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source: तब सब इस्राएली वृद्ध लोग इकट्ठे होकर रामाह में शमूएल के पास जाकर target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26] source: तब मूसा उठकर दातान और अबीराम के पास गया; और इस्राएलियों के वृद्ध लोग उसके पीछे-पीछे गए। target: [28, 30, 32, 34, 36, 16, 38, 40, 24, 42, 16, 44, 40, 10, 46, 48, 40, 50, 52] source: तब शमूएल ने अपना तेल का सींग लेकर उसके भाइयों के मध्य में उसका अभिषेक किया; और उस दिन से लेकर भविष्य को यहोवा का आत्मा दाऊद पर बल से उतरता रहा। तब शमूएल उठकर रामाह को चला गया। (प्रेरि. 13:22) target: [4, 22, 54, 56, 58, 60, 62, 34, 64, 40, 66, 40, 20, 64, 68, 70, 72, 16, 48, 74, 76, 78, 58, 80, 82, 84, 86, 88, 90, 16, 22, 32, 34, 18, 68, 92, 94] source: दाऊद वहाँ से चला, और बच कर अदुल्लाम की गुफा* में पहुँच गया; यह सुनकर उसके भाई, वरन् उसके पिता का समस्त घराना वहाँ उसके पास गया। target: [84, 96, 98, 34, 100, 102, 104, 20, 106, 42, 16, 64, 40, 108, 64, 40, 110, 58, 112, 114, 116, 118, 34, 64, 40, 24, 120, 122, 124] source: शमूएल तो मर गया था, और समस्त इस्राएलियों ने उसके विषय छाती पीटी, और उसको उसके नगर रामाह में मिट्टी दी थी। और शाऊल ने ओझों और भूतसिद्धि करनेवालों को देश से निकाल दिया था। target: [22, 126, 42, 128, 16, 6, 44, 54, 64, 58, 130, 72, 16, 132, 40, 134, 20, 136, 18, 128, 64, 68, 138, 140, 16, 142, 54, 144, 146, 68, 148, 40, 150, 152, 154, 16, 156, 68, 158, 160, 162, 140, 164] source: तब शाऊल उठकर इस्राएल के तीन हजार छाँटे हुए योद्धा संग लिए हुए गया कि दाऊद को जीप के जंगल में खोजे। target: [28, 142, 166, 16, 168, 170, 172, 8, 174, 176, 178, 62, 34, 180, 102, 182, 20, 84, 68, 184, 186] source: तब यहोवा के दूत ने एलिय्याह से कहा, “उसके संग नीचे जा, उससे मत डर।” तब एलिय्याह उठकर उसके संग राजा के पास नीचे गया, target: [78, 40, 188, 54, 190, 68, 192, 194, 40, 178, 196, 198, 200, 48, 40, 202, 204, 206, 4, 64, 32, 34, 48, 40, 178, 208, 24, 210, 212] source: और दाऊद अपनी समस्त चाल में बुद्धिमानी दिखाता था; और यहोवा उसके साथ-साथ था। target: [84, 176, 6, 214, 20, 216, 218, 128, 16, 78, 64, 40, 178, 164] source: अब्नेर ने बिन्यामीन से भी बातें की; तब अब्नेर हेब्रोन को चला गया, कि इस्राएल और बिन्यामीन के समस्त घराने को जो कुछ अच्छा लगा, वह दाऊद को सुनाए। target: [4, 220, 54, 222, 68, 46, 116, 224, 226, 228, 230, 220, 232, 68, 42, 228, 234, 136, 236, 238, 240, 44, 68, 16, 222, 40, 6, 242, 68, 244, 246, 128, 64, 236, 238, 84, 68, 248] source: तब अब्नेर ने दाऊद से कहा, “मैं उठकर जाऊँगा, और अपने प्रभु राजा के पास सब इस्राएल को इकट्ठा करूँगा, कि वे तेरे साथ वाचा बाँधें, और तू अपनी इच्छा के अनुसार राज्य कर सके।” तब दाऊद ने अब्नेर को विदा किया, और वह कुशल से चला गया। target: [220, 54, 84, 68, 192, 250, 252, 32, 34, 254, 16, 6, 44, 68, 176, 256, 208, 40, 24, 258, 260, 136, 262, 264, 178, 266, 268, 16, 270, 272, 274, 276, 120, 278, 280, 282, 284, 84, 54, 220, 68, 92, 72, 16, 64, 286, 178, 288, 212] source: तब, मूसा और एलिय्याह*, ये दो पुरुष उसके साथ बातें कर रहे थे। target: [16, 290, 292, 294, 296, 30, 16, 190, 48, 178, 298, 300, 302] source: तब यहोवा ने फिर पुकार के कहा, “हे शमूएल!” शमूएल उठकर एली के पास गया, और कहा, “क्या आज्ञा, तूने तो मुझे पुकारा है।” उसने कहा, “हे मेरे बेटे, मैंने नहीं पुकारा; फिर जा लेटा रह।” target: [78, 54, 22, 68, 304, 306, 16, 22, 32, 34, 308, 24, 42, 16, 192, 252, 310, 312, 314, 136, 316, 318, 48, 54, 192, 320, 322, 324, 252, 326, 318, 328, 198, 34, 330, 332, 334] source: शमूएल के पुत्र: उसका जेठा योएल और दूसरा अबिय्याह हुआ। target: [16, 22, 40, 324, 64, 58, 336, 338, 200, 340] source: फिर शमूएल ने कहा, “सब इस्राएलियों को मिस्पा में इकट्ठा करो, और मैं तुम्हारे लिये यहोवा से प्रार्थना करूँगा।” target: [304, 22, 54, 192, 342, 20, 6, 44, 68, 258, 344, 228, 252, 264, 346, 78, 40, 348, 350, 352]
शमूएल की मृत्यु हो गई; और समस्त इस्राएलियों ने इकट्ठे होकर उसके लिये छाती पीटी, और उसके घर ही में जो रामाह में था उसको मिट्टी दी। तब दाऊद उठकर पारान जंगल को चला गया।
[22, 126, 42, 16, 6, 354, 54, 258, 356, 34, 64, 58, 358, 72, 16, 18, 20, 64, 40, 278, 360, 64, 68, 362, 16, 84, 32, 34, 364, 102, 182, 366, 368, 212]
source: तब परमेश्‍वर उस स्थान में, जहाँ उसने याकूब से बातें की, उनके पास से ऊपर चढ़ गया। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22] source: हे परमेश्‍वर, तू स्वर्ग के ऊपर हो! और तेरी महिमा सारी पृथ्वी के ऊपर हो! target: [24, 26, 28, 30, 32, 34, 36, 38, 40, 42, 44, 46] source: यीशु ने उससे कहा, “मुझे मत छू क्योंकि मैं अब तक पिता के पास ऊपर नहीं गया, परन्तु मेरे भाइयों के पास जाकर उनसे कह दे, कि मैं अपने पिता, और तुम्हारे पिता, और अपने परमेश्‍वर और तुम्हारे परमेश्‍वर के पास ऊपर जाता हूँ।” target: [48, 50, 52, 54, 56, 58, 60, 62, 64, 66, 18, 68, 70, 72, 74, 76, 78, 80, 82, 84, 86, 88, 90, 36, 92, 94, 88, 6, 36, 92, 6, 96, 98, 62, 18, 100] source: जब यहोवा अब्राहम से बातें कर चुका, तब चला गया: और अब्राहम अपने घर को लौट गया। target: [4, 102, 104, 106, 108, 110, 112, 20, 114, 36, 116, 118, 120, 122, 124] source: तब मैंने तुरन्त तेरे पास लोग भेजे, और तूने भला किया जो आ गया। अब हम सब यहाँ परमेश्‍वर के सामने हैं, ताकि जो कुछ परमेश्‍वर ने तुझ से कहा है उसे सुनें।” target: [126, 62, 128, 130, 132, 134, 136, 138, 140, 142, 144, 146, 148, 150, 126, 152, 154, 156, 158, 160, 162, 130, 164, 150, 166, 168, 170, 42, 172, 138, 174, 176, 178] source: और यहोवा उसके ऊपर खड़ा होकर कहता है, “मैं यहोवा, तेरे दादा अब्राहम का परमेश्‍वर, और इसहाक का भी परमेश्‍वर हूँ; जिस भूमि पर तू लेटा है, उसे मैं तुझको और तेरे वंश को दूँगा। target: [180, 182, 184, 186, 188, 36, 110, 190, 192, 194, 196, 198, 116, 200, 6, 202, 204, 6, 34, 28, 8, 206, 208, 210, 212, 62, 214, 202, 216, 218, 220] source: फिर परमेश्‍वर ने अब्राहम से कहा, “तेरी जो पत्‍नी सारै है, उसको तू अब सारै न कहना, उसका नाम सारा* होगा। target: [6, 222, 190, 224, 226, 228, 230, 232, 234, 236, 238, 240, 242, 244, 246, 248, 250, 252, 238, 254] source: अब्राहम और सारा दोनों बहुत बूढ़े थे; और सारा का मासिक धर्म बन्द हो गया था। (रोम. 4:9) target: [172, 116, 202, 252, 256, 258, 260, 262, 264, 266, 258, 260, 36, 268, 8, 270, 272, 274, 276, 166, 278, 264, 20, 280, 282] source: और जो प्रेम परमेश्‍वर हम से रखता है, उसको हम जान गए, और हमें उस पर विश्वास है। परमेश्‍वर प्रेम है; जो प्रेम में बना रहता है वह परमेश्‍वर में बना रहता है; और परमेश्‍वर उसमें बना रहता है। target: [36, 284, 170, 286, 36, 244, 288, 170, 290, 292, 84, 294, 296, 298, 300, 6, 302, 96, 36, 86, 304, 306, 110, 308, 306, 36, 6, 310, 312] source: अब भी स्वर्ग में मेरा साक्षी है*, और मेरा गवाह ऊपर है। target: [314, 316, 74, 318, 320, 322, 86, 324, 244, 326, 328, 330] source: अबीमेलेक इस्राएल के ऊपर तीन वर्ष हाकिम रहा। target: [126, 332, 334, 336, 338, 340, 342] source: तब अबीमेलेक ने अब्राहम को बुलवाकर कहा, “तूने हम से यह क्या किया है? और मैंने तेरा क्या बिगाड़ा था कि तूने मेरे और मेरे राज्य के ऊपर ऐसा बड़ा पाप डाल दिया है? तूने मेरे साथ वह काम किया है जो उचित न था।” target: [4, 332, 344, 346, 348, 52, 350, 24, 352, 354, 356, 62, 358, 354, 360, 362, 364, 28, 366, 36, 74, 368, 238, 370, 360, 372, 28, 374, 376, 378, 166, 362, 96, 380, 382, 28, 384, 386] source: देश दुष्टों के हाथ में दिया गया है। परमेश्‍वर उसके न्यायियों की आँखों को मून्द देता है; इसका करनेवाला वही न हो तो कौन है? target: [388, 390, 392, 394, 396, 398, 126, 154, 400, 96, 166, 402, 6, 404, 406, 292, 408, 410, 72, 110, 412, 96, 86, 238, 414] source: भवन के आस-पास जो कोठरियाँ बाहर थीं, उनमें से जो ऊपर थीं, वे अधिक चौड़ी थीं; अर्थात् भवन के आस-पास जो कुछ बना था, वह जैसे-जैसे ऊपर की ओर चढ़ता गया*, वैसे-वैसे चौड़ा होता गया; इस रीति, इस घर की चौड़ाई ऊपर की ओर बढ़ी हुई थी, और लोग निचली मंजिल के बीच से ऊपरी मंजिल को चढ़ सकते थे। target: [36, 416, 418, 420, 422, 424, 426, 428, 430, 432, 426, 36, 434, 436, 424, 438, 440, 110, 430, 432, 442, 284, 444, 446, 448, 450, 452, 454, 456, 458, 212, 448, 460, 462, 464, 202, 466, 450, 464, 468, 470]
तब परमेश्‍वर ने अब्राहम से बातें करनी बन्द की और उसके पास से ऊपर चढ़ गया।
[296, 12, 106, 472, 6, 474, 18, 22]
source: तुम आप ही जानते हो कि इन्हीं हाथों ने मेरी और मेरे साथियों की आवश्यकताएँ पूरी की। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32] source: और जैसी जिसे आवश्यकता होती थी, उसके अनुसार हर एक को बाँट दिया करते थे। target: [34, 36, 38, 40, 42, 44, 46, 48, 50, 52, 54, 56, 36, 58, 60, 62, 64] source: मैं पौलुस अपने हाथ से लिखता हूँ, कि मैं आप भर दूँगा; और इसके कहने की कुछ आवश्यकता नहीं, कि मेरा कर्ज जो तुझ पर है वह तू ही है। target: [4, 66, 24, 68, 70, 72, 4, 74, 76, 78, 80, 82, 84, 86, 88, 90, 92, 94, 96, 98, 4, 100, 102] source: हमारे लोग भी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये अच्छे कामों में लगे रहना सीखें ताकि निष्फल न रहें। target: [34, 6, 104, 6, 106, 108, 110, 112, 114, 116, 118, 120, 122, 36, 124, 126, 128] source: इसलिए तुम उनके समान न बनो, क्योंकि तुम्हारा पिता तुम्हारे माँगने से पहले ही जानता है, कि तुम्हारी क्या-क्या आवश्यकताएँ है। target: [130, 132, 134, 136, 138, 140, 26, 142, 50, 144, 24, 146, 148, 132, 150, 152, 154, 32] source: और वे अपनी-अपनी सम्पत्ति और सामान बेच-बेचकर जैसी जिसकी आवश्यकता होती थी बाँट दिया करते थे। target: [36, 156, 158, 10, 160, 162, 46, 58, 50, 52, 54, 56, 164, 166, 62, 64] source: उसने उनसे कहा, “क्या तुम ने कभी नहीं पढ़ा, कि जब दाऊद को आवश्यकता हुई और जब वह और उसके साथी भूखे हुए, तब उसने क्या किया था? target: [168, 170, 172, 174, 176, 10, 178, 180, 182, 184, 186, 10, 170, 188, 190, 192, 194, 196, 198, 200, 202, 132, 204, 206, 208] source: यीशु ने यह सुनकर, उनसे कहा, “भले चंगों को वैद्य की आवश्यकता नहीं, परन्तु बीमारों को है: मैं धर्मियों को नहीं, परन्तु पापियों को बुलाने आया हूँ*।” target: [24, 210, 168, 170, 172, 212, 214, 50, 216, 130, 218, 220, 4, 222, 182, 224, 130, 226, 228, 230, 232] source: दिमेत्रियुस के विषय में सब ने वरन् सत्य ने भी आप ही गवाही दी: और हम भी गवाही देते हैं, और तू जानता है, कि हमारी गवाही सच्ची है। target: [234, 236, 110, 238, 240, 10, 74, 242, 110, 238, 244, 32, 246, 248, 250, 252, 34, 26, 30, 144, 254, 256, 238, 258, 32] source: फरीसियों ने उससे कहा; “तू अपनी गवाही आप देता है; तेरी गवाही ठीक नहीं।” target: [260, 262, 264, 266, 268, 270, 238, 272, 274, 238, 258, 276] source: तब हमने उससे कहा, 'हम सीधे लोग हैं, भेदिये नहीं। target: [278, 280, 282, 284, 286, 288, 290, 292, 264, 294] source: जिस वस्तु की घटी उसको हो, उसकी जितनी आवश्यकता हो उतना अवश्य अपना हाथ ढीला करके उसको उधार देना। target: [296, 298, 300, 302, 34, 304, 306, 308, 310] source: परन्तु यूहन्ना यह कहकर उसे रोकने लगा, “मुझे तेरे हाथ से बपतिस्मा लेने की आवश्यकता है, और तू मेरे पास आया है?” target: [278, 312, 264, 314, 172, 316, 6, 318, 320, 322, 50, 324, 292, 326, 328, 330, 332, 24, 334] source: यदि मैं आप ही अपनी गवाही दूँ; तो मेरी गवाही सच्ची नहीं। target: [4, 336, 270, 238, 244, 130, 338, 238, 258, 340]
तब उन्होंने कहा, “अब हमें गवाही की क्या आवश्यकता है; क्योंकि हमने आप ही उसके मुँह से सुन लिया है।”
[44, 36, 266, 342, 344, 346, 348, 198, 50, 350, 328, 74, 304, 352, 354, 356, 358]
source: “इस्राएलियों से कह कि चाहे तुम लोग चाहे तुम्हारे वंश में से कोई भी किसी लोथ के कारण अशुद्ध हो, या दूर की यात्रा पर हो, तो भी वह यहोवा के लिये फसह को माने। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 20, 30, 32, 34, 36, 38, 40, 42, 44, 46] source: निश्चय ऐसा फसह न तो न्यायियों के दिनों में माना गया था जो इस्राएल का न्याय करते थे, और न इस्राएल या यहूदा के राजाओं के दिनों में माना गया था। target: [48, 50, 52, 54, 56, 58, 60, 42, 44, 62, 64, 66, 68, 70, 72, 20, 74, 76, 78, 80, 82, 68, 70] source: इस फसह के बराबर शमूएल नबी के दिनों से इस्राएल में कोई फसह मनाया न गया था, और न इस्राएल के किसी राजा ने ऐसा मनाया, जैसा योशिय्याह और याजकों, लेवियों और जितने यहूदी और इस्राएली उपस्थित थे, उन्होंने और यरूशलेम के निवासियों ने मनाया। target: [84, 86, 88, 90, 44, 92, 94, 96, 66, 28, 70, 74, 98, 100, 102, 104, 106, 108, 110, 112, 114, 116, 118, 120, 122, 124, 126, 120, 128, 130, 132, 134, 82, 136, 138] source: मैंने कहा: हे याकूब के प्रधानों, हे इस्राएल के घराने के न्यायियों, सुनो! क्या न्याय का भेद जानना तुम्हारा काम नहीं? target: [140, 142, 144, 146, 120, 6, 148, 150, 152] source: उन्होंने जाकर, जैसा उसने उनसे कहा था, वैसा ही पाया, और फसह तैयार किया। target: [154, 156, 158, 160, 162, 164, 166, 168, 170, 172, 174, 176, 154, 178, 180, 182, 184, 186] source: यहोवा इस्राएलियों को मिस्र देश से निकाल लाया, इस कारण वह रात उसके निमित्त मानने के योग्य है; यह यहोवा की वही रात है जिसका पीढ़ी-पीढ़ी में मानना इस्राएलियों के लिये अवश्य है। target: [188, 190, 192, 194, 196, 198, 200, 202, 40, 204, 206, 208, 210, 212, 6, 60, 214, 202, 206, 40, 204, 208, 210, 212] source: और यहूदियों के फसह का पर्व निकट था। target: [216, 42, 90, 218, 44, 220, 222, 224] source: अतः चेलों ने यीशु की आज्ञा मानी, और फसह तैयार किया। target: [168, 226, 170, 56, 228, 230, 232, 234, 120, 178, 42, 236, 238, 240, 242] source: “इस्राएली फसह नामक पर्व को उसके नियत समय पर मनाया करें। target: [244, 246, 248, 250, 252, 42, 44, 254, 256] source: अपने जन्मानेवाले पिता की सुनना, और जब तेरी माता बुढ़िया हो जाए, तब भी उसे तुच्छ न जानना। target: [4, 258, 260, 262, 264, 266, 268, 270, 272, 208, 274, 276, 278, 280] source: तब चेले निकलकर नगर में आए और जैसा उसने उनसे कहा था, वैसा ही पाया, और फसह तैयार किया। target: [282, 284, 120, 228, 286, 288, 120, 168, 290, 190, 174, 292, 294, 178, 42, 296, 182, 184, 186] source: योशिय्याह ने यरूशलेम में यहोवा के लिये फसह पर्व माना और पहले महीने के चौदहवें दिन को फसह का पशु बलि किया गया। target: [298, 300, 302, 304, 134, 82, 138, 306, 308, 310, 312, 134, 314, 316, 318] source: “इस कारण प्रभु यहोवा यह कहता है, जाति-जाति से पूछ कि ऐसी बातें क्या कभी किसी के सुनने में आई है? इस्राएल की कुमारी ने जो काम किया है उसके सुनने से रोम-रोम खड़े हो जाते हैं। target: [320, 322, 324, 326, 328, 330, 332, 334, 62, 336, 18, 338, 22, 340, 342, 344, 346, 348, 350, 324, 352, 234, 354] source: तब सब पुरनियों ने और सब साधारण लोगों ने उससे कहा, “उसकी न सुनना; और न मानना।” target: [356, 358, 360, 362, 120, 364, 126, 366, 368, 370, 372, 374, 376, 280, 378, 380, 382, 384, 386]
तब मूसा ने इस्राएलियों से फसह मानने के लिये कह दिया।
[294, 388, 6, 246, 42, 44, 390, 392]
source: हे मेरे धर्ममय परमेश्‍वर, जब मैं पुकारूँ तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं संकट में पड़ा तब तूने मुझे सहारा दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 6, 32, 34, 36, 12, 14, 38, 40, 22, 42, 44, 46, 48, 50, 52, 54, 56] source: उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है*; हे यहोवा तेरी आशीष तेरी प्रजा पर हो। target: [58, 60, 62, 64, 66, 68, 66, 70, 42, 72, 74] source: उठ, हे यहोवा! हे मेरे परमेश्‍वर मुझे बचा ले! क्योंकि तूने मेरे सब शत्रुओं के जबड़ों पर मारा है। और तूने दुष्टों के दाँत तोड़ डाले हैं। target: [20, 76, 78, 22, 80, 14, 82, 12, 84, 22, 86, 88, 26, 90, 42, 92, 64, 94, 96, 26, 98, 100, 102, 104] source: मैं उस भीड़ से नहीं डरता, जो मेरे विरुद्ध चारों ओर पाँति बाँधे खड़े हैं। target: [6, 106, 108, 110, 112, 114, 116, 118, 120, 122, 22, 124, 126, 128, 130, 132] source: मैं लेटकर सो गया; फिर जाग उठा, क्योंकि यहोवा मुझे संभालता है। target: [6, 134, 136, 138, 94, 140, 142, 6, 144, 146, 148, 60, 14, 150, 132] source: मैं ऊँचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ, और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है। (सेला) target: [6, 152, 154, 156, 60, 158, 160, 162, 164, 166, 168, 170, 112, 14, 16, 172, 132, 74] source: परन्तु हे यहोवा, तू तो मेरे चारों ओर मेरी ढाल है, तू मेरी महिमा और मेरे मस्तक का ऊँचा करनेवाला है*। target: [174, 20, 60, 12, 22, 176, 178, 180, 50, 182, 94, 22, 184, 186, 188, 190, 192] source: बहुत से मेरे विषय में कहते हैं, कि उसका बचाव परमेश्‍वर की ओर से नहीं हो सकता*। (सेला) target: [194, 50, 196, 26, 198, 200, 202, 204, 80, 62, 206, 208, 210, 114, 212, 214, 74] source: हे यहोवा मेरे सतानेवाले कितने बढ़ गए हैं! वे जो मेरे विरुद्ध उठते हैं बहुत हैं। target: [20, 60, 22, 216, 218, 220, 222, 224, 202, 22, 124, 226, 228, 230, 232, 104] source: पुत्र को चूमो ऐसा न हो कि वह क्रोध करे, और तुम मार्ग ही में नाश हो जाओ, क्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने को है। धन्य है वे जो उसमें शरण लेते है। target: [234, 158, 236, 238, 240, 242, 244, 164, 246, 34, 248, 94, 250, 252, 26, 34, 220, 254, 256, 258, 260, 262, 206, 186, 246, 264, 266, 268, 270, 272, 274, 276, 206, 34, 278, 280, 104]
डरते हुए यहोवा की उपासना करो, और काँपते हुए मगन हो। (फिलि. 2:12)
[282, 156, 60, 208, 284, 286, 94, 288, 290, 292]
source: मूर्ख पुत्र से पिता उदास होता है, और उसकी जननी को शोक होता है। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32] source: तब एलीशिबा के जनने का समय पूरा हुआ, और वह पुत्र जनी। target: [34, 36, 38, 40, 42, 44, 46, 20, 48] source: जब उसके जनने का समय आया, तब यह जान पड़ा कि उसके गर्भ में जुड़वे बच्चे हैं। target: [50, 52, 54, 56, 58, 60, 62, 50, 64, 66, 68, 70] source: मैं तुझे तेरी जननी समेत एक पराए देश में जो तुम्हारी जन्म-भूमि नहीं है फेंक दूँगा, और तुम वहीं मर जाओगे। target: [72, 74, 76, 78, 80, 16, 74, 20, 82, 84, 86, 88, 90, 92, 94, 96, 98, 100, 102, 104, 106, 108] source: जब लिआ ने देखा कि मैं जनने से रहित हो गई हूँ, तब उसने अपनी दासी जिल्पा को लेकर याकूब की पत्‍नी होने के लिये दे दिया। target: [110, 112, 114, 60, 116, 118, 68, 120, 122, 32, 124, 42, 126, 128, 130, 132, 134, 14, 136, 138, 140, 142] source: तेरे कारण माता-पिता आनन्दित और तेरी जननी मगन होए। target: [144, 146, 14, 148, 150, 152, 154, 156, 16, 74, 20, 22, 84, 158, 160, 162] source: तुम्हारी माता अत्यन्त लज्जित होगी और तुम्हारी जननी का मुँह काला होगा। क्योंकि वह सब जातियों में नीच होगी, वह जंगल और मरु और निर्जल देश हो जाएगी। target: [164, 90, 146, 166, 168, 170, 172, 174, 74, 20, 176, 84, 178, 180, 62, 182, 184, 186, 188, 190, 192, 14, 194, 170] source: तो भी स्त्री बच्चे जनने के द्वारा उद्धार पाएगी, यदि वह संयम सहित विश्वास, प्रेम, और पवित्रता में स्थिर रहें। target: [196, 198, 20, 200, 202, 204, 206, 208, 182, 210, 212, 214, 76, 216, 218, 220, 222, 170] source: और जब वह जनने लगी तब एक बालक का हाथ बाहर आया, और दाई ने लाल सूत लेकर उसके हाथ में यह कहते हुए बाँध दिया, “पहले यही उत्‍पन्‍न हुआ।” target: [52, 54, 44, 224, 226, 228, 230, 124, 232, 234, 236, 238, 240, 242, 76, 182, 244, 246, 248, 250] source: और वह गर्भवती हुई, और चिल्लाती थी; क्योंकि प्रसव की पीड़ा उसे लगी थी; और वह बच्चा जनने की पीड़ा में थी। target: [182, 252, 254, 256, 76, 258, 260, 182, 262, 70] source: डाकुओं के डेरे कुशल क्षेम से रहते हैं, और जो परमेश्‍वर को क्रोध दिलाते हैं, वह बहुत ही निडर रहते हैं; अर्थात् उनका ईश्वर उनकी मुट्ठी में रहता हैं; target: [264, 266, 268, 270, 272, 14, 274, 276, 278, 280, 282, 284, 286, 288, 290, 292, 294, 296, 298, 300, 302] source: तब अब्राहम ने यहोवा से प्रार्थना की*, और यहोवा ने अबीमेलेक, और उसकी पत्‍नी, और दासियों को चंगा किया और वे जनने लगीं। target: [304, 306, 308, 310, 14, 312, 314, 316, 138, 14, 234, 128, 318, 320, 322, 324, 326, 68, 154, 328] source: मुझ को उनके पास से आगे बढ़े थोड़े ही देर हुई थी कि मेरा प्राणप्रिय मुझे मिल गया। मैंने उसको पकड़ लिया, और उसको जाने न दिया जब तक उसे अपनी माता के घर अर्थात् अपनी जननी की कोठरी में न ले आई। target: [330, 332, 334, 336, 338, 340, 342, 344, 346, 348, 350, 352, 344, 354, 356, 358, 330, 18, 360, 330, 18, 362, 364, 366, 330, 18, 368, 370, 372, 374, 16, 376, 378, 380, 50, 382, 384, 330, 18, 386, 366] source: फिर उन्होंने बेतेल से कूच किया; और एप्रात थोड़ी ही दूर रह गया था कि राहेल को बच्चा जनने की बड़ी पीड़ा उठने लगी। target: [324, 284, 388, 390, 392, 394, 284, 396, 398, 400, 402, 404, 406, 408, 410, 412, 414, 416, 84, 52, 418, 420, 422, 424]
उनके वहाँ रहते हुए उसके जनने के दिन पूरे हुए।
[14, 56, 426, 284, 408, 428, 204, 430, 432, 434, 436]
source: उसने मुझे जीवन यात्रा में दुःख देकर, मेरे बल और आयु को घटाया*। target: [4, 6, 8, 10, 6, 12, 14, 16, 18, 4, 6, 20, 22, 16, 18] source: उस समय याकूब का वैभव घट जाएगा, और उसकी मोटी देह दुबली हो जाएगी*। target: [24, 26, 28, 30, 32, 34, 36, 38, 40, 42, 44, 46, 48, 38, 18] source: और तू अपने अन्तिम समय में जब तेरे शरीर का बल खत्म हो जाए तब कराह कर, target: [50, 52, 40, 54, 56, 58, 8, 60, 62, 64, 66, 68, 18] source: उसका बल दुःख से घट जाएगा, और विपत्ति उसके पास ही तैयार रहेगी। target: [70, 72, 74, 76, 40, 78, 70, 80, 82, 18] source: इसलिए जब यह बात घटेगी, और वह निश्चय घटेगी! तब वे जान लेंगे कि हमारे बीच एक भविष्यद्वक्ता आया था।” target: [84, 86, 88, 90, 92, 94, 96, 98, 100, 102, 94, 104, 106, 10, 108, 110, 112, 114, 116, 118, 120] source: जवान सिंहों को तो घटी होती और वे भूखे भी रह जाते हैं; परन्तु यहोवा के खोजियों को किसी भली वस्तु की घटी न होगी। target: [122, 124, 126, 128, 130, 132, 40, 134, 136, 138, 140, 142, 144, 146, 90, 130, 148, 18] source: और यदि वे दिन घटाए न जाते, तो कोई प्राणी न बचता; परन्तु चुने हुओं के कारण वे दिन घटाए जाएँगे। target: [150, 152, 154, 144, 156, 158, 160, 18, 136, 162, 164, 150, 152, 166, 18] source: येपेत के पुत्र*: गोमेर, मागोग, मादै, यावान, तूबल, मेशेक और तीरास हुए। target: [168, 170, 172, 174, 176, 178, 40, 180, 182, 184, 186, 18] source: येपेत के पुत्र: गोमेर, मागोग, मादै, यावान, तूबल, मेशेक और तीरास। target: [182, 184, 168, 170, 172, 174, 176, 178, 40, 180, 186, 18] source: जब शैतान सब परीक्षा कर चुका, तब कुछ समय के लिये उसके पास से चला गया*। target: [188, 190, 192, 194, 196, 198, 200, 202, 204, 206, 208, 18] source: वरन् मैं अपने वचनों से तुम को हियाव दिलाता, और बातों से शान्ति देकर तुम्हारा शोक घटा देता। target: [6, 210, 212, 214, 216, 40, 6, 218, 220, 212, 222, 224, 18] source: इसी प्रकार जब मैं थिस्सलुनीके में था; तब भी तुम ने मेरी घटी पूरी करने के लिये एक बार क्या वरन् दो बार कुछ भेजा था। target: [226, 228, 92, 158, 230, 232, 164, 62, 234, 236, 238, 240, 242, 18] source: क्योंकि जब हम निर्बल ही थे, तो मसीह ठीक समय पर भक्तिहीनों के लिये मरा। target: [244, 246, 248, 92, 250, 252, 254, 164, 256, 258, 260, 18] source: “चाहे मैं बोलूँ तो भी मेरा शोक न घटेगा, चाहे मैं चुप रहूँ, तो भी मेरा दुःख कुछ कम न होगा। target: [262, 264, 266, 6, 268, 270, 148, 18, 262, 272, 274, 276, 278, 280, 282, 284, 286]
बुढ़ापे के समय मेरा त्याग न कर; जब मेरा बल घटे तब मुझ को छोड़ न दे।
[6, 288, 290, 278, 292, 294, 18, 6, 12, 248, 92, 278, 296, 18]
source: और तेरी गाय-बैलों और भेड़-बकरियों की बढ़ती हो, और तेरा सोना, चाँदी, और तेरा सब प्रकार का धन बढ़ जाए, target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 8, 20, 16] source: और सुलैमान की बुद्धि पूर्व देश के सब निवासियों और मिस्रियों की भी बुद्धि से बढ़कर बुद्धि थी। target: [22, 24, 26, 28, 30, 32, 34, 36, 38, 32] source: और जो कुछ तुम प्रार्थना में विश्वास से माँगोगे वह सब तुम को मिलेगा।” target: [40, 42, 44, 46, 48, 50, 52, 54, 56, 58, 60, 36, 62, 64] source: और यहोवा से यह प्रार्थना की, target: [66, 68, 70, 72] source: और प्रार्थना किया करो कि यह जाड़े में न हो। target: [74, 76, 78, 80, 82, 70, 84] source: इस प्रकार राजा सुलैमान, धन और बुद्धि में पृथ्वी के सब राजाओं से बढ़कर हो गया। target: [86, 88, 90, 92, 94, 96, 98, 100, 102, 104, 8, 106, 108, 32] source: वह लाचार की प्रार्थना की ओर मुँह करता है, और उनकी प्रार्थना को तुच्छ नहीं जानता। target: [110, 112, 114, 116, 118, 120, 112, 122, 70, 124, 126] source: तो भी हे मेरे परमेश्‍वर यहोवा, अपने दास की प्रार्थना और गिड़गिड़ाहट की ओर ध्यान दे और मेरी पुकार और यह प्रार्थना सुन, जो मैं तेरे सामने कर रहा हूँ। target: [128, 130, 132, 70, 134, 136, 138, 140, 142, 144, 146, 148, 150, 130, 152, 134, 136, 154, 156, 158, 160] source: यिसहार के पुत्र: कोरह, नेपेग और जिक्री थे। target: [162, 164, 166, 168, 170, 172] source: परन्तु तूने जाति को बढ़ाया; हे यहोवा, तूने जाति को बढ़ाया है; तूने अपनी महिमा दिखाई है और उस देश के सब सीमाओं को तूने बढ़ाया है। target: [74, 174, 176, 178, 180, 182, 176, 178, 180, 184, 176, 186, 182, 176, 188, 190, 192, 194, 196, 198] source: यहोवा अपने सब प्रेमियों की तो रक्षा करता, परन्तु सब दुष्टों को सत्यानाश करता है। target: [148, 200, 202, 204, 206, 208, 210, 212, 112, 214, 216, 210] source: मिस्री लोग परमेश्‍वर नहीं, मनुष्य ही हैं; और उनके घोड़े आत्मा नहीं, माँस ही हैं। जब यहोवा हाथ बढ़ाएगा, तब सहायता करनेवाले और सहायता चाहनेवाले दोनों ठोकर खाकर गिरेंगे, और वे सब के सब एक संग नष्ट हो जाएँगे। target: [218, 220, 222, 224, 226, 228, 230, 232, 234, 236, 126, 238, 148, 240, 242, 244, 246, 248, 250, 252, 254, 256, 258, 260, 8, 262, 256, 72, 112, 264, 266, 216, 268] source: क्योंकि यहोवा तुझे सहारा दिया करेगा, और तेरे पाँव को फंदे में फँसने न देगा। target: [270, 148, 272, 274, 184, 8, 154, 276, 278, 280, 282] source: पर जैसे हर बात में अर्थात् विश्वास, वचन, ज्ञान और सब प्रकार के यत्न में, और उस प्रेम में, जो हम से रखते हो, बढ़ते जाते हो, वैसे ही इस दान के काम में भी बढ़ते जाओ। target: [82, 284, 54, 190, 286, 288, 290, 292, 294, 170, 190, 296, 170, 298, 300, 302, 304, 306, 308, 54, 310, 312, 314, 316, 318]
और मैं यह प्रार्थना करता हूँ, कि तुम्हारा प्रेम, ज्ञान और सब प्रकार के विवेक सहित और भी बढ़ता जाए,
[136, 320, 70, 322, 324, 4, 326, 294, 170, 328, 330, 332, 110, 334, 336, 338]
source: ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह अनन्त जीवन पाए। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20] source: और मैं उन्हें अनन्त जीवन देता हूँ, और वे कभी नाश नहीं होंगी, और कोई उन्हें मेरे हाथ से छीन न लेगा। target: [22, 24, 26, 16, 28, 30, 32, 34, 36, 38, 40, 24, 42, 44, 46, 48, 20] source: और ये अनन्त दण्ड भोगेंगे परन्तु धर्मी अनन्त जीवन में प्रवेश करेंगे।” target: [50, 52, 54, 56, 58, 60, 26, 62, 64, 66, 68] source: और फिर मैं किसकी सेवा करूँ? क्या उसके पुत्र के सामने रहकर सेवा न करूँ? जैसा मैं तेरे पिता के सामने रहकर सेवा करता था, वैसा ही तेरे सामने रहकर सेवा करूँगा।” target: [70, 72, 74, 76, 78, 80, 82, 72, 84, 86, 88, 78, 90, 72, 92, 94, 96, 98, 78, 100, 102, 104, 106, 22, 94, 98, 78, 10, 102, 68] source: और वह गवाही यह है, कि परमेश्‍वर ने हमें अनन्त जीवन दिया है और यह जीवन उसके पुत्र में है। target: [108, 110, 112, 114, 116, 118, 120, 14, 16, 122, 36, 124, 16, 126, 128, 130, 20] source: और जिसकी उसने हम से प्रतिज्ञा की वह अनन्त जीवन है। target: [132, 120, 134, 136, 138, 140, 26, 16, 112, 142, 20] source: और जो कुछ तुम मेरे नाम से माँगोगे, वही मैं करूँगा कि पुत्र के द्वारा पिता की महिमा हो। target: [144, 38, 146, 148, 150, 152, 22, 154, 4, 128, 156, 158, 160, 162, 20] source: इसलिए कि सब लोग जैसे पिता का आदर करते हैं वैसे ही पुत्र का भी आदर करें; जो पुत्र का आदर नहीं करता, वह पिता का जिसने उसे भेजा है, आदर नहीं करता। target: [164, 166, 168, 170, 172, 12, 174, 170, 66, 20, 176, 174, 170, 178, 180, 182, 184, 168, 186, 170, 188, 20] source: क्योंकि मेरे पिता की इच्छा यह है, कि जो कोई पुत्र को देखे, और उस पर विश्वास करे, वह अनन्त जीवन पाए; और मैं उसे अन्तिम दिन फिर जिला उठाऊँगा।” target: [190, 192, 194, 196, 112, 114, 116, 174, 198, 36, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 36, 200, 202, 24, 22, 204, 206, 68] source: क्योंकि तूने उसको सब प्राणियों पर अधिकार दिया, कि जिन्हें तूने उसको दिया है, उन सब को वह अनन्त जीवन दे। target: [92, 208, 174, 210, 212, 214, 122, 4, 216, 208, 218, 220, 130, 30, 222, 14, 16, 224, 20] source: पर अब हमारे उद्धारकर्ता मसीह यीशु के प्रगट होने के द्वारा प्रकाशित हुआ, जिस ने मृत्यु का नाश किया, और जीवन और अमरता को उस सुसमाचार के द्वारा प्रकाशमान कर दिया। target: [58, 226, 228, 230, 232, 234, 236, 238, 240, 242, 176, 244, 246, 248, 250, 252, 254, 256, 16, 258, 20] source: मैंने तुम्हें, जो परमेश्‍वर के पुत्र के नाम पर विश्वास करते हो, इसलिए लिखा है कि तुम जानो कि अनन्त जीवन तुम्हारा है। target: [72, 260, 262, 264, 266, 146, 8, 10, 140, 268, 270, 272, 4, 274, 14, 16, 130, 276, 144, 278, 280, 20] source: और जब वे प्राणी उसकी जो सिंहासन पर बैठा है, और जो युगानुयुग जीविता है, महिमा और आदर और धन्यवाद करेंगे। (दानि. 12:7) target: [282, 284, 204, 286, 288, 290, 292, 36, 294, 204, 296, 298, 170, 36, 300, 302] source: तूने जाति-जाति को झिड़का और दुष्ट को नाश किया है; तूने उनका नाम अनन्तकाल के लिये मिटा दिया है। target: [304, 208, 306, 20, 308, 208, 246, 136, 130, 20, 310, 312, 208, 314, 316, 318, 130, 20]
जो सुकर्म में स्थिर रहकर महिमा, और आदर, और अमरता की खोज में हैं, उन्हें वह अनन्त जीवन देगा;
[320, 322, 324, 326, 328, 330, 36, 332, 334, 336, 132, 14, 16, 338, 20]
source: इसलिए तुम उनके सहभागी न हो। target: [4, 6, 8] source: तो भी तुम ने भला किया कि मेरे क्लेश में मेरे सहभागी हुए। target: [10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24] source: सब शरीर एक समान नहीं, परन्तु मनुष्यों का शरीर और है, पशुओं का शरीर और है; पक्षियों का शरीर और है; मछलियों का शरीर और है। target: [26, 28, 30, 32, 34, 36, 38, 40, 42, 38, 44, 46, 28, 48, 50, 38, 52] source: नहीं, बस यह, कि अन्यजाति जो बलिदान करते हैं, वे परमेश्‍वर के लिये नहीं, परन्तु दुष्टात्माओं के लिये बलिदान* करते हैं और मैं नहीं चाहता, कि तुम दुष्टात्माओं के सहभागी हो। (व्य. 32:17) target: [54, 56, 58, 60, 62, 64, 66, 68, 60, 70, 72, 64, 74, 76, 78, 10, 66, 68, 80, 82] source: क्योंकि जो काम व्यवस्था शरीर के कारण दुर्बल होकर न कर सकी*, उसको परमेश्‍वर ने किया, अर्थात् अपने ही पुत्र को पापमय शरीर की समानता में, और पाप के बलिदान होने के लिये भेजकर, शरीर में पाप पर दण्ड की आज्ञा दी। target: [84, 58, 16, 18, 86, 88, 90, 92, 94, 96, 98, 100, 102, 104, 106, 108, 110, 112, 114, 64, 58, 116, 118, 120, 104, 108, 122, 124, 126, 128] source: क्योंकि वह तो हम में गिना गया, और इस सेवकाई में भी सहभागी हुआ। target: [130, 132, 104, 134, 136, 48, 138, 140, 142, 144] source: जो कुछ हमने देखा और सुना है उसका समाचार तुम्हें भी देते हैं, इसलिए कि तुम भी हमारे साथ सहभागी हो; और हमारी यह सहभागिता पिता के साथ, और उसके पुत्र यीशु मसीह के साथ है। target: [58, 146, 48, 148, 130, 150, 152, 64, 58, 154, 156, 158, 160, 154, 156, 162, 164, 10, 166, 168, 48, 170, 172, 174] source: तो हे भाइयों, हम शरीर के कर्जदार नहीं, कि शरीर के अनुसार दिन काटें। target: [4, 176, 178, 48, 180, 134, 182, 184, 186, 92, 94, 188, 190, 192, 194, 196] source: तेरे शरीर का दीया तेरी आँख है, इसलिए जब तेरी आँख निर्मल है, तो तेरा सारा शरीर भी उजियाला है; परन्तु जब वह बुरी है, तो तेरा शरीर भी अंधेरा है। target: [198, 200, 202, 204, 198, 206, 208, 210, 212, 214, 216, 184, 18, 218, 208, 210, 212, 214, 220] source: “शरीर का दीया आँख है: इसलिए यदि तेरी आँख अच्छी हो, तो तेरा सारा शरीर भी उजियाला होगा। target: [222, 200, 224, 226, 198, 206, 228, 210, 212, 214, 216] source: क्योंकि यद्यपि हम शरीर में चलते फिरते हैं, तो भी शरीर के अनुसार नहीं लड़ते। target: [230, 104, 232, 234, 184, 192, 236, 238, 240] source: वह धन्यवाद का कटोरा*, जिस पर हम धन्यवाद करते हैं, क्या वह मसीह के लहू की सहभागिता नहीं? वह रोटी जिसे हम तोड़ते हैं, क्या मसीह की देह की सहभागिता नहीं? target: [242, 194, 244, 246, 104, 248, 250, 84, 252, 20, 254, 104, 256, 258, 194, 260, 262, 252, 20, 254, 104, 264, 258] source: और उसने जो मेरे शरीर को सूखा डाला है, वह मेरे विरुद्ध साक्षी ठहरा है, और मेरा दुबलापन मेरे विरुद्ध खड़ा होकर मेरे सामने साक्षी देता है। target: [266, 268, 270, 272, 274, 276, 278, 280, 282, 284, 286, 288] source: और तू अपने अन्तिम समय में जब तेरे शरीर का बल खत्म हो जाए तब कराह कर, target: [104, 290, 292, 294, 204, 296, 48, 212, 298]
जो शरीर के भाव से इस्राएली हैं, उनको देखो: क्या बलिदानों के खानेवाले वेदी के सहभागी नहीं?
