से बढ़ते घरेलू स्मार्टफोन बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए बुधवार को स्मार्टफोन की रेंज पेश की।
युवाओं व पेशेवरों की जरूरतों को ध्यान में रखकर पेश किए गए स्मार्टफोन एंड्रायड प्लेटफार्म पर आधारित हैं और इनकी कीमत 8,689 रुपये से 32,999 रुपये के बीच है।टिप्पणियां
चीन स्थित कंपनी ने पिछले साल भारत में एंड्रायड आधारित स्मार्टफोन के पांच मॉडल पेश किए थे।
लेनोवो ग्रुप के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मिल्को वान दुइजी ने कहा, ‘‘भारत के लिए हमारी रणनीति पूरी तरह स्मार्टफोन पर केंद्रित होगी।’’
युवाओं व पेशेवरों की जरूरतों को ध्यान में रखकर पेश किए गए स्मार्टफोन एंड्रायड प्लेटफार्म पर आधारित हैं और इनकी कीमत 8,689 रुपये से 32,999 रुपये के बीच है।टिप्पणियां
चीन स्थित कंपनी ने पिछले साल भारत में एंड्रायड आधारित स्मार्टफोन के पांच मॉडल पेश किए थे।
लेनोवो ग्रुप के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मिल्को वान दुइजी ने कहा, ‘‘भारत के लिए हमारी रणनीति पूरी तरह स्मार्टफोन पर केंद्रित होगी।’’
चीन स्थित कंपनी ने पिछले साल भारत में एंड्रायड आधारित स्मार्टफोन के पांच मॉडल पेश किए थे।
लेनोवो ग्रुप के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मिल्को वान दुइजी ने कहा, ‘‘भारत के लिए हमारी रणनीति पूरी तरह स्मार्टफोन पर केंद्रित होगी।’’
लेनोवो ग्रुप के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मिल्को वान दुइजी ने कहा, ‘‘भारत के लिए हमारी रणनीति पूरी तरह स्मार्टफोन पर केंद्रित होगी।’’
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शिवार्जुन एक इच्छाधारी की दास्तां (Shivarjun Ek Icchadhari Dastaan) सुमीत आर्ट्स द्वारा निर्मित एक भारतीय हिंदी अलौकिक और काल्पनिक भारतीय टेलीविजन श्रृंखला है, जिसका प्रीमियर 1 दिसंबर 2018 से, सोम से रविवार शाम 7 बजे को दंगल टीवी पर हुआ था ।
कलाकार
मोनिका शर्मा – शिविका
पृथ्वी जुत्शी
कुशाग्रे दुआ
राम यशवर्धन
ध्वनि अंतरण
धारावाहिक को बंगाली में डबिंग किया गया है और इसे एंटर10 बंगला में प्रसारित किया गया है।
संदर्भ
बहरी कड़ियां
सुमीत आर्ट्स
भारतीय टेलीविजन धारावाहिक
दंगल टीवी के धारावाहिक
दंगल टीवी मूल धारावाहिक
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बांदा भारत के उत्तर प्रदेश में एक रियासत थी। 1857 के भारतीय विद्रोह में भाग लेने के कारण इसे अंग्रेजी साम्राज्य में विलय कर दिया गया था।
बांदा राज्य द्वारा नियंत्रित पूर्व क्षेत्र में 1881 में 698,608 लोगों की आबादी थी।
इतिहास
बांदा के संस्थापक अली बहादुर प्रथम थे। वह पेशवा बाजीराव के पोते और शमशेर बहादुर के पुत्र थे। बहादुर अपने लिए एक स्वतंत्र रियासत बनाने में कामयाब रहे। हालांकि, 1857 के असफल भारतीय विद्रोह में भाग लेने के बाद अल्पकालिक राज्य का अस्तित्व समाप्त हो गया। इसके अंतिम शासक अली बहादुर द्वितीय को हटा दिया गया, और राज्य को ब्रिटिश राज में विलय कर लिया गया था।
शासकों की सूची
अली बहादुर प्रथम (1790-1802)
जुल्फिकार अली (1802)
शमशेर बहादुर द्वितीय (1802-1825)
जुल्फिकार अली द्वितीय (1823-1850)
अली बहादुर द्वितीय (1850-1858)
इन्हें भी देखें
ब्रिटिश भारत की रियासतों की सूची (क्षेत्र के अनुसार)
सन्दर्भ
भारत की रियासतें
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यूपी के
संभल
में
एनकाउंटर
के दौरान जिस
सब इंस्पेक्टर
की
पिस्तौल
खामोश रह गई थी, उसका अब सम्मान होगा. संभल के एसपी ने मुंह से ठांय-ठांय की आवाज निकालने वाले सब इंस्पेक्टर को सम्मानित करने की सिफारिश की है.
यूपी पुलिस के सब इंस्पेक्टर मनोज कुमार चर्चाओं में हैं. इनकी पिस्तौल ऐन वक्त पर खामोश हो जाती है. सामने अपराधी होता है लेकिन पिस्तौल एक्शन में आने से इंकार कर देती है. इस सब इंस्पेक्टर की वजह से यूपी पुलिस की जगहंसाई हो रही है. यूपी पुलिस मजाक का पात्र बन गई है. लेकिन अब इस सब इंस्पेक्कर का सम्मान किया जा रहा है. जिस हरकत पर कार्रवाई होनी चाहिए, उस पर पीठ थपथपाई जा रही है.
मनोज का किस्सा आपको याद होगा. अगर याद नहीं तो हम बताते हैं. संभल में यूपी पुलिस का ईनामी बदमाश से सामना हुआ था. सब इंस्पेक्टर मनोज कुमार पुलिस की टीम में थे. उनकी पिस्तौल दगा दे गई तो सब इंस्पेक्टर साहेब ने मुंह से आवाज निकालकर अपराधियों को खौफ से भर देने की कोशिश की. तस्वीरें सामने आईं तो यूपी पुलिस को जवाब देते नहीं बना.
लेकिन अब संभल के एसपी साहेब को सब इंस्पेक्टर मनोज कुमार दिलेर दिखने लगे हैं. संभल के एसपी इन तस्वीरों पर गर्व से फूले नहीं समा रहे. बाकायदा बयान जारी कर एसपी ने तारीफों की झड़ी लगा दी है.
एसपी साहब का कहना है "मुठभेड़ के दौरान सबइंस्पकेटर मनोज कुमार की पिस्तौल खराब हो गई. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. उन्होंने अपने सहयोगियों का हौसला बढाया. हमारी टीम इनामी बदमाश को पकड़ने में कामयाब रही. सब इंस्पेक्टर मनोज कुमार ने अदम्य साहस का परिचय दिया है. उनका नाम सम्मान के लिए भेजा जा रहा है."
हैरत होना लाजिमी है कि आखिर अचानक एसपी ने यू-टर्न क्यों ले लिया. क्या इसके पीछे अपने ही विभाग से कोई अंदरूनी खुन्नस है? या फिर कोई सियासी दबाव. ये कहना अभी मुश्किल है.
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Subsets and Splits
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