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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: देश के वाहन उद्योग में गिरावट को सिलसिला जारी है और अगस्त में भी मारुति सुजुकी इंडिया, हुंदै, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स और होंडा सहित सभी प्रमुख वाहन निर्माताओं ने बिक्री में भारी गिरावट की सूचना दी है. देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया की बिक्री अगस्त महीने में 32.7 प्रतिशत घटकर 1,06,413 वाहन रह गई. इससे पिछले साल के समान महीने में कंपनी की बिक्री 1,58,189 इकाई रही थी. कंपनी ने बयान में कहा कि अगस्त में उसकी घरेलू बाजार में बिक्री 34.3 प्रतिशत घटकर 97,061 इकाई रह गई, जो अगस्त, 2018 में 1,47,700 इकाई थी. इसी तरह होंडा कार्स इंडिया और टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने बिक्री में क्रमशः 51 प्रतिशत एवं 21 प्रतिशत की गिरावट की सूचना दी है. घरेलू क्षेत्र की प्रमुख वाहन कंपनी टाटा मोटर्स के यात्री वाहनों की घरेलू बिक्री अगस्त में 58 प्रतिशत तक लुढ़क गयी. कंपनी ने पिछले 7,316 वाहनों की बिक्री की.
कंपनी ने पिछले साल अगस्त में 17,351 वाहनों की बिक्री की थी. बिक्री आंकड़ों पर टाटा मोटर्स के यात्री वाहन कारोबार के अध्यक्ष मयंक पारीक ने कहा कि बाजार में परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण बनी हुई हैं लेकिन कंपनी खुदरा बिक्री को बेहतर करने की दिशा में काम कर रही है. उन्होंने कहा कि खुदरा बिक्री में 42 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है. महिंद्रा एंड महिंद्रा की कुल बिक्री घटकर अगस्त में 36,085 इकाइयों पर रही. कंपनी ने पिछले साल अगस्त में 48,324 इकाई बेचे थे. हुंदै मोटर इंडिया लिमिटेड की अगस्त में कुल बिक्री 9.54 प्रतिशत घटकर 56,005 वाहन रही. पिछले साल इसी अवधि में यह बिक्री 61,912 वाहन थी. कंपनी ने एक बयान में बताया कि समीक्षावधि में उसकी घरेलू बिक्री 16.58 प्रतिशत घटकर 38,205 वाहन रही. इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 45,801 वाहन थी.
होंडा कार्स इंडिया लि.(एचसीआईएल) की घरेलू बिक्री अगस्त महीने में 51.28 प्रतिशत घटकर 8,291 इकाई रह गई, जो एक साल पहले समान महीने में 17,020 इकाई थी. माह के दौरान कंपनी ने 227 वाहनों का निर्यात भी किया. एचसीआईएल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं निदेशक बिक्री एवं विपणन राजेश गोयल ने कहा कि उपभोक्ता धारणा कमजोर पड़ने से वाहन क्षेत्र में भारी गिरावट आई है. उन्होंने कहा कि यह स्थिति तब है जबकि वाहन क्षेत्र में ऊंची छूट दी जा रही है और यह कार खरीदने का अच्छा समय है. टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के वाहनों की बिक्री अगस्त में 21 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11,544 इकाइयों पर रही. टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) ने बयान जारी कर कहा है कि पिछले साल अगस्त में उसने 14,581 वाहनों की बिक्री की थी.
टीकेएम की घरेलू बिक्री अगस्त में 24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 10,701 इकाइयों पर रही. कंपनी ने अगस्त, 2018 में 14,100 वाहनों की बिक्री की थी. एमजी मोटर इंडिया ने रविवार को कहा कि अगस्त में उसने 2,018 वाहनों की खुदरा बिक्री की. कंपनी ने इस साल जुलाई में 1,508 इकाइयों की बिक्री की थी. एमजी मोटर इंडिया के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी गौरव गुप्ता ने बयान में कहा है, 'ग्राहकों को पूरी तरह संतुष्ट करने की हमारी प्रतिबद्धता के तहत हमारा ध्यान मुख्य रूप से 28,000 बुकिंग को पूरा करने पर है.' दुपहिया वाहन श्रेणी की बात करें तो हीरो मोटो कॉर्प ने पिछले अगस्त की तुलना में इस साल इसी महीने में डेढ़ प्रतिशत अधिक वाहनों की बिक्री की है. कंपनी ने आलोच्य माह में 5,43,406 वाहनों की बिक्री की. कंपनी ने पिछले साल अगस्त में 5,35,810 दुपहिया वाहन बेचे थे. |
लेख: विज्ञान संकाय में इस वर्ष जहां 30 प्रतिशत ही परीक्षार्थी सफल हो सके, जबकि पिछले साल 66 फीसदी छात्र पास हुए थे. कला संकाय में 37 प्रतिशत ही परीक्षार्थी सफलता पा सके, जबकि पिछले वर्ष छात्रों का पास प्रतिशत 57 फीसदी था. हालांकि वाणिज्य संकाय में 73.76 प्रतिशत परीक्षार्थी सफल रहे. पिछले वर्ष 80 फीसदी छात्र पास हुए थे.
साइंस स्ट्रीम में परीक्षा में बैठे 6,46,231 छात्रों में से 57,706 यानि 8.93 फीसदी छात्र फर्स्ट डिवीज़न से उत्तीर्ण हुए और रिकॉर्ड 20 प्रतिशत यानि 1,30,800 छात्र सेकेंड डिवीज़न से पास हुए. जबकि 4,49,280 स्टूडेंट्स, लगभग 70 प्रतिशत छात्र पास होने में विफल रहे.टिप्पणियां
आर्ट्स में 61 प्रतिशत छात्र यानि कुल 3,30,338 फेल हो गए, जबकि 35,975 यानि 6.74 प्रतिशत फर्स्ट डिवीज़न से उत्तीर्ण हुए और 25 फीसदी यानि 1,33,773 छात्र सेकेंड डिवीज़न से पास हुए.
कॉमर्स में 25 फीसदी छात्र फेल हो गए.
साइंस स्ट्रीम में परीक्षा में बैठे 6,46,231 छात्रों में से 57,706 यानि 8.93 फीसदी छात्र फर्स्ट डिवीज़न से उत्तीर्ण हुए और रिकॉर्ड 20 प्रतिशत यानि 1,30,800 छात्र सेकेंड डिवीज़न से पास हुए. जबकि 4,49,280 स्टूडेंट्स, लगभग 70 प्रतिशत छात्र पास होने में विफल रहे.टिप्पणियां
आर्ट्स में 61 प्रतिशत छात्र यानि कुल 3,30,338 फेल हो गए, जबकि 35,975 यानि 6.74 प्रतिशत फर्स्ट डिवीज़न से उत्तीर्ण हुए और 25 फीसदी यानि 1,33,773 छात्र सेकेंड डिवीज़न से पास हुए.
कॉमर्स में 25 फीसदी छात्र फेल हो गए.
आर्ट्स में 61 प्रतिशत छात्र यानि कुल 3,30,338 फेल हो गए, जबकि 35,975 यानि 6.74 प्रतिशत फर्स्ट डिवीज़न से उत्तीर्ण हुए और 25 फीसदी यानि 1,33,773 छात्र सेकेंड डिवीज़न से पास हुए.
कॉमर्स में 25 फीसदी छात्र फेल हो गए.
कॉमर्स में 25 फीसदी छात्र फेल हो गए. |
बम्बई उच्च न्यायालय में अभूतपूर्व सरुक्षा इंतजामों के बीच राज्य ने पाकिस्तानी आतंकवादी आमिर अजमल कसाब की मुम्बई हमलों में भूमिका के लिए उसकी सजा ए मौत की पुष्टि को लेकर दलीलें शुरू कीं.
सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने 26 नवम्बर 2008 को मुम्बई पर हमला करने के लिए पाकिस्तान से आए कसाब और नौ अन्य के बर्बर कृत्य का ब्यौरा देते हुए कहा कि यह राज्य (पाकिस्तान) प्रायोजित आतंकवाद था और इसे वहां के सुरक्षा तामझाम की मदद से लश्कर ए तैयबा ने अंजाम दिया.
दलीलें न्यायमूर्ति रंजना देसाई और न्यायमूर्ति आरवी मोरे के समक्ष अदालत 49 में शुरू हुईं. इसमें कसाब सेंट्रल जेल से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुआ जहां वह भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बुलेट प्रूफ सेल में बंद है.
कानूनी स्रोतों ने प्रेट्र को बताया कि यह पहली बार है जब बम्बई उच्च न्यायालय में सजा ए मौत की पुष्टि पर जिरह वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही है. कसाब सुबह ठीक 11 बजे बड़े पर्दे पर दिखा. ऐसा लगा कि कार्यवाही में उसकी कोई रुचि नहीं है. वह पूरी अवधि मुस्कराता और जम्हाई लेता रहा. कई बार उसने अपना सिर खुजलाया जेल की ड्रेस के बटन से खेलते दिखा और बांहें फैलाता हुआ भी दिखा.
उच्च न्यायालय के सभी चार प्रवेश द्वारों पर भारी पुलिस बल की तैनाती के साथ समूची अदालत किले में तब्दील कर दी गई थी. वकीलों मीडियाकर्मियों और अदालत के स्टाफ को मुम्बई हमलों की सुनवाई सुनने के लिए अदालत 49 में प्रवेश के लिए विशेष पास दिए गए थे. कसाब को अदालत नहीं लाया गया लेकिन मामले की संवेदनशील प्रकृति को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था अत्यंत कड़ी थी.
सुनवाई के पूर्वार्ध में कसाब ने शौचालय जाने की अनुमति मांगी. उसने इशारे से जेल स्टाफ को बताया जिन्होंने अदालत को सूचित किया. न्यायाधीशों ने कसाब को विराम लेने की अनुमति दे दी. सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने कहा कि लश्कर तैयबा ने भारत को अस्थिर करने देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और मुम्बई हमलों को अंजाम देकर वित्तीय नुकसान पहुंचाने के लिए जघन्य षड्यंत्र रचा जिसमें भारत ब्रिटेन अमेरिका इस्राइल और अन्य देशों के 166 लोग मारे गए.
निकम ने कहा कि दस आतंकवादियों को पाकिस्तान में प्रशिक्षण दिया गया जो कराची से नौका अल हुसैनी पर मुम्बई के लिए रवाना हुए. बीच रास्ते में उन्होंने एमवी कुबेर का अपहरण किया और इसके कप्तान अमर सिंह सोलंकी की हत्या कर दी. वे दक्षिण मुम्बई के बाढवर पार्क में उतरे और हमलों को अंजाम देने के लिए अलग-अलग गुटों में अलग अलग स्थानों पर गए . |
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर लोकसभा क्षेत्र में गुरुवार को 57 फीसदी मतदान हुआ. बस्तर के नारायणपुर विधानसभा क्षेत्र में आईईडी ब्लास्ट भी हुआ. हालांकि इसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. नक्सलियों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर रखा है. अब 23 मई को मतों की गिनती होगी. खासकर उस क्षेत्र बंपर मतदान दर्ज किया गया जहां बीजेपी विधायक की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी. श्यामगिरी में 78 फीसदी वोटिंग दर्ज की गई.
पुलिस ने बताया कि नारायणपुर में एक पोलिंग बूथ के समीप ब्लास्ट हुआ है. यह ब्लास्ट उस समय हुआ जब तड़के 4 बजे आईटीबीपी का दस्ता पोलिंग बूथ के लिए जा रहा था. इस धमाके में कोई हताहत नहीं हुआ है. ब्लास्ट के बाद पूरे बस्तर में हाई अलर्ट जारी किया गया है. सुरक्षा एजेंसियों ने आगाह किया है कि नक्सली मतदान प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश कर सकते हैं.
बस्तर संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाले दंतेवाड़ा में 9 अप्रैल को नक्सली हमले में बीजेपी विधायक भीम मांडवी की मौत हो गई थी, लेकिन इसके बावजूद इस क्षेत्र में लोग बड़ी संख्या में मतदान के लिए निकले.
Chhattisgarh: Villagers in Dantewada turnout in large numbers to cast their votes for
#LokSabhaElections2019
. On 9th April, BJP MLA Bheema Mandvi and four PSOs lost their lives in a naxal attack in Dantewada.
pic.twitter.com/umDXQJhtne
— ANI (@ANI)
April 11, 2019
बहरहाल, इस बार बस्तर सीट पर सात उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित इस सीट पर पहले चरण में 11 अप्रैल को मतदान होना है, जहां कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीचे सीधा मुकाबला है. इस सीट से बीजेपी ने बैदूराम कश्यप को इस बार मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने दीपक बैज को अपना प्रत्याशी बनाया है. इनके अलावा इस सीट पर अम्बेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया, बसपा, सीपीआई, शिवसेना सहित अन्य दल चुनाव मैदान में अपने उम्मीदवार उतारे हैं. यह सीट कांग्रेस के लिए चुनौती है क्योंकि पिछले छह चुनावों से बीजेपी जीत हासिल करती आ रही है.
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बीजेपी के बैदूराम कश्यप, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के रामूराम मौर्य, इंडियन नेशनल कांग्रेस के दीपक बैज और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के आयतु राम मंडावी समेत सात उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. दीपक बैज के नामांकन जमा करने के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और बैदूराम कश्यप के नामांकन जमा करने के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह मौजूद थे.
आदिवासी बहुल सीट पर बीजेपी का दबदबा
छत्तीसगढ़ का बस्तर अपने अनूठे आदिवासी मूल निवासियों और संस्कृति के लिए जाना जाता है. यह बीजेपी का गढ़ रहा है. जहां से बीजेपी 1998 से 2014 तक लगातार पिछले 6 चुनाव जीतते आ रही है. छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में से एक बस्तर सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. आजादी के बाद 1952 से अब तक यहां कुल 16 चुनाव संपन्न हुए. 1999 तक यह लोकसभा सीट मध्य प्रदेश के अंतर्गत आती थी. साल 2000 में मध्य प्रदेश के विभाजन के बाद बने छत्तीसगढ़ के अंतर्गत आने के बाद यहां से तीन लोकसभा चुनाव हो चुके हैं. यहां मुख्य पार्टियों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच टक्कर रही है.
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संसदीय चुनाव के तहत 1998 से लेकर 2011 तक बीजेपी के बलिराम कश्यप ने यहां से लगातार 4 बार जीत हासिल की, लेकिन 2011 में उनकी असामयिक मृत्यु के चलते उपचुनावों कराये गए. इसमें उनके बेटे दिनेश कश्यप ने जीत हासिल की थी. 2014 के चुनाव में भी दिनेश कश्यप ने अपनी जीत को बरकरार रखा. हालांकि इस सीट से बीजेपी ने बैदूराम कश्यप को इस बार मैदान में उतारा है.
मैदान में हैं सात उम्मीदवार
राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि बस्तर संसदीय क्षेत्र के लिए नाम वापसी की समय-सीमा 28 मार्च को समाप्त हो गई. निर्वाचन अधिकारियों ने बताया कि निर्धारित समय-सीमा में किसी भी उम्मीदवार ने नामांकन पत्र वापस नहीं लिया. नाम वापसी का समय खत्म होने के बाद सात उम्मीदवार चुनाव मैदान में शेष हैं. अधिकारियों ने बताया कि बस्तर लोकसभा क्षेत्र के लिए आठ उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किए थे. लेकिन जांच के बाद राष्ट्रीय जनसभा पार्टी के प्रत्याशी जयसिंह कावड़े का नामांकन पत्र निरस्त कर दिया गया था. उन्होंने बताया कि कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी अय्याज तम्बोली ने सभी सातों उम्मीदवारों को चुनाव प्रतीक चिन्हों का आबंटन कर दिया है.
बहरहाल, बस्तर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में प्रथम चरण में 11 अप्रैल को मत डाले जाएंगे. इसके लिए 18 मार्च को अधिसूचना का प्रकाशन किया गया था. राज्य में शांतिपूर्ण मतदान के लिए व्यापक तैयारियां की गई हैं. राज्य के 11 लोकसभा क्षेत्रों के लिए कुल एक करोड़ 91 लाख 16 हजार 285 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. छत्तीसगढ़ की कुल 11 लोकसभा सीटों के लिए तीन चरणों में 11 अप्रैल, 18 अप्रैल और 23 अप्रैल को मतदान होगा. राज्य में कुल 1,89,16,285 मतदाता हैं, जिनमें 94,77,113 पुरुष और 94,38,463 महिला मतदाता हैं. वहीं 709 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं.
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वित्त मंत्री ने बजट में एमएसएमई सेक्टर के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर घटाकर उद्योग जगत को बड़ी राहत दी है. इस बजट से सबसे ज्यादा उम्मीदें उद्योग जगत को थीं. वित्त मंत्री का इस बार जोर छोटी कंपनियों, उद्यमों को राहत देने पर था. वित्त मंत्री ने 250 करोड़ रुपये तक के सालाना टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स को घटाकर 25 फीसदी कर दिया है.
गौरतलब है कि पहले नोटबंदी और फिर 1 साल के भीतर ही जीएसटी की मार झेलने के बाद देश की स्माल स्केल इंडस्ट्री और मीडियम स्केल इंडस्ट्री पूरी तरह पंचर हो चुकी है. कॉरपोरेट टैक्स 25 फीसदी करने का लाभ 250 करोड़ रुपये सालाना टर्नओवर वाली कंपनियों को मिलेगा. इससे 99 फीसदी कंपनियों को फायदा होगा, क्योंकि ज्यादातर कंपनियां कम टर्नओवर वाली हैं.
वित्त मंत्री ने कहा कि इससे सरकारी खजाने में सालाना 7,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा. बाकी कंपनियों को 30 फीसदी कॉरपोरेट टैक्स के स्लैब में रखा जाएगा. उद्योग चैंबर फिक्की ने सरकार के इस बजट को अच्छा बताया है.
एमएसएमई के लिए 33794 करोड़ का क्रेडिट सपोर्ट
वित्त मंत्री ने कहा कि एमएसएमई को 33,794 करोड़ रुपये का कर्ज दिया जाएगा. जीएसटी से एमएसएमई के बारे में डेटा बेस हासिल करना आसान हुआ है. इससे बैंकों को लोन देने में आसानी होगी. सरकार जल्दी ही एमएसएमई के एनपीए को जारी करने में सक्षम होगी. इसके अलावा प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में 3 लाख करोड़ 2018-19 में लोन दिया जाएगा.
मोदी सरकार के इस बजट से कॉरपोरेट सेक्टर को बेहद उम्मीदें थीं. कॉरपोरेट सेक्टर ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से गुहार लगाई थी, कि वह इस बजट में कॉरपोरेट टैक्स को 30% से घटाकर 25% के भीतर रखें. उद्योग जगत तो कॉरपोरेट टैक्स को 18 प्रतिशत तक करने की मांग कर रहा था. बजट को लेकर सीआईआई के डायरेक्टर जनरल चंद्रकांत बनर्जी ने आजतक से कहा था कि सरकार से उम्मीद है कि वह कॉरपोरेट टैक्स को 30% से घटाकर 25% के नीचे रखेंगे.'
सीआईआई के महानिदेशक को लगता है कि जीएसटी के चलते लघु उद्योग पर बड़ा बुरा प्रभाव अब खत्म हो चुका है. यहां तक कि मध्यम स्केल इंडस्ट्री भी अब जीएसटी की मार से उबर चुकी है. उद्योग जगत जीएसटी की जटिलता को लेकर सामने आई मुश्किलों को स्वीकार कर रहा है. उसे लगता है कि जीएसटी काउंसिल की एक के बाद एक होने वाली बैठकों में इसका समाधान लगातार निकल रहा है जिससे उद्योग जगत स्थिर हो रहा है.
उद्योग जगत ग्रामीण क्षेत्रों में मांग बढ़ाने को भी एक बड़ी चुनौती मान रहा है. सीआईआई के महानिदेशक के अनुसार बजट में उम्मीद थी कि ग्रामीण क्षेत्रों में मांग को कैसे ज्यादा से ज्यादा बढ़ाए.
एग्रीकल्चर
पर भी ज्यादा फोकस होना चाहिए. अगर ग्रामीण इलाकों में हम मांग बढ़ा पाए तो अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छी बात होगी.
मोदी सरकार के आखिरी बजट से उम्मीद लगाए
उद्योग जगत
ने इस बीच तनाव से भरा वह दौर भी देखा है जब जीएसटी और नोटबंदी ने उद्योग जगत पर दोहरी मार की थी. मोदी सरकार ने इन योजनाओं को आर्थिक सुधार करार दिया था. अब उद्योग जगत का कहना है कि इस झलक में इन आर्थिक सुधारों की तस्वीर दिखाई देनी चाहिए. |
राशि चक्र की यह ग्यारहवीं राशि है। यह वायु तत्व की तीसरी और स्थिर राशि है। इसका विस्तार चक्र 300 से 330 अंश के अन्दर पाया जाता है। इसका चिन्ह कु्म्भ है। इस राशि का स्वामी शनि है।कुंभ राशिके लोग धनिष्ठा नक्षत्र (अंतिम 2 चरण),शततारका(शतभिषा) नक्षत्र (4 चरण),पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र (पहले 3 चरण) जैसे नक्षत्रसे जुड़े होते है।
लक्षण
कुंभ राशि में जन्मे लोग शर्मीले और शांत होते हैं, लेकिन दूसरी ओर वे सनकी और ऊर्जावान हो सकते हैं। हालांकि, दोनों ही मामलों में वे गहन विचारक और अत्यधिक बौद्धिक लोग हैं जिन्हें दूसरों की मदद करना पसंद है। दोनों पक्षों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना देख पाने में सक्षम रहने के कारण वे आसानी से समस्याओं का समाधान करने वाले होते हैं।
भले ही वे आसानी से अपने चारों ओर से घिरी ऊर्जा के अनुकूल हो सकते हैं, उर्जा बहाल करने के क्रम में, कुंभ राशि में जन्मे लोगों को कुछ समय के लिए अकेले और सब कुछ से दूर रहने की गहन जरूरत होती है। कुंभ राशि में जन्मे लोग संभावनाओं से भरी एक जगह के रूप में दुनिया को देखते हैं।
कुंभ एक वायु राशि है, और इस तरह हर अवसर पर अपने मन का उपयोग करता है। अगर कोई मानसिक उत्तेजना नहीं होती है, तो वे उब जाते हैं और सबसे अच्छा परिणाम प्राप्त करने के लिए एक प्रेरणा की कमी रहती है।
कुंभ का स्वामी ग्रह यूरेनस है
यूरेनस ने उन्हें जल्दी और आसानी से परिवर्तन की शक्ति भी दी है, तो उन्हें विचारकों, प्रगतिशीलों और मानवतावादियों के रूप में जाना जाता है। उन्हें एक समूह या एक समुदाय अच्छा लगता है, तो वे लगातार दूसरे लोगों से घिरे रहने का प्रयास करते हैं।
कुंभ में जन्मे जातकों के लिए सबसे बड़ी समस्या यह एहसास है कि वे सीमित या विवश हैं। सभी के लिए स्वतंत्रता और समानता की इच्छा के कारण वे हमेशा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और गतिविधि सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे। कुंभ राशि में जन्मे लोगों की ठंडे और असंवेदनशील व्यक्तियों रूप में एक प्रतिष्ठा है, लेकिन यह समय से पहले अंतरंगता के खिलाफ सिर्फ उनका सुरक्षा तंत्र है। उन्हें एक स्वस्थ तरीके से अपनी भावनाओं को व्यक्त करने और दूसरों पर भरोसे के लिए सीखने की जरूरत है।
गुण: प्रगतिशील, मूल, स्वतंत्र, मानवीय
अवगुण: भावनात्मक अभिव्यक्ति से भागना, मनमौजी, अटल, एकांत
कुंभ की पसंद: मित्रों के साथ मस्ती, दूसरों की मदद, किसी कारण के लिए लड़ना, बौद्धिक वार्तालाप, एक अच्छा श्रोता
कुंभ की नापसंद: अंकुश, टूटे वादे, अकेला रहना, सुस्त या उबाऊ स्थिति, लोग जो उनसे असहमत हैं
कुंभ प्यार
बौद्धिक उत्तेजना कुंभ राशि के लिए अब तक की सबसे बड़ी कामोद्दीपक होती है। एक व्यक्ति के साथ एक दिलचस्प वार्तालाप की तुलना में कुंभ को आकर्षित करने योग्य कुछ भी नहीं है। खुलापन, संवाद, कल्पना और जोखिम की इच्छा इस राशि के जीवन के परिप्रेक्ष्य में अच्छी तरह से समाने वाले गुण हैं। इस गतिशील व्यक्ति के साथ एक लंबी अवधि के रिश्ते चाहने वाले लोगों में निष्ठा और ईमानदारी सबसे जरूरी है। प्यार में वे वफादार और प्रतिबद्ध हैं हक जताने वाले नहीं - वे अपने साथियों को स्वतंत्रता देंगे और उन्हें बराबर मानते हैं। शुरुआती जीवन में प्रेम पर बेहद विश्वास रहेगा,पर वो केवल लोचमात्र और क्षणभंगुर होगा। उस पर अत्यधिक विश्वास जीवन को कष्टप्रद करने वाला होगा।
बाद के धीरे-धीरे और विश्वास पर टिका प्रेम जीवन की उच्च उपलब्धियां हासिल करने में सहायक होगा।इस गतिशील व्यक्ति के साथ एक लंबी अवधि के रिश्ते चाहने वाले लोगों में निष्ठा और ईमानदारी सबसे जरूरी है।
कुंभ मित्र एवं परिवार
भले ही कुंभ राशि में जन्मे लोग मिलनसार हैं, उन्हें लोगों का करीबी होने के लिए समय की जरूरत है। वे बेहद संवेदनशील लोग हैं इसे ध्यान में रखते हुए उन से निकटता का मतलब भेद्यता है।
उनके मजबूत विचारों के साथ मिश्रित त्वरित व्यवहार, उन्हें मिलने के लिए एक चुनौती बना देता है। यदि जरूरी हुआ तो कुंभ अपने प्रिय के आत्म बलिदान जैसा कुछ भी करेंगे।
उनके मित्रों को यह तीन गुण रखने चाहिए: रचनात्मकता, बुद्धि और अखंडता। जब परिवार की बात आती है, उनकी उम्मीदें भी कुछ कम नहीं होती। भले ही उनमें रिश्तेदारों के लिए कर्तव्य की भावना है, मित्रों में भी वे घनिष्ठ संबंध बनाए नहीं रखेंगे अगर उनकी उम्मीदों को पूरा नहीं करते हैं।
शानू अश्विनी नक्षत्र का भूत
नक्षत्र अंक-9 और अश्विनी नक्षत्र में जन्मे जातक का शुरुआती करियर कष्टप्रद रहता है पारिवारिक और शारीरिक परेशानियां जातक की प्रतिभा को चुनौती देते है और अत्यधिक चिंता इनको खुद को परखने नहीं देती है। जीवन में एक चुनौती के एक नई चुनौती आती रहती है जो शनि के अपने दिशा से हटने की वजह से होता है जिससे जातक पर शनिदोष का प्रभाव रहता है।
कुंभ राशि में जन्मे जातक नौकरी में उत्साह भर देते हैं और जीवन के उद्देश्यों के लिए अपनी कल्पना का दोहन करने की एक अनूठी क्षमता है। इनमें अपने परिवार को सक्षम करने की प्रबल क्षमता और इच्छा होती हैं।
जब पैसे बात आती है,इस राशि में धन को खर्च करने और पैसे की बचत के बीच एक संतुलन बनाए रखने की क्षमता है। कुंभ राशि में जन्मे अधिकांश लोग अपने अनुकूलन जीने में मस्त रहते हैं।
गायन,शिक्षण,ग्राईंडर,निर्देशक या सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में करियर इस राशि और नक्षत्र के लिए उपयुक्त हैं। उनके लिए सबसे अच्छा वातावरण वह है जो उन्हें सख्त दिशा निर्देशों के बिना समस्या का समाधान करने की स्वतंत्रता देता है। परिवार के साथ-साथ बाहरी लोगों का साथ जीवनभर सुकून देगा। कुंभ एक अपरंपरागत प्रकार है और अगर उन्हें अपनी प्रतिभा व्यक्त करने का अवसर दिया जाए तो उल्लेखनीय सफलता हासिल कर सकते हैं।
जीवन में झकझोरने वाली चुनौती से निपटा जाये और अपने नकारात्मक अनुभवों को जल्दी भूला दिया जाये तो अपने जीवन की बेहतर से बेहतर उंचाई को छुआ जा सकता है।
कुंभ के लिए विचार योग्य संगत राशि: मेष, मिथुन, मीन,तुला।
भाग्यशाली दिन शनिवार/मंगलवार
भाग्यशाली प्रसाद केला और सात्विक भोग
भाग्यशाली रंग लाल
भाग्यशाली पत्थर दूधिया पत्थर और नीलम
भाग्यशाली राशि मिथुन,मीन,तुला।
भाग्यशाली पक्षी उल्लू
सकारात्मक गुण सत्य के साधक,ईमानदार,तेज़ दिमाग और ईश्वरीय वरदान ।
नकारात्मक गुण संकोच,सनकी और दुसरो के लिए अपनी भावना दबाना।
बाल ज्योतिष |
आमिर खान की फिल्म 'दंगल' चीन में सफलता के झंडे गाड़ चुकी है. पर वहां की मीडिया में फिल्म के एक और पक्ष को लेकर बहस छिड़ गई है. ये पक्ष है इस फिल्म में ऐसे पिता के किरदार का, जिसे चीन की फेमिनिस्ट बर्दाश्त नहीं कर पा रही हैं.
खबरों के मुताबिक, आमिर खान की इस फिल्म को लेकर चीन में 'पुरुष प्रधान' होने की बहस की जा रही है. वहां के अखबार nationalistic Global Times ने एक दर्शक के हवाले से लिखा है, 'पिता के विचारों से मुझे उल्टी आ रही है, वो अपनी बच्चियों को एक खास तरह का जीवन जीने को मजबूर करता है जो उसके सपनों से जड़ा है. वो उन्हें चैंपियन बनाना चाहता है'.
हो जाएंगे देवसेना के कायल, इन 5 वजहों से हर महिला देखे बाहुबली 2
एक अन्य ने कहा है, 'यह फिल्म पुरुष प्रधान है. बेटियों के पास कुछ भी चुनने का अधिकार नहीं है और उन्हें बलपूर्वक चैंपियंस की दुनिया में झोंक दिया जाता है.'
पूरी बहस इसी बात के इर्द-गिर्द है कि बच्चियों को अपने पिता के सपनों को मुकाम देने के लिए जीवन जीने को मजबूर किया जाता दिखाया गया है.
मिसाल: फॉर्मूला रेस कार चलाने वाली पहली भारतीय महिला बनीं गुल पनाग
मशहूर मूवी criticism app में से एक Dushe Dianying ने कहा है, 'हम ये नहीं कह रहे हैं कि महिलाएं अपने अधिकारों के लिए आगे नहीं आ सकतीं, बल्कि केवल ये कहना चाहते हैं कि फेमिनिस्ट स्लोगंस और सच्चाई में फर्क है.' ये बहस ऑनलाइन भी छिड़ गई है, हालांकि इनमें कई लोग ऐसे भी हैं जो आमिर खान के पिता के किरदार को खूब पसंद कर रहे हैं. |
लेख: संयुक्त राष्ट्र परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि संगठन के प्रमुख ने कहा है कि एक दूसरे के कट्टर दुश्मन ईरान और इस्राइल उन आठ देशों में शामिल हैं जो सबसे पहले संधि की पुष्टि कर सकते हैं और साथ ही विश्व को आश्वासन दे सकते हैं कि वे दोनों कभी परमाणु परीक्षण नहीं करेंगे।
लासिना जेरबू ने इस सप्ताह कहा कि ईरान और इस्राइल के एक साथ संधि की पुष्टि करने से ‘निश्चित’ रूप से मिस्र भी इसकी पुष्टि करेगा और इससे मध्य एशिया में परमाणु परीक्षण मुक्त क्षेत्र का मार्ग प्रशस्त होगा। व्यापक परमाणु परीक्षण संधि, जिसे सीटीबीटी के नाम से भी जाना जाता है, में 196 देश हैं और 183 देशों ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं तथा 164 ने इसकी पुष्टि की है।टिप्पणियां
लेकिन संधि को क्रियान्वित नहीं किया जा सका है क्योंकि इसे अमल में लाने के लिए अभी भी ऐसे आठ देशों द्वारा पुष्टि किए जाने की जरूरत है जिनके पास 1996 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा इस संधि को स्वीकार किए जाने के समय से परमाणु ऊर्जा रिएक्टर हैं या शोध रिएक्टर हैं। इनमें अमेरिका, चीन, ईरान, इस्राइल, मिस्र , भारत , पाकिस्तान और उत्तर कोरिया हैं।
जेरबू ने कहा कि पुष्टि को लेकर उन्हें तत्काल परिणाम मिलने की उम्मीद नहीं है लेकिन वह ईरान और इस्राइल की यात्रा की उम्मीद कर रही हैं जहां उनके नेताओं से बात होगी। क्योंकि ‘मेरा मानना है कि ये वही पक्ष हैं जो सीटीबीटी पर आगे बढ़ने का रास्ता खोल सकते हैं।’
लासिना जेरबू ने इस सप्ताह कहा कि ईरान और इस्राइल के एक साथ संधि की पुष्टि करने से ‘निश्चित’ रूप से मिस्र भी इसकी पुष्टि करेगा और इससे मध्य एशिया में परमाणु परीक्षण मुक्त क्षेत्र का मार्ग प्रशस्त होगा। व्यापक परमाणु परीक्षण संधि, जिसे सीटीबीटी के नाम से भी जाना जाता है, में 196 देश हैं और 183 देशों ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं तथा 164 ने इसकी पुष्टि की है।टिप्पणियां
लेकिन संधि को क्रियान्वित नहीं किया जा सका है क्योंकि इसे अमल में लाने के लिए अभी भी ऐसे आठ देशों द्वारा पुष्टि किए जाने की जरूरत है जिनके पास 1996 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा इस संधि को स्वीकार किए जाने के समय से परमाणु ऊर्जा रिएक्टर हैं या शोध रिएक्टर हैं। इनमें अमेरिका, चीन, ईरान, इस्राइल, मिस्र , भारत , पाकिस्तान और उत्तर कोरिया हैं।
जेरबू ने कहा कि पुष्टि को लेकर उन्हें तत्काल परिणाम मिलने की उम्मीद नहीं है लेकिन वह ईरान और इस्राइल की यात्रा की उम्मीद कर रही हैं जहां उनके नेताओं से बात होगी। क्योंकि ‘मेरा मानना है कि ये वही पक्ष हैं जो सीटीबीटी पर आगे बढ़ने का रास्ता खोल सकते हैं।’
लेकिन संधि को क्रियान्वित नहीं किया जा सका है क्योंकि इसे अमल में लाने के लिए अभी भी ऐसे आठ देशों द्वारा पुष्टि किए जाने की जरूरत है जिनके पास 1996 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा इस संधि को स्वीकार किए जाने के समय से परमाणु ऊर्जा रिएक्टर हैं या शोध रिएक्टर हैं। इनमें अमेरिका, चीन, ईरान, इस्राइल, मिस्र , भारत , पाकिस्तान और उत्तर कोरिया हैं।
जेरबू ने कहा कि पुष्टि को लेकर उन्हें तत्काल परिणाम मिलने की उम्मीद नहीं है लेकिन वह ईरान और इस्राइल की यात्रा की उम्मीद कर रही हैं जहां उनके नेताओं से बात होगी। क्योंकि ‘मेरा मानना है कि ये वही पक्ष हैं जो सीटीबीटी पर आगे बढ़ने का रास्ता खोल सकते हैं।’
जेरबू ने कहा कि पुष्टि को लेकर उन्हें तत्काल परिणाम मिलने की उम्मीद नहीं है लेकिन वह ईरान और इस्राइल की यात्रा की उम्मीद कर रही हैं जहां उनके नेताओं से बात होगी। क्योंकि ‘मेरा मानना है कि ये वही पक्ष हैं जो सीटीबीटी पर आगे बढ़ने का रास्ता खोल सकते हैं।’ |
दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली की घर वापसी हो गई है. कांग्रेस का हाथ छोड़ बीजेपी का दामन थामने वाले लवली एक बार फिर अपनी पुरानी पार्टी में वापस आ गए हैं. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने खुद इसकी जानकारी दी है.
अरविंदर सिंह लवली ने नौ महीने पहले ही भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की थी. नगर निगम चुनाव से ठीक पहले अजय माकन से नाराज होकर वो बीजेपी में चले गए थे. लवली के साथ यूथ कांग्रेस नेता अमित मलिक भी फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए हैं.
आज इस संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के ऑफिस में मीटिंग हुई.
अरविंदर सिंह लवली
और दिल्ली यूथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अमित मलिक ने राहुल गांधी से मुलाकात की है. मीटिंग में दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन के अलावा पी.सी चाको, हारून यूसुफ और अरविंदर सिंह लवली भी मौजूद रहे. अमित मलिक ने आजतक से कहा है कि बीजेपी में विचारधारा और राष्ट्रवाद दिखावा होता है. कांग्रेस की विचारधारा ही देशहित में है, इसलिए हम वापसी कर रहे हैं.
अजय माकन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि अरविंदर सिंह लवली की कांग्रेस में वापसी हो गई है. उन्होंने उम्मीद जताई कि लवली के वापस आने से कांग्रेस को और मजबूती मिलेगी.
'बीजेपी में नहीं था फिट'
वहीं, कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि कांग्रेस छोड़कर बीजेपी जाना मेरे लिए कोई खुशी का फैसला नहीं था. वह एक पीड़ा में लिया हुआ निर्णय था. विचारधारा के लिहाज से मैं बीजेपी में फिट नहीं था.
कांग्रेस छोड़ने के बाद क्या बोले थे लवली
इससे पहले कांग्रेस छोड़ने के बाद अरविंदर सिंह लवली ने आरोप लगाया था कि पार्टी में उन्हें दरकिनार किया गया. साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि मुझे बिना वजह पार्टी अध्यक्ष पद से हटाया गया. उन्होंने ये भी कहा था कि मैंने तमाम खतरे उठाते हुए सिखों को कांग्रेस से जोड़ा और मुझे ही साइड लाइन किया गया |
उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में एक पति ने अपनी पत्नी पर तेजाब फेंक दिया, जिससे वह बुरी तरह झुलस गई. तेजाब के छींटे पडने से पत्नी की गोद में बैठा मासूम बच्चा भी झुलस गया. वारदात को अंजाम देने के बाद पति ने खुद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
मामला महाराजगंज के कोठीभार थाना क्षेत्र का है. जहां बीती रात कटहरी खुर्द गांव में रहने वाले 35 वर्षीय धर्मेन्द्र का उसकी पत्नी मनोरमा के साथ किसी बात पर झगडा हो गया था. बात इतनी बढ़ी कि धर्मेंद्र उसी वक्त कहीं से जाकर
तेजाब
ले आया और अपनी पत्नी के मुंह पर फेंक दिया.
तेजाब मनोरमा के साथ-साथ उसकी गोद में बैठे मासूम बच्चे पर भी गिर गया. मां-बेटा दोनों तेजाब की वजह से बुरी तरह झुलस गए. इस वारदात को अंजाम देने के बाद धर्मेंद्र ने खुद भी घर में
फांसी
लगाकर आत्महत्या कर ली.