[300, 302, 304, 18, 192, 306, 242, 308, 118, 310, 104, 312, 80, 314]
source: हमारे ऊपर दास अधिकार रखते हैं; उनके हाथ से कोई हमें नहीं छुड़ाता। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28] source: वे बोले, “तूने न तो हम पर अंधेर किया, न हमें पीसा, और न किसी के हाथ से कुछ लिया है।” target: [30, 32, 34, 14, 36, 38, 40, 42, 44, 46, 48, 18, 46, 50, 52, 54, 26, 56] source: वे आनन्दित और मगन होकर पहुँचाई जाएँगी*, और वे राजा के महल में प्रवेश करेंगी। target: [58, 60, 12, 62, 64, 28, 66, 68, 70, 72, 28] source: क्योंकि मृत्यु हमारी खिड़कियों से होकर हमारे महलों में घुस आई है, कि हमारी सड़कों में बच्चों को और चौकों में जवानों को मिटा दे। target: [74, 76, 78, 80, 82, 84, 28, 86, 78, 88, 90, 28, 92, 94, 96, 12, 98, 100, 102, 104, 106, 28] source: लोग हमारे पीछे ऐसे पड़े कि हम अपने नगर के चौकों में भी नहीं चल सके; हमारा अन्त निकट आया; हमारी आयु पूरी हुई; क्योंकि हमारा अन्त आ गया था। target: [30, 78, 108, 110, 28, 112, 78, 114, 116, 118, 28, 120, 122, 124, 126, 12, 78, 128, 130, 132, 28, 120, 122, 134, 136, 28] source: तो हम क्या कहें, कि हमारे शारीरिक पिता अब्राहम को क्या प्राप्त हुआ? target: [138, 112, 140, 142, 144, 146, 78, 148, 150, 152, 140, 154, 144, 146] source: और हमारे सामने से इस देश में रहनेवाली एमोरी आदि सब जातियों को निकाल दिया है; इसलिए हम भी यहोवा की सेवा करेंगे, क्योंकि हमारा परमेश्‍वर वही है।” (प्रेरि. 7:45) target: [156, 158, 160, 162, 164, 166, 168, 170, 120, 172, 174, 28, 176, 112, 50, 178, 180, 182, 74, 184, 120, 186, 188, 28] source: तेरी दृष्टि में हम तो अपने सब पुरखाओं के समान पराए और परदेशी हैं; पृथ्वी पर हमारे दिन छाया के समान बीत जाते हैं, और हमारा कुछ ठिकाना नहीं। (इब्रा. 11:13, भज. 39:12, भज. 114:4) target: [74, 190, 172, 112, 192, 12, 194, 196, 28, 78, 168, 198, 50, 200, 202, 28, 204, 78, 128, 206, 208, 12, 210, 212, 214, 216, 28] source: परन्तु वे मनुष्य हम से बहुत अच्छा बर्ताव रखते थे, और जब तक हम मैदान में रहते हुए उनके पास आया-जाया करते थे, तब तक न तो हमारी कुछ हानि हुई, और न हमारा कुछ खोया; target: [218, 220, 222, 224, 226, 228, 202, 28, 112, 230, 232, 234, 236, 238, 12, 14, 46, 240, 242, 12, 46, 52, 50, 244, 28] source: वे कहते हैं, “हम अपनी जीभ ही से जीतेंगे, हमारे होंठ हमारे ही वश में हैं; हम पर कौन शासन कर सकेगा?” target: [246, 248, 250, 252, 254, 256, 258, 252, 260, 262, 28, 264, 78, 266, 268, 138, 6, 270, 272, 274, 276, 278] source: क्योंकि यहोवा हमारा न्यायी, यहोवा हमारा हाकिम, यहोवा हमारा राजा है; वही हमारा उद्धार करेगा। target: [74, 280, 120, 282, 284, 280, 120, 286, 22, 284, 280, 78, 288, 188, 28, 290, 14, 292, 84, 28] source: हमने कहा, 'हम नहीं जा सकते, हाँ, यदि हमारा छोटा भाई हमारे संग रहे, तब हम जाएँगे; क्योंकि यदि हमारा छोटा भाई हमारे संग न रहे, तो हम उस पुरुष के सम्मुख न जाने पाएँगे।' target: [156, 260, 294, 296, 298, 300, 302, 28, 120, 304, 306, 308, 310, 312, 314, 112, 298, 300, 316, 74, 304, 306, 308, 318, 260, 220, 48, 320, 322, 302, 324] source: परन्तु हमारा और हमारे भाइयों का शरीर और हमारे और उनके बच्चे एक ही समान हैं, तो भी हम अपने बेटे-बेटियों को दास बनाते हैं*; वरन् हमारी कोई-कोई बेटी दासी भी हो चुकी हैं; और हमारा कुछ बस नहीं चलता, क्योंकि हमारे खेत और दाख की बारियाँ औरों के हाथ पड़ी हैं।” target: [326, 50, 78, 328, 78, 330, 328, 332, 254, 12, 78, 334, 336, 338, 340, 28, 78, 342, 344, 346, 348, 350, 112, 352, 354, 28, 78, 356, 358, 360, 252, 362, 364, 366, 28, 368, 370, 78, 372, 12, 78, 374, 376, 378, 308, 380, 164, 382, 26, 56] source: इसलिए आ, हम अपने पिता को दाखमधु पिलाकर, उसके साथ सोएँ, जिससे कि हम अपने पिता के वंश को बचाए रखें।” target: [384, 120, 386, 388, 390, 392, 394, 120, 396, 398, 400, 402, 112, 404, 406, 56]
मुझे खींच ले; हम तेरे पीछे दौड़ेंगे। राजा मुझे अपने महल में ले आया है। हम तुझ में मगन और आनन्दित होंगे; हम दाखमधु से अधिक तेरे प्रेम की चर्चा करेंगे; वे ठीक ही तुझ से प्रेम रखती हैं। (होशे 11:4, फिली. 3:1-12, भज. 45:14)
[408, 410, 412, 12, 112, 414, 354, 28, 416, 418, 420, 422, 408, 424, 426, 428, 84, 28, 416, 430, 420, 112, 60, 354, 28, 112, 190, 432, 434, 436, 28, 190, 438, 440, 442, 28, 86, 444, 446, 84, 28, 368, 448, 450, 452, 164, 454, 252, 208, 28, 416, 368, 456, 458]
source: मैं यहोवा के धर्म के अनुसार उसका धन्यवाद करूँगा, और परमप्रधान यहोवा के नाम का भजन गाऊँगा। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 10, 20, 22, 24] source: हे प्रभु, मैं देश-देश के लोगों के बीच तेरा धन्यवाद करूँगा; मैं राज्य-राज्य के लोगों के बीच में तेरा भजन गाऊँगा। target: [26, 28, 30, 32, 34, 36, 38, 32, 40, 42, 10, 44] source: इस कारण मैं जाति-जाति के सामने तेरा धन्यवाद करूँगा, और तेरे नाम का भजन गाऊँगा। target: [46, 48, 26, 50, 32, 52, 36, 38, 14, 16, 10, 54, 56] source: मैं तेरे कारण आनन्दित और प्रफुल्लित होऊँगा, हे परमप्रधान, मैं तेरे नाम का भजन गाऊँगा। target: [58, 60, 62, 64, 66, 68, 26, 70, 14, 16, 10, 20, 72, 56] source: मैं पूरे मन से तेरा धन्यवाद करूँगा; देवताओं के सामने भी मैं तेरा भजन गाऊँगा। target: [58, 74, 76, 36, 38, 78, 80, 42, 10, 56] source: धन्यवाद करते हुए यहोवा का गीत गाओ; वीणा बजाते हुए हमारे परमेश्‍वर का भजन गाओ। target: [58, 82, 14, 10, 6, 84, 58, 86, 88, 10, 90, 92] source: यहोवा की स्तुति करो, क्योंकि वो भला है; उसके नाम का भजन गाओ, क्योंकि यह मनोहर है! target: [4, 6, 94, 96, 6, 98, 88, 10, 20, 100, 96, 102, 104] source: यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; उसकी करुणा सदा की है। target: [4, 6, 106, 46, 108, 98, 110, 112, 114] source: यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करुणा सदा की है! target: [4, 6, 94, 46, 108, 98, 110, 112, 114] source: यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करुणा सदा की है! target: [4, 6, 94, 46, 108, 98, 110, 112, 114] source: यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है, और उसकी करुणा सदा की है। target: [4, 6, 94, 46, 108, 98, 110, 112, 114] source: वहाँ यहोवा के गोत्र-गोत्र के लोग यहोवा के नाम का धन्यवाद करने को जाते हैं; यह इस्राएल के लिये साक्षी है। target: [116, 118, 120, 122, 124, 50, 10, 108, 4, 20, 6, 106, 126, 128, 130, 118, 10, 132, 134] source: मैंने कहा, “यह तो मेरा दुःख है, कि परमप्रधान का दाहिना हाथ बदल गया है।” target: [136, 138, 140, 142, 144, 146, 148, 150, 152, 154] source: मैं मेघों से भी ऊँचे-ऊँचे स्थानों के ऊपर चढूँगा, मैं परमप्रधान के तुल्य हो जाऊँगा।' target: [156, 158, 160, 162, 164, 166, 150, 152, 168]
यहोवा का धन्यवाद करना भला है, हे परमप्रधान, तेरे नाम का भजन गाना;
[170, 4, 6, 172, 14, 174, 10, 176, 26, 70]
source: परन्तु यह जान लो कि यदि घर का स्वामी जानता होता कि चोर किस पहर आएगा, तो जागता रहता; और अपने घर में चोरी नहीं होने देता। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 4, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 34, 36, 38, 40, 42, 44, 46, 48, 50] source: वह अपने घर को फिर लौट न आएगा, और न अपने स्थान में फिर मिलेगा। target: [28, 52, 54, 56, 58, 60, 62, 64, 66, 68, 70, 62] source: इसलिए जागते रहो; क्योंकि तुम नहीं जानते कि घर का स्वामी कब आएगा, सांझ को या आधी रात को, या मुर्गे के बाँग देने के समय या भोर को। target: [72, 74, 76, 78, 80, 82, 12, 14, 4, 84, 86, 62, 28, 88, 90, 92, 94, 96, 98, 100, 12, 14, 4, 84, 22, 62] source: तब पिता जान गया कि यह उसी घड़ी हुआ जिस घड़ी यीशु ने उससे कहा, “तेरा पुत्र जीवित है,” और उसने और उसके सारे घराने ने विश्वास किया। target: [102, 104, 106, 108, 68, 110, 112, 114, 116, 118, 120, 122, 124, 106, 4, 126, 128, 130, 132, 38, 40, 134, 136, 52, 138, 140, 142, 144] source: इसलिए जागते रहो, क्योंकि तुम नहीं जानते कि तुम्हारा प्रभु किस दिन आएगा। target: [72, 74, 146, 78, 80, 84, 22, 148, 150, 152, 154, 156, 158, 160, 162] source: जो अपने घराने को दुःख देता, उसका भाग वायु ही होगा, और मूर्ख बुद्धिमान का दास हो जाता है। target: [164, 166, 168, 170, 172, 174, 176, 178, 180, 182, 184, 38, 186, 188, 190, 192, 194, 196] source: यदि उस घर के लोग योग्य होंगे तो तुम्हारा कल्याण उन पर पहुँचेगा परन्तु यदि वे योग्य न हों तो तुम्हारा कल्याण तुम्हारे पास लौट आएगा। target: [16, 198, 44, 200, 202, 204, 26, 206, 208, 210, 212, 214, 16, 198, 44, 202, 216, 26, 206, 208, 218, 58, 220] source: तब यूसुफ ने अपने भाइयों से और अपने पिता के घराने से कहा, “मैं जाकर फ़िरौन को यह समाचार दूँगा, 'मेरे भाई और मेरे पिता के सारे घराने के लोग, जो कनान देश में रहते थे, वे मेरे पास आ गए हैं; target: [222, 224, 168, 226, 136, 168, 228, 230, 232, 234, 236, 238, 240, 242, 114, 244, 246, 136, 248, 228, 250, 138, 252, 4, 254, 256, 258, 260, 262, 264, 266] source: और यदि किसी घर में फूट पड़े, तो वह घर क्या स्थिर रह सकेगा? target: [268, 270, 272, 274, 276, 278, 62] source: फिर यदि कोई स्त्री अपने पति के घर में रहते मन्नत माने, या शपथ खाकर अपने आप को बाँधे, target: [38, 16, 280, 282, 284, 168, 286, 288, 290, 36, 292, 294, 296, 298, 300] source: जब वे मीका के घर से दूर निकल गए थे, तब जो मनुष्य मीका के घर के पासवाले घरों में रहते थे उन्होंने इकट्ठे होकर दानियों को जा लिया। target: [302, 304, 198, 306, 308, 310, 312, 314, 316, 302, 318, 320, 322, 324, 326, 328, 38, 198, 330, 332, 334, 336, 338] source: हे याकूब के घराने, हे इस्राएल के घराने के कुलों के लोगों, यहोवा का वचन सुनो! target: [340, 342, 38, 344, 346, 138, 348, 350, 352, 354] source: और जब कोई स्त्री अपनी कुँवारी अवस्था में, अपने पिता के घर में रहते हुए, यहोवा की मन्नत माने*, व अपने को वाचा से बाँधे, target: [356, 358, 360, 362, 364, 366, 54, 290, 204, 38, 368, 292, 370, 372, 374, 352, 48, 376] source: एक दिन क्या हुआ कि यूसुफ अपना काम-काज करने के लिये घर में गया, और घर के सेवकों में से कोई भी घर के अन्दर न था। target: [378, 154, 224, 380, 294, 382, 384, 386, 54, 388, 28, 210, 390, 392, 394, 136, 54, 396, 398, 400]
परन्तु तुम यह जान रखो, कि यदि घर का स्वामी जानता, कि चोर किस घड़ी आएगा, तो जागता रहता, और अपने घर में सेंध लगने न देता।
[402, 404, 406, 408, 10, 12, 60, 4, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 40, 380, 44, 68, 46, 48, 50]
source: तब अंधों की आँखें खोली जाएँगी और बहरो के कान भी खोले जाएँगे; target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20] source: मेरे दास के सिवाय कौन अंधा है? मेरे भेजे हुए दूत के तुल्य कौन बहरा है? मेरे मित्र के समान कौन अंधा या यहोवा के दास के तुल्य अंधा कौन है? target: [22, 24, 26, 28, 30, 32, 34, 36, 22, 38, 26, 40, 30, 22, 42, 44, 40, 32, 46, 48, 28, 26, 30] source: “फिर एक मेढ़ा लेना, और हारून और उसके पुत्र उसके सिर पर अपने-अपने हाथ रखें, target: [50, 52, 54, 56, 58, 60, 62, 12, 64, 66, 68, 70, 72, 74, 76, 20] source: और उसके दाम में से कुछ रख छोड़ा; और यह बात उसकी पत्‍नी भी जानती थी, और उसका एक भाग लाकर प्रेरितों के पाँवों के आगे रख दिया। target: [12, 78, 80, 82, 84, 86, 88, 90, 92, 94, 96, 98, 56, 100, 102, 12, 104, 106, 86, 108, 110, 112, 114, 20] source: परन्तु मैं बहरे के समान सुनता ही नहीं, और मैं गूँगे के समान मुँह नहीं खोलता। target: [116, 118, 40, 120, 122, 124, 12, 84, 126, 20, 118, 128, 130, 122, 124, 132, 84, 134, 20] source: हे बहरो, सुनो; हे अंधों, आँख खोलो कि तुम देख सको! (मत्ती 11:5) target: [136, 138, 140, 142, 20, 60, 144, 146, 148, 150, 152, 154, 20] source: ऐसा न हो कि वे पीकर व्यवस्था को भूल जाएँ और किसी दुःखी के हक़ को मारें। target: [156, 158, 160, 158, 162, 164, 166, 168, 12, 170, 172, 174, 176, 178, 180, 20] source: आँख रहते हुए अंधे को और कान रखते हुए बहरो को निकाल ले आओ! target: [182, 184, 186, 56, 28, 188, 12, 182, 190, 186, 56, 192, 194, 196, 20] source: कि अंधे देखते हैं और लँगड़े चलते फिरते हैं, कोढ़ी शुद्ध किए जाते हैं और बहरे सुनते हैं, मुर्दे जिलाए जाते हैं, और गरीबों को सुसमाचार सुनाया जाता है। target: [198, 200, 202, 204, 206, 208, 210, 204, 212, 214, 216, 204, 138, 218, 220, 222, 204, 224, 226, 220, 228, 230, 232, 60, 234, 236, 226, 238, 240, 242, 20] source: इसलिए तू मेरे साथ निडर रह; जो मेरे प्राण का ग्राहक है वही तेरे प्राण का भी ग्राहक है; परन्तु मेरे साथ रहने से तेरी रक्षा होगी।” target: [244, 246, 12, 248, 20, 250, 252, 254, 256, 22, 56, 252, 258, 260, 242, 20, 262, 244, 264, 266, 268] source: बहरे को श्राप न देना, और न अंधे के आगे ठोकर रखना; और अपने परमेश्‍वर का भय मानना; मैं यहोवा हूँ। target: [270, 272, 274, 32, 276, 278, 280, 282, 284, 286, 20, 288, 150, 290, 292, 294, 296, 20, 118, 298, 300, 20] source: और उसके हाथ में एक छोटी सी खुली हुई पुस्तक थी। उसने अपना दाहिना पाँव समुद्र पर, और बायाँ पृथ्वी पर रखा; target: [302, 304, 306, 52, 308, 310, 312, 314, 12, 316, 318, 320, 322, 324, 12, 318, 326, 322, 328, 330, 332, 20] source: मेरे पिता ने तुम पर जो भारी जूआ रखा था, उसे मैं और भी भारी करूँगा; मेरा पिता तो तुम को कोड़ों से ताड़ना देता था, परन्तु मैं बिच्छुओं से दूँगा'।” target: [334, 336, 338, 340, 342, 344, 346, 348, 350, 20, 118, 80, 352, 344, 354, 124, 20, 338, 340, 356, 358, 360, 314, 116, 118, 356, 362, 364, 366, 368, 268] source: और नून का पुत्र यहोशू बुद्धिमानी की आत्मा से परिपूर्ण था, क्योंकि मूसा ने अपने हाथ उस पर रखे थे; और इस्राएली उस आज्ञा के अनुसार जो यहोवा ने मूसा को दी थी उसकी मानते रहे। target: [370, 372, 374, 376, 378, 380, 332, 382, 384, 386, 318, 74, 330, 332, 20, 388, 302, 94, 390, 12, 316, 392, 394, 396, 398, 400, 20]
और लोगों ने एक बहरे को जो हक्ला भी था, उसके पास लाकर उससे विनती की, कि अपना हाथ उस पर रखे।
[158, 402, 404, 12, 406, 408, 122, 410, 412, 414, 12, 158, 416, 74, 418, 420, 422, 424, 20]
source: और लबानोन के सब देवदारों पर जो ऊँचे और बड़े हैं; target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 4, 6, 8, 10, 22, 24] source: एक लम्बे पंखवाले, परों से भरे और रंग-बिरंगे बड़े उकाब पक्षी ने लबानोन जाकर एक देवदार की फुनगी नोच ली। target: [26, 28, 30, 32, 34, 36, 38, 40, 42, 44, 46, 48, 50, 52, 54, 56, 58, 10, 60, 62] source: वह घने वन को लोहे से काट डालेगा और लबानोन एक प्रतापी के हाथ से नाश किया जाएगा। target: [64, 66, 68, 70, 72, 74, 76, 68, 78, 80, 82] source: तू सुन्दरी है, हे मेरी प्रिय, तू सुन्दरी है; तेरी आँखें कबूतरी की सी हैं। target: [84, 86, 88, 90, 92, 90, 94, 96, 98] source: सिय्योन की सुन्दर और सुकुमार बेटी को मैं नाश करने पर हूँ। target: [100, 102, 104, 106, 108, 110, 112, 16, 114] source: हे मेरी कबूतरी, पहाड़ की दरारों में और टीलों के कुंज में तेरा मुख मुझे देखने दे, तेरा बोल मुझे सुनने दे, क्योंकि तेरा बोल मीठा, और तेरा मुख अति सुन्दर है। target: [84, 116, 106, 118, 120, 4, 122, 124, 126, 128, 130, 126, 132, 134, 136, 132, 138, 16, 128, 140] source: मेरा हृदय अन्दर ही अन्दर जल रहा था*। सोचते-सोचते आग भड़क उठी; तब मैं अपनी जीभ से बोल उठा; target: [142, 4, 144, 146, 148, 150, 152, 154, 156, 158, 160, 162, 164, 68, 166, 168, 170] source: हे यहोवा, कान लगाकर मेरी सुन ले, क्योंकि मैं दीन और दरिद्र हूँ। target: [84, 172, 174, 176, 16, 178, 180, 100, 182, 16, 184] source: जिस वृक्ष को तूने देखा, जो बड़ा और दृढ़ हो गया, और जिसकी ऊँचाई स्वर्ग तक पहुँची और जो पृथ्वी के सिरे तक दिखाई देता था; target: [186, 188, 152, 190, 192, 16, 194, 196, 198, 200, 202, 4, 8, 204, 206] source: “इस कारण परमेश्‍वर यहोवा ने यह कहा है, उसकी ऊँचाई जो बढ़ गई, और उसकी फुनगी जो बादलों तक पहुँची है, और अपनी ऊँचाई के कारण उसका मन जो फूल उठा है, target: [208, 210, 212, 30, 32, 34, 214, 216, 10, 218, 220, 222, 58, 200, 224, 68, 198, 226, 228, 196] source: तीन सुन्दर चलनेवाले प्राणी हैं; वरन् चार हैं, जिनकी चाल सुन्दर है: target: [230, 232, 234, 236, 238, 16, 240, 242, 244] source: उसका दर्शन मैं आप अपनी आँखों से अपने लिये करूँगा, और न कोई दूसरा। यद्यपि मेरा हृदय अन्दर ही अन्दर चूर-चूर भी हो जाए, target: [216, 100, 246, 248, 250, 16, 252, 254, 256, 258, 260, 262, 4, 144, 264, 266] source: क्या मैं उसके लिये रोता नहीं था, जिसके दुर्दिन आते थे? और क्या दरिद्र जन के कारण मैं प्राण में दुःखित न होता था? target: [268, 246, 270, 272, 268, 246, 274, 276, 278, 280] source: उसके शाऊल नामक एक जवान पुत्र था, जो सुन्दर था, और इस्राएलियों में कोई उससे बढ़कर सुन्दर न था; वह इतना लम्बा था कि दूसरे लोग उसके कंधे ही तक आते थे। target: [282, 284, 16, 286, 288, 290, 292, 196, 294, 296, 298, 300, 302, 304, 306, 308, 310, 4, 8, 312, 294, 314, 220, 316, 318, 320]
देख, अश्शूर तो लबानोन का एक देवदार था जिसकी सुन्दर-सुन्दर शाखें, घनी छाया देतीं और बड़ी ऊँची थीं, और उसकी फुनगी बादलों तक पहुँचती थी।
[322, 324, 326, 10, 60, 328, 4, 20, 330, 112, 16, 332, 334, 196, 220, 14, 196, 58, 200, 336]
source: और इन्हें अपने हाथ पर चिन्ह के रूप में बाँधना, और ये तेरी आँखों के बीच टीके का काम दें। (मत्ती 23:5) target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 14] source: “हे कपटी शास्त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय! तुम पोदीने और सौंफ और जीरे का दसवाँ अंश देते हो, परन्तु तुम ने व्यवस्था की गम्भीर बातों अर्थात् न्याय, और दया, और विश्वास को छोड़ दिया है; चाहिये था कि इन्हें भी करते रहते, और उन्हें भी न छोड़ते। target: [26, 28, 30, 32, 14, 34, 36, 38, 40, 42, 14, 44, 14, 46, 48, 50, 52, 54, 32, 56, 58, 14, 60, 14, 62, 64, 66, 68, 70, 72, 74, 76, 14, 78, 80, 64, 82] source: हे मनुष्य, वह तुझे बता चुका है कि अच्छा क्या है; और यहोवा तुझ से इसे छोड़ और क्या चाहता है, कि तू न्याय से काम करे, और कृपा से प्रीति रखे, और अपने परमेश्‍वर के साथ नम्रता से चले? (मत्ती 23:23, यशा. 1:17) target: [28, 84, 86, 88, 90, 92, 94, 96, 14, 98, 100, 102, 104, 106, 14, 108, 110, 112, 114, 20, 14, 22, 116, 118, 120, 122, 124] source: और पहाड़ों, और चट्टानों से कहने लगे, “हम पर गिर पड़ो; और हमें उसके मुँह से जो सिंहासन पर बैठा है और मेम्‍ने के प्रकोप से छिपा लो; (लूका 23:30) target: [22, 126, 14, 128, 130, 132, 134, 136, 110, 138, 140, 142, 144, 14, 146, 148, 150] source: जितने मुझसे पहले आए; वे सब चोर और डाकू हैं परन्तु भेड़ों ने उनकी न सुनी। (यिर्म. 23:1, यूह. 10:27) target: [152, 78, 154, 156, 158, 160, 14, 162, 164, 50, 166, 168, 170, 172] source: “मनुष्यों में मेरा अपमान दूर करने के लिये प्रभु ने इन दिनों में कृपादृष्टि करके मेरे लिये ऐसा किया है।” (उत्प. 30:23) target: [174, 176, 178, 180, 182, 184, 186, 188, 190, 192, 14, 194, 196, 198, 200, 202] source: कि वे परमेश्‍वर को ढूँढ़े, और शायद वे उसके पास पहुँच सके, और वास्तव में, वह हम में से किसी से दूर नहीं हैं। (यशा. 55:6, यिर्म. 23:23) target: [136, 204, 110, 206, 208, 210, 212, 14, 214, 216, 110, 218, 220, 222, 224] source: चाहे दुर्भाग्य हो तो भी तू कहेगा कि सौभाग्य होगा, क्योंकि वह नम्र मनुष्य को बचाता है। (मत्ती 23:12,1 पत. 5:6, नीति. 29:23) target: [226, 228, 230, 232, 234, 236, 238, 206, 240, 242, 244] source: पर जो धनी होना चाहते हैं, वे ऐसी परीक्षा, और फंदे और बहुत सी व्यर्थ और हानिकारक लालसाओं में फँसते हैं, जो मनुष्यों को बिगाड़ देती हैं और विनाश के समुद्र में डुबा देती हैं। (नीति. 23:4, नीति. 15:27) target: [50, 78, 246, 248, 250, 252, 254, 256, 14, 258, 260, 254, 262, 264, 266, 268, 14, 270, 92, 272, 274, 276, 278, 14, 280] source: हे सब अनर्थकारियों मेरे पास से दूर हो; क्योंकि यहोवा ने मेरे रोने का शब्द सुन लिया है। (मत्ती7:23, लूका 13:27) target: [28, 152, 282, 284, 222, 286, 38, 86, 288, 110, 290, 292, 294] source: उन्होंने परमेश्‍वर की महिमा, को घास खानेवाले बैल की प्रतिमा से बदल डाला*। (रोम. 1:23) target: [296, 298, 22, 300, 302, 304] source: क्योंकि मेम्‍ना जो सिंहासन के बीच में है, उनकी रखवाली करेगा; और उन्हें जीवनरूपी जल के सोतों के पास ले जाया करेगा, और परमेश्‍वर उनकी आँखों से सब आँसू पोंछ डालेगा।” (भज. 23:1, भज. 23:2, यशा. 25:8) target: [38, 306, 308, 144, 310, 274, 14, 312, 314, 316, 318, 320, 322, 152, 324, 326, 328] source: और यहूदियों का झोपड़ियों का पर्व निकट था। (लैव्य. 23:34) target: [226, 330, 332, 334, 336, 338] source: क्योंकि पुरुष स्त्री से नहीं हुआ, परन्तु स्त्री पुरुष से हुई है। (उत्प. 2:21-23) target: [38, 340, 110, 342, 344, 210, 342, 110, 346]
“पर हे फरीसियों, तुम पर हाय! तुम पोदीने और सुदाब का, और सब भाँति के साग-पात का दसवाँ अंश देते हो, परन्तु न्याय को और परमेश्‍वर के प्रेम को टाल देते हो; चाहिए तो था कि इन्हें भी करते रहते और उन्हें भी न छोड़ते। (मत्ती 23:23, मीका 6:8, लैव्य. 27:30)
[348, 350, 352, 354, 40, 42, 14, 356, 14, 152, 358, 360, 50, 58, 14, 112, 206, 64, 362, 364, 72, 74, 76, 14, 78, 80, 64, 82]
source: ऊन और सनी की मिलावट से बना हुआ वस्त्र न पहनना। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22] source: “फिर जिस वस्त्र में कोढ़ की व्याधि हो, चाहे वह वस्त्र ऊन का हो चाहे सनी का, target: [24, 26, 28, 30, 32, 12, 34, 36, 38, 10, 12, 36, 38, 6, 40] source: फिर यदि कोई पुरुष पशुगामी हो, तो पुरुष और पशु दोनों निश्चय मार डाले जाएँ। target: [42, 44, 46, 48, 50, 52, 54, 56, 58, 60, 62, 64, 66, 8, 68, 50, 70, 72, 74, 76] source: शेबा और ददान के लोग और तर्शीश के व्यापारी अपने देश के सब जवान सिंहों समेत तुझसे कहेंगे, 'क्या तू लूटने को आता है? क्या तूने धन छीनने, सोना-चाँदी उठाने, पशु और सम्पत्ति ले जाने, और बड़ी लूट अपना लेने को अपनी भीड़ इकट्ठी की है?' target: [78, 80, 8, 82, 84, 86, 8, 88, 84, 90, 92, 94, 96, 98, 100, 4, 102, 104, 106, 108, 100, 4, 110, 112, 114, 104, 116, 118, 120, 122, 124, 126, 128, 130, 132, 134, 136, 50, 138, 140, 8, 142, 12, 144, 124, 146, 148] source: तब वन पशु गुफाओं में घुस जाते, और अपनी-अपनी माँदों में रहते हैं। target: [150, 152, 154, 156, 30, 158, 160, 8, 162, 164, 30, 166, 168, 170] source: “फिर पश्चिमी सीमा महासमुद्र हो; तुम्हारा पश्चिमी सीमा यही ठहरे। target: [8, 172, 174, 176, 178, 180, 182, 184, 186, 188, 190, 192, 174, 176, 178, 180, 182, 188] source: तब वे, क्या मनुष्य क्या पशु, सब बन्दियों और सारी लूट-पाट को लेकर target: [8, 194, 196, 142, 12, 198, 124, 8, 90, 200, 100, 202, 100, 136, 204, 206, 138, 208] source: और तुम्हारा श्रृंगार दिखावटी न हो*, अर्थात् बाल गूँथने, और सोने के गहने, या भाँति-भाँति के कपड़े पहनना। target: [8, 210, 212, 214, 84, 216, 218, 8, 220, 84, 222, 224, 8, 28, 226, 84, 52, 228, 20, 230] source: और यदि हमारे पास खाने और पहनने को हो, तो इन्हीं पर सन्तोष करना चाहिए। target: [232, 234, 236, 238, 28, 14, 16, 120, 58, 240, 104, 242, 244, 246] source: “क्या मनुष्य के क्या पशु के, इस्राएलियों में जितने अपनी-अपनी माँ के पहलौठे हों, उन्हें मेरे लिये पवित्र मानना*; वह तो मेरा ही है।” target: [90, 248, 250, 252, 30, 254, 70, 256, 258, 260, 104, 262, 264, 38, 266, 84, 38, 136, 84, 60, 260, 170] source: उन्होंने अजगर की पूजा की, क्योंकि उसने पशु को अपना अधिकार दे दिया था, और यह कहकर पशु की पूजा की, “इस पशु के समान कौन है? कौन इससे लड़ सकता है?” target: [8, 88, 196, 268, 70, 270, 272, 274, 276, 196, 278, 70, 280, 282, 284, 286, 8, 88, 196, 276, 278, 70, 270, 272, 8, 288, 290, 292, 278, 84, 294, 296, 120, 8, 296, 190, 84, 52, 298, 300, 302] source: इस प्रकार परमेश्‍वर ने पृथ्वी के जाति-जाति के वन-पशुओं को, और जाति-जाति के घरेलू पशुओं को, और जाति-जाति के भूमि पर सब रेंगनेवाले जन्तुओं को बनाया; और परमेश्‍वर ने देखा कि अच्छा है। target: [304, 196, 306, 84, 308, 70, 194, 180, 310, 84, 312, 8, 308, 70, 194, 180, 310, 84, 314, 316, 84, 90, 318, 320, 70, 194, 180, 310, 84, 312, 322, 8, 304, 196, 324, 122, 190, 326, 246] source: और जो पशु स्वयं मर जाए, और जो दूसरे पशु से फाड़ा जाए, उसकी *चर्बी और अन्य काम में लाना, परन्तु उसे किसी प्रकार से खाना नहीं। target: [8, 328, 50, 330, 332, 66, 334, 48, 336, 50, 338, 340, 342, 276, 180, 344, 346, 48, 348, 30, 350, 66, 232, 68, 48, 72, 352, 276, 70, 20, 354] source: और दीवट की डंडी में बादाम के फूल के समान अपनी-अपनी गाँठ और फूल समेत चार पुष्पकोष बने। target: [8, 356, 30, 358, 360, 362, 84, 364, 366, 8, 60, 84, 368, 8, 60, 84, 370, 372]
“तुम मेरी विधियों को निरन्तर मानना। अपने पशुओं को भिन्न जाति के पशुओं से मेल न खाने देना; अपने खेत में दो प्रकार के बीज इकट्ठे न बोना; और सनी और ऊन की मिलावट से बना हुआ वस्त्र न पहनना।
[68, 374, 376, 70, 378, 4, 162, 380, 70, 48, 382, 310, 84, 380, 52, 20, 384, 4, 162, 386, 30, 388, 390, 12, 392, 20, 394, 8, 6, 8, 10, 12, 396, 16, 18, 20, 22]
source: उसके सात बेटे और तीन बेटियाँ उत्‍पन्‍न हुई। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16] source: सब कुछ उसी के द्वारा उत्‍पन्‍न हुआ और जो कुछ उत्‍पन्‍न हुआ है, उसमें से कोई भी वस्तु उसके बिना उत्‍पन्‍न न हुई। target: [18, 20, 22, 10, 24, 26, 22, 28, 30, 32, 22, 34] source: यहूदा और तामार से पेरेस व जेरह उत्‍पन्‍न हुए, और पेरेस से हेस्रोन उत्‍पन्‍न हुआ, और हेस्रोन से एराम उत्‍पन्‍न हुआ। target: [36, 38, 40, 42, 44, 46, 48, 50, 52, 54, 56] source: आसा से यहोशाफात उत्‍पन्‍न हुआ, और यहोशाफात से योराम उत्‍पन्‍न हुआ, और योराम से उज्जियाह उत्‍पन्‍न हुआ। target: [58, 60, 62, 64, 10, 66, 68] source: और लिआ की दासी जिल्पा के भी याकूब से एक पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ। target: [70, 72, 74, 76, 78, 80, 82, 84] source: फिर लिआ की दासी जिल्पा के याकूब से एक और पुत्र उत्‍पन्‍न हुआ। target: [70, 72, 74, 76, 78, 86, 80, 84] source: अब्राहम से इसहाक उत्‍पन्‍न हुआ, इसहाक से याकूब उत्‍पन्‍न हुआ, और याकूब से यहूदा और उसके भाई उत्‍पन्‍न हुए। target: [88, 90, 92, 94, 96, 98, 100, 42, 102, 104, 106] source: सुलैमान से रहबाम उत्‍पन्‍न हुआ, और रहबाम से अबिय्याह उत्‍पन्‍न हुआ, और अबिय्याह से आसा उत्‍पन्‍न हुआ। target: [108, 110, 112, 114, 116, 118, 56] source: और उसके सात बेटे और तीन बेटियाँ भी उत्‍पन्‍न हुई। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16] source: अजोर से सादोक उत्‍पन्‍न हुआ, सादोक से अखीम उत्‍पन्‍न हुआ, और अखीम से एलीहूद उत्‍पन्‍न हुआ। target: [120, 122, 124, 126, 128, 130, 56] source: फिर एपा जो कालेब की रखैल थी, उससे हारान, मोसा और गाजेज उत्‍पन्‍न हुए; और हारान से गाजेज उत्‍पन्‍न हुआ। target: [132, 134, 136, 138, 140, 142, 144, 146, 148, 150, 152, 106, 154, 156, 158, 160] source: और योयादा से योनातान और योनातान से यद्दू उत्‍पन्‍न हुआ। target: [162, 164, 82, 166, 10, 168, 170] source: उज्जियाह से योताम उत्‍पन्‍न हुआ, योताम से आहाज उत्‍पन्‍न हुआ, और आहाज से हिजकिय्याह उत्‍पन्‍न हुआ। target: [172, 174, 176, 178, 180, 182] source: बन्दी होकर बाबेल पहुँचाए जाने के बाद यकुन्याह से शालतियेल उत्‍पन्‍न हुआ, और शालतियेल से जरुब्बाबेल उत्‍पन्‍न हुआ। target: [184, 186, 188, 190, 192, 92, 194, 196, 56]
जरुब्बाबेल से अबीहूद उत्‍पन्‍न हुआ, अबीहूद से एलयाकीम उत्‍पन्‍न हुआ, और एलयाकीम से अजोर उत्‍पन्‍न हुआ।
[198, 200, 202, 204, 206, 208, 56]
source: परमेश्‍वर ने अपने पुत्र को जगत में इसलिए नहीं भेजा, कि जगत पर दण्ड की आज्ञा दे, परन्तु इसलिए कि जगत उसके द्वारा उद्धार पाए। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 34, 36] source: क्योंकि मैं वह यहोवा हूँ जो तुम्हें मिस्र देश से इसलिए निकाल ले आया हूँ कि तुम्हारा परमेश्‍वर ठहरूँ; इसलिए तुम पवित्र बनो, क्योंकि मैं पवित्र हूँ।” target: [38, 40, 42, 44, 46, 48, 50, 52, 54, 56, 58, 60, 62, 64, 32, 66, 38, 68, 70, 72, 38, 62, 74, 34, 76, 62, 78] source: तू तो यह कहता है, 'मेरा सिद्धान्त शुद्ध है और मैं परमेश्‍वर की दृष्टि में पवित्र हूँ।' target: [80, 82, 84, 60, 86, 88, 90, 92, 94, 96, 38, 98, 100] source: इसलिए तू याजक को पवित्र जानना, क्योंकि वह तुम्हारे परमेश्‍वर का भोजन चढ़ाया करता है; इसलिए वह तेरी दृष्टि में पवित्र ठहरे; क्योंकि मैं यहोवा, जो तुमको पवित्र करता हूँ, पवित्र हूँ। target: [102, 104, 82, 106, 108, 34, 58, 110, 62, 112, 110, 80, 62, 114, 4, 44, 62, 116, 38, 118, 62, 100] source: उसने उससे कहा, “हाँ, हे प्रभु, मैं विश्वास कर चुकी हूँ, कि परमेश्‍वर का पुत्र मसीह जो जगत में आनेवाला था, वह तू ही है।” target: [120, 110, 122, 124, 126, 10, 128, 130, 132, 134, 136, 138, 140, 142, 144, 146, 38, 148, 150] source: कि वे सब एक हों; जैसा तू हे पिता मुझ में हैं, और मैं तुझ में हूँ, वैसे ही वे भी हम में हों, इसलिए कि जगत विश्वास करे, कि तू ही ने मुझे भेजा। target: [152, 154, 156, 158, 160, 162, 164, 166, 168, 80, 170, 172, 66, 38, 174, 74, 176, 178, 180, 158, 182, 4, 80, 184, 12, 144, 186, 146, 188] source: जैसे तूने जगत में मुझे भेजा, वैसे ही मैंने भी उन्हें जगत में भेजा। target: [190, 80, 184, 10, 12, 176, 192, 194, 10, 12, 100] source: और कहते हैं, “यहोवा न देखेगा, याकूब का परमेश्‍वर विचार न करेगा।” target: [14, 196, 152, 118, 198, 22, 200, 70, 202, 204, 206] source: और परमेश्‍वर ने जगत के नीचों और तुच्छों को, वरन् जो हैं भी नहीं उनको भी चुन लिया, कि उन्हें जो हैं, व्यर्थ ठहराए। target: [4, 208, 6, 210, 212, 214, 216, 218, 194, 220, 50, 56, 216, 222, 224, 194, 226, 228] source: वे बार-बार परमेश्‍वर की परीक्षा करते थे, और इस्राएल के पवित्र को खेदित करते थे। target: [230, 92, 230, 82, 232, 234, 92, 236, 62, 238, 240, 242] source: परन्तु परमेश्‍वर ने जगत के मूर्खों* को चुन लिया है, कि ज्ञानियों को लज्जित करे; और परमेश्‍वर ने जगत के निर्बलों को चुन लिया है, कि बलवानों को लज्जित करे। target: [244, 246, 216, 248, 194, 6, 250, 50, 152, 252, 254, 256, 228] source: यदि कोई मेरी बातें सुनकर न माने, तो मैं उसे दोषी नहीं ठहराता, क्योंकि मैं जगत को दोषी ठहराने के लिये नहीं, परन्तु जगत का उद्धार करने के लिये आया हूँ। target: [258, 260, 262, 264, 266, 24, 120, 268, 22, 270, 18, 38, 272, 274, 4, 38, 16, 18, 276, 278, 280, 38, 28, 30, 20, 282, 100] source: अतः शीघ्र मेरे पिता के पास जाकर कहो, 'तेरा पुत्र यूसुफ इस प्रकार कहता है, कि परमेश्‍वर ने मुझे सारे मिस्र का स्वामी ठहराया है; इसलिए तू मेरे पास बिना विलम्ब किए चला आ। (प्रेरि. 7:14) target: [284, 286, 288, 290, 292, 164, 294, 296, 298, 110, 300, 152, 68, 302, 284, 304, 44, 306, 308, 100, 6, 184, 310, 46, 312, 314, 316, 100, 280, 318, 320, 322, 324, 326, 328, 330] source: उसने उससे कहा, “जो कुछ तू कहती है वह सब मैं करूँगी।” target: [120, 122, 332, 334, 14, 336, 38, 338]
तो जिसे पिता ने पवित्र ठहराकर जगत में भेजा है, तुम उससे कहते हो, ‘तू निन्दा करता है,’ इसलिए कि मैंने कहा, ‘मैं परमेश्‍वर का पुत्र हूँ।’
[280, 340, 342, 62, 344, 346, 10, 348, 154, 350, 38, 132, 134, 74, 352, 354, 58, 356, 358, 352, 58, 184, 360, 362]
source: फिर तीन वर्षों के बाद मैं कैफा से भेंट करने के लिये यरूशलेम को गया, और उसके पास पन्द्रह दिन तक रहा। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 10, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 34, 10, 36, 38, 40, 42] source: जब योआश राजा हुआ, तब वह सात वर्ष का था, और यरूशलेम में चालीस वर्ष तक राज्य करता रहा। उसकी माता का नाम सिब्या था, जो बेर्शेबा की थी। target: [44, 46, 48, 20, 50, 4, 34, 52, 8, 54, 56, 58, 60, 62, 64, 26, 66, 48, 68, 32, 58, 70, 72, 54, 74, 76, 78, 80, 82, 70, 78] source: तेरे परमेश्‍वर के भवन की उपासना के लिये जो पात्र तुझे सौंपे जाते हैं, उन्हें यरूशलेम के परमेश्‍वर के सामने दे देना। target: [84, 10, 86, 70, 88, 10, 22, 90, 92, 94, 96, 98, 100, 102, 28, 84, 10, 104, 10, 106] source: “फारस का राजा कुस्रू यह कहता है: स्वर्ग के परमेश्‍वर यहोवा ने पृथ्वी भर का राज्य मुझे दिया है, और उसने मुझे आज्ञा दी, कि यहूदा के यरूशलेम में मेरा एक भवन बनवा*। target: [108, 54, 110, 112, 114, 116, 118, 120, 10, 84, 122, 60, 124, 10, 126, 48, 128, 10, 130, 132, 32, 58, 60, 134, 128, 136, 138, 140, 142, 144, 10, 26, 66, 58, 10, 22, 146, 86, 148] source: उसकी समस्त प्रजा के लोगों में से तुम्हारे मध्य जो कोई हो, उसका परमेश्‍वर उसके साथ रहे, और वह यहूदा के यरूशलेम को जाकर इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा का भवन बनाए - जो यरूशलेम में है वही परमेश्‍वर है। target: [58, 70, 150, 152, 154, 156, 158, 160, 162, 164, 58, 54, 84, 58, 10, 166, 168, 34, 144, 10, 26, 28, 170, 32, 172, 10, 84, 122, 10, 86, 174, 80, 26, 66, 140, 176, 178, 180, 84, 140, 182] source: जब यहोयाकीम राज्य करने लगा, तब वह पच्चीस वर्ष का था, और ग्यारह वर्ष तक यरूशलेम में राज्य करता रहा। उसने वह काम किया, जो उसके परमेश्‍वर यहोवा की दृष्टि में बुरा है। target: [184, 186, 8, 54, 78, 44, 34, 48, 20, 50, 32, 58, 60, 188, 64, 26, 66, 48, 190, 58, 60, 34, 192, 68, 80, 122, 58, 10, 84, 70, 194, 66, 196, 78] source: परमेश्‍वर के भवन के जो सोने और चाँदी के पात्र नबूकदनेस्सर ने यरूशलेम के मन्दिर में से निकलवाकर बाबेल को पहुँचा दिए थे वह लौटाकर यरूशलेम के मन्दिर में अपने-अपने स्थान पर पहुँचाए जाएँ, और तू उन्हें परमेश्‍वर के भवन में रख देना।” target: [32, 84, 10, 86, 10, 198, 200, 202, 10, 92, 204, 206, 28, 208, 58, 210, 212, 80, 26, 66, 140, 214, 216, 218, 28, 220, 222, 224, 130, 226, 32, 26, 10, 210, 66, 228, 230, 200, 232, 226, 32, 102, 28, 84, 10, 86, 66, 234, 236, 238] source: तब याजकों और लेवियों ने चाँदी, सोने और पात्रों को तौलकर ले लिया कि उन्हें यरूशलेम को हमारे परमेश्‍वर के भवन में पहुँचाए। target: [4, 240, 200, 242, 60, 244, 202, 32, 246, 28, 248, 216, 250, 252, 254, 80, 102, 28, 26, 66, 256, 84, 10, 86, 66, 258, 260] source: तब उसी शेशबस्सर ने आकर परमेश्‍वर के भवन की जो यरूशलेम में है नींव डाली; और तब से अब तक यह बन रहा है, परन्तु अब तक नहीं बन पाया।' target: [4, 262, 264, 60, 266, 216, 84, 10, 86, 70, 80, 26, 66, 140, 268, 270, 32, 58, 272, 212, 250, 216, 274, 276, 114, 278, 280, 140, 282, 284, 286, 288, 290] source: यहूदा का राजा यहोशापात यरूशलेम को अपने भवन में कुशल से लौट गया। target: [144, 54, 292, 294, 26, 28, 296, 298, 66, 300, 16, 302] source: सुलैमान ने यरूशलेम में सारे इस्राएल पर चालीस वर्ष तक राज्य किया। target: [304, 60, 26, 66, 126, 172, 306, 62, 64, 48, 68] source: जब वह राज्य करने लगा, तब पच्चीस वर्ष का था, और यरूशलेम में सोलह वर्ष तक राज्य करता रहा। और उसकी माता का नाम यरूशा था जो सादोक की बेटी थी। target: [44, 34, 308, 8, 54, 222, 58, 272, 48, 20, 50, 32, 58, 60, 310, 64, 26, 66, 48, 312, 58, 70, 72, 54, 74, 314, 222, 80, 316, 70, 318, 56] source: जब योताम राज्य करने लगा तब वह पच्चीस वर्ष का था, और यरूशलेम में सोलह वर्ष तक राज्य करता रहा। और उसकी माता का नाम यरूशा था, जो सादोक की बेटी थी। target: [320, 186, 8, 54, 78, 322, 34, 48, 20, 50, 32, 34, 60, 310, 64, 26, 66, 48, 190, 34, 70, 72, 54, 74, 314, 78, 80, 316, 70, 318, 78] source: उनके परमेश्‍वर के भवन में, जो यरूशलेम में है, आने के दूसरे वर्ष के दूसरे महीने में, शालतीएल के पुत्र जरुब्बाबेल ने और योसादाक के पुत्र येशू ने और उनके अन्य भाइयों ने जो याजक और लेवीय थे, और जितने बँधुआई से यरूशलेम में आए थे उन्होंने भी काम को आरम्भ किया, और बीस वर्ष अथवा उससे अधिक अवस्था के लेवियों को यहोवा के भवन का काम चलाने के लिये नियुक्त किया*। target: [4, 324, 10, 84, 10, 86, 66, 80, 26, 66, 118, 326, 212, 328, 330, 64, 10, 330, 332, 66, 334, 10, 336, 338, 32, 340, 10, 336, 342, 60, 32, 102, 10, 344, 346, 348, 60, 32, 242, 32, 350, 126, 80, 352, 212, 354, 216, 26, 356, 358, 192, 360, 68, 32, 242, 28, 80, 362, 64, 10, 364, 58, 212, 366, 10, 368, 84, 10, 86, 10, 192, 70, 370, 20, 22, 372, 190]
तब परमेश्‍वर के भवन का काम जो यरूशलेम में है, रुक गया; और फारस के राजा दारा के राज्य के दूसरे वर्ष तक रुका रहा।
[4, 84, 10, 86, 54, 374, 80, 26, 66, 78, 376, 378, 32, 380, 10, 110, 382, 10, 48, 10, 330, 64, 276, 384, 42]
source: दूसरी पंक्ति में मरकत, नीलमणि और हीरा; target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 12, 18] source: और दूसरी पंक्ति में मरकत, नीलमणि, और हीरा, target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 12, 18] source: उसके पत्थर नीलमणि का स्थान हैं, और उसी में सोने की धूलि भी है। target: [20, 14, 22, 24, 12, 26, 28, 30, 32] source: तू परमेश्‍वर की अदन नामक बारी में था; तेरे पास आभूषण, माणिक्य, पुखराज, हीरा, फीरोजा, सुलैमानी मणि, यशब, नीलमणि, मरकत, और लाल सब भाँति के मणि* और सोने के पहरावे थे; तेरे डफ और बाँसुलियाँ तुझी में बनाई गई थीं; जिस दिन तू सिरजा गया था; उस दिन वे भी तैयार की गई थीं। (प्रका. 2:7) target: [26, 34, 36, 38, 40, 42, 44, 46, 48, 50, 52, 14, 54, 56, 58, 60, 62, 64, 14, 66, 8, 10, 12, 68, 70, 72, 8, 74, 76, 30, 78, 80, 26, 82, 84, 86, 88] source: और जो उस पर बैठा है, वह यशब और माणिक्य जैसा दिखाई पड़ता है, और उस सिंहासन के चारों ओर मरकत के समान एक मेघधनुष दिखाई देता है। (यहे. 1:28) target: [90, 92, 26, 60, 94, 12, 14, 96, 98, 100, 102, 104, 26, 106, 108, 110] source: फिर दूसरे, target: [112, 12] source: तीसरी हारीम के, चौथी सोरीम के, target: [114, 116, 118, 12, 120, 116, 122, 12] source: “हे दुःखियारी, तू जो आँधी की सताई है और जिसको शान्ति नहीं मिली, सुन, मैं तेरे पत्थरों की पच्चीकारी करके बैठाऊँगा, और तेरी नींव नीलमणि से डालूँगा। target: [124, 126, 128, 130, 132, 134, 136, 138, 140, 142, 76, 8, 10, 144, 146, 148, 76, 14, 16, 150] source: परमेश्‍वर की महिमा उसमें थी, और उसकी ज्योति बहुत ही बहुमूल्य पत्थर, अर्थात् बिल्लौर के समान यशब की तरह स्वच्छ थी। target: [152, 154, 156, 158, 102, 160, 162, 102, 64, 164, 102, 166] source: दूसरी विपत्ति बीत चुकी; तब, तीसरी विपत्ति शीघ्र आनेवाली है। target: [168, 6, 170, 138, 168, 114, 172, 174] source: इसी प्रकार दूसरे और तीसरे ने भी किया, और सातों तक यही हुआ। target: [76, 176, 178, 6, 12, 114, 180, 182, 184] source: जब उसने दूसरी मुहर खोली, तो मैंने दूसरे प्राणी को यह कहते सुना, “आ।” target: [186, 188, 190, 192, 194, 196, 26, 198, 6, 200, 202, 204] source: तेरी बहुत कारीगरी के कारण आराम तेरा व्यापारी था; मरकत, बैंगनी रंग का और बूटेदार वस्त्र, सन, मूगा, और लालड़ी देकर वे तेरा माल लेते थे। target: [206, 208, 210, 212, 214, 216, 218, 220, 8, 222, 224, 226, 228, 230, 232, 234, 236, 12, 238, 76, 240, 242, 244] source: पर यदि तू अपने पति को छोड़ दूसरे की ओर फिरके अशुद्ध हुई हो, और तेरे पति को छोड़ किसी दूसरे पुरुष ने तुझसे प्रसंग किया हो, target: [246, 248, 76, 250, 252, 254, 256, 12, 258, 260, 12, 262, 264, 266, 26, 268, 270, 272, 274]
उस नगर की नींवें हर प्रकार के बहुमूल्य पत्थरों से संवारी हुई थी, पहली नींव यशब की, दूसरी नीलमणि की, तीसरी लालड़ी की, चौथी मरकत की, (यशा. 54:11-12)
[276, 278, 280, 76, 42, 44, 46, 282, 284, 286, 64, 6, 14, 66, 114, 14, 288, 120, 56]
source: और तुझे आनन्द और हर्ष होगा और बहुत लोग उसके जन्म के कारण आनन्दित होंगे। target: [4, 6, 8, 4, 10, 12, 4, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28] source: वैसे ही तुम भी आनन्दित हो, और मेरे साथ आनन्द करो। target: [30, 32, 34, 36, 10, 38, 4, 40, 42, 10, 38, 44] source: मैंने ये बातें तुम से इसलिए कही हैं, कि मेरा आनन्द तुम में बना रहे, और तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए। target: [46, 48, 50, 52, 54, 56, 58, 60, 62, 64, 66, 8, 68, 70, 72, 74, 4, 76, 8, 72, 78, 80] source: तो भी इससे आनन्दित मत हो, कि आत्मा तुम्हारे वश में हैं, परन्तु इससे आनन्दित हो कि तुम्हारे नाम स्वर्ग पर लिखे हैं।” target: [82, 54, 20, 84, 10, 86, 88, 90, 92, 68, 94, 70, 60, 82, 54, 20, 10, 88, 90, 68, 96, 98, 70, 100, 102, 104] source: और तुम्हें भी अब तो शोक है, परन्तु मैं तुम से फिर मिलूँगा और तुम्हारे मन में आनन्द होगा; और तुम्हारा आनन्द कोई तुम से छीन न लेगा। target: [106, 34, 108, 78, 82, 110, 50, 52, 112, 114, 34, 26, 116, 4, 118, 8, 68, 120, 122, 124, 126, 128] source: उसी दिन लोगों ने बड़े-बड़े मेलबलि चढ़ाए, और आनन्द किया; क्योंकि परमेश्‍वर ने उनको बहुत ही आनन्दित किया था; स्त्रियों ने और बाल-बच्चों ने भी आनन्द किया। यरूशलेम के आनन्द की ध्वनि दूर-दूर तक फैल गई। target: [14, 130, 132, 134, 136, 138, 140, 4, 142, 10, 144, 146, 148, 134, 150, 152, 22, 84, 10, 154, 156, 158, 4, 160, 134, 36, 10, 162, 164, 16, 54, 10, 166, 168, 170, 172, 174, 176] source: हे भाई, यह आनन्द मुझे प्रभु में तेरी ओर से मिले, मसीह में मेरे जी को हरा भरा कर दे। target: [178, 180, 182, 20, 184, 70, 186, 10, 188, 190, 192, 70, 194, 196, 198, 200, 202] source: प्रभु में सदा आनन्दित रहो*; मैं फिर कहता हूँ, आनन्दित रहो। target: [184, 70, 204, 10, 206, 208, 210, 178, 10, 206] source: मैं तुम से सच-सच कहता हूँ; कि तुम रोओगे और विलाप करोगे, परन्तु संसार आनन्द करेगा: तुम्हें शोक होगा, परन्तु तुम्हारा शोक आनन्द बन जाएगा। target: [50, 52, 212, 214, 216, 218, 90, 34, 220, 4, 108, 116, 82, 222, 26, 12, 44, 34, 108, 116, 82, 76, 224, 8, 70, 226, 228] source: और यहोवा ने छुड़ाए हुए लोग लौटकर जयजयकार करते हुए सिय्योन में आएँगे; और उनके सिर पर सदा का आनन्द होगा; वे हर्ष और आनन्द पाएँगे और शोक और लम्बी साँस का लेना जाता रहेगा। (प्रका. 21:4) target: [230, 16, 232, 234, 102, 236, 238, 118, 240, 42, 242, 152, 238, 4, 244, 10, 246, 16, 248, 250, 252, 118, 8, 4, 10, 254, 256, 258, 4, 260, 262, 264, 266] source: कि मैं तेरे चुने हुओं का कल्याण देखूँ, और तेरी प्रजा के आनन्द में आनन्दित हो जाऊँ; और तेरे निज भाग के संग बड़ाई करने पाऊँ। target: [90, 50, 182, 268, 270, 166, 272, 274, 276, 278, 166, 8, 70, 10, 280, 4, 276, 282, 16, 42, 284, 286] source: यदि मुझे तुम्हारे विश्वास के बलिदान और सेवा के साथ अपना लहू भी बहाना पड़े तो भी मैं आनन्दित हूँ, और तुम सब के साथ आनन्द करता हूँ। target: [82, 288, 186, 68, 290, 16, 292, 4, 294, 16, 42, 296, 298, 36, 300, 302, 62, 36, 50, 10, 304, 218, 4, 68, 42, 36, 10, 306] source: और यहूदियों को आनन्द और हर्ष हुआ और उनकी बड़ी प्रतिष्ठा हुई। target: [4, 308, 152, 310, 312, 10, 314, 4, 150, 316, 22, 84, 318, 320] source: कुकर्म से आनन्दित नहीं होता, परन्तु सत्य से आनन्दित होता है। target: [118, 322, 20, 10, 124, 324, 326, 328, 42, 10, 324, 330]
