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धन-शोधन निवारण अधिनियम, २००२ (Prevention of Money Laundering Act, 2002) भारत के संसद द्वारा पारित एक अधिनियम है जिसका उद्देश्य काले धन को सफेद करने से रोकना है। इसमें धन-शोधन से प्राप्त धन को राज्यसात (ज़ब्त) करने का प्रावधान है। यह अधिनियम 1 जुलाई, 2005 से प्रभावी हुआ।
अभी तक इस अधिनियम में वर्ष 2005, 2009 और 2012 में संशोधन किए गये हैं।
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
धन शोधन अधिनियम, २००२ पर प्रश्नोत्तरी
In 1st conviction under laundering Act, ex-minister jailed for 7 years
भारत सरकार के अधिनियम
भारत के अधिनियम |
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में शनिवार को नक्सलियों ने पुलिस दल पर घात लगा कर हमला किया, जिसमें स्पेशल टास्क फोर्स (STF) के एक अधिकारी की मौत हो गई और एक जवान घायल हो गया.
घात लगाकर किया पुलिस पर हमला
पुलिस महानिरीक्षक दीपांशु काबड़ा ने बताया कि बस्तर जिले के दरभा थाना क्षेत्र अन्तर्गत टोटापाड़ा गांव के पास
नक्सलियों
ने पुलिस दल पर घात लगा कर
हमला
कर दिया. इस हमले में एसटीएफ के असिस्टेंट प्लाटून कमांडेंट कृष्ण पाल सिंह शहीद हो गए.
पेड़ काटकर जाम किया हाईवे
काबड़ा ने बताया कि देर रात पुलिस को जानकारी मिली थी कि दरभा से सुकमा जाने वाली सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 30 पर नक्सलियों ने पेड़ काट कर डाल दिए हैं और रास्ता रोक दिया है. उन्होंने बताया कि सूचना के बाद एसटीएफ का एक दल घटनास्थल के लिए रवाना किया गया था. दल जब टोटापाड़ा गांव के पास पहुंचा तब नक्सलियों ने दल पर घात लगाकर हमला कर दिया. इस हमले में सिंह को
गोली लगी
और वह गंभीर रूप से घायल हो गए.
भाग गए नक्सली
काबड़ा ने बताया कि नक्सलियों की गोलीबारी के बाद पुलिस दल ने भी जवाबी कार्रवाई की और दोनों ओर से देर तक गोलियां चलती रहीं. इधर, घटना की जानकारी के बाद घटनास्थल की ओर अतिरिक्त पुलिस बल रवाना किया गया. देर तक गोलीबारी के बाद नक्सली वहां से भाग गए. घायल पुलिस अधिकारी को वहां से निकालने की कोशिश की गयी, लेकिन इस दौरान सिंह की मृत्यु हो गयी. घायल जवान का इलाज किया जा रहा है.
ओडिशा से 150 माओवादी आने का इनपुट
राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पुलिस को जानकारी मिली थी कि दरभा क्षेत्र में ओडिशा से लगभग 150 माओवादी आए हुए हैं और वहां बैठक कर रहे हैं. पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस घटना के बाद इलाके में नक्सलियों की तलाश की जा रही है.
इनपुट: भाषा |
मधुबाला फेम दृष्टि धामी हाल ही में एक था राजा और एक थी रानी सीरियल में नजर आईं थीं. अब यह टीवी एक्ट्रेस सीरियल परदेस में है मेरा दिल से कमबैक करने जा रही हैं.
इस शो में वह शालीन मल्होत्रा के साथ दिखेंगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस सीरियल की स्टोरीलाइन शाहरुख और महिमा चौधरी की फिल्म परदेस पर बेस्ड है. यह भी कहा जा रहा है कि सीरियल की कहानी मंजू कपूर की किताब The Immigrant से प्रेरित है. इस सीरियल में एमटीवी वॉरियर हाई में पर्थ के किरदार में नजर आने वाले लक्ष्य लालवानी भी नजर आएंगे.
जानकारी के मुताबिक, इस सीरियल की शूटिंग विदेश में ऑस्ट्रिया शहर में होगी.
सीरियल
में
दृष्टि धामी
नैना के किरदार में नजर आएंगी. नैना को ऐसी लड़की के किरदार में दिखाया जाएगा जो
शादी
के खिलाफ है क्योंकि वह अपनी बीमार मां के साथ ही रहना चाहती हैं और उनकी देखभाल करना चाहती हैं. शालीन का किरदार परदेस फिल्म के शाहरुख खान से इंस्पायरड होगा और वहीं लक्ष्य का किरदार परदेस फिल्म के एक्टर अपूर्व अग्निहोत्री से प्रेरित होगा. यह शो सितंबर के पहले हफ्ते में ऑन एयर होगा. |
यह लेख है: यह देखना दिलचस्प है कि जो लोग अब तक सामाजिक आधार पर आरक्षण को प्रतिभा के विलोम की तरह देखते रहे और इसे भारतीय व्यवस्था का नासूर मानते रहे, वे अपील कर रहे हैं कि गरीबों के हक की ख़ातिर यह आर्थिक आरक्षण मान लिया जाए - बिना यह बताए कि हर महीने 65,000 रुपये कमाने वाले लोग किस कसौटी से गरीब कहलाएंगे. वे बस 10 फीसदी आर्थिक आरक्षण को गरीबों का जायज़ हक मानकर इसे नौकरियों और शिक्षा में जल्द से जल्द लागू करने के हक में हैं. निजी क्षेत्र की नौकरियों और शैक्षिक संस्थाओं में भले अब तक किसी भी तरह का सामाजिक आरक्षण लागू न हो पाया हो, लेकिन अब वहां भी आर्थिक आरक्षण देने की हड़बड़ी दिख रही है. कुछ राज्य सरकारों ने आर्थिक आधार पर आरक्षण का कानून पास होते ही इसे अमल में लाने का फ़ैसला भी कर लिया है.
और अब मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि देश के 900 सरकारी विश्वविद्यालयों और 40,000 कॉलेजों में आर्थिक आरक्षण बिल्कुल इसी साल से लागू हो जाएगा. यही नहीं, करीब 350 निजी विश्वविद्यालयों और 25,000 से ज़्यादा कॉलेजों में भी इसी साल से आरक्षण की व्यवस्था लागू करने के लिए कानून लाया जाएगा.
प्रकाश जावड़ेकर यहीं नहीं रुके, उन्होंने दो और घोषणाएं कर डालीं. उन्होंने कहा कि इन तमाम जगहों पर 25 फीसदी सीटें बढ़ाई जाएंगी, ताकि पहले से चले आ रहे आरक्षण पर कोई असर न पड़े. इसके लिए इन संस्थानों की क्षमता भी बढ़ाई जाएगी.
एक-एक कर इन सारी घोषणाओं के पीछे का सच देखें. जिन सरकारी संस्थानों में 10 फीसदी आरक्षण के लिए 25 फीसदी सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव है, क्या वहां का बुनियादी ढांचा इस लायक है कि वह इस अतिरिक्त बोझ का वहन कर सके? अब तक लगभग सारी रिपोर्ट बताती हैं कि इस देश के ज़्यादातर शिक्षण संस्थानों में मौजूदा छात्रों को ही समुचित शिक्षा दे पाने के इंतज़ाम नहीं है. विदेशों के बड़े विश्वविद्यालयों के मुकाबले हमारे यहां छात्र-शिक्षक अनुपात बिल्कुल दयनीय है - कहीं-कहीं तो हास्यास्पद. सरकार शिक्षकों का यह मौजूदा कोटा ही नहीं भर पा रही. यही नहीं, शिक्षकों की नियुक्ति में जिस सामाजिक कोटे का ध्यान रखा जाना है, वह भी किसी को हासिल नहीं हो रहा. तो फिर अचानक छह महीनों में 25 फीसदी अतिरिक्त सीटों के लिए पैसे जुटा लिए जाने का जादू फिर कैसे घटित होगा? अचानक सरकार कितनी सारी नियुक्तियां कर लेगी, कितने नए क्लास रूम बना लेगी, कितने सारे अतिरिक्त कर्मचारी रख लेगी? यहां तो आलम यह है कि सरकारी नियुक्तियों के लिए रुटीन में जो पद निकाले जा रहे हैं, उन्हें भरने में बरसों लग जा रहे हैं.
लेकिन फिर सरकार 25 फीसदी सीटें बढ़ाना ही क्यों चाहती है? वह मौजूदा छात्रों में ही आरक्षण क्यों नहीं देना चाहती? उसकी दलील है कि मौजूदा कोटे पर असर न पड़े, लेकिन आर्थिक आरक्षण का जो संविधान संशोधन विधेयक पारित किया गया है, उसमें यह बहुत स्पष्ट उल्लिखित है कि यह आरक्षण मौजूदा सामाजिक आरक्षण से अलग होगा. ज़ाहिर है, सरकार को मौजूदा कोटे की फ़िक्र नहीं, उन अगड़ों की है, जिनकी कुछ सीटें तथाकथित गरीब अगड़े ले उड़ेंगे. ज़ाहिर है, सरकार का यह हड़बड़ाया, आधा-अधूरा दख़ल पहले से पस्तहाल और साधनवंचित सरकारी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को कुछ और बदहाल करके छोड़ देगा, वहां डिग्रियां भले ही बंटनी शुरू हो जाएं, लेकिन शिक्षा का कुछ और तमाशा बन जाएगा.
मामला सिर्फ सरकारी शिक्षण संस्थानों का नहीं है. अब तक सरकार ने इस बात की परवाह नहीं की कि निजी क्षेत्र के शिक्षण संस्थानों में सामाजिक आधार पर - एससी-एसटी या पिछड़े वर्गों को - आरक्षण की बाध्यता क्यों नहीं है. इन तमाम निजी संस्थानों में कहीं भी आरक्षण नहीं है, लेकिन अब चूंकि यहां 10 प्रतिशत आर्थिक आरक्षण की व्यवस्था का कानून बनाया जा चुका है, इसलिए ज़रूरी है कि यहां भी सामाजिक आरक्षण लागू हो. इसके लिए सरकार बजट सत्र में बिल लाने की बात कर रही है. उसे दरअसल सामाजिक आरक्षण की नहीं, आर्थिक आरक्षण की फ़िक्र है. क्योंकि उसे मालूम है कि इन निजी संस्थानों में शिक्षा की फ़ीस इतनी ज़्यादा है कि ज़्यादातर पिछ़ड़े तबकों के लोग उसका वहन ही नहीं कर सकते. लेकिन फिर आर्थिक आधार पर कमज़ोर लोग कैसे करेंगे? सरकार उन्हें आरक्षण तो दिला देगी, लेकिन क्या उनकी फ़ीस भी भरेगी? या फिर निजी संस्थानों से उनकी फ़ीस माफ़ी का आग्रह करेगी? और क्या निजी संस्थान इसे मानेंगे? शैक्षिक संस्थानों में आरक्षण का फ़ैसला वैसे भी अदालती मुकदमों में उलझा हुआ है. तो सरकार आख़िर चाहती क्या है? क्या उसकी हड़बड़ाई हुई कोशिशें चीज़ों को और नहीं बिगाड़ेंगी? और क्या निजी क्षेत्रों के शिक्षण संस्थान सीटें बढ़ाएंगे, तो अपने यहां नियुक्तियां भी बढ़ाएंगे? या वे पहले की तरह ही अपने शिक्षकों को मान्य कसौटियों से कम पैसे पर नियुक्त करेंगे और जब चाहेंगे, उन्हें निकाल देंगे?
दरअसल भारत में पूरी शिक्षा के साथ-साथ उच्च शिक्षा की विडम्बनाएं बहुत गहरी हैं. जिस तरह प्राथमिक शिक्षा में सरकार अपना निवेश बढ़ाने को तैयार नहीं है और निजी क्षेत्र के हाथ सब कुछ सौंप रही है, वही काम उच्च शिक्षा में भी होता दिख रहा है. हम लगातार एक रुग्ण शिक्षा-व्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं, जिसमें एक तरफ तो साधनों से लाचार सरकारी संस्थान हैं और दूसरी तरफ सरोकारों से वंचित निजी संस्थान, जिन्होंने शिक्षा को दुकानदारी में बदल डाला है. शिक्षा कहीं से सरकार की प्राथमिकता सूची में नहीं दिखती. शिक्षा उसके लिए नौकरियों की तरह ही बस एक ज़रिया है, जिससे वह अलग-अलग वर्गों को लुभाने की कोशिश कर रही है. उसके ताज़ा फ़ैसले शिक्षा की इन विडम्बनाओं को कुछ और बढ़ाएंगे ही, यह अंदेशा बेमानी नहीं है.
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है. |
दिल्ली स्थित जेएनयू कैम्पस से रहस्मयी परिस्तिथियों में गायब स्टूडेंट नजीब अहमद के रूम मेट काजिम का बुधवार को पॉलीग्राफ टेस्ट दिल्ली के रोहिणी में FSL में होगा. इसके साथ ही करीब 10 और लोगों का भी पॉलीग्राफ टेस्ट किया जा सकता है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस टेस्ट के लिए करीब 60 सवाल तैयार किए हैं.
इससे पहले नजीब की तलाश में मंगलवार सुबह करीब 9 बजे से ही दिल्ली पुलिस के करीब 600 से ज्यादा जवानों ने खोजी कुत्तों और माउंटेन हॉर्स की मदद से जेएनयू कैंपस का रिज एरिया खंगालना शुरू कर दिया. कैंपस के हर हिस्से को बेहद बारीकी से चेक किया जा रहा है. माउंटेन हॉर्स की मदद से ऐसी जगहों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही, जहां पैदल पहुंचना मुश्किल है.
खोजी कुत्तों के सहारे कैंपस में मौजूद सीवर, बिल्डिंग और पार्कों में सर्च किया गया. क्राइम ब्रांच के तेज-तर्रार आला अधिकारियों समेत इलाके के अफसर भी इस ऑपरेशन में लगे. दरअसल, हाइकोर्ट से आदेश मिलने के बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने लापता नजीब की तलाश में ये अब तक का सबसे बड़ा सर्च ऑपेरशन शुरू किया था.
सोमवार को दिन भर चले इस ऑपरेशन के दौरान दिल्ली पुलिस ने कैंपस में बने एडमिन ब्लॉक, स्टॉफ क्वार्टर, हॉस्टल रूम, पानी के टैंक समेत कैंपस का करीब 60 फीसदी हिस्सा सर्च किया था, बाकि बचा जेएनयू कैंपस का 40 फीसदी हिस्सा यानि रिज एरिया अभी खंगाला जा रहा है.
नजीब अहमद
की तलाश में ये 65वां दिन हैं.
बिहार, उत्तर प्रदेश, राजिस्थान और हरियाणा समेत कई शहरों की खाक छानने के बाद पुलिस हाई कोर्ट के आदेश पर एक बार फिर
जेएनयू कैंपस
पहुंची. उधर, नजीब के परिवार वाले भी किसी अनहोनी के डर के चलते नजीब के साथ झगड़ने वाले स्टूडेंट्स के लाई डिटेक्टर टेस्ट की मांग पर अड़े थे, जिसे कोर्ट ने मंजूरी दे दी थी. |
आखिरकार पाकिस्तान को भी मानना पड़ा है कि लश्कर सरगना हाफिज सईद आतंकवादी है. अब तक पाकिस्तानी सेना सईद और उसके संगठन को सरपरस्ती देती आई है. पाकिस्तानी गृह मंत्रालय ने न्यायिक समीक्षा बोर्ड से कहा है कि हाफिज सईद को उसके चार साथियों को जेहाद के नाम पर दहशत फैलाने के आरोप में नजरबंद किया गया था.
नजरबंदी के खिलाफ अपील
दरअसल, पाकिस्तान ने मार्च में सईद और उसके चार साथियों को नजरबंद किया था. 30 अप्रैल को ये नजरबंदी 90 दिनों के लिए बढ़ा दी गई थी. हाफिज सईद ने इस फैसले के खिलाफ न्यायिक समीक्षा बोर्ड में अपील की थी. शनिवार को सईद इस मामले में बोर्ड के सामने पेश हुआ. सईद का कहना था कि पाकिस्तानी सरकार ने कश्मीरियों की आवाज बुलंद करने से रोकने के लिए उसे नजरबंद किया है. हालांकि पाकिस्तानी गृह मंत्रालय ने इस बात का खंडन किया.
न्यायिक बोर्ड ने क्या कहा?
तीन जजों वाले वाले बोर्ड ने मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह सईद और उसके चार साथियों - जफर इकबाल, अब्दुल रहमान आबिद, अब्दुल्ला उबैद और काजी कासिफ नियाज को हिरासत में लिए जाने को लेकर पूरा रिकॉर्ड सौंपे. मामले की अगली सुनवाई 15 मई को होनी है. बोर्ड का आदेश था कि अगली सुनवाई पर पाकिस्तान के एटॉर्नी जनरल खुद पेश हों.
कड़ी सुरक्षा में अदालत पहुंचा था सईद
हाफिज सईद अपने समर्थकों के साथ पुलिस के कड़े पहरे में अदालत में पेश हुआ था. इस मौके पर सईद के समर्थक अदालत के बाहर जमा थे. सईद के वकील एके डोगर भी मौजूद थे, लेकिन लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक ने अदालत के समक्ष खुद ही अपनी दलील रखने का फैसला किया. उसने कहा, सरकार की ओर से मेरे के खिलाफ लगाए गए आरोप किसी सरकारी संस्था द्वारा कभी साबित नहीं हुए. कश्मीर की आजादी के लिए आवाज बुलंद करने और कश्मीर मुद्दे पर सरकार की कमजोर नीति की आलोचना करने की वजह से मेरे संगठन और मुझे निशाना बनाया गया है. |
इंग्लैंड की एक ऑनलाइन बुक सेलर वेबसाइट स्टोर पर कुछ ऐसा हुआ कि सब लोग हैरत में पड़ गए. इस वेबवाइट पर बच्चों की किताबों के साथ में ही पोर्नोग्राफी, एडल्ड कंटेट, हिंसक पोर्न वाली किताबें भी बिक्री के लिए उपलब्ध करा दी गईं. बाद में हो-हल्ला हुआ तो ये कंटेट हटा लिया गया और माफी भी मांग ली गई.
इस स्टोर का नाम है डब्ल्यू एच स्मिथ और यह इंग्लैंड की हाई स्ट्रीट चेन है. वेबसाइट पर डैडी सर्च करने पर ऐसी किताबें सामने आईं कि देखने वालों के होश उड़ गए. बच्चों के सेक्शन में 'प्रेग्नेंट विद डैडी' टाइटल से भी एक किताब थी. इसी सेक्शन में 'बेड-टाइम स्टोरीज' और 'स्टिकी सिचुएशन्स' नाम की किताबें भी मौजूद थीं.
ये सभी किताबें ई-बुक्स के तौर पर खरीदी जा सकती थीं. मतलब ये कि बच्चे भी अपने डिवाइस पर इसे डाउनलोड करके पढ़ सकते थे. इन किताबों के सब्जेक्ट सेक्स हिंसा, रेप, इनकेस्ट (रिलेशन में शारीरिक संबंध बनाना) और पशुसंभोग (Bestiality) इत्यादि थे. न केवल कंटेंट बल्कि इनके ग्राफिक्स भी वेबसाइट पर थे. एक किताब एक किशोर लड़की के रेप का ब्यौरा दे रही थी, जिससे उसी के स्कूल के तीन टीचर्स ने हवस का शिकार बनाया.
बाद में जब इस स्टोर को इसके बारे में कया गया तो इससे जुड़े एग्जीक्यूटिव्स ने बड़ा निर्णय लेते हुए वेबसाइट को तुरंत ऑफलाइन कर दिया. कंपनी ने अपनी स्टेटमेंट में कहा कि हम अपनी सिक्योरिटी को और मजबूत करेंगे, ताकि भविष्य में ऐसा न हो सके.
पता चला है कि ज्यादातर पोर्नोग्राफिक्स किताबों को उनके लेखक खुद ही प्रकाशित कराते हैं और अपने हिसाब से दाम तय करके बिकने के लिए वेबसाइट पर डाल देते हैं. ये किताबें अमेजोन, वाटरस्टोन्स और बर्नर्स एंड नोबेल पर भी मौजूद हैं.
इस मामला सामने आने के बाद कॉमन कल्चर, मीडिया एंड स्पोर्ट सेलेक्ट कमेटी के चेयरमैन ने जॉन व्हिटंग्डेल ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था. यह समाज के लिए ठीक नहीं है. नेशनल क्राइम एजेंसी ने इसके लिए कंपनी को वार्निंग दी और कहा कि इस तरह की चीजें फिर नहीं होनी चाहिएं. |
देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई में चल रही अंदरूनी जंग दिनोंदिन तेज होती जा रही है. सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना, निदेशक आलोक वर्मा, डीएसपी एके बस्सी के बाद अब सीबीआई का एक और अधिकारी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. ताजा मामला सीबीआई के डिप्टी एसपी अश्वनी कुमार गुप्ता का है, जिन्होंने अपने ट्रांसफर ऑर्डर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है. वहीं केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला सन्निधानम मंदिर से लौट रही एक 50 साल की महिला की मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक, महिला की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है.
पढ़ें, शनिवार शाम की 5 बड़ी खबरें.
1-
CBI Vs CBI की जंग हुई तेज: तबादले के खिलाफ एक और अफसर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई में चल रही अंदरूनी जंग दिनोंदिन तेज होती जा रही है. सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना, निदेशक आलोक वर्मा, डीएसपी एके बस्सी के बाद अब सीबीआई का एक और अधिकारी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. ताजा मामला सीबीआई के डिप्टी एसपी अश्वनी कुमार गुप्ता का है, जिन्होंने अपने ट्रांसफर ऑर्डर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है.
2-
सबरीमाला मंदिर से लौट रही 50 साल की महिला को दिल का दौरा पड़ने से मौत
केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला सन्निधानम मंदिर से लौट रही एक 50 साल की महिला की मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक, महिला की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है. वहीं, हिन्दू एक्यावेदी प्रदेश अध्यक्ष के. पी. शशिकला को थिरुवेला कोर्ट से जमानत दे दी गई है.
3-
वसुंधरा के खिलाफ कांग्रेस ने जसवंत के बेटे को उतारा, तो CM ने उड़ाया मानवेंद्र का मजाक
राजस्थान में बीजेपी को मात देकर सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस ने सारे दांव चल दिए हैं. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया को उनके घर में ही घेरने के लिए सबसे बड़ा दांव चलते हुए कांग्रेस ने बीजेपी के पूर्व वरिष्ठ नेता और अटल सरकार में मंत्री रहे जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह को झालरापाटन से उतारा है.
4-
नहीं रहे बॉर्डर के 'असली हीरो' कुलदीप सिंह, 100 सैनिकों के साथ 2000 PAK फौजियों को खदेड़ा था
1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में अदम्य साहस और वीरता का परिचय देने वाले लोंगेवाला युद्ध के नायक और यादगार फिल्म 'बॉर्डर' की कहानी के प्रेरणा ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी का शनिवार को निधन हो गया.
5-
वर्ल्ड कप के लिए पाकिस्तानी हॉकी टीम को मिला भारत का वीजा
पाकिस्तानी हॉकी टीम की भुवनेश्वर में 28 नवंबर से शुरू हो रहे हॉकी वर्ल्ड कप में भागीदारी को लेकर अनिश्चितता खत्म हो गई. पाकिस्तानी हॉकी टीम को भारत का वीजा मिल गया. |
दक्षिणपंथी समूह के कुछ सदस्यों ने एक हिन्दू लड़की को पैसा दे रहे एक मुस्लिम युवक को सरेआम निर्वस्त्र कर दिया. उसके बाद उसे खंभे से बांधकर जमकर मारा-पीटा. घटना मंगलवार की शाम मंगलूरू के अट्टावर इलाके की है.
भीड़ का कहना था कि शाकिर लड़की के साथ एक कार में था. शाकिर कुलूर का रहने वाला है. वह और लड़की एक ही सुपरमार्केट में काम करते हैं. सोशल साइट पर घटना की तस्वीरें फैलने के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची.
पुलिस के मुताबिक,
शाकिर को वहां से छुड़ाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 15 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. घटना में शामिल अन्य लोगों की तलाश की जा रही है. उन्हें जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
पीड़ित शाकिर का
कहना है कि लड़की ने उससे कुछ पैसे मांगे थे. जब वह उसे पैसे दे रहा था तब उसे पीटा गया. शुरू में दो लोगों ने उसपर लात घूंसे बरसाए और उसके वहां भीड़ एकत्रित हो गई. सभी उसे जमकर पीटा.
उधर, लड़की
ने आरोप लगाया कि शाकिर उसका शोषण और ब्लैकमेल कर रहा था. उसने शाकिर से कोई पैसा नहीं मांगा था. दक्षिण कन्नड़ जिले में इस तरह के खासकर अलग-अलग समुदायों से जुड़े कई मामले सामने आए हैं, जो चिंतित कर देने वाले हैं. |
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
लोकसभा चुनाव 2019 के तीसरे चरण में मंगलवार को कर्नाटक की रायचूर लोकसभा सीट पर वोट डाले गए. रायचूर लोकसभा सीट पर 57.89 फीसदी वोटिंग रिकॉर्ड की गई, जबकि पूरे कर्नाटक की लोकसभा सीटों पर 68.15 फीसदी मतदान हुआ.
रायचूर सीट से बीवी नाइक (कांग्रेस), राजा अमरेश्वर नाइक (भारतीय जनता पार्टी), बी वेंकणा गौडा नायका (बहुजन समाज पार्टी), निरंजन नायक (उत्तमा प्रजाकिय पार्टी), के सोमशेखर यादागिरी (सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया-कम्युनिस्ट) चुनाव लड़ रहे हैं.
यह लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है. 2009 से यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. 2014 के चुनाव में मोदी लहर के बावजूद इस सीट पर कांग्रेस के बीवी नायक करीबी टक्कर में जीते थे.
साल 2014 के चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को महज 1499 वोटों से शिकस्त दी थी. कांग्रेस के प्रत्याशी बीवी नायक को 4,43,659 वोट और बीजेपी के शिवानगौड़ा नायक को 4,42,160 वोट मिले थे. जबकि तीसरे नंबर पर जेडीएस के डीबी नायक 21,706 वोट पाकर और चौथे नंबर पर बीएसपी के राजा थिमअप्पा नायक 12,254 वोट पाकर रहे.
देश के पिछड़े इलाकों में गिने जाने वाली रायचूर लोकसभा सीट की 73 फीसदी आबादी गांव और 27 फीसदी आबादी शहर में रहती है. यहां पर 22 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति और 18 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति की है. इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 16.61 लाख है. इसमें पुरुष 8.35 लाख और महिला 8.25 लाख वोटर शामिल हैं.
इस लोकसभा सीट के अन्तर्गत 8 विधानसभा सीटें (शोरापुर, शाहपुर, यादगीर, रायचूर ग्रामीण, रायचूर, मानवी, देवदुर्गा, लिंगसुगुर) आती हैं. इनमें से चार सीटें अनुसूचित जनजाति (शोरापुर, रायचूर ग्रामीण, मानवी, देवदुर्गा) और एक सीट अनुसूचित जाति (लिंगसुगुर) के लिए आरक्षित है. 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने चार सीटों (शोरापुर, यादगीर, रायचूर, देवदुर्गा), कांग्रेस ने 3 सीटों (शाहपुर, रायचूर ग्रामीण, लिंगसुगुर) और जेडीएस ने एक सीट (मानवी) पर जीत हासिल की थी.
शुरुआत में यह सीट हैदराबाद राज्य का हिस्सा थी. इस दौरान इस सीट से कांग्रेस के कृष्णाचार्य जोशी जीते थे. बाद में यह सीट मैसूर स्टेट का हिस्सा हो गई है और इस सीट से 1957 में कांग्रेस के ही जीएस मेलकोटे जीते. 1962 का चुनाव में कांग्रेस के जगनाथ राव यहां से जीतने में कामयाब हुए. 1967 में स्वतंत्र पार्टी के आरवी नाइक जीते. 1971 में कांग्रेस के पम्पंगोडा सकरप्पा गौड़ा अथन्नूर जीते.
रायचूर लोकसभा सीट: कांग्रेस ने बीवी नाइक को दोबारा चुनावी दंगल में उतारा
1977 में यह सीट कर्नाटक का हिस्सा हो गई और इस सीट से कांग्रेस के राजशेखर मयप्पा जीते. 1980 और 1984 का चुनाव कांग्रेस के ही बीवी देसाई जीते. 1989 में इस सीट से कांग्रेस के आर अंबन्ना नाइक डोरे, 1991 में कांग्रेस के ही ए वेंकेटेश नाइक, 1996 में जनता दल के राजा रंगगप्पा नाइक जीते. इसके बाद 1998, 1999 और 2004 का चुनाव ए. वेंटेकेश नाइक जीते. 2009 में पहली बार इस सीट पर बीजेपी जीती. उसके टिकट पर सन्ना पाकिरप्पा जीते. 2014 में कांग्रेस ने वापसी की और उसके टिकट पर बीवी नायक ने जीत दर्ज की.
रायचूर सीट: सोने के भंडार का इलाका, जहां मोदी लहर में भी जीती कांग्रेस
कर्नाटक के समीकरण
कर्नाटक में कुल 28 लोकसभा सीटें हैं जिनमें से 15 सीटें बीजेपी के पास हैं. इसके अलावा राज्य की 10 सीटों पर कांग्रेस और 2 सीटों पर जेडीएस का कब्जा है. कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार है और उम्मीद है कि दोनों दल लोकसभा चुनाव भी मिलकर लड़ सकते हैं. राज्य की एक सीट बेंगलुरु दक्षिण अभी खाली है, यहां से बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार का पिछले दिनों निधन हो गया था.
बता दें कि इस चरण में कुल 14 राज्यों की 115 सीटों को शामिल किया गया है. जिसके लिए 28 मार्च को नोटिफिकेशन जारी किया गया था. नामांकन भरने के लिए आखिरी तारीख 4 अप्रैल तय की गई थी. जिसके बाद 5 अप्रैल को स्क्रूटनी के बाद प्रत्याशियों के नामों पर मुहर लगा दी गई. 23 अप्रैल को मतदान के बाद 23 मई को नतीजे घोषित किए जाएंगे.
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भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने वाली एक खबर आ गई है. अंतर्राष्ट्रीय क्रेडिट एजेंसी एसऐंडपी (S&P) ने भारत के क्रेडिट आउटलुक को निगेटिव से स्टेबल श्रेणी में डाल दिया है. यानी एजेंसी के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था का भविष्य नकारात्मक नहीं है बल्कि अब वह स्थिर है.
एजेंसी का कहना है कि इस आउटलुक से पता चलता है कि सरकार राजस्व और आर्थिक सुधारों को कार्यान्वित कर सकती है. रेटिंग में बढ़ोतरी से ऐसा लग रहा है कि अब भारत में पहले से बेहतर राजनीतिक हालात हैं. उसने कहा है कि राजनीतिक हालात सुधारों के लिए बेहतर माहौल पैदा कर रहे हैं.
एजेंसी के मुताबिक अगले 24 महीने के लिए यह उसका आकलन है. उसके अनुसार नई सरकार में देश के लिए जरूरी आर्थिक सुधारों को करने और भी क्षमता है और वह अपना राजस्व भी सुधार सकती है. यह सरकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को प्रभावी मौद्रिक नीति लागू करने की अनुमति दे सकती है.
एजेंसी ने कहा है कि अगर भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास की दर वास्तव में 5.5 फीसदी से ज्यादा हो जाती है तो हम इस रेटिंग को बढ़ा भी सकते हैं. इसके विपरीत अगर सरकार ढांचागत सुधार नहीं कर पाती है जिससे आर्थिक विकास में बढ़ोतरी न हो तो तो हम रेटिंग गिरा भी सकते हैं.
S&P ने कहा कि सरकार अपनी राजस्व व्यवस्था को मजबूत करने के काम करने में सक्षम दिखती है. सोने के आयात पर रोक के कारण चालू बजट घाटा भी कम हुआ है. भारत के सामने विदेशी मुद्रा संबंधी कोई जोखिम भी नहीं है.
जानकारों का मानना है कि एजेंसी का भारत की रेटिंग को ऊपर बढ़ाना एक अच्छी बात है. उसे भारत की क्षमता का पता लग चुका है. भारत की निवेश नीति स्थिर है जिससे निवेशक यहां आएंगे. |
चो का जन्म छह बच्चों वाले एक बहुत अमीर परिवार में हुआ था। उनके दादा एक बैंक निदेशक थे। कोरियाई युद्ध के दौरान, परिवार के पास जो पैसा था वह जल गया और वे गरीब हो गए। उसके पिता ने तब एक ज्योतिषी से सलाह ली। मूल रूप से पुंग-योन कहे जाने वाले चो का नाम बदलकर चिहुन कर दिया गया, क्योंकि भविष्यवक्ता ने उससे कहा था कि वह अपने बेटे का नाम बदलकर चिहुन रख ले अन्यथा उसकी मां मर जाएगी, साथ ही यह भी कहा कि परिवर्तन के बाद, चिहुन का छोटा भाई मर जाएगा लेकिन चिहुन प्रसिद्ध हो जाएगा . दोनों भविष्यवाणियाँ सटीक साबित हुईं। जब वह छोटा था तो उसके दादा ने उसे गो सिखाया था। चो में महान प्रतिभा को देखते हुए, उनके पिता ने उन्हें 1962 में जापान भेज दिया। सबसे महान गो खिलाड़ियों में से एक बनने का उनका सफर तब शुरू हुआ जब उन्होंने मिनोरू किटानी के गो स्कूल में दाखिला लिया। अगस्त 1962 में जापान के हनेडा हवाई अड्डे के रास्ते में उनके चाचा चो नामचुल और उनके भाई चो शोएन भी उनके साथ थे। उस समय वह केवल छह वर्ष के थे। हवाई अड्डे पर उनकी मुलाकात मिनोरू किटानी और उनकी पत्नी, एक अन्य शिष्य कोबायाशी चिज़ू और गुरु की बेटी रीको किटानी (जिसने एक वयस्क के रूप में चो के भावी प्रतिद्वंद्वी कोइची कोबायाशी से शादी की) से हुई। जापान पहुंचने के अगले दिन चो ने कितानी स्कूल में आयोजित एक पार्टी में रिन काइहो को फाइव स्टोन हैंडीकैप गेम में हराया, जिसमें कितानी छात्रों की कुल डैन रैंक 100 तक पहुंचने का जश्न मनाया गया था। एक बड़ी भीड़ ने इसे तीव्रता से देखा, जैसे कि यह कोई हो पेशेवर खेल. |
कलौंजी में इतने गुण होते हैं कि इसका इस्तेमाल कई असाध्य रोगों में किया जा सकता है. यह एक तरह का बीज है. इसे अंग्रेजी में Nigella Sativa कहते हैं. भारत के लगभग हर किचन में मिलने वाले कलौंजी में मौजूद तत्व शरीर को कई बीमारियों से दूर रखने का काम करते हैं. खासतौर से बाल से संबंधित परेशानियों से निजात दिलाने में यह बेहद अचूक नुस्खा है.
कलौंजी में आयरन, सोडियम, कैल्शियम, पोटैशियम और फाइबर होता है. यह अमीनो एसिड और प्रोटीन से भरपूर है. यही वजह है कि आयुर्वेद की दवाओं में इसका इस्तेमाल सदियों से होता आ रहा है. आइए जानते हैं कलौजी में और क्या-क्या फायदे पाए जाते हैं.
1. कलौंजी के बीजों को सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ खाएं तो डायबिटीज और एसिडिटी से राहत मिल सकती है.
2. साथ ही ये कील-मुंहासों की समस्याओं में भी राहत पहुंचाता है.
3. कलौंजी का इस्तेमाल दिमागी क्षमता बढ़ाने के लिए भी किया जाता है.
4. इसके अलावा कलौंजी अस्थमा और जोड़ों के दर्द में भी फायदेमंद होता है.
5. कलौंजी में पर्याप्त मात्रा में
एंटी-ऑक्सीडेंट्स
मौजूद होते हैं जो कैंसर जैसी बीमारी से सुरक्षा प्रदान करने में सहायक होते हैं.
6. अगर आपको कफ की समस्या है तो कलौंजी के तेल का इस्तेमाल आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा.
7. इसके अलावा यह खून में विषाक्त पदार्थों को साफ करने का काम करता है. सुबह के समय खाली पेट इसका इस्तेमाल करना कहीं अधिक फायदेमंद होता है.
8. कलौंजी का तेल में ऑलिव ऑयल और मेंहदी पाउडर को मिलाकर हल्का गर्म करें. जब यह मिश्रण ठंडा हो जाए तो इसे किसी शीशी में बंद करके रख दीजिए. इस तेल से सप्ताह में दो बार मसाज करने से गंजेपन की समस्या में राहत मिलती है.
9. कलौंजी की राख को
ऑलिव ऑयल
में मिलाकर मसाज करने से नए बाल आना शुरू हो जाएंगे.
10. सिर पर 20 मिनट तक नींबू के रस से मसाज करने के बाद बालों को अच्छी तरह साफ कर लें. इसके बाद कलौंजी के तेल से बालों में अच्छी तरह मसाज करें. 15 मिनट तक बालों को इसी तरह छोड़ दें. इस प्रक्रिया को नियमित करने से बालों के गिरने की समस्या दूर हो जाती है. |
SEBA HSLC Results 2018: बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन, असम (SEBA) ने 10वीं क्लास का रिजल्ट जारी कर दिया है. स्टूडेंट अपना रिजल्ट ऑफिशियल वेबसाइट sebaonine.org और results.sebaonline.org पर चेक कर सकते हैं. वेबसाइट के अलावा रिजल्ट मोबाइल एप्प और एसएमएस के जरिए भी हासिल किया जा सकता है. इस बार कुल 337570 स्टूडेंट्स एग्जाम में बैठे थे, जिसमें से 189191 पास होने में सफल रहे. इस बार कुल 56.04 फीसदी स्टूडेंट पास हुए हैं. पास होने वालों में 59 फीसदी लड़के और 53.23 फीसदी लड़कियां शामिल हैं.
सोनितपुर जिले के रक्तिम भुयान ने राज्य भर में टॉप किया है. उनके 600 में 593 अंक आए हैं. वहीं दूसरे स्थान पर अभिनाष कलिता और प्रीतपाल बेजबरुआ रहे, जिन्होंने 592 अंक हासिल किए. इसके अलावा आयाशा सिद्दिकी, जिंते देवी और अरबी चलीहा तीसरे स्थान पर रहे और उन्होंने 591 अंक हासिल किए. टिप्पणियां
पिछले बार की तुलना में इस बार का रिजल्ट अच्छा रहा. पिछले साल 47.94 फीसदी स्टूडेंट ह पास हुए थे. इस साल राज्य के धेमाजी जिले में पासिंग पर्सेंटेज सबसे ज्यादा रहा. यहां 79.76 फीसदी स्टूडेंट पास हुए. इस बार बोर्ड परीक्षा में 6477 स्टूडेंट डिस्टिंग्शन से पास हुए हैं.
