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I bow to Swami Vivekananda on his Jayanti. Today, on National Youth Day I salute the indomitable energy and enthusiasm of our youngsters, who are the builders of New India. pic.twitter.com/1aXEqvVRgY
VIDEO- स्वामी विवेकानंद की जयंती : युवा दिवस पर योग का रिकॉर्ड
नरेंद्रनाथ दत्त की जिंदगी में सबसे बड़ा मोड़ 1881 के अंत और 1882 के प्रारंभ में आया, जब वह अपने दो मित्रों के साथ दक्षिणेश्वर जाकर काली-भक्त रामकृष्ण परमहंस से मिले. यहीं से नरेंद्र का 'स्वामी विवेकानंद' बनने का सफर शुरू हुआ. स्वामी विवेकानंद की कम उम्र में मृत्यु को लकेर मशहूर बांग्ला लेखक शंकर ने अपनी किताब 'द मॉन्क ऐज मैन' में लिखा था कि स्वामी अनिद्रा, मलेरिया, माइग्रेन, डायबिटीज समेत दिल, किडनी और लिवर से जुड़ी 31 बीमारियों के शिकार थे। इसी वजह से उनका सिर्फ 39 साल की उम्र में चार जुलाई, 1902 को निधन हो गया.
इनपुट- IANS
इनपुट- IANS |
केरल विधानसभा चुनाव होने में अभी एक माह से अधिक समय है, लेकिन राज्य के दो मुख्य गठबंधनों के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पहले से ही चुनावी जंग के लिए तैयार हैं. कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ), वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है.
एक चरण में 16 मई को वोटिंग
केरल विधानसभा की कुल 140 सीटों के लिए 16 मई को मतदान होना है.
एलडीएफ, यूडीएफ और एनडीए में मुकाबला
बीजेपी के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) राज्य में एक नई ताकत बनकर उभरा है. राज्य की सत्ता परंपरागत रूप से यूडीएफ और एलडीएफ के बीच ही रही है. एलडीएफ ने सबसे पहले उम्मीदवार घोषित किए. राजग ऐसा करने वाला दूसरा गठबंधन है. राजग का केरल में अर्थ भाजपा और भारत धर्म जन सेना है.
उम्मीदवारों के नाम घोषित
बताया जा रहा है कि यूडीएफ ने उम्मीदवारों की सूची सोमवार की रात पूरी कर ली. यूडीएफ का नेतृत्व मुख्यमंत्री
ओमन चांडी
कर रहे हैं. वह कोट्टायम जिला स्थित अपने गृह क्षेत्र पुथुपल्ली से रिकार्ड 11वीं बार चुनाव लड़ेंगे. एलडीएफ का नेता कौन होगा, इसे लेकर अब भी भ्रम की स्थिति है.
एलडीएफ की अगुवाई कौन करेगा?
दो चिरपरिचित प्रतिद्वंद्वी पूर्व मुख्यमंत्री वी. एस. अच्युतानंदन और पोलित ब्यूरो के सदस्य पिनराई विजयन अपने समर्थकों को जुटा रहे हैं ताकि नेतृत्व को लेकर कोई मुकाबला होता है तो वे हारें नहीं. एलडीएफ की जीत के बाद क्या वह मुख्यमंत्री बनेंगे? इस सवाल के जवाब में अच्युतानंदन ने कहा, 'एक बार जब चुनाव समाप्त हो जाएगा तब नेता चुन लिया जाएगा.'
चुनाव प्रचार ने पकड़ी रफ्तार
जो उम्मीदवार अपना प्रचार अभियान शुरू कर चुके हैं, उनमें कांग्रेस के उम्मीदवार और हास्य अभिनेता जगदीश है जो कोल्लम में पठानपुरम विधानसभा क्षेत्र में फिल्म उद्योग के अपने दो सहयोगियों से मुकाबला कर रहे हैं. वह एलडीएफ के के. बी. गणेश कुमार और अभिनेता से भाजपा के नेता बने भीमन रघु के खिलाफ मैदान में हैं.
श्रीसंत तिरुवनंतपुरम से बीजेपी उम्मीदवार
पूर्व क्रिकेटर
एस. श्रीसंत
'ग्लैमर वाले' भाजपा के दूसरे प्रत्याशी हैं. वह तिरुवनंतपुरम विधानसभा क्षेत्र से मैदान में हैं. वह गत बुधवार को यहां अपना चुनाव प्रचार शुरू करने पहुंचे.
AIDMK 7 सीटों पर लड़ेगी चुनाव
वहीं, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के नेतृत्व वाली पार्टी अन्नाद्रमुक ने कहा है कि वह केरल की सात सीटों से चुनाव लड़ेगी. उसने तिरुवनंतपुरम से बीजू रमेश को उतारा है. रमेश बार मालिक हैं और चांडी के मंत्रिमंडल के सदस्यों के भ्रष्टाचार का खुलासा करने की वजह से चर्चित हैं.
इनपुट..IANS. |
किसी वस्तु के वास्तविक आकार को बदले बिना उसको अपने वास्तविक आकार से बड़ा दिखाना आवर्धन (Magnification) कहलाता है। वस्तु जितने गुना बड़ी दिखती है, उसे 'आवर्धन' कहते हैं। यदि आवर्धन १ से अधिक है तो इसका अर्थ है कि वस्तु अपने वास्तविक आकार से बड़ी दिक रही है। यदि आवर्धन का मान १ से कम हो तो इसका अर्थ है कि वस्तु अपने वास्तविक आकार से छोटी दिख रही है।
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प्रकाशिकी |
दिल्ली के करोलबाग में एक प्रमुख अंग्रेजी दैनिक अखबार की दो महिला पत्रकारों के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ के सिलसिले में एक ऑटो-रिक्शा ड्राइवर को गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस उपायुक्त (मध्य) परमादित्य ने बताया कि छह अगस्त को करोलबाग थाना में एक शिकायत मिलने के बाद उत्त-पूर्व दिल्ली के नंद नगरी इलाके में विष्णु दत्त पुलिस के जाल में फंस गया.
एक प्रमुख अंग्रेजी दैनिक अखबार में काम करने वाली शिकायतकर्ता के साथ पांच अगस्त को दत्त ने छेड़छाड़ की. उसने महिलाओं को गाली दी और जब दोनों ने शोर मचाना शुरू किया तो मार्ग बदलने कोशिश की.टिप्पणियां
लड़कियों की सहायता के लिए आवाज सुनने के बाद नजदीक से गुजरने वाले कुछ लोगों ने हस्तक्षेप किया. दत्त ने उन्हें करोलबाग में हनुमान मूर्ति के नजदीक छोड़ दिया और फरार हो गया. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पुलिस उपायुक्त (मध्य) परमादित्य ने बताया कि छह अगस्त को करोलबाग थाना में एक शिकायत मिलने के बाद उत्त-पूर्व दिल्ली के नंद नगरी इलाके में विष्णु दत्त पुलिस के जाल में फंस गया.
एक प्रमुख अंग्रेजी दैनिक अखबार में काम करने वाली शिकायतकर्ता के साथ पांच अगस्त को दत्त ने छेड़छाड़ की. उसने महिलाओं को गाली दी और जब दोनों ने शोर मचाना शुरू किया तो मार्ग बदलने कोशिश की.टिप्पणियां
लड़कियों की सहायता के लिए आवाज सुनने के बाद नजदीक से गुजरने वाले कुछ लोगों ने हस्तक्षेप किया. दत्त ने उन्हें करोलबाग में हनुमान मूर्ति के नजदीक छोड़ दिया और फरार हो गया. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
एक प्रमुख अंग्रेजी दैनिक अखबार में काम करने वाली शिकायतकर्ता के साथ पांच अगस्त को दत्त ने छेड़छाड़ की. उसने महिलाओं को गाली दी और जब दोनों ने शोर मचाना शुरू किया तो मार्ग बदलने कोशिश की.टिप्पणियां
लड़कियों की सहायता के लिए आवाज सुनने के बाद नजदीक से गुजरने वाले कुछ लोगों ने हस्तक्षेप किया. दत्त ने उन्हें करोलबाग में हनुमान मूर्ति के नजदीक छोड़ दिया और फरार हो गया. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
लड़कियों की सहायता के लिए आवाज सुनने के बाद नजदीक से गुजरने वाले कुछ लोगों ने हस्तक्षेप किया. दत्त ने उन्हें करोलबाग में हनुमान मूर्ति के नजदीक छोड़ दिया और फरार हो गया. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
आज यानी 27 जनवरी को मौनी अमावस्या है. मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र संगम में देवताओं का निवास होता है इसलिए इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है. इस दिन पितरों की शांति के लिए तर्पण किया जाता है.
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कहा जाता है कि यह दिन मुनियों के लिए अनंत पुण्यदायक है. इस दिन मौन रहने से पुण्य लोक, मुनि लोक की प्राप्ति होती है. अमावस्या के दिन काल विशेष रूप से प्रभावी रहता है इस दिन चांद पूरी तरह अस्त रहता है. आज के दिन अगर आप ये उपाय करेंगे तो आपके घर में सुख-समृद्धि आएगी.
स्वास्तिक करेगा हर मनोकामना पूरी
1.
आज के दिन भगवान विष्णु के मंदिर में झंडा लगाएं. ऐसा करने से भगवान के साथ-साथ माता लक्ष्मी की कृपा भी मिलेगी.
2.
आज के दिन शनि भगवान पर तेल चढ़ाएं. इसके साथ ही काला तिल, काली उड़द, काला कपड़ा का दान भी दें.
शनि की चाल का क्या रहेगा प्रभाव
3.
शिवलिंग पर काला तिल, दूध और जल चढ़ाने से घर में शांति रहती है.
4.
हनुमान चालीसा पढ़ें और हनुमान जी को लड्डू का भोग लगाएं.
5.
पीपल पर जल चढ़ाएं. इसके बाद पीपल के पेड़ की सात परिक्रमा करें. इससे शनि, राहु के दोष दूर होते हैं.
जानें पूजा में धूप-दीप का महत्व
6.
गाय को आटे में तिल मिलाकर रोटी दें, घर-गृहस्थी में सुख-शांति आएगी.
7. लक्ष्मी जी और शिव जी को चावल की खीर अर्पित करने से धन की प्राप्ति होगी. |
पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले में बदमाशों के एक समूह ने एक महिला के साथ छेड़छाड़ के बाद उसे चलती ट्रेन से नीचे फेंक दिया. रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. पीड़ित महिला को गंभीर हालत में बारासात प्रमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.
जानकारी के मुताबिक, हंसाबाद के लिए चलने वाली अंतिम लोकल ट्रेन में महिला सोमवार देर रात अकेले यात्रा कर रही थी. ट्रेन के हरोवा स्टेशन से निकलने के बाद बदमाशों के एक समूह ने महिला पर हमला किया. जब उसने छेड़छाड़ का विरोध किया, तो उसे ट्रेन से नीचे फेंक दिया गया. ग्रामीणों ने मंगलवार सुबह महिला को घायल अवस्था में रेलवे पटरी के किनारे पाया.
पुलिस ने बताया कि लोगों ने महिला को घायल अवस्था में देखकर उसे नजदीकी हरोआ अस्पताल में भर्ती कराया. पीड़िता के सिर और पैर में गंभीर चोटें लगी हैं. इसे देखते हुए बाद में उसे गंभीर हालत में बारासात प्रमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी गई है. अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. |
मोदी सरकार ने आम चुनाव से पहले शुक्रवार को पेश अपने आखरी बजट (budget 2019) प्रस्तावों में किसानों, मजदूरों और मध्यम वर्ग को लुभाने के लिये कई बड़ी घोषणायें की हैं. छोटे किसानों को साल में 6,000 रुपये का नकद समर्थन, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिये मैगा पेंशन योजना और नौकरी पेशा तबके के लिये पांच लाख रुपये तक की वार्षिक आय को कर मुक्त कर दिया गया है. इन तीन क्षेत्रों के लिए बजट में कुल मिला कर करीब सवा लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है और इससे कुल मिला करीब 25 करोड़ लोगों को फायदा होगा. वित्त मंत्री पीयूष गोयल (budget 2019) ने लोकसभा में शुक्रवार को 2019- 20 का अंतरिम बजट पेश करते हुये कई लोक लुभावन घोषणायें की हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि नाम से एक नयी योजना के तहत छोटे किसानों को तीन किस्तों में सालाना 6,000 रुपये की नकद सहायता देने का एलान किया. इस योजना से सरकारी खजाने पर सालाना 75,000 करोड़ रुपये का वार्षिक बोझ पड़ेगा. यह सहायता दो हेक्टेयर से कम जोत वाले किसानों को उपलब्ध होगी. वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना से 12 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे. इसके साथ ही उन्होंने असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिये प्रधानमंत्री ‘‘श्रम योगी मानधन योजना'' की घोषणा की गई है. इसके तहत श्रमिकों को 60 साल की आयु के बाद 3,000 रुपये मासिक पेंशन दी जायेगी.
पीयूष गोयल ने कहा कि यदि हम इसे अलग कर दें तो 2018-19 में राजकोषीय घाटा 3.3 प्रतिशत से कम रहता और 2019-20 में 3.1 प्रतिशत से कम रहता. उन्होंने कहा कि सात साल पहले राजकोषीय घाटा छह प्रतिशत के उच्चस्तर पर था. 2018-19 के संशोधित अनुमान में हम इसे कम कर 3.4 प्रतिशत पर लाने में कामयाब रहे हैं. |
यूपी के मुजफ्फरनगर में प्रेम प्रसंग के बीच हत्या की सनसनीखेज वारदात सामने आई है. यहां घर के अंदर प्रेमी और प्रेमिका को आपत्तिजनक हालत में देखकर भड़के प्रेमिका के परिजनों ने प्रेमी को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया. इस मामले की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. इस मामले की जांच की जा रही है.
जानकारी के मुताबिक, मुजफ्फरनगर शहर के पास के ही एक गांव में रहने वाले नाजिम का एक युवती के साथ पिछले काफी समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था. इस बात की भनक जब युवती के परिजनों को लगी, तो उन्होंने उसके घर से बाहर निकलने पर रोक लगा दी. इसके बाद प्रेमी और प्रेमिका मिलने के लिए तड़पने लगे. इसी बीच प्रेमी प्रेमिका के घर पहुंच गया.
मंगलवार की रात नाजिम अपनी प्रेमिका से मिलने उसके घर पहुंचा हुआ था. दोनों रात के अंधेरे का फायदा उठाकर दोनों
आपत्तिजनक हालत
में पड़े हुए थे. इसी बीच प्रेमिका के घरवालों को उनकी आहट सुना दे गई. वे युवती के कमरे में पहुंचे तो उनकी हालत देख उनके होश उड़ गए. भाई आग बबूला हो गया. उसने लाइसेंसी पिस्टल से प्रेमी को गोली मार दी.
पुलिस
ने बताया कि अगले दिन लोगों ने इस घटना की सूचना दी. इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया दिया. मृतक के परिजनों की तहरीर पर युवती के परिवार के 4 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. युवती के भाई सहित 2 लोगों को गिरफ्तार करके इस मामले की जांच की जा रही है. |
यह लेख है: तलाक की स्थिति में वैवाहिक संपत्ति में महिला के अधिकार से संबंधित प्रावधानों को लेकर मंत्रियों के बीच मतभेद के कारण प्रधानमंत्री ने आज विवादास्पद विवाह कानून (संशोधन) विधेयक को मंत्रियों के समूह को सौंप दिया।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में आज हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस विधेयक के मसौदे पर लंबी चर्चा हुई लेकिन किसी सहमति पर नहीं पंहुचा जा सका और मामले को मंत्रियों के समूह को विचार के लिए सौंप दिया गया।
कानून मंत्रालय ने सुझाव दिया था कि महिला को तलाक की स्थिति में उसके पति की आवासीय संपत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए और इसमें उसकी विरासत वाली तथा विरासत योग्य आवासीय संपत्ति शामिल है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि विरासत वाली संपत्ति और विवाह से पूर्व पति द्वारा अर्जित संपत्ति से महिलाओं के अधिकार को इस कानून में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
मंत्रियों ने कैबिनेट की बैठक में कानून में इस प्रस्तावित संशोधनों पर दो से अधिक घंटे चर्चा की।
बाद में संवाददाताओं के सवालों के जवाब में वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, ‘‘जब विद्वान पुरुष और महिलाएं अलग-अलग विचार रखें, तो अलग विचार रखने का अर्थ मतभेद नहीं होता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कैबिनेट की बैठक में विचार रखे गए और उन विचारों को देखते हुए प्रधानमंत्री ही अंतिम निर्णय करते हैं। इस मामले में विधेयक के एक या दो प्रावधानों पर गौर करने के लिए उन्होंने इसे मंत्रियों के समूह को सौंप दिया है।’’टिप्पणियां
वित्तमंत्री ने कहा मंत्री समूह अगले कुछ दिनों में इन प्रावधानों पर विचार करेगा और उसके बाद विधेयक फिर कैबिनेट में आएगा।
कैबिनेट में जिस समय मामले पर चर्चा हो रही थी कुछ प्रदर्शकारियों ने प्रधानमंत्री के आवास के बाहर इस विधेयक के विरोध में नारे लगाए। पुलिस प्रदर्शनकारियों को उच्च सुरक्षा क्षेत्र से बाहर ले गई।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में आज हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस विधेयक के मसौदे पर लंबी चर्चा हुई लेकिन किसी सहमति पर नहीं पंहुचा जा सका और मामले को मंत्रियों के समूह को विचार के लिए सौंप दिया गया।
कानून मंत्रालय ने सुझाव दिया था कि महिला को तलाक की स्थिति में उसके पति की आवासीय संपत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए और इसमें उसकी विरासत वाली तथा विरासत योग्य आवासीय संपत्ति शामिल है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि विरासत वाली संपत्ति और विवाह से पूर्व पति द्वारा अर्जित संपत्ति से महिलाओं के अधिकार को इस कानून में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
मंत्रियों ने कैबिनेट की बैठक में कानून में इस प्रस्तावित संशोधनों पर दो से अधिक घंटे चर्चा की।
बाद में संवाददाताओं के सवालों के जवाब में वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, ‘‘जब विद्वान पुरुष और महिलाएं अलग-अलग विचार रखें, तो अलग विचार रखने का अर्थ मतभेद नहीं होता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कैबिनेट की बैठक में विचार रखे गए और उन विचारों को देखते हुए प्रधानमंत्री ही अंतिम निर्णय करते हैं। इस मामले में विधेयक के एक या दो प्रावधानों पर गौर करने के लिए उन्होंने इसे मंत्रियों के समूह को सौंप दिया है।’’टिप्पणियां
वित्तमंत्री ने कहा मंत्री समूह अगले कुछ दिनों में इन प्रावधानों पर विचार करेगा और उसके बाद विधेयक फिर कैबिनेट में आएगा।
कैबिनेट में जिस समय मामले पर चर्चा हो रही थी कुछ प्रदर्शकारियों ने प्रधानमंत्री के आवास के बाहर इस विधेयक के विरोध में नारे लगाए। पुलिस प्रदर्शनकारियों को उच्च सुरक्षा क्षेत्र से बाहर ले गई।
कानून मंत्रालय ने सुझाव दिया था कि महिला को तलाक की स्थिति में उसके पति की आवासीय संपत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए और इसमें उसकी विरासत वाली तथा विरासत योग्य आवासीय संपत्ति शामिल है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि विरासत वाली संपत्ति और विवाह से पूर्व पति द्वारा अर्जित संपत्ति से महिलाओं के अधिकार को इस कानून में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
मंत्रियों ने कैबिनेट की बैठक में कानून में इस प्रस्तावित संशोधनों पर दो से अधिक घंटे चर्चा की।
बाद में संवाददाताओं के सवालों के जवाब में वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, ‘‘जब विद्वान पुरुष और महिलाएं अलग-अलग विचार रखें, तो अलग विचार रखने का अर्थ मतभेद नहीं होता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कैबिनेट की बैठक में विचार रखे गए और उन विचारों को देखते हुए प्रधानमंत्री ही अंतिम निर्णय करते हैं। इस मामले में विधेयक के एक या दो प्रावधानों पर गौर करने के लिए उन्होंने इसे मंत्रियों के समूह को सौंप दिया है।’’टिप्पणियां
वित्तमंत्री ने कहा मंत्री समूह अगले कुछ दिनों में इन प्रावधानों पर विचार करेगा और उसके बाद विधेयक फिर कैबिनेट में आएगा।
कैबिनेट में जिस समय मामले पर चर्चा हो रही थी कुछ प्रदर्शकारियों ने प्रधानमंत्री के आवास के बाहर इस विधेयक के विरोध में नारे लगाए। पुलिस प्रदर्शनकारियों को उच्च सुरक्षा क्षेत्र से बाहर ले गई।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि विरासत वाली संपत्ति और विवाह से पूर्व पति द्वारा अर्जित संपत्ति से महिलाओं के अधिकार को इस कानून में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
मंत्रियों ने कैबिनेट की बैठक में कानून में इस प्रस्तावित संशोधनों पर दो से अधिक घंटे चर्चा की।
बाद में संवाददाताओं के सवालों के जवाब में वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, ‘‘जब विद्वान पुरुष और महिलाएं अलग-अलग विचार रखें, तो अलग विचार रखने का अर्थ मतभेद नहीं होता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कैबिनेट की बैठक में विचार रखे गए और उन विचारों को देखते हुए प्रधानमंत्री ही अंतिम निर्णय करते हैं। इस मामले में विधेयक के एक या दो प्रावधानों पर गौर करने के लिए उन्होंने इसे मंत्रियों के समूह को सौंप दिया है।’’टिप्पणियां
वित्तमंत्री ने कहा मंत्री समूह अगले कुछ दिनों में इन प्रावधानों पर विचार करेगा और उसके बाद विधेयक फिर कैबिनेट में आएगा।
कैबिनेट में जिस समय मामले पर चर्चा हो रही थी कुछ प्रदर्शकारियों ने प्रधानमंत्री के आवास के बाहर इस विधेयक के विरोध में नारे लगाए। पुलिस प्रदर्शनकारियों को उच्च सुरक्षा क्षेत्र से बाहर ले गई।
मंत्रियों ने कैबिनेट की बैठक में कानून में इस प्रस्तावित संशोधनों पर दो से अधिक घंटे चर्चा की।
बाद में संवाददाताओं के सवालों के जवाब में वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, ‘‘जब विद्वान पुरुष और महिलाएं अलग-अलग विचार रखें, तो अलग विचार रखने का अर्थ मतभेद नहीं होता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कैबिनेट की बैठक में विचार रखे गए और उन विचारों को देखते हुए प्रधानमंत्री ही अंतिम निर्णय करते हैं। इस मामले में विधेयक के एक या दो प्रावधानों पर गौर करने के लिए उन्होंने इसे मंत्रियों के समूह को सौंप दिया है।’’टिप्पणियां
वित्तमंत्री ने कहा मंत्री समूह अगले कुछ दिनों में इन प्रावधानों पर विचार करेगा और उसके बाद विधेयक फिर कैबिनेट में आएगा।
कैबिनेट में जिस समय मामले पर चर्चा हो रही थी कुछ प्रदर्शकारियों ने प्रधानमंत्री के आवास के बाहर इस विधेयक के विरोध में नारे लगाए। पुलिस प्रदर्शनकारियों को उच्च सुरक्षा क्षेत्र से बाहर ले गई।
बाद में संवाददाताओं के सवालों के जवाब में वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, ‘‘जब विद्वान पुरुष और महिलाएं अलग-अलग विचार रखें, तो अलग विचार रखने का अर्थ मतभेद नहीं होता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कैबिनेट की बैठक में विचार रखे गए और उन विचारों को देखते हुए प्रधानमंत्री ही अंतिम निर्णय करते हैं। इस मामले में विधेयक के एक या दो प्रावधानों पर गौर करने के लिए उन्होंने इसे मंत्रियों के समूह को सौंप दिया है।’’टिप्पणियां
वित्तमंत्री ने कहा मंत्री समूह अगले कुछ दिनों में इन प्रावधानों पर विचार करेगा और उसके बाद विधेयक फिर कैबिनेट में आएगा।
कैबिनेट में जिस समय मामले पर चर्चा हो रही थी कुछ प्रदर्शकारियों ने प्रधानमंत्री के आवास के बाहर इस विधेयक के विरोध में नारे लगाए। पुलिस प्रदर्शनकारियों को उच्च सुरक्षा क्षेत्र से बाहर ले गई।
उन्होंने कहा, ‘‘कैबिनेट की बैठक में विचार रखे गए और उन विचारों को देखते हुए प्रधानमंत्री ही अंतिम निर्णय करते हैं। इस मामले में विधेयक के एक या दो प्रावधानों पर गौर करने के लिए उन्होंने इसे मंत्रियों के समूह को सौंप दिया है।’’टिप्पणियां
वित्तमंत्री ने कहा मंत्री समूह अगले कुछ दिनों में इन प्रावधानों पर विचार करेगा और उसके बाद विधेयक फिर कैबिनेट में आएगा।
कैबिनेट में जिस समय मामले पर चर्चा हो रही थी कुछ प्रदर्शकारियों ने प्रधानमंत्री के आवास के बाहर इस विधेयक के विरोध में नारे लगाए। पुलिस प्रदर्शनकारियों को उच्च सुरक्षा क्षेत्र से बाहर ले गई।
वित्तमंत्री ने कहा मंत्री समूह अगले कुछ दिनों में इन प्रावधानों पर विचार करेगा और उसके बाद विधेयक फिर कैबिनेट में आएगा।
कैबिनेट में जिस समय मामले पर चर्चा हो रही थी कुछ प्रदर्शकारियों ने प्रधानमंत्री के आवास के बाहर इस विधेयक के विरोध में नारे लगाए। पुलिस प्रदर्शनकारियों को उच्च सुरक्षा क्षेत्र से बाहर ले गई।
कैबिनेट में जिस समय मामले पर चर्चा हो रही थी कुछ प्रदर्शकारियों ने प्रधानमंत्री के आवास के बाहर इस विधेयक के विरोध में नारे लगाए। पुलिस प्रदर्शनकारियों को उच्च सुरक्षा क्षेत्र से बाहर ले गई। |
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एनसीईआरटी ने पाठ्यक्रम में बदलाव के लिए जनता से सुझाव मांगे हैं और इसी सिलसिले में बत्रा ने ये सुझाव भेजे हैं. लेकिन एनडीटीवी इंडिया से बातचीत में केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा, “बत्रा ने एनसीईआरटी को जो सुझाव दिए हैं वे सरकार के सुझाव नहीं बत्रा के सुझाव हैं. इसे लेकर इतना हंगामा इसलिए मचाया जा रहा है क्योंकि वामपंथी अब तक बोलने की आजादी पर अपना ही अधिकार समझते थे. इन लोगों का काम सिर्फ बीजेपी और संघ के लोगों को गाली देना रहा है. हमने शिवाजी के लिए पहाड़ी चूहा शब्द तक सुना है. अब इन लोगों को तकलीफ क्यों हो रही है.”