तो क्या हुआ? केवल यह, कि हर प्रकार से चाहे बहाने से, चाहे सच्चाई से, मसीह की कथा सुनाई जाती है, और मैं इससे आनन्दित हूँ, और आनन्दित रहूँगा भी।
[62, 332, 334, 288, 336, 288, 328, 42, 338, 32, 192, 316, 340, 324, 342, 4, 50, 54, 344, 26, 218, 4, 346, 348]
source: अब सुलैमान ने यहोवा के नाम का एक भवन और अपना राजभवन बनाने का विचार किया। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 14, 28, 30, 32, 24, 34] source: मेरे पिता दाऊद की यह इच्छा तो थी कि इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा के नाम का एक भवन बनाए। target: [26, 36, 38, 40, 20, 42, 44, 46, 12, 48, 20, 50, 18, 20, 22, 24, 14, 16, 52] source: और उसने कहा, “धन्य है इस्राएल का परमेश्‍वर यहोवा! जिस ने अपने मुँह से मेरे पिता दाऊद को यह वचन दिया था, और अपने हाथ से उसे पूरा किया है, target: [54, 8, 56, 48, 58, 50, 18, 60, 62, 64, 8, 36, 38, 40, 66, 68, 70, 66, 72, 74, 26, 68, 76, 66, 78, 80, 82, 84, 86] source: और उसने कहा, “धन्य है इस्राएल का परमेश्‍वर यहोवा, जिसने अपने मुँह से मेरे पिता दाऊद को यह वचन दिया था, और अपने हाथों से इसे पूरा किया है, target: [6, 8, 56, 48, 58, 50, 18, 60, 62, 64, 8, 68, 70, 88, 36, 38, 40, 66, 72, 74, 26, 78, 80, 68, 76, 66, 82, 84, 90] source: जब सुलैमान यहोवा के भवन और राजभवन को बना चुका, और जो कुछ उसने करना चाहा था, उसे कर चुका, target: [92, 94, 96, 12, 98, 6, 18, 20, 16, 26, 100, 28, 26, 30, 102, 104, 106, 78, 108, 110, 46, 112, 114, 116] source: यों सुलैमान यहोवा के भवन और राजभवन को बना चुका, और यहोवा के भवन में और अपने भवन में जो कुछ उसने बनाना चाहा, उसमें उसका मनोरथ पूरा हुआ। target: [92, 94, 6, 8, 18, 20, 16, 26, 100, 28, 80, 118, 74, 26, 120, 122, 6, 20, 42, 44, 124, 12, 18, 20, 16, 26, 68, 28, 24, 52, 126, 128, 94, 130, 96] source: और यहूदा इस्राएल से हार गया, और एक-एक अपने-अपने डेरे को भागा। target: [4, 132, 48, 20, 134, 136, 138, 26, 140, 142, 144, 68, 146, 80, 148] source: सुलैमान को तो यहोवा के भवन और राजभवन दोनों के बनाने में बीस वर्ष लग गए। target: [92, 94, 96, 12, 150, 152, 20, 154, 44, 98, 6, 156, 158, 160, 162, 18, 58, 16, 26, 164, 58, 28, 166, 116] source: और न यह सोचते हो, कि तुम्हारे लिये यह भला है, कि लोगों के लिये एक मनुष्य मरे, और न यह, कि सारी जाति नाश हो।” target: [168, 170, 172, 174, 176, 12, 102, 178, 20, 180, 182, 184, 186, 24, 14, 188, 58, 190, 192, 194, 196] source: मेरे पिता दाऊद की यह इच्छा थी कि इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा के नाम का एक भवन बनवाए। target: [26, 36, 38, 40, 20, 42, 44, 46, 12, 48, 20, 50, 18, 20, 22, 24, 14, 16, 52] source: फिर उसने अपने पुत्र सुलैमान को बुलाकर इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा के लिये भवन बनाने की आज्ञा दी। target: [198, 54, 8, 68, 200, 6, 80, 202, 26, 54, 80, 204, 206, 12, 78, 18, 48, 20, 50, 20, 24, 14, 16, 208] source: और आकीश के कर्मचारियों ने आकीश से कहा, “क्या वह उस देश का राजा दाऊद नहीं है? क्या लोगों ने उसी के विषय नाचते-नाचते एक दूसरे के साथ यह गाना न गया था, 'शाऊल ने हजारों को, और दाऊद ने लाखों को मारा है'?” target: [210, 20, 212, 8, 78, 80, 56, 214, 156, 78, 40, 174, 120, 54, 216, 58, 218, 220, 26, 78, 174, 64, 20, 24, 78, 222, 224, 226, 44, 228, 230, 232, 8, 234, 80, 236, 238, 40, 240, 242] source: इसलिए तुम अपने-अपने गोत्र में से एक-एक बुद्धिमान और समझदार और प्रसिद्ध पुरुष चुन लो, और मैं उन्हें तुम पर मुखिया ठहराऊँगा।' target: [170, 68, 142, 244, 246, 26, 248, 250, 252, 188, 254, 256, 258, 260, 262, 120, 264, 266, 80, 268, 270, 272, 274] source: मैं यहोवा तुम्हारा पवित्र, इस्राएल का सृजनहार, तुम्हारा राजा हूँ। target: [264, 18, 276, 278, 280, 282, 264, 48, 58, 284, 276, 218, 286]
फिर हीराम ने यह भी लिखा, “धन्य है इस्राएल का परमेश्‍वर यहोवा, जो आकाश और पृथ्वी का सृजनहार है, और उसने दाऊद राजा को एक बुद्धिमान, चतुर और समझदार पुत्र दिया है, ताकि वह यहोवा का एक भवन और अपना राजभवन भी बनाए।
[288, 8, 56, 18, 48, 58, 50, 64, 8, 290, 292, 294, 80, 296, 298, 62, 12, 78, 8, 40, 164, 80, 14, 200, 300, 292, 248, 302, 304, 306, 12, 78, 14, 16, 18, 20, 24, 292, 14, 28, 30, 32, 24, 52]
source: “उस दिन जो छत पर हो; और उसका सामान घर में हो, वह उसे लेने को न उतरे, और वैसे ही जो खेत में हो वह पीछे न लौटे। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 34, 36, 38, 40, 28] source: जो छत पर हो, वह अपने घर में से सामान लेने को न उतरे। target: [42, 8, 44, 46, 48, 50, 52, 54, 56, 24, 58, 28] source: जो छत पर हो, वह अपने घर से कुछ लेने को नीचे न उतरे और न भीतर जाए। target: [8, 60, 62, 24, 64, 66, 68, 70, 72, 74, 76] source: और वह कुँवारी स्त्री को ब्याहे। target: [78, 80, 82, 84, 86, 88, 90, 92, 94, 28] source: और वह मात का, और वह मत्तित्याह का, और वह शिमी का, और वह योसेख का, और वह योदाह का, target: [96, 98, 100, 102, 104, 106, 102, 104, 108, 98, 110, 112, 98, 114, 116, 98, 118, 120] source: इसलिए वह भेंट याकूब से पहले पार उतर गई, और वह आप उस रात को छावनी में रहा। target: [122, 124, 126, 128, 130, 28, 132, 134, 4, 136, 138, 140, 142, 28] source: और उसने उनसे कहा, “जहाँ कहीं तुम किसी घर में उतरो, तो जब तक वहाँ से विदा न हो, तब तक उसी घर में ठहरे रहो। target: [144, 146, 148, 150, 152, 52, 154, 156, 158, 160, 162, 164, 166, 28] source: वह तो अधोलोक में उतर जाएगी*, और उस समेत मुझे भी मिट्टी में विश्राम मिलेगा।” target: [168, 170, 172, 174, 176, 178, 180, 182, 74, 184, 186, 188, 30, 190] source: वह गदहे पर चढ़ी हुई पहाड़ की आड़ में उतरी जाती थी, और दाऊद अपने जनों समेत उसके सामने उतरा आता था; और वह उनको मिली। target: [192, 132, 194, 196, 198, 30, 200, 202, 204, 206, 30, 208, 210, 212, 24, 214, 30, 216, 146, 218, 28] source: और यदि किसी घर में फूट पड़े, तो वह घर क्या स्थिर रह सकेगा? target: [220, 222, 224, 226, 228, 38, 158, 222, 230, 232, 28] source: चाहे वह अपने घर पर टेक लगाए परन्तु वह न ठहरेगा; वह उसे दृढ़ता से थामेगा परन्तु वह स्थिर न रहेगा। target: [48, 234, 236, 238, 240, 242, 244, 246, 248, 28, 68, 250, 252, 242, 254, 256, 28] source: और वह येशू का, और वह एलीएजेर का, और वह योरीम का, और वह मत्तात का, और वह लेवी का, target: [258, 98, 260, 262, 264, 266, 98, 268, 270, 98, 272, 274, 98, 276, 120] source: और किलिकिया और पंफूलिया के निकट के समुद्र में होकर लूसिया* के मूरा में उतरे। target: [278, 30, 280, 282, 284, 286, 288, 170, 290, 292, 294, 296, 28] source: और वह शमौन का, और वह यहूदा का, और वह यूसुफ का, और वह योनान का, और वह एलयाकीम का, target: [298, 98, 300, 302, 98, 304, 306, 98, 308, 310, 98, 312, 314, 98, 316]
और जिस किसी घर में तुम उतरो, वहीं रहो; और वहीं से विदा हो।
[152, 318, 236, 156, 4, 320, 322, 164, 166, 28]
source: परन्तु यदि मैं वही करता हूँ जिसकी इच्छा नहीं करता, तो उसका करनेवाला मैं न रहा, परन्तु पाप जो मुझ में बसा हुआ है। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 10, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 34] source: और जो मैं करता हूँ उसको नहीं जानता, क्योंकि जो मैं चाहता हूँ वह नहीं किया करता, परन्तु जिससे मुझे घृणा आती है, वही करता हूँ। target: [14, 36, 38, 40, 42, 44, 46, 48, 24, 16, 50, 10, 52, 54] source: तो जो अपनी कुँवारी का विवाह कर देता है, वह अच्छा करता है और जो विवाह नहीं कर देता, वह और भी अच्छा करता है। target: [56, 26, 58, 60, 62, 64, 62, 66, 10, 60, 68, 70, 72] source: दिन से दिन बातें करता है, और रात को रात ज्ञान सिखाती है। target: [74, 76, 74, 78, 80, 82, 84, 76, 84, 86, 88] source: परन्तु मैंने तुम से कहा, कि तुम ने मुझे देख भी लिया है, तो भी विश्वास नहीं करते। target: [90, 92, 94, 96, 98, 100, 102, 104] source: जो कंगाल पर अंधेर करता, वह उसके कर्ता की निन्दा करता है, परन्तु जो दरिद्र पर अनुग्रह करता, वह उसकी महिमा करता है। target: [44, 106, 30, 108, 110, 112, 114, 116, 62, 90, 44, 118, 120, 122, 124, 30, 126, 128] source: फिर तू मुझसे कहेगा, “वह फिर क्यों दोष लगाता है? कौन उसकी इच्छा का सामना करता हैं?” target: [130, 92, 132, 134, 136, 126, 138, 140, 142, 144, 146, 30, 148, 150, 26, 152] source: क्योंकि यदि अपनी इच्छा से यह करता हूँ, तो मजदूरी मुझे मिलती है, और यदि अपनी इच्छा से नहीं करता, तो भी भण्डारीपन मुझे सौंपा गया है। target: [4, 154, 16, 156, 158, 160, 162, 90, 4, 114, 164, 166, 158, 168, 170, 172] source: जो कुछ करते हो प्रेम से करो। target: [174, 176, 30, 178, 180] source: “मैं अपने आप से कुछ नहीं कर सकता; जैसा सुनता हूँ, वैसा न्याय करता हूँ, और मेरा न्याय सच्चा है; क्योंकि मैं अपनी इच्छा नहीं, परन्तु अपने भेजनेवाले की इच्छा चाहता हूँ। target: [30, 182, 184, 186, 188, 190, 192, 194, 196, 198, 200, 42, 202, 150, 204, 206, 24, 150, 44, 208] source: जो अन्य भाषा में बातें करता है, वह अपनी ही उन्नति करता है; परन्तु जो भविष्यद्वाणी करता है, वह कलीसिया की उन्नति करता है। target: [44, 114, 210, 212, 214, 216, 218, 90, 44, 220, 126, 222, 158, 224, 216, 226] source: तुम शरीर के अनुसार न्याय करते हो; मैं किसी का न्याय नहीं करता। target: [228, 230, 232, 234, 194, 236, 90, 18, 238, 194, 240] source: परन्तु तुम इसलिए विश्वास नहीं करते, कि मेरी भेड़ों में से नहीं हो। target: [90, 228, 242, 244, 42, 30, 246, 248] source: जो दूसरों से अलग हो जाता है, वह अपनी ही इच्छा पूरी करने के लिये ऐसा करता है, और सब प्रकार की खरी बुद्धि से बैर करता है। target: [250, 252, 254, 256, 214, 258, 114, 260, 262, 264, 266, 268]
क्योंकि जिस अच्छे काम की मैं इच्छा करता हूँ, वह तो नहीं करता, परन्तु जिस बुराई की इच्छा नहीं करता, वही किया करता हूँ।
[42, 26, 270, 46, 48, 24, 26, 272, 10, 274, 16, 276]
source: तराई के फाटक की मरम्मत हानून और जानोह के निवासियों ने की; उन्होंने उसको बनाया, और उसके ताले, बेंड़े और पल्ले लगाए, और हजार हाथ की शहरपनाह को भी अर्थात् कूड़ाफाटक तक बनाया। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 34, 36, 38, 40, 42, 28, 44, 46, 48, 36, 50, 52, 54, 56, 36, 58, 60, 62, 64, 66, 68, 26, 28] source: फिर पुराने फाटक की मरम्मत पासेह के पुत्र योयादा और बसोदयाह के पुत्र मशुल्लाम ने की; उन्होंने उसकी कड़ियाँ लगाईं, और उसके पल्ले, ताले और बेंड़े लगाए। target: [70, 10, 72, 20, 74, 24, 26, 28, 70, 76, 78, 10, 72, 80, 82, 20, 84, 86, 10, 88, 90, 92, 94, 50, 52, 54, 96] source: उसके बाद मल्किय्याह ने जो सुनार था नतिनों और व्यापारियों के स्थान तक ठहराए हुए स्थान के फाटक के सामने और कोने के कोठे तक मरम्मत की। target: [98, 100, 10, 102, 104, 106, 108, 110, 26, 112, 114, 116, 28, 118, 120, 122, 124, 126, 108, 128, 130, 132, 26, 134, 28] source: सोताफाटक की मरम्मत कोल्होजे के पुत्र शल्लूम ने की, जो मिस्पा के जिले का हाकिम था; उसी ने उसको बनाया और पाटा, और उसके ताले, बेंड़े और पल्ले लगाए; और उसी ने राजा की बारी के पास के शेलह नामक कुण्ड की शहरपनाह को भी दाऊदपुर से उतरनेवाली सीढ़ी तक बनाया। target: [136, 138, 140, 142, 78, 144, 116, 146, 148, 116, 28, 150, 32, 34, 152, 154, 156, 10, 158, 88, 160, 162, 44, 48, 50, 52, 54, 96, 164, 150, 166, 168, 170, 172, 174, 176, 178, 180, 182, 184, 186, 150, 148, 28] source: और कोनेवाले कोठे से लेकर भेड़फाटक तक सुनारों और व्यापारियों ने मरम्मत की। target: [128, 188, 10, 190, 32, 104, 192, 132, 26, 194, 10, 102, 20, 28] source: उसके बाद उन याजकों ने मरम्मत की जो तराई के मनुष्य थे। target: [108, 196, 110, 26, 198, 200, 202, 28] source: और पलिश्ती शाऊल और उसके पुत्रों के पीछे लगे रहे; और पलिश्तियों ने शाऊल के पुत्र योनातान, अबीनादाब, और मल्‍कीशूअ को मार डाला। target: [204, 206, 52, 208, 210, 212, 214, 10, 216, 218, 78, 220, 52, 222, 52, 224, 226, 228, 230] source: फिर मछली फाटक* को हस्सना के बेटों ने बनाया; उन्होंने उसकी कड़ियाँ लगाईं, और उसके पल्ले, ताले और बेंड़े लगाए। target: [232, 234, 236, 176, 84, 238, 52, 88, 240, 46, 242, 50, 10, 54, 56] source: पर पलिश्ती शाऊल और उसके पुत्रों के पीछे लगे रहे, और पलिश्तियों ने शाऊल के पुत्र योनातान, अबीनादाब और मल्‍कीशूअ को मार डाला। target: [244, 246, 10, 248, 78, 250, 252, 254, 256, 258, 260, 10, 262, 264, 266, 222, 10, 224, 46, 208, 268, 244, 230] source: इनके बाद इम्मेर के पुत्र सादोक ने अपने घर के सामने मरम्मत की; और तब पूर्वी फाटक के रखवाले शकन्याह के पुत्र शमायाह ने मरम्मत की। target: [270, 78, 272, 116, 274, 276, 132, 148, 28, 278, 78, 280, 116, 282, 120, 284, 286, 280, 118, 288, 290, 292] source: फिर घोड़ाफाटक* के ऊपर याजकों ने अपने-अपने घर के सामने मरम्मत की। target: [294, 296, 120, 202, 284, 286, 298, 300, 302, 276, 110, 26, 28] source: उसकी अपनी स्त्री होदेश से योबाब, सिब्या, मेशा, मल्काम, यूस, सोक्या, target: [304, 306, 308, 310, 312, 314, 316, 318, 320] source: फिर उसी मोड़ के सामने जो ऊँचा गुम्मट राजभवन से बाहर निकला हुआ बन्दीगृह के आँगन के पास है, उसके सामने ऊजै के पुत्र पालाल ने मरम्मत की। इसके बाद परोश के पुत्र पदायाह ने मरम्मत की। target: [322, 324, 78, 326, 116, 328, 108, 330, 26, 28, 118, 332, 166, 334, 336, 292, 338, 166, 340, 342, 292, 344, 346, 78, 348, 116, 26, 28] source: और उस बाड़ के नीचे उसके दोनों पल्लों पर उसने सोने के दो कड़े बनाए, जो उसके उठाने के डंडों के खानों का काम दें। target: [350, 352, 354, 356, 358, 150, 360, 362, 362, 364, 50, 366, 368, 370, 372, 374, 376, 378, 380]
कूड़ाफाटक की मरम्मत रेकाब के पुत्र मल्किय्याह ने की, जो बेथक्केरेम के जिले का हाकिम था; उसी ने उसको बनाया, और उसके ताले, बेंड़े और पल्ले लगाए।
[382, 78, 114, 116, 30, 384, 32, 386, 114, 388, 46, 138, 390, 292, 150, 32, 284, 392, 10, 88, 160, 394, 46, 242, 396, 54, 56]
source: इसलिए एली ने शमूएल से कहा, “जा लेटा रह; और यदि वह तुझे फिर पुकारे, तो तू कहना, 'हे यहोवा, कह, क्योंकि तेरा दास सुन रहा है।' तब शमूएल अपने स्थान पर जाकर लेट गया। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 34, 36, 38, 40, 16, 42, 44, 46, 48] source: हेरोदी शम्मा, और एलीका, target: [50, 52, 54, 52] source: “चित्त लगाकर मेरी बात सुनो; और तुम्हारी शान्ति यही ठहरे। target: [56, 58, 60, 42, 62, 64, 66, 68, 70, 72] source: वह शमूएल के ठहराए हुए समय*, अर्थात् सात दिन तक बाट जोहता रहा; परन्तु शमूएल गिलगाल में न आया, और लोग उसके पास से इधर-उधर होने लगे। target: [74, 76, 78, 80, 82, 84, 86, 88, 90, 92, 94, 88, 96, 98, 100, 16, 102, 104, 42, 106, 108, 16, 110, 112] source: और कहने लगा, target: [114, 116, 8, 118, 120, 16, 122] source: योएल का पुत्र शमायाह, शमायाह का गोग, गोग का शिमी, target: [124, 126, 128, 130, 132, 134, 130, 136, 138, 130, 140] source: परन्तु जो बात उन्होंने कही, 'हम पर न्याय करने के लिये हमारे ऊपर राजा नियुक्त कर दे,' यह बात शमूएल को बुरी लगी। और शमूएल ने यहोवा से प्रार्थना की। target: [94, 142, 144, 146, 88, 148, 150, 152, 154, 156, 158, 82, 160, 162, 4, 88, 164, 98, 166, 168] source: तब यहोवा आ खड़ा हुआ*, और पहले के समान पुकारा, “शमूएल! शमूएल!” शमूएल ने कहा, “कह, क्योंकि तेरा दास सुन रहा है।” target: [74, 166, 170, 16, 172, 16, 174, 176, 178, 22, 180, 182, 184, 38, 122, 186, 32, 34, 188] source: तब एली ने शमूएल को पुकारकर कहा, “हे मेरे बेटे, शमूएल।” वह बोला, “क्या आज्ञा।” target: [94, 6, 10, 190, 16, 122, 192, 194, 196, 122, 198] source: बिल्गा का शम्मू; शमायाह का यहोनातान; target: [200, 202, 204, 206, 208, 210, 202, 204, 128, 208] source: इसलिए सारा मन में हँस कर कहने लगी, “मैं तो बूढ़ी हूँ, और मेरा स्वामी भी बूढ़ा है, तो क्या मुझे यह सुख होगा?” target: [212, 214, 42, 216, 218, 220, 16, 122, 222, 224, 226, 228, 230, 232, 16, 234, 230, 236, 238, 98, 240] source: जब शमूएल बूढ़ा हुआ, तब उसने अपने पुत्रों को इस्राएलियों पर न्यायी ठहराया। target: [242, 150, 226, 88, 230, 150, 244, 246, 248, 250] source: याकूब मिस्र में गया, और तुम्हारे पूर्वजों ने यहोवा की दुहाई दी; तब यहोवा ने मूसा और हारून को भेजा, और उन्होंने तुम्हारे पूर्वजों को मिस्र से निकाला, और इस स्थान में बसाया। target: [252, 254, 256, 258, 260, 16, 262, 264, 98, 166, 120, 16, 266, 268, 16, 270, 272, 16, 274, 276, 42, 260, 278, 280, 16, 282, 284, 286, 288] source: तब शमूएल ने एक दूध पीता मेम्‍ना ले सर्वांग होमबलि करके यहोवा को चढ़ाया; और शमूएल ने इस्राएलियों के लिये यहोवा की दुहाई दी, और यहोवा ने उसकी सुन ली*। target: [38, 290, 292, 294, 16, 296, 298, 300, 228, 98, 302, 88, 42, 304, 306, 42, 166, 308, 16, 266, 310, 312]
फिर शमूएल लोगों से कहने लगा, “जो मूसा और हारून को ठहराकर तुम्हारे पूर्वजों को मिस्र देश से निकाल लाया वह यहोवा ही है*।
[74, 88, 8, 314, 12, 316, 318, 320, 268, 16, 270, 322, 320, 274, 276, 42, 324, 260, 326]
source: हे यहोवा, कब तक*? क्या तू सदा के लिए क्रोधित रहेगा? तुझ में आग की सी जलन कब तक भड़कती रहेगी? target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 8, 22, 24, 26, 28, 30] source: हे यहोवा, दुष्ट लोग कब तक, दुष्ट लोग कब तक डींग मारते रहेंगे? target: [4, 32, 8, 22, 34, 8, 22, 36, 38, 40] source: “तुम कब तक मेरे प्राण को दुःख देते रहोगे; और बातों से मुझे चूर-चूर करोगे*? target: [42, 22, 44, 46, 48, 50, 52, 54, 56, 58] source: हे मनुष्यों, कब तक मेरी महिमा का अनादर होता रहेगा? तुम कब तक व्यर्थ बातों से प्रीति रखोगे और झूठी युक्ति की खोज में रहोगे? (सेला) target: [4, 60, 8, 22, 62, 64, 66, 52, 68, 8, 22, 70, 72, 74, 76, 78, 50, 80, 82, 84] source: हे आलसी, तू कब तक सोता रहेगा? तेरी नींद कब टूटेगी? target: [4, 86, 8, 22, 88, 22, 72, 90, 92] source: “तू कब तक ऐसी-ऐसी बातें करता रहेगा? और तेरे मुँह की बातें कब तक प्रचण्ड वायु सी रहेगी? target: [42, 22, 94, 96, 54, 98, 100, 72, 102, 104, 106, 108] source: हे परमेश्‍वर, तू कब तक? क्या सदैव मुझे भूला रहेगा? तू कब तक अपना मुखड़ा मुझसे छिपाए रखेगा? target: [4, 32, 8, 10, 52, 110, 112, 98, 8, 22, 114, 116, 118, 120] source: “तुम लोग कब तक टेढ़ा न्याय करते और दुष्टों का पक्ष लेते रहोगे*? (सेला) target: [42, 22, 52, 122, 124, 126, 128, 36, 58] source: मैं कब तक अपने मन ही मन में युक्तियाँ करता रहूँ, और दिन भर अपने हृदय में दुःखित रहा करूँ*?, कब तक मेरा शत्रु मुझ पर प्रबल रहेगा? target: [8, 22, 130, 132, 134, 136, 50, 138, 140, 142, 144, 8, 22, 146, 148, 150, 152] source: यीशु ने उत्तर दिया, “हे अविश्वासी और हठीले लोगों, मैं कब तक तुम्हारे साथ रहूँगा? कब तक तुम्हारी सहूँगा? उसे यहाँ मेरे पास लाओ।” target: [154, 156, 158, 160, 162, 164, 166, 50, 168, 8, 22, 170, 172, 8, 22, 174, 176, 178, 180, 182, 184, 186, 188] source: यह सुनकर उसने उनसे उत्तर देके कहा, “हे अविश्वासी लोगों, मैं कब तक तुम्हारे साथ रहूँगा? और कब तक तुम्हारी सहूँगा? उसे मेरे पास लाओ।” target: [156, 158, 190, 162, 164, 192, 8, 22, 170, 172, 8, 22, 174, 176, 194, 182, 188] source: हे यहोवा *मैं कब तक तेरी दुहाई देता रहूँगा, और तू न सुनेगा? मैं कब तक तेरे सम्मुख “उपद्रव”, “उपद्रव” चिल्लाता रहूँगा? क्या तू उद्धार नहीं करेगा? target: [4, 32, 8, 22, 196, 186, 198, 50, 200, 202, 204, 8, 22, 72, 206, 208, 210, 186, 212, 50, 200, 214, 216] source: तू कब तक मेरी ओर आँख लगाए रहेगा, और इतनी देर के लिये भी मुझे न छोड़ेगा कि मैं अपना थूक निगल लूँ? target: [8, 22, 218, 220, 222, 50, 224, 226, 8, 228, 230, 232] source: तब यहोवा ने मूसा से कहा, “ये लोग कब तक मेरा तिरस्कार करते रहेंगे? और मेरे सब आश्चर्यकर्मों को देखने पर भी कब तक मुझ पर विश्वास न करेंगे? target: [234, 52, 236, 238, 42, 22, 240, 242, 244, 246, 78, 50, 8, 22, 248, 246, 250, 252, 178, 254, 256, 258, 260]
हे यहोवा, तू कब तक लगातार मुँह फेरे रहेगा, तेरी जलजलाहट कब तक आग के समान भड़की रहेगी।
[4, 32, 8, 10, 12, 52, 110, 262, 264, 8, 22, 266, 26, 28, 268]
source: तू वेश्यापन की कमाई या कुत्ते की कमाई किसी मन्नत को पूरी करने के लिये अपने परमेश्‍वर यहोवा के घर में न लाना; क्योंकि तेरे परमेश्‍वर यहोवा के समीप ये दोनों की दोनों कमाई घृणित कर्म है। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 34, 36, 38, 40, 42, 44, 46, 48, 50, 52, 54, 32, 56, 36, 30, 58, 60, 62, 64] source: और प्रतिदिन के खर्च के लिये राजा के यहाँ से नित्य का खर्च ठहराया गया जो उसके जीवन भर लगातार उसे मिलता रहा। target: [66, 8, 68, 70, 8, 68, 72, 12, 66, 24, 74, 76, 66, 16, 78, 80, 82, 84, 86, 88] source: (तो मैं धर्म के तराजू में तौला जाऊँ, ताकि परमेश्‍वर मेरी खराई को जान ले)। target: [90, 66, 92, 94, 96, 98, 100, 12, 36, 102, 104, 24, 106] source: योकमाम, बेथोरोन, target: [12, 108, 66, 110, 112, 114, 116, 118, 66, 120, 112, 114] source: दुष्ट मिथ्या कमाई कमाता है, परन्तु जो धर्म का बीज बोता, उसको निश्चय फल मिलता है। target: [122, 124, 16, 126, 128, 130, 132, 134, 94, 136, 130, 66, 24, 138, 8, 140, 142, 144] source: उसने वह किया जो यहोवा की दृष्टि में ठीक है, परन्तु खरे मन से न किया। target: [12, 146, 148, 66, 150, 152, 50, 32, 16, 154, 42, 156, 72, 132, 158, 160, 162, 164] source: मैं कुटिल मनुष्यों की डाढ़ें तोड़ डालता, और उनका शिकार उनके मुँह से छीनकर बचा लेता था। target: [166, 168, 38, 170, 172, 174, 176, 12, 66, 38, 178, 180, 182, 184, 128, 186] source: यह वही परमेश्‍वर है, जो मेरा अति दृढ़ किला है, वह खरे मनुष्य को अपने मार्ग में लिए चलता है। target: [36, 188, 190, 192, 194, 66, 188, 196, 198, 200, 144] source: “तुम न्याय में, और परिमाण में, और तौल में, और नाप में, कुटिलता न करना। target: [202, 204, 28, 206, 208, 206, 210, 42, 212, 214, 42, 216, 44, 218] source: खराई से न्याय चुकाना, और एक दूसरे के साथ कृपा और दया से काम करना, target: [220, 8, 32, 222, 224, 226, 194, 228, 230, 162, 204, 232, 12, 234, 236, 34, 238, 98, 240, 12, 242, 244] source: “तेरे चेले प्राचीनों की परम्पराओं* को क्यों टालते हैं, कि बिना हाथ धोए रोटी खाते हैं?” target: [56, 246, 248, 16, 250, 16, 252, 48, 254, 256, 228, 258, 260, 38, 262, 264, 266, 268] source: क्या मैं ये बातें मनुष्य ही की रीति पर बोलता हूँ? target: [270, 166, 272, 274, 52, 276, 226, 278, 280, 270, 282, 284, 286, 266, 288] source: परमेश्‍वर ने राहेल की भी सुधि ली,* और उसकी सुनकर उसकी कोख खोली। target: [290, 36, 148, 292, 24, 294, 152, 12, 66, 16, 296, 12, 66, 16, 298, 24, 300] source: मैंने सकेती में परमेश्‍वर को पुकारा*, परमेश्‍वर ने मेरी सुनकर, मुझे चौड़े स्थान में पहुँचाया। target: [166, 302, 42, 32, 24, 304, 32, 148, 306, 38, 308, 92, 310, 312, 42, 314]
“देख, परमेश्‍वर न तो खरे मनुष्य को निकम्मा जानकर छोड़ देता है*, और न बुराई करनेवालों को संभालता है।
[316, 36, 318, 320, 24, 44, 322, 12, 44, 324, 38, 264, 24, 326]
source: हे मेरे धर्ममय परमेश्‍वर, जब मैं पुकारूँ तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं संकट में पड़ा तब तूने मुझे सहारा दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 6, 32, 34, 36, 12, 14, 38, 40, 22, 42, 44, 46, 48, 50, 52, 54, 56] source: उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है*; हे यहोवा तेरी आशीष तेरी प्रजा पर हो। target: [58, 60, 62, 64, 66, 68, 66, 70, 42, 72, 74] source: उठ, हे यहोवा! हे मेरे परमेश्‍वर मुझे बचा ले! क्योंकि तूने मेरे सब शत्रुओं के जबड़ों पर मारा है। और तूने दुष्टों के दाँत तोड़ डाले हैं। target: [20, 76, 78, 22, 80, 14, 82, 12, 84, 22, 86, 88, 26, 90, 42, 92, 64, 94, 96, 26, 98, 100, 102, 104] source: मैं उस भीड़ से नहीं डरता, जो मेरे विरुद्ध चारों ओर पाँति बाँधे खड़े हैं। target: [6, 106, 108, 110, 112, 114, 116, 118, 120, 122, 22, 124, 126, 128, 130, 132] source: मैं लेटकर सो गया; फिर जाग उठा, क्योंकि यहोवा मुझे संभालता है। target: [6, 134, 136, 138, 94, 140, 142, 6, 144, 146, 148, 60, 14, 150, 132] source: मैं ऊँचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ, और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है। (सेला) target: [6, 152, 154, 156, 60, 158, 160, 162, 164, 166, 168, 170, 112, 14, 16, 172, 132, 74] source: परन्तु हे यहोवा, तू तो मेरे चारों ओर मेरी ढाल है, तू मेरी महिमा और मेरे मस्तक का ऊँचा करनेवाला है*। target: [174, 20, 60, 12, 22, 176, 178, 180, 50, 182, 94, 22, 184, 186, 188, 190, 192] source: बहुत से मेरे विषय में कहते हैं, कि उसका बचाव परमेश्‍वर की ओर से नहीं हो सकता*। (सेला) target: [194, 50, 196, 26, 198, 200, 202, 204, 80, 62, 206, 208, 210, 114, 212, 214, 74] source: हे यहोवा मेरे सतानेवाले कितने बढ़ गए हैं! वे जो मेरे विरुद्ध उठते हैं बहुत हैं। target: [20, 60, 22, 216, 218, 220, 222, 224, 202, 22, 124, 226, 228, 230, 232, 104] source: पुत्र को चूमो ऐसा न हो कि वह क्रोध करे, और तुम मार्ग ही में नाश हो जाओ, क्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने को है। धन्य है वे जो उसमें शरण लेते है। target: [234, 158, 236, 238, 240, 242, 244, 164, 246, 34, 248, 94, 250, 252, 26, 34, 220, 254, 256, 258, 260, 262, 206, 186, 246, 264, 266, 268, 270, 272, 274, 276, 206, 34, 278, 280, 104]
डरते हुए यहोवा की उपासना करो, और काँपते हुए मगन हो। (फिलि. 2:12)
[282, 156, 60, 208, 284, 286, 94, 288, 290, 292]
source: शाऊल और इस्राएली पुरुषों ने भी इकट्ठे होकर एला नामक तराई में डेरे डाले, और युद्ध के लिये पलिश्तियों के विरुद्ध पाँति बाँधी। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 34, 36] source: और सब इस्राएलियों ने यह समाचार सुना कि शाऊल ने पलिश्तियों की चौकी को मारा है, और यह भी कि पलिश्ती इस्राएल से घृणा करने लगे हैं। तब लोग शाऊल के पीछे चलकर गिलगाल में इकट्ठे हो गए। target: [38, 40, 42, 44, 46, 18, 48, 50, 52, 54, 56, 58, 60, 62, 64, 66, 68, 70, 72, 14, 74] source: दाऊद ने शाऊल से कहा, “मैं क्या हूँ, और मेरा जीवन क्या है, और इस्राएल में मेरे पिता का कुल क्या है, कि मैं राजा का दामाद हो जाऊँ?” target: [76, 78, 80, 82, 84, 86, 88, 90, 92, 94, 96, 98, 100, 102, 104, 18, 106, 108, 110, 112, 114] source: तब उसने इस्राएल के सब हाकिमों और याजकों और लेवियों को इकट्ठा किया। target: [116, 118, 60, 120, 122, 124, 18, 126, 128, 14, 130, 132] source: जीवन की रोटी मैं हूँ। target: [134, 136, 138, 140] source: और शमूएल का वचन सारे इस्राएल के पास पहुँचा। और इस्राएली पलिश्तियों से युद्ध करने को निकले; और उन्होंने तो एबेनेजेर के आस-पास छावनी डाली, और पलिश्तियों ने अपेक में छावनी डाली। target: [142, 144, 146, 60, 148, 150, 152, 154, 30, 156, 158, 18, 20, 160, 162, 164, 8, 166, 168, 170, 162, 172] source: तब अम्मोनियों ने इकट्ठे होकर गिलाद में अपने डेरे डाले; और इस्राएलियों ने भी इकट्ठे होकर *मिस्पा में अपने डेरे डाले। target: [174, 68, 176, 14, 178, 20, 180, 162, 182, 18, 184, 186, 14, 188, 190, 162, 172] source: तब मूसा और हारून ने जाकर इस्राएलियों के सब पुरनियों को इकट्ठा किया। target: [4, 192, 8, 194, 196, 198, 200, 202, 60, 204, 14, 206] source: प्रभु यहोवा, जो निकाले हुए इस्राएलियों को इकट्ठे करनेवाला है, उसकी यह वाणी है कि जो इकट्ठे किए गए हैं उनके साथ मैं औरों को भी इकट्ठे करके मिला दूँगा।” (यूह. 10:16) target: [208, 210, 212, 214, 216, 218, 184, 220, 222, 94, 224, 226, 228, 28, 230, 232] source: जब गिलाद के याबेश के सब लोगों ने सुना कि पलिश्तियों ने शाऊल के साथ क्या-क्या किया है। target: [166, 234, 236, 46, 238, 240, 60, 242, 244, 246, 248, 186, 64] source: “फिर हे मनुष्य के सन्तान, परमेश्‍वर यहोवा यह कहता है : भाँति-भाँति के सब पक्षियों और सब वन-पशुओं को आज्ञा दे, इकट्ठे होकर आओ*, मेरे इस बड़े यज्ञ में जो मैं तुम्हारे लिये इस्राएल के पहाड़ों पर करता हूँ, हर एक दिशा से इकट्ठे हो कि तुम माँस खाओ और लहू पीओ। target: [210, 250, 58, 252, 254, 256, 258, 260, 60, 262, 264, 266, 8, 268, 60, 270, 272, 100, 274, 218, 276, 278, 94, 184, 280, 282, 284, 286, 288, 290, 14, 292, 294, 296, 18, 298, 300] source: तब वे सब राजा सम्मति करके इकट्ठे हुए, और इस्राएलियों से लड़ने को मेरोम नामक ताल के पास आकर एक संग छावनी डाली। target: [302, 60, 304, 14, 188, 306, 308, 310, 312, 162, 172] source: पलिश्ती तो इस्राएलियों से लड़े; और इस्राएली पुरुष पलिश्तियों के सामने से भागे, और गिलबो नाम पहाड़ पर मारे गए। target: [314, 306, 316, 76, 154, 40, 318, 320, 322, 324, 326, 328] source: प्रेरितों ने यीशु के पास इकट्ठे होकर, जो कुछ उन्होंने किया, और सिखाया था, सब उसको बता दिया। target: [330, 332, 334, 336, 18, 20, 236, 46, 18, 338, 240, 60, 340, 342]
जब पलिश्ती इकट्ठे हुए और शूनेम में छावनी डाली, तो शाऊल ने सब इस्राएलियों को इकट्ठा किया, और उन्होंने गिलबो में छावनी डाली।
[166, 14, 188, 344, 346, 162, 164, 18, 38, 60, 348, 14, 350, 322, 170, 162, 172]
source: हे मेरे धर्ममय परमेश्‍वर, जब मैं पुकारूँ तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं संकट में पड़ा तब तूने मुझे सहारा दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 34, 22, 24, 36, 38, 40, 42, 44, 46, 48, 24] source: उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है*; हे यहोवा तेरी आशीष तेरी प्रजा पर हो। target: [50, 52, 54, 24, 56, 58, 56, 60, 62, 24, 64] source: उठ, हे यहोवा! हे मेरे परमेश्‍वर मुझे बचा ले! क्योंकि तूने मेरे सब शत्रुओं के जबड़ों पर मारा है। और तूने दुष्टों के दाँत तोड़ डाले हैं। target: [4, 66, 68, 4, 10, 32, 70, 72, 74, 6, 76, 78, 80, 82, 24, 74, 84, 86, 88, 24] source: मैं उस भीड़ से नहीं डरता, जो मेरे विरुद्ध चारों ओर पाँति बाँधे खड़े हैं। target: [90, 92, 26, 94, 96, 98, 44, 100, 102, 104, 106, 24] source: मैं लेटकर सो गया; फिर जाग उठा, क्योंकि यहोवा मुझे संभालता है। target: [26, 108, 42, 110, 24, 26, 112, 72, 114, 32, 116, 118, 24] source: मैं ऊँचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ, और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है। (सेला) target: [120, 26, 122, 124, 126, 42, 128, 130, 132, 134, 32, 20, 136, 24, 64] source: परन्तु हे यहोवा, तू तो मेरे चारों ओर मेरी ढाल है, तू मेरी महिमा और मेरे मस्तक का ऊँचा करनेवाला है*। target: [138, 4, 66, 140, 44, 142, 144, 44, 146, 148, 42, 150, 44, 152, 154, 156, 24] source: बहुत से मेरे विषय में कहते हैं, कि उसका बचाव परमेश्‍वर की ओर से नहीं हो सकता*। (सेला) target: [158, 160, 44, 162, 164, 166, 168, 170, 172, 174, 176, 178, 64] source: हे यहोवा मेरे सतानेवाले कितने बढ़ गए हैं! वे जो मेरे विरुद्ध उठते हैं बहुत हैं। target: [4, 66, 6, 180, 182, 184, 186, 44, 188, 158, 190, 102, 106, 24] source: पुत्र को चूमो ऐसा न हो कि वह क्रोध करे, और तुम मार्ग ही में नाश हो जाओ, क्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने को है। धन्य है वे जो उसमें शरण लेते है। target: [192, 194, 196, 198, 200, 202, 204, 42, 206, 208, 210, 212, 214, 216, 218, 220, 222, 24, 224, 226, 228, 76, 190, 182, 230, 232, 24]
डरते हुए यहोवा की उपासना करो, और काँपते हुए मगन हो। (फिलि. 2:12)
[234, 236, 238, 196, 42, 240, 242, 244, 24]
source: हे मेरे धर्ममय परमेश्‍वर, जब मैं पुकारूँ तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं संकट में पड़ा तब तूने मुझे सहारा दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 34, 22, 24, 36, 38, 40, 42, 44, 46, 48, 24] source: उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है*; हे यहोवा तेरी आशीष तेरी प्रजा पर हो। target: [50, 52, 54, 24, 56, 58, 56, 60, 62, 24, 64] source: उठ, हे यहोवा! हे मेरे परमेश्‍वर मुझे बचा ले! क्योंकि तूने मेरे सब शत्रुओं के जबड़ों पर मारा है। और तूने दुष्टों के दाँत तोड़ डाले हैं। target: [4, 66, 68, 4, 10, 32, 70, 72, 74, 6, 76, 78, 80, 82, 24, 74, 84, 86, 88, 24] source: मैं उस भीड़ से नहीं डरता, जो मेरे विरुद्ध चारों ओर पाँति बाँधे खड़े हैं। target: [90, 92, 26, 94, 96, 98, 44, 100, 102, 104, 106, 24] source: मैं लेटकर सो गया; फिर जाग उठा, क्योंकि यहोवा मुझे संभालता है। target: [26, 108, 42, 110, 24, 26, 112, 72, 114, 32, 116, 118, 24] source: मैं ऊँचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ, और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है। (सेला) target: [120, 26, 122, 124, 126, 42, 128, 130, 132, 134, 32, 20, 136, 24, 64] source: परन्तु हे यहोवा, तू तो मेरे चारों ओर मेरी ढाल है, तू मेरी महिमा और मेरे मस्तक का ऊँचा करनेवाला है*। target: [138, 4, 66, 140, 44, 142, 144, 44, 146, 148, 42, 150, 44, 152, 154, 156, 24] source: बहुत से मेरे विषय में कहते हैं, कि उसका बचाव परमेश्‍वर की ओर से नहीं हो सकता*। (सेला) target: [158, 160, 44, 162, 164, 166, 168, 170, 172, 174, 176, 178, 64] source: हे यहोवा मेरे सतानेवाले कितने बढ़ गए हैं! वे जो मेरे विरुद्ध उठते हैं बहुत हैं। target: [4, 66, 6, 180, 182, 184, 186, 44, 188, 158, 190, 102, 106, 24] source: पुत्र को चूमो ऐसा न हो कि वह क्रोध करे, और तुम मार्ग ही में नाश हो जाओ, क्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने को है। धन्य है वे जो उसमें शरण लेते है। target: [192, 194, 196, 198, 200, 202, 204, 42, 206, 208, 210, 212, 214, 216, 218, 220, 222, 24, 224, 226, 228, 76, 190, 182, 230, 232, 24]
डरते हुए यहोवा की उपासना करो, और काँपते हुए मगन हो। (फिलि. 2:12)
[234, 236, 238, 196, 42, 240, 242, 244, 24]
source: और बछड़ों, और मेढ़ों, और भेड़ के बच्चों के साथ उनके अन्नबलि और अर्घ, उनकी गिनती के अनुसार, और नियम के अनुसार चढ़ाना। target: [4, 6, 8, 4, 10, 12, 14, 16, 18, 12, 20, 22, 4, 24, 26, 28, 18, 22, 30, 4, 32, 34, 36] source: और बछड़ों, और मेढ़ों, और भेड़ के बच्चों के साथ उनके अन्नबलि और अर्घ, उनकी गिनती के अनुसार और नियम के अनुसार चढ़ाना। target: [6, 8, 4, 10, 12, 14, 16, 18, 12, 20, 22, 4, 24, 26, 28, 18, 22, 30, 4, 32, 34, 36] source: और बछड़ों, और मेढ़ों, और भेड़ के बच्चों के साथ उनके अन्नबलि और अर्घ, उनकी गिनती के अनुसार, और नियम के अनुसार चढ़ाना। target: [4, 6, 8, 4, 38, 12, 16, 18, 22, 30, 4, 32, 34, 36] source: बछड़े, और मेढ़े, और भेड़ के बच्चों के साथ उनके अन्नबलि और अर्घ, उनकी गिनती के अनुसार, और नियम के अनुसार चढ़ाना। target: [6, 8, 4, 10, 12, 14, 16, 18, 22, 30, 4, 32, 34, 36] source: और बछड़ों, मेढ़ों, और भेड़ के बच्चों के साथ उनके अन्नबलि और अर्घ, उनकी गिनती के अनुसार, और नियम के अनुसार चढ़ाना। target: [4, 6, 8, 4, 10, 12, 14, 16, 18, 12, 20, 22, 4, 24, 26, 28, 18, 22, 30, 4, 32, 34, 36] source: बछड़ों, और मेढ़ों, और भेड़ के बच्चों के साथ उनके अन्नबलि और अर्घ, उनकी गिनती के अनुसार, और नियम के अनुसार चढ़ाना। target: [4, 6, 8, 4, 10, 12, 14, 16, 18, 12, 20, 22, 4, 24, 26, 28, 18, 22, 30, 4, 32, 34, 36] source: मूसा ने रूबेन के गोत्र को उनके कुलों के अनुसार दिया, target: [40, 42, 44, 12, 46, 48, 50, 12, 52, 34, 54, 56] source: इन सभी से अधिक नये चाँद का होमबलि और उसका अन्नबलि, और नित्य होमबलि और उसका अन्नबलि, और उन सभी के अर्घ भी उनके नियम के अनुसार सुखदायक सुगन्ध देने के लिये यहोवा के हव्य करके चढ़ाना। target: [4, 58, 60, 62, 64, 66, 68, 70, 72, 22, 74, 76, 78, 12, 20, 22, 80, 12, 82, 4, 84, 74, 76, 78, 12, 20, 22, 80, 82, 4, 18, 12, 24, 26, 28, 86, 18, 22, 88, 90, 58, 92, 16, 94, 22, 96, 22, 80, 98] source: हारीफ, अनातोत, नोबै; target: [100, 102, 104] source: प्रति भोर को उसके साथ एक अन्नबलि तैयार करना, अर्थात् एपा का छठवाँ अंश और मैदा में मिलाने के लिये हीन भर तेल की तिहाई यहोवा के लिये सदा का अन्नबलि नित्य विधि के अनुसार चढ़ाया जाए। target: [106, 108, 12, 82, 110, 112, 48, 20, 22, 80, 114, 68, 116, 118, 120, 122, 4, 20, 12, 82, 124, 12, 16, 126, 12, 128, 118, 130, 132, 134, 136, 22, 138, 12, 34, 136, 12, 16, 92, 12, 16, 58, 20, 22, 80, 140] source: जिन्होंने प्रेरितों से ये बातें कहीं, वे मरियम मगदलीनी और योअन्ना और याकूब की माता मरियम और उनके साथ की अन्य स्त्रियाँ भी थीं। target: [142, 144, 146, 4, 148, 4, 150, 22, 152, 144, 4, 18, 12, 82, 26, 154, 156, 42, 158, 48, 58, 160, 162] source: और दूसरे भेड़ के बच्चे को सांझ के समय चढ़ाना, और उसके साथ भोर की रीति अनुसार अन्नबलि और अर्घ दोनों देना, जिससे वह सुखदायक सुगन्ध और यहोवा के लिये हवन ठहरे। target: [164, 106, 166, 168, 170, 12, 172, 174, 4, 78, 12, 82, 112, 12, 20, 22, 80, 34, 4, 78, 22, 24, 22, 80, 34, 92, 16, 94, 22, 130, 96, 22, 80, 176, 178] source: अन्य लोगों ने जो बच रहे थे उसके दासों को पकड़कर उनका अनादर किया और मार डाला। target: [4, 180, 42, 108, 12, 182, 48, 184, 186, 18, 22, 188, 190, 4, 192, 194] source: बिन्यामीनियों के गोत्र की चिट्ठी उनके कुलों के अनुसार निकली, और उनका भाग यहूदियों और यूसुफियों के बीच में पड़ा। target: [196, 12, 46, 118, 122, 50, 12, 52, 34, 198, 4, 50, 12, 122, 22, 200, 202, 4, 204, 22, 206, 12, 208, 210]
और बछड़ों, और मेढ़ों, और भेड़ के बच्चों के साथ उनके अन्नबलि और अर्घ, उनकी गिनती के अनुसार, और नियम के अनुसार चढ़ाना।
[4, 6, 8, 4, 10, 12, 14, 16, 18, 12, 20, 22, 4, 24, 26, 28, 18, 22, 30, 4, 32, 34, 36]
source: और मैं तेरे गीतों का सुरताल बन्द करूँगा, और तेरी वीणाओं की ध्वनि फिर सुनाई न देगी। (प्रका. 18:22) target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 4, 18, 20] source: और यूसुफ अपने पिता का, और अपने भाइयों का, और पिता के सारे घराने का, एक-एक के बाल-बच्चों की गिनती के अनुसार, भोजन दिला-दिलाकर उनका पालन-पोषण करने लगा। target: [22, 24, 26, 28, 30, 32, 34, 32, 36, 38, 40, 42, 44, 46, 48, 50] source: हे स्वर्ग सुन, और हे पृथ्वी कान लगा; क्योंकि यहोवा कहता है: “मैंने बाल बच्चों का पालन-पोषण किया, और उनको बढ़ाया भी, परन्तु उन्होंने मुझसे बलवा किया। target: [52, 54, 56, 58, 32, 52, 60, 56, 62, 64, 66, 68, 70, 72, 74, 76, 78, 32, 80, 82, 84, 86, 88, 90, 92] source: फिर स्त्री से उसने कहा, “मैं तेरी पीड़ा और तेरे गर्भवती होने के दुःख को बहुत बढ़ाऊँगा; तू पीड़ित होकर बच्चे उत्‍पन्‍न करेगी; और तेरी लालसा तेरे पति की ओर होगी, और वह तुझ पर प्रभुता करेगा।” (1 कुरि. 11:3, इफि. 5:22, कुलु. 3:18) target: [94, 96, 98, 100, 102, 104, 106, 108, 94, 110, 112, 114, 116, 28, 118, 120, 32, 122, 124, 126, 128] source: चाहे वे अपने बच्चों का पालन-पोषण कर बड़े भी करें, तो भी मैं उन्हें यहाँ तक निर्वंश करूँगा कि कोई भी न बचेगा। जब मैं उनसे दूर हो जाऊँगा, तब उन पर हाय! target: [130, 132, 134, 136, 138, 140, 142, 28, 144, 146, 148, 150, 152, 154, 156, 158] source: व्यवस्था में लिखा है, कि प्रभु कहता है, “मैं अन्य भाषा बोलनेवालों के द्वारा, और पराए मुख के द्वारा इन लोगों से बात करूँगा तो भी वे मेरी न सुनेंगे।” (यशा. 28:11-12) target: [160, 162, 164, 166, 168, 170, 172, 174, 32, 94, 176, 178, 180, 28, 182, 184, 108, 186, 188, 190, 192, 194] source: इसलिए अब मत डरो: मैं तुम्हारा और तुम्हारे बाल-बच्चों का पालन-पोषण करता रहूँगा।” इस प्रकार उसने उनको समझा-बुझाकर शान्ति दी। target: [196, 198, 200, 202, 32, 204, 206, 208, 210, 212, 214, 32, 216, 218, 28, 220] source: “तुम सुन चुके हो, कि कहा गया था; कि अपने पड़ोसी से प्रेम रखना, और अपने बैरी से बैर। (लैव्य. 19:18) target: [222, 224, 226, 228, 230, 160, 232, 234] source: बदला न लेना, और न अपने जाति भाइयों से बैर रखना, परन्तु एक दूसरे से अपने समान प्रेम रखना; मैं यहोवा हूँ। (मत्ती 5:43, मत्ती 19:19, मत्ती 22:39, मर. 12:31-33, लूका 10:27, रोम. 12:19, रोम. 13:9, गला. 5:14, याकूब. 2:8) target: [236, 238, 32, 240, 160, 242, 244, 246, 248, 250, 252, 254, 256, 258, 260, 200, 262] source: और जिस किसी का नाम जीवन की पुस्तक में लिखा हुआ न मिला, वह आग की झील में डाला गया। (यूह. 3:36, 1 यूह. 5:11-12) target: [264, 266, 160, 268, 270, 272, 274, 276, 278, 280] source: क्योंकि सारी व्यवस्था इस एक ही बात में पूरी हो जाती है, “तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख।” (मत्ती 22:39-40, लैव्य. 19:18) target: [66, 282, 284, 160, 286, 288, 290, 292, 226, 256, 258, 294] source: उसने उत्तर दिया, “तू प्रभु अपने परमेश्‍वर से अपने सारे मन और अपने सारे प्राण और अपनी सारी शक्ति और अपनी सारी बुद्धि के साथ प्रेम रख; और अपने पड़ोसी से अपने जैसा प्रेम रख।” (मत्ती 22:37-40, व्य. 6:5, व्य. 10:12, यहो. 22:5) target: [296, 298, 170, 36, 242, 32, 94, 36, 300, 32, 94, 36, 302, 32, 36, 304, 306, 308, 202, 228, 22, 226, 256, 258, 310] source: हेरोदेस सोर और सीदोन के लोगों से बहुत अप्रसन्न था। तब वे एक चित्त होकर उसके पास आए और बलास्तुस को जो राजा का एक कर्मचारी था, मनाकर मेल करना चाहा; क्योंकि राजा के देश से उनके देश का पालन-पोषण होता था। (1 राजा. 5:11, यहे. 27:17) target: [312, 160, 314, 316, 32, 318, 104, 320, 322, 324, 94, 286, 242, 28, 326, 328, 32, 330, 332, 38, 334, 336, 78, 32, 338, 340, 342, 66, 344, 160, 346, 348, 350, 28, 352] source: “हे प्रभु, उन्होंने तेरे भविष्यद्वक्ताओं को मार डाला, और तेरी वेदियों को ढा दिया है; और मैं ही अकेला बच रहा हूँ, और वे मेरे प्राण के भी खोजी हैं।” (1 राजा. 19:10, 1 राजा. 19:14) target: [354, 356, 358, 360, 362, 364, 360, 366, 368, 200, 94, 370, 372, 324, 374, 376, 378, 380]