SEBA के मुताबिक असम के सभी जिलों में बने एग्जाम सेंटर्स से सुबह 11 बजे से मार्कशीट और पास सर्टिफिकेट की हार्ड कॉपी मिलने लगेगी. आपको बता दें कि SEBA 10वीं की परीक्षा इस साल 16 फरवरी से आठ मार्च के बीच अआयोजित की गई थी.
सोनितपुर जिले के रक्तिम भुयान ने राज्य भर में टॉप किया है. उनके 600 में 593 अंक आए हैं. वहीं दूसरे स्थान पर अभिनाष कलिता और प्रीतपाल बेजबरुआ रहे, जिन्होंने 592 अंक हासिल किए. इसके अलावा आयाशा सिद्दिकी, जिंते देवी और अरबी चलीहा तीसरे स्थान पर रहे और उन्होंने 591 अंक हासिल किए. टिप्पणियां
पिछले बार की तुलना में इस बार का रिजल्ट अच्छा रहा. पिछले साल 47.94 फीसदी स्टूडेंट ह पास हुए थे. इस साल राज्य के धेमाजी जिले में पासिंग पर्सेंटेज सबसे ज्यादा रहा. यहां 79.76 फीसदी स्टूडेंट पास हुए. इस बार बोर्ड परीक्षा में 6477 स्टूडेंट डिस्टिंग्शन से पास हुए हैं.
SEBA के मुताबिक असम के सभी जिलों में बने एग्जाम सेंटर्स से सुबह 11 बजे से मार्कशीट और पास सर्टिफिकेट की हार्ड कॉपी मिलने लगेगी. आपको बता दें कि SEBA 10वीं की परीक्षा इस साल 16 फरवरी से आठ मार्च के बीच अआयोजित की गई थी.
पिछले बार की तुलना में इस बार का रिजल्ट अच्छा रहा. पिछले साल 47.94 फीसदी स्टूडेंट ह पास हुए थे. इस साल राज्य के धेमाजी जिले में पासिंग पर्सेंटेज सबसे ज्यादा रहा. यहां 79.76 फीसदी स्टूडेंट पास हुए. इस बार बोर्ड परीक्षा में 6477 स्टूडेंट डिस्टिंग्शन से पास हुए हैं.
SEBA के मुताबिक असम के सभी जिलों में बने एग्जाम सेंटर्स से सुबह 11 बजे से मार्कशीट और पास सर्टिफिकेट की हार्ड कॉपी मिलने लगेगी. आपको बता दें कि SEBA 10वीं की परीक्षा इस साल 16 फरवरी से आठ मार्च के बीच अआयोजित की गई थी.
SEBA के मुताबिक असम के सभी जिलों में बने एग्जाम सेंटर्स से सुबह 11 बजे से मार्कशीट और पास सर्टिफिकेट की हार्ड कॉपी मिलने लगेगी. आपको बता दें कि SEBA 10वीं की परीक्षा इस साल 16 फरवरी से आठ मार्च के बीच अआयोजित की गई थी. |
लोकसभा चुनाव 2019 (Elections 2019) के चौथे चरण का मतदान आज चल रहा है लेकिन ट्विटर पर हस्तियों की जंग जारी है. बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर (Swara Bhaskar) लगातार ट्विटर पर एक्टिव हैं और वे कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) के समर्थन में डटी हुई हैं. स्वरा भास्कर बेगूसराय लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे कन्हैया कुमार के लिए प्रचार भी कर चुकी हैं. अब ट्विटर की इस जंग में बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर (Anupam Kher) भी कूद पड़े हैं और उन्होंने सीधा निशाना बेगूसराय (Begusarai) सीट के प्रत्याशी पर साधा है. जिसका करारा जवाब उन्हें स्वरा भास्कर (Swara Bhaskar) ने दिया है और अनुपम खेर के ट्वीट का जवाब उन्होंने प्रज्ञा ठाकुर (Pragya Thakur) पर निशाना साधकर दिया है.
सुना है टुकड़े टुकड़े गैंग का एक सदस्य बेगुसराय से इलेक्शन लड़ रहा है। जो अपने देश का नहीं हो सकता वो आपका क्या होगा?
मैंने अपने इस ट्वीट में किसी का नाम नहीं लिया था। लेकिन सारे टुकड़े टुकड़े गैंग वाले अपना अपना नक़ाब उतार कर अपनी बिलों से बाहर निकल आए। बेचारे। https://t.co/s44agLIu7Q
बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर (Anupam Kher) ने बेगूसराय के प्रत्याशी पर निशाना साधते हुए लिखाः 'सुना है टुकड़े टुकड़े गैंग का एक सदस्य बेगूसराय से इलेक्शन लड़ रहा है. जो अपने देश का नहीं हो सकता वो आपका क्या होगा?' इस तरह अनुपम खेर के इस ट्वीट का आशय कन्हैया कुमार पर निशाने के तौर पर निकाला जा रहा है. इस पर तीखी प्रतिक्रिया भी आ रही है. हालांकि अनुपम खेर ने एक और ट्वीट किया हैः मैंने अपने इस ट्वीट में किसी का नाम नहीं लिया था. लेकिन सारे टुकड़े टुकड़े गैंग वाले अपना अपना नक़ाब उतार कर अपनी बिलों से बाहर निकल आए. बेचारे.'
Sir I think आप भोपाल की #BJP प्रत्याशी #PragyaThakur की बात कर रहें हैं! सही कहा - जो देश की ना हो सकी, जिसने आतंकवादी हमले द्वारा देश तोड़ने की कोशिश की.. वो भला भोपाल की या संसद की क्या होगी!!!!! जय हिंद! https://t.co/D9ORoma5Rt
स्वरा भास्कर (Swara Bhaskar) ने अनुपम खेर (Anupam Kher) के इस ट्वीट पर तीखी प्रतिक्रिया दी और उन्होंने अनुपम खेर को रिप्लाई करते हुए लिखाः 'सर मुझे लगता है कि आप भोपाल की बीजेपी (BJP) प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर (Pragya Thakur) की बात कर रहें हैं! सही कहा-जो देश की ना हो सकी, जिसने आतंकवादी हमले द्वारा देश तोड़ने की कोशिश की..वो भला भोपाल की या संसद की क्या होगी!!!!! जय हिंद!' इस तरह स्वरा भास्कर ने अनुपम खेर को करारा जवाब दिया है. |
बॉलीवुड एक्टर सलमान खान (Salman Khan) की 'दबंग 3' (Dabangg 3) इसी महीने रिलीज होने वाली है, ऐसे में फिल्म के रिलीज होने में ज्यादा वक्त नहीं बचा है. यूं तो दर्शकों में इस फिल्म को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. लेकिन हाल ही में सलमान खान ने बताया कि खुद उनके पिता सलीम खान (Salim Khan) ने 'दबंग 3' को लेकर कहा कि बेटा इसे भूल जाओ. सलमान खान ने अपने पिता के बारे में आगे बताया कि वह मेरे काम को लेकर काफी आलोचनात्मक हैं और इस बार उन्होंने मुझे 'दबंग 3' के लिए चिंता न करने की सलाह दी है. पूर्व स्क्रीन राइटर और सलमान खान के पिता सलीम खान की इस सलाह ने लोगों को हैरत में डाल दिया है. हालांकि, सलमान खान ने बताया कि उनके पिता ने उन्हें यह बात सकारात्मक रूप में कही है.
सलमान खान (Salman Khan) ने अपने पिता के बारे में बताते हुए कहा, "मेरे पिता हमारी फिल्मों के प्रति काफी आलोचनात्मक हैं. कई बार ऐसा होता है कि वह सामने से कहते हैं कि यह फिल्म चली गई बेटा, इसके बारे में भूल जाओ. इस बार 'दबंग 3' (Dabangg 3) के लिए भी उन्होंने यही शब्द कहें हैं, लेकिन यह बात उन्होंने बहुत ही सकारात्मक तरीके से कही है. उन्होंने मुझसे कहा कि भूल जाओ इसके बारे में, इस फिल्म के बारे में ज्यादा चिंता मत करो, इस फिल्म की सफलता को अपने सिर पर मत चढ़ने दो और अपनी अगली फिल्म के लिए कड़ी मेहनत करो."
बता दें कि इस बार 'दबंग 3' (Dabangg 3) हिंदी के साथ अन्य तीन भाषाओं में भी रिलीज होगी. इस बारे में बात करते हुए सलमान खान (Salman Khan) ने कहा, "मैंने दबंग 3 के ट्रेलर के लिए तमिल में डबिंग भी की है. यह चीज जब मैंने प्रभुदेवा को सुनाई तो उन्होंने सुनते ही कहा, 'सर ये कौन सी भाषा है." सलमान खान ने तमिल में डबिंग के बारे में बताते हुए कहा, "प्रभुदेवा ने मेरी डबिंग सुनने के बाद कहा कि हमें तमिल वर्जन में अच्छी डबिंग के लिए एक तमिल आर्टिस्ट मिल जाएगा, जिस पर मैंने कहा कि उन्हें मुझे कोशिश करने देनी चाहिए. मेरी इस बात पर प्रभुदेवा ने मुझे हंसते हुए सलाह दी कि सर आप हिंदी डबिंग पर ध्यान दो. लेकिन हां यह फिल्म तमिल, तेलुगू और कन्नड़ में रिलीज हो रही है." |
हम दोनों 2000 में सहारा वन पर प्रसारित एक हिंदी गाने का काउंटडाउन शो है। यह सीरीज दो लोगों की कहानी है।
राहुल और अंजलि
राहुल ( आर. माधवन ) और अंजलि ( तृप्ति तोराडमल ) एक साथ एक प्रतियोगिता में विश्व भ्रमण जीतते हैं, लेकिन वे एक-दूसरे के लिए पूरी तरह से अजनबी हैं। जब वे लंदन, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर के दौरे पर होते हैं, तो उन्हें एक-दूसरे को जानने का समय मिलता है। राहुल एक स्वतंत्र विचारों वाला व्यक्ति है, जबकि अंजलि एक आरक्षित व्यक्ति है। लेकिन धीरे-धीरे उनमें दोस्ती का बंधन जुड़ जाता है जो किसी हास्यप्रद स्थिति पर कायम होती है। बाद में राहुल को अंजलि से प्यार हो जाता है लेकिन अंजलि अब भी इस बात से इनकार करती है कि वह राहुल से प्यार करता है। राहुल द्वारा उसके साथ कुछ मज़ाक करने के बाद, अंजलि ने स्वीकार किया कि वह उससे प्यार करती है और साथ में उन्होंने अपना दौरा पूरा किया।
विक्रम/अजय और पियाशा/अमिता
पियाशा ( मालिनी शर्मा ) विश्व दौरे पर है, दौरे के दौरान उसकी मुलाकात विक्रम ( विशाल सिंह ) से होती है, दोनों दोस्त बन जाते हैं। वे एक साथ रोम, स्विट्जरलैंड और पेरिस की यात्रा करते हैं। अपने दौरे के दौरान पियाशा ने विक्रम को बताया कि उसका असली नाम अमिता है और वह अपने घर से भागी हुई है, विक्रम ने इसे स्वीकार कर लिया और कहा कि इससे वह जो है वह नहीं बदल जाएगी। इसके तुरंत बाद पियाशा को पता चला कि विक्रम का असली नाम अजय सूद है, जो एक जासूस था जिसे उसके पिता ने उस पर नज़र रखने के लिए काम पर रखा था। यह जानने के बाद पियाशा उस पर गुस्सा हो गई, लेकिन विक्रम ने उसे समझाया कि वह उसे पसंद करने लगा है इसलिए उसने उसे नहीं बताया। कुछ प्रफुल्लित करने वाली और हास्यप्रद स्थितियों के बाद विक्रम उसका दिल जीत लेता है और वे साथ मिलकर अपने दौरे का आनंद लेते हैं।
कलाकार
आर. माधवन . . . . राहुल
तृप्ति तोराडमल . . . . अंजलि
विशाल सिंह . . . . विक्रम/अजय
मालिनी शर्मा . . . . पियाशा/अमिता |
देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम है. कृष्ण जन्मोत्सव को लेकर ब्रज में जबरदस्त उत्साह है. ब्रज भूमि मथुरा के तमाम मंदिरों में रोशनी के खास इंतजाम किए गए हैं. पूरे मथुरा को इस खास मौके के लिए दुल्हन की तरह सजाया गया है. मथुरा और वृन्दावन में जन्माष्टमी के मौके पर भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं.टिप्पणियां
प्रशासन का अनुमान है कि इस बार 30 लाख लोग जन्माष्टमी मनाने मथुरा पहुंचेंगे. इसके मद्दे नज़र सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए है. मथुरा-वृन्दावन में चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात की गई है.
जनमाष्टमी के मौके पर देशभर के इस्कॉन मंदिरों को भी सजाया गया है. उधर,श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर महाराष्ट्र समेत पूरे देश में दही हांडी का उत्सव मनाया जा रहा है. मुंबई पुलिस ने सभी दही हांडी के आयोजकों को सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश का पालन करने को कहा है, लेकिन महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को नहीं मानने का ऐलान किया है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दही हांडी की ऊंचाई बढ़ाने वाली याचिका खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट का पुराना आदेश ही बरकरार रहेगा. इस आदेश के मुताबिक, दही हांडी की ऊंचाई 20 फीट से ज़्यादा नहीं होगी और इसमें 18 साल से कम उम्र के बच्चे शामिल नहीं होंगे.
प्रशासन का अनुमान है कि इस बार 30 लाख लोग जन्माष्टमी मनाने मथुरा पहुंचेंगे. इसके मद्दे नज़र सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए है. मथुरा-वृन्दावन में चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात की गई है.
जनमाष्टमी के मौके पर देशभर के इस्कॉन मंदिरों को भी सजाया गया है. उधर,श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर महाराष्ट्र समेत पूरे देश में दही हांडी का उत्सव मनाया जा रहा है. मुंबई पुलिस ने सभी दही हांडी के आयोजकों को सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश का पालन करने को कहा है, लेकिन महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को नहीं मानने का ऐलान किया है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दही हांडी की ऊंचाई बढ़ाने वाली याचिका खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट का पुराना आदेश ही बरकरार रहेगा. इस आदेश के मुताबिक, दही हांडी की ऊंचाई 20 फीट से ज़्यादा नहीं होगी और इसमें 18 साल से कम उम्र के बच्चे शामिल नहीं होंगे.
जनमाष्टमी के मौके पर देशभर के इस्कॉन मंदिरों को भी सजाया गया है. उधर,श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर महाराष्ट्र समेत पूरे देश में दही हांडी का उत्सव मनाया जा रहा है. मुंबई पुलिस ने सभी दही हांडी के आयोजकों को सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश का पालन करने को कहा है, लेकिन महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को नहीं मानने का ऐलान किया है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दही हांडी की ऊंचाई बढ़ाने वाली याचिका खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट का पुराना आदेश ही बरकरार रहेगा. इस आदेश के मुताबिक, दही हांडी की ऊंचाई 20 फीट से ज़्यादा नहीं होगी और इसमें 18 साल से कम उम्र के बच्चे शामिल नहीं होंगे. |
लेख: दिल्ली के बिंदापुर इलाके में बीते शुक्रवार की शाम को पुरानी रंजिश के चलते दो लोगों ने 30 साल के इमरान की गोली मारकर हत्या कर दी. यह पूरी वारदात घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है. दरअसल, रंजिश की शुरूआत साल 2013 में हुई थी, जब इमरान ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर सुमित और उसके दोस्तों पर हमला किया था. उस हमले में सुमित गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसके बाद उत्तम नगर थाने में 308 के तहत मामला दर्ज कर इमरान को गिरफ्तार किया था.
उसी मामले में पिछले साल सितंबर में इमरान और उसके साथियों को अदालत ने बरी कर दिया था. उसी रंजिश का बदला लेने के लिए सुमित और उसके एक दोस्त ने शुक्रवार शाम 6 बजकर 40 मिनट पर इमरान पर हमला कर दिया और देखते ही देखते उसको तीन गोलियां मार दीं. हमले में बुरी तरह से घायल इमरान को दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां शनिवार को उसकी मौत हो गई.
बहरहाल, पुलिस अब सुमित की तलाश कर रही है. |
श्रीगजवदन विनायकजी की आरती
आरति गजवदन विनायककी।
सुर-मुनि-पूजित गणनायककी ।।टेक।।
एकदंत शशिभाल गजानन,
विघ्नविनाशक शुभगुण कानन,
शिवसुत वन्द्यमान-चतुरानन,
दु:खविनाशक सुखदायककी ।।सुर.।।
ऋद्धि-सिद्धि-स्वामी समर्थ अति,
विमल बुद्धि दाता सुविरल-मति,
अघ-वन-दहन, अमल अबिगत गति,
विद्या-विनय-विभव-दायककी ।।सुर.।।
पिंगलनयन विशाल शुंडधर,
धूम्रवर्ण शुचि वज्रांकुश-कर,
लम्बोदर बाधा-विपत्ति-हर,
सुर-वन्दित सब विधि लायककी ।।सुर.।। |
ग्रेटर नोएडा की एसडीएम दुर्गाशक्ति नागपाल के निलंबन को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने बिल्कुल सही करार दिया है।
संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जो भी किया ठीक किया। अगर राज्य सरकार कार्रवाई नहीं करती तो समस्या होती।
वैसे, दुर्गाशक्ति के निलंबन पर राष्ट्रीय गुस्से के बावजूद समाजवादी पार्टी अड़ी हुई है। मुलायम का रवैया बता रहा है कि इस मामले में पार्टी कोई समझौता करने नहीं जा रही।
इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दुर्गाशक्ति के खिलाफ हुई कार्रवाई को उचित बताते हुए आज कहा कि गलती करने वाले अफसर को सजा मिलती है।
मुख्यमंत्री ने यहां मेधावी छात्रों के सम्मान संबंधी समारोह में कहा, यहां बहुत से ऐसे बच्चे बैठे होंगे, जिन्होंने गलती करने पर कभी ना कभी अपने शिक्षक या माता-पिता के हाथों मार खायी होगी...सरकार भी ऐसे ही चलती है, जो अधिकारी गलती करेगा, उसे सजा मिलेगी।
सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा है कि अगर केंद्र इस मामले में हस्ताक्षेप करना चाहता है तो वह उत्तर प्रदेश से सभी आईएएस अधिकारी वापस बुला लें। हम अपने आप मैनेज कर लेंगे।
वहीं आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की निलंबित अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के मामले में नियमों का पालन किया जाएगा।
दुर्गा शक्ति निलंबन मामले में सरकार के रुख पर एक मीडियाकर्मी द्वारा पूछे गए सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा, यहां निर्धारित नियम हैं। उनका पालन होगा। हम इस मामले की विस्तृत जानकारी लेने के लिए राज्य सरकार के संपर्क में हैं।टिप्पणियां
वर्ष 2009 बैच की 28 वर्षीया आईएएस अधिकारी नागपाल का उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 29 जुलाई को निलंबन किए जाने के बाद से जनता में रोष देखा जा रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से नागपाल के लिए न्यायपूर्ण कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग करते हुए कानून के पालन में तैनात अधिकारियों की सुरक्षा की जरूरत पर बल दिया।
संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जो भी किया ठीक किया। अगर राज्य सरकार कार्रवाई नहीं करती तो समस्या होती।
वैसे, दुर्गाशक्ति के निलंबन पर राष्ट्रीय गुस्से के बावजूद समाजवादी पार्टी अड़ी हुई है। मुलायम का रवैया बता रहा है कि इस मामले में पार्टी कोई समझौता करने नहीं जा रही।
इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दुर्गाशक्ति के खिलाफ हुई कार्रवाई को उचित बताते हुए आज कहा कि गलती करने वाले अफसर को सजा मिलती है।
मुख्यमंत्री ने यहां मेधावी छात्रों के सम्मान संबंधी समारोह में कहा, यहां बहुत से ऐसे बच्चे बैठे होंगे, जिन्होंने गलती करने पर कभी ना कभी अपने शिक्षक या माता-पिता के हाथों मार खायी होगी...सरकार भी ऐसे ही चलती है, जो अधिकारी गलती करेगा, उसे सजा मिलेगी।
सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा है कि अगर केंद्र इस मामले में हस्ताक्षेप करना चाहता है तो वह उत्तर प्रदेश से सभी आईएएस अधिकारी वापस बुला लें। हम अपने आप मैनेज कर लेंगे।
वहीं आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की निलंबित अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के मामले में नियमों का पालन किया जाएगा।
दुर्गा शक्ति निलंबन मामले में सरकार के रुख पर एक मीडियाकर्मी द्वारा पूछे गए सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा, यहां निर्धारित नियम हैं। उनका पालन होगा। हम इस मामले की विस्तृत जानकारी लेने के लिए राज्य सरकार के संपर्क में हैं।टिप्पणियां
वर्ष 2009 बैच की 28 वर्षीया आईएएस अधिकारी नागपाल का उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 29 जुलाई को निलंबन किए जाने के बाद से जनता में रोष देखा जा रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से नागपाल के लिए न्यायपूर्ण कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग करते हुए कानून के पालन में तैनात अधिकारियों की सुरक्षा की जरूरत पर बल दिया।
वैसे, दुर्गाशक्ति के निलंबन पर राष्ट्रीय गुस्से के बावजूद समाजवादी पार्टी अड़ी हुई है। मुलायम का रवैया बता रहा है कि इस मामले में पार्टी कोई समझौता करने नहीं जा रही।
इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दुर्गाशक्ति के खिलाफ हुई कार्रवाई को उचित बताते हुए आज कहा कि गलती करने वाले अफसर को सजा मिलती है।
मुख्यमंत्री ने यहां मेधावी छात्रों के सम्मान संबंधी समारोह में कहा, यहां बहुत से ऐसे बच्चे बैठे होंगे, जिन्होंने गलती करने पर कभी ना कभी अपने शिक्षक या माता-पिता के हाथों मार खायी होगी...सरकार भी ऐसे ही चलती है, जो अधिकारी गलती करेगा, उसे सजा मिलेगी।
सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा है कि अगर केंद्र इस मामले में हस्ताक्षेप करना चाहता है तो वह उत्तर प्रदेश से सभी आईएएस अधिकारी वापस बुला लें। हम अपने आप मैनेज कर लेंगे।
वहीं आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की निलंबित अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के मामले में नियमों का पालन किया जाएगा।
दुर्गा शक्ति निलंबन मामले में सरकार के रुख पर एक मीडियाकर्मी द्वारा पूछे गए सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा, यहां निर्धारित नियम हैं। उनका पालन होगा। हम इस मामले की विस्तृत जानकारी लेने के लिए राज्य सरकार के संपर्क में हैं।टिप्पणियां
वर्ष 2009 बैच की 28 वर्षीया आईएएस अधिकारी नागपाल का उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 29 जुलाई को निलंबन किए जाने के बाद से जनता में रोष देखा जा रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से नागपाल के लिए न्यायपूर्ण कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग करते हुए कानून के पालन में तैनात अधिकारियों की सुरक्षा की जरूरत पर बल दिया।
इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दुर्गाशक्ति के खिलाफ हुई कार्रवाई को उचित बताते हुए आज कहा कि गलती करने वाले अफसर को सजा मिलती है।
मुख्यमंत्री ने यहां मेधावी छात्रों के सम्मान संबंधी समारोह में कहा, यहां बहुत से ऐसे बच्चे बैठे होंगे, जिन्होंने गलती करने पर कभी ना कभी अपने शिक्षक या माता-पिता के हाथों मार खायी होगी...सरकार भी ऐसे ही चलती है, जो अधिकारी गलती करेगा, उसे सजा मिलेगी।
सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा है कि अगर केंद्र इस मामले में हस्ताक्षेप करना चाहता है तो वह उत्तर प्रदेश से सभी आईएएस अधिकारी वापस बुला लें। हम अपने आप मैनेज कर लेंगे।
वहीं आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की निलंबित अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के मामले में नियमों का पालन किया जाएगा।
दुर्गा शक्ति निलंबन मामले में सरकार के रुख पर एक मीडियाकर्मी द्वारा पूछे गए सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा, यहां निर्धारित नियम हैं। उनका पालन होगा। हम इस मामले की विस्तृत जानकारी लेने के लिए राज्य सरकार के संपर्क में हैं।टिप्पणियां
वर्ष 2009 बैच की 28 वर्षीया आईएएस अधिकारी नागपाल का उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 29 जुलाई को निलंबन किए जाने के बाद से जनता में रोष देखा जा रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से नागपाल के लिए न्यायपूर्ण कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग करते हुए कानून के पालन में तैनात अधिकारियों की सुरक्षा की जरूरत पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने यहां मेधावी छात्रों के सम्मान संबंधी समारोह में कहा, यहां बहुत से ऐसे बच्चे बैठे होंगे, जिन्होंने गलती करने पर कभी ना कभी अपने शिक्षक या माता-पिता के हाथों मार खायी होगी...सरकार भी ऐसे ही चलती है, जो अधिकारी गलती करेगा, उसे सजा मिलेगी।
सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा है कि अगर केंद्र इस मामले में हस्ताक्षेप करना चाहता है तो वह उत्तर प्रदेश से सभी आईएएस अधिकारी वापस बुला लें। हम अपने आप मैनेज कर लेंगे।
वहीं आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की निलंबित अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के मामले में नियमों का पालन किया जाएगा।
दुर्गा शक्ति निलंबन मामले में सरकार के रुख पर एक मीडियाकर्मी द्वारा पूछे गए सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा, यहां निर्धारित नियम हैं। उनका पालन होगा। हम इस मामले की विस्तृत जानकारी लेने के लिए राज्य सरकार के संपर्क में हैं।टिप्पणियां
वर्ष 2009 बैच की 28 वर्षीया आईएएस अधिकारी नागपाल का उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 29 जुलाई को निलंबन किए जाने के बाद से जनता में रोष देखा जा रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से नागपाल के लिए न्यायपूर्ण कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग करते हुए कानून के पालन में तैनात अधिकारियों की सुरक्षा की जरूरत पर बल दिया।
सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा है कि अगर केंद्र इस मामले में हस्ताक्षेप करना चाहता है तो वह उत्तर प्रदेश से सभी आईएएस अधिकारी वापस बुला लें। हम अपने आप मैनेज कर लेंगे।
वहीं आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की निलंबित अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के मामले में नियमों का पालन किया जाएगा।
दुर्गा शक्ति निलंबन मामले में सरकार के रुख पर एक मीडियाकर्मी द्वारा पूछे गए सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा, यहां निर्धारित नियम हैं। उनका पालन होगा। हम इस मामले की विस्तृत जानकारी लेने के लिए राज्य सरकार के संपर्क में हैं।टिप्पणियां
वर्ष 2009 बैच की 28 वर्षीया आईएएस अधिकारी नागपाल का उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 29 जुलाई को निलंबन किए जाने के बाद से जनता में रोष देखा जा रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से नागपाल के लिए न्यायपूर्ण कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग करते हुए कानून के पालन में तैनात अधिकारियों की सुरक्षा की जरूरत पर बल दिया।
वहीं आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की निलंबित अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के मामले में नियमों का पालन किया जाएगा।
दुर्गा शक्ति निलंबन मामले में सरकार के रुख पर एक मीडियाकर्मी द्वारा पूछे गए सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा, यहां निर्धारित नियम हैं। उनका पालन होगा। हम इस मामले की विस्तृत जानकारी लेने के लिए राज्य सरकार के संपर्क में हैं।टिप्पणियां
वर्ष 2009 बैच की 28 वर्षीया आईएएस अधिकारी नागपाल का उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 29 जुलाई को निलंबन किए जाने के बाद से जनता में रोष देखा जा रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से नागपाल के लिए न्यायपूर्ण कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग करते हुए कानून के पालन में तैनात अधिकारियों की सुरक्षा की जरूरत पर बल दिया।
दुर्गा शक्ति निलंबन मामले में सरकार के रुख पर एक मीडियाकर्मी द्वारा पूछे गए सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा, यहां निर्धारित नियम हैं। उनका पालन होगा। हम इस मामले की विस्तृत जानकारी लेने के लिए राज्य सरकार के संपर्क में हैं।टिप्पणियां
वर्ष 2009 बैच की 28 वर्षीया आईएएस अधिकारी नागपाल का उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 29 जुलाई को निलंबन किए जाने के बाद से जनता में रोष देखा जा रहा है।
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वर्ष 2009 बैच की 28 वर्षीया आईएएस अधिकारी नागपाल का उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 29 जुलाई को निलंबन किए जाने के बाद से जनता में रोष देखा जा रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से नागपाल के लिए न्यायपूर्ण कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग करते हुए कानून के पालन में तैनात अधिकारियों की सुरक्षा की जरूरत पर बल दिया।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से नागपाल के लिए न्यायपूर्ण कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग करते हुए कानून के पालन में तैनात अधिकारियों की सुरक्षा की जरूरत पर बल दिया। |
लेख: यूरोपीय संघ की नौसेना ने गुरुवार को कहा कि लीबिया के तट के पास एक जहाज के डूब जाने से 30 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है, जबकि 50 प्रवासियों को डूबने से बचा लिया गया।
भूमध्यसागर में मानव तस्करों से निपटने के लिए यूरोपीय संघ द्वारा चलाए जा रहे सोफिया सैन्य अभियान के प्रवक्ता कैप्टन एंटोनेलो डी रेंजिस सोन्निनो ने कहा, 'हमारा आकलन है कि 20 से 30 के बीच लोग मारे गए।' उन्होंने कहा कि लक्जमबर्ग के एक विमान ने लीबिया के तट से करीब 35 समुद्री मील दूर डूबा हुआ जहाज देखा। करीब 100 प्रवासी पानी में थे या डूबते जहाज को पकड़े हुए थे।टिप्पणियां
स्पेनिश युद्धपोत रियना सोफिया और इतालवी तटरक्षक बल घटनास्थल पर पहुंचा और पानी में लाइफ-फ्लोट्स एवं जैकेट फेंके। सोन्निनो ने कहा, 'बदकिस्मती से वहां शव भी थे।' उन्होंने कहा कि बचाव अभियान अब भी चल रहा है। इससे पहले बुधवार को भी एक हादसा हुआ था, जिसमें प्रवासियों की एक नाव समुद्र में पलट गई थी, जिससे पांच लोग मारे गए थे। मंगलवार को हुए एक दूसरे नौका हादसे में एक दंपति की मौत हो गई, जबकि उनकी बच्ची बच गई थी। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
भूमध्यसागर में मानव तस्करों से निपटने के लिए यूरोपीय संघ द्वारा चलाए जा रहे सोफिया सैन्य अभियान के प्रवक्ता कैप्टन एंटोनेलो डी रेंजिस सोन्निनो ने कहा, 'हमारा आकलन है कि 20 से 30 के बीच लोग मारे गए।' उन्होंने कहा कि लक्जमबर्ग के एक विमान ने लीबिया के तट से करीब 35 समुद्री मील दूर डूबा हुआ जहाज देखा। करीब 100 प्रवासी पानी में थे या डूबते जहाज को पकड़े हुए थे।टिप्पणियां
स्पेनिश युद्धपोत रियना सोफिया और इतालवी तटरक्षक बल घटनास्थल पर पहुंचा और पानी में लाइफ-फ्लोट्स एवं जैकेट फेंके। सोन्निनो ने कहा, 'बदकिस्मती से वहां शव भी थे।' उन्होंने कहा कि बचाव अभियान अब भी चल रहा है। इससे पहले बुधवार को भी एक हादसा हुआ था, जिसमें प्रवासियों की एक नाव समुद्र में पलट गई थी, जिससे पांच लोग मारे गए थे। मंगलवार को हुए एक दूसरे नौका हादसे में एक दंपति की मौत हो गई, जबकि उनकी बच्ची बच गई थी। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
स्पेनिश युद्धपोत रियना सोफिया और इतालवी तटरक्षक बल घटनास्थल पर पहुंचा और पानी में लाइफ-फ्लोट्स एवं जैकेट फेंके। सोन्निनो ने कहा, 'बदकिस्मती से वहां शव भी थे।' उन्होंने कहा कि बचाव अभियान अब भी चल रहा है। इससे पहले बुधवार को भी एक हादसा हुआ था, जिसमें प्रवासियों की एक नाव समुद्र में पलट गई थी, जिससे पांच लोग मारे गए थे। मंगलवार को हुए एक दूसरे नौका हादसे में एक दंपति की मौत हो गई, जबकि उनकी बच्ची बच गई थी। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) |
बॉलीवुड अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन के लिए मातृत्व पहली प्राथमिकता है और रुपहले पर्दे पर फिलहाल लौटने का उनका कोई इरादा भी नहीं है. पिछले साल नवंबर में ऐश्वर्या ने पहली बेटी आराध्या को जन्म दिया था.
भारतीय मूल के ब्रिटिश सांसद कीथ वाज़ की 25वीं वषर्गांठ में शिरकत करने आईं ऐश्वर्या ने कहा, ‘मां बनने का एहसास काफी सुखद है, मैं इसका पूरा आनंद उठा रही हूं.’ पिछली रात को इडवर्ड हिथ्रो होटल में रात्रि भोज के दौरान 38 वर्षीय इस पूर्व विश्व सुंदरी और उनके अभिनेता पति अभिषेक बच्चन को देखा गया था.
ऐश्वर्या के मातृत्व की जिम्मेदारियों को बांटने के सवाल पर अभिषेक ने कहा, ‘मैं दोषी हूं, क्योंकि न तो मैं अपनी बेटी की नैपी बदलने के लिए बहुत वक्त नहीं दे पा रहा हूं. सारे कठिन काम वह करती है.’ बड़े पर्दे पर पिछली बार ऐश्वर्या ‘गुजारिश’ फिल्म में नजर आई थीं.
ऐश्वर्या का इरादा फिलहाल काम पर लौटने का नहीं है. ड्रीम रोल के बारे में पूछने पर वह कहती हैं, 'मैंने अब तक इस बारे में कुछ सोचा नहीं है.' इसी प्रश्न के जवाब में अभिषेक ने कहा, ‘हम अपने सपने को हर रोज जीते हैं.’ अभिषेक के साथ शादी को ऐश्वर्या अपने जीवन का सबसे खुशनुमा दिन बताती हैं. वहीं वाज़ ने बताया कि सेहत को लेकर डॉक्टरों ने अमिताभ बच्चन को आराम करने की सलाह दी है, इसलिए वह कार्यक्रम में शरीक नहीं कर पाए.
