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821452 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%9A%E0%A5%80%E0%A4%A8%20%E0%A4%95%E0%A5%87%20%E0%A4%B5%E0%A5%88%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B6%E0%A4%BF%E0%A4%95%20%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A5%8D%E0%A4%AC%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A7 | चीन के वैदेशिक सम्बन्ध | चीन के वैदेशिक संबंध से आशय उन विधियों और तौर-तरीकों से है जिनके माध्यम से चीन विश्व के देशों के साथ पेश आता है तथा अपने राजनैतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक शक्ति और कमजोरी को अभिव्यक्त करता है। आधिकारिक रूप से चीन का कहना है कि वह "शान्ति की विदेश नीति पर चलता है"।
सन्दर्भ
इन्हें भी देखें
चीन का इतिहास
अफीम युद्ध
भारत-चीन सम्बन्ध
बाहरी कड़ियाँ
14 देशों की सीमाओं पर है चीन की दादागिरी
जानिए, किस तरह से चीन को चौतरफा घेरने की रणनीति में लगा है अमेरिका
दक्षिण चीन समुद्र को लेकर चीन की दादागिरी खत्म, फिर भी सीनाजोरी जारी
वियतनाम की अपील, चीन के खिलाफ अपनाया जाए कड़ा रुख
वैदेशिक संबंध
चीन | 115 |
783897 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B2%E0%A5%80%E0%A4%AC%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%20%E0%A4%97%E0%A5%83%E0%A4%B9%E0%A4%AF%E0%A5%81%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%A7%20%282014-%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A8%29 | लीबिया गृहयुद्ध (2014-वर्तमान) | दूसरा लीबिया गृहयुद्ध, लीबिया के राज्यक्षेत्र में नियंत्रण को लेकर कई प्रतिद्वंद्वी समूहों के बीच चल रहा संघर्ष है। यह संघर्ष, 2014 में लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित "लीबिया सरकार" जिसे "टोब्रुक सरकार" के रूप से भी जाना जाता है, और राजधानी त्रिपोली से नियंत्रित प्रतिद्वंद्वी जनरल नेशनल कांग्रेस (जीएनसी), सरकार जिसे "राष्ट्रीय मुक्ति सरकार" भी कहा जाता है, के बीच चल रही हैं।
दिसंबर 2015 में लीबिया के राजनीतिक समझौते (एलपीए) पर हस्ताक्षर किए गए। यह एलपीए समझौता दीर्घावधि से चले आ रहे प्रतिद्वंद्वी समूहों को राष्ट्रीय समझौते की सरकार के रूप में एकजुट करने के लिए लंबी वार्ता का परिणाम था। हालांकि राष्ट्रीय समझौते की सरकार अब भी कार्य कर रही है, किन्तु दोनों पक्षों के लिए स्वीकार्य विशिष्ट विवरण अभी भी स्पष्ट नहीं है।
प्रतिनिधि परिषद (सीओडी) जिसे प्रतिनिधि सभा के नाम से भी जानते हैं, पूर्वी लीबिया में सशक्त रूप से है, तथा इसकी वफादारी जनरल खलीफा हफ्तार के नेतृत्व में लीबिया नेशनल आर्मी के प्रति है मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात ने भी हवाई हमलों के द्वारा इनका समर्थन किया है। जीएनसी, जोकि पश्चिमी लीबिया में आधारित है जिसे "लीबिया डॉन", कतर, सूडान और तुर्की, के द्वारा समर्थन प्राप्त हैं,शुरू में 2014 के चुनाव के परिणामों को स्वीकार कर लिया था, लेकिन बाद में ख़ारिज कर दिया जिसका कारण सुप्रीम संवैधानिक कोर्ट के लीबिया के चुनाव सम्बन्धित एक संशोधन को निरस्त कर उन्हें खारिज करने का आदेश था। संवैधानिक संशोधनों में विवाद के कारण, प्रतिनिधि सभा (HoR), ने त्रिपोली में जीएनसी से कार्यालय लेने से इनकार कर दिया, जोकि मिसराता के पश्चिमी तटीय शहर के शक्तिशाली लड़ाकों द्वारा नियंत्रित किया जा रहा था। इसके बजाय, HoR टोब्रुक में अपनी संसद की स्थापना की।
इन के अलावा, यहाँकई छोटे प्रतिद्वंद्वी समूह भी हैं: अंसार अल-शरिया (लीबिया) के नेतृत्व में बेनगाजी क्रांतिकारियों की इस्लामी शूरा काउंसिल, जिन्हें जीएनसी का समर्थन प्राप्त है; इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक और लेवांत (आईएसआईएल); साथ ही टुअरेग घाट के लड़ाके जोकि दक्षिण पश्चिम में रेगिस्तान क्षेत्रों को नियंत्रित करते हैं; मिसराता जिला में उपस्थित स्थानीय बल, जोकि बानी वालिद और तावरगा शहर को नियंत्रित करते हैं। इनके आलावा कई छोटे सशस्त्र समूहों है जोकि अलग-अलग पक्ष बदलते रहते हैं।
हाल के महीनों में कई राजनीतिक घटनाक्रम किया गया है। संयुक्त राष्ट्र ने दिसंबर 2015 और 31 मार्च 2016 में संघर्ष विराम की मध्यस्थता की, संयुक्त राष्ट्र समर्थित नए "एकता सरकार" के नेता त्रिपोली में पहुंचे। 5 अप्रैल को प्रतिद्वंद्वी जीएनसी सरकार ने घोषणा की है कि वह सरकार संचालन का कार्य निलंबित कर नई एकता सरकार को सत्ता सौंप देगा, जिसे आधिकारिक तौर पर "राष्ट्रीय समझौते की सरकार" का नाम दिया गया, हालांकि यह अभी तक स्पष्ट नहीं हैं कि नई व्यवस्था सफल होगी। 22 अगस्त तक, एकता सरकार को अभी भी प्रतिनिधि सभा की मंजूरी प्राप्त नहीं हैं जिसके अधिकांश संसद सदस्यो ने विश्वास प्रस्ताव में इसके खिलाफ मतदान किया था।
इन्हें भी देखें
गृहयुद्धों की सूची
लीबिया
सन्दर्भ
लीबिया
लीबिया के युद्ध
गृहयुद्ध | 482 |
1465207 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A8%E0%A4%8F%20%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%B2%20%E0%A4%95%E0%A4%BE%20%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%95%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%AA | नए साल का संकल्प | नए साल का संकल्प (अंग्रेजी़:New Year's resolution) नए वर्ष के अवसर पर लिए जाने वाले संकल्प की परंपरा है। यह पश्चिम दुनिया में आम तौर पर प्रचलित है लेकिन यह पूर्वी दुनिया में भी प्रचलित है। इसमें कोई व्यक्ति एक कैलेंडर वर्ष की शुरुआत में अच्छी आदतों को शुरू करने एवं अवांछित व्यवहार को बदलने का संकल्प लेता है।
धार्मिक उत्पत्ति
लगभग 2000 ईसा पूर्व, बेबीलोनियाई ने अकितु (वसंत विषुव से शुरू) नामक 12-दिवसीय त्योहार के दौरान नया साल मनाया। यह फसल बोने,अपने राजा को ताज पहनने और उधार लिए गए कृषि उपकरण वापस करने और अपना कर्ज चुकाने का वादा करने के लिए खेती के मौसम की शुरुआत के अवसर पर किया गया था।
संकल्पों की परंपरा काफी प्राचीन है बेबीलोनियन नव वर्ष को प्राचीन रोमन द्वारा अपनाया गया था। हालाँकि यह अंततः 46 ईसा पूर्व में जूलियन कैलेंडर के साथ बदल गया। जूलियन कैलेंडर ने 1 जनवरी से नए साल का प्रारंभ माना। प्रत्येक वर्ष भगवान जानूस से वादा करके नए साल के संकल्प की शुरूआत की गई। भगवान जानूस के नाम पर हीं जनवरी के महीने का नाम रखा गया है।
भागीदारी
ऐनी हैल्केट की 1671 की डायरी में 2 जनवरी को "रिज़ॉल्यूशन" शीर्षक से एक प्रविष्टि शामिल है। जिसमें मुख्य रूप से बाइबिल छंदों से ली गई कई धार्मिक प्रतिज्ञाएं शामिल थीं, जैसे "मैं अब और अपमान नहीं करूंगी।"
19वीं सदी की शुरुआत तक, लोगों में संकल्प लेने (और उन्हें पूरा करने में विफल रहने) की प्रवृत्ति आम तौर पर मिलती थी और उस पर व्यंग्य किया जाता था।
इन्हें भी देखें
चंद्र नव वर्ष
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
नए साल के संकल्प जो आपकी जिंदगी बदल देंगे
नववर्ष उत्सव
योजना
व्यक्तित्व सिद्धांत | 276 |
1093859 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%9A%E0%A4%B2%20%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B6%20%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%95%E0%A5%82%E0%A4%B2%20%E0%A4%B6%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%BE%20%E0%A4%AC%E0%A5%8B%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A1 | हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड |
परिचय
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, हिमाचल प्रदेश सरकार की एजेंसी है जिसे हिमाचल प्रदेश में माध्यमिक विद्यालय के छात्रों के लिए निर्देश और पाठ्य पुस्तकों के पाठ्यक्रम निर्धारित करने और परीक्षा आयोजित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसकी स्थापना 1969 में हुई थी और इसका मुख्यालय धर्मशाला में है। कांगड़ा के कुलतार चंद राणा पहले अध्यक्ष थे। वर्तमान में 8000 से अधिक स्कूल बोर्ड से संबद्ध हैं। बोर्ड हर साल 500,000 से अधिक परीक्षार्थियों के लिए 1650 परीक्षा केंद्र स्थापित करता है। श्री अक्षय सूद (HAS) हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा HPBOSE नियुक्ति के वर्तमान सचिव हैं। डॉ सुरेश सोनी बोर्ड के वर्तमान अध्यक्ष हैं।
इतिहास
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला 1969 में हिमाचल प्रदेश अधिनियम संख्या 14 की 1968 के अनुसार अस्तित्व में आया, जिसका मुख्यालय शिमला में बाद में जनवरी 1983 में धर्मशाला में स्थानांतरित हो गया। बोर्ड ने 34 अधिकारियों के एक कर्मचारी के साथ शुरुआत की, जिसने बाद में बढ़कर 643 हो गया। शिक्षा बोर्ड हिमाचल प्रदेश में स्कूली शिक्षा के लिए पाठ्यक्रम, निर्देशों के पाठ्यक्रम और पाठ्य पुस्तकों को सूचीबद्ध करता है, इसके अलावा सूचीबद्ध पाठ्यक्रमों के आधार पर परीक्षा आयोजित करता है। वर्तमान में, बोर्ड निम्नलिखित कक्षाओं और पाठ्यक्रमों के लिए परीक्षा आयोजित करता है: 10 वीं, 10 + 2, जेबीटी और टीटीसी बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा में सालाना 5 लाख उम्मीदवार शामिल होते हैं। वर्तमान में 8000 से अधिक स्कूल बोर्ड से संबद्ध हैं। बोर्ड ने पूरे राज्य में 1846 परीक्षा केंद्र बनाए हैं। बोर्ड पहली से 12वीं कक्षा के लिए पाठ्य पुस्तकें भी प्रकाशित करता है। शिमला में एक संपर्क कार्यालय के अलावा, बोर्ड ने छात्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए राज्य में 26 पुस्तक वितरण और मार्गदर्शन / सूचना केंद्र भी स्थापित किए हैं।
भारत में राज्य शिक्षा बोर्ड
संदर्भ | 293 |
1443191 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B0%E0%A4%98%E0%A5%81%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%A5%20%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%B9%20%28%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A4%A8%E0%A5%87%E0%A4%A4%E0%A4%BE%29 | रघुनाथ सिंह (राजनेता) | रघुनाथ सिंह (१९११ - २६ अप्रैल १९९२) एक स्वतंत्रता सेनानी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता, तथा लगातार ३ बार, १९५१, १९५६ और १९६२ में वाराणसी लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के तरफ से लोकसभा सांसद थे। वे स्वतंत्र भारत में, वाराणसी लोकसभा क्षेत्र के पहले निर्वाची सांसद थे। १९५१ से १९६७ तक, तगतर १६ वर्ष तक उन्होंने वाराणसी से सांसद रहे, जिसके बाद १९६७ के चुनाव में उनको पराजित कर, बतौर सांसद, उन्हें अपनी सादगी और कर्मठता के लिए जाना जाता था।
निजी एवं प्राथमिक जीवन तथा स्वतंत्रता संग्राम
वे मूलतः वाराणसी ज़िले के खेवली भतसार गाँव के रहने वाले थे। उनका जन्म वर्ष १९१० में हुआ था। वे बनारस के श्री बटुकनाथ सिंह और श्रीमती लीलावती देवी के पुत्र थे। उन्होंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से कला स्नातक और एलएलबी की पढ़ाई की थी वर्ष १९२६ में बनारस से पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने भारतीय सर्वोच्च न्यायालय में बतौर एडवोकेट भी काम किया था। वर्ष १९२० में उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ली थी। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, १९२१ में महज ११ वर्ष की आयु में उन्हें ३४ दिनों तक जेल में सज़ा भी काटी थी, इसके अलावा उहें १९२६, १९३० और १९४२ में भी जेल में भर्ती किया गया था। बहरहाल, स्वतंत्रता सेनानी होने के बावजूद उन्होंने कभी पेंशन नहीं ली। १९३८ से ४१ तक वे बनारस के नगर कांग्रेस समिति के सचिव रहे, तथा, १९४६-४९ तक उसके अध्यक्ष रहे। इसके अलावा वे १९४६-४९ तक कांग्रेस स्वदेशी एक्सिबिशन के अध्यक्ष रहे और अगस्त १९४२ के अत्याचार जाँच समिति के सचिव भी रहे थे।
निजी जीवन में वे कर्मठ एवं अत्यंत ही सादगी पसंद व्यक्ति थे। महत्वपूर्ण भूमिका में होते हुए भी, कभी भी सरकारी साधनों व सुविधाओं का उपयोग पसंद नहीं करते थे। उन्हें निजी जीवन में, योगाभ्यास में अत्यंत दिलचस्पी थी, तथा राजनीति शास्त्र, नौवहन, रक्षानीति, कानून, तथा परिवहन नीति जैसे विषयों में विशेष रुचि रखते थे। साथ ही उन्हें ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों की यात्रा करना भी पसंद था।
२३ अप्रैल १९९२ को ८२ वर्ष की आयु में, वाराणसी में उनका निधन हो गया। उनके दत्तक पुत्र संतोष सिंह को उन्होंंने गोद लिया था उनका कोई पुत्र नही था।
राजनैतिक जीवन व व्यक्तित्व
राजनैतिक जीवन में, उन्हें अपनी सादगी और त्यागवान व्यक्तित्व के लिए जाना जाता था। वे मात्र एक रुपए के वेतन पर काम करते थे, तथा अपने सांसदीय कार्यों के लिए दी गये सरकारी गाड़ी का भी इस्तेमाल नहीं करते थे। डॉ. रघुनाथ सिंह 1968 में एक रुपए वेतन पर ही जिंक लिमिटेड के चेयरमैन बने, तथा 1977 में शिपिंग कॉरपोरेशन के भी चेयरमैन रहे। वहां भी वे केवल एक रुपए वेतन ही लेते थे। उनका मानना था कि, "बाकी पैसा देश के विकास में काम आएगा।" उनके बारे में विख्यात है कि वे हमेशा रिक्शे से ही यातायात किया करते थे, तथा इतने महत्वपूर्ण ओहदे और शिपिंग कॉरपोरेशन के चेयरमैन जैसे उच्च पद पर रहते हुए भी वे रेल की जनरल बोगी में ही यात्रा करते थे।
रघुनाथ सिंह लगातार तीन बार वाराणसी के सांसद बन कर जीते, और तीनों बार उन्हें मंत्रीपद की पेशकश की गई, परन्तु प्रत्येक बार उन्होंने मंत्रिपद ठुकरा दिया। उनके अनुसार "मंत्रीपद किसी सरकारी नौकरी था" जो प्राप्त करने के बाद वे जनता की सेवा ठीक ढंग से नही कर पाएंगे।
अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने कई महत्वपूर्ण पद और भूमिकाएं निभाई। स्वतंत्रता पश्चात वे अंत तक कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे व अनेक महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई। १९४६ में भारत सरकार द्वारा नियुक्त नेपाल प्रतिनिधिमंडल के साथ गए। वर्ष १९५२ में वे रिसेप्शन कमेटी, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमिटी के राजनीतिक सम्मेलन, वाराणसी, के अध्यक्ष रहे। इसके अलावा उन्होंने नेपाल क्रांति और नेपाल कांग्रेस आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। वे बहुत लंबे समय तक उत्तर प्रदेश और अखि भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य रहे थे। इन सब के अलावा, वे अखिल भारतीय रेलवे टाइपिस्ट एसोसिएशन तथा ऑल इंडिया इंजीनियरिंग ग्रेड III टेलीफोन नियोक्ता एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे, तथा भोजपुरी समाज के कार्यकारी अध्यक्ष की भी उन्होंने भूमिका निभाई और प्रताप जयंती तथा नागिक मंडल के वे संस्थापक थे। वे राष्ट्रीय नौवहन बोर्ड, अखिल भारतीय हैंडलूम बोर्ड, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की अदालत के सदस्य रहे। वे १० साल तक संसद में कांग्रेस पार्टी कश्मीर अध्ययन समूह और संसद में कांग्रेस पार्टी परिवहन समिति के संयोजक तथा ५ साल तक उत्तर प्रदेश राज्य समिति, कांग्रेस पार्टी के संसदीय सचिव रहे।
साहित्य
उन्होंने अपनी जीवन में अनेक पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें से अधिकांश हिंदी में, तथा एक अंग्रेजी में भी हैं। उनकी किताबें निम्न हैं:
अंग्रेज़ी: टुवर्ड्स फ़्रीडम (Towards Freedom)
हिंदी: धर्म निरपेक्ष राज्य, आधुनिक राजनीति के क ख ग, एक कोना चौड़ा कहाँ, संस्कार, भिखरिणी, इन्द्रजाल में फासिज़्म, जागृत नेपाल, विश्व के धर्मप्रवर्तक, सर्वधर्म समभाव, लावारिस, दक्षिण पर्व-एशिया, आर्यन और ऑस्ट्रेलिया।
इन्हें भी देखें
वाराणसी लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
लोकसभा-सदस्य बायोडेटा
रिक्शे के पीछे चलती थी सरकारी गाड़ी-अमर उजाला
भारतीय राजनीतिज्ञ
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनीतिज्ञ
उत्तर प्रदेश के लोग
वाराणसी के लोग
1911 में जन्मे लोग
१९९२ में निधन | 819 |
193766 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%9F%E0%A5%8B | क्योटो | क्योतो जापान के यमाशिरों प्रांत में स्थित नगर है। क्वामू शासन काल में इसे 'हे यान जो' अर्थात् 'शांति का नगर' की संज्ञा दी गई थी। ११वीं शताब्दी तक क्योतो जापान की राजधानी था और आज भी पश्चिमी प्रदेश की राजधानी है। १८९० ई. में इस नगर को बीवा झील सें लगभग ७ मील लंबी नहर द्वारा संबंधित कर दिया गया।
विशाल मंदिरों, भव्य प्रासादों और कलात्मक भवनों के लिए क्योतो संपूर्ण जापान में प्रसिद्ध है। यहाँ रेशम के कपड़े, चीनी मिट्टी के बर्तन, कसीदाकारी, रंगनिर्माण, पंखा, खिलौना और अन्य प्रकार के धातु के बर्तनों का उद्योग अधिक विकसित है। यह जापान में बौद्ध धर्म का सबसे बड़ा केंद्र है। यहाँ एक विश्वविद्यालय तथा एक कलाकेंद्र हैं।
इन्हें भी देखें
किंकाकू जी - (क्योतो का स्वर्ण मंदिर)
सन्दर्भ
जापान के नगर
क्योतो | 132 |
982239 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A4%9C%E0%A4%BC%E0%A4%BE%E0%A4%96%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%A8%20%E0%A4%95%E0%A5%80%20%E0%A4%9C%E0%A4%A8%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%96%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A5%80 | कज़ाखस्तान की जनसांख्यिकी | कजाखस्तान की जनसांख्यिकी कजाखस्तान की आबादी की जनसांख्यिकीय विशेषताओं, जनसंख्या वृद्धि, जनसंख्या घनत्व, जातीयता, शिक्षा स्तर, स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति, धार्मिक संबद्धताओं, और आबादी के अन्य पहलुओं समझाती है। कज़ाख जातीय समूह और भाषा (कज़ाखस्तान के साथ-साथ रूस, चीन और मंगोलिया के कुछ हिस्सों) और कज़ाखस्तान को कजाखस्तान और इसके नागरिकों को जातीयता के बावजूद संदर्भित करने के लिए कज़ाख शब्द का उपयोग करते हैं,लेकिन यह दोनों इंद्रियों में कजाख का उपयोग करने के लिए आम है।
जनसांख्यिकीय रुझान
आधिकारिक अनुमानों ने कजाकिस्तान की जनसंख्या दिसंबर 2017 तक 18,137,300 पर रखी, जिनमें से 44% ग्रामीण और 56% शहरी आबादी है। 2009 की जनगणना अनुमान जनवरी 1999 से पिछली जनगणना (15 मिलियन से थोड़ा कम) की जनसंख्या की तुलना में 6.8% अधिक है। 2009 की आबादी की जनगणना के अनुसार इन अनुमानों की पुष्टि हुई है|
पुरुषों का अनुपात 48.3%, महिलाओं का अनुपात 51.7% बनाता है। कजाखों का अनुपात 63.6%, रूस 23.7%, उज्बेक्स 2.9%, यूक्रेनियन 2.1%, उइगुर 1.4%, टैटार 1.3%, जर्मन 1.1%, अन्य 3.9% बनाते हैं। ध्यान दें कि आबादी का एक बड़ा प्रतिशत मिश्रित जातीयता का है। कजाखस्तान में पहली जनगणना 1897 में रूसी शाही शासन के तहत आयोजित की गई थी, जिसकी जनसंख्या 4 मिलियन लोगों की थी। 1939 तक सेंसस के बाद वृद्धि हुई, जहां 1922 और 1933 के अकाल के कारण 13 साल पहले हुई पिछली जनगणना के मुकाबले संख्या 6,081 हजार घट गई।
आबादी
आधिकारिक अनुमान बताते हैं कि 1989 के बाद जनसंख्या में वृद्धि जारी रही, 1993 में 17 मिलियन पर पहुंच गई और फिर 1999 की जनगणना में 15 मिलियन की गिरावट आई। 2002 के दौरान नीचे की प्रवृत्ति जारी रही, जब अनुमानित आबादी 14.9 मिलियन पर गिर गई, और फिर इसके विकास को फिर से शुरू किया गया। रूस की महत्वपूर्ण संख्या रूस लौट आई। सोवियत युग के पहले 50 वर्षों के दौरान कज़ाखस्तान में महत्वपूर्ण शहरीकरण हुआ, क्योंकि 1920 के दशक में ग्रामीण आबादी का हिस्सा 90% से अधिक हो गया, जो 1970 के दशक से 50% से कम था।
संदर्भ
क़ाज़ाक़्स्तान | 329 |
989131 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AC%E0%A5%80%E0%A4%9F%E0%A4%BE%20%E0%A4%95%E0%A5%88%E0%A4%82%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%88%20%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BE | बीटा कैंक्राई तारा | बीटा कैंक्राई (Beta Cancri) या β कैंक्राई (β Cnc), जिसे तर्फ़ (Tarf) भी कहा जाता है, कर्क तारामंडल का सबसे रोशन तारा है। इसका सापेक्ष कांतिमान +3.5 और निरपेक्ष कांतिमान −1.2 है। यह हमारे सूरज से लगभग 290 प्रकाशवर्ष दूर स्थित है। एक बहिर्ग्रह इसकी परिक्रमा करता हुआ पाया गया है, जिसे बीटा कैंक्राई बी (Beta Cancri b) का नाम दिया गया है।
गुण व साथी तारा
बीटा कैंक्राई एक नारंगी रंग का K-श्रेणी का दानव तारा है जो सूरज की त्रिज्या की 50 गुना त्रिज्या रखता है। इसका एक साथी तारा है, जो एक लाल बौना है और इस से 2600 खइ दूर है। यह साथ 76,000 की कक्षीय अवधि से दोनों तारों के द्रव्यमान केंद्र की परिक्रमा कर रहा है।
ग्रह
बीटा कैंक्राई की परिक्रमा कर रहा ग्रह हमारे सौर मंडल के बृहस्पति ग्रह के द्रव्यमान का 7.8 गुना अनुमानित द्रव्यमान रखता है।
इन्हें भी देखें
कर्क तारामंडल
दानव तारा
बहिर्ग्रह
सन्दर्भ
कर्क तारामंडल
द्वितारे
के-प्रकार दानव तारे | 160 |
1061649 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%9F%E0%A5%80%E0%A4%A8%E0%A4%BE%20%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%AC%E0%A5%87 | टीना तांबे | टीना तांबे (जन्म 1977) एक भारतीय शास्त्रीय कथक नृत्यांगना और कोरियोग्राफर है। टीना को 2009 में नालंदा डांस एंड रिसर्च एकेडमी, मुंबई द्वारा नालंदा नृत्य निपुण की उपाधि से सम्मानित किया गया है।
जीवनी
टीना का जन्म इंदौर, भारत में हुआ। उन्हें अखिल भारतीय गंधर्व महाविद्यालय मंडल, मुंबई से नृत्य अलंकार की उपाधि प्राप्त है। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से कथक में एम॰ए॰ किया है।
कथक में अध्ययन के लिए उन्हें संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार से छात्रवृत्ति मिली। टीना ने विक्रम विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की तथा शोध पत्र भी प्रस्तुत किये हैं। टीना ने रंजना ठाकुर और् डॉ सुचित्रा हरमलकर (रायगढ़ घराने के पंडित रामलाल की शिष्या) से कथक में प्रारंभिक प्रशिक्षण प्राप्त किया। फिर 2001 में मुंबई में रहकर गुरु उमा डोगरा से तालीम हासिल की।
टीना तांबे ने इंडिया हैबिटेट सेंटर, नेहरु सेन्टर, लंदन, नेशनल सेंटर फॉर द परफॉर्मिंग आर्ट्स, भारत भवन, नेहरु विज्ञान केंद्र, मुंबई और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कथक डांस में परफॉर्म किया है। उन्होंने इंटरनेशनल डॉक्यूमेंट्री फिल्म फेस्टिवल, काला घोड़ा कला महोत्सव, नटराज गोपीकृष्ण संगीत महोत्सव, कालिदास समारोह, खजुराहो डांस फेस्टिवल, बैजू बावरा संगीत समारोह (चंदेरी) और स्वामी हरिदास संगीत सम्मलेन सहित कई समारोहों में कथक की प्रस्तुतियां दे चुकी है। टीना जयपुर घराने से आती हैं। श्रीलंका, मलेशिया और ग्रीस आदि कई देशो में प्रस्तुति दे चुकी हैं।
पुरस्कार और सम्मान
मध्यप्रदेश प्रेस क्लब द्वारा मध्य प्रदेश रत्न पुरस्कार, 2022
कार्तिक कला अकादमी, इंदौर, द्वारा सन 2016 में कार्तिकराम कलानिधि पुरस्कार
2009 में नालंदा नृत्य निपुण पुरस्कार
2003 में श्रिंगारमणि पुरस्कार
इन्हें भी देखें
कथक प्रवक्ता की सूची
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
कला संवाद पर डॉ टीना तांबे (लोकसभा टीवी)
कथक
नर्तक
1977 में जन्मे लोग
जीवित लोग
मध्य प्रदेश के लोग | 279 |
1369086 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AA%E0%A5%87%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%20%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%86%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A4%BE | पेट्रीसिया गुआलिंगा | पेट्रीसिया गुआलिंगा (या पेट्रीसिया गुआलिंगा मोंटाल्वो) पुएब्लो किचवा डी सरयाकू (सरयाकू के किचवा लोग) की एक महिला मानवाधिकार रक्षक और स्वदेशी अधिकार रक्षक हैं। उनका समुदाय इक्वाडोर के अमेज़ॅन में एक स्वदेशी समुदाय है।
पेट्रीसिया की भतीजी नीना गुआलिंगा और हेलेना गुआलिंगा भी पर्यावरण और स्वदेशी अधिकार कार्यकर्ता हैं। उनकी मां क्रिस्टीना गुआलिंगा भी एक भूमि रक्षक हैं। उनकी मां ने पारिवारिक परंपरा को पार कर लिया था। उनकी बहन नोएमी गुआलिंगा की एक कार्यकर्ता के रूप में कम प्रोफ़ाइल है। हालांकि, उनकी बहन भी समुदाय की नेता हैं। उनके भाई एरिबर्टो गुआलिंगा एक ग्लोबट्रोटिंग फिल्म निर्माता हैं। उसका भाई सरयाकू प्रतिरोध का दस्तावेजीकरण करता है। गुआलिंगा वर्तमान में इक्वाडोर के पास्ताज़ा प्रांत में कैंटोन डेल पुयो में रहता है।
सक्रियतावाद
गुआलिंगा सरयाकू के किचवा फर्स्ट पीपल के लिए अंतर्राष्ट्रीय संबंध निदेशक हैं। उन्होंने स्वदेशी अधिकारों की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। गुआलिंगा कई पर्यावरण परियोजनाओं की प्रवक्ता हैं। वह 6 साल तक पुएब्लो किचवा डी सरयाकू (सरयाकू के किचवा लोग) के महिला समूह की नेता थीं। उन्होंने समुदाय में महिलाओं के संगठन को मजबूत करने के लिए काम किया। समुदाय के लिए बोलना सीखने के लिए गुआलिंगा ने कार्यशालाओं में भाग लेने वाली महिलाओं के लिए कार्यशालाओं और चाइल्डकैअर का आयोजन किया। उसने मीडिया को जवाब दिया और उद्योगों और सरकारों के तर्कों का जवाब दिया।
सन्दर्भ | 219 |
193131 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%88%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%AA%E0%A5%87%E0%A4%B8 | माईस्पेस | माईस्पेस एक सामाजिक नेटवर्किंग वेबसाइट है। इसका मुख्यालय बेवर्ली हिल्स, कैलिफोर्निया में है जहां यह अपने निकटतम मालिक न्यूज़ कॉर्प. डिजिटल मीडिया के साथ, जो न्यूज़ कॉर्पोरेशन के अधीन है, कार्यालय साझा करता है। माईस्पेस, जून 2006 में संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे लोकप्रिय सामाजिक नेटवर्किंग साइट बन गया। कॉमस्कोर के अनुसार, अद्वितीय आगंतुकों के मासिक आधार पर, माईस्पेस को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसके मुख्य प्रतिद्वंद्वी फ़ेसबुक ने अप्रैल 2008 में पीछे छोड़ दिया. जून 2009 में अपने 30% कर्मचारियों की छंटनी करने के बाद, अब माईस्पेस में 1000 कर्मचारी कार्यरत हैं, यह कंपनी न्यूज़ कॉर्पोरेशन से पृथक, अपने राजस्व या लाभ का खुलासा नहीं करती. सौवां मिलियन खाता 9 अगस्त 2006 को नीदरलैंड में खोला गया।
इतिहास
2002 में फ़्रेंड्सटर के शुभारम्भ के बाद, फ़्रेंड्स्टर खाते वाले ई-युनिवर्स के कई कर्मचारियों ने इसकी क्षमता को देखा और अगस्त 2003 में सामाजिक नेटवर्किंग वेबसाइट की अधिक लोकप्रिय विशेषताओं की नकल करने का फैसला किया। 10 दिनों के भीतर, माईस्पेस का पहला संस्करण, विमोचन के लिए तैयार था। साईट के लिए वित्त, मानव संसाधन, तकनीकी विशेषज्ञता, बैंडविड्थ और सर्वर क्षमता की सम्पूर्ण बुनियादी सुविधाएं सुलभ थीं, इसलिए माईस्पेस का दल शुरूआत करने के विशिष्ट मुद्दों से विचलित नहीं था। इस परियोजना का निरिक्षण ब्रैड ग्रीनस्पैन ने किया (ई-युनिवर्स के संस्थापक, अध्यक्ष, CEO), जिन्होंने क्रिस डे वोल्फ (माईस्पेस के आरंभिक CEO), जोश बर्मन, टॉम एंडरसन (माईस्पेस के शुरूआती अध्यक्ष) और ई-युनिवर्स द्वारा प्रदान किये गए एक प्रोग्रामर दल और संसाधनों का प्रबंधन किया।
माईस्पेस के सर्वप्रथम उपयोगकर्ता ई-युनिवर्स के कर्मचारी थे। कंपनी ने यह देखने के लिए प्रतियोगिता आयोजित की कि कौन सर्वाधिक उपयोगकर्ताओं को साइन-अप करवाता है। कंपनी ने माईस्पेस को आम जनता तक पहुंचाने के लिए तब अपने संसाधनों का इस्तेमाल किया। ई-युनिवर्स ने माईस्पेस में तीव्रता के साथ जान फूंकने के लिए अपने 20 मिलियन ग्राहकों और ई-मेल उपयोगकर्ताओं का इस्तेमाल किया, और उसे सामाजिक नेटवर्किंग वेबसाइटों के झुण्ड में शिखर पर पहुंचाने की कोशिश की. एक प्रमुख निर्माता थे तकनीकी विशेषज्ञ तोआन गुयेन, जिन्होंने माईस्पेस प्लेटफोर्म को स्थिर करने में तब मदद की, जब ब्रैड ग्रीनस्पैन ने उन्हें दल में शामिल होने के लिए कहा.
MySpace.com डोमेन का मूल एक साईट थी जो YourZ.com, Inc के स्वामित्व में थी। इसे 2002 तक एक अग्रणी ऑनलाइन डाटा संग्रहण और आदान-प्रदान की साइट बनना था। 2004 तक, माईस्पेस और MySpace.com, जो YourZ.com से जुड़े हुए एक ब्रांड के रूप में मौजूद थे ने एक आभासी संग्रहण साईट से एक सामजिक नेटवर्किंग साइट के रूप में परिवर्तन किया। यह, क्रिस डेवोल्फ और एक दोस्त से सहज सम्बन्ध है, जिसने उन्हें याद दिलाया कि उसने इस URL डोमेन, MySpace.com को पहले ही ख़रीदा था, जिसे वेब होस्टिंग साइट के रूप में इस्तेमाल किये जाने का इरादा था, क्योंकि दोनों ही एक समय में आभासी डाटा संग्रहण व्यवसाय में काम करते थे, जो स्वयं ही "डॉट बम" युग का शिकार था।
साइट का शुभारम्भ करने के फौरन बाद, टीम के सदस्य क्रिस डेवोल्फ ने सुझाव दिया कि उन्हें माईस्पेस की बुनियादी सेवा के लिए शुल्क लेना शुरू करना चाहिए. ब्रैड ग्रीनस्पैन ने इस विचार को महत्त्व नहीं दिया, उनका मानना था कि माईस्पेस को एक विशाल और सफल समुदाय बनाने के लिए निःशुल्क और खुला रखना आवश्यक है।
डेवोल्फ और बर्मन सहित माईस्पेस के कुछ कर्मचारी बाद में इस संपत्ति में इक्विटी खरीदने में सक्षम रहे, इससे पहले कि माईस्पेस और उसकी जनक कंपनी ई-यूनिवर्स को (जिसका नया नाम अब इंटरमिक्स मीडिया है) जुलाई 2005 में US$580 में रूपर्ट मर्डोक के न्यूज़ कॉर्पोरेशन ने खरीद लिया (फॉक्स ब्रॉडकास्टिंग और अन्य मीडिया कंपनियों की जनक कंपनी). इस राशि में से, वित्तीय सलाहकार निष्पक्षता राय के अनुसार लगभग US$327 मिलियन माईस्पेस के मूल्य में प्रदान किया गया है।
जनवरी 2006 में, फॉक्स ने "ब्रिटेन के संगीत परिदृश्य का दोहन करने" के प्रयास में माईस्पेस के एक ब्रिटिश संस्करण को जारी करने की योजना की घोषणा की, जो उन्होंने उसके बाद किया। उन्होंने चीन में भी एक संस्करण जारी किया और तब से उन्होंने ऐसे ही संस्करणों का अन्य देशों में शुभारंभ किया है।
माईस्पेस का कॉर्पोरेट इतिहास और साथ ही माईस्पेस के संस्थापक के रूप में टॉम एंडरसन की स्थिति सार्वजनिक विवाद का विषय रही है।
नवीन डिजाइन
2007 और 2008 के दौरान, माईस्पेस ने लेआउट और क्रियाओं, दोनों में अपनी साइट की सुविधाओं को पुनः डिज़ाइन किया। पुनः डिज़ाइन की गई सुविधाओं में से एक था उपयोगकर्ता होम पेज, जिस पर स्थिति अद्यतन, अनुप्रयोग और सदस्यताएं जैसी सुविधाओं को फ़ेसबुक के साथ प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखकर जोड़ा गया। 2008 में, माईस्पेस के होमपेज को पुनः डिज़ाइन किया गया। माईस्पेस म्युज़िक को 2008 की शरद ऋतु में, माईस्पेस प्रोफ़ाइल के एक अद्यतन संस्करण के साथ, पुनः निर्मित किया गया।
10 मार्च 2010 को, माईस्पेस एक सुधार से गुज़रा और इसमें कुछ नई सुविधाओं को जोड़ा गया जैसे नए उपयोगकर्ताओं के लिए सिफारिश इंजन जो उनकी पिछली खोज आदतों के आधार पर खेल, संगीत और वीडियो का सुझाव देता है। यह वेबसाइट, माईस्पेस गेमर्स के लिए गेम एलर्ट भेजने के अलावा उनके लिए कई सूक्ष्म मोबाइल अनुप्रयोग भी जारी करेगी. यह साइट 20 से 30 सूक्ष्म अनुप्रयोग जारी कर सकती है और अगले साल चलने लगेगी.
राजस्व मॉडल
माईस्पेस, पूर्ण रूप से विज्ञापन द्वारा उत्पन्न राजस्व से संचालित होता है चूंकि इसका उपयोगकर्ता मॉडल में उपयोगकर्ता के लिए भुगतान युक्त कोई सुविधा नहीं है। अपनी वेब साइट और संबद्ध विज्ञापन नेटवर्क के माध्यम से, माईस्पेस अपने उपयोगकर्ताओं के बारे में डाटा एकत्रित करने की क्षमता में और इस प्रकार प्रत्येक आगंतुक द्वारा देखे जाने वाले विज्ञापन के चुनाव के लिए व्यवहारजनक लक्ष्यीकरण के प्रयोग की अपनी क्षमता के मामले में सिर्फ Yahoo! से पीछे होते हुए दूसरे स्थान पर है।
8 अगस्त 2006 को, सर्च इंजन Google ने माईस्पेस पर Google सर्च की सुविधा और विज्ञापन प्रदान करने के लिए $900 मिलियन के समझौते पर हस्ताक्षर किए. माईस्पेस, उन तमाम छोटी कंपनियों के लिए एक अप्रत्याशित आय का स्रोत सिद्ध हुआ जो कि सामाजिक नेटवर्किंग के धुरंधरों को विजेट्स या सहायक उपकरण प्रदान करते हैं। Slide.com, RockYou और YouTube जैसी सभी कंपनियों को माईस्पेस पर, विजेट के रूप में साइट के लिए अतिरिक्त कार्यक्षमता उपलब्ध कराने के लिए शुरू किया गया। अन्य साइटों ने साईट को निजीकृत करने के लिए लेआउट बनाया और इसके मालिकों के लिए सैकड़ों हजार डॉलर पैदा किये जिनमें से अधिकांश किशोरवय के उत्तरार्ध या उम्र के बीसवें दशक में थे।
नवंबर 2008 में, माईस्पेस ने घोषणा की कि उपयोगकर्ता द्वारा अपलोड की गई ऐसी सामग्री जिससे MTV और उसके सहायक नेटवर्क द्वारा धारण किये गए कॉपीराइट का उल्लंघन होता है, उसे विज्ञापनों के साथ पुनः वितरित किया जाएगा जिससे कंपनियों के लिए राजस्व उत्पन्न होगा.
हाल के महीनों में फेसबुक और ट्विटर के मुकाबले इसकी लोकप्रियता में घटाव के बावजूद, रूपर्ट मर्डोक की माईस्पेस को बेचने की कोई योजना नहीं है और न ही ट्विटर को खरीदने की. मर्डोक ने इस साइट को अपना व्यक्तिगत समर्थन दिया, जबकि उनके विचार से ट्विटर को अपने खुद के दम पर पैसा बनाने के तरीके निकालने में वक्त लगेगा. हालांकि, 2009 में, माईस्पेस ने एक नई स्थिति अद्यतन सुविधा को जोड़ा. अगर एक माईस्पेस उपयोगकर्ता के पास ट्विटर खाता है, तो ट्वीट माईस्पेस की स्थिति को भी अद्यतन करेगा. (फेसबुक में भी ऐसी ही समान सुविधा है।) लेकिन इसके लिए यह आवश्यकता है कि दोनों खाते आपस में समक्रमिक होने चाहिए.
माईस्पेस प्रोफ़ाइल की सामग्री
मूड्स
मूड्स, छोटे इमोटआइकन हैं जिनका प्रयोग उपयोगकर्ता के मूड को दर्शाने के लिए किया जाता है। इस सुविधा को जुलाई 2007 में जोड़ा गया।
ब्लर्ब्स, ब्लॉग्स, मल्टीमीडिया
प्रोफाइलों में दो मानक "ब्लर्ब्स" शामिल होते हैं: "मेरे बारे में" और "मैं किससे मिलना चाहता हूं" खंड. प्रोफाइलों में एक "रुचियां" अनुभाग और एक "विवरण" अनुभाग भी होते हैं। "विवरण" अनुभाग में, "स्थिति" और "राशि चिह्न" क्षेत्र हमेशा प्रदर्शित होते हैं। हालांकि, अगर सदस्य इन्हें नहीं भरता है तो इन अनुभागों के क्षेत्र प्रदर्शित नहीं होंगे. प्रोफाइल में एक ब्लॉग भी शामिल है जिसमें सामग्री, भावना और मीडिया के मानक क्षेत्र प्रदर्शित हैं। माईस्पेस, छवियों को अपलोड करने का भी समर्थन करता है। किसी एक छवि को "डिफ़ॉल्ट छवि" चुना जा सकता है, वह छवि जो प्रोफ़ाइल के मुख्य पृष्ठ, खोज पृष्ठ पर दिखती है और यही छवि टिप्पणी, संदेश इत्यादि पर उपयोगकर्ता के नाम के बगल में दिखाई देगी. फोटोफ्लेक्सर द्वारा संचालित एक छवि संपादक उपलब्ध है जो न केवल छवियों को छांट सकता है और कंट्रास्ट को समायोजित कर सकता है, बल्कि उस छवि को एक कार्टून में या निओन प्रकाश से बने रेखा चित्र में परिवर्तित कर सकता है, या उपयोगकर्ता के चेहरे को $100 बिल के फोटो में डाल सकता है। फ्लैश को, जैसा कि माईस्पेस की वीडियो सेवा पर है, सन्निहित किया जा सकता है। ब्लॉगिंग सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।
टिप्पणियां
उपयोगकर्ता के फ्रेंड्स स्पेस के नीचे (डिफ़ॉल्ट द्वारा) "टिप्पणी" खंड है, जहां उपयोगकर्ता के मित्र, सभी दर्शकों के पढ़ने के लिए टिप्पणी छोड़ सकते हैं। माईस्पेस उपयोगकर्ताओं के पास यह विकल्प होता है कि वे किसी भी टिप्पणी को मिटा सकते हैं और/या किसी भी टिप्पणी को पोस्ट करने से पहले अनुमोदित करने को आवश्यक बना सकते हैं। यदि किसी उपयोगकर्ता का खाता मिटा दिया जाता है, तो उपयोगकर्ता द्वारा अन्य प्रोफाइल पर छोड़ी गई टिप्पणी मिट जायेगी और उसकी जगह यह टिप्पणी लिखी होगी कि "यह प्रोफ़ाइल अब मौजूद नहीं है।"
प्रोफाइल अनुकूलन (HTML)
माईस्पेस, उपयोगकर्ताओं को अपने उपयोगकर्ता प्रोफ़ाइल पृष्ठ को HTML (JavaScript नहीं) के प्रवेश द्वारा, ऐसे क्षेत्रों को जैसे "मेरे बारे में," "मैं मिलना चाहता हूं" और "रुचियां" अनुकूलित करने की अनुमति देता है। वीडियो और फ्लैश आधारित सामग्री को इस तरह से शामिल किया जा सकता है। उपयोगकर्ताओं के पास, माईस्पेस म्युज़िक का उपयोग करते हुए अपने प्रोफ़ाइल पेज में संगीत जोड़ने का भी विकल्प है, यह सेवा बैंडों को माईस्पेस पर उपयोग के लिए गीतों को पोस्ट करने की अनुमति देती है।
प्रयोक्ता पृष्ठ की डिफ़ॉल्ट स्टाइल शीट पर अधिरोहण करने के लिए माईस्पेस सम्पादक के प्रयोग से इन क्षेत्रों में से एक में CSS ( ... तत्व में) के प्रवेश द्वारा अपने पृष्ठ के सामान्य स्वरूप को परिवर्तित कर सकता है। फ़ॉन्ट और रंगों को सजाने के लिए इसे अक्सर इस्तेमाल किया जाता है। यह तथ्य कि उपयोगकर्ता द्वारा जोड़ा गया CSS पृष्ठ के मध्य में स्थित (<head> तत्त्व में स्थित होने के बजाय) होने का अर्थ है कि पृष्ठ, अचानक से कस्टम लेआउट में परिवर्तित होने से पहले, डिफ़ॉल्ट माईस्पेस लेआउट के साथ लोड होना शुरू होगा. एक विशेष प्रकार का संशोधन है डिव ओवरले, जहां डिफ़ॉल्ट लेआउट बड़े नाटकीय रूप से डिफ़ॉल्ट टेक्स्ट को <div> टैग और विशाल छवियों से छुपाते हुए बदल देता है।
ऐसे कई स्वतंत्र वेब साइट हैं जो माईस्पेस लेआउट डिज़ाइन उपयोगिताओं को पेश करती हैं जिससे एक उपयोगकर्ता अपने पृष्ठ को जैसा देखना चाहता है वैसा विकल्प और पूर्वावलोकन का चयन कर सकता है।
माईस्पेस ने हाल ही में साइट में इसका स्वयं का "प्रोफाइल कस्टमाइज़र" जोड़ा है, जो उपयोगकर्ताओं माईस्पेस के माध्यम से अपने प्रोफ़ाइल को बदलने की अनुमति देता है। इस सुविधा का उपयोग, CSS के लोड होने की देरी के मुद्दे से बचाता है, क्योंकि अनुकूलित प्रोफ़ाइल के लिए माईस्पेस डिफ़ॉल्ट कोड बदल जाता है। माईस्पेस प्रोफ़ाइल संपादक में, प्रोफ़ाइल पर लिंक कैसे दिखाई देंगे, इसके साथ एक आलोचना भी है।
संगीत
वेबसाइट के माईस्पेस म्युज़िक खंड में, संगीतकारों के लिए जो माईस्पेस प्रोफाइल है वह आम प्रोफाइल से इस प्रकार से भिन्न है कि वह कलाकारों को उनके MP3 गाने की पूरी डिस्कोग्राफी अपलोड करने की अनुमति देता है। अपलोडर के पास गानों के प्रयोग का अधिकार ज़रूर होना चाहिए (उदाहरण के लिए, उनका अपना काम, प्राप्त अनुमति, आदि). गैर-सदस्य संगीतकार, संगीत पोस्ट करने और बेचने के लिए SNOCAP का उपयोग करते हुए माईस्पेस का प्रयोग कर सकते हैं, जो माईस्पेस उपयोगकर्ताओं के बीच लोकप्रिय साबित हुआ है।
फॉक्स न्यूज़ और 20th सेंचुरी फॉक्स के मालिक, रूपर्ट मर्डोक को माईस्पेस बेचने के कुछ ही समय बाद, 2005 में उन्होंने अपना खुद का रिकॉर्ड लेबल जारी किया, माईस्पेस रिकॉर्ड्स, इस प्रयास में कि माईस्पेस म्युज़िक पर वर्तमान में मौजूद संगीत की अज्ञात प्रतिभाओं को खोजा जा सके.
इस बात की परवाह किये बिना कि कलाकार उद्योग में पहले से ही प्रसिद्ध है या अभी भी किसी अवसर की तलाश में है, कोई भी कलाकार माईस्पेस पर अपने गाने अपलोड कर सकता है और एक दैनिक आधार पर लाखों लोगों तक उसकी पहुंच हो सकती है। कुछ प्रसिद्ध गायकों, जैसे लिली एलन और शॉन किंग्स्टन ने माईस्पेस के माध्यम से प्रसिद्धि प्राप्त की. इस वेबसाइट पर संगीत की उपलब्धता का विकास होता जा रहा है, जो बड़े पैमाने पर युवा प्रतिभा के द्वारा प्रेरित है। करीब आठ मिलियन से अधिक कलाकारों की माईस्पेस द्वारा खोज की जा चुकी है और प्रतिदिन कई अन्य खोज जारी हैं।
माईस्पेस ने हाल ही में अपने संगीत पृष्ठ को सभी संगीतकारों के लिए नई सुविधाएं जोड़ते हुए बदला है। इन नई सुविधाओं में शामिल है, उपयोगकर्ताओं द्वारा गीत-सूची बनाने की क्षमता, जो Last.fm और अन्य सामाजिक संगीत वेबसाइटों के समान है, साथ ही लोकप्रिय प्रोजेक्टप्लेलिस्ट को भी शामिल किया है जो प्रोफाइलों पर लोकप्रिय है। यह नई संगीत सुविधा कई लोकप्रिय कलाकारों से भी गानों का संग्रह बनाती है, यह iTunes और नैपस्टर जैसी सेवाओं के समान है। संगीत लाइसेंसिंग अधिकार की वजह से, मार्च 2010 में शुरू करते हुए, माईस्पेस म्युज़िक, एक संगीत की दुकान में बदल गया है और केवल हस्ताक्षरित कलाकारों के लिए 30 सेकंड के नमूने बजाने की अनुमति देता है।
2007 के उत्तरार्ध में, इस साइट ने माईस्पेस प्रसारण की शुरूआत की, यह प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा सजीव स्टूडियो रिकॉर्डिंग की एक श्रृंखला है।
माईस्पेस विशेषताएं
बुलेटिन
बुलेटिन, पोस्ट हैं जिन्हें माईस्पेस उपयोगकर्ता के दोस्तों की सूची देखने के लिए एक "बुलेटिन बोर्ड" पर सभी के लिए पोस्ट किया जाता है। बुलेटिन इस मामले में उपयोगी है कि उपयोगकर्ताओं को व्यक्तिगत रूप से एक-एक करके संदेश देने के बजाय, पूरी मित्र सूची से संपर्क किया जा सकता है। कुछ उपयोगकर्ता बुलेटिन का उपयोग, राजनितिक, धार्मिक या किसी अन्य विषय से सम्बंधित श्रृंखला संदेश भेजने की सेवा के रूप में करते हैं और कभी-कभी इन श्रृंखला संदेशों को उपयोगकर्ताओं के लिए खतरनाक माना जाता है, विशेष रूप से ऐसे संदेशों को जिनमें दुर्भाग्य, मौत, या ऐसे किसी विषय का उल्लेख होता है। वे फ़िशिंग के लिए हमले के प्राथमिक बिंदु बन गए हैं। बुलेटिनों को दस दिनों के बाद मिटा दिया जाता है।
समूह
माईस्पेस में एक समूह सुविधा है जो उपयोगकर्ताओं के एक समूह को एक आम पृष्ठ और संदेश बोर्ड को साझा करने की अनुमति देता है। समूह, किसी के भी द्वारा बनाया जा सकता है और समूह का मध्यस्थ किसी को भी शामिल होने के लिए किसी को भी चुन सकता है या शामिल होने के अनुरोध को स्वीकार या इनकार कर सकता है।
माईस्पेसIM
2006 के आरम्भ में, माईस्पेस ने माईस्पेसIM शुरू किया, एक त्वरित सन्देश-वाहक जो किसी के माईस्पेस खाते को स्क्रीन नाम के रूप में उपयोग करता है। एक माईस्पेस उपयोगकर्ता, क्लाइंट में उसी ई-मेल का प्रयोग करते हुए लॉग करता है जो उसके माईस्पेस खाते के साथ जुड़ा हुआ है। माईस्पेस के अन्य भागों के विपरीत, माईस्पेसIM, Microsoft Windows के लिए स्वचलित सॉफ्टवेयर है। उपयोगकर्ता, जो माईस्पेसIM का उपयोग करते हैं, नए माईस्पेस संदेश, मित्र अनुरोध और टिप्पणियों की तत्काल अधिसूचना प्राप्त करते हैं।
माईस्पेसTV (वीडियो)
2007 के आरम्भ में, माईस्पेस ने माईस्पेसTV की शुरूआत की, यूट्यूब वीडियो साझा वेबसाइट जैसी ही एक सेवा. माईस्पेस, 2006 से ही वीडियो दिखा रहा है, लेकिन इसने फिलहाल के लिए नाम बदल कर माईस्पेसTV कर दिया है। 2009 में, माईस्पेसTV एक बार फिर माईस्पेस वीडियो बन गया।
अनुप्रयोग
2008 में, माईस्पेस ने एक API शुरू किया जिसके द्वारा उपयोगकर्ता अन्य उपयोगकर्ताओं के लिए उनके प्रोफाइल पर पोस्ट करने के लिए अनुप्रयोग बना सकते हैं। ये अनुप्रयोग फेसबुक के अनुप्रयोग के समान हैं। मई 2008 में, माईस्पेस ने तस्वीरों और अन्य मीडिया के सन्दर्भ में कुछ सुरक्षा विकल्पों को जोड़ा.
माईस्पेस मोबाइल
ऐसे कई वातावरण हैं जिसमें उपयोगकर्ता अपने मोबाइल फोन पर माईस्पेस सामग्री का उपयोग कर सकते हैं। अमेरिकी मोबाइल फोन सेवा प्रदाता हेलीओ ने 2006 के आरम्भ में मोबाइल फोनों की एक श्रृंखला जारी की जो माईस्पेस मोबाइल नाम की एक सेवा का उपयोग कर सकती है जिससे एक सदस्य अपने प्रोफाइल तक जा कर उसे संपादित कर सकता है और साथ ही अन्य प्रोफ़ाइलें भी देख सकता है। इसके अतिरिक्त, UIEvolution और माईस्पेस ने, AT&T, वोडाफ़ोन और रोजर्स वायरलेस सहित, एक व्यापक स्तर पर वाहकों के लिए माईस्पेस के एक मोबाइल संस्करण को विकसित किया।
माईस्पेस न्यूज़
2007 के अप्रैल महीने में, माईस्पेस ने MySpace News नामक एक सेवा की शुरूआत की जो RSS फ़ीड से समाचार प्रदर्शित करता है, जिसे उपयोगकर्ता जमा करते हैं। यह उपयोगकर्ताओं को मतदान द्वारा प्रत्येक समाचार को दर्जा देने की अनुमति देता है। जिस समाचार को जितना अधिक वोट मिलता है, वह पृष्ठ पर उतने ही ऊंचे स्थान पर जाती है।
माईस्पेस क्लासीफाइड
पूर्ण वर्गीकृत सेवा सूची की पेशकश को अगस्त 2006 में शुरू किया गया। अपने शुभारम्भ के बाद से इसमें हर साल 33 प्रतिशत के हिसाब से वृद्धि हुई. माईस्पेस क्लासीफाइड को ठीक उसी समय जारी किया था जब यह साईट इंटरनेट पर दिखाई दी.
माईस्पेस कराओके
29 अप्रैल 2008 में शुरू होने वाला ksolo.myspace.com, माईस्पेस और kSolo का संयोजन है, जो उपयोगकर्ताओं को स्वयं की ध्वनी रिकॉर्डिंग को प्रोफाइल पेज पर अपलोड करने की अनुमति देता है। उपयोगकर्ता के दोस्त उस प्रदर्शन का मूल्यांकन करने में सक्षम होते हैं। एक वीडियो सुविधा अभी तक उपलब्ध नहीं है, लेकिन माईस्पेस के सह संस्थापक और अध्यक्ष, टॉम एंडरसन ने कहा है कि इस पर काम जारी है।
माईस्पेस पोल
माईस्पेस पोल, माईस्पेस पर सुलभ एक सुविधा है जिसे 2008 में वापस लाया गया ताकि उपयोगकर्ता अपने प्रोफाइल पर मतदान पोस्ट करने में सक्षम हो सकें और उसे अन्य उपयोगकर्ताओं के साथ साझा कर सकें.
माईस्पेस फोरम
अपनी फोरम प्रणाली के लिए, माईस्पेस, टेलिजेंट कम्युनिटी के एक कार्यान्वयन का उपयोग करता है।
राजनीति
2008 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान, संभाव्यतः युवा मतदाताओं को आकर्षित करने के प्रयास में, उम्मीदवारों ने माईस्पेस प्रोफाइल बनाया. अधिकांश प्रोफाइल में फोटो, ब्लॉग, वीडियो के साथ ऐसे तरीके शामिल थे जिनसे दर्शकों को प्रचार में शामिल किया जा सके. माईस्पेस, इन नेताओं के प्रोफाइल को अपने पहले पन्ने पर, "कूल न्यू पीपल" खंड में दर्शाता है, जो एक यादृच्छिक चक्रानुक्रम में प्रतीत होता है।
कई राजनीतिक संगठनों ने माईस्पेस खातों को बनाया है ताकि अपने सदस्यों से संपर्क रखने के अलावा अपने सदस्यों के आधार का विस्तार किया जा सके. इनमें बड़े संगठनों, जैसे जॉन बर्च सोसायटी और ACLU से लेकर छोटे स्थानीय स्तर के पर्यावरणविद् समूह और फ़ूड नॉट बॉम के कार्यकर्ता.
समीक्षा
पहुंच और विश्वसनीयता
चूंकि अधिकांश माईस्पेस पृष्ठों को ऐसे व्यक्तियों द्वारा डिज़ाइन किया जाता है जिन्हें HTML का कम ही अनुभव होता है, पृष्ठों की एक बड़ी संख्या W3C द्वारा निर्धारित एक वैध HTML या CSS के मानदंडों को पूरा नहीं करती. खराब तरीके से स्वरूपित कोड, स्क्रीन रीडर जैसे सॉफ्टवेयर का उपयोग करने वाले लोगों के लिए अभिगम समस्याएं पैदा कर सकते हैं। माईस्पेस मुख पृष्ठ, यथा 20 मई 2009, W3C सत्यापक का प्रयोग करते हुए करीब 101 त्रुटि के साथ HTML सत्यापन में विफल हो जाता है (गतिशील सामग्री के कारण यह संख्या होम पेज के क्रमिक सत्यापन पर बदल जाती है).
इसके अलावा, माईस्पेस को ऐसे रूप में स्थापित किया गया है कि कोई भी अपने प्रोफाइल पृष्ठ के लेआउट और रंग को लगभग बिना किसी प्रतिबंध के अनुकूलित कर सकता है, बशर्ते कि विज्ञापन, CSS द्वारा ढके नहीं हों या अन्य माध्यमों के उपयोग से. चूंकि माईस्पेस उपयोगकर्ता आमतौर पर कुशल वेब डेवलपर नहीं होते हैं, इससे आगे भी समस्या पैदा हो सकती है। खराब तरीके से निर्मित माईस्पेस प्रोफाइल, विकृत CSS कोडिंग के कारण या उपयोगकर्ताओं द्वारा अपने प्रोफाइल में उच्च बैंडविड्थ वाली सामग्रियों, जैसे विडिओ, ग्राफिक्स और फ्लैश के प्रयोग के कारण वेब ब्राउज़र को संभावित रूप से कुंद कर सकते हैं। जबकि माईस्पेस, प्रोफाइल से संभावित हानिकारक कोड को ब्लॉक करता है (जैसे जावास्क्रिप्ट), उपयोगकर्ताओं को कभी-कभी इन्हें सम्मिलित करने के लिए तरीके प्राप्त हो जाते हैं। PC वर्ल्ड ने इस तथ्य को एक प्रमुख कारण बताया है जिसके चलते उसने माईस्पेस को, अपने आज तक के सर्वाधिक निकृष्ट वेब साइटों की सूची पर इसे #1 पर नामित किया है।
इसके अलावा, नई सुविधाओं को धीरे-धीरे जोड़ा गया है (देखें सुविधाएं). इससे और माईस्पेस के सदस्यों की बढ़ती संख्या से प्रयुक्त बैंडविड्थ में वृद्धि होती है।
सुरक्षा
अक्तूबर 2005 में, माईस्पेस की साइट डिज़ाइन में एक दोष का, सेमी द्वारा प्रथम स्व-प्रसारित क्रॉस-साइट स्क्रिप्टिंग (XSS) वॉर्म बनाने के लिए दुरुपयोग किया गया। MSNBC ने रिपोर्ट दी कि "सामाजिक नेटवर्किंग साइटें, जैसे माईस्पेस, स्पाईवेयर के लिए एक अड्डा बनता जा रहा है" और "संक्रमण दरों में वृद्धि जारी है, आंशिक रूप से MySpace.com जैसी सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की बढ़ती लोकप्रियता को धन्यवाद." इसके अलावा, उपयोगकर्ता पृष्ठों का अनुकूलन, वर्तमान में कुछ विशिष्ट HTML के प्रवेशन की अनुमति देता है जिसे फ़िशिंग उपयोगकर्ता प्रोफ़ाइल बनाने के लिए तैयार किया जा सकता है, इस प्रकार पते के रूप में MySpace.com डोमेन को रखा जा सकता है।
हाल ही में, फ़िशिंग के परिणामस्वरूप जो बुलेटिन थे उन पर स्पैम पाया गया। उपयोगकर्ताओं ने अपने माईस्पेस मुखपृष्ठ पर ऐसे बुलेटिन देखे जो उन्होंने पोस्ट नहीं किये थे और बाद में उन्हें महसूस हुआ कि वे फिशिंग का शिकार हुए हैं। बुलेटिन में एक विज्ञापन है जो एक नकली लॉगिन स्क्रीन के लिए एक लिंक प्रदान करता है और उन्हें अपना माईस्पेस ई-मेल और पासवार्ड टाइप करने के लिए झांसा देता है।
प्रोफ़ाइल सामग्री से ही संबंधित अन्य सुरक्षा आशंकाएं भी मौजूद हैं। उदाहरण के लिए, वीडियो को शामिल करना, सभी प्रारूप क्षमताओं और कार्यों को पृष्ठ पर इस्तेमाल किये जाने की स्वाभाविक रूप से अनुमति देता है। इसका एक प्रमुख उदाहरण दिसंबर 2006 के मामले में देखने को मिला, जब एम्बेडेड क्विकटाइम वीडियो को JavaScript फ़ाइलों तक पहुंच वाले हाइपरलिंक के साथ दिखाया गया, जिसे उपयोगकर्ता द्वारा एक "फिश्ड प्रोफ़ाइल पेज' पर जाकर चलाया जा सकता था, या कुछ मामलों में एक उपयोगकर्ता के "अबाउट मी" को साइट पर कहीं और देखते हुए. ऐसे प्रयोक्ता जो अपनी लॉगिन जानकारी को, प्रकट होने वाले एक नकली लॉगिन बार में दर्ज करेंगे, वे भी फिशिंग के शिकार हो जायेंगे और उनके खाते का प्रयोग अन्य सदस्यों को अवांछनीय ई-मेल भेजने के लिए किया जाएगा, इस प्रकार यह इस सुरक्षा समस्या फैलेगी.
माईस्पेस के फ़िशिंग विरोधी और स्पैम विरोधी उपायों को भी इस समस्या के दुष्प्रभाव का सामना करना पड़ा है। माईस्पेस ने 2007 में कुछ ऐसे परिवर्तन किये जिससे प्रोफाइल पर बाह्य लिंक को http://msplinks.com के माध्यम से पुनः निर्देशित किया जाएगा. उदाहरण के लिए, http://en.wikipedia.org बदल कर http://www.msplinks.com/MDFodHRwOi8vZW4ud2lraXBlZGlhLm9yZw== हो जाएगा.(नया लिंक Base64 कोडिंग द्वारा निर्धारित होगा, क्योंकि लिंक को वापस अपने मूल URL में डीकोड करने के तरीके मौजूद हैं।) माईस्पेस कर्मचारी, संभावित खतरनाक लिंक को निष्क्रिय करने में सक्षम होंगे. (परिवर्तित लिंक तभी काम करेगा जब HTTP रेफरर एक माईस्पेस पृष्ठ है; अन्यथा यह लिंक निष्क्रिय हो जाएगा.) इस कदम की आलोचना की गई है, क्योंकि यह प्रोफ़ाइल संपादन को मुश्किल करता है और स्पैमर को रोकने के लिए कुछ नहीं करता है। फरवरी 2008 में, माईस्पेस ने प्रणाली को इस रूप में बदल दिया कि जो उपयोगकर्ता ऐसे लिंक पर क्लिक करेंगे (व्हाईटलिस्ट वाले डोमेन जैसे विकिपीडिया और यूट्यूब को छोड़कर), उन्हें एक चेतावनी मिलेगी कि वे MySpace.com डोमेन को छोड़ रहे हैं। यथा मार्च 2008, इस "सुविधा" को ब्लॉगों के लिए भी बढ़ा दिया गया है, हालांकि पिछली ब्लॉग प्रविष्टियां अप्रभावित रहती थीं जब तक कि उपयोगकर्ता उन्हें अद्यतन न करे.
जनवरी 2008 में, अमेरिका के 49 राज्यों के अटोर्नी जनरलों ने माईस्पेस और अन्य सेवाओं के लिए ऑनलाइन सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश लिखे. उनमें शामिल था सामाजिक नेटवर्किंग सेवाओं पर प्रतिबंधित व्यवहार.
26 जनवरी 2008 को, 567,000 से अधिक माईस्पेस उपयोगकर्ताओं की निजी तस्वीरों को एक बग का उपयोग करते हुए डाउनलोड किया गया, यह बग यूट्यूब पर प्रकाशित और पाइरेटबे टौरेंट साइट पर डाउनलोड के लिए डाला गया था।
माईस्पेस पार्टी समस्याएं
माईस्पेस को अक्सर पार्टियों को प्रचारित करने के लिए एक स्थल के रूप में प्रयोग किया जाता है, कभी-कभी मेजबान के संज्ञान के साथ और कभी-कभी उसकी जानकारी के बिना. अच्छी तरह से प्रचारित कुछ ऐसी घटनाएं हैं जहां माईस्पेस पार्टियों ने, संपत्ति को हज़ारों डॉलर का नुकसान पहुंचाया है और यहां तक कि (कम से कम एक मामले में) मृत्यु भी.
मेलबोर्न, ऑस्ट्रेलिया में नारे वॉरेन के एक सोलह वर्षीय लड़के, कौरे वर्दिग्टन द्वारा दी गई पार्टी ने, जिसे माईस्पेस पर विज्ञापित किया गया था, 500 लोगों को आकर्षित किया। पुलिस कारों पर हमला किया गया और श्वान दस्ते और एक हेलीकाप्टर को बुलाया गया। इस घटना को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उछाला गया। (वर्दिग्टन को बाद में पार्टी के एक प्रवर्तक के रूप में काम मिल गया और वह टेन नेटवर्क के बिग ब्रदर के ऑस्ट्रेलियाई संस्करण में दिखाई दिया.) द सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड के ऑनलाइन तकनीक लेखक, आशेर मोज़ेज़ ने कहा कि माईस्पेस/फेसबुक पार्टियां, विशेष रूप से गेटक्रैशिंग से ग्रसित होती हैं क्योंकि कार्यक्रमों की खबरें, "न्यूज़फीड" के माध्यम से बिन बुलाए मेहमानों तक फ़ैल सकती हैं। उन्हें आशंका है कि कुछ पार्टी मेजबान, सन्देश प्राप्त करने वाले वास्तविक लोगों की संख्या से अनजान होते हैं।"
अप्रैल 2007 में, एक सत्रह वर्षीय ब्रिटिश लड़की ने माईस्पेस पर जानकारी प्रसारित करते हुए एक पार्टी दी, जिसका शीर्षक कथित "चलो औसत परिवार के आकार के घर को डिस्को पार्टी से कचरा कर दें." उसके माता-पिता को लगभग £24,000 ($48,000) का बिल पुलिस को देना पड़ा.
एलन जोप्लिन, सिएटल का एक सत्रह वर्षीय अमेरिकी उच्च विद्यालय छात्र को, माईस्पेस के माध्यम से प्रचारित की गई एक पार्टी के दौरान गोली मार दी गई।
बच्चों की सुरक्षा
माईस्पेस पर एक खाते को पंजीकृत करने के लिए न्यूनतम आयु 13 वर्ष है, लेकिन यह कभी 14 हुआ करती थी और कई लोग आज भी इसे 14 ही समझते हैं। 13-15 वर्षों के बीच के प्रोफाइल स्वचालित रूप से निजी होते हैं। 16 या उससे अधिक उम्र के उपयोगकर्ताओं के पास अपने प्रोफ़ाइल को सभी के लिए देखने के निमित्त विकल्प होता है। जो खाता "निजी" (या सोलह से कम उम्र) है उस व्यक्ति के पूरे प्रोफ़ाइल को देखना या उसे सन्देश देना, माईस्पेस उपयोगकर्ता के सीधे दोस्तों तक सीमित है।
माईस्पेस, नकली प्रोफाइल को हटा देता है यदि पीड़ित उनकी पहचान की पुष्टि करता है और प्रोफ़ाइल को ई-मेल के माध्यम से इंगित करता है। जुलाई 2007 में, कंपनी ने पंजीकृत यौन अपराधियों के 29,000 प्रोफाइल को खोजा और नष्ट किया। पीडोफाइल-विरोधी संगठन, पर्वर्टेड जस्टिस ने पीडोफाइल से निपटने के प्रयासों में अपनी सेवा का उपयोग करने के लिए माईस्पेस की प्रशंसा की है।
हाल ही में, माईस्पेस, कई खबरों की सुर्ख़ियों में था जिसमें कहा गया कि किशोरों ने माईस्पेस द्वारा निर्धारित प्रतिबंध के इर्द-गिर्द तरीके निकाल लिए हैं। भविष्य में उम्र आधारित प्रवेश प्रतिबंधों को लागू करने के लिए अधिक कड़े उपाय किये जायेंगे, जैसे किसी कंप्यूटर के IP पते का उपयोग करते हुए माईस्पेस के प्रयोग का प्रयास कर रहे व्यक्ति को रोकना. प्रतिक्रिया में, माईस्पेस ने माता-पिताओं को आश्वासन दिया है कि वेबसाइट सभी उम्र के लोगों के लिए सुरक्षित है। जून 2006 में शुरूआत करते हुए, माईस्पेस उपयोगकर्ता जिनकी उम्र 18 से अधिक सेट है, वे अब 13 से 15 के बीच उम्र वाले उपयोगकर्ताओं को दोस्त के रूप में नहीं जोड़ सकते हैं, जब तक कि वे उस उपयोगकर्ता का पूरा नाम या ईमेल पता न जानते हों. कुछ तृतीय पक्ष इंटरनेट सुरक्षा कंपनियों ने, जैसे सोशल शील्ड ने माईस्पेस पर अपने बच्चों की सुरक्षा के बारे में चिंतित माता-पिता के लिए ऑनलाइन समुदायों को शुरू किया है।
जून 2006 में, सोलह वर्षीय अमेरिकी कैथरीन लेस्टर ने मध्य-पूर्व में तेल अवीव,इज़राइल के लिए उड़ान भरी, उसने धोखे से अपने माता-पिता से अपना पासपोर्ट बनवा लिया ताकि वह माईस्पेस के माध्यम से मिले एक बीस वर्षीय व्यक्ति के पास जा सके. जॉर्डन में अमेरिकी अधिकारियों ने उस किशोरी को समझा-बुझा कर वापस घर भेजा.
अक्तूबर 2006 में, तेरह साल की मीगन माइअर ने साइबर-बदमाशी का शिकार होने के बाद आत्महत्या कर ली, जिसे एक दोस्त की मां द्वारा उकसाया गया था जिसने खुद को एक सोलह वर्षीय "जोश इवांस" के रूप में प्रस्तुत किया था।
दिसम्बर 2006 में, माईस्पेस ने ज्ञात यौन अपराधियों से बच्चों को बचाने के लिए नए उपायों की घोषणा की. हालांकि सटीक विवरण नहीं दिए गए थे, उन्होंने कहा कि अमेरिका के ज्ञात यौन अपराधियों को माईस्पेस प्रोफ़ाइल बनाने से रोकने के लिए "उपकरणों" को कार्यान्वित किया जाएगा.
फरवरी 2007 में, टेक्सास में एक अमेरिकी जिला न्यायाधीश ने उस मामले को खारिज कर दिया जब एक परिवार ने लापरवाही, धोखाधड़ी और गलत प्रस्तुतीकरण के लिए माईस्पेस पर मुकदमा दायर कर दिया; उस परिवार की एक लड़की का, एक आदमी द्वारा यौन उत्पीड़न किया गया जिससे वह माईस्पेस के माध्यम से मिली थी, उस लड़की ने 13 साल की होते हुए अंपनी उम्र को 18 वर्ष के रूप में गलत प्रस्तुत किया था। मामले की बर्खास्तगी के संबंध में, अमेरिकी जिला न्यायाधीश सैम स्पार्क्स ने लिखा: "यदि युवा लड़कियों की रक्षा का दायित्व किसी पर है, तो वह उसके माता-पिता हैं, माईस्पेस नहीं."
अक्तूबर 2007 में, समीर हिंदुजा (फ्लोरिडा अटलांटिक युनिवर्सिटी) और जस्टिन डब्ल्यू. पेचिन (युनिवर्सिटी ऑफ़ विस्कॉन्सिन-इयु क्लेयर) द्वारा जर्नल ऑफ़ अडोलेसेंस में प्रकाशित एक अध्ययन में यह निष्कर्ष दिया गया कि अधिकांश किशोर, जिम्मेदार तरीके से माईस्पेस का उपयोग करते हैं: "जब उचित संदर्भ में इस पर विचार किया जाता है, तो इन परिणामों से संकेत मिलता है कि माईस्पेस पर व्यक्तिगत जानकारी के खुलासे की समस्या, उतनी व्यापक नहीं है जितना इसे समझा जाता है और किशोरों की एक बड़ी तादाद इस वेबसाइट का उपयोग जिम्मेदार तरीके से कर रही है" उन्होंने कहा.
सामाजिक और सांस्कृतिक
जून 2006 की प्लेबॉय पत्रिका में डेव इट्ज़कॉफ़ ने, माईस्पेस पर सदस्यता संबंधित किये गए अपने प्रयोग के अनुभवों को बयान किया। उनकी अन्य आलोचनाओं में एक आलोचना इंटरनेट द्वारा प्रदान उस दूरी से सम्बंधित है जिसने सदस्यों को साहस दिया है, जैसे महिलाओं को अपने प्रोफ़ाइल पृष्ठों पर अल्प कपड़ों में अपनी तस्वीरें प्रदर्शित करती हैं या इस तरीके से व्यवहार करती हैं जैसा वे मिलने पर ना करें और उन्होंने इंगित किया कि यह दोहरापन माईस्पेस के केंद्रीय डिज़ाइन को बाधित करता है, अर्थात्, लोगों को एक साथ लाने का उद्देश्य. इट्ज़कॉफ़ ने साइट की नशे रूपी, समय-ग्राही प्रकृति को भी संदर्भित किया और उल्लेख किया कि प्लेबाय प्लेमेट और माईस्पेस सदस्य जूली मेकलो ने, जो उनके मित्र-बनो अनुरोध का जवाब देने वाली पहली थी, इस साईट को "साइबरक्रैक" के रूप में संदर्भित किया है। इट्ज़कॉफ़ का तर्क है कि माईस्पेस, कई लोगों को एक सदस्य के जीवन तक पहुंच प्रदान कर देता है, बिना इतना समय दिए जो उन रिश्तों को बनाए रखने के लिए आवश्यक है ऐसे रिश्तों में वास्तविक रिश्तों की गहराई नहीं होती है।
इसके अलावा, चालाकीपूर्ण वाणिज्यिक दोहन के मामले में माईस्पेस की क्षमता के संदर्भ में इट्ज़कॉफ़, विशेष रूप से ऐसे लोगों के तकलीफ़देह और धोखाधड़ी भरे व्यवहार के आलोचक हैं जो एक सदस्य को अवांछित तौर पर संपर्क कर सकते हैं, जैसा कि किसी व्यक्ति ने उनसे मैत्री करने और डेटिंग करने की इच्छा से संपर्क किया लेकिन उसका ब्लॉग (जिसकी तरफ इट्ज़कॉफ़ को बाद में ईमेल के माध्यम से निर्देशित किया गया) वाणिज्यिक अश्लील साइटों की एक श्रृंखला के लिए प्रलोभन से भरा हुआ पाया गया। इट्ज़कॉफ़, इसी तरह अपेक्षाकृत अधिक सूक्ष्म वाणिज्यिक प्रलोभनों की निंदा करते हैं, जैसे कि प्रोफाइल और वीडियो के लिए बैनर विज्ञापन और लिंक, जो आगे चलकर 20th सेंचुरी फॉक्स फिल्मों के विज्ञापन के रूप में सामने आते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि माईस्पेस का अधिक उत्साही संगीत अनुभाग, सफल संगीतकारों के बजाय रिकॉर्ड लेबल के पक्ष में अधिक झुका हुआ है।
एक अन्य व्यक्ति की आलोचना को जोड़ते हुए, जिसे इट्ज़कॉफ़ "जुडास" नाम से संबोधित करते हैं, वे कहते हैं कि, जबकि ऐसे लोगों को एक साथ लाने की मुहीम, जो हो सकता है वास्तविक जीवन में न घुले-मिलें, सम्मानजनक लग सकती है, माईस्पेस स्वाभाविक रूप से वर्तमान उस सामाजिक अनुबंध का उल्लंघन करता है जो तभी मौजूद होता है जब लोग आमने-सामने मिलते हैं, उनकी राय में यह वेबसाइट, कुछ और नहीं बस वक्त के साथ चली जाने वाली सनक है:
कंपनी के इतिहास पर विवाद
न्यूज कॉर्प को माईस्पेस बेचने के बाद, ब्रैड ग्रीनस्पैन, (MySpace.com की शुरूआत करने वाली और उसकी जनक कंपनी, इन्टरमिक्स मीडिया के पूर्व CEO, संस्थापक और शेयरधारक) ने कंपनी को न्यूज़ कॉर्प को बेचे जाने पर विवाद किया। उन्होंने दावा किया कि इंटरमिक्स मीडिया के नए CEO रिचर्ड रोज़ेनब्लाट और अन्य बोर्ड सदस्यों ने कंपनी को इसकी वास्तविक कीमत से कम में बेचकर शेयरधारकों के साथ धोखा किया है। वैलीवैग, एक गपशप ब्लॉग जिसने इन आरोपों की सूचना दी, उसने यह भी दावा किया कि माईस्पेस के संस्थापक और लोकप्रिय व्यक्ति, टॉम एंडरसन ने सार्वजनिक संबंध का आविष्कार किया। बाद में न्यूजवीक द्वारा यह पुष्टि की गई कि साइट पर एंडरसन की उम्र को युवा उपयोगकर्ताओं को "रिझाने" के लिए कम कर दिया गया था।
अक्तूबर 2006 में, ग्रीनस्पैन ने एक व्यक्तिगत वेबसाइट पर "द माईस्पेस रिपोर्ट" प्रकाशित की और न्यूज़ कॉर्प द्वारा माईस्पेस के अधिग्रहण पर सरकार से जांच की मांग की. ग्रीनस्पैन का मुख्य आरोप यह है कि न्यूज कॉर्प को माईस्पेस की कीमत US$327 मिलियन के बजाय US$20 बिलियन आंकनी चाहिए थी और उसने इंटरमिक्स के शेयरधारकों को अनुचित सौदा प्रक्रिया द्वारा धोखा दिया है। हालांकि, रिपोर्ट को वित्तीय प्रेस द्वारा व्यापक रूप से स्वीकार नहीं किया गया और ग्रीनस्पैन द्वारा दायर, अधिग्रहण को चुनौती देने वाले एक मुकदमे को न्यायाधीश द्वारा खारिज कर दिया गया।
सेंसरशिप
कार्यकर्ता समूह MoveOn.org ने माईस्पेस की आलोचना की है, उन्होंने दावा किया है कि वेबसाइट, मीडिया विरोधी विज्ञापन नहीं दिखा कर सेंसरशिप का अभ्यास करती है, यह नकली प्रोफाइल को हाई-प्रोफाइल मीडिया अधिकारी रूपर्ट मर्डोक के बदले हटा देती है और उपयोगकर्ताओं को कुछ ख़ास तृतीय-पक्ष के फ्लैश अनुप्रयोगों को अपने प्रोफाइल पर इस्तेमाल करने से रोकती है, यह कदम साईट की सुरक्षा में सुधार के लिए आवश्यक है। माईस्पेस ने यूट्यूब वीडियो पर रोक लगाकर भी विवाद को जन्म दिया.