और हे पिताओं, अपने बच्चों को रिस न दिलाओ परन्तु प्रभु की शिक्षा, और चेतावनी देते हुए, उनका पालन-पोषण करो। (व्य. 6:7, नीति. 3:11-12 नीति. 19:18, नीति. 22:6, कुलु. 3:2)
[382, 52, 384, 204, 320, 386, 252, 388, 390, 32, 392, 394, 396, 398, 400]
source: वे, 'शान्ति है, शान्ति', ऐसा कह कहकर मेरी प्रजा के घाव को ऊपर ही ऊपर चंगा करते हैं, परन्तु शान्ति कुछ भी नहीं। (यहे. 13:10) target: [4, 6, 8, 10, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30] source: करूब सन्दूक के स्थान के ऊपर पंख ऐसे फैलाए हुए थे, कि वे ऊपर से सन्दूक और उसके डंडों को ढाँके थे। target: [32, 34, 36, 38, 40, 42, 44, 46, 4, 48, 50, 52, 54, 44] source: उसने उनसे कहा, “तुम नीचे के हो, मैं ऊपर का हूँ; तुम संसार के हो, मैं संसार का नहीं। target: [56, 58, 60, 62, 64, 66, 68, 70, 72, 74, 76, 78, 80, 68, 76, 82, 84] source: हे परमेश्‍वर, तू स्वर्ग के ऊपर हो! और तेरी महिमा सारी पृथ्वी के ऊपर हो! target: [86, 88, 90, 92, 94, 30, 4, 96, 98, 100, 102, 104] source: जो आकाशमण्डल उनके सिरों के ऊपर था, उसके ऊपर मानो कुछ नीलम का बना हुआ सिंहासन था; इस सिंहासन के ऊपर मनुष्य के समान* कोई दिखाई देता था। (प्रका. 1:13) target: [106, 108, 110, 112, 114, 116, 118, 120, 122, 124, 4, 126, 128, 130, 132, 134, 136, 138, 140, 142] source: और ऊपरी भाग चार हाथ ऊँचा हो; और वेदी पर जलाने के स्थान के चार सींग ऊपर की ओर निकले हों। target: [144, 146, 148, 150, 152, 154, 142, 144, 156, 158, 160, 162, 152, 164, 142] source: जिन पुरुषों के नाम ऊपर लिखे हैं उनको साथ लेकर मूसा और हारून ने, target: [166, 168, 170, 172, 174, 176, 178, 180, 182, 184, 186, 188] source: तब उसने प्रजा के ऊपर सेनापति नियुक्त किए और उनको नगर के फाटक के चौक में इकट्ठा किया, और यह कहकर उनको धीरज दिया, target: [190, 192, 194, 196, 198, 200, 4, 202, 204, 206, 208, 210, 212, 214, 216, 218, 220] source: वह अपनी प्रजा का न्याय करने के लिये ऊपर के आकाश को और पृथ्वी को भी पुकारेगा*: target: [222, 160, 224, 4, 226, 228, 230, 232, 56, 234, 236, 238, 240] source: सन्दूक के स्थान के ऊपर करूब पंख फैलाए हुए थे, जिससे वे ऊपर से सन्दूक और उसके डंडों को ढाँके थे। target: [242, 244, 246, 248, 250, 252, 44, 46, 4, 56, 254, 256, 50, 16, 258] source: यीशु ने उससे कहा, “मुझे मत छू क्योंकि मैं अब तक पिता के पास ऊपर नहीं गया, परन्तु मेरे भाइयों के पास जाकर उनसे कह दे, कि मैं अपने पिता, और तुम्हारे पिता, और अपने परमेश्‍वर और तुम्हारे परमेश्‍वर के पास ऊपर जाता हूँ।” target: [260, 262, 264, 266, 268, 270, 272, 68, 274, 276, 160, 278, 280, 282, 18, 284, 286, 58, 288, 290, 292, 294, 296, 4, 298, 300, 294, 302, 4, 298, 302, 304, 306, 68, 160, 308] source: “परन्तु यदि उसका पुत्र डाकू, हत्यारा, या ऊपर कहे हुए पापों में से किसी का करनेवाला हो, target: [310, 312, 314, 316, 318, 320, 322, 180, 324, 100, 326, 222, 328] source: क्योंकि उसी ने उसकी नींव समुद्रों के ऊपर दृढ़ करके रखी*, और महानदों के ऊपर स्थिर किया है। target: [330, 222, 332, 334, 336, 338, 4, 340, 222, 342, 344] source: परन्तु जैसे चिंगारियाँ ऊपर ही ऊपर को उड़ जाती हैं, वैसे ही मनुष्य कष्ट ही भोगने के लिये उत्‍पन्‍न हुआ है। target: [346, 348, 350, 160, 352, 354, 356, 358, 360, 362, 364]
उन्होंने, 'शान्ति है, शान्ति' ऐसा कह कहकर मेरी प्रजा के घाव को ऊपर ही ऊपर चंगा किया, परन्तु शान्ति कुछ भी नहीं है। (यहे. 13:10)
[366, 6, 368, 370, 10, 10, 12, 372, 16, 18, 374, 376, 378, 24, 380, 382, 30]
source: जो कंगाल पर अंधेर करता, वह उसके कर्ता की निन्दा करता है, परन्तु जो दरिद्र पर अनुग्रह करता, वह उसकी महिमा करता है। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 4, 26, 28, 12, 14, 30, 32, 34] source: दिन से दिन बातें करता है, और रात को रात ज्ञान सिखाती है। target: [36, 38, 40, 42, 44, 46, 48, 50] source: और जो मैं करता हूँ उसको नहीं जानता, क्योंकि जो मैं चाहता हूँ वह नहीं किया करता, परन्तु जिससे मुझे घृणा आती है, वही करता हूँ। target: [52, 54, 56, 58, 60, 62, 64, 66, 68, 52, 54, 70, 72, 12, 62, 54, 58, 74, 76, 54, 78, 80, 12, 62, 54, 34] source: वे मेरे सुनते उसके भले कामों की चर्चा किया करते, और मेरी बातें भी उसको सुनाया करते थे। तोबियाह मुझे डराने के लिये चिट्ठियाँ भेजा करता था। target: [82, 84, 86, 60, 88, 90, 92, 64, 94, 96, 98, 54, 56, 100, 102, 62, 104, 106, 108, 64, 110, 112, 114, 82, 64, 116, 118] source: वह गाँवों में घात में बैठा करता है, और गुप्त स्थानों में निर्दोष को घात करता है, उसकी आँखें लाचार की घात में लगी रहती है। target: [14, 120, 122, 124, 126, 128, 14, 130, 132, 134, 136, 138, 140, 122, 142] source: तब उसकी बहनों ने उसे कहला भेजा, “हे प्रभु, देख, जिससे तू प्‍यार करता है*, वह बीमार है।” target: [144, 16, 146, 148, 150, 152, 154, 156, 158, 160, 162, 164, 166, 14, 168, 170] source: जो कोई उसमें बना रहता है, वह पाप नहीं करता: जो कोई पाप करता है, उसने न तो उसे देखा है, और न उसको जाना है। target: [4, 172, 174, 176, 14, 178, 58, 180, 4, 172, 178, 182, 184, 186, 188, 74, 98, 186, 190, 180] source: जो सोच विचार के बुराई करता है, उसको लोग दुष्ट कहते हैं। target: [4, 172, 192, 194, 196, 198, 200, 186, 202, 204, 206] source: सब चुंगी लेनेवाले और पापी उसके पास आया करते थे ताकि उसकी सुनें। target: [208, 210, 212, 214, 136, 216, 218, 220, 222] source: और मूसा और एलिय्याह* उसके साथ बातें करते हुए उन्हें दिखाई दिए। target: [224, 226, 228, 212, 230, 88, 232, 234, 236, 238, 240] source: और मैं सब कुछ सुसमाचार के लिये करता हूँ, कि औरों के साथ उसका भागी हो जाऊँ। target: [98, 54, 88, 242, 244, 246, 248, 250, 252, 254, 256] source: जो कोई पुत्र का इन्कार करता है उसके पास पिता भी नहीं जो पुत्र को मान लेता है, उसके पास पिता भी है। target: [4, 172, 258, 260, 186, 262, 264, 74, 76, 4, 258, 266, 186, 262, 268, 270] source: और तुम शोक तो नहीं करते, जिससे ऐसा काम करनेवाला तुम्हारे बीच में से निकाला जाता, परन्तु घमण्ड करते हो। target: [98, 272, 274, 276, 278, 280, 24, 282, 284, 286, 288, 290, 292, 294, 296, 172, 88, 298, 300, 302, 186, 304, 306, 308, 310] source: जो अंजीर के पेड़ की रक्षा करता है वह उसका फल खाता है, इसी रीति से जो अपने स्वामी की सेवा करता उसकी महिमा होती है। target: [4, 172, 312, 314, 316, 318, 14, 136, 320, 322, 98, 324, 4, 172, 326, 328, 330, 12, 30, 332, 334]
क्योंकि प्रभु, जिससे प्रेम करता है, उसको अनुशासित भी करता है; और जिसे पुत्र बना लेता है, उसको ताड़ना भी देता है ।”
[52, 162, 336, 164, 246, 186, 14, 338, 12, 98, 340, 14, 342, 344, 144, 346, 348, 350, 14, 338, 34]
source: तुझे यह भी निश्चित होगा, कि मेरे बहुत वंश होंगे, और मेरी सन्तान पृथ्वी की घास के तुल्य बहुत होंगी। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26] source: क्योंकि बहुत बुद्धि के साथ बहुत खेद भी होता है, और जो अपना ज्ञान बढ़ाता है वह अपना दुःख भी बढ़ाता है। target: [28, 30, 32, 34, 36, 38, 40, 42, 44, 32, 46, 48, 50, 52] source: और वह बढ़ा और उसकी उन्नति होती चली गई, यहाँ तक कि वह बहुत धनी पुरुष हो गया। target: [54, 56, 58, 48, 60, 62, 64, 40, 66, 68, 70, 62, 72] source: और वे चेलों के साथ बहुत दिन तक रहे। target: [74, 76, 78, 80, 82, 84, 86, 88] source: फिर एस्तेर दूसरी बार राजा से बोली; और उसके पाँव पर गिर, आँसू बहा बहाकर उससे गिड़गिड़ाकर विनती की, कि अगागी हामान की बुराई और यहूदियों की हानि की उसकी युक्ति निष्फल की जाए। target: [90, 92, 94, 96, 98, 100, 102, 104, 106, 108, 110, 112, 114, 116, 118, 120, 122, 124, 126, 128, 130, 132, 134, 136, 138, 140, 110] source: और उन्होंने बहुत सी और भी निन्दा की बातें उसके विरोध में कहीं। target: [40, 76, 142, 144, 146, 148, 150, 152, 154] source: इसी कारण तुम में बहुत से निर्बल और रोगी हैं, और बहुत से सो भी गए। target: [156, 158, 160, 162, 164, 166, 168, 40, 170, 172, 174, 176] source: और उसके वचन के कारण और भी बहुतों ने विश्वास किया। target: [148, 178, 180, 102, 182, 78, 184] source: क्योंकि उसके कारण बहुत से यहूदी चले गए, और यीशु पर विश्वास किया। target: [28, 186, 150, 188, 190, 192, 194, 78, 196, 198] source: फिर तेरा दास तेरी चुनी हुई प्रजा के बहुत से लोगों के मध्य में है, जिनकी गिनती बहुतायत के मारे नहीं हो सकती। target: [24, 200, 202, 204, 206, 208, 210, 212, 214, 216, 38, 76, 218, 220, 222, 176] source: हे परमेश्‍वर, तूने बहुतायत की वर्षा की; तेरा निज भाग तो बहुत सूखा था, परन्तु तूने उसको हरा-भरा किया है; target: [224, 226, 24, 30, 228, 230, 232, 4, 234, 236, 238, 240, 24, 76, 242, 244] source: और वह बहुत स्त्रियाँ भी न रखे, ऐसा न हो कि उसका मन यहोवा की ओर से पलट जाए; और न वह अपना सोना-चाँदी बहुत बढ़ाए। target: [246, 136, 248, 250, 252, 254, 28, 256, 48, 258, 260, 10, 262, 264, 266, 256, 140, 268] source: इस कारण यहोवा ने राज्य को उसके हाथ में दृढ़ किया, और सारे यहूदी उसके पास भेंट लाया करते थे, और उसके पास बहुत धन हो गया और उसका वैभव बढ़ गया। target: [270, 272, 274, 242, 276, 278, 180, 280, 282, 284, 286, 136, 288, 246, 290, 292] source: यीशु ने उससे पूछा, “तेरा क्या नाम है?” उसने उससे कहा, “मेरा नाम सेना है*; क्योंकि हम बहुत हैं।” target: [256, 136, 294, 296, 298, 300, 256, 302, 304, 306, 298, 308, 28, 310, 150, 312]
और यहोवा के दूत ने उससे कहा, “मैं तेरे वंश को बहुत बढ़ाऊँगा,* यहाँ तक कि बहुतायत के कारण उसकी गिनती न हो सकेगी।”
[314, 316, 318, 148, 320, 322, 18, 324, 326, 328, 330, 332, 100, 334, 336, 338, 340]
source: फिर यहोवा ने मूसा और हारून से कहा, “तुम दोनों भट्ठी में से एक-एक मुट्ठी राख* ले लो, और मूसा उसे फ़िरौन के सामने आकाश की ओर उड़ा दे। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32] source: मैं तुझ पर ऐसी विपत्ति डालूँगा, कि तुझे पूरी रीति से मिटा डालूँगा; और तेरे घर के एक-एक लड़के को और क्या बन्धुए, क्या स्वाधीन इस्राएल में हर एक रहनेवाले को भी नाश कर डालूँगा। target: [34, 6, 36, 38, 40, 42, 44, 46, 48, 50, 52, 46, 36, 54, 56, 58, 60, 62, 64, 66, 68, 70, 72, 74, 70, 76, 46, 78, 52] source: सारी पृथ्वी पर एक ही भाषा, और एक ही बोली थी। target: [80, 82, 60, 84, 86, 88, 90, 92, 94, 54, 96, 98, 100] source: जब उड़ती हुई बात उस देश में सुनी जाए, तब तुम्हारा मन न घबराए; और जो उड़ती हुई चर्चा पृथ्वी पर सुनी जाएगी तुम उससे न डरना: उसके एक वर्ष बाद एक और बात उड़ती हुई आएगी, तब उसके बाद दूसरे वर्ष में एक और बात उड़ती हुई आएगी, और उस देश में उपद्रव होगा, और एक हाकिम दूसरे के विरुद्ध होगा। target: [102, 104, 106, 108, 110, 112, 114, 116, 118, 120, 122, 124, 126, 128, 130, 132, 134, 106, 136, 138, 140, 134, 106, 142, 54, 144, 146, 148, 150, 152, 154] source: हर एक बात* का एक अवसर और प्रत्येक काम का, जो आकाश के नीचे होता है, एक समय है। target: [156, 158, 160, 162, 164, 54, 166, 156, 168, 162, 170] source: तब एकाएक उस स्वर्गदूत के साथ स्वर्गदूतों का दल परमेश्‍वर की स्तुति करते हुए और यह कहते दिखाई दिया, target: [172, 174, 176, 178, 180, 182, 184, 186, 54, 188, 190, 192, 92, 194] source: जब मैंने फिर देखा, तो आकाश के बीच में एक उकाब को उड़ते और ऊँचे शब्द से यह कहते सुना, “उन तीन स्वर्गदूतों की तुरही के शब्दों के कारण जिनका फूँकना अभी बाकी है, पृथ्वी के रहनेवालों पर हाय, हाय, हाय*!” target: [54, 46, 196, 34, 198, 200, 202, 204, 206, 208, 54, 46, 76, 210, 212, 214, 216, 218, 104, 220, 188, 222, 224, 226, 228, 230, 232, 234, 236, 238, 240, 242, 242, 244, 246] source: मैं और पिता एक हैं।” target: [46, 54, 248, 198, 250] source: हर एक के चार मुख और चार पंख और पंखों के नीचे मनुष्य के से हाथ भी थे। target: [182, 252, 254, 256, 10, 254, 258, 100, 260, 262, 264, 266, 268, 94] source: एक-एक डाली में बादाम के फूल के समान तीन-तीन पुष्पकोष, एक-एक गाँठ, और एक-एक फूल हों; दीवट से निकली हुई छहों डालियों का यही आकार या रूप हो; target: [156, 270, 272, 274, 220, 220, 276, 278, 280, 282] source: फिर मैंने एक स्वर्गदूत को स्वर्ग से उतरते देखा; जिसके हाथ में अथाह कुण्ड की कुंजी*, और एक बड़ी जंजीर थी। target: [54, 46, 284, 218, 198, 188, 286, 262, 288, 290, 292, 294, 296, 10, 198, 298, 300, 302] source: और उनके संग एक-एक जाति के सब जंगली पशु, और एक-एक जाति के सब घरेलू पशु, और एक-एक जाति के सब पृथ्वी पर रेंगनेवाले, और एक-एक जाति के सब उड़नेवाले पक्षी, जहाज में गए। target: [304, 156, 306, 308, 290, 310, 54, 156, 312, 308, 290, 314, 316, 54, 236, 318, 156, 320, 322, 314, 324, 54, 156, 326, 290, 314, 324, 156, 328, 258, 330, 332, 334, 336, 338, 340] source: फिर मैंने एक और स्वर्गदूत को जीविते परमेश्‍वर की मुहर लिए हुए पूरब से ऊपर की ओर आते देखा; उसने उन चारों स्वर्गदूतों से जिन्हें पृथ्वी और समुद्र की हानि करने का अधिकार दिया गया था, ऊँचे शब्द से पुकारकर कहा, target: [46, 342, 198, 188, 344, 346, 348, 350, 352, 354, 356, 358, 208, 360, 254, 362, 364, 10, 366, 368, 370, 372, 374, 94, 376, 64, 210, 378, 16] source: वह चौकोर और दोहरी हो, और उसकी लम्बाई और चौड़ाई एक-एक बिलांद की हो। target: [64, 380, 10, 382, 384, 10, 386, 388, 10, 390, 392, 198, 394, 396]
फिर मैंने एक और स्वर्गदूत को आकाश के बीच में उड़ते हुए देखा जिसके पास पृथ्वी पर के रहनेवालों की हर एक जाति, कुल, भाषा, और लोगों को सुनाने के लिये सनातन सुसमाचार था।
[138, 398, 400, 198, 188, 202, 204, 402, 404, 406, 236, 238, 156, 408, 410, 412, 414, 10, 156, 416, 418, 420, 422, 418, 302]
source: हे मेरे धर्ममय परमेश्‍वर, जब मैं पुकारूँ तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं संकट में पड़ा तब तूने मुझे सहारा दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 24, 34, 36, 20, 38, 40] source: उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है*; हे यहोवा तेरी आशीष तेरी प्रजा पर हो। target: [42, 20, 44, 46, 48, 50, 52, 54] source: उठ, हे यहोवा! हे मेरे परमेश्‍वर मुझे बचा ले! क्योंकि तूने मेरे सब शत्रुओं के जबड़ों पर मारा है। और तूने दुष्टों के दाँत तोड़ डाले हैं। target: [4, 56, 58, 4, 6, 60, 62, 64, 66, 20, 68, 70, 72, 34, 74, 76, 78, 80] source: मैं उस भीड़ से नहीं डरता, जो मेरे विरुद्ध चारों ओर पाँति बाँधे खड़े हैं। target: [20, 82, 84, 86, 88, 90, 92, 94] source: मैं लेटकर सो गया; फिर जाग उठा, क्योंकि यहोवा मुझे संभालता है। target: [96, 34, 98, 100, 102, 104, 106, 108] source: मैं ऊँचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ, और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है। (सेला) target: [110, 24, 112, 114, 116, 104, 118, 120, 20, 122, 124, 126, 16, 128] source: परन्तु हे यहोवा, तू तो मेरे चारों ओर मेरी ढाल है, तू मेरी महिमा और मेरे मस्तक का ऊँचा करनेवाला है*। target: [130, 132, 4, 56, 134, 136, 138, 140, 34, 142, 144, 146] source: बहुत से मेरे विषय में कहते हैं, कि उसका बचाव परमेश्‍वर की ओर से नहीं हो सकता*। (सेला) target: [148, 86, 150, 152, 154, 156, 42, 158] source: हे यहोवा मेरे सतानेवाले कितने बढ़ गए हैं! वे जो मेरे विरुद्ध उठते हैं बहुत हैं। target: [4, 56, 160, 162, 164, 162, 166, 20, 168, 170, 172] source: पुत्र को चूमो ऐसा न हो कि वह क्रोध करे, और तुम मार्ग ही में नाश हो जाओ, क्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने को है। धन्य है वे जो उसमें शरण लेते है। target: [174, 176, 178, 180, 182, 184, 34, 20, 186, 188, 190, 102, 192, 194, 196, 198, 200, 202, 204, 24, 206, 90, 208, 210, 212, 214]
डरते हुए यहोवा की उपासना करो, और काँपते हुए मगन हो। (फिलि. 2:12)
[24, 216, 104, 218, 24, 220, 222, 224]
source: हे मेरे धर्ममय परमेश्‍वर, जब मैं पुकारूँ तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं संकट में पड़ा तब तूने मुझे सहारा दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 4, 30, 12, 32, 14, 34, 36, 38, 40, 42, 44, 46, 48, 50] source: उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है*; हे यहोवा तेरी आशीष तेरी प्रजा पर हो। target: [52, 54, 56, 58, 60, 62, 64, 66, 68] source: उठ, हे यहोवा! हे मेरे परमेश्‍वर मुझे बचा ले! क्योंकि तूने मेरे सब शत्रुओं के जबड़ों पर मारा है। और तूने दुष्टों के दाँत तोड़ डाले हैं। target: [20, 70, 72, 22, 74, 14, 76, 78, 32, 22, 80, 82, 84, 86, 88, 32, 90, 92, 94, 96] source: मैं उस भीड़ से नहीं डरता, जो मेरे विरुद्ध चारों ओर पाँति बाँधे खड़े हैं। target: [98, 100, 102, 104, 106, 108, 110, 112, 4, 114, 116] source: मैं लेटकर सो गया; फिर जाग उठा, क्योंकि यहोवा मुझे संभालता है। target: [4, 118, 120, 122, 124, 4, 126, 128, 78, 130, 132, 134, 136] source: मैं ऊँचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ, और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है। (सेला) target: [4, 138, 140, 142, 144, 146, 44, 148, 14, 150, 152, 154, 16, 156, 158] source: परन्तु हे यहोवा, तू तो मेरे चारों ओर मेरी ढाल है, तू मेरी महिमा और मेरे मस्तक का ऊँचा करनेवाला है*। target: [160, 20, 162, 32, 22, 164, 166, 168, 88, 32, 132, 170, 44, 132, 172, 174, 176, 178] source: बहुत से मेरे विषय में कहते हैं, कि उसका बचाव परमेश्‍वर की ओर से नहीं हो सकता*। (सेला) target: [180, 182, 184, 186, 188, 190, 192, 194, 196, 198, 96, 158] source: हे यहोवा मेरे सतानेवाले कितने बढ़ गए हैं! वे जो मेरे विरुद्ध उठते हैं बहुत हैं। target: [162, 132, 200, 198, 202, 198, 204, 44, 38, 206, 208, 178] source: पुत्र को चूमो ऐसा न हो कि वह क्रोध करे, और तुम मार्ग ही में नाश हो जाओ, क्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने को है। धन्य है वे जो उसमें शरण लेते है। target: [44, 148, 210, 212, 214, 216, 218, 220, 222, 224, 226, 228, 230, 232, 116, 78, 234, 236, 238, 240, 98, 80, 242, 244, 246, 248, 250, 96]
डरते हुए यहोवा की उपासना करो, और काँपते हुए मगन हो। (फिलि. 2:12)
[252, 254, 256, 258, 260, 44, 262, 264, 266, 268]
source: हे मेरे धर्ममय परमेश्‍वर, जब मैं पुकारूँ तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं संकट में पड़ा तब तूने मुझे सहारा दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 24, 34, 36, 20, 38, 40] source: उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है*; हे यहोवा तेरी आशीष तेरी प्रजा पर हो। target: [42, 20, 44, 46, 48, 50, 52, 54] source: उठ, हे यहोवा! हे मेरे परमेश्‍वर मुझे बचा ले! क्योंकि तूने मेरे सब शत्रुओं के जबड़ों पर मारा है। और तूने दुष्टों के दाँत तोड़ डाले हैं। target: [4, 56, 58, 4, 6, 60, 62, 64, 66, 20, 68, 70, 72, 34, 74, 76, 78, 80] source: मैं उस भीड़ से नहीं डरता, जो मेरे विरुद्ध चारों ओर पाँति बाँधे खड़े हैं। target: [20, 82, 84, 86, 88, 90, 92, 94] source: मैं लेटकर सो गया; फिर जाग उठा, क्योंकि यहोवा मुझे संभालता है। target: [96, 34, 98, 100, 102, 104, 106, 108] source: मैं ऊँचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ, और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है। (सेला) target: [110, 24, 112, 114, 116, 104, 118, 120, 20, 122, 124, 126, 16, 128] source: परन्तु हे यहोवा, तू तो मेरे चारों ओर मेरी ढाल है, तू मेरी महिमा और मेरे मस्तक का ऊँचा करनेवाला है*। target: [130, 132, 4, 56, 134, 136, 138, 140, 34, 142, 144, 146] source: बहुत से मेरे विषय में कहते हैं, कि उसका बचाव परमेश्‍वर की ओर से नहीं हो सकता*। (सेला) target: [148, 86, 150, 152, 154, 156, 42, 158] source: हे यहोवा मेरे सतानेवाले कितने बढ़ गए हैं! वे जो मेरे विरुद्ध उठते हैं बहुत हैं। target: [4, 56, 160, 162, 164, 162, 166, 20, 168, 170, 172] source: पुत्र को चूमो ऐसा न हो कि वह क्रोध करे, और तुम मार्ग ही में नाश हो जाओ, क्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने को है। धन्य है वे जो उसमें शरण लेते है। target: [174, 176, 178, 180, 182, 184, 34, 20, 186, 188, 190, 102, 192, 194, 196, 198, 200, 202, 204, 24, 206, 90, 208, 210, 212, 214]
डरते हुए यहोवा की उपासना करो, और काँपते हुए मगन हो। (फिलि. 2:12)
[24, 216, 104, 218, 24, 220, 222, 224]
source: और भीड़ उसके आस-पास बैठी थी, और उन्होंने उससे कहा, “देख, तेरी माता और तेरे भाई बाहर तुझे ढूँढ़ते हैं।” target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 34, 36] source: और यहूदा के राजा आसा के राज्य के तीसरे वर्ष में बाशा ने नादाब को मार डाला, और उसके स्थान पर राजा बन गया। target: [38, 40, 42, 44, 46, 48, 50, 52, 54, 56, 58, 44, 60] source: और रिस्सा से कूच करके कहेलाता में डेरा किया। target: [62, 64, 12, 66, 68, 70, 72] source: और उसके विषय में यह बात सारे यहूदिया और आस-पास के सारे देश में फैल गई।। target: [74, 76, 78, 80, 82, 84, 86, 88, 90, 92] source: तब यहोवा ने कूशियों को आसा और यहूदियों के सामने मारा और कूशी भाग गए। target: [54, 94, 96, 98, 100, 102, 104, 106, 108, 102, 110, 112, 114] source: और उसका भाई आसाप जो उसके दाहिने खड़ा हुआ करता था वह बेरेक्याह का पुत्र था, और बेरेक्याह शिमा का, target: [116, 118, 120, 122, 124, 126, 116, 128, 130, 132, 134, 136, 116, 138, 140, 142, 144, 140, 146, 144] source: बिरीया के पुरूर्स का पुत्र सोपत्रुस और थिस्सलुनीकियों में से अरिस्तर्खुस और सिकुन्दुस और दिरबे का गयुस, और तीमुथियुस और आसिया का तुखिकुस और त्रुफिमुस आसिया तक उसके साथ हो लिए। target: [148, 150, 152, 154, 12, 156, 158, 160, 162, 164, 166, 168, 170, 172, 22, 174, 176, 170, 178, 86, 180, 182, 22, 184, 40, 186, 188, 52] source: आसा ने वही किया जो उसके परमेश्‍वर यहोवा की दृष्टि में अच्छा और ठीक था। target: [190, 192, 194, 196, 198, 86, 200, 202, 204, 206] source: और मोसेरोत से कूच करके याकानियों के बीच डेरा किया। target: [208, 210, 212, 22, 214, 70, 72] source: जैसा यहोवा ने मूसा से कहा था, वैसा ही यहोशू ने वह सारा देश ले लिया; और उसे इस्राएल के गोत्रों और कुलों के अनुसार बाँट करके उन्हें दे दिया। और देश को लड़ाई से शान्ति मिली। target: [94, 216, 218, 154, 220, 222, 80, 224, 226, 206, 222, 228, 230, 232, 234, 236, 238, 240, 242, 244, 246, 248, 250, 252, 254] source: आसा के राज्य के छत्तीसवें वर्ष में इस्राएल के राजा बाशा ने यहूदा पर चढ़ाई की और रामाह को इसलिए दृढ़ किया, कि यहूदा के राजा आसा के पास कोई आने-जाने न पाए। target: [96, 256, 258, 260, 262, 44, 264, 266, 268, 270, 56, 138, 58, 44, 272, 40, 274, 276, 278, 280, 282, 270, 42, 44, 284, 286, 288, 290, 292, 294, 138, 296, 298, 300, 122] source: और जो आज्ञा यहोवा ने मूसा को दी थी, उसके अनुसार उन्होंने मिद्यानियों से युद्ध करके सब पुरुषों को घात किया। target: [54, 302, 22, 304, 306, 216, 94, 308, 310, 312, 314] source: और उन्होंने बहुत सी और भी निन्दा की बातें उसके विरोध में कहीं। target: [86, 12, 280, 316, 318, 320, 322, 150, 324] source: और कहेलाता से कूच करके शेपेर पर्वत के पास डेरा किया। target: [326, 66, 212, 22, 208, 328, 330, 332, 334]
और उन पर जो उसके आस-पास बैठे थे, दृष्टि करके कहा, “देखो, मेरी माता और मेरे भाई यह हैं।
[54, 228, 336, 338, 340, 342, 344, 346, 348, 350, 20, 86, 352, 354]
source: हे मेरे धर्ममय परमेश्‍वर, जब मैं पुकारूँ तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं संकट में पड़ा तब तूने मुझे सहारा दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 24, 34, 36, 20, 38, 40] source: उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है*; हे यहोवा तेरी आशीष तेरी प्रजा पर हो। target: [42, 20, 44, 46, 48, 50, 52, 54] source: उठ, हे यहोवा! हे मेरे परमेश्‍वर मुझे बचा ले! क्योंकि तूने मेरे सब शत्रुओं के जबड़ों पर मारा है। और तूने दुष्टों के दाँत तोड़ डाले हैं। target: [4, 56, 58, 4, 6, 60, 62, 64, 66, 20, 68, 70, 72, 34, 74, 76, 78, 80] source: मैं उस भीड़ से नहीं डरता, जो मेरे विरुद्ध चारों ओर पाँति बाँधे खड़े हैं। target: [20, 82, 84, 86, 88, 90, 92, 94] source: मैं लेटकर सो गया; फिर जाग उठा, क्योंकि यहोवा मुझे संभालता है। target: [96, 34, 98, 100, 102, 104, 106, 108] source: मैं ऊँचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ, और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है। (सेला) target: [110, 24, 112, 114, 116, 104, 118, 120, 20, 122, 124, 126, 16, 128] source: परन्तु हे यहोवा, तू तो मेरे चारों ओर मेरी ढाल है, तू मेरी महिमा और मेरे मस्तक का ऊँचा करनेवाला है*। target: [130, 132, 4, 56, 134, 136, 138, 140, 34, 142, 144, 146] source: बहुत से मेरे विषय में कहते हैं, कि उसका बचाव परमेश्‍वर की ओर से नहीं हो सकता*। (सेला) target: [148, 86, 150, 152, 154, 156, 42, 158] source: हे यहोवा मेरे सतानेवाले कितने बढ़ गए हैं! वे जो मेरे विरुद्ध उठते हैं बहुत हैं। target: [4, 56, 160, 162, 164, 162, 166, 20, 168, 170, 172] source: पुत्र को चूमो ऐसा न हो कि वह क्रोध करे, और तुम मार्ग ही में नाश हो जाओ, क्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने को है। धन्य है वे जो उसमें शरण लेते है। target: [174, 176, 178, 180, 182, 184, 34, 20, 186, 188, 190, 102, 192, 194, 196, 198, 200, 202, 204, 24, 206, 90, 208, 210, 212, 214]
डरते हुए यहोवा की उपासना करो, और काँपते हुए मगन हो। (फिलि. 2:12)
[24, 216, 104, 218, 24, 220, 222, 224]
source: पेकह के और सब काम जो उसने किए वह इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में लिखे हैं। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 34, 32, 36, 6, 38, 40, 42, 44, 46] source: एला के और सब काम जो उसने किए, वह क्या इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखे हैं। target: [48, 50, 8, 52, 12, 18, 16, 28, 22, 54, 56, 28, 14, 30, 50, 58, 32, 36, 6, 38, 40, 60, 62, 64, 66] source: नादाब के और सब काम जो उसने किए, वह क्या इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखे हैं? target: [68, 32, 8, 70, 12, 28, 14, 18, 20, 54, 56, 28, 30, 32, 58, 32, 36, 6, 38, 40, 62, 64, 72] source: यारोबाम के और काम अर्थात् उसने कैसा-कैसा युद्ध किया, और कैसा राज्य किया, यह सब इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में लिखा है। target: [12, 74, 50, 8, 52, 76, 78, 28, 80, 12, 78, 20, 82, 54, 84, 26, 28, 30, 32, 58, 32, 36, 6, 38, 40, 86, 88, 90] source: आदि से अन्त तक उसके सब काम इस्राएल और यहूदा के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में लिखे हुए हैं। target: [12, 20, 50, 52, 92, 94, 96, 98, 26, 28, 30, 12, 100, 32, 58, 6, 38, 102, 86, 104, 106] source: जो लेवीय पितरों के घरानों के मुख्य पुरुष थे, उनके नाम एल्याशीब के पुत्र योहानान के दिनों तक इतिहास की पुस्तक में लिखे जाते थे। target: [108, 32, 110, 32, 112, 32, 114, 32, 116, 118, 32, 120, 122, 32, 124, 126, 36, 6, 128, 40, 62, 130, 132] source: मीका का भाई यिश्शिय्याह, यिश्शिय्याह के वंश में से जकर्याह। target: [134, 32, 136, 138, 140, 32, 142, 144, 146] source: अहज्याह के और काम जो उसने किए वह क्या इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखे हैं? target: [148, 150, 32, 8, 70, 18, 20, 22, 152, 56, 28, 30, 32, 58, 32, 154, 6, 38, 40, 62, 64, 60, 66] source: जिम्री के और काम और जो राजद्रोह की गोष्ठी उसने की, यह सब क्या इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखा है? target: [156, 50, 8, 52, 12, 28, 158, 18, 20, 22, 54, 56, 28, 14, 30, 32, 58, 32, 36, 6, 38, 40, 60, 62, 64, 160] source: बाशा के और सब काम जो उसने किए, और उसकी वीरता यह सब क्या इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखा है? target: [148, 162, 50, 8, 52, 12, 18, 16, 20, 22, 54, 12, 20, 164, 166, 56, 168, 14, 30, 32, 58, 32, 36, 6, 38, 40, 60, 62, 170] source: आदि से अन्त तक अमस्याह के और काम, क्या यहूदा और इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखे हैं? target: [12, 172, 32, 8, 70, 18, 20, 22, 92, 94, 96, 126, 174, 56, 28, 100, 176, 30, 32, 34, 6, 38, 40, 62, 64, 60, 66] source: येहू के और सब काम और जो कुछ उसने किया, और उसकी पूर्ण वीरता, यह सब क्या इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखा है? target: [178, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 54, 12, 20, 6, 180, 56, 28, 30, 32, 34, 6, 36, 6, 38, 40, 182, 184, 60, 186] source: योताम के और सब काम जो उसने किए, वे क्या यहूदा के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखे हैं? target: [188, 32, 8, 70, 12, 18, 16, 20, 22, 24, 56, 28, 100, 32, 34, 32, 154, 6, 38, 40, 42, 44, 60, 186] source: योराम के और सब काम और जो कुछ उसने किया, वह क्या यहूदा के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखा है? target: [190, 6, 8, 10, 12, 28, 14, 16, 18, 28, 22, 24, 56, 28, 100, 32, 34, 32, 36, 6, 38, 40, 42, 44, 60, 186]
जकर्याह के और काम इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में लिखे हैं।
[26, 146, 6, 8, 10, 30, 32, 34, 32, 36, 6, 38, 40, 182, 184, 46]
source: तब योआब ने दूत को भेजकर दाऊद को युद्ध का पूरा हाल बताया; target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32] source: तब दाऊद कहने लगा, “यहोवा परमेश्‍वर का भवन यही है*, और इस्राएल के लिये होमबलि की वेदी यही है।” target: [4, 28, 8, 34, 36, 38, 40, 42, 44, 46, 48, 36, 38, 50, 52, 54, 56, 22, 58, 60] source: तब इस्राएल के सब गोत्र दाऊद के पास हेब्रोन में आकर कहने लगे, “सुन, हम लोग और तू एक ही हाड़ माँस हैं। target: [36, 52, 62, 50, 52, 64, 66, 68, 70, 28, 52, 72, 74, 76, 48, 78, 30, 34, 80, 82, 84, 38, 86, 48, 88, 90] source: और दाऊद का हेब्रोन में यहूदा के घराने पर राज्य करने का समय साढ़े सात वर्ष था। target: [28, 8, 68, 70, 92, 52, 94, 96, 98, 100, 102, 104, 106, 108] source: जिस समय यहोवा ने दाऊद को उसके सब शत्रुओं और शाऊल के हाथ से बचाया था, उस समय उसने यहोवा के लिये इस गीत के वचन गाए: target: [110, 112, 40, 8, 28, 30, 114, 52, 64, 116, 48, 118, 52, 120, 122, 124, 78, 112, 78, 8, 40, 54, 126, 128, 30, 130] source: जब पलिश्तियों ने यह सुना कि इस्राएल का राजा होने के लिये दाऊद का अभिषेक हुआ, तब सब पलिश्ती दाऊद की खोज में निकले; यह सुनकर दाऊद गढ़ में चला गया। target: [132, 134, 8, 136, 138, 28, 44, 64, 50, 96, 140, 142, 54, 144, 146, 148, 150, 4, 64, 152, 28, 30, 154, 54, 156, 28, 8, 36, 136, 126, 54, 114, 158, 70, 160, 162] source: फिर जिस समय राजा लोग युद्ध करने को निकला करते हैं, उस समय, अर्थात् वर्ष के आरम्भ में दाऊद ने योआब को, और उसके संग अपने सेवकों और समस्त इस्राएलियों को भेजा; और उन्होंने अम्मोनियों का नाश किया, और रब्‍बाह नगर को घेर लिया। परन्तु दाऊद यरूशलेम में रह गया। target: [132, 100, 52, 164, 52, 112, 166, 168, 170, 172, 174, 176, 30, 178, 180, 182, 184, 28, 8, 6, 48, 114, 52, 186, 188, 190, 48, 64, 50, 30, 192, 48, 194, 8, 196, 30, 198, 200, 202, 48, 204, 30, 206, 208, 210, 212, 214, 28, 216, 70, 38, 218] source: जब पलिश्तियों ने सुना कि पूरे इस्राएल का राजा होने के लिये दाऊद का अभिषेक हुआ, तब सब पलिश्तियों ने दाऊद की खोज में चढ़ाई की; यह सुनकर दाऊद उनका सामना करने को निकल गया। target: [170, 134, 8, 136, 138, 28, 44, 64, 50, 96, 140, 142, 54, 144, 146, 148, 150, 4, 64, 152, 28, 30, 154, 54, 220, 184, 28, 36, 222, 18, 194, 44, 224, 176, 30, 226] source: तूने कहा, “मैंने अपने चुने हुए से वाचा बाँधी है, मैंने अपने दास दाऊद से शपथ खाई है, target: [228, 188, 230, 76, 52, 186, 232, 234, 150, 48, 188, 236, 28, 186, 238, 240] source: दाऊद के पुत्र इस्राएल के राजा सुलैमान के नीतिवचन: target: [28, 52, 242, 50, 52, 172, 244, 246, 248] source: ये ही वे चेतावनियाँ और नियम हैं जिन्हें मूसा ने इस्राएलियों को उस समय कह सुनाया जब वे मिस्र से निकले थे, target: [48, 36, 114, 250, 252, 48, 254, 256, 258, 260, 8, 262, 30, 78, 264, 266, 132, 114, 268, 270, 272] source: तू तब ही मेरी इस शपथ से छूटेगा, जब तू मेरे कुल के लोगों के पास पहुँचेगा; और यदि वे तुझे कोई स्त्री न दें, तो तू मेरी शपथ से छूटेगा।' target: [4, 38, 274, 276, 238, 270, 278, 132, 274, 280, 94, 70, 282, 48, 284, 286, 288, 290, 292, 294, 12, 184, 274, 276, 238, 270, 296, 298] source: और उसने कहा, “धन्य है इस्राएल का परमेश्‍वर यहोवा! जिस ने अपने मुँह से मेरे पिता दाऊद को यह वचन दिया था, और अपने हाथ से उसे पूरा किया है, target: [78, 8, 34, 50, 44, 42, 40, 300, 302, 110, 8, 280, 304, 28, 186, 188, 306, 186, 308, 146, 48, 188, 310, 186, 114, 30, 312, 314, 108] source: जब यहोवा के दूत ने सारे इस्राएलियों से ये बातें कहीं, तब वे लोग चिल्ला चिल्लाकर रोने लगे। target: [132, 40, 52, 316, 8, 36, 318, 64, 262, 30, 320, 184, 114, 64, 322, 324, 326, 328, 330]
तब योनातान दाऊद से कहने लगा, “इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा की शपथ, जब मैं कल या परसों इसी समय अपने पिता का भेद पाऊँ, तब यदि दाऊद की भलाई देखूँ, तो क्या मैं उसी समय तेरे पास दूत भेजकर तुझे न बताऊँगा?
[4, 332, 8, 28, 30, 34, 334, 40, 50, 52, 336, 110, 338, 228, 340, 342, 344, 188, 304, 30, 346, 48, 348, 284, 114, 22, 350, 28, 52, 352, 70, 302, 48, 354, 72, 26, 294, 356, 48, 288, 294, 358]
source: यहोवा सारी जातियों के ऊपर महान है, और उसकी महिमा आकाश से भी ऊँची है। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24] source: यहोवा का दाहिना हाथ महान हुआ है, यहोवा के दाहिने हाथ से पराक्रम का काम होता है! target: [26, 28, 30, 10, 32, 24, 26, 28, 34, 36, 38, 40, 24] source: हे देश-देश के कुल के लोगों, यहोवा का गुणानुवाद करो, यहोवा की महिमा और सामर्थ्य को मानो! target: [42, 44, 46, 48, 26, 50, 52, 16, 18, 14, 54, 56, 58, 60, 50, 62, 24] source: हे देश-देश के कुलों, यहोवा का गुणानुवाद करो, यहोवा की महिमा और सामर्थ्य को मानो। target: [44, 64, 48, 58, 66, 68, 58, 18, 14, 70, 72, 24] source: धन और महिमा तेरी ओर से मिलती हैं, और तू सभी के ऊपर प्रभुता करता है। सामर्थ्य और पराक्रम तेरे ही हाथ में हैं, और सब लोगों को बढ़ाना और बल देना तेरे हाथ में है। target: [74, 14, 76, 78, 80, 82, 84, 14, 86, 6, 88, 90, 92, 24, 94, 14, 70, 96, 98, 100, 24, 102, 10, 104, 14, 70, 106, 96, 108, 110, 14, 70, 112, 24] source: यहोवा सिय्योन में महान है; और वह देश-देश के लोगों के ऊपर प्रधान है। target: [4, 114, 116, 118, 24, 120, 6, 8, 122, 124, 126, 24] source: क्योंकि यहोवा महान परमेश्‍वर है, और सब देवताओं के ऊपर महान राजा है। target: [128, 4, 116, 130, 118, 14, 6, 132, 134, 116, 136, 118, 24] source: और जो कुछ तुम मेरे नाम से माँगोगे, वही मैं करूँगा कि पुत्र के द्वारा पिता की महिमा हो। target: [138, 140, 142, 144, 146, 148, 150, 152, 154, 156, 158, 160, 162, 164, 24] source: हे यहोवा, तेरे समान कोई नहीं है; तू महान है, और तेरा नाम पराक्रम में बड़ा है। target: [42, 166, 168, 170, 172, 174, 24, 176, 116, 178, 14, 180, 182, 184, 116, 126, 24] source: वह उसकी महिमा का प्रकाश, और उसके तत्व की छाप है, और सब वस्तुओं को अपनी सामर्थ्य के वचन से संभालता है: वह पापों को धोकर ऊँचे स्थानों पर महामहिमन् के दाहिने जा बैठा। target: [120, 82, 186, 188, 190, 14, 192, 194, 118, 24, 196, 198, 200, 202, 6, 204, 206, 208, 126, 24, 202, 210, 212, 214, 120, 10, 216, 218, 220, 162, 126, 24] source: हे यहोवा, अपनी सामर्थ्य में महान हो; और हम गा-गाकर तेरे पराक्रम का भजन सुनाएँगे। target: [42, 166, 222, 224, 10, 226, 24, 180, 228, 230, 232, 234, 14, 50, 236, 24] source: तब वे मनुष्य के पुत्र को सामर्थ्य और बड़ी महिमा के साथ बादल पर आते देखेंगे। (प्रका. 1:7, दानि. 7:13) target: [238, 240, 242, 244, 246, 248, 14, 250, 252, 254, 256, 258, 260, 24] source: हे पिता अपने नाम की महिमा कर।” तब यह आकाशवाणी हुई, “मैंने उसकी महिमा की है, और फिर भी करूँगा।” target: [42, 262, 180, 182, 160, 264, 266, 268, 270, 272, 274, 276, 14, 278, 280, 282, 160, 284, 286, 14, 150, 288, 160, 290, 266] source: परमेश्‍वर यहोवा यह कहता है : मैं बहुत सी जातियों की सभा के द्वारा तुझ पर अपना जाल फैलाऊँगा, और वे तुझे मेरे महाजाल में खींच लेंगे। target: [4, 130, 292, 294, 296, 44, 298, 150, 300, 272, 302, 304, 14, 240, 306, 140, 308, 310, 24]
हे यहोवा! महिमा, पराक्रम, शोभा, सामर्थ्य और वैभव, तेरा ही है; क्योंकि आकाश और पृथ्वी में जो कुछ है, वह तेरा ही है; हे यहोवा! राज्य तेरा है, और तू सभी के ऊपर मुख्य और महान ठहरा है। (प्रका. 5:12-13)
[42, 166, 312, 314, 316, 36, 14, 318, 96, 320, 24, 128, 322, 14, 324, 326, 6, 204, 96, 328, 24, 42, 166, 90, 96, 48, 14, 176, 82, 330, 332, 334, 336, 10, 338, 126, 24]
source: और मिद्यानियों के कारण इस्राएली बड़ी दुर्दशा में पड़ गए; तब इस्राएलियों ने यहोवा की दुहाई दी। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30] source: तब उसने इस्राएलियों से कहा, “इस्राएल का परमेश्‍वर यहोवा यह कहता है, 'मैं तो इस्राएल को मिस्र देश से निकाल लाया, और तुम को मिस्रियों के हाथ से, और उन सब राज्यों के हाथ से जो तुम पर अंधेर करते थे छुड़ाया है।' target: [32, 20, 34, 36, 38, 40, 22, 42, 44, 46, 48, 50, 52, 54, 56, 18, 58, 60, 50, 62, 64, 18, 50, 66, 68, 70, 72, 74, 76] source: तब यूसुफ ने उन दोनों को लेकर, अर्थात् एप्रैम को अपने दाहिने हाथ से, कि वह इस्राएल के बाएँ हाथ पड़े, और मनश्शे को अपने बाएँ हाथ से, कि इस्राएल के दाहिने हाथ पड़े, उन्हें उसके पास ले गया। target: [78, 80, 66, 82, 84, 86, 88, 90, 92, 94, 66, 96, 22, 18, 98, 88, 96, 92, 94, 66, 90, 22, 18, 100, 102, 104] source: फिर उसने कहा, “तीरों को ले;” और जब उसने उन्हें लिया, तब उसने इस्राएल के राजा से कहा, “भूमि पर मार;” तब वह तीन बार मार कर ठहर गया। target: [106, 108, 110, 112, 114, 116, 78, 118, 32, 120, 34, 36, 122, 124, 126, 128, 130, 132, 134, 18, 136] source: तब यहोवा ने मूसा और हारून को इस्राएलियों और मिस्र के राजा फ़िरौन के लिये आज्ञा इस अभिप्राय से दी कि वे इस्राएलियों को मिस्र देश से निकाल ले जाएँ। target: [28, 138, 32, 20, 22, 18, 140, 120, 142, 144, 146, 18, 148, 150, 18, 152, 154, 20, 22, 50, 156, 142, 158, 160] source: तब इस्राएल में उस पुरुष का यह नाम पड़ेगा, अर्थात् जूती उतारे हुए पुरुष का घराना। target: [162, 50, 22, 164, 100, 166, 168, 170, 172] source: तब उसने इस्राएल के सब हाकिमों और याजकों और लेवियों को इकट्ठा किया। target: [68, 174, 22, 18, 176, 18, 178, 180, 18] source: तब इस्राएलियों ने गिबा के चारों ओर लोगों को घात में बैठाया।। target: [78, 20, 22, 50, 182, 184, 186, 188, 18] source: तब उसने उन्हें बेजेक में गिन लिया, और इस्राएलियों के तीन लाख, और यहूदियों के तीस हजार ठहरे। target: [190, 192, 50, 194, 196, 20, 22, 130, 198, 200, 18, 202, 204, 206, 200, 208] source: तब इस्राएलियों ने यहोवा की दुहाई दी, और उसने इस्राएलियों के छुटकारे के लिये कालेब के छोटे भाई ओत्नीएल नामक कनजी के पुत्र को ठहराया, और उसने उनको छुड़ाया। target: [78, 20, 22, 24, 26, 28, 210, 18, 212, 214, 216, 218, 18, 220, 222, 128, 224, 226, 228, 230, 232, 234, 236, 238, 240] source: और उसे एलीशा देखता और पुकारता रहा, “हाय मेरे पिता! हाय मेरे पिता! हाय इस्राएल के रथ और सवारो*!” जब वह उसको फिर दिखाई न पड़ा, तब उसने अपने वस्त्र फाड़े और फाड़कर दो भाग कर दिए। target: [118, 242, 244, 18, 246, 248, 250, 252, 254, 22, 18, 256, 4, 118, 258, 260, 78, 262, 264, 92, 266, 18, 268, 32, 270, 272] source: जब शमूएल बूढ़ा हुआ, तब उसने अपने पुत्रों को इस्राएलियों पर न्यायी ठहराया। target: [274, 276, 74, 278, 280, 276, 282, 284, 286, 288] source: इसलिए अब सुन, इस्राएलियों की चिल्लाहट मुझे सुनाई पड़ी है, और मिस्रियों का उन पर अंधेर करना भी मुझे दिखाई पड़ा है, target: [290, 246, 20, 22, 292, 294, 18, 106, 70, 296, 244, 74, 32, 62, 64, 298] source: और यहोवा ने लाकीश को इस्राएल के हाथ में कर दिया, और दूसरे दिन उसने उसको जीत लिया; और जैसा उसने लिब्ना के सब प्राणियों को तलवार से मारा था वैसा ही उसने लाकीश से भी किया।। target: [28, 300, 82, 62, 302, 50, 304, 306, 308, 310, 18, 82, 264, 312, 314, 144, 316, 318, 320, 74, 322, 324, 326, 328, 308, 32, 330, 332]
तब इस्राएल को यूसुफ के पुत्र देख पड़े, और उसने पूछा, “ये कौन हैं?”