अभिषेक और ऐश्वर्या के साथ जया बच्चन आई हैं लेकिन बेटी आराध्या का ध्यान रखने के कारण वह रात्रि भोज में शामिल नहीं हो सकीं.’ रोहित शेट्टी द्वारा निर्देशित उनकी अगली फिल्म ‘बोल बच्चन’ में अभिषेक बच्चन नजर आएंगे. अजय देवगन के साथ काम करने को उन्होंने काफी अच्छा अनुभव बताया. |
लेख: अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सीरिया के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय आम सहमति बनाने के प्रयास के तहत सउदी अरब के शाह और ब्रिटिश प्रधानमंत्री से बातचीत की है। सीरिया में बशर अल असद की सरकार प्रदर्शनकारियों के खिलाफ लगातार बल प्रयोग कर रही है। प्रदर्शनकारी असद को अपदस्थ करने की मांग कर रहे हैं। व्हाइट हाउस ने एक बयान में बताया कि ओबामा ने कल सउदी अरब के शाह और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री से इस मुद्दे पर बातचीत की। बयान में कहा गया कि ओबामा और सउदी अरब के शाह अब्दुल्ला ने सीरिया में नागरिकों के खिलाफ सरकार द्वारा हिंसा का इस्तेमाल किए जाने पर चिंता व्यक्त की। इसमें कहा गया वे इस बात पर सहमत हुए कि सीरियाई लोगों के खिलाफ सरकार की बर्बर कार्रवाई तत्काल रुकनी चाहिए। ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के साथ टेलीफोन पर हुई बातचीत में भी ओबामा ने सीरिया की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। व्हाइट हाउस ने बताया कि दोनों नेताओं ने सीरिया सरकार की गतिवधियों पर करीब से नजर रखने और आगामी दिनों में अगले कदमों पर चर्चा जारी रखने पर भी सहमति जताई। इसके अतिरिक्त उन्होंने वैश्विक वित्तीय व्यवस्था लीबिया आफर अफगानिस्तान को लेकर भी चर्चा की। कैमरन ने अफगानिस्तान में छह अगस्त को हेलीकाप्टर हादसे में हुई जन हानि को लेकर संवेदना व्यक्त की। ओबामा ने ब्रिटेन के शहरों में कई दिन तक चले दंगों और लूटपाट के बाद कानून व्यवस्था की स्थिति बहाल होने पर कैमरन की प्रशंसा की। |
रा.वन () एक २०११ की भारतीय सुपरहीरो फ़िल्म है, जो अनुभव सिन्हा द्वारा लिखी और निर्देशित की गयी है। फ़िल्म में शाहरुख खान दोहरी भूमिकाओं में नज़र आते हैं, एक कंप्यूटर खेल विकासकर्ता और जी॰वन सुपर हीरो के रूप में। फ़िल्म में रा॰वन के रूप में अर्जुन रामपाल हैं। फ़िल्म में करीना कपूर और अरमान वर्मा भी हैं। शहना गोस्वामी, दलीप तहिल और चीनी अमेरिकी अभिनेता टॉम वू समर्थन भूमिका में दिखाई देते हैं। रजनीकांत, संजय दत्त और प्रियंका चोपड़ा अतिथि भूमिका में दिखाई देते हैं।
कथानक
जेनी नायर (शहाना गोस्वमी) यूनाइटेड किंगडम में स्थित बर्रों इंडस्ट्री की कार्यकर्ता एक नई तकनीक का अनावरण करती है जिसके ज़रिए डिजिटल दुनिया की चीज़ें असली दुनिया में वायरलेस ट्रांसमिशन की मदद से लाई जा सकती है। शेखर सुब्रमनियम (शाहरुख खान), उसी कंपनी में काम करने वाले, को एक नया गेम विकसित करने का आखरी मौका दिया जाता है। अपने बेटे प्रतीक (अरमान वर्मा) को प्रभावित करने के लिए अपनी पत्नी सोनिया (करीना कपूर) के आग्रह पर वह अपने बेटे का विचार ध्यान में रख कर गेम का गुंडा हीरो से अधिक ताकतवर बनाता है
आकाशी (टॉम वू) किरदार को शैली, जेनी उसकी प्रोग्रामिंग और शेखर हीरो जी.वन को अपनी शक्ल देता है और रा.वन को बिना शक्ल वाला गुंडा बनाता है जिसमे जी.वन से अधिक शक्तियां है। गेम में तीन लेवल होतें है और दोनों खिलाडियों में से एक केवल तीसरी और आखरी लेवल में एक खास बन्दुक की सिर्फ एक गोली से मारा जा सकता है। गेम डिज़ाइन करते वक्त आकाशी को कुछ गडबड नज़र आती है पर वह उसे नज़रंदाज़ कर देता है। गेम जब लॉन्च होता है तो उसे काफ़ी सराहा जाता है और प्रतीक को वह इतना पसंद आता है की वह तुरंत उसे खेलना शुरू कर देता है। वह अपने किरदार "लुसिफर" के नाम से दूसरी लेवल तक पहुँच जाता है पर आकाशी उसे रोक कर घर जाने को कहता है। रा.वन अपनी बारी ना खेल पाने के कारण लुसिफर को मारने का तय करता है।
जब मेनफ्रेम बंद नहीं होता तब आकाशी शेखर को बुलाता है जिसे कुछ गडबडी नज़र आती है। रा.वन नई तकनीक का उपयोग करके असली दुनिया में आ जाता है और रा.वन आकाशी को मार कर उसका रूप ले लेता है शेखर लुसिफर की तलाश में निकल जाता है। शेखर घर पहुँचने की कोशिश करता है पर रा.वन उसे रोक लेता है। शेखर अपने बेटे को बचने के लिए खुद का नाम लुसिफर बताता है पर रा.वन झूठ पकड़ लेता है और उसे मार देता है। अपने पिता की मृत्यु की जगह पर रा. वन के मारने का निशान देख कर प्रतीक समझ जाता है कि रा.वन बाहर आ चुका है। वह जेनी के साथ शेखर के ऑफिस जाकर रा.वन को रोंकने के लिए उसका प्रोग्राम खोजता है तभी उस कंप्यूटर में डिस्प्ले होता है कि रा.वन का प्रोग्राम तो उसमें है ही नहीं, फिर प्रतीक को याद आता है कि रा.वन को रोकने का एक ही तरीका है जी.वन। वो जी. वन को असली जिंदगी में लाने की कोशिश करता है पर हार्ट न होने के कारण उसका प्लान फेल हो जाता। फिर वो आकाशी से फ़ोन पर मदद मांगता है (जो रा. वन है) और फ़ोन में यह बता देता है कि वो ही लूसिफेर है तभी जेनी आकाशी का मरा हुआ शरीर देखती है और प्रतीक को पता चल जाता है कि वोह जिससे बात कर रहा है वो तो हकीकत में रा. वन है। रा. वन प्रतीक को मारने के लिए ऑफिस निकल जाता है। जेनी प्रतीक को समझाती है कि रा. वन उसे मारने आ रहा है, जेनी को नहीं। सोनिया आकर प्रतीक को घर ले जाती है ताकि दोनों भारत लौट सके रा. वन दोनों का पीछा करता है पर जी.वन जेनी के कंप्यूटर की मदद से बाहर आकार उन दोनों को बचा लेता है। वह रा.वन को धमाके से उड़ा देता है जिससे उसके छोटे छोटे टुकड़े बन जाते है और फिर उसका "हार्ट" जी.वन ले लेता है। जी.वन को लेकर सोनिया भारत आ जाती है और जी.वन उसे वादा करता है की वह उन दोनों को हर मुसीबत से बचाएगा। रा.वन जुड कर वापस ज़िंदा हो जाता है और एक इश्तिहार में मॉडल (अर्जुन रामपाल) को देख कर अपना रूप बदल लेता है और जी.वन के पीछे निकल पड़ता है।
प्रतीक की जन्मदिन की पार्टी में रा.वन सोनिया को सम्मोहित करके उसका रूप ले लेता है और प्रतीक को अगवा कर लेता है। वह जी.वन को अपना हार्ट वापस देने को कहता है और सोनिया को मुंबई एक बेकाबू लोकल ट्रेन में छोड देता है। जी.वन सोनिया को सही वक्त पर बचा लेता है और प्रतीक को बचने निकल पड़ता है। रा.वन से सामना होने पर गेम वापस शुरू हो जाता है और प्रतीक जी.वन को काबू करने लगता है। एक लंबी लड़ाई के बाद दोनों तीसरे लेवल में पहुँच जाते है। रा.वन बन्दूक से जी.वन को मार देता है परन्तु जी.वन में उसका हार्ट न होने के आखिरकार वह बच जाता है। इस बात से गुस्सा हो कर रा.वन अपने दस हमशक्ल बना लेता है। प्रतीक और जी.वन को ध्यान आता है कि केवल एक ही रा.वन की परछाई गिर रही है और वे उसे मार देते है। रा.वन को अपने में मिला कर जी.वन वापस डिजिटल विश्व में लौट जाता है। कई महीनो बाद प्रतीक और सोनिया वापस यूके आ जाते है जहां प्रतीक जी.वन को वापस असली दुनिया में लाने में कामियाब हो जाता है।
शाहरुख खान - शेखर सुब्र्हमन्यम व जी.वन
करीना कपूर - सोनिया सुब्र्हमन्यम
अर्जुन रामपाल - रा.वन
अरमान वर्मा - प्रतिक सुब्र्हमन्यम (लुसिफर)
शहाना गोस्वमी - जेनी नायर
टॉम वू - आकाशी
दलिप ताहिल - बैरन
सुरेश मेनन - टैक्सी चालक
सतिश शाह - अय्यिर
रजनिकांत - चिट्टी बाबू (अतिथी कलाकार)
संजय दत्त - खलनायक (अतिथी कलाकार)
प्रियंका चोपड़ा - देसी गर्ल (अतिथी कलाकार)
संगीत
रा.वन का संगीत विशाल-शेखर द्वारा बनाया गया है औए टी-सीरिज़ द्वारा १२ सितंबर २०११ को रिलीज़ किया गया।
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
अधिकृत वेबसाइट
2011 में बनी हिन्दी फ़िल्म |
जबर्दस्त गर्मी की वजह से उड़ीसा में छह और लोगों की मौत होने के साथ ही राज्य में गर्मी की वजह से मरने वालों की कुल संख्या 60 हो गयी है वहीं जम्मू कश्मीर और हिमाचल के ऊपरी हिस्सों में हुई बारिश और हिमपात ने पारे को कम किया और तप रहे उत्तर भारत को चैन के दो पल दिए.
उड़ीसा के ढेंकानाल, नुआपाड़ा, संबलपुर और गंजम जिलों में गर्मी से मौत के ताजा मामले सामने आए हैं. तालचर जिले का तापमान आज 46.2 डिग्री सेल्सियस के स्तर को छू गया.
जम्मू कश्मीर में 11,578 फुट की उंचाई पर जोजिला दर्रे पर हुए हिमपात से श्रीनगर लेह राजमार्ग सुबह बंद हो गया.
दोपहर तक सड़क पर नौ इंच बर्फ जम चुकी थी और राजमार्ग पर भूस्खलन की भी कई घटनाएं हुई. कश्मीर के भी कई उंचाई वाले स्थानों पर हल्की और भारी वष्रा की खबरें आईं.
मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हिमपात के कारण गुलमर्ग में रात का तापमान शून्य जा पहुंचा. हिमाचल में भी तकरीबन यही स्थिति रही जहां ऊपरी हिस्सों में बारिश और बर्फ गिरी.
लाहौल-स्पिति से मिली रिपोर्ट के मुताबिक हिमपात के कारण रोहतांग दर्रा बंद हो गया. वहीं शिमला और नीचे के दूसरे इलाके में बारिश ने पारे को नीचे धकेला.
शिमला में अधिकतम तापमान 24.7 डिग्री दर्ज किया गया जोकि पिछले दिन के 26.1 की तुलना में कम था. पंजाब में अमृतसर में बारिश हुई और वह राज्य का सबसे ठंडा स्थान रहा. यहां दिन का तापमान 32.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. यह सामान्य से सात डिग्री कम था. लुधियाना और पटियाला में भी हल्की बारिश ने तापमान को कम किया.
मौसम अधिकारियों ने बताया कि लुधियाना में तापमान 35 तो पटियाला में 38.1 डिग्री दर्ज किया गया. हरियाणा के अंबाला में पारा 38.2 डिग्री को छूआ, वहीं हिसार में यह 38.9 डिग्री सेल्यिस पर जा पहुंचा. चंडीगढ में धूल भरी आंधियां आईं तो बीती रात यहां बारिश ने भी दस्तक दी. यहां का तापमान 38.5 डिग्री रहा.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी पारा नीचे गिरा. यहां अधिकतम तापमान 40.7 डिग्री सेल्यिस रहा. यहां का न्यूनतम तापमान 30.5 डिग्री रहा जोकि पिछले 41 साल में दूसरा सर्वाधिक तापमान था. मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि शहर में आद्रता का स्तर 13 से 37 प्रतिशत के बीच रहा. |
शनिवार को आजाद मैदान पर हुई तोड़फोड़ एक सुनियोजत साज़िश नज़र आ रही है। हालांकि यह साज़िश किसकी हो सकती है... इसको लेकर पुलिस कमिश्नर और क्राइम ब्रांच की राय अलग−अलग नज़र आ रही है।
आजाद मैदान पर हुआ दंगा मुबंई पु्लिस की नाकामी की एक बड़ी कहानी कहता है। वह भी तब जब पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने पुलिस कमिश्नर समेत तमाम आला अफसरों को आजाद मौदान पर बड़ी तादाद में लोगों के उमड़ने की आशंका जताई थी।
मुंबई में किसी भी भीड़ की ऐसी हिमाकत इससे पहले शायद ही कभी दिखी हो… कुछ पल के लिए नहीं… बल्कि करीब आधे घंटे से भी ज्यादा देर तक सड़क पर हिंसा का रंग दिखा... वह भी मुबंई पुलिस मुख्यालय से मात्र महज़ मिनटों की दूरी पर।
पुलिस जान बचाकर भागती दिखी… और दंगाई निडर होकर कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते रहे। लेकिन मुंबई पुलिस के मुखिया अपनी कमज़ोरी मानने को तैयार नहीं हैं।
आयोजकों ने आजाद मैदान पर सभा के लिए इजाजत मांगते समय भले ही 1500 लोगों के आने की बात कही लेकिन मैदान को भरने और अपनी ताकत दिखाने की तैयारी वे चुपचाप करते रहे।टिप्पणियां
बताया जा रहा है कि इसके लिए कुर्ला, नेहरू नगर, भिवंडी, और जोगेश्वरी जैसे इलाकों में भड़काऊ भाषण भी दिए गए। सोशल वेबसाइट और एमएमस का भी सहारा लिया।
हैरानी की बात है कि मुबंई पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने इसकी ख़ुफ़िया जानकारी मुंबई के आला अफसरों को वक़्त रहते दे दी थी लेकिन सिर्फ 700 पुलिस बल का एक रुटीन सा बंदोबस्त लगाकर पुलिस ने अपनी ज़िम्मेदारी को ख़त्म मान लिया।
आजाद मैदान पर हुआ दंगा मुबंई पु्लिस की नाकामी की एक बड़ी कहानी कहता है। वह भी तब जब पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने पुलिस कमिश्नर समेत तमाम आला अफसरों को आजाद मौदान पर बड़ी तादाद में लोगों के उमड़ने की आशंका जताई थी।
मुंबई में किसी भी भीड़ की ऐसी हिमाकत इससे पहले शायद ही कभी दिखी हो… कुछ पल के लिए नहीं… बल्कि करीब आधे घंटे से भी ज्यादा देर तक सड़क पर हिंसा का रंग दिखा... वह भी मुबंई पुलिस मुख्यालय से मात्र महज़ मिनटों की दूरी पर।
पुलिस जान बचाकर भागती दिखी… और दंगाई निडर होकर कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते रहे। लेकिन मुंबई पुलिस के मुखिया अपनी कमज़ोरी मानने को तैयार नहीं हैं।
आयोजकों ने आजाद मैदान पर सभा के लिए इजाजत मांगते समय भले ही 1500 लोगों के आने की बात कही लेकिन मैदान को भरने और अपनी ताकत दिखाने की तैयारी वे चुपचाप करते रहे।टिप्पणियां
बताया जा रहा है कि इसके लिए कुर्ला, नेहरू नगर, भिवंडी, और जोगेश्वरी जैसे इलाकों में भड़काऊ भाषण भी दिए गए। सोशल वेबसाइट और एमएमस का भी सहारा लिया।
हैरानी की बात है कि मुबंई पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने इसकी ख़ुफ़िया जानकारी मुंबई के आला अफसरों को वक़्त रहते दे दी थी लेकिन सिर्फ 700 पुलिस बल का एक रुटीन सा बंदोबस्त लगाकर पुलिस ने अपनी ज़िम्मेदारी को ख़त्म मान लिया।
मुंबई में किसी भी भीड़ की ऐसी हिमाकत इससे पहले शायद ही कभी दिखी हो… कुछ पल के लिए नहीं… बल्कि करीब आधे घंटे से भी ज्यादा देर तक सड़क पर हिंसा का रंग दिखा... वह भी मुबंई पुलिस मुख्यालय से मात्र महज़ मिनटों की दूरी पर।
पुलिस जान बचाकर भागती दिखी… और दंगाई निडर होकर कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते रहे। लेकिन मुंबई पुलिस के मुखिया अपनी कमज़ोरी मानने को तैयार नहीं हैं।
आयोजकों ने आजाद मैदान पर सभा के लिए इजाजत मांगते समय भले ही 1500 लोगों के आने की बात कही लेकिन मैदान को भरने और अपनी ताकत दिखाने की तैयारी वे चुपचाप करते रहे।टिप्पणियां
बताया जा रहा है कि इसके लिए कुर्ला, नेहरू नगर, भिवंडी, और जोगेश्वरी जैसे इलाकों में भड़काऊ भाषण भी दिए गए। सोशल वेबसाइट और एमएमस का भी सहारा लिया।
हैरानी की बात है कि मुबंई पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने इसकी ख़ुफ़िया जानकारी मुंबई के आला अफसरों को वक़्त रहते दे दी थी लेकिन सिर्फ 700 पुलिस बल का एक रुटीन सा बंदोबस्त लगाकर पुलिस ने अपनी ज़िम्मेदारी को ख़त्म मान लिया।
पुलिस जान बचाकर भागती दिखी… और दंगाई निडर होकर कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते रहे। लेकिन मुंबई पुलिस के मुखिया अपनी कमज़ोरी मानने को तैयार नहीं हैं।
आयोजकों ने आजाद मैदान पर सभा के लिए इजाजत मांगते समय भले ही 1500 लोगों के आने की बात कही लेकिन मैदान को भरने और अपनी ताकत दिखाने की तैयारी वे चुपचाप करते रहे।टिप्पणियां
बताया जा रहा है कि इसके लिए कुर्ला, नेहरू नगर, भिवंडी, और जोगेश्वरी जैसे इलाकों में भड़काऊ भाषण भी दिए गए। सोशल वेबसाइट और एमएमस का भी सहारा लिया।
हैरानी की बात है कि मुबंई पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने इसकी ख़ुफ़िया जानकारी मुंबई के आला अफसरों को वक़्त रहते दे दी थी लेकिन सिर्फ 700 पुलिस बल का एक रुटीन सा बंदोबस्त लगाकर पुलिस ने अपनी ज़िम्मेदारी को ख़त्म मान लिया।
आयोजकों ने आजाद मैदान पर सभा के लिए इजाजत मांगते समय भले ही 1500 लोगों के आने की बात कही लेकिन मैदान को भरने और अपनी ताकत दिखाने की तैयारी वे चुपचाप करते रहे।टिप्पणियां
बताया जा रहा है कि इसके लिए कुर्ला, नेहरू नगर, भिवंडी, और जोगेश्वरी जैसे इलाकों में भड़काऊ भाषण भी दिए गए। सोशल वेबसाइट और एमएमस का भी सहारा लिया।
हैरानी की बात है कि मुबंई पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने इसकी ख़ुफ़िया जानकारी मुंबई के आला अफसरों को वक़्त रहते दे दी थी लेकिन सिर्फ 700 पुलिस बल का एक रुटीन सा बंदोबस्त लगाकर पुलिस ने अपनी ज़िम्मेदारी को ख़त्म मान लिया।
बताया जा रहा है कि इसके लिए कुर्ला, नेहरू नगर, भिवंडी, और जोगेश्वरी जैसे इलाकों में भड़काऊ भाषण भी दिए गए। सोशल वेबसाइट और एमएमस का भी सहारा लिया।
हैरानी की बात है कि मुबंई पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने इसकी ख़ुफ़िया जानकारी मुंबई के आला अफसरों को वक़्त रहते दे दी थी लेकिन सिर्फ 700 पुलिस बल का एक रुटीन सा बंदोबस्त लगाकर पुलिस ने अपनी ज़िम्मेदारी को ख़त्म मान लिया।
हैरानी की बात है कि मुबंई पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने इसकी ख़ुफ़िया जानकारी मुंबई के आला अफसरों को वक़्त रहते दे दी थी लेकिन सिर्फ 700 पुलिस बल का एक रुटीन सा बंदोबस्त लगाकर पुलिस ने अपनी ज़िम्मेदारी को ख़त्म मान लिया। |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: यह वह कण हैं, जिससे ब्रह्मांड की गुत्थी सुलझ जाएगी... पता चलेंगे कई ऐसे राज़, जो फिज़िक्स की कई थ्योरियों पर मुहर लगाएंगे। इस 'महामिशन' में भारत के वैज्ञानिक भी हिस्सा ले रहे हैं। स्विटजरलैण्ड और फ्रांस की सीमा पर ज़मीन के भीतर दुनिया के सबसे बड़े सर्कुलर एटम स्मैशर में मौजूद वैज्ञानिक उन कणों की मौजूदगी साबित करने में दिन-रात लगे रहे, जिन्हें वैज्ञानिकों ने गॉड पार्टिकल का नाम दे रखा है। अब इस ऐलान ने भौतिक विज्ञान के कई बुनियादी नियमों को साबित कर दिया, लेकिन इसके लिए वैज्ञानिक चार साल से प्रकाश की रफ्तार से चल रही किरणों को एक-दूसरे से टकराकर उन बेहद छोटे 'हिग्स बोसॉन' का वजूद तलाशते रहे, जिन्हें गॉड पार्टिकल कहा जाता है। हालांकि वैज्ञानिक पहले इन कणों का साया ही महसूस कर पाए थे, पर उसके बाद इतना तय हो गया कि वे कामयाबी के करीब हैं।
दुनिया के इस सबसे बड़े महाप्रयोग में 100 से ज़्यादा देशों के करीब 8,000 वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया और इस पर 10 अरब अमेरिकी डॉलर से भी ज़्यादा खर्च हुए हैं। भारत ने भी तीन करोड़ डॉलर का हाइटेक साज़ोसामान और 100 साल से ज़्यादा मियाद की विशेषज्ञों की सेवाएं इस खोज में लगाई हैं। हिग्स बोसॉन की तलाश में भारतीय वैज्ञानिक भी दुनिया भर के वैज्ञानिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करते रहे हैं, इसीलिए 'हिग्स बोसॉन' में शामिल 'बोसॉन' शब्द भारतीय वैज्ञानिक सत्येन नाथ बोस के नाम से लिया गया है।
दुनिया के इस सबसे बड़े महाप्रयोग में 100 से ज़्यादा देशों के करीब 8,000 वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया और इस पर 10 अरब अमेरिकी डॉलर से भी ज़्यादा खर्च हुए हैं। भारत ने भी तीन करोड़ डॉलर का हाइटेक साज़ोसामान और 100 साल से ज़्यादा मियाद की विशेषज्ञों की सेवाएं इस खोज में लगाई हैं। हिग्स बोसॉन की तलाश में भारतीय वैज्ञानिक भी दुनिया भर के वैज्ञानिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करते रहे हैं, इसीलिए 'हिग्स बोसॉन' में शामिल 'बोसॉन' शब्द भारतीय वैज्ञानिक सत्येन नाथ बोस के नाम से लिया गया है। |
जॉन शरत चंद्र बनर्जी (२२ जून १८७३ - ?) लाहौर में एक एंग्लिकन सहायक बिशप थे। वे चर्च ऑफ इंडिया, बर्मा और सीलोन के दूसरे गैर-यूरोपीय बिशप थे।
शुरुआती ज़िंदगी और पेशा
बनर्जी का जन्म इलाहाबाद में हुआ था। वह बंगाल से ईसाई धर्म में परिवर्तित एक ब्राह्मण, जानकी नाथ बनर्जी के पुत्र थे। उन्होंने आगरा में सेंट जॉन कॉलेज में भाग लिया और १९०० में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीए के साथ स्नातक किया उन्हें १९०२ में एक डीकन और १९०४ में एक पुजारी नियुक्त किया गया था बैनर्जी ने १९०२ से १९३१ तक लखनऊ में एक चर्च मिशन सोसाइटी मिशनरी के रूप में कार्य किया १९२० में उन्हें लखनऊ का कैनन बनाया गया।
बिशप
२५ अक्टूबर १९३१ को कैनन बनर्जी को लाहौर के कैथेड्रल चर्च ऑफ द रिसरेक्शन में सहायक बिशप के रूप में सेवा देने के लिए एक बिशप के रूप में नियुक्त किया गया था। अभिषेक करने वाले कलकत्ता के बिशप, लाहौर के बिशप और लखनऊ के बिशप थे। बिशप अजर्याह के बाद बिशप बनर्जी ब्रिटिश भारत में एंग्लिकन सांप्रदायिकता के लिए समर्पित दूसरे गैर-यूरोपीय बिशप थे।
बिशप बॅनर्जी ने १९३६ में बिशप ब्रॉटन के शताब्दी वर्ष के अवसर पर ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया जहां उन्हें भारत के महानगर के रूप में प्रस्तुत किया गया और उल्लेखनीय भाषणों की एक श्रृंखला दी।
बिशप बनर्जी का एक फोटोग्राफिक चित्र नेशनल पोर्ट्रेट गैलरी, लंदन के संग्रह में है।
व्यक्तिगत जीवन
बनर्जी ने १९०२ में शादी की। १९४५ तक, उनके पाँच बेटे और एक बेटी थी।
संदर्भ
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र
1873 में जन्मे लोग |
अनिल अंबानी ने अपने बड़े भाई मुकेश अंबानी के साथ चल रहे गैस विवाद में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से हस्तक्षेप करने की अपील की है. अनिल अंबानी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि तेल मंत्रालय मुकेश अंबानी का समर्थन कर रहा है. अनिल ने यह भी कहा है कि मनमोहन सिंह तेल मंत्रालय को उनकी कंपनी आरएनआरएल और मुकेश अंबानी की कंपनी आरआईएल के व्यावसायिक विवादों से दूर रहने के निर्देश दें.
अनिल ने लगाए गंभीर आरोप
अनिल अंबानी समूह की कंपनी आरएनआरएल ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह खुलकर मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाले आरआईएल के गैस आपूर्ति की प्रतिबद्धता से मुक्ति संबंधी गैरकानूनी डिजाइन का समर्थन कर रही है.
मंत्रालय अपनी बातों से पलट रहा है
इससे पहले उच्चतम न्यायालय से सरकारी हलफनामे को रिकॉर्ड से हटाने की मांग करते हुए अनिल अंबानी ने अपनी दूसरी याचिका में कहा था कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय उन आरोपों और बयानों को फिर से पेश करना चाह रहा है जिन्हें उच्च न्यायालय में वापस ले लिया गया था.
राष्ट्रीय हितों की अनदेखी नहीं
मंत्रालय द्वारा उच्चतम न्यायालय में पेश आवेदन में कहा गया था कि निजी समझौते को राष्ट्रीय हितों को प्रभावित करने की मंजूरी नहीं दी जानी चाहिए और आरआईएल को आरएनआरएल के अलावा अन्य कंपनियों को गैस बेचने की अनुमति दी जानी चाहिए. आरएनआरएल की दूसरी याचिका में कहा गया कि पेट्रोलियम मंत्रालय अब अपनी भूमिका का विस्तार करना चाहता है. |
अमेरिका में किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि अखरोट खाने से अवसाद का खतरा कम हो जाता है और एकाग्रता का स्तर बेहतर होता है.
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने अखरोट खाने वाले लोगों में अवसाद का स्तर 26 प्रतिशत कम, जबकि इस तरह की अन्य चीजें खाने वालों में अवसाद का स्तर आठ प्रतिशत कम पाया है.
यह अध्ययन न्यूट्रेंट जर्नल में प्रकाशित किया गया है. अध्ययन में पाया गया है कि अखरोट खाना शरीर में ऊर्जा में वृद्धि और बेहतर एकाग्रता से संबद्ध है.
विश्वविद्यालय के प्रमुख शोधार्थी लेनोर अरब ने एक अध्ययन का हवाला देते हुए बताया कि अध्ययन में शामिल किए गए छह में से हर एक वयस्क जीवन में एक समय पर अवसादग्रस्त होगा. इससे बचने के लिए किफायती उपायों की जरूरत है जैसे कि खान-पान में बदलाव करना.
अरब ने बताया कि अखरोट पर शोध पहले हृदय रोगों के संबंध में किया गया है और अब इसे अवसाद के लक्षण से जोड़कर देखा जा रहा है.
इस अध्ययन में 26,000 से अधिक अमेरिकी वयस्कों को शामिल किया गया. |
लेख: जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने BJP के साथ एक बार फिर सरकार बनाई थी तब यह माना जा रहा था कि कम से कम बिहार में BJP के बाहरी नेताओं को प्रचार करने का मौका कम मिलेगा लेकिन लगता है BJP को अब नीतीश कुमार पर उतना भरोसा नहीं रहा. यही कारण है कि बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के लिए पूनिया पहुंचे. यहां उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार के काम की सराहना की और उन्हें एक लोकप्रिय मुख्यमंत्री बताया.
योगी आदित्यनाथ ने BJP के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार जंगल राज से बाहर जा चुका है. पहले नौजवान संकट में थे और कहीं जाने पर अपनी पहचान छिपाते थे. अब नीतीश कुमार के शासन काल में वे अपने आप पर गर्व महसूस करते हैं और बाहर जाने पर कहता हैं कि वे बिहार के निवासी हैं.
योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर लोगों को कुंभ में आने का न्यौता भी दिया और कहा कि अब उन्हें इलाहाबाद नहीं प्रयागराज आना है. वे दिन गए जब लोग फैजाबाद जाते थे. अब उन्हें अयोध्या नगरी जाना पड़ता है. योगी ने दावा किया कि इस वर्ष के कुंभ में जनवरी से पांच फरवरी तक ही करीब रिकॉर्ड 14 करोड़ लोगों ने संगम में स्नान किया है.
दरअसल BJP की रणनीति है कि वहां के चार लोकसभा क्षेत्रों में से जिन दो लोकसभा क्षेत्रों में वह चुनाव लड़ेगी वहां जब तक साम्प्रदायिक रूप से ध्रुवीकरण नहीं होगा तब तक उनके एक उम्मीदवार के जीतने की आशंका कम है. इसलिए वह चाहती है कि या तो योगी जमकर प्रचार करें या उनके जैसे ध्रुवीकरण कराने वाले नेताओं को वहां सक्रिय कर दिया जाए. इसलिए उनका मानना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से ज़्यादा प्रभावी पार्टी योगी आदित्यनाथ को मानती है. |
ये है मोहब्बतें सीरियल में मिहिर अरोड़ा के रोल में दिखे एक्टर राज सिंह अरोड़ा को ट्रोल किया जा रहा है. दरअसल, उन्होंने फैंस को जन्माष्टमी की बधाई देते हुए एक तस्वीर शेयर की. फोटो में वे दूसरे टीवी एक्टर्स संग पार्टी करते दिखे. टेबल पर शराब की बोतलें रखी हुई थीं. बस इसी वजह राज सिंह अरोड़ा ट्रोलर्स के निशाने पर आ गए.
एक्टर की जन्माष्टमी पार्टी में उनकी गर्लफ्रेंड पूजा गौर फ्रेंड करण कुंद्रा, दृष्टि धामी, कृतिका कामरा, अर्जुन बिजलानी, एक्ट्रेस अबीगैल पांडे और राहुल शर्मा मौजूद रहे.
फ्रेंड्स संग फोटो शेयर करते हुए एक्टर ने लिखा- जब जो लिब्रन ब्रदर्स करण कुंद्रा और मैं लंबे समय बाद मिलते हैं तो ये एपिक बन जाता है. हैप्पी कृष्ण लव.
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When two Libran brothers @kkundrra & Me meet after aaaaaaagesssss it becomes a long epic #Mumbai night ! Happy Krishna Love & Consciousness to all today, #Krishna surely was a #Libran no doubt about it in my Mind !
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Raj Singh Arora
(@rajsingharora_actor) on
Aug 24, 2019 at 6:17am PDT
तस्वीर में टेबल पर रखी शराब की बोतलें, खाली ग्लास, बीयर कैन साफ नजर आ रहे हैं. दीप्ति नाम की एक यूजर ने लिखा- तस्वीर अच्छी है लेकिन कृष्ण के लिए प्यार को सेलिब्रेट करने के लिए शराब पीना...?
ट्रोलर की इस बात का जवाब देते हुए एक्टर ने लिखा- उन्होंने सबसे बड़े युद्ध के साथ कलयुग की शुरुआत की और तुम एक ड्रिंक के बारे में चिंता कर रहे हो.
फिर दीप्ति ने लिखा- अगर तुम उनके द्वारा लड़ी गई सबसे बड़ी लड़ाई की चिंता करते हो तो कैसे तुम कृष्णा के प्यार को सेलिब्रेट कर सकते हो.
जवाब में राज सिंह ने लिखा- अरे अम्माजी आप अपने हिसाब से पूजा करती हैं और मैं अपने तरीके से. सही शब्दों में कहूं तो सभी रास्ते भगवान की तरफ जाते हैं. मेरा हो या तुम्हारा. जब दिल में श्रद्धा हो तो फिर कुछ मैटर नहीं करता, अब ठीक.
इसके बाद भी कुछ हेटर्स ऐसे थे जो एक्टर को ट्रोल करने से बाज नहीं आए. एक ने लिखा क्या इसका मतलब ये नहीं कि तुम्हे पीने की आजादी मिल गई है. जन्माष्टमी पर लोग व्रत रखते हैं. तुम्हें पता है ये पर्व कितना पावन है? आपने और आपके गैंग ने एक फॉलोवर खो दिया है. |
दिल्ली गैंगरेप मामले के एक आरोपी के पिता ने शनिवार को स्पेशल कोर्ट से कहा कि उनका बेटा उस बस में नहीं था, जिसमें छह लोगों ने 23 वर्षीय लड़की से सामूहिक बलात्कार किया था. आरोपी पवन गुप्ता के पिता हीरा लाल ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश खन्ना के समक्ष अपने बेटे का बचाव करते हुए कहा कि उनका बेटा निर्दोष है और उसे फंसाया जा रहा है.
मामले में बचाव पक्ष के गवाह के तौर पर अपना बयान दर्ज कराते हुए लाल ने न्यायाधीश से कहा कि पवन ने घटना के दिन अपनी दुकान दोपहर में बंद कर दी थी और घर के लिए रवाना हो गया था.
लाल ने बताया, ‘मैंने अपनी बेटी से पवन के बारे में पूछा और उसने मुझे सूचित किया कि उनका बेटा झुग्गी (मकान) में आया था और शराब पी और चिकन खाया. उसके बाद वह डिस्ट्रिक्ट पार्क में किसी संगीत कार्यक्रम को देखने चला गया.’
लाल ने कहा, ‘उसके बाद मैं अपने रिश्तेदार की कार में बैठकर पवन को लाने के लिए डिस्ट्रिक्ट पार्क गया. एक संगीत कार्यक्रम चल रहा था और मैंने अपने बेटे को वहां बेंच पर पड़ा पाया.’ उन्होंने कहा कि पवन नशे में धुत्त था और वह चलने की स्थिति में नहीं था. वह अपने रिश्तेदार के साथ उसे उठाकर पार्क से लाए और गाड़ी में रखा.
पवन के पिता ने दावा किया, ‘यद्यपि हमने पवन के चेहरे पर पानी डाला ताकि उसे होश में लाया जा सके लेकिन वह बुरी तरह नशे में धुत्त था और 17 दिसंबर 2012 की सुबह में होश में आया.’ इससे पहले दिन में कोर्ट के समक्ष अपना बयान दर्ज कराने के दौरान पवन ने दावा किया था कि वह बस में नहीं था और सह आरोपी विनय शर्मा के साथ संगीत कार्यक्रम को देखने गया था.
हालांकि, आरोपी मुकेश ने अपनी गवाही के दौरान कोर्ट से कहा था कि वह उस बस को चला रहा था जिसमें लड़की से उसके बड़े भाई राम सिंह (मृत), विनय, पवन, अक्षय ठाकुर और एक किशोर ने गैंगरेप किया था और उसके पुरुष मित्र पर बर्बर हमला किया था.
किशोर के खिलाफ अलग से किशोर न्याय बोर्ड में मुकदमा चलाया जा रहा है. मामले के तीन अन्य बचाव पक्ष के गवाहों की भी यही दलील है. हालांकि, पवन के दावे का विशेष लोक अभियोजक दायन कृष्णन ने यह कहते हुए विरोध किया कि आरोपी घटना की रात बस में मौजूद था और उसके पिता तथा रिश्तेदार उसे मुकदमा से बचाने के लिए झूठी गवाही दे रहे हैं.
शुरुआत में बस चालक राम सिंह, विनय, अक्षय, पवन और मुकेश के खिलाफ चलती बस में लड़की से गैंगरेप करने के आरोप में मुकदमा चलाया जा रहा था. पीड़िता की पिछले साल 29 दिसंबर को सिंगापुर के अस्पताल में इलाज कराने के दौरान मृत्यु हो गई थी. |
मल्लिका शेरावत स्टारर फिल्म
'डर्टी पॉलिटिक्स'
की रिलीज डेट बढ़ा दी गई है. पहले यह फिल्म 13 फरवरी को रिलीज होनी थी, लेकिन अब यह होली पर 6 मार्च को रिलीज होगी. रिलीज टालने की वजह दूसरी फिल्मों के साथ टकराव से बचना और इस
फिल्म
के लिए एक और गाने की रिकॉर्डिग बताई गई है. 13 फरवरी को फिल्म
'रॉय'
भी रिलीज होने जा रही है. इसके अलावा 20 फरवरी को वरुण धवन स्टारर फिल्म
'बदलापुर'
रिलीज हो रही है.
फिल्म के निर्देशक के. सी. बोकाडिया ने एक इंटरव्यू में कहा, 'पहले मेरी फिल्म 13 फरवरी को रिलीज होनी थी, लेकिन 'घाघरा' गाना काफी लोकप्रिय हो रहा है, तो हमने सोचा कि एक और गाना रिकॉर्ड किया जाए. मल्लिका 13, 14 और 15 फरवरी को गाने की शूटिंग करेंगी.' उन्होंने बताया कि फिल्म के रिलीज के लिए 6 मार्च बेहतर दिन होगा, क्योंकि उस दिन होली का त्योहार भी है.
डायरेक्टर बोकाडिया ने कहा, 'फिल्म को दो या तीन फिल्मों के साथ रिलीज करने से अच्छा है कि इसे अलग से किसी और दिन रिलीज किया जाए. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि
मल्लिका
फिल्म में कोई आईटम नम्बर नहीं कर रही हैं, गाने स्टोरी की डिमांड पर फिल्माए गए हैं.
इनपुट:
IANS |
दुनिया के सबसे ताकतवर शख्स कहे जाने वाले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपना उत्तराधिकारी तैयार करने में जुटे हैं. रूस के मिलिट्री हीरो कहे जाने वाले 43 वर्षीय एलेक्सेई ड्यूमिन को आने वाले दिनों में वह भविष्य के राष्ट्रपति के तौर पर आगे बढ़ा रहे हैं. फिलहाल ड्यूमिन रूस के उप-रक्षामंत्री के पद पर हैं.
तुला क्षेत्र का गवर्नर बनाया
पुतिन
ने एलेक्सेई को इसी सप्ताह तुला क्षेत्र के गवर्नर की जिम्मेदारी भी सौंपी है. हाल ही में मीडिया में मिलिट्री में तैनाती के दौरान एलेक्सेई के बहादुरी के किस्से भी चर्चित हुए हैं. डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक एलेक्सेई रूस की
स्पेशल ऑपरेशन फोर्सेज
के कमांडर भी रह चुके हैं.
पुतिन के बॉडीगार्ड रह चुके हैं एलेक्सेई
पुतिन के बेहद करीबी एलेक्सेई एक वक्त पर उनके बॉडीगार्ड थे. एक राजनीतिक जानकार ने बताया कि एलेक्सेई का काम पुतिन के लक्ष्यों को अंजाम देना है. रूस के राजनीतिक जानकारों के मुताबिक एलेक्सेई ने ही यूक्रेन में
रूसी अभियान
का संचालन किया था और 2014 में यूक्रेन के राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच को बेदखल करने में अहम भूमिका निभाई थी. इसके अलावा पश्चिम समर्थक आंदोलन को कुचलकर रूस का वर्चस्व स्थापित करने का काम किया था.
स्पेशल ऑपरेशंस फोर्सेज को लीड किया
यही नहीं ड्यूमिन ने 2014 में ही स्पेशल ऑपरेशंस फोर्सेज का भी नेतृत्व किया था, जिसने यूक्रेन को रूसी संसद के अंतर्गत लाने में अहम भूमिका अदा की. इस साहसी करतब के लिए रूसी राष्ट्रपति ने उन्हें 'हीरो ऑफ रशिया' अवॉर्ड से नवाजा था. इसके बाद उन्हें बड़ा प्रमोशन देते हुए उप-रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी दी गई थी.
रूस के सियासी गलियारों में अटकलें तेज
रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी पुतिन ने अपने बेहद करीबी सेरजी शोयगू को दी है. लेकिन इस बीच ड्यूमिन को तुला के गवर्नर के तौर पर बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने के बाद यह अटकलें लगाई जाने लगी हैं कि पुतिन उन्हें अपने उत्तराधिकारी के तौर पर तैयार कर रहे हैं. सीनियर टीवी और रेडियो एंकर सेरजी डोरेंको ने कहा कि वह मानते हैं कि ड्यूमिन ही आने वाले दिनों में पुतिन के उत्तराधिकारी होंगे. डोरेंको ने कहा, 'मैं बिना किसी संदेह के ड्यूमिन के नाम पर अपना दांव लगाता हूं.' यही नहीं उन्होंने मॉस्को के गवर्नर एंद्रे वोरोब्योव और पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव से भी आगे बताया. |
भारतीय रेलवे ने एक लाख से अधिक पदों के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है और इन पदों के लिए आवेदन प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. इस भर्ती का लोग लंबे समय से इंतजार कर रहे थे, जो कि अब खत्म हो गया है. भर्ती में 137769 पदों पर उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा. अगर आप भी इस भर्ती में अप्लाई करना चाहते हैं तो आप आवेदन करने की आखिरी तारीख 12 अप्रैल 2019 से पहले इन स्टेप्स को फॉलो करते हुए अप्लाई कर सकते हैं.