घटना के बाद शुक्रवार की सुबह तक मनोरमा और उसका बच्चा घर में ही पड़े तड़पते रहे. सुबह परिजनों ने वहां जाकर दोनों को देखा. उसके बाद दोनों को अस्पताल ले जाया गया. जहां उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें गोरखपुर मेडिकल कालेज भेज दिया गया.
पुलिस के मुताबिक वहां महिला की हालत नाजुक बनी हुई है. पुलिस ने धर्मेंद्र के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. |
'मैं दिल्ली नहीं आऊंगी और इस्तीफे के बारे में बात करने का भी मेरा कोई इरादा नहीं है'. ये कहना है राजस्थान में नेता विपक्ष की कुर्सी पर काबिज वसुंधरा राजे का.
इस्तीफे का तो सवाल ही नहीं
बीजेपी हाईकमान को वसुंधरा ने बहुत पहले की चुनौती दे दी थी कि उसे जो करना है कर ले. इसके बावजूद उन्हें कोई डेडलाइन नहीं दी गई थी और अब जबकि वसुंधरा के दिल्ली आने की खबर थी, उन्होंने एक बार साफ कर दिया है कि इस्तीफे का तो सवाल ही पैदा नहीं होता. |
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन अगले महीने डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग उन के साथ तीन दिवसीय बैठक में शिरकत करने के लिए सिंगापुर जा सकते हैं. दक्षिण कोरिया के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को बताया कि अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच मौजूदा चर्चा के नतीजों के आधार पर ही यह तय होगा कि वह सिंगापुर जाएंगे या नहीं.
सियोल के राष्ट्रपति कार्यालय ने योनहाप को बताया कि यदि मून की यह यात्रा होती है तो 12 जून के आसपास ही होगी जब अमेरिकी राष्ट्रपति
डोनाल्ड ट्रंप
और उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. अधिकारी ने कहा, 'यह चर्चा अभी शुरू हुई है इसलिए हम यह देखेंगे कि ये कैसी रहती है लेकिन इसके नतीजों के अनुसार तय किया जाएगा कि राष्ट्रपति (मून) ट्रंप और किम जोंग के साथ सिंगापुर में होंगे या नहीं'.
इस त्रिपक्षीय सम्मेलन का प्रस्ताव 27 अप्रैल को सीमावर्ती कोरियाई गांव पनमुनजोम में मून और किम जोंग ने ही दिया था. मून ने रविवार को एक बार फिर इस बैठक के होने की उम्मीद जताई. इससे पहले रविवार को मून और किम जोंग ने अपनी दूसरी और औचक मुलाकात की थी.
इससे पहले दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई ने रविवार को कहा था कि
उत्तर कोरिया
के नेता किम जोंग उन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ औचक बैठक के लिए और कोरियाई प्रायद्वीप को पूरी तरह से परमाणु हथियारों से मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. मून ने कहा था कि वह और उत्तर कोरिया के नेता इस बात पर सहमत हुए हैं कि अगर 'जरूरत पड़ी' तो वह व्यक्तिगत रूप से मिलेंगे, या बात करेंगे.
बता दें कि इससे पहले ट्रंप ने किम के साथ अपनी बैठक रद्द करने की घोषणा करके
दुनिया
भर को चौंका दिया था. लेकिन इस बातचीत में नया मोड़ तब आया जब सोमवार को ट्रंप ने ट्वीट कर कहा है कि 'हमारा अमेरिकी दल किम जोंग उन और मेरे बीच होने वाली वार्ता का प्रबंध करने के लिए नॉर्थ कोरिया पहुंच गया है'. फिलहाल अब पूरी दुनिया की नजर इस बात पर है कि 12 जून को सिंगापुर में यह मुलाकात हो भी पाती है या नहीं. |
{सनातन धर्म के संस्कार}
हिन्दू धर्म की महान आध्यात्मिक विरासत सफल और सार्थक यात्रा के लिए जहाँ यात्रा के काम आने वाले आवश्यकता - भोजन, वस्त्र, उपकरण आदि होते हैं, वही यह जानना भी कि यात्रा किस उद्देश्य से की जा रही है? उपाय क्या है? मार्ग में कहाँ-किस तरह की समस्याएँ आयेंगी तथा किन लोगों को मार्गदर्शन उपयोग रहेगा? इन जानकारियों के अभाव में अनेक अवरोध और संकट उठ खड़े हो सकते हैं। मनुष्य का सफल-सार्थक जीवन यात्रा महत्वपूर्ण है।
हिन्दू धर्म के पूर्वज
इन पूर्वजों ने इस आध्यात्मिक सत्य को बहुत गहराई तक पहचाना और जीवन की गहन समीक्षा की। उन्होंने पाया कि माँ के पेट में आने से लेकर चिता में समर्पण होने तक, उसके भी बाद मरणोत्तर विराम तक अनेक महत्वपूर्ण मोड़ आते है, यदि उनमें जीवात्मा को सम्हाला और सँवारा न जाये, तो मनुष्य अपनी अस्मिता का अर्थ समझना तो दूर, पीड़ा और पतन की ओर निरंतर अग्रसर होता हुआ नरकीटक, नरवानर, नरपामर बनता चला जाता है। इन महत्वपूर्ण मोड़ों पर सजग-सावधान करने और उँगली पकड़कर सही रास्ता दिखाने के लिए हमारे तत्वेत्ता, मनीषियों ने षोडश संस्कारों का प्रचलन किया था। चिन्ह-पूजा के रूप में प्रचलन तो उनका अभी भी है पर वैज्ञानिक, मनोवैज्ञानिक तथा आध्यात्मिक बोध और प्रशिक्षण के अभाव वे मात्र कर्मकाण्ड और फिजूलखर्ची बनकर रह गये हैं।
कुछ संस्कार तो रस के कुपित हो जाने पर उसके विष बन जाने की तरह उलटी कुत्सा भड़काने का माध्यम बन गये हैं। विशेष रूप स विवाहों में तो आज यही हो रहा है। यों मनुष्य माटी का खिलौना है। पाश्चात्य सभ्यता तो उसे 'सोशल एनीमल' अर्थात् 'सामाजिक पशु' तक स्वीकार करने में संकोच नहीं करती, पर जिस जीवन को जीन्स और क्रोमोंजोम समुच्चय के रूप में वैज्ञानिकों ने भी अजर-अमर और विराट् यात्रा के रूप में स्वीकार कर लिया हो, उसे उपेक्षा और उपहास में टालना किसी भी तरह की समझदारी नहीं है। कम से कम जीवन ऐसा तो हो, जिसे गरिमापूर्ण कहा जा सके। जिससे लोग प्रसन्न हों, जिसे लोग याद करें, जिससे आने वाली पीढ़ियाँ प्रेरणा लें, ऐसे व्यक्तित्व जो जन्म-जात संस्कार और प्रतिभा-सम्पन्न हों, उँगलियों में गिनने लायक होते हैं। अधिकांश तो अपने जन्मदाताओं पर वे अच्छे या बुरे जैसे भी हों, उन पर निर्भर करते हैं, वे चाहे उन्हें शिक्षा दें, संस्कार दें, मार्गदर्शन दें, या फिर उपेक्षा के गर्त में झोंक दें, पीड़ा और पतन में कराहने दें।
प्राचीन काल में
प्राचीनकाल में यह महान दायित्व कुटुम्बियों के साथ-साथ संत, पुरोहित और परिव्राजकों को सौंपा गया था। वे आने वाली पीढ़ियों को सोलह-सोलह अग्नि पुटों से गुजार कर खरे सोने जैसे व्यक्तित्व में ढालते थे। इस परम्परा का नाम ही संस्कार परम्परा है। जिस तरह अभ्रक, लोहा, सोना, पारस जैसी सर्वथा विषैली धातुएँ शोधने के बाद अमृत तुल्य औषधियाँ बन जाती हैं, उसी तरह किसी समय इस देश में मानवेतर योनियों में से घूमकर आई हेय स्तर की आत्माओं को भी संस्कारों की भट्ठी में तपाकर प्रतिभा-सम्पन्न व्यक्तित्व के रूप में ढाल दिया जाता था। यह क्रम लाखों वर्ष चलता रहा उसी के फलस्वरूप यह देश 'स्वर्गादप गरीयसी' बना रहा, आज संस्कारों को प्रचलन समाप्त हो गया, तो पथ भूले बनजारे की तरह हमारी पीढ़ियाँ कितना भटक गयीं और भटकती जा रही हैं, यह सबके सामने है। आज के समय में जो व्यावहारिक नहीं है या नहीं जिनकी उपयोगिता नहीं रही, उन्हें छोड़ दें, तो शेष सभी संस्कार अपनी वैज्ञानिक महत्ता से सारे समाज को नई दिशा दे सकते हैं। इस दृष्टि से इन्हें क्रांतिधर्मी अभियान बनाने की आवश्यकता है।
= आधुनिक परिप्रेक्ष्य में
अन्नप्राशन संस्कार]]
भारत को पुनः एक महान राष्ट्र बनना है, विश्व गुरु का स्थान प्राप्त करना है, उसके लिए जिन श्रेष्ठ व्यक्तियों की आवश्यकता बड़ी संख्या में पड़ती है, उनके विकसित करने के लिए यह संस्कार प्रक्रिया अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो सकती है।। प्रत्येक विचारशील एवं भावनाशील को इससे जुड़ना चाहिए। शांतिकुंज, गायत्री तपोभूमि मथुरा सहित तमाम गायत्री शक्तिपीठों, गायत्री चेतना केन्द्रों, प्रज्ञापीठों, प्रज्ञा केन्द्रों में इसकी व्यवस्था बनाई गई है। हर वर्ग में युग पुरोहित विकसित किए जा रहे हैं। आशा की जाती है कि विज्ञजन, श्रद्धालुजन इसका लाभ उठाने एवं जन-जन तक पहुँचाने में पूरी तत्परता बरतेंगे।
[राम शर्मा|श्रीराम शर्मा आचार्य] ने युग की तमाम समस्याओं का अध्ययन किया और उनके समायोचित समाधान भी निकाले। इसी क्रम में उन्होंने संस्कार प्रक्रिया के पुनर्जीवन का भी अभियान चलाया। उन्होंने संस्कारों को विवेक एवं विज्ञान सम्मत स्वरूप दिया, उनके साथ प्रखर लोक शिक्षण जोड़ा, कर्मकाण्डों को सर्व सुलभ, प्रभावी और कम खर्चीला बनाया। युग निर्माण के अन्तर्गत उनके सफल प्रयोग बड़े पैमाने पर किए गए। इसके लिए उन्होंने प्रचलित संस्कारों में से वर्तमान समय के अनुकूल केवल बारह संस्कार (पुंसवन, नामकरण, चूड़ाकर्म (मुण्डन, शिखास्थापन)- अन्नप्राशन, विद्यारम्भ, यज्ञोपवीत (दीक्षा), विवाह, वानप्रस्थ, अन्येष्टि, मरणोत्तर (श्राद्ध संस्कार), जन्मदिवस एंव विवाह दिवस) पर्याप्त माने हैं। इन संस्कारों को उपयुक्त समय पर उपयुक्त वातावरण में सम्पन्न करने-कराने के असाधारण लाभ लोगों ने पाए हैं। उनके विवरण निम्नानुसार हैं
पुंसवन संस्कार :संस्कार परम्परा के अंतर्गत भावी माता-पिता को यह तथ्य समझाए जाते हैं कि शारीरिक, मानसिक दृष्टि से परिपक्व हो जाने के बाद, समाज को श्रेष्ठ, तेजस्वी नई पीढ़ी देने के संकल्प के स...
नामकरण संस्कार: बालक का नाम उसकी पहचान के लिए नहीं रखा जाता। मनोविज्ञान एवं अक्षर-विज्ञान के जानकारों का मत है कि नाम का प्रभाव व्यक्ति के स्थूल-सूक्ष्म व्यक्तित्व पर गहराई से पड़ता रहता �...
चूड़ाकर्म संस्कार (मुण्डन, शिखा स्थापना):स्थूल दृष्टि से प्रसव के साथ सिर पर आए वालों को हटाकर खोपड़ी की सफाई करना आवश्यक होता है, सूक्ष्म दृष्टि से शिशु के व्यवस्थित बौद्धिक विकास, कुविचारों के उच्छेदन, श्रेष्ठ व�...
अन्नप्राशसन संस्कार:जब शिशु के दाँत उगने लगे, मानना चाहिए कि प्रकृति ने उसे ठोस आहार, अन्नाहार करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। स्थूल (अन्नमयकोष) के विकास के लिए तो अन्न के विज्ञान सम्मत उपयोग क...
विद्यारंभ संस्कार:जब बालक/ बालिका की आयु शिक्षा ग्रहण करने योग्य हो जाय, तब उसका विद्यारंभ संस्कार कराया जाता है। इसमें समारोह के माध्यम से जहाँ एक ओर बालक में अध्ययन का उत्साह पैदा किया जाता...
यज्ञोपवीत संस्कार:जब बालक/ बालिका का शारीरिक-मानसिक विकास इस योग्य हो जाए कि वह अपने विकास के लिए आत्मनिर्भर होकर संकल्प एवं प्रयास करने लगे, तब उसे श्रेष्ठ आध्यात्मिक एवं सामाजिक अनुशासनों ...
विवाह संस्कार:सद्गृहस्थ की, परिवार निर्माण की जिम्मेदारी उठाने के योग्य शारीरिक, मानसिक परिपक्वता आ जाने पर युवक-युवतियों का विवाह संस्कार कराया जाता है। भारतीय संस्कृति के अनुसार विव...
वानप्रस्थ संस्कार:गृहस्थ की जिम्मेदारियाँ यथा शीघ्र करके, उत्तराधिकारियों को अपने कार्य सौंपकर अपने व्यक्तित्व को धीरे-धीरे सामाजिक, उत्तरदायित्व, पारमार्थिक कार्यों में पूरी तरह लगा देन...
अन्त्येष्टि संस्कार:'मृत्यु' जीवन का एक अटल सत्य है। इसे जरा-जीर्ण को नवीन-स्फूर्तिवान जीवन में रूपान्तरित करने वाला महान देवता भी कह सकते हैं। जीव चेतना एक यज्ञीय प्रक्रिया के अंतर्गत ...
मरणोत्तर (श्राद्ध संस्कार): मरणोत्तर (श्राद्ध संस्कार) जीवन का एक अबाध प्रवाह है। काया की समाप्ति के बाद भी जीव यात्रा रुकती नहीं है। आगे का क्रम भी भलीप्रकार सही दिशा में चलता रहे, इस हेतु मरणो...
जन्मदिवस संस्कार: मनुष्य को अन्यान्य प्राणियों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। जन्मदिन वह पावन पर्व है, जिस दिन स्रष्टा ने हमें श्रेष्ठतम जीवन में पदोन्तन किया। श्रेष्ठ जीवन प्रदान करने के से...
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
गायत्री शांतिकुंज की ओर से
संस्कार
हिन्दू धर्म |
कविता का समाज दिनोंदिन बड़ा हो रहा है. पहले कविता में कोई वर्गीकरण न था. वाद थे और आंदोलन. प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, छायावाद, नई कविता, जनवादी कविता, गीत, प्रगीत, नवगीत आदि. इधर जब से भूमंडलीकरण की चपेट में दुनिया आई है, अस्मिता विमर्शों की बहार आई है, साहित्य में अनेक नए विमर्श पैदा हो गए हैं. स्त्री विमर्श, दलित विमर्श, आदिवासी विमर्श आदि. साहित्य में एक नई कोटि प्रवासी साहित्य की विकसित हुई तो प्रवासी साहित्य की दुनिया भी वृहत्तर होती गयी. अब साहित्य में एक नया तबका सामने आ रहा है नौकरशाह कवियों-लेखकों का. वे भले ही प्रशासनिक सेवाओं में हों, उनके भीतर साहित्य हिलोरें लेता है. ऐसी ही एक किताब 'कविता परस्पर' आई है भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की कविताओं, गज़लों, नज़्मों की जो न केवल अपनी प्रशासनिक क्षमताओं के कारण जाने जाते हैं बल्कि अपनी कविता और शायरी के बलबूते भी देश दुनिया में नाम कमा रहे हैं.
राजस्थान कैडर के आईएएस डॉ जितेंद्र सोनी द्वारा संपादित कविता परस्पर में ऐसे 32 प्रशासनिक अधिकारियों की कविताएं सम्मिलित हैं. इनमें डॉ हरिओम जैसे सिद्धहस्त ग़ज़लगो और कवि हैं तो संजीव बख्शी जैसे सुपरिचित कवि जो पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी के परिवार से नाता रखते हैं और भूलनकांदा उपन्यास सहित कई कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं. यहां ग़ज़लों के नामचीन हस्ताक्षर लखनऊ के आईएएस अधिकारी पवन कुमार, मुंबई के पुलिस महानिरीक्षक कैसर ख़ालिद और लखनऊ के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मनीष शुक्ल की गजलें हैं तो सुपरिचित कवि व छत्तीसगढ़ के आईएएस अधिकारी संजय अलंग, भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी एवं युवा कवि तुषार धवल व आईआरएस अधिकारी सुपरिचित चित्रकार कवयित्री संगीता गुप्ता की कविताएं. इन नामचीन अधिकारियों के साथ पुस्तकों के पठन पाठन के लिए समर्पित रहे आईपीएस अधिकारी विकास नारायण राय, पल्लवी त्रिवेदी, जितेंद्र कुमार सोनी, मनमोहन, शीला दहिमा, शशांक गर्ग, कृष्ण कुमार पाठक एवं कृष्ण कुमार यादव की कविताएं भी शामिल हैं.
भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय राजस्व सेवा व राज्य प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारियों की इन कविताओं, गजलों, नज्मों से गुजरते हुए यह अहसास होता है कि इनमें जीवन के तमाम क्रिया-व्यापारों से जुड़े सवाल इनकी रचनाओं में उभर कर सामने आए हैं. आम आदमी की तरह इनके भीतर भी किसी मुद्दे को लेकर वैसा ही पीड़ा का अहसास दिखता है जैसा किसी सामान्य कवि में. कभी-कभी कविताओं को पढ़ते हुए यह वर्गीकरण भी बेमानी प्रतीत होता है और लगता है कि ये सब मुख्य धारा के कवि ही हैं जो कविता के मुहावरे से पूरी तौर पर परिचित हैं. वे जो कुछ रच रहे हैं रचयिता के स्वप्न से भरे हुए दिखते हैं.
आइए, पहले इनकी ग़ज़लों का जायज़ा लेते हैं.
पहले ही कवि अजय पांडे 'सहाब' क्या खूब ग़ज़लें लिखते हैं. वे कहते हैं:
चुटकी भर उल्लास मिला है
फिर कितना संत्रास मिला है
पीड़ा रानी, दुख राजा का
बस इतना इतिहास मिला है.
कैसर ख़ालिद मुंबई में ग़ज़लकारों की फेहरिश्त में अलग मुकाम रखते हैं. उनकी गजल के चंद अशआर:
रहे नाकाम सारी उम्र फिर भी
कहां उम्मीद छोड़ी है दुआ ने.
जो मोहसिन थे वही क़ातिल भी ठहरे
दिखाया ये तमाशा भी कज़ा ने.
और उनकी ग़ज़ल का यह शेर कितना नाजुक है-
पहले इसी मिट्टी से बनना है सँवरना है
फिर गुंचा ओ गुल में भी हमको ही बिखरना है
अफ़लाक की वादी के मग़रूर मुसाफिर सुन
इक रोज बुलंदी से तुझको भी उतरना है
काग़ज पे हर इक जज्बा ये सोच के रखते हैं
हर शेर किसी दिल की वादी से गुज़रना है
अपने संग्रह वाबस्ता से प्रसिद्ध पवन कुमार की गजलों में एक सुगठित विन्यास है जो कम लोगों में दिखता है. उनके अशआर में ज़दीद शायरी की झलक मिलती है. कुछ अशआर मुलाहिजा हों-
किसी ने रखा है बाजार में सजा के मुझे
कोई खरीद ले कीमत मेरी चुका के मुझे
मैं ऐसी शाख हूँ जिस पर न फूल पत्ते हैं
तू देख लेता कभी काश, मुस्कुरा के मुझे.
क़सीदे पढ़ता हूँ मैं उसकी दिलनवाज़ी के
ज़लील करता है अकसर जो घर बुला के मुझे.
लखनऊ के ही नायाब शायर मनीष शुक्ल को गज़ल की दुनिया में भला कौन नहीं जानता. सधी हुई बहर, कसा हुआ काफिया रदीफ उनकी शायरी जैसे एक फिनिश्ड प्रोडक्ट की तरह सुचिक्कन लगती है. कुछ ग़ज़लों के चंद अशआर देखें-
तू मुझको सुन रहा है तो सुनाई क्यों नहीं देता
ये कुछ इल्जाम हैं मेरे सफाई क्यों नहीं देता
मैं तुझको जीत जाने की मुबारकबाद देता हूँ
तू मुझको हार जाने की बधाई क्यों नहीं देता
इश्क किया तो टूट के जी भर नफरत की तो शिद्दत से
अपने हर किरदार का चेहरा हमने उजला रखा है.
सिर्फ बयाबॉं बचता हम में बिल्कुल जंगल हो जाते
शेर न कहते तो हम शायद अब तक पागल हो जाते.
काश मिरे मिसरों से बिल्कुल उसकी आंखें बन जातीं
काश मिरे अल्फाज़ किसी की आंख का काजल हो जाते.
भोपाल के शशांक गर्ग के पास ग़ज़ल की एक मीठी धुन है. एक गजल का उनका शेर है-
होता नहीं गुज़र यहां चल अपने घर फकीर
अब कौन दे इस घर का किराया बढ़ा हुआ.
ग़ज़ल का जिक्र हो और डॉ हरिओम का न हो, ऐसा हो नहीं सकता. अच्छे कवि, कथाकार व अच्छे गायक होने के साथ वे एक अच्छे ग़ज़लगो भी हैं. जितनी कशिश के साथ वे लिखते हैं उतनी ही कशिश के साथ वे एक पेशेवर अंदाज के साथ गाते भी हैं. एक ग़ज़ल में वे कहते हैं-
मुझे सुकून के लम्हात बुरे लगते हैं
मेरे वजूद में सौ इंकलाब पैदा कर.
फ़लक पे शाम अँधेरों का जाल बुनने लगी
चल आ ज़मीं पे कोई आफ़ताब पैदा कर.
कविता परस्पर की तमाम कविताएं उम्दा हैं. इन अधिकारियों के पास कविता की भाषा है, जीवन को देखने का एक क्रिटिकल नज़रिया है. इनकी संवेदना की स्याही काफी नम है. वह लोगों के दुख से भीगी हुई लगती है तो दूसरों के सुख दुख को साझा करने की ख्वाहिश भी उसमें नजर आती है. कृष्ण कुमार यादव ने अंडमान के आदिवासियों को याद किया है तो कृष्णा कांत पाठक ने त्रिगुणात्मिका प्रकृति, आधी आत्मा वालों का जगत, गंधमादन का कस्तूरीमृग व साखी सबद रमैनी मेरी जैसी बेहतरीन कविताएं लिखी हैं. उनके पास सुगठित वाक्य संचरना है व वस्तुनिष्ठ कवि दृष्टि. जितेंद्र सोनी की मरता हुआ आदमी व सीरियाई बच्चे शीर्षक कविताओं में पीड़ा का घना अर्थबोध है. तुषार धवल महीन बीनाई के कवि रहे हैं. उनकी कविता पुस्तक पहर यह बेपहर का काफी चर्चित रही है. आधी रात का बुद्ध, एक पहाड़ अकेला कविताएं यहां उनकी कविताई का सिद्ध प्रमाण हैं. पुलिस सेवा की अधिकारी पल्लवी त्रिवेदी की कविताओं में पर्याप्त परिष्कृति है. जीवन के शाश्वरत प्रश्नों की अनुगूंज है. पंचतत्व, बारिश, एकांत, पिता सोते नहीं व रो लो पुरुषों में एक सधा हुआ आवेग है. एकांत से गुजरते हुए अज्ञेय के एकांतों की याद आती है. भारतीय पुलिस सेवा के ही वरिष्ठ अधिकारी मनमोहन हिंदी कविता की मुख्यधारा के मनमोहन से कम नहीं. कई संग्रह प्रकाशित हैं उनके. उपन्यास भी. एक छोटी कविता इंसाफ में उन्होंने सौंदर्य को देखने का क्या नजरिया रखा है- वो सच/ मरमरी उपमाएं/ शिंगरफी संवेदनाएं/ सिर्फ थीं तुम्हें लुभाने की खातिर/ वरना जिस्म तो जिस्मों जैसा ही था/ जागते सोते सोचते भोगते/ अनगिनत जिस्मों जैसा। (पृष्ठ 143) राकेश कुमार पालीवाल की कविताएं अधिकतर आदिवासियों को समर्पित हैं.
वीरेंद्र ओझा अपनी कविताओं में जैसे अपने अतीत के दृश्यों को याद करते हैं. सरकारी हिंदीभाषी स्कूल ऐसी ही कविता है. शीला दहिमा की कविताओं में जिंदगी को देखने का अंदाज संजीदा है. मैं पानी की बूँद हूँ मेरा मोल समझो, जिन्दगी मिलेगी दोबारा, तुम भीग जाओ न प्यार की बारिशों में व दुख तुम मुझको अच्छे भी लगते हो जैसी कविताएं उनके महत्व की ओर इंगित करती हैं. संगीता गुप्ता की कलाकारिता उनकी कविताओं के विजुअल्स को रुपायित करती हैं. उनकी कविताओं में स्पर्श के गुलमोहर हैं, मन की जमीन है और संवेदना की नमी. संजय अलंग कविता में एक सुपरिचित नाम है. शव व पगडंडी छिप गई थी संग्रहों के कवि संजय की कविताएं- सुंदर, अधिपति व गुलेल सुगठित हैं. संजीव बख्शी इस संग्रह के चुनिंदा कवियों में हैं. कई संग्रहों के कवि संजीव बख्शी की सभी कविताएं कविता की मुख्य धारा की कविताओं का आस्वाद देती हैं. उनकी कविताओं में किसी अलंकरण का मुलम्मा नहीं, एक कवि की सहजता और निर्भयता है. संदीप जैन की कविताओं में स्त्री संवेदना सघन है. कई कविताएं स्त्रियों पर हैं.
कविता परस्पर न केवल प्रशासनिक अधिकारियों की कविता के रूप में बल्कि हिंदी कविता के नए आस्वाद के धरातल पर भी एक अच्छा चयन है. हालांकि अभी तमाम ऐसे प्रशासनिक अधिकारी छूटे होंगे जो साहित्य से गहरे जुडे होंगे. इस चयन के संपादकीय में जितेंद्र सोनी कहते हैं, इस चयन का उद्देश्य यह है कि लोग यह समझ सकें कि लोकसेवक अपने प्रशासनिक उत्तरदायित्वों से घिरे होते हुए भी अपने भीतर मानवीय संवेदनाओं और भावनाओं की अनुभूति और अभिव्यक्ति को न केवल सजीव रखे हुए हैं अपितु इसी संवेदना की वजह से जनोन्मुखी प्रशासन संभव हो सका है. कविता परस्पर का सुघड़ प्रकाशन विजया बुक्स ने किया है।
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पुस्तकः
कविता परस्पर- प्रशासक कवि श्रृंखला
संपादक:
जितेंद्र कुमार सोनी
प्रकाशक:
विजया बुक्स
मूल्यः
295/- रुपए
पृष्ठः
248 |
देश के पूर्व राष्ट्रपति और भारत रत्न से सम्मानित अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम को पूरा देश एपीजे अब्दुल कलाम के नाम से जानता है. वैज्ञानिक और इंजीनियर कलाम ने 2002 से 2007 तक 11वें राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा की. मिसाइल मैन के रूप में प्रसिद्ध कलाम देश की प्रगति और विकास से जुड़े विचारों से भरे व्यक्ति हैं. उनके जन्मदिन के अवसर पर उनसे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें और उनके 10 विचार हम आपसे शेयर कर रहे हैं.
- एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ.
- पेशे से नाविक कलाम के पिता ज्यादा पढ़े लिखे नहीं थे. ये मछुआरों को नाव किराये पर दिया करते थे. पांच भाई और पांच बहनों वाले परिवार को चलाने के लिए पिता के पैसे कम पड़ जाते थे इसलिए शुरुआती शिक्षा जारी रखने के लिए कलाम को अखबार बेचने का काम भी करना पड़ा.
- आठ साल की उम्र से ही कलाम सुबह 4 बचे उठते थे और नहा कर गणित की पढ़ाई करने चले जाते थे. सुबह नहा कर जाने के पीछे कारण यह था कि प्रत्येक साल पांच बच्चों को मुफ्त में गणित पढ़ाने वाले उनके टीचर बिना नहाए आए बच्चों को नहीं पढ़ाते थे. ट्यूशन से आने के बाद वो नमाज पढ़ते और इसके बाद वो सुबह आठ बजे तक रामेश्वरम रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर न्यूज पेपर बांटते थे.
- 1962 में कलाम इसरो में पहुंचे. इन्हीं के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रहते भारत ने अपना पहला स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी-3 बनाया. 1980 में रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा के समीप स्थापित किया गया और भारत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बन गया. कलाम ने इसके बाद स्वदेशी गाइडेड मिसाइल को डिजाइन किया. उन्होंने अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलें भारतीय तकनीक से बनाईं.
- 1992 से 1999 तक कलाम रक्षा मंत्री के रक्षा सलाहकार भी रहे. इस दौरान वाजपेयी सरकार ने पोखरण में दूसरी बार न्यूक्लियर टेस्ट भी किए और भारत परमाणु हथियार बनाने वाले देशों में शामिल हो गया. कलाम ने विजन 2020 दिया. इसके तहत कलाम ने भारत को विज्ञान के क्षेत्र में तरक्की के जरिए 2020 तक अत्याधुनिक करने की खास सोच दी गई. कलाम भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार भी रहे.
- 1982 में
कलाम को
डीआरडीएल (डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट लेबोरेट्री) का डायरेक्टर बनाया गया. उसी दौरान अन्ना यूनिवर्सिटी ने उन्हें डॉक्टर की उपाधि से सम्मानित किया. कलाम ने तब रक्षामंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. वीएस अरुणाचलम के साथ इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (आईजीएमडीपी) का प्रस्ताव तैयार किया. स्वदेशी मिसाइलों के विकास के लिए कलाम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई.
- इसके पहले चरण में जमीन से जमीन पर मध्यम दूरी तक मार करने वाली मिसाइल बनाने पर जोर था. दूसरे चरण में जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल, टैंकभेदी मिसाइल और रिएंट्री एक्सपेरिमेंट लॉन्च वेहिकल (रेक्स) बनाने का प्रस्ताव था. पृथ्वी, त्रिशूल, आकाश, नाग नाम के मिसाइल बनाए गए. कलाम ने अपने सपने रेक्स को अग्नि नाम दिया. सबसे पहले सितंबर 1985 में त्रिशूल फिर फरवरी 1988 में पृथ्वी और मई 1989 में अग्नि का परीक्षण किया गया.
- इसके बाद 1998 में रूस के साथ मिलकर भारत ने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल बनाने पर काम शुरू किया और ब्रह्मोस प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की गई. ब्रह्मोस को धरती, आसमान और समुद्र कहीं भी दागी जा सकती है. इस सफलता के साथ ही कलाम को मिसाइल मैन के रूप में प्रसिद्धि मिली और उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया.
- कलाम को 1981 में भारत सरकार ने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म भूषण और फिर, 1990 में पद्म विभूषण और 1997 में भारत रत्न प्रदान किया. भारत के सर्वोच्च पर नियुक्ति से पहले भारत रत्न पाने वाले कलाम देश के केवल तीसरे राष्ट्रपति हैं. उनसे पहले यह मुकाम सर्वपल्ली राधाकृष्णन और जाकिर हुसैन ने हासिल किया. |
डनकर्क नॉटिंघम, इंग्लैंड का एक आवासीय क्षेत्र है जो नॉटिंघम विश्वविद्यालय और क्वीन्स मेडिकल सेंटर के दक्षिण-पूर्व में स्थित है। यह 'डनकर्क और लेंटन' के चुनावी वार्ड में है, जो नॉटिंघम दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है, जिसकी जनसंख्या 2011 की जनगणना में 10,920 है।
नॉटिंघम के कई स्थायी निवासियों का घर होने के साथ-साथ, इस क्षेत्र में कई छात्र भी रहते हैं, जिनमें कई अंतरराष्ट्रीय छात्र भी शामिल हैं, जो मुख्य रूप से पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया से हैं। विश्वविद्यालय से निकटता के कारण यह क्षेत्र पिछले दशक में तेजी से लोकप्रिय हो गया है।
डनकर्क में एक नर्सरी, प्राथमिक विद्यालय और नॉटिंघम विश्वविद्यालय विज्ञान और प्रौद्योगिकी अकादमी है; सामाजिक रूप से, ओल्ड लेंटन और डनकर्क सामुदायिक केंद्र है।
नॉटिंघम नहर के बगल में डनकर्क में एक छोटा औद्योगिक क्षेत्र भी है। नॉटिंघम साइंस एंड टेक्नोलॉजी पार्क, नॉटिंघम साइंस पार्क भी डनकर्क में स्थित है।
क्लिफ्टन बुलेवार्ड (ए52 रोड) के निकट, डनकर्क से नहर के पार एक बड़ा सिनेमा और मनोरंजन केंद्र है। |
Xiaomi का Poco F1 पावरफुल प्रोसेसर वाला एक मिड रेंज्ड स्मार्टफोन है. इसकी कीमत 20,000 रुपये के अंदर है और इसमें Qualcomm Snapdragon 845 प्रोसेसर दिया गया है. इसमें 8GB रैम भी है. अब इससे जुड़ी एक नई रिपोर्ट आ रही है. DxOMark – एक पोर्टल है जो कैमरा परफॉर्मेंस की जांच करती है और इंडस्ट्री में लोग इसके टेस्ट रिजल्ट्स पर भरोसा भी करते हैं. इसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक Poco F1 से क्लिक की गई तस्वीरों की क्वॉलिटी iPhone 8 जैसी ही है.
DxOMark टेस्ट रिजल्ट में Poco F1 को 91 प्वॉइंट्स मिले हैं जो पुराने गूगल पिक्सल और iPhone 8 के बराबर ही माने जा रहे हैं. iPhone 8 का स्कोर 92 प्वॉइंट्स है, जबकि Google Pixel को 90 प्वॉइंट्स मिले हैं. गौरतलब है कि Poco F1 में दो रियर कैमरे दिए गए हैं. प्राइमरी लेंस 12 मेगापिक्सल का है, जबकि दूसरा लेंस 5 मेगापिक्सल का है.
DxOMark के मुताबिक Poco F1 की मुख्य ताकत इसका ऑटोफोकस परफॉर्मेंस, बेहतर फ्लैश पिक्चर्स और प्लीजेंट कलर्स हैं. हर तरह की लाइटिंग कंडीशन में कमोबेश एक तरह का ही रिजल्ट रहा है. इस टेस्ट के मुताबिक इंडोर या आउटडोर में इसका एक्स्पोजर सटीक रहा है.
कुल मिला कर यह टेस्ट कहता है कि Poco F1 शानदार
तस्वीर क्लिक
करता है और इसमें डीटेलिंग भी होती है. इसके अलावा बेहतर लाइटिंग कंडीशनन में स्पॉट ऑन कलर्स भी मिलते हैं. हाई लेवल कॉन्ट्रास्ट, सटीक व्हाइट बैलेंस और तस्वीरों में शानादर कलर्स भी मिलते हैं. इस स्मार्टफोन में टेली लेंस भी दिया गया जो जूम कैप्चर करने के लिए है. हालांकि जूम शॉट्स में Poco F1 उतना शानदार नहीं है.
DxOMark की रिपोर्ट में कहा गया है कि Poco F1 में HDR प्रोसेसिंग दूसरे बेस्ट परफॉर्मिंग स्मार्टफोन के मुकाबले अच्छा नहीं है. Poco F1 कैमरा की अच्छी बात ये है कि ये डीटेल्स कैप्चर करता है. बताया गया है कि ये स्मार्टफोन हर तरह की लाइटिंग कंडीशन्स डीटेल्स कैप्चर करता है.