पीछा
एलिसन किस के अनुसार, सिक्युरिटी ऑन कैम्पस के कार्यक्रम निदेशक, सामाजिक नेटवर्किंग वेबसाइटें जैसे फेसबुक और माईस्पेस ने उन पीछा करने वालों का काम आसान कर दिया है जो महाविद्यालय परिसरों में महिलाओं को लक्ष्य बनाते हैं।
माईस्पेस चाइना
अप्रैल 2007 में आरम्भ हुए माईस्पेस के सरलीकृत चीनी संस्करण में, इस सेवा के अन्य अंतर्राष्ट्रीय संस्करणों की तुलना में सेंसरशिप संबंधित कई भिन्नताएं हैं। धर्म और राजनीति जैसे विषयों पर चर्चा मंच नहीं हैं और एक फ़िल्टरिंग प्रणाली को जोड़ा गया है जो ताइवानी स्वतंत्रता, दलाई लामा, फालुन गौंग, के बारे में सामग्री और अन्य "अनुपयुक्त विषयों" को पोस्ट करने से रोकती है। उपयोगकर्ताओं को, अन्य उपयोगकर्ताओं के "कदाचार" की रिपोर्ट करने की क्षमता भी प्रदान की गई है। इन अपराधों में शामिल है "राष्ट्रीय सुरक्षा का खतरा, राज्य की गुप्त जानकारियों का रिसाव, सरकार का तख्ता-पलट, राष्ट्रीय एकता को छोट पहुंचाना और अफवाहें फैलाना या सामाजिक व्यवस्था को खतरे में डालना".
यह भी देखें: जनवादी चीनी गणराज्य में इंटरनेट सेंसरशिप
धार्मिक भेदभाव
30 जनवरी 2008 को, क्लीवलैंड स्टेट यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर और एइथीस्ट एंड एग्नॉस्टिक ग्रुप के मध्यस्थ, ब्रायन जे पेस्टा ने नास्तिक उपयोगकर्ताओं, समूहों और सामग्री को माईस्पेस द्वारा मिटा देने के कारण उस पर धार्मिक असहिष्णुता को बढ़ाने का आरोप लगाया. विशेष रूप से, पेस्टा का आरोप है कि माईस्पेस ने नास्तिकता से नाराज लोगों की शिकायतों के आधार पर, AAG का खाता हटा दिया और उनका व्यक्तिगत प्रोफाइल भी और यह दूसरी बार था जब माईस्पेस ने नवंबर 2007 के बाद से इस समूह को हटाया, बावजूद इसके कि, पेस्टा के अनुसार, इसने कभी भी साईट की सेवा के नियमों का उल्लंघन नहीं किया। इसके पृष्ठ को थैंक्सगिविंग 2007 को फिर से हैक किया गया और तीन सप्ताह बाद फिर से बहाल कर दिया गया, लेकिन अंत में पुनः हटा दिया दिया गया।
अंतरराष्ट्रीय साइटें
2006 के आरम्भ से, माईस्पेस ने अपनी सेवा को विभिन्न क्षेत्रीय संस्करणों में उपयोग करने का विकल्प शुरू किया। ये वैकल्पिक क्षेत्रीय संस्करण, इलाके के अनुसार स्वचालित सामग्री प्रस्तुत करते हैं (उदाहरण के लिए, ब्रिटेन के उपयोगकर्ता अन्य ब्रितानी उपयोगकर्ताओं को "शांत नए लोग" के रूप में देखते हैं और साथ ही ब्रिटेन से सम्बंधित घटनाएं और विज्ञप्ति, आदि), अंग्रेज़ी के अलावा अन्य स्थानीय भाषाओं की पेशकश करते हैं, या अंग्रेज़ी भाषी दुनिया में वर्तनी और नियमों में क्षेत्रीय भिन्नताओं को समायोजित करते हैं (उदाहरण के लिए अमेरिका में: "favorites", mm/dd/yyyy; दुनिया के बाकी हिस्सों में: "favourites"," dd/mm/yyyy).
वर्तमान में पेश की गई साइटें हैं:
MySpace Global
MySpace Australia
MySpace Brazil (संप्रति बीटा में)
MySpace Canada (संप्रति बीटा में)
MySpace Canada (संप्रति बीटा में)
MySpace China (संप्रति बीटा में)
MySpace Denmark
MySpace France
MySpace Finland
MySpace German (संप्रति बीटा में)
MySpace Ireland
MySpace Latin America (संप्रति बीटा में)
MySpace India (संप्रति बीटा में)
MySpace Italy (संप्रति बीटा में)
MySpace Japan (संप्रति बीटा में)
MySpace Korea (संप्रति बीटा में)
MySpace Mexico
MySpace Netherlands
MySpace New Zealand
MySpace Poland (संप्रति बीटा में)
MySpace Portugal
MySpace Russia (संप्रति बीटा में)
MySpace Spain
MySpace Sweden
MySpace Turkey (संप्रति बीटा में)
MySpace UK
MySpace USA
MySpace USA (यह वास्तव में, "वैश्विक" साईट के समान)
माईस्पेस डेवलपर प्लेटफॉर्म (MDP)
5 फ़रवरी 2008 को, माईस्पेस ने एक डेवलपर प्लेटफॉर्म स्थापित किया, जो विकासकर्ताओं को अपने विचारों को साझा करने और अपने स्वयं के माईस्पेस अनुप्रयोगों को लिखने की अनुमति देता है। उद्घाटन का शुभारंभ, आधिकारिक विमोचन से दो सप्ताह पहले माईस्पेस के सैन फ्रांसिस्को कार्यालय में एक कार्यशाला से किया गया। MDP , ओपन सोशल API पर आधारित है जिसे Google ने नवंबर 2007 में प्रदान किया था, ताकि सामाजिक नेटवर्क, सामाजिक और अन्तःक्रियात्मक विजेट्स का विकास कर सकें और जिसे फेसबुक विकासकर्ता प्लेटफॉर्म के जवाब के रूप में देखा जा सके. माईस्पेस ऐप्स का पहला सार्वजनिक बीटा, करीब 1000 उपलब्ध अनुप्रयोगों के साथ 5 मार्च 2008 को जारी किया गया।
माईस्पेस सर्वर अवसंरचना
QCon लंदन 2008 में, माईस्पेस के मुख्य प्रणाली वास्तुकार डैन फरिनो ने संकेत दिया कि माईस्पेस, इंटरनेट पर प्रति सेकेण्ड 100 गीगाबिट्स आंकड़े भेज रहा है, जिसमें से 10 गिगाबिट्स HTML सामग्री है और शेष मीडिया है जैसे वीडियो और छवियां. सर्वर अवसंरचना ASP.NET पर 4500 से अधिक वेब सर्वर से बनी है (जो Windows Server 2003, IIS 6.0 और .Net Framework 3.5 चलाता है), 1200 से अधिक कैश सर्वर (64-बिट Windows Server 2003 चलाता है) और 500 से अधिक डेटाबेस सर्वर (64-bit Windows Server 2003 और SQL Server 2005 चलाता है) और साथ ही एक कस्टम वितरित फ़ाइल तंत्र जो Gentoo Linux पर चलता है।
यथा 2009, माईस्पेस ने अपने कुछ सर्वरों में HDD से SSD प्रौद्योगिकी की ओर पलायन शुरू किया है, जिससे स्थान और बिजली की बचत फलित हुई है।
संगीतकारों के अधिकार और माईस्पेस प्रयोग की शर्तें समझौता
जून 2006 तक, माईस्पेस पर गीतकार बिली ब्राग जैसे अन्य कलाकारों, संगीतकारों और बैंड के बीच एक चिंता का विषय था, जो उपयोगकर्ता समझौते में फाइन प्रिंट से जुड़ा था जिस पर लिखा था "आप इस प्रकार, MySpace.com को ऐसी सामग्री को इस सेवा पर और इसके माध्यम से उपयोग करने, प्रतिलिपि बनाने, संशोधन करने, अनुकूलित करने, अनूदित करने, सार्वजनिक प्रदर्शन करने, सार्वजनिक रूप से दिखाने, संग्रह करने, परिवर्तन करने, संचारित करने और वितरित करने का एक गैर-अनन्य, पूर्ण भुगतान युक्त और रॉयल्टी मुक्त, वैश्विक लाइसेंस (उपलाइसेंस धारियों के असीमित स्तर के माध्यम से उपलाइसेंस के अधिकार के साथ) प्रदान करते हैं।"
फाइन प्रिंट ने विशेष चिंताओं को जन्म दिया क्योंकि समझौता मर्डोक के न्यूज़ कॉर्प से किया गया था। बिली ब्राग ने जून 2006 के प्रथम सप्ताह के दौरान इस मुद्दे को मीडिया के समक्ष रखा. माईस्पेस के एक प्रवक्ता, जेफ बर्मन ने त्वरित प्रतिक्रिया व्यक्त की, "चूंकि कानूनी बारीकियों से कुछ भ्रम उत्पन्न हो गया है, हम इसका पुनरीक्षण कर रहे हैं ताकि यह बिलकुल स्पष्ट हो जाए कि माईस्पेस, एक कलाकार की रचनाओं के साथ, कलाकार की इच्छानुसार उसे साझा करने के अलावा, कुछ भी करने का लाइसेंस नहीं मांग रहा है।"
27 जून 2006 तक, माईस्पेस ने उपयोगकर्ता समझौते में संशोधन किया और लिखा, "MySpace.com, टेक्स्ट, फ़ाइल, चित्र, छवि, वीडियो, ध्वनि, संगीत रचना, ग्रन्थकारिता, या किसी भी अन्य वस्तु (सामूहिक रूप से 'सामग्री') पर, जिसे आप माईस्पेस सेवा पर पोस्ट करते हैं, स्वामित्व के अधिकार का दावा नहीं करता है। माईस्पेस सेवा पर अपनी सामग्री पोस्ट करने के बाद, ऐसी सामग्री में आपका सभी स्वामित्व अधिकार बना रहेगा और आपके पास अपनी इच्छानुसार उस सामग्री के उपयोग का अधिकार बना रहेगा. "
ब्लॉकिंग
संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया और मलेशिया में कई स्कूलों, सार्वजनिक पुस्तकालयों और नियोक्ताओं ने माईस्पेस के उपयोग को प्रतिबंधित कर दिया है, क्योंकि उनके अनुसार यह "गपशप और दुर्भावनापूर्ण टिप्पणियों का एक अड्डा है।"
यहां तक कि न्यू जर्सी में एक कैथोलिक स्कूल ने छात्रों को घर पर माईस्पेस का उपयोग करने से निषिद्ध किया है, स्कूल के दावों के अनुसार यह कदम ऑनलाइन हमलावरों से छात्रों को बचाने के लिए उठाया गया है, हालांकि विशेषज्ञों ने ऐसे प्रतिबंध की वैधता पर सवाल उठाया है। 2005 की शरद ऋतु में स्पार्टा टाउनशिप, न्यू जर्सी में पोप जॉन XXIII रीजनल हाई स्कूल तब सुर्ख़ियों में आया जब इसने निष्कासन या निलंबन की धमकी देते अपने छात्रों को माईस्पेस या ऐसी ही अन्य वेबसाइटों (जैसे गाइया) पर पृष्ठ रखने से मना किया।
हालांकि स्कूलों, व्यवसायों और कुछ सार्वजनिक पुस्तकालयों में माईस्पेस के प्रयोग को रोकने के लिए कोशिश की जाती है, वे हमेशा सफल नहीं होते हैं; छात्रों द्वारा साईट में लॉग इन करने के लिए, "नकली ब्राउज़रों" के अलावा, वेब प्रोक्सीज़ और डाउनलोड योग्य सॉफ्टवेयर के प्रयोग का पता चला है।
तुर्की में, MÜ-YAP के कॉपीराइट मुद्दों के कारण, माईस्पेस को 19 सितंबर 2009 को अवरोधित कर दिया गया था। तुर्की रॉक संगीतकार एलिन अस्लिम ने, जिनके पास एक माईस्पेस खाता है, कहा कि तुर्की के स्वतंत्र संगीतकारों के लिए यह अवरोध एक गंभीर उल्लंघन है। यथा 6 अक्टूबर उस अवरोध को हटा दिया गया।
कानूनी मुद्दे
मई 2006 में, लांग आईलैंड, न्यूयॉर्क के दो किशोरों, शॉन हैरिसन और सवेरिओ मोंडेली पर अवैध कंप्यूटर अभिगम और माईस्पेस से जबरन वसूली के प्रयास का आरोप लगाया गया। दोनों ने कथित तौर पर माईस्पेस उपयोगकर्ताओं की व्यक्तिगत जानकारी की चोरी करने के लिए साईट को हैक किया और बाद में इस रहस्य को कि वे कैसे वेबसाइट में घुसे, बांट देने की धमकी देते हुए माईस्पेस से $150,000 का भुगतान करने को कहा. दोनों किशोरों को, माईस्पेस के कर्मचारियों के रूप में खुद को प्रस्तुत करने वाले लॉस एंजिल्स के पुलिस जासूसों ने गिरफ्तार कर लिया।
अप्रैल 2007 में काउंटी डरहम, ब्रिटेन में पुलिस ने एक 17 वर्षीय लड़की को आपराधिक क्षति के आरोप में गिरफ्तार किया, जब उसने अपने पैतृक निवास पर बिना अपने माता-पिता की आज्ञा लिए माईस्पेस पर प्रचारित एक पार्टी आयोजित की. देश भर से करीब 200 से अधिक किशोर-किशोरियां पार्टी में आए, जिन्होंने £20,000 की क्षति की, जैसे सिगरेट बट, कपड़ों पर मूत्र और दीवारों पर लेखन. लड़की के माता-पिता, जो उस वक्त बाहर गए हुए थे, उन्हें घर छोड़कर जाना पड़ा.
आइमीम का अधिग्रहण
18 नवम्बर 2009 को, माईस्पेस म्युज़िक ने एक अज्ञात राशि देकर आइमीम को अधिगृहित कर लिया। 8 दिसम्बर 2009 को अधिग्रहण पूरा होने के बाद, यह पुष्टि की गई कि माईस्पेस म्युज़िक ने US$1 मिलियन से कम नकद देकर आइमीम को खरीदा है। माईस्पेस ने यह भी कहा है कि वे आइमीम उपयोगकर्ताओं को स्थानांतरित करेंगे और उनकी सारी संगीत सूचियों को माईस्पेस म्युज़िक पर पहुंचाएंगे. 15 जनवरी 2010 को, माईस्पेस ने आइमीम संगीत-सूचियों को बहाल करना शुरू किया।
यूट्यूब
यूट्यूब पहली बार 2005 के आरम्भ में वेब पर दिखाई दिया और यह माईस्पेस पर शीघ्र ही लोकप्रिय हो गया क्योंकि माईस्पेस उपयोगकर्ता अपने माईस्पेस प्रोफाइल में यूट्यूब वीडियो सन्निहित करने में सक्षम थे। अपने नए माईस्पेस वीडियो सेवा के लिए प्रतिस्पर्धी खतरे को भांप कर, माईस्पेस ने अपने उपयोगकर्ता प्रोफाइल से सन्निहित यूट्यूब वीडियो पर रोक लगा दी. माईस्पेस उपयोगकर्ताओं ने व्यापक रूप से प्रतिबंध लगाने का विरोध किया, जिससे माईस्पेस ने उसके शीघ्र बाद प्रतिबंध हटा लिया।
तब से यूट्यूब, वर्ल्ड वाइड वेब पर सबसे तेज़ी से बढ़ने वाले वेबसाइटों में से एक हो गया है, और अलेक्सा इंटरनेट के अनुसार इसकी पहुंच माईस्पेस से आगे निकल गई है। जुलाई 2006 में कई समाचार संगठनों ने खबर दी कि यूट्यूब, माईस्पेस से आगे निकल गया है। सितंबर 2006 को एक निवेशक बैठक में, न्यूज़ कॉर्प. COO पीटर चेर्निन ने दावा किया कि लगभग सभी आधुनिक वेब अनुप्रयोग (जैसे यूट्यूब, फ्लिकर, ब्लॉगर, गूगल और फोटोबकेट) वास्तव में सिर्फ "माईस्पेस के दम पर आगे बढ़े हैं" और "अगर हम आगे नहीं बढ़ सकते तो कम से कम हमें उनसे बराबरी करने में सक्षम होना चाहिए."
इन्हें भी देखें
AsianAve
बेबो
बज़नेट
माईस्पेस उपयोगकर्ताओं के लिए तैयार gOS 2.9 "Space" Linux वितरण
इंटरनेट घटना
सामाजिक नेटवर्किंग वेबसाइटों की सूची
लाइवजर्नल
MyDeathSpace.com
माईस्पेस रिकार्ड
सामाजिक नेटवर्क
सामाजिक सॉफ्टवेयर
सन्दर्भ
अतिरिक्त पठन
आंग्विन, जूलिया। 2009. Stealing MySpace: The Battle to Control the Most Popular Website in America,, न्यूयॉर्क: रैंडम हाउस. ISBN 978-1-4000-6694-0
डेविस, डोनाल्ड कैरिंगटन, माईस्पेस इज़ नॉट योर स्पेस: इक्स्पेन्डिंग द फेयर क्रेडिट रिपोर्टिंग एक्ट टु इंश्योर एकाउंटेबिलिटी एंड फेयरनेस इन इम्प्लौयर सर्चेस ऑफ़ ऑनलाइन सोशल नेटवर्किंग सर्विसेज़, 16 Kan. जे एल और पब पोली 237 (2007).
डोदेरो, केमिली, "Lost in MySpace: Log on, tune in, and hook up with 22 million people online", द बॉस्टन फोनिक्स, 22-28 जुलाई 2005.
डोदेरो, केमिली, "You and your tech-chic: As of 2006, new media isn’t just for geeks anymore", बोस्टन फोनिक्स, 20 दिसम्बर 2006.
डॉन टैप्सकौट और एंथनी डी विलियम्स. 2007. : विकीनोमिक्स: हाउ मास कौलेबोरेशन चेंजेस एव्रीथिंग. न्यू यॉर्क: पेंगुइन.
बाहरी कड़ियाँ
MySpace
टॉम एंडरसन माईस्पेस सह संस्थापक.
ब्लॉग होस्टिंग सेवा
सामुदायिक वेबसाइट
बेवर्ली हिल्स, कैलिफोर्निया में आधारित कंपनियां
ग्लोबल इंटरनेट समुदाय
इंटरनेट विज्ञापन और संवर्धन
2003 में स्थापित इंटरनेट गुण
IPhone OS सॉफ्टवेयर
माईस्पेस
न्यूज़ कॉर्पोरेशन
ऑनलाइन सामाजिक नेटवर्किंग
सामाजिक सूचना संसाधन
आभासी समुदाय
वेब 2.0
श्रेष्ठ लेख योग्य लेख
गूगल परियोजना
अमेरिकी कम्पनियाँ | 7,507 |
1260638 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A5%80%E0%A4%B2%20%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A4%AA%E0%A5%82%E0%A4%A4 | वील राजपूत | वील राजपूत राजपुताना का एक बहादुर समुदाय है, जिसे नाडोल चौहान के नाम से जाना जाता है। नाडोल चौहान के संस्थापक लक्ष्मण थे, जिनके 24 पुत्र थे। वील सिंह उनमें से एक थे। वह एक बहादुर योद्धा और हिंदू धर्म के संरक्षक थे। उन्होंने नाडोल और देवी आशापुरा को समर्पित सभी जीत के लिए कई युद्ध भी लड़े। वील (चौहान) ने 10 वीं और 16 वीं शताब्दी के बीच मारवाड़ के विभिन्न क्षेत्रों पर शासन किया था। उनकी कुलदेवी श्री आशापुरा हैं। | 82 |
542784 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%9C%E0%A5%88%E0%A4%A8%20%E0%A4%A7%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AE%20%E0%A4%95%E0%A4%BE%20%E0%A4%87%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%B8 | जैन धर्म का इतिहास | जैन धर्म भारत की श्रमण परम्परा से निकला प्राचीन धर्म और दर्शन है। जैन अर्थात् कर्मों का नाश करनेवाले 'जिन भगवान' के अनुयायी। सिन्धु घाटी से मिले जैन अवशेष जैन धर्म को सबसे प्राचीन धर्म का दर्जा देते है।
सम्मेत्त शिखर, राजगिर, पावापुरी, गिरनार, शत्रुंजय, श्रवणबेलगोला आदि जैनों के प्रसिद्ध तीर्थ हैं। पर्यूषण पर्व या दशलाक्षणी, और श्रुत पंचमी इनके मुख्य त्यौहार हैं। अहमदाबाद, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और बंगाल राजस्थानआदि के अनेक जैन आजकल भारत के अग्रगण्य उद्योगपति और व्यापारियों में गिने जाते हैं।
जैन धर्म का उद्भव की स्थिति अस्पष्ट है। जैन ग्रंथो के अनुसार धर्म वस्तु का स्वाभाव समझाता है, इसलिए जब से सृष्टि है तब से धर्म है, और जब तक सृष्टि है, तब तक धर्म रहेगा, अर्थात् जैन धर्म सदा से अस्तित्व में था और सदा रहेगा। इतिहासकारो द्वारा जैन धर्म का मूल भी सिंधु घाटी सभ्यता से जोड़ा जाता है जो हिन्द आर्य प्रवास से पूर्व की देशी आध्यात्मिकता को दर्शाता है। सिन्धु घाटी से मिले जैन शिलालेख भी जैन धर्म के सबसे प्राचीन धर्म होने की पुष्टि करते है। अन्य शोधार्थियों के अनुसार श्रमण परम्परा ऐतिहासिक वैदिक धर्म के हिन्द-आर्य प्रथाओं के साथ समकालीन और पृथक हुआ।
जैन ग्रंथो (आगम्) के अनुसार वर्तमान में प्रचलित जैन धर्म भगवान आदिनाथ के समय से प्रचलन में आया। यहीं से जो तीर्थंकर परम्परा प्रारम्भ हुयी वह भगवान महावीर या वर्धमान तक चलती रही जिन्होंने ईसा से ५२७ वर्ष पूर्व निर्वाण प्राप्त किया था। भगवान महावीर के समय से पीछे कुछ लोग विशेषकर यूरोपियन विद्वान् जैन धर्म का प्रचलित होना मानते हैं। उनके अनुसार यह धर्म बौद्ध धर्म के पीछे उसी के कुछ तत्वों को लेकर और उनमें कुछ ब्राह्मण धर्म की शैली मिलाकर खडा़ किया गया। जिस प्रकार बौद्धों में २४ बुद्ध है उसी प्रकार जैनों में भी २४ तीर्थंकर है। जैन शब्द जिन शब्द से बना है। जिन बना है 'जि' धातु से जिसका अर्थ है जीतना। ''जिन अर्थात जीतने वाला'' जिसने स्वयं को जीत लिया उसे जितेंद्रिय कहते हैं।
ऐतिहासिक रूपरेखा
जैन मान्यता के
के अनुसार जैन धर्म अनादि काल से चला आया है अनंत काल तक चलता रहेगा। इस धर्म का प्रचार करने के लिये समय-समय पर अनेक तीर्थंकरों का आविर्भाव होता रहता है। जैन धर्म के २४ तीर्थंकरों में ऋषभ प्रथम और महावीर अंतिम तीर्थंकर थे।
महावीर के ११ गणधर (मुख्य शिष्य) थे -- इंद्रभूति गौतम,अग्निभूति गौतम ,वायुभूति गौतम, व्यक्तस्वामी, सुधर्मास्वामी , मंडितपुत्र, मौर्यपुत्र, अकंपित गौतम, अचलभ्राता, मेतार्यस्वामी और प्रभासस्वामी। महावीर स्वयं क्षत्रिय कुल में उत्पन्न हुए थे लेकिन उनके सभी गणधर ब्राह्मण थे। इनमें गौतम इंद्रभूति और सुधर्मा को छोड़कर नौ गणधरों ने महावीर भगवान के जीवन काल में ही देह त्याग किया। जिस रात्रि को महावीर ने निर्वाण पाया उसी रात्रि को गौतम इंद्रभूति को केवलज्ञान की प्राप्ति हुई।
महावीर-निर्वाण के पश्चात् सुधर्मा २० वर्ष तक जैन संघ के अधिपति रहे। बाद में संघ का भार जंबूस्वामी के सुपुर्द कर दिया गया और इस प्रकार जैन परंपरा आगे बढ़ती रही। जंबूस्वामी के पश्चात् केवलज्ञान और निर्वाण-गमन के द्वार बंद हो गए।
पार्श्वनाथ की मान्यता का अनुसरण कर लिच्छवि कुलोत्पन्न महावीर ने चतुर्विध संघ को दृढ़ बनाने के लिये गणतंत्रवादी आदर्श पर संघ के नियमों को संघटित किया। निर्ग्रंथ धर्म का प्रचार करने के लिए ज्ञातपुत्र महावीर ने बिहार में राजगृह, चंपा (भागलपुर), मछिया (मुंगेर), वैशाली (बसाढ़) और मिथिला (जनकपुर) आदि तथा उत्तर-प्रदेश में बनारस, कौशांबी (कोसम) अयोध्या, श्रावस्ति (सहेट-महेट) और स्थूणा (स्थानेश्वर) आदि स्थानों में विहार किया। उस समय यही आर्य क्षेत्र कहलाता था, शेष क्षेत्र अनार्य था।
मगध के राजा बिंबसार (श्रेणिक) और अजातशत्रु (कूणिक) को जैनधर्म का अनुयायी कहा गया है। राजसिंह श्रेणिक द्वारा महावीर से प्रश्न पूछे जाने का उल्लेख जैन शास्त्रों में आता है। चंपा नगरी में महावीर भगवान के समवसृत होने पर अजातशत्रु का अपने दलबल सहित उनके दर्शनार्थ गमन करने का वर्णन प्राचीन आगमों में मिलता है। नंद राजाओं के समय भद्रबाहु और स्थूलभद्र बड़े प्रतिभाशाली जैन आचार्य हुए जिन्होंने जैन धर्म को समुन्नत बनाया। आचार्य महागिरि स्थूलभद्र के प्रधान शिष्यों में से थे। तत्पश्चात् पाटलिपुत्र में चंद्रगुप्त मौर्य (३२५-३०२ ईo पूर्व) का राज्य हुआ। इस समय मगध में भयंकर दुष्काल पड़ा और जैन साधु मगध छोड़कर चले गए। दुष्काल समाप्त होने पर जब लौटकर आए तब पाटलिपुत्र में जैन आगमों की प्रथम वाचना हुई जो 'पाटलिपुत्र-वाचना' के नाम से कही जाती है। दिगंबर जैन परंपरा के अनुसार चंद्रगुप्त ने जैन दीक्षा ग्रहण की और दक्षिण भारत में श्रवणबेलगोला में देह-त्याग किया। चंद्रगुप्त के बाद अशोक (२७२-२३२ ईo पूo) के पौत्र राजा संप्रति (२२०-२११ ईo पूo) का नाम जैन ग्रंथों में बहुत आदर के साथ लिया जाता है। आचार्य महागिरि के शिष्य सुहस्ति ने संप्रति को जैन धर्म में दीक्षित किया। संप्रति ने महाराष्ट्र, आंध्र. द्रविड़, कुर्ग आदि प्रदेशों में अपने सुभटों को भेजकर जैन श्रमणसंघ की विशेष प्रभावना की।
कलिंग का सम्राट् खारवेल जैन धर्म का परम अनुयायी था। मगध का राजा नंद, जो जिन-प्रतिमा उठाकर ले गया था, उसे वह वापस लाया। कटक के पास उदयगिरि से प्राप्त, शिलालेखों से पता चलता है कि खारवेल ने ऋषभ की प्रतिमा निर्माण कराई और जैन साधुओं के रहने के लिये गुफाएँ खुदवाईं। तत्पश्चात् ईसवी सन् के पूर्व प्रथम शताब्दी में उज्जैनी के राजा विक्रमादित्य के पिता गर्दभिल्ल से उत्तेजित किए जाने पर कालकाचार्य का ईरान जाकर शक राजाओं को हिंदुस्तान में लाने का उल्लेख जैन ग्रंथों में मिलता है। कालकाचार्य को प्रतिष्ठान (पैठन, महाराष्ट्र) के राजा सातवाहन का समकालीन बताया गया है। फिर आचार्य पादलिप्त, वज्रस्वामी और आर्यरक्षित ने संघ का अधिपतित्व किया। इस प्रकार जैन धर्म की उन्नति होती गई और अब वह दूर दूर तक फैल गया।
मथुरा में ईसवी सन् के आरंभ के जो शिलालेख उपलब्ध हुए हैं। उनसे पता लगता है कि किसी समय मथुरा जैन धर्म का बड़ा केंद्र था तथा व्यापारी और निम्नवर्ग के लोग इस धर्म के अनुयायी थे। यहाँ के शिलालेखों में जो जैन आचार्यों के गण, कुल और शाखाओं का उल्लेख है वह भद्रबाहु के कल्पसूत्र की स्थाविरावलि में ज्यों का त्यों मिलता है। ईसवी सन् ३६०-७३ के लगभग आर्य स्कंदिल की अध्यक्षता में मथुरा में जैन आगमों की दूसरी वाचना हुई, इससे भी मथुरा के महत्त्व का पता चलता है। इस काल के प्रमुख जैन आचार्यो में उमास्वाति, कुंदकुंद, सिद्धसेन और समंतभद्र आदि के नाम विशेष उल्लेखनीय हैं जिन्होंने अपनी अलौकिक प्रतिभा के बल से जैन साहित्य को पुष्पित और पल्लवित किया।
गुप्त राजाओं का काल भारतवर्ष का सुवर्णकाल कहा जाता है। इस समय जैन धर्म उत्तरोत्तर उन्नत दशा को प्राप्त होता गया। गुजरात में गिरनार और शत्रुंजय जैनों के परम तीर्थ माने गए हैं। ईसवीं सन् की ७वीं शताब्दी में देवर्धिगणि क्षमाश्रमण के अधिपतित्व में वल्लभी में जैन आगमों की अंतिम वाचना स्वीकार कर उन्हें लिपिबद्ध कर दिया गया। आगे चलकर चावड़ा वंश के राजा वनराज ने राजगद्दी पर आसीन होने के पूर्व (७२०-७८०) जैन मुनि शीलगुणसूरि के उपदेश से प्रभावित हो गुजरात का प्रसिद्ध अणहिल्लपुर पाटण नाम का नगर बसाया। आचार्य् हरिभद्र और अकलंक जैसे प्रकांड विद्वानों का इस समय जन्म हुआ; जिन्होंने न्यायसिद्धांत आदि विषयों पर ग्रंथ लिखकर जैन धर्म को समुन्नत किया।
फिर चालुक्य वंश के स्थापक राजा मूलराज (९६१-९९६) ने जैन मंदिर का निर्माण कराया। अणहिल्लपुर पाटण के राजा सिद्धराज जयसिंह कलिकाल सर्वज्ञ हेमचंद्र (जन्म १०८८ ईo) के समकालीन थे। सिद्धराज जयसिंह की मृत्यु हो जाने पर उनका भतीजा कुमारपाल गुजरात की गद्दी पर बैठा। कुमारपाल, हेमचंद को राजगुरु की तरह मानते थे। इस समय आदर्श जैन राज्य स्थापित करने का प्रयत्न किया गया जिसके फलस्वरूप अनेक सुंदर जैन मंदिरों का निर्माण हुआ; प्राणि हिंसा, शिकार, मांस-भक्षण आदि को रोकने की घोषणा की गई और यज्ञ के अवसर पर पशुहिंसा के बदले ब्राह्मणों को अनाज होम करने का आदेश दिया गया। इसी समय वस्तुपाल और तेजपाल मंत्रियों ने गिरनार, शत्रुंजय तथा आबू पर्वतों पर कलापूर्ण भव्य मंदिरों का निर्माण किया।
दक्षिण भारत में भी जैनधर्म का प्रसार हुआ, खासकर दिगंबर जैनों का वहाँ प्रवेश हुआ। ईसा सन् की प्रारंभिक शताब्दियों से ही तमिल साहित्य पर जैन धर्म का प्रभाव दृष्टिगोचर होता है। चोल और चेर इस धर्म के अनुयायी बने। महाराष्ट्र, कर्नाटक, मद्रास राज्य के उत्तरी भाग, कुर्ग, आंध्र और मैसूर राज्य में अनेक जैन धर्मानुयायी लोग बसते थे, इसा पता इन स्थानों के जीर्णशीर्ण देवालयों और शिलालेखों से लगता है। कर्नाटक दिगंबर संप्रदाय का मुख्य धाम था। दिगंबर आचार्य समंतभद्र और पूज्यपाद ने इस प्रदेश में घूम घूमकर जैने धर्म का अभ्युत्थान किया था। गंग और राष्ट्रकूट राजवंशों के आश्रय से जैन धर्म उन्नत हुआ। गंगवंशी राजा राजमल्ल के मंत्री और सेनापति तथा सिद्धांतचक्रवर्ती नेमिचंद्र के गुरु चामुंडराय ने सन् ९८० में अरिष्टनेमि का भव्य देवालय और गोम्मटेश्वर में बाहुवली जी की विशाल प्रतिमा का निर्माण कराया। चामुंडराय सुप्रद्धि कविरत्न का आश्रयदाता था। राष्ट्रकूट वंश के राजाओं में अमोघवर्ष प्रथम (८१५-८७७ ईo) जैन आचार्य जिनसेन के शिष्य थे। अमोघवर्ष ने जिनसेन के शिष्य गुणभद्र को भी आश्रय दिया। कदंबवंशी भी अधिकतर जैने धर्म के अनुयायी रहे।
मुसलमानों के राज्य में अनेक बादशाहों ने जैन मुनियों को सम्मानित कर उच्च पद पर बैठाया। सुलतान फिरोजशाह तुगलक (१३५१-१३८८) ने रत्नशेखरसूरि को, तुगलक सुल्तान मुहम्मद शाह ने जिरप्रभसूरि के और सम्राट् अकबर (१५५६-१९०५) ने हरिविजयसूरि को सम्मानित किया। इसी प्रकार औरंगजेब (१६५९-१७०७) ने अपने दरबार के जवेरी शांतिदास जैन को शत्रुंजय पर्वत और उसकी दो लाख की आमदनी, तथा अहमदशाह बहादुर (१७४८-१७४५) ने जगत्सेठ महताबराय को पारसनाथ पर्वत देकर पुरस्कृत किया।
सन्दर्भ
इन्हें भी देखें
भारत में जैन धर्म
जैन धर्म
गणधर
जैन धर्म की शाखाएं
जैन धर्म के तीर्थंकर
जैन त्योहार
विहरमान तीर्थंकर
शलाकापुरुष
बाहरी कड़ियाँ
जैन धर्म का इतिहास
जैन धर्म | 1,541 |
685019 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%96%E0%A4%BF%E0%A4%AE%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A4%BE | खिमलासा | खिमलासा (Khimlasa) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के सागर ज़िले की खुरई तहसील में स्थित एक ग्राम है।
विवरण
उल्लेखों के मुताबिक इस नगर का नाम पहले क्षेमोल्लास था। फिर धीरे धीरे कमलासा और फिर खिमलासा हो गया। कमलासा नाम के पीछे बढ़ी वजह यह रही कि यहां कमल के फूलों की खेती अत्याधिक मात्रा में हुआ करती थी। खिमलासा की संरचना कमल के फूल की तरह है। चारो तरफ किले की दीवार से गिरी हुई बस्ती ऊपर से देखने पर कमल के फूल के समान प्रतीत होती है जिसकी वजह से इसका नाम कमलासा हुआ। खिमलासा सागर ज़िला, मध्य प्रदेश का ऐतिहासिक स्थान था। गढ़मंडला की रानी दुर्गावती के श्वसुर संग्राम सिंह के 52 गढ़ों में से एक यहाँ स्थित था। इन्हीं गढ़ों के कारण दुर्गावती का राज्य गढ़मंडला कहलाता था। संग्राम सिंह की मृत्यु 1541 ई. में हुई थी।
16वीं से यह क्षेत्र मुगलों के अधीन रहा, बाद में खिमलासा, धामोनी और गढ़ाकोटा में मुगल सेना को परास्त कर महाराज छत्रसाल ने अपना राज्य स्थापित किया। 1818 के पश्चात यह क्षेत्र ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन था। 1861 में प्रशासनिक व्यवस्था के लिए इस क्षेत्र को नागपुर से मिला लिया गया और यह व्यवस्था 1956 तक नए मध्यप्रदेश राज्य के पुनर्गठन तक बनी रही। खिमलासा के किले का गौरवमयी इतिहास है। इसकिले में प्रवेश द्वार से भीतर जाने के स्थान से लेकर अंदर के सभी भवन - मंदिर, मस्जिद, बावड़ी आज भी काफी आकर्षण एवं रहस्य को लिये हैं, काफी दर्शनीय हैं। नगर के चारों ओर परोकोट और खण्डहर प्राचीन नगर की समृद्धि के साक्षी हैं।
समृद्ध इतिहास, पुरातात्विक साक्ष्यों को सहेजे मूक किले दरवाजे, प्राचीन तोप, इमारतें शिलालेख, कलाकृतिया, चाहरदीवारी, बुर्जे, बावडी, कुंड, शीश महल पुरातात्विक स्मृतियां खंडहर रुप में आज भी संरक्षण की राह देख रहीं हैं। पूर्ण संरक्षण नहीं मिल पाने के कारण और सरकार द्वारा स्थानीय स्तर पर संग्रहालय स्थापित नहीं होने के कारण कई ऐतिहासिक पुरातात्विक महत्व की वस्तुएं, कलाकृती, नगर वास्तु, मूर्ती व शिल्पकला अब जीर्णशीर्ण स्थिति, खंडहर स्थिति में हैं।
ऐतिहासिक कालक्रम
खिमलासा को सन 1490 ई. में बसाया गया। जो शिला लेखों में उल्लेख है। शिलालेख हिंदी और अरबी में मिलते हैं।
यहाँ #अचलोबाई नाम की एक प्रसिद्ध विदूषी महिला हुई हैं। जो हाथ से संस्कृत के पत्रे लिखती थी। संस्कृत शिक्षा प्रसार के लिए कार्य किये। दूर दूर से यहाँ विद्वान आते रहते थे। संस्कृत शिक्षा के कई गुरुकुल थे। संस्कृत के पठन पाठन का बडा प्रसार था।
प्राचीन काल में खिमलासा को काशी का टुकडा कहा जाता था।
इस नगर की संरचना कमल के समान है। उस समय यहाँ कमल की खेती बहुतायत में होती थी। नगर ऊचाई से देखने से कमल के फूल के समान प्रतीत होता है।
खिमलासा गढ मंडला की #महारानी_दुर्गावती के स्वसुर #संग्राम_सिंह के 52 गढों /किलों में से एक था।
सन् 1541 ई. में संग्राम सिंह की मृत्यु हुई थी।
16 वी सदी से यह क्षेत्र मुगलों के अधीन रहा।
बाद में महाराज_छत्रसाल पन्ना के राजा ने गढाकोटा, धामोनी, खिमलासा को मुगलों को परास्त कर अपना राज्य स्थापित किया।
सन् 1695 ई. में पन्ना के राजा #अनूप_सिंह का शासन रहा। अनूप सिंह ने ही नगर के चारों ओर 20 फीट ऊची रक्षा दीवार /चार दीवारी, बुर्जे बनवायी।
शीश महल का निर्माणराजपूतों ने कराया था। उस समय शीश महल में शीशे आयने लगे होते थे।
प्राचीन बाजार भवन व्यवस्था उच्चस्तरीय थी।
सन् 1746 ई. में खिमलासा बुंदेलों के पास से पेशवा के पास चला गया।
पेशवा ने 1818 में खिमलासा को अग्रेजों को सौप दिया। 1818 के पश्चात यह क्षेत्र ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन हो गया। सन् 1834 ई. में खुरई से जोड दिया गया।
सन् 1857 में बानपुर के राजा ने खिमलासा खुरई को अपने अधिकार में ले लिया।
सन् 1861 में प्रशासनिक व्यवस्था के लिए नागपुर क्षेत्र में मिला लिया गया।
यह व्यवस्था 1956 तक नये मध्यप्रदेश राज्य के गठन तक बनी रही।
इन्हें भी देखें
खुरई
सागर ज़िला
सन्दर्भ
मध्य प्रदेश के गाँव
सागर ज़िला
सागर ज़िले के गाँव | 647 |
192118 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A5%81%E0%A4%A4%20%E0%A4%85%E0%A4%AA%E0%A4%98%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%AF | विद्युत अपघट्य | रसायन विज्ञान में उन पदार्थों को विद्युत अपघट्य (electrolyte) कहते हैं जिनमें मुक्त एलेक्ट्रॉन होते हैं जो उस पदार्थ को विद्युत चालक बनाते हैं। किसी आयनिक यौगिक का जल में विलयन सबसे साधारण (आम) विद्युत अपघट्य है। इसके अलावा पिघले हुए आयनिक यौगिक तथा ठोस विद्युत अपघट्य भी होते है
सामान्यत: विद्युत अपघट्य अम्लों, क्षारों एवं लवणों के विलयन के रूप में पाये जाते हैं। इसके अतिरिक्त उच्च ताप एवं कम दाब पर कुछ गैसें भी विद्युत अपघट्य जैसा गुण प्रदर्शित करतीं हैं। कुछ जैविक (जैसे डीएनए, पॉलीपेप्टाइड्स आदि) एवं संश्लेषित बहुलकों (जैसे पॉलीस्टरीन सल्फोनेट) के विलयन भी विद्युत अपघटनीय होते हैं।
भौतिक रसायन
विद्युत चालक | 106 |
676020 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%97%E0%A5%87%E0%A4%82%E0%A4%A1%E0%A5%8B%E0%A4%B2%E0%A5%80 | गेंडोली | गेंडोली राजस्थान के बूंदी जिला के पास में बसा हुआ एक छोटा गाँव है जोकि जिले से 40 किलोमीटर दूर है अरावली पर्वतमाला के नजदीक स्थित है
इतिहास
बूंदी के वीर इतिहास में गेंडोली का नाम प्रमुख हैं। सूर्यमल्ल मिश्रण द्वारा लिखी गयी "रंग में भंग " से इस गाँव का इतिहास जुडा हुआ हे. प्राचीन काल में बूंदी के राज्य होने के समय गेंडोली का नाम गणनापुर था। यह पर इतिहास में यह मिथकों के अनुसार बूंदी की राजधानी हुआ करती थी। यह पर इतिहास से जोड़ने वाली कई कड़ियाँ हमको देखने को मिलती हे . संक्षिप्त में , यह का इतिहास बहुत खास होने की वजह से इसे बहुत कम ही लोग जन पाए हे और कुछ लोग मिथकीय कहानियो के आधार पर गाँव का इतिहास बताते है।
दर्शनीय स्थल
Kanchan Dham
यह गेण्डोली और फोलाई के बिच में स्थित है!
प्राचीन जैन मंदिर
यह प्राचीन जैन मंदिर तक़रीबन ५०० साल पुराना हैं। इस प्राचीन मंदिर के अंदर जैन समुदाय के भगवन की मूर्ति विराजमान हे . साथ ही यह पर प्राचीन काल की पुरानी भित्तिचित्र कला के भी ३ ४ उदाह्रहण हे . मिथकों के अनुसार यह पूरा मंदिर केवल एक ही खम्भे पर टिका हुआ हे , तथा इस महेल के निचे कई गलियारे हे जो की इसे कए अंजन जगहों से जोड़ते हे. जैन समुदाय के दृष्टिकोण से यह मंदिर काफी पवित्र हे .
नीलकंठ महादेव मंदिर
यह मुख्या सड़क RJSH29 से लगभग ३ किलोमीटर दूर स्थित हे . प्राचीन मान्यतो के अनुसार यहाँ पर 36 करोड़ देवी देवताओ की प्रतिमाये विराजमान थी जिनमे से अब प्राकर्तिक घटनाओ की वजह से लगभग ५०-६० ही बाकि रह गयी हे. इस पवित्र स्थान में श्री शिव शंकर भोलेनाथ का शिवलिंग विद्यमान हे जो की लगभग 5000 साल प्राचीन हे . शिवलिंग वर्त्तमान में भी सुरक्षित स्थिति में हे,और अन्य मूर्तियाँ जीर्णोद्धार स्थिति में हैं।
श्री चाचोलिया हनुमान जी का मंदिर
ये भी प्राचीनतम मंदिरों में से एक हे तथा यह पर श्रद्धालु बड़ी दूर दूर से आते हे . यह मंदिर भी पहाडियों के तलहटी में बसा हुआ हे.
मंशापूर्ण हनुमान जी का मंदिर
यह भी मुख्या बाजार में ही स्थित हे. मंदिर बहुत सुन्दर हे.
श्री कंकाली माता दी मंदिर
श्री कंकाली माता का मंदिर मुख्य सडक से 1/2km दूर रेगर बस्ती की ओर स्तिथ है। ये कंकाली माता का मन्दिर बहुत ही पुराना, व बताया जाता है, कि मंदिर की जगह जंगल था जहॉ कंकाली माता की मुरत मिली जहॉ कंकाली माता का भव्य मंदिर बनाया गया।
इस मंदिर मे भैरव बाबा, चावण्ड माता, लाल बाई, ठाकुर बाबा, के दर्शनिय स्थल स्तिथ है।
हर नवरात्रो मे माता रानी की पुजा की जाती है। तथा हर वर्ष नवरात्री मे माता की रैली(नैजा) डोल नंगारो के साथ पुरे गाव मे निकाली जाती है।
श्री बिजासन माता मंदिर
होटल और रेस्टोरेंट
1.मोदी होटल
2.प्रजापति रेस्टोरेंट
3.सैनी टी स्टाल
4.राठौर टी स्टाल
5.Paliwal photo studio | 476 |
43161 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A5%82%20%E0%A4%B2%E0%A4%AE%E0%A5%8D%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%88%20%E0%A4%97%E0%A4%A3%E0%A4%A8%E0%A4%BE | हिन्दू लम्बाई गणना | क्रम लिए भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का इतिहास देखें।
विभाग लिए प्राचीन भारतीय विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी देखें।
छोटी इकाइयां
इसकी अन्य इकाइयां इस प्रकार हैं:
1 अंगुल = 16 mm से 21 mm
4 अंगुल = एक धनु ग्रह = 62 mm से 83 mm;
8 अंगुल = एक धनु मुष्टि (अंगुष्ठ उठा के) = 125 mm से 167 mm ;
12 अंगुल = 1 वितस्ति (अंगुषठ के सिरे से पूर्रे हाथ को खोल कर कनिष्ठिका अंगुली के सिरे तक की दूरी) = 188 mm से 250 mm
2 वितस्ति = 1 अरत्नि (हस्त) = 375 mm से 500 mm
4 अरति = 1 दण्ड = 1.5 से 2.0 m
2 दण्ड = 1 धनु = 3 से 4 m
5 धनु = 1 रज्जु = 15 m से 20 m
2 रज्जु = 1 परिदेश = 30 m से 40 m
100 परिदेश = 1 कोस (या गोरत) = 3 km से 4 km
4 कोस या कोश = 1 योजन = 13 km से 16 km
1,000 योजन = 1 महायोजन = 13,000 Km से 16,000 Km
अंगुष्ठ से दूरी (दांये चित्र में देखें)
तर्जनी तक=प्रदेश
मध्यम तक=नाल
अनामिका तक=गोकर्ण
कनिष्ठिका तक= वितस्ति = 12 अंगुल
(वायु पुराण के अनुसार एक अंगुल, अंगुली की एक गांठ के बराबर है और अन्य प्राधिकारियों के अनुसार सिरे पर अंगुष्ठ की मोटाई के बरबर है। )
वायु ने मनु के अधिकार के अन्तर्गत उपरोक्त समान गणना दी है, जो कि मनु संहिता में नहीं उल्लेखित है।
21 अंगुल= 1 रत्नि
24 अंगुल= 1 हस्त
2 रत्नि= 1 किश्कु
4 हस्त= 1 धनु
2000 धनु= l गव्यूति
8000 धनुष= 1 योजन
दुर्ग चार प्रकार के होते हैं,
इनमें से तीन पर्वत या जल से घिरे होते हैं और चौथी प्रकार खेत, नगर या ग्राम की कृत्रिम सुरक्षा द्वारा बनती है।
सर्वश्रेष्ठ नगर एक मील लम्बा और आधा मील चौड़ा होता है और ईषान (पूर्वोत्तर) कोण मुखी हो, साथ ही किसी ऊंची दीवार या खाई से घिरा होता है। खेत नगर से एक योजन दूर हों और ग्राम से आधा योजन दूर.
नगर के मुख्य बिन्दुओं को जोड़ने वाली सड़कें बीस धनुष चौड़ी हों . ग्राम सड़कें एक समान हों. प्रधान चौड़ी सड़क दस धनुष, काटती सड़कें चार धनुष चौड़ी और घरों के सामने की गलियां दो धनुष की और सड़क किनारे के पैदल पथ चार हस्त. घर के मुख्य द्वार तीन हस्त. अन्य प्रवेश द्वार और संकरे. यह पौराणिक विवरण है।
रजलोक
एक रजलोक होता है, एक देवता द्वारा छः मास तक2,057,152 योजन प्रति समय (लगभग. 2,047,540,985,856,000 किलोमीटर या 216.5 प्रकाश वर्ष). इसे १००० भार की लौह गेंद को छः मास मुक्त गति से स्वर्ग, इंद्र के गॄह से गिराया जाये, तो उससे तय हुई दूरी के बराबर भी माना जा सकता है।
सात रज्जु = एक जगश्रेणी
ब्रह्माण्ड का परिमाण
यह अधिक वर्णित नहीं है।
योजन
पृथ्वी की लम्बाई हेतु सर्वाधिक प्रयोगित इकाई है योजन। धार्मिक विद्वान भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने अपने पौराणिक अनुवादों में सभी स्थानों पर योजन की लम्बाई को 8 मील (13 कि॰मी॰) बताया है।। अधिकांश भारतीय विद्वान इसका माप 13 कि॰मी॰ से 16 कि॰मी॰ (8-10 मील) के लगभग बताते हैं।
क्षेत्र की इकाइयां
बीघा
एक बीघा बराबर है:
2500 वर्ग मीटर (राजस्थान) में
1333.33 वर्ग मीटर (बंगाल) में
14,400 वर्ग फ़ीट (1337.8 m²) या 5 कथा (आसाम) में, एक कथा = 2,880 वर्ग फ़ीट (267.56 m²).
एक कथा = 720 वर्ग फ़ीट
नेपाल में
1 बीघा = 20 कठ्ठा (लगभग 6882.00 m²)
1 कठ्ठा = 20 धुर (लगभग 338.60 m²)
1 बीघा= 13.53 रोपनी
1 रोपनी = 16 आना (लगभग 508.74 m²)
1 आना= 4 पैसा (लगभग 31.80 m²)
1 पैसा= 4 दाम (7.95 m²)
१ हेक्टर =१०००० वर्ग मिटर
=१९ रोपनी १० आना
=१बिगा ९ कट्ठा १० धुर
१ एकड =७.९५ रोपनी {१ रोपनी =१६ आना }
भार की इकाइयां
रत्ती भारतीय पारंपरिक भार मापन इकाई है, जिसे अब 0.12125 ग्राम पर मानकीकृत किया गया है। यह रत्ती के बीज के भार के बराबर होता था।
1 तोला = 12 माशा = 11.67 ग्राम (यह तोला के बीज के भार के बराबर्होता था, जो कि कुछ स्थानों पर जरा बदल जाता था)
1 माशा = 8 रत्ती = 0.97 ग्राम
1 धरनी = 2.3325 किलोग्राम (लगभग 5.142 पाउण्ड) = 12 पाव (यह नेपाल में प्रयोग होती थी)।
१ सेर = १ लीटर = 1.06 क्वार्ट (इसे सन १८७१ में यथार्थ १ लीटर मानकीकृत किया गया था, जो कि बाद में अप्रचलित हो गयी थी)
१ पंसेरी = पांच सेर = 4.677 kg (10.3 पाउण्ड)
१ सेर = ८० तोला चावल का भार
इन्हें भी देखें
हिन्दू मापन प्रणाली
हिन्दू महत्ता के क्रम (Hindu Orders of Magnitude)
हिन्दू काल गणना
भारतीय गणित
सन्दर्भ्
बाहरी कड़ियाँ
।
हिन्दू इकाइयाँ
लम्बाई की इकाइयाँ | 774 |
833160 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A5%A8%E0%A5%A6%E0%A5%A7%E0%A5%AD%20%E0%A4%AF%E0%A5%82%E0%A4%88%E0%A4%8F%E0%A4%AB%E0%A4%8F%20%E0%A4%9A%E0%A5%88%E0%A4%82%E0%A4%AA%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%82%E0%A4%B8%20%E0%A4%B2%E0%A5%80%E0%A4%97%20%E0%A4%AB%E0%A4%BE%E0%A4%87%E0%A4%A8%E0%A4%B2 | २०१७ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल | २०१७ यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल, 2016–17 यूईएफए चैंपियंस लीग का अंतिम मैच था। यूईएफए द्वारा आयोजित यूरोप के इस प्रमुख क्लब फुटबॉल टूर्नामेंट का यह 62 वाँ और यूरोपीय चैंपियन क्लब कप से नाम परिवर्तन करके यूईएफए चैंपियंस लीग करने के बाद यह 25 वाँ संस्करण था। यह कार्डिफ, वेल्स में मिलेनियम स्टेडियम द्वारा आयोजित किया गया, फाइनल मैच दो स्पेनी टीम रियल मैड्रिड और इतालवी टीम जुवेंटस के बीच था।
रियल मैड्रिड ने 4–1 के अंतर से यह मैच जीतकर रिकार्ड बारहवां बार यूरोपीय खिताब जीता।
फाइनल के लिए मार्ग
टिप्पणी: नीचे के सभी परिणामों में, फाइनलिस्ट स्कोर पहले दिया जाता है।
|- style="background:#C1E0FF"
|प्रतिद्वंद्वी
|परिणाम
|1st लेग
|2nd लेग
|नॉकआउट चरण
|प्रतिद्वंद्वी
|परिणाम
|1st लेग
|2nd लेग
|-
|align=left| पोर्टो
|3–0
|2–0 (A)
|1–0 (H)
|style="background:#C1E0FF"|16 का दौर
|align=left| नपोलि
|6–2
|3–1 (H)
|3–1 (A)
|-
|align=left| बार्सिलोना
|3–0
|3–0 (H)
|0–0 (A)
|style="background:#C1E0FF"|क्वार्टर फाइनल
|align=left| बेयर्न म्यूनिख
|6–3
|2–1 (A)
|4–2 (H)
|-
|align=left| मोनाको
|4–1
|2–0 (A)
|2–1 (H)
|style="background:#C1E0FF"|सेमी फाइनल
|align=left| एटलेटिको मैड्रिड
|4–2
|3–0 (H)
|1–2 (A)
|}
मैच विस्तार
</onlyinclude>
{| style="width:100%; font-size:90%;"
|
सामनावीर:
क्रिस्टियानो रोनाल्डो (रियल मैड्रिड)
सहायक रेफरी:
मार्क बोर्श (जर्मनी)
स्टीफन लुप (जर्मनी)
चौथा अधिकारी:
मिलोराड मेज़िक (सर्बिया)
अतिरिक्त सहायक रेफरी:
बास्टियन डंकर्ट (जर्मनी)
मार्को फ्रिट्ज (जर्मनी)
रिज़र्व रेफरी:
राफेल फोल्टिन (जर्मनी)
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
यूईएफए.कॉम
आधिकारिक वेबसाइट
फुटबॉल
यूईएफए चैंपियंस लीग | 223 |
831935 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%90%E0%A4%A8%E0%A5%80%20%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%80%E0%A4%B5%E0%A5%87%E0%A4%A8%E0%A4%B8%E0%A4%A8 | ऐनी स्टीवेनसन |
ऐनी स्टीवेनसन
जीवन परिचय
ऐनी स्टीवेनसन का जन्म ३ जनवरी, १९३३ को हुआ था। वह अमेरिकी- ब्रिटिश कवि और लेखक हैं। वह विशिष्टता के बिना बुद्धिमान हैं। उनकी तकनीक निर्दोष और उनकी कल्पना ज्वलंत हैं। ऐनी के माता-पिता लुईस डेस्टलर स्टीवेनसन और सी एल स्टीवेनसन सिनसिनाटी हाई स्कूल में मिले थे। वह कैम्ब्रिज इंग्लैंड में साथ रहे थे। विटजेंस्टीन में उनकी बेटी ऐनी का जन्म हुआ था। जब ऐनी छह महीने कि थी, उनके माता-पिता अमेरिका लौट आए थे। वह न्यू इंग्लैड में बली-बडी है। वह तीनों बेटियों में सबसे बडी थी। उन्होंने मिशिगन स्कूल में पढाई कि थी। उनके पिता समर्पित पियानोवादक थे और कविताओं के प्रेमी थे। उनकी माँ उपन्यास लिखती थी और एक प्रतिभाशालि कथाकार थी। स्टीवनसन ने पियानो और सैलओ सिखा था और १९ कि उम्र में उन्होंने यह सोच लिया था कि वह एक पेशवर संगीतकार बनेगी। उसने मिशिगन विश्वविदयालय में संगीत और भाषा पढी, जहाँ धीरे-धीरे उन्होंने अपनी सुनवाई खो दी, तब उन्होंने लेखक बनने का निर्णय किया। १९५४ में अपनी स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद वह ब्रिटेन लौट आई, जहाँ पर उन्होंने अपना अधिकतर जीवन जिया था। ऐनी ने अपने बच्चपन के दोस्त से शादी कि थी परंतु वह शादी सफल नहीं हुई और उन्होंने यह निर्णय किया कि वह अकेले ही जीवन बिताएगी।
साहित्यिक व्यवसाय
१९६० में उन्होंने कैम्ब्रिज, ग्लासगो,डंडी और ऑक्सफोर्ड में रह कर लिखना शरू किया। वह डन्डी विश्वविद्यालय में एक लेखक के पद से रहती थी और ईवेनगेलिन पैटरसन में अन्य काव्य पत्रिका कि स्थापन कि थी। १९७९ में उन्होंने माइकल फार्ले के साथ 'कविता पुस्तकशाला' शुरु किया, फिर १९८२ में वह सुंदरलैंड चली गई। ऐनी ने एक दर्जन से ज्यादा कविताँ सस्करणों में लिखी है। उन्होंने विवादस्पद जीवनचर्या के निबंध और साहित्यिक आलोचना कि किताबें लिखी हैं। उनकी प्रमुख रचनाएँ है- अमेरिका में जीवन, सीमा से एक रिपोर्ट, ए लाफइ ऑफ़ सिल्वया प्याथ(१९८९) और एलिजाबेथ बिशप के दो महत्वपूर्ण अध्ययन लिखे हैं। २००७ में ऐनी को लैंगन लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था उनकी अंग्रेजी भाषा के योगदान को ध्यान मे रखते हुए। उन्हें कविता फाउंडेशन से अवहेलनात्मक परास्नातक पुरस्कार प्राप्तकर्ता है।
लेखन शैली
ऐनी स्टीवनसन कि कविताओं की सही समझ आने के लिए लोगों को गहराई में जाकर सोचना पड़ता हैं। उनकी कविताँ तीन भागों में बटी हुइ है- एक समय,एक जनजाति, एक युद्ध। पारिवारिक कविताओं के साथ वह दूसरे खंड में चलती है जिसमें अस्तित्व के लिए मानसिक संर्घष है, जो समय और हानि पर समाप्त होता है। उनका मनना है कि प्रत्येक शब्द का वजन होता है इसलिए कविताओं को धीरे-धीरे पड़ना चाहिए समझ कर। वह अक्सर अपने दिमाग से कवितारएँ लिखती है परंतु वह यह ध्यान रखती है कि किसी कि भावनाओं को चोट ना पहुँचे। उन्होंने किसी भी कविता कि पंक्ति को आकस्मिक या बिना सोचे-समझे नही लिखा है। वह एक उज्जवल और सटीक कवयित्री है।
अंत
वह एक प्रतिबिन्तित कवयित्री हैं। उनकी कविताएँ प्रशनों से भरी होती है, जो व्यक्ति को सोचने पर मजबोर कर देती है। उनकी कविताओं ने बहुत से पुरस्कार जीते है। वह उन कवयित्रियों में से थी जिनकी कविताएँ दिलों पर छाप छोड़ देती हैं। उनहोंने चीजों के किनारों पर, कलात्मक और भौगोलिक रूप में रहने वाली भावना को कभी नही छोड़ा और इसी कारण वह इतनी स्पष्ट है।
उल्लेख
१-https://www.poetryarchive.org/poet/anne-stevenson
२-https://en.wikipedia.org/wiki/Anne_Stevenson
३-https://quod.lib.umich.edu/cgi/t/text/text-idx?cc=mqr;c=mqr;c=mqrarchive;idno=act2080.0040.420;g=mqrg;rgn=main;view=text;xc=1
४-http://www.anne-stevenson.co.uk/
कवि
लेखक | 542 |
183984 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B6%E0%A4%82%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B5%20%E0%A4%95%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A5%87%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0 | शंकरदेव कलाक्षेत्र | शंकरदेव कलाक्षेत्र असम का सांस्कृतिक संग्रहालय है। यह गुवाहाटी शहर के पंजाबाड़ी क्षेत्र में स्थित है। यह एक ही परिसर में पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र को दर्शाते हुए एक कला और सांस्कृतिक संग्रहालय है। यहॉ बच्चों के लिए एक सुंदर पार्क है। परिसर के अंदर दर्शनीय बनाने के लिए जल्दी ही एक ऊंचा सरर्कुलर रेल बनाया जाएगा।
यह गुवाहाटी का प्रमुख पर्यटन स्थल भी है। इसे असम की संस्कृति और जीवन को दर्शाने के लिए बनवाया गया है। असम के लोगों को संगठित करने वाले, महान वैष्णव भक्त कवि, सन्त एवं नाटककार श्रीमंत शंकरदेव के नाम पर इस कलाक्षेत्र का नाम रखा गया। यहां विविध कला परिसर हैं। 2000 लोगों की क्षमता वाला यहां के ओपन एयर थियेटर में सांस्कृतिक पर्व और नृत्य आयोजित होते रहते हैं। यहां का साहित्य और ललित कला भवन भी खासे लोकप्रिय हैं।
इसका निर्माण सन् १९९० के दशक में किया गया था।
कला
संग्रहालय
असम | 150 |
502139 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%9C%E0%A4%BF%E0%A4%AC%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A4%B0%20%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%AF%20%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A5%87%E0%A4%9F%20%E0%A4%9F%E0%A5%80%E0%A4%AE | जिब्राल्टर राष्ट्रीय क्रिकेट टीम | जिब्राल्टर राष्ट्रीय क्रिकेट टीम ब्रिटिश प्रवासी शासित प्रदेश जिब्राल्टर का अन्तराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रतिनिधित्व करने वाली टीम है। टीम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की वर्ष 1969 से सहयोगी सदस्य है। टॅस्ट क्रिकेट नहीं खेलने वाली यूरोपीय टीमों में जिब्राल्टर की टीम इस समय छठे स्थान पर है।
इतिहास
प्रारंभिक इतिहास
जिब्राल्टर इबेरियाई प्रायद्वीप के दक्षिणी सिरे पर स्थित एक ब्रिटिश प्रवासी शासित प्रदेश है। यहाँ अट्ठारहवी सदी के अंत में ब्रिटिश सैनिकों द्वारा क्रिकेट का खेल लाया गया। वर्ष 1800 से ही रॉक ऑफ़ जिब्राल्टर के उत्तर में एक क्रिकेट का मैदान है। 1822 तक सैनिकों के साथ-साथ जिब्राल्टर की समान्य जनता ने भी क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया। जिब्राल्टर क्रिकेट क्लब की स्थापना 1883 में हुई। यह बीसवी सदी तक जिब्राल्टर में नागरिक क्रिकेट का आधार साबित हुआ।
वर्ष 1890 में इंग्लैंड के दौरे पर जा रही ऑस्ट्रेलिया राष्ट्रीय क्रिकेट टीम जिब्राल्टर में रुकी थी। असल में जिस जहाज पर ऑस्ट्रेलियाई टीम अपनी इंग्लैंड की यात्रा के लिए सवार थी उसकी टक्कर दो अन्य जहाजों से हो गई थी जिसके परिणामस्वरूप टीम के जहाज को जिब्राल्टर बंदरगाह में रुकना पड़ा। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने एक मैच जिब्राल्टर गैरीसन टीम के विरुद्ध खेला। स्थानीय टीम केवल पच्चीस रन के स्कॉर पर ही सिमट गई थी जबकि विरोधी ऑस्ट्रेलियाई टीम ने आठ विकेट के नुकसान पर एक सौ पचास रन बनाए थे।
1930 के दशक में खेल में समृद्धि हुई जिसमें जिब्राल्टर से स्थानीय स्तर पर पैदा हुआ कई क्रिकेट खिलाड़ी आए। हालांकि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान खेल की यह वृद्धि थम गई चूँकि कई क्रिकेट के मैदान मिलिट्री द्वारा सैन्य प्रयोजनों के लिए प्रयोग किए जाने लगे। इनमें से एक को तो हवाई पट्टी ही बना दिया गया।
युद्धोत्तर वर्ष
1950 के दशक में जिब्राल्टर में क्रिकेट क्लबों की संख्या में बढ़ोतरी हुई तथा 1960 जिब्राल्टर क्रिकेट संघ (जिब्राल्टर क्रिकेट एसोसिएशन) की स्थापना हुई। 1969 में टीम को अन्तराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की सहयोगी सदस्यता के लिए निर्वाचित किया गया। 1973 अंग्रेज़ी घरेलू सत्र की समाप्ति के पश्चात एसेक्स काउंटी क्रिकेट क्लब ने जिब्राल्टर का दौरा किया। 12 सितम्बर 1973 के दिन क्लब की टीम ने स्थानीय टीम रॉक XI के विरुद्ध एक दिवसीय मैच खेला। मैच जिब्राल्टर क्रिकेट मैदान में आयोजित हुआ था, जिसमें एसेक्स की 178 रन के विशाल अंतर से जीत हुई। इसके पश्चात भविष्य में इंग्लैंड से विभिन्न स्तर की टीमों का जिब्राल्टर दौरा जारी रहा।
1982 में जिब्राल्टर ने दूसरी आई॰सी॰सी॰ ट्रोफ़ी (आईसीसी वर्ल्ड कप क्वालीफायर) प्रतियोगिता में भाग लिया। इस प्रतियोगिता के विजेता को 1983 विश्व कप के लिए पात्रता मिलनी थी। जिब्राल्टर एक भी मैच नहीं जीत पाया। हालांकि टीम ने इसी प्रतियोगिता के 1986 संस्करण में अपने प्रदर्शन में सुधार किया और अपनी पहली अन्तराष्ट्रीय विजय इजरायली टीम के विरुद्ध प्राप्त करी। मैच में पहले खेलते हुए इजरायली टीम ने जिब्राल्टर के लिए जीत के लिए 263 रन का लक्ष्य रखा। जिब्राल्टर ने यह लक्ष्य 58.4 ओवर्स में सात विकेट के नुकसान के साथ प्राप्त कर लिया। अगले टूर्नामेंट में टीम ने और भी अच्छा प्रदर्शन किया, जिसमें इन्होंने पूर्व और मध्य अफ़्रीका, सिंगापुर व इजरायल की टीमों को पराजित किया तथा प्लेट प्रतियोगिता तक का सफ़र तय किया। 1992 में इजरायल ने जिब्राल्टर का दौरा किया। हालांकि जिब्राल्टर की टीम तीन विकेट से पराजित हो गई थी परन्तु यह मैच जिब्राल्टर में क्रिकेट के इतिहास के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह टीम का अपनी जमीन पर पहला अन्तराष्ट्रीय मैच था।
जिब्राल्टर की टीम 1994 आई॰सी॰सी॰ ट्रोफ़ी में बीसवे स्थान पर रही, जिसमें इसे एक भी मैच में सफ़लता प्राप्त नहीं हुई। 1996 में टीम ने पहली बार यूरोपियन क्रिकेट चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया। चैम्पियनशिप डेनमार्क की राजधानी कोपनहेगन में हुई थी। जिब्राल्टर की टीम ग्रुप ए में आयरलैंड, मेजबान डेनमार्क और इटली की टीमों के साथ थी। ग्रुप के तीन मैचों में से केवल एक में ही जिब्राल्टर को जीत हाथ लगी, जिसमें टीम ने इटली को छह विकेट से पराजित किया। प्ले-ऑफ़ में स्कॉटलैंड की टीम से नौ विकेट से हारने के पश्चात जिब्राल्टर अंतिम रैंकिंग तालिका में छठे स्थान पर रहा। अगले वर्ष आयोजित हुई आई॰सी॰सी॰ ट्रोफ़ी में टीम उन्नीसवे स्थान पर रही और 1998 यूरोपियन चैम्पियनशिप में अपने बुरे प्रदर्शन के साथ दस टीमों में सबसे अंत में रही।
1999 में 22 से 25 सितम्बर के बीच जिब्राल्टर ने चतुष्कोणीय टूर्नामेंट का आयोजन किया जिसमें अन्य तीन टीम थीं: फ़्रांस, इजरायल और इटली। अपने पहले मैच में टीम ने फ़्रांसीसी टीम को छह विकेट से पराजित किया। अगले मैच में टीम का मुकाबला इटली से हुआ। टॉस जितने के पश्चात इटली ने बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया और सात विकेट के नुकसान के साथ 275 रन का स्कॉर जिब्राल्टर के समक्ष रखा। जिब्राल्टर की टीम लक्ष्य का पीछा करती हुई 44.4 ओवर्स में 164 रनों के साथ ऑल-आउट हो गई, परिणामस्वरूप इटली ने 120 के भारी अंतर से जिब्राल्टर को हरा दिया। जिब्राल्टर की टीम टूर्नामेंट के दूसरे सेमिफाइनल में इजरायल के साथ खेली। इजरायल ने टॉस जितने के साथ बल्लेबाजी का फैसला लिया और नौ विकेट खो कर 226 रन बनाएँ। पारी की तीन गेंद शेष रहते हुए जिब्राल्टर ने यह लक्ष्य छह विकेट के नुकसान के साथ प्राप्त कर लिया और फाइनल मैच में अपनी जगह सुनिश्चित कर ली। 25 सितम्बर के दिन यूरोपा स्टेडियम में आयोजित हुए टुर्नामेंट के फाइनल में इटली और जिब्राल्टर कप जितने के लिए एक-दूसरे के विरुद्ध खेले। टॉस जिब्राल्टर ने जीता और बल्लेबाजी चुनी। टीम ने इटली के लिए 114 रन का एक छोटा लक्ष्य रखा जिसे इटली ने 23.2 ओवर्स में ही सात विकेट के नुकसान के साथ प्राप्त कर लिया और इसी के साथ टुर्नामेंट में प्रथम स्थान अर्जित किया।
यूरोपियन चैम्पियनशिप वर्ष 2000 में दो डिवीजनों में बट गई थी। जिब्राल्टर डिविजन दो का हिस्सा था जो इसने अंततः जीती भी। इसके अगले वर्ष टीम कनाडा के दौरे पर गई जहाँ इसने 2001 आई॰सी॰सी॰ ट्रोफ़ी में भाग लिया। जिब्राल्टर को डिविजन दो के ग्रुप ए में नामीबिया, नेपाल, जर्मनी, पश्चिम अफ़्रीका और इटली के साथ रखा गया था। इटली और पश्चिम अफ़्रीका के टुर्नामेंट से अपना नाम वापस लेने के कारण जिब्राल्टर को केवल तीन ही मैच खेलने थे। जिब्राल्टर तीनों ही मैचों में पराजित हुआ तथा जिसके परिणामस्वरूप अगले दौर में नहीं पहुँच पाया।
जिब्राल्टर ने यूरोपियन चैम्पियनशिप डिविजन दो का अपना खिताब 2002 में बचाया परन्तु 2004 में ये इस सफ़लता को जारी नहीं रख पाए और छह देशों के टुर्नामेंट में पाँचवे स्थान पर रहे। टीम 2005 आई॰सी॰सी॰ ट्रोफ़ी के लिए क्वालीफाई करने में भी विफल रही और 2006 यूरोपियन चैम्पियनशिप की डिविजन दो में जर्मनी से प्ले-ऑफ़ हारने के पश्चात चौथे स्थान पर रही। आईसीसी यूरोपियन डिवीजन 2 चैम्पियनशिप 2008 का आयोजन किरीटाधीन क्षेत्र ग्वेर्नसे में 18 से 23 अगस्त के बीच हुआ। टुर्नामेंट में छह देशों की राष्ट्रीय टीमों ने हिस्सा लिया था: क्रोएशिया, जर्मनी, फ़्रांस, ग्वेर्नसे, जिब्राल्टर और जर्सी। इसमें जिब्राल्टर की टीम तीसरे स्थान पर रही। आईसीसी यूरोपियन 2 डिवीजन चैम्पियनशिप 2010 का आयोजन भी ग्वेर्नसे में ही हुआ जिसमें छह राष्ट्रीय टीमों ने हिस्सा लिया। जिब्राल्टर को अपने पाँचो मैचों में असफलता मिली और टीम अंक तालिका में सबसे नीचे रही।
2011 आई॰सी॰सी॰ यूरोपियन ट्वेंटी 20 चैम्पियनशिप डिवीजन एक क्षेत्रीय अर्हता चरण था जिसकी दो सर्वश्रेष्ठ टीमों को 2012 आई॰सी॰सी॰ विश्व ट्वेंटी 20 क्वालीफायर में स्थान मिलना था। इस टुर्नामेंट में यूरोपीय क्रिकेट परिषद की बारह सदस्य टीमों ने हिस्सा लिया: ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, क्रोएशिया, डेनमार्क, फ़्रांस, जर्मनी, जिब्राल्टर, ग्वेर्नसे, इजरायल, इटली, जर्सी और नॉर्वे। जिब्राल्टर ने जमर्नी को 23 रनों से हराया और नौवा स्थान प्राप्त किया। इस टुर्नामेंट के फाइनल में डेनमार्क ने इटली को हराकर प्रथम स्थान अर्जित किया था परन्तु दोनो ही टीमों को दुबई में आयोजित होनी वाले 2012 आई॰सी॰सी॰ विश्व ट्वेंटी 20 क्वालीफायर में जगह मिली।
क्रिकेट संघ
जिब्राल्टर क्रिकेट संघ जिब्राल्टर में क्रिकेट की आधिकारिक शासी निकाय है। इसका वर्तमान कार्यालय आयरिश टाउन में स्थित है। संघ जिब्राल्टर का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद में प्रतिनिधित्व करता है
जिसका यह वर्ष 1969 से सदस्य है तथा वर्तमान समय में परिषद का सहयोगी सदस्य है। संघ यूरोपीय क्रिकेट परिषद का भी सदस्य है।
सन्दर्भ
क्रिकेट | 1,318 |
1270222 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%AC%E0%A5%82%20%E0%A4%9B%E0%A5%8B%E0%A4%9F%E0%A5%87%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%B2%20%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%B5 | बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव | बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव (28 फरवरी 1889 - 18 जुलाई 1976), छत्तीसगढ के एक स्वतंत्रता सेनानी थे बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव दृढ़ता और संकल्प के प्रतीक थे। छत्तीसगढ़ के इतिहास की प्रमुख घटना कंडेल नहर सत्याग्रह के वह सूत्रधार थे।
छोटेलाल श्रीवास्तव का जन्म 28 फरवरी 1889 को कंडेल के एक संपन्न परिवार में हुआ था। पं. सुन्दरलाल शर्मा और नारायणराव मेघावाले के सम्पर्क में आकर उन्होंने राष्ट्रीय आन्दोलनों में भाग लेना शुरू कर दिया। वर्ष 1915 में उन्होंने श्रीवास्तव पुस्तकालय की स्थापना की। यहाँ राष्ट्रीय भावनाओं से ओतप्रोत देश की सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाएं मंगवाई जाती थी। आगे चल कर धमतरी का उनका घर स्वतंत्रता संग्राम का एक प्रमुख केंद्र बन गया। वह वर्ष 1918 में धमतरी तहसील राजनीतिक परिषद के प्रमुख आयोजकों में से थे।
छोटेलाल श्रीवास्तव को सर्वाधिक ख्याति कन्डेल नहर सत्याग्रह से मिली। अंग्रेजी सरकार के अत्याचार के खिलाफ उन्होंने किसानों को संगठित किया। अंग्रेजी साम्राज्यवाद के खिलाफ संगठित जनशक्ति का यह पहला अभूतपूर्व प्रदर्शन था। वर्ष 1921 में स्वदेशी प्रचार के लिए उन्होंने खादी उत्पादन केंद्र की स्थापना की। वर्ष 1922 में श्यामलाल सोम के नेतृत्व में सिहावा में जंगल सत्याग्रह हुआ। बाबू साहब ने उस सत्याग्रह में भरपूर सहयोग दिया। जब वर्ष 1930 में रुद्री के नजदीक नवागांव में जंगल सत्याग्रह का निर्णय लिया गया, तब बाबू साहब की उसमें सक्रिय भूमिका रही। उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। जेल में उन्हें कड़ी यातना दी गई। वर्ष 1933 में गांधीजी ने पुनः छत्तीसगढ़ का दौरा किया। वह धमतरी गए। वहां उन्होंने छोटेलाल बाबू के नेतृत्व की प्रशंसा की। वर्ष 1937 में श्रीवास्तवजी धमतरी नगर पालिका निगम के अध्यक्ष निर्वाचित हुए। वर्ष 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में भी बाबू साहब की सक्रिय भूमिका थी। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
कंडेल में 18 जुलाई 1976 को उनका देहावसान हो गया।
सन्दर्भ
स्वतंत्रता सेनानी | 296 |
701012 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%88%E0%A4%A8%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%AE%E0%A5%8D%E0%A4%AC-%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%9C%E0%A4%BC%20%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%80 | स्टैनकोम्ब-विल्ज़ हिमानी | स्टैनकोम्ब-विल्ज़ हिमानी (Stancomb-Wills Glacier) पूर्वी अंटार्कटिका के रानी मौड धरती क्षेत्र की एक बड़ी हिमानी (ग्लेशियर) है जिसकी हिमधारा पूर्वी वेडेल सागर में बह जाती है। यह प्रवाह पास के लिडन द्वीप से बिलकुल दक्षिण में है। स्टैनकोम्ब-विल्ज़ हिमानी का सबसे पहचाने जाने वाल पेहलू इसकी "जीभ" है। स्टैनकोम्ब-विल्ज़ हिमानी जिह्वा (Stancomb-Wills Glacier Tongue) कहलाने वाली यह हिम-आकृति २३० किमी लम्बी है। यह जिह्वा अंत में ३० किमी चौड़ी और बीच के कुछ स्थानों पर ५० किमी चौड़ी तक है। यदि जिह्वा की बर्फ़ की ऊँचाई मापी जाए तो यह आसपास की हिमचादर की बर्फ़ से लगभग १० मीटर ऊँची भी है, यानि जिह्वा आसानी से अलग देखी जा सकती है। वेडेल सागर पहुँचकर यह समुद्री बर्फ़ तक जाती है।
इन्हें भी देखें
हिमधारा
रीज़र-लार्सन हिमचट्टान
सन्दर्भ
रानी मौड धरती की हिमानियाँ
अंटार्कटिका की हिमधाराएँ | 135 |
617879 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%9B%20%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%9B%20%E0%A4%B2%E0%A5%8B%E0%A4%9A%E0%A4%BE%20%E0%A4%B9%E0%A5%88 | कुछ कुछ लोचा है | कुछ कुछ लोचा है एक भारतीय बॉलीवुड फ़िल्म है, जिसका निर्देशन देवांग ढोलकिया ने किया है। इस फ़िल्म में मुख्य किरदार राम कपूर, इवेलिन शर्मा और सन्नी लियोन हैं। यह फ़िल्म 8 मई 2015 को सिनेमाघरों में प्रदर्शित होगी।
कहानी
इस फ़िल्म के कहानी में राम एक अमीर गुजरती व्यापारी और सन्नी एक प्रसिद्ध अभिनेत्री रहते हैं। जब वह एक दूसरे से मिलते हैं तो कई हास्य की स्थितियाँ उत्पन्न हो जाती हैं।
कलाकार
राम कपूर
सन्नी लियोन
एवलिन शर्मा
नवदीप चबब्रा
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
2015 में बनी हिन्दी फ़िल्म | 90 |
9883 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%85%E0%A4%82%E0%A4%97%20%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%AA%E0%A4%A3 | अंग प्रत्यारोपण | अंग प्रत्यारोपण से अभिप्राय किसी शरीर से एक स्वस्थ और कार्यशील अंग निकाल कर उसे किसी दूसरे शरीर के क्षतिग्रस्त या विफल अंग की जगह प्रत्यारोपित करने से है, (किसी रोगी के एक अंग को उसी रोगी के किसी दूसरे अंग में प्रत्यारोपित करना भी अंग प्रत्यारोपण की श्रेणी में आता है)। अंग दाता जीवित या मृत दोनो हो सकता है।
जो अंग प्रत्यारोपित हो सकते हैं उनमे हृदय, गुर्दे, यकृत, फेफड़े, अग्न्याशय, शिश्न, आँखें और आंत शामिल हैं। ऊतक जो प्रत्यारोपित हो सकते हैं उनमे अस्थियाँ, कंडर (टेंडन), कॉर्निया, हृदय वाल्व, नसें, बाहु और त्वचा शामिल हैं।
प्रत्यारोपण औषधि, आधुनिक चिकित्सा क्षेत्र के सबसे चुनौतीपूर्ण और जटिल क्षेत्रों में से एक है। चिकित्सा प्रबंधन क्षेत्र की कुछ सबसे बड़ी समस्याओं में किसी शरीर द्वारा प्रत्यारोपित अंग को अस्वीकार कर देना है- जहां शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र प्रत्यारोपित अंग के विरुद्ध प्रतिक्रिया कर उसे नकार देता है और इसके कारण प्रत्यारोपण विफल हो जाता है और अब इस प्रत्यारोपित अंग को उस शरीर में ही कार्यशील बनाए रखना प्रत्यारोपण औषधि के लिए एक बड़ी चुनौती होती है। यह एक बहुत ही समय संवेदनशील प्रक्रिया है।
अधिकांश देशों में प्रत्यारोपण के लिए उपयुक्त अंगों की कमी है। अधिकांश देशों में अस्वीकृति के जोखिम को कम करने और आवंटन का प्रबंधन करने के लिए एक औपचारिक प्रणाली है। कुछ देश यूरोट्रांसप्लांट जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से जुड़े हैं ताकि दाता अंगों की आपूर्ति को सुनिश्चित किया जा सके।
प्रत्यारोपण कुछ जैव नैतिक मुद्दे भी उठाता है जैसे मृत्यु की परिभाषा, कब और कैसे एक अंग के लिए सहमति दी जानी चाहिए और प्रत्यारोपण में प्रयुक्त अंग के लिए भुगतान करना आदि।
चिकित्सा पद्धति | 270 |
1048773 | https://hi.wikipedia.org/wiki/2018%20%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%AC%E0%A4%B0%E0%A4%B2%20%E0%A4%A1%E0%A5%87%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%9F%E0%A4%BF%E0%A4%95%20%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%80%20%28%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%A8%29%20%E0%A4%95%E0%A5%87%20%E0%A4%85%E0%A4%A7%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%20%E0%A4%95%E0%A4%BE%20%E0%A4%9A%E0%A5%81%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%B5 | 2018 लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (जापान) के अध्यक्ष का चुनाव | 20 सितंबर 2018 को जापान के एलडीपी के अगले 3 साल के लिए नए अध्यक्ष के लिए चुनाव हुआ। वर्तमान अध्यक्ष शिंज़ो आबे, 2017 में एक नियम परिवर्तन के बाद फिर से चुनाव के लिए दौड़ रहे थे। इस परिवर्तन ने आबे को तीसरे कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ने की अनुमति दी।
आबे की जीत ने उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में प्रभावी रूप से तीन और साल दिए, उन्हें एक प्रतिष्ठित राजनेता तारो कात्सुरा द्वारा आयोजित देश के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्री का रिकॉर्ड तोड़ने का मौका मिला, जो 1901 से 1913 के बीच तीन बार सेवा दे चुके थे।
यदि आबे 21 नवंबर 2019 तक प्रधानमंत्री पद पर रहते हैं, तो उनके पास कात्सुरा द्वारा चिह्नित 2,886 दिन पार हो जाएंगे और वे जापान के सबसे अधिक समय तक प्रधानमंत्री पद पर रहने वाले प्रधानमंत्री बन जाएँगे।
उम्मीदवार
नामित
शिंजो आबे, वर्तमान एलडीपी अध्यक्ष और जापान के प्रधानमंत्री। पूर्व प्रधान मंत्री नोबुसुके किशी के पोते।
शिगेरु इशिबा, फुकुडा मंत्रिमंडल में पूर्व रक्षा मंत्री और 2012 के पार्टी अध्यक्ष के चुनाव में उपविजेता।
इरादा व्यक्त किया लेकिन नामांकन के लिए पर्याप्त वोट नहीं थे
सेइको नोदा, तत्कालीन-आंतरिक मंत्री।
काल्पनिक
तारो कोनो, वर्तमान विदेश मंत्री। योहि कोनो के पुत्र, हाउस ऑफ़ रेप्रेसेंटेटिव के पूर्व अध्यक्ष।
तारो असो, वर्तमान वित्त मंत्री और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री। पूर्व प्रधानमंत्री शिगेरू योशिदा के पोते।
शिंजिरो कोइज़ुमी, एलडीपी के पहले उप-महासचिव और पूर्व प्रधानमंत्री जुनिचिरो कोइज़ुमी के बेटे।
इंकार कर दिया
फुमियो किशिदा, एलडीपी के नीति अनुसंधान परिषद के वर्तमान अध्यक्ष और दूसरी और तीसरी आबे कैबिनेट में पूर्व विदेश मंत्री।
नतीजे
संदर्भ | 262 |
971777 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A5%80%20%E0%A4%AF%E0%A5%82%E0%A4%95%E0%A5%80 | सी यूकी | सी यूकी (; मंडारीन उच्चरण: ; जन्म 28 फ़रवरी 1996) चीनी बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। सीयूकी ने अपना प्रथम सुपरसीरीज खिताफ फ्रेंच ओपन में ३० अक्टूबर २०१६ में कोरिया के ली हुयान को हराकर जीता। उन्होंने अपनी प्रतिभा को पुरुष एकल के रूप में दिखाया। वर्ष २०१७ में ऑल इंग्लैण्ड ओपन में छः बार को विजेता लिन डैन को हराकर अन्तिम दौर में पहुँचे और २०१८ में भी लिन डैन को बाहर करते हुये विजेता बने।
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
विश्व बैडमिंटन संघ पर शी-यूकी
बैडमिंटन
बैडमिंटन खिलाड़ी | 86 |
9368 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A5%87%E0%A4%A6%E0%A4%9C | स्वेदज | यह शब्द हिंदी में काफी प्रयुक्त होता है, यदि आप इसका सटीक अर्थ जानते है तो पृष्ठ को संपादित करने में संकोच ना करें (याद रखें - पृष्ठ को संपादित करने के लिये रजिस्टर करना आवश्यक नहीं है)। दिया गया प्रारूप सिर्फ दिशा निर्देशन के लिये हैं, आप इसमें अपने अनुसार फेर-बदल कर सकते हैं।
उदाहरण स्वेदज का अर्थ है, स्वेद(पसीने)से पैदा होने वाला, जैसे- पैरों पर पसीना आने पर भी जब उसे साफ नही किया जाता है तब लगभग एक सप्ताह बाद बालों की जड़ के पास अति सूक्ष्म कीड़े पैदा हो जाते है, जो काले रंग के गोल आकार के होते है,इनका पता तब चलता है, जब तेज़ खुजली प्रारंभ हो जाती है।
मूल
अन्य अर्थ
संबंधित शब्द
हिंदी में
अन्य भारतीय भाषाओं में निकटतम शब्द
शब्दार्थ | 129 |
39743 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B6%20%281980%20%E0%A4%AB%E0%A4%BC%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%AE%29 | स्पर्श (1980 फ़िल्म) | स्पर्श 1980 में बनी हिन्दी भाषा की भारतीय फ़िल्म है। इसका निर्देशन और लेखन का कार्य सई परांजपे ने किया है।
संक्षेप
यह कहानी दृष्टिबाधितों पर आधारित है कि किस प्रकार दृष्टिहीन बच्चे अपना जीवन जीते हैं और उनका विद्यालय में कैसा जीवन बीतता है और वह किस प्रकार का महसूस करते हैं। स्पर्श नाम उनके स्पर्श करके महसूस करने से है। यह कहानी एक नवजीवन अंधविद्यालय से शुरू होती है, जिसका प्राचार्य अनिरुद्ध परमार (नसीरुद्दीन शाह) होते हैं। इस विद्यालय में 200 विद्यार्थी पढ़ते रहते हैं। एक दिन वह चिकित्सक से मिलने जाते समय उसे एक गाना सुनाई देता है। वह उस गाने को सुन कर मंत्रमुग्ध हो जाता है।
वह गाना कविता प्रसाद (शबाना आज़मी), जिसका हाल ही में पति कि मौत हो जाए रहती है। उसकी तीन वर्ष पूर्व शादी हुए रहती है। वह भी अपने आप को बिलकुल अकेला महसूस करते रहती है। उसकी केवल एक ही मित्र रहती है। मंजु (सुधा चोपड़ा) जो उसके बचपन से उसकी दोस्त रहती है।
कविता की मुलाक़ात मंजु द्वारा किए गए एक आयोजन के दौरान अनिरुद्ध से होती है। वह आवाज से पहचान जाता है। वार्तालाप के दौरान वह अपने विद्यालय में एक शिक्षक, जो संगीत सीखा सके। के बारे में कहता है। पहले कविता नहीं मानती है, लेकिन मंजु और उसके पति के कहने पर वह हाँ कह देती है।
वह कई समय विद्यालय में रहती है और उसकी दोस्ती अनिरुद्ध से हो जाती है। धीरे धीरे दोस्ती बहुत मजबूत हो जाती है। लेकिन दोनों की सोच बहुत अलग होती है।
चरित्र
मुख्य कलाकार
शबाना आज़मी - कविता
नसीरुद्दीन शाह - अनिरुद्ध
सुधा चोपड़ा
मोहन गोखले - जगदीश
प्राण तलवार
अरुण जोगलेकर
ओम पुरी - दुबे
अरुण सचदेव
मुकेश गौतम
दल
संगीत
इस फ़िल्म के संगीत को वेतेरण, संगीत निर्देशक कनू रॉय और बोल इन्दु जैन ने बनाया है।
रोचक तथ्य
परिणाम
कमाई
समीक्षाएँ
नामांकन और पुरस्कार
फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार
1985 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार - सई परांजपे
1985 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखक पुरस्कार
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
1980 में बनी हिन्दी फ़िल्म
फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार विजेता | 340 |
1167884 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%9C%E0%A5%80%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%88%20%E0%A4%A0%E0%A4%BE%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%B0 | जीवाभाई ठाकोर | जीवाभाई ठाकोर गुजरात में महीसागर जिले के लुणावाडा मे खानपुर के कोली ठाकोर थे। जिसने १८५७ की क्रांती के समय अंग्रेजों के खिलाफ हथियार उठाए थे एवं महीसागर क्षेत्र में वो ही पहले स्वतंत्रता सेनानी जागीरदार थे।
1857 की क्रांती के दौरान ब्रिटिश सरकार को ख़बर मिली के खानपुर के कोली तालुकदार जीवाभाई ठाकोर विद्रोह की योजना बना रहे हैं जिसके चलते ब्रिटिश सरकार ने लुणावाडा मे ब्रिटिश सेना तैनात कर दी लेकिन दिसंबर 1857 को ठाकोर के नेतृत्व में कोलीयों ने विद्रोह कर दिया और ब्रिटिश कैम्पों पर हमला कर दिया और पहाड़ी एवं नदी के पास चले गए। जिसके पश्चात ब्रिटिश सरकार ने कैप्टन बक्ले को कोली विद्रोह को दबाने का आदेश दिया एवं कैप्टन बक्ले ने हमला कर दिया एवं खानपुर को जला दिया। जब कोलीयों को पता चला तो उन्होंने नदीपार कर रही ब्रिटिश सेना पर आक्रमण कर दिया जिसमे कुछ अंग्रेजी घुड़सवार एवं सिपाही मारे गए।
ठाकोर जीवाभाई आणंद के गडबडदास पटेल के साथ मिल गया और फिर से 2000 कोली और भीलों की सेना बना ली। इस बार ब्रिटिश सरकार ने बड़ोदा से सेना भेजी और विद्रोहियों पर हमला कर दिया एवं ठाकोर जीवाभाई को बंदी बना कर फांसी पर लटका दिया लेकिन जो लोग कोली नही थे उनको छोड़ दिया गया।
संदर्भ | 209 |
193276 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%A3 | कोण | "यदि कोई रेखा अपने एक सिरे को स्थिर रखकर घूमती हुई अपनी स्थिति में परिवर्तन करती है, तो रेखा के परिक्रमण की माप को कोण कहते है। "
ज्यामिति में कोण (Angle) वह आकृति है जो एकबिन्दु से दो सरल रेखाओं के निकलने पर बनती है।
कोणों के चिन्ह (धन एवं ऋण) :
कोई भी कोण परिक्रामी रेखा (Revolving Line) द्वारा दो प्रकार से अनुरेखित किया जा सकता है -
"यदि परिक्रामी रेखा वामावर्त (Anti Clock Wise) दिशा घूमकर कोण बनाती है तो इस प्रकार से बना कोण धनात्मक (Positive) होता है। "
"यदि परिक्रामी रेखा दक्षिणावर्त(Clock Wise) दिशा घूमकर कोण बनाती है तो इस प्रकार से बना कोण ऋणात्मक (Nagative) होता है। "
धन एवं ऋण कोणों को उनकी राशियों के आगे '+' या '-' का चिह्न लगाकर प्रदर्शित किया जाता है।
कोणों के प्रकार:------
1:- शून्य कोण:- वह कोण जिसका मान 0° होता है उसे शून्य कोण कहते हैं।
2-न्यूनकोण:- जिस कोण का मान 0° से बड़ा और 90°से छोटा हो। उसे न्यूनकोण कहते हैं।
3:- समकोण:- जिस कोण का मान 90° होता है। उसे समकोण कहते हैं।
4:- अधिककोण:- जिस कोण का मान 90° से बड़ा और 180° से छोटा हो।उसे अधिककोण कहते हैं।
5:ऋजुरेखीय कोण:- जिस कोण का मान 180° हो। उसे ऋजुरेखीय कोण कहते हैं।
6:- वृहत्तकोण:- जिस कोण का मान 180° से बड़ा और 360° से छोटा हो। उसे वृहत्तकोण कहते हैं।
7:- पूर्णकोण:- जिस कोण का मान 360°हो। उसे पूर्णकोण कहते हैं।
8:- कोटिपुरक कोण या पूरक कोण:-दो कोणों का योगफल 90° हो, तो उन्हें कोटिपुरक कोण कहते हैं।
9:-सम्पूरक कोण:- दो कोणों का योगफल 180° हो, तो उन्हें सम्पूरक कोण कहते हैं।
बाहरी कड़ियाँ
Angle Bisectors in a Quadrilateral at cut-the-knot
Constructing a triangle from its angle bisectors at cut-the-knot
Convert angles in sexagesimal degree format to decimal degrees, and vice-versa
Angle Estimation – for basic astronomy.