- सभी जोन के लिए रेलवे की अलग-अलग आधिकारिक वेबसाइट है. आपको अपने जोन की वेबसाइट पर जाना होगा.
- उसके बाद CEN 01/2019 application से जुड़े लिंक पर क्लिक करें.
- यहां एप्लीकेशन फॉर्म में मांगी गई जानकारी भरें.
- उसके बाद ई-चालान आदि की प्रक्रिया पूरी करें.
- पूरी प्रक्रिया के बाद इसका प्रिंट-आउट भी ले लें.
बता दें कि इस भर्ती में ट्रैक मैनटेनेंस ग्रेड-4, हेल्पर असिस्टेंट, असिस्टेंट पोस्टमैन आदि पदों पर उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा. आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को 23 अप्रैल तक फीस का भुगतान करना होगा. वहीं 26 अप्रैल तक आवेदन की फाइनल प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. आवेदन करने के लिए जनरल वर्ग के उम्मीदवारों को 500 रुपये और आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को 250 रुपये फीस का भुगतान करना होगा.
योग्यता
योग्यता का निर्धारण पद के कार्य के अनुसार तय किया गया है. हालांकि पुरुषों उम्मीदवारों को 35 किलो वजन के साथ दौड़ में हिस्सा लेना होगा, जबकि महिला उम्मीदवारों को 20 किलो वजन के साथ दौड़ में हिस्सा लेना होगा.
परीक्षा पैटर्न
इस पदों के लिए होने वाली परीक्षा में जनरल अवेयरनेस, मैथ्स, जनरल इंटेलिजेंस, रिजनिंग आदि के सवाल पूछे जाएंगे. वहीं उम्मीदवारों को 90 मिनट में 100 सवालों का जवाब देना होगा और परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग भी होगी.
गौरतलब है कि रेलवे ने 1.3 लाख पदों के लिए उम्मीदवारों के चयन के लिए कहा था. इसमें 30 हजार पैरामेडिकल स्टाफ, एनटीपीसी पदों के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसमें एनटीपीसी पदों के लिए 1 मार्च, पैरामेडिकल स्टाफ के लिए 4 मार्च और कई पदों के लिए 8 मार्च से आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है. |
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने देश के पूर्व सैन्य शासकों को आड़े हाथ लेते हुए शुक्रवार को कहा कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की शेखी बघारने वाले 'तानाशाह' जब सत्ता में थे, तब उन्होंने इस दिशा में कुछ नहीं किया। उन्होंने तानाशाहों की सत्ता में वापसी की सम्भवनाओं को भी पूरी तरह खारिज कर दिया।टिप्पणियां
समाचार चैनल जियो टीवी के मुताबिक महिला विश्वविद्यालय के लाहौर कालेज में आयोजित दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए गिलानी ने कहा, "स्थायित्व लाना सिर्फ सर्वशक्तिमान अल्लाह ताला के हाथ में है।" उन्होंने कहा, "विपक्ष अपना काम कर रहा है और सरकार उसी र्ढे पर चलेगी, जिसके लिए लोगों ने उसे जनादेश दिया है।"
यह कहते हुए प्रत्येक संस्थान को संविधान के दायरे में रहकर काम करना चाहिए, प्रधानमंत्री ने कहा, "हमें संविधान को बहाल कर शासन के अंगों को मजबूत करना है। अदालत के समक्ष मेरा पेश होना यह दर्शाता है कि हम न्यायपालिका का सम्मान करते हैं।"
समाचार चैनल जियो टीवी के मुताबिक महिला विश्वविद्यालय के लाहौर कालेज में आयोजित दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए गिलानी ने कहा, "स्थायित्व लाना सिर्फ सर्वशक्तिमान अल्लाह ताला के हाथ में है।" उन्होंने कहा, "विपक्ष अपना काम कर रहा है और सरकार उसी र्ढे पर चलेगी, जिसके लिए लोगों ने उसे जनादेश दिया है।"
यह कहते हुए प्रत्येक संस्थान को संविधान के दायरे में रहकर काम करना चाहिए, प्रधानमंत्री ने कहा, "हमें संविधान को बहाल कर शासन के अंगों को मजबूत करना है। अदालत के समक्ष मेरा पेश होना यह दर्शाता है कि हम न्यायपालिका का सम्मान करते हैं।"
यह कहते हुए प्रत्येक संस्थान को संविधान के दायरे में रहकर काम करना चाहिए, प्रधानमंत्री ने कहा, "हमें संविधान को बहाल कर शासन के अंगों को मजबूत करना है। अदालत के समक्ष मेरा पेश होना यह दर्शाता है कि हम न्यायपालिका का सम्मान करते हैं।" |
भारत ने सोमवार को पश्चिमी देशों से आग्रह किया कि लीबिया में की जा रही बमबारी रोक दी जाए, साथ ही उसने सुझाव दिया कि मुअम्मार गद्दाफी के शासन के खिलाफ हिंसक विद्रोह को समाप्त कर बातचीत का रास्ता अपनाया जाए। पर साथ ही विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने स्पष्ट किया कि भारत गद्दाफी का मित्र नहीं है और लीबिया के लोगों की भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए। ज्ञात हो कि भारत सुरक्षा परिषद के उन पांच सदस्यों में शामिल था, जिन्होंने पिछले सप्ताह लीबिया पर उड़ान निषिद्ध क्षेत्र घोषित करने का समर्थन करने वाले प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लिया था। अन्य चार सदस्यों में रूस, चीन, जर्मनी और ब्राजील शामिल हैं। कृष्णा ने कहा, "संघर्ष रोका जाना समय की जरूरत है।" उन्होंने कहा कि भारत, लीबिया में जारी हिंसा और बिगड़ रहे मानवीय हालात पर गम्भीर चिंता व्यक्त करता है। कृष्णा ने कहा, "हम लीबिया में हो रहे हवाई हमले पर खेद प्रकट करते हैं।" उन्होंने कहा कि मुख्यरूप से फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका द्वारा किए जा रहे हवाई हमलों से बेगुनाह नागरिकों, विदेशी नागरिकों, दूतावासों और उनके कर्मचारियों को नुकसान पहुंचने की आशंका है। कृष्णा ने कहा, "भारत सभी पक्षों से आह्वान करता है कि उन्हें मतभेदों को दूर करने के लिए हिंसा, धमकी व बल का प्रयोग न करें। भारत का मानना है कि सभी पक्षों को संयुक्त राष्ट्र और अन्य क्षेत्रीय संगठनों के जरिए एक शांतिपूर्ण संवाद में हिस्सा लेना चाहिए और किसी समझौते का रास्ता निकालना चाहिए।" जब से पश्चिमी देशों ने लीबिया पर बमबारी शुरू की है, भारत, चीन और रूस पश्चिमी हस्तक्षेप का विरोध किया है। मास्को ने इस रक्तपात को रोकने की मांग की है। |
Luxury budget ke chalte @tentej hue Sapna Choudhary se naraaz! Find out more tonight at 10:30 PM! #BB11#BBSneakPeekpic.twitter.com/gPsWTDnCMP |
मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) वी एस संपत संपत्ति की बिक्री के मामले में इनकम टैक्स विभाग के लपेटे में आ गए हैं. इनकम टैक्स विभाग ने इस साल के शुरू में 15 लाख लोगों की सूची तैयार की थी जिन्होंने 30 लाख रुपये से ऊपर की संपत्ति खरीदी या बेची थी. यह खबर अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस ने दी है.
अखबार के मुताबिक अब यह पता चला है कि इसमें से एक प्रॉपर्टी सीईसी की भी है. बताया जाता है कि फरवरी में आईटी विभाग ने सीईसी को पहली चिट्ठी लिखी थी जिसमें उसने उनसे प्रॉपर्टी बिक्री के बारे में स्पष्टीकरण मांगा था. यह पत्र उन्हें चुनाव के दैरान यानी 24 अप्रैल को दिया गया था.
अखबार ने लिखा है कि सीईसी से इस बारे में पूछताछ की गई है. यह प्रॉपर्टी हैदराबाद के शानदार इलाके बंजारा हिल्स में है और 600 वर्गगज का है. सीईसी ने इसे जुलाई 2011 में एक कंपनी आदित्य कंवेशन सेंटर ऐँड हॉलिडे रिसॉर्ट्स को बेच दिया था. उसके बाद उस पैसे से उन्होंने दक्षिणी दिल्ली के सफदरजंग एन्क्लेव में एक मकान खरीद लिया. इसके लिए उन्होंने 1.66 करोड़ रुपये दिए जो उन्हें हैदराबाद की प्रॉपर्टी बेचने के बाद मिले थे. वह प्लॉट 5 करोड़ में बिका था लेकिन उसके पैसे उनके अलावा उनकी बेटी और पत्नी को भी मिले थे.
इनकम टैक्स विभाग ने उन्हें नोटिस देकर कई मुद्दों पर स्पष्टीकरण मांगा है. सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि क्या उन्हें जो आय हुई है वह संपत्ति के बेचने से हुई है. दूसरा सवाल है कि उन्हें इनकम टैक्स में छूट क्यों दी जाए. इनकम टैक्स में प्रॉपर्टी बेचने पर छूट तभी मिलती है जब वह आवासीय होती है. कमर्शल प्रॉपर्टी बेचने पर उससे प्राप्त धन पर टैक्स देना पड़ता है. सीईसी के हैदराबाद वाले प्लॉट के एक हिस्से में एक आउट हाउस था. इनकम टैक्स विभाग का कहना है कि यह कमर्शियल है. सीईसी संपत ने अखबार को बताया कि उन्होंने उस नोटिस का जवाब दे दिया है और वह विस्तृत जवाब शीघ्र देंगे. उनके सीए इस काम पर लगे हुए हैं. |
बिलासपुर का क्षेत्रीय लोकसंपर्क कार्यालय तिलक नगर में अवस्थित है। यह नेहरु चैक के समीप स्थित कांग्रेस भवन के ठीक पीछे है। यह कार्यालय प्रादेशिक लोकसंपर्क कार्यालय रायपुर की अधीनस्थ ईकाई है। क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी (संक्षेप एफपीओ), क्षेत्रीय लोकसंपर्क कार्यालय (एफओबी) का प्रधान होता है। वर्तमान में बिलासपुर के क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी के पद पर भारतीय सूचना सेवा के अधिकारी डाॅ. प्रेम कुमार 6 अगस्त 2019 से पदस्थ हैं। प्रादेशिक लोकसंपर्क कार्यालय के प्रमुख अतिरिक्त महानिदेशक श्री सुदर्शन पंतोड़े हैं। इसका मुख्यालय दिल्ली में है। मुख्यालय का नाम लोकसंपर्क और संचार कार्यालय (बीओसी यानि ब्यूरो आॅफ आउटरीच कम्यूनिकेशन) है। अमूमन इस पद पर भारतीय सूचना सेवा के नए अधिकारियों को पदस्थ किया जाता है। क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी का मुख्य कार्य भारत सरकार की विविध योजनओं को परंपरागत संचार माध्यमों के जरिए आम जन तक पहुंचाना होता है। दरअसल क्षेत्रीय लोकसंपर्क कार्यालय भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह सरकार की बातों को सभा, गोष्ठी, मेला व अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से सीधे जनता तक पहुंचाने का कार्य करता है। बिलासपुर कार्यालय वर्ष 1954 से कार्य कर रहा है। इसके अधीनस्थ संभाग के पांच जिले बिलासपुर, मुंगेली, कोरबा, जांजगीर चांपा व रायगढ़ आते हैं। क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी की जिम्मेवारी सभी जिलों के खासतौर से दूरस्थ इलाकों में सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी पहुंचाने की जिम्मेवारी होती है। इसके लिए समय-समय पर विविध प्रकार के आयोजन किए जाते हैं। |
29 अक्टूबर को दिल्ली में 4366 एमसीडी टीचर भर्ती के हुए एग्जाम का रिजल्ट घोषित करने पर सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेशन ट्रिब्यूनल यानी कैट ने रोक लगा दी है. मामला एमसीडी टीचर भर्ती के पेपर लीक होने से जुड़ा हुआ है. पेपर लीक होने के बाद इस मुद्दे पर काफी भी हंगामा हुआ था और बात सिर्फ हंगामे तक ही नहीं रुकी, करीब 100 उम्मीदवारों ने कैट कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
दिल्ली के
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
और मनीष सिसोदिया ने भी DSSSB को पेपर लीक मामले पर विचार करने की बात कही थी, लेकिन इतना सब होने में बाद भी इस पर DSSSB ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की.
सुनवाई के दौरान कैट ने उपराज्यपाल, दिल्ली सरकार, दिल्ली सब-ऑर्डिनेट सर्विस सेलेक्शन बोर्ड (डीएसएसएसबी), दिल्ली पुलिस और तीनों एमसीडी को साफ कहा है कि उनके अगले आदेश तक DSSSB इस एग्जाम के रिजल्ट डिक्लेयर नही कर सकता,
कैट ने DSSSB को
मामले में एक डिटेल रिपोर्ट भी कोर्ट को देने का निर्देश दिया है.
कैट इस मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी 2018 को करेगा. इस भर्ती के लिए परीक्षा देने वाले कुछ लोगों ने ही ये याचिका दायर की थी, याचिका में बताया गया था कि दिल्ली के 233 सेंटर में एग्जाम हुआ था.
पेपर लीक होने की जानकारी
मिलने पर पुलिस ने कई आरोपियों को पकड़ा भी था और उनके पास से मोबाइल फोन, पेन ड्राइव जैसी चीजें भी जब्त की थीं. |
यह विश्वविद्यालय ग्यारह अलग-अलग शैक्षणिक इकाइयों- दस संकायों और रेडक्लिफ इंस्टीट्यूट फॉर एडवांस्ड स्टडी में व्यवस्थित किया जाता है - पूरे बोस्टन महानगर में परिसरों के साथ: इसका 209 एकड़ (85 हेक्टेयर) का मुख्य परिसर बोस्टन के उत्तर-पश्चिम में लगभग 3 मील (5 किमी) दूर कैम्ब्रिज में हार्वर्ड यार्ड में स्थित है; व्यवसायिक विद्यालय और एथलेटिक्स सुविधाएं, जिनमें हार्वर्ड स्टेडियम शामिल हैं, बोस्टन के ऑलस्टोन नेबरहुड में चार्ल्स नदी के पार स्थित हैं और मेडिकल, दंत चिकित्सा और सार्वजनिक स्वास्थ्य विद्यालय लोंगवुड मेडिकल क्षेत्र में हैं। हार्वर्ड की $37.6 बिलियन की वित्तीय निधि किसी भी शैक्षणिक संस्थान में सबसे ज़्यादा है। |
मीम (अंग्रेजी: meme), एक विचार, व्यवहार, या शैली है जो किसी संस्कृति के भीतर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को अंतरित होता है। जहाँ एक जीन जैविक जानकारियों को संचारित करता है वहीं एक मीम, विचारों और मान्यताओं की जानकारी को संचारित करने का काम करता है।
मीम एक सैद्धांतिक इकाई है जो सांस्कृतिक विचारों, प्रतीकों या मान्यताओं आदि को लेखन, भाषण, रिवाजों या अन्य किसी अनुकरण योग्य घटना के माध्यम से एक मस्तिष्क से दूसरे मस्तिष्क में पहुँचाने का काम करती है। मीम की अवधारणा के समर्थक इन्हें अनुवांशिक इकाई जीन का सांस्कृतिक समकक्ष मानते हैं, जो स्वयं की प्रतिकृति बनाते हैं, उत्परिवर्तित होते हैं और चयनात्मक दबाव के विरुद्ध प्रतिक्रिया करते हैं।
परिचय
"मीम" शब्द प्राचीन यूनानी शब्द μίμημα; मीमेमा का संक्षिप्त रूप है जिसका अर्थ हिन्दी में नकल करना या नकल उतारना होता है। इस शब्द को गढ़ने और पहली बार प्रयोग करने का श्रेय ब्रिटिश विकासवादी जीवविज्ञानी रिचर्ड डॉकिंस को जाता है जिन्होने 1976 में अपनी पुस्तक द सेल्फिश जीन (यह स्वार्थी जीन) में इसका प्रयोग किया था। इस शब्द को जीन शब्द को आधार बना कर गढ़ा गया था और इस शब्द को एक अवधारणा के रूप में प्रयोग कर उन्होने विचारों और सांस्कृतिक घटनाओं के प्रसार को विकासवादी सिद्धांतों के जरिए समझाने की कोशिश की थी। पुस्तक में मीम के उदाहरण के रूप में गीत, वाक्यांश, फैशन और मेहराब निर्माण की प्रौद्योगिकी शामिल है।
मीम के विचार के समर्थकों का कहना है कि मीम जैविक विकास के अनुरूप, प्राकृतिक चयन द्वारा विकसित हो सकता है। मीम इसे भिन्नता, उत्परिवर्तन, प्रतियोगिता और विरासत की प्रक्रिया के माध्यम से करते हैं, जिनमें से प्रत्येक किसी मीम की प्रजनन सफलता को प्रभावित करती है।
मीम अपने पोषक के व्यवहार के माध्यम से फैलते है जिसे वो स्वयं अपने पोषक में उत्पन्न करते हैं। कम व्यवहृत मीम विलुप्त हो जाते हैं, जबकि दूसरे बच सकते हैं, संचारित हो सकते हैं और और उत्परिवर्तित (रूप बदलना)(अच्छे या बुरे के लिए) हो सकते हैं। जो मीम स्वयं की प्रतिकृति बना सकते हैं इस दौड़ में सफल रहते हैं। कुछ मीम प्रभावी ढंग से स्वयं की प्रतिकृति बनाने में सफल रहते हैं जबकि उनका ऐसा करना उनके पोषक के कल्याण के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
मीमों के अध्ययन के क्षेत्र को मीमेटिक्स कहा जाता है जिसकी शुरुआत 1990 के दशक में एक विकासवादी मॉडल के संदर्भ में अवधारणाओं और मीमों के संचरण का पता लगाने के लिए हुई थी। विभिन्न आलोचकों ने इस धारणा कि मीमों का अनुभवाश्रित परीक्षण किया जा सकता है को चुनौती दी है। तथापि न्यूरोइमेजिंग में हुआ विकास अनुभवजन्य अध्ययन को संभव बना सकता है।
गैलरी
इन्हें भी देखें
हिंदी मीम
मीमेटिक्स
संस्कृति |
1960 और 1970 के दशक की सफलता के बाद गिरावट का एक लंबा दौर आया। मैल्कम एलिसन 1979 में दूसरी बार प्रबंधक बनने के लिए क्लब में शामिल हुए, लेकिन स्टीव डेली जैसे असफल हस्ताक्षरों पर बड़ी रकम बर्बाद कर दी। इसके बाद प्रबंधकों का एक क्रम आया - केवल 1980 के दशक में सात। जॉन बॉन्ड के तहत, सिटी 1981 एफए कप फाइनल में पहुंची लेकिन टोटेनहम हॉटस्पर से दोबारा मैच में हार गई। क्लब को 1980 के दशक में (1983 और 1987 में) दो बार शीर्ष उड़ान से हटा दिया गया था, लेकिन 1989 में फिर से शीर्ष उड़ान पर लौट आया और पीटर रीड के प्रबंधन के तहत 1991 और 1992 में पांचवें स्थान पर रहा। हालाँकि, यह केवल एक अस्थायी राहत थी, और रीड के जाने के बाद मैनचेस्टर सिटी की किस्मत लगातार ख़राब होती गई। 1992 में प्रीमियर लीग के निर्माण के समय सिटी इसके सह-संस्थापक थे, लेकिन इसके पहले सीज़न में नौवें स्थान पर रहने के बाद 1996 में हटा दिए जाने से पहले उन्हें तीन सीज़न के संघर्ष का सामना करना पड़ा। डिवीजन वन में दो सीज़न के बाद, सिटी अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई। इतिहास, 1. जर्मनी के एफसी मैगडेबर्ग के बाद, अपने देश के तीसरे लीग टियर में स्थानांतरित होने वाले दूसरे यूरोपीय ट्रॉफी विजेता बन गए। |
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें पुलिस के दो अधिकारी एक आदमी को पकड़े हुए दिखाई दे रहे हैं. तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि इस साउथ अफ्रीकी पिता ने अपनी तीन साल की बेटी के बलात्कारी को पकड़ लिया और उसे बुरी तरह से यातना दी.
तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा है, “सोवेटो के इस पिता ने उस आदमी को खोजा जिसने उसकी 3 साल की बेटी के साथ बलात्कार किया था, उसे पेड़ से बांध दिया, बलात्कारी का लिंग काट दिया, उसे पकाया और बलात्कारी को इसे खाने के लिए मजबूर किया.” सोवेटो साउथ अफ्रीका का एक शहर है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि यह दावा गलत है. फोटो में दिख रहे आदमी को साउथ अफ्रीका की पुलिस ने विदेशी नागरिकों को कथित तौर पर लूटने और उन पर हमला करने के आरोप में पकड़ा था.
यह पोस्ट इस साल अप्रैल से वायरल हो रही है जब ट्विटर यूजर ‘
Zaddy Ajala
’ ने इसे ट्वीट किया था. स्टोरी लिखे जाने तक उनके ट्वीट को 500 से ज्यादा लोग रीट्वीट कर चुके हैं.
फेसबुक
पर भी कई यूजर ने इसे शेयर किया है.
वायरल फोटो को इंटरनेट पर रिवर्स सर्च करने पर हमें '
डेली मेल
' पर प्रकाशित एक लेख मिला जिसमें यह फोटो इस्तेमाल की गई है. लेख में इस फोटो के कैप्शन में लिखा गया है, “प्रिटोरिया की सड़कों पर एक मार्च के दौरान विदेशी निवासियों के साथ कथित रूप से लूटपाट और झड़प के बाद एक दक्षिण अफ्रीकी निवासी को पुलिस ने गिरफ्तार किया.”
यह लेख फरवरी, 2017 में प्रकाशित हुआ था, जब साउथ अफ्रीका की राजधानी प्रिटोरिया में ब्लैक साउथ अफ्रीकी नागरिकों और दूसरे अफ्रीकी देशों से आए शरणार्थियों के बीच हिंसा भड़क उठी थी.
वायरल हो रही तस्वीर ‘यूरोपियन प्रेसफोटो एजेंसी’ पर भी उसी सूचना के साथ उपलब्ध है. वहां पर इसका शीर्षक है, “साउथ अफ्रीकी जेनोफोबिया” (
South Africa xenophobia)
. जेनाफोबिया का मतलब होता है विदेशी लोगों को पसंद न करना.
इस तरह यह स्पष्ट है कि वायरल हो रही इस फोटो का उस अफ्रीकी पिता से कोई लेना देना नहीं है जिसने अपनी तीन साल की बेटी के बलात्कारी को खोजा और उसे बुरी तरह यातना दी.
2014 में इस तरह का एक मामला दिल्ली में सामने आया था जब एक गुस्साए व्यक्ति ने अपनी 14 साल की बेटी के कथित बलात्कारी को काफी यातना देने के बाद उसकी हत्या कर दी थी.
इंडियन एक्सप्रेस
की रिपोर्ट के मुताबिक, लड़की के पिता ने आरोपी को घर बुलाया, उसके गुप्तांगों को जला दिया और फिर गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी. यह घटना 1 नवंबर, 2014 की है.
इसके पहले
AFP फैक्ट चेक
भी इस भ्रामक दावे को खारिज कर चुका है. |
बिहार के सीवान जिले में दरौंदा विधानसभा उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार के दौरान बिना अनुमति के लाउडस्पीकर और पोस्टर बैनर के उपयोग पर स्थानीय प्रशासन ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और पार्टी उम्मीदवार परमेश्वर सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि महाराजगंज के अनुमंडल पदाधिकारी पीके राम के निर्देश पर दरौंदा के अंचलाधिकारी शंकर महतो ने लालू और पार्टी उम्मीदवार परमेश्वर सिंह के खिलाफ रविवार को दरौंदा थाने में आदर्श चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज कराया.
दोनों पर दरौंदा में चौपाल लगाकर चुनाव प्रचार के दौरान बिना अनुमति के लाउडस्पीकर और पोस्टर बैनर का उपयोग करने का आरोप है. उन्होंने बताया कि दरौंदा से पार्टी प्रत्याशी सिंह के समर्थन में राजद सुप्रीमो ने आठ अक्तूबर को लाउडस्पीकर और पोस्टर बैनर आदि का प्रयोग किया था. इसके लिए उनके खिलाफ भादवि की धारा 188 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है. प्रशासन ने पूरे प्रकरण की वीडियोग्राफी कराई है. |
अमिताभ कांत ने कहा कि भारत के बारे में सकारात्मक माहौल
अमिताभ कांत के मुताबिक भारत की कहानी अभी शुरू हुई है
आर्थिक सुस्ती के बीच नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने कहा है कि भारत की इकोनॉमी आने वाले दिनों में और मजबूत होगी. न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत के दौरान अमिताभ कांत ने कहा कि भारत के बारे में काफी सकारात्मक माहौल है.
अमिताभ कांत ने कहा, ''माल एवं सेवा कर (जीएसटी) समेत दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता के जरिये क्रोनी पूंजीवाद को समाप्त करना हो या रेरा के जरिये रियल एस्टेट में सुधार करना और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर जैसे उपायों से भारत की इकोनॉमी मजबूत होगी. '' उन्होंने आगे कहा कि भारत की कहानी अभी शुरू हुई है.
अमिताभ कांत ने कहा, '' शहरीकरण, बुनियादी संरचना सृजन तथा आगे बढ़ने के लिए प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की हमारी प्रक्रिया अभी शुरू हुई है. ये जो सुधार किए गए हैं, इनकी बुनियाद पर शानदार वृद्धि की कहानी आप अगले तीन दशकों में देखेंगे.'' देश की जीडीपी 6 साल के निचले स्तर पर पहुंच जाने के बारे में पूछे जाने पर अमिताभ कांत ने कहा कि ये अल्पकालिक सूचकांक हैं और भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की पटरी पर है.
अमिताभ कांत ने कहा, ‘‘सरकार का लक्ष्य भारत को 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है. हम सभी इस दिशा में काम कर रहे हैं. हम इसे पा लेंगे और भारत दुनिया में सबसे सरल एवं आसान देशों में एक बन जाएगा.’’ उन्होंने आगे कहा कि हम अगले साल तक विश्व बैंक के कारोबार सुगमता सूचकांक में शीर्ष 50 देशों में और अगले तीन साल में शीर्ष 25 देशों में शामिल होने का इरादा बना चुके हैं. यह हासिल करने योग्य लक्ष्य है.
बता दें कि हाल ही में मोदी सरकार में मुख्य आर्थिक सलाहकार रह चुके अरविंद सुब्रमण्यन ने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था आईसीयू की तरफ बढ़ रही है. उन्होंने सरकार को चेताया है कि अगर इसे नहीं संभाला गया तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे. |
छान्दोग्योपनिषद् - चौथा खण्ड
पुराकाल में जबाला के पुत्र सत्यकाम ने अपनी जबाला माता को पुकार कर पूछा ! मैं ब्रह्मचर्य धारण करूँगा । तू बता - मैं कौन गोत्र वाला हूँ ।
वह इस पुत्र को बोली - प्यारे ! मैं नहीं जानती कि किस गोत्र वाला तू है । मैंने अनेक स्थानों में काम करने वाली नौकरानी ने यौवन में तुझे पाया । इस कारण जिस गोत्र वाला तू है वह मैं यह नहीं जानती । जबाला वाली तो मैं हूँ और सत्यकाम नाम तू है । सो “ जाबाला सत्यकाम “ ही गुरु के पूछने पर कहना ।
वह सत्यकाम गौतम नाम वाले हरिद्रमान् के पुत्र हारिद्र्यप्रत के पास जा कर बोला - मैं भगवान के समीप ब्रह्मचर्यव्रत को पालता हुया रहूँगा । इस कारण भगवान के पास आया हूँ ।
उस सत्यकाम को गौतम ने कहा - प्यारे ! किस गोत्र वाला तू है ? उत्तर में वह बोला - हे भगवान् ! जिस गोत्र वाला मैं हूँ यह मैं नहीं जनता । मैंने अपनी माता को गोत्र पूछा था । उसने मुझे कहा - मैं बहुत स्थानों में काम करती हुई नौकरानी थी । यौवन में तू मुझे प्राप्त हुआ इत्यादि पूर्ववत् । सो मैं सत्यकाम जाबाल हूँ ।
सत्यकाम को गौतम ने कहा - अब्रह्मण - अज्ञानी यह बात नहीं कह सकता । इस कारण तू ब्राह्मण है । प्यारे समिधा ले आ, मैं तुझे उपनयन में लाऊँगा । तू सत्य से चलायमान नहीं हुआ । उस को उपवीत देकर गुरु ने कृश दुर्बल गौऊँ में से चार सौ गौएँ निकल कर उसे कहा - प्यारे ! इन के पीछे जा । इन को वानों में में ले जा । उनको चलाते समय वह बोला - हे गुरो ! सहस्त्र हुए बिना मैं नहीं लोटूँगा । वह बरसों तक वनों में प्रवासी बना रहा । जब वे गोएं सहस्त्र हुईं ।
लेखक : पूज्य श्री स्वामी सत्यानन्द जी महाराज
Post by Ashwsni Bedi , shri Ram sharnam , Ludhiana, pb India . |
टीवी की सिमर यानी एक्ट्रेस दीपिका कक्कड़ की तबियत पिछले काफी समय से खराब चल रही है. कुछ समय पहले दीपिका के पति और एक्टर शोएब इब्राहिम ने एक तस्वीर शेयर की थी, जिसमें वे दीपिका का टेम्परेचर चेक कर रहे थे. गुरूवार 3 अक्टूबर की शाम को शोएब ने एक और तस्वीर शेयर की, जिसमें आप दीपिका को अस्पताल के बिस्तर पर देख सकते हैं.
शोएब ने किया पोस्ट
इस फोटो को शेयर करते हुए शोएब इब्राहिम ने लिखा, 'बस अब जल्दी ठीक हो जाओ यार बच्चा. उसके जल्दी ठीक हो जाने की दुआ करें.' शोएब के इस पोस्ट पर फैंस के साथ-साथ कई सेलेब्स ने भी दीपिका के जल्द ठीक होने की दुआ मांगते हुए कमेंट किए.
सीरियल कवच 2 की एक्ट्रेस दीपिका सिंह ने कमेंट किया, 'जल्दी ठीक हो जाओ. तुम्हारी रिकवरी की दुआ कर रहे हैं.'
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Bas ab jaldi theek ho jao yaar bachcha.. Pray for her speedy recovery🙏🏻
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Shoaib Ibrahim
(@shoaib2087) on
Oct 3, 2019 at 7:32am PDT
ये हो सकती है बीमारी की वजह
बता दें कि
दीपिका कक्कड़
लम्बे समय से सीरियल कहां हम कहां तुम की शूटिंग कर रही हैं. दीपिका इस सीरियल को लेकर काफी व्यस्त रहती हैं. माना जा रहा है कि उनके
बिजी शिड्यूल के चलते ही उनकी तबियत खराब हुई है
. बिग बॉस 12 जीतने के बाद ये दीपिका का पहला सीरियल है.
सीरियल कहां हम कहां तुम में दीपिका कक्कड़, सोनाक्षी रस्तोगी का किरदार निभा रही हैं जो एक एक्ट्रेस है. सोनाक्षी को रोहित सिप्पी (एक्टर करण वी ग्रोवर) नाम के एक सर्जन से प्यार हो जाता है.
ऐसे हुई थी
दीपिका-शोएब
की मुलाकात
शोएब इब्राहिम पत्नी दीपिका कक्कड़ का खूब ध्यान रख रहे हैं. इस जोड़ी ने साल 2018 के फरवरी में शादी की थी. दीपिका और शोएब की मुलाकात सीरियल ससुराल सिमर का के सेट्स पर हुई थी. दोनों ने चार साल तक रिश्ते में रहने के बाद शादी का फैसला किया. |
तीन तलाक के मुद्दे पर जनता दल यूनाइटेड केंद्र की बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के साथ नहीं है. पार्टी ने साफ कहा है कि अगर राज्यसभा में इस मुद्दे पर वोटिंग हुई तो पार्टी इसके समर्थन में वोट नहीं करेगी.
पार्टी की बिहार इकाई के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने NDTV से खास बातचीत में कहा कि ट्रिपल तलाक के पक्ष में हम लोग अभी नहीं हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि एक बड़े समुदाय की परम्परा में कुछ तौर तरीक़े बने हुए हैं. इसट्रिपल तलाक से लाखों महिलाएं प्रभावित होंगी. इस पर उस समुदाय के लोगों से उनकी भावनाओं के साथ बातचीत करके एक समाधान निकालना चाहिए. मैं इसलिए मानता हूं कि वर्तमान स्वरूप में ट्रिपल तलाक के हम लोग पक्षधर नहीं हैं. उनकी पार्टी वोटिंग के समय क्या करेगी? इस सवाल पर सिंह ने कहा कि हम समर्थन में वोट नहीं करेंगे.
इससे पूर्व लोकसभा में बहस के दौरान पार्टी के दोनों सांसद चुप रहे और वोटिंग में भी उन्होंने हिस्सा नहीं लिया था. लेकिन बिहार भाजपा के नेताओं का कहना है कि जनता दल यूनाइटेड का तो स्टैंड पुराना है. इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है.
इससे पहले भी विधि आयोग द्वारा इस मुद्दे पर राय मांगी जाने पर नीतीश कुमार ने लिखित रूप में इस मुद्दे पर अपना विरोध प्रकट किया था. उनका कहना था कि सरकार द्वारा किसी संप्रदाय विशेष पर ऐसी कोई नीति थोपी नहीं जानी चाहिए जब तक कि उस समुदाय में उस इस मुद्दे सर्वसहमति न बन जाए. |
आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने रविवार को जीतनराम मांझी की जमकर तारीफ की. लालू ने कहा कि मांझी में केंद्रीय मंत्री बनने के गुण हैं. लालू यादव ने जीतन राम मांझी की तारीफ करने के साथ ही रामविलास पासवान पर निशाना साधा. आरजेडी प्रमुख ने पासवान को बूढ़ा करार दिया.
लालू प्रसाद यादव ने कहा कि
पासवान बूढ़े हो गए
हैं उन्हें आराम करना चाहिए और मांझी के लिए मंत्री पद छोड़ देना चाहिए. लालू प्रसाद ने कहा कि मांझी को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिलनी चाहिए. हाल ही में लालू प्रसाद यादव द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में
जीतनराम मांझी और नीतीश कुमार
एक साथ दिखाई दिए थे.
नीतीश को लेकर मांझी के बदले सुर
वहीं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी अपने बयानों के कारण एक बार फिर चर्चा में हैं. रविवार को मीडिया से बातचीत करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि वो आज जो कुछ भी हैं वो
नीतीश कुमार
के कारण हैं. लेकिन शाम होते-होते वो फिर पलट गए. जीतन राम मांझी ने शाम में कहा कि राजनीति संभावनाओं का खेल है. मांझी ने कहा कि पारिवारिक जीवन में रिश्ता अलग चीज है और राजनीति अलग चीज है.
जीतन राम मांझी ने कहा जहां पर प्रशंसा की बात होती है वहीं प्रशंसा की जाती है. जहां आलोचना की बात होती है वहां आलोचना की जाती है. नीतीश कुमार से संबंध सुधारने की बात पर मांझी ने कहा कि संबंध खराब कब था, घर में अगर दो भाई हैं और दोनों दो पार्टी में रहते हैं लेकिन रात में घर में एक साथ एक टेबल पर खाना तो खाते ही हैं. पति-पत्नी अलग-अलग पार्टी में रहते हैं लेकिन साथ में एक साथ सोते हैं कि नहीं.
बिहार बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद की नियुक्ति पर बोलते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि मैं मानता हूं कि मेरे समय में उनकी नियुक्ति हुई लेकिन नाम तय तो नीतीश कुमार करते थे. मांझी ने कहा कि शुरू के चार-पांच महीने उन्होंने बिल्कुल रबर स्टाम्प की तरह काम किया और जब बाद में विरोध करना शुरू किया तो पद से ही हटा दिए गए.
मांझी ने कहा मंत्री कौन बना, आयोग और बोर्ड में कौन चेयरमैन बना इसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं रहती थी. नाम नीतीश कुमार के यहां से तय होकर आता था मैं सिर्फ दस्तखत करता था. मांझी ने ये भी कहा कि इंटर
टॉपर घोटाला
के बाद ये तो तय हो गया कि कौन किसको संरक्षण दे रहा है या दे रहा था. ये पूछने पर कि लालू प्रसाद ने कहा कि मांझी को केंद्र में मंत्री बनाना चाहिए इस पर मांझी ने कहा कौन क्या बोलता है मुझे नहीं पता. |
Seen in Delhi metro: Mother and child take seats while the child’s nanny sits on the floor on a fairly empty train. Caste/class discrimination really is space-agnostic. pic.twitter.com/cawsIU2zWs
महिला ने अपने भाई के ब्लॉग में सफाई देते हुए कहा है कि इस तस्वीर को जिस तरह से देखा गया उससे वो बहुत दुखी हैं.VIDEO: लैंगिक भेदभाव, घरेलू हिंसा और बाल मजदूरी की समस्या
VIDEO: लैंगिक भेदभाव, घरेलू हिंसा और बाल मजदूरी की समस्या |
जापान की एस्ट्रॉनॉमिकल सोसायटी (PASJ) का प्रकाशन एक सहकर्मी द्वारा समीक्षा की हुई खगोल विज्ञान की वैज्ञानिक पत्रिका है जिसका प्रकाशन जापान की एस्ट्रॉनॉमिकल सोसायटी द्विमासिक आधार पर करती है। पत्रिका की स्थापना 1949 में हुई थी। वर्तमान प्रधान संपादक टी. शिगेयामा हैं ।
यह भी देखें
खगोल विज्ञान पत्रिकाओं की सूची
अमेरिकी खगोल समाज की विज्ञप्ति
प्रशांत के खगोलीय समाज के प्रकाशन
बाहरी संबंध
जापान की एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी की वेबसाइट का प्रकाशन
पूरे वर्षों में PASJ संपादकों की सूची
खगोलशास्त्रीय पत्रिकाएँ
विकिपरियोजना खगोलशास्त्र लेख
वैज्ञानिक और तकनीकी पत्रिकाएँ |
दाल और गेहूं की कीमतों में नरमी से तीन सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में साल दर साल आधार पर खाद्य मुद्रास्फीति घटकर 9.47 प्रतिशत पर आ गई। इस दौरान हालांकि अन्य खाद्य वस्तुएं महंगी हुईं। इससे पिछले सप्ताह में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित खाद्य मुद्रास्फीति 9.55 प्रतिशत तथा 2010 की समान अवधि में 15.16 प्रतिशत थी। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, 3 सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में वार्षिक आधार पर दालों की कीमत में 2.45 प्रतिशत, जबकि गेहूं की कीमत में 2.03 प्रतिशत की गिरावट आई। हालांकि, इस दौरान वाषिर्क आधार पर अन्य खाद्य वस्तुएं महंगी रहीं। जहां प्याज की कीमत पिछले साल की तुलना में 42.98 प्रतिशत बढ़ी, वहीं आलू 21.16 प्रतिशत महंगा हुआ। इनके अलावा, फलों की कीमतों में 22.64 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि सब्जियां 17.47 प्रतिशत महंगी हुईं। दूध वार्षिक आधार पर 10.02 प्रतिशत महंगा हुआ, जबकि अनाज के दाम में 5.02 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली। |
पाकिस्तान के अपने जमाने के दिग्गज बल्लेबाज और अफगानिस्तान के कोच इंजमाम उल हक ने अपनी टीम के वर्ल्ड टी20 में श्रीलंका के खिलाफ दिखाए गए जज्बे की तारीफ की.
