text
stringlengths 1
1.24M
|
---|
लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पर चर्चा के दौरान कुछ ऐसा हुआ कि कांग्रेस की किरकिरी हो गई. दरअसल, कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अनुच्छेद 370 पर ऐसा सवाल पूछा कि गृहमंत्री अमित शाह ने उनकी खिंचाई कर दी. अमित शाह ने कहा, 'इस मामले में कांग्रेस को अपना रुख साफ करना चाहिए. कांग्रेस बताए कि क्या कश्मीर को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) मॉनिटर करे.'
लोकसभा में आज जम्मू-कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक पर बहस हो रही है. इस दौरान सदन की कार्यवाही शुरू होते ही गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी के बीच तीखी नोंक-झोक हुई. पहले गृह मंत्री ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक सदन के पटल पर पेश किया. इसके बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने अपनी राय सदन में रखनी शुरू की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने रातो-रात नियम कायदों को ताक पर रखकर जम्मू कश्मीर के टुकड़े कर दिए और इसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया.
LIVE: लोकसभा में बोले अमित शाह- PoK और अक्साई चीन के लिए दे देंगे जान
अधीर रंजन चौधरी के इस बयान पर अमित शाह भड़क गए. अमित शाह ने कहा कि सरकार ने कौन सा नियम तोड़ा है अधीर रंजन ये बताएं, सरकार उसका जवाब देगी. अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस नेता को जनरल स्टेटमेंट नहीं देना चाहिए.
इसके जवाब में अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आपने अभी कहा कि कश्मीर अंदरूनी मामला है, लेकिन यहां अभी भी संयुक्त राष्ट्र 1948 से मॉनिटरिंग करता आ रहा है.
जून में शुरू हो गई थी मिशन कश्मीर की तैयारी, इन्हें थी 'टॉप सीक्रेट' की जानकारी
अमित शाह ने इस पर अधीर रंजन चौधरी को तुरंत टोका. गृह मंत्री ने कहा, "आप ये स्पष्ट कर दें कि ये कांग्रेस का स्टैंड है कि संयुक्त राष्ट्र कश्मीर को मॉनिटर कर सकता है." इसके बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ. अमित शाह ने बार बार कहा कि आप ये स्पष्ट कर दें कि कश्मीर को UN मॉनिटर कर सकता है...आपने अभी कहा है.
Adhir Ranjan Chowdhury, Congress, in Lok Sabha: S Jaishankar told Mike Pompeo a few days before that Kashmir is a bilateral matter, so don't interfere in it. Can J&K still be an internal matter? We want to know. Entire Congress party wants to be enlightened by you.
https://t.co/76se7Rb3QS
— ANI (@ANI)
August 6, 2019
अमित शाह के इस बयान के बाद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि गृह मंत्री से उन्होंने सिर्फ स्पष्टीकरण मांगा है और कुछ नहीं. अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि भारत के एक प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर शिमला समझौता किया, दूसरे प्रधानमंत्री लाहौर यात्रा की तो फिर इसे अंदरूनी मामला कैसे माना जाएगा. संसद में इस मुद्दे पर खूब हंगामा हुआ.
बता दें कि सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाली संविधान की धारा-370 के कई प्रावधानों को रद्द कर दिया था. इसके अलावा सरकार ने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा खत्म कर दिया और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया है. जम्मू-कश्मीर अब अलग केंद्र शासित प्रदेश होगा, जबकि लद्दाख भी अलगा केंद्र शासित प्रदेश बन गया है. जम्मू-कश्मीर में दिल्ली की तरह विधानसभा होगी, जबकि लद्दाख में चंडीगढ़ की तरह विधानसभा नहीं होगी. |
बहरागोड़ा विधानसभा में सियासी पारा चढ़ा
BJP के तीन कद्दावर नेता आमने-सामने हैं
विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड का सियासी पारा चढ़ गया है. खासकर जमशेदपुर से सटे बहरागोड़ा विधानसभा का. यहां BJP के तीन कद्दावर नेता आमने-सामने हैं. एक JMM के वर्तमान विधायक कुणाल सारंगी हैं, जिन्होंने कुछ रोज पहले BJP ज्वाइन किया है. यही यहां भूचाल का कारण भी बना हुआ है. वहीं, दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता समीर महंती हैं, जिन्होंने दल बदलने का मूड बना लिया है.
हालांकि महंती दल बदलने से पहले जनता का मूड जानना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने दिवाली के दिन अनोखी पहल की. उन्होंने जनता से वोट करने के लिए कहा है क्योंकि वह जनता की राय पर ही पार्टी बदलना चाहते हैं. महंती ने कहा कि मुझे दल बदलना चाहिए की नहीं, यह जनता के बीच जाकर ही हम तय कर करेंगे. हम जनता को धोखा नहीं दे सकते हैं. बीजेपी बहरागोड़ा में हमेशा से बोरो खिलाड़ी लेकर ही जीतना चाहती है, जो समर्पित कार्यकर्ताओ के मनोबल को ठेस पहुंचा रहा है.
वहीं, समीर महंती दल बदलने की राय जानने के लिए जनता बीच निकल पड़े हैं. जनता की राय जानने के लिए पूरे काडर की फौज ने मतपेटी बनाई है, जो पहले चरण में 20 पंचायत में जाएगी. लोगों से तीन सवाल किए गए हैं, जो भरकर मतपेटी में डालना होगा. इसकी शुरुआत दिवाली के दिन से हो गई है.
बताया जा रहा है कि समीर महंती के समर्थक और बीजेपी कार्यकर्ता गोपाल, लक्ष्मण और मोहन कर्मकार काफी नाराज थे. उनका साफ मानना है पार्टी चुनाव के वक्त बाहर से किसी को लेकर उम्मीदवार बनाती है, ये कहीं से उचित नहीं है. आखिर जिस समर्पित कार्यकर्ता ने 5 साल से विधानसभा क्षेत्र की देखभाल की वे फिर क्या करे?
JMM का रहा है कब्जा
झारखंड की बहरागोड़ा सीट हमेशा से JMM के पास रही है. पहले यहां से बिद्युत वरण महतो विधायक हुआ करते थे, जिन्होंने 2014 में दल बदलकर कर बीजेपी ज्वाइन किया और फिलहाल सांसद हैं. 2014 में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा से कुणाल सारंगी विधायक बने थे. कुछ रोज पहले ही उन्होंने बीजेपी ज्वाइन किया है. इधर, झारखंड मुक्ति मोर्चा का कहना है कि बीजेपी हमेशा बोरो खिलाड़ी लेकर मैदान में आती है, जो हमारी पाठशाल का विद्यार्थी होता है.
बता दें कि हाल ही में झारखंड में कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों के 6 विधायकों ने
भारतीय जनता पार्टी
(बीजेपी) का दामन थाम लिया. झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक कुणाल सारंगी, जेपी भाई पटेल, चमरा लिंडा, कांग्रेस के विधायक सुखदेव भगत और मनोज यादव, नव जवान संघर्ष मोर्चा के विधायक भानु प्रताप शाही ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की थी. |
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाला मामले में कथित संलिप्तता के लिए मार्च व अप्रैल में गिरफ्तार नौ लोगों में से सात को जमानत दे दी.
सात अभियुक्तों में मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) ए.आर. कुमार, मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) टी.के. कौल, सेवानिवृत्त रक्षा सम्पदा अधिकारी आर.सी. ठाकुर, ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) एम.एम. वांचू, पूर्व आईएएस अधिकारी पी.वी. देशमुख व प्रदीप व्यास और पूर्व कांग्रेस नेता कन्हैयालाल गिडवानी शामिल हैं. प्रत्येक को 50,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दी गई है.
सभी अभियुक्तों को इस आधार पर जमानत दी गई है कि सीबीआई इनकी गिरफ्तारी के 60 दिन बाद भी आरोपपत्र दाखिल नहीं कर सकी. सीबीआई ने आरोपपत्र दाखिल करने के लिए और 30 दिन का समय मांगा था. सीबीआई ने सोमवार को इन सातों अभियुक्तों की जमानत का विरोध किया था. उसका कहना था कि वह इन अभियुक्तों पर और कड़े आरोप लगाने के लिए जांच कर रही है.
उसका कहना था कि उसके पास आरोप तय करने के लिए 90 दिन का समय है न कि 60 दिन का. अभियुक्त 60 दिन की अवधि का दावा कर रहे थे. घोटाले में 14 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने के करीब एक साल व नौ गिरफ्तारियों के दो महीने बाद सीबीआई के अभियुक्तों के खिलाफ दो नए आरोप जोड़ने की सम्भावना है.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण सहित कई राजनेता व शीर्ष सैन्य अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने निर्माण के लिए मंजूरी दिलाने में मदद की और इसके एवज में फ्लैट्स हासिल किए. घोटाले में दक्षिणी मुम्बई के कोलाबा इलाके का एक प्लॉट शामिल है, जिस पर आदर्श सोसाइटी ने 31 मंजिला इमारत का निर्माण किया है. |
लेख: दीवाली से एक दिन पहले शनिवार को हवा के बहाव में ठहराव से दिल्ली के ऊपर धुंध की परत बन गई. लगातार दो दिनों तक इस शहर को गंभीर वायु प्रदूषण झेलना पड़ेगा, जहां आतिशबाजी वातावरण के प्रदूषण में प्रमुख भूमिका निभाएगी.
दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा राष्ट्रीय राजधानी को 'गैस का चैंबर' करार दिया गया था. यहां दीवाली के दौरान प्रदूषण तेजी से बढ़ता है, क्योंकि हर जगह हानिकारक गैसें मौजूद रहती हैं.
दिल्ली सरकार ने 26 अक्टूबर को नासा द्वारा ली गई एक तस्वीर जारी की, जिसमें हरियाणा और पंजाब में खर-पतवार जलाए जाने की वजह से पूरे उत्तर भारत पर धुंध की एक चादर दिखाई देती है. दिल्ली सरकार का कहना है कि शहर की वायु गुणवत्ता पर इसका बहुत प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.टिप्पणियां
केंद्र की एजेंसी- सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च ने शनिवार दोपहर पीएम 2.5 और पीएम 10 की औसत मात्रा (24 घंटे रोलिंग) क्रमश: 226 और 425 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पेश की. यदि कोई व्यक्ति इन अत्यधिक महीने कणों के संपर्क में लंबे समय तक रहता है, तो उसे सांस की बीमारी हो सकती है. इनकी सुरक्षित सीमा 60 और 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा राष्ट्रीय राजधानी को 'गैस का चैंबर' करार दिया गया था. यहां दीवाली के दौरान प्रदूषण तेजी से बढ़ता है, क्योंकि हर जगह हानिकारक गैसें मौजूद रहती हैं.
दिल्ली सरकार ने 26 अक्टूबर को नासा द्वारा ली गई एक तस्वीर जारी की, जिसमें हरियाणा और पंजाब में खर-पतवार जलाए जाने की वजह से पूरे उत्तर भारत पर धुंध की एक चादर दिखाई देती है. दिल्ली सरकार का कहना है कि शहर की वायु गुणवत्ता पर इसका बहुत प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.टिप्पणियां
केंद्र की एजेंसी- सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च ने शनिवार दोपहर पीएम 2.5 और पीएम 10 की औसत मात्रा (24 घंटे रोलिंग) क्रमश: 226 और 425 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पेश की. यदि कोई व्यक्ति इन अत्यधिक महीने कणों के संपर्क में लंबे समय तक रहता है, तो उसे सांस की बीमारी हो सकती है. इनकी सुरक्षित सीमा 60 और 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दिल्ली सरकार ने 26 अक्टूबर को नासा द्वारा ली गई एक तस्वीर जारी की, जिसमें हरियाणा और पंजाब में खर-पतवार जलाए जाने की वजह से पूरे उत्तर भारत पर धुंध की एक चादर दिखाई देती है. दिल्ली सरकार का कहना है कि शहर की वायु गुणवत्ता पर इसका बहुत प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.टिप्पणियां
केंद्र की एजेंसी- सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च ने शनिवार दोपहर पीएम 2.5 और पीएम 10 की औसत मात्रा (24 घंटे रोलिंग) क्रमश: 226 और 425 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पेश की. यदि कोई व्यक्ति इन अत्यधिक महीने कणों के संपर्क में लंबे समय तक रहता है, तो उसे सांस की बीमारी हो सकती है. इनकी सुरक्षित सीमा 60 और 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
केंद्र की एजेंसी- सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च ने शनिवार दोपहर पीएम 2.5 और पीएम 10 की औसत मात्रा (24 घंटे रोलिंग) क्रमश: 226 और 425 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पेश की. यदि कोई व्यक्ति इन अत्यधिक महीने कणों के संपर्क में लंबे समय तक रहता है, तो उसे सांस की बीमारी हो सकती है. इनकी सुरक्षित सीमा 60 और 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
पूर्वी दिल्ली के मधु विहार मार्केट में एक शोरूम में आग लग जाने से लाखों रुपये के नुकसान का अनुमान है. आग काफ़ी ख़तरनाक है और इसे बुझाए जाने की कोशिश की जा रही है.
बुधवार को सुबह करीब सवा आठ बजे फ़ायर ब्रिगेड को आग की ख़बर मिली. ग़नीमत यह रही कि उस वक्त ज़्यादातर दुकानें बंद थी और बाज़ार में ज्यादा आवाजाही नहीं थी.
यही वजह रही कि आग से कोई घायल नहीं हुआ. आग एक इमारत की तीसरी मंज़िल पर रेडिमेड के शोरूम से शुरू हुई.
दमकल की दर्जनभर गाड़ियां आग बुझाने की कोशिश में जुटी हुई हैं. ऊंची जगह पर पहुंचने के लिए फायर ब्रिगेड ने क्रेन वाली गाड़ी भी बुला ली हैं. बंद शोरूम में आग कैसे और कब लगी, इसका पता फ़िलहाल आग बुझने के बाद ही लगाया जाएगा. |
फाल्गुन का महीना हिन्दू पंचांग का अंतिम महीना है. इस महीने की पूर्णिमा को फाल्गुनी नक्षत्र होने के कारण इस महीने का नाम फाल्गुन है. इस महीने को आनंद और उल्लास का महीना कहा जाता है. इस महीने से धीरे धीरे गरमी की शुरुआत होती है , और सर्दी कम होने लगती है. बसंत का प्रभाव होने से इस महीने में प्रेम और रिश्तों में बेहतरी आती जाती है. इस महीने से खान पान और जीवनचर्या में जरूर बदलाव करना चाहिए. मन की चंचलता को नियंत्रित करने के प्रयास करने चाहिए. इस बार फाल्गुन मास 01 फरवरी से 02 मार्च तक रहेगा.
फाल्गुन माह में कौन कौन से व्रत और त्यौहार प्रमुख रूप से मनाये जाते हैं ?
- फाल्गुन शुक्ल अष्टमी को माँ लक्ष्मी और माँ सीता की पूजा का विधान है
- फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को भगवान् शिव की उपासना का महापर्व शिवरात्री भी मनाई जाती है
- फाल्गुन में ही चन्द्रमा का जन्म भी हुआ था, अतः इस महीने में चन्द्रमा की भी उपासना होती है
- फाल्गुन में प्रेम और आध्यात्म का पर्व होली भी मनाई जाती है
- इसी महीने में दक्षिण भारत में उत्तिर नामक मंदिरोत्सव भी मनाया जाता है
संभोग का यह रहस्य आज तक कोई सुलझा नहीं पाया!
इस महीने में किस देवता की उपासना करनी चाहिए?
- फाल्गुन महीने में श्री कृष्ण की पूजा उपासना विशेष फलदायी होती है
- इस महीने में बाल कृष्ण, युवा कृष्ण और गुरु कृष्ण तीनों ही स्वरूपों की उपासना की जा सकती है
- संतान के लिए बाल कृष्ण की पूजा करें
- प्रेम और आनंद के लिए युवा कृष्ण की उपासना करें
- ज्ञान और वैराग्य के लिए गुरु कृष्ण की उपासना करें
फाल्गुन के महीने में किन बातों का ख्याल रखें और क्या सावधानियां रखें?
- इस महीने में प्रयास करके शीतल या सामान्य जल से स्नान करें
- भोजन में अनाज का प्रयोग कम से कम करें , अधिक से अधिक फल खाएं
- कपडे ज्यादा रंगीन और सुन्दर धारण करें , सुगंध का प्रयोग करें
- नियमित रूप से भगवान् कृष्ण की उपासना करें , पूजा में फूलों का खूब प्रयोग करें
- इस महीने में नशीली चीज़ों और मांस-मछली के सेवन से परहेज करें
फाल्गुन महीने में क्या विशेष प्रयोग करें?
- अगर क्रोध या चिड़चिड़ाहट की समस्या है तो श्रीकृष्ण को पूरे महीने नियमित रूप से अबीर गुलाल अर्पित करें
- अगर मानसिक अवसाद की समस्या है तो सुगन्धित जल से स्नान करें और चन्दन की सुगंध का प्रयोग करें
- अगर स्वास्थ्य की समस्या है तो शिव जी को पूरे महीने सफ़ेद चंदन अर्पित करें
- अगर आर्थिक समस्या है तो पूरे महीने माँ लक्ष्मी को गुलाब का इत्र या गुलाब अर्पित करें |
एम.चिन्नास्वामी स्टेडियम में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पांचवें संस्करण के अंतर्गत रविवार को खेले जाने वाले लीग मुकाबले में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर टीम के सामने फिसड्डी डेक्कन चार्जर्स होगी। चैलेंजर्स की कोशिश लगातार तीन हार से बचने की होगी, वहीं चार्जर्स टीम भी जीत हासिल करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाएगी।
चैलेंजर्स को पिछले मुकाबले में किंग्स इलेवन पंजाब ने चार विकेट से हराया था, जबकि इससे पहले उसे कोलकता नाइटराइडर्स के हाथों 47 रनों से पराजय झेलनी पड़ी थी।
चार्जर्स को पिछले मुकाबले में चेन्नई सुपरकिंग्स ने 10 रन से मात दी थी। चैलेंजर्स के 10 मैचों से नौ अंक है और वह अंक तालिका में छठे स्थान पर है। वहीं चार्जर्स के इतने ही मैचों से पांच अंक है और वह नौ टीमों की तालिका में सबसे निचले पायदान पर है।टिप्पणियां
जीत की पटरी पर लौटने के लिए चैलेंजर्स को चार्जर्स जैसी फिसड्डी टीम नहीं मिलेगी। चार्जर्स को लगातार पांच हार के बाद सातवें मैच में पहली जीत मिली थी, छठा मैच बारिश के कारण रद्द हो गया था।
इस मुकाबले में सबकी निगाहें चैलेंजर्स के विस्फोटक सलामी बल्लेबाज क्रिस गेल पर होगी, जो आईपीएल में अपने 100 छक्कों से एक कदम दूर हैं। गेल आईपीएल में अब तक 99 छक्के लगा चुके हैं।
चैलेंजर्स को पिछले मुकाबले में किंग्स इलेवन पंजाब ने चार विकेट से हराया था, जबकि इससे पहले उसे कोलकता नाइटराइडर्स के हाथों 47 रनों से पराजय झेलनी पड़ी थी।
चार्जर्स को पिछले मुकाबले में चेन्नई सुपरकिंग्स ने 10 रन से मात दी थी। चैलेंजर्स के 10 मैचों से नौ अंक है और वह अंक तालिका में छठे स्थान पर है। वहीं चार्जर्स के इतने ही मैचों से पांच अंक है और वह नौ टीमों की तालिका में सबसे निचले पायदान पर है।टिप्पणियां
जीत की पटरी पर लौटने के लिए चैलेंजर्स को चार्जर्स जैसी फिसड्डी टीम नहीं मिलेगी। चार्जर्स को लगातार पांच हार के बाद सातवें मैच में पहली जीत मिली थी, छठा मैच बारिश के कारण रद्द हो गया था।
इस मुकाबले में सबकी निगाहें चैलेंजर्स के विस्फोटक सलामी बल्लेबाज क्रिस गेल पर होगी, जो आईपीएल में अपने 100 छक्कों से एक कदम दूर हैं। गेल आईपीएल में अब तक 99 छक्के लगा चुके हैं।
चार्जर्स को पिछले मुकाबले में चेन्नई सुपरकिंग्स ने 10 रन से मात दी थी। चैलेंजर्स के 10 मैचों से नौ अंक है और वह अंक तालिका में छठे स्थान पर है। वहीं चार्जर्स के इतने ही मैचों से पांच अंक है और वह नौ टीमों की तालिका में सबसे निचले पायदान पर है।टिप्पणियां
जीत की पटरी पर लौटने के लिए चैलेंजर्स को चार्जर्स जैसी फिसड्डी टीम नहीं मिलेगी। चार्जर्स को लगातार पांच हार के बाद सातवें मैच में पहली जीत मिली थी, छठा मैच बारिश के कारण रद्द हो गया था।
इस मुकाबले में सबकी निगाहें चैलेंजर्स के विस्फोटक सलामी बल्लेबाज क्रिस गेल पर होगी, जो आईपीएल में अपने 100 छक्कों से एक कदम दूर हैं। गेल आईपीएल में अब तक 99 छक्के लगा चुके हैं।
जीत की पटरी पर लौटने के लिए चैलेंजर्स को चार्जर्स जैसी फिसड्डी टीम नहीं मिलेगी। चार्जर्स को लगातार पांच हार के बाद सातवें मैच में पहली जीत मिली थी, छठा मैच बारिश के कारण रद्द हो गया था।
इस मुकाबले में सबकी निगाहें चैलेंजर्स के विस्फोटक सलामी बल्लेबाज क्रिस गेल पर होगी, जो आईपीएल में अपने 100 छक्कों से एक कदम दूर हैं। गेल आईपीएल में अब तक 99 छक्के लगा चुके हैं।
इस मुकाबले में सबकी निगाहें चैलेंजर्स के विस्फोटक सलामी बल्लेबाज क्रिस गेल पर होगी, जो आईपीएल में अपने 100 छक्कों से एक कदम दूर हैं। गेल आईपीएल में अब तक 99 छक्के लगा चुके हैं। |
झारखंड के धनबाद शहर के वासेपुर इलाके में आज दो अज्ञात बदमाशों ने एक होटल मालिक के बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी. सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. प्रथम दृष्टया ऐसा मालूम हो रहा है कि हत्या के पीछे प्रेम-प्रसंग का कारण हो सकता है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.
जानकारी के मुताबिक, वासेपुर इलाके में मंगलवार देर रात होटल मालिक गफ्फार अंसारी का बेटा विक्की अपने पिता के होटल के काउंटर पर बैठा था. करीब सवा आठ बजे बाइक पर सवार दो व्यक्ति आए और उन्होंने विक्की को अपने पास बुलाया. वे उसे पास में ही स्थित एसडी सनराइज स्कूल ले गए. उसकी छाती और गर्दन पर दो गोलियां मार कर फरार हो गए.
विक्की के परिवार के सदस्य उसे भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) के केन्द्रीय अस्पताल में ले गए. वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. उसके शव को सुबह पोस्टमार्टम के लिए पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज के अस्पताल भेजा गया. घटना के बाद वासेपुर इलाके में तनाव व्याप्त हो गया है. इसके मद्देनजर वहां भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.
पुलिस अधीक्षक पीयूष पांडे ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा मालूम हो रहा है कि हत्या के पीछे प्रेम-प्रसंग का कारण हो सकता है. विक्की के परिवार ने आरोप लगाया है कि हत्या के पीछे
गैंगस्टर
फहीम खान के परिवार के सदस्यों का हाथ है. दो महीने पहले एक वाहन की पार्किंग को लेकर विक्की और फहीम खान के भतीजे के बीच हाथापाई हुई थी. |
राष्ट्रमंडल खेल आयोजन में हुई अनियमितता में कथित भूमिका को लेकर दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के इस्तीफे की विपक्ष की मांग पर सरकार ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रमंडल खेल सम्बंधी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में उच्च पदों पर आसीन किसी व्यक्ति को दोषी नहीं ठहराया गया है। शुक्रवार को जारी सीएजी की रिपोर्ट में शीला पर ऊंगली उठाए जाने के बारे में पूछे जाने पर सूचना एवं प्रसारण मंत्री अम्बिका सोनी ने संवाददाताओं से कहा, "शीला दीक्षित को तो छोड़िए, उच्च पदों पर आसीन किसी भी व्यक्ति को दोषी नहीं ठहराया गया है।" सोनी ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेल सम्बंधी ठेका आवंटन में शीला की भूमिका के बारे में जिक्र तो है लेकिन उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है। सोनी के साथ केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल और विधि मंत्री सलमान खुर्शीद ने भी मीडिया से बातचीत की। उन्होंने जोर देकर कहा कि सीएजी की रिपोर्ट में दीक्षित को 'दोषी' नहीं बताया गया है। सिब्बल ने कहा कि संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) सीएजी की रिपोर्ट की जांच करेगी। सरकार इसके बाद ही अपना रुख तय करेगी। उन्होंने विपक्ष से राष्ट्रमंडल खेल के मुद्दे पर संसद में गतिरोध तोड़ने की अपील भी की और जोर देते हुए कहा कि संसद का कामकाज चलने देना विपक्ष का दायित्व है। उल्लेखनीय है कि शीला को पद से हटाने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों ने संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा किया, जिसके चलते कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। |
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में विभिन्न कैडर के 56,022 कर्मचारियों की कमी है और बैंक इन पदों पर नियुक्तियों के विभिन्न चरणों में है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के 25 बैंकों में अधिकारी श्रेणी में 23,794 रिक्तियां मार्च, 2013 तक थीं। इनमें से 5,815 रिक्तियां तो बैंक ऑफ बड़ौदा में ही हैं। सिंडिकेट बैंक में अधिकारी स्तर के 1500 पद रिक्त हैं।
इसी तरह, आंध्रा बैंक में अधिकारी स्तर की 1484, बैंक ऑफ इंडिया में 1473, इलाहाबाद बैंक में 1450, पंजाब एंड सिंध बैंक में 1454 तथा पंजाब नेशनल बैंक में अधिकारी स्तर की 1119 रिक्तियां हैं।टिप्पणियां
सूत्रों ने बताया कि एसबीआई के पांच सहयोगी बैंकों सहित विभिन्न बैंकों में कलर्क स्तर की कम से कम 22,347 रिक्तियां हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा में इस श्रेणी में सबसे अधिक 3,615 रिक्तियां हैं। इसके बाद इलाहाबाद बैंक में 2627, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर में 2500, पंजाब नेशनल बैंक में लगभग 2200 तथा बैंक ऑफ इंडिया में 1468 रिक्तियां हैं। ये आंकड़े 2012-13 के आखिर तक के हैं। वहीं उपकर्मी या सब स्टाफ स्तर पर सार्वजनिक बैंकों में लगभग 9881 पद रिक्त हैं।
मौजूदा वित्त वर्ष में सार्वजनिक बैंकों में लगभग 50,000 कर्मचारी रखे जाने हैं। वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने जून में पीएसयू बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक के बाद कहा था, इस साल सार्वजनिक बैंक 10,000 नई शाखाएं खोलेंगे। इसको देखते हुए भर्ती भी होगी। कुल मिलाकर बैंक मौजूदा वित्तवर्ष में 50,000 नियुक्तियां करेंगे।
इसी तरह, आंध्रा बैंक में अधिकारी स्तर की 1484, बैंक ऑफ इंडिया में 1473, इलाहाबाद बैंक में 1450, पंजाब एंड सिंध बैंक में 1454 तथा पंजाब नेशनल बैंक में अधिकारी स्तर की 1119 रिक्तियां हैं।टिप्पणियां
सूत्रों ने बताया कि एसबीआई के पांच सहयोगी बैंकों सहित विभिन्न बैंकों में कलर्क स्तर की कम से कम 22,347 रिक्तियां हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा में इस श्रेणी में सबसे अधिक 3,615 रिक्तियां हैं। इसके बाद इलाहाबाद बैंक में 2627, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर में 2500, पंजाब नेशनल बैंक में लगभग 2200 तथा बैंक ऑफ इंडिया में 1468 रिक्तियां हैं। ये आंकड़े 2012-13 के आखिर तक के हैं। वहीं उपकर्मी या सब स्टाफ स्तर पर सार्वजनिक बैंकों में लगभग 9881 पद रिक्त हैं।
मौजूदा वित्त वर्ष में सार्वजनिक बैंकों में लगभग 50,000 कर्मचारी रखे जाने हैं। वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने जून में पीएसयू बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक के बाद कहा था, इस साल सार्वजनिक बैंक 10,000 नई शाखाएं खोलेंगे। इसको देखते हुए भर्ती भी होगी। कुल मिलाकर बैंक मौजूदा वित्तवर्ष में 50,000 नियुक्तियां करेंगे।
सूत्रों ने बताया कि एसबीआई के पांच सहयोगी बैंकों सहित विभिन्न बैंकों में कलर्क स्तर की कम से कम 22,347 रिक्तियां हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा में इस श्रेणी में सबसे अधिक 3,615 रिक्तियां हैं। इसके बाद इलाहाबाद बैंक में 2627, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर में 2500, पंजाब नेशनल बैंक में लगभग 2200 तथा बैंक ऑफ इंडिया में 1468 रिक्तियां हैं। ये आंकड़े 2012-13 के आखिर तक के हैं। वहीं उपकर्मी या सब स्टाफ स्तर पर सार्वजनिक बैंकों में लगभग 9881 पद रिक्त हैं।
मौजूदा वित्त वर्ष में सार्वजनिक बैंकों में लगभग 50,000 कर्मचारी रखे जाने हैं। वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने जून में पीएसयू बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक के बाद कहा था, इस साल सार्वजनिक बैंक 10,000 नई शाखाएं खोलेंगे। इसको देखते हुए भर्ती भी होगी। कुल मिलाकर बैंक मौजूदा वित्तवर्ष में 50,000 नियुक्तियां करेंगे।
मौजूदा वित्त वर्ष में सार्वजनिक बैंकों में लगभग 50,000 कर्मचारी रखे जाने हैं। वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने जून में पीएसयू बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक के बाद कहा था, इस साल सार्वजनिक बैंक 10,000 नई शाखाएं खोलेंगे। इसको देखते हुए भर्ती भी होगी। कुल मिलाकर बैंक मौजूदा वित्तवर्ष में 50,000 नियुक्तियां करेंगे। |
प्रियंका चोपड़ा अपने करियर के साथ ही साथ सामाजिक मुद्दों को लेकर भी काफी गंभीर रही हैं. उनके इन्हीं प्रयासों के चलते 2010 में बच्चों के अधिकारों के लिए नेशनल यूनिसेफ गुडविल एबेंसेडर बनाया गया था. वहीं साल 2016 में उन्हें चाइल्ड राइट्स के लिए इंटरनेशनल यूनिसेफ गुडविल एबेंसेडर बनाया जा चुका है. 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस के मौके पर प्रियंका चोपड़ा ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाने की कोशिश की है.
प्रियंका चोपड़ा ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें प्रियंका कई देशों के शरणार्थियों के साथ मस्ती करती नज़र आ रही हैं. उन्होंने इस पोस्ट में लिखा, "सच बेहद आसान है. इस दुनिया का भविष्य आज के बच्चों के हाथों में है. लेकिन एक कड़वी सच्चाई ये भी है कि एक पूरी मासूम जनरेशन बिना किसी सुरक्षित भविष्य के बड़ी हो रही है. दुनिया के कई क्षेत्रों में चल रहे गंभीर द्वंद्व और इमरजेंसी जैसे हालात के चलते इन मासूमों का भविष्य अधर में लटका है."
प्रियंका ने लिखा, "परिवारों को हिंसा, उत्पीड़न, प्राकृतिक आपदा के चलते अपने घरों को छोड़ना पड़ता है जिसका सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ता है. इनकी संख्या हैरान करने वाली है, लेकिन हमें लगातार इन लोगों के लिए खड़े होना होगा. वे हमारा भविष्य है और हमें इन लोगों की मदद करनी है."
View this post on Instagram
The truth is quite simple... the future of this world lies in the hands of the children of today. But the harsh reality is that there is an entire generation of innocent children growing up right now without any prospects for thier future.. these children are affected by displacement due to serious conflict and emergencies in thier various regions. When families are forced to leave their homes due to violence, persecution, natural disasters, they are torn apart and it's the children that end up suffering the most. The numbers are staggering, yes... but we have to continue to stand for them, in whatever capacity we can as individuals. They are the future and we need to help. Join me and @unicef by clicking the link in my bio to help keep refugee children safe. #AChildIsAChild #WorldRefugeeDay
A post shared by
Priyanka Chopra Jonas
(@priyankachopra) on
Jun 19, 2019 at 10:41pm PDT
बता दें कि प्रियंका के इंस्टाग्राम पर 42 मिलियन फॉलोअर्स हैं जिसके चलते सोशल मीडिया पर उनकी ग्लोबल मौजूदगी है. इस प्लेटफॉर्म के सहारे वे अपनी पर्सनल प्रोफाइल को प्रमोट करने के अलावा सामाजिक मुद्दों से जुड़ी पोस्ट्स भी शेयर करती रही हैं. हॉलीवुड में फिल्म रेवेनेन्ट के लिए ऑस्कर पाने वाले लियोनार्डो डि कैप्रियो ने भी अपने इंस्टाग्राम अकाउंट को पूरी तरह से पर्यावरण और ग्लोबल वार्मिंग से जुड़े मुद्दों के लिए प्लेटफॉर्म बनाया हुआ है. |
अयोध्या फैसले के बाद महाराष्ट्र शांत रहा और कहीं से कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आयी. इस फैसले के मद्देनजर राज्य में अलर्ट जारी कर दिया गया था.
राज्यभर में ढाई लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी कड़ी निगरानी के लिए तैनात किए गए थे. मुम्बई में वीरानगी पसरी रही, क्योंकि ज्यादातर लोग अपने घरों में कैद रहे और जो दफ्तर गए वो सुबह ही चले गए थे.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) के पी रघुवंशी ने कहा, ‘‘ राज्य में कहीं से किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है. पूरी तरह शांति रही. सुरक्षा प्रबंध अगले कुछ दिनों तक जारी रहेंगे.’’ उल्लेखनीय है कि विवादास्पद बाबरी मस्जिद गिराये जाने के बाद मुम्बई में बड़े पैमाने पर दंगे हुए थे. आज के फैसले के बाद संभावित दंगे को लेकर सुरक्षाकर्मी पूरी तरह चौकस थे.
पुलिस के अनुसार धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गयी थी, ताकि लोग एक जगह इकट्ठा होकर कोई ऐसी गतिविधि नहीं करें, जो सांप्रदायिक भावना को भड़काए. |
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक आज दिल्ली में स्वाभिमान रैली करने वाले हैं। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर नीतीश कुमार की अधिकार रैली से उत्साहित होकर पटनायक यह रैली करने जा रहे हैं।टिप्पणियां
बीजेडी की यह रैली ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को तेज करने के लिए होगी। पटनायक ने यह कदम तब उठाया जब योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलूवालिया ने राज्य के विशेष दर्जे की मांग को खारिज कर दिया था।
नवीन पटनायक के मुताबिक, कांग्रेस उन राज्यों के साथ भेदभाव करती है, जिसमें उनकी सरकार नहीं होती।
बीजेडी की यह रैली ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को तेज करने के लिए होगी। पटनायक ने यह कदम तब उठाया जब योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलूवालिया ने राज्य के विशेष दर्जे की मांग को खारिज कर दिया था।
नवीन पटनायक के मुताबिक, कांग्रेस उन राज्यों के साथ भेदभाव करती है, जिसमें उनकी सरकार नहीं होती।
नवीन पटनायक के मुताबिक, कांग्रेस उन राज्यों के साथ भेदभाव करती है, जिसमें उनकी सरकार नहीं होती। |
भारतीय सेना ने दिल्ली हाई कोर्ट में दिए अपने हलफनामे मे कहा है कि विवाहित महिलाओं को सेना में जज एडवोकेट जनरल (जेएजी) के पद पर नियुक्त करने के अपने फैसले को सही ठहराया है. सेना की दलील है कि 10 महीने की ट्रेनिंग के दौरान किसी भी महिला या पुरूष उम्मीदवार को शादी करने की इजाजत नहीं है. सेना का मानना है कि शादीशुदा महिलाएं ट्रेनिंग के दौरान मैटरनिटी लीव मांग सकती है, जिस कारण उनकी ट्रेनिंग पूरी नहीं हो पाएगी. इस मामले में ऑफिसर ट्रेनिंग एकेडमी में ट्रेनिंग दी जाती है.
हलफनामे में कहा गया है कि 10 महीने की ट्रेनिंग के बाद
महिला उम्मीदवार
शादी कर सकती हैं. हलफनामे में कहा गया है कि शादीशुदा महिला उम्मीदवारों को इसलिए नियुक्त नहीं किया जाता है, ताकि वह अपनी ट्रेनिंग अच्छे से कर पाए. इतना ही नहीं यह शर्त पुरूषों पर भी लागू होती है. अगर वह प्री-कमीशन ट्रेनिंग से पहले अविवाहित हैं तो ट्रेनिंग के दौरान शादी नहीं कर सकते हैं ताकि वह भी शारीरिक तौर पर ठीक रहे. हलफनामे में कहा गया है कि यह सब नियम ट्रेनिंग की जरूरतों को देखते हुए तय किए गए हैं, इसलिए इसे लिंगभेद करार नहीं दिया जा सकता है.
दरअसल एक याचिका दायर की गई है जिसमें कहा गया है कि जेएजी के पद पर केवल लॉ ग्रेजुएट पुरूष (विवाहिता/अविवाहित), महिलाएं (केवल अविवाहित) की नियुक्ति की जाती है. ऐसे में यह महिलाओं के मूल अधिकारों का हनन है. केवल
लिंग
के आधार पर नियुक्ति नहीं की जा सकती. यह गैरकानूनी है. लिहाजा कोर्ट सरकार को जेएजी पद पर विवाहित महिलाओं की भी नियुक्ति करने का आदेश जारी करें. |
युवराज सिंह को आईपीएल-7 के लिए खिलाड़ियों की नीलामी में सबसे ज्यादा पैसे खर्च करके खरीदा गया. युवी 14 करोड़ में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू (आरसीबी) के हो गए. युवी को किंगफिशर के कर्मचारियों ने एक खुला खत लिखा और उनसे मांग की है कि वो विजय माल्या की टीम के लिए नहीं खेलें.
प्रिय युवराज,
हम सभी किंगफिशर एयरलाइंस के कर्मचारी आपके फैन हैं. हम ही नहीं पूरे देश ने दुआ की थी कि आप अपनी बीमारी से जल्द से जल्द ठीक हो जाएं. हम खुश हैं कि आप न कि केवल अपना फॉर्म बरकरार रखते हुए खेल रहे हैं बल्कि करियर में भी आगे बढ़ रहे हैं.
मिस्टर माल्या ने आपको 14 करोड़ रुपये में खरीदा है... हमें किंगफिशर एयरलाइंस ने पिछले 18 महीनों से सैलरी नहीं दी है. हमारी सारी सेविंग खत्म हो चुकी है और हम कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं. रिश्तेदारों और बैंक्स से अपनी प्रॉपर्टी और गोल्ड के एवज में हमने लोन लिए हैं. लोअर स्टाफ की हालत और खराब है जिन्हें स्लम इलाकों में रहना पड़ रहा है.
मिस्टर माल्या ने हमें कहा है कि हमें सैलरी देने के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं, जबकि आईपीएल, फॉर्मूला वन और कैलेंडर्स में वो करोड़ों रुपये खर्च कर रहे हैं.
अब ये आपके ऊपर है कि आप अपने कान बंद करके ऐसे निर्दयी इंसान के लिए काम करें और अपने जीवन में नकारात्मकता बुलाएं या नैतिक आधार पर उनके लिए काम करने से मना कर दें.
कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें इस बात से सबसे ज्यादा दुख है कि विजय माल्या ने इतने दिनों तक उनसे झूठ बोला. हमारे पास आखिरी रास्ता युवराज सिंह से गुजारिश करने का ही बचा था. किंगफिशर की पूर्व कर्मचारी पूजा ने कहा कि युवी जैसे बड़े क्रिकेटर ने भी ये सारे फैक्ट्स अनदेखे कर दिए. उसने कहा कि मैं नहीं मान सकती कि युवी को ये सारी बातें नहीं पता होंगी, लेकिन उन्होंने पैसों को तरजीह दी. एक फैन के तौर पर मुझे ऐसे लग रहा है कि धोखा दिया गया है.