Angle definition pages with interactive applets.
Various angle constructions with compass and straightedge
GonioLab DD – Convert between DecDeg and DegMinSec and vice-versa (requires Java Web Start)
*
प्राथमिक ज्यामिति
त्रिकोणमिति | 336 |
524829 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%9A%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A5%87%20%E0%A4%AC%E0%A4%A6%E0%A5%82%E0%A4%B0%20%28%E0%A4%9F%E0%A5%80%E0%A4%B5%E0%A5%80%20%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%95%29 | चश्मे बदूर (टीवी धारावाहिक) | चश्मे बद्दूर 1998 में ज़ी टीवी चैनल पर प्रसारित हिन्दी भाषा का धारावाहिक है। यह धारावाहिक भारत के लोकप्रिय टेलीविजन निर्माता मनिष गोस्वामी द्वारा निर्मित है। इसकी कहानी एक ऐसी महिला की है जिसका जीवन शानदार किशोरावस्था और मध्यम आयु की विषम में आ चुका है और वह नहीं जानती कि इसके साथ कैसे जिया जाये।
पात्र
सुधा चन्द्रन
नवीन बावा
अजय नागरथ
कश्मिरा शाह
सादिया सिद्दिकी
रोशाली
सुशील जोहरी
मुनमुन बनर्जी
जतिन कनकिया - चतुरदास चौरसिया
अनिल नागरथ
बाहरी कड़ियाँ
चश्मे बद्दूर का आधिकारिक जालस्थल | 86 |
49757 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A1%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%9F%20%E0%A4%9F%E0%A4%BE%E0%A4%87%E0%A4%AE%20%E0%A4%AB%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%85%E0%A4%B0%20%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%B8%E0%A4%AB%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AE | डिस्क्रीट टाइम फुरिअर ट्रान्सफार्म | गणित में डिस्क्रीट टाइम फुरिअर ट्रान्सफार्म या डीटीएफटी (discrete-time Fourier transform or DTFT), फुरिअर विश्लेषण के कई रुपों में से एक रूप है। यह अनन्त तक परिभाषित किसी अनावर्ती (नॉन्-पेरिऑडिक) डिस्क्रीट-टाइम सेक्वेंस को रूपानतरित करता है। इसे यह भी कहते हैं कि समय-डोमेन का आंकड़ा आवृत्ति-डोमेन में बदल गया। डीटीएफटी द्वारा प्राप्त आवृत्ति-डोमेन का आंकड़ा सतत (कांटिन्युअस) एवं आवर्ती होता है।
डीटीएफटी की परिभाषा
यदि कोई वास्तविक (real) या समिश्र (complex) संख्याओं का समुच्चय : (पूर्णांक), दिया हो तो का डीटीएफटी प्रायः इस प्रकार व्यक्त किया जाता है:
व्युत्क्रम रुपान्तर (Inverse transform)
निम्नलिखित रुपान्तर करने पर डिस्क्रीट-टाइम सेक्वेंस फिर से प्राप्त हो जायेगा:
{|
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|-
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|}
The integrals span one full period of the DTFT, which means that the x[n] samples are also the coefficients of a Fourier series expansion of the DTFT. Infinite limits of integration change the transform into a continuous-time Fourier transform [inverse], which produces a sequence of Dirac impulses. That is:
डीटीएफटी की सूची
नीचे कुछ मानक डिस्क्रीट टाइम सेक्वेंस एवं उनके डीटीएफटी रुपानतर दिये हुए हैं। इसमें प्रयुक्त प्रतीकों का अर्थ निम्नवत है:
is an integer representing the discrete-time domain (in samples)
is a real number in , representing continuous angular frequency (in radians per sample).
The remainder of the transform is defined by:
is the discrete-time unit step function
is the normalized sinc function
is the Dirac delta function
is the Kronecker delta
is the rectangle function for arbitrary real-valued t:
is the triangle function for arbitrary real-valued t:
डीटिएफटी के गुणधर्म
This table shows the relationships between generic discrete-time Fourier transforms.
We use the following notation:
is the convolution between two signals
is the complex conjugate of the function x[n]
represents the correlation between x[n] and y[n].
The first column provides a description of the property, the second column shows the function in the time domain, the third column shows the spectrum in the frequency domain:
सममिति के गुण (Symmetry Properties)
फुरिअर रुपान्तर, वास्तविक एवं काल्पनिक (real and imaginary) या सम एवं विषम (even and odd) के योग के रूप में व्यक्त की जा सकती है।
या
रूपान्तर
गणित
डीएसपी | 351 |
840650 | https://hi.wikipedia.org/wiki/2002%20%E0%A4%B6%E0%A5%80%E0%A4%A4%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%80%E0%A4%A8%20%E0%A4%93%E0%A4%B2%E0%A4%82%E0%A4%AA%E0%A4%BF%E0%A4%95 | 2002 शीतकालीन ओलंपिक | 2002 शीतकालीन ओलंपिक, आधिकारिक तौर पर XIX शीतकालीन ओलंपिक खेलों और आमतौर पर साल्ट लेक 2002 के रूप में जाना जाता है, एक सर्दी बहु-खेल आयोजन था जिसे 8 से 24 फरवरी 2002 को साल्ट लेक सिटी, यूटा, संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके आसपास मनाया गया था। 165 खेल सत्रों में आयोजित कुल पंद्रह विषयों में 78 देशों में लगभग 2,400 एथलीटों ने 78 कार्यक्रमों में भाग लिया। 2002 शीतकालीन ओलंपिक और 2002 पैराएलिंपिक खेलों दोनों को साल्ट लेक आयोजन समिति (एसएलओसी) द्वारा आयोजित किया गया था। ओटाम खेलों की मेजबानी के लिए यूटा में संयुक्त राज्य अमेरिका में पांचवां राज्य बन गया और 2028 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक तक 2028 तक लॉस एंजिल्स में आयोजित होने तक संयुक्त राज्य में आयोजित होने वाले 2002 के शीतकालीन ओलंपिक का सबसे हालिया खेल रहे।
उद्घाटन समारोह 8 फरवरी, 2002 को आयोजित किया गया था, और खेल प्रतियोगिताएं 24 फरवरी, 2002 को समापन समारोह तक आयोजित की गई थी। दोनों समारोहों के लिए उत्पादन सात नीलसन द्वारा डिजाइन किया गया था, और दोनों समारोहों के लिए संगीत मार्क वाट्टर द्वारा निर्देशित किया गया था। साल्ट लेक सिटी कभी भी शहरी ओलंपिक की मेजबानी करने वाले सबसे अधिक आबादी वाला क्षेत्र बन गया, हालांकि इसके बाद के दो शहरी शहरों की आबादी बड़ी थी। एक प्रवृत्ति के बाद, 2002 ओलंपिक शीतकालीन खेलों, पूर्व शीतकालीन खेलों की तुलना में भी बड़ी थी, जापान के नागानो में 1998 के शीतकालीन ओलंपिक की तुलना में 10 अधिक घटनाएं थीं।
साल्ट लेक गेम्स में बोली लगाने के दौरान रिश्वत घोटाले और कुछ स्थानीय विपक्ष का सामना किया गया, साथ ही प्रतियोगिताओं के दौरान कुछ खेल-कूद और रेफरींग विवादों का भी सामना किया गया। फिर भी, खेल और व्यापार के दृष्टिकोण से, यह इतिहास में सबसे सफल शीतकालीन ओलंपियाड में से एक था; रिकॉर्ड दोनों प्रसारण और विपणन कार्यक्रमों में स्थापित किए गए थे। 2 अरब से अधिक दर्शकों ने 13 अरब से अधिक दर्शक-घंटे देखे। खेलों में भी आर्थिक रूप से सफल हुए थे, जो कि पहले के किसी भी ओलंपिक खेलों की तुलना में कम प्रायोजकों के साथ और अधिक धन जुटाने में सफल रहे थे, जो एसएलओसी को 40 मिलियन डॉलर के अधिशेष के साथ छोड़ दिया था। उरह एथलेटिक फाउंडेशन बनाने के लिए अधिशेष का उपयोग किया गया था, जो शेष ओलंपिक स्थानों में से कई को बनाए रखता है और संचालित करता है। अमेरिकी संघीय सब्सिडी की राशि 1.3 अरब डॉलर थी।
भाग लेने वाले देश
कुल 78 राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों ने साल्ट लेक सिटी खेलों में एथलीटों को भेजा। कैमरून, हांगकांग (चीन), नेपाल, ताजिकिस्तान और थाईलैंड ने अपने पहले शीतकालीन ओलंपिक खेलों में भाग लिया।
स्पोर्ट्स
7 स्पोर्ट्स (15 विषयों) में 78 कार्यक्रम हुए।
कैलेंडर
2002 के शीतकालीन ओलंपिक खेलों के लिए निम्नलिखित कैलेंडर में, प्रत्येक नीला बॉक्स एक प्रतियोगिता प्रतियोगिता का प्रतिनिधित्व करता है, जैसे कि योग्यता दौर, उस दिन। पीले बक्से दिन का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसके दौरान एक खेल के लिए पदक के लिए फाइनल आयोजित किया जाता है। प्रत्येक बॉक्स में संख्या उस दिन फाइनल की संख्या का प्रतिनिधित्व करती है।
सभी तिथियां पर्वतीय मानक समय (यूटीसी-7) में हैं।
{| class="wikitable" style="margin:0.5em auto; font-size:90%; line-height:1.25em;"
|-
! colspan=2|फरवरी
!style="width:2.5em"|8शुक्र
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!style="width:2.5em"|10रवि
!style="width:2.5em"|11सोम
!style="width:2.5em"|12मंगल
!style="width:2.5em"|13बुध
!style="width:2.5em"|14गुरु
!style="width:2.5em"|15शुक्र
!style="width:2.5em"|16शनि
!style="width:2.5em"|17रवि
!style="width:2.5em"|18सोम
!style="width:2.5em"|19मंगल
!style="width:2.5em"|20बुध
!style="width:2.5em"|21गुरु
!style="width:2.5em"|22शुक्र
!style="width:2.5em"|23शनि
!style="width:2.5em"|24रवि
!आयोजन
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| colspan=2| समारोह ||bgcolor=#00cc33 align=center|OC|| || || || || || || || || || || || || || || ||bgcolor=#ee3333 align=center|CC||
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!colspan=2| कुल घटनाएं !! !!4 !!5 !! 6 !! 4 !!6 !! 4 !!5 !! 6 !! 4!! 4 !! 5 !!7 !!5 !! 4 !! 7 !!2 !! 78
|-
!colspan=2|संचयी कुल!! !!4 !! 9 !! 15 !!19 !!25 !! 29 !!34 !! 40 !!44 !! 48 !!53 !!60 !!65 !!69 !!76 !!78 !!
|-
! colspan=2|फरवरी
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!style="width:2.5em"|24रवि
!आयोजन
|}
पदक तालिकाराष्ट्र द्वारा इस तालिका को क्रमबद्ध करने के लिए, कुल पदक गिनती, या किसी भी अन्य स्तंभ, कॉलम शीर्षक के आगे आइकन पर क्लिक करें।''
सन्दर्भ
शीतकालीन ओलम्पिक | 1,117 |
7574 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A4%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%97%20%E0%A4%9C%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BE | तवांग जिला | तवांग ज़िला (Tawang district) भारत के अरुणाचल प्रदेश राज्य का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय तवांग शहर है। अच्छी तरह से संरक्षित तवांग मठ के कारण तवांग एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। सेला दर्रा तेजी से ऊपर उठता है और वर्ष के अधिकांश समय तक बर्फ से ढका रहता है। चुमी ग्यात्से जलप्रपात और जंग जलप्रपात एक बड़ा पर्यटक आकर्षण है। रालेंगनाओ खाथिंग ने तवांग में पहली सशस्त्र सेना का नेतृत्व किया जिसने तत्कालीन असम के राज्यपाल जयरामदास दौलताराम की प्रत्यक्ष देखरेख में इस क्षेत्र में भारतीय नियंत्रण स्थापित किया।
इन्हें भी देखें
तवांग
अरुणाचल प्रदेश
सन्दर्भ
अरुणाचल प्रदेश के जिले | 102 |
739630 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%89%E0%A4%AA%E0%A4%AE%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A6%20%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%A3%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%95 | उपमन्द कोणांक | खगोलशास्त्र में उपमन्द कोणांक (argument of periapsis), जो ω के चिह्न द्वारा दर्शाया जाता है, किसी कक्षा (ऑरबिट) में परिक्रमा कर रही वस्तु की कक्षीय राशियों में से एक है।
विवरण
यदि किसी परिक्रमा करती वस्तु का उपमन्द कोणांक 0° है तो उसका अर्थ है कि उस वस्तु का केन्द्रीय वस्तु से सबसे समीपी बिन्दु ठीक तब होता है जब वह सन्दर्भ समतल को दक्षिण-से-उत्तर दिशा में पार करे। 90° का अर्थ है कि दोनों वस्तुओं का सबसे समीपी स्थान वहाँ है जहाँ परिक्रमा करती वस्तु सन्दर्भ समतल से ऊपर सबसे उत्तरी बिन्दु पर है। 180° उपमन्द कोणांक का मतलब है कि वस्तुओं का सबसे समीपी स्थान वहाँ है जब परिक्रमा करती वस्तु सन्दर्भ समतल को उत्तर-से-दक्षिण दिशा में पार करे।
उपमन्द कोणांक को अगर आरोही ताख के रेखांश (longitude of the ascending node) में जोड़ा जाए तो उपमन्द रेखांश (longitude of the periapsis) नामक राशि प्राप्त होती है।
इन्हें भी देखें
मन्द
कक्षीय राशियाँ
उपसौर और अपसौर
आरोही ताख का रेखांश
सन्दर्भ
कक्षाएँ (भौतिकी) | 165 |
595207 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B2%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A5%80%20%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%A3%20%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%A0%E0%A5%80 | लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी | लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी (जन्म: 1979) एक टीवी कलाकार, भरतनाट्यम नर्तिका, और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वह एक हिजड़ा, हैं जो हिजड़ा समाज के हित के लिए कार्य करता हैं। लक्ष्मी बिगबॉस सीजन ५ की प्रतिभागी भी रह चुकी हैं। टीवी शो "सच का सामना", "दस का दम" और "राज पिछले जनम का" में भी देखी जा चुकी हैं।
वह किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर भी हैं। उनका जन्म मालती बाई अस्पताल में 13 दिसंबर 1978 को ठाणे में हुआ था। वह 2008 में संयुक्त राष्ट्र में एशिया प्रशांत का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली ट्रांसजेंडर व्यक्ति हैं।
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
Laxmi's interview on gender and sexuality
1978 में जन्मे लोग
जीवित लोग
हिन्दी अभिनेता
बिग बॉस प्रतिभागी
हिजड़े लोग
एलबीजीटी हिंदू
एलजीबीटी लोग (भारत)
एलजीबीटी अधिकार कार्यकर्ता | 125 |
474902 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%85%E0%A4%96%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%87%E0%A4%B6%20%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A6%E0%A4%B5 | अखिलेश यादव | अखिलेश यादव (जन्म: 1 जुलाई 1973) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जो उत्तर प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इससे पूर्व वे लगातार तीन बार सांसद भी रह चुके हैं। समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के पुत्र अखिलेश ने 2012 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में अपनी पार्टी का नेतृत्व किया। उनकी पार्टी को राज्य में स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद, 15 मार्च 2012 को उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। 2022 विधान सभा चुनाव में करहल सीट से मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रो.सत्यपाल सिंह बघेल को हराकर पहली बार विधायक बने और आजमगढ़ लोकसभा सदस्य से इस्तीफा दे दिया।
संक्षिप्त जीवनी
अखिलेश यादव का जन्म 1 जुलाई 1973 को इटावा जिले के सैफई गाँव में समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी मालती देवी के यहाँ हुआ। अखिलेश शाकाहारी है। इनका विवाह डिम्पल यादव के साथ 24 नवंबर 1999 को हुआ था। अखिलेश तीन बच्चों के पिता हैं।
शिक्षा
अखिलेश ने राजस्थान मिलिट्री स्कूल धौलपुर से शिक्षा प्राप्त की
राजनीति में भागीदारी
अखिलेश ने मई 2009 के लोकसभा उप-चुनाव में फिरोजाबाद सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी एस०पी०एस० बघेल को 67,301 मतों से हराकर सफलता प्राप्त की। इसके अतिरिक्त वे कन्नौज से भी जीते। बाद में उन्होंने फिरोजाबाद सीट से त्यागपत्र दे दिया और कन्नौज सीट अपने पास रखी।
मुख्यमन्त्री के रूप में
मार्च 2012 के विधान सभा चुनाव में 224 सीटें जीतकर मात्र 38 वर्ष की आयु में ही वे उत्तर प्रदेश के 33वें मुख्यमन्त्री बन गये। जुलाई 2012 में जब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने उनके कार्य की आलोचना करते हुए व्यापक सुधार का सुझाव दिया तो जनता में यह सन्देश गया कि सरकार तो उनके पिता और दोनों चाचा चला रहे हैं, अखिलेश नहीं।
उनकी सरकार को दूसरा झटका तब लगा जब एक आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल को निलम्बित करने पर चारों ओर से उनकी आलोचना हुई। जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें नागपाल को बहाल करना पड़ा। 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों में 43 व्यक्तियों के मारे जाने व 93 के घायल होने पर कर्फ्यू लगाना पड़ा तथा सेना ने आकर स्थिति पर काबू किया। मुस्लिम व हिन्दू के बीच हुए इस भयंकर दंगे से उनकी सरकार की बड़ी किरकिरी हुई।
अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे बनवाया, जो भारत का सबसे आधुनिक एक्सप्रेस वे है। यादव ने उ.प्र. में "यू.पी.100 पुलिस सेवा" और "108 एंबुलेन्स फ्री सेवा" शुरू की। उनके कार्यकाल में लखनऊ मैट्रो रेल, लखनऊ इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, जनेश्वर मिश्र पार्क (एशिया का सबसे बड़ा पार्क), जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर, लखनऊ- बलिया समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे 2 । इन्होनें कार्यकाल में प्रदेश में युवाओ को बड़ी मात्रा में लैपटाॅप वितरण किये गये। 2022 में करहल विधान सभा से चुनाव लड़े, जीत कर पहली बार विधान सभा पहुंचे, और वर्तमान में उत्तर प्रदेश विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष है।
इन्हें भी देखें
मुलायम सिंह यादव
समाजवादी पार्टी
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
समाजवादी पार्टी की आधिकारिक वेबसाइट
1973 में जन्मे लोग
जीवित लोग
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री
१३वीं लोक सभा के सदस्य
१४वीं लोक सभा के सदस्य
१५वीं लोकसभा के सदस्य
समाजवादी पार्टी के राजनीतिज्ञ | 518 |
838720 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%AF%20%E0%A4%85%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%A6%E0%A4%AE%E0%A5%80%20%E0%A4%AA%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0%20%E0%A4%A8%E0%A5%87%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%80 | साहित्य अकादमी पुरस्कार नेपाली | साहित्य अकादमी पुरस्कार एक साहित्यिक सम्मान है जो कुल २४ भाषाओं में प्रदान किया जाता हैं और नेपाली भाषा इन में से एक भाषा हैं। अकादमी ने १९७७ से इस भाषा के लिए पुरस्कारों को पेश किया।
साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता
नेपाली में दिए गए साहित्य अकादमी पुरस्कारों की सूची इस प्रकार है:
† - मरणोपरांत सम्मानित किया गया
अनुवाद पुरस्कार विजेता
साहित्य अकादमी ने १९८९ से अनुवाद के लिए नया पुरस्कार शुरू किया। इस पुरस्कार के विजेता इस प्रकार हैँ:
बाल साहित्य पुरस्कार विजेता
साहित्य अकादमी ने २०१० से बाल साहित्य के लिए नया पुरस्कार शुरू किया। इस पुरस्कार के विजेता इस प्रकार हैँ:
युवा पुरस्कार विजेता
साहित्य अकादमी ने २०११ से युवा लेखकों के लिए नया पुरस्कार शुरू किया।
नेपाली के लिए युवा पुरस्कार विजेताओं की सूची
सन्दर्भ
साहित्य अकादमी पुरस्कार | 133 |
14572 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AC%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%9F%E0%A4%BF%E0%A4%B6%20%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%AF | ब्रिटिश साम्राज्य | ब्रिटिश साम्राज्य, ग्रेट ब्रिटेन द्वारा शासित साम्राज्य था जो मानव इतिहास का सबसे बड़ा साम्राज्य था। एक सदी से भी अधिक समय तक यह दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य और आर्थिक महाशक्ति थी। यह साम्राज्य यूरोप में खोज युग का परिणाम था जो 15 वीं शताब्दी के ज्ञानोदय यात्राओं के साथ शुरू हुआ, जिसके कारण यूरोपीय औपनिवेशिक साम्राज्यों का निर्माण हुआ। 1921 तक, ब्रिटिश साम्राज्य की आबादी 45 करोड़ थी। यह उस समय विश्व की कुल आबादी का चौथाई हिस्सा था जो केवल ब्रिटेन की सरपरस्ती के अंतर्गत था। 3.3 करोड़ वर्ग किलोमीटर पर फैला यह साम्राज्य न केवल इतिहास का सबसे बड़ा साम्राज्य था, बल्कि दुनिया के सभी महाद्वीपों पर फैले होने के साथ-साथ यह साम्राज्य अपने वृहदतम रूप में धरती के एक-तिहाई भूभाग को नियंत्रित करता था। इस प्रकार इसकी भाषा और सांस्कृतिक प्रसार दुनिया भर में थी, और मौजूद समय में अंग्रेज़ी भाषा, संस्कृति तथा अंग्रेजी शासन शैली एवं वेस्टमिंस्टर शैली से प्रभावित सरकारी प्रणालियों में देखि जा सकती है। दुनिया के सभी महाद्वीपों, क्षेत्रों और लगभग हर भूभाग पर इसकी मौजूदगी होने के कारण, इस प्रचलित कथन का जन्म हुआ: "ब्रिटिश साम्राज्य पर कभी सूरज नहीं डूबता है।"
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के पांच दशकों में, साम्राज्य के भीतर के कई देश आजाद हुए। तथा उनमें से कई स्वतंत्र होकर ब्रिटिश साम्राज्य के राष्ट्रकुल में शामिल हो गए हैं। कुछ देशों ने ब्रिटिश संसद से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद भी ब्रिटिश संप्रभु को अपने संप्रभु के रूप में स्वीकार कर लिया, जिन्हें आज राष्ट्रमंडल प्रजाभूमि कहते हैं।
व्युत्पत्ति
स्टुअर्ट काल:मूल
ब्रिटिश साम्राज्य की नींव तब रखी गई थी जब इंग्लैंड और स्कॉटलैंड अलग-अलग राज्य थे। अपने देश की सीमाओं का विस्तार दुनिया के अन्य भूभागों तक करके एक "साम्राज्य" स्थापित करने की मंशा यूरोप की कई राजशाहियों में, अटलांटिक के उसपर अमेरिका की खोज के कारण उठी थी। तथा इस कार्य में स्पेन और पुर्तगाल जैसे देशों की सफलता ने साम्राज्य सत्यापन की इस स्वप्न को और भी प्रोत्साहना दी, इसके बाद कई यूरोपीय राज्यों में समुद्र पार बस्तियाँ स्तापित करने और अपने राज्य का विस्तार करने की होड़ लग गयी। शुरूआती समय में अटलांटिक पर करके पश्चिम के रस्ते एशिया पहुंच कर एशियाई देशों (चीन, भारत, इत्यादि) से व्यापार सम्बन्ध स्तापित करने की इच्छा से समुद्री अभियान भेजे गए थे। जिसके कारण सर्वप्रथम क्रिस्टोफर कोलंबस अमेरिका के तट पर पहुँचे और यह सोचकर की यह एशिया है। कोलंबस के अभियान के कुछ वर्ष बाद यह सिद्ध हुआ की वह भूभाग एक नयी ज़मीन है (जिसे बाद में "अमेरिका" कहा गया)। 1496 में, इंग्लैंड के राजा हेनरी सप्तम ने परदेशिक अन्वेषण में स्पेन और पुर्तगाल की सफलताओं का अनुसरण करते हुए, उत्तरी अटलांटिक महासागर के माध्यम से एशिया का समुद्री रास्ता खोजने हेतु खोज यात्रा का नेतृत्व करने के लिए जॉन कैबट को आयुक्त किया। यूरोपीय खोज के पांच साल बाद, कैबट 1497 में अमेरिका की यात्रा पर रवाना हुए थे, लेकिन वे न्यूफाउंडलैंड के तट पर पहुंचे, जो उन्हें गलती से एशिया मालूम पड़ा, कैबट ने औपनिवेशिक बस्ती स्थापित करते का प्रयास नहीं किया। अगले वर्ष कैबट पुनः अमेरिका के लिए रवाना हुए मगर इस बार उनके जहाजों का कुछ पता नहीं चला।
एलिज़ाबेथ प्रथम का शासनकाल
"नयी दुनिया" में अंग्रेज़ी औपनिवेशिक बस्तीयां स्थापित करने की पहली नाकामयाब प्रयास के बाद, 16 वीं शताब्दी के अंतिम दशकों में दौरान रानी एलिजाबेथ प्रथम के शासनकाल तक अमेरिका में अंग्रेजी उपनिवेश स्थापित करने का कोई प्रयास नहीं किया गया था। इस बीच, इंग्लैंड में संसद द्वारा संयम की अपील की संविधि, 1533 में यह घोषणा किया गया की "इंग्लैंड का यह क्षेत्र एक 'साम्राज्य'(एम्पायर) है"। तत्पश्चात, प्रोटेस्टेंट धर्मसुधार ने इंग्लैंड को कैथोलिक स्पेन का अकल्पनीय दुश्मन बना दिया। 1562 में, अंग्रेजी मुकुट ने जॉन हॉकिंस और फ्रांसिस ड्रेक को निजी तौरपर स्पेन और पुर्तगाल की अटलांटिक दास व्यापार में सेंध लगाने के उद्देश्य से पश्चिम अफ्रीका के तट पर स्पेनिश और पुर्तगाली जहाजों के खिलाफ छापेमार हमले करने के लिए "प्रोत्साहित" किया। इन हमलों में कुछ समय की रोक के बाद एंग्लो-स्पैनिश युद्ध के तेज होने पर इस प्रयास को फिर से शुरू कर दिया गया। एलिजाबेथ प्रथम ने अमेरिका में स्पेनिश बंदरगाहों और नयी दुनिया के ख़ज़ाने ले कर लौट रही जहाहाज़ों के खिलाफ अटलांटिक में निजी छापेमारी हमलों को और भी प्रोत्साहित किया। उसी समय, रिचर्ड हकलूइट और जॉन डी (जिन्होंने "ब्रिटिश साम्राज्य" जैसे शब्द का पहली बार इस्तेमाल किया था) जैसे प्रभावशाली लेखकों ने इंग्लैंड को एक विशाल साम्राज्य की स्थापना करने के ख़याल लो प्रचलित करने लगे। इस समय तक, स्पेन अमेरिका में प्रमुख शक्ति बन गया था और प्रशांत महासागर में अन्वेषण यात्राओं की शुरुआत कर रहा था, पुर्तगाल ने अफ्रीका और ब्राजील के तटों से चीन तक व्यापारिक डेरे और किले स्थापित कर लिए थे, तथा फ्रांस ने सेंट लॉरेंस नदी क्षेत्र पर आवासन शुरू भी कर दिया था, जो न्यू फ्रांस बना।
आयरलैंड के प्लांटेशन
यद्यपि इंग्लैंड राज्य विदेशी उपनिवेशों की स्थापना में अन्य यूरोपीय शक्तियों से पीछे था, यह 16 वीं शताब्दी के दौरान आयरलैंड में इंग्लैंड के स्कॉटलैंड के प्रोटेस्टेंट आबादकारों के साथ आयरलैंड के निपटान में लगा था, जो 1169 में आयरलैंड के नॉर्मन आक्रमण से प्रेरित था। कई लोग जिन्होंने आयरलैंड के बागानों को स्थापित करने में मदद की थी, उत्तरी अमेरिका के शुरुआती उपनिवेशों को बसाने में भी अहम भूमिका निभाई थी, विशेष रूप से एक समूह जिसे "पश्चिम देश के लोग" के नाम से जाना जाता है।
"पहला" साम्राज्य
अमरीका के तेरह उपनिवेश
तेरह ब्रिटिश उपनिवेश पूर्वी उत्तर अमेरिका के आंध्र महासागर के तट पर सन् 1607 से 1733 तक स्थापित किये गए। इन उपनिवेशों ने 1776 में ब्रिटेन से स्वतंत्रता का ऐलान किया और केवल उपनिवेश न रहकर संयुक्त राज्य अमेरिका के राज्य बन गए। यही वजह है के आधुनिक अमेरिकी ध्वज में 13 लाल और सफ़ेद धारियाँ हैं और मूल अमेरिकी झंडे में 13 तारे थे।
यह तेरह उपनिवेश थे: डेलावेयर, पॅनसिल्वेनिया, न्यू जर्ज़ी, जोर्जिया, कनेक्टिकट, मैसाच्यूसॅट्स बे, मॅरिलैंड, दक्षिण कैरोलाइना, न्यू हैम्शर, वर्जीनिया, न्यूयॉर्क, उत्तर कैरोलाइना और रोड आयलॅन्ड व प्रॉविडॅन्स। प्रत्येक उपनिवेश ने स्वशासन की अपनी प्रणाली विकसित की। किसान स्वयं ही की स्थानीय और प्रांतीय सरकार का चुनाव करते और स्थानीय निर्णायक मंडल में सेवा प्रदान करते। वर्जीनिया, कैरोलाइना और जॉर्जिया जैसे कुछ उपनिवेशों में अफ्रीकी गुलामों की संख्या भी अधिक थी। 1760 और 1770 के दशकों में कर (टैक्स) पर हुए विरोध के दौर के बाद सभी उपनिवेश राजनीतिक और सैन्य तौर पर ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध एकजुट हो गए और मिलकर अमेरिकी क्रांतिकारी युद्ध (1775-1783) लड़ा। सन् 1776 में, उन्होंने अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की और पेरिस संधि (1783) पर हस्ताक्षर कर उस लक्ष्य को प्राप्त किया। स्वतंत्रता से पहले, यह तेरह उपनिवेश ब्रिटिश अमेरिका के दो दर्जन अलग-अलग कालोनियों में बटे थे। ब्रिटिश वेस्ट इंडीज, न्यूफाउंडलैंड, क्युबेक, नोवा स्कॉटिया और पूर्व और पश्चिम फ्लोरिडा के प्रांत समूचे युद्ध के दौरान राजशाही के प्रति वफादार रहे।
अफ़्रीका और दास व्यापार
नेदरलैंड के साथ स्पर्धा
फ़्रांस के संग वैश्विक संघर्ष
भारतीय उपमहाद्वीप पर ईस्ट इंडिया कंपनी की पकड़
अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी (इसके बाद, कंपनी) 1600 में कंपनी व्यापारियों की लंदन के ईस्ट इंडीज में व्यापार के रूप में स्थापित किया गया था यह 1612 में भारत में एक पैर जमाने बाद मुगल सम्राट जहांगीर द्वारा दिए गए अधिकारों के एक कारखाने, या सूरत के पश्चिमी तट पर बंदरगाह में व्यापारिक पोस्ट 1640 में स्थापित की। विजयनगर शासक से इसी तरह की अनुमति प्राप्त करने के बाद आगे दक्षिण, एक दूसरे कारखाने के दक्षिणी तट पर मद्रास में स्थापित किया गया था। बंबई द्वीप, सूरत से अधिक दूर नहीं था, एक पूर्व पुर्तगाली चौकी ब्रागणसा की कैथरीन के चार्ल्स द्वितीय शादी में दहेज के रूप में इंग्लैंड के लिए भेंट की चौकी, 1668 में कंपनी द्वारा पट्टे पर दे दिया गया था। दो दशक बाद, कंपनी पूर्वी तट पर एक उपस्थिति के रूप में अच्छी तरह से स्थापित हुई और, गंगा नदी डेल्टा में एक कारखाने को कोलकाता में स्थापित किया गया था। के बाद से, इस समय के दौरान अन्य कंपनियों पुर्तगाली, डच, फ्रेंच और डेनिश थे इसी तरह इस क्षेत्र में विस्तार की स्थापना की, तटीय भारत पर अंग्रेजी कंपनी की शुरुआत भारतीय उपमहाद्वीप पर एक लंबी उपस्थिति निर्माण करे ईस का कोई सुराग पेशकश नहीं की।
प्लासी का पहला युद्ध 1757 में कंपनी ने रॉबर्ट क्लाइव के तहत जीत और 1764 बक्सर की लड़ाई (बिहार में) में एक और जीत, कंपनी की शक्ति मजबूत हुई और सम्राट शाह आलम यह दीवान की नियुक्ति द्वितीय और बंगाल का राजस्व कलेक्टर, बिहार और उड़ीसा। कंपनी इस तरह 1773 से नीचा गंगा के मैदान के बड़े क्षेत्र के वास्तविक शासक बन गए। यह भी डिग्री से रवाना करने के लिए बम्बई और मद्रास के आसपास अपने उपनिवेश का विस्तार। एंग्लो - मैसूर युद्धों(1766-1799) और आंग्ल-मराठा युद्ध (1772-1818) के सतलुज नदी के दक्षिण भारत के बड़े क्षेत्रों के नियंत्रण स्थापित कर लिया।
कंपनी की शक्ति का प्रसार मुख्यतः दो रूपों लिया। इनमें से पहला भारतीय राज्यों के एकमुश्त राज्य-हरण और अंतर्निहित क्षेत्रों, जो सामूहिक रूप से ब्रिटिश भारत समावेश आया के बाद प्रत्यक्ष शासन था। पर कब्जा कर लिया क्षेत्रों उत्तरी प्रांतों (रोहिलखंड, गोरखपुर और दोआब शामिल) (1801), दिल्ली (1803) और सिंध (1843) शामिल हैं। पंजाब, उत्तर - पश्चिम सीमांत प्रांत और कश्मीर, 1849 में एंग्लो - सिख युद्धों के बाद कब्जा कर लिया गया है, तथापि, कश्मीर तुरंत जम्मू के डोगरा राजवंश अमृतसर (1850) की संधि के तहत बेच दिया है और इस तरह एक राजसी राज्य बन गया। बरार में 1854 पर कब्जा कर लिया गया था और दो साल बाद अवध के राज्य।
अमेरिकी उपनिवेशों का खोना
अमेरिका के स्वतंत्रता युद्ध ने यूरोपीय उपनिवेशवाद के इतिहास में एक नया मोड़ ला दिया। उसने अफ्रीका, एशिया एवं लैटिन अमेरिका के राज्यों की भावी स्वतंत्रता के लिए एक पद्धति तैयार कर दी। इस प्रकार अमेरिका के युद्ध का परिणाम केवल इतना ही नहीं हुआ कि 13 उपनिवेश मातृदेश ब्रिटेन से अलग हो गए बल्कि वे उपनिवेश एक तरह से नए राजनीतिक विचारों तथा संस्थाओं की प्रयोगशाला बन गए। पहली बार 16वीं 17वीं शताब्दी के यूरोपीय उपनिवेशवाद और वाणिज्यवाद को चुनौती देकर विजय प्राप्त की। अमेेरिकी उपनिवेशों का इंग्लैंड के आधिपत्य से मुक्ति के लिए संघर्ष, इतिहास के अन्य संघर्षों से भिन्न था। यह संघर्ष न तो गरीबी से उत्पन्न असंतोष का परिणाम था और न यहां कि जनता सामंतवादी व्यवस्था से पीडि़त थी। अमेरिकी उपनिवेशों ने अपनी स्वच्छंदता और व्यवहार में स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए इंग्लैंड सरकार की कठोर औपनिवेशिक नीति के विरूद्ध संघर्ष किया था। अमेरिका का स्वतंत्रता संग्राम विश्व इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है।
अमेरिकी क्रन्तिकारी युद्ध ग्रेट ब्रिटेन और उसके तेरह उत्तर अमेरिकी उपनिवेशों के बीच एक सैन्य संघर्ष था, जिससे वे उपनिवेश स्वतन्त्र संयुक्त राज्य अमेरिका बने। शुरूआती लड़ाई उत्तर अमेरिकी महाद्वीप पर हुई। सप्तवर्षीय युद्ध में पराजय के बाद, बदले के लिए आतुर फ़्रान्स ने 1778 में इस नए राष्ट्र से एक सन्धि की, जो अंततः विजय के लिए निर्णायक साबित हुई।
इसकी शुरुआत लॉड नार्थ की चाय नीति-1773 ई. में ईस्ट इंडिया कम्पनी को वित्तीय संकट से उबारने के लिए ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री लॉर्ड नार्थ ने यह कानून बनाया कि कम्पनी सीधे ही अमेरिका में चाय बेच सकती है। अब पहले की भांति कम्पनी के जहाजों को इंग्लैंड के बंदरगाहों पर आने और चुंगी देने की आवश्यकता नहीं थी। इस कदम का लक्ष्य था कम्पनी को घाटे से बचाना तथा अमेरिकी लोगों को चाय उपलब्ध कराना। परन्तु अमेरिकी उपनिवेश के लोग कम्पनी के इस एकाधिकार से अप्रसन्न थे क्योंकि उपनिवेश बस्तियों की सहमति के बिना ही ऐसा नियम बनाया गया था। अतः उपनिवेश में इस चाय नीति का जमकर विरोध हुआ और कहा गया कि “सस्ती चाय” के माध्यम से इंग्लैंड बाहरी कर लगाने के अपने अधिकार को बनाए रखना चाहता था। अतः पूरे देश में चाय योजना के विरूद्ध आंदोलन शुरू हो गया। 16 दिसम्बर 73 को सैमुअल एडम्स के नेतृत्व में बॉस्टन बंदरगाह पर ईस्ट इंडिया कम्पनी के जहाज में भरी हुई चाय की पेटियों को समुद्र में फेंक दिया गया। अमेरिकी इतिहास में इस घटना को बोस्टन टी पार्टी कहा जाता है। इस घटना में ब्रिटिश संसद के सामने एक कड़ी चुनौती उत्पन्न की। अतः ब्रिटिश सरकार ने अमेरिकी उपनिवेशवासियों को सजा देने के लिए कठोर एवं दमनकारी कानून बनाए। बोस्टन बंदरगाह को बंद कर दिया गया। मेसाचुसेट्स की सरकार को पुनर्गठित किया गया और गवर्नर की शक्ति को बढ़ा दिया गया तथा सैनिकों को नगर में रहने का नियम बनाया गया और हत्या संबंधी मुकदमें अमेरिकी न्यायालयों से इंग्लैंड तथा अन्य उपनिवेशों में स्थानांतरित कर दिए गए।
"दूसरा" साम्राज्य
प्रशांत अन्वेषण
नेपोलियन-शासित फ़्रांस के साथ युद्ध
दास प्रथा का अंत
पश्चिम में दासप्रथा उन्मूलन संबंधी वातावरण 18वीं शती में बनने लगा था। अमरीकी स्वातंत्र्य युद्ध का एक प्रमुख नारा मनुष्य की स्वतंत्रता था और फलस्वरूप संयुक्त राज्य के उत्तरी राज्यों में सन् 1804 तक दासताविरोधी वातावरण बनाने में मानवीय मूल अधिकारों पर घोर निष्ठा रखनेवाली फ्रांसीसी राज्यक्रांति का अधिक महत्व है। उस महान क्रांति से प्रेरणा पाकर सन् 1821 में सांतो दोमिंगो में स्पेन के विरुद्ध विद्रोह हुआ और हाईती के हब्शी गणराज्य की स्थापना हुई। अमरीकी महाद्वीपों के सभी देशों में दासताविरोधी आंदोलन प्रबल होने लगा।
संयुक्त राज्य अमरीका के उदारवादी उत्तर राज्यों में दासता का विरोध जितना प्रबल होता गया उतनी ही प्रतिक्रियावादी दक्षिण के दास राज्यों में दासों के प्रति कठोरता बरती जाने लगी तथा यह तनाव इतना बढ़ा कि अंतत: उत्तरी तथा दक्षिणी राज्यों के बीच गृहयुद्ध छिड़ गया। इस युद्ध में अब्राहम लिंकन के नेतृत्व में दासविरोधी एकतावादी उत्तरी राज्यों की विजय हुई। सन् 1888 के अधिनियम के अनुसार संयुक्त राज्य में दासता पर खड़े पुर्तगाली ब्राजील साम्राज्य का पतन हुआ। शनै: शनै: अमरीकी महाद्वीपों के सभी देशों से दासता का उन्मूलन होने लगा। 1890 में ब्रसेल्स के 18 देशों के सम्मेलन में हब्श दासों के समुद्री व्यापार को अवैधानिक घोषित किया गया। 1919 के सैंट जर्मेन संमेलन में तथा 1926 के लीग ऑव नेशंस के तत्वावधान में किए गए संमेलन में हर प्रकार की दासता तथा दासव्यापार के संपूर्ण उन्मूलन संबंधी प्रस्ताव पर सभी प्रमुख देशों ने हस्ताक्षर किए। ब्रिटिश अधिकृत प्रदेशों में सन् 1833 में दासप्रथा समाप्त कर दी गई और दासों को मुक्त करने के बदले में उनके मालिकों को दो करोड़ पौंड हरजाना दिया गया। अन्य देशों में कानूनन इसकी समाप्ति इन वर्षों में हुई - भारत 1846, स्विडेन 1859, ब्राजिल 1871, अफ्रिकन संरक्षित राज्य 1897, 1901, फिलिपाइन 1902, अबीसीनिया 1921। इस प्रकार 20वीं शती में प्राय: सभी राष्ट्रों ने दासता को अमानवीय तथा अनैतिक संस्था मानकर उसके उन्मूलनार्थ कदम उठाए। संभवत: अफ्रीका में अंगोला जैसे पुर्तगाली उपनिवेशों की तरह के दो एक अपवादों को छोड़कर इस समय कहीं भी उस भयावह दासव्यवस्था का संस्थात्मक अस्तिव नहीं है जो आज की पाश्चत्य सभ्यता की समृद्धि तथा वैभव का एक प्रधान आधार रही है।
भारत पर कंपनी राज और ब्रिटिश राज
यद्यपि 1857 के विद्रोह ने ब्रितानी उद्यमियों को हिलाकर रख दिया और वो इसे रोक नहीं पाये थे। इस गदर के बाद ब्रितानी और अधिक चौकन्ने हो गये और उन्होंने आम भारतीयों के साथ संवाद बढ़ाने का पर्यत्न किया तथा विद्रोह करने वाली सेना को भंग कर दिया। प्रदर्शन की क्षमता के आधार पर सिखों और बलूचियों की सेना की नई पलटनों का निर्माण किया गया। उस समय से भारत की स्वतंत्रता तक यह सेना कायम रही। 1861 की जनगणना के अनुसार भारत में अंग्रेज़ों की कुल जनसंख्या 125,945 पायी गई। इनमें से केवल 41,862 आम नागरिक थे बाकी 84,083 यूरोपीय अधिकारी और सैनिक थे। 1880 में भारतीय राजसी सेना में 66,000 ब्रितानी सैनिक और 130,000 देशी सैनिक शामिल थे।
यह भी पाया गया कि रियासतों के मालिक और जमींदारों ने विद्रोह में भाग नहीं लिया था जिसे लॉर्ड कैनिंग के शब्दों में "तूफान में बांध" कहा गया। उन्हें ब्रितानी राज सम्मानित भी किया गया और उन्हें आधिकारिक रूप से अलग पहचान तथा ताज दिया गया। कुछ बड़े किसानों के लिए भूमि-सुधार कार्य भी किये गये जिसे बादमें 90 वर्षों तक वैसा ही रखा गया।
अन्त में ब्रितानियों ने सामाजिक परिवर्तन से भारतीयों के मोहभंग को महसूस किया। विद्रोह तक वो उत्साहपूर्वक सामाजिक परिवर्तन से गुजरे जैसे लॉर्ड विलियम बेंटिंक ने सती प्रथा पर रोक लगा दी। उन्होंने यह भी महसूस किया कि भारत की परम्परा और रिति रिवाज बहुट कठोर तथा दृढ़ हैं जिन्हें आसानी से नहीं बदला जा सकता; तत्पश्चात और अधिक, मुख्यतः धार्मिक मामलों से सम्बद्ध ब्रितानी सामाजिक हस्तक्षेप नहीं किये गये।
रूस के संग संघर्ष
अफ्रीका पर पकड़
श्वेत उपनिवेशों में स्वशासन
साम्राज्ञ शताब्दी
विश्वयुद्ध
प्रथम विश्वयुद्ध
अन्तरयुद्ध काल
द्वितीय विश्वयुद्ध
विउपनिवेशीकरण और पतन
विरासत
इन्हें भी देखें
साम्राज्यवाद
ब्रिटिश राज
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
साम्राज्य
ब्रिटिश साम्राज्य | 2,707 |
1461061 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%87%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A5%80%20%E0%A4%86%E0%A4%A7%E0%A5%81%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A6 | इस्लामी आधुनिकतावाद | इस्लामी आधुनिकतावाद एक आंदोलन है जिसे "पश्चिमी सांस्कृतिक चुनौती के लिए पहली मुस्लिम वैचारिक प्रतिक्रिया" के रूप में वर्णित किया गया है, इस्लामी विश्वास को लोकतंत्र, नागरिक अधिकार, तर्कसंगतता, समानता और प्रगति जैसे आधुनिक मूल्यों के साथ सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास कर रहा है। इसमें "शास्त्रीय अवधारणाओं और न्यायशास्त्र के तरीकों का एक महत्वपूर्ण पुनर्मूल्यांकन", और इस्लामी धर्मशास्त्र और कुरानिक व्याख्या (तफ़सीर) के लिए एक नया दृष्टिकोण शामिल है। एक समकालीन परिभाषा इसे "इस्लाम के मूलभूत स्रोतों - कुरान और सुन्ना, (पैगंबर की प्रथा) को फिर से पढ़ने के प्रयास के रूप में वर्णित करती है - उन्हें उनके ऐतिहासिक संदर्भ में रखकर, और फिर उनकी पुनर्व्याख्या करते हुए, गैर-शाब्दिक रूप से आधुनिक संदर्भ के प्रकाश में।"
यह कई इस्लामी आंदोलनों में से एक था - जिसमें इस्लामी धर्मनिरपेक्षता, इस्लामवाद और सलाफीवाद शामिल हैं - जो १९वीं शताब्दी के मध्य में समय के तेजी से बदलाव, विशेष रूप से इस्लामी दुनिया पर पश्चिमी सभ्यता और उपनिवेशवाद के कथित हमले की प्रतिक्रिया में उभरा। इस्लामी आधुनिकतावाद धर्मनिरपेक्षता से इस मायने में अलग है कि यह सार्वजनिक जीवन में धार्मिक विश्वास के महत्व पर जोर देता है, और सलाफिज्म या इस्लामवाद से इसमें समकालीन यूरोपीय संस्थानों, सामाजिक प्रक्रियाओं और मूल्यों को गले लगाता है। महाथिर मोहम्मद द्वारा प्रतिपादित इस्लामी आधुनिकतावाद की एक अभिव्यक्ति यह है कि "केवल जब इस्लाम की व्याख्या की जाती है ताकि वह १४०० साल पहले की दुनिया से अलग दुनिया में प्रासंगिक हो, तो इस्लाम को सभी उम्र के लिए एक धर्म माना जा सकता है।"
आंदोलन के प्रमुख नेताओं में सर सैयद अहमद खान, नामिक केमल, रिफा अल-तहतवी, मुहम्मद अब्दुह (अल-अजहर विश्वविद्यालय के पूर्व शेख), जमाल अद-दीन अल-अफगानी और दक्षिण एशियाई कवि मुहम्मद इकबाल शामिल हैं। भारतीय उपमहाद्वीप में आंदोलन को फरही के नाम से भी जाना जाता है, और इसे मुख्य रूप से हमीदुद्दीन फराही के नाम पर विचार के स्कूल के रूप में माना जाता है।
अपनी स्थापना के बाद से इस्लामी आधुनिकतावाद धर्मनिरपेक्षतावादी शासकों और "आधिकारिक उलेमा " दोनों के द्वारा अपने मूल सुधारवाद के सह-विकल्प से पीड़ित रहा है, जिसका "कार्य धार्मिक दृष्टि से शासकों के कार्यों को वैध बनाना" है।
विषय-वस्तु, तर्क, स्थिति
आधुनिक इस्लामी विचारों में कुछ विषयों में शामिल हैं:
पश्चिम की तकनीकी, वैज्ञानिक और कानूनी उपलब्धियों की "आलोचना या अनुकरण की अलग-अलग डिग्री" के साथ स्वीकृति; जबकि एक ही समय में "मुस्लिम देशों के पश्चिमी औपनिवेशिक शोषण और पश्चिमी धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को थोपने" पर आपत्ति जताई और मुसलमानों के बीच विज्ञान की एक आधुनिक और गतिशील समझ विकसित करने का लक्ष्य रखा जो मुस्लिम दुनिया को मजबूत करेगा और आगे के शोषण को रोकेगा।
१९वीं सदी के अंत में यूरोप की यात्रा करने के बाद मुहम्मद अब्दुह वहां की व्यवस्था और समृद्धि से बहुत प्रभावित हुए, उन्होंने मिस्रवासियों से कहा: "मैं पश्चिम में गया और इस्लाम को देखा, लेकिन कोई मुसलमान नहीं; मैं पूर्व में वापस गया और देखा मुसलमान, लेकिन इस्लाम नहीं।"
कहा जाता है कि सैय्यद अहमद खान ने न केवल ब्रिटेन की उपलब्धियों की प्रशंसा की बल्कि देश के लिए "भावनात्मक लगाव" भी रखा।
मान्यताएं
सैयद अहमद खान ने प्राकृतिक विज्ञान के आधुनिक ज्ञान के साथ धर्मग्रंथ का सामंजस्य स्थापित करने की मांग की; धर्मग्रंथ की "शाब्दिक व्याख्याओं को त्यागकर" "विज्ञान और धार्मिक सत्य के बीच की खाई" को पाटने के लिए, और सहीह हदीस के संग्रहकर्ताओं की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाना, यानी यह सवाल करना कि क्या कुछ सबसे सटीक रूप से पारित किए गए आख्यानों में से कुछ माना जाता है। पैगंबर ने कहा और किया, वास्तव में दिव्य रूप से प्रकट हुए हैं।
देवदूत प्रकाश से निर्मित प्राणी नहीं हैं बल्कि "चीजों के गुण" या ईश्वरीय नैतिक समर्थन की अवधारणाएं हैं जो मनुष्य को उसके प्रयासों में प्रोत्साहित करती हैं।
जिन्न आग से बनाई गई स्वतंत्र इच्छा वाले प्राणी नहीं हैं, बल्कि "बुरी इच्छाओं के प्रक्षेपण" हैं।
इस्लामी कानून
चेराग अली और सैयद अहमद खान ने तर्क दिया कि "इस्लामी कानून का कोड अपरिवर्तनीय और अपरिवर्तनीय नहीं है", और इसके बजाय "इसके चारों ओर चल रही सामाजिक और राजनीतिक क्रांतियों" को अपनाया जा सकता है।
"सार्वजनिक हित" के समर्थन में इस्लामी कानून के "उद्देश्य" (मकसीद अल-शरिया), (या इस्लामिक न्यायशास्त्र के लिए एक द्वितीयक स्रोत मसलाह) का आह्वान किया गया। यह इस्लामी सुधारवादियों द्वारा "दुनिया के कई हिस्सों में शास्त्रीय टिप्पणियों में संबोधित नहीं की गई पहल को सही ठहराने के लिए किया गया था, लेकिन इसे तत्काल राजनीतिक और नैतिक चिंता का विषय माना गया।"
इस्लामी न्यायशास्त्र के चार पारंपरिक स्रोतों - इस्लाम की पवित्र पुस्तक (कुरान), मुहम्मद (हदीस) के कथित कर्मों और कथनों, धर्मशास्त्रियों की सहमति (इज़्मा) और सादृश्य द्वारा न्यायिक तर्क (क़ियास) का उपयोग करके पारंपरिक इस्लामी कानून की पुनर्व्याख्या की गई। प्लस अन्य स्रोत - एक कानूनी प्रश्न का हल खोजने के लिए स्वतंत्र तर्क '(' इज्तिहाद)।
पहले दो स्रोतों (कुरान और हदीस) को लिया गया और "वैज्ञानिक तर्कसंगतता और आधुनिक सामाजिक सिद्धांत के प्रचलित मानकों के प्रकाश में एक सुधारवादी परियोजना तैयार करने के लिए अंतिम दो (इज्मा और क़ियास) को बदलने के लिए पुनर्व्याख्या की गई।"
पारंपरिक इस्लामी कानून को अपने आधार को कुरान और प्रामाणिक सुन्नत तक सीमित करके प्रतिबंधित किया गया था, यानी सुन्नत को कट्टरपंथी हदीस आलोचना के साथ सीमित कर दिया गया था।
इज्तिहाद का उपयोग न केवल पारंपरिक, संकीर्ण तरीके से अभूतपूर्व मामलों में कानूनी फैसलों तक पहुंचने के लिए किया गया था, यानी जहां कुरान, हदीस और पहले के न्यायविदों के फैसले मौन हैं, बल्कि विचार के सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण स्वतंत्र तर्क के लिए, और शायद अनुमोदन भी गैर-न्यायविदों द्वारा इसका उपयोग।
आधिकारिक स्रोतों की ये अधिक या कम कट्टरपंथी (पुनः) व्याख्याएं विशेष रूप से कुरान की आयतों या हदीस के मामलों पर लागू होती हैं, जहां शाब्दिक व्याख्या "आधुनिक" विचारों के साथ संघर्ष करती है: बहुविवाह, हद (दंड) दंड (हाथ काट देना, चाबुक चलाना आदि), अविश्वासियों के साथ व्यवहार, जिहाद छेड़ना, सूदखोरी पर प्रतिबंध या ऋण पर ब्याज (रिबा)।
जिहाद के विषय पर, इस्लामिक विद्वान जैसे इब्न अल-अमीर अल-सनानी, मुहम्मद अब्दुह, राशिद रिदा, उबैदुल्लाह सिंधी, यूसुफ अल-करदावी, शिबली नोमानी, आदि ने रक्षात्मक जिहाद (जिहाद अल-दफ) और आक्रामक के बीच अंतर किया। जिहाद (जिहाद अल-तालाब या पसंद का जिहाद)। उन्होंने जिहाद अल-तालाब पर एक सांप्रदायिक दायित्व (फर्द किफाया) होने पर आम सहमति की धारणा को खारिज कर दिया। इस दृष्टिकोण के समर्थन में इन विद्वानों ने अल-जस्स, इब्न तैमिया, आदि जैसे शास्त्रीय विद्वानों के कार्यों का उल्लेख किया। इब्न तैमिया के अनुसार गैर-मुस्लिमों के खिलाफ जिहाद का कारण उनका अविश्वास नहीं है, बल्कि उनके द्वारा उत्पन्न खतरा है। मुसलमान। इब्न तैमिया का हवाला देते हुए, रशीद रिदा, अल सनानी, क़रादावी, आदि जैसे विद्वानों का तर्क है कि अविश्वासियों से लड़ने की ज़रूरत नहीं है जब तक कि वे मुसलमानों के लिए खतरा पैदा न करें। इस प्रकार, जिहाद केवल मुस्लिम समुदाय के खिलाफ आक्रामकता या "विश्वासघात" का जवाब देने के लिए एक रक्षात्मक युद्ध के रूप में अनिवार्य है, और इस्लामी और गैर-इस्लामी क्षेत्रों के बीच "सामान्य और वांछित राज्य" "शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व" में से एक था। इसी तरह १८वीं शताब्दी के इस्लामिक विद्वान मुहम्मद इब्न अब्द अल-वहाब ने जिहाद को मुस्लिम समुदाय की रक्षा के लिए एक रक्षात्मक सैन्य कार्रवाई के रूप में परिभाषित किया, और बाद के २०वीं सदी के इस्लामी लेखकों के साथ तालमेल में इसके रक्षात्मक पहलू पर जोर दिया। महमूद शाल्टुत और अन्य आधुनिकतावादियों के अनुसार जिहाद घोषित करने के लिए अविश्वास पर्याप्त कारण नहीं था। जिहादियों (मुजाहिदीन) के हाथों मौत के डर से अविश्वासियों द्वारा इस्लाम में धर्मांतरण ईमानदार या स्थायी साबित होने की संभावना नहीं थी। धर्मांतरण का सबसे बेहतर माध्यम शिक्षा थी। उन्होंने "धर्म में कोई बाध्यता नहीं है" पद की ओर इशारा किया। [कुरान २:२५६]
रीबा (सूदखोरी) के विषय पर, सैयद अहमद खान, फजलुर रहमान मलिक, मुहम्मद अब्दुह, राशिद रिदा, अब्द अल-रज्जाक अल-सन्हुरी, मुहम्मद असद, महमूद शल्टआउट सभी ने न्यायवादी रूढ़िवाद के साथ मुद्दा उठाया कि कोई भी और सभी हित रिबा थे और मना किया, यह मानते हुए कि ब्याज और सूदखोरी में अंतर था। इन न्यायविदों ने शास्त्रीय विद्वान इब्न तैमिया से अपनी स्थिति के लिए मिसाल कायम की, जिन्होंने अपने ग्रंथ "द रिमूवल ऑफ ब्लेम्स फ्रॉम द ग्रेट इमाम" में तर्क दिया, कि विद्वानों को रिबा अल-फदल के निषेध पर विभाजित किया गया है। इब्न क़य्यिम अल-जवाज़िया, इब्न तैमिया के छात्र, ने भी रिबा अल-नसीआह और रिबा अल-फदल के बीच अंतर किया, यह बनाए रखते हुए कि केवल रिबा अल-नसीह को कुरान और सुन्नत द्वारा निश्चित रूप से प्रतिबंधित किया गया था, जबकि उत्तरार्द्ध केवल था ब्याज की वसूली को रोकने के लिए निषिद्ध। उनके अनुसार रीबा अल-फदल का निषेध कम गंभीर था और इसे सख्त जरूरत या अधिक सार्वजनिक हित (मसलाहा) में अनुमति दी जा सकती थी। इसलिए एक अनिवार्य आवश्यकता के तहत, एक वस्तु को दिरहम के बदले में देरी से बेचा जा सकता है या किसी अन्य वजन वाले पदार्थ के लिए रिबा अल-नासियाह को शामिल करने के बावजूद बेचा जा सकता है।
हुदूद /हदद के संबंध में विशेष रूप से चोर के हाथ काटने के बारे में "क्लासिक आधुनिकतावादी तर्क" यह है कि इसे केवल "पूरी तरह से न्यायपूर्ण" इस्लामी समाज में लागू किया जाना चाहिए जहां "कोई कमी नहीं है", अर्थात जहां कोई कुछ भी चोरी नहीं करता है क्योंकि उन्हें इसकी आवश्यकता है और वे इसे वहन नहीं कर सकते।
पाशंसक-विद्या
क्षमाप्रार्थी लेखन ने पश्चिमी विचारों और प्रथाओं के साथ इस्लामी परंपरा के पहलुओं को जोड़ा, और दावा किया कि प्रश्न में पश्चिमी प्रथाएं मूल रूप से इस्लाम से ली गई थीं। इस्लामिक क्षमाप्रार्थी की कई विद्वानों द्वारा सतही, रूढ़िवादी और यहां तक कि मनोवैज्ञानिक रूप से विनाशकारी के रूप में गंभीर आलोचना की गई है, इतना ही नहीं आधुनिक इस्लाम पर साहित्य में "क्षमाप्रार्थी" शब्द लगभग दुरुपयोग का शब्द बन गया है।
आधुनिकता का इतिहास
१९वीं शताब्दी के उत्तरार्ध के दौरान, हेनरी लॉज़िएर के अनुसार कई मुस्लिम सुधारकों ने इस्लाम से कथित रूप से परिवर्तन करके और मूल सिद्धांतों का पालन करके प्रबुद्धता के युग के सामाजिक और बौद्धिक विचारों के साथ इस्लामी मूल्यों को समेटने के प्रयास शुरू किए। मुहम्मद और रशीदुन युग के दौरान आयोजित, (मुसलमानों की पहली तीन पीढ़ियों का समय अल-सलाफ अल-सलीह ("पवित्र पूर्ववर्तियों") के रूप में जाना जाता है, जिससे सलाफी आंदोलन का नाम निकला)। उनके आंदोलन को इस्लामी आधुनिकतावाद का अग्रदूत माना जाता है।
तुर्क तंजीमत
इस्लामी आधुनिकतावादी प्रवचन उन्नीसवीं शताब्दी की दूसरी तिमाही में एक बौद्धिक आंदोलन के रूप में उभरा; तंजीमत (१८३९-१८७६ ईस्वी) के रूप में जाने जाने वाले ओटोमन साम्राज्य में शुरू किए गए व्यापक सुधारों के एक युग के दौरान। आंदोलन ने उदारवादी संवैधानिक विचारों के साथ शास्त्रीय इस्लामी धार्मिक अवधारणाओं के सामंजस्य की मांग की और कठोर सामाजिक, राजनीतिक और तकनीकी परिवर्तनों के आलोक में धार्मिक मूल्यों के सुधार की वकालत की। नामिक केमल (१८४०-१८८८ ईस्वी) जैसे बुद्धिजीवियों ने लोकप्रिय संप्रभुता और नागरिकों के " प्राकृतिक अधिकारों " का आह्वान किया। इस आंदोलन के प्रमुख विद्वानों में अल-अजहर हसन अल-अत्तर (मृत १८३५) के ग्रैंड इमाम, ओटोमन विज़ीर मेहम एमिन अली पाशा (मृत १८७१), दक्षिण एशियाई दार्शनिक सैय्यद अहमद खान (मृत १८९८), जमाल अल-दीन अफगानी (डी. १८९७), आदि शामिल थे। शास्त्रीय इस्लामी विचारों की अपनी समझ से प्रेरित होकर, इन तर्कवादी विद्वानों ने इस्लाम को पश्चिमी दर्शन और आधुनिक विज्ञान के अनुकूल धर्म के रूप में माना।
इस्लामिक आधुनिकतावाद की कम से कम एक शाखा तंजीमत युग के दौरान एक बौद्धिक आंदोलन के रूप में शुरू हुई और १९वीं शताब्दी के मध्य के दौरान ओटोमन संवैधानिक आंदोलन और ओटोमनवाद के नए उभरते हुए देशभक्ति के रुझान का हिस्सा थी। इसने ओटोमन शाही संरचना, नौकरशाही सुधारों, उदार संविधान, केंद्रीकरण, संसदीय प्रणाली को लागू करने और यंग ओटोमन आंदोलन का समर्थन करने के उपन्यास पुनर्वितरण की वकालत की। यद्यपि आधुनिकतावादी कार्यकर्ता साम्राज्य के मुस्लिम चरित्र पर जोर देने में रूढ़िवादी तुर्क पादरियों से सहमत थे, लेकिन उनके साथ उनके भयंकर विवाद भी थे। जबकि ओटोमन लिपिक प्रतिष्ठान ने वंशवादी सत्ता के संरक्षण और ओटोमन सुल्तान के प्रति निर्विवाद निष्ठा के माध्यम से मुस्लिम एकता का आह्वान किया; आधुनिकतावादी बुद्धिजीवियों ने तर्क दिया कि संसदीय सुधारों और सभी तुर्क विषयों के समान उपचार को सुनिश्चित करने के माध्यम से शाही एकता को बेहतर ढंग से परोसा गया; मुस्लिम और गैर मुस्लिम। आधुनिकतावादी संभ्रांत लोगों ने सांस्कृतिक और शैक्षिक प्रयासों के साथ-साथ एक धर्मनिरपेक्ष संवैधानिक व्यवस्था के तहत तुर्क साम्राज्य को एकजुट करने के अपने राजनीतिक प्रयासों के लिए समर्थन हासिल करने के लिए अक्सर धार्मिक नारों का आह्वान किया।
दूसरी ओर, सलाफिया आंदोलन १८९० के दशक के दौरान शास्त्र-उन्मुख दमिश्क उलेमा के विद्वानों के हलकों के बीच सीरिया में एक स्वतंत्र पुनरुत्थानवादी प्रवृत्ति के रूप में उभरा। हालांकि सलाफियों ने आधुनिकतावादी कार्यकर्ताओं की कई सामाजिक-राजनीतिक शिकायतों को साझा किया, लेकिन उन्होंने आधुनिकतावादी और व्यापक संवैधानिक आंदोलनों दोनों से अलग उद्देश्य रखे। जबकि सलाफियों ने सुल्तान अब्दुल हमीद द्वितीय और तुर्क पादरियों की निरंकुश नीतियों का विरोध किया; उन्होंने यूरोपीय लोगों का अनुकरण करने का आरोप लगाते हुए संविधानवादी कार्यकर्ताओं द्वारा लाए गए तंजीमत सुधारों की धर्मनिरपेक्षता और केंद्रीकरण की प्रवृत्ति की भी तीव्र निंदा की।
फैलाना
आखिरकार आधुनिकतावादी बुद्धिजीवियों ने १८६५ में एक गुप्त समाज का गठन किया जिसे इत्तिफक-आई हमीयत (देशभक्ति गठबंधन) के रूप में जाना जाता है; जिसने धार्मिक प्रवचन के माध्यम से राजनीतिक उदारवाद और लोकप्रिय संप्रभुता के आधुनिक संवैधानिक आदर्शों की वकालत की। इस युग के दौरान, कई बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं जैसे मुहम्मद इकबाल (१८७७-१९३८ ईस्वी), मिस्र के नहदा फिगर रिफा अल-तहतावी (१८०१-१८७३), आदि ने पश्चिमी वैचारिक विषयों और नैतिक धारणाओं को स्थानीय मुस्लिम समुदायों और धार्मिक मदरसों में पेश किया।
भारत
ब्रिटिश भारत में ओटोमन साम्राज्य से दूर सैयद अहमद खान (१८१७-१८९८) "आधुनिकतावादी विचारकों में से पहले थे, जिनका बड़े पैमाने पर मुस्लिम दुनिया पर पर्याप्त प्रभाव पड़ा। उन्होंने "भारतीय प्रशासन में नौकरियों के लिए हिंदुओं के साथ सफलतापूर्वक प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम मुसलमानों के एक शिक्षित अभिजात वर्ग" का निर्माण करने के इरादे से अलीगढ़ में मुहम्मडन एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज की स्थापना की। कॉलेज ने "यूरोपीय कला और विज्ञान" और "पारंपरिक इस्लामी अध्ययन" दोनों में प्रशिक्षण प्रदान किया। उन्होंने "पारंपरिक रूप से समझे जाने वाले इस्लाम और आधुनिक विज्ञान के बीच विरोधाभासों को समेटने की कोशिश की, जिसकी उन्होंने बहुत प्रशंसा की।"
मिस्र
अज़हरी विद्वान मुहम्मद 'अब्दुह (मृत १९०५) के धर्मशास्त्रीय विचारों को १९वीं शताब्दी के ओटोमन बौद्धिक प्रवचन द्वारा काफी हद तक आकार दिया गया था। प्रारंभिक तुर्क आधुनिकतावादियों के समान, अब्दुह ने प्रबुद्धता के आदर्शों और पारंपरिक धार्मिक मूल्यों के बीच की खाई को पाटने की कोशिश की। उनका मानना था कि शास्त्रीय इस्लामी धर्मशास्त्र बौद्धिक रूप से जोरदार था और कलाम (सट्टा धर्मशास्त्र) को एक तार्किक पद्धति के रूप में चित्रित करता था जिसने इस्लाम की तर्कसंगत भावना और जीवन शक्ति का प्रदर्शन किया। आधुनिकतावादियों के प्रमुख विषयों को अंततः ओटोमन लिपिक अभिजात वर्ग द्वारा अपनाया जाएगा, जिन्होंने एक बुनियादी इस्लामी सिद्धांत के रूप में स्वतंत्रता को रेखांकित किया। इस्लाम को एक ऐसे धर्म के रूप में चित्रित करना जो राष्ट्रीय विकास, मानव सामाजिक प्रगति और विकास का उदाहरण है; ओटोमन शेख अल-इस्लाम मूसा काजिम एफेंदी (मृत १९२०) ने १९०४ में प्रकाशित अपने लेख "इस्लाम एंड प्रोग्रेस" में लिखा:"इस्लाम धर्म प्रगति में बाधक नहीं है। इसके विपरीत, यह वह है जो प्रगति को आदेश देता है और प्रोत्साहित करता है; यही प्रगति का कारण है"
उन्नीसवीं सदी के अंत में शुरू होकर और बीसवीं सदी को प्रभावित करते हुए, मुहम्मद अब्दुह और उनके अनुयायियों ने पश्चिमी संस्थानों और सामाजिक प्रक्रियाओं से मेल खाने के लिए इस्लाम की रक्षा, आधुनिकीकरण और पुनरुत्थान के लिए एक शैक्षिक और सामाजिक परियोजना शुरू की। इसके सबसे प्रमुख बौद्धिक संस्थापक, मुहम्मद अब्दुह (मृत १३२३ अल हिज्र/१९०५ ईस्वी), अपनी मृत्यु से पहले एक संक्षिप्त अवधि के लिए अल-अजहर विश्वविद्यालय के शेख थे। इस परियोजना ने उन्नीसवीं शताब्दी की दुनिया को इस्लामी ज्ञान के व्यापक निकाय पर आरोपित किया जो एक अलग वातावरण में जमा हुआ था। इन प्रयासों का पहले बहुत कम प्रभाव पड़ा। अब्दुह की मृत्यु के बाद उनके आंदोलन को १९२४ में ओटोमन खलीफा के निधन और धर्मनिरपेक्ष उदारवाद को बढ़ावा देने के लिए उत्प्रेरित किया गया था - विशेष रूप से मिस्र के अली अब्द अल-रज़ीक के प्रकाशन सहित लेखकों की एक नई नस्ल को आगे बढ़ाने के लिए इस्लामी राजनीति पर हमला करने के लिए। मुस्लिम इतिहास में पहली बार फरग फोडा, अल-अश्मावी, मुहम्मद खलाफल्लाह, ताहा हुसैन, हुसैन अमीन, और अन्य सहित इस प्रवृत्ति के बाद के धर्मनिरपेक्ष लेखकों ने इसी तरह के स्वर में तर्क दिया है।
अब्दुह कई हदीसों (या "परंपराओं") के प्रति शंकालु था, यानी इस्लामी पैगंबर मुहम्मद की शिक्षाओं, कार्यों और कथनों की रिपोर्ट के शरीर के प्रति। विशेष रूप से उन परंपराओं के प्रति जो संचरण की कुछ श्रृंखलाओं के माध्यम से रिपोर्ट की जाती हैं, भले ही उन्हें हदीस की छह प्रामाणिक पुस्तकों (कुतुब अल-सिताह के रूप में जाना जाता है) में से किसी में भी कठोर रूप से प्रमाणित माना जाता है। इसके अलावा, उन्होंने हदीथ अध्ययनों में भी पारंपरिक मान्यताओं के पुनर्मूल्यांकन की वकालत की, हालांकि उन्होंने अपनी मृत्यु से पहले एक व्यवस्थित पद्धति तैयार नहीं की थी।
ट्यूनीशियाई मलिकी विद्वान मुहम्मद अल-ताहिर इब्न अशुर (१८७९-१९७३ ईस्वी), जो ज़ायतुना विश्वविद्यालय में मुख्य न्यायाधीश के पद तक पहुंचे, मुहम्मद 'अब्दुह के एक प्रमुख छात्र थे। वह १९०३ में ट्यूनीशिया की अपनी यात्रा के दौरान 'अब्दुह' से मिले और उसके बाद 'अब्दुह' की आधुनिकतावादी दृष्टि के एक भावुक समर्थक बन गए। उन्होंने शैक्षिक पाठ्यक्रम में सुधार का आह्वान किया और विद्वानों और बौद्धिक हलकों में मकसिद अल-शरिया (इस्लामी कानून के उच्च उद्देश्य) के प्रवचन को पुनर्जीवित करने में उनकी भूमिका के लिए उल्लेखनीय बन गए। इब्न अशुर ने १९४६ में " मकसीद अल-शरिया अल-इस्लामियाह " पुस्तक लिखी, जिसे आधुनिकतावादी बुद्धिजीवियों और लेखकों ने व्यापक रूप से स्वीकार किया। अपने ग्रंथ में इब्न अशुर ने एक कानूनी सिद्धांत का आह्वान किया, जो 'उर्फ' (स्थानीय रीति-रिवाजों) के प्रति लचीला है और मकासिद (उद्देश्यों) के सिद्धांत को लागू करने के आधार पर हदीसों की पुन: व्याख्या के लिए प्रासंगिक दृष्टिकोण अपनाया।
पतन
२०वीं शताब्दी की शुरुआत में अपने चरम के बाद १९२० के दशक में ओटोमन साम्राज्य के विघटन के बाद आधुनिकतावादी आंदोलन धीरे-धीरे कम हो गया और अंततः सलाफिज्म जैसे रूढ़िवादी सुधार आंदोलनों के लिए जमीन खो दी। प्रथम विश्व युद्ध के बाद मुस्लिम भूमि का पश्चिमी उपनिवेशवाद और धर्मनिरपेक्षतावादी प्रवृत्तियों की उन्नति; इस्लामी सुधारकों ने महसूस किया कि अरब राष्ट्रवादियों ने उनके साथ विश्वासघात किया है और उन्हें संकट का सामना करना पड़ा।
इस्लामवाद
इस विद्वता को सैय्यद रशीद रिदा, 'अब्दुह' के एक शिष्य, के वैचारिक परिवर्तन द्वारा चित्रित किया गया था, जिन्होंने हनबली धर्मशास्त्री इब्न तैमियाह के ग्रंथों को पुनर्जीवित करना शुरू किया और अपने आदर्शों को लोकप्रिय बनाकर " इस्लामी विचार के अग्रदूत" बन गए। अब्दुह और अफगानी के विपरीत, रिदा और उनके शिष्यों ने हनबली धर्मशास्त्र का समर्थन किया। वे शियाओं की तरह अन्य स्कूलों के अनुयायियों के खिलाफ खुले तौर पर अभियान चलाएंगे, जिन्हें वे पथभ्रष्ट मानते थे। रिदा ने सुधार को एक शुद्धतावादी आंदोलन में बदल दिया जिसने मुस्लिम पहचानवाद, पैन-इस्लामवाद को आगे बढ़ाया और पश्चिमीकरण पर हमला करते हुए इस्लामी संस्कृति की श्रेष्ठता का प्रचार किया। रिदा के आंदोलन की एक प्रमुख पहचान एक धार्मिक सिद्धांत की उनकी वकालत थी जो उलेमा (इस्लामी विद्वानों) के नेतृत्व में एक इस्लामी राज्य की स्थापना के लिए बाध्य थी।
रिदा के कट्टरपंथी/इस्लामवादी सिद्धांतों को बाद में इस्लामिक विद्वानों और मुस्लिम ब्रदरहुड जैसे इस्लामवादी आंदोलनों द्वारा अपनाया जाएगा। जर्मन विद्वान बासम तिबी के अनुसार:"रिडा के इस्लामी कट्टरवाद को मुस्लिम ब्रदरन द्वारा उठाया गया है, जो १९२८ में स्थापित एक दक्षिणपंथी कट्टरपंथी आंदोलन है, जो तब से धर्मनिरपेक्ष राष्ट्रवाद के कठोर विरोध में है।"
समकालीन युग
समकालीन मुस्लिम आधुनिकतावाद को आधुनिकता की धाराओं को नेविगेट करने और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के लिए " मकसीद अल-शरिया " के सिद्धांत पर जोर देने की विशेषता है। एक अन्य पहलू पश्चिम में बढ़ती मुस्लिम अल्पसंख्यक आबादी के सामने आने वाली चुनौतियों का जवाब देने के लिए २० वीं सदी के अंत में फ़िक़्ह अल-अक़लियात (अल्पसंख्यक न्यायशास्त्र) को बढ़ावा देना है। इस्लामिक विद्वान अब्दुल्लाह बिन बियाह, जिद्दा में किंग अब्दुल अज़ीज़ विश्वविद्यालय में इस्लामी अध्ययन के प्रोफेसर, फ़िक़ह अल-अक़लियात के प्रमुख समर्थकों में से एक हैं और मक़सिद अल-शरिया के सिद्धांतों के आधार पर कानूनी प्रणाली को फिर से तैयार करने की वकालत करते हैं ताकि उनकी संवेदनशीलता के अनुरूप हो सके। आधुनिक युग।
पुनरुत्थानवादी आंदोलनों पर प्रभाव
सलाफिया आंदोलन
मूल