इस वेबसाइट ने अपनी टेस्ट रिपोर्ट के बाद कहा है कि Poco F1 बेहतर तस्वीरें क्लिक करता है, हालांकि बेस्ट हाई एंड डिवाइस के मुकाबले इमेज क्वॉलिटी में यह काफी पीछे है, हालांकि इस लेवल के डुअल और ट्रिपल कैमरा फ्लैगशिप से ये ऊपर है. Oppo F1 का ऑटोफोकस फ्लैश सिस्टम शानदार है और इनडोर या आउटडोर में इसकी वीडियो क्वॉलिटी बेहतर है. कुल मिला कर इस वेबसाइट का ये कहना है कि इस प्राइस रेंज में Poco F1 का कैमरा काफी बेहतर रिजल्ट देता है. |
भारत को विश्व कप दिलाने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का कहना है कि उन्हें 100 फीसदी यकीन नहीं है कि वह 2015 विश्व कप खेल पाएंगे या नहीं और टूर्नामेंट से दो साल पहले ही इस बारे में फैसला लेंगे। धोनी ने कहा, यदि आप 2015 की बात करें, तो अभी उसमें काफी समय है। पता नहीं तब मैं कहां रहूंगा। मैं 2013 में तय करूंगा कि मैं 2015 विश्व कप के लिए सौ प्रतिशत उपलब्ध हूं या नहीं। एक कार्यक्रम में धोनी ने कहा, आप टीम में ऐसा विकेटकीपर नहीं चाहेंगे, जिसने विश्व कप से ठीक पहले 100 या 80 मैच ना खेलें हों। यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो 2013 के अंत तक अपने शरीर को देखकर मैं फैसला लूंगा। धोनी की कप्तानी में भारत ने टी-20 विश्व कप, 50 ओवरों का विश्व कप और चेन्नई सुपर किंग्स ने आईपीएल तथा चैंपियंस लीग टी-20 टूर्नामेंट जीते हैं। धोनी ने कहा कि वह 2015 में भी विश्व कप जीतना चाहेंगे, लेकिन अभी पूरी तरह तय नहीं है कि वह खेलेंगे या नहीं। उन्होंने कहा, क्यों नहीं, मैं दोबारा जीतना चाहूंगा। सपने नहीं हों, तो अच्छा खेलने की प्रेरणा कैसे मिलेगी। लेकिन फोकस निकट भविष्य के लक्ष्य पर होना चाहिए। ज्यादा दूर की सोचना ठीक नहीं। हम हर शृंखला जीतना चाहते हैं। असल जिंदगी में अपने नायकों के बारे में पूछने पर धोनी ने सचिन तेंदुलकर और अमिताभ बच्चन का नाम लिया। उन्होंने कहा, यह कठिन सवाल है। सचिन तेंदुलकर हर क्रिकेटर का आदर्श हैं। उसी तरह बॉलीवुड के सबसे बड़े नायक अमिताभ बच्चन हैं, जिन्हें पूरी दुनिया जानती है। हमारे लिए वह प्रेरणास्रोत हैं, जो इस उम्र में भी इतना बेहतरीन काम कर रहे हैं। |
#UPDATE: 20 fire tenders rushed to Crystal Tower near Hindmata Cinema in Parel where fire broke out on 12th floor of the tower. No casualties reported till now. People trapped inside being rescued using cranes.Some people taken to hospital after rescue.Rescue operation on.#Mumbaipic.twitter.com/VDLuYdDIqE
#UPDATE: The Level-2 fire that broke out in Crystal Tower near Hindmata Cinema in Parel area now becomes Level-3 fire. Ten fire fighting tenders have rushed to the spot. People trapped inside the tower are being rescued using a crane. Rescue operation is underway. #Mumbaipic.twitter.com/stUgBaQQzX |
कुवैत पश्चिम एशिया में स्थित एक संप्रभु अरब अमीरात है, जिसकी सीमा उत्तर में सउदी अरब और उत्तर और पश्चिम में इराक से मिलती है। उत्तर से लेकर दक्षिण तक की अधिकतम दूरी 200 किमी (120 मील) और पूर्व से लेकर पश्चिम तक की दूरी 170 किमी (110 मील) है। कुवैत एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ है 'पानी के करीब एक महल'। करीबन 30 लाख की जनसंख्या वाले इस संवैधानिक राजशाही वाले देश में संसदीय व्यवस्था वाली सरकार है।
कुवैत की कुल जनसंख्या का 28% -32% का गठन करने वाले कुवैत के कुल कुवैत के लगभग 70% के लिए प्रवासी खाते है। सरकार और कुवैती नागरिक एक समस्या होने के लिए प्रवासी (जो 970 के दशक के मध्य से तुलनात्मक रूप से स्थिर रहे हैं) पर विचार करते हैं, और 2016 में निर्वासन की संख्या में वृद्धि हुई। कुवैत में छह गवर्नर होते हैं: हवल्ली, असिमह (राजधानी), फरवानिया, जहांरा, अहमदी और मुबारक अल-कबीर। कुछ कुवैती लोग ऐसे लोग हैं जिन्हें कुवैती नागरिकता दी गई है।
आबादी
कुवैत में छह गवर्नर होते हैं: हवल्ली, असिमा, फरवानिया, जहांरा, अहमदी और मुबारक अल-कबीर। अधिकांश कुवैत हवलि, असिमाह और फरवानियाह हैं।
कुवैत में सबसे बड़ी आबादी की कठिनाई में बेदून, लोग हैं जो 100,000 से अधिक लोगों को नंबर पर रखते हैं जिन्हें अवैध निवासियों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है और जो कुवैती नागरिकता का दावा करने की कोशिश कर रहे हैं। आलोचकों का तर्क है कि ये लोग अरब हैं जो इराक, सीरिया और सऊदी अरब से प्रवासित हैं; समस्या का एक बड़ा हिस्सा बेडून का चेहरा यह है कि ये अन्य राज्य उन्हें अपने नागरिकों के रूप में नहीं मानते हैं। 2013 में, समस्या को हल करने के प्रयास के रूप में इन लोगों में से 4,000 लोगों को नागरिकता प्रदान करने के लिए एक कानून पारित किया गया था। हालांकि, सरकार ने कहा है कि बेडून का केवल एक तिहाई संभावित प्राकृतिककरण के लिए अर्हता प्राप्त करेगा क्योंकि यह मानता है कि शेष अन्य राष्ट्रीयताओं को पकड़ते हैं, अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि उन्होंने कुवैती नागरिकता का दावा करने के लिए अपने दस्तावेजों को नष्ट कर दिया है|
जनसांख्यिकीय आंकड़े
उम्र संरचना
0-14 साल:25.8% (पुरुष 348,816; महिला 321,565)
15-64 साल: 72.2% (पुरुष 1,153,433; महिला 720,392)
65 साल और उससे अधिक: 2% (पुरुष 25,443; महिला 25,979) (2011 अनुमान)
जनसंख्या वृद्धि दर
1.986% (2011 अनुमान)
लिंग अनुपात
जन्म पर: 1.047 पुरुष (पुरुष) / महिला
15 साल से कम: 1.04 पुरुष / महिलाएं
15-64 साल: 1.79 पुरुष / महिलाएं
65 साल और उससे अधिक: 1.65 पुरुष / महिलाएं
कुल आबादी: 1.54 पुरुष / महिलाएं (2011 अनुमान)
जन्म के समय जीवन की उम्मीद
कुल जनसंख्या: 77.09 साल
पुरुष: 75.95 साल
मादा: 78.3 साल (2011 अनुमान)
संदर्भ
कुवैत |
दुनियाभर में हज़ारों ऑफिसों और घरों में एक घंटे के लिए अंधेरा छा गया। यह लोगों ने खुद से किया जिसका मकसद पर्यावरण को बचाने का संदेश देना है। वर्ल्ड अर्थ आवर के मौके पर भारत में भी कई ऑफिस और अहम इमारतों में बत्ती एक घंटे के लिए बंद कर दी गई।टिप्पणियां
साल 2007 में शुरू हुई इस मुहिम में तमाम संगठन शामिल हुए। यूएन ने इस मौके पर वातावरण में आ रहे बदलाव पर चिंता ज़ाहिर की और लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए इस मुहिम का समर्थन भी किया। इस अभियान का हिस्सा 152 देशों के 7000 शहर बने।
पिछले साल भारत में दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद के साथ−साथ गुना, इटावा, मंडला जैसे छोटे−छोटे शहर भी इस कैम्पेन में शामिल हुए थे।
साल 2007 में शुरू हुई इस मुहिम में तमाम संगठन शामिल हुए। यूएन ने इस मौके पर वातावरण में आ रहे बदलाव पर चिंता ज़ाहिर की और लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए इस मुहिम का समर्थन भी किया। इस अभियान का हिस्सा 152 देशों के 7000 शहर बने।
पिछले साल भारत में दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद के साथ−साथ गुना, इटावा, मंडला जैसे छोटे−छोटे शहर भी इस कैम्पेन में शामिल हुए थे।
पिछले साल भारत में दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद के साथ−साथ गुना, इटावा, मंडला जैसे छोटे−छोटे शहर भी इस कैम्पेन में शामिल हुए थे। |
जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी में डेटा एंट्री ऑपरेटर की वैकेंसी है. इच्छुक उम्मीदवार 16 फरवरी को इंटरव्यू के लिए जा सकते हैं.
पद का नाम:
डेटा एंट्री ऑपरेटर
वेन्यू:
Board Room, adjacent to Vice-Chancellor’s Office, Administrative Block, Jamia Hamdard, Hamdard Nagar, New Delhi – 110 062.
ज्यादा जानकारी के लिए
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भारतीय टीम में जगह बनाना इन दिनों इतना कठिन है कि खिलाडि़यों के लिए यह बेहद जरूरी है कि वह शुरुआती मैचों में ही बेहतरीन प्रदर्शन करें. पिछले 12 महीने में कई युवा खिलाडि़यों को टीम इंडिया में आजमाया गया, लेकिन इनमें से कुछ ही खिलाड़ी ऐसे हैं, जो टीम में जगह पक्की कर सके हैं. महाराष्ट्र रणजी ट्रॉफी टीम के कप्तान केदार जाधव ऐसे ही खिलाडि़यों में से एक हैं.
छोटे कद के केदार जाधव को पुणे में उनके तूफानी शतक से भले ही 'पॉकेट डायनामाइट' कहा जाने लगा हो, लेकिन पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता सुरेंद्र भावे ने खुलासा किया कि कभी शुद्ध शाकाहारी रहे इस बल्लेबाज ने जब चिकन खाना शुरू किया तो इससे उनको अतिरिक्त शक्ति मिली.टिप्पणियां
महाराष्ट्र राज्य विद्युत बोर्ड के पूर्व कर्मचारी महादेव जाधव के बेटे केदार का ताल्लुक ऐसे परिवार से है जो शुद्ध शाकाहारी है. भावे ने जाधव के बारे में बात करते हुए पीटीआई से कहा, 'आप इसका श्रेय मुझे दे सकते हैं. वह मैं था, जिसने उसे चिकन खाना सिखाया'. महाराष्ट्र के पूर्व खिलाड़ी भावे ने कहा, 'मैं उसके स्टार बनने का श्रेय नहीं लेना चाहता हूं. मैं उसका कोच, बड़े भाई, मेंटर और गाइड की तरह हूं जो कभी-कभी मुझसे टिप्स लेता है. आखिरी बार साल 2010-11 में मैंने उससे कहा कि उसकी बैकलिफ्ट सही नहीं लग रही है और उसने तुरंत उसमें सुधार किया और इससे काफी फायदा मिला'.
उन्हें याद है जब उन्होंने पहली बार केदार को कूच बिहार ट्रॉफी में केरल के खिलाफ 262 गेंदों पर 195 रन की पारी खेलते हुए देखा. भावे ने कहा, 'मुझे तुरंत ही लगा कि वह खास है. जिस आसानी से वह केरल के गेंदबाजों पर शॉट लगा रहा था वह वास्तव में भिन्न था. वह हर प्रारूप में खेल सकता है. वह गेंदबाजी कर सकता है, विकेट ले सकता है और उसकी विकेटकीपिंग किसी भी विशेषज्ञ से बेहतर है. हमने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए उसकी विकेटकीपिंग देखी थी. वह बहुमुखी प्रतिभा का धनी है'. हम उम्मीद कर सकते हैं कि इंग्लैंड के खिलाफ गुरुवार को दूसरे मुकाबले में भी जाधव उस प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे, जिसकी भरपूर झलक वह पुणे में पहले मैच में दिखा चुके हैं.
छोटे कद के केदार जाधव को पुणे में उनके तूफानी शतक से भले ही 'पॉकेट डायनामाइट' कहा जाने लगा हो, लेकिन पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता सुरेंद्र भावे ने खुलासा किया कि कभी शुद्ध शाकाहारी रहे इस बल्लेबाज ने जब चिकन खाना शुरू किया तो इससे उनको अतिरिक्त शक्ति मिली.टिप्पणियां
महाराष्ट्र राज्य विद्युत बोर्ड के पूर्व कर्मचारी महादेव जाधव के बेटे केदार का ताल्लुक ऐसे परिवार से है जो शुद्ध शाकाहारी है. भावे ने जाधव के बारे में बात करते हुए पीटीआई से कहा, 'आप इसका श्रेय मुझे दे सकते हैं. वह मैं था, जिसने उसे चिकन खाना सिखाया'. महाराष्ट्र के पूर्व खिलाड़ी भावे ने कहा, 'मैं उसके स्टार बनने का श्रेय नहीं लेना चाहता हूं. मैं उसका कोच, बड़े भाई, मेंटर और गाइड की तरह हूं जो कभी-कभी मुझसे टिप्स लेता है. आखिरी बार साल 2010-11 में मैंने उससे कहा कि उसकी बैकलिफ्ट सही नहीं लग रही है और उसने तुरंत उसमें सुधार किया और इससे काफी फायदा मिला'.
उन्हें याद है जब उन्होंने पहली बार केदार को कूच बिहार ट्रॉफी में केरल के खिलाफ 262 गेंदों पर 195 रन की पारी खेलते हुए देखा. भावे ने कहा, 'मुझे तुरंत ही लगा कि वह खास है. जिस आसानी से वह केरल के गेंदबाजों पर शॉट लगा रहा था वह वास्तव में भिन्न था. वह हर प्रारूप में खेल सकता है. वह गेंदबाजी कर सकता है, विकेट ले सकता है और उसकी विकेटकीपिंग किसी भी विशेषज्ञ से बेहतर है. हमने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए उसकी विकेटकीपिंग देखी थी. वह बहुमुखी प्रतिभा का धनी है'. हम उम्मीद कर सकते हैं कि इंग्लैंड के खिलाफ गुरुवार को दूसरे मुकाबले में भी जाधव उस प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे, जिसकी भरपूर झलक वह पुणे में पहले मैच में दिखा चुके हैं.
महाराष्ट्र राज्य विद्युत बोर्ड के पूर्व कर्मचारी महादेव जाधव के बेटे केदार का ताल्लुक ऐसे परिवार से है जो शुद्ध शाकाहारी है. भावे ने जाधव के बारे में बात करते हुए पीटीआई से कहा, 'आप इसका श्रेय मुझे दे सकते हैं. वह मैं था, जिसने उसे चिकन खाना सिखाया'. महाराष्ट्र के पूर्व खिलाड़ी भावे ने कहा, 'मैं उसके स्टार बनने का श्रेय नहीं लेना चाहता हूं. मैं उसका कोच, बड़े भाई, मेंटर और गाइड की तरह हूं जो कभी-कभी मुझसे टिप्स लेता है. आखिरी बार साल 2010-11 में मैंने उससे कहा कि उसकी बैकलिफ्ट सही नहीं लग रही है और उसने तुरंत उसमें सुधार किया और इससे काफी फायदा मिला'.
उन्हें याद है जब उन्होंने पहली बार केदार को कूच बिहार ट्रॉफी में केरल के खिलाफ 262 गेंदों पर 195 रन की पारी खेलते हुए देखा. भावे ने कहा, 'मुझे तुरंत ही लगा कि वह खास है. जिस आसानी से वह केरल के गेंदबाजों पर शॉट लगा रहा था वह वास्तव में भिन्न था. वह हर प्रारूप में खेल सकता है. वह गेंदबाजी कर सकता है, विकेट ले सकता है और उसकी विकेटकीपिंग किसी भी विशेषज्ञ से बेहतर है. हमने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए उसकी विकेटकीपिंग देखी थी. वह बहुमुखी प्रतिभा का धनी है'. हम उम्मीद कर सकते हैं कि इंग्लैंड के खिलाफ गुरुवार को दूसरे मुकाबले में भी जाधव उस प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे, जिसकी भरपूर झलक वह पुणे में पहले मैच में दिखा चुके हैं.
उन्हें याद है जब उन्होंने पहली बार केदार को कूच बिहार ट्रॉफी में केरल के खिलाफ 262 गेंदों पर 195 रन की पारी खेलते हुए देखा. भावे ने कहा, 'मुझे तुरंत ही लगा कि वह खास है. जिस आसानी से वह केरल के गेंदबाजों पर शॉट लगा रहा था वह वास्तव में भिन्न था. वह हर प्रारूप में खेल सकता है. वह गेंदबाजी कर सकता है, विकेट ले सकता है और उसकी विकेटकीपिंग किसी भी विशेषज्ञ से बेहतर है. हमने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए उसकी विकेटकीपिंग देखी थी. वह बहुमुखी प्रतिभा का धनी है'. हम उम्मीद कर सकते हैं कि इंग्लैंड के खिलाफ गुरुवार को दूसरे मुकाबले में भी जाधव उस प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे, जिसकी भरपूर झलक वह पुणे में पहले मैच में दिखा चुके हैं. |
मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पछुआ हवा के कारण राजधानी पटना और भागलपुर सहित पूरे प्रदेश में कडाके की ठंड के अगले 24 से 48 घंटों तक जारी रहने की संभावना है. प्रदेश में धुंध एवं शीत फुहारों का गिरना जारी है। उल्लेखनीय है कि पिछले 24 घंटों के दौरान पूरे प्रदेश में मौसम के शुष्क रहने के साथ भागलपुर के सबौर में न्यूनतम तापमान सबसे कम सात डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया. बिहार में भी ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई है. |
मिस्र की एक अदालत ने
अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी
को इत्तिहादिया प्रेसीडेंसियल पैलेस के बाहर दिसंबर 2012 में प्रदर्शनकारियों की हत्या करवाने के मामले में मंगलवार को 20 साल जेल की सजा सुनाई है.
तीन जुलाई, 2013 को सत्ता से बदखल होने के बाद मुर्सी के खिलाफ यह पहला फैसला आया है. समाचारपत्र अल अहराम के मुताबिक, हालांकि
मुर्सी
और मामले के 14 अन्य आरोपियों को हत्या की साजिश रचने और हथियार रखने के मामले में बरी कर दिया गया है.
मुर्सी, मुस्लिम ब्रदरहुड के प्रमुख नेता मोहम्मद अल-बेल्तागी और एसाम अल-अरियान सहित अन्य 14 के खिलाफ साल 2012 में हुए इत्तिहादिया झड़प मामले में सुनवाई चल रही थी. इत्तिहादिया प्रेसीडेंसियल पैलेस के बाहर पांच दिसंबर, 2012 को
मुर्सी विरोधियों और समर्थकों
के बीच हुई झड़प में 10 लोग मारे गए थे, जबकि दर्जनों लोग घायल हुए थे.
मुर्सी पर अपने समर्थकों तथा सहयोगियों की हत्या के लिए उकसाने, हिंसा करवाने तथा प्रदर्शनकारियों को अवैध तौर पर हिरासत में रखने और उत्पीड़न करने का आरोप था. बचाव पक्ष के एक वकील मोंटेसर अल-जायत के मुताबिक, मुर्सी के खिलाफ विदेशी संगठनों के सहयोग से मिस्र में आतंकवादी गतिविधियां चलाने, कतर को गोपनीय दस्तावेज देने, साल 2011 में जेल से भागने और सुनवाई के दौरान एक न्यायाधीश का अपमान करने के आरोपों पर सुनवाई जारी है.
मुस्लिम ब्रदरहुड की राजनीतिक शाखा फ्रीडम एंड जस्टिस पार्टी के पूर्व प्रमुख मुर्सी साल 2012 में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवार बनाए गए. इससे पहले पार्टी ने उम्मीदवार के तौर पर खैरत अल-शातेर को चुना था, लेकिन सुप्रीम इलेक्शंस कमेटी ने उन्हें अयोग्य करार दे दिया था.
-इनपुट IANS |
जम्मू और कश्मीर के शोपियां में सेना के कैंप पर आतंकियों ने हमला कर दिया है. दोनों तरफ से जबरदस्त गोलीबारी हुई. सेना के मुंहतोड़ जवाब के बाद गोलीबारी थम गई है. गोलीबारी में किसी भी जवान के घायल होने की खबर नहीं है. फिलहाल इलाके को घेरकर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है. इससे पहले गणतंत्र दिवस के मौके पर पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ कैंप पर हमला कर दिया था. इस हमले में 5 जवान घायल हो गए थे. इसी दिन त्राल में सेना के कैंप पर हमले की भी खबर आई थी.
बता दें, शनिवार को पुलवामा के पंपोर और खानमो इलाके में आतंकियों ने एसजीओ और सीआरपीएफ कैंप पर हमला कर दिया था. इस हमले में 5 जवान घायल हो गए थे. जवाबी कार्रवाई करते हुए सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया था. मारे गए आतंकी जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन के थे. बताया जा रहा था कि इस हमले में 3-4 आतंकी शामिल थे. सभी गणतंत्र दिवस पर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के इरादे से भारत में घुसे थे. रविवार को भी आतंकियों ने सेना के कैंप को निशाना बनाने की कोशिश की. आतंकियों ने 44आरआर सेना कैंप पर फायरिंग शुरू की. मौके पर मौजूद सुरक्षा जवानों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए मुंहतोड़ जवाब दिया. फिलहाल, गोलीबारी थम गई है. जवानों ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है.
आतंकी हमले का था खुफिया अलर्ट
पिछले दिनों आतंकी हमले को लेकर खुफिया अलर्ट जारी किया था. इस खुफिया अलर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) और उसके साथ आतंकियों का ग्रुप भारत में बड़ा आतंकी हमला करने की फिराक में है. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने अंदेशा जताया था कि आतंकी और पाकिस्तान की स्पेशल सर्विस ग्रुप के कमांडो मिलकर 24 जनवरी से लेकर 26 जनवरी के बीच भारतीय सुरक्षा बलों को निशाना बनाने कोशिश कर सकते हैं. इस बात को देखते हुए भारतीय सुरक्षा बलों को खुफिया एजेंसियों ने फॉरवर्ड लोकेशन पर अलर्ट रहने के लिए कहा था.
ग्रेनेड हमले के जरिए तबाही मचाने का अलर्ट
18 जनवरी को एक अलर्ट जारी करते हुए भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने कहा था कि आतंकी 26 जनवरी के मौके पर कश्मीर घाटी में ग्रेनेड के जरिये तबाही मचाने की कोशिश कर सकते हैं. सीरियल ग्रेनेड अटैक और फिदायीन हमला सुरक्षाबलों के कैंप पर कर सकते हैं. ग्रेनेड लॉबिंग करने के लिए जैश के आतंकियो को खास ट्रेनिंग भी दे दी गई है. 11 जनवरी से लेकर 18 जनवरी के बीच इस साल 6 बार ग्रैंड लॉबिंग अलग-अलग जगहों पर आतंकी कर चुके हैं. |
यह लेख है: हिमाचल प्रदेश के उना जिले के एक गांव चुरूरू के पेंटर संजीव कुमार के जीवन में अचानक खुशियां आ गई हैं. दरअसल कुमार की ढाई करोड़ रुपए की लॉटरी लगी है. एक लड़के और एक लड़की के पिता कुमार ने कहा कि वह पेंटर, प्लम्बर और इलेक्ट्रिशयन के रूप में काम करता है. उसने बताया कि वह चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर से जब लौट रहा था तब उसने नांगल बस स्टैंड के समीप एक लॉटरी स्टॉल से 1000 रूपए के दो टिकट खरीदे थे. उनमें से एक में जैकपॉट लग गया. वह तब अपने बेटे के मेडिकल चेक अप के लिए पीजीआईएमईआर गया था.
कुमार की ओर से रविवार को यहां जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि उसे आशा है कि लॉटरी की यह रकम उसकी जिंदगी में वित्तीय समस्याएं दूर कर उजियारा लाएंगी. अपनी भावी योजना की चर्चा करते हुए उसने कहा कि वह यह पैसा अपने बच्चों की पढ़ाई पर खर्च करेगा.
कुमार घर में आजीविका कमाने वाले एकमात्र सदस्य हैं. उसने पुरस्कार की इस राशि पर दावे के लिए पंजाब सरकार के राज्य लॉटरी विभाग में दस्तावेज सौंपे हैं. विभाग ने यथाशीघ्र यह राशि जारी करने का आश्वासन दिया है. यह लॉटरी लुधियाना में एक नवंबर को निकली थी. |
झारखण्ड हाईकोर्ट ने सोमवार को छठी झारखण्ड पब्लिक सर्विस कमीशन की मेन्स परीक्षा पर बड़ा फैसला दिया है. राज्य सरकार की दलील को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने JPSC मेंस परीक्षा में प्रारंभिक परीक्षा के सफल सिर्फ 6103 परीक्षार्थियों के रिजल्ट जारी करने के आदेश दिए है.
फोटो: हाईकोर्ट के बाहर इस मामले की सुनवाई कर रहे वकील
बता दें कि मेंस परीक्षा के परिणाम पर रोक को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को काफी गहमागहमी के बीच हाई कोर्ट ने ये अहम् फैसला सुनाया. प्रारंभिक परीक्षा में तीन बार संशोधनो के बाद 34 हज़ार 634 अभ्यर्थी सफल घोषित किये गए थे. हाईकोर्ट के इस निर्णय से राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है. दरअसल अदालत ने छठी JPSC मामले में सरकार के विज्ञापन की शर्तों में किए गए बदलाव को खारिज कर दिया है. अदालत ने निर्देश दिया है कि प्रथम प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम के आधार पर ही मुख्य परीक्षा का रिज़ल्ट प्रकाशित किया जाए. राज्य के महाधिवक्ता अजीत कुमार ने भी सरकारी पक्ष अदालत के समक्ष रखा था.
पहली बार छठी JPSC का परिणाम 2017 में आया था. तब 4940 अभ्यर्थी पीटी परीक्षा में सफल घोषित किये गए थे. बाद में हाईकोर्ट के आदेश के बाद रिजल्ट को रिवाइज किया गया था. तब 6103 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए. इस रिजल्ट के प्रकाशन के बाद ही विरोध शुरू हो गया था, अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में अपील याचिका दायर कर कहा था कि JPSC ने परीक्षा प्रक्रिया शुरू होने के बाद नियमो और शर्तों में बदलाव किया है। कार्यवाहक चीफ जस्टिस एचसी मिश्रा और जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने सोमवार को अहम् फैसला सुनाया.
फोटो: कोर्ट के बाहर जुटे JPSC के अभ्यर्थी व उनके परिजन, किया फैसले का स्वागत
JPSC के अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट के इस फैसले को ऐतिहासिक मानते हुए इसका स्वागत किया है. दरअसल छठी JPSC परीक्षा की प्रक्रिया पिछले चार साल से चल रही है, लेकिन अभीतक फाइनल रिजल्ट नहीं आ पाया, अब अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है. कई अभ्यर्थियों की उम्र तो अब कटऑफ एज से आगे निकल चुकी है जिससे वे चिंतित है. इसी तरह की चिंता अभ्यर्थी मनोज यादव ने भी जताई. आज कीसुनवाई के लिए कई अभ्यर्थी हाई कोर्ट के बाहर जुटे थे. |
इतने बच्चे पैदा करो, उतने बच्चे पैदा करो... घर वापसी कराओ... और न जाने क्या-क्या. फिजूल ही. जैसे चिढ़ा रहे हों. और लीजिए वो चिढ़ गए. पिछले तीन महीने से चल रही इस बयानबाजी ने दिल्ली में तो मुस्लिमों को जैसे आप का वोट बैंक ही बना दिया. अतिशयोक्ति न समझें तो लगभग सौ फीसदी मुस्लिम वोट आम आदमी पार्टी को गया. कोई साल-सवा साल में बिहार और बंगाल की जंग लड़नी है बीजेपी को. तो आगे के लिए संकेत क्या हैं?
1. उत्तर प्रदेश का सबक भूले :
गुजरात दंगों के आरोपों के बावजूद लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी को उत्तर प्रदेश में मुसलमानों का समर्थन मिला. मुजफ्फरनगर दंगों के बाद वे सत्ताधारी समाजवादी पार्टी से नाराज थे, क्योंकि उसने दंगों के दौरान और बाद में संतोषजनक कार्रवाई नहीं की थी. मुसलमानों को मोदी की यह बात पसंद आई कि वे धर्म पर नहीं, विकास पर फोकस रखते हैं. मुस्लिम प्रेमी होने को दिखावा नहीं करते. दिल्ली चुनाव से इमाम बुखारी ने जब यह कहा कि मुस्लिम दिल्ली में आप को वोट दें. तो शायद हो सकता है कि कई मुसलमानों को यह अच्छा न लगा हो. लेकिन जब केजरीवाल ने इस बयान से किनारा किया तो मुस्लिम वोटर दिल खोलकर आप के साथ आ गया. विकास की उम्मीद में.
2. निरंकुश हैं सांसद, शायद न समझें :
साध्वी निरंजना ज्योति, साक्षी महाराज, योगी आदित्यनाथ बीजेपी के सांसद हैं. लेकिन पिछले तीन महीने से सुर्खियों में सिर्फ अपने विवादित बयानों की वजह से हैं. मुस्लिमों की बढ़ती आबादी पर सवाल उठाना, हिंदुओं को ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए कहना, लव-जेहाद और अन्य मामलों पर तीखी बातें करना. कई बार यह बात बाहर आई कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सांसदों से विवादित बयान देने पर डपटा है और उन्हें ऐसा न करने की हिदायत दी है. हो सकता है ऐसा किया भी हो. लेकिन असर तो नहीं दिखा. बेहद सख्त माने जाने वाले मोदी की यदि ये तब नहीं सुन रहे थे तो आगे क्या सुनेंगे.
3. बाकी हिंदू संगठन कंट्रोल से बाहर :
मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो वहां न सिर्फ बीजेपी, बल्कि संघ भी उनकी मर्जी से काम करता था. संघ के कई नेता, जिन पर मोदी भरोसा नहीं करते थे, उन्हें राज्य से बाहर कर दिया गया. लेकिन देश की सत्ता संभालने के बाद उनके लिए यह इतना आसान नहीं है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विहिप, बजरंग दल, हिंदू महासभा जैसे संगठन और उनके नेता अपना-अपना एजेंडा लेकर आगे बढ़ रहे हैं. बात कर रहे हैं. इस बात से बेपरवाह होकर कि उसका बीजेपी की सियासी राजनीति पर क्या असर पड़ेगा. खासतौर पर तब जबकि इन सभी संगठनों को बीजेपी से जोड़कर ही देखा जाता है. अब इन संगठनों को तो अपना वजूद कायम रखना है. बीजेपी की बीजेपी जाने.
4. बिहार और बंगाल में निर्णायक मुस्लिम वोट :
बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से 60 सीटों पर जीत-हार का फैसला मुस्लिम ही करते हैं. बशर्ते वे किसी एक पार्टी के पक्ष में हों. कांग्रेस के पतन के बाद से ये पहले आरजेडी और जनता दल युनाइटेड के बीच बंटे रहे. दो बार से बिहार में विकास और अमन की उम्मीद लेकर जेडीयू-बीजेपी गठबंधन के साथ खड़ा रहा मुस्लिम वोट अब फिर चौराहे पर है. जेडीयू और बीजेपी के आमने-सामने हो जाने के बाद. यदि चुनाव में जेडीयू-आरजेडी गठबंधन होता है, तो बीजेपी के लिए यहां भी दिल्ली की तरह ही हालात रहेंगे.
इसी तरह अगले साल होने वाले पश्चिम बंगाल चुनाव के लिए बीजेपी ने अभी से कड़ी मेहनत शुरू कर दी है. कोई भी घटना हो बीजेपी कार्यकर्ता और तृणमूल कार्यकर्ताओं के बीच तनाव हो ही जाता है. वामपंथियों को पीछे ढकेलते हुए बीजेपी यहां चुनावी जंग में तृणमूल को सीधी टक्कर देना चाहती है. लेकिन यहां भी 294 सीटों में से 25 फीसदी सीटों का भाग्य मुस्लिम ही तय करते हैं. जो पहले वामपंथियों के साथ थे, और अब तृणमूल के साथ. बीजेपी यहां बांग्लादेशी घुसपैठियों को निशाने पर लेकर बहुसंख्यक हिंदू वोट अपने पक्ष में मोड़ना चाहती है, लेकिन अब कहना जल्दबाजी होगी कि ये बीजेपी के साथ आ ही जाएगा.
5. कांग्रेस जैसा तुष्टिकरण, कांग्रेस जैसी परिणति :
कांग्रेस पर आरोप लगता है कि उसने धर्मनिरपेक्षता के नाम पर मुसलमानों से छलावा किया. नतीजा, कांग्रेस के पक्ष में एकतरफा गिरने वाला यह वोट उससे हमेशा के लिए छिटक गया. लोकसभा चुनाव के दौरान जब मोदी ने यह कहा कि वे धर्म को लेकर कोई भेदभाव नहीं करते हैं, तो एक भरोसा जगा था. सत्ता में आने के बाद से उन्होंने न तो ऐसा कुछ किया और न ही ऐसा कहा, जिससे लगे कि वे मुसलमानों से कोई भेदभाव करते हैं. लेकिन जिस तरह उनके सहयोगी लगातार मुसलमानों को लेकर बातें कर रहे हैं, उसका असर उनकी छवि पर पड़ रहा है. जैसे कांग्रेस पर तुष्टिकरण का दाग लगा, वैसे ही कहीं मोदी पर न्यूट्रल होने का दिखावा करने का दाग न लग जाए. और हिंदी भाषी राज्यों से आगे बढ़कर देश में फैल जाने के उस मंसूबे ध्वस्त न हो जाएं. |
लेख: देश भर में प्रदूषण की चर्चा है, लोकसभा में भी हुई, लेकिन इतने अहम मसले को लेकर हमारे सांसद कितने गंभीर हैं, ये पहली चर्चा के दौरान उपस्थिति ने बताया और फिर उनके बीच चली सियासत ने. लोकसभा में प्रदूषण पर चर्चा शुरू हुई तो सौ से भी कम सांसद सदन में नज़र आए. इस मसले पर चर्चा का नोटिस देने वाले कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि प्रदूषण से लड़ने की इच्छाशक्ति नहीं है.
इसके बाद प्रदूषण का मामला आप और बीजेपी के टकराव में बदलता दिखा. भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने सीधे केजरीवाल को प्रदूषण बता दिया. उधर, गौतम गंभीर ने इस मसले को राजनीति से दूर रखने की बात करते हुए कहा कि दिल्ली के प्रदूषण के लिए पराली को दोष देना ठीक नहीं. सदन में चर्चा के दौरान आप (AAP) के इकलौते सांसद भगवंत सिंह मान गैरहाजिर थे. हालांकि, सदन के बाहर राघव चड्ढा ने मोर्चा संभाला था.
वहीं, लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला ने मंगलवार को उन अफ़सरों को समन किया जो पिछले हफ़्ते लोकसभा की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में नहीं आए थे. इस बैठक में शहरी विकास मंत्रालय के साथ प्रदूषण के मुद्दे पर चर्चा तय थी. डीडीए, म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन, म्युनिसिपल कमिश्नर और दिल्ली जल बोर्ड के आला अफ़सरों को स्पीकर ने चेताया भी कि अगर अगली बैठक में भी यही रवैया रहा तो अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी.
दिल्ली में प्रदूषण के लिहाज से चार हॉट स्पॉट की पहचान की गई है. जहां ट्रैफिक की वजह से लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है. अब मॉनिटरिंग कमेटी ने पुलिस और राज्य सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि 45 दिन के भीतर इन चारों जगहों का समाधान खोजा जाए. दिल्ली में आनंद विहार, गांधी नगर, तुगलकाबाद और पीरागढ़ी प्रदूषण के लिहाज से चार हॉट स्पॉट हैं. जहां ट्रैफिक या सड़क की वजह से जाम लगता है और फिर प्रदूषण बढ़ता है. दिल्ली में 13 ऐसी जगहें हैं जहां प्रदूषण का स्तर खतरनाक तरीके से बढ़ा रहता है. लेकिन ट्रैफिक जाम की वजह से बढ़ने वाले प्रदूषण को खत्म करने के लिए 45 दिन के भीतर एक ब्लू प्रिंट तैयार करने को कहा गया है. |
PNB घोटाले में नीरव मोदी और उसके साथियों की मदद करने वाले बैंक अधिकारी गोकुलनाथ शेट्टी को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. गोकुलनाथ शेट्टी 2010 में मुंबई की ब्रैडी PNB ब्रांच के साथ बतौर डिप्टी मैनेजर जुड़े थे. सीवीसी के नियमानुसार एक अधिकारी 3 साल से अधिक एक ब्रांच में नहीं रुक सकता है.
जिसके तहत 2013 में गोकुल शेट्टी के ट्रांसफर का आदेश भी आया था, लेकिन ब्रैडी ब्रांच के मैनेजर ने शेट्टी का ट्रांसफर नहीं होने दिया. उनकी तरफ से शेट्टी के ट्रांसफर को होल्ड करने की अपील की गई थी. ब्रैडी ब्रांच के मैनेजर ने कहा था कि शेट्टी इस ब्रांच के लिए सक्षम अधिकारी हैं, इसलिए उनका ट्रांसफर ना किया जाए. जिसके बाद शेट्टी के ट्रांसफर को होल्ड पर रखा गया था, कैंसिल नहीं किया गया था.
सीबीआई ने गोकुलनाथ शेट्टी के फाइल और सर्विस रिकॉर्ड्स को जब्त कर लिया है. इसी के साथ ही सीबीआई इस बात का पता लगा रही है कि आखिर शेट्टी के ट्रांसफर को रुकवाने के पीछे किसका हाथ था. शेट्टी ने पूछताछ के दौरान स्विफ्ट मैसेज की बात कबूली थी. स्विफ्ट मैसेज के जरिए ही बाद में लोन की अमाउंट को बढ़ाया गया था.
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कई बैंक अधिकारी थे शामिल
आपको बता दें कि पीएनबी के इस घोटाले में बैंक के कई कर्मचारी शामिल थे, जो नीरव मोदी और उसके साथियों के साथ मिलकर फ्रॉड को अंजाम दे रहे थे. इस मामले में जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई है, उन्होंने सीबीआई को बताया है कि उन्हें हर LoU के लिए कुछ निश्चित प्रतिशत राशि मिलती थी. ये राशि LoU की राशि के आधार पर तय होता था. ये राशि पीएनबी में सभी कर्मचारियों में बराबर हिस्से में बांटी जाती थी, जो भी इस प्रक्रिया में शामिल होते थे.
सीबीआई को उन सभी लोगों के नाम दे दिए गए हैं, जिनसे उन्हें पूछताछ करनी है. सीबीआई ने बैंक अधिकारियों से उन सभी बैंक ब्रांच के बारे में भी पूछा जहां पर लगातार रेड मारी जा रही है.
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बैंक अधिकारियों ने सीबीआई को बताया कि स्विफ्ट प्रोसेस का इस्तेमाल कई अधिकारियों के द्वारा किया जाता था, जिसमें गोकुलनाथ शेट्टी भी शामिल था. शेट्टी ने कई पासवर्ड के जरिए फ्रॉड को अंजाम देने में मदद की. पूछताछ में सामने आया है कि इस फ्रॉड स्कैम में ना सिर्फ पीएनबी के अधिकारी बल्कि नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की कंपनी के कर्मचारी भी शामिल थे.
ब्रैडी ब्रांच हुई सील
हीरा कारोबारी नीरव मोदी मामले में जांच एजेंसियों की ओर से ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है. सोमवार सुबह सीबीआई ने मुंबई की ब्रैडी हाउस शाखा को सील कर दिया है. सीबीआई की तरफ से बैंक के बाहर नोटिस का पर्चा चिपका दिया है, जिसपर लिखा है कि इस ब्रांच को नीरव मोदी एलओयू मामले के कारण सील किया जाता है. इसके बाद इस ब्रांच में कोई भी काम नहीं होगा, वहीं किसी भी पीएनबी कर्मचारी की एंट्री पर भी रोक लग गई है. |
देश की अर्थव्यवस्था के लिए सोमवार को आए दोहरे आर्थिक आंकड़े मजबूत रहे. यह आंकड़े केन्द्र सरकार के लिए भी बड़ी राहत साबित हुआ है. केन्द्रीय सांख्यिकी विभाग (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल महीने के दौरान देश में आर्थिक गतिविधि मापने के लिए इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन(आईआईपी) के आंकड़े 3.1 फीसदी रहे जबकि मार्च में यह आंकड़े 2.7 फीसदी थे.
वहीं सीएसओ द्वारा जारी
महंगाई के आंकड़ो
के मुताबिक मई के आंकड़ों में सरकार को बड़ी राहत मिली है. मई के दौरान कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) रीटेल महंगाई कम होकर 2.18 फीसदी पर रही. जबकि अप्रैल के दौरान रीटेल महंगाई 2.99 फीसदी के स्तर पर थी.
सब्जी, दाले सस्ती, मई में मुद्रास्फीति रिकार्ड न्यूनतम स्तर पर
सब्जी और दाल जैसी खाने-पीने की वस्तुओं के सस्ता होने से खुदरा मुद्रास्फीति मई में रिकार्ड 2.18 फीसदी के निम्न स्तर पर आ गयी. हालांकि इस दौरान फल थोड़ा महंगे रहे. आलोच्य महीने में कपड़ा, आवास, ईंधन और बिजली की दरें सस्ती हुईं. खुदरा मुद्रास्फीति का मई का आंकड़ा इसका रिकार्ड न्यूनतम स्तर है.
अप्रैल 2017 में यह 2.99 फीसदी और मई 2016 में यह 5.76 फीसदी थी. कुल मिलाकर खाद्य मुद्रास्फीति में आलोच्य महीने में 1.05 फीसदी की गिरावट आयी. मई में सब्जियों की कीमतें सालाना आधार पर 13.44 फीसदी नीचें रहीं. दाल दलहनों के भाव एक साल पहले की तुलना में 19.45 फीसदी नीचे रहे.
गौरतलब है कि महंगाई में कमी से केन्द्रीय रिजर्व बैंक को अब अगली द्विमासिक
मौद्रिक नीति
निर्धारित करते समय ब्याज दरों में कटौती करने का फैसला लेने में आसानी होगी. बीते हफ्ते महंगाई के डर और जीएसटी की चुनौतियों के चलते केन्द्र सरकार ने ब्याज दरों कटौती करने से इनकार कर दिया था.