[78, 22, 270, 334, 336, 244, 18, 108, 338, 340]
source: वे मिलापवाले तम्बू के सम्पूर्ण सामान की और इस्राएलियों की सौंपी हुई वस्तुओं की भी देख-रेख करें, इस प्रकार वे निवास-स्थान की सेवा करें। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 4, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 34, 36, 18, 38] source: परन्तु वे अपने भाई-बन्धुओं के साथ मिलापवाले तम्बू के पास रक्षा का काम किया करें, और किसी प्रकार की सेवकाई न करें। लेवियों को जो-जो काम सौंपे जाएँ उनके विषय तू उनसे ऐसा ही करना।” target: [4, 6, 8, 40, 26, 42, 44, 46, 36, 30, 48, 50, 4, 26, 52, 38, 54, 56, 58, 60, 62, 64, 66] source: परन्तु कहातियों को उसने कुछ न दिया, क्योंकि उनके लिये पवित्र वस्तुओं की यह सेवकाई थी कि वह उसे अपने कंधों पर उठा लिया करें। target: [50, 68, 70, 72, 74, 76, 78, 80, 82, 84, 44, 86, 88, 90, 92, 94, 4, 96, 98, 100, 38] source: जो तुझे सौंपा गया है उसकी और सारे तम्बू की भी वे रक्षा किया करें; परन्तु पवित्रस्‍थान के पात्रों के और वेदी के समीप न आएँ, ऐसा न हो कि वे और तुम लोग भी मर जाओ। target: [4, 102, 20, 104, 106, 26, 18, 38] source: “पराए कुल का जन, किसी पवित्र वस्तु को न खाने पाए, चाहे वह याजक का अतिथि हो या मजदूर हो, तो भी वह कोई पवित्र वस्तु न खाए। target: [108, 110, 76, 112, 114, 116, 118, 120, 122, 124, 126, 128, 130, 132, 78, 22, 80, 134, 38] source: और जितनों को उत्साह हुआ, और जितनों के मन में ऐसी इच्छा उत्‍पन्‍न हुई थी, वे मिलापवाले तम्बू के काम करने और उसकी सारी सेवकाई और पवित्र वस्त्रों के बनाने के लिये यहोवा की भेंट ले आने लगे। target: [136, 138, 140, 142, 20, 144, 146, 148, 150, 152, 22, 24, 154, 156, 158, 8, 160, 12, 162, 20, 22, 164, 166, 168, 170, 172, 174, 38] source: तब हारून अपने पुत्रों समेत उस मेढ़े का माँस और टोकरी की रोटी, दोनों को मिलापवाले तम्बू के द्वार पर खाए। target: [176, 20, 122, 178, 6, 8, 106, 180, 182, 184, 20, 186, 188, 190, 192, 38] source: तुम्हारी पीढ़ी से पीढ़ी में यहोवा के आगे मिलापवाले तम्बू के द्वार पर नित्य ऐसा ही होमबलि हुआ करे; यह वह स्थान है जिसमें मैं तुम लोगों से इसलिए मिला करूँगा कि तुझसे बातें करूँ। target: [194, 196, 198, 128, 168, 200, 6, 8, 106, 180, 202, 204, 58, 206, 208, 210, 38] source: “उन वस्तुओं को तू उनसे ले-ले, कि मिलापवाले तम्बू की सेवकाई में काम आएँ, तू उन्हें लेवियों के एक-एक कुल की विशेष सेवकाई के अनुसार उनको बाँट दे।” target: [212, 214, 216, 218, 220, 20, 222, 6, 8, 106, 224, 170, 158, 220, 66] source: और शुद्ध ठहरानेवाला याजक इन वस्तुओं समेत उस शुद्ध होनेवाले मनुष्य को यहोवा के सम्मुख मिलापवाले तम्बू के द्वार पर खड़ा करे। target: [226, 128, 228, 226, 230, 232, 74, 234, 168, 236, 6, 8, 106, 180, 238, 240, 38] source: तुमने मेरी पवित्र वस्तुओं की रक्षा न की, परन्तु तुमने अपने ही मन से अन्य लोगों को मेरे पवित्रस्‍थान में मेरी वस्तुओं की रक्षा करनेवाले ठहराया। target: [242, 22, 244, 246, 248, 250, 252, 254, 256, 258, 50, 248, 250, 260, 254, 30, 262, 264, 266, 20, 248, 222, 268, 270, 22, 272, 274, 30, 276, 38] source: और मिलापवाले तम्बू की जो वस्तुएँ गेर्शोनवंशियों को सौंपी जाएँ वे ये हों, अर्थात् निवास और तम्बू, और उसका आवरण, और मिलापवाले तम्बू के द्वार का परदा, target: [278, 280, 22, 282, 6, 8, 106, 16, 18, 38, 4, 284, 286, 288, 20, 6, 8, 106, 290, 292, 158, 294, 296, 298, 18, 38] source: और मिलापवाले तम्बू में की जिन वस्तुओं के उठाने की सेवकाई उनको मिले वे ये हों, अर्थात् निवास के तख्ते, बेंड़े, खम्भे, और कुर्सियाँ, target: [300, 6, 8, 106, 170, 44, 12, 302, 20, 44, 160, 126, 304, 38, 4, 22, 306, 308] source: और मैं मिलापवाले तम्बू और वेदी को पवित्र करूँगा*, और हारून और उसके पुत्रों को भी पवित्र करूँगा कि वे मेरे लिये याजक का काम करें। target: [310, 6, 8, 312, 20, 270, 166, 314, 158, 8, 316, 22, 318, 38, 320, 322, 270, 26, 324, 170, 176, 20, 122, 326, 78, 310, 22, 318, 38]
अतः वे तुझसे मिल जाएँ, और मिलापवाले तम्बू की सारी सेवकाई की वस्तुओं की रक्षा किया करें; परन्तु जो तेरे कुल का न हो वह तुम लोगों के समीप न आने पाए।
[328, 150, 22, 330, 120, 332, 90, 76, 334, 336, 338, 340, 150, 20, 342, 344, 38, 150, 346, 90, 12, 348, 350, 170, 352, 354, 356, 20, 6, 8, 106, 298, 18, 38, 76, 78, 358, 360, 336, 338, 38]
source: हे मेरे धर्ममय परमेश्‍वर, जब मैं पुकारूँ तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं संकट में पड़ा तब तूने मुझे सहारा दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 24, 34, 36, 20, 38, 40] source: उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है*; हे यहोवा तेरी आशीष तेरी प्रजा पर हो। target: [42, 20, 44, 46, 48, 50, 52, 54] source: उठ, हे यहोवा! हे मेरे परमेश्‍वर मुझे बचा ले! क्योंकि तूने मेरे सब शत्रुओं के जबड़ों पर मारा है। और तूने दुष्टों के दाँत तोड़ डाले हैं। target: [4, 56, 58, 4, 6, 60, 62, 64, 66, 20, 68, 70, 72, 34, 74, 76, 78, 80] source: मैं उस भीड़ से नहीं डरता, जो मेरे विरुद्ध चारों ओर पाँति बाँधे खड़े हैं। target: [20, 82, 84, 86, 88, 90, 92, 94] source: मैं लेटकर सो गया; फिर जाग उठा, क्योंकि यहोवा मुझे संभालता है। target: [96, 34, 98, 100, 102, 104, 106, 108] source: मैं ऊँचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ, और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है। (सेला) target: [110, 24, 112, 114, 116, 104, 118, 120, 20, 122, 124, 126, 16, 128] source: परन्तु हे यहोवा, तू तो मेरे चारों ओर मेरी ढाल है, तू मेरी महिमा और मेरे मस्तक का ऊँचा करनेवाला है*। target: [130, 132, 4, 56, 134, 136, 138, 140, 34, 142, 144, 146] source: बहुत से मेरे विषय में कहते हैं, कि उसका बचाव परमेश्‍वर की ओर से नहीं हो सकता*। (सेला) target: [148, 86, 150, 152, 154, 156, 42, 158] source: हे यहोवा मेरे सतानेवाले कितने बढ़ गए हैं! वे जो मेरे विरुद्ध उठते हैं बहुत हैं। target: [4, 56, 160, 162, 164, 162, 166, 20, 168, 170, 172] source: पुत्र को चूमो ऐसा न हो कि वह क्रोध करे, और तुम मार्ग ही में नाश हो जाओ, क्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने को है। धन्य है वे जो उसमें शरण लेते है। target: [174, 176, 178, 180, 182, 184, 34, 20, 186, 188, 190, 102, 192, 194, 196, 198, 200, 202, 204, 24, 206, 90, 208, 210, 212, 214]
डरते हुए यहोवा की उपासना करो, और काँपते हुए मगन हो। (फिलि. 2:12)
[24, 216, 104, 218, 24, 220, 222, 224]
source: हे मेरे धर्ममय परमेश्‍वर, जब मैं पुकारूँ तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं संकट में पड़ा तब तूने मुझे सहारा दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 6, 32, 34, 36, 12, 14, 38, 40, 22, 42, 44, 46, 48, 50, 52, 54, 56] source: उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है*; हे यहोवा तेरी आशीष तेरी प्रजा पर हो। target: [58, 60, 62, 64, 66, 68, 66, 70, 42, 72, 74] source: उठ, हे यहोवा! हे मेरे परमेश्‍वर मुझे बचा ले! क्योंकि तूने मेरे सब शत्रुओं के जबड़ों पर मारा है। और तूने दुष्टों के दाँत तोड़ डाले हैं। target: [20, 76, 78, 22, 80, 14, 82, 12, 84, 22, 86, 88, 26, 90, 42, 92, 64, 94, 96, 26, 98, 100, 102, 104] source: मैं उस भीड़ से नहीं डरता, जो मेरे विरुद्ध चारों ओर पाँति बाँधे खड़े हैं। target: [6, 106, 108, 110, 112, 114, 116, 118, 120, 122, 22, 124, 126, 128, 130, 132] source: मैं लेटकर सो गया; फिर जाग उठा, क्योंकि यहोवा मुझे संभालता है। target: [6, 134, 136, 138, 94, 140, 142, 6, 144, 146, 148, 60, 14, 150, 132] source: मैं ऊँचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ, और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है। (सेला) target: [6, 152, 154, 156, 60, 158, 160, 162, 164, 166, 168, 170, 112, 14, 16, 172, 132, 74] source: परन्तु हे यहोवा, तू तो मेरे चारों ओर मेरी ढाल है, तू मेरी महिमा और मेरे मस्तक का ऊँचा करनेवाला है*। target: [174, 20, 60, 12, 22, 176, 178, 180, 50, 182, 94, 22, 184, 186, 188, 190, 192] source: बहुत से मेरे विषय में कहते हैं, कि उसका बचाव परमेश्‍वर की ओर से नहीं हो सकता*। (सेला) target: [194, 50, 196, 26, 198, 200, 202, 204, 80, 62, 206, 208, 210, 114, 212, 214, 74] source: हे यहोवा मेरे सतानेवाले कितने बढ़ गए हैं! वे जो मेरे विरुद्ध उठते हैं बहुत हैं। target: [20, 60, 22, 216, 218, 220, 222, 224, 202, 22, 124, 226, 228, 230, 232, 104] source: पुत्र को चूमो ऐसा न हो कि वह क्रोध करे, और तुम मार्ग ही में नाश हो जाओ, क्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने को है। धन्य है वे जो उसमें शरण लेते है। target: [234, 158, 236, 238, 240, 242, 244, 164, 246, 34, 248, 94, 250, 252, 26, 34, 220, 254, 256, 258, 260, 262, 206, 186, 246, 264, 266, 268, 270, 272, 274, 276, 206, 34, 278, 280, 104]
डरते हुए यहोवा की उपासना करो, और काँपते हुए मगन हो। (फिलि. 2:12)
[282, 156, 60, 208, 284, 286, 94, 288, 290, 292]
source: हाय, प्रभु मैं क्या कहूँ, जब इस्राएलियों ने अपने शत्रुओं को पीठ दिखाई है! target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24] source: तब यहोवा ने उस पर दृष्टि करके कहा, “अपनी इसी शक्ति पर जा और तू इस्राएलियों को मिद्यानियों के हाथ से छुड़ाएगा; क्या मैंने तुझे नहीं भेजा?” target: [26, 28, 30, 32, 34, 36, 38, 10, 40, 42, 44, 34, 46, 48, 50, 52, 20, 54, 56, 58, 60, 62] source: और उन पापों के कारण जो यारोबाम ने किए और इस्राएल से कराए थे, यहोवा इस्राएल को त्याग देगा।” target: [64, 66, 68, 70, 72, 26, 74, 76, 78, 80, 82, 84, 86, 88, 90, 92, 94] source: यहोशापात ने इस्राएल के राजा से मेल किया। target: [96, 98, 100, 102, 104, 106, 108] source: तू किस कारण अपना मुँह फेर लेता है, और मुझे अपना शत्रु गिनता है? target: [110, 112, 114, 116, 118, 120, 122, 124, 34, 126, 128, 130, 120, 132, 124] source: मैं यहोवा को जो स्तुति के योग्य है पुकारूँगा; इस प्रकार मैं अपने शत्रुओं से बचाया जाऊँगा। target: [134, 136, 138, 140, 142, 144, 20, 146, 148, 34, 20, 116, 150, 152, 154] source: “इसलिए इस्राएल के घराने से कह, प्रभु यहोवा यह कहता है : फिरो और अपनी मूर्तियाँ को पीठ के पीछे करो; और अपने सब घृणित कामों से मुँह मोड़ो। target: [156, 76, 158, 160, 162, 88, 164, 166, 168, 170, 172, 34, 174, 176, 10, 178, 180, 112, 182, 184] source: इस कारण यहोवा इस्राएल से अति क्रोधित हुआ, और उन्हें अपने सामने से दूर कर दिया; यहूदा का गोत्र छोड़ और कोई बचा न रहा। target: [186, 88, 188, 190, 192, 34, 74, 90, 194, 196, 198, 200, 202, 204, 206, 208, 210] source: यों येहू ने बाल को इस्राएल में से नाश करके दूर किया। target: [212, 214, 216, 218, 220, 222, 224, 226] source: जब इस्राएलियों ने मिद्यानियों के कारण यहोवा की दुहाई दी, target: [228, 100, 230, 232, 234, 236, 238, 146, 240, 86, 242, 244, 246] source: इस्साकार में पारुह का पुत्र यहोशापात, target: [248, 250, 96, 252, 254] source: यहोवा जलन रखनेवाला और बदला लेनेवाला परमेश्‍वर है; यहोवा बदला लेनेवाला और जलजलाहट करनेवाला है; यहोवा अपने द्रोहियों से बदला लेता है, और अपने शत्रुओं का पाप नहीं भूलता। target: [88, 256, 258, 260, 262, 264, 164, 266, 88, 262, 264, 260, 268, 164, 270, 88, 10, 272, 274, 276, 34, 278, 10, 280, 282, 284, 286] source: हे इस्राएल, अपने परमेश्‍वर यहोवा के पास लौट आ, क्योंकि तूने अपने अधर्म के कारण ठोकर खाई है। target: [4, 288, 290, 292, 88, 294, 296, 298, 128, 300, 302, 304, 244, 270] source: यहोशू ने कहा, “अपने बीच में से पराए देवताओं को दूर करके अपना-अपना मन इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा की ओर लगाओ।” target: [306, 58, 308, 18, 310, 312, 314, 164, 316, 318, 320, 322, 176, 34, 112, 324, 326, 164, 88, 294, 328]
इस कारण प्रभु सेनाओं के यहोवा, इस्राएल के शक्तिमान की यह वाणी है: “सुनो, मैं अपने शत्रुओं को दूर करके शान्ति पाऊँगा, और अपने बैरियों से बदला लूँगा।
[330, 6, 332, 334, 326, 336, 164, 4, 338, 340, 342, 344, 346, 20, 116, 348, 262, 350, 34, 116, 352, 354, 20, 356, 274, 358]
source: हे मेरे धर्ममय परमेश्‍वर, जब मैं पुकारूँ तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं संकट में पड़ा तब तूने मुझे सहारा दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 24, 34, 36, 20, 38, 40] source: उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है*; हे यहोवा तेरी आशीष तेरी प्रजा पर हो। target: [42, 20, 44, 46, 48, 50, 52, 54] source: उठ, हे यहोवा! हे मेरे परमेश्‍वर मुझे बचा ले! क्योंकि तूने मेरे सब शत्रुओं के जबड़ों पर मारा है। और तूने दुष्टों के दाँत तोड़ डाले हैं। target: [4, 56, 58, 4, 6, 60, 62, 64, 66, 20, 68, 70, 72, 34, 74, 76, 78, 80] source: मैं उस भीड़ से नहीं डरता, जो मेरे विरुद्ध चारों ओर पाँति बाँधे खड़े हैं। target: [20, 82, 84, 86, 88, 90, 92, 94] source: मैं लेटकर सो गया; फिर जाग उठा, क्योंकि यहोवा मुझे संभालता है। target: [96, 34, 98, 100, 102, 104, 106, 108] source: मैं ऊँचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ, और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है। (सेला) target: [110, 24, 112, 114, 116, 104, 118, 120, 20, 122, 124, 126, 16, 128] source: परन्तु हे यहोवा, तू तो मेरे चारों ओर मेरी ढाल है, तू मेरी महिमा और मेरे मस्तक का ऊँचा करनेवाला है*। target: [130, 132, 4, 56, 134, 136, 138, 140, 34, 142, 144, 146] source: बहुत से मेरे विषय में कहते हैं, कि उसका बचाव परमेश्‍वर की ओर से नहीं हो सकता*। (सेला) target: [148, 86, 150, 152, 154, 156, 42, 158] source: हे यहोवा मेरे सतानेवाले कितने बढ़ गए हैं! वे जो मेरे विरुद्ध उठते हैं बहुत हैं। target: [4, 56, 160, 162, 164, 162, 166, 20, 168, 170, 172] source: पुत्र को चूमो ऐसा न हो कि वह क्रोध करे, और तुम मार्ग ही में नाश हो जाओ, क्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने को है। धन्य है वे जो उसमें शरण लेते है। target: [174, 176, 178, 180, 182, 184, 34, 20, 186, 188, 190, 102, 192, 194, 196, 198, 200, 202, 204, 24, 206, 90, 208, 210, 212, 214]
डरते हुए यहोवा की उपासना करो, और काँपते हुए मगन हो। (फिलि. 2:12)
[24, 216, 104, 218, 24, 220, 222, 224]
source: तो भी हे मेरे परमेश्‍वर यहोवा, अपने दास की प्रार्थना और गिड़गिड़ाहट की ओर ध्यान दे और मेरी पुकार और यह प्रार्थना सुन, जो मैं तेरे सामने कर रहा हूँ। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 6, 30, 12, 14, 32, 34, 36, 38] source: तो भी हे मेरे परमेश्‍वर यहोवा! अपने दास की प्रार्थना और गिड़गिड़ाहट की ओर कान लगाकर, मेरी चिल्लाहट और यह प्रार्थना सुन! जो मैं आज तेरे सामने कर रहा हूँ; target: [4, 40, 6, 10, 42, 44, 46, 12, 14, 32, 48, 50, 52, 54, 26, 56, 58, 60, 62, 6, 10, 12] source: और सब दाख की बारियों में रोना-पीटना होगा,” क्योंकि यहोवा यह कहता है, “मैं तुम्हारे बीच में से होकर जाऊँगा।” target: [64, 66, 68, 70, 72, 14, 74, 76, 78, 80, 26, 82] source: और यहोवा से यह प्रार्थना की, target: [84, 86, 10, 88] source: “जब मैंने मोल लेने की वह दस्तावेज नेरिय्याह के पुत्र बारूक के हाथ में दी, तब मैंने यहोवा से यह प्रार्थना की, target: [90, 92, 94, 96, 98, 100, 102, 14, 104, 10, 88, 50, 106] source: और प्रार्थना किया करो कि यह जाड़े में न हो। target: [108, 110, 112, 114, 116, 10, 118] source: यह कहकर उसने घुटने टेके और उन सब के साथ प्रार्थना की। target: [50, 108, 120, 122, 124, 126, 50, 10, 128] source: जब वह यहोवा के सामने ऐसी प्रार्थना कर रही थी, तब एली उसके मुँह की ओर ताक रहा था। target: [50, 80, 130, 132, 134, 136, 138, 10, 140, 142, 144, 146, 148, 150] source: तब उसने दीवार की ओर मुँह फेर*, यहोवा से प्रार्थना करके कहा, “हे यहोवा! target: [152, 84, 154, 156, 158, 160, 50, 104, 10, 162, 164, 166] source: हे यहोवा, मैं अपने मन को तेरी ओर उठाता हूँ। target: [108, 168, 14, 170, 172, 174, 176] source: हे यहोवा मेरी प्रार्थना की ओर कान लगा, और मेरे गिड़गिड़ाने को ध्यान से सुन। target: [108, 168, 178, 180, 182, 184, 178, 186, 188, 22, 24] source: और सब लोग मिलकर बोल उठे, “जो कुछ यहोवा ने कहा है वह सब हम नित करेंगे।” लोगों की यह बातें मूसा ने यहोवा को सुनाईं। target: [50, 190, 66, 192, 194, 196, 198, 190, 200, 202, 204, 206, 208, 210, 212] source: जो देश तुम्हें इस्राएल के गोत्रों को बाँटना होगा वह यही है, और उनके भाग भी ये ही हैं, परमेश्‍वर यहोवा की यही वाणी है। target: [214, 216, 218, 220, 222, 224, 226, 228, 230, 232, 234, 164, 236, 38, 238, 240, 242, 244, 246, 54, 248, 80, 166] source: सेनाओं के यहोवा की यह वाणी है, “मैं उनके विरुद्ध उठूँगा, और बाबेल का नाम और निशान मिटा डालूँगा, और बेटों-पोतों को काट डालूँगा,” यहोवा की यही वाणी है। target: [250, 252, 254, 80, 256, 26, 258, 260, 250, 262, 264, 266, 50, 268, 270, 272, 274, 276, 108, 26, 258, 260]
जब सुलैमान यहोवा से यह सब प्रार्थना गिड़गिड़ाहट के साथ कर चुका, तब वह जो घुटने टेके और आकाश की ओर हाथ फैलाए हुए था, यहोवा की वेदी के सामने से उठा,
[278, 280, 282, 284, 42, 136, 286, 124, 288, 62, 190, 10, 42, 290, 206, 292, 294, 164, 296, 298]
source: हे मेरे धर्ममय परमेश्‍वर, जब मैं पुकारूँ तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं संकट में पड़ा तब तूने मुझे सहारा दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 6, 32, 34, 36, 12, 14, 38, 40, 22, 42, 44, 46, 48, 50, 52, 54, 56] source: उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है*; हे यहोवा तेरी आशीष तेरी प्रजा पर हो। target: [58, 60, 62, 64, 66, 68, 66, 70, 42, 72, 74] source: उठ, हे यहोवा! हे मेरे परमेश्‍वर मुझे बचा ले! क्योंकि तूने मेरे सब शत्रुओं के जबड़ों पर मारा है। और तूने दुष्टों के दाँत तोड़ डाले हैं। target: [20, 76, 78, 22, 80, 14, 82, 12, 84, 22, 86, 88, 26, 90, 42, 92, 64, 94, 96, 26, 98, 100, 102, 104] source: मैं उस भीड़ से नहीं डरता, जो मेरे विरुद्ध चारों ओर पाँति बाँधे खड़े हैं। target: [6, 106, 108, 110, 112, 114, 116, 118, 120, 122, 22, 124, 126, 128, 130, 132] source: मैं लेटकर सो गया; फिर जाग उठा, क्योंकि यहोवा मुझे संभालता है। target: [6, 134, 136, 138, 94, 140, 142, 6, 144, 146, 148, 60, 14, 150, 132] source: मैं ऊँचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ, और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है। (सेला) target: [6, 152, 154, 156, 60, 158, 160, 162, 164, 166, 168, 170, 112, 14, 16, 172, 132, 74] source: परन्तु हे यहोवा, तू तो मेरे चारों ओर मेरी ढाल है, तू मेरी महिमा और मेरे मस्तक का ऊँचा करनेवाला है*। target: [174, 20, 60, 12, 22, 176, 178, 180, 50, 182, 94, 22, 184, 186, 188, 190, 192] source: बहुत से मेरे विषय में कहते हैं, कि उसका बचाव परमेश्‍वर की ओर से नहीं हो सकता*। (सेला) target: [194, 50, 196, 26, 198, 200, 202, 204, 80, 62, 206, 208, 210, 114, 212, 214, 74] source: हे यहोवा मेरे सतानेवाले कितने बढ़ गए हैं! वे जो मेरे विरुद्ध उठते हैं बहुत हैं। target: [20, 60, 22, 216, 218, 220, 222, 224, 202, 22, 124, 226, 228, 230, 232, 104] source: पुत्र को चूमो ऐसा न हो कि वह क्रोध करे, और तुम मार्ग ही में नाश हो जाओ, क्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने को है। धन्य है वे जो उसमें शरण लेते है। target: [234, 158, 236, 238, 240, 242, 244, 164, 246, 34, 248, 94, 250, 252, 26, 34, 220, 254, 256, 258, 260, 262, 206, 186, 246, 264, 266, 268, 270, 272, 274, 276, 206, 34, 278, 280, 104]
डरते हुए यहोवा की उपासना करो, और काँपते हुए मगन हो। (फिलि. 2:12)
[282, 156, 60, 208, 284, 286, 94, 288, 290, 292]
source: योनातान ने शाऊल से कहा, “दाऊद ने बैतलहम जाने के लिये मुझसे विनती करके छुट्टी माँगी; target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30] source: और दाऊद बैतलहम में अपने पिता की भेड़ बकरियाँ चराने को शाऊल के पास से आया-जाया करता था। target: [32, 34, 36, 38, 40, 42, 44, 46, 48, 50, 52, 54, 46, 56, 58, 30] source: शाऊल ने चाहा, कि दाऊद को ऐसा मारे कि भाला उसे बेधते हुए दीवार में धँस जाए; परन्तु दाऊद शाऊल के सामने से ऐसा हट गया* कि भाला जाकर दीवार ही में धँस गया। और दाऊद भागा, और उस रात को बच गया। target: [60, 62, 64, 66, 68, 70, 72, 74, 76, 78, 80, 82, 84, 86, 88, 66, 90, 30, 34, 92, 94, 96, 46, 98, 30] source: उसने उससे कहा, “हम लोग तो यहूदा के बैतलहम* से आकर एप्रैम के पहाड़ी देश की परली ओर जाते हैं, मैं तो वहीं का हूँ; और यहूदा के बैतलहम तक गया था, और अपने घर को जाता हूँ, परन्तु कोई मुझे अपने घर में नहीं टिकाता। target: [100, 102, 104, 106, 108, 110, 112, 114, 116, 118, 120, 122, 124, 126, 128, 130, 132, 134, 30, 130, 110, 36, 136, 138, 46, 130, 140, 142, 144, 74, 146, 148, 150, 152, 154, 156, 158, 30] source: शाऊल दाऊद से डरा करता था, क्योंकि यहोवा दाऊद के साथ था और शाऊल के पास से अलग हो गया था। target: [160, 162, 164, 74, 166, 168, 170, 172, 174, 176, 178, 30] source: तब शाऊल दाऊद से और भी डर गया। इसलिए शाऊल सदा के लिये दाऊद का बैरी बन गया। target: [180, 162, 174, 182, 184, 178, 30, 174, 186, 188, 190, 192, 194, 30] source: उस पुरुष का नाम एलीमेलेक, और उसकी पत्‍नी का नाम नाओमी, और उसके दो बेटों के नाम महलोन और किल्योन थे; ये एप्राती अर्थात् यहूदा के बैतलहम के रहनेवाले थे। वे मोआब के देश में आकर वहाँ रहे। target: [100, 196, 198, 200, 202, 46, 204, 206, 198, 208, 210, 30, 212, 214, 216, 218, 198, 220, 46, 222, 210, 30, 224, 110, 226, 228, 230, 30, 224, 232, 234, 236, 46, 238, 240, 242, 30] source: तब शाऊल को यह समाचार मिला कि दाऊद कीला को गया है। और शाऊल ने कहा, “परमेश्‍वर ने उसे मेरे हाथ में कर दिया है; वह तो फाटक और बेंड़ेवाले नगर में घुसकर बन्द हो गया है।” target: [34, 244, 246, 230, 248, 6, 250, 30, 60, 106, 252, 254, 256, 258, 260, 262, 30, 264, 266, 268, 270, 272, 274, 46, 276, 278, 280, 266, 282, 262] source: यों राहेल मर गई, और एप्रात, अर्थात् बैतलहम के मार्ग में, उसको मिट्टी दी गई। target: [284, 286, 46, 288, 290, 292, 56, 294, 296, 298, 30] source: तब शाऊल ने सुना कि दाऊद और उसके संगियों का पता लग गया हैं उस समय शाऊल गिबा के ऊँचे स्थान पर, एक झाऊ के पेड़ के नीचे, हाथ में अपना भाला लिए हुए बैठा था, और उसके सब कर्मचारी उसके आस-पास खड़े थे। target: [62, 176, 38, 300, 302, 304, 306, 60, 308, 30, 32, 174, 310, 278, 312, 314, 148, 258, 88, 316, 318, 230, 46, 212, 320, 212, 322, 324, 230, 30] source: जब वह मार्ग पर के भेड़शालों के पास पहुँचा जहाँ एक गुफा थी, तब शाऊल दिशा फिरने को उसके भीतर गया। और उसी गुफा के कोनों में दाऊद और उसके जन बैठे हुए थे। target: [76, 294, 326, 328, 330, 332, 334, 210, 30, 174, 336, 338, 340, 342, 30, 34, 46, 212, 344, 346, 348, 350, 318, 230, 30] source: शाऊल के घराने और दाऊद के घराने के मध्य बहुत दिन तक लड़ाई होती रही; परन्तु दाऊद प्रबल होता गया, और शाऊल का घराना निर्बल पड़ता गया। target: [352, 48, 354, 46, 190, 356, 52, 358, 360, 362, 364, 30, 34, 366, 368, 370, 372, 74, 78, 354, 366, 374, 370, 376, 30] source: और यहूदी लोग गए, और वहाँ दाऊद का अभिषेक किया* कि वह यहूदा के घराने का राजा हो। जब दाऊद को यह समाचार मिला, कि जिन्होंने शाऊल को मिट्टी दी वे गिलाद के याबेश नगर के लोग हैं। target: [378, 380, 344, 328, 46, 62, 110, 382, 384, 242, 30, 386, 62, 106, 388, 390, 392, 78, 394, 242, 396] source: और गदोर का पिता पनूएल, और हूशाह का पिता एजेर। ये एप्रात के जेठे हूर के सन्तान थे, जो बैतलहम का पिता हुआ। target: [398, 400, 402, 404, 406, 230, 30, 408, 410, 412, 414, 416, 418, 230, 30, 420, 422, 424, 46, 426, 414, 416, 418, 428, 430, 230, 30]
दाऊद यहूदा के बैतलहम के उस एप्राती पुरुष का पुत्र था, जिसका नाम यिशै था, और उसके आठ पुत्र थे और वह पुरुष शाऊल के दिनों में बूढ़ा और निर्बल हो गया था।
[432, 380, 426, 434, 424, 230, 436, 438, 440, 210, 30, 212, 442, 444, 424, 230, 30, 78, 446, 440, 448, 450, 344, 452, 184, 454, 230, 30]
source: हे मेरे धर्ममय परमेश्‍वर, जब मैं पुकारूँ तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं संकट में पड़ा तब तूने मुझे सहारा दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 6, 32, 34, 36, 12, 14, 38, 40, 22, 42, 44, 46, 48, 50, 52, 54, 56] source: उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है*; हे यहोवा तेरी आशीष तेरी प्रजा पर हो। target: [58, 60, 62, 64, 66, 68, 66, 70, 42, 72, 74] source: उठ, हे यहोवा! हे मेरे परमेश्‍वर मुझे बचा ले! क्योंकि तूने मेरे सब शत्रुओं के जबड़ों पर मारा है। और तूने दुष्टों के दाँत तोड़ डाले हैं। target: [20, 76, 78, 22, 80, 14, 82, 12, 84, 22, 86, 88, 26, 90, 42, 92, 64, 94, 96, 26, 98, 100, 102, 104] source: मैं उस भीड़ से नहीं डरता, जो मेरे विरुद्ध चारों ओर पाँति बाँधे खड़े हैं। target: [6, 106, 108, 110, 112, 114, 116, 118, 120, 122, 22, 124, 126, 128, 130, 132] source: मैं लेटकर सो गया; फिर जाग उठा, क्योंकि यहोवा मुझे संभालता है। target: [6, 134, 136, 138, 94, 140, 142, 6, 144, 146, 148, 60, 14, 150, 132] source: मैं ऊँचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ, और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है। (सेला) target: [6, 152, 154, 156, 60, 158, 160, 162, 164, 166, 168, 170, 112, 14, 16, 172, 132, 74] source: परन्तु हे यहोवा, तू तो मेरे चारों ओर मेरी ढाल है, तू मेरी महिमा और मेरे मस्तक का ऊँचा करनेवाला है*। target: [174, 20, 60, 12, 22, 176, 178, 180, 50, 182, 94, 22, 184, 186, 188, 190, 192] source: बहुत से मेरे विषय में कहते हैं, कि उसका बचाव परमेश्‍वर की ओर से नहीं हो सकता*। (सेला) target: [194, 50, 196, 26, 198, 200, 202, 204, 80, 62, 206, 208, 210, 114, 212, 214, 74] source: हे यहोवा मेरे सतानेवाले कितने बढ़ गए हैं! वे जो मेरे विरुद्ध उठते हैं बहुत हैं। target: [20, 60, 22, 216, 218, 220, 222, 224, 202, 22, 124, 226, 228, 230, 232, 104] source: पुत्र को चूमो ऐसा न हो कि वह क्रोध करे, और तुम मार्ग ही में नाश हो जाओ, क्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने को है। धन्य है वे जो उसमें शरण लेते है। target: [234, 158, 236, 238, 240, 242, 244, 164, 246, 34, 248, 94, 250, 252, 26, 34, 220, 254, 256, 258, 260, 262, 206, 186, 246, 264, 266, 268, 270, 272, 274, 276, 206, 34, 278, 280, 104]
डरते हुए यहोवा की उपासना करो, और काँपते हुए मगन हो। (फिलि. 2:12)
[282, 156, 60, 208, 284, 286, 94, 288, 290, 292]
source: “जमानत दे, अपने और मेरे बीच में तू ही जामिन हो; कौन है जो मेरे हाथ पर हाथ मारे? target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26] source: जल पत्थर के समान जम जाता है, और गहरे पानी के ऊपर जमावट होती है। target: [28, 30, 32, 34, 36, 38, 40, 42, 44, 46] source: हमारे परमेश्‍वर यहोवा के तुल्य कौन है? वह तो ऊँचे पर विराजमान है, target: [20, 32, 48, 50, 52, 16, 54, 56] source: परन्तु हे यहोवा, तू सदा विराजमान रहेगा। target: [58, 60, 62, 18, 64, 66] source: और उन्होंने यासोन और बाकी लोगों को जमानत पर छोड़ दिया। target: [68, 70, 72, 74, 40, 76, 78, 80, 40, 82, 84] source: और मैं तुम्हारे साथ अपनी यह वाचा बाँधता हूँ कि सब प्राणी फिर जल-प्रलय से नाश न होंगे और पृथ्वी का नाश करने के लिये फिर जल-प्रलय न होगा।” target: [86, 88, 90, 92, 94, 96, 98, 100, 102, 104, 106, 108, 110, 112, 114, 116, 98, 100, 78, 112, 118, 120, 122, 108, 124, 126, 128] source: यह मेरी दृष्टि में नूह के समय के जल-प्रलय के समान है; क्योंकि जैसे मैंने शपथ खाई थी कि नूह के समय के जल-प्रलय से पृथ्वी फिर न डूबेगी, वैसे ही मैंने यह भी शपथ खाई है कि फिर कभी तुझ पर क्रोध न करूँगा और न तुझको धमकी दूँगा। target: [130, 32, 132, 134, 72, 86, 52, 136, 138, 140, 142, 144, 100, 78, 146, 148, 150, 152, 136, 138, 140, 154, 156, 158, 40, 154, 160] source: मैं अपने सब पहाड़ों को मार्ग बना दूँगा, और मेरे राजमार्ग ऊँचे किए जाएँगे। target: [104, 162, 164, 108, 166, 40, 168, 170, 172] source: हे स्वर्ग में विराजमान मैं अपनी आँखें तेरी ओर उठाता हूँ! target: [174, 72, 18, 176, 18, 60, 178, 16, 180] source: सोर के राजा हीराम ने दाऊद के पास दूत भेजे, और उसका भवन बनाने को देवदार की लकड़ी और राजमिस्त्री और बढ़ई भेजे। target: [182, 184, 186, 188, 190, 192, 72, 194, 196, 198, 92, 200, 202, 40, 204, 40, 206, 72, 52, 208, 72, 210] source: जब धूलि जम जाती है, और ढेले एक-दूसरे से सट जाते हैं? target: [28, 212, 108, 214, 216, 218, 40, 220, 222] source: राजा और राजमाता से कह, “नीचे बैठ जाओ, क्योंकि तुम्हारे सिरों के शोभायमान मुकुट उतार लिए गए हैं। target: [108, 224, 40, 108, 226, 228, 230, 232, 234, 236, 238, 240, 242, 244, 246, 248, 250] source: मीकायाह ने कहा, “इस कारण तुम लोग यहोवा का यह वचन सुनो मुझे सिंहासन पर विराजमान यहोवा और उसके दाहिने बाएँ खड़ी हुई स्वर्ग की सारी सेना दिखाई पड़ी। (दानी. 7:9) target: [252, 254, 256, 258, 260, 16, 262, 264, 266, 268, 270, 272, 274, 276, 104, 278, 280, 6, 282, 40, 284, 286] source: परन्तु तू जो इस्राएल की स्तुति के सिंहासन पर विराजमान है, तू तो पवित्र है। target: [92, 288, 18, 290, 292, 294, 296, 298, 300]
जल-प्रलय के समय यहोवा विराजमान था; और यहोवा सर्वदा के लिये राजा होकर विराजमान रहता है।
[264, 108, 302, 304, 272, 306, 308, 264, 310, 32, 224, 272, 312, 314]
source: फिर उसने कहा, “तीरों को ले;” और जब उसने उन्हें लिया, तब उसने इस्राएल के राजा से कहा, “भूमि पर मार;” तब वह तीन बार मार कर ठहर गया। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 34, 14, 36, 38, 30, 40, 22, 42, 44] source: चेलों ने जैसा यीशु ने कहा था, वैसा ही उनसे कह दिया; तब उन्होंने उन्हें जाने दिया। target: [46, 48, 50, 52, 54, 16, 50, 34, 56, 58, 60, 62, 16, 64, 66, 68] source: जब राज्य उसके हाथ में स्थिर हो गया, तब उसने अपने उन कर्मचारियों को मार डाला जिन्होंने उसके पिता राजा को मार डाला था। target: [70, 72, 74, 76, 22, 78, 80, 82, 84, 86, 88] source: तब उसने उनसे यह दृष्टान्त कहा: target: [22, 90, 92, 94, 96] source: तब वह अपने पिता के पास गया, और कहा, “हे मेरे पिता,” उसने कहा, “क्या बात है? हे मेरे पुत्र, तू कौन है?” target: [16, 98, 100, 80, 102, 104, 106, 8, 108, 110, 42, 8, 112, 114, 116, 118, 120, 122, 124, 126] source: उसने उनसे पूछा, “तुम्हारे पास कितनी रोटियाँ हैं?” उन्होंने कहा, “सात।” target: [78, 50, 128, 130, 132, 134, 136, 16, 138, 140] source: उसने कहा, “उसको बुला ले।” और जब उसने उसे बुलाया, तब वह द्वार में खड़ी हुई। target: [22, 4, 8, 142, 144, 146, 148, 150, 152, 56, 154, 156, 158, 160, 162] source: तब उसने उन्हें जा पकड़ा, और ऐसी ही बातें उनसे कहीं। target: [56, 58, 164, 50, 166, 168, 170, 172, 42, 174, 176] source: जब राज्य उसके हाथ में स्थिर हो गया, तब उसने अपने उन कर्मचारियों को मृत्यु-दण्ड दिया, जिन्होंने उसके पिता राजा को मार डाला था। target: [106, 178, 180, 182, 184, 186, 188, 74, 190, 58, 192, 194, 196, 198, 200, 80, 202, 204, 206, 208, 78, 210, 212] source: जो भेजे गए थे, उन्होंने जाकर जैसा उसने उनसे कहा था, वैसा ही पाया। target: [214, 216, 218, 16, 220, 106, 78, 222, 62, 224] source: उसने उनसे कहा, ‘तुम भी दाख की बारी में जाओ।’ target: [58, 60, 226, 228, 230, 232, 234, 236, 238, 42, 240, 50, 8, 242, 22, 244, 246, 118, 248, 234, 250] source: तब उसने अपने बेटों से कहा, “मेरे लिये गदहे पर काठी बाँधो;” जब उन्होंने काठी बाँधी, target: [22, 252, 254, 80, 256, 8, 108, 258, 260, 262, 264, 266, 268] source: क्योंकि जब उसने कहा, तब हो गया; जब उसने आज्ञा दी, तब वास्तव में वैसा ही हो गया। target: [270, 42, 272, 106, 16, 274, 78, 170, 276, 106, 16, 80, 278, 280, 282] source: और उसने अपने दासों को भेजा, कि निमंत्रित लोगों को विवाह के भोज में बुलाएँ; परन्तु उन्होंने आना न चाहा। target: [78, 284, 286, 288, 214, 290, 292, 294, 296, 298, 34, 300, 60, 302, 304, 306, 308, 310]
तब उन्होंने अपने पिता याकूब से यूसुफ की सारी बातें, जो उसने उनसे कहीं थीं, कह दीं; जब उसने उन गाड़ियों को देखा, जो यूसुफ ने उसके ले आने के लिये भेजी थीं, तब उसका चित्त स्थिर हो गया।
[312, 46, 62, 168, 314, 316, 318, 320, 22, 168, 62, 322, 98, 324, 326, 328, 330, 332, 56, 334, 186, 100, 336, 338]
source: तब सैन्य-दल के सरदार ने जवान को यह निर्देश देकर विदा किया, “किसी से न कहना कि तूने मुझ को ये बातें बताई हैं।” target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 8, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 34, 36, 38] source: अपने जवानों से यह बात पूछ ले, और वे तुझको बताएँगे। अतः इन जवानों पर तेरे अनुग्रह की दृष्टि हो; हम तो आनन्द के समय में आए हैं, इसलिए जो कुछ तेरे हाथ लगे वह अपने दासों और अपने बेटे दाऊद को दे।'” target: [40, 42, 44, 46, 48, 50, 52, 54, 56, 58, 60, 62, 64, 66, 68, 70, 72, 74, 76] source: और कहने लगा, target: [78, 80, 82] source: तब मूसा ने ये बातें सब इस्राएलियों को कह सुनाई और वे बहुत विलाप करने लगे। target: [84, 58, 86, 88, 90, 92, 94, 96, 98, 100, 102] source: यहोवा ने बिलाम के मुँह में एक बात डाली, और कहा, “बालाक के पास लौट जो, और इस प्रकार कहना।” target: [104, 106, 108, 110, 50, 112, 114, 116, 82, 118, 120, 122, 124, 126, 128, 130, 34, 132, 134] source: और वे उस जवान को जीवित ले आए, और बहुत शान्ति पाई। target: [24, 136, 138, 140, 22, 142, 144, 24, 146, 148, 150, 102] source: किसी ने याकूब को बता दिया, “तेरा पुत्र यूसुफ तेरे पास आ रहा है,” तब इस्राएल अपने को सम्भालकर खाट पर बैठ गया। target: [152, 154, 156, 158, 160, 22, 162, 164, 166, 8, 168, 170, 172, 174, 124, 176, 178, 180] source: आज के दिन फारस और मादी हाकिमों की स्त्रियाँ जिन्होंने रानी की यह बात सुनी है तो वे भी राजा के सब हाकिमों से ऐसा ही कहने लगेंगी; इस प्रकार बहुत ही घृणा और क्रोध उत्‍पन्‍न होगा। target: [182, 184, 186, 188, 124, 190, 192, 194, 196, 198, 200, 202, 24, 204, 206, 208, 210, 212, 214, 216, 218, 124, 220, 222] source: और यहोवा ने बिलाम से भेंट की, और उसने उसके मुँह में एक बात डाली, और कहा, “बालाक के पास लौट जा, और इस प्रकार कहना।” target: [116, 224, 158, 124, 108, 110, 50, 226, 34, 114, 104, 106, 112, 118, 228, 114, 124, 226, 230, 232, 114] source: और खोजों के प्रधान ने दानिय्येल से कहा, “मैं अपने स्वामी राजा से डरता हूँ, क्योंकि तुम्हारा खाना-पीना उसी ने ठहराया है, कहीं ऐसा न हो कि वह तेरा मुँह तेरे संगी जवानों से उतरा हुआ और उदास देखे और तुम मेरा सिर राजा के सामने जोखिम में डालो।” target: [234, 236, 238, 82, 240, 242, 244, 246, 248, 14, 226, 250, 108, 252, 254, 108, 256, 258, 260, 262, 264, 266, 268, 270, 272, 250, 274, 276, 278, 280, 282, 78, 284, 286, 288, 290] source: और प्रधान याजक और शास्त्री इस बात की खोज में थे कि उसको कैसे मार डालें, पर वे लोगों से डरते थे। target: [292, 294, 96, 124, 296, 298, 300, 302, 304, 306, 58, 308, 310, 312, 314, 68, 316, 318, 320, 322, 324] source: और अपनी जवानी के साथी को छोड़ देती, और जो अपने परमेश्‍वर की वाचा* को भूल जाती है। target: [326, 328, 330, 332, 334, 264, 124, 42, 336, 338, 340, 202] source: वह याकूब को अपना वचन, और इस्राएल को अपनी विधियाँ और नियम बताता है। target: [226, 342, 344, 346, 348, 344, 350, 254, 352, 114] source: तब यहोशू आकान से कहने लगा, “हे मेरे बेटे, इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा का आदर कर, और उसके आगे अंगीकार कर; और जो कुछ तूने किया है वह मुझ को बता दे, और मुझसे कुछ मत छिपा।” target: [354, 356, 358, 82, 360, 362, 364, 366, 116, 368, 370, 372, 124, 374, 376, 378, 380, 382, 384, 40, 108, 386, 50, 388, 10, 390, 392, 394, 396, 398]
तब बूजी बारकेल का पुत्र एलीहू कहने लगा, “मैं तो जवान हूँ, और तुम बहुत बूढ़े हो; इस कारण मैं रुका रहा, और अपना विचार तुम को बताने से डरता था।
[206, 400, 402, 404, 406, 408, 410, 412, 414, 78, 82, 126, 416, 14, 254, 250, 418, 420, 422, 126, 424, 426, 428, 262, 430, 124, 284, 432, 434, 436, 438]
source: 'श्रापित हो वह जो अपने पिता या माता को तुच्छ जाने।' तब सब लोग कहें, 'आमीन।' target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 34, 36] source: 'श्रापित हो वह जो अपनी सास के संग कुकर्म करे।' तब सब लोग कहें, 'आमीन।' target: [4, 6, 8, 10, 18, 38, 40, 42, 26, 28, 30, 32, 34, 36] source: 'श्रापित हो वह जो निर्दोष जन के मार डालने के लिये घुस ले।' तब सब लोग कहें, *'आमीन।' target: [44, 6, 8, 10, 46, 48, 50, 52, 54, 22, 56, 26, 58, 30, 32, 34, 36] source: 'श्रापित हो वह जो किसी दूसरे की सीमा को हटाए।' तब सब लोग कहें, 'आमीन।' target: [4, 6, 8, 10, 12, 60, 62, 64, 66, 68, 28, 30, 32, 34, 36] source: 'श्रापित हो वह जो अंधे को मार्ग से भटका दे।' तब सब लोग कहें, *'आमीन।' target: [44, 6, 8, 10, 70, 66, 72, 74, 76, 78, 58, 30, 32, 34, 80] source: 'श्रापित हो वह जो किसी प्रकार के पशु से कुकर्म करे।' तब सब लोग कहें, 'आमीन।' target: [44, 6, 8, 10, 82, 84, 40, 42, 26, 58, 30, 32, 34, 36] source: 'श्रापित हो वह जो इस व्यवस्था के वचनों को मानकर पूरा न करे।' तब सब लोग कहें, 'आमीन।' target: [44, 6, 8, 10, 86, 88, 90, 92, 66, 94, 50, 96, 98, 26, 58, 30, 32, 34, 36] source: अर्थात् वह जल जो श्राप का कारण होता है तेरी अंतड़ियों में जाकर तेरे पेट को फुलाए, और तेरी जाँघ को सड़ा दे। तब वह स्त्री कहे, आमीन, आमीन। target: [86, 100, 102, 104, 10, 106, 108, 110, 112, 114, 116, 118, 50, 112, 120, 66, 122, 124, 112, 126, 66, 128, 130, 132, 34, 134, 136] source: 'श्रापित हो वह जो परदेशी, अनाथ, या विधवा का न्याय बिगाड़े।' तब सब लोग कहें, 'आमीन।' target: [4, 6, 8, 10, 138, 140, 124, 142, 22, 144, 146, 28, 30, 32, 34, 36] source: शान्ति का परमेश्‍वर तुम सब के साथ रहे। आमीन। target: [148, 150, 152, 154, 156, 158, 160, 162, 164, 80] source: मेरा प्रेम मसीह यीशु में* तुम सब के साथ रहे। आमीन। target: [166, 168, 116, 170, 172, 66, 174, 176, 80] source: उसी का साम्राज्य युगानुयुग रहे। आमीन। target: [178, 180, 182, 164, 80] source: तब उसने भवन की लम्बाई मापकर सौ हाथ की पाई; और दीवारों समेत आँगन की भी लम्बाई मापकर सौ हाथ की पाई। target: [86, 184, 186, 188, 190, 66, 192, 194, 196, 198, 124, 200, 202, 124, 204, 206, 62, 208, 210, 192, 194, 196, 212] source: 'श्रापित हो वह जो अपनी बहन, चाहे सगी हो चाहे सौतेली, से कुकर्म करे।' तब सब लोग कहें, 'आमीन।' target: [44, 6, 8, 10, 18, 214, 40, 42, 216, 218, 186, 206, 160, 14, 220, 222, 6, 218, 206, 220, 224, 220, 222, 164, 58, 30, 32, 34, 36]