अफगानिस्तान
ने कप्तान
अस्गर स्तेनिकजई
के 62 रन की मदद से सात विकेट पर 153 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया लेकिन
तिलकरत्ने दिलशान
की नाबाद 83 रन की पारी की मदद से श्रीलंका ने यह मैच छह विकेट से जीता.
इंजमाम ने मैच के बाद कहा, ‘हमें अनुभव की जरूरत थी विशेषकर जबकि हमारा सामना वर्ल्ड चैंपियन से था लेकिन हमने फिर में कड़ी चुनौती दी. हम जीत सकते थे लेकिन श्रीलंका की टीम अनुभवी है और मौजूदा चैंपियन है तथा उसने दबाव अच्छी तरह से झेला.’
इंजी ने कप्तान स्तेनिकजई की भी तारीफ की जिन्होंने श्रीलंका के आक्रमण की धज्जियां उड़ाई. उन्होंने कहा, ‘जिस तरह से खिलाड़ियों ने हार नहीं मानी उससे उनके जज्बे का पता चलता है. हम मौजूदा चैंपियन टीम के खिलाफ आखिर तक हार नहीं मानी. बल्लेबाजी में भी हमने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन केवल कप्तान ही नहीं अन्य खिलाड़ियों को भी योगदान देना होगा.’
पाकिस्तान के इस पूर्व कप्तान ने कहा, ‘हमें जितने अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के लिए मिलेंगे हमारी टीम में उतना निखार आएगा. हमने अच्छी बल्लेबाजी और गेंदबाजी की लेकिन हां फील्डिंग में कुछ गलतियां की. ऐसा बड़े टूर्नामेंट के दबाव के कारण हुआ. हमने अच्छी क्रिकेट खेली और आगे सुधार करेंगे.’ |
अक़ाबा की खाड़ी (अरबी: خليج العقبة, ख़लीज अल-अक़ाबा; अंग्रेज़ी: Gulf of Aqaba) लाल सागर के उत्तरी भाग में सीनाई प्रायद्वीप से पूर्व में और अरबी मुख्यभूमि से पश्चिम में स्थित एक बड़ी खाड़ी है। इस खाड़ी के किनारे पर चार देश तटस्थ हैं: मिस्र, इस्राइल, जोर्डन और सउदी अरब। |
जनवरी 1915 की शुरुआत में, जर्मन नौसैनिक कमान को पता चला कि ब्रिटिश जहाज डोगर बैंक क्षेत्र में टोह ले रहे थे। एडमिरल इंजेनोहल शुरू में इन बलों को नष्ट करने के प्रयास के लिए अनिच्छुक थे, क्योंकि आई स्काउटिंग ग्रुप अस्थायी रूप से कमजोर हो गया था, जबकि वॉन डेर टैन समय-समय पर रखरखाव के लिए ड्राईडॉक में था। हाई सीज़ फ्लीट के चीफ ऑफ स्टाफ, कोन्टरएडमिरल रिचर्ड एकरमैन ने ऑपरेशन पर जोर दिया, और इसलिए इंजेनोहल ने नरम रुख अपनाया और हिपर को अपने युद्धक्रूजरों को डोगर बैंक में ले जाने का आदेश दिया। 23 जनवरी को, हिप्पर ने सीडलिट्ज़ के नेतृत्व में उड़ान भरी, उसके बाद मोल्टके, डेरफ्लिंगर और ब्लूचर के साथ-साथ हल्के क्रूजर ग्रुडेंज, रोस्टॉक, स्ट्रालसुंड और कोलबर्ग और वी फ्लोटिला और II और XVIII हाफ-फ्लोटिलस से 19 टारपीडो नौकाएं थीं। ग्रौडेंज और स्ट्रालसुंड को फॉरवर्ड स्क्रीन के लिए नियुक्त किया गया था, जबकि कोलबर्ग और रोस्टॉक को क्रमशः स्टारबोर्ड और पोर्ट के लिए नियुक्त किया गया था। प्रत्येक लाइट क्रूज़र में टारपीडो नौकाओं का आधा फ़्लोटिला जुड़ा हुआ था। फिर, जर्मन वायरलेस सिग्नल के अवरोधन और डिक्रिप्शन ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालाँकि वे सटीक योजनाओं से अनभिज्ञ थे, कक्ष 40 के क्रिप्टोग्राफरों ने निष्कर्ष निकाला कि हिपर डोगर बैंक क्षेत्र में एक ऑपरेशन करेगा। इसका मुकाबला करने के लिए, बीट्टी की पहली बैटलक्रूज़र स्क्वाड्रन, रियर एडमिरल आर्चीबाल्ड मूर की दूसरी बैटलक्रूज़र स्क्वाड्रन और कमोडोर विलियम गुडइनफ की दूसरी लाइट क्रूजर स्क्वाड्रन को 24 जनवरी को सुबह 08:00 बजे, लगभग 30 मील (48 किमी) उत्तर में कमोडोर रेजिनाल्ड टायरविट की हार्विच फोर्स के साथ मिलना था। डोगर बैंक। 08:14 पर, कोलबर्ग ने हल्के क्रूजर ऑरोरा और हार्विच फोर्स के कई विध्वंसक जहाजों को देखा। अरोरा ने कोलबर्ग को सर्च लाइट से चुनौती दी, जिस बिंदु पर कोलबर्ग ने अरोरा पर हमला किया और दो हिट लगाए। ऑरोरा ने पलटवार किया और जवाबी कार्रवाई में कोलबर्ग पर दो वार किए। हिप्पर ने तुरंत अपने युद्धक्रूजरों को गोलियों की ओर मोड़ दिया, जब, लगभग उसी समय, स्ट्रालसुंड ने अपनी स्थिति के उत्तर-पश्चिम में बड़ी मात्रा में धुआं देखा। इसकी पहचान हिप्पर के जहाजों की ओर बढ़ रहे कई बड़े ब्रिटिश युद्धपोतों के रूप में की गई थी। |
फतेह बहादुर सिंह एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जो कैंपियरगंज विधानसभा क्षेत्र गोरखपुर जिले से छह बार विधानसभा के सदस्य और उत्तर प्रदेश के पूर्व वन मंत्री रह चुके हैं। वह उत्तर प्रदेश की 17वीं विधानसभा में अस्थायी अध्यक्ष थे। वह उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह के बेटे हैं। उनकी शिक्षा देहरादून के कर्नल ब्राउन कैम्ब्रिज स्कूल में हुई है।
सन्दर्भ
बहुजन समाज पार्टी के राजनीतिज्ञ
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनीतिज्ञ
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राजनीतिज्ञ
1969 में जन्मे लोग
उत्तर प्रदेश 17वीं विधान सभा के सदस्य
उत्तर प्रदेश 16वीं विधान सभा के सदस्य
उत्तर प्रदेश 15वीं विधान सभा के सदस्य
जीवित लोग |
इंटरनेट सेंसेशन रानू मंडल आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. रानू रेलवे स्टेशन पर लता मंगेशकर का पॉपुलर गाना 'एक प्यार का नगमा है' गाकर फेमस हुई थीं. अब वह सिंगर कंपोजर हिमेश रेशमिया के साथ कई गाने रिकॉर्ड कर चुकी हैं. इसमें एक गाना तेरी मेरी कहानी जारी हो चुका है जिसे लोगों से जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला. कुछ समय पहले लता ने रानू मंडल को लेकर एक बयान दिया था जो सोशल मीडिया यूजर्स को पसंद नहीं आया और उन्होंने लता को खूब खरी खोटी सुनाई थी. अब लता के इस बयान पर रानू ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
नवभारत टाइम्स के साथ एक इंटरव्यू के दौरान जब रानू मंडल से लता के बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब में कहा, ''मैं लता जी की उम्र के हिसाब से मैं छोटी थी, हूं और आगे जाकर भी रहूंगी. मुझे बचपन से उनकी आवाज पसंद है.''
The lady Ranu Mondal singing Lata ji's song outside Kolkata railway station. Today she recorded her first song with Himesh sir for his film
#HappyHardyAndHeer
pic.twitter.com/3mqNUkXDhM
— Team Himesh (@TeamHimesh)
August 22, 2019
Himesh sir and
#RanuMondal
singing the epic blockbuster song
#TeriMeriKahani
live at the launch event.
#HappyHardyAndHeer
pic.twitter.com/CbFKvpsVOQ
— Team Himesh (@TeamHimesh)
September 12, 2019
लता मंगेशकर ने कही थी ये बात
हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान जब लता मंगेशकर से रानू मंडल के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, "अगर मेरे नाम और काम से किसी का भला होता है तो मैं अपने आप को खुशकिस्मत समझती हूं, लेकिन मेरा यह भी मानना है कि नकल से सफलता ज्यादा दिनों तक नहीं टिक सकती है. मेरे, किशोर दा, रफी साहब या मुकेश भइया या आशा भोंसले के गानों को गाकर गायक कम समय तक के लिए ही लोगों का ध्यान आकर्षित कर सकते हैं. "
रानू मंडल ने गाना तेरी मेरी कहानी को हिमेश रेशमिया की फिल्म हैप्पी हार्डी एंड हीर के लिए गाया है. इसमें हिमेश ने भी अपनी आवाज दी है. इस फिल्म में हिमेश मुख्य भूमिका में हैं और वह पहली बार डबल रोल में नजर आएंगे. यह फिल्म 27 दिसंबर को रिलीज हो रही है. एक्ट्रेस सोनिया मन, हिमेश रेशमिया के अपोजिट नजर आएंगी. |
मैकिन्टौश 128K, मूल रूप से एप्पल मैकिनटोश के रूप में जारी किया गया पर्सनल कंप्यूटर है। इसके बेज केस में 9 इंच (23 सेमी) सीआरटी मॉनिटर शामिल था और यह एक कीबोर्ड और माउस के साथ आया था। इसने डेस्कटॉप प्रकाशन को एक सामान्य कार्यालय कार्य के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। केस के शीर्ष में बने एक हैंडल ने कंप्यूटर को उठाना और ले जाना आसान बना दिया। इसका शुरुआती बिक्री मूल्य US$2,495 (2021 में $6,508 के बराबर) था। मैकिन्टौश को अब प्रसिद्ध यूएस$ 370,000 (2021 में $965,000 के बराबर) लागत वाले "1984" टेलीविजन विज्ञापन द्वारा पेश किया गया था, जिसका निर्देशन रिडले स्कॉट द्वारा किया गया था, जो 22 जनवरी, 1984 को सुपर बाउल XVIII की तीसरी तिमाही के दौरान सीबीएस पर प्रसारित हुआ।[6] मैकिंटोश की बिक्री 24 जनवरी 1984 को इसकी आरंभिक रिलीज से ही मजबूत थी, और 3 मई 1984 को 70,000 इकाइयों तक पहुंच गई।[7] इसके उत्तराधिकारी, मैकिन्टोश 512K के जारी होने पर, इसे मैकिन्टोश 128K के रूप में पुनः ब्रांडेड किया गया। कंप्यूटर का मॉडल नंबर M0001 था। |
लेख: उत्तराखंड में हाल में आई प्राकृतिक आपदा में लापता लोगों की संख्या को बढ़ाकर 3000 करते हुए मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने गुरुवार को कहा कि यदि 15 जुलाई तक उनका पता नहीं लगा तो उन्हें मृत मान लिया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘संकट की गंभीरता के मद्देनजर राज्य मंत्रिमंडल ने निर्णय किया है कि यदि लापता लोगों का 15 जुलाई तक पता नहीं चला तो हम मान लेंगे कि वे मारे गए और उनके नजदीकियों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि त्रासदी के बाद लापता लोगों की सही संख्या 3064 है तथा उनके बारे में पता लगाने की अंतिम समय सीमा 15 जुलाई है।
उन्होंने कहा कि आपदा में मारे गए लोगों के परिवारों को मुआवजे के भुगतान की प्रक्रिया 30 जुलाई तक पूरी कर ली जाएगी।
मौसम विभाग की अगले दो दिन में कुमाऊं क्षेत्र में भारी वष्रा की चेतावनी पर बहुगुणा ने कहा कि अगले 50 घंटों तक प्रशासन को बेहद चौकन्ना रहने की जरूरत है। टिप्पणियां
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के 250 कर्मियों को उन क्षेत्रों में तैनात किया गया है जहां भारी वर्षा की उम्मीद है।
मौसम विभाग के अनुसार पांच और छह जुलाई को राज्य विशेषकर कुमाउं क्षेत्र के नैनीताल, पिथौरागढ़ एवं उधमसिंह नगर जिलों में भारी वर्षा होने की संभावना है।
उन्होंने कहा, ‘‘संकट की गंभीरता के मद्देनजर राज्य मंत्रिमंडल ने निर्णय किया है कि यदि लापता लोगों का 15 जुलाई तक पता नहीं चला तो हम मान लेंगे कि वे मारे गए और उनके नजदीकियों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि त्रासदी के बाद लापता लोगों की सही संख्या 3064 है तथा उनके बारे में पता लगाने की अंतिम समय सीमा 15 जुलाई है।
उन्होंने कहा कि आपदा में मारे गए लोगों के परिवारों को मुआवजे के भुगतान की प्रक्रिया 30 जुलाई तक पूरी कर ली जाएगी।
मौसम विभाग की अगले दो दिन में कुमाऊं क्षेत्र में भारी वष्रा की चेतावनी पर बहुगुणा ने कहा कि अगले 50 घंटों तक प्रशासन को बेहद चौकन्ना रहने की जरूरत है। टिप्पणियां
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के 250 कर्मियों को उन क्षेत्रों में तैनात किया गया है जहां भारी वर्षा की उम्मीद है।
मौसम विभाग के अनुसार पांच और छह जुलाई को राज्य विशेषकर कुमाउं क्षेत्र के नैनीताल, पिथौरागढ़ एवं उधमसिंह नगर जिलों में भारी वर्षा होने की संभावना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि त्रासदी के बाद लापता लोगों की सही संख्या 3064 है तथा उनके बारे में पता लगाने की अंतिम समय सीमा 15 जुलाई है।
उन्होंने कहा कि आपदा में मारे गए लोगों के परिवारों को मुआवजे के भुगतान की प्रक्रिया 30 जुलाई तक पूरी कर ली जाएगी।
मौसम विभाग की अगले दो दिन में कुमाऊं क्षेत्र में भारी वष्रा की चेतावनी पर बहुगुणा ने कहा कि अगले 50 घंटों तक प्रशासन को बेहद चौकन्ना रहने की जरूरत है। टिप्पणियां
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के 250 कर्मियों को उन क्षेत्रों में तैनात किया गया है जहां भारी वर्षा की उम्मीद है।
मौसम विभाग के अनुसार पांच और छह जुलाई को राज्य विशेषकर कुमाउं क्षेत्र के नैनीताल, पिथौरागढ़ एवं उधमसिंह नगर जिलों में भारी वर्षा होने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि आपदा में मारे गए लोगों के परिवारों को मुआवजे के भुगतान की प्रक्रिया 30 जुलाई तक पूरी कर ली जाएगी।
मौसम विभाग की अगले दो दिन में कुमाऊं क्षेत्र में भारी वष्रा की चेतावनी पर बहुगुणा ने कहा कि अगले 50 घंटों तक प्रशासन को बेहद चौकन्ना रहने की जरूरत है। टिप्पणियां
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के 250 कर्मियों को उन क्षेत्रों में तैनात किया गया है जहां भारी वर्षा की उम्मीद है।
मौसम विभाग के अनुसार पांच और छह जुलाई को राज्य विशेषकर कुमाउं क्षेत्र के नैनीताल, पिथौरागढ़ एवं उधमसिंह नगर जिलों में भारी वर्षा होने की संभावना है।
मौसम विभाग की अगले दो दिन में कुमाऊं क्षेत्र में भारी वष्रा की चेतावनी पर बहुगुणा ने कहा कि अगले 50 घंटों तक प्रशासन को बेहद चौकन्ना रहने की जरूरत है। टिप्पणियां
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के 250 कर्मियों को उन क्षेत्रों में तैनात किया गया है जहां भारी वर्षा की उम्मीद है।
मौसम विभाग के अनुसार पांच और छह जुलाई को राज्य विशेषकर कुमाउं क्षेत्र के नैनीताल, पिथौरागढ़ एवं उधमसिंह नगर जिलों में भारी वर्षा होने की संभावना है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के 250 कर्मियों को उन क्षेत्रों में तैनात किया गया है जहां भारी वर्षा की उम्मीद है।
मौसम विभाग के अनुसार पांच और छह जुलाई को राज्य विशेषकर कुमाउं क्षेत्र के नैनीताल, पिथौरागढ़ एवं उधमसिंह नगर जिलों में भारी वर्षा होने की संभावना है।
मौसम विभाग के अनुसार पांच और छह जुलाई को राज्य विशेषकर कुमाउं क्षेत्र के नैनीताल, पिथौरागढ़ एवं उधमसिंह नगर जिलों में भारी वर्षा होने की संभावना है। |
इसके अलावा भारत में भी 2849 बार ट्रांजेक्शन कर 2 करोड़ 50 लाख रुपये निकाले गए. कुल मिलाकर 94 करोड़ 42 लाख की साइबर चोरी हुई है. ये साइबर डकैती 11 अगस्त को दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे के दौरान हुई है. |
लेख: जिले के सिमरिया थाना क्षेत्र के रमपुरा गांव में नवविवाहिता का गौना (विदा) कराने आए ससुराल पक्ष के दो युवकों द्वारा दुल्हन की नाबालिग छोटी बहन से सामूहिक बलात्कार करने का एक मामला सामने आया है, जिस पर पुलिस ने आज प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज कर विवेचना शुरू की है।टिप्पणियां
सिमरिया पुलिस थाने से मिली जानकारी के अनुसार घटना 4-5 जून की दरम्यिानी रात की है, लेकिन पीड़ित नाबालिग का परिवार अब तक इस उहापोह में रहा कि बेटी के ससुरालीजनों का मामला होने की वजह से वह इसकी पुलिस में रिपोर्ट करें अथवा नहीं, लेकिन विचार-विमर्श के बाद वे थाने में रिपोर्ट करने पहुंचे। पुलिस पीड़ित लड़की को सोमवार को यहां चिकित्सकीय परीक्षण कराने के लिए जिला अस्पताल लाएगी।
अपने माता-पिता के साथ सिमरिया थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंची आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली 11 वर्ष की लड़की ने पुलिस को बताया कि 4-5 जून को जब उसकी बड़ी बहन का गौना (विदा) कराने ससुराल पक्ष के लोग आए, तो आरोपी रमाकांत कुशवाह (19) एवं सुबे कुशवाह (20) ने उसे उसकी बहन के सगे देवर प्रमोद कुशवाह की मदद से दूसरे घर में मोबाइल चार्ज करने के बहाने बुलाया और उसके साथ दुराचार किया।
सिमरिया पुलिस थाने से मिली जानकारी के अनुसार घटना 4-5 जून की दरम्यिानी रात की है, लेकिन पीड़ित नाबालिग का परिवार अब तक इस उहापोह में रहा कि बेटी के ससुरालीजनों का मामला होने की वजह से वह इसकी पुलिस में रिपोर्ट करें अथवा नहीं, लेकिन विचार-विमर्श के बाद वे थाने में रिपोर्ट करने पहुंचे। पुलिस पीड़ित लड़की को सोमवार को यहां चिकित्सकीय परीक्षण कराने के लिए जिला अस्पताल लाएगी।
अपने माता-पिता के साथ सिमरिया थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंची आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली 11 वर्ष की लड़की ने पुलिस को बताया कि 4-5 जून को जब उसकी बड़ी बहन का गौना (विदा) कराने ससुराल पक्ष के लोग आए, तो आरोपी रमाकांत कुशवाह (19) एवं सुबे कुशवाह (20) ने उसे उसकी बहन के सगे देवर प्रमोद कुशवाह की मदद से दूसरे घर में मोबाइल चार्ज करने के बहाने बुलाया और उसके साथ दुराचार किया।
अपने माता-पिता के साथ सिमरिया थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंची आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली 11 वर्ष की लड़की ने पुलिस को बताया कि 4-5 जून को जब उसकी बड़ी बहन का गौना (विदा) कराने ससुराल पक्ष के लोग आए, तो आरोपी रमाकांत कुशवाह (19) एवं सुबे कुशवाह (20) ने उसे उसकी बहन के सगे देवर प्रमोद कुशवाह की मदद से दूसरे घर में मोबाइल चार्ज करने के बहाने बुलाया और उसके साथ दुराचार किया। |
यह लेख है: हाल ही में एनडीए (NDA) से अलग हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) आज महागठबंधन में (Mahagathbandhan) में शामिल हो गए. गुरुवार शाम आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने इसकी घोषणा की.लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) और केंद्र सरकार के बीच तल्खी बढ़ते ही जा रही है. सूत्रों के अनुसार एनडीए (NDA) से बाहर होने की अटकलों के बीच पार्टी के नेता चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने नोटबंदी के फायदे को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) को पत्र लिखा है. उन्होंने अपने पत्र में वित्त मंत्री से नोटबंदी (Demonetization) के फायदों के बारे में पूछा है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक बुक्कल नवाब (Bukkal Nawab) ने गुरुवार को विवादित बयान दे दिया. बुक्कल नवाब ने भगवान हनुमान जी को मुसलमान बताया है.भारतीय जनता पार्टी को कलकत्ता हाईकोर्ट से बड़ी खबर मिली है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी यानी बीजेपी की 3 रथ यात्राओं को हरी झंडी दे दी है.शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) की 'जीरो (Zero)' के लिए बॉक्स ऑफिस का सफर आसान नहीं रहने वाला है. 'जीरो (Zero)' को बॉक्स ऑफिस कलेक्शन (Zero Box Office Collection) के मामले में यश की कन्नड़ फिल्म 'केजीएफ (KGF)' से कड़ी टक्कर मिल रही है.
लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) और केंद्र सरकार के बीच तल्खी बढ़ते ही जा रही है. सूत्रों के अनुसार एनडीए (NDA) से बाहर होने की अटकलों के बीच पार्टी के नेता चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने नोटबंदी के फायदे को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) को पत्र लिखा है. उन्होंने अपने पत्र में वित्त मंत्री से नोटबंदी (Demonetization) के फायदों के बारे में पूछा है. लोक जनशक्ति पार्टी से जुड़े सूत्रों की मानें तो चिराग पासवान ने इससे पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) और पीएम मोदी (PM Modi) से केंद्र सरकार की उपलब्धियां, विकास के कार्यों, रोजगार और मुद्रा लोन के लाभार्थी आदि का आंकड़ा भी मांगा था जो उन्हें अभी तक उन्हें नहीं मिला है.
हाल ही में एनडीए (NDA) से अलग हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) आज महागठबंधन में (Mahagathbandhan) में शामिल हो गए. गुरुवार शाम आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा महागठबंधन में शामिल हो गए हैं. इस मौके पर राजद नेता तेजस्वी यादव, शरद यादव हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी भी मंच पर मौजूद थे.बता दें कि हाल ही में वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कुशवाहा के भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन छोड़ने के बाद मुलाकात की थी. तब से ही कयास लगाए जाने लगे थे कि कुशवाहा महागठबंधन का हिस्सा बन सकते हैं. कुशवाहा के अलग होने के बाद बिहार में भाजपा के अलावा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जेडीयू और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की लोजपा राजग (NDA) के अन्य घटक दल हैं.
भारतीय जनता पार्टी को कलकत्ता हाईकोर्ट से बड़ी खबर मिली है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी यानी बीजेपी की 3 रथ यात्राओं को हरी झंडी दे दी है. साथ ही कोर्ट ने प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं कि कानून एवं व्यवस्था कहीं भंग न हो. यानी अब बीजेपी राज्य में अपनी रथ यात्रा निकाल सकती है, जिसे ममता सरकार ने मंजूरी नहीं दी थी. बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने बीजेपी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया.पश्चिम बंगाल में बीजेपी की तीन रथ यात्राओं को हाई कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, 'हम इस फैसले का स्वागत करते हैं और हमें न्यायपालिका पर भरोसा था कि हमें न्याय मिलेगा. यह निर्णय निरंकुशता के मुंह पर तमाचा है. हमने अभी कुछ फैसला नहीं लिया है, मगर मैं आश्वस्त कर सकता हूं कि पीएम और पार्टी के मुखिया रथ यात्रा में शामिल होंगे.'
Zero Box Office Collection Day 1: शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) की 'जीरो (Zero)' के लिए बॉक्स ऑफिस का सफर आसान नहीं रहने वाला है. 'जीरो (Zero)' को बॉक्स ऑफिस कलेक्शन (Zero Box Office Collection) के मामले में यश की कन्नड़ फिल्म 'केजीएफ (KGF)' से कड़ी टक्कर मिल रही है. यश की फिल्म 'KGF (कोलार गोल्ड फील्ड्स 1)' को लेकर भी जबरदस्त हाइप है, और फिल्म कन्नड़, तमिल, तेलुगू, मलयालम और हिंदी में एक साथ रिलीज हो रही है. बॉक्स ऑफिस पर शाहरुख खान (Shah Rukh Khan), कैटरीना कैफ और अनुष्का शर्मा का मुकाबला यश की 'KGF' से होगा. बुकमायशो पर अगर फिल्म में दिलचस्पी रखने वाले लोगों का आंकड़ा देखें तो शाहरुख खान की 'जीरो' यश की 'केजीएफ' से पिछ़ड़ गई है. बेशक ये मुकाबला जारी है. उधर, फिल्म एक्सपर्ट मान रहे हैं कि शाहरुख खान की 'जीरो' पहले दिन बॉक्स ऑफिस (Zero Box Office Collection Day 1) पर 22-26 करोड़ रु. कमा सकती है. हालांकि ये सिर्फ एक अनुमान भर है. |
जम्मू में सेना पर हुए आतंकी हमलें पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि है कि सरकार को नोटबंदी करने से पहले आतंकबंदी करनी चाहिए. राउत बोले कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भी हमारे जवान मारे जा रहे है, इसके लिए सरकार को कुछ करने की जरुरत है. सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर बहुत राजनीति हो चुकी, यूपी चुनाव को ध्यान में रखते हुए बहुत बातें की गई.
संजय राउत ने कहा कि जवानों की शहादत पर राजनीति बंद होनी चाहिए, मनोहर पर्रिकर की ओर से
पाकिस्तान
को लेकर बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं लेकिन आतंकी हमले हो रहे. पाकिस्तान ने अब हमसे डरना छोड़ दिया है ऐसा एक्शन दिखाना चाहिए कि उसको समझ में आ जाए.
संजय राउत बोले कि हमारी हमेशा से मांग रही है कि पाकिस्तान से सभी रिश्ते खत्म कर देने चाहिए और इसकी शुरुआत पाकिस्तानी उच्चायुक्त में ताला लगाकर करनी चाहिए.
जम्मू में सुबह हुआ हमला
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के नगरोटा में मंगलवार सुबह सेना की यूनिट पर हुए आतंकी हमले के बाद चल रही मुठभेड़ खत्म हो गई है. सूत्रों के अनुसार हमलावरों ने पहले ग्रेनेड फेंका फिर फायरिंग शुरू की. इस हमले में एक दो जवान शहीद हो गए, सुरक्षाबलों की तरफ से भी जवाबी कार्रवाई की जा रही थी. चमलियाल में आतंकियों ने बीएसएफ यूनिट पर हमला किया. वहीं सेना के डीआईजी बलजीत सिंह भी हमले में घायल हो गए है, बीएसएफ के सूत्रों ने बताया कि चमलियाल में तीन आतंकियों को ढेर किया जा चुका है और नगरोटा में सभी चार आतंकियों को मारा गया. |
मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए आवश्यक नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) का आयोजन अब साल में एक बार ही किया जाएगा. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्वास्थ्य मंत्रालय की सिफारिश के बाद यह फैसला लिया है. दरअसल इससे पहले मंत्रालय ने नीटे और
जेईई
को साल में दो बार और कंप्यूटर बेस्ड मोड में करवाने का फैसला किया था.
नीट के साल में एक बार होने के साथ ही
परीक्षा
का आयोजन भी पेन और पेपर के माध्यम से करवाया जाएगा. हालांकि कुछ दिन पहले ही मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि पहले साल में उम्मीदवार पेन और पेपर का इस्तेमाल कर सकेंगे और पेपर ऑनलाइन नहीं होंगे जबकि पेपर कंप्यूटर पर अपलोड किए जाएंगे.
क्या है
जेईई
मेंस का पैटर्न?
वहीं जेईई परीक्षा का आयोजन नए पैटर्न के आधार पर होगा, जिसमें परीक्षा का आयोजन साल में दो बार होगा. वहीं इन परीक्षाओं का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से किया जाएगा. बता दें कि
एनटीए
की ओर से सिर्फ जेईई मेंस करवाई जाएगी, जबकि जेईई एडवांस परीक्षा का आयोजन आईआईटी की ओर से ही किया जाएगा.
क्या है शेड्यूल
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने परीक्षा का कार्यक्रम भी जारी कर दिया है. एनटीए के अनुसार यूजीसी नेट की परीक्षा का आयोजन 9 से 23 दिसंबर के बीच होगी, जबकि जेईई मेंस-1 की परीक्षा 6 जनवरी से 20 जनवरी 2019 के बीच, जेईई मेंस-2 की परीक्षा 6 अप्रैल से 20 अप्रैल 2019 के बीच और
नीट
की परीक्षा 5 मई को होगी.
कैसे हुआ फैसले में बदलाव
पिछले महीने मानव संसाधन विकास मंत्री
प्रकाश जावड़ेकर
ने घोषणा की थी कि नवगठित नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) साल में दो बार राष्ट्रीय योग्यता सह-प्रवेश परीक्षा के साथ ही इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा-मुख्य का आयोजन करेगी. उन्होंने घोषणा की थी कि NTA द्वारा ली जाने वाली सारी परीक्षा कंप्यूटर आधारित होगी.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय को खत लिखकर साल में दो बार नीट परीक्षा कराने को लेकर चिंता जताई, क्योंकि इस तरह के परीक्षा कार्यक्रम से छात्रों पर अतिरिक्त दबाव बन सकता है. ग्रामीण इलाके में रहने वाले छात्रों को लेकर भी चिंता प्रकट की गई कि सिर्फ ऑनलाइन मोड में परीक्षा होने से उन्हें नुकसान हो सकता है. |
वास्तुस्थितिकी (Arcology) वास्तुशास्त्र और पारिस्थितिकी का एक मिश्रित अध्ययन होता है जिसमें विशेष रूप से घनी जनसंख्या वाले क्षेत्रों में ऐसे आवास व कार्यस्थल बनाने पर बल दिया जाता है जिनका पर्यावरण पर कम-से-कम हानिकारक प्रभाव हो। अक्सर इसमें एक ही बड़ी इमारत में आवास, कार्यालय, कृषि और दुकानें स्थापित करने की परिकल्पना की जाती है।
इन्हें भी देखें
वास्तुशास्त्र
पारिस्थितिकी
पर्यावरण
इन्हें भी देखें
पर्यावरणीय डिज़ाइन
मानवीय पर्यावास
नियोजित नगर
नगरीय अध्ययन व नियोजन पारिभाषिकी
उदयीमान प्रौद्योगिकी |
मिरैन्डा अरुण (युरेनस) ग्रह के पांच गोल अकार वाले बड़े प्राकृतिक उपग्रहों में से सब से छोटा और अरुण की सब से क़रीबी परिक्रमा करते हुआ उपग्रह है। ध्यान रहे के इस से छोटे अरुण के इर्द-गिर्द २० से अधिक अन्य उपग्रह भी हैं, लेकिन वे गोल की बजाए बेढंगे अकार के हैं। इसकी खोज १६ फ़रवरी १९४८ में जॅरार्ड काइपर ने दूरबीन से की थी। मिरैंडा की पास से तस्वीरें केवल वॉयेजर द्वितीय यान के जनवरी १९८६ में अरुण के पास से गुज़रने पर लीं गयी थीं। मिरैंडा की सतह देखने में ऊबड़-खाबड़ लगती है और वैज्ञानिकों का मानना है के वह अधिकतर जमे हुए पानी की बर्फ़ की बनी हुई है। यह भी सोच है के मिरैंडा के अन्दर पत्थर भी मौजूद हैं। इस चन्द्रमा की गहरी खाइयों को देखकर लगता है के अतीत में इसपर बहुत भूकंप आते थे जिस वजह से इसकी ज़मीन इतनी टूटी और टेढ़ी-मेढ़ी है।
इन्हें भी देखें
अरुण के प्राकृतिक उपग्रह
अरुण (ग्रह)
प्राकृतिक उपग्रह
अरुण के प्राकृतिक उपग्रह
सौर मंडल
हिन्दी विकि डीवीडी परियोजना |
मैक्स प्लांक ने किसी पिंड के उत्सर्जित व अवशोषित ऊर्जा के मात्रात्मक संबंधो को समझाया। उन्होने कहा की जब किसी ठोस वस्तु को एक सिरे से गरम किया जाता है तो धीरे-धीरे उसके ताप मे वृद्धि होती है और अलग-अलग तरंग्दैर्ध्य(ʎ) के विकिरण उत्सर्जित होते है। जैसे-जैसे वस्तु का ताप बढ़ाया जाता है तो उत्सर्जित ऊर्जा बढ़ने से आवृति बढ़ती जाती है और तरंग्दैर्ध्य(ʎ) घटती है। उन्होने कहा कि ऐसा आदर्श पिंड जो सभी प्रकार के विकिरणों को उत्सर्जित या अवशोषित करता है,कृष्णिका (Black Body)कहलाता है। उत्सर्जित व अवशोषित विकिरण कृष्णिका विकिरण कहलाती है। प्लांक के क्वान्टम सिद्धान्त के अनुसार "किसी वस्तु से विकिरणों का उत्सर्जन या अवशोषण असतत या विविक्त कम होता है और उत्सर्जित व अवशोषित विकिरण की ऊर्जा आवृति के समानुपाती होती है।
अर्थात Eαν या E=hν
E=hC/λ
भौतिकी के सिद्धांत |
दिल्ली में बीते वर्ष दिसंबर महीने में जिस बस में दुष्कर्म की घटना घटी थी उसके मालिक ने गुजारे के लिए उसी वाहन पर निर्भर रहने की दलील देते हुए फिर से चलाने देने की गुहार लगाई है. काले शीशे वाली इसी बस में 16 दिसंबर को 23 वर्षीया प्रशिक्षु फीजियोथेरापिस्ट के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई थी.
दुष्कर्म के आरोपियों में से चार को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद बस मालिक के परिवार के लोगों ने बस वापस देने की गुहार लगाई है. घटना के बाद से बस मालिक पंजीकरण प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए जाली दस्तावेज सौंपने के आरोप में जेल में बंद है.
बस पर मोटे अक्षरों में यादव ट्रेवल्स पेंट किया गया है. यह अभी दक्षिण दिल्ली के साकेत थाने के बाहर खड़ी है. बस के अधिकांश शीशे टूट चुके हैं और टायरों की हवा निकल चुकी है. बस के भीतर धूल आदि भरी हुई है. पीले रंग के पर्दे और लाल रंग की सीट अब काली और बदरंग हो चुकी है.
जालसाजी के आरोप में जेल में बंद बस मालिक दिनेश यादव के एक रिश्तेदार ने अपना नाम जाहिर नहीं होने देने की शर्त पर, 'हम बस को फिर से पाना चाहते हैं. इसी बस में सामूहिक दुष्कर्म होना दुर्भाग्य है. लेकिन दिनेश की पत्नी और उसकी दो बेटियों का गुजारा इसी बस पर निर्भर है.' रिश्तेदार ने कहा, 'चूंकि मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है इसलिए अब हम बस वापस पाने के लिए अदालत में अर्जी देंगे.' रिश्तेदार ने कहा कि वे शीघ्र ही साकेत जिला अदालत में अर्जी देंगे.
डीएल1पीसी0149 नंबर की यह बस दुष्कर्म की घटना के कुछ ही घंटों बाद आर. के. पुरम के रविदास कैंप के बाहर खड़ी मिली थी. छह में से चार आरोपी इसी कैंप में रहते थे. पुलिस को इस बस का पता महरौली के एक होटल में सड़क की तरफ लगे सीसीटीवी फुटेज से चला था. बस उस सड़क से दो बार गुजरी थी, इसी से पुलिस को संदेह हुआ और उसे आरोपियों को दबोचने में मदद मिली.
यादव की पत्नी ने कहा कि उनकी और बेटियों का जीवनयापन कठिन होता जा रहा है, क्योंकि उनकी 11 बसें जाली पंजीयन के कारण सड़कों पर नहीं चल रही हैं. |
हाल ही में कोलकाता में IPL मैच देखकर लौटे सुपरस्टार शाहरुख खान एयरपोर्ट पर अपने बेटे अबराम के साथ कैमरे में कैद हुए. एयरपोर्ट पर अबराम पापा की गोद में नजर आए.
2 साल के
अबराम
को इंडस्ट्री के आने वाले स्टार्स में गिना जा सकता है क्योंकि फोटाेग्राफर्स हर वक्त उनकी क्यूट एक्िटविटीज को कैमरे में कैद करने के लिए आतुर रहते हैं. और अबराम भी अपने फोटोग्राफर्स फैन्स को निराश नहीं करते. चाहे प्ले ग्राउंड हो या कोई इवेंट या फिर एयरपोर्ट हर कहीं
अबराम
का जलवा शायद अपने सुपरस्टार पिता से भी ज्यादा नजर आता है.
हाल ही में IPL ग्राउंड में भी
अबराम
वहां मौजूद दर्शकों को एंटरटेन करते नजर आए.
अबराम
मैच के बाद शाहरुख खान को अपने पीछे दौड़ाते दिखे.
When we thought
@ABdeVilliers17
-Kohli’s Jodi was BEST thing of d match,
@iamsrk
hugged
@imVkohli
and PROVED us wrong
https://t.co/NaWV9RKCv1
— Bollywood Hungama (@Bollyhungama)
May 17, 2016
कोलकाता में
शाहरुख
की टीम कोलकाता नाइट राइडर्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरू के साथ मैच के दौरान शाहरुख के साथ एक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा भी मौजूद थीं. इसी मौके पर परिणीति भी अबराम की फैन हो गईं. परिणीति संग अबराम ने तलवार फाइट गेम भी खेली और इस क्यूट फाइट का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.