उधर संसद में दीनानाथ बत्रा के सुझावों को लेकर सवाल उठे. तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरिक ओ ब्रायन बत्रा के सुझावों को लेकर राज्यसभा में बोले. उन्होंने कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर को पाठ्यपुस्तकों से हटाने की बात करना हैरान करने वाला है. हालांकि सूत्रों के मुताबिक सरकार का कहना है कि पाठ्य पुस्तकों के लिए सुझाव मांगे गए हैं. हर किसी को सुझाव भेजने का का हक है. सुझाव भेजे जाने का मतलब यह नहीं है कि उन्हें स्वीकार कर लिया गया है.
एनसीईआरटी ने पाठ्यक्रम में बदलाव के लिए जनता से सुझाव मांगे हैं और इसी सिलसिले में बत्रा ने ये सुझाव भेजे हैं. लेकिन एनडीटीवी इंडिया से बातचीत में केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा, “बत्रा ने एनसीईआरटी को जो सुझाव दिए हैं वे सरकार के सुझाव नहीं बत्रा के सुझाव हैं. इसे लेकर इतना हंगामा इसलिए मचाया जा रहा है क्योंकि वामपंथी अब तक बोलने की आजादी पर अपना ही अधिकार समझते थे. इन लोगों का काम सिर्फ बीजेपी और संघ के लोगों को गाली देना रहा है. हमने शिवाजी के लिए पहाड़ी चूहा शब्द तक सुना है. अब इन लोगों को तकलीफ क्यों हो रही है.”
उधर संसद में दीनानाथ बत्रा के सुझावों को लेकर सवाल उठे. तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरिक ओ ब्रायन बत्रा के सुझावों को लेकर राज्यसभा में बोले. उन्होंने कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर को पाठ्यपुस्तकों से हटाने की बात करना हैरान करने वाला है. हालांकि सूत्रों के मुताबिक सरकार का कहना है कि पाठ्य पुस्तकों के लिए सुझाव मांगे गए हैं. हर किसी को सुझाव भेजने का का हक है. सुझाव भेजे जाने का मतलब यह नहीं है कि उन्हें स्वीकार कर लिया गया है.
उधर संसद में दीनानाथ बत्रा के सुझावों को लेकर सवाल उठे. तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरिक ओ ब्रायन बत्रा के सुझावों को लेकर राज्यसभा में बोले. उन्होंने कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर को पाठ्यपुस्तकों से हटाने की बात करना हैरान करने वाला है. हालांकि सूत्रों के मुताबिक सरकार का कहना है कि पाठ्य पुस्तकों के लिए सुझाव मांगे गए हैं. हर किसी को सुझाव भेजने का का हक है. सुझाव भेजे जाने का मतलब यह नहीं है कि उन्हें स्वीकार कर लिया गया है. |
उत्तर प्रदेश के शामली में पुलिस के सामने गुंडागर्दी देखने को मिली. पीसीआर वैन से खींचकर युवक को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया और पुलिस मूकदर्शक बनी रही. युवक की मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ. गुस्साए लोगों ने सड़क पर जाम लगा दिया. हालांकि एसपी ने पुलिस की मौजूदगी में ऐसी घटना होने से इनकार किया है.
घटना शामली के थाना झिंझाना क्षेत्र के गांव हथछोया की है. जहां राजेंद्र कश्यप नाम के एक युवक का गांव के दूसरे लोगों से विवाद हो गया था. दावा है कि राजेंद्र कश्यप नशे में था और गांव के कुछ लोगों ने उसके साथ मारपीट की. इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने राजेंद्र को अपने काबू में ले लिया.
आरोप है कि मारपीट के बाद भी भीड़ नहीं मानी और पुलिस पीसीआर में बैठे राजेंद्र कश्यप को बाहर निकालकर फिर से पीटना शुरू कर दिया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई. हालांकि, पुलिस अपनी मौजूदगी में ऐसी घटना से इनकार कर रही है.
शामली के एसपी अजय कुमार ने ट्विटर पर बयान जारी कर बताया कि कुछ लोग एक वीडियो में राजेंद्र कश्यप के साथ मारपीट करते नजर आ रहे हैं. इस घटना में प्रथम दृष्टया पुलिस की लापरवाही नजर आ रही है, जिसके चलते उस वक्त तैनात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दे दिए गए हैं.
ग्राम हथछोया थाना झिंझाना शामली में राजेंद्र कश्यप की हुई हत्या व पीआरवी 3025 के वायरल वीडियो के संबंध में पुलिस अधीक्षक शामली श्री अजय कुमार वीडियो बाइट देते हुए।
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November 27, 2018
हालांकि, एसपी अजय कुमार ने पुलिस के सामने राजेंद्र कश्यप की मौत की बात से इनकार किया है. उन्होंने बताया कि राजेंद्र पुलिस की गिरफ्त से गांव में भाग गया था, उस दौरान मारपीट की घटना हुई जिसमें उसकी मौत हो गई. बता दें कि वायरल वीडियो में राजेंद्र पुलिस वैन में बैठा नजर आ रहा है, जहां पुलिसकर्मी भी मौजूद हैं और गांव का एक शख्स उसके साथ मारपीट करता दिखाई दे रहा है.
मामला दो समुदायों से जुड़ा होने के कारण हालात तनावपूर्ण हो गए थे, जिसके बाद पुलिस के आलाधिकारी फोर्स के साथ गांव में पहुंचे और पांच घंटे तक मशक्कत करने के बाद जाम खुलवाया गया. पीड़ित परिजनों ने गांव के ही आधा दर्जन लोगों पर हत्या के मामले में अधिकारियों को तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई है. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. |
यह एक लेख है: मजबूत वैश्विक रुख के बीच घरेलू मांग के चलते दिल्ली सर्राफा बाजार में बृहस्पतिवार को चांदी के भाव 2300 रुपये के उछाल के साथ 68600 रुपये किलो की नई ऊंचाई को छूं गए। विदेशों में तेजी के बावजूद सीमित कारोबारी गतिविधियों के बीच सोने के भाव मौजूदा उच्चस्तर 22060 रुपये प्रति दस पर स्थिर बने रहे। चांदी सिक्का के भाव 2000 रुपये चढ़कर 74000:74500 रुपये प्रति सैकडा की रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुए। विदेशों में चांदी के भाव 1.5 प्रतिशत चढकर 45.95 डॉलर प्रति औंस तक जा पहुंचे। जो 1980 के बाद का उच्चस्तर है। यूरोप में ऋण संकट और डालर कमजोर होने के कारण वैश्विक बाजार में सोना चढ़कर 1508.28 डॉलर प्रति औंस तक जा पहुंचे। घरेलू बाजार में चांदी तैयार के भाव 2300 रुपये की तेजी के साथ 68600 रुपये और चांदी साप्ताहिक डिलीवरी के भाव 2435 रुपये चढ़कर 67490 रुपये किलो बंद हुए। सोना 99.9 शुद्ध और 99.5 शुद्ध के भाव पूर्वस्तर 22060 रुपये और 21940 रुपये प्रति दस ग्राम अपरिवर्तित बंद हुए। गिन्नी के भाव पूर्वस्तर 18000 रुपये प्रति आठ ग्राम पर स्थिर बने रहे। |
नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (NGT)ने कहा है कि एयरलाइंस आसमान में टॉयलट का मल-मूत्र गिराने वाले एयरलाइंस पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. एनजीटी ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA)को निर्देश दिया है कि वह सभी एयरलाइंस को इसके बारे में जानकारी दे दे.
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार एक रिटायर्ड आर्मी अफसर लेफ्टिनेंट जनरल सतवंत सिंह दहिया ने याचिका दायर कर दावा किया था कि दक्षिण दिल्ली के वसंत एनक्लेव स्थित उनके मकान की छत पर अक्सर विमानों से मल-मूत्र गिरता रहता है. उनकी इस याचिका पर सुनवाई करते हुए स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली एनजीटी की बेंच ने कहा, 'डीजीसीए को यह निर्देश जारी करना चाहिए कि लैंड करने वाले सभी एयरक्राफ्ट की औचक जांच हो और यह देखा जाए कि उन्होंने मानव मल-मूत्र टैंक को खाली तो नहीं कर दिया है. यदि किसी
विमान
में ऐसा पाया जाता है तो उससे नियम के उल्लंघन के लिए 50,000 रुपये का पर्यावरण क्षतिपूर्ति लिया जाए.' लेफ्टिनेंट जनरल सतवंत सिंह दहिया ने कहा था कि एयरलाइंस पर इसके लिए भारी जुर्माना लगाया जाए, क्योंकि वे लोगों के स्वास्थ्य को तो खतरे में डाल ही रहे हैं, साथ ही 'स्वच्छ भारत अभियान' के नियमों का भी उल्लंघन कर रहे हैं.
दहिया ने कहा कि विमानों से फेंके गए मल की वजह से उनके घर की छत और दीवारें काफी गंदी हो गईं और उन्हें इनकी पेंटिंग पर 50,000 रुपये खर्च करने पड़े. इस पर एनजीटी ने
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
(CPCB) से कहा था कि वह एक इंजीनियर भेजकर दहिया के आरोपों की जांच करे. सीपीसीबी ने दहिया के छत से लिए गए सेम्पल की जांच कर कहा कि यह तो साफ है कि यह मानव मल है, लेकिन यह कहां से आया है, इसके बारे में कुछ पुख्ता नहीं कहा जा सकता. नागर विमानन मंत्रालय ने दहिया की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि विमानों के टायलट में मल-मूत्र एक विशेष टैंक में रखा जाता है और विमान के लैंड करने के बाद ही इसका निस्तारण किया जाता है. हालांकि मंत्रालय के अधिकारियों ने यह स्वीकार किया कि यह किस लीकेज की वजह से हो सकता है. |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: एम्स के डॉक्टरों के मुताबिक केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गोपीनाथ मुंडे की मौत हार्ट अटैक से नहीं, बल्कि उनकी गर्दन और लीवर में चोट लगने के बाद झटका लगने और रक्तस्राव के चलते हुई। मुंडे के पेट और गर्दन में अंदरूनी चोट लगी थी तथा मेरूदंड से जुड़े सी 1 और सी 2 (गर्दन के उपरी हिस्से में स्थित जोड़) के बीच सरवाइकल वर्टेब्रा टूटकर अलग हो गया था।
रिपोर्ट में बताया गया है कि गर्दन की अन्य नलिकाओं के साथ जुड़ी गर्दन की बड़ी धमनी और मांसपेशियों तथा नलिकाओं के बाहर मौजूद रक्त भंडार में आघात पहुंचा था।
उल्लेखनीय है कि मुंडे का मंगलवार सुबह नई दिल्ली में एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी। मुंडे दिल्ली हवाईअड्डा जाने के लिए निकले थे, और सुबह करीब 6:20 बजे उनकी कार को पृथ्वीराज रोड तथा अरविंदो मार्ग के बीच एक अन्य कार (इंडिका) ने टक्कर मार दी। इसके बाद उनके निजी सहायक तथा निजी ड्राइवर उन्हें एम्स ट्रॉमा सेंटर ले गए, जहां तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। |
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को प्रवर्तक हिस्सेदारी कम करके 40 प्रतिशत पर नहीं लाने के लिए बंधन बैंक पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगा दिया. बता दें, बंधन बैंक ने नियामकीय सूचना में यह जानकारी दी है. बंधन बैंक को RBI से 2014 में सामान्य बैंकिंग लाइसेंस प्राप्त हुआ था और उसने अगस्त 2015 में एक पूर्ण बैंक के रूप में काम करना शुरू किया. बंधन बैंक ने नियामकीय सूचना में कहा है कि RBI ने बैंक में बंधन फाइनेंसियल होल्डिंग्स लिमिटेड की हिस्सेदारी को कम करके 40 प्रतिशत पर लाने में असफल रहने पर जुर्माना लगाया है.
बता दें, बैंक द्वारा पूर्ण बैंकिंग कारोबार शुरू करने के तीन साल के भीतर यह हिस्सेदारी बैंक मताधिकार वाली चुकता पूंजी के 40 प्रतिशत पर लाई जानी थी. बंधन बैंक के साथ ही RBI ने सहकारी क्षेत्र के जनता सहकारी बैंक पर भी एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके अलावा जलगांव पीपुल्स सहकारी बैंक पर भी 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है.