'श्रापित हो वह जो किसी को छिपकर मारे।' तब सब लोग कहें, 'आमीन।'
[44, 6, 8, 10, 12, 60, 66, 226, 50, 228, 58, 30, 32, 34, 36]
source: हे जाति-जाति के लोगों, सुनने के लिये निकट आओ, और हे राज्य-राज्य के लोगों, ध्यान से सुनो! पृथ्वी भी, और जो कुछ उसमें है, जगत और जो कुछ उसमें उत्‍पन्‍न होता है, सब सुनो। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 4, 16, 18, 20, 22, 12, 24, 26, 28, 30, 32, 34, 36, 38, 40] source: और लोग जाति-जाति के तेज और वैभव का सामान उसमें लाएँगे। target: [42, 44, 46, 30, 48, 50, 52] source: सिय्योन न्याय के द्वारा, और जो उसमें फिरेंगे वे धर्म के द्वारा छुड़ा लिए जाएँगे। target: [54, 56, 58, 60, 12, 62, 64, 66, 68, 58, 70] source: वह भूमि और उसमें की गुफा हित्तियों के हाथ से मोल ली गई।” target: [72, 74, 12, 76, 78, 80, 82, 84, 86, 88] source: तो भी मैं उन्हें भवन में की सौंपी हुई वस्तुओं का रक्षक ठहराऊँगा; उसमें सेवा का जितना काम हो, और जो कुछ उसमें करना हो, उसके करनेवाले वे ही हों। target: [90, 92, 94, 96, 98, 100, 102, 36, 104, 30, 106, 108, 110, 112, 114, 116, 118] source: और यहोवा ने उसको भी राजा समेत इस्राएलियों के हाथ में कर दिया; और यहोशू ने उसको और उसमें के सब प्राणियों को तलवार से मारा; और उसमें से किसी को भी जीवित न छोड़ा; और उसके राजा से वैसा ही किया जैसा उसने यरीहो के राजा के साथ किया था।। target: [120, 72, 122, 12, 124, 126, 128, 130, 132, 134, 30, 136, 124, 12, 138, 36, 140, 142, 144, 146, 148, 150, 152, 140, 154, 156, 158, 160, 162, 108, 164, 166, 168, 160, 170] source: वह फिर कभी न बसेगा और युग-युग उसमें कोई वास न करेगा; अरबी लोग भी उसमें डेरा खड़ा न करेंगे, और न चरवाहे उसमें अपने पशु बैठाएँगे। target: [76, 172, 174, 176, 178, 30, 180, 182, 184, 186, 188, 190, 192, 194, 196, 198, 200, 202, 204, 192, 206, 196, 208, 210, 188] source: और मूसा और हारून और उसके पुत्रों ने उसमें अपने-अपने हाथ पाँव धोए; target: [212, 214, 12, 216, 218, 106, 220, 222, 224, 226] source: और उसमें हारून और उसके पुत्र अपने-अपने हाथ पाँव धोया करें। target: [10, 228, 230, 214, 12, 102, 232, 192, 222, 234] source: और यहोवा मनुष्यों को उसमें से दूर कर दे, और देश के बहुत से स्थान निर्जन हो जाएँ। target: [30, 236, 238, 240, 242, 244, 246, 30, 248, 250, 252] source: परन्तु यदि उसमें किसी प्रकार का दोष हो, अर्थात् वह लँगड़ा या अंधा हो, या उसमें किसी और ही प्रकार की बुराई का दोष हो, तो उसे अपने परमेश्‍वर यहोवा के लिये बलि न करना। target: [90, 254, 256, 258, 260, 262, 264, 110, 266, 268, 270, 272, 274, 236, 276, 124, 278, 280, 282] source: फिर यहोवा ने मूसा और हारून से कहा, “पर्व की विधि यह है; कि कोई परदेशी उसमें से न खाए; target: [120, 284, 12, 214, 128, 286, 288, 290, 292, 294, 264, 296, 298, 300, 302, 304, 306, 308, 310] source: चालीस वर्ष तक उसमें मनुष्य या पशु का पाँव तक न पड़ेगा; और न उसमें कोई बसेगा। target: [312, 314, 32, 176, 316, 318, 320, 322, 176, 178, 30, 324, 326, 328, 196, 186, 316] source: जैसा उसने हमें जगत की उत्पत्ति से पहले उसमें चुन लिया कि हम उसकी दृष्टि में पवित्र और निर्दोष हों। target: [330, 332, 334, 336, 338, 340, 342, 344, 346, 348, 102, 350, 352, 30, 354, 356]
पृथ्वी और जो कुछ उसमें है यहोवा ही का है; जगत और उसमें निवास करनेवाले भी।
[358, 30, 360, 362, 364, 366, 28, 30, 368, 36, 370, 372, 296]
source: उसके बड़े-बड़े फाल छोटे हो जाएँगे और वह अपनी ही युक्ति के द्वारा गिरेगा। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 4, 18, 20, 22, 24, 26, 28] source: राजा के सामने अपनी बड़ाई न करना और बड़े लोगों के स्थान में खड़ा न होना*; target: [30, 6, 32, 34, 36, 38, 40, 16, 42, 44, 6, 46, 48, 50, 38, 52] source: जो बड़े-बड़े हाकिमों को तुच्छ कर देता है, और पृथ्वी के अधिकारियों को शून्य के समान कर देता है। target: [54, 56, 58, 60, 62, 64, 66, 68, 16, 70, 6, 72, 60, 74, 76, 78, 80] source: तब समुद्र में से चार बड़े-बड़े जन्तु, जो एक दूसरे से भिन्न थे, निकल आए। target: [16, 82, 84, 86, 88, 90, 92, 94, 96, 98, 100, 102, 104, 106] source: वे बड़े-बड़े परीक्षा के काम, और चिन्ह, और बड़े-बड़े चमत्कार तेरी आँखों के सामने हुए; target: [108, 4, 110, 112, 114, 16, 4, 88, 116, 118, 120, 122, 124, 126, 128] source: फिर एक और घोड़ा निकला, जो लाल रंग का था; उसके सवार को यह अधिकार दिया गया कि पृथ्वी पर से मेल उठा ले, ताकि लोग एक दूसरे का वध करें; और उसे एक बड़ी तलवार दी गई। target: [130, 96, 132, 134, 136, 94, 138, 140, 16, 4, 6, 142, 60, 144, 146, 148, 150, 70, 152, 154, 60, 156, 66, 158, 16, 144, 94, 160, 96, 98, 60, 162, 164, 16, 96, 166, 168, 170, 4, 60, 172, 174] source: और लेवी ने अपने घर में उसके लिये एक बड़ा भोज* दिया; और चुंगी लेनेवालों की और अन्य लोगों की जो उसके साथ भोजन करने बैठे थे एक बड़ी भीड़ थी। target: [176, 178, 126, 180, 182, 184, 6, 186, 166, 188, 190, 16, 192, 194, 196, 198, 16, 200, 202, 94, 204, 6, 24, 206, 208, 104, 166, 210, 212] source: और भोर को तुम्हें यहोवा का तेज देख पड़ेगा, क्योंकि तुम जो यहोवा पर बड़बड़ाते हो उसे वह सुनता है। और हम क्या हैं कि तुम हम पर बड़बड़ाते हो?” target: [214, 216, 60, 218, 220, 222, 224, 226, 94, 228, 214, 218, 48, 230, 232, 4, 234, 236, 16, 238, 240, 242, 94, 214, 244, 48, 230, 246] source: “अपने घर में लौट जा और लोगों से कह दे, कि परमेश्‍वर ने तेरे लिये कैसे बड़े-बड़े काम किए हैं।” वह जाकर सारे नगर में प्रचार करने लगा, कि यीशु ने मेरे लिये कैसे बड़े-बड़े काम किए। target: [94, 180, 182, 60, 248, 250, 16, 204, 60, 252, 94, 254, 126, 256, 186, 258, 110, 118, 260, 262, 130, 4, 264, 266, 268, 44, 60, 270, 272, 94, 274, 126, 184, 6, 186, 258, 110, 118, 276] source: परन्तु यहोवा के इन सब बड़े-बड़े कामों को तुमने अपनी आँखों से देखा है। target: [278, 122, 124, 126, 218, 6, 260, 280, 282, 264, 88, 284, 60, 286, 80] source: राजा सुलैमान ने सोना गढ़वाकर दो सौ बड़ी-बड़ी ढालें बनवाई; एक-एक ढाल में छः-छः सौ शेकेल सोना लगा। target: [16, 288, 290, 126, 292, 294, 296, 298, 300, 302, 304, 306, 16, 308, 310, 60, 312, 314, 292, 316] source: उसने बड़े-बड़े राजा मारे, उसकी करुणा सदा की है। target: [318, 220, 320, 88, 322, 60, 324, 4, 202, 326, 328, 202, 330] source: एक छोटा सा नगर था, जिसमें थोड़े ही लोग थे; और किसी बड़े राजा ने उस पर चढ़ाई करके उसे घेर लिया, और उसके विरुद्ध बड़ी मोर्चाबन्दी कर दी। target: [96, 332, 334, 336, 140, 16, 4, 6, 268, 338, 64, 340, 342, 4, 6, 48, 96, 110, 30, 126, 344, 346, 16, 4, 60, 348, 350, 16, 4, 6, 352, 110, 354, 356] source: क्योंकि उस शक्तिमान ने मेरे लिये बड़े- बड़े काम किए हैं, और उसका नाम पवित्र है। target: [358, 94, 184, 360, 126, 362, 186, 110, 118, 260, 364, 16, 184, 220, 366, 368, 80]
फिर मैंने आँख उठाकर देखा, कि उस नदी के सामने दो सींगवाला एक मेढ़ा खड़ा है, उसके दोनों सींग बड़े हैं, परन्तु उनमें से एक अधिक बड़ा है, और जो बड़ा है, वह दूसरे के बाद निकला।
[370, 372, 374, 124, 376, 296, 378, 130, 380, 382, 6, 384, 96, 386, 50, 140, 388, 6, 298, 390, 104, 16, 4, 392, 394, 104, 396, 96, 98, 100, 398, 140, 16, 398, 98, 100, 400, 402, 212]
source: फिर उसने कुर्सियाँ और कुर्सियों पर की हौदियाँ, target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 8, 16, 18, 20] source: “हे बुद्धिमानों! मेरी बातें सुनो, हे ज्ञानियों! मेरी बात पर कान लगाओ, target: [22, 24, 26, 28, 30, 32, 34, 36, 38, 40, 42, 44] source: हे मेरे पुत्र, तू व्यभिचारिणी पर क्यों मोहित हो, और पराई स्त्री को क्यों छाती से लगाए? target: [32, 38, 46, 48, 50, 52, 54, 16, 56, 58, 12, 60, 62, 50, 64, 66, 68] source: यह कहकर उसने भूमि पर थूका और उस थूक से मिट्टी सानी, और वह मिट्टी उस अंधे की आँखों पर लगाकर। target: [70, 28, 72, 74, 76, 78, 6, 80, 82, 84, 12, 4, 66, 86, 88, 90, 92, 12, 94, 88, 96, 98, 100, 102, 82, 104] source: मेरा विवाद सुनो, और मेरी विनती की बातों पर कान लगाओ। target: [106, 108, 110, 112, 30, 12, 110, 114, 16, 42, 44] source: यह न समझो, कि मैं पिता के सामने तुम पर दोष लगाऊँगा, तुम पर दोष लगानेवाला तो है, अर्थात् मूसा है जिस पर तुम ने भरोसा रखा है। target: [70, 116, 118, 120, 122, 124, 126, 128, 130, 132, 134, 136, 130, 132, 138, 140, 94, 142, 144, 12, 106, 146, 148, 4, 82, 150, 152, 154] source: नूह किसानी करने लगा: और उसने दाख की बारी लगाई। target: [156, 158, 160, 162, 12, 4, 6, 164, 166, 168, 170] source: और यदि उसने तेरी कुछ हानि की है*, या उस पर तेरा कुछ आता है, तो मेरे नाम पर लिख ले। target: [12, 172, 94, 6, 174, 176, 178, 180, 182, 184, 174, 176, 186, 188, 190, 94, 62, 38, 192, 194, 196] source: “दोष मत लगाओ, कि तुम पर भी दोष न लगाया जाए। target: [198, 116, 200, 190, 136, 202, 16, 204, 198, 116, 206, 208] source: तब उसने फिर दोबारा उसकी आँखों पर हाथ रखे, और उसने ध्यान से देखा। और चंगा हो गया, और सब कुछ साफ-साफ देखने लगा। target: [210, 94, 6, 212, 4, 100, 102, 16, 214, 216, 12, 4, 6, 218, 220, 222, 224, 190, 94, 226, 228, 222, 230, 176, 232, 234, 236] source: तब उसने इस्राएल के राजा से कहा, “धनुष पर अपना हाथ लगा।” जब उसने अपना हाथ लगाया, तब एलीशा ने अपने हाथ राजा के हाथों पर रख दिए। target: [210, 94, 6, 238, 124, 240, 62, 242, 244, 16, 246, 214, 248, 4, 6, 246, 214, 94, 124, 16, 250, 212, 252, 6, 254, 214, 240, 124, 256, 16, 258] source: अब हे मेरे पुत्रों, मेरी सुनो, और मेरी बातों पर मन लगाओ। target: [108, 32, 38, 260, 106, 110, 30, 12, 38, 262, 124, 264, 16, 266, 44] source: पृथ्वी पर की नहीं परन्तु स्वर्गीय वस्तुओं पर ध्यान लगाओ। target: [268, 100, 28, 16, 270, 272, 116, 14, 16, 274, 80, 82, 276] source: इस पर मैं जाग उठा, और देखा, और मेरी नींद मुझे मीठी लगी। target: [278, 16, 128, 280, 282, 12, 224, 12, 110, 284, 38, 286, 288, 290]
और उसने निवास के द्वार पर पर्दे को लगाया।
[212, 4, 6, 292, 124, 294, 296, 298, 300]
source: हे मेरे धर्ममय परमेश्‍वर, जब मैं पुकारूँ तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं संकट में पड़ा तब तूने मुझे सहारा दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 4, 30, 12, 32, 14, 34, 36, 38, 40, 42, 44, 46, 48, 50] source: उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है*; हे यहोवा तेरी आशीष तेरी प्रजा पर हो। target: [52, 54, 56, 58, 60, 62, 64, 66, 68] source: उठ, हे यहोवा! हे मेरे परमेश्‍वर मुझे बचा ले! क्योंकि तूने मेरे सब शत्रुओं के जबड़ों पर मारा है। और तूने दुष्टों के दाँत तोड़ डाले हैं। target: [20, 70, 72, 22, 74, 14, 76, 78, 32, 22, 80, 82, 84, 86, 88, 32, 90, 92, 94, 96] source: मैं उस भीड़ से नहीं डरता, जो मेरे विरुद्ध चारों ओर पाँति बाँधे खड़े हैं। target: [98, 100, 102, 104, 106, 108, 110, 112, 4, 114, 116] source: मैं लेटकर सो गया; फिर जाग उठा, क्योंकि यहोवा मुझे संभालता है। target: [4, 118, 120, 122, 124, 4, 126, 128, 78, 130, 132, 134, 136] source: मैं ऊँचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ, और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है। (सेला) target: [4, 138, 140, 142, 144, 146, 44, 148, 14, 150, 152, 154, 16, 156, 158] source: परन्तु हे यहोवा, तू तो मेरे चारों ओर मेरी ढाल है, तू मेरी महिमा और मेरे मस्तक का ऊँचा करनेवाला है*। target: [160, 20, 162, 32, 22, 164, 166, 168, 88, 32, 132, 170, 44, 132, 172, 174, 176, 178] source: बहुत से मेरे विषय में कहते हैं, कि उसका बचाव परमेश्‍वर की ओर से नहीं हो सकता*। (सेला) target: [180, 182, 184, 186, 188, 190, 192, 194, 196, 198, 96, 158] source: हे यहोवा मेरे सतानेवाले कितने बढ़ गए हैं! वे जो मेरे विरुद्ध उठते हैं बहुत हैं। target: [162, 132, 200, 198, 202, 198, 204, 44, 38, 206, 208, 178] source: पुत्र को चूमो ऐसा न हो कि वह क्रोध करे, और तुम मार्ग ही में नाश हो जाओ, क्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने को है। धन्य है वे जो उसमें शरण लेते है। target: [44, 148, 210, 212, 214, 216, 218, 220, 222, 224, 226, 228, 230, 232, 116, 78, 234, 236, 238, 240, 98, 80, 242, 244, 246, 248, 250, 96]
डरते हुए यहोवा की उपासना करो, और काँपते हुए मगन हो। (फिलि. 2:12)
[252, 254, 256, 258, 260, 44, 262, 264, 266, 268]
source: हे मेरे धर्ममय परमेश्‍वर, जब मैं पुकारूँ तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं संकट में पड़ा तब तूने मुझे सहारा दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 24, 34, 36, 20, 38, 40] source: उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है*; हे यहोवा तेरी आशीष तेरी प्रजा पर हो। target: [42, 20, 44, 46, 48, 50, 52, 54] source: उठ, हे यहोवा! हे मेरे परमेश्‍वर मुझे बचा ले! क्योंकि तूने मेरे सब शत्रुओं के जबड़ों पर मारा है। और तूने दुष्टों के दाँत तोड़ डाले हैं। target: [4, 56, 58, 4, 6, 60, 62, 64, 66, 20, 68, 70, 72, 34, 74, 76, 78, 80] source: मैं उस भीड़ से नहीं डरता, जो मेरे विरुद्ध चारों ओर पाँति बाँधे खड़े हैं। target: [20, 82, 84, 86, 88, 90, 92, 94] source: मैं लेटकर सो गया; फिर जाग उठा, क्योंकि यहोवा मुझे संभालता है। target: [96, 34, 98, 100, 102, 104, 106, 108] source: मैं ऊँचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ, और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है। (सेला) target: [110, 24, 112, 114, 116, 104, 118, 120, 20, 122, 124, 126, 16, 128] source: परन्तु हे यहोवा, तू तो मेरे चारों ओर मेरी ढाल है, तू मेरी महिमा और मेरे मस्तक का ऊँचा करनेवाला है*। target: [130, 132, 4, 56, 134, 136, 138, 140, 34, 142, 144, 146] source: बहुत से मेरे विषय में कहते हैं, कि उसका बचाव परमेश्‍वर की ओर से नहीं हो सकता*। (सेला) target: [148, 86, 150, 152, 154, 156, 42, 158] source: हे यहोवा मेरे सतानेवाले कितने बढ़ गए हैं! वे जो मेरे विरुद्ध उठते हैं बहुत हैं। target: [4, 56, 160, 162, 164, 162, 166, 20, 168, 170, 172] source: पुत्र को चूमो ऐसा न हो कि वह क्रोध करे, और तुम मार्ग ही में नाश हो जाओ, क्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने को है। धन्य है वे जो उसमें शरण लेते है। target: [174, 176, 178, 180, 182, 184, 34, 20, 186, 188, 190, 102, 192, 194, 196, 198, 200, 202, 204, 24, 206, 90, 208, 210, 212, 214]
डरते हुए यहोवा की उपासना करो, और काँपते हुए मगन हो। (फिलि. 2:12)
[24, 216, 104, 218, 24, 220, 222, 224]
source: हे मेरे धर्ममय परमेश्‍वर, जब मैं पुकारूँ तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं संकट में पड़ा तब तूने मुझे सहारा दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 6, 32, 34, 36, 12, 14, 38, 40, 22, 42, 44, 46, 48, 50, 52, 54, 56] source: उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है*; हे यहोवा तेरी आशीष तेरी प्रजा पर हो। target: [58, 60, 62, 64, 66, 68, 66, 70, 42, 72, 74] source: उठ, हे यहोवा! हे मेरे परमेश्‍वर मुझे बचा ले! क्योंकि तूने मेरे सब शत्रुओं के जबड़ों पर मारा है। और तूने दुष्टों के दाँत तोड़ डाले हैं। target: [20, 76, 78, 22, 80, 14, 82, 12, 84, 22, 86, 88, 26, 90, 42, 92, 64, 94, 96, 26, 98, 100, 102, 104] source: मैं उस भीड़ से नहीं डरता, जो मेरे विरुद्ध चारों ओर पाँति बाँधे खड़े हैं। target: [6, 106, 108, 110, 112, 114, 116, 118, 120, 122, 22, 124, 126, 128, 130, 132] source: मैं लेटकर सो गया; फिर जाग उठा, क्योंकि यहोवा मुझे संभालता है। target: [6, 134, 136, 138, 94, 140, 142, 6, 144, 146, 148, 60, 14, 150, 132] source: मैं ऊँचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ, और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है। (सेला) target: [6, 152, 154, 156, 60, 158, 160, 162, 164, 166, 168, 170, 112, 14, 16, 172, 132, 74] source: परन्तु हे यहोवा, तू तो मेरे चारों ओर मेरी ढाल है, तू मेरी महिमा और मेरे मस्तक का ऊँचा करनेवाला है*। target: [174, 20, 60, 12, 22, 176, 178, 180, 50, 182, 94, 22, 184, 186, 188, 190, 192] source: बहुत से मेरे विषय में कहते हैं, कि उसका बचाव परमेश्‍वर की ओर से नहीं हो सकता*। (सेला) target: [194, 50, 196, 26, 198, 200, 202, 204, 80, 62, 206, 208, 210, 114, 212, 214, 74] source: हे यहोवा मेरे सतानेवाले कितने बढ़ गए हैं! वे जो मेरे विरुद्ध उठते हैं बहुत हैं। target: [20, 60, 22, 216, 218, 220, 222, 224, 202, 22, 124, 226, 228, 230, 232, 104] source: पुत्र को चूमो ऐसा न हो कि वह क्रोध करे, और तुम मार्ग ही में नाश हो जाओ, क्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने को है। धन्य है वे जो उसमें शरण लेते है। target: [234, 158, 236, 238, 240, 242, 244, 164, 246, 34, 248, 94, 250, 252, 26, 34, 220, 254, 256, 258, 260, 262, 206, 186, 246, 264, 266, 268, 270, 272, 274, 276, 206, 34, 278, 280, 104]
डरते हुए यहोवा की उपासना करो, और काँपते हुए मगन हो। (फिलि. 2:12)
[282, 156, 60, 208, 284, 286, 94, 288, 290, 292]
source: तब वृक्षों ने अंजीर के वृक्ष से कहा, 'तू आकर हम पर राज्य कर।' target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22] source: उसने उससे कहा, “मैं आकर उसे चंगा करूँगा।” target: [24, 26, 28, 30, 32, 34, 36, 38] source: तब वह भीड़ को छोड़कर घर में आया, और उसके चेलों ने उसके पास आकर कहा, “खेत के जंगली दाने का दृष्टान्त हमें समझा दे।” target: [40, 42, 44, 34, 46, 48, 50, 52, 54, 56, 34, 58, 60, 62, 64, 66, 48, 68] source: यह दूसरा चिन्ह था जो यीशु ने यहूदिया से गलील में आकर दिखाया। target: [70, 72, 74, 76, 78, 24, 80, 82, 84, 86, 88, 90, 92] source: हे यहोवा, मेरी ताड़ना कर, पर न्याय से; क्रोध में आकर नहीं, कहीं ऐसा न हो कि मैं नाश हो जाऊँ। target: [94, 96, 98, 100, 102, 8, 104, 106, 8, 108, 110, 112, 114] source: तब उन्होंने मूसा के और निकट आकर कहा, “हम अपने पशुओं के लिये यहीं भेड़शाले बनाएँगे, और अपने बाल-बच्चों के लिये यहीं नगर बसाएँगे, target: [116, 118, 54, 120, 34, 58, 122, 124, 48, 126, 34, 128, 130, 48, 132, 34, 134, 136, 138] source: फिलिप्पुस ने आकर अन्द्रियास से कहा; तब अन्द्रियास और फिलिप्पुस ने यीशु से कहा। target: [140, 142, 34, 8, 144, 146, 40, 148, 34, 150, 152, 34, 8, 154, 156] source: तो अपनी भेंट वहीं वेदी के सामने छोड़ दे, और जाकर पहले अपने भाई से मेल मिलाप कर, और तब आकर अपनी भेंट चढ़ा। target: [158, 160, 162, 164, 166, 34, 168, 170, 172, 174, 176, 178, 180, 182, 40, 184, 34, 164, 186] source: तब यहोशू ने इस्राएलियों से कहा, “पास आकर अपने परमेश्‍वर यहोवा के वचन सुनो।” target: [188, 190, 8, 192, 194, 14, 196, 198, 48, 200, 34, 202, 86, 204, 206, 208, 210] source: तब यीशु ने भीड़ से और अपने चेलों से कहा, target: [212, 24, 8, 214, 34, 52, 216] source: हे यहोवा क्रोध में आकर मुझे झिड़क न दे, और न जलजलाहट में आकर मेरी ताड़ना कर! target: [94, 96, 8, 218, 220, 222, 224, 8, 226, 220, 98, 228] source: तब परमेश्‍वर ने बिलाम के पास आकर पूछा, “तेरे यहाँ ये पुरुष कौन हैं?” target: [40, 230, 90, 56, 232, 34, 234, 236, 238, 240, 78, 242] source: यीशु ने उससे कहा, “हे मित्र, जिस काम के लिये तू आया है, उसे कर ले।” तब उन्होंने पास आकर यीशु पर हाथ डाले और उसे पकड़ लिया। target: [244, 26, 28, 246, 84, 248, 250, 252, 40, 54, 198, 34, 154, 254, 256, 34, 258] source: आठ दिन के बाद उसके चेले फिर घर के भीतर थे, और थोमा उनके साथ था, और द्वार बन्द थे, तब यीशु ने आकर और बीच में खड़ा होकर कहा, “तुम्हें शान्ति मिले।” target: [260, 262, 264, 52, 266, 86, 268, 270, 34, 272, 274, 276, 278, 280, 24, 142, 34, 282, 284, 234, 286, 288, 290]
उस दास ने आकर अपने स्वामी को ये बातें कह सुनाईं। तब घर के स्वामी ने क्रोध में आकर अपने दास से कहा, ‘नगर के बाजारों और गलियों में तुरन्त जाकर कंगालों, टुण्डों, लँगड़ों और अंधों को यहाँ ले आओ।’
[292, 294, 34, 296, 8, 298, 300, 302, 304, 306, 76, 34, 8, 308, 14, 310, 168, 48, 312, 34, 314, 316, 318, 34, 320, 34, 322, 34, 324, 326, 328]
source: हे मेरे धर्ममय परमेश्‍वर, जब मैं पुकारूँ तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं संकट में पड़ा तब तूने मुझे सहारा दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 6, 32, 34, 36, 12, 14, 38, 40, 22, 42, 44, 46, 48, 50, 52, 54, 56] source: उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है*; हे यहोवा तेरी आशीष तेरी प्रजा पर हो। target: [58, 60, 62, 64, 66, 68, 66, 70, 42, 72, 74] source: उठ, हे यहोवा! हे मेरे परमेश्‍वर मुझे बचा ले! क्योंकि तूने मेरे सब शत्रुओं के जबड़ों पर मारा है। और तूने दुष्टों के दाँत तोड़ डाले हैं। target: [20, 76, 78, 22, 80, 14, 82, 12, 84, 22, 86, 88, 26, 90, 42, 92, 64, 94, 96, 26, 98, 100, 102, 104] source: मैं उस भीड़ से नहीं डरता, जो मेरे विरुद्ध चारों ओर पाँति बाँधे खड़े हैं। target: [6, 106, 108, 110, 112, 114, 116, 118, 120, 122, 22, 124, 126, 128, 130, 132] source: मैं लेटकर सो गया; फिर जाग उठा, क्योंकि यहोवा मुझे संभालता है। target: [6, 134, 136, 138, 94, 140, 142, 6, 144, 146, 148, 60, 14, 150, 132] source: मैं ऊँचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ, और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है। (सेला) target: [6, 152, 154, 156, 60, 158, 160, 162, 164, 166, 168, 170, 112, 14, 16, 172, 132, 74] source: परन्तु हे यहोवा, तू तो मेरे चारों ओर मेरी ढाल है, तू मेरी महिमा और मेरे मस्तक का ऊँचा करनेवाला है*। target: [174, 20, 60, 12, 22, 176, 178, 180, 50, 182, 94, 22, 184, 186, 188, 190, 192] source: बहुत से मेरे विषय में कहते हैं, कि उसका बचाव परमेश्‍वर की ओर से नहीं हो सकता*। (सेला) target: [194, 50, 196, 26, 198, 200, 202, 204, 80, 62, 206, 208, 210, 114, 212, 214, 74] source: हे यहोवा मेरे सतानेवाले कितने बढ़ गए हैं! वे जो मेरे विरुद्ध उठते हैं बहुत हैं। target: [20, 60, 22, 216, 218, 220, 222, 224, 202, 22, 124, 226, 228, 230, 232, 104] source: पुत्र को चूमो ऐसा न हो कि वह क्रोध करे, और तुम मार्ग ही में नाश हो जाओ, क्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने को है। धन्य है वे जो उसमें शरण लेते है। target: [234, 158, 236, 238, 240, 242, 244, 164, 246, 34, 248, 94, 250, 252, 26, 34, 220, 254, 256, 258, 260, 262, 206, 186, 246, 264, 266, 268, 270, 272, 274, 276, 206, 34, 278, 280, 104]
डरते हुए यहोवा की उपासना करो, और काँपते हुए मगन हो। (फिलि. 2:12)
[282, 156, 60, 208, 284, 286, 94, 288, 290, 292]
source: धन्य है तेरा परमेश्‍वर यहोवा, जो तुझसे ऐसा प्रसन्‍न हुआ, कि तुझे अपनी राजगद्दी पर इसलिए विराजमान किया कि तू अपने परमेश्‍वर यहोवा की ओर से राज्य करे; तेरा परमेश्‍वर जो इस्राएल से प्रेम करके उन्हें सदा के लिये स्थिर करना चाहता था, इसी कारण उसने तुझे न्याय और धर्म करने को उनका राजा बना दिया।” target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 6, 8, 30, 32, 34, 12, 36, 38, 18, 40, 42, 44, 46, 48, 50, 28, 52, 54, 18, 56, 58, 60] source: “इस कारण, हे इस्राएल, मैं तुझ से ऐसा ही करूँगा, और इसलिए कि मैं तुझ में यह काम करने पर हूँ, हे इस्राएल, अपने परमेश्‍वर के सामने आने के लिये तैयार* हो जा!” target: [62, 64, 66, 68, 70, 72, 64, 34, 12, 74, 68, 70, 76, 6, 78, 80] source: तो भी इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा ने मेरे पिता के सारे घराने में से मुझी को चुन लिया, कि इस्राएल का राजा सदा बना रहूँ अर्थात् उसने यहूदा को प्रधान होने के लिये और यहूदा के घराने में से मेरे पिता के घराने को चुन लिया और मेरे पिता के पुत्रों में से वह मुझी को सारे इस्राएल का राजा बनाने के लिये प्रसन्‍न हुआ। target: [82, 84, 8, 86, 88, 90, 92, 94, 96, 98, 100, 52, 6, 42, 102, 104, 64, 106, 108, 110, 112, 114, 90, 116, 118, 94, 120, 90, 122, 124, 126, 128, 130, 132, 6, 12, 134, 104, 92, 136] source: यहोशापात ने इस्राएल के राजा से मेल किया। target: [138, 140, 142, 104, 88, 144, 146, 148] source: क्योंकि इस्राएली मेरे ही दास हैं; वे मिस्र देश से मेरे ही निकाले हुए दास हैं; मैं तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा हूँ। target: [106, 150, 88, 152, 6, 154, 156, 158, 160, 162, 90, 164, 166, 168, 128, 8, 170] source: तब उसने इस्राएलियों से कहा, “इस्राएल का परमेश्‍वर यहोवा यह कहता है, 'मैं तो इस्राएल को मिस्र देश से निकाल लाया, और तुम को मिस्रियों के हाथ से, और उन सब राज्यों के हाथ से जो तुम पर अंधेर करते थे छुड़ाया है।' target: [126, 150, 36, 172, 174, 86, 88, 176, 178, 180, 182, 90, 166, 184, 186, 18, 188, 190, 90, 192, 194, 18, 90, 196, 92, 198, 200, 202, 204] source: तो मैं तेरी राजगद्दी को स्थिर रखूँगा; जैसे कि मैंने तेरे पिता दाऊद के साथ वाचा बाँधी थी, कि तेरे कुल में इस्राएल पर प्रभुता करनेवाला सदा बना रहेगा। target: [206, 208, 210, 212, 70, 214, 216, 218, 142, 220, 222, 224, 18, 226, 228, 90, 230, 232, 6, 234, 236] source: और उन पापों के कारण जो यारोबाम ने किए और इस्राएल से कराए थे, यहोवा इस्राएल को त्याग देगा।” target: [238, 88, 240, 242, 244, 246, 248, 18, 246, 88, 202, 198, 250, 252, 254] source: यह इस कारण हुआ कि यारोबाम ने स्वयं पाप किए, और इस्राएल से भी करवाए थे, और उसने इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा को क्रोधित किया था। target: [256, 34, 198, 258, 132, 202, 248, 260, 18, 262, 264, 90, 88, 266, 268, 270, 138, 8, 86, 272, 274, 276] source: यह वचन जो यहोवा ने कहा था, उसे उसने पूरा भी किया है; और मैं अपने पिता दाऊद के स्थान पर उठकर यहोवा के वचन के अनुसार इस्राएल की गद्दी पर विराजमान हूँ, और इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा के नाम के इस भवन को बनाया है। (1 राजा. 2:12) target: [278, 280, 282, 284, 12, 202, 286, 288, 290, 220, 292, 294, 18, 20, 208, 88, 296, 214, 298, 286, 300, 6, 302, 8, 86, 88, 304, 306] source: और कहते थे, “हे इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा, इस्राएल में ऐसा क्यों होने पाया, कि आज इस्राएल में एक गोत्र की घटी हुई है?” target: [308, 62, 8, 86, 64, 310, 176, 90, 312, 314, 316, 318, 150, 88, 320, 90, 192, 322] source: यह जो वचन यहोवा ने कहा था, उसे उसने पूरा भी किया है, और मैं अपने पिता दाऊद के स्थान पर उठकर, यहोवा के वचन के अनुसार इस्राएल की गद्दी पर विराजमान हूँ, और इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा के नाम से इस भवन को बनाया है। (प्रेरि. 7:47) target: [278, 280, 282, 284, 12, 202, 286, 288, 290, 220, 292, 294, 18, 20, 208, 88, 296, 214, 298, 286, 300, 6, 302, 8, 86, 88, 304, 306] source: इस्राएल के ये पुत्र हुए*; रूबेन, शिमोन, लेवी, यहूदा, इस्साकार, जबूलून, target: [324, 122, 326, 328, 330, 332, 334, 336, 338] source: “इस्राएलियों से कह कि मैं तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा हूँ*। target: [82, 150, 88, 340, 18, 342, 344, 180, 8, 170]
धन्य है तेरा परमेश्‍वर यहोवा*! जो तुझ से ऐसा प्रसन्‍न हुआ कि तुझे इस्राएल की राजगद्दी पर विराजमान किया यहोवा इस्राएल से सदा प्रेम रखता है, इस कारण उसने तुझे न्याय और धर्म करने को राजा बना दिया है।”
[4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 208, 88, 346, 34, 12, 298, 42, 36, 348, 48, 50, 28, 52, 54, 18, 56, 58, 60]
source: पर ज्यों-ज्यों वे उनको दुःख देते गए त्यों-त्यों वे बढ़ते और फैलते चले गए; इसलिए वे इस्राएलियों से अत्यन्त डर गए। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 34, 36, 38, 40, 42, 44] source: फिर इस्राएल मिस्र में आया; और याकूब हाम के देश में रहा। target: [46, 38, 48, 50, 52, 54, 56, 58, 60, 34, 62] source: इसलिए मोआब यह जानकर, कि इस्राएली बहुत हैं, उन लोगों से अत्यन्त डर गया; यहाँ तक कि मोआब इस्राएलियों के कारण अत्यन्त व्याकुल हुआ। target: [64, 54, 66, 68, 70, 72, 74, 64, 76, 36, 38, 78, 42, 44] source: जब यहोवा एलिय्याह को बवंडर के द्वारा स्वर्ग में उठा ले जाने को था, तब एलिय्याह और एलीशा दोनों संग-संग गिलगाल से चले। target: [80, 82, 84, 86, 54, 88, 90, 92, 94, 96, 86, 18, 98, 54, 100, 102] source: कहातियों और कोरहियों में से कुछ लेवीय खड़े होकर इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा की स्तुति अत्यन्त ऊँचे स्वर से करने लगे। target: [104, 106, 54, 36, 108, 18, 110, 112, 90, 114, 116, 118, 38, 34, 120, 72, 122] source: और उन पापों के कारण जो यारोबाम ने किए और इस्राएल से कराए थे, यहोवा इस्राएल को त्याग देगा।” target: [124, 38, 126, 128, 76, 130, 132, 18, 130, 38, 134, 136, 138, 140, 142] source: इस्राएल के ये पुत्र हुए*; रूबेन, शिमोन, लेवी, यहूदा, इस्साकार, जबूलून, target: [144, 146, 148, 150, 152, 154, 156, 158, 160] source: चेले यह सुनकर मुँह के बल गिर गए और अत्यन्त डर गए। target: [80, 162, 164, 166, 168, 170, 172, 174, 72, 176] source: इस कारण यहोवा इस्राएल से अति क्रोधित हुआ, और उन्हें अपने सामने से दूर कर दिया; यहूदा का गोत्र छोड़ और कोई बचा न रहा। target: [26, 28, 82, 72, 54, 38, 178, 60, 18, 180, 182, 184, 186, 188, 190, 192, 194] source: वह उठा, और बालक और उसकी माता को साथ लेकर इस्राएल के देश में आया। target: [196, 198, 200, 18, 202, 204, 18, 206, 56, 208] source: यहोशापात ने इस्राएल के राजा से मेल किया। target: [210, 212, 214, 216, 38, 218, 220, 222] source: जब इस्राएल उस देश में बसा था, तब एक दिन ऐसा हुआ कि रूबेन ने जाकर अपने पिता की रखैली बिल्हा के साथ कुकर्म किया; और यह बात इस्राएल को मालूम हो गई। याकूब के बारह पुत्र हुए। target: [80, 38, 166, 224, 226, 228, 230, 214, 232, 234, 236, 238, 240, 242, 244, 38, 246, 52, 248, 250, 252] source: जब यहोवा के दूत ने सारे इस्राएलियों से ये बातें कहीं, तब वे लोग चिल्ला चिल्लाकर रोने लगे। target: [80, 254, 82, 256, 258, 34, 260, 36, 38, 262, 264, 34, 266, 94, 268] source: तब शमूएल ने यहोवा को पुकारा, और यहोवा ने उसी दिन मेघ गरजाया और मेंह बरसाया; और सब लोग यहोवा से और शमूएल से अत्यन्त डर गए। target: [104, 270, 272, 82, 274, 276, 18, 278, 166, 280, 282, 18, 284, 286, 18, 260, 264, 72, 54, 82, 18, 54, 270, 176]
जब फ़िरौन निकट आया, तब इस्राएलियों ने आँखें उठाकर क्या देखा, कि मिस्री हमारा पीछा किए चले आ रहे हैं; और इस्राएली अत्यन्त डर गए, और चिल्लाकर यहोवा की दुहाई दी।
[80, 288, 290, 292, 36, 38, 294, 296, 18, 298, 30, 300, 24, 72, 302, 18, 304, 90, 82, 240]
source: यदि मैं औरों के लिये प्रेरित नहीं, फिर भी तुम्हारे लिये तो हूँ; क्योंकि तुम प्रभु में मेरी प्रेरिताई पर छाप हो। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 8, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 34, 36, 38, 22] source: क्योंकि यदि मैंने उसके सामने तुम्हारे विषय में कुछ घमण्ड दिखाया, तो लज्जित नहीं हुआ, परन्तु जैसे हमने तुम से सब बातें सच-सच कह दी थीं, वैसे ही हमारा घमण्ड दिखाना तीतुस के सामने भी सच निकला। target: [40, 42, 16, 44, 46, 48, 4, 50, 22, 52, 54, 56, 58, 60, 62, 64, 66, 68, 70, 72, 26, 16, 44, 60, 74, 76, 46, 78, 80, 82, 22] source: कि हम तुम्हारी सीमा से आगे बढ़कर सुसमाचार सुनाएँ, और यह नहीं, कि हम औरों की सीमा के भीतर बने बनाए कामों पर घमण्ड करें। target: [84, 52, 86, 88, 90, 92, 94, 96, 78, 84, 98, 100, 102, 104, 22, 6, 106, 108, 34, 44, 84, 110, 112, 22] source: जैसा तुम में से कितनों ने मान लिया है, कि हम तुम्हारे घमण्ड का कारण है; वैसे तुम भी प्रभु यीशु के दिन हमारे लिये घमण्ड का कारण ठहरोगे। target: [56, 114, 116, 118, 120, 122, 124, 22, 126, 128, 130, 84, 132, 134, 46, 136, 138, 140, 56, 24, 142, 138, 144, 22] source: क्या हमें खाने-पीने का अधिकार नहीं? target: [146, 118, 148, 150, 152, 154, 156, 158] source: और जो घमण्ड तुम मेरे विषय में करते हो, वह मेरे फिर तुम्हारे पास आने से मसीह यीशु में अधिक बढ़ जाए। target: [160, 162, 30, 164, 166, 138, 116, 168, 170, 30, 134, 172, 174, 176, 178, 180, 182, 184, 22] source: यदि मैं सुसमाचार सुनाऊँ, तो मेरा कुछ घमण्ड नहीं; क्योंकि यह तो मेरे लिये अवश्य है; और यदि मैं सुसमाचार न सुनाऊँ, तो मुझ पर हाय! target: [186, 188, 100, 190, 192, 186, 110, 136, 138, 26, 194, 196, 186, 198, 200, 22, 202, 186, 188, 100, 204, 206, 208, 210, 212, 22] source: हम फिर भी अपनी बड़ाई तुम्हारे सामने नहीं करते वरन् हम अपने विषय में तुम्हें घमण्ड करने का अवसर देते हैं, कि तुम उन्हें उत्तर दे सको, जो मन पर नहीं, वरन् दिखावटी बातों पर घमण्ड करते हैं। target: [118, 116, 214, 216, 192, 60, 58, 218, 220, 222, 22, 224, 84, 58, 226, 46, 136, 138, 228, 230, 90, 232, 234, 236, 238, 240, 242, 244, 246, 248, 22] source: क्योंकि हमारा ज्ञान अधूरा है, और हमारी भविष्यद्वाणी अधूरी। target: [40, 84, 250, 252, 150, 250, 254, 256, 22] source: क्या मैं स्वतंत्र नहीं*? क्या मैं प्रेरित नहीं? क्या मैंने यीशु को जो हमारा प्रभु है, नहीं देखा? क्या तुम प्रभु में मेरे बनाए हुए नहीं? target: [146, 4, 258, 260, 158, 146, 4, 10, 262, 158, 146, 186, 126, 142, 264, 266, 260, 158, 146, 24, 28, 268, 270, 272, 274, 150, 158] source: हम तो सीमा से बाहर घमण्ड कदापि न करेंगे, परन्तु उसी सीमा तक जो परमेश्‍वर ने हमारे लिये ठहरा दी है, और उसमें तुम भी आ गए हो और उसी के अनुसार घमण्ड भी करेंगे। target: [276, 84, 278, 280, 282, 110, 284, 22, 224, 286, 288, 290, 292, 294, 84, 296, 88, 298, 300, 302, 304, 22] source: परन्तु जो घमण्ड करे, वह प्रभु पर घमण्ड करें। (1 कुरि. 1:31, यिर्म. 9:24) target: [306, 110, 308, 28, 110, 310, 312] source: ताकि जैसा लिखा है, वैसा ही हो, “जो घमण्ड करे वह प्रभु में घमण्ड करे।” (2 कुरि. 10:17) target: [314, 316, 318, 320, 308, 322, 26, 46, 310, 312] source: अतः अपना प्रेम और हमारा वह घमण्ड जो तुम्हारे विषय में है कलीसियाओं के सामने उन्हें सिद्ध करके दिखाओ। target: [324, 326, 16, 328, 330, 150, 132, 332, 334, 336, 338, 138, 340, 342, 22]
क्योंकि यदि मैं उस अधिकार के विषय में और भी घमण्ड दिखाऊँ, जो प्रभु ने तुम्हारे बिगाड़ने के लिये नहीं पर बनाने के लिये हमें दिया है, तो लज्जित न हूँगा।
[40, 344, 58, 346, 102, 348, 58, 350, 102, 118, 352, 354, 336, 356, 44, 186, 120, 358, 26, 110, 190, 206, 78, 4, 360, 362, 22]
source: और स्वर्ग से मुझे एक ऐसा शब्द सुनाई दिया, जो जल की बहुत धाराओं और बड़े गर्जन के जैसा शब्द था*, और जो शब्द मैंने सुना वह ऐसा था, मानो वीणा बजानेवाले वीणा बजाते हों। (यहे. 43:2) target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 34, 36, 12, 22, 38, 40, 32, 42, 44] source: वे डफ और वीणा बजाते हुए गाते, और बांसुरी के शब्द से आनन्दित होते हैं। target: [46, 20, 48, 50, 52, 54, 22, 56, 58, 60] source: हे देश-देश के सब लोगों, तालियाँ बजाओ! ऊँचे शब्द से परमेश्‍वर के लिये जयजयकार करो! target: [62, 64, 66, 68, 70, 54, 72, 74, 76, 78, 80, 82] source: वीणा बजा-बजाकर यहोवा का धन्यवाद करो, दस तारवाली सारंगी बजा-बजाकर उसका भजन गाओ। (इफि. 5:19) target: [54, 84, 86, 88, 90, 54, 92, 94, 96, 98, 78, 100] source: उसके भाई का नाम यूबाल था : वह उन लोगों का पिता था जो वीणा और बाँसुरी बजाते थे। target: [102, 104, 106, 108, 32, 110, 64, 112, 108, 32, 114, 116, 20, 118, 120] source: डफ बजाते और नाचते हुए उसकी स्तुति करो; तारवाले बाजे और बाँसुरी बजाते हुए उसकी स्तुति करो! target: [54, 46, 20, 122, 86, 90, 54, 124, 126, 20, 128, 86, 90] source: 'यहाँ तू क्या करता है? और यहाँ तेरा कौन है कि तूने अपनी कब्र यहाँ खुदवाई है? तू अपनी कब्र ऊँचे स्थान में खुदवाता और अपने रहने का स्थान चट्टान में खुदवाता है? target: [130, 132, 134, 20, 136, 138, 140, 142, 144, 78, 146, 148, 62, 150, 4, 152, 154, 156, 158, 20, 78, 146, 160, 162, 164, 166] source: अब कोई बजानेवाला मेरे पास ले आओ।” जब बजानेवाला बजाने लगा, तब यहोवा की शक्ति एलीशा पर हुई target: [168, 170, 172, 78, 174, 176, 108, 32, 178, 180, 182, 184, 88, 186, 188, 190] source: क्योंकि जब उसके महीनों की गिनती कट चुकी, तो अपने बादवाले घराने से उसका क्या काम रहा। target: [192, 194, 196, 32, 198, 200, 202, 204, 206, 208, 54, 210, 212] source: तब उसने राजकुमार को बाहर लाकर उसके सिर पर मुकुट, और साक्षीपत्र रख दिया; तब लोगों ने उसका अभिषेक करके उसको राजा बनाया; फिर ताली बजा-बजाकर बोल उठे, “राजा जीवित रहे!” target: [214, 216, 218, 220, 222, 224, 20, 226, 228, 230, 232, 234, 236, 238, 20, 240, 242, 244, 246, 20, 248, 78, 250, 20, 252, 254, 256] source: फिर दो सुलैमानी मणि लेकर उन पर इस्राएल के पुत्रों के नाम खुदवाना, target: [258, 260, 262, 264, 20, 104, 266, 268, 228, 270] source: नरसिंगा फूँकते हुए उसकी स्तुति करो; सारंगी और वीणा बजाते हुए उसकी स्तुति करो! target: [54, 272, 22, 274, 86, 90, 54, 272, 84, 20, 276, 86, 90] source: उसने क्या देखा, कि राजा द्वार के निकट* खम्भे के पास खड़ा है, और राजा के पास प्रधान और तुरही बजानेवाले खड़े हैं, और सब लोग आनन्द कर रहे हैं और तुरहियां बजा रहे हैं और गाने बजानेवाले बाजे बजाते और स्तुति करते हैं। तब अतल्याह अपने वस्त्र फाड़कर पुकारने लगी, राजद्रोह, राजद्रोह! target: [278, 246, 280, 282, 4, 284, 286, 288, 290, 292, 20, 294, 296, 286, 298, 64, 300, 302, 304, 20, 294, 306, 308, 310, 54, 312, 314, 316, 318, 320, 214, 322, 324, 326, 328, 20, 330, 332, 334] source: हे मेरे परमेश्‍वर, मैं भी तेरी सच्चाई का धन्यवाद सारंगी बजाकर गाऊँगा; हे इस्राएल के पवित्र मैं वीणा बजाकर तेरा भजन गाऊँगा। target: [62, 336, 338, 340, 54, 84, 86, 342, 344, 62, 346, 348, 54, 276, 350, 78, 352]
ऊँचे शब्दवाली झाँझ बजाते हुए उसकी स्तुति करो; आनन्द के महाशब्दवाली झाँझ बजाते हुए उसकी स्तुति करो!