अरब सलाफिया आंदोलन (सलाफ अल-सलीह या "पवित्र पूर्ववर्तियों के बाद") की शुरुआत जमाल अल-दीन अल-अफगानी, मुहम्मद अब्दुह और राशिद रिदा से हुई। जमाल अल-दीन अल-अफगानी, मुहम्मद 'अब्दुह, मुहम्मद अल-ताहिर इब्न अशूर, सैयद अहमद खान और, कुछ हद तक, मोहम्मद अल-ग़ज़ाली । उन्होंने रूढ़िवादी पुनरुत्थानवादी वहाबवाद आंदोलन के कुछ आदर्शों को साझा किया, जैसे कि न्यायिक कटौती (इज्तिहाद) के दरवाजे को फिर से खोलकर पहली मुस्लिम पीढ़ियों (सलाफ) की इस्लामी समझ को "वापसी" करने का प्रयास करना, जिसे उन्होंने बंद के रूप में देखा था।
आधुनिकतावादियों और सलाफ़ियों के बीच का संबंध विवादित है, कुछ तर्कों के साथ वास्तव में ऐसा कभी नहीं था। ऐसे लोग हैं जो यह मानते हैं कि उन्होंने सलाफी नाम साझा किया है, लेकिन कुछ और नहीं (ऑक्सफोर्ड ग्रंथ सूची, क्विंटन विक्टोरोविक्ज़); या यह कि आधुनिकतावादी "अल-अफगानी और अब्दुह शुरुआत में शायद ही सलाफी थे" (हेनरी लॉज़ियर); या इसके विपरीत, अल-अफगानी, अब्दुह और सलाफिया के रिदा संस्थापकों को कॉल करें और आधुनिकतावाद (ओलिवियर रॉय) का उल्लेख किए बिना उनकी रचना का वर्णन करें। जो लोग मानते हैं कि उनके पूर्वज एक ही थे (लुई मैसिग्नन द्वारा कथित तौर पर प्रचारित एक दृश्य), जो हुआ उस पर हमेशा सहमत नहीं होते हैं: सलाफिस्ट "ज्ञान और आधुनिकता" और "बेवजह" के पक्ष में शुरू करते हैं। इन सद्गुणों और शुद्धतावाद के विरुद्ध हो गए (विश्व समाचार अनुसंधान); या सलाफिस्ट शब्द आधुनिकतावादी रशीद रिदा द्वारा गढ़ा गया था, लेकिन एक मुहम्मद नसीरुद्दीन अल-अलबानी द्वारा विनियोजित किया गया था, ताकि दुनिया अब इसे अल-अलबानी और रूढ़िवादी अथारिस के साथ जोड़ दे, न कि रिदा और अन्य प्रवर्तकों के साथ (अमार यासिर) कढ़ी); या यह मुहम्मद अब्दु नहीं रिदा थे जिन्होंने "प्रबुद्ध सलाफिया" (आधुनिकतावाद) की स्थापना की और यह राशिद रिदा (अल-अल्बानी का कोई उल्लेख नहीं) था, जिन्होंने इसे वहाबी-अनुकूल सलाफिया में बदल दिया, जिसे हम आज (रैहान इस्माइल) जानते हैं। किसी भी मामले में आम तौर पर यह माना जाता है कि २१वीं सदी की शुरुआत में स्व-घोषित सलाफ़ी उग्रवादी अपनी चाल को "अपने सबसे शाब्दिक पारंपरिक अर्थों में पवित्र ग्रंथों के निषेधाज्ञा" को समझने के रूप में देखते हैं, १९वीं सदी के सुधारकों के बजाय इब्न तैमिया को देखते हुए।
ओलिवियर रॉय ने अल-अफगानी, अब्दुह और रिदा के १९वीं सदी के सलाफिया की विशेषताओं का वर्णन सामान्य कानून (आदत, उर्फ) की अस्वीकृति के रूप में किया है। अन्य धर्मों के साथ घनिष्ठता का। ये मानक कट्टरपंथी सुधारवादी सिद्धांत थे। जहां सलाफी अलग थे, वे उलमा (इस्लामिक पादरी) की परंपरा की अस्वीकृति में थे, सुन्नत और कुरान के उलमा के "परिवर्धन और विस्तार का शरीर": कुरान पर तफ़सीर टिप्पणी, माधहिब के चार कानूनी स्कूल, दर्शन, संस्कृति, आदि सलाफिया अपनी राजनीति में पारंपरिक थे या उनकी कमी थी, और बाद के इस्लामवादियों के विपरीत "मौजूदा मुस्लिम सरकारों की कोई निंदा नहीं की"। शासन के मुद्दों में वे रुचि रखते थे शरीयत के आवेदन और उम्माह (मुस्लिम समुदाय) के पुनर्गठन, और विशेष रूप से खलीफा की बहाली के साथ।
यासिर क़ादी का दावा है कि आधुनिकतावाद ने केवल सलाफ़ीवाद को प्रभावित किया, क्विंटन विक्टोरोविक्ज़ के अनुसार:हाल के वर्षों में कुछ भ्रम की स्थिति रही है क्योंकि इस्लामी आधुनिकतावादी और समकालीन सलाफी दोनों खुद को अल-सलाफिया के रूप में संदर्भित (संदर्भित) करते हैं, जिससे कुछ पर्यवेक्षकों ने गलत तरीके से एक आम वैचारिक वंश का निष्कर्ष निकाला है। पहले के सलफिया (आधुनिकतावादी), हालांकि, मुख्य रूप से तर्कवादी अशरी थे।इसी प्रकार ऑक्सफ़ोर्ड ग्रंथ सूची शुरुआती इस्लामी आधुनिकतावादियों - (जैसे मुहम्मद अब्दु) के बीच अंतर करती है, जिन्होंने "सलाफिया" शब्द का इस्तेमाल किया इस्लामी विचारों के नवीकरण के अपने प्रयास को संदर्भित करने के लिए - और बहुत अलग (अधिक शुद्धतावादी और पारंपरिक) अहल-ए हदीस, वहाबवाद आदि जैसे आंदोलनों के सलफिया ।
दोनों समूह सलफ के बाद के सिद्धांत के तक्लीद (नकल) को दूर करना चाहते थे, जिसे वे वास्तव में इस्लामी नहीं मानते थे, लेकिन अलग-अलग कारणों से। आधुनिकतावादियों ने सोचा कि तक्लीद ने मुसलमानों को फलने-फूलने से रोका क्योंकि यह आधुनिक दुनिया के साथ अनुकूलता के रास्ते में आ गया, पारंपरिक पुनरुत्थानवादी सिर्फ इसलिए कि (वे मानते थे) यह अशुद्ध था। जरूरत थी पुनर्व्याख्या की नहीं बल्कि शुद्ध इस्लाम के धार्मिक पुनरुत्थान की।
मुहम्मद 'अब्दुह और उनके आंदोलन को कभी-कभी "नवमुताज़िली" के रूप में संदर्भित किया जाता है क्योंकि उनके विचार धर्मशास्त्र के मुताज़िला स्कूल के अनुरूप हैं। अब्दुह ने खुद अशरी या मुताज़िलाइट होने से इनकार किया, हालाँकि केवल इसलिए कि उन्होंने किसी एक समूह के लिए सख्त तक्लीद (अनुरूपता) को अस्वीकार कर दिया।
प्रथम विश्व युद्ध के बाद कुछ पश्चिमी विद्वान, जैसे कि लुई मैसिग्नन, कई शास्त्र-उन्मुख तर्कवादी विद्वानों और आधुनिकतावादियों को " सलाफिया " के प्रतिमान के भाग के रूप में वर्गीकृत करते हैं, लेकिन अन्य विद्वान इस विवरण पर विवाद करते हैं।
नवजागरणवाद
प्रथम विश्व युद्ध और ओटोमन साम्राज्य के पतन के बाद मुस्लिम दुनिया भर में पैन-इस्लामवाद का उदय, सलाफी धार्मिक शुद्धतावाद के उद्भव की शुरुआत करेगा जिसने आधुनिकतावादी प्रवृत्तियों का जमकर विरोध किया। ख़िलाफ़त को बहाल करने के लिए उपनिवेश विरोधी संघर्ष सर्वोच्च प्राथमिकता बन जाएगा; मिस्र के स्कूल शिक्षक हसन अल-बन्ना द्वारा १९२८ में स्थापित एक क्रांतिकारी आंदोलन, मुस्लिम ब्रदरहुड के गठन में प्रकट हुआ। सऊदी अरब के वहाबी लिपिक अभिजात वर्ग द्वारा समर्थित, सलाफ़ी, जिन्होंने मुस्लिम दुनिया भर में अखिल-इस्लामवादी धार्मिक रूढ़िवाद की वकालत की, धीरे-धीरे आधुनिकतावादियों की जगह उपनिवेशवाद की अवधि के दौरान और फिर १९७० के दशक से शुरू होने वाले पेट्रोलियम निर्यात धन के माध्यम से इस्लाम के लिए धन पर हावी हो गए। अबू अम्मार यासिर कादी के अनुसार:रशीद रिदा ने 'सलाफी' शब्द को एक विशेष आंदोलन का वर्णन करने के लिए लोकप्रिय किया, जिसका उन्होंने नेतृत्व किया। उस आंदोलन ने मदहबों के अस्थिभंग को अस्वीकार करने की मांग की, और कभी-कभी बहुत उदार तरीकों से फिकह और आधुनिकता के मानक मुद्दों पर पुनर्विचार किया। मुहम्मद नसीरुद्दीन अल-अलबानी के नाम से एक युवा विद्वान ने रिदा का एक लेख पढ़ा, और फिर इस शब्द को लिया और इसका इस्तेमाल एक और, पूरी तरह से अलग आंदोलन का वर्णन करने के लिए किया। विडंबना यह है कि रिदा ने जिस आंदोलन का नेतृत्व किया वह अंततः आधुनिकतावादी इस्लाम बन गया और उसने 'सलाफी' लेबल को हटा दिया, और कानूनी पद्धति जिसे अल-अल्बानी ने चैंपियन बनाया - इस्लाम के बारे में रिदा की दृष्टि के साथ बहुत कम ओवरलैप के साथ - अपीलीय 'सलाफी' को बरकरार रखा। आखिरकार, अल-अल्बानी के लेबल को नज्दी दावा द्वारा भी अपनाया गया, जब तक कि यह आंदोलन के सभी रुझानों में फैल नहीं गया। अन्यथा, इस शताब्दी से पहले, 'सलाफ़ी' शब्द का प्रयोग एक सामान्य लेबल और व्यक्तिवाचक संज्ञा के रूप में नहीं किया जाता था। इसलिए, 'सलाफी' शब्द ने खुद को धर्मशास्त्र के एक पुराने स्कूल, अथरी स्कूल से जोड़ लिया है।महमूद शुकरी अल-अलुसी (१८५६-१९२४ ईस्वी), मुहम्मद राशिद रिदा (१८६५-१९३५ ईस्वी), जमाल अल-दीन अल-कासिमी (१८६६-१९१४ ईस्वी), आदि जैसे इस्लामिक पुनरुत्थानवादियों ने मुख्य रूप से " सलाफिया " शब्द का इस्तेमाल किया। परंपरावादी सुन्नी धर्मशास्त्र, अथारिज्म को निरूपित करते हैं। रिदा ने भी वहाबी आंदोलन को सलाफिया प्रवृत्ति का हिस्सा माना। नज्द के वहाबियों के अलावा, अथारी धर्मशास्त्र का पता इराक में अलूसी परिवार, भारत में अहल-ए हदीस और मिस्र में राशिद रिदा जैसे विद्वानों से भी लगाया जा सकता है। १९०५ के बाद रिडा ने अपने सुधारवादी कार्यक्रम को कट्टरपंथी प्रति-सुधार के मार्ग की ओर बढ़ाया। रिदा के नेतृत्व में इस प्रवृत्ति ने सलाफ अल-सलीह का पालन करने पर जोर दिया और सलाफिया आंदोलन के रूप में जाना जाने लगा, जिसने शुरुआती मुस्लिम समुदाय की प्राचीन धार्मिक शिक्षाओं की फिर से पीढ़ी की वकालत की।
शुरुआती आधुनिकतावादियों अफगानी और अब्दुह के प्रगतिशील विचारों को जल्द ही उनके छात्रों द्वारा समर्थित शुद्धतावादी अथारी परंपरा द्वारा बदल दिया गया; जिसने गैर-मुसलमानों के विचारों और उदारवाद जैसी धर्मनिरपेक्ष विचारधाराओं की जमकर निंदा की। इस धार्मिक परिवर्तन का नेतृत्व सैयद रशीद रिदा ने किया था जिन्होंने बीसवीं शताब्दी की शुरुआत में इब्न तैमियाह के सख्त अथरी पंथ सिद्धांतों को अपनाया था। रिदा द्वारा लोकप्रिय सलाफिया आंदोलन अथारी - वहाबी धर्मशास्त्र की वकालत करेगा। इज्तिहाद का उनका प्रचार एक सख्त पाठ्य पद्धति का हवाला देने पर आधारित था। इसकी परंपरावादी दृष्टि वहाबी लिपिक प्रतिष्ठान द्वारा अपनाई गई थी और सीरियाई - अल्बानियाई हदीस विद्वान मुहम्मद नसीरुद्दीन अल-अलबानी (मृत १९९९ ईस्वी /१४२० अल हिज्र) जैसे प्रभावशाली शख्सियतों द्वारा समर्थित थी।
एक विद्वान आंदोलन के रूप में "प्रबुद्ध सलाफीवाद" का पतन १९०५ में मुहम्मद अब्दुह की मृत्यु के कुछ समय बाद शुरू हो गया था। रशीद रिदा का शुद्धतावादी रुख, वहाबी आंदोलन को उनके समर्थन से तेज हुआ; सलाफिया आंदोलन को धीरे-धीरे बदल दिया और इसे आमतौर पर "पारंपरिक सलाफिज्म" के रूप में माना जाने लगा। अब्दुह से प्रेरित "प्रबुद्ध सलाफियों" और रशीद रिदा और उनके शिष्यों द्वारा प्रस्तुत पारंपरिक सलाफियों के बीच विभाजन अंततः बढ़ जाएगा। धीरे-धीरे, आधुनिकतावादी सलाफ़ी लोकप्रिय प्रवचन में "सलाफ़ी" लेबल से पूरी तरह से अलग हो गए और तनवीरियों (प्रबुद्ध) या इस्लामी आधुनिकतावादियों के रूप में पहचाने जाने लगे।
मुस्लिम ब्रदरहुड
मुस्लिम ब्रदरहुड (अल-इख्वान अल-मुस्लिमुन) जैसे इस्लामवादी आंदोलन इस्लामिक आधुनिकतावाद और सलाफीवाद दोनों से अत्यधिक प्रभावित थे। इसके संस्थापक हसन अल-बन्ना मुहम्मद अब्दुह और विशेष रूप से उनके सलाफी छात्र राशिद रिदा से प्रभावित थे। अल-बन्ना ने आधिकारिक उलमा की तकलीद पर हमला किया और जोर देकर कहा कि केवल कुरान और सबसे अच्छी तरह से प्रमाणित हदीस ही शरीयत के स्रोत होने चाहिए। वह राशिद रिदा के लेखन और रिदा द्वारा प्रकाशित पत्रिका अल-मनार के एक समर्पित पाठक थे। इस्लामिक सभ्यता के पतन के साथ रिदा की केंद्रीय चिंता को साझा करते हुए, अल-बन्ना का भी मानना था कि इस प्रवृत्ति को केवल इस्लाम के शुद्ध, मिलावट रहित रूप में लौटने से उलटा जा सकता है। रिदा की तरह, (और इस्लामी आधुनिकतावादियों के विपरीत) अल-बन्ना ने पश्चिमी धर्मनिरपेक्ष विचारों को आधुनिक युग में इस्लाम के लिए मुख्य खतरे के रूप में देखा। जैसा कि इस्लामिक आधुनिकतावादी विश्वासों को धर्मनिरपेक्ष शासकों और आधिकारिक 'उलेमा''' द्वारा सहयोजित किया गया था, ब्रदरहुड एक परंपरावादी और रूढ़िवादी दिशा में चला गया, क्योंकि इसने अधिक से अधिक उन मुसलमानों को आकर्षित किया "जिनकी धार्मिक और सांस्कृतिक संवेदनाएं पश्चिमीकरण के प्रभाव से नाराज हो गई थीं" - ऐसे लोगों के लिए "एकमात्र उपलब्ध आउटलेट" होना। ब्रदरहुड ने मुसलमानों के सामने आने वाली समकालीन चुनौतियों के लिए एक सलाफिस्ट समाधान के लिए तर्क दिया, सलाफी पुनरुत्थानवाद के आधार पर शरीयत के कार्यान्वयन के माध्यम से एक इस्लामी राज्य की स्थापना की वकालत की।
हालांकि मुस्लिम ब्रदरहुड आधिकारिक तौर पर खुद को एक सलाफी आंदोलन के रूप में वर्णित करता है, शांतवादी सलाफी अक्सर अपनी सलाफिस्ट साख का विरोध करते हैं। ब्रदरहुड आधुनिकता की चुनौती का मुकाबला करने की अपनी रणनीति में अधिक शुद्धतावादी सलाफियों से अलग है, और सरकार का नियंत्रण हासिल करने पर केंद्रित है। इसके बावजूद, ब्रदरहुड और अधिक गहन सलाफिस्ट दोनों शरीयत को लागू करने की वकालत करते हैं और पैगंबर मुहम्मद और सलाफ अल-सलीह की शिक्षाओं के सख्त सैद्धांतिक पालन पर जोर देते हैं।
सलाफ़ी-एक्टिविस्ट जिनकी राजनीतिक भागीदारी की एक लंबी परंपरा रही है; मुस्लिम ब्रदरहुड और इसकी विभिन्न शाखाओं और सहयोगियों जैसे इस्लामवादी आंदोलनों में अत्यधिक सक्रिय हैं। मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति (वर्तमान में कैद) मोहम्मद मुर्सी द्वारा व्यक्त कुछ ब्रदरहुड के नारे और सिद्धांत:"कुरान हमारा संविधान है, पैगंबर मुहम्मद हमारे नेता हैं, जिहाद हमारा रास्ता है, और अल्लाह के लिए मौत हमारी सबसे ऊँची आकांक्षा है...शरीयत, शरीयत और फिर अंत में शरीयत। यह राष्ट्र केवल इस्लामी शरीयत के माध्यम से आशीर्वाद और पुनरुद्धार का आनंद उठाएगा।"
इस्लामी आधुनिकतावादी
हालांकि नीचे दिए गए सभी आंकड़े उपर्युक्त आंदोलन से नहीं हैं, वे सभी कमोबेश आधुनिकतावादी विचार या/और दृष्टिकोण साझा करते हैं।
मुहम्मद अब्दुह (मिस्र)
जमाल अल-दीन अल-अफगानी (अफगानिस्तान या फारस/ईरान)
मोहम्मद अल-ग़ज़ाली (मिस्र)
मुहम्मद अल-ताहिर इब्न अशूर (तुनीसिया)
चिराग अली (ब्रिटिश भारत)
सैयद अमीर अली (ब्रिटिश भारत)
कासिम अमीन (मिस्र)
मालेक बेनाबी (अल्जीरिया)
मूसा जरुल्लाह बिगीव (रूस)
अहमद दहलान (इंडोनेशिया)
फरग फावड़ा (नवाधुनिकतावादी) (मिस्र)
अब्दुलरौफ फितरत (उज्बेकिस्तान, तत्कालीन रूस)
मुहम्मद इकबाल (ब्रिटिश भारत)
समकालीन आधुनिकतावादी
मोहम्मद अरकान (अल्जीरिया)
खालिद अबू एल फदल (संयुक्त राज्य अमेरिका)
गमाल अल-बन्ना (मिस्र)
सोहेब बेनचेख (फ्रांस)
अब्देनौर बीदर (फ्रांस)
जावेद अहमद घामिदी (पाकिस्तान)
फतुल्लाह गुलेन (तुर्की)
ताहा हुसैन (मिस्र)
वाहिदुद्दीन खान (भारत)
इरशाद मंजी (कनाडा)
अब्देलवहाब मेडडेब (फ्रांस)
महमूद मोहम्मद ताहा (सूडान)
इब्राहिम मूसा (दक्षिण अफ्रीका)
तारिक रमजान (स्विट्जरलैंड)
मुहम्मद ताहिर-उल-कादरी (पाकिस्तान)
अमीना वदूद (संयुक्त राज्य अमेरिका)
महातिर मुहम्मद
समसामयिक प्रयोग
तुर्की
२००८ में तुर्की गणराज्य के लिए धार्मिक मामलों के राज्य निदेशालय (डायनेट) ने सभी हदीसों की समीक्षा शुरू की, इस्लामी पैगंबर मुहम्मद की बातें। अंकारा विश्वविद्यालय में धर्मशास्त्र के स्कूल ने सदियों पुराने रूढ़िवादी सांस्कृतिक बोझ को दूर करने और इस्लाम के मूल संदेश में कारण की भावना को फिर से खोजने के उद्देश्य से इस फोरेंसिक परीक्षा को अंजाम दिया। लंदन में चैथम हाउस के फादी हकुरा ने इन संशोधनों की तुलना ईसाई धर्म के १६वीं सदी के प्रोटेस्टेंट रिफॉर्मेशन से की। तुर्की ने धर्मशास्त्रियों के रूप में महिलाओं को भी प्रशिक्षित किया है, और उन्हें इन पुनर्व्याख्याओं को समझाने के लिए पूरे देश में 'वाइज' के रूप में जाने जाने वाले वरिष्ठ इमामों के रूप में भेजा है।
पाकिस्तान
कम से कम एक स्रोत (चार्ल्स कैनेडी) के अनुसार पाकिस्तान में (१९९२ तक), "इस्लाम की उपयुक्त भूमिका" पर विचारों की श्रेणी "इस्लामी आधुनिकतावादियों" से स्पेक्ट्रम के एक छोर पर "इस्लामी कार्यकर्ताओं" तक चलती है। अन्य।
"इस्लामी कार्यकर्ता" "इस्लामी कानून और इस्लामी प्रथाओं" के विस्तार का समर्थन करते हैं, "इस्लामी आधुनिकतावादी" इस विस्तार के प्रति उदासीन हैं और "कुछ पश्चिम की धर्मनिरपेक्षतावादी तर्ज पर विकास की वकालत भी कर सकते हैं।"
मुहम्मदियाह
इंडोनेशियाई इस्लामिक संगठन मुहम्मदियाह की स्थापना १९१२ में हुई थी। अक्सर सलाफिस्ट के रूप में वर्णित, और कभी-कभी इस्लामिक आधुनिकतावादी के रूप में इसने कुरान और हदीसों के अधिकार पर जोर दिया, उलेमा के लिए समन्वयवाद और तक्लीद (अंध-अनुरूपता) का विरोध किया। २००६ तक, यह कहा जाता है कि इंडोनेशियाई उलेमा काउंसिल के प्रमुख दीन श्यामसुद्दीन के नेतृत्व में "इस्लाम के एक अधिक रूढ़िवादी ब्रांड की ओर तेजी से बढ़ गया"।
आलोचना
कई रूढ़िवादी, कट्टरपंथी, शुद्धतावादी और परंपरावादी मुसलमानों ने आधुनिकतावाद को बिद्अह और आज के सबसे खतरनाक विधर्म के रूप में पश्चिमीकरण और पश्चिमी शिक्षा के साथ जोड़ने के लिए दृढ़ता से विरोध किया, हालांकि कुछ रूढ़िवादी/परंपरावादी मुस्लिम और मुस्लिम विद्वान इस बात से सहमत हैं इस्लामी कानून को अद्यतन करने के लिए कुरान और सुन्नत पर वापस जाना फ़िक़्ह'' के सिद्धांतों का उल्लंघन नहीं होगा।
प्रमुख इस्लामवादी विचारकों और इस्लामी पुनरुत्थानवादियों में से एक, अबुल अला मौदूदी इस्लामी आधुनिकतावादियों से सहमत थे कि इस्लाम में तर्क के विपरीत कुछ भी नहीं है, और अन्य सभी धार्मिक प्रणालियों के लिए तर्कसंगत दृष्टि से श्रेष्ठ है। हालाँकि वह मानक के रूप में कारण का उपयोग करते हुए कुरान और सुन्नत की उनकी परीक्षा में उनसे असहमत थे। इसके बजाय, मौदूदी ने प्रस्ताव से शुरू किया कि "सच्चा कारण इस्लामी है", और अंतिम अधिकार के रूप में किताब और सुन्नत को स्वीकार किया, कारण नहीं। आधुनिकतावादियों ने केवल कुरान और सुन्नत का पालन करने के बजाय परीक्षण करने में गलती की।
विद्वान मालिस रूथवेन का तर्क है कि विश्वास जो कम से कम एक प्रमुख आधुनिकतावादी (अब्दुह) के लिए "अभिन्न" थे - अर्थात् इस्लाम के मूल प्रकट सत्य और विज्ञान के देखने योग्य, तर्कसंगत सत्य, "अंतिम विश्लेषण में समान होना चाहिए" --समस्या है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह विचार "अनिवार्य रूप से मध्यकालीन आधार पर आधारित है कि विज्ञान, शास्त्र की तरह ही रहस्योद्घाटन की प्रतीक्षा में ज्ञान का एक परिमित निकाय है", जब वास्तव में विज्ञान "निरंतर संशोधन के अधीन खोज की एक गतिशील प्रक्रिया" है। भारत, मिस्र और अन्य जगहों पर सीखने के गैर-धार्मिक संस्थानों की स्थापना, जिसे अब्दुह ने प्रोत्साहित किया, "इस्लाम की बौद्धिक नींव को खतरे में डालने वाली धर्मनिरपेक्ष ताकतों के लिए बाढ़ के दरवाजे खोल दिए"।
राजनीतिक इस्लाम के पैरोकारों का तर्क है कि जहां तक आधुनिकतावाद इस्लाम और राजनीति को अलग करना चाहता है, वह ईसाई और धर्मनिरपेक्ष सिद्धांत को अपना रहा है " सीजर को प्रस्तुत करें जो सीज़र का है", लेकिन यह राजनीति इस्लाम में निहित है, क्योंकि इस्लाम जीवन के हर पहलू को शामिल करता है। कुछ, (हिज़्ब उत-तहरीर उदाहरण के लिए), दावा करते हैं कि मुस्लिम राजनीतिक न्यायशास्त्र, दर्शन और व्यवहार में खलीफा सरकार का सही इस्लामी रूप है, और इसमें "खलीफ़ा, सहायकों (मुआविनून) से युक्त एक स्पष्ट संरचना है।, राज्यपाल (वुलात), न्यायाधीश (क़ुदात) और प्रशासक (मुदीरून)।"
यह सभी देखें
इस्लामवाद
तफज्जुल हुसैन कश्मीरी
टिप्पणियाँ
संदर्भ
ग्रन्थसूची
आधुनिकतावाद
स्रोतहीन कथनों वाले सभी लेख
Pages with unreviewed translations | 5,955 |
1149833 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B0%E0%A4%A3%E0%A4%9C%E0%A5%80%20%E0%A4%97%E0%A5%8C%E0%A4%A4%E0%A4%AE%E0%A4%AA%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A4%BE | रणजी गौतमपुरा | रणजी गौतमपुरा (Runji Gautampura) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के इंदौर ज़िले में स्थित एक नगर है।
नाम व हिंगोट युद्ध
इसका नाम गौतमपुरा शहर और रणजी गाँव को मिलाकर बना है। यहाँ की हिंगोट युद्ध नामक परम्परा प्रसिद्ध है, जिसमें समीप के तुर्रा व कलंगी गाँवों के दो दलों के बीच अग्निबाण चलाकर और थैलों में जलते हुए हिंगोट भरकर फैकने से मुकाबला होता है। हालांकि इसे उत्साह से मनाया जाता है, फिर भी इसमें लोग घायल होते हैं और मृत्युएँ भी हो चुकी हैं। समय-समय पर इसे रोकने के प्रयास विफल रहे हैं। यह दीपावली के एक दिन बाद कार्तिक शुक्ल प्रथम को मनाया जाता है, जो आमतौर पर अक्तूबर के महीने में पड़ता है।
इन्हें भी देखें
हिंगोट युद्ध
इंदौर ज़िला
सन्दर्भ
मध्य प्रदेश के शहर
इंदौर ज़िला
इंदौर ज़िले के नगर | 135 |
61203 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A4%B0%E0%A5%80%20%E0%A4%8D%E0%A4%B2 | मरी ऍल | मरी ऍल गणतंत्र (रूसी: Респу́блика Мари́й Эл, अंग्रेज़ी: Mari El Republic) रूस का एक संघीय खंड है जो उस देश की शासन प्रणाली में गणतंत्र का दर्जा रखता है। यह रूस के पूर्वी यूरोपीय मैदान में वोल्गा नदी के किनारों पर स्थित है और इसकी राजधानी योश्कार-ओला शहर है।
भूगोल
मरी ऍल वोल्गा नदी के किनारों पर विस्तृत है। गणतंत्र का पश्चिमी क्षेत्र दलदली मरी द्रोणी में आता है। मरी ऍल की ५७% ज़मीन पर वन फैले हुए हैं। इसमें ४७६ बड़ी-छोटी नदिया बहती हैं और २०० से अधिक झीलें हैं। सर्दियों में मरी ऍल की बहुत सी नदियाँ और दलदल बर्फ़ग्रस्त होकर जम जाते हैं। बसंत और पतझड़ में पानी से भर जाने से इसके दलदली क्षेत्रों में यातायात लगभग बंद ही जो जाता है और उनमें से गुज़रना दुर्गम हो जाता है। जनवरी का औसत तापमान -१३ सेंटीग्रेड और जुलाई का औसत तापमान १९ सेंटीग्रेड होता है। सर्दियों में बर्फ़ गरती है और गर्मियों में अक्सर बारिश पड़ती है।
इतिहास
मरी कबीलें इस इलाके में ५वीं सदी से पहले से बसे हुए हैं। तुर्की सुनहरे उर्दू ने इस क्षेत्र को अपनी ख़ानत में शामिल कर लिया था और १४४० ईसवी के दशक में यह काज़ान ख़ानत का हिस्सा बना। १५५२ में ईवान भयानक ने इसे पूरे काज़ान ख़ानत समेत रूसी त्सार-राज्य में शामिल कर लिया। सोवियत संघ की स्थापना के बाद ४ नवम्बर १९२० में 'मरी स्वशासित ओब्लास्त' (Марийская автономная область, Mari Autonomous Oblast) गठित हुआ जिसे ५ दिसम्बर १९३६ में जोसेफ़ स्टालिन के संविधान के तहत 'मरी स्वशासित सोवियत समाजवादी गणतंत्र' (Mari ASSR) के नाम से पुनर्गठित किया गया। २२ दिसम्बर १९९० को मरी ऍल गणतंत्र अपने वर्तमान रूप में गठित हुआ।
लोग
२०१० की जनगणना के अनुसार मरी ऍल के ४३.९% लोग मरी समुदाय, ४७.४% लोग रूसी समुदाय, ५.८% लोग तातार समुदाय और ०.९% लोग चूवाश समुदाय के थे।
मरी ऍल के कुछ नज़ारे
इन्हें भी देखें
रूस के गणतंत्र
वोल्गा नदी
सन्दर्भ
मरी ऍल
रूस के गणतंत्र
रूस के प्रशासनिक विभाग | 326 |
656446 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AD%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A4%BF | भट्टि | भट्टि संस्कृत के प्रसिद्द कवि थे। वे संस्कृत साहित्य के प्रमुख महाकाव्यकारों में से एक हैं जिनकी प्रसिद्द रचना रावणवधम् है जो वर्तमान में भट्टिकाव्य के नाम से अधिक जानी जाती है।
भट्टि का काल कम से कम ६४१ ई॰ से पूर्व है क्योंकि उनकी रचना में आये वर्णन के अनुसार उन्होंने श्रीधरसेन द्वारा शासित वलभी में रहकर इसकी रचना की थी और इस नाम के आखिरी शासक का प्रमाण ६२१ ई॰पू॰ ही मान्य है।
इन्हें भी देखें
भट्टिकाव्य
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
भट्टिकाव्य (गूगल पुस्तक)
संस्कृत कवि | 87 |
72674 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A4%E0%A4%82%E0%A4%9C%E0%A5%8C%E0%A4%B0%20%E0%A4%95%E0%A5%87%20%E0%A4%A6%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B6%E0%A4%A8%E0%A5%80%E0%A4%AF%20%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A5%E0%A4%B2 | तंजौर के दर्शनीय स्थल |
बृहदीश्वर मंदिर
इस मंदिर का निर्माण महान चोल राजा राजराज चोल ने करवाया था। यह मंदिर भारतीय शिल्प और वास्तु कला का अदभूत उदाहरण है। मंदिर के दो तरफ खाई है और एक ओर अनाईकट नदी बहती है। अन्य मंदिरों से अलग इस मंदिर में गर्भगृह के ऊपर बड़ी मीनार है जो 216 फुट ऊंची है। मीनार के ऊपर कांसे का स्तूप है। मंदिर की दीवारों पर चोल और नायक काल के चित्र बने हैं जो अजंता की गुफाओं की याद दिलाते हैं। मंदिर के अंदर नंदी बैल की विशालकाय प्रतिमा है। यह मूर्ति 12 फीट ऊंची है और इसका वजन 25 टन है। नायक शासकों ने नंदी को धूप और बारिश से बचाने के लिए मंडप का निर्माण कराया था। मंदिर में मुख्य रूप से तीन उत्सव मनाए जाते हैं- मसी माह (फरवरी-मार्च) में शिवरात्रि, पुरत्तसी (सितंबर-अक्टूबर) में नवरात्रि और ऐपस्सी (नवंबर-दिसंबर) में राजराजन उत्सव।
सरस्वती महल पुस्तकालय
इस पुस्तकालय में पांडुलिपियों का महत्वपूर्ण संग्रह है। इसकी स्थापना 1700 ईसवी के आस-पास की गई थी। इस संग्रहालय में भारतीय और यूरोपीयन भाषाओं में लिखी हुई 44000 से ज्यादा ताम्रपत्र और कागज की पांडुलिपियां देखने को मिलती हैं। इनमें से 80 प्रतिशत से अधिक पांडुलिपियां संस्कृत में लिखी हुई हैं। कुछ पांडुलिपियां तो बहुत ही दुर्लभ हैं। इनमें तमिल में लिखी औषधि विज्ञान की पांडुलिपियां भी शामिल हैं।
महल
सुंदर और भव्य इमारतों की इस श्रृंखला में से कुछ का निर्माण नायक वंश ने 1550 ई. के आसपास कराया था और कुछ का निर्माण मराठों ने कराया था। दक्षिण में आठ मंजिला गुडापुरम है जो 190 फीट ऊंचा है। इसका प्रयोग आसपास की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए किया जाता था। गुडापुरम के आगे महल की छत पर मडामलगाई नामक इमारत बनाई गई थी जो छ: मंजिला है।
स्वार्ट्ज चर्च
स्वार्ट्ज चर्च या क्राइस्ट चर्च तंजौर में औपनिवेशिक शासन की याद दिलाता है। यह शिवगंगा कुंड के पूर्व में स्थित है। इसकी स्थापना रवरेंड फ्रैडरिक क्रिश्चियन स्वार्ट्ज ने 1779 में की थी। 1798 में उनकी मृत्यु के पश्चात मराठा सम्राट सफरोजी ने उनकी याद में चर्च के पश्चिमी छोर पर संगमरमर का शिलाखंड लगवाया था।
रॉयल संग्रहालय
तंजावुर तमिलनाडु का एक प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र रहा है। इस संग्रहालय में पल्लव, चोल, पंड्या और नायक कालीन पाषाण प्रतिमाओं का संग्रह है। एक अन्य दीर्घा में तंजौर की ग्लास पेंटिंग्स प्रदर्शित की गई हैं। लकड़ी पर बनाई गई इन तस्वीरों में रंग-संयोजन देखते ही बनता है। यह संग्रहालय अपने कांस्य शिल्प के संग्रह के लिए प्रसिद्ध है।
शिवगंगा किला
इस किले का निर्माण नायक शासक सेवप्पा नायक ने 16वीं शताब्दी के मध्य में करवाया था। 35 एकड़ में बने इस किले की दीवारें पत्थर की बनी हैं जो संभवत: आक्रमणकारियों से बचने के लिए बनाई गई थीं। किले में स्थित वर्गाकार शिवगंगा कुंड शहर में पीने के पानी की आपूर्ति के लिए बनाया गया था। इस किले में ब्रहदीश्वरर मंदिर, स्वार्ट्ज चर्च और सार्वजनिक मनोरंजन पार्क भी है।
निकटवर्ती दर्शनीय स्थल
सिक्कल सिंगरवेलवर मंदिर
यह मंदिर तंजावुर से 80 किलोमीटर दूर नागापट्टनम तिरुवरूर मुख्य मार्ग पर स्थित है। माना जाता है कि भगवान मुरुगन ने यहीं पर पार्वती से शक्ति वेल प्राप्त किया था और सूरन का वध किया था। यह मंदिर तमिलनाडु के उन कुछ मंदिरों में से एक है जहां शिव और विष्णु की मूर्ति एक साथ एक ही मंदिर में स्थापित हैं। तमिल पचांग के अनुसार लिप्पसी माह में वेल वैंकुंठल उत्सव यहां धूमधाम से मनाया जाता है।
स्वामीमलई
तंजावुर से 32 किलोमीटर दूर स्वामीमलई उन छ: मंदिरों में से एक है जो भगवान मुरुगन को समर्पित है। भगवान मुरुगन ने ऊं मंत्र का उच्चारण किया था और इसलिए उनका नाम स्वामीनाथम पड़ गया। मंदिर की 60 सीढ़ियां तमिल पंचांग के 60 वर्षो की परिचायक हैं। प्रत्येक गुरुवार, स्वामीनाथ को विशेष प्रकार से सजाया जाता है।
तिरुवयरु
तंजावुर से 13 किलोमीटर दूर इस स्थान पर संत त्यागराज ने अपना जीवन बिताया था और यहीं पर उन्होंने समाधि ली थी। तिरुवैयरु का प्रसिद्ध मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। संत त्यागराज की याद में यहां हर साल जनवरी में आठ दिन का संगीत समारोह आयोजित किया जाता है।
त्यागराजस्वामी मंदिर
तंजावुर से 55 किलोमीटर दूर तिरुवरुर स्थित त्यागराजस्वामी मंदिर तमिलनाडु का सबसे बड़ा रथ शैली का मंदिर है। यहां त्यागराज, कमलंबा और वनमिक नथर का निवास है। मंदिर के स्तंभ और कमरें बहुत ही सुंदर हैं। राजराज चोलन त्यागराजस्वामी के परम भक्त थे। तिरुवरुर संत त्यागराज का जन्मस्थान भी है।
वैठीश्वरन कोवली
यह प्राचीन मंदिर शिव को समर्पित है। इस मंदिर का गुणगान अनेक संत कवियों ने अपनी रचनाओं में किया है। इसके स्तंभों और मंडपों की सुंदरता से आकर्षित होकर अनेक श्रद्धालु यहां आते हैं। कहा जाता है कि मंगल, कार्तिकेय और जटायु ने यहां भगवान शिव की स्तुति की थी। इस मंदिर को अगरकस्थानम भी माना जाता है।
तंजावूर | 782 |
69918 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%96%E0%A4%B0%E0%A4%97%E0%A5%8B%E0%A4%A8 | खरगोन | खरगोन (Khargone) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के खरगोन ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। यहाँ पर प्रत्येक वर्ष जनवरी - फरवरी माह में नवग्रह मेला लगता है जिसमे आस पास के सभी ग्रामीण क्षेत्र के लोग घूमने आते है। यहाँ पर 2020 के मेले में बॉलीवुड अभिनेता गोविंदा जी भी आये थे। जिले में नागझिरी ग्राम सुप्रसिद्ध ग्राम है। जो कि खरगोन जिले का कुशवाह समाज का सबसे बड़ा ग्राम है।
भूगोल
खरगोन नगर, दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश राज्य, मध्य भारत, नर्मदा नदी की सहायक कुंदा नदी के पूर्वी तट पर स्थित है। खरगोन ज़िला मध्यप्रदेश की दक्षिणी पश्चिमी सीमा पर स्थित है। 21 अंश 22 मिनिट - 22 अंश 35 मिनिट (उत्तर) अक्षांश से 74 अंश 25 मिनिट - 76 अंश 14 मिनिट (पूर्व) देशांश के बीच यह जिला फैला है। इसका क्षेत्रफल लगभग 8030 वर्ग कि॰मी॰ है। इस जिले के उत्तर में धार, इंदौर व देवास, दक्षिण में महाराष्ट्र, पूर्व में खण्डवा, बुरहानपुर तथा पश्चिम में बड़वानी है। नर्मदा घाटी के लगभग मध्य भाग में स्थित इस जिले के उत्तर में विंध्याचल एवं दक्षिण में सतपुड़ा पर्वतश्रेणियां हैं। नर्मदा नदी जिले में लगभग 50 कि॰मी॰ बहती है। कुंदा तथा वेदा अन्य प्रमुख नदियां हैं। देजला-देवड़ा, गढ़ी गलतार, अंबकनाला तथा अपर वेदा प्रमुख सिंचाई परियोजनाएं हैं। महेश्वर पनबिजली तथा सिंचाई योजना नर्मदा पर बनी तीन प्रमुख पनबिजली व सिंचाई योजनाओं में से एक है।
खरगोन जिला मुख्यालय के अक्षांश व देशांश क्रमशः 21°49'18" (उत्तर) तथा 75°37'10" (पूर्व) हैं। यह शहर औसत समुद्र सतह से लगभग 283 मीटर (± 9 मीटर) की ऊंचाई पर है।
इतिहास
इतिहासकारों के मतानुसार नर्मदा घाटी की सभ्यता अत्यंत प्राचीन है। रामायण काल, महाभारत काल, सातवाहन, कनिष्क, अभिरोहर्ष, चालुक्य, भोज, होलकर, सिंधिया, मुगल तथा ब्रिटिश आदि से यह क्षेत्र जुड़ा हुआ है। विभिन्न कालों में यहां जैन, यदुवंशी, सिद्धपंथी, नागपंथी ,गुरवपंथी,आदि का प्रभाव रहा है। प्राचीन स्थापत्य कला के अवशेष इस क्षेत्र के ऐतिहासिक गाथाओं को व्यक्त करने में आज भी सक्षम हैं। इस क्षेत्र में प्राप्त पाषाणकालीन शस्त्रों से भी यह सिद्ध होता है।
भारत के उत्तर व दक्षिण प्रदेशों को जोड़ने वाले प्राकृतिक मार्ग पर बसा यह क्षेत्र सदैव ही महत्वपूर्ण रहा है। इतिहास के विभिन्न कालखण्डों मे यह क्षेत्र - महेश्वर के हैहय, मालवा के परमार, असीरगढ़ के अहीर, माण्डू के मुस्लिम शासक, मुगल तथा पेशवा व अन्य मराठा सरदारों - होल्कर, शिंदे, पवार - के साम्राज्य का हिस्सा रहा है। इसे बीजागढ़ की सरकार में एक महल का मुख्यालय बनाए जाने पर इसकी महत्ता बढ़ी। अब यहाँ एक पुराना क़िला और कई मक़बरे व महल हैं। नदी के तट को पत्थर के तटबंध से पक्का कर दिया गया है और घाटों का निर्माण करके सुंदर बनाया गया है। खरगौन स्थित नवग्रह मंदिर प्रसिद्ध है और यहाँ प्रतिवर्ष दिसंबर और जनवरी में मेले का आयोजन होता है। 1 नवम्बर 1956 को मध्य प्रदेश राज्य के गठन के साथ ही यह जिला "पश्चिम निमाड़" के रूप में अस्तित्व में आ गया था। कालांतर में प्रशासनिक आवश्याकताओं के कारण दिनांक 25 मई 1998 को "पश्चिम निमाड़" को दो जिलों - खरगोन जिला एवं बड़वानी जिला में विभाजित किया गया। गुजरात से आये पाटीदार लोगो शिक्षा या समाज के काम में जेले में महत्वपूर्ण योगदान है
नामोत्पत्ति
ऐसा अनुमान है कि आर्य एवं अनार्य सभ्यताओं की मिश्रित भूमि होने के कारण यह क्षेत्र "निमार्य" नाम से जाना जाने लगा जो कि कालांतर में अपभृंष हो कर "निमार" एवं फिर "निमाड़" में परिवर्तित हो गया। (निमा = आधा)। एक अन्य मतानुसार यह नाम नीम के वृक्षों के कारण पड़ा। इसे प्राचीनकाल मे खरगुशन की नगरी भी कहा जाता था।
जनसंख्या
खरगोन जिले की जनसंख्यया कुल १८ लाख है जबकि शहर में उसका हिस्सा डेढ़ लाख है। यहाँ अनेक जातियों के लोग बसते है। इनमें प्रमुख कुशवाह ( काछी ), पाटीदार, ब्राह्मण,सिरवी, क्षत्रिय सगरवंशी माली, बोह्ररा और मुस्लिम तथा कई एनी जातियाँ है। पाटीदार यहाँ कॆ 60 गाँवों में निवास करते है।
व्यवसाय
खरगोन सफेद सोने अर्थात कपास के व्यवसाय के लिये प्रसिध हे। खरगोन में कपास एवं मिर्ची उत्पादन अधिक होता है। खरगोन में कई जिनिंग फेक्टरी है। खरगोन जिले में बेड़िया में एशिया की दूसरी सबसे बड़ी मिर्ची मंडी है। और अब एक ओर मंडी खरगोन के पास ग्राम सैनीपुरा के नजदीक चालू होने वाली है।शासन ने निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया है। खरगोन जिले में मूंगफली का उत्पादन अच्छा होता है। यहाँ पर कपास अनुसंधान केंद्र भी स्थित है।जो खंडवा रोड पर है। कपास अनुसंधान केंद्र,कृषि विज्ञान केंद्र खरगोन के अंतर्गत आता है। नवग्रह मेले में बेलों का व्यापार किया जाता है।
खरगोन अपने ज़िले का एक महत्त्वपूर्ण वाणिज्य और व्यापार केंद्र है और यहाँ कृषि उत्पाद और इमारती लकड़ी का बाज़ार है। यह कपास और अनाज का सुविकसित बाज़ार है। इस शहर में कपास ओटने और गांठ बनाने, चावल और तिलहन मिल और बीड़ी के कारख़ाने हैं। यह स्थान मोरिंडा टिंकटोरिया से रंजक उत्पादन के लिए भी जाना जाता है।
शिक्षा
इस शहर में एक पुस्तकालय और कई सरकारी महाविद्यालय हैं, जो इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं। यहाँ एक आधारभूत प्रशिक्षण संस्थान और संस्कृतशाला भी हैं।
संस्कृति
खरगोन नगरी में नवग्रह मंदिर सुप्रसिद्ध है, जहाँ प्रत्येक वर्ष जनवरी फरवरी माह में नवग्रह मेला लगता है।
पर्यटन
पर्यटन की दृष्टि से ग्राम नागझिरी में एक अति प्राचीन सुप्रसिद्ध श्री तिलकेश्वर महादेव जी का मंदिर भी है। जिनके बारे में वहां के पंडित पंकज किशोर व्यास के अनुसार भगवान महादेव हर महाशिवरात्रि की रात को तिल भर बढ़ते भी हैं। और अपने स्थान से खिसकते है इसीलिए इन महादेव का नाम तिलकेश्वर के नाम से प्रसिद्ध हुआ है।
यहाँ की महाशिवरात्रि, जन्माष्टमी, रामनवमी, और श्रावण मास के पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाए जाते है।
नागझिरी ग्राम सुप्रसिद्ध ग्राम है। जो कि खरगोन जिले का कुशवाह समाज का सबसे बड़ा ग्राम है। यहाँ पर बोन्दरु बाबा का मंदिर ये जहाँ प्रत्येक वर्ष नवमी के दिन संतान मेला लगता है, माना जाता है जिन दंपतियों के संतान नही होती वो इस दिन यहाँ आकर मन्नत लेते है तथा प्रसादी ( कच्ची कैरी ) ग्रहण करते है।
रावलखेड़ी श्रीमंत बाजीराव पेशवा समाधि रावेरखेड़ी
श्रेणी ऐतिहासिक
महान पेशवा बाजीराव की समाधी रावेरखेड़ी में स्थित है। उत्तर भारत के लिए एक अभियान के समय उनकी मृत्यु यहीं नर्मदा किनारे हो गई थी। । रावेरखेड़ी के पास बकावां में नर्मदा के पत्थरों को तराश कर शिव-लिंग बनाए जाते हैं।
खरगोन - जिला मुख्यालय - कुंदा नदी के तट पर बसा यह शहर अत्यंत प्राचीन नवग्रह मन्दिर के लिये प्रसिद्ध है। यह शहर इंदौर (रेल्वे / हवाई अड्डा) से 143 कि॰मी॰ , बड़वानी से 90 कि॰मी॰ (गुजरात से आते हुए - राज्य महामार्ग 26), सेंधवा से 70 कि॰मी॰ (महाराष्ट्र से आते हुए - आगरा मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग क्रं. 3), धामनोद से 65 कि॰मी॰ (इंदौर से आते हुए - आगरा मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग क्रं. 3), धार से 130 कि॰मी॰ , खण्डवा से 90 कि॰मी॰ तथा बुरहानपुर से 130 कि॰मी॰ दूरी पर है। यह शहर कपास एवं जिनिंग कारखानों का एक प्रमुख केन्द्र है।
खरगोन में तीन टाकीज है- कृष्णा टाकीज,साज,और आरती टाकीज।
महेश्वर - यह शहर हैहयवंशी राजा सहस्रार्जुन, जिसने रावण को पराजित किया था, की राजधानी रहा है। ऋषि जमदग्नि को प्रताड़ित करने के कारण उनके पुत्र भगवान परषुराम ने सहस्रार्जुन का वध किया था। कालांतर में महान देवी अहिल्याबाई होल्कर की भी राजधानी रहा है। नर्मदा नदी के किनारे बसा यह शहर अपने बहुत ही सुंदर व भव्य घाट तथा माहेश्वरी साड़ियों के लिये प्रसिद्ध है। घाट पर अत्यंत कलात्मक मंदिर हैं जिनमे से राजराजेश्वर मंदिर प्रमुख है। आदिगुरु शंकराचार्य तथा पंडित मण्डन मिश्र का प्रसिद्ध शास्त्रार्थ यहीं हुआ था। यह जिले की एक तहसील का मुख्यालय भी है।
अवरकच्छ- यह गांव कुंदा नदी के किनारे बसा हुआ है। यहां के लोग बहुत ही दयालु है। यहां पर शराब बिक्री पूर्णतः बंद है। अवरकच्छ में सन 2004 में बाढ़ के कारण भारी नुकसान हुआ था,जिसका खामियाजा आज भी लोग भुगत रहे है। इस गांव में हर शनिवार को सुन्दरकाण्ड किया जाता है।यहाँ के राम मंदिर एवं हनुमान मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है।
बरुड़ - खरगोन से 15 किमी दूर स्थित ग्राम मिर्च व कपास तथा टमाटर के लिए प्रशिद्ध ग्राम।
करही - महेश्वर से 31 कि॰मी॰ तथा खरगोन से 69 कि॰मी॰ दूर स्थित यह शहर कपड़ा मार्किट तथा एजुकेशन के लिए प्रशिद्ध है। मालन नदी के किनारे बसा यह शहर शिक्षा के क्षेत्र में जिले में एजुकेशन हब बनाता जा रहा है। यहाँ गुप्तेश्वर महादेव मंदिर है, जो माँ अहिल्याबाई होल्कर के द्वारा उनके शासन काल के समय बनवाया गया था। यहाँ दुर्गा मंदिर, राम मंदिर, जैन मंदिर तथा नाग मन्दिर प्रमुख दर्शनीय मंदिर है। जिले में यह शहर कपास एवं जिनिंग कारखानों का खरगोन के बाद दूसरा प्रमुख केन्द्र है। यहाँ एक अनाज मंडी तथा ITI भी है और करही एशिया की सबसे छोटी नगरपरिषद भी है
मण्डलेश्वर - महेश्वर से 8 कि॰मी॰ दूर यह शहर भी नर्मदा के किनारे ही बसा है। नर्मदा पर जल-विद्युत परियोजना व बांध का निर्माण हुआ है। यहां से समीप ही चोली नामक स्थान पर अत्यंत प्राचीन शिव-मंदिर है जहां पर बहुत भव्य शिव-लिंग स्थित है।
ऊन - यह स्थान खरगोन से 14 कि॰मी॰ दूरी पर है। परमार-कालीन शिव-मंदिर तथा जैन मंदिरों के लिये यह स्थान प्रसिद्ध है। एक बहुत प्राचीन लक्ष्मी-नारायण मंदिर भी यहां स्थित है। खजुराहो के अलावा केवल यहीं परमार-कालीन प्राचीन मंदिर हैं। यह स्थान खरगॊन से 25 तथा बड़वानी से 83 किमी़ दुर है। ऐसी किवदंती है कि 6 महीने कि रात में 36 करोड़ देवी-दॆवता यहीं रुके थे।
बकावां एवं रावेरखेड़ी - महान पेशवा बाजीराव की समाधी रावेरखेड़ी में स्थित है। उत्तर भारत के लिए एक अभियान के समय उनकी मृत्यु यहीं नर्मदा किनारे हो गई थी। बकावां में नर्मदा के पत्थरों को तराश कर शिव-लिंग बनाए जाते हैं।
देजला-देवड़ा - कुंदा नदी पर एक बड़ा बांध है जिससे लगभग 8000 हेक्टेयर में सिंचाई होती है।
सिरवेल महादेव - खरगोन से 55 कि॰मी॰ दूर इस स्थान के बारे मे मान्यता है कि रावण ने महादेव शिव को अपने दसों सर यहीं अर्पण किये थे। इसीलिये यह नाम पड़ा है। यह स्थान महाराष्ट्र की सीमा से बहुत ही पास है। महाशिवरात्रि पर म.प्र. एवं महाराष्ट्र से अनेक श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं।
नन्हेश्वर - खरगोन से 20 कि॰मी॰ दूर यह स्थान भी प्राचीन शिव-मंदिर के लिये प्रसिद्ध है। खरगोन से सिरवेल महादेव जाते समय यह स्थान रास्ते में है।
जामगेट-जाम गेट महारानी अहिल्याबाई द्वारा बनाया गया एक द्वार है जो मंडलेश्वर से इंदौर जाते समय रास्ते मे आता है।यह ऊँचाई पर स्थित है तथा वर्षाकाल में देखने लायक रहता है।
बड़वाह व सनावद - ये जुड़वां शहर नर्मदा के दोनो ओर बसे हैं। उत्तर की ओर बड़वाह तथा दक्षिण की ओर सनावद है। ऊँकारेश्वर ज्योतिर्लिंग जाने के लिये यहां से ही जाना पड़ता है।
इन्हें भी देखें
खरगोन ज़िला
बाहरी कड़ियाँ
खरगोन ज़िले का आधिकारिक जालस्थल
सन्दर्भ
खरगोन ज़िला
मध्य प्रदेश के शहर
खरगोन ज़िले के नगर | 1,779 |
1341718 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%95%20%E0%A4%B9%E0%A5%89%E0%A4%A5%E0%A5%8B%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A8%20%28%E0%A4%85%E0%A4%82%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%B0%29 | मार्क हॉथोर्न (अंपायर) | मार्क हॉथोर्न (जन्म 16 सितंबर 1962) एक उत्तरी आयरिश क्रिकेट अंपायर हैं। वह 28 मई 2011 को आयरलैंड और पाकिस्तान के बीच अपने पहले एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (वनडे) में खड़े थे। वह 13 मार्च 2012 को 2012 आईसीसी विश्व ट्वेंटी 20 क्वालीफायर में नीदरलैंड और कनाडा के बीच अपने पहले ट्वेंटी 20 अंतर्राष्ट्रीय (टी20आई) में खड़े थे।
जनवरी 2018 में, उन्हें 2018 अंडर -19 क्रिकेट विश्व कप के लिए सत्रह ऑन-फील्ड अंपायरों में से एक के रूप में नामित किया गया था। फरवरी 2019 में, उन्हें कैरेबियन में मैचों में खड़े होने के लिए क्रिकेट वेस्टइंडीज के साथ अंपायर एक्सचेंज प्रोग्राम के हिस्से के रूप में चुना गया था। उसी महीने, वह रोसेउ में विंडसर पार्क में 2018-19 क्षेत्रीय चार दिवसीय प्रतियोगिता स्थिरता में त्रिनिदाद और टोबैगो और विंडवर्ड द्वीप समूह के बीच मैच में दो ऑन-फील्ड अंपायरों में से एक थे।
अप्रैल 2019 में, वह क्रिकेट आयरलैंड द्वारा पूर्णकालिक सीज़न अनुबंध से सम्मानित होने वाले चार अंपायरों में से एक थे, पहली बार क्रिकेट आयरलैंड ने अंपायरों को इस तरह के अनुबंध की पेशकश की थी।
सन्दर्भ
जीवित लोग
1962 में जन्मे लोग | 184 |
575179 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AA%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%9A%E0%A4%BF%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%9E%E0%A5%8D%E0%A4%9A%E0%A4%B2%20%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B8%20%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A5%87%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0 | पश्चिमाञ्चल विकास क्षेत्र | मध्यमांचल विकास क्षेत्र नेपाल का एक प्रान्त है जो नेपाल के पाँच विकास क्षेत्रों में से एक विकास क्षेत्र है। यह नेपाल के मध्य में स्थित है। इस के पूर्व में नेपाल का मध्यमांचल विकास क्षेत्र तथा पश्चिम में नेपाल का मध्य-पश्चिमांचल विकास क्षेत्र तथा उत्तर में चीन का तिब्बत तथा दक्षिण में भारत का उत्तर प्रदेश स्थित है। मध्यमांचल विकास क्षेत्र का मुख्यालय पोखरा में स्थित है। इस प्रान्त में ३ अंचल तथा १६ जिलें हैं।
नेपाल के पूर्व शासन प्रणाली | 82 |
183989 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%85%E0%A4%82%E0%A4%A4%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%AF%20%E0%A4%AB%E0%A4%82%E0%A4%A1 | अंतर्राष्ट्रीय फंड | अंतर्राष्ट्रीय निधि (अंग्रेज़ी:इंटरनेशनल फंड) ऐसे फंड होते हैं जो कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में निवेश करते हैं। निवेशक को किसी एक देश के बाजार में होने वाली अस्थिरता से बचाने के लिए ही इंटरनेशनल फंड में निवेश करने का चलन बढ़ा है। बाजार में इंटरनेशनल फंड कई पैकेज में उपलब्ध होते हैं। मोटे तौर पर ये दो प्रकार के होते हैं। पहली तरह के फंड में आंशिक रूप से विदेशी और आंशिक रूप से विदेशी बाजार में निवेश किया जाता है। दूसरी तरह के फंड पूरी तरह से अंतर्राष्ट्रीय होते हैं जो कि पूरा निवेश अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर करते हैं। कुछ फंड ऐसे भी होते हैं जो स्वदेश के अतिरिक्त सिर्फ एक देश में निवेश करते हैं। इन फंड की सफलता काफी हद तक घरेलू म्यूचुअल फंड की तरह ही होती है।
जोखिम
इसका सबसे बड़ा जोखिम मुद्रा का होता है। जब निवेशक पैसा निकाल रहे होते हैं या निवेश कर रहे होते हैं, उस दौरान मुद्राओं के मूल्य में अंतर आ सकता है। ऐसे में संभव है कि वो लाभ कमाने के बावजूद भी ज्यादा पैसा न कमा पाएं। हालाँकि इंटरनेशनल फंड डायवर्सिफिकेशन प्रदान करते हैं पर इसके लिए निवेशकों को काफी दिमाग लगाना होता है कि किसी विशेष देश के हिसाब से पोर्टफोलियो कैसे बनाया जाए। पोर्टफोलियो बनाने में थोड़ी सी चूक भी निवेशकों के निवेश को गड़बड़ा सकती है। जानकारों के अनुसार यदि भारतीय बाजार में निवेश करने से इंटरनेशनल फंड में निवेश करने के करीब-करीब पैसा कमा लेते हैं तो ऐसे में भारतीय बाजार में ही निवेश करना बेहतर है।
सन्दर्भ
निवेश
वित्त | 256 |
553002 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%AE%20%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A5 | विलियम वर्द्स्वर्थ | विलियम वर्द्स्व्र्थ (7 अप्रैल,1770-23 अप्रैल 1850) एक प्रमुख रोमचक कवि थे और उन्होने सैम्युअल टेलर कॉलरिज कि सहायता से अंग्रेजी सहित्य में सयुक्त प्रकाशन गीतात्मक गथागीत के साथ रोमन्चक युग क आरम्भ किया। वर्द्स्वर्थ कि प्रसिध रचना 'द प्रेल्युद' हे जो कि एक अर्ध-आत्म चरितात्मक कवित माना जाता है। वर्द्स्वर्थ 1843 से 1850 में अप्नि म्रित्यु तक ब्रिटेन के महाकवि थे।
कविता और दर्शन का विकास
जैसे-जैसे वह बड़े होते गए, वर्ड्सवर्थ कट्टरपंथ को खारिज करने लगे। 1813 में, उन्हें टिकटों के वितरक के रूप में नामित किया गया और अपने परिवार को झील जिले में एक नए घर में स्थानांतरित कर दिया। 1818 तक, वर्ड्सवर्थ रूढ़िवादी टोरीज़ का एक प्रबल समर्थक था। हालांकि वर्ड्सवर्थ ने कविता का उत्पादन जारी रखा- जिसमें चल रहे काम भी शामिल थे, जिन्होंने 1812 में उनके दो बच्चों की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया था - वह 1798 और 1808 के बीच रचनात्मकता के एक क्षेत्र में पहुंच गए थे। यह एक प्रारंभिक कार्य था जिसने एक प्रशंसित साहित्यकार के रूप में अपनी प्रतिष्ठा को मजबूत किया। 1843 में, वर्ड्सवर्थ इंग्लैंड के कवि पुरस्कार विजेता बने, एक ऐसा पद जो उन्होंने अपने जीवन के शेष समय के लिए धारण किया। 80 वर्ष की आयु में, 23 अप्रैल, 1850 को इंग्लैंड के वेस्टमलैंड के राइडल माउंट में अपने घर पर उनकी मृत्यु हो गई।
प्रारम्भिक जीवन
जॉन वर्ड्सवर्थ और ऐन कूक्सन के ५ बच्चो में से दूसरे, विलियम वर्द्स्वर्थ का जन्म ७ अप्रैल १७७० को कौकरमाउथ, कंबरलैंड, इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में हुआ था। उनके पिता जेम्स लौथर, अर्ल ओफ लोन्स्डेल के कानूनी प्रतिनिधि थे और अपने सम्पर्क से छोटे शेहेर के बङे मकान में रह्ते थे। उनकी मृत्यु १७८३ में हुइ थी। वर्ड्सवर्थ के पिता अक्सर व्यापार के सम्बन्ध में घर से बाहर रेह्ते थे, हालांकि उसे पढने के लिये प्रोत्साहित करते थे और विशेश रूप से मिलटन, शेक्सपियर और स्पेंसर द्वारा रचित कविता प्रतिबध, इसके अतिरिक्त उसे अपने पिता के पुस्तकालय का उपयोग करने के लिए अनुमति दी गई थी। उनके चार भाई-बहन थे। डोरोथी वर्ड्सवर्थ, जिस्से वें सबसे ज़्यादा करीब थे, वह एक कवीत्री थी। रिचर्ड, सबसे ज्येष्ठ, वकील थे, जॉन अलॆ आफॅ ऎबरगेवनी जहाज के कप्तान थे और क्रिस्टोफर, कैंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज का मास्टर था। उनकी माँ के मृत्यु के बाद, १७७८ में, उनके पिता ने उन्हे हॉक्शीड ग्रामर स्कूल्लं, काशायर (अब कम्ब्रीया मे) और डोरोथी को यॉर्कशायर में रिश्तेदारों के साथ रहने भेज दिया था। वह और वर्ड्सवर्थ ९ सालों तक एक दूसरे से नहीं मिल पाए। कॉकरमाउथ में कम गुणवत्ता के एक छोटे से विद्यालय में पढने के बाद, हॉकशीड शिक्षा साथ वर्ड्सवर्थ का पहला गंभीर अनुभव था। कॉकरमाउथ विद्यालय के पश्चात, उन्हे पैनरिथ में उच्च श्रेणी के परिवारों के बच्चों के लिए बनाए गए विद्यालय भेजा गया था। वर्ड्सवर्थ नें एक लेखक के रूप में अपनी शुरुआत १७८७ में किया जब यूरोपीय पत्रिका में उन्की कविता प्रकाशित हुइ। उसी वर्ष वह सेंट जॉन्स कॉलेज, कैम्ब्रिज जाने लगे और १७९१ में उन्हें बी॰ए॰ की डिग्री प्राप्त हुइ। पहले दो साल की गर्मियों की छुट्टियों के लिए वें हॉकशीड लौट आते थे और अक्सर अपने परिदृश्य की सुंदरता के लिए प्रसिद्ध स्थानों पर जाकर, पर्यटन चलकर अपनी छुट्टियां बिताते थे। १७९० में, उन्होने यूरोप की एक पैदल यात्रा किया, फिर् विस्तृत रूप में आल्प्स कि यात्रा की, फ्रांस, स्विट्जरलैंड और इटली के आसपास के इलाकों की यात्रा की।
पहला प्रकाशन और गीतात्मक गाथागीत
सन १७९३ में वर्ड्सवर्थ द्वारा लिखी गई कविता संग्रह 'एन इव्निन्गं वकॅ' और 'डिस्क्रिप्टिव स्केचस' पहली बार प्रकाशित हुई। १७९५ में रेस्ली कैलवटॆ से उन्हे ९०० विरासत में मिला ताकि वें लेखक बनने का लक्ष्य पूरा कर सकें। उस वर्ष, समरसेट में उनकी मुलाकात सैम्युल् टेलर कौलरिज से हुई।. वें दोनो जल्दी एक करीबी दोस्त बन गए। १७९७ में वर्ड्सवर्थ और उनकी बहन डोरोथी बस कुछ ही मील दूर नीचे का स्टोवी में कोलेरिज के घर से, अल्फोक्सटन हाउस, समरसेट में स्थानांतरण किया। साथ में, वर्ड्सवर्थ और (डोरोथी से अंतर्दृष्टि के साथ) कोलेरिज गीतात्मक गाथागीत (1798), अंग्रेजी प्रेमपूर्ण आंदोलन में एक महत्वपूर्ण काम का उत्पादन किया। वर्ड्सवर्थ के सबसे प्रसिद्ध कविताओं में से एक, "टिन्टॆन् एब्यय ", और कौलेरिज की "राइम आफॅ एन्शियंट मेरिनर प्रकाशित हुई। गीतात्मक गाथागीत के लिए इस प्रस्तावना प्रेमपूर्ण साहित्यिक सिद्धांत का एक केंद्रीय काम माना जाता है। इसे में, वर्ड्सवर्थ वह कविता के एक नए प्रकार के तत्वों, "असली मर्द की भाषा" और ज्यादा अठारवीं सदी की कविता का काव्य शैली का प्रयोग न करने की चर्चा करतें हैं। इस कविता में, वर्ड्सवर्थ ने 'कविता' की अपनी प्रसिद्ध परिभाषा दिया है "शक्तिशाली भावनाओं की सहज अतिप्रवाह: यह शांति में याद आया भावना से अपने मूल लेता है।" गीतात्मक गाथागीत की एक चौथी और अंतिम संस्करण 1805 में प्रकाशित हुई थी
साहित्यिक सम्मान
वर्ड्सवर्थ को १८३८ में, डरहम विश्वविद्यालय से सिविल लॉ कि डिग्री प्राप्त हुइ और अग्ले साल ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से भि वही सम्मान प्राप्त हुइ। सन १८४२ में सर्कार ने उन्हे ३०० कि राशी के नाग्रिक सूची पेन्शन से सम्मानित किया था। १८४३ में, रॉबर्ट सौदी के मृत्यु के बाद, वें राज-कवि बन गये। प्रारंभिक रूप से उन्होने यह सम्मान लेने से इनकार कर दिया, यह केह के कि वें बहुत बुढ़े है, लेकिन प्रधानमंत्री रॉबर्ट पील के आश्वासन देने पर उन्होने सम्मान स्विकार कर लिया।
मृत्यु
विलियम वर्ड्सवर्थ कि मृत्यु 23 अप्रैल 1850 में, परिफुफ्फुसशोथ के गम्भीर होने से हुइ थी और उन्हें ग्रेस्मेर के सेंट ओसवाल्ड चर्च में दफनाया गया था। उनकी मृत्यु के कई महीनौ बाद, उनकी पत्नी मैरी ने उनके द्वारा लिखी गई आत्म-कथात्मक कविता ' द प्रेल्युड' प्रकाशित किया। १८५० में यह कविता रुची जगाने में विफल रहा, हालांकि अब यह कविता उनकी सर्वोत्कृष्ट रचना मानी जाती हैं।
प्रमुख रचनाएँ
साईमन ली
वी आर सेवन
लाईन्स रिटन इन अर्ली स्प्रिगं
लाईन्स क्म्पोस्ड अ फ्यू माइल्स अबव टिन्टर्न ऐबे
गीतात्मक गाथागीत की प्रस्तावना
ओड टू ड्यूटी (१८०७)
द सोलिटरी रीपर
लन्दन १८०२
द वर्ल्ड इज़ टू मच वित अस
माई हार्ट लीप्स अप
डैफोडिल्स (आई वान्डर्ड लोनली ऐज़ अ चाईल्ड)
द प्रेल्यूड
गाईड टू द लेक्स (१८१०)
इनकी चर्चित रचनाओं में से लिरिकल बैलेड्स भी है। जिसमे गद्य और पद्य की भाषा तथा गद्य और बोलचाल की भाषा में के बारे में लिखा है।
सन्दर्भ | 1,010 |
1370021 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%85%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE%20%E0%A4%95%E0%A4%BE%20%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A3%E0%A4%BF%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%AF%20%E0%A4%A6%E0%A5%82%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B8%2C%20%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%B2%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%A4%E0%A4%BE | अमेरिका का महावाणिज्य दूतावास, कोलकाता | कोलकाता में संयुक्त राज्य अमेरिका का महावाणिज्य दूतावास, कोलकाता (पहले कलकत्ता), भारत और आसपास के क्षेत्रों में संयुक्त राज्य सरकार के हितों का प्रतिनिधित्व करता है। महावाणिज्य दूतावास पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, सिक्किम, असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के भारतीय राज्यों में कार्य करता है।
तकनीकी रूप से, वाणिज्य दूतावास नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास के माध्यम से रिपोर्ट करता है। कोलकाता में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास अमेरिकी विदेश विभाग का दूसरा सबसे पुराना वाणिज्य दूतावास है और 19 नवंबर, 1792 से तारीखें हैं।
इतिहास
भारत में अमेरिकी सरकार का आधिकारिक प्रतिनिधित्व नवंबर 1792 में शुरू हुआ, जब संयुक्त राज्य अमेरिका के पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन ने मैसाचुसेट्स के बेंजामिन जॉय को कौंसल के रूप में नामित किया। 1860 के दशक में, महावाणिज्य दूतावास के अधिकार क्षेत्र में सात कांसुलर एजेंसियां थीं: अदन, अक्याब, बेसिन चटगांव, कोकानाडा, मौलमीन और रंगून। कोलकाता में मेट्रोपॉलिटन बिल्डिंग में १९९१ तक संयुक्त राज्य सूचना सेवा कार्यालय था।
वियतनाम युद्ध के दौरान, वाणिज्य दूतावास के बाहर की सड़क का नाम हो ची मिन्ह के नाम पर रखा गया था। 1995 में, ब्रिटिश पत्रकार जॉन एफ. बर्न्स ने इसे "कहीं भी सबसे अधिक संकटग्रस्त अमेरिकी राजनयिक पदों में से एक" के रूप में वर्णित किया।
भारत में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों की संख्या में वृद्धि से वाणिज्य दूतावास का विस्तार हो रहा है।
2002 का हमला
22 जनवरी 2002 की सुबह इस्लामिक उग्रवादियों द्वारा वाणिज्य दूतावास के अमेरिकी सांस्कृतिक केंद्र पर हमला किया गया था। मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने 5 लोगों की हत्या कर दी, जिनमें से चार कोलकाता पुलिस के सिपाही थे और एक निजी सुरक्षा एजेंसी का था। दो समूहों ने हमले की जिम्मेदारी ली है। हरकत-उल-जिहाद अल-इस्लामी सदस्य, फरहान मलिक ने जिम्मेदारी का दावा किया और कहा कि हमला "अमेरिका के दुष्ट साम्राज्य" के विरोध में था, जबकि एक अन्य व्यक्ति आसिफ रजा कमांडो का सदस्य होने का दावा करता है, जो एक गिरोह है। कट्टरपंथी इस्लामी समूहों ने भी जिम्मेदारी का दावा किया।
यह भी देखें
अमेरिका का दूतावास, नई दिल्ली
संयुक्त राज्य अमेरिका का महावाणिज्य दूतावास, चेन्नई
संयुक्त राज्य अमेरिका का महावाणिज्य दूतावास, मुंबई
संयुक्त राज्य अमेरिका का महावाणिज्य दूतावास, हैदराबाद
संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
Official U.S. Consulate General Kolkata website
भारत में राजनयिक मिशन
भारत-संयुक्त राज्य सम्बन्ध
कोलकाता में राजनयिक मिशन
अमेरिका के राजनयिक मिशन | 377 |
470621 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%A1%E0%A4%BC%E0%A4%A4%E0%A4%BE | मेड़ता | मेड़ता भारत के राजस्थान राज्य के नागौर ज़िले में स्थित एक नगर है।
विवरण
मेड़ता नगर राजस्थान राज्य के मध्यवर्ती नगर जोधपुर से 100 मील दूर है। लगभग सन् 1460 में स्थापित यह शहर एक समय में महत्त्वपूर्ण व्यापार का केन्द्र था। मेड़ता प्रसिद्ध कृष्ण भक्त-कवयित्री मीराबाई का जन्म स्थान माना जाता है। यहाँ राजपूत काल का एक दुर्ग है। 1562 ई. में इस दुर्ग को अकबर ने जीता था। नन्दलाल डे के अनुसार इसका प्राचीन भाग मार्तिकावत है। इसके आस-पास के क्षेत्रों में कई युद्ध हुए थे, जिनमें 1790 ई. में जयपुर और जोधपुर राज्यों की सेनाओं पर मराठों की विजय शामिल है। यहाँ पर चारभुजा नाथ, रावदुदा गढ, मीरा महल, मालफोर्ट व कई स्मारक प्रस्तर स्तम्भ स्थित हैं। यहाँ अकबर द्वारा निर्मित एक मस्जिद भी स्थित है।
लोग
मेड़ता तहसील की जनसंख्या 250000 है जिसमे से 95% हिन्दू, 5% मुसलमान धर्मावलम्बी हैं।
मालकोट
मालकोट दुर्ग का निर्माण रावमालदेव ने 1518 ई. के आसपास कराया था।
मेड़ता शहर की दक्षिण दिशा में पौराणिक और ऐतिहासिक कुण्डल सरोवर के किनारे मालकोट दुर्ग स्थित है। यह एक जल दुर्ग है। यहां कई लड़ाईयां लड़ी गई थीं। मुख्य रूप से राठौड़-मराठा युद्ध में चलाए गई तोपों के गोलों के निशान आज भी इस दुर्ग की प्राचीरों और बुर्जों पर स्पष्टता से देखे जा सकते हैं। इस दुर्ग का उपयोग सैन्य छावनी के रूप में किया जाता था। सुरक्षा की दृष्टि से इस दुर्ग के चारों ओर गहरी खाईयों में कुण्डल सरोवर का पानी भरा रहता था। दुर्ग में प्रतिहार काल की एक बावड़ी भी मौजूद है जो शिल्पकला की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह दुर्ग पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित है।
दर्शनीय स्थल एवं स्मारक
शाही जामा मस्जिद (मेड़ता शहर)
मालकोट या मेडता का दुर्ग
मीराबाई मंदिर
मीरा स्मारक
चारभुजानाथ मंदिर
मीरा महल और विष्णु सरोवर
इन्हें भी देखें
मीरा बाई
नागौर जिला
सन्दर्भ
राजस्थान के शहर
नागौर ज़िला
नागौर ज़िले के नगर | 310 |
674989 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%AE%E0%A4%A8%20%E0%A4%B8%E0%A5%88%E0%A4%A8%E0%A5%80 | रोमन सैनी | डॉ॰ रोमन सैनी एक भूतपूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी है जिन्होंने आगे चलकर अनएकेडेमी नामक ऑनलाइन शैक्षणिक संस्था की स्थापना की। वे मोटिवेशनल स्पीकर और गिटारिस्ट भी हैं। ,रोमन सैनी ने निःशुल्क शैक्षणिक पहल अनएकेडेमी पर ध्यान देने के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दे दिया है। दैनिक भास्कर के साक्षात्कार में रोमन ने कहा की सिविल सर्विस छोड़ने का फैसला कठिन था। लेकिन हमारी ये पहल एजुकेशन की तस्वीर बदलेगी।
परिचय
रोमन राजस्थान में कोटपूतली के रायकरणपुरा गांव के मूल निवासी हैं। 2013 में उन्होंने आईएएस की परीक्षा पास की और उन्हें देशभर में 18वां रैंक मिला। रोमन की मां गृहिणी और पिता इंजीनियर हैं।
इन्होने 16 साल की उम्र में एम्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में दाखिले का टेस्ट पास कर लिया। डॉक्टरी की पढ़ाई करने के बाद 22 साल की उम्र में ही पहले प्रयास में रोमन ने आईएएस का एक्जाम भी पास कर लिया। डॉ॰ रोमन सैनी अब उन स्टूडेंट्स को ऑनलाइन फ्री कोचिंग दे रहे है जो सिविल सेवा में जाने को इच्छुक हैं।
रोमन सैनी आधुनिक भारत के उन जोशीले युवाओं का नेतृत्व करते हैं जिनके लिए मुश्किलों का सामना करके विजय प्राप्त करना उनका जुनून होता है। रोमन सैनी उन लोगों का नेतृत्व करते हैं जो कर्म को भाग्य से ज्यादा अपने जीवन में तरज़ीह देते हैं।
अनएकेडेमी
आमतौर पर संघ लोक सेवा आयोग की कोचिंग लेने पर काफी खर्च होता है और हर कोई कोचिंग नहीं ले पाता है। सिविल सेवा में आने के बाद रोमन ने फैसला किया कि वो फ्री ऑनलाइन ट्रेनिंग के जरिये अन्य प्रतिभागियों की मदद करेंगे। इसके लिए उन्होंने 'अनअकादमी' की शुरुआत की। यह ऑनलाइन कोचिंग की वेबसाइट है जिसे वो अपने दोस्त गौरव मुंजाल के साथ मिलकर चलाते हैं।
रोमन के वीडियो और भाषणों को सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर हर दिन सैकड़ों हिट मिल रहे हैं। इन वीडियो और भाषणों में वो प्रतिभागियों को ऐसे गुण सिखाते हैं जो उन्हें सिविल सेवा की मंजिल छूने में उपयोगी साबित हो सकती है। रोमन इस वेबसाइट के जरिये देशभर के यूपीएससी प्रतिभागियों से रुबरु होते हैं और उन्होंने ऑनलाइन ट्रेनिंग देते हैं। इस तरह के कई वीडियो रोमन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए हैं। इनमें रोमन अलग अलग विषयों पर बात करते हैं और स्टूडेंट्स के सवालों के जवाब देते हैं। रोमन कभी कभार प्रतिभागियों से मिलते भी जब उन्हें वक्त मिलता है।
रोमन अनेकों प्रतियोगी छात्रों व पढ़ाई कर रहे युवाओं से कहते हैं कि अगर किसी को भी अपने जीवन से संबंधित कोई समस्या होती है या किसी परीक्षा से संबंधित कोई प्रश्न हो या कैरियर से संबंधित किसी भी तरह की कोई जिज्ञासा हो और उन्हें सहायता चाहिए तो वह उनसे बेझिझक उनके फेसबुक या ट्विटर प्रोफाइल पर संपर्क कर सकते हैं। वह सदैव ऐसे लोगों की सहायता करने के लिए तत्पर रहते हैं।
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
आधिकारिक जालस्थल
भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी
भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी
जीवित लोग
राजस्थान के लोग
1991 में जन्मे लोग | 482 |
941663 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A5%87%E0%A4%B5%E0%A5%8015 | केवी15 | मिस्र में राजाओं की घाटी में स्थित मकबरा केवी 15 का उपयोग उन्नीसवीं राजवंश के फिरौन सेति द्वितीय के दफन के लिए किया गया था। राजाओं की घाटी के मुख्य भाग से दक्षिण-पश्चिम में चलने वाली वाडी के सिर पर मकबरे को एक ऊर्ध्वाधर चट्टान सिरे के आधार पर खोला गया था। यह उत्तर-से-दक्षिण-पूर्व धुरी के साथ चलता है, जिसमें एक छोटा प्रवेश गलियारा होता है जिसके बाद तीन गलियारे सेगमेंट होते हैं जो एक अच्छी तरह से कमरे में समाप्त होते हैं, जिसमें कुएं की कमी होती है, जिसे कभी खोला नहीं जाता था। इसके बाद यह एक चार-स्तंभ वाले हॉल और गलियारे का एक और खिंचाव से जुड़ता है जिसे एक दफन कक्ष में परिवर्तित किया गया था।.