केन्द्रीय बैंक ने आय पुष्टि, अग्रिम प्रबंधन और संपत्ति वर्गीकरण नियमों के उल्लंघन को लेकर पुणे स्थित जनता सहकारी बैंक पर एक करोड़ रुपए और जलगांव पीपुल्स सहकारी बैंक पर 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. केन्द्रीय बैंक ने इस संबंध में मंगलवार को एक विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दी है. |
विदेशमंत्री सलमान खुर्शीद ने माले स्थित भारतीय उच्चायोग में पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के शरण लिए रहने से पैदा हुई स्थिति के बारे में मालदीव के अपने समकक्ष से फोन पर बातचीत की है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बांग्लादेश के आधिकारिक दौरे पर पहुंचे खुर्शीद ने मालदीव के विदेशमंत्री अब्दुल समद अब्दुल्ला से फोन पर बातचीत की है। इस बातचीत का विवरण अभी नहीं मिल पाया है।
उधर, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद वहीद ने भारतीय उच्चायोग में शरण लिए पूर्व नशीद की आलोचना करते हुए कहा कि वह देश में विरोध प्रदर्शनों को हवा दे रहे हैं।
उन्होंने इसी साल सितंबर में ‘स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं समावेशी’ बहुदलीय चुनाव कराने का वादा किया है।
वहीद का कहना है कि उनकी सरकार देश में लोकतंत्र को बढ़ावा देने के लिए पूरी कोशिश करेगी।
उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि इस साल स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं समावेशी चुनाव कराना मालदीव के राष्ट्रीय हित में है। इस चुनाव में सभी राजनीतिक दल भाग ले सकेंगे। मालदीव के राष्ट्रपति ने कहा कि मालदीव निर्वाचन आयोग ने एलान किया है कि 7 सितंबर को अगला राष्ट्रपति चुनाव होगा।टिप्पणियां
वहीद ने भारतीय उच्चायोग में शरण लेने के लिए नशीद की आलोचना की। नशीद बीते बुधवार से भारतीय उच्चयोग में हैं। राष्ट्रपति रहने के दौरान पद के दुरुपयोग के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी होने के तत्काल बाद वह उच्चायोग में दाखिल हो गए थे। वहीद ने कहा, मुझे निराशा हुई है कि अदालत की ओर से समन जारी होने के बाद पूर्व राष्ट्रपति ने भारतीय उच्चायोग में शरण मांग ली।
अदालती आदेश के तहत पुलिस उन्हें गिरफ्तार करती और अदालत के समक्ष पेश कर देती। उन्होंने कहा, इसकी (वारंट) मियाद 13 फरवरी को शाम 4 बजे ही खत्म हो गई और ऐसे में उनका उच्चायोग में बने रहने और सड़कों पर हिंसा भड़काने का कोई कारण नहीं है। वहीद ने कहा कि अदालती आदेश के साथ उनकी सरकार का कोई लेना-देना नहीं है।
पिछले दिनों नशीद ने मांग की थी कि राष्ट्रपति मोहम्मद वहीद को निश्चित तौर पर पद छोड़ना चाहिए और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए एक अंतरिम, कार्यवाहक सरकार का गठन किया जाना चाहिए। वहीद ने मित्र सरकारों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को आमंत्रित किया कि वे चुनाव की तैयारियों में सहयोग करें।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बांग्लादेश के आधिकारिक दौरे पर पहुंचे खुर्शीद ने मालदीव के विदेशमंत्री अब्दुल समद अब्दुल्ला से फोन पर बातचीत की है। इस बातचीत का विवरण अभी नहीं मिल पाया है।
उधर, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद वहीद ने भारतीय उच्चायोग में शरण लिए पूर्व नशीद की आलोचना करते हुए कहा कि वह देश में विरोध प्रदर्शनों को हवा दे रहे हैं।
उन्होंने इसी साल सितंबर में ‘स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं समावेशी’ बहुदलीय चुनाव कराने का वादा किया है।
वहीद का कहना है कि उनकी सरकार देश में लोकतंत्र को बढ़ावा देने के लिए पूरी कोशिश करेगी।
उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि इस साल स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं समावेशी चुनाव कराना मालदीव के राष्ट्रीय हित में है। इस चुनाव में सभी राजनीतिक दल भाग ले सकेंगे। मालदीव के राष्ट्रपति ने कहा कि मालदीव निर्वाचन आयोग ने एलान किया है कि 7 सितंबर को अगला राष्ट्रपति चुनाव होगा।टिप्पणियां
वहीद ने भारतीय उच्चायोग में शरण लेने के लिए नशीद की आलोचना की। नशीद बीते बुधवार से भारतीय उच्चयोग में हैं। राष्ट्रपति रहने के दौरान पद के दुरुपयोग के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी होने के तत्काल बाद वह उच्चायोग में दाखिल हो गए थे। वहीद ने कहा, मुझे निराशा हुई है कि अदालत की ओर से समन जारी होने के बाद पूर्व राष्ट्रपति ने भारतीय उच्चायोग में शरण मांग ली।
अदालती आदेश के तहत पुलिस उन्हें गिरफ्तार करती और अदालत के समक्ष पेश कर देती। उन्होंने कहा, इसकी (वारंट) मियाद 13 फरवरी को शाम 4 बजे ही खत्म हो गई और ऐसे में उनका उच्चायोग में बने रहने और सड़कों पर हिंसा भड़काने का कोई कारण नहीं है। वहीद ने कहा कि अदालती आदेश के साथ उनकी सरकार का कोई लेना-देना नहीं है।
पिछले दिनों नशीद ने मांग की थी कि राष्ट्रपति मोहम्मद वहीद को निश्चित तौर पर पद छोड़ना चाहिए और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए एक अंतरिम, कार्यवाहक सरकार का गठन किया जाना चाहिए। वहीद ने मित्र सरकारों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को आमंत्रित किया कि वे चुनाव की तैयारियों में सहयोग करें।
उधर, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद वहीद ने भारतीय उच्चायोग में शरण लिए पूर्व नशीद की आलोचना करते हुए कहा कि वह देश में विरोध प्रदर्शनों को हवा दे रहे हैं।
उन्होंने इसी साल सितंबर में ‘स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं समावेशी’ बहुदलीय चुनाव कराने का वादा किया है।
वहीद का कहना है कि उनकी सरकार देश में लोकतंत्र को बढ़ावा देने के लिए पूरी कोशिश करेगी।
उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि इस साल स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं समावेशी चुनाव कराना मालदीव के राष्ट्रीय हित में है। इस चुनाव में सभी राजनीतिक दल भाग ले सकेंगे। मालदीव के राष्ट्रपति ने कहा कि मालदीव निर्वाचन आयोग ने एलान किया है कि 7 सितंबर को अगला राष्ट्रपति चुनाव होगा।टिप्पणियां
वहीद ने भारतीय उच्चायोग में शरण लेने के लिए नशीद की आलोचना की। नशीद बीते बुधवार से भारतीय उच्चयोग में हैं। राष्ट्रपति रहने के दौरान पद के दुरुपयोग के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी होने के तत्काल बाद वह उच्चायोग में दाखिल हो गए थे। वहीद ने कहा, मुझे निराशा हुई है कि अदालत की ओर से समन जारी होने के बाद पूर्व राष्ट्रपति ने भारतीय उच्चायोग में शरण मांग ली।
अदालती आदेश के तहत पुलिस उन्हें गिरफ्तार करती और अदालत के समक्ष पेश कर देती। उन्होंने कहा, इसकी (वारंट) मियाद 13 फरवरी को शाम 4 बजे ही खत्म हो गई और ऐसे में उनका उच्चायोग में बने रहने और सड़कों पर हिंसा भड़काने का कोई कारण नहीं है। वहीद ने कहा कि अदालती आदेश के साथ उनकी सरकार का कोई लेना-देना नहीं है।
पिछले दिनों नशीद ने मांग की थी कि राष्ट्रपति मोहम्मद वहीद को निश्चित तौर पर पद छोड़ना चाहिए और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए एक अंतरिम, कार्यवाहक सरकार का गठन किया जाना चाहिए। वहीद ने मित्र सरकारों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को आमंत्रित किया कि वे चुनाव की तैयारियों में सहयोग करें।
उन्होंने इसी साल सितंबर में ‘स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं समावेशी’ बहुदलीय चुनाव कराने का वादा किया है।
वहीद का कहना है कि उनकी सरकार देश में लोकतंत्र को बढ़ावा देने के लिए पूरी कोशिश करेगी।
उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि इस साल स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं समावेशी चुनाव कराना मालदीव के राष्ट्रीय हित में है। इस चुनाव में सभी राजनीतिक दल भाग ले सकेंगे। मालदीव के राष्ट्रपति ने कहा कि मालदीव निर्वाचन आयोग ने एलान किया है कि 7 सितंबर को अगला राष्ट्रपति चुनाव होगा।टिप्पणियां
वहीद ने भारतीय उच्चायोग में शरण लेने के लिए नशीद की आलोचना की। नशीद बीते बुधवार से भारतीय उच्चयोग में हैं। राष्ट्रपति रहने के दौरान पद के दुरुपयोग के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी होने के तत्काल बाद वह उच्चायोग में दाखिल हो गए थे। वहीद ने कहा, मुझे निराशा हुई है कि अदालत की ओर से समन जारी होने के बाद पूर्व राष्ट्रपति ने भारतीय उच्चायोग में शरण मांग ली।
अदालती आदेश के तहत पुलिस उन्हें गिरफ्तार करती और अदालत के समक्ष पेश कर देती। उन्होंने कहा, इसकी (वारंट) मियाद 13 फरवरी को शाम 4 बजे ही खत्म हो गई और ऐसे में उनका उच्चायोग में बने रहने और सड़कों पर हिंसा भड़काने का कोई कारण नहीं है। वहीद ने कहा कि अदालती आदेश के साथ उनकी सरकार का कोई लेना-देना नहीं है।
पिछले दिनों नशीद ने मांग की थी कि राष्ट्रपति मोहम्मद वहीद को निश्चित तौर पर पद छोड़ना चाहिए और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए एक अंतरिम, कार्यवाहक सरकार का गठन किया जाना चाहिए। वहीद ने मित्र सरकारों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को आमंत्रित किया कि वे चुनाव की तैयारियों में सहयोग करें।
वहीद का कहना है कि उनकी सरकार देश में लोकतंत्र को बढ़ावा देने के लिए पूरी कोशिश करेगी।
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वहीद ने भारतीय उच्चायोग में शरण लेने के लिए नशीद की आलोचना की। नशीद बीते बुधवार से भारतीय उच्चयोग में हैं। राष्ट्रपति रहने के दौरान पद के दुरुपयोग के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी होने के तत्काल बाद वह उच्चायोग में दाखिल हो गए थे। वहीद ने कहा, मुझे निराशा हुई है कि अदालत की ओर से समन जारी होने के बाद पूर्व राष्ट्रपति ने भारतीय उच्चायोग में शरण मांग ली।
अदालती आदेश के तहत पुलिस उन्हें गिरफ्तार करती और अदालत के समक्ष पेश कर देती। उन्होंने कहा, इसकी (वारंट) मियाद 13 फरवरी को शाम 4 बजे ही खत्म हो गई और ऐसे में उनका उच्चायोग में बने रहने और सड़कों पर हिंसा भड़काने का कोई कारण नहीं है। वहीद ने कहा कि अदालती आदेश के साथ उनकी सरकार का कोई लेना-देना नहीं है।
पिछले दिनों नशीद ने मांग की थी कि राष्ट्रपति मोहम्मद वहीद को निश्चित तौर पर पद छोड़ना चाहिए और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए एक अंतरिम, कार्यवाहक सरकार का गठन किया जाना चाहिए। वहीद ने मित्र सरकारों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को आमंत्रित किया कि वे चुनाव की तैयारियों में सहयोग करें।
उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि इस साल स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं समावेशी चुनाव कराना मालदीव के राष्ट्रीय हित में है। इस चुनाव में सभी राजनीतिक दल भाग ले सकेंगे। मालदीव के राष्ट्रपति ने कहा कि मालदीव निर्वाचन आयोग ने एलान किया है कि 7 सितंबर को अगला राष्ट्रपति चुनाव होगा।टिप्पणियां
वहीद ने भारतीय उच्चायोग में शरण लेने के लिए नशीद की आलोचना की। नशीद बीते बुधवार से भारतीय उच्चयोग में हैं। राष्ट्रपति रहने के दौरान पद के दुरुपयोग के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी होने के तत्काल बाद वह उच्चायोग में दाखिल हो गए थे। वहीद ने कहा, मुझे निराशा हुई है कि अदालत की ओर से समन जारी होने के बाद पूर्व राष्ट्रपति ने भारतीय उच्चायोग में शरण मांग ली।
अदालती आदेश के तहत पुलिस उन्हें गिरफ्तार करती और अदालत के समक्ष पेश कर देती। उन्होंने कहा, इसकी (वारंट) मियाद 13 फरवरी को शाम 4 बजे ही खत्म हो गई और ऐसे में उनका उच्चायोग में बने रहने और सड़कों पर हिंसा भड़काने का कोई कारण नहीं है। वहीद ने कहा कि अदालती आदेश के साथ उनकी सरकार का कोई लेना-देना नहीं है।
पिछले दिनों नशीद ने मांग की थी कि राष्ट्रपति मोहम्मद वहीद को निश्चित तौर पर पद छोड़ना चाहिए और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए एक अंतरिम, कार्यवाहक सरकार का गठन किया जाना चाहिए। वहीद ने मित्र सरकारों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को आमंत्रित किया कि वे चुनाव की तैयारियों में सहयोग करें।
वहीद ने भारतीय उच्चायोग में शरण लेने के लिए नशीद की आलोचना की। नशीद बीते बुधवार से भारतीय उच्चयोग में हैं। राष्ट्रपति रहने के दौरान पद के दुरुपयोग के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी होने के तत्काल बाद वह उच्चायोग में दाखिल हो गए थे। वहीद ने कहा, मुझे निराशा हुई है कि अदालत की ओर से समन जारी होने के बाद पूर्व राष्ट्रपति ने भारतीय उच्चायोग में शरण मांग ली।
अदालती आदेश के तहत पुलिस उन्हें गिरफ्तार करती और अदालत के समक्ष पेश कर देती। उन्होंने कहा, इसकी (वारंट) मियाद 13 फरवरी को शाम 4 बजे ही खत्म हो गई और ऐसे में उनका उच्चायोग में बने रहने और सड़कों पर हिंसा भड़काने का कोई कारण नहीं है। वहीद ने कहा कि अदालती आदेश के साथ उनकी सरकार का कोई लेना-देना नहीं है।
पिछले दिनों नशीद ने मांग की थी कि राष्ट्रपति मोहम्मद वहीद को निश्चित तौर पर पद छोड़ना चाहिए और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए एक अंतरिम, कार्यवाहक सरकार का गठन किया जाना चाहिए। वहीद ने मित्र सरकारों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को आमंत्रित किया कि वे चुनाव की तैयारियों में सहयोग करें।
पिछले दिनों नशीद ने मांग की थी कि राष्ट्रपति मोहम्मद वहीद को निश्चित तौर पर पद छोड़ना चाहिए और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए एक अंतरिम, कार्यवाहक सरकार का गठन किया जाना चाहिए। वहीद ने मित्र सरकारों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को आमंत्रित किया कि वे चुनाव की तैयारियों में सहयोग करें। |
पूर्व भारतीय क्रिकेटर और क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर का सोमवार को 44वां जन्मदिन है. इस मौके पर सचिन को कई हस्तियों ने जन्मदिन की बधाई दी. सचिन के साथी खिलाड़ी रहे वीरेंद्र सहवाग ने भी अपने अनोखे अंदाज में ट्वीट कर सचिन को बधाई दी.
सहवाग ने सचिन के साथ एक फोटो शेयर की, जिसमें दोनों खिलाड़ी फ्लाइट में हैं और सचिन सो रहे हैं. सहवाग ने लिखा कि लोगों के लिए क्राइम करने के लिए सबसे बढ़िया समय जब भगवान सो रहा होता है. उस इंसान को जन्मदिन मुबारक, जो हिंदुस्तान में समय में भी रोक सकता है.
सचिन बनना चाहते थे तेज गेंदबाज, लिली ने कहा था बल्लेबाज ही रहो
A rare occasion when one could have committed a crime,God ji sleeping.To a man who could stop time in India,
#HappyBirthdaySachin
@sachin_rt
pic.twitter.com/CfPtEKbtSZ
— Virender Sehwag (@virendersehwag)
April 24, 2017
युवी का अनोखा अंदाज
युवराज ने सचिन को बधाई देते हुए उनके बीयर में नहलाते हुए फोटो शेयर किया.
Many happy returns of the day master blaster ! God bless you always
@sachin_rt
pic.twitter.com/TGOwSeoqPl
— yuvraj singh (@YUVSTRONG12)
April 24, 2017
जंबो ने दी बधाई
भारतीय कोच अनिल कुंबले ने ट्वीट कर सचिन को बधाई दी. कुंबले ने लिखा, दुनिया ने सचिन में सबसे प्रेरित खिलाड़ी को देखा. आपको जन्मदिन की हार्दिक बधाई, उम्मीद है ये साल आपके लिए अच्छा होगा.
#HappyBirthdaySachin
. One of the most inspiring sportsmen the world has seen. Hope you have a splendid year ahead
@sachin_rt
.
pic.twitter.com/ObqfqBA40k
— Anil Kumble (@anilkumble1074)
April 24, 2017
बीसीसीआई ने भी दी बधाई
सहवाग के अलावा बीसीसीआई ने भी सचिन तेंदुलकर को जन्मदिन की बधाई दी. बीसीसीआई ने सचिन के आखिरी टेस्ट मैच की फोटो शेयर की.
Here's wishing
@sachin_rt
a very happy birthday
#HappyBirthdaySachin
pic.twitter.com/5LQ3Z53LBB
— BCCI (@BCCI)
April 24, 2017
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सचिन के इन रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए दोबारा जन्म लेना पड़ेगा...
बचपन की जिद ने सचिन को बनाया 'क्रिकेट का भगवान'!
विजेंद्र ने भी बधाई
भारत के चैंपियन बॉक्सर विजेंद्र सिंह ने भी सचिन तेंदुलकर को जन्मदिन की बधाई दी. विजेंद्र ने लिखा कि क्रिकेट के भगवान और भारत रत्न सचिन तेंदुलकर को जन्मदिन की हार्दिक बधाई.
Happy birthday God of cricket & BharatRatna
@sachin_rt
sir 🎂👏
#HappyBirthdaySachin
pic.twitter.com/ji692ciQFQ
— Vijender Singh (@boxervijender)
April 24, 2017
24 अप्रैल हो 'नेशनल क्रिकेट डे'
भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने सचिन को बधाई देते हुए कहा कि 24 अप्रैल को भारतीय क्रिकेट दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए, अश्विन बोले कि वह काफी लकी थे कि वह सचिन के साथ खेले.
Many more happy returns of the day
@sachin_rt
, April 24th should be marked as Indian cricket day. I was lucky to have played along side you
— Ashwin Ravichandran (@ashwinravi99)
April 24, 2017
रैना ने भी दी बधाई
भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना ने भी सचिन को जन्मदिन की बधाई दी.
Wishing
#MasterBlaster
@sachin_rt
a birthday filled with happiness, may your life be brighter with each passing day
#HappyBirthdaySachin
pic.twitter.com/lPiuLqSiuJ
— Suresh Raina (@ImRaina)
April 24, 2017
RP सिंह ने भी किया ट्वीट
तेज गेंदबाज आरपी सिंह ने सचिन को बधाई देते हुए लिखा कि आपने पिछले कई वर्षों से हर किसी को प्रेरित किया है.
Happy birthday master blaster
@sachin_rt
. You continue being inspiration to all of us.
#SachinTendulkar
#HappyBirthdaySachin
pic.twitter.com/IpEVBfUqBR
— R P Singh (@RpSingh99)
April 24, 2017
सुशांत सिंह राजपूत ने भी दी बधाई
"Sachin out to nahin hua?" The Question I was always obsessed with.
Cricket still is synonymous with u.
A Fan forever🙏
#HappyBirthdaySachin
pic.twitter.com/647lsiJJ60
— SHIV Sushant Rajput (@itsSSR)
April 24, 2017 |
सुपरस्टार सलमान खान की फिल्म भारत 5 जून को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है. साउथ कोरियन ब्लॉकबस्टर हिट फिल्म की इस हिंदी रीमेक में सलमान खान और कटरीना कैफ लीड रोल में हैं. दिशा पाटनी भी अहम रोल प्ले कर रही हैं. फिल्म ईद पर रिलीज हो रही है.
अली अब्बास जफर निर्देशित इस फिल्म के बॉक्स ऑफिस पर हिट होने की प्रबल संभावनाएं हैं. हम आपको बताने जा रहे हैं वो 5 वजहें जिनके चलते आप इस फिल्म का टिकट खरीद कर इसे देखने सिनेमाघरों में जा सकते हैं. हालांकि फिल्म का रिव्यू आना अभी बाकी है.
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Miliye mujhse yaani 'Bharat' se CricketLive par, On @StarSportsIndia on 12th May at 5:30 PM #BharatOnStarSports @bharat_thefilm @aliabbaszafar @atulreellife #BhushanKumar @katrinakaif @tabutiful @apnabhidu @sonalikul @dishapatani @whosunilgrover @norafatehi @iaasifsheikhofficial @nikhilnamit @reellifeproduction @skfilmsofficial @tseries.official
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Salman Khan
(@beingsalmankhan) on
May 11, 2019 at 2:46am PDT
अली अब्बास जफर का निर्देशन:
सुपरस्टार सलमान खान और अली अब्बास जफर की जोड़ी इससे पहले टाइगर जिंदा है और सुल्तान जैसी कई सुपरहिट फिल्में दे चुकी हैं. ऐसे में फैन्स ये उम्मीद कर सकते हैं कि इस बार भी ये जोड़ी कुछ धमाकेदार वापसी करेगी.
कटरीना-सलमान की केमिस्ट्री:
सुपरस्टार सलमान खान जब-जब कटरीना कैफ के साथ पर्दे पर आए हैं फिल्म हिट ही हुई है. फैन्स इस बात को जानते हैं कि सलमान और कटरीना के बीच केमिस्ट्री कैसी है और सलमान खुद इस बात को कुबूल कर चुके हैं कि दोनों की ऑफस्क्रीन केमिस्ट्री ही है जो पर्दे पर लोगों को नजर आती है.
एक्शन, रोमांस और इमोशन कॉम्बिनेशन:
यह एक ऐसा समीकरण है जो कि पर्दे पर चलता ही है. तमाम हिट फिल्मों में यही समीकरण इस्तेमाल किया जाता रहा है. सलमान खान एक बार फिर से इसी समीकरण के साथ वापसी कर रहे हैं. सलमान खान की ऐसी मसाला फिल्में खूब पसंद की जाती हैं.
हिट फिल्म की रीमेक:
अब तक ये बात सभी जान चुके हैं कि सलमान खान और कटरीना कैफ स्टारर यह फिल्म एक ऑरिजनल कंटेंट नहीं है बल्कि एक रीमेक मूवी है. यह फिल्म एक साउथ कोरियन फिल्म ओड टू माई फादर का हिंदी रीमेक है. यानि फिल्म का फॉर्मूला ट्रायड एंड टेस्टेड है.
ईद का मौका:
बड़े-बड़े सुपरस्टार होली, दिवाली, क्रिसमस और ईद के मौकों पर अपनी फिल्म रिलीज करने का इंतजार करते हैं. ऐसा इसलिए भी क्योंकि फिल्मों को लंबा वीकेंड मिल जाता है और लोग छुट्टी के दिन एन्जॉय करने थिएटर्स चले जाते हैं. ईद का मौका सलमान खान के लिए बुक रहता है. आमतौर पर सलमान की फिल्में इस मौके पर चल जाती हैं. |
दिल्ली से सटे गौतमबुद्धनगर के ग्रेटर नोएडा में मां-बहन की हत्या करने वाले नाबालिग बेटे को पुलिस ने ढूंढ निकाला है. पुलिस ने मृतका अंजलि के फरार 15 वर्षीय बेटे को वाराणसी से बरामद किया. आरोपी बेटा आज हत्या की मंशा, हत्या के तरीके और किसी तरह की साजिश के बारे में अहम खुलासा कर सकता है.
लड़के ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह घर से 1.5 लाख रुपए लेकर गया था, लेकिन रुपये ट्रेन में बैग समेत चोरी हो गए. लड़का कत्ल करने की बात कबूल कर रहा है, लेकिन उसका कहना है उसे नहीं पता कि उसने क्यों मार दिया मां बहन को. गेम को लेकर पुलिस का कहना है कि इस गेम में टास्क होता है कि आपको क्राइम करके पुलिस से बचना होता है. लेकिन इस मामले में लड़के ने खुद फोन कर पिता को अपने वाराणसी में होने की जानकारी दी.
मां-बेटी की हत्या के बाद से ही लापता होने से नाबालिग बेटा पहले से ही शक के घेरे में आ गया था. लेकिन पुलिस के सामने अब अहम सवाल यह है कि वाराणसी पहुंचने के बीच तीन दिन वह कहां-कहां गया, किन-किन से मिला और वाराणसी से किसके नंबर से अपने पिता को फोन किया. ग्रेटर नोएडा से वाराणसी तक कैसे पहुंचा ये कहानी बाद में, पहले सुनिए पूरे एनसीआर को थर्राने वाले मर्डर केस की सच्चाई.
नाबालिग बेटे पर अपनी मां-बहन की हत्या करने का शक तो उसी वक्त हो गया था जब घर पर मां-बेटी लाश पड़ी थी और बेटा घर से गायब था. घर में न तो बाहर से घुसने के निशान थे, न लूटपाट के निशान और न ही कोई कीमती चीज गायब थी. सिर्फ दो लाशें और घर में रहने वाला तीसरा सदस्य गायब. लेकिन किसी भी दावे से पहले बेटे का मिलना जरूरी था. लिहाजा इस केस में पुलिस के लिए सबसे अहम कड़ी बेटा ही है.
पुलिस ने घर से सीसीटीवी फुटेज भी बरामद किए हैं. इन सीसीटीवी फुटेज में आरोपी बेटा आखिरी बार दिखा था. पहले रात 8 बजकर 16 मिनट पर मां और बहन के साथ बाजार से घर आते हुए लिफ्ट के अंदर दिखता है. फिर रात 11 बजकर 15 मिनट पर उसी लिफ्ट से घर से जाते हुए. लेकिन इस बार उसके कपड़े बदले हुए हैं. पीछे बैग है और हाथ में मोबाइल फोन.
इन्हीं तीन घंटों के अंदर मां-बेटी की हत्या की गई. लेकिन आरोपी बेटे के हाव-भाव कत्तई इशारा नहीं कर रहे कि वह दो-दो हत्याएं करके घर से निकला है. वह आराम से लिफ्ट से निकल कर बाहर जाता है और एक गार्ड से हाथ मिलाकर गाड़ी में बैठकर निकल जाता है. न कोई डर न घबराहट न शिकन.
यकीन कर पाना तो मुश्किल है कि महज मोबाइल गेम न खेलने देने पर बेटा अपनी मां और बहन की जान ले सकता है. लेकिन इंटरनेट के अंधेरे मकड़जाल और अथाह गहराइयों में भटकने वाले इस जमाने के बच्चे क्या कुछ कर गुजर सकते हैं, यह हमें ब्लू व्हेल गेम बता चुका है.
कहा जा रहा है कि ग्रेटर नोएडा के इस सनसनीखेज दोहरे हत्याकांड की स्क्रिप्ट भी ऐसे ही गेम में लिखी हुई थी. हलांकि हाईस्कूल गैंगस्टर नाम का यह इंटरनेट गेम किसी को ऐसी हिंसा के लिए उकसाने वाला हो इस पर पुलिस को शक है. पुलिस को आस पड़ोस और स्कूल से पूछताछ के दौरन यह भी पता चला है कि आरोपी गुस्सैल व्यवहार वाला है और छोटी छोटी बातों पर भी कई बार झगड़े कर चुका है.
लेकिन क्या ये गुस्सा इतना जहरीला हो सकता है कि अपनी मां और बहन की जान ले ले, वह भी बैट से पीट-पीटकर. कोई यकीन नहीं कर पा रहा है, न परिवार न आस पड़ोस और न ही पुलिस.
आरोपी बेटे की गिरफ्तारी और उसके जुर्म कबूल करने के बाद ग्रेटर नोएडा में मां-बेटी के कत्ल की गुत्थी सुलझती नजर आ रही है. उसने पूछताछ में अपनी मां और बहन के कत्ल की बात कबूल कर ली है. शुक्रवार की रात पुलिस ने वारदात के बाद से फरार चल रहे अंजलि के बेटे को वाराणसी से बरामद किया.
पुलिस ने बताया कि बच्चे की उसके मोबाइल के आधार पर लास्ट लोकेशन पहाड़गंज थी. पहाड़गंज से फिर वह ट्रेन पकड़कर मुगलसराय चला गया. वहां से उसने शुक्रवार की सुबह किसी के फोन से अपने पिता को फोन किया. पिता ने फौरन पुलिस को इसकी जानकारी दी.
इसके बाद एक पुलिस टीम फौरन हवाई जहाज से वाराणसी के लिए रवाना हुई. शुक्रवार की दोपहर को बच्चे ने किसी दूसरे व्यक्ति के फोन से दोबारा अपने पिता को कॉल किया. जिस नंबर से फोन किया उस पर पुलिस ने कॉल कर फोन के मालिक को बताया कि इस लड़के की तलाश की जा रही है, उस पर नजर रखें और पुलिस को लोकेशन बताएं.