अंजन कुमार देवेश्वर ने कहा कि युवी को अपनी सोशल रिसपॉन्सबिलिटी को समझना चाहिए और इस ऑफर को स्वीकार नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब युवी कैंसर से जूझ रहे थे तो पूरे देश ने उनके लिए दुआ की थी और अब ऐसा लग रहा है कि वो ये सब भूल गए हैं. |
दिलीप सरदेसाई एक भारतीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर थे। उन्होंने एक बल्लेबाज के रूप में भारतीय टीम के लिए टेस्ट मैच खेले, सरदेसाई गोवा में जन्में एकमात्र क्रिकेटर थे जिन्होंने भारतीय टीम के लिए खेला। जैसा की भारतीय बल्लेबाज स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ़ खेलने में महारथ रखते हैं उसी तरह से सरदेसाई को भी स्पिन खेलने के लिए जाना जाता था।
जन्म: 8 अगस्त 1940, मडगांव राजस्थान
मृत्यु: 2 जुलाई 2007, बॉम्बे अस्पताल, मुम्बई
टेस्ट पदार्पण: 1 दिसम्बर 1961 बनाम इंग्लैंड
आखिरी टेस्ट: 20 दिसम्बर 1972 बनाम इंग्लैंड
पति/पत्नी: नंदिनी सरदेसाई (विवा. ?–2007)
पुरस्कार: अर्जुन पुरस्कार - क्रिकेट
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
1940 में जन्मे लोग
भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी
२००७ में निधन |
फोरामिनिफेरा (Foraminifera ; /fəˌræməˈnɪfərə/ लैटिन अर्थ- hole bearers, informally called "forams") ) अथवा पेट्रोलियम उद्योग का तेल मत्कुण (oil bug), प्रोटोज़ोआ संघ के वर्ग सार्कोडिन के उपवर्ग राइज़ोपोडा का एक गण है। इस गण के अधिकांश प्राणी प्राय: सभी महासागरों और समुद्र में सभी गहराइयों में पाए जाते हैं। इस गण की कुछ जातियाँ अलवण जल में और बहुत कम जातियाँ नम मिट्टी में पाई जाती हैं। अधिकांश फ़ोरैमिनाफ़ेरा के शरीर पर एक आवरण होता है, जिसे चोल या कवच (test or shell) कहते हैं। ये कवच कैल्सीभूत, सिलिकामय, जिलेटिनी अथवा काइटिनी (chitinous) होते हैं, या बालू के कणों, स्पंज कंटिकाओं (spongespicules), त्यक्त कवचों, या अन्य मलवों (debris) के बने होते हैं। कवच का व्यास .०१ मिमी. से लेकर १९० मिमी. तक होता है तथा वे गेंदाकार, अंडाकार, शंक्वाकार, नलीदार, सर्पिल (spiral), या अन्य आकार के होते हैं।
कवच के अंदर जीवद्रव्यी पिंड (protoplasmic mass) होता है, जिसमें एक या अनेक केंद्रक होते हैं। कवच एककोष्ठी (unilocular or monothalamus), अथवा श्रेणीबद्ध बहुकोष्ठी (multilocular or polythalmus) और किसी किसी में द्विरूपी (dimorphic) होते हैं। कवच में अनेक सक्षम रध्रों के अतिरिक्त बड़े रंध्र, जिन्हें फ़ोरैमिना (Foramina) कहते हैं, पाए जाते हैं। इन्हीं फोरैमिना के कारण इस गण का नाम फ़ोरैमिनीफ़ेरा (Foraminifera) पड़ा है। फ़ोरैमिनीफ़ेरा प्राणी की जीवित अवस्था में फ़ोरैमिना से होकर लंबे धागे के सदृश पतले और बहुत ही कोमल पादाभ (pseudopoda), जो कभी कभी शाखावत और प्राय: जाल या झिल्ली (web) के समान उलझे होते हैं, बाहर निकलते हैं।
वेलापवर्ती (pelagic) फ़ोरैमिनीफ़ेरा के कवच समुद्रतल में जाकर एकत्र हो जाते हैं और हरितकीचड़ की परत, जिसे सिंधुपंक (ooze) कहते हैं, बन जाती है। वर्तमान समुद्री तल का ४,८०,००,००० वर्ग मील क्षेत्र सिंधुपंक से आच्छादित है। बाली द्वीप के सानोर (Sanoer) नामक स्थान में बड़े किस्म के फ़ोरैमिनीफ़ेरा के कवच पगडंडियों और सड़कों पर बिछाने के काम आते हैं।
भूवैज्ञानिक महत्व
अधिकतर खड़िया, चूनापत्थर और संगमरमर फ़ोरैमिनीफ़ेरा के संपूर्ण कवच, अथवा उससे उत्पादित कैल्सियम कार्बोनेट से निर्मित होता है।
कैंब्रियन-पूर्व समुद्रों के तलछटों में फ़ोरैमिनीफ़ेरा का विद्यमान रहना पाया जाता है, किंतु कोयला युग (coal age), या पेंसिलवेनिअन युग (Pennsylvanian) के पूर्व इनका कोई महत्व नहीं था। आदिनूतन (Eocene) युग में फ़ोरैमिनीफ़ेरा गण आकार, रचना की जटिलता, निक्षेप की मोटाई तथा वितरण में अपनी चरम सीमा पर पहुँच गया था। हिमालय में एवरेस्ट पर्वत की २२,००० फुट ऊँचाई पर २०० फुट मोटा फ़ोरैमिनीफ़ेरीय चूना पत्थर का शैलस्तर वर्तमान है।
संपूर्ण धरा के २/३ भाग में समुद्र तलछट स्थित है और उसमें फ़ोरैमिनीफ़ेरा के जीवाश्म पाए जाते हैं। कालपरिवत्रन के साथ साथ फोरैमिनीफ़ेरा की नई जातियों का आविर्भाव हुआ और कुछ पुरानी जातियाँ विलुप्त हो गईं। अतएव किसी अलग हुए क्षेत्र के अलग होने और उसके निर्माण काल में भूवैज्ञानिक समन्वय स्थापित करने में फ़ोरैमिनीफ़ेरा बहुत ही उपयोगी सिद्ध होते हैं।
पेट्रोलियम भूविज्ञान में फ़ोरैमिनीफ़ेरा का स्थान महत्वपूर्ण है। पेट्रोलियम के लिए क्षेत्र का वेधन (drilling) करते समय विभिन्न स्तरों से प्राप्त पदार्थों को एकत्र कर प्रयोगशाला में उनकी जाँच की जाती है। यदि जाँच में किसी विशेष प्रकार के फ़ोरैमिनीफ़ेरा के जीवाश्म मिलते हैं, तो उसे यह अनुमान हो जाता है कि वेधन क्षेत्र में पेट्रोलियम विद्यमान है अथवा नहीं।
कवच की आकारिकी
फ़ोरैमिनीफ़ैरा के कवच छोटे बिंदु के आकार से लेकर अनेक इंचों के व्यास का हो सकता है। कुछ सीमित समूह के अंतर्गत ऐसे स्पीशीज़ (species) हैं जो समुद्री अमीबों से बड़े होते हैं और काइटिनी झिल्ली या असंस्कृत (primitive) कवच से रक्षित रहते हैं। इस सरल रचना से प्रारंभ कर ऐसे स्पीशीज़ विकसित हुए हैं जिनमें असंस्कृत कवच के बालू अभ्रक, स्पंज कंटिका, अथवा अन्य तलछट पदार्थों से ढकने से, या कैल्सियम कार्बोनेट के घने जमाव के कारण गोलाकार (globular) आकृति बन गई।
ये गोलाकार कवच प्रारंभिक कोष्ठों (chambers), अथवा साधारण बहुखंडीय प्रोलॉकुलस (Proloculus) के सदृश हैं। ऐसे सरल कवच में एक विसर्पी (meandering), या घुमावदार कोष्ठ बाहर से जुड़ गया, या कुछ कोष्ठ इस प्रकार व्यवस्थित हो गए कि एक लपेटदर शुरूआत (coiled beginning) हो सके और अनेक वलयी (annular) कोष्ठ जुड़ सकें। कवच की ये ही आधारभूत रचनाएँ थीं और इन्हीं से अनेक स्पीशीज़ के चोलों (tests) का प्रादुर्भाव हुआ। किसी कवचन में कोष्ठों की संख्या एक या कई सौ हो सकती है। प्राय: अतंस्थ कोष्ठ (terminal chamber) में एक या अनेक रंध्र होते हैं और जब नया कोष्ठ जुड़ता है तब इन रध्रों से (foramina) कोष्ठ के बीच आवागमन का मार्ग बन जाता है। एक बृहद समूह के अधिकांश कोष्ठों की दीवारों में सूक्ष्म पादाभीय रंध्र पाए जाते हैं और कुछ ऐसे समूह हैं जिनमें कवच की दीवारों में विस्तृत नहर प्रणाली रहती है।
फ़ोरैमिनीफ़रा के कवचों के विविध रूप
१. सैकैमिना (Saccamina),
२. बैथीसाइफ़न (Bathysiphon),
३. रैब्डैमिना (Rahabdammina),
४. हाइपरैमिना (Hyperammina),
५. नोडोसेरिया (Nodosaria),
६. फ्रॉण्डिकुलेरिया (Frondicularia),
७. टेक्सटुलेरिया (Textularia),
८. वेरनिउलिना (Verneullina),
९. स्पाइरोलॉकुलिना (Spiroloculina),
१०. ट्यूरिस्पाइ रिलिना (Turrispirillina),
११. साइक्लैमिना (Cyclammina),
१२. सिउडैस्ट्रॉरिज़ा (Pseudastrorhiza),
१३. ऐस्ट्रोरिज़ा (Astrorhiza),
१४. पैवोनिना (Pavonina),
१५. डिस्कोस्पाइरुलिना (Discospirulina),
१६. कैल्केरिना (Calcarina),
१७. डेंडोफ्रया (Dendophrya),
१८. सैकोरिज़ा (Saccorhiza),
१९. रिज़ोनुवेकुला (Rhizonubecula), तथा
२०. नमुलाइट (Nummulite)।
बहुत सी स्पीशीज़ के कवच कूटकों (ridges), शूलों (spines), या वृत्तस्कंधों (bosses) से अलंकृत रहते है। इस सुंदरता और जटिलता के कारण फ़ोरैमिनीफ़ेरा का अध्ययन बहुत दिनों से हो रहा है। कवचों की, आकृति और संरचना के आधार पर, निम्नलिखित चार समुदायों में विभाजित किया जा सकता है:
(१) काइटिनी - ये केवल प्राणी सीमेंट (Animal cement) के होते हैं।
(२) ऐरैनेशस (Aranaceous) - ये अजैव मलबे (inorganic debris) और सीमेंट युक्त होते हैं।
(३) छिद्री या परफ़ोरेटा (Perforata) - ये कैल्सियम कार्बोनेट के बने होते हैं तथा रंध्र से युक्त होते हैं।
(४) अछिद्री या एपरफ़ोरेटा (Aperforata) - ये कैल्सियम कार्बोनेट के बने हाते हैं और इनमें रंध्र नहीं होते।
जीवित फोरैमिनीफेरा
अधिकतर जीवित फ़ोरैमिनीफेरा कीचड़, या बालुकामय तलों, या छोटे छोटे पौधों पर रहते हैं। कुछ थोड़े समूह वेलापवर्ती (pelagie) होते हैं और साधारण गहराई में खुले समुद्र में पाए जाते हैं। तलीय फ़ोरैमिनीफ़ेरा में इतनी और इस प्रकार की गति होती है कि अधिकांश फ़ोरमिनीफ़ेरा कुछ इंच के अंदर ही जन्म से मृत्युपर्यंत गति कर पाते हैं।
जिन स्पीशीज़ में बृहद छिद्र होता है उनके कवच के जीवद्रव्य (protoplasm) में जीवाणु, कशाभिक प्रोटोज़ोआ, शैवाल के बीजाणु (spores of algae), डायटम (diatoms) तथा जैविक अपरद (detritus) पाए जाते हैं। जब छिद्र इतना लघु होता है कि उनसे होकर बड़े बड़े खाद्यकरण प्रवेश न कर सकें, तब उनका पाचन पादाभों में विद्यमान किण्वों (ferments) द्वारा होता है।
पादाभ कवच के छिद्र के समीपस्थ जीवद्रव्य से, अथवा पादाभ रध्रों से निकलते हैं और क्षीण हो जाते हैं। जहाँ अनेकों पादाभ निकलते हैं वे एकाकार हो जाते हैं, अथवा शाखामिलन (anastomese) होता है। जीवद्रव्य से निर्मित इन तंतुओं (filaments) में निरंतर प्रवाह के कारण गति होती रहती है और इस प्रवाह द्वारा खाद्य को पकड़ने और उसके पाचन का कार्य होता है तथा ठोस या तरल उत्सर्ग का उत्सर्जन (excretion) होता है। यहीं नहीं, बल्कि कवच के बाहर आच्छादित, जीवद्रव्य के सहयोग से श्वसन का कार्य भी होता है। कवच के अंदर जीवद्रव्य के प्रवाह के कारण परिसंचरण (circulation) होता है और सभी कोष्ठों में भोजन इत्यादि पहुँचता रहता है।
फ़ोरैमिनीफ़ेरा का रंग उसके कवच के रंग, घनत्व और, कुछ अंश तक, कवच की रचना पर निर्भर करता है। जब कवच की दीवार पारभासी (translucent) होती है तब जीवद्रव्य का हरा, भूरा या लाल रंग उसके अंतर्वेश (inclusion) कवच के रंग का प्रमुख कारण होता है। काइटिन (chitin) भूरा होता है और प्राय: कवच को भूरापन प्रदान करता है, अन्यथा वह श्वेत होता है। प्रवालभित्ति (coral reefs) के ईद गिर्द विविध रंगों, जैसे चीनाश्वेत, नारंगी, लाल, भूरे और हरे रंग से लेकर लैवेंडर और नीले रंग, के चमकीले स्पीशीज़ पाए जाते हैं। लैवेंडर और नीले रंग अपवर्तन के कारण होते हैं। गहरे जल में जो स्पीशीज़ आंशिक रूप से पारभासी कवचों के साथ पाए जाते हैं, वे हरे होते हैं और ऐरेनेसस कवच खोल पदार्थ का रंग ग्रहण कर लेते हैं, अथवा कणों को जोड़नेवाले सीमेंट में विद्यमान लौह लवणों के कारण लाल या भूरे दिखाई पड़ते हैं, जब कि अनेक स्पीशीज़ के चूनेदार कवच श्वेत पोर्सिलेन सदृश होते हैं। उष्ण समुद्र के छिछले जलवासी फोरैमिनीफेरा के जीवद्रव्य के अंदर ज़ोओज़थेली (Zooxanthellae), जो सहजीवी शैवाल हैं, पाए जाते हैं, किंतु उनके स्वर्णिम रंग का प्रभाव फ़ोरैमिनीफ़ेरा के रंग पर बहुत ही कम पड़ता है।
जीवनचक्र
अधिकांश फ़ोरैमिनीफ़ेरा के जीवन में लैंगिक (sexual) और अलैंगिक (asexual) चक्रीय पीढ़ियाँ होती हैं, जिनसे दो प्रकार के प्राणी उत्पन्न होते हैं।
लैंगिक अवस्था में कशाभिक (flagellated) युग्मक (gametes) जोड़े आपस में मिलते हैं और समागम करते हैं और इसके फलस्वरूप युग्मनज (zygote), अथवा निषेचन अमीबा (fertilization amaeba) एक गोलाकार कवच में परिवर्तित हो जाता है। लैंगिक विधि से उत्पन्न प्राणी में कवच का प्रारंभिक काष्ठ बहुत ही सूक्ष्म होता है। अतएव वे 'सूक्ष्मगोलीय कवच' (microspheric tests) कहलाते हैं।
अलैंगिक अवस्था (Asexual phase) - उपर्युक्त सूक्ष्मगोलीय प्राणी अलैंगिक विधि से प्रजनन करता है। अलैंगिक विधि से केंद्रक का क्रमिक विभाजन होता है और उनकी संख्या पूर्वविद्यमान केंद्रक की चार गुनी हो जाती है। तत्पश्चात् प्रत्येक केंद्रक के चारों तरफ का जीवद्रव्य साधारण पिंड (common mass) से अलग हो जाता है और एककेंद्रक (mononucleate) अमीबा बनाता है। इस प्रकार उत्पन्न अमीबा के प्रारंभिक कोष्ठ बृहत् होते हैं। अतएव ये 'दीर्घगोलीय कवच' (megaspheric tests) कहलाते हैं।
जीवनचक्र के लैंगिक अथवा अलैंगिक दोनों ही अवस्थाओं में अधिकांश स्पीशीज़ में प्रजनन की गतिविधि के लिए दो-तीन दिनों की आवश्यकता होती है। नए कोष्ठ के जुड़ने के लिए एक दिन की आवश्यकता होती है और उसके अनेक दिनों बाद दूसरा कोष्ठ जुड़ता है। इन प्रोटोज़ोआ की आयु कुछ सप्ताह से लेकर एक साल या अधिक की होती है। यह स्पीशीज़ और ऋतु (season) पर निर्भर करती है और लैंगिक तथा अलैंगिक पीढ़ियों को मिलाकर जीवनचक्र के लिए अनेक सप्ताहों से लेकर दो या अधिक साल तक की आवश्यकता होती है।
पारिस्थितिक संबंध
एक विद्यमान फोरामिनिफेरा की बहुत सी वे जातियाँ जो एक विशेष गहराई में पाई जाती हैं, सर्वत्र उसी गहराई में मिलती हैं। पृथ्वी के इतिहास में अन्यकाल में भी इसी प्रकार की स्थितियाँ रही हैं। छिछले जल में रहनेवाली जातियों का वितरण जल के ताप के कारण प्राय: सीमित होता है। अन्य जातियाँ, ताप के अतिरिक्त अन्य बातों पर, जैसे जल की लवणता, अध:स्तर (substratum) की प्रकृति, भोजन की उपलब्धि इत्यादि, पर निर्भर करती हैं और ये बातें स्वयं जल की गहराई से प्रभावित होती हैं। इस समूह में वृद्धि और प्रजनन उपयुक्त भोज्य जीवाणुओं पर बहुत अधिक निर्भर करता है। फोरामिनिफेरा की बहुत सी जातियाँ तृण तथा घास से आच्छादित क्षेत्रों में ही सीमित होती हैं और जिस गहराई तक ये पौधे उगते हैं वह तल की प्रकृति और सूर्य विकिरण (solar radiation), जो जल के गँदलापन तथा अक्षांश (latitude) के अनुसार बदलता है, निर्भर करती है।
गहरे जल में जीवित फोरामिनिफेरा की संख्या प्रति इकाई क्षेत्र में कम होती है, किंतु छिछले जल में उनकी संख्या प्रत्येक वर्ग फुट में सैकड़ों से लेकर हजारों तक होती है।
वंश
फोरामिनिफेरा के कुछ वंश निम्नलिखित हैं :
पॉलिस्टोमेला (Polystomella)
यह समुद्र में पाए जानेवाले फोरामिनिफेरा का एक अच्छा उदाहरण है। यह समुद्र के किनारे तल में पाया जाता है। सूक्ष्मदर्शी से देखने पर यह एक छोटे घोंघे के छिलके जैसा दिखाई पड़ता है। इसका कवच कड़ा, अर्धपारदर्शी और कैल्सियमी होता है। इसमें आकृति के प्रकोष्ठ बने होते हैं। ये प्रकोष्ठ समीपवर्तीं, चिपटे और सर्पिल हाते हैं। अन्य प्रोटोज़ोआ और डायटम (diatoms) इसके भोजन हैं, जिन्हें यह कवच छिद्र से निकले बाह्य जीवद्रव्य स्तर से उत्पन्न, लंबे, पतले, शाखावत् और उलझे पादाभ द्वारा पकड़ कर लगभग कवच से बाहर ही पचा लेता है।
पॉलिस्टोमेला के जीवनचक्र में निरंतर पीढ़ी परिवर्तन होता है और उसमें केंद्रीय कोष्ठ के आकार में द्विरूपता (dimorphism) पाई जाती है।
ग्लोबिजराइना (Globigerina)
फोरामिनिफेरा का यह वंश बहुत ही व्यापक है। ग्लोबिजराइना बुलायड्स (G. bulloids) विश्वव्यापी समुद्र के छिछले जलवासी स्पीशीज हैं, जो समुद्र के तल की कीचड़ों में, ३,००० फ़ैदम की गहराई में पाए जाते हैं। मृत प्राणियों के कवच समुद्रतल में बहुत अधिक मात्रा में इकट्ठा होकर एक प्रकार के पंक, जिसे सिंधुपंक या गलोबिजराइना सिंधु पंक (Globigerina ooze) कहते हैं, बना देते हैं। विद्यमान महासागरों का एक तिहाई तल इसी ग्लोबिजराइना सिंधुपंक से आच्छादित है। इनका कवच प्राकृतिक खड़िया का एक प्रमुख संघटक होता है।
माइक्रोग्रोमिया (Microgromia)
सरल रचनावाले फोरामिनिफेरा में से माइक्रोग्रोमिया भी एक है। जीवद्रव्य पिंड के अंदर केवल एक केंद्रक (nucleus) और एक संकुचनशील रिक्तिका (vacuole) होती है, जो एक साधारण अंडाकार और काइटेनीय कवच (chitinoid shell) से घिरे हाते हैं। इस कवच (shell) के चौड़े मुख से जीवद्रव्य निकला होता है, जो लंबे, मृदुल सूक्ष्म और विकीर्णक रेटीकुलो पाडों (radiating reticulopods) का निर्माण करता है। इसमें दो कशाभिकाएँ (flagella) होती हैं, जिनकी सहायता से यह जल में तैरता है।
क्लैमिडोफ्रस (Chlamydophrys)
इसकी रचना माइक्रोग्रोमिया के सदृश होती है, किंतु यह हानिकारक परोपजीवी के रूप में मनुष्य, अथवा अन्यस्तनपोषी, की अँतड़ियों में पाया जाता है। इसका कवच नाशपाती की आकृति का और काइटिनायी होता है। कवच के एक छोर पर एक संकीर्ण छिद्र होता है, जिससे होकर जीवद्रव्य निकला होता है और शाखामिलनी रेटिकुलोपोडिया का निर्माण करता है। इसमें अलैंगिक प्रजनन द्विभाजन (binary fission) की विधि से और लैगिक प्रजनन बहुविभाजन की विधि से होता है।
ऐलोग्रोमिया (Allogromia)
इसमें छोरीय कवचछिद्र से निकला हुआ जीवद्रव्य कवच के चारों तरफ प्रवाहित होता रहता है, जिससे कवच जीवद्रव्य के अंदर आ जाता है। पादाभ (pseudopodia) विलक्षण रूप से लंबे, उलझे हुए और जालिकारूपी (reticulate) होते हैं और शिकार को पकड़ने और उनका पाचन करने का कार्य करते हैं।
अमोबॉयड |
तेलंगाना के जटिल मुद्दे पर शुक्रवार को होने वाली कांग्रेस कोर समूह की बैठक के नतीजों का आंध्रप्रदेश में बेसब्री से इंतजार है. तेलंगाना और गैर तेलंगाना इलाकों के कांग्रेस नेता शुक्रवार को दिल्ली में डटे हुए हैं, ताकि पार्टी आलाकमान के साथ अपने हितों के समर्थन में आवाज बुलंद कर सकें.
मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी, राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष बोत्सा सत्यनारायण और उपमुख्यमंत्री सी. दामोदर राजनरसिम्हा शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी के लिए रवाना हुए.
तेलंगाना और गैर तेलंगाना इलाकों से राज्य के मंत्री भी दिल्ली में हैं और उन्होंने कांग्रेस महासचिव और आंध्रप्रदेश मामलों के पार्टी प्रभारी दिग्विजय सिंह से मुलाकात की ताकि अलग राज्य की मांग और अविभाजित आंध्रप्रदेश की अपनी-अपनी मांगों पर दबाव बना सकें. |
कुछ दिन पहले प्राइवेट स्पेस एजेंसी स्पेस एक्स ने दो लोगों को चांद पर बतौर टूरिस्ट ले जाने का प्लान बताया है. अब दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजॉन के सीईओ जेफ बेजोस चांद पर पैकेज भेजना चाहते हैं. वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक बेजोस ने इंटरनल रिपोर्ट में कहा है कि दूसरे ग्रहों पर बसने के लिए अच्छा डिलिवरी सिस्टम अहम रोल अदा करेगा.
गौरतलब है कि अमेजॉन के सीईओ जेफ बेजोस की एक प्राइवेट स्पेस ट्रेवल कंपनी ब्लू ऑरिजिन के भी मालिक हैं. इसके अलावा जेफ बेजोस ही अमेरिकी अखबार द वॉशिंगटन पोस्ट के भी ऑनर हैं.
वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक एक प्रोप्राइटी एंड कॉन्फिडेंशियल
दस्तावेज में बेजोस ने कहा है
कि उन्हें उम्मीद है कि नासा 2020 तक ग्रहों पर कार्गो डिलिविरी सर्विस डेमोंस्ट्रेशन के लिए प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा देने का काम करेगा. इसमे Amzon Prime की तरह ही अर्थ टू मून सर्विस होगी.
इस रिपोर्ट में ब्लू मून व्हीकल के बारे में भी जानकारी लिखी हुई है जो 10,000 पाउंड का कार्गो ले जाएगा और चांद के सनी साउथ पोल के पास लैंड करेगा जहां लगातार सूरज की रौशनी मिलती है ताकि सोलर स्पेसक्राफ्ट के सोलर पैनल्स चार्ज होते रहें.
चांद के सर्फेस पर पहुंचते ही रोबॉटिक रोवर के जरिए स्पेस रिसर्च के लिए सामान डिप्लॉए किए जाएंगे.
रिपोर्ट के मुताबिक बेजोस की इस रिपोर्ट को नासा और
डोनाल्ड ट्रंप की ट्रांजिशन टीम को
दिया गया है जिसमें चांद पर सामान डिलिवर करने के लिए ब्लू ऑरिजिन व्हीकल के यूज के बारे में विस्तार से लिखा गया है.
वॉशिंगटन पोस्ट को दिए गए जवाब में बेजोस ने कहा है, ‘समय आ गया है जब अमेरिकी चांद पर वापस जाए और वहां रहे. चांद पर रहना और वहां जिंदगी बसाना मुश्किल है और जरूरी भी. मुझे लगता है लोग इसके लिए रोमांचित होंगे’ |
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर लोकसभा सीट पर एक फिर अपना दल (S) से अनुप्रिया सिंह पटेल ने जीत हासिल की है. अनुप्रिया 590867 यानी 53.34% वोटों के साथ पहले स्थान पर काबिज रही. वहीं, समाजवादी पार्टी से रामचरित्र निषाद 359556 यानी 32.42 % वोटों से दूसरे स्थान पर रहे. यहां 19 मई को वोटिंग हुई थी, जिसमें कुल 60.69 फीसदी वोटिंग हुई थी.
Election Results:
अमेठी से लेकर काशी तक, जानें कौन किस सीट पर है आगे
कौन-कौन हैं उम्मीदवार
इस बार यहां से कुल 9 उम्मीदवार मैदान में हैं. यहां से बीजेपी की सहयोगी अपना दल (S) की अनुप्रिया पटेल मैदान में हैं. गठबंधन की तरफ से समाजवादी पार्टी के रामचरित्र निषाद और कांग्रेस की ओर से ललितेश त्रिपाठी मैदान में हैं.
इसके अलावा सत्य बहुमत पार्टी, भारत प्रभात पार्टी, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया), सीपीआई(मार्क्सवादी-लेनिन)(लिबरेशन), राष्ट्रीय समाज पक्ष, भारतीय रिपब्लिकन पार्टी (इंसान) चुनावी दंगल को रोचक बनाने की कोशिश कर रही हैं.
2014 का जनादेश
2014 का आम चुनाव बीजेपी ने नरेंद्र मोदी की अगुवाई में लड़ा और उत्तर प्रदेश में उसका अपना दल के साथ गठबंधन था और इसी गठबंधन के तहत उसने मिर्जापुर की सीट अपना दल को सौंप दिया, और इस दल ने यहां से अपनी नेता अनुप्रिया सिंह पटेल को मैदान में उतारा. अनुप्रिया ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बसपा के समुद्र बिंद को 2,19,079 मतों के अंतर से हरा दिया. मैदान में कुल 23 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी. चुनाव में कांग्रेस तीसरे और सपा चौथे स्थान पर रही थी.
Lok Sabha Election Results 2019: देखें पल-पल का अपडेट
मिर्जापुर उत्तर प्रदेश के उन चंद चुनिंदा संसदीय सीटों में से एक है जिसकी अपनी ही राजनीतिक महत्ता है. यहां से अपना दल (सोनेलाल) की नेता अनुप्रिया सिंह पटेल सांसद हैं, इस पार्टी ने 2014 का लोकसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर लड़ा था. यूपी के 75 जिलों में से एक मिर्जापुर उत्तर में संत रविदास नगर और वाराणसी से तो पूर्व में चंदौली से, दक्षिण में सोनभद्र से और पश्चिमोत्तर में प्रयागराज से घिरा हुआ है.
मिर्जापुर शब्द 'मिर्जा' से लिया गया है जो फारसी शब्द 'ट्रिप कलचू' का अनुवाद है, जिसका अर्थ है शासक या अमीर का बच्चा. मिर्जापुर जिला मिर्जापुर डिविजन का एक हिस्सा है. एक समय सोनभद्र उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा जिला था, लेकिन 1989 में विभाजन कर मिर्जापुर को नया जिला बना दिया गया. इस जिले में 4 तहसील हैं जो 12 ब्लॉक में बंटे हैं. मिर्जापुर जिले की आबादी करीब 25 लाख है जो यूपी का 33वां सबसे घनी आबादी वाला जिला है.
सामाजिक ताना-बाना
2001 की जनगणना के मुताबिक मिर्जापुर की आबादी 24,96,970 लाख रही, जिसमें पुरुषों की संख्या की आबादी करीब 13.1 लाख (53%) और महिलाओं की आबादी 11.8 लाख ((47%)) थी. करीब 25 लाख की आबादी वाले इस लोकसभा क्षेत्र में सामान्य वर्ग की आबादी 18,15,709 लाख है, तो अनुसूचित जाति के लोगों की आबादी 6,61,129 और अनुसूचित जनजाति की आबादी 20,132 है.
धर्म आधारित आबादी के आधार पर देखा जाए तो यहां पर हिंदुओं की आबादी सबसे ज्यादा है. उनकी संख्या 22 लाख से अधिक है, जबकि मुस्लिमों की संख्या 1 लाख 95 हजार है तो ईसाइयों की आबादी 2300 से थोड़ी ज्यादा है. इस संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं और इनमें से सिर्फ छानबे ही सुरक्षित सीट के रूप में दर्ज है.
चुनाव की हर ख़बर मिलेगी सीधे आपके इनबॉक्स में. आम चुनाव की ताज़ा खबरों से अपडेट रहने के लिए
सब्सक्राइब करें
आजतक का इलेक्शन स्पेशल न्यूज़ लेटर |
दिल्ली के रंजीत नगर से पुलिस ने एक तांत्रिक को गिरफ्तार किया है जो सोशल मीडिया व जस्ट डायल के जरिए लोगों को अपना शिकार बना ठगी करता था. मेरठ का रहने वाला यह तांत्रिक ठग सैकड़ों लोगो से भूत-प्रेत के साए का भय दिखाकर लाखों रुपये ठग चुका है.
ठग तांत्रिक अपने शिकार से पेटीएम के जरिए और बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कराता था. पुलिस ने ठगी के शिकार लोगों की शिकायत पर जाल बिछाया और तांत्रिक ठग को रंगे हाथों गिरफ्तार किया.
पुलिस ने गिरफ्तार तांत्रिक ठग की पहचान मेरठ के रहने वाले सलमान के रूप में की है, जो दिल्ली एनसीआर समेत कई राज्यों के लोगों को
लाखों का चूना
लगा चूका है. तांत्रिक बन सलमान ने जस्ट डायल व सोशल साईट पर अपना नंबर डाल रखा था. सोशल मीडिया पर उसने कुछ विडियो क्लीप डाल रखे थे, जिसमें वह वशीकरण, कारोबार में नुकसान, बिमारी से दुखी लोगों की समस्याएं दूर करने का दावा करता था.
अपने झांसे में फंसे लोगों को वह इंटरनेट से भूत-प्रेत की तस्वीरें निकाल कर यह कहकर भेजता था कि उनके घर पर भूत-प्रेत का काला साया मंडरा रहा है और भूत-प्रेत भगाने के लिए उन्हें टोटका करवाना पड़ेगा नहीं तो किसी की मौत भी हो सकती है, जिसके एवज में वह मोटी रकम ऐंठता था.
तांत्रिक ठग सलमान ने जस्ट डायल व अन्य सोशल साईटों पर नेहरू प्लेस, मेरठ और मवाना के फर्जी पते रजिस्टर्ड कराए थे. उसके झांसे में फंसे किसी व्यक्ति का जब फोन आता तो वह उन्हें
भूत-प्रेत के काले जादू का भय दिखाकर
अपने खाते में 4100 से लेकर 5100 तक रुपये मंगाता था.
सलमान अब तक दिल्ली एनसीआर के अलावा हरियाणा, पंजाब, युपी और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों के लोगों को अपना शिकार बना चुका है. लेकिन जब लोगों को अहसास हुआ की वे ठगी के शिकार हो चुके हैं तो उन्होंने पुलिस में शिकायत की.
पुलिस ने जब जस्ट डायल पर रजिस्टर्ड उसके पते को खंगाला तो वह फर्जी निकला. इसके बाद पुलिस ने फर्जी कस्टमर बनकर सलमान से संपर्क साधा. जब वह पुलिस के झांसे में आ गया तो उसे पुरानी दिल्ली स्टेशन पर बुलाया गया, जहां से पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. |
चीन के अशांत शिंजियांग प्रांत में आज एक पुलिस इमारत में कार घुसाकर विस्फोट करने वाले 13 हमलावरों को मार गिराया गया.
आधिकारिक तिआनशान वेब पोर्टल के अनुसार आज हमलावरों ने शिंजियांग के काशगर क्षेत्र की कारगिलिक काउंटी स्थित सुरक्षा प्रतिष्ठान में कार घुसाकर विस्फोट किया. पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और 13 हमलावरों को मार गिराया.
रिपोर्ट में कहा गया कि इस दौरान तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए, लेकिन कोई और नुकसान नहीं हुआ. यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि हमलावरों ने एक विस्फोटक उपकरण का इस्तेमाल किया या इससे अधिक का.
शिंजियांग प्रांत मुस्लिम उइगुर आबादी वाला क्षेत्र है जहां हाल के वर्षों में कई सिलसिलेवार हमले हुए हैं. |
"मेर हेरेनिक" के बोल 1861 में मिकेल नालबैंडियन द्वारा लिखी गई एक कविता से लिए गए थे। हालाँकि इसका शीर्षक "द इटालियन गर्लज़ सॉन्ग" या "सॉन्ग ऑफ़ एन इटालियन गर्ल" (अर्मेनियाई: ԻԻֿ֡ցԻցց֫ ּԻրրրԻ, रोमानीकृत: इटैलैट्स) के रूप में अनुवादित किया जा सकता है। 'आई अघ्ज्का यर्गी), यह अपने आरंभिक, "मेर हेरेनिक" (हमारी पितृभूमि) से अधिक प्रसिद्ध है। 20वीं सदी की शुरुआत में, संगीत बरसेघ कनाच्यन द्वारा रचा गया था। इसके बाद, गीत और संगीत दोनों को आर्मेनिया के प्रथम गणराज्य के राष्ट्रगान के रूप में अपनाया गया, जो 1918 से 1920 तक संक्षिप्त रूप से अस्तित्व में था। |
आईसीसी विश्व कप-2019 में मंगलवार को भारत का सामना न्यूजीलैंड से होना है. क्रिकेट पंडितों का मानना है कि भारत के लिए यह मैच आसान है, लेकिन टीम के कप्तान विराट कोहली का कहना है कि उनकी टीम जब भी मैदान पर उतरती है उस पर उम्मीदों का दबाव होता है चाहे सामने कोई भी टीम हो. कोहली ने कहा कि भारतीय टीम ने कभी यह नहीं सोचा कि यह आसान मैच है.
कोहली ने सेमीफाइनल मैच से पहले पूर्व संध्या पर कहा, 'मुझे याद नहीं कि आखिरी बार मैंने कब मैदान पर यह सोचते हुए कदम रखा था कि इस मैच में कुछ भी हो, उससे फर्क नहीं पड़ता. भारतीय टीम के लिए स्टेडियम हमेशा फुल रहते हैं और लोगों को उम्मीदें होती हैं कि हम अच्छा करेंगे. इसके साथ दबाव होता है, साथ ही मौका भी. इसलिए जैसा मैंने कहा कि हम इस तरह की स्थितियों में खेलने के आदी हैं.'
कोहली ने कहा, 'लेकिन मुझे लगता है कि विश्व कप का नॉकआउट मैच मैदान के बाहर काफी उत्साह लेकर आता है. यहां द्विपक्षीय सीरीज के मुकाबले माहौल अलग होने वाला है. इसलिए हमारी कोशिश इसे अपने अंदर उतारने की और उस चुनौती का सामना करने की है जो हमारे अलग टीम बनने की राह में है.'
कोहली ने कहा, 'आपको मैच जीतने के लिए अच्छी क्रिकेट खेलनी होती है और इस विश्व कप में हमारा ध्यान इसी पर था और मुझे नहीं लगता कि हम इसमें बदलाव करेंगे क्योंकि यह नॉकआउट मैच है. यह जरूरी है कि हम इसे क्रिकेट के मैच की तरह ही देखें और जो जरूरी है वो करें.'
उम्मीदों के साथ दबाव आता है और कोहली कहते हैं कि उनकी टीम इसके लिए तैयार है. उन्होंने कहा, 'जब आप इस तरह के टूर्नामेंट में यहां तक आते हो और फिर विफल हो जाते हैं तो हर किसी को निराशा होती है, लेकिन भारतीय टीम हमेशा से दबाव लेकर चलती है चाहे हम जहां भी खेलें. ईमानदारी से कहूं तो हम इसके आदी हो गए हैं.'
भारत का यह विश्व कप में लगातार तीसरा फाइनल है. इससे पहले वो 2011 और 2015 में सेमीफाइनल में पहुंची थी. 2011 में वो विजेता बनी थी तो वहीं 2015 में ऑस्ट्रेलिया ने उसका रास्ता रोक दिया था. कोहली ने कहा कि इस टूर्नामेंट में आने के बाद से उनकी टीम का पहला लक्ष्य सेमीफाइनल में जगह बनाना था.
उन्होंने कहा, 'जाहिर सी बात है बीते दो सेमीफाइनल का परिणाम काफी अलग था. मोहाली में जब हम सेमीफाइनल जीते थे तो वह मेरा पहला विश्व कप था. हमने फाइनल में जगह बनाई थी. उस समय हम घर में खेल रहे थे. 2015 में ज्यादा परिपक्व हो गया था, लेकिन टीम का सेमीफाइनल से आगे न जाना निराशाजनक था.'
कोहली ने कहा, 'इस बार, चूंकि प्रारूप अलग है, हम समझते हैं कि टूर्नामेंट लंबा है और खिलाड़ियों ने काफी मेहनत की है. ऐसे में जब आपको पता चलता है कि आपने इस टूर्नामेंट का अपना पहला लक्ष्य-सेमीफाइनल में पहुंचाना, हासिल कर लिया है तो इससे आपको काफी ऊर्जा मिलती है.' |
यूनिफाइड मॉडलिंग लेंगुएज (यूएमएल) सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग क्षेत्र की एक मानकीकृत सामान्य-उद्देश्य मॉडलिंग भाषा है। मानक, वस्तु प्रबंधन समूह द्वारा रचा गया और इसी के द्वारा संभाला जाता है।
यूएमएल सॉफ्टवेयर वृद्धिकर प्रणाली के दृश्य मॉडल बनाने के लिए चित्रमय संकेतन तकनीक का एक सेट सम्मिलित करता है।
समीक्षा
यूनिफाइड मॉडलिंग लेंगुएज (UML), विकास के अंतर्गत एक वस्तु-अभिविन्यस्त सॉफ्टवेयर गहन प्रणाली की शिल्पकृति को उल्लिखित, रूपांतर, निर्माण और दस्तावेज़ करने के लिए उपयोग की जाती है। यूएमएल एक प्रणाली की वास्तुशिल्पीय रूपरेखा को देखने के लिए एक मानक तरीका प्रदान करता है, जिसमें निम्नलिखित तत्व शामिल हैं:
अभिनेता
व्यापार प्रक्रिया
(तार्किक) घटक
गतिविधिया
प्रोग्रामिंग भाषा का बयान
डेटाबेस आरेख और
पुन: प्रयोज्य सॉफ्टवेयर घटक.
