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जाह्नवी कपूर इन दिनों अपनी आगामी फिल्म 'रूहीआफ्जा' की शूटिंग में व्यस्त हैं. इस फिल्म के लिए वो कड़ी मेहनत कर रही हैं. लेकिन जाह्नवी अपनी फिल्म के बारे में बात करने को लेकर थोड़ी सी अंधविश्वासी हैं. बुधवार को ग्राजिया मिलेनियल अवॉर्डस में जाह्नवी से फिल्म को लेकर बातचीत की गई.
उन्होंने कहा, "फिल्म की शूटिंग बहुत अच्छे से हो रही है. आप मुझे अंधविश्वासी कहें या पुराने विचारों वाली कहें, लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि अगर मैं अपनी फिल्म के बारे में ज्यादा बात करूंगी तो उसे बुरी नजर लग सकती है. इसलिए मैं फिल्म के बारे में ज्यादा बात नहीं करूंगी. फिल्म का हिस्सा बन कर और इसमें शामिल लोगों के साथ काम करने को लेकर मैं खुद को भाग्यशाली मानती हूं."
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में ही जाह्नवी ने 'रूहीआफ्जा' के बारे में सोशल मीडिया पर जानकारी दी थी. फिल्म में जाह्नवी के साथ राजकुमार राव दिखेंगे. इसे दिनेश विजान और मृगदीप सिंह लांबा संयुक्त रूप से प्रोड्यूस कर रहे हैं. फिल्म का निर्देशन हार्दिक मेहता कर रहे हैं. यह 20 मार्च 2020 को रिलीज होगी. रिपोर्ट्स की मानें तो फिल्म में जाह्नवी डबल रोल में नजर आएंगी. वह रूही और अफसाना नाम के किरदार को निभाएंगी.
एक इंटरव्यू के दौरान दिनेश विजान ने फिल्म की कास्ट की तारीफ भी की थी. उन्होंने कहा था, ''हम इस फिल्म के लिए टैलेंटेड एक्टर्स को कास्ट कर काफी खुश हैं. रूही अफ्जा के लिए हमें ऐसे एक्टर्स की जरूरत थी जो किरदार को समझे और उसमें पूरी तरह से घुस जाए. राव और वरुण बेहतरीन एक्टर्स हैं. फीमेल लीड के रूप में हमें जाह्नवी जैसी ही एक्ट्रेस चाहिए थी जो दो अलग पर्सनैलिटी के किरदार को आसानी से निभा सके.'' |
आस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग को लगता है कि भारत के खिलाफ अगले महीने दो मैचों की टेस्ट श्रृंखला दुनिया में नंबर एक स्थान हासिल करने के लिये काफी महत्वपूर्ण होगी.
पोटिंग ने कहा कि इस कठिन दौरे पर उनकी टीम से किसी चमत्कार की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए.
उन्होंने एक अक्टूबर से शुरू होने वाली दो टेस्ट और तीन वनडे मैच की श्रृंखला के लिये भारत रवाना होने से पहले पत्रकारों से कहा, ‘मैं टीम को दोबारा नंबर वन पर पहुंचाना चाहता हूं और उम्मीद है कि इसके लिये
किये जाने वाले प्रयासों में से यह एक होगा. यह हम सभी के लिये महत्वपूर्ण दौरा है. मुझे किसी चमत्कार की उम्मीद नहीं है, लेकिन अगले दो हफ्तों में मुझे काफी उच्च स्तरीय प्रदर्शन की आशा है.’
आस्ट्रेलियाई टीम आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में खिसककर भारत, दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका के बाद चौथे स्थान पर पहुंच गयी. पोंटिंग ने स्वीकार किया कि उनकी टीम को नंबर वन टीम के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करना होगा.
पोंटिंग ने कहा, ‘मुझे पता है कि हम भारत में शानदार प्रदर्शन करके श्रृंखला जीतने की क्षमता रखते हैं. यह हमारे लिये काफी अच्छा होगा और इससे हमे निकट भविष्य में नंबर एक रैंकिंग पर पहुंचने में मदद मिलेगी.’ |
केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) के गंभीर आरोपों के बाद से विवादों में घिरे CBI के पूर्व डायरेक्टर आलोक वर्मा ने प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दे दिया है. इससे पहले आलोक वर्मा ने डीजी फायर सर्विसेज एंड होमगार्ड का पद संभालने से इनकार कर दिया था. बता दें कि गुरुवार को सेलेक्शन कमेटी ने आलोक वर्मा को सीबीआई के निदेशक पद से हटा दिया था. इसके बाद उन्हें फायर सर्विसेज एंड होम गार्ड का डायरेक्टर बनाया गया था.
सेलेक्शन कमेटी में पीएम मोदी, कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और जस्टिस एके सीकरी शामिल थे. आलोक वर्मा के खिलाफ 2-1 से फैसला लिया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सीकरी सीवीसी की सिफारिश के अनुसार आलोक वर्मा को हटाने के हक में थे. जबकि मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसका विरोध किया.
आलोक वर्मा पर हैं भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
CVC ने अपनी रिपोर्ट में आलोक वर्मा पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. साथ ही सीबीआई के रिकॉर्ड निकालकर आलोक वर्मा के खिलाफ फौरन जांच करने की भी बात कही. सीवीसी ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया कि आलोक वर्मा को मोइन कुरैशी और अन्य के मामले की जांच बंद करने के लिए सतीश बाबू साना ने 2 करोड़ रुपये की घूस दी. आलोक वर्मा ने सीबीआई की जांच से IRCTC मामले के मुख्य आरोपी राकेश सक्सेना को बचाने की कोशिश की.
आइए जानते हैं कि सीवीसी ने अपनी रिपोर्ट में क्या-क्या बातें कहीं
- सीवीसी की रिपोर्ट के मुताबिक आलोक वर्मा पर मोइन कुरैशी केस में सतीश बाबू साना से 2 करोड़ रुपये घूस लेने का आरोप था.
- आलोक वर्मा पर आईआरसीटीसी केस में लालू प्रसाद यादव के परिसर में तलाशी नहीं लेने के निर्देश सीबीआई के संयुक्त निदेशक को जारी करने का आरोप था. सीबीआई निदेशक पर सीबीआई को चलाने में ऐसे ही कुछ और गंभीर आरोपों की बात कही गई थी.
- निदेशक को इन आरोपों के संबंध में 14 सितंबर 2018 को कमीशन के सामने जरूरी फाइल और दस्तावेज पेश करने को 3 नोटिस जारी किए गए थे.
- सीबीआई ने 18 सितंबर को राकेश अस्थाना के संबंध में कमीशन को लिखी चिट्ठी में कहा था कि संबंधित अधिकारी पर केस में लगे आरोप सच प्रतीत होते हैं. उनके खिलाफ आधे दर्जन से ज्यादा केस में आपराधिक कदाचार के सबूत पाए गए थे.
- सीबीआई ने 19 सितंबर को चिट्ठी लिखकर कमीशन से कहा कि मोइन कुरैशी केस के दस्तावेज विभिन्न शाखाओं से जमा किए जा रहे हैं. कमीशन ने सीबीआई से इस केस की ओरिजनल नोटशीट फाइल और रिकॉर्ड 24 सितंबर तक पेश करने को कहा.
- इस दौरान सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने कई बार आलोक वर्मा पर मौखिक और लिखित आरोप लगाए और कहा कि उनके द्वारा लगाए गए 6 आरोपों की जांच से आलोक वर्मा और एके शर्मा को अलग किया जाए. इसके बाद कमीशन ने 25 सितंबर को कहा कि कमीशन को सीबीआई के किसी अधिकारी के खिलाफ सबूत नहीं मिले हैं, लेकिन उसे जांच में निष्पक्षता बरतनी चाहिए.
- 3 अक्टूबर तक कोई जवाब नहीं मिलने पर सीबीआई निदेशक से सीवीसी से 4 अक्टूबर को राकेश अस्थाना के प्रतिनिधित्व के संदर्भ में मुलाकात करने को कहा गया. इसमें सीबीआई निदेशक नहीं आए.
- इस दौरान पता चला कि 15 अक्टूबर को सीबीआई ने हैदराबाद के सतीश बाबू साना की शिकायत पर एक केस दर्ज किया है, जो कि सीबीआई के विशेष निदेशक द्वारा जांच किए जा रहे मामले में आरोपी है.
- 22 अक्टूबर को सीबीआई की SIT के संयुक्त निदेशक साईं मनोहर ने कमीशन को राकेश अस्थाना के रिकॉर्ड के हवाले से चिट्ठी लिखी कि मोइन कुरैशी केस में सूत्रों के हवाले से पता चला है कि सीबीआई निदेशक को 2 करोड़ रुपये की घूस दी गई.
- सीवीसी ने आरोप लगाया कि उसने इस बात को गौर किया कि सीबीआई ने इसी तरह दूसरे मामलों में भी रिकॉर्ड नहीं पेश किए.
- सीवीसी ने कहा कि सीबीआई ने मामले की जांच में सहयोग नहीं किया. सीवीसी के काम में जानबूझकर रोड़ा अटकाया गया.
- रिपोर्ट में कहा गया कि CVC एक्ट के सेक्शन 8 (1) (a) सीवीसी को सीबीआई के कार्यों की निगरानी करने का अधिकार है. जहां तक भ्रष्टाचार के इन आरोपों की बात है, तो भ्रष्टाचार कानून के तहत सीवीसी इसकी जांच करने के लिए प्रतिबद्ध है. |
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में हुई बच्चों की मौत के बाद के एक तरफ तमाम राजनीतिक दलों की टिप्पणी जारी है, तो दूसरी तरफ राज्य सरकार मामले में अपना तर्क दे रही है. लेकिन अस्पताल में जिन बच्चों की मौत हुई, उनके परिवार में मातम छाया हुआ है. 12 साल की वंदना के स्कूल में आज छुट्टी है, ये छुट्टी किसी त्योहार के लिए नहीं बल्की इसलिए कि उनकी होशियार छात्रा अब इस दुनिया में नहीं रही.
अस्पताल की लापरवाही से गई जान
गुरुवार को जब वह अस्पताल गई तो अपने दादी के लिए पकोड़े लाने का वादा करके गई मगर
बीआरडी अस्पताल में
भर्ती होने के बाद वंदना ने दुनिया को अलविदा कह दिया. उसके परिवार वालों का आरोप है कि अस्पताल की लापरवाही और ऑक्सीजन सप्लाई खत्म होने से उनकी नन्हीं जान उनसे रूठ कर चली गई. अपने भाई को राखी बांध के उसकी रक्षा करने की तो कसम उसने खाई लेकिन अपनी रक्षा उसने शायद भगवान पर छोड़ दी. यही वजह है कि भगवान ने उसे अपने पास बुला लिया. 12 साल की वंदना हमेशा के लिए अपने भाई बहन को छोड़ कर चली गई. शायद वंदना को भी नहीं पता था कि अस्पताल का वो सफर उसका आखिरी सफर होगा. वरना वह अपने दादी के लिए पकौड़े लाने का वादा नहीं करती.
गोरखपुर
से कुछ दूर बेलीपार गांव के एक छोटे से कस्बे में रहने वाली वंदना अपने घर की लाडली थी. गुरुवार को वंदना को जब बुखार चढ़ा तो उसके बाबा उसको टेंपो स्टैंड तक लेकर गए, तब वंदना हंसते-खेलते अपने बाबा को बोलते हुए गई कि वो बाजार से पकौड़े लाएगी, पर बीआरडी अस्पताल पहुंचते ही वंदना को आईसीयू में भर्ती कर दिया गया. वंदना के चाचा उमेश ने बताया, 'मैं वंदना के साथ बैठा था, डॉक्टर ने बोला कि खून की कमी है तो खून मैंने दिया. उसके बाद बाहर से दवाई लेकर आया. फिर डॉक्टर ने बोला कि ऑक्सीजन खराब हो गया है, इसलिए तुम ये पंप लो और इससे पंप करते रहो. जब सुबह हुई तो एकाएक वंदना ना कुछ बोल रही थी, ना कुछ कह रही थी.
डॉक्टर ने नहीं दिया कोई पर्चा
परिजनों का आरोप है कि शुक्रवार की सुबह सब कुछ ठीक नहीं था. ना वंदना कुछ बोल रही थी और आसपास अफरा-तफरी मची थी. एकाएक डॉक्टरों की फौज आईसीयू पहुंची. फिर डॉक्टर ने वंदना के चाचा को किनारे ले जाकर बोला कि बिना शोर-शराबे के वह वंदना के मृत शरीर को अस्पताल से ले जाए.
डॉक्टर ने
तो उसे वंदना के इलाज का एक भी पर्चा भी नहीं दिया. यही नहीं डॉक्टर ने कहा कि वह पीछे के दरवाजे से जाए और बिल्कुल शोर ना करे.
वंदना के गरीब परिवार के पास कोई धन-दौलत थी तो वह उनकी बेटी थी जिस पर उनको बेहद गर्व था. उसके पापा मजदूर हैं, मगर अपने बच्चों को पालने में उनके माथे पर कभी भी शिकन नहीं आई. आज जब उनकी बेटी उनसे छिन गई है तो वह चाहते हैं कि गुनहगारों को सजा मिले. |
द रॉक होटल (), जिसे रॉक होटल भी कहा जाता है, ब्रिटिश प्रवासी शासित प्रदेश जिब्राल्टर में स्थित एक एतिहासिक होटल है। इसे भूमध्य सागर के सबसे प्रसिद्ध होटलों में से एक कहा गया है। वर्ष 1932 में जॉन क्राईटन-स्टूर्ट, ब्यूट के चौथे मार्क्वेस, द्वारा निर्माण किया गया यह होटल 3.6 हेक्टेयर (8.9 एकड़) के प्राकृतिक दृश्य वाले बगीचे के साथ बना हुआ है। इसमें कुल 104 कमरे हैं। यह यूरोपा सड़क पर विशाल सफ़ेद आर्ट डेको इमारत में जिब्राल्टर बोटेनिक गार्डन के सामने स्थित है।
इतिहास
द रॉक होटल इबेरियाई प्रायद्वीप के दक्षिणी सिरे पर स्थित ब्रिटिश प्रवासी शासित प्रदेश जिब्राल्टर में स्थित है। इसका निर्माण जॉन क्राईटन-स्टूर्ट, ब्यूट के चौथे मार्क्वेस, द्वारा किया गया था तथा 1932 में इसका उद्घाटन हुआ। खुलने के कुछ वर्षों के पश्चात होटल का प्रबंधन रूडोल्फ रिचर्ड के पास आया और इनके नेतृत्व में होटल ने सम्पूर्ण यूरोप के उत्तम होटलों में से एक होने कि ख्याति प्राप्त करी। इसके कुछ विख्यात महमानों में से कुछ विशेष हैं: अंग्रेज़ी अभिनेता जॉन मिल्स, ऑस्ट्रेलियाई अभिनेता एर्रोल फ्लिन तथा ब्रिटिश प्रधानमंत्री विन्सटन चर्चिल।
जुलाई 1936 में स्पेनी गृहयुद्ध के दौरान होटल को मामूली नुकसान का सामना करना पड़ा था। एक स्पेनी जंगी जहाज़ से दुश्मन हवाई जहाज के लिए छोड़ी गई बम की गोली में शहर के ऊपर विस्फ़ोट हो गया, जिसके परिणामस्वरूप एक छोटा छोटे स्तर का भूस्खलन उत्पन्न हो गया जिसके द्वारा बने चटानों के टुकडों के चपेट में होटल की आपातकालीन अग्नि-सोपान सीढ़ियाँ आ गईं। इसी वर्ष में कथित तौर पर एक दुश्मन जंगी जहाज ने बम्ब गेर कर होटल को क्षतिग्रस्त कर दिया था।
द रॉक होटल ने अनेक अन्तराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त हस्तियों और कई हस्तियों की शादियों की मेजबानी की है। बर्नार्ड मोंट्गोमेरी और ड्वाइट डेविड आइज़नहावर होटल में उस समय रुके थे जब वे उत्तरी अफ़्रीका पर हमला करने की योजना बना रहें थे। इसके साथ ही यहाँ विन्सटन चर्चिल और एर्रोल फ्लिन भी ठहरे थे। अप्रैल 1962 में प्रधनमंत्री चर्चिल की पुत्री सारा और थॉमस ट्चेट-जॅसन, 23वे बैरन औडली, की शादी होटल में एक नागरिक समारोह में हुई थी। इसी वर्ष मशहूर अभिनेता शॉन कॉनरी अपनी पत्नी डाऐन सिलेंटो के साथ जिब्राल्टर में अपनी शादी के पश्चात रुके थे।
प्रबंधन
वर्ष 1959 से होटल को ब्लैंड ग्रुप संचालित करता है। ब्लैंड ग्रुप की स्थापना 1810 में एक नौवहन एजेंसी के तौर पर हुई थी, जो बाद में यात्री सेवा और जिब्राल्टर मिलिट्री गैरीसन के लिए समान की आपूर्ति करने लगी। 1891 में कम्पनी पर जोसेफ़ गेग्रो ने अधिग्रहण कर लिया और तब से गेग्रो परिबार ही इसको चलाता है।
1997 में होटल के जनरल मैनेजर का पद स्टीफन डेवनपोर्ट ने सम्भाला। डेवनपोर्ट इससे पहले वुड हॉल कंट्री हाउस होटल, लिंटन, वैस्ट यॉर्कशायर, में काम करते थे। अपने आने के कुछ समय पश्चात ही इन्होंने 1.2 मिलियन पाउण्ड का होटल के नवीनीकरण का कार्यक्रम शुरू किया था।
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
जिब्राल्टर के होटल |
क्यूबा मिसाइल संकट, जिसे क्यूबा में अक्टूबर संकट (1962 का) (स्पेनिश: क्राइसिस डी ऑक्टुब्रे), कैरेबियन संकट (रूसी: Карибский кризис, tr. Karibsky krizis, IPA: [kɐˈrʲipskʲɪj ˈkrʲizʲɪs]) के नाम से भी जाना जाता है। रूस में, या मिसाइल स्केयर, संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ के बीच 35-दिवसीय (16 अक्टूबर - 20 नवंबर, 1962) टकराव था, जो एक अंतरराष्ट्रीय संकट में बदल गया जब इटली और तुर्की में अमेरिकी मिसाइलों की तैनाती समान मिसाइलों की सोवियत तैनाती से मेल खाती थी। क्यूबा में बैलिस्टिक मिसाइलें। कम समय सीमा के बावजूद, क्यूबा मिसाइल संकट राष्ट्रीय सुरक्षा और परमाणु युद्ध की तैयारी में एक निर्णायक क्षण बना हुआ है। इस टकराव को अक्सर शीत युद्ध के सबसे करीब माना जाता है जो पूर्ण पैमाने पर परमाणु युद्ध में बदल गया। |
दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए नवगठित राजनीतिक पार्टी स्वराज इंडिया ने मंगलवार 21 मार्च, 2017 को 42 प्रत्याशियों की अपनी पांचवीं सूची जारी कर दी. इसे मिलाकर अब तक पार्टी के कुल 172 उम्मीदवार घोषित हुए हैं. स्वराज इंडिया ने दिल्ली के सभी 272 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.
एक निष्पक्ष और मजबूत उम्मीदवार चयन प्रक्रिया के जरिए साफ छवि के
उम्मीदवारों को
जगह दी जा रही है. युवाओं और महिलाओं को विशेष तरजीह दी गई है. साथ ही जनलोकपाल आंदोलन से जुड़े हुए कार्यकर्ताओं को भी स्वराज इंडिया की सूची में अहम स्थान मिला है. इस लिस्ट में उम्मीदवारों की औसत आयु 38 वर्ष है.
Average age of candidates in Party's 5th list is 38 years
List of candidates declared today:
pic.twitter.com/CUl17LPd1b
— Swaraj India (@_SwarajIndia)
March 21, 2017
स्वराज इंडिया
की पांचवी सूची में निम्नलिखित प्रत्याशियों को जगह दी गई है:
इस बार युवाओं को मिलेगा मौका
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुपम ने सूची जारी करते हुए कहा, 'हमें खुशी है कि उम्मीदवार चयन से लेकर चुनावी मुद्दों तक स्वराज इंडिया निगम चुनावों का एजेंडा सेट कर रही है. पहले
आम आदमी पार्टी
ने और अब बीजेपी ने भी अपने उम्मीदवार चयन प्रक्रिया की घोषणा की है और उम्मीदवारों से आवेदन मांगने शुरू कर दिए हैं. अन्य सभी पार्टियां भी युवाओं को मौका देने की बातें करने लगी हैं.'
मुद्दा आधारित होगा दिल्ली नगर निगम चुनाव
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने बताया, 'बीजेपी ने कह दिया है कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को प्रत्याशी नहीं बनाया जाएगा. हमने पहले भी कहा है कि आगामी निगम चुनावों को मुद्दा-आधारित बनाना स्वराज इंडिया की पहली सफलता होगी. राजधानी दिल्ली को कूड़ा मुक्त, महामारी मुक्त और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए काम करने को हम प्रतिबद्ध हैं. इसी परिकल्पना के साथ हमने साफ दिल, साफ दिल्ली का नारा दिया है.'
पहली बार चुनाव में भाग ले रही है पार्टी
गौरतलब है कि स्वराज इंडिया
निगम चुनावों
के माध्यम से चुनावी राजनीति में पहली बार भाग ले रही है. चुनाव में उम्मीदवार चयन से लेकर चुनावी एजेंडा सेट करने में पार्टी वैकल्पिक राजनीति के कई प्रयोग कर रही है. स्वराज इंडिया पहली पार्टी है जिसने "पर्यावरण और स्वच्छता" को अपना चुनावी एजेंडा बनाया है. पार्टी "साफ दिल, साफ दिल्ली" के नाम से अपना विजन डॉक्यूमेंट भी जारी कर चुकी है, जिसमें पार्टी की कार्य योजनाओं का जिक्र है. |
क्रिकेट भले ही उनकी समझ में नहीं आता हो लेकिन अमेरिका भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट कूटनीति का समर्थक है।टिप्पणियां
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता विक्टोरिया नुलैंड ने कहा, ‘‘हम क्रिकेट समझते नहीं लेकिन क्रिकेट कूटनीति पसंद है।’’ उनसे भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों की बहाली के बारे में सवाल पूछा गया था। उन्होंने सोमवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच बेहतर संबंध का अमेरिका पक्षधर है।
उन्होंने कहा, ‘हम भारत और पाकिस्तान के कूटनीतिक स्तर पर हर प्रयास के समर्थक रहे हैं। उन्होंने आर्थिक क्षेत्र में काफी प्रगति की है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम उन्हें आतंकवाद विरोधी सूचना बांटने, दोनों देशों के खतरों से निपटने, सियासी मसलों पर आगे बढने के लिये प्रोत्साहित कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच किसी भी स्तर पर बातचीत के हम समर्थक रहेंगे लेकिन इस पर काम दोनों देशों को करना है।’’
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता विक्टोरिया नुलैंड ने कहा, ‘‘हम क्रिकेट समझते नहीं लेकिन क्रिकेट कूटनीति पसंद है।’’ उनसे भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों की बहाली के बारे में सवाल पूछा गया था। उन्होंने सोमवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच बेहतर संबंध का अमेरिका पक्षधर है।
उन्होंने कहा, ‘हम भारत और पाकिस्तान के कूटनीतिक स्तर पर हर प्रयास के समर्थक रहे हैं। उन्होंने आर्थिक क्षेत्र में काफी प्रगति की है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम उन्हें आतंकवाद विरोधी सूचना बांटने, दोनों देशों के खतरों से निपटने, सियासी मसलों पर आगे बढने के लिये प्रोत्साहित कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच किसी भी स्तर पर बातचीत के हम समर्थक रहेंगे लेकिन इस पर काम दोनों देशों को करना है।’’
उन्होंने कहा, ‘हम भारत और पाकिस्तान के कूटनीतिक स्तर पर हर प्रयास के समर्थक रहे हैं। उन्होंने आर्थिक क्षेत्र में काफी प्रगति की है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम उन्हें आतंकवाद विरोधी सूचना बांटने, दोनों देशों के खतरों से निपटने, सियासी मसलों पर आगे बढने के लिये प्रोत्साहित कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच किसी भी स्तर पर बातचीत के हम समर्थक रहेंगे लेकिन इस पर काम दोनों देशों को करना है।’’ |
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के जीवन में दो संख्या का बहुत महत्व रहा है. पहला नंबर 6 और दूसरा नंबर 9. संख्या 6 उनकी हर गाड़ी में होता ही था. 6666 नंबर की गाड़ी अरुण जेटली की ही होगी, यह उन्हें करीब से जानने वाले समझते थे. 2014 में वित्त मंत्री बनने से पहले 10 साल तक विपक्ष में रहते हुए उनका सरकारी आवास अशोक रोड स्थित 9 नंबर बंगला था. यह बंगला पार्टी के कार्यालय 11 अशोक रोड के ठीक बगल में स्थित था.
पार्टी की औपचारिक प्रेस ब्रीफिंग होने के बाद पत्रकार 9 नंबर स्थित अरुण जेटली के सरकारी आवास (जिसमें उन्होंने 2 कमरों का ऑफिस बना रखा था) वहां डी ब्रीफिंग के लिए पहुंच जाते थे. पत्रकारों की दिलचस्पी प्रेस ब्रीफिंग से ज्यादा जेटली की डी ब्रीफिंग में होती थी क्योंकि बातचीत के दौरान ही वह प्रेस कॉन्फ्रेंस के कई एंगल से खबरों की व्याख्या या प्रोस्पेक्टिव देते थे. उनके पास ठोस आंकड़े, उदाहरण, तर्क और व्याख्या होती थी.
इसी कमरे से संसद में नोट के बदले वोट की रणनीति बनी थी. यही वह कमरा था, जहां फायर ब्रांड नेता कही जाने वाली उमा भारती का अरुण जेटली से मनमुटाव हुआ था. यही वह कमरा है जहां 2014 में उमा भारती ने जेटली से अपने मतभेदों को भुलाते हुए उन्हें गले लगा लिया था. 2008 में जब परमाणु समझौता सबसे अहम सियासी मुद्दा था, जेटली इसकी खामियों को दूर करने का तरीका बताते थे.
यही वह कमरा है जहां उस समय कानूनी पचड़े में फंसे अमित शाह, अरुण जेटली से बातचीत के लिए आते थे. यही वह कमरा है जहां पर पार्टी के हर गंभीर समस्याओं के लिए रास्ते निकाले जाते थे. 2014 में जब जेटली वित्त मंत्री बने तो यह कमरा उन्होंने खाली कर दिया. उसके बाद पत्रकारों से या तो संसद भवन में स्थित अपने चैंबर में मिलते थे या फिर कैलाश अपने सरकारी आवास पर.
बता दें कि पूर्व वित्तमंत्री व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का लंबी बीमारी के बाद शनिवार को एम्स में 66 वर्ष की आयु में निधन हो गया था. जिसके बाद रविवार को निगमबोध घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, राजनाथ सिंह, प्रकाश जावड़ेकर, स्मृति ईरानी, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया मौजूद रहे. |
दिल्ली के छावला इलाके के
कॉर्पोरेशन बैंक
में हुई लूट मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. दरअसल, दिल्ली पुलिस ने सोनीपत से इस मामले के दो आरोपी सचिन और परवेश को गिरफ्तार किया है.
यहां बताते चलें कि शुक्रवार को हथियारबंद बदमाशों ने छावला के कॉर्पोरेशन बैंक में घुसकर
डकैती
की सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया था. लूट की घटना के दौरान कैशियर संतोष कुमार ने जब नकाबपोश बदमाशों को पैसे देने में आनाकानी की तो सचिन और उसके साथियों ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी.
बैंक के अंदर हुई लूट की इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आ गया है. दिल्ली के द्वारका इलाके में छावला पड़ता है. लूटी गई रकम 3 लाख से ज्यादा की है. लुटेरों ने जब वारदात को अंजाम दिया तब बैंक में करीब 16 लोग मौजूद थे. इसमें से 10 कस्टमर और 6 बैंक स्टाफ शामिल हैं.
फिलहाल,
दिल्ली पुलिस
सचिन और परवेश से पूछताछ कर रही है. वहीं अन्य बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली के अलावा हरीयाणा समेत कई इलाको में छापेमारी की जा रही है.
चोरी करने वाले गिरोह के 2 बदमाश गिरफ्तार
वहीं एक अन्य घटना में दिल्ली
क्राइम ब्रांच
ने घरों के बाहर से गाड़ी चोरी करने वाले गिरोह के 2 बदमाशों को गिरफ्तार किया है. अमित और अंकित नाम के ये दोनों बदमाश नार्थ ईस्ट दिल्ली में दर्जनों गाड़ी चोरी करने की वारदात को अंजाम दे चुके थे.
ये दोनों बदमाश रात में अंधेरे में घरों के बाहर खड़ी गाड़ी को अपना निशाना बनाते थे. क्राइम ब्रांच को इन दोनों बदमाशों के पास से एक चाबी भी मिली है, जिसकी मदद से ये दोनों किसी भी गाड़ी का लॉक खोल सकते हैं. इन दोनों के पास से 5
बाइक
भी बरामद की गई है. साथ ही वाहन चोरी के 10 मामले भी सुलझा लिए गए हैं. |
अमेरिका में बुधवार को जारी किए गए दशकों पुराने एक कूटनीतिक संवाद के अनुसार 46 साल पहले ही अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को शामिल करने की बात कही थी. दरअसल, 1972 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हेनरी किसिंजर ने कहा था कि भारत और जापान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाया जाना चाहिए.
किसिंजर ने यह जवाब जापान में अमेरिका के तत्कालीन राजदूत रॉबर्ट इंगरसोल के एक सवाल पर दिया था. दोनों अधिकारियों के बीच 3 अप्रैल, 1972 को वाशिंगटन डीसी में हुई एक बैठक में इंगरसोल ने किसिंजर से पूछा था कि जापान को सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाने की दिशा में अमेरिका की ओर से संभावित कोशिश को लेकर क्या उनका रूख है.
दोनों के बीच हुई बातचीत के एक ज्ञापन के अनुसार, 'किसिंजर ने कहा था कि उनकी राय में ऐसा होना निश्चित है. जापान और भारत दोनों ही स्थायी सदस्य बनने चाहिए. हालांकि इस समय उन्हें इस दिशा में अमेरिका की कोशिश की जानकारी नहीं है.'
95 वर्षीय
किसिंजर
वैश्विक पहचान रखने वाले अमेरिकी राजनयिक एवं राजनीतिक विज्ञानी हैं. उन्हें 1973 में नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था. |
It is our responsibility to provide security to those who come to Gujarat for employment from other states . We are in touch with the Central govt. We have submitted a report to the central govt regarding every incident: Gujarat Home Minister Pradeepsinh Jadeja pic.twitter.com/LLM7QvguYA |
रानी रामपाल (जन्म : ४ दिसम्बर १९९४) भारत की एक हॉकी खिलाड़ी हैं। वे भारतीय हॉकी की 'रानी' कहलाती हैं। २०१० विश्व कप में भाग लेने वाली भारतीय हॉकी टीम की वे सबसे कम उम्र की (१५ वर्ष) खिलाड़ी थीं। यह भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान है।
पारिवारिक जीवन
हरियाणा के शाहबाद मारकंडा की निवासी रानी की कहानी अपनी हिम्मत के बल पर तमाम कष्टों दुश्वारियों से सन्घर्ष करके विजयी होने की कहानी है। रानी के पिता आजीविका के लिए तांगा चलाते हैं।परिवार में भाई-बहनों में रानी सबसे छोटी हैं। रानी के दो बड़े भाईं हैं। एक भाई किसी दुकान पर सहायक का काम करते हैं। उनसे बड़े भाई बढ़ई है। अपने प्रदर्शन के बाद रानी ने रेलवे में क्लर्क की नौकरी हासिल की और टीम के साथ-साथ परिवार की भी जिम्मेदारी संभाली।
करियर
रानी ने करीब 4 साल पहले 14 साल की उम्र में अपना पहला इंटरनेशनल मैच खेला। इसके बाद 2010 में 15 की उम्र में वो महिला विश्व कप में सबसे युवा खिलाड़ी बनी। उन्होंने 2009 में एशिया कप के दौरान भारत को रजत पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई. वह 2010 के राष्ट्रमंडल खेल और 2010 के एशियाई खेल के दौरान भारतीय टीम का हिस्सा थीं।
2013 में जूनियर महिला हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीता जो कि विश्व कप हॉकी प्रतिस्पर्धा में 38 साल बाद भारत का पहला कोई मेडल है। इस जीत का श्रेय रानी रामपाल और मनजित कौर का है। वह आमतौर पर सेंटर फॉरवर्ड पर खेलती हैं।
उपलब्धियाँ
जूनियर हॉकी विश्व कप 2013 में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट
2010 में 15 की उम्र में वो महिला विश्व कप में सबसे युवा खिलाड़ी बनी।
रॉजारियो (अर्जेंटीना) में महिला हॉकी वर्ल्ड कप में सात गोल कर सर्वश्रेष्ठ यंग फॉरवर्ड का अवॉर्ड।
जूनियर वर्ल्ड कप में तीसरे स्थान के लिए इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए मैच में दो गोल दाग कर 38 साल बाद भारत की झोली में मैडल डाला।
‘यंग प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’
सन्दर्भ
1994 में जन्मे लोग
कुरुक्षेत्र के लोग
हॉकी खिलाड़ी
जीवित लोग
2016 ओलम्पिक में भारत के खिलाड़ी
भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी
कुमावत |
अलकायदा से जुड़े पाकिस्तान के एक प्रमुख आतंकवादी ने भारत में हुए हमलों में शामिल आतंकवादियों की प्रशंसा करते हुए कहा है कि अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान से जाने के बाद भारत आतंकवादी हमलों के लिए मुख्य निशाना बनेगा।
अलकायदा के ‘कंपनी कमांडर’ रह चुके जैश-ए-मोहम्मद के पूर्व नेता अश्मातुल्लाह मुआविया ने एक बयान जारी करके 2008 मुंबई आतंकी हमले में शामिल रहे अजमल कसाब और वर्ष 2001 में भारतीय संसद पर हमला मामले में दोषी अफजल गुरु की तारीफ की।
उसने चेतावनी दी कि भारत में आतंकी हमलों में इजाफा होगा क्योंकि अमेरिकी सेना के इस क्षेत्र से हटने के बाद जेहादी संगठन अपना ध्यान अफगानिस्तान से हटाकर कश्मीर पर केन्द्रित करेंगे।
‘द लांग वॉर जर्नल’ की खबर के अनुसार, मुआविया की टिप्पणियां आईएसआई के जेहादी संगठनों के साथ रिश्तों की ओर इशारा कर रहे हैं। टिप्पणियां
खबर में दावा किया गया कि आईएसआई अतीत में जिन संगठनों को समर्थन और निर्देश दे चुका है अब उन्हें नियंत्रित नहीं कर पा रहा है।
मुआविया का बयान 24 फरवरी को जेहादी ‘जामिया हफसा उर्दू फारम’ में छपा और निजी एसआईटीई इंटेलीजेंस ग्रुप द्वारा इसका अनुवाद किया गया।
अलकायदा के ‘कंपनी कमांडर’ रह चुके जैश-ए-मोहम्मद के पूर्व नेता अश्मातुल्लाह मुआविया ने एक बयान जारी करके 2008 मुंबई आतंकी हमले में शामिल रहे अजमल कसाब और वर्ष 2001 में भारतीय संसद पर हमला मामले में दोषी अफजल गुरु की तारीफ की।
उसने चेतावनी दी कि भारत में आतंकी हमलों में इजाफा होगा क्योंकि अमेरिकी सेना के इस क्षेत्र से हटने के बाद जेहादी संगठन अपना ध्यान अफगानिस्तान से हटाकर कश्मीर पर केन्द्रित करेंगे।
‘द लांग वॉर जर्नल’ की खबर के अनुसार, मुआविया की टिप्पणियां आईएसआई के जेहादी संगठनों के साथ रिश्तों की ओर इशारा कर रहे हैं। टिप्पणियां
खबर में दावा किया गया कि आईएसआई अतीत में जिन संगठनों को समर्थन और निर्देश दे चुका है अब उन्हें नियंत्रित नहीं कर पा रहा है।
मुआविया का बयान 24 फरवरी को जेहादी ‘जामिया हफसा उर्दू फारम’ में छपा और निजी एसआईटीई इंटेलीजेंस ग्रुप द्वारा इसका अनुवाद किया गया।
उसने चेतावनी दी कि भारत में आतंकी हमलों में इजाफा होगा क्योंकि अमेरिकी सेना के इस क्षेत्र से हटने के बाद जेहादी संगठन अपना ध्यान अफगानिस्तान से हटाकर कश्मीर पर केन्द्रित करेंगे।
‘द लांग वॉर जर्नल’ की खबर के अनुसार, मुआविया की टिप्पणियां आईएसआई के जेहादी संगठनों के साथ रिश्तों की ओर इशारा कर रहे हैं। टिप्पणियां
खबर में दावा किया गया कि आईएसआई अतीत में जिन संगठनों को समर्थन और निर्देश दे चुका है अब उन्हें नियंत्रित नहीं कर पा रहा है।
मुआविया का बयान 24 फरवरी को जेहादी ‘जामिया हफसा उर्दू फारम’ में छपा और निजी एसआईटीई इंटेलीजेंस ग्रुप द्वारा इसका अनुवाद किया गया।
‘द लांग वॉर जर्नल’ की खबर के अनुसार, मुआविया की टिप्पणियां आईएसआई के जेहादी संगठनों के साथ रिश्तों की ओर इशारा कर रहे हैं। टिप्पणियां
खबर में दावा किया गया कि आईएसआई अतीत में जिन संगठनों को समर्थन और निर्देश दे चुका है अब उन्हें नियंत्रित नहीं कर पा रहा है।
मुआविया का बयान 24 फरवरी को जेहादी ‘जामिया हफसा उर्दू फारम’ में छपा और निजी एसआईटीई इंटेलीजेंस ग्रुप द्वारा इसका अनुवाद किया गया।
खबर में दावा किया गया कि आईएसआई अतीत में जिन संगठनों को समर्थन और निर्देश दे चुका है अब उन्हें नियंत्रित नहीं कर पा रहा है।
मुआविया का बयान 24 फरवरी को जेहादी ‘जामिया हफसा उर्दू फारम’ में छपा और निजी एसआईटीई इंटेलीजेंस ग्रुप द्वारा इसका अनुवाद किया गया।
मुआविया का बयान 24 फरवरी को जेहादी ‘जामिया हफसा उर्दू फारम’ में छपा और निजी एसआईटीई इंटेलीजेंस ग्रुप द्वारा इसका अनुवाद किया गया। |
बेथलहम में निजी कंपनियों के स्वामित्व वाले तीन बस स्टेशन हैं जो यरूशलेम, बीट जाला, बीट सहौर, हेब्रोन, नाहलिन, बत्तीर, अल-खदर, अल-उबेदिया और बीट फज्जर को सेवा प्रदान करते हैं। दो टैक्सी स्टेशन हैं जो बीट सहौर, बीट जाला, जेरूसलम, टुकू और हेरोडियम की यात्रा कराते हैं। यहां दो कार किराये के विभाग भी हैं: मुराद और 'ओराबी। वेस्ट बैंक लाइसेंस वाली बसों और टैक्सियों को बिना परमिट के यरूशलेम सहित इज़राइल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। वेस्ट बैंक बैरियर के इज़राइली निर्माण ने बेथलहम को राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से प्रभावित किया है। बैरियर शहर के निर्मित क्षेत्र के उत्तरी किनारे पर, एक तरफ ऐडा शरणार्थी शिविर और दूसरी तरफ जेरूसलम नगर पालिका के घरों के मीटर के भीतर स्थित है। बेथलहम समूह से वेस्ट बैंक के बाकी हिस्सों तक के अधिकांश प्रवेश और निकास द्वार वर्तमान में इजरायली चौकियों और बाधाओं के अधीन हैं। पहुंच का स्तर इजरायली सुरक्षा निर्देशों के आधार पर भिन्न होता है। बेथलहम के फ़िलिस्तीनी निवासियों के लिए वेस्ट बैंक से यरूशलेम तक की यात्रा को परमिट-प्रणाली द्वारा नियंत्रित किया जाता है। फ़िलिस्तीनियों को यहूदी पवित्र स्थल राचेल के मकबरे में प्रवेश करने के लिए परमिट की आवश्यकता होती है। इज़रायली नागरिकों को बेथलहम और पास के बाइबिल सोलोमन पूल में प्रवेश करने से रोक दिया गया है। |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: निर्भया केस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकतंत्र की जीत बताया है. साथ ही कानून मंत्री ने कहा कि बड़े अपराधों में शामिल नाबालिगों से सख्ती से निपटने के सवाल पर देश में चर्चा होनी चाहिये. एनडीटीवी से खास बातचीत में कानून मंत्री ने कहा, "जघन्य अपराध करने के बावजूद देश के कानून ने अपराधियों को तीनों कोर्ट में पूरा मौका दिया. ये लोकतंत्र की जीत है. मैं निर्भया की आत्मा को प्रणाम करता हूं.' निर्भया केस में एक नाबालिग अपराधी के छूट जाने के मसले पर भी कानून मंत्री बोले. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नाबालिग अपराधियों से सख्ती से निपटने के सवाल पर देश में चर्चा की ज़रूरत है. कानून मंत्री ने कहा, 'नाबालिग अपराधियों पर दो तरह की राय है. पहला, उन्हें सुधरने का मौका मिलना चाहिये और दूसरा, जो नाबालिग जानबूझ कर अपराध करते हैं उन्हें ना छोड़ा जाए.'टिप्पणियां
निर्भया केस में सुनवाई पूरी होने में करीब साढ़े चार साल का वक्त लगा. रविशंकर प्रसाद कहते हैं कि महिलाओं, बच्चों के साथ-साथ दलितों और दूसरे निचले वर्ग के लोगों के खिलाफ होने वाले अपराध के मामले में सुनवाई फास्ट-ट्रैक तरीके से होनी चाहिये जिससे उन्हें जल्दी न्याय दिलाई जा सके.
महिला और बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला एक बड़ा संदेश है कि ऐसे जघन्य अपराध के मामलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हाल के दिनों में बड़े अपराधों में नाबालिगों की भूमिका के सवाल पर मेनका गांधी ने कहा कि सरकार ने जुवेनाइल जस्टिस कानून में संशोधन कर कानून और सख्त बनाया है और निर्भया कांड के बाद से अब तक कई स्तर पर महिलाओं को और सुरक्षा मुहैया कराने से लेकर मौजूदा कानूनों को और सख्त बनाया गया है.
निर्भया केस में सुनवाई पूरी होने में करीब साढ़े चार साल का वक्त लगा. रविशंकर प्रसाद कहते हैं कि महिलाओं, बच्चों के साथ-साथ दलितों और दूसरे निचले वर्ग के लोगों के खिलाफ होने वाले अपराध के मामले में सुनवाई फास्ट-ट्रैक तरीके से होनी चाहिये जिससे उन्हें जल्दी न्याय दिलाई जा सके.
महिला और बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला एक बड़ा संदेश है कि ऐसे जघन्य अपराध के मामलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हाल के दिनों में बड़े अपराधों में नाबालिगों की भूमिका के सवाल पर मेनका गांधी ने कहा कि सरकार ने जुवेनाइल जस्टिस कानून में संशोधन कर कानून और सख्त बनाया है और निर्भया कांड के बाद से अब तक कई स्तर पर महिलाओं को और सुरक्षा मुहैया कराने से लेकर मौजूदा कानूनों को और सख्त बनाया गया है.
महिला और बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला एक बड़ा संदेश है कि ऐसे जघन्य अपराध के मामलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हाल के दिनों में बड़े अपराधों में नाबालिगों की भूमिका के सवाल पर मेनका गांधी ने कहा कि सरकार ने जुवेनाइल जस्टिस कानून में संशोधन कर कानून और सख्त बनाया है और निर्भया कांड के बाद से अब तक कई स्तर पर महिलाओं को और सुरक्षा मुहैया कराने से लेकर मौजूदा कानूनों को और सख्त बनाया गया है. |
बांग्लादेश में क्रिकेट सबसे लोकप्रिय खेल है। एक मजबूत घरेलू लीग है, जिसमें कई मौकों पर बांग्लादेश के क्रिकेट के मैदान पर कई देशों ( श्रीलंका, भारत, पाकिस्तान और इंग्लैंड ) के टेस्ट खिलाड़ी भी नज़र आए। वर्ष 2000 में बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद का पूर्ण सदस्य बन गया, जो राष्ट्रीय टीम को टेस्ट क्रिकेट खेलने की अनुमति देता है। बांग्लादेश की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम टाइगर्स के उपनाम से जाती है - शाही बंगाल बाघ के बाद। वर्तमान में बांग्लादेश में सबसे लोकप्रिय क्रिकेट खिलाड़ियों में से तमीम इकबाल, शाकिब अल हसन, मुश्फिकुर रहीम और मशरफे बिन मुर्तजा (कप्तान) हैं। ये खिलाड़ी 2012 एशिया कप, 2016 एशिया कप और 2018 एशिया कप में एशिया कप टूर्नामेंट में खेल चुके हैं ।
इतिहास
18 वीं शताब्दी से भारत में क्रिकेट खेला जाता रहा है और यह पहले पाकिस्तान और फिर बांग्लादेश में खेला जाता रहा क्योंकि ये देश राजनीतिक रूप से स्वतंत्र हो गए। बांग्लादेश ने पाकिस्तान का हिस्सा होने पर प्रथम श्रेणी और यहां तक कि टेस्ट क्रिकेट का मंचन किया था। ढाका के बंगबंधु नेशनल स्टेडियम का उपयोग पहली बार टेस्ट क्रिकेट के लिए किया गया था, जब पाकिस्तान ने जनवरी 1955 में भारत की ओर से खेला था। इसका उपयोग 1971 में स्वतंत्रता की घोषणा तक, टेस्ट सहित कई महत्वपूर्ण मैचों के लिए किया गया था। बांग्लादेशी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट 1976/77 में शुरू हुआ जब मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) बांग्लादेश के राष्ट्रीय पक्ष के खिलाफ खेलने के लिए आया था। एमसीसी ने राजशाही में एक क्षेत्रीय टीम के खिलाफ अपना पहला मैच ड्रॉ में समाप्त किया। एमसीसी के खिलाफ पहला अनौपचारिक टेस्ट 4 जनवरी 1977 को ढाका में खेला गया था। बांग्लादेश की राष्ट्रीय टीम ने बाद के वर्षों में श्रीलंका, डेक्कन ब्लूज़ और एमसीसी जैसी टीमों के खिलाफ खेला। इंग्लैंड में पहली ICC ट्रॉफी टूर्नामेंट का प्रतिनिधित्व 1979 में बांग्लादेश ने किया था और 1982 में जब बांग्लादेश सेमीफ़ाइनल में खेलने गया था। 1997 में बांग्लादेश ने ICC टूर्नामेंट जीता। 2527 अक्टूबर 1999 को राष्ट्रीय टीम ने चटगांव में इंग्लैंड ए खेला। मैच ड्रा रहा। १०-१३ नवंबर २००० को, बांग्लादेश ने बंगबंधु नेशनल स्टेडियम में अपना पहला टेस्ट मैच वी इंडिया खेला। भारत ने 9 विकेट से जीत दर्ज की। 2000–01 के मौसम ने बांग्लादेश में प्रथम श्रेणी की घरेलू प्रतियोगिता की शुरुआत देखी, हालांकि देश ने पहले से ही दौरे वाली टीमों के खिलाफ पिछले वर्ष में प्रथम श्रेणी मैचों का मंचन किया था। ग्रीन डेल्टा नेशनल क्रिकेट लीग को प्रथम श्रेणी चैंपियनशिप के रूप में और इस्फ़ानी मिर्जापुर टी वन-डे लीग को प्रीमियर सीमित ओवरों की प्रतियोगिता के रूप में गठित किया गया था। 2000–01 में, दोनों खिताब बिमान बांग्लादेश एयरलाइंस ने जीते थे। राष्ट्रीय क्रिकेट लीग का उद्घाटन 1999-2000 के सत्र में हुआ था, लेकिन तब वह प्रथम श्रेणी में नहीं था। 2000–01 में, आठ टीमों ने दो समूहों में 12 मैच खेले। ग्रुप ए में बिमन बांग्लादेश एयरलाइंस, चटगांव डिवीजन, राजशाही डिवीजन और ढाका डिवीजन शामिल थे । ग्रुप बी में ढाका मेट्रोपोलिस, खुलना डिवीजन, बारिसल डिवीजन और सिलहट डिवीजन थे । चार टीमों ने अंतिम चरण के लिए क्वालीफाई किया जिसमें उन्होंने प्रत्येक में एक और 8 गेम खेले।
सन्दर्भ
Bangla Cricket:
Cricinfo-Bangladesh:
एशियाई माह प्रतियोगिता में निर्मित मशीनी अनुवाद वाले लेख |
यह लेख है: वेस्ट इंडीज क्रिकेट पर संकट बना हुआ है। खिलाड़ी अपनी मांग पर अड़े हुए हैं और वेस्ट इंडीज क्रिकेट बोर्ड खिलाड़ियों को मनाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम अगले साल होने वाले वर्ल्ड कप में हिस्सा लेगी।
हालांकि वर्ल्ड कप शुरू होने में अभी कम से कम तीन महीने का वक्त बाकी है, लेकिन हालात ऐसे बन रहे हैं, जिसमें वेस्ट इंडीज की टीम वर्ल्ड कप में बिना खेले बाहर हो सकती है।
वेस्ट इंडीज के बाहर होने से हांगकांग की क्रिकेट टीम को वर्ल्ड कप में खेलने का मौका मिल जाएगा। क्वालिफायर टूर्नामेंट की पहली दो टीमें स्कॉटलैंड और संयुक्त अरब अमीरात को वर्ल्ड कप में प्रवेश मिल चुका है। वेस्ट इंडीज के बाहर होने से तीसरे नंबर पर रही हांगकांग की किस्मत खुल सकती है।
साफ है कि वेस्ट इंडीज के खिलाड़ियों ने भारत का दौरा जब छोड़ने का फैसला लिया तो सबने साफ कहा कि उनके पास दूसरा विकल्प नहीं बचा। वेस्ट इंडीज़ क्रिकेट बोर्ड ने भी खिलाडि़यों को मनाने की दिशा में अब तक कोई पहल नहीं की। ऐसे में साफ है कि न तो वेस्टइंडीज़ क्रिकेट बोर्ड और न ही वेस्टइंडीज के क्रिकेटरों को इस विवाद से होने वाले नुकसान का अंदाजा नहीं होगा।
दौरा बीच में छोड़ने की वजह से भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने वेस्टइंडीज बोर्ड के खिलाफ सारे संबंध तोड़ लिए हैं। इसका मतलब है कि न तो भारत वेस्टइंडीज के दौरे पर जाएगा और न ही वेस्टइंडीज को अपने यहां बुलाएगा।
इतना ही नहीं भारतीय क्रिकेट बोर्ड वेस्टइंडीज़ बोर्ड पर टीवी प्रसारण से हुए नुकसान के हर्जाने के लिए केस किया तो फिर वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड कंगाली के हाल तक पहुंच सकता है।
जाहिर है वेस्टइंडीज़ क्रिकेट का संकट गहराता जा रहा है। अगले महीने से दक्षिण अफ्रीकी टीम को वेस्टइंडीज का दौरा करना है, लेकिन मौजूदा विवाद के चलते सीरीज पर भी संकट आ गया है। इसने वेस्टइंडीज क्रिकेट की सबसे बड़ी स्पॉन्सर कंपनी डिजिसेल टेलीविजन नेटवर्क की चिंता बढ़ा दी है।
जाहिर है अगर बोर्ड और खिलाड़ियों का विवाद नहीं सुलझा तो कैरीबियाई क्रिकेट की मुश्किल और बढ़ेगी, लेकिन वेस्टइंडीज बोर्ड और खिलाड़ियों में समझौते के आसार नहीं दिख रहे। |
आंध्र प्रदेश में राजनीतिक हड़कंप उस वक्त मच गया जब तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के चार राज्यसभा सांसदों ने बीजेपी का हाथ थाम लिया. टीडीपी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाले राज्यसभा सांसद में सीएम रमेश, टीजी वेंटकेश, जी मोहन राव और वाईएस चौधरी का नाम शामिल है.
राज्यसभा सांसद वाई.एस चौधरी ने कहा कि सीबीआई और ईडी जिन केस की जांच कर रही है वह थर्ड पार्टी से संबंधित हैं. यह मेरे ऊपर सीधे केस नहीं हैं. मैंने किसी प्रकार का फ्रॉड, जालसाजी या ठगी नहीं की. बस जांच चल रही है, इसका ये मतलब नहीं है कि मैंने कुछ गलत किया है.
चौधरी ने कहा कि मैंने बीजेपी किसी दबाव में जॉइन नहीं की है. मैंने स्वेच्छा से बीजेपी में आने का फैसला किया है. अगर मेरे खिलाफ लगे आरोप साबित होते हैं और बीजेपी मेरी जॉइनिंग को अयोग्य करार देती है तो मैं इसका स्वागत करूंगा.
इसके बाद बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी नड्डा ने कहा कि सभी सांसद प्रधानमंत्री मोदी के बीजेपी के नेतृत्व और संगठनात्मक कार्य से प्रभावित थे. इन्होंने आंध्र प्रदेश के विकास के लिए बीजेपी जॉइन की है. अमित शाह ने इनका अनुरोध स्वीकार कर लिया है. हम इसके बाद उपराष्ट्रपति के पास गए और उनके निर्णय से उपराष्ट्रपति अवगत कराया. बीजेपी समावेशिता में विश्वास करती है. वे सभी जमीनी नेता हैं. आंध्र में बीजेपी मजबूत होगी.
विपक्ष कमजोर, बीजेपी मजबूत-
टीडीपी के पास राज्यसभा में फिलहाल 6 सांसद हैं लेकिन उसके 4 सांसदों ने बीजेपी का हाथ थाम लिया है. इससे विपक्षी दल टीडीपी सिर्फ 2 सांसदों की पार्टी रह गई है जबकि बीजेपी के सांसद 71 से बढ़कर 75 पहुंच गए हैं. टीडीपी के सीएम रमेश, टीजी वेंटकेश, जी मोहन राव और वाईएस चौधरी बीजेपी में शामिल हो रहे हैं और 6 में 4 सांसदों के टूटने पर दल-बदलू कानून भी लागू नहीं रहेगा, जिससे इन सांसदों की सदस्यता बरकरार रहेगी. |
पेट्रोल और डीजल के दाम में फिर लगातार दूसरे दिन वृद्धि हुई है. देश के प्रमुख महानगरों में बुधवार को पेट्रोल और डीजल के दाम 24 से 27 पैसे प्रति लीटर बढ़ गए. सऊदी अरब के तेल संयंत्र पर बीते सप्ताह हुए हमले के बाद कच्चे तेल के दाम में आई जोरदार तेजी के कारण आने वाले दिनों में भी पेट्रोल और डीजल के दाम में और वृद्धि की आशंका बनी हुई है.
पेट्रोल बुधवार को दिल्ली और कोलकाता में 25 पैसे, जबकि मुंबई में 26 पैसे और चेन्नई में 27 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया. वहीं, डीजल के दाम में दिल्ली और कोलकाता में 24 पैसे जबकि मुंबई और चेन्नई में 26 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि हुई है.
बढ़ सकती है महंगाई
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार दो दिनों में देश की राजधानी दिल्ली में 39 पैसे प्रति लीटर बढ़ गए हैं. विशेषज्ञ बताते हैं कि पेट्रोल और डीजल के दाम में वृद्धि होने से आम उपभोक्ताओं पर फिर महंगाई की जबरदस्त मार पड़ेगी क्योंकि तेल के दाम में इजाफा होने से वस्तु एवं सेवाओं के मूल्य पर इसका सीधा असर होता है.
इंडियन ऑयल की बेवसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम बढ़कर क्रमश: 72.42 रुपये, 75.14 रुपये, 78.10 रुपये और 75.26 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं. चारों महानगरों में डीजल के दाम भी बढ़कर क्रमश: 65.82 रुपये, 68.23 रुपये, 69.04 रुपये और 69.57 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं.
सउदी अरामको के संयंत्र पर ड्रोन हमले के बाद सोमवार को बेंचमार्क कच्चा तेल बेंट्र क्रूड का भाव तकरीबन 20 फीसदी उछला, जोकि खाड़ी युद्ध के बाद सबसे बड़ी एक दिनी तेजी थी, हालांकि सत्र के आखिर में 14.61 फीसदी की बढ़त के साथ 69.02 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ. इसके बाद मंगलवार को सउदी अरब द्वारा जल्द तेल के उत्पादन की बहाली करने का दावा किए जाने पर ब्रेंट का भाव करीब सात फीसदी टूटा.
एंजेल ब्रोकिंग के करेंसी व ऊर्जा रिसर्च मामलों के विशेषज्ञ और डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि दुनिया की प्रमुख तेल उत्पादक कंपनी सऊदी अरामको के तेल उत्पादन केंद्रों पर पिछले सप्ताह हुए हमले के बाद खाड़ी क्षेत्र में फौजी तनाव की स्थिति बनी हुई है, इसलिए तेल के दाम में फिलहाल कमी के आसार नहीं है, बल्कि वृद्धि की संभावना बनी हुई क्योंकि इस हमले से तेल की आपूर्ति बाधित हुई है. |
आईआईटी के एंट्रेंस टेस्ट की तैयारी करवाने वाले सुपर-30 के संस्थापक आनंद कुमार को राष्ट्रीय कल्याण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में उन्हें पुरस्कार प्रदान किया. बता दें कि भारत सरकार के महिला एवं बाल कल्याण विभाग द्वारा दिए जाने वाले इस पुरस्कार के अंतर्गत एक लाख रुपए और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है. आनंद कुमार पिछले कई सालों से 30 बच्चों को फ्री में शिक्षा देकर उन्हें आईआईटी में सफलता दिलाते रहे हैं..
आनंद कुमार को राष्ट्रीय कल्याण पुरस्कार के साथ कई अन्य पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है और अब उनपर एक फिल्म भी बनाई जा रही है, जिसमें अभिनेता रितिक रोशन उनकी भूमिका में नजर आएंगे. हालांकि उनकी इस सफलता के पीछे संघर्ष भी लंबा है. यह साधारण आदमी कई गरीब बच्चों का मसीहा बना है. महान गुरू के सुपर-30 बनने के पीछे की कहानी भी बहुत रोचक है.
42 की उम्र में फिर शुरू की रनिंग, जीते इंटरनेशनल मेडल
आनंद कुमार का जन्म पटना में हुआ था. स्कूल के दिनों से ही उन्हें मैथ से काफी लगाव रहा है. 1994 में उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में दाखिला मिला. लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से उनके हाथों से यह अवसर निकल गया. पैसों की तंगी के चलते आनंद कुमार ने अपनी मां के साथ शाम में पापड़ बेचना शुरू कर दिया. ताकि वह थोड़ा एक्स्ट्रा पैसा कमा सके.
खतरनाक चट्टान पर चढ़ाई कर इस विदेशी महिला ने रचा इतिहास
क्या है सुपर-30?
विदेशी पत्रिकाओं के लिए वह हर हफ्ते पटना से बनारस जाया करते थे. इन पत्रिकाओं की वजह से वह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) जाते थे. आनंद कुमार ने रामानुजन स्कूल ऑफ मैथमैटिक्स शुरू किया था. जहां वह साधारण फीस पर बच्चों को एंट्रेंस एग्जाम के लिए तैयार करते थे. कम फीस होने के बावजूद कुछ बच्चे यहां एडमिशन नहीं ले पाते थे. जिसके बाद आनंद कुमार ने सुपर-30 की स्थापनी की.
सुपर-30 एक एजुकेशनल प्रोग्राम है, जहां 30 गरीब और होनहार बच्चों को मुफ्त में आईआईटी के लिए कोचिंग दी जाती है. इन सुपर-30 बच्चों को फ्री कोचिंग के अलावा, उनके रहने और खाने की व्यवस्था भी होती है. बच्चों के लिए आनंद कुमार की मां जयंती देवी खाना बनाती हैं. |
विकास का निर्माण, जो अल फुतैम कैरिलियन द्वारा किया गया था, 2003 में शुरू हुआ और इसमें 12 साल लगने की उम्मीद है। यह परियोजना दुबई क्रीक के पूर्वी तट पर 3.8 किलोमीटर (2.4 मील) जल सीमा तक फैली हुई है और दुबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से 2 किलोमीटर (1.2 मील) दूर है। 2006 के मध्य तक, परियोजना में निवेश 11 बिलियन एईडी (3 बिलियन अमरीकी डालर) से अधिक हो गया था। |
तारक मेहता का उल्टा चश्मा (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah) में लंबे इंतजार के बाद आखिरकार 'दयाबेन' यानी दिशा वकानी (Disha Vakani) की एंट्री हो ही गई. हालांकि शो की लीड एक्ट्रेस दिशा वकानी ने केवल एक छोटे से सीक्वेंस के लिए ही शूटिंग की. लेकिन खबरों की मानें तो अभी भी दिशा वकानी की 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में एंट्री पर सस्पेंस बना हुआ है. पिकंविला की रिपोर्ट के मुताबिक दिशा वकानी (Disha Vakani) के पति शो में उनकी एंट्री से बिल्कुल भी खुश नहीं है. रिपोर्ट के मुताबिक एक सोर्स ने इस बात का खुलासा किया है.
One of Best cutest & funny moments from yesterday's episode Dramebaaz Daya dekho toh Shuru ho gai Dramebaaz daya ki drama bazi Drama queen ya Dramebaaz daya ne apni drama Baazi Shuru kar di aur vah bhi Apne Tappu ke Papa ke samne Piche se uski maa ne usko awaaz dekar Nahin bula rahi thi yah usko koi bhi awaaz dekar Nahin bula rahi thi... Dekho to Daya kaise shuru kar Di aur Kis tarah se karne lagi Tappu ke Papa ke samne Apne drama Baazi Piche se uski maa usko Nahin Bulaya tha yah koi awaaz karke usko Nahin bula rahi thi lekin daya Tappu ke Papa ko yah bol rahi hai Tappu ke Papa man bula rahi hai ???????????????? Jethalal : tu mandir mein hi hai na Daya : Haan Mandir Mein hi hun Jethalal : haan to mataji ke samne Kasam Kha...ab se tu Gokuldham mein aaegi na to agale 10 saal tak wapas se Ahmedabad jaane ka naam Nahin lenge Iske baad shuru hoti hai Dramebaaz ya dream queen daya ke drame baazi Daya :Haan Haan maa aaee Tappu ke Papa maa bula rahi hai chalo ab main phone rakhti hun Yah thi dream queen daya ke drama baazi Piche se uski maa usko Nahin bula rahi thi Nahi koi koi awaz karke uski maa ne usko Bulaya
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सोर्स के मुताबिक, ''तारक मेहता का उल्टा चश्मा (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah)' शो के मेकर्स दिशा वकानी को वापस लाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं. वह दिशा के मुताबित अडजस्ट करने के लिए भी राजी हैं, लेकिन उनके पति इस बात पर भी अपनी सहमति नहीं बना पा रहे हैं. इसके अलावा, मेकर्स ने दिशा से यह भी वादा किया है कि वह केवल दिन में 3 घंटे के लिए ही काम करेंगी और उनके बच्चे के लिए एक अलग से नर्सरी भी दिलवाई जाएगी. लेकिन उनके पति इस पर भी मना कर रहे हैं.'
सोर्स के मुताबिक, 'अभी भी मेकर्स को थोड़ा और समय लगेगा. दिशा भी शो में वापस आना चाहती है क्योंकि वह अपने किरदार को काफी मिस कर रही है. वहीं अब ऐसा लग रहा है कि इसमें थोड़ा और समय जाएगा.' बता दें, दिशा वकानी (Disha Vakani) ने साल 2017 में प्रेग्नेंसी के चलते शो को अलविदा कह दिया था. |
नोटबंदी से परेशान कतार में लगे लोगों को एक गैर सरकारी संस्था सीआईपीएल राहत पहुंचा रही है. नोएडा सेक्टर-18 और 50 में बैंकों और एटीएम के आगे खड़े लोगों को संस्था की ओर से चाय, पानी और बिस्किट देकर राहत पहुंचाया जा रहा है. इस काम में
आरएसएस कार्यकर्ता
भी मदद कर रहे हैं.
इस दौरान महिलाओं और बुजुर्गों को संस्था से जुड़े कार्यकर्ताओं ने फॉर्म
भरने में भी मदद
की. सीआईपीएल से जुड़े अमन बुद्धिराजा ने बताया कि उनकी संस्था की ओर से ये पहल प्रधानमंत्री के नोटबंदी के एलान के बाद से ही की गई है. संस्था से जुड़े दर्जनों लोग बैंकों और एटीएम के बाहर सुबह 10.30 बजे से ही चाय-पानी पिलाना शुरू कर देते हैं और ये सिलसिला शाम तक चलता है. अमन के मुताबिक उनकी संस्था की ओर से ये काम तबतक चलेगा जबतक बैंकों और एटीएम के बाहर भीड़ सामान्य ना हो जाए. |
भगोड़े अपराधी और दाऊद इब्राहिम के करीबी साथी इकबाल मिर्ची को ब्रिटेन के साथ प्रत्यर्पण संधि के बावजूद लंदन से वापस लाना भारत के लिए आसान नहीं होगा. वजह यह है कि ब्रिटेन के कानून बहुत सख्त हैं. मिर्ची के खिलाफ 1994 से ही इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस लंबित है.
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61 वर्षीय मिर्ची को 11 अक्तूबर को लंदन में मौत की धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. पर न तो उसकी शिकायत करने वाले और न मामले की परिस्थितियों का खुलासा किया गया है. मुंबई पुलिस को 12 मार्च, 1993 में मुंबई में हुए विस्फोटों के सिलसिले में उसकी तलाश है.
5 अक्टूबर 2011: तस्वीरों में देखें इंडिया टुडे अंक
28 सितंबर 2011: तस्वीरों में देखें इंडिया टुडे अंक
21 सितंबर 2011: तस्वीरों में देखें इंडिया टुडे अंक
विदेश मंत्रालय ने इस खूंखार अपराधी के प्रत्यर्पण की कार्रवाई शुरू कर दी है. विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता का कहना था, ''उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू की जा रही है.'' लेकिन अपराध से संबंधित मामलों के मुंबई स्थित वकील माजिद मेमन कहते हैं कि जब तक मिर्ची ब्रिटेन में अपने कथित अपराध की सजा पूरी नहीं कर लेता, ब्रिटिश कानून भारत को उस तक नहीं पहुंचने देगा. मेमन ने ही 1995 में लंदन में मिर्ची के प्रत्यर्पण के मामले में उसकी वकालत की थी. उन्होंने इंडिया टुडे को बताया, ''मैं नहीं जानता, मिर्ची पर कौन-सी धाराएं लगाई गई हैं. इसलिए यह बताना मुश्किल है कि उसे सजा होगी या नहीं. लेकिन एक बात पक्की है कि उसे वापस लाना बहुत मुश्किल होगा.''
भारत एक बार पहले भी अप्रैल, 1995 में ब्रिटेन में मिर्ची के प्रत्यर्पण की कोशिश कर चुका है. तब लंदन की स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने नशीली दवाएं रखने और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में उसे गिरफ्तार किया था. लंदन की एक अदालत ने उसे भारत को सौंपने से मना कर दिया था और बाद में अपर्याप्त सबूतों की वजह से उस पर से आरोप हटा लिए गए थे.
दक्षिण मुंबई के नल बाजार में मिर्च की दुकान चलाने की वजह से यह उपनाम पाने वाला मिर्ची अरब देशों के अलावा भारत और पाकिस्तान में फैले दाऊद के मादक दवाओं के धंधे में मुख्य गुर्गे के रूप में कुख्यात है. संयुक्त राष्ट्र की 2005 की एक रिपोर्ट में उसे मादक दवाओं के 50 बड़े धंधेबाजों में रखा गया था. उसकी गिरफ्तारी दाऊद के विदेशी साम्राज्य के लिए तगड़ा झ्टका है. मुंबई पुलिस की अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, दाऊद के साथ मतभेद के बाद उसे मादक दवाओं के धंधे से हटा दिया गया था. उनके मुताबिक, ''पर दोनों में रिश्ते बरकरार हैं. अब दाऊद का भाई अनीस इब्राहिम मादक दवाओं का धंधा देखता है. मिर्ची दक्षिण मुंबई की अचल संपत्ति के कारोबार में बेनामी पैसा लगाता है.''
मुंबई पुलिस पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या के मामले में भी जानकारी हासिल करने के लिए मिर्ची तक पहुंचना चाहती है. बताते हैं कि इस साल अप्रैल में डे लंदन में मिर्ची से मिले थे. आरोप हैं कि अपराधी सरगना छोटा राजन ने 11 जून को डे की हत्या करवाई थी. मादक दवाओं के 15 मामलों और हत्या तथा देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के एक-एक मामले के साथ मिर्ची ब्रिटेन में अपनी सजा पूरी होने तक भारत के लिए दुर्लभ बना रहेगा. |
लीबिया में लड़ाई तेज होने के साथ ही भारत सरकार ने शुक्रवार को कहा कि लीबिया में मारे गये भारतीय का शव वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है और स्वदेश वापसी के इच्छुक भारतीयों से सहायता की पेशकश की गई है। लीबिया की राजधानी त्रिपोली में जारी लड़ाई के दौरान बमबारी से पिछले हफ्ते लखनऊ के निवासी इम्तियाज आलम की मौत हो गई। वह लीबियाई अधिकारी के आवास पर काम करता था। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "शव वापस लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।" मंत्रालय ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय प्रवासी संगठन (आईओएम) ने लीबिया में फंसे दूसरे देश के लोगों को निकालने के लिए दो जहाजों का प्रबंध किया है। इसमें से एक शुक्रवार को और दूसरा शनिवार को लीबिया छोड़ेगा। मंत्रालय ने कहा, "लीबिया में फंसे भारतीयों को इस प्रयास के बारे में सूचित कर दिया गया है।" "कठिन परिस्थितियों के बावजूद हमारा मिशन उन भारतीयों की सहायता कर रहा है, जिन्होंने वापसी की इच्छा व्यक्त की है।" इसके अलावा लीबिया में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए सरकार आईओएम के तहत अपना जहाज भेजने की भी तैयारी कर रहा है। लीबिया में विद्रोहियों और मुअम्मार गद्दाफी के फौजों के मध्य लड़ाई आखिरी दौर में पहुंच गई है। विद्रोहियों ने लीबिया के अधिकतर हिस्सों पर कब्जा कर लिया है। |
यह लेख है: रेड लाइट इलाकों में मतदाताओं को उत्साहित करने के मकसद से निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में यौनकर्मियों के लिए अलग मतदान केंद्र बनाने की इजाजत दे दी है। इस जिले में 23 अप्रैल को मतदान होगा। जिलाधिकारी संजय बंसल ने बताया, निर्वाचन आयोग ने शांतिपुर इलाके में यौनकर्मियों के लिए अलग मतदान केंद्र बनाने की अनुमति दी है। यहां मतदान केंद्र बनाने का प्रस्ताव हमारी ओर से दिया गया था। बंसल ने कहा कि यह मतदान केंद्र दुर्गामणि हाई स्कूल में बनाया जाएगा। यहां मतदान संपन्न कराने के लिए चार महिला कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी। शांतिपुर विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले इस मतदान केंद्र पर 75 यौनकर्मी और उनके परिवार के लोग मतदान करेंगे। उन्होंने कहा, यह जानकारी मिली थी कि यौनकर्मी मतदान के लिए नहीं जाते, क्योंकि कतार में उन्हें अपमानित किया जाता है। इस वजह से नादिया जिला प्रशासन ने इनके लिए अलग मतदान केंद्र बनाने का फैसला किया। बंसल ने कहा, आयोग ने हमें इसकी इजाजत दे दी। यह भारत में अपने तरह की अनूठी पहल है। मुझे लगता है कि पश्चिम बंगाल में ऐसा पहली बार हो रहा है। उधर, कुछ यौनकर्मी अलग मतदान केंद्र बनाए जाने से खुश नहीं है। उनका कहना है कि इस कदम से वे अलग-थलग पड़ जाएंगे। |
विश्वभर के नेताओं की अभिव्यक्ति का सशक्त मंच बन चुकी माइक्रो ब्लागिंग वेबसाइट ट्विटर पर भारतीय नेताओं की लोकप्रियता भी लगातार बढ़ती जा रही है। ट्विटर मिनिस्टिर के नाम से मशहूर शशि थरूर के बाद अब भाजपा नेता सुषमा स्वराज के फालोवर्स की संख्या एक लाख के जादुई आंकड़े को पार कर गई है, हालांकि अभी वह उनसे काफी पीछे हैं। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, खेल मंत्री अजय माकन और जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी के ट्विटर से जुड़ने के बाद भी कांग्रेस के चर्चित नेता शशि थरूर फालोवर्स के मामले में सबसे आगे बने हुए हैं। देश में ट्विटर को लोकप्रियता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पूर्व विदेश राज्यमंत्री शशि थरूर के ग्यारह लाख एक हजार 166 फालोवर हैं। अपने प्रशंसको से सीधे जुडने के लिए ट्विटर से जुड़ने वाली भाजपा नेता सुषमा स्वराज फालोवरों के लिहाज से दूसरी सबसे लोकप्रिय भारतीय राजनेता हैं जिनके एक लाख तेरह हजार 688 फालोवर हैं। सुषमा ट्विटर पर बेहद सक्रिय हैं और उन्होंने अब तक 1151 ट्वीट किए हैं। वह अक्सर राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर त्वरित टिप्पणी के लिये ट्विटर का सहारा लेती हैं। सुषमा स्वराज को फालो करने वालों में पूर्व विदेश राज्यमंत्री शशि थरूर, स्टार निशानेबाज अभिनव बिंद्रा और उमर अब्दुल्ला शामिल हैं। हालांकि खुद सुषमा किसी को फालो नहीं करतीं। इस क्रम में जम्मू कश्मीर के विदेश मंत्री उमर अब्दुल्ला तीसरे नंबर पर आते हैं जिनके 41,540 फालोवर हैं। उमर अब्दुल्ला अक्सर आम जनता से सीधे जुड़ने के लिये ट्विटर का सहारा लेते हैं। उन्होंने अब तक 3,791 ट्वीट किए हैं। अपनी विवादास्पद टिप्पणियों के लिये पहचाने जाने वाले जनता पार्टी अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी के 18,794 फालोवर हैं और उन्होंने अब तक 6,072 ट्वीट किये हैं। इसी तरह खेल मंत्री अजय माकन के 2916 और कांग्रेस नेता अनिल शास्त्री के मात्र 577 फालोवर हैं। ट्विटर पर विश्व के कई बड़े राजनेता सक्रिय हैं जिनमें अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और यूनान के प्रधानमंत्री जार्ज ए पापेन्द्रू आदि शामिल हैं। |
एलपी ("लॉन्ग प्लेइंग" या "लॉन्ग प्ले" से) एक एनालॉग ध्वनि भंडारण माध्यम है, एक फोनोग्राफ रिकॉर्ड प्रारूप है जिसकी विशेषता है: 33+1⁄3 आरपीएम की गति; 12- या 10-इंच (30- या 25-सेमी) व्यास; "माइक्रोग्रूव" ग्रूव विनिर्देश का उपयोग; और एक विनाइल (विनाइल क्लोराइड एसीटेट का एक कॉपोलीमर) संरचना डिस्क। 1948 में कोलंबिया द्वारा पेश किया गया, इसे जल्द ही पूरे रिकॉर्ड उद्योग द्वारा एक नए मानक के रूप में अपनाया गया। कुछ अपेक्षाकृत छोटे सुधारों और बाद में स्टीरियोफोनिक ध्वनि के महत्वपूर्ण जोड़ के अलावा, यह रिकॉर्ड एल्बमों के लिए मानक प्रारूप बना रहा (लोकप्रिय संगीत में एक अवधि के दौरान जिसे एल्बम युग के रूप में जाना जाता है) 1980 के दशक से 2000 के दशक की शुरुआत तक इसके क्रमिक प्रतिस्थापन तक। कैसेट द्वारा, फिर कॉम्पैक्ट डिस्क द्वारा, और अंत में डिजिटल संगीत वितरण द्वारा। |
यदि आपको लगता है कि आपका कोई दोस्त इतनी टेंशन में है कि वह सूइसाइड तक कर सकता है तो अब आप उसकी मदद कर सकते हैं। फेसबुक ने अपने फीचर्स में एक नया अपडेट किया है जो मानसिक रूप से परेशान दिखने वाले आपके दोस्त के जीवन को आसानी से बचा सकता है।
अगर फेसबुक का कोई दोस्त अपनी फेसबुक वॉल पर कुछ ऐसा लिखता है जिससे स्पष्ट हो कि वह खुद को कोई नुकसान पहुंचा सकता है तो उसके फेसबुक दोस्त पोस्ट पर बने ऐरो (तीर) के एक निशान पर क्लिक कर सकते हैं और उस पोस्ट को रिपोर्ट कर सकते हैं।
'LA टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, रिपोर्ट करने के बाद फेसबुक आपको उस मित्र से संपर्क करने, सहायता के लिए किसी दूसरे मित्र से संपर्क करने और आत्महत्या रोकने के लिए हेल्पलाइन से संपर्क करने का ऑप्शन देगा।
सोशल नेटवर्किंग साइट ने इस टूल को विकसित करने के लिए कुछ मानसिक स्वास्थ्य संगठनों जैसे फोरफ्रंट, नाउ मैटर्स नाउ, राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम लाइफलाइन और सेव डॉट ओआरजी के साथ साझेदारी की है।
फेसबुक के उत्पाद प्रबंधक रोब बॉयल और समुदाय के सुरक्षा संचालन विशेषज्ञ निकोल स्टब्ली ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, "सबसे पहली चीज जिन पर इन संस्थाओं ने हमारे साथ चर्चा की है वह यह है कि तनाव में रहने वाले लोगों की सहायता करने वालों के साथ कितना जुड़ाव उचित रहेगा।"
उन्होंने कहा, "हमारे पास ऐसी टीमें हैं जो सातों दिन चौबीसों घंटे काम करती हैं। वे जो भी रिपोर्ट आती हैं उसका निरीक्षण करते हैं। वे खुद को चोट पहुंचाने जैसी अत्याधिक गंभीर परिस्थितियों की प्राथमिकता तय करते हैं और उन तक सहायता और संसाधन भेजते हैं।''
फेसबुक के अपटेडेट वर्जन में पोस्ट में ही पोस्ट को रिपोर्ट करने की सुविधा होगी। यह फीचर मोबाइल और डेस्कटॉप दोनों वर्जनों में उपलब्ध होगा। फिलहाल फेसबुक का यह फीचर अमेरिका में सीमित यूजर्स को मिला है, आने वाले महीनों में यह फीचर अन्य लोगों के लिए भी उपलब्ध करा दिया जाएगा। |
सरकार बनाने को लेकर बीजेपी-शिवसेना में घमासान
आधी रात विधायकों से मिलने होटल पहुंचे आदित्य ठाकरे
महाराष्ट्र में सरकार गठन को एक बार फिर गहमागहमी बढ़ गई है. राज्यपाल द्वारा बीजेपी को सरकार गठन का ऑफर दिए जाने के बाद शिवसेना एक्शन मोड में आ गई है. पार्टी ने अपने विधायकों को होटल में शिफ्ट कर दिया है, जिनके साथ आदित्य ठाकरे ने रातभर बैठक की है.
खरीद-फरोख्त के डर से शिवसेना के सभी विधायकों को रंग शारदा रिसॉर्ट से मुंबई के मलाड में स्थित द रिट्रीट होटल में शिफ्ट किया गया है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे देर रात विधायकों से मिलने होटाल पहुंचे. सूत्रों के मुताबिक आदित्य ठाकरे ने शिवसेना विधायकों के साथ तड़के करीब 5 बजे तक बैठक की है.
बता दें कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी
बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दिया है
. इसके बाद से महाराष्ट्र में विधायकों की खरीद-फरोख्त का भय बढ़ गया है. शिवसेना ने अपने विधायकों को एक होटल से दूसरे होटल में शिफ्ट किया है.
हॉर्स ट्रेडिंग का डर
जानकारी के मुताबिक, आदित्य पूरी रात होटल में ही रुके रहे और विधायकों के साथ मीटिंग की. बता दें कि इसके पहले कांग्रेस ने भी बीजेपी पर अपने विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश करने का आरोप लगाया था. बीजेपी द्वारा हॉर्स ट्रेडिंग के डर से शिवसेना ने अपने सभी विधायकों को शारदा रिसॉर्ट से मलाड के रिट्रीट होटल में शिफ्ट कर दिया है.
महाराष्ट्र में 24 अक्टूबर को चुनाव नतीजे आए थे, लेकिन अब तक यहां सरकार गठन नहीं हो पाया है. विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर को खत्म हो गया है और देवेंद्र फडणवीस भी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं. बीजेपी और शिवसेना गठबंधन को सरकार बनाने के लिए महाराष्ट्र की जनता ने पर्याप्त सीटें दी हैं, लेकिन मुख्यमंत्री पद के बंटवारे को लेकर दोनों दलों में सहमति नहीं बन पा रही है. यही वजह है कि दोनों का गठबंधन भी टूट की कगार पर पहुंच गया है. |
दिल्ली से सटे गाजियाबाद में पुलिस ने जग्गू पहलवान के शूटर कपिल को गिरफ्तार किया है. कपिल पर दो लोगों को गोली मारने का आरोप है.
गौरतलब है कि बीती एक जुलाई को साहिबाबाद के भोपुरा इलाके में बागपत के प्रधान जितेंद्र और उनके साथी ज्ञानेंद्र समेत तीन लोगों पर हमला हुआ था. हमले के तुरंत बाद जितेंद्र की मौत हो गयी थी.
पुलिस
के अनुसार मामला दोनों पक्षों में आपसी
कहासुनी
से शुरू हुआ था. मृतक और अन्य लोग अपनी गाड़ी से बागपत जा रहे थे. उन्होंने शूटर कपिल की गाड़ी को ओवरटेक किया. ये बात उसको नागवार गुजरी और उसने फायरिंग कर दी. पुलिस के अनुसार कपिल पर पहले भी कई संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं.
बता दें कि कपिल जग्गू पहलवान गिरोह का शूटर है. जग्गू पहलवान वही शख्स है जिसने सौ से ज्यादा हत्यांए की थी. कुछ साल पहले गाजियाबाद से सटे लोनी में हुए गैंगवार में वो मारा गया था. |
नोकिया के एंड्रॉयड स्मार्टफोन नॉर्मेंडी का इंतजार करने वालों के लिए खुशखबरी. अब इस बात से परदा उठ गया है कि आखिर नॉर्मेंडी कैसा दिखता है. नॉर्मेंडी के यूआई की पिक्चर लीक हो चुकी हैं, जो धूम मचा रही हैं.
इस बार का लीक ट्विटर अकाउंट @evleaks ने किया है. हर हफ्ते हमें नॉमेंडी के बारे में कुछ न कुछ जानकारी नामचीन साइट्स से मिलती रहती है. ऐसी खबर है कि नोकिया नॉर्मेन्डी गूगल के अपने वर्जन Os पर सपोर्ट करेगा.
@evleaks में पोस्ट पिक्चर के मुताबिक इस पर एंड्रॉयड 4.4.1 चल रहा है और स्क्रीन इसकी 4 इंच की है. इसमें क्वॉलकॉम स्नैपड्रैगन प्रोसेसर लगा है और पीछे की तरफ 5 मेगापिक्सल्स का कैमरा है. |
सिंगापुर सुपर सीरीज में क्वार्टरफाइनल में पहुंचने वाली शीर्ष भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल बैडमिंटन विश्व महासंघ की महिला एकल रैंकिंग में एक पायदान के फायदे से तीसरे नंबर पर पहुंच गई है.
लंदन ओलंपिक की कांस्य पदकधारी साइना इंडोनेशियाई सुपर सीरीज प्रीमियर में अपना एकल खिताब बरकरार रखने में असफल रहने के बाद चौथे स्थान पर खिसक गयी थी लेकिन पिछले हफ्ते सिंगापर में अंतिम आठ में पहुंचने के कारण वह 73510 अंक से तीसरा स्थान हासिल करने में कामयाब रही.
23 वर्षीय भारतीय खिलाड़ी नेहवाल इस साल मार्च तक कैरियर की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग दूसरे नंबर पर बनी हुई थी लेकिन थाईलैंड और इंडोनेशिया में खिताब का बचाव नहीं कर पाने से वह चौथे स्थान पर खिसक गयी थी.
मलेशियाई ओपन विजेता पीवी सिंधू घुटने की चोट के कारण जून में लगातार दो टूर्नामेंट में भाग नहीं ले सकी थी, वह अपने 12वें स्थान पर बरकरार है जबकि उभरती हुई बैडमिंटन खिलाड़ी अरूंधती पंतावने को 10 पायदान का फायदा हुआ है जिससे वह 49वें स्थान पर पहुंच गई हैं.
चीन की लि जुरेई (87713.42 अंक) और यिहान वांग (74655.77 अंक) रैंकिंग में क्रमश: पहले और दूसरे स्थान पर काबिज हैं. पुरुष एकल में पी कश्यप के खराब प्रदर्शन का असर रैंकिंग पर भी पड़ा है जिससे वह दो पायदान के नुकसान से 13वें स्थान पर पहुंच गये है. यह भारतीय खिलाड़ी इंडोनेशिया और सिंगापुर में पहले राउंड में हार गया था.
आरएमवी गुरूसाईदत्त और अजय जयराम भी पुरुष एकल रैंकिंग में एक एक पायदान के फायदे से क्रमश: 22वें और 24वें स्थान पर पहुंच गये हैं.
बी साई प्रणीथ को पांच पायदान का लाभ हुआ है जिससे उन्होंने अपने कैरियर की सर्वश्रेष्ठ 40 रैंकिंग हासिल कर ली जबकि थाईलैंड ग्रां प्री गोल्ड चैम्पियन के श्रीकांत भी एक पायदान के फायदे से 41वें नंबर पर पहुंचे. सौरभ वर्मा अपने 37वें स्थान पर जारी हैं.
महिलाओं के युगल वर्ग में प्रदन्य गद्रे और अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी ने चार पायदान की छलांग लगाकर 28वां स्थान प्राप्त किया. |
लेख: इस बार के दिल्ली चुनाव में केवल एक ही नाम है जो सीएम उम्मीदवार के तौर पर प्रोजेक्ट किया गया है और वह है दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जो आम आदमी पार्टी के सीएम उम्मीदवार हैं। बीजेपी अपना सीएम उम्मीदवार नहीं घोषित करेगी, क्योंकि पार्टी अब इस रणनीति के तहत तीन राज्यों में अपना मुख्यमंत्री बना चुकी है और कांग्रेस वैसे तो रेस से ही बाहर है। साथ ही कांग्रेस में सीएम उम्मीदवार घोषित करने की परंपरा ही नहीं है, इसलिए कायदे से तो दिल्ली चुनाव का एक ही चेहरा हैं और वह हैं अरविंद केजरीवाल।
इससे पहले कि मैं बताऊं कि कैसे इस बार मुझे अरविंद केजरीवाल बदले-बदले से नज़र आते हैं थोड़ा अपने बारे में बता देता हूं।
अरविंद केजरीवाल को मैं मंगलवार, 5 अप्रैल 2011 से लगातार कवर कर रहा हूं जब वे लोकपाल का आंदोलन करने के लिए जंतर मंतर पर अन्ना हज़ारे के साथ आए थे। मैंने रामलीला मैदान का वह लम्हा भी देखा जब केंद्र सरकार घुटने पर आ गई थी। मैंने मुंबई का अन्ना हज़ारे का नाकाम हुआ अनशन भी देखा, जिसके बाद पूरे लोकपाल आंदोलन पर सवाल खड़े हो गए थे। मैंने देखा कि कैसे राजनीति में आने से पहले केजरीवाल हिसार में जाकर कांग्रेस को वोट ना देने की अपील करके आए। कैसे केजरीवाल अनशन पर बैठे तो एक सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर..... और एक नेता बनकर और एक राजनैतिक पार्टी बनाकर जंतर मंतर से निकले।
मेरी ही आंखों के सामने ये पार्टी बनी... सारा संघर्ष भी मैंने देखा... 8 दिसंबर को पार्टी ने सबको चौंकाया था तब भी... केजरीवाल देखते ही देखते मुख्यमंत्री बन गए तब भी... केजरीवाल ने इस्तीफ़ा दिया तब भी... पीएम मोदी से भिड़ने गए तब भी... लोकसभा में बुरा प्रदर्शन किया तब भी... सब मैंने अपनी आंखों से देखा और दुनिया को दिखाया... इन सबके दौरान केजरीवाल से लगातार मेरा संवाद भी चलता रहा है।
केजरीवाल की सैकड़ों जनसभाएं मैंने अब तक कवर की हैं और अब मुझे केजरीवाल बदले-बदले से नज़र आ रहे हैं।
साल 2014 में केजरीवाल अपनी जनसभा में नकारात्मक प्रचार करते नज़र आते थे, लेकिन अब उनका स्टाइल बदल चुका है। साल 2014 में उनका सीधा हमला पीएम नरेंद्र मोदी पर होता था, वह लोगों को बताते थे कि किसी सूरत में मोदी जी को वोट मत देना वरना जाने क्या-क्या हो जाएगा... गैस महंगी हो जाएगी, महंगाई बढ़ जाएगी, वगैरह-वगैरह... लेकिन अब उनकी जनसभा में वह पीएम मोदी पर हमला तो दूर की बात है वह उनका नाम तक नहीं लेते... हां हमले ज़रूर करते हैं लेकिन बीजेपी की केंद्र सरकार पर नरेंद मोदी पर नहीं।
बल्कि मैं तो यह कहूंगा कि लोकसभा चुनाव में जैसे मोदी या बीजेपी प्रचार कर रही थी, इस बार केजरीवाल और आप वैसा प्रचार कर रही है... केवल अपनी 49 दिन की सरकार की वाहवाही और अगर सरकार बनी तो क्या करेंगे ये सब बताया जा रहा है, जबकि पीएम मोदी की रैली में बीजेपी के सभी नेता और खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने उस तरह हमले किए जैसे पिछली बार केजरीवाल और आप करती थी।
लोकसभा चुनाव में प्रचार करते वक्त केजरीवाल के निशाने पर मीडिया खूब रहा करता था... एक कार्यक्रम में तो उन्होंने यह तक कह दिया था कि इन मीडियावालों को जेल में डालेंगे, जिस पर बहुत विवाद हुआ लेकिन पार्टी ने चार न्यूज चैनलों का नाम लेकर कह दिया कि ये बिके हुए हैं और पेड न्यूज़ दिखा रहे हैं...
लेकिन अब केजरीवाल मीडिया पर हमला अपने अलग अंदाज़ में करते हैं जैसे कि वह कहते, 'जब मैंने कहा कि मैं बिजली के रेट आधे कर दूंगा तो इन मीडियावालों ने मेरा बड़ा मज़ाक उड़ाया था' यह सुनकर पब्लिक हंसती है और ताली बजाती है... केजरीवाल कहते हैं, 'अगर मैं गुजरात की सीएम आनंदीबेन पटेल की तरह 100 करोड़ रुपये का हेलीकॉप्टर ले लेता सीएम बनकर तो मीडिया वाले कहते कि वेरी गुड चीफ़ मीनिस्टर वेरी प्रोग्रेसिव चीफ़ मिनिस्टर'... यह सुनकर पब्लिक फिर हंसती है और ताली बजाती है और भीड़ में कवर कर रहे मीडियावालों की तरफ देखती हैं।
यह केजरीवाल का नया अंदाज़ है, जिसमें वह मीडिया के प्रति जो उनके दिल का दर्द है वह बाहर निकालते हैं... पब्लिक की सहानुभूति लेते हैं और असल में मीडिया को कुछ कहते भी नहीं।
लोकसभा चुनाव के वक्त भाषण देते वक्त वह खासे आक्रामक रहते थे, लेकिन आज एक दम आराम से अपनी बात कहते हैं। केजरीवाल पिछले विधानसभा चुनाव में लोगों को अपनी बाते गंभीरता से समझाने में लगे रहते थे, जैसे कि कांग्रेस सरकार ने कैसे भ्रष्टाचार करके जनता को लूटा या वह कैसे अपनी नौकरी छोड़कर राजनीति में आए लेकिन इस बार वह गंभीरता के साथ बीच-बीच लोगों को हंसाते भी हैं। जैसे कि वह महंगाई के मुद्दे पर कहते हैं कि मेरे सीएम रहते आलू इतने रुपये किलो थे और आज इतने गुना महंगा हो गया और फिर वह अपने अंदाज़ में कहते हैं कि बताओ इन बीजेपी वालों से आलू तक नहीं संभला... जनता खूब हंसती है।
केजरीवाल सीधी सी भाषा में जनता को वह बोलते हैं जो उसकी रोज़मर्रा की समस्या है और जनता आसानी से समझ सकती है।
केजरीवाल भ्रष्टाचार की बात करते हैं, लेकिन लोकपाल की नहीं जबकि केजरीवाल ने तो इस्तीफा ही इसी मुद्दे पर दिया था। शायद वह मानते हैं कि पब्लिक लोकपाल से उतना अच्छा कनेक्ट नहीं करती, जितना छोटे छोटे भ्रष्टाचार के मामलों से और पुलिस की हफ्ता वसूली से। हालांकि लोकपाल का मुद्दा अभी केजरीवाल और आप की बातों में दिख नहीं रहा लेकिन पार्टी कह रही है कि उस पर चर्चा आगे होगी।
पहले केजरीवाल जनता को डंके की चोट पर सीना ठोक कर कहते थे कि हां मैंने इस्तीफा दिया अपने उसूलों और आदर्शों पर दिया, लेकिन अब वह साफ़ साफ़ कहते हैं, 'मैने इस्तीफ़ा दिया मेरी गलती थी और एक बात तो मैंने राजनीति में सीख ली है....कुछ भी हो जाए इस्तीफ़ा मत दो'
केजरीवाल के बोलने का अंदाज़ ऐसा होता है कि जनता इस पर खुश होकर ताली बजाती है। केजरीवाल फिर कहते हैं कि पहले बहुमत नहीं था कुछ कमी रह गई थी, लेकिन अबकी बार बहुमत दो पांच साल तक काम करके दिखाएंगे।
केजरीवाल अब इमोशनल भी करते हैं और लोगों से कहते हैं, 'कांग्रेस का समर्थन लेकर सरकार मैं कैसे चला रहा था ये मेरा दिल ही जानता है' केजरीवाल फिर एक पंच मारकर कहते हैं कि 'इस्तीफा ही दिया ना कोई चोरी तो नहीं की'। जनता इस बात पर भी खूब ताली बजाती दिखती है।
केजरीवाल का अंदाज़ बदला है, लेकिन तेवर नहीं। केजरीवाल के मफलर पहनने पर विरोधियों उनका खूब मज़ाक उड़ाया, सोशल मीडिया पर चुटकुले भी चले, लेकिन आप इसका जवाब ट्विटर पर लंबे समय तक मफ़लरमैन शब्द को ट्रैंड कराकर विरोधियों को जवाब दिया। साथ ही केजरीवाल पहले जहां एक ही मफलर पहनते थे वहीं वह दो मफलर पहनते हैं और अब तो बिना मफ़लर वह पब्लिक के सामने आते ही नहीं।
खुद मैंने उनको हाल ही में कहा कि अगर वे इस तरह मफ़लर ना पहने, इससे वह सीरियस से नहीं लगते। इस पर वह बोले जनता ऐसा नहीं समझती... और यह कहकर हंसते हुए चले गए।
यह एक तरह का आत्मविश्वास दिखाता है वर्ना मेरे जैसा पुराना पार्टी कवर करने वाला रिपोर्टर इस तरह कहे तो कोई भी नेता एक बार सोचेगा ज़रूर... वैसे केजरीवाल को यह पहले से समस्या है कि डायबटीज़ होने की वजह से सर्दियों में एक बार खांसी और गला बैठना शुरू होता है तो वह पूरी सर्दी चलता है।
इस घटना का जिक्र मैंने इसलिए किया, क्योंकि 2014 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद जब मैं अरविंद केजरीवाल से एक दिन मिला तो मैं उनको उनकी गलतियां बताने लगा कि आपको ये चीज़ नहीं करनी चाहिए थी या वह करनी चाहिए थी। (हम पत्रकारों के पास हर किसी के लिए सलाह होती है और मार्गदर्शन रहता है)
तो जब मैं अरविंद को बता रहा था, अरविंद सब सुनकर मान रहे थे। मैं यह देखकर हैरान था कि इस शख्स ने एक समय में बड़े धुरंदरों को हवा में उड़ा दिया था और वह आज ऐसे मेरी हर बात सुन रहा है। आत्मविश्वास नाम की कोई चीज़ ना थी, लेकिन देखिए अरविंद उस दिन से भी आजतक कुछ नहीं जीते मतलब कोई चुनाव नहीं जीते लेकिन आत्मविश्वास देखकर बॉडी लैंग्वेज देखकर अंतर नज़र आता है।
एक और उदाहरण देकर अपनी बात खत्म करता हूं। जब अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सीएम नॉमिनेट होकर उपराज्यपाल से मिलकर आ रहे थे तो मैं उनका एक इंटरव्यू करने के लिए उनसे मिला... अरविंद पर पहली नज़र पड़ी को देखा अरविंद के चेहरे पर किसी तरह खुशी नहीं दिखी, बल्कि ऐसा लग रहा था जाने उन्हें कोई जबरन सीएम बना रहा हो। यानी कि कोई खुशी जो कि इतनी आश्चर्यजनक जीत के बाद मिली हो और सीएम की कुर्सी का कोई खास इंटरेस्ट या मोह उनके मन में नहीं दिखा।
मैंने सोचा लोग जाने कब से सीएम बनने के लिए क्या क्या तिकड़म करके भी जिंदगी भर सीएम नहीं बन पाते और ये हैं कि... मैं बधाई दे रहा था और वह धन्यवाद भी करने के मूड में नहीं दिख रहे थे।
लेकिन अब देखिए मुख्यमंत्री बनने के लिए वह अपनी जान दांव पर लगाए हुए हैं... चुनाव का एलान तो 12 जनवरी को हुआ है लेकिन दो महीने पहले से चुनाव प्रचार तक रहे हैं। दिल्ली की सारी सड़कें, बस स्टैंड, वगैरह पर आप के पोस्टर, रेडियो पर आप का विज्ञापन, रोजाना दो जनसभा, रोजाना चंदा जुटाने के लिए चाय कॉफी लंच डिनर दो शब्दों में कहें तो जान ही दांव पर है।
असल में केजरीवाल की राजनीतिक उम्र दो साल ही हुई है, लेकिन उन्होंने इन दो सालों में बहुत कुछ देखा और सीखा है... और इस बात को समझा कि राजनीति में बने रहने के लिए क्या ज़रूरी है। क्या छोड़ना है और क्या पकड़ना है...
एक समय था जब ऐसा लगता था कि केजरीवाल बोलकर सोचते हैं, लेकिन आज वह सोच समझकर ही बोलते हैं और इसलिए बदले-बदले से केजरीवाल नज़र आते हैं- देखें, राजनीति की धूल-आंधी में ये बदलाव कब तक कायम रहता है।
लेकिन सवाल यहां पर बस यही है कि क्या दिल्ली की जनता अरविंद केजरीवाल को इस्तीफे के लिए माफ़ कर पाएगी? कहीं ऐसा तो नहीं कि केजरीवाल ने बदलने में देर कर दी? यह सवाल है जिसका जवाब आप और हम 10 फरवरी को देखेंगे। |
फिल्म हिचकी में अभिनेत्री रानी मुखर्जी की भूमिका को लेकर सुहानी सिहं ने की बातचीत-
आपने इस फिल्म में टोरेट सिंड्रोम की शिकार शिक्षिका का रोल निभाया है.
इस रोल को अपनी पुरानी फिल्म ब्लैक केकिरदार के मुकाबले किस तरह से अलग ट्रीट किया?
मैं जब भी सुन, बोल या देख न सकने वाले लोगों से मिली, मुझे एक बार के लिए भी नहीं लगा कि वे किसी तरह की सहानुभूति चाहते हैं क्योंकि उन्होंने कभी सोचा ही नहीं कि वे किसी तरह से विकलांग हैं. हिचकी की नैना के साथ भी ऐसा ही है. भारत में टोरेट के बारे में लोगों को ज्यादा पता नहीं है. मुझे उम्मीद है कि हिचकी के जरिए लोग इससे परिचित हो सकेंगे.
आपकी फिल्म हिचकी कहती है कि बुरे छात्र नहीं शिक्षक होते हैं.
आप इससे कितनी सहमत हैं? पूरी तरह से. मेरा मानना है कि सामाजिक-आर्थिक, जाति, वर्ण, मजहब की पृष्ठभूमि से परे हर छात्र समान अवसर का हकदार है. छात्रों के साथ शिक्षकों के बराबरी का बर्ताव शुरू करने का यह सही समय है.
फिल्म में बच्चों के साथ
आपने किस तरह से रिश्ता कायम किया? उनमें कई तो पहली बार अभिनय कर रहे थे?
शूट से पहले मैं उनसे नहीं मिली थी. हम नहीं चाहते थे कि वे मुझसे बहुत हिल-मिल जाएं. कहानी वहां से शुरू होती है जहां उनमें असंतोष पनपता है और फिर बात बनती है. हम चाहते थे कि वह सब बहुत स्वाभाविक ढंग से हो.
आप कैसी स्टुडेंट रही हैं?
स्कूल में मुझे बहुत मजा आता था. भूगोल और इतिहास मेरे पसंदीदा विषय थे. मैं हमेशा टीचर्स की नजर में चढऩा चाहती थी लेकिन मैं आगे नहीं बैठती थी. इसकी वजह यह थी कि हमारा स्कूल (मुंबई का मानेकजी कूपर) समंदर के किनारे था और हममें हर कोई चाहता था कि सबसे पीछे की सीट पर बैठकर समंदर की ताजा हवा का लुत्फ उठाए. |
कंगना रनोट अपनी अगली फिल्म 'कट्टी-बट्टी' में जल्द ही नजर आने वाली हैं. कंगना के बारे में खबर थी कि उन्हें फिल्म कट्टी-बट्टी करने के लिए सलमान ने राजी किया है लेकिन इससे कंगना ने इंकार किया है.
कंगना
का कहना है, 'मुझे खुशी है कि सलमान ने मेरा नाम फिल्म के लिए सुझाया लेकिन उन्हें मुझे फिल्म के लिए राजी करने की जरूरत नहीं पड़ी क्योंकि
फिल्म की कहानी
मुझे इतनी पसंद आई थी कि मैने खुद ही हां कर दी थी.'
सिल्वर स्क्रीन
पर पहली बार इमरान खान और कंगना रनोट साथ-साथ दिखेंगे. फिल्म '
कट्टी-बट्टी
' लिव इन रिलेशनशिप पर आधारित है जो 18 सितंबर को रिलीज होगी. |
लेख: सुप्रीम कोर्ट ने विशेष रूप से राज्य लोक सेवा आयोगों और राज्य चयन बोर्डों द्वारा सार्वजनिक पदों के लिए संचालित की जाने वाली चयन प्रक्रिया की वीडियोग्राफी किए जाने का समर्थन किया, ताकि इस समूची कवायद की शुचिता कायम रह सके. शीर्ष न्यायालय ने दूरगामी प्रभाव रखने वाले अपने एक आदेश में यह भी कहा कि सीसीटीवी कैमरे परीक्षा और साक्षात्कार केंद्रों में लगाए जाने चाहिए. साथ ही, उनके फुटेज की तीन सदस्यीय एक स्वतंत्र कमेटी द्वारा जांच की जा सकती है.
न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति रोहिंटन नरीमन की सदस्यता वाली एक पीठ ने कहा, 'हमारा मानना है कि सार्वजनिक पदों पर चयन की शुचिता के लिए यह जरूरी है कि चयन संस्थाओं, विशेष रूप से राज्य लोक सेवा आयोग और राज्य चयन बोर्डों द्वारा चयन की प्रक्रिया की यथासंभव वीडियोग्राफी कराई जाए.’ टिप्पणियां
पीठ ने सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री को अपने आदेश की एक प्रति कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को भेजने का निर्देश दिया है, ताकि इसे अनुपालन के लिए संबद्ध प्राधिकारों के पास भेजा जा सके. मेघालय से जुड़े एक मामले पर सुनवाई के दौरान न्यायालय का यह आदेश आया है.
न्यायालय ने कहा कि राज्य में सरकारी लोअर प्राइमरी स्कूलों में सहायक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया में घोर अनियमितता बरती गई.
न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति रोहिंटन नरीमन की सदस्यता वाली एक पीठ ने कहा, 'हमारा मानना है कि सार्वजनिक पदों पर चयन की शुचिता के लिए यह जरूरी है कि चयन संस्थाओं, विशेष रूप से राज्य लोक सेवा आयोग और राज्य चयन बोर्डों द्वारा चयन की प्रक्रिया की यथासंभव वीडियोग्राफी कराई जाए.’ टिप्पणियां
पीठ ने सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री को अपने आदेश की एक प्रति कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को भेजने का निर्देश दिया है, ताकि इसे अनुपालन के लिए संबद्ध प्राधिकारों के पास भेजा जा सके. मेघालय से जुड़े एक मामले पर सुनवाई के दौरान न्यायालय का यह आदेश आया है.
न्यायालय ने कहा कि राज्य में सरकारी लोअर प्राइमरी स्कूलों में सहायक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया में घोर अनियमितता बरती गई.
पीठ ने सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री को अपने आदेश की एक प्रति कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को भेजने का निर्देश दिया है, ताकि इसे अनुपालन के लिए संबद्ध प्राधिकारों के पास भेजा जा सके. मेघालय से जुड़े एक मामले पर सुनवाई के दौरान न्यायालय का यह आदेश आया है.
न्यायालय ने कहा कि राज्य में सरकारी लोअर प्राइमरी स्कूलों में सहायक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया में घोर अनियमितता बरती गई.
न्यायालय ने कहा कि राज्य में सरकारी लोअर प्राइमरी स्कूलों में सहायक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया में घोर अनियमितता बरती गई. |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: सेना में प्रशिक्षण के दौरान पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ उस जगह से कुछ दूरी पर जॉगिंग किया करते थे जहां ओसामा बिन लादेन मारा गया। इस्लामाबाद के पास ऐबटाबाद शहर में जिस जगह ओसामा मारा गया वहां से महज कुछ गज की दूरी पर सैन्य अकादमी है जहां मुशर्रफ ने प्रशिक्षण लिया। मुशर्रफ ने कहा मैं हैरान हूं कि वह जगह पाकिस्तान सैन्य अकादमी के पास है। टेलीग्राफ ने उनके हवाले से कहा वह जगह उस जगह के पास है जहां से मैं नौ मील दौड़ते हुए गुजरता था। हो सकता है उस मकान के आगे से निकलता होउंगा। यह चौंकाने वाली बात है। अखबार के अनुसार उनकी यह टिप्पणी बताती है कि सेना में प्रशिक्षण लेने वाले नियमित तौर पर लादेन के उस परिसर के पास से गुजरते होंगे जहां वह मारा गया। मुशर्रफ ने इस बात का खंडन किया कि 1999 से 2008 के उनके शासनकाल के दौरान उन्हें लादेन के अते पते की जानकारी थी। उन्होंने लेकिन स्वीकार किया कि खुफिया विफलता रही। उन्होंने कहा वे नहीं जानते थे कि वह वहां है। इसे विफलता अथवा खुफिया कमी कहा जा सकता है लेकिन यह पाकिस्तान और अमेरिका दोनों की खुफिया विफलता थी। |
सबसे दिलचस्प बात यह है कि जामताड़ा में काजू की इतनी बड़ी पैदावार चंद साल की मेहनत के बाद शुरू हुई है. इलाके के लोग बताते हैं जामताड़ा के पूर्व उपायुक्त कृपानंद झा को काजू खाना बेहद पसंद था. इसी वजह वह चाहते थे कि जामताड़ा में काजू के बागान बन जाए तो वे ताजी और सस्ती काजू खा सकेंगे.
इसी वजह से कृपानंद झा ने ओडिशा में काजू की खेती करने वालों से मिले. उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों से जामताड़ा की भौगोलिक स्थिति का पता किया. इसके बाद यहां काजू की बागवानी शुरू कराई. देखते ही देखते चंद साल में यहां काजू की बड़े पैमाने पर खेती होने लगी.
कृपानंद झा के यहां से जाने के बाद निमाई चन्द्र घोष एंड कंपनी को केवल तीन लाख रुपए भुगतान पर तीन साल के लिए बागान की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया. एक अनुमान के मुताबिक बागान में हर साल हजारों क्विंटल काजू फलते हैं. देखरेख के अभाव में स्थानीय लोग और यहां से गुजरने वाले काजू तोड़कर ले जाते हैं.टिप्पणियां
काजू की बागवानी में जुटे लोगों ने कई बार राज्य सरकार से फसल की सुरक्षा की गुहार लगाई, पर खास ध्यान नहीं दिया गया. पिछले साल सरकार ने नाला इलाके में 100 हेक्टेयर भूमि पर काजू के पौधे लगाए जाने की बात कही थी. पौधारोपण की सभी प्रकार की तैयारी विभाग ने पूरी कर ली है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत काजू पौधा लगाने की जिम्मेदारी जिला कृषि विभाग को दी गई, लेकिन अभी तक इसपर काम नहीं शुरू हो सका है.
सरकार ने इलाके के किसानों की हालत सुधारने के लिए यहां काजू की बागवानी बढ़ाने और उन्हें उचित दाम दिलाने का वादा कर रही है.
इसी वजह से कृपानंद झा ने ओडिशा में काजू की खेती करने वालों से मिले. उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों से जामताड़ा की भौगोलिक स्थिति का पता किया. इसके बाद यहां काजू की बागवानी शुरू कराई. देखते ही देखते चंद साल में यहां काजू की बड़े पैमाने पर खेती होने लगी.
कृपानंद झा के यहां से जाने के बाद निमाई चन्द्र घोष एंड कंपनी को केवल तीन लाख रुपए भुगतान पर तीन साल के लिए बागान की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया. एक अनुमान के मुताबिक बागान में हर साल हजारों क्विंटल काजू फलते हैं. देखरेख के अभाव में स्थानीय लोग और यहां से गुजरने वाले काजू तोड़कर ले जाते हैं.टिप्पणियां
काजू की बागवानी में जुटे लोगों ने कई बार राज्य सरकार से फसल की सुरक्षा की गुहार लगाई, पर खास ध्यान नहीं दिया गया. पिछले साल सरकार ने नाला इलाके में 100 हेक्टेयर भूमि पर काजू के पौधे लगाए जाने की बात कही थी. पौधारोपण की सभी प्रकार की तैयारी विभाग ने पूरी कर ली है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत काजू पौधा लगाने की जिम्मेदारी जिला कृषि विभाग को दी गई, लेकिन अभी तक इसपर काम नहीं शुरू हो सका है.
सरकार ने इलाके के किसानों की हालत सुधारने के लिए यहां काजू की बागवानी बढ़ाने और उन्हें उचित दाम दिलाने का वादा कर रही है.
कृपानंद झा के यहां से जाने के बाद निमाई चन्द्र घोष एंड कंपनी को केवल तीन लाख रुपए भुगतान पर तीन साल के लिए बागान की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया. एक अनुमान के मुताबिक बागान में हर साल हजारों क्विंटल काजू फलते हैं. देखरेख के अभाव में स्थानीय लोग और यहां से गुजरने वाले काजू तोड़कर ले जाते हैं.टिप्पणियां
काजू की बागवानी में जुटे लोगों ने कई बार राज्य सरकार से फसल की सुरक्षा की गुहार लगाई, पर खास ध्यान नहीं दिया गया. पिछले साल सरकार ने नाला इलाके में 100 हेक्टेयर भूमि पर काजू के पौधे लगाए जाने की बात कही थी. पौधारोपण की सभी प्रकार की तैयारी विभाग ने पूरी कर ली है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत काजू पौधा लगाने की जिम्मेदारी जिला कृषि विभाग को दी गई, लेकिन अभी तक इसपर काम नहीं शुरू हो सका है.
सरकार ने इलाके के किसानों की हालत सुधारने के लिए यहां काजू की बागवानी बढ़ाने और उन्हें उचित दाम दिलाने का वादा कर रही है.
काजू की बागवानी में जुटे लोगों ने कई बार राज्य सरकार से फसल की सुरक्षा की गुहार लगाई, पर खास ध्यान नहीं दिया गया. पिछले साल सरकार ने नाला इलाके में 100 हेक्टेयर भूमि पर काजू के पौधे लगाए जाने की बात कही थी. पौधारोपण की सभी प्रकार की तैयारी विभाग ने पूरी कर ली है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत काजू पौधा लगाने की जिम्मेदारी जिला कृषि विभाग को दी गई, लेकिन अभी तक इसपर काम नहीं शुरू हो सका है.
सरकार ने इलाके के किसानों की हालत सुधारने के लिए यहां काजू की बागवानी बढ़ाने और उन्हें उचित दाम दिलाने का वादा कर रही है.
सरकार ने इलाके के किसानों की हालत सुधारने के लिए यहां काजू की बागवानी बढ़ाने और उन्हें उचित दाम दिलाने का वादा कर रही है. |
लेख: राजस्थान बोर्ड कक्षा 12वीं की साइंस और कॉमर्स स्ट्रीम की परीक्षा देने वाले छात्रों का इंतजार खत्म हो गया है. बोर्ड ने 12वीं की साइंस और कॉमर्स स्ट्रीम के परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए हैं. एजुकेशन मंत्री वासुदेव देवनानी ने बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट पर परिणाम जारी किए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक इस साल, लगभग 8.69 लाख छात्रों ने 12 वीं कक्षा की परीक्षा में हिस्सा लिया था. आप अपना रिजल्ट बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट www.rajeduboard.rajasthan.gov.in पर जाकर चैक कर सकते हैं.
राजस्थान बोर्ड ने इससे पहले कहा था कि विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के मद्देनज़र विज्ञान और वाणिज्य के नतीजे पहले जारी किये जाएंगे. पिछले साल इन विषयों के परिणाम 16 मई को जारी किये गए थे.
राजस्थान बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षा के एग्जाम मार्च, 2017 से शुरू की गई थीं. परीक्षा सुबह 8.30 बजे से 11.45 बजे चलीं थी. राजस्थान बोर्ड 12वीं कक्षा की टाइपिंग स्क्रिप्ट की परीक्षा 17 मार्च (हिंदी ) और 20 मार्च (अंग्रेजी) को सुबह 9 बजे हुई थी.
बोर्ड ने फिजिकल हैंडीकैप कैटेगरी के छात्रों के लिए विशेष प्रावधान किए थे. आवश्यक दस्तावेजों को दिखाए जाने के बाद ऐसे छात्रों को एक घंटे का अतिरिक्त समय दिया गया था. 75 फीसदी विकलांगता वाले छात्रों को पेपर लिखने के लिए सहायक की सेवा उपलब्ध हुई थी. कुछ छात्रों के लिए बोर्ड ने प्रैक्टिल एग्जाम को लेकर अलग शेड्यूल भी जारी किया था.
ऐसे देखें अपना रिजल्ट
स्टेप 1: राजस्थान बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट www.rajeduboard.rajasthan.gov.in पर जाएं
स्टेप 2: रिजल्ट लिंक पर किल्क करें
स्टेप 3: अपना रजिस्ट्रेशन डीटेल भरें
स्टेप 4: रिजल्ट देखें
राजस्थान बोर्ड की 12वीं की परीक्षाएं 2 मार्च से लेकर 25 मार्च तक आयोजित की गईं थीं. |
पूर्वी दिल्ली में
सांप्रदायिक दंगों
के बाद राजधानी के दूसरे हिस्सों में तनाव की स्थिति बनती दिख रही है. उत्तरी पूर्वी
दिल्ली के बवाना
में हुई महापंचायत में जाट समुदाय के नेताओं ने अपने इलाके में
मुहर्रम के जुलूस को रास्ता
ना देने का फैसला किया है.
इस महापंचायत को बीजेपी के स्थानीय विधायक घुग्गन सिंह और कांग्रेस पार्षद देविंदर पोनी का भी समर्थन हासिल है. दोनों नेता बैठक में मौजूद रहे.
महापंचायत में उपस्थित कई
जाट नेताओं
के बीच सभा में घुग्गन सिंह ने कहा, '
मुसलमान
अपने घर में कुछ भी कर सकते हैं, लेकिन उन्हें अधिकार नहीं है कि वे दूसरों को परेशान करें. इलाके के युवाओं को मैं बधाई देता हूं कि उन्होंने यह कदम (बवाना मार्केट में मुहर्रम के जुलूस को रोकने का) उठाया है.'
बवाना में हुई इस
महापंचायत में दो हजार से ज्यादा
स्थानीय लोगों ने हिस्सा लिया. कई सारे वक्ताओं ने
भड़काऊ भाषण
दिए और कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग कई सालों से महिलाओं को निशाना बनाते रहे हैं.
इस इलाके में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की
ज्यादातर आबादी जेजे कॉलोनी
में रहती है. कॉलोनी के लोगों ने मुहर्रम जूलुस को जाट समुदाय के इलाकों से ना ले जाने का फैसला किया है. अल्पसंख्यक समुदाय के स्थानीय नेताओं में से एक ने कहा, 'पुलिस को हमने अपने निर्णय के बारे में बता दिया है, ताकि मुहर्रम के जुलूस को लेकर कोई विवाद ना पैदा हो. हम लोग शांति से रहना चाहते हैं.'
गौरतलब है कि वार्षिक जुलूस में शिया मुसलमान इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हैं. इमाम हुसैन पैगंबर मोहम्मद के पोते थे. मुहर्रम मंगलवार को मनाया जाएगा. |
सालि केल्मेन्दि का जन्म तिराना में ३१ मई, १९४७ को हुआ था। वे एक अभियन्ता और राजनीतिज्ञ हैं। १९९० में अल्बानिया लोकतान्त्रिक दल के संस्थापकों में से एक, जुलाई १९९२ के लोकतान्त्रिक चुनावों सालि केल्मेन्दि तिराना के प्रथम लोकतान्त्रिक रूप से निर्वाचित प्रथम महापौर हैं। १९९२-१९९६ के दौरान, लगभग ९०% उपक्रमों और १००% घरों को अराष्ट्रीयकृत कर दिया गया। राजनैतिक रूप से प्रताड़ित लोगों को बसाने के लिए भी बहुत सा काम किया गया। इस प्रकार, सालि केल्मेन्दि ने तिराना को एक केन्द्रीय नियोजित अर्थव्यस्था से परिवर्तित कर बाज़ार उन्मुख प्रणाली बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सन्दर्भ
तिराना
अल्बानिया के लोग |
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीईओ ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को रियासी जिले के प्रसिद्ध तीर्थस्थल पर आने वाले तीर्थयात्रियों की सुविधाओं में बढ़ोतरी के लिए की गई व्यवस्था के संबंध में जानकारी दी.
राजभवन के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्य कार्यकारी अधिकारी सिमरनदीप सिंह ने मलिक को कटरा और तीर्थ क्षेत्र में बोर्ड की विभिन्न प्रमुख परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी दी.
इस साल सबसे अधिक संख्या में भारतीय करेंगे हज यात्रा, इन राज्यों के लोगों ने किया सबसे ज्यादा आवेदन
उन्होंने बताया कि सीईओ ने राज्यपाल को तीर्थयात्रियों के लिए मौजूदा सुविधाओं को बढ़ाने और गर्मियों के मौसम को ध्यान में रखते हुए सेवा मुहैया कराने वालों के लिए की गई व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी.
करतारपुर गलियारा में हो रही देरी पर बोला पाकिस्तान, कहा - भारत इच्छुक नहीं है
राज्यपाल ने सिंह को तय समय सीमा के भीतर सभी काम पूरे करने और सभी तीर्थ यात्रियों के लिए अपेक्षित सुविधाएं सुनिश्चित करने का सुझाव भी दिया है. |
दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफंस कॉलेज में शहीदों के बच्चों को एडमिशन में आरक्षण मिलेगा. सेंट स्टीफंस कॉलेज ने सत्र 2017-18 में ये आरक्षण देने का फैसला किया है.
इस फैसले के तहत आरक्षण कुल 10 कोर्सेज के लिए दिया जाएगा, जिनमें से कुल तीन सीटें ही आरक्षित होंगी. बाकि दूसरे छात्रों का दाखिला तय नियमों के आधार पर ही होगा.
अभी तक कॉलेज में दाखिले के लिए कुल 10 सीटें आरक्षित थीं, जिनमें अब तीन और सीटों का इजाफा होगा. वहीं स्पोर्ट्स कोटे की कुल 21 सीटें हैं.
हालांकि
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
शुरू होने क बाद, मंगलवार तक कुल 1511 आवेदन प्राप्त हुए हैं. वहीं ऑनलाइन फीस पेमेंट के साथ कुल 200 आवेदन आए हैं. हालांकि शहीदों के बच्चों के आवेदनों के आधार पर उनका कटऑफ अलग होगा. |
माकपा से निष्काषित नेता और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने कहा कि मतगणना के प्रारंभिक रुझानों से मिले संकेतों के अनुसार पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस गठबंधन सत्ता में आ रही है। सोमनाथ ने कहा, रुझान स्पष्ट हैं और ऐसा लगता है कि विपक्ष सत्ता में आ रहा है। उन्होंने कहा कि रुझानों से परिणाम प्रदर्शित हो रहे हैं और माकपा नीत वाममोर्चा का इससे उबर पाना कठिन है। 2008 में मनमोहन सिंह सरकार के विश्वास मत के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए माकपा के इस वरिष्ठ नेता को पार्टी से निष्काषित कर दिया गया था। उन्होंने कहा, यह बात पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान ही साफ हो गई थी, हालांकि वाममोर्चा ने इसको पाटने का काफी प्रयास किया। पार्टी से निकाले जाने के बावजूद सोमनाथ ने दमदम सीट पर राज्य के आवास मंत्री गौतम देव के अलावा माकपा उम्मीदवार फौद हलीम और सतरूप घोष के लिए चुनाव प्रचार किया था। |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी जशोदाबेन ने शुक्रवार को तेलंगाना जिले में बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण किया. जशोदाबेन ने यह अनावरण तेलंगाना के विकाराबाद में किया. जशोदाबेन के बारे में सुन वहां उन्हें देखने के लिये लोगों का तांता लग गया. जशोदा बेन ने विकाराबाद के प्रसिद्ध नागदेवता मंदिर में पूजा अर्चना भी की.
आपको बता दें कि जशोदाबेन एक सेवानिवृत स्कूल शिक्षिका हैं. मोदी से तब उनकी शादी हुई थी जब दोनों ही नाबालिग थे. मोदी जब किशोर ही थे तब ही उन्होंने घर-परिवार छोड़ दिया और वह बाद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ गए.
मुझे पत्नी के रूप में स्वीकार किया, अच्छा लगा'
जशोदा बेन ने
प्रधानमंत्री नरेंद्र मो
दी के पीएम बनने के मौके पर कहा था कि उन्होंने (मोदी ने) जब 2014 में वड़ोदरा से चुनाव नामांकन पत्र भरा तो पहली बार उन्होंने मुझे पत्नी के रूप में स्वीकार किया. कई सालों बाद उन्होंने मुझे पत्नी के रूप में स्वीकार किया, मुझे अच्छा लगा. वह मुझे इतने सालों बाद भी याद करते हैं.’ मोदी के पहली बार शादीशुदा होने की बात कबूलने से चुनाव प्रचार के दौरान विवाद पैदा हो गया था.
'मैं उनकी पत्नी हूं और हमेशा उनकी पत्नी रहूंगी'
जशोदाबेन ने कहा था कि पहले, उन्होंने (चुनाव नामांकन पत्र में) मेरा नाम नहीं लिखा लेकिन उन्होंने (शादीशुदा होने से) कभी इनकार भी नहीं किया. उन्होंने कभी भी मेरे
बारे में बुरी बात नहीं कही. मेरे मन में उनके
प्रति सम्मान है. मैं उनकी पत्नी हूं और हमेशा उनकी पत्नी रहूंगी.’ उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने जो कुछ किया, वह उस सिलसिले में बिल्कुल निष्कलंक हैं. यह उनका कर्म ही है जो उन्हें आगे बढ़ने में मदद करता है. वह अपनी प्रतिभा के बदौलत आगे बढ़ते रहे. उनके कार्य और प्रतिभा दोनों ने ही उन्हें बड़ा नेता बनाया.’
'हमने कभी तलाक नहीं लिया'
दोनों के अलग रहने के संबंध में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘हमने कभी एक दूसरे से तलाक नहीं लिया. हम उस तरह अलग नहीं हुए. हम साथ हैं. वह देश की सेवा के लिए घर छोड़कर चले गए और इस तरह हम अलग हो गए.’ |
पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने इंडियन प्रीमियर लीग से जुड़ी मीडिया और संचालन परिषद संबंधी गतिविधियों के लिए प्रत्येक सत्र की अपनी 10 लाख डॉलर (पांच करोड़ रुपये) की मांग ठुकराए जाने के बाद आज भारतीय क्रिकेट बोर्ड पर निशाना साधा। गावस्कर ने कहा, बीसीसीआई ने मेरे अनुबंध पर यू-टर्न ले लिया। मैं हैरान हूं कि बीसीसीआई ने मेरा लंबित भुगतान करने से इनकार कर दिया। मैं इन रिपोर्टों को पढ़कर हिल गया हूं। इस पूर्व भारतीय कप्तान ने दावा किया था कि बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष शरद पवार और अरुण जेटली ने उनसे वादा किया था कि उनके भुगतान को स्वीकृति मिल जाएगी। उन्होंने एनडीटीवी से कहा, शरद पवार और अरुण जेटली दोनों ने मुझे वादा किया था कि मेरे भुगतान को स्वीकृति दे दी जाएगी। मेरे पेशकश से इनकार करने के बाद शरद पवार और ललित मोदी ने मुझे चार करोड़ रुपये के आईपीएल अनुबंध का वादा किया था। गावस्कर के बीसीसीआई को पत्र लिखने के बाद यह मुद्दा कल कार्यकारी समिति की बैठक में चर्चा के लिए आया था। उन्होंने कहा, मैंने बीसीसीआई अध्यक्ष से आग्रह किया और उन्होंने कहा कि उन्हें सिर्फ पवार से पुष्टि की जरूरत है। पवार ने इसके बाद (अरुण) जेटली से बात की जिन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। गावस्कर ने कहा कि वह चिंतित नहीं हैं कि इस विवाद का उनके कमेंटेटर अनुबंध पर कोई असर पड़ेगा। उन्होंने कहा, मुझे अनुबंध के साथ कोई टकराव नजर नहीं आता। ये दोनों दो बिलकुल अलग चीजें हैं। एक प्रसारणकर्ता का अनुबंध है और दूसरा आईपीएल से जुड़ी प्रतिबद्धता का मामला है। राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के अध्यक्ष पद से अनिल कुंबले के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया मांगने पर गावस्कर ने कहा, अगर कोई उसके (अनिल की) जैसी विश्वसनीयता का व्यक्ति किसी कार्यक्रम के बारे में बात करता है तो इस पर उचित तरीके से चर्चा की जानी चाहिए। आप भले ही उससे शत प्रतिशत सहमत नहीं हो लेकिन यह देखना होगा कि वह क्या कह रहा है। इस दिग्गज सलामी बल्लेबाज का मानना है कि बीसीसीआई को कुंबले के मुद्दे से बेहतर तरीके से निपटना चाहिए था। |
मौसा ट्रॉरे (जन्म 25 सितंबर 1936) एक मालियन सैनिक और राजनेता हैं, जो 1968 से 1991 तक माली के राष्ट्रपति थे । एक लेफ्टिनेंट के रूप में, उन्होंने 1968 में राष्ट्रपति मोदिबो कीटा के सैन्य निष्कासन का नेतृत्व किया। इसके बाद उन्होंने मार्च 1991 तक राज्य के प्रमुख के रूप में कार्य किया। , जब वह लोकप्रिय विरोध और एक सैन्य तख्तापलट द्वारा उखाड़ फेंका गया था। 1990 के दशक में उन्हें दो बार मौत की सजा दी गई थी, लेकिन अंततः दोनों अवसरों पर उन्हें माफ कर दिया गया और 2002 में मुक्त कर दिया गया। वह राजनीतिक जीवन से सेवानिवृत्त हुए हैं।
1936 में जन्मे लोग |
बीजेपी की चुनावी नैया के खेवनहार नरेंद्र मोदी 5 मई को कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी के गढ़ अमेठी में उन्हें ललकारेंगे. वह अमेठी से बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी के पक्ष में चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे.
अमेठी में जनसभा करके मोदी राहुल और कांग्रेस को उनके गढ़ में घेरेंगे. लोकप्रिय टेलीविजन धारावाहिक 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' से घर-घर पहुंच चुकीं स्मृति ईरानी को अमेठी से प्रत्याशी बनाकर बीजेपी ने राहुल को उनके गढ़ में घेरने के लिए अपने इरादे जाहिर कर दिये थे.
उधर राहुल की बहन प्रियंका गांधी वाड्रा अमेठी में अपने भाई के लिए जनसमर्थन जुटाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाये हुए हैं. ऐसे में मोदी ने स्मृति ईरानी के लिए अमेठी का चुनावी माहौल गर्माने की ठानी है. स्मृति गुजरात से बीजेपी की राज्यसभा सदस्य हैं. आम आदमी पार्टी के कुमार विश्वास भी अमेठी से चुनाव लड़ रहे हैं. |
वित्त मंत्रालय ने केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) के चालू वित्त वर्ष के आर्थिक वृद्धि के अग्रिम अनुमान को उम्मीद से कम बताते हुये कहा कि अर्थव्यवस्था में हो रहे बदलावों के मद्देनजर 2012-13 में आर्थिक वृद्धि 5.5 प्रतिशत अथवा इससे कुछ अधिक रहेगी.
वित्त मंत्रालय ने कहा है, ‘पांच प्रतिशत के अग्रिम वृद्धि अनुमान में संशोधन हो सकता है और अंतिम आंकड़े सरकार के घोषित अनुमान 5.5 प्रतिशत के आसपास या फिर से इससे कुछ ऊपर रह सकते हैं.’ केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) ने वर्ष 2012.13 की आर्थिक वृद्धि के गुरुवार को जारी अग्रिम अनुमान में 5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है. हालांकि, इससे पहले वित्त मंत्रालय ने संसद के शीतकालीन सत्र में पेश मध्यवर्षीय आर्थिक समीक्षा में वर्ष के दौरान 5.7 से 5.9 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान व्यक्त किया है.
रिजर्व बैंक ने भी हाल ही में जारी तीसरी तिमाही समीक्षा में आर्थिक वृद्धि 5.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. वित्त मंत्रालय ने सीएसओ के पिछले सात साल के वृद्धि अनुमानों के आंकड़े जारी करते हुये कहा है कि संगठन के अग्रिम अनुमानों में अक्सर बदलाव होता रहा है और अंतिम आंकड़ों में इनमें या तो वृद्धि दर्ज की गई या फिर कभी कम भी रहे हैं.
मंत्रालय ने कहा है, ‘सीएसओ के अग्रिम अनुमान नवंबर अथवा दिसंबर 2012 तक के उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर हैं. आमतौर पर सीएसओ के आंकड़े तभी सटीक बैठते हैं जब अर्थव्यवस्था एक निश्चित रुझान में आगे बढ़ रही हो, लेकिन बदलाव की स्थिति में यह सही साबित नहीं होते. उदाहरण स्वरूप वर्ष 2008-09 और 2011-12 में सीएसओ के वृद्धि अनुमान अंतिम आंकड़ों की तुलना में ऊंचे रहे, जबकि इस बार आंकड़े कम करके आंके गये.’
मंत्रालय द्धारा उपलब्ध कराये गये आंकड़ों के अनुसार सीएसओ ने वर्ष 2008-09 में अर्थव्यवस्था में 7.1 प्रतिशत वृद्धि का अग्रिम अनुमान लगाया था जबकि संशोधित अनुमान में यह 6.7 प्रतिशत और अंतिम आंकड़ों में 6.8 प्रतिशत रही. ये आंकड़े वर्ष 1999-200 के स्थिर मूल्यों पर आधारित थे. इसी प्रकार 2011-12 में सीएसओ ने 6.9 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि का अग्रिम अनुमान लगाया था जबकि संशोधित अनुमान में यह घटकर 6.5 प्रतिशत और त्वरित अनुमान में 6.2 प्रतिशत रहे.’
वित्त मंत्रालय ने अर्थव्यवस्था में तेजी आने के अपने अनुमान के पीछे हाल में मिले कुछ संकेतकों का भी जिक्र किया है. मंत्रालय ने कहा है, ‘खरीद प्रबंधकों का सूचकांक (विनिर्माण) अक्टूबर 2012 के बाद चढ़ने लगा है. इसके साथ ही औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में भी अक्टूबर 2012 के बाद मौसम के अनुरूप समायोजन के बाद स्थायित्व दिखाई दिया है. मंत्रालय ने यह भी कहा है कि वर्ष के दौरान अप्रैल से दिसंबर 2012 के नौ महीनों की अवधि में उत्पाद शुल्क वसूली में एक साल पहले की इसी अवधि की तुलना में 16 प्रतिशत और सेवाकर में 33 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है.
इसके अलावा मुद्रास्फीति में भी नरमी आई है जो कि दिसंबर में 7.2 प्रतिशत रह गई, खासकर विनिर्मित उत्पादों की मुख्य मुद्रास्फीति दिसंबर 2012 में 4.2 प्रतिशत दर्ज की गई. रिजर्व बैंक ने भी नीतिगत दरों में 0.25 प्रतिशत कमी की है. ब्याज दरों में कमी से आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा. |
तेन्ग्री धर्म (पुरानी तुर्की: 7px7px, मंगोल: Тэнгэр шүтлэг, अंग्रेज़ी: Tengrism ) एक प्राचीन मध्य एशियाई धर्म है जिसमें ओझा प्रथा, सर्वात्मवाद, टोटम प्रथा और पूर्वज पूजा के तत्व शामिल थे। यह तुर्क लोगों और मंगोलों की मूल धार्मिक प्रथा थी। इसके केन्द्रीय देवता आकाश के प्रभु तेन्ग्री (Tengri) थे और इसमें आकाश के लिए बहुत श्रद्धा रखी जाती थी। आज भी मध्य एशिया और उत्तरी एशिया में तूवा और साइबेरिया में स्थित ख़कासिया जैसी जगहों पर तेन्ग्री धर्म के अनुयायी सक्रीय हैं।
तेन्ग्री धर्म के भक्त अक्सर 'वेदिक सनातन के नीले आकाश' को पूजा करते हैं, जो मंगोल भाषा में 'मुन्ख़ ख़ुख़ तेन्ग्री' है। मंगोल में 'ख़ुख़ तेन्ग्री' का मतलब 'नीला आसमान' होता है जो तुर्की देश में 'गोक तनरी' (Gök Tanrı) के रूप में मिलता है। तुर्की में तेन्ग्री धर्म को 'गोक तनरी' धर्म कहते हैं। तेन्ग्री धर्म में तेन्ग्री आकाश-देवता के साथ-साथ उमेय (7px, Umay) नामक पृथ्वी से सम्बंधित देवी-माता में भी आस्था रखी जाती है। एक और देवी गोलोम्त ईज (Golomt Eej) है, जो अग्नि की देवी है और आकाश-देवता की पुत्री है। अक्सर साइबेरिया, मंगोलिया और उन से सम्पर्क में रहे देशों (जैसे कि ईराक के कुछ भागों) में गर्भवती महिलाओं को तीन अलग रंगों की छोटी थैलियाँ दी जाती हैं, जिनके रंग नीले, हरे और पीले/लाल होते हैं। इसमें नीला रंग तेन्ग्री का प्रतीक, हरा रंग उमेय का प्रतीक और पीला या लाल रंग गोलोम्त ईज का प्रतीक होता है और माना जाता है कि इस से होने वाले शिशु और उसकी माता कि रक्षा होती है।
तेन्ग्री धर्म और इस्लाम
तेन्ग्री धर्म देवताओं और आत्माओं और व्यक्तिगत अनुभवों के साथ व्यक्तिगत संबंधों पर आधारित है, जिसे लेखन में तय नहीं किया जा सकता है; इस प्रकार कोई नबी, पवित्र ग्रंथ, पूजा स्थल, पादरी, हठधर्मिता, संस्कार और प्रार्थना नहीं हो सकती। इसके विपरीत, इस्लाम एक लिखित कोष पर आधारित है। सिद्धांत और धार्मिक कानून कुरान से प्राप्त होते हैं और हदीस द्वारा समझाया जाता है। इस संबंध में, दोनों विश्वास प्रणालियाँ मौलिक रूप से भिन्न हैं। तुर्कों ने आमतौर पर सूफीवाद के माध्यम से इस्लाम में अपनी मान्यताओं का सामना किया और उन्हें आत्मसात किया।
इन्हें भी देखें
तेन्ग्री
ओझा
टोटम प्रथा
मंगोल
सन्दर्भ
तेन्ग्री धर्म
मंगोल इतिहास
मध्य एशिया का इतिहास |
लोकनीति अथवा 'सार्वजनिक नीति' (Public policy) वह नीति है जिसके अनुसार राज्य के प्रशासनिक कार्यपालक अपना कार्य करते हैं। बहुत से विचारकों का मत है कि लोक प्रशासन, लोकनीति को लागू करने और उसकी पूर्ति के लिये लागू की गयी गतिविधियों का योग है। सावर्जनिक नीति का अध्ययन अमेरिका के कई विश्वविद्यालयों में प्रमुखता से किया जाता है। सार्वजनिक नीति सामान्यतया अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, शिक्षा, तकनीकी एवं सामाजिक नीतियों जैसे सामान्य शीर्षकों में वर्गीकृत की जाती है।
हम सब अपने दिन-प्रतिदिन के जीवन में असंख्य सार्वजनिक नीतियों से अत्यन्त प्रभावित हैं। सार्वजनिक नीति की पहुँच व्यापक है, अत्यावश्यक से नगण्य तक। सार्वजनिक नीतियाँ आज प्रतिरक्षा, पर्यावरण सरंक्षण, चिकित्सकीय देखभाल एवं स्वास्थ्य, शिक्षा, गृह निर्माण, कराधान, महँगाई, विज्ञान और तकनीकी इत्यादि मूलभूत क्षेत्रों से सम्बन्धित है।
सार्वजनिक नीतियाँ सूक्ष्म स्तर से वृहत स्तर तक अनेक पक्षों के साथ व्यवहार करती है। इसका सम्बन्ध चाहे आन्तरिक घरेलू पक्षों से हो या बाह्य विदेशी मामले से। घरेलू क्षेत्र में, सार्वजनिक नीतियाँ सूक्ष्म स्तर के किसी विशिष्ट गाँव पर ध्यान केन्द्रित कर सकती है या किसी विशिष्ट खण्ड या समुदाय से सम्बन्धित हो सकती है। इसी तरह सार्वजनिक नीतियाँ स्थानीय, राज्य या राष्ट्रीय सरकार से सम्बन्धित हो सकती है। सार्वजनिक नीति विदेशी मामले, शिक्षा, प्रतिरक्षा, कृषि, गृह निर्माण, शहरी विकास, सिंचाई आदि से जुड़ी हो सकती है। सार्वजनिक नीतियों का विस्तार अत्यन्त नगण्य पक्ष से लेकर अत्यन्त महत्त्वपूर्ण पक्ष तक हो सकता है। इसमें किसी राष्ट्रीय नेता की स्मृति में राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने और इसके तहत सैकड़ों करोड़ रूपये की मजदूरी देना भी सम्मिलित है।
आधुनिक मनुष्य का जन्म सरकार द्वारा प्रदत्त वित्तय सहायता वाले चिकित्सालय में होता है। वह अपनी शिक्षा राज्य सहायता प्राप्त विद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में प्राप्त करता है, अपने समय का काफी हिस्सा राज्य द्वारा निर्मित परिवहन सुविधाओं से यात्रा करते हुए गुजारता है, डाक घर या अर्द्ध राजकीय दूरभाष प्रणाली का उपयोग संचार हेतु करता है, राज्य द्वारा व्यवस्था किये पेय जल के पीता है, अपने कूड़े-कचरे का निपटान सावर्जनिक स्वच्छता प्रणाली के माध्यम से करता है, सार्वजनिक पस्तकालय से पुस्तकें पढ़ता है, सार्वजनिक पार्कों में पिकनिक मनाता है तथा सार्वजनिक पुलिस, अग्निशमन एवं स्वास्थ्य प्रणाली से लाभान्वित होता है। अन्ततोगत्वा, उसकी मृत्यु चिकित्सालय में होती है, और हो सकता है कि उसको सार्वजनिक शमशान में दफनाया जाये। मनुष्य कितना ही रूढ़िवादी क्यों न हो, वह अपना दिन प्रतिदिन का जीवन उपर्युक्त या अन्य कई सार्वजनिक सेवाओं के सम्बन्ध में सरकार के निर्णय से बँधा हुआ पाता है।
लोक प्रशासन का राजनीति विज्ञान के समानान्तर अध्ययन के एक क्षेत्र के रूप में प्रादुर्भाव होने तथा एक अलग शैक्षणिक विभाग के रूप में उभरने के साथ ही, 1960 के दशक में सार्वजनिक नीति को राजनीति विज्ञान के अंतर्गत अध्ययन के एक उपक्षेत्र के नाते मान्यता मिली। ‘सार्वजनिक नीति‘ सावर्जनिक मामलों के प्रति सरकार के रूख का सैद्धान्तिक अध्ययन करती है। राजनीति विज्ञान का बल सिद्धान्त पर, तथा साजर्वनिक नीति का बल उसके अनुप्रयोग पर होता है।
परिचय
राजनीति विज्ञान में व्यवहारवादी क्रान्ति के परिणामस्वरूप अधिकतर राजनीतिक वैज्ञानिकों के लिए ‘प्रासंगिकता‘ अध्ययन का केन्द्रीय विषय हो गया है। राजनीति शास्त्रियों ने, विशेषकर संयुक्त राज्य अमेरिका में, छठे दशक के उत्तरार्द्ध में महसूस किया कि समाज के सामने उपस्थिति कई संकटकालीन समस्याओं का हल निकालने की अत्यधिक आवश्यकता है। उदाहरण के लिए, वियतनाम में अमेरिका का उलझाव अमेरिकी जनता के लिए डरावना अनुभव था। विश्व भर में हथियारों की दौड़ ने विश्व के अस्तित्व तक को बड़े खतरे में डाल दिया। नृजातीय समस्याएँ कई समाजों के लिए बड़ी चुनौती बन गई हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस जैसी महाशक्तियों द्वारा लिए गए निर्णयों की परिणति युद्ध या शांति, आर्थिक उन्नति या अंत, परमाणु विध्वंस या शांतिपूर्ण सह अस्तित्व में हो सकती है। राजनीति वैज्ञानिकों ने सार्वजनिक नीति के संभावित खतरों तथा सकारात्मक लाभों को महसूस किया है और इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि सार्वजनिक नीतियों के अध्ययन और विश्लेषण की अत्यधिक आवश्यकता है।
सरकारें इन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए कई नीतियाँ बना सकती है और कोष उपलब्ध करा सकती हैं। तो भी, केवल कानून बनाने तथा बजट पारित करने मात्र से सिद्ध नहीं हो सकेगा कि अभीष्ट उद्देश्य प्राप्त हो जावेंगे। भारतीय योजनाओं में हमेशा ही उद्देश्यों और उपलब्धियों के मध्य एक बड़ा अन्तराल रहता है। उन असफलताओं के कारणों का विश्लेषण करना होगा।
परिभाषा
सरल रूप में व्यक्त करना हो तो, सावर्जनिक नीति सरकारों की गतिविधियों का योग है, चाहे सरकार स्वयं कार्य करती है या अभिकर्ता के माध्यम से कार्य करती है। सार्वजनिक नीति का नागरिकों के जीवन पर प्रभाव पड़ता है। सरकरें जो कुछ भी करना या नहीं करना पसंद करती हैं वहीं सावर्जनिक नीति है। राजनीति वैज्ञानिक डेविड ईस्टन ने सार्वजनिक नीति के ‘‘सम्पूर्ण समाज के लिए बड़ी मात्रा में धनराशि का अधिकाधिक विनोजन‘‘ के रूप में परिभाषित किया है। राजनीति वैज्ञानिक हेन्ज यूला एवं केनीथ प्रेविट सार्वजनिक नीति की एक अन्य परिभाषा देते हैं। उनके अनुसार नीति को ‘स्थायी निर्माण‘ के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।
सावर्जनिक नीति की प्रकृति
सार्वजनिक नीति का विश्लेषण प्रायः नीतिगत निर्णय या नीति कथन के परिणामों के प्रकाश में किया जाता है। नीतिगत परिणाम सार्वजनिक नीतियों की साकार अभिव्यक्ति है। सरल शब्दों में, नीतिगत परिणाम सरकार द्वारा जो कुछ वास्तव में किया जाता है, उसको प्रदर्शित करते हैं।
सार्वजनिक नीतियाँ किसी राजनीतिक प्रणाली का समग्र चित्रण करती है। सावर्जनिक नीति का परिचालित क्षेत्र अतिशय विस्तृत होता है तथा इसी के पहुँच और व्याप्ति पर्याप्त वृहत होती है। मानव जीवन के किसी भी पहलू पर गौर करें, हम किसी एक या अन्य नीति से मुक्ति नहीं मिल सकती। बच्चे के जन्म से लेकर मनुष्य की मृत्यु तक और जब भी जब मृतक शरीर अंतिम संस्कारों के लिए शमशान गृह लाया जाता है, कोई न कोई नीति होती है जिसका सामना हमें करना पड़ता है और जिसका लाभ हम उठाते हैं। बच्चे की शिक्षा, रोगों से बचाव, बेहतर एवं पोष्टिक भोजन, अच्छे लिबास, सर्वोत्तम उच्च शिक्षा, काम की संभावनाएँ, बेहतर वेतन, पर्याप्त आवास गृह व अन्य सुविधाएँ, राष्टींय व अन्तर्राष्टींय खतरों से सुरक्षा और प्राकृतिक आपदाओं से बचाव कुछ ऐसी नीतियाँ हैं जिनके बारे में हम सुगमता से चर्चा करते हैं। अन्य राष्टींय शक्तियों पर अन्योन्याश्रय को ध्यान में रखते हुए, किसी राजनीतिक प्रणाली की सार्वजनिक नीतियाँ आयात-निर्यात से संबंधित तथा अन्य राष्टोंं से अच्छे एवं मैत्रीपूर्ण संबंधों से संबंधित नीतियों को भी अपने में सम्मिलित करती है। सार्वजनिक नीति के क्षेत्र एवं पहुंच को शब्दों में सीमित करना या परिभाषित करना निश्चय ही कठिन है।
सार्वजनिक नीति अपनी गतिविधियों के बड़े हिस्से में उनको शामिल करती है जो विकास नीति से सुसंगत होती हैं। सामाजिक-आर्थिक विकास, समानता, स्वतंत्रता या आत्मनिर्णय या कार्यकलापों के मार्ग दर्शन जैसे बड़े सिद्धातों को विकास नीति या राष्ट्रीय लक्ष्य के रूप में स्वीकार किया जा सकता है। सार्वजनिक नीति संकीर्ण हो सकती है, जब इसमें किसी एक विशिष्ट गतिविधि जैसे परिवार-नियोजन को सम्मिलित किया जाता है। सावर्जनिक नीति देश के सभी लोगों पर या लोगों को एक सीमित वर्ग पर लागू की जा सकती है।
सार्वजनिक नीति सकारात्मक या नकारात्मक रूप में हो सकती है। सकारात्मक रूप में यह किसी विशिष्ट समस्या को हल करने के लिए प्रत्यक्ष सरकारी कार्यवाही के रूप में हो सकती है। दूसरी तरफ, यह अपने नकारात्मक रूप में सरकारी कर्मचारी द्वारा, उस विषय पर जिसके बारे में कोई शासकीय आदेश अपेक्षित था, कोई कार्यवाही नहीं करना सम्मिलित करती है। सावर्जनिक नीति, इस प्रकार से, एक वैधानिक उत्पीड़क गुण रखती है जिसे नागरिकगण विधिक रूप से उचित मानते हैं। उदाहरणार्थ, करों का भुगतान अवश्य किया जाना चाहिए अन्यथा जेल यात्रा या जुर्माने का खतरा उठाने को तैयार रहना चाहिए। सार्वजनिक नीतियों की यह विधिक रूप से उत्पीड़क सावर्जनिक संगठनों को निजी संगठनों से भिन्न बनाती है।
सार्वजनिक नीति की अवस्थाएँ
(१) नीति निरूपण - सार्वजनिक नीति प्रक्रिया में पहली अवस्था नीति-निरूपण है। सार्वजनिक नीति क्रियाकलापों का प्रस्तावित अनुक्रम है जो सार्वजनिक मांगों एवं समस्याओं पर विचार करता है।
(२) नीति व्याख्या - नीति-निरूपण का कार्य पूरा होने के साथ ही नीति में तकनीकी शब्द व वाक्यांश सम्मिलित हो जाते हैं। उन पदों व वाक्यांशों की व्याख्या बहुत महत्त्वपूर्ण होती है। उनके अन्यथा गलत अर्थ लगाने पर नीति त्याज्य हो सकती है। अतः सरकारी कर्ता-धर्ताओं के लिए नीति की व्याख्या करना आवश्यक हो जाता है।
(३) नीति शिक्षा - सार्वजनिक नीति की अगली अवस्था नीति-शिक्षा है। सरकार, जनसंचार के विभिन्न माध्यमों से, अपने द्वारा बनायी नीति के बारे में जनसामान्य को अवगत कराने का प्रयास करती है। लोगों को नीति के बारे में शिक्षित करना बहुत जरूरी है क्योंकि लोग इसकी पालना व आदर तभी करेंगे जब वे इसे समझ लेंगे।
(४) नीति क्रियान्वयन - नीति के निरूपण व व्याख्या करने के पश्चात् व जनसाधारण को इसके बारे में शिक्षित करने के पश्चात्, अगली अवस्था नीति को क्रियान्वित करने की होती है। यह भी एक कठिन अवस्था है क्योंकि जब तक नीतियों का उपयुक्त एवं सकरात्मक क्रियान्वयन नहीं होगा, नीतियों के निरूपण पर समरू व्यय करने का कोई लाभ नहीं होगा। क्रियान्वयन कार्य केन्द्रीय, राज्य व स्थानीय स्तर पर कई प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा किया जाता है।
(५) नीति नियन्त्रण - नीति प्रक्रिया की अंतिम अवस्था विभिन्न कर्ताओं व अभिकरणों के द्वारा निरूपित एवं क्रियान्वित की गई सावर्जनिक नीतियों पर नियंत्रण की होती है। सार्वजनिक नीतियों पर पूर्ण नियन्त्रण स्थापित करना सरकार का कत्तर्व्य है ताकि वे उद्देश्य, जिनके लिए नीतियां बनाई गई थी, प्राप्त हो सकें और उनसे जनसाधारण पर्याप्त लाभान्वित हो सके। सार्वजनिक नीतियों पर पूर्ण नियंत्रण रखने के लिए उचित एवं उपयुक्त प्रशासनिक तथा न्यायिक कार्यों की आवश्यकता होती है।
सावर्जनिक नीति के उद्देश्य
लोकतांत्रिक व्यवस्था में सरकार सम्पूर्ण समाज के प्रतिबिम्ब के सिवाय कुछ भी नहीं है। सरकार के पास प्रशासन के अनेक क्षेत्र, यथा-शिक्षा, प्रतिरक्षा, वित्त आदि होते हैं। प्रत्येक क्षेत्र के लिए या किसी विशिष्ट क्षेत्र के लिए सरकार नीतियों का निरूपण करती है जिन्हें सामान्यतया सार्वजनिक नीतियों से जाना जाता है।
दीर्घावधि उद्देश्य
यदि नीति दीर्घावधि है तो उद्देश्य भी उसी हिसाब से निर्धारित होगा। उदाहरण के लिए, प्रतिरक्षा संबंधी नीति में दीर्घावधि उद्देश्य ध्यान में रखे जावेंगे। ये दीर्घावधि उद्देश्य उत्कृष्ट भरती, उपयुक्त प्रशिक्षण, उचित व्यवस्था आदि के हो सकते हैं। इसी तरह शिक्षा, स्वास्थ्य, वित्त एवं परिवार कल्याण आदि से संबंधित नीतियों के उद्देश्यों का निर्धारण भी दीर्घावधि आधार पर किया जायेगा।
लघु अवधि उद्देश्य
कुछ समस्याऐं संयोगवश उत्पन्न हो जाती है। इस तरह के मामलों में नीतियों का निरूपण लघु अवधि के उद्देश्यों के साथ किया जाता है। उदाहरण के लिए, युद्ध के समय ब्लैक आउट का आदेश दिया जाता है और सीमा-क्षेत्रों में नजदीक के गाँवों से लोगों को हटाया जाता है। इसी तरह, यदि कहीं हिंसा भड़क उठती है तो पुलिस, लघुअवधि के उद्देश्यों के आधार पर वहाँ विधि एवं न्याय व्यवस्था की पुनर्स्थापना करती है।
सार्वजनिक नीति के अध्ययन का महत्त्व
सार्वजनिक नीति की समग्र समझ के लिए, सार्वजनिक नीति परिदृश्यों एवं पर्यावरणीय शक्तियों के मध्य के संयोजन का विश्लेषण किया जाना चाहिए। सार्वजनिक नीति के विभिन्न आयामों को समझने की घोर आवश्कता है। वास्तव में आधुनिक विश्व में, सार्वजनिक नीतियां मानव जाति की नियति का निर्धारण करती है। मानव मात्र का कल्याण तथा आर्थिक उद्धार, सार्वजनिक नीति की निपुणता पर निर्भर है। यदि अकुशल नीतियाँ साल दर साल जारी रखी गयी तो वे नीतियाँ लोगों के आर्थिक स्तर का ह्रास करने में योगदान देगी। अकुशल नीतियों को छोड़ना ही होगा। सही लक्ष्यों के साथ यही सार्वजनिक नीतियों को अपनाना होगा।
इन्हें भी देखें
विदेश नीति
अर्थनीति
शिक्षा नीति
रक्षा नीति
लोक प्रशासन
लोकनीति |
कांग्रेस पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह को बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से मैदान में उतार सकती है।
सूत्रों के मुताबिक, दिग्विजय सिंह इस चुनौती के लिए तैयार हैं। जानकारी के मुताबिक, इस बारे में यूपी कांग्रेस के नेताओं से भी चर्चा चल रही है। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने भी मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। उन्होंने एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा कि अगर पार्टी कहे तो मैं कल वाराणसी के लिए निकल जाऊंगा। उन्होंने कहा कि मोदी जहां से भी चुनाव लड़ेंगे वहां से कांग्रेस अपना मजबूत प्रत्याशी उतारेगी।
वहीं कांग्रेस पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को अरुण जेटली के खिलाफ अमृतसर से चुनाव मैदान में उतार सकती है। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने शीर्ष नेतृत्व को जेटली के खिलाफ कैप्टन को टिकट दिए जाने की बात कही है।
खबर है कि कैप्टन अमरिंदर आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर इस मुद्दे पर चर्चा भी करेंगे। वहीं पार्टी ने गुरदासपुर से प्रताप सिंह बाजवा को टिकट दिया है। |
एलिज़ाबेथ की एकमात्र बहन, राजकुमारी मार्गरेट, का जन्म 1930 में हुआ था। दोनों राजकुमारियों की शिक्षा उनकी माँ और उनकी गवर्नेस, मैरियन क्रॉफर्ड की देखरेख में घर पर ही हुई थी। इतिहास, भाषा, साहित्य और संगीत पर केंद्रित पाठ। क्रॉफर्ड ने 1950 में एलिजाबेथ और मार्गरेट के बचपन की जीवनी द लिटिल प्रिंसेस शीर्षक से प्रकाशित की, जिससे शाही परिवार को काफी निराशा हुई। पुस्तक में एलिजाबेथ के घोड़ों और कुत्तों के प्रति प्रेम, उनकी सुव्यवस्था और जिम्मेदारी के प्रति उनके रवैये का वर्णन किया गया है। दूसरों ने इस तरह की टिप्पणियों को दोहराया: विंस्टन चर्चिल ने एलिजाबेथ का वर्णन तब किया जब वह दो साल की थी "एक चरित्र। उसके पास एक शिशु में आश्चर्यजनक अधिकार और चिंतनशीलता की भावना है।" उनकी चचेरी बहन मार्गरेट रोड्स ने उन्हें "एक हंसमुख छोटी लड़की, लेकिन मूल रूप से समझदार और अच्छे व्यवहार वाली" बताया। |
प्रसार भारती में वैकेंसी निकली है. इच्छुक उम्मीदवार 10 सितंबर तक आवेदन कर सकते हैं.
पद का नाम:
सीनियर एंकर कम कॉरेसपॉन्डेंट
आउटपुट कॉर्डिनेटर
पदों की संख्या:
12
आवेदन फीस:
800 रुपये
योग्यता:
डिग्री/डिप्लोमा इन मास कम्यूनिकेशन/जर्नलिज्म की डिग्री के साथ 5 साल का कार्य अनुभव जरूरी
चयन प्रक्रिया:
उम्मीदवारों का चयन इंटरव्यू के आधार पर किया जाएगा.
ज्यादा जानकारी के लिए लिंक:
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हर इंसान की ख्वाहिश होती है कि उसकी शादी धूमधाम से हो. जीवनसाथी मनपसंद हो. लेकिन जब कुंडली के ग्रहों में दोष होता है. तो शादी के योग ही नहीं बनते बल्कि शादी तय होकर रिश्ता टूट जाता है. वहीं कुछ लोगों की तो शादी हो जाती है लेकिन शादीशुदा जिंदगी में दुश्वारियां कम नहीं होती. जानिए कौन से ग्रह हैं इस समस्या का कारण और क्या है इनसे बचने के उपाय.
शनि का शादी-विवाह पर असर
- वैवाहिक जीवन के टूटने में सबसे बड़ी भूमिका शनि निभाता है
- अगर शनि का सम्बन्ध विवाह भाव या इसके ग्रह से हो तो विवाह भंग होता ही है
- शनि अगर विवाह भंग करने का कारण हो तो इसके पीछे घर के लोग जिम्मेदार माने जाते हैं
- जब सम्बन्ध टूटता है तो उसे सुधरने में बहुत समय भी लग जाता है
- अगर शनि की वजह से वैवाहिक जीवन में समस्या आ रही हो तो शिव जी को रोज जल चढ़ाएं
- हर शनिवार को लोहे के बर्तन में भरकर सरसों के तेल का दान करें
ऐसा नहीं है कि शादी में आने वाली समस्याओं के लिए सिर्फ शनि ही जिम्मेदार है. दूसरे ग्रहों में भी अगर दोष होता है तो शादी विवाह मे अड़चन आ जाती है. जानकारों का मानना है कि अगर कुंडली के मंगल में दोष हो तो शादीशुदा जिंदगी भी नर्क बन जाती है.
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मंगल का शादी-विवाह पर असर
- वैवाहिक जीवन में रिश्ता टूटने की नौबत आ जाती है
- मामला हिंसा तक पहुंच गया हो तो इसके पीछे मंगल होता है
- मंगल जब वैवाहिक जीवन में समस्या देता है तो मामला मार-पीट तक पहुच जाता है
- इसमें वैवाहिक सम्बन्ध, विवाह के बाद बहुत ही जल्दी भंग हो जाता है
- मामला कोर्ट कचहरी तक भी तुरंत पहुचता है
- अगर मंगल की वजह से समस्या आ रही हो तो मंगलवार का उपवास रखें
- हर मंगलवार को निर्धनों को मीठी चीजों का दान करें
- लाल रंग का प्रयोग कम से कम करें
अगर आपकी कुंडली में बृहस्पति की दशा कमजोर है तो संभव है कि आपकी शादी में अड़चनें आएं और अगर शादी हो भी गई तो कमजोर बृहस्पति उसके बाद की जिंदगी में मुश्किलें पैदा कर सकता है. लेकिन अगर बृहस्पति मजबूत हो तो खुशियों की सौगात देता है.
क्या है मूल नक्षत्र, कैसे डालता है आप पर असर?
बृहस्पति का शादी-विवाह पर असर
- कुंडली में अगर बृहस्पति अच्छा हो तो विवाह की बाधाओं को समाप्त करता है
- अगर सप्तम भाव के स्वामी पर इसकी दृष्टि हो तो विवाह की बाधा को समाप्त करता है
- लग्न में बैठा हुआ बृहस्पति सर्वाधिक शक्तिशाली होता है
- ऐसा बृहस्पति समस्त बाधाओं का नाश कर देता है
- अगर बृहस्पति सप्तम भाव में हो तो कभी-कभी व्यक्ति अविवाहित भी रहता है
- अगर बृहस्पति अनुकूल हो तो पीली चीजों का दान कभी न करें
- अगर बृहस्पति खराब हो तो केले का दान करें, सर्वोत्तम होगा
- अगर बृहस्पति के कारण विवाह ही न हो पा रहा हो तो विद्या का दान करें
ये प्रयोग अचूक हैं. ये उपासना आपकी विवाह संबंधी हर परेशानी का रामबाण उपाय है. |
यह लेख है: यमन की राजधानी सना के पास स्थित एक होटल के सऊदी अरब के नेतृत्व वाली गठबंधन सेना के हवाई हमले की चपेट में आने से कम से कम 41 लोग मारे गए. गठबंधन सेना ने सना और उसके आसपास हूथी विद्रोहियों और उनके सहयोगियों के खिलाफ हवाई हमले तेज कर दिए हैं. विद्रोही गठबंधन के दो मुख्य पक्षों, हूथी के नाम से जाने जाने वाले उत्तर के शिया लड़ाकों और हटाए गए राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सलेह के वफादारों के बीच जारी गतिरोध के बीच ये हमले तेज हुए हैं. सड़कों पर हिंसा की आशंकाएं बढ़ गई हैं.
होटल में मारे गए लोगों की पहचान को लेकर विरोधाभासी खबरें मिल रही हैं. जहां डॉक्टरों का कहना कि मृतक किसान थे, वहीं अधिकारियों एवं प्रत्यक्षदशियों ने कहा कि मृतकों में विद्रोही शामिल थे. सऊदी अरब के नेतृत्व वाली गठबंधन सेना विद्रोहियों से 2005 से लड़ती आ रही है जिनका सना पर नियंत्रण है.
यह भी पढ़ें: यमन में क्षतिग्रस्त की गई तेल पाइप लाइन के निकट आग लगने से 13 लोगों की मौत
अधिकारियों ने बताया कि लड़ाकू विमानों ने सना से 35 किलोमीटर उत्तर के अरहाब इलाके में स्थित दो मंजिला होटल को निशाना बनाया. प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि मलबे से अब भी शव निकाले जा रहे हैं. एक दूसरे हमले में होटल से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक नाका को निशाना बनाया गया, जहां हूथी विद्रोही तैनात थे.टिप्पणियां
अधिकारियों ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर यह जानकारी दी क्योंकि वे संवाददाताओं से बात करने के लिए अधिकृत नहीं है. वहीं प्रत्यक्षदर्शियों ने प्रतिशोध के डर से पहचान जाहिर नहीं करने का अनुरोध किया. गठबंधन सेना की तरफ से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
होटल में मारे गए लोगों की पहचान को लेकर विरोधाभासी खबरें मिल रही हैं. जहां डॉक्टरों का कहना कि मृतक किसान थे, वहीं अधिकारियों एवं प्रत्यक्षदशियों ने कहा कि मृतकों में विद्रोही शामिल थे. सऊदी अरब के नेतृत्व वाली गठबंधन सेना विद्रोहियों से 2005 से लड़ती आ रही है जिनका सना पर नियंत्रण है.
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अधिकारियों ने बताया कि लड़ाकू विमानों ने सना से 35 किलोमीटर उत्तर के अरहाब इलाके में स्थित दो मंजिला होटल को निशाना बनाया. प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि मलबे से अब भी शव निकाले जा रहे हैं. एक दूसरे हमले में होटल से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक नाका को निशाना बनाया गया, जहां हूथी विद्रोही तैनात थे.टिप्पणियां
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अधिकारियों ने बताया कि लड़ाकू विमानों ने सना से 35 किलोमीटर उत्तर के अरहाब इलाके में स्थित दो मंजिला होटल को निशाना बनाया. प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि मलबे से अब भी शव निकाले जा रहे हैं. एक दूसरे हमले में होटल से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक नाका को निशाना बनाया गया, जहां हूथी विद्रोही तैनात थे.टिप्पणियां
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अधिकारियों ने बताया कि लड़ाकू विमानों ने सना से 35 किलोमीटर उत्तर के अरहाब इलाके में स्थित दो मंजिला होटल को निशाना बनाया. प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि मलबे से अब भी शव निकाले जा रहे हैं. एक दूसरे हमले में होटल से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक नाका को निशाना बनाया गया, जहां हूथी विद्रोही तैनात थे.टिप्पणियां
अधिकारियों ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर यह जानकारी दी क्योंकि वे संवाददाताओं से बात करने के लिए अधिकृत नहीं है. वहीं प्रत्यक्षदर्शियों ने प्रतिशोध के डर से पहचान जाहिर नहीं करने का अनुरोध किया. गठबंधन सेना की तरफ से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अधिकारियों ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर यह जानकारी दी क्योंकि वे संवाददाताओं से बात करने के लिए अधिकृत नहीं है. वहीं प्रत्यक्षदर्शियों ने प्रतिशोध के डर से पहचान जाहिर नहीं करने का अनुरोध किया. गठबंधन सेना की तरफ से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह तीन दिन के दौरे के लिए 21 जुलाई को जयपुर पहुंच रहे हैं. जहां वो एक गरीब दलित के घर खाना खाएंगे.
अमित शाह के आने से पहले जयपुर
बीजेपी मुख्यालय
में तैयारियां चल रही हैं. कार्यकर्ताओं में भी उत्साह है. स्वागत के लिए अलग तरह की व्यवस्था की गई है.
इस बारे में राजस्थान सरकार के समाज कल्याण मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष का स्वागत करना राज्य के नेताओं का फर्ज है. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष एक गरीब दलित के घर खाना खाएंगे, क्योंकि समाज के हाशिए पर रहे शोषित-वंचित वर्ग को ऊपर लाना हमारा लक्ष्य है. गरीब-वंचित शोषित को मुख्यधारा में लाना हमारा एजेंडा है. इसमें कोई
जाति की बात नहीं है
.
वहीं जयपुर शहर युवा मोर्चा के अध्यक्ष रतिन्द्र सिंह ने कहा, 'हम एयरपोर्ट से राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के स्वागत में मोटरसाइकिल लेकर आगे निकलेंगे, जिसमें आगे सौ-डेढ़ सौ हार्ले डेविडसन रहेगी, फिर सौ हायबुसा और उसके पीछे बुलेट और उसके पीछे दूसरी बाइक रहेगी.
तीन दिनों में अमित शाह बीजेपी के राजस्थान के सभी पार्टी पदाधिकरियों, सांसदों-विधायकों, बुद्धिजीवियों और दूसरे प्रोफेशनल्स से मिलेगें. उसके बाद 23 तारीख की शाम को लौटेंगे. |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: दुनिया के पूर्व नंबर एक गोल्फ खिलाड़ी टाइगर वुड्स और उनकी ओलिम्पिक स्कीइंग चैम्पियन गर्लफ्रेंड लिंडसे वॉन अब अलग हो गए हैं। दोनों ने अपनी-अपनी व्यस्तताओं को अलगाव की वजह बताया है, हालांकि वॉन के मुताबिक, अलगाव का फैसला आपसी सहमति से लिया गया।
30-वर्षीय वॉन ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है, "तीन साल तक साथ रहने के बाद टाइगर (वुड्स) और मैंने संबंधों को खत्म करने का फैसला लिया..." वॉन ने यह भी लिखा, "वुड्स और उनके खूबसूरत परिवार के लिए मेरे दिल में हमेशा खास जगह बनी रहेगी..."टिप्पणियां
दूसरी ओर, 39-वर्षीय टाइगर वुड्स ने एक बयान जारी कर कहा, "मैं लिंडसे का काफी सम्मान करता हूं और प्यार भी... हमारा साथ बिताया समय हमेशा अच्छा रहा..." वुड्स ने आगे कहा, "दुर्भाग्य यह है कि हम दोनों का जीवन काफी हैक्टिक है और हम बेहद ज्यादा समय मांगने वाले खेलों से जुड़े हैं, इसलिए साथ में समय बिताना काफी मुश्किल है..."
इस संबंध से पहले टाइगर वुड्स ने स्वीडिश मॉडल एलिन नॉडेग्रेन से शादी की थी, लेकिन वर्ष 2010 में टाइगर वुड्स के कई विवाहेतर संबंधों का राज खुल जाने के बाद एलिन ने वुड्स से तलाक ले लिया था।
30-वर्षीय वॉन ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है, "तीन साल तक साथ रहने के बाद टाइगर (वुड्स) और मैंने संबंधों को खत्म करने का फैसला लिया..." वॉन ने यह भी लिखा, "वुड्स और उनके खूबसूरत परिवार के लिए मेरे दिल में हमेशा खास जगह बनी रहेगी..."टिप्पणियां
दूसरी ओर, 39-वर्षीय टाइगर वुड्स ने एक बयान जारी कर कहा, "मैं लिंडसे का काफी सम्मान करता हूं और प्यार भी... हमारा साथ बिताया समय हमेशा अच्छा रहा..." वुड्स ने आगे कहा, "दुर्भाग्य यह है कि हम दोनों का जीवन काफी हैक्टिक है और हम बेहद ज्यादा समय मांगने वाले खेलों से जुड़े हैं, इसलिए साथ में समय बिताना काफी मुश्किल है..."
इस संबंध से पहले टाइगर वुड्स ने स्वीडिश मॉडल एलिन नॉडेग्रेन से शादी की थी, लेकिन वर्ष 2010 में टाइगर वुड्स के कई विवाहेतर संबंधों का राज खुल जाने के बाद एलिन ने वुड्स से तलाक ले लिया था।
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दूसरी ओर, 39-वर्षीय टाइगर वुड्स ने एक बयान जारी कर कहा, "मैं लिंडसे का काफी सम्मान करता हूं और प्यार भी... हमारा साथ बिताया समय हमेशा अच्छा रहा..." वुड्स ने आगे कहा, "दुर्भाग्य यह है कि हम दोनों का जीवन काफी हैक्टिक है और हम बेहद ज्यादा समय मांगने वाले खेलों से जुड़े हैं, इसलिए साथ में समय बिताना काफी मुश्किल है..."
इस संबंध से पहले टाइगर वुड्स ने स्वीडिश मॉडल एलिन नॉडेग्रेन से शादी की थी, लेकिन वर्ष 2010 में टाइगर वुड्स के कई विवाहेतर संबंधों का राज खुल जाने के बाद एलिन ने वुड्स से तलाक ले लिया था।
दूसरी ओर, 39-वर्षीय टाइगर वुड्स ने एक बयान जारी कर कहा, "मैं लिंडसे का काफी सम्मान करता हूं और प्यार भी... हमारा साथ बिताया समय हमेशा अच्छा रहा..." वुड्स ने आगे कहा, "दुर्भाग्य यह है कि हम दोनों का जीवन काफी हैक्टिक है और हम बेहद ज्यादा समय मांगने वाले खेलों से जुड़े हैं, इसलिए साथ में समय बिताना काफी मुश्किल है..."
इस संबंध से पहले टाइगर वुड्स ने स्वीडिश मॉडल एलिन नॉडेग्रेन से शादी की थी, लेकिन वर्ष 2010 में टाइगर वुड्स के कई विवाहेतर संबंधों का राज खुल जाने के बाद एलिन ने वुड्स से तलाक ले लिया था।
इस संबंध से पहले टाइगर वुड्स ने स्वीडिश मॉडल एलिन नॉडेग्रेन से शादी की थी, लेकिन वर्ष 2010 में टाइगर वुड्स के कई विवाहेतर संबंधों का राज खुल जाने के बाद एलिन ने वुड्स से तलाक ले लिया था। |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में 25 अप्रैल के मेगा रोड शो के बाद लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन किया. अब सोशल मीडिया पर वायरल एक फोटो कोलाज के जरिए मोदी के वाराणसी और राहुल गांधी के अमेठी से नामांकन करने के तरीके की तुलना की जा रही है. इस पोस्ट में यह दिखाने की कोशिश की गई है कि मोदी की तुलना में राहुल गांधी ने नामांकन से संबंधित अधिकारी की इज्ज़त नहीं की.
इस तस्वीर में दिखाया जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दस्तावेजों को अधिकारी को सौंपते समय अपनी जगह पर बैठे हुए हैं, जबकि प्रधानमंत्री मोदी चुनाव अधिकारी के सामने सम्मान में हाथ जोड़कर खड़े हुए हैं.
बीजेपी के
राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर
सहित कई लोगों ने इस पोस्ट को शेयर किया है. देवधर की पोस्ट 13 हजार से भी ज्यादा बार शेयर की जा चुकी है.
यहां पर इस
पोस्ट का आर्काइव
देखा जा सकता है. इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया. हमारी पड़ताल में सामने आया कि राहुल गांधी अपना नामांकन करते वक्त पूरे समय अधिकारी के सामने ही खड़े हुए थे.
राहुल गांधी के नामांकन के वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि वो नामांकन के दौरान अपने परिवार के साथ अधिकारी की डेस्क के सामने खड़े हैं. नामांकन का वीडियो
यहां
देखा जा सकता है.
दरअसल डेस्क की ऊंचाई राहुल गांधी की छाती तक है, जिससे देखने में ऐसा लग रहा है कि राहुल गांधी बैठे हैं. इसी वजह से लोग भ्रमित हो रहे हैं. नामांकन प्रक्रिया की एक फोटो में अमेठी से बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी भी उसी डेस्क के सामने खड़ी नजर आ रही हैं....ठीक वैसे ही जैसे राहुल गांधी खड़े है.
हमने राहुल गांधी के वायनाड सीट से नामांकन का वीडियो भी देखा. वीडियो में राहुल गांधी चुनाव अधिकारी को सम्मान देकर अपना नामांकन दाखिल करते नजर आ रहे हैं.
इसके पहले भी सोशल मीडिया यूजर्स ने राहुल गांधी की इसी फोटो की तुलना BJP अध्यक्ष अमित शाह के नामांकन की फोटो से की थी. उस पोस्ट में भी राहुल गांधी पर सवाल उठाए गए थे. उस समय भी इंडिया टुडे (
यहां क्लिक करें
) ने इस वायरल पोस्ट के पीछे के सच को उजागर किया था. |
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर गुरुवार सुबह बड़ा रेल हादसा होने से बचा है. जम्मू राजधानी एक्सप्रेस पटरी से उतर गई है, ट्रेन का गार्ड कंपार्टमेंट पटरी से उतरा है. हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ है. यह हादसा सुबह करीब 6.20 बजे हुआ. जिस समय ट्रेन नई दिल्ली रेलवे स्टेशन में एंटर कर रही थी, तभी गार्ड कंपार्टमेंट पटरी से उतरा. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ही जापान के पीएम के शिंजो आबे के साथ अहमदाबाद में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की शुरुआत करेंगे.
आपको बता दें कि पिछले सप्ताह भी दिल्ली में एक ट्रेन पटरी से उतर गई थी. दिल्ली के शिवाजी ब्रिज के पास रांची राजधानी एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी. रांची राजधानी एक्सप्रेस का इंजन और पावर कार भी पटरी से उतर गए. हालांकि इस हादसे में कोई घायल नहीं हुआ था.
वहीं उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में शक्तिपुंज एक्सप्रेस के सात डिब्बे पटरी से उतर गए थे.
शक्तिपुंज एक्सप्रेस ट्रेन
हावड़ा से जबलपुर जाते समय हादसे का शिकार हुई थी. यह घटना ओबरा थाना क्षेत्र के फफराकुंड इलाके में हुई. यह हादसा उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के बॉर्डर पर हुआ था. |
लगभग 2 साल पहले उड़ान के दौरान लापता हुए मलेशियन एयरलाइंस के विमान MH370 का मलबा मोजांबिक में मिलने का दावा किया गया है. यह विमान 8 मार्च 2014 को कुआलालंपुर से बीजिंग आते समय गायब हो गया था.
ताजा खोज के मुताबिक मोजांबिक के तट पर एक मेटल का टुकड़ा मिला है. यह लापता प्लेन का स्टेबिलाइजर हो सकता है. मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के जांचकर्ता इस टुकड़े की तस्वीरों की जांच में जुटे हैं. हालांकि सूत्रों के मुताबिक यह टुकड़ा बोइंग 777 विमान का ही है और मलेशियन एयरलाइंस के अलावा अभी तक दुनिया में कोई और बोइंग 777 विमान लापता नहीं हुआ है.
बीते दो साल से लापता बोइंग 777 विमान के मलबे की खोज की जा रही है. इस विमान में 239 लोग सवार थे. इनमें पांच भारतीय भी थे. हालांकि मलेशियन एयरलाइंस के मुताबिक यह विमान दक्षिणी हिंद महासागर के हिस्से में कही क्रैश हो गया था. लेकिन अभी तक
विमान के कुछ छोटे टुकड़े ही मिले हैं
. अभी तक यह भी पता नहीं लग सका है कि विमान के क्रैश होने की वजह क्या थी. |
असम के लखीमपुर जिले में शारीरिक रूप से अक्षम महिला के साथ कथित दुष्कर्म के आरोप में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक जवान को हिरासत में ले लिया गया है।
एक अधिकारी ने बताया कि सीआरपीएफ जवान मोहन सिंह को उसके इस अपराध के लिए गुरुवार रात हिरासत में लिया गया। पुलिस को उसके तीन और साथियों की भी तलाश है। लखीमपुर से करीब 40 किलोमीटर दूर चौलधोवा गांव में यह घटना हुई।
अधिकारी ने बताया, स्थानीय लोगों के मुताबिक इलाके के एनएच 52 से लगे सीआरपीएफ शिविर से निकले चार जवान शारीरिक रूप से अक्षम महिला को जबरदस्ती अपने साथ समीप के जंगल में ले गए थे।
कुछ स्थानीय लोगों ने उन्हें देखकर शोर मचा दिया। वे मोहन सिंह को पकड़ने में कामयाब रहे जबकि अन्य जवान भाग गए।टिप्पणियां
अधिकारी ने बताया, हमने पीड़िता को चिकित्सा जांच के लिए भेजा है। उन्होंने बताया कि पीड़िता की ओर से किसी ने भी प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई है इसलिए मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
गुरुवार को ही पुलिस ने असम के बोडोलैंड टेरिटोरियल एरिया डिस्ट्रिक्ट्स (बीटीएडी) के चिरांग जिले से कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता को एक महिला के साथ कथित दुष्कर्म के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया था।
एक अधिकारी ने बताया कि सीआरपीएफ जवान मोहन सिंह को उसके इस अपराध के लिए गुरुवार रात हिरासत में लिया गया। पुलिस को उसके तीन और साथियों की भी तलाश है। लखीमपुर से करीब 40 किलोमीटर दूर चौलधोवा गांव में यह घटना हुई।
अधिकारी ने बताया, स्थानीय लोगों के मुताबिक इलाके के एनएच 52 से लगे सीआरपीएफ शिविर से निकले चार जवान शारीरिक रूप से अक्षम महिला को जबरदस्ती अपने साथ समीप के जंगल में ले गए थे।
कुछ स्थानीय लोगों ने उन्हें देखकर शोर मचा दिया। वे मोहन सिंह को पकड़ने में कामयाब रहे जबकि अन्य जवान भाग गए।टिप्पणियां
अधिकारी ने बताया, हमने पीड़िता को चिकित्सा जांच के लिए भेजा है। उन्होंने बताया कि पीड़िता की ओर से किसी ने भी प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई है इसलिए मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
गुरुवार को ही पुलिस ने असम के बोडोलैंड टेरिटोरियल एरिया डिस्ट्रिक्ट्स (बीटीएडी) के चिरांग जिले से कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता को एक महिला के साथ कथित दुष्कर्म के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया था।
अधिकारी ने बताया, स्थानीय लोगों के मुताबिक इलाके के एनएच 52 से लगे सीआरपीएफ शिविर से निकले चार जवान शारीरिक रूप से अक्षम महिला को जबरदस्ती अपने साथ समीप के जंगल में ले गए थे।
कुछ स्थानीय लोगों ने उन्हें देखकर शोर मचा दिया। वे मोहन सिंह को पकड़ने में कामयाब रहे जबकि अन्य जवान भाग गए।टिप्पणियां
अधिकारी ने बताया, हमने पीड़िता को चिकित्सा जांच के लिए भेजा है। उन्होंने बताया कि पीड़िता की ओर से किसी ने भी प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई है इसलिए मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
गुरुवार को ही पुलिस ने असम के बोडोलैंड टेरिटोरियल एरिया डिस्ट्रिक्ट्स (बीटीएडी) के चिरांग जिले से कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता को एक महिला के साथ कथित दुष्कर्म के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया था।
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अधिकारी ने बताया, हमने पीड़िता को चिकित्सा जांच के लिए भेजा है। उन्होंने बताया कि पीड़िता की ओर से किसी ने भी प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई है इसलिए मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
गुरुवार को ही पुलिस ने असम के बोडोलैंड टेरिटोरियल एरिया डिस्ट्रिक्ट्स (बीटीएडी) के चिरांग जिले से कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता को एक महिला के साथ कथित दुष्कर्म के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया था।
अधिकारी ने बताया, हमने पीड़िता को चिकित्सा जांच के लिए भेजा है। उन्होंने बताया कि पीड़िता की ओर से किसी ने भी प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई है इसलिए मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
गुरुवार को ही पुलिस ने असम के बोडोलैंड टेरिटोरियल एरिया डिस्ट्रिक्ट्स (बीटीएडी) के चिरांग जिले से कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता को एक महिला के साथ कथित दुष्कर्म के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया था।
गुरुवार को ही पुलिस ने असम के बोडोलैंड टेरिटोरियल एरिया डिस्ट्रिक्ट्स (बीटीएडी) के चिरांग जिले से कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता को एक महिला के साथ कथित दुष्कर्म के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया था। |
राज्यसभा में मोदी सरकार ने गुरुवार को कहा कि पिछले दस साल में नवोदय विद्यालयों में 37 छात्रों की आत्महत्या के कारणों का पता लगाने के लिए एक समिति का गठन किया गया है. कांग्रेस की सांसद विप्लव ठाकुर ने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि इतने सारे छात्रों ने आत्महत्या क्यों की, इसके कारणों का पता लगाने के लिए अभी तक कोई प्रयास नहीं किए गये हैं.
इस मुद्दे पर सरकार का पक्ष रखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने नवोदय विद्यालय को आवासीय विद्यालय शिक्षा का एक बेहद सफल माध्यम करार देते हुए कहा कि 12वीं कक्षा में यहां के छात्रों के उत्तीर्ण होने का औसत 98 प्रतिशत रहा जबकि सीबीएसई में यह 82 प्रतिशत है.
उच्च सदन में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि आत्महत्या की ये घटनाएं दस साल में हुई हैं लेकिन हमारी कोशिश है कि एक भी नहीं होनी चाहिए. हमने इसके कारणों का पता लगाने के लिए एक समिति गठित की है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इन स्कूलों में बच्चों के लिये कांउसलर नियुक्त करने पर काम कर रही है.
बता दें कि नवोदय विद्यालय केंद्र के वह आवासीय विद्यालय हैं जहां मुख्यत: ग्रामीण अंचल के छात्रों की पढ़ाई के लिए शिक्षा की व्यवस्था की गई है. इन स्कूलों में दाखिले के लिए 5वीं पास बच्चे की जिला स्तर पर लिखित परीक्षा होती है और उसके बाद परीक्षा में उत्तीर्ण छात्रों को दाखिल दिया जाता है. कक्षा 5 से 12वीं तक सीबीएसई माध्यम में पढ़ाई के लिए देश के विभिन्न जिलों में 500 से ज्यादा नवोदय विद्यालय चलाए जा रहे हैं. |
देश में खाद्य पदार्थों की महंगाई दर चार जून को समाप्त सप्ताह में पिछले सप्ताह के मुकाबले मामूली रूप से घटकर 8.96 प्रतिशत हो गई। इससे पहले 28 मई को समाप्त सप्ताह में खाद्य पदार्थों की महंगाई दर नौ सप्ताह के उच्च स्तर 9.01 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक प्राथमिक क्षेत्र की वस्तुओं की महंगाई दर 12.86 प्रतिशत हो गई जो कि इससे पहले के सप्ताह में 11.52 प्रतिशत दर्ज की गई थी। वहीं ईंधन और बिजली क्षेत्र की महंगाई दर 12.46 प्रतिशत से बढ़कर 12.84 प्रतिशत हो गई। चार जून को समाप्त सप्ताह में विभिन्न खाद्य पदार्थो की कीमतों में पिछले साल के इसी सप्ताह के मुकाबले हुआ उतार-चढ़ाव निम्न है: प्याज : 12.17 प्रतिशत सब्जियां : (-) 1.39 प्रतिशत फल : 29.92 प्रतिशत आलू : 1.14 प्रतिशत दूध : 10.59 प्रतिशत अंडा, मांस, मछली : 7.31 प्रतिशत मोटे अनाज : 5.25 प्रतिशत चावल : 2.32 प्रतिशत गेहूं : 0.18 प्रतिशत दालें : (-) 10.12 प्रतिशत |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: लखनऊ में अपने जन्मदिन के मौके पर यूपी के मुख्यमंत्री और बसपा की सुप्रीमो मायावती ने समर्थकों से यूपी चुनाव में जीत का तोहफा मांगा है। रविवार को 56 वर्ष की हुई मायावती ने स्वरचित जीवनी का विमोचन भी किया। इसके अलावा संवाददाता सम्मेलन में मायावती ने पार्टी के 403 प्रत्याशियों की सूची भी जारी की।
मायावती ने मूर्तियां ढकने के केंद्रीय निर्वाचन आयोग के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि यह फैसला दलित विरोधी एवं कांग्रेस के दबाव में लिया गया लगता है।टिप्पणियां
अपने 56वें जन्म दिन के अवसर पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए मायावती ने कहा, "चुनाव आयोग को संवैधानिक दायित्वों का निर्वाह करते हुए बसपा के चुनाव चिह्न हाथी की तरह कांग्रेस के चुनाव चिह्न पंजे एवं रालोद के हैडपम्प को भी ढकने के आदेश देने चाहिए।"
आचार संहिता की वजह से सादगी से जन्मदिन मनाते हुए मायावती ने कहा कि इस चुनाव में उनकी पार्टी ने साफ छवि वालों प्रत्याशियों को ही टिकट दिया है। बीएसपी से इन चुनाव में 33 राजपूत उम्मीदवारों को टिकट मिला है तो पार्टी ने 88 एससी उम्मीदवारों को टिकट दिया है। इसके अलावा पार्टी ने 113 ओबीसी उम्मीदवारों को टिकट दिए और 74 ब्राह्मण उम्मीदवारों को भी टिकट दिए गए हैं। 85 मुसलमान उम्मीदवारों को भी पार्टी ने टिकट दिया है।
मायावती ने मूर्तियां ढकने के केंद्रीय निर्वाचन आयोग के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि यह फैसला दलित विरोधी एवं कांग्रेस के दबाव में लिया गया लगता है।टिप्पणियां
अपने 56वें जन्म दिन के अवसर पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए मायावती ने कहा, "चुनाव आयोग को संवैधानिक दायित्वों का निर्वाह करते हुए बसपा के चुनाव चिह्न हाथी की तरह कांग्रेस के चुनाव चिह्न पंजे एवं रालोद के हैडपम्प को भी ढकने के आदेश देने चाहिए।"
आचार संहिता की वजह से सादगी से जन्मदिन मनाते हुए मायावती ने कहा कि इस चुनाव में उनकी पार्टी ने साफ छवि वालों प्रत्याशियों को ही टिकट दिया है। बीएसपी से इन चुनाव में 33 राजपूत उम्मीदवारों को टिकट मिला है तो पार्टी ने 88 एससी उम्मीदवारों को टिकट दिया है। इसके अलावा पार्टी ने 113 ओबीसी उम्मीदवारों को टिकट दिए और 74 ब्राह्मण उम्मीदवारों को भी टिकट दिए गए हैं। 85 मुसलमान उम्मीदवारों को भी पार्टी ने टिकट दिया है।
अपने 56वें जन्म दिन के अवसर पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए मायावती ने कहा, "चुनाव आयोग को संवैधानिक दायित्वों का निर्वाह करते हुए बसपा के चुनाव चिह्न हाथी की तरह कांग्रेस के चुनाव चिह्न पंजे एवं रालोद के हैडपम्प को भी ढकने के आदेश देने चाहिए।"
आचार संहिता की वजह से सादगी से जन्मदिन मनाते हुए मायावती ने कहा कि इस चुनाव में उनकी पार्टी ने साफ छवि वालों प्रत्याशियों को ही टिकट दिया है। बीएसपी से इन चुनाव में 33 राजपूत उम्मीदवारों को टिकट मिला है तो पार्टी ने 88 एससी उम्मीदवारों को टिकट दिया है। इसके अलावा पार्टी ने 113 ओबीसी उम्मीदवारों को टिकट दिए और 74 ब्राह्मण उम्मीदवारों को भी टिकट दिए गए हैं। 85 मुसलमान उम्मीदवारों को भी पार्टी ने टिकट दिया है।
आचार संहिता की वजह से सादगी से जन्मदिन मनाते हुए मायावती ने कहा कि इस चुनाव में उनकी पार्टी ने साफ छवि वालों प्रत्याशियों को ही टिकट दिया है। बीएसपी से इन चुनाव में 33 राजपूत उम्मीदवारों को टिकट मिला है तो पार्टी ने 88 एससी उम्मीदवारों को टिकट दिया है। इसके अलावा पार्टी ने 113 ओबीसी उम्मीदवारों को टिकट दिए और 74 ब्राह्मण उम्मीदवारों को भी टिकट दिए गए हैं। 85 मुसलमान उम्मीदवारों को भी पार्टी ने टिकट दिया है। |
लेख: अमेरिकी अधिकारियों ने प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी हेवलेट-पैकर्ड (एचपी) को 10.8 करोड़ डॉलर जुर्माना भरने का आदेश दिया है। कंपनी को रूस, पोलैंड और मैक्सिको स्थित अपनी सहायक कंपनियों के माध्यम से रिश्वत देने का दोषी पाया गया है।
न्याय विभाग ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि कंपनी की रूसी इकाई ने एक न्यायाधीश के सामने रूस के अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए एक गुप्त फंड बनाकर यूएस फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेज एक्ट के उल्लंघन की बात स्वीकारी है।
अधिकारियों को रिश्वत देकर एचपी ने रूस की सरकार से लाखों डॉलर का ठेका हासिल किया।
कंपनी के वकीलों ने हालांकि दलील दी कि यह आचरण कंपनी के कर्मचारियों के एक छोटे से समूह तक ही सीमित था और वे अब कंपनी छोड़ चुके हैं।
मैक्सिको में एचपी ने मैक्सिको की सरकारी तेल कंपनी को रिश्वत की बात कबूली है, जबकि पोलेंड में राष्ट्रीय पुलिस के अधिकारियों को रिश्वत दी गई।
संघीय अभियोक्ता मार्शल मिलर ने कहा, "सभी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों को गुणवत्ता के स्तर पर प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए। उन्हें करोड़ों डॉलर की रिश्वत के लेनदेन को छिपाने के लिए गलत दस्तावेजों का सहारा नहीं लेना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भ्रष्टाचार करने वाले लोगों को दंडित करने के प्रयास की दिशा में आज का फैसला महत्वपूर्ण कदम है।" |
मलेरकोटला में धार्मिक ग्रंथ की कथित बेअदबी के मामले में संगरूर की एक स्थानीय अदालत ने शनिवार को आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश यादव को जमानत दे दी, ये मामला 24 जून का है.
धार्मिक ग्रंथ के अपमान का आरोप
आप नेता और पार्टी की कानूनी इकाई के प्रमुख हिम्मत सिंह शेरगिल ने बताया, 'संगरूर के अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश एएस विर्क ने
नरेश यादव
को जमानत दे दी है.' 25 जुलाई को महरौली से विधायक नरेश यादव को मलेरकोटला अदालत ने दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था. इसके बाद अदालत ने 27 जुलाई को AAP विधायक को एक अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
विधायक ने बादल सरकार पर उठाए सवाल
प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर यादव को इस मामले में गलत फंसाने का आरोप लगाते हुए विधायक के वकील शेरगिल ने कहा कि पुलिस के पास ऐसा कोई
सबूत
नहीं है जिससे साबित हो सके कि मलेकोटला बेअदबी मामले में यादव का हाथ था. पुलिस को यादव के खिलाफ कुछ भी हाथ नहीं लगा है. पुलिस यह सब बादल सरकार के कहने पर कर रही है.
दिल्ली से हुई थी विधायक की गिरफ्तारी
मलेरकोटला बेअदबी मामले में गिरफ्तार एक आरोपी ने दावा किया था कि यह सब उसने AAP विधायक के कहने पर किया है, जिसके बाद 24 जुलाई को
पंजाब पुलिस
ने यादव को दिल्ली से गिरफ्तार किया था. वही नरेश यादव ने अपने खिलाफ पुलिस कार्रवाई को 'साजिश' बताया था. पुलिस ने दावा किया था कि घटना से पहले विजय ने विधायक से मुलाकात की थी और उनके बीच फोन पर भी बातचीत हुई थी. विधायक और उनकी पार्टी ने आरोपों को खारिज कर दिया है और आरोप लगाया है कि यह पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले आप की छवि को धूमिल करने की 'राजनीतिक साजिश' है. |
तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने इस साल निर्वासित तिब्बत सरकार के राजनीतिक प्रमुख का पद त्याग दिया और लॉबसांग सांगये इस सरकार के प्रधानमंत्री बने. इसी साल लीबिया, मिस्र, ट्यूनीशिया में बदलाव की लहर ने मुअम्मर कज्जापी, हुस्नी मुबारक और बेन अली के गढ़ ध्वस्त कर दिए वहीं यौन उत्पीड़न के आरोपों के चलते अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रमुख पद से डोमिनिक स्ट्रॉसकाह्न को इस्तीपा देना पड़ा.
विदेशी चर्चित चेहरों में पहला नाम है तिब्बती बौद्धों की आजादी के लिए छह दशक लंबा संघर्ष चलाने वाले दलाई लामा का जिन्होंने इस साल 10 मार्च को निर्वासित तिब्बत सरकार के राजनीतिक प्रमुख के पद से सेवानिवृति की घोषणा की.
चीन के दमनकारी कम्युनिस्ट शासन के खिलाप छोटे धार्मिक अल्पसंख्यकों के स्वतंत्रता संघर्ष के अगुआ रहे दलाई लामा तिब्बती बौद्धों के आध्यात्मिक प्रमुख बने रहेंगे.
अप्रैल में लॉबसांग सांगये को निवार्सित तिब्बती सरकार का प्रधानमंत्री चुना गया. 43 वर्षीय सांगये को कुल डाले गये 49189 वोट में से 55 प्रतिशत मत मिले. उन्होंने निकटवर्ती प्रतिद्वंद्वी तेथांग तेनजिल नामगयाल को 8,646 मतों से हराया.
ब्रिटेन के फोन हैकिंग मामले में उलझे, ‘न्यूज इंटरनेशनल’ के अध्यक्ष जेम्स मर्डोक ने इस साल, इसी कंपनी के टैबलॉयड ‘न्यूज आफ द वर्ल्ड’ को दस जुलाई को बंद कर दिया. यह टैबलॉयड उन चुनिंदा प्रकाशनों में था, जिसने उपनिवेशवाद की लौ देखी तो इसके बुझने का भी गवाह बना. 168 वषरें के इतिहास का गवाह रहे इस अखबार के करीब 75 लाख पाठक थे. लीबिया पर 42 साल तक एकछत्र हुकूमत करने वाले मुअम्मर कज्जाफी 20 अक्तूबर को सिरते शहर में मारे गए. उन्होंने अपने खिलाफ हुए विद्रोह को कुचलने की हरसंभव कोशिश की लेकिन नाकाम रहे.
पिछले तीन दशक से भी अधिक समय से मिस्र में एकछत्र शासन करने वाले हुस्नी मुबारक को भी जनविद्रोह ने नहीं बख्शा और उन्होंने 11 फरवरी को राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया और अपने अधिकार सेना को सौंप दिए. अब मुबारक के खिलाफ मुकदमा चल रहा है.
ट्यूनीशिया में पिछले साल दिसंबर में तानाशाह जिने अल आबेदीन बेन अली के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन हुए थे और इस साल जनवरी में बेन अली को मजबूर हो कर सउदी अरब भागना पड़ा था. वह 23 साल तक सत्ता पर काबिज रहे.
रेमंड डेविस पाकिस्तान स्थित अमेरिकी दूतावास में काम करने वाले रेमंड डेविस को दो पाकिस्तानी नागरिकों की गोली मार कर हत्या करने के आरोप में डेविस को 27 जनवरी को लाहौर में गिरफ्तार किया गया था.
डेविस की रिहाई के लिए अमेरिका ने पाकिस्तान पर बेहद दबाव डाला. बाद में डेविस को दोनों मृतकों के परिजनों को ‘ब्लड मनी’ का भुगतान करने के बाद 16 मार्च को रिहा कर दिया गया. लेकिन डेविस के मामले को लेकर दोनों देशों के संबंधों में इस साल खासा तनाव उत्पन्न हो गया. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रमुख रहे डोमिनिक स्ट्रॉसकाह्न मई में होटल की परिचारिका के यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किए गए और उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. बाद में स्ट्रासकाह्न जमानत पर रिहा कर दिए गए.
समाजवादी राजनेता स्ट्रॉसकाह्न को वर्ष 2012 में फ्रांस में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार के तौर पर देखा जा रहा था.
नवंबर में इतालवी संसद के निचले सदन ने यूरोपीय मांगों के मुताबिक आर्थिक सुधारों को मंजूरी दे दी और फिर इटली के प्रधानमंत्री सिल्वियो बलरुस्कोनी ने भी इस्तीफा दे दिया. सेक्स स्केंडल के कारण विवादों में घिरे रहे बलरुस्कोनी 17 साल से इस पद पर थे.
उत्तर कोरिया की अनोखी शख्सियत और करिश्माई नेता किम जोंग इल का 19 दिसंबर को 69 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उनके कठोर शासन और देश को परमाणु संपन्न बनाने की उनकी महात्वाकांक्षा से दुनिया में एक दशक से भी ज्यादा समय तक सुरक्षा को लेकर डर व्याप्त रहा. |
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फ्लैट खरीदारों के हित में प्रस्ताव बनाने का आदेश दिया है. जेपी के फ्लैट खरीदारों की अर्जी पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा कि आप एक ऐसा प्रस्ताव क्यों नहीं लाते, जिससे फ्लैट खरीदारों की समस्या का समाधान हो जाए. इसके लिए केंद्र सरकार को दो दिनों का समय दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये केवल जेपी के मामले में नहीं कई बिल्डरों के मामलों में फ्लैट खरीदारों के पैसे फंसे हुए हैं. कोर्ट ने कहा केंद्र सरकार को दो दिनों का समय दिया गया है. दरसअल जेपी के फ्लैट खरीदारों ने कहा है कि अगर जेपी को दिवालिया घोषित किया जाता है तो सबसे पहले बैंक अपना पैसा वापस लेंगे, हमें कुछ नहीं मिलेगा.
कोर्ट ने माना कि 180 और 90 दिनों की मियाद पूरी हो चुकी है इसलिए आईबीसी के प्रावधान के मुताबिक लिक्विडेशन की जरूरत है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि फ्लैट खरीदारों के हित में जरूरी है कि वह आगे आए और राहत दिलाए. सुप्रीम कोर्ट ने माना कि आईबीसी फ्लैट खरीदारों के हितों की रक्षा में सक्षम नहीं है. कोर्ट ने सरकार से कहा कि फ्लैट खरीदारों को कैसे राहत दी जा सकती है, इसके लिए एक प्रस्ताव तैयार किया जाए. इस निर्देश के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 11 जुलाई मुकर्रर की. ये मामला जेपी ग्रुप से जुड़ा हुआ है. सुप्रीम कोर्ट में इसी तरह का एक मामला आम्रपाली ग्रुप का भी है.
गौरतलब है कि आम्रपाली के ग्रेटर नोएडा स्थित 6 हाउसिंग प्रोजेक्ट में 32 हजार और नोएडा में करीब 10 हजार घर खरीदार फंसे हैं. खरीदारों की उम्मीद पर पिछले 8 साल से पानी फिर रहा है. आम्रपाली के हाउसिंग प्रोजेक्ट 2010 में शुरू हुए थे लेकिन घर नहीं मिलने से नाराज खरीदार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए जहां इस मामले पर सुनवाई चल रही है. |
मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले के सरगना डॉ. जगदीश सागर और डॉ. विनोद भंडारी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी करोड़ों की संपत्ति अटैच कर दी. डॉ. सागर की 17 एकड़ जमीन, जबकि डॉ. भंडारी की 15 एकड़ जमीन को भी अटैच किया गया है. इसकी लागत करीब 9 करोड़ रुपये है.
जानकारी के मुताबिक,
अटैच की गई संपत्ति
का कुल मूल्य लगभग 14 करोड़ रुपये से भी अधिक है. इसमें जमीन के साथ ही मकान, लग्जरी कारें और 3 किलो सोना शामिल है. बताया जाता है कि डॉ. भंडारी की एसएआईएमएस के पास 15 एकड़ जमीन है, जिसकी कीमत 9 करोड़ रुपये है. वहीं, डॉ. सागर की भिंड मे 17 एकड़ जमीन, इंदौर में मकान, 3 किलो सोना और लग्जरी कारों समेत कुल 5 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति अटैच की गई है.
परिजनों के नाम से है संपत्ति
ईडी के मुताबिक
व्यापम की प्रवेश परीक्षाओं
में धांधली कर जुटाए गए धन से इन संपत्तियां को अर्जित करने के सबूत मिले हैं. जांच में सामने आया कि ये संपत्तियां दोनों आरोपियों और उनके परिजनों के नाम हैं. पूछताछ में संपत्ति अर्जित करने का ब्योरा नहीं दे पाने पर ईडी ने उक्त कार्रवाई की है. |
पाउली दाम (जन्म 4 अक्टूबर 1980) एक भारतीय अभिनेत्री हैं, जिन्होंने 2004 में अपने करियर की शुरुआत बंगाली टेलीविज़न धारावाहिक जिबोन नीयेहेला से की थी। उन्होंने तब बंगाली टेलीविज़न धारावाहिकों में काम किया जैसे कि तीथिर अतीथी और सोनार हरिन; पूर्व ईटीवी बांग्ला पर छह साल तक चला। दाम ने कोलकाता में अपना बचपन बिताया, राजाबाजार साइंस कॉलेज से रसायन विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की। शुरू में, वह एक रासायनिक शोधकर्ता या पायलट बनना चाहती थी। सुदेशना रॉय और अभिजीत गुहा द्वारा निर्देशित उनकी पहली बंगाली फ़िल्म- टीन यारी कथा, 2004 में शुरू हुई, लेकिन 2012 तक रिलीज़ नहीं हुई। पाउली दाम की पहली फ़िल्म अग्निपरीक्षा थी, जिसका निर्देशन रबी किन्गी ने किया था। 2006 और 2009 के बीच, वह पांच बंगाली फिल्मों में दिखाई दी, जो गौतम घोष द्वारा निर्देशित 2009 कालबेला के साथ प्रमुखता में आई।
2011 में, उन्हें बंगाली फिल्म चत्रक में उनकी भूमिका के लिए अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली। [1] फिल्म को कान्स फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित किया गया था और टोरंटो और यू.के. में फिल्म समारोहों में भी 2012 में, पाउली दाम ने हेट स्टोरी में बॉलीवुड में शुरुआत की और विक्रम भट्ट की अंकुर अरोड़ा मर्डर केस में भी दिखाई दी, जो सोहेल तातारी द्वारा निर्देशित थी। 2016 में हैदराबाद बंगाली फिल्म फेस्टिवल में नाटोकर मोटो में उनके प्रदर्शन के लिए उन्होंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का व्यूअर्स चॉइस अवार्ड जीता।
इन्हें भी देखें
राधिका आप्टे
मिमी चक्रवर्ती
शर्लिन चोपड़ा
मिष्ठी
त्रिधा चौधरी
दीपा साही
नंदना सेन
नुसरत जहान
अरुणा शील्ड्स
सन्दर्भ
भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री
बंगाली अभिनेत्री |
हीरोकीन (Hyrrokkin) ( ) या सेटर्न XLIV (अस्थायी पदनाम S/2004 S 19) शनि का एक प्राकृतिक उपग्रह है। 12 दिसम्बर 2004 से 30 अप्रैल 2006 के मध्य लिए गए प्रेक्षणों के आधार पर इसकी घोषणा स्कॉट एस शेपर्ड, डेविड सी. जेविट, जान क्लेयना और ब्रायन जी मार्सडेन द्वारा 26 जून 2006 को हुई थी।
हीरोकीन का व्यास करीबन 8 किलोमीटर है और यह शनि की परिक्रमा 18,168.3 Mm की दूरी से प्रतिगामी दिशा में 914.292 दिवसों में करता है। क्रांतिवृत्त से इसकी कक्षा का झुकाव 153.3° (154.3° शनि के विषुववृत्त से) है और 0.3604 की विकेन्द्रता है।
यह अप्रेल 2007 में नोर्स पौराणिक कथा के एक दानव हीरोकीन पर नामित हुआ था।
सन्दर्भ
Institute for Astronomy Saturn Satellite Data
MPEC 2006-M44: S/2004 S 19 June 26, 2006 (discovery and ephemeris)
खगोलशास्त्र
प्राकृतिक उपग्रह
शनि के प्राकृतिक उपग्रह |
सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजर में 400 अंकों से ज्यादा की बड़ी गिरावट दर्ज की गई. कारोबार के आखिरी घंटे में सेंसेक्स की गिरावट 470 अंकों तक पहुंच गई. करीब 3.20 बजे सेंसेक्स 36,500 के स्तर पर कारोबार कर रहा था. वहीं निफ्टी 140 अंकों तक टूट कर 10,930 के स्तर पर पहुंच गया. इससे पहले शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 200 अंक लुढ़क कर 36,760 के स्तर पर आ गया. वहीं निफ्टी 50 अंक टूटकर 11,000 के नीचे आ गया.
3 बजे के बाद सेंसेक्स की चाल
बता दें कि सेंसेक्स बृहस्पतिवार को 4.14 अंक यानी 0.01 फीसदी की गिरावट के साथ 36,971.09 अंक पर बंद हुआ था. जबकि निफ्टी 6.95 फीसदी यानी 0.06 फीसदी की गिरावट के साथ 11,069.40 अंक पर बंद हुआ था.
क्या है गिरावट की वजह
अमेरिका-चीन के बीच आयात शुल्क को लेकर तनातनी की स्थिति के बीच कमजोर वैश्विक संकेतों और टाटा मोटर के शेयरों के 22 प्रतिशत तक लुढ़क जाने के कारण सेंसेक्स में इतनी बड़ी गिरावट आई है. शुक्रवार को टाटा मोटर के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई. इसके अलावा गिरावट वाले शेयर - सन फार्मा, वेदांता, एलएंडटी, एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, एमएंडएम, टाटा स्टील, इन्फोसिस, एचडीएफसी और टाटा स्टील रहे. इन शेयरों में 1.58 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई. वहीं पावर ग्रिड, एचसीएल टेक, इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस, एनटीपीसी, कोल इंडिया और आरआईएल के शेयर 1.38 फीसदी तक चढ़ गए.
3 बजे के बाद शेयर बाजार का हाल
टाटा मोटर्स को 26,960 का शुद्ध घाटा
बता दें कि कंपनी के बृहस्पतिवार को जारी तिमाही परिणाम में अब तक का सबसे अधिक घाटा हुआ है. टाटा मोटर्स को अक्टूबर-दिसंबर, 2018 की तिमाही में 26,960.8 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ.
रुपया में 13 पैसे की मजबूती
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा रेपो दर में कमी और नीतिगत रुख को बदलकर ‘तटस्थ’ किये जाने के बाद शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 13 फीसदी मजबूत हुआ. शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले यह 71.32 के स्तर पर पहुंच गया. बता दें कि गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 11 पैसा चढ़कर 71.45 पर बंद हुआ था. |
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को ले जा रहे हेलिकॉप्टर की गुरुवार को इमरजेंसी लैंडिंग की गई है. बताया जा रहा है कि मौसम खराब होने की वजह से इमरजेंसी लैंडिंग करने का फैसला किया गया.
रिपोर्ट के मुताबिक हेलिकॉप्टर ने इस्लामाबाद से उड़ान भरी थी और वो मुजफ्फराबाद जा रहा था. रास्ते में मौसम खराब होने के चलते मुर्री में इसकी इमरजेंसी लैंडिंग की गई.
आपको बता दें कि बुधवार की शाम भी पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस का एक विमान क्रैश हो गया था, जिसमें सवार 47 लोगों की मौत हो गई थी. मरने वालों में पाकिस्तान के एक मशहूर सिंगर और उनकी पत्नी भी सवार थे. |
दिल्ली के नए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यकाल का आज तीसरा दिन है. केजरीवाल आज सात सौ लीटर मुफ्त पानी देने का ऐलान कर सकते हैं. इसी संदर्भ में आज शाम चार बजे दिल्ली जल बोर्ड की एक बैठक है.
मुख्यमंत्री केजरीवाल जो खुद दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष हैं वो इसमें शामिल होंगे और उम्मीद है कि इस बैठक के बाद दिल्ली वालों को रोजाना 700 लीटर मुफ्त पानी के फैसले का ऐलान हो सकता है.
पानी के बाद बिजली मुख्यमंत्री केजरीवाल के एजेंडे पर सबसे ऊपर है. खबरों के मुताबिक, मंगलवार को बिजली की सब्सिडी को लेकर कुछ ऐलान हो सकता है और बुधवार को बिजली वितरण कंपनियों के ऑडिट पर आदेश जारी किया जा सकता है. केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों से 10 दिन का वक्त मांगा है.
दक्षिण दिल्ली में पानी का संकट
दक्षिण दिल्ली में पानी का संकट है और जनकपुरी में पानी की बर्बादी हो रही है. रविवार को हजारों गैलन पीने का पानी नाले में बह गया, लेकिन जलबोर्ड की नींद तब तक नहीं टूटी, जब तक आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हंगामा नहीं किया.
लाखों गैलन पीने का पानी गंदे नाले में फेंके जाने की खबर जब आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को लगी तो मौके पर पहुंचे और जल बोर्ड से सम्पर्क साधा. आम आदमी पार्टी का कहना है कि बीजेपी के स्थानीय विधायक जगदीश मुखी और कांग्रेस ने इलाके में पानी का संकट पैदा करने के लिए पानी बर्बाद करने की साजिश रची है.
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जानिए, केजरीवाल ने रविवार को क्या-क्या किया |
सप्ताह भर पहले की थी लव मैरिज
पुलिस के साथ मिलकर परेशान कर रहे घरवाले
शादी तोड़ने का बना रहे दबाव
हरियाणा के गुरुग्राम में एक नवदंपति को केवल इसलिए परेशान किया जा रहा है क्योंकि उन्होंने लव मैरिज की है. आरोप है कि लड़की के घरवाले पुलिस के साथ मिलकर ससुराल पक्ष को प्रताड़ित कर रहे हैं.
प्रेमी जोड़े ने दिल्ली के एक आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली थी, लेकिन अब सुरक्षा के लिए उन्हें भटकना पड़ रहा है. लड़की का आरोप है कि उसके पिता शादी के खिलाफ हैं और बेटी को बहकाने के आरोप में पुलिस की मदद लेकर उसके ससुराल वालों को प्रताड़ित कर रहे हैं.
यह भी आरोप लगाया गया है कि लड़की के पिता ने लड़के के नाबालिग भतीजे को थाने में बुलाकर पिटाई भी की. अब लड़की का परिवार शादी तोड़ने के लिए दबाव बना रहा है.
लड़के का नाम राहुल है और वह उत्तर प्रदेश के बदांयू जिले का रहने वाला है, वहीं लड़की का नाम ज्योति है वह राजस्थान की है. दोनों पक्षों के परिवार गुरुग्राम के नाथूपुर इलाके में किराए पर रहते हैं. प्रेमी जोड़ा कोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगा रहा है.
पीड़ित पक्ष ने जिला कोर्ट में सुरक्षा के लिए अर्जी दी है. पुलिस के रवैये से उनकी कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं. बताया जा रहा है कि दोनों 8 सालों से एक-दूसरे को जानते हैं.
बता दें इससे पहले उत्तर प्रदेश में भी एक ऐसा मामला सामने आया था जब लव मैरिज करने के बाद दंपति ने पुलिस से सुरक्षा मांगी थी और कोर्ट का रुख किया था. बरेली से बीजेपी विधायक राजेश मिश्रा की बेटी साक्षी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सुरक्षा की मांग की थी.
इस याचिका में साक्षी ने अपने विधायक पिता राजेश मिश्रा, भाई और परिवार के सदस्यों से अपनी जान का खतरा बताया था. यूपी पुलिस ने साक्षी और उनके पति अजितेश कुमार को सुरक्षा दी थी.
आपको बता दें कि साक्षी मिश्रा ने अपने परिजनों की मर्जी के खिलाफ दलित युवक अजितेश कुमार से लव मैरिज की थी. साक्षी ने भी परिवार पर आरोप लगाया था कि उसके मायके वाले इस शादी से बेहद नाराज हैं. |
यह लेख है: महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में शनिवार को तीर्थयात्रियों का एक वाहन एक ट्रक से टकरा गया, जिसके कारण कम से कम पांच महिलाओं की मौत हो गई और 11 अन्य घायल हो गए। पुलिस अधिकारी शाहिर घुगे ने कहा कि हादसा करमाला के पास जेउरशेलगांव मार्ग पर पूर्वाह्न लगभग 11.45 बजे उस समय हुआ, जब पीड़ित मंदिरों के शहर पंढरपुर से तीर्थयात्रा के बाद लौट रहे थे।
सामने से आ रहा ट्रक तीर्थयात्रियों के वाहन से टकरा गया, जिसके कारण तीर्थयात्रियों से भरा वाहन सड़क से दूर जा गिरा। घुगे ने कहा, "घटनास्थल पर ही पांच महिलाओं की मौत हो गई।"
करमाला में एक अस्पताल में पांच घायलों को भर्ती कराया गया है। उनकी हालत गंभीर है, उन्हें इलाज के लिए सोलापुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
वार्षिक पंढरपुर यात्रा या 'वारी' के लिए हर साल यहां लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। ये पीड़ित भी उन्हीं में से थे।टिप्पणियां
तीर्थयात्रा 27 जून से शुरू हुई, जिसका समापन 15 जुलाई आशाढ़ी एकादशी को होगा। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सामने से आ रहा ट्रक तीर्थयात्रियों के वाहन से टकरा गया, जिसके कारण तीर्थयात्रियों से भरा वाहन सड़क से दूर जा गिरा। घुगे ने कहा, "घटनास्थल पर ही पांच महिलाओं की मौत हो गई।"
करमाला में एक अस्पताल में पांच घायलों को भर्ती कराया गया है। उनकी हालत गंभीर है, उन्हें इलाज के लिए सोलापुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
वार्षिक पंढरपुर यात्रा या 'वारी' के लिए हर साल यहां लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। ये पीड़ित भी उन्हीं में से थे।टिप्पणियां
तीर्थयात्रा 27 जून से शुरू हुई, जिसका समापन 15 जुलाई आशाढ़ी एकादशी को होगा। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
करमाला में एक अस्पताल में पांच घायलों को भर्ती कराया गया है। उनकी हालत गंभीर है, उन्हें इलाज के लिए सोलापुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
वार्षिक पंढरपुर यात्रा या 'वारी' के लिए हर साल यहां लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। ये पीड़ित भी उन्हीं में से थे।टिप्पणियां
तीर्थयात्रा 27 जून से शुरू हुई, जिसका समापन 15 जुलाई आशाढ़ी एकादशी को होगा। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
तीर्थयात्रा 27 जून से शुरू हुई, जिसका समापन 15 जुलाई आशाढ़ी एकादशी को होगा। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ ने सन 1971 में हुए युद्ध के बाद भारत व पाकिस्तान के बीच हुए शिमला समझौते को एक 'बड़ी गलती' करार देते हुए कहा कि इससे कश्मीरियों की 'आजादी की लड़ाई' को नुकसान पहुंचा है.
उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'शिमला समझौता एक बड़ी गलती (पाकिस्तान के लिए) थी, क्योंकि इससे आजादी के लिए लड़ रहे कश्मीरियों की भावनाओं व उनके आंदोलन को नुकसान पहुंचा.' शहबाज शरीफ पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई हैं.
शरीफ के बयान पर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है, क्योंकि शिमला समझौता सन 1971 में पीपीपी के तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो तथा उनके भारतीय समकक्ष इंदिरा गांधी के बीच हुआ था.
समझौते के परिणामस्वरूप सन 1971 के युद्ध के दौरान बंदी बनाए गए लगभग 90 हजार पाकिस्तानी सैनिकों की रिहाई हुई थी और पूर्वी पाकिस्तान, पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश के रूप में स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आया था. टिप्पणियां
शरीफ ने क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान पर भी निशाना साधा और कहा कि भारतीय सीमा की ओर बढ़ने के बजाय वह विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे देश का विभाजन ही बढ़ेगा.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'शिमला समझौता एक बड़ी गलती (पाकिस्तान के लिए) थी, क्योंकि इससे आजादी के लिए लड़ रहे कश्मीरियों की भावनाओं व उनके आंदोलन को नुकसान पहुंचा.' शहबाज शरीफ पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई हैं.
शरीफ के बयान पर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है, क्योंकि शिमला समझौता सन 1971 में पीपीपी के तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो तथा उनके भारतीय समकक्ष इंदिरा गांधी के बीच हुआ था.
समझौते के परिणामस्वरूप सन 1971 के युद्ध के दौरान बंदी बनाए गए लगभग 90 हजार पाकिस्तानी सैनिकों की रिहाई हुई थी और पूर्वी पाकिस्तान, पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश के रूप में स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आया था. टिप्पणियां
शरीफ ने क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान पर भी निशाना साधा और कहा कि भारतीय सीमा की ओर बढ़ने के बजाय वह विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे देश का विभाजन ही बढ़ेगा.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
शरीफ के बयान पर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है, क्योंकि शिमला समझौता सन 1971 में पीपीपी के तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो तथा उनके भारतीय समकक्ष इंदिरा गांधी के बीच हुआ था.
समझौते के परिणामस्वरूप सन 1971 के युद्ध के दौरान बंदी बनाए गए लगभग 90 हजार पाकिस्तानी सैनिकों की रिहाई हुई थी और पूर्वी पाकिस्तान, पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश के रूप में स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आया था. टिप्पणियां
शरीफ ने क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान पर भी निशाना साधा और कहा कि भारतीय सीमा की ओर बढ़ने के बजाय वह विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे देश का विभाजन ही बढ़ेगा.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
समझौते के परिणामस्वरूप सन 1971 के युद्ध के दौरान बंदी बनाए गए लगभग 90 हजार पाकिस्तानी सैनिकों की रिहाई हुई थी और पूर्वी पाकिस्तान, पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश के रूप में स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आया था. टिप्पणियां
शरीफ ने क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान पर भी निशाना साधा और कहा कि भारतीय सीमा की ओर बढ़ने के बजाय वह विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे देश का विभाजन ही बढ़ेगा.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
शरीफ ने क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान पर भी निशाना साधा और कहा कि भारतीय सीमा की ओर बढ़ने के बजाय वह विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे देश का विभाजन ही बढ़ेगा.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
दिल्ली के नजफगढ़ में मंगलवार को 24 साल के मोहित की गोली मारकर हत्या कर दी गई. मोहित अपने वीडियो के जरिये सोशल मीडिया पर छाया हुआ था. उसके Tik Tok वीडियो ऐप पर 5 लाख से ज्यादा फॉलोवर्स थे. हत्या से कुछ देर पहले भी उसने Tik Tok पर एक वीडियो अपलोड किया था. डीसीपी द्वारका एन्टो अल्फोंसे के मुताबिक मोहित दिल्ली से सटे बहादुरगढ़ का रहने वाला है, लेकिन वह नजफगढ़ इलाके में एक जिम में एक्सरसाइज करने आता था.
दिल्ली के नजफगढ़ में मोहित नाम के शख्स की 5 गोलियां मारकर हत्या,मोबाइल ऐप टिकटोक पर थे उसके 5 लाख से ज्यादा फॉलोवर ,हत्या से पहले अपलोड किया था ये आखिरी वीडियो pic.twitter.com/flElVELH83
पुलिस अधिकारी ने बताया मोहित मंगलवार को नजफगढ़ में अपने एक दोस्त से मिलने एक फोटोकॉपी शॉप में आया था. यहां वह सोफे पर बैठा अपने दोस्त से बात कर रहा था, तभी बाइक पर आए 3 बदमाशों ने उसे एक के बाद एक पांच गोलियां मार दीं. गोलियों की आवाज़ से आसपास भगदड़ मच गयी, इसी बीच बदमाश संकरी गली से फरार हो गए. मोहित को आनन फानन में जब पास के एक अस्पताल में जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
हालांकि बदमाशों की तस्वीरें सीसीटीवी में कैद हो गयीं,जिसमें 2 हमलावर हेलमेट पहने हुए हैं, जबकि एक बिना हेलमेट के है. बिना हेलमेट पहने बदमाश का चेहरा साफ दिख रहा है. पुलिस अब इसी शख्स के आधार पर आरोपियों की तलाश में जुटी है.
मोहित की हत्या के पीछे की वजह पता नहीं चल सकी है. पुलिस को शक है कि ये वारदात एक गैंगवार भी हो सकती है या फिर इसके पीछे कोई निजी वजह भी हो सकती है. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है. |
चेतेश्वर पुजारा की शानदार शतकीय पारी के बाद तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट की बेहतरीन गेंदबाजी से सौराष्ट्र ने रणजी ट्रॉफी के फाइनल में अपनी जगह बना ली. सौराष्ट्र ने असम को 10 विकेट से शिकस्त दी.
पुजारा ने 126 रन की पारी खेली जिससे सौराष्ट्र ने अपनी पहली पारी में 353 रन बनाकर 119 रन की बढ़त हासिल की. असम की बल्लेबाजी हालांकि दूसरी पारी में बुरी तरह बिखर गई और उसकी पूरी टीम 139 रन पर ढेर हो गई. उनकी इस स्थिति के लिए उनादकट जिम्मेदार रहे जिन्होंने 45 रन देकर पांच विकेट झटके.
तेज गेंदबाज उनादकट ने मैच में 122 रन देकर 11 विकेट हासिल किए. सौराष्ट्र के सामने
जीत
के लिए 21 रन का लक्ष्य था और उसने मैच के तीसरे दिन के आखिरी क्षणों में बिना किसी नुकसान के 24 रन बनाकर तीन साल में दूसरी बार फाइनल में जगह बनाई.
सौराष्ट्र पुणे में 24 फरवरी से शुरू होने वाले फाइनल में
मुंबई
और मध्यप्रदेश के बीच कटक में चल रहे दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से भिड़ेगा. इससे पहले सौराष्ट्र 2012-13 सत्र में फाइनल में पहुंचा था लेकिन तब मुंबई ने उसे पारी और 125 रन से हरा दिया था. सौराष्ट्र ने सुबह पांच विकेट पर 254 रन से अपनी पारी आगे बढ़ाई. पुजारा अपने कल के स्कोर में दस रन जोड़कर आउट हुए. उन्होंने 15 चौके और एक छक्का लगाया. असम के लिए कृष्णा दास और अरूप दास ने तीन-तीन विकेट लिए.
मुंबई ने मध्यप्रदेश पर शिकंजा कसा
उधर कटक में चल रहे दूसरे सेमीफाइनल मुकाबले में मध्यम गति के गेंदबाज बलविंदर सिंह संधू की धारदार गेंदबाजी तथा सूर्यकुमार यादव और आदित्य तारे के बीच बड़ी साझेदारी की मदद से मुंबई ने मध्यप्रदेश के खिलाफ तीसरे दिन ही मजबूत शिकंजा कस दिया. मुंबई ने मध्यप्रदेश को पहली पारी में 227 रन पर आउट करके 144 रन की बढ़त हासिल की.
पहली बार में 371 रन बनाने वाले मुंबई ने दूसरी पारी में शुरुआती झटकों से उबरते हुए तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक तीन विकेट पर 285 रन बनाए और उसकी कुल बढ़त अब 429 रन की हो गई.
इससे पहले मध्यप्रदेश ने अपनी पहली पारी सुबह पांच विकेट पर 197 रन से आगे बढ़ायी लेकिन उसने आखिरी पांच विकेट 26 रन के अंदर गंवा दिए. नमन ओझा (79) अपने स्कोर में कोई इजाफा नहीं कर पाये जबकि अंकित दाने ने अपना स्कोर 44 रन तक पहुंचाया. संधू ने उसके पुछल्ले बल्लेबाजों को नहीं टिकने दिया. उन्होंने 43 रन देकर पांच विकेट लिए जबकि अभिषेक नायर (56 रन देकर तीन विकेट) ने उनका अच्छा साथ दिया. |
लेख: केरल 4 सितंबर को ओणम का त्योहार मनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है. शुक्रवार को लोगों ने अथम दिवस मनाया जो फसलों का त्योहार कहे जाने वाले ओणम के आने का संकेत देता है. अथम दिवस थिरू ओणम से 10 दिन पहले मनाया जाता है. परंपरागत रूप से ओणम का त्योहार अथम दिवस के दिन शुरू होता है और इससे जुड़ा समारोह त्रिपुनिथुरा में मनाया जाता है. इस उत्सव को त्रिपुनिथुरा अथछामयम कहते हैं.
राज्य पर्यटन और देवासम मंत्री कदकम्पल्ली सुरेंद्रन ने एक कार्यक्रम का उद्घघाटन किया जिसमें 60 से ज्यादा झांकियों को प्रदर्शित किया गया. कार्यक्रम में 1000 से ज्यादा कलाकारों ने अपनी कला का जलवा बिखेरा.
Ganesh Chaturthi 2017: जानिए कब है गणपति विसर्जन का शुभ मुहूर्त और क्या है इसका महत्व
ओणम मलयालम कैलेंडर के अनुसार साल के पहले महीने 'चिंगम' में पड़ता है.
ऐसा माना जाता है कि ओणम की शुरूआत राज्य के राजा महाबली के स्वर्ण काल के दौरान हुई थी. वह साल में एक बार राज्य का भ्रमण करते थे और ओणम त्योहार भी उनके आने के उत्सव के रूप में मनाया जाने लगा. टिप्पणियां
मलयालम और तमिल फिल्मों के कलाकार रविंद्रन अथम दिवस के दिन आर्कषण का प्रमुख केंद्र होते हैं क्योंकि उनका घर वहीं पर मौजूद है, जहां यह उत्सव मानाया जाता है.
रविंद्रन ने कहा, "मै चाहे कहीं भी रहूं, अब यह तय हो चुका है कि इस दिन त्योहार मनाने के लिए मुझे यहां होना ही है. यह मेरे लिए एक शानदार अनुभव होता है."
राज्य पर्यटन और देवासम मंत्री कदकम्पल्ली सुरेंद्रन ने एक कार्यक्रम का उद्घघाटन किया जिसमें 60 से ज्यादा झांकियों को प्रदर्शित किया गया. कार्यक्रम में 1000 से ज्यादा कलाकारों ने अपनी कला का जलवा बिखेरा.
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ओणम मलयालम कैलेंडर के अनुसार साल के पहले महीने 'चिंगम' में पड़ता है.
ऐसा माना जाता है कि ओणम की शुरूआत राज्य के राजा महाबली के स्वर्ण काल के दौरान हुई थी. वह साल में एक बार राज्य का भ्रमण करते थे और ओणम त्योहार भी उनके आने के उत्सव के रूप में मनाया जाने लगा. टिप्पणियां
मलयालम और तमिल फिल्मों के कलाकार रविंद्रन अथम दिवस के दिन आर्कषण का प्रमुख केंद्र होते हैं क्योंकि उनका घर वहीं पर मौजूद है, जहां यह उत्सव मानाया जाता है.
रविंद्रन ने कहा, "मै चाहे कहीं भी रहूं, अब यह तय हो चुका है कि इस दिन त्योहार मनाने के लिए मुझे यहां होना ही है. यह मेरे लिए एक शानदार अनुभव होता है."
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ओणम मलयालम कैलेंडर के अनुसार साल के पहले महीने 'चिंगम' में पड़ता है.
ऐसा माना जाता है कि ओणम की शुरूआत राज्य के राजा महाबली के स्वर्ण काल के दौरान हुई थी. वह साल में एक बार राज्य का भ्रमण करते थे और ओणम त्योहार भी उनके आने के उत्सव के रूप में मनाया जाने लगा. टिप्पणियां
मलयालम और तमिल फिल्मों के कलाकार रविंद्रन अथम दिवस के दिन आर्कषण का प्रमुख केंद्र होते हैं क्योंकि उनका घर वहीं पर मौजूद है, जहां यह उत्सव मानाया जाता है.
रविंद्रन ने कहा, "मै चाहे कहीं भी रहूं, अब यह तय हो चुका है कि इस दिन त्योहार मनाने के लिए मुझे यहां होना ही है. यह मेरे लिए एक शानदार अनुभव होता है."
ऐसा माना जाता है कि ओणम की शुरूआत राज्य के राजा महाबली के स्वर्ण काल के दौरान हुई थी. वह साल में एक बार राज्य का भ्रमण करते थे और ओणम त्योहार भी उनके आने के उत्सव के रूप में मनाया जाने लगा. टिप्पणियां
मलयालम और तमिल फिल्मों के कलाकार रविंद्रन अथम दिवस के दिन आर्कषण का प्रमुख केंद्र होते हैं क्योंकि उनका घर वहीं पर मौजूद है, जहां यह उत्सव मानाया जाता है.
रविंद्रन ने कहा, "मै चाहे कहीं भी रहूं, अब यह तय हो चुका है कि इस दिन त्योहार मनाने के लिए मुझे यहां होना ही है. यह मेरे लिए एक शानदार अनुभव होता है."
मलयालम और तमिल फिल्मों के कलाकार रविंद्रन अथम दिवस के दिन आर्कषण का प्रमुख केंद्र होते हैं क्योंकि उनका घर वहीं पर मौजूद है, जहां यह उत्सव मानाया जाता है.
रविंद्रन ने कहा, "मै चाहे कहीं भी रहूं, अब यह तय हो चुका है कि इस दिन त्योहार मनाने के लिए मुझे यहां होना ही है. यह मेरे लिए एक शानदार अनुभव होता है."
रविंद्रन ने कहा, "मै चाहे कहीं भी रहूं, अब यह तय हो चुका है कि इस दिन त्योहार मनाने के लिए मुझे यहां होना ही है. यह मेरे लिए एक शानदार अनुभव होता है." |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: पाकिस्तान ने सोमवार को करतारपुर गलियारा (kartarpur corridor) समझौते का मसौदा भारत के साथ साझा किया है. पाकिस्तान ने भारतीय दल को इस्लामाबाद आकर मसौदे को अंतिम रूप देने का न्योता भी दिया है. बता दें कि प्रस्तावित मसौदे (kartarpur corridor) के तहत भारतीय सिख तीर्थ यात्रियों को नरोवाल स्थित दरबार साहिब करतारपुर गुरुद्वारा जाने की सुविधा दी जाएगी. यह गुरुद्वारा भारतीय सीमा में गुरदासपुर (kartarpur corridor) से करीब चार किलोमीटर की दूरी पर पाकिस्तान में स्थित है. पाकिस्तान के विदेश विभाग के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने एक बयान में कहा कि इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के माध्यम से प्रस्ताव का मसौदा भारत को सौंपा गया है.
गौरतलब है कि पिछले साल पाकिस्तान सरकार के विदेश मंत्री के बयान के बाद दोनों सरकारें आमने-सामने खड़ी हो गई थी. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी द्वारा करतारपुर गलियारे (kartarpur corridor) को लेकर दिए बयान पर कड़ा ऐतराज जताया था. सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) ने कहा था कि इस तरह का बयान सिखों का अपमान करने जैसा है. स्वराज (Sushma Swaraj) ने ट्वीट कर कहा था कि श्रीमान पाकिस्तान के विदेश मंत्री आपके द्वारा कही गई गुगली वाली बात आपकी मंशा को पूरी तरह से लोगों के सामने रख रही है. इससे यह भी पता चलता है कि आपकी सरकार को सिखों की भावना की कोई परवाह नहीं है. उन्होंने आगे कहा था कि मैं आपको बताना चाहती हूं कि हम आपकी गुगली में नहीं फंसे हैं. हमारे दो मंत्री करतारपुर साहेब (kartarpur corridor) सिर्फ इसलिए गए ताकि वह इस पवित्र गुरुद्वारे में प्रार्थना कर सकें.
बता दें कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री महमूद कुरैशी ने कुछ दिन पहले करतारपुर गलियारे आने को लेकर भारत सरकार को दिए निमंत्रण पर कह था कि ऐतिहासिक करतारपुर गलियारे के शिलान्यास कार्यक्रम में भारत सरकार की मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक 'गुगली' फेंकी, जिसकी वजह से भारत की नरेंद्र मोदी सरकार ने दो मंत्रियों को कार्यक्रम में शिरकत के लिए भेजा.
कुरैशी की यह टिप्पणी विदेशमंत्री सुषमा स्वराज के एक दिन पहले दिए गए बयान पर आई है, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय वार्ता को फिर शुरू करने की संभावना को स्पष्ट रूप से यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि पाकिस्तान जब तक भारत के खिलाफ सीमा-पार से अंजाम दी जाने वाली आतंकवादी गतिविधियों को नहीं रोकता, बातचीत संभव नहीं है.पाकिस्तान ने इससे पहले बुधवार के कार्यक्रम में सुषमा स्वराज को भी आमंत्रित किया था, लेकिन स्वराज ने पूर्व प्रतिबद्धताओं का हवाला देते हुए करतारपुर साहिब आने में असमर्थता जताई थी. |
पढ़ें 12 जुलाई 2012 को देश, दुनिया, महानगर, खेल, आर्थिक और बॉलीवुड जगत में क्या-क्या हुआ.
11.00 PM:
गुवाहाटीः 11वीं की छात्रा के साथ सरेआम छेड़छा़ड़. गुवाहाटी के एक बार के बाहर की घटना. पार्टी से घर लौट रही थी लड़की. बार के बाहर 20 लड़कों ने लड़की की पिटाई की. पिटाई के बाद लड़की के कपड़े फाड़े. 3 आरोपी पुलिस गिरफ्त में.
10.40 PM:
सीएजी ने ममता बनर्जी के खिलाफ जांच शुरू की, रेल मंत्री रहते हुए नई ट्रेन चलाने की घोषणा से संबंधित जांच.
09.13 PM:
गाजियाबाद: इंदिरापुरम में नाले में गिरकर 4 साल के बच्चे की मौत.
07.37 PM:
उत्तर भारत में भूकंप के झटके महसूस किए गए
07.35 PM:
कश्मीर घाटी में भूकंप के झटके. डर से घरों के बाहर निकले लोग.
07.02 PM:
आलू-टमाटर की कीमतों में इजाफा
06.02 PM:
स्विस अथॉरिटी से जानकारी मांगे पीएमः पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट. पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट का आदेश. 25 जुलाई तक कार्रवाई करें पीएम. जरदारी के धन की जानकारी मांगें.
05.50 PM:
संदिग्ध आतंकी फसीह महमूद को दिल्ली लाया जाएगा. 7 दिन में फसीह को लाएगी दिल्ली पुलिस.
04.32 PM:
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, राष्ट्रपति चुनाव के बाद डीजल के दाम में हो सकती है बढ़ोतरी.
02.45 PM:
दारा सिंह की अंतिम यात्रा शुरू
02.40 PM:
भारतीयता के आदर्श थे दारा सिंहः रामदेव
02.30 PM:
प्रेरणा के स्त्रोत थे दारा सिंहः अनु मलिक
02.25 PM:
बचपन के हीरो का जाना दुखदः महेश भट्ट
02.20 PM
: कभी दर्द से नहीं कराहे पापाः बिंदु दारा सिंह
02.15 PM:
दिल के राजा थे दारा सिंहः मनोज कुमार
12.55 PM:
जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी सैनिक गिरफ्तार. पुंछ से हुई गिरफ्तारी. आरिफ नाम के यह सैनिक पाक सेना के 25 फ्रंटियर फोर्स में है तैनात.
12.10 PM
: जगदीश शेट्टार ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.
11.50 AM:
सेल के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) पर फैसला टला: सूत्र.
11.20 AM:
हमारे सुपरमैन थे दारा सिंह: शाहरुख खान.
10.50 AM
: अखाड़े से पर्दे तक हिट थे दारा सिंह: नरेंद्र मोदी.
09.50 AM:
2 बजे होगा रुस्तम-ए-हिंद दारा सिंह का अंतिम संस्कार.
08.35 AM
: फिल्म अभिनेता दारा सिंह का निधन हो गया है. दारा सिंह के बेटे बिंदू दारा सिंह ने इसकी पुष्टि की है. 2 बजे हो सकता है दारा सिंह का अंतिम संस्कार.
07.30 AM:
आखिरी घड़ी में दारा सिंह को अस्पताल से घर लाया परिवार, बेटे विंदु ने गमगीन होकर कहा-अब हनुमान के पास जाने का वक्त.
07.26 AM:
अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की साजिश, जम्मू में जवाहर टनल के पास पुल के नीचे संदिग्ध बॉक्स, जम्मू-श्रीनगर हाइवे पर यातायात बंद. |
अंडे खाने और रेड मीट खाने के शौकीन लोगों के लिए यह खबर बुरी हो सकती है. जी हां एक ताजा अध्ययन में यह बात सामने आई है कि जानवरों से प्राप्त प्रोटीन का ज्यादा सेवन करना जानलेवा साबित हो सकता है. अमेरिकी शोधकर्ताओं के अनुसार, जानवरों से प्राप्त प्रोटीन का ज्यादा सेवन करने से समय से पहले मौत का खतरा बढ़़ सकता है.
दूसरी तरफ, वनस्पति से प्राप्त प्रोटीन के स्रोतों जैसे ब्रेड, अनाज, पास्ता, फली, अखरोट आदि का सेवन करने से मृत्यु दर को कम किया जा सकता है. रेड मीट और अंडे के अलावा दुग्ध उत्पाद का
सेवन करना भी खतरनाक
है. विशेषज्ञों ने बताया कि शराब और धूमपान का सेवन और शारीरिक निष्क्रियता वालों की स्थिति ज्यादा गंभीर हो जाती है.
निष्कर्ष बताते हैं कि लोगों को पशु प्रोटीन की तुलना में संयंत्र प्रोटीन खाने पर विचार करना चाहिए, लेकिन अगर वह पशु प्रोटीन स्रोतों का चयन करते हैं तो उनके लिए रेड मीट की तुलना में मछली और चिकन बेहतर विकल्प हैं. यह अध्ययन, जर्नल जामा इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित किया गया है. |
अपनी कार्यकारिणी के रसूखदार सदस्य मौलवी और शिक्षक मौलाना सलमान नदवी को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआइएमपीएलबी) ने बर्खास्त कर दिया. उन पर इल्जाम था कि वे अयोध्या विवाद के अदालत से बाहर संभावित निबटारे के लिए आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर से मिले, वह भी उस वक्त जब इस विवाद पर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है.
बोर्ड ने जोर देकर कहा कि नदवी रविशंकर से मिलने के लिए अधिकृत नहीं थे. कार्यकारिणी के सदस्य कमाल फारूकी और जफरयाब जिलानी ने कहा कि नदवी ने ''बोर्ड की राय से अलग रुख अख्तियार करके मुस्लिम हितों को भारी नुक्सान पहुंचाया है. वह जगह मुससमानों की है और बाबरी मस्जिद की जगह बनी रहेगी."
नाराज नदवी ने कहा कि बोर्ड से हटाए जाने से पहले उन्होंने खुद ही इसे छोड़ दिया था. लखनऊ के दारुल उलूम नदवातुल उलेमा मदरसे के छात्रों के आगे वे फूट-फूटकर रो पड़े. उन्होंने कहा, ''मैं तो अमन लाने की कोशिश कर रहा था. मेरे साथ जो लोग नाइंसाफी कर रहे हैं, अल्लाह तआला उनसे निबटेगा."
मगर रिपोर्टरों से बात करते वक्त वे ज्यादा आक्रामक मुद्रा में थे. उन्होंने कहा, ''बोर्ड को चरमपंथियों ने हाइजैक कर लिया है. यह तानाशाही है. आपसी रजामंदी से मुद्दे का निबटारा करने और इस तरह अदालत का फैसला आने पर दंगे-फसाद के हालात से बचने में गलत क्या है?" नदवी के मुताबिक, बातचीत से मामले का समाधान ''तीन महीनों के भीतर खोजा" जा सकता है. उनकी बर्खास्तगी (या बोर्ड से उनके बाहर आने) को मोटे तौर पर रविशंकर की मध्यस्थता वाली उम्मीदों के लिए झटका माना गया.
मगर कुछ विश्लेषक यह भी कह रहे हैं कि उन्होंने बोर्ड के भीतर की फूट को उजागर कर दिया है. श्री श्री ने अपने दूत गौतम विग को बोर्ड के उन सदस्यों के साथ बातचीत करने की जिम्मेदारी सौंपी थी जो अदालत के बाहर समझौते के पक्ष में हो सकते हैं. विग कहते हैं, ''गुरुदेव को लगता है कि अदालत का फैसला दिलों को एक साथ नहीं ला सकता.
हारने वाला पक्ष तकलीफ महसूस करेगा." नदवी के समर्थक और सेवानिवृत्त आइएएस अफसर अनीस अंसारी उस प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे, जो 8 फरवरी को बेंगलूरू में रविशंकर से मिला था. अंसारी दावा करते हैं कि ''अदालत के फैसले के नतीजतन खूनखराबा होगा क्योंकि हिंदुओं और मुसलमानों दोनों में यह भावना मजबूत है कि यह जमीन उनकी है.
ज्यों ही वहां रखी मूर्तियों को हटाने की या दूसरी तरफ, उस स्थल पर मंदिर बनाने की जरा भी कोशिश होती है, तो खूनखराबा होगा. इसलिए सबसे अच्छा रास्ता ऐसा समझौता है जो दोनों पक्षों के लिए सम्मानजनक हो."
बहुत ज्यादा समझौतावादी और जरूरत से ज्यादा नरम रुख अख्तियार करता दिखने की चिंता से ग्रस्त अंसारी ने कहा कि उन्होंने नदवी की तरफ से दलील दी कि बातचीत के जरिए किसी भी समझौते की दिशा में तभी बढ़ा जा सकता है जब हिंदू अभियोजन पक्ष यह स्वीकार करे कि जमीन पर मालिकाना हक तो मुसलमानों का ही है. इसके अलावा इस बात की विधायी किस्म की कोई गारंटी होनी चाहिए कि मुसलमानों की दूसरी इबादतगाहों के साथ ऐसी कोई छेड़छाड़ नहीं होगी.
दूसरी इबादतगाहों से उनका इशारा शायद काशी और मथुरा के विवादित स्थलों से है. इसके अलावा अंसारी ने कहा कि ''बाबरी मस्जिद को गैर-कानूनी तरीके से शहीद किए जाने के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा भी होनी चाहिए." विग के मुताबिक, रविशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि यह चर्चा ज्यादा असरदार होगी अगर हिंदू और मुस्लिम, दोनों पक्ष विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण और मस्जिद का निर्माण किसी दूसरी जगह पर कराने पर राजी हो जाते हैं.
रविशंकर का दावा है कि बातचीत के जरिए विवाद का समाधान निकालने की दिशा में जब उन्होंने बोर्ड के सदस्यों से संपर्क साधना शुरू किया, तो 51 सदस्यीय बोर्ड के करीब एक तिहाई सदस्य उनकी बातों से सहमत दिखे.
हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने नदवी पर हमलावर होते हुए उन पर ''प्रधानमंत्री मोदी के इशारों पर नाचने" का आरोप लगाया है. ओवैसी ने नदवी के दस्तखत किए गए एक पुराने फतवे, जिसमें कहा गया था कि ''एक मस्जिद कयामत तक मस्जिद ही रहती है" का हवाला देते हुए आह्वान किया कि जो लोग मस्जिद पर अपना हक छोड़ने की बात कहते हैं, वैसे लोगों का बहिष्कार किया जाना चाहिए.
हालांकि नदवी ने रविशंकर को बताया था कि सुन्नी मुसलमानों की चार प्रमुख विचारधाराओं में से एक हंबली विचारधारा किसी मस्जिद को एक जगह से हटाकर दूसरी जगह पर ले जाए जाने की इजाजत देती है. इस लिहाज से बाबरी मस्जिद को विवादित स्थल से दूर किसी और स्थान पर दोबारा बनाया जा सकता है.
रविशंकर के अनुसार, ''भारत के हर कोने से कई मुसलमान नेता मुझसे मिले और विवादित स्थल पर मंदिर निर्माण तथा कुछ दूरी पर मस्जिद निर्माण के लिए दोनों पक्षों में समझौता कराने की दिशा में मेरे प्रयासों का समर्थन किया."
उत्तर प्रदेश के शिया वक्फ बोर्ड ने रविशंकर का खुलेदिल से समर्थन किया. हालांकि सुन्नी पक्षकार कह रहे हैं कि मामला अदालत में है और रही बात शियाओं की तो उनका इस विवाद पर अपना नजरिया रखने का कोई हक ही नहीं बनता. बहरहाल, उस विवादित जमीन का मालिकाना हक रखने वाली संस्था उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर फारूकी भी मौलाना नदवी के साथ रविशंकर की उस मुलाकात में शामिल थे.
वैसे, माहौल बनता हुआ दिखने लगा है. रविशंकर जल्दी ही एक बार फिर अयोध्या जाएंगे और नवंबर की तरह एक बार फिर से इस मामले के हिंदू और मुसलमान पक्षकारों के साथ बातचीत का एक नया दौर शुरू करेंगे. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्यों के साथ उनका संपर्क अब पहले से ज्यादा होने की उम्मीद है. भाजपा और संघ परिवार बातचीत की इस प्रक्रिया में शामिल नहीं हो रहा बल्कि वह बाहर से पैनी नजर बनाए हुए है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता और इस मामले के याचिकाकर्ता सुब्रह्मण्यम स्वामी को इस वार्ता की सफलता पर संदेह है. हालांकि वे दावा करते हैं कि आपसी रजामंदी कायम करने की एक नाकाम कोशिश अतीत में वे भी कर चुके हैं.
उन्हें नहीं लगता कि मुसलमान विवादित स्थल पर मंदिर बनाए जाने के लिए राजी होंगे क्योंकि उन्हें डर है कि वे इससे कट्टरपंथियों के निशाने पर आ जाएंगे. स्वामी कहते हैं कि रविशंकर की ''पहल का स्वागत है. लेकिन सबसे सही तरीका होगा कि अदालत से एक स्पष्ट निर्णय प्राप्त किया जाए. जो साक्ष्य हैं उनके आधार पर मुझे पूरा भरोसा है कि अदालत विवादित स्थल पर मंदिर बनाए जाने के पक्ष में ही निर्णय देगी."
इस पर प्रधानमंत्री का नजरिया अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है. उन्होंने चतुराईपूर्ण चुप्पी साध रखी है. लेकिन रविशंकर की सफलता का राजनैतिक लाभ तो मिलेगा ही. मोदी की लंबे समय से ख्वाहिश रही है कि उन्हें हिंदुओं और मुसलमानों, दोनों का नेता समझा जाए.
वैसे, इस वक्त तो रविशंकर की कामयाबी खयाली पुलाव ही मानी जा रही है. फिर भी यदि रविशंकर के प्रयासों से विवादित स्थल पर मंदिर निर्माण और किसी अन्य स्थान पर मस्जिद निर्माण की रजामंदी हो जाती है तो वह मोदी को ज्यादा रास आएगी क्योंकि अदालत से जो निर्णय आएगा, उसमें इस बात की संभावना कम ही है कि वह किसी एक पक्ष को बहुत खुश कर पाएगा.
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ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय को देश के सबसे बड़े टैक्स चोर और अरबों के मालिक हसन अली की संपत्ति जब्त करने की इजाज़त मिल गई है। हसन अली के करीबी काशीनाथ तापुरिया की भी संपत्ति ज़ब्त होगी। हसन अली पर कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक फटकार लगा चुका है। ईडी को हसन अली की संपत्ति की पूरी जानकारी भी दी गई है जिसे जब्त किया जाना है। यह जब्ती टैक्स वसूली के लिए की जा रही है। इस प्रोपर्टी में हसन अली की मुंबई और पुणे की संपत्ति के अलावा इमपोर्टेड कारें भी शामिल हैं। अब हसन अली की संपत्ति कोई भी खरीद नहीं सकेगा। |
भारतीय टीम के युवा बल्लेबाज श्रेयस अय्यर ने कहा है कि महेंद्र सिंह धोनी ने एकाग्र रहने के लिए उन्हें मीडिया से दूर रहने की सलाह दी है. श्रेयस ने यह बात 'ओपन हाउस विद रेनिल' नाम के शो में कही.
अय्यर ने कहा, 'जब मैंने भारतीय टीम में कदम रखा, धोनी ने सलाह दी कि मुझे अखबारों से दूर रहना चाहिए और साथ ही जितना हो सके सोशल मीडिया से दूरी बनानी चाहिए.'
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उन्होंने कहा, 'सोशल मीडिया हम सभी की जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है और मैं इसे अच्छे से संभालने की कोशिश करता हूं, लेकिन आलोचना से मुझे आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा मिलती है.'
श्रेयस ने एक रोचक बात साझा करते हुए बताया कि किस तरह इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में जगह बनाने के बाद उनकी एक महिला मित्र का व्यवहार बदल गया था.
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उन्होंने कहा, 'जैसे ही नीलामी की खबर बाहर आई, उस लड़की ने मुझे मैसेज भेजना शुरू कर दिया. जब मैंने पूछा कि वह लगातार मुझसे बात करने की कोशिश क्यों कर रही हैं, तो मुझे जवाब मिला की वह मेरे लिए खुश हैं.' अय्यर ने कहा, 'तब मुझे पता चला की वह मेरे पीछे नहीं पैसे के पीछे हैं.' |
राजस्थान के पाली जिले के सबसे बड़े बांगड़ अस्पताल में एक सनसनीखेज घटना सामने आई है. रविवार देर रात को अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में 19 साल की एक लड़की बेहोश मिली. उसके बाद अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई. पता चला कि लड़की के साथ रेप की कोशिश की गई है. परिजन तुरंत थाने पहुंचे. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
पीड़ित लड़की ने आरोप लगाया है कि अस्पताल के सर्जिकल वार्ड के वार्ड ब्वॉय ने उसे बाथरूम में ले जाकर बंद कर दिया था. वह उसके साथ गलत काम करने की कोशिश कर रहा था. इसकी वजह से वह गिर गई थी. उसके बाद उसे कुछ याद नहीं है. लड़की के नाना और नानी ने थाने में बच्ची के साथ रेप होने का आरोप लगाया है.
जानकारी के मुताबिक, लड़की की नानी पिछले कई दिनों से अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती थी. उसकी देखभाल पीड़ित लड़की कर रही थी. 7-8 दिनों से नानी के साथ रहते-रहते लड़की की जान-पहचान सर्जिकल वार्ड के वार्ड बॉय से हो गई थी. लड़की के नाना के अनुसार वार्ड बॉय ने उसे जानबूझकर रात को बाथरूम में बुलाया था.
लड़की के नाना और नानी पहले थाने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज करने से इंकार कर दिया. इसके बाद वे लोग पाली के विधायक ज्ञानचंद पारेख के पास गए. विधायक ने पुलिस को बुलाकर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया. इसके बाद करीब 4 घंटे तक लड़की के बयान दर्ज कराए गए. पुलिस ने उसको मेडिकल जांच के लिए भेजा.
पुलिस
का कहना है कि पीड़ित लड़की ने कागज पर लिखा हुआ एक चीट भी दिया है. उसमें आरोपी वार्ड ब्वॉय ने लड़की को रात में बाथरूम में आने के लिए कहा था. पीड़िता के परिजनों की तहरीर के आधार पर पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस को मेडिकल जांच रिपोर्ट का भी इंतजार है. |
युवा शिव थापा (56 किग्रा) और सुमित सांगवान (81 किग्रा) ने एशियाई ओलिंपिक क्वालीफायर के फाइनल में पहुंचने के साथ ओलिंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने में सफल रहे जिससे भारत लंदन खेलों में अभूतपूर्व सात मुक्केबाजों के साथ उतरेगा।
दो अन्य भारतीय मुक्केबाज मनप्रीत सिंह (91 किग्रा) और परमजीत समोटा (91 किग्रा से अधिक) लंदन का टिकट कटाने से चूक गए जबकि पहले ही ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके विजेंदर सिंह (75 किग्रा) को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।टिप्पणियां
अट्ठारह वर्षीय शिव आज ओलंपिक में जगह बनाने वाले सबसे युवा भारतीय मुक्केबाज बने। उन्होंने क्षेत्र के अंतिम क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में जापान के सातोशी सिमिजु को 31.17 से हराकर फाइनल में पहुंचने के साथ ही लंदन ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई किया। राष्ट्रीय कोच गुरबख्श सिंह संधू ने कहा, ‘‘उसने बेहतरीन प्रदर्शन किया। वह पहले राउंड में अधिक आक्रामक होने के कारण एक अंक से पिछड़ रहा था लेकिन उसने धैर्य बनाये रखा और अगले दो राउंड में बेहतरीन प्रदर्शन करके बड़े अंतर से जीत दर्ज की। उसने अधिकतर अंक दायें हाथ के सीधे पंच से बनाए।’’
पिछले साल 19 वर्षीय एल देवेंद्रो सिंह ने विश्व चैंपियनशिप के जरिए लंदन के लिए क्वालीफाई किया था। उनके अलावा देबेंद्र सिंह ने 1996 में 19 साल की उम्र में अटलांटा ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई किया था। वे अब तक सबसे कम उम्र में ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले मुक्केबाज थे लेकिन 1993 में जन्में शिव थापा ने उनका रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
दो अन्य भारतीय मुक्केबाज मनप्रीत सिंह (91 किग्रा) और परमजीत समोटा (91 किग्रा से अधिक) लंदन का टिकट कटाने से चूक गए जबकि पहले ही ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके विजेंदर सिंह (75 किग्रा) को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।टिप्पणियां
अट्ठारह वर्षीय शिव आज ओलंपिक में जगह बनाने वाले सबसे युवा भारतीय मुक्केबाज बने। उन्होंने क्षेत्र के अंतिम क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में जापान के सातोशी सिमिजु को 31.17 से हराकर फाइनल में पहुंचने के साथ ही लंदन ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई किया। राष्ट्रीय कोच गुरबख्श सिंह संधू ने कहा, ‘‘उसने बेहतरीन प्रदर्शन किया। वह पहले राउंड में अधिक आक्रामक होने के कारण एक अंक से पिछड़ रहा था लेकिन उसने धैर्य बनाये रखा और अगले दो राउंड में बेहतरीन प्रदर्शन करके बड़े अंतर से जीत दर्ज की। उसने अधिकतर अंक दायें हाथ के सीधे पंच से बनाए।’’
पिछले साल 19 वर्षीय एल देवेंद्रो सिंह ने विश्व चैंपियनशिप के जरिए लंदन के लिए क्वालीफाई किया था। उनके अलावा देबेंद्र सिंह ने 1996 में 19 साल की उम्र में अटलांटा ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई किया था। वे अब तक सबसे कम उम्र में ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले मुक्केबाज थे लेकिन 1993 में जन्में शिव थापा ने उनका रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
अट्ठारह वर्षीय शिव आज ओलंपिक में जगह बनाने वाले सबसे युवा भारतीय मुक्केबाज बने। उन्होंने क्षेत्र के अंतिम क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में जापान के सातोशी सिमिजु को 31.17 से हराकर फाइनल में पहुंचने के साथ ही लंदन ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई किया। राष्ट्रीय कोच गुरबख्श सिंह संधू ने कहा, ‘‘उसने बेहतरीन प्रदर्शन किया। वह पहले राउंड में अधिक आक्रामक होने के कारण एक अंक से पिछड़ रहा था लेकिन उसने धैर्य बनाये रखा और अगले दो राउंड में बेहतरीन प्रदर्शन करके बड़े अंतर से जीत दर्ज की। उसने अधिकतर अंक दायें हाथ के सीधे पंच से बनाए।’’
पिछले साल 19 वर्षीय एल देवेंद्रो सिंह ने विश्व चैंपियनशिप के जरिए लंदन के लिए क्वालीफाई किया था। उनके अलावा देबेंद्र सिंह ने 1996 में 19 साल की उम्र में अटलांटा ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई किया था। वे अब तक सबसे कम उम्र में ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले मुक्केबाज थे लेकिन 1993 में जन्में शिव थापा ने उनका रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
पिछले साल 19 वर्षीय एल देवेंद्रो सिंह ने विश्व चैंपियनशिप के जरिए लंदन के लिए क्वालीफाई किया था। उनके अलावा देबेंद्र सिंह ने 1996 में 19 साल की उम्र में अटलांटा ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई किया था। वे अब तक सबसे कम उम्र में ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले मुक्केबाज थे लेकिन 1993 में जन्में शिव थापा ने उनका रिकॉर्ड तोड़ दिया है। |
जम्मू में एक पूर्व सैन्यकर्मी ने बीजेपी विधायक पर अपनी बेटी के अपहरण करने का आरोप लगाया है. हालांकि विधायक ने आरोप का खंडन किया और इसे अपनी छवि धूमिल करने का एक प्रयास करार दिया. इस मामले में नया मोड़ तब आया जब पिता के आरोपों के कुछ ही देर बाद बेटी मीडिया के सामने आ गई.
पूर्व सैन्यकर्मी का आरोप था कि आरएसपुरा से बीजेपी विधायक गगन भगत ने उनकी बेटी का अपहरण कर लिया है.
हालांकि, बेटी ने शाम को आकर कहा कि वह अपने दोस्त के साथ रह रही है. बेटी ने कहा कि उनके परिवार की ओर से उसे धमकियां मिल रही हैं, क्योंकि वह परिवार की मर्जी के खिलाफ एक लड़के से शादी कर रही है. लड़की ने कहा कि कोई भी उसे गिरफ्तार नहीं कर रहा है.
लड़की ने मीडिया के सामने आकर कहा कि मुझे कोई भी गिरफ्तार नहीं कर रहा है, मैं आपके सामने हूं. विधायक काफी अच्छे इंसान हैं, मेरा परिवार PDP समर्थक है इसलिए ऐसा आरोप लगा रहा है. वो जबरन मेरी किसी के साथ शादी कराना चाहते हैं. लड़की ने कहा कि वह लगातार अपने परिवार के संपर्क में थी.
युवती का कहना है कि उनके परिवार वालों को पता है कि वह एक दोस्त के घर पर रहती है. इससे पहले वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (जम्मू) विवेक गुप्ता ने बताया कि इस मामले में अब तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गयी है और एक बार अगर शिकायत दर्ज हो जाती है हम
उचित कार्रवाई
करेंगे. विधायक का कहना है कि अगर उनपर लगे आरोप सही होते हैं तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे. |
आइसोइंडोल एक कार्बनिक यौगिक है।
। कार्बन के रासायनिक यौगिकों को कार्बनिक यौगिक कहते हैं। प्रकृति में इनकी संख्या 10 लाख से भी अधिक है। जीवन पद्धति में कार्बनिक यौगिकों की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। इनमें कार्बन के साथ-साथ हाइड्रोजन भी रहता है। ऐतिहासिक तथा परंपरा गत कारणों से कुछ कार्बन के यौगकों को कार्बनिक यौगिकों की श्रेणी में नहीं रखा जाता है। इनमें कार्बनडाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड प्रमुख हैं। सभी जैव अणु जैसे कार्बोहाइड्रेट, अमीनो अम्ल, प्रोटीन, आरएनए तथा डीएनए कार्बनिक यौगिक ही हैं। कार्बन और हाइड्रोजन के यौगिको को हाइड्रोकार्बन कहते हैं। मेथेन (CH4) सबसे छोटे अणुसूत्र का हाइड्रोकार्बन है। ईथेन (C2H6), प्रोपेन (C3H8) आदि इसके बाद आते हैं, जिनमें क्रमश: एक एक कार्बन जुड़ता जाता है। हाइड्रोकार्बन तीन श्रेणियों में विभाजित किए जा सकते हैं: ईथेन श्रेणी, एथिलीन श्रेणी और ऐसीटिलीन श्रेणी। ईथेन श्रेणी के हाइड्रोकार्बन संतृप्त हैं, अर्थात् इनमें हाइड्रोजन की मात्रा और बढ़ाई नहीं जा सकती। एथिलीन में दो कार्बनों के बीच में एक द्विबंध (=) है, ऐसीटिलीन में त्रिगुण बंध (º) वाले यौगिक अस्थायी हैं। ये आसानी से ऑक्सीकृत एवं हैलोजनीकृत हो सकते हैं। हाइड्रोकार्बनों के बहुत से व्युत्पन्न तैयार किए जा सकते हैं, जिनके विविध उपयोग हैं। ऐसे व्युत्पन्न क्लोराइड, ब्रोमाइड, आयोडाइड, ऐल्कोहाल, सोडियम ऐल्कॉक्साइड, ऐमिन, मरकैप्टन, नाइट्रेट, नाइट्राइट, नाइट्राइट, हाइड्रोजन फास्फेट तथा हाइड्रोजन सल्फेट हैं। असतृप्त हाइड्रोकार्बन अधिक सक्रिय होता है और अनेक अभिकारकों से संयुक्त हा सरलता से व्युत्पन्न बनाता है। ऐसे अनेक व्युत्पंन औद्योगिक दृष्टि से बड़े महत्त्व के सिद्ध हुए हैं। इनसे अनेक बहुमूल्य विलायक, प्लास्टिक, कृमिनाशक ओषधियाँ आदि प्राप्त हुई हैं। हाइड्रोकार्बनों के ऑक्सीकरण से ऐल्कोहॉल ईथर, कीटोन, ऐल्डीहाइड, वसा अम्ल, एस्टर आदि प्राप्त होते हैं। ऐल्कोहॉल प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक हो सकते हैं। इनके एस्टर द्रव सुगंधित होते हैं। अनेक सुगंधित द्रव्य इनसे तैयार किए जा सकते हैं। इसी प्रकार आइसोइंडोल को भी विभिन्न प्रयोगों में लिया जा सकता है।
आइसोइंडोल |
यह लेख है: पश्चिम अफ्रीका के दक्षिण सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिये भारत सरकार ने एक बार फिर जनरल वी के सिंह को वहां भेजने का फैसला किया है। विदेश राज्य मंत्री जनरल (रिटायर्ड) वी के सिंह वायुसेना के विशेष विमान से कल यानी गुरुवार को सुबह साढ़े चार बजे जा रहे हैं।टिप्पणियां
सूडान में करीब छह सौ भारतीय फंसे हैं। वहां पर पिछले कुछ दिनों से गृह युद्ध की वजह से हालात काफी बिगड़ गए हैं। कोशिश होगी कि वहां फंसे भारतीयों को जल्द से जल्द निकालकर वायुसेना के विमान के जरिए देश लाया जा सके।
गौरतलब है कि पिछले साल भी जनरल वी के सिंह को भारत सरकार ने यमन भेजा था। यमन में गृहयुद्ध युद्ध चल रहा था और वहां से उन्होंने करीब सात हजार लोगों की सुरक्षित रिहाई संभव करवाई।
सूडान में करीब छह सौ भारतीय फंसे हैं। वहां पर पिछले कुछ दिनों से गृह युद्ध की वजह से हालात काफी बिगड़ गए हैं। कोशिश होगी कि वहां फंसे भारतीयों को जल्द से जल्द निकालकर वायुसेना के विमान के जरिए देश लाया जा सके।
गौरतलब है कि पिछले साल भी जनरल वी के सिंह को भारत सरकार ने यमन भेजा था। यमन में गृहयुद्ध युद्ध चल रहा था और वहां से उन्होंने करीब सात हजार लोगों की सुरक्षित रिहाई संभव करवाई।
गौरतलब है कि पिछले साल भी जनरल वी के सिंह को भारत सरकार ने यमन भेजा था। यमन में गृहयुद्ध युद्ध चल रहा था और वहां से उन्होंने करीब सात हजार लोगों की सुरक्षित रिहाई संभव करवाई। |
लेख: 30 मई, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का दूसरा कार्यकाल शुरू होने के बाद पहले 100 दिन के भीतर निवेशक 12.5 लाख करोड़ रुपये गंवा चुके हैं. सोमवार को बाज़ार बंद होने के वक्त बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में लिस्टेड कंपनियों की बाज़ार पूंजी या उनका बाज़ार मूल्य 1,41,15,316.39 करोड़ रुपये था, जबकि मोदी सरकार के सत्ता संभालने से एक दिन पहले यह बाज़ार मूल्य 1,53,62,936.40 करोड़ रुपये था.
30 मई से अब तक BSE का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 5.96 प्रतिशत, या 2,357 अंक लुढ़क चुका है, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के संवेदी सूचकांक निफ्टी 50 में 30 मई से अब तक 7.23 प्रतिशत, या 858 अंक की गिरावट दर्ज की गई है.
विश्लेषकों के अनुसार, शेयर बाज़ारों में गिरावट की वजूहात में आर्थिक वृद्धि की धीमी रफ्तार के अलावा विदेशी फंडों का देश से बाहर जाना व कॉरपोरेट की कम कमाई भी शामिल है.
भारतीय बाज़ारों में विदेशी निवेशक बिकवाल हो गए हैं. बिकवाली का दबाव उस समय बढ़ा, जब वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई में पेश किए गए NDA सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में विदेशी निवेशकों पर भी सुपर-रिच टैक्स लागू कर दिया, हालांकि इस टैक्स को लगभग एक महीने बाद वापस ले लिया गया था.
नेशनल सिक्योरिटीज़ डिपॉज़िटरी लिमिटेड (NSDL) द्वारा जुटाए गए आंकड़ों से पता चलता है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) सरकार गठन के बाद से अब तक 28,260.50 करोड़ रुपये के शेयर बेच चुके हैं.
IDBI कैपिटल में रिसर्च प्रमुख ए.के. प्रभाकर ने NDTV को बताया, "बाज़ारों में गिरावट की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दूसरा कार्यकाल शुरू होने से काफी पहले ही हो गई थी... फरवरी, 2018 के बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स तथा डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स लागू किए जाने के बाद से ही शेयर बाज़ार मूल्यांकन में गिरावट शुरू हो गई थी, और इन्फ्रास्ट्रक्चर लीज़िंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज़ (IL&FS) संकट के बाद बाज़ारों में मंदी और बढ़ गई..."
ए.के. प्रभाकर के अनुसार, "बहुत-सी मिड और स्मॉल-कैप कंपनियों में काफी सुधार हुआ और अब वे बढ़िया मूल्यांकन पर हैं... IL&FS संकट का बाज़ारों पर काफी देर तक असर बना रहा, लेकिन अब हालात में सुधार की उम्मीद है..."
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) द्वारा एकत्र किए जाने वाले सभी सेक्टरों के सूचकांकों में, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी इंडेक्स को छोड़कर, पिछले 100 दिनों में नकारात्मक रिटर्न ही देखने को मिली है, और निफ्टी का PSU बैंक इंडेक्स तो 26 प्रतिशत गिरा है. पिछले महीने सरकार ने सरकारी बैंकों के बड़े स्तर पर विलय की घोषणा की थी, और अब सरकार के स्वामित्व वाले बैंकों की संख्या 12 हो जाएगी.
अमेरिका और चीन के बीच व्यापार गतिरोधों के बढ़ने से धातु (मेटल) इंडेक्स में 20 फीसदी की गिरावट आई है. विश्लेषकों का कहना है, एन्टी-डंपिंग ड्यूटी के बावजूद चीन सस्ता स्टील बेच रहा है, जिससे घरेलू धातु कंपनियों को नुकसान हो रहा है.
निफ्टी के ऑटो इंडेक्स में 13.48 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है, क्योंकि ऑटो उद्योग पिछले दो दशक की सबसे भयावह मंदी का सामना कर रहा है. IDBI कैपिटल में रिसर्च प्रमुख ए.के. प्रभाकर ने कहा, "हमने पिछले पांच साल के दौरान ऑटो क्षेत्र में ज़ोरदार उछाल देखा, इसलिए मंदी भी साफ नज़र आ रही है... चौपहिया वाहनों की इतनी शानदार बिक्री (पिछले पांच साल जैसी) कभी नहीं देखी गई थी... पिछले पांच साल में मारुति सुज़ुकी ने जिस तरह तरक्की की है, वह अद्भुत है..."
निफ्टी के बैंक, प्राइवेट बैंक, मीडिया और रियल्टी सेक्टरों के इंडेक्सों में भी 10 से 14 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. |
दंतेवाड़ा में चुनाव तो हो गया, लेकिन नक्सलियों का खौफ ऐसा कि मतदान के बाद स्याही मिटाते दिखे ग्रामीण @ndtvindia#BaakiSabTheekHai#KEEZHADIதமிழ்CIVILIZATION#BillDekhaKyapic.twitter.com/Ykq7EkwA8w
लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान से ठीक 48 घंटे पहले 9 अप्रैल को नक्सलियों ने विस्फोट कर बीजेपी विधायक भीमा मंडावी की गाड़ी को उड़ा दिया था. जिसमें मंडावी, उनके ड्राइवर की मौत हो गई. उनके साथ तीन पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे.
दंतेवाड़ा उपचुनाव का नतीजा 27 सितंबर को आएगा. फिलहात मतदान का प्रतिशत 54 है जो बढ़ सकता है. सन 2018 के विधानसभा चुनावों में दंतेवाड़ा में 60.62 फीसद मतदान हुआ था. |
अगर आपको यह लगता है कि आपके पास वो स्किल नहीं है, जिनसे लोग प्रभावित हो जाएं तो आप चिंता न करें. क्योंकि आप इसे विकसित भी कर सकते हैं.
किसी भी जॉब में पॉजिटिव एटिट्यूड यानी कि आत्मविश्वास, उत्साह आदि से आप किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकते हैं.
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कुछ टिप्स जो आपकी इसमें मदद करेंगे...
1. जॉब को बनाएं पैशनजॉब कोई भी हो, यदि आप उसे पूरे पैशन से करते हैं, तो कामयाबी जरूर मिलती है. कोई भी जॉब आपसे शत-प्रतिशत पैशन की मांग करती है. क्योंकि पैशन से ही आपके वास्तविक वर्क-स्टाइल के बारे में पता चलता है.
2. निगेटिव एप्रोच से रहें दूरकहा भी यही गया है कि हम जैसा सोचते हैं, हमारे काम में वही सोच दिखता है. अब आप यदि निगेटिव सोचेंगे, तो न आप अपनी जॉब से लगाव रख पाएंगे और न आपका काम पूरा हो सकेगा.
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3. उत्साह है जरूरी काम करने में उत्साह नहीं है तो यह निश्चित है कि आपको कामयाबी नहीं मिलेगी. काम में दिलचस्पी लेने वाले लोगों को अपने क्षेत्र की अच्छी जानकारी भी होती है.
4. आत्मविश्वास है तो सफलता भी है आपको हर हाल में न केवल खुद पर, बल्कि अपने काम पर भी पूरा भरोसा होना चाहिए. याद रहे, यह आत्मविश्वास ही है, जिसे सफलता की कुंजी कहा जाता है.
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5. बदलाव से घबराएं नहीं बदलाव संसार का नियम है. यदि ऑफिस में आपको किसी दूसरी टीम या दूसरे क्षेत्र में शिफ्ट किया जा रहा है तो वहां भी कुछ मौके आपको जरूर मिलेंगे अपने आप को साबित करने के. अपना हुनर दिखाने की गुंजाइश हर क्षेत्र में होती है. बदलावों को पर्सनली लेने की बजाय यदि आप इसे प्रोफेशनल मौका समझें तो सफल होंगे. |
यह एक लेख है: सीईओ के साथ गोलमेज बैठक में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण भी शामिल हुईं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने एक ट्वीट में कहा, "जर्मन अर्थव्यवस्था/उद्योग जगत की प्रमुख हस्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।"
बैठक की फोटो के साथ किए गए ट्वीट में उन्होंने लिखा, "व्यापार पहली प्राथमिकता है। जर्मनी के कारोबार जगत की प्रमुख हस्तियों के साथ मोदी की इस बैठक के दौरान भारत सरकार की वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री भी मौजूद रहीं।"
मोदी के हनोवर पहुंचने पर हवाई अड्डे और मैरीटिम ग्रांड होटल के बाहर भारतीयों ने उनका जोरदार स्वागत किया। इस दौरान कई छात्र भी मौजूद रहे। इससे पहले हनोवर हवाई अड्डे पर भारत में जर्मनी के राजदूत माइकल स्टीनर ने उनकी अगवानी की।
आर्थिक सहयोग पीएम मोदी के एजेंडे की शीर्ष प्राथमिकता है, जिसमें खास तौर से 'मेक इन इंडिया' पहल शामिल है। प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को विश्व के सबसे बड़े औद्योगिक मेले 'द हनोवर मेस' में मर्केल के साथ भारतीय मंडप का उद्घाटन करेंगे। वह हनोवर सिटी हॉल भी जाएंगे, जहां पर वह महात्मा गांधी की एक प्रतिमा का अनावरण करेंगे।
सोमवार को वह इंडो-जर्मन व्यापार शिखर वार्ता में भी भाग लेंगे। इसके बाद वह बर्लिन जाएंगे, जहां पर वह एक विज्ञान और प्रौद्योगिकी अकादमी का दौरा करेंगे। साथ ही रेलवे के आधुनिकीकरण का जायजा लेने के लिए जर्मनी के एक रेलवे स्टेशन का भी दौरा करेंगे। जर्मनी मोदी के तीन देशों के दौरे का दूसरा पड़ाव है। उनकी यात्रा का तीसरा और आखिरी पड़ाव कनाडा है। वह मंगलवार को कनाडा रवाना होंगे। |
बिहार में राजनीति किसी भी चीज पर हो सकती है. चाहे वो मछली ही क्यों न हो. आंन्ध्र प्रदेश से आने वाली मछलियों में कैसर के तत्व पाए जाने के कारण सरकार ने पटना में इस पर प्रतिबंध क्या लगाया, पूरे प्रदेश में इसका विरोध होने लगा. बिहार सरकार ने स्वास्थ्य के लिहाज से ये कदम उठाएं, लेकिन मछलियों का कारोबार करने वाले लोगों और उनकी निषाद जाति को यह बिल्कुल रास नहीं आया.
इस बैन का तरह-तरह से विरोध किया जा रहा है. अब इस विरोध में सत्ताधारी गठबंधन के विधायक भी शामिल होने लगे है, क्योंकि उन्हें स्वास्थ्य की चिंता कम अपने वोटों की चिंता ज्यादा है. ऐसा ही एक विरोध हाजीपुर में देखने को मिला, जब वहां के स्थानीय बीजेपी विधायक अवधेश सिंह ने पूरी की पूरी थाली फिश फ्राई की खा ली. उसके बाद भी उनका मन नहीं भरा तो चावल के साथ भी चटखारे ले कर खाते और जनता को इसे खाने के लिए प्रेरित भी करते रहे.
मछली पर इसलिए लगाया गया बैन
एनडीए की नीतीश कुमार सरकार ने आंध्रा की मछली पर बैन लगाया, क्योंकि इसको ताजा रखने के लिए जिस रसायन का इस्तेमाल होता है, उससे कैंसर जैसी बीमारी हो सकती हैं, क्योंकि इसमें खतरनाक फार्मलीन की मात्रा हैं, लेकिन विधायक जी का कहना है कि नहीं पता किस आधार पर सरकार ने बैन किया है, मछली खाया है और आगे भी खाएंगे.
बैन के विरोध में हाजीपुर में महाभोज
मछली पर बैन के खिलाफ ही हाजीपुर में मछली व्यवसाई संघ की तरफ से मछली महाभोज का आयोजन हुआ. आयोजन में स्थानीय विधायक के साथ सभी पार्टियों के नेताओ को बुलाया गया. मंच तैयार हुआ और उस पर मछलियों को एक कतार में सजाया गया और सामने नेता एक कतार में बैठे. सामने लोगों की भीड़ थी और सरकार के दावे को झूठा साबित करने के लिए किट से मछली की जांच की गई.
बीजेपी विधायक समेत कई पार्टियों ने की फिश पार्टी
जांच के बाद दावा किया गया कि मछली में कोई खतरनाक केमिकल नहीं है. उसके बाद चूल्हे सजे और मछलिओं को फ्राई किया गया. मंच पर बैठे बीजेपी विधायक और अन्य पार्टियों के स्थानीय नेताओं ने फिश पार्टी की. मजेदार बात ये की बिहार में एनडीए की सरकार है, सरकार ने आंधप्रदेश की जिस मछली को बैन किया, उनके ही विधायक फिश पार्टी कर कानून का विरोध करते दिखे. |
यह लेख है: नेपाल में नए संविधान के विरोध में एक महीने से भी अधिक समय से आंदोलन कर रही मधेसी पार्टियों के समर्थकों ने शनिवार को भारतीय सीमा के निकट बसों और कुछ वाहनों पर हमला किया, जिसके बाद सुरक्षा बलों के साथ हुई झड़प में कई लोग घायल हो गए।
'ज्वाइंट डेमोक्रेटिक मधेसी फ्रंट' (जेडीएमएफ) के सदस्यों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प हुई। मधेसी पार्टियों के समर्थकों ने धनुसा जिले में शनिवार सुबह वाहनों पर पथराव किया। प्रदर्शनकारियों ने वाहनों की ओर पेट्रोल बम फेंके और उनकी खिड़कियां तोड़ दीं। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए हवा में करीब 30 राउंड गोलीबारी की। खबर है कि झड़प के दौरान कुछ लोग रबर की गोलियों से घायल हो गए। वाहनों पर पथराव के कारण कम से कम आठ लोग घायल हुए हैं। एक बस ड्राइवर की हालत गंभीर बताई गई है। प्रदर्शनकारियों ने इस बस चालक के सिर पर वार किया था।टिप्पणियां
दक्षिण-पूर्व नेपाल में पुलिस को पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। यहां करीब छह प्रदर्शनकारी और दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। नेपाल को सात प्रांतों में बांटे जाने के खिलाफ भारतीय मूल के मधेसियों के समूह आंदोलन कर रहे हैं।
बीते 20 सितंबर को नए संविधान की औपचारिक रूप से उद्घोषणा होने के बाद से दक्षिणी तराई क्षेत्र में तनाव बना हुआ है। नए संविधान के खिलाफ मधेसी पार्टियों के आंदोलन में 40 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है तथा ईंधन एवं जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति बाधित हुई है।
'ज्वाइंट डेमोक्रेटिक मधेसी फ्रंट' (जेडीएमएफ) के सदस्यों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प हुई। मधेसी पार्टियों के समर्थकों ने धनुसा जिले में शनिवार सुबह वाहनों पर पथराव किया। प्रदर्शनकारियों ने वाहनों की ओर पेट्रोल बम फेंके और उनकी खिड़कियां तोड़ दीं। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए हवा में करीब 30 राउंड गोलीबारी की। खबर है कि झड़प के दौरान कुछ लोग रबर की गोलियों से घायल हो गए। वाहनों पर पथराव के कारण कम से कम आठ लोग घायल हुए हैं। एक बस ड्राइवर की हालत गंभीर बताई गई है। प्रदर्शनकारियों ने इस बस चालक के सिर पर वार किया था।टिप्पणियां
दक्षिण-पूर्व नेपाल में पुलिस को पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। यहां करीब छह प्रदर्शनकारी और दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। नेपाल को सात प्रांतों में बांटे जाने के खिलाफ भारतीय मूल के मधेसियों के समूह आंदोलन कर रहे हैं।
बीते 20 सितंबर को नए संविधान की औपचारिक रूप से उद्घोषणा होने के बाद से दक्षिणी तराई क्षेत्र में तनाव बना हुआ है। नए संविधान के खिलाफ मधेसी पार्टियों के आंदोलन में 40 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है तथा ईंधन एवं जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति बाधित हुई है।
दक्षिण-पूर्व नेपाल में पुलिस को पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। यहां करीब छह प्रदर्शनकारी और दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। नेपाल को सात प्रांतों में बांटे जाने के खिलाफ भारतीय मूल के मधेसियों के समूह आंदोलन कर रहे हैं।
बीते 20 सितंबर को नए संविधान की औपचारिक रूप से उद्घोषणा होने के बाद से दक्षिणी तराई क्षेत्र में तनाव बना हुआ है। नए संविधान के खिलाफ मधेसी पार्टियों के आंदोलन में 40 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है तथा ईंधन एवं जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति बाधित हुई है।
बीते 20 सितंबर को नए संविधान की औपचारिक रूप से उद्घोषणा होने के बाद से दक्षिणी तराई क्षेत्र में तनाव बना हुआ है। नए संविधान के खिलाफ मधेसी पार्टियों के आंदोलन में 40 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है तथा ईंधन एवं जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति बाधित हुई है। |