[54, 354, 356, 86, 90, 54, 354, 358, 360, 86, 362]
source: और उसकी लोथ में से जो कोई कुछ खाए वह अपने वस्त्र धोए और सांझ तक अशुद्ध रहे; और जो कोई उसकी लोथ उठाए वह भी अपने वस्त्र धोए और सांझ तक अशुद्ध रहे। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 4, 34, 36, 38, 10, 12, 14, 16, 40, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32] source: और जो कोई किसी वस्तु को छूए जिस पर वह बैठी हो वह अपने वस्त्र धोकर जल से स्नान करे, और सांझ तक अशुद्ध रहे। target: [22, 42, 44, 46, 48, 50, 14, 16, 52, 54, 56, 20, 22, 58, 60, 26, 28, 30, 32] source: और जो कोई उसके बिछौने को छूए वह अपने वस्त्र धोकर जल से स्नान करे, और सांझ तक अशुद्ध रहे। target: [62, 64, 48, 50, 14, 16, 52, 54, 56, 20, 22, 58, 60, 26, 28, 30, 32] source: और जो कोई उन वस्तुओं को छूए वह अशुद्ध ठहरे, इसलिए वह अपने वस्त्रों को धोकर जल से स्नान करे, और सांझ तक अशुद्ध रहे। target: [66, 68, 70, 48, 10, 72, 26, 74, 30, 32, 76, 14, 16, 40, 20, 54, 78, 80, 22, 24, 26, 74, 30, 32] source: और जो कोई उसके बिछौने को छूए वह अपने वस्त्रों को धोकर जल से स्नान करे, और सांझ तक अशुद्ध ठहरा रहे। target: [62, 82, 48, 10, 12, 14, 16, 40, 20, 54, 78, 20, 60, 22, 26, 28, 30, 32] source: और जो कोई उनकी लोथ उठाए वह अपने वस्त्र धोए और सांझ तक अशुद्ध रहे; क्योंकि वे तुम्हारे लिये अशुद्ध हैं। target: [4, 6, 84, 10, 12, 14, 16, 40, 20, 24, 22, 26, 86, 32, 66, 88, 90, 92, 26, 74, 94, 32] source: और जो मनुष्य उसको जलाए वह भी जल से अपने वस्त्र धोए और स्नान करे, और सांझ तक अशुद्ध रहे। target: [96, 98, 100, 102, 104, 54, 18, 20, 106, 32, 22, 24, 26, 108, 32] source: और जब तक वह अशुद्ध रहे तब तक जिस-जिस वस्तु पर वह लेटे, और जिस-जिस वस्तु पर वह बैठे वे सब अशुद्ध ठहरें। target: [62, 110, 112, 22, 114, 116, 46, 26, 74, 118, 20, 22, 42, 116, 46, 26, 74, 30, 32] source: और जिसके प्रमेह हो वह जिस किसी को बिना हाथ धोए छूए वह अपने वस्त्रों को धोकर जल से स्नान करे, और सांझ तक अशुद्ध रहे। target: [4, 120, 122, 50, 14, 124, 54, 126, 128, 130, 132, 134, 136, 50, 14, 16, 52, 20, 54, 78, 20, 60, 22, 26, 28, 30, 32] source: और जिसके प्रमेह हो और वह जिस वस्तु पर बैठा हो, उस पर जो कोई बैठे वह अपने वस्त्रों को धोकर जल से स्नान करे, और सांझ तक अशुद्ध ठहरा रहे। target: [138, 140, 142, 120, 122, 58, 144, 146, 148, 72, 150, 132, 22, 50, 14, 16, 40, 20, 54, 78, 20, 60, 22, 26, 28, 30, 32] source: और जिसके प्रमेह हो उससे जो कोई छू जाए वह अपने वस्त्रों को धोकर जल से स्नान करे और सांझ तक अशुद्ध रहे। target: [138, 140, 142, 120, 122, 152, 154, 48, 50, 14, 16, 40, 20, 54, 78, 20, 60, 22, 26, 28, 30, 32] source: और चाहे वह देशी हो या परदेशी हो, जो कोई किसी लोथ या फाड़े हुए* पशु का माँस खाए वह अपने वस्त्रों को धोकर जल से स्नान करे, और सांझ तक अशुद्ध रहे; तब वह शुद्ध होगा। target: [146, 58, 156, 158, 160, 162, 164, 166, 168, 170, 22, 58, 172, 160, 90, 174, 176, 178, 180, 10, 182, 184, 76, 14, 16, 40, 20, 54, 78, 20, 22, 24, 26, 74, 30, 32, 186, 22, 188, 74, 30, 32] source: और जिसके प्रमेह हो यदि वह किसी शुद्ध मनुष्य पर थूके, तो वह अपने वस्त्रों को धोकर जल से स्नान करे, और सांझ तक अशुद्ध रहे। target: [190, 138, 140, 142, 120, 122, 50, 146, 188, 192, 194, 132, 22, 50, 14, 16, 40, 20, 54, 78, 20, 60, 22, 26, 28, 30, 32] source: और इनमें से किसी की लोथ जिस किसी वस्तु पर पड़ जाए वह भी अशुद्ध ठहरे, चाहे वह काठ का कोई पात्र हो, चाहे वस्त्र, चाहे खाल, चाहे बोरा, चाहे किसी काम का कैसा ही पात्र आदि क्यों न हो; वह जल में डाला जाए, और सांझ तक अशुद्ध रहे, तब शुद्ध समझा जाए। target: [196, 72, 198, 36, 200, 202, 132, 22, 204, 206, 208, 210, 160, 212, 214, 216, 218, 182, 220, 22, 26, 74, 30, 32, 22, 214, 182, 220, 20, 22, 214, 222, 92, 224, 74, 182, 184, 22, 226, 228, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 186, 22, 188, 74, 30, 32]
और जो कोई किसी वस्तु को जो उसके नीचे रही हो छूए, वह सांझ तक अशुद्ध रहें; और जो कोई ऐसी किसी वस्तु को उठाए वह अपने वस्त्रों को धोकर जल से स्नान करे, और सांझ तक अशुद्ध रहे।
[230, 152, 232, 234, 146, 46, 48, 10, 72, 60, 26, 74, 118, 20, 236, 238, 84, 10, 12, 14, 16, 40, 20, 54, 78, 20, 60, 22, 26, 28, 30, 32]
source: वरन् हमने अपने मन में समझ लिया था, कि हम पर मृत्यु की सजा हो चुकी है कि हम अपना भरोसा न रखें, वरन् परमेश्‍वर का जो मरे हुओं को जिलाता है। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 34, 36, 38, 40, 10, 12] source: यहोवा की शरण लेना, मनुष्य पर भरोसा रखने से उत्तम है। target: [42, 32, 44, 46, 48, 50, 52, 54, 12] source: जैसी वे हैं वैसे ही उनके बनानेवाले भी हैं; और उन पर सब भरोसा रखनेवाले भी वैसे ही हो जाएँगे! target: [56, 58, 60, 62, 64, 66, 32, 68, 70, 72, 54, 12] source: जैसी वे हैं वैसे ही उनके बनानेवाले हैं; और उन पर सब भरोसा रखनेवाले भी वैसे ही हो जाएँगे। target: [56, 58, 60, 74, 66, 32, 68, 70, 72, 76, 78, 12] source: यह न समझो, कि मैं पिता के सामने तुम पर दोष लगाऊँगा, तुम पर दोष लगानेवाला तो है, अर्थात् मूसा है जिस पर तुम ने भरोसा रखा है। target: [80, 82, 84, 86, 88, 90, 92, 94, 96, 98, 12, 100, 102, 104, 106, 108, 84, 90, 110, 12] source: वह बुरे समाचार से नहीं डरता; उसका हृदय यहोवा पर भरोसा रखने से स्थिर रहता है। target: [112, 114, 116, 118, 12, 16, 46, 32, 120, 122, 54, 12] source: यहोवा मेरा बल और मेरी ढाल है; उस पर भरोसा रखने से मेरे मन को सहायता मिली है; इसलिए मेरा हृदय प्रफुल्लित है; और मैं गीत गाकर उसका धन्यवाद करूँगा। target: [124, 126, 128, 130, 126, 132, 134, 12, 126, 136, 138, 32, 140, 130, 142, 144, 146, 12, 148, 126, 150, 152, 154, 78, 130, 156, 158, 86, 160, 162, 12] source: यहोवा यह कहता है, “श्रापित है वह पुरुष जो मनुष्य पर भरोसा रखता है, और उसका सहारा लेता है, जिसका मन यहोवा से भटक जाता है। target: [124, 164, 166, 32, 68, 168, 170, 172, 12, 174, 176, 178, 180, 182, 14, 178, 150, 184, 186, 188, 12] source: धनी होने के लिये परिश्रम न करना; अपनी समझ का भरोसा छोड़ना। (1 तीमु. 6:9) target: [190, 192, 194, 196, 12, 198, 200, 68, 202, 204, 206, 208, 210, 12] source: जिसे उसने सारे ज्ञान और समझ सहित हम पर बहुतायत से किया। target: [212, 214, 130, 216, 218, 220, 222, 224, 226, 228, 230, 232, 10, 12] source: “यदि तुम अपने प्रेम रखनेवालों के साथ प्रेम रखो, तो तुम्हारी क्या बड़ाई? क्योंकि पापी भी अपने प्रेम रखनेवालों के साथ प्रेम रखते हैं। target: [234, 236, 238, 240, 236, 242, 244, 246, 248, 146, 130, 250, 252, 254, 256, 56, 236, 238, 240, 236, 258, 12] source: तीन बातें मेरे लिये अधिक कठिन है, वरन् चार हैं, जो मेरी समझ से परे हैं target: [260, 262, 74, 264, 266, 268, 270, 272, 74, 274, 74, 276, 86, 278, 280] source: हे यहोवा, तेरी करुणा पृथ्वी में भरी हुई है; तू मुझे अपनी विधियाँ सिखा! टेथ target: [282, 284, 286, 288, 290, 292, 294, 296, 12, 142, 298, 300, 302, 12] source: मैं तेरा दास हूँ, तू मुझे समझ दे कि मैं तेरी चितौनियों को समझूँ। target: [86, 288, 304, 306, 12, 142, 308, 310, 312, 288, 314, 316, 86, 318, 320, 12]
तू अपनी समझ का सहारा न लेना, वरन् सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखना*।
[322, 324, 136, 326, 32, 328, 130, 322, 330, 332, 334, 336, 12]
source: और जो आज्ञा यहोवा ने मूसा को दी थी, उसके अनुसार उन्होंने मिद्यानियों से युद्ध करके सब पुरुषों को घात किया। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24] source: और वह यहोवा के लिये होमबलि करके एक वर्ष का एक निर्दोष भेड़ का बच्चा पापबलि करके, और एक वर्ष की एक निर्दोष भेड़ की बच्ची, और मेलबलि के लिये एक निर्दोष मेढ़ा, target: [26, 28, 30, 32, 34, 36, 26, 38, 40, 42, 44, 8, 46, 48, 50, 26, 52, 40, 42, 54, 8, 46, 56, 58, 26, 60, 42, 46, 48, 62] source: और मोसेरोत से कूच करके याकानियों के बीच डेरा किया। target: [64, 66, 68, 8, 70, 72, 74] source: तब उन डीहों से कूच करके उन्होंने दीबोन में डेरा किया। target: [4, 76, 78, 80, 82, 84] source: सब पवित्र लोग, विशेष करके जो कैसर के घराने के हैं तुम को नमस्कार कहते हैं। target: [86, 88, 90, 92, 94, 96, 98, 100, 102] source: उसने कहा, “हाँ, मित्रभाव से आया हूँ; मैं यहोवा के लिये यज्ञ करने को आया हूँ; तुम अपने-अपने को पवित्र करके मेरे साथ यज्ञ में आओ।” तब उसने यिशै और उसके पुत्रों को पवित्र करके यज्ञ में आने का न्योता दिया। target: [26, 104, 106, 108, 32, 110, 30, 112, 114, 116, 118, 120, 122, 124, 126, 128, 26, 130, 8, 132, 134, 136, 126, 138, 140, 120, 142] source: यह सुनकर, वे चुप रहे, और परमेश्‍वर की बड़ाई करके कहने लगे, “तब तो परमेश्‍वर ने अन्यजातियों को भी जीवन के लिये मन फिराव का दान दिया है।” target: [144, 64, 146, 148, 150, 152, 80, 154, 156, 64, 158, 160, 162, 90, 164, 166, 4, 168, 170, 172, 174, 40, 176, 178, 180] source: जब एक दूत ने उसके पास जाकर बता दिया, “राजकुमारों के सिर आ गए हैं।” तब उसने कहा, “उन्हें फाटक में दो ढेर करके सवेरे तक रखो।” target: [182, 184, 186, 188, 190, 192, 194, 196, 198, 200, 202, 204, 206, 208, 210, 212, 214, 216, 218, 220, 222, 224, 226] source: परन्तु सचमुच परमेश्‍वर ने अंगों को अपनी इच्छा के अनुसार एक-एक करके देह में रखा है। target: [228, 230, 232, 234, 168, 236, 238, 240, 242, 116] source: तब मैंने हाकिमों को डाँटकर कहा, “परमेश्‍वर का भवन क्यों त्यागा गया है?” फिर मैंने उनको इकट्ठा करके*, एक-एक को उसके स्थान पर नियुक्त किया। target: [40, 108, 244, 246, 248, 250, 252, 254, 256, 258, 260, 4, 108, 86, 262, 264, 266, 90, 268, 270, 272, 270, 274, 276, 278] source: फिर मूसा ने गाद के गोत्रियों को भी कुलों के अनुसार उनका निज भाग करके बाँट दिया। target: [280, 282, 284, 286, 6, 288, 290] source: तो क्या हम तुम्हारी सुनकर, ऐसी बड़ी बुराई करें कि अन्यजाति की स्त्रियों से विवाह करके अपने परमेश्‍वर के विरुद्ध पाप करें?” target: [292, 294, 296, 298, 300, 302, 304, 306, 308, 310, 312, 220, 314, 316, 318, 320, 304, 322] source: और क्रूस पर बैर को नाश करके इसके द्वारा दोनों को एक देह बनाकर परमेश्‍वर से मिलाए। target: [26, 324, 326, 328, 330, 332, 334, 336, 338, 340, 342, 344] source: जब हम सोर से जलयात्रा पूरी करके पतुलिमयिस* में पहुँचे, और भाइयों को नमस्कार करके उनके साथ एक दिन रहे। target: [346, 296, 348, 350, 352, 354, 8, 356, 358, 360, 90, 362, 364, 366, 368, 42, 370, 372]
तब उसने उन्हें नमस्कार करके, जो-जो काम परमेश्‍वर ने उसकी सेवकाई के द्वारा अन्यजातियों में किए थे, एक-एक करके सब बताया।
[374, 140, 376, 378, 236, 380, 168, 382, 384, 386, 388, 220, 390, 392, 394, 396, 398, 400]
source: हे मेरे धर्ममय परमेश्‍वर, जब मैं पुकारूँ तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं संकट में पड़ा तब तूने मुझे सहारा दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 24, 34, 36, 20, 38, 40] source: उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है*; हे यहोवा तेरी आशीष तेरी प्रजा पर हो। target: [42, 20, 44, 46, 48, 50, 52, 54] source: उठ, हे यहोवा! हे मेरे परमेश्‍वर मुझे बचा ले! क्योंकि तूने मेरे सब शत्रुओं के जबड़ों पर मारा है। और तूने दुष्टों के दाँत तोड़ डाले हैं। target: [4, 56, 58, 4, 6, 60, 62, 64, 66, 20, 68, 70, 72, 34, 74, 76, 78, 80] source: मैं उस भीड़ से नहीं डरता, जो मेरे विरुद्ध चारों ओर पाँति बाँधे खड़े हैं। target: [20, 82, 84, 86, 88, 90, 92, 94] source: मैं लेटकर सो गया; फिर जाग उठा, क्योंकि यहोवा मुझे संभालता है। target: [96, 34, 98, 100, 102, 104, 106, 108] source: मैं ऊँचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ, और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है। (सेला) target: [110, 24, 112, 114, 116, 104, 118, 120, 20, 122, 124, 126, 16, 128] source: परन्तु हे यहोवा, तू तो मेरे चारों ओर मेरी ढाल है, तू मेरी महिमा और मेरे मस्तक का ऊँचा करनेवाला है*। target: [130, 132, 4, 56, 134, 136, 138, 140, 34, 142, 144, 146] source: बहुत से मेरे विषय में कहते हैं, कि उसका बचाव परमेश्‍वर की ओर से नहीं हो सकता*। (सेला) target: [148, 86, 150, 152, 154, 156, 42, 158] source: हे यहोवा मेरे सतानेवाले कितने बढ़ गए हैं! वे जो मेरे विरुद्ध उठते हैं बहुत हैं। target: [4, 56, 160, 162, 164, 162, 166, 20, 168, 170, 172] source: पुत्र को चूमो ऐसा न हो कि वह क्रोध करे, और तुम मार्ग ही में नाश हो जाओ, क्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने को है। धन्य है वे जो उसमें शरण लेते है। target: [174, 176, 178, 180, 182, 184, 34, 20, 186, 188, 190, 102, 192, 194, 196, 198, 200, 202, 204, 24, 206, 90, 208, 210, 212, 214]
डरते हुए यहोवा की उपासना करो, और काँपते हुए मगन हो। (फिलि. 2:12)
[24, 216, 104, 218, 24, 220, 222, 224]
source: तब उसने उन्हें चेतावनी देकर कहा, “यह किसी से न कहना।” target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24] source: मिश्मा, दूमा, मस्सा, target: [26, 28, 30] source: उसके माता-पिता चकित हुए, परन्तु उसने उन्हें चेतावनी दी, कि यह जो हुआ है, किसी से न कहना। target: [32, 34, 36, 38, 40, 42, 44, 46, 48, 8, 10, 50, 52, 54, 20, 56] source: पौलुस की ओर से जो उस जीवन की प्रतिज्ञा के अनुसार जो मसीह यीशु में है, परमेश्‍वर की इच्छा से* मसीह यीशु का प्रेरित है, target: [58, 60, 62, 64, 66, 68, 70, 72, 74, 58, 76, 78, 80, 82] source: जीवन की रोटी मैं हूँ। target: [84, 86, 88, 90] source: क्योंकि तुम तो मर गए, और तुम्हारा जीवन मसीह के साथ परमेश्‍वर में छिपा हुआ है। target: [92, 94, 96, 98, 100, 32, 102, 104, 106, 108, 110, 112, 90] source: तब उसने उन्हें चेतावनी दी कि किसी से न कहना; परन्तु जितना उसने उन्हें चिताया उतना ही वे और प्रचार करने लगे। target: [114, 6, 8, 10, 50, 52, 16, 18, 20, 56, 42, 116, 18, 118, 120, 122, 124, 48, 126, 128, 130, 132] source: तब उसने उन्हें चिताकर कहा कि मेरे विषय में यह किसी से न कहना। target: [134, 136, 138, 140, 142, 144, 6, 146, 10, 148] source: उसने उत्तर दिया, “हाँ, मित्रभाव से!” फिर वह कहने लगा, “मुझे तुझ से एक बात कहनी है।” उसने कहा, “कह!” target: [150, 152, 154, 156, 158, 160, 162, 164, 166] source: और तुम मसीह के हो, और मसीह परमेश्‍वर का है। target: [94, 168, 100, 32, 58, 170, 90] source: तब लाबान ने कहा, “तेरे कहने के अनुसार हो।” target: [172, 138, 140, 174, 176, 178, 180, 182] source: यहोवा की वाणी वन को हिला देती है, यहोवा कादेश के वन को भी कँपाता है। target: [184, 186, 188, 190, 192, 194, 196, 198, 200, 202] source: यह सुन उसने कहनेवाले को उत्तर दिया, “कौन हैं मेरी माता? और कौन हैं मेरे भाई?” target: [204, 206, 16, 208, 210, 212, 214, 216, 142, 218, 220] source: क्योंकि मैंने यह ठान लिया था, कि तुम्हारे बीच यीशु मसीह, वरन् क्रूस पर चढ़ाए हुए मसीह को छोड़ और किसी बात को न जानूँ। target: [92, 222, 224, 226, 134, 58, 32, 228, 230, 232, 234, 236, 238, 240, 242, 12, 244, 246, 248, 250, 252, 90]
तब उसने चेलों को चेतावनी दी, “किसी से न कहना! कि मैं मसीह हूँ।”
[114, 16, 136, 246, 58, 144, 48, 94, 146, 10, 50, 52, 20, 56]
source: और तू जानेगी कि सेनाओं के यहोवा ने मुझे तेरे पास भेज दिया है। और यहोवा यहूदा को पवित्र देश में अपना भाग कर लेगा, और यरूशलेम को फिर अपना ठहराएगा। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28] source: उन्होंने ऐसा ही किया, और यरूशलेम, हेब्रोन, यर्मूत, लाकीश, और एग्लोन के उन पाँचों राजाओं को गुफा में से उसके पास निकाल ले आए। target: [30, 32, 34, 36, 38, 40, 42, 44, 46, 48, 50, 52, 54, 56, 26, 38, 58, 38, 60, 38, 62, 38, 64] source: और यहूदियों और यरूशलेमियों को यूनानियों के हाथ इसलिए बेच डाला है कि वे अपने देश से दूर किए जाएँ। target: [66, 6, 38, 66, 68, 70, 66, 72, 74, 76, 46, 78, 80, 82, 84] source: तब लोग सिय्योन में यहोवा के नाम का वर्णन करेंगे, और यरूशलेम में उसकी स्तुति की जाएगी; target: [86, 46, 88, 90, 4, 92, 46, 26, 94] source: क्योंकि यहूदा और यरूशलेम के लोगों से यहोवा ने यह कहा है, “अपनी पड़ती भूमि को जोतो, और कंटीले झाड़ों में बीज मत बोओ*। target: [4, 96, 70, 98, 6, 38, 26, 100, 102, 104, 106, 38, 108, 110, 112] source: “और यहोवा पहले यहूदा के तम्बुओं का उद्धार करेगा, कहीं ऐसा न हो कि दाऊद का घराना और यरूशलेम के निवासी अपने-अपने वैभव के कारण यहूदा के विरुद्ध बड़ाई मारें। target: [114, 116, 118, 6, 120, 122, 50, 124, 126, 38, 128, 130, 132, 38, 134, 26, 18, 6, 136, 138] source: इस कारण यहोवा यह कहता है, अब मैं दया करके यरूशलेम को लौट आया हूँ; मेरा भवन उसमें बनेगा, और यरूशलेम पर नापने की डोरी डाली जाएगी, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है। target: [140, 142, 4, 96, 100, 144, 146, 148, 50, 26, 38, 150, 152, 154, 156, 158, 160, 162, 164, 166, 142, 168, 170, 172] source: मैं ही ने पहले सिय्योन से कहा, “देख, उन्हें देख,” और मैंने यरूशलेम को एक शुभ समाचार देनेवाला भेजा। target: [116, 70, 174, 176, 178, 70, 180, 182, 184] source: अब हे यरूशलेम के निवासियों और हे यहूदा के मनुष्यों, मेरे और मेरी दाख की बारी के बीच न्याय करो। target: [186, 188, 190, 26, 38, 188, 192, 194, 196, 198, 200, 38, 202, 204, 206] source: “देखो, मैं यरूशलेम को चारों ओर की सब जातियों के लिये लड़खड़ा देने के नशा का कटोरा ठहरा दूँगा; और जब यरूशलेम घेर लिया जाएगा तब यहूदा की दशा भी ऐसी ही होगी। target: [208, 210, 26, 212, 214, 216, 218, 220, 222, 224, 6, 38, 180, 226, 228] source: फिर यहोवा ने मुझसे कहा, “यहूदियों और यरूशलेम के निवासियों में विद्रोह पाया गया है। target: [230, 4, 232, 234, 236, 238, 240, 242, 192, 6, 38, 190, 244] source: यहूदा का राजा यहोशापात यरूशलेम को अपने भवन में कुशल से लौट गया। target: [246, 248, 56, 6, 70, 250, 252, 254, 46, 256] source: यहोवा यह कहता है: मैं सिय्योन में लौट आया हूँ, और यरूशलेम के बीच में वास किए रहूँगा, और यरूशलेम सच्चाई का नगर कहलाएगा, और सेनाओं के यहोवा का पर्वत, पवित्र पर्वत कहलाएगा। target: [4, 96, 100, 258, 88, 38, 260, 26, 262, 264, 230, 26, 70, 266, 268, 270, 38, 272, 170, 274, 70, 276, 278] source: तब उन्होंने यहूदा और यरूशलेम में रहनेवाले बँधुआई में से आए हुए सब लोगों में यह प्रचार कराया, कि तुम यरूशलेम में इकट्ठे हो; target: [230, 46, 6, 38, 26, 280, 36, 50, 216, 282, 46, 284, 286, 288, 46, 26, 290]
तब यहूदा और यरूशलेम की भेंट यहोवा को ऐसी भाएगी, जैसी पहले दिनों में और प्राचीनकाल में भाती थी।।
[292, 294, 6, 38, 26, 296, 4, 298, 300, 302, 304, 306, 308, 310]
source: तब अपने देश के बीच जिसका अधिकारी तेरा परमेश्‍वर यहोवा तुझे कर देता है तीन नगर अपने लिये अलग कर देना। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32] source: तब उसका माँस उसी स्थान में जिसे तेरा परमेश्‍वर यहोवा चुन ले भूँजकर खाना; फिर सवेरे को उठकर अपने-अपने डेरे को लौट जाना। target: [6, 8, 10, 34, 36, 38, 40, 42, 44, 46, 48, 50, 52, 54, 56, 58, 60] source: तू हियाव बाँध, और हम अपने लोगों और अपने परमेश्‍वर के नगरों के निमित्त पुरुषार्थ करें; और यहोवा जैसा उसको अच्छा लगे वैसा करे।” target: [62, 64, 66, 68, 70, 72, 74, 76, 78, 80, 10, 82, 84, 86, 88, 90] source: यहोवा की स्तुति करो! यहोवा की स्तुति स्वर्ग में से करो, उसकी स्तुति ऊँचे स्थानों में करो! target: [92, 94, 96, 98, 92, 94, 100, 102, 104, 94, 96] source: यीशु उठकर अपने चेलों समेत उसके पीछे हो लिया। target: [4, 106, 108, 66, 110, 112, 114, 116] source: तू हियाव बाँध और हम सब अपने लोगों और अपने परमेश्‍वर के नगरों के निमित्त पुरुषार्थ करें; और यहोवा जैसा उसको अच्छा लगे, वैसा ही करेगा।” target: [118, 120, 122, 66, 124, 126, 70, 128, 72, 130, 74, 132, 134, 50, 136, 34, 138, 140, 142, 144, 88, 146, 148] source: सेनाओं के यहोवा के नगर में, अपने परमेश्‍वर के नगर में, जैसा हमने सुना था, वैसा देखा भी है; परमेश्‍वर उसको सदा दृढ़ और स्थिर रखेगा। target: [150, 152, 154, 156, 158, 160, 152, 162, 164, 166, 168, 170, 70, 172, 174, 176, 178, 8, 162, 180, 182, 184, 186] source: तब यहोवा का तेज नगर के बीच में से उठकर उस पर्वत पर ठहर गया जो नगर की पूर्व ओर है। target: [188, 190, 192, 10, 194, 196, 198, 200, 202, 126, 188, 204, 206, 208, 210, 212, 214] source: तब जो देश तेरा परमेश्‍वर यहोवा तुझे देता है, उसकी भूमि की भाँति-भाँति की जो पहली उपज* तू अपने घर लाएगा, उसमें से कुछ टोकरी में लेकर उस स्थान पर जाना, जिसे तेरा परमेश्‍वर यहोवा अपने नाम का निवास करने को चुन ले। target: [216, 218, 220, 222, 224, 226, 228, 230, 232, 56, 234, 4, 236, 238, 240, 242, 244, 246, 248, 8, 10, 250, 252, 254, 256, 258, 60] source: तब वह रात ही को उठकर बालक और उसकी माता को लेकर मिस्र को चल दिया। target: [244, 260, 146, 262, 126, 264, 122, 104, 266, 268, 246, 270, 272, 274, 200, 276] source: “जो बात यहोवा के दास मूसा ने तुम से कही थी, कि तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा तुम्हें विश्राम देता है, और यही देश तुम्हें देगा, उसकी सुधि करो। target: [278, 280, 282, 250, 284, 286, 288, 290, 292, 294, 296, 298, 146, 284, 300, 302, 304, 284, 306, 308, 310, 248, 8, 10, 42, 14, 284, 18, 312] source: “उठकर उस बड़े नगर नीनवे को जा, और उसके विरुद्ध प्रचार कर; क्योंकि उसकी बुराई मेरी दृष्टि में आ चुकी है।” target: [314, 122, 244, 316, 318, 320, 322, 126, 324, 326, 328, 330, 332, 334, 336, 338, 340, 198, 342, 344] source: तब राजा ने सादोक से कहा, “परमेश्‍वर के सन्दूक को नगर में लौटा ले जा। यदि यहोवा के अनुग्रह की दृष्टि मुझ पर हो, तो वह मुझे लौटाकर उसको और अपने वासस्थान को भी दिखाएगा; target: [346, 348, 350, 352, 42, 354, 356, 358, 58, 246, 60, 92, 360, 362, 364, 146, 366, 368, 370, 372, 374, 126, 376, 378, 380, 366, 368, 382, 384] source: वे सवेरे उठकर तकोआ के जंगल की ओर निकल गए; और चलते समय यहोशापात ने खड़े होकर कहा, “हे यहूदियों, हे यरूशलेम के निवासियों, मेरी सुनो, अपने परमेश्‍वर यहोवा पर विश्वास रखो, तब तुम स्थिर रहोगे; उसके नबियों पर विश्वास करो, तब तुम कृतार्थ हो जाओगे।” target: [386, 388, 390, 392, 394, 396, 162, 398, 400, 402, 404, 406, 408, 410, 352, 412, 126, 374, 414, 416, 418, 66, 10, 420, 422, 424, 126, 426, 212, 428, 166, 430, 432, 32, 434, 436, 344]
तब तुम घात में से उठकर नगर को अपना कर लेना; क्योंकि तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा उसको तुम्हारे हाथ में कर देगा।
[50, 28, 438, 440, 108, 442, 444, 446, 334, 248, 8, 10, 162, 448, 450, 452, 312]
source: हे मेरे धर्ममय परमेश्‍वर, जब मैं पुकारूँ तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं संकट में पड़ा तब तूने मुझे सहारा दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 4, 30, 12, 32, 14, 34, 36, 38, 40, 42, 44, 46, 48, 50] source: उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है*; हे यहोवा तेरी आशीष तेरी प्रजा पर हो। target: [52, 54, 56, 58, 60, 62, 64, 66, 68] source: उठ, हे यहोवा! हे मेरे परमेश्‍वर मुझे बचा ले! क्योंकि तूने मेरे सब शत्रुओं के जबड़ों पर मारा है। और तूने दुष्टों के दाँत तोड़ डाले हैं। target: [20, 70, 72, 22, 74, 14, 76, 78, 32, 22, 80, 82, 84, 86, 88, 32, 90, 92, 94, 96] source: मैं उस भीड़ से नहीं डरता, जो मेरे विरुद्ध चारों ओर पाँति बाँधे खड़े हैं। target: [98, 100, 102, 104, 106, 108, 110, 112, 4, 114, 116] source: मैं लेटकर सो गया; फिर जाग उठा, क्योंकि यहोवा मुझे संभालता है। target: [4, 118, 120, 122, 124, 4, 126, 128, 78, 130, 132, 134, 136] source: मैं ऊँचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ, और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है। (सेला) target: [4, 138, 140, 142, 144, 146, 44, 148, 14, 150, 152, 154, 16, 156, 158] source: परन्तु हे यहोवा, तू तो मेरे चारों ओर मेरी ढाल है, तू मेरी महिमा और मेरे मस्तक का ऊँचा करनेवाला है*। target: [160, 20, 162, 32, 22, 164, 166, 168, 88, 32, 132, 170, 44, 132, 172, 174, 176, 178] source: बहुत से मेरे विषय में कहते हैं, कि उसका बचाव परमेश्‍वर की ओर से नहीं हो सकता*। (सेला) target: [180, 182, 184, 186, 188, 190, 192, 194, 196, 198, 96, 158] source: हे यहोवा मेरे सतानेवाले कितने बढ़ गए हैं! वे जो मेरे विरुद्ध उठते हैं बहुत हैं। target: [162, 132, 200, 198, 202, 198, 204, 44, 38, 206, 208, 178] source: पुत्र को चूमो ऐसा न हो कि वह क्रोध करे, और तुम मार्ग ही में नाश हो जाओ, क्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने को है। धन्य है वे जो उसमें शरण लेते है। target: [44, 148, 210, 212, 214, 216, 218, 220, 222, 224, 226, 228, 230, 232, 116, 78, 234, 236, 238, 240, 98, 80, 242, 244, 246, 248, 250, 96]
डरते हुए यहोवा की उपासना करो, और काँपते हुए मगन हो। (फिलि. 2:12)
[252, 254, 256, 258, 260, 44, 262, 264, 266, 268]
source: कुछ छिपा नहीं, जो प्रगट न हो; और न कुछ गुप्त है, जो जाना न जाए, और प्रगट न हो। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 12, 22, 18, 24] source: वे यहोवा की महिमा प्रगट करें और द्वीपों में उसका गुणानुवाद करें। target: [26, 28, 30, 32, 34, 36, 38, 40, 42] source: और उन्हें चेतावनी दी, कि मुझे प्रगट न करना। target: [44, 46, 48, 50, 52, 54] source: हे प्रियों, अब हम परमेश्‍वर की सन्तान हैं, और अब तक यह प्रगट नहीं हुआ, कि हम क्या कुछ होंगे! इतना जानते हैं, कि जब यीशु मसीह प्रगट होगा तो हम भी उसके समान होंगे, क्योंकि हम उसको वैसा ही देखेंगे जैसा वह है। target: [56, 58, 60, 62, 18, 64, 66, 68, 70, 72, 74, 76, 78, 80, 82, 84, 78, 86, 4, 84, 88, 90] source: (यह जीवन प्रगट हुआ, और हमने उसे देखा, और उसकी गवाही देते हैं, और तुम्हें उस अनन्त जीवन का समाचार देते हैं जो पिता के साथ था और हम पर प्रगट हुआ)। target: [92, 94, 82, 96, 18, 98, 100, 102, 104, 106, 100, 108, 78, 110, 112, 48, 114, 116, 118, 18, 100, 82, 120] source: इन बातों के बाद यीशु ने अपने आप को तिबिरियुस झील के किनारे चेलों पर प्रगट किया और इस रीति से प्रगट किया। target: [122, 124, 126, 128, 130, 132, 36, 134, 136, 88, 100, 138, 140] source: क्योंकि इस सेवा को प्रमाण स्वीकार कर वे परमेश्‍वर की महिमा प्रगट करते हैं*, कि तुम मसीह के सुसमाचार को मान कर उसके अधीन रहते हो, और उनकी, और सब की सहायता करने में उदारता प्रगट करते रहते हो। target: [36, 142, 78, 144, 112, 146, 148, 150, 152, 28, 154, 156, 30, 158, 18, 160, 30, 162, 164, 166, 168, 170, 36, 172, 174, 176, 18, 178, 180] source: हम यीशु की मृत्यु को अपनी देह में हर समय लिये फिरते हैं*; कि यीशु का जीवन भी हमारी देह में प्रगट हो। target: [182, 184, 128, 36, 186, 188, 190, 192, 128, 36, 186, 194] source: उसी ने तुम्हारे प्रेम को जो आत्मा में है हम पर प्रगट किया। target: [52, 196, 198, 200, 36, 202, 204] source: मनुष्य के पुत्र के प्रगट होने के दिन भी ऐसा ही होगा। target: [206, 208, 112, 210, 212, 14, 214, 216, 218] source: क्योंकि कोई वस्तु छिपी नहीं, परन्तु इसलिए कि प्रगट हो जाए; और न कुछ गुप्त है, पर इसलिए कि प्रगट हो जाए। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 12, 24] source: कि तू हमारे प्रभु यीशु मसीह के प्रगट होने तक इस आज्ञा को निष्कलंक और निर्दोष रख, target: [112, 30, 220, 18, 222, 224, 78, 226, 228, 230, 232, 234, 236, 238, 240, 242] source: इसलिए प्रभु का भय मानकर हम लोगों को समझाते हैं और परमेश्‍वर पर हमारा हाल प्रगट है; और मेरी आशा यह है, कि तुम्हारे विवेक पर भी प्रगट हुआ होगा। target: [244, 246, 248, 238, 240, 250, 36, 252, 254, 256, 258, 260, 262, 264, 266, 100, 268, 270, 272, 100, 274, 276, 30, 278, 280] source: उसको परमेश्‍वर ने तीसरे दिन जिलाया, और प्रगट भी कर दिया है। target: [72, 154, 36, 232, 282, 284, 286, 288, 290, 200, 194]
जब मसीह जो हमारा जीवन है, प्रगट होगा, तब तुम भी उसके साथ महिमा सहित प्रगट किए जाओगे।
[76, 292, 80, 112, 294, 296, 276, 298, 36, 300, 302]
source: मैं समुद्र को उसके हाथ के नीचे और महानदों को उसके दाहिने हाथ के नीचे कर दूँगा। target: [4, 6, 8, 10, 12, 6, 14, 16, 18, 20, 22] source: इन पाँचों ने सिद्दीम नामक तराई में, जो खारे नदी के पास है, एका किया। target: [24, 26, 28, 30, 32, 34, 36, 38, 40, 42, 44, 46, 22] source: वे वायु से उड़ जानेवाली भूसी के समान हों, और यहोवा का दूत उन्हें हाँकता जाए! target: [48, 50, 52, 54, 56, 58, 60, 62, 64, 22] source: ये वे ही जीवधारी हैं जो मैंने कबार नदी के पास इस्राएल के परमेश्‍वर के नीचे देखे थे; और मैंने जान लिया कि वे भी करूब हैं। target: [66, 68, 70, 72, 74, 76, 78, 80, 82, 84, 86, 24, 88, 90, 92, 56, 94, 96, 98, 100, 78, 102, 104, 22] source: करूब भूमि पर से उठ गए। ये वे ही जीवधारी हैं, जो मैंने कबार नदी के पास देखे थे। target: [106, 78, 66, 68, 70, 80, 96, 108, 84, 86, 110, 22] source: तो हम क्या कहें? यह कि अन्यजातियों ने जो धार्मिकता की खोज नहीं करते थे, धार्मिकता प्राप्त की अर्थात् उस धार्मिकता को जो विश्वास से है; target: [112, 114, 116, 118, 120, 94, 122, 124, 126, 128, 130, 132, 134, 136, 36, 138, 140, 136, 142, 144, 22] source: और उसने अपने स्वामी के देनदारों में से एक-एक को बुलाकर पहले से पूछा, कि तुझ पर मेरे स्वामी का कितना कर्ज है? target: [106, 146, 148, 150, 152, 154, 156, 158, 12, 160, 162, 164, 166, 168, 170, 172, 174, 176, 122, 178] source: सब नदियाँ समुद्र में जा मिलती हैं, तो भी समुद्र भर नहीं जाता; जिस स्थान से नदियाँ निकलती हैं; उधर ही को वे फिर जाती हैं। target: [180, 182, 184, 186, 188, 190, 192, 194, 196, 22, 198, 200, 202, 56, 204, 206, 208, 22] source: मेरा होना न होने के समान होता, और पेट ही से कब्र को पहुँचाया जाता। target: [4, 194, 210, 212, 214, 22, 4, 216, 88, 218, 220, 22] source: क्या एक पैसे में दो गौरैये नहीं बिकती? फिर भी तुम्हारे पिता की इच्छा के बिना उनमें से एक भी भूमि पर नहीं गिर सकती। target: [118, 222, 224, 226, 228, 230, 12, 122, 232, 234, 236, 238, 240, 242, 244, 246, 248, 22] source: क्या दो पैसे की पाँच गौरैयाँ नहीं बिकती? फिर भी परमेश्‍वर उनमें से एक को भी नहीं भूलता। target: [118, 250, 228, 252, 224, 254, 12, 122, 74, 256, 242, 244, 258, 260, 22] source: हे तर्शीश के निवासियों, नील नदी के समान अपने देश में फैल जाओ, अब कुछ अवरोध नहीं रहा। target: [262, 264, 266, 268, 270, 272, 274, 276, 278, 280, 22, 282, 284, 204, 286, 288, 22] source: फिर उसने अपने पास से एक कबूतरी को भी उड़ा दिया कि देखे कि जल भूमि से घट गया कि नहीं। target: [290, 292, 294, 296, 298, 176, 300, 288, 302, 304, 306, 242, 308, 310, 22] source: उसने उन्हें एक और दृष्टान्त दिया, “स्वर्ग का राज्य राई के एक दाने के समान है, जिसे किसी मनुष्य ने लेकर अपने खेत में बो दिया। target: [290, 312, 52, 314, 316, 318, 22, 320, 322, 324, 326, 328, 330, 332, 334, 242, 336, 338, 12, 276, 340, 342, 22]
उसकी आँखें उन कबूतरों के समान हैं जो दूध में नहाकर नदी के किनारे अपने झुण्ड में एक कतार से बैठे हुए हों।
[344, 346, 348, 350, 352, 354, 356, 358, 360, 362, 364, 366, 368, 370, 22]
source: दुष्टों से उनका उजियाला रोक लिया जाता है, और उनकी बढ़ाई हुई बाँह तोड़ी जाती है। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20] source: मैं अपना हाथ उनके विरुद्ध बढ़ाकर उस देश को सारे घरों समेत जंगल से ले दिबला की ओर तक उजाड़ ही उजाड़ कर दूँगा। तब वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ।” target: [22, 24, 26, 28, 14, 30, 32, 14, 34, 36, 6, 38, 40, 42, 6, 44, 46, 48, 50, 52, 54, 56, 58] source: तूने अपना दाहिना हाथ बढ़ाया, और पृथ्वी ने उनको निगल लिया है। target: [60, 62, 64, 66, 68, 70] source: तेरा परमेश्‍वर यहोवा उन जातियों को तेरे आगे से धीरे-धीरे निकाल देगा; तो तू एकदम से उनका अन्त न कर सकेगा, नहीं तो जंगली पशु बढ़कर तेरी हानि करेंगे। target: [72, 74, 76, 78, 78, 80, 82, 84, 86, 88, 90, 92, 94, 96, 98, 100, 102, 104, 106] source: तब मैं आगे बढ़कर सोते के फाटक और राजा के कुण्ड के पास गया; परन्तु मेरी सवारी के पशु के लिये आगे जाने को स्थान न था। target: [108, 110, 112, 114, 116, 14, 112, 118, 120, 72, 122, 124, 112, 126, 80, 128, 6, 130, 132] source: मैं अंधों को एक मार्ग से ले चलूँगा जिसे वे नहीं जानते और उनको ऐसे पथों से चलाऊँगा जिन्हें वे नहीं जानते। उनके आगे मैं अंधियारे को उजियाला करूँगा और टेढ़े मार्गों को सीधा करूँगा। मैं ऐसे-ऐसे काम करूँगा और उनको न त्यागूँगा। (लूका 3:5, यशा. 29:18) target: [134, 136, 138, 140, 142, 144, 136, 146, 148, 150, 28, 54, 152, 154, 156, 28, 136, 158, 160, 162, 136, 164, 166, 168, 170, 28, 14, 172, 174] source: बिन्यामीन की सीमा से लगा हुआ पूर्व से पश्चिम तक शिमोन का एक भाग। target: [176, 178, 180, 182, 184, 112, 186, 188, 112, 190, 192, 194] source: मैं पत्रोस को उजाड़ूँगा, और सोअन में आग लगाऊँगा, और नो को दण्ड दूँगा। target: [196, 198, 200, 202, 14, 204, 6, 206, 208, 14, 6, 210, 212, 214] source: और एक दासी उसे आग के उजियाले में बैठे देखकर और उसकी ओर ताक कर कहने लगी, “यह भी तो उसके साथ था।” target: [216, 218, 220, 222, 4, 224, 226, 14, 228, 230, 232, 234] source: और रूबेन की सीमा से लगा हुआ, पूर्व से पश्चिम तक यहूदा का एक भाग हो। target: [176, 178, 236, 182, 184, 112, 186, 188, 112, 238, 192, 194] source: और उससे कह, परमेश्‍वर यहोवा यह कहता है : हे सेईर पहाड़, मैं तेरे विरुद्ध हूँ; और अपना हाथ तेरे विरुद्ध बढ़ाकर तुझे उजाड़ ही उजाड़ कर दूँगा। target: [240, 242, 244, 246, 248, 250, 252, 254, 256, 56, 6, 258, 260, 14, 22, 26, 28, 112, 262, 32, 14, 264, 266] source: “मैं सीटी बजाकर उनको इकट्ठा करूँगा, क्योंकि मैं उनका छुड़ानेवाला हूँ, और वे ऐसे बढ़ेंगे जैसे पहले बढ़े थे। target: [268, 112, 36, 270, 272, 274, 136, 276, 278, 280, 282, 104, 284] source: क्योंकि बढ़ती न तो पूरब से न पश्चिम से, और न जंगल की ओर से आती है; target: [286, 6, 184, 14, 286, 6, 288, 286, 6, 290, 292, 294, 296, 298, 300] source: शिमोन की सीमा से लगा हुआ पूर्व से पश्चिम तक इस्साकार का एक भाग। target: [176, 178, 190, 182, 184, 112, 186, 188, 112, 302, 192, 194]
मैं उनको तेरे आगे से एक ही वर्ष में तो न निकाल दूँगा, ऐसा न हो कि देश उजाड़ हो जाए, और जंगली पशु बढ़कर तुझे दुःख देने लगें।
[72, 6, 304, 306, 308, 310, 312, 96, 30, 314, 316, 14, 318, 254, 320, 322, 324]
source: क्योंकि मेरी आँखों ने तेरे उद्धार को देख लिया है। target: [4, 6, 8, 10, 12] source: परन्तु उदार मनुष्य उदारता ही की युक्तियाँ निकालता है, वह उदारता में स्थिर भी रहेगा। target: [14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 34] source: तू तो धर्मी है, मुझे छुड़ा और मेरा उद्धार कर; मेरी ओर कान लगा, और मेरा उद्धार कर। target: [18, 36, 38, 40, 42, 26, 44, 46, 48, 50, 52, 26, 54, 46] source: अपने किए हुए उद्धार का हर्ष मुझे फिर से दे, और उदार आत्मा देकर मुझे सम्भाल। target: [56, 8, 58, 60, 62, 18, 64, 66, 68, 46] source: हे यहोवा, तेरी करुणा और तेरा किया हुआ उद्धार, तेरे वादे के अनुसार, मुझ को भी मिले; target: [70, 72, 74, 76, 78, 50, 80, 82, 84, 86, 88] source: दुःखी हो, और शोक करो, और रोओ, तुम्हारी हँसी शोक में और तुम्हारा आनन्द उदासी में बदल जाए। target: [90, 92, 26, 94, 26, 96, 98, 100, 102, 50, 104, 26, 106, 50, 108] source: और किसी दूसरे के द्वारा उद्धार नहीं; क्योंकि स्वर्ग के नीचे मनुष्यों में और कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया, जिसके द्वारा हम उद्धार पा सके।” target: [110, 112, 114, 116, 18, 118, 120, 122, 124, 126, 128, 130, 120, 18, 132, 134, 136, 18, 138, 140, 142, 144] source: और यदि किसी ने उदास किया है, तो मुझे ही नहीं वरन् (कि उसके साथ बहुत कड़ाई न करूँ) कुछ-कुछ तुम सब को भी उदास किया है। (गला. 4:12) target: [14, 146, 148, 150, 152, 154, 4, 156, 158, 160, 162, 164, 166, 168, 170, 160, 172, 146, 174, 176] source: तब वे संकट में यहोवा की दुहाई देते हैं, और वह सकेती से उनका उद्धार करता है; target: [178, 112, 180, 182, 50, 184, 186, 188, 112, 190, 192, 194] source: उदास मन दब जाता है, परन्तु भली बात से वह आनन्दित होता है। target: [196, 112, 198, 200, 202, 14, 204, 206, 208, 210] source: लौट आ, हे यहोवा*, और मेरे प्राण बचा; अपनी करुणा के निमित्त मेरा उद्धार कर। target: [70, 72, 212, 26, 214, 142, 216, 18, 76, 218, 44, 216] source: हे यहोवा तेरी सामर्थ्य से राजा आनन्दित होगा; और तेरे किए हुए उद्धार से वह अति मगन होगा। target: [70, 72, 220, 18, 222, 224, 226, 34, 228, 230, 232, 234, 236, 238] source: क्योंकि हे स्त्री, तू क्या जानती है, कि तू अपने पति का उद्धार करा लेगी? और हे पुरुष, तू क्या जानता है कि तू अपनी पत्‍नी का उद्धार करा लेगा? target: [124, 70, 240, 242, 244, 246, 248, 142, 250, 252, 70, 254, 242, 244, 246, 256, 142, 250] source: हे परमेश्‍वर, मेरा उद्धार कर, मैं जल में डूबा जाता हूँ। target: [70, 258, 54, 216, 124, 260, 166, 262, 264]
क्योंकि यदि मैं तुम्हें उदास करूँ, तो मुझे आनन्द देनेवाला कौन होगा, केवल वही जिसको मैंने उदास किया?
[124, 146, 266, 268, 270, 272, 274, 276, 278, 112, 280, 136, 282, 284]
source: “इस प्रकार से तुम इस्राएलियों को उनकी अशुद्धता से अलग रखा करो, कहीं ऐसा न हो कि वे यहोवा के निवास को* जो उनके बीच में है अशुद्ध करके अपनी अशुद्धता में फँसकर मर जाएँ।” target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 34, 36, 18, 38, 40, 42, 44, 46, 12, 48, 50, 52, 14, 38, 54, 56, 58, 4, 40, 60, 28, 62] source: और यह उनके लिये सदा की विधि ठहरे। जो अशुद्धता से छुड़ानेवाला जल छिड़के वह अपने वस्त्रों को धोए; और जो जन अशुद्धता से छुड़ानेवाला जल छूए वह भी सांझ तक अशुद्ध रहे। target: [58, 14, 64, 66, 68, 16, 70, 72, 58, 18, 38, 74, 76, 78, 80, 82, 84, 86, 58, 18, 38, 74, 12, 88, 80, 90, 92, 94, 96] source: जो तूने यह कहकर अपने दास नबियों के द्वारा दीं, 'जिस देश के अधिकारी होने को तुम जाने पर हो, वह तो देश-देश के लोगों की अशुद्धता के कारण और उनके घिनौने कामों के कारण अशुद्ध देश है, उन्होंने उसे एक सीमा से दूसरी सीमा तक अपनी अशुद्धता से भर दिया है। target: [98, 12, 100, 66, 102, 104, 82, 106, 108, 38, 110, 112, 114, 116, 32, 34, 118, 120, 12, 8, 122, 124, 126, 64, 128, 130, 44, 132, 134, 136, 38, 138, 140, 38, 40, 142, 118, 144, 120, 12, 14, 146, 148, 150, 20, 152, 150, 92, 48, 154, 156, 158] source: जो कोई किसी मनुष्य का शव छूकर पाप छुड़ाकर अपने को पावन न करे, वह यहोवा के निवास-स्थान का अशुद्ध करनेवाला ठहरेगा, और वह मनुष्य इस्राएल में से नाश किया जाए; क्योंकि अशुद्धता से *छुड़ानेवाला जल उस पर न छिड़का गया, इस कारण वह अशुद्ध ठहरेगा, उसकी अशुद्धता उसमें बनी रहेगी। target: [52, 160, 162, 164, 16, 166, 168, 58, 82, 170, 12, 172, 28, 174, 34, 176, 38, 46, 12, 48, 178, 56, 180, 34, 182, 184, 186, 188, 190, 4, 64, 32, 18, 76, 74, 34, 38, 192, 194, 196, 198, 34, 94, 200, 34, 202, 94, 158] source: “जो कोई अशुद्ध होकर अपने पाप छुड़ाकर अपने को पावन न कराए, वह मनुष्य यहोवा के पवित्रस्‍थान का अशुद्ध करनेवाला ठहरेगा, इस कारण वह मण्डली के बीच में से नाश किया जाए; अशुद्धता से छुड़ानेवाला जल उस पर न छिड़का गया, इस कारण से वह अशुद्ध ठहरेगा। target: [204, 206, 182, 94, 208, 58, 82, 170, 12, 172, 28, 210, 34, 212, 214, 186, 216, 218, 220, 52, 34, 146, 176, 38, 222, 224, 12, 48, 226, 18, 76, 74, 34, 38, 192, 194, 196, 228, 180, 34, 94, 158] source: और उनसे कह कि तुम्हारी पीढ़ी-पीढ़ी में तुम्हारे सारे वंश में से जो कोई अपनी अशुद्धता की दशा में उन पवित्र की हुई वस्तुओं के पास जाए, जिन्हें इस्राएली यहोवा के लिये पवित्र करते हैं, वह मनुष्य मेरे सामने से नाश किया जाएगा; मैं यहोवा हूँ। target: [14, 12, 230, 232, 234, 236, 58, 238, 240, 242, 186, 206, 36, 18, 124, 14, 222, 244, 246, 248, 250, 190, 252, 254, 42, 64, 222, 256, 258, 34, 182, 42, 260, 188, 262, 264, 176, 266] source: क्योंकि उन्होंने मेरे देश को अपनी घृणित वस्तुओं की लोथों से अशुद्ध किया, और मेरे निज भाग को अपनी अशुद्धता से भर दिया है।” target: [264, 268, 270, 16, 272, 58, 270, 38, 274, 76, 276, 278, 280, 220, 52, 270, 146, 282, 118, 12, 284, 286, 134, 288, 290, 48, 292, 58, 282, 294, 12, 284, 296, 298, 290, 300, 114, 158] source: मैंने उनकी अशुद्धता और अपराधों के अनुसार उनसे बर्ताव करके उनसे अपना मुँह मोड़ लिया था। target: [270, 16, 18, 58, 302, 38, 304, 264, 270, 290, 306, 226, 264, 270, 308, 310, 312, 314] source: और उस लहू में से कुछ अपनी उँगली के द्वारा सात बार उस पर छिड़ककर उसे इस्राएलियों की भाँति-भाँति की अशुद्धता छुड़ाकर शुद्ध और पवित्र करे। target: [58, 34, 44, 316, 20, 36, 318, 290, 320, 322, 324, 326, 328, 44, 38, 192, 330, 58, 10, 16, 332, 334, 20, 44, 12, 222, 336] source: उन्होंने तेरे पवित्रस्‍थान को आग में झोंक दिया है, और तेरे नाम के निवास को गिराकर अशुद्ध कर डाला है। target: [14, 146, 338, 222, 340, 12, 342, 344, 144, 14, 146, 338, 346, 38, 46, 12, 348, 92, 350, 324, 48, 292, 158] source: इस्राएल के घराने में मैंने रोएँ खड़े होने का कारण देखा है; उसमें एप्रैम का छिनाला और इस्राएल की अशुद्धता पाई जाती है। target: [184, 38, 352, 124, 264, 148, 354, 356, 358, 360, 362, 76, 364, 366, 184, 368, 370, 228, 158] source: पवित्रस्‍थान, और मिलापवाले तम्बू, और वेदी के लिये प्रायश्चित करे; और याजकों के और मण्डली के सब लोगों के लिये भी प्रायश्चित करे। target: [34, 222, 224, 38, 372, 374, 38, 46, 38, 64, 58, 376, 38, 64, 378, 174, 58, 34, 380, 38, 64, 58, 374, 38, 240, 382, 38, 64, 378, 336] source: वे बातें बनाते और झूठी शपथ खाकर वाचा बाँधते हैं; इस कारण खेत की रेघारियों में धतूरे के समान दण्ड फूले फलेगा। target: [270, 134, 384, 386, 384, 258, 34, 388, 390, 290, 392, 394, 258, 180, 396, 398, 400, 402, 404, 134, 406, 124, 408, 410, 158] source: मैं भी उस मनुष्य के विरुद्ध होकर, उसको उसके लोगों में से इस कारण नाश करूँगा, कि उसने अपनी सन्तान मोलेक को देकर मेरे पवित्रस्‍थान को अशुद्ध किया, और मेरे पवित्र नाम को अपवित्र ठहराया। target: [264, 44, 182, 76, 412, 414, 58, 44, 12, 44, 38, 382, 186, 416, 418, 220, 52, 44, 146, 42, 222, 224, 12, 94, 50, 58, 42, 222, 346, 12, 420, 50, 64, 82, 242, 186, 162, 12, 422, 424, 426, 38, 428, 430]
और वह इस्राएलियों की भाँति-भाँति की अशुद्धता, और अपराधों, और उनके सब पापों के कारण पवित्रस्‍थान के लिये प्रायश्चित करे; और मिलापवाले तम्बू जो उनके संग उनकी भाँति-भाँति की अशुद्धता के बीच रहता है* उसके लिये भी वह वैसा ही करे।
[58, 34, 10, 16, 332, 432, 58, 14, 38, 434, 58, 14, 38, 240, 302, 38, 436, 222, 224, 38, 64, 378, 174, 58, 438, 6, 386, 34, 374, 38, 46, 38, 64, 174, 206, 14, 16, 18, 38, 54, 440, 158]
source: हे मेरे धर्ममय परमेश्‍वर, जब मैं पुकारूँ तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं संकट में पड़ा तब तूने मुझे सहारा दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 4, 30, 12, 32, 14, 34, 36, 38, 40, 42, 44, 46, 48, 50] source: उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है*; हे यहोवा तेरी आशीष तेरी प्रजा पर हो। target: [52, 54, 56, 58, 60, 62, 64, 66, 68] source: उठ, हे यहोवा! हे मेरे परमेश्‍वर मुझे बचा ले! क्योंकि तूने मेरे सब शत्रुओं के जबड़ों पर मारा है। और तूने दुष्टों के दाँत तोड़ डाले हैं। target: [20, 70, 72, 22, 74, 14, 76, 78, 32, 22, 80, 82, 84, 86, 88, 32, 90, 92, 94, 96] source: मैं उस भीड़ से नहीं डरता, जो मेरे विरुद्ध चारों ओर पाँति बाँधे खड़े हैं। target: [98, 100, 102, 104, 106, 108, 110, 112, 4, 114, 116] source: मैं लेटकर सो गया; फिर जाग उठा, क्योंकि यहोवा मुझे संभालता है। target: [4, 118, 120, 122, 124, 4, 126, 128, 78, 130, 132, 134, 136] source: मैं ऊँचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ, और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है। (सेला) target: [4, 138, 140, 142, 144, 146, 44, 148, 14, 150, 152, 154, 16, 156, 158] source: परन्तु हे यहोवा, तू तो मेरे चारों ओर मेरी ढाल है, तू मेरी महिमा और मेरे मस्तक का ऊँचा करनेवाला है*। target: [160, 20, 162, 32, 22, 164, 166, 168, 88, 32, 132, 170, 44, 132, 172, 174, 176, 178] source: बहुत से मेरे विषय में कहते हैं, कि उसका बचाव परमेश्‍वर की ओर से नहीं हो सकता*। (सेला) target: [180, 182, 184, 186, 188, 190, 192, 194, 196, 198, 96, 158] source: हे यहोवा मेरे सतानेवाले कितने बढ़ गए हैं! वे जो मेरे विरुद्ध उठते हैं बहुत हैं। target: [162, 132, 200, 198, 202, 198, 204, 44, 38, 206, 208, 178] source: पुत्र को चूमो ऐसा न हो कि वह क्रोध करे, और तुम मार्ग ही में नाश हो जाओ, क्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने को है। धन्य है वे जो उसमें शरण लेते है। target: [44, 148, 210, 212, 214, 216, 218, 220, 222, 224, 226, 228, 230, 232, 116, 78, 234, 236, 238, 240, 98, 80, 242, 244, 246, 248, 250, 96]
डरते हुए यहोवा की उपासना करो, और काँपते हुए मगन हो। (फिलि. 2:12)
[252, 254, 256, 258, 260, 44, 262, 264, 266, 268]