कक्ष की दीवारों और छत को प्लास्टर से ढंका हुआ था और अनुबिस जैकल्स और देवताओं की दो पंक्तियों के साथ चित्रित किया गया था, जो रा और ओसीरिस के अनुयायियों का प्रतिनिधित्व करते थे, जिन्हें मम्मी जैसी आंकड़ों की निचली पंक्ति पर रखा जाता है। छत की लंबाई के साथ पंख वाली देवी नट दिखाई देती है। और बा के बा का प्रतिनिधित्व क्या हो सकता है उसके सिर से ऊपर चित्रित किया गया है। पेंटिंग पारंपरिक मिस्र के लिटनी री, अमूदत और गेट्स की पुस्तक से खींचे गए पारंपरिक चित्रण हैं।. अच्छी तरह से कमरे में दीवार पेंटिंग अधिक असामान्य हैं; वे राजा को कई अलग-अलग अभिव्यक्तियों में दिखाते हैं, उदाहरण के लिए एक पैंथर के पीछे या एक पपीरस स्कीफ पर। चित्रों में दिखाए गए वस्तुएं तुतंखामुन की मकबरे में पाए गए खोजों में दिखाई देती हैं।.
सन्दर्भ | 261 |
870083 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%97%E0%A4%AD%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%9F%20%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A5%80%E0%A4%AF | नागभट्ट द्वितीय | नागभट्ट द्वितीय (805-833), अपने पिता वत्सराज से गद्दी प्राप्त कर गुर्जर-प्रतिहार राजवंश के चौथे राजा बने। उनकी माता का नाम सुन्दरीदेवी था। नागभट्ट द्वितीय को परमभट्टारक, महाराजाधिराज और कन्नौज विजय के बाद 'परमेश्वर' की उपाधि दी गई थी।
बडोदा ताम्रपत्र ( 811 ई.) के अनुसार शाकम्भरी के चाहमानों ने प्रतिहारों की आधीनता स्वीकार कर ली और उस समय के चाहमान प्रमुख गुवक ने अपनी बहन कलावती का विवाह नागभट्ट से करा दिया।
निस्संदेह नागभट्ट द्वितीय गुर्जर प्रतिहार वंश का एक शक्तिशाली शासक था। चन्द्रप्रभासुरि कृत प्रभावकचरित के अन्तर्गत बप्पभट्टिचरित में नागभट्ट के ग्वालियर के भव्य दरबार का वर्णन मिलता हैं। उसके दरबार के नवरत्नों मे से एक जैन आचार्य बप्पभट्टिसुरि के कहने से नागभट्ट ने ग्वालियर में जैन प्रतिमाएं स्थापित करवायी थी। पं० गौरीशंकर हीराचन्द्र ओझा के अनुसार जिस नाहड़राव प्रतिहार ने पुष्कर सरोवर (अजमेर) का निर्माण कराया था, वो असल में नागभट्ट द्वितीय ही था।
राज
नागभट्ट द्वितीय का ग्वालियर प्रशस्ति में उसके सैनिक उपलब्धियों का उल्लेख है। उसने आंध्र, विदर्भ, कलिंग, मत्स्य, वत्स और तुर्क शासकों को हराया था। आगे उसने सेंधवा के शासक राणका प्रथम पर विजय प्राप्त कर पश्चिमी सौराष्ट्र (अब गुजरात) पर अपना अधिकार जमा लिया। नागभट्ट ने चक्रायुध को भी पराजित कर कन्नौज पर कब्जा कर लिया।:20 हलांकि उसे राष्ट्रकूट सम्राट गोविंदा तृतीय (793-814) से हार का सामना करना पड़ा और और उसे मालवा और गुजरात खोना पड़ा। हालांकि, उसने राष्ट्रकूटों से पुनः मालवा जीतने मे सफल रहा, और कन्नौज पर अपना अधिकार जमा दिया। उसने गुर्जर -प्रतिहार साम्राज्य को गंगा के मैदान में दूर तक पाल वंश शासित बिहार तक पहुँचा दिया। साथ ही उसने फिर पश्चिम में मुसलमानों के हमलें को विफल कर दिया। कन्नौज,गुर्जर प्रतिहार साम्राज्य का केंद्र बन गया था।
इन्हें भी देखें
गोविन्द तृतीय
सन्दर्भ
गुर्जर-प्रतिहार राजवंश | 288 |
10948 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B2%E0%A5%87%E0%A4%AC%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%A8 | लेबनान | लेबनॉन या लुबनान, आधिकारिक रूप से लुबनॉन गणराज्य, पश्चिमी एशिया में भूमध्य सागर के पूर्वी तट पर स्थित एक देश है। इसके उत्तर और पूर्व में सीरिया और दक्षिण में इसराइल स्थित है। भूमध्य बेसिन और अरब के भीतरी भाग के बीच में सेतु बने इस देश का इतिहास समृद्ध और मिश्रित है। यह भूमि फ़ीनिसियनों की अति-प्राचीन (2500 ईसापूर्व - 539 ईसापूर्व) संस्कृति का स्थल थी जहाँ से लेखन कला के विकास की कड़ी जुड़ी है। इसके बाद फ़ारसी, यूनानी, रोमन, अरब और उस्मानी तुर्कों के कब्जे में रहने के बाद यह फ्रांस के शासन में भी रहा। इसी ऐतिहासिक वजह से देश की धार्मिक और जातीय विविधता इसकी अनूठी सांस्कृतिक पहचान बनाती है।
यहाँ 60 प्रतिशत लोग मुस्लिम हैं जिनमें शिया और सुन्नी का लगभग समान हिस्सा है और लगभग 38 प्रतिशत ईसाई। 1943 में फ्रांस से स्वतंत्रता मिलने के बाद यहाँ एक गृहयुद्ध चला था और 2006 में इसराइल के साथ एक युद्ध। यहाँ एक विशेष प्राकर की गणतांत्रिक सरकार का शासन है जिसमें राष्ट्रपति एक ईसाई होता है, प्रधान मंत्री एक सुन्नी मुस्लिम, निव्राचित प्रतिनिधियों की सभा का अध्यक्ष एक शिया मुस्लिम और उप प्रधान मंत्री एक ग्रीक परंपरावादी धर्म का होता है। अरबी यहाँ की सबसे बोले जाने वाली और सांवैधानिक भाषा है।
इतिहास
लेबनॉन की भूमि का इतिहास ईसापूर्व 2500 इस्वी के आसपास की फ़ीनिक संस्कृति से शुरु होता है जो सामुद्रिक शक्ति थे। इन्होंने भूमध्य सागर में स्पेन और अफ़्रीक़ा के तटों पर अपने उपनिवेश बनाए थे जिसमें आधुनिक लीबिया का कार्थेज सबसे प्रसिद्ध है। इन जगहों पर फ़ीनिसियन अपने व्यापार के सिलसिले में बसते भी गए। इन्होंने एक 24 अक्षरों की वर्णमाला बनाई जो आधुनिक कई एशियाई और यूरोपीय वर्णमालाओं की पूर्वज मानी जाती है। इसमें रोमन, ग्रीक, अरबी, हिब्रू, आरामाईक और देवनागरी शामिल हैं। असीरिया तथा बेबीलोन के साम्राज्यों के ये सहायक भी रहे पर इनका रिश्ता उतना सामंजस्यपूर्ण नहीं था।
ईसा के 539 वर्ष पहले जब दक्षिणी ईरान के फ़ार्स प्रांत के एक साम्राज्य के राजकुमार कुरोश (सायसस) ने असीरिया के साम्रज्य को हराकर इस प्रदेश को जीतने के अभियान पर निकला तो फ़ीनिशिया को जीतने के बाद इसे एक क्षत्रप (राज्य) बना दिया गया। इसके बाद इस पर फ़ारसियों का शासन कोई 200 सालों तक रहा। पर पश्चिम में शक्तिशाली हो रहे मेसीडोन के सिकंदर ने 331 ईसापूर्व में इसे जीत लिया। उसके मरने के बाद यह सेल्युकस के प्रदेश का हिस्सा बना। रोमनों ने यूनानियों को सन् 24 ईसापूर्व में हरा दिया जिसके बाद यह रोमनों के शासन काल में आ गया और अगले 6 सदियों तक रहा। इसी दौरान यहाँ ईसाई धर्म का प्रसार हुआ।
मुस्लिम शासन
अरबों ने इस प्रदेश के उपर सातवीं सदी के उत्तरार्ध में ध्यान दिया जब उमय्यदों की राजधानी पूर्व में दमिश्क़ में बनी। मध्य काल में लेबनॉन क्रूसेड युध्दो में लिप्त रहा। सलाउद्दीन अय्युबी ने इसको ईसाई क्रूसदारों से मुक्त करवाया। में मिस्र के मामलुक शासकों ने लेबनान पर कब्ज़ा कर लिया।उस्मानी तुर्कों ने जब सोलहवीं सदी में भूमध्यसागर के पूर्वी तट पर कब्जा किया तो लेबनान भी सिसली से लेकर कैस्पियन सागर तर फैले औटोमन उस्मानी साम्राज्य का अंग बना। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद यह फ्रांस के शासन में आया। सन १९७५-९० तक यहाँ एक गृहयुद्ध चला जिसका मुख्य कारण - फिलिस्तीन से आए शरणार्थी, अरब-इसरायल युद्ध, ईरान की इस्लामिक क्रांति और धार्मिक टकराव थे।
इन्हें भी देखें
लेबनान के प्रान्त
सन्दर्भ
लेबनान
एशिया के देश
अरब लीग के देश | 560 |
522349 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B6%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%AF%20%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%B2%20%E0%A4%A7%E0%A4%AC%E0%A5%8D%E0%A4%AC%E0%A4%BE | विशालकाय लाल धब्बा | विशालकाय लाल धब्बा (Great Red Spot (GRS)), बृहस्पति ग्रह पर निरंतर चलने वाला एक प्रतिचक्रवातीय तूफान है। यह कम से कम 400 वर्षों तक बना रहता है। मनुष्य ने दूरबीन के माध्यम से इसे देखा है।यह भूमध्य रेखा के 22o दक्षिण में स्थित है। यह इतना बड़ा है कि इसे भूआधारित दूरबीन से देखना संभव है। इसका सर्वप्रथम प्रेक्षण 1831 में सैमुअल हेनरिक श्वाबे ने किया था। कई लोग विश्वास करते हैं, 1600 के दशक में गियोवन्नी कैसिनी ने पहली बार इसे देखा था, पर वैज्ञानिकों को उस समय यह अस्तित्व में था इस पर शंका है।
सन्दर्भ
खगोलशास्त्र
बृहस्पति ग्रह
बृहस्पति का वायुमंडल
en:Atmosphere of Jupiter#Great Red Spot | 109 |
1135537 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%A8%20%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%AF%20%E0%A4%85%E0%A4%82%E0%A4%A1%E0%A4%B0%2019%20%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A5%87%E0%A4%9F%20%E0%A4%9F%E0%A5%80%E0%A4%AE | जापान राष्ट्रीय अंडर 19 क्रिकेट टीम | जापान अंडर-19 क्रिकेट टीम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंडर -19 क्रिकेट खिलाड़ियों में जापान का प्रतिनिधित्व करती है।
जापान ने 2011 के बाद पहली बार पूर्वी एशिया-प्रशांत क्षेत्रीय अंडर-19 क्वालिफायर में भाग लिया। अपने तीन पूर्व प्रदर्शनों - 2007, 2009 और 2011 में - जापान ने केवल 11 मैचों में से एक जीता था, फिजी पर 24 रन से जीत दर्ज की थी।
इसने 2020 के अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप की योग्यता आईसीसी पूर्व एशिया-पैसिफिक टूर्नामेंट में भाग लिया, जो कि सानो, जापान के सानो इंटरनेशनल क्रिकेट ग्राउंड में आयोजित किया गया था। जापान ने पहले गेम में समोआ को 174 रनों से, दूसरे गेम में वानुअतु को 70 रनों से हराया और तीसरे गेम में फिजी को 4 विकेट से हराकर पापुआ न्यू गिनी के खिलाफ अंतिम राउंड-रॉबिन गेम में बढ़त हासिल की। पापुआ न्यू गिनी भी अपराजित था, जिसका अर्थ है कि विजेता अंडर-19 विश्व कप से गुजरेगा। मैच से पहले 11 पीएनजी खिलाड़ियों को क्रिकेट पीएनजी ने आचार संहिता के उल्लंघन के लिए निलंबित कर दिया था। इसका मतलब है कि पापुआ न्यू गिनी को खेल को रोकना पड़ा और जापान ने अपने इतिहास में पहली बार अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप के लिए क्वालीफाई किया।
सन्दर्भ
अंडर-१९ क्रिकेट टीम | 201 |
1232324 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%9A%E0%A5%88%E0%A4%A8%E0%A4%B2%204 | चैनल 4 | चैनल 4 लंदन में मुख्यालय, लीड्स में एक राष्ट्रीय मुख्यालय और ग्लासगो और ब्रिस्टल में रचनात्मक हब के साथ एक ब्रिटिश सार्वजनिक-सेवा-मुक्त-एयर टेलीविजन नेटवर्क है।
यह चैनल यूनाइटेड किंगडम को लाइसेंस प्राप्त वित्त पोषित बीबीसी वन और बीबीसी टू और एकल वाणिज्यिक प्रसारण नेटवर्क आईटीवी के अलावा एक चौथी टेलीविजन सेवा प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया था।
2 नवंबर 1982 को इसका प्रसारण शुरू हुआ। हालांकि बड़े पैमाने पर व्यावसायिक रूप से स्व-वित्तपोषित, यह अंततः सार्वजनिक रूप से स्वामित्व में है; मूल रूप से स्वतंत्र प्रसारण प्राधिकरण (आईबीए) की एक सहायक कंपनी, स्टेशन का स्वामित्व और संचालन अब चैनल फोर टेलीविज़न कॉर्पोरेशन द्वारा किया जा रहा है, जो डिजिटल, संस्कृति, मीडिया और खेल विभाग के एक सार्वजनिक निगम है, जिसे 1990 में स्थापित किया गया था और यह संचालन में आया था 1993। 2010 में, चैनल 4 ने वेल्स में सेवा का विस्तार किया और एक यूके-वाइड टेलीविजन चैनल बन गया।
सन्दर्भ
टीवी चैनल | 156 |
1396091 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%A4%E0%A5%8B%E0%A4%B7%E0%A5%80%20%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%81%20%28%E0%A4%9F%E0%A5%80%E0%A4%B5%E0%A5%80%20%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%83%E0%A4%82%E0%A4%96%E0%A4%B2%E0%A4%BE%29 | संतोषी माँ (टीवी श्रृंखला) | Pages using infobox television with unnecessary name parameter
संतोषी मां एक भारतीय टेलीविजन पौराणिक श्रृंखला है, जिसका प्रीमियर 30 नवंबर 2015 से 20 अक्टूबर 2017 तक &TV पर हुआ। सीरीज का निर्माण रश्मि शर्मा टेलीफिल्म्स ने किया है। ग्रेसी सिंह श्रृंखला में नाममात्र की भूमिका निभाती है, जिसे "प्यार, संतोष, क्षमा, खुशी और आशा का प्रतीक" के रूप में वर्णित किया गया है।
कहानी
यह शो पौराणिक कथाओं और नाटक का मिश्रण है। कहानी तीन समानांतर ट्रैक पर चलती है।
पहली कहानी संतोषी के बारे में है, जो संतोषी मां की एक भक्त अनुयायी है, जो मानती है कि देवी सभी दुखों का अंतिम इलाज है।
दूसरी कहानी देवलोक की कहानी दर्शाती है जहां ब्रह्मांड के सभी देवी-देवता निवास करते हैं। देवी संतोषी अपने गठबंधन 'गौ माता' के साथ अपने भक्तों की मदद करने की पूरी कोशिश करती हैं। उनके प्रयासों को अक्सर देवी पौलोमी द्वारा बाधित किया जाता है, जिन्हें ईर्ष्या, लालच और धोखे की देवी के रूप में जाना जाता है।
तीसरे ट्रैक में संतोषी के रिश्तेदार शामिल हैं जो स्वभाव से बेहद लालची हैं। वे अमीर बनने का सपना देखते हैं और पैसे जुटाने और एक शानदार जीवन शैली जीने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। संतोषी के माता-पिता की मृत्यु दुष्ट देवी पौलोमी के कारण हुई थी। संतोषी की सबसे बड़ी दादी और दो बच्चे संतोषी के प्रति क्रूर थे। जब संतोषी बड़ी हुई तो उसने एक अमीर आदमी से शादी कर ली।
कलाकार
मुख्य
संतोषी माता / साध्वी माँ के रूप में ग्रेसी सिंह
रतन राजपूत संतोषी धैर्य मिश्रा (नी त्रिपाठी) के रूप में
पौलोमी मां उर्फ तृष्णा के रूप में सायंतनी घोष / देबिना बोनर्जी
अयाज अहमद के रूप में धैर्य राघवेंद्र मिश्रा
अन्य
उपासना सिंह मधु प्रताप मिश्रा के रूप में (2015-2016)
परीक्षित साहनी राघवेंद्र मिश्रा के रूप में (2015-2017)
उज्जवल मिश्रा के रूप में किरण जंजानी (2015-2016)
ओंकार दास मानिकपुरी जगन्नाथ के रूप में
विद्या राघवेंद्र मिश्रा के रूप में साधना सिंह
राहुल राणा नागकाइमासुर के रूप में
दादी के रूप में सोनिया साहनी
दक्ष के रूप में सुनीता रजवार
केसी शंकर शेषनाथ के रूप में
माधुरी के रूप में हर्षिता शुक्ला
नारद के रूप में विजय बदलानी
लक्ष्मी माता के रूप में शिजू कटारिया
स्मृति खन्ना पार्वती माता के रूप में
प्रताप राघवेंद्र मिश्रा के रूप में शाहबाज खान
चांदनी भगवानानी के रूप में रिया
संकेत के रूप में अभिषेक बजाज
नुपुर उज्जवल मिश्रा के रूप में तीजय सिद्धू
सरस्वती माता के रूप में पियाली मुंशी / तारका पेडनेकर / झील मेहता
बाल संतोषी के रूप में काशवी कोठारी
गुड्डू मारुति as शशि कला
शशिकला भतीजे राजनी के रूप में शबाज़ अब्दुल्ला बादी
मेघन जाधव शशिकला भतीजे चिंटू के रूप में
गुड्डू के रूप में शगुन पांडेय
बिट्टो के रूप में ऐशाना सिंह / ज्योत्सना चंदोला
प्रियंवदा कांत शर्मीली के रूप में (2016-2017)
कामिनी के रूप में कमलिका गुहा ठाकुरता (2017)
रुद्राक्षी धैर्य मिश्रा के रूप में हरबंदना कौर
कुशांक अरोड़ा अंकुर प्रताप मिश्रा के रूप में
सिंदूरी / नकली संतोषी (2016) के रूप में अर्चना ताएदे
शिव के रूप में तरुण खन्ना
स्वर्णरेखा के रूप में सोनी सिंह (2016)
आंचल खुराना - बबली तिवारी (2016)
आर्यन वैद / आर्य धर्मचंद कुमार इंद्र के रूप में (2016-2017) / (2017)
पौलोमिका (तृष्णा की बेटी) के रूप में तशीन शाह
अल्का कौशल / दीपशिखा नागपाल क्रांति माँ (2017) / (2017) के रूप में
कुंभकी के रूप में नसीर खान
विशिष्ट व्यक्ति के रुप मे उपस्थित होना
रिद्धिमा (संतोषी की मां) के रूप में जूही परमार
विनायक के रूप में सचिन श्रॉफ (संतोषी के पिता)
अतिथि भूमिका
अंजू के रूप में सारा खान (2016)
अंकित गेरा निखिल के रूप में (2016)
आरती सिंह
अदिति देव शर्मा ( गंगा ) (2016) से गंगा के रूप में
संदर्भ
भारतीय टेलीविजन धारावाहिक | 618 |
894180 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A5%87%E0%A4%9F%20%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%9A | स्कार्लेट विच | स्कार्लेट विच मार्वल कॉमिक्स द्वारा प्रकाशित अमेरिकी कॉमिक पुस्तकों में दिखने वाली एक काल्पनिक सुपरहीरो है। यह चरित्र पहली बार द एक्स मैन #४ (मार्च १९६४) में प्रकाशित हुआ था, और इसे लेखक स्टैन ली और कलाकार जैक किर्बी ने बनाया था। प्रारम्भ में स्कार्लेट विच को अपने भाई क्विकसिल्वर के साथ एक खलनायक के रूप में दर्शाया गया था, जो ब्रदरहुड ऑफ म्युटेंट्स का सदस्य था। स्कार्लेट विच और क्विकसिल्वर दोनों म्यूटेंट मैग्नेटो की संतान हैं, जिन्हें उसने रोमानिया में एक परिवार की देख रेख में छोड़ दिया था, जहां स्कार्लेट विच की परवरिश वांडा मैक्सिमोफ नाम से हुई।
स्कार्लेट विच को एक शक्तिशाली जादूगरनी के रूप में जाना जाता है, जिसके पास वास्तविकता को बदल देने तक की जादुई शक्तियां हैं। वह लम्बे समय तक सुपरहीरो टीम अवेंजर्स की सदस्य रही है, और बाद में अवेंजर्स के साथी विज़न से विवाह कर लेती है। अभिनेत्री एलिज़ाबेथ ऑल्सन मार्वल सिनेमेटिक यूनिवर्स की फ़िल्मों में वांडा मैक्सीमॉफ / स्कार्लेट विच की भूमिका निभा रही हैं। ऑल्सन पहली बार २०१५ की फ़िल्म अवेंजर्स: एज ऑफ़ अल्ट्रॉन में वांडा की भूमिका में दिखी थी।
संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
स्कार्लेट विच मार्वल.कॉम पर
UncannyXmen.net स्पॉटलाइट पर स्कार्लेट विच
कॉमिक्स के पात्र | 197 |
663629 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A5%82%E0%A4%AA%E0%A4%AE | विश्वरूपम | विश्वरूपम एक भारतीय जासूसी रोमांचक फिल्म है, जिसका निर्माण हिन्दी और तमिल भाषा में किया गया है। इस फिल्म का अनुवाद तेलुगू भाषा में किया गया है। इस फिल्म में कमल हासन मुख्य किरदार निभा रहे हैं। यह फिल्म 25 जनवरी 2013 को सिनेमाघरों में प्रदर्शित की गई थी।
कहानी
यह कहानी एक कबूतर के दुकान से शुरू होती है, जहाँ एक बूढ़ा आदमी एक कबूतर को खाना खिलाकर उड़ा देता है। वह ऊँचा उड़ते हुए एक इमारत पर जाता है। वह इमारत एक मनोविज्ञानी का होता है, जो निरूपमा (पुजा कुमार), परमाणु अर्बुद विज्ञानी को देखता है। उसका पति विश्वनाथ (कमल हासन) पिछले तीन वर्षों से कथक सीखाने का कार्य करता है।
कलाकार
कमल हासन - विश्वनाथ / विसम अहमद कश्मीरी
राहुल बोस - ओमर कुरेशी
शेखर कपूर - कलॉनल जगन्नाथ
पूजा कुमार - निरूपमा विसम / निरूपमा विश्वनाथ
आन्द्रेया जेरेमियाह - अस्मिता सुबरमणियम
जयदीप अहलावत - सलीम
सम्राट चक्रबर्ती - दीपक चटर्जी
नस्सर - नासर
ज़रीना वहाब
माइल्स एंडर्सन
नरेन वेस
जेम्स बब्सोन
जुड एस वालको
चृस कोटचर
ग्रेग सम्मिस
डेविड स्कॉट
मेलिसा बेयर
हयात आसिफ
निर्माण
मनमदन (2010) बनने के बाद कमल हासन ने नवम्बर 2010 में इस कहानी पर काम करना शुरू किया। तब इस घरेलू परियोजना का नाम ठलाइवन लृक्किरण रखा। एक सूचना यह भी मिली थी की यह फिल्म अमेरिकी फिल्म हननीबल के कहानी पर आधारित है। इसके प्रदर्शन के कुछ ही दिन पहले कमल हासन ने बताया की यह कहानी का विचार उन्हें सात वर्ष पूर्व आया था। और तभी उन्होने इस पर एक फिल्म बनाने का निर्णय लिया था। इसके बाद इस फिल्म का नाम कई शीर्षक के पश्चात इसका नाम विश्वरूपम रख दिया गया। उसके बाद यह बताया गया की यह फिल्म 3 भाषाओं में - हिन्दी, तमिल और तेलुगू में बनेगी।
पात्र चुनाव
फरवरी 2011 को इस फिल्म में मुख्य भूमिका के लिए सोनाक्षी सिन्हा को लिया गया था। जिसके लिए 2 करोड़ रुपये रखा गया था। वह हासन की पत्नी के किरदार के लिए तय हुई। लेकिन फिल्म के निर्माण में देरी के कारण जुलाई में उनकी अन्य फिल्म होने के कारण वह इसे छोड़ गईं। इसके साथ ही इसी तरह अन्य बॉलीवुड अभिनेत्री कैटरीना कैफ़, दीपिका पादुकोण और सोनम कपूर भी इस कारण इस फिल्म को छोड़ गईं। इसके बाद वे विद्या बालन से बात करने गए। लेकिन वह किसी ओर फिल्म में कार्य करने के कारण फिल्म में नहीं आ सकीं। इसके बाद अगस्त के मध्य में समीरा रेड्डी को लिया गया। लेकिन कुछ सूत्रों का कहना था, की अनुष्का शेट्टी को यह किरदार दिया गया है। नवम्बर 2011 में न्यू यॉर्क में रहने वाली पूजा कुमार को लिया गया। जिसके बारे में गौतमी ने कमल हासन को शिफारिश की थी। इसके अलावा लक्ष्मी मंचू को भी फिल्म में एक किरदार दिया गया था। लेकिन अन्य कार्य के कारण वह भी इस फिल्म में काम नहीं कर सकीं।
श्रीया सरन एक सूत्र के अनुसार इस फिल्म में दूसरी मुख्य किरदार निभा रही हैं। लेकिन कुछ दिनों के बाद शिया सरन ने इस समाचार को गलत बताया। इसके बाद प्रिया आनंद ने बताया की वह इस किरदार के लिए चुनी गई हैं। लेकिन कमल हासन ने बताया की वह प्रिया आनंद को जानते ही नहीं हैं। इसके बाद ईशा शरवानी को एक किरदार के लिए चुना गया। सूत्रों के अनुसार वह कमल हासन की बहन का किरदार निभा रहीं हैं।
राहुल बोस इस फिल्म के मुख्य नकारात्मक किरदार के लिए चुने गए। उस महीने के बाद अभिनेता-निर्देशक शेखर कपूर ने टिवीटर में बताया कि वह इस फिल्म में एक विशेष उपस्थिती देंगे। उसी दौरान सम्राट चक्रबर्ती सहायक किरदार के लिए चुने गए। जयदीप अहलावत ने एक साक्षात्कार के दौरान बताया कि वह एक नकारात्मक किरदार इस फिल्म में निभा रहे हैं। नवम्बर 2011 में ज़रीना वहाब ने बताया कि वह एक छोटा सा किरदार इस फिल्म में निभा रहीं हैं। चित्रांगदा सिंह ने एक बहुत विशेष किरदार के लिए चुनी गई, लेकिन उन्होने मना कर दिया, क्योंकि उनकी उस समय सुधीर मिश्रा के साथ फिल्म करना था।
फिल्माना
इस फिल्म का निर्माण 20 अप्रैल को शुरू होना था, लेकिन अमेरिका ने वीजा देने से मना कर दिया जिस कारण इसमें देरी हुई और उन्हें कनाडा में फिल्म के निर्माण के लिए जाना पड़ा और कार्य को शुरू होने में जून तक का समय लग गया। इसके बाद फिल्म का निर्माण चेन्नई में अगस्त 2011 में किया गया। इसमें हासन के कार्यालय का भी दृश्य है, यह अक्टूबर 2011 में लिया गया था। जब ईशा शरवानी भी निर्माण का हिस्सा बनी थी। इसका निर्माण धीरे धीरे से 2011 के अन्त तक हुआ। उसी वर्ष सम्राट चक्रबर्ती के साथ नवम्बर में किया गया, जहाँ चेन्नई में ही अफ़ग़ानिस्तान के जैसे दृश्य तैयार किए गए थे। जिसमें कई विदेशी लोगों को अमेरिकी सैनिक कि भूमिका दी गई थी। हासन ने कथक नृत्य बिरजू महाराज से सीखा जो इस फिल्म का बहुत महत्वपूर्ण भाग है।
इस फिल्म के निर्माण में देरी के कारण जो इसमें लम्बा समय लगा, उस कारण जो इसके पहले चुने गए कई कलाकार इस परियोजना को छोड़ कर चले गए। इस फिल्म का निर्माण मुख्यतः में हुआ है। इसमें अमेरिका, कनाडा शामिल है। इसके अलावा यह भारत में चेन्नई और मुंबई में निर्माण किया गया। कमल हासन ने अपने फिल्म के बाकी हिस्से के निर्माण के लिए 15 दिसम्बर 2011 को अमेरिका गए। जहाँ एक दृश्य बाहर में न्यू यॉर्क में होना था। इसके अनुवाद का कार्य मुंबई में फरवरी 2012 में शुरू हुआ। इस फिल्म के अन्त में जो लड़ाई थी। उसके लिए हॉलीवुड के करतब करने वाले ली व्हित्तकर को बुलाया गया था।
प्रचार
इसे बनाने वाले इसका निर्माण अधिक लागत में करना चाहते थे। जिससे यह 2012 के कन्नेस फिल्म उत्सव में दिखाया जाये। इसके लिए विशेष स्क्रीन का इंतजाम हॉलीवुड में रहने वाले निर्माता बेर्री एम ऑसबोर्न और माइकल वेस्टमोर ने किया था। इसके प्रदर्शन से पूर्व यह पता चला की यह फिल्म दो अलग अलग भागों में प्रदर्शित होगा और हर भाग अलग अलग प्रदर्शित होगा।
इसकी पहली झलक वाली छवि को मई 2012 में दिखाया गया। जो इस फिल्म के प्रचार का ही हिस्सा था। इसके छवि में कमल हासन लगातार हरे खाकी कपड़े ही पहने हुए और कबूतर उड़ाते हुए दिखाई पड़ते थे।
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
तमिल फ़िल्में
हिन्दी फ़िल्में | 1,029 |
147437 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%86%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%97%20%E0%A4%B2%E0%A5%8B%E0%A4%95%20%E0%A4%B8%E0%A4%AD%E0%A4%BE%20%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%9A%E0%A4%A8%20%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A5%87%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0 | आरामबाग लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र | आरामबाग लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र''' भारत के पश्चिम बंगाल राज्य का एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है।
विधानसभा क्षेत्र
पश्चिम बंगाल में निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के संबंध में परिसीमन आयोग के आदेश के अनुसार 2006 में संसदीय निर्वाचन क्षेत्र संख्या 29 अरामबग, अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित, निम्नलिखित विधानसभा खंडों से बना है:
हरिपाल (विधानसभा क्षेत्र संख्या 196)
तारकेश्वर (विधानसभा क्षेत्र संख्या 198)
परसुराह (विधानसभा क्षेत्र संख्या 199)
आरामबाग (एससी) (विधानसभा क्षेत्र - 200)
गोगाट (एससी) (विधानसभा क्षेत्र 201)
खानकुल (विधानसभा क्षेत्र संख्या 202)
चंद्रकोना (एससी) (विधानसभा क्षेत्र - 232)
परिसीमन से पहले आरामबाग लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र निम्नलिखित विधानसभा क्षेत्रों से बना था: तारकेश्वर (विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र संख्या 185), परसुराह (विधानसभा क्षेत्र संख्या 192), खानकुल (एससी) (विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र संख्या 193), आरामबाग (विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र संख्या 194), गोघाट (एससी) (विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र संख्या 195), चंद्रकोना (विधानसभा क्षेत्र संख्या 196), घटाल (विधानसभा क्षेत्र: घटाल (SC) (विधानसभा क्षेत्र संख्या 197)
संसद के सदस्य
पश्चिम बंगाल के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र | 159 |
1326925 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A5%87%E0%A4%82%E0%A4%9F%E0%A5%80-20%20%E0%A4%85%E0%A4%82%E0%A4%A4%E0%A4%B0%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%AF%20%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A5%87%E0%A4%9F%20%E0%A4%B9%E0%A5%88%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%95%20%E0%A4%95%E0%A5%80%20%E0%A4%B8%E0%A5%82%E0%A4%9A%E0%A5%80 | ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट हैट्रिक की सूची | क्रिकेट में हैट्रिक तब होती है जब कोई गेंदबाज लगातार गेंदों पर तीन विकेट लेता है। यह ट्वेंटी 20 अंतर्राष्ट्रीय (टी20आई) क्रिकेट में एक अपेक्षाकृत दुर्लभ घटना है जिसमें 10 नवंबर 2021 तक केवल 26 घटनाएं होती हैं।
पहली ट्वेंटी-20 हैट्रिक ऑस्ट्रेलिया के ब्रेट ली ने सितंबर 2007 में केप टाउन में बांग्लादेश के खिलाफ खेलते हुए ली थी। लसिथ मलिंगा एकमात्र ऐसे गेंदबाज हैं जिन्होंने कई T20I हैट्रिक ली हैं। उनकी पहली हैट्रिक 2017 में बांग्लादेश के खिलाफ हासिल की गई थी और उनकी दूसरी हैट्रिक सितंबर 2019 में न्यूजीलैंड के खिलाफ हुई थी।
राशिद खान, लसिथ मलिंगा और कर्टिस कैंपर टी20ई में चार गेंदों में चार विकेट लेने वाले एकमात्र गेंदबाज हैं, खान ने फरवरी 2019 में आयरलैंड के खिलाफ यह उपलब्धि हासिल की, और मलिंगा ने सितंबर 2019 में न्यूजीलैंड के खिलाफ इस उपलब्धि को दोहराया। 18 अक्टूबर 2021 को 2021 आईसीसी पुरुष टी20 विश्व कप में, कैंपर ने नीदरलैंड के खिलाफ उपलब्धि हासिल की।
6 अगस्त 2021 को, नाथन एलिस ने बांग्लादेश की पारी की आखिरी तीन गेंदों में तीन विकेट चटकाए और एक टी20आई मैच में अपने पदार्पण पर हैट्रिक लेने वाले पहले पुरुष क्रिकेटर बने।
टीमों द्वारा कुल हैट्रिक
हैट्रिक
स्रोत: ईएसपीएनक्रिकइन्फो। अंतिम अद्यतन: 10 नवंबर 2021
सन्दर्भ | 204 |
32867 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%AA%E0%A5%81%E0%A4%A1%E0%A4%BC | हापुड़ | हापुड़ (Hapur) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के हापुड़ ज़िले में स्थित एक नगर है। यह उस ज़िले का मुख्यालय भी है।
विवरण
हापुड़ उत्तर प्रदेश का एक मध्यम आकार का शहर एवं लोकसभा क्षेत्र है। यह एक रेलवे का जंक्शन भी है। यह ज़िले की प्रसिद्ध व्यपारिक मण्डी है। यहाँ पर तिलहन, गुड़, गन्ने और कपास का व्यापार अधिक होता है। स्टेनलेस स्टील पाइप, ट्यूब और हब बनाने के रूप में विख्यात, हापुड़ कागज शंकु और ट्यूबों के लिए भी प्रसिद्ध है। भारत की राजधानी नई दिल्ली से लगभग 60 किमी दूर स्थित यह शहर जिले का मुख्यालय भी है। राष्ट्रीय राजमार्ग-9 दिल्ली को लखनऊ से जोड़ने वाला राजमार्ग भी शहर से गुजरता है। हापुड़ शहर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
इतिहास
हापुड़ शब्द 'हापर' से बना है जिसका मतलब बगीचा होता है, हापुड़ 28.72° 77.78 एन ° ई. [2] पर स्थित है समुन्द्र तल औसत ऊंचाई 213 मीटर (699 फीट) है। इसके उत्तर में मेरठ, दक्षिण में बुलंदशहर और दक्षिण-पश्चिम सीमा के रूप में. गाजियाबाद तथा अमरोहा जिले के पूर्व निहित है। गंगा नदी की पूर्वी सीमा और पवित्र `गढ़मुक्तेश्वर जहां हर साल लाखों लोगों की तीर्थयात्रा के लिए आते हैं` यहाँ की जमीन न तो चट्टानी है और नहीं वहाँ कोई पहाड़ों हैं। नदी द्वारा हिमालय से लाये हुए अवसादों से बनी जलोढ़ मिट्टी है, अवसादों मिट्टी, गाद और मोटे रेत ठीक से मिलकर बनता है। भूमि बड़ी फसलों के लिए बहुत उपजाऊ, विशेष रूप से गेहूं, गन्ना और सब्जियों है। इसके अलावा, नदी `काली नदी शहर के बाहरी इलाके से गुजरती है।
यहाँ के निवासियों ने 1857 के विप्लव में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। इनमें मुख्य क्रांतिकारी थे- चौधरी जबरदस्त खाँ एवं चौधरी उल्फत खाँ। ब्रितानियों के विरूद्ध क्रांति में संलग्न होने के कारण चौधरी जबरदस्त खाँ एवं चौधरी उल्फत खाँ को उनके समर्थकों के साथ मृत्युदण्ड दिया गया। लेकिन उनकी शहादत को हापुड़ के निवासी आज भी याद करते हैं। हापुड़ में 1857 में शहीद होने वाले क्रांतिकारियों की याद में 1975 ई. से प्रतिवर्ष शहीद मेले का आयोजन किया जाता है। जो 10 मई से शुरू होकर एक माह तक चलता है। सम्पूर्ण देश में 1857 से सम्बद्ध इस प्रकार के मेले का आयोजन अन्यत्र कहीं नही किया जाता। चौधरी जबरदस्त खाँ का परिवार मूलतः असौड़ा गाँव का रहने वाला था जो अपनी जमींदारी होने के कारण बाद में हापुड़ के मुहल्ला भण्ड़ा पट्टी में रहने लगे। चौधरी जबरदस्त खाँ, समस्त खाँ, उल्फत खाँ, अमजद खाँ, दूल्हे खाँ सहित सात भाई थे, एक बहिन भी थी।
मालागढ़ के नवाब वलीदाद खाँ तथा चौधरी जबरदस्त खाँ के मध्य दोस्ताना सम्बन्ध थे। "नवाब वलीदाद खाँ के पुत्र की शादी नवाब मुजफ्फरनगर की इकलौती पुत्री के साथ हुई थी। बारात मालागढ़ से मुजफ्फरनगर के लिए रवाना हुई। हापुड़ रास्ते में होने के कारण बारात यहाँ से होकर जानी थी। यहाँ आने पर नवाब वलीदाद खाँ ने चौधरी जबरदस्त खाँ को बारात का मुखिया बनाकर भेजा और स्वयं वापस लौट गए। इस घटना से दोनों के मध्य दोस्ताना सम्बन्धों की पुष्टि होती हैं। नवाब मुजफ्फरनगर द्वारा बारात तथा चौधरी जबरदस्त खाँ का भव्य स्वागत किया गया। बारात दो माह से अधिक समय तक नवाब मुजफ्फरनगर के यहाँ रूकी रही, जो व्यक्ति बारात की सूचना प्राप्त करने जाते उन्हें भी वापिस नहीं आने दिया जाता, इस कारण बारातियों की संख्या काफी अधिक हो गयी। नवाब वलीदाद के स्थान पर चौधरी जबरदस्त खाँ ने वर के पिता का उत्तरदातिय्तव निभाया। नवाब मुजफ्फरनगर की पुत्री इकलौती थी इसलिए नवाब ने अपनी सम्पूर्ण जायदाद अपनी लड़की एवं दामाद के सुपर्द कर दी।"
अनुमान है कि वलीदाद खाँ किसी गुप्त एवं अति महत्व के कार्य में लगे होने के कारण पुत्र की शादी में न जा सके होंगे और यह भी कि यह काम पहले से निर्धारित नहीं रहा होगा बल्कि अचानक लग गया होगा। यदि इस कार्य विशेष का पहले से आभास भी होता, तो नवाब वलीदाद शाह की तिथि पीछे हटा सकते थे। साथ ही कार्य इतने अधिक महत्व का होगा कि शादी के ऐन वक्त पर वे न तो शादी टाल सकते थे और न ही काम को विलिम्बित कर सकते थे। आखिर प्रश्न उठता है कि यह कार्य वास्तव में क्या था? हमारा मत है कि यह काम और कुछ न होकर 1857 की क्रांति का प्रस्फुटन से पूर्व इसकी योजना अथवा इसके योजनाकारों से सम्पर्क सम्बन्धित रहा होगा।
तत्कालीन परिस्थितियों में साक्ष्य समूह इसी अनुमान को बल प्रदान करता है कि शादी का समय 1857 की बसन्त ऋतु के आस-पास होगा। इस पर विचार करने से सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। इतिहासकार इस पर एकमत हैं कि 10 मई 1857 को मेरठ से अचानक क्रांति प्रस्फूटित हुई थी। अतः ऐसे में यह साक्ष्यसंगत न होगा कि इसके प्रस्फुटन का वलीदाद खाँ को पूर्व आभास हो। अतः सरलता से इस निष्कर्ष पर पहुँचा जा सकता है कि शादी की तिथि 10 मई से कुछ पूर्व नहोकर ही काफी पहले रही होगी। ऐसा मान लेने पर पिता वलीदाद खाँ ने अपनी पुत्र की शादी में अमूल्य समय नष्ट करने की अपेक्षा यह उचित समझा होगा कि योजनाकारों से सम्पर्क स्थापित कर क्रांति में अपनी भूमिका निर्वहन किया जाये। नवाब वलीदाद खाँ एक दूरदर्शी व्यक्ति थे। समकालीन ऐतिहासिक स्रोत इसकी पुष्टि करते हैं।
1857 के समय नवाब वलीदाद खाँ का मालागढ़ रियासत में शासन था तथा मुगल दरबार में उन्हें विशेष स्थान प्राप्त था। क्रांन्ति के समय बादशाह बहादुर शाह ने उन्हें बुलन्दशहर, अलीगढ़ तथा निकटवर्ती क्षेत्रों की सूबेदारी भी सौंप दी। 1857 में मुगल बादशाह द्वारा क्रांतिकारियों का साथ देने के कारण वलीदाद खाँ ने भी उनका साथ दिया तथा अंग्रेजों के विरूद्ध अपने क्षेत्र का नेतृत्व किया।
चौधरी जबरदस्त खाँ ने नवाब वलीदाद खाँ से नजदीकी सम्बन्ध होने के कारण विप्लव में पूरा सहयोग किया तथा क्षेत्रीय आधार पर हापुड़ के क्रांतिकारी ग्रामीणों का नेतृत्व किया। हापुड़ तहसील में कई माह तक मारकाट मची रही। क्रांतिकारियों ने हापुड़ एवं बुलन्दशह के मध्य सभी टेलीफोन के तारों को काट दिया। वलीदाद खाँ और जबरदस्त खाँ ने हापुड़ में ब्रितानियों पर आक्रमण करने की योजना बनायी लेकिन ब्रितानियोंें के समर्थकों एव बुलन्दशहर जिले में भटोना गाँव के जाटों के कारण यह योजना क्रियान्वित न हो सकी। हापुड़ में क्रांतिकारियों की बढ़ती हुई गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए अन्ततः ब्रिटिश सेना के शक्तिशाली दस्ते के साथ विलियम्स को आना पड़ा। उसने हापुड़ के अंग्रेज अधिकारी विल्सन की सहायता से चौधरी जबरस्त खाँ तथा उनके भाई उल्फत खाँ को अनेक समर्थको सहित गिरफ्तार कर लिया। अनेक क्रांतिकारी हापुड़ से दूर चले गये। अंग्रेज अधिकारियों ने चौधरी जबरदस्त खाँ तथा चौधरी उल्फत खाँ सहित उनके अनेक समर्थकों को विद्रोही घोषित करते हुए मृत्युदण्ड का आदेश दिया। सभी व्यक्तियों को हापुड़ में पुरानी तहसील के निकट पीपल के जिस वृक्ष पर फाँसी दी गई उसे कालान्तर में कटवा दिया गया। उसी वृक्ष के स्थान पर आज हापुड़ का टेलीफोन एक्सेंज बना हुआ है। इसकी दीवार तहसील की दीवार से सटी हुई है। यह हापुड़ में बुलन्दशहर रोड पर स्थित है।
उस समय रेशम की डोरी से फाँसी दी जाती थी। ऐसा माना जाता है कि चौधरी जबरदस्त खाँ को तीन बार फाँसी लगायी गयी परन्तु तीनों बार ही फाँसी का फन्दा टूट गया। यह देखकर ब्रिटिश अधिकारी विल्सन ने आश्चर्य व्यक्त किया और जबरदस्त खाँ को उसने जीवित छोड़ने का मन बना लिया। चौधरी जबरदस्त खाँ को फाँसी के तख्ते से उतार लिया गया और उनके पानी माँगने पर पानी पिलवाने का आदेश भी दिया। परन्तु जबरदस्त खाँ के विरोधी नहीं चाहते थे कि उसे जिन्दा छोड़ा जाये। उन्होंने ब्रिटिश अधिकारी से प्रार्थना की, कि अगर चौधरी जबरदस्त खाँ को जीवित छोड़ दिया गया तो वह हमें जिन्दा नहीं छोड़ेगा।
क्योंकि उन्होंने क्रांति के दौरान चौधरी जबरदस्त खाँ के विरूद्ध ब्रितानियों की मदद की थी, अतः उनकी विनती को विल्सन ने स्वीकार कर लिया। जब जबरदस्त खाँ पानी पी रहे थे तब उन्होंने उसकी कनपटी पर गोली मार दी। चौधरी जबरदस्त खाँ देश के लिए शहीद हो गये।
उनकी सम्पूर्ण जायदाद जब्त करने तथा परिवार के अन्य सदस्यों को मृत्युदण्ड का आदेश भी ब्रिटिश अधिकारी ने दिया। अब्दुल्ला खाँ तथा वादुल्ला खाँ, जो चौधरी जबरदस्त खाँ के पुत्र बताये जाते हैं, को उनके एक स्वामिभक्त नौकर छिपाकर हापुड़ से दूर ले गए और कई वर्षो बाद जब हापुड़ में शान्ति हुई तभी वे वापस आये। मुहल्ला भण्डा पट्टी, हापुड़ में इनके वंशज आज भी रह रहे हैं।
मोहल्ले
चंद्रलोक, आदर्श नगर, शकुन विहार, रघूवीर गंज, ग्रीन वैली, रफीक नगर , मजीदपुरा, करीमपुरा, शिवदयालपुरा, शिवगढ़ी, रामगढ़ी, राजीव विहार, अर्जुन नगर, किलाकोना, देवलोक, आवास विकास, चमरी, लज्जापुरी, न्यु शिवपुरी , कलेक्टर गंज, गंगानगर, श्रीनगर, रामगंज, पटेल नगर, राधापुरी, सीता गंज, अतरपुरा चौपला, जवाहर गंज आदि।
फेमस फूड
पापड़ हापुड़ का फेमस और स्वादिष्ट फूड है
यहां का पापड़ खाने के बाद लोग तारीफ करना नही भूलते है
इसलिए आज भारत में ही नही विदेशों तक हापुड़ का पापड़ प्रचलित है
सन्दर्भ
हापुड़ ज़िला
उत्तर प्रदेश के नगर
हापुड़ ज़िले के नगर | 1,457 |
720718 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B6%E0%A5%88%E0%A4%95%E0%A4%B2%E0%A4%9F%E0%A4%A8%20%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%AE%E0%A4%9A%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A4%BE%E0%A4%A8 | शैकलटन हिमचट्टान | शैकलटन हिमचट्टान (Shackleton Ice Shelf) [पूर्व अंटार्कटिका]] के ३८४ किमी तट पर (रेखांश ९५° पूर्व से लेकर १०५° पूर्व) पर विस्तृत एक हिमचट्टान है। अपने पश्चिमी भाग में यह १४५ किमी तक सागर में फैली हुई है और पूर्व में सागर के ऊपर यह ६४ किमी की दूरी तक पहुँचती है। कुल मिलाकर यह ३३,८२० वर्ग किमी का क्षेत्रफल रखती है। यह मौसन सागर का भाग है और पश्चिम में रानी मेरी धरती के तट को पूर्व में विल्क्स धरती के नोक्स तट से अलग करती है।
इन्हें भी देखें
हिमचट्टान
रानी मेरी धरती
विल्क्स धरती
सन्दर्भ
अंटार्कटिका की हिमचट्टाने
रानी मेरी धरती
विल्क्स धरती
रानी मेरी धरती के हिमसमूह
विल्क्स धरती के हिमसमूह | 114 |
850464 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AC%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%B2%20%E0%A4%B8%E0%A5%88%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B8 | बंगाल सैपर्स | बंगाल सैपर्स या बंगाल एंजिनियरिंग ग्रुप जैसाकि औपचारिक रूप से कहा जाता है, ब्रिटिश भारतीय सेना की बंगाल आर्मी ऑफ़ दि बेंगॉल प्रेसिडेंसी की ब्रिटिश भारत की टुकड़ी का नया नाम है। यह अब भारतीय सेना के एंजिनियर्स कॉर्प्स के अंतरगत है। बंगाल सैपर्स का रेजिमेंटल केन्द्र रुड़की कंटोनमेन्ट, रुड़की नगर, उत्तराखण्ड में है। बंगाल सैपर्स बेंगॉल प्रेसिडेंसी सेना की गिनी चुनी रेजिमेंटों में से है जो 1857 की बग़ावत से बची रही क्योंकि दिल्ली पर दोबारा क़ब्ज़े और कई 1857–58 की कार्रवाहियों में उसने मुस्तैदी दिखाई। 200 साल एक बंगाल सैपर्स ने ब्रिटिश सेना का साथ दिया और कई महत्वपूर्ण कामियाबियों के पीछे उनका हाथ था। | 107 |
1057506 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%AF%20%E0%A4%95%E0%A5%83%E0%A4%B7%E0%A4%BF%20%E0%A4%B6%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%BE%20%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%A8%20%E0%A4%AC%E0%A5%8B%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A1 | राष्ट्रीय कृषि शिक्षा प्रत्यायन बोर्ड | राष्ट्रीय कृषि शिक्षा प्रत्यायन बोर्ड अथवा नेशनल एग्रीकल्चरल एजुकेशन एक्रीडेशन बोर्ड (अंग्रेजी: National Agricultural Education Accreditation Board) अथवा एनएईएबी (अंग्रेजी:NAEAB) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत शिक्षण संस्थाओं का मूल्यांकन करने वाली इकाई है। इससे मान्यता पाए बिना कालेज/विश्वविद्यालय से कृषि में स्नातक और परास्नातक किए छात्र वर्ष 2019-20 से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के किसी भी सरकारी कालेज अथवा विश्वविद्यालय में परास्नातक और पीएचडी नहीं कर सकता है। इसके चार क्षेत्रीय कार्यालय क्रमशः नई दिल्ली, कोलकाता, मुम्बई और बैंगलोर में स्थित है। | 83 |
1029290 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%9A%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%82%20%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%9C%E0%A5%81%E0%A4%AE%E0%A4%A6%E0%A4%BE%E0%A4%B0 | चारू मुजुमदार | चारू मुजुमदार (बंगाली: চারু মজুমদার; 1918–1972) भारत के एक कम्यूनिस्ट थे। धनी पारिवारिक कड़ियों को छोड़कर उन्होंने एक कठिन और सादा क्रान्तिकारी जीवन को चुना। उनका जन्म सिलीगुड़ी के एक खुशहाल ज़मीनदार परिवार में 1918 में हुआ था। आगे के जीवन में उन्होंने हथियारबंद नकसल आन्दोलन में भाग लिया था। चारू ने 1968 के नकसलबारी विद्रोह के ऐतिहासिक महत्व पर लिखा है और उसकी रचनाएँ आज भी लाल क्रांतिकारियों का मार्गदर्शन करती हैं।
जीवन
चारू का जन्म 1918 में सिलीगुड़ी में हुआ। उसके पिता एक स्वतन्त्रता सेनानी थे। उसने 1938 में कॉलेज छोड़ दिया था। 1946 में वह तेभागा आन्दोलन से जुड़ गए थे। उन्हें थोड़े से समय के लिए 1962 में जेल में बन्द किया गया था।
1937-38 में कॉलेज की पढ़ाई को छोड़कर चारू भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़ गए और बीड़ी कर्मचारियों को संगठित करने के प्रयास में जुट गए। इसके पश्चात वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हो गए ताकि इसकी किसान शाखा के लिए काम कर सकें। जल्द ही उनके नाम एक गिरफ़्तारी का वॉरंट जारी हुआ जिसके कारण उन्हें बाएँ कार्यकर्ता के रूप में पहली बार भूमिगत होना पड़ा। हालांकि सी पी आई को प्रथम विश्व युद्ध के समय प्रतिबंधित किया गया था, वह सी पी आई की गतिविधियों को किसानों के बीच जारी रखे और जलपुरीगंज जिला कमिटि के 1942 में सदस्य बन गए थे। इस प्रगति से प्रेरित होकर चारू ने फ़सल को क़बज़े लेने का अभियान जलपुरीगंज में 1943 के बड़े अकाल के दौरान सफलतापूर्वक चलाया। 1946 में वह तेभागा आन्दोलन से जुड़े और उत्तर बंगाल के कामगारों के लिए हथियारबंद आन्दोलन शुरू किया। इसके पश्चात वह कुछ समय के लिए दार्जीलिंग के चाय के बागानों के कर्मचारियों के बीच काम करते रहे।
सी पी आई को 1948 में प्रतिबंधित किया गया था। चारू ने अगले तीन वर्ष जेल में बिताए। जनवरी 1954 में चारू ने लीला मुजुमदार सेनगुप्ता शादी की जो जलपुरीगंज से सी पी आई की सदस्या रही थी। इस जोड़े ने सिलीगुड़ी की ओर प्रस्थान किया जो अगले कुछ सालों तक मुजुमदार की गतिविधियों का केन्द्र बना रहा। यहीं पर उसके बीमार पिता और अवैवाहित बहन गम्भीर दरिद्रता का जीवन जी रहे थे।
1960 की दशक से मध्य में मजुमदार ने उत्तर बंगाल में सी पी एम में एक बाईं टुकड़ी बनाई। 1967 में नकसलबारी एक हथियारों से लैस किसान विद्रोह छिड़ गया जिसकी अगुवाई कॉमरेड कानू सान्याल कर रहे थे। इस दल को आगे चलकर नकसली कहा जाने लगा। ऐसे समय पर चारू ने आठ लेख लिखे थे जिनका उद्देश्य यह था कि सफल क्रांति चीनी क्रांति के मार्ग पर हिंसात्मक संघर्श का रूप ले सकती है। 1969 में चारू ने ऑल इंडिया कोऑरडिनेशन कमिटी ऑफ़ कम्यूनिस्ट रेवोलूशनरीज़ बनाई जिसके वह जेनेरल सेकरेटरी बने। जुलाई 16, 1972 को चारू को अपने खुफ़िया ठिकाने से पकड़ा गया। 28 जुलाई को रात 4 बजे वह लॉक-अप में अपनी अंतिम साँसे ले चुके थे। मृत्यु हृदयाघात से हुई थी।
मृत शरीर भी परिवार को नहीं सौंपा गया। पुलिस, निकटतम परिवारजनों के साथ शरीर को शवदाहगृह ले गई। पूरा इलाका घेरे में लिया गया था और किसी भी दूसरे रिश्तेदार को जिस्म को जलाते समय अन्दर आने की अनुमति नहीं दी। .
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
Is there a Charu Mazumdar Thought?
Charu Majumdar Archives
1918 में जन्मे लोग
१९७२ में निधन | 540 |
607864 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B8%20%E0%A4%AC%E0%A5%87 | वालविस बे | वालविस बे नामीबिया के पश्चिमी तट पर स्थित एक प्राकृतिक बंदरगाह है। यह एक बहुत शुष्क शहर है। यह कुइसेब नदी का मुहाना है।
क्षेत्रफल
1124 वर्ग किमी
जनसँख्या
85000
भौगोलिक संरचना
यह कुइसेब नदी के मुहाने पर स्थित है। यह एक लैगून है जहाँ बालू के ऊँचे ऊँचे टीले मिल जाते है। यह पर समुद्र तट और बालू के टीलों का संगम का नजारा शानदार है जो पर्यटकों का आकर्षण केंद्र है।
तापमान
यह नामीब मरुस्थल के किनारे स्थित है। अतः ये बहुत सूखा और शुष्क तापमान है।यहाँ पर रातें बहुत ठंडी और दिन बहुत गर्म हो जाते है।समुद्र तट से बेंगुएला धारा से तेज हवाएँ तट की ओर चलती है।
वन्य-जीवन
यहाँ के तट पर प्रवासी पक्षी जैसे फ्लेमिंगो और पेलिकन का बसेरा है जिसका शिकार करने समुद्री व्हेल्स आती है। यहाँ पर इन जंतुओं का शिकार किया जाता है।
नामीबिया का भूगोल | 145 |
534066 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%9C%E0%A4%BC%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A4%97%E0%A5%80%20%28%E0%A5%A7%E0%A5%AF%E0%A5%AA%E0%A5%A6%20%E0%A4%AB%E0%A4%BC%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%AE%29 | ज़िन्दगी (१९४० फ़िल्म) | ज़िन्दगी १९४० में बनी एक हिन्दी फ़िल्म है जिसमें मुख्य भूमिका कुन्दन लाल सहगल ने निभाई है। फ़िल्म के निर्देशक पी.सी. बरुआ हैं और इसके लेखक जावेद हुसैन तथा प्रसिद्ध निर्देशक किदार नाथ शर्मा हैं। यह फ़िल्म सन् १९४० की सबसे सफल फ़िल्म थी।
संक्षेप
एक दिन एक अविवाहित, बेरोज़गार, आवारा, जुआरी रतन (के. एल. सहगल) एक विवाहिता श्रीमती (जमुना) से टकरा जाता है। श्रीमती के शराबी पति ने उसे मार-पीट कर घर से बाहर निकाल दिया है। अब दोनों मिलकर एक झूठे धर्मार्थ संगठन के लिये चंदा इकट्ठा करके अपना गुज़ारा करने लगते हैं। ठगी करके वे जो पैसा कमाते हैं उससे किराये का एक फ़्लैट लेकर दोनों साथ रहने लगते। इस बीच श्रीमती के पिता का देहान्त हो जाता है लेकिन मरने से पहले वह अपनी सारी जायदाद श्रीमती के नाम कर देते हैं। अपने पुराने पापों का प्रायश्चित करने की नीयत से वह सामाजिक कार्यों में लग जाती है और अपने पिता से मिली सम्पत्ति को दान में देने लगती है और लखिया नामक एक अनाथ को गोद भी ले लेती है। श्रीमती रतन को लखिया की पढ़ाई के लिये रख लेती है लेकिन रतन के ज़िद करने पर कि वे दोनों फिर साथ रहने लगें, उसे उसके पुराने पाप कचोटने लगते हैं और वह रतन को दुतकार देती है। फ़िल्म के अन्त में श्रीमती तन्हा मर जाती है।
चरित्र
कुन्दन लाल सहगल - रतन
जमुना - श्रीमती
पहाड़ी सान्याल
आशालता वबगांवकर
श्याम लाहा
नेमो
सितारा देवी
विक्रम कपूर
रजनी रानी
मुख्य कलाकार
कुन्दन लाल सहगल
जमुना
पहाड़ी सान्याल
दल
संगीत
इस फ़िल्म का संगीत दिया है पंकज मलिक ने और गीतकार हैं आरज़ू लखनवी और किदार नाथ शर्मा।
रोचक तथ्य
परिणाम
बौक्स ऑफिस
समीक्षाएँ
नामांकन और पुरस्कार
फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार
राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार
बाहरी कड़ियाँ
भारतीय ड्रामा फ़िल्में | 291 |
910017 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AF%E0%A5%82%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A5%82%E0%A4%AC%20%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%AE | यूट्यूब प्रीमियम | यूट्यूब प्रीमियम (पहले यूट्यूब रेड) यूट्यूब की एक शुल्क वाली स्ट्रीमिंग सेवा है, जो संयुक्त राष्ट्र, ऑस्ट्रेलिया, मेक्सिको, न्यू ज़ीलैंड और दक्षिण कोरिया में उपलब्ध है। इस सेवा से यूट्यूब के सारे वीडियो बिना विज्ञापन के देखे जा सकते हैं। इसके अलावा कुछ साइट के साथ मिल कर कुछ विशेष वीडियो भी बनाए गए हैं, जिसे केवल यूट्यूब पर देखा जा सकता है। इसके साथ साथ इसमें मोबाइल पर ऑफलाइन वीडियो चलाने और की सुविधा भी मिलती है।
इस सेवा को नवम्बर 2014 को म्यूजिक की नाम से शुरू किया गया था। उस समय इसमें केवल बिना विज्ञापन के सिर्फ गाने और वीडियो वाले गाने ही मिलते थे। तब इसे यूट्यूब और गूगल प्ले म्यूजिक से सुना जा सकता था। इस सेवा को फिर से नए रूप में "यूट्यूब रेड" नाम से 31 अक्टूबर 2015 को शुरू किया गया। इसके शुरुआत के साथ ही इसमें सारे यूट्यूब वीडियो को बिना विज्ञापन के देखने की सुविधा भी जोड़ दी गई थी। इसके बाद 17 मई 2018 को इसका नाम बदल कर "यूट्यूब प्रीमियम" कर दिया गया। इसी के साथ ये "यूट्यूब म्यूजिक" वाले सेवा से अलग हो गया।
इतिहास
इसे पहली बार नवम्बर 2014 में म्यूजिक की नाम से शुरू किया गया था। इसे यूट्यूब और गूगल प्ले म्यूजिक को मिला कर चलाया जा रहा था। "म्यूजिक की" बिना कोई विज्ञापन के यूट्यूब के गाने वाले वीडियो को सुनने देता था। जिसे यूट्यूब एप के साथ आप मोबाइल में ऑफलाइन भी चला सकते थे। इसमें इसके साथ गूगल प्ले म्यूजिक को भी जोड़ दिया गया था। "म्यूजिक की" के साथ साथ गूगल ने "प्ले म्यूजिक" और यूट्यूब एप में दोनों को एक साथ काफी अच्छी तरह से जोड़ दिया। जिसमें "प्ले म्यूजिक" एप से आप यूट्यूब के सारे संगीत वाले वीडियो देख सकते थे। "म्यूजिक की" यूट्यूब का पहला प्रीमियम सुविधा नहीं है, इससे पहले भी 2010 में फिल्मों के लिए और 2013 में यूट्यूब के चैनल हेतु भी इस तरह की प्रीमियम सेवा शुरू की गई थी।
इसके बीटा रूप में जब केवल निमंत्रण पर लोगों को इसका उपयोग करने का मौका मिलता था, तब इसका बहुत छोटा दायरा होने के कारण औसत प्रतिक्रिया ही देखने को मिली। इसमें कई सारे संगीत वाले वीडियो इसके दायरे में शामिल नहीं थे। यही कारण था कि बाद में "म्यूजिक की" को नए रूप में "यूट्यूब रेड" के नाम से बनाया गया, जो सारे यूट्यूब वीडियो को बिना विज्ञापन के देखने की सुविधा देता है। इसके लिए यूट्यूब उस वीडियो को बनाने वालों से अनुमति लेता है, ताकि वो उनके वीडियो को बिना विज्ञापन के लोगों को दिखा सके। इसके बदले वो जितना रकम देखने वालों से लिए रहता है और जितना वीडियो देखा गया, उसके अनुसार उन वीडियो बनाने वालों उस रकम को साझा करता है।
हाल के वर्षों में, YouTube सामग्री निर्माताओं के लिए अपने काम को प्रदर्शित करने और निम्नलिखित बनाने के लिए सबसे लोकप्रिय प्लेटफार्मों में से एक बन गया है। 2 बिलियन से अधिक मासिक सक्रिय उपयोगकर्ताओं के साथ, YouTube दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा खोज इंजन है, जो इसे व्यवसायों, ब्रांडों और अपने उत्पादों या सेवाओं को बढ़ावा देने वाले व्यक्तियों के लिए एक मूल्यवान उपकरण बनाता है।
YouTube वीडियो की सफलता का निर्धारण करने वाली प्रमुख मीट्रिक में से एक इसे प्राप्त होने वाले दृश्यों और शेयरों की संख्या है। किसी वीडियो को जितने अधिक बार देखा और साझा किया जाता है, खोज परिणामों में उसकी रैंक उतनी ही अधिक होती है, जिससे वह संभावित दर्शकों के लिए अधिक दृश्यमान हो जाता है। हालाँकि, उन विचारों और शेयरों को प्राप्त करना एक चुनौती हो सकती है, खासकर नए या छोटे चैनलों के लिए।
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सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
गूगल | 852 |
1444374 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%B8%20%E0%A4%95%E0%A4%BE%20%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A5%80%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%A3 | लाप्लास का समीकरण | गणित और भौतिकी में, लाप्लास का समीकरण (Laplace's equation), द्वितीय कोटि (ऑर्डर) का एक आंशिक अवकल समीकरण है। इसका नाम फ्रान्स के महान गणितज्ञ पिअरे साइमन लाप्लास (Pierre-Simon Laplace) के नाम पर पड़ा है जिन्होंने सबसे पहले इस समीकरण का अध्ययन किया था। लाप्लास समीकरण को प्रायः निम्नलिखित रीति से लिखा जाता है-
या
जहाँ को लाप्लास ऑपरेटर कहते हैं। डाइवर्जेन्स ऑपरेटर है (इसका संकेत "div" है), ग्रेडिएन्ट ऑपरेटर है (इसका संकेत "grad" है)। दो बार अवकलनीय वास्तविक-मान वाला फलन है। अतः लाप्लास ऑपरेटर किसी अदिश फलन को किसी दूसरे अदिश फलन से प्रतिचित्रित (मैप) करता है।
लाप्लास के समीकरण के सामान्य हल का सिद्धान्त विभव सिद्धान्त (potential theory) कहलाता है।
विभिन्न निर्देशांक प्रणालियों में लाप्लास समीकरण का स्वरूप
कार्तीय निर्देशांक में,
बेलनाकार निर्देशांक में,
गोलीय निर्देशांक में , प्रथा का पालन करते हुए,
अधिक व्यापक रूप में, किसी स्वेच्छ वक्ररेखीय निर्देशांक में ,
या
जहाँ नये निर्देशांक के सापेक्ष युक्लिद का मेट्रिक टेन्सर है तथा इसका क्रिस्टोफेल संकेत (Christoffel symbols) है।
इन्हें भी देखें
व्वासों समीकरण (poisson equation)
हेल्महोल्त्स समीकरण (Helmholtz equation)
सन्दर्भ
समीकरण
हार्मोनिक फलन | 177 |
183978 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%8B%20%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%A1%E0%A5%8B | क्रिस्टियानो रोनाल्डो | Cristiano Ronaldo and Georgina Rodriguez Wiki: A Look at Their Relationship and Life
Early Life and Career
Relationship
Personal Life
How much does Cristiano Ronaldo and Georgina Rodriguez's yacht cost? Supermodel shows off lifestyle with Louis Vuitton towels and Dior cushions
How long have Ronaldo and Georgina been together for?
How many biological children does Ronaldo and Georgina have?