उस व्यक्ति की मदद से नोएडा पुलिस ने बच्चे को दशाश्वमेध घाट के पास घूमते हुए पकड़ लिया. उस वक्त बच्चा पूरी तरह नॉर्मल था. बच्चे के पास से पुलिस ने मृतका अंजली का मोबाइल भी बरामद कर लिया. पकड़ में आने के बाद जब पुलिस ने लड़के से पूछताछ की तो उसने अपनी मां और बहन के कत्ल की बात कबूल कर ली.
वहीं आरोपी बच्चे के पिता ने बताया कि उन्हें उनके बेटे ने मुगलसराय से फोन किया था, जिसकी जानकारी उन्होंने तुरंत पुलिस को दी और पुलिस उसे ढूंढने में कामयाब रही. पत्नी-बेटी की मौत से दुखी आरोपी बच्चे के पिता ने कहा कि वह अभी ज्यादा कुछ बोलने की स्थिति में नहीं हैं और बेटे से बात करने के बाद ही कुछ बता पाएंगे.
नोएडा पुलिस के सूत्रों के मुताबिक बच्चे ने ही दोनों कत्ल किए थे. पुलिस के मुताबिक कत्ल करने की वजह क्राइम फाइटर गेम को बताया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक लड़के ने बैट से दोनों की पीट-पीट कर हत्या की थी. अब पुलिस शनिवार को उसे लेकर नोएडा आ रही है.
इससे पहले देर शाम नोएडा के एसएसपी लव कुमार ने 'आजतक' को बताया था कि मृतका के परिवार, दोस्तों, इलाके के लोगों और स्कूल में स्टाफ, स्टूडेंट्स से पूछताछ करने पर पता चला है कि अंजलि का बेटा अग्रेसिव प्रवृत्ति का है. उसे गुस्सा ज्यादा आता है. उनके सोशल मीडिया के माध्यम से हर रेलवे स्टेशन, मेट्रो स्टेशन, बस स्टैंड और एनसीआर सहित पूरे देश में उसे तलाश किया जा रहा था.
गौरतलब है कि बीते मंगलवार की रात ग्रेटर नोएडा के गौर सिटी टू के टावर जी के फ्लैट नंबर 1446 में लगे ताले को जब तोड़ा गया तो उसमें खून से सनी मां-बेटी की लाश मिली थी. दोनों की इस बेरहमी से हत्या की गई कि देखने वाले सन्न रह गए थे. जब ये वारदात हुई तो घर में कुल तीन लोग थे. मां, बेटी और बेटा. मगर दरवाज़ा खुला तो लाश सिर्फ मां और बेटी की मिली बेटा गायब था.
दोनों लाशों के पास ही एक बैट पड़ा हुआ मिला था, जिस पर खून के निशान थे. पुलिस को मौके से एक धारदार हथियार भी मिला था. मगर नहीं मिला तो 15 साल का बेटा. तब तक तो ऐसा ही लग रहा था कि जैसे किसी ने मां-बेटी की हत्या की और बेटे को किडनैप कर लिया है.
दरअसल वो फ्लैट अग्रवाल फैमिली का है. जिनका टाइल्स का कारोबार है. 4 तारीख की शाम से परिवार के लोग घर मे मौजूद मां और बच्चों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन जब कई घंटों तक कोई संपर्क नही हुआ तब उन्होंने घर के पास रह रहे रिश्तेरदारों से संपर्क साधा.
जब रिश्तेदार घर पहुंचे. तब फ्लैट बाहर से बंद था और न्यूज़पेपर बाहर पड़ा था. उन्होंने खिड़की तोड़ कर अंदर झांका तो उन्हें मां अंजली और बेटी की लाश नजर आई, जिसके पास पुलिस को सूचना दी गई थी. लड़के के मामा ने भी मीडिया से बातचीत के दौरान अपील की कि इस तरह के मोबाइल गेम बंद होने चाहिए, जिससे किसी की जान चली जाए. |
जम्मू कश्मीर बोर्ड ऑफ प्रोफेशनल एंट्रेंस एग्जामिनेशन ने बीएड स्पेशल एग्जामिनेशन के नतीजे जारी कर दिए हैं. उम्मीदवार ऑफिशियल वेबसाइट पर जारी कर सकते हैं.
रिजल्ट देखने के लिए उम्मीदवारों को ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा. यहां दिए गए 'B.Ed. Kashmir/Special Result Declared' पर क्लिक करने के बाद आप नतीजे देख सकते हैं.
यह परीक्षा 13 मार्च 2016 को आयोजित हुई थी. |
अंशी राष्ट्रीय उद्यान (कन्नड़: ಅಣಶಿ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಉದ್ಯಾನ) भारत में कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ ज़िले में गोवा राज्य की सीमा पर स्थित है। अन्य विशिष्ट पशुवर्ग के अलावा यह पार्क बंगाल बाघ, काले तेंदुए और भारतीय हाथियों का निवास स्थान है।
डांडेली-अंशी टाइगर रिज़र्व
यह उल्लेखनीय है कि अंशी राष्ट्रीय उद्यान और डांडेली वन्यजीव अभयारण्य को साथ में प्रोजेक्ट टाइगर के अंतर्गत टाइगर रिजर्व का दर्जा प्रदान किया गया और ८१४.८८४ वर्ग किलोमीटर वाले इस इलाके को सन् २००८ में डांडेली-अंशी टाइगर रिज़र्व के रूप में घोषित किया गया। ३४० वर्ग कि॰मी॰ (१३० वर्ग मील) वाला अंशी राष्ट्रीय उद्यान डांडेली वन्यजीव अभयारण्य के साथ लगा हुआ है और गोवा और महाराष्ट्र राज्यों में छः संलग्न संरक्षित क्षेत्रों के साथ, यह लगभग २२०० से अधिक वर्ग कि॰मी॰ (८५० वर्ग मील) का एक निर्बाध संरक्षित वन क्षेत्र है।
अंशी राष्ट्रीय उद्यान कर्नाटक के कारवार नगर से उत्तरपूर्व में स्थित है यह पार्क डंडेली वन्य जीव अभयारण्य से मिलकर अंशी–डंडेली कुंज का निर्माण करते हैं जो एक टाइगर रिजर्व क्षेत्र के रुप में संरक्षित है यह पार्क मलनाड श्रृंखला (पश्चिमी घाट) का ही हिस्सा है
विस्तार
Student
सन्दर्भ
बाहरी कडियाँ
राष्ट्रीय उद्यान, भारत
भारत के वन्य अभयारण्य
भारत के राष्ट्रीय उद्यान |
चुनाव में मतदाता की उंगली पर लगाई जाने वाली अमिट स्याही अब पुराने नोट बदलने के लिए बैंक पहुंचने वाले लोगों की उंगली पर भी लगाई जाएगी. कल से यह अमिट स्याही 500 और 1,000 का नोट बदलने आए लोगों के दाएं हाथ की उंगली पर लगाई जाएगी, जिससे बैंकों में भीड़ को कम किया जा सके.
वित्त मंत्रालय का आकलन है कि बैंकों के काउंटरों पर भीड़ इसलिए बढ़ रही है क्योंकि कई लोग बार-बार पुराने नोट बदलने आ रहे हैं.
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘वैसे सामान्य तौर पर यह स्याही चुनाव में वोट डालने आए मतदाता के बाएं हाथ की उंगली पर लगाई जाती है. चूंकि कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं ऐसे में बाएं हाथ की उंगली पर स्याही लगाने से अनावश्यक परेशानी खड़ी हो जाएगी. ऐसे में यह फैसला किया गया है कि यह स्याही दाएं हाथ की उंगली पर लगाई जाए.’’ मैसूर पेंट्स एंड वार्निश लि. द्वारा विनिर्मित यह स्याही आज रात से बैंकों और डाकघरों को उपलब्ध होगी. यही कंपनी 1962 से चुनाव आयोग को स्याही की आपूर्ति कर रही है.
अधिकारी ने बताया कि प्रमुख शहरों में बैंक नोट बदलने आए लोगों की दाएं हाथ की उंगली पर यह स्याही लगाना शुरू करेंगे. टिप्पणियां
इसके अलावा आर्थिक मामलों के विभाग तथा वित्तीय सेवा विभाग के अधिकारियों की समिति स्याही लगाने के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया तैयार कर रही है. इसके अलावा भीड़ के प्रबंधन के लिए भी अतिरिक्त उपाय किए जा रहे हैं.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
वित्त मंत्रालय का आकलन है कि बैंकों के काउंटरों पर भीड़ इसलिए बढ़ रही है क्योंकि कई लोग बार-बार पुराने नोट बदलने आ रहे हैं.
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘वैसे सामान्य तौर पर यह स्याही चुनाव में वोट डालने आए मतदाता के बाएं हाथ की उंगली पर लगाई जाती है. चूंकि कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं ऐसे में बाएं हाथ की उंगली पर स्याही लगाने से अनावश्यक परेशानी खड़ी हो जाएगी. ऐसे में यह फैसला किया गया है कि यह स्याही दाएं हाथ की उंगली पर लगाई जाए.’’ मैसूर पेंट्स एंड वार्निश लि. द्वारा विनिर्मित यह स्याही आज रात से बैंकों और डाकघरों को उपलब्ध होगी. यही कंपनी 1962 से चुनाव आयोग को स्याही की आपूर्ति कर रही है.
अधिकारी ने बताया कि प्रमुख शहरों में बैंक नोट बदलने आए लोगों की दाएं हाथ की उंगली पर यह स्याही लगाना शुरू करेंगे. टिप्पणियां
इसके अलावा आर्थिक मामलों के विभाग तथा वित्तीय सेवा विभाग के अधिकारियों की समिति स्याही लगाने के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया तैयार कर रही है. इसके अलावा भीड़ के प्रबंधन के लिए भी अतिरिक्त उपाय किए जा रहे हैं.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘वैसे सामान्य तौर पर यह स्याही चुनाव में वोट डालने आए मतदाता के बाएं हाथ की उंगली पर लगाई जाती है. चूंकि कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं ऐसे में बाएं हाथ की उंगली पर स्याही लगाने से अनावश्यक परेशानी खड़ी हो जाएगी. ऐसे में यह फैसला किया गया है कि यह स्याही दाएं हाथ की उंगली पर लगाई जाए.’’ मैसूर पेंट्स एंड वार्निश लि. द्वारा विनिर्मित यह स्याही आज रात से बैंकों और डाकघरों को उपलब्ध होगी. यही कंपनी 1962 से चुनाव आयोग को स्याही की आपूर्ति कर रही है.
अधिकारी ने बताया कि प्रमुख शहरों में बैंक नोट बदलने आए लोगों की दाएं हाथ की उंगली पर यह स्याही लगाना शुरू करेंगे. टिप्पणियां
इसके अलावा आर्थिक मामलों के विभाग तथा वित्तीय सेवा विभाग के अधिकारियों की समिति स्याही लगाने के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया तैयार कर रही है. इसके अलावा भीड़ के प्रबंधन के लिए भी अतिरिक्त उपाय किए जा रहे हैं.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अधिकारी ने बताया कि प्रमुख शहरों में बैंक नोट बदलने आए लोगों की दाएं हाथ की उंगली पर यह स्याही लगाना शुरू करेंगे. टिप्पणियां
इसके अलावा आर्थिक मामलों के विभाग तथा वित्तीय सेवा विभाग के अधिकारियों की समिति स्याही लगाने के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया तैयार कर रही है. इसके अलावा भीड़ के प्रबंधन के लिए भी अतिरिक्त उपाय किए जा रहे हैं.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इसके अलावा आर्थिक मामलों के विभाग तथा वित्तीय सेवा विभाग के अधिकारियों की समिति स्याही लगाने के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया तैयार कर रही है. इसके अलावा भीड़ के प्रबंधन के लिए भी अतिरिक्त उपाय किए जा रहे हैं.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
मशहूर उद्योगपति गौतम अडाणी परिवार के कारोबारों में से एक
अडाणी
विल्मर पर रायपुर में छापा पड़ा है. यह छापा मिस ब्रांडिंग और भ्रामकता के संदेह के चलते राज्य के फ़ूड एंड एडल्ट्रेशन डिपार्टमेंट ने डाला है. प्राथमिक कार्रवाई में विभाग ने अडाणी विल्मर के ब्रांडेड खाने के तेल की बड़ी खेप अपने कब्जे में ली है.
विभाग के मुताबिक जब्त किए गए खाद्य तेल की अनुमानित कीमत तीन करोड़ साठ लाख रुपये के करीब बताई जा रही है. फूड एंड एडल्ट्रेशन डिपार्टमेंट के कमिश्नर अश्विनी देवांगन के मुताबिक मिस ब्रांडिंग की एक गोपनीय शिकायत के बाद यह कार्यवाही की गई है. फिलहाल जब्त किए गए खाद्य तेल के सैम्पल को जांच के लिए लैबोरेटरी भेजा गया है.
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए रायपुर के रिंग रोड नंबर-वन स्थित
अडाणी
विल्मर के गोदाम में छापा मारा. इस कार्यवाही में फूड एंड एडल्ट्रेशन डिपार्टमेंट की आठ सदस्यीय टीम ने फॉर्चून, सोया, राइस ब्रांड के तेल के 26,399 पैकेट, पाउच व टिन जब्त किए है. जब्त किए गए तेल की कीमत करीब तीन करोड़ 60 लाख रुपये आंकी गई है.
हालांकि अभी इसकी रिपोर्ट आना बाकी है. उनके मुताबिक खाद्य तेल की जब्ती की कार्रवाई सोमवार देर रात की गई. फूड एंड एडल्ट्रेशन डिपार्टमेंट के असिस्टेंट कमिश्नर अश्वनी देवांगन के मुताबिक राज्य के विभिन्न शहरों में नकली और मिलावटी तेल की रीपैकिंग ब्रांडेड कंपनियों के नाम से की जा रही है. इसे लेकर कई उपभोगताओं ने विभाग को शिकायत की थी. लिहाजा संदेह के आधार पर कई कंपनियों के गोदामों का परिक्षण किया जा रहा है. |
बीजेपी ने रामलीला मैदान में किए गए पुलिसिया दमन के खिलाफ कड़ा विरोध जताते हुए फिर से केंद्र सरकार पर हमला बोला है.
भाजपा ने कहा कि संप्रग सरकार ‘ढांचागत अंतर्विरोध एवं अहंकार’ के बोझ से चरमराती जा रही है और इसके चलते यह 2014 तक के अपने निर्धारित कार्यकाल से पहले ही डूब सकती है.
पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने ‘संप्रग सरकार की असफलताएं’ विषय पर आयोजित गोष्ठी में कहा, ‘संप्रग सरकार ढांचागत अंतर्विरोध से जूझ रही है. यह दुनिया की शायद पहली सरकार है जिसका प्रधानमंत्री प्रमुख सत्तारूढ़ दल का स्वाभाविक नेता नहीं है, बल्कि एक परिवार उसे कंपनी के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में प्रयोग कर रहा है.’
उन्होंने कहा कि संप्रग का ढांचागत अंतर्विरोध यह है कि इसके प्रधानमंत्री के पास पद है लेकिन अधिकार नहीं. दूसरी ओर जिस परिवार के पास अधिकार हैं उसकी जवाबदेही नहीं है. इसीलिए अधिकारों का इस्तेमाल करने वाला यह परिवार उपलब्धियों का श्रेय खुद ले लेता है और सारी गड़बड़ियों के लिए अन्य को जवाबदेह बनाता है.
सरकार पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि इसकी कार्यशैली में अंहकार दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है और डर है कि कहीं यह अंहकार इसे 2014 से पहले ही न ले डूबे. इसका ढांचा दिनों दिन चरमराता जा रहा है.’
सोनिया गांधी को निशाना बनाते हुए जेटली ने कहा कि इस अंतर्विरोधी ढांचे में एक गुमान यह है भी है कि सोनिया या उनका परिवार कभी गलती कर ही नहीं सकता है और यही सोच सबसे बड़ी गलती है. भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशनरत बाबा रामदेव के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए जेटली ने कहा कि योग गुरु से निपटने को लेकर भी सरकार में अंतर्विरोध दिखाई दिया.
वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी का गुट उनसे बातचीत के जरिए समाधान चाहता था जबकि गृह मंत्री पी चिदंबरम वाला ‘अंहकारी गुट’ बल प्रयोग के जरिए. चिदंबरम की कार्यशैली की आलोचना करते हुए भाजपा महासचिव ने कहा, 'चिदंबरम खुद को इस सरकार का ही नहीं, बल्कि दुनिया का सबसे बुद्धिमान व्यक्ति मानते हैं.' संप्रग सरकार को ‘बिना शीर्ष नेतृत्तव वाला यानी हेडलेस चिकन’ बताते हुए उन्होंने कहा कि इसमें प्रधानमंत्री दिनों दिन पहले से अधिक अदृश्य होते जा रहे हैं. |
पंजाब के गुरुदासपुर जिले में स्थित ऐतिहासिक कस्बे डेरा बाबा नानक में आठ नवंबर, 2019 से अगले चार दिनों तक प्रतिदिन हजारों तीर्थयात्रियों के आने का अनुमान है. बता दें, तीर्थयात्रियों के ठहरने के लिए करीब 30 एकड़ जमीन को सभी जरूरी सुविधाओं से युक्त एक तंबुओं की नगरी में बदल दिया गया है. इसकी क्षमता प्रतिदिन करीब 3,500 लोगों की है. सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के अवसर पर आने वाले इन तीर्थयात्रियों के स्वागत के लिए पूरी तैयारी की गई है. तीर्थयात्रियों के ठहरने के लिए यूरोपीय शैली के 544 तंबू, 100 स्विस कॉटेज और 20 दरबार शैली के तंबू लगाए गए हैं. तंबू नगरी परियोजना की लागत 4.2 करोड़ रुपए है.
बता दें, राज्य सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को तंबू नगरी और मुख्य तंबू का निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं को लेकर संतुष्टि जताई. बयान में कहा गया कि मुख्य तंबू में 30,000 तीर्थयात्रियों को ठहराने का इंतजाम है. डेरा बाबा नानक उत्सव आठ नवंबर से 11 नवंबर तक चलेगा.
वहीं मुख्यमंत्री ने पीने के पानी और लंगर सहित जनसुविधाओं के इंतजाम का भी निरीक्षण किया. लंगर हाल में एक बार में 1500 लोग भोजन कर सकते हैं. इसके लिए रसोई में आधुनिक सुविधाओं से युक्त उपकरण लगाए गए हैं. बता दें, इस उत्सव में शामिल होने के लिए पंजीकरण निशुल्क है और इसे ऑनलाइन या ऑफलाइन किया जा सकता है. ऑनलाइन बुकिंग शनिवार से शुरू होंगी. |
यह एक लेख है: तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता ने दयानिधि मारन के केंद्रीय कपड़ा मंत्री पद से इस्तीफे को लंबे समय से अपेक्षित करार देते हुए गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उनसे बहुत पहले ही इस्तीफा ले लेना चाहिए था। जयललिता ने कहा, यह लंबे समय से अपेक्षित था। प्रधानमंत्री को बहुत पहले ही उनसे उनका इस्तीफा ले लेना चाहिए था। मारन के इस्तीफे देने अथवा प्रधानमंत्री को उन्हें हटाने की पहले ही मांग करने वाली अन्नाद्रमुक प्रमुख जयललिता ने यह बात 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले मामले में मारन के पद छोड़ने पर संवाददाताओं के प्रश्नों का जवाब देते हुए कही। यह पूछे जाने पर कि क्या यह द्रमुक का अंत है क्योंकि पार्टी का एक और शीर्ष नेता 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की भेंट चढ़ गया है, जयललिता ने तमिलनाडु में गत 13 अप्रैल को हुए विधानसभा चुनाव में द्रमुक की हार की ओर संकेत करते हुए कहा, जनता ने द्रमुक का अंत पहले ही तय कर दिया है। यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी सरकार मारन के भाई और मीडिया उद्योगपति कलानिधि मारन एवं उनके नजदीकी सन पिक्चर्स के सीओओ हंसराज सक्सेना के खिलाफ शिकायतों पर कार्रवाई करेगी, जयललिता ने कहा, निश्चित रूप से। |
सत्रीया नृत्य (असमिया: সত্ৰীয়া নৃত্য), भारत की आठ मुख्य शास्त्रीय नृत्य परम्पराओं में से एक है। यह नृत्य असम का शास्त्रीय नृत्य है।वर्ष 2000 में इस नृत्य को भारत के आठ शास्त्रीय नृत्यों में सम्मिलित होने का गौरव प्राप्त हुआ। इस नृत्य के संस्थापक महान संत श्रीमन्त शंकरदेव हैं। शंकरदेव ने सत्त्रिया नृत्य को अंकिया नाट (शंकरदेव द्वारा तैयार किया एक असमिया अधिनियम नाटकों का एक रूप) के लिए एक संगत के रूप में बनाया था। यह नृत्य सत्र नामक असम के मठों में प्रदर्शन किया गया था। यह परंपरा विकसित हुइ और बढ़ी सत्रों के भीतर और यह नृत्य रूप सत्त्रिया नृत्य कहा जाने लगा।
नृत्य
सत्त्रिया नृत्य का मूल आमतौर पर पौराणिक कहानियों होती हैं। यह एक सुलभ, तत्काल और मनोरंजक तरीके से लोगों को पौराणिक शिक्षाओं को पेश करने का एक कलात्मक तरीका था। परंपरागत रूप से, यह नृत्य केवल मठों में 'भोकोट' (पुरुष भिक्षुओं) द्वारा, अपने दैनिक अनुष्ठान के एक भाग के रूप में या विशेष त्योहारों को चिह्नित करने के लिए, प्रदर्शन किया जाता था। आज सत्त्रिया नृत्य केवल पौराणिक विषयों तक सीमित नहीं हैं और दोनो पुरुषों और महिलाओं द्वारा मंच पर प्रदर्श्न किया जाता है।
सत्त्रिया नृत्य कई पहलुओं में विभाजित है जैसे कि: अप्सरा नृत्य, बेहार नृत्य, छली नृत्य, दसावतारा नृत्य, मंचोक नृत्य, नातौ नृत्य, रसा नृत्य, राजघारिया छली नृत्य, गोसाई प्रबेश, बार प्रबेश, झूमूरा, नाडू भंगी और सुत्रधरा। भारतीय शास्त्रीय नृत्य के अन्य सात स्कूलों की तरह, सत्त्रिया नृत्य में भी शास्त्रीय नृत्य शैली के लिए आवश्यक सिद्धांते शामिल हैं : नृत्य और नाट्य शास्त्र के ग्रंथ जैसे कि नाट्याशास्त्रा, अभिनया दर्पणा और संगीत रत्नाकारा; एक विशिष्ट प्रदर्शनों की सूची और नृतता (शुद्ध नृत्य), नृत्य (अर्थपूर्ण नृत्य) और नाट्य (अभिनय) के पहलुओं को अभिनय में शामिल करते हैं।
इतिहास
यह नृत्य कला ५०० से अधिक वर्षों से चली आ रही परंपरा हैं। यह नृत्य असम की वैष्णव मठों, जो की सत्रा के नाम से जाना जाता है, की परंपरा हैं। यह मूल रूप से पौराणिक नृत्य नाटक के रूप में ब्रह्मचारी भिक्षुओं द्वारा अभ्यास किया था। ये नृत्य नाटक, मुख्य रूप से, असमिया वैष्णव संत और समाज सुधारक श्रीमनता सन्करदेव और उनके प्रमुख शिष्य माधवदेव द्वारा लिखित और किया गया था। ये ज्यादातर १६ वीं सदी के दौरान लिखे गये थे। इस नृत्य कला को पेहले केवल पुरुषों द्वारा प्रदर्शित किया गया था लेकिन अब यह महिला नर्तकियों द्वारा भी किया जाता है। १५ नवम्बर २००० में संगीत नाटक अकादमी ने सत्त्रिया नृत्य को भारत के शास्त्रीय नृत्य रूपों में से एक के रूप में मान्यता दे दी है।
सत्त्रिया नृत्य का प्रसार
इन वर्षों में, सत्त्रिया नृत्य को असम राज्य के बाहर और भारत से बाहर दोनों में अधिक से अधिक स्वीकृति और संरक्षण प्राप्त हुआ है।
नृत्य के प्रमुख प्रतिपादक
बापुराम बरबायान अतैई
मनिराम डटा मुकतियार बरबायान
गहन चंद्रा गोस्वामी
जीबेश्वर गोस्वामी
प्रदीप चलीहा
ललित चंद्रा नाथ ओझा
गोपीराम/गुपीराम बरगयन
रामेश्वर सैकिया
हरीचरण सैकिया
कोशा काँटा देवा गोस्वामी
आनंदा मोहन भगवती
गुणकँता डटा बरबायान
प्रभात शर्मा
जतीन गोस्वामी
परमान्दा बरबायान
माणिक बरबायान
घनकन्ता बोरा बरबायान
जिबनजीत डटा
टांकेश्वर हज़ारीका बरबायान
मूही कांत बोरह गायन बरबायान
भाबनांदा बरबायान
संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार के प्राप्तकर्ता
मनिराम डटा मुकतियार बरबायान (1963)
बापुराम बरबायान अतैई (1978)
रोसेश्वर सैकिया बरबायान (1980)
इंदिरा पी. पी. बोरा (1996)
प्रदीप चलीहा (1998)
परमान्दा बरबायान (1999 - 2000)
घनकन्ता बोरा बरबायान (2001)
जतिन गोस्वामी (2004)
गुणकँता डटा बरबायान (2007)
माणिक बरबायान (2010)
रामकृष्ण तालुकदार (2017)
सन्दर्भ
इन्हें भी देखें
भाओना
सत्र
असम की संस्कृति |
बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) की करण जौहर (Karan Johar) और आदित्य चोपड़ा (Aditya Chopra) के साथ बॉन्डिंग जगजाहिर है, और जब भी शाहरुख खान इन दिग्गज डायरेक्टरों के साथ आते हैं तो बॉक्स ऑफिस पर हंगामा बरपा जाते हैं. हाल ही में बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) ने ट्वीट के जरिये कहा है कि फिल्मकार करण जौहर और आदित्य चोपड़ा ने उनके हर उस सपने को पूरा किया है जिन्हें वह देखा करते थे. इस तरह शाहरुख खान ने दोनों दिग्गज डायरेक्टरों को लेकर ट्वीट किया है और उनका ये ट्वीट खूब वायरल भी हो रहा है.