source: अतः वे पवित्र आत्मा के भेजे हुए सिलूकिया को गए; और वहाँ से जहाज पर चढ़कर साइप्रस को चले। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 18, 34] source: और यूसुफ नामक, साइप्रस का एक लेवी था जिसका नाम प्रेरितों ने बरनबास अर्थात् (शान्ति का पुत्र) रखा था। target: [36, 38, 40, 42, 44, 46, 48, 50, 40, 52, 54, 56, 58, 60, 62, 64, 66, 32, 40, 68, 70, 72] source: तब बरनबास ने यूहन्ना को जो मरकुस कहलाता है, साथ लेने का विचार किया। target: [66, 46, 74, 76, 78, 80, 82, 84, 86, 18, 38, 18, 88, 90, 92, 94, 96, 98, 100, 102] source: वहाँ से जहाज खोलकर हवा विरुद्ध होने के कारण हम साइप्रस की आड़ में होकर चले; target: [22, 24, 104, 30, 84, 32, 10, 106, 108, 110, 112, 82, 114, 116, 72] source: जब बरनबास और शाऊल अपनी सेवा पूरी कर चुके तो यूहन्ना को जो मरकुस कहलाता है, साथ लेकर यरूशलेम से लौटे। target: [46, 66, 118, 120, 122, 124, 126, 30, 86, 18, 38, 18, 88, 90, 128, 130, 132, 98, 100, 30, 134, 136, 138] source: कैसरिया के भी कुछ चेले हमारे साथ हो लिए, और मनासोन नामक साइप्रस के एक पुराने चेले को साथ ले आए, कि हम उसके यहाँ टिकें। target: [66, 140, 136, 90, 142, 144, 146, 98, 148, 66, 150, 152, 154, 54, 10, 62, 156, 144, 158, 100, 160, 38, 10, 158, 84, 162, 72] source: केवल लूका मेरे साथ है मरकुस को लेकर चला आ; क्योंकि सेवा के लिये वह मेरे बहुत काम का है। target: [164, 166, 168, 170, 158, 172, 174, 88, 18, 98, 100, 30, 176, 112, 82, 4, 122, 178, 170, 180, 40, 172] source: जब साइप्रस दिखाई दिया, तो हमने उसे बाएँ हाथ छोड़ा, और सीरिया को चलकर सोर में उतरे; क्योंकि वहाँ जहाज का बोझ उतारना था। target: [182, 32, 184, 186, 188, 4, 18, 190, 192, 194, 30, 196, 18, 148, 66, 198, 200, 108, 202, 112, 82, 204, 24, 40, 206, 208, 72] source: सो लूत अपने लिये यरदन की सारी तराई को चुन के पूर्व की ओर चला, और वे एक दूसरे से अलग हो गये। target: [210, 178, 212, 44, 96, 178, 214, 40, 216, 218, 220, 222, 66, 224, 226, 228, 230, 66, 4, 62, 232, 136, 234, 236, 34] source: और उन्होंने ऐसा ही किया; और बरनबास और शाऊल के हाथ प्राचीनों के पास कुछ भेज दिया। target: [238, 240, 44, 210, 242, 168, 244, 46, 66, 118, 10, 246, 248, 10, 158, 4, 250, 252, 254] source: पर जब चेले उसकी चारों ओर आ खड़े हुए, तो वह उठकर नगर में गया और दूसरे दिन बरनबास के साथ दिरबे को चला गया। target: [256, 182, 144, 4, 10, 258, 260, 262, 14, 188, 4, 264, 30, 266, 200, 268, 66, 270, 272, 46, 10, 98, 274, 18, 228, 276] source: परन्तु उनमें से कुछ साइप्रस वासी और कुरेनी* थे, जो अन्ताकिया में आकर यूनानियों को भी प्रभु यीशु का सुसमाचार की बातें सुनाने लगे। target: [256, 240, 278, 142, 32, 66, 280, 10, 282, 284, 286, 288, 200, 290, 30, 292, 294, 74, 296, 298, 14, 300, 98, 90, 302, 304] source: शेम के पुत्र ये ही हुए; और ये भिन्न-भिन्न कुलों, भाषाओं, देशों और जातियों के अनुसार अलग-अलग हो गए। target: [76, 306, 10, 52, 308, 66, 4, 310, 312, 314, 316, 66, 318, 10, 320, 234, 236, 34] source: हाम के वंश में ये ही हुए; और ये भिन्न-भिन्न कुलों, भाषाओं, देशों, और जातियों के अनुसार अलग-अलग हो गए। target: [322, 10, 324, 200, 76, 168, 326, 66, 76, 310, 312, 314, 316, 66, 318, 10, 320, 234, 236, 34]
अतः ऐसा विवाद उठा कि वे एक दूसरे से अलग हो गए; और बरनबास, मरकुस को लेकर जहाज से साइप्रस को चला गया।
[328, 240, 200, 330, 332, 334, 336, 4, 62, 232, 136, 338, 236, 340, 66, 46, 88, 18, 98, 100, 30, 24, 342, 344, 66, 32, 18, 228, 276]
source: हे मेरे धर्ममय परमेश्‍वर, जब मैं पुकारूँ तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं संकट में पड़ा तब तूने मुझे सहारा दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 4, 30, 12, 32, 14, 34, 36, 38, 40, 42, 44, 46, 48, 50] source: उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है*; हे यहोवा तेरी आशीष तेरी प्रजा पर हो। target: [52, 54, 56, 58, 60, 62, 64, 66, 68] source: उठ, हे यहोवा! हे मेरे परमेश्‍वर मुझे बचा ले! क्योंकि तूने मेरे सब शत्रुओं के जबड़ों पर मारा है। और तूने दुष्टों के दाँत तोड़ डाले हैं। target: [20, 70, 72, 22, 74, 14, 76, 78, 32, 22, 80, 82, 84, 86, 88, 32, 90, 92, 94, 96] source: मैं उस भीड़ से नहीं डरता, जो मेरे विरुद्ध चारों ओर पाँति बाँधे खड़े हैं। target: [98, 100, 102, 104, 106, 108, 110, 112, 4, 114, 116] source: मैं लेटकर सो गया; फिर जाग उठा, क्योंकि यहोवा मुझे संभालता है। target: [4, 118, 120, 122, 124, 4, 126, 128, 78, 130, 132, 134, 136] source: मैं ऊँचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ, और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है। (सेला) target: [4, 138, 140, 142, 144, 146, 44, 148, 14, 150, 152, 154, 16, 156, 158] source: परन्तु हे यहोवा, तू तो मेरे चारों ओर मेरी ढाल है, तू मेरी महिमा और मेरे मस्तक का ऊँचा करनेवाला है*। target: [160, 20, 162, 32, 22, 164, 166, 168, 88, 32, 132, 170, 44, 132, 172, 174, 176, 178] source: बहुत से मेरे विषय में कहते हैं, कि उसका बचाव परमेश्‍वर की ओर से नहीं हो सकता*। (सेला) target: [180, 182, 184, 186, 188, 190, 192, 194, 196, 198, 96, 158] source: हे यहोवा मेरे सतानेवाले कितने बढ़ गए हैं! वे जो मेरे विरुद्ध उठते हैं बहुत हैं। target: [162, 132, 200, 198, 202, 198, 204, 44, 38, 206, 208, 178] source: पुत्र को चूमो ऐसा न हो कि वह क्रोध करे, और तुम मार्ग ही में नाश हो जाओ, क्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने को है। धन्य है वे जो उसमें शरण लेते है। target: [44, 148, 210, 212, 214, 216, 218, 220, 222, 224, 226, 228, 230, 232, 116, 78, 234, 236, 238, 240, 98, 80, 242, 244, 246, 248, 250, 96]
डरते हुए यहोवा की उपासना करो, और काँपते हुए मगन हो। (फिलि. 2:12)
[252, 254, 256, 258, 260, 44, 262, 264, 266, 268]
source: बूढ़ों की शोभा उनके नाती पोते हैं; और बाल-बच्चों की शोभा उनके माता-पिता हैं। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 8, 24, 26] source: और अपनी सामर्थ्य को बँधुवाई में जाने दिया, और अपनी शोभा को द्रोही के वश में कर दिया। target: [28, 30, 32, 34, 36, 38, 40, 14, 32, 34, 42, 44, 8, 46, 40, 8, 48] source: तब उसने उनको अन्यजातियों के वश में कर दिया, और उनके बैरियों ने उन पर प्रभुता की। target: [32, 30, 50, 52, 54, 8, 56, 40, 8, 58, 60, 50, 8, 62, 50, 64, 66, 68] source: उसने उनके बीच में डांस भेजे जिन्होंने उन्हें काट खाया, और मेंढ़क भी भेजे, जिन्होंने उनका बिगाड़ किया। target: [28, 30, 50, 40, 70, 8, 72, 74, 76, 50, 52, 78, 80, 14, 82, 84, 30, 50, 34, 86, 88] source: अपना बल स्त्रियों को न देना, न अपना जीवन उनके वश कर देना जो राजाओं का पौरूष खा जाती हैं। target: [90, 36, 92, 94, 52, 96, 98, 96, 90, 100, 102, 52, 104, 106, 108, 110] source: उनकी सन्तान उनके संग, और उनके बाल-बच्चे उनकी आँखों के सामने बने रहते हैं। target: [22, 34, 112, 22, 8, 114, 14, 22, 18, 116, 22, 118, 120, 8, 122, 124, 126, 128, 130] source: उनको मैं उनके शत्रुओं अर्थात् उनके प्राण के खोजियों के वश में कर दूँगा और उनकी लोथ आकाश के पक्षियों और मैदान के पशुओं का आहार हो जाएँगी। target: [132, 22, 52, 22, 8, 134, 8, 46, 40, 14, 22, 8, 46, 40, 136, 138, 22, 18, 140, 8, 142, 144, 14, 22, 118, 146, 148, 8, 150, 14, 152, 8, 154, 34, 156, 158] source: उनके मार्गों में नाश और क्लेश है। target: [22, 8, 160, 40, 104, 14, 162, 164] source: उनके बाल स्त्रियों के बाल* जैसे, और दाँत सिंहों के दाँत जैसे थे। target: [22, 8, 166, 94, 8, 168, 170, 14, 22, 8, 172, 174, 176, 8, 178, 170, 180] source: मैंने उनके हाथ में साढ़े छः सौ किक्कार चाँदी, सौ किक्कार चाँदी के पात्र, target: [132, 50, 8, 46, 40, 182, 184, 186, 188, 190, 192, 8, 194, 14, 196, 198, 200, 202, 204] source: इन चिट्ठियों में सब नगरों के यहूदियों को राजा की ओर से अनुमति दी गई, कि वे इकट्ठे हों और अपना-अपना प्राण बचाने के लिये तैयार होकर*, जिस जाति या प्रान्त के लोग अन्याय करके उनको या उनकी स्त्रियों और बाल-बच्चों को दुःख देना चाहें, उनको घात और नाश करें, और उनकी धन सम्पत्ति लूट लें। target: [50, 206, 40, 208, 210, 212, 214, 52, 76, 212, 216, 40, 218, 220, 66, 222, 224, 60, 32, 212, 226, 126, 228, 14, 230, 228, 232, 234, 236, 238, 14, 240, 242, 244, 246, 8, 248, 50, 64, 244, 50, 118, 250, 14, 252, 64, 254, 256, 258, 50, 260, 52, 262, 264, 104, 256, 266, 268, 14, 50, 34, 270, 272, 274, 276] source: परन्तु यहोवा की यह वाणी है कि उस समय मैं तुझे बचाऊँगा, और जिन मनुष्यों से तू भय खाता है, तू उनके वश में नहीं किया जाएगा। target: [28, 278, 132, 280, 282, 136, 284, 34, 286, 164, 14, 288, 22, 290, 8, 46, 40, 96, 222, 292, 294, 8, 296, 288, 298, 300, 302] source: इसलिए उनके बाल-बच्चों को भूख से मरने दे, वे तलवार से कट मरें, और उनकी स्त्रियाँ निर्वंश और विधवा हो जाएँ। उनके पुरुष मरी से मरें, और उनके जवान लड़ाई में तलवार से मारे जाएँ। target: [304, 234, 22, 8, 252, 52, 306, 8, 308, 310, 14, 22, 52, 312, 8, 314, 316, 22, 118, 94, 318, 14, 320, 322, 14, 22, 8, 324, 312, 326, 328, 22, 8, 330, 332, 40, 312, 326, 334, 336] source: उसने लेकर उनके सामने खाया। target: [14, 28, 30, 338, 340, 50, 8, 342, 78, 344]
उसने अपने क्रोध का मार्ग खोला, और उनके प्राणों को मृत्यु से न बचाया, परन्तु उनको मरी के वश में कर दिया।
[28, 30, 346, 348, 234, 350, 352, 354, 28, 30, 50, 118, 356, 52, 358, 360, 96, 362, 364, 50, 118, 366, 52, 368, 8, 308, 88]
source: यहोवा यह कहता है: “गाज़ा के तीन क्या, वरन् चार अपराधों के कारण मैं उसका दण्ड न छोड़ूँगा; क्योंकि वे सब लोगों को बन्दी बनाकर ले गए कि उन्हें एदोम के वश में कर दें। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 14, 20, 22, 24, 14, 26, 28, 30, 32, 34, 36, 38, 40, 42, 44, 46, 48, 50, 52, 54, 56, 58, 60, 62, 42, 64, 52, 66, 14, 68, 70] source: यहोवा यह कहता है: “सोर के तीन क्या, वरन् चार अपराधों के कारण मैं उसका दण्ड न छोड़ूँगा; क्योंकि उन्होंने सब लोगों को बन्दी बनाकर एदोम के वश में कर दिया और भाई की सी वाचा का स्मरण न किया। target: [4, 6, 8, 10, 72, 74, 14, 16, 18, 14, 20, 22, 24, 14, 26, 28, 30, 32, 34, 36, 76, 40, 42, 64, 78, 46, 48, 50, 52, 66, 14, 68, 80, 82, 84, 86, 88, 90, 92, 94, 96] source: यहोवा यह कहता है: “मोआब के तीन क्या, वरन् चार अपराधों के कारण, मैं उसका दण्ड न छोड़ूँगा; क्योंकि उसने एदोम के राजा की हड्डियों को जलाकर चूना कर दिया। target: [4, 6, 8, 10, 98, 14, 16, 18, 14, 20, 22, 24, 14, 26, 28, 30, 32, 34, 36, 38, 40, 42, 44, 78, 66, 14, 100, 102, 104, 52, 106, 108, 110, 80, 112] source: यहोवा यह कहता है, “अम्मोन के तीन क्या, वरन् चार अपराधों के कारण मैं उसका दण्ड न छोड़ूँगा, क्योंकि उन्होंने अपनी सीमा को बढ़ा लेने के लिये गिलाद की गर्भिणी स्त्रियों का पेट चीर डाला। target: [4, 6, 8, 10, 114, 14, 16, 18, 14, 20, 22, 24, 14, 26, 28, 30, 32, 34, 36, 38, 40, 42, 64, 78, 116, 118, 120, 122, 124, 102, 126, 52, 128, 112] source: यहोवा यह कहता है: “यहूदा के तीन क्या, वरन् चार अपराधों के कारण, मैं उसका दण्ड न छोड़ूँगा; क्योंकि उन्होंने यहोवा की व्यवस्था को तुच्छ जाना और मेरी विधियों को नहीं माना; और अपने झूठे देवताओं के कारण जिनके पीछे उनके पुरखा चलते थे, वे भी भटक गए हैं। target: [4, 6, 8, 10, 130, 132, 14, 16, 18, 14, 20, 22, 24, 14, 26, 28, 30, 32, 34, 36, 38, 40, 42, 134, 78, 4, 136, 138, 52, 140, 142, 84, 144, 102, 146, 136, 148, 36, 150, 84, 134, 14, 152, 154, 78, 134, 52, 156, 158, 160, 14, 162, 134, 14, 164, 166, 168, 170] source: तू कहता है, कि मैंने एदोमियों को जीत लिया है; इस कारण तू फूल उठा और डींग मारता है! अपने घर में रह जा; तू अपनी हानि के लिये यहाँ क्यों हाथ डालता है, इससे तू क्या, वरन् यहूदा भी नीचा खाएगा।” target: [172, 174, 176, 178, 28, 66, 52, 180, 182, 84, 184, 186, 88, 188, 190, 192, 194, 196, 198, 200, 172, 40, 202, 52, 204, 206, 208, 84, 184, 210, 212, 214, 216] source: यहोवा यह कहता है: “इस्राएल के तीन क्या, वरन् चार अपराधों के कारण, मैं उसका दण्ड न छोड़ूँगा; क्योंकि उन्होंने निर्दोष को रुपये के लिये और दरिद्र को एक जोड़ी जूतियों के लिये बेच डाला है। target: [4, 6, 8, 10, 218, 14, 16, 18, 14, 20, 22, 24, 14, 26, 28, 30, 32, 34, 36, 38, 40, 42, 134, 78, 220, 52, 222, 122, 84, 224, 52, 226, 14, 46, 228, 122, 230, 112] source: यहोवा यह कहता है: “दमिश्क के तीन क्या, वरन् चार अपराधों के कारण मैं उसका दण्ड न छोड़ूँगा*; क्योंकि उन्होंने गिलाद को लोहे के दाँवनेवाले यन्त्रों से रौंद डाला है। target: [4, 6, 8, 10, 232, 74, 14, 16, 18, 14, 20, 22, 24, 14, 26, 28, 30, 32, 34, 36, 38, 40, 42, 64, 78, 124, 234, 52, 236, 14, 238, 210, 240, 194] source: और उसने तुम्हें भी जिलाया, जो अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे। target: [44, 78, 242, 166, 244, 246, 248, 250, 252, 84, 18, 14, 26, 254, 256, 258] source: और मैं तुम से कहता हूँ, कि अधर्म के धन से अपने लिये मित्र बना लो; ताकि जब वह जाता रहे, तो वे तुम्हें अनन्त निवासों में ले लें। target: [28, 242, 260, 262, 42, 264, 14, 266, 210, 250, 122, 268, 270, 62, 272, 274, 44, 276, 278, 62, 44, 242, 280, 282, 14, 284, 286, 288, 56, 290, 70] source: तूने जाति-जाति को झिड़का और दुष्ट को नाश किया है; तूने उनका नाम अनन्तकाल के लिये मिटा दिया है। target: [172, 292, 294, 52, 296, 10, 172, 298, 88, 300, 302, 10, 172, 280, 282, 122, 64, 88, 304, 306, 112] source: हे यहोवा, अपनी दया और करुणा के कामों को स्मरण कर; क्योंकि वे तो अनन्तकाल से होते आए हैं। target: [308, 310, 312, 314, 84, 316, 52, 318, 320, 44, 62, 322, 34, 324] source: एदोम के विषय, सेनाओं का यहोवा यह कहता है: “क्या तेमान में अब कुछ बुद्धि नहीं रही? क्या वहाँ के ज्ञानियों की युक्ति निष्फल हो गई? क्या उनकी बुद्धि जाती रही है? target: [66, 14, 326, 328, 88, 4, 330, 332, 260, 10, 334, 336, 338, 56, 340, 342, 94, 344, 336, 346, 348, 350, 352, 88, 300, 354, 356, 336, 134, 136, 342, 358, 360] source: उनकी सारी दुष्टता की ओर दृष्टि कर; और जैसा मेरे सारे अपराधों के कारण तूने मुझे दण्ड दिया, वैसा ही उनको भी दण्ड दे; क्योंकि मैं बहुत ही कराहती हूँ, और मेरा हृदय रोग से निर्बल हो गया है। target: [64, 136, 362, 364, 184, 366, 368, 64, 210, 370, 332, 212, 80, 372, 172, 374, 210, 374, 376, 18, 14, 26, 302, 10, 40, 42, 28, 378, 380, 382, 384, 84, 386, 388, 390, 354, 392, 194]
यहोवा यह कहता है: “एदोम के तीन क्या, वरन् चार अपराधों के कारण मैं उसका दण्ड न छोड़ूँगा; क्योंकि उसने अपने भाई को तलवार लिए हुए खदेड़ा और कुछ भी दया न की, परन्तु क्रोध से उनको लगातार फाड़ता ही रहा, और अपने रोष को अनन्तकाल के लिये बनाए रहा।
[4, 6, 8, 10, 394, 74, 14, 16, 18, 14, 20, 22, 24, 14, 26, 28, 30, 32, 34, 36, 38, 40, 42, 144, 78, 396, 210, 250, 398, 88, 400, 302, 84, 116, 316, 52, 402, 158, 144, 88, 404, 406, 408, 212, 410, 84, 144, 78, 412, 414, 406, 122, 416, 418]
source: तब वह बलि किया गया, और मूसा ने लहू को लेकर उँगली से वेदी के चारों सींगों पर लगाकर पवित्र किया*, और लहू को वेदी के पाए पर उण्डेल दिया, और उसके लिये प्रायश्चित करके उसको पवित्र किया। (इब्रा. 9:21) target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 34, 36, 12, 38, 10, 40, 42, 44, 46, 28, 48, 42, 50, 52, 54] source: तब वह बलि किया गया, और मूसा ने उसके लहू में से कुछ लेकर हारून के दाहिने कान के सिरे पर और उसके दाहिने हाथ और दाहिने पाँव के अँगूठों पर लगाया। target: [56, 6, 8, 10, 58, 40, 60, 12, 14, 62, 64, 66, 68, 64, 70, 72, 74, 10, 64, 76, 72, 78, 80, 54] source: तब उस मेढ़े को बलि करना, और उसके लहू में से कुछ लेकर हारून और उसके पुत्रों के दाहिने कान के सिरे पर, और उनके दाहिने हाथ और दाहिने पाँव के अँगूठों पर लगाना, और लहू को वेदी पर चारों ओर छिड़क देना। target: [26, 82, 84, 86, 40, 88, 12, 90, 62, 64, 92, 94, 96, 64, 98, 100, 64, 102, 72, 104, 10, 100, 106, 72, 78, 108, 54, 110, 12, 34, 112, 114, 116, 118, 54] source: तब उस मेढ़े को बलि करना, और उसका लहू लेकर वेदी पर चारों ओर छिड़कना। target: [84, 86, 40, 12, 20, 120, 122, 54] source: तब होमबलि पशु को बलिदान किया; और हारून के पुत्रों ने लहू को उसके हाथ में दिया, और उसने उसको वेदी पर चारों ओर छिड़क दिया। target: [56, 124, 126, 10, 128, 130, 132, 12, 134, 10, 136, 6, 138, 34, 140, 142, 54] source: फिर वह उस पापबलि के बकरे को जो साधारण जनता के लिये होगा बलिदान करके उसके लहू को बीचवाले पर्दे के भीतर ले आए, और जिस प्रकार बछड़े के लहू से उसने किया था ठीक वैसा ही वह बकरे के लहू से भी करे, अर्थात् उसको प्रायश्चित के ढकने के ऊपर और उसके सामने छिड़के। (इब्रा. 6:19, इब्रा. 7:27, इब्रा. 9:7-13 इब्रा. 10:4) target: [110, 144, 146, 42, 148, 150, 152, 10, 40, 12, 154, 156, 54, 144, 158, 160, 138, 162, 164, 166, 168, 138, 170, 172, 174, 176, 144, 6, 12, 178, 10, 110, 180, 182, 184, 54] source: तब उन्होंने बछड़े बलि किए, और याजकों ने उनका लहू लेकर वेदी पर छिड़क दिया; तब उन्होंने मेढ़े बलि किए, और उनका लहू भी वेदी पर छिड़क दिया, और भेड़ के बच्चे बलि किए, और उनका भी लहू वेदी पर छिड़क दिया। target: [186, 188, 190, 192, 8, 10, 194, 128, 12, 14, 196, 142, 54, 110, 188, 198, 8, 10, 128, 12, 14, 196, 200, 10, 188, 202, 170, 204, 10, 128, 12, 196, 142, 54] source: और वह उसको यहोवा के आगे वेदी के उत्तरी ओर बलि करे; और हारून के पुत्र जो याजक हैं वे उसके लहू को वेदी के चारों ओर छिड़कें। target: [144, 6, 48, 206, 34, 208, 210, 212, 152, 54, 214, 216, 176, 194, 40, 12, 34, 116, 218, 54] source: और वह हारून के पुत्रों को समीप ले गया, और लहू में से कुछ एक-एक के दाहिने कान के सिरे पर और दाहिने हाथ और दाहिने पाँव के अँगूठों पर लगाया; और मूसा ने लहू को वेदी पर चारों ओर छिड़का। target: [4, 214, 220, 222, 10, 100, 64, 66, 68, 64, 70, 72, 104, 10, 64, 76, 72, 78, 60, 12, 80, 54, 110, 58, 40, 12, 34, 140, 142, 54] source: और वह अपना हाथ उसके सिर पर रखे, और उसको मिलापवाले तम्बू के आगे बलि करे; और हारून के पुत्र उसके लहू को वेदी के चारों ओर छिड़के। target: [144, 16, 224, 226, 228, 230, 232, 10, 234, 236, 238, 182, 152, 54, 110, 214, 130, 40, 12, 34, 116, 218, 54] source: और वह अपने चढ़ावे के पशु के सिर पर हाथ रखे और उसको मिलापवाले तम्बू के आगे बलि करे; और हारून के पुत्र उसके लहू को वेदी के चारों ओर छिड़कें। target: [144, 240, 230, 16, 224, 232, 10, 234, 236, 238, 182, 152, 54, 110, 214, 130, 40, 12, 34, 116, 218, 54] source: और वह अपना हाथ अपने चढ़ावे के पशु के सिर पर रखे और उसको मिलापवाले तम्बू के द्वार पर बलि करे; और हारून के पुत्र जो याजक हैं वे उसके लहू को वेदी के चारों ओर छिड़कें। target: [144, 240, 242, 16, 224, 232, 10, 244, 234, 236, 238, 246, 248, 152, 54, 110, 214, 250, 176, 194, 40, 12, 34, 116, 218, 54] source: और हारून के पुत्र लहू को उसके पास ले गए, तब उसने अपनी उँगली को लहू में डुबाकर वेदी के सींगों पर लहू को लगाया, और शेष लहू को वेदी के पाए पर उण्डेल दिया; target: [214, 130, 252, 182, 12, 254, 26, 136, 16, 256, 258, 260, 20, 22, 24, 10, 110, 136, 138, 34, 36, 262, 54] source: उसने कहा, “तूने क्या किया है? तेरे भाई का लहू भूमि में से मेरी ओर चिल्लाकर मेरी दुहाई दे रहा है! (इब्रा. 12:24) target: [264, 266, 268, 270, 272, 274, 276, 278, 280, 282, 284, 286, 288, 54]
तब वह बलि किया गया, और मूसा ने उसका लहू वेदी पर चारों ओर छिड़का। (इब्रा. 9:21)
[4, 6, 204, 10, 40, 138, 34, 140, 142, 54]
source: हे मेरे धर्ममय परमेश्‍वर, जब मैं पुकारूँ तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं संकट में पड़ा तब तूने मुझे सहारा दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 6, 32, 34, 36, 12, 14, 38, 40, 22, 42, 44, 46, 48, 50, 52, 54, 56] source: उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है*; हे यहोवा तेरी आशीष तेरी प्रजा पर हो। target: [58, 60, 62, 64, 66, 68, 66, 70, 42, 72, 74] source: उठ, हे यहोवा! हे मेरे परमेश्‍वर मुझे बचा ले! क्योंकि तूने मेरे सब शत्रुओं के जबड़ों पर मारा है। और तूने दुष्टों के दाँत तोड़ डाले हैं। target: [20, 76, 78, 22, 80, 14, 82, 12, 84, 22, 86, 88, 26, 90, 42, 92, 64, 94, 96, 26, 98, 100, 102, 104] source: मैं उस भीड़ से नहीं डरता, जो मेरे विरुद्ध चारों ओर पाँति बाँधे खड़े हैं। target: [6, 106, 108, 110, 112, 114, 116, 118, 120, 122, 22, 124, 126, 128, 130, 132] source: मैं लेटकर सो गया; फिर जाग उठा, क्योंकि यहोवा मुझे संभालता है। target: [6, 134, 136, 138, 94, 140, 142, 6, 144, 146, 148, 60, 14, 150, 132] source: मैं ऊँचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ, और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है। (सेला) target: [6, 152, 154, 156, 60, 158, 160, 162, 164, 166, 168, 170, 112, 14, 16, 172, 132, 74] source: परन्तु हे यहोवा, तू तो मेरे चारों ओर मेरी ढाल है, तू मेरी महिमा और मेरे मस्तक का ऊँचा करनेवाला है*। target: [174, 20, 60, 12, 22, 176, 178, 180, 50, 182, 94, 22, 184, 186, 188, 190, 192] source: बहुत से मेरे विषय में कहते हैं, कि उसका बचाव परमेश्‍वर की ओर से नहीं हो सकता*। (सेला) target: [194, 50, 196, 26, 198, 200, 202, 204, 80, 62, 206, 208, 210, 114, 212, 214, 74] source: हे यहोवा मेरे सतानेवाले कितने बढ़ गए हैं! वे जो मेरे विरुद्ध उठते हैं बहुत हैं। target: [20, 60, 22, 216, 218, 220, 222, 224, 202, 22, 124, 226, 228, 230, 232, 104] source: पुत्र को चूमो ऐसा न हो कि वह क्रोध करे, और तुम मार्ग ही में नाश हो जाओ, क्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने को है। धन्य है वे जो उसमें शरण लेते है। target: [234, 158, 236, 238, 240, 242, 244, 164, 246, 34, 248, 94, 250, 252, 26, 34, 220, 254, 256, 258, 260, 262, 206, 186, 246, 264, 266, 268, 270, 272, 274, 276, 206, 34, 278, 280, 104]
डरते हुए यहोवा की उपासना करो, और काँपते हुए मगन हो। (फिलि. 2:12)
[282, 156, 60, 208, 284, 286, 94, 288, 290, 292]
source: वह जगत में था, और जगत उसके द्वारा उत्‍पन्‍न हुआ, और जगत ने उसे नहीं पहचाना। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28] source: और कूश से निम्रोद उत्‍पन्‍न हुआ; पृथ्वी पर पहला वीर वही हुआ। target: [30, 32, 34, 36, 38, 40, 42, 44, 46, 28] source: “क्या पहला मनुष्य तू ही उत्‍पन्‍न हुआ? क्या तेरी उत्पत्ति पहाड़ों से भी पहले हुई? target: [48, 42, 50, 52, 16, 54, 10, 56, 58, 60, 62, 64, 66, 10, 56] source: तब इनसे तुझे जीवन मिलेगा, और ये तेरे गले का हार बनेंगे। target: [68, 70, 72, 74, 76, 78, 80, 10, 70, 82, 84, 86, 88, 90, 78, 92, 28] source: आसा से यहोशाफात उत्‍पन्‍न हुआ, और यहोशाफात से योराम उत्‍पन्‍न हुआ, और योराम से उज्जियाह उत्‍पन्‍न हुआ। target: [94, 96, 98, 100, 102, 98, 10, 104, 106, 34, 46, 28] source: यहूदा और तामार से पेरेस व जेरह उत्‍पन्‍न हुए, और पेरेस से हेस्रोन उत्‍पन्‍न हुआ, और हेस्रोन से एराम उत्‍पन्‍न हुआ। target: [108, 110, 112, 10, 114, 34, 116, 112, 118, 98, 10, 120, 122, 34, 46, 28] source: आकाश और पृथ्वी की उत्पत्ति का वृत्तान्त यह है कि जब वे उत्‍पन्‍न हुए अर्थात् जिस दिन यहोवा परमेश्‍वर ने पृथ्वी और आकाश को बनाया। target: [124, 126, 128, 10, 130, 132, 134, 136, 138, 140, 142, 144, 146, 28] source: इनसे ऐसा कर जैसा मिद्यानियों से*, और कीशोन नाले में सीसरा और याबीन से किया* था, target: [148, 150, 152, 154, 156, 158, 160, 10, 162, 164, 166, 160, 168, 28] source: उसके सात बेटे और तीन बेटियाँ उत्‍पन्‍न हुई। target: [170, 172, 174, 176, 10, 178, 174, 180, 182, 46, 28] source: जैसे तूने जगत में मुझे भेजा, वैसे ही मैंने भी उन्हें जगत में भेजा। target: [184, 152, 186, 6, 188, 190, 16, 192, 148, 6, 194, 196, 28] source: जब राहेल से यूसुफ उत्‍पन्‍न हुआ, तब याकूब ने लाबान से कहा, “मुझे विदा कर कि मैं अपने देश और स्थान को जाऊँ। target: [198, 200, 202, 204, 206, 208, 210, 212, 214, 216, 218, 220, 222, 224, 10, 220, 226, 228, 230, 28] source: यह न कहना, “बीते दिन इनसे क्यों उत्तम थे?” क्योंकि यह तू बुद्धिमानी से नहीं पूछता। target: [232, 234, 236, 238, 240, 242, 244, 246, 248, 250, 252, 254, 256, 258, 260, 262, 264, 28] source: और उसके सात बेटे और तीन बेटियाँ भी उत्‍पन्‍न हुई। target: [170, 172, 176, 10, 266, 180, 150, 46, 28] source: सब कुछ उसी के द्वारा उत्‍पन्‍न हुआ और जो कुछ उत्‍पन्‍न हुआ है, उसमें से कोई भी वस्तु उसके बिना उत्‍पन्‍न न हुई। target: [268, 270, 14, 272, 10, 274, 276, 150, 278, 280, 282, 28]
जब यहोवा ने न तो पृथ्वी और न मैदान, न जगत की धूलि के परमाणु बनाए थे, इनसे पहले मैं उत्‍पन्‍न हुई।
[284, 286, 288, 290, 288, 292, 42, 294, 296, 218, 298, 300, 28]
source: हे मेरे धर्ममय परमेश्‍वर, जब मैं पुकारूँ तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं संकट में पड़ा तब तूने मुझे सहारा दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 6, 32, 34, 36, 12, 14, 38, 40, 22, 42, 44, 46, 48, 50, 52, 54, 56] source: उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है*; हे यहोवा तेरी आशीष तेरी प्रजा पर हो। target: [58, 60, 62, 64, 66, 68, 66, 70, 42, 72, 74] source: उठ, हे यहोवा! हे मेरे परमेश्‍वर मुझे बचा ले! क्योंकि तूने मेरे सब शत्रुओं के जबड़ों पर मारा है। और तूने दुष्टों के दाँत तोड़ डाले हैं। target: [20, 76, 78, 22, 80, 14, 82, 12, 84, 22, 86, 88, 26, 90, 42, 92, 64, 94, 96, 26, 98, 100, 102, 104] source: मैं उस भीड़ से नहीं डरता, जो मेरे विरुद्ध चारों ओर पाँति बाँधे खड़े हैं। target: [6, 106, 108, 110, 112, 114, 116, 118, 120, 122, 22, 124, 126, 128, 130, 132] source: मैं लेटकर सो गया; फिर जाग उठा, क्योंकि यहोवा मुझे संभालता है। target: [6, 134, 136, 138, 94, 140, 142, 6, 144, 146, 148, 60, 14, 150, 132] source: मैं ऊँचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ, और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है। (सेला) target: [6, 152, 154, 156, 60, 158, 160, 162, 164, 166, 168, 170, 112, 14, 16, 172, 132, 74] source: परन्तु हे यहोवा, तू तो मेरे चारों ओर मेरी ढाल है, तू मेरी महिमा और मेरे मस्तक का ऊँचा करनेवाला है*। target: [174, 20, 60, 12, 22, 176, 178, 180, 50, 182, 94, 22, 184, 186, 188, 190, 192] source: बहुत से मेरे विषय में कहते हैं, कि उसका बचाव परमेश्‍वर की ओर से नहीं हो सकता*। (सेला) target: [194, 50, 196, 26, 198, 200, 202, 204, 80, 62, 206, 208, 210, 114, 212, 214, 74] source: हे यहोवा मेरे सतानेवाले कितने बढ़ गए हैं! वे जो मेरे विरुद्ध उठते हैं बहुत हैं। target: [20, 60, 22, 216, 218, 220, 222, 224, 202, 22, 124, 226, 228, 230, 232, 104] source: पुत्र को चूमो ऐसा न हो कि वह क्रोध करे, और तुम मार्ग ही में नाश हो जाओ, क्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने को है। धन्य है वे जो उसमें शरण लेते है। target: [234, 158, 236, 238, 240, 242, 244, 164, 246, 34, 248, 94, 250, 252, 26, 34, 220, 254, 256, 258, 260, 262, 206, 186, 246, 264, 266, 268, 270, 272, 274, 276, 206, 34, 278, 280, 104]
डरते हुए यहोवा की उपासना करो, और काँपते हुए मगन हो। (फिलि. 2:12)
[282, 156, 60, 208, 284, 286, 94, 288, 290, 292]
source: तब जो वाचा मैंने याकूब के संग बाँधी थी उसको मैं स्मरण करूँगा, और जो वाचा मैंने इसहाक से और जो वाचा मैंने अब्राहम से बाँधी थी उनको भी स्मरण करूँगा, और इस देश को भी मैं स्मरण करूँगा। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 10, 18, 20, 22, 24, 8, 26, 28, 30, 24, 8, 32, 10, 34, 36, 26, 38, 40, 10, 34, 42] source: जो वादा तूने अपने दास को दिया है, उसे स्मरण कर, क्योंकि तूने मुझे आशा दी है। target: [44, 46, 48, 50, 52, 34, 54, 56, 44, 58, 60, 62, 64] source: “हे अपराधियों, इस बात को स्मरण करो और ध्यान दो, इस पर फिर मन लगाओ। target: [66, 68, 70, 72, 74, 76, 78, 80, 82, 84] source: स्मरण कर, कि तूने मुझ को गुँधी हुई मिट्टी के समान बनाया, क्या तू मुझे फिर धूल में मिलाएगा? target: [10, 86, 88, 70, 90, 92, 94, 44, 58, 96, 98, 100, 102, 104, 106, 108, 110, 112, 114] source: इसलिए यदि तू अपनी भेंट वेदी पर लाए, और वहाँ तू स्मरण करे, कि मेरे भाई के मन में मेरी ओर से कुछ विरोध है, target: [116, 44, 118, 120, 122, 124, 126, 128, 46, 130, 132, 134, 136, 138, 140, 142, 144, 34, 146] source: तब यहोवा ने मूसा से कहा, “स्मरणार्थ इस बात को पुस्तक में लिख ले और यहोशू को सुना दे कि मैं आकाश के नीचे से अमालेक का स्मरण भी पूरी रीति से मिटा डालूँगा।” target: [148, 150, 152, 154, 156, 158, 66, 160, 162, 164, 166, 168, 170, 172, 174, 176, 56, 10, 178, 180, 182, 184, 186, 188, 190] source: हे यहोवा, अपनी दया और करुणा के कामों को स्मरण कर; क्योंकि वे तो अनन्तकाल से होते आए हैं। target: [192, 194, 196, 198, 200, 172, 202, 34, 204] source: प्राचीनकाल की बातों का कुछ स्मरण नहीं रहा, और होनेवाली बातों का भी स्मरण उनके बाद होनेवालों को न रहेगा। target: [206, 208, 210, 162, 212, 214, 216, 218, 172, 220, 222, 162, 224, 172, 226, 222, 162, 228, 230, 232, 234, 236] source: मेरा स्मरण कर, कि मैं कैसा अनित्य हूँ, तूने सब मनुष्यों को क्यों व्यर्थ सिरजा है? target: [238, 240, 242, 244, 138, 246, 70, 248, 44, 160, 250, 252, 254, 256, 258, 260, 262] source: हे मेरी प्रजा, स्मरण कर, कि मोआब के राजा बालाक ने तेरे विरुद्ध कौन सी युक्ति की? और बोर के पुत्र बिलाम ने उसको क्या सम्मति दी? और शित्तीम से गिलगाल तक की बातों का स्मरण कर, जिससे तू यहोवा के धर्म के काम समझ सके।” target: [264, 266, 268, 270, 272, 274, 276, 278, 280, 258, 282, 172, 284, 286, 288, 276, 290, 292, 34, 294, 296, 298, 300, 302, 304, 306, 308, 310, 312, 314, 294, 192, 316, 318, 320, 322, 324, 214, 326] source: “इस कारण प्रभु यहोवा यह कहता है : इसलिए कि तुम्हारा अधर्म जो स्मरण किया गया है, और तुम्हारे अपराध जो खुल गए हैं, क्योंकि तुम्हारे सब कामों में पाप ही पाप दिखाई पड़ा है, और तुम स्मरण में आए हो, इसलिए तुम उन्हीं से पकड़े जाओगे। target: [116, 150, 328, 192, 330, 332, 56, 334, 336, 338, 314, 340, 342, 334, 336, 344, 340, 346, 348, 350, 196, 160, 352, 354, 356, 116, 44, 358, 360, 362, 46, 364, 366, 368] source: हे यहोवा, अपनी प्रजा पर की, प्रसन्नता के अनुसार मुझे स्मरण कर, मेरे उद्धार के लिये मेरी सुधि ले, target: [192, 194, 44, 370, 46, 372, 374, 376, 4, 106, 34, 378, 44, 380, 370, 382, 58, 384, 204] source: यहोवा यह कहता है: “सोर के तीन क्या, वरन् चार अपराधों के कारण मैं उसका दण्ड न छोड़ूँगा; क्योंकि उन्होंने सब लोगों को बन्दी बनाकर एदोम के वश में कर दिया और भाई की सी वाचा का स्मरण न किया। target: [150, 386, 388, 390, 392, 394, 396, 398, 10, 380, 400, 402, 404, 406, 236, 56, 408, 410, 180, 412, 414, 416, 172, 418, 420, 422, 424, 314, 380, 426, 236] source: और उनके हित अपनी वाचा को स्मरण करके अपनी अपार करुणा के अनुसार तरस खाया, target: [428, 296, 46, 430, 34, 432, 172, 46, 434, 436, 438, 440, 442]
हे यहोवा, अपनी भलाई के कारण मेरी जवानी के पापों और मेरे अपराधों को स्मरण न कर*; अपनी करुणा ही के अनुसार तू मुझे स्मरण कर।
[192, 194, 238, 444, 446, 172, 448, 450, 452, 454, 44, 46, 456, 458, 46, 460, 106, 34, 204]
source: हे मेरे धर्ममय परमेश्‍वर, जब मैं पुकारूँ तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं संकट में पड़ा तब तूने मुझे सहारा दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 34, 22, 24, 36, 38, 40, 42, 44, 46, 48, 24] source: उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है*; हे यहोवा तेरी आशीष तेरी प्रजा पर हो। target: [50, 52, 54, 24, 56, 58, 56, 60, 62, 24, 64] source: उठ, हे यहोवा! हे मेरे परमेश्‍वर मुझे बचा ले! क्योंकि तूने मेरे सब शत्रुओं के जबड़ों पर मारा है। और तूने दुष्टों के दाँत तोड़ डाले हैं। target: [4, 66, 68, 4, 10, 32, 70, 72, 74, 6, 76, 78, 80, 82, 24, 74, 84, 86, 88, 24] source: मैं उस भीड़ से नहीं डरता, जो मेरे विरुद्ध चारों ओर पाँति बाँधे खड़े हैं। target: [90, 92, 26, 94, 96, 98, 44, 100, 102, 104, 106, 24] source: मैं लेटकर सो गया; फिर जाग उठा, क्योंकि यहोवा मुझे संभालता है। target: [26, 108, 42, 110, 24, 26, 112, 72, 114, 32, 116, 118, 24] source: मैं ऊँचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ, और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है। (सेला) target: [120, 26, 122, 124, 126, 42, 128, 130, 132, 134, 32, 20, 136, 24, 64] source: परन्तु हे यहोवा, तू तो मेरे चारों ओर मेरी ढाल है, तू मेरी महिमा और मेरे मस्तक का ऊँचा करनेवाला है*। target: [138, 4, 66, 140, 44, 142, 144, 44, 146, 148, 42, 150, 44, 152, 154, 156, 24] source: बहुत से मेरे विषय में कहते हैं, कि उसका बचाव परमेश्‍वर की ओर से नहीं हो सकता*। (सेला) target: [158, 160, 44, 162, 164, 166, 168, 170, 172, 174, 176, 178, 64] source: हे यहोवा मेरे सतानेवाले कितने बढ़ गए हैं! वे जो मेरे विरुद्ध उठते हैं बहुत हैं। target: [4, 66, 6, 180, 182, 184, 186, 44, 188, 158, 190, 102, 106, 24] source: पुत्र को चूमो ऐसा न हो कि वह क्रोध करे, और तुम मार्ग ही में नाश हो जाओ, क्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने को है। धन्य है वे जो उसमें शरण लेते है। target: [192, 194, 196, 198, 200, 202, 204, 42, 206, 208, 210, 212, 214, 216, 218, 220, 222, 24, 224, 226, 228, 76, 190, 182, 230, 232, 24]
डरते हुए यहोवा की उपासना करो, और काँपते हुए मगन हो। (फिलि. 2:12)
[234, 236, 238, 196, 42, 240, 242, 244, 24]
source: जब हिजकिय्याह राजा ने यह सुना, तब वह अपने वस्त्र फाड़, टाट ओढ़कर यहोवा के भवन में गया। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 34, 24, 36, 38, 40, 42] source: यहूदा के राजा हिजकिय्याह का लेख जो उसने लिखा जब वह रोगी होकर चंगा हो गया था, वह यह है: target: [44, 6, 46, 48, 50, 52, 54, 56, 24, 28, 58, 60, 62] source: क्योंकि वह उसका एक ही ओढ़ना है, उसकी देह का वही अकेला वस्त्र होगा; फिर वह किसे ओढ़कर सोएगा? और जब वह मेरी दुहाई देगा तब मैं उसकी सुनूँगा, क्योंकि मैं तो करुणामय हूँ। target: [64, 66, 68, 70, 72, 74, 76, 78, 80, 82, 84, 86, 88, 4, 90, 84, 92, 94, 64, 96, 98] source: तब यह समाचार नीनवे के राजा के कान में पहुँचा; और उसने सिंहासन पर से उठ, अपना राजकीय ओढ़ना उतारकर टाट ओढ़ लिया, और राख पर बैठ गया। target: [100, 102, 46, 104, 106, 108, 110, 112, 24, 114, 18, 116, 118, 120, 122, 34, 24, 108, 124, 126] source: याजक यहोवा के भवन में प्रवेश न कर सके, क्योंकि यहोवा का तेज यहोवा के भवन में भर गया था। target: [128, 130, 132, 38, 40, 134, 64, 136, 138, 140, 142] source: और जब मैं ऊँचे स्वर से चिल्ला उठी, तब वह अपना वस्त्र मेरे पास छोड़कर बाहर भाग गया।” target: [144, 72, 146, 148, 24, 150, 114, 152, 154, 24, 156, 158] source: तब यहोवा के भवन में जाकर उसको यहोवा के सामने फैला दिया। target: [160, 162, 28, 164, 166, 168, 24, 170, 172, 174, 84, 40, 176, 178, 138, 180] source: और लाल रंग से रंगी हुई मेढ़ों की खालों का ओढ़ना, और सुइसों की खालों का ओढ़ना, और बीच का परदा; target: [182, 28, 184, 186, 72, 188, 190, 192, 194, 24, 196, 198, 28, 184, 200, 202, 204, 206, 208, 210] source: जब वे उस रुपये को जो यहोवा के भवन में पहुँचाया गया था, निकाल रहे थे, तब हिल्किय्याह याजक को मूसा के द्वारा दी हुई यहोवा की व्यवस्था की पुस्तक मिली। target: [4, 212, 214, 216, 218, 220, 72, 222, 38, 40, 176, 224, 226, 228, 230, 232, 234, 72, 28, 236, 238, 240] source: सूर्य अस्त होते-होते उसे वह बन्धक अवश्य फेर देना, इसलिए कि वह अपना ओढ़ना ओढ़कर सो सके और तुझे आशीर्वाद दे; और यह तेरे परमेश्‍वर यहोवा की दृष्टि में धार्मिकता का काम ठहरेगा। target: [204, 242, 244, 246, 84, 248, 250, 252, 254, 256, 24, 258, 260, 84, 262, 24, 264, 266, 268, 270, 272, 232, 274] source: इस रीति यहेजकेल तुम्हारे लिये चिन्ह ठहरेगा; जैसा उसने किया, ठीक वैसा ही तुम भी करोगे। और जब यह हो जाए, तब तुम जान लोगे कि मैं परमेश्‍वर यहोवा हूँ।' target: [276, 84, 278, 280, 282, 284, 52, 286, 288, 290, 4, 292, 294, 88, 278, 296, 72, 96, 232, 298] source: “मैंने फिर तेरे पास से होकर जाते हुए तुझे देखा, और अब तू पूरी स्त्री हो गई थी; इसलिए मैंने तुझे अपना वस्त्र ओढ़ाकर तेरा तन ढाँप दिया; और सौगन्ध खाकर तुझसे वाचा बाँधी और तू मेरी हो गई, प्रभु यहोवा की यही वाणी है। target: [300, 302, 304, 24, 306, 308, 310, 312, 314, 172, 316, 318, 320, 322, 24, 324, 306, 326, 24, 328, 264, 330, 24, 332, 334, 336, 18, 66, 338, 340, 342, 344, 66, 346, 232, 348] source: यदि स्त्री ओढ़नी न ओढ़े, तो बाल भी कटा ले; यदि स्त्री के लिये बाल कटाना या मुण्डाना लज्जा की बात है, तो ओढ़नी ओढ़े। target: [350, 352, 354, 356, 358, 360, 362, 144, 350, 84, 352, 364, 366, 360, 368, 370, 372, 358, 354, 374] source: क्योंकि बिछौना टाँग फैलाने के लिये छोटा, और ओढ़ना ओढ़ने के लिये सकरा है। target: [376, 378, 380, 84, 382, 24, 384, 386, 380, 84, 388]
जब हिजकिय्याह राजा ने यह सुना, तब वह अपने वस्त्र फाड़ और टाट ओढ़कर यहोवा के भवन में गया।
[4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 34, 24, 36, 38, 40, 138]
source: श्रापित हो तू नगर में, श्रापित हो तू खेत में। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 4, 6, 8, 16, 18] source: “इस्राएलियों को आज्ञा दे, कि तुम अपने-अपने निज भाग की भूमि में से लेवियों को रहने के लिये नगर देना; और नगरों के चारों ओर की चराइयाँ भी उनको देना। target: [20, 22, 24, 26, 28, 30, 32, 22, 34, 36, 38, 40, 42, 44, 46, 48, 50, 14, 52, 54, 56, 38, 58, 32, 22, 60] source: क्योंकि यहाँ हमारा कोई स्थिर रहनेवाला नगर नहीं, वरन् हम एक आनेवाले नगर की खोज में हैं। target: [62, 64, 66, 68, 70, 72, 44, 74, 10, 76, 78, 80, 82, 84, 86, 10, 22, 88, 90] source: वहाँ से हम फिलिप्पी* में पहुँचे, जो मकिदुनिया प्रान्त का मुख्य नगर, और रोमियों की बस्ती है; और हम उस नगर में कुछ दिन तक रहे। target: [14, 92, 94, 22, 64, 96, 98, 100, 10, 14, 102, 38, 104, 106, 14, 82, 108, 110, 112, 10, 12, 114] source: इस्राएलियों ने लेवियों को ये नगर चराइयों समेत दिए। target: [14, 20, 116, 32, 22, 118, 10, 120, 122, 124, 126, 128] source: याकूब उन सब समेत, जो उसके संग थे, कनान देश के लूज़ नगर को आया। वह नगर बेतेल भी कहलाता है। target: [130, 14, 132, 54, 134, 54, 136, 138, 140, 12, 142, 144, 146, 54, 148, 12, 150, 118, 152, 154, 150] source: नगर के पास उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम, चराइयाँ हों। जो ढाई-ढाई सौ बाँस चौड़ी हों। target: [10, 38, 58, 156, 158, 160, 162, 164, 166, 158, 160, 162, 164, 168, 158, 160, 162, 170, 14, 172, 158, 160, 162, 170, 174] source: और उनको ठीक मार्ग पर चलाया, ताकि वे बसने के लिये किसी नगर को जा पहुँचे। target: [30, 116, 120, 22, 176, 178, 180, 28, 182, 184, 186, 188, 10, 22, 190, 192] source: मैं इसलिए तुझे क्रेते में छोड़ आया था, कि तू शेष रही हुई बातों को सुधारें, और मेरी आज्ञा के अनुसार नगर-नगर प्राचीनों को नियुक्त करे। target: [194, 196, 198, 200, 202, 12, 204, 206, 208, 62, 64, 210, 212, 214, 216, 218, 220, 222, 12, 224, 226, 14, 228, 48, 230, 232, 22, 234, 236, 238, 194, 196, 240, 242, 244] source: और नगर के बाहर पूर्व, दक्षिण, पश्चिम, और उत्तर की ओर, दो-दो हजार हाथ इस रीति से नापना कि नगर बीचोंबीच हो; लेवियों के एक-एक नगर की चराई इतनी ही भूमि की हो। target: [8, 48, 246, 248, 168, 54, 250, 158, 160, 252, 254, 256, 166, 54, 250, 158, 160, 258, 260, 250, 160, 252, 14, 156, 54, 250, 158, 160, 252, 254, 14, 48, 262, 264, 118, 120, 54, 52, 122, 124, 266] source: इस प्रकार उन नगरों से करना जो तुझ से बहुत दूर हैं, और जो यहाँ की जातियों के नगर नहीं हैं। target: [268, 270, 152, 8, 120, 136, 272, 134, 274, 276, 278, 246, 280, 282, 284, 286, 30, 68, 122, 288, 54, 10, 76, 290] source: तब इस्राएलियों ने यहोवा के कहने के अनुसार अपने-अपने भाग में से लेवियों को चराइयों समेत ये नगर दिए।। target: [20, 116, 32, 22, 292, 294, 42, 296, 54, 24, 298, 118, 10, 14, 222, 122, 124, 300] source: और वहाँ वह भूखों को बसाता है, कि वे बसने के लिये नगर तैयार करें; target: [14, 302, 22, 304, 306, 308, 78, 28, 182, 310, 46, 312, 10, 314, 316] source: और भेदियों ने एक मनुष्य को उस नगर से निकलते हुए देखा, और उससे कहा, “नगर में जाने का मार्ग हमें दिखा, और हम तुझ पर दया करेंगे।” target: [318, 320, 116, 312, 322, 22, 10, 42, 324, 326, 328, 132, 22, 330, 332, 220, 10, 12, 334, 98, 178, 336, 338, 328, 82, 340, 342, 134, 344, 346]
कनान देश के शीलो नगर में कहने लगे, “यहोवा ने मूसा के द्वारा हमें बसने के लिये नगर, और हमारे पशुओं के लिये उन्हीं नगरों की चराइयाँ भी देने की आज्ञा दी थी।
[222, 116, 222, 134, 348, 12, 146, 54, 350, 12, 352, 354, 28, 296, 116, 356, 54, 358, 24, 360, 362, 28, 336, 310, 46, 10, 14, 222, 122, 58, 364, 366, 46, 368, 192]
source: मैं परमेश्‍वर की दुहाई चिल्ला चिल्लाकर दूँगा, मैं परमेश्‍वर की दुहाई दूँगा, और वह मेरी ओर कान लगाएगा। target: [4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 4, 6, 8, 10, 12, 18, 20, 22, 24, 26, 16] source: डाकुओं के डेरे कुशल क्षेम से रहते हैं, और जो परमेश्‍वर को क्रोध दिलाते हैं, वह बहुत ही निडर रहते हैं; अर्थात् उनका ईश्वर उनकी मुट्ठी में रहता हैं; target: [28, 30, 32, 34, 20, 36, 38, 40, 42, 44, 46, 16, 48, 50, 52, 48, 54, 56, 16] source: इस कारण परमेश्‍वर ने उसको अति महान भी किया, और उसको वह नाम दिया जो सब नामों में श्रेष्ठ है, target: [58, 60, 62, 64, 66, 68, 16, 60, 62, 70, 72, 66, 74, 76, 16] source: अतः मूसा ने यह कहकर यहोवा की दुहाई दी, “हे परमेश्‍वर, कृपा कर, और उसको चंगा कर।” target: [78, 80, 82, 84, 86, 88, 90, 92, 94, 96, 98, 100] source: चाहे वह गिरे तो भी पड़ा न रह जाएगा, क्योंकि यहोवा उसका हाथ थामे रहता है। target: [102, 104, 106, 108, 110, 112, 114, 116, 118, 120, 122, 124, 16] source: जो कोई यह मान लेता है, कि यीशु परमेश्‍वर का पुत्र है परमेश्‍वर उसमें बना रहता है, और वह परमेश्‍वर में। target: [126, 128, 130, 132, 134, 136, 138, 140, 142, 144, 146, 20, 110, 10, 148, 16] source: परमेश्‍वर के चुने हुओं पर दोष कौन लगाएगा? परमेश्‍वर वह है जो उनको धर्मी ठहरानेवाला है। target: [150, 152, 154, 156, 158, 160, 162, 164, 166, 168, 142, 170, 134, 16] source: और जो प्रेम परमेश्‍वर हम से रखता है, उसको हम जान गए, और हमें उस पर विश्वास है। परमेश्‍वर प्रेम है; जो प्रेम में बना रहता है वह परमेश्‍वर में बना रहता है; और परमेश्‍वर उसमें बना रहता है। target: [172, 174, 60, 176, 178, 180, 182, 184, 20, 186, 188, 184, 16, 142, 190, 134, 20, 192, 194, 196, 110, 10, 196, 20, 142, 144, 146, 16] source: इसलिए जान ले कि तेरा परमेश्‍वर यहोवा ही परमेश्‍वर है, वह विश्वासयोग्य परमेश्‍वर है; जो उससे प्रेम रखते और उसकी आज्ञाएँ मानते हैं उनके साथ वह हजार पीढ़ी तक अपनी वाचा का पालन करता, और उन पर करुणा करता रहता है; target: [198, 116, 200, 202, 204, 206, 208, 92, 20, 210, 212, 214, 216, 218, 220, 222, 224, 226, 228, 16, 230, 232, 234, 142, 170, 236, 142, 134, 126, 62, 190, 238, 20, 240, 242, 244, 246, 248, 250, 252, 254, 256, 20, 236, 134, 136, 258, 16] source: और वे खाकर अति तृप्त हुए, और उसने उनकी कामना पूरी की। target: [260, 262, 264, 20, 266, 16, 262, 268, 270, 272, 274, 276, 278, 76, 16] source: वह अत्यन्त प्रफुल्लित होगी और आनन्द के साथ जयजयकार करेगी। उसकी शोभा लबानोन की सी होगी* और वह कर्मेल और शारोन के तुल्य तेजोमय हो जाएगी। वे यहोवा की शोभा और हमारे परमेश्‍वर का तेज देखेंगे। परमेश्‍वर द्वारा सब कुछ परिवर्तन target: [280, 282, 284, 286, 288, 20, 290, 292, 16, 294, 296, 298, 20, 300, 302, 304, 306, 16, 262, 308, 310, 312, 130, 314, 316, 16] source: “इन्हें देखकर फ़िरौन भी अपनी सारी भीड़ के विषय में शान्ति पाएगा, हाँ फ़िरौन और उसकी सारी सेना जो तलवार से मारी गई है, परमेश्‍वर यहोवा की यही वाणी है। target: [318, 320, 172, 110, 20, 322, 70, 324, 326, 328, 330, 332, 334, 336, 338, 232, 130, 340, 342, 16] source: “हे यहोवा, हे इस्राएल के परमेश्‍वर, तेरे समान न तो स्वर्ग में और न पृथ्वी पर कोई परमेश्‍वर है: तेरे जो दास अपने सारे मन से अपने को तेरे सम्मुख जानकर चलते हैं, उनके लिये तू अपनी वाचा पूरी करता और करुणा करता रहता है। target: [344, 346, 86, 232, 348, 88, 350, 20, 352, 354, 356, 358, 142, 360, 126, 6, 362, 364, 366, 368, 370, 372, 374, 6, 376, 378, 252, 380, 16] source: यहोवा मेरा बल और भजन का विषय है*, और वही मेरा उद्धार भी ठहरा है; मेरा परमेश्‍वर वही है, मैं उसी की स्तुति करूँगा, (मैं उसके लिये निवास-स्थान बनाऊँगा), मेरे पूर्वजों का परमेश्‍वर वही है, मैं उसको सराहूँगा। target: [232, 22, 382, 20, 384, 386, 20, 388, 390, 392, 394, 228, 16, 388, 390, 142, 386, 20, 4, 396, 398, 14, 16, 388, 390, 400, 142, 134, 20, 4, 62, 402, 16]
अतः क्या परमेश्‍वर अपने चुने हुओं का न्याय न चुकाएगा, जो रात-दिन उसकी दुहाई देते रहते; और क्या वह उनके विषय में देर करेगा?
[404, 60, 358, 62, 406, 12, 238, 250, 408, 410, 412, 414, 416, 20, 162, 404, 388, 418, 420, 422, 20, 162]