Things may be getting tense in the middle but little
#AbRam
is having a blast !!
#cuteness
#munchkins
pic.twitter.com/yB9loc3owk
— t2 (@t2telegraph)
May 16, 2016 |
गजपति वेलफेयर सेक्शन, ओडिशा के कलेक्टरेट ऑफिस में लेडी मैट्रन के लिए वैकेंसी निकली हैं. इच्छुक उम्मीदवार 10 अप्रैल तक
आवेदन
कर सकते हैं.
पद का नाम:
लेडी मैट्रन
पदों की संख्या:
59
उम्र सीमा:
35 साल
ज्यादा जानकारी के लिए
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.
सरकारी नौकरी के बारे में जानने के लिए पढे़ं |
पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा कि सरकार पेट्रोलियम उत्पादों की मांग पर काबू पाने के लिए अनेक विकल्पों पर विचार कर रही है जिनमें रात में पेट्रोल पंप बंद रखना भी शामिल है। सरकार ने तेल आयात बिल में कटौती के प्रयासों के तहत इस बारे में सोचना शुरू किया है। वहीं प्रमुख विपक्षी दल ने उनके इस प्रस्ताव की तीखी आलोचना की है।
मोइली ने बताया, 'अनेक विकल्प तथा सुझावों पर चर्चा चल रही है। रात में पेट्रोल पंप बंद रखना भी उनमें से एक हैं लेकिन हमने कोई फैसला नहीं किया है। यह सिर्फ प्रस्ताव है।' पेट्रोलियम मंत्रालय ने ईंधन की मांग में तीन प्रतिशत कमी करने के लिए 16 सितंबर से ईंधन संरक्षण पहल शुरू करने की योजना बनाई है इससे अनुमानित 16,000 करोड़ रुपये या 2.5 अरब डॉलर के बराबर आयात खर्च में कमी हो सकती है।टिप्पणियां
सरकार चालू खाते के घाटे पर काबू पाने के लिए तेल सहित विभिन्न प्रकार के आयातों पर अंकुश लगाने के उपाय कर रही है।
मोइली ने कहा, 'रात में पेट्रोल पंप बंद रखना भी एक सुझाव है जो हमारे पास आया। हमने इसे अभी स्वीकार नहीं किया। यह मेरा विचार नहीं है।'
मोइली ने बताया, 'अनेक विकल्प तथा सुझावों पर चर्चा चल रही है। रात में पेट्रोल पंप बंद रखना भी उनमें से एक हैं लेकिन हमने कोई फैसला नहीं किया है। यह सिर्फ प्रस्ताव है।' पेट्रोलियम मंत्रालय ने ईंधन की मांग में तीन प्रतिशत कमी करने के लिए 16 सितंबर से ईंधन संरक्षण पहल शुरू करने की योजना बनाई है इससे अनुमानित 16,000 करोड़ रुपये या 2.5 अरब डॉलर के बराबर आयात खर्च में कमी हो सकती है।टिप्पणियां
सरकार चालू खाते के घाटे पर काबू पाने के लिए तेल सहित विभिन्न प्रकार के आयातों पर अंकुश लगाने के उपाय कर रही है।
मोइली ने कहा, 'रात में पेट्रोल पंप बंद रखना भी एक सुझाव है जो हमारे पास आया। हमने इसे अभी स्वीकार नहीं किया। यह मेरा विचार नहीं है।'
सरकार चालू खाते के घाटे पर काबू पाने के लिए तेल सहित विभिन्न प्रकार के आयातों पर अंकुश लगाने के उपाय कर रही है।
मोइली ने कहा, 'रात में पेट्रोल पंप बंद रखना भी एक सुझाव है जो हमारे पास आया। हमने इसे अभी स्वीकार नहीं किया। यह मेरा विचार नहीं है।'
मोइली ने कहा, 'रात में पेट्रोल पंप बंद रखना भी एक सुझाव है जो हमारे पास आया। हमने इसे अभी स्वीकार नहीं किया। यह मेरा विचार नहीं है।' |
क्रिकेट के मैदान से राजनीति के मैदान में एंट्री करने वाले गौतम गंभीर बेहद कम वक्त में सियासी बारीकियां सीख गए हैं. आज दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान मंच पर भी गौतम गंभीर को 'ओपनिंग' करने का मौका मिला. गौतम गंभीर ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा.
गौतम गंभीर ने कहा कि लोग मुझसे पूछते हैं कि आपने क्रिकेट से राजनीति में आने पर क्या सीखा? इस पर मैं उनसे यही कहता हूं कि मैंने क्रिकेट में हमेशा यही सीखा कि लड़ाई लड़ो तो हमेशा आमने-सामने की. पीठ पीछे तो कायर लड़ते हैं. पिछले 15 दिन में जिस तरह से मेरे ऊपर आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाए, कभी मेरा नॉमिनेशन कैंसिल करने की कोशिश की गई तो कभी मेरे ऊपर एफआईआर दर्ज कराई गई तो कभी कहा गया कि मैं 240 दिन देश से बाहर रहूंगा, तो कभी कहा गया कि गौतम गंभीर डिबेट से डर गया. मैं ऐसे लोगों को एक ही बात कहना चाहता हूं कि जो व्यक्ति पाकिस्तान से नहीं डरा, वो इनकी डिबेट से क्या डरेगा.
गौतम गंभीर बीते कुछ दिनों में ही राजनीति की बारीकियां सीख गए हैं. उन्होंने रामलीला मैदान के मंच से कहा कि हमारे मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी हाल ही में जो उनके साथ हुआ है, वो बीजेपी ने कराया है. इस पर गौतम ने कहा कि अभी वे इतने बड़े नेता बने नहीं हैं कि भारतीय जनता पार्टी को उनके बारे में सोचने की जरूरत पड़ेगी.
गौतम ने कहा कि पिछले साढ़े चार साल के दौरान अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए हर चीज में बीजेपी पर आरोप लगाया गया. इतने बड़े-बड़े सपने दिखाए गए. कहा गया कि हम दिल्ली को लंदन बनाएंगे, पेरिस बनाएंगे. लेकिन मैं आपको आश्वासन देता हूं कि हम दिल्ली को न लंदन न पेरिस, दिल्ली को दिल्ली बनाएंगे. एक ऐसी दिल्ली जहां हम सब खुशी से रह सकें. जहां हम साफ हवा में सांस ले सकें, साफ पानी पी सके, जहां महिलाएं सुरक्षित रहें.
वहीं रामलीला मैदान में रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मैं दिल्ली वालों से माफी मांगना चाहता हूं. कई बार सुरक्षाकारणों से उन्हें रोक दिया जाता है. बैरिकेडिंग लगा दिया जाता है. बुलेट प्रूफ दीवारों में रहना न मेरा शौक है और न ही मेरी आदत है. जब-जब मौका मिला है मैंने इस दीवार को साइड रखने की कोशिश भी की है. अक्सर दिल्ली मेट्रो में सफर करते हुए जब लोगों से घिर जाता हूं, तो वो मेरे लिए बहुत यादगार पल होते हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि बीते 5 वर्षों में देश में जो बड़े फैसले लिए गए हैं, उसमें आपने सदैव मेरा साथ दिया है. आज VIP वाली लाल बत्ती अगर नेताओं और अफसरों की गाड़ी से उतरी है तो, इसका कारण आप सभी हैं. आज पूरी सरकार आपके मोबाइल फोन की पहुंच में आ पाई है तो, इसका कारण आप सभी हैं. GST ने देश में टैक्स का जाल खत्म किया है, GST को इस तरह डिज़ाइन किया गया है जिससे देश को इंस्पेक्टर राज से मुक्ति मिले. |
1 फरवरी यानि आज ही के दिन कल्पना चावला का निधन हुआ था. वह अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम भारतीय महिला थी. कल्पना ने न सिर्फ अंतरिक्ष की दुनिया में उपलब्धियां हासिल कीं, बल्कि तमाम छात्र-छात्राओं को सपनों को जीना सिखाया. भले ही 1 फरवरी 2003 को कोलंबिया स्पेस शटल के दुर्घटनाग्रस्त होने के साथ कल्पना की उड़ान रुक गई लेकिन आज भी वह दुनिया के लिए एक मिसाल हैं.
उनके वे शब्द सत्य हो गए जिसमें उन्होंने कहा था कि मैं अंतरिक्ष के लिए ही बनी हूं.
नासा वैज्ञानिक और अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला का जन्म हरियाणा के करनाल में हुआ था. कल्पना अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम भारतीय (उन्होंने अमेरिका की नागरिकता ले ली थी) महिला थी. उनके पिता का नाम बनारसी लाल चावला और मां का नाम संज्योती था. कल्पना ने फ्रांस के जान पियर से शादी की जो एक फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर थे.
जानते हैं उनके बारे में...
- करनाल में बनारसी लाल चावला के घर 17 मार्च 1962 को जन्मीं कल्पना अपने चार भाई-बहनों में सबसे छोटी थीं.
पुण्यतिथि: ऐसा था गांधी का जीवन, इन्होंने दी थी राष्ट्रपिता की उपाधि
- घर में सब उन्हें प्यार से मोंटू कहते थे. शुरुआती पढ़ाई करनाल के टैगोर बाल निकेतन में हुई. जब वह 8वीं क्लास में पहुंचीं तो उन्होंने अपने पिता से इंजीनियर बनने की इच्छा जाहिर की.
- कल्पना के पिता उन्हें डॉक्टर या टीचर बनाना चाहते थे. परिजनों का कहना है कि बचपन से ही कल्पना की दिलचस्पी अंतरिक्ष और खगोलीय परिवर्तन में थी. वह अक्सर अपने पिता से पूछा करती थीं कि ये अंतरिक्षयान आकाश में कैसे उड़ते हैं? क्या मैं भी उड़ सकती हूं? पिता उनकी इस बात को हंसकर टाल दिया करते थे.
- कल्पना फिर अपने सपनों को साकार करने 1982 में अंतरिक्ष विज्ञान की पढ़ाई के लिए अमेरिका रवाना हुई. फिर साल 1988 में वो नासा अनुसंधान के साथ जुड़ीं. जिसके बाद 1995 में नासा ने अंतरिक्ष यात्रा के लिए कल्पना चावला का चयन किया.
- उन्होंने अंतरिक्ष की प्रथम उड़ान एस टी एस 87 कोलंबिया शटल से संपन्न की. इसकी अवधि 19 नवंबर 1997 से 5 दिसंबर 1997 थी.
- अंतरिक्ष की पहली यात्रा के दौरान उन्होंने अंतरिक्ष में 372 घंटे बिताए और पृथ्वी की 252 परिक्रमाएं पूरी की.- इस सफल मिशन के बाद कल्पना ने अंतरिक्ष के लिए दूसरी उड़ान कोलंबिया शटल 2003 से भरी.
- कल्पना की दूसरी और आखिरी उड़ान 16 जनवरी, 2003 को स्पेस शटल कोलम्बिया से शुरू हुई. यह 16 दिन का अंतरिक्ष मिशन था, जो पूरी तरह से विज्ञान और अनुसंधान पर आधारित था.
- 1 फरवरी 2003 को धरती पर वापस आने के क्रम में यह यान पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करते ही टूटकर बिखर गया.
क्या होता है आर्थिक सर्वेक्षण, जानें- इससे जुड़ी हर बात
- 2003 में इस घटना में कल्पना के साथ 6 अन्य अंतरिक्ष यात्रियों की भी मौत हो गई थी.
पहले ही तय हो गई थी कल्पना चावला की मौत
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोलंबिया स्पेस शटल के उड़ान भरते ही पता चल गया था कि ये सुरक्षित जमीन पर नहीं उतरेगा, तय हो गया था कि सातों अंतरिक्ष यात्री मौत के मुंह में ही समाएंगे. फिर भी उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी गई. बात हैरान करने वाली है, लेकिन यही सच है. इसका खुलासा मिशन कोलंबिया के प्रोग्राम मैनेजर ने किया था.
अंतरिक्ष यात्रा के हर पल मौते के साये में स्पेस वॉक करती रहीं कल्पना चावला और उनके 6 साथी. उन्हें इसकी भनक तक नहीं लगने दी गई कि वो सुरक्षित धरती पर नहीं आ सकते. वो जी जान से अपने मिशन में लगे रहे, वो पल-पल की जानकारी नासा को भेजते रहे लेकिन बदले में नासा ने उन्हें पता तक नहीं लगने दिया कि वो धरती को हमेशा-हमेशा के लिए छोड़कर जा चुके हैं, उनके शरीर के टुकड़ों को ही लौटना बाकी है.
उस वक्त सवाल ये था कि आखिर नासा ने ऐसा क्यों किया? क्यों उसने छुपा ली जानकारी अंतरिक्ष यात्रियों से और उनके परिवार वालों से. लेकिन नासा के वैज्ञानिक दल नहीं चाहते थे कि मिशन पर गये अंतरिक्ष यात्री घुटघुट अपनी जिंदगी के आखिरी लम्हों को जिएं. उन्होंने बेहतर यही समझा कि हादसे का शिकार होने से पहले तक वो मस्त रहे. मौत तो वैसे भी आनी ही थी.
असफलता से नहीं घबराती थीं कल्पना
पिता बताते हैं कि कल्पना में कभी आलस नहीं था. असफलता से घबराना उसके मन में नहीं था. वह जो ठान लेती उसे बस करके छोड़ती थी. आज कल्पना भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन वह हम सबके लिए एक मिसाल हैं. |
गुरुवार को गुजरात विधानसभा में बीजेपी और कांग्रेस के विधायकों के बीच मारपीट हुई. इस मारपीट में एक मंत्री और दो विधायक घायल हो गए.
दरअसल किसानों की आत्महत्या के सवाल पर जवाब मिलने से कांग्रेसी विधायक सदन में हंगामा कर रहे थे. इसी दौरान पक्ष और विपक्ष के विधायकों में खींचतान शुरु हो गई. जिसमें कांग्रेस के विधायक बलदेवजी ठाकोर को पैर में चोट आई. जबकि गुजरात सरकार में मंत्री निर्मल वाधवानी को हाथो में चोट आई.
हंगामा देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. करीब एक घंटे तक विधानसभा स्थगित रहने के बाद फिर कार्यवाही शुरू की गई. इसके बाद सदन में बदसलूकी के लिए विधायक बलदेवजी ठाकोर और परेश धानानी को पूरे सत्र के लिए संस्पेंड कर दिया गया.
गुजरात विधानसभा का काला दिन
गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने सदन में मारपीट की घटना को दुखद बताया. उन्होंने कहा कि गुजरात विधानसभा के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ. नितिन पटेल ने इस घटना को काला दिन करार दिया.
बीजेपी पर आरोप
सदन में मारपीट की घटना को लेकर कांग्रेस ने सीधे तौर बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है. कांग्रेस ने इस घटना की शिकायत दर्ज कराने की बात कही है. |
गोष्ठी में लौंडे शब्द को लेकर हुआ विवाद, लोगों ने जताई आपत्ति
लेखक ने कहा, मेरे क्षेत्र में यह शब्द बेहद आम, लोगों ने स्वीकारा
मैं वीजा लेकर विदेश से लेकर नहीं आया लौंडा शब्दः कुशल सिंह
साहित्य के सबसे बड़े महाकुंभ 'साहित्य आजतक 2019' में 'अच्छी हिंदी बुरी हिंदी' पर आयोजित गोष्ठी पर 3 युवा लेखकों ने हिस्सा लिया जिसमें 'लौंडे शेर होते हैं' किताब के लेखक कुशल सिंह भी शामिल थे, लेकिन गोष्ठी में चर्चा के दौरान उनके किताब की शीर्षक पर विवाद भी हुआ. जब तीनों लेखकों के बीच चर्चा हो रही थी, उस समय दर्शकदीर्घा में बैठे बुजुर्ग इस नाम से नाराज हो गए और भड़क गए. उन्होंने बार-बार 'लौंडे' शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई. यही आपत्ति कई और अन्य लोगों ने भी जताई.
'लौंडे शेर होते हैं' किताब के लेखक कुशल सिंह से जब इस विवादित शब्द के नाम पर शीर्षक रखे जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बेबाकी से कहा, 'लौंडे नाम सुनने में कतई अच्छा नहीं लगता है लेकिन भाषा का स्वरूप लगातार बदलता है. मैं यह शब्द कहीं बाहर से लेकर नहीं आया. मैं वीजा लेकर इसे लाने बाहर नहीं गया था. यह शब्द यहीं का है.
हमारे यहां यह शब्द बेहद आमः कुशल सिंह
लौंडे नाम पर कुशल सिंह ने कहा कि वो अलीगढ़ से आते हैं और वहां पर यह शब्द बेहद आम है और इसे लोगों ने स्वीकार किया है. वहां के लोगों में यह शब्द रचा बसा है. किताब में ऐसा कुछ भी नहीं है जो आपत्तिजनक लगे.
किताब के विवादित शीर्षक पर उभरती लेखिका और दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर नीलिमा सिंह ने प्रख्यात हिंदी समालोचक हजारी प्रसाद द्विवेदी का जिक्र करते हुए कहा कि 'बोलचाल की भाषा एक स्तर से नीचे उतर कर लेखक उसे बनाता भी है और बिगाड़ता भी है', लेखक भाषा बनाता ही नहीं है बिगाड़ता भी है. समय के अनुसर भाषा बदलनी चाहिए. अगर वह बदलेगी तो नयापन कहां से आएगी.'
परिचर्चा में हिस्सा लेते युवा लेखक (फोटो- साहित्य आजतक)
नीलिमा सिंह ने खुद अपनी 'पतनशील पत्नियों के नोट्स' का जिक्र करते हुए कहा कि उनके भी इस किताब के शीर्षक पर आपत्ति हो सकती है,
भाषा गरिमामयी होनी चाहिएः डॉक्टर रमा
इस बीच साहित्य के सबसे बड़े महाकुंभ 'साहित्य आजतक 2019' में 'मनोरंजन और साहित्य' विषय पर आयोजित संगोष्ठी में प्रख्यात लेखिका और प्रिंसिपल डॉक्टर रमा ने कहा कि साहित्य की भाषा हो या मनोरंजन की, दोनों ही जगह भाषा गरिमामयी होनी चाहिए और किसी की भावना को ठेस पहुंचाने वाली नहीं होनी चाहिए. भाषा में होने वाली त्रुटियों के प्रति लापरवाही खतरनाक है.
'मनोरंजन और साहित्य' विषय पर बोलते हुए लेखक संदीप भूतोरिया ने कहा कि भाषा में त्रुटियां हो सकती है, लेकिन भाषा का मकसद संवाद करना है. कई देश ऐसे हैं जहां अंग्रेजी नहीं समझी जाती, ऐसी जगहों पर हम आपस में संवाद स्थापित करते ही हैं. संवाद स्थापित करना जरुरी है. भारत में ही कई जगह हिंदी नहीं समझी जाती तो भी हम संवाद स्थापित करते ही हैं. त्रुटियों पर ध्यान देने की जगह संवाद बेहद अहम होता है.
साहित्य का तोहफा आपके लिएः कली पुरी
इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी ने 'साहित्य आजतक 2019' के उद्घाटन संबोधन में सभी साहित्यकारों, संगीतज्ञों, कलाकारों का स्वागत करते हुए कहा कि आप सबका साहित्य आजतक का चौथा संस्करण आ गया है.
लेकिन ऐसा लगता है अभी इस कार्यक्रम को शुरू हुए एक साल ही हुआ है. इस साल चुनाव हो रहे थे और पता नहीं चला कि साल कब बीत गया. अच्छी बात है कि हमारी और आपकी ये साहित्य की विशेष तारीख जल्दी आ गई.
उन्होंने आगे कहा कि चुनावी साल एक चैनल के लिए बहुत जरूरी होता है. जिसे कहते हैं मेक या ब्रेक ईयर. हमारा ओलंपिक्स. आपके सहयोग और हौसले के साथ हमारी पूरी टीम गोल्ड मेडल ही गोल्ड मेडल लेकर आई है. एग्जिट पोल हो या प्रधानमंत्री का इंटरव्यू या ग्राउंड रिपोर्ट, कुछ भी कसर नहीं छोड़ी. पूरी टीम ने जान लगाकर काम किया. और आपने हमारे काम को जम कर पसंद किया.
इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी ने कहा कि साहित्य का ये तोहफा हमारी तरफ से आपके लिए इस साल और भी शानदार है. इस साल हमने पूरा ग्राउंड ही ले लिया. अब तीन दिन, सात मंचों से 200 हस्तियों के साथ ये सुहाना सफर चलेगा. लगातार कविताएं, शेर, शायरी, कहानी, संगीत, नाटक, मुशायरा, भारत के हर कोने से आपको देखने को मिलेगा. ये एक जश्न है हमारी संस्कृति, हमारी परंपरा और हमारी कला का.
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सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की वाणी वंदना के साथ शुरू हुआ साहित्य आजतक 2019
तीन दिन का साहित्य आजतक
साहित्य का सबसे बड़ा महाकुंभ 'साहित्य आजतक 2019' का आज शुक्रवार को आगाज हो गया. 3 दिवसीय आयोजन 1 नवंबर से 3 नवंबर तक राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में चलेगा.
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'साहित्य आजतक 2019' के बड़े स्वरूप और भव्यता का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि इस साल आमंत्रित अतिथियों की संख्या 300 के पार है जिनमें कला, साहित्य, संगीत, संस्कृति और किताबों से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय ख्याति की ऐसी शख्सियतें यहां जुट रही हैं कि आपके लिए नाम गिनना मुश्किल होगा.
इस बार साहित्य आजतक में कई और भारतीय भाषाओं के दिग्गज लेखक भी शरीक होंगे जिनमें हिंदी, उर्दू, भोजपुरी, मैथिली, अंग्रेजी के अलावा, राजस्थानी, पंजाबी, ओड़िया, गुजराती, मराठी, छत्तीसगढ़ी जैसी भाषाएं और कई बोलियां शामिल हैं.
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'साहित्य आजतक 2019' की शुरुआत सूफी संगीत के दिग्गज कैलाश खेर के गायन से हुई. इसके बाद कवि अशोक वाजपेयी, निर्मला जैन और गगन गिल हमारे दौर के प्रतिष्ठित आलोचक नामवर सिंह और ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता लेखिका कृष्णा सोबती को याद किया. |
कहावत है कि जैसा देश वैसी सरकार. क्या डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के लायक हैं? क्या गड़बड़ी हुई?
नहीं, हम इसके लायक नहीं हैं. लेकिन मैं सोचती हूं, जैसा कि मैंने जिक्र किया, उन्होंने पहला रियलिटी टीवी कैंपेन किया और वे पहले रियलिटी टीवी उम्मीदवार थे. इसका मतलब समझते हैं? अगर आप रियलिटी टीवी देखते हैं तो आप इसका मतलब जानते होंगे कि जो सबसे ज्यादा अशिष्ट हो, उलटी-सीधी बकवास करे, अपमानजनक बर्ताव करे, वही सबसे ज्यादा वाहवाही लूटता है.
क्या ट्रंप अमेरिकी समाज में पैठे गहरे रोग का लक्षण हैं या कहें कि खुद ही रोग हैं?
मुझे लगता है कि हमें कई बड़ी समस्याओं ने घेर रखा है और कुछ हद तक यूरोप में आप वही देख रहे हैं. एक निराशा का भाव छाया हुआ है, तेजी से बदलती अर्थव्यवस्था में पिछड़ जाने के एहसास से. हमारे आप्रवासी खासकर लैटिन अमेरिका, भारत और चीन से हैं.
वे मेहनती, उत्पादन को बढ़ाने में सहायक और कानून का पालन करने वाले हैं. ट्रंप ने अपना अभियान आप्रवासियों पर हमले के साथ शुरू किया क्योंकि वे जानते थे कि देश के कई हिस्से ऐसे हैं जहां आप्रवासियों की संख्या ज्यादा नहीं है. उन्होंने आप्रवासियों को बलि का बकरा बनाया.
क्या आपसे व्लादिमिर पुतिन का व्यक्तिगत विरोध है?
2011 में रूस के संसदीय चुनाव में फर्जीवाड़े और हेरफेर के सबूत मिले थे.
अमेरिका की विदेश मंत्री के तौर पर मैंने सिर्फ इतना कहा था कि रूस के लोगों को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव का हक है और उन्हें किसी एक पार्टी और व्लादिमिर के बहकावे में आकर उन्हें फायदा नहीं पहुंचाना चाहिए.
चुनाव का विरोध करने के लिए हजारों रूसियों, जिनमें ज्यादातर मध्यम वर्ग से थे, युवाओं के सड़क पर उतरने की वजह मेरे कहे शब्द नहीं थे, फिर भी व्लादिमीर पुतिन ने इसके लिए मुझे दोषी ठहराया. काश, मेरे पास वैसी प्रभावी शक्ति होती, पर ऐसा नहीं था.
पुतिन से कई बार आपकी निजी मुलाकातें भी हुई थीं. आपको वे कैसे लगे?
हां, उनके साथ मेरी बातचीत हुई है. महिलाओं के प्रति उदारवादी विचार रखने वाले जितने भी नेताओं से मेरी मुलाकात हुई है, वे उनके जैसे कतई नहीं.
हमारा रिश्ता बहुत प्रोफेशनल था. 2012 में, विदेश मंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों के दौरान मैं उनसे डिनर पर मिली.
उन्होंने बहुत स्पष्टता से अपने विचार व्यक्त किए. वे रूस को फिर से बुलंदियों तक पहुंचाना चाहते हैं.
वे इसकी सीमाओं को एक बार फिर विस्तार देना चाहते हैं. उनका मानना है कि रूस को ऊंचा मुकाम हासिल करना है और वे इस मिशन पर जुटे हैं.
सत्ता पर उनकी पकड़ मजबूत है. वे दोबारा चुने जाने की तैयारी में जुटे हैं. संभव है कि वे आजीवन उस पर बने रहें.
पुतिन और ट्रंप में क्या है? शायद ''ब्रोमांस" जैसा कुछ?
ब्रोमांस?... हां, मैं ऐसा ही कहूंगी.
इस पर आपके विचार?
ट्रंप तानाशाहों को पसंद करते हैं. उन्हें तानाशाही तौर-तरीके पसंद है. जब उन्होंने सुना कि शी जिनपिंग राष्ट्रपति पद के कार्यकाल की सीमा खत्म करने जा रहे हैं, तो वे खुद भी उत्साह में बोल गए कि हम भी अपने देश में किसी दिन ऐसा ही करेंगे. साफ है कि उनके अंदर तानाशाह जैसी प्रवृत्ति मौजूद है.
आपको लगता था कि ट्रंप नहीं जीत पाएंगे क्योंकि जब उन्होंने चुनाव लडऩे की घोषणा की थी तब आपने इसे मजाक समझा था. आज वह मजाक हमें झेलना पड़ रहा है.
मुझे नहीं लगता था कि रिपब्लिकन उन्हें चुनेंगे या अमेरिकी जनता उन्हें वोट देगी. ऐसे कई मुद्दों पर मैंने लोगों को आगाह करने की कोशिश की है जिन्हें लेकर हम आज चिंतित हैं. लेकिन मुझे लगता है कि बहुत सारे लोग, जैसा कि आपने कहा, उन्हें गंभीरता से नहीं लेते.
वे सोचते हैं कि चुनाव अभियान सिर्फ बयानबाजी थी. बस मनमाने विचार पेश करते जा रहे हैं. अब वे व्यापार संबंधी शुल्कों पर भी मनमाने कदम उठाने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि वे किम जोंग से मिलने जा रहे हैं, पर इसके लिए उन्होंने कोई तैयारी नहीं की है. हमारी सरकार में शामिल सभी कोरियाई विशेषज्ञ अलग हो चुके हैं. ओवल ऑफिस में हो रही गतिविधियां चिंताजनक हैं क्योंकि वहां सारे फैसले हड़बड़ी में लिए जा रहे हैं.
राष्ट्रपति आपको धूर्त और कठोर महिला कहते हैं. आप उन्हें क्या कहेंगी?
...बहुत सारी चीजें हैं.
कोई तीन बताएं.
मैं उनके बर्ताव का जिक्र कर चुकी हूं. मैं उन्हें अपशब्द नहीं बोलूंगी. मैंने किसी से कहा था कि जो चार बार दिवालिया हो चुका हो उसे अमेरिका का बजट पेश करने का हक नहीं. जिसने अपने ठेकेदारों का भुगतान नहीं किया, जिसने लोगों को धोखा दिया, जिसने अपने यहां काम करने वालों को उनकी मेहनत से कमाए धन से वंचित किया, उस पर आप कैसे विश्वास कर सकते हैं कि वह आपके हक के लिए काम करेगा. मैंने अपशब्द नहीं बोला, लेकिन मैंने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराने की कोशिश जरूर की थी.
ईरान समझौता हो, उत्तर कोरिया से रिश्ते हों या फिर, नाटो का मामला, ओबामा प्रशासन के दौरान की विदेश नीतियों को राष्ट्रपति ट्रंप पलट रहे हैं, इस पर क्या कहेंगी?
वे शुरू से जो भी काम कर रहे हैं, उनमें से ज्यादातर व्लादीमिर पुतिन के अनुकूल हैं. नाटो को अस्थिर करना, यूरोपीय संघ को अस्थिर करना और अब तो ऐसा लगने लगा है कि ट्रंप एक-एक करके पहले किए गए सारे कामों को खारिज करते हुए उन्हें पलटने पर आमादा हैं.
उन्हें दक्षिणपंथी मीडिया से आइडिया मिलता है जो वास्तव में एक डराने वाली बात है. वे जो कुछ भी कर रहे हैं, उससे दुनिया में एक बड़ा शून्य बनता जा रहा है. मेरे कहने का मतलब है कि अमेरिका पीछे जा रहा है, उसका कद कम हो रहा है. ट्रंप खास तौर पर कठिन कूटनीतिक मोर्चे से बचना चाहते हैं, और अगर आप राजनियकों को निकाल बाहर करें तो तो कूटनीति और भी मुश्किल हो जाती है.
टिलरसन (बर्खास्त कर दिए गए अमेरिकी विदेश मंत्री) दुनियाभर में झक मारते फिरते रहे जबकि उन्हें दरअसल राष्ट्रपति का समर्थन प्राप्त ही नहीं था. राष्ट्रपति ने टिलरसन के खिलाफ तब ट्वीट किया जब वह विदेश दौरे पर थे. हमने पहले ऐसा कभी नहीं देखा. यह तो रियलिटी टीवी शो जैसा है. जब तक ट्रंप खुद आकर्षण का केंद्र बने रहें, वह ऐसी अफरातफरी पसंद करते हैं.
मैं जब अमेरिका की खबरों को देखता हूं तो मुझे हैरत होती है. आप भी देख रही होंगी कि व्हाइट हाउस में क्या हो रहा है—इतने सारे लोगों का हटना, इतनी अव्यवस्था. सुबह जागने पर जब आपको ख्याल आए कि न जाने वे आज कौन सी हरकत कर बैठें, तो कैसा लगता है?
वैसा ही जैसा ज्यादातर अमेरिकी महसूस करते हैं. मैं चिंतित हो जाती हूं, दुखी होती हूं कि मैं यह सब नहीं रोक पाई. इसका मुझे व्यक्तिगत तौर पर अफसोस है और एक चिंतित नागरिक के रूप में भी...क्योंकि ऐसी स्थिति कभी नहीं थी. कई रिपब्लिकन राष्ट्रपतियों से मेरे मतभेद रहे हैं. लेकिन गंभीर मतभेदों की स्थिति में मन में डर नहीं जागा कि पता नहीं राष्ट्रपति का अगला कदम क्या होगा. कभी मन में आशंका नहीं उठी कि वे देश को गर्त में ले जाएंगे. आज हम इसी बात पर चिंतित हैं.
अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की संख्या बढ़ा दी गई है—एक बार फिर यह पिछली नीति के विपरीत है. क्या अमेरिका कभी वहां युद्ध जीत पाएगा? क्या आप इसके लिए तैयार हैं कि वहां बड़ी संक्चया में अमेरिकी मारे जाएं?
यह बड़ी निराशा की बात है क्योंकि अफगानिस्तान स्थिरता का अपेक्षित स्तर पाने में असफल रहा है. अफगानिस्तान हमेशा चौतरफा दबाव से घिरा रहा है. अपनी धरती पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के अलावा सीमा पार अफगानिस्तान में बड़ी संख्या में आतंकवादियों को भेजकर पाकिस्तान बड़ी ही नकारात्मक भूमिका निभा रहा है.
पाकिस्तान हाफिज सईद जैसे आतंकवादियों पर अंकुश के अमेरिकी निर्देशों को भी नजरअंदाज कर रहा है. एक बार आपने कहा था—आप अपने घर के आंगन में सांप पालकर यह उम्मीद नहीं कर सकते कि वह पड़ोसी को काटेगा. भारत सीमा पार आतंकवाद से पीड़ित है, क्या अमेरिका इस पर अंकुश के लिए कुछ कर सकता है?
सीमा पर अंतरराष्ट्रीय सैनिकों की तैनाती समेत हमने कई उपाय आजमाए हैं. लेकिन, जब सीमा के उस पार आतंकवादियों की पनाहगाह हो तो इसका फायदा उठाकर लोग दूसरी ओर चले जाते हैं और तब आपको वह समर्थन नहीं मिल पाता जो इन आतंकवादियों के खत्म करने के लिए जरूरी है. आतंकवादियों को अब भी पाकिस्तान में पनाह मिल रही है, यह काम बहुत मुश्किल हो गया है.
क्या पाकिस्तान को लेकर अमेरिका दोहरी नीति अपनाए हुए है, वह आपके काम आ रहा है, उसे अपने साथ रखो और वह भारत के लिए समस्या खड़ी करे तो भी कोई बात नहीं?
नहीं-नहीं, बिल्कुल नहीं. हमें पता है कि पाकिस्तान में ऐसी ताकतें हैं जिनकी नजरें भारत पर ही टिकी हैं. आप जानते हैं कि मैं होटल ताज में ठहरी हूं और वहां रुकने की एक वजह यह भी है कि आतंकवादी हमले के तुरंत बाद मैं ताज आई थी जब दीवारों पर गोलियों के निशान वैसे ही थे.
मैंने उस दौरान काम कर रहे मैनेजर से मुलाकात की थी जो एक नौजवान था जिसकी पत्नी और बच्चे की आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी. हमने आंखें नहीं मूंद रखी हैं. भारत को खतरे में डालने वाली किसी भी चीज को नजरअंदाज करने का तो सवाल ही नहीं उठता.
मुलर जांच के संदर्भ में ट्रंप का क्या होगा? आपको क्या लगता है, ट्रंप को हटाया जा सकता है?
इस जांच के बारे में मैं कोई अंदाजा नहीं लगा सकती क्योंकि मुझे जानकारी नहीं. हमें वही जानकारी मिल रही है जो मीडिया में आ रही है. लेकिन इतना जरूर है कि यह एक गंभीर जांच है. कोई नहीं जानता कि इसका असर उन पर पड़ेगा या केवल उनके आसपास के लोगों पर.
मैं पूरी कोशिश कर रही हूं कि प्रतिनिधिसभा में डेमोक्रेट वर्चस्व की स्थिति में आ जाएं क्योंकि तभी हम संतुलन बनाने की स्थिति में होंगे और अभी यह बेहद जरूरी है. इसलिए मुलर जांच का नतीजा कुछ भी निकले, हमारी पहली प्राथमिकता तो यही है कि हम ट्रंप के एजेंडे पर अंकुश लगाने की स्थिति में आएं.
इन चुनावों के खत्म हो जाने के बाद हमारे सामने 2019 का चुनाव होगा और तब लोग यह चर्चा शुरू कर देंगे कि राष्ट्रपति पद का चुनाव कौन लड़ेगा. हो सकता है कि रिपब्लिकन में कोई ट्रंप को चुनौती दे. अगर आप अमेरिकी राजनीति पर नजर रख रहे हों तो आने वाले दो-एक साल बड़े अहम रहने वाले हैं.
क्या आप दोबारा चुनाव लड़ेंगी?
मेरी ऐसी कोई योजना नहीं क्योंकि हम चाहते हैं कि और भी लोग सामने आएं ताकि पार्टी का राजनैतिक आधार मजबूत हो सके. हम विपक्ष में बैठी पार्टी को सत्ता में लाना चाहते हैं.
क्या आपको आशंका है कि ट्रंप अमेरिका को ऐसी क्षति पहुंचाएंगे जिसकी भरपाई नहीं हो सकती?
नहीं ऐसा नहीं होगा. नुक्सान तो होगा, लेकिन भरपाई भी होगी. इन चुनावों के बाद अगले साल से ही हम काम शुरू कर देंगे जो आगे चलता रहेगा.
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हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करने की मांग
फांसी को उम्रकैद में किया था तब्दील
रेप की बढ़ती घटनाओं के खिलाफ आक्रोश और दोषियों को सजा- ए- मौत देने की मांग को लेकर चल रहे प्रदर्शनों के बीच पुणे गैंगरेप केस भी चर्चा में आ गया है. दोषियों की फांसी की सजा को उम्र कैद में तब्दील करने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अब महाराष्ट्र महिला आयोग ने
सुप्रीम कोर्ट
के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा है.
महाराष्ट्र महिला आयोग की अध्यक्ष विजया किशोर रहाटकर ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबड़े को खत लिखकर पुणे गैंगरेप के दोषियों की सजा कम किए जाने का विरोध किया है. रहाटकर ने अपने पत्र को ही याचिका के रूप में स्वीकार करते हुए इसपर सुनवाई करने की अपील की है.
महाराष्ट्र महिला आयोग
की अध्यक्ष ने मुख्य न्यायाधीश से हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करने की मांग की है. गौरतलब है कि फांसी के लिए निर्धारित तिथि से तीन दिन पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने दोषियों की फांसी की सजा कम करते हुए उम्रकैद में तब्दील कर दी थी.
दोषियों को 24 जून को
फांसी
दी जानी थी. हाईकोर्ट ने 21 जून को सजा कम करने का आदेश दिया था. बता दें कि गैंगरेप की यह घटना साल 2007 की है. दोषियों ने एक बीपीओ कर्मचारी का अपहरण कर उसके रेप की जघन्य वारदात को अंजाम देने के बाद उसकी हत्या कर दी थी.
कोर्ट ने इस मामले में आरोपियों को साल 2012 में दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई थी. दोषियों को 24 जून को फांसी दी जानी थी, लेकिन अभियुक्तों की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 21 जून को सजा कम करने का फैसला सुनाया. |
आमिर खान आने वाली फिल्म 'दंगल' का गाना 'हानिकारक बापू' विवादों में फसता नज़र आ रहा है. विश्वात्मक सामाजिक सेवा ट्रस्ट नामक एक एनजीओ ने गाने के प्रति विरोध दर्ज कराया है. कुछ दिन पहले ही ये गाना रिलीज किया गया था.