Dreamers r good. But if those dreams r not given a direction they mean nothing.These 2 fulfilled every dream I had,over & above every dream they had for themselves.Adi & Karan. Y share this with all? Cos u should know, more important than ur dreams r those who fulfil them for u pic.twitter.com/RzsMRYUMet
शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) ने अपने साथ करण जौहर (Karan Johar) और आदित्य चोपड़ा (Aditya Chopra) के एक कोलाज को शेयर करते हुए इसके कैप्शन में लिखा, 'सपने देखना अच्छी बात है, लेकिन यदि उन्हें सही दिशा नहीं मिलती है तो उनके मायने नहीं रहते हैं. इन दोनों ने मेरे हर उस सपने को पूरा किया जिसे मैंने देखा था और इससे भी ऊपर इन्होंने हर उस सपने को पूरा किया जिसे दोनों ने अपने लिए देखा था.' शाहरुख ने यह भी कहा कि इस तस्वीर को उन्होंने इसलिए साझा किया है क्योंकि ये दोनों फिल्म निर्माता उनकी जिंदगी में अहम स्थान रखते हैं.
शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) 'कुछ कुछ होता है', 'कभी खुशी कभी गम' और 'माई नेम इज खान' जैसी फिल्मों में करण के साथ काम कर चुके हैं. इसके साथ ही शाहरुख 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे', 'जब तक है जान', 'वीर-जारा' और 'रब ने बना दी जोड़ी' सहित कई और मशहूर फिल्मों में आदित्य चोपड़ा संग काम कर चुके हैं. शाहरुख को आखिरी बार आनंद एल. राय की फिल्म 'जीरो' में देखा गया था जिसमें उनके साथ अनुष्का शर्मा और कैटरीना कैफ भी थीं. |
हिमाचल प्रदेश में चुनाव जीतने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है. भाजपा ने आज हिमाचल के लिए अपना घोषणापत्र जारी कर दिया. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हिमाचल के लिए विजन डॉक्युमेंट जारी किया. अपने चुनावी घोषणापत्र में भाजपा ने माफिया और भ्रष्टाचार को दूर कर राज्य में सुशासन लाने का वादा किया है.
वीरभद्र सिंह सरकार पर निशाना
जेटली ने कहा कि कुछ चीजें जो विजन डॉक्युमेंट में छूट गई हैं, वे हमारे राष्ट्रीय विजन डॉक्युमेंट में हैं. इससे पहले अरुण जेटली ने
वीरभद्र सिंह
की सरकार पर जमकर निशाना साधा. जेटली ने कहा कि यहां पूरा कार्यकाल के दौरान लीडरशिप में ही असुरक्षा बनी रही. खुद को बचाने के लिए सभी को परेशान करना कांग्रेस का मकसद रहा है. सरकार शब्द का महत्व होता है. वो मजाक का केंद्र नहीं हो सकता. जेटली ने कहा कि हिमाचल एक पर्यटन राज्य है. इसलिये स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार का केंद्र भी है. भाजपा इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए अपने चुनावी घोषणा पत्र को जारी किया है.
सरकार हमारी बनेगी, 10 साल करेंगे काम
उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि
हिमाचल
में हमारी सरकार बनेगी. हमें 10 साल का काम करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि शायद ही कभी हिमाचल को केंद्र से इतनी मदद मिली हो. हिमाचल को नेशनल स्तर के कई संस्थान मिले हैं. केंद्र ने कभी भेदभाव नहीं किया. यह नहीं देखा कि राज्य में किसकी सरकार है.
सीएम के चेहरे पर कमेटी लेगी निर्णय
सीएम के चहरे को लेकर उन्होंने कहा कि हिमाचल में कई वरिष्ठ और अनुभवी नेता हैं. जल्द ही कमेटी निर्णय लेगी.
ये हैं चुनावी वादे
हेलि एंबुलेंस की सुविधा शुरू की जाएगी
शिक्षा की गुणवत्ता में करेंगे सुधार, युवाओं के पूरे होंगे सपने
लैपटॉप औऱ टैबलेट छात्रों के लिए, एक जीबी डाटा फ्री
किसानों और बागवानों की उन्नति को मिले आकार
बागवानी विश्वविद्यालय की स्थापना
पर्यटन बने विकास का आधार
नए पर्यटन स्थल होंगे विकसित
नए गांवों में खुलेंगे होम स्टे
देवभूमि दर्शन सर्किट की स्थापना
अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य पर्यटन केंद्र बनाए जाएंगे
नारी की रक्षा एवं वरिष्ठ नागरिकों का सत्कार
गुड़िया योजना में 24*7 महिला पुलिस की तैनाती
सशक्त स्त्री केंद्र की स्थापना
60 साल के ऊपर के लोगों को सामाजिक सुक्षा पेंशन औऱ निशुल्क चार धाम की यात्रा
हर वर्ग को मिलेगा अपना अधिकार
2022 तक हर गरीब को छत
बीपीएल परिवार को स्नातक तक निशुल्ख शिक्षा
न्यूनतम दिहाड़ी में होगी वृद्धि
कल से अमित शाह दौरे पर
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह कल से मिशन हिमाचल पर जाएंगे. शाह इस दौरान 10 से अधिक सभाएं करेंगे. सोमवार को बनीखेत, चलवार और मंगलवार को टोकी और राजगढ़ में सभा करेंगे.
9 नवंबर को हिमाचल में मतदान
बता दें कि हिमाचल प्रदेश के लिए विधानसभा चुनावमतदान 9 नवंबर को होगा. 68 सदस्यीय हिमाचल विधानसभा के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 23 अक्टूबर थी. हिमाचल प्रदेश में सभी 7,521 मतदान केंद्रों पर VVPAT वाली वोटिंग मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा और सभी पोलिंग बूथों की वीडियोग्राफी होगी. |
अम्बिकापुर (Ambikapur) भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के सरगुजा ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। इसका नाम हिन्दू देवी अम्बिका के नाम पर रखा गया है। जनश्रुतियों के अनुसार अम्बिकापुर का पुराना नाम बैकुण्ठपुर था। सरगुजा जिले की अन्य बस्तियां हैं - उदयपुर,लखनपुर, सीतापुर, बतौली, नरबदापुर, कमलेश्वरपुर, लुण्ड्रा, रघुनाथपुर इत्यादि।
विवरण
अम्बिकापुर में महामाया देवी का मंदिर है। इस मंदिर की काफी मान्यता है। पहले लोग यहां अपनी मनता पूरी होने पर देवी को बकरे की बलि अर्पित किया करते थे। लेकिन अब यह परंपरा काफी कम हो गई है। यह स्थानीय बोली सरगुजिया है। आदिवासी क्षेत्र होने का कारण यह बरसों से उपेक्षित रहा है। छत्तीसगढ़ एक अलग राज्य बनने के बाद यहां भी विकास होने लगा है। सरगुजा ज़िला की सीमाएँ उड़ीसा, झारखण्ड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को छूती हैं।
स्थापना
अंबिकापुर पर स्थित है। इस जिले की स्थापना 1 जनवरी 1948 को हुआ था जो 1 नवम्बर 1956 को मध्यप्रदेश राज्य के निर्माण के तहत मध्यप्रदेश में शामिल कर दिया गया। उसके बाद 25 मई 1998 को इस जिले का प्रथम प्रशासनिक विभाजन करके कोरिया जिला बनाया गया। जिसके बाद वर्तमान सरगुजा जिला का क्षेत्रफल 16359 वर्ग किलोमीटर है। 1 नवम्बर 2000 जब छत्तीसगढ राज्य मध्यप्रदेश से अलग हुआ तब सरगुजा जिले को छत्तीसगढ राज्य में शामिल कर दिया गया।
जलवायु
जलवायु वह भौगोलिक अवस्था है जो समस्त स्थानिय दशाओं को प्रभावित करती है। सरगुजा जिला भारत के मध्य भाग में स्थित है जिसके कारण यहां कि जलवायु उष्ण-मानसुनी है। सरगुजा जिले में जलवायु मुख्यत: तीन ऋतु अवस्थाओं का होता है जो निम्नांकित है।
ग्रीष्म ऋतु
यह ऋतु मार्च से जुन माह तक होती है चूंकि कर्क रेखा जिला के मध्य में प्रतापपुर से होकर गुजरती है इस लिये गर्मीयों में सुर्य की किरणें यहां सीधे पड्ती है इस लिये यहां का तापमान गर्मीयों में उच्च रहता है। इस ऋतु में जिले के पठारी इलाकों में गर्मीयां शीतल एवम सुहावनी होती है। इस दौरान सरगुजा जिले के मैनपाट जिसे छ्त्तीशगढ के शिमला के नाम से भी जाना जाता है, का तापमान अपेक्षाकृत कम होता है जिससे वहां का मौसम भी सुहावना होता है
वर्षाऋतु
यह ऋतु जुलाई से अक्टुबर तक होती है जिले में जुलाई व अगस्त में सर्वाधिक वर्षा होती है। जिले के दक्षीणी क्षेत्र में वर्षा सर्वाधिक होती है। यहां की वर्षा मानसुनी प्रवृति की होती है।
शीतऋतु
इस ऋतु की शुरुवात नवम्बर में होती है और फरवरी माह तक रहती है जनवरी यहां का सबसे ठंड का महिना होता है जिले के पहाडी इलाकों जैसे मैनपाट, सामरीपाट में तापमान 5 0 से कम चला जता है। कभी कभी इन इलाकों में पाला भी पड़ता है।
दर्शनीय स्थल
चेन्द्रा ग्राम
अम्बिकापुर- रायगढ राजमार्ग पर 15 किमी की दूरी पर चेन्द्रा ग्राम स्थित है। इस ग्राम से उत्तर दिशा में तीन कि॰मी॰ की दूरी एक जल प्रपात स्थित है। इस जलप्रपात के पास ही वन विभाग का एक नर्सरी है, जहां विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधों को रोपित किया गया है। इस जल प्रपात में वर्षभर पर्यटक प्राकृतिक सौन्दर्य का आनंद लेने आते हैं। यहां पर एक तितली पार्क भी विकसित किया जा रहा है।
ठिनठिनी पत्थर
अम्बिकापुर नगर से 12 किलोमीटर की दूरी पर दरिमा हवाई अड्डा है। दरिमा हवाई अड्डे के पास बड़े - बड़े पत्थरों का समूह है। इन पत्थरों को किसी ठोस चीज से ठोकने पर आवाजें आती हैं। सर्वाधिक आश्चर्य की बात तो यह है कि ये आवाजें विभिन्न धातुओं की आती हैं। इनमें से किसी - किसी पत्थर से तो खुले बर्तन को ठोकने के समान आवाज आती है। इस पत्थरों में बैठकर या लेटकर बजाने से भी इसके आवाज में कोई अंतर नहीं पड़ता है। एक ही पत्थर के दो टुकड़े अलग-अलग आवाज पैदा करते हैं। इस विलक्षणता के कारण इस पत्थरों को अंचल के लोग ठिनठिनी पत्थर कहते हैं।
सतमहला
अम्बिकापुर के दक्षिण में लखनपुर से लगभग दस कि॰मी॰ की दूरी पर कलचा ग्राम स्थित है, यहीं पर सतमहला नामक स्थान है। यहां सात स्थानों पर महलों के भग्नावशेष हैं। एक मान्यता के अनुसार यहां पर प्राचीन काल में सात विशाल शिव मंदिर थे, जबकि जनजातियों के अनुसार इस स्थान पर प्राचीन काल में किसी राजा का सप्त प्रांगण महल था। यहां पर दर्शनीय स्थल शिव मंदिर, षटभुजाकार कुंआ और सूर्य प्रतिमा है।
महामाया मन्दिर
सरगुजा जिले के मुख्यालय अम्बिकापुर के पूर्वी पहाड़ी पर प्राचीन महामाया देवी का मंदिर स्थित है। इन्हीं महामाया या अम्बिका देवी के नाम पर जिला मुख्यालय का नामकरण अम्बिकापुर हुआ है। एक मान्यता के अनुसार अम्बिकापुर स्थित महामाया मन्दिर में महामाया देवी का धड़ स्थित है और इनका सिर बिलासपुर जिले के रतनपुर के महामाया मन्दिर में है। इस मन्दिर का निर्माण महाराजा रघुनाथ शरण सिंहदेव ने कराया था। चैत्र व शारदीय नवरात्र में विशेष रूप अनगिनत भक्त इस मंदिर में जाकर पूजा अर्चना करते हैं।
तकिया
अम्बिकापुर नगर के उतर-पूर्व छोर पर तकिया ग्राम स्थित है इसी ग्राम में बाबा मुराद शाह, बाबा मुहम्मद शाह और उन्ही के पैर की ओर एक छोटी मजार उनके तोते की है यहां पर सभी धर्म के एवं सम्प्रदाय के लोग एक जुट होते हैं मजार पर चादर चढाते हैं और मन्नते मांगते है बाबा मुरादशाह अपने "मुराद" शाह नाम के अनुसार सबकी मुरादे पूरी करते हैं। इसी मजार के पास ही एक देवी का भी स्थान है इस प्रकार इस स्थान पर हिन्दू देवी देवता और मजार का एक ही स्थान पर होना धार्मिक एवं सामाजिक समन्वय का जीवंत उदाहरण है।
बिलद्वार गुफा
यह गुफा शिवपुर के निकट अम्बिकापुर से एक घण्टे की दूरी पर है। इसमें अनेक प्राचीन मूर्तियां हैं। इसमें महान नामक एक नदी का पानी निकलता रहता है, वहीं इस नदी का उद्गम भी है। इस गुफा का दूसरा छोर महामाया मंदिर के निकट निकलता है। वर्तमान में बिलद्वार गुफा बन्द हो चुका है क्योंकि कुछ वर्षों पूर्व अम्बिकापुर जिले में बहुंत भयंकर वर्षा के कारण बिलद्वार गुफा के चट्टान धस गए और गुफा मार्ग बंद हो गया।
बांक जल कुंड
अम्बिकापुर से भैयाथान से अस्सी कि.मी की दूरी पर ओडगी विकासखंड है, यहां से 15 किलोमीटर की दुरी पर पहाडियों की तलहटी में बांक ग्राम बसा है। इसी ग्राम के पास रिहन्द नदी वन विभाग के विश्राम गृह के पास अर्द्ध चन्द्राकार बहती हुई एक विशाल जल कुंड का निर्माण करती है। इसे ही बांक जल कुंड कहा जाता है। यह जल कुंड अत्यंत गहरा है, जिसमें मछलियां पाई जाती है। यहां वर्ष भर पर्यटक मछलियों का शिकार करने एवं घुमनें आते हैं।
निकटवर्ती स्थल
सेदम जल प्रपात
अम्बिकापुर- रायगढ मार्ग पर अम्बिकापुर से 45 कि.मी की दूरी पर सेदम नाम का गांव है। इसके दक्षिण दिशा में दो कि॰मी॰ की दूरी पर पहाडियों के बीच एक सुन्दर झरना प्रवाहित होता है। इस झरना के गिरने वाले स्थान पर एक जल कुंड निर्मित है। यहां पर एक शिव मंदिर भी है। शिवरात्री पर सेदम गांव में मेला लगता है। इस झरना को राम झरना के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर्यटक वर्ष भर जाते हैं।
मैनपाट
मैनपाट अम्बिकापुर से 45 किलोमीटर दुरी पर है इसे छत्तीसगढ का शिमला कहा जाता है। मैंनपाट विन्ध पर्वत माला पर स्थित है जिसकी समुद्र सतह से ऊंचाई 3781 फीट है इसकी लम्बाई 28 किलोमीटर और चौड़ाई 10 से 13 किलोमीटर है अम्बिकापुर से मैंनपाट जाने के लिए दो रास्ते है पहला रास्ता अम्बिकापुर-सीतापुर रोड से होकर जाता और दुसरा ग्राम दरिमा होते हुए मैंनपाट तक जाता है। प्राकृतिक सम्पदा से भरपुर यह एक सुन्दर स्थान है। यहां सरभंजा जल प्रपात, टाईगर प्वांइट तथा मछली प्वांइट प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं। मैनपाट से ही रिहन्द एवं मांड नदी का उदगम हुआ है।
इसे छत्तीसगढ का तिब्बत भी कहा जाता हैं। यहां तिब्बती लोगों का जीवन एवं बौध मंदिर आकर्षण का केन्द्र है। यहां पर एक सैनिक स्कूल भी प्रस्तावित है। यह कालीन और पामेरियन कुत्तो के लिये प्रसिद्ध है।
शिवपुर
अम्बिकापुर से प्रतापपुर की दूरी 45 किलोमीटर है। प्रतापपुर से 04 किलोमीटर दूरी पर शिवपुर ग्राम के पास एक पहाडी की तलहटी में अत्यंत मनोरम प्राकृतिक वातावरण में एक प्राचीन शिव मंदिर है। इस पहाडी से एक जलस्त्रोत झरने के रूप में प्रवाहित होता है। यह झरना शिव लिंग पर गंगाधारा के रूप में प्रवाहित होता हुआ नीचे की ओर बहता है। इस मनोरम दृश्य को देखकर आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति होती है। इसे लोक शिवपुर तुर्रा भी कहते हैं। यह स्थान पवित्र माना जाता है एवं जन सामान्य द्वारा पूजित है। यहां पर महाशिव रात्रि पर मेला लगता है। शिवपुर तुर्रा को 1992में शासन द्वारा संरक्षित घोषित किया गया है।
देवगढ
अम्बिकापुर से लखंनपुर 28 किलोमीटर की दूरी पर है एवं लखंनपुर से 10 किलोमीटर की दूरी पर देवगढ स्थित है। देवगढ प्राचीन काल में ऋषि यमदग्नि की साधना स्थलि रही है। इस शिवलिंग के मध्यभाग पर शक्ति स्वरुप पार्वती जी नारी रूप में अंकित है। इस शिवलिंग को शास्त्रो में अर्द्ध नारीश्वर की उपाधि दी गई है। इसे गौरी शंकर मंदिर भी कहते हैं। देवगढ में रेणुका नदी के किनारे एकाद्श रुद्ध मंदिरों के भग्नावशेष बिखरे पडे है। देवगढ में गोल्फी मठ की संरचना शैव संप्रदाय से संबंधित मानी जाती है। इसके दर्शनीय स्थल, मंदिरो के भग्नावशेष, गौरी शंकर मंदिर, आयताकार भूगत शैली शिव मंदिर, गोल्फी मठ, पुरातात्विक कलात्मक मूर्तियां एवं प्राकृतिक सौंदर्य है।यहाँ प्रत्येक वर्ष श्रावण के महीने में शिव लिंग में जलाभिषेक की जाती है। इसके आलावा शिवरात्रि में भी जलाभिषेक की जाती है।
सेमरसोत
1978 में स्थापित सेमरसोत अभयारण्य सरगुजा जिलें के पूर्वी वनमंडल में स्थित है। इसका क्षेत्रफल 430.361 वर्ग कि. मी. है। जिला मुख्यालय अम्बिकापुर से 58 कि॰मी॰ की दूरी पर यह बलरामपुर, राजपुर, प्रतापपुर विकास खंडों में विस्तृत है। अभयारण्य में सेंदुर, सेमरसोत, चेतना, तथा सासू नदियों का जल प्रवाहित होता है। अभयारण्य के अधिकांश क्षेत्र में सेमर सोत नदी बहती है इस लिए इसका नाम सेमरसोत पड़ा। इसका विस्तार पूर्व से पश्चिम 115 कि॰मी॰ और उत्तर से दक्षिण में 20 कि॰मी॰ है। यहां पर शेर, तेन्दुआ, सांभर, चीतल, नीलगाय, वार्किगडियर, चौसिंहा, चिंकरा, कोटरी जंगली कुत्ता, जंगली सुअर, भालू, मोर, बंदर, भेडियां आदि पाये जाते हैं।
तमोर पिंगला
1978 में स्थापित अम्बिकापुर-वाराणसी राजमार्ग के 72 कि. मी. पर तमोर पिंगला अभयारण्य है जहां पर डांडकरवां बस स्टाप है। 22 कि॰मी॰ पश्चिम में रमकोला अभयारण्य परिक्षेत्र का मुख्यालय है। यह अभ्यारंय 608.52 वर्ग कि॰मी॰ क्षेत्रफल पर बनाया गया है जो वाड्रफनगर क्षेत्र उत्तरी सरगुजा वनमंडल में स्थित है। इसकी स्थापना 1978 में की गई। इसमें मुख्यत: शेर तेन्दुआ, सांभर, चीतल, नीलगाय, वर्किडियर, चिंकारा, गौर, जंगली सुअर, भालू, सोनकुत्ता, बंदर, खरगोश, गिंलहरी, सियार, नेवला, लोमडी, तीतर, बटेर, चमगादड, आदि मिलते हैं।
कैलाश गुफा
अम्बिकापुर नगर से पूर्व दिशा में 60 किलोमीटर पर स्थित सामरबार नामक स्थान है, जहां पर प्राकृतिक वन सुषमा के बीच कैलाश गुफा स्थित है। इसे परम पूज्य संत रामेश्वर गहिरा गुरु जी ने पहाडी चटटानो को तराशंकर निर्मित करवाया है। महाशिवरात्रि पर विशाल मेंला लगता है। इसके दर्शनीय स्थल गुफा निर्मित शिव पार्वती मंदिर, बाघ माडा, बधद्र्त बीर, यज्ञ मंड्प, जल प्रपात, गुरूकुल संस्कृत विद्यालय, गहिरा गुरु आश्रम है।
तातापानी
अम्बिकापुर-रामानुजगंज मार्ग पर अम्बिकापुर से लगभग 80 किलोमीटर दूर राजमार्ग से दो फलांग पश्चिम दिशा में एक गर्म जल स्रोत है। इस स्थान से आठ से दस गर्म जल के कुन्ड है। इस गर्म जल के कुन्डो को सरगुजिया बोली में तातापानी कहते हैं। ताता का अर्थ है- गर्म। इन गर्म जलकुंडो में स्थानीय लोग एवं पर्यटक चावल ओर आलु को कपड़े में बांध कर पका लेते है तथा पिकनिक का आनंद उठाते है। इन कुन्डो के जल से हाइड्रोजन सल्फाइड जैसी गन्ध आती है। एसी मान्यता है कि इन जल कुंडो में स्नान करने व पानी पीने से अनेक चर्म रोग ठीक हो जाते हैं। इन दुर्लभ जल कुंडो को देखने के लिये वर्ष भर पर्यटक आते रहते है।
सारासौर
अम्बिकापुर - बनारस रोड पर 40 किलोमीटर पर भैंसामुडा स्थान हैं। भैंसामुडा से भैयाथान रोड पर 15 किलोमीटर की दूरी पर महान नदी के तट पर सारासौर नामक स्थान हैं। यहां पर महान नदी दो पहाडियों के बीच से बहने वाली जलधारा के रूप में देखी जा सकती हैं। इस जलधारा के मध्य एक छोटा टापू है, जिस पर भव्य मंदिर निर्मित है जिंसमे देवी दुर्गा एवं सरस्वती की प्रतिमा स्थापित है। इस मंदिर को गंगाधाम के नाम से जाना जाता है।