क्रिस्टियानो रोनाल्डो डॉस सैंटोस एवेइरो (;जन्म 5 फरवरी 1985)एक पुर्तगाली पेशेवर फुटबॉलर है जो प्रीमियर लीग क्लब मैनचेस्टर यूनाइटेड के लिए फॉरवर्ड के रूप में खेलते है और पुर्तगाल की राष्ट्रीय टीम की कप्तानी करते है। अक्सर दुनिया में सबसे अच्छा खिलाड़ी माने जाते है और व्यापक रूप से सभी समय के महानतम खिलाड़ियों में से एक के रूप में माने जाते है, रोनाल्डो ने पांच बैलोन डी'ओर पुरस्कार और चार यूरोपीय गोल्डन शूज़ जीते हैं, जो एक यूरोपीय खिलाड़ी द्वारा सबसे अधिक है। उन्होंने अपने करियर में 32 ट्राफियां जीती हैं, जिसमें सात लीग खिताब, पांच यूईएफए चैंपियंस लीग, एक यूईएफए यूरोपीय चैम्पियनशिप और एक यूईएफए राष्ट्र लीग शामिल हैं । रोनाल्डो ने चैंपियंस लीग में सर्वाधिक उपस्थिति (182), सर्वाधिक गोल (140), और सहायता (42), यूरोपीय चैम्पियनशिप में सर्वाधिक गोल (14), पुरुष खिलाड़ी द्वारा सर्वाधिक अंतरराष्ट्रीय गोल (115), और सर्वाधिक एक यूरोपीय पुरुष द्वारा अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति (184)। वह उन कुछ खिलाड़ियों में से एक हैं, जिन्होंने 1,100 से अधिक पेशेवर कैरियर प्रदर्शन किए हैं, और क्लब और देश के लिए 800 से अधिक आधिकारिक वरिष्ठ कैरियर गोल किए हैं।
मदेरा में जन्मे और पले-बढ़े, रोनाल्डो ने अपने सीनियर क्लब करियर की शुरुआत स्पोर्टिंग सीपी के लिए की, 2003 में मैनचेस्टर यूनाइटेड के साथ हस्ताक्षर करने से पहले, 18 वर्ष की आयु में, अपने पहले सीज़न में एफए कप जीते । वह लगातार तीन प्रीमियर लीग खिताब, चैंपियंस लीग और फीफा क्लब विश्व कप भी जीते; 23 साल की उम्र में, उन्होंने अपना पहला बैलन डी'ओर जीता । रोनाल्डो तत्कालीन सबसे महंगे एसोसिएशन फुटबॉल हस्तांतरण के विषय थे जब उन्होंने 2009 में रियल मैड्रिड के लिए 94 मिलियन (80 मिलियन पाउंड) के हस्तांतरण में हस्ताक्षर किए, जहां उन्होंने दो ला लीगा खिताब, दो कोपा डेल रे, और चार चैंपियंस लीग सहित 15 ट्राफियां जीतीं, और क्लब के सर्वकालिक शीर्ष गोल करने वाले खिलाड़ी बन गए । उन्होंने 2013 और 2014 में बैक-टू-बैक बैलोन डी ' ओर जीता, और फिर 2016 और 2017 में, और अपने कथित करियर प्रतिद्वंद्वी लियोनेल मेस्सी से तीन बार उपविजेता रहे । 2018 में, उन्होंने जुवेंटस के लिए शुरुआती 100 मिलियन (88 मिलियन पाउंड) के हस्तांतरण पर हस्ताक्षर किए, एक इतालवी क्लब के लिए सबसे महंगा स्थानांतरण और 30 वर्ष से अधिक उम्र के खिलाड़ी के लिए सबसे महंगा स्थानांतरण । उन्होंने 2021 में मैनचेस्टर यूनाइटेड लौटने से पहले दो सीरीज ए खिताब, दो सुपरकोपे इटालिया और एक कोप्पा इटालिया जीते ।
रोनाल्डो ने 2003 में 18 साल की उम्र में पुर्तगाल के लिए अपना सीनियर अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया और तब से 180 से अधिक कैप अर्जित कर चुके हैं, जिससे वह पुर्तगाल के सबसे कैप्ड खिलाड़ी बन गए हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 100 से अधिक गोल के साथ, वह देश के सर्वकालिक शीर्ष गोल करने वाले खिलाड़ी भी हैं। उन्होंने 11 प्रमुख टूर्नामेंट खेले हैं और स्कोर किए हैं; उन्होंने यूरो 2004 में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय गोल किया, जहां उन्होंने पुर्तगाल को फाइनल में पहुंचने में मदद की। उन्होंने जुलाई 2008 में राष्ट्रीय टीम की पूर्ण कप्तानी संभाली। 2015 में, रोनाल्डो को पुर्तगाली फुटबॉल महासंघ द्वारा सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ पुर्तगाली खिलाड़ी नामित किया गया था। अगले वर्ष, उन्होंने यूरो 2016 में पुर्तगाल को अपने पहले प्रमुख टूर्नामेंट खिताब के लिए नेतृत्व किया और टूर्नामेंट के दूसरे सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी के रूप में सिल्वर बूट प्राप्त किया। उन्होंने 2019 में उद्घाटन यूईएफए नेशंस लीग में जीत के लिए उनका नेतृत्व किया, और बाद में यूरो 2020 के शीर्ष स्कोरर के रूप में गोल्डन बूट प्राप्त किया।
दुनिया के सबसे अधिक बिक्री योग्य और प्रसिद्ध एथलीटों में से एक, रोनाल्डो को 2016 और 2017 में फ़ोर्ब्स द्वारा दुनिया के सबसे अधिक भुगतान पाने वाले एथलीट और 2016 से 2019 तक ईएसपीएन द्वारा दुनिया के सबसे प्रसिद्ध एथलीट का स्थान दिया गया था। टाइम ने उन्हें 2014 में दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया था । वह अपने करियर में 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर कमाने वाले पहले फुटबॉलर और तीसरे खिलाड़ी हैं।
2020 में रोनाल्डो अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में 100 गोल करने वाले दुनिया के दूसरे फुटबॉलर बन गए हैं. रोनाल्डो ने यह उपलब्धि पुर्तगाल की नेशन्स लीग में स्वीडन पर 2-1 से जीत के दौरान हासिल की |
2022 में क्रिस्टियानो रोनाल्डो प्रोफेशनल फुटबॉल के इतिहास में सबसे ज्यादा गोल दागने वाले फुटबॉलर बन गए है | रोनाल्डो ने जोसेफ बीकन (805 गोल) को पीछा छोड़ा, जिन्होंने फीफा रिकॉर्ड्स के मुताबिक कुल 805 गोल किए थे |
प्रारंभिक जीवन
क्रिस्टियानो रोनाल्डो डॉस सैंटोस एवेरो का जन्म 5 फरवरी 1985 को साओ पेड्रो फंचल के पैरिश में हुआ था, जो मेडीरा के पुर्तगाली द्वीप की राजधानी है, और में बड़ा हुआ सेंटो एंटोनियो के पास के पैरिश। वह मारिया डोलोरेस डॉस सैंटोस विविरोस दा एवेइरो, एक रसोइया, और जोस डिनिस एवेरो, एक नगरपालिका माली और अंशकालिक [[सज्जन] का चौथा और सबसे छोटा बच्चा है ment Manager|kit man]]. उनके पिता की ओर से उनकी परदादी, इसाबेल दा पिएडेड, साओ विसेंट, केप वर्डे द्वीप से थीं। उनका एक बड़ा भाई, ह्यूगो और दो बड़ी बहनें एल्मा और लिलियाना कैटिया "कटिया"] हैं। ]. उसकी मां ने खुलासा किया कि वह गरीबी, उसके पिता की शराब, और बहुत अधिक होने के कारण उसका गर्भपात कराना चाहती थी पहले से ही बच्चे हैं, लेकिन उसके डॉक्टर ने प्रक्रिया करने से इनकार कर दिया। रोनाल्डो एक गरीब कैथोलिक ईसाई घर में पले-बढ़े, अपने सभी भाई-बहनों के साथ एक कमरा साझा करते हुए।स्कूल में अन्य छात्रों के साथ लोकप्रिय होने के कारण, उन्हें अपने शिक्षक पर एक कुर्सी फेंकने के बाद निष्कासित कर दिया गया था, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि उन्होंने उनका "अपमान" किया था। एक साल बाद, उन्हें [[टैचीकार्डिया] का पता चला था ], एक ऐसी स्थिति जिसने उन्हें फ़ुटबॉल खेलना छोड़ देने पर मजबूर कर दिया था। ऑनलाइन|एक्सेस-डेट=11 अगस्त 2018|आर्काइव-यूआरएल=https://web.archive.org/web/20180812184905/https://www.britannica.com/biography/Cristiano-Ronaldo|archive-date=12 अगस्त 2018}}</ref> रोनाल्डो की दिल की सर्जरी हुई, जहां एक लेज़र का इस्तेमाल दांतेदार मल्टीपल कार्डियक पाथवे को एक में करने के लिए किया गया, जिससे उनकी आराम करने वाली हृदय गति बदल गई।< रेफरी></ref> वह बाद में क्लब के लिए खेलने वाले पहले खिलाड़ी बने -16, अंडर-17 और अंडर-18 टीमें, बी टीम और पहली टीम, सभी एक ही सीज़न में।एक साल बाद, 29 सितंबर 2002 को, रोनाल्डो ने प्राइमेरा लिगा में ब्रागा और 7 अक्टूबर को, उन्होंने अपनी 3-0 की जीत में मोरिरेंस के खिलाफ दो गोल किए। 2002–03 सीज़न के दौरान , उनके प्रतिनिधियों ने लिवरपूल प्रबंधक जेरार्ड हॉलियर और बार्सिलोना अध्यक्ष जोन लापोर्टा को खिलाड़ी का सुझाव दिया। प्रबंधक आर्सेन वेंगर, जो रोनाल्डो को साइन करने में रुचि रखते थे, उनसे आर्सेनल में मिले। नवंबर में स्टेडियम में संभावित स्थानांतरण पर चर्चा करने के लिए।
मैनचेस्टर यूनाइटेड प्रबंधक एलेक्स फर्ग्यूसन अगस्त 2003 में एस्टाडियो जोस अलवलेड के उद्घाटन के अवसर पर स्पोर्टिंग द्वारा युनाइटेड को 3-1 से हराने के बाद रोनाल्डो को तत्काल एक स्थायी कदम पर हासिल करने के लिए दृढ़ संकल्पित था। . शुरुआत में, युनाइटेड ने रोनाल्डो को साइन करने और उन्हें एक साल के लिए स्पोर्टिंग में वापस लाने की योजना बनाई थी। =ब्लीकर रिपोर्ट | तारीख = 6 अक्टूबर 2017 | United-ऑडिशन |एक्सेस-डेट=27 मई 2018 |last=Pilger |first=Sam |archive-url=https://web.archive.org/web/20180528133259/http://bleacherreport.com/articles/2735948- he-was-there-to-put-on-a-show-ronaldos-legendary-manchester-united-audition |archive-date=28 May 2018}}</ref> उनसे प्रभावित होकर युनाइटेड खिलाड़ियों ने फर्ग्यूसन से आग्रह किया उस पर हस्ताक्षर करने के लिए। खेल के बाद, फर्ग्यूसन स्पोर्टिंग £12.24 मिलियन का भुगतान करने के लिए सहमत हो गया, जिसे वह "सबसे रोमांचक युवा खिलाड़ियों में से एक" मानता था जिसे उसने कभी देखा था। क्लब से उनके जाने के एक दशक बाद, अप्रैल 2013 में, स्पोर्टिंग ने रोनाल्डो को अपना 100,000वां सदस्य बनाकर सम्मानित किया।
मैनचेस्टर यूनाइटेड
2003-2007: विकास और सफलता
मैनचेस्टर युनाइटेड में रोनाल्डो का कदम 12 अगस्त 2003 को पूरा हुआ, 2003 FA कम्युनिटी शील्ड के लिए बहुत देर हो चुकी थी, लेकिन 2003 FA कम्युनिटी शील्ड के शुरुआती दिन बोल्टन वांडरर्स के खिलाफ उनके खेल के लिए समय था। –04 FA प्रीमियर लीग|2003–04 सीज़न, और उन्हें क्लब के लिए साइन करने वाला पहला पुर्तगाली खिलाड़ी बनाया। नंबर 7 पहनना रोनाल्डो के लिए प्रेरणा का एक अतिरिक्त स्रोत बन गया। इंग्लैंड में अपने समय के दौरान उनके विकास का एक प्रमुख तत्व फर्ग्यूसन साबित हुआ, जिनमें से वह बाद में एर ने कहा: "वह खेल में मेरे पिता रहे हैं, मेरे करियर में सबसे महत्वपूर्ण और प्रभावशाली कारकों में से एक।" .co.uk/sport1/hi/football/teams/m/man_utd/8134301.stm |work=BBC Sport |date=4 जुलाई 2009 |access-date=4 जुलाई 2009}}</ref>
थंब|बाएं|रोनाल्डो चेल्सी के खिलाफ 2005-06 प्रीमियर लीग सीजन में मैनचेस्टर यूनाइटेड के लिए खेल रहे हैं।
रोनाल्डो ने 16 अगस्त 2003 को प्रीमियर लीग में बोल्टन वांडरर्स पर 4-0 की घरेलू जीत में स्थानापन्न के रूप में पदार्पण किया, और निकी बट के लिए आने पर उन्हें स्टैंडिंग ओवेशन मिला। । मूर्ति |दिनांक=17 अगस्त 2003 |पहुंच-तिथि=27 अगस्त 2014 |कार्य=द गार्जियन |स्थान=लंदन |आर्काइव-यूआरएल=https://web.archive.org/web/20140903152616/http://www.theguardian .com/football/2003/aug/17/match.sport5 |archive-date=3 सितंबर 2014}}</ref> उनके प्रदर्शन ने बेस्ट से प्रशंसा अर्जित की, जिन्होंने इसे "निस्संदेह अब तक का सबसे रोमांचक पदार्पण" कहा . रोनाल्डो ने 1 नवंबर को पोर्ट्समाउथ पर 3-0 की जीत में फ्री-किक के साथ मैनचेस्टर यूनाइटेड के लिए अपना पहला गोल किया। अभियान के दूसरे भाग में लीग के तीन और गोल हुए, जिनमें से आखिरी सीजन के अंतिम दिन एस्टन विला के खिलाफ आया था, एक मैच जिसमें उन्होंने पहला रेड भी प्राप्त किया था] कार्ड उसका करियर। दिनांक=15 मई 2004 |पहुँच-तिथि=27 अगस्त 2014 |कार्य=द गार्जियन |स्थान=लंदन |संग्रह-यूआरएल=https://web.archive.org/web/20140903152542/http://www.theguardian.com /football/2004/may/16/match.sport1 |archive-date=3 सितंबर 2014}}</ref>रोनाल्डो ने 2004 एफए कप फाइनल में यूनाइटेड की 3-0 की जीत में मिलवॉल पर शुरुआती गोल करके इंग्लिश फुटबॉल में अपना पहला सत्र समाप्त किया, और अपनी पहली ट्रॉफी अर्जित की। बीबीसी पंडित एलन हैनसेन ने उन्हें फाइनल का स्टार बताया। सीज़न के दौरान ब्रिटिश प्रेस विरोधियों को हराने की कोशिश में उनके "विस्तृत" सौतेले ओवरों के लिए उनकी आलोचना करता रहा, रोनाल्डो ने विगन एथलेटिक पर युनाइटेड की 4-0 की फाइनल जीत में तीसरा गोल करने के बाद, अंग्रेजी फुटबॉल में अपनी दूसरी ट्रॉफी, फुटबॉल लीग कप जीती। <रेफरी></ref>
इंग्लैंड में अपने तीसरे सीज़न के दौरान, रोनाल्डो कई घटनाओं में शामिल थे। उन पर यूईएफए द्वारा Benfica प्रशंसक, और मैनचेस्टर डर्बी में भेज दिया गया (3-1 से हार) मैनचेस्टर सिटी के पूर्व युनाइटेड खिलाड़ी एंडी कोल को लात मारने के लिए। com/football/news/2363590/fergie-upset-with-red-card |title=फर्जी लाल कार्ड से परेशान |तारीख=15 जनवरी 2006 |पहुंच-तारीख=19 जून 2022 |काम=स्काई स्पोर्ट्स}}</ref> रोनाल्डो टीम के एक साथी, स्ट्राइकर रुड वैन निस्टेलरॉय से भिड़ गए, जिन्होंने विंगर की खेल की शानदार शैली पर अपराध किया।2006 फीफा विश्व कप के बाद, जिसमें वह एक ऐसी घटना में शामिल था जिसमें क्लब टीम के साथी वेन रूनी को बाहर भेज दिया गया था, रोनाल्डो ने सार्वजनिक रूप से एक स्थानांतरण के लिए कहा, इस घटना पर क्लब से प्राप्त समर्थन की कमी पर विलाप करते हुए। यूनाइटेड ने उनके क्लब छोड़ने की संभावना से इनकार किया।
हालांकि रूनी के साथ उनके विश्व कप विवाद के कारण पूरे 2006-07 सीज़न में रोनाल्डो की निंदा की गई, यह उनका ब्रेकआउट वर्ष साबित हुआ, क्योंकि उन्होंने पहली बार 20-गोल की बाधा को तोड़ा समय जीता और अपना पहला प्रीमियर लीग खिताब जीता। इस सफलता में एक महत्वपूर्ण कारक प्रथम-टीम के कोच रेने मेउलेनस्टीन द्वारा उनका एक-से-एक प्रशिक्षण था, जिसने उन्हें खुद को और अधिक अप्रत्याशित बनाने, अपनी टीम वर्क में सुधार करने, गेंद के लिए कॉल करने और गोल करने के अवसरों को भुनाने के बजाय सिखाया सौंदर्य की दृष्टि से मनभावन लक्ष्यों को प्राप्त करने के अवसर की प्रतीक्षा कर रहा था जिसके लिए वह पहले से ही जाना जाता था। /teams/real-madrid/10272433/The-secrets-behind-the-Development-of-Real-Madrids-Cristiano-Ronaldo-revealed-by-Rene-Meulensteen.html |title=रियल मैड्रिड के क्रिस्टियानो के विकास के पीछे के रहस्य रोनाल्डो, रेने मेउलेनस्टीन द्वारा खुलासा | दिनांक = 29 अगस्त 2013 | पहुंच-तिथि = 28 अगस्त 2014 | कार्य = द डेली टेलीग्राफ | स्थान = लंदन | संग्रह-यूआरएल = https://web.archive.org/web/20140810065928/http ://www.telegraph.co.uk/sport/football/teams/real-madrid/10272433/The-secrets-behind-the-Development-of-Real-Madrids-Cristiano-Ronaldo-revealed-by-Rene-Meulensteen .html | चाप hive-date=10 अगस्त 2014}}</ref> उन्होंने दिसंबर के अंत में एस्टन विला (यूनाइटेड को लीग में शीर्ष पर पहुंचाने वाली जीत), विगन और रीडिंग के खिलाफ लगातार तीन ब्रेसेस बनाए। . रोनाल्डो को नवंबर और दिसंबर में प्रीमियर लीग प्लेयर ऑफ द मंथ नामित किया गया था, वह लगातार सम्मान पाने वाले तीसरे खिलाड़ी बन गए .
2007–2008: सामूहिक और व्यक्तिगत सफलता
अंगूठा|रोनाल्डो 2006-07 प्रीमियर लीग सीज़न के दौरान खेल रहे हैं
2006-07 यूईएफए चैंपियंस लीग के क्वार्टर फाइनल चरण में, रोनाल्डो ने प्रतियोगिता में अपने 30वें मैच में अपना पहला गोल किया, 7-1 से जीत में दो बार स्कोरिंग रोमा. बाद में उन्होंने मिलान, जो 3-2 की जीत में समाप्त हुआ, लेकिन चिह्नित दूसरे चरण से बाहर हो गया क्योंकि युनाइटेड सैन सिरो में 3-0 से हार गया। उन्होंने यूनाइटेड को 2007 FA कप फाइनल तक पहुंचने में भी मदद की, लेकिन चेल्सी के खिलाफ फाइनल 1 में समाप्त हुआ –0 हार। रोनाल्डो ने 5 मई को मैनचेस्टर डर्बी में एकमात्र गोल किया (क्लब के लिए उनका 50वां गोल), क्योंकि युनाइटेड ने चार वर्षों में अपना पहला लीग खिताब जीता। अपने प्रदर्शन के परिणामस्वरूप, उन्होंने सीज़न के लिए व्यक्तिगत पुरस्कारों की मेजबानी की। उन्होंने प्रोफेशनल फुटबॉलर्स एसोसिएशन का प्लेयर्स प्लेयर, फैंस प्लेयर और [[पीएफए यंग प्लेयर ऑफ द ईयर] जीता। द ईयर|यंग प्लेयर ऑफ द ईयर]] पुरस्कार, साथ ही फुटबॉल राइटर्स एसोसिएशन का फुटबॉलर ऑफ द ईयर पुरस्कार, चारों मुख्य PFA और FWA सम्मान जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं। पांच साल के अनुबंध के विस्तार के हिस्से के रूप में उनका वेतन प्रति सप्ताह £120,000 तक बढ़ा दिया गया था। रोनाल्डो को [[काका] का उपविजेता नामित किया गया था। ] 2007 बैलन डी'ओर के लिए,
रोनाल्डो ने यूनाइटेड के लिए अपनी पहली हैट-ट्रिक 12 जनवरी 2008 को न्यूकैसल यूनाइटेड के ख़िलाफ़ 6-0 से जीत दर्ज की, जिसने यूनाइटेड को लीग में शीर्ष पर पहुंचा दिया टेबल। <रेफरी> </ref> 19 मार्च को, उन्होंने बोल्टन पर घरेलू जीत में पहली बार युनाइटेड की कप्तानी की और 2-0 की जीत में दोनों गोल दागे। उनका दूसरा गोल उनका 33वां गोल था 1967-68 सीज़न में जॉर्ज बेस्ट के कुल 32 गोलों को पार करते हुए अभियान का नेतृत्व किया, एक मिडफ़ील्डर द्वारा क्लब का नया एकल-सीज़न रिकॉर्ड स्थापित किया।उनके 31 लीग गोलों ने उन्हें प्रीमियर लीग गोल्डन बूट, और साथ ही यूरोपियन गोल्डन शू, जिसने उन्हें बाद का पुरस्कार जीतने वाला पहला विंगर बना दिया। उन्हें लगातार दूसरे सीज़न में PFA प्लेयर्स प्लेयर ऑफ़ द इयर और FWA फ़ुटबॉलर ऑफ़ द ईयर पुरस्कार भी मिले।चैंपियंस लीग के नॉकआउट चरण में, रोनाल्डो ने ल्योन के खिलाफ निर्णायक गोल किया, जिससे युनाइटेड को कुल मिलाकर क्वार्टर फाइनल में 2-1 से आगे बढ़ने में मदद मिली; स्ट्राइकर के रूप में खेलते समय, उन्होंने रोमा पर 3-0 की कुल जीत में हेडर से स्कोर किया। यूनाइटेड 21 मई को मास्को में चेल्सी के खिलाफ फाइनल पहुंचा, जहां, उसके शुरुआती गोल को एक इक्वलाइज़र द्वारा नकारे जाने और उसके पेनल्टी किक के शूट-आउट में बचाए जाने के बावजूद,युनाइटेड 1-1 से विजयी हुआ, पेनल्टी 6-5 से जीता। -चेल्सी/टीम्स/103061 |एक्सेस-डेट=2023-01-19 |website=Sky Sports |language=en}}</ref> चैंपियंस लीग के शीर्ष स्कोरर के रूप में, रोनाल्डो को UEFA क्लब फुटबॉलर ऑफ़ द वर्ष। |एक्सेस-डेट=24 मई 2016 |आर्काइव-यूआरएल=https://web.archive.org/web/20160529135759/http://www.uefa.com/teamsandplayers/players/player=63706/profile/ |archive- दिनांक = 29 मई 2016}}</ref>
रोनाल्डो ने 2007–08 सीज़न के दौरान सभी प्रतियोगिताओं में कुल 42 गोल किए, जो इंग्लैंड में उनके समय के दौरान उनका सबसे सफल अभियान था। सीज़न की शुरुआत में एक पोर्ट्समाउथ खिलाड़ी को हेडबट करने के बाद वह तीन मैचों में चूक गया, एक अनुभव जो उसने कहा कि उसने उसे विरोधियों को उकसाने नहीं देना सिखाया। रियल मैड्रिड में जाने में रोनाल्डो की दिलचस्पी की अफवाहें फैलने के बाद, यूनाइटेड ने मैड्रिड के कथित आरोपों पर शासी निकाय फीफा के साथ छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज की। अपने खिलाड़ी का पीछा किया, लेकिन उन्होंने कार्रवाई करने से मना कर दिया। फीफा अध्यक्ष सेप ब्लैटर ने जोर देकर कहा कि खिलाड़ी को "आधुनिक दासता" के रूप में वर्णित करते हुए, अपने क्लब को छोड़ने की अनुमति दी जानी चाहिए।रोनाल्डो सार्वजनिक रूप से ब्लैटर से सहमत होने के बावजूद, वह एक और साल यूनाइटेड में रहे।
2008-2009: बैलन डी ओर और निरंतर सफलता
थंब|बाएं|227x227पीएक्स|2009 में रोनाल्डो मैनचेस्टर यूनाइटेड के साथ लिवरपूल]
2008–09 सीज़न से पहले, 7 जुलाई को, रोनाल्डो के टखने की सर्जरी हुई, जिसने उन्हें 10 सप्ताह के लिए कार्रवाई से बाहर रखा। अपनी वापसी के बाद, उन्होंने युनाइटेड के लिए सभी प्रतियोगिताओं में अपना 100वां गोल दागा, पहला दो गोल [[फ्री किक] ] ने 15 नवंबर को स्टोक सिटी के खिलाफ 5-0 की जीत में, जिसका मतलब है कि उन्होंने उस समय प्रीमियर लीग में सभी 19 विपक्षी टीमों के खिलाफ गोल किए थे। समापन पर 2008 में, रोनाल्डो ने युनाइटेड को जापान में 2008 FIFA क्लब विश्व कप जीतने में मदद की, फाइनल में सहायता करना - Liga de Quito के खिलाफ गोल जीतना और [[सूची] जीतना FIFA क्लब विश्व कप पुरस्कारों की संख्या#गोल्डन बॉल|सिल्वर बॉल]] प्रक्रिया में है। उनके 2008 बैलोन डी'ओर और 2008 फीफा वर्ल्ड प्लेयर ऑफ द ईयर के साथ , रोनाल्डो 1968 में बेस्ट के बाद से यूनाइटेड के पहले बैलन डी'ओर विजेता बने, और फीफा वर्ल्ड प्लेयर ऑफ द ईयर नामित होने वाले पहले प्रीमियर लीग खिलाड़ी।
पोर्टो के खिलाफ दूसरे चरण में उनके मैच जीतने वाले गोल, 40-यार्ड स्ट्राइक, ने उन्हें उद्घाटन फीफा पुस्कस अवार्ड अर्जित किया, जो फीफा द्वारा वर्ष के सर्वश्रेष्ठ गोल की मान्यता में प्रस्तुत किया गया था; उन्होंने बाद में इसे अब तक का सबसे अच्छा गोल बताया। युनाइटेड रोम में फ़ाइनल के लिए आगे बढ़ा, जहां उन्होंने बार्सिलोना के खिलाफ युनाइटेड की 2-0 की हार में बहुत कम प्रभाव डाला।रोनाल्डो ने नौ ट्राफियों के साथ इंग्लैंड में अपना समय समाप्त किया, क्योंकि युनाइटेड ने लगातार तीसरा लीग खिताब और एक फुटबॉल लीग कप हासिल किया।<ref></ रेफरी><रेफरी></ref> उन्होंने सभी प्रतियोगिताओं में 26 लक्ष्यों के साथ अभियान समाप्त किया, पिछले सत्र की तुलना में 16 गोल कम, चार और प्रदर्शन में। यूनाइटेड के लिए उनका अंतिम लक्ष्य 10 मई 2009 को ओल्ड ट्रैफर्ड में मैनचेस्टर डर्बी में फ्री किक के साथ आया।
रियल मैड्रिड
थंब|अपराइट|चूंकि उनका सामान्य नंबर 7 अनुपलब्ध था, रोनाल्डो ने मैड्रिड में अपने डेब्यू सीजन के दौरान नंबर 9 पहना था। राउल के क्लब छोड़ने के बाद, 2010–11 सीज़न से पहले रोनाल्डो को 7 नंबर की शर्ट सौंपी गई थी।
2009-10 सीज़न से पहले, रोनाल्डो विश्व रिकॉर्ड हस्तांतरण शुल्क के लिए रियल मैड्रिड में शामिल हो गए, उस समय £80 मिलियन (€94 मिलियन) . उसका अनुबंध, जो 2015 तक चला, प्रति वर्ष €11 मिलियन मूल्य का था और इसमें €1 बिलियन बाय-आउट क्लॉज शामिल था।कम से कम 80,000 प्रशंसकों ने सैंटियागो बर्नब्यू में उनकी प्रस्तुति में भाग लिया, 75,000 प्रशंसकों के 25 साल के रिकॉर्ड को पार करते हुए, जिन्होंने नापोली. चूंकि क्लब के कप्तान राउल ने पहले ही नंबर 7 (रोनाल्डो ने जिस नंबर पर पहना था) पहन लिया था युनाइटेड), रोनाल्डो को 9 नंबर की शर्ट मिली, जो उन्हें मैड्रिड के पूर्व खिलाड़ी अल्फ्रेडो डि स्टेफानो द्वारा भेंट किया गया था।
2009–2013: वर्ल्ड रिकॉर्ड ट्रांसफर और ला लीगा टाइटल
रोनाल्डो ने 29 अगस्त को डेपोर्टिवो ला कोरुना के खिलाफ अपना ला लीगा डेब्यू किया, 3-2 की घरेलू जीत में पेनल्टी स्कोर किया। उन्होंने अपने पहले चार लीग खेलों में से प्रत्येक में स्कोर किया, ऐसा करने वाले पहले मैड्रिड खिलाड़ी। के लिए उनका पहला चैंपियंस लीग गोल क्लब ने ज्यूरिख के खिलाफ पहले ग्रुप मैच में दो फ्री किक के साथ पीछा किया। सीजन की उनकी मजबूत शुरुआत तब बाधित हुई जब अक्टूबर में अंतर्राष्ट्रीय कर्तव्य पर रहते हुए उनके टखने में चोट लग गई, जिससे उन्हें सात सप्ताह के लिए दरकिनार कर दिया गया। अपनी वापसी के एक हफ्ते बाद, उन्हें Almería के खिलाफ मैच में स्पेन में अपना पहला रेड कार्ड मिला। सीजन के बीच में, रोनाल्डो 2009 बैलन डी'ओर और 2009 फीफा वर्ल्ड प्लेयर ऑफ द ईयर पुरस्कारों में मेस्सी के बाद दूसरे स्थान पर रहे। उन्होंने सभी प्रतियोगिताओं में 33 गोल के साथ सीज़न समाप्त किया, जिसमें 5 मई 2010 को मल्लोर्का के खिलाफ 4-1 की जीत में हैट्रिक शामिल है, ला लीगा में उनका पहला, और रियल मैड्रिड के सर्वोच्च गोल स्कोरर बने वह सीज़न। हालांकि रोनाल्डो ने लीग में एक क्लब रिकॉर्ड 96 अंक अर्जित करने में मदद की, लेकिन उन्होंने अपने पहले सत्र में एक ट्रॉफी नहीं जीती।
राउल के जाने के बाद, रोनाल्डो को 2010–11 सीज़न से पहले मैड्रिड के लिए 7 नंबर की शर्ट दी गई थी। बाद में बैलोन डी'ऑर जीतने वाली फॉर्म में उनकी वापसी का प्रतीक था, जब उन्होंने अपने करियर में पहली बार चार गोल किए 23 अक्टूबर को रेसिंग सैंटेंडर के खिलाफ 6-1 हार के दौरान एक ही मैच में। बाद में रोनाल्डो ने एथलेटिक बिलबाओ, लेवांते, विल्लारियल और मलागा] के खिलाफ हैट्रिक बनाई .<ref>{{#invoke:cite news| |url=https://uk.eurosport.yahoo.com/10012011/58/la-liga-ronaldo-hat-trick-sees-real-past-villarreal.html |archive-url=https://web.archive .org/web/20110112193442/http://uk.eurosport.yahoo.com/10012011/58/la-liga-ronaldo-hat-trick-sees-real-past-villarreal.html |url-status=dead |संग्रह -तारीख=12 जनवरी 2011 |शीर्षक=रोनाल्डो हैट्रिक से विल्लारियल का वास्तविक अतीत देख सकते हैं |तारीख=9 जनवरी 2011 |पहुंच-तारीख=30 अगस्त 2014 |कार्य=यूरोस्पोर्ट}</रेफ> अपने प्रदर्शन के बावजूद, उन्होंने शीर्ष स्थान नहीं बनाया उद्घाटन में तीन 2010 फीफा बैलोन डी'ओर। अप्रैल 2011 में प्रतिद्वंद्वियों बार्सिलोना के खिलाफ चार ''क्लासिकोस की एक ऐतिहासिक श्रृंखला के दौरान, रोनाल्डो ने दो बार गोल करके अपने व्यक्तिगत स्कोर की बराबरी की सभी प्रतियोगिताओं में 42 गोल का रिकॉर्ड। हालांकि वह चैंपियंस लीग सेमीफाइनल के किसी भी चरण में स्कोर करने में असफल रहा क्योंकि मैड्रिड को बाहर कर दिया गया था, उसने रिटर्न लीग गेम में पेनल्टी स्पॉट से बराबरी की और 2011 कोपा डेल रे के 103 वें मिनट में मैच जीतने वाला गोल किया। final, स्पेन में अपनी पहली ट्रॉफी जीतकर। क्रिस्टियानो रोनाल्डो डॉस सैंटोस एवेरियो: 2010–11 |work=BDFutbol |access-date=25 दिसंबर 2013 |archive-url=https://web.archive.org/web/20131226213053/http://www.bdfutbol.com/ en/p/j12429.html?temp=2010-11 |archive-date=26 दिसंबर 2013}}</ref><रेफरी></ref> सीजन के आखिरी मैच में Almería के खिलाफ उनके दो गोल ने उन्हें ला में पहला खिलाड़ी बना दिया लिगा को 40 गोल करने हैं।
थंब|अपराइट|रोनाल्डो ने स्पेन में अपने तीसरे सत्र में ला लीगा चैम्पियनशिप की सफलता के दौरान लीग में 46 गोल किए।
अगले सीज़न के दौरान, रोनाल्डो ने सभी प्रतियोगिताओं में 60 लक्ष्यों का एक नया व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ हासिल किया। वह 2011 फीफा बैलन डी'ओर के लिए मेस्सी के उपविजेता के रूप में समाप्त हुआ, रियल ज़रागोज़ा, रेयो वैलेकानो, मलागा के खिलाफ हैट्रिक बनाने के बाद , ओसासुना और सेविला, जिनमें से अंतिम ने सीजन के मध्य में मैड्रिड को लीग में शीर्ष पर पहुंचा दिया। रोनाल्डो ने लीग में अधिक टीम सफलता पाई, मैड्रिड को अपना पहला लीग खिताब जीतने में मदद की चार साल में रिकॉर्ड 100 अंकों के साथ। लेवांते के खिलाफ हैट्रिक के बाद मैड्रिड ने बार्सिलोना पर अपनी बढ़त को और बढ़ा दिया, उन्होंने 24 मार्च 2012 को रियल सोसिएदाद पर 5-1 की जीत में मैड्रिड के लिए अपना 100वां लीग गोल किया, तीन सत्रों में केवल 92 मैचों में एक मील का पत्थर हासिल किया, फेरेंक पुस्कास द्वारा बनाए गए पिछले क्लब रिकॉर्ड को तोड़ दिया।एटलेटिको मैड्रिड के खिलाफ मैड्रिड डर्बी में एक और हैट्रिक ने लीग में उनके कुल 40 गोल किए, जो उनके पिछले सीज़न के रिकॉर्ड की बराबरी कर गए। मैलोर्का के खिलाफ सीज़न का उनका अंतिम लीग गोल, उनके कुल 46 गोल हो गए, जो मेस्सी द्वारा बनाए गए नए रिकॉर्ड से चार कम हैं, हालांकि वह एक ही ला लीगा सीज़न में सभी 19 विपक्षी टीमों के खिलाफ गोल करने वाले पहले खिलाड़ी बने। लीगा टाइटल |url=https://nesn.com/2012/05/jose-mourinho-boasts-as-real-madrid-and-cristiano-ronaldo-smash-records-en-route-to-la-liga-title / |publisher=NESN |एक्सेस-डेट=15 फरवरी 2019 |डेट=15 मई 2012 |last=Kwesi O'Mard |first=Marcus}}</ref>
रोनाल्डो ने 2012–13 सीज़न की शुरुआत 2012 सुपरकोपा डे एस्पाना उठाकर की, जो स्पेन में उनकी तीसरी ट्रॉफी थी। प्रत्येक चरण में एक गोल के साथ, उन्होंने बार्सिलोना के खिलाफ 4–4 के कुल ड्रॉ के बाद दूर के लक्ष्यों पर मैड्रिड को स्पेनिश सुपर कप जीतने में मदद की। हालांकि रोनाल्डो ने सार्वजनिक रूप से टिप्पणी की थी कि वह क्लब के भीतर एक "पेशेवर मुद्दे" से नाखुश थे, मैड्रिड के लिए अपने 150वें गोल का जश्न मनाने से इनकार करने के कारण, उसकी गोलस्कोरिंग रेट में कोई कमी नहीं आई। डेपोर्टिवो के खिलाफ दो पेनाल्टी सहित एक हैट-ट्रिक हासिल करने के बाद, उन्होंने एएफसी अजाक्स| अजाक्स.चार दिन बाद, कैंप नोउ में 2-2 से ड्रा में ब्रेस मारने पर वह लगातार छह 'क्लैसिकोस' में गोल करने वाले पहले खिलाड़ी बन गए। उनके प्रदर्शन ने एक बार फिर रोनाल्डो को 2012 FIFA बैलन डी'ओर की दौड़ में चार बार के विजेता मेसी के बाद दूसरे स्थान पर वोट दिया।
2013–2015: लगातार बैलन डी'ओर जीता और ला डेसीमा
2012-13 के शीतकालीन अवकाश के बाद, रोनाल्डो ने आधिकारिक मैच में पहली बार मैड्रिड की कप्तानी की, दो बार स्कोर करते हुए 6 जनवरी को 10 सदस्यीय मैड्रिड को सोसिएदाद पर 4-3 से जीत दिलाई। बाद में वह एल क्लैसिको में मैड्रिड की कप्तानी करने वाले 60 वर्षों में पहले गैर-स्पेनिश खिलाड़ी बन गए। 30 जनवरी को, एक मैच जिसने उनकी 500 वीं क्लब उपस्थिति को भी चिन्हित किया। तीन दिन पहले, उन्होंने गेटाफे के खिलाफ एक सटीक हैट्रिक के हिस्से के रूप में अपना 300वां क्लब गोल स्कोर किया। 300वां-क्लब-गोल-1.1459280 |शीर्षक=रोनाल्डो ने 300वां क्लब गोल स्कोर किया |कार्य=स्वतंत्र ऑनलाइन |तारीख=27 जनवरी 2013 |पहुंच-तारीख=21 फरवरी 2013 |संग्रह-यूआरएल=https://web.archive.org/web /20130303100006/http://www.iol.co.za/sport/soccer/world-leagues/ronaldo-scores-300th-club-goal-1.1459280 |archive-date=3 मार्च 2013}}</ref>उन्होंने 8 मई को मलागा के खिलाफ 6-2 की जीत में मैड्रिड के लिए अपना 200वां गोल किया, जो 197 खेलों में लैंडमार्क तक पहुंचा। वह एल क्लासिको में दो बार स्कोर करके मैड्रिड को 2013 कोपा डेल रे फाइनल तक पहुंचने में मदद की, जिसने कैंप नोउ में लगातार छठा मैच चिह्नित किया जिसमें उसने स्कोर किया था, एक क्लब रिकॉर्ड। जिसमें से पहले का मतलब था कि उसने अब 90 मिनट के फुटबॉल मैच के हर एक मिनट में गोल किया है। उनके घुटने और जांघ के साथ लगातार मुद्दों के कारण उन्हें फाइनल में जगह नहीं मिली, जहां मैड्रिड बार्सिलोना को 2-1 से हराकर ट्रॉफी पर कब्जा किया। रोनाल्डो ने स्कोर किया 30 लीग खेलों में 31 गोल, जिसने उन्हें लिवरपूल स्ट्राइकर लुइस सुआरेज़ के साथ संयुक्त रूप से बाद का पुरस्कार प्राप्त करते हुए पिचीची और यूरोपीय गोल्डन शू अर्जित किया। क्लब और कंट्री के लिए 653 मैचों में उनके करियर का 400वां गोल था, जो 6 जनवरी को सेल्टा विगो के खिलाफ ब्रेस के साथ आया था; उन्होंने अपने लक्ष्यों को हमवतन यूसेबियो को समर्पित किया, जिनकी दो दिन पहले मृत्यु हो गई थी। एक आखिरी मिनट, पीछे- 4 मई को वालेंसिया के खिलाफ हीलेड वॉली (सभी प्रतियोगिताओं में उनका 50वां गोल) को लीगा नैशनल डी फ़ुटबोल प्रोफेशनल, जिसने अतिरिक्त रूप से रोनाल्डो को ला लीगा में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का नाम दिया।
अंगूठा|अपराइट| 2014-15 सीजन] के दौरान रोनाल्डो ने सभी प्रतियोगिताओं में व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 61 गोल किए।
2014-15 सीज़न के दौरान, रोनाल्डो ने 61 गोलों का एक नया व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ सेट किया, जिसकी शुरुआत UEFA Super Cup. बाद में उन्होंने पहले आठ राउंड में 15 गोल के साथ लीग अभियान के लिए अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ गोल स्कोरिंग स्टार्ट हासिल किया।< संदर्भ नाम = "बिलबाओ"> < /रेफरी> 6 दिसंबर को सेल्टा विगो के खिलाफ बनाए गए उनके रिकॉर्ड 23वीं ला लीगा हैट्रिक ने उन्हें ला लीगा में 200 गोल तक पहुंचने वाला सबसे तेज खिलाड़ी बना दिया, जो 178वें मैच में मील के पत्थर तक पहुंचा।< रेफरी></ref> 2014 FIFA क्लब वर्ल्ड कप जीतने के बाद,<ref></ रेफरी>रोनाल्डो ने 2014 बैलोन डी'ओर प्राप्त किया,<ref>ronaldo-kessler-low-and-kellermann-triumph-at-fifa-ballon-d-or-2014-2505871.html "फीफा बैलन डी'ओर 2014 में रोनाल्डो, केसलर, लो और केलरमैन विजयी" । फीफा। 13 जनवरी 2015</ref> को जोहान क्रूफ़, मिशेल प्लाटिनी और मार्को वैन बास्टेन को तीन बार के प्राप्तकर्ता के रूप में शामिल किया गया। मैड्रिड ला लीगा में दूसरे स्थान पर रहा और चैंपियंस लीग के सेमीफाइनल चरण से बाहर हो गया। बाद की प्रतियोगिता में, रोनाल्डो ने शाल्के 04 के खिलाफ 2-0 की जीत में अपनी स्ट्राइक के साथ रिकॉर्ड 12 मैचों में स्कोरिंग के अपने रन को बढ़ाया। शाल्के गोल के साथ यूरोप में क्रिस्टियानो ने राउल और मेसी को बराबर किया|work=AS|url=http://as.com/diarioas/2015/02/19/english/1424302247_031153.html|access-date=19 फरवरी 2015|archive-url =https://web.archive.org/web/20150219052541/http://as.com/diarioas/2015/02/19/english/1424302247_031153.html|archive-date=19 फरवरी 2015}}</ref>उन्होंने जुवेंटस के खिलाफ सेमीफाइनल में अपनी टीम के दोनों गोल दागे, जहां मैड्रिड कुल मिलाकर 3-2 से बाहर हो गया। 10 गोल के साथ, वह मेसी और नेमार के साथ लगातार तीसरे सत्र में शीर्ष स्कोरर के रूप में समाप्त हुआ। अपने क्लब के लिए उनका 300वां गोल तीन दिन बाद रेयो वैलेकेनो के खिलाफ 2-0 की जीत में हुआ। वैलेकैनो 0–2 रियल मैड्रिड |work=BBC स्पोर्ट |url=https://www.bbc.com/sport/0/football/32176264|access-date=6 January 2019 |archive-date=7 January 2016|archive- url=https://web.archive.org/web/20160107100926/http://www.bbc.com/sport/0/football/32176264}}</ref> सेविला के खिलाफ बाद की हैट्रिक, एस्पेनयोल और गेटाफे ने डि स्टेफानो के 28 के क्लब रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए मैड्रिड के लिए अपनी हैट्रिक की संख्या 31 कर ली। एक रिकॉर्ड के लिए यूरोपीय गोल्डन शू उर्थ समय।
2015–2017: सर्वकालिक मैड्रिड शीर्ष स्कोरर
मैड्रिड में अपने सातवें सीज़न की शुरुआत में, 2015-16 अभियान, रोनाल्डो क्लब के ऑल-टाइम टॉप स्कोरर बन गए , पहले लीग में और फिर सभी प्रतियोगिताओं में। 12 सितंबर को एस्पेनयॉल पर 6-0 की जीत में उसके पांच गोल की दौड़ ने ला लीगा में 203 खेलों में 230 गोल किए, क्लब के पिछले रिकॉर्ड धारक राउल को पीछे छोड़ दिया। एक महीने बाद, 17 अक्टूबर को, उन्होंने फिर से राउल को पीछे छोड़ दिया जब उन्होंने एक गोल में दूसरा गोल किया। बर्नब्यू में लेवांते की 3-0 की हार से क्लब के लिए उनका कुल स्कोर 324 हो गया।</ref> 15 सितंबर को, उन्होंने चैंपियंस लीग में Sporting CP के खिलाफ अपने लेट फ्री किक इक्वलाइजर का जश्न नहीं मनाया, मैच के बाद रोनाल्डो ने कहा कि "उन्होंने मुझे बनाया जो मैं हूँ". 7 नवंबर को, उनके अनुबंध को दूसरी बार अपडेट किया गया और 2021 तक तीन साल के लिए बढ़ा दिया गया। 19 नवंबर को उन्होंने एक एच स्कोर किया एटलेटिको के खिलाफ 3-0 की जीत में एट-ट्रिक, जिससे वह मैड्रिड डर्बी में 18 गोल के साथ सर्वकालिक शीर्ष स्कोरर बन गया।15 दिसंबर को, रोनाल्डो ने 2016 फीफा क्लब विश्व कप के सेमीफाइनल में क्लब अमेरिका पर 2-0 की जीत में अपना 500वां क्लब करियर गोल किया। इसके बाद उन्होंने जापानी क्लब काशिमा एंटलर्स पर 4-2 की जीत में हैट्रिक बनाई। फाइनल। अंतिम समय |तारीख=18 दिसंबर 2016 |एक्सेस-डेट=18 दिसंबर 2016 |काम=फीफा |आर्काइव-यूआरएल=https://web.archive.org/web/20161220125922/http://www.fifa.com/clubworldcup /मैच/राउंड=276112/मैच=300364984/मैच-रिपोर्ट.html |आर्काइव-डेट=20 दिसंबर 2016}}</ref> रोनाल्डो ने चार गोल के साथ शीर्ष स्कोरर के रूप में टूर्नामेंट समाप्त किया लक्ष्यों और टूर्नामेंट के खिलाड़ी का नाम भी दिया गया था। cristiano-ronaldo-2861147.html |title=रोनाल्डो, मोड्रिक और शिबासाकी स्वीप अवार्ड |date=18 दिसंबर 2016 |एक्सेस-डेट=18 दिसंबर 2016 |work=FIFA |archive-url=https://web.archive.org/ वेब/20161220142311/http://www.fifa.com/clubworldcup/news/y=2016/m=12/news=double-joy-for-cristiano-ronaldo-2861147.html |archive-date=20 दिसंबर 2016} </ref> उन्होंने 2016 बैलोन डी'ओर जीता, उनका चौथा, और उद्घाटन 2016 सर्वश्रेष्ठ फीफा पुरुष खिलाड़ी, पूर्व [[फीफा का पुनरुद्धार] वर्ल्ड प्लेयर ऑफ द ईयर]], काफी हद तक यूरो 2016 जीतने में पुर्तगाल के साथ उनकी सफलता के कारण।
अंगूठा|260x260पीएक्स|रोनाल्डो क्रिस्टीना सिफ्यूएंट्स, मैड्रिड समुदाय के अध्यक्ष के साथ, मैड्रिड में 2016 चैंपियंस लीग खिताब समारोह के दौरान
अप्रैल में बायर्न के खिलाफ 2016-17 यूईएफए चैंपियंस लीग क्वार्टर फाइनल में, रोनाल्डो ने 2-1 की जीत में दोनों गोल किए, जिसने उन्हें यूईएफए क्लब प्रतियोगिता में 100 गोल तक पहुंचने वाले पहले खिलाड़ी बनकर इतिहास रच दिया। <ref></ रेफरी> क्वार्टर फाइनल के दूसरे चरण में, रोनाल्डो ने एक 'परफेक्ट' हैट्रिक बनाई और चैंपियंस लीग के अपने 100वें गोल तक पहुंच गए, ऐसा करने वाले वे पहले खिलाड़ी बन गए क्योंकि मैड्रिड ने extra-time.<ref>{{#invoke:cite news| |title=क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने चैंपियंस लीग का 100वां गोल किया |url=http://www.goal.com/en/news/1716/champions-league/2017/04/18/34722772/cristiano-ronaldo-scores-100th-champions -लीग-गोल |तारीख=18 अप्रैल 2017 |काम=लक्ष्य |पहुंच-तारीख=19 अप्रैल 2017 |आर्काइव-यूआरएल=https://web.archive.org/web/20170419194416/ http://www.goal.com/en/news/1716/champions-league/2017/04/18/34722772/cristiano-ronaldo-scores-100th-champions-league-goal |archive-date=19 अप्रैल 2017} </ref> 2 मई को, रोनाल्डो ने एक और हैट्रिक बनाई जिससे मैड्रिड ने चैंपियंस लीग सेमीफाइनल के पहले चरण में एटलेटिको को 3-0 से हरा दिया। 17 मई को, रोनाल्डो ने शीर्ष पांच यूरोपीय लीगों में सर्वकालिक शीर्ष स्कोरर के रूप में जिमी ग्रीव्स को पीछे छोड़ दिया, सेल्टा डी विगो के खिलाफ दो बार स्कोर किया।उन्होंने सभी प्रतियोगिताओं में 42 गोल के साथ सीज़न समाप्त किया और 2012 से मैड्रिड को उनका पहला ला लीगा खिताब जीतने में मदद की। चैंपियंस लीग में फ़ाइनल, जुवेंटस पर 4-1 की जीत में रोनाल्डो ने दो गोल दागे और उन्हें सीज़न के लिए 12 गोल तक ले गए, जिससे वे पांचवें सीधे सीज़न (कुल छठा) के लिए प्रतियोगिता के शीर्ष गोलस्कोरर बन गए, साथ ही स्कोर करने वाले पहले खिलाड़ी बन गए। चैंपियंस लीग युग में तीन फाइनल में; दूसरा गोल उनके सीनियर करियर का 600वां गोल था। -nets-600th-career-goal-i-was-every-good |title=रियल मैड्रिड के क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने 600वां गोल किया, दावा किया 'मैं बहुत अच्छा था' |work=ESPN |date=3 जून 2017 |access-date=19 जून 2022}}</ref> मैड्रिड चैम्पियंस लीग युग में एक के बाद एक फाइनल जीतने वाली पहली टीम भी बनी।
2017–2018: पांचवीं बैलोन डी ओर और पांचवीं चैंपियंस लीग जीत
2017-18 सीज़न की शुरुआत में, रोनाल्डो ने [[2017 सुपरकोपा डे] के पहले चरण में बार्सिलोना पर 3-1 की जीत के 80वें मिनट में मैड्रिड के लिए दूसरा गोल किया। España]] कैंप नोउ में; हालांकि, दो मिनट बाद उसे रवाना कर दिया गया और वह दूसरा चरण चूक गया। -for-diving-and-pushes-the-referee-6222800 |title=क्रिस्टियानो रोनाडो, डाइविंग के लिए रवाना और रेफरी को धक्का देता है |work=Sport English |date=14 अगस्त 2017 |access-date=30 अगस्त 2017 |archive- url=https://web.archive.org/web/20170830234111/http://www.sport-english.com/en/news/barca/cristiano-ronado-sent-off-for-diving-and-pushes- the-referee-6222800 |archive-date=30 अगस्त 2017}}</ref> 23 अक्टूबर को, 2017 के दौरान उनके प्रदर्शन ने उन्हें The Best FIFA Men's Player] से सम्मानित किया लगातार दूसरे वर्ष के लिए पुरस्कार। |शीर्षक = सर्वश्रेष्ठ फीफा पुरुष खिलाड़ी | कार्य = फीफा | पहुंच-तिथि = 23 अक्टूबर 2017 -श्रेष्ठ- fifa-football-awards/best-fifa-mens-player/index.html|archive-date=24 November 2017}}</ref> 6 दिसंबर को, वह सभी छह चैंपियंस लीग ग्रुप स्टेज मैचों में गोल करने वाले पहले खिलाड़ी बने घर पर डॉर्टमुंड के लिए एक कर्लिंग स्ट्राइक के साथ। एक दिन बाद में, रोनाल्डो ने पेरिस में एफिल टॉवर पर अपना पांचवीं बार पुरस्कार प्राप्त करते हुए 2017 बैलोन डी'ओर जीता।16 दिसंबर को, उन्होंने एक फ्री किक विजेता बनाया, क्योंकि मैड्रिड ने फाइनल में ग्रेमियो को हराकर अपना दूसरा क्लब विश्व कप जीता। . 3 मार्च 2018 को, उन्होंने गेटाफे पर 3-1 की घरेलू जीत में दो गोल किए, उनकी 286वीं उपस्थिति में उनका पहला 300वां ला लीगा गोल था, जिससे वह इस लैंडमार्क तक पहुंचने वाले सबसे तेज खिलाड़ी बन गए और केवल दूसरे मेसी के बाद ऐसा करने वाला खिलाड़ी। -becomes-fastest-to-score-300th-goal-in-la-liga |title=क्रिस्टियानो रोनाल्डो ला लीगा में सबसे तेज़ 300वां गोल करने वाले खिलाड़ी बने |work=ESPN |date=3 मार्च 2018 |access-date=19 जून 2022 }}</ref> 18 मार्च को, वह गिरोना के खिलाफ 6–3 की जीत में चार गोल करते हुए अपने करियर की 50वीं हैट्रिक तक पहुंचे।
अंगूठा|2018 यूईएफए चैंपियंस लीग फाइनल में रोनाल्डो, रियल मैड्रिड के लिए उनका अंतिम गेम
3 अप्रैल को, रोनाल्डो ने [[2017–18 UEFA] के क्वार्टर फाइनल में जुवेंटस के खिलाफ 3-0 की जीत में पहले दो गोल किए। चैंपियंस लीग]], उनका दूसरा गोल कलाबाजी बाइसिकल किक था। जुवेंटस डिफेंडर एंड्रिया बारज़ागली द्वारा "प्लेस्टेशन लक्ष्य" के रूप में वर्णित, रोनाल्डो के पैर के साथ जमीन से लगभग , इसे प्राप्त हुआ स्टेडियम में विरोधी प्रशंसकों ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया, साथ ही साथियों, पंडितों और प्रशिक्षकों ने उनकी ढेर सारी प्रशंसा की। 11 अप्रैल को, उन्होंने जुवेंटस के घर में दूसरे चरण में गोल किया, 3-1 की हार में 98वें मिनट में इंजुरी टाइम पेनल्टी, मतलब मैड्रिड कुल मिलाकर 4-3 से आगे हो गया। लीग: रियल मैड्रिड 1-3 जुवेंटस |प्रकाशक=यूईएफए |एक्सेस-डेट=12 अप्रैल 2018|आर्काइव-यूआरएल=https://web.archive.org/web/20180412082827/http://www.uefa.com/uefachampionsleague /सीज़न=2018/मैच/राउंड=2000883/मैच=2021703/|आर्काइव-डेट=12 अप्रैल 2018}}</ref> जुवेंटस के खिलाफ यह उसका दसवां गोल था, जो कि अब तक चैंपियंस लीग का रिकॉर्ड है एक एकल क्लब स्थापित करें। जुवेंटस के बाद रियल मैड्रिड |publisher=UEFA |date=11 अप्रैल 2018|एक्सेस-डेट=6 जनवरी 2019|archive-url=https://web.archive.org/web/20180417022853/https://www.uefa.com /uefachampionsleague/season=2018/matches/round=2000883/match=2021703/postmatch/report/|archive-date=17 अप्रैल 2018}}</ref>26 मई को फ़ाइनल में, मैड्रिड ने लिवरपूल को 3-1 से हराकर रोनाल्डो को अपना पांचवां चैंपियंस लीग ख़िताब जीता, ऐसा करने वाले पहले खिलाड़ी। वह 15 गोल के साथ लगातार छठे सीज़न में टूर्नामेंट के शीर्ष स्कोरर के रूप में समाप्त हुआ। madrid-beat-liverpool-to-complete-hat-trick/ |title=मैड्रिड ने लिवरपूल को हराकर हैट्रिक पूरी की |date=26 मई 2018 |publisher=UEFA |access-date=19 जून 2022}}</ref> के बाद फाइनल में, रोनाल्डो ने मैड्रिड के साथ अपने समय का उल्लेख भूत काल में किया, जिससे अटकलें लगाई जाने लगीं कि वह क्लब छोड़ सकते हैं। -फ्यूचर-इन-डाउट-इट्स-बीन-वेरी-नाइस-प्लेइंग-फॉर-रियल-मैड्रिड |टाइटल=क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने भविष्य को संदेह में डाला: 'रियल मैड्रिड के लिए खेलना बहुत अच्छा रहा' |डेट=26 मई 2018 |काम =ESPN |एक्सेस-डेट=19 जून 2022}}</ref>
जुवेंटस
नए रियल मैड्रिड अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के लिए महीनों की बातचीत के बावजूद, 10 जुलाई 2018 को रोनाल्डो ने चार साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए 100 मिलियन ट्रांसफर पूरा करने के बाद इतालवी क्लब जुवेंटस के साथ अनुबंध, जिसमें अन्य फीस में अतिरिक्त €12 मिलियन और एकजुटता योगदान रोनाल्डो के युवा क्लबों के लिए। |url=https://www.juventus.com/en/news/articles/cristiano-ronaldo-signs-for-juventus |publisher=Juventus |date=10 जुलाई 2018 |access-date=26 नवंबर 2022}}</ रेफरी> 30 वर्ष से अधिक उम्र के खिलाड़ी के लिए स्थानांतरण अब तक का सबसे अधिक था, और एक इटैलियन क्लब द्वारा दिया गया सबसे अधिक भुगतान।<ref></ रेफरी> हस्ताक्षर करने पर, रोनाल्डो ने मैड्रिड छोड़ने के अपने तर्क के रूप में एक नई चुनौती की आवश्यकता का हवाला दिया,<ref>{{#invoke:cite news| |शीर्षक=क्रिस्टियानो रोनाल्डो: जुवेंटस ने रियल मैड्रिड को £99.2m के लिए साइन किया है |url=https://www.bbc.co.uk/sport/football/44785173 |access-date=10 जुलाई 2018 |work=BBC |date= 10 जुलाई 2018 |आर्काइव-यूआरएल=https://web.archive.org/web/20180710154813/https://www.bbc.co.uk/sport/football/44785173 |आर्काइव-डेट=10 जुलाई 2018}< /रेफरी> लेकिन बाद में समर्थन की कमी के लिए स्थानांतरण को जिम्मेदार ठहराया, जिसे उन्होंने महसूस किया कि क्लब अध्यक्ष फ्लोरेंटिनो पेरेज़ द्वारा दिखाया गया था।<ref></ref>
2018–2020: समायोजन और लगातार सीरी ए खिताब
18 अगस्त को, रोनाल्डो ने Chievo Verona. 16 सितंबर को, रोनाल्डो ने जुवेंटस के लिए अपने चौथे मैच में अपने पहले दो गोल सासुओलो सीरी ए में; उनका दूसरा उनके करियर का 400वां लीग गोल था। काम=फुटबॉल इटालिया |तारीख=16 सितंबर 2018|पहुंच-तारीख=6 जनवरी 2019|आर्काइव-यूआरएल=https://web.archive.org/web/20180916202403/https://www.football-italia.net/128041 /ronaldo-ends-juventus-drought|archive-date=16 सितंबर 2018}}</ref> 19 सितंबर को, जुवेंटस के लिए वालेंसिया, उन्हें 29वें मिनट में "हिंसक आचरण" के लिए बाहर भेज दिया गया, 154 टूर्नामेंट में उन्हें पहला रेड कार्ड दिखाया गया। रोनाल्डो इतिहास में पहले खिलाड़ी बने 100 चैंपियंस लीग मैच जीतने के लिए, वेलेंसिया पर 1-0 की घरेलू जीत में मारियो मैंडज़ुकिक के विजेता की स्थापना की, जिसने प्रतियोगिता के नॉक-आउट चरणों में जुवेंटस के मार्ग को सील कर दिया।दिसंबर में, उन्होंने सीज़न का अपना दसवां लीग गोल पेनल्टी स्पॉट से किया, Fiorentina पर 3-0 की जीत में अंतिम गोल किया। दोनों में दूसरा स्थान हासिल करने के बाद [ [UEFA मेन्स प्लेयर ऑफ़ द ईयर अवार्ड#2017-18|UEFA मेन्स प्लेयर ऑफ़ द ईयर]] और द बेस्ट फीफा मेन्स प्लेयर तीन में पहली बार साल, लुका मोड्रीक से पीछे, 2018 में रोनाल्डो के प्रदर्शन ने उन्हें 2018 बैलन डी'ओर के लिए उपविजेता वोट दिया, एक बार फिर अपने पूर्व साथी से पीछे। रोनाल्डो ने अपनी पहली ट्रॉफी जीती 16 जनवरी 2019 को, 2018 सुपरकोपा इटालियाना को क्लब में शामिल किया, जब उसने हेडर से एकमात्र गोल एसी मिलान। =जुवेंटस 1–0 मिलान: सुपरकोप्पा इटालियाना – जैसा हुआ |work=The Guardian |first=Simon |last=Burnton |date=16 January 2019|access-date=16 January 2019}}</ref>
10 फरवरी को, रोनाल्डो ने सासुओलो पर 3-0 से जीत दर्ज की, यह लगातार नौवां गेम था जिसमें उन्होंने लीग में स्कोर किया था, ग्यूसेप सिग्नोरी के एकल सीज़न सीरी ए रिकॉर्ड [[इटली में फुटबॉल रिकॉर्ड] की बराबरी की #सीरी ए अवे में लगातार सबसे ज्यादा प्रदर्शन, एक ही सीजन में कम से कम एक गोल किया|कम से कम एक गोल के साथ लगातार सबसे ज्यादा अवे गेम्स]]। 12 मार्च को, रोनाल्डो ने चैम्पियंस लीग राउंड ऑफ़ 16 के दूसरे चरण में एटलेटिको के विरुद्ध 3-0 की घरेलू जीत में हैट्रिक बनाई, जिससे युवेंटस को क्वार्टर तक पहुंचने के लिए दो गोल के घाटे से उबरने में मदद मिली -फाइनल। अगले महीने, उसने प्रतियोगिता में अपना 125वां गोल किया, एक गोल की शुरुआत की 10 अप्रैल को अजाक्स के खिलाफ क्वार्टर फाइनल के पहले चरण में 1-1 दूर ड्रॉ। 16 अप्रैल को ट्यूरिन में दूसरे चरण में, उन्होंने शुरुआती गोल किया, लेकिन अंततः जुवेंटस 2-1 से मैच हार गया और प्रतियोगिता से बाहर कर दिए गए। 20 अप्रैल को, रोनाल्डो ने फिओरेंटीना के खिलाफ स्कुडेटो में जीत हासिल की, क्योंकि जुवेंटस ने अपना लगातार आठवां खिताब जीता 2-1 की घरेलू जीत के बाद, इंग्लैंड, स्पेन और इटली में लीग खिताब जीतने वाले पहले खिलाड़ी बने।27 अप्रैल को, उन्होंने डर्बी डी'इटालिया के प्रतिद्वंद्वियों इंटर मिलान के खिलाफ 1-1 की बराबरी की बराबरी का अपना 600वां क्लब गोल किया। 21 गोल और 8 असिस्ट के साथ अपना पहला सीरी ए अभियान समाप्त करते हुए, रोनाल्डो ने मोस्ट वैल्यूएबल प्लेयर के लिए उद्घाटन सीरी ए अवार्ड जीता।
thumb|बाएं|328x328px|रोनाल्डो जुवेंटस के खिलाफ टोरिनो के खिलाफ 2019–20 सीज़न
रोनाल्डो ने [[2019–20 Juventus F.C.] का अपना पहला गोल किया। सीज़न|2019–20 सीज़न]] में 4–3 होम लीग में नापोली 31 अगस्त 2019 को। 23 सितंबर को, वह बेस्ट फीफा मेन्स प्लेयर अवार्ड के लिए तीसरे स्थान पर आया। 1 अक्टूबर को, उन्होंने जुवेंटस की 3–0 चैंपियंस लीग ग्रुप स्टेज जीत में कई मील के पत्थर हासिल किए ओवर बेयर लीवरकुसेन: उन्होंने लगातार 14वें सीजन में गोल दागकर राउल और मेसी के रिकॉर्ड की बराबरी की; उन्होंने अब तक की सर्वाधिक चैंपियंस लीग जीत का इकर कैसिलस का रिकॉर्ड तोड़ दिया, और 33 अलग-अलग विरोधियों के खिलाफ गोल करने के राउल के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली। 6 नवंबर को 2 में -1 दूर लोकोमोटिव मॉस्को के खिलाफ जीत, उन्होंने पाओलो मालदिनी की बराबरी की यूईएफए क्लब में दूसरे सबसे कैप्ड खिलाड़ी प्रतियोगिताएं 174 प्रस्तुतियों के साथ। =जुवे, रोनाल्डो रैग्गीउंज मालदिनी: 174 प्रीसेन्ज़ नेले कॉम्पिटिज़ियोनी यूफ़ा। सबसे पहले पोस्टो... |work=Calciomercato |language=it |date=6 November 2019 |access-date=8 November 2019}}</ref>18 दिसंबर को, रोनाल्डो ने की ऊंचाई तक छलांग लगाई, जो क्रॉसबार से ऊंची थी, साम्पदोरिया. उन्होंने अपनी पहली सीरी ए हैट्रिक 6 जनवरी 2020 को कैगलियारी के खिलाफ 4-0 की घरेलू जीत में बनाई। अपने करियर की 56वीं हैट्रिक, वह एलेक्सिस सांचेज़ के बाद प्रीमियर लीग, ला लीगा और सीरी ए में हैट्रिक बनाने वाले केवल दूसरे खिलाड़ी बने। 2 फरवरी को, उन्होंने फियोरेंटीना पर 3-0 की घरेलू जीत में पेनल्टी स्पॉट से दो बार स्कोर किया, डेविड ट्रेज़ेगेट के लगातार नौ गोल करने के क्लब रिकॉर्ड की बराबरी की लीग गेम, और अपने लगातार दसवें लीग गेम में स्कोर करके छह दिन बाद रिकॉर्ड तोड़ दिया, हेलास वेरोना से 2-1 दूर हार। 22 फरवरी को, रोनाल्डो ने [[इटली में फुटबॉल रिकॉर्ड और आंकड़े#कम से कम एक के साथ सीरी ए में लगातार सबसे ज्यादा उपस्थिति दर्ज की] एक ही सीज़न में किए गए गोल|r रिकॉर्ड-बराबर]] लगातार 11वां लीग गेम, गेब्रियल बतिस्तुता और फैबियो क्वागलियारेला के साथ, उनका 1,000वां सीनियर प्रोफेशनल गेम क्या था, एसपीएएल के खिलाफ 2-1 से जीत।
22 जून को, उन्होंने बोलोग्ना, रुई कोस्टा को पछाड़कर सीरी ए इतिहास में सर्वाधिक स्कोर करने वाले पुर्तगाली खिलाड़ी बन गए। 4 जुलाई को, उन्होंने प्रतिद्वंद्वियों टोरिनो पर 4-1 की घरेलू जीत में फ्री किक से अपना 25वां लीग गोल किया, इस मुकाम को हासिल करने वाले जुवेंटस के पहले खिलाड़ी बन गए 1961 में उमर सिवोरी के बाद से; 43 प्रयासों के बाद क्लब के साथ फ्री किक से उनका पहला गोल भी था। 1 टोरिनो: जीत में जुवे के लिए क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने पहला फ्री-किक स्कोर किया |work=BBC Sport |date=4 जुलाई 2020 |access-date=4 जुलाई 2020}}</ref> 20 जुलाई को, रोनाल्डो ने 2– में दो बार स्कोर किया लाज़ियो; उनका पहला गोल सेरी ए में उनका 50वां गोल था। गुन्नार नॉर्दहल के बाद वह इस लैंडमार्क तक पहुंचने वाले दूसरे सबसे तेज खिलाड़ी बने, और प्रीमियर लीग, ला लीगा और सीरी ए में 50 गोल तक पहुंचने वाले इतिहास के पहले खिलाड़ी अपने ब्रेस के साथ, वह सीजन के लिए 30 लीग गोल तक भी पहुंचे, 1934 में फेलिस बोरेल के बाद और जॉन हैनसेन 1952 में) सिर्फ तीसरे खिलाड़ी बन गए। जुवेंटस का एक सीजन में इस मुकाम तक पहुंचने का इतिहास। सेरी ए, ला लीगा और प्रीमियर लीग में 50 गोल करने के लिए, क्योंकि लाजियो के खिलाफ उनके दोहरे गोल ने जुवेंटस को सीरी ए खिताब के कगार पर खड़ा कर दिया। |work=BBC Sport |date=20 जुलाई 2020 |access-date=20 जुलाई 2020}}</ref>इसके अलावा, वह 1948 में आर्सेनल के साथ रोनी रूके के बाद से पांच शीर्ष यूरोपीय लीगों में से एक में 30 से अधिक गोल करने वाले 35 साल और 166 दिनों की उम्र में सबसे उम्रदराज़ खिलाड़ी बन गए। 26 जुलाई को, रोनाल्डो ने सैम्पडोरिया पर 2-0 की घरेलू जीत में शुरुआती गोल किया, जिससे जुवेंटस को लगातार नौवीं बार सेरी ए चैंपियन का ताज पहनाया गया। उन्होंने 31 गोल के साथ अपना दूसरा लीग अभियान समाप्त किया, जिससे वह 36 गोल के साथ यूरोपियन गोल्डन शू विजेता सिरो इम्मोबाइल के बाद लीग में सबसे अधिक गोल करने वाले खिलाड़ी बन गए। 7 अगस्त को, रोनाल्डो ने दूसरे मैच में ल्योन के खिलाफ 2-1 की घरेलू जीत में ब्रेस बनाया चैंपियंस लीग राउंड ऑफ़ 16 का लेग, जिसने उन्हें सभी प्रतियोगिताओं में 37 गोल के साथ सीज़न खत्म करते हुए देखा; टैली ने उन्हें एक ही सीज़न में बोरेल के 36 गोलों के क्लब रिकॉर्ड को तोड़ने की अनुमति दी। -juventus-scoring-record-with-lyon/g3rzq1s808zo1x25vgeu90whu |title=रोनाल्डो ने ल्योन डबल के साथ जुवेंटस स्कोरिंग का सर्वकालिक रिकॉर्ड तोड़ा |work=Goal |date=7 अगस्त 2020}}</ref> जीत के बावजूद, टाई 2 समाप्त हुआ कुल मिलाकर –2 और युवेंटस को अवे गोल नियम पर प्रतियोगिता से बाहर कर दिया गया था। /sport/football/53683503 |title=Juventus 2–1 ल्योन |work=BBC Sport |date=7 अगस्त 2020 |access-date=7 अगस्त 2020}}</ref>
2020–2021: 100 Juve गोल, Capocannoniere, और प्रस्थान
20 सितंबर 2020 को, रोनाल्डो ने जुवेंटस के सीज़न के शुरुआती लीग मैच में, सैम्पडोरिया पर 3-0 की घरेलू जीत दर्ज की। 1 नवंबर को, [[से उबरने में लगभग तीन सप्ताह का समय लिया है] COVID-19]], वह Spezia के खिलाफ एक्शन में लौट आया; वह दूसरे हाफ में बेंच से बाहर आया और पहले तीन मिनट के भीतर स्कोर किया, पेनल्टी स्पॉट से दूसरा गोल करने से पहले 4-1 से जीत हासिल की। 2 दिसंबर को, उन्होंने [[2020–21 UEFA चैंपियंस लीग] में Dynamo Kyiv के खिलाफ एक गोल किया |चैंपियंस लीग]] ग्रुप स्टेज मैच, उनका 750वां सीनियर करियर गोल। रोनाल्डो जुवेंटस के लिए सभी प्रतियोगिताओं में अपना 100वां मैच खेला 13 दिसंबर को, लीग में जेनोआ पर 3-1 की जीत में दो पेनाल्टी स्कोर करके अपने गोलों की संख्या को 79 तक पहुँचाया। –3: Dybala e CR7 स्टेंडोनो i rossoblù |url=https://www.sportmediaset.mediaset.it/calcio/seriea/serie-a-genoa-juventus1-3-dybala-e-cr7-stendono-i-rossobl_26560749- 202002a.shtml|एक्सेस-डेट=13 दिसंबर 2020 |वेबसाइट=स्पोर्ट मीडियासेट}}</ref>20 जनवरी 2021 को, जुवेंटस ने 2020 सुपरकोपा इटालियाना जीता, नापोली, जिसमें रोनाल्डो ने शुरूआती गोल किया था। -गोल-सुपरकोप्पा |शीर्षक=जुवेंटस-नेपोली 2-0: रोनाल्डो, 760 गोल ई रीगाला (कोन मोराटा) ला सुपरकोपा ऐ बियांकोनेरी |ट्रांस-शीर्षक=जुवेंटस-नेपोली 2-0: रोनाल्डो, 760 गोल और (मोराटा के साथ) द सुपर कप टू द बियांकोनेरी |work=Sky Sport |language=it |date=20 जनवरी 2021 |एक्सेस-डेट=14 जुलाई 2021}}</ref> 2 मार्च को, उन्होंने 3-0 की जीत में एक गोल किया स्पेज़िया अपने 600वें लीग मैच में, यूरोप की शीर्ष पांच लीगों में लगातार 12 सत्रों में कम से कम 20 गोल करने वाला पहला खिलाड़ी बन गया। 14 मार्च को, उन्होंने कालियरी पर 3-1 की जीत में अपने करियर की 57वीं हैट्रिक बनाई। 12 मई को, रोनाल्डो ने अपनी 131वीं उपस्थिति में सभी प्रतियोगिताओं में जुवेंटस के लिए अपने 100वें गोल तक पहुंचने के लिए सासुओलो पर 3-1 से दूर की जीत में एक गोल किया, सबसे तेज जुवेंटस खिलाड़ी बन गए उपलब्धि हासिल करने के लिए। |शीर्षक=जुवेंटस के 100 गोल तक पहुंचने वाले सबसे तेज खिलाड़ी बने |work=Goal |date=12 मई 2021}}</ref> 19 मई को 2021 कोपा इटालिया फाइनल में जुवेंटस की जीत के साथ, रोनाल्डो पहले खिलाड़ी बन गए इतिहास में इंग्लैंड, स्पेन और इटली में हर बड़ी घरेलू ट्रॉफी जीतने के लिए। -italia-spt-intl/index.html |title=क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने घरेलू डोम को मजबूत किया जुवेंटस ने कोपा इटालिया जीता |work=CNN |date=20 मई 2021 |access-date=21 मई 2021}}</ref>रोनाल्डो ने 29 लीग गोल के साथ सत्र का अंत किया, उच्चतम गोल स्कोरर के लिए कैपोकैनोनियर पुरस्कार जीता और अंग्रेजी, स्पेनिश और इतालवी लीग में शीर्ष स्कोरर के रूप में समाप्त करने वाले पहले फुटबॉलर बन गए।
22 अगस्त को, रोनाल्डो ने [[2021–22 Juventus F.C.] का पहला गेम शुरू किया। सीज़न|नया सीज़न]] बेंच पर, अल्वारो मोराटा के स्थान पर यूडिनीज़ के विरुद्ध 2-2 ड्रॉ में एक विकल्प के रूप में आया, एक ऐसा गोल स्कोर किया जिसे [[वीडियो द्वारा खारिज कर दिया गया था] सहायक रेफरी|वीएआर]]। -फॉर-सीरी-ए-ओपनर-एमिड-फ्यूचर-डाउट्स |टाइटल=क्रिस्टियानो रोनाल्डो भविष्य के संदेह के बीच सेरी ए ओपनर के लिए जुवेंटस बेंच से बाहर हो गए |तारीख=22 अगस्त 2021 |एक्सेस-डेट=27 अगस्त 2021 |काम=ईएसपीएन }}</ref> हालांकि प्रबंधक मैसिमिलियानो एलेग्री ने पुष्टि की कि रोनाल्डो की फिटनेस के कारण यह उनका निर्णय था, यह उन खबरों के बीच आया कि रोनाल्डो ट्रांसफर विंडो के बंद होने से पहले क्लब छोड़ देंगे, और रोनाल्डो अलेग्री को बताएंगे कि उनका जुवेंटस खिलाड़ी बने रहने का "कोई इरादा नहीं" है। 26 अगस्त को, रोनाल्डो और उनके एजेंट [ [जॉर्ज मेंडेस]] ने मैनचेस्टर सिटी के साथ व्यक्तिगत शर्तों पर एक मौखिक समझौता किया, लेकिन अगले दिन होने वाली डील से क्लब ने हाथ खींच लिया स्थानांतरण की कुल लागत के लिए। ronaldo-to-manchester-city-off-manchester-united-now-frontrunners-sources |title=क्रिस्टियानो रोनाल्डो टू मैनचेस्टर सिटी ऑफ: मैनचेस्टर यूनाइटेड अब फ्रंट-रनर |तिथि=27 अगस्त 2021 |पहुंच-तारीख=27 अगस्त 2021 | कार्य=ईएसपीएन}}</ref>उसी दिन, यह पुष्टि की गई कि सिटी के प्रतिद्वंद्वी मैनचेस्टर यूनाइटेड, रोनाल्डो के पूर्व क्लब, उन पर हस्ताक्षर करने के लिए अग्रिम बातचीत कर रहे थे, जबकि पूर्व प्रबंधक एलेक्स फर्ग्यूसन और कई पूर्व टीम के साथी उन्हें यूनाइटेड के लिए फिर से हस्ताक्षर करने के लिए मनाने के लिए संपर्क में थे . रोनाल्डो को दिया गया एडिन्सन कैवानी के बाद नंबर 7 शर्ट 21 पर स्विच करने के लिए सहमत हो गया। रोनाल्डो की शर्ट की बिक्री के पहले 24 घंटों के रिकॉर्ड को तोड़ने की सूचना मिली थी पेरिस सेंट-जर्मेन में जाने के बाद मेसी को पीछे छोड़ते हुए एक ट्रांसफर के बाद रिकॉर्ड बनाया।
अंगूठा|अपराइट| सितंबर 2021 में न्यूकैसल के खिलाफ प्रीमियर लीग मैच में रोनाल्डो, मैनचेस्टर यूनाइटेड में उनका पहला गेम
11 सितंबर को, रोनाल्डो ने ओल्ड ट्रैफर्ड में अपना दूसरा डेब्यू किया, न्यूकैसल यूनाइटेड के खिलाफ 4-1 लीग जीत में शुरुआती दो गोल किए। 29 सितंबर को, उन्होंने [[2021–22 यूईएफए चैंपियंस में विलारियल के घर में युनाइटेड की 2-1 की जीत में आखिरी मिनट में विजेता बनाया। लीग समूह चरण #Group F|चैंपियंस लीग]], और प्रतियोगिता में सबसे अधिक उपस्थिति वाले खिलाड़ी के रूप में इकर कैसिलस को पीछे छोड़ दिया। 23 नवंबर को, विलारियल के खिलाफ युनाइटेड की 2-0 की जीत के बाद रोनाल्डो एक इंग्लिश क्लब के लिए चैंपियंस लीग अभियान के लगातार पांच मैचों में गोल करने वाले पहले खिलाड़ी बन गए, समूह विजेताओं के रूप में राउंड ऑफ़ 16 के लिए युनाइटेड के क्वालीफाइंग के लिए उनके छह गोल महत्वपूर्ण हैं। Utd: क्रिस्टियानो रोनाल्डो और जादोन सांचो के स्कोर से युनाइटेड चैंपियंस लीग के अंतिम 16 में पहुंचा stiano-ronaldo-and-jadon-sancho-score-as-united-reach-champions-league-last-16 |access-date=13 November 2022 |work=Sky Sports}}</ref> 2 दिसंबर को रोनाल्डो ने नेट किया आर्सेनल के खिलाफ 3-2 घरेलू लीग जीत में दो गोल, जिसने उन्हें 800 करियर गोल से आगे निकलते हुए देखा।
अगले महीने, अपने साथियों और अंतरिम प्रबंधक राल्फ रंगनिक के साथ एक खंडित संबंध को समाप्त करने के बाद, उनके प्रदर्शन और उनकी टीम की सीज़न के दौरान गिरावट आई, रोनाल्डो ने रियल मैड्रिड के साथ अपने समय के दौरान 2010 के बाद से अपने सबसे खराब गोल स्कोरिंग रन की बराबरी की, दो बिना कोई गोल किए महीने, हैमस्ट्रिंग की चोट के बाद, जिसके कारण वह मैनचेस्टर सिटी के खिलाफ मैनचेस्टर डर्बी से चूक गए थे, रोनाल्डो ने 12 मार्च को चोट से वापसी की, टोटेनहैम हॉटस्पर, जिसने उन्हें जोसेफ बिकान के पेशेवर फुटबॉल में 807 कैरियर लक्ष्यों के साथ बनाए गए लक्ष्यों के रिकॉर्ड को पार करते हुए देखा, हालांकि चेक गणराज्य के फुटबॉल संघ ने दावा किया कि बिकान ने करियर के लिए 821 गोल किए थे।16 अप्रैल को, रोनाल्डो ने नॉर्विच सिटी पर 3-2 की जीत में अपनी 50वीं क्लब हैट्रिक बनाई। 23 अप्रैल को, उन्होंने अपने 100वें प्रीमियर लीग गोल को आर्सेनल से 3-1 की हार में स्कोर किया। चेल्सी और ब्रेंटफोर्ड के खिलाफ निम्नलिखित मैचों में स्कोर करने के बाद, उन्हें प्रीमियर लीग प्लेयर ऑफ द मंथ नामित किया गया था अप्रैल।
उन्होंने सभी प्रतियोगिताओं में 24 गोल के साथ सीज़न समाप्त किया, उनमें से 18 गोल प्रीमियर लीग में थे, जिससे वह गोल्डन बूट विजेताओं मोहम्मद सालाह और सोन ह्युंग-मिन के बाद लीग में तीसरे सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी बन गए। , जिसका नाम प्रीमियर लीग टीम ऑफ द ईयर में रखा गया है और युनाइटेड के सर मैट बुस्बी प्लेयर ऑफ द ईयर पुरस्कार के विजेता हैं, जो पिछले सीज़न से क्लब के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को दिया जाता है; हालांकि, यूनाइटेड के निराशाजनक छठे स्थान पर रहने और यूईएफए यूरोपा लीग के लिए क्वालीफाई करने के साथ, रोनाल्डो 2010 के बाद पहली बार बिना किसी ट्रॉफी के गए।
2022: अंतिम सीज़न और प्रस्थान
मैदान पर और बाहर युनाइटेड की दिशा के साथ बढ़ते असंतोष के बाद, रोनाल्डो पारिवारिक कारणों से क्लब के थाईलैंड और ऑस्ट्रेलिया के प्री-सीजन दौरे से चूक गए, चैंपियंस लीग में प्रतिस्पर्धा करने वाले क्लब में शामिल होने की उनकी इच्छा की खबरों के बीच, आने के बावजूद प्रबंधक एरिक टेन हैग ने जोर देकर कहा कि वह बिक्री के लिए नहीं था और क्लब की योजनाओं का हिस्सा था। फ्रेंडली इवन फ़िनिश |url=https://www.mirror.co.uk/sport/football/news/cristiano-ronaldo-man-utd-controversy-27623456 |access-date=11 November 2022 |work=डेली मिरर }}</ref> उनके एजेंट जॉर्ज मेंडेस ने बाद के क्लब के नए मालिक [[टॉड बोहली] के साथ, बायर्न म्यूनिख, पेरिस सेंट-जर्मेन और चेल्सी सहित ऋण पर या मुफ्त हस्तांतरण पर स्थानांतरण के लिए विभिन्न क्लबों के साथ बातचीत शुरू की। ] एक संभावित हस्तांतरण के लिए उत्सुक होना। कैरिंगटन मीटिंग के दौरान युनाइटेड |url=https://theathletic.com/3457659/2022/07/28/cristiano-ronaldo-manchester-united-desire/ |access-date=11 November 2022 |work=द एथलेटिक }}</ref> हालांकि, उनकी उम्र, एक हस्तांतरण की कुल लागत और उच्च वेतन मांगों के कारण, कई यूरोपीय क्लबों ने उनके हस्ताक्षर करने के अवसर को अस्वीकार कर दिया, जिसमें उनके प्रबंधक थॉमस ट्यूशेल ने उनके हस्ताक्षर को मंजूरी नहीं दी थी। <रेफरी></ref>
thumb|अगस्त 2022 में ब्राइटन एंड होव एल्बियन के खिलाफ प्रीमियर लीग मैच में रोनाल्डो|262x262px