'दंगल' फिल्म
के इस गाने के लिरिक्स पर विरोध किया जा रहा है. एनजीओ का कहना है कि गाने में इस्तेमाल किया गया शब्द 'बापू' महात्मा गांधी की छवि को खराब कर रहा है क्योंकि पूरा देश उन्हें 'बापू' कहता है. इस ट्रस्ट के अध्यक्ष ने फिल्म के निर्माताओं से अपील की है कि वे गाने से 'बापू' शब्द हटा दें क्योंकि इससे राष्ट्रपिता की छवि खराब होती है.
इस गाने के बोल हैं
'बापू तू सेहत के लिए हानिकारक है'
. रिपोर्ट्स के मुताबिक एनजीओ ने आमिर खान से भी यही निवेदन किया था, लेकिन आमिर ने जवाब देना ठीक नहीं समझा. इसको देखते हुए एनजीओ ने मौन विरोध किया है.
आपको बता दें कि फिल्म के इस गाने को
जायरा वसीम और सुहानी भटनागर
पर फिल्माया गया है. जिसमें उन्हें उनके पिता के सपने को पूरा करने की तैयारी में जुटे हुए दिखाया गया है. पहलवान बनने के लिए पिता से हार्ड ट्रेनिंग ले रहीं दोनों बच्चियां अपने सख्त मिजाज वाले पिता के लिए ही ये गाना गाती नजर आती हैं. इस गाने को लिखा है अमिताभ भट्टाचार्य ने और इसे कंपोज किया है प्रितम ने. |
यह लेख है: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में पुलिस ने मुठभेड़ में तीन नक्सलियों को मार गिराया। तीनों नक्सलियों पर झीरम घाटी में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमले में शामिल होने का आरोप है।
दंतेवाड़ा जिले के पुलिस अधीक्षक कमलोचन कश्यप ने बताया कि जिले के कटेकल्याण थाना क्षेत्र के अंतर्गत मेटापाल गांव के जंगल में कार्रवाई कर तीन नक्सलियों को मार गिराया गया है।
कश्यप ने बताया कि पुलिस को कटेकल्याण थाना क्षेत्र में नक्सली गतिवधि की जानकारी मिली थी। जानकारी के बाद जिला पुलिस बल के दल को गश्त के लिए रवाना किया गया था। दल जब लाखापाला और तुर्मपारा गांव के मध्य मेटापाल गांव के जंगल में पहुंचा तो नक्सलियों ने पुलिस दल पर गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस दल ने भी जवाबी कार्रवाई की।
उन्होंने बताया कि कुछ देर तक दोनों ओर से गोलीबारी के बाद नक्सली वहां से फरार हो गए। जब पुलिस दल ने घटनास्थल पर छानबीन की तो वहां तीन नक्सलियों के कटेकल्याण एरिया कमेटी का सदस्य बालसिंह उर्फ मासा तथा दो अन्य नक्सलियों के शव तथा तीन हथियार जिसमें एक 315 बोर पिस्टल और दो भरमार बंदूक हैं, बरामद किया गया। बाल सिंह के सिर पर आठ लाख रुपये का इनाम था। टिप्पणियां
बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक एसआरपी कल्लूरी ने बताया कि पुलिस ने कार्रवाई कर नक्सली बालसिंह को मार गिराया है। पुलिस के लिए यह बड़ी कामयाबी है। कल्लूरी ने बताया कि मारे गए तीनों नक्सली वर्ष 2013 में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हुए नक्सली हमले में शामिल थे। इस हमले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल समेत 31 लोगों की मौत हुई थी। उन्होंने बताया कि झीरम घाटी हमले के दौरान बालसिंह दरभा डिविजन में कांगेरघाटी लोकल गुरिल्ला स्क्वाड का कमांडर था।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि झीरम हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है। झीरम हमले के आरोपियों की मौत के बाद इसकी जानकारी एनआईए को दी जा रही है। कल्लूरी ने बताया कि बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है तथा पुलिस ने इस वर्ष जनवरी में 18 नक्सलियों को मार गिराया है।
दंतेवाड़ा जिले के पुलिस अधीक्षक कमलोचन कश्यप ने बताया कि जिले के कटेकल्याण थाना क्षेत्र के अंतर्गत मेटापाल गांव के जंगल में कार्रवाई कर तीन नक्सलियों को मार गिराया गया है।
कश्यप ने बताया कि पुलिस को कटेकल्याण थाना क्षेत्र में नक्सली गतिवधि की जानकारी मिली थी। जानकारी के बाद जिला पुलिस बल के दल को गश्त के लिए रवाना किया गया था। दल जब लाखापाला और तुर्मपारा गांव के मध्य मेटापाल गांव के जंगल में पहुंचा तो नक्सलियों ने पुलिस दल पर गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस दल ने भी जवाबी कार्रवाई की।
उन्होंने बताया कि कुछ देर तक दोनों ओर से गोलीबारी के बाद नक्सली वहां से फरार हो गए। जब पुलिस दल ने घटनास्थल पर छानबीन की तो वहां तीन नक्सलियों के कटेकल्याण एरिया कमेटी का सदस्य बालसिंह उर्फ मासा तथा दो अन्य नक्सलियों के शव तथा तीन हथियार जिसमें एक 315 बोर पिस्टल और दो भरमार बंदूक हैं, बरामद किया गया। बाल सिंह के सिर पर आठ लाख रुपये का इनाम था। टिप्पणियां
बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक एसआरपी कल्लूरी ने बताया कि पुलिस ने कार्रवाई कर नक्सली बालसिंह को मार गिराया है। पुलिस के लिए यह बड़ी कामयाबी है। कल्लूरी ने बताया कि मारे गए तीनों नक्सली वर्ष 2013 में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हुए नक्सली हमले में शामिल थे। इस हमले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल समेत 31 लोगों की मौत हुई थी। उन्होंने बताया कि झीरम घाटी हमले के दौरान बालसिंह दरभा डिविजन में कांगेरघाटी लोकल गुरिल्ला स्क्वाड का कमांडर था।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि झीरम हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है। झीरम हमले के आरोपियों की मौत के बाद इसकी जानकारी एनआईए को दी जा रही है। कल्लूरी ने बताया कि बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है तथा पुलिस ने इस वर्ष जनवरी में 18 नक्सलियों को मार गिराया है।
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उन्होंने बताया कि कुछ देर तक दोनों ओर से गोलीबारी के बाद नक्सली वहां से फरार हो गए। जब पुलिस दल ने घटनास्थल पर छानबीन की तो वहां तीन नक्सलियों के कटेकल्याण एरिया कमेटी का सदस्य बालसिंह उर्फ मासा तथा दो अन्य नक्सलियों के शव तथा तीन हथियार जिसमें एक 315 बोर पिस्टल और दो भरमार बंदूक हैं, बरामद किया गया। बाल सिंह के सिर पर आठ लाख रुपये का इनाम था। टिप्पणियां
बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक एसआरपी कल्लूरी ने बताया कि पुलिस ने कार्रवाई कर नक्सली बालसिंह को मार गिराया है। पुलिस के लिए यह बड़ी कामयाबी है। कल्लूरी ने बताया कि मारे गए तीनों नक्सली वर्ष 2013 में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हुए नक्सली हमले में शामिल थे। इस हमले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल समेत 31 लोगों की मौत हुई थी। उन्होंने बताया कि झीरम घाटी हमले के दौरान बालसिंह दरभा डिविजन में कांगेरघाटी लोकल गुरिल्ला स्क्वाड का कमांडर था।
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बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक एसआरपी कल्लूरी ने बताया कि पुलिस ने कार्रवाई कर नक्सली बालसिंह को मार गिराया है। पुलिस के लिए यह बड़ी कामयाबी है। कल्लूरी ने बताया कि मारे गए तीनों नक्सली वर्ष 2013 में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हुए नक्सली हमले में शामिल थे। इस हमले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल समेत 31 लोगों की मौत हुई थी। उन्होंने बताया कि झीरम घाटी हमले के दौरान बालसिंह दरभा डिविजन में कांगेरघाटी लोकल गुरिल्ला स्क्वाड का कमांडर था।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि झीरम हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है। झीरम हमले के आरोपियों की मौत के बाद इसकी जानकारी एनआईए को दी जा रही है। कल्लूरी ने बताया कि बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है तथा पुलिस ने इस वर्ष जनवरी में 18 नक्सलियों को मार गिराया है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि झीरम हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है। झीरम हमले के आरोपियों की मौत के बाद इसकी जानकारी एनआईए को दी जा रही है। कल्लूरी ने बताया कि बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है तथा पुलिस ने इस वर्ष जनवरी में 18 नक्सलियों को मार गिराया है। |
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर भगवान राम और कृष्ण के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाने वाली कांग्रेस अब इनके ही संगम के सहारे उत्तर प्रदेश में अपनी नैया पार लगाने और खुद को मजबूत करने की कवायद में जुट गई है.
संगठन की कमजोरी और आपसी गुटबाजी के कारण उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव और शहरी निकाय चुनावों में करारी शिकस्त खाने वाली कांग्रेस का मानना है कि राम और कृष्ण की भूमि का संगम अब उसके लिए लाभप्रद होगा.
दरअसल, कांग्रेस नेतृत्व ने उत्तर प्रदेश में दो सबसे महत्वपूर्ण पदों- प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता पद पर उन नेताओं को बिठाया है जो राम की नगरी अयोध्या और कृष्ण की नगरी मथुरा से सम्बंध रखते हैं.
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की अगुवाई में विधानसभा चुनाव में पूरे जोश और आक्रामकता के साथ उतरी कांग्रेस पार्टी की करारी हार हुई. प्रदेश में 30 से भी कम सीटें जीतने सफल रही कांग्रेस ने चुनाव के बाद सालों से विधानमंडल दल के नेता रहे प्रमोद तिवारी को हटाकर कृष्ण की नगरी मथुरा से विधायक प्रदीप माथुर को विधानमंडल दल का नेता बनाया.
नतीजे आने के बाद समय-समय पर प्रमोद तिवारी से टकराव को लेकर चर्चा में रहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी की इस पद से विदाई तय मानी जा रही थी. इस बात का अहसास होते ही रीता ने अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा कांग्रेस आलाकमान को भेज दिया.
कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने काफी माथापच्ची के बाद पार्टी से गुटबाजी समाप्त करने की मंशा के तहत रीता के स्थान पर भगवान राम की नगरी अयोध्या से सम्बंध रखने वाले निर्मल खत्री को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी. प्रदेश कांग्रेस नेताओं का कहना है कि कई वर्षों बाद कोई ऐसा प्रदेश अध्यक्ष मिला है जिसके बारे में कोई विवाद नहीं है और न ही कोई आवाज उठ रही है.
पार्टी नेताओं के इस बयान से पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्षों, जिनमें रीता बहुगुणा जोशी, श्रीप्रकाश जायसवाल और सलमान खुर्शीद सरीखे नाम शामिल हैं, जिनके निर्विवाद और निर्गुट होने पर सवालिया निशान लग रहे हैं.
विधान परिषद में कांग्रेस के नेता नसीब पठान कहते हैं कि मथुरा से विधायक प्रदीप माथुर और अयोध्या निवासी फैजाबाद के सांसद निर्मल खत्री के रूप में कृष्ण और राम के संगम से पार्टी उत्तर प्रदेश में मजबूत होने के साथ आगामी लोकसभा चुनाव में एक बार फिर अप्रत्याशित नतीजे देगी.
प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'प्रदेश में संगठन के दोनों महत्वपूर्ण पदों पर शीर्ष नेतृत्व ने ऐसे नेताओं को बिठाया है जो किसी पाले के नहीं हैं. हमें पूरी उम्मीद है कि इन दोनों की जुगलबंदी संगठन को मजबूत कर पार्टी को एक नए मुकाम पर ले जाएगी.' प्रदीप माथुर ने विधानमंडल दल के नेता के रूप में अपना कार्यभार ग्रहण कर कामकाज शुरू कर दिया है, वहीं निर्मल खत्री मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में अध्यक्ष पद का कार्यभार ग्रहण करेंगे. |
डोनाल्ड बारसव्ल द्वितीय (जन्म 22 फ़रवरी 1963) एक अमेरिकी अभिनेता, शास्त्रीय अंतरराष्ट्रीय अवधि और संगीतकार है। बारसव्ल एक तेजी से ट्रैक करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिलब्ध ओपेरा गायक बन गया था। वह 1995 में एक कार दुर्घटना का सामना करना पड़ा है कि उसे लगभग दो साल के लिए बात करने में असमर्थ बना दिया. उसके बाद, वह सुर्खियों के बाहर एक शांत जीवन अमेरिका समझे प्रतिभा के 2008 के मौसम पर अपनी उपस्थिति जब तक रहते थे, जहां वे एक शीर्ष 5 फाइनल था, जो उसे मनोरंजन में एक कैरियर में एक और मौका दे दिया. तब से वह संगीत समारोहों में संयुक्त राज्य अमेरिका में दोनों अंतरराष्ट्रीय स्तर के रूप में अच्छी तरह से हर जगह के रूप में दर्शकों का मनोरंजन किया, टेलीविजन छपने, प्रेरणादायक और रेडियो बोल रहा हूँ. उन्होंने 25 से अधिक देशों से प्रशंसकों के साथ एक अंतरराष्ट्रीय प्रशंसक क्लब समेटे हुए है। [1] बारसव्ल फिर में गाने के स्वर की समता का संगीत की दुनिया में प्रवेश किया है Kerrville, जून 2009 में टेक्सास में पहाड़ियों के सिम्फनी के साथ शुरू संगीत चबूतरे. वह शुद्ध शास्त्रीय संगीत के प्रदर्शनों की सूची से आत्मा को मुख्यधारा में पॉप को लेकर शैलियों के विभिन्न प्रकार के प्रदर्शन करती है। वह विभिन्न सहित अंग्रेजी, के बाहर भाषाओं में गाने के द्वारा कई संस्कृतियों के लोगों से बतियाते स्पेनी, इतालवी, नियपोलिटन, फ्रांसीसी और रूसी. उनके संगीत आमतौर पर बहुभाषी हैं और वह टुकड़े है कि खुद को एक से अधिक भाषा में प्रदर्शन किया है। इनमें से कुछ में शामिल हैं: मारियो है Frangoulis के द्विभाषी संस्करण 'व्हाइट साटन में नाइट्स "(इतालवी शीर्षक" NOTTE Di लूस "), मूल रूप से The Moody Blues और Andrea Bocelli है" प्रार्थना "और" Vivere "(अंग्रेजी शीर्षक" हिम्मत से जीना "). उनकी अन्य गैर अंग्रेजी प्रदर्शनों की सूची में शामिल हैं अगस्टिन है लारा "Rosa" (स्पेन), मारियो है Frangoulis Vincerò ", perderò" इतालवी () और नियपोलिटन मानक "हे एकमात्र Mio. उनकी कई रचनाओं में से कुछ हाल ही में अपने एलबम पर सुना जा सकता है। अन्य रचनाएं Temptation of the Miracle Weaver(आगामी फिल्म 2010), जहां उन्होंने अग्रणी भूमिका है, पिताजी Gabriel, एक पुजारी का है, अपने जीवन की एक जीवनी में भी काम करता है।
अमेरिकी अभिनेता |
'बिग बॉस 10' के घर में स्वामी ओम के तमाशे के बाद अब एक और लड़ाई सामने आई है. इस बार चर्चा में हैं बानी और लोपा. पूरे 'बिग बॉस 10' सीजन के दौरान दोनों के बीच हमेशा ही अनबन रही है लेकिन इस बार ये लड़ाई हाथापाई पर उतर आई.
बिग बॉस 10 के कंटेस्टेंट रहे स्वामी ओम के खिलाफ पुलिस में शिकायत
एक टास्क के दौरान लोपा ने बानी पर उनकी मां के नाम पर सहानुभूति बटोरने की बात कही. जिसके बाद बानी भड़क गईं और वो लोपा पर चिल्लाती हुई बरस पड़ीं. वहीं उनके बीच थोड़ी हाथापाई भी हुई. लेकिन घरवालों ने बीच बचाव किया.
प्रियंका जग्गा ने किए हैरान कर देने वाले खुलासे, बिग बॉस और सलमान पर बरसीं
अब देखना ये हैं कि घर में इन दोनों पर क्या कार्यवाही की जाएगी? फिलहाल खबरों की मानें तो दोनों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है और 'बिग बॉस' ने टास्क रद्द कर दिया है. अभी 'बिग बॉस' की टीम शो के होस्ट सलमान खान के रिएक्शन का इंतजार कर रही है कि वो क्या कहते हैं. |
यह लेख है: ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीवन स्मिथ के लिए दक्षिण अफ़्रीका और पाकिस्तान के ख़िलाफ़ सीरीज़ अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगी. पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव वॉ का मानना है कि दोनों सीरीज़ तय करेगी कि स्मिथ कंगारू टीम के कप्तान रहेंगे या नहीं.
पिछले साल माइकल क्लार्क के संन्यास के बाद स्मिथ ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान बने लेकिन तब से अब तक उनका प्रदर्शन और कप्तानी का स्तर गिरता रहा है. स्मिथ की कप्तानी में कंगारू टीम को श्रीलंका ने 3-0 से हराया फिर अफ़्रीकी टीम ने 5-0 से वनडे में सफाया किया.
वॉ कहते हैं, 'आपके हनीमून के दिन छह महीने से 12 महीने रहते हैं तब सब कुछ अच्छा रहता है. आप टीम में कोई भी बदलाव करते हैं और वो काम कर जाता है. लेकिन जब सच्चाई से सामना होता है तो वो कड़वा होता है.' ऑस्ट्रेलिया के लिए 168 टेस्ट खेलने वाले वॉ ने 57 टेस्टों में कप्तानी की है. जाहिर है एक कप्तान की परेशानी को समझ सकते हैं और सही तरीके से बयान भी कर सकते हैं.टिप्पणियां
वॉ ने कहा, 'मेरे ख्याल से श्रीलंका में सीरीज़ 3-0 से हारना किसी सदमे से कम नहीं था. टीम की फ़ील्डिंग खराब थी जो हमारी टीम के स्तर से काफी नीचे रहा. अगले 6 टेस्ट अफ़्रीकी टीम और पाकिस्तान के खिलाफ स्मिथ की भविष्य में कप्तानी तय करेगा.'
दक्षिण अफ़्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच सीरीज़ का पहला टेस्ट पर्थ में तीन नवंबर को खेला जाएगा. अफ़्रीकी सीरीज़ के बाद 15 दिसंबर से पाकिस्तान के साथ सीरीज़ होगी.
पिछले साल माइकल क्लार्क के संन्यास के बाद स्मिथ ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान बने लेकिन तब से अब तक उनका प्रदर्शन और कप्तानी का स्तर गिरता रहा है. स्मिथ की कप्तानी में कंगारू टीम को श्रीलंका ने 3-0 से हराया फिर अफ़्रीकी टीम ने 5-0 से वनडे में सफाया किया.
वॉ कहते हैं, 'आपके हनीमून के दिन छह महीने से 12 महीने रहते हैं तब सब कुछ अच्छा रहता है. आप टीम में कोई भी बदलाव करते हैं और वो काम कर जाता है. लेकिन जब सच्चाई से सामना होता है तो वो कड़वा होता है.' ऑस्ट्रेलिया के लिए 168 टेस्ट खेलने वाले वॉ ने 57 टेस्टों में कप्तानी की है. जाहिर है एक कप्तान की परेशानी को समझ सकते हैं और सही तरीके से बयान भी कर सकते हैं.टिप्पणियां
वॉ ने कहा, 'मेरे ख्याल से श्रीलंका में सीरीज़ 3-0 से हारना किसी सदमे से कम नहीं था. टीम की फ़ील्डिंग खराब थी जो हमारी टीम के स्तर से काफी नीचे रहा. अगले 6 टेस्ट अफ़्रीकी टीम और पाकिस्तान के खिलाफ स्मिथ की भविष्य में कप्तानी तय करेगा.'
दक्षिण अफ़्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच सीरीज़ का पहला टेस्ट पर्थ में तीन नवंबर को खेला जाएगा. अफ़्रीकी सीरीज़ के बाद 15 दिसंबर से पाकिस्तान के साथ सीरीज़ होगी.
वॉ कहते हैं, 'आपके हनीमून के दिन छह महीने से 12 महीने रहते हैं तब सब कुछ अच्छा रहता है. आप टीम में कोई भी बदलाव करते हैं और वो काम कर जाता है. लेकिन जब सच्चाई से सामना होता है तो वो कड़वा होता है.' ऑस्ट्रेलिया के लिए 168 टेस्ट खेलने वाले वॉ ने 57 टेस्टों में कप्तानी की है. जाहिर है एक कप्तान की परेशानी को समझ सकते हैं और सही तरीके से बयान भी कर सकते हैं.टिप्पणियां
वॉ ने कहा, 'मेरे ख्याल से श्रीलंका में सीरीज़ 3-0 से हारना किसी सदमे से कम नहीं था. टीम की फ़ील्डिंग खराब थी जो हमारी टीम के स्तर से काफी नीचे रहा. अगले 6 टेस्ट अफ़्रीकी टीम और पाकिस्तान के खिलाफ स्मिथ की भविष्य में कप्तानी तय करेगा.'
दक्षिण अफ़्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच सीरीज़ का पहला टेस्ट पर्थ में तीन नवंबर को खेला जाएगा. अफ़्रीकी सीरीज़ के बाद 15 दिसंबर से पाकिस्तान के साथ सीरीज़ होगी.
वॉ ने कहा, 'मेरे ख्याल से श्रीलंका में सीरीज़ 3-0 से हारना किसी सदमे से कम नहीं था. टीम की फ़ील्डिंग खराब थी जो हमारी टीम के स्तर से काफी नीचे रहा. अगले 6 टेस्ट अफ़्रीकी टीम और पाकिस्तान के खिलाफ स्मिथ की भविष्य में कप्तानी तय करेगा.'
दक्षिण अफ़्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच सीरीज़ का पहला टेस्ट पर्थ में तीन नवंबर को खेला जाएगा. अफ़्रीकी सीरीज़ के बाद 15 दिसंबर से पाकिस्तान के साथ सीरीज़ होगी.
दक्षिण अफ़्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच सीरीज़ का पहला टेस्ट पर्थ में तीन नवंबर को खेला जाएगा. अफ़्रीकी सीरीज़ के बाद 15 दिसंबर से पाकिस्तान के साथ सीरीज़ होगी. |
अपनी एक्टिंग से सबके चहेते बने हुए एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी मिस इंडिया को डेट कर चुके हैं. क्यों, हो गए ना हैरान? इस बात का खुलासा उनके दोस्त और डायरेक्टर अनुराग कश्यप ने किया है.
हाल ही में एक इवेंट में पहुंचे नवाज से जब होस्ट ने कहा कि हमें अनुराग ने बताया है कि आप किसी मिस इंडिया को डेट कर चुके हैं. इस सवाल पर नवाज शर्मा गए. तभी अनुराग ने कहा कि हम किसी का नाम नहीं लेंगे.
साइकोथ्रिलर फिल्म 'फोबिया 2' में नवाजुद्दीन सिद्दीकी लीड रोल में आएंगे नजर
अनुराग ने आगे बताया कि फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' से पहले नवाज का ब्रेकअप हो गया था. नवाज ने कहा कि 35 साल की उम्र तक उनकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी लेकिन वो गर्लफ्रेंड बनाने के लिए ट्राई बहुत करते थे.
नवाज की फिल्म 'मॉम' हाल ही में रिलीज हुई है और उनकी एक्टिंग की तारीफ बहुत हो रही है. 21 जुलाई को उनकी फिल्म 'मुन्ना माइकल' रिलीज होगी, जिसमें वो पहली बार डांस करते नजर आएंगे. |
एमए चिदम्बरम स्टेडियम में तमिलनाडु और राजस्थान की टीमों के बीच खेला गया रणजी ट्रॉफी फाइनल मुकाबला सोमवार को हार-जीत के फैसले के बगैर खत्म हुआ लेकिन पहली पारी में मिली बढ़त के आधार राजस्थान ने विजेता बनने का गौरव हासिल किया। राजस्थान की टीम लगातार दूसरी बार चैम्पियन बनी है।
राजस्थान द्वारा जीत के लिए रखे गए 531 रनों के जवाब में तमिलनाडु की टीम ने मैच के पांचवें दिन सोमवार को दो विकेट के नुकसान पर आठ रन बनाए। कुथेथुरश्री वासुदेवदास सात रन पर और सुब्रह्यण्यम बद्रीनाथ बिना खाता खोले नाबाद लौटे। पहली पारी में 257 रन बनाने वाले विनीत सक्सेना को 'मैन ऑफ द मैच' घोषित किया गया।
तमिलनाडु की दूसरी पारी की शुरुआत अच्छी नहीं रही और पारी के पहले ओवर की पहली ही गेंद पर यो महेश खाता खोले बगैर गजेन्द्र सिंह की गेंद पर पगबाधा आउट हो गए।
टीम के कुल योग में अभी सात रन ही जुड़े थे कि अभिनव मुकुंद भी एक रन बनाकर गजेन्द्र के दूसरे शिकार हो गए। राजस्थान की ओर से दूसरी पारी में गजेन्द्र ने दो विकेट झटके।
इससे पहले, राजस्थान ने अपनी दूसरी पारी पांच विकेट पर 204 रन बनाकर घोषित की। राजस्थान की ओर से दूसरी पारी में रोबिन बिष्ट ने सबसे अधिक 92 रन बनाए। उन्होंने इस दौरान 185 गेंदों पर 13 चौके लगाए।
राजस्थान की ओर से पांचवें दिन के खेल की शुरुआत रविवार को नाबाद लौटे बल्लेबाज आकाश चोपड़ा (10) और विनीत सक्सेना (10) ने की। राजस्थान ने चौथे दिन के खेल की समाप्ति तक अपनी दूसरी पारी में बिना कोई विकेट गंवाए 21 रन बनाए थे।
चोपड़ा सुबह आठ रन और जोड़कर 18 रन के निजी योग पर जगन्नाथन कौशिक की गेंद पर उन्हीं को कैच थमा बैठे। इसके बाद पहली पारी में दोहरा शतक लगाने वाले सक्सेना दूसरी पारी में कुछ खास नहीं कर सके और वह एक चौके की मदद से 13 रन बनाकर रामास्वामी प्रसन्ना की गेंद पर बोल्ड हो गए।
कप्तान ऋषिकेश कानितकर को 12 रन के निजी योग पर मुरली विजय ने पगबाधा आउट किया। कानितकर ने बिष्ट के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 41 रन जोड़े।
पुनीत यादव बिना खाता खोले आउट हुए वहीं रश्मि परिदा (43) और दिशांत याज्ञनिक (9) नाबाद लौटे। तमिलनाडु की ओर से दूसरी पारी में प्रसन्ना ने तीन विकेट झटके वहीं कौशिक और विजय के खाते में एक-एक विकेट गया।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान ने अपनी पहली पारी में 621 रन बनाए थे। इसके जवाब में तमिलनाडु की पहली पारी 295 रनों पर सिमट गई थी। राजस्थान को पहली पारी में 326 रनों की बढ़त प्राप्त थी।टिप्पणियां
राजस्थान ने पिछले वर्ष बड़ौदा को हराकर खिताबी जीत दर्ज की थी। इस हार के साथ तमिलनाडु के हाथ से तीसरी बार चैम्पियन बनने का मौका निकल गया।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान दसवीं बार खिताबी मुकाबले में पहुंचा था। इससे पहले, सात मौकों पर राजस्थान को 39 बार के चैम्पियन मुम्बई के हाथों हार का सामना करना पड़ा था जबकि एक बार फाइनल में उसे कर्नाटक ने हराया था।
राजस्थान द्वारा जीत के लिए रखे गए 531 रनों के जवाब में तमिलनाडु की टीम ने मैच के पांचवें दिन सोमवार को दो विकेट के नुकसान पर आठ रन बनाए। कुथेथुरश्री वासुदेवदास सात रन पर और सुब्रह्यण्यम बद्रीनाथ बिना खाता खोले नाबाद लौटे। पहली पारी में 257 रन बनाने वाले विनीत सक्सेना को 'मैन ऑफ द मैच' घोषित किया गया।
तमिलनाडु की दूसरी पारी की शुरुआत अच्छी नहीं रही और पारी के पहले ओवर की पहली ही गेंद पर यो महेश खाता खोले बगैर गजेन्द्र सिंह की गेंद पर पगबाधा आउट हो गए।
टीम के कुल योग में अभी सात रन ही जुड़े थे कि अभिनव मुकुंद भी एक रन बनाकर गजेन्द्र के दूसरे शिकार हो गए। राजस्थान की ओर से दूसरी पारी में गजेन्द्र ने दो विकेट झटके।
इससे पहले, राजस्थान ने अपनी दूसरी पारी पांच विकेट पर 204 रन बनाकर घोषित की। राजस्थान की ओर से दूसरी पारी में रोबिन बिष्ट ने सबसे अधिक 92 रन बनाए। उन्होंने इस दौरान 185 गेंदों पर 13 चौके लगाए।
राजस्थान की ओर से पांचवें दिन के खेल की शुरुआत रविवार को नाबाद लौटे बल्लेबाज आकाश चोपड़ा (10) और विनीत सक्सेना (10) ने की। राजस्थान ने चौथे दिन के खेल की समाप्ति तक अपनी दूसरी पारी में बिना कोई विकेट गंवाए 21 रन बनाए थे।
चोपड़ा सुबह आठ रन और जोड़कर 18 रन के निजी योग पर जगन्नाथन कौशिक की गेंद पर उन्हीं को कैच थमा बैठे। इसके बाद पहली पारी में दोहरा शतक लगाने वाले सक्सेना दूसरी पारी में कुछ खास नहीं कर सके और वह एक चौके की मदद से 13 रन बनाकर रामास्वामी प्रसन्ना की गेंद पर बोल्ड हो गए।
कप्तान ऋषिकेश कानितकर को 12 रन के निजी योग पर मुरली विजय ने पगबाधा आउट किया। कानितकर ने बिष्ट के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 41 रन जोड़े।
पुनीत यादव बिना खाता खोले आउट हुए वहीं रश्मि परिदा (43) और दिशांत याज्ञनिक (9) नाबाद लौटे। तमिलनाडु की ओर से दूसरी पारी में प्रसन्ना ने तीन विकेट झटके वहीं कौशिक और विजय के खाते में एक-एक विकेट गया।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान ने अपनी पहली पारी में 621 रन बनाए थे। इसके जवाब में तमिलनाडु की पहली पारी 295 रनों पर सिमट गई थी। राजस्थान को पहली पारी में 326 रनों की बढ़त प्राप्त थी।टिप्पणियां
राजस्थान ने पिछले वर्ष बड़ौदा को हराकर खिताबी जीत दर्ज की थी। इस हार के साथ तमिलनाडु के हाथ से तीसरी बार चैम्पियन बनने का मौका निकल गया।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान दसवीं बार खिताबी मुकाबले में पहुंचा था। इससे पहले, सात मौकों पर राजस्थान को 39 बार के चैम्पियन मुम्बई के हाथों हार का सामना करना पड़ा था जबकि एक बार फाइनल में उसे कर्नाटक ने हराया था।
तमिलनाडु की दूसरी पारी की शुरुआत अच्छी नहीं रही और पारी के पहले ओवर की पहली ही गेंद पर यो महेश खाता खोले बगैर गजेन्द्र सिंह की गेंद पर पगबाधा आउट हो गए।
टीम के कुल योग में अभी सात रन ही जुड़े थे कि अभिनव मुकुंद भी एक रन बनाकर गजेन्द्र के दूसरे शिकार हो गए। राजस्थान की ओर से दूसरी पारी में गजेन्द्र ने दो विकेट झटके।
इससे पहले, राजस्थान ने अपनी दूसरी पारी पांच विकेट पर 204 रन बनाकर घोषित की। राजस्थान की ओर से दूसरी पारी में रोबिन बिष्ट ने सबसे अधिक 92 रन बनाए। उन्होंने इस दौरान 185 गेंदों पर 13 चौके लगाए।
राजस्थान की ओर से पांचवें दिन के खेल की शुरुआत रविवार को नाबाद लौटे बल्लेबाज आकाश चोपड़ा (10) और विनीत सक्सेना (10) ने की। राजस्थान ने चौथे दिन के खेल की समाप्ति तक अपनी दूसरी पारी में बिना कोई विकेट गंवाए 21 रन बनाए थे।
चोपड़ा सुबह आठ रन और जोड़कर 18 रन के निजी योग पर जगन्नाथन कौशिक की गेंद पर उन्हीं को कैच थमा बैठे। इसके बाद पहली पारी में दोहरा शतक लगाने वाले सक्सेना दूसरी पारी में कुछ खास नहीं कर सके और वह एक चौके की मदद से 13 रन बनाकर रामास्वामी प्रसन्ना की गेंद पर बोल्ड हो गए।
कप्तान ऋषिकेश कानितकर को 12 रन के निजी योग पर मुरली विजय ने पगबाधा आउट किया। कानितकर ने बिष्ट के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 41 रन जोड़े।
पुनीत यादव बिना खाता खोले आउट हुए वहीं रश्मि परिदा (43) और दिशांत याज्ञनिक (9) नाबाद लौटे। तमिलनाडु की ओर से दूसरी पारी में प्रसन्ना ने तीन विकेट झटके वहीं कौशिक और विजय के खाते में एक-एक विकेट गया।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान ने अपनी पहली पारी में 621 रन बनाए थे। इसके जवाब में तमिलनाडु की पहली पारी 295 रनों पर सिमट गई थी। राजस्थान को पहली पारी में 326 रनों की बढ़त प्राप्त थी।टिप्पणियां
राजस्थान ने पिछले वर्ष बड़ौदा को हराकर खिताबी जीत दर्ज की थी। इस हार के साथ तमिलनाडु के हाथ से तीसरी बार चैम्पियन बनने का मौका निकल गया।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान दसवीं बार खिताबी मुकाबले में पहुंचा था। इससे पहले, सात मौकों पर राजस्थान को 39 बार के चैम्पियन मुम्बई के हाथों हार का सामना करना पड़ा था जबकि एक बार फाइनल में उसे कर्नाटक ने हराया था।
टीम के कुल योग में अभी सात रन ही जुड़े थे कि अभिनव मुकुंद भी एक रन बनाकर गजेन्द्र के दूसरे शिकार हो गए। राजस्थान की ओर से दूसरी पारी में गजेन्द्र ने दो विकेट झटके।
इससे पहले, राजस्थान ने अपनी दूसरी पारी पांच विकेट पर 204 रन बनाकर घोषित की। राजस्थान की ओर से दूसरी पारी में रोबिन बिष्ट ने सबसे अधिक 92 रन बनाए। उन्होंने इस दौरान 185 गेंदों पर 13 चौके लगाए।
राजस्थान की ओर से पांचवें दिन के खेल की शुरुआत रविवार को नाबाद लौटे बल्लेबाज आकाश चोपड़ा (10) और विनीत सक्सेना (10) ने की। राजस्थान ने चौथे दिन के खेल की समाप्ति तक अपनी दूसरी पारी में बिना कोई विकेट गंवाए 21 रन बनाए थे।
चोपड़ा सुबह आठ रन और जोड़कर 18 रन के निजी योग पर जगन्नाथन कौशिक की गेंद पर उन्हीं को कैच थमा बैठे। इसके बाद पहली पारी में दोहरा शतक लगाने वाले सक्सेना दूसरी पारी में कुछ खास नहीं कर सके और वह एक चौके की मदद से 13 रन बनाकर रामास्वामी प्रसन्ना की गेंद पर बोल्ड हो गए।
कप्तान ऋषिकेश कानितकर को 12 रन के निजी योग पर मुरली विजय ने पगबाधा आउट किया। कानितकर ने बिष्ट के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 41 रन जोड़े।
पुनीत यादव बिना खाता खोले आउट हुए वहीं रश्मि परिदा (43) और दिशांत याज्ञनिक (9) नाबाद लौटे। तमिलनाडु की ओर से दूसरी पारी में प्रसन्ना ने तीन विकेट झटके वहीं कौशिक और विजय के खाते में एक-एक विकेट गया।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान ने अपनी पहली पारी में 621 रन बनाए थे। इसके जवाब में तमिलनाडु की पहली पारी 295 रनों पर सिमट गई थी। राजस्थान को पहली पारी में 326 रनों की बढ़त प्राप्त थी।टिप्पणियां
राजस्थान ने पिछले वर्ष बड़ौदा को हराकर खिताबी जीत दर्ज की थी। इस हार के साथ तमिलनाडु के हाथ से तीसरी बार चैम्पियन बनने का मौका निकल गया।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान दसवीं बार खिताबी मुकाबले में पहुंचा था। इससे पहले, सात मौकों पर राजस्थान को 39 बार के चैम्पियन मुम्बई के हाथों हार का सामना करना पड़ा था जबकि एक बार फाइनल में उसे कर्नाटक ने हराया था।
इससे पहले, राजस्थान ने अपनी दूसरी पारी पांच विकेट पर 204 रन बनाकर घोषित की। राजस्थान की ओर से दूसरी पारी में रोबिन बिष्ट ने सबसे अधिक 92 रन बनाए। उन्होंने इस दौरान 185 गेंदों पर 13 चौके लगाए।
राजस्थान की ओर से पांचवें दिन के खेल की शुरुआत रविवार को नाबाद लौटे बल्लेबाज आकाश चोपड़ा (10) और विनीत सक्सेना (10) ने की। राजस्थान ने चौथे दिन के खेल की समाप्ति तक अपनी दूसरी पारी में बिना कोई विकेट गंवाए 21 रन बनाए थे।
चोपड़ा सुबह आठ रन और जोड़कर 18 रन के निजी योग पर जगन्नाथन कौशिक की गेंद पर उन्हीं को कैच थमा बैठे। इसके बाद पहली पारी में दोहरा शतक लगाने वाले सक्सेना दूसरी पारी में कुछ खास नहीं कर सके और वह एक चौके की मदद से 13 रन बनाकर रामास्वामी प्रसन्ना की गेंद पर बोल्ड हो गए।
कप्तान ऋषिकेश कानितकर को 12 रन के निजी योग पर मुरली विजय ने पगबाधा आउट किया। कानितकर ने बिष्ट के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 41 रन जोड़े।
पुनीत यादव बिना खाता खोले आउट हुए वहीं रश्मि परिदा (43) और दिशांत याज्ञनिक (9) नाबाद लौटे। तमिलनाडु की ओर से दूसरी पारी में प्रसन्ना ने तीन विकेट झटके वहीं कौशिक और विजय के खाते में एक-एक विकेट गया।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान ने अपनी पहली पारी में 621 रन बनाए थे। इसके जवाब में तमिलनाडु की पहली पारी 295 रनों पर सिमट गई थी। राजस्थान को पहली पारी में 326 रनों की बढ़त प्राप्त थी।टिप्पणियां