आईआईपी आंकड़ों में सुधार केन्द्र सरकार के लिए इसलिए भी बड़ी राहत है क्योंकि पिछले साल इस माह में इंडस्ट्रियल ग्रोथ 6.5 फीसद थी और नोटबंदी के बाद इसे बड़ा धक्का लगा था. लिहाजा, आंकड़ों में मजबूती आने से केन्द्र सरकार को आर्थिक स्थिति मजबूत होने का जायजा मिल रहा है.
अप्रैल में पड़ी थी दोहरी मार
भारतीय अर्थव्यवस्था में ग्रोथ की उम्मीद को अप्रैल के दौरान तगड़ा झटका लगा था. फरवरी में आईआईपी ग्रोथ की रफ्तार उम्मीद से बेहद खराब दर्ज हुई थी. जहां अर्थशाष्त्रियों को उम्मीद थी कि फरवरी में आईआईपी ग्रोथ 1.8 फीसदी रह सकती है वहीं सीएसओ आंकड़ों में यह घटकर -1.2 फीसदी रह गई थी. जनवरी के दौरान यह आंकड़े 2.7 फीसदी थे.
साल दर साल के आधार पर अप्रैल 2016 और फरवरी 2017 के दौरान आईआईपी ग्रोथ 2.6 फीसदी से घटकर 0.4 फीसदी रही थी. महीने दर महीने के आधार पर फरवरी में माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ 5.3 फीसदी से घटकर 3.3 फीसदी रही. वहीं फरवरी में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ 2.3 फीसदी से घटकर -2 फीसदी हो गई. पॉवर सेक्टर की ग्रोथ 3.9 फीसदी से घटकर मात्र 0.3 फीसदी रह गई थी. |
यह लेख है: बिहार विधानसभा चुनाव में अभी भले ही एक साल का समय शेष है, परंतु महागठबंधन में मुख्यमंत्री पद को लेकर अभी से घमासान की स्थिति है. मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. महागठबंधन में शामिल सभी प्रमुख दल अपने-अपने नेता के मुख्यमंत्री पद के लिए योग्य उम्मीदवार होने का दावा ठोंक रहे हैं. स्थिति यह है कि हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के मुख्यमंत्री बनने की महत्वकांक्षा फिर से जाग उठी है.
पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने कहा है कि विधानसभा चुनाव के बाद यदि महाठबंधन को बहुमत मिलता है और अगर उन्हें नेता चुना जाता है तो वह मुख्यमंत्री बनने को तैयार हैं. उन्होंने हालांकि इस मामले में आगे कहा कि महागठबंधन में शामिल सभी दलों की बैठक में यह तय होगा कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा.
उन्होंने कहा कि वह नौ महीने तक मुख्यमंत्री रह चुके हैं. वह एक बेहतर मुख्यमंत्री साबित हुए हैं. उनके कार्यकाल को और उनके द्वारा लिए गए फैसलों को जनता याद करती है. उन्होंने कहा है यदि दोबारा मौका मिलता है तो वह योग्य मुख्यमंत्री साबित होंगे. उन्होंने कहा कि जब तक दलित मुख्यमंत्री नहीं होगा, तब तक दलितों का विकास नहीं होगा.
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा में बात यहीं नहीं रुकती है. मांझी के पुत्र संतोष मांझी ने भी शुक्रवार को मुख्यमंत्री पद पर अपनी दावेदारी ठोंक दी. उन्होंने अपनी तुलना तेजस्वी और चिराग पासवान से करते हुए कहा कि "उन दोनों को राजनीति विरासत में मिली है. मगर मैं आज जहां पहुंचा हूं, गरीबों की लड़ाई लड़कर पहुंचा हूं." उन्होंने कहा, "हमलोग गरीब, दुखियों के हक की लड़ाई लड़ते हैं. मैं भी पढ़ा-लिखा हूं. मैं क्यों नहीं मुख्यमंत्री बन सकता."
इधर, महागठबंधन में प्रमुख घटक दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को अगले चुनाव में बतौर मुख्यमंत्री उम्मीदवार पहले ही घोषित कर दिया है.
राजद प्रवक्ता और विधायक शक्ति यादव ने कहा, "राजद मांझी का पूरा सम्मान करता है, लेकिन वह किन परिस्थितियों में मुख्यमंत्री बने, यह सबको पता है. महागठबंधन की हाल के दिनों में हुई बैठक में उन्होंने ऐसी कोई चर्चा नहीं की है." उल्लेखनीय है कि इस बीच, जन अधिकार पार्टी के प्रमुख और पूर्व सांसद पप्पू यादव पिछले एक महीने के अंदर मांझी से दो बार मिल चुके हैं. यही नहीं पप्पू यादव ने तो अति पिछड़ा और दलित को मुख्यमंत्री बनाने में समर्थन देने तक की घोषणा कर दी है.
दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह कहते हैं कि आगामी विधानसभा का चुनाव हम किसी के नेतृत्व में नहीं लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास नेतृत्व करने वाले कई नेता हैं. कांग्रेस के एक अन्य नेता और विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने मुख्यमंत्री के लिए जाति की बात करने वाले पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ब्राह्मण जाति का नेता मुख्यमंत्री क्यों नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने तो कई बार ब्राह्मण जाति को मुख्यमंत्री बनाया है.
बहरहाल, महगठबंधन में शामिल सभी दल भले ही खुद को एकजुट होने का दावा करते हों, परंतु मुख्यमंत्री उम्मीदवार को लेकर महागठबंधन के दल एक बार फिर आमने-सामने नजर आ रहे हैं. |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: सचिन तेंदुलकर के लिए विश्व कप जीतने की बात कहने वाले युवराज सिंह खराब फॉर्म और फिटनेस समस्याओं के बाद यदि शानदार वापसी करने में कामयाब रहे हैं, तो उसका श्रेय भी इस चैम्पियन बल्लेबाज को ही जाता है। पिछले साल फॉर्म और फिटनेस समस्याओं के कारण आलोचना झेलने वाले युवराज ने विश्व कप में चार मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द टूर्नामेंट पुरस्कार जीतकर अपने आलोचकों का मुंह बंद कर दिया। इस बदलाव के राज के बारे में पूछने पर उनकी मां शबनम सिंह ने बताया कि इसके पीछे उनके गुरुओं का आशीर्वाद और सचिन से मिली प्रेरणा है। शबनम ने कहा, युवराज ने वापसी की है, तो अपने गुरुओं के आशीर्वाद और सचिन की वजह से। लगातार आलोचना से वह इतना परेशान हो गया था कि उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करे। उसने सचिन से प्रेरणा ली, जो अपने करियर में खराब दौर से गुजरकर शानदार वापसी करते हुए शीर्ष पर पहुंचे। उसी की बदौलत आज युवराज ने जबर्दस्त वापसी की। उन्होंने कहा, जिस तरह सचिन अपने बल्ले से जवाब देने में विश्वास रखते हैं, वही फलसफा युवराज का है। शबनम ने कहा कि विश्व कप के दौरान युवराज पर काफी दबाव था और वह रातों को चैन से सो नहीं पाता था, लेकिन फाइनल जीतने के बाद अब वह सुकून महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा, सभी की नजरें उसी पर थीं। वह कई बार रातों को उठकर बैठ जाता था। उसे उल्टियां भी होने लगी थी। इतने दबाव के बीच अच्छा खेलना बहुत मुश्किल था, लेकिन मुझे गर्व है कि उसने ऐसा कर दिखाया। यह पूछने पर कि विश्व कप जीतने के बाद उसकी पहली प्रतिक्रिया क्या थी, शबनम ने कहा कि उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था और वह खुशी के मारे चीख रहा था। उन्होंने कहा, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वार्टर फाइनल जीतने के बाद उसने पूछा था कि अगर हम विश्व कप जीत गए तो क्या होगा। मैंने कहा कि भारत ही जीतेगा, तो उसका जवाब था कि मैं खुशी के मारे पागल हो जाऊंगा। उसके जज्बात मैदान पर सभी ने देखे। यह पूछने पर कि बतौर खिलाड़ी युवराज के भीतर आए बदलाव को विश्व कप में सभी ने देखा, लेकिन क्या निजी जिंदगी में भी वह बदल गया है, उन्होंने ना में जवाब दिया। |
लीबिया पर हवाई हमले
को अफसोसनाक बताते हुए भारत ने सभी पक्षों से आह्वान किया कि वे हिंसा का इस्तेमाल त्याग दें क्योंकि समय की मांग है कि उत्तर अफ्रीकी देश में सशस्त्र संघर्ष को रोक दिया जाए.
विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम लीबिया में चल रही हिंसा, हमले और बिगड़ते मानवीय हालात को गंभीर चिंता के साथ देखते हैं. जो हवाई हमले हो रहे हैं वे अफसोसनाक हैं.’ उन्होंने कहा, ‘भारत सभी पक्षों से हिंसा त्यागने और मतभेदों का समाधान करने के लिए धमकियों और बल के इस्तेमाल को रोकने का आह्वान करता है. मेरा मानना है कि सशस्त्र संघर्ष को रोका जाए.’
मंत्री ने कहा कि भारत का मानना है कि सभी पक्षों और भागीदारों को संयुक्त राष्ट्र और अन्य क्षेत्रीय संगठनों के जरिए शांति वार्ता में हिस्सा लेना चाहिए और समाधान निकालना चाहिए. कृष्णा ने कहा, ‘हवाई हमले से निर्दोष आम जनता, अब भी लीबिया में रह रहे विदेशी नागरिकों और कूटनयिक मिशनों और उनके कर्मचारियों को नुकसान होगा.’
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत लीबिया के सैन्य ठिकानों पर हमले में शामिल देशों से बातचीत कर रहा है तो कृष्णा ने कहा, ‘विभिन्न स्तरों पर भारत जहां उसकी बात को महत्व दिया जाता है हमने इसे उठाया है और अंतरराष्ट्रीय मंच पर जो कुछ भी प्रभाव हम डाल सकते हैं हम डालते रहेंगे ताकि लीबिया में हिंसा और संघर्ष की स्थिति को और बढ़ने से रोका जा सके.’
उन्होंने कहा, ‘उसी वक्त, लीबिया की जनता की आकांक्षाओं का सम्मान किया जाना चाहिए.’ अमेरिका और यूरोपीय बलों ने रविवार को त्रिपोली और भूमध्यसागर तट स्थित लीबियाई सैन्य ठिकानों पर 100 से अधिक टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें दागीं. वहीं, उनके युद्धक विमानों ने मुअम्मर गद्दाफी के बलों पर बम बरसाए. उधर, गद्दाफी ने ‘पश्चिमी आक्रमण’ और ‘इस्लाम के खिलाफ युद्ध’ का जवाब देने का संकल्प जताय था.
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार बहरीन और यमन जैसे देशों में भारतीयों की रक्षा के लिए कोई कदम उठा रही है तो कृष्णा ने कहा, ‘इन देशों में भारतीयों का कल्याण और हिफाजत करना हमारे एजेंडे में सबसे ऊपर है. हम इन देशों में घटनाक्रम पर करीबी नजर रखे हुए हैं.’ उन्होंने कहा, ‘जब भी कोई घटनाक्रम होता है और जब हम महसूस करते हैं कि वहां भारतीयों का रहना अब सुरक्षित नहीं है तो हम आवश्यक कार्रवाई करेंगे.’ |
बॉलीवुड अभिनेता एक बार अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में आ गए हैं. सड़कों से लेकर फिल्म उद्योग और एयरपोर्ट्स के नाम गांधी परिवार के नाम पर रखने को लेकर फिल्म अभिनेता ऋषि कपूर ने ट्विटर पर जमकर भड़ास निकाली है.
ऋषि कपूर का कहना है
कि ज्यादातर संपत्तियों पर गांधी फैमिली का नाम क्यों है? इंदिरा गांधी एयरपोर्ट का नाम गांधी के नाम पर क्यों है? इसका नाम भगत सिंह भी हो सकता था या फिर ऋषि कपूर भी.
ऋषि ने पहला ट्वीट
किया कि गांधी परिवार पर कांग्रेस के रखे नामों को बदला जाए. बांद्रा वर्ली सी लिंक का नाम लता मंगेशकर या जेरआडी टाटा के नाम पर रखो...बाप का माल समझ रखा है क्या?
Change Gandhi family assets named by Congress.Bandra/Worli Sea Link to Lata Mangeshkar or JRD Tata link road. Baap ka maal samjh rakha tha ?
— Rishi Kapoor (@chintskap)
May 17, 2016
उन्होंने लिखा है 'जब दिल्ली की सड़कें बदल सकती हैं तो कांग्रेस की संपत्ति या प्रॉपर्टी के नाम क्यों नहीं बदल सकते? चंडीगढ़ में था, वहां भी राजीव गांधी की संपत्ति? सोचो? क्यों?'
If roads in Delhi can be changed why not Congress assets/property ke naam? Was in Chandigarh wahan bhi Rajeev Gandhi assets? Socho? Why?
— Rishi Kapoor (@chintskap)
May 17, 2016
ऋषि कपूर
ने अपने ट्वीट में कहा 'इसका नाम दिलीप कुमार, देव आनंद, अशोक कुमार या अमिताभ बच्चन के नाम पर भी रखा जा सकता है. हमें देश में महत्वपूर्ण सम्पत्तियों का नाम ऐसे व्यक्तियों के नाम पर रखना चाहिए जिन्होंने देश और समाज में कोई सहयोग दिया हो. हर चीज गांधी फैमिली के नाम पर नहीं होनी चाहिए. मैं इससे सहमत नहीं, आप लोग भी सोचना!'
Film City should be named Dilip Kumar,Dev Anand,Ashok Kumar ya Amitabh Bachchan ke naam? Rajeev Gandhi udyog Kya hota hai? Socho doston!
— Rishi Kapoor (@chintskap)
May 17, 2016 |
भले ही इस साल ऑस्कर अवॉर्ड्स में भारतीय फिल्मों के लिए कोई ज्यादा बड़ी खबर न हो लेकिन अगर आप प्रियंका चोपड़ा के फैन हैं तो सोमवार को जल्दी सुबह उठकर ऑस्कर अवॉर्ड देखने के लिए हम आपको एक कारण दे रहे हैं. जी हां, खबर पक्की है कि इन दिनों हॉलीवुड में काम कर रहीं प्रियंका चोपड़ा 89वें ऑस्कर अवॉर्ड्स का हिस्सा बनने वाली हैं. दरअसल इस बात की पुष्टि खुद प्रियंका चोपड़ा ने ही की है. प्रियंका ने इंग्लिश रॉक बैंड 'द रॉलिंग स्टोन्स' के अगुआ मिक जैगर के साथ ली गयी एक सेल्फी सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुये इस खबर की पुष्टि की है. हवाई अड्डे के टर्मिनल के भीतर ली गयी तस्वीर को इंस्टाग्राम पर पोस्ट करते हुये प्रियंका ने लिखा है, 'ऑस्कर हम यहां आ गये हैं. मिक जैगर. ला ला लैंड.'
Change of plans ! Oscars here we come.. @mickjagger LA LA land...A post shared by Priyanka Chopra (@priyankachopra) on Feb 24, 2017 at 6:24pm PST
बता दें कि प्रियंका चोपड़ा पिछले साल पहली बार ऑस्कर अवॉर्ड्स का हिस्सा बनी थीं. यहां उन्होंने अभिनेता लीव श्राइबर के साथ सर्वश्रेष्ठ फिल्म संपादन के लिए एकेडमी अवार्ड दिया था. उस समय उन्होंने लेबनानी डिजाइनर जुहैर मुराद का डिजाइन किया गया सफेद रंग का खूबसूरत गाउन पहना था. प्रियंका की यह ड्रेस गूगल पर ऑस्कर में 7वीं सबसे ज्यादा सर्च की जाने वाली ड्रेस बनी थी. टिप्पणियां
प्रियंका चोपड़ा जल्द ही हॉलीवुड फिल्म 'बेवॉच' से अपना हॉलीवुड करियर शुरू करने वाली हैं. इस फिल्म में वह ड्वेन जॉनसन और जैक एफ्रोन के साथ नजर आएंगीं. इन दिनों प्रियंका अमेरिकल टीवी सीरीज 'क्वांटिको' की शूटिंग के लिए न्यूयॉर्क में हैं. googletag.cmd.push(function() { googletag.display('adslotNativeVideo'); });
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प्रियंका चोपड़ा जल्द ही हॉलीवुड फिल्म 'बेवॉच' से अपना हॉलीवुड करियर शुरू करने वाली हैं. इस फिल्म में वह ड्वेन जॉनसन और जैक एफ्रोन के साथ नजर आएंगीं. इन दिनों प्रियंका अमेरिकल टीवी सीरीज 'क्वांटिको' की शूटिंग के लिए न्यूयॉर्क में हैं. |
लेख: Panipat Box Office Collection Day 3: अर्जुन कपूर (Arjun Kapoor), कृति सेनन (Kriti Sanon) और संजय दत्त (Sanjay Dutt) की 'पानीपत' (Panipat) सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. ऐतिहासिक घटना पर आधारित इस फिल्म को क्रिटिक्स से तो अच्छा रिस्पॉन्स मिला ही है, साथ ही दर्शकों में भी फिल्म को लेकर खूब क्रेज देखने को मिला. हालांकि, अर्जुन कपूर और कृति सेनन की 'पानीपत' को इसके साथ ही रिलीज हुई कार्तिक आर्यन की 'पति पत्नी और वो (Pati Patni Aur Woh)' से भी कड़ी टक्कर मिली है. बॉक्स ऑफिस इंडिया की वेबसाइट के मुताबिक 'पानीपत' (Panipat Box Office Collection) ने तीसरे 7.5-8 करोड़ रुपये की कमाई की है. ऐसे में फिल्म ने तीन दिनों में ही करीब 17.5 से 18 करोड़ रुपये की कमाई की है.
यूं तो अर्जुन कपूर (Arjun Kapoor), संजय दत्त (Sanjay Dutt) और कृति सेनन (Kriti Sanon) की 'पानीपत' (Panipat Panipat Box Office Collection) ने सिनेमाघरों में दमदार प्रदर्शन करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, लेकिन फिल्म 3 दिनों में भी 20 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार नहीं कर पाई है. बॉक्स ऑफिस इंडिया के अनुसार फिल्म ने ओपनिंग के मुकाबले बीते दिन काफी अच्छा कलेक्शन किया है. जहां महाराष्ट्र और इसके आस-पास के क्षेत्रों में पानीपत को अच्छा रिस्पांस मिला तो वहीं दिल्ली, यूपी और पंजाब जैसे क्षेत्रों में फिल्म अपना कब्जा जमाने में थोड़ी पीछे रही. अर्जुन कपूर की पानीपत ने पहले दिन 4 से 4.5 करोड़ रुपये और दूसरे दिन 6 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया.
बता दें कि अर्जुन कपूर (Arjun Kapoor) और संजय दत्त (Sanjay Dutt) ने 'पानीपत' (Panipat Panipat Box Office Collection) में कमाल का अभिनय किया है. यह पहला मौका है जब दोनों कलाकार एक साथ किसी फिल्म में साथ नजर आए हैं. आशुतोष गोवारीकर (Ashutosh Gowariker) ने भी लंबे समय बाद इस फिल्म के साथ वापसी की है. इससे पहले आशुतोष गोवारीकर ने लोगों से उनकी आगामी फिल्म 'पानीपत' के बारे में कोई भी अवधारणा बनाने से पहले इसे देखने का आग्रह किया था. |
कुछ ही दिन पहले खत्म हुए क्रिकेट वर्ल्ड कप के दौरान सेमीफाइनल में कुछ ऐसा हुआ था कि उससे इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर के पुराने ट्वीट चर्चा में आ गए थे. फिर चाहे वो सुपर ओवर हो या फिर पृथ्वी शॉ पर डोपिंग के कारण बैन लग जाना.
अब जब पृथ्वी शॉ पर डोपिंग के कारण बैन लग गया है, तो एक बार फिर जोफ्रा आर्चर का चार साल पुराना ट्वीट चर्चा में है. पृथ्वी शॉ पर मंगलवार 30 जुलाई 2019 को बीसीसीआई ने डोपिंग के आरोप में आठ महीने का बैन लगाया. इस बीच आर्चर का 2015 का एक ट्वीट वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने लिखा है 'अनलकी शॉ!'
आर्चर के ये पुराने ट्वीट्स ऐसे हैं, जिसे देखकर हर कोई दंग रह गया. उनके ट्वीट्स आज के समय के हिसाब से बिल्कुल सटीक साबित हुए हैं. कोई कहने लगा कि आर्चर के पास टाइम मशीन है तो कोई कहने लगा ये तो भविष्यवाणी करने वाला इंसान है.
लेकिन हम आपको जोफ्रा आर्चर के 4 साल पुराने ट्वीट की सच्चाई बताते हैं. दरअसल, जोफ्रा आर्चर ने यह ट्वीट 4 साल पहले पृथ्वी शॉ को लेकर नहीं किया था, बल्कि इंग्लिश फुटबॉलर ल्यूक शॉ को लेकर किया था. उस समय चैम्पियंस लीग के एक मैच के दौरान ल्यूक शॉ चोटिल हो गए थे.
ल्यूक शॉ को लेकर चार साल पहले किए गए आर्चर के ट्वीट को पृथ्वी शॉ से जोड़कर वायरल किया गया. जिस पर भारतीय फैंस ने उन्हें कहा कि बाबा तुम मेरी कुंडली भी देखो.
Unlucky shaw
— Jofra Archer (@JofraArcher)
September 15, 2015
कुछ ही दिन पहले जब आयरलैंड के सामने टेस्ट मैच में इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने घुटने टेक दिए, तो भी जोफ्रा आर्चर का चार साल पुराना ट्वीट चर्चा में था. इससे पहले इंग्लैंड के वर्ल्ड कप जीतने के बाद भी जोफ्रा आर्चर का चार साल पुराना ट्वीट वायरल हुआ था. उन्होंने 5 जुलाई 2015 को सुपर ओवर लिखते हुए एक ट्वीट किया था.
Super over 😊😊😊😊😊😊
— Jofra Archer (@JofraArcher)
July 4, 2015
Wouldn't mind a super over
— Jofra Archer (@JofraArcher)
July 4, 2015
16 from 6
— Jofra Archer (@JofraArcher)
April 13, 2013
How new Zealand lost this game?!?!?!?!!
— Jofra Archer (@JofraArcher)
March 25, 2014
What stupid rule is this 😕
— Jofra Archer (@JofraArcher)
August 3, 2015
फिर जोफ्रा आर्चर ने 6 गेंदों में 16 रनों की बात लिखी थी. फिर जोफ्रा आर्चर ने लिखा न्यूजीलैंड मैच कैसे हार गई. फिर जोफ्रा आर्चर ने सुपर ओवर टाई होने के बाद बाउंड्री काउंट के नियम को बकवास बताया था. बता दें कि 24 साल के जोफ्रा आर्चर इस बार इंग्लैंड के लिए सबसे बड़े हीरो साबित हुए. उन्होंने कुल इस टूर्नामेंट में 20 विकेट झटके जो इंग्लैंड के लिए सबसे ज्यादा रहे. |
पाकिस्तानी प्रशासन ने पूर्व अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन के परिवार के सदस्यों को देश छोड़ने की इजाजत दे दी है। इन लोगों में लादेन की विधवाएं तथा बच्चे भी शामिल हैं। बिन लादेन का एक यमनी रिश्तेदार लादेन की दो विधवाओं को ले जाने के लिए पाकिस्तान पहुंच गया है।टिप्पणियां
उर्दू दैनिक जंग ने सरकारी सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है। लादेन अमेरिकी विशेष बलों की कार्रवाई में पिछले साल दो मई को पाकिस्तान के ऐबटाबाद में मारा गया था। समझा जाता है कि वह करीब पांच सालों से पाकिस्तान सैन्य अकादमी के पास स्थित इस परिसर में रह रहा था।
अमेरिकी कार्रवाई और पाकिस्तान में बिन लादेन की मौजूदगी की जांच कर रहे एक आयोग ने अल कायदा नेता के परिवार के सदस्यों को देश छोड़ने की इजाजत दे दी है क्योंकि अब उनकी पूछताछ के लिए जरूरत नहीं है।
उर्दू दैनिक जंग ने सरकारी सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है। लादेन अमेरिकी विशेष बलों की कार्रवाई में पिछले साल दो मई को पाकिस्तान के ऐबटाबाद में मारा गया था। समझा जाता है कि वह करीब पांच सालों से पाकिस्तान सैन्य अकादमी के पास स्थित इस परिसर में रह रहा था।
अमेरिकी कार्रवाई और पाकिस्तान में बिन लादेन की मौजूदगी की जांच कर रहे एक आयोग ने अल कायदा नेता के परिवार के सदस्यों को देश छोड़ने की इजाजत दे दी है क्योंकि अब उनकी पूछताछ के लिए जरूरत नहीं है।
अमेरिकी कार्रवाई और पाकिस्तान में बिन लादेन की मौजूदगी की जांच कर रहे एक आयोग ने अल कायदा नेता के परिवार के सदस्यों को देश छोड़ने की इजाजत दे दी है क्योंकि अब उनकी पूछताछ के लिए जरूरत नहीं है। |
देश में बलात्कार से जुड़ी घटनाएं विद्रूप रूप लेती जा रही है. नया मामला गुरुग्राम का है जिससे इंसानियत शर्मसार हुई है. दिवाली के त्योहार पर दिल्ली से सटे गुरुग्राम में एक शर्मनाक घटना सामने आई है. दिवाली की रात में नशे में धुत एक युवक ने अपनी बहन के साथ रेप किया. पुलिस ने बताया कि यह शर्मनाक घटना गुरुग्राम के फारुखनगर की है. आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है.
पुलिस ने बताया कि आरोपी ने दिवाली की रात को पिता के साथ शराब पी. पिता जब सोने के लिए चले गए तो वह बहन के कमरे में गया और उसके साथ रेप किया. गुरुवार सुबह 10वीं में पढ़ने वाली 15 वर्षीय पीड़िता ने अपने पिता को इस बात की जानकारी दी. पिता लड़की को लेकर तुरंत पुलिस थाने चला गया.
पिता ने बताया कि वह फारुखनगर में अपने चार बच्चों- तीन बेटियों और एक बेटे के साथ रहता है. पत्नी मानसिक रूप से बीमारी है और बीते कई वर्षों से लापता है. बुधवार को घर पर पूजा करने के बाद उसने अपने बेटे के साथ शराब पी. सबसे बड़ी और छोटी बेटी एक कमरे में सो रही थीं जबकि 15 वर्षीय बेटी अपने कमरे में अकेले सो रही थी.
पिता ने बताया कि चूंकि उसने बहुत ज्यादा शराब पी ली थी इसलिए वह अपने कमरे में सोने चला गया. लेकिन थोड़ी देर बाद उसका बेटा उस कमरे में गया जहां उसकी बहन सो रही थी और उसने उसका बलात्कार किया.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लड़की की मेडिकल जांच में बलात्कार की पुष्टि हो गई है. मानेसर के महिला पुलिस में पॉस्को एक्ट की धारा 6 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. आरोपी को गुरुवार दोपहर गिरफ्तार कर लिया गया.
थाना प्रभारी कांता यादव के मुताबकि यह सुनकर हैरानी हुई कि कोई भाई अपनी बहन के साथ ऐसा कर सकता है. अपने इकबालिया बयान में आरोपी ने कहा कि उसने बहुत ज्यादा शराब पी रखी थी. आरोपी को गुरुवार को ही अदालत में पेश किया गया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.' पुलिस मामले की आगे जांच कर रही है. |
उमा भारती को गुस्सा क्यों आता है? केंद्रीय जल संसाधन मंत्री और झांसी से सांसद उमा भारती ने अपनी पार्टी के ही विधायक को करारी झाड़ पिलाते हुए कहा कि चुल्लू भर पानी में डूब मरो. झांसी के सदर से विधायक रवि शर्मा को उमा भारती ने तमाम अधिकारियों के सामने लताड़ लगाई.
दरअसल, मामला झांसी की मेयर श्रीमती किरन वर्मा से जुड़ा है. किरन कुछ दिन पहले शहर कोतवाली इलाके में निरीक्षण करने के लिए गई थीं. आरोप है कि वहां कुछ ठेकेदारों ने मेयर के साथ अभद्रता की और
जातिसूचक शब्दों
का इस्तेमाल किया. साथ ही मेयर के मीडिया प्रभारी का मोबाइल भी छीन लिया. इस पर मेयर ने आरोपी ठेकेदारों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई. इसके बाद ठेकेदारों की ओर से भी मेयर किरन वर्मा और उनके पति राजू बुकसेलर के खिलाफ घूस मांगने का मुकदमा दर्ज करा दिया गया.
मेयर की शिकायत है कि उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज होने से रोकने के लिए झांसी सदर विधायक रवि शर्मा ने कोई पहल नहीं की. इस पूरे मामले को जानकारी
उमा भारती
को हुई तो उन्होंने झांसी एसएसपी अखिलेश चौरसिया और एसपी सिटी दिनेश सिंह को सर्किट हाउस बुला लिया. विधायक रवि शर्मा भी पहुंच गये. अधिकारियों के सामने ही उमा भारती ने विधायक को खरी खोटी सुनाई.
उमा भारती ने विधायक से कहा, 'तुम्हें शर्म आनी चाहिए और चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए. तुम्हारी पार्टी की मेयर पर मुकदमा दर्ज हो गया और तुम हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे.' |
उड़ीसा सरकार ने बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए
घटिया दालों की आपूर्ति
करने के मामले में लिप्त लोगों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई करने के आदेश दिए.
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मध्याह्न भोजन और पूरक पोषण कार्यक्रम के तहत घटिया दालों की आपूर्ति करने वालों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू करने का सतर्कता विभाग का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया.
बताया जाता है कि करीब 700 करोड़ रूपये के इस दाल घोटाले में आंगनवाड़ी केंद्रों में विभिन्न स्कूलों के लगभग 50 लाख बच्चों सहित करीब एक करोड़ लाभार्थियों को वषरें तक संक्रमित और घटिया दाल खिलाई गई.
राज्य विधानसभा के कल से शुरू हो रहे सत्र में भी दाल घोटाले की गूंज होने का अनुमान है. |
बेल एक ऐसा पेड़ है जिसके हर हिस्से का इस्तेमाल सेहत बनाने और सौंदर्य निखारने के लिए किया जा सकता है. आयुर्वेद में इसके कई फायदों का उल्लेख मिलता है. इसका फल बेहद कठोर होता है लेकिन अंदर का हिस्सा मुलायम, गूदेदार और बीजों से युक्त होता है.
बेल के फल का जीवनकाल काफी लंबा होता है. पेड़ से टूटने के कई दिनों बाद भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. बेल का इस्तेमाल
कई तरह की दवाइयों को बनाने में
तो किया जाता है ही साथ ही ये कई स्वादिष्ट व्यंजनों में भी प्रमुखता से इस्तेमाल होता है. बेल में प्रोटीन, बीटा-कैरोटीन, थायमीन, राइबोफ्लेविन और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है.
बेल का रस पीने के फायदे:
1. दिल से जुड़ी बीमारियों से बचाव में सहायक
बेल का रस तैयार कर लीजिए और उसमें कुछ कुछ बूंदें घी की मिला दीजिए. इस पेय को हर रोज एक निश्चित मात्रा में लें. इसके नियमित सेवन से दिल से जुड़ी बीमारियों से बचाव होता है. ये ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायक होता है.
2. गैस, कब्ज की समस्या में राहत
नियमित रूप से बेल का रस पीने से गैस, कब्ज और अपच की समस्या में आराम मिलता है.
3. कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रित रखने में मददगार
बेल का रस कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में मददगार होता है.
4. दस्त और डायरिया की समस्या में भी फायदेमंद
आयुर्वेद में बेल के रस को दस्त और डायरिया में बहुत फायदेमंद माना गया है. आप चाहें तो इसे गुड़ या चीनी के साथ मिलाकर पी सकते हैं.
5. ठंडक देने का काम करता है
बेल के रस को
शहद के साथ मिलाकर पीने से एसिडिटी
में राहत मिलती है. अगर आपको मुंह के छाले हो गए हैं तो भी इसका सेवन आपके लिए फायदेमंद रहेगा. गर्मी के लिहाज से ये एक बेहतरीन पेय है. एक ओर जहां ये लू से सुरक्षित रखने में मददगार होता है वहीं शरीर को अंदर से ठंडक देने का काम करता है.
6. नई मांओं के लिए भी है फायदेमंद
अगर आप एक नई मां हैं तो आपके लिए बेल का रस पीना बहुत फायदेमंद रहेगा. ये मां के स्वास्थ्य को बेहतर करने में तो सहायक है ही साथ ही ब्रेस्ट मिल्क प्रोडक्शन को भी बढ़ाता है.
7. कैंसर से बचाव के लिए
नियमित रूप से बेल का रस पीने से ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका काफी कम हो जाती है.
8. खून साफ करने में सहायक
बेल के रस में कुछ मात्रा गुनगुने पानी की मिला लें. इसमें थोड़ी सी मात्रा में शहद डालें. इस पेय के नियमित सेवन से खून साफ हो जाता है. |
वित्तीय देनदारी 58% बढ़कर 7.4 लाख करोड़ रुपये हुई
देश की कुल बचत में 4 फीसदी की आई बड़ी गिरावट
भारतीय अर्थव्यवस्था की जान कहे जाने वाले घरेलू बचत की हवा निकल गई है. पांच साल में कुल देनदारी 58 फीसदी बढ़कर 7.4 लाख करोड़ रुपये रह गई है, जबकि साल भर पहले यानी 2017 में यह बढ़ोतरी महज 22 फीसदी रही. यह आंकड़ा देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिसर्च विंग का है.
इस पांच साल में परिवारों का कर्ज दोगुना हुआ है जबकि इस दौरान खर्च करने वाली आमदनी (जिसे अंग्रेजी वाले डिस्पोजेबल इनकम कहते हैं) महज डेढ़ गुना बढ़ी है. इसका नतीजा हुआ है कि देश की कुल बचत में 4 फीसदी की बड़ी गिरावट आई है और यह 34.6 फीसदी से गिरकर 30.5 फीसदी पर सिमट गई है.
बचत की इस बड़ी गिरावट की सबसे बड़ी वजह घरेलू स्तर पर बचत में आई गिरावट है. इस पांच साल में परिवारों की बचत तकरीबन छह फीसदी (जीडीपी) गिरी है. वित्तीय साल 2012 में जो घरेलू बचत दर 23.6 फीसदी थी वो 2018 में घटकर 17.2 फीसदी रह गई.
बचत में भारी गिरावट का असर अर्थव्यवस्था पर दिखने लगा है.
देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का कहना है कि केवल कर्ज रेट कम करने से मामला नहीं सुलझेगा अब सरकार की ओर से कुछ और पहलकदमी करनी होगी. बैंक ने अपने रिसर्च नोट में कहा है कि कैपिटल गेन टैक्स को हटाने के बाद 2018 में वित्तीय बचत पर कुछ असर दिखा, लेकिन 2019 में यह कम हो गया.
बैंक का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र में सरकार को मांग बढ़ाने के लिए कुछ खर्चों यानी को बढ़ाना चाहिए.किसानों को आर्थिक मदद के लिए जो स्कीम शुरू हुई है, उसमें अभी तक टार्गेट से कम किसानों का आवंटन हुआ है. पीएम-किसान पोर्टल के आंकड़े बताते हैं कि लक्ष्य से तकरीबन आधे किसानों की पंजीकरण हुआ है. जून 2019 तक 6.89 करोड़ किसानों का वैलिडेशन हुआ था जबकि टार्गेट 14. 6 करोड़ का था. इसे बढ़ाकर ग्रामीण मांग बढ़ाई जा सकती है.
बजट में आवंटित रकम को खासकर पूंजीगत खर्चों में कमी दर्ज की गई है. अभी तक सरकार की केवल 32 फीसदी रकम ही खर्च हो पाई है. जबकि पिछले साल इस दौरान 37.1 फीसदी रकम खर्च हुई थी.
निजी निवेश में भी भारी गिरावट आई है. 2007 से 2014 के दौरान होने वाली 50 फीसदी की जगह 2014 से 2019 के दौरान 30 फीसदी पर सिमट गई है.
ये आंकड़े साफ बताते हैं कि यह केवल वित्तीय संकट भर नहीं है और इसकी जड़ें कहीं ज्यादा गहरी हैं. अब देखना है कि सरकार की ओर से जारी होने वाले एक-एक करके बेलआउट पैकेज इसे उबारने में कितना मदद करते हैं. |
कमरतोड़ महंगाई की मार से त्रस्त दिल्लीवासियों के लिए राहत की खबर है. दिल्ली के बजट में बिजली पर सब्सिडी का जो प्रस्ताव था, उस पर उपराज्यपाल नजीब जंग ने मुहर लगा दी है.
बिजली पर सब्सिडी 11 अगस्त से ही प्रभावी होगी. इस बारे में दिल्ली सरकार का ऊर्जा विभाग डीईआरसी और तीनों बिजली वितरण कंपनियों को चिट्ठी भेजेगा.
गौरतलब है कि वित्तमंत्री अरुण जेटली ने दिल्ली सरकार का बजट पेश करते हुए घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए 400 यूनिट तक सब्सिडी देने की घोषणा की थी. इसके तहत 0 से लेकर 200 यूनिट तक 1.20 पैसे प्रति यूनिट और 201 से लेकर 400 यूनिट तक 80 पैसे प्रति यूनिट की सब्सिडी का प्रावधान किया गया था. 400 यूनिट से ज्यादा बिजली खपत करने पर किसी तरह की छूट नहीं मिलेगी. |
पिछले 29 साल से यूपी के मुख्यमंत्रियों का नोएडा में न आने के मिथक को योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को तोड़ दिया. योगी आज 25 दिसंबर को नोएडा के बोटेनिकल गार्डेन मेट्रो स्टेशन पर होने वाले
मेजेंटा लाइन के उद्घाटन समारोह
की तैयारियों का जायजा लेने आए थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे.
योगी ने कहा कि मैं 25 दिसंबर को होने वाले कार्यक्रम का मुआयना करने आया हूं. योगी ने यहां एक बार फिर से पिछली सरकारों को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे की समस्याएं पिछली भ्रष्ट सरकारों की की देन है. बीजेपी के सत्ता में आते ही बिल्डर, बायर और किसान की समस्याओं के लिये मंत्री समूह का गठन किया गया है.
योगी ने बताया कि पहली बार हम लोग 31 दिसंबर तक 40 हजार बायर्स को घर उपलब्ध कराने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिल्डर-बायर्स के जो भी मुद्दे हैं, उन्हें चरणबद्ध तरीके से सुलझाया जाएगा. आगामी तीन महीने में इतने ही फ़्लैट दिये जाएंगे. न्यायालय के बाहर जो भी मामले हैं, सरकार उनका समाधान करेगी.
गौरतलब है कि यूपी की सियासी जमात के बीच अनकही मान्यता है कि मुख्यमंत्री रहते हुए जो भी शख्स नोएडा पहुंचेगा, उसकी सत्ता छिन जाएगी. अपशगुन का ये चक्रव्यूह इतना खतरनाक माना जाता है कि 19 सालों में सिर्फ मायावती ने ही बतौर सीएम नोएडा का दौरा किया था. अब मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मिथक को तोड़ दिया है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने दावा किया था कि नोएडा बस एक मिथक है और वो इसे तोड़कर रहेंगे. इसलिए एक नहीं दो-दो बार नोएडा की धरती पर कदम रखकर योगी आदित्यनाथ ये जताएंगे कि वो सियासत के साथ धर्म-कर्म और पूजा पाठ में भले ही डूबे रहते हों लेकिन अंधविश्वासों से परे हैं चाहे ये अंधविश्वास उनकी कुर्सी से ही क्यों न जुड़ा हो.
नहीं पहुंचे थे अखिलेश
पिछली सरकार के मुखिया अखिलेश यादव 5 साल में एक बार भी
नोएडा
कदम रखने की हिम्मत नहीं जुटा पाए. नोएडा से जुड़ी कई योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास अखिलेश ने लखनऊ बैठे-बैठे ही कर डाला.
अब योगी आदित्यनाथ नोएडा आ रहे हैं, वो ऐसा करने वाले वो 29 साल में सिर्फ दूसरे मुख्यमंत्री होंगे. आदित्यनाथ ऐसे दूसरे मुख्यमंत्री हैं जो जानबूझ कर राजनीतिक रूप से 'मनहूस' माने जाने वाले नोएडा जाने की हिम्मत कर रहे हैं. इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री मायावती जानते-बूझते 2011 में नोएडा गई थीं और 2012 के चुनावों में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था. |
आधुनिक दुनिया में सब कुछ हाईटेक हो चुका है. नयी तकनीक का इस्तेमाल हर क्षेत्र में ज़ोर शोर से हो रहा है तो ऐसे में क्रिकेट कैसे पीछे रहे. इसी प्रयास में दुनिया की सबसे बडी सेमीकंडक्टर कंपनी इंटेल ने गुरूवार, 1 जून से शुरू हो रही चैंपियंस ट्रॉफी के लिए तीन नई टेक्नोलॉजी पेश की हैं. ये टेक्नोलॉजी हैं - इंटेल ड्रोन, बैट सेंसर और स्टेडियम आने वाले क्रिकेट फैंस के लिए वर्चुअल रियलिटी (VR) एक्सपिरियंस.टिप्पणियां
इंटेल फ़ैलकन 8 (Intel Falcon 8) ड्रोन इंफ्रारेड और HD कैमरे से लैस रहेगा, जिसका उपयोग मैच से पहले होने वाली पिच एनालिसिस के लिए किया जाएगा. इस ड्रोन से ली गयी तस्वीरों के ज़रिये पिच पर ग्रास कवर, ग्रास हेल्थ और टोपोलॉजी का डेटा मिलेगा जिससे रोजाना पिच की एंडवांस्ड रिपोर्ट तैयार की जा सकेगी. इन रिपोर्ट्स की मदद से कमेंटेटर काफी बारीकी से पिच एनालिसिस कर सकेंगे.
इंटेल, ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2017 का ऑफिशियल इनोवेशन पार्टनर है. इन टेक्नोलॉजीस के लांच पर ICC के चीफ एग्जीक्यूटिव अफसर डेव रिचर्डसन ने कहा "इंटेल के साथ भागीदारी करने से हम बेहद उत्साहित हैं. इंटेल द्वारा लाई गयी नयी तकनीक दुनिया भर में क्रिकेट के अनुभव को और भी मज़ेदार बना देगी."
इंटेल के नए बैट सेंसर का नाम स्पेक्युलर (Speculur) बैटसेंस है. इसे किसी भी क्रिकेट बैट से जोड़ा जा सकता है और इसका उपयोग बैट्समैन की बैक लिफ्ट, बैट स्पीड और हर स्ट्रोक की डिटेल निकालने में किया जाएगा. इसका उपयोग बहुत से बैट्समैन चैंपियंस ट्रॉफी में भी करेंगे. सेंसर द्वारा कलेक्ट किया गया डेटा टीवी में दिखाया जाएगा. बेंगलुरु स्थित स्पेक्युलर कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अतुल श्रीवास्तव के अनुसार स्पेक्युलर बैटसेंस की सहायता से क्रिकेटर्स आत्मनिर्भर बनकर अपनी बैटिंग स्किल्स को बेहतर कर सकते हैं. उन्होंने ये भी कहा की कंपनी इस टेक्नोलॉजी को बाजार में 2017 के बाद उतारेगी और इसकी पहली सप्लाई आस्ट्रेलिया, इंडिया, यूएस और यूनाइटेड किंगडम में की जाएगी. इसके अलावा इंटेल लंदन और बर्मिंघन के स्टेडियमस में VR क्रिकेट एक्सपिरियंस भी पेश करेगा जिससे दर्शक वर्चुअल रिएलिटी में क्रिकेट खेलने का लुत्फ़ उठा सकेंगे.
इंटेल फ़ैलकन 8 (Intel Falcon 8) ड्रोन इंफ्रारेड और HD कैमरे से लैस रहेगा, जिसका उपयोग मैच से पहले होने वाली पिच एनालिसिस के लिए किया जाएगा. इस ड्रोन से ली गयी तस्वीरों के ज़रिये पिच पर ग्रास कवर, ग्रास हेल्थ और टोपोलॉजी का डेटा मिलेगा जिससे रोजाना पिच की एंडवांस्ड रिपोर्ट तैयार की जा सकेगी. इन रिपोर्ट्स की मदद से कमेंटेटर काफी बारीकी से पिच एनालिसिस कर सकेंगे.
इंटेल, ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2017 का ऑफिशियल इनोवेशन पार्टनर है. इन टेक्नोलॉजीस के लांच पर ICC के चीफ एग्जीक्यूटिव अफसर डेव रिचर्डसन ने कहा "इंटेल के साथ भागीदारी करने से हम बेहद उत्साहित हैं. इंटेल द्वारा लाई गयी नयी तकनीक दुनिया भर में क्रिकेट के अनुभव को और भी मज़ेदार बना देगी."
इंटेल के नए बैट सेंसर का नाम स्पेक्युलर (Speculur) बैटसेंस है. इसे किसी भी क्रिकेट बैट से जोड़ा जा सकता है और इसका उपयोग बैट्समैन की बैक लिफ्ट, बैट स्पीड और हर स्ट्रोक की डिटेल निकालने में किया जाएगा. इसका उपयोग बहुत से बैट्समैन चैंपियंस ट्रॉफी में भी करेंगे. सेंसर द्वारा कलेक्ट किया गया डेटा टीवी में दिखाया जाएगा. बेंगलुरु स्थित स्पेक्युलर कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अतुल श्रीवास्तव के अनुसार स्पेक्युलर बैटसेंस की सहायता से क्रिकेटर्स आत्मनिर्भर बनकर अपनी बैटिंग स्किल्स को बेहतर कर सकते हैं. उन्होंने ये भी कहा की कंपनी इस टेक्नोलॉजी को बाजार में 2017 के बाद उतारेगी और इसकी पहली सप्लाई आस्ट्रेलिया, इंडिया, यूएस और यूनाइटेड किंगडम में की जाएगी. इसके अलावा इंटेल लंदन और बर्मिंघन के स्टेडियमस में VR क्रिकेट एक्सपिरियंस भी पेश करेगा जिससे दर्शक वर्चुअल रिएलिटी में क्रिकेट खेलने का लुत्फ़ उठा सकेंगे.
इंटेल के नए बैट सेंसर का नाम स्पेक्युलर (Speculur) बैटसेंस है. इसे किसी भी क्रिकेट बैट से जोड़ा जा सकता है और इसका उपयोग बैट्समैन की बैक लिफ्ट, बैट स्पीड और हर स्ट्रोक की डिटेल निकालने में किया जाएगा. इसका उपयोग बहुत से बैट्समैन चैंपियंस ट्रॉफी में भी करेंगे. सेंसर द्वारा कलेक्ट किया गया डेटा टीवी में दिखाया जाएगा. बेंगलुरु स्थित स्पेक्युलर कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अतुल श्रीवास्तव के अनुसार स्पेक्युलर बैटसेंस की सहायता से क्रिकेटर्स आत्मनिर्भर बनकर अपनी बैटिंग स्किल्स को बेहतर कर सकते हैं. उन्होंने ये भी कहा की कंपनी इस टेक्नोलॉजी को बाजार में 2017 के बाद उतारेगी और इसकी पहली सप्लाई आस्ट्रेलिया, इंडिया, यूएस और यूनाइटेड किंगडम में की जाएगी. इसके अलावा इंटेल लंदन और बर्मिंघन के स्टेडियमस में VR क्रिकेट एक्सपिरियंस भी पेश करेगा जिससे दर्शक वर्चुअल रिएलिटी में क्रिकेट खेलने का लुत्फ़ उठा सकेंगे. |
भाषाविज्ञान में, भाषा-द्वैत या समष्टि द्विभाषिता या द्विभाषारूपिता (diglossia) उस दशा का नाम है जिसमें एक ही भाषा-समुदाय दो अलग तरह की भाषाओं का व्यवहार करता है। सामान्य तौर पर प्रतिदिन बोली जाने वाली 'निम्न' भाषा के अलावा एक दूसरी 'अति परिमार्जित' ('उच्च भाषा' ) का प्रयोग किया जाता है। 'उच्च भाषा' का प्रयोग प्रायः साहित्य, औपचारिक शिक्षा, आदि में होता है किन्तु सामान्य बातचीत में नहीं।
ऐसा मुमकिन है की जो 'उच्च' भाषा है वो 'निम्न' भाषा की ही प्राचीन संस्करण हो ( ऐसा मध्यकालीन यूरोप में देखा गया है, वहाँ लैटिन का इस्तेमाल औपचारिक चीज़ों के लिया होता था जबकि लोगों की बोलचाल की भाषा इस से काफ़ी अलग थी) | ऐसा भी हो सकता है की जो दो भाषाओँ का इस्तेमाल हो रहा है वो बिकुल हीं अलग हो | या फिर ऐसा भी मुमकिन है की दो अलग अलग भाषाओँ का इस्तेमाल हो रहा हो मगर ये दोनों ही भाषाएँ एक जैसी हो ( चीनी भाषाओँ में ऐसा देखा गया है ) |
भाषा द्वैत के प्रकार
चार्ल्स ऐ. फर्गूसन के अनुसार भाषा द्वैत अकसर ही सम्बंधित भाषाओं के आस पास पाया जाता है, जिसमे कि एक भाषा को निम्न माना जाता है और दूसरे को उच्च श्रेणी का माना जाता है। लोग उच्च भाषा को प्रतिष्ठा के साथ जोड़ कर देखते हैं। फर्गूसन ने अरबी भाषा को उद्धरण के रूप में लिया और यह कहा कि," अक्सर ही उच्च प्रकार की अरबी बोलने वाले लोग यह कहते हैं कि उन्हें निम्न प्रकार की ज़बान नहीं आती, जबकि सच यह है की लोग अपनी बोलचाल में और रोज़मर्रा के कामों के लिए निम्न प्रकार का ही इस्तेमाल करते हैं।
जोशुआ फिशमैन ने अपने अनुसंधान में यह बोला की ये ज़रूरी नहीं है की जो दो भाषाएँ हैं वो एक दूसरे से सम्बंधित हो, ऐसा भी हो ये दोनों भाषायें एक दूसरे से बिलकुल अलग हो इस का एक उदाहरण एल्सेस में मिलता है जहाँ पर लोग बोलचाल के लिए अल्सतियन भाषा का इस्तेमाल करते है जबकि बाकि सभी औपचारिक कामों के लिए फ्रेंच का इस्तेमाल करते हैं।
बहुत से अफ़्रीकी देशों में आज भी फ्रेंच का इस्तेमाल सभी औपचारिक कार्यों में होता है और लोगों की आम भाषा इस से अलग है। जैसे की सेनेगल में वार्फ भाषा अनौपचारिक रूप से इस्तेमाल की जाती है जबकि फ्रेंच वहां की औपचारिक भाषा है। यही चीज़ हम नाइजीरिया में भी देख सकते हैं, जहाँ लोग अंग्रेजी का इस्तेमाल सभी औपचारिक कार्यों में करते हैं। यह भी देखा गया है की अगर दो लोग, जो की अलग अलग निम्न भाषा का इस्तेमाल करते हैं, जब मिलते हैं तो वो अनौपचारिक बातचीत के लिए भी उच्च भाषा का इस्तेमाल करते हैं।
कुछ जगहों देखा गया है की महिलाएं और पुरुष अलग अलग भाषा का इस्तेमाल करते हैं, यह हम घाना में देख सकते हैं। आज कल महिलाएं रूढ़िवादी सोच को बदलने की लिए पुरुषों की भाषा का इस्तेमाल करने लगीं हैं। इस प्रकार के भाषा द्वैत को लिंग आधारित भाषा द्वैत कहते हैं।
सन्दर्भ
भाषा |
रिश्वत लेकर सटोरियों को छोड़ना पड़ा महंगा
भ्रष्ट पुलिसकर्मियों पर हो रही लगातार कार्रवाई
दिल्ली से सटे गाजियाबाद के एसएसपी सुधीर कुमार सिंह का चाबुक भ्रष्ट पुलिसकर्मियों पर लगातार चल रहा है. एसएसपी ने थाना लिंक रोड में तैनात इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान और उनके अन्य 7 सहयोगियों को भ्रष्टाचार के मामले में लिप्त पाए जाने पर सलाखों के पीछे भेज दिया. वही अब थाना इंदिरापुरम में भी तैनात रहे तेजतर्रार इंस्पेक्टर दीपक शर्मा को एक मामले में लाइन हाजिर किया गया है.
जांच में इंस्पेक्टर दीपक शर्मा और अन्य दो
सब इंस्पेक्टर
को भी दोषी पाया गया. जिस मामले में आरोपियों को छोड़े जाने के मामले में रिश्वत ली गई थी, उसमें से 4.60 लाख रुपये भी बरामद कर लिए गए हैं. मामला दर्ज कर दीपक शर्मा और अन्य दो सब इंस्पेक्टर को भी सस्पेंड कर दिया गया है. जल्द ही दीपक शर्मा को सलाखों के पीछे जाना पड़ सकता है.
क्या है मामला
गाजियाबाद पुलिस के अनुसार 22-23 अक्टूबर को लाखों रुपये लेकर जुआ और सटोरियों को छोड़े जाने का मामला सामने आया था. इसके बाद थाना इंदिरापुरम प्रभारी इंस्पेक्टर दीपक शर्मा को लाइन हाजिर किया गया. इस पूरे मामले की जांच क्षेत्राधिकारी केशव कुमार को सौंपी गई. क्षेत्राधिकारी की जांच में पता चला कि 22-23 की रात में
वैशाली
के होटल ग्रांड इन से 4 लोगों को दोनों सब इंस्पेक्टर ने जुआ खेलते पकड़ा था.
लेकिन सभी को बिना गिरफ्तार किए छोड़ दिया गया और जुए के पैसे को रख लिया गया. सीओ इंदिरापुरम केशव कुमार की जांच में इंस्पेक्टर दीपक शर्मा, 2 सब इंस्पेक्टरों संदीप और सचिन को भी दोषी पाया गया है.
इनके कब्जे से रिश्वत की रकम 4,06,000 भी बरामद कर लिए गए हैं. अब दीपक शर्मा और उनके सहयोगी दोनों सब इंस्पेक्टरों को भी सस्पेंड किया गया है. दीपक शर्मा और दोनों सब इंस्पेक्टर के खिलाफ थाना इंदिरापुरम में ही आईपीसी 409 और पीसी एक्ट में मामला दर्ज किया गया है. जुए में गिरफ्तार कर बिना कार्रवाई के छोड़े गए 13 लोगों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया गया है. |
यह एक लेख है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिन्दी में अपना भाषण देंगे। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को यह जानकारी दी। हिन्दी दिवस पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी पहले प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा को हिन्दी में संबोधित किया था।
राजनाथ ने कहा, एक मंत्री के तौर पर एक बार मैंने संयुक्त राष्ट्र को हिन्दी में संबोधित किया... हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र को हिन्दी में संबोधित करेंगे। राष्ट्रपति भवन में उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री जब विदेशी गणमान्य लोगों से मिलते हैं, तब हिन्दी में बात करते हैं। राष्ट्रपति भवन में इस समारोह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित कर सकते हैं।
गृहमंत्री ने कहा कि देश की 55 प्रतिशत आबादी हिन्दी बोलती है और 85 से 90 प्रतिशत लोग हिन्दी समझते हैं, जबकि उनकी मातृभाषा हिन्दी नहीं है।
राजनाथ ने कहा कि बाल गंगाधर तिलक, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, महात्मा गांधी और एन गोपालस्वामी अयंगर जैसे लोगों ने हिन्दी के विस्तार और इन्हें लोकप्रिय बनाने की वकालत की थी। हालांकि इनकी मातृ बोली अलग थी। उन्होंने कहा, हिन्दी देश की आम भाषा है। गृहमंत्री ने कहा कि संस्कृत सभी भारतीय भाषाओं की जननी है तथा हिन्दी एवं अन्य क्षेत्रीय भाषाएं बहनें हैं। |
आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के निवास पर यूं तो हर साल इफ्तार पार्टी का आयोजन होता रहा है. लेकिन पहली बार निमंत्रण पत्र पर लालू प्रसाद यादव का नाम नहीं है. बल्कि निमंत्रण पत्र नेता विरोधी दल विधान परिषद राबड़ी, नेता विरोधी दल विधानसभा तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव सदस्य बिहार विधानसभा की तरफ से जारी किया गया है.
दावत-ए-इफ्तार तेजस्वी यादव के सरकारी आवास 5 देशरत्न मार्ग में बुधवार को यानी 13 जून को शाम 6.42 बजे पर एहतमाम किया है. जाहिर है इस इफ्तार पार्टी में मुख्य रूप से तेजस्वी यादव बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं. इसी सिलसिले में वो बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से भी मिलने गए और उन्हें इफ्तार पार्टी में आने का निमंत्रण दिया. साथ ही
तेजस्वी यादव
ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री होने के नाते इस इफ्तार पार्टी में आमंत्रित किया है और भी जितने प्रमुख नेता हैं उन्हें बुलाया गया है.
इसी मौके पर लगे हाथ तेजस्वी ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा इंटर के रिजल्ट की गड़बड़ी को लेकर शिकायत भी की और कहा कि इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी चुप हैं. उन्हें हेल्पलाइन नंबर जारी करके छात्रों की समस्या का समाधान करना चाहिए.
बता दें कि 13 जून को दिल्ली में कांग्रेस पार्टी ने भी एक पांच सितारा होटल में इफ्तार पार्टी रखी है, जिसमें सभी मोदी विरोधी नेताओं को बुलाया गया है. आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को भी निमंत्रण है. लेकिन उनका
स्वास्थ्य ठीक
नहीं होने पर किसी प्रतिनिधि को भेजने का आग्रह किया गया है. |
फाइनल लिस्ट में कौन-कौन खिलाड़ी हैं?'' सुरेश रैना के पास एक ही सवाल था जब कृष्णमाचारी श्रीकांत ने पिछले हफ्ते चेन्नै में उनसे मुलाकात की. भारतीय क्रिकेट टीम के प्रमुख चयनकर्ता ने खबर दी थी कि वेस्टइंडीज के दौरे पर एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय (ओडीआइ) और ट्वेंटी-20 टीमों के कप्तान गौतम गंभीर के स्थान पर रैना होंगे.
लेकिन इस सवाल का जवाब उतना आसान नहीं है. उन्हें बताया गया था कि कव्वल तीन खिलाड़ियों को छोड़कर, विश्वकप विजेता टीम का कोई भी खिलाड़ी खेलने की हालत में नहीं है. रैना को अनुभवहीन खिलाड़ियों की एक नई टीम का नेतृत्व करना था.
चोट के कारण बड़ी संख्या में खिलाड़ी पिछले हफ्ते टीम इंडिया से बाहर हो गए. गंभीर चोट, दुर्घटनाओं, बहुत ज्यादा क्रिकेट और आराम नहीं करने के कारण भारत के क्रिकेट स्टार के चेहरों की हंसी फीकी पड़ती जा रही है.
विश्वकप और भीषण गरमी में आइपीएल ने उनकी सहनशीलता खत्म कर दी. सचिन तेंडुलकर, कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, गंभीर, वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह और जहीर खान के बाहर रहने के फैसले के बाद देश क्रिकेट के चोटिल खिलाड़ियों की गिनती कर रहा है. पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी कहते हैं, ''घायलों और आराम करने वाले खिलाड़ियों के कारण टूर में जीत की संभावना खत्म होती जा रही है.''
स्पोर्ट्स मेडिसिन के विशेषज्ञों का कहना है कि खेलों के बढ़ने के कारण चोट लगने की घटनाएं बढ़ रही हैं. दिल्ली के डॉ. जतिन चौधरी का कहना है, ''क्रिकेट की अति है यह.'' उन्होंने 2009 में युवराज सिंह के कॅरियर के लिए खतरा बनी उनके घुटने की चोट को ठीक किया.
उन्होंने तेंडुलकर से लेकर टेनिस स्टार सानिया मिर्जा को ठीक किया है. उन्होंने कहा, ''हालांकि फुटबॉल या हॉकी की तुलना में क्रिकेट उतना जोखिम भरा खेल नहीं है, लेकिन क्रिकेटर 365 में 250 दिन, खराब मौसम में भी हर तरह का क्रिकेट खेल रहे हैं.''
स्पोर्ट्स साइंस ऐंड रिहेबिलिटेशन फॉर द ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट, मुंबई के डायरेक्टर डॉ. निखिल लाटे का कहना है कि भारतीय क्रिकेटरों का कार्यक्रम बहुत ज्यादा व्यस्त ही नहीं होता, उन्हें पूरा आराम नहीं मिलता, लगातार यात्रा करते हैं, लंबे समय तक घर से दूर रहकर खेलते हैं और दिमाग बोझ्लि होता जाता है.
वे कहते हैं, ''मांसपेशियों के जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल और मानसिक थकान के कारण चोट लगती है, बिना आराम के शरीर मानसिक व शारीरिक तौर पर काम करने लायक नहीं रहता.''
कंट्री बनाम क्लब बहस छेड़ने वाले आला खिलाड़ी इस बात से सहमति व्यक्त करेंगे. उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) से टकराव लेकर दलील दी है कि उनके परिवार, स्वास्थ्य और आराम का सबसे पहले ध्यान रखा जाना चाहिए. यह सिर्फ वाक्युद्ध नहीं है.
आइपीएल के बाद सहवाग को कंधे की रोटेटर कफ मसल का दूसरा ऑपरेशन कराना होगा (पहला 2009 में हुआ). इसके अलावा उन्हें इस साल के शुरू में एक शॉर्ट बॉल से पसली में चोट लगी. विश्वकप 2011 के फाइनल लीग मैच के दौरान गंभीर के कंधे को खतरनाक चोट लगी.
एमआरआइ स्कैन से पता लगा कि उन्हें तत्काल इलाज की जरूरत है. तेंडुलकर ने अपने परिवार के साथ रहने का फैसला किया. उन्हें 2004 से अब तक कोहनी से लेकर (वे सबसे भारी बल्ले से खेलते हैं) कंधे तक की सर्जरी करानी पड़ी है, कूल्हे की मांसपेशियों में खिंचाव है और बाएं घुटने के पीछे की नस की चोट फिर परेशान कर रही है.
युवराज को सांस की तकलीफ है. उन्हें 2008 से घुटने को मुख्य रूप से सहारा देने वाली स्नायु फट चुकी है. डेफिशिएंट नी, दर्द, सूजन और अकड़न का सामना करना पड़ता है. जहीर 2002 से घुटने के पीछे की नस में खिंचाव, कमजोर नस फड़कने, कंधे में सूजन, कमर में ऐंठन और घुटने की चोट से जूझ रहे हैं.
क्रिकेट के बायोमेकव्निक्स में कुछ तो अनोखा है. भारतीय टीम के ओपनर रहे दिल्ली के क्रिकेटर आकाश चोपड़ा मानते हैं कि इस खेल की अपनी जरूरतें हैं: ''यह बाकी खेलों से अलग उतार-चढ़ाव वाला खेल है. बहुत ही गतिशील, साथ ही बहुत धैर्य वाला.
दूसरे खेलों में लगातार गति के कारण दिल की धड़कन और मांसपेशियों में जोश बना रहता है. लेकिन क्रिकेट में आप शांत रहते हैं और अचानक गति में आते हैं. शरीर को लगातार झ्टके लगते रहते हैं.'' सो, आश्चर्य नहीं कि क्रिकेटर्स में ''सेकंड इंजरी सिंड्रोम'' आम है. गंभीर के कंधे में परेशानी और कमर की चोट गंभीर है, सहवाग के कंधे और घुटने का यही हाल है.
तेंडुलकर के घुटने के पीछे की नस फिर परेशान कर रही है. युवराज का घुटना और जहीर का पीठ दर्द और अन्य परेशानियां बार-बार सताती हैं क्योंकि उसी मांसपेशी का इस्तेमाल ज्यादा होता है.
लीलावती अस्पताल, मुंबई में स्पोर्ट मेडिसिन यूनिट के हड्डी रोग विशेषज्ञ दिलीप नाडकर्णी का कहना है, चार तरह के क्रिकव्टिंग मूवमेंट से चोट लगती हैः धक्का (जब बॉल लगे), केंद्रबिंदु (जब बल्लेबाज भागना शुरू करता है और फिर, किसी कारण वापस आता है.
इससे घुटने या कंधे में चोट लग सकती है), ट्विस्टिंग (खिलाड़ी गेंद के साथ दौड़ता है, टखने को झ्टका देता है और गिर जाता है), और स्ट्रेचिंग (कैच लेने के लिए डाइव. इससे घुटने के पीछे की नस चोटिल हो सकती है).
तेज गेंदबाज ऐसी चोट के शिकार बनते हैं. नाडकर्णी कहते हैं, ''वह फरारी कार की तरह है जिसे हाइ क्लास सर्विसिंग, सही टेक्निक, रिहैब, प्रीहैब (खास व्यायाम) की जरूरत होती है. इसके अलावा, लंबे प्रतिस्पर्धात्मक खेलों में ज्यादा पसीना निकलने के कारण शरीर में पानी की कमी को हम कम महत्व देते हैं.
हमारे शरीर को कोशिकाओं के लिए जरूरी रसायन और इलेक्ट्रोलाइट्स सप्लाई करने के लिए पानी की जरूरत होती है. उन्होंने कहा कि शरीर में पानी की कमी से मांसपेशियों में खिंचाव, धड़कन, एकाग्रता में कमी आ सकती है जिसके परिणामस्वरूप चोट लग सकती है.
पुराने क्रिकेट खिलाड़ी इस तरह की बातों को स्वीकार नहीं करते. पूर्व कप्तान सुनील गावसकर कहते हैं, 'हुएक खिलाड़ी अच्छी तरह जानता है कि उसे कब ब्रेक लेना है. लेकिन अगर वह किसी दौरे के दौरान आराम करता है तो चयनकर्ताओं को कड़ा होना चाहिए कि वे उस खिलाड़ी का भविष्य के दौरे के लिए चयन न करें.'' पूर्व टेस्ट क्रिकेटर अरुण लाल इससे सहमत हैं: ''जब इंग्लैंड ने सर्वश्रेष्ठ टीम को भारत भेजने से इनकार कर दिया, हमने अपमानित महसूस किया. अब हम भी वही कर रहे हैं.''
दिल्ली के डॉ. पुष्पिंदर सिंह बजाज का कहना है कि शारीरिक मेहनत और प्रतिस्पर्धात्मक क्रिकेट के युग में दिखावा काम नहीं करता. जाने-माने खिलाड़ियों का इलाज कर चुके स्पोर्ट इंजरी.ज और आर्थरोस्कोपिक सर्जरी के विशेषज्ञ का कहना है, ''पहले खेल की गति धीमी थी, फायदा हुनर से मिलता था.
लेकिन अब क्रिकेट तेजी से मारने और खतरनाक एक रन लेने का स्मार्ट खेल बन गया है और इसके लिए पूरी तरह फिट होना जरूरी है. उन्होंने कहा, ''आज क्रिकेटिंग का मंत्र है सहनशीलता, तेजी, शक्ति और सटीकता.''
1983 में जब भारत ने पहली बार विश्वकप जीता, टीम के पास कोई फीजियोथेरेपिस्ट नहीं था, 1990 के अंत में कोई टीम मैनेजर नहीं था, भारतीय टीम के पास एक फीजियो-थेरेपिस्ट, डॉ. अली ईरानी थे और खिलाड़ियों के फिटनेस स्तर को बनाए रखने के लिए कोई स्पेशलाइज्ड ट्रेनर नहीं था.
न्यूजीलैंड के जॉन राइट 2002 में कोच के रूप में आए और उन्होंने जोर दिया कि बीसीसीआइ को खिलाड़ियों के लिए एक फीजियोथेरेपिस्ट उपलब्ध कराना चाहिए. एंड्रयू लीपस की सेवाएं इसके लिए ली गईं. उनके साथ टीम में एड्रीयन ली रॉक्स ट्रेनर के रूप में शामिल हुए. विशेष ट्रेनिंग शुरू होने पर खिलाड़ियों को अलग-अलग स्पीड में 20 मीटर की दूरी तक दौड़ना पड़ता था, उन्हें शक्ति बढ़ाने के विभिन्न तरीके, सहनशीलता, एरोबिक सिखाई गई.
वर्ष 2008 क्रांतिकारी परिवर्तन का समय था क्योंकि फीजियोथेरेपिस्ट जॉन ग्लोस्टर ने आलो-चनात्मक रिपोर्ट दीः अधिकतर भारतीय खिलाड़ी बाल की खाल निकालते हैं क्योंकि उनके पास चोट से उबरने या जरूरी स्वास्थ लाभ के लिए समय नहीं है. ग्लोस्टर ने हरेक खिलाड़ी को जिस तरह की चोटों का सामना करना पड़ता है उसकी जानकारी दी और साथ में इलाज की रणनीति बताई.
हाल ही में उन्होंने सुझाव दिया कि भारतीय खिलाड़ियों को अपने फिटनेस अनुपात को देखते हुए आइपीएल छोड़ देना चाहिए.
लेकिन ग्लोस्टर की विरासत मिश्रित वरदान बन गई. जैसे ही बीसीसीआइ ने ''चोटिल खिलाड़ियों'' के बाहर होने की बढ़ती संख्या की गिनती शुरू की, स्पोर्ट्स मेडिसिन और फीजियोथेरेपिस्ट की भूमिका के बारे में नई जागरूकता पैदा होने लगी लेकिन फीजियोथेरेपिस्ट के आने और छोड़कर जाने से इसके नतीजे म्युजिकल चेयर की तरह दिखते आए.
पिछले साल न्यूजीलैंड की टीम के भारत दौरे से पहले पॉल क्लोज की नियुक्ति की गई. लेकिन सहवाग, तेंडुलकर और गंभीर ने उनके रवैए पर नाखुशी जाहिर की तो उन्हें छोड़कर जाना पड़ा. क्लोज की विदाई विश्वकप 2011 से ठीक पहले हुई, उसके बाद कई फीजियोथेरेपिस्ट राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में शामिल होने के लिए आए.
बीसीसीआइ ने अब क्रिकेट प्रतिभा को सुरक्षित रखने के लिए भारी खर्च शुरू कर दिया है. फीजियो-ट्रेनर को मिलाकर बोर्ड को हर वर्ष दोनों पर 75,000-1,00,000 डॉलर (यात्रा और अन्य खर्च छोड़कर) खर्च करना पड़ता है. उनकी स्पेशलाइज्ड सुविधाओं पर बीसीसीआइ हर साल 50,000 डॉलर खर्च करती है. यह इस बात पर निर्भर करता है कि खिलाड़ी एनसीए बंगलुरू में प्रशिक्षित होता है या टीम उन्हें मैच स्थल, भारत या विदेश में प्रशिक्षित करती है.
बीसीसीआइ खिलाड़ियों को दुनिया के दूसरे भागों में भी चोट के इलाज की सुविधा देता है. इसके साथ ही ए लिस्टर्स अब तीन फीजियोथेरेपिस्ट की मदद ले सकते हैं: उनका अपना, टीम का थेरेपिस्ट और एनसीए के विशेषज्ञ.
रैना को टेस्ट रैंकिंग में भारत को अव्वल बनाए रखने और अपनी अनुभवहीन टीम के साथ ओडीआइ के पहले स्लॉट में ऑस्ट्रेलिया को हराने का मुश्किल काम करना होगा. उनके सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं शिखर धवन और मनोज तिवारी जिन्हें गंभीर और युवराज के स्थान पर शामिल किया गया है. अभिनव मुकुंद और एस. बद्रीनाथ (बॉक्स देखें) जैसे खिलाड़ियों पर काफी दबाव रहेगा. क्या दुनिया के सबसे संपन्न क्रिकेट बोर्ड को इसकी फिक्र है? अभी तो बीसीसीआइ 28 साल बाद भारत के विश्वकप जीतने का जश्न मना रहा है.
-साथ में कौशिक डेका
चोट से परेशान टीम इंडिया
क्रिकेट की अति
अंगों, मांसपेशियों के अत्यधिक इस्तेमाल से खिलाड़ी के चोटिल होने का खतरा बढ़ता है. लगातार मैचों के कारण उसे पर्याप्त आराम के लिए समय नहीं मिलता.
बायोमेकेनिक्स का मामला
नया विज्ञान क्रिकेट की गड़बड़ियां दिखाता है. इसमें गति और निष्क्रियता एक साथ है. मांसपेशी तुरंत गरम-ठंडा होती रहती है, इससे शरीर को निरंतर झ्टके लगते रहते हैं.
सेकंड इंजरी की समस्या
थकावट और चोट के तुरंत बाद खेलने से अक्सर बड़ी चोट पहुंचती है. गंभीर का कंधा और उरु-मूल, सहवाग का कंधा और घुटना, सचिन का उरु-मूल और हैमस्ट्रिंग, जहीर का हैमस्ट्रिंग निरंतर उठने वाली समस्याएं हैं.
एक अलग खेल
यह अब हुनर पर आधारित, भले-मानुसों का खेल नहीं रह गया है. अब यह तेजी, सहनशीलता, ताकत, सटीकता का खेल है. बेहत प्रतिस्पर्धात्मक. इसलिए इसके लिए संपूर्ण फिटनेस बहुत जरूरी है.
गरमी और पसीना
अत्यधिक पसीना बहने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है, मांसपेशियों में खिंचाव आने लगता है, धड़कन बढ़ जाती है, एकाग्रता भंग होती है. ये सब चोटिल करने के लिए काफी हैं.
महेंद्र सिंह धोनी
कमर में ऐंठन के अलावा उन्हें बस उंगली, कुहनी, घुटने में ज्यादातर गिरने से चोट लगी है.
वीवीएस लक्ष्मण
कमर में गंभीर ऐंठन की शिकायत, टूटी हुई उंगलियां, घुटने में चोट, मध्यक्रम के इस बल्लेबाज को 2001 से कई चोटें लगीं.
प्रवीण कुमार
इस तेज गेंदबाज को 2011 के विश्वकप में इसलिए नहीं खेलाया गया क्योंकि उनकी कुहनी में चोट लगी थी.
आशीष नेहरा
दाहिने हाथ की बीच वाली उंगली का ऑपरेशन करवा चुके हैं, जो पिछले साल कैच पकड़ने में टूट गई थी.
एस. श्रीसंत
जिस हाथ से गेंद फेंकते हैं उसके कंधे में चोट, घुटने के पीछे की नस फटी, घुटने की स्नायु फटी.
हरभजन सिंह
जिस उंगली से गेंद स्पिन कराते हैं उसमें निरंतर चोट, घुटने के पीछे की नस में चोट उनके कॅरियर का अभिशाप.
इरफान पठान
पिछले साल आइपीएल से उनकी कमर में समस्या शुरू हुई. वापसी के दबाव ने इसे और गंभीर बना दिया.
इशांत शर्मा
छरहरे गेंदबाज को 2008 में पैर के अंगूठे, उंगली में चोट लगी, फिर 2010 में घुटना चोटिल हुआ.
वीरेंद्र सहवाग
दर्द में भी वे खेलते रहे. उन्हें कंधे की मांसपेशी 'रोटेटर कफ मसल' का दूसरा ऑपरेशन करवाना होगा. पहला ऑपरेशन 2009 में हुआ. घुटने में भी पुरानी चोट है.
गौतम गंभीर
वर्षों से उरु-मूल में खिंचाव, कंधे के ऊतक फटे हैं. इस साल विश्वकप के दौरान खुली बांह के सहारे गिरने से उनके कंधे बुरी तरह जाम हो गए.
युवराज सिंह
उनके फेफड़ों में न्यूमोनाइटिस के धब्बे बन गए हैं उनका बायां घुटना हमेशा तकलीफ देता है क्योंकि उसके भीतर स्नायु फट गई है. यह एक लंबी और दर्दनाक बीमारी है.
जहीर खान
उनकी चोटों का अंत नहीं दिखता. घुटने के पीछे की नस खिंचती है, कंधे में सूजन है, उरु-मूल में खिंचाव, घुटने में चोट....
सचिन तेंदुलकर
2004 से लगातार चोटिल -टेनिस एल्बो (सबसे भारी बल्ले से खेलते हैं), कंधे, कूल्हे, घुटने और कमर में चोट-के बावजूद खेल जारी. सचमुच ही मास्टर. |
पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों ने नक्सलियों को मार गिराने का फैसला कर लिया है. उन्हें मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी जोरों पर है. लेकिन आला अफसरों को मानव अधिकारों की वकालत करने वालो के दावपेंचों की भी चिंता सता रही है. दरअसल, जब कभी भी नक्सलियों के खिलाफ कार्यवाही को लेकर सुरक्षा बलों के कदम उठते हैं. उसी दौरान फोर्स पर मानव अधिकारों के हनन को लेकर एक खास वर्ग सक्रिय हो जाता है. पुलिस और सुरक्षा बलों पर ज्यादतियों का आरोप लगा कर उनकी कार्यवाही को ना केवल नाजायज ठहराया जाता है बल्कि उसे अदालत में भी चुनौती दी जाती है. छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की तलाश में जुटी एंटी नक्सल ऑपरेशन की टीम ने जंगलों में दबिश तो दे दी है, लेकिन उन्हें मानव अधिकारों के हो हल्ले की भी आशंका है.
ये वो वीर जवान हैं जिन्होंने नक्सलियों से लोहा लेते हुए अपने प्राण निछावर कर दिए. ये जवान सुकमा में तैनात थे. इन पर
नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया
. अपने बचाव में नक्सलियों ने ग्रामीणों का इस्तेमाल उन्हें सामने रख बतौर ढाल की तरह किया था. ग्रामीणों को बचाने के लिए इन जवानों ने पहले फायर नहीं किया. नतीजतन नक्सली फायरिंग पहले हुई और ये जवान वीर गति को प्राप्त हुए. लेकिन बस्तर से लेकर दिल्ली तक ना तो किसी मानव अधिकारवादी संगठन और उसके कार्यकर्ताओं ने इन जवानों के मानव अधिकारों की रक्षा की वकालत की और ना ही इन्हे इंसाफ दिलाने के लिए आवाज उठाई. पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों का कोई मानव अधिकार है या नहीं यह बताने वाला बस्तर में कोई नहीं है. दूसरी ओर सुकमा जवानों को JNU में श्रद्धांजलि देने वाले डॉ बुद्ध सिंह पर भी हमला हो गया. लिहाजा मानव अधिकारवादियों के रवैयों को लेकर बस्तर में अच्छी खासी बहस छिड़ गई है.
बस्तर में नक्सली
कभी जन अदालत लगा कर निर्दोष ग्रामीणों को मौत के घाट उतार रहे हैं, तो कभी सरकारी भवनों, स्कूलों और सड़कों को बारूदी सुरंगों से उड़ा रहे हैं. वो इस इलाके में विकास का विरोध भी कर रहे हैं. विकास के कामों में मदद करने वाले पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों के अलावा सरकारी कर्मचारियों की भी जान ले रहे हैं. ऐसे में इनके मानव अधिकारों को लेकर अदालत का दरवाजा कोई नहीं खटखटा रहा है.
बस्तर में मानव अधिकारों के हनन के मामलों से बचने के लिए पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों को ताकीद किया गया है.
एंटी नक्सल ऑपरेशन
के दौरान आम ग्रामीणों से सादगी से पेश आने के निर्देश इन जवानों को दिए गए हैं. |
राजनीतिक अनिश्चितता के कारण देश के शेयर बाजारों में बुधवार को भी गिरावट का रुझान रहा। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 123.91 अंकों की गिरावट के साथ 18,884.19 पर और निफ्टी 51.55 अंकों की गिरावट के साथ 5,694.40 पर बंद हुआ।
बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 18.36 अंकों की तेजी के साथ 19,026.46 पर खुला और 123.91 अंकों यानी 0.65 फीसदी की गिरावट के साथ 18,884.19 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में सेंसेक्स ने 19,028.09 के ऊपरी और 18,836.77 के निचले स्तर को छुआ।
संयुक्त प्रगतिशील गठबंध (संप्रग) के एक महत्वपूर्ण घटक डीएमके के गठबंधन से बाहर होने की घोषणा के बाद उपजी राजनीतिक अनिश्चितता के बीच बुधवार को भी शेयर बाजारों में तीव्र गिरावट देखी गई।
सेंसेक्स दोपहर करीब तीन बजे 135.72 अंकों या 0.71 फीसदी गिरावट के साथ 18,872.38 पर कारोबार करता देखा गया।
श्रीलंका में तमिलों के जनसंहार के मुद्दे पर संप्रग के प्रमुख घटक और लोकसभा में 18 सांसदों वाली द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के सरकार से अलग होने की घोषणा के बाद मंगलवार को भी बाजार में ताबड़तोड़ बिकवाली हुई थी।
सेंसेक्स के 30 में से 11 शेयरों में तेजी दर्ज की गई। हिंदुस्तान यूनिलीवर (3.37 फीसदी), टाटा मोटर्स (1.51 फीसदी), सिप्ला (1.47 फीसदी), टीसीएस (0.78 फीसदी) और टाटा पॉवर (0.66 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी दर्ज की गई।
गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे भारती एयरटेल (4.18 फीसदी), एसबीआई (3.87 फीसदी), एनटीपीसी (3.43 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (2.85 फीसदी) और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (2.80 फीसदी)।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 5.40 अंकों की गिरावट के साथ 5,740.55 पर खुला और 51.55 अंकों यानी 0.90 फीसदी की गिरावट के साथ 5,694.40 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में निफ्टी ने 5,745.30 के ऊपरी और 5,682.30 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप सूचकांक 119.08 अंकों की गिरावट के साथ 6,161.60 पर और स्मॉलकैप 140.18 अंकों की गिरावट के साथ 5,901.60 पर बंद हुआ।
बीएसई के 13 में से चार सेक्टरों तेज खपत उपभोक्ता वस्तु (0.67 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.12 फीसदी), वाहन (0.07 फीसदी) और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (0.01 फीसदी) में तेजी दर्ज की गई।टिप्पणियां
गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे रियल्टी (4.67 फीसदी), बिजली (2.65 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनी (2.37 फीसदी), बैंकिंग (2.10 फीसदी) और उपभोक्ता वस्तु (2.04 फीसदी)।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 761 शेयरों में तेजी और 2126 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 118 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 18.36 अंकों की तेजी के साथ 19,026.46 पर खुला और 123.91 अंकों यानी 0.65 फीसदी की गिरावट के साथ 18,884.19 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में सेंसेक्स ने 19,028.09 के ऊपरी और 18,836.77 के निचले स्तर को छुआ।
संयुक्त प्रगतिशील गठबंध (संप्रग) के एक महत्वपूर्ण घटक डीएमके के गठबंधन से बाहर होने की घोषणा के बाद उपजी राजनीतिक अनिश्चितता के बीच बुधवार को भी शेयर बाजारों में तीव्र गिरावट देखी गई।
सेंसेक्स दोपहर करीब तीन बजे 135.72 अंकों या 0.71 फीसदी गिरावट के साथ 18,872.38 पर कारोबार करता देखा गया।
श्रीलंका में तमिलों के जनसंहार के मुद्दे पर संप्रग के प्रमुख घटक और लोकसभा में 18 सांसदों वाली द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के सरकार से अलग होने की घोषणा के बाद मंगलवार को भी बाजार में ताबड़तोड़ बिकवाली हुई थी।
सेंसेक्स के 30 में से 11 शेयरों में तेजी दर्ज की गई। हिंदुस्तान यूनिलीवर (3.37 फीसदी), टाटा मोटर्स (1.51 फीसदी), सिप्ला (1.47 फीसदी), टीसीएस (0.78 फीसदी) और टाटा पॉवर (0.66 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी दर्ज की गई।
गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे भारती एयरटेल (4.18 फीसदी), एसबीआई (3.87 फीसदी), एनटीपीसी (3.43 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (2.85 फीसदी) और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (2.80 फीसदी)।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 5.40 अंकों की गिरावट के साथ 5,740.55 पर खुला और 51.55 अंकों यानी 0.90 फीसदी की गिरावट के साथ 5,694.40 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में निफ्टी ने 5,745.30 के ऊपरी और 5,682.30 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप सूचकांक 119.08 अंकों की गिरावट के साथ 6,161.60 पर और स्मॉलकैप 140.18 अंकों की गिरावट के साथ 5,901.60 पर बंद हुआ।
बीएसई के 13 में से चार सेक्टरों तेज खपत उपभोक्ता वस्तु (0.67 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.12 फीसदी), वाहन (0.07 फीसदी) और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (0.01 फीसदी) में तेजी दर्ज की गई।टिप्पणियां
गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे रियल्टी (4.67 फीसदी), बिजली (2.65 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनी (2.37 फीसदी), बैंकिंग (2.10 फीसदी) और उपभोक्ता वस्तु (2.04 फीसदी)।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 761 शेयरों में तेजी और 2126 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 118 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
संयुक्त प्रगतिशील गठबंध (संप्रग) के एक महत्वपूर्ण घटक डीएमके के गठबंधन से बाहर होने की घोषणा के बाद उपजी राजनीतिक अनिश्चितता के बीच बुधवार को भी शेयर बाजारों में तीव्र गिरावट देखी गई।
सेंसेक्स दोपहर करीब तीन बजे 135.72 अंकों या 0.71 फीसदी गिरावट के साथ 18,872.38 पर कारोबार करता देखा गया।
श्रीलंका में तमिलों के जनसंहार के मुद्दे पर संप्रग के प्रमुख घटक और लोकसभा में 18 सांसदों वाली द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के सरकार से अलग होने की घोषणा के बाद मंगलवार को भी बाजार में ताबड़तोड़ बिकवाली हुई थी।
सेंसेक्स के 30 में से 11 शेयरों में तेजी दर्ज की गई। हिंदुस्तान यूनिलीवर (3.37 फीसदी), टाटा मोटर्स (1.51 फीसदी), सिप्ला (1.47 फीसदी), टीसीएस (0.78 फीसदी) और टाटा पॉवर (0.66 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी दर्ज की गई।
गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे भारती एयरटेल (4.18 फीसदी), एसबीआई (3.87 फीसदी), एनटीपीसी (3.43 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (2.85 फीसदी) और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (2.80 फीसदी)।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 5.40 अंकों की गिरावट के साथ 5,740.55 पर खुला और 51.55 अंकों यानी 0.90 फीसदी की गिरावट के साथ 5,694.40 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में निफ्टी ने 5,745.30 के ऊपरी और 5,682.30 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप सूचकांक 119.08 अंकों की गिरावट के साथ 6,161.60 पर और स्मॉलकैप 140.18 अंकों की गिरावट के साथ 5,901.60 पर बंद हुआ।
बीएसई के 13 में से चार सेक्टरों तेज खपत उपभोक्ता वस्तु (0.67 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.12 फीसदी), वाहन (0.07 फीसदी) और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (0.01 फीसदी) में तेजी दर्ज की गई।टिप्पणियां
गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे रियल्टी (4.67 फीसदी), बिजली (2.65 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनी (2.37 फीसदी), बैंकिंग (2.10 फीसदी) और उपभोक्ता वस्तु (2.04 फीसदी)।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 761 शेयरों में तेजी और 2126 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 118 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
सेंसेक्स दोपहर करीब तीन बजे 135.72 अंकों या 0.71 फीसदी गिरावट के साथ 18,872.38 पर कारोबार करता देखा गया।
श्रीलंका में तमिलों के जनसंहार के मुद्दे पर संप्रग के प्रमुख घटक और लोकसभा में 18 सांसदों वाली द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के सरकार से अलग होने की घोषणा के बाद मंगलवार को भी बाजार में ताबड़तोड़ बिकवाली हुई थी।
सेंसेक्स के 30 में से 11 शेयरों में तेजी दर्ज की गई। हिंदुस्तान यूनिलीवर (3.37 फीसदी), टाटा मोटर्स (1.51 फीसदी), सिप्ला (1.47 फीसदी), टीसीएस (0.78 फीसदी) और टाटा पॉवर (0.66 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी दर्ज की गई।
गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे भारती एयरटेल (4.18 फीसदी), एसबीआई (3.87 फीसदी), एनटीपीसी (3.43 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (2.85 फीसदी) और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (2.80 फीसदी)।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 5.40 अंकों की गिरावट के साथ 5,740.55 पर खुला और 51.55 अंकों यानी 0.90 फीसदी की गिरावट के साथ 5,694.40 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में निफ्टी ने 5,745.30 के ऊपरी और 5,682.30 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप सूचकांक 119.08 अंकों की गिरावट के साथ 6,161.60 पर और स्मॉलकैप 140.18 अंकों की गिरावट के साथ 5,901.60 पर बंद हुआ।
बीएसई के 13 में से चार सेक्टरों तेज खपत उपभोक्ता वस्तु (0.67 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.12 फीसदी), वाहन (0.07 फीसदी) और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (0.01 फीसदी) में तेजी दर्ज की गई।टिप्पणियां
गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे रियल्टी (4.67 फीसदी), बिजली (2.65 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनी (2.37 फीसदी), बैंकिंग (2.10 फीसदी) और उपभोक्ता वस्तु (2.04 फीसदी)।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 761 शेयरों में तेजी और 2126 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 118 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
श्रीलंका में तमिलों के जनसंहार के मुद्दे पर संप्रग के प्रमुख घटक और लोकसभा में 18 सांसदों वाली द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के सरकार से अलग होने की घोषणा के बाद मंगलवार को भी बाजार में ताबड़तोड़ बिकवाली हुई थी।
सेंसेक्स के 30 में से 11 शेयरों में तेजी दर्ज की गई। हिंदुस्तान यूनिलीवर (3.37 फीसदी), टाटा मोटर्स (1.51 फीसदी), सिप्ला (1.47 फीसदी), टीसीएस (0.78 फीसदी) और टाटा पॉवर (0.66 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी दर्ज की गई।
गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे भारती एयरटेल (4.18 फीसदी), एसबीआई (3.87 फीसदी), एनटीपीसी (3.43 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (2.85 फीसदी) और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (2.80 फीसदी)।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 5.40 अंकों की गिरावट के साथ 5,740.55 पर खुला और 51.55 अंकों यानी 0.90 फीसदी की गिरावट के साथ 5,694.40 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में निफ्टी ने 5,745.30 के ऊपरी और 5,682.30 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप सूचकांक 119.08 अंकों की गिरावट के साथ 6,161.60 पर और स्मॉलकैप 140.18 अंकों की गिरावट के साथ 5,901.60 पर बंद हुआ।
बीएसई के 13 में से चार सेक्टरों तेज खपत उपभोक्ता वस्तु (0.67 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.12 फीसदी), वाहन (0.07 फीसदी) और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (0.01 फीसदी) में तेजी दर्ज की गई।टिप्पणियां
गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे रियल्टी (4.67 फीसदी), बिजली (2.65 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनी (2.37 फीसदी), बैंकिंग (2.10 फीसदी) और उपभोक्ता वस्तु (2.04 फीसदी)।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 761 शेयरों में तेजी और 2126 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 118 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
सेंसेक्स के 30 में से 11 शेयरों में तेजी दर्ज की गई। हिंदुस्तान यूनिलीवर (3.37 फीसदी), टाटा मोटर्स (1.51 फीसदी), सिप्ला (1.47 फीसदी), टीसीएस (0.78 फीसदी) और टाटा पॉवर (0.66 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी दर्ज की गई।
गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे भारती एयरटेल (4.18 फीसदी), एसबीआई (3.87 फीसदी), एनटीपीसी (3.43 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (2.85 फीसदी) और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (2.80 फीसदी)।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 5.40 अंकों की गिरावट के साथ 5,740.55 पर खुला और 51.55 अंकों यानी 0.90 फीसदी की गिरावट के साथ 5,694.40 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में निफ्टी ने 5,745.30 के ऊपरी और 5,682.30 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप सूचकांक 119.08 अंकों की गिरावट के साथ 6,161.60 पर और स्मॉलकैप 140.18 अंकों की गिरावट के साथ 5,901.60 पर बंद हुआ।
बीएसई के 13 में से चार सेक्टरों तेज खपत उपभोक्ता वस्तु (0.67 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.12 फीसदी), वाहन (0.07 फीसदी) और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (0.01 फीसदी) में तेजी दर्ज की गई।टिप्पणियां
गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे रियल्टी (4.67 फीसदी), बिजली (2.65 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनी (2.37 फीसदी), बैंकिंग (2.10 फीसदी) और उपभोक्ता वस्तु (2.04 फीसदी)।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 761 शेयरों में तेजी और 2126 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 118 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे भारती एयरटेल (4.18 फीसदी), एसबीआई (3.87 फीसदी), एनटीपीसी (3.43 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (2.85 फीसदी) और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (2.80 फीसदी)।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 5.40 अंकों की गिरावट के साथ 5,740.55 पर खुला और 51.55 अंकों यानी 0.90 फीसदी की गिरावट के साथ 5,694.40 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में निफ्टी ने 5,745.30 के ऊपरी और 5,682.30 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप सूचकांक 119.08 अंकों की गिरावट के साथ 6,161.60 पर और स्मॉलकैप 140.18 अंकों की गिरावट के साथ 5,901.60 पर बंद हुआ।
बीएसई के 13 में से चार सेक्टरों तेज खपत उपभोक्ता वस्तु (0.67 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.12 फीसदी), वाहन (0.07 फीसदी) और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (0.01 फीसदी) में तेजी दर्ज की गई।टिप्पणियां
गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे रियल्टी (4.67 फीसदी), बिजली (2.65 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनी (2.37 फीसदी), बैंकिंग (2.10 फीसदी) और उपभोक्ता वस्तु (2.04 फीसदी)।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 761 शेयरों में तेजी और 2126 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 118 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 5.40 अंकों की गिरावट के साथ 5,740.55 पर खुला और 51.55 अंकों यानी 0.90 फीसदी की गिरावट के साथ 5,694.40 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में निफ्टी ने 5,745.30 के ऊपरी और 5,682.30 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप सूचकांक 119.08 अंकों की गिरावट के साथ 6,161.60 पर और स्मॉलकैप 140.18 अंकों की गिरावट के साथ 5,901.60 पर बंद हुआ।
बीएसई के 13 में से चार सेक्टरों तेज खपत उपभोक्ता वस्तु (0.67 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.12 फीसदी), वाहन (0.07 फीसदी) और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (0.01 फीसदी) में तेजी दर्ज की गई।टिप्पणियां
गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे रियल्टी (4.67 फीसदी), बिजली (2.65 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनी (2.37 फीसदी), बैंकिंग (2.10 फीसदी) और उपभोक्ता वस्तु (2.04 फीसदी)।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 761 शेयरों में तेजी और 2126 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 118 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप सूचकांक 119.08 अंकों की गिरावट के साथ 6,161.60 पर और स्मॉलकैप 140.18 अंकों की गिरावट के साथ 5,901.60 पर बंद हुआ।
बीएसई के 13 में से चार सेक्टरों तेज खपत उपभोक्ता वस्तु (0.67 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.12 फीसदी), वाहन (0.07 फीसदी) और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (0.01 फीसदी) में तेजी दर्ज की गई।टिप्पणियां
गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे रियल्टी (4.67 फीसदी), बिजली (2.65 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनी (2.37 फीसदी), बैंकिंग (2.10 फीसदी) और उपभोक्ता वस्तु (2.04 फीसदी)।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 761 शेयरों में तेजी और 2126 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 118 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
बीएसई के 13 में से चार सेक्टरों तेज खपत उपभोक्ता वस्तु (0.67 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.12 फीसदी), वाहन (0.07 फीसदी) और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (0.01 फीसदी) में तेजी दर्ज की गई।टिप्पणियां
गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे रियल्टी (4.67 फीसदी), बिजली (2.65 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनी (2.37 फीसदी), बैंकिंग (2.10 फीसदी) और उपभोक्ता वस्तु (2.04 फीसदी)।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 761 शेयरों में तेजी और 2126 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 118 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे रियल्टी (4.67 फीसदी), बिजली (2.65 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनी (2.37 फीसदी), बैंकिंग (2.10 फीसदी) और उपभोक्ता वस्तु (2.04 फीसदी)।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 761 शेयरों में तेजी और 2126 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 118 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 761 शेयरों में तेजी और 2126 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 118 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। |
सूचना प्रौद्योगिकी में आ रहे बदलाव के बीच कभी हर दिल अजीज माने जाने वाले खतों का संसार खत्म हो गया है. अब चिट्ठी-पाती से मिलने वाली खबर की जगह फोन, मोबाइल, ई-मेल तथा चैटिंग ने ले ली है.
दूरदराज या सात समंदर पार रहने वाले अपनों की कुशलक्षेम के इंतजार में लोग कभी डाकिए की बेसब्री से राह देखते थे. पति-पत्नी, प्रियतम-प्रेयसी के बीच तो खतों के अल्फाज की कहानी कुछ अलग ही हुआ करती थी, जो दिलों को कभी श्रृंगार, तो कभी वियोग रस से सराबोर करती नजर आती थी, लेकिन आज सबकुछ बदल-सा गया है. रिश्तों को जोड़ने वाली पाती की जगह अब प्लास्टिक और धातु के यंत्रों ने ले ली है, जिनमें भावनाओं का वैसा प्रकटीकरण नहीं हो पाता, जो खतों से हुआ करता था.
समाजशास्त्री स्वर्ण सहगल का कहना है कि पत्रों की भाषा में एक अजीब-सी मिठास होती थी, जिससे दिल को अद्भुत खुशी का अहसास होता था, लेकिन अब ऐसा नहीं रह गया है. उन्होंने कहा कि आधुनिक संचार प्रौद्योगिकी का होना अत्यंत आवश्यक है, परंतु चिट्ठी-पत्री के अस्तित्व को भी बनाए रखना चाहिए.
खतों के महत्व को बहुत-सी फिल्मों में भी दर्शाया गया है. ‘बॉर्डर’ फिल्म को एक उदाहरण के रूप पेश किया जा सकता है, जिसमें पत्रों के जरिए सरहद के रखवाले फौजियों और उनके परिजनों के मन की खुशी तथा व्यथा झलकती है. चिट्ठियों में लिखे जाने वाले ‘अत्र कुशलम् तत्रास्तु’ ‘आदरणीय पिताजी को सादर चरण स्पर्श ’ ‘आगे समाचार यह है कि मैं यहां पर ठीक से हूं और आशा करता हूं कि ईश्वर की कृपा से आप भी कुशल होंगे’ ‘ज्यादा क्या लिखूं..’ जैसे वाक्य अब जैसे अतीत में कहीं गुम हो गए हैं. संदेश का सबसे सशक्त माध्यम माने जाने वाले अंतर्देशीय लिफाफे और पोस्टकार्ड पूरी तरह उपेक्षित हैं.
भारतीय डाक विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी एमएस कुमार के अनुसार संचार के नए-नए माध्यमों के चलते अब खतों का दौर समाप्त सा हो गया है. अब लोग लंबे इंतजार की बजाय सेकंडों में कहीं भी संपर्क स्थापित कर लेते हैं. अब अंतर्देशीय और पोस्टकार्ड का इस्तेमाल करने वाले बहुत कम लोग ही मिलेंगे. उन्होंने कहा कि पत्रों की दुनिया को बचाए रखने की जरूरत है. इसका एक गौरवशाली अतीत है, जिसे भूल जाना किसी भी लिहाज से उचित नहीं होगा.
(
सात दिसंबर को पत्र दिवस पर विशेष
) |
लोकप्रिय पॉप गायिका काइली मिनॉग के हाथ में हाल में बड़े से हीरे की अंगूठी दिखी, जिसके बाद ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि उन्होंने अपने अभिनेता प्रेमी जोशुआ सैसे से सगाई कर ली है. काइली (47) जेनेवा में दो सप्ताह की छुट्टियां मनाने के बाद यहां चिल्टर्न फायरहाउस में जोशुआ (28) के साथ देखी गईं. इस दौरान उनके बाएं हाथ की उंगली में हीरे की अंगूठी देखी गई.
समाचारपत्र 'द सन' ने एक सूत्र के हवाले से कहा, 'काइली के चेहरे पर बड़ी सी मुस्कान थी और हीरे की अंगूठी पर बहुत इठला रही थीं. ऐसा लग रहा था, मानो वह इस बारे में
पूरी दुनिया
को बताना चाहती हैं।'
काइली ने पूर्व में कहा था कि वह जोशुआ के साथ मिलकर अपने परिवार को आगे बढ़ाना चाहेंगी. उन्होंने कहा था, 'मेरी जिंदगी में प्यार है, जो एक खूबसूरत चीज है. मैं अपने प्रेमी मिस्टर जोशुआ की वजह से इस वक्त सातवें आसमान पर हूं।'
कुछ समय पहले
ऑस्ट्रेलिया की मशहूर सिंगर काइली मिनॉग
के एक वीडियो पर काफी बवाल मचा था, जिसमें वो संगीत की धुन पर कामोत्तेजक ढंग से सेक्सरसाइज करती हुई नजर आ रही हैं. उस समय कई लोगों ने सोशल मीडिया वेबसाइट्स पर अपने गुस्से का इजहार करते हुए मिनॉग की जमकर आलोचना भी की थी. आपको बता दें कि ये वही गायिका हैं जिन्होंने बॉलीवुड फिल्म 'ब्लू' में 'चिगी विगी...' गाना गाया था और अक्षय कुमार के साथ ठुमके भी लगाए थे.
और भी...
https://aajtak.intoday.in/story/web-backlash-as-kylie-45-gyrates-for-pop-video-1-758361.html |
जीएसटी कॉन्क्लेव के तीसरे सत्र में अर्थशास्त्री औऱ नीति आयोग के सदस्य बिबेक डेबरॉय ने देश के सबसे बड़े आर्थिक सुधार कार्यक्रम पर अपनी राय रखी. इस सत्र का संचालन बिजनेस टुडे के वरिष्ठ पत्रकार राजीव दुबे ने किया.
नीति आयोग के सदस्य बिवेक देबरॉय ने कहा कि भारत दुनिया की पहला फेडरेल देश है जो जीएसटी लागू कर रहा है. देबरॉय के मुताबिक वस्तुओं पर डॉयरेक्ट टैक्स लगना चाहिए,
इनडॉयरेक्ट टैक्स
नहीं लगना चाहिए. इसके चलते कई चीजें जीएसटी से बाहर हैं. यह एक नए किस्म का जीएसटी है लेकिन यदि हम वह जीएसटी लागू कर पाते जिसका हमने सपना देखा था तो अर्थव्यवस्था को कहीं ज्यादा फायदा पहुंचता.
जीएसटी लागू होने के बाद देश को यदि इसका फायदा होगा तो साथ ही उसे कुछ नुकसान के लिए तैयार रहने की जरूरत है. जीएसटी के बारे में 17 साल से चर्चा हो रही है, इसके लिए कई बार
डेडलाइन
तय की गई पर ये अब लागू हो रहा है. उन्होंने कहा कि ये एक अच्छे कदम की शुरुआत है. अगर हम आदर्श GST का इंतजार करते तो शायद और 17 साल लग जाते.
देबरॉय ने कहा कि जीएसटी को लागू करने में हर पार्टी एक बात पर सहमत हुई है,
जीएसटी काउंसिल
ने भी इस पर काफी काम किया है. काउंसिल को आगे भी लगातार बैठक करनी होगी, ताकि यह सुचारू रुप से चल सके. हालांकि देबरॉय के मुताबिक जीएसटी का तुरंत कोई फायदा नहीं मिलने वाला. इसके लिए हमें लंबा इंतजार करना होगा.
बिवेक देबरॉय ने दावा किया कि दुनिया के जिन देशों में जिएसटी लागू किया गया वहां शुरुआती दिनों में मंहगाई बढ़ी है. ऐसी उम्मीद भारत में भी है और कुछ सेक्टर में महंगाई का असर हमें भी देखने को मिलेगा. हालांकि कुछ सेक्टर में मंहगाई का असर नहीं भी देखने को मिलेगा. लेकिन इतना तय है कि जीएसटी लागू होने के बाद कुछ समय के लिए महंगाई बढ़ने का खतरा है. |
दीक्षाभूमि बौद्ध धर्म से जुड़ा एक महत्वपूर्ण स्थल है, जहां अंबेडकर ने 14 अक्टूबर, 1956 को बौद्ध धर्म स्वीकार किया था. |
हिटमिक्स अमेरिकी गायिका लेडी गागा का दूसरा विस्तारित नाटक (ईपी) है, जो 25 अगस्त 2009 को जारी किया गया था। गागा के पहले एल्बम, द फेम (2008) के गानों के रीमिक्स के साथ, यह एल्बम केवल कनाडा में यूनिवर्सल म्यूजिक कनाडा द्वारा जारी किया गया था। हिटमिक्स में रेडवन और स्पेस काउबॉय सहित विभिन्न संगीतकारों के मिश्रण शामिल हैं, जिन्होंने पहले गागा के साथ काम किया था। ईपी 1980 के दशक से प्रभावित और घरेलू रीमिक्स की मेजबानी करता है। हिटमिक्स को कैलगरी हेराल्ड और ब्लेयर मैगज़ीन से सकारात्मक समीक्षा मिली, और कनाडाई एल्बम चार्ट में आठवें नंबर पर पहुंच गया। |
'ऑपरेशन म्यांमार' के बाद मोदी सरकार ने पाकिस्तान को खबरदार किया है. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने पाकिस्तान की ओर हो रही बयानबाजी का करारा जवाब देते हुए कहा कि उग्रवादियों पर कार्रवाई के लिए हम दूसरे देश पर निर्भर नहीं हैं.
मनोहर पर्रिकर ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि डरने वाले देश इस तरह के बयान दे रहे हैं.
दिल्ली में एक सेमिनार को संबोधित करते हुए पर्रिकर ने कहा, ‘अगर सोच के तरीके में बदलाव आता है, तब कई चीजें बदल जाती हैं. आपने पिछले 2-3 दिनों में ऐसा देखा.
उग्रवादियों के खिलाफ एक कार्रवाई
ने देश में पूरे सुरक्षा परिदृश्य के बारे में सोच को बदल दिया.’
रक्षा खरीद प्रक्रिया को आसान बनाए जाने की जरूरत पर अपने विचार व्यक्त करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि इस बारे में सोच में बदलाव की जरूरत है.
अभियान का ब्योरा देने से इनकार करते हुए पर्रिकर ने कहा, ‘जो लोग भारत के नए रुख से भयभीत है, उन्होंने प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है.’ रक्षा मंत्री ने सैन्य कार्रवाई के संबंध में मीडिया के सवालों के जवाब देने से मना कर दिया.
पाकिस्तान के
गृहमंत्री निसार अली खान
ने कहा था, ‘पाकिस्तान म्यामांर की तरह नहीं है.' साथ ही उन्होंने भारत को चेतावनी दी थी कि उनका देश सीमापार से धमकी के आगे नहीं झुकेगा. उन्होंने कहा, ‘जिनकी पाकिस्तान के खिलाफ बुरी सोच है, उन्हें ध्यान से सुन लेना चाहिए कि हमारे सुरक्षा बल ऐसे किसी दुस्साहस का उसी तरह से जवाब देने में सक्षम हैं.’
निसार अली खान का बयान सूचना व प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर की उस टिप्पणी पर आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि मणिपुर में 18 सैनिकों को मारने वाले विद्रोहियों के खिलाफ म्यामांर में सैन्य कार्रवाई अन्य देशों को संदेश है. राठौर की टिप्पणी को पाकिस्तान ने चेतावनी के रूप में देखा.
'ऑपरेशन म्यांमार' का बदला लेने भारत में घुसे उग्रवादी
इस बीच, खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है कि ऑपरेशन म्यांमार के हमले का बदला लेने के लिए उग्रवादी बड़ी योजना बना रहे हैं. उच्चस्तरीय सूत्रों ने खबर है कि इसके लिए 4-5 उग्रवादी संगठन मिलकर बदला लेने की योजना बना रहे हैं. इस कार्रवाई को अंजाम देने के लिए 16 से 20 उग्रवादियों के भारत में घुसने की भी खबर है.
खबर है कि परेश बरुआ के साथ उग्रवादी संगठन एक बैनर की नीचे काम कर रहे हैं, जिसका नाम है-वेस्टर्न साउथ एशिया रिवॉल्यूशनरी फोरम. खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट इंटरसेप्ट किया है.
गौरतलब है कि भारतीय सेना ने म्यामांर के अधिकारियों की जानकारी में सीमापार कार्रवाई में कम से कम 38 उग्रवादियों को मार गिराया. समझा जाता है कि वे उग्रवादी चार जून को घात लगाकर किए गए हमले में शामिल थे. |
नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन
जामा मस्जिद के शाही इमाम की शांति की अपील
जामिया-सीलमपुर में हिंसक हो गया था विरोध प्रदर्शन
नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ दिल्ली के कई इलाकों में प्रदर्शन हो रहा है. जामिया और सीलमपुर इलाके में इस प्रदर्शन ने हिंसक रूप भी ले लिया था. इस बीच समाज के कई तबके के लोग प्रदर्शनकारियों से शांति की अपील कर रहे हैं. दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने मंगलवार को कहा कि प्रदर्शन करना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन प्रदर्शन के दौरान हिंसा नहीं होनी चाहिए.
दिल्ली जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कहा, ‘लोकतंत्र में प्रदर्शन करना हमारा अधिकार है, इससे हमें कोई भी रोक नहीं सकता है. लेकिन ऐसा करते हुए हमें ये भी ध्यान रखना होगा कि हम अपनी भावनाओं को काबू में रखें’.
उन्होंने कहा कि
नागरिकता संशोधन एक्ट और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन
में काफी फर्क है. अभी सिर्फ CAA कानून बना है, NRC कानून नहीं बना है. नए कानून के तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता नहीं मिलेगी. इसका भारत के मुसलमानों के साथ कोई लेना-देना नहीं है.
Shahi Imam of Delhi's Jama Masjid, Syed Ahmed Bukhari: Under Citizenship Amendment Act (CAA), the Muslim refugees who come to India from Pakistan, Afghanistan, & Bangladesh will not get Indian citizenship. It has nothing to do with the Muslims living in India. (17.12.19)
https://t.co/zlOIlQXocg
— ANI (@ANI)
December 18, 2019
दिल्ली में हो रहा है विरोध प्रदर्शन
गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली में नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ पहले जामिया इलाके में हुए प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था, जिसमें कई सार्वजनिक वाहनों को जलाया गया था. इस हिंसा को लेकर पुलिस ने दस आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
इसके अलावा मंगलवार को भी पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर इलाके में प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था. यहां प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियों में तोड़फोड़ की और पुलिस पर पत्थरबाजी की. दोनों हिंसाओं में दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है.
विपक्ष लगा रहा है आरोप
विपक्ष के द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि केंद्र सरकार द्वारा लाया गया ये कानून भारत के संविधान का उल्लंघन करता है. साथ ही ये कानून देश के अल्पसंख्यकों के भी खिलाफ है. हालांकि, भारत सरकार के द्वारा विपक्ष के इन आरोपों को नकारा गया है. |
भूपेन्द्रभाई पटेल () गुजरात राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री है।
भूपेंद्र पटेल गुजरात के 17वें मुख्यमंत्री बने हैं, वह गुजरात की घटलोदिया विधानसभा सीट से विधायक हैं. 59 साल के भूपेंद्र पटेल पहली बार ही विधायक बने और अब सीधे मुख्यमंत्री पद पर सवार हो गए हैं |
शुरुआती ज़िंदगी और पेशा
भूपेंद्रभाई पटेल का जन्म 15 जुलाई 1962 को अहमदाबाद, गुजरात, भारत में एक गुजराती कदवा पाटीदार परिवार में हुआ था। भूपेंद्रभाई पटेल ने अप्रैल 1982 में गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक, अहमदाबाद से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा प्राप्त किया है। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं।
वह पेशे से एक बिल्डर हैं। वह सरदारधाम विश्व पाटीदार केंद्र के ट्रस्टी और विश्व उमिया फाउंडेशन की स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं। वह दादा भगवान द्वारा स्थापित अकरम विज्ञान आंदोलन के अनुयायी हैं। उन्हें क्रिकेट और बैडमिंटन में दिलचस्पी है।
राजनीतिक जीवन
निगम पार्षद
पटेल 1995-19 1999-2000 और 2004-2006 में मेमनगर नगरपालिका के सदस्य थे। वह 1999-2000 में मेमनगर नगरपालिका के अध्यक्ष थे। वह 2008 से 2010 तक अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) के स्कूल बोर्ड के उपाध्यक्ष थे। वह 2010 से 2015 तक थलतेज वार्ड के पार्षद थे। वह 2015 से 2017 तक अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण (एयूडीए) के अध्यक्ष थे। उन्होंने एएमसी की स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।
गुजरात विधानसभा के सदस्य
पटेल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के शशिकांत पटेल के खिलाफ चल रहे 2017 गुजरात विधानसभा चुनाव जीतने के बाद घाटलोदिया निर्वाचन क्षेत्र के लिए गुजरात विधानसभा के सदस्य बने। उन्होंने 1,17,000 वोटों के रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की।
गुजरात के मुख्यमंत्री
11 सितंबर 2021 को, विजय रूपानी ने गुजरात के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। 12 सितंबर 2021 को गांधीनगर में पार्टी विधानमंडल की बैठक में पटेल को सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल के नेता और गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया। उन्होंने 13 सितंबर 2021 को गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। 08 फरवरी, 2022 को उन्होंने एक नई गुजरात आईटी / आईटीईएस नीति 2022-2027 लॉन्च की।
सन्दर्भ
गुजरात के मुख्यमंत्री |
यह एक लेख है: देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमात-ए-इस्लामी हिंद ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में घुसकर सेना द्वारा आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई (सर्जिकल स्ट्राइक) का समर्थन करते हुए शनिवार को कहा कि भारत एक संप्रभु देश है और उसे अपनी एवं अपने लोगों की रक्षा करने का पूरा अधिकार हासिल है.
जमात प्रमुख सैयद जलालुद्दीन उमरी ने आज यहां संवाददाताओं से कहा, "उरी हमले में सेना के जवानों पर हमला किया गया. वह बहुत निंदनीय था. इस हमले के बाद सेना ने पीओके में यह कार्रवाई की है. किसी भी देश को अपनी हिफाजत का हक हासिल है. भारत ने भी अपनी और अपने लोगों की हिफाजत के लिए यह कदम उठाया है."
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा, "हमारी यह राय है कि युद्ध किसी भी समस्या का विकल्प नहीं है. युद्ध से देश की तरक्की रुकेगी. मीडिया और हम सभी लोगों को जज्बात पर काबू करना चाहिए. इतना जरूर है कि आतंकी वारदातों को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए और हमें अपनी सीमा की सुरक्षा बढ़ानी चाहिए."टिप्पणियां
मुस्लिम समुदाय तक पहुंचने के लिए सरकार की ओर से शुरू की गई 'प्रोग्रेस पंचायत' पहल पर उमरी ने कहा, "सरकार को इस तरह का कदम पहले ही उठाना चाहिए था. पर अब उनकी ओर से पहल हुई है तो वो अच्छी बात है. हम उम्मीद करते हैं कि इस तरह के कदमों का नतीजा मुसलमानों के विकास के तौर पर (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
जमात प्रमुख सैयद जलालुद्दीन उमरी ने आज यहां संवाददाताओं से कहा, "उरी हमले में सेना के जवानों पर हमला किया गया. वह बहुत निंदनीय था. इस हमले के बाद सेना ने पीओके में यह कार्रवाई की है. किसी भी देश को अपनी हिफाजत का हक हासिल है. भारत ने भी अपनी और अपने लोगों की हिफाजत के लिए यह कदम उठाया है."
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा, "हमारी यह राय है कि युद्ध किसी भी समस्या का विकल्प नहीं है. युद्ध से देश की तरक्की रुकेगी. मीडिया और हम सभी लोगों को जज्बात पर काबू करना चाहिए. इतना जरूर है कि आतंकी वारदातों को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए और हमें अपनी सीमा की सुरक्षा बढ़ानी चाहिए."टिप्पणियां
मुस्लिम समुदाय तक पहुंचने के लिए सरकार की ओर से शुरू की गई 'प्रोग्रेस पंचायत' पहल पर उमरी ने कहा, "सरकार को इस तरह का कदम पहले ही उठाना चाहिए था. पर अब उनकी ओर से पहल हुई है तो वो अच्छी बात है. हम उम्मीद करते हैं कि इस तरह के कदमों का नतीजा मुसलमानों के विकास के तौर पर (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा, "हमारी यह राय है कि युद्ध किसी भी समस्या का विकल्प नहीं है. युद्ध से देश की तरक्की रुकेगी. मीडिया और हम सभी लोगों को जज्बात पर काबू करना चाहिए. इतना जरूर है कि आतंकी वारदातों को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए और हमें अपनी सीमा की सुरक्षा बढ़ानी चाहिए."टिप्पणियां
मुस्लिम समुदाय तक पहुंचने के लिए सरकार की ओर से शुरू की गई 'प्रोग्रेस पंचायत' पहल पर उमरी ने कहा, "सरकार को इस तरह का कदम पहले ही उठाना चाहिए था. पर अब उनकी ओर से पहल हुई है तो वो अच्छी बात है. हम उम्मीद करते हैं कि इस तरह के कदमों का नतीजा मुसलमानों के विकास के तौर पर (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मुस्लिम समुदाय तक पहुंचने के लिए सरकार की ओर से शुरू की गई 'प्रोग्रेस पंचायत' पहल पर उमरी ने कहा, "सरकार को इस तरह का कदम पहले ही उठाना चाहिए था. पर अब उनकी ओर से पहल हुई है तो वो अच्छी बात है. हम उम्मीद करते हैं कि इस तरह के कदमों का नतीजा मुसलमानों के विकास के तौर पर (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
माइक्रोसॉफ्ट की निगाह फैबलेट के उभरते बाजार पर है. इसी लक्ष्य के साथ कंपनी विंडोज फोन 8 ऑपरेटिंग सिस्टम का अपडेट जारी करने जा रही है. इससे उसे फैबलेट बाजार में उतरने में मदद मिलेगी.
इस अपडेट से मोबाइल हैंडसेट पर बड़ी स्टार्ट स्क्रीन तथा बेहतर पहुंच का विकल्प मिलेगा. इस अपडेट को अगले दो से तीन महीनों में जारी कर दिया जाएगा.
तीसरे अपडेट की घोषणा करते हुए माइक्रोसॉफ्ट ने कहा है कि इससे भविष्य में 5 से 6 इंच की टचस्क्रीन के उपकरणों का रास्ता खुलेगा.
फोन 8 आपरेटिंग सिस्टम से क्या होगा फायदा
1. इस अपडेट के आ जाने से 6 इंच के टचस्क्रीन वाले मोबाइल का इस्तेमाल आसान और पहले से ज्यादा उपयोगी हो जाएगा
2. नया अपडेट क्वैलकॉम के स्नैपड्रैगन 800 क्वैड कोर प्रोसेसर को सपोर्ट करेगा. उम्मीद है कि नोकिया के जल्द ही लांच होने वाले हैंडसेट 1520 में स्नैपड्रैगन 800 क्वैड कोर प्रोसेसर को प्रयोग में लाया जाना है.
3. अगर किसी को 6 इंच से बड़ा डिस्प्ले चाहिए तो वह विंडोज 8 टैबलेट ले सकता है.
4. फोन 8 ऑपरेटिंग सिस्टम के आ जाने के बाद आपका हैंडसेट हमेशा ही ड्राइव मोड में रहेगा, यानी आपके फोन पर आने वाली नई सूचनाओं को नियंत्रित किया जा सकेगा. इससे आप फोन का इस्तेमाल करते समय बिना वजह की खलल से बच सकेंगे. इन सूचनाओं को आप अपनी इच्छानुसार बाद में पढ़ भी सकेंगे और इनका जवाब भी दे पाएंगे.
5. इस ऑपरेटिंग सिस्टम से हैंडसेट्स की वायरलेस इंटरनेट क्ष्ामता काफी बढ़ जाएगी.
6. पहले की तुलना में मैसेज और ईमेल के लिए बेहतर कस्टमाइज्ड रिंगटोन की सुविधा भी उपलब्ध होगी.
7. स्टोरेज स्पेस के लिए बेहतर टूल्स होंगे
8. नए स्क्रीन रीडर होंगे, जिससे स्क्रीन के कंटेट को पढ़ना पहले से काफी आसान हो जाएगा. |
लेख: वेतन एवं भत्तों के भुगतान के लिए ‘तत्काल’ धन जारी करने की मांग करते हुए नगर निगम के सफाईकर्मियों ने बड़ी संख्या में एकत्र होकर आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। मांग पूरी न होने पर सफाईकर्मियों ने ‘अनिश्चितकालीन’ हड़ताल पर जाने की धमकी दी।
मजदूर विकास संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष संजय गहलोत ने कहा, दो-तीन माह से कर्मचारियों को उनके वेतन नहीं मिले हैं। बार-बार अनुरोध करने के बावजूद हमारी मांगें सुनी नहीं गईं। इसलिए हमने यहां विरोध प्रदर्शन किया। अगर हमारी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं तो हम अनिश्चितकाल तक काम रोक देंगे।
गहलोत ने दावा किया कि तीनों नागरिक निकायों के कर्मचारियों ने केजरीवाल के घर के बाहर विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लिया। विरोध-प्रदर्शन के तहत, एमसीडी कर्मचारियों के संघों का मूल संगठन-एमसीडी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा आज बाद में जंतर-मंतर पर धरना देगा।टिप्पणियां
इस मोर्चे के महासचिव राजेंद्र मेवाती ने कहा, इन मांगों में लगभग 20 संघ हमारे साथ हैं। वेतन और भत्तों के अलावा कर्मचारी अनुबंध आधारित कर्मचारियों को नियमित करने और तीनों निगमों के एकीकरण की भी मांग कर रहे हैं।
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारी ऐसी ही मांगों को लेकर पिछले साल अक्तूबर में हड़ताल पर चले गए थे। लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से शहर की सरकार को निगम के लिए कोष जारी करने का निर्देश दिए जाने के बाद हड़ताल खत्म कर दी गई थी।
मजदूर विकास संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष संजय गहलोत ने कहा, दो-तीन माह से कर्मचारियों को उनके वेतन नहीं मिले हैं। बार-बार अनुरोध करने के बावजूद हमारी मांगें सुनी नहीं गईं। इसलिए हमने यहां विरोध प्रदर्शन किया। अगर हमारी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं तो हम अनिश्चितकाल तक काम रोक देंगे।
गहलोत ने दावा किया कि तीनों नागरिक निकायों के कर्मचारियों ने केजरीवाल के घर के बाहर विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लिया। विरोध-प्रदर्शन के तहत, एमसीडी कर्मचारियों के संघों का मूल संगठन-एमसीडी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा आज बाद में जंतर-मंतर पर धरना देगा।टिप्पणियां
इस मोर्चे के महासचिव राजेंद्र मेवाती ने कहा, इन मांगों में लगभग 20 संघ हमारे साथ हैं। वेतन और भत्तों के अलावा कर्मचारी अनुबंध आधारित कर्मचारियों को नियमित करने और तीनों निगमों के एकीकरण की भी मांग कर रहे हैं।
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारी ऐसी ही मांगों को लेकर पिछले साल अक्तूबर में हड़ताल पर चले गए थे। लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से शहर की सरकार को निगम के लिए कोष जारी करने का निर्देश दिए जाने के बाद हड़ताल खत्म कर दी गई थी।
गहलोत ने दावा किया कि तीनों नागरिक निकायों के कर्मचारियों ने केजरीवाल के घर के बाहर विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लिया। विरोध-प्रदर्शन के तहत, एमसीडी कर्मचारियों के संघों का मूल संगठन-एमसीडी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा आज बाद में जंतर-मंतर पर धरना देगा।टिप्पणियां
इस मोर्चे के महासचिव राजेंद्र मेवाती ने कहा, इन मांगों में लगभग 20 संघ हमारे साथ हैं। वेतन और भत्तों के अलावा कर्मचारी अनुबंध आधारित कर्मचारियों को नियमित करने और तीनों निगमों के एकीकरण की भी मांग कर रहे हैं।
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारी ऐसी ही मांगों को लेकर पिछले साल अक्तूबर में हड़ताल पर चले गए थे। लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से शहर की सरकार को निगम के लिए कोष जारी करने का निर्देश दिए जाने के बाद हड़ताल खत्म कर दी गई थी।
इस मोर्चे के महासचिव राजेंद्र मेवाती ने कहा, इन मांगों में लगभग 20 संघ हमारे साथ हैं। वेतन और भत्तों के अलावा कर्मचारी अनुबंध आधारित कर्मचारियों को नियमित करने और तीनों निगमों के एकीकरण की भी मांग कर रहे हैं।
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारी ऐसी ही मांगों को लेकर पिछले साल अक्तूबर में हड़ताल पर चले गए थे। लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से शहर की सरकार को निगम के लिए कोष जारी करने का निर्देश दिए जाने के बाद हड़ताल खत्म कर दी गई थी।
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारी ऐसी ही मांगों को लेकर पिछले साल अक्तूबर में हड़ताल पर चले गए थे। लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से शहर की सरकार को निगम के लिए कोष जारी करने का निर्देश दिए जाने के बाद हड़ताल खत्म कर दी गई थी। |
सुनंदा पुष्कर डेथ केस में शशि थरूर की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. कोर्ट में शशि थरूर की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए उनकी कस्टोडियल इंटेरोगेशन की मांग की गई है. इसका मतलब यह है कि दिल्ली पुलिस ने भले ही इस केस में पिछले महीने चार्जशीट फाइल कर दी है, लेकिन अभी भी शशि थरूर को गिरफ्तार कर सकती है.
शशि थरूर ने एक दिन पहले ही पटियाला हाउस कोर्ट में अपनी अग्रिम जमानत याचिका लगाई है. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने शशि थरूर की अग्रिम जमानत पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. इस पर कोर्ट अपना फैसला कल सुनाएगा. थरूर के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट को कहा कि जब भी जरूरत होगी वो जांच में सहयोग के लिए तैयार है.
कपिल सिब्बल ने कहा कि शशि थरूर पुलिस जांच में सहयोग करेंगे. पुलिस जब भी बुलाएगी वो आ जाएंगे. वो सम्मानित नेता और सांसद हैं. लिहाजा उनको अग्रिम जमानत दी जाए. दिल्ली पुलिस ने अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि उन्हें इस मामले में शशि थरूर के कस्टोडियल इंटेरोगेशन की जरूरत है, इसलिए जमानत न दी जाए.
इस पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा, 'आपको इस वक्त शशि थरूर की कस्टडी की जरूरत क्यों है, जबकि आप चार्जशीट भी दाखिल कर चुके हैं.' पटियाला हाउस कोर्ट ने शशि थरूर को 7 जुलाई को कोर्ट में पेश होने के लिए समन किया था. दिल्ली पुलिस चार्जशीट दाख़िल करके सुनंदा पुष्कर केस में उनके पति शशि थरूर को इकलौता आरोपी बनाया है.
बताते चलें कि 17 जनवरी, 2014 की रात दिल्ली के एक 5 स्टार होटल के कमरे में कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर (51) मृत मिली थीं. कथित तौर पर इससे एक दिन पहले सुनंदा और पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार के बीच ट्विटर पर बहस हुई थी. यह बहस शशि थरूर के साथ मेहर के कथित ‘अफेयर’ को लेकर हुई थी.
सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में शशि थरूर सहित कई व्यक्तियों से पूछताछ की जा चुकी है. दिल्ली पुलिस थरूर के घरेलू सहायक नारायण सिंह, चालक बजरंगी और दोस्त संजय दीवान का पॉलीग्राफ टेस्ट भी करवा चुकी है. यहां तक की विसरा को दोबारा जांच के लिए एफबीआइ लैब भेजा गया, फिर भी कुछ पता नहीं लग पाया था.
29 सितंबर 2014 को एम्स के मेडिकल बोर्ड ने सुनंदा के शव का पोस्टमार्टम रिपोर्ट दिल्ली पुलिस को सौंपा था. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि सुनंदा की मौत जहर से हुई है. बोर्ड ने कहा था कि कई ऐसे रसायन हैं जो पेट में जाने या खून में मिलने के बाद जहर बन जाते हैं. लिहाजा, उनके वास्तविक रूप के बारे में पता लगाना बहुत मुश्किल होता है.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद 1 जनवरी 2015 को सरोजनी नगर थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया गया था. इसके बाद सुनंदा के विसरा को जांच के लिए एफबीआइ लैब अमेरिका भेज दिया गया था. वहां की लैब में भी जहर के बारे में पता नहीं लग सका था.
पुलिस
ने फोरेंसिक साइकोलॉजी एनालिसिस टेस्ट भी कराया था. |
केरल अनूपझीलें या केरल बैकवॉटर्स भारत के दक्षिण में स्थित केरल राज्य में अरब सागर से सामांतर कुछ दूरी पर स्थित खारी अनूप झीलों और झीलों की एक शृंखला है। इसमें प्राकृतिक और कृत्रिम नहरों द्वारा जुड़ी हुई पाँच बड़ी झीलें हैं जिनमें ३८ नदियाँ जल लाती हैं। यह केरल की उत्तर-दक्षिण लम्बाई के लगभग आधे भाग पर विस्तृत है। केरल अनूपझीलें पश्चिमी घाट से उतरती हुई नदियों के नदीमुखों के सामने समुद्री लहरों व ज्वार-भाटा के प्रभाव से बने बाधा द्वीपों के पीछे बन गई हैं।
केरल अनूपझील क्षेत्र में नहरों, झीलों, नदियों और समुद्री क्षेत्रों पर विस्तृत ९०० किलोमीटर से अधिक जलमार्ग हैं। यहाँ जल के किनारे कई गाँव और नगर बसे हुए हैं जहाँ से पर्यटक इन अनूपझीलों का आनंद लेने आते हैं। भारत का राष्ट्रीय जलमार्ग ३ यहाँ कोल्लम से कोट्टापुरम तक २०५ किमी तय करता है और दक्षिणी केरल में तट के साथ-साथ समानांतर चलता है। यह माल-वहन और पर्यटन के लिये महत्वपूर्ण है।
अष्टमुडी झील
२०० वर्ग किमी क्षेत्रफल वाली अष्टमुडी झील कोल्लम के पास स्थित है और यह पर्यटकों द्वरा सबसे अधिक देखी जाने वाली झील है। इसके सम्बन्धित एक विस्तृत नहरों का जाल है जो पास के शहर में बिछी हुई हैं।
नदियाँ
उत्तर से दक्षिण क्रमानुसार इस क्षेत्र की महत्वपूर्ण नदियाँ (और उनकी लम्बाई) इस प्रकार हैं: वालपट्टनम नदी (११० किमी), चलियार नदी (६९ किमी), कदलुंदिपुड़ा (२०९ किमी), चालाकुडी नदी (१३० किमी), पेरियर (२४४ किमी), पम्बा (१७६ किमी), अचनकोइल (१२८ किमी) और कल्लदायार (१२१ किमी)। इनके अतिरिक्त ३५ अन्य छोटी नदियाँ और झरने पश्चिमी घाट से उतरकर आते हैं जिनमें से कई पर नाविक परिवहन चलता है।
पर्यावरण
केरल अनूपझीलों का एक अनूठा पारिस्थितिक तंत्र है जहाँ नदियों का मीठा पानी अरब सागर के खारे पानी से मिलता है। कोल्लम में नीन्दाकारा के पास यहाँ एक बाँध बनाया गया है जिस से खारे समुद्री पानी को रोका जाता है ताकि मीठा पानी बचा रहे और सिंचाई के लिये प्रयोग किया हाता है।
इसमें जलीय जीव जातियाँ पनपती हैं जिनमें केकड़े, मेढक, पंकलंघी, कई प्रकार के जलीय पक्षी (जैसे कि टर्न, किंगफिशर, डार्टर व जलकाक) और प्राणी (जैसे कि ऊदबिलाव और कछुआ) रहते हैं। ताड़, केतकी और कई पत्तेदार पौधे और झाड़ियाँ इन अनूपझीलों के किनारों को हराभरा रूप देती हैं।
इन्हें भी देखें
बाधा द्वीप
अनूप झील
सन्दर्भ
अनूप झीलें
केरल का भूगोल
भारत की अनूप झीलें |
My sincerest wish,desire and request to the re-elected @BJP4India@arunjaitley@smritiirani and the honourable PM @narendramodi ji. Please work upon getting India free Education, Medical, Pension etc..It's difficult but if you start working on today,we will achieve one day! ????????
ऋषि कपूर (Rishi Kapoor) ने लिखा: "दोबारा निर्वाचित हुई बीजेपी (BJP), अरुण जेटली (Arun Jaitley), स्मृति ईरानी (Smriti Irani) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) जी से मेरी विनम्र इच्छा, कामना और आग्रह है कि. कृपया भारत में निशुल्क शिक्षा और स्वास्थ्य तथा पेंशन के लिए काम करें. यह मुश्किल है लेकिन अगर आप आज शुरू करते हैं, तो हम इसे एक दिन जरूर हासिल कर लेंगे."
After seeing the graduations happening here and hearing about specialised treatments in Hospital's, why can only the few avail/afford these.After all most doctors and teachers here in the US are Indians. @BJP4India@arunjaitley@smritiirani and the PM @narendramodi ji.Jai Hind????????
ऋषि कपूर (Rishi Kapoor) ने आगे लिखा: "यहां स्नातक की शिक्षा देखने और अस्पतालों में विशेष इलाजों के बारे में सुनने के बाद, सिर्फ कुछ लोगों की ही इन तक पहुंच क्यों हो. आखिरकार, यहां अमेरिका में अधिकांश डॉक्टर और शिक्षक भारतीय हैं." अभिनेता (66) ने कहा कि इन बातों पर ध्यान देकर हम वैसा भारत को पा सकते हैं जैसा हम चाहते हैं.
You all have a refreshed good five year tenure to go. Please think about this also. We will set examples to Humanity all over @BJP4India@arunjaitley@smritiirani and the PM @narendramodi ji. Please excuse me if I have over stepped but being a citizen I feel my duty to voice it.
ऋषि कपूर (Rishi Kapoor) कहा, "शिक्षा स्नातक युवा को अच्छे रोजगार दे सकती है और बीमार को पूरा जीवन दे सकती है. एक सच्चा लोकतंत्र - एक अवसर." उन्होंने कहा, "अगर मैंने ज्यादा बोल दिया को कृपया मुझे माफ कीजिए लेकिन एक नागरिक के तौर पर मुझे लगता है कि यह बात सामने लाना मेरा कर्तव्य है." |
चीन ने सन् 1982 में ‘खुद से बनाएं’ किट (डू.इट.योरसेल्फ किट) के साथ पाकिस्तान को दो परमाणु बम बनाने लायक यूरेनियम मुहैया करायी कि वह जैसे चाहे उसका इस्तेमाल करे.
वाशिंगटन पोस्ट ने किया खुलासा
वाशिंगटन पोस्ट ने कुख्यात पाकिस्तानी वैज्ञानिक अब्दुल कदीर खान का हवाला देते हुए कहा कि परमाणु प्रसार की यह जानबूझकर की गयी हरकत सन् 1976 में तत्कालीन चीनी नेता माओ त्से तुंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच हुए गुप्त परमाणु करार का हिस्सा थी.
50 किलोग्राम युरेनियम दिया गया
खान ने पाकिस्तान के परमाणु बम कार्यक्रम के 11 पृष्ठीय गुप्त उल्लेख में लिखा ‘मेरे निजी अनुरोध पर चीनी मंत्री. ने हमें हथियार बनाने लायक 50 केजी (किलोग्राम) बम श्रेणी का संवर्धित यूरेनियम दिया जो दो हथियारों के लिये पर्याप्त था. दैनिक के अनुसार गैरकानूनी परमाणु व्यापार के लिये जनवरी 2004 में अपनी हिरासत के बाद खान ने पाकिस्तान के खुफिया तंत्र के लिये यह नोट तैयार किया.
अखबार ने कहा कि उसने खान की विस्तृत जानकारी फिनान्शियल टाइम्स के पूर्व पत्रकार साइमन हेन्डरसन से ली. वह इस समय निकट वाशिंगटन इंस्टीट्यूट फार निअर ईस्ट पालिसी के वरिष्ठ फैलो हैं. उन्होंने तब खान से संवाद बनाये रखा था. |
बॉलीवुड प्रोडक्शन हाउस यश राज फिल्म्स की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. मुंबई पुलिस की इकोनॉमिक ओफेंस विंग ने यशराज फिल्म्स के खिलाफ 100 करोड़ रुपए हड़पने के आरोप में शिकायत दर्ज की है. ये केस गीतकार, संगीतकार, गायक और संगीत निर्माता से संबंधित है.
द इंडियन पर्फोर्मिंग राइट्स सोसाइटी (IPRS) ने इस केस को दर्ज करवाया है. ये संस्था गीतकार, संगीतकार, गायक और संगीत निर्माता को रिप्रेसेंट करती है. शिकायत के अनुसार, यश राज फिल्म्स ने आर्टिस्टों से जबरदस्ती फर्जी कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाए थे और इसकी रॉयल्टी भी जबरदस्ती ले रहा है जबकि उसका इसकी रॉयल्टी से कुछ लेना-देना नहीं है.
आदित्य चोपड़ा की मुसीबत बढ़ी
शिकायत में कहा गया है कि प्रोडक्शन हाउस म्यूजिक कंपोजर, आर्टिस्ट के आधार पर रॉयल्टी नहीं ले सकता है क्योंकि इस पर पहला IPRS का है. अभी पुलिस ने प्रारंभिक जांच और सबूतों के आधार पर केस दर्ज कर लिया है. पुलिस के सूत्रों ने कहा, केस दर्ज कर लिया गया है. हमने इसमें आगे की जांच भी शुरू कर दी है और जरूरत पड़ने पर पूछताछ के लिए आरोपियों को बुलाया जाएगा.
इसके अलावा मुंबई पुलिस की इकोनॉमिक ओफेंस विंग कुछ और प्रोडक्शन हाउस की भी जांच कर रही है. इस प्रकार की गतिविधियों में लिप्त होने पर अन्य प्रोडक्शन हाउस पर भी कार्रवाई हो सकती है. पुलिस ने IPC की धारा 409 और 34 के अलावा कॉपीराइट एक्ट के तहत FIR दर्ज की है. FIR में यश राज फिल्म्स के डायरेक्टर आदित्य और उदय चोपड़ा के नाम हैं और ये पिछले हफ्ते दर्ज की गई है. |
सिंह बंधु (सिवेंदर सिंह और मलविंदर सिंह) के फोर्टिस हॉस्पिटल को बेंगलुरु स्थित मनिपाल हॉस्पिटल एंटरप्राइज ने खरीद लिया है. इसके साथ ही इस कंपनी ने सिंह बंधु की डायग्नोस्टिक कंपनी SRL में भी हिस्सेदारी खरीदी है.
इस सौदे को दोनों कंपनियों के बोर्ड ने मंजूरी दे दी है. इस अधिग्रहण के बाद राजस्व के हिसाब से मनिपाल बड़ी हेल्थकेयर सर्विस प्रोवाइडर कंपनी बन जाएगी.
इस डील के तहत
फोर्टिस ने अपनी सब्सिडरी
कंपनी SRL में भी मनिपाल को 20 फीसदी हिस्सेदारी बेची है. डील के अनुसार फोर्टिस के हर 100 शेयरों के बदले निवेशकों को मनिपाल हॉस्पिटल के 10.3 शेयर मिलेंगे. इस डील से फोर्टिस को 700 करोड़ रुपये मिलेंगे.
मनिपाल हॉस्पिटल और फोर्टिस हॉस्पिटल के साथ आ जाने से यह राजस्व के हिसाब से देश की सबसे बड़ी हेल्थकेयर कंपनी बन जाएगी. कंपनी के एक साथ आने के बाद इस एंटिटी के 41 अस्पताल देश में और 4 अस्पताल विदेशों में हो जाएंगे.
इसके अलावा 11 हजार से भी ज्यादा
इंस्टॉल्ड बेड कैपेसिटी
हो जाएगी. इसमें मनिपाल हॉस्पिटल के टीचिंग हॉस्पिटल के बेड भी शामिल होंगे. इसके बाद इस संयुक्त कंपनी के कुल 4,200 डॉक्टर, 9,300 नर्स और 11,400 अन्य कर्मचारी देशभर में होंगे.
बता दें कि इससे पहले सिवेंदर सिंह और मलविंदर सिंह ने अपनी फार्मा कंपनी रैनबैक्सी को बेची थी. करीब 10 साल पहले हुए इस सौदे में उन्होंने जापान की फार्मा कंपनी दायची सांक्यो को अपनी कंपनी बेची थी. हालांकि यह डील विवादों में फंस गई.
दरअसल दायची ने आरोप लगाया कि
सिंह बंधु
ने इस डील के दौरान उनके साथ धोखा किया. फिलहाल इस मामले में केस चल रहा है. बता दें कि पिछले महीने ही सिंह बंधु को दिल्ली हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा. हाईकोर्ट ने सिंह बंधु की दो कंपनियों में संपत्ति अटैच करने का आदेश दिया था.
दिल्ली हाईकोर्ट ने आरएचसी होल्डिंग्स और
ऑस्कर इन्वेस्टमेंट
में सिंह बंधु की संपत्ति अटैच करने का आदेश दिया. आरएचसी होल्डिंग्स और ऑस्कर इन्वेस्टमेंट में मलविंदर सिंह और शिविंदर सिंह की संपत्ति है. दिल्ली हाईकोर्ट की तरफ से यह आदेश रैनबैक्सी मामले में
आर्बिट्रेशन अवार्ड
का पालन कराने को लेकर दिया गया है. |
प्याज और अन्य सब्जियों की कीमतें तेजी से बढ़ने से 25 दिसंबर को समाप्त हुए सप्ताह में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति बढ़कर 18.32 प्रतिशत पर पहुंच गई। मुद्रास्फीति और बढ़ने से रोकने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा मौद्रिक नीति सख्त करने की संभावना बढ़ती जा रही है। इससे पूर्व सप्ताह में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 14.44 प्रतिशत पर थी। खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति में तेजी की मुख्य वजह थोक बाजार में सब्जियों की कीमतों में 58.58 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। समीक्षाधीन सप्ताह में प्याज की कीमत साल दर साल के आधार पर 82.47 प्रतिशत बढ़ी, जबकि अंडा, मीट और मछली 20.83 प्रतिशत, फल 19.99 प्रतिशत और दूध 19.59 प्रतिशत महंगा रहा। आंकड़ों के मुताबिक, 25 दिसंबर को समाप्त हुए एक सप्ताह के दौरान थोक बाजार में प्याज की कीमत 23.01 प्रतिशत बढ़ी। खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति में तेजी को देखते हुए रिजर्व बैंक 25 जनवरी की मौद्रिक समीक्षा में अल्पकालिक ब्याज दरें बढ़ा सकता है। रिजर्व बैंक 2010 में मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिए प्रमुख नीतिगत दरों में छह बार बढ़ोतरी कर चुका है। इस बीच, गैर-खाद्य वर्ग में फाइबर की कीमतों में वाषिर्क आधार पर 35.53 प्रतिशत और खनिजों की कीमतों में 30.58 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी का असर दिसंबर के लिए मासिक मुद्रास्फीति आंकड़ों में भी देखने को मिलेगा जो 14 जनवरी को जारी होगा। नवंबर में कुल मुद्रास्फीति घटकर 7.75 प्रतिशत पर आ गई थी जो अक्तूबर में 8.58 प्रतिशत पर थी। |
गुजरात में पाटीदारों के लिए ओबीसी आरक्षण की मांग करने वाले पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (PAAS) के नेता हार्दिक पटेल को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आगामी गुजरात विधान सभा चुनाव के लिए पार्टी का चेहरा घोषित किया है. बीजेपी के खिलाफ यह शिवसेना का बड़ा कदम बताया जा रहा है क्योंकि हार्दिक पटेल बीजेपी को दुश्मन नंबर एक बताते हैं तो शिवसेना के रिश्ते भी पार्टी के साथ ठीक नहीं चल रहे हैं.
एक ओर महाराष्ट्र में होने वाले बीएमसी चुनाव और दूसरी ओर दिसंबर में गुजरात विधानसभा चुनाव, उससे ठीक पहले शिवसेना ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल से दोस्ती कर ली है. उद्धव और हार्दिक की 'ये दोस्ती' महाराष्ट्र और गुजरात में बीजेपी के लिए चुनौती बन सकती है.
1.
शिवसेना ने
बीएमसी चुनाव में बीजेपी से
गठबंधन ना करने की घोषणा के साथ ही महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ तल्ख तेवर अपना रखे हैं. मंगलवार को हार्दिक पटेल से मुलाकात के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार को नोटिस पर बताते हुए कहा कि सरकार शिवसेना के समर्थन से चल रही है.
2.
पाटीदारों के नेता हार्दिक पटेल
आरक्षण की मांग के साथ ही बीजेपी का लगातार विरोध कर रहे हैं. हाल ही में हार्दिक की गुजरात में वापसी हुई है, उन्हें गुजरात हाई कोर्ट ने 6 महीनों के लिए राज्य से बाहर रहने का आदेश दिया था.
3.
पाटीदार आंदोलन के चलते ही आनंदीबेन पटेल को गुजरात की सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था. उनके बाद विजय रुपानी ने राज्य की कमान संभाली. हार्दिक पटेल ने साफ किया है कि अगर पाटीदारों को आरक्षण नहीं दिया गया, तो वे लड़कर अपना हक लेंगे.
4.
बीते वर्ष गुजरात में दलितों पर हुए हमलों को देखते हुए कई दलित नेताओं ने भी हार्दिक पटेल का साथ दिया. ऐसे में शिवसेना के समर्थन से हार्दिक पटेल पाटीदारों और दलितों का साथ पाकर बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं.
5.
गुजरात पीएम मोदी और बीजेपी का गढ़ माना जाता है और अगर हार्दिक पटेल को भारी जनसमर्थन मिला, तो पार्टी के लिए राज्य में अपनी पकड़ बनाए रखना एक चुनौती बन सकती है.
6.
पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के संयोजक अतुल पटेल ने कहा है कि शिवसेना जैसे बड़े संगठन के सहयोग से आरक्षण की मांग को लेकर पाटीदार आंदोलन में तेजी आएगी. |
दिल्ली मुख्य सचिव के साथ हुई कथित मारपीट मामले के बाद बीजेपी और कांग्रेस नेताओं ने
उपराज्यपाल
से मुलाकात की. वहीं दिल्ली सरकार में मंत्री इमरान हुसैन भी एलजी से मिलने पहुंचे.
कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और अजय माकन समेत किरण वालिया और अरविंदर सिंह लवली मौजूद थे. वहीं बीजेपी के सारे विधायक LG से मिलने पहुंचे.
इस दौरान दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री
शीला दीक्षित
ने उप राज्यपाल से मुलाकात के बाद कहा कि ब्यूरोक्रेसी सरकार चलाने को लिए बहुत अहम है. सरकार को माफी मा़ंगनी चाहिए. वहीं इतना बड़ा संवैधानिक संकट है और अब दिल्ली के मुख्यमंत्री यहां नहीं है. ये गैर जिम्मेदाराना व्यवहार है.
वहीं अजय माकन का कहना है कि दिल्ली में इस वक्त संवैधानिक संकट है. हमने एलजी से मिलकर सबसे पहले अधिकारियों की सुरक्षा की मांग की ताकि उनपर कोई दबाव ना रहे. दिल्ली में कांग्रेस सरकार में भी टकराव होता था, लेकिन अधिकारियों के सम्मान में कभी कमी नहीं की गई.
दूसरी तरफ बीजेपी के सभी विधायकों को लेकर उपराज्यपाल से मिलने पहुंचे विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि मुख्य सचिव के ऊपर हमला एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है. यह मुख्यमंत्री की ओर से षड्यंत्र किया गया है. आधी रात को जानबूझकर वी के जैन ने षड्यंत्र के तहत रात 12 बजे मुख्य सचिव को बुलाया ताकि वहां जो भी हो, वो मीडिया में ना आ पाए. इस षड्यंत्र में मुख्यमंत्री शामिल हैं. उन्हे गिरफ्तार किया जाए, मुख्यमंत्री चुप क्यों हैं?
इमरान हुसैन भी पहुंचे एलजी के पास
दिल्ली के मंत्री इमरान हुसैन अपनी शिकायत पर कार्रवाई नहीं होने की शिकायत लेकर एलजी के पास पहुंचे. उन्होंने कहा कि उनके साथ हुई मारपीट मामले में कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? |
नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कहा है कि नोटबंदी से तीसरी और चौथी तिमाही की जीडीपी में गिरावट आ सकती है. इस तरह पहली बार सरकार के किसी वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात स्वीकार की है. हालांकि, आज तक के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में वरिष्ठ अर्थशास्त्री और नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने देश को इस बात के लिए आश्वस्त भी किया कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को फायदा होगा और आगे चलकर जीडीपी में बढ़त होगी. गौरतलब है कि सरकार द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार दूसरी तिमाही में जीडीपी की वृदि्ध दर 7.3 फीसदी रही, जबकि पहली तिमाही में जीडीपी में बढ़त दर 7.1 फीसदी थी.
वक्त से पहले लानी पड़ी नोटबंदी
अरविंद पनगढ़िया से जब ये पूछा गया कि नकद निकासी के बारे में सरकार द्वारा नियमों में रोज कुछ न कुछ बदलाव क्यों किया जा रहा है, तो उन्होंने कहा, 'मेरा ऐसा मानना है कि प्रधानमंत्री को नोटबंदी को लागू करने का निर्णय समय से पहले लेना पड़ा, क्योंकि दो हजार रुपये के नोट जारी होने के बारे में कई हलकों में चर्चा होने लगी थी. हालांकि, इसके पहले प्रधानमंत्री ने कई बड़े कदम उठाए थे. भ्रष्टाचार से देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है और नोटबंदी के निर्णय से प्रधानमंत्री को और मजबूती मिली है. प्रधानमंत्री का यह कदम ऐतिहासिक है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ, इसलिए हालात का अंदाजा लगाना भी उतना ही मुश्किल था.'
रियल एस्टेट में कीमतें गिरेंगी
पनगढ़िया ने कहा कि प्रधानमंत्री रियल एस्टेट सेक्टर के लिए भी कुछ कदम उठा सकते हैं. पनगढ़िया ने कहा, 'रियल एस्टेट सेक्टर में ब्लैक मनी की वजह से ही स्टाम्प ड्यूटी काफी ज्यादा रखी जाती है. जब ब्लैक मनी बाहर हो जाएगी, तो स्टाम्प ड्यूटी अपने आप कम हो जाएगी. इससे रियल एस्टेट सेक्टर में कीमतें गिरेंगी. अभी ही देखा जाए तो रियल एस्टेट सेक्टर में कीमतें 30 फीसदी तक गिर गई हैं. उन्होंने कहा कि
रियल एस्टेट
सेक्टर में बेनामी लेनदेन पर भी रोक लगाई जाएगी. प्रधानमंत्री ने भी इस बारे में पहले कहा है कि रियल एस्टेट सेक्टर में होने वाली बेनामी लेनदेन पर सरकार की नजर है.' उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था से 85 फीसदी करेंसी बाहर हो जाने से समस्या तो आएगी ही, लेकिन अब हालात तेजी से सुधर रहे हैं. आगे चलकर लोग ज्यादा से ज्यादा डिजिटल लेनदेन करेंगे. |
रिजर्व बैंक
ने अपनी
मौद्रिक नीति की घोषणा
करते हुए बैंकों को ऐसे
फिक्स्ड डिपॉजिट
शुरू करने की इजाजत दी है जिनमें ज्यादा
ब्याज
मिलेगा लेकिन शर्त ये है कि उन्हें लंबी अवधि तक तोड़ा नहीं जा सकेगा. यानी परिपक्वता की तारीख के पहले उनसे धन नहीं निकाला जा सकेगा. इससे बैंकों के पास धन की समस्या नहीं होगी.
अभी फिक्स्ड डिपॉजिट से लोग कई बार परिपक्वता की अवधि पूरी होने के पहले पैसे निकाल लेते हैं. इससे बैंकों का एसेट और देनदारी के बीच का संतुलन गड़बड़ हो जाता है. इससे कई बार उनके सामने धन का संकट खड़ा हो जाता है.
अब बैंक उन लोगों को ज्यादा ब्याज दे सकेंगे जो अपने फिक्स्ड डिपॉजिट को नहीं तुड़वाएंगे. इससे बैंकों को धन का संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी. अब बैंक एक करोड़ रुपये तक के इस तरह के फिक्स्ड डिपॉजिट ले सकेंगे.
रिजर्व बैंक इसके लिए नए नियम शीघ्र ही जारी करेगा. उसके बाद पता चलेगा कि बैंक इस तरह के डिपॉजिट पर कितना ब्याज ऑफर करते हैं. |
जमालपुर सदर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मयमनसिंह विभाग के जमालपुर ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 7 उपज़िले हैं। यह उपज़िला जमालपुर जिला का ज़िला सदर यानी प्रशासनिक मुख्यालय है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है।
जनसांख्यिकी
यहाँ की आधिकारिक स्तर की भाषाएँ बांग्ला और अंग्रेज़ी है। तथा बांग्लादेश के किसी भी अन्य क्षेत्र की तरह ही, यहाँ की भी प्रमुख मौखिक भाषा और मातृभाषा बांग्ला है। बंगाली के अलावा अंग्रेज़ी भाषा भी कई लोगों द्वारा जानी और समझी जाती है, जबकि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक निकटता तथा भाषाई समानता के कारण, कई लोग सीमित मात्रा में हिंदुस्तानी(हिंदी/उर्दू) भी समझने में सक्षम हैं। यहाँ का बहुसंख्यक धर्म, इस्लाम है, जबकि प्रमुख अल्पसंख्यक धर्म, हिन्दू धर्म है। जनसांख्यिकीक रूप से, यहाँ, इस्लाम के अनुयाई, आबादी के औसतन ९१% के करीब है। शेष जनसंख्या प्रमुखतः हिन्दू धर्म की अनुयाई है। यह मयख्यातः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है।
अवस्थिति
जमालपुर सदर उपजिला बांग्लादेश के उत्तरी सीमा से सटे, मयमनसिंह विभाग के जमालपुर जिले में स्थित है।
इन्हें भी देखें
बांग्लादेश के उपजिले
बांग्लादेश का प्रशासनिक भूगोल
मयमनसिंह विभाग
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
उपज़िलों की सूची (पीडीएफ) (अंग्रेज़ी)
जिलानुसार उपज़िलों की सूचि-लोकल गवर्नमेंट इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट, बांग्लादेश
http://hrcbmdfw.org/CS20/Web/files/489/download.aspx (पीडीएफ)
श्रेणी:मयमनसिंह विभाग के उपजिले
बांग्लादेश के उपजिले |
सर एलेक जॉन जेफ्रीस (जन्म 9 जनवरी 1950) एक ब्रिटिश आनुवंशिकीविद् हैं जो आनुवंशिक फिंगरप्रिंटिंग और डीएनए प्रोफाइलिंग की तकनीकों को विकसित करने के लिए जाने जाते हैं जो अब दुनिया भर में फोरेंसिक विज्ञान में पुलिस जासूसी के काम में सहायता करने और पितृत्व और आव्रजन विवाद के समाधान करने के लिए उपयोग किया जाते हैं। वे लीसेस्टर विश्वविद्यालय में आनुवंशिकी के प्रोफेसर हैं,और वे 26 नवंबर 1992 को लीसेस्टर शहर के मानद फ्रीमैन बन गए। 1994 में, उन्हें आनुवंशिकी की सेवाओं के लिए नाइट की उपाधि दी गई थी।
कैरियर और अनुसंधान
एलेक जेफ़री सडॉक्टरेट की पढ़ाई पूरी करने के बाद, वे एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय चले गए, जहां उन्होंने एक शोध साथी के रूप में स्तनधारी जीन पर काम किया, और फिर 1977 में लीसेस्टर विश्वविद्यालय में, जहां 1984 में उन्होंने व्यक्तियों के बीच भिन्नता दिखाने की एक विधि की खोज की। डीएनए, डीएनए प्रोफाइलिंग का आविष्कार और विकास करना था
निजी जीवन
जेफ्रीस अपनी भावी पत्नी सू माइल्स से यूनिवर्सिटी के छात्र बनने से पहले, ल्यूटन, बेडफोर्डशायर के केंद्र में एक युवा क्लब में मिले,और उन्होंने 28 अगस्त 1971 को शादी कर ली। जेफ्रीस का एक भाई और एक बहन है; उनकी और उनकी पत्नी की दो बेटियाँ हैं, जिनका जन्म 1979 और 1983 में हुआ था।
संदर्भ
1950 में जन्मे लोग
जीवित लोग
ऑक्सफ़ोर्ड के लोग |
अमेरिकी बैंक जेपी मोर्गन चेज ने एक नई सूचना जारी कर कहा है कि अगस्त में करीब 7.6 करोड़ चालू खाते और 70 लाख लघु उद्यम साइबर हमले की चपेट में आए. अमेरिकी सुरक्षा और विनिमय आयोग के समक्ष गुरुवार को पेश आधिकारिक दस्तावेज में बैंक ने बताया है कि जेपी मोर्गन चेज एंड कंपनी के वेब और मोबाइल एप्लीकेशनों में किस तरह के आंकड़ों की चोरी की गई है.
दस्तावेज के मुताबिक हैकरों ने नाम, पता, टेलीफोन नंबर, ई-मेल पता तथा कंपनी की आंतरिक सूचना जैसी चीजों की चोरी की हैं. बैंक ने हालांकि इस चोरी का कोई प्रमाण नहीं दिया, लेकिन जांच शुरू कर दी गई है. दस्तावेज में कहा गया है, ‘कंपनी स्थिति की निगरानी और नियंत्रण तथा जांच कर रही है. साथ ही बैंक सभी सरकारी जांच एजेंसी का साथ दे रहा है.’
जेपी मोर्गन चेज अमेरिका की उन पांच कंपनियों में से एक है, जिन पर साइबर हमले हुए हैं. हमले के कारणों का हालांकि पता नहीं चल पाया है. संघीय जांच ब्यूरो यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि हमले कहां से हो रहे हैं और उन हमलों की मंशा पैसे चोरी करना है या कुछ और.
जेपी मोर्गन के प्रवक्ता पैट्रीसिया वेक्सलर ने कहा, ‘हमारे जैसी बड़ी कंपनियों पर रोजाना साइबर हमले होते रहते हैं. इन हमलों से निपटने के लिए हमारे पास कई चरणों की सुरक्षा व्यवस्था है.’ पिछले कुछ साल से अमेरिका के बैंकों पर साइबर हमले बढ़े हैं. अधिकतर हमलों का मकसद पैसे चुराना होता है. जेपी मोर्गन का मामला कुछ अलग तरह का होने के कारण अधिकारियों ने इस पर विशेष ध्यान दिया है. |
एलिजाबेथ द्वितीय (एलिजाबेथ एलेक्जेंड्रा मैरी; 21 अप्रैल 1926 - 8 सितंबर 2022) 6 फरवरी 1952 से 2022 में अपनी मृत्यु तक यूनाइटेड किंगडम और अन्य राष्ट्रमंडल क्षेत्रों की रानी थीं। वह अपने जीवनकाल के दौरान 32 संप्रभु राज्यों की रानी थीं और प्रमुख थीं। उसकी मृत्यु के समय 15 लोकों की स्थिति। उनका 70 साल और 214 दिनों का शासनकाल किसी भी ब्रिटिश सम्राट का सबसे लंबा और इतिहास में किसी भी महिला सम्राट का सबसे लंबा सत्यापित शासनकाल था। |
मोदी के नाम से पा गए राज।
कर सके न जनता के मन का काज॥
संघ, संगठन हाथ लगाम।
मुख्यमंत्री भी असहाय॥
जनता और विधायक त्रस्त।
अधिकारी, अध्यक्ष भी भ्रष्ट॥
उतर गई पटरी से रेल।
फेल हुआ, अधिकारी राज॥
समझदार को है ये इशारा।
आगे है अधिकार तुम्हारा॥
वीडियो : कैराना में बीजेपी की हार
गौरतलब है कि 4 लोकसभा और 10 विधानसभा सीटों के गुरुवार को आए नतीजों में बीजेपी सिर्फ पालघर की लोकसभा और उत्तराखंड की थराली सीट ही जीत पाई है. पार्टी उत्तर प्रदेश में कैराना लोकसभा सीट भी नहीं बचा पाई है. इस चुनाव को जीतने के लिये बीजेपी ने पूरी ताकत लगा रखी थी लेकिन संयुक्त विपक्ष के आगे बीजेपी की मृगांका सिंह आरएलडी की तबस्सुम से हार गईं.
वीडियो : कैराना में बीजेपी की हार
गौरतलब है कि 4 लोकसभा और 10 विधानसभा सीटों के गुरुवार को आए नतीजों में बीजेपी सिर्फ पालघर की लोकसभा और उत्तराखंड की थराली सीट ही जीत पाई है. पार्टी उत्तर प्रदेश में कैराना लोकसभा सीट भी नहीं बचा पाई है. इस चुनाव को जीतने के लिये बीजेपी ने पूरी ताकत लगा रखी थी लेकिन संयुक्त विपक्ष के आगे बीजेपी की मृगांका सिंह आरएलडी की तबस्सुम से हार गईं. |
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं पर हुए नक्सली हमले
की कड़ी निंदा की है.
नक्सली हमले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह से बात की. प्रधानमंत्री ने उनसे पूछा कि क्या राज्य को किसी केंद्रीय सहायता की जरूरत है?
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘प्रधानमंत्री छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं पर हमले को कायराना और अलोकतांत्रिक करार देते हुए उसकी निंदा करते हैं.’ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के साथ टेलीफोन पर बातचीत में सिंह ने बचाव एवं राहत कार्य के लिए राज्य को सभी तरह की मदद की पेशकश की.
इस बीच, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नक्सली हमले की निंदा करते हुए इसे लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला बताया. सोनिया गांधी ने नक्सलियों द्वारा छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं पर किए गए कायराना हमले पर गहरा दुख और रोष जताया. एक बयान में सोनिया गांधी ने कहा, ‘यह लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला है, जिसकी आलोचना न सिर्फ राजनीतिक दलों बल्कि पूरे समाज को करनी चाहिए.’
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने भी अपने साथी पार्टी नेताओं पर नक्सली हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के अलावा अब कोई और विकल्प नहीं है.
जोगी ने संवाददाताओं से कहा, ‘यह एक बहुत बड़ी दुखद स्थिति है. मैं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से अनुरोध करता हूं कि कोई इलाज नहीं बचा है, अब राष्ट्रपति शासन जरूर लगाया जाए. हमें नक्सलियों से सीधी टक्कर लेनी चाहिए.’ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रमन सिंह की वर्तमान विकास यात्रा में 2000-3000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए, जबकि राज्य में परिवर्तन यात्रा निकाल रहे कांग्रेस नेताओं को उनके निजी सुरक्षा अधिकारी को छोड़कर अन्य कोई सुरक्षा नहीं दी गई. |
#Mumbai: Veteran actress registers a rape case against a businessman at Juhu Police Station. Accused has been arrested and will be produced in court today. Further investigation underway. (Earlier tweet identifying actress has been deleted)
#UPDATE: Rape case filed by veteran actress has been transferred to crime branch. Accused was arrested last night. ((Earlier tweet identifying actress has been deleted) #Mumbai |
पश्चिमोत्तर पाकिस्तान के अशांत कबाइली इलाके में आतंकवादियों के एक ठिकाने पर अमेरिकी ड्रोन से दागी गई मिसाइलों में तालिबान के कम से कम 20 आतंकी मारे गए. इसके साथ ही कबाइली इलाके में इस वर्ष ड्रोन हमलों का शतक पूरा हो गया है.
अधिकारियों ने बताया कि मानव रहित खुफिया विमानों ने उत्तरी वजीरिस्तान के गुलाम खान सब-डिवीजन के बांगी दारा इलाके में आतंकवादियों के एक ठिकाने और वाहनों पर छह मिसाइलें दागीं. यह वह क्षेत्र है जिसका इस्तेमाल कबाइली लोग अफगानिस्तान आने जाने में करते हैं.
सूत्रों ने बताया कि ड्रोन विमानों ने तालिबान कमांडर हाफिज़ गुल बहादुर के नेटवर्क को निशाना बनाया जो अफगान सीमा पर अमेरिकी और सहयोगी बलों पर अक्सर हमला करते हैं.हमले में मारे गए आतंकवादियों में कुछ विदेशी भी शामिल हैं. हमले के बाद आतंकवादियों ने घटनास्थल को घेर लिया. समझा जाता है कि यह जगह दरअसल एक प्रशिक्षण केंद्र था.
अमेरिका ने पाकिस्तान के कबाइली इलाकों में सितम्बर से ड्रोन हमले तेज किए हैं. अधिकारियों का कहना है नवम्बर में हुआ यह छठवां ड्रोन हमला है. उत्तरी वजीरिस्तान में इस वर्ष अब तक सौ ड्रोन हमले हो चुके हैं.यह इलाका तालिबान, अलकायदा और हक्कानी गुट के आतंकवादियों का प्रमुख ठिकाना है. |
अमेरिकी सिंगर निक जोनस के साथ जोधपुर के उम्मेद भवन पैलेस में फेयरीटेल वेडिंग कर प्रियंका काफी खुश हैं. निकयंका की रॉयल वेडिंग साल 2018 की आलीशान शादियों में शामिल हो चुकी है.
मंगलवार को कपल ने दिल्ली के ताज पैलेस होटल में रिसेप्शन पार्टी दी. इस दौरान प्रियंका से जब यह पूछा गया कि वे अपनी खुशी को 1 से 10 के पैमाने पर कितने अंक देंगी? जवाब में
प्रियंका
ने कहा, "मैं अपनी खुशी को 12 अंक दूंगी." शादी के बाद थकान होने की बात पर एक्ट्रेस ने कहा, ''यह जश्न मनाने का वक्त है, थकान का नहीं."
वहीं भारतीय परंपरा से शादी करने पर निक ने कहा, "मैं भारतीय शादियों का प्रशंसक हूं." बता दें, निक ने हिंदू वेडिंग के दौरान पूरे दिल से रस्मों को निभाया. वे इंडियन वेडिंग में सात फेरों की रस्म से प्रभावित दिखे. सूत्रों के मुताबिक, निक ने सात फेरों के बारे में जानने के बाद कहा,
प्रियंका
और मुझे और फेरे लेने चाहिए.
मालूम हो कि प्रियंका चोपड़ा और निक जोनस ने 1-2 दिसंबर को
जोधपुर
के उम्मेद भवन में क्रिश्चियन और हिंदू रस्मों से शादी की. इस ग्रैंड वेडिंग की ऑफिशियल तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर ट्रेंड हो रहे हैं. एक्ट्रेस की शादी में विदेशी मेहमानों ने भी जमकर एंजॉय किया. खबर है कि दिल्ली रिसेप्शन के बाद कपल 15 या 16 दिसंबर को मुंबई में रिसेप्शन देगा. जहां बॉलीवुड सितारे शिरकत करेंगे. |
जनता दल (युनाइटेड) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 9 जून को पटना में होगी. जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार द्वारा भाजपा नेतृत्व एनडीए की केंद्र सरकार में सांकेतिक भागीदारी की पेशकश ठुकराने के बाद यह बैठक होने वाली है.
जदयू के प्रवक्ता के सी त्यागी ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक इसलिए हो रही है कि चुनाव आयोग के निर्देश के मुताबिक सांगठनिक चुनावों एवं अन्य प्रक्रियाओं को अक्टूबर तक पूरा करना है. उन्होंने कहा कि इसे ज्यादा राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए.
जदयू के अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सहयोगी दल के साथ किसी भी तरह के मतभेद से इनकार किया है. हालांकि, हाल में उनके द्वारा अपनी सरकार में अपनी ही पार्टी के 8 विधायकों को शामिल करने और भाजपा के किसी भी विधायक को शामिल नहीं करने के उनके फैसले से कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों दलों के बीच खटास आ गई है, जबकि के सी त्यागी का कहना है कि उनकी पार्टी भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा है और रहेगी.
गौरतलब है कि मोदी सरकार पार्ट-2 के कैबिनेट में सहयोगी दल से एक-एक मंत्री बनाए जाने के प्रस्ताव को नीतीश कुमार ने नामंजूर कर दिया था. नीतीश ने कहा था कि गठबंधन में सांकेतिक नहीं, अनुपातिक भागीदारी होनी चाहिए.
इसके बाद नीतीश कुमार ने 2 जून को अपने कैबिनेट का विस्तार किया. बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने आठ नए मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई, लेकिन जदयू ने मंत्रिमंडल में केवल अपने ही मंत्रियों को शामिल किया, इसमें सहयोगी दल भाजपा के विधायक शामिल नहीं हुए. भाजपा के कोटे का एक पद खाली पड़ा है, लेकिन उसके बाद भी उसके एक भी मंत्री को शामिल नहीं किया गया. ऐसे में सवाल ये भी है कि मोदी कैबिनेट में जेडीयू को जगह नहीं मिली इसलिए नीतीश कुमार की कैबिनेट में बीजेपी विधायक को जगह नहीं दी.
हालांकि, दूसरी तरफ बिहार के उप मुख्यमंत्री और बिहार भाजपा अध्यक्ष सुशील मोदी ने ट्वीट करते हुए सफाई दी कि नीतीश कुमार ने भाजपा कोटे की खाली पड़ी मंत्री सीट को भरने का ऑफर दिया था, लेकिन भाजपा ने इसे भविष्य में भरने का फैसला किया है. |
लोकसभा चुनाव होने में अब कुछ ही समय बचा है. ऐसे में राजनेताओं की ओर से बयानबाजी का सिलसिला शुरू हो गया है. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है. हाल ही में दिए गए आरक्षण पर उन्होंने कहा कि ये सिर्फ एक भ्रमजाल है, देश की जनता इसमें पिछले 70 सालों से फंसी है.
राजभर बोले कि जाति, गरीबी-अमीरी और मंदिर-मस्जिद ने नाम पर लोगों को लड़ाकर नेता अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं. राजभर ने कहा, "मैं BJP का नेता नहीं हूं, हमारी अलग पार्टी है. उन्होंने कहा कि पूर्वांचल में हमारी ताकत को देखते हुए भाजपा ने हमें अपने साथ लिया, हम किसी की कृपा से नहीं, लड़ाई लड़कर मंत्री बने हैं. इसलिए सच बोलते हैं. यूपी सरकार में मंत्री राजभर ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जनता के हितों के लिए मेरी वैचारिक लड़ाई है."
आपको बता दें कि इससे पहले भी ओमप्रकाश राजभर योगी सरकार के लिए आलोचना भरी भाषा का प्रयोग करते आए हैं. उन्होंने कहा कि जनता जब तक जागरूक नहीं होगी, तब तक ऐसे ही चलता रहेगा. नेता नहीं चाहता कि युवाओं को रोजगार मिले.
योगी ने दिया था बयान
गौरतलब है कि आजतक के कुंभ स्पेशल कार्यक्रम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ओमप्रकाश राजभर को लेकर बयान दिया था. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख और यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर को लेकर उन्होंने कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी के विधायक नहीं हैं, वे सहयोगी दल के हैं और हमेशा अपने दायरे में रहकर ही बोलते हैं.
आपको बता दें कि ओमप्रकाश राजभर की ओर से लगातार बयानबाजी की जाती है, जिसके बाद ऐसी अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि वह भारतीय जनता पार्टी से नाराज चल रहे हैं. बीते दिनों ये भी खबरें थीं कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन राजभर को अपने पाले में करने की सोच रहा है, अगर राजभर बीजेपी का साथ छोड़ते हैं तो उन्हें दो सीटें भी ऑफर की जा सकती हैं. |
भाप आसवन, एक विशेष प्रकार की आसवन प्रकिया है जिसके द्वारा ताप संवेदी पदार्थों जैसे कि प्राकृतिक एरोमैटिक यौगिकों को पृथक किया जाता है। |
राजभवन परिसर स्थित कान्हा गेस्ट हाउस में मंगलवार रात अचानक लगी आग में गेस्ट हाउस लगभग पूरी तरह जल गया.
राजभवन सूत्रों के अनुसार राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या अन्य अति विशिष्ट व्यक्तियों के लिए काम आने वाले कान्हा गेस्ट हाउस में देर रात अचानक शॉर्ट सर्किट से आग लग गई.
आग लगने की घटना के तुरंत बाद आधा दर्जन से अधिक दमकल गाड़ियों ने देर रात आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक गेस्ट हाउस में रखा सामान लगभग पूरी तरह जल चुका था.
फिलहाल इस मामले में किसी तरह की जनहानि के समाचार नहीं हैं. |
गाजा पर पिछले 24 घंटे में हुए इजरायली हवाई हमलों में 19 लोग मारे जा चुके हैं। फिलीस्तीनी लड़ाकों ने भी इजरायल पर 380 रॉकेट दागे, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई।
लगातार हो रहे इजरायली हमलों में 160 से ज्यादा गाजावासी घायल हुए हैं। हमले गुरुवार शाम तक जारी थे। हमलों के अलावा उत्तरी गाजा सिटी और उत्तरी पट्टी के बीत हनून में आधी रात के बाद छापेमारी भी की गई।
आपात सेवा के प्रवक्ता अधम अबू सालमिया ने कहा, बीत हनून पर हुए हवाई हमलों में तीन नागरिकों की मौत हो गई है, जबकि 12 अन्य घायल हुए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एक घर पर हुए हमले में दो भाईयों की मौत हो गई। गाजा सिटी के जैतून में इजरायली हमले में 10 माह की एक लड़की घायल हो गई थी, जिसे गुरुवार सुबह मृत घोषित कर दिया गया।टिप्पणियां
बीत लाहिया में हमले में 60-वर्षीय एक व्यक्ति की मौत की सूचना है, जबकि खान यूनिस में एक बच्चे की मृत्यु हुई। पुलिस और चिकित्साकर्मियों ने बताया कि बुधवार दोपहर को हमास सैन्य प्रमुख अहमद जब्बारी को लक्ष्य कर किए हमले के बाद गाजा के रॉकेट हमलों में तीन इस्राइलियों की मौत हो गई, जबकि 19 अन्य घायल हो गए। इनमें तीन सैनिक थे।
हमले में हमास सैन्य प्रमुख की मौत हो गई थी। पुलिस ने बताया कि किरयात मलाची शहर पर गुरुवार को हुए रॉकेट हमले में एक घर तबाह हो गया तथा दो व्यक्तियों और एक महिला की मौत हो गई।
लगातार हो रहे इजरायली हमलों में 160 से ज्यादा गाजावासी घायल हुए हैं। हमले गुरुवार शाम तक जारी थे। हमलों के अलावा उत्तरी गाजा सिटी और उत्तरी पट्टी के बीत हनून में आधी रात के बाद छापेमारी भी की गई।
आपात सेवा के प्रवक्ता अधम अबू सालमिया ने कहा, बीत हनून पर हुए हवाई हमलों में तीन नागरिकों की मौत हो गई है, जबकि 12 अन्य घायल हुए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एक घर पर हुए हमले में दो भाईयों की मौत हो गई। गाजा सिटी के जैतून में इजरायली हमले में 10 माह की एक लड़की घायल हो गई थी, जिसे गुरुवार सुबह मृत घोषित कर दिया गया।टिप्पणियां
बीत लाहिया में हमले में 60-वर्षीय एक व्यक्ति की मौत की सूचना है, जबकि खान यूनिस में एक बच्चे की मृत्यु हुई। पुलिस और चिकित्साकर्मियों ने बताया कि बुधवार दोपहर को हमास सैन्य प्रमुख अहमद जब्बारी को लक्ष्य कर किए हमले के बाद गाजा के रॉकेट हमलों में तीन इस्राइलियों की मौत हो गई, जबकि 19 अन्य घायल हो गए। इनमें तीन सैनिक थे।
हमले में हमास सैन्य प्रमुख की मौत हो गई थी। पुलिस ने बताया कि किरयात मलाची शहर पर गुरुवार को हुए रॉकेट हमले में एक घर तबाह हो गया तथा दो व्यक्तियों और एक महिला की मौत हो गई।
आपात सेवा के प्रवक्ता अधम अबू सालमिया ने कहा, बीत हनून पर हुए हवाई हमलों में तीन नागरिकों की मौत हो गई है, जबकि 12 अन्य घायल हुए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एक घर पर हुए हमले में दो भाईयों की मौत हो गई। गाजा सिटी के जैतून में इजरायली हमले में 10 माह की एक लड़की घायल हो गई थी, जिसे गुरुवार सुबह मृत घोषित कर दिया गया।टिप्पणियां
बीत लाहिया में हमले में 60-वर्षीय एक व्यक्ति की मौत की सूचना है, जबकि खान यूनिस में एक बच्चे की मृत्यु हुई। पुलिस और चिकित्साकर्मियों ने बताया कि बुधवार दोपहर को हमास सैन्य प्रमुख अहमद जब्बारी को लक्ष्य कर किए हमले के बाद गाजा के रॉकेट हमलों में तीन इस्राइलियों की मौत हो गई, जबकि 19 अन्य घायल हो गए। इनमें तीन सैनिक थे।
हमले में हमास सैन्य प्रमुख की मौत हो गई थी। पुलिस ने बताया कि किरयात मलाची शहर पर गुरुवार को हुए रॉकेट हमले में एक घर तबाह हो गया तथा दो व्यक्तियों और एक महिला की मौत हो गई।
बीत लाहिया में हमले में 60-वर्षीय एक व्यक्ति की मौत की सूचना है, जबकि खान यूनिस में एक बच्चे की मृत्यु हुई। पुलिस और चिकित्साकर्मियों ने बताया कि बुधवार दोपहर को हमास सैन्य प्रमुख अहमद जब्बारी को लक्ष्य कर किए हमले के बाद गाजा के रॉकेट हमलों में तीन इस्राइलियों की मौत हो गई, जबकि 19 अन्य घायल हो गए। इनमें तीन सैनिक थे।
हमले में हमास सैन्य प्रमुख की मौत हो गई थी। पुलिस ने बताया कि किरयात मलाची शहर पर गुरुवार को हुए रॉकेट हमले में एक घर तबाह हो गया तथा दो व्यक्तियों और एक महिला की मौत हो गई।
हमले में हमास सैन्य प्रमुख की मौत हो गई थी। पुलिस ने बताया कि किरयात मलाची शहर पर गुरुवार को हुए रॉकेट हमले में एक घर तबाह हो गया तथा दो व्यक्तियों और एक महिला की मौत हो गई। |
लोकसभा चुनाव में बंपर जीत के बाद बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं को बोनस देने जा रही है. पार्टी ने उन कार्यकर्ताओं को बोनस देने का फैसला दिया है जो लोकसभा चुनाव के दौरान दिन रात काम करते रहे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 5 बजे बीजेपी दफ्तर में इन कार्यकर्ताओं से मिलेंगे और खुद बोनस की रकम देंगे. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के कर्मचारियों को 3 महीने का बोनस मिलेगा.
जिन कर्मचारियों को बोनस मिलेगा उनमें ऑफिस स्टाफ, सफाई कर्मचारी, पीए, पीएस और कंप्यूटर ऑपरेटर शामिल हैं.
प्रधानमंत्री ने शनिवार को अपने आवास पर बीजेपी महासचिवों की बैठक बुलाई और पार्टी मुख्यालय में काम कर रहे सब कर्मचारियों को बोनस देने की घोषणा की. बताया जा रहा है कि बैठक में विधानसभा चुनावों को लेकर भी चर्चा हुई.
'
सरकार करे भूल तो संगठन टोके'
महासचिवों के साथ हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में भविष्य को लेकर कई मुद्दों पर चर्चा हुई. सूत्रों की मानें तो बैठक में बात हुई कि पार्टी और संगठन चुनाव में लोगों से किए वादों को पूरा करने में सरकार को मदद दे. अगर सरकार कोई भूल करे तो संगठन सरकार को बताए. मोदी ने महासचिवों से कहा कि लोकसभा चुनाव की जीत को आगे भी दोहराना है. इसके लिए अभी से तैयारी शुरू होनी चाहिए. इसके अलावा इस बैठक में पार्टी कार्यकर्ताओं की मेहनत को लेकर भी चर्चा हुई. बैठक में बात हुई कि कार्यकर्ताओं ने बहुत मेहनत की है और इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि उन्हें पूरा सम्मान मिले. मोदी ने महासचिवों से कहा कि सरकार और संगठन के बीच तालमेल बनाना प्राथमिकता है. संगठन की ताकत सबसे बड़ी है और उसके बिना इतनी बड़ी जीत संभव नहीं है.
इस बैठक में बीजेपी के सभी दस महासचिवों ने भाग लिया. बीजेपी में कुल दस महासचिव हैं, जिनमें से तीन मंत्रिमंडल में शामिल हो गए हैं. बैठक में गृहमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह, धर्मेंद्र प्रधान, अनंत कुमार, रूडी, जेपी नड्डा भी मौजूद थे. |
लेख: लोकसभा में कालाधन के मुद्दे पर भाजपा,वाममोर्चा एवं अन्य दलों की लगातार टोकाटोकी के कारण सदन के नेता एवं वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी शुक्रवार को फिर से आपा खो बैठे, जिसके बाद वामपंथी दलों के सदस्यों के अध्यक्ष के आसन के समीप आने के कारण सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान भ्रष्टाचार पर संयुक्त राष्ट्र संधि को भारत की संसद द्वारा अनुमोदन नहीं किए जाने के बारे में सरकार से स्थिति स्पष्ट किये जाने संबंधी डॉ किरोड़ी लाल मीणा के पूरक प्रश्न और वाम दल के रामचंद्र डोम एवं अन्य सदस्यों द्वारा हसन अली के बारे में पूछ गए पूरक प्रश्न पर वित्त मंत्री के जवाब पर टोकाटोकी शुरू हो गई। प्रणब ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के समक्ष मामला है, उसके आयकर ब्यौरे को देखा जा रहा है और कानून अपना काम कर रहा है। वित्तमंत्री के जवाब से भाजपा, वाममोर्चा एवं अन्य विपक्षी दलों के सदस्य संतुष्ट नहीं हुए और स्थिति स्पष्ट करने की मांग करने लगे। माकपा के रामचंद्र डोम ने जोर देकर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा। टोकाटोकी से नाराज प्रणब यह कहते सुने गए, यह ठीक नहीं है, आप बैठिए। बाधा मत डालें। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने उत्तेजित सदस्यों को समझाते हुए कहा, सदन के नेता बोल रहे हैं...आप लोग बैठ जाइए। इस बीच, बगल में बैठी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी प्रणब को बैठने का इशारा करती देखी गईं। नाराज प्रणब मुखर्जी ने कहा कि वह माकपा के एक सदस्य को जानते हैं और इस विषय अगर उन्होंने कुछ कहा तो असहज स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। प्रणब की इस टिप्पणी के बाद उत्तेजित वामपंथी सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए, जिसके कारण सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर वित्तमंत्री ने कहा कि वह सदस्य के प्रश्न का उत्तर देने की कोशिश कर रहे थे। वह वामदलों के सदस्यों को सालों से जानते हैं और सभी के साथ उनके अच्छे संबंध रहे हैं। |
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था मुश्किल दौर से गुजर रही है, लेकिन उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि चुनौतियों से पार पा लिया जाएगा, उन्होंने पैनल चर्चा के दौरान संक्षिप्त हस्तक्षेप में कहा, ‘‘कठिनाइयां हैं, लेकिन अगर कोई कठिनाई नहीं हो, तो जीवन का मतलब नहीं रह जाता है। मुझे विश्वास है कि अधिक दृढ़ता के साथ हम इसे दूर कर लेंगे।’’
प्रधानमंत्री ‘भारत में आर्थिक सुधार की चुनौतियां’ विषय पर पैनल चर्चा में मुख्य अतिथि थे। सिंह ने चर्चा के बाद कहा, ‘‘मैंने इस शर्त पर निमंत्रण स्वीकार किया था कि मैं इसमें कुछ नहीं बोलूंगा। मैं इसे तोड़ना नहीं चाहता हूं।’’ इससे पहले चर्चा में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर डी सुब्बाराव, शिकागो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रघुराम जी राजन और बिजनेस स्टैंडर्ड के अध्यक्ष टीएन नैनन ने हिस्सा लिया।
प्रधानमंत्री ‘भारत में आर्थिक सुधार की चुनौतियां’ विषय पर पैनल चर्चा में मुख्य अतिथि थे। सिंह ने चर्चा के बाद कहा, ‘‘मैंने इस शर्त पर निमंत्रण स्वीकार किया था कि मैं इसमें कुछ नहीं बोलूंगा। मैं इसे तोड़ना नहीं चाहता हूं।’’ इससे पहले चर्चा में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर डी सुब्बाराव, शिकागो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रघुराम जी राजन और बिजनेस स्टैंडर्ड के अध्यक्ष टीएन नैनन ने हिस्सा लिया। |
शिवसेना ने कहा है कि गुजरात में हार्दिक पटेल को मिल रहा अपार जन समर्थन बीजेपी के लिए शुभ संकेत नहीं है. पार्टी ने हार्दिक पटेल को नायक करार दिया है, जिसने गुजरात के शांतिपूर्ण राज्य होने के दावे की हवा निकाल दी है.
शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में कहा गया है, 'अब तक यही समझा जाता था कि PM मोदी ही एकमात्र राजनेता हैं, जो भीड़ जुटा सकते हैं.' नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर गुजरात सरकार की नाक में दम कर चुके
पटेल समुदाय के नेता हार्दिक पटेल
की ओर इशारा करते हुए शिवसेना ने कहा, 'अब हार्दिक पटेल भीड़ के नेता बन चुके हैं.'
शिवसेना ने कहा, 'हार्दिक पटेल गुजरात के नायक हैं. उनकी जनसभा में चार-पांच लाख लोग जुट रहे हैं. बीते गुरुवार को अहमदाबाद में अपनी विशाल जनसभा में उन्होंने राज्य सरकार को चुनौती दे डाली.'
अब सरदार पटेल को हार्दिक ने लपका
संपादकीय में व्यंग्य करते हुए कहा गया है कि सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम का इस्तेमाल अब तक मोदी कर रहे थे, लेकिन अब इसे हार्दिक पटेल ने हड़प लिया है.
लेख के मुताबिक, 'मंगलवार की जनसभा के बाद राज्य सरकार ने हार्दिक पटेल को हिरासत में लेने की जुर्रत की, जिसका परिणाम बेहद खतरनाक रूप में सामने आया. पूरे राज्य में हिंसा भड़क उठी और यहां तक कि मंत्रियों को भी पटेल समुदाय के गुस्से का खामियाजा भुगतना पड़ा.'
अब पटेल ने यह भी धमकी दी है कि अगर पटेल समुदाय को नौकरियों में आरक्षण नहीं दिया गया, तो साल 2017 में राज्य में 'कमल' नहीं खिलेगा.
लेख के मुताबिक, 'जिस तरीके से गुजरात के युवाओं ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है, उसने गुजरात की राजनीति में भूचाल ला दिया है.' इन सब में गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल हंसी का पात्र बन गई हैं, जिन्होंने गुजरात को शांतिपूर्ण, स्थिर तथा सुव्यवस्थित बताकर महाराष्ट्र के कारोबारियों को गुजरात में निवेश का न्योता दिया है.
हार्दिक ने खोली आनंदीबेन के दावे की पोल
लेख में हार्दिक पटेल की ओर इशारा करते हुए कहा गया, 'अब क्या? एक व्यक्ति जिसकी मूंछ भी ठीक से नहीं उगी है, उसने उनके दावे की पोल खोल दी है.'
केंद्र और महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने गुजरात के राजनीतिज्ञों से राज्य में राजनीतिक आग भड़काने से बचने के लिए कहा है, क्योंकि ऐसा करना सरासर मूर्खता होगी.
लेख के मुताबिक, पटेल समुदाय के लोग विभिन्न क्षेत्रों जैसे हीरा, रियलिटी तथा बड़े कारोबारों में सबसे आगे हैं और गुजरात के एनआरआई में भी उनकी काफी तादाद है.
राजनीति में आनंदीबेन पटेल के रूप में यह समुदाय राज्य का नेतृत्व कर रहा है, फिर भी यह समुदाय पिछड़ा बनना चाहता है और इसके लिए सड़क पर उतर गया है.
लेख में कहा गया है, 'गुजरात के पटेलों की तरह ही महाराष्ट्र में मराठे भी प्रभावशाली हैं और कई मांग कर चुके हैं, लेकिन उन्होंने हिंसा का रुख कभी नहीं किया. हिंसा करने वालों को किसी भी कीमत पर माफ नहीं किया जा सकता.' |
भारतीय क्रिकेट टीम ने 8 से 31 जनवरी 2016 तक दो टूर मैचों, पांच एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (वनडे) और तीन ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय (टी20ई) मैचों के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया। 9 जुलाई 2015 को क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया द्वारा दौरे के लिए पूरे कार्यक्रम की घोषणा की गई थी।
ऑस्ट्रेलिया ने एकदिवसीय श्रृंखला 4-1 से जीती। इस सीरीज़ ने पांच मैचों या उससे कम के द्विपक्षीय एकदिवसीय श्रृंखला में रन बनाए हैं, जिसमें कुल 3,159 रन शामिल हैं। एकदिवसीय श्रृंखला में ग्यारह शतक भी बनाए गए, जो एक रिकॉर्ड भी था। भारत ने टी20ई श्रृंखला को 3-0 से जीता और आईसीसी टी-20 चैम्पियनशिप में नंबर एक रैंकिंग टीम बन गई।
वनडे सीरीज
1ला वनडे
2रा वनडे
3रा वनडे
4था वनडे
5वा वनडे
टी20ई सीरीज
1ला टी20ई
2रा टी20ई
3रा टी20ई
सन्दर्भ
भारतीय क्रिकेट टीम का ऑस्ट्रेलिया दौरा |
दक्षेस गान जो आठ दक्षिण एशियाई देशों के लिए एक प्रस्तावित क्षेत्रीय गान है। अफगानिस्तान , बांग्लादेश , भूटान , भारत , मालदीव , नेपाल , पाकिस्तान और श्रीलंका इस दक्षेस के सदस्य हैं। इस गान रचनाकार भारतीय राजनयिक और कवि अभय कुमार हैं। वें नेपाल स्थित भारतीय दूतावास में प्रथम सचिव (प्रेस, सूचना एवं संस्कृति) के रूप में तैनात हैं। अभय कुमार ने दक्षेस गान को मूलत: हिंदी में लिखा है लेकिन अब इसका अनुवाद सात अन्य दक्षेस राष्ट्रों की मातृभाषा में किया हैं।
इस गान को लिखकर अभय कुमार ने दक्षेस देशों में परस्पर सहयोग की भावना को और पुष्ट करने की कोशिश की हैं।
गान में दक्षेस के सभी आठ देशों- नेपाल, भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, मालदीव, श्रीलंका और भूटान की भाषाओं का इस्तेमाल किया गया है। दक्षेस गान को सर्वप्रथम नेपाल से प्रकाशित हिन्दी मासिक ‘हिमालिनी’ नामक वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया।
सन्दर्भ
बाहरी कडिया
अधिकारिक जालस्थल
दक्षेस गान
गीत
कविताएँ
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन |
स्वतंत्र लेखन एक पूर्वलेखन तकनीक है जिसमें एक व्यक्ति वर्तनी, व्याकरण या विषय की परवाह किए बिना एक निर्धारित अवधि तक लगातार लिखता है। यह कच्ची, अक्सर अनुपयोगी सामग्री का उत्पादन करता है, लेकिन लेखकों को उदासीनता और आत्म-आलोचना की बाधाओं से उबरने में मदद करता है। इसका उपयोग मुख्य रूप से गद्य लेखकों और लेखन शिक्षकों द्वारा किया जाता है। कुछ लेखक किसी विषय पर प्रारंभिक विचारों और विचारों को एकत्र करने के लिए तकनीक का उपयोग करते हैं, अक्सर औपचारिक लेखन के लिए प्रारंभिक के रूप में। स्वतंत्र लेखन स्वचालित लेखन के समान नहीं है। |
सुपरस्टार प्रभास (Prabhas) की फिल्म 'साहो (Saaho)' का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन बड़े पैमाने पर धमाकेदार रहा है. फिल्म के हिंदी वर्जन की कमाई 160 करोड़ के करीब पहुंच गई है. ऐसे में सोर्स ने प्रभास की बढ़ती हुई फीस को लेकर एक खुलासा किया है. अगर सोर्स पर भरोसा किया जाए, तो उनके मुताबिक अब प्रभास फिल्म इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा फीस लेने वाले एक्टर बन गए हैं. प्रभास की फैन फॉलोइंग ने उन्हें इस मुकाम पर पहुंचा दिया है जहां सुपरस्टार को फिल्म के लिए एक बड़ी राशि दी गयी है और साथ ही बॉक्स ऑफिस कलेक्शन भी प्रत्येक दिन के साथ बुलंदियां छू रहा है. यह मुनाफा बहुत बड़ा है और इसलिए उनकी फीस भी अधिक है.
एक करीबी सूत्र ने बताया, 'प्रभास (Prabhas) ने अपने करियर में साहो (Saaho) के साथ एक बड़ी सफलता को चिह्नित किया है, जहां उनका मुनाफा पहले से भी अधिक है. उस तरह के बड़े बजट और प्रत्येक गुजरते दिन के साथ बढ़ रहे बॉक्स ऑफिस आंकड़ो के साथ, केवल कल्पना ही की जा सकती है कि प्रभास को अपनी परफॉर्मेंस फीस के तौर पर क्या मिला है. शायद, वह अब इंडस्ट्री में सबसे अधिक फीस लेने वाले अभिनेता हैं.'
अनुमान लगाए तो, प्रोडक्शन हाउस ने साहो (Saaho) के लिए डिजिटल सैटेलाइट और म्यूजिक राइट्स 130 करोड़ रुपए में बेचे थे. देशभर में साहो के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन को देखते हुए, कहना गलत नहीं होगा कि यह एक ब्लॉकबस्टर फिल्म बनकर उभरी है. प्रभास की फैन फॉलोइंग का एक नमूना फिल्म 'साहो' के साथ भी देखने मिला, फिल्म का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन इस बात को साबित करता है कि प्रभास सही मायनों में एक पैन इंडिया सुपरस्टार हैं. |
दाल, गेहूं और आलू के दाम गिरने से खाद्य मुद्रास्फीति में पिछले पांच सप्ताह से जारी तेजी पर विराम लग गया. एक जनवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति 1.41 फीसदी घटकर 16.91 फीसदी रही.
यह दीगर बात है कि सब्जी, प्याज और प्रोटीन आधारित जिंसों के दाम में तेजी बनी हुई है. इससे पूर्व सप्ताह में मुद्रास्फीति 18.32 फीसदी थी. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक खाद्य मुद्रास्फीति में हल्की गिरावट के बावजूद थोक बाजार में सब्जियों की कीमत में सालाना आधार पर 70.73 फीसदी की तेजी दर्ज की गयी है.
प्याज के दाम भी चढ़े हुए हैं. सालाना आधार पर इसकी कीमत 70.70 फीसदी ऊंची है. खाद्य मुद्रास्फीति सूचकांक में शामिल अंडा, मांस और मछली सालाना आधार पर 16.70 फीसदी महंगा हुआ जबकि दूध और फल के दाम में क्रमश: 16.70 फीसदी और 13.20 फीसदी की तेजी दर्ज की गयी है.
बहरहाल, दाल, गेहूं और अनाज सस्ता हुआ है. जहां दाल के दाम में सालाना आधार पर 14.84 फीसदी की तेजी दर्ज की गयी वहीं गेहूं और अनाज क्रमश: 4.87 फीसदी और 0.12 फीसदी सस्ता हुआ. आलू के भाव में भी 4.87 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी है. गैर खाद्य श्रेणी में फाइबर और खनिज के मूल्य में क्रमश: 36.71 फीसदी और 16.70 फीसदी की तेजी दर्ज की गयी है.
दिसंबर महीने के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति ऊंची बनी रही. दिसंबर के मासिक मुद्रास्फीति के आंकड़े में खाद्य वस्तुओं की ऊंची कीमत का असर दिख सकता है. सामान्य मुद्रास्फीति के आंकड़े शुक्रवार को जारी होने हैं. नवंबर महीने में सामान्य मुद्रास्फीति 7.48 फीसदी रही जो इससे पूर्व महीने में 8.58 फीसदी थी. |