ट्रांसफर सुरक्षित करने में विफल रहने के बाद, रोनाल्डो ने शुरुआती लाइनअप में अपना स्थान मार्कस रैशफोर्ड और एंथनी मार्शल से गंवा दिया, जो केवल यूरोपा लीग मैचों में ही खेले गए थे। उन्होंने 37 साल की उम्र में प्रतियोगिता में अपना पहला गोल किया, 15 सितंबर को शेरिफ तिरस्पोल के खिलाफ पेनल्टी को 2-0 में बदल दिया। 2 अक्टूबर को, मैनचेस्टर सिटी के खिलाफ यूनाइटेड की 6-3 की हार में रोनाल्डो एक अप्रयुक्त स्थानापन्न था, दस के साथ हैग ने कहा कि उन्होंने "उनके बड़े करियर के प्रति सम्मान" के कारण उन्हें बाहर लाने से इनकार कर दिया। मैन सिटी |url=https://www.manchestereveningnews.co.uk/sport/football/football-news/man-united-cristiano-ronaldo-sub-25159776 |access-date=19 November 2022 |work=मैनचेस्टर इवनिंग न्यूज}}</ref> 9 अक्टूबर को रोनाल्डो आए स्थानापन्न के रूप में खेला और एवर्टन के खिलाफ 2-1 की जीत में अपना 700वां करियर क्लब गोल किया। कहानी/4754406/मैनचेस्टर-यूनाइटेड्स-क्रिस्टियानो-रोनाल्डो-रीचेस-700-क्लब-गोल्स |टाइटल=मैनचेस्टर यूनाइटेड के क्रिस्टियानो रोनाल्डो 700 क्लब गोल्स तक पहुंचे |डेट=9 अक्टूबर 2022 |एक्सेस-डेट=20 अक्टूबर 2022 |वर्क=ईएसपीएन}} </ref> दस दिनों के बाद, रोनाल्डो ने टोटेनहैम के खिलाफ एक घरेलू खेल के दौरान एक स्थानापन्न के रूप में लाने से इनकार कर दिया और पूर्णकालिक सीटी बजने से पहले ही मैदान छोड़ दिया; टेन हैग ने उन्हें चेल्सी के साथ आगामी मैच के लिए टीम से ड्रॉप करके दंडित किया, और उन्हें पहली टीम से अलग से प्रशिक्षित किया।< संदर्भ></ref><ref>{ {cite web |last=Whitwell |first=Laurie |url=https://theathletic.com/3713598/2022/10/20/cristiano-ronaldo-manchester-united-2/ |title=क्रिस्टियानो रोनाल्डो को अकेले ट्रेनिंग के लिए बनाया गया स्थानापन्न के रूप में आने से इनकार |तारीख=20 अक्टूबर 2022 |पहुंच-तारीख=20 अक्टूबर 2022 |काम=एथलेटिक}}</रेफ > प्रबंधक के साथ विचार-विमर्श के बाद, रोनाल्डो प्रशिक्षण पर लौट आए और 27 अक्टूबर को शेरिफ पर युनाइटेड की घरेलू जीत में शुरुआत की, तीसरा गोल किया और यूरोपा लीग नॉकआउट चरण के लिए युनाइटेड की योग्यता सुनिश्चित की।<ref></ref> टेन हैग ने रोनाल्डो का नाम लिया 6 नवंबर को एस्टन विला से 3-1 की हार के लिए कप्तान के रूप में, यह कहते हुए कि रोनाल्डो "टीम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे, हम उनके साथ खुश हैं और अब उन्हें और भी अधिक नेता की भूमिका निभानी होगी।"इसके बाद रोनाल्डो World Cup ब्रेक से पहले युनाइटेड के निम्नलिखित मैचों से चूक गए, जिसमें टेन हैग ने कहा कि रोनाल्डो बीमार थे। मैनचेस्टर यूनाइटेड द्वारा फुलहम को हराने के बाद हैग ने क्रिस्टियानो रोनाल्डो अपडेट जारी किया |url=https://www.manchestereveningnews.co.uk/sport/football/football-news/man-united-news-ronaldo-tenhag-25507054 |access-date=14 नवंबर 2022 |काम=मैनचेस्टर इवनिंग न्यूज |तारीख=14 नवंबर 2022}}</ref>
14 नवंबर को, पियर्स मॉर्गन के साथ एक साक्षात्कार प्रकाशित किया गया था, जहां रोनाल्डो ने कहा कि उन्हें टेन हैग और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा "विश्वासघात" महसूस हुआ, जो चाहते थे कि रोनाल्डो क्लब छोड़ दें, और क्लब पर उनकी बीमारी के बारे में संदेह करने का आरोप लगाया। उनकी बेटी जिसके कारण वे प्री-सीज़न से बाहर हो गए, यह कहते हुए कि उन्होंने टेन हैग का सम्मान नहीं किया "क्योंकि वह मेरे लिए सम्मान नहीं दिखाते", जिससे उन्हें क्लब के संचार से निराशा हुई। <रेफरी नाम = "विश्वासघात" ></ref> रोनाल्डो ने दावा किया कि दस हैग ने पहले उसे सिटी के खिलाफ बेंच पर छोड़कर जानबूझकर उसे उकसाया, और फिर अंतिम क्षणों में टोटेनहैम के खिलाफ उसे लाना चाहा, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि उसे जल्दी छोड़ने के अपने फैसले पर पछतावा है। उन्होंने पिछले सीज़न में रंगनिक की नियुक्ति पर भी सवाल उठाया क्योंकि वह "स्पोर्टिंग डायरेक्टर थे और कोच भी नहीं थे।"{ {उद्धृत समाचार |url=https://www.skysports.com/football/news/11667/12747058/cristiano-ronaldo-manchester-united-forward-says-he-feels-betrayed-and-has-no-respect- for-erik-ten-hag |title=क्रिस्टियानो रोनाल्डो: मैनचेस्टर यूनाइटेड फॉरवर्ड का कहना है कि वह 'विश्वासघात' महसूस करता है और एरिक टेन हैग के लिए 'कोई सम्मान नहीं' है |एक्सेस-डेट=14 नवंबर 2022 |काम=स्काई स्पोर्ट्स | date=14 नवंबर 2022}} क्लब में ही, रोनाल्डो ने कहा कि 2013 में पूर्व प्रबंधक एलेक्स फर्ग्यूसन के प्रस्थान के बाद से "प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचे" में बदलाव की उम्मीद के बावजूद "कोई विकास नहीं" था।< ref name="betrayal"/> रोनाल्डो ने दावा किया कि ग्लेज़र परिवार ने "क्लब की परवाह नहीं की" क्योंकि उन्होंने कभी उनके साथ बात नहीं की, और वर्णन किया युनाइटेड एक "मार्केटिंग क्लब" के रूप में।साक्षात्कार के बाद, जो 16 और 17 नवंबर को दो भागों में प्रसारित हुआ, युनाइटेड ने कानूनी कार्रवाई की मांग शुरू कर दी कि क्या रोनाल्डो ने अपने अनुबंध का उल्लंघन किया है, और अपने अनुबंध को समाप्त करना चाह रहे थे। 22 नवंबर को रोनाल्डो का अनुबंध आपसी समझौते से तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया गया।
अल नस्सर
30 दिसंबर 2022 को, सऊदी क्लब अल नस्सर ने 1 जनवरी 2023 से क्लब में शामिल होने के लिए रोनाल्डो के लिए एक समझौता किया, 2025 तक एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। इसमें €90 मिलियन का वार्षिक गारंटीशुदा फुटबॉल वेतन शामिल है, जिसमें वाणिज्यिक और प्रायोजन सौदे शामिल हैं कुल वार्षिक वेतन €200 मिलियन। कथित तौर पर उन्हें €100 मिलियन के क्षेत्र में साइन-ऑन बोनस का भुगतान भी किया गया था। रोमानो के अनुसार, रोनाल्डो ने अल में शामिल होने के लिए मेजर लीग सॉकर क्लब स्पोर्टिंग कैनसस सिटी के एक कदम को अस्वीकार कर दिया नस्सर। Fabrizio Romano ने CR7 के लिए बोली लगाने वाले एक अन्य क्लब का खुलासा किया |तारीख=31 दिसंबर 2022|वेबसाइट=प्लैनेट फुटबॉल}}</ref>रोनाल्डो को 5 जनवरी 2023 को अल-ताई के खिलाफ एक मैच में शामिल होना था, लेकिन जब वह मैनचेस्टर युनाइटेड में थे, तब उन्हें दो मैचों का प्रतिबंध झेलना पड़ा था, क्योंकि एक फोन नॉक कर दिया था। अप्रैल 2022 में गुडिसन पार्क में 1-0 की हार के बाद 14 वर्षीय एवर्टन प्रशंसक के हाथ। /cristiano-ronaldo-al-nassr-debut-ban-fifa-fa-b2256448.html |title=क्रिस्टियानो रोनाल्डो को अल-नास्र की शुरुआत करने से प्रतिबंधित कर दिया गया|तारीख=5 जनवरी 2023|पहुंच-तारीख=5 जनवरी 2023|काम=द स्वतंत्र}}</ref>
19 जनवरी को, रोनाल्डो सऊदी अरब जाने के बाद पहली बार पेरिस सेंट-जर्मेन के खिलाफ रियाद के अल नास्र और अल हिलाल खिलाड़ियों की एक संयुक्त टीम के साथ एक प्रदर्शनी खेल में खेले। रोनाल्डो ने 5-4 की हार में दो बार स्कोर किया। Updates-cristiano-ronaldo-vs-leo-messi-n/ |title=रियाद सीज़न XI 4-5 PSG सारांश: मेसी और रोनाल्डो स्कोर, गोल, हाइलाइट्स |date=20 जनवरी 2023 |publisher=As}}</ref> उन्होंने 22 जनवरी को क्लब के कप्तान के रूप में अल नासर के लिए अपनी प्रतिस्पर्धात्मक शुरुआत की, अल-एत्तिफाक पर 1-0 की जीत के पूरे 90 मिनट खेलते हुए, <रेफ> </ref> और अल-फतेह के खिलाफ 2-2 ड्रॉ में अपना पहला गोल अंतिम मिनट में पेनल्टी में बदलकर किया। 9 फरवरी को, रोनाल्डो ने Al Wehda पर 4-0 की जीत में चार गोल किए, मैच का उनका पहला गोल उनके करियर का 500वां लीग गोल था।
अंतर्राष्ट्रीय करियर
2001–2007: युवा स्तर और वरिष्ठ पदार्पण
रोनाल्डो ने 2001 में पुर्तगाल अंडर-15 के साथ अपना अंतरराष्ट्रीय करियर शुरू किया। अपने अंतरराष्ट्रीय युवा कैरियर के दौरान, रोनाल्डो अंडर-15, -17, अंडर-20, अंडर-21 और अंडर-23 राष्ट्रीय पक्ष, 34 यूथ कैप जमा करना और कुल मिलाकर 18 गोल करना।
18 साल की उम्र में, रोनाल्डो ने पुर्तगाल के लिए 20 अगस्त 2003 को कजाखस्तान पर 1-0 से जीत दर्ज की, Luís Figo के हाफ-टाइम विकल्प के रूप में आ रहा है। बाद में उन्हें कॉल किया गया UEFA Euro 2004 के लिए, अपने देश में आयोजित किया, और 2- में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय गोल किया अंतिम चैंपियन ग्रीस से 1 ग्रुप स्टेज हार, पुर्तगाल के लिए उनकी आठवीं उपस्थिति। इंग्लैंड क्वार्टर फाइनल में,उन्हें टूर्नामेंट की टीम में चित्रित किया गया था, उन्होंने अपने दो लक्ष्यों के अलावा दो सहायता प्रदान की थी।
योग्यता समूह में 2006 फीफा विश्व कप सात गोल के साथ रोनाल्डो पुर्तगाल के दूसरे सबसे बड़े स्कोरर थे। के दौरान टूर्नामेंट में, उन्होंने ईरान के खिलाफ पुर्तगाल के ग्रुप चरण के दूसरे मैच में पेनल्टी किक के साथ अपना पहला विश्व कप गोल किया। 21 साल और 132 दिन की उम्र में, रोनाल्डो विश्व कप फाइनल में पुर्तगाल के लिए सबसे कम उम्र के गोल करने वाले खिलाड़ी बन गए। नीदरलैंड के खिलाफ पुर्तगाल के कुख्यात गंदे राउंड ऑफ़ 16 मैच में रोनाल्डो को पहले हाफ में एक टैकल के बाद चोटिल होना पड़ा था। डच डिफेंडर खालिद बौलहरोज। पुर्तगाल की 1-0 की जीत के बाद, रोनाल्डो ने बोलाहरोज पर जानबूझकर y उसे घायल करने की कोशिश की, हालांकि वह अगले गेम में खेलने के लिए समय पर ठीक हो गया। इंग्लैंड के खिलाफ पुर्तगाल के क्वार्टर फाइनल में, रोनाल्डो के मैनचेस्टर यूनाइटेड टीम के साथी वेन रूनी को पुर्तगाल के डिफेंडर रिकार्डो कार्वाल्हो पर मुहर लगाने के लिए भेज दिया गया था। हालांकि रेफरी ने बाद में स्पष्ट किया कि लाल कार्ड केवल रूनी के उल्लंघन के कारण था, फीफा के तकनीकी अध्ययन समूह ने उनकी अनदेखी की टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ युवा खिलाड़ी का पुरस्कार और जर्मनी के लुकास पोडॉल्स्की को सौंप दिया, उनका हवाला देते हुए निर्णय में एक कारक के रूप में व्यवहार। 2006 के विश्व कप के बाद, रोनाल्डो ने यूरो 2008 के लिए चार क्वालीफाइंग खेलों में पुर्तगाल का प्रतिनिधित्व किया, इस प्रक्रिया में दो गोल किए।
2007–2012: कप्तानी मानकर
थंब|अपराइट|रोनाल्डो, जर्मनी के खिलाफ यूरो 2012 में खेलते हुए चित्रित, 2008 में पुर्तगाल के लिए कप्तान बनाया गया था।
22 साल के होने के एक दिन बाद, रोनाल्डो कप्तान पुर्तगाल पहली बार 6 फरवरी 2007 को ब्राजील के खिलाफ एक दोस्ताना खेल में, जैसा कि पुर्तगाली फुटबॉल फेडरेशन (FPF) के अध्यक्ष कार्लोस सिल्वा ने अनुरोध किया था, जिनका दो दिन पहले निधन हो गया था। यूरो 2008 से पहले, उन्हें पहली बार 7 नंबर की शर्ट दी गई थी। हालांकि उन्होंने योग्यता में आठ गोल किए,दूसरा सबसे बड़ा टैली, उन्होंने टूर्नामेंट में सिर्फ एक गोल किया, चेक गणराज्य के खिलाफ ग्रुप स्टेज मैच में अपनी 3-1 की जीत के दूसरे गोल को नेट किया। उसी खेल में, उन्होंने इंजरी टाइम में पुर्तगाल के लिए तीसरा गोल भी किया, जो क्वारेस्मा द्वारा बनाया गया था, और अपने प्रदर्शन के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया।<ref>< /रेफरी> फाइनल में पहुंचे जर्मनी के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में पुर्तगाल को 3-2 से हार का सामना करना पड़ा।<ref> </रेफरी>
यूरो 2008 में पुर्तगाल के असफल प्रदर्शन के बाद, लुइज़ फेलिप स्कोलारी को कोच के रूप में कार्लोस क्विरोज़ द्वारा प्रतिस्थापित किया गया था, जो पहले युनाइटेड में सहायक प्रबंधक थे।<ref></ref> क्विरोज़ ने जुलाई 2008 में रोनाल्डो को टीम का स्थायी कप्तान बनाया । date=20 मई 2008 |access-date=26 November 2022}}</ref> रोनाल्डो योग्यता [[2010 विश्व कप] के लिए एक भी गोल करने में विफल रहे ], क्योंकि पुर्तगाल समय से पहले एलिमिनेशन से बाल-बाल बचा था बोस्निया और हर्ज़ेगोविना पर प्ले-ऑफ जीत के साथ टूर्नामेंट से बाहर हो गए। विश्व कप के ग्रुप चरण में, उन्हें आइवरी कोस्ट, [[उत्तर कोरिया राष्ट्रीय फुटबॉल] के खिलाफ तीनों मैचों में मैन ऑफ द मैच चुना गया टीम|उत्तर कोरिया]] और ब्राज़ील। =पूर्णकालिक रिपोर्ट कोटे डी आइवर-पुर्तगाल |work=FIFA |date=15 जून 2010 |access-date=26 जून 2012|url-status=dead |archive-url=https://web.a rchive.org/web/20120513034839/http://www.fifa.com/worldcup/archive/southafrica2010/matches/round%3D249722/match%3D300061489/report.html |archive-date=13 मई 2012}}</ref > टूर्नामेंट में उनका एकमात्र गोल उत्तर कोरिया को 7-0 से हराया, जिसने 16 महीनों में उनका पहला अंतरराष्ट्रीय गोल किया।<refname="wsj"></ref> पुर्तगाल का विश्व कप राउंड ऑफ़ 16 में अंतिम चैंपियन स्पेन से 1-0 की हार के साथ समाप्त हुआ।
यूरो 2012 के लिए रोनाल्डो ने योग्यता में सात गोल किए, जिसमें प्ले-ऑफ में बोस्निया और हर्जेगोविना के खिलाफ दो स्ट्राइक शामिल हैं, जिससे पुर्तगाल को टूर्नामेंट में भेजा जा सके, जहां उन्हें एक " मौत का समूह". के खिलाफ आखिरी ग्रुप स्टेज गेम में नीदरलैंड्स में, रोनाल्डो ने दो बार स्कोर कर 2-1 से जीत हासिल की। उन्होंने चेक गणराज्य के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में हेडर से गोल दागकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। टीम को 1-0 से जीत मिली। नीदरलैंड और चेक गणराज्य के खिलाफ दोनों खेलों में उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया।<रेफरी></ref> स्पेन के खिलाफ सेमीफाइनल में स्कोररहित रहने के बाद, पेनल्टी शूट-आउट में पुर्तगाल बाहर हो गया। रोनाल्डो ने पेनल्टी नहीं ली क्योंकि उन्हें इसके लिए स्लेट किया गया था अप्रयुक्त पांचवां स्थान लें। रोनाल्डो के अपने साथी, नानी, ने कहा कि रोनाल्डो ने आखिरी पेनल्टी लेने की "मांग" की। तीन गोल के साथ संयुक्त शीर्ष स्कोरर के रूप में, पांच अन्य खिलाड़ियों के साथ, उन्हें फिर से टूर्नामेंट की टीम में शामिल किया गया।
2012–2016: सर्वकालिक पुर्तगाल शीर्ष स्कोरर और यूरोपीय चैंपियन
अंगूठा|बायां|260x260पीएक्स|रोनाल्डो लुका मोड्रीक से बचकर [[क्रोएशिया राष्ट्रीय] के खिलाफ एक दोस्ताना मैच के दौरान फुटबॉल टीम|क्रोएशिया 2013 में]]
योग्यता के दौरान 2014 विश्व कप के लिए, रोनाल्डो ने कुल आठ गोल किए। 17 अक्टूबर 2012 को एक क्वालीफाइंग मैच, उत्तरी आयरलैंड के खिलाफ 1-1 की बराबरी पर, उसे अपना 100वां कैप मिला।<रेफरी ></ref> उनकी पहली अंतर्राष्ट्रीय हैट-ट्रिक उत्तरी आयरलैंड के खिलाफ भी आई थी, जब उन्होंने 6 सितंबर 2013 को क्वालीफाइंग जीत के 15 मिनट के स्पेल में तीन बार स्कोर किया था। पुर्तगाल के नियमित अभियान के दौरान क्वालीफाई करने में विफल होने के बाद, रोनाल्डो ने स्वीडन] के खिलाफ प्ले-ऑफ में टीम के चारों गोल किए। ], रोनाल्डो और ज़्लाटन इब्राहिम के बीच लड़ाई के रूप में बिल किया गया ović, जिसने टूर्नामेंट में अपना स्थान सुनिश्चित किया।दूसरे चरण में उनकी हैट्रिक ने पौलेटा के रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए उनके अंतर्राष्ट्रीय गोलों की संख्या 47 तक पहुंचा दी। बाद में रोनाल्डो ने [[कैमरून नेशनल] पर 5-1 की दोस्ताना जीत में दो बार स्कोर किया फ़ुटबॉल टीम|कैमरून 5 मार्च 2014 को अपने देश की सर्वकालिक शीर्ष स्कोरर बन जाएगी।
रोनाल्डो ने पेटेलर टेंडिनिटिस और संबंधित जांघ की चोट से पीड़ित होने के बावजूद टूर्नामेंट में हिस्सा लिया, संभावित रूप से अपने करियर को जोखिम में डाल रहा है। रोनाल्डो ने बाद में टिप्पणी की: "अगर हमारे पास टीम में दो या तीन क्रिस्टियानो रोनाल्डो होते तो मैं अधिक सहज महसूस करता। लेकिन हम ऐसा नहीं करते।" उनकी फिटनेस पर चल रहे संदेह के बावजूद, अभ्यास छोड़ने के लिए मजबूर होना दो बार,जर्मनी के खिलाफ शुरुआती मैच में रोनाल्डो ने पूरे 90 मिनट खेले, हालांकि वह 4-0 की हार को रोकने में असमर्थ रहे। इंजरी-टाइम 2–2 इक्वलाइज़र की मदद करने के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका के खिलाफ, उसने देर से मैच जीतने वाला गोल किया 2-1 से जीत घाना। उनके 50वां अंतरराष्ट्रीय गोल ने उन्हें तीन विश्व कप में खेलने और स्कोर करने वाला पहला पुर्तगाली बना दिया। गोल अंतर पर ग्रुप स्टेज के अंत में पुर्तगाल को टूर्नामेंट से बाहर कर दिया गया था।
थंब|अपराइट| पुर्तगाल के यूरो 2016 क्वार्टर फाइनल मैच पोलैंड] के खिलाफ रोनाल्डो ने हवा में छलांग लगाई
रोनाल्डो ने योग्यता में यूरो 2016 के लिए आर्मेनिया के खिलाफ हैट्रिक सहित पांच गोल किए। 14 नवंबर 2014 को अर्मेनिया पर एक और जीत में एकमात्र गोल के साथ, वह यूईएफए यूरोपीय चैंपियनशिप में 23 गोल तक पहुंच गया, जिसमें प्रतियोगिता के सभी- टाइम लीडिंग गोलस्कोरर. टूर्नामेंट की शुरुआत में, रोनाल्डो आइसलैंड और ऑस्ट्रिया के खिलाफ पुर्तगाल के ड्रॉ में अपने अवसरों को बदलने में विफल रहे, बावजूद इसके कि उन्होंने 20 शॉट लिए लक्ष्य। बाद के मैच में, उन्होंने अपनी 128वीं अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति के साथ फिगो को पुर्तगाल के सबसे कैप्ड खिलाड़ी के रूप में पीछे छोड़ दिया, जो दूसरे हाफ में पेनल्टी से चूकने के बाद बिना स्कोर के समाप्त हो गया।<रेफ></ref>ग्रुप स्टेज के आखिरी मैच में दो गोल के साथ, हंगरी के खिलाफ 3-3 से ड्रा, रोनाल्डो चार यूरोपीय चैंपियनशिप में स्कोर करने वाले पहले खिलाड़ी बन गए, जिन्होंने [[UEFA यूरोपियन की सूची] चैम्पियनशिप रिकॉर्ड#व्यक्तिगत|रिकॉर्ड 17 प्रदर्शन]] टूर्नामेंट में। टू-स्कोर-इन-फोर-यूरोपियन-चैंपियनशिप |टाइटल=क्रिस्टियानो रोनाल्डो चार यूरोपीय चैंपियनशिप में स्कोर करने वाले पहले खिलाड़ी बने |publisher=espnfc.com |date=22 जून 2016 |एक्सेस-डेट=22 जून 2016 |archive-url=https https://web.archive.org/web/20160623165401/http://www.espnfc.com/european-championship/story/2893127/cristiano-ronaldo-becomes-first-to-score-in-four-european-championships |archive-date=23 जून 2016}}</ref> हालांकि हंगरी और आइसलैंड के बाद अपने समूह में तीसरे स्थान पर रही, प्रतियोगिता के नए विस्तारित प्रारूप के परिणामस्वरूप उनकी टीम ने नॉकआउट दौर के लिए क्वालीफाई किया, अपना कोई भी गेम न जीतने के बावजूद।
पुर्तगाल के पहले नॉकआउट मैच में, रोनाल्डो के गोल करने के एकमात्र प्रयास को क्रोएशिया के गोलकीपर डैनिजेल सुबासिक ने रिकार्डो क्वारेस्मा के रास्ते में रोक दिया था, जिसकी समाप्ति के बाद 1 –0 देर से अतिरिक्त समय में जीत। जब उनकी टीम पेनल्टी पर पोलैंड से आगे निकल गई, जिसमें रोनाल्डो ने पुर्तगाल की ओर से ओपनिंग पेनल्टी लगाई, उन्होंने वेल्स के खिलाफ 2-0 की जीत में सलामी बल्लेबाज का स्कोर बनाया, नौ गोल के साथ प्रतियोगिता के सर्वकालिक शीर्ष स्कोरर के रूप में मिशेल प्लाटिनी की बराबरी की।<रेफरी ></ref> फाइनल में मेजबान फ़्रांस के ख़िलाफ़, रोनाल्डो को दिमित्री पायेट की चुनौती के बाद केवल 25 मिनट के बाद मजबूर कर दिया गया था, कई उपचारों और खेलने के प्रयासों के बावजूद, उन्हें पिच से स्ट्रेचर पर लेटा दिया गया और उनकी जगह ले ली गई क्वारेस्मा। अतिरिक्त समय के दौरान, स्थानापन्न एडर ने 109वें मिनट में गोल कर पुर्तगाल को 1-0 से जीत दिलाई।टीम के कप्तान के रूप में, रोनाल्डो ने एक बड़े टूर्नामेंट में अपने देश की पहली जीत के जश्न में ट्रॉफी उठाई। उन्हें सिल्वर बूट संयुक्त रूप से दूसरे सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी के रूप में सम्मानित किया गया, जिसमें तीन गोल और तीन सहायता थी, और उन्हें अपने करियर में तीसरी बार टूर्नामेंट की टीम में नामित किया गया था।<रेफरी नाम="2016टीम"></ref <ref name="GoldenBoot"> </रेफरी>
2016–2018: यूरोपीय चैम्पियनशिप के बाद की जीत और विश्व कप
यूरो 2016 की सफलता के बाद, रोनाल्डो ने अपना पहला पेशेवर मैच 28 मार्च 2017 को 32 साल की उम्र में अपने घरेलू द्वीप मदीरा में खेला, जिसमें एस्टाडियो डॉस बैरेइरोस में स्वीडन के खिलाफ 2-3 की दोस्ताना हार हुई। गोल के साथ, वह 71 गोलों पर मिरोस्लाव क्लोज़ के साथ अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में तीसरे सबसे बड़े स्कोरिंग यूरोपीय खिलाड़ी के रूप में बराबरी पर रहा।
17 जून को मेक्सिको के खिलाफ 2017 फीफा कन्फेडरेशन कप के पुर्तगाल के उद्घाटन मैच में, रोनाल्डो ने क्वारेस्मा के शुरुआती गोल को 2-2 से बराबरी पर ला दिया। तीन दिन बाद, उन्होंने मेजबान [[पर 1-0 से जीत दर्ज की] रूस की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम|रूस]]। =क्रिस्टियानो रोनाल्डो हेडर से पुर्तगाल कन्फेडरेशन कप रूस पर जीता |work=The Guardian |date=21 जून 2017 |एक्सेस- दिनांक=24 जून 2017 |संग्रह-यूआरएल=https://web.archive.org/web/20180616080444/https://www.theguardian.com/football/2017/jun/21/portugal-russia-confederations-cup- cristiano-ronaldo |archive-date=16 जून 2018}}</ref> 24 जून को, उन्होंने न्यूज़ीलैंड पर 4-0 की जीत में पेनल्टी से गोल किया, जिसमें पुर्तगाल शीर्ष पर रहा उनका समूह और प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में आगे बढ़ना; अपने 75वें अंतरराष्ट्रीय गोल के साथ, रोनाल्डो ने सैंडोर कॉक्सिस की भी बराबरी की, जो अब तक के दूसरे सबसे बड़े यूरोपीय अंतरराष्ट्रीय गोलस्कोरर हैं, केवल फेरेंक पुस्कस से पीछे।<ref></ रेफरी><रेफ></ref>पुर्तगाल के ग्रुप स्टेज के तीनों मैचों में उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया। html |शीर्षक = फीफा कन्फेडरेशन कप रूस 2017 - पुरस्कार - मैन ऑफ द मैच |work=FIFA |access-date=26 जून 2017|archive-url=https://web.archive.org/web/20170621031639/http:/ /www.fifa.com/confederationscup/awards/man-of-the-match/index.html|archive-date=21 जून 2017}}</ref> रोनाल्डो ने प्रतियोगिता जल्दी छोड़ दी; चिली ने सेमीफाइनल में पेनल्टी पर पुर्तगाल को 3-0 से हराया, उसके बाद उसे अपने नवजात बच्चों के साथ रहने के लिए घर लौटने की अनुमति दी गई, <रेफरी> </ref> और पुर्तगाल के third-place play-off मैच से चूक गए जिसमें अतिरिक्त समय के बाद पुर्तगाल ने मैक्सिको को 2-1 से हराया।
थंब|230x230पीएक्स|रोनाल्डो ईरान के 2018 विश्व कप के ग्रुप चरण में डिफेंडर से बच गए ]
31 अगस्त 2017 को, रोनाल्डो ने फ़रो आइलैंड्स पर एक 2018 विश्व कप क्वालीफाइंग मैच में 5-1 से जीत में हैट्रिक बनाई, जिसमें उन्होंने पेले को पीछे छोड़ दिया और बराबरी कर ली हुसैन सईद 78 गोल के साथ अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में संयुक्त पांचवें सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी के रूप में। -cristiano-ronaldo-on-sur-1/637898 |title=Pele ने क्रिस्टियानो रोनाल्डो को उनके लक्ष्यों के रिकॉर्ड को पार करने पर बधाई दी |work=BeIN Sports |date=1 सितंबर 2017 |access-date=2 सितंबर 2017 |archive-url=https: //web.archive.org/web/20170903031511/http://www.beinsports.com/en/football/news/pele-congratulates-cristiano-ronaldo-on-sur-1/637898 |archive-date=3 सितंबर 2017}}</ref> इन लक्ष्यों ने विश्व कप क्वालीफायर में उनकी संख्या को 14 तक पहुंचा दिया, एक एकल यूईएफए क्वालीफाइंग अभियान में सर्वाधिक गोल करने के प्रेड्रैग मिजाटोविक के रिकॉर्ड की बराबरी की, और उन्हें सबसे अधिक गोल करने के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए भी देखा यूरोपीय क्वालीफाइंग ग्रो में गोल किए ऊपर, डेविड हीली और रॉबर्ट लेवांडोव्स्की द्वारा निर्धारित 13 लक्ष्यों के पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। रोनाल्डो की हैट-ट्रिक ने उनके विश्व कप क्वालीफाइंग लक्ष्यों को कुल 29 तक पहुँचाया, जिससे वह यूईएफए क्वालिफायर में सर्वोच्च स्कोरर बन गए, एंड्री शेवचेंको से आगे, और विश्व कप क्वालीफाइंग और फाइनल मैचों में सर्वोच्च गोल स्कोरर, 32 गोलों के साथ संयुक्त रूप से, आगे मिरोस्लाव क्लोज। =Paul |last1=Saffer |date=1 सितंबर 2017 |एक्सेस-डेट=2 सितंबर 2017 |archive-url=https://web.archive.org/web/20170903173620/http://www.uefa.com/european -योग्यताएं/समाचार/newsid=2497563.html |संग्रह-तारीख=3 सितंबर 2017}}</ref>रोनाल्डो ने बाद में अंडोरा के खिलाफ 2-0 की जीत में गोल करके इस तालिका में और इजाफा किया।
15 जून 2018 को, रोनाल्डो एक फीफा विश्व कप मैच में हैट्रिक स्कोर करने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बन गए, जिससे पुर्तगाल ने स्पेन के खिलाफ 3–3 से ड्रॉ हासिल करने में मदद की। (उनका तीसरा गोल 30-यार्ड कर्लिंग फ्री किक दो मिनट शेष रहते हुए) अपने शुरुआती मैच में। ऐसा करने पर, वह चार विश्व कप में गोल करने वाले पहले पुर्तगाली खिलाड़ी बने और ऐसा करने वाले किसी भी राष्ट्रीयता के चार खिलाड़ियों में से एक। 20 जून को, रोनाल्डो ने मोरक्को के खिलाफ 1-0 की जीत में एकमात्र गोल किया, पुस्कस के रिकॉर्ड को तोड़ दिया 85 अंतरराष्ट्रीय गोल के साथ सर्वकालिक उच्चतम यूरोपीय गोलस्कोरर। ईरान] के खिलाफ अंतिम ग्रुप मैच में 25 जून को, रोनाल्डो अंततः 1-1 से ड्रा में पेनल्टी से चूक गए, जिससे पुर्तगाल स्पेन के पीछे समूह उपविजेता के रूप में दूसरे दौर में पहुंच गया।30 जून को, अंतिम 16 में उरुग्वे से 2-1 की हार के बाद पुर्तगाल का सफाया हो गया। वह पाँच यूरो में स्कोर करने वाले पहले खिलाड़ी भी बने, और लगातार ग्यारह टूर्नामेंट में। ब्रेस ने रोनाल्डो को प्रतियोगिता में एक मैच में दो गोल करने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बना दिया,और किसी बड़े टूर्नामेंट में पुर्तगाल के लिए गोल करने वाले सबसे उम्रदराज़ खिलाड़ी। 23 जून को, उसने अपने अंतिम ग्रुप स्टेज मैच में फ्रांस के साथ पुर्तगाल के 2-2 ड्रॉ में दो पेनाल्टी स्कोर किए, जिससे डेई के 109 अंतरराष्ट्रीय गोल के रिकॉर्ड की बराबरी हुई।<रेफरी ></ रेफरी> 27 जून को, पुर्तगाल को बेल्जियम के खिलाफ 16 के राउंड में 1-0 की हार के बाद बाहर कर दिया गया था। रोनाल्डो टूर्नामेंट को पांच गोल के साथ समाप्त किया (चेक पैट्रिक शिक के साथ बराबरी पर ) और एक सहायता, उसे गोल्डन बूट अर्जित किया।
थंब|अपराइट|रोनाल्डो 2022 विश्व कप में उरुग्वे के खिलाफ एक ग्रुप स्टेज गेम के दौरान
1 सितंबर को, रोनाल्डो ने [[2022] में आयरलैंड गणराज्य के खिलाफ 2-1 की घरेलू जीत में पूर्णकालिक सीटी बजने से पहले अपने दूसरे आने वाले सेकंड के साथ दो प्रमुख गोल किए। फीफा विश्व कप योग्यता (यूईएफए) | विश्व कप क्वालीफायर]] एस्टाडियो एल्गरवे में, जिसने उन्हें अपने 110वें और 111वें अंतरराष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ पुरुषों के अंतरराष्ट्रीय स्कोरिंग रिकॉर्ड को तोड़कर अली डेई को पीछे छोड़ते हुए एकमात्र रिकॉर्ड धारक बनने के लिए देखा।< रेफरी></ref> 9 अक्टूबर को, उन्होंने कतर] पर 3-0 की दोस्ताना जीत में शुरुआती गोल किया ] एस्टाडियो एल्गरवे में; अपनी 181वीं अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति के साथ, उन्होंने सर्जियो रामोस के एक यूरोपीय खिलाड़ी द्वारा प्राप्त सबसे अधिक अंतरराष्ट्रीय कैप का रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया। 12 अक्टूबर को लक्समबर्ग के खिलाफ निम्नलिखित मैच में, एस्टाडियो अल्गार्वे में भी खेले, रोनाल्डो ने पुर्तगाल के लिए 5-0 की जीत में हैट्रिक बनाई, और पुरुषों के अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में 10 हैट्रिक बनाने वाले पहले खिलाड़ी बने।
रोनाल्डो को कतर में 2022 फीफा विश्व कप के लिए पुर्तगाल की टीम में शामिल किया गया, जिससे यह उनका पांचवां विश्व कप बन गया। 24 नवंबर को, पुर्तगाल के घाना के खिलाफ उद्घाटन मैच में, रोनाल्डो ने पेनल्टी किक मारी और पांच अलग-अलग विश्व कप में स्कोर करने वाले पहले पुरुष खिलाड़ी बन गए। दक्षिण] के खिलाफ आखिरी ग्रुप गेम में कोरिया, स्थानापन्न किए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया के लिए रोनाल्डो को अपने ही कोच से आलोचना का सामना करना पड़ा। cup/2022/12/05/cristiano-ronaldo-slapped-portugal-coach-unacceptable-reaction/ |title=क्रिस्टियानो रोनाल्डो को अस्वीकार्य प्रतिक्रिया के लिए पुर्तगाल के कोच द्वारा थप्पड़ मारा गया |date=5 दिसंबर 2022 |access-date=7 दिसंबर 2022 | work=The Telegraph}}</ref> उसे वहां से हटा दिया गया मैं स्विट्जरलैंड के खिलाफ पुर्तगाल के अंतिम 16 मैच के लिए शुरुआती लाइन-अप हूं, यूरो 2008 के बाद पहली बार चिह्नित करते हुए कि उसने एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में पुर्तगाल के लिए खेल शुरू नहीं किया था,< संदर्भ></रेफ> और पहली बार पुर्तगाल ने शुरुआती लाइन में रोनाल्डो के बिना नॉकआउट खेल शुरू किया था - Euro 2000 के बाद से एक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में। 06/cristiano-ronaldo-portugal-team-news/ |title=क्रिस्टियानो रोनाल्डो स्विट्जरलैंड के साथ पुर्तगाल के विश्व कप मुकाबले से बाहर हो गए |date=6 दिसंबर 2022 |access-date=6 दिसंबर 2022 |work=The पुष्ट}} </ रेफ> वह देर से बेंच से बाहर आया पुर्तगाल ने 6-1 से जीत हासिल की, जो 1966 विश्व कप के बाद से किसी भी विश्व कप नॉकआउट खेल में सबसे अधिक है, जिसमें रोनाल्डो की जगह गोंकालो रामोस ने हैट्रिक बनाई।<रेफ></ref> पुर्तगाल ने क्वार्टर में यही रणनीति अपनाई- मोरक्को के खिलाफ फाइनल, रोनाल्डो के एक बार फिर बेंच से बाहर आने के साथ; इस प्रक्रिया में, उन्होंने बदर अल-मुतावा के अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति रिकॉर्ड की बराबरी की, जो 196 कैप के साथ संयुक्त-सबसे अधिक कैप्ड पुरुष फुटबॉलर बन गया। पुर्तगाल 1-0 से हार गया, मोरक्को विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंचने वाला पहला सीएएफ देश बन गया। -0 पुर्तगाल: वर्ल्ड कप 2022 क्वार्टर फाइनल - जैसा हुआ |url=https://www.theguardian.com/football/live/2022/dec/10/morocco-portugal-world-cup-2022-quar-final -लाइव |एक्सेस-डेट=11 दिसंबर 2022 |वेबसाइट=द गार्जियन}}</ref>
प्लेयर प्रोफाइल
खेलने की शैली
एक बहुमुखी हमलावर, रोनाल्डो किसी भी विंग के साथ-साथ पिच के केंद्र के माध्यम से खेलने में सक्षम है, और भले ही दाहिने पैर वाला, दोनों पैरों से बहुत मजबूत है।< रेफरी></ref> सामरिक रूप से, रोनाल्डो ने अपने पूरे करियर में कई विकास किए हैं। स्पोर्टिंग में और मैनचेस्टर युनाइटेड में अपने पहले सीज़न के दौरान, उन्हें आम तौर पर मिडफ़ील्ड के दाईं ओर एक पारंपरिक विंगर के रूप में तैनात किया गया था, जहां वह नियमित रूप से क्रॉस] देने की कोशिश करते थे। ] दंड क्षेत्र में। इस स्थिति में, वह आमने-सामने की स्थितियों में विरोधियों का सामना करने के लिए अपनी गति और त्वरण, चपलता और तकनीकी कौशल का उपयोग करने में सक्षम थे। रोनाल्डो अपने ड्रिबलिंग और स्वभाव के लिए विख्यात हो गए, अक्सर ट्रिक्स और फिंक्स की एक श्रृंखला प्रदर्शित करते हुए,<रेफ नाम= "बोल्ट"></ref><रेफरी></ref> जैसे कि [[चरण] overs और तथाकथित 'चॉप्स' जो उनका ट्रेडमार्क बन गया; उन्हें फ्लिप-फ्लैप का इस्तेमाल करने के लिए भी जाना जाता है।
थंब|बाएं|250x250पीएक्स|रोनाल्डो अल्मेरिया के खिलाफ 2010–11 ला लीगा खेल के दौरान अपनी छाती पर गेंद को नियंत्रित करते हुए। अपने चरम पर, वह अपनी असाधारण गति और पुष्टता के लिए जाने जाते थे। 1680966/real-madrids-cristiano-ronaldo-the-fastest-in-football |title=रियल मैड्रिड के क्रिस्टियानो रोनाल्डो: द फास्टेस्ट इन फुटबॉल - जर्मन स्टडी |work=Goal|access-date=14 जून 2019}}</ref>
जैसे-जैसे रोनाल्डो परिपक्व होते गए, उन्होंने एक बड़ा शारीरिक परिवर्तन किया, एक मांसल शरीर का प्रकार विकसित किया जिसने उन्हें दबाव में गेंद पर कब्जा बनाए रखने की अनुमति दी, और मजबूत पैर जो एक उत्कृष्ट कूदने की क्षमता को सक्षम करते थे। उनकी ताकत और कूदने की क्षमता, उनकी ऊंचाई, शीर्ष सटीकता और , उसे हवाई युगल जीतने में बढ़त दें। ये विशेषताएँ उसे एक लक्ष्य-पुरुष के रूप में कार्य करने की अनुमति देती हैं और उसे पेनल्टी क्षेत्र में एक हवाई लक्ष्य का खतरा बना देती हैं; नतीजतन, उनके कई गोल हेडर रहे हैं। -खिलाड़ी/ |शीर्षक=रोनाल्डो बनाम। मेस्सी: दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के रूप में रोनाल्डो के लिए मामला |publisher=Sportsnet |first1=जॉन |last1=Molinaro |access-date=26 जून 2018 |archive-url=https://web.archive.org/web/20180627033937/https ://www.sportsnet.ca/soccer/ronaldo-vs-messi-case-ronaldo-worlds-greatest-player/ |archive-date=27 जून 2018}}</ref><ref> </ रेफ> उनकी बढ़ी हुई सहनशक्ति और कार्य-दर के साथ, उनकी गोल करने की क्षमता में बाएं विंग पर काफी सुधार हुआ, जहां उन्हें हमलों को खत्म करने के लिए केंद्र में जाने की स्थितिगत स्वतंत्रता दी गई। उन्होंने अपनी टीम के लिए एक रचनात्मक भूमिका भी तेजी से निभाई है, अक्सर गेंद को लेने के लिए गहराई तक जाते हैं, नाटकों के निर्माण में भाग लेते हैं और अपने टीम के साथियों के लिए अवसर पैदा करते हैं, उनकी दृष्टि और पार करने की क्षमता के सौजन्य से।
युनाइटेड में अपने अंतिम सीज़न में, रोनाल्डो ने एक स्ट्राइकर और फ़ॉरवर्ड का समर्थन करने वाले दोनों के रूप में कार्य करते हुए, अधिक आक्रामक और केंद्रीय भूमिका निभाई , या कभी-कभी अटैकिंग मिडफील्डर के रूप में भी। एक सटीक और शक्तिशाली शॉट, उनकी हड़ताली क्षमता के सौजन्य से। रोनाल्डो के शानदार गोलस्कोरिंग पर, उनके युनाइटेड टीम के साथी और क्लब कप्तान रॉय कीन ने कहा, "आप उनके बारे में और क्या कह सकते हैं? वह एक जीनियस!"। /cristiano-ronaldo-a-genius-after-stunning-hat-trick-against-tottenham-says-roy-keane |archive-url=https://archive.today/20220313081747/ https://www.skysports.com/football/news/11667/12564722/cristiano-ronaldo-a-genius-after-stunning-hat-trick-against-tottenham-says-roy-keane |date=12 मार्च 2022 | आर्काइव-डेट=13 मार्च 2022 |वर्क=स्काई स्पोर्ट्स |लोकेशन=यूनाइटेड किंगडम |एक्सेस-डेट=13 मार्च 2022 |url-status=live}}</ref> एक सटीक पेनल्टी किक लेने वाला,<ref></ रेफरी> वह एक सेट पीस विशेषज्ञ भी बन गया, जो अपने शक्तिशाली, झुकने फ्री किक्स के लिए प्रसिद्ध है।<ref></ref>फ्री किक लेते समय, रोनाल्डो नकलबॉल तकनीक का उपयोग करने के लिए जाने जाते हैं, जिसे जुनिन्हो पेरनामबुकानो द्वारा विकसित किया गया था। वह गेंद को मारने से पहले एक ट्रेडमार्क रुख भी अपनाता है, जिसमें उसे अपने पैरों को दूर खड़ा करना शामिल है। रोनाल्डो की फ्री किक लेने की अनूठी शैली के बारे में, मैनचेस्टर यूनाइटेड के पूर्व सहायक प्रबंधक माइक फेलन ने टिप्पणी की: "लोग गेंद को नीचे रखते थे, दूर चलो, दौड़ो और इसे मारो। वह एक अधिक गतिशील शोमैनशिप लेकर आए। वह गेंद को नीचे रखता है, एकाग्रता का स्तर ऊंचा होता है, वह अपने निश्चित कदम पीछे ले जाता है ताकि उसका खड़ा पैर गेंद को अच्छी जगह पर हिट करने के लिए सही जगह पर हो। वह परम शोमैन हैं। जरा सा अहंकार है। जब वह उन शॉर्ट्स को ऊपर खींचता है और अपनी जांघों को दिखाता है, तो वह कह रहा होता है 'सभी की निगाहें मुझ पर हैं' और यह अंदर जा रहा है। वह इसके मार्केटिंग पक्ष को समझता है। जिस तरह से वह अकड़कर उसे रखता है; दुनिया उसे देख रही है। -free-kick-stance/ |title=मैनचेस्टर यूनाइटेड के पूर्व कोच ने खुलासा किया कि क्रिस्टियानो रोनाल्डो अपने आइकॉनिक स्टाइल में फ्री-किक क्यों लेते हैं |publisher=Fox Sports Asia |first=Sarthak |last=Sharma |date=4 November 2018 |access-date =13 दिसंबर 2018 |आर्काइव-यूआरएल=https://web.archive.org/web/20181215225822/https://www.foxsportsasia.com/football/serie-a/967412/former-manchester-united-coach-reveals -cristiano-ronaldo-iconic-free-kick-stance/ |archive-date=15 दिसंबर 2018}}</ref>
थंब|250x250पीएक्स|रोनाल्डो ने अपने तीसवां दशक में प्रवेश किया, उन्होंने ड्रिबल कम करना शुरू किया।
रियल मैड्रिड में, रोनाल्डो ने अधिक आक्रामक भूमिका निभाना जारी रखा, जबकि उनके रचनात्मक और रक्षात्मक कर्तव्य अधिक सीमित हो गए, हालांकि पूरी तरह से कम नहीं हुए। -फॉरवर्ड|सेंटर फॉरवर्ड प्रबंधकों मैनुअल पेलेग्रिनी और जोस मोरिन्हो द्वारा, उन्हें बाद में वामपंथी दल में वापस ले जाया गया, हालांकि एक मुक्त सामरिक भूमिका में; इस स्थिति ने उसे क्रॉस और स्कोर के अंत तक पहुंचने के लिए केंद्र में बहाव करने की अनुमति दी, या गेंद से अपने आंदोलन के साथ रक्षकों को बाहर निकालने और टीम के साथियों के शोषण के लिए जगह छोड़ दी। मैड्रिड की जवाबी आक्रमण शैली ने भी उसे एक अधिक कुशल और सुसंगत खिलाड़ी बनने की अनुमति दी, जैसा कि उसके रिकॉर्ड-ब्रेकिंग गोलस्कोरिंग से पता चलता है कारनामे। जहां उन्होंने मुख्य रूप से अपने विपुल गोलस्कोरिंग के लिए मीडिया में प्रशंसा प्राप्त की, वहीं रोनाल्डो ने इस भूमिका में एक प्रभावी निर्माता के रूप में अपनी क्षमता का भी प्रदर्शन किया। मेड्रिड्स-क्रिस्टियानो-रोनाल्डो-द-मोस्ट-अंडररेटेड-मैन-इन-फुटबॉल |टाइटल=रियल मैड्रिड के क्रिस्टियानो रोनाल्डो: द मोस्ट अंडररेटेड मैन इन फुटबॉल? |work=Bleacher Report |access-date=8 अप्रैल 2018|archive-url=https://web.archive.org/web/20180409043039/http://bleacherreport.com/articles/978123-real-madrids-cristiano- ronaldo-the-most-underrated-man-in-football|archive-date=9 अप्रैल 2018}}</ref> इस अनूठी भूमिका को पंडितों ने "झूठे" के रूप में वर्णित किया है , "अटैकिंग", या "गोलस्कोरिंग विंगर", क्योंकि रोनाल्डो प्रभावी रूप से एक स्ट्राइकर के रूप में प्रभावी रूप से कार्य करते थे, जबकि पेनल्टी क्षेत्र में उनका केंद्रीय रन वास्तव में बायीं ओर खेलने के बावजूद था। 2013 से आगे, अंडर मैनेजर कार्लो एंसेलोटी , उन्होंने अपनी शैली को उम्र बढ़ने के भौतिक प्रभावों के लिए प्रभावी रूप से कम ऑफ-द-बॉल मूवमेंट और सामान्य भागीदारी के साथ अनुकूलित किया, कम ड्रिबल को पूरा किया और प्रति गेम पास किया, और इसके बजाय कम दूरी बनाने और गोल करने पर ध्यान केंद्रित किया। <रेफ नाम = "केंद्रीय रूप से "></ref> 2017 के बाद से, रोनाल्डो ने अपनी खेल शैली को फिर से अनुकूलित किया ताकि वह अधिक स्वतंत्र हो सकें- मैनेजर जिनेदिन जिदान के तहत रोमिंग सेंटर फॉरवर्ड, एक ऐसी भूमिका जिसमें उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन करना जारी रखा और शानदार गोलस्कोरिंग रिकॉर्ड बनाए रखा; इस स्थिति में, उन्होंने गेंद के अंदर और बाहर दोनों जगह अपनी चतुर चाल, स्थितीय समझ, लिंक-अप प्ले और फिनिशिंग के साथ-साथ अपने मार्करों को खोने या अनुमान लगाने, बॉक्स में जगह खोजने और स्कोर करने की क्षमता के लिए मीडिया में प्रशंसा अर्जित की। कुछ स्पर्शों या अवसरों से। can-also-be-their |title=क्यों क्रिस्टियानो रोनाल्डो इस सीजन में रियल मैड्रिड की प्रमुख समस्या रहे हैं... लेकिन वे उनका समाधान भी हो सकते हैं |first1=थोर |last1=हौगस्टैड |publisher=FourFourTwo |date=13 फरवरी 2018 | एक्सेस-डेट=26 जून 2018 |आर्काइव-यूआरएल=https://web.archive.org/web/20180627005805/https://www.fourfourtwo.com/features/why-cristiano-ronaldo-has-been-real- मेड्रिड्स-मेजर-प्रॉब्लम-सीजन-हे-कैन-भी-बी-देयर |आर्काइव-डेट=27 जून 2018}}</ref><ref></ref <रेफरी></ref>
जुवेंटस में अपने पहले सीज़न में, रोनाल्डो ने प्रबंधक मैसिमिलियानो एलेग्री के तहत विभिन्न आक्रमणकारी भूमिकाओं में खेलना जारी रखा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि वह किसके साथ भागीदारी कर रहा था। जबकि उन्होंने रियल मैड्रिड में अपने अंतिम वर्षों में एक तेजी से आक्रामक भूमिका पर कब्जा कर लिया था, कई बार उन्होंने जुवेंटस में एक स्वतंत्र भूमिका में काम किया, या तो एक अकेले स्ट्राइकर के रूप में या बाएं पंख पर अपनी ट्रेडमार्क भूमिका में, 4-2-3- में 1 या 4–3–3 का गठन, जिसमें वह अक्सर मारियो मांडज़ुकीक के साथ स्थिति बदलते थे। इस भूमिका में, उन्हें गेंद को प्राप्त करने और नाटकों के निर्माण में अधिक शामिल होने के लिए दाहिने फ्लैंक पर गहरा या बाहर चौड़ा छोड़ने का लाइसेंस भी दिया गया था; जैसे, खुद गोल करने के अलावा, उन्होंने विरोधियों को लेना शुरू किया और रियल मैड्रिड के साथ अपने अंतिम सीज़न की तुलना में अधिक आवृत्ति वाले अन्य खिलाड़ियों के लिए मौके बनाए। गेंद के बाहर, वह अपने आंदोलन के साथ टीम के साथियों के लिए जगह बनाने और बॉक्स में रनों पर हमला करने, या अपने साथियों के क्रॉस के अंत में अपने सिर या पैरों से मौके को खत्म करने में भी सक्षम था। इस अवसर पर उन्होंने 4–3– में मांडज़ुकिक के साथ एक आक्रामक साझेदारी में भी खेला। 1-2, 4-4-2, या 3-5-2 गठन। post/3606914/cristiano-ronaldo-conundrum-how-should-max-allegri-use-juventus-star |title=क्रिस्टियानो रोनाल्डो पहेली: मैक्स एलेग्री को जुवेंटस के स्टार का उपयोग कैसे करना चाहिए? |publisher=ESPN FC |first1=Gabriele |last1=Marcotti |date=22 अगस्त 2018 |access-date=30 अप्रैल 2019}}</ref> फ़ोर्ब्स ने दो बार रोनाल्डो को दुनिया के सबसे अधिक भुगतान पाने वाले फ़ुटबॉल खिलाड़ियों की सूची में पहले स्थान पर रखा; वेतन, बोनस और विज्ञापन से उनकी संयुक्त आय 2013-14 में $73 मिलियन और 2014-15 में $79 मिलियन थी।<ref></ रेफरी> बाद की कमाई ने उन्हें पत्रिका की दुनिया के सबसे अधिक-भुगतान वाले एथलीटों की सूची में केवल मेवेदर के पीछे सूचीबद्ध किया। com/athletes/ |work=Forbes |access-date=14 जनवरी 2015 |archive-url=https://web.archive.org/web/20150118041725/http://www.forbes.com/athletes/ |archive- दिनांक=18 जनवरी 2015}}</ref> 2016 में, वह सबसे अधिक कमाई करने वाले एथलीटों की फोर्ब्स सूची में शीर्ष पर पहुंचने वाले पहले फुटबॉलर बने, 2015 में अपने वेतन और विज्ञापन से कुल $88 मिलियन की आय के साथ -16।<रेफरी></ref> वह 2016-17 में $93 मिलियन डॉलर की कमाई के साथ लगातार दूसरे वर्ष सूची में शीर्ष पर रहे। वह अपने करियर में $1 बिलियन कमाने वाले पहले फुटबॉलर और केवल तीसरे खिलाड़ी हैं। रोनाल्डो दुनिया के सबसे मार्केटेबल खिलाड़ियों में से एक हैं: SportsPro ने उन्हें 2012 में पांचवां सबसे अधिक बिकने वाला एथलीट का दर्जा दिया<ref name="SportsPro 2012"></ रेफरी> और 2013 में आठवां सबसे अधिक बिकने वाला एथलीट, ब्राजील के फुटबॉलर नेमार के साथ दोनों सूचियों में शीर्ष पर। स्पोर्ट्स मार्केट रिसर्च कंपनी रिपुकॉम ने मई 2014 में रोनाल्डो को दुनिया में सबसे अधिक बिक्री योग्य और सबसे अधिक मान्यता प्राप्त फुटबॉल खिलाड़ी का नाम दिया। रिलीज) |तारीख=28 मई 2014 |url=http://repucom.net/wp-content/uploads/Top-10-Most-Marketable-Football-Players.pdf |format=PDF |access-date=22 अगस्त 2015 |संग्रह-url=https://web.archive.org/web/20160304064853/http://repucom.net/wp-content/uploads/Top-10-Most-Marketable-Football-Players.pdf |archive-date =4 मार्च 2016}}</ref> 2014 टाइम 100, Timeदुनिया के सबसे प्रभावशाली लोगों की वार्षिक सूची। ESPN ने रोनाल्डो को दुनिया में सबसे ज्यादा नाम दिया 2016, 2017, 2018 और 2019 में प्रसिद्ध एथलीट।
thumb|बाएं|267x267px|मेडीरा में रोनाल्डो की मूर्ति, उस मुद्रा से मिलती जुलती है जो वह फ्री किक लेने से पहले करता है।
रोनाल्डो ने एक मजबूत ऑनलाइन उपस्थिति स्थापित की है। सोशल मीडिया पर सबसे लोकप्रिय खिलाड़ी, उन्होंने फरवरी 2021 तक फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर कुल 500 मिलियन से अधिक फॉलोअर्स की गिनती की, जिससे वह आधे बिलियन फॉलोअर्स को पार करने वाले पहले व्यक्ति बन गए। सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले व्यक्ति फेसबुक पर (148 मिलियन), इंस्टाग्राम पर सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले (310 मिलियन) और [[सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले ट्विटर अकाउंट्स की सूची|सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले खिलाड़ी] ] ट्विटर पर (92 मिलियन), उनके प्रायोजकों ने जून 2016 से जून 2017 के बीच उनके खातों में $936 मीडिया मूल्य अर्जित किया। रोनाल्डो ने दो मोबाइल ऐप जारी किए हैं। दिसंबर 2011 में, उन्होंने डेवलपर रॉकलाइव द्वारा निर्मित हेड्स अप विद क्रिस्टियानो नामक एक iPhone गेम लॉन्च किया,और दिसंबर 2013 में, उन्होंने वीवा रोनाल्डो लॉन्च किया, जो एक समर्पित सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट और ऐप है। कंप्यूटर सुरक्षा कंपनी McAfee ने 2012 की एक रिपोर्ट तैयार की, जिसमें फुटबॉलरों के नाम की इंटरनेट खोज की संभावना के आधार पर एक असुरक्षित वेबसाइट पर जाने की संभावना है, जिसमें रोनाल्डो का नाम पहले सूची में है।<रेफरी ></ref>
रोनाल्डो कई कार्यों का विषय रहा है। 'मोमेंट्स' शीर्षक से उनकी आत्मकथा दिसंबर 2007 में प्रकाशित हुई थी। html |संग्रह-url=https://web.archive.org/web/20090523102037/http://www.chapters.indigo.ca/books/Moments-Cristiano-Ronaldo/9780230706699-item.html |url-status= डेड |आर्काइव-डेट=23 मई 2009 |टाइटल=मोमेंट्स |डेट=27 मार्च 2009 |वर्क=चैप्टर}</रेफ> उनके प्रायोजक कैस्ट्रॉल ने टेलीविजन फिल्म रोनाल्डो: टेस्टेड टू द लिमिट का निर्माण किया, जिसमें उन्होंने कई क्षेत्रों में शारीरिक और मानसिक रूप से परीक्षण किया गया था; परिणामस्वरूप सितंबर 2011 में फिल्म की रिलीज पर विश्व मीडिया द्वारा उनके शारीरिक प्रदर्शन की जांच की गई। बेनेडिक्ट कंबरबैच, जून 2014 में वीमियो के माध्यम से जारी किया गया था। //www.bbcamerica.com/anglophenia/2014/06/watch-benedict-cumberbatch-narrates-cristiano-ronaldo-documentary/ |work=BBC America |date=June 2014 |access-date=10 मई 2015 |archive-url =https://web.archive.org/web/20150510113440/http://www.bbcamerica.com/anglophenia/2014/06/watch-benedict-cumberbatch-narrates-cristiano-ronaldo-documentary/ |archive-date= 10 मई 2015}}</ref> उनके जीवन और करियर के बारे में एंथनी वोनके द्वारा निर्देशित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म, जिसका शीर्षक रोनाल्डो है, 9 नवंबर 2015 को रिलीज हुई थी।< रेफरी>r-cristiano-ronaldo-awarded-with-guinness-world-records-certificates-at-405247 "फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो को लंदन फिल्म प्रीमियर में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया", । गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स। 10 नवंबर 2015 को पुनःप्राप्त।</ref>
thumb|पुर्तगाली प्रधान मंत्री एंटोनियो कोस्टा भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को जनवरी 2017 में एक हस्ताक्षरित रोनाल्डो शर्ट भेंट करते हैं
एक प्रतिकृति रोनाल्डो शर्ट की मांग उनके पूरे करियर में बहुत अधिक रही है। 2008 में, रोनाल्डो की नंबर 7 मैनचेस्टर यूनाइटेड शर्ट सबसे अधिक बिकने वाली प्रीमियर लीग खेल उत्पाद थी। 2015 में, मेसी की 10 नंबर की बार्सिलोना शर्ट के बाद रोनाल्डो की नंबर 7 रियल मैड्रिड शर्ट दुनिया भर में दूसरी सबसे अधिक बिकने वाली शर्ट थी। 2018 में, उनकी नंबर 7 जुवेंटस शर्ट जारी होने के 24 घंटों के भीतर, 520,000 से अधिक की बिक्री हुई थी, जिसमें $62.4 मिलियन उत्पन्न हुए थे एक दिन में।
रोनाल्डो ने 2006 में मदीरा द्वीप पर CR7 (उनके आद्याक्षर और शर्ट नंबर) नाम से एक फैशन बुटीक खोला और 2008 में लिस्बन में दूसरा खोला। स्कैंडिनेवियाई निर्माता जेबीएस टेक्सटाइल ग्रुप और न्यूयॉर्क फैशन डिजाइनर रिचर्ड चाई के साथ साझेदारी में, रोनाल्डो ने अंडरवियर की एक श्रृंखला का सह-डिजाइन किया और सॉक लाइन, नवंबर 2013 में रिलीज़ हुई। उन्होंने अपने CR7 फैशन ब्रांड का विस्तार किया जुलाई 2014 में प्रीमियम शर्ट और जूतों की एक श्रृंखला शुरू करके।सितंबर 2015 में, रोनाल्डो ने ईडन परफ्यूम्स के साथ साझेदारी में अपनी खुद की खुशबू, "लिगेसी" जारी की।
2007 में, सी.डी. Nacional ने अपने यूथ कैंपस का नाम बदल कर क्रिस्टियानो रोनाल्डो कैंपस फूटबोल (क्रिस्टियानो रोनाल्डो फुटबॉल कैंपस) कर दिया। दिसंबर 2013 में, रोनाल्डो ने एक संग्रहालय खोला , म्यूज्यू CR7, अपने गृहनगर फंचल, मदीरा में, ट्राफियां और यादगार वस्तुएं रखने के लिए; संग्रहालय स्थानीय फ़ुटबॉल टीम União da Madeira का आधिकारिक प्रायोजक है।जनवरी 2014 में बेलेम पैलेस में आयोजित एक समारोह में, पुर्तगाल के राष्ट्रपति एनीबल कैवाको सिल्वा ने रोनाल्डो को ऑर्डर ऑफ प्रिंस हेनरी के ग्रैंड ऑफिसर के पद पर पदोन्नत किया, "एक एथलीट को अलग करने के लिए विश्व प्रसिद्ध जो विश्व स्तर पर पुर्तगाल का प्रतीक रहा है, देश के अंतर्राष्ट्रीय प्रक्षेपण में योगदान देता है और आने वाली पीढ़ियों के लिए दृढ़ता का एक उदाहरण स्थापित करता है।" रोनाल्डो की एक कांस्य प्रतिमा, जिसे कलाकार रिकार्डो मदीरा वेलोसो द्वारा डिजाइन किया गया था, का अनावरण 21 दिसंबर 2014 को फंचल में किया गया था।
थंब|250x250px|क्रिस्टियानो रोनाल्डो इंटरनेशनल एयरपोर्ट मदीरा में। नाम बदलने का समारोह मार्च 2017 में हुआ था।
जून 2010 में, विश्व कप की तैयारियों के दौरान, रोनाल्डो स्टीवन जेरार्ड, पेले और डेविड बेकहम के बाद मैडम तुसाद लंदन में वैक्सवर्क के रूप में प्रतिनिधित्व करने वाले चौथे फुटबॉलर बन गए।< रेफरी></ref> दिसंबर 2013 में मैड्रिड वैक्स म्यूज़ियम में उनका एक और वैक्सवर्क प्रस्तुत किया गया था।<ref></ रेफरी> जून 2015 में, लिस्बन और लीडेन से डेविड सोबरल के नेतृत्व में खगोलविदों ने एक आकाशगंगा की खोज की, जिसे उन्होंने रोनाल्डो को श्रद्धांजलि में कॉस्मोस रेडशिफ्ट 7 (CR7) नाम दिया।<ref name="Galaxy"></ref>
23 जुलाई 2016 को, यूरो 2016 में पुर्तगाल की जीत के बाद, फंचल में मदीरा हवाई अड्डे का नाम बदलकर क्रिस्टियानो रोनाल्डो अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा कर दिया गया। /theworldgame.sbs.com.au/article/2016/07/23/madeira-airport-renamed-after-cristiano-ronaldo |website=The World Game |publisher=Special Broadcasting Service |access-date=23 जुलाई 2016 |संग्रह -url=https://web.archive.org/web/20160724175107/http://theworldgame.sbs.com.au/article/2016/07/23/madeira-airport-renamed-after-cristiano-ronaldo |archive -डेट=24 जुलाई 2016}}</ref> नए सिरे से बनाए गए टर्मिनल का अनावरण 29 मार्च 2017 को किया गया, जिसमें उनके सिर की एक अर्धप्रतिमा पेश की गई। अर्धप्रतिमा और नाम परिवर्तन विवादास्पद थे, जिसमें रोनाल्डो जैसी अर्धप्रतिमा की कमी को हास्य कलाकारों द्वारा उपहास किया जा रहा था, जिसमें सैटरडे नाइट लाइव शामिल थे। , जबकि नाम परिवर्तन कुछ राजनेताओं और नागरिकों द्वारा स्थानीय रूप से बहुत बहस का विषय था, जिन्होंने एक याचिका भी शुरू की थी इस कदम के खिलाफ, मदीरा के राष्ट्रपति मिगुएल अल्बुकर्क द्वारा आलोचना की गई। पुर्तगाल-कप्तान-क्रिस्टियानो-रोनाल्डो के बाद नाम बदलने की तैयारी कर रहा है |शीर्षक=मेडीरा हवाई अड्डा पूर्व क्रिस्टियानो रोनाल्डो के नाम पर नाम बदलने की तैयारी |तारीख=28 मार्च 2017 |एक्सेस-डेट=19 जून 2022 }}</ref> एक साल बाद, स्पोर्ट्स वेबसाइट ब्लीचर रिपोर्ट ने मूर्तिकार नियुक्त किया इमानुएल सैंटोस एक और प्रतिमा बनाने के लिए;हालांकि, इस आवक्ष प्रतिमा का कभी उपयोग नहीं किया गया था और एक नई मूर्ति एक स्पेनिश मूर्तिकार द्वारा बनाई गई थी, जिसे 15 जून 2018 को जनता को दिखाया गया था। ://rr.sapo.pt/noticia/vida/2018/06/18/aeroporto-da-madeira-tem-novo-busto-de-cristiano-ronaldo/116124/ |work=SAPO |तारीख=17 जून 2018 |पहुंच-तारीख=26 नवंबर 2022}}</ref>
व्यक्तिगत जीवन
परिवार, बच्चे और रिश्ते
रोनाल्डो के पांच बच्चे हैं। वह पहली बार एक बेटे के पिता बने, जिसका जन्म 17 जून 2010 को संयुक्त राज्य अमेरिका में हुआ था। उसके पास बच्चे की पूरी कस्टडी है और उसने मां के साथ एक समझौते के अनुसार सार्वजनिक रूप से मां की पहचान का खुलासा नहीं किया है। जनवरी 2015 में, रोनाल्डो का रूसी मॉडल इरिना शायक के साथ पांच साल का संबंध समाप्त हो गया । / |title=क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने गर्लफ्रेंड इरीना शायक से रिश्ता तोड़ लिया |work=USA Today |date=20 January 2015 |access-date=21 January 2015|archive-url=https://web.archive.org/web/20150122003510/ http://www.usatoday.com/story/sports/soccer/2015/01/20/apnewsbreak-ronaldo-breaks-up-with-प्रेमिका-irina-shayk/22035547/|संग्रह -तारीख = 22 जनवरी 2015}}</ref>
रोनाल्डो जुड़वां बच्चों के पिता बने, का जन्म 8 जून 2017 को यूनाइटेड स्टेट्स में सरोगेसी के जरिए हुआ। वह वर्तमान में अर्जेंटीना में जन्मी स्पेनिश मॉडल जॉर्जिना रोड्रिग्ज के साथ रिश्ते में है,<ref></रेफ> जिसने 12 नवंबर 2017 को एक बेटी को जन्म दिया।< रेफरी></ref> दंपति को 2022 में जुड़वा बच्चों की दूसरी जोड़ी की उम्मीद थी। पुरुष जुड़वा बच्चे के जन्म के दौरान मर गया, जबकि जुड़वा महिला बच गया। /2022/apr/18/cristiano-ronaldo-and-georgina-rodriguez-announce-death-of-baby-son |access-date=18 अप्रैल 2022 |work=द गार्जियन}}</ref>< संदर्भ></ref>
रोनाल्डो के पिता, जोस, सितंबर 2005 में 52 वर्ष की आयु में शराब से संबंधित जिगर की स्थिति से मर गए थे जब रोनाल्डो 20 वर्ष के थे। |url=http://www.newstatesman.com/2014/01/fan-cristiano-ronaldo-tarnished-icon |work=New Statesman |date=16 जनवरी 2014 |access-date=18 जुलाई 2014 |archive-url= https://web.archive.org/web/20140726100131/http://www.newstatesman.com/2014/01/fan-cristiano-ronaldo-tarnished-icon |archive-date=26 जुलाई 2014}}</ref >
जनवरी 2023 में, सऊदी प्रीमियर लीग की ओर से अल नासर एफसी द्वारा हस्ताक्षर किए जाने के बाद रोनाल्डो अपने परिवार के साथ सऊदी अरब चले गए, मुस्लिम-झुकाव वाले साम्राज्य के शासकों ने रोनाल्डो को इस नियम का अपवाद बना दिया कि अविवाहित जोड़ों को एक साथ रहने की अनुमति नहीं है। सऊदी अरब। एक अनाम सऊदी वकील ने स्पेनिश समाचार एजेंसी ईएफई को बताया कि "राज्य के कानून अभी भी शादी के अनुबंध के बिना सहवास पर रोक लगाते हैं," लेकिन सऊदी अधिकारियों ने "आंखें मूंद लीं और किसी पर भी मुकदमा चलाना बंद कर दिया, भले ही ये कानून समस्या या अपराध होने पर लागू किया जाता है। Liebe|url=https://sportbild.bild.de/fussball/international/fussball-international/cristiano-ronaldo-georgina-rodriguez-saudi-arabien-duldet-wilde-liebe-82452796.sport.html|website=sportbild। bild.de}}</ref>
स्वास्थ्य
रोनाल्डो ने कहा है कि वह शराब नहीं पीते हैं, और उन्होंने प्राप्त किया अपमान डेली मिरर लेख पर नुकसान पहुंचाता है जिसमें जुलाई 2008 में एक चोट से उबरने के दौरान एक नाइट क्लब में भारी शराब पीने की सूचना दी गई थी। उन्होंने कोई टैटू भी नहीं बनवाया है क्योंकि वह नियमित रूप से रक्तदान करते हैं और अस्थि मज्जा।
परोपकार
थंब|अपराइट|2010 में चित्रित रोनाल्डो
रोनाल्डो ने अपने पूरे करियर में विभिन्न धर्मार्थ कारणों में योगदान दिया है। 2004 हिंद महासागर में आए भूकंप और सुनामी के टेलीविजन फुटेज में मार्टुनिस नाम के एक आठ वर्षीय लड़के को पुर्तगाली फुटबॉल शर्ट पहने हुए दिखाया गया है, जो अपने परिवार के मारे जाने के बाद 19 दिनों तक फंसा रहा। इसके बाद, रोनाल्डो ने पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए धन जुटाने के लिए ऐसेह, इंडोनेशिया का दौरा किया। 2008 में समाचार पत्र द सन के खिलाफ मानहानि के एक मुकदमे से अघोषित हर्जाना स्वीकार करने के बाद, रोनाल्डो ने दान दिया मेडीरा में चैरिटी को हुई क्षति।2009 में, रोनाल्डो ने अस्पताल को £100,000 का दान दिया, जिसने मेडीरा में कैंसर से लड़ाई के बाद उनकी मां की जान बचाई थी, ताकि वे द्वीप पर एक कैंसर केंद्र का निर्माण कर सकें। 2010 मदीरा बाढ़ के पीड़ितों के समर्थन में, रोनाल्डो ने प्रतिज्ञा की प्रमीरा लिगा क्लब पोर्टो और मदीरान स्थित क्लबों के खिलाड़ियों के बीच मदीरा में एक चैरिटी मैच में खेलने के लिए मैरिटिमो और नैशनल।
2012 में, रोनाल्डो और उनके एजेंट ने स्पष्ट रूप से टर्मिनल कैंसर से पीड़ित नौ वर्षीय कैनेरियन लड़के के विशेषज्ञ उपचार के लिए भुगतान किया। दिसंबर 2012 में, रोनाल्डो फीफा के "स्वास्थ्य के लिए 11" कार्यक्रम में शामिल हुए ताकि बच्चों में जागरूकता पैदा की जा सके कि परिस्थितियों से कैसे बचा जाए। नशीली दवाओं की लत, एचआईवी, मलेरिया और मोटापा सहित। <रेफरी> </ref> जनवरी 2013 में, रोनाल्डो बच्चों को बचाओ के नए ग्लोबल आर्टिस्ट एंबेसडर बने, जिसमें उन्हें उम्मीद है कि वे लड़ने में मदद करेंगे बच्चे की भूख और मोटापा। बच्चों की भूख और पोषण के लिए नया साल बचाओ बच्चों का नया वैश्विक कलाकार राजदूत |प्रकाशक=बच्चों को बचाओ |तारीख=27 मार्च 2013 |एक्सेस-डेट=6 जनवरी 2019 |आर्काइव-url=https://web.archive.org/ वेब/20170927052831/http://www.savethechildren.org/site/apps/nlnet/content2.as px?c=8rKLIXMGIPI4E&b=8486803&ct=12703073 |archive-date=27 सितंबर 2017}}</ref>मार्च 2013 में, रोनाल्डो इंडोनेशिया में द मैंग्रोव केयर फ़ोरम के राजदूत बनने के लिए सहमत हुए, एक संगठन जिसका लक्ष्य मैंग्रोव संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
रोनाल्डो को 2015 में नेपाल में भूकंप के बाद राहत प्रयासों के लिए £5 मिलियन दान करने के बाद दुनिया के सबसे धर्मार्थ खिलाड़ी का नाम दिया गया था, जिसमें 8,000 से अधिक लोग मारे गए थे। जून 2016 में, रियल मैड्रिड द्वारा प्रतियोगिता जीतने के बाद रोनाल्डो ने अपने €600,000 चैंपियंस लीग बोनस की पूरी राशि दान कर दी। में अगस्त में, रोनाल्डो ने CR7Selfie, एक सेल्फ़ी ऐप लॉन्च किया, जो सेव द चिल्ड्रेन की सहायता के लिए चैरिटी के लिए है, जो प्रतिभागियों को कई अलग-अलग पोशाकों और पोज़ में से किसी एक में उसके साथ एक सेल्फ़ी लेने की सुविधा देता है।
कानूनी मुद्दे
जुलाई 2017 में, रोनाल्डो पर 2011 और 2014 के बीच धोखे से लगभग €15 कर चोरी करने का आरोप लगाया गया था, इस दावे से उन्होंने उस समय इनकार किया था। जून 2018 में, रोनाल्डो को दो साल की निलंबित जेल की सजा दी गई और बाद में €18.8 मिलियन का जुर्माना लगाया गया स्पेनिश अधिकारियों के साथ एक समझौते पर पहुंचने के बाद कम करके €16.8 मिलियन कर दिया गया। सज़ा परिवीक्षा के तहत दी जा सकती है, बिना किसी जेल समय के, जब तक कि वह फिर से अपराध नहीं करता है।
2005 में दो महिलाओं द्वारा बलात्कार के आरोप को सामने लाने के बाद रोनाल्डो और एक अन्य व्यक्ति की ब्रिटिश क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस द्वारा जांच की गई थी। कुछ ही दिनों में, दोनों महिलाओं ने अपना आरोप वापस ले लिया और स्कॉटलैंड यार्ड ने बाद में एक बयान जारी कर घोषणा की कि मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
अप्रैल 2017 में, यह बताया गया कि रोनाल्डो की जाँच लास वेगास पुलिस विभाग द्वारा की जा रही थी, जिसमें एक महिला ने आरोप लगाया था कि उसने 2009 में उसके साथ बलात्कार किया था। रोनाल्डो के वकीलों द्वारा पुष्टि किए गए दस्तावेज़ों में कहा गया है कि रोनाल्डो ने एक महिला US$375,000 का भुगतान किया गैर-प्रकटीकरण समझौता। -who-accuses-ronaldo-of-rape-a-1230634.html हर नेम इज कैथरीन द वुमन हू असेसेस रोनाल्डो ऑफ रेप।] डेर स्पीगल, 29 सितंबर 2018।</ref> रोनाल्डो और उनके वकीलों ने एक लंबा बयान जारी कर सभी आरोपों को खारिज करते हुए उन्हें "जानबूझकर किया गया मानहानि अभियान" बताया। भागों के साथ महत्वपूर्ण रूप से "परिवर्तित और/या पूरी तरह से गढ़े हुए",{{#invoke:cite news| |url=https://www.bbc.com/news/world-europe-45712777 |title=क्रिस्टियानो रोनाल्डो पर बलात्कार का आरोप: लास वेगास पुलिस ने केस फिर से खोला |एक्सेस-डेट=11 अक्टूबर 2018 |work=BBC|archive-url= एक दावा जो डेर स्पीगल स्पष्ट रूप से इनकार किया।<ref> जुलाई 2019 में, लास वेगास के अभियोजकों ने कहा कि वे बलात्कार के आरोपों पर रोनाल्डो पर आरोप नहीं लगाएंगे; बयान में आगे कहा गया: "इस समय जानकारी की समीक्षा के आधार पर, क्रिस्टियानो रोनाल्डो के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप उचित संदेह से परे साबित नहीं किए जा सकते।" वही महिला, सितंबर 2018 में, रोनाल्डो पर बलात्कार का आरोप लगाते हुए नेवादा में एक सिविल मुकदमा दायर किया। |url=https://www.france24.com/en/live-news/20220611-us-judge-dismisses-rape-suit-against-football-star-ronaldo |access-date=12 जून 2022 |work=[ [फ्रांस 24]] |एजेंसी=एजेंस फ्रांस-प्रेसे |तारीख=11 जून 2022}}</ref> द डेली मिरर ने कोर्ट के दस्तावेजों का हवाला देते हुए 2021 में बताया कि महिला रोनाल्डो से नुकसान में £56 मिलियन की मांग की। अक्टूबर 2021 में, संघीय मजिस्ट्रेट न्यायाधीश डैनियल अलब्रेग्स ने महिला के वकील का हवाला देते हुए मुकदमे को खारिज करने की सिफारिश की , लेस्ली स्टोवाल, रोनाल्डो और उनके वकीलों के बीच "विशेषाधिकार प्राप्त संचार" वाले दस्तावेजों के बावजूद, "मुकदमा चलाने के लिए फुटबॉल लीक्स दस्तावेजों की मांग करने, प्राप्त करने और उनका उपयोग करके बुरे विश्वास में काम किया"। इसके अतिरिक्त, अल्ब्रेग्ट्स ने कहा कि 2010 के समझौते के दौरान रोनाल्डो के वकीलों ने "डराया [महिला] या कानून प्रवर्तन को बाधित" करने का कोई सबूत नहीं पाया। जून 2022 में, महिला के बलात्कार के मुकदमे को पूर्वाग्रह के साथ खारिज किया गया था नेवादा जिले के लिए संयुक्त राज्य जिला न्यायालय, जिला न्यायाधीश के रूप में जेनिफर ए. डोरसी ने फैसला सुनाया कि स्टोवाल द्वारा "साइबर-हैक किए गए अटॉर्नी-क्लाइंट विशेषाधिकार डी दस्तावेज़ों का बार-बार उपयोग" का प्रतिनिधित्व करने वाली कार्रवाई थी "उचित मुकदमेबाजी प्रक्रिया का दुरुपयोग और खुला धोखा"।
करियर के आँकड़े
क्लब
अंतर्राष्ट्रीय
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|2004
|11<ref group="lower-alpha">UEFA यूरो 2004 में छह प्रदर्शन और दो गोल, [[2006 फीफा विश्व कप योग्यता (UEFA)|2006 फीफा विश्व कप योग्यता] में पांच प्रदर्शन और पांच गोल] ]।</रेफरी>
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|2013
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|10<ref group="lower-alpha">2018 फीफा विश्व कप योग्यता में छह दिखावे और आठ गोल, 2017 फीफा कन्फेडरेशन में चार प्रदर्शन और दो गोल कप।</रेफरी>
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|2018
|4<ref group="lower-alpha">2018 FIFA World Cup में उपस्थिति।</ref>
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|2020
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|11<ref group="lower-alpha">2022 फीफा विश्व कप योग्यता में सात प्रदर्शन और छह गोल, [[UEFA यूरो 2020] में चार प्रदर्शन और पांच गोल ]।</रेफरी>
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|2022
|12<ref group="lower-alpha">2022 फीफा विश्व कप योग्यता में दो प्रदर्शन, 2022-23 यूईएफए नेशंस लीग में पांच प्रदर्शन और दो गोल , 2022 फीफा विश्व कप में पांच प्रदर्शन और एक गोल।</ref>
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|}टिप्पणियाँ सम्मान
थंब|अपराइट|क्रिस्टियानो रोनाल्डो, अपने थर्ड बैलोन डी'ओर के साथ, प्राप्त करते हैं जनवरी 2015 में सैंटियागो बर्नब्यू में रियल मैड्रिड के प्रशंसकों की प्रशंसास्पोर्टिंग सीपी सुपरटेका कैंडिडो डी ओलिवेरा: 2002मैनचेस्टर यूनाइटेड प्रीमियर लीग: 2006-07, 2007-08, 2008-09
एफए कप: 2003-04
फुटबॉल लीग कप: 2005-06, 2008-09
एफए कम्युनिटी शील्ड: 2007, 2008
यूईएफए चैंपियंस लीग: 2007-08
फीफा क्लब विश्व कप: 2008रियल मैड्रिड
ला लीगा: 2011-12, 2016-17
कोपा डेल रे: 2010-11, 2013-14
सुपरकोपा डी एस्पाना: 2012, 2017
यूईएफए चैंपियंस लीग: 2013-14, 2015-16, 2016-17, 2017-18
UEFA सुपर कप: 2014, 2016, 2017
फीफा क्लब वर्ल्ड कप: 2014, 2016, 2017जुवेंटस सीरी ए: 2018–19, 2019–20
कोपा इटालिया: 2020–21
सुपरकोपा इटालियाना: 2018, 2020पुर्तगाल U20 टूलॉन टूर्नामेंट: 2003<ref> </रेफरी>पुर्तगाल यूईएफए यूरोपियन चैंपियनशिप: 2016
यूईएफए नेशंस लीग: 2018-19<ref></ref>व्यक्ति फीफा बैलोन डीओर/बैलन डीओर: 2008, 2013, 2014, 2016, 2017
फीफा वर्ल्ड प्लेयर ऑफ द ईयर: 2008
द बेस्ट फीफा मेन्स प्लेयर: 2016, 2017
उत्कृष्ट कैरियर उपलब्धि के लिए सर्वश्रेष्ठ फीफा विशेष पुरस्कार: 2021<रेफरी ></ref>
यूरोपियन गोल्डन शू: 2007–08, 2010–11, 2013–14, 2014–15
फीफा क्लब विश्व कप गोल्डन बॉल: 2016
यूईएफए यूरोपियन चैंपियनशिप टीम ऑफ द टूर्नामेंट: 2004; =https://www.uefa.com/news/newsid=205742.html |publisher=UEFA.com (यूरोपीय फुटबॉल संघों का संघ) |तिथि=5 जुलाई 2004 |पहुंच-तिथि=5 जुलाई 2012 |संग्रह-यूआरएल= https://web.archive.org/web/20040707012523/http://www.euro2004.com/News/Kind%3D1/newsId%3D205742.html |archive-date=7 जुलाई 2004 |url-status=live} }</ref> 2012; 2016< रेफरी></ref>
UEFA यूरोपियन चैंपियनशिप गोल्डन बूट: 2020
सीजन का प्रीमियर लीग प्लेयर: 2006-07, 2007-08
ला लीगा बेस्ट प्लेयर: 2013-14
सीरी ए फ़ुटबॉलर ऑफ़ द ईयर: 2019, 2020
प्रीमियर लीग गोल्डन बूट: 2007-08
पिचिची ट्रॉफी: 2010-11, 2013-14, 2014-15
Capocannoniere: 2020–21
एफ़पीएफ पुर्तगाली प्लेयर ऑफ़ द ईयर: 2016, 2017, 2018, 2019, 2022आदेश'''
60px मेडल ऑफ़ मेरिट, ऑर्डर ऑफ़ द इमैक्युलेट कॉन्सेप्शन ऑफ़ विला विकोसा ([[हाउस ऑफ़ ब्रागेंज़ा|पुर्तगाली शाही परिवार] ])
60px ऑर्डर ऑफ प्रिंस हेनरी के ग्रैंड ऑफिसर]
60px [[ऑर्डर ऑफ़ मेरिट (पुर्तगाल)|ऑर्डर ऑफ़ मेरिट] के कमांडर]
Cordão Autonomico de Distinção
संदर्भ
पुर्तगाल के फुटबॉल खिलाड़ी
जीवित लोग
1985 में जन्मे लोग
वेबग्रंथागार साँचा वेबैक कड़ियाँ
Articles with hCards
हस्ताक्षरित जीवनी
15. https://ayodhyanagar.com/web-stories/cristiano-ronaldo-fifa-world-cup-2022/ | 17,595 |
478606 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A4%E0%A5%81%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%A8 | तुमेन | इस शब्द में मिलते-जुलते अन्य नामों वाले लेखों के लिए, तूमन का बहुविकल्पी पृष्ठ देखें
तुमेन (मंगोल: Түмэн, अंग्रेज़ी: Tümen) तुर्कियों और मंगोलों की संख्या प्रणाली में 'दस-हज़ार' (१०,०००) के लिए प्रयोग होने वाली संख्या थी। फ़ौजी दृष्टिकोण से दस-हज़ार सैनिकों के दस्तों को तुमेन बुलाया जाता था। मंगोल सोच थी कि एक तुमेन का दस्ता किसी झड़प को तेज़ी से जीतने के लिए पर्याप्त था लेकिन इतना भी बड़ा नहीं था कि इसे जल्दी से दिशा बदलने में या खाना-पानी पहुँचाने में मुश्किल हो। आधुनिक मंगोल भाषा में 'तुमेन' शब्द को 'बहुत ज़्यादा' या 'असीमित' के अर्थ के साथ भी इस्तेमाल किया जाता है। मान्छु लोग और हूण लोग भी इसी तुमेन सैनिक संगठन प्रणाली का प्रयोग करते थे।
इन्हें भी देखें
तोमान (ईरानी मुद्रा)
मंगोलिया
सन्दर्भ
मंगोल इतिहास
मंगोलिया | 131 |
8380 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A5%AC%20%E0%A4%85%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%82%E0%A4%AC%E0%A4%B0 | ६ अक्टूबर | 6 अक्टूबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 279वॉ (लीप वर्ष में 280 वॉ) दिन है। साल में अभी और 86 दिन बाकी है।
प्रमुख घटनाएँ
1582 - ग्रेगरी के पंचांग के लागू होने के कारण पोलैंड, स्पेन, इटली तथा पुर्तगाल में यह दिन रद्द किया गया। यानि इस साल ऐसा कोई दिन नहीं आया।
1762 - ब्रिटेन और स्पेन के बीच चल रहे सप्तवर्षीय युद्ध का अंत हुआ। इसको मनीला की लड़ाई के नाम से भी जाना जाता है।
1939 - पोलैंड की निर्णायक हार।
1972 - मिस्र ने इसरायल अधिकृत सिनाई प्रायद्वीप पर हमला किया। यह आक्रमण यहूदी धर्म के पवित्रतम दिन योम किप्पूर के अवसर पर किया गया था। सीरिया इसमें मिस्र के साथ था।
1981 - मिस्र (मस्र) के राष्ट्रपति अनवर अल सादत की हत्या की गई।
2000 - युगोस्लाव राष्ट्रपति स्लोबोदान मिलोसेविच ने इस्तीफ़ा दिया।
2018 - राष्ट्रपति ने लखनऊ में भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का उदघाटन किया।
2018 - जम्मू कश्मीर के रामबन जिले में सड़क दुर्घटना में 17 लोगों की मृत्यु हो गयी और 16 अन्य घायल हो गए।
2018 - सुल्तान जोहोर कप जूनियर पुरुष हॉकी टूर्नामेंट मलेशिया के जौहरबारू में शुरू हो गया।
जन्म
1946 - विनोद खन्ना, हिन्दी फ़िल्म अभिनेता।
निधन
1661 - गुरु हर राय, सिक्खों के सातवें मानव गुरु।
बाहरी कडियाँ
बीबीसी पे यह दिन
अक्टूबर | 218 |
45490 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A8%E0%A4%9F%20%E0%A4%AE%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B0 | नट मंदिर | नट मंदिर, उड़ीसा के कोणार्क के सूर्य मंदिर के प्रांगण में बना एक मंदिर है।
मंदिर
यह वह स्थान है, जहां मंदिर की नर्तकियां, सूर्यदेव को अर्पण करने के लिये नृत्य करतीं थीं। पूरे मंदिर में जहां तहां फूल-बेल और ज्यामितीय नमूनों की खुदाई की गई है। इनके साथ ही मानव, देव, गंधर्व, किन्नर आदि की अकृतियां भी एन्द्रिक मुद्राओं में दर्शित हैं। इनकी मुद्राएं कामुक हैं और कामसूत्र से लीं गईं हैं। मंदिर अब अंशिक रूप से खंडहर में परिवर्तित हो चुका है। यहां की शिल्प कलाकृतियों का एक संग्रह, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के सूर्य मंदिर संग्रहालय में सुरक्षित है।
इन्हें भी देखें
कोणार्क सूर्य मंदिर
जगन्नाथ मंदिर, पुरी
उड़ीसा में हिन्दू मंदिर | 115 |
552693 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%B8%20%E0%A4%8F%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%B8%20%E0%A4%9A%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A4%BE | कुरियाक्कोस एलियास चावरा | हर जगह हम खुद के लिए या कुछ दूसरों के लिए जीने के रहने वाले आदमी को देखो। इस तरह के लोग वे मर जाते हैं जब इतिहास से गायब हो जाते हैं, या उनकी मृत्यु तक उन्हें पोषित जो
कुछ की स्मृति में रहते हैं। वे भी स्मृति से दूर नहीं हो पाती। लेकिन वे सभी के लिए है और हर समय के लिए पुरुषों रहे हैं क्योंकि कई की स्मृति में कोई मृत्यु है, जो एक बहुत कुछ कर रहे हैं।
धन्य कुर्याक्कोस एलियास चावरा इस दूसरी श्रेणी में गिर गया था।
धन्य चावरा केरल, भारत में कायिम्करि में 10 फ़रवरी 1805 को हुआ था। उन्होंने कहा कि 29 नवम्बर 1829 को एक पुजारी ठहराया गया था। उन्होंने कहा कि भारत मान्नानाम मैरी बेदाग
(सीएमआई) की कारमालिटस, 1831में केरलमें पुरुषों के लिए पहली धार्मिक मण्डली के सह संस्थापक थे। उन्होंने यह भी 1866 में केरल, भारत में महिलाओं के लिए पहली बार भारतीय
धार्मिक मण्डली के सह संस्थापक, कार्मेल की माँ (सीएमसी) की मण्डली था। उन्होंने कूनाममावु, केरल में 3 जनवरी 1871 सीई को निधन हो गया। उन्होंने कहा कि 8 फ़रवरी 1986 सीई
पर पोप जॉन पॉल द्वितीय ने धन्य गया था।
धन्य कुर्याक्कोस एलियास चावरा सोचा और आगे तक अपने समय से काम किया है, जो गहरी दृष्टि और प्रार्थना का एक आदमी था। उन्होंने कहा कि केरल के, बल्कि पूरे मानव जाति का न
केवल गर्व है। इतने सारे स्टर्लिंग गुण एक व्यक्ति में तो एकदम मेल खाता है, जहां यह वास्तव में दुर्लभ है। धन्य चावरा एक नश्वर पैदा हुआ, लेकिन अच्छा है कि वह मानवता की अमर के
सांचे में उसे डाली छह और आधे दशक के अंतराल पर किया गया था। समय की छोटी सी अवधि के दौरान उनकी उपलब्धियों मानव और ईसाई जीवन के हर पहलू को छू, कई थे। अपने
निजी स्पर्श की मोहर नहीं प्राप्त हुआ है जो मालाबार चर्च के जीवन का कोई पहलू नहीं है। कल, आज और हमेशा के लिए पिछले शब्दांश दर्ज समय के लिए यह भगवान का एहसास आत्मा
मानव जाति की सबसे दुलारा संपत्ति के बीच रहेगा। वह एक आध्यात्मिक सत्य के बारे में सुनिश्चित समझ के साथ ही सामाजिक वास्तविकताओं था। वास्तव में एक धार्मिक होने का उद्देश्य मानव
जाति की सेवा करके भगवान की सेवा है। वह सहानुभूति और करुणा की वस्तु के विस्तार से पूर्णता के लिए करना है। कैथोलिक चर्च बीएल चावरा सम्मानित किया गया है। चर्च के पवित्र लोगों के बीच
में उसे अंगीकार द्वारा।
धन्य चावरा की आध्यात्मिकता, उसका भगवान अभिविन्यास और वह अपने जीवन में अभ्यास गुण। यह बीएल प्रस्तुत करता है। भगवान के साथ लगातार संपर्क में था जो परमेश्वर के एक आदमी के
रूप में धन्य चावरा। एमके में 3 / 13-14 हम यीशु उसके साथ रहना अपने चेलों को बुला देखते हैं। यीशु भगवान अब्बा कहता है और अपने पिता के रूप में भगवान के साथ एक अद्वितीय रिश्ता है।
धन्य चावरा आध्यात्मिकता चिंतन और कार्रवाई के साथ घुलमिल गया था। वह मरियम को महान भक्ति था। उन्होंने कहा कि केरल में चर्च में आध्यात्मिकता का एक वीर मॉडल था। धन्य चावरा, गाइड को प्रेरित करती है और उसे निर्देशन,
और मोक्ष के साथ उसे मुकुट कौन अपने प्यार पिता, वह हर जगह किसी भी समय कुछ भी करने के लिए भरोसा कर सकते हैं और जिस में एक पिता, उसके लिए प्रदान करता है, जो उसके लिए कौन परवाह करता है एक पिता के रूप में
भगवान का अनुभव किया। यह पिता पुत्र के रिश्ते उस में उसकी भी साथी होने के लिए एक गहरे प्रेम डाले।
यह कोई पुण्य अलगाव में प्रचलित है कि सच है और उस प्यार (13:13 1कोर.) सभी का सबसे बड़ा है, यहां हम द्वारा गुण के अभ्यास पर चर्चा की। धन्य चावरा और यह उनके व्यक्तित्व का केवल टुकड़े नहीं पता चलता है, लेकिन
ताजा अपने स्वर्गीय पिता के बारे में उनकी उन्मादपूर्ण अनुभव लाता है। धन्य चावरा की ' अब्बा अनुभव ' का विश्लेषण करने के लिए कोई प्रयास, सदा ही वीर शैली में धार्मिक, कार्डिनल और धार्मिक गुणों का अभ्यास के नीचे करने वाली
पृथ्वी स्थिति के लिए एक ओर जाता है।
उन्होंने कहा कि प्रार्थना के एक आदमी था और फलस्वरूप, वह कार्रवाई का एक आदमी था। पर्वत चोटी पर अकेले प्रार्थना कर रही थी, जो यीशु, घूम समुद्र में संघर्ष प्रेरित के दर्द और पीड़ा का एहसास हुआ। उन्होंने कहा कि उनकी मदद
के लिए नीचे आया। अपोस्टोलिक गतिविधियों के लिए अग्रणी याचनापूर्णता की राशि और पदार्थ था, धन्य चावरा की जिंदगी। हम अपने जीवन का विश्लेषण जब हम वह दूसरों के द्वारा रखी नींव पर निर्माण नहीं किया गया है कि देख सकते
हैं। उसकी गतिविधियों के हर क्षेत्र में वह एक अग्रणी था। उन्होंने कहा कि चर्च के जीवन में विभिन्न नए आंदोलनों को आकार दिया। भगवान की और उसके सहोदर की उनकी प्रबल प्रेम, परमेश्वर की महिमा और पुरुषों की दिव्यकरण में
परिणाम चाहिए, जो एकांत और चिंतन के लिए केंद्र बनाने केलिए आग्रह किया। भगवान प्यार करता है और उसके पिता में विश्वास रखता है जो एक भाइयों और बहनों के रूप में सभी लोगों को देखता है। यह हर सामाजिक कार्य का आधार
है। लोगों को अलग अलग जातियों के तहत भारत में अलग थे और कुछ अछूत माना जाता था जब भाइयों और बहनों, उन्हें प्यार करता था और उनके चहुंमुखी प्रगति के लिए काम के रूप में ऐसे समय में धन्य चावरा सभी जाति और धर्म
का माना। तो वह स्कूलों शुरू कर दिया और कानून जाति के लोगों के लिए शिक्षा प्रदान की। उन्होंने कहा कि शिक्षा परमेश्वर के ज्ञान के लिए प्रगति और करने के लिए बुनियादी जरूरत समझ गया कि।
ईसाई धर्म प्रचार पोप जॉन पॉल द्वितीय की बाइबिल दृष्टि में जेरेम। उद्धरण 3/15 : - " मैं आप ज्ञान और समझ के साथ आप का नेतृत्व करेंगे जो मेरे अपने दिल के बाद सहायकों दे देंगे "एशिया ईसाई धर्म प्रचार में नियमित सभा में प्यार
और एशिया में यीशु मसीह की सेवा के मिशन के बारे में है। कैथोलिक चर्च के अनुसार मिशन माउंट में व्यक्त किया जाता है। 28/19 : - " जाओ और सब जातियों के चेलों बनाने " विज्ञापन अड जेनड्स चर्च मोक्ष की सार्वभौमिक संस्कार है
कि अमेरिका। भारत में मिशनरी गतिविधियों सेंट थॉमस प्रेरित के आगमन के साथ 52 में शुरू किया था। धन्य चावरा अपने ही देश में एक मिशनरी था। परिवार धार्मिक नेतृत्व, धार्मिक जीवन, मदरसा शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा
और संचार अपने मिशन के क्षेत्र थे। उन्होंने यह भी हाशिए पर हैं और प्रोत्साहित दुनियावी आंदोलनों के लिए देखभाल विजायी हे। मठों या धार्मिक जीवन केरल में अकल्पनीय था जब वह इतिहास में एक समय में रहते थे। यह पुरुषों और
महिलाओं दोनों के लिए एक स्वदेशी मण्डली होने के विचार के गर्भ धारण करने के लिए एक प्रतिभा की दृष्टि की आवश्यकता है। सपनों के इस आदमी जबरदस्त आध्यात्मिक ऊर्जा, एक वीर भावना के पुरुषों और महिलाओं के रहते हैं और
भगवान और पुरुषों की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित जहां मकानों के भंडारों होने के लिए इस तरह के धार्मिक घरों की परिकल्पना की गई। धन्य चावरा के आधार पर दृष्टि सीएमआई मण्डली उनके प्रतिबद्ध जीवन की गतिशील स्रोत के रूप
में ईसाई धर्म प्रचार में ले लिया है। शिक्षा सामाजिक और नैतिक परिवर्तन के लिए मार्ग प्रशस्त धन्य चावरा के शैक्षिक और सामाजिक दृष्टि से आम लोगों, दलितों और महिलाओं के लिए शिक्षा सुलभ मदद मिली है और यह क्रांतिकारी सामाजिक
परिवर्तन में हुई। धन्य चावरा की दृष्टि से प्रिंट मीडिया, शिक्षण संस्थानों, घ्यान और भगवान के शब्द संवाद करने दिव्याकरुन्य का उपयोग करके व्यावहारिक होना चाहिए मिशन वैश्विक है। धन्य चावरा के नक्शेकदम पर निम्नलिखित
सीएमआई और सीएमसी सभाओं के सदस्यों को ईसाई धर्म प्रचार के विभिन्न रूपों को स्वीकार केरल और भारत में बल्कि विदेशों में न केवल काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कल्पना, मौलिकता, रचनात्मकता और लोगों के मन को पढ़ने, उनकी तड़प और आकांक्षा, अपोस्टोलिक विकास के विभिन्न पथ, लेने के लिए उन्हें जो निर्देश दिया है गतिशील नेतृत्व का एक आदमी था।
उन्होंने कहा कि केवल कुछ अच्छा सुझाव है कि सकता है लेकिन यह भी या वह कल्पना की क्या पालन करने की पद्धति को दिखा सकता है के लिए मार्ग प्रशस्त कर सकता है जो एक मात्र दूरदर्शी नहीं था।
धन्य चावरा की महानता है, वास्तव में, वह था निर्माण की राशि में है और न ही वह मज़ा आया चिंतन में है, लेकिन वह खुद में उन दोनों के सामंजस्य रास्ते में न तो होते हैं। | 1,397 |
1404219 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%9A%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%9A%E0%A4%B5%E0%A4%A1%20%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A5%87%20%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%87%E0%A4%B6%E0%A4%A8 | चिंचवड रेल्वे स्टेशन | Articles using Infobox station with images inside type
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चिंचवड़ रेलवे स्टेशन पुणे उपनगरीय रेलवे का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। यह पुणे के ऐतिहासिक केंद्र से जुड़ता है और सबसे पुराने स्थानीय रेलवे स्टेशन में से एक है। यह चिंचवड़ बस टर्मिनल से २.१ किमी पर स्थित है , से १८ किमी है किमी दूर। मुंबई से पुणे या कोल्हापुर जाने वाली कुछ ट्रेनों का इस स्टेशन पर ठहराव होता है। निकटतम हवाई अड्डा पुणे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो १५किमी है किमी दूर। यह भारतीय रेलवे के मध्य रेलवे डिवीजन द्वारा संचालित है। इस स्टेशन पर चार प्लेटफार्म और एक फुटब्रिज है।
एक्सप्रेस और यात्री
चिंचवड़ रेलवे स्टेशन पर रुकने वाली ट्रेनें हैं: -
मुंबई - कोल्हापुर कोयना एक्सप्रेस
पनवेल-हजूर साहिब नांदेड़ एक्सप्रेस
पुणे-मुंबई सिंहगढ़ एक्सप्रेस
पुणे- पनवेल पैसेंजर
मुंबई- बीजापुर पैसेंजर
मुंबई- शिरडी पैसेंजर
मुंबई- पंढरपुर पैसेंजर
पुणे-भुसावल एक्सप्रेस
इंदौर-पुणे सुपरफास्ट एक्सप्रेस
इंदौर-पुणे एक्सप्रेस (पनवेल के रास्ते)
पुणे-वलसाड एक्सप्रेस
पुणे-एर्नाकुलम (हॉलिडे स्पेशल) हमसफर एक्सप्रेस
पुणे-ग्वालियर साप्ताहिक एक्सप्रेस
उपनगरीय ट्रेनें
विकिडेटा पर उपलब्ध निर्देशांक | 172 |
558955 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%8F%E0%A4%AE%E0%A5%B0%20%E0%A4%9C%E0%A5%87%E0%A5%B0%20%E0%A4%85%E0%A4%95%E0%A4%AC%E0%A4%B0 | एम॰ जे॰ अकबर | एम॰ जे॰ अकबर (अंग्रेजी: Mobashar Jawed Akbar,बांग्ला भाषा: মবাসের জাবেদ একবার) (जन्म: 11 जनवरी 1951) एक प्रमुख भारतीय पत्रकार, लेखक और राजनेता हैं। सम्प्रति वे भारत के विदेश मामलों के राज्य मंत्री (एमओएस) और मध्य प्रदेश से राज्यसभा में संसद सदस्य हैं। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ५ जुलाई २०१६ को उन्हें केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किया था। अक्टूबर 2012 में अपने इस्तीफे तक वे लिविंग मीडिया समूह द्वारा प्रकाशित भारत के प्रमुख साप्ताहिक अंग्रेजी समाचार पत्रिका इंडिया टुडे के संपादकीय निदेशक रह चुके हैं। इस दौरान उन्हें मीडिया कंपनियों के संगठन तथा अंग्रेजी समाचार चैनल हेडलाइंस टुडे की देखरेख के लिए एक अतिरिक्त जिम्मेदारी भी मिली हुई थी।
उन्होने 2010 में साप्ताहिक समाचार पत्र "दि संडे गार्जियन" का शुभारम्भ किया और वे लगातार इसके प्रधान संपादक रहे। पूर्व के दिनों में वे दक्षिण भारत की प्रमुख अँग्रेजी पत्रिका "एशियन एज" के संस्थापक और वैश्विक परिप्रेक्ष्य के साथ इसके दैनिक मल्टी संस्करण भारतीय समाचार पत्र के प्रबंध निदेशक भी रह चुके हैं। वे हैदराबाद के दैनिक समाचार पत्र डेक्कन क्रॉनिकल के प्रधान संपादक रह चुके हैं।
उन्होने कई पुस्तकें लिखी है, जिसमें जवाहर लाल नेहरू की जीवनी "द मेकिंग ऑफ इंडिया" और कश्मीर पर आधारित "द सीज विदिन" चर्चित रही है। वे "दि शेड ऑफ शोर्ड" और "ए कोहेसिव हिस्टरी ऑफ जिहाद" के भी लेखक हैं। उनकी हाल ही में प्रकाशित पुस्तक "ब्लड ब्रदर्स" है, जिसमें भारत में घटनाओं की जानकारी और दुनिया, खासकर हिंदू-मुस्लिम के बदलते संबंधों के साथ तीन पीढ़ियों की गाथा है। उनकी यह पुस्तक "फ्रेटेली डी संग" के नाम से इतालवी में अनुवादित हुई है, जो 15 जनवरी 2008 को रोम में जारी किया गया था। पाकिस्तान में पहचान के संकट और वर्ग संघर्ष पर आधारित उनकी पुस्तक "टिंडरबॉक्स: दि पास्ट एंड फ्यूचर ऑफ पाकिस्तान" जनवरी 2012 में प्रकाशित हुई है।
अकबर राजनीति में भी सार्थक हस्तक्षेप रखते हैं। वे 1989 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में पहली बार बिहार के किशनगंज से लोकसभा के लिए चुने गए थे। वे किशनगंज से दो बार सांसद रहे हैं। साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के प्रवक्ता भी रहे हैं। मार्च 2014 में वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुये हैं और वर्तमान में इस पार्टी के प्रवक्ता हैं।
इन्हें भी देखें
मीटू आन्दोलन (भारत)
सैयद शाहनवाज हुसैन
शाज़िया इल्मी
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
एम् जे अकबर की पुस्तक की समीक्षा(अंग्रेजी)
एम॰ जे॰ अकबर Triple Talaq speech
ब्लड ब्रदर्स
लेखक
पत्रिका संपादक
भारतीय पत्रकार
1951 में जन्मे लोग
जीवित लोग
एम जे अकबर
भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ
मोदी मंत्रिमंडल | 414 |
1291134 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%B8%E0%A4%A8%20%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%9A%E0%A5%87%E0%A4%B8%20%E0%A4%B2%E0%A5%80%E0%A4%B2 | विल्सन सांचेस लील | विल्सन जोस सांचेस लील (जन्म १५ अप्रैल, १९८५) एक पुर्तगाली फुटबॉलर है जो विरी-चैटिलॉन के लिए मिडफील्डर के रूप में खेलते है। उन्होंने पहले कान्स, यूएस क्रेटिल-लुसिटानोस के लिए क्लब फ़ुटबॉल खेला, जिसके लिए उन्होंने लिग 2, चेरबर्ग, ड्रैंसी और विलेमोम्बले में 17 प्रदर्शन किए। अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में, उन्होंने अंडर -17 स्तर पर पुर्तगाल का प्रतिनिधित्व किया।
व्यक्तिगत जीवन
सांचेस लील का जन्म पुर्तगाल के सेतुबल में हुआ था, लेकिन उनका पालन-पोषण पेरिस के ग्रिग्नी उपनगर में हुआ था। अपने पेशेवर फ़ुटबॉल करियर के समाप्त होने के बाद, उन्होंने पेरिस में एक बिल्डिंग फर्म शुरू की।
फुटबॉल कैरियर
कान्स की युवा प्रणाली में शामिल होने से पहले, सांचेस लील ने अपने स्थानीय क्लब, विरी-चैटिलॉन के साथ एक युवा खिलाड़ी के रूप में अपना फुटबॉल करियर शुरू किया। कान्स के साथ रहते हुए, उन्होंने अंडर -17 स्तर पर पुर्तगाल के लिए छह कैप जीते,जिसमें 2002 यूईएफए अंडर -17 चैंपियनशिप में पुर्तगाल के सभी तीन ग्रुप मैच शामिल थे। उन्होंने 2004 की गर्मियों में पेरिस क्षेत्र में लौटने से पहले चैंपियननेट नेशनल (फ्रांसीसी फुटबॉल का तीसरा स्तर) में क्लब की पहली टीम के लिए एक बार खेला, जहां वे मुख्य रूप से एक बैकअप खिलाड़ी के रूप में यूएस क्रेटिल-लुसिटानोस में शामिल हुए।
उन्होंने 29 जुलाई 2005 को केन पर 3-2 की जीत में दूसरे हाफ के विकल्प के रूप में अपना लीग 2 पदार्पण किया। २००५-०६ के सीज़न में, वह सत्रह लीग २ मैचों में दिखाई दिए, और उन्हें अपने पहले पेशेवर अनुबंध से पुरस्कृत किया गया। सांचेस लील ने अगले सीज़न को चेरबर्ग में ऋण पर बिताया, जहां उन्होंने चैंपियननेट नेशनल में 25 प्रदर्शनों में से दो बार स्कोर किया। सीज़न के अंत से कुछ समय पहले एक कमर की चोट ने उन्हें दिसंबर 2007 तक बाहर रखा। उन्होंने 2008-09 में कभी-कभार ही खेला, और सत्र के अंत में क्लब छोड़ दिया।
जनवरी 2011 में, वह नॉइज़ के खिलाफ एक मैच शुरू होने से पहले स्टेडियम से बाहर चले गए, ताकि शुरुआती ग्यारह से बाहर किए जाने पर नाखुशी व्यक्त की जा सके। वह फिर से क्लब के लिए नहीं खेले, केवल एक साल से अधिक समय के बाद जून 2012 में फुटबॉल में लौट आए, जब उन्होंने सीएफए क्लब विरी-चैटिलॉन के लिए साइन किया, जिसके लिए उन्होंने एक युवा खिलाड़ी के रूप में खेला था।
सन्दर्भ
जीवित लोग
फुटबॉल खिलाड़ी
पुर्तगाल के लोग
पुर्तगाल के फुटबॉल खिलाड़ी | 388 |
1371653 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%20%E0%A4%97%E0%A5%88%E0%A4%AC%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%8F%E0%A4%B2%E0%A4%BE%20%E0%A4%87%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A4%B0 | मारिया गैब्रिएला इस्लर | मारिया गैब्रिएला इस्लर (जन्म 21 मार्च 1988) वेनेजुएला की एक टीवी होस्ट, फैशन मॉडल और ब्यूटी क्वीन हैं, जिन्हें अपने देश की सातवीं मिस यूनिवर्स के रूप में प्लेसमेंट प्राप्त करने के लिए मिस यूनिवर्स 2013 का ताज पहनाया गया था।
इस्लर यूनिवर्स ऑफ ब्लेसिंग्स फंड की संस्थापक हैं, जो महिला सशक्तिकरण और परामर्श के लिए समर्पित एक चैरिटी संगठन है। इसके अलावा, इस्लर वर्तमान में मिस वेनेजुएला की राष्ट्रीय निदेशक हैं, जो ओस्मेल सूसा की जगह ले रही हैं।
प्रारंभिक और व्यक्तिगत जीवन
इस्लर का जन्म वालेंसिया शहर में हुआ था, लेकिन जब से वह छोटी थी तब से उसने पढ़ाई की है और माराके में रहती है। उन्होंने केंद्र के तकनीकी विश्वविद्यालय (Universidad Tecnológica del Centro) से मैनेजमेंट और मार्केटिंग में BA किया है। उसके पास स्विस और जर्मन विरासत है और लुसाने के अपने स्विस दादा के कारण स्विस नागरिकता भी रखती है। 14 साल की उम्र में, उसने अपनी चाची की मृत्यु के बाद अपनी माँ और दादी को खुश करने के लिए मॉडलिंग करना शुरू कर दिया।
सौंदर्य प्रतियोगिता
मिस वेनेज़ुएला 2012
मिस यूनिवर्स 2013
सन्दर्भ
विश्व सुन्दरी विजेता
विश्व सुन्दरी | 186 |
2783 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AC%E0%A5%81%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE | बुल्गारिया | बुल्गारिया दक्षिण-पूर्व यूरोप में स्थित देश है, जिसकी राजधानी सोफ़िया है। देश की सीमाएं उत्तर में रोमानिया से, पश्चिम में सर्बिया और मेसेडोनिया से, दक्षिण में ग्रीस और तुर्की से मिलती हैं। पूर्व में देश की सीमाएं काला सागर निर्धारित करती है। कला और तकनीक के अलावा राजनैतिक दृष्टि से भी बुल्गारिया का वजूद पाँचवीं सदी से नजर आने लगता है। पहले बुल्गारियन साम्राज्य (632/681 - 1018) ने न केवल बाल्कन क्षेत्र बल्कि पूरे पूर्वी यूरोप को अनेक तरह से प्रभावित किया। बुल्गारियन साम्राज्य के पतन के बाद इसे ओटोमन शासन के अधीन कर दिया। 1877-78 में हुए रुस-तुर्की युद्ध ने बुल्गारिया राज्य को पुन: स्थापित करने में मदद की। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बुल्गारिया साम्यवादी राज्य और पूर्वी ब्लाक का हिस्सा बन गया। 1989 में क्रांति के बाद 1990 में साम्यवादियों का सत्ता से एकाधिकार समाप्त हो गया और देश संसदीय गणराज्य के रूप में आगे बढ़ने लगा। यह देश 2004 से नाटो का और 2007 से यूरोपियन यूनियन का सदस्य है।
इतिहास
बुल्गारिया जो यूनान और इस्तांबुल के उत्तर में बसा है मानव बसाव की दृष्टि से बहुत पुराना है। मोंटाना के पास 6800 साल पुराना एक पट्टिकालेख पाया गया है जिसमें चार पंक्तियों में कुछ 24 चिह्न बने पाए गए हैं - इसको पढ़ पाना अभी संभव नहीं हुआ है पर इससे ये अनुमान लगता है कि यहाँ उस समय से मानव रहते होंगे। सन् 1972 में काला सागर के तट पर स्थित वार्ना में सोने का ख़ज़ाना पाया गया था जिस पर राजसी चिह्न बने थे जिससे ये अनुमान लगता है कि बहुत पुराने समय में भी यहाँ कोई राज्य या सत्ता रही होगी - हाँलांकि इस राज्य के जातीय मूल का पता नहीं चल पाया है।
सामान्यतः थ्रेसियों को बुल्गारों का पूर्ववर्ती माना गया है। थ्रेस के लोगों ने ट्रॉय की लड़ाई (1200 ईसापूर्व के आसपास) में हिस्सा लिया था। इसके बाद 500 ईसापूर्व तक उनका एक साम्राज्य स्थापित हुआ था। सिकन्दर ने 332 ईसापूर्व में इस पर अधिकार कर लिया और 46 इस्वी में रोमनों ने। इसके बाद एशिया से कई समूहों का आगमन आरंभ हुआ। स्लाव जाति के लोगों ने 581 में बिज़ेन्टाइन के रोमन साम्राज्य के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर कर लिया। सन् 864 में बोरिस प्रथम ने परंपरावादी ईसाइयत को राजधर्म बनाया और सीरीलिक लिपि को अपना लिया। अरबों की सेनाओं को हरा दिया गया।
सन् 1018 तक बुल्गार साम्राज्य का अंत बिज़ेन्टाइन आक्रमणों से हो गया। सन् 1185 से 1360 तक दूसरे बुल्गार साम्राज्य का राज्य रहा। उसके बाद उस्मानी (औटोमन) तुर्क लोगों ने इस पर अधिकार कर लिया। सन् 1877 में रूस ने ऑटोमन साम्राज्य पर हमला कर दिया और उन्हें हरा दिया। सन् 1878 में तीसरे बुल्गार साम्राज्य का उदय हुआ। 1980 में तुर्कों के ख़िलाफ़ चलाए गए अभियान में 30000 तुर्क बुल्गारिया छोड़कर तुर्की चले गए। इससे दो दशक पहले ग्रीस में भी ऐसा ही अभियान चला था। 1989 में वहाँ कम्युनिस्ट पार्टी की नरम शाखा का शासन स्थापित हुआ।
यह भी देखिए
बुल्गारिया (विक्षनरी)
अप्रेल विद्रोह
Essential History of Bulgaria in Seven Pages
सन्दर्भ
यूरोप के देश
बाल्कन | 504 |
733708 | https://hi.wikipedia.org/wiki/2016%20%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%80%E0%A4%A8%20%E0%A4%93%E0%A4%B2%E0%A4%82%E0%A4%AA%E0%A4%BF%E0%A4%95%20%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82%20%E0%A4%AC%E0%A5%88%E0%A4%A1%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%9F%E0%A4%A8 | 2016 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में बैडमिंटन | 2016 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में बैडमिंटन का आयोजन रियो डी जनेरियो में किया गया है। यह 11 से 20 जुलाई के मध्य 172 प्रतिभागियों के साथ पूरा होगा। इसमें पुरुष एकल, पुरुष युगल, महिला एकल, महिला युगल और मिश्रित युगल हैं
यह 2012 के प्रारूप के समान ही है। बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन का गठन इससे पहले कई फिक्सिंग के मामले सामने आने के बाद किया गया था। यह इसके नियमों में कई परिवर्तन कर चुका है।
योग्यता
ओलंपिक में योग्यता की अवधि में जगह 4 मई, 2015 और 1 मई, 2016 के मध्य तय हुआ और बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन रैंकिंग की सूची निर्धारित कर 5 मई, 2016 को प्रकाशित किया। पिछले स्पर्धा से अलग, इस बार कोई भी देश केवल दो खिलाड़ियों को पुरुष एकल और महिला एकल में भेज सकता है, यदि वें विश्व के शीर्ष 16 में हों। यदि नहीं तो केवल एक के लिए ही स्थान रहेगा। इसी तरह का नियम युगल के लिए भी लागू किया गया है। इसमें युगल तभी हिस्सा ले सकते हैं, जब वह दोनों युगल शीर्ष 8 में हों। केवल एक युगल के लिए केवल एक ही स्थान दिया जाता है यदि शीर्ष 16 तक का स्थान बचा हुआ हो।
यदि कोई खिलाड़ी एक महाद्वीप से इसके योग्य नहीं होता है तो वहाँ के सबसे अच्छे खिलाड़ी को वह स्थान मिल जाता है।
भागीदारी
सन्दर्भ
ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक | 225 |
99816 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%97%20%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A7%E0%A5%87%E0%A4%AF%E0%A4%95 | विनियोग विधेयक | सरकार द्वारा संचित निधि से रकम निकासी को मंजूरी दिलाने के लिए संसद में प्रस्तुत विधेयक विनियोग विधेयक कहलाता है।इसका प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 114 में है।
संविधान के अनुच्छेद 266 (1) में भारत की संचित निधि गठित करने का प्रावधान है। भारत सरकार की संपूर्ण आय संचित निधि में जमा होता है और संपूर्ण व्यय भी संचित निधि से ही होता है। संसद की अनुमति से ही संचित निधि से धन लिया जा सकता है।
विनियोग को राज्यसभा केवल 14 दिनों तक रोक सकता है
वित्त विधेयक केवल राष्ट्रपति की सिफारिश पर ही प्रस्तुत किया जाता है।
विनियोग विधेयक के लागू होने तक सरकार भारत की संचित निधि से कोई धन आहरित नहीं कर सकती है।
अर्थशास्त्र | 118 |
630996 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%97 | विसर्ग | 'विसर्ग ( ः ) महाप्राण सूचक एक स्वर है। ब्राह्मी से उत्पन्न अधिकांश लिपियों में इसके लिये संकेत हैं। उदाहरण के लिये, रामः, प्रातः, अतः, सम्भवतः, आदि में अन्त में विसर्ग आया है।
जैसे आगे बताया गया है, विसर्ग यह अपने आप में कोई अलग वर्ण नहीं है; वह केवल स्वराश्रित है। विसर्ग का उच्चारण विशिष्ट होने से उसे पूर्णतया शुद्ध लिखा नहीं जा सकता, क्योंकि विसर्ग अपने आप में ही किसी उच्चारण का प्रतीक मात्र है ! किसी भाषातज्ज्ञ के द्वारा उसे प्रत्यक्ष सीख लेना ही जादा उपयुक्त होगा।
सामान्यतः
विसर्ग के पहले हृस्व स्वर/व्यंजन हो तो उसका उच्चारण त्वरित ‘ह’ जैसा करना चाहिए; और यदि विसर्ग के पहले दीर्घ स्वर/व्यंजन हो तो विसर्ग का उच्चारण त्वरित ‘हा’ जैसा करना चाहिए।
विसर्ग के पूर्व ‘अ’कार हो तो विसर्ग का उच्चारण ‘ह’ जैसा; ‘आ’ हो तो ‘हा’ जैसा; ‘ओ’ हो तो ‘हो’ जैसा, ‘इ’ हो तो ‘हि’ जैसा... इत्यादि होता है। पर विसर्ग के पूर्व अगर ‘ऐ’कार हो तो विसर्ग का उच्चारण ‘हि’ जैसा होता है।
विसर्ग के दो सहस्वनिक होते हैं-
केशवः = केशव (ह)
बालाः = बाला (हा)
भोः = भो (हो)
मतिः = मति (हि)
चक्षुः = चक्षु (हु)
देवैः = देवै (हि)
भूमेः = भूमे (हे)
पंक्ति के मध्य में विसर्ग हो तो उसका उच्चारण आघात देकर ‘ह’ जैसा करना चाहिए।
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः।
विसर्ग के बाद अघोष (कठोर) व्यंजन आता हो, तो विसर्ग का उच्चारण आघात देकर ‘ह’ जैसा करना चाहिए।
प्रणतः क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नमः।
विसर्ग के बाद यदि ‘श’, ‘ष’, या ‘स’ आए, तो विसर्ग का उच्चारण अनुक्रम से ‘श’, ‘ष’, या ‘स’ करना चाहिए।
यज्ञशिष्टाशिनः सन्तो मुच्यन्ते सर्वकिल्विषैः।
यज्ञशिष्टाशिन(स्)सन्तो मुच्यन्ते सर्वकिल्विषैः।
धनंजयः सर्वः = धनंजयस्सर्वः
श्वेतः शंखः = श्वेतश्शंखः
गंधर्वाः षट् = गंधर्वाष्षट्
‘सः’ के सामने (बाद) ‘अ’ आने पर दोनों का ‘सोऽ’ बन जाता है; और ‘सः’ का विसर्ग, ‘अ’ के सिवा अन्य वर्ण सम्मुख आने पर, लुप्त हो जाता है।
सः अस्ति = सोऽस्ति
सः अवदत् = सोऽवदत्
विसर्ग के पहले ‘अ’कार हो और उसके पश्चात् मृदु व्यंजन आता हो, तो वे अकार और विसर्ग मिलकर ‘ओ’ बन जाता है।
पुत्रः गतः = पुत्रो गतः
रामः ददाति = रामो ददाति
विसर्ग के पहले ‘आ’कार हो और उसके पश्चात् स्वर अथवा मृदु व्यंजन आता हो, तो विसर्ग का लोप हो जाता है।
असुराः नष्टाः = असुरा नष्टाः
मनुष्याः अवदन् = मनुष्या अवदन्
विसर्ग के पहले ‘अ’ या ‘आ’कार को छोडकर अन्य स्वर आता हो, और उसके बाद स्वर अथवा मृदु व्यंजन आता हो, तो विसर्ग का ‘र्’ बन जाता है।
भानुः उदेति = भानुरुदेति
दैवैः दत्तम् = दैवैर्दत्तम्
विसर्ग के पहले ‘अ’ या ‘आ’कार को छोडकर अन्य स्वर आता हो, और उसके बाद ‘र’कार आता हो, तो, विसर्ग के पहले आनेवाला स्वर दीर्घ हो जाता है।
ऋषिभिः रचितम् = ऋषिभी रचितम्
भानुः राधते = भानू राधते
शस्त्रैः रक्षितम् = शस्त्रै रक्षितम्
भाषा-विज्ञान | 462 |
1150791 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B6%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%A4%E0%A4%BF%20%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B5%E0%A5%80 | शांति देवी | शांति देवी (११ दिसंबर १ ९ २६ - २ दिसंबर १९) एक भारतीय महिला थीं जिन्होंने अपने पिछले जीवन को याद करने का दावा किया, और पुनर्जन्म अनुसंधान का विषय बन गई। भारतीय राजनीतिक नेता महात्मा गांधी द्वारा गठित एक आयोग ने उनके दावे का समर्थन किया, जबकि शोधकर्ता बाल चंद नाहटा की एक अन्य रिपोर्ट ने इसे विवादित बना दिया। इसके बाद, कई अन्य शोधकर्ताओं ने उनका साक्षात्कार लिया, और उनके बारे में लेख और किताबें प्रकाशित कीं।
पुनर्जन्म का दावा
शांति देवी का जन्म दिल्ली, भारत में हुआ था। 1930 के दशक में एक छोटी लड़की के रूप में, वह पिछले जीवन के विवरण को याद करने का दावा करने लगी। इन खातों के अनुसार, जब वह लगभग चार वर्ष की थी, तो उसने अपने माता-पिता को बताया कि उसका असली घर मथुरा में है जहाँ उसका पति रहता था, लगभग 145 से किमी दिल्ली में उसके घर है। अपने माता-पिता से निराश होकर, वह छह साल की उम्र में घर से भागकर मथुरा पहुँचने की कोशिश करने लगी। वापस घर, उसने स्कूल में कहा कि उसकी शादी हो चुकी थी और बच्चे को जन्म देने के दस दिन बाद उसकी मृत्यु हो गई थी। अपने शिक्षक और प्रधानाध्यापक द्वारा साक्षात्कार के बाद, उन्होंने मथुरा बोली के शब्दों का इस्तेमाल किया और अपने व्यापारी पति, "केदार नाथ" के नाम को विभाजित किया। प्रधानाध्यापक मथुरा में उस नाम से एक व्यापारी स्थित थे, जिन्होंने अपनी पत्नी लुग्दी देवी को नौ साल पहले एक बेटे को जन्म देने के दस दिन बाद खो दिया था। केदार नाथ ने अपने भाई होने का नाटक करते हुए दिल्ली की यात्रा की, लेकिन शांति देवी ने तुरंत उन्हें और लुग्दी देवी के बेटे को पहचान लिया। जैसा कि वह अपनी पत्नी के साथ केदार नाथ के जीवन के कई विवरणों को जानता था, वह जल्द ही आश्वस्त हो गया कि शांति देवी वास्तव में लुग्दी देवी का पुनर्जन्म है।
इस मामले को महात्मा गांधी के ध्यान में लाया गया जिन्होंने जांच के लिए एक आयोग का गठन किया। 15 नवंबर 1935 को आयोग ने शांति देवी के साथ मथुरा की यात्रा की। वहाँ उसने कई परिवार के सदस्यों को पहचाना, जिसमें लुग्दी देवी के दादा जी भी शामिल थे। उसे पता चला कि केदारनाथ ने लुगदी देवी से उनकी मृत्यु के लिए कई वादों को निभाने के लिए उपेक्षा की थी। उसने फिर अपने माता-पिता के साथ घर की यात्रा की। 1936 में प्रकाशित आयोग की रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि शांति देवी वास्तव में लुग्दी देवी का पुनर्जन्म थी।
उस समय दो और रिपोर्ट लिखी गई थीं। बाल चंद नाहटा की रिपोर्ट को पुंजर्नामा की परिरलोचना नाम से एक हिंदी पुस्तिका के रूप में प्रकाशित किया गया था। इसमें उन्होंने कहा कि "जो भी सामग्री हमारे सामने आई है, वह हमें इस निष्कर्ष पर नहीं पहुँचाती है कि शांति देवी की पूर्व जीवन की यादें हैं या यह मामला पुनर्जन्म को प्रमाणित करता है"। इस तर्क को बाद में एक लेख में इंद्र सेन ने विवादित कर दिया था। 1936 में आयोजित साक्षात्कारों पर आधारित एक और रिपोर्ट 1952 में प्रकाशित हुई थी।
शांति देवी ने शादी नहीं की। उन्होने 1950 के दशक के अंत में अपनी कहानी फिर से बताई, और 1986 में एक बार जब इयान स्टीवेन्सन और केएस रावत ने उसका साक्षात्कार लिया। इस साक्षात्कार में उन्होंने लुगदी देवी की मृत्यु होने पर उन्हें मृत्यु के निकट के अनुभवों से भी संबंधित किया। केएस रावत ने 1987 में अपनी जांच जारी रखी, और आखिरी साक्षात्कार 27 दिसंबर 1987 को उनकी मृत्यु से केवल चार दिन पहले हुआ। एक स्वीडिश लेखक, जिन्होंने 1994 में इस मामले के बारे में एक पुस्तक प्रकाशित की थी; अंग्रेजी अनुवाद 1998 में दिखाई दिया।
यह सभी देखें
पुनर्जन्म अनुसंधान
संदर्भ
१९८७ में निधन
1926 में जन्मे लोग | 623 |
543732 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%85%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A8%E0%A4%BE%20%E0%A4%9A%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%A1%E0%A5%80 | अन्ना चांडी | न्यायमूर्ति अन्ना चांडी (४ मई १९०५ – २० जुलाई १९९६) भारत की पहली महिला न्यायाधीश थीं। वे १९३७ में एक जिला अदालत में भारत में पहली महिला न्यायाधीश बनीं। वे भारत में पहली महिला न्यायाधीश तो थी ही, शायद दुनिया में उच्च न्यायालय के न्यायधीश के पद (१९५९) तक पहुँचने वाली वे दूसरी महिला थीं।
प्रारंभिक जीवन
न्यायमूर्ति चांडी का जन्म 4 मई 1905 को भारत के तत्कालीन त्रावणकोर राज्य (अब केरल) में एक मलयाली सीरियाई ईसाई माता पिता के यहाँ हुआ था।
करियर
वे 1928 में न्यायालयी सेवा में आयीं और उन्हें सर सी.पी.रामास्वामी द्वारा जो त्रावणकोर के तत्कालीन दीवान थे, जिला न्यायाधीश (मुंसिफ) के रूप में नियुक्त किया गया। वे केरल उच्च न्यायालय में 9 फ़रवरी 1959 से 5 अप्रैल 1967 तक न्यायाधीश के पद पर कार्यरत रहीं। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होने भारत के कानूनी क्षेत्र में महिलाओं के कैरियर रूपी आशाओं को जन्म दिया।
निधन
२० जुलाई १९९६ को उनका निधन हो गया।
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
पूर्व मुख्य न्यायाधीश और केरल के उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सूची
1905 में जन्मे लोग
१९९६ में निधन
भारतीय न्यायाधीश
न्याय | 182 |
636366 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%B0%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%A4%E0%A5%80%20%E0%A4%B6%E0%A4%BF%E0%A4%B6%E0%A5%81%20%E0%A4%AE%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B0 | सरस्वती शिशु मंदिर | राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा संचालित विद्या भारती के विद्यालयों को सरस्वती शिशु मंदिर एवं ""सरस्वती विद्या मंदिर"" कहते हैं। संघ परिवार सरस्वती शिशु मंदिर की शिक्षा प्रणाली को अभिनव रूप में मानते हुवे इसका प्रसार करता है। इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रसिध्दि मिली है। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए सरस्वती शिशु मंदिर अच्छा विकल्प स्वीकार किया जा सकता है। यहां कइ प्रकार कि प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है जैसे : बौद्धिक, शारीरिक, वैदिक मंच आदि ।
इतिहास
प्रथम सरस्वती शिशु मंदिर
1952 में संघ प्रेरणा से शिक्षा क्षेत्र को जीवन-साधना समझकर कुछ निष्ठावान लोग इस पुनीत कार्य में जुट गए। उन्होने नवोदित पीढ़ी को सुयोग्य शिक्षा और शिक्षा के साथ संस्कार देने के लिए “सरस्वती शिशु मंदिर” की आधारशिला गोरखपुर में में पक्की बाग़ में पांच रुपये मासिक किराये के भवन में रखी।इससे पूर्व कुरुक्षेत्र में 'गीता विद्यालय' की स्थापना 1946 में हो चुकी थी। मन की आस्था, ह्रदय का विकास, निश्चय की अडिगता तथा कल्पित स्वप्न को मन में लेकर कार्यकर्ताओं के साधना, तपस्या, परिश्रम व संबल के परिणामस्वरुप स्थान-स्थान पर “सरस्वती शिशु मंदिर” स्थापित होने लगे।
उत्तर प्रदेश में शिशु मंदिरों के संख्या तीव्र गति से बढ़ने लगी। इनके मार्गदर्शन एवं समुचित विकास के लिए 1958 में 'शिशु शिक्षा प्रबंध समिति' नाम से प्रदेश समिति का गठन किया गया। सरस्वती शिशु मंदिरों को सुशिक्षा एवं सद्संस्कारों के केन्द्रों के रूप में समाज में प्रतिष्ठा एवं लोकप्रियता प्राप्त होने लगी। अन्य प्रदेशों में भी जब विद्यालयों की संख्या बढ़ने लगी तो उन प्रदेशों में भी प्रदेश समितियों का गठन हुआ। पंजाब एवं चंडीगढ़ में सर्वहितकारी शिक्षा समिति, हरियाणा में हिन्दू शिक्षा समिति बनी। इसी प्रयत्न ने 1977 में अखिल भारतीय स्वरुप लिया और विद्या भारती संस्था का प्रादुर्भाव दिल्ली में हुआ। सभी प्रदेश समितियां विद्या भारती से सम्बद्ध हो गईं। | 294 |
34984 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B9%E0%A5%8B%E0%A4%B2%E0%A4%BE%20%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%B9%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A4%BE | होला मोहल्ला | सिक्खों के पवित्र धर्मस्थान श्री आनन्दपुर साहिब मे होली के अगले दिन से लगने वाले मेले को होला मोहल्ला कहते हैं। सिखों के लिये होला मोहल्ला बहुत ही महत्वपूर्ण है। यहाँ पर होली पौरुष के प्रतीक पर्व के रूप में मनाई जाती है। इसीलिए दशम गुरू गोविंद सिंह जी ने होली के लिए पुल्लिंग शब्द होला मोहल्ला का प्रयोग किया। गुरु जी इसके माध्यम से समाज के दुर्बल और शोषित वर्ग की प्रगति चाहते थे। होला महल्ला का उत्सव आनंदपुर साहिब में छः दिन तक चलता है। इस अवसर पर घोड़ों पर सवार निहंग, हाथ में निशान साहब उठाए तलवारों के करतब दिखा कर साहस, पौरुष और उल्लास का प्रदर्शन करते हैं। पंज पियारे नगर कीर्तन का नेतृत्व करते हुए रंगों की बरसात करते हैं और जुलूस में निहंगों के अखाड़े नंगी तलवारों के करतब दिखते हुए बोले सो निहाल के नारे बुलंद करते हैं। आनन्दपुर साहिब की सजावट की जाती है और विशाल लंगर का आयोजन किया जाता है। कहते है गुरु गोबिन्द सिंह (सिक्खों के दसवें गुरु) ने स्वयं इस मेले की शुरुआत की थी। यह नगर कीर्तन हिमाचल प्रदेश की सीमा पर बहती एक छोटी नदी चरण गंगा के तट पर समाप्त होता है।
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
होली के रूप अनेक : भाग दो
होली
सिख धर्म
सिख पर्व एवं त्यौहार | 214 |
667964 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%95%20%E0%A4%85%E0%A4%A7%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%AA%E0%A4%A8%20%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A7%E0%A4%BE | वास्तविक अध्यापन विधा |
वास्तविक अध्यापन विधा
वास्तविक अध्यापन विधा एक शिक्षक द्वारा शुरू किया गया है, जो सीखने के दृष्टिकोण क्रिस्टोफर Emdin, शिक्षक कॉलेज में गणित, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, कोलंबिया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। यह दृष्टिकोण शिक्षक द्वारा छात्रों की समझ पर केंद्रित है। यहां शिक्षण और सीखने के छात्र के अनुभव की वास्तविकता पर आधारित है। शिक्षक प्रत्येक छात्र को पहचानता है और वह कहाँ से आए है, जहां से उनकी संस्कृति से संबंधित समुदाय हो सकता है। छात्र से शिक्षक को मिली जानकारी के आधार पर,उपयोग करता है शिक्षा के लिए एक बिंदु के रूप में कक्षा में है।
यह दृष्टिकोण भी वास्तविकता कक्षा में लाया जाता है, जहां एक अंतरिक्ष या माहौल बनाने की जरूरत बताते हैं। छात्रों को शिक्षक कक्षा में क्या सिखाता से संबंधित करने में सक्षम होना चाहिए। छात्र की वास्तविकता कक्षा में उसकी / उसके व्यवहार का निर्धारक है। इसलिए, शिक्षक प्रभावी शिक्षण और सीखने के अनुभव के क्रम में, छात्रों को पता करने की जरूरत है। हकीकत शिक्षाशास्त्र भी शिक्षक की भूमिका स्थितियों बनाने के लिए और महत्वपूर्ण सोच में छात्रों को शामिल करने के लिए है, जहां प्रकाश महत्वपूर्ण सोच, के लिए लाता है। यह भी उन्हें अपने विचार व्यक्त करने और अपनी राय या विचारों को बाहर आवाज करने की अनुमति देता है।
5 'C'
प्रभावी शिक्षण और सीखने के लिए, शिक्षक और छात्रों के बीच ज्ञान और कौशल का आदान-प्रदान करने की आवश्यकता है। इस विशेषज्ञता के आदान-प्रदान की अनुमति देता है जो "5 सी" नामक उपकरण, के द्वारा किया जाता है।
1.को-जेनरेटिव डाइलॉग- यहाँ पर शिक्षक और छात्र के वातावरण के उपर तर्क करते है कि यह कक्षाए उपयोगी है की नही। अगर नही तो उसमे सुधार कैसे लाया जाए।
2. को-टीचिंग- सीखना ज़्यादा साधक होता है, जब वे खुद शिखते है। यहा शिक्षक छात्रो को पाठ का उपाय रचना बनाने का और उसे सीकने का अवसर देते है। शिक्षक छात्र की जगह, और छात्र शिक्षक की जगह लेते है क्योकि छात्र को मालूम होता है की वे किस प्रकार से अच्छी तरह से सीखते है और उन्हे जानकारी को कैसे प्रतिपादन किया जाता है।
3. कॉसमपॉलिटनिज़म- यहाँ कक्षा के उत्तरदायित्त्व को सब छात्रो मे बराबर से बाँटा जाता है ताकि कक्षा का लाभ और उन्नति हो।
4. कॉंटेक्स्ट- कुछ बाहरी व्यवहार का कक्षा में उपयोग करना ताकि शात्रो को सीखने में आसानी हो जैसे वे कक्षा के बाहर करते है।
5. कॉंटेंट- यहाँ शिक्षक को जानकारी जो छात्रों से और उनके वास्तविक अनुभव से मेल ख़ाता हो। शिक्षक को छात्रों कि क्षमता को ध्यान में रखते हुए जानकारी प्रस्तूत करना चाहिए।
सन्दर्भ | 423 |
81080 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%B5%E0%A4%BE%20%E0%A4%8F%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%B8%20%E0%A5%A8%E0%A5%AF%E0%A5%A7%E0%A5%AF | मालवा एक्स्प्रेस २९१९ | मालवा एक्स्प्रेस १२९१९ भारतीय रेल द्वारा संचालित एक मेल सुपरफास्ट एक्स्प्रेस ट्रेन है। यह ट्रेन इंदौर जंक्शन बीजी रेलवे स्टेशन (स्टेशन कोड:INDB) से १२:२५ बजे छूटती है और जम्मू तवी रेलवे स्टेशन (स्टेशन कोड:JAT) पर ३:४० बजे पहुंचती है। इसकी यात्रा अवधि है २७ घंटे १५ मिनट।
मालवा एक्सप्रेस एक दैनिक सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन सेवा है जो, मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा शहर और व्यावसायिक केंद्र इंदौर जंक्शन बीजी रेलवे स्टेशन से जम्मू कश्मीर, भारत में जम्मू तवी तक जोड़ता है।
वर्तमान में यह ट्रेन इंदौर के डॉ. अम्बेडकर नगर (महू) से श्री माता वैष्णोदेवी कटड़ा के लिए चलती है इस ट्रेन का नंबर 12919 और 12920 है
इतिहास
यह ट्रेन मूल रूप से इंदौर और नई दिल्ली के बीच शुरू की गई थी और तब से जम्मू तवी तक बढ़ा दी गई है। यह एक कूटनीतिक संकेत के रूप में पाकिस्तान पहुंचने वाली पहली भारतीय रेल थी। २२ अक्टूबर १९८५ को इंदौर से पाकिस्तान में लाहौर तक, इंदौर-लाहौर विशेष सेवा से चल रही थी, लेकिन सेवा विवादों की वजह से ५५ दिनों के बाद समाप्त कर दिया गया। इस अवधि के दौरान यह हर एक सप्ताह में एक बार शुक्रवार को दोनों दिशा में प्रस्थान करती रही। यह भोपाल एक्सप्रेस, रेवांचल एक्सप्रेस और अहिल्यानगरी एक्सप्रेस के बाद, एक आईएसओ प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए भारत और मध्य प्रदेश में पांचवीं ट्रेन थी।
संख्या और नामकरण
इंदौर से 'डौन' सेवा संख्या १२९१९ के रूप में और जम्मू तावी से 'अप' सेवा संख्या १२९२० वहन करती है। मालवा नाम मध्य प्रदेश के क्षेत्र को प्रतीक करता है, जहां इंदौर शहर में स्थित है।
मार्ग और स्टाप
ट्रेन अपनी यात्रा के माध्यम से कई मार्गों पर चलती है। देवास - उज्जैन, उज्जैन - सीहोर - भोपाल, भोपाल - बीना, बीना - झांसी - ग्वालियर, ग्वालियर - आगरा, आगरा - मथुरा, मथुरा - दिल्ली और नई दिल्ली - अमृतसर ये मार्गों पर चल्ती है। यह इस तरह मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, नई दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और जम्मू एवं कश्मीर से ७ राज्यों के माध्यम से गुजरता है। इस ट्रेन के महत्वपूर्ण स्टापें हैं:
इंदौर जंक्शन
देवास जंक्शन
उज्जैन जंक्शन
मक्सी जंक्शन
शुजालपुर
सीहोर
संत हिरदाराम नगर
भोपाल जंक्शन
विदिशा
बीना जंक्शन
ललितपुर जंक्शन
झांसी जंक्शन
दतिया
ग्वालियर जंक्शन
मुरैना
धौलपुर जंक्शन
आगरा कैंट
मथुरा जंक्शन
फरीदाबाद
हजरत निजामुद्दीन
नई दिल्ली
लुधियाना जंक्शन
जालंधर
दसुया
चक्की बैंक
विजयपुर जम्मू
जम्मूतवी
श्री माता वैष्णोदेवी कटरा
ट्रेन का टाइम टेबल
कोच समग्र
ट्रेन में सामान्यता २४ डिब्बों के होते हैं:
१५ स्लीपर डिब्बे
२ एसी २ वर्ग
२ एसी - ३ क्लास
४ जेनेरल
१ पेंट्री कार
आवृत्ति
ट्रेन, एक दिन में एक बार, पूरे सप्ताह चलाती है।
बाहरी लिंक
मालवा एक्सप्रेस स्थिति
एचटीटीपी://डब्लियूडब्लियूडब्लियू.इंदोरे.एनाइसी.इन
मेल एक्स्प्रेस ट्रेन | 443 |
1330834 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A4%9F%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%20%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%B2 | मटिया महल | भारत के राजस्थान में हिण्डौन में स्थित माटिया महल, हिंडौन की एक प्राचीन धरोहर है। यह शानदार इमारत लगभग 150 फीट लंबी, 150 फीट चौड़ी है। यह इमारत लाल बलुआ पत्थर से बनी है। यह तीन मंजिला इमारत है। लोगों का मानना है कि मिट्टी और पत्थर का इस्तेमाल अतीत में किया गया है और इसका निर्माण मटिया नामक व्यक्ति ने किया था और इसी कारण इसका नाम मटिया महल रखा गया था।
लेकिन इसके अंदर की संरचना का अध्ययन करने पर, यह ज्ञात होता है कि यह इमारत घोड़ों के लिए थी। बनावट घोड़े के समान है। यहां भी हाथियों को बांधने के संकेत स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं। मुख्य द्वार बहुत ऊँचा है लेकिन प्रवेश द्वार भी ऊँचा है ताकि हाथी आराम से निकल सकें। यहाँ सिपाहियों के रहने के कमरे बने है। इसके बगल में एक स्थान है, जो संभवतः घोड़ों और हाथियों के निवास का स्थान है।
यह बहुत प्राचीन महल है और साथ ही एक सुंदर महल है, लेकिन इस समय इसकी स्थिति बहुत खराब है।
सन्दर्भ
राजस्थान के महल | 176 |
746912 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%86%E0%A4%87%E0%A4%AC%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%20%E0%A4%8F%E0%A4%AF%E0%A4%B0%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%87%E0%A4%82%E0%A4%B8 | आइबिरिया एयरलाइंस | १९२७ में संस्थापित आइबिरिया स्पेन की राजकीय विमान सेवा है मैड्रिड में स्थित यह एरलाइन्स अपने मुख्य आधार स्थलों बरजस एरपोर्ट और बार्सिलोना एल प्राट एरपोर्ट से कई सारे अंतराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए उड़ाने संचालित करती है।
आइबिरिया रीजनल (एक स्वतंत्र विमान सेवा एर नॉस्टरम द्वारा संचालित) और आइबिरिया एक्सप्रेस के साथ मिलकर यह आइबिरिया समूह का निर्माण करती है। आइबिरिया समूह ३९ से अधिक देशों के ९० से अधिक गंतव्यों तक सेवा प्रदान करता है। कई अन्य एरलाइन्स के साथ कोड समझौते के आधार पर यह ९० दूसरे गंतव्यों तक की यात्रा सुविधा भी प्रदान प्रदान करता है।
८ अप्रैल २०१० को यह सूचना सार्वजनिक की गयी कि ब्रिटिश एरलाइन्स के साथ आइबिरिया के विलय के लिए समझौता हो गया और इस विलय के परिणाम स्वरूप आमदनी के आधार पर विश्व के तीसरे सबसे बड़े एरलाइन्स समूह का निर्माण होगा।
२९ नवंबर २०११ को दोनों एरलाइन्स के शेयर धारकों ने इस विलय को मंज़ूरी दे दी। जनवरी २०११ में नयी संयुक्त संस्था इंटरनॅशनल एरलाइन्स ग्रूप की स्थापना की गयी हालाँकि दोनों एरलाइन्स अब भी अपने ब्रांड नेम से ही सेवाएँ संचालित करती हैं।
इस एरलाइन्स का मुख्य कार्यालय एम वी. ४९ बिज़्नेस पार्क मॅड्रिड में स्थित है २०१३ में इस एरलाइन्स में खर्चों में कमी की लिहाज से मॅड्रिड के सॅलमेंका डिस्ट्रिक्ट के कॅमपोज़ वेलज़क़ुज़ स्थित अपना पुराना मुख्य कार्यालय बदल दिया था।
स्वामित्व
३ अप्रैल २००१ को आइबिरिया का निजीकरण कर दिया गया और यह मॅड्रिड के आइबिक्स-३५ स्टॉक इंडेक्स में शामिल कर ली गयी।
इसके प्रमुख शेयर धारक थे - काजा मॅड्रिड– २३.४५%, ब्रिटिश एरवेस १३.२%, एस ई पी आई– ५.२%, एल कोर्टे इंगलस– २.९०%।
बाद में ब्रिटिश एरवेज ने आइबिरिया में अमेरिकन एरलाइन्स की बकाया साझेदारी को १३ मिलियन पौंड चुका कर खरीद लिया। इसके बाद इसकी आइबिरिया में साझेदारी १०% के आसपास पहुँच गयी और इसे
इसके बोर्ड में दो निदेशक नियुक्त करने का अधिकार भी प्राप्त हो गया।
जुलाई २००८ में ब्रिटिश एरवेज और आइबिरिया ने परस्पर विलय की घोषणा की, अप्रैल २०१० में विलय को अंतिम रूप दिया गया और जुलाई २०१० में युरोपियन कमिशन और युनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ ट्रॅन्स्पोर्टेशन ने इसे अपनी अनुमति प्रदान की और साथ ही अमेरिकन एरलाइन्स के साथ इसके मार्गों के तारतम्य को साधने का काम शुरू किया गया। ६ अक्तूबर २०१० से ब्रिटिश एरवेज, आइबिरिया और अमेरिकन एरलाइन्स के गठबंधन ने औपचारिक रूप से कम शुरू कर दिया। इस गठबंधन के परिणामस्वरूप ब्रिटिश एरवेज को सालाना ३३० मिलियन पौंड की बचत होती है साथ ही आइबिरिया के साथ विलय के कारण और २३० मिलियन पौंड की बचत का अनुमान था।
विलय से पूर्व ब्रिटिश एरवेज की आइबिरिया में १३.५% की हिस्सेदारी थी। विलय के बाद इसे इंटरनॅशनल एरलाइन्स ग्रूप में ५५% की भागेदारी मिली और के बाकी हिस्सेदारों के पास ४५% हिस्सा गया।
सहायक कंपनिया और गठबंधन
आइबिरिया के पास कम लागत वाली एरलाइन्स उएलिंग के ९.४९% हैं। बाकी के ९०.५१ इसकी मूल कंपनी इंटरनॅशनल एरलाइन्स ग्रूप के पास है। ऐसा इस लिए किया गया ताकि इंटरनॅशनल एरलाइन्स ग्रूप के पास १००% हिस्सेदारी ना हो और बाकी शेयर इसके भागीदारो के पास ही रहे। इसके अतिरिक्त रॉयल एर मारोक में भी आइबिरिया की ०.९५% भागीदारी है।
बाहरी कड़ियाँ
सन्दर्भ
विमान सेवा | 525 |
1467743 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%9C%E0%A4%AF%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A1%E0%A4%BC%E0%A4%BE%20%E0%A4%AC%E0%A4%B8%20%E0%A4%B0%E0%A5%88%E0%A4%AA%E0%A4%BF%E0%A4%A1%20%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%9C%E0%A4%BC%E0%A4%BF%E0%A4%9F%20%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A4%AE | विजयवाड़ा बस रैपिड ट्रांज़िट सिस्टम | विजयवाड़ा बीआरटीएस विजयवाड़ा शहर के लिए एक बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम है। जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण योजना के तहत ₹४५० करोड़ की लागत से छह बीआरटीएस कॉरिडोर प्रस्तावित किए गए थे।
कॉरीडोर
विजयवाड़ा बस रैपिड ट्रांज़िस्ट सिस्टम के लिए छह गलियारे नीचे सूचीबद्ध हैं: न्यूनतम मार्ग बस टर्मिनल से सिटी बस कॉम्प्लेक्स तक है जिसकी लंबाई २.६२ किलोमीटर है और सबसे लंबा मार्ग रामवरप्पाडु रिंग रोड जंक्शन, बेंज सर्कल के माध्यम से बस टर्मिनल से सिटी बस टर्मिनल (राउंड ट्रिप) है जिसकी लंबाई १५.५ किलोमीटर है।
संदर्भ | 88 |
12961 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%88%20%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B7%E0%A4%BE | कोरियाई भाषा | कोरियाई भाषा दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया की आधिकारिक भाषा है और इसे बोलने वालों की संख्या लगभग ८ करोड़ है। इस भाषा का विकास १४४३ ई० में किंगसेजोंग के शासनकाल में हुआ। इस भाषा की लिपि हंगुल (Hangul 한글) है। कोरियन में 한 (हान/Haan) का अर्थ है - कोरिया अथवा महान और 글/गुल/geul का अर्थ है - लिपि। इस प्रकार हंगुल का अर्थ हुआ - "महान लिपि" अथवा "कोरियन लिपि"।
कोरियायी भाषा अल्टाइक कुल की भाषा है जो चीनी की भाँति संसार की प्राचीन भाषाओं में गिनी जाती है। चीनी की भाँति यह भी दाए से बाई ओर लिखी जाती है। इसका इतिहास कोरिया के इतिहास की तरह ही 4000 वर्ष प्राचीन है। प्राचीन काल में चीनी लोग कोरिया में जाकर बस गए थे, इसलिये वहाँ की भाषा भी चीनी भाषा से काफी प्रभावित है। चीनी और कोरियायी के अनेक शब्द मिलते जुलते हैं :
NIRMA
कोरिया के विद्वानों की बोलचाल की भाषा तो कोरियायी थी लेकिन वे चीनी में लिखते थे। चीनी लिपि में लिखी जानेवाली कोरियायी भाषा की लिपि हानमून/hanmun कही जाती थी। जबतक कोई विद्वान प्राचीन चीनी का ज्ञाता न हो तब तक वह पूर्ण विद्वान नहीं माना जाता था। कोरियायी भाषा अपनी शिष्टता और विनम्रता के लिये प्रसिद्ध है। शिष्टता और विनम्रतासूचक कितने ही शब्द इस भाषा में पाए जाते हैं। कोdidiरिया के लोग अभिवादन के समय "आप शांतिपूर्वक आएँ", "आप शांतिपूर्वक सोएँ" जैसे आदरसूचक शब्दों का प्रयोग करते हैं।
लिपि का सरलीकरण
सन् 1446 में कोरिया के राजा सेजोंग ने कोरियायी भाषा को सरल बनाने के लिये एक घोषणा की जिसमें कहा गया कि कोरिया की राष्ट्रभाषा चीनी से भिन्न है और चीनी लिपि से उसकी समानता नहीं है, इसलिये कोरिया की जनता चीनी भाषा के तरीकों को नहीं अपना सकती। इस समय हंगुल लिपि में 28 अक्षरों का समावेश हुआ जिनमें 17 व्यंजन और 11 स्वर थे। बाद में व्यंजनों को घटाकर 14 कर दिया गया। धीरे-धीरे पुस्तकें और अखबार भी इस लिपि में छपने लगे।
व्याकरण
कोरियाई भाषा का व्याकरण नियमबद्ध और सरल है। एक ही क्रिया बिना किसी परिवर्तन के अनेक रूपों में प्रयुक्त होती है। कोरियायी की वाक्य रचना जापानी की भाँति हैं--
(क) वाक्यों में पहले 'कर्ता' फ़िर 'कर्म' और अंत में 'क्रिया' होती है।
(ख) विशेषण विशेष्य के पहले होता है।
(ग) प्राय: संज्ञाओं और क्रियाओं में वचन और पुरुष नहीं रहते है।
(घ) धातु में सहायक धातुओं के प्रत्यय जोड़ने से क्रियारूप बनते हैं।
कोरियन वर्णमाला
कोरियाई साहित्य
बाहरी कड़ियाँ | 403 |
733870 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%86%E0%A4%AF%E0%A4%B0%E0%A4%B2%E0%A5%88%E0%A4%82%E0%A4%A1%20%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A4%B6%E0%A4%BE%E0%A4%B9%E0%A5%80 | आयरलैंड राजशाही | आयरलैंड राजशाही(शास्त्रीय आयरिश:Ríoghacht Éireann; आधुनिक आयरिश:Ríocht Éireann), आयरलैंड द्वीप पर १५४२ से १८०० के बीच विद्यमान अंग्रेज़ी राजशाही का एक कठपुतली राज्य था। यह तब अस्तित्व में आई जब १५४२ में आयरलैंड की संसद ने क्राउन ऑफ़ आयरलैंड ऍक्ट पारित कर इंग्लैंड के राजा हेनरी अष्टम् को आयरलैंड का राजा घोषित कर दिया। राजतंत्र घोषित होने से पहले, इस राज्य को इंग्लैण्ड रियासत की एक जागीर(लॉर्डशिप) होने का पद प्राप्त था।
इस राज्य की स्थापन के प्रारंभिक वर्षों में आयरिश राजतन्त्र को अन्य यूरोपीय राज्यों द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं थी। हालाँकि, कुछ प्रोटोस्टेंट राज्यों ने इसे मान्यता दी थी, परंतु किसी भी कैथोलिक राज्य ने आयरलैंड को एक वाजिब राजतंत्र और इंग्लैंड के शासक को आयरिश सिंघासन का वैधिक वारिस मानने से इनकार कर दिया था। वर्ष १९५५ में पोप पॉल चतुर्थ ने रजा हेनरी की बेटी और उत्तराधिकारी, रानी मैरी प्र॰ को आयरलैंड की रानी होने की मान्यता प्रदान की।
वर्ष १८०० में ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की सांसदों में एक्ट्स ऑफ़ यूनियन के पारित होने के कारण इसका विलय ग्रेट ब्रिटेन राजशाही के साथ होगया, और आयरलैंड की सरकार, प्रशासन तथा राजमुकुट को ग्रेट ब्रिटेन के साथ मिला कर एक संयुक्त रियासत को स्थापित किया गया। इस संयुक्त राज्य का नाम ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड का यूनाइटेड किंगडम(उनिदेत किंगडम ऑफ़ ग्रेट ब्रिटेन एण्ड आयरलैंड) रखा गया, जिसमें से आयरलैंड के पांच-छ्याई भाग १९२२ में ब्रिटेन से आयरिश मुक्त राज्य के रूप में स्वतंत्र होगया।
इन्हें भी देखें
ब्रिटिश एकराट्तंत्र
ब्रिटेन के शासक
आयरलैंड का इतिहास
यूनाइटेड किंगडम का इतिहास
ग्रेट ब्रिटेन
ग्रेट ब्रिटेन राजशाही
राष्ट्रमंडल
स्कॉटलैंड राज्य
ऍक्ट ऑफ़ यूनियन, १८००
आयरिश स्वतंत्रता युद्ध
आयरलैंड की जागीरदारी
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
यूनाइटेड किंगडम का इतिहास
ग्रेट ब्रिटेन का इतिहास
यूरोप का इतिहास
आयरलैंड का इतिहास
ब्रिटेन का इतिहास
ब्रिटिश राजतंत्र
राष्ट्रमंडल | 292 |
751418 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A4%9A%E0%A5%81%E0%A4%AF%E0%A4%BC%E0%A4%BE%20%E0%A4%89%E0%A4%AA%E0%A4%9C%E0%A4%BC%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BE | कचुय़ा उपज़िला | कचुय़ा उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह चट्टग्राम विभाग के चाँदपुर ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 8 उपज़िले हैं, और मुख्यालय चाँदपुर सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पूर्व की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है।
जनसांख्यिकी
यहाँ की आधिकारिक स्तर की भाषाएँ बांग्ला और अंग्रेज़ी है। तथा बांग्लादेश के किसी भी अन्य क्षेत्र की तरह ही, यहाँ की भी प्रमुख मौखिक भाषा और मातृभाषा बांग्ला है। बंगाली के अलावा अंग्रेज़ी भाषा भी कई लोगों द्वारा जानी और समझी जाती है, जबकि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक निकटता तथा भाषाई समानता के कारण, कई लोग सीमित मात्रा में हिंदुस्तानी(हिंदी/उर्दू) भी समझने में सक्षम हैं। यहाँ का बहुसंख्यक धर्म, इस्लाम है, जबकि प्रमुख अल्पसंख्यक धर्म, हिन्दू धर्म है। चट्टग्राम विभाग में, जनसांख्यिकीक रूप से, इस्लाम के अनुयाई, आबादी के औसतन ८६.९८% है, जबकि शेष जनसंख्या प्रमुखतः हिन्दू धर्म की अनुयाई है, तथा, चट्टग्राम विभाग के पार्वत्य इलाकों में कई बौद्ध जनजाति के लोग निवास करते हैं। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है।
अवस्थिति
कचुय़ा उपजिला बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्वी भाग में, चट्टग्राम विभाग के चाँदपुर जिले में स्थित है।
इन्हें भी देखें
बांग्लादेश के उपजिले
बांग्लादेश का प्रशासनिक भूगोल
बरिशाल विभाग
उपज़िला निर्वाहि अधिकारी
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
उपज़िलों की सूची (पीडीएफ) (अंग्रेज़ी)
जिलानुसार उपज़िलों की सूचि-लोकल गवर्नमेंट इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट, बांग्लादेश
http://hrcbmdfw.org/CS20/Web/files/489/download.aspx (पीडीएफ)
श्रेणी:चट्टग्राम विभाग के उपजिले
बांग्लादेश के उपजिले | 256 |
188534 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%AF%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%AE%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A8%E0%A5%81%20%E0%A4%AD%E0%A4%97%E0%A4%B5%E0%A4%A4%E0%A4%BF%20%E0%A4%AE%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B0 | वयिलमकुन्नु भगवति मंदिर | वयिलमकुन्नु भगवति मंदिर
वयिलमकुन्नु भगवति मंदिर केरल में, कतमपलिपुरम नामक जगह पर स्थित है और चेरुपुलास्सेरी से पालाक्काड़ जाने के रास्ते में [0] दूर पड़ता हैं। ये मंदिर तिरुमंदाकुन्नु भगवति को समर्पित है (और कोंगद में श्तिथ (अन्गदीपुरम मंदिर की तरह है)। इस मंदिर का भव्य वार्षिक त्योहार बहुत आश्म्सा और भव्यता के साथ मार्च के महीने में हर साल मनाया जाता है।
इन्हें भी देखें
* केरल के मंदिर
संदर्भ
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[2]
केरल में हिंदू मंदिरों
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79194 | https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%88%E0%A4%A6 | ईद | ईद : (अरबी और उर्दू : عید) यह शब्द अरबी है, उर्दू और फ़ारसी में भी ईद शब्द का ही उपयोग होता है। ईद का अर्थ हिन्दी में "पर्व" या "त्योहार" के हैं। ईद शब्द का अर्थ अरबी, उर्दू और फ़ारसी में "खुशी" या "हर्शोल्लास" के लिये जासक्ते हैं। इस्लामी धर्म मुस्ल्लिम संस्कृती में अनेक पर्व या ईद हैं। वह ये हैं।
ईद उल-फ़ित्र (रमज़ान. के रोज़ों के बाद शव्वाल की पहली तारीख को मनाई जाती है।
ईद-उल-अज़हा - इसे भारत-उपखंड में बक़र-ईद भी कहते हैं। यह इस्लामी कैलंडर के आखरी महीने की दसवीं तारीख को मनाया जाता है। इसी दिन हज भी अदा किया जाता है।
मीलाद उन-नबी - हज़रत मुहम्मद की जन्मतिथी।
इन्हें भी देखें
ईद गाह
नमाज़
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
इस्लाम त्यौहार | 125 |