यूएमएल डेटा मॉडलिंग (एंटिटी रिलेशनशिप आरेख), व्यापार मॉडलिंग (काम प्रवाह), वस्तु मॉडलिंग और घटक मॉडलिंग से बेहतरीन तकनीकों का सम्मिश्रण करता है। सॉफ्टवेयर विकास के जीवन चक्र में और विभिन्न कार्यान्वयन प्रौद्योगिकियों के पार, यह सभी प्रक्रियाओं के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है। यूएमएल ने बूच विधि, वस्तु मॉडलिंग तकनीक {OMT) और {0}वस्तु-अभिविन्यस्त सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग (OOSE) को एक सामान्य, एकल और अधिक प्रयोग करने योग्य मॉडलिंग भाषा के रूप में जोड़ कर, उनके अंकन का संश्लेषण किया है। यूएमएल का उद्देश्य है एक मानक मॉडलिंग भाषा बनाना जो समवर्ती और वितरण प्रणाली को मॉडल कर सके. यूएमएल एक वास्तविक उद्योग मानक है और वस्तु प्रबंधन समूह (OMG) के तत्त्वावधान में विकसित हो रही है। OMG ने शुरू में वस्तु-अभिविन्यस्त तरीकों पर जानकारी मांगी जो एक कठोर सॉफ्टवेयर मॉडलिंग भाषा बना सकती. कई उद्योग के नेताओं ने यूएमएल मानक बनाने में मदद करने के लिए अपरिहास जवाब दिया है।
यूएमएल मॉडल, OMG द्वारा समर्थित, QVT-जैसी रूपांतर भाषाओँ के माध्यम से स्वतः अन्य प्रतिवेदनों (जैसे जावा) में बदल सकते हैं। यूएमएल वितान्य है और अनुकूलन के लिए निम्नलिखित तंत्र पेश करता है: खाका और छवि. प्रोफाइल द्वारा विस्तार के शब्दार्थ विज्ञान का यूएमएल 2.0 प्रमुख संशोधन के साथ सुधार किया गया है।
इतिहास
1.x यूएमएल से पहले
वर्ष 1994 में जनरल इलैक्ट्रिक से जेम्स रूमबॉग की सेवायें किराये पर लेने के उपरांत रेशनल सॉफ्टवेयर कॉरपोरेशन आज के दो सर्वाधिक लोकप्रिय वस्तु उन्मुख मॉडलिंग तरीकों (ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड मॉडलिग एप्रोचेस) का स्रोत बन गया : रूमबॉग का ओ एम टी, जो कि ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड एनालिसिस (ओ ओ ए) हेतु बेहतर था, तथा ग्रेडी बूच का बूच तरीका, जो कि ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड डिजाइन (ओ ओ डी) हेतु बेहतर था। उनके प्रयासों में उन्हें शीघ्र ही ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग (ओ.ओ.एस.ई) के सृजक आइवर जैकबसन से सहायता प्राप्त हुई. कंपनी ऑब्जेक्टरी ए बी के रेशनल द्वारा अधिग्रहण के उपरांत जैकबसन ने वर्ष 1995 में रेशनल में कार्यभार ग्रहण किया। तीनों कार्यपद्धतिविदों को सामूहिक रूप से थ्री एमीगोस के नाम से जाना जाता था, क्योंकि वे कार्य पद्धति व्यवहार के बारे में आपस में प्रायः तर्क करते रहने के लिये जाने जाते थे।
वर्ष 1996 में रेशनल ने यह पाया कि मॉडलिंग भाषाओं की बहुतायत ऑब्जेक्ट प्रौद्योगिकी को अपनाने की दर को धीमा कर रही थी, अतः एक एकीकृत (यूनीफाइड) तरीके से कार्य को पुनः व्यवस्थित करते हुये उन्होंने थ्री एमीगोस को एक नॉन प्रोपराइटरी यूनीफाइड मॉडलिंग लैग्वेज़ के विकास का कार्य सौंपा. प्रतिस्पर्धी ऑब्जैक्ट प्रौद्योगिकी कंपनियों के प्रतिनिधियों से ओ ओ पी एस एल ए '96(OOPSLA '96) के दौरान परामर्श किया गया; उन्होंने ग्राडी बूच के बूच तरीके की अंकन पद्धति, जिसमें क्लाउड (बादल) रूपी प्रतीकों का प्रयोग किया गया था, के स्थान पर श्रेणियों को दर्शाने के लिये बॉक्सेस का चयन किया।
थ्री एमीगोस" के तकनीकी नेतृत्व में यूनीफाइड मॉडलिंग लैग्वेज (यू एम एल) वर्गीकरणों को पूर्ण करने तथा इसे ओ एम जी आर एफ पी के एक प्रतिउत्तर के रूप में प्रस्तावित करने के लिये वर्ष 1996 में यू.एम.एल. पार्टनर्स नामक एक अंतर्राष्ट्रीय संघ का गठन किया गया। यू एम एल पार्टनर्स का यू एम एल 1.0 वर्गीकरण मसौदा जनवरी 1997 में ओ एम जी को प्रस्तावित किया गया। इसी माह यू एम एल पार्टनर्स ने क्रिस कॉबरायन की अध्यक्षता एवं एड आयखोल्ट के प्रशासन में वर्गीकरणों के सीमैन्टिकस को अंतिम रूप देने तथा इसे अन्य मानकीय प्रयासों के साथ एकीकृत करने के लिए एक सीमैन्टिक्स टास्क फोर्स का गठन किया। इस कार्य के परिणाम, यू एम एल 1.1, को अगस्त 1997 में ओ एम जी को प्रस्तुत किया गया एवं ओ एम जी द्वारा इसे नवम्बर 1997 में अपनाया गया।
1.x यूएमएल
एक मॉडलिंग संकेतन के रूप में, OMT संकेतन का प्रभाव हावी है (उदाहरण, वर्गों और वस्तुओं के लिए आयतों का उपयोग). हालांकि बूच "क्लाउड" अंकन हटा दिया गया था, बूच के कम-स्तर डिजाइन वृत्तांत को निर्दिष्ट करने की क्षमता का आलिंगन किया गया। ओब्जेक्टारी से उपयोग मामला अंकन और बूच से घटक अंकन को अन्य संकेत पद्धतियों के साथ संघटित किया गया, लेकिन शब्दार्थ विज्ञान एकीकरण यूएमएल 1.1 में अपेक्षाकृत कमजोर था और यूएमएल 2.0 प्रमुख संशोधन तय करने तक असल में निश्चित नहीं किया गया।
कई अन्य OO तरीकों से भी अवधारणाओं को यूएमएल के साथ ढीली तरह से संघटित किया गया इस उद्देश्य के साथ की यूएमएल सभी OO तरीकों का समर्थन करेगा। जैसे ही समूह ने वास्तविक समय प्रणाली डोमेन में व्यापक कवरेज सुनिश्चित करने की कोशिश की, कई अन्य लोगों ने भी इसमें योगदान दिया, जिनकी पहुंच ने, टोनी वास्सर्मेंन और पिटर पिरचार के "ऑब्जेक्ट-ओरिएंनटिड स्ट्रक्चर्ड डिजाइन (OOSD)" संकेतन (पद्धति नहीं), रे बहर के "सिस्टम डिसाइन विद अडा", आर्ची बोवन के उपयोग मामले और समय विश्लेषण, पॉल वार्ड के डेटा विश्लेषण और डेविड हारेल के "स्टेटचार्ट" सहित आज के कई मॉडल को झलक दी. परिणामस्वरूप, यूएमएल इंजीनियरिंग समस्याओं की कई किस्मों में उपयोगी है, एकल प्रक्रिया, एकल उपयोगकर्ता प्रयोज्यता से समवर्ती, वितरण व्यवस्था, जो यूएमएल को समृद्ध बनाते हैं पर बड़ा भी।
यूनिफाइड मॉडलिंग भाषा एक अंतरराष्ट्रीय मानक है:
आईएसओ/आईईसी 19501:2005 सूचना प्रौद्योगिकी - ओपन वितरित प्रक्रम - यूनिफाइड मॉडलिंग लेंनगुएज (यूएमएल) संस्करण 1.4.2
2.0 यूएमएल की ओर विकास
यूएमएल 1.1 के बाद से यूएमएल महत्वपूर्णता से परिपक्व हुआ है। कई छोटे संशोधनों (यूएमएल 1.3, 1.4 और 1.5) ने यूएमएल के प्रथम संस्करण की कमियां और बग ठीक किये, जिसके बाद यूएमएल 2.0 प्रमुख संशोधन हुआ जो 2005 में OMG द्वारा स्वीकार किया गया।
यूएमएल 2.x विनिर्देशन के चार भाग हैं:
परमढाँचा जो आरेख और उनके मॉडल तत्वों के लिए संकेतन और शब्दों को परिभाषित करता है;
बुनियादी ढांचा जो मुख्य मेटामॉडल जिस पर परमढाँचा आधारित है उसे परिभाषित करता है;
ऑब्जेक्ट कंस्टरेंट लेंगुएज (OCL) मॉडल तत्वों के लिए नियमों को परिभाषित करने के लिए;
और यूएमएल आरेख आदान-प्रदान जो यूएमएल 2 आरेख लेआउट कैसे बदलते हैं उसे परिभाषित करता है
इन मानकों के वर्तमान संस्करण यूएमएल परमढाँचा संस्करण 2.2, यूएमएल बुनियादी ढांचा संस्करण 2.2, OCL संस्करण 2.0 और यूएमएल आरेख आदान-प्रदान संस्करण 1.0 का पालन करते हैं।
हालांकि कई यूएमएल उपकरण यूएमएल 2.x की नई सुविधाओं में से कुछ का समर्थन करते हैं, OMG उनकी विशिष्टताओं के साथ सामान्य रूप से परीक्षण अनुपालन करने के लिए कोई परीक्षण स्थान उपलब्ध नहीं करवाता।
यूनिफाइड मॉडलिंग भाषा विषय
सॉफ्टवेयर विकास पद्धतियाँ
यूएमएल स्वयं में एक परिवृद्धि तरीका नहीं है, तथापि, इसे अपने समय के प्रमुख वस्तु-उद्देश्य सॉफ्टवेयर विकास के तरीकों के साथ अनुकूल होने के लिए बनाया गया था (उदाहरण के लिए OMT, बूच विधि, ओब्जेक्टरी). जब से यूएमएल विकसित हुआ है, इन में से कुछ तरीकों को नए अंकन का लाभ लेने के लिए फिर से ढाला गया है और नए तरीके यूएमएल के आधार पर निर्मित किए गए हैं। सबसे अच्छा ज्ञात है आईबीएम रेशनल यूनिफाइड प्रोसेस (RUP). कई अन्य यूएमएल-आधारित विधियां हैं जैसे, संक्षेपण तरीका, गतिशील सिस्टम विकास तरीका और अन्य जो अधिक विशिष्ट समाधान, या विभिन्न उद्देश्य प्राप्ति उपलब्ध करवाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
मॉडलिंग
एक प्रणाली के चित्र के सेट और यूएमएल मॉडल के बीच अंतर करना बहुत महत्वपूर्ण है। एक आरेख एक सिस्टम के मॉडल का आंशिक चित्रमय प्रतिनिधित्व है। मॉडल में एक 'शब्दार्थ विज्ञान पश्च समतल" भी होता हैं - प्रलेखन जैसे लिखे उपयोग मामले जो मॉडल तत्वों और चित्र को कर्मशक्ति देते हैं।
यूएमएल चित्र एक मॉडल प्रणाली के दो अलग विचारों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
स्थिर (या संरचनात्मक) विचार: यह वस्तुओं, गुण, संचालन और रिश्तों के उपयोग से प्रणाली के स्थिर ढांचे पर जोर देती है। संरचनात्मक विचार में वर्ग आरेख और समग्र संरचना आरेख शामिल हैं।
गतिशील (या व्यवहार) विचार: यह वस्तुओं के बीच सहयोग और वस्तुओं की आंतरिक स्तिथि में परिवर्तन दिखा कर प्रणाली के गतिशील व्यवहार पर बल देता है। इस विचार में अनुक्रम चित्र, गतिविधि आरेख और राज्य मशीन चित्र शामिल हैं।
XMI विनिमय प्रारूप का उपयोग करने से यूएमएल उपकरणों के बीच यूएमएल मॉडल विनिमय किए जा सकते है।
चित्र अवलोकन
यूएमएल 2.2 में 14 प्रकार के चित्र हैं जिन्हें दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है। सात आरेख प्रकार संरचनात्मक सूचना दर्शाते हैं और अन्य सात सामान्य प्रकार का व्यवहार दर्शाते हैं, जिनमें से चार बातचीत के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं। यह चित्र तारतम्य रूप से वर्गीकृत किए जा सकते है जैसा निम्न श्रेणी के चित्र में दिखाया गया है:
यूएमएल, यूएमएल तत्व प्रकार को एक निश्चित आरेख प्रकार तक सीमित नहीं करता. आमतौर पर, हर यूएमएल तत्व लगभग सभी प्रकार के चित्र पर प्रकट हो सकता है, यह लचीलापन यूएमएल 2.0 में आंशिक रूप से प्रतिबंधित किया गया है। यूएमएल प्रोफाइल अतिरिक्त आरेख प्रकार को परिभाषित या अतिरिक्त अंकन के साथ मौजूदा चित्र का विस्तार कर सकते हैं।
इंजीनियरिंग ड्राइंग, की परंपरा को ध्यान में रखते हुए, उपयोग, बाधा, या मंशा स्पष्ट करने के लिए यूएमएल आरेख में एक टिप्पणी या लेख की अनुमति है।
संरचना रेखाचित्र
संरचना रेखाचित्र, मॉडल किए जाने वाली प्रणाली में क्या चीज़ें होंगी इस पर ज़ोर डालते हैं।
वर्ग आरेख: प्रणाली के वर्ग, उनके गुण और वर्गों के बीच संबंध दर्शा के एक प्रणाली की संरचना का वर्णन करता है।
घटक चित्र: दर्शाता है कि कैसे एक सॉफ्टवेयर प्रणाली, घटकों में विभाजित होती है और इन घटकों के बीच निर्भरता दिखता है।
समग्र संरचना आरेख: वर्णित करता है, एक वर्ग की आंतरिक संरचना और सहयोग जो यह संरचना संभव बनाता है।
तैनाती के चित्र: प्रणाली कार्यान्वित में प्रयुक्त हार्डवेयर और निष्पादन वातावरण और हार्डवेयर पर तैनात कलाकृतियों के मॉडल का कार्य करता है।
वास्तु आरेख: एक विशिष्ट समय पर एक मोडल्ड प्रणाली की संरचना का एक पूरा या आंशिक विचार दिखाता है।
पैकेज चित्र: इन समूहों के बीच निर्भरता दिखाकर यह दर्शाता है कि कैसे एक प्रणाली तार्किक समूहों में विभाजित है।
प्रोफाइल चित्र: मेटामॉडल स्तर पर परिचालन करता हैं, स्टीरियोटाइप, वर्ग के रूप में <<स्टीरियोटाइप>> स्टीरियोटाइप के साथ और प्रोफाइल, पैकेज के रूप में <<प्रोफाइल>> स्टीरियोटाइप के साथ, दर्शाने के लिए. विस्तार रिश्ता (बंद, भरे तीर के फल के साथ ठोस लाइन) इंगित करता है कि एक दिया गया स्टीरियोटाइप कौन से मेटामॉडल तत्व का विस्तार कर रहा है।
चूँकि संरचना चित्र एक प्रणाली की संरचना का प्रतिनिधित्व करते हैं, उन्हें सोफ्टवेयर प्रणाली के स्थापत्य का दस्तावेजीकरण बनाने के लिए बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है।
व्यवहार चित्र
व्यवहार चित्र इस बात पर जोर डालता है कि मॉडल किये जाने वाली प्रणाली में क्या होना चाहिए:
गतिविधि आरेख: एक प्रणाली में घटकों के व्यापार और परिचालन क्रमशः कार्य-प्रवाह का प्रतिनिधित्व करता है। एक गतिविधि चित्र नियंत्रण के कुल प्रवाह को दर्शाता है।
राज्य मशीन चित्र: कंप्यूटर प्रोग्राम से व्यवसाय प्रक्रियाओं तक कई प्रणालियों का वर्णन करने के लिए मानकीकृत अंकन.
प्रयोग मामला चित्र: अभिनेता के रूप में एक प्रणाली द्वारा प्रदान की कार्यक्षमता, प्रयोग मामलों के रूप में प्रतिनिधित्व किये उनके लक्ष्य और उन प्रयोग मामलों में किसी भी निर्भरता को दर्शाता है।
चूँकि व्यवहार चित्र एक प्रणाली के व्यवहार का वर्णन करते हैं, उन्हें बड़े पैमाने पर सॉफ्टवेयर प्रणाली की कार्यक्षमता का वर्णन करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
संपर्क चित्र
संपर्क चित्र, व्यवहार चित्र का एक सबसेट, जो मॉडल किये जाने वाली प्रणाली की चीज़ों के बीच डाटा और नियंत्रण प्रवाह करने पर जोर देता है:
संचार चित्र: अनुक्रम संदेश के रूप में वस्तुओं या भागों के बीच अन्योन्यक्रिया को दर्शाता है। एक प्रणाली के दोनों स्थिर ढांचे और गतिशील व्यवहार का वर्णन करते हुए वह वर्ग, अनुक्रम और प्रयोग करें प्रकरण चित्र से ली गयी जानकारी के मिश्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
संपर्क सिंहावलोकन चित्र: एक प्रकार के गतिविधि आरेख जिनमें नोड्स अन्योन्यक्रिया आरेख का प्रतिनिधित्व करते हैं।
अनुक्रम चित्र: दिखाता है कि कैसे संदेशों की श्रृंखला के संबंध में वस्तुएं एक दूसरे के साथ संवाद करती हैं। इसके अलावा उन संदेशों के सापेक्ष वस्तुओं के जीवनकाल को भी इंगित करता है।
समय चित्र: एक विशेष प्रकार का संपर्क आरेख, जहां समय की कमी पर ध्यान केंद्रित होता हैं।
प्रोटोकॉल राज्य मशीन एक राज्य मशीन का उप-संस्करण है। यह एक नेटवर्क संचार प्रोटोकॉल को मॉडल करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
मेटा मॉडलिंग
ऑब्जेक्ट मेनेजमेंट समूह (OMG) ने यूनिफाइड मोडलिंग लेंगुएज (UML) को परिभाषित करने के लिए, मेटा-ऑब्जेक्ट फेसिलिटी नामक मेटा मोडलिंग स्थापत्य विकसित किया है। मेटा-वस्तु सुविधा मॉडल-चालित इंजीनियरिंग के लिए एक मानक है, जिसे एक चार परत वास्तुकला के रूप में डिजाइन किया गया है, जैसा दाहिनी ओर दी गई छवि में दिखाया गया है। यह शीर्ष स्तर पर, M3 परत नामक, एक मेटा-मेटा मॉडल उपलब्ध कराता है। यह एम3 भाषा, मेटा-ऑब्जेक्ट फेसिलिटी द्वारा एम2 मॉडल नामक मेटामॉडल बनाने के लिए प्रयुक्त की जा रही है। एक परत 2 मेटा-ऑब्जेक्ट सुविधा मोडल का सबसे प्रमुख उदाहरण यूएम्एल है, वह मॉडल जो खुद यूएमएल का वर्णन है। यह एम2 मॉडल एम1 परत के तत्वों का वर्णन करता है और इस प्रकार एम 1 मॉडल का. यह, उदाहरण के लिए, यूएमएल में लिखे गए मॉडल होंगे. आखिरी परत M0-परत या डेटा परत है। यह असली दुनिया की वस्तुओं का वर्णन करने के लिए उपयोग की जाती है।
एम 3 मॉडल के परे मेटा-वस्तु सुविधा, COBRA इंटरफेस, जो उन परिचालनों का वर्णन करते हैं, उसे परिभाषित करते हुए मेटामॉडल और मॉडल को बनाने एंव उनका हेरफेर करने का वर्णन करती है। मेंटा-वस्तु सुविधा एम3-मॉडल और यूएमएल संरचना मॉडल के बीच की समानता के कारण मेटा-वस्तु सुविधा मेटा मोडल्स आमतौर पर यूएमएल वर्ग चित्र के रूप में मॉडल किये जाते हैं। XMI मेटा-वस्तु सुविधा का एक समर्थन मानक है, जो एम3-, एम2- या एम1- परत पर मोडल के लिए एक XML-आधारित निविमय स्वरूप परिभाषित करता है।
आलोचनाएं
हालांकि यूएमएल एक व्यापक रूप से मान्य और इस्तेमाल किया गया मॉडलिंग मानक है, उसकी अक्सर निम्नलिखित के लिए आलोचना की गई है:
मानक ब्लोट
एक छात्र के ग्रेड बदलने के अनुरोध के रूप में तैयार किए व्यंग्य निबंध में, बरट्रेंड मेयर ने 1997 में यूएम्एल को वस्तु उन्मुख विकास सॉफ्टवेयर से असंबंधित बताते हुए इसकी प्रतीयमानतः आलोचना की; बाद में एक अस्वीकरण जोड़ा गया, सांकेतिक करते हुए कि उनकी कंपनी फिर भी यूएमएल का समर्थन करती है। यूएमएल के एक सह-वास्तुकार, इवार जेकोब्सन ने कहा कि यूएमएल 2.0 के आकार पर विरोध बुद्धिमान अभिकर्ता के समस्या के आवेदन पर विचार करने के लिए वैध है। इसमें कई अनावश्यक यां कम इस्तेमाल किये जाने वाले चित्र और रचना शामिल हैं।
सीखने और अपनाने में समस्याएँ
इस खंड में वर्णित समस्याएं यूएमएल को सीखने और अपनाने में जटिल बनती हैं, खासकर जब पूर्वापेक्षा हुनर में विहीन इंजीनियरों की बात आती है। व्यवहार में, लोग अक्सर अपने CASE उपकरण में दिए गए चिह्न के साथ रेखाचित्र खींचते हैं, लेकिन उस मतलब के बिना जो उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वह प्रतीक बनाए गए हैं।
भाषाई असंबद्धता
स्वयं यूएमएल मानकों का अत्यंत निर्गुण लेखन -- एक गैर मूल अंग्रेजी वक्ता द्वारा लिखे होने का नतीजा माना जाना -- गंभीरता से उनके मानक मूल्य को कम करता है। इस संबंध में मानकों को व्यापक रूप से उद्धृत किया गया है और वास्तव में, अस्पष्ट गीक स्पीक के मुख्य उदाहरण के रूप में इनकी टिकठी की गई है।
संचयी प्रतिबाधा/प्रतिबाधा बेमेल
जैसा किसी भी अंकन प्रणाली के साथ होता है, यूएमएल दूसरों के मुकाबले कुछ प्रणालियों का प्रतिनिधित्व ज्यादा संक्षेप में या अधिक कुशलता से कर सकता है। इस प्रकार एक विकासक उस समाधान की ओर आकर्षित होता है जो यूएमएल की क्षमताओं और कार्यान्वयन भाषा के प्रतिच्छेदन पर रहते हैं। अगर कार्यान्वयन भाषा रूढ़िवादी वस्तु उन्मुख सिद्धांत का पालन नहीं करती, तो यह समस्या विशेष रूप से उच्चारित की जाती है क्यूंकि यूएमएल और कार्यान्वयन भाषा के बीच स्थापित प्रतिच्छेदन काफी छोटा हो सकता है।
बेकार विनिमय प्रारूप
जबकि XMI (XML मेटाडाटा निविमय) मानक यूएमएल मॉडलों के विनिमय की सुविधा के लिए बनाया गया है, यह यूएमएल 2.x मॉडलों के व्यावहारिक विनिमय में काफी हद तक अप्रभावी रहा है। इस इन्टेरोपरबिलिटी निष्फलता के दो कारण बताए जाते हैं। पहला, 2.x XMI अपने अधिकार में, बड़ा और जटिल है, क्योंकि यह यूएमएल 2.x मॉडल के आदान प्रदान करने से ज्यादा अभिलाषी एक तकनीकी समस्या का संबोधन करने की इच्छा रखता है। विशेष रूप से, यह OMG की मेटा-ऑब्जेक्ट फेसिलिटी (MOF) द्वारा परिभाषित किसी भी एकपक्षीय मोडलिंग भाषा के आदान प्रदान को सुगम बनाने के लिए एक प्रणाली उपलब्ध करवाने का प्रयास करता है। दूसरा, यूएमएल 2.x आरेख विनियम विनिर्देशन में मॉडलिंग उपकरणों के बीच यूएमएल 2.x अंकन के विश्वसनीय विनिमय की सुविधा के लिए पर्याप्त जानकारी की कमी है। क्यूंकि यूएमएल एक दृश्य मॉडलिंग भाषा है, यह कमी उन मोडलर के लिए मूल है जो अपने आरेख दुबारा चित्रित नहीं करना चाहते।
बरट्रेंड मेयर की "यूएमएल: द पोज़िटिव स्पिन", और "युज़िज़ एंड एब्युज़िज़ ऑफ़ द स्टीरियोटाइप मेकेनिज्म इन यूएमएल 1.x एंड 2.0" में ब्रायन हेंडरसन-सेलर्स सहित, मॉडलिंग विशेषज्ञों ने यूएमएल की तीव्र आलोचना लिपिबद्ध की है।
सन्दर्भ
आगे पढ़ने
बाहरी कड़ियाँ
वस्तु प्रबंधन समूह का यू एम एल संसाधन पेज- संसाधन जिनमें यू एम एल विनिर्देशन का नवीनतम संस्करण शामिल है।
यू एम एल तत्काल संदर्भ - यूएमएल के लिए एक संक्षिप्त संदर्भ
यू एम एल फोरम - यू एम एल को समर्पित एक वेब समुदाय, जिसमें यू एम एल प्रतिरूप उपकरण संबंधित सूचना, प्रशिक्षण, ट्यूटोरियल, विनिर्देश, प्रकाशन और मेलिंग सूची शामिल हैं।
यूएमएल प्रेमी - भावुक यूएमएल उपयोगकर्ताओं के लिए एक समूह
व्यावहारिक यूएमएल - यूएमएल वाक्यविन्यास का एक त्वरित अवलोकन
यूएमएल मामले उपकरण समुदाय
युनिफाइड मोंडलिंग लैंग्वेज
आईएसओ मानक
डेटा मॉडलिंग भाषाएं
विनिर्देशन भाषाएँ |
बॉलीवुड सूत्रों के मुताबिक हैदर की अपार सफलता के बाद डायरेक्टर विशाल भारद्वाज ने श्रद्धा कपूर और शाहिद कपूर की जोड़ी को रिपीट करने का फैसला किया है. इन दोनों को विशाल की फिल्म ‘कमीने’ के सीक्वल ‘कमीने 2’ में कास्ट किया जा सकता है.
कमीने में शाहिद कपूर का डबल रोल था और उनकी हीरोइन थीं प्रियंका चोपड़ा. हालांकि शाहिद और श्रद्धा के बिजी शेड्यूल को देखते हुए ऐसा लगता है कि यह सीक्वल दो तीन साल से पहले सामने नहीं आ पाएगा.
शाहिद कपूर फिलहाल दो फिल्मों ‘फर्जी’ और ‘शानदार’ में व्यस्त हैं. उधर श्रद्धा कपूर वरुण धवन के अपोजिट ‘एबीसीडी 2’ में काम कर रही हैं. इस फिल्म को कोरियाग्राफर रेमो डिसूजा डायरेक्ट कर रहे हैं. |
आइपॉड युग में इस दर्जे का अंधविश्वास! मिसालें भी एक से बढ़कर एक. जरा देखिए तो. जयपुर से कोटा के बीच तेजी से बन रहे फोरलेन के काम में बूंदी के पास लाम्बा-पीपल गांव में नीम के एक छोटे-से पेड़ ने अड़ंगा लगा दिया है. साल भर से वहां एक अनाम बाबा अस्तित्व में आ चुके हैं. दूसरा वाकया देखें. बूंदी के सबसे बड़े पं. बृजसुंदर शर्मा सरकारी अस्पताल में पिछले बुधवार को कुछ लोग 22 साल पहले मर चुके एक व्यक्ति की 'आत्मा' को लेने आ पधारे. घंटों तक तंत्र-मंत्र के बाद आखिरकार वे 'आत्मा' को ले गए.
अनाम बाबा के पास तो मनौतियों के लिए चढ़ावे का ढेर लग रहा है रोज. मौके पर विराजित भोपा गणेश लाल सुमन से वह 'अवतारी' वाकया सुनिएः ''पिछले साल इन्हीं दिनों यहां नीम का एक पेड़ काटने पर नाग-नागिन का एक जोड़ा निकला. नागिन तो खेत में चली गई, पर नाग डंपर के नीचे आकर मर गया. चालक को गाड़ी में कुछ सांप दिखे. वह बेहोश हो गया. बाद में पास के नीम के पेड़ के नीचे से मिट्टी लगाने और क्षमा मांगने पर उसे होश आया, तो उसी ने कहा कि ''नीम के उस पेड़ को अब काटणा मत.'' उसके बाद इसे काटने के लिए हर बार आई मशीनों में 'कुछ न कुछ खराबी' आ गई. फिर क्या था! पेड़ मालाओं से लद गया. बाबा का नाम? ''अभी रखा नहीं गया है.''
अब 'आत्मा' का किस्सा सुनिएः 1990 में बूंदी के छपावदा गांव के जगन्नाथ रेगर की पेट दर्द से अस्पताल में मौत हो गई. इसके बाद ''घर में कलह और पालतू जानवरों की मौत'' होने लग गई.
परिजनों के अनुसार ''घर के देवताओं ने अस्पताल से जगन्नाथ की आत्मा लाने और मुक्त कराने के लिए कहा.'' अस्पताल से 'आत्मा' ले जाने की प्रक्रिया को कुछ लोग तमाशाबीनों की तरह देखते रहे तो कुछ चमत्कार की तरह. वॉर्ड में शोर होने पर कर्मचारियों से उन्हें निकालने को कहा गया पर उनमें धार्मिक भावनाएं जाग उठीं. जिला चिकित्सालय के उपनियंत्रक डॉ. सी.के. शर्मा की सुनिएः ''जिस जगह मौत हुई थी वहां तंत्र-मंत्र पहले भी हो चुका है. धार्मिक भावना से जुड़ा मामला होने के कारण हमें कोई एतराज नहीं. खुद आए, फिर चले गए.''
उधर, राजमार्ग के कोटा कार्यालय में मैनेजर संदीप अग्रवाल कहते हैं, ''नीम के पेड़ को हटाने के लिए पंडित ढूंढ़ा जा रहा है, जिससे विधि-विधान के साथ इसे हटाकर कहीं चबूतरा बना स्थापित किया जा सके.'' यह सब क्यों? ''ग्रामीणों की आस्था और जन भावना का मामला होने के कारण.'' जुलाई, 2013 तक फोरलेन का काम खत्म होना है. साल भर से तो पेड़ ही अड़ा है. ग्रामीणों का कहना है, ''जो देवता चावेगा, उ ही होवैगो.''
हैरत की बात है कि अफसर और जिम्मेदार लोग भी गांव वालों की अंधविश्वास की धारणाओं को परोक्ष रूप से हवा दे रहे हैं. एक दशक पहले कोटा के एयरोड्रोम सर्कल से गरुड़ की दर्शनीय प्रतिमा को न्यास ने सिर्फ इसलिए हटवाकर कबाड़ में फेंक दिया था क्योंकि इसे कुछ ज्योतिषियों ने कोटा के विकास के लिए अपशकुनी बताया था. चार वर्ष पहले हिंडोली के कन्या छात्रावास में छात्राओं की तबियत बिगड़ते रहने पर शिक्षा विभाग ने झड़-फूंक कराया. इसे स्थानांतरित कर दिया गया था. अब उसी पुराने भवन में छात्रावास चल रहा है.
हिंडोली में अभी अनुसूचित जाति/जनजाति का छात्रावास दस जातियों के श्मशान के भीतर बनाया जा रहा है. बखेड़ा होना ही है. अब पढ़े-लिखे अनपढ़ों को भी समझने का वक्त आ गया है! |
आज दुनिया में क्या चल रहा है इसका पता हमें फेसबुक से चलता है. फेसबुक बनाकर दुनिया में नई क्रांति लाने वाले मार्क जकरबर्ग का जन्म साल 1984 में 14 मई को हुआ था.
जानते है उनके बारें में.
1. मार्क जकरबर्ग विएत प्लेन्स, न्यूयोर्क में एक यहूदी परिवार में पैदा हुए.
2. जब वह मिडिल स्कूल मे थे उन्होंने प्रोग्रामिंग शुरू कर दी थी.
ऑस्कर अवॉर्ड की 15 रोचक बातें
3. जकरबर्गने अपने हावर्ड छात्रालय के कमरे से 2004 में फेसबुक को शुरु किया.
4. मार्क जुकरबर्ग बचपन से कंप्यूटर की पढाई में इतने तेज थे की अपने School के Computer Teacher को भी Fail कर देते थे और अक्सर इनके टीचर इनके सवालों का जवाब देने में खुद को असमर्थ पाते थे.
कॉस्ट्यूम डिजाइन में इनका कोई तोड़ नहीं, दिलाया देश को पहला OSCAR
5. महज 19 साल की उम्र में पहली बार मार्क जुकरबर्ग ने 'TheFacebook' Website बनाया शुरुआत में यह वेबसाइट हावर्ड यूनिवर्सिटी में बहुत प्रसिद्द हुई फिर बाद में मार्क जुकरबर्ग ने इसका प्रचार USA के कई कॉलेज में शुरू किया जो की बहुत कम समय में ही तेजी से लोगो के बीच Popular होने लगी थी जो बाद में यही वेबसाइट Facebook के नाम से पूरी दुनिया में फेमस हो गयी.
...वो जिन्होंने कभी नहीं की नौकरी, पर मजदूरों के लिए थी बुलंद आवाज
6. मार्क जुकरबर्ग ने Facebook की शुरुआत इसलिए शुरू किया था की दुनिया में दुसरो के बारे में अक्सर लोग बाते करते है लेकिन Facebook के माध्यम से दुनिया को हम अपने बारे में बता सकते है.
7. मार्क जकरबर्ग का कहना है कि दुनिया में सबसे बड़ा जोखिम है, कोई भी जोखिम ना लेना. |
यह एक लेख है: राज्यसभा में विपक्ष की मांग को स्वीकार करते हुए सरकार कश्मीर की स्थिति पर बुधवार को सदन में चर्चा कराए जाने पर सहमत हो गई और गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जटिल मुद्दे के हल में सबसे सहयोग मांगा.
शून्यकाल में कांग्रेस सहित विभिन्न दलों ने कश्मीर में एक महीने से जारी कर्फ्यू पर चिंता जताई. उन्होंने पैलेट गन के इस्तेमाल पर भी रोक लगाए जाने की मांग की. विपक्ष ने सर्वदलीय बैठक बुलाने और संसदीय प्रतिनिधिमंडल कश्मीर भेजने की भी मांग की.
विपक्ष कश्मीर की स्थिति पर आज ही सदन में चर्चा कराए जाने की मांग कर रहा था वहीं सरकार इस पर कल चर्चा कराए जाने के पक्ष में थी. इस खींचतान के बीच विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने इस पर कल सुबह चर्चा कराए जाने का सुझाव दिया जिसे गृहमंत्री सिंह ने स्वीकार कर लिया.
सिंह ने स्वीकार किया कि कश्मीर की स्थिति गंभीर है. उन्होंने कहा कि संवेदनशील राज्य कश्मीर में उत्पन्न हुई समस्या का हल सिर्फ सरकार नहीं कर सकती और वह वह सबका सहयोग लेंगे. टिप्पणियां
सुबह गुलाम नबी आजाद ने यह मुद्दा उठाया और कहा कि कश्मीर में 31वें दिन भी कर्फ्यू जारी है. उन्होंने कहा कि हम सरकार पर आरोप नहीं लगाना चाहते. कश्मीर की स्थिति पर काबू पाने में तमाम विपक्षी दल मदद करेंगे. उन्होंने कहा कि आम नागरिकों के साथ सुरक्षाकर्मी भी हताहत हुए हैं. उन्होंने कहा कि हमें दोनों के लिए अफसोस है. उन्होंने कहा कि 2008 और 2010 की घटनाओं से हमें सबक लेना चाहिए था. उन्होंने कहा कि विगत में गलतियां हुई हैं. लेकिन अब गलती नहीं हो. उन्होंने सर्वदलीय बैठक बुलाने और एक प्रतिनिधिमंडल कश्मीर भेजने का भी सुझाव दिया.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
शून्यकाल में कांग्रेस सहित विभिन्न दलों ने कश्मीर में एक महीने से जारी कर्फ्यू पर चिंता जताई. उन्होंने पैलेट गन के इस्तेमाल पर भी रोक लगाए जाने की मांग की. विपक्ष ने सर्वदलीय बैठक बुलाने और संसदीय प्रतिनिधिमंडल कश्मीर भेजने की भी मांग की.
विपक्ष कश्मीर की स्थिति पर आज ही सदन में चर्चा कराए जाने की मांग कर रहा था वहीं सरकार इस पर कल चर्चा कराए जाने के पक्ष में थी. इस खींचतान के बीच विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने इस पर कल सुबह चर्चा कराए जाने का सुझाव दिया जिसे गृहमंत्री सिंह ने स्वीकार कर लिया.
सिंह ने स्वीकार किया कि कश्मीर की स्थिति गंभीर है. उन्होंने कहा कि संवेदनशील राज्य कश्मीर में उत्पन्न हुई समस्या का हल सिर्फ सरकार नहीं कर सकती और वह वह सबका सहयोग लेंगे. टिप्पणियां
सुबह गुलाम नबी आजाद ने यह मुद्दा उठाया और कहा कि कश्मीर में 31वें दिन भी कर्फ्यू जारी है. उन्होंने कहा कि हम सरकार पर आरोप नहीं लगाना चाहते. कश्मीर की स्थिति पर काबू पाने में तमाम विपक्षी दल मदद करेंगे. उन्होंने कहा कि आम नागरिकों के साथ सुरक्षाकर्मी भी हताहत हुए हैं. उन्होंने कहा कि हमें दोनों के लिए अफसोस है. उन्होंने कहा कि 2008 और 2010 की घटनाओं से हमें सबक लेना चाहिए था. उन्होंने कहा कि विगत में गलतियां हुई हैं. लेकिन अब गलती नहीं हो. उन्होंने सर्वदलीय बैठक बुलाने और एक प्रतिनिधिमंडल कश्मीर भेजने का भी सुझाव दिया.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
विपक्ष कश्मीर की स्थिति पर आज ही सदन में चर्चा कराए जाने की मांग कर रहा था वहीं सरकार इस पर कल चर्चा कराए जाने के पक्ष में थी. इस खींचतान के बीच विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने इस पर कल सुबह चर्चा कराए जाने का सुझाव दिया जिसे गृहमंत्री सिंह ने स्वीकार कर लिया.
सिंह ने स्वीकार किया कि कश्मीर की स्थिति गंभीर है. उन्होंने कहा कि संवेदनशील राज्य कश्मीर में उत्पन्न हुई समस्या का हल सिर्फ सरकार नहीं कर सकती और वह वह सबका सहयोग लेंगे. टिप्पणियां
सुबह गुलाम नबी आजाद ने यह मुद्दा उठाया और कहा कि कश्मीर में 31वें दिन भी कर्फ्यू जारी है. उन्होंने कहा कि हम सरकार पर आरोप नहीं लगाना चाहते. कश्मीर की स्थिति पर काबू पाने में तमाम विपक्षी दल मदद करेंगे. उन्होंने कहा कि आम नागरिकों के साथ सुरक्षाकर्मी भी हताहत हुए हैं. उन्होंने कहा कि हमें दोनों के लिए अफसोस है. उन्होंने कहा कि 2008 और 2010 की घटनाओं से हमें सबक लेना चाहिए था. उन्होंने कहा कि विगत में गलतियां हुई हैं. लेकिन अब गलती नहीं हो. उन्होंने सर्वदलीय बैठक बुलाने और एक प्रतिनिधिमंडल कश्मीर भेजने का भी सुझाव दिया.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सिंह ने स्वीकार किया कि कश्मीर की स्थिति गंभीर है. उन्होंने कहा कि संवेदनशील राज्य कश्मीर में उत्पन्न हुई समस्या का हल सिर्फ सरकार नहीं कर सकती और वह वह सबका सहयोग लेंगे. टिप्पणियां
सुबह गुलाम नबी आजाद ने यह मुद्दा उठाया और कहा कि कश्मीर में 31वें दिन भी कर्फ्यू जारी है. उन्होंने कहा कि हम सरकार पर आरोप नहीं लगाना चाहते. कश्मीर की स्थिति पर काबू पाने में तमाम विपक्षी दल मदद करेंगे. उन्होंने कहा कि आम नागरिकों के साथ सुरक्षाकर्मी भी हताहत हुए हैं. उन्होंने कहा कि हमें दोनों के लिए अफसोस है. उन्होंने कहा कि 2008 और 2010 की घटनाओं से हमें सबक लेना चाहिए था. उन्होंने कहा कि विगत में गलतियां हुई हैं. लेकिन अब गलती नहीं हो. उन्होंने सर्वदलीय बैठक बुलाने और एक प्रतिनिधिमंडल कश्मीर भेजने का भी सुझाव दिया.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सुबह गुलाम नबी आजाद ने यह मुद्दा उठाया और कहा कि कश्मीर में 31वें दिन भी कर्फ्यू जारी है. उन्होंने कहा कि हम सरकार पर आरोप नहीं लगाना चाहते. कश्मीर की स्थिति पर काबू पाने में तमाम विपक्षी दल मदद करेंगे. उन्होंने कहा कि आम नागरिकों के साथ सुरक्षाकर्मी भी हताहत हुए हैं. उन्होंने कहा कि हमें दोनों के लिए अफसोस है. उन्होंने कहा कि 2008 और 2010 की घटनाओं से हमें सबक लेना चाहिए था. उन्होंने कहा कि विगत में गलतियां हुई हैं. लेकिन अब गलती नहीं हो. उन्होंने सर्वदलीय बैठक बुलाने और एक प्रतिनिधिमंडल कश्मीर भेजने का भी सुझाव दिया.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
ज्यामिति में ऊनविम पृष्ठ, ऊनविम समतल (अधिसमतल) की अवधारणा का व्यापकीकरण है। माना एक आच्छदक बहुमुख M , n-विमिय है तब M का कोई भी n-1 विमिय उपबहुमुख एक ऊनविम समतल है। समान रूप से ऊनविम समतल की न्यूनता एक है। उदाहरण के लिए Rn + 1 में n-विमिय गोले को ऊनविम गोलक (अधिगोलक) कहा जाता है।
ये भी देखें
कॉबल ऊनविम पृष्ठ
ध्रुवी ऊनविम पृष्ठ
शून्य ऊनविम पृष्ठ
सन्दर्भ
शोशिचि कोबयशी और कत्सुमी नोमिज़ु (1969), अवकल ज्यामिति का मूलाधार भाग II, विली इंटरसाइंस
पी॰ ए॰ Simionescu & डी॰ बियल (2004) Visualization of hypersurfaces and multivariable (objective) functions by partial globalization, The Visual Computer 20(10):665–81.
बीजीय ज्यामिति
बहु-विमिय ज्यामिति |
यह लेख है: कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को सेना द्वारा संचालित ‘गुडविल’ स्कूलों में कश्मीरी बच्चों के जाने को लेकर समस्या है क्योंकि उन्हें ऐसा लगता है कि इस पर छात्र ‘‘अपने धर्म तथा संस्कृति से दूर’’ हो जाएंगे.
हुर्रियत ने अभिभावकों से कहा है कि वे अपने बच्चों को इन स्कूलों में न भेजें. सेना ने शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए पूरी कश्मीर घाटी खासकर ग्रामीण इलाकों में ऐसे स्कूल खोले हैं. बड़ी संख्या में स्थानीय छात्र इन स्कूलों में पंजीकृत हैं.टिप्पणियां
गिलानी ने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘छोटे मोटे भौतिक फायदे के लिए हमारी पीढ़ी हमारे हाथों से निकलती जा रही है. सेना द्वारा संचालित ये संस्थान हमारे बच्चों को अपने धर्म और विशिष्ट संस्कृति से विरक्त कर रहे हैं.’’ (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
हुर्रियत ने अभिभावकों से कहा है कि वे अपने बच्चों को इन स्कूलों में न भेजें. सेना ने शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए पूरी कश्मीर घाटी खासकर ग्रामीण इलाकों में ऐसे स्कूल खोले हैं. बड़ी संख्या में स्थानीय छात्र इन स्कूलों में पंजीकृत हैं.टिप्पणियां
गिलानी ने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘छोटे मोटे भौतिक फायदे के लिए हमारी पीढ़ी हमारे हाथों से निकलती जा रही है. सेना द्वारा संचालित ये संस्थान हमारे बच्चों को अपने धर्म और विशिष्ट संस्कृति से विरक्त कर रहे हैं.’’ (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
गिलानी ने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘छोटे मोटे भौतिक फायदे के लिए हमारी पीढ़ी हमारे हाथों से निकलती जा रही है. सेना द्वारा संचालित ये संस्थान हमारे बच्चों को अपने धर्म और विशिष्ट संस्कृति से विरक्त कर रहे हैं.’’ (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में 'जाको राखे साइयां मार सके न कोय' वाली कहावत चरितार्थ साबित हुई है क्योंकि यहां जमीन में दफनाई गई नवजात बालिका को जिंदा बचा लिया गया है। पुलिस के मुताबिक मामला बुरहानपुर जिले के शिकारपुरा थाना क्षेत्र के बोहरड़ा गांव का है। इस गांव के एक किसान वासुदेव रघुनाथ गुरुवार को अपने खेत में काम कर रहे थे तभी उन्हें एक बच्ची के रोने के आवाज सुनाई दी। रघुनाथ ने मौके पर जाकर देखा तो जमीन में बच्ची का सिर नजर आया। नवजात बच्ची अभी जीवित थी। वासुदेव ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्ची को निकालकर अस्पताल पहुंचाया, जहां उसका इलाज चल रहा है। बच्ची का जन्म एक दिन पहले का ही बताया जा रहा है। बच्ची को देखने अस्पताल पहुंची स्कूली शिक्षा मंत्री अर्चना चिटनीस ने कहा कि समाज बेटी के जिम्मेदारी का निर्वहन करने से कतराने लगा है और यह घटना इसका उदाहरण है। अस्पताल के एक चिकित्सक ने बताया कि बच्ची सही सलामत है और खतरे से बाहर है। शिकारपुरा थाने के प्रभारी अमित तिवारी ने बताया कि अज्ञात माता-पिता के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और बच्ची को उपचार के लिए बुरहानपुर से इंदौर ले जाया जा रहा है। ज्ञात हो कि राज्य में शिशु लिंगानुपात में आ रही गिरावट के चलते ही सरकार ने पांच अक्टूबर से 'बेटी बचाओ अभियान' शुरू किया है। |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में दलितों के प्रति 'अत्याचार' को रेखांकित करने के एक अभियान के तहत दलितों ने मंगलवार को राज्य पर्यटन के ब्रांड अंबेसडर और बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन को एक लघु संदेश और टैगलाइन 'बदबू गुजरात की' के साथ कम से कम 1,100 पोस्टकार्ड भेजे.