लक्ष्मणगढ
अम्बिकापुर से 40 किलोमीटर की दूरी पर लक्ष्मणगढ स्थित है। यह स्थान अम्बिकापुर - बिलासपुर मार्ग पर महेशपुर से 03 किलोमीटर की दूरी पर है। ऐसा माना जाता है कि इसका नाम वनवास काल में श्री लक्ष्मण जी के ठहरने के कारण पड़ा। य़ह स्थान रामगढ के निकट ही स्थित है। यहां के दर्शनीय स्थल शिवलिंग (लगभग 2 फिट), कमल पुष्प, गजराज सेवित लक्ष्मी जी, प्रस्तर खंड शिलापाट पर कृष्ण जन्म और प्रस्तर खंडो पर उत्कीर्ण अनेक कलाकृतिय़ां है।
कंदरी प्राचीन मंदिर
अम्बिकापुर- कुसमी- सामरी मार्ग पर 140 किलोमीटर की दूरी पर कंदरी ग्राम स्थित है। यहां पुरातात्विक महत्त्व का एक विशाल प्राचीन मंदिर है। अनेक पर्वो पर यहां मेले का आयोजन होता रहता है। यहां के दर्शनीय स्थल - अष्ट्धातु की श्री राम की मूर्ति, भगवान शिव की मूर्ति, श्री गणेश की मूर्ति, श्री जगन्नथ जी की काष्ठ मूर्ति और देवी दुर्गा की पीतल की कलात्मक मूर्ति और प्राकृतिक सौंदर्य है।
आवागमन
सडक मार्ग
छत्तीसगढ राज्य में :
रायपुर से अम्बिकापुर (जिला मुख्यालय) - 310 किमी
बिलासपुर से अम्बिकापुर- 210 किमी
रायगढ से अम्बिकापुर- 210 किमी
मध्यप्रदेश राज्य में: अनूपपुर से अम्बिकापुर - 205 किमी
उत्तरप्रदेश राज्य में: वाराणसी से अम्बिकापुर - 350 किमी
झारखंड राज्य में: रांची से अम्बिकापुर - 368 किमी
उडीसा राज्य में: झारसुगुडा से अम्बिकापुर- 415 किमी
भोपाल से अंबिकापुर (सड़क मार्ग) - 742 किमी
रेल मार्ग
सरगुजा जिला मुख्यालय अम्बिकापुर 03 जून 2006 से रेल मार्ग से जुडा है। अम्बिकापुर शहर के मुख्य मार्ग देवीगंज रोड पर स्थित गांधी चौक से रेल्वे स्टेशन की दूरी लगभग 5 किमी है। यहां से टेम्पो, टैक्सी इत्यादि से अम्बिकापुर शहर आया जा सकता है। अम्बिकापुर को पहुंचने वाली ट्रेनें:
नई दिल्ली से अनुपपुर >> अनुपपुर से अम्बिकापुर
मुंबई से बिलासपुर >> बिलासपुर से अम्बिकापुर
चेन्नई से बिलासपुर >> बिलासपुर से अम्बिकापुर
कोलकाता से रायगढ >> रायगढ से अम्बिकापुर
बिलासपुर से अम्बिकापुर आने के लिये बस और ट्रेंन दोनों का प्रयोग किया जा सकता है। बस अम्बिकापुर तक सीधे आती है जबकी ट्रेंन अनुपपुर (मध्यप्रदेश) होतें हुए अम्बिकापुर तक आती है। रायगढ से अम्बिकापुर आने के लिये बस की सुविधा ही उपलब्ध है।
वायु मार्ग
अम्बिकापुर सीधे आने के लिये वायु मार्ग उपलब्ध नहीं है, यदि हवाई मार्ग से पहुंचना है तो छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर तक ही हवाई जहाज से आया जा सकता है उसके बाद रायपुर से अम्बिकापुर 310 किलीमीटर की दूरी सड़क मार्ग से तय की जा सकती है। हाल ही में स्वच्छता में दूसरे नंबर पर आया है।
इन्हें भी देखें
सरगुजा ज़िला
सन्दर्भ
सरगुजा ज़िला
छत्तीसगढ़ के नगर
सरगुजा ज़िले के नगर
शक्ति पीठ |
सुप्रीम कोर्ट के
जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस
पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी की बैठक बुलाई है. शाम पांच बजे राहुल के घर पर ये बैठक होगी. बैठक के लिए कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद, मनीष तिवारी, कपिल सिब्बल, विवेक तन्खा और पी. चिदंबरम राहुल गांधी के आवास पर पहुंचे हैं.
Delhi: Congress leaders and senior advocates Salman Khurshid, Manish Tewari and P Chidambaram also arrive at Rahul Gandhi's residence.
#SupremeCourt
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— ANI (@ANI)
January 12, 2018
कांग्रेस की बैठक में शामिल होंगे पार्टी नेता और वकील
इस बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं समेत पार्टी से जुड़े कई वकील भी शामिल होंगे. जानकारी के मुताबिक, इस बैठक के बाद करीब छह बजे इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया आएगी.
कांग्रेस की इस बैठक से पहले पूर्व कानून मंत्री और वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस को काफी दुखद और दर्दनाक बताया है. उन्होंने कहा कि देश की सर्वोच्च अदालत का ये हाल हो गया है कि वहां के जजों को मीडिया में आकर अपनी बात कहनी पड़ रही है.
वहीं, वरिष्ठ वकील और बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि जजों ने बेहद गंभीर मुद्दा उठाया है. स्वामी ने कहा कि मुद्दे को उठाने वाले चारों जज बेहद ईमानदार हैं और उनकी मंशा पर सवाल नहीं उठाया जा सकता. यही नहीं, बीजेपी नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इस मामले में दखल देने की मांग की.
'जजों का कदम आसाधरण, न्यायपालिका में गहरा संकट'
इधर, सीपीआई नेता डी. राजा ने सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस चेलमेश्वर से मुलाकात की है. मुलाकात के बाद कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) के नेता डी. राजा ने जस्टिस चेलमेश्वर से मुलाकात के बाद कहा कि जजों द्वारा उठाया गया कदम असाधारण है, और यह न्यायपालिका के गहरे संकट को दर्शाता है.
उन्होंने कहा कि जस्टिस चेलमेश्वर के साथ रिश्ता बहुत पुराना है. वे अपनी चिंताएं मेरे साथ बांटते हैं. अगर उनकी कुछ चिंताएं हैं, तो सांसदों को इस मामले पर विचार करके उसका हल ढूंढ़ने की जरूरत है.
न्यायपालिका में केंद्र की दखलअंदाजी खतरनाक: ममता
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट को लेकर हुई जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि कोर्ट के मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के चार जजों से मिली जानकारी ने देश के एक नागरिक के रूप में हमें निराश किया है. उन्होंने कहा कि न्यायपालिका और मीडिया लोकतंत्र के खंभे हैं. लोकतंत्र के लिए न्यायपालिका में केंद्र सरकार की दखलअंदाजी खतरनाक है.
हालांकि, मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जजों की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सरकार ने दूरी बनाई हुई है. यही नहीं, ममता बनर्जी और राजनीतिक पार्टी संबंधित वकीलों को छोड़ दें तो कांग्रेस और बीजेपी समेत किसी भी पार्टी के नेता ने अभी तक प्रतिक्रिया नहीं दी है.
जजों ने उठाया सवाल, SC में सब ठीक नहीं
बता दें कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के चार मौजूदा जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सुप्रीम कोर्ट के प्रशासन पर ठीक तरीके से काम न करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो लोकतांत्रिक परिस्थिति ठीक नहीं रहेगी. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ शामिल थे.
यह पहली बार है जब सुप्रीम कोर्ट के जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर न्यायिक व्यवस्था के काम-काज पर सवाल उठाए हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपनी बात को रखते हुए जजों ने कहा कि हमने इस मुद्दे पर चीफ जस्टिस से बात की, लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी. माना जा रहा है कि चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा भी इस मुद्दे पर अपनी बात रख सकते हैं. |
विदेशी दौरों पर टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन पर कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स (सीओए) गंभीर है. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बोर्ड के कामकाज पर नजर रखने के लिए बनाई गई प्रशासकों की समिति ने टीम के हाल के प्रदर्शन को लेकर बैठक बुलाई है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह मीटिंग वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच से पहले 10 और 11 अक्टूबर को होगी. माना जा रहा है कि साल के आखिर में होने वाले ऑस्ट्रेलियाई दौरे से पहले टीम प्रबंधन अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने की पहल करेगा.
सीओए की इस मीटिंग में हेड कोच रवि शास्त्री, कप्तान विराट कोहली, उपकप्तान अजिंक्य रहाणे, मुख्य चयनकर्ता
एमएसके प्रसाद
भी मौजूद रहेंगे. मीटिंग में विदेशी दौरों पर टीम के प्रदर्शन का विश्लेषण किया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि भारतीय टीम अपने पिछले दोनों विदेशी दौरे पर टेस्ट सीरीज हार गई थी. साल की शुरुआत में भारत को साउथ अफ्रीका ने 1-2 से टेस्ट सीरीज में हराया था. इसके बाद अगस्त- सितंबर में उसे इंग्लैंड के हाथों 5 टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-4 से हार का सामना करना पड़ा था.
भारत के ऐसे प्रदर्शन के बावजूद
रवि शास्त्री
ने मौजूदा भारतीय टीम को विदेशों में पिछले 15-20 साल की बेहतरीन टीम माना था, जिसकी जमकर आलोचना हुई थी. इंग्लैंड सीरीज खत्म होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूदा 'बेहतरीन टीम' के सवाल पर
विराट कोहली
ने कोई जवाब नहीं दिया था.
भारतीय टीम की खराब बल्लेबाजी पर सीओए ने लॉर्ड्स टेस्ट के बाद ही अपनी नाराजगी जाहिर कर दी थी. साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड में खेली गई 16 पारियों में से भारतीय टीम सिर्फ चार पारियों में 300 से ज्यादा का स्कोर बना पाई थी. |
यह लेख है: दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए जगदीश मुखी को बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की अटकलों के बीच आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि इस बात को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर बीजेपी सत्ता में आती है, तो केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनेंगी।
केजरीवाल ने ट्वीट किया, "सच? लुटियन की दिल्ली में संभावना जताई जा रही है कि अगर बीजेपी दिल्ली में सत्ता में आती है, तो स्मृति ईरानी मुख्यमंत्री बनेंगी।"
बीजेपी ने अभी तक मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया है और 'आप' मांग करती रही है कि बीजेपी सीएम पद के लिए अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा करे।
अपने पोस्टरों में 'आप' द्वारा बीजेपी की तरफ से उनके मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर घोषित किए जाने के बाद जगदीश मुखी ने अरविंद केजरीवाल को 26 दिसंबर को उनके फोटो का 'दुरूपयोग' करने के लिए कानूनी नोटिस जारी किया था। |
2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में शुक्रवार को यहां की एक अदालत में अभियोजन पक्ष की गवाह के तौर पर पेश रिलायंस समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी की पत्नी टीना अंबानी ने कहा कि वह सामाजिक कार्यकर्ता हैं और पति की कंपनियों में उनकी कोई भूमिका नहीं है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत के पीठासीन न्यायाधीश ओपी सैनी के समक्ष पेश टीना अंबानी ने यह भी कहा कि उन्हें स्वान टेलीकॉम के बारे में कोई जानकारी नहीं है। वर्ष 2008 में जिन कंपनियों को दूरसंचार लाइसेंस जारी किया गया उनमें स्वान टेलीकॉम भी एक है।
टीना अंबानी ने कहा, "अनिल धीरूभाई अंबानी समूह की कंपनियों को चलाने में मेरी कोई भूमिका नहीं है। मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता हूं। मैं अस्पताल चलाती हूं। मैं परिवार और बच्चों की देखभाल करती हूं।" उन्होंने आगे कहा, "मैं स्वान टेलीकॉम नाम की कंपनी के बारे में भी नहीं जानती।"टिप्पणियां
जांच एजेंसी के मुख्य आरोप के कारण अनिल और टीना अंबानी को गवाह के रूप में बुलाना पड़ा। जांच एजेंसी ने कहा है कि स्वान टेलीकॉम उन्हीं की समूह की छद्म कंपनी है और यह दूरसंचार स्पेक्ट्रम और लाइसेंस का पात्र नहीं थी। जांच एजेंसी के इस आरोप का बचाव पक्ष ने पुरजोर विरोध किया है।
सीबीआई ने कहा है कि टीना अंबानी ने उस बैठक की अध्यक्षता की थी जिसमें 2जी पर महत्वपूर्ण फैसले लिए गए थे।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत के पीठासीन न्यायाधीश ओपी सैनी के समक्ष पेश टीना अंबानी ने यह भी कहा कि उन्हें स्वान टेलीकॉम के बारे में कोई जानकारी नहीं है। वर्ष 2008 में जिन कंपनियों को दूरसंचार लाइसेंस जारी किया गया उनमें स्वान टेलीकॉम भी एक है।
टीना अंबानी ने कहा, "अनिल धीरूभाई अंबानी समूह की कंपनियों को चलाने में मेरी कोई भूमिका नहीं है। मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता हूं। मैं अस्पताल चलाती हूं। मैं परिवार और बच्चों की देखभाल करती हूं।" उन्होंने आगे कहा, "मैं स्वान टेलीकॉम नाम की कंपनी के बारे में भी नहीं जानती।"टिप्पणियां
जांच एजेंसी के मुख्य आरोप के कारण अनिल और टीना अंबानी को गवाह के रूप में बुलाना पड़ा। जांच एजेंसी ने कहा है कि स्वान टेलीकॉम उन्हीं की समूह की छद्म कंपनी है और यह दूरसंचार स्पेक्ट्रम और लाइसेंस का पात्र नहीं थी। जांच एजेंसी के इस आरोप का बचाव पक्ष ने पुरजोर विरोध किया है।
सीबीआई ने कहा है कि टीना अंबानी ने उस बैठक की अध्यक्षता की थी जिसमें 2जी पर महत्वपूर्ण फैसले लिए गए थे।
टीना अंबानी ने कहा, "अनिल धीरूभाई अंबानी समूह की कंपनियों को चलाने में मेरी कोई भूमिका नहीं है। मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता हूं। मैं अस्पताल चलाती हूं। मैं परिवार और बच्चों की देखभाल करती हूं।" उन्होंने आगे कहा, "मैं स्वान टेलीकॉम नाम की कंपनी के बारे में भी नहीं जानती।"टिप्पणियां
जांच एजेंसी के मुख्य आरोप के कारण अनिल और टीना अंबानी को गवाह के रूप में बुलाना पड़ा। जांच एजेंसी ने कहा है कि स्वान टेलीकॉम उन्हीं की समूह की छद्म कंपनी है और यह दूरसंचार स्पेक्ट्रम और लाइसेंस का पात्र नहीं थी। जांच एजेंसी के इस आरोप का बचाव पक्ष ने पुरजोर विरोध किया है।
सीबीआई ने कहा है कि टीना अंबानी ने उस बैठक की अध्यक्षता की थी जिसमें 2जी पर महत्वपूर्ण फैसले लिए गए थे।
जांच एजेंसी के मुख्य आरोप के कारण अनिल और टीना अंबानी को गवाह के रूप में बुलाना पड़ा। जांच एजेंसी ने कहा है कि स्वान टेलीकॉम उन्हीं की समूह की छद्म कंपनी है और यह दूरसंचार स्पेक्ट्रम और लाइसेंस का पात्र नहीं थी। जांच एजेंसी के इस आरोप का बचाव पक्ष ने पुरजोर विरोध किया है।
सीबीआई ने कहा है कि टीना अंबानी ने उस बैठक की अध्यक्षता की थी जिसमें 2जी पर महत्वपूर्ण फैसले लिए गए थे।
सीबीआई ने कहा है कि टीना अंबानी ने उस बैठक की अध्यक्षता की थी जिसमें 2जी पर महत्वपूर्ण फैसले लिए गए थे। |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: पनामा पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज सरकार से पूछा कि क्या इस मामले में अलग से एसआईटी बनाने की जरूरत है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जांच संबंधी मल्टी एजेंसी की जांच की 6 रिपोर्ट सीलबंद कवर में दाखिल की. केंद्र ने कहा कि तीन दिनों में सातवीं रिपोर्ट दाखिल करेंगे उसमें पनामा पेपर्स संबंधी जानकारी होगी.टिप्पणियां
केंद्र ने कहा कि इस मामले में जांच सही दिशा में चल रही है और कुछ लोगों से जानकारी भी मांगी गई है. कोर्ट ने रजिस्ट्री को कहा है कि रिपोर्ट सीलबंद कवर में ही रहेंगी. जुलाई के दूसरे हफ्ते में सुनवाई होगी.
सुप्रीम कोर्ट पनामा पेपर्स लीक ने मामले की सुनवाई की. इससे पहले कोर्ट ने आदेश दिया था कि जाँच कर रही मल्टी एजेंसी की सभी 6 रिपोर्ट केंद्र सरकार 4 हफ्ते के भीतर सील बंद लिफ़ाफ़े में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट देखने के बाद वो तय करेंगे कि क्या इस मामले कोई नई SIT का गठन किया जाये या नहीं. सुप्रीम कोर्ट में वकील एमएल शर्मा ने कोर्ट की निगरानी में SIT के गठन की याचिका दाखिल की है.
केंद्र ने कहा कि इस मामले में जांच सही दिशा में चल रही है और कुछ लोगों से जानकारी भी मांगी गई है. कोर्ट ने रजिस्ट्री को कहा है कि रिपोर्ट सीलबंद कवर में ही रहेंगी. जुलाई के दूसरे हफ्ते में सुनवाई होगी.
सुप्रीम कोर्ट पनामा पेपर्स लीक ने मामले की सुनवाई की. इससे पहले कोर्ट ने आदेश दिया था कि जाँच कर रही मल्टी एजेंसी की सभी 6 रिपोर्ट केंद्र सरकार 4 हफ्ते के भीतर सील बंद लिफ़ाफ़े में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट देखने के बाद वो तय करेंगे कि क्या इस मामले कोई नई SIT का गठन किया जाये या नहीं. सुप्रीम कोर्ट में वकील एमएल शर्मा ने कोर्ट की निगरानी में SIT के गठन की याचिका दाखिल की है.
सुप्रीम कोर्ट पनामा पेपर्स लीक ने मामले की सुनवाई की. इससे पहले कोर्ट ने आदेश दिया था कि जाँच कर रही मल्टी एजेंसी की सभी 6 रिपोर्ट केंद्र सरकार 4 हफ्ते के भीतर सील बंद लिफ़ाफ़े में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट देखने के बाद वो तय करेंगे कि क्या इस मामले कोई नई SIT का गठन किया जाये या नहीं. सुप्रीम कोर्ट में वकील एमएल शर्मा ने कोर्ट की निगरानी में SIT के गठन की याचिका दाखिल की है. |
कपिल पर एक साथ समस्याओं की बाढ़ आ गई. उनका शो बंद हुआ और वह डिप्रैशन में चले गए. एक-एक कर कई साथियों ने कपिल का साथ छोड़ा और कई बड़े सितारे नाराज़ हुए कपिल पर इतनी समस्याएं एक साथ आने का क्या कारण है, आइए जानते हैं.
द कपिल शर्मा शो बंद हो जाने के बाद अब फिरंगी की भी टेंशन में हैं. उन्हें लगता है कि इतनी समस्याएं आईं तो कहीं अब बुरे दिन के फेर में फिरंगी का हाल भी बुरा ना हो जाए. कपिल इसीलिए हाल ही में शनि शिंगणापुर और शिर्डी की यात्रा कर आए. कहीं ऐसा तो नहीं कि कपिल की समस्या शनि से जुड़ी है.