राजस्थान ने पिछले वर्ष बड़ौदा को हराकर खिताबी जीत दर्ज की थी। इस हार के साथ तमिलनाडु के हाथ से तीसरी बार चैम्पियन बनने का मौका निकल गया।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान दसवीं बार खिताबी मुकाबले में पहुंचा था। इससे पहले, सात मौकों पर राजस्थान को 39 बार के चैम्पियन मुम्बई के हाथों हार का सामना करना पड़ा था जबकि एक बार फाइनल में उसे कर्नाटक ने हराया था।
राजस्थान की ओर से पांचवें दिन के खेल की शुरुआत रविवार को नाबाद लौटे बल्लेबाज आकाश चोपड़ा (10) और विनीत सक्सेना (10) ने की। राजस्थान ने चौथे दिन के खेल की समाप्ति तक अपनी दूसरी पारी में बिना कोई विकेट गंवाए 21 रन बनाए थे।
चोपड़ा सुबह आठ रन और जोड़कर 18 रन के निजी योग पर जगन्नाथन कौशिक की गेंद पर उन्हीं को कैच थमा बैठे। इसके बाद पहली पारी में दोहरा शतक लगाने वाले सक्सेना दूसरी पारी में कुछ खास नहीं कर सके और वह एक चौके की मदद से 13 रन बनाकर रामास्वामी प्रसन्ना की गेंद पर बोल्ड हो गए।
कप्तान ऋषिकेश कानितकर को 12 रन के निजी योग पर मुरली विजय ने पगबाधा आउट किया। कानितकर ने बिष्ट के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 41 रन जोड़े।
पुनीत यादव बिना खाता खोले आउट हुए वहीं रश्मि परिदा (43) और दिशांत याज्ञनिक (9) नाबाद लौटे। तमिलनाडु की ओर से दूसरी पारी में प्रसन्ना ने तीन विकेट झटके वहीं कौशिक और विजय के खाते में एक-एक विकेट गया।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान ने अपनी पहली पारी में 621 रन बनाए थे। इसके जवाब में तमिलनाडु की पहली पारी 295 रनों पर सिमट गई थी। राजस्थान को पहली पारी में 326 रनों की बढ़त प्राप्त थी।टिप्पणियां
राजस्थान ने पिछले वर्ष बड़ौदा को हराकर खिताबी जीत दर्ज की थी। इस हार के साथ तमिलनाडु के हाथ से तीसरी बार चैम्पियन बनने का मौका निकल गया।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान दसवीं बार खिताबी मुकाबले में पहुंचा था। इससे पहले, सात मौकों पर राजस्थान को 39 बार के चैम्पियन मुम्बई के हाथों हार का सामना करना पड़ा था जबकि एक बार फाइनल में उसे कर्नाटक ने हराया था।
चोपड़ा सुबह आठ रन और जोड़कर 18 रन के निजी योग पर जगन्नाथन कौशिक की गेंद पर उन्हीं को कैच थमा बैठे। इसके बाद पहली पारी में दोहरा शतक लगाने वाले सक्सेना दूसरी पारी में कुछ खास नहीं कर सके और वह एक चौके की मदद से 13 रन बनाकर रामास्वामी प्रसन्ना की गेंद पर बोल्ड हो गए।
कप्तान ऋषिकेश कानितकर को 12 रन के निजी योग पर मुरली विजय ने पगबाधा आउट किया। कानितकर ने बिष्ट के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 41 रन जोड़े।
पुनीत यादव बिना खाता खोले आउट हुए वहीं रश्मि परिदा (43) और दिशांत याज्ञनिक (9) नाबाद लौटे। तमिलनाडु की ओर से दूसरी पारी में प्रसन्ना ने तीन विकेट झटके वहीं कौशिक और विजय के खाते में एक-एक विकेट गया।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान ने अपनी पहली पारी में 621 रन बनाए थे। इसके जवाब में तमिलनाडु की पहली पारी 295 रनों पर सिमट गई थी। राजस्थान को पहली पारी में 326 रनों की बढ़त प्राप्त थी।टिप्पणियां
राजस्थान ने पिछले वर्ष बड़ौदा को हराकर खिताबी जीत दर्ज की थी। इस हार के साथ तमिलनाडु के हाथ से तीसरी बार चैम्पियन बनने का मौका निकल गया।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान दसवीं बार खिताबी मुकाबले में पहुंचा था। इससे पहले, सात मौकों पर राजस्थान को 39 बार के चैम्पियन मुम्बई के हाथों हार का सामना करना पड़ा था जबकि एक बार फाइनल में उसे कर्नाटक ने हराया था।
कप्तान ऋषिकेश कानितकर को 12 रन के निजी योग पर मुरली विजय ने पगबाधा आउट किया। कानितकर ने बिष्ट के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 41 रन जोड़े।
पुनीत यादव बिना खाता खोले आउट हुए वहीं रश्मि परिदा (43) और दिशांत याज्ञनिक (9) नाबाद लौटे। तमिलनाडु की ओर से दूसरी पारी में प्रसन्ना ने तीन विकेट झटके वहीं कौशिक और विजय के खाते में एक-एक विकेट गया।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान ने अपनी पहली पारी में 621 रन बनाए थे। इसके जवाब में तमिलनाडु की पहली पारी 295 रनों पर सिमट गई थी। राजस्थान को पहली पारी में 326 रनों की बढ़त प्राप्त थी।टिप्पणियां
राजस्थान ने पिछले वर्ष बड़ौदा को हराकर खिताबी जीत दर्ज की थी। इस हार के साथ तमिलनाडु के हाथ से तीसरी बार चैम्पियन बनने का मौका निकल गया।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान दसवीं बार खिताबी मुकाबले में पहुंचा था। इससे पहले, सात मौकों पर राजस्थान को 39 बार के चैम्पियन मुम्बई के हाथों हार का सामना करना पड़ा था जबकि एक बार फाइनल में उसे कर्नाटक ने हराया था।
पुनीत यादव बिना खाता खोले आउट हुए वहीं रश्मि परिदा (43) और दिशांत याज्ञनिक (9) नाबाद लौटे। तमिलनाडु की ओर से दूसरी पारी में प्रसन्ना ने तीन विकेट झटके वहीं कौशिक और विजय के खाते में एक-एक विकेट गया।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान ने अपनी पहली पारी में 621 रन बनाए थे। इसके जवाब में तमिलनाडु की पहली पारी 295 रनों पर सिमट गई थी। राजस्थान को पहली पारी में 326 रनों की बढ़त प्राप्त थी।टिप्पणियां
राजस्थान ने पिछले वर्ष बड़ौदा को हराकर खिताबी जीत दर्ज की थी। इस हार के साथ तमिलनाडु के हाथ से तीसरी बार चैम्पियन बनने का मौका निकल गया।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान दसवीं बार खिताबी मुकाबले में पहुंचा था। इससे पहले, सात मौकों पर राजस्थान को 39 बार के चैम्पियन मुम्बई के हाथों हार का सामना करना पड़ा था जबकि एक बार फाइनल में उसे कर्नाटक ने हराया था।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान ने अपनी पहली पारी में 621 रन बनाए थे। इसके जवाब में तमिलनाडु की पहली पारी 295 रनों पर सिमट गई थी। राजस्थान को पहली पारी में 326 रनों की बढ़त प्राप्त थी।टिप्पणियां
राजस्थान ने पिछले वर्ष बड़ौदा को हराकर खिताबी जीत दर्ज की थी। इस हार के साथ तमिलनाडु के हाथ से तीसरी बार चैम्पियन बनने का मौका निकल गया।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान दसवीं बार खिताबी मुकाबले में पहुंचा था। इससे पहले, सात मौकों पर राजस्थान को 39 बार के चैम्पियन मुम्बई के हाथों हार का सामना करना पड़ा था जबकि एक बार फाइनल में उसे कर्नाटक ने हराया था।
राजस्थान ने पिछले वर्ष बड़ौदा को हराकर खिताबी जीत दर्ज की थी। इस हार के साथ तमिलनाडु के हाथ से तीसरी बार चैम्पियन बनने का मौका निकल गया।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान दसवीं बार खिताबी मुकाबले में पहुंचा था। इससे पहले, सात मौकों पर राजस्थान को 39 बार के चैम्पियन मुम्बई के हाथों हार का सामना करना पड़ा था जबकि एक बार फाइनल में उसे कर्नाटक ने हराया था।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान दसवीं बार खिताबी मुकाबले में पहुंचा था। इससे पहले, सात मौकों पर राजस्थान को 39 बार के चैम्पियन मुम्बई के हाथों हार का सामना करना पड़ा था जबकि एक बार फाइनल में उसे कर्नाटक ने हराया था। |
सैयद मीर निसार अली (२७ जनवरी १७८२ -१९ नवंबर १८३१), जिसे तितुमीर ( ) के नाम से जाना जाता है। ), एक बंगाली मुस्लिम इस्लामी सेनानी थे जिन्होंने १९ वीं शताब्दी के दौरान भारत में हिन्दुओं के खिलाफ एक अभियान का नेतृत्व दिया था। अंंत में उन्होंने नारिकेल्बेरिया गाँव में एक बड़ा बाँस का किला (बंगाली में बाशेरकेल्ला ) बनवाया, जो इस्लामी बांगला लोक कथाओं में मशहुर हुआ। ब्रिटिश सैनिकों द्वारा किले के ध्वस्त करने के बाद, १९ नवंबर १८२१ में तितुमीर युद्धावस्था में अपने साथीओं के साथ मारा गया।
प्रारंभिक जीवन
तितूमिर का जन्म सैयद मीर निसार अली के रूप में २७ जनवरी १७८२ (बंगाली कैलेण्डर में १४ माघ ११८२), चंदपुर गांव, बशीरहाट (वर्तमान में उत्तर २४ परगना, पश्चिम बंगाल, भारत में हुआ था । उनके पिता सैयद मीर हसन अली थे और मां थे आबिदा रुकियत। उनके पूर्वज सैयद शाहादत अली इस्लाम के धर्म का प्रचार करने के लिए बंगाल के में आया था, जो एक अरब था. शाहदत के बेटे, सैइद अब्दुल्ला को दिल्ली से सम्राट द्वारा जाफरपुर के मुख्य क़दी नियुक्त किया गया और "मीर इन्साफ" (न्याय के राजकुमार) शीर्षक के साथ निवेश किया गया। पूर्वज सैय्यद शहादत अली
तितुमीर की शिक्षा उनके गाँव के स्कूल में शुरू हुई, जिसके बाद वे एक स्थानीय मदरसे में चले गए। जब वह 18 वर्ष का था, तब तक वह कुरान का हफीज और हदीस और मुस्लिम परंपराओं का विद्वान बन गया था। वह बंगाली, अरबी और फ़ारसी भाषाओं से भी सम्पन्न थे।
जॉन रसेल कोल्विन, भारत में एक ब्रिटिश सिविल सेवक के अनुसार, टिटुमिर एक विविध कैरियर एक किसान से प्रगति कर रहा है, एक डाकू गिरोह के संभवतः एक नेता के लिए, में एक पहलवान पड़ा कोलकाता एक करने के लिए, लागू करनेवाला एक के ज़मींदार जो उसे जेल में उतरा ईस्ट इंडिया कंपनी का । अपनी रिहाई के बाद, १८२२ में, उन्होंने हज यात्रा के लिए मक्का का दौरा किया, जहां उन्होंने सैयद अहमद बरेलवी और फ़राज़ी आंदोलन के संस्थापक हाजी शरीयतुल्लाह से मुलाकात की, फिर वहाबी इस्लामिक उपदेशक रूप में वापस आए। तारिक़-ए-मुहम्मदिया आंदोलन नामक एक धर्मीय आंदोलन शुरु किया।
धार्मिक और राजनीतिक सक्रियता
१८२७ में मक्का से लौटने पर, तितुमीर ने 24 परगना और नादिया के मुसलमानों के बीच प्रचार करना शुरू किया। उन्होंने शिर्क परंपराओं (जैसे मोमबत्तियाँ जलाना या दरगाह की पूजा करना), और बिदाह (नवसृष्ट विधि) में उलझाने का प्रचार किया । उन्होंने पुरुषों के लिए छंटनी मूंछों के साथ दाढ़ी पहनने और महिलाओं के लिए बुर्का पहनने का भी प्रचार किया। उस समय, उन्होंने जमींदारों या जमींदारों का समर्थकों के खिलाफ अपने पैतृक गांव के लोगों को संगठित करने की शुरुआत की।
जमींदारों से टकराव
तितुमीर ने उस समय कई भेदभावपूर्ण उपायों का विरोध किया, जिसमें मस्जिदों और दाढ़ी पहनने पर कर शामिल थे। तितुमीर ने ज़मींदारों द्वारा उत्पीड़न के खिलाफ ईस्ट इंडिया कंपनी को शिकायत दर्ज की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इसने उन्हें पूर्वा के हिंदू जमींदार कृष्णदेव राय, गोबरडांगा के कालीप्रसन्ना मुखोपाध्याय, तरगोनिया के राजनारायण, नागपुर के गौरी प्रसाद चौधरी और गोबरा-गोविंदपुर के देवनाथ राय के साथ संघर्ष में जोड़ गया।
[ उद्धरण वांछित ]
तितुमीर खुद एक "पेयादा" या मार्शल परिवार के थे और खुद एक जमींदार के रूप में एक लठेल, एक क्वार्टरस्टाफ या लाठी के साथ एक सेनानी के रूप में सेवा करते थे, (जो बंगाल में बांस से बना है, लकड़ी से नहीं) और उन्होंने अपने लोगों को प्रशिक्षित किया हाथ से हाथ का मुकाबला करने और लाठी का उपयोग करने के लिए। टिटुमिर ने एक " मुजाहिद " का गठन किया, जिसमें लठेल शामिल थे। तितुमीर की बढ़ती ताकत ने उन जमींदारों को चिंतित कर दिया, जिन्होंने उनके खिलाफ लड़ाई में अंग्रेजों को शामिल करने का प्रयास किया था। के जमींदार ने उकसाया जा रहा है गोबर्दंगा मोल्लहटी की डेविस, अंग्रेजी सेनानी, तितुमीर के खिलाफ अपनी ताकत के साथ उन्नत है, लेकिन कराई थे।
उन्होंने स्थानीय जमींदार, कृष्ण देव रॉय के खिलाफ लड़ाई लड़ी, जिन्होंने अपनी बढ़ती ताकतों से डरकर, टीटूमीर के अनुयायियों पर हमला करने के लिए अंग्रेजों की मदद ली।
[ उद्धरण वांछित ]
अंग्रेजों से टकराव
तितुमीर के अनुयायियों का मानना है कि उस समय तक यह १४००० तक बढ़ गया था, खुद को सशस्त्र संघर्ष के लिए पढ़ा, और बारासात शहर के पास नारिकेलबरिया में बांस का एक किला बनाया। यह कीचड़ से ढंकने और धूप सेंकने वाली ईंटों से भरी बांस की एक दोहरी दीवार से घिरा हुआ था।
तितुमीर ने स्वतंत्रता की घोषणा की, ब्रिटिश, और क्षेत्र जिसमें वर्तमान में जिलों के 24 परगना, नादिया और फरीदपुर आया था उसके नियंत्रण के अधीन. निजी सेनाओं के ज़मीनदार और बलों के साथ मुलाकात की पराजय की एक श्रृंखला के हाथों में अपने आदमियों को एक परिणाम के रूप में अपनी हड़ताल और पीछे हटने गुरिल्ला रणनीति.
अंत में, लेफ्टिनेंट कर्नल स्टीवर्ट के नेतृत्व में ब्रिटिश सेनाओं, जिसमें दो घुड़सवारों के साथ १०० घुड़सवार, ३०० देशी पैदल सेना और तोपखाने शामिल थे, ने २९ नवंबर १८३१ में तितुमीर और उनके अनुयायियों पर एक संगीन हमले किए। बाँस के क्वार्टरस्टाफ और लाठी और कुछ तलवारों और भाले के अलावा और कुछ नहीं के साथ सशस्त्र, तितुमीर और उसकी सेनाएं आधुनिक हथियारों की ताकत का सामना नहीं कर सकती थीं, और अभिभूत थीं। बांस के महल को नष्ट कर दिया गया था, और तितुमिर को उनके कई अनुयायियों के साथ मार दिया गया था। उनके भतीजे को फांसी दे दी गई और ३५० अन्य लोगों को जीवन के लिए परिवहन की सजा सुनाई गई।
ब्रिटिश सेनाओं के कमांडिंग ऑफिसर ने अपने प्रतिद्वंद्वी की बहादुरी को प्रेषण में नोट किया, और किलेबंदी के लिए एक सामग्री के रूप में बांस की ताकत और लचीलापन पर भी टिप्पणी की, क्योंकि उसने इसे आश्चर्यजनक रूप से लंबे समय तक तोपखाने के साथ पाउंड करना पड़ा था।
विरासत
तितुमीर बांग्लादेश के लोगों के लिए मुक्ति का प्रेरणा स्रोत रहा है। साल २००४ में, तितुमीर को बीबीसी के अब तक के सबसे महान बंगाली पोल में ११ वें स्थान पर रखा गया था।
ढाका में, जिन्ना कॉलेज का नाम बदलकर सरकारी तितुमीर कॉलेज रखा गया। तितुमीर हॉल ढाका के बांग्लादेश इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का एक छात्रावास भी है।
बांग्लादेश की नौसेना का अपना प्रमुख आधार खुलना में है, जिसका नाम उन्होंने 'बीएनएस तितुमीर' रखा।
वर्तमान में एक आंतनगरीय ट्रेन तितुमिर एक्सप्रेस राजशाही और चिलाहटी के बीच चलती हैं।
१९ नवंबर १९९२ में, बांग्लादेश सरकार ने उनकी मृत्यु की १६१ वीं वर्षगांठ पर तितुमिर को सम्मानित करते हुए एक स्मारक डाक टिकट जारी किया।
लोकप्रिय संस्कृति में
महाश्वेता देवी ने तितुमीर नामक उपन्यास लिखा। बांग्लादेश में टीवी के लिए तितुमीर-एर बाशेर केला नाम का एक नाटक बनाया गया है। यह पूजा पंडालों के लिए एक विषय के रूप में भी चित्रित किया गया है जो अक्सर ऐतिहासिक झांकी के रूप में किया जाता है।
[ उद्धरण वांछित ]
संदर्भ
आगे की पढाई
राबेया खातून द्वारा टिटुमीर बंशेर केला (तितुमीर का बांस का किला, 1981)
१८३१ में निधन
बंगाल का इतिहास
भारतीय मुस्लिम
बंगाली लोग
बांग्लादेश का इतिहास
भारतीय क्रांतिकारी
Pages with unreviewed translations
बंगाली मुस्लिम
बंगाली
भारतीय स्वतंत्रता सेनानी |
मोदी सरकार द्वारा 10 जांच एजेंसियों को किसी भी निजी कम्प्यूटर की जांच करने का हक देने के खिलाफ कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है. इसको लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोला है. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'मोदी जी, भारत को पुलिस राज्य में तब्दील करने से समस्याओं का समाधान नहीं होने वाला है. इससे आप एक अरब से ज्यादा भारतीयों के सामने सिर्फ यह साबित कर रहे हैं कि आप कितने आशंकित तानाशाह हैं.'
इसके अवाला इस मामले को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने भी मोदी सरकार पर जबरदस्त हमला बोला है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार थ्री-S मॉडल यानी Data Snooping, Data Stealing और Scaring the citizens of India पर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी अब राजनीतिक हताशा में घर-घर की निजी बातचीत सुनना चाहती है. वो देश के नागरिकों की निजता पर वार कर रही है. बीजेपी तीन राज्यों में अपनी हार को पचा नहीं पा रही है.
शेरगिल ने कहा कि मोदी को ताक-झांक की लत लग चुकी है. उनका पहले भी ऐसा ही ट्रैक रिकार्ड रहा है. निजी कंम्प्यूटर की जांच करने का हक 10 जांच एजेंसियों को देने का सर्कुलर असंवैधानिक, गैरकानूनी, आईटी एक्ट के खिलाफ है और 9 जजों की बेंच के आदेशों की धज्जियां उड़ाने वाला है. सरकार जांच एजेंसियों को बेलगाम अधिकार नहीं दे सकती है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि
पीएम मोदी
साल 2014 में घर-घर मोदी के नारे से सत्ता में आए थे, लेकिन अब जब सत्ता जा रही है तो घर-घर जासूसी नारा हो गया है. ये आदेश कानून के तहत जनहित में नहीं, सिर्फ मोदी के हित में जारी किया गया है. ये आदेश वोट की चोट के खतरे से बचने के लिए जारी किया गया है. मोदी सरकार के एक पेज के आदेश ने निजता के अधिकार पर 547 पेज के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को कुचल दिया है.
उन्होंने मांग की कि
मोदी सरकार
स्पष्ट करे कि वो कौन सा जनहित है, जो निजता के अधिकार को कुचलता है? क्या हिंदुस्तान अब पुलिस स्टेट या सर्विलेंस स्टेट बन गया है. हमारी मांग है कि ये गैरकानूनी आदेश जल्द से जल्द वापस लिया जाए और जनता को ये सफाई दी जाए कि इसे क्यों जारी किया गया? क्या मोदी सरकार भारतीय मतदाताओं से डर गई है? कांग्रेस पर उंगलियां उठाने वाली रणनीति पुरानी और बासी हो चुकी है? |
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भारत को सी-130जे सुपर हरक्युलिस सैन्य विमान के लिए 9.6 करोड़ डॉलर के
उपकरणों की बिक्री
को मंजूरी दे दी. इससे भारतीय वायुसेना को आपदा राहत कार्यों तथा अंतरराष्ट्रीय मदद के लिए बेहतर तरीके से तैयार होने में मदद मिलेगी.
विदेशों को सैन्य साजो-सामान की बिक्री का मामला देखने वाली पेंटागन की शाखा ने पिछले सप्ताह अमेरिकी कांग्रेस को इस संभावित बिक्री के संबंध में अधिसूचित किया था, जिसमें कहा गया था, 'इस संभावित सैन्य उपकरण बिक्री और सहयोग से क्षेत्र में सैन्य संतुलन प्रभावित नहीं होगा.'
अमेरिकी रक्षा सुरक्षा समन्वय एजेंसी (DSCA) ने कहा, 'अतिरिक्त उपकरणों की इस संभावित बिक्री से भारतीय वायु सेना की सी-130जे विमानों के जत्थे को अपने अभियानों के लिए बेहतर तरीके से तैयार रहने में मदद मिलेगी.'
DSCA ने कहा कि भारत को अमेरिकी से खरीदे अपने सी-130जे सुपर हरक्युलिस विमानों के लिए इन उपकरणों की जरूरत है, ताकि ये विमान स्थानीय व अंतरराष्ट्रीय अभियानों तथा क्षेत्रीय आपदा राहत कार्यो में प्रभावी तरीके से संचालित हो सकें.
DSCA ने कहा, 'यह संभावित बिक्री भारत-अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूती प्रदान करेगा और अमेरिका की विदेश नीति एवं राष्ट्रीय सुरक्षा में मददगार साबित होगा. इससे दक्षिण एशिया के हमारे प्रमुख सहयोगी भारत को अपनी क्षमताओं में सुधार लाने में भी मदद करेगा, जो दक्षिण एशिया में आर्थिक विकास लाने में लगातार अहम भूमिका अदा कर रहा है.'
DSCA ने बताया कि इस सौदे की मुख्य ठेकेदार जॉर्जिया स्थित लॉकहीट मार्टिन कंपनी होगी. |
यह लेख है: अभिनेत्री सनी लियोनी को आगामी फिल्म 'रईस' में शाहरुख खान के साथ एक 'आईटम नंबर' पर थिरकते देखा जाएगा। अभिनेत्री का कहना है कि उनके लिए यह केवल एक सपना सच होने जैसा ही नहीं है, बल्कि यह उनके जीवन में हुई सबसे अच्छी चीज है।
सनी ने बताया कि 'शाहरुख के साथ 'आईटम नंबर' करना मेरे लिए सपने के सच होने जैसा है। हम सब उनके साथ काम करना चाहते हैं। मेरे लिए यह सबसे अच्छी चीज है और इस पर मुझे खुशी और गर्व है।'
सनी ने आगे बताया कि जब आप अपने पेशेवर जीवन में संघर्ष करते हैं, तो इस तरह की चीजों से आपको काफी अच्छा महसूस होता है। आशा है कि लोग इसे पसंद करेंगे। सनी का यह गीत 1980 में आई फिल्म 'कुर्बानी' के गीत 'लैला ओ लैला' का नया वर्जन है।टिप्पणियां
अभिनेत्री ने यह भी बताया कि वह इस गीत के बारे में और अधिक जानकारी नहीं दे सकतीं। शाहरुख के साथ अपने काम के अनुभव के बारे में सनी ने बताया, 'यह अविश्वसनीय है। वह काफी उदार हैं। मैं उनके साथ गीत में काम करने का अवसर मिलने से काफी खुश हूं।'
राहुल ढोलकिया द्वारा निर्देशित फिल्म 'रईस' गुजरात की 1980 के दशक की पृष्ठभूमि पर आधारित है। यह शराब के तस्कर रईस खान की कहानी है, जिसका किरदार शाहरुख निभा रहे हैं। इसमें नवाजुद्दीन को पुलिसकर्मी के किरदार में देखा जाएगा।
सनी ने बताया कि 'शाहरुख के साथ 'आईटम नंबर' करना मेरे लिए सपने के सच होने जैसा है। हम सब उनके साथ काम करना चाहते हैं। मेरे लिए यह सबसे अच्छी चीज है और इस पर मुझे खुशी और गर्व है।'
सनी ने आगे बताया कि जब आप अपने पेशेवर जीवन में संघर्ष करते हैं, तो इस तरह की चीजों से आपको काफी अच्छा महसूस होता है। आशा है कि लोग इसे पसंद करेंगे। सनी का यह गीत 1980 में आई फिल्म 'कुर्बानी' के गीत 'लैला ओ लैला' का नया वर्जन है।टिप्पणियां
अभिनेत्री ने यह भी बताया कि वह इस गीत के बारे में और अधिक जानकारी नहीं दे सकतीं। शाहरुख के साथ अपने काम के अनुभव के बारे में सनी ने बताया, 'यह अविश्वसनीय है। वह काफी उदार हैं। मैं उनके साथ गीत में काम करने का अवसर मिलने से काफी खुश हूं।'
राहुल ढोलकिया द्वारा निर्देशित फिल्म 'रईस' गुजरात की 1980 के दशक की पृष्ठभूमि पर आधारित है। यह शराब के तस्कर रईस खान की कहानी है, जिसका किरदार शाहरुख निभा रहे हैं। इसमें नवाजुद्दीन को पुलिसकर्मी के किरदार में देखा जाएगा।
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राहुल ढोलकिया द्वारा निर्देशित फिल्म 'रईस' गुजरात की 1980 के दशक की पृष्ठभूमि पर आधारित है। यह शराब के तस्कर रईस खान की कहानी है, जिसका किरदार शाहरुख निभा रहे हैं। इसमें नवाजुद्दीन को पुलिसकर्मी के किरदार में देखा जाएगा।
अभिनेत्री ने यह भी बताया कि वह इस गीत के बारे में और अधिक जानकारी नहीं दे सकतीं। शाहरुख के साथ अपने काम के अनुभव के बारे में सनी ने बताया, 'यह अविश्वसनीय है। वह काफी उदार हैं। मैं उनके साथ गीत में काम करने का अवसर मिलने से काफी खुश हूं।'
राहुल ढोलकिया द्वारा निर्देशित फिल्म 'रईस' गुजरात की 1980 के दशक की पृष्ठभूमि पर आधारित है। यह शराब के तस्कर रईस खान की कहानी है, जिसका किरदार शाहरुख निभा रहे हैं। इसमें नवाजुद्दीन को पुलिसकर्मी के किरदार में देखा जाएगा।
राहुल ढोलकिया द्वारा निर्देशित फिल्म 'रईस' गुजरात की 1980 के दशक की पृष्ठभूमि पर आधारित है। यह शराब के तस्कर रईस खान की कहानी है, जिसका किरदार शाहरुख निभा रहे हैं। इसमें नवाजुद्दीन को पुलिसकर्मी के किरदार में देखा जाएगा। |
UP Board 10th Result 2019:
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UPMSP) ने 10वीं के परिणाम जारी कर दिए हैं. जिसमें 80. 07 प्रतिशत छात्र पास हुए हैं. जिसमें गौतम रघुवंशी ने पहला स्थान हासिल किया है. जिसमें उन्होंने 97.17% प्रतिशत अंक हासिल किए हैं.10वीं में गौतम रघुवंशी ने टॉप किया है. उन्हें कुल 97.17% अंक मिले हैं. शिवम ने 97% के साथ दूसरा स्थान हासिल किया है. तनुजा विश्वकर्मा ने 96.83% अंक के साथ तीसरा स्थान हासिल किया है. बता दें कक्षा 12वीं में बागपत की तनु तोमर ने टॉप किया है.
Gautam Raghuvanshi tops the Uttar Pradesh Board High School exam with 97.17% marks. Shivam secures second spot with 97% marks and Tanuja Vishwakarma secures the third position with 96.83% marks.
pic.twitter.com/RRVSXeYYAs
— ANI UP (@ANINewsUP)
April 27, 2019
बता दें, छात्र aajtak.in और India Today Education पर सीधे परिणाम देख सकते हैं. इसके लिए उन्हें
www.indiatoday.in/education-today/results
पर क्लिक करना होगा.
यहां सीधे देखें 10वीं के नतीजे
UP Board 10th-12th Result 2019: परिणाम ऐसे करें चेक
स्टेप 1- सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट , upresults.nic.in पर जाएं.
स्टेप 2- 'UP Board Result 2019' पर क्लिक करें.
स्टेप 3- अपना रोल नंबर भरें.
स्टेप 4- रिजल्ट स्क्रीन पर दिखने लगेगा.
स्टेप 5- मांगी गई जानकारियां भरें.
स्टेप 6- भविष्य के लिए प्रिंटआउट लेना न भूलें.
UP Board Class 10 and Class 12 Result: इन वेबसाइट्स पर देखें अपना रिजल्ट
- results.nic.in
- upmsp.edu.in
- upresults.nic.in
- upmspresults.up.nic.in
- www.examresults.net
- www.indiaresults.com
यहां सीधे देखें 12वीं के नतीजे
आपको बता दें, इस साल पहली बार ऐसा हुआ है जब यूपी बोर्ड की परीक्षा 16 दिनों तक आयोजित की गई हो. 10वीं की परीक्षा का आयोजन 7 फरवरी से शुरू हुई और 28 फरवरी को हुआ था. वहीं कक्षा 12वीं की परीक्षा 7 फरवरी से शुरू हुई और 2 मार्च 2019 को समाप्त हुई. |
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला ने उम्मीद जताई है कि ओलंपिक खेलों में भारतीय मुक्केबाज अच्छा प्रदर्शन करेंगे.
चौटाला ने कहा, ‘एक जमाना था जब विदेशी मुक्केबाज हमारे मुक्केबाजों को हलके में लेते थे लेकिन अब हालात बदल गए हैं. हमारी ताकत का लोहा दुनिया ने माना है. हमारे लड़कों से विरोधी डरने लगे हैं.’
भारत के विकास कृष्णन (69 किलो), जय भगवान (60 किलो), मनोज कुमार (64 किलो) और एल देवेंद्रो सिंह (49 किलो) ने ओलंपिक के लिये क्वालीफाई कर लिया है.
चौटाला ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अप्रैल में कजाखस्तान में होने वाली एशियाई उपमहाद्वीपीय ओलंपिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के जरिये दूसरे मुक्केबाज भी क्वालीफाई कर लेंगे.
उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि विश्व सीरिज मुक्केबाजी के जरिये भी कुछ मुक्केबाज क्वालीफाई करेंगे.
उन्होंने कहा, ‘हमारे पांच मुक्केबाज विश्व सीरिज के क्वार्टर फाइनल में पहुंच गए हैं. हर भारवर्ग के विजेता को सीधे ओलंपिक में प्रवेश मिलेगा.’ |
सुप्रीम कोर्ट ने राम सेतु मामले में कहा है कि केंद्र सरकार को अपना रुख साफ करना होगा कि क्या रामसेतु की पहचान पुरातात्विक स्थल के रूप में हो या नहीं.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 13 नवंबर को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को राम सेतु पर हलफनामा दर्ज करने के लिए 6 हफ्तों का समय दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि केंद्र को यह स्पष्ट करना होगा कि क्या वे राम सेतु पुल को हटाना चाहती है या इसकी रक्षा करना चाहती है.
सेतुसमुद्रम परियोजना के लेकर विरोध
गौरतलब है कि सेतुसमुद्रम परियोजना के तहत, 83 किलोमीटर लंबे गहरे जल मार्ग का निर्माण किया जा रहा है. ये जल मार्ग मन्नार की खाड़ी को पाक स्ट्रेट के साथ जोड़ेगा. यह चैनल 12 मीटर गहरा और 300 मीटर चौड़ा होगा. इसमें आने और जाने दोनों का मार्ग होगा. इस परियोजना का कुछ राजनीतिक दल, पर्यावरणविद और कुछ हिंदू धार्मिक समूहों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. सेतुसमुद्रम
भारत
और श्रीलंका के बीच तैयार होने वाली परियोजना है.
पेश किया था हलफनामा
2007 में आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) ने अपने हलफनामे में रामायण के
पौराणिक चरित्रों के
अस्तित्व को ही नकार दिया था. जिसके बाद धार्मिक और राजनीतिक विवाद बढ़ गया था. इसके चलते यूपीए सरकार ने 29 फरवरी 2008 को सुप्रीम कोर्ट में नया हलफनामा पेश किया था. |
हाल ही में यशराज फिल्म्स और कपिल शर्मा की राहें जुदा हो गईं. यह फैसला आपसी सहमति से लिया गया है. अब वाइ फिल्म्स की बैंक चोर कपिल शर्मा के बिना ही बनेगी.
यशराज फिल्म्स में यूथ फिल्म्स, टैलेंट मैनेजमेंट ऐंड ब्रांड पार्टनरशिप्स के बिजनेस और क्रिएटिव हेड आशीष पाटिल ने बताया, 'जब सही समय आएगा तो हम भविष्य में मिलकर काम करना चाहेंगे.'
बैंक चोर तीन बेवकूफ लोगों की कहानी है जो बैंक लूटने की कोशिश करते हैं और सब कुछ गड़बड़ हो जाता है. इसके बाद उद्योगपतियों और भ्रष्ट नेताओं का खेल शुरू हो जाता है. फिल्म को बंपी डायरेक्ट कर रहे हैं. हालांकि फिल्म के नए स्टार का नाम अभी बताया नहीं गया है. |
यदि आपको 6 फरवरी 2017 से लेकर 28 अक्टूबर 2017 के बीच कहीं हवाई यात्रा करनी है तो आपके लिए खुशखबरी है. एयर एशिया 5 सितंबर से लेकर 11 सितंबर के बीच की गई टिकट बुकिंग पर अच्छा खासा डिस्काउंट दे रही हैं. यह डिस्काउंट लेने के लिए आपको या तो इनकी वेबसाइट के जरिए टिकट बुकिंग करनी होगी या फिर इनके ऐप के जरिए.
इस ऑफर के तहत 599 रुपए (सभी शुल्क सहित) से टिकट खरीदी जा सकती है. टिकट बुकिंग का यह ऑफर 11 सितंबर तक खुला रहेगा. मगर ध्यान रहे कि यह ऑफर 6 फरवरी 2017 से लेकर 28 अक्टूबर 2017 तक की यात्राओं के लिए है.टिप्पणियां
599 रुपए की टिकट वाला ऑफर गुवाहाटी- इंफाल के रूट पर है. एयर एशिया के इस ऑफर के तहत, बेंगलुरु-कोच्चि के रूट के लिए टिकट 899 रुपए से शुरू हैं, बेंगलुरु गोवा के लिए 1099 रुपए और बेंगलुरु-विशाखापट्टनम के लिए 1199 रुपए, बेंगलुरु- नई दिल्ली के लिए 2299 रुपए और बेंगलुरु-पुणे के लिए 1299 रुपए से टिकट शुरू हैं.
एयर एशिया के इस ऑफर के तहत कितनी सीटें उपलब्ध हैं, इसका खुलासा नहीं किया गया है. एयर एशिया इंडिया टाटा ग्रुप और मलेशिया एयर एशिया बरहाद का जॉइंट वेंचर है. वहीं यदि इंटरनेशनल डेस्टिनेशन्स की बात करें तो उन पर भी अच्छा खासा डिस्काउंट है और कुछ उड़ानों की टिकटें 3,399 रुपए के फेयर से शुरू होती हैं. कुआलालम्पुर, सिंगापुर, फुकेट, बाली जैसे डेस्टिनेशन्स के लिए ये डिस्काउंट मिल रहे हैं.
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बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से बच्चों की मौत के मामले में राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में चर्चा के दौरान जवाब दिया है. उन्होंने कहा है कि पटना के एम्स के डॉक्टरों और कई विशेषज्ञों के साथ इसको लेकर 2015 में बैठक हुई थी जिसमें एक कारणों पर सबकी अलग-अलग राय थी. यहां तक कि एक रिपोर्ट अमेरिका भी भेजी गई थी लेकिन वहां भी सबकी राय अलग-अलग थी. नीतीश कुमार ने कहा कि जो भी वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है सिर्फ संवेदनाओं ही काफी नही हैं. हमने इस पर कई बैठकें और विस्तार से चर्चा की है. नीतीश कुमार ने माना कि कई सरकारी अस्पतालों में पर्यप्त बेड तक नहीं है लेकिन इलाज और बचाव की पर्याप्त कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से कोई लापरवाही नहीं बरती गई है और इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. वहीं बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने विधानसभा में जानकारी देते हुए कहा कि 28 जून तक जो हमारे पास आंकड़े आए है, उसके मुताबिक 720 बच्चों को एडमिट कराया गया था जिसमें 586 बच्चों को बचा लिया गया जबकि 154 बच्चों की मौत हो गई. स्वास्थ्य मंत्री का दावा था कि मृत्यु दर 21 फीसदी कम हो गई है और 2011 से लेकर 2019 तक एईएस से मृत्यु दर कम हो गई है. वहीं विपक्ष ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के इस्तीफे की मांग को लेकर सदन से वाक आउट भी किया.
आपको बता दें कि इसी महीने मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से 154 बच्चों की मौत हो गई थी. यह खबर कुछ दिनों तक राष्ट्रीय मीडिया में छाई रही और बिहार सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक विपक्ष के निशाने पर थी. वहीं राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का राज्यसभा में जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बच्चों की मौत की घटनाओं पर भी अपनी चुप्पी तोड़ी. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह हम सभी के लिए 'दुख और शर्म' की बात है. बच्चों का बुखार से मरना देश की 70 साल की विफलताओं में से एक है और हम सभी को मिलकर इन विफलताओं से निबटने के समाधान खोजने होंगे. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बारे में वह राज्य सरकार के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं. |