गुजरात पर्यटन के प्रचार में बच्चन ने 'खुशबू गुजरात की' टैगलाइन का इस्तेमाल किया है और इसी के मद्देनजर दलितों ने इसके उलट टैगलाइन के साथ ये पोस्टकार्ड भेजे. यह अभियान गांधीनगर जिले में कलोल कस्बे से शुरू हुआ.टिप्पणियां
'उना दलित अत्याचार लड़त समिति' के संयोजक जिग्नेश मेवानी ने दावा किया कि सैकड़ों गायों के कंकाल राज्य में सड़ रहे हैं और दलित चाहते हैं कि बच्चन आएं और गुजरात की बदबू का आनंद लें. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
गुजरात पर्यटन के प्रचार में बच्चन ने 'खुशबू गुजरात की' टैगलाइन का इस्तेमाल किया है और इसी के मद्देनजर दलितों ने इसके उलट टैगलाइन के साथ ये पोस्टकार्ड भेजे. यह अभियान गांधीनगर जिले में कलोल कस्बे से शुरू हुआ.टिप्पणियां
'उना दलित अत्याचार लड़त समिति' के संयोजक जिग्नेश मेवानी ने दावा किया कि सैकड़ों गायों के कंकाल राज्य में सड़ रहे हैं और दलित चाहते हैं कि बच्चन आएं और गुजरात की बदबू का आनंद लें. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
'उना दलित अत्याचार लड़त समिति' के संयोजक जिग्नेश मेवानी ने दावा किया कि सैकड़ों गायों के कंकाल राज्य में सड़ रहे हैं और दलित चाहते हैं कि बच्चन आएं और गुजरात की बदबू का आनंद लें. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक तरह से आगामी लोकसभा चुनाव प्रचार का आगाज कर दिया है. वैसे तो पीएम मोदी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास करने के लिए पहुंचे थे, लेकिन उनके निशाने पर यहां महागठबंधन ही रहा. सपा-बसपा गठबंधन पर चुटकी लेते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कभी ये दोनों एक-दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाते थे, लेकिन आज अपना वजूद बचाने के लिए साथ-साथ चलने को मजबूर हो गए हैं.
पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा, 'बाबा साहब अंबेडकर और राम मनोहर के नाम पर यूपी की इन दोनों पार्टियों ने केवल अब तक राजनीति की है. इनको गरीबों की भलाई से कोई लेना-देना नहीं है. गरीब, दलित, पिछड़ों से वोट मांगे और इनके नाम पर अपनी राजनीति की, लेकिन कभी उनके बारे में गंभीरता से सोचा नहीं.'
सपा और बसपा गठबंधन पर तंज कसते हुए
पीएम मोदी
ने कहा कि जो लोग कभी एक-दूसरे को देखना पसंद नहीं करते थे, वो अब एक साथ हो गए हैं. जितने भी लोग जमानत पर हैं, जितने भी परिवार वाले लोग हैं वो जनता के विकास को रोकना चाहते हैं. पीएम मोदी की मानें तो गरीब, किसान, पिछड़े अगर सशक्त हो गए तो इनकी दुकानें हमेशा के लिए बंद हो जाएंगी. सभी परिवारवादी पार्टियां मिलकर आपके विकास को रोकने पर तुली हुई हैं.
तीन तलाक मुद्दे को लेकर भी पीएम मोदी ने कांग्रेस, सपा और बसपा पर कड़ा प्रहार किया. उन्होंने कहा, 'लाखों-करोड़ों मुस्लिम बहनों की मांग थी कि तीन तलाक को बंद किया जाए, लेकिन इन सारे दलों की पोल तो तीन तलाक पर इनके रवैये ने भी खोल दी है. तीन तलाक को लेकर संसद में इनके रवैये को पूरे देश ने देखा. जब बीजेपी सरकार ने तीन तलाक का कानून लाने की कोशिश की तो कांग्रेस ने उसमें भी बाधा पैदा करने की कोशिश की.'
योगी सरकार
की तारीफ करते हुए पीएम ने कहा कि विकास के लिए नीयत होनी चाहिए. आजादी के बाद 70 वर्षों में जितना काम हुआ उतना सिर्फ 4 साल में बीजेपी सरकार ने करके दिखाया है. यूपीए सरकार ने सिर्फ अपने परिवार का भला किया है. कांग्रेस जैसे दल आज 21वीं सदी में भी 18वीं सदी में जी रहे हैं. जनता की हर जरूरत के प्रति सरकार संवेदनशील है. मोदी को हटाने वाले का नारा देने वाले देश को विकास नहीं दे सकते.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वांचल के दो दिवसीय दौरे पर हैं. पीएम बनन के बाद पहली बार आजमगढ़ की जमीन पर कदम रखा. इस दौरान उन्होंने यूपी की सबसे बड़ी परियोजना पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया. पीएम के इस दौरे को मिशन 2019 की शुरुआत माना जा रहा है. उन्होंने भोजपुरी में भाषण की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि यूपी के विकास में की गंगा बहेगी.गंगा बहेगी. |
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से विपक्षी दलों के बीच एकता नजर आ रही है लेकिन लगता है कि 2019 के चुनावों के लिए भाजपा के खिलाफ एक मोर्चो बनाने के लिए यह सही समय नहीं है.
शौरी ने कहा कि केंद्र सरकार के खिलाफ महागठबंधन के लिए किसी चेहरे की ज़रूरत नहीं है. उन्होंने इसके लिए गुलिवर और लिलिपुट का उदाहरण भी दिया. उन्होंने एनडीटीवी से कहा कि वर्ष 1977 में भी इंदिरा गांधी के खिलाफ भी कोई चेहरा नहीं था. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों की तुलना में राजनीति बहुत बड़ी है.
25 साल बाद बसपा-सपा के नजदीक आने से यूपी उपचुनाव में बीजेपी की हार पर शौरी ने कहा कि विपक्षी दलों को एक-दूसरे के और अधिक नजदीक आकर काम करना चाहिए. पीएम मोदी के प्रशंसक रहे शौरी ने विपक्ष के खिलाफ अभियान चलाने की उन्होंने आलोचना की.
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि विपक्ष को एक साथ लाने के लिए पीएम मोदी बहुत कड़ी मेहनत कर रहे हैं और वह सफल होंगे. क्योंकि उन्होंने विपक्ष को आश्वस्त किया है कि हां, मैं आप में से हर एक को नष्ट कर दूंगा. फिर ममता बनर्जी हो या एक्स या वाई हो. अगर तुम सब एक साथ नहीं आ जाते तो तुम्हारे हार एक की हार का खतरा बना रहेगा. टिप्पणियां
अरुण शौरी ने कहा कि विपक्ष ही नहीं बीजेपी के सहयोगी पार्टियां भी सोचते हैं कि अगर ये वापस आए तो उनका पतना होगा.
शौरी ने कहा कि केंद्र सरकार के खिलाफ महागठबंधन के लिए किसी चेहरे की ज़रूरत नहीं है. उन्होंने इसके लिए गुलिवर और लिलिपुट का उदाहरण भी दिया. उन्होंने एनडीटीवी से कहा कि वर्ष 1977 में भी इंदिरा गांधी के खिलाफ भी कोई चेहरा नहीं था. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों की तुलना में राजनीति बहुत बड़ी है.
25 साल बाद बसपा-सपा के नजदीक आने से यूपी उपचुनाव में बीजेपी की हार पर शौरी ने कहा कि विपक्षी दलों को एक-दूसरे के और अधिक नजदीक आकर काम करना चाहिए. पीएम मोदी के प्रशंसक रहे शौरी ने विपक्ष के खिलाफ अभियान चलाने की उन्होंने आलोचना की.
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि विपक्ष को एक साथ लाने के लिए पीएम मोदी बहुत कड़ी मेहनत कर रहे हैं और वह सफल होंगे. क्योंकि उन्होंने विपक्ष को आश्वस्त किया है कि हां, मैं आप में से हर एक को नष्ट कर दूंगा. फिर ममता बनर्जी हो या एक्स या वाई हो. अगर तुम सब एक साथ नहीं आ जाते तो तुम्हारे हार एक की हार का खतरा बना रहेगा. टिप्पणियां
अरुण शौरी ने कहा कि विपक्ष ही नहीं बीजेपी के सहयोगी पार्टियां भी सोचते हैं कि अगर ये वापस आए तो उनका पतना होगा.
25 साल बाद बसपा-सपा के नजदीक आने से यूपी उपचुनाव में बीजेपी की हार पर शौरी ने कहा कि विपक्षी दलों को एक-दूसरे के और अधिक नजदीक आकर काम करना चाहिए. पीएम मोदी के प्रशंसक रहे शौरी ने विपक्ष के खिलाफ अभियान चलाने की उन्होंने आलोचना की.
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि विपक्ष को एक साथ लाने के लिए पीएम मोदी बहुत कड़ी मेहनत कर रहे हैं और वह सफल होंगे. क्योंकि उन्होंने विपक्ष को आश्वस्त किया है कि हां, मैं आप में से हर एक को नष्ट कर दूंगा. फिर ममता बनर्जी हो या एक्स या वाई हो. अगर तुम सब एक साथ नहीं आ जाते तो तुम्हारे हार एक की हार का खतरा बना रहेगा. टिप्पणियां
अरुण शौरी ने कहा कि विपक्ष ही नहीं बीजेपी के सहयोगी पार्टियां भी सोचते हैं कि अगर ये वापस आए तो उनका पतना होगा.
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि विपक्ष को एक साथ लाने के लिए पीएम मोदी बहुत कड़ी मेहनत कर रहे हैं और वह सफल होंगे. क्योंकि उन्होंने विपक्ष को आश्वस्त किया है कि हां, मैं आप में से हर एक को नष्ट कर दूंगा. फिर ममता बनर्जी हो या एक्स या वाई हो. अगर तुम सब एक साथ नहीं आ जाते तो तुम्हारे हार एक की हार का खतरा बना रहेगा. टिप्पणियां
अरुण शौरी ने कहा कि विपक्ष ही नहीं बीजेपी के सहयोगी पार्टियां भी सोचते हैं कि अगर ये वापस आए तो उनका पतना होगा.
अरुण शौरी ने कहा कि विपक्ष ही नहीं बीजेपी के सहयोगी पार्टियां भी सोचते हैं कि अगर ये वापस आए तो उनका पतना होगा. |
लेख: भारतीय रियलिटी शो बिग बॉस में भागीदारी करके लोकप्रियता हासिल करने वाले पाकिस्तान के प्रसिद्ध टीवी स्टार बेगम नवाजिश अली को अपनी मां के साथ मारपीट करने के कारण जेल की हवा खानी पड़ी। बेगम नवाजिश अली वैसे तो मर्द हैं और उनका मर्दाना नाम अली सलीम है, लेकिन वह औरतों के लिबास में रहता है। उसकी मां फरजाना सलीम ने गुरुवार को पुलिस में शिकायत की थी कि उनके बेटीनुमा बेटे ने उनके साथ मारपीट की, जिसके बाद नवाजिश को हिरासत में ले लिया गया। एक पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि शराब के नशे में नवाजिश ने अपनी मां से 10 लाख रुपये मांगे और जब उसने देने से इनकार किया, तो वह मारपीट पर उतर आया। पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में अली सलीम का मेडिकल परीक्षण कराया गया और अधिकारियों ने उसके नशे में होने का ऐलान किया। बाद में सलीम ने अपनी मां से माफी मांग ली और दोनों में सुलह हो गई। मां इस मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहती थीं। पुलिस ने शराब बंदी कानून के तहत उसके खिलाफ मामला दर्ज किया। टीवी टॉक शो पेश करने वाला अली सलीम अक्सर विवादों में रहता है। वह बुधवार को कराची से इस्लामाबाद लौटा और अपनी मां से मिलने उनके बानी गाला स्थित आवास पहुंचा। बाद में उसकी मां ने उसके खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस उसे न्यायिक रिमांड पर लेने के लिए अदालत में पेश करेगी। |
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच को जीतने पर एशेज सीरीज एक बार फिर अपने नाम करने के साथ वाका स्टेडियम में इंग्लैंड के खिलाफ लगातार आठवीं बार जीत का रिकॉर्ड भी बनाया है. आस्ट्रेलिया ने सोमवार को वाका स्टेडियम में खेले गए तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच में पांचवें दिन इंग्लैंड को पारी और 41 रनों से हराने के साथ एशेज सीरीज पर 3-0 से कब्जा जमाया.
ऑस्ट्रेलिया की शानदार जीत
इस स्टेडियम में इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया के बीच खेला गया यह 14वां टेस्ट मैच था, जिसमें से कुल 10 मैचों में ऑस्ट्रेलिया ने अपना दबदबा कायम किया है ऑस्ट्रेलिया ने 1991 से लेकर 2017 के बीच लगातार आठ बार इंग्लैंड को इस मैदान पर खेले गए टेस्ट मैच में मात दी है और ऐसे में एक नया रिकॉर्ड कायम किया है.
वाका पर ऑस्ट्रेलिया की 8वीं जीत
इंग्लैंड को केवल एक बार जीत हासिल हुई है, वहीं तीन मैच ड्रॉ हुआ हैं. इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को इस स्टेडियम में 1978 में खेले गए टेस्ट मैच में 166 रनों से हराया था. यह उसकी इस ग्राउंड पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकमात्र जीत थी.
एकजुट होकर खेलना होगा-रूट
इंग्लैंड क्रिकेट टीम के कप्तान जोए रूट का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया ने उन्हें एशेज सीरीज में खेले गए तीनों टेस्ट मैचों में बुरी तरह हराया है और उन्हें एक टीम के तौर पर बेहतर होना होगा. रूट ने कहा कि उन्हें तथा उनकी टीम को इस हार से सीख मिली है और निश्चित तौर पर टीम बेहतर बनेगी |
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत की व्यवसायिक राजधानी मानी जाने वाली मुंबई में बुधवार को हुए ‘जघन्य’ हमले की निंदा की है. इन विस्फोटों में कम से कम 21 लोग मारे गए और 100 से अधिक लोग घायल हुए.
ओबामा ने एक बयान जारी कर कहा कि मैं मुंबई पर हुए इस जघन्य हमले की भर्तस्ना करता हूं. उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका का एक अच्छा मित्र और सहयोगी है. अमेरिकी जनता संकट की इस घड़ी में भारतीय जनता के साथ है और हम इस घृणित अपराध के दोषियों को कानून की जद में लाने में भारत को सहयोग करने का प्रस्ताव देंगे.
उन्होंने कहा कि मुंबई के अपने दौरे में मैंने भारतीय जनता की दृढ़ता और लचीलापन को देखा था और मुझे पूरा भरोसा है कि भारत इन दर्दनाक आतंकी हमलों से उबर जाएगा. |
यह लेख है: सैफ अली खान की बेटी सारा अली खान की पहली फिल्म आखिर किस एक्टर के साथ होगी और उन्हें इंडस्ट्री में कौन का डायरेक्टर लॉन्च करेगा, इसे लेकर लंबे समय से अटकलें लगाई जा रही हैं. हाल ही में खबरें आई थीं कि सारा अली खान डायरेक्टर अभिषेक कपूर की नई फिल्म से अपने बॉलीवुड सफर की शुरुआत कर सकती हैं, जिसमें सारा सुशांत सिंह राजपूत के साथ नजर आएंगीं. अब इस बात का सबूत भी सामने आ गया है. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार अभिषेक कपूर की फिल्म 'केदारनाथ' की शुरुआत के लिए सारा उत्तराखंड पहुंची हैं. सारा, सैफ अली खान और उनकी एक्स वाइफ अमृता सिंह की बेटी हैं. याद दिला दें कि सुशांत सिंह राजपूत की पहली फिल्म 'काई पो छे' के डायरेक्टर भी अभिषेक कपूर ही थे.टिप्पणियांटाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार अभिषेक कपूर, सारा और फिल्म की टीम के साथ 22 किलोमीटर चल कर शुक्रवार को केदारनाथ मंदिर की सुबह की आरती में पहुंचे. 'केदारनाथ' एक लव-स्टोरी होगी और उम्मीद की जा रही है कि यह फिल्म की शूटिंग इसी साल शुरू होगी. हाल ही में मीडिया में सुशांत, अभिषेक और सारा के साथ में रेस्तारां में जाने की खबरें आई थीं. ऐसे में जब सुशांत से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने पीटीआई को बताया, 'हमने अभी तक फिल्म साइन नहीं की है तो मैं इसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं कह सकता.'
सारा अली खान के डेब्यू को लेकर काफी चर्चाएं हैं. पहले खबरें थी कि सारा, करण जौहर की फिल्म 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2' से अपना बॉलीवुड डेब्यू करने वाली हैं. इस फिल्म में सारा के टाइगर श्रॉफ के साथ नजर आने की खबरें थी. इसके बाद खबरें थी कि सारा सलमान खान की फिल्म से अपना करियर शुरू करने वाली हैं, जिसमें सलमान सारा के साथ ही अपनी बहन अर्पिता शर्मा खान के पति आयुष शर्मा को भी लॉन्च करेंगे.
सारा फिल्मों में आने से पहले ही सोशल मीडिया सेलेब्रिटी बन चुकी हैं. सारा के कई फैनक्लब सोशल मीडिया पर उनसे जुड़ी कई खबरें पोस्ट करते रहते हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार अभिषेक कपूर, सारा और फिल्म की टीम के साथ 22 किलोमीटर चल कर शुक्रवार को केदारनाथ मंदिर की सुबह की आरती में पहुंचे. 'केदारनाथ' एक लव-स्टोरी होगी और उम्मीद की जा रही है कि यह फिल्म की शूटिंग इसी साल शुरू होगी. हाल ही में मीडिया में सुशांत, अभिषेक और सारा के साथ में रेस्तारां में जाने की खबरें आई थीं. ऐसे में जब सुशांत से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने पीटीआई को बताया, 'हमने अभी तक फिल्म साइन नहीं की है तो मैं इसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं कह सकता.'
सारा अली खान के डेब्यू को लेकर काफी चर्चाएं हैं. पहले खबरें थी कि सारा, करण जौहर की फिल्म 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2' से अपना बॉलीवुड डेब्यू करने वाली हैं. इस फिल्म में सारा के टाइगर श्रॉफ के साथ नजर आने की खबरें थी. इसके बाद खबरें थी कि सारा सलमान खान की फिल्म से अपना करियर शुरू करने वाली हैं, जिसमें सलमान सारा के साथ ही अपनी बहन अर्पिता शर्मा खान के पति आयुष शर्मा को भी लॉन्च करेंगे.
सारा फिल्मों में आने से पहले ही सोशल मीडिया सेलेब्रिटी बन चुकी हैं. सारा के कई फैनक्लब सोशल मीडिया पर उनसे जुड़ी कई खबरें पोस्ट करते रहते हैं.
सारा फिल्मों में आने से पहले ही सोशल मीडिया सेलेब्रिटी बन चुकी हैं. सारा के कई फैनक्लब सोशल मीडिया पर उनसे जुड़ी कई खबरें पोस्ट करते रहते हैं. |
हरियाणा के यमुनानगर में एक सिरफिरे आशिक के कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न की कोशिश में नाकाम होने पर चाकुओं से गोदने का
मामला सामने
आया है.
छात्रा जब अपने घर में अकेली थी तब आरोपी शख्स ने अपने तीन दोस्तों के साथ मिलकर रेप करने की कोशिश की. छात्रा के विरोध करने पर युवकों ने चाकू से
लड़कियों को गोद
दिया. लड़की घायल हालत में अस्पताल में भर्ती है. पीड़ित छात्रा का अस्पताल में इलाज चल रहा है.
पुलिस ने बताया कि मामले में
शिकायत दर्ज
क
र आरोपियों की तलाश की जा रही है. पुलिस ने कहा, 'घटना के बाद पीड़िता को मरा समझकर आरोपी फरार हो गए थे. हमने
छानबीन शुरू
कर दी है. जल्द ही आरोपियों को पकड़कर उचित कार्रवाई की जाएगी.' |
Mumbai: Former Shiv Sena corporator Ashok Sawant stabbed to death by unknown assailants outside his house in Kandivli at around 11pm, last night. Police investigation underway. pic.twitter.com/0G314CXuQj |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: अगस्ता वेस्टलेंड के आरोपी गौतम खेतान के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने फिर से दिल्ली हाईकोर्ट से खेतान की याचिका पर सुनवाई करने को कहा. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि खेतान का मामला 1 अप्रैल 2016 से पहले का है इसलिए काले धन के खिलाफ कानून लागू नहीं हो सकता. इस पर केंद्र की दलील थी कि इसका हर मामलों पर बुरा असर होगा. गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने कहा था कि कालाधन कानून को पूर्व प्रभाव से लागू नहीं किया जा सकता. यानी इसे एक अप्रैल, 2016 से पहले लागू नहीं किया जा सकता, जिस दिन यह कानून संसद में पारित हुआ था. केंद्र सरकार ने दिल्ली हाइकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
याचिका में दिल्ली हाइकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई है. दिल्ली हाइकोर्ट ने कालेधन के मामले में फंसे वकील गौतम खेतान की याचिका पर ये आदेश दिया था. आयकर विभाग ने ऐसी कानून को प्रभाव में लाने के लिए अधिसूचना जारी की थी और उसे जुलाई 2015 से लागू किया था.
उधर प्रवर्तन निदेशालय ने हाईकोर्ट से खेतान की जमानत याचिका निरस्त करने की मांग की थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने 16 मई को एक आदेश पारित किया था, जिसके अंतर्गत सरकार और आयकर विभाग पर कालाधन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) काराधान अधिनियम के तहत वकील गौतम खेतान के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई करने से रोक दिया गया था.
खेतान वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदा घोटाले में एक आरोपी हैं और उन्हें 26 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था. खेतान ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए कहा था कि केंद्र की अधिसूचना अवैध है, जिसमें कहा गया है कि अधिनियम एक अप्रैल, 2016 (जब यह पारित हुआ) के बदले एक जुलाई, 2015 से प्रभावी माना जाएगा. |
सलमान खान की आने वाली फिल्म 'सुल्तान' से जुड़ी हर नई बात खूब सुर्खियां बटोर रही है. फिल्म के टीजर, लुक से लेकर शूटिंग सेट तक ही हर अपडेट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. हाल ही में यूपी में इस फिल्म के शूटिंग शेडयूल के दौरान सलमान खान की स्कूटर चलाते हुए फिल्म के सेट पर क्लिक की गई तस्वीर खूब वायरल हो रही है.
इस तस्वीर को
सलमान खान
के फैन क्लब ने ट्विटर पर शेयर किया है. इस तस्वीर में
सलमान खान
स्वेटर पहने हुए स्कूटर चलाते हुए नजर आ रहे हैं. खबरों के मुताबिक, सलमान 45 डिग्री के तापमान में स्वेटर पहनकर कड़ी धूप में शूटिंग कर रहे हैं.
सलमान की इसीतस्वीर को एक्टर रणदीप हुड्डा ने ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा है कि उन्हें
'सुल्तान'
के रिलीज का बेसब्री से इंतजार है.
“
@SalmanWorldFC
: Sultan Ali Khan Ride In Scooter
#WaitForSultan
pic.twitter.com/UMPcXqKruS
” super .. I did in 'D'
— Randeep Hooda (@RandeepHooda)
April 21, 2016
इस साल ईद पर रिलीज होने जा रही इस फिल्म में
सलमान खान
'हरियाणा की शान' रेस्लर सुलतान अली खान के किरदार में नजर आएंगे. |
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की आधार योजना के खिलाफ रुख के लिए पश्चिम बंगाल सरकार से बुधवार को सवाल पूछा. कोर्ट ने पूछा कि सभी भारतीयों के लिए एक राष्ट्र, एक पहचान रखने में क्या गलत है.
ममता बनर्जी सरकार ने मंगलवार को आधार योजना और इसको कानूनी जामा पहनाने वाले 2016 के कानून का विरोध किया था. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि भारतीयता का किसी खास तरह की पहचान से कोई लेना-देना नहीं है. राज्य सरकार ने आधार योजना का कुछ खास आधार पर विरोध किया था. उसने कहा था कि यह एक राष्ट्र, एक पहचान की ओर ले जाएगा.
पीठ ने कहा, ‘हां, हम सब इस देश के नागरिक हैं और भारतीयता का इस तरह की पहचान से कोई लेना-देना नहीं है.’ पीठ में न्यायमूर्ति ए के सीकरी, न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति अशोक भूषण भी शामिल हैं.
कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से पूछा कि किस बात पर उन्होंने एक राष्ट्र, एक पहचान की अवधारणा के बारे में सोचा.
भारतीयता का पहचान से कोई लेना- देना नहीं
सिब्बल ने कहा, ‘हम सब गर्व से भारतीय हैं, लेकिन आधार में सबकुछ गलत है. भारतीयता का पहचान से कोई लेना-देना नहीं है. हम इस बहस में इसलिए पड़ रहे हैं क्योंकि यह कानून की बजाय राजनीतिक अधिक है. हम इस आधार से कहीं अधिक हैं.’
वरिष्ठ अधिवक्ता ने अपनी दलीलों को जारी रखते हुए आधार अधिनियम को पढ़ा. उन्होंने कहा कि यह
विकल्प के संबंध
में गलत तरीके से ड्राफ्ट किया गया कानून है. क्योंकि आधार के अतिरिक्त किसी व्यक्ति की पहचान की प्रामाणिकता की कोई गुंजाइश नहीं है.
उन्होंने कहा कि आधार अधिनियम किसी
व्यक्ति की पहचान
स्थापित करने के लिए अन्य विकल्पों की कोई गुंजाइश की बात नहीं करता है. उन्होंने कहा कि बैंक कहते हैं कि वे कोई अन्य सूचना या कार्ड नहीं चाहते हैं और सिर्फ आधार संख्या मांगते हैं. |
देश के कई बड़े
बैंक
अगले महीने ब्याज दरें गिरा सकते हैं. समझा जाता है कि कर्ज का उठाव न होने और सरप्लस धन के कारण बैंक अपनी ब्याज दरें गिरा सकते हैं.
देश के बड़े बैंक जैसे
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
, आईडीबीआई बैंक या
ऐक्सिस बैंक
इस दिशा में काम कर रहे हैं और वे इस तरह का कदम उठा सकते हैं. उनके सामने भी यही समस्या है कि लोग और कंपनियां उनसे कर्ज कम ले रही हैं. ऊंची ब्याज दरों के कारण ऐसा हो रहा है.
एक अंग्रेजी अखबार ने यह खबर देते हुए बताया है कि नए वित्त वर्ष में सरकार खूब पैसे खर्च करेगी जिससे बैंकों के पास काफी धन आएगा. इससे बैंक अप्रैल-जून की तिमाही में ब्याज दरें घटाएंगे.
अखबार ने आईडीबीआई बैंक के ईडी और सीएफओ एनएस वेंकटेश का हवाला देते हुए बताया कि रिजर्व बैंक दो बार दरें घटा चुका है लेकिन बैंकों ने ऐसा कुछ नहीं किया है. अब समय आ गया है कि उन्हें कुछ करना होगा. स्टेट बैंक के एक अधिकारी ने बताया कि कई बैंक पहली तिमाही से ही ब्याज दरें घटाना शुरू कर देंगे ताकि कंपनियां लोन लें. |
गुरुवार को वायु तूफान आने से पहले ही बुधवार शाम से इसका असर दिखना शुरू हो गया था. समुद्र के पास के करीब 500 गांवों में पानी भर गया था, जिसकी वजह से लाखों लोगों को निकाला गया. पढ़ें गुरुवार सुबर की 5 बड़ी खबरें...
1-‘वायु’ से खौफ में गुजरात, 3 लाख लोगों को निकाला गया
गुजरात में किसी भी तरह के नुकसान को देखते हुए प्रशासन अलर्ट पर है. प्रशासन ने खाने के कई पैकेट भी तैयार किए हैं, अगर किसी को जरूरत पड़ती है. जिन लोगों को घरों से बाहर पहुंचाया गया है, उनके लिए प्रशासन की ओर से व्यवस्था की जा रही है.
2-पीएम मोदी के पहुंचने से पहले बिश्केक में दिखाई दिया उल्टा तिरंगा
किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहुंचने से पहले सड़क किनारे भारत का राष्ट्रीय ध्वज उलटा लगा हुआ दिखाई दिया. सड़क किनारे कई जगहों पर अलग अलग देशों के राष्ट्रीय ध्वज लगाए गए थे, जिसमें कुछ जगहों पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज भी लगा था, लेकिन ये ध्वज गलत तरीके से लगा हुआ था.
3-पूंजीगत खर्च बढ़ाने की गुंजाइश नहीं, निर्यात सुस्त रहेगा
सरकार के लिए पूंजीगत खर्च (capex) बढ़ाने की गुंजाइश नहीं दिख रही, निर्यात में सुस्ती है टैक्स संग्रह के लक्ष्य को हासिल करना संभव नहीं दिख रहा. मई महीने की मैक्रो इकोनॉमिक परफॉर्मेंस की समीक्षा के आधार पर सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) ने यह बात कही है. सीएमआईई ने आर्थिक वृद्धि, राजकोषीय अनुशासन, महंगाई और निर्यात जैसे कई प्रमुख संकेतकों के आधार पर यह समीक्षा जारी की है.
4-सोशल मीडिया पर सबसे एक्टिव रहता है अपर क्लास, मुस्लिमों का नंबर दूसरा
लोकसभा चुनाव में इस बार राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को मात देने के लिए एक लड़ाई सोशल मीडिया पर लड़ी गई. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राफेल सौदे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'चौकीदार चोर है' से घेरने की कोशिश करते रहे. वहीं पीएम मोदी ने सोशल मीडिया के जरिये नैरेटिव को पलटकर रख दिया और अपने ट्विटर हैंडल में 'मैं भी चौकीदार' लिखा. इसके बाद सभी बीजेपी नेताओं और मंत्रियों ने अपने ट्विटर हैंडल में इसे जोड़ा, और यह जंग पूरे चुनाव तक बनी रही.
5-वर्ल्ड कप के लिए ऋषभ पंत की रवानगी से पड़ोसी खुश
इंग्लैंड में चल रहे क्रिकेट वर्ल्ड कप के बीच टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन के चोटिल होने पर ऋषभ पंत को इंग्लैंड बुलाया गया है. हालांकि, वो टीम में शामिल नहीं होंगे. बीसीसीआई ने इस बात की पुष्टि की है कि धवन इंग्लैंड में ही रहेंगे. ऐसे में पंत टीम में बाद में जुड़ सकते हैं. |
सीबीआई में चल रहे घमासान में उलझी केंद्र सरकार के लिए अब नई मुसीबत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तरफ से आ रही है. आरबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने सरकार पर रिजर्व बैंक के कामकाज में दखल देने का आरोप लगाया है. और ऐसा बंद ना होने पर इसके बुरे परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है.
इस बयान के अलावा आरबीआई बैंक के कर्मचारी यूनियन ने चिट्ठी लिखी है कि सरकार के द्वारा बैंक की स्वायत्तता को खतरा पहुंचाया जा रहा है. कर्मचारियों ने डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य के उस बयान का भी समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने सरकार की दखलअंदाजी को लेकर कामकाज किया था.
राहुल ने भी किया था वार
पटेल के इसी बयान को ढाल बनाकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि यह देखना सुखद है कि आखिरकार भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल केंद्रीय बैंक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ‘बचा रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि देश भाजपा-आरएसएस को संस्थाओं पर कब्जा नहीं करने देगा.
पटेल और ‘टीम मोदी’ के बीच टकराब की खबरों के बाद गांधी ने कहा कि गवर्नर के आरबीआई के बचाव में आने में कोई विशेष देरी नहीं हुई है.
गांधी ने ट्वीट किया, “यह अच्छा है कि आखिरकार पटेल आरबीआई को
‘मिस्टर 56’
से बचा रहे हैं. कभी नहीं से विलंब बेहतर, भारत भाजपा/आरएसएस को हमारी संस्थाओं पर कब्जा नहीं करने देगा.”
बता दें कि बीते कुछ दिनों से उर्जित पटेल और मोदी सरकार के बीच सबकुछ अच्छा नहीं चल रहा है. लगातार इस प्रकार की खबरें आ रही हैं, हाल ही के कई मामलों के कारण पटेल सरकार से खुश नहीं हैं. |
देश के प्रतिष्ठित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) उम्मीदवारों के चयन के लिए फिर से एकल प्रवेश परीक्षा की पुरानी व्यवस्था की ओर लौटने का विचार कर रहे हैं क्योंकि दो स्तरीय फॉर्मेट बोझिल और समय लेने वाला साबित हुआ है. जी अपेक्स बोर्ड ने बीते रविवार को अपनी बैठक में इस प्रस्ताव को आईआईटी सीनेट में रखने से पहले इस पर विचार के लिए एक समिति गठित करने का फैसला किया.
सूत्रों के अनुसार इस फैसले के पीछे
काउंसलिंग
भी एक प्रमुख कारण बताया जा रहा है. नए फैसले से अब ज्यादा से ज्यादा काउंसलिंग राउंड पूरे किए जा सकेंगे. वहीं, टू-टायर एंट्रेंस टेस्ट के कारण रिसोर्स भी ज्यादा खपत हो रहे हैं.
आपको बता दें कि टू-टायर फॉर्मेट एंट्रेंस टेस्ट 2012 के तत्कालीन एचआरडी मिनिस्टर कपिल सिब्बल की ओर से लागू किया गया था. इस सिस्टम के अनुसार देश के सारे IIT, NIT जैसे टेक्निकल इंस्टीट्यूट्स में दाखिले के लिए एक ही टेस्ट होता है.
टू-टायर फॉर्मेट में पहले चरण में जेईई मेन और दूसरे चरण में जेईई एडवांस की परीक्षा होती है. जेईई एडवांस परीक्षा पास करने वाले को
आईआईटी
में एडमिशन मिलता है. वहीं, जेईई मेन NIT में एडमिशन लेने का जरिया है. अब नए फॉर्मेट के मुताबिक स्टूडेंट को IIT में दाखिला के लिए एक ही टेस्ट देना होगा. |
यह एक लेख है: जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान फरवरी महीने में आम जनता और सरकार को हुए नुकसान की भरपाई के लिए हरियाणा सरकार ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) से एक हजार करोड़ रुपये की सहायता मांगी है। सरकार ने हिंसक आंदोलन को मानव जनित आपदा की संज्ञा दी है।
सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि जाट आंदोलन के पीड़ितों को समुचित मुआवजा देने और राज्य में पुनर्वास और पुनर्निर्माण कार्य को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने एक हजार करोड़ रुपये की सहायता मांगी है।
उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को गत फरवरी महीने में यह सूचना दी गई कि जाट आंदोलन के दौरान बड़ी संख्या में सरकारी और निजी संपत्तियों की क्षति हुई। आंदोलन से राज्य का बड़ा भाग प्रभावित था, जिसमें आठ जिले तो सर्वाधिक प्रभावित थे।'
प्रवक्ता ने कहा, 'आंदोलन के दौरान क्षतिग्रस्त 2077 अचल निजी संपत्तियों के लिए 555 करोड़ रुपये के दावे सरकार को मिले हैं, जबकि बड़ी संख्या में सरकारी संपत्तियों और 300 निजी वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया था। वास्तविक क्षति का आकलन सर्वेक्षण विशेषज्ञों के साथ मिलकर जिला प्रशासन तेजी से कर रहा है।'
उन्होंने कहा कि सरकार ने मानव निर्मित आपदा पीड़ितों को योजनागत व्यय के लिए आवंटित राशि से अंतरिम राहत दी है, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर लोग अपनी जीविका फिर से शुरू कर सकें। सरकार ने छह अप्रैल तक पीड़ितों में 53.83 करोड़ रुपये की सहायता राशि बांटी है।
प्रवक्ता ने कहा कि एनडीएमए को सूचित किया गया था कि आंदोलन के दौरान बड़े पैमाने पर संपत्तियों को हुआ नुकसान मानव निर्मित आपदा है। इसलिए एनडीएमए अधिनियम के तहत राहत और पुनर्वास होना चाहिए।
मनोहरलाल खट्टर सरकार ने शुक्रवार को 18 से 23 फरवरी के बीच जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया। हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एस.एन. झा और केंद्र सरकार के पूर्व सचिव एन.सी. पाधी इसके सदस्य हैं।
आयोग हिंसक घटना के पीछे साजिश और परिस्थितियों की जांच करेगा। जाट आंदोलन के दौरान हिंसक घटनाओं को मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर ने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, 'यह आरक्षण की आड़ में राजनीतिक साजिश थी।'टिप्पणियां
खट्टर ने कहा, 'सरकार आरक्षण के पक्ष में थी और इसके लिए समाज के नेताओं को बुलाया भी था। आंदोलन के पीछे सक्रिय रहे असामाजिक तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा। जांच हो रही है और करीब 400 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। निर्दोषों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी।' उन्होंने कहा, 'हमलोग उन लोगों से सख्ती से निपटेंगे जो हरियाणा को बांटने की कोशिश करेंगे।'(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि जाट आंदोलन के पीड़ितों को समुचित मुआवजा देने और राज्य में पुनर्वास और पुनर्निर्माण कार्य को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने एक हजार करोड़ रुपये की सहायता मांगी है।
उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को गत फरवरी महीने में यह सूचना दी गई कि जाट आंदोलन के दौरान बड़ी संख्या में सरकारी और निजी संपत्तियों की क्षति हुई। आंदोलन से राज्य का बड़ा भाग प्रभावित था, जिसमें आठ जिले तो सर्वाधिक प्रभावित थे।'
प्रवक्ता ने कहा, 'आंदोलन के दौरान क्षतिग्रस्त 2077 अचल निजी संपत्तियों के लिए 555 करोड़ रुपये के दावे सरकार को मिले हैं, जबकि बड़ी संख्या में सरकारी संपत्तियों और 300 निजी वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया था। वास्तविक क्षति का आकलन सर्वेक्षण विशेषज्ञों के साथ मिलकर जिला प्रशासन तेजी से कर रहा है।'
उन्होंने कहा कि सरकार ने मानव निर्मित आपदा पीड़ितों को योजनागत व्यय के लिए आवंटित राशि से अंतरिम राहत दी है, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर लोग अपनी जीविका फिर से शुरू कर सकें। सरकार ने छह अप्रैल तक पीड़ितों में 53.83 करोड़ रुपये की सहायता राशि बांटी है।
प्रवक्ता ने कहा कि एनडीएमए को सूचित किया गया था कि आंदोलन के दौरान बड़े पैमाने पर संपत्तियों को हुआ नुकसान मानव निर्मित आपदा है। इसलिए एनडीएमए अधिनियम के तहत राहत और पुनर्वास होना चाहिए।
मनोहरलाल खट्टर सरकार ने शुक्रवार को 18 से 23 फरवरी के बीच जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया। हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एस.एन. झा और केंद्र सरकार के पूर्व सचिव एन.सी. पाधी इसके सदस्य हैं।
आयोग हिंसक घटना के पीछे साजिश और परिस्थितियों की जांच करेगा। जाट आंदोलन के दौरान हिंसक घटनाओं को मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर ने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, 'यह आरक्षण की आड़ में राजनीतिक साजिश थी।'टिप्पणियां
खट्टर ने कहा, 'सरकार आरक्षण के पक्ष में थी और इसके लिए समाज के नेताओं को बुलाया भी था। आंदोलन के पीछे सक्रिय रहे असामाजिक तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा। जांच हो रही है और करीब 400 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। निर्दोषों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी।' उन्होंने कहा, 'हमलोग उन लोगों से सख्ती से निपटेंगे जो हरियाणा को बांटने की कोशिश करेंगे।'(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को गत फरवरी महीने में यह सूचना दी गई कि जाट आंदोलन के दौरान बड़ी संख्या में सरकारी और निजी संपत्तियों की क्षति हुई। आंदोलन से राज्य का बड़ा भाग प्रभावित था, जिसमें आठ जिले तो सर्वाधिक प्रभावित थे।'
प्रवक्ता ने कहा, 'आंदोलन के दौरान क्षतिग्रस्त 2077 अचल निजी संपत्तियों के लिए 555 करोड़ रुपये के दावे सरकार को मिले हैं, जबकि बड़ी संख्या में सरकारी संपत्तियों और 300 निजी वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया था। वास्तविक क्षति का आकलन सर्वेक्षण विशेषज्ञों के साथ मिलकर जिला प्रशासन तेजी से कर रहा है।'
उन्होंने कहा कि सरकार ने मानव निर्मित आपदा पीड़ितों को योजनागत व्यय के लिए आवंटित राशि से अंतरिम राहत दी है, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर लोग अपनी जीविका फिर से शुरू कर सकें। सरकार ने छह अप्रैल तक पीड़ितों में 53.83 करोड़ रुपये की सहायता राशि बांटी है।
प्रवक्ता ने कहा कि एनडीएमए को सूचित किया गया था कि आंदोलन के दौरान बड़े पैमाने पर संपत्तियों को हुआ नुकसान मानव निर्मित आपदा है। इसलिए एनडीएमए अधिनियम के तहत राहत और पुनर्वास होना चाहिए।
मनोहरलाल खट्टर सरकार ने शुक्रवार को 18 से 23 फरवरी के बीच जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया। हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एस.एन. झा और केंद्र सरकार के पूर्व सचिव एन.सी. पाधी इसके सदस्य हैं।
आयोग हिंसक घटना के पीछे साजिश और परिस्थितियों की जांच करेगा। जाट आंदोलन के दौरान हिंसक घटनाओं को मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर ने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, 'यह आरक्षण की आड़ में राजनीतिक साजिश थी।'टिप्पणियां
खट्टर ने कहा, 'सरकार आरक्षण के पक्ष में थी और इसके लिए समाज के नेताओं को बुलाया भी था। आंदोलन के पीछे सक्रिय रहे असामाजिक तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा। जांच हो रही है और करीब 400 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। निर्दोषों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी।' उन्होंने कहा, 'हमलोग उन लोगों से सख्ती से निपटेंगे जो हरियाणा को बांटने की कोशिश करेंगे।'(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
प्रवक्ता ने कहा, 'आंदोलन के दौरान क्षतिग्रस्त 2077 अचल निजी संपत्तियों के लिए 555 करोड़ रुपये के दावे सरकार को मिले हैं, जबकि बड़ी संख्या में सरकारी संपत्तियों और 300 निजी वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया था। वास्तविक क्षति का आकलन सर्वेक्षण विशेषज्ञों के साथ मिलकर जिला प्रशासन तेजी से कर रहा है।'
उन्होंने कहा कि सरकार ने मानव निर्मित आपदा पीड़ितों को योजनागत व्यय के लिए आवंटित राशि से अंतरिम राहत दी है, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर लोग अपनी जीविका फिर से शुरू कर सकें। सरकार ने छह अप्रैल तक पीड़ितों में 53.83 करोड़ रुपये की सहायता राशि बांटी है।
प्रवक्ता ने कहा कि एनडीएमए को सूचित किया गया था कि आंदोलन के दौरान बड़े पैमाने पर संपत्तियों को हुआ नुकसान मानव निर्मित आपदा है। इसलिए एनडीएमए अधिनियम के तहत राहत और पुनर्वास होना चाहिए।
मनोहरलाल खट्टर सरकार ने शुक्रवार को 18 से 23 फरवरी के बीच जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया। हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एस.एन. झा और केंद्र सरकार के पूर्व सचिव एन.सी. पाधी इसके सदस्य हैं।
आयोग हिंसक घटना के पीछे साजिश और परिस्थितियों की जांच करेगा। जाट आंदोलन के दौरान हिंसक घटनाओं को मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर ने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, 'यह आरक्षण की आड़ में राजनीतिक साजिश थी।'टिप्पणियां
खट्टर ने कहा, 'सरकार आरक्षण के पक्ष में थी और इसके लिए समाज के नेताओं को बुलाया भी था। आंदोलन के पीछे सक्रिय रहे असामाजिक तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा। जांच हो रही है और करीब 400 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। निर्दोषों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी।' उन्होंने कहा, 'हमलोग उन लोगों से सख्ती से निपटेंगे जो हरियाणा को बांटने की कोशिश करेंगे।'(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
उन्होंने कहा कि सरकार ने मानव निर्मित आपदा पीड़ितों को योजनागत व्यय के लिए आवंटित राशि से अंतरिम राहत दी है, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर लोग अपनी जीविका फिर से शुरू कर सकें। सरकार ने छह अप्रैल तक पीड़ितों में 53.83 करोड़ रुपये की सहायता राशि बांटी है।
प्रवक्ता ने कहा कि एनडीएमए को सूचित किया गया था कि आंदोलन के दौरान बड़े पैमाने पर संपत्तियों को हुआ नुकसान मानव निर्मित आपदा है। इसलिए एनडीएमए अधिनियम के तहत राहत और पुनर्वास होना चाहिए।
मनोहरलाल खट्टर सरकार ने शुक्रवार को 18 से 23 फरवरी के बीच जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया। हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एस.एन. झा और केंद्र सरकार के पूर्व सचिव एन.सी. पाधी इसके सदस्य हैं।
आयोग हिंसक घटना के पीछे साजिश और परिस्थितियों की जांच करेगा। जाट आंदोलन के दौरान हिंसक घटनाओं को मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर ने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, 'यह आरक्षण की आड़ में राजनीतिक साजिश थी।'टिप्पणियां
खट्टर ने कहा, 'सरकार आरक्षण के पक्ष में थी और इसके लिए समाज के नेताओं को बुलाया भी था। आंदोलन के पीछे सक्रिय रहे असामाजिक तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा। जांच हो रही है और करीब 400 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। निर्दोषों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी।' उन्होंने कहा, 'हमलोग उन लोगों से सख्ती से निपटेंगे जो हरियाणा को बांटने की कोशिश करेंगे।'(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
प्रवक्ता ने कहा कि एनडीएमए को सूचित किया गया था कि आंदोलन के दौरान बड़े पैमाने पर संपत्तियों को हुआ नुकसान मानव निर्मित आपदा है। इसलिए एनडीएमए अधिनियम के तहत राहत और पुनर्वास होना चाहिए।
मनोहरलाल खट्टर सरकार ने शुक्रवार को 18 से 23 फरवरी के बीच जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया। हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एस.एन. झा और केंद्र सरकार के पूर्व सचिव एन.सी. पाधी इसके सदस्य हैं।
आयोग हिंसक घटना के पीछे साजिश और परिस्थितियों की जांच करेगा। जाट आंदोलन के दौरान हिंसक घटनाओं को मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर ने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, 'यह आरक्षण की आड़ में राजनीतिक साजिश थी।'टिप्पणियां
खट्टर ने कहा, 'सरकार आरक्षण के पक्ष में थी और इसके लिए समाज के नेताओं को बुलाया भी था। आंदोलन के पीछे सक्रिय रहे असामाजिक तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा। जांच हो रही है और करीब 400 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। निर्दोषों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी।' उन्होंने कहा, 'हमलोग उन लोगों से सख्ती से निपटेंगे जो हरियाणा को बांटने की कोशिश करेंगे।'(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
मनोहरलाल खट्टर सरकार ने शुक्रवार को 18 से 23 फरवरी के बीच जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया। हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एस.एन. झा और केंद्र सरकार के पूर्व सचिव एन.सी. पाधी इसके सदस्य हैं।
आयोग हिंसक घटना के पीछे साजिश और परिस्थितियों की जांच करेगा। जाट आंदोलन के दौरान हिंसक घटनाओं को मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर ने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, 'यह आरक्षण की आड़ में राजनीतिक साजिश थी।'टिप्पणियां
खट्टर ने कहा, 'सरकार आरक्षण के पक्ष में थी और इसके लिए समाज के नेताओं को बुलाया भी था। आंदोलन के पीछे सक्रिय रहे असामाजिक तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा। जांच हो रही है और करीब 400 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। निर्दोषों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी।' उन्होंने कहा, 'हमलोग उन लोगों से सख्ती से निपटेंगे जो हरियाणा को बांटने की कोशिश करेंगे।'(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
आयोग हिंसक घटना के पीछे साजिश और परिस्थितियों की जांच करेगा। जाट आंदोलन के दौरान हिंसक घटनाओं को मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर ने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, 'यह आरक्षण की आड़ में राजनीतिक साजिश थी।'टिप्पणियां
खट्टर ने कहा, 'सरकार आरक्षण के पक्ष में थी और इसके लिए समाज के नेताओं को बुलाया भी था। आंदोलन के पीछे सक्रिय रहे असामाजिक तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा। जांच हो रही है और करीब 400 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। निर्दोषों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी।' उन्होंने कहा, 'हमलोग उन लोगों से सख्ती से निपटेंगे जो हरियाणा को बांटने की कोशिश करेंगे।'(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
खट्टर ने कहा, 'सरकार आरक्षण के पक्ष में थी और इसके लिए समाज के नेताओं को बुलाया भी था। आंदोलन के पीछे सक्रिय रहे असामाजिक तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा। जांच हो रही है और करीब 400 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। निर्दोषों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी।' उन्होंने कहा, 'हमलोग उन लोगों से सख्ती से निपटेंगे जो हरियाणा को बांटने की कोशिश करेंगे।'(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) |
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) विनोद राय 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच कर रही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के समक्ष इस बारे में जानकारी देने के लिए पेश हुए कि कैग ने स्पेक्ट्रम आवंटन में 1.76 लाख करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन कैसे किया। राय से कांग्रेस सांसद पीसी चाको की अध्यक्षता वाली समिति को 1998 से 2009 तक दूरसंचार लाइसेंसों तथा स्पेक्ट्रम के आवंटन तथा मूल्यों के बारे में जानकारी देने को कहा गया। कैग ने पिछले साल संसद को दी गई अपनी रिपोर्ट में 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन से राजकोष को 1.76 लाख करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन किया था। इस आंकड़े के बाद राजनीतिक तूफान आ गया और संचार मंत्री ए राजा को इस्तीफा देना पड़ा था। चाको ने 18 मई को हुई समिति की पिछली बैठक के बाद कहा था कि आज 1.76 लाख करोड़ रुपये के घोटाले की बात हो रही है। हम जानना चाहते हैं कि कैग इस आंकड़े पर कैसे पहुंचा। कैग के इस आंकड़े को संचार मंत्री कपिल सिब्बल ने निराधार कहा था। सीबीआई के आरोपपत्र के अनुसार 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में राजकोष को 30,984 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। राय ने इससे पहले इसी साल संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के समक्ष इस बारे में स्पष्टीकरण दिया था कि वह इस आंकड़े पर कैसे पहुंचे। पीएसी कैग रिपोर्ट का अध्ययन करती है और इसके बारे में तथ्यों को संसद के पटल पर रखती है। |
बच्चन परिवार की बहू और अदाकारा ऐश्वर्य राय को तेज बुखार होने के कारण हैदराबाद में अपनी तेलुगू फिल्म ‘इंदिरन..रोबोट’ के म्यूजिक रिलीज में शामिल नहीं हो पाईं.
अदाकारा की प्रवक्ता ने बताया कि कल सुबह ऐश ‘इंदिरन..रोबोट’ के म्यूजिक लांच के लिए हैदराबाद जाने वाली थीं लेकिन तेज बुखार की वजह से वह नहीं जा सकीं . उन्होंने अपनी शुभकामनाएं जरूर भेज दीं.
36 साल की पूर्व मिस वर्ल्ड को डॉक्टरों ने घर पर रहने और आराम करने की सलाह दी. अपने भेजे शुभकामना संदेश में ऐश ने कहा कि उनके पूरे कैरियर के दौरान हैदराबाद के लोग और तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री ने बहुत सहारा दिया. उन्होंने कहा कि ‘इंदिरन..रोबोट’ बहुत विशेष फिल्म है और पूरी टीम ने इस फिल्म पर काफी मेहनत की है. |
देश, दुनिया, महानगर, खेल, आर्थिक और बॉलीवुड में क्या कुछ हुआ. जानने के लिए यहां पढ़ें समय के साथ साथ खबरों का लाइव अपडेशन....
10:15 PM:
पहली बार पाकिस्तान ने माना पाक में था दाऊद इब्राहिम, पीएम नवाज शरीफ के विशेष दूत ने कहा- अब मुल्क छोड़ चुका है सरगना, यूएई में होने का जताया अंदेशा.
05:20 PM:
वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में पीवी सिंधू ने इतिहास रच दिया है. सिंधू ने वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में जगह बनाकर मेडल पक्का कर लिया है. क्वार्टर फाइनल में सिंधू ने चीनी खिलाड़ी को 21-18, 21-17 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई है. शनिवार को सेमीफाइनल का मुकाबला है...
05:00 PM:
अमेरिका ने दूतावास के कर्मचारियों को हटाया, लाहौर में अमेरिकी दूतावास को खाली किया, दूतावास में जरुरी कर्मचारी ही बचे हैं, अमेरिका ने जताया आतंकी हमले का अंदेशा, आतंकी हमले की आशंका से चलते दूतावास खाली कराया.
04:20 PM:
पुंछ हमले को लेकर लोगों में नाराजगी, दिल्ली-लाहौर बस सेवा को प्रदर्शनकारियों ने रोका, अमृतसर में वाघा बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों ने रोका.
04:00 PM:
मुंबई: प्रशंसकों के बीच आए शाहरुख खान, शाहरुख ने लोगों को दी ईद की दी बधाई.
03:40 PM:
नाम मुराद है, बात नामुराद की तरह कर रहे हैं: मीनाक्षी लेखी
02:50 PM:
रजा मुराद ने मोदी का नाम लिए बिना ‘टोपी’ वाला बयान दिया था. इस पर बीजेपी की फायरब्रांड नेता उमा भारती ने ट्वीट किया है कि ईद पर इतनी घटिया सियासत.
01:56 PM:
जन्म से पहले लिंग परीक्षण मामले में शाहरुख और गौरी खान के खिलाफ मुंबई के एक कोर्ट में मामला दर्ज.
01:50 PM:
बीजेपी नेता राजीव प्रताप रुडी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर किया हमला. उन्होंने कहा, अगर नीतीश अपने मंत्री को बाहर नहीं करते हैं तो इससे पता चलता है कि वे क्या चाहते हैं. उन्होंने कहा, नीतीश पाकिस्तान के लिए ज्यादा चिंतित रहते हैं. उन्हें अपनी देशभक्ति साबित करने की जरूरत है. ऐसा लगता है कि उन्हें पाकिस्तान की करतूत का कोई गम नहीं है.
01:45 PM:
उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के पूर्व पीए देहरादून में मृत पाए गए. युद्धवीर सिंह रावत जिला परिषद के मेंबर भी रह चुके हैं. शुक्रवार सुबह उनका शव देहरादून के राजपुर रोड पर पड़ा मिला.
01:35 PM:
आजम खान ने उड़ायी सोनिया गांधी की खिल्ली, बोले-कांग्रेस का स्तर इतना गिर गया है कि वो अब एसडीएम तक के लिए चिट्ठी लिख देते हैं.
01:22 PM:
बीजेपी के दिल्ली प्रभारी नितिन गडकरी द्वारा बुलाई गई मीटिंग खत्म होने के बाद विजय कुमार मल्होत्रा ने बताया कि पार्टी ने सीएम उम्मीदवार ने कोई फैसला नहीं किया है. मल्होत्रा ने बताया कि शुक्रवार शाम प्रदेश के नेता एक बार फिर मिलेंगे.
01:15 PM:
ऋषिकेश में गंगा का पानी खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा.
12:40 PM:
SP, BSP सभी पार्टियां मोदी से डरी हुई हैं: कल्याण सिंह.
12:29 PM:
कल्याण सिंह ने कहा, बीजेपी यूपी में अच्छा प्रदर्शन करेगी. मुलायम सिंह 1990 में कार सेवकों पर गोली चलाने का दाग कभी नहीं धो पाएंगे.
12:28 PM:
मुलायम सिंह दोगले इंसान हैं, केंद्र में कांग्रेस के साथ हैं और यूपी में विरोध करते हैं: कल्याण सिंह.
12:25 PM:
नरेंद्र मोदी सबसे लोकप्रिय नेता हैं: कल्याण सिंह.
11:53 AM:
शाहरुख खान और रोहित शेट्टी की फिल्म ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ ने सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए पेड प्रिव्यू में 6.75 करोड़ रुपये कमाए. इससे पहले 3 इडियट्स ने 2.7 करोड़ रुपये कमाने का रिकॉर्ड बनाया था.
11:40 AM:
एपीआई सचिन सूर्यवंशी का सांगली पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में तबादला किया गया. सचिन वही एसिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर हैं जिनकी महाराष्ट्र विधानसभा में एक एमएलए ने पिटायी कर दी थी.
11:35 AM:
दिल्ली पुलिस को IB का अलर्ट, हाफिज सईद कर सकता है हमला.
11:04 AM:
फिल्म अभिनेता रजा मुराद का नरेंद्र मोदी पर हमला. उन्होंने मोदी का नाम लिए बिना कहा कि टोपी पहनने से किसी का धर्म नहीं बदल जाता. शिवराज सिंह टोपी पहनते हैं और दूसरे मुख्यमंत्रियों को उनसे सीखना चाहिए.
11:02 AM:
अगर कोई देश का नेतृत्व करना चाहता है तो उसे पूरे देश को साथ लेकर चलना होगा: रजा मुराद
11:01 AM:
शिवराज टोपी पहनते हैं और दूसरों को उनसे सीखना चाहिए: रजा मुराद
11:00 AM:
टोपी पहनने से किसी का धर्म नहीं बदल जाता: रजा मुराद
10:40 AM:
बीजेपी के दिल्ली इंचार्ज नितिन गडकरी ने दिल्ली के सभी पार्टी नेताओं की आपात बैठक बुलाई.
10:30 AM:
नागरोटा इलाके में भारी बारिश और भूस्खलन के चलते जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को फिलहाल बंद किया गया.
7:07 AM:
देश में आज मनाई जा रही है ईद, जामा मस्जिद में थोड़ी देर बाद, लेकिन मुंबई में पढ़ी गई नमाज, बांग्लादेश में ईद पर ट्रेनों में भेड़-बकरी की तरह ठुंसे लोग.
7:04 AM:
दिल्ली के भीड़भाड़ वाले इलाके में लड़की पर तेजाब से हमला, बाइक सवार दो युवकों ने फेंका एसिड, जीटीबी अस्पताल में भर्ती लड़की, आरोपी फरार.
7:02 AM:
फरीदाबाद में बड़े सेक्स रैकेट का पर्दाफाश, 8 लड़कियां और 8 ग्राहक गिरफ्तार, जिस्मफरोशी के लिए दिल्ली से आती थीं लड़कियां.
7:01 AM:
हिमाचल में बेखौफ खनन माफिया की हिमाकत, अवैध खनन रोकने आए SDM को ट्रैक्टर से कुचलने की कोशिश की, आरोपी गिरफ्तार. |
यह लेख सिलिकोन नामक यौगिक के बारे में है। कृपया इसे सिलिकॉन तत्व न समझें।
सिलिकोन (Silicone) अक्रिय, संश्लेषित यौगिक हैं जिनके तरह-तरह के रूप हैं और तरह-तरह के उपयोग हैं। ये प्राय: रबर जैसे एवं उष्मारोधी (heat-resistant) होते हैं। ये भोजन के बर्तनों में, चिकित्सकीय उपकरणों में, चूवन के छेद आदि बन्द करने के लिये (सीलैन्ट), चिपकाने के लिये (अधेसिव), स्नेहक (lubricants), इंसुलेशन एवं स्तन-प्रत्यारोपण (breast implants) में काम आते हैं।
नौटिंघम निवासी एफ.एस. किपिंग (F.S. Kipping) ने सिलिकन से बने कुछ संश्लिष्ट यौगिकों का नाम "सिलिकोन" दिया था। यह नाम कीटोन के आधार पर दिया गया था। कीटोन की भाँति सिलिकन एक ओर ऑक्सीजन से और दूसरी ओर कार्बनिक समूहों से संबद्ध था पर कीटोन के साथ-साथ समानता केवल रचनात्मक सूत्र तक ही सीमित थी। वास्तविक संरचना में कीटोन और सिलिकोन एक-दूसरे से बहुत भिन्न हैं। सिलिकोन बहुत भारी अणु भार वाले यौगिक हैं। कार्बनिक समूहों के कारण इनमें नम्यता, प्रत्यास्थता या तरलता आदि गुण भी आ जाते हैं और विभिन्न नमूनों के इन गुणों में बहुत अंतर पाया जाता है।
सिलिकोन एक बेहतर और लचीला यौगिक है। दुनिया भर में प्रतिवर्ष इसका हजारों टन उत्पादन होता है। चीन और अमेरिका जैसे देश इसका अधिकाधिक उत्पाद करते हैं।
निर्माण
इनके तैयार करने में ग्रिनयार्ड अभिक्रिया द्वारा सिलिकन क्लोराइड से कार्बोसिलिकन क्लोराइड प्राप्त होता है। आसवन से इन्हें पृथक् करते हैं। सिलिका तत्व के कार्बनिक क्लोराइड के उपचार से भी कार्बोसिलिकन क्लोराइड प्राप्त हो सकते हैं। इन्हीं यौगिकों से सिलिकोन प्राप्त होता है। सिलिकोन तेल रूप में प्राप्त हो सकता है। इनकी भौतिक अवस्था उनके रासायनिक संघटन और अणु के औसत विस्तार पर निर्भर करती है।
गुणधर्म
सिलिकोन रासायनिक दृष्टि से निष्क्रिय होते हैं। तनु अम्ल और अधिकांश अभिकर्मकों का इन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। इनके बहुलक प्रबल क्षार और हाइड्रोफ्लोरिक अम्ल से ही आक्रांत होते हैं और उनकी संरचना नष्ट हो जाती है। सिलिकोन तेलों पर ताप के परिवर्तन से बहुत कम प्रभाव पड़ता है। अत: ये अति शीत और अति ऊष्मा में भी प्रयुक्त हो सकते हैं। ये ऑक्सीकृत नहीं होते। इनसे
विद्युत क्षति अत्यल्प होती है। अत: परावैद्युत माध्यम (dielectric medium) के लिए अधिक उपयुक्त हैं। संघनन पर नियंत्रण रखने से तेल, रेजिन या रबर प्राप्त हो सकते हैं। रैखिक बहुलक के संघनन से अभीष्ट श्यानता के तेल प्राप्त हो सकते हैं। एक प्रतिस्थापित या द्विप्रतिस्थापित सिलिकन क्लोराइड के विलायक में घुलाकर जल अपघटन से रेजिन प्राप्त हो सकता है। यहाँ जल से सिलिकन क्लोराइड का क्लोरीन हाइड्राक्सिल से विस्थापित होकर अंतस्संघनन होता है जिससे रेजिन बहुलक बनता है। विलायक में घुला रहने पर यह वार्निश के काम आ सकता है। किसी तल पर इसका लेप चढ़ाने से विलायक उड़ जाता और आवरण रह जाता है। आवरण का अभिसाधन उत्प्रेरण या अभिसाधकों से गरम किया जाता है। अभिसाधन से प्राप्त उत्पाद अपेक्षाकृत अविलेय और अगलनीय होता है। इसका लेप संरक्षक और पृथग्न्यसक होने के साथ-साथ २००° सें. तक ताप सहन कर सकता है।
सिलिकोन रबर
सिलिकोन रबर बनाने में ऊँचे अणुभार वाले पोलिडाइमेथिल सिलोक्सेन को कार्बनिक पैरॉक्साइड के साथ गरम करते हैं। ऐसा उत्पाद प्रत्यास्थ एवं लचीला होता है। इसे पीसा जा सकता और साँचे में ढाला तथा दबाया जा सकता है। इसका रबर के ऐसा अभिसाधन और बल्कनीकरण भी हो सकता है। इसके ऊष्मा प्रतिरोधक गास्केट (gasket) और नम्य पृथन्न्यस्त सामान बन सकते हैं।
बाहरी कड़ियाँ
Proceedings Of The Select Committee On Ontario Hydro Nuclear Affairs
NIRS Reactorwatch
ccnr.org Representative Ed Markey's Statements concerning flammable firestops
USNRC Information Notice 88-56
Silicone Polymers (Virtual Chembook, Elmhurst College)
Science of Silicone Polymers (Silicone Science On-line, Centre Européen des Silicones - CES)
Types of silicone
सौन्दर्य प्रसाधन
अधेसिव
आर्गैनोसिल्कॉन यौगिक |
बिग बॉस
सीजन 12 के पहले नॉमिनेशन में सेलेब्रिटी बनाम कॉमनर होता नजर आया. घर के सभी सदस्यों को दो धड़ों में बांट दिया गया और इसके बाद नॉमिनेशन की प्रक्रिया शुरू हुई. जोड़ियों को सिंगल कंटेस्टेंट्स के खिलाफ वोट करना था और सिंगल कंटेस्टेंट्स को जोड़ियों को नॉमिनेट करना था. बात जब नॉमिनेशन की आई तो सभी कंटेस्टेंट सेलेब्रिटी बनाम कॉमनर का गेम खेलते दिखे.
जोड़ियों द्वारा जब नॉमिनेशन की बात आई तो सभी जोड़ियों ने मिलकर दीपिका और सृष्टि को नॉमिनेट किया. जोडियों को
करणवीर
और
दीपिका कक्कड़
में से किसी एक को नॉमिनेट करना था. इसके बाद नेहा और सृष्टि में से जब नॉमिनेशन की बात आई तो घर के सदस्यों ने सृष्टि को नॉमिनेट किया. जब सिंगल कंटेस्टेंट्स द्वारा जोड़ियों को नॉमिनेट करने की बारी आई तो उन्होंने मिलकर रोशमी-कृति, सोमी-सबा और शिवाशीष-सौरभ को नॉमिनेट किया. सभी जोड़ियां खुद को साबित करने के लिए कोशिशें करती नजर आईं.
नॉमिनेशन के बाद घर के सभी सदस्य आपस में एक दूसरे से भिड़ते नजर आए. घर के सभी सदस्य नॉमिनेशन प्रक्रिया के बाद तिलमिलाते नजर आए. शिवाशीष और सौरभ के रिश्ते में भी इसका असर देखने को मिला. दोनों के बीच गरमा-गरमी भी कैमरा पर देखने को मिली. |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का जुनून लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। लोग अपनी भावी पीढ़ी को अन्ना हजारे जैसा बनाना चाह रहे हैं, इसीलिए नवजात शिशुओं के नाम 'अन्ना' रखे जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर अन्ना के आंदोलन के समर्थन में प्रदेश भर में धरना प्रदर्शनों का दौर जारी है। मध्य प्रदेश के दमोह जिले के जिला चिकित्सालय में हाल ही में जन्मे तीन नवजात शिशुओं के पालकों ने उनका नाम 'अन्ना' रखा है। अभिभावक भारत सिंह ने अपने बेटे का नाम सिर्फ इसलिए अन्ना रखा है, क्योंकि उनके परिवार में यह मेहमान तब आया है, जब देश में अन्ना हजारे का भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन चल रहा है। भारत सिंह कहते हैं कि आज देश का हर नागरिक भ्रष्टाचार से परेशान है और अन्ना हजारे ने इसके खात्मे के लिए आंदोलन की शुरुआत की है। वह चाहते हैं कि उनका बेटा भी अन्ना जैसा बने और देश के लिए कुछ करने के साथ उनका भी नाम रोशन करे। इसी तरह शैलेंद्र व हीरा यादव के यहां भी बच्चों का जन्म हुआ है और उन्होंने भी अपने बेटों का नाम 'अन्ना' रखा है। वे कहते हैं कि आज अन्ना देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के प्रतीक बन गए हैं, लिहाजा वे चाहते है कि उनके बेटे भी अन्ना हजारे जैसे ही बनें, इसलिए उनका नाम 'अन्ना' रखा है। जिला चिकित्सालय का स्टाफ भी यह बताता है कि पिछले दिनों जन्मे तीन नवजात शिशुओं के पालकों ने उनका नाम अन्ना रखा है। वह कहते हैं कि यह पहला अवसर है, जब नवजात शिशुओं के पालकों ने उनका एक जैसा नाम रखा हो। अन्ना के आंदोलन का असर मध्य प्रदेश में भी नजर आ रहा है। धरना, प्रदर्शनों का दौर जारी है, भिंड जिले के एहतरार गांव में पूरा गांव ही अनशन पर बैठ गया है। इसमें हर वर्ग के लोग शामिल हैं। इसके अलावा सागर जिले के बीना में लोग गीत-संगीत के जरिए अन्ना के आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। |
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान कर दिया है. रिजर्व बैंक के मुताबिक ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं होगा. बैंक ने सीआरआर को 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट को 7 फीसदी पर स्थिर रखा है. एमएसएफ रेट 9 फीसदी पर कायम है. हालांकि बैंक ने एसएलआर में 0.50 फीसदी की कटौती की है. अब एसएलआर 22 फीसदी हो गया है.
केंद्रीय बैंक ने ऐसे समय में क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान किया है जब मानसून की कमजोर बारिश से खाद्य मुद्रास्फीति और बढ़ने की आशंका है. बैंक का मानना है कि मानसून वाकई चिंता का विषय बना हुआ है और इससे मुद्रास्फीति प्रबंधन में दिक्कत आ सकती है.
आरबीआई ने जनवरी 2015 तक मुद्रास्फीति की दर 8 फीसदी जबकि जनवरी 2016 तक 6 फीसदी रखने का लक्ष्य रखा है. इस वक्त खाद्य मुद्रास्फीति 8 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है. केंद्रीय बैंक कहता रहा है कि मुद्रास्फीति पर काबू पाना उसकी पहली प्राथमिकता है.
टमाटर, आलू और प्याज जैसी खाद्य वस्तुओं के दाम अब भी सामान्य से ऊपर हैं. मानसून की बारिश सामान्य से कमजोर होने से आशंका है, इससे कीमतें खासकर खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ सकती है. जुलाई के आखिर तक मानसून बारिश सामान्य से 23 प्रतिशत कम रही है. |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: ट्रंप और पीएम मोदी के बीच बात महत्वपूर्ण है क्योंकि दोनों देशों के बीच ट्रेड टैरिफ और रूस के साथ हथियार डील पर मतभेद चल रहा है. राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, 'मैं और पीएम मोदी वाकई अच्छे दोस्त बन गए हैं और हमारे देश कभी इतने करीब नहीं रहे.' ट्रंप ने पीएम को जी20 समिट से इतर मुलाकात के लिए धन्यवाद दिया. ट्रंप ने कहा, 'मैं इस बात को पूरे भरोसे के साथ कह सकता हूं कि हम कई तरीकों से एक साथ काम करेंगे जिसमें मिलिट्री भी शामिल होगी. हम आज ट्रेड पर चर्चा करेंगे.'
वहीं पीएम मोदी ने कहा, भारत यूएस के साथ सकारात्मक रिश्ते बरकरार रखते हुए काम करेगा. भारत के अमेरिका के साथ मजबूत व्यापार समझौते हैं. हालही में भारत ने अमेरिका की डिफेंस फर्म से एडवांस मिलिट्री हार्डवेयर खरीदे हैं. पीएम ने कहा, 'हम अमेरिका के साथ सकारात्मक संबंधों के लिए काम करने का प्रयास करेंगे. भारत और यूएस का लक्ष्य दूरदर्शी और सकारात्मक है. हम एक बेहतर भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. |
आध्यात्मिक विश्वविद्यालय में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामले में अब तक सीबीआई को स्वयंभू आध्यात्मिक बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित का पता नहीं चल सका है. सीबीआई ने आज उसकी जानकारी देने वाले को पांच लाख का इनाम देने की घोषणा की.
सीबीआई ने कहा कि दिल्ली हाइकोर्ट के आदेश पर 20 दिसम्बर 2017 को उसने तीन केसों की जांच शुरू की थी. तीन जनवरी 2018 को तीन केस दर्ज हुए थे.वीरेंद्र देव दीक्षित के दो पते हैं, एक दिल्ली के विजय विहार में है, दूसरा फरुखाबाद में है. सभी आश्रमों पर नोटिस लगाए गए हैं लेकिन उसकी जानकारी नहीं मिल रही है.
सीबीआई ने कहा कि आज उसकी जानकारी देने पर पांच लाख के इनाम की घोषणा की गई है. लुक आउट नोटिस भी जारी किया जा चुका है. 26 मार्च 2018 को ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी हुआ है, क्योंकि उसका नेपाल में आश्रम है. कोर्ट से बाबा के खिलाफ दो गैर जमानती वारंट जारी हो चुके हैं.
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने पांच फरवरी को वीरेंद्र देव दीक्षित के वकील से संस्थान के सभी केंद्रों के नाम और पतों की विस्तृत जानकारी देने का आदेश दिया था. इसी दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया था कि धार्मिक उपदेश के नाम पर औरतों और लड़कियों को कथित रूप से अवैध तरीके से बंदी बनाने वाले आश्रम के संस्थापक वीरेंद्र देव दीक्षित के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी कर दिया गया है. सीबीआई ने पीठ को यह भी बताया कि फरार दीक्षित को पकड़ने के लिए सभी संभावित तरीके अपनाए जा रहे हैं. सीबीआई ने अगली रिपोर्ट जमा करने के लिए एक महीने का और समय मांगते हुए कहा था कि सभी केंद्रों की निगरानी की जा रही है और जांच चल रही है. हाईकोर्ट से सीबीआई को मिली अब मोहलत खत्म हो रही है.
सीबीआई ने दीक्षित के खिलाफ कथित रूप से कई महिलाओं और नाबालिग लड़कियों को आश्रम में बंधक बनाकर रखने के आरोप में तीन मामले दर्ज किए हैं.
उच्च न्यायालय ने मामला पुलिस से सीबीआई को स्थानांतरित कर दर्ज विभिन्न मामलों की जांच के लिए विशेष जांच दल गठित करने का आदेश दिया था. आरोप है कि लड़कियों और महिलाओं को कथित रूप से आध्यात्मिक प्रवचन के नाम पर आश्रम ले जाने के बाद उनके साथ दुष्कर्म किया गया था.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिसम्बर 2017 में आश्रम की जांच के लिए एक जांच कमेटी गठित की थी और निर्देश दिया था कि पुलिस उपायुक्त या उससे उच्च पद के अधिकारी से इस मामले की जांच कराई जाए. न्यायालय ने जांच के दौरान दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल से भी सहयोग करने के लिए कहा था. |
शल्यक्रिया के द्वारा किसी पुरुष, महिला या अन्य किसी पशु को प्रजनन करने के अयोग्य बना देना बंध्याकरण (Sterilization) कहलाता है। यह संतति निरोध का स्थाई तरीका है।
बन्ध्याकरण की प्रमुख विधियाँ हैं -
पुरुष नसबंदी
महिला नसबंदी
गर्भाशय को निकाल देना (Hysterectomy)
पुरुष के वृषणों (testicles) को निकाल देना (Castration)
पशुओं का बंध्याकरण
वृषण निकाल देना
गर्भाशय एवं फेलोपियन नलिका निकाल देना
बाहरी कड़ियाँ
Vasectomy Information —The website of newsgroup alt.support.vasectomy.
All About Vasectomy & Finding a Doctor. Latest advances, videos etc
My Vasectomy in Words and Pictures —One man's personal experience.
Vasectomy Reversal Resource
Female Sterilization Options - /mk.nkl/cvas1.html Is Vasectomy the Right Method For Me?] and Is Female Sterilization the Right Method For Me?
No-Scalpel Vasectomy: The NSV Book
Video: The NSV Procedure (graphic)
संतति निरोध
शल्यचिकित्सा
परिवार नियोजन |
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान परिषद (इसरो) का कम्युनिकेशन सैटेलाइट जीसैट-6ए से संपर्क टूट गया है. इसरो ने गुरुवार की शाम को इस सैटेलाइट को लॉन्च किया था. हालांकि इसरो की ओर से सैटेलाइट से संपर्क साधने की कोशिश जारी है.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केन्द्र (इसरो) का कहना है कि 29 मार्च को प्रक्षेपित जीसैट-R-6ए उपग्रह के साथ उनका संपर्क टूट गया है और उसके साथ संपर्क फिर से स्थापित करने की कोशिश की जा रही है.
गौरतलब है कि इसरो उपग्रह की गतिविधियों को लेकर चुप्पी साधे हुए था. इसरो ने एक बयान में कहा है कि 31 मार्च की सुबह द्रव अपोगी मोटर (एलएएम) ने करीब 53 मिनट चल कर जीसैटR-6ए को दूसरी कक्षा तक सफलतापूर्वक पहुंचाया.
पढ़िए क्या थी जीसैट-6A सैटेलाइट की खासियत
अंतरिक्ष एजेंसी ने अपनी वेबसाइट पर कहा है, उपग्रह को एक अप्रैल को तीसरी और अंतिम बार इंजन की मदद से अपने अंतिम लक्ष्य पर पहुंचना था और फिर कक्षा में चक्कर लगाना था, लेकिन उससे हमारा संपर्क टूट गया.
इसरो का कहना है, ‘‘उपग्रह के साथ संपर्क स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है.’’ इसरो ने जीएसएलवी-एफ-R08 के सफल प्रक्षेपण के साथ ही जीसैट-R-6ए को उसकी कक्षा में स्थापित किया था. इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया गया था.
यह उपग्रह मोबाइल सिग्नल को सुदूर इलाकों में पहुंचाने में मदद करेगा. साथ ही सेना की संचार प्रणाली को भी इस उपग्रह से काफी मजबूती मिलने वाली थी.
इसरो की चुप्पी से उठे थे सवाल
उपग्रह के संबंध में इसरो की चुप्पी ने लोगों के मन में संदेह पैदा कर दिया था. सामान्य तौर पर इसरो उपग्रह के सभी स्तर की गतिविधियों की जानकारी अपनी वेबसाइट पर साझा करता है. |
यह लेख है: श्रीगंगानगर के रायसिंहनगर उपखण्ड के गांव ठाकरी के एक किसान द्वारा जहर खाकर आत्महत्या कर लेने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि मृतक के पास एक सुसाइड नोट भी मिला है. जिसमें उसने सरकार द्वारा कर्ज माफी का वादा पूरा न करने को अपनी मौत की वजह का कारण बताया है. हालांकि परिजनों व पुलिस ने इस सुसाइड नोट की पुष्टि नहीं की है. गांव ठाकरी निवासी 43 वर्षीय सोहन कड़ेला द्वारा रविवार को अपने घर में जहरीला पदार्थ सेवन कर लिया. उसे गंभीर अवस्था में इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में लाया गया. हालत गंभीर होने पर उसे श्रीगंगानगर रेफर कर दिया. लेकिन रास्ते में सोहनलाल ने दम तोड़ दिया. पुलिस ने मृतक के शव को सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है.
मृतक सोहनलाल द्वारा सुसाइड नोट में लिखा गया था कि ''मैं आज अपनी जीवन लीला समाप्त करने जा रहा हूं. इसमें किसी का कोई दोष नहीं है. इस मौत के जिम्मेदार गहलोत व सचिन पायलट हैं. उन्होंने बकायदा बयान किया था कि हमारी सरकार आई तो 10 दिन में आप का कर्ज माफ कर देंगे. अब इनके वादे का क्या हुआ. सभी किसान भाइयों से विनती है कि मेरी लाश तब तक मत उठाना जब तक सभी किसानों का कर्ज माफ ना हो. आज सरकार को झुकाने का वक्त आ गया है. अब इनका मतलब निकल गया है.''
सुसाइड नोट में आगे लिखा, ''सभी भाइयों से विनम्र निवेदन है कि सब किसान भाइयों के लिए मरने जा रहा हूं. सबका भला होना चाहिए किसान की एकता को आज दिखाना है. मेरी मौत का मुकदमा अशोक गहलोत पर कर देना. मेरे गांव ठाकरी के वासियों से भी विनती करता हूं कि गांव में एकता बनाए रखना. मेरा घर मेरा परिवार आप लोगों के भरोसे छोड़ कर जा रहा हूं. मेरे परिवार का ख्याल रखना एक बात और अब की बार सरपंची गांव में रखना यह विनती है मेरी. आपका सोहन लाल कड़ेला'' |
यह एक लेख है: कोट्टयूर में एक कैथोलिक पादरी द्वारा एक नाबालिग लड़की का कथित बलात्कार किए जाने के मामले को छिपाने के तीन आरोपियों ने आज पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. इन आरोपियों में वायनाड बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) का पूर्व अध्यक्ष भी शामिल है. पुलिस ने बताया कि सीडब्ल्यूसी के पूर्व अध्यक्ष फादर थॉमस जोसेफ थेराकम, समिति के एक पूर्व सदस्य बेट्टी जोस और वायनाड में अनाथालय की अधीक्षक सिस्टर ओफेलिया ने पेरावूर के क्षेत्र निरीक्षक एवं इस मामले की जांच कर रहे अधिकारी सुनील कुमार के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.
सुनील कुमार ने बताया, ''उन्होंने आज सुबह करीब साढ़े छह बजे आत्मसमर्पण किया. पूछताछ और चिकित्सकीय परीक्षण के बाद आज दोपहर उन्हें अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा.'' उल्लेखनीय है कि 14 मार्च को केरल उच्च न्यायालय ने इन तीनों आरोपियों के अलावा प्रसव सहायिका थनगम्मा को पांच दिनों के अंदर जांच अधिकारी के सामने आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था.टिप्पणियां
इस मामले में मुख्य आरोपी एवं कोट्टायूर में एक स्थानीय चर्च के पादरी फादर रॉबिन उर्फ मैथ्यू वडाक्केनचेरिल को 16 साल की लड़की का यौन शोषण करने और उसे गर्भवती करने के मामले में 28 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था.
पीड़िता ने सात फरवरी को जिले के एक निजी अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया था. इसके बाद उस बच्चे को वायनाड जिले के एक अनाथालय में ले जाया गया था. अधिकारियों ने आरोप लगाया कि अनाथालय में बच्चे के आने के एक दिन बाद आठ फरवरी को नवजात के बारे में सूचना दिए जाने के बावजूद भी सीडब्ल्यूसी ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. पुलिस ने बताया कि यौन शोषण और उसके बाद लड़की द्वारा बच्चे को जन्म देने के मामले में आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
सुनील कुमार ने बताया, ''उन्होंने आज सुबह करीब साढ़े छह बजे आत्मसमर्पण किया. पूछताछ और चिकित्सकीय परीक्षण के बाद आज दोपहर उन्हें अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा.'' उल्लेखनीय है कि 14 मार्च को केरल उच्च न्यायालय ने इन तीनों आरोपियों के अलावा प्रसव सहायिका थनगम्मा को पांच दिनों के अंदर जांच अधिकारी के सामने आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था.टिप्पणियां
इस मामले में मुख्य आरोपी एवं कोट्टायूर में एक स्थानीय चर्च के पादरी फादर रॉबिन उर्फ मैथ्यू वडाक्केनचेरिल को 16 साल की लड़की का यौन शोषण करने और उसे गर्भवती करने के मामले में 28 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था.
पीड़िता ने सात फरवरी को जिले के एक निजी अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया था. इसके बाद उस बच्चे को वायनाड जिले के एक अनाथालय में ले जाया गया था. अधिकारियों ने आरोप लगाया कि अनाथालय में बच्चे के आने के एक दिन बाद आठ फरवरी को नवजात के बारे में सूचना दिए जाने के बावजूद भी सीडब्ल्यूसी ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. पुलिस ने बताया कि यौन शोषण और उसके बाद लड़की द्वारा बच्चे को जन्म देने के मामले में आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
इस मामले में मुख्य आरोपी एवं कोट्टायूर में एक स्थानीय चर्च के पादरी फादर रॉबिन उर्फ मैथ्यू वडाक्केनचेरिल को 16 साल की लड़की का यौन शोषण करने और उसे गर्भवती करने के मामले में 28 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था.
पीड़िता ने सात फरवरी को जिले के एक निजी अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया था. इसके बाद उस बच्चे को वायनाड जिले के एक अनाथालय में ले जाया गया था. अधिकारियों ने आरोप लगाया कि अनाथालय में बच्चे के आने के एक दिन बाद आठ फरवरी को नवजात के बारे में सूचना दिए जाने के बावजूद भी सीडब्ल्यूसी ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. पुलिस ने बताया कि यौन शोषण और उसके बाद लड़की द्वारा बच्चे को जन्म देने के मामले में आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
पीड़िता ने सात फरवरी को जिले के एक निजी अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया था. इसके बाद उस बच्चे को वायनाड जिले के एक अनाथालय में ले जाया गया था. अधिकारियों ने आरोप लगाया कि अनाथालय में बच्चे के आने के एक दिन बाद आठ फरवरी को नवजात के बारे में सूचना दिए जाने के बावजूद भी सीडब्ल्यूसी ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. पुलिस ने बताया कि यौन शोषण और उसके बाद लड़की द्वारा बच्चे को जन्म देने के मामले में आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. |
चीन के शिक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि चीन सरकार
15
लाख प्रवासीकामगारों को मुफ्त में वयस्क शिक्षा प्रदान करेगी.
मंत्रालय के मुताबिक
,
इस योजना की शुरुआत
2016
से होगी
,
जिसके तहत सरकार तीन लाख प्रवासी कामगारों को
विश्वविद्यालय या सामुदायिक कॉलेजों
में माध्यमिक शिक्षा के बाद की शिक्षा प्राप्त करने में मदद करेगी.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक
,
चीन में साल
2015
के अंत तक
27.7
करोड़ प्रवासी कामगार थे
,
जबकि उनमें से केवल
23.8
फीसदी लोगों ने
उच्च विद्यालय
की शिक्षा ले रखी है
,
जबकि
7.3
फीसदी ने सामुदायिक कॉलेज या विश्वविद्यालय स्तरीय शिक्षा ली है.
मंत्रालय ने विश्वविद्यालयों से प्रवासी कामगारों के लिए शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार का अनुरोध करते हुए कहा कि इसके लिए एकमूल्यांकन प्रणाली की स्थापना की जाएगी. मंत्रालय के मुताबिक
,
अधिकारी प्रवासी कामगारों के लिए एक ऑनलाइन लर्निग प्लेटफॉर्म तैयार करेंगे. |
राज्यसभा में अप्रैल के बाद संख्या के खेल और किसी भी विधेयक को रोकने के मामले में विपक्ष की धार कम हो सकती है. जबकि बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए की अपने विरोधियों से काफी बेहतर स्थिति हो सकती है.
अप्रैल में 58 राज्यसभा सदस्य का कार्यकाल पूरा हो रहा है. इससे राज्यसभा के गणित में बदलाव होना तय है. राज्य विधानसभा चुनावों में बीजेपी को मिले मजबूत बहुमत से राज्यसभा चुनाव में भी पार्टी को फायदा होगा. इससे बीजेपी और उसके सहयोगी दलों की सीटें बढ़ेंगी.
इसी के साथ, जहां कांग्रेस नेतृत्व वाले विपक्ष की संख्या 123 से कम होकर करीब 115 रहने की संभावना है, तो वहीं बीजेपी और उसके गठबंधन सहयोगियों और समर्थकों का कुल आंकड़ा वर्तमान के 100 से बढ़कर 109 हो सकता है.
बता दें कि सत्ताधारी बीजेपी और कांग्रेस के बीच एक समय फर्क इतना था कि मोदी सरकार लोकसभा में अपने बिल पास कराने के बाद भी राज्यसभा में अटक जाता था. पर अब फर्क कम हो जाएगा.
कार्यकाल पूरा करने वाले 55 सदस्यों में से 30 विपक्षी खेमे के हैं, जबकि 24 बीजेपी और उसके सहयोगियों के हैं. उनमें से राजग के कई उम्मीदवार सदन में वापस लौटेंगे, जबकि विपक्ष के कई सदस्य दोबारा से वापसी नहीं कर पाएंगे.
राज्यसभा का सियासी समीकरण
मौजूदा समय में सदन के 233 निर्वाचित सदस्यों (12 नामांकित सदस्यों के अलावा) में से कांग्रेस नेतृत्व वाले विपक्ष के 123 राज्यसभा सदस्य हैं, जबकि एनडीए के 83 सदस्य हैं (बीजेपी के 58) और चार निर्दलीय सदस्य भी हैं, जो बीजेपी के समर्थक हैं, जिनमें राजीव चंद्रशेखर, सुभाष चंद्रा, संजय दत्तात्रेय काकाडे और अमर सिंह हैं.
इसके अलावा ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके), जिसके राज्यसभा में 13 सदस्य हैं, वे भी एनडीए के साथ हैं. इस तरह एनडीए के 100 सदस्य पहुंचते हैं.
बता दें कि कुछ महीने पहले तक बीजेपी का ये आकड़ा और भी अधिक था. राज्यसभा में विधेयकों और प्रमुख मुद्दों को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच किसी भी प्रकार की बहस की स्थिति में विपक्ष का पलड़ा भारी पड़ जाता था. हालही में तीन तलाक विधेयक जो लोकसभा से पास होने के बाद भी राज्यसभा में अटक गया है.
राज्यसभा में विपक्ष के बहुमत के वजह नरेंद्र मोदी सरकार को कई मामलों में मुंह की खानी पड़ी. सदन में संघर्ष की स्थिति से बचने के लिए उसे कई बार धन विधेयक का सहारा लेना पड़ा. संविधान के तहत धन विधेयक को केवल लोकसभा में पारित काराना जरूरी है और राज्यसभा इसे रोका नहीं जा सकता है.
अप्रैल में बीजेपी की राज्यसभा में बढ़ेगी सीटें
बीजेपी और उसके गठबंधन सहयोगियों के 100 राज्यसभा सदस्यों में से 24 राज्यसभा सदस्यों के कार्यकाल पूरे हो रहे हैं. ऐसे में एनडीए के पास एआईएडीएमके सदस्यों समेत 76 सांसद बचेंगे. हालांकि बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए के 30 राज्यसभा सदस्य निर्वाचित होकर आएंगे. ऐसे में ये आंकड़ा बढ़कर 106 हो जाएगा. इसमें सरकार द्वारा राज्यसभा के लिए नामांकित किए जाने वाले तीन सदस्यों को भी मिला दें तो राजग सदस्यों का कुल आंकड़ा करीब 109 हो जाएगा.
इसके अलावा तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), भारतीय राष्ट्रीय लोक दल (आईएनएलडी) और वायएसआर कांग्रेस जैसी पार्टियां भी हैं, जो पूरी तरह बीजेपी के खिलाफ नहीं हैं और वे जब तक कोई ठोस कारण न हो सरकार का विरोध में नहीं उतरती हैं.
घटेगी कांग्रेस की ताकत
कांग्रेस सहित विपक्षी दलों की संख्या 123 है. इनमें से 30 राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है, जिसके बाद 93 सदस्य बचेंगे विपक्ष 30 में से 22 राज्यसभा निर्वाचित हो पाएंगे. इस तरह अप्रैल के बाद राज्यसभा में विपक्षी दलों की संख्या 115 हो जाएगी.
आम आदमी पार्टी (आप) के तीन नवनिर्वाचित सदस्य बीजेपी और कांग्रेस दोनों से ही समान दूरी बनाए रख सकते हैं, हालांकि आप के तृणमूल कांग्रेस जैसी कुछ प्रमुख विपक्षी पार्टियों के साथ अच्छे संबंध हैं.
हाल ही में एक रोचक घटनाक्रम में आप ने सभापति एम. वेंकैया नायडू द्वारा सदन को दिन में लंबे समय तक स्थगित किए जाने को लेकर सदन के दिनभर के बहिष्कार और बहिर्गमन में विपक्ष का बढ़ चढ़कर साथ दिया था.इतना नहीं उस दिन विपक्ष के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बोलने के लिए आमंत्रित किया गया. लेकिन यह कोई नहीं कह सकता कि यह साथ कब तक चलेगा. |
केट चाहती हैं कि प्रिंस विलियम के साथ उनकी शादी में सब कुछ बहुत अच्छा हो। यह सुनिश्चित करने के लिए केट मिडलेटॉन ने अपनी शादी के बेस्ट मैन प्रिंस हैरी के साथ वेस्टमिनिस्टर एबे में रिहर्सल किया। केट और प्रिंस विलियम की शादी इसी महीने की 29 तारीख को होनी है। इस रिहर्सल में केट के साथ उनके मंगेतर प्रिंस विलियम के छोटे भाई प्रिंस हैरी, केट की छोटी बहन पीपा के अलावा उन ब्राइडसमेट और पेज ब्वॉयज ने भाग लिया, जो शाही शादी में शामिल होंगे। रिहर्सल के दौरान उन्होंने सीखा कि उस दिन उन्हें कब, क्या और कैसे करना है। विलियम इस रिहर्सल में शामिल नहीं हो सके, क्योंकि वे एंजलेस में रॉयल एयरफोर्स में बतौर खोजी और सहायता पहुंचाने वाले पायलट के रूप में काम कर रहे थे। एबे को शादी की रिहर्सल के कारण पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था। केट की सबसे छोटी उम्र की ब्राइडसमेट महज तीन साल की हैं और वह वहां की भव्यता देखकर आश्चर्यचकित रह गई। महल के अधिकारियों ने शुक्रवार को शादी की विस्तृत समय-सारणी जारी की। उसमें बताया गया कि केट शादी से पहले अंतिम रात अपने परिवार के साथ गोरिंग होटल में बिताएंगी। |
उलिसस विक्टोरियन कवि लॉर्ड अल्फ्रेड टेनिसन द्वारा रचित मुक्तछंद की कविता है। यह कविता सन् १८३३ में लिखी गई थी जिसका दूसरा संस्करण १८४२ में प्रकाशित हुआ था। यह नाटकीय एकालाप की प्रायः उद्धृत की जाने वाली प्रसिद्ध कृति है। साहित्य में उलिसस (ग्रीक, ओडीसियस) के चरित्र का व्यापक रूप से अन्वेषण किया गया है। ओडीसियस के कारनामों को पहले होमर के इलियड और ओदिसी (८००-७०० ईसा पूर्व) में वर्णित किया गया था। टेनिसन ने होमर की कथा को कविता में चित्रित किया है।
कविता में उलिसस को दृढ़ वीर के रूप में देखा गया है तथा उनके दृढ़ संकल्प के लिए उनकी प्रशंसा की गई है। यह विचार कि टेनिसन ने एक वीर पात्र की कल्पना की थी, कविता के बारे में उनके बयानों और उनके जीवन की घटनाओं से ही प्रदर्शित होता है। जैसे: उनके सबसे करीबी दोस्त की मृत्यु-जिसने उन्हें इसे लिखने के लिए प्रेरित किया। बीसवीं शताब्दी की "उलिसस" की कुछ नई व्याख्याओं ने कविता में संभावित विडंबनाओं को उजागर किया। उदाहरणस्वरूप- उन्होंने यह तर्क दिया कि उलिसस अपने राज्य और परिवार को स्वार्थपरता से त्यागना चाहता है तथा उन्होंने उलिसस के चरित्र के अधिक सकारात्मक आकलन पर सवाल उठाते हुए यह प्रदर्शित किया कि वह पहले के साहित्य में त्रुटिपूर्ण नायक जैसा दिखता है।
"उलिसस" के सकारात्मक पठन की कुंजी कविता का जीवनीगत सन्दर्भ है।
सार तथा संरचना
कविता की शुरुआत इस बात से होती है कि-ट्रोल युद्ध में लड़ने के बाद, उलिसस अपने राज्य इथाका में एक लंबी यात्रा के बाद लौट आया है। घरेलू जीवन में पुनः लौटने पर, उलिसस ने अपने धैर्य के अभाव को अभिव्यक्त किया है, जिसमें "सैवेज रेस" (पंक्ति ४) के प्रति उनकी उदासीनता शामिल है, जिसे वह नियंत्रित करता है।
वक्ता की भाषा अनपेक्षित किंतु बलशाली है और यह उलिसस की परस्पर विरोधी मनोदशाओं को व्यक्त करती है। उलिसस वह अपने अतीत और भविष्य के बीच निरंतरता की खोज करता है। उलिसस के शब्दों के भावों तथा उन्हें व्यक्त करने वाली ध्वनियों के मध्य प्रायः एक विरोध दिखाई देता है।
मुक्तछंद की सत्तर पंक्तियों की कविता को नाटकीय एकालाप के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इस एकालाप में यह अस्पष्ट है कि उलिसस कैसे, कहाँ से तथा किससे बात कर रहा है। कुछ लोग उसे विलेयता से एक सार्वजनिक संबोधन की ओर मुड़ते हुए देखते हैं, जैसाकि उलिसस पहले आंदोलन में स्वयं से कहता है। फिर वह अपने बेटे का परिचय देता हुआ दर्शक की ओर रुख करता है।
प्रकाशन इतिहास
टेनिसन ने २० अक्टूबर १८३३ में ही कविता को पूरी कर चुके थे। "उलिसस" को उसके प्रकाशन के बाद टेनिसन की अन्य रचनाओं की तरह संशोधित नहीं किया गया था। टेनिसन ने मूल रूप से कविता को ६, ३३ और ४४ पंक्ति से पहले तोड़कर चार पैराग्राफ में खत्म कर दिया। संरचनात्मक रूप से पहले और तीसरे पैराग्राफ समान रूप से समानांतर हैं, लेकिन उसे क्रमशः आंतरिक और बाहरी एकालाप के रूप में पढ़ा जा सकता है। हालांकि, पहले पैराग्राफ को प्रायः लुप्त करके ही कविता का प्रकाशन किया गया है।
विवेचन
आत्मकथात्मक तत्त्व
टेनिसन ने अपने करीबी कैम्ब्रिज मित्र, कवि आर्थर हैनरी हेलम (१८११-१८३३)-जिनके साथ टेनिसन का भावात्मक जुड़ाव था-की मृत्यु के पश्चात् "उलिसस" की रचना की। दोनों मित्रों ने कविता और दर्शन पर चर्चा करने, कविता लिखने और दक्षिणी फ्रांस, पाइरनीज़ और जर्मनी की यात्रा करने में बहुत समय बिताया था। टेनिसन ने माना कि हेलम की महानता शायद एक राजनेता के रूप में है।
१ अक्टूबर १८३३ को जब टेनिसन ने अपने मित्र की मृत्यु के बारे में सुना, तब वह अपनी मां और अपने दस भाई-बहनों में से नौ के साथ सोमरस, लिंकनशायर में रह रहा था। १८३१ ई. में उनके पिता की मृत्यु हो जाने के कारण यह जरूरी हो गया था कि टेनिसन घर लौटकर उनके परिवार की जिम्मेदारी को संभालें। उस दौरान टेनिसन के मित्र उसके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हो रहे थे। परिवार की आय कम थी, और टेनिसन के तीन भाई मानसिक रूप से बीमार थे। टेनिसन का दृष्टिकोण में सुधार हो रहा था-वह अपने नए घरेलू कर्तव्यों को समायोजित कर रहा था, दोस्तों के साथ फिर से संपर्क कर रहा था। उन्होंने अपनी १८३२ की कविताओं की पुस्तक के प्रकाशन के जरिए हैलम की मृत्यु का समाचार भी प्रकाशित किया था। टेनिसन ने अपनी बहन एमिली-जिसका हैलम से संबंध कायम था-के साथ अपना दुःख साझा किया।
साहित्यिक सन्दर्भ
टेनिसन ने उलिसस के चरित्र तथा कथा के पहलुओं को कई संदर्भों से ग्रहण किया; उलिसस का उनका उपचार पहला आधुनिक वर्णन है। प्राचीन ग्रीक कवि होमर ने उलिसस (ग्रीक में ओडीसियस) का परिचय दिया। बाद के कई कवियों यूरिपिड्स, होरेस, दांते, विलियम शेक्सपियर और अलेक्ज़ंडर पोप आदि ने उसके चरित्र को अपनाया। होमर की 'ओडिसी' कथा की पृष्ठभूमि प्रदान करती है: अपनी ग्यारहवीं पुस्तक में पैगंबर टायर्सियस ने बताया कि उलिसस एक कठिन यात्रा के बाद इथाका लौट आएगा। फिर एक नई, रहस्यमय यात्रा शुरू करेगा तत्पश्चात् "अनुचित" मृत्यु जो समुद्र से अस्पष्ट रूप से आती है कि तरह शांतिपूर्वक मर जाएगा। टेनिसन की कविता के निष्कर्ष के अनुसार उनका उलिसस इस नई यात्रा पर विचार कर रहा है। हालाँकि, टेनिसन का पात्र होमर की कविताओं में देखे गए सार्वजनिक मामलों का प्रेमी नहीं है।
विरासत
समकालीन मूल्यांकन
"उलिसस" की समकालीन सकारात्मक समीक्षा के अनुसार कविता में किसी तरह का व्यंग्य नहीं पाया गया है। लेखक जॉन स्टर्लिंग ने १८४२ में "'उलिसस!' कितना श्रेष्ठ है" त्रैमासिक समीक्षा लिखी। टेनिसन के १८४२ के खंड से स्कॉटिश लेखक थॉमस कार्लाइल अत्यधिक प्रभावित हुए। समकालीन कवि मैथ्यू आर्नल्ड ने कविता की कथा में निहित विडंबना को देखने का प्रयास किया।
साहित्यिक तथा सांस्कृतिक विरासत
१९२९ के निबंध में टी. एस. इलियट ने "उलिसस" को एक "उत्तम कविता" कहा। 'उलिसस' का एक एनॉलॉग एलियट के "जेरोन्टियन" (१९२०) में पाया जाता है। दोनों कविताएँ एक वृद्ध व्यक्ति द्वारा जीवन के अंत पर विचार करते हुए सुनाई जाती हैं। "जेरोन्टियन" का एक अंश "उलिसस" की परिचयात्मक पंक्तियों पर एक विडंबनापूर्ण टिप्पणी के रूप में पढ़ा जाता है।
इन्हें भी देखें
अल्फ्रेड टेनिसन
इन्फर्नो
सन्दर्भ
कविताएँ |
जम्मू-कश्मीर पर भारत के फैसले का रूस ने समर्थन किया है. रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने जम्मू और कश्मीर को दो भागों में विभाजित और केंद्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला संविधान के अनुसार ही लिया है. मॉस्को को उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर राज्य पर दिल्ली द्वारा लिए गए फैसले पर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव में वृद्धि नहीं होने देंगे.
रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा, हमें उम्मीद है कि भारत-पाकिस्तान के मतभेदों को द्विपक्षीय आधार पर राजनीतिक और राजनयिक तरीकों से हल किया जाएगा. भारत और पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में किए गए बदलाव के बाद किसी तरह के तनाव को बढ़ावा नहीं देंगे.
Ministry of Foreign Affairs of Russia: Russia is a consistent supporter of normalization of relations between India and Pakistan.We hope that the differences between them will be resolved by political and diplomatic means on a bilateral basis (3/3)
— ANI (@ANI)
August 10, 2019
वहीं चीन ने भी भारत और पाकिस्तान से अपने विवादों को सुलझाने के लिए बातचीत करने का आग्रह किया. बता दें कि चीन की यह प्रतिक्रिया पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के चीन से परामर्श के लिए पहुंचने के बाद शुक्रवार को आई.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी, भारत की ओर से जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द किए जाने के मद्देनजर अगला कदम लेने के लिए चीन से राय लेने पहुंचे हैं. चीन विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम पाकिस्तान और भारत से बातचीत के जरिए विवाद को सुलझाने व संयुक्त रूप से शांति एवं स्थिरता को कायम रखने का आह्वान करते हैं.
चीन ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेने के फैसले का प्रत्यक्ष रूप से जिक्र नहीं करते हुए कहा, प्राथमिकता यह है कि प्रासंगिक पक्ष को चाहिए कि वह यथास्थिति को एकतरफा बदलने से बाज आए और तनाव न बढ़ाए.
बता दें कि भारत ने शुक्रवार को कहा कि अब पाकिस्तान को जम्मू एवं कश्मीर के सच को स्वीकार कर लेना चाहिए और उसे भारत के आंतरिक मामलों में दखल देना पूरी तरह बंद कर देना चाहिए. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने के बाद पाकिस्तान को चिंता है कि अब वह वहां कश्मीरी लोगों को गुमराह कर आतंक के लिए प्रेरित नहीं कर सकेगा. |
पुलिस फिलहाल आसपास के दुकान दारों से पूछताछ कर रही है. साथ ही पीड़ित परिजनों से भी संपर्क किया गया है. पुलिस इस मामले में आपसी रंजिश के कोण की भी जांच कर रही है. |
वरिष्ठ भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे ने यह दावा कर कि उन्होंने 2009 के लोकसभा चुनावों में आठ करोड़ रुपये खर्च किए थे, एक विवाद को जन्म दे दिया है और महाराष्ट्र के गृहमंत्री आरआर पाटिल ने चुनाव आयोग से मामले पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने की मांग की है।
लोकसभा में भाजपा के उपनेता मुंडे ने गुरुवार को एक पुस्तक के विमोचन के अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में कहा कि उन्होंने वर्ष 1980 में हुए चुनावों में जहां मात्र 29 हजार रुपये खर्च किए थे वहीं वर्ष 2009 के लोकसभा चुनावों में उन्हें आठ करोड़ रुपये खर्च करने पड़े थे।
उन्होंने कहा कि चुनावों में निर्धारित व्यय की सीमा से कहीं अधिक खर्च होता है। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि समारोह में चुनाव आयोग का कोई अधिकारी मौजूद है लेकिन अगर है भी तो अब अगले लोकसभा चुनावों में मात्र छह माह का समय रह गया है। अगर कोई मामला दर्ज भी किया जाता है तो होने दीजिए।
मुंडे ने कहा कि केवल सरकार के वित्त पोषण से ही चुनावों में काले धन का उपयोग रोका जा सकता है। टिप्पणियां
मुंडे की इस टिप्पणी पर संज्ञान लेते हुए पाटिल ने मांग की कि चुनाव आयोग इस पर संज्ञान ले और यह निर्णय करे कि ऐसा उम्मीदवार भविष्य में चुनाव लड़ सकता है या नहीं।
केन्द्रीय विधि मंत्रालय ने फरवरी 2011 में लोकसभा चुनाव खर्च की सीमा 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दी थी।
लोकसभा में भाजपा के उपनेता मुंडे ने गुरुवार को एक पुस्तक के विमोचन के अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में कहा कि उन्होंने वर्ष 1980 में हुए चुनावों में जहां मात्र 29 हजार रुपये खर्च किए थे वहीं वर्ष 2009 के लोकसभा चुनावों में उन्हें आठ करोड़ रुपये खर्च करने पड़े थे।
उन्होंने कहा कि चुनावों में निर्धारित व्यय की सीमा से कहीं अधिक खर्च होता है। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि समारोह में चुनाव आयोग का कोई अधिकारी मौजूद है लेकिन अगर है भी तो अब अगले लोकसभा चुनावों में मात्र छह माह का समय रह गया है। अगर कोई मामला दर्ज भी किया जाता है तो होने दीजिए।
मुंडे ने कहा कि केवल सरकार के वित्त पोषण से ही चुनावों में काले धन का उपयोग रोका जा सकता है। टिप्पणियां
मुंडे की इस टिप्पणी पर संज्ञान लेते हुए पाटिल ने मांग की कि चुनाव आयोग इस पर संज्ञान ले और यह निर्णय करे कि ऐसा उम्मीदवार भविष्य में चुनाव लड़ सकता है या नहीं।
केन्द्रीय विधि मंत्रालय ने फरवरी 2011 में लोकसभा चुनाव खर्च की सीमा 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दी थी।
उन्होंने कहा कि चुनावों में निर्धारित व्यय की सीमा से कहीं अधिक खर्च होता है। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि समारोह में चुनाव आयोग का कोई अधिकारी मौजूद है लेकिन अगर है भी तो अब अगले लोकसभा चुनावों में मात्र छह माह का समय रह गया है। अगर कोई मामला दर्ज भी किया जाता है तो होने दीजिए।
मुंडे ने कहा कि केवल सरकार के वित्त पोषण से ही चुनावों में काले धन का उपयोग रोका जा सकता है। टिप्पणियां
मुंडे की इस टिप्पणी पर संज्ञान लेते हुए पाटिल ने मांग की कि चुनाव आयोग इस पर संज्ञान ले और यह निर्णय करे कि ऐसा उम्मीदवार भविष्य में चुनाव लड़ सकता है या नहीं।
केन्द्रीय विधि मंत्रालय ने फरवरी 2011 में लोकसभा चुनाव खर्च की सीमा 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दी थी।
मुंडे ने कहा कि केवल सरकार के वित्त पोषण से ही चुनावों में काले धन का उपयोग रोका जा सकता है। टिप्पणियां
मुंडे की इस टिप्पणी पर संज्ञान लेते हुए पाटिल ने मांग की कि चुनाव आयोग इस पर संज्ञान ले और यह निर्णय करे कि ऐसा उम्मीदवार भविष्य में चुनाव लड़ सकता है या नहीं।
केन्द्रीय विधि मंत्रालय ने फरवरी 2011 में लोकसभा चुनाव खर्च की सीमा 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दी थी।
मुंडे की इस टिप्पणी पर संज्ञान लेते हुए पाटिल ने मांग की कि चुनाव आयोग इस पर संज्ञान ले और यह निर्णय करे कि ऐसा उम्मीदवार भविष्य में चुनाव लड़ सकता है या नहीं।
केन्द्रीय विधि मंत्रालय ने फरवरी 2011 में लोकसभा चुनाव खर्च की सीमा 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दी थी।
केन्द्रीय विधि मंत्रालय ने फरवरी 2011 में लोकसभा चुनाव खर्च की सीमा 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दी थी। |
यह लेख है: वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने इस बात पर जोर दिया कि डिजिटल वित्तीय समावेशी लक्ष्य को पाने के लिए लेनदेन की निचली लागत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि सरकार अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की तरह सार्वभौमिक बीमा योजना पर काम कर रही है।टिप्पणियां
उन्होंने यहां नास्काम और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक परिचर्चा में कहा कि हम पहुंच की समस्या को सामाजिक सुरक्षा के मुक्त ढांचे के जरिए सुलझा रहे हैं। हम जो प्लेटफॉर्म बना रहे हैं उस पर कई प्रकार के अन्य एप्स डाले जा सकते हैं।
सिन्हा ने कहा कि इस समय हम जिस एक एप्स पर विचार कर रहे हैं वह स्वास्थ्य बीमा के बारे में है। उसके बाद हम राष्ट्रीय फसल बीमा की बात करेंगे। हम उस पर भी काम कर रहे हैं।
उन्होंने यहां नास्काम और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक परिचर्चा में कहा कि हम पहुंच की समस्या को सामाजिक सुरक्षा के मुक्त ढांचे के जरिए सुलझा रहे हैं। हम जो प्लेटफॉर्म बना रहे हैं उस पर कई प्रकार के अन्य एप्स डाले जा सकते हैं।
सिन्हा ने कहा कि इस समय हम जिस एक एप्स पर विचार कर रहे हैं वह स्वास्थ्य बीमा के बारे में है। उसके बाद हम राष्ट्रीय फसल बीमा की बात करेंगे। हम उस पर भी काम कर रहे हैं।
सिन्हा ने कहा कि इस समय हम जिस एक एप्स पर विचार कर रहे हैं वह स्वास्थ्य बीमा के बारे में है। उसके बाद हम राष्ट्रीय फसल बीमा की बात करेंगे। हम उस पर भी काम कर रहे हैं। |
अनिल अंबानी की हत्या की साजिश के मामले में सनसनीखेज मोड़ आ गया है. इस मामले के एक गवाह भरत भोर्गे की रहस्यमय हालात में मौत हो गई है. भोर्गे का शव मंगलवार को मुंबई के एक रेलवे स्टेशन के पास पड़ा मिला.
भोर्गे एक मकैनिक थे. इन्होंने ही अंबानी के हेलिकॉप्टर में सबसे पहले कंकड़-पत्थरों को देखा था. ये कंकड़ इंजन को खराब कर सकते थे और हेलिकॉप्टर क्रैश हो सकता था. माना जा रहा है कि यह अनिल अंबानी की हत्या की साजिश हो सकती है. भरत का शव लोकल ट्रेन से कटी हुई हालत में मिला है.
उधर हेलिकॉप्टर में तोड़फोड़ के मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस ने अब डाइरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) और विशेषज्ञों से इस मसले पर राय मांगी है ताकि जांच के नतीजों को पुख्ता किया जा सके. अधिकारियों ने हेलिकॉप्टर के गियर बॉक्स में मिले सात पत्थरों को भी फरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (एफएसएल) जांच के लिए भेजा है ताकि इनके प्रकार और बनावट का पता लग सके. |
उत्तर अफगानिस्तान के लोगार प्रांत के अजरा जिले में स्थित अस्पताल को निशाना बनाकर किये गए आत्मघाती कार बम हमले में कम से कम 20 व्यक्तियों की मौत हो गई.
राजधानी काबुल से करीब 75 किलोमीटर दक्षिण में किये गए इस आत्मघाती कार बम हमले में मरने वालों में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. इसमें 20 लोग घायल भी हो गए. अधिकारियों ने कहा है मृतकों की संख्या बढ़ भी सकती है.
संयुक्त राष्ट्र ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस हमले में अस्पताल का प्रसूति वार्ड बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया और हताहत हुए लोगों में कई महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि घटनास्थल पर अफरातफरी और घबराहट का माहौल है. मंत्रालय ने पहले इस हमले में मारे गए लोगों की संख्या 60 बतायी थी लेकिन उसने बाद में मृतकों की संख्या में सुधार करते हुए उसे 20 कर दिया.
मंत्रालय ने जारी अपने बयान में कहा कि इस हमले में कम से कम 20 नागरिकों की मौत हो गई और करीब 20 अन्य घायल हो गये. |
ओल्ड ट्रेफर्ड मैदान पर खेले जा रहे पहले सेमीफाइनल मैच में बुधवार को न्यूजीलैंड द्वारा दिए गए 240 रनों का पीछा करने उतरी भारत ने अपने तीन विकेट पांच रनों पर ही खो दिए हैं. भारत ने रोहित शर्मा (1), कप्तान विराट कोहली (1) और लोकेश राहुल (1) के विकेट खो दिए हैं.
इस मैच में विराट कोहली कीवी गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट हो गए. कोहली इस अहम सेमीफाइनल मुकाबले में केवल एक रन ही बना पाए.
विराट कोहली की बात करें तो वह वर्ल्ड कप 2015 सेमीफाइनल मैच में भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक रन बनाकर आउट हुए थे. यह पहला मौका नहीं है जब विराट कोहली वर्ल्ड कप के किसी नॉकऑउट मैच में फ्लॉप हुए हैं.
The tension is high in Manchester!
Head to our match centre to follow
#INDvNZ
live, watch highlights, and listen to radio commentary 👇
https://t.co/FdH7XRQ3po
#CWC19
pic.twitter.com/69MwWOJrKX
— Cricket World Cup (@cricketworldcup)
July 10, 2019
इससे पहले कोहली 2011 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल मैच में पाकिस्तान के खिलाफ महज नौ रन बनाकर आउट हुए थे. उस मैच में वह तेज गेंदबाज वहाब रियाज की गेंद पर उमर अकमल के हाथों कैच आउट हुए थे.
इसके बाद कोहली 2015 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक रन बनाकर आउट हुए थे. उस मैच में वह कंगारू तेज गेंदबाज मिचेल जॉनसन की गेंद पर ऊंचा शॉट खेल बैठे और विकेटकीपर बैड हेडिन की गेंद पर आउट हो गए.
वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में कोहली का प्रदर्शन
9(21) बनाम पाकिस्तान (2011 वर्ल्ड कप)
1(13) बनाम ऑस्ट्रेलिया (2015 वर्ल्ड कप)
1(6) बनाम न्यूजीलैंड (2019 वर्ल्ड कप)
WATCH!
Boult 🔥
Kohli ☝️
You can see how much this means to New Zealand!
https://t.co/YPqWsIRMfe
— Cricket World Cup (@cricketworldcup)
July 10, 2019
वर्ल्ड कप के नॉक आउट मैचों में विराट का प्रदर्शन
24(33) - बनाम ऑस्ट्रेलिया (क्वार्टर फाइनल, 2011 वर्ल्ड कप)
9(21) - बनाम पाकिस्तान (सेमीफाइनल, 2011 वर्ल्ड कप)
35(49)- बनाम श्रीलंका (फाइनल, 2011 वर्ल्ड कप)
3(8) - बनाम बांग्लादेश (क्वार्टर फाइनल, 2015 वर्ल्ड कप)
1(13) - बनाम ऑस्ट्रेलिया (सेमीफाइनल, 2015 वर्ल्ड कप)
1(6) - बनाम न्यूजीलैंड (सेमीफाइनल, 2019 वर्ल्ड कप)
विराट कोहली वर्ल्ड कप के नॉकऑउट मैचों में 12.16 की औसत से महज 73 रन ही बना पाए हैं. इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 56.15 का रहा है जो बेहद शर्मनाक है. |
सरकारी नौकरियों में अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत आरक्षण की मांग कर रहे जाट समुदाय के आंदोलन के तीसरे दिन गुरुवार को शांति रही.
दो दिन पहले आंदोलन के दौरान हिंसा में एक युवक की मौत हो गई थी. मंगलवार को पुलिस की गोलीबारी में युवक की मौत के बाद बुधवार को आंदोलनकारियों ने रेल और राजमार्गों को जाम कर दिया था. इस कारण इलाके में तनाव बढ़ गया था. पुलिस ने पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े थे और पानी की बौछार की थी.
मयार गांव के प्रमुख सुरेश ने कहा, 'हम तब तक शव को यहां से नहीं हटाएंगे या फिर अंतिम संस्कार नहीं करेंगे जब तक कि गिरफ्तार जाट नेताओं को प्रशासन रिहा नहीं कर देता. प्रशासन के साथ हमारी कोई वार्ता नहीं हो रही है. हमारे नेताओं की रिहाई के बाद ही हम वार्ता करेंगे.'
बुधवार को आंदोलन के हिंसक होने पर सेना बुलाने वाले जिला प्रशासन ने स्थिति पर चुप्पी साध रखी है. हालांकि गुरुवार सुबह 8.30 बजे तक सेना की कोई टुकरी तैनात नहीं की गई थी. |
लेख: बैंकों पर नकदी की तंगी का दबाव कम करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक केंद्रीय रिजर्व बैंक ने संकेत दिया कि वह आरक्षित नकदी अनुपात (सीआरआर) कुछ और कम कर सकता है।
सीआरआर वह व्यवस्था है जिसके तहत बैंकों को अपने पास जमा राशियों का एक तय हिस्सा रिजर्व बैंक के पास रखना होता है और उसपर उन्हें ब्याज नहीं मिलता।
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर सुबीर गोकर्ण ने कहा, ‘हम नकदी की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं... मुझे लगता है कि मध्य तिमाही समीक्षा के दौरान सीआरआर में और कटौती का फैसला किया जाएगा। एक बार कटौती के बार मुझे लगता है कि अगली कटौती की संभावना हमेशा सामने होती है।’टिप्पणियां
प्रणाली में तरलता की समस्या कम करने के लिए आरबीआई ने इस महीने मौद्रिक नीति की तिमाही समीक्षा सीआरआर में कटौती कर इसे छह फीसद से 5.5 फीसद कर दिया। इस तरह बैंकों को ऋण देने के लिए और 32,000 करोड़ रुपये की नकदी मिल गई है।
रिजर्व बैंक 15 मार्च को मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा करने वाला है।
सीआरआर वह व्यवस्था है जिसके तहत बैंकों को अपने पास जमा राशियों का एक तय हिस्सा रिजर्व बैंक के पास रखना होता है और उसपर उन्हें ब्याज नहीं मिलता।
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर सुबीर गोकर्ण ने कहा, ‘हम नकदी की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं... मुझे लगता है कि मध्य तिमाही समीक्षा के दौरान सीआरआर में और कटौती का फैसला किया जाएगा। एक बार कटौती के बार मुझे लगता है कि अगली कटौती की संभावना हमेशा सामने होती है।’टिप्पणियां
प्रणाली में तरलता की समस्या कम करने के लिए आरबीआई ने इस महीने मौद्रिक नीति की तिमाही समीक्षा सीआरआर में कटौती कर इसे छह फीसद से 5.5 फीसद कर दिया। इस तरह बैंकों को ऋण देने के लिए और 32,000 करोड़ रुपये की नकदी मिल गई है।
रिजर्व बैंक 15 मार्च को मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा करने वाला है।
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर सुबीर गोकर्ण ने कहा, ‘हम नकदी की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं... मुझे लगता है कि मध्य तिमाही समीक्षा के दौरान सीआरआर में और कटौती का फैसला किया जाएगा। एक बार कटौती के बार मुझे लगता है कि अगली कटौती की संभावना हमेशा सामने होती है।’टिप्पणियां
प्रणाली में तरलता की समस्या कम करने के लिए आरबीआई ने इस महीने मौद्रिक नीति की तिमाही समीक्षा सीआरआर में कटौती कर इसे छह फीसद से 5.5 फीसद कर दिया। इस तरह बैंकों को ऋण देने के लिए और 32,000 करोड़ रुपये की नकदी मिल गई है।
रिजर्व बैंक 15 मार्च को मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा करने वाला है।
प्रणाली में तरलता की समस्या कम करने के लिए आरबीआई ने इस महीने मौद्रिक नीति की तिमाही समीक्षा सीआरआर में कटौती कर इसे छह फीसद से 5.5 फीसद कर दिया। इस तरह बैंकों को ऋण देने के लिए और 32,000 करोड़ रुपये की नकदी मिल गई है।
रिजर्व बैंक 15 मार्च को मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा करने वाला है।
रिजर्व बैंक 15 मार्च को मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा करने वाला है। |
पाकिस्तान के नेता और जनरलों ने बरसों तक अमेरिकी डॉलर की मलाई लूटी है. लेकिन नए साल के जश्न के हैंगओवर से वो निकले भी नहीं थे कि डोनाल्ड ट्रंप का वो ट्विट आ गया था. जब से पाकिस्तान को आतंकवादियों पर एक्शन लेने को कहा गया, जब से डोनाल्ड ट्रंप ने नए साल पर धमकी दी है, जब से अमेरिका ने उसको दी जाने वाली सैन्य मदद रोकी है, तब से पाकिस्तान उन्हीं बहानों का रट्टा लगा रहा है, जो बहाने वो आतंकवादियों पर एक्शन ना लेने के लिए हमेशा से बनाता रहा है. जानिए अब तक
पाकिस्तान
ने क्या क्या बहाने बनाए.
1. पाकिस्तान ने इस बात पर पूरा ज़ोर लगा रखा है कि दुनिया इस बार भी उसके धोखे में किसी तरह आ जाए.
2. जेहादी और आतंकियों को खुलेआम पालने वाला पाकिस्तान खुद को आतंक से पीड़ित देश बताने में जुटा है.
3. अमेरिकी मदद रुक जाने का जवाब इस बात से दे रहा है कि अमेरिका पाकिस्तान पर कोई एहसान नहीं कर रहा था.
4. पाकिस्तान अब ये बताने में लगा है कि उसकी मदद को पैसों में गिना जाए तो उल्टे अमेरिका पर उसके 9 अरब डॉलर बनते हैं.
5. खुद को पीड़ित बताकर पाकिस्तान ये जताने में लगा है कि अमेरिका मदद भले ना करे, लेकिन उसकी खुलेआम बेइज्जती ना करे.
6. पाकिस्तान ये जताने में जुटा है कि अमेरिका उसे पैसे नहीं देगा तो उसके पास चीन जैसे
दूसरे विकल्प
भी मौजूद है.
7. पाकिस्तान ये जताने में जुटा है कि अफगानिस्तान में तालिबान से लड़ाई जीतने में अमेरिका का काम पाकिस्तान के बिना नहीं चलेगा.
लेकिन पाकिस्तान जिन पुराने झूठ और पुराने बहानों को नई पैकेजिंग के साथ बेचने में जुटा है, उन झूठ और बहानों को अमेरिका ने पिछले 15 साल में खूब खरीदा लेकिन अब वो इसे खरीदने के मूड में कतई नहीं है. कम से कम डोनाल्ड ट्रंप की टीम तो किसी भी कीमत पर इसे बर्दाश्त नहीं करने की साफ बात कर चुकी है. |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: इस साल 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस पर अभिनेता अनिल कपूर ऑस्ट्रेलिया में भारत का झंडा फहराएंगे। उस समय अनिल कपूर के साथ विद्या बालन भी ऑस्ट्रेलिया में मौजूद होंगी।
दरअसल, अगस्त के महीने में अनिल कपूर और विद्या बालन ऑस्ट्रेलिया के शहर मेलबॉर्न में इंडियन फ़िल्म फेस्टिवल ऑफ़ मेलबॉर्न में भारतीय सिनेमा का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं और वहीं 15 अगस्त के मौक़े पर अनिल कपूर तिरंगा फहराएंगे।टिप्पणियां
अनिल कपूर ने इस बारे में कहा कि दुनियां के किसी भी हिस्से में भारतीय सिनेमा का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए बेहद गौरव की बात है और ऐसे में जब तिरंगा फहराने का मौक़ा मिल जाए तो महत्त्व और बढ़ जाता है।
इस महोत्सव में अनिल कपूर की फ़िल्म 'मिस्टर इंडिया' और विद्या बालन की फ़िल्म 'हमारी अधूरी कहानी' का प्रदर्शन होगा। मकहोत्सव के मास्टर स्ट्रोक सेक्शन में ऑस्ट्रेलियाई विभूति पॉल वोक्स की ओर से भारत पर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री भी प्रदर्शित होगी। साथ ही सत्यजीत रे की फ़िल्म 'चारुलता' और फ़िल्म 'नायक' रिलीज़ की जाएगी।
दरअसल, अगस्त के महीने में अनिल कपूर और विद्या बालन ऑस्ट्रेलिया के शहर मेलबॉर्न में इंडियन फ़िल्म फेस्टिवल ऑफ़ मेलबॉर्न में भारतीय सिनेमा का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं और वहीं 15 अगस्त के मौक़े पर अनिल कपूर तिरंगा फहराएंगे।टिप्पणियां
अनिल कपूर ने इस बारे में कहा कि दुनियां के किसी भी हिस्से में भारतीय सिनेमा का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए बेहद गौरव की बात है और ऐसे में जब तिरंगा फहराने का मौक़ा मिल जाए तो महत्त्व और बढ़ जाता है।
इस महोत्सव में अनिल कपूर की फ़िल्म 'मिस्टर इंडिया' और विद्या बालन की फ़िल्म 'हमारी अधूरी कहानी' का प्रदर्शन होगा। मकहोत्सव के मास्टर स्ट्रोक सेक्शन में ऑस्ट्रेलियाई विभूति पॉल वोक्स की ओर से भारत पर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री भी प्रदर्शित होगी। साथ ही सत्यजीत रे की फ़िल्म 'चारुलता' और फ़िल्म 'नायक' रिलीज़ की जाएगी।
अनिल कपूर ने इस बारे में कहा कि दुनियां के किसी भी हिस्से में भारतीय सिनेमा का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए बेहद गौरव की बात है और ऐसे में जब तिरंगा फहराने का मौक़ा मिल जाए तो महत्त्व और बढ़ जाता है।
इस महोत्सव में अनिल कपूर की फ़िल्म 'मिस्टर इंडिया' और विद्या बालन की फ़िल्म 'हमारी अधूरी कहानी' का प्रदर्शन होगा। मकहोत्सव के मास्टर स्ट्रोक सेक्शन में ऑस्ट्रेलियाई विभूति पॉल वोक्स की ओर से भारत पर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री भी प्रदर्शित होगी। साथ ही सत्यजीत रे की फ़िल्म 'चारुलता' और फ़िल्म 'नायक' रिलीज़ की जाएगी।
इस महोत्सव में अनिल कपूर की फ़िल्म 'मिस्टर इंडिया' और विद्या बालन की फ़िल्म 'हमारी अधूरी कहानी' का प्रदर्शन होगा। मकहोत्सव के मास्टर स्ट्रोक सेक्शन में ऑस्ट्रेलियाई विभूति पॉल वोक्स की ओर से भारत पर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री भी प्रदर्शित होगी। साथ ही सत्यजीत रे की फ़िल्म 'चारुलता' और फ़िल्म 'नायक' रिलीज़ की जाएगी। |
नई दिल्ली के गुरुद्वारा रकाबगंज रोड पर स्थित बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के केंद्रीय कार्यालय में 30 अक्तूबर को मौजूद पार्टी नेताओं का कोर ग्रुप अपनी राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के अचानक बदले तेवरों का साक्षी था. यूपी से राज्यसभा जाने वाले पार्टी के दो नेताओं के नाम पर माथापच्ची हो रही थी. पार्टी के भीतर शक्तिशाली ब्राह्मïण लॉबी दो सीटों में से एक पर मायावती सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे नकुल दुबे या विधानपरिषद सदस्य गोपाल नारायण मिश्र को उम्मीदवार बनाने की पुरजोर पैरवी कर रही थी.
लेकिन मायावती ने सबको किनारे कर बीएसपी के पुराने खांटी दलित नेता वीर सिंह एडवोकेट और राजाराम को राज्यसभा चुनाव में पार्टी का टिकट थमा दिया. इस बदले रुख से साफ है कि लोकसभा चुनाव और उसके बाद यूपी में हुए उपचुनाव के नतीजों के बाद मायावती एक बार फिर दलितों की ओर झुकती दिख रही हैं. हालांकि वे कहती हैं, ''दलित जाति के अलावा यदि किसी अन्य जाति के उम्मीदवार को उतारा जाता तो दूसरे वर्ग के लोग नाराज हो जाते. इसीलिए दोनों सीटों पर केवल दलित जाति के उम्मीदवारों को ही टिकट दिया गया है. ''
दलितों को लुभाने की कवायद में कांग्रेस भी पीछे नहीं है. कांग्रेस ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पी.एल. पुनिया को अपना उम्मीदवार बनाया. यूपी विधानसभा में 28 विधायकों वाली कांग्रेस के दलित उम्मीवार का समर्थन कर समाजवादी पार्टी (सपा) ने भी दलितों के प्रति अपना झुकाव जाहिर किया.
दलितों की गोलबंदी में जुटे राजनैतिक दलों के बीच बीजेपी भी शांत नहीं है. तीन माह पहले अमित शाह की टीम में राष्ट्रीय महामंत्री का दायित्व संभालने वाले आगरा से सांसद और दलित (धानुक) नेता राम शंकर कठेरिया को नरेंद्र मोदी ने 9 नवंबर को हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में राज्यमंत्री के रूप में शामिल कर लिया. यह बीजेपी का दलित दांव था.
वास्तव में मई में हुए लोकसभा चुनाव में 72 सीटों के साथ सभी 17 सुरक्षित सीटों पर कब्जा जमाने वाली बीजेपी के साथ दलित मतदाताओं का एक तबका खड़ा दिखा. सितंबर-अक्ïतूबर में 12 सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव में सपा ने भी दलितों का समर्थन जुटाकर नौ सीटों पर कब्जा जमा लिया. बीएसपी का आधार वोट बैंक माने जाने वाले दलितों के बदले रुख ने दूसरी पार्टियों के लिए उम्मीदें जगा दी हैं. सभी की नजर अब उस दलित वोट पर है.
(राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल करते बीएसपी के वीर सिंह)
दलित वोटों की ओर वापसी
लोकसभा चुनाव के नतीजे आते ही मायावती को अपना दलित जनाधार खिसकने का एहसास हो गया था. उन्होंने कहा था, ''लोकसभा चुनाव में दलित तो बीएसपी के साथ चट्टान की तरह खड़ा रहा, लेकिन अपर कास्ट विपक्षियों के बहकावे में आ गया. '' जाहिर है कि मायावती अपर कास्ट की बात कर रही थीं, लेकिन संदेश दलितों के लिए था. बीएसपी के एक पदाधिकारी कहते हैं, ''चूंकि लोकसभा चुनाव, यूपी में हुए उपचुनाव और हरियाणा, महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों से साफ है कि बीएसपी का दलित वोट बैंक तेजी से दूसरी पार्टियों की ओर खिसका है. यह अगड़ी जातियों को तवज्जो देने का नतीजा है. '' इसी बदलाव को भांपते हुए मायावती ने इंद्रजीत सरोज, आर.के. चौधरी, एमएलसी तिलकचंद अहिरवार, डॉ. राम प्रकाश कुरील और एमएलसी सुनील कुमार चित्तौड़ जैसे पुराने मिशनरी दलित नेताओं को अब आगे किया है. यह विधानसभा चुनावों के लिए उनकी नई रणनीति का संकेत है.
(राज्यमंत्री बनाए जाने के बाद राम शंकर कठेरिया का स्वागत)
माया के हथियार से मुलायम का वार
सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण का विरोध कर रही सपा भले ही दलितों के निशाने पर रही हो, लेकिन मुलायम सिंह यादव के एक दांव ने विधानसभा उपचुनाव में समीकरण बदल दिए. मुलायम ने सितंबर में हुए चुनाव में सिराथू विधानसभा की सामान्य सीट पर कभी मायावती के सहयोगी रहे दलित नेता वाचस्पति को उतार कर सबको चौंका दिया था. वाचस्पति ने भारी अंतर से यह सीट सपा के लिए जीत ली. इसी तरह बलहा सुरक्षित विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी मुलायम ने मायावती के करीबी रहे दलित नेता बंशीधर बुद्घ को ऐन नामांकन वाले दिन मैदान में उतारकर बाजी मार ली थी. राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के दलित उम्मीदवार पी.एल. पुनिया को बिना शर्त समर्थन देना भी इसी रणनीति का हिस्सा था. सपा के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव कहते हैं, ''दलितों को सपा सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिला है. उन्हें समझ में आ गया है कि बीएसपी और बीजेपी ने अब तक केवल उनका इस्तेमाल ही किया है. ''
बीजेपी ने शुरू की घेराबंदी
लोकसभा चुनाव में मिले दलितों के समर्थन से सभी 17 सुरक्षित सीटें जीतने वाली बीजेपी ने 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है. 5 नवंबर को राष्ट्रीय अनुसूचित मोर्चा के गठन में यूपी के दलित चेहरों को तवज्जो दी गई है. जाटव समाज से आने वाले दिवाकर सेठ को अनुसूचित मोर्चे का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर बीजेपी ने पश्चिमी यूपी में बीएसपी के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश शुरू कर दी है. 1993 और 1996 के विधानसभा चुनाव में तकरीबन आधी सुरक्षित सीटें जीतने वाली बीजेपी का ग्राफ अचानक वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव से गिरने लगा था. (देखें बॉक्स) बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चे के पूर्व öदेश अध्यह्न रामनरेश रावत कहते हैं, ''मायावती को समर्थन देने के बाद से पार्टी से जुड़े दलित छिटककर बीएसपी की ओर चले गए थे. '' अब पार्टी ने दलित बस्तियों में वाल्मीकि, रैदास, ज्योतिबा फुले और डॉ. आंबेडकर का जन्मदिवस मनाने का निर्णय लिया है और पश्चिमी यूपी की दंगा पीडि़त दलित बस्तियों में 'समरसता सम्मेलन' की शुरुआत की जा रही है.
कांग्रेस ने भी डाले डोरे
कांग्रेस ने अपने दलित चेहरे पी. एल. पुनिया को राज्यसभा में पहुंचाकर यूपी में दलितों का समर्थन बटोरने के लिए चल रही जोर-आजमाइश को चतुष्कोणीय बना दिया है. ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के अनुसूचित जाति विभाग के चेयरमैन के. राजू कहते हैं, ''दलितों का विश्वास जीतने के लिए अनुसूचित जाति विभाग प्रदेश में पहले दलित लीडरशिप को आगे बढ़ाएगा.'' यूपी में पुनिया की निगरानी में कांग्रेस कार्यकर्ता फिलहाल यह पता लगाने में जुट गए हैं कि प्रदेश में दलितों की कितनी जमीन पर अवैध कब्जे हुए हैं. इसके बाद पार्टी एक श्वेत पत्र जारी कर दलित शोषण की घटनाओं का खुलासा करेगी.
बहरहाल यूपी में दलितों की कुल 66 उपजातियां हैं, जिनमें महज आधा दर्जन को ही राजनैतिक मंचों पर जगह मिल रही है. शेष अब भी हाशिए पर हैं. सभी पार्टियों की निगाह अब उन पर पर टिकी है. आने वाले दिनों में भारत में दलित राजनीति और भी गंभीर उथल-पुथल और बदलावों की गवाह बन सकती है. |
अगले साल के अंत तक दिल्ली मेट्रो की आठ डिब्बे वाली ट्रेनें दौड़ती दिखाई देंगी. दिल्ली मेट्रो ने यात्रियों की भारी भीड़ पर काबू पाने के लिये अपनी भविष्य की योजनाओं के तहत 136 नये डिब्बों का आर्डर दे दिया है.
डीएमआरसी के प्रमुख ई श्रीधरन ने कहा कि आज हमारी सबसे बड़ी समस्या ट्रेनों में भारी भीड़ है जिसके लिये हमने कदम उठाते हुए कई और डिब्बों के लिये आर्डर दिया है. डिब्बे मिल गये हैं. हम और डिब्बों का आर्डर दे रहे हैं तथा फिलहाल हम सभी ट्रेनों को चार से छह कोच कर रहे हैं. श्रीधरन ने शहरी विकास पर संसद की स्थायी समिति के समक्ष यह बात कही. इस समिति के अध्यक्ष शरद यादव हैं.
उन्होंने समिति से कहा कि हम ट्रेनों की लंबाई आठ डिब्बे तक करना चाहते हैं और इसके लिये हमने आर्डर दे दिये हैं. मित्सुबिशी रोटेम मित्सुबिशी इलेक्ट्रिकल से 136 डिब्बे खरीदने के आदेश इस साल मार्च में दिये गये और इन डिब्बों का आना सितंबर 2012 से शुरू हो जाएगा तथा दिसंबर 2013 तक सभी डिब्बे आ जाएंगे.
डीएमआरसी के प्रवक्ता ने कहा कि नोएडा और वैशाली लाइनों पर चार डिब्बों वालीं 31 ट्रेनों को 2013 तक आठ डिब्बों वाली ट्रेनों में बदला जाएगा. उन्होंने कहा कि गुड़गांव लाइन पर चार डिब्बों वाली ट्रेनों को छठ डिब्बों वाली ट्रेनों में बदला जाएगा. इन दो लाइनों पर प्रतिदिन 12 लाख से अधिक लोग यात्रा करते हैं.
दिल्ली मेट्रो इस समय बमबारडिअर के अपने चार कोचों वाली ट्रेन को छह कोच वाली बना रहा है और वर्तमान बेड़े में 23 ट्रेनों को पहले ही शामिल किया जा चुका है.
आठ डिब्बों वाली ट्रेनों के आने से लोगों को भारी भीड़ की समस्या से राहत मिल सकेगी. दिल्ली मेट्रो के पास इस समय 200 ट्रेनों से अधिक ट्रेन का बेड़ा है जिससे कार्य दिवसों पर 18 लाख यात्री सफर करते हैं.
इस समय रिठाला-दिलशाद गार्डन लाइन पर 27, जहांगीरपुरी-गुड़गांव पर 62, द्वारका सेक्टर 21-नोएडा और वैशाली लाइन पर 64, मुंडका-इंदरलोक पर 18 और बदरपुर-केन्द्रीय सचिवालय लाइन पर 29 ट्रेनें हैं.
नेटवर्क में आ रही देरी की बात को स्वीकार करते हुए श्रीधरन ने माना कि कुछ समस्यायें हैं जिनकी पहचान की गई है और ट्रेनों की सभी समस्याओं को इंजीनियर ‘ठीक करने’ में सक्षम हो गये हैं.
श्रीधरन ने कहा कि चीजें पूरी तरह से नियंत्रण में हैं. पिछले दो महीने से ट्रेन सेवाओं के संबंध में कोई समस्या नहीं आई हैं. संसद में हाल ही में रखी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि गुड़गाव लाइन पर मेट्रो ट्रेन दो मिनट 30 सेंकेंड के अंतराल पर तथा नोएडा लाइन पर दो मिनट और 40 सेंकेंड के अंतर से चल रही हैं.
शहरी विकास मंत्रालय ने समिति को बताया कि परियोजना के तीसरे चरण में दिल्ली मेट्रो ने फरवरी में पुनरीक्षित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट सरकार की स्वीकृति के लिये दाखिल की है.
परियोजना के तीसरे चरण में राजधानी के 104 किलोमीटर और इलाके को मेट्रो नेटवर्क से जोड़ा जाएगा, जिसपर केन्द्रीय करों सहित 35242 करोड़ रूपए की लागत आएगी.
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो देखने के लिए जाएं
http://m.aajtak.in
पर. |
अगर आप डायबिटीज की वजह से रोज लगने वाले पीड़ादायक इंजेक्शन की चुभन से छुटकारा चाहते हैं, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है. वैज्ञानिकों ने एक ऐसा स्किन पैच बनाया है, जो दवाइयों के जरिए एक साथ कई दिनों तक मधुमेह रोगियों में ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित कर सकता है.
ग्लूकोज का लेवल कंट्रोल करना जरूरी
टाइप 2
डायबिटीज से
पीड़ित लाखों लोगों के स्वास्थ्य के लिए खून में शुगर या ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करना जरूरी होता है. भोजन से पहले सुई से खून निकालना और इंसुलिन का इंजेक्शन लगाना असुविधाजनक हो सकता है, लेकिन मधुमेह रोगियों के लिए यह उनकी दिनचर्या का हिस्सा होता है.
अमेरिका के शोधकर्ताओं की खोज
अमेरिका में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल इमेजिंग एंड बायोइंजीनियरिंग (NIBIB) के शोधकर्ताओं ने खनिज यौगिकों का जैव रासायनिक फॉर्मूला इजाद किया है, जो शरीर के रक्त में मिलकर एक साथ कई दिनों तक रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है.
माइक्रो नीडल्स से बना पैच
चूहों पर किए गए इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि यह पैच घुलनशील माइक्रो नीडल्स से बना है, जो
रक्त में
जाकर खुद ही ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करती हैं. यह अध्ययन जर्नल नेचर कम्यूनिकेशंस में छपा है. |
विशेष अदालत ने गोधरा ट्रेन पर हमले के मामले में दोषी ठहराए गए 31 लोगों को दी जाने वाली सजा का ऐलान 1 मार्च तक के लिए टाल दिया। विशेष जज पीआर पटेल ने इस मामले में 94 आरोपियों में से 31 को दोषी ठहराया और बाकी 63 आरोपियों को बरी कर दिया था। इन 31 दोषियों में से 6 प्रमुख हैं। एक है अब्दुल रज्ज़ाक कुरकुर जिसके अमन गेस्ट हाउस में ट्रेन के कोच को जलाने की साज़िश रची गई। कुरकुर पर पेट्रोल पंप से पेट्रोल लाने और 3 साथियों को ए केबिन के पास डिस्क घुमाकर ट्रेन रोकने का आरोप है। हाजी बिलाल गोधरा नगर निगम का सदस्य था। उसे एस−6 कोच में लगी आग को बुझाने जा रहे दमकल कर्मियों को रोकने का दोषी पाया गया है। जाबिर बिन यामीन बेहरा 26 फरवरी को रची गई साजिश में शामिल था। इसने पेट्रोल से भरे डिब्बे रिक्शे पर लादे और ये पेट्रोल के साथ एस−6 कोच में भी घुसा। सलीम जर्दा भी 26 फरवरी को हुई बैठक में शामिल था। इसको भी पेट्रोल लाने का दोषी पाया गया है। इसने गवाही भी दी है। महबूब अहमद यूसुफ ट्रेन पर हमला करने के लिए लोगों को इकट्ठा करने के साथ-साथ रिक्शे पर पेट्रोल लादकर लाने का भी दोषी है। एस 6 और एस 7 के बीच वेस्टिब्यूल काट कर ट्रेन में भी घुसा। इरफान कलंदर पर पेट्रोल को ए केबिन तक ले जाने का आरोप है। |
बॉलीवुड एक्टर अभिषेक बच्चन ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2018 में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने कुछ दिलचस्प सवालों की जवाब दिए.
अभिषेक बच्चन अकसर ट्रोल के निशाने पर आ जाते हैं. उन्होंने अपनी आलोचना के सवाल पर कहा, "मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता. मैं ऐसी चीजों को अपने अंदर लाता ही नहीं. यदि आप इस तरह से दबाव में आ जाएंगे तो आप सोचना बंद कर देंगे. मेरा लाइफ में अपना अलग नजरिया है. मेरी आलोचना हो सकती है, मैं बड़ा आदमी हूं. लेकिन मैं उस परिवार में पला हूं जिसने मुझे बचपन से ही बहुत सम्मान दिलाया. उनके लिए मुझे बुरा लगता है."
सेशन के दौरान अभिषेक बच्चन ने उन खबरों का खंडन किया जिसमें बताया जा रहा है कि वे
युवराज सिंह
की बायोपिक कर रहे हैं. उन्होंने वह पूरा वाकया शेयर किया, जहां से ये अफवाह उड़ी. अभिषेक ने बताया कि उनसे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पूछा गया था कि यदि उन्हें किसी स्पोर्ट्स पर्सन की बायोपिक करनी हुई तो वे किसकी करेंगे. अभिषेक ने युवराज सिंह का नाम लिया. वे युवराज को काफी पसंद करते हैं. उनके करियर से काफी प्रभावित हैं. एक अन्य पत्रकार ने अभिषेक से यह भी कहा कि उनकी नाक युवराज सिंह के जैसी है.
बातचीत के दौरान अभिषेक ने अपनी पहली
कोलकाता
यात्रा का जिक्र किया. अभिषेक ने कहा कि उनके पिता
अमिताभ
उन्हें कोलकाता लेकर गए थे. ये 80 के दशक की बात है. इस दौरान जब वे
सत्यजीत रे
के घर गए तो उन्होंने देखा कि वे शतरंज खेल रहे हैं. आसपास किताबें और फिल्मों के पोस्टर बिखरे हुए हैं. जब उन्होंने अभिषेक से शतरंज पर बात की तो उन्होंने पापा अमिताभ से पूछा कि ये कौन है. इसके बाद अभिषेक को पता चला कि ये महान फिल्मकार सत्यजीत रे हैं. इस दौरान अभिषेक ने विक्टोरिया पैलेस की भी सैर की. |
बलात्कार भारत में महिलाओं के खिलाफ चौथा सबसे आम अपराध है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2019 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में 32033 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए, या प्रतिदिन औसतन 88 मामले दर्ज हुए,2018 की तुलना में थोड़ा कम है जब 91 मामले दैनिक दर्ज किए गए थे.इनमें से 30,165 बलात्कार पीड़िता द्वारा ज्ञात अपराधियों द्वारा किए गए (94.2% मामले), 2018 के समान उच्च संख्या. पीड़ितों का हिस्सा जो नाबालिग थे या 18 वर्ष से कम - सहमति की कानूनी उम्र - 15.4% थी। वँहा से नीचे 27.8% in 2018. दूसरी ओर, 2019 में प्रत्येक दिन महिलाओं और लड़कियों पर बलात्कार, हमले और हिंसा के प्रयास में 3 नाबालिगों के साथ बलात्कार के शिकार किशोरियों को बलात्कार के मामले में भारत में उच्च स्थान पर रखा गया।
भारत को "बलात्कार की सबसे कम प्रति व्यक्ति दर वाले देशों" में से एक माना गया है। सरकार भी बलात्कार के रूप में शादी के झूठे वादे पर प्रतिबद्ध यौन संबंध को वर्गीकृत करता है. बलात्कार की रिपोर्ट करने की इच्छा हाल के वर्षों में बढ़ी है, कई घटनाओं के बाद व्यापक मीडिया का ध्यान आकर्षित किया और स्थानीय और देशव्यापी सार्वजनिक वातावरण को ट्रिगर किया। इसने सरकार को बलात्कार और यौन उत्पीड़न के अपराधों के लिए अपने दंड संहिता में सुधार किया।
एनसीआरबी 2019 के आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान भारतीय राज्यों में सबसे अधिक बलात्कारों की सूचना दी. हिंदी हार्टलैंड क्षेत्र, उत्तर भारत, जैसे कि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और छत्तीसगढ़ में अन्य राज्य , महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की सबसे ज्यादा घटनाएं होती हैं।महानगरीय शहरों में, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में २०१ ९ में १२५३ मामलों में बलात्कार की सबसे अधिक घटनाएं होती रही हैं,जबकि जयपुर में उच्चतम बलात्कार दर (प्रति 100,000 जनसंख्या) थी.
भारतीय दंड संहिता में परिभाषा
3 फरवरी 2013 से पहले, भारतीय दंड संहिता की धारा 375 को बलात्कार के रूप में परिभाषित किया गया है:
विवादित बलात्कार के मामले
संभावित दुरुपयोग चिंताएं
अप्रैल 2013 में, न्यायाधीश वीरेंद्र भट ने सुझाव दिया है कि बलात्कार के मामले में किसी को भी दोषी ठहराने के लिए पीड़ित के एकमात्र सत्यापन पर भरोसा करने का कानूनी प्रस्ताव "एक आसान हथियार" बन गया है। दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति कैलाश गम्भीर ने कहा कि बलात्कार के लिए दंडात्मक प्रावधानों का अक्सर महिलाओं द्वारा "अपने प्रतिशोध के लिए हथियार" के रूप में दुरुपयोग किया जा रहा है ताकि अपने पुरुष मित्रों को पैसा निकालने और विवाह करने के लिए झूठे मामले दर्ज करके उन्हें शादी करने के लिए मजबूर किया जा सके। एक संपादकीय में शिवसेना के मुखपत्र सामना ने कथित बलात्कार की शिकायत में मुंबई में पुलिस उप महानिरीक्षक का समर्थन करते हुए कहा कि यह बलात्कार और छेड़छाड़ के लिए किसी पर आरोप लगाकर सनसनी पैदा करने वाला एक फैशन बन गया है जबकि शोनी सहोदर मेन्स राइट ग्रुप के संस्थापक कपूर ने मांग की कि अभियुक्तों का नाम दोषी ठहराए जाने तक सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए।
2014 में, दिल्ली की महिलाओं द्वारा प्रस्तुत 53% रिपोर्ट के अनुसार, एक रिपोर्ट के अनुसार….55% महिलाओं अथवा बालिका के साथ बलात्कार रोजना होता है।
दंगों के दौरान
हाल के वर्षों में सांप्रदायिक दंगों के दौरान कई तरह के बलात्कार हुए हैं। 2002 के बाद गोधरा ट्रेन जलने के दौरान, गुजरात के कुछ हिस्सों में दंगाइयों द्वारा बलात्कार किया गया था। [85] 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान तेरह बलात्कार और हमले के मामले दर्ज किए गए थे।
भारत का विभाजन
मुख्य लेख: भारत के विभाजन के दौरान बलात्कार
भारत के विभाजन के दौरान, कुछ 100,000 महिलाओं ने अपहरण और बलात्कार का दावा किया था.
संदर्भ
भारत में बलात्कार
महिलाओं के खिलाफ अपराध
भारत में हत्या
भारत में महिलाओं के खिलाफ हिंसा
भारत में कानून |
तेलंगाना इंटरमीडिएट परीक्षा का रिजल्ट शुक्रवार को जारी कर दिया गया. बोर्ड ने इंटरमीडिएट के पहले और दूसरे साल का रिजल्ट एक साथ जारी किया है.
कुल
9.5 लाख स्टूडेंट्स
ने इस परीक्षा में हिस्सा लिया था. राज्य के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री कदियम श्रीहरि ने रिजल्ट जारी किया. यह पहली बार हो रहा है जब पहले साल और दूसरे साल का रिजल्ट एक साथ जारी किया गया.
ऐसे देखें अपना रिजल्ट:
बोर्ड की वेबसाइट tsbie.cgg.gov.in पर जाएं.
1st Year General Results
1st Year Vocational Results
2nd Year General Results
2nd Year Vocational Results लिंक पर क्लिक करें. |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता को अब तक पूरी तरह से समर्थन नहीं देने वाले चीन ने सोमवार को कहा कि वह विश्व निकाय में बड़ी भूमिका निभाने की भारत की 'इच्छा' का समर्थन करता है। साथ ही उसने कहा कि वह सुरक्षा परिषद सुधार के लिए एकमुश्त योजना (पैकेज प्लान) बनाने का प्रयास करेगा।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग लेइ ने कहा, ‘‘हम क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मामलों में प्रमुख विकासशील देश के रूप में भारत की भूमिका और ओहदे को बहुत महत्व देते हैं।’’ प्रवक्ता ने यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इन टिप्पणियों पर दिया कि भारत का संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शामिल होने का 'अधिकार' है और 'निवेदन' के दिन बीत चुके हैं।
होंग ने कहा, 'हम संयुक्त राष्ट्र सहित बहुपक्षीय संस्थाओं में बड़ी भूमिका निभाने की भारत की इच्छा को समझते हैं और उसका समर्थन करते हैं।' होंग ने कहा, 'चीनी पक्ष विस्तृत लोकतांत्रिक सलाह मशविरे के जरिये सभी पक्षों के हितों और चिंताओं पर गौर करने वाली एकमुश्त योजना के लिए सभी पक्षों के साथ प्रयास जारी रखेगा।'
यह पहली बार है जब चीन ने एकमुश्त योजना की बात कही है। |
राजस्थान चुनाव में कांग्रेस नेताओं के बड़बोले बयान कांग्रेस की परेशानी का सबब बन गया है. हाल ही में सीपी जोशी द्वारा दिए गए बयान पर बवाल थमा भी नहीं था कि अब कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री विलासराव मुत्तेवार ने पीएम मोदी को लेकर विवादित बयान दे दिया है.
उन्होंने कहा कि जिस प्रधानमंत्री मोदी के पिता का नाम किसी को पता नहीं है, वो मोदी राहुल गांधी से हिसाब मांगते हैं, जबकि एक राहुल गांधी हैं जिसकी पीढ़ियों के बारे में सबको पता है.
#WATCH
: Congress' Vilasrao Muttemwar says in Rajasthan's Barmer,"tumhe kaun kal tak janta tha desh ka Pradhan Mantri banne ke pehle.Aaj bhi tumhare baap ka naam koi jaanta nahi. Rahul Gandhi ke baap ka naam sab log jaante hain...Ye Narendra, uske pita ji ko to chod hi do".(24.11)
pic.twitter.com/Xf6PEUjPyj
— ANI (@ANI)
November 25, 2018
पूर्व केंद्रीय मंत्री आए तो थे कांग्रेस के बिगड़े काम बनाने पर आग लगा गए. बागियों को मनाने बाड़मेर आए विलासराव ने कहा कि हम सभी बागी नेताओं को मनाने में लगे हुए हैं लेकिन इसके बावजूद नहीं माने तो पार्टी इन लोगों पर कार्रवाई करेगी. इसके बाद कांग्रेस प्रत्याशी पंकज प्रताप सिंह के कार्यालय पहुंचे पूर्व केन्द्रीय मंत्री विलासराव ने लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी पर तंज कसा.
उन्होंने कहा, ‘भाजपा सरकार ने झूठ बोलने के सिवाय किया क्या है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक नंबर का झूठा पीएम है, पूरी दुनिया में ऐसा पीएम कभी नहीं देखा.'
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने विवादित बयान देते हुए कहा, ‘पीएम नरेंद्र मोदी जो राहुल गांधी से भिड़ रहे हैं, नरेन्द्र मोदी को पीएम बनने से पहले कौन जानता था. आज भी पीएम नरेंद्र मोदी के बाप का नाम कोई नहीं जानता है, लेकिन राहुल गांधी के बाप का नाम तो क्या पीढ़ियों का नाम तक सभी को पता है और जिसके बाप का नाम पता नहीं वो प्रधानमंत्री मोदी, राहुल गांधी से हिसाब मांग रहे हैं. किस बात का हिसाब मांग रहे हैं.‘
कांग्रेस पार्टी के टिकट बंटवारे के बाद सिवाना विधानसभा में कांग्रेस पार्टी में हुई आपसी फूट व बगावत के बाद शनिवार को रूठे नेताओं को मनाने के लिए पूर्व केन्द्रीय मंत्री विलासराव मुत्तेवार सिवाना पंहुचे. यहां उन्होंने कई बागी नेताओं से संपर्क किया लेकिन सिर्फ एक बागी पूर्व प्रधान गरिमा
राजपुरोहित
को ही मना पाए.
इससे पहले कांग्रेस नेता सीपी जोशी के बयान पर कांग्रेस घेरे में आ चुकी है. हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी जोशी ने राजस्थान के नाथद्वारा में गुरुवार को एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि ब्राह्मण ही धर्म के बारे में बोल सकता है. उन्होंने पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री उमा भारती की जाति पर सवाल खड़े करते हुए कहा, आपको पता है कि उमा भारती और पीएम मोदी किस जाति के हैं. साथ ही उन्होंने राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी रहीं साध्वी ऋतंभरा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह किस जाति की हैं, यह लोग धर्म के बारे में क्या जानते हैं.
हालांकि, राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से ठीक पहले इस बयान को पार्टी के खिलाफ जाता देख कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को सामने आना पड़ा और उन्होंने ट्वीट कर कहा कि जोशी जी का बयान कांग्रेस पार्टी के आदर्शों के विपरीत है और जोशी को खेद जताने को कहा.
उन्होंने ट्वीट किया, सीपी जोशी जी का बयान कांग्रेस पार्टी के आदर्शों के विपरीत है. पार्टी के नेता ऐसा कोई बयान न दें जिससे समाज के किसी भी वर्ग को दुःख पहुंचे. कांग्रेस के सिद्धांतों, कार्यकर्ताओं की भावना का आदर करते हुए जोशीजी को जरूर गलती का अहसास होगा. उन्हें अपने बयान पर खेद प्रकट करना चाहिए.
राहुल गांधी
की ओर से खेद जताने को लेकर हिदायत देने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी जोशी ने भी ट्वीट करते हुए अपने बयान पर खेद जताया. उन्होंने कहा, 'कांग्रेस के सिद्धांतों एवं कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए मेरे कथन से समाज के किसी वर्ग को ठेस पहुंची हो तो मैं उसके लिए खेद प्रकट करता हूं.' |
गुजरात में नवसर्जन यात्रा की भारी सफलता को देखते हुए राहुल गांधी ने कर्नाटक की जनता के बीच जाने के लिए बस से दौरा करने की योजना बनाई है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 10 फरवरी से बेल्लारी के होसपेट से राज्यव्यापी बस यात्रा की शुरुआत करेंगे.
अपने खास बस में राहुल गांधी राज्य की अपनी यात्रा के पहले चरण में तीन से चार दिन की यात्रा करेंगे. कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने आजतक से कहा कि गुजरात में राहुल गांधी की गुजरात की नवसर्जन यात्रा काफी सफल रही है, इसी वजह से कर्नाटक सहित कई राज्यों के कांग्रेस नेता ऐसी ही यात्रा शुरू करने की मांग करते रहे हैं.
गौरतलब कि कर्नाटक में अगले कुछ ही महीनों में
विधानसभा चुनाव
होने हैं. कर्नाटक कांग्रेस ने चुनाव की तैयारियों के लिए राज्य को चार जोन में बांटा है. कर्नाटक कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष दिनेश गुंडूराव ने आजतक से कहा कि राज्य में बस यात्रा की शुरुआत करने से पहले राहुल गांधी होसपेट में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे.
राव ने कहा, 'राहुल जी हमारे चुनाव अभियान की शुरुआत होसपेट से करेंगे. सीएम सिद्धारमैया, मलिक्कार्जुन खड़गे जैसे कई वरिष्ठ नेताओं के साथ जनसभा को संबोधित करने के बाद पहले जोन में राहुल गांधी बस से दौरा करेंगे. बस यात्रा लोगों से संपर्क बनाने का सबसे अच्छा तरीका है.' पार्टी सूत्रों के मुताबिक अपनी यात्रा के दौरान राहुल गांधी छोटी जनसभाएं, नुक्कड़ सभाएं करेंगे और रास्ते में आने वाले महत्वपूर्ण स्थलों का भी दौरा करेंगे.
राव ने कहा, 'इस पूरी यात्रा का विस्तृत ब्योरा तो अभी तैयार किया जा रहा है. हमने अभी होसपेट की यात्रा को अंतिम रूप दिया है, जहां इस यात्रा की शुरुआत होगी और 3 से 4 लाख लोग जुटेंगे.' कर्नाटक कांग्रेस ने चुनाव में
गुजरात विकास मॉडल
से कर्नाटक विकास मॉडल की तुलना करने की भी योजना बनाई है. |
विश्व कठपुतली दिवस प्रत्येक वर्ष २१ मार्च को मनाया जाता है।कठपुतली का इतिहास बहुत ही पुराना है यह रंगमंच पर खेले जाने वाले प्राचीनतम खेलों में से एक है।
इस दिवस को मनाने का विचार ईरान के कठपुतली प्रस्तोता जावेद जोलपाघरी के मन में आया था वर्ष 2000 में माग्डेबुर्ग में 18वीं Union Internationale de la Marionnette, (UNIMA) सम्मेलन के दौरान यह प्रस्ताव विचार के हेतु रखा गया 2 वर्षों पश्चात इसे वर्ष 2002 के जून माह में अटलांटा में काउंसिल द्वारा सहर्ष स्वीकार कर लिया गया प्रथम बार इसे वर्ष 2003 में मनाया गया।
सन्दर्भ
अंतर्राष्ट्रीय दिवस |
लेख: एनसीपी चीफ शरद पवार ने दस रुपये में भोजन उपलब्ध कराने के चुनावी वादे को लेकर शिवसेना का मजाक उड़ाते हुए याद दिलाया कि पूर्व में 'झुणका भाकर' सेंटर शुरू किये गये थे जो बाद में गायब हो गए. महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शिवसेना ने गरीब लोगों को 10 रुपये में भरपेट खाना उपलब्ध कराने का वादा किया है. सोलापुर जिले के बारशी में एक चुनावी रैली में पवार ने याद दिलाया कि 1990 के दशक में पहली शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार ने रियायती मूल्य पर झुणका-भाकर पकवान की बिक्री के लिए सेंटर खोले थे. उन्होंने कहा कि किसी को भी कभी यह पता नहीं चला कि ये केंद्र कब बंद हो गए. पवार ने पूछा, 'और अब 10 रुपये में यह भोजन योजना. लोग आपसे राज्य चलाने के लिए कह रहे हैं या भोजन पकाने के लिए.'
उन्होंने मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बयानों का भी जिक्र किया जिनमें कहा गया था कि इस चुनाव में विपक्ष किसी तरह की लड़ाई में नहीं है. पवार ने कहा, 'मुख्यमंत्री ने कहा है कि उनके पहलवान तैयार है, लेकिन कुश्ती के लिए कोई नहीं है. लेकिन कुश्ती पहलवान से लड़नी चाहिए, न कि ऐसे लोगों से.' राकांपा प्रमुख ने पूछा, 'अगर इन चुनावों में कोई मजबूत प्रतिद्वंद्वी नहीं है, तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नौ रैलियों, गृहमंत्री अमित शाह की बीस रैलियों की आवश्यकता क्यों है?' पवार ने कहा, 'बेरोजगारी, कृषि मुद्दों, महिलाओं की सुरक्षा और गांवों के विकास संबंधी लोगों के सवालों का शाह अपने चुनाव प्रचार के भाषणों में केवल एक ही जवाब दे रहे है कि अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाया गया है.'
उन्होंने कहा, 'सुबह से रात तक वह अनुच्छेद 370 के बारे में बात करते है. आपने इसे निरस्त किया, हम खुश हैं, हम इसका समर्थन करते हैं. लेकिन पूर्वोत्तर राज्यों को लेकर अनुच्छेद 371 है (जिसमें 370 की तरह ही इन राज्यों के लिए विशेष प्रावधान किये गये है). आप अनुच्छेद 371 को क्यों नहीं हटा रहे है?' उन्होंने किसानों को 50 हजार करोड़ रुपये का पैकेज उपलब्ध कराए जाने संबंधी फडणवीस के दावे पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा, 'जब मैं केन्द्रीय कृषि मंत्री था तो मैं पूरे महाराष्ट्र में घूमता था. मुझे कोई नहीं मिला (लाभार्थी). वास्तव में, इस अवधि के दौरान 16 हजार लोगों ने आत्महत्या की.' अर्थव्यवस्था की बात करते हुए पवार ने जेट एयरवेज की बंदी का जिक्र किया और दावा किया कि मंदी की वजह से नासिक औद्योगिक क्षेत्र में 10 हजार लोगों की नौकरियां चली गई. |
DU 8th cut-off list 2019:
दिल्ली विश्वविद्यालय ने अंडरग्रेजुएट कोर्सेज के लिए 8वीं कट-ऑफ 13 अगस्त को जारी कर सकता है.हालांकि अभी आधिकारिक रूप से तारीख का ऐलान नहीं किया गया है. पर संभावना जताई जा रही है. अगली कट ऑफ 3 दिनों के भीतर जारी हो सकती है. बता दें, कट ऑफ आधिकारिक वेबसाइट du.ac.in पर जारी कर दी जाएगी.
DU एडमिशन 2019: नोट करें ये जरूरी प्वाइंट्स
- सबसे पहले अपने बेस्ट फॉर सब्जेक्ट के अंक देखें कि वह कट ऑफ से मेल खाते हैं या नहीं.
- इन चार सब्जेक्ट में लैंग्वेज सब्जेक्ट शामिल होना जरूरी है.
- फिर देखें कि कौन से कॉलेज में आपका एडमिशन हो सकता है. उसी के हिसाब से एडमिशन प्रक्रिया शुरू करें.
DU 7th Cut-Off List 2019: ऐसे चेक करें
स्टेप 1- सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट du.ac.in. पर जाएं.
स्टेप 2- '8th cut-off list' पर क्लिक करें.
स्टेप 3- कटऑफ लिस्ट सामने होगी.
स्टेप 4- ध्यान से देखें आपका नाम किस कॉलेज में आया है.
इन डॉक्यूमेंट्स की होगी जरूरत
- कक्षा 10वीं का बोर्ड सर्टिफिकेट
- कक्षा 12वीं का बोर्ड सर्टिफिकेट
- जाति प्रमाण पत्र (यदि अप्लाई किया है)
- इनकम सर्टिफिकेट (OBC के लिए)
- प्रोविजनल सर्टिफिकेट
- पासपोर्ट साइज 5 फोटोज |
भिलूण्डा ग्राम सीकर से पश्चिम दिशा में, सीकर से 30 किमी दूरी व लक्ष्मणगढ़ से 50 किमी दूरी पर स्थित है। यह एक ग्राम पंचायत मुख्यालय है।
जनसंख्या आंकड़े
कुल परिवारों की संख्या 390 है। गाँव में 0-6 आयु वर्ग के बच्चों की आबादी 285 है जो गाँव की कुल जनसंख्या का 13.28 % है। गाँव का औसत लिंग अनुपात 1042 है जो राजस्थान राज्य के औसत 928 से अधिक है। जनगणना के अनुसार भिलूण्डा के लिए बाल लिंग अनुपात 851 है, जो राजस्थान के औसत 888 से कम है।
साक्षरता
भिलूण्डा की साक्षरता दर 66.52% है, जो राज्य के औसत 66.11% से अधिक है। पुरूष साक्षरता दर 81.49% व महिला साक्षरता दर 52.59% है।
अवस्थिति
सीकर से उत्तर दिशा में 27.568583,74.874294 निर्देशांक पर स्थित है। ग्राम का कुल क्षेत्रफल 916 हेक्टेयर है।
इतिहास
पंचायत में अन्य गांव-चैनपुरा, रुलाना पट्टी,बजाड़ों की ढाणी,भाकरों की ढाणी।
प्रमुख शिक्षण संस्थान
गाँव में कला संकाय से कक्षा 1-12 तक सरकारी स्कूल है। हिन्दी साहित्य, भूगोल व राजनीतिक विज्ञान विषय हैं।
अर्थव्यवस्था
इन्हे भी देखें
खूड
पलसाना
श्रीमाधोपुर
रींगस
अजीतगढ़
खण्डेला
दांता
सीकर
लक्ष्मणगढ़
फतेहपुर
लोसल
धोद
नेछवा
सन्दर्भ
सीकर ज़िले के गाँव |
भारत में ब्रिटिश शासन के समय, भारतीय उत्पाद का वह हिस्सा जो जनता के उपभोग के लिये उपलब्ध नहीं था तथा राजनीतिक कारणों से जिसका प्रवाह इंग्लैण्ड की ओर हो रहा था, जिसके बदले में भारत को कुछ नहीं प्राप्त होता था, उसे आर्थिक निकास या धन-निष्कासन (Drain of Wealth) की संज्ञा दी गयी। धन की निकासी की अवधारणा वाणिज्यवादी सोच के क्रम में विकसित हुई। धन-निष्कासन के सिद्धान्त पर उस समय के अनेक आर्थिक इतिहासकारों ने अपने मत व्यक्त किए। इनमें दादा भाई नौरोजी ने अपनी पुस्तक “पावर्टी ऐन्ड अनब्रिटिश रूल इन इन्डिया” (Poverty and Un-British Rule in India) में सर्वप्रथम आर्थिक निकास की अवधारणा प्रस्तुत की। उन्होने धन-निष्कासन को सभी बुराइयों की बुराई (एविल ऑफ एविल्स) कहा है। १९०५ में उन्होने कहा था, धन का बहिर्गमन समस्त बुराइयों की जड़ है और भारतीय निर्धनता का मूल कारण। रमेश चन्द्र दत्त, महादेव गोविन्द रानाडे तथा गोपाल कृष्ण गोखले जैसे राष्ट्रवादी विचारकों ने भी धन के निष्कासन के इस प्रक्रिया के ऊपर प्रकाश डाला है। इनके अनुसार सरकार सिंचाई योजनाओं पर खर्च करने के स्थान पर एक ऐसे मद में व्यय करती है जो प्रत्यक्ष रुप से साम्राज्यवादी सरकार के हितों से जुड़ा हुआ है।
आर्थिक निकास के प्रमुख तत्व थे- अंग्रेज प्रशासनिक एवं सैनिक अधिकारियों के वेतन एवं भत्ते, भारत द्वारा विदेशों से लिये गये ऋणों के ब्याज, नागरिक एवं सैन्य विभाग के लिये ब्रिटेन के भंडारों से खरीदी गयी वस्तुएं, नौवहन कंपनियों को की गयी अदायगी तथा विदेशी बैंकों तथा बीमा लाभांश।
भारतीय धन के निकलकर इंग्लैण्ड जाने से भारत में पूंजी का निर्माण एवं संग्रहण नहीं हो सका, जबकि इसी धन से इंग्लैण्ड में औद्योगिक विकास के साधन तथा गति बहुत बढ़ गयी। ब्रिटिश अर्थव्यवस्था को इस धन से जो लाभांश प्राप्त होता था, उसे पुनः पूंजी के रूप में भारत में लगा दिया जाता था और इस प्रकार भारत का शोषण निरंतर बढ़ता जाता था। इस धन के निकास से भारत में रोजगार तथा आय की संभावनाओं पर अत्यधिक प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। धन का यह अपार निष्कासन भारत को अन्दर-ही-अन्दर कमजोर बनाते जा रहा था।
इतिहास
वाणिज्यवादी व्यवस्था के अतंर्गत धन की निकासी उस स्थिति को कहा जाता है जब प्रतिकूल व्यापार संतुलन के कारण किसी देश से सोने, चाँदी जैसी कीमती धातुएँ देश से बाहर चली जाएँ। माना यह जाता है कि प्लासी के युद्ध से 50 वर्ष पहले तक ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी, भारतीय वस्तुओं की खरीद के लिए दो करोड़ रूपये की कीमती धातु भारत लाई थी। ब्रिटिश सरकार द्वारा कंपनी के इस कदम की आलोचना की गयी थी किंतु कर्नाटक युद्धों एवं प्लासी तथा बक्सर के युद्धों के पश्चात् स्थिति में नाटकीय परिवर्तन आया। बंगाल दीवानी ब्रिटिश कंपनी को प्राप्त होन के साथ कंपनी ने अपने निवेश की समस्या को सुलझा लिया। अब आंतरिक व्यापार से प्राप्त रकम, बंगाल की लूट से प्राप्त रकम तथा बंगाल की दीवानी से प्राप्त रकम के योग के एक भाग का निवेश भारतीय वस्तुओं की खरीद के लिए होने लगा। इस प्रकार भारत ने ब्रिटेन को जो निर्यात किया उसके बदले भारत को कोई आर्थिक, भौतिक अथवा वित्तीय लाभ प्राप्त नहीं हुआ। किन्तु बंगाल की दीवानी से प्राप्त राजस्व का एक भाग वस्तुओं के रूप में भारत से ब्रिटेन हस्तांतरित होता रहा। इसे ब्रिटेन के पक्ष में भारत से धन का हस्तांतरण कहा जा सकता है। यह प्रक्रिया 1813 तक चलती रही, किंतु 1813 ई0 चार्टर के तहत कंपनी का राजस्व खाता तथा कंपनी का व्यापारिक खाता अलग-अलग हो गया।
1813 ई. के चार्टर के तहत भारत का रास्ता ब्रिटिश वस्तुओं के लिए खोल दिया गया तथा भारत में कंपनी का व्यापारिक एकाधिकार समाप्त कर दिया गया। इसे एक महत्वपूर्ण परिवर्तन के रूप में देखा जा सकता है। स्थिति उस समय और भी चिंताजनक रही जब ब्रिटेन तथा यूरोप में भी कंपनी के द्वारा भारत से निर्यात किए जाने वाले तैयार माल को हतोत्साहित किया जाने लगा। परिणाम यह निकला कि अब कंपनी के समक्ष अपने शेयर धारकों को देने के लिए रकम की समस्या उत्पन्न हो गई। आरम्भ में कंपनी ने नील और कपास का निर्यात कर इस समस्या को सुलझाने का प्रयास किया, किंतु भारतीय नील और कपास कैरिबियाई देशों के उत्पाद तथा सस्ते श्रम के कारण कम लागत में तैयार अमेरिकी उत्पादों के सामने नहीं टिक सके। अतः निर्यात एजेसियों को घाटा उठाना पडा। यही कारण रहा कि कंपनी ने विकल्प के रूप में भारत में अफीम के उत्पादन पर बल दिया। फिर बड़ी मात्रा में अफीम चीन को निर्यात की जाने लगी। अफीम का निर्यात चीनी लोगों के स्वास्थ के लिए जितना घातक था उतना ही कंपनी के व्यावसायिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक था। अफीम व्यापार का विरोध किये जाने पर भी ब्रिटिश कंपनी ने चीन पर जबरन यह घातक जहर थोप दिया। ब्रिटेन भारत से चीन को अफीम निर्यात करता और बदले रेशम और चाय की उगाही करता और मुनाफा कमाता। इस प्रकार, भारत से निर्यात तो जारी रहा किन्तु बदले में उस अनुपात में आयात नहीं हो पाया।
अपने परिवर्तित स्वरूप के साथ 1858 ई. के पश्चात् भी यह समस्या बनी रही। 1858 ई में भारत का प्रशासन ब्रिटिश ने अपने हाथों में ले लिया। इस परिवर्तन के प्रावधानों के तहत भारत के प्रशासन के लिए भारत सचिव के पद का सृजन किया गया। भारत सचिव तथा उसकी परिषद का खर्च भारतीय खाते में डाल दिया गया। 1857 ई. के विद्रोह को दबाने में जो रकम खर्च हुई थी, उसे भी भारतीय खाते में डाला गया। इससे भी अधिक ध्यान देने योग्य बात यह है कि भारतीय सरकार एक निश्चित रकम प्रतिवर्ष गृह-व्यय के रूप में ब्रिटेन भेजती थी। व्यय की इस रकम में कई मदें शामिल होती थीं, यथा-रेलवे पर प्रत्याभूत ब्याज, सरकारी कर्ज पर ब्याज, भारत के लिए ब्रिटेन में की जाने वाली सैनिक सामग्रियों की खरीद, भारत से सेवानिवृत्त ब्रिटिश अधिकारियों के पेंशन की रकम इत्यादि। इस प्रकार गृह-व्यय की राशि की गणना धन की निकासी के रूप में की जाती थी। उल्लेखनीय है कि 19वीं सदी में धन के बहिर्गमन में केवल गृह-व्यय ही शामिल नहीं था वरन् इसमें कुछ अन्य मदें भी जोड़ी जाती थीं। उदाहरण के लिए-भारत में कार्यरत ब्रिटिश अधिकारियों के वेतन का वह भाग जो वह भारत से बचाकर ब्रिटेन भेजा जाता था तथा निजी ब्रिटिश व्यापारियों का वह मुनाफा जो भारत से ब्रिटेन भेजा जाता था। फिर जब सन् 1870 के दशक में ब्रिटिश पोण्ड स्टालिंग की तुलना में रूपए का अवमूलयन हुआ तो इसके साथ ही निकासी किए गए धन की वास्तविक राशि में पहले की अपेक्षा और भी अधिक वृद्धि हो गई।
कारण
दादाभाई नौरोजी ने ६ कारण बताए हैं जो धन-निष्कासन के सिद्धांत के कारण बने-
(१) भारत में विदेशी नियम और प्रशासन।
(२) आर्थिक विकास के लिए आवश्यक धन और श्रम विदेशियों द्वारा लाया गया था। लेकिन तब भारत ने विदेशियों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया था।
(३) भारत द्वारा ब्रिटेन के सभी नागरिकों के प्रशासन और सेना के खर्च का भुगतान किया गया था।
(४) भारत अंदर और बाहर, दोनों क्षेत्रों के निर्माण का भार उठा रहा था।
(५) भारत द्वारा देश के मुक्त व्यापार को खोलने में अधिक लाभ हुआ।
(६) ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में प्रमुख धन लगाने वाले विदेशी थे। वे भारत से जो भी पैसा कमाते थे, वह भारत में कभी भी कुछ भी खरीदने के लिए निवेश नहीं करते थे। फिर उन्होंने भारत को उस पैसे के साथ छोड़ दिया था।
धन-निष्कासन के दुष्परिणाम
अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
धन के निष्कासन के परिणामस्वरूप भारत में पूँजी संचय (capital accumulation) नहीं हो सका। पूंजी का संचयन नहीं तो औद्योगिक विकास नहीं।
लोगों का जीवन-स्तर लगातार गिरता चला गया। गरीबी बढ़ती गई।
धन के निष्कासन के चलते जनता पर करों का बोझ बहुत अधिक बढ़ गया।
इसके साथ साथ कुटीर उद्योगों का नाश हुआ। कृषि पर दबाव बढ़ा और कृषि पर दबाव बढ़ता गया और भूमिहीन कृषि मजदूरों की संख्या बढ़ती चलती गई।
राजनीतिक प्रभाव
राष्ट्रवादी विचारकों ने धन के निष्कासन के सिद्धान्त का प्रतिपादन करते हुए साम्राज्यवाद एवं राष्ट्रवाद के बीच अंतर्विरोध को पहचान लिया और इस तरह आर्थिक राष्ट्रवाद की अवधारणा का जन्म हुआ। इसके द्वारा ब्रिटिश सरकार के सारे दावों को खारिज करने में मदद मिली, जैसे- उपयोगितावाद, आधुनिकरण के प्रतीक, स्वराज्य, शिक्षा आदि। यही आर्थिक राष्ट्रवाद की चेतना 1906 में स्वदेशी आंदोलन में उभरकर आने लगी जब विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार और स्वदेशी वस्तुओं का प्रसार का नारा लगाया गया।
समाज एवं संस्कृति पर प्रभाव
धन के निष्कासन से रेशम उद्योग, व्यापार, कृषि आदि में निवेश नहीं हुआ। परिणामस्वरूप लोगों की प्रति व्यक्ति आय घटने लगी। अकाल की निरंतरता ने इनके जीवन को और भयावह बना दिया। इस प्रकार यूरोप के अन्य राज्यों के सापेक्ष , भारत के लोगों का जीवनस्तर एवं जीवन-प्रत्याशा दोनों घटा और यही शोषित लोग कलान्तर में भारतीय राष्ट्रवाद के सामाजिक आधार बनकर उभरे।
धन निष्कासन के स्रोत
(१) व्यापारिक एकाधिकार से प्राप्त लाभ,
(२) कंपनी के कर्मचारियों के वेतन एवं पेंशन,
(३) कंपनी के निवेशकों को दिया जाने वाला लाभांश,
(४) कंपनी के लंदन स्थित ऑफिस एवं उससे संबंधित कर्मचारियों के ऊपर होने वाला ब्यय,
(५) कंपनी के सैन्य एवं असैन्य कार्यों से संबंधित वस्तुओं का खरीद भारत के बाजार में न करके लंदन के बाजार में किया जाता था जिसे 'स्टोर परचेज' कहा जाता है, ताकि वहां के व्यापारियों को लाभ पहुंचाया जा सके।
(६) सार्वजनिक व्यय के लिए लंदन से लिए गए ऋण का ब्याज का भुगतान, जैसे:- नहर योजना, अकाल प्रशासन, सेना, रेलवे इत्यादि से संबंधित खर्च। लेकिन वास्तविकता तो यह है कि इस सार्वजनिक ऋण का बहुत कम अंश जनता के कल्याण के लिए किया जाता था। लगभग 40-40% अंश सेना एवं रेलवे पर पर खर्च किया जाता था। सेना से साम्राज्य सुरक्षित होगा और रेलवे से भारत का आर्थिक शोषण होगा, जबकि किसानों को चाहिए थी नहर।
(७) विदेशी पूंजी निवेश पर दिया जाने वाला ब्याज तथा उस पूंजी निवेश से प्राप्त लाभांश दोनों का निष्कासन जैसे:- भारत में ब्रिटिश सरकार भारतीय रेलवे के विकास में पूंजी-निवेश करने वाली ब्रिटिश कंपनियों को उनके कुल पूंजी के 5% का ब्याज का गारंटी देती थी, जबकि यह लाभांश दर ब्रिटेन में केवल 2% था।
धन-निष्कासन के चरण
नौरोजी द्वारा प्रतिपादित धन के निष्कासन के सिद्धांत में रमेश चन्द्र दत्त ने एक नया आयाम को जोड़ते हुए आधुनिक भारत के अर्थव्यवस्था पर पहला बुद्धिवादी इतिहास "दी इकनोमिक हिस्ट्री ऑफ इंडिया" के रुप में प्रस्तुत किया। अपने इस प्रसिद्ध ग्रन्थ में उन्होंने धन के निष्कासन के सिद्धांत को एक नए कोण से देखने का प्रयास किया। उन्होंने ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीय धन के लूट के तीन चरणों में विभाजित करते हुए अध्ययन का प्रयास किया है।
वाणिज्यवादी चरण (mercantalist stage ; 1757 से 1813 तक)
इस चरण में ब्रिटिश सरकार का मुख्य उद्देश्य भारतीय व्यापार पर एकाधिकार स्थापित करना, अधिक से अधिक मुनाफा कमाना, भारतीय व्यापार के लिए ब्रिटेन से लाए जाने वाले धन को बंद करना और भारतीय धन से जो लूट दस्तक दुरुपयोग एवं व्यापारिक एकाधिकार से प्राप्त आय या धन से ही भारतीय वस्तुओं को खरीदने एवं निर्यात करना था।
औद्योगिक पूंजीवादी चरण (Industrial Captist stage या free trade stage ; 1813 से1857)
ब्रिटेन में औद्योगिक क्रांति के बाद एक नवीन राजनीतिक एवं आर्थिक परिदृश्य उभरकर आया। इस परिदृश्य में ब्रिटेन में एक सशक्त मध्यम वर्ग उभरकर आने लगा जो औद्योगिक क्रांति से पैदा हुआ था। परिणामस्वरुप इस मध्यवर्ग के हित में ब्रिटेन और भारत के बीच के आर्थिक संबंधों का पुनर्निर्धारण करना अनिवार्य हो गया। इसी परिपेक्ष्य में 1813 का अधिनियम पारित किया गया जिसके द्वारा भारतीय व्यापार पर ईस्ट इंडिया कंपनी के व्यापारिक एकाधिकार को समाप्त कर दिया गया और भारतीय व्यापार एवं वाणिज्य को पूरे ब्रिटिश नागरिकों के लिए खोल दिया गया। परिणामस्वरुप ब्रिटिश सामग्रियों से भारतीय बाजार भर गया। इस अवधि में ब्रिटिश सरकार की आर्थिक नीति का मुख्य मांग था:-
(क) ब्रिटिश उद्योगों के लिए कच्चा माल ,
(ख) ब्रिटिश उत्पादित सामग्रियों के लिए बाजार ।
और इस तरह भारत, ब्रिटेन का कच्चा माल का आपूर्तिकर्ता एवं बाजार के रूप में तब्दील हो गया।
औपनिवेशिक पूंजीवाद चरण (colonial capitalism ; 1857 के बाद)
इस अवधि में ब्रिटेन में औद्योगिकरण से जनित पूंजी का निवेश भारत में किया जाने लगा क्योंकि भारत ब्रिटिश पूंजीपतियों के के द्वारा अपने पूंजी निवेश के लिए एक उत्तम स्थान था। इस तरह ब्रिटिश सरकार जहाजरानी उद्योग , बीमा एजेंसी, बैंकिंग आदि क्षेत्रों में पूंजी का निवेश करने लगी। इस निवेश से प्राप्त होने वाला ब्याज एवं लाभांश दोनों की निष्कासन की प्रक्रिया शुरु आत होने लगी।
रमेश चन्द्र दत्त के अनुसार ये तीनों चरण अलग-अलग नहीं थे बल्कि एक ही प्रक्रिया के तीन चरण थे जिसके अंतर्गत पहला चरण समाप्त होने से पहले दूसरे चरण के लिए अनुकूल आधार दे देता था।
धन-निकास पर इतिहासकारों के विचार
धन के निष्कासन के संदर्भ में साम्राज्यवादी एवं राष्ट्रवादी इतिहासकार अलग-अलग मत प्रस्तुत करते हैं।
साम्राज्यवादी इतिहासकार
जॉन स्ट्रेची जैसे साम्राज्यवादी इतिहासकार कहते हैं कि ब्रिटेन ने भारत का धन नहीं लूटा बल्कि ब्रिटेन ने भारत में उत्तम प्रशासन, सुरक्षा एवं बुनियादी सुविधाओं का विकास किया और उसके बदले में पारिश्रमिक (धन) प्राप्त किया। इसी क्रम में मोरिस डी मोरिस का कहना है कि भारत में ब्रिटिश सरकार की भूमिका एक सजग चौकीदार की तरह है जिसने भारत में विकास की संभावनाओं को एक छत्रछाया प्रदान किया।
राष्ट्रवादी इतिहासकार
राष्ट्रवादी विद्वानों ने धन के निष्कासन की प्रक्रिया पर प्रकाश डालते हुए इस तथ्य को प्रकाशित किया है कि भारत के अल्प विकास एवं औद्योगिक, सांस्कृतिक, पिछड़ेपन के लिए ब्रिटिश सरकार की शोषणकारी आर्थिक नीतियां ही प्रत्यक्ष तौर पर जिम्मेदार हैं। राष्ट्रवादी लेखकों का कहना है कि भारत के गरीबी एवं पिछड़ापन न तो कोई दैवी प्रकोप है और न ही ऐतिहासिक विरासत। इनके अनुसार जिस सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, एवं आर्थिक प्रक्रिया में ब्रिटेन में औद्योगिक क्रांति को जन्म दिया, वहां के सांस्कृतिक विकास का मार्ग प्रशस्त किया, उसी प्रक्रिया ने भारत को अल्प विकास, दरिद्रता, अकाल, व्यापार एवं उद्योगों के विनाश आदि को जन्म दिया।
दादा भाई नौरोजी प्रथम राष्ट्रवादी नेता थे जिन्होंने धन के निष्कासन की प्रक्रिया को चिन्हित करते हुए बताया कि किस तरह से ब्रिटिश सरकार राजस्व, उद्योग, व्यापार, आदि स्रोत के माध्यम से भारतीय धन का निष्कासन करती है। नौरोजी के अनुसार इस साम्राज्यवादी सरकार ki आर्थिक नीतियों का सबसे घिनौना पक्ष यह है कि यहां का धन निष्कासित होकर ब्रिटेन जाता था और वही धन हमें ऋण के रूप में उपलब्ध किया जाता था जिसके लिए हमें अधिक मात्रा में ब्याज देना पड़ता था। नौरोजी के अनुसार ब्रिटिश सरकार केवल भारतीय धन का ही निष्कासन नहीं करती है बल्कि नैतिकता का भी निष्कासन करती है क्योंकि यह भारतीय लोगों को उनके अधिकारों से ही वंचित रखती है।
इस संदर्भ में विद्वान सुलिवान का कथन साम्राज्यवादी मनोवृति का पर्दाफाश कर देता है-
ब्रिटिश सरकार की व्यवस्था स्पंज है जो गंगा के पानी को सोखता है और टेम्स नदी में निचोड़ देता है।
निष्कासित धन की मात्रा एवं स्वरूप
ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी तथा ब्रिटिश क्राउन द्वारा भारत से निष्कासित धन की मात्रा का सही-सही अनुमान लगाना बहुत कठिन है। अलग-अलग विद्वानों ने अलग-अलग आंकडे दिये हैं-
(१) बंगाल प्रान्त में प्राप्त होने वाले राजस्व एवं व्यय के विवरण के अनुसार कम्पनी ने प्रथम ६ वर्षों (१७६५ से १७७१) के बीच १,३०,६६,९९१ पौंड शुद्ध राजस्व अर्जित किया जिसमें से ९०,२७,६०९ पौण्ड खर्च कर दिया। शेष बचे ४०,३९,१५२ पौंड का सामान इंगलैंड भेज दिया गया।
(२) विलियम डिग्बी के अनुसार १७५७ से १८१५ तक भारत से ५० से १०० करोड़ पौंड की राशि इंग्लैंड भेजी गयी।
(३) १८२८ में मार्टिन मोंटगुमरी ने अनुमान लगाया था कि प्रतिवर्ष ३ करोड़ पौण्ड भारत से बाहर जाता था।
(४) जार्ज विन्सेन्ट द्वारा १८५९ में लगाये गये अनुमान के अनुसार १८३४ से १८५१ ई तक लगभग ४२ लाख पौंड प्रतिवर्ष भारत से बाहर गया।
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
धन का निष्कासन
दादाभाई नौरोजी का धन-निष्कासन का सिद्धांत
ब्रिटिश शासन में भारत से धन का बहिर्गमन
श्रेणी : आर्थिक सिद्धान्त
भारत का आर्थिक इतिहास |
अमेरिका के वरमोंट से सीनेटर और अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उम्मीदवारी के दावेदारों में से एक बर्नी सैंडर्स ने व्योमिग कॉकस में पार्टी की अपनी प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन को हरा दिया है.
10 अंकों के अंतर से जीत
सभी वोटों की गणना के बाद व्योमिग में
सैंडर्स
ने 10 अंकों के अंतर से जीत दर्ज की. हालांकि, सैंडर्स की जीत से उनके चुनाव प्रचार अभियान पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि राज्य के 14 प्रतिनिधियों में से केवल सात उनके साथ हैं.
सैंडर्स को 2,383 प्रतिनिधियों की जरूरत
डेमोक्रेटिक पार्टी
में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए उम्मीदवार के नामांकन से संबंधित कन्वेंशन जुलाई में होना है और उम्मीदवारी जीतने के लिए सैंडर्स को 2,383 प्रतिनिधियों की जरूरत है, लेकिन इस समय उनके पास करीब 1,000 प्रतिनिधि ही हैं.
अगला कॉकस 19 अप्रैल को
हिलेरी के पास पहले से ही 2,383 प्रतिनिधियों में से आधे से अधिक हैं और इस मामले में उन्हें सैंडर्स से 200 से अधिक प्रतिनिधियों की बढ़त हासिल है. अगला कॉकस 19 अप्रैल को न्यूयॉर्क में होगा, जिसे सभी उम्मीदवारों और पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
पिछले हफ्ते विस्कॉन्सिन प्राइमरियों में रिपबिल्कन और डेमोक्रेटिक पार्टियों के आगे चल रहे दावेदारों डोनाल्ड ट्रंप और
हिलेरी
को क्रमश: सीनेटर टेड क्रूज तथा बर्नी सैंडर्स से हार का सामना करना पड़ा था. |
दिल्ली यूनिवर्सिटी दृष्टिहीन स्टूडेंट्स को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने वाली है. दिल्ली यूनिवर्सिटी के दृष्टिहीन स्टूडेंट्स को जल्द ही डायसी प्लेयर्स और स्मार्ट छड़ी सहित ‘आवाजाही और पहुंच’ किट दी जाएगी. जिससे कैंपस के आस-पास घूमने पर उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी.
डीयू के समान अवसर प्रकोष्ठ (ईओसी) में विशेष कार्याधिकारी अनिल अनेजा ने बताया, ‘डीयू ने अपने दृष्टिहीन स्टूडेंट्स को आवाजाही और पहुंच किट मुहैया कराने के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के साथ हाथ मिलाया है.’ उन्होंने बताया कि किट में डायसी प्लेयर्स और स्मार्ट छड़ी होगी. इस स्मार्ट छड़ी की बदौलत स्टूडेंट्स आसानी से कैंपस में आवाजाही कर सकेंगे और डायसी प्लेयर्स से उनकी पढ़ाई आसान होगी.
यूनिवर्सिटी किट पर काम करने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर द विजुअली हेंडीकैप्ड (एनआईवीएच), देहरादून की सेवा लेगा. अनेजा ने बताया कि पहल के लिए मंत्रालय की तरफ से कोष मुहैया कराया जाएगा और एनआईवीएच किट के लिए विषयवस्तु तैयार करेगा. |
ऋण संकट एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक व्यक्ति, व्यवसाय, सरकार, या अन्य संस्था अपने ऋणों को चुकाने में असमर्थ हो जाती है। यह स्थिति आर्थिक अस्थिरता का कारण बन सकती है।
ऋण संकट, कर आय की तुलना में, बड़े पैमाने पर लोक ऋण के प्रसार के लिए प्रयुक्त सामान्य शब्द हैं, जिसका विशिष्ट सन्दर्भ १९८० के दशक के दौरान लातिनी अमरीकी देश, और मध्य २००० के दशक से संयुक्त राज्य अमेरिका व यूरोपीय संघ, और साथ ही २०१५ के चीनी ऋण संकटों से हैं।
ऋण संकट के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
अत्यधिक ऋण: जब कोई व्यक्ति या संस्था अपने ऋणों को चुकाने के लिए पर्याप्त आय नहीं कमाती है, तो वह ऋण संकट में पड़ सकती है। सबसे बड़ा इसका उदहारण अमेरिका के ऊपर कर्ज
आर्थिक मंदी: आर्थिक मंदी के दौरान, व्यवसायों और व्यक्तियों की आय कम हो सकती है, जिससे वे अपने ऋणों को चुकाने में असमर्थ हो सकते हैं।
राजनीतिक अस्थिरता: राजनीतिक अस्थिरता के कारण अर्थव्यवस्था अस्थिर हो सकती है, जिससे ऋण संकट बढ़ सकता है।
सन्दर्भ
वित्तीय संकट
सरकारी वित्त |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: रेलवे ने गैर-उपनगरीय सेवाओं में लागू होने वाले न्यूनतम किराए को बढ़ाने का फैसला किया है। इससे अब न्यूनतम यात्री किराया पांच रुपये से बढ़कर 10 रुपये हो जाएगा। 20 नवंबर से प्रभावी होने वाला यह न्यूनतम किराया प्लेटफॉर्म टिकट के शुल्क के बराबर हो जाएगा।
रेल बजट के प्रस्ताव पर अमल करते हुए इस साल अप्रैल में प्लेटफॉर्म टिकट का शुल्क पांच रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये कर दिया गया था, ताकि प्लेटफॉर्मों पर भीड़ कम की जा सके।टिप्पणियां
बहरहाल, रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह मकसद पूरा नहीं हो सका, क्योंकि यात्री प्लेटफॉर्म टिकट की जगह पांच रुपये में मिलने वाले द्वितीय श्रेणी टिकट खरीदने लगे थे। लिहाजा, रेलवे ने अब न्यूनतम किराया पांच रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये करने का फैसला किया है।
अधिकारी ने बताया, 'यह 20 नवंबर से प्रभावी होगा ताकि इसे प्लेटफॉर्म टिकट के शुल्क के बराबर बनाया जाए। इसका मकसद प्लेटफॉर्मों पर भीड़ कम करना है, ताकि यात्रियों को सुविधा हो सके।' उन्होंने बताया कि अभी यह किराया सिर्फ द्वितीय श्रेणी की गैर-उपनगरीय सेवाओं पर लागू होगा।
रेल बजट के प्रस्ताव पर अमल करते हुए इस साल अप्रैल में प्लेटफॉर्म टिकट का शुल्क पांच रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये कर दिया गया था, ताकि प्लेटफॉर्मों पर भीड़ कम की जा सके।टिप्पणियां
बहरहाल, रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह मकसद पूरा नहीं हो सका, क्योंकि यात्री प्लेटफॉर्म टिकट की जगह पांच रुपये में मिलने वाले द्वितीय श्रेणी टिकट खरीदने लगे थे। लिहाजा, रेलवे ने अब न्यूनतम किराया पांच रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये करने का फैसला किया है।
अधिकारी ने बताया, 'यह 20 नवंबर से प्रभावी होगा ताकि इसे प्लेटफॉर्म टिकट के शुल्क के बराबर बनाया जाए। इसका मकसद प्लेटफॉर्मों पर भीड़ कम करना है, ताकि यात्रियों को सुविधा हो सके।' उन्होंने बताया कि अभी यह किराया सिर्फ द्वितीय श्रेणी की गैर-उपनगरीय सेवाओं पर लागू होगा।
बहरहाल, रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह मकसद पूरा नहीं हो सका, क्योंकि यात्री प्लेटफॉर्म टिकट की जगह पांच रुपये में मिलने वाले द्वितीय श्रेणी टिकट खरीदने लगे थे। लिहाजा, रेलवे ने अब न्यूनतम किराया पांच रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये करने का फैसला किया है।
अधिकारी ने बताया, 'यह 20 नवंबर से प्रभावी होगा ताकि इसे प्लेटफॉर्म टिकट के शुल्क के बराबर बनाया जाए। इसका मकसद प्लेटफॉर्मों पर भीड़ कम करना है, ताकि यात्रियों को सुविधा हो सके।' उन्होंने बताया कि अभी यह किराया सिर्फ द्वितीय श्रेणी की गैर-उपनगरीय सेवाओं पर लागू होगा।
अधिकारी ने बताया, 'यह 20 नवंबर से प्रभावी होगा ताकि इसे प्लेटफॉर्म टिकट के शुल्क के बराबर बनाया जाए। इसका मकसद प्लेटफॉर्मों पर भीड़ कम करना है, ताकि यात्रियों को सुविधा हो सके।' उन्होंने बताया कि अभी यह किराया सिर्फ द्वितीय श्रेणी की गैर-उपनगरीय सेवाओं पर लागू होगा। |
भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी
ने खुलासा किया कि खिलाड़ियों को
मोहाली
में समय पर खाना नहीं परोसा गया था और बुधवार को
पाकिस्तान
के खिलाफ हाई वोल्टेज क्रिकेट
विश्व कप सेमीफाइनल
के टॉस से महज कुछ देर पहले ही उन्हें लंच दिया गया था.
उन्होंने कहा कि चंडीगढ में खिलाड़ियों के होटल ताज के स्टाफ ने समय पर खाना नहीं दिया था. टीम को मोहाली के लिये जल्दी रवाना होना था और उन्होंने वार्म अप के बाद और टास से महज कुछ देर पहले लंच किया था.
धोनी ने श्रीलंका के खिलाफ विश्व कप खिताबी मुकाबले से पहले पत्रकारों से कहा कि मैं यह कहना नहीं चाहता था लेकिन सेमीफाइनल से पहले टीम को जो पहला भोजन मिला था, वह पौने दो बजे मिला था क्योंकि खाना होटल में नहीं परोसा गया था. उन्होंने कहा था कि इसमें एक घंटा लगेगा. इसलिये हम मैदान पर चले गये, वहां भी पूरा भोजन नहीं था, बल्कि मैदान पर कुछ नहीं था.
धोनी ने हालांकि इस घटना को तूल नहीं देने की कोशिश की और कहा कि इससे खिलाड़ियों का ध्यान भंग नहीं हुआ था.
धोनी ने कहा कि ये चीजें कुछ हद तक आपका ध्यान हटा सकती हैं, लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि आप इनके बारे में क्या कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि ऐसी हालत में आप चिल्ला सकते हैं लेकिन आपको खाना नहीं मिल सकता. महत्वपूर्ण यह है कि आप समय का बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर लें. मुझे नहीं लगता कि यह बड़ी चिंता होनी चाहिए या इससे बिलकुल भी ध्यान भंग होना चाहिए.
धोनी ने कहा कि वहां हालात अलग थे क्योंकि मोहाली में ज्यादा बड़े होटल नहीं हैं. यहां कई बड़े होटल हैं और मेरे यहां कुछ दोस्त भी रहते हैं जो आधे घंटे में खाना लेकर आ सकते हैं. |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाया कि वह दिल्ली पुलिस का इस्तेमाल निजी सेना की तरह कर रही है।
उन्होंने ऐसा दो दिन पहले यहां आन्दोलन कर रहे छात्रों के साथ दिल्ली पुलिस की बर्बरता का एक वीडियो सामने आने के बाद कहा है। आम आदमी पार्टी के नेता ट्वीट किया, 'दिल्ली पुलिस का भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ निजी सेना की तरह अपने विरोधियों के खिलाफ इस्तेमाल कर रहे हैं। मैं छात्रों पर किए गए इस हमले की कड़ी निंदा करता हूं।'
इस वीडियो को 'आप' की तरफ से जारी किया गया है, जिसमें वर्दी में दिख रहे पुलिसकर्मी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों पर लाठियां बरसाते और उन्हें बुरी तरह प्रताड़ित करते नजर आ रहे हैं।
यहीं नहीं, इसमें दिल्ली पुलिस के कुछ अधिकारी भी छात्रों को घूंसा मारते, उन्हें जमीन पर गिराते और पीटते दिखाई दे रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने इस वीडियो की प्रामाणिकता को खारिज नहीं किया है। टिप्पणियां
केजरीवाल ने भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) और हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्रों के आन्दोलन के बारे में कहा, 'एफटीआईआई, रोहित मामला, हैदराबाद विश्वविद्यालय, आईआईटी और अब दिल्ली के छात्रों पर बर्बर हमला। ऐसा लगता है कि मोदी सरकार छात्रों के साथ युद्ध लड़ रही है।'
दिल्ली पुलिस केजरीवाल सरकार को नहीं, बल्कि केंद्रीय गृहमंत्रालय और राज्यपाल नजीब जंग को रिपोर्ट करती है।
उन्होंने ऐसा दो दिन पहले यहां आन्दोलन कर रहे छात्रों के साथ दिल्ली पुलिस की बर्बरता का एक वीडियो सामने आने के बाद कहा है। आम आदमी पार्टी के नेता ट्वीट किया, 'दिल्ली पुलिस का भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ निजी सेना की तरह अपने विरोधियों के खिलाफ इस्तेमाल कर रहे हैं। मैं छात्रों पर किए गए इस हमले की कड़ी निंदा करता हूं।'
इस वीडियो को 'आप' की तरफ से जारी किया गया है, जिसमें वर्दी में दिख रहे पुलिसकर्मी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों पर लाठियां बरसाते और उन्हें बुरी तरह प्रताड़ित करते नजर आ रहे हैं।
यहीं नहीं, इसमें दिल्ली पुलिस के कुछ अधिकारी भी छात्रों को घूंसा मारते, उन्हें जमीन पर गिराते और पीटते दिखाई दे रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने इस वीडियो की प्रामाणिकता को खारिज नहीं किया है। टिप्पणियां
केजरीवाल ने भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) और हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्रों के आन्दोलन के बारे में कहा, 'एफटीआईआई, रोहित मामला, हैदराबाद विश्वविद्यालय, आईआईटी और अब दिल्ली के छात्रों पर बर्बर हमला। ऐसा लगता है कि मोदी सरकार छात्रों के साथ युद्ध लड़ रही है।'
दिल्ली पुलिस केजरीवाल सरकार को नहीं, बल्कि केंद्रीय गृहमंत्रालय और राज्यपाल नजीब जंग को रिपोर्ट करती है।
इस वीडियो को 'आप' की तरफ से जारी किया गया है, जिसमें वर्दी में दिख रहे पुलिसकर्मी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों पर लाठियां बरसाते और उन्हें बुरी तरह प्रताड़ित करते नजर आ रहे हैं।
यहीं नहीं, इसमें दिल्ली पुलिस के कुछ अधिकारी भी छात्रों को घूंसा मारते, उन्हें जमीन पर गिराते और पीटते दिखाई दे रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने इस वीडियो की प्रामाणिकता को खारिज नहीं किया है। टिप्पणियां
केजरीवाल ने भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) और हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्रों के आन्दोलन के बारे में कहा, 'एफटीआईआई, रोहित मामला, हैदराबाद विश्वविद्यालय, आईआईटी और अब दिल्ली के छात्रों पर बर्बर हमला। ऐसा लगता है कि मोदी सरकार छात्रों के साथ युद्ध लड़ रही है।'
दिल्ली पुलिस केजरीवाल सरकार को नहीं, बल्कि केंद्रीय गृहमंत्रालय और राज्यपाल नजीब जंग को रिपोर्ट करती है।
यहीं नहीं, इसमें दिल्ली पुलिस के कुछ अधिकारी भी छात्रों को घूंसा मारते, उन्हें जमीन पर गिराते और पीटते दिखाई दे रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने इस वीडियो की प्रामाणिकता को खारिज नहीं किया है। टिप्पणियां
केजरीवाल ने भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) और हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्रों के आन्दोलन के बारे में कहा, 'एफटीआईआई, रोहित मामला, हैदराबाद विश्वविद्यालय, आईआईटी और अब दिल्ली के छात्रों पर बर्बर हमला। ऐसा लगता है कि मोदी सरकार छात्रों के साथ युद्ध लड़ रही है।'
दिल्ली पुलिस केजरीवाल सरकार को नहीं, बल्कि केंद्रीय गृहमंत्रालय और राज्यपाल नजीब जंग को रिपोर्ट करती है।
केजरीवाल ने भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) और हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्रों के आन्दोलन के बारे में कहा, 'एफटीआईआई, रोहित मामला, हैदराबाद विश्वविद्यालय, आईआईटी और अब दिल्ली के छात्रों पर बर्बर हमला। ऐसा लगता है कि मोदी सरकार छात्रों के साथ युद्ध लड़ रही है।'
दिल्ली पुलिस केजरीवाल सरकार को नहीं, बल्कि केंद्रीय गृहमंत्रालय और राज्यपाल नजीब जंग को रिपोर्ट करती है।
दिल्ली पुलिस केजरीवाल सरकार को नहीं, बल्कि केंद्रीय गृहमंत्रालय और राज्यपाल नजीब जंग को रिपोर्ट करती है। |
बिहार कर्मचारी चयन आयोग के नाक के नीचे हुए प्रश्न पत्र लीक घोटाले में बिहार सरकार द्वारा गठित विशेष जांच टीम सोमवार को आयोग के चेयरमैन सुधीर कुमार से पूछताछ करेगी. करोड़ों के इस घोटाले में अब तक दर्जन भर से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है.
शनिवार को विशेष जांच टीम ने सुधीर कुमार से कुछ देर के लिए पूछताछ की था. हालांकि पूछताछ के दौरान सुधीर कुमार ने घोटाले से संबंधित किसी प्रकार की जानकारी होने से इंकार किया था.
स्पेशल जांच टीम ने नए सिरे से सुशील कुमार से पूछताछ की तैयारी कर ली है. आयोग के चेयरमैन के लिए जांच टीम ने घोटाले से जुड़े सवालों की लंबी-चौड़ी लिस्ट तैयार की है ताकि घोटाले से जुड़ी हुई महत्वपूर्ण जानकारियों के बदौलत जांच को आगे बढ़ाया जा सके.
सूत्रों के मुताबिक विशेष जांच टीम यह जानने की कोशिश करेगी कि
परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र
कहां छपवाए गए थे और कहां से यह
प्रश्न पत्र लीक
हुए. इस घोटाले में पहले ही आयोग के सचिव परमेश्वर राम को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
सूत्रों के मुताबिक करोड़ों के
घोटाले में मंत्रियों, विधायकों और आईएएस अफसरों की मिलीभगत
है. आयोग के चेयरमैन सुधीर कुमार ने भी इस बात का खुलासा किया है कि लोगों को नौकरी दिलाने के लिए राजनेता लगातार उनसे संपर्क किया करते थे और पैरवी के अलावा दबाव भी बनाया करते थे. |
लेख: माओवादी एक तरफ जहां सरकार से दुश्मनी पाले हुए हैं, वहीं इनमें आपस के झगड़े भी कम नहीं हैं. माओवादियों केक विभिन्न दलों में आए दिन खूनी टक्कर होने के समाचार मिलते रहते हैं. सीपीआई (माओवादी) से टूटकर अलग हुए धड़े तृतीया प्रस्तुति समिति (टीपीसी) के दो गुटों के बीच जिले के केराडारी में एक मुठभेड़ में सात कैडर मारे गए.
उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के डीआईजी भीमसेन तूती ने कहा कि 20 और 21 मई की मध्यरात्रि को हुई मुठभेड़ में सात कैडर मारे गए. निर्माण कंपनियों से वसूले गए धन के बंटवारे को लेकर हुए विवाद के बाद मुठभेड़ हुई.टिप्पणियां
पुलिस सूत्रों ने बताया कि जंगल में घटनास्थल से एक कटा हुआ सिर मिलने के अलावा टीपीसी के केवल तीन कैडर के शव बरामद किए गए हैं. तीनों की पहचान टीपीसी जोनल कमांडर सागर, सब जोनल कमांडर मनीष और जॉनसन के रूप में हुई है. कटे हुए सिर की पहचान अभी नहीं हो पाई है. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के डीआईजी भीमसेन तूती ने कहा कि 20 और 21 मई की मध्यरात्रि को हुई मुठभेड़ में सात कैडर मारे गए. निर्माण कंपनियों से वसूले गए धन के बंटवारे को लेकर हुए विवाद के बाद मुठभेड़ हुई.टिप्पणियां
पुलिस सूत्रों ने बताया कि जंगल में घटनास्थल से एक कटा हुआ सिर मिलने के अलावा टीपीसी के केवल तीन कैडर के शव बरामद किए गए हैं. तीनों की पहचान टीपीसी जोनल कमांडर सागर, सब जोनल कमांडर मनीष और जॉनसन के रूप में हुई है. कटे हुए सिर की पहचान अभी नहीं हो पाई है. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पुलिस सूत्रों ने बताया कि जंगल में घटनास्थल से एक कटा हुआ सिर मिलने के अलावा टीपीसी के केवल तीन कैडर के शव बरामद किए गए हैं. तीनों की पहचान टीपीसी जोनल कमांडर सागर, सब जोनल कमांडर मनीष और जॉनसन के रूप में हुई है. कटे हुए सिर की पहचान अभी नहीं हो पाई है. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
Subsets and Splits
No community queries yet
The top public SQL queries from the community will appear here once available.