हाल के महीनों पर कपिल शर्मा पर मानो बुरे दिनों का पहाड़ टूट पड़ा. कहां नंबर वन चल रहा द कपिल शर्मा शो बंद हुो गया और कपिल डिप्रैशन में चले गए. ये सब हुआ क्योंकि कपिल पर शनि ने वक्र दृष्टि डाली है. कपिल पर साढ़ेसाती चल रही है. कपिल को ढैया का प्रकोप भी सता रहा है. कपिल ने शनि को मनाने के लिए तेल भी चढ़ाया.
हालांकि शनि शिंगणापुर जाकर कपिल ने अपनी दिक्कतें खुद कम करने के प्रयास किए हैं. दरअसल अब फिरंगी को लेकर कपिल को बहुत तनाव है वो चाहते हैं कुछ भी करके बस उनकी ये फिल्म सुपरहिट हो जाए और उनका सितारा फिर बुलंद हो जाए. कपिल ने सिर्फ शनि शिंगणापुर के ही दर्शन नहीं किए बल्कि उन्होंने शिरडी में साईं बाबा के सामने भी मत्था टेका और अपनी फिल्म फिरंगी के लिए साईं बाबा से भी आशार्वाद लिया. |
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती पर पलटवार करते हुए कहा कि उनकी सरकार पर इल्जाम लगाने वाले पहले अपने गिरेबान में झांकें.
अखिलेश यादव ने एक दैनिक अखबार के कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत में मायावती द्वारा नयी दिल्ली में किए संवाददाता सम्मेलन में लगाए आरोप पर ये बातें कही.
उन्होंने मायावती की ओर से उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार बनने के बाद कानून-व्यवस्था ध्वस्त होने और बसपा के खिलाफ बदले की कार्रवाई किये जाने के आरोप संबंधी सवाल पर कहा, ‘जो लोग आरोप लगा रहे हैं वे अपनी सरकार का हिसाब-किताब लगायें.’
उन्होंने कहा ‘कानून-व्यवस्था को लेकर मेरी अधिकारियों के साथ बैठक हुई है, जिसमें फैसला लिया गया है कि 15 दिन के अंदर प्रदेश की व्यवस्था सुधरी हुई दिखायी देगी.’ यादव ने कहा कि अगर कहीं पर कानून व्यवस्था गड़बड़ हुई या किसी तरह की ढिलाई बरती गयी तो वहां के अधिकारी जिम्मेदार होंगे.
गौरतलब है कि मायावती ने पिछले दो महीने के दौरान उत्तर प्रदेश में हुई आपराधिक वारदात का जिक्र करते हुए आरोप लगाया था कि राज्य की समाजवादी पार्टी सरकार के दो महीने के कार्यकाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गयी है.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अखिलेश यादव सरकार ‘राजनीतिक विद्वेष’ के कारण राज्य में उनके कार्यकाल के दौरान हुए कार्यो की जांच के आदेश दे रही है. |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है और सरकार के सुधारों को गति देने से इसे आठ प्रतिशत की दर पाने में करीब चार वर्ष का समय लगेगा.
मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने अपनी ग्लोबल मैक्रो आउटलुक रपट में कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत यह दर्शाती है कि नोटबंदी के बावजूद सरकार की लोकप्रियता बनी हुई है.
इसमें कहा गया है, ‘‘हम भारत में मामूली से अधिक वृद्धि की उम्मीद है. हमारे अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में भारत की अर्थव्यवस्था 7.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि करेगी और 2018-19 में यह 7.7 प्रतिशत रह सकती है.’’ वित्त वर्ष 2016-17 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रही.टिप्पणियां
हालांकि मूडीज का कहना है कि बैंकों के फंसे हुए कर्ज की समस्या को यदि नहीं सुलझाया जाता है तो निवेश गतिविधियों पर असर पड़ेगा क्योंकि उसके लिए कर्ज को संकुचित करना होगा. साथ ही यह आर्थिक वृद्धि पर भी दबाव डालेगा.
रपट के अनुसार कुल मिलाकर भारत की आर्थिक वृद्धि दर को आठ प्रतिशत तक पहुंचने में तीन से चार वर्ष का वक्त लगेगा. इससे पहले इसी सप्ताह में विश्वबैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था.
मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने अपनी ग्लोबल मैक्रो आउटलुक रपट में कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत यह दर्शाती है कि नोटबंदी के बावजूद सरकार की लोकप्रियता बनी हुई है.
इसमें कहा गया है, ‘‘हम भारत में मामूली से अधिक वृद्धि की उम्मीद है. हमारे अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में भारत की अर्थव्यवस्था 7.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि करेगी और 2018-19 में यह 7.7 प्रतिशत रह सकती है.’’ वित्त वर्ष 2016-17 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रही.टिप्पणियां
हालांकि मूडीज का कहना है कि बैंकों के फंसे हुए कर्ज की समस्या को यदि नहीं सुलझाया जाता है तो निवेश गतिविधियों पर असर पड़ेगा क्योंकि उसके लिए कर्ज को संकुचित करना होगा. साथ ही यह आर्थिक वृद्धि पर भी दबाव डालेगा.
रपट के अनुसार कुल मिलाकर भारत की आर्थिक वृद्धि दर को आठ प्रतिशत तक पहुंचने में तीन से चार वर्ष का वक्त लगेगा. इससे पहले इसी सप्ताह में विश्वबैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था.
इसमें कहा गया है, ‘‘हम भारत में मामूली से अधिक वृद्धि की उम्मीद है. हमारे अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में भारत की अर्थव्यवस्था 7.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि करेगी और 2018-19 में यह 7.7 प्रतिशत रह सकती है.’’ वित्त वर्ष 2016-17 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रही.टिप्पणियां
हालांकि मूडीज का कहना है कि बैंकों के फंसे हुए कर्ज की समस्या को यदि नहीं सुलझाया जाता है तो निवेश गतिविधियों पर असर पड़ेगा क्योंकि उसके लिए कर्ज को संकुचित करना होगा. साथ ही यह आर्थिक वृद्धि पर भी दबाव डालेगा.
रपट के अनुसार कुल मिलाकर भारत की आर्थिक वृद्धि दर को आठ प्रतिशत तक पहुंचने में तीन से चार वर्ष का वक्त लगेगा. इससे पहले इसी सप्ताह में विश्वबैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था.
हालांकि मूडीज का कहना है कि बैंकों के फंसे हुए कर्ज की समस्या को यदि नहीं सुलझाया जाता है तो निवेश गतिविधियों पर असर पड़ेगा क्योंकि उसके लिए कर्ज को संकुचित करना होगा. साथ ही यह आर्थिक वृद्धि पर भी दबाव डालेगा.
रपट के अनुसार कुल मिलाकर भारत की आर्थिक वृद्धि दर को आठ प्रतिशत तक पहुंचने में तीन से चार वर्ष का वक्त लगेगा. इससे पहले इसी सप्ताह में विश्वबैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था.
रपट के अनुसार कुल मिलाकर भारत की आर्थिक वृद्धि दर को आठ प्रतिशत तक पहुंचने में तीन से चार वर्ष का वक्त लगेगा. इससे पहले इसी सप्ताह में विश्वबैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था. |
सूत्रों के मुताबिक, मुलायम सिंह ने सीएम अखिलेश को शिवपाल के पुराने विभाग लौटाने को कहा था लेकिन उन्होंने बात नहीं मानी. इससे पहले परिवार का झगड़ा खुलकर सामने आने के बाद सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव गुरुवार शाम दिल्ली से लखनऊ पहुंचे और अपने बेटे और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और भाई शिवपाल यादव से मिलकर कलह को निपटाने की कोशिश शुरू की.टिप्पणियां
जैसे ही मुलायम यहां पहुंचे उन्होंने शिवपाल को तलब किया और हालात को सामान्य बनाने के लिए बंद कमरे में उनके साथ बैठक की. शिवपाल ने बाद में अखिलेश से उनके आधिकारिक निवास पर मुलाकात की. सूत्रों ने बताया कि मुलायम के निर्देश पर दोनों के बीच करीब 20 मिनट तक बैठक हुई.
इससे पहले मुलायम के चचेरे भाई और सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा था, "उनके (मुलायम) यहां पहुंचने के बाद सबकुछ ठीक हो जाएगा. उनकी बात अंतिम होगी." इससे पहले दिन में रामगोपाल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी और दावा किया था, 'अखिलेश किसी से भी नाराज नहीं हैं और नेताजी (मुलायम) का फैसला पार्टी में अंतिम है."
जैसे ही मुलायम यहां पहुंचे उन्होंने शिवपाल को तलब किया और हालात को सामान्य बनाने के लिए बंद कमरे में उनके साथ बैठक की. शिवपाल ने बाद में अखिलेश से उनके आधिकारिक निवास पर मुलाकात की. सूत्रों ने बताया कि मुलायम के निर्देश पर दोनों के बीच करीब 20 मिनट तक बैठक हुई.
इससे पहले मुलायम के चचेरे भाई और सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा था, "उनके (मुलायम) यहां पहुंचने के बाद सबकुछ ठीक हो जाएगा. उनकी बात अंतिम होगी." इससे पहले दिन में रामगोपाल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी और दावा किया था, 'अखिलेश किसी से भी नाराज नहीं हैं और नेताजी (मुलायम) का फैसला पार्टी में अंतिम है."
इससे पहले मुलायम के चचेरे भाई और सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा था, "उनके (मुलायम) यहां पहुंचने के बाद सबकुछ ठीक हो जाएगा. उनकी बात अंतिम होगी." इससे पहले दिन में रामगोपाल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी और दावा किया था, 'अखिलेश किसी से भी नाराज नहीं हैं और नेताजी (मुलायम) का फैसला पार्टी में अंतिम है." |
पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की पिटाई की घटना से अब तक गुस्सा बरकरार है. इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA) ने देशभर में सोमवार को 24 घंटे की हड़ताल का ऐलान किया है. इससे सभी गैर-जरूरी सुविधाएं बंद रहेंगी और अस्पतालों के ओपीडी सुबह 6 बजे से बंद रहेंगे. इसके अलावा इंडियन मेडिकल असोसिएशन दिल्ली स्थित आईएमए हेडक्वॉटर्स में 'धरना' आयोजित करेगा. धरना-प्रदर्शन सोमवार सुबह 10 बजे से शुरू होगा.
आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजन शर्मा ने बताया कि पहली बार कॉरपोरेट अस्पताल भी हड़ताल में शामिल हो रहे हैं. शर्मा ने कहा एम्स और सफदरजंग के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन को भी हड़ताल में शामिल होने की अपील की गई है. हालांकि उनका रुख अभी तक साफ नहीं हुआ है. हाई फीवर हो, चोट लग गई हो, छाती में दर्द हो, हार्ट अटैक आ जाए तो मरीज इमरजेंसी में जाकर इलाज करवाएं. रूटीन ओपीडी बंद रहेगी और रूटीन ऑपरेशन नहीं होगा.
आईएमए के मानद सहायक सचिव डॉ एस के पोद्दार ने दावा किया कि गाइनी की ऑल इंडिया एसोसिएशन फॉक्सी ने लिखित में शामिल होने की बात कही है. रेडियोलॉजिस्ट की एसोसिएशन, जो आईएमए के मेंबर नहीं है उनका भी समर्थन है. आईएमए के सदस्यों की संख्या करीब साढ़े तीन लाख है जबकि प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों की संख्या 10 लाख के करीब. वहीं हर मेंबर एक अलग एसोसिएशन को रिप्रेजेंट करता है. ऐसे में हड़ताल बड़ी होने की आशंका है.
पिछले सोमवार को पश्चिम बंगाल के एनआरएस मेडिकल कॉलेज में एक मरीज की मौत के बाद उसके तिमारदारों ने दो जूनियर डॉक्टरों की पिटाई कर दी थी, जिसके बाद डॉक्टर्स हड़ताल पर बैठ गए. देश के कई अन्य हिस्सों से भी डॉक्टरों को अन्य डॉक्टर्स का साथ मिला. शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फिर सरकारी अस्पतालों के जूनियर डॉक्टरों से हड़ताल खत्म करने की अपील की और आश्वासन दिया कि सरकार उनके खिलाफ एस्मा (आवश्यक सेवा प्रतिरक्षण अधिनियम) लागू नहीं करेगी.
Indian Medical Association (IMA) to hold a 24-hour-long nationwide protest tomorrow; all Non-Essential Services including OPDs will be closed starting from 6 am. IMA will also stage a 'dharna' at IMA headquarters in Delhi starting 10 am tomorrow.
— ANI (@ANI)
June 16, 2019
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समस्या का 'शांतिपूर्ण समाधान' खोजने की दिशा में काम कर रही है और अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी उपाय करने की मांग पर विचार के लिए तैयार है. ममता ने राज्य सचिवालय 'नवान्न' में कहा, "मैं मेडिकल बिरादरी से जुड़े सभी लोगों से पहले ही अपील कर चुकी हूं कि वे मरीजों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए हड़ताल खत्म करें. मैं जूनियर डॉक्टरों से फिर अपील करती हूं कि वे आंदोलन खत्म करें. हम बातचीत के लिए हमेशा तैयार हैं."
उन्होंने कहा, "शुक्रवार को मैंने जूनियर डॉक्टरों से बातचीत के लिए लगभग पांच घंटे इंतजार किया, लेकिन वे नहीं पहुंचे. उन्होंने सीनियर डॉक्टरों से कहा कि शनिवार को आएंगे. इसलिए मैंने प्रशासकों की अपनी टीम के साथ उनका इंतजार करती रही, लेकिन वे नहीं आए. मैं सभी से काम पर लौटने की अपील करती हूं।" ममता ने उदाहरण देते हुए कि दिल्ली, गुजरात और तमिलनाडु जैसे कई राज्यों में डॉक्टरों के आंदोलन को खत्म कराने के लिए एस्मा लागू किया गया था. |
दिल्ली से सटे यूपी के नोएडा में पति-पत्नी के रिश्ते को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है. जहां एक कलयुगी पति ने शादी के महज एक महीने बाद ही अपनी पत्नी को बेच दिया. इसके बाद 8 दरिंदों ने मिलकर उस महिला के साथ गैंगरेप किया. पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.
नोएडा पुलिस के मुताबिक,
पीड़िता
की शादी तीन महीने पहले बिहार निवासी इश्तियाक के साथ हुई थी. शादी के तुरंत बाद वह अपनी पत्नी के साथ नोएडा के खोड़ा इलाके में आकर रहने लगा. पीड़िता का आरोप है कि दो महीने पहले उसके पति ने उसे बेहोश करके कोतवाली सेक्टर 39 क्षेत्र के भूड़ा गांव में रहने वाले एक शख्स को बेच दिया.
जब महिला को होश आया तो उसने खुद को एक बंद कमरे में पाया. उस शख्स ने महिला को नशीला पदार्थ सुंघाकर उसके साथ कई बार बलात्कार किया. फिर उस हैवान ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर दो महीने तक महिला से
सामूहिक बलात्कार
किया. आरोपी बलात्कार के बाद पीड़िता को कमरे में बंद कर दिया करते थे.
कुछ दिन पहले आरोपियों ने गलती से दरवाजा खुला छोड़ दिया. जिसके बाद पीड़िता किसी तरह वहां से भाग निकली. पीड़िता ने अपनी आप-बीती महिला आयोग को बताई. महिला आयोग ने इस घटना के बारे में पीड़िता के परिजनों को सूचना दी. पीड़िता और परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. सभी आरोपी अभी फरार हैं. |
नारायण दत्त ओझा(19 जनवरी 1926) जनवरी 1987 में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे। वो दिसम्बर 1987 में मध्य प्रदेश के कार्यवाहक राज्यपाल भी रहे। इससे पहले वो अगस्त से सितम्बर 1986 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश भी रहे। इसके बाद में वो जनवरी 1988 में भारतीय उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश भी बने और जनवरी 1991 में सेवानिवृत्त हुये।
इन्हें भी देखें
मध्य प्रदेश के राज्यपालों की सूची
सन्दर्भ
1926 में जन्मे लोग
मध्य प्रदेश के राज्यपाल
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश |
ठाणे जिले में शाहपुर तालुका के घोटेघर गांव में दो लोगों द्वारा 22 वर्षीय लड़की का कथित रूप से सामूहिक बलात्कार करने का मामला सामने आया है.
शाहपुर पुलिस थाने के सहायक पुलिस निरीक्षक बापुसाहिब शिंदे ने आज बताया कि पीडि़ता का सामूहिक बलात्कार सोमवार को उस समय किया गया जब वह घर पर अकेली थी.
पुलिस ने बताया कि दो अज्ञात लोग लड़की के घर में घुसे और उसके पैर बांधने के बाद उसका बलात्कार किया. उन्होंने उसके गुप्तांगों समेत उसके शरीर पर भी चोटें पहुंचाईं.
अपराध को अंजाम देने के बाद आरोपी घटनास्थल से फरार हो गए. पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और उन्हें पकड़ने के लिए तलाश जारी है. |
इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह चुके मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को लगता है कि टीम इंडिया अगले साल ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की संयुक्त मेजबानी में होने वाले वर्ल्ड कप खिताब की मजबूत दावेदार है.
इंटरनेशनल क्रिकेट में बल्लेबाजी के तमाम रिकॉर्ड्स बना चुके इस दिग्गज खिलाड़ी के मुताबिक टीम इंडिया की ऑलराउंड काबिलियत को देखते हुए ऐसा लगता है कि टीम वर्ल्ड कप में बढ़िया प्रदर्शन करेगी. एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में तेंदुलकर ने कहा, 'भारत निश्चित तौर पर वर्ल्ड कप के खिताब के प्रबल दावेदारों में शुमार है. भारतीय टीम संतुलित है और इसे हराना मुश्किल होगा.'
पिछले साल ही इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा करने वाले तेंदुलकर के नाम पर टेस्ट और वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन और सबसे ज्यादा शतक बनाने का रिकॉर्ड है. इंग्लैंड में जारी वनडे सीरीज में 3-0 से आगे टीम इंडिया की तेंदुलकर ने जमकर तारीफ की. सचिन के मुताबिक, 'अगर आप बल्लेबाजी की बात करें तो टीम में दाएं और बाएं हाथ के बल्लेबाजों का सही मिश्रण है. अगर क्रीज पर ऐसे ही दोनों बल्लेबाज मौजूद हों तो विरोधी गेंदबाजों के लिए मुश्किल बढ़ जाती है.'
सलामी बल्लेबाज शिखर धवन, सुरेश रैना, ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं, जो वनडे टीम के नियमित खिलाड़ी हैं. तेंदुलकर को उम्मीद है कि बाएं हाथ के बल्लेबाज युवराज सिंह और गौतम गंभीर भी टीम में वापसी करेंगे. जहां बल्लेबाजी टीम इंडिया का मजबूत पक्ष है, वहीं आखिरी ओवरों में अनुभवहीन गेंदबाजी भारत के लिए चिंता का सबब बनी हुई है.
लेकिन तेंदुलकर ने कहा कि टीम के गेंदबाज भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'टीम इंडिया के गेंदबाज साझेदारी में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. भारत के पास स्पिन और तेज गेंदबाजी के अच्छे विकल्प मौजूद हैं.' 2011 वर्ल्ड कप विजेता टीम का हिस्सा रहे तेंदुलकर का मानना है कि टीम इंडिया टेस्ट क्रिकेट में भी अच्छा करेगी. गौरतलब है कि भारत को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 1-3 की शिकस्त झेलनी पड़ी थी. |
नांदेड़ (Nanded) भारत के महाराष्ट्र राज्य में स्थित एक नगर है। यह नांदेड़ ज़िले का मुख्यालय है और महाराष्ट्र का आठवाँ सबसे बड़ा शहर है। नांदेड़ दक्कन के पठार में गोदावरी नदी के तट पर बसा हुआ है।
विवरण
नन्दा तट के कारण इस शहर का नाम नान्देड़ पड़ा। यह सिख तीर्थस्थल भी है जहाँ गुरु गोविन्द सिंह का देहान्त हुआ था। नांदेड़ स्थित सचखंड गुरूद्वारा यहां आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है। गुरु गोविन्द सिंह का जन्मदिन यहां बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। राज्य सरकार ने इसे पवित्र शहर घोषित कर रखा है। प्रारम्भ में नंदीग्राम नाम से चर्चित यह शहर मुम्बई से 650 किलोमीटर और हैदराबाद से 270 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। प्राचीन काल में यह शहर वेदान्त की शिक्षा, शास्त्रीय संगीत, नाटक, साहित्य और कला का प्रमुख केन्द्र था। सातवीं शताब्दी ईसा पूर्व में नंदा तट मगध साम्राज्य की सीमा थी। प्राचीन काल में यहां सातवाहन, बादामी के चालुक्यों, राष्ट्रकूटों और देवगिरी के यादवों का शासन था। मध्यकाल में बहमनी, निजामशाही, मुगल और मराठों ने यहां शासन किया। जबकि आधुनिक काल में यहां हैदराबाद के निजामों और अंग्रेजों का अधिकार रहा।
प्रमुख आकर्षण
महानुभाव पंथ तीर्थस्थान
८०० वर्ष पूर्व भगवान श्री चक्रधर स्वामी पदस्पर्शीत द्विज गोरक्षण तीर्थस्थान और भावेश्वर मंदिर, इन दोनों स्थानों पर देशभर से महानुभाव पंथ के भक्तगण आते है, तथापूर्णिमा के दिन बड़ी संख्या में भीड़ होती है, परमेश्वर के चरणों से पुन्यपावन होने वाला यह एक मात्र स्थान नांदेड शहर में उपलब्द है, भगवान श्री चक्रधर स्वामी जी का यहाँ कुछ दिन निवास था।
सचखण्ड गुरूद्वारा
नांदेड़ नगर में स्थित यह गुरूद्वारा पंजाब के शासक महाराजा रणजीत सिंह द्वारा 1830 से 1839 के दौरान बनवाया गया था। यह गुरूद्वारा सिक्खों के प्रमुख तीर्थस्थलों में गिना जाता है। सचखंड श्री हुजूर अबचल नगर साहिब गुरूद्वारा पंजाब के स्वर्ण मंदिर की तर्ज पर बना है। इसी स्थान पर सिक्खों के दसवें गुरु गोबिन्द सिंह ने अंतिम सांसे ली थीं। हर साल यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आना होता है। सचखंड गुरूद्वारे के निकट ही आठ अन्य गुरूद्वारे बने हुए हैं।
माहुर
इस तीर्थस्थल का महत्त्व महाराष्ट्र के प्रमुख शक्तिपीठ की वजह से है। माहूर गांव से लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर रेणुका देवी का मंदिर है जो एक पहाड़ी पर बना हुआ है। इस मंदिर की नीव देवगिरी के यादव राजा ने आठ से नौ सौ साल पहले डाली थी। दशहरा के अवसर पर यहां एक पर्व आयोजित किया जाता है और देवी रेणुका की पूजा की जाती है। देवी रेणुका, परशुराम की मां और भगवान विष्णु का अवतार मानी जाती थीं। मंदिर के चारों तरफ घने जंगल हैं। जंगली जानवरों को यहां घूमते हुए देखा जा सकता है।
बिलोली की मस्जिद
बिलोली नगर में स्थित यह मस्जिद को 17वीं शताब्दी के अंत में हजरत नवाब सरफराज खान ने बनवाया था। सरफराज खान औरंगजेब के शासनकाल में मुगलों के सिपहसालार थे। पत्थरों को काटकर बनाई गई बिलोली की मस्जिद नवाब सरफराज नाम से लोकप्रिय है।
कंधार किला
नगर के बीचोंबीच स्थित कंधार किला यहां का मुख्य आकर्षण है। पानी से भरी एक नहर किले से होकर गुजरती है। इस किले की स्थापना का श्रेय राष्ट्रकूट राजा कृष्ण तृतीय को जाता है, जो कंधारपुराधीश्वर नाम से लोकप्रिय थे। किले की निकट ही पहाड़ी क्षेत्र में एक प्राचीन दरगाह है। इस किले का निर्माण निजामशाही के काल में हुआ और यह वास्तुकला की अहमदनगर शैली में बना हुआ है।
मालेगांव
'तालुक लोहा' नाम से प्रसिद्ध मालेगांव नांदेड़ से 57 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भगवान खंडोबा के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए यहां एक मेला लगता है जिसे 'मालेगांव यात्रा' नाम से जाना जाता है। इस मेले में पशुओं की प्रदर्शनी लगती है जिसे देखने के लिए देश के अनेक भागों से लोग यहाँ आते हैं।
होट्टल
देगलूर ताल्लुक में स्थित होट्टल देगलूर से 8 किलोमीटर दूर है। भगवान सिद्धेश्वर के मंदिर के कारण यह स्थान लोकप्रिय है। मंदिर में चालुक्य काल की अनेक विशेषताएं देखी जा सकती हैं। यह मंदिर पत्थरों को काटकर बनाया गया है।
नांदेड़ किला
नांदेड़ का किला रेलवे स्टेशन से 4 किलोमीटर दूर स्थित है। किला तीन ओर से गोदावरी नदी से घिरा हुआ है। किले के भीतर एक खूबसूरत बगीचा और सुंदर फव्वार हैं जो इसकी सुंदरता में बढोतरी करता हैं।
उनकेश्वर
गर्म पानी का यह झरना पेनगंगा नदी के तट पर स्थित है। माना जाता है यह प्राकृतिक झरना अद्भुत रसायनों से युक्त है जिससे त्वचा के अनेक रोग ठीक हो जाते हैं।
आवागमन
वायु मार्ग
यहां श्री गुरु गोविंद सिंग जी नांदेड़ एयरपोर्ट है जो देश के अनेक घरेलू हवाई अड्डों से जुड़ा हुआ है। मुंबई, अमृतसर से यहां के लिए प्रतिदिन फ्लाइटें है|
रेल मार्ग
नांदेड़ रेलवे स्टेशन मुंबई, पुणे, बंगलुरू, चेन्नई, दिल्ली, अमृतसर, चंडीगढ़, भोपाल, इंदौर, आगरा, हैदराबाद, जयपुर, अजमेर, नागपुर, औरंगाबाद और नासिक आदि शहरों से रेलगाड़ियों के माध्यम से सीधा जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग
नांदेड़ आसपास के अनेक शहरों से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। राज्य परिवहन की बसें और अनेक निजी वाहन मुंबई, पुणे, हैदराबाद आदि शहरों से नांदेड़ के लिए नियमित रूप से जाते रहते हैं।
इन्हें भी देखें
नांदेड़-वाघाला
नांदेड़ ज़िला
बाहरी कड़ियाँ
नान्देड और गुरु गोविन्द सिंह के अन्तिम दिन
गुरुद्वारा श्री लंगर साहिब, नांदेड़
सन्दर्भ
नांदेड़ ज़िला
महाराष्ट्र के शहर
नांदेड़ ज़िले के नगर |
कठुआ ज़िला भारत के जम्मू व कश्मीर राज्य का एक ज़िला है। इस ज़िले का मुख्यालय कठुआ है।
तहसीलें
कारगिल ज़िले की दस तहसीलें हैं: कठुआ, बशोली, बिलावर, हीरानगर, नगरी परोल, मढ़ीन, डिंगा अम्ब, महानपुर, लोहई मल्हार, रामकोट।
विवरण
ज़िले की जनसंख्या 2001 में 5,44,206 थी, जो 2011 में बढ़कर 6,16,435 हो गई। 2001 में साक्षरता दर 65.3% था। ज़िले में औसत वर्षा व हिमपात 1672 मिमी है। ज़िला 32-17' अक्षांश उत्तर से 32-55’ अक्षांश उत्तर तथा 75-70' रेखांश पूर्व से 76-16’ रेखांश पूर्व के बीच विस्तारित है।
इन्हें भी देखें
कठुआ
बाहरी कड़ियाँ
कठुआ जालस्थल
कठुआ इतिहास
ज़िला जालस्थल
बशोली चित्रकारी
विकिमैप
गौवरमिंट डिग्री कॉलेज, कठुआ
सन्दर्भ
जम्मू और कश्मीर के ज़िले
जम्मू और कश्मीर |
सिंगापुर में तीन वर्ष पहले नए साल की पूर्व संध्या पर दंगे की घटना के मामले में 25 वर्षीय भारतीय नागरिक को साढ़े तीन साल जेल की सजा सुनाई गई है. जिला न्यायाधीश जसविंदर कौर ने पाया कि 31 दिसंबर, 2012 की घटना में राजा अरूल की भूमिका सीमित थी.
सिंगापुर
के लोकप्रिय पर्यटन स्थल जुरोंग लेक पार्क में राजा और उसके मित्र नया साल मनाने के लिए एकत्र हुए थे. वहां वे शराब भी पिए थे. इस दौरान इन लोगों की दूसरे समूह के साथ झड़प हुई. राजा के समूह के एक व्यक्ति बूबालन पालानि कुमार की मौत हो गई थी. हिंसा में चार लोग घायल भी हुए थे.
अदालत
ने राजा की सजा को तीन जनवरी, 2013 से जोड़ा है. ऐसे में उसे दो साल तक जेल काटनी होगी. दंगा करने का दोषी पाए जाने की स्थिति में राजा को सात साल तक की जेल और बेंत मारने की सजा हो सकती थी. |
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विख्यात वनस्पतिशास्त्री प्रोफेसर पीएल स्वर्णकार के बेटे विनीत सोनी एक प्लांट फिजियोलॉजिस्ट हैं और "सेव गुग्गुल मूवमेंट" के संस्थापक हैं, जो खतरे में पड़ी पौधों की प्रजातियों, विशेष रूप से गुग्गुल के संरक्षण के लिए एक समुदाय आधारित संरक्षण प्रयास है। उनके संरक्षण के प्रयासों को स्थानीय ग्रामीणों और दुनिया भर के संरक्षण समुदायों द्वारा खूब सराहा गया। IUCN द्वारा सोनी को 20 वैश्विक "अर्थ मूवर्स" में से एक के रूप में प्रोफाइल किया गया था। प्रारंभ में उनके संरक्षण कार्य को IUCN सर पीटर स्कॉट फंड से वित्तीय सहायता मिली। वह वर्तमान में वनस्पति विज्ञान विभाग, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं।
शिक्षा और व्यावसायिक कैरियर
विनीत का जन्म 21 मई 1979 को राजस्थान के उदयपुर के पास महाराज की खेड़ी गाँव में हुआ था। वह प्लांट फिजियोलॉजी, संरक्षण जीव विज्ञान और प्रकाश संश्लेषण अनुसंधान में माहिर हैं। उन्होंने महाराजा कॉलेज, जयपुर से स्नातक (1996-99) और राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से वनस्पति विज्ञान में मास्टर डिग्री (2000-2001) प्राप्त की। इसके बाद वे बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ साइंटिफिक रिसर्च और राजस्थान विश्वविद्यालय में डॉक्टरेट अनुसंधान (पीएचडी) के लिए बायोटेक्नोलॉजी और कॉमिफोरा वाइटी के शरीर विज्ञान के विभिन्न पहलुओं पर काम करने लगे। 2004 में, सोनी को स्विट्जरलैंड के जिनेवा विश्वविद्यालय में प्लांट बायोएनेरगेटिक्स पर काम करने के लिए विजिटिंग फेलोशिप मिली। बायो-रेड फेलोशिप के माध्यम से, उन्होंने 2005 में हीडलबर्ग, जर्मनी में यूरोपीय आणविक जीवविज्ञान प्रयोगशाला का दौरा किया। इसके बाद 2006 में, सोनी ने बोस्टन, यूएसए में गॉर्डन सम्मेलन में अपने शोध कार्य को प्रस्तुत करने के लिए नेचर पब्लिशिंग ग्रुप से प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त किया।
पीएचडी की डिग्री प्राप्त करने के बाद, सोनी ने स्विट्जरलैंड के जिनेवा विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रेटो जे स्ट्रैसर के साथ पोस्ट-डॉक्टरल रिसर्च फेलो के रूप में काम किया। 2010 में, यूनेस्को, फ्रांस ने अपना विशेष साक्षात्कार प्रकाशित किया जिसका शीर्षक था 'क्यों विनीत सोनी गुग्गुल पौधों को बचाने पर आमादा है?' 'ए वर्ल्ड ऑफ साइंस' जर्नल में। 2011 में, उन्होंने Commissariat l'énergie atomique et aux énergies alternatives, फ्रांस में एक विजिटिंग साइंटिस्ट के रूप में कार्य किया। वह प्रकृति संरक्षण आयोगों के लिए तीन अंतर्राष्ट्रीय संघ के सदस्य हैं: प्रजाति जीवन रक्षा आयोग, संरक्षित क्षेत्रों के लिए विश्व आयोग, और शिक्षा और संचार आयोग और कई प्रतिष्ठित समाजों के निर्वाचित साथी अर्थात, एकेडमी ऑफ प्लांट साइंसेज ऑफ इंडिया, मेंडेलियन सोसाइटी ऑफ इंडिया, इंडियन बॉटनिकल सोसाइटी, इंडियन काउंसिल फॉर प्लांट कंजर्वेशन और लिनियन सोसाइटी ऑफ लंदन ।
प्रकाशन और उल्लेखनीय पुरस्कार
डॉ. सोनी ने नेचर रिसर्च-साइंटिफिक रिपोर्ट्स, फिजियोलॉजी प्लांटारम, कंजर्वेशन एविडेंस, साउथ अफ्रीकन जर्नल ऑफ बॉटनी, बायोकेमिकल एंड बायोफिजिकल रिसर्च कम्युनिकेशंस आदि जैसी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में कई शोध पत्र प्रकाशित किए हैं और उन्हें साइंटिस्ट ऑफ द ईयर अवार्ड, आउटस्टैंडिंग से सम्मानित किया गया है। साइंटिस्ट अवार्ड, नेचर पब्लिशिंग ग्रुप अवार्ड, बायो-रेड अवार्ड, इनोवेशन इन टीचिंग अवार्ड, अर्थ मूवर अवार्ड आदि।
संदर्भ
राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र
1979 में जन्मे लोग
जीवित लोग |
फेसबुक-कैंब्रिज अनालिटिका डेटा स्कैंडल के बाद कई कंपनियों ने इससे सबक लिया है. इनमें दुनिया की नंबर-1 कंपनी ऐपल भी है. ऐपल के सीईओ ने तब फेसबुक की प्राइवेसी पॉलिसी की जमकर आलोचना भी की थी. ऐपल ने ऐप स्टोर पर दिए गए ऐप्स को लेकर भी प्राइवेसी पॉलिसी अपडेट किया है.
3 अक्टूबर से ऐपल के ऐप स्टोर के सभी ऐप्स यूजर्स को ये बताएंगे कि उनका डेटा कैसे इस्तेमाल किया जा रहा है. इतना ही नहीं यूजर्स अगर चाहें तो अपना डेटा ऐप्स को देने से मना कर सकते हैं और उस ऐप्स से अपना पर्सनल डेटा डिलीट करा सकते हैं.
iOS
के लिए ऐप बनाने वाले सभी ऐप डेवेलपर्स को अपने ऐप्स को ऐप स्टोर की प्राइवेसी पॉलिसी के साथ लिंक करना होगा. इसके लिए कंपनी ने 3 अक्टूबर की डेडलाइन तय की है. आपको बता दें कि इससे पहले सिर्फ सब्सक्रिप्शन आधारित ऐप्स को ही ऐसा करना होता था. लेकिन अब यह सभी ऐप्स के लिए लागू होगा.
ऐपल के इस नियम से यूजर्स को दो फायदे होंगे. पहला ये कि यूजर्स इस बात को समझ पाएंगे कि ऐप द्वारा लिया गया उनका पर्सनल डेटा कैसे और कहां यूज किया जा रहा है. दूसरा ये कि ऐप डेवेलपर यूजर्स को खुद से बताएंगे कि यूजर्स कैसे दिए जाने वाले डेटा को रोक सकते हैं और जब भी चाहें अपना पर्सनल डेटा डिलिट कर सकते हैं.
गौरतलब है कि फेसबुक
कैंब्रिज अनालिटिका
डेटा स्कैंडल के बाद से यह मांग उठी की कंपनियां यूजर्स को ये बताएं कि उनका पर्सनल डेटा कहां और कैसे इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके बाद 25 मई को जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेग्यूलेशन कानून लागू किया गया. कंपनियों ने इसे अपनाते हुए यूरोपियन यूजर्स के लिए डेटा ट्रांसपेरेंट किया. इस कानून में यह प्रावधान है कि जो कंपनी इसका उल्लंघन करेगी उसके सालाना रेवेन्यू का 4 फीसदी पेनाल्टी के तौर पर वसूल किया जाएगा.
9टु5 मैक की एक रिपोर्ट के मुताबिक
आईफोन
और आईपैड यूजर्स के लिए सफारी ब्राउजर में प्राइवेसी पॉलिसी लिंक ओपन होगी. ऐपल यूजर्स की प्राइवेसी को लेकर पहले से ही मुखर रहा है और कई ऐसे उदाहरण मिले हैं जहां ऐपल ने यूजर्स की प्राइवेसी के साथ समझौता नहीं किया है.
क्या गूगल अपने प्ले स्टोर के लिए भी ऐसे नियम लाएगा? देखना दिलचस्प होगा. |
हाल ही में पंजाब के तरन तारन जिले में पुलिस पिटाई की शिकार हुई महिला ने बुधवार को पंजाब विधानसभा में बजट सत्र के दौरान घुसने की कोशिश की।
महिला को सुरक्षा कर्मियों ने विधानसभा के प्रवेश द्वार पर रोक दिया। इसके बाद उसने वहां हंगामा शुरू कर दिया । कांग्रेसी नेता भी महिला के साथ मिलकर सुरक्षा कर्मियों के साथ धक्का-मुक्की करने लगे, लेकिन पीड़िता विधानसभा हाल तक नहीं पहुंच सकी।
जिस समय इस 21 वर्षीय युवती ने विधानसभा में प्रवेश करने की कोशिश की, उस समय नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ भी उसके साथ थे।
अपने पिता के साथ आई पीड़िता ने कहा कि वह न्याय की गुहार लगाने विधानसभा आई है। पंजाब पुलिस ने सोमवार को उन दो पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया, जिन्होंने महिला की पिटाई की थी।
एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा, "उसके पास कोई भी प्रवेश पत्र नहीं था, हमने सुरक्षा कारणों से उसे प्रवेश द्वार पर रोक दिया।" टिप्पणियां
गौरतलब है कि बीते तीन मार्च को तरन तारन जिले में पीड़िता अपने पिता के साथ कुछ ट्रक ड्राइवरों द्वारा की गई छेड़खानी की शिकायत करने के लिए पुलिस के पास गई थी, जहां पुलिसकर्मियों ने पीड़िता और उसके पिता के साथ सरेआम सड़क पर मारपीट और गाली गलौच की थी।
तरन तारन घटना का विरोध जताते हुए कांग्रेस ने विधानसभा से वॉक आउट कर दिया था।
महिला को सुरक्षा कर्मियों ने विधानसभा के प्रवेश द्वार पर रोक दिया। इसके बाद उसने वहां हंगामा शुरू कर दिया । कांग्रेसी नेता भी महिला के साथ मिलकर सुरक्षा कर्मियों के साथ धक्का-मुक्की करने लगे, लेकिन पीड़िता विधानसभा हाल तक नहीं पहुंच सकी।
जिस समय इस 21 वर्षीय युवती ने विधानसभा में प्रवेश करने की कोशिश की, उस समय नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ भी उसके साथ थे।
अपने पिता के साथ आई पीड़िता ने कहा कि वह न्याय की गुहार लगाने विधानसभा आई है। पंजाब पुलिस ने सोमवार को उन दो पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया, जिन्होंने महिला की पिटाई की थी।
एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा, "उसके पास कोई भी प्रवेश पत्र नहीं था, हमने सुरक्षा कारणों से उसे प्रवेश द्वार पर रोक दिया।" टिप्पणियां
गौरतलब है कि बीते तीन मार्च को तरन तारन जिले में पीड़िता अपने पिता के साथ कुछ ट्रक ड्राइवरों द्वारा की गई छेड़खानी की शिकायत करने के लिए पुलिस के पास गई थी, जहां पुलिसकर्मियों ने पीड़िता और उसके पिता के साथ सरेआम सड़क पर मारपीट और गाली गलौच की थी।
तरन तारन घटना का विरोध जताते हुए कांग्रेस ने विधानसभा से वॉक आउट कर दिया था।
जिस समय इस 21 वर्षीय युवती ने विधानसभा में प्रवेश करने की कोशिश की, उस समय नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ भी उसके साथ थे।
अपने पिता के साथ आई पीड़िता ने कहा कि वह न्याय की गुहार लगाने विधानसभा आई है। पंजाब पुलिस ने सोमवार को उन दो पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया, जिन्होंने महिला की पिटाई की थी।
एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा, "उसके पास कोई भी प्रवेश पत्र नहीं था, हमने सुरक्षा कारणों से उसे प्रवेश द्वार पर रोक दिया।" टिप्पणियां
गौरतलब है कि बीते तीन मार्च को तरन तारन जिले में पीड़िता अपने पिता के साथ कुछ ट्रक ड्राइवरों द्वारा की गई छेड़खानी की शिकायत करने के लिए पुलिस के पास गई थी, जहां पुलिसकर्मियों ने पीड़िता और उसके पिता के साथ सरेआम सड़क पर मारपीट और गाली गलौच की थी।
तरन तारन घटना का विरोध जताते हुए कांग्रेस ने विधानसभा से वॉक आउट कर दिया था।
अपने पिता के साथ आई पीड़िता ने कहा कि वह न्याय की गुहार लगाने विधानसभा आई है। पंजाब पुलिस ने सोमवार को उन दो पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया, जिन्होंने महिला की पिटाई की थी।
एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा, "उसके पास कोई भी प्रवेश पत्र नहीं था, हमने सुरक्षा कारणों से उसे प्रवेश द्वार पर रोक दिया।" टिप्पणियां
गौरतलब है कि बीते तीन मार्च को तरन तारन जिले में पीड़िता अपने पिता के साथ कुछ ट्रक ड्राइवरों द्वारा की गई छेड़खानी की शिकायत करने के लिए पुलिस के पास गई थी, जहां पुलिसकर्मियों ने पीड़िता और उसके पिता के साथ सरेआम सड़क पर मारपीट और गाली गलौच की थी।
तरन तारन घटना का विरोध जताते हुए कांग्रेस ने विधानसभा से वॉक आउट कर दिया था।
एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा, "उसके पास कोई भी प्रवेश पत्र नहीं था, हमने सुरक्षा कारणों से उसे प्रवेश द्वार पर रोक दिया।" टिप्पणियां
गौरतलब है कि बीते तीन मार्च को तरन तारन जिले में पीड़िता अपने पिता के साथ कुछ ट्रक ड्राइवरों द्वारा की गई छेड़खानी की शिकायत करने के लिए पुलिस के पास गई थी, जहां पुलिसकर्मियों ने पीड़िता और उसके पिता के साथ सरेआम सड़क पर मारपीट और गाली गलौच की थी।
तरन तारन घटना का विरोध जताते हुए कांग्रेस ने विधानसभा से वॉक आउट कर दिया था।
गौरतलब है कि बीते तीन मार्च को तरन तारन जिले में पीड़िता अपने पिता के साथ कुछ ट्रक ड्राइवरों द्वारा की गई छेड़खानी की शिकायत करने के लिए पुलिस के पास गई थी, जहां पुलिसकर्मियों ने पीड़िता और उसके पिता के साथ सरेआम सड़क पर मारपीट और गाली गलौच की थी।
तरन तारन घटना का विरोध जताते हुए कांग्रेस ने विधानसभा से वॉक आउट कर दिया था।
तरन तारन घटना का विरोध जताते हुए कांग्रेस ने विधानसभा से वॉक आउट कर दिया था। |
इमरान ने माना- कश्मीर पर फायदा नहीं होगा
UN में मुद्दा उठाने से नहीं होगा फायदा
अमेरिकी प्रेस के सामने स्वीकारी बात
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को आज संयुक्त राष्ट्र में संबोधन देना है. अपने संबोधन से पहले उन्होंने एक बार फिर कश्मीर का राग अलापा है और कहा कि वह सिर्फ जम्मू-कश्मीर का मसला उठाने के लिए ही यहां पर आए हैं. लेकिन संबोधन से पहले ही इमरान ने हथियार डाल दिए हैं और कहा कि वह जानते हैं इससे कोई फायदा नहीं होने वाला है.
न्यूयॉर्क टाइम्स के एडिटर्स से बात करते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मुझे पता है कि संयुक्त राष्ट्र में मेरे जम्मू-कश्मीर पर भाषण से कुछ बड़ा असर नहीं होगा, खासकर आने वाले दिनों में...लेकिन वह चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर का मसला दुनिया सुने.’
इमरान खान के बयान से साफ है कि वह संयुक्त राष्ट्र के मंच पर कश्मीर का मसला तो जरूर उठाएंगे, लेकिन उन्हें इससे कोई उम्मीद नज़र नहीं आती है. गौरतलब है कि इससे पहले भी इमरान खान ने जहां भी जम्मू-कश्मीर का मसला उठाया है उन्हें वहां पर मात ही मिली है.
इमरान खान ने यहां पर कहा कि भारत ने जम्मू-कश्मीर के लिए जो फैसला लिया है वो नियमों के खिलाफ है और उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि इसका विरोध भी हो सकता है. अगर संयुक्त राष्ट्र इस मामले में दखल नहीं देता है तो फिर कौन देगा?
आपको बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने भी इस मसले को उठाया था, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ था. डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर के मसले पर मध्यस्थता की बात तो कही है लेