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इन्सान सब्र भले ही कर जाय पर खुदा नेकबद सब देखता है
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उन बेकसों के साथ दगा दिया है
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पुलिसवालों के हाँ कहने पर दादाजी बोले तब मुझे विरोध करने दो
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बड़का की कसम एक रोटी देती हूँ
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का हौंसला थोड़े से डर के साथ दिखाई दे रहा था
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कुरियन दुनिया के पहले व्यक्ति थे
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सास को बस ताने मारने और रौब झाड़ने के अलावा कोई काम नहीं
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तो क्या धनी बुदबुदाया
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मुंशीअच्छी बात है तुम लोग रोटीदाल खाना
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गर्मियों में सूर्यास्त थोड़ा और
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झुकी हुई कमर पोपला मुँह
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अगले दिन मैं जल्दी उठा और रसोई में गया
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धनी का काम थाबिन्नी की देखभाल करना
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यहाँ से उठ आये और दफ्तर जाकर कागज उलटपलट करने लगे
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अप्रसन्नता प्रकट करना आवश्यक समझते थे
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हम अपने आप को कैसे आँकते हैं
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शरद के धवल नक्षत्र नील गगन में झलमला रहे थे
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दादाजी ने उत्तर नहीं दिया
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मैंने तो आज ही तुम्हारे मुँह से सुनी है
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पश्चिम की तरफ होने के कारण दिखाई नहीं पड़ता
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कह गये के अब मरते हैं
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बहुत अच्छा गाँधी जी ने हाथ हिलाकर कहा
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अमर उजाला नई दिल्ली
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मैं अपना पकाखा लूँगी
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किसी ने रेवड़ियाँ ली हैं किसी ने गुलाब जामुन
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त्री
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जब इसका कोई नाम नहीं है
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भतीजे को अपने गले का हार उतार कर देना चाह रहे थे
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सिद्धेश्वरी ने गिड़गिड़ाते हुए कहा
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चमत्कार था यह भक्त अम्बरीश का और उनकी भक्ति का
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किसने बुलाया था इस निगौड़ी ईद को
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तुम अकेली यहाँ क्या करोगी
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टेस्ट सीरीज से पहले भारतीय गेंदबाजों ने बढ़ाई धोनी की टेंशन
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ये हम सबके हौसलों की जीत है
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सर्वोच्च आसन पर बैठा हूँ
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काहिरो आफ़्रिका का सबसे बड़ा शहर है।
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जिस में चार सौ से ज़्यादा लोग मारे गए और
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अपने काम पर भरोसा न होना
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मेरा पत्थरसा हृदय एक दिन सहसा तुम्हारे स्पर्श से
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उनका परिवार एक अमीर ख़ानदान था
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जहाँ ज्ञान स्वतन्त्र हो
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वह उन्ही कामों को करता जिन्हें एक मुर्गी करती है
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पर किताबों से तो मैंने कुछ और ही सीखा है
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लाखों सरकारी नौकर रातदिन दूसरों का
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कानपुर जिले में पंडित भृगुदत्त नामक एक बड़े जमींदार थे
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कहता था बड़का भैया के यहाँ जाऊँगा ऐसा लड़का
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तरह का पोंख मेला लगता है
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छूटा भी या नहीं
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जो भी हो कल फिर आएगा
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सारांश यह कि दोनों स्त्रियॉँ अपने अधिकारों से बेखबर
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इस खयाल से भानुकुँवरि को कुछ शान्ति हुई
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पशुबल और धन के उपासक के मन में किसी
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बुरे काम का फल कभी अच्छा नहीं होता
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जब तक थी साँस लड़े वो
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दुखी होकर गांधी दिल्ली शहर छोड़
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तो क्या देखते हैं कि नगर के फाटकों पर ताला लगा हुआ है
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मेरा पेड़ कभी भी बर्फ़ से नहीं ढकेगा
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शरीर की आवाज़ सुनने में मज़ा आता है
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दोतीन बीघे ऊसर क्या दे दिया
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चंपा ने अपने दीपस्तंभ पर से देखा
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इसके चलते भारतीयों को अंग्रेज़ों
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हम राजनीतिक ध्रुवीकरण के एक युग में जी रहे हैं
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जब सब लोग दिन के खाने में मशगूल थे
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आप टॉम के लिये क्यों काम कर रहे हैं
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दीदी क्या उसकी अम्मी उसकी पिटाई नहीं करतीं
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यूपी योगी सरकार के खिलाफ बीजेपी विधायकों का धरना खत्म लेकिन दी ये चेतावनी
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स्कूल में जैसे ही वह पहुंची स्टेज पर खड़ी दूसरी लड़कियों को
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अलगू चौधरी को तो मानते हो
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दादाजी मज़े से डाल पर जमे थे
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अब गांधी ने ब्रिटिश हुकूमत के ख़िलाफ़ एक नये
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अब यह गर्म वायु बहुत तेज़ी से फैलती है बिल्कुल बम के धमाके की तरह और
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हजारों आदमी यह प्रश्न सुन कर कौतूहल से सत्यनारायण की तरफ देखने लगे
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केवल अनुमान और तर्क का भरोसा है
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मुझे कुछ सूझ नहीं रहा था लेकिन मैंने बड़ेबड़े लोगों के इंटरव्यू देखे थे
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वो खेल रहे थे होली
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चारा घोटालाः वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लालू की पेशी
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दुकानदार बोला नहीं वो वाली नहीं ये वाली ले लो
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मालूम होता है अब बारिश नहीं होगी
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कोने में जाकर चुपचाप बैठ गई
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सिपाहियों ने राजा को तेलानीराम की मृत्यु का समाचार सुना दिया
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सब लोग जी जान से अपने काम में जुटे थे
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सेवन
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उन्हें मरे आठ साल हो गए
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कुछ पाने की हो आस आस
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पोत का पता नहीं बंदी मुक्त हैं
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बारिश लगातार हो रही थी
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जाकर खाने के स्थान को जल्दीजल्दी
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अपने उत्तरदायित्व का ज्ञान बहुधा
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कभीकभी कोई लड़का कंकड़ उठाकर
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मैं फिर गलती पर था
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मेरे आकाशदीप पर व्यंग कर रहे हो नाविक
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उनका जवाब हाँ है।
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आइंदा पंचों का अख्तियार है जो फैसला चाहें करें
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माता ने बहू की तरफ मर्मांतक दृष्टि से देखा और बोलीक्यों भैया
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तुम अंग्रेज़ी क्यों सीखना चाहती हो
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अपनी खुशी जुम्मन मेरा पुराना मित्र है
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चंपा मैं ईश्वर को नहीं मानता
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यह सुनकर राजा बहुत प्रसन्न हुए
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देखने का अवसर मिल जाता है
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महाराज कृष्णदेव राय जादूगर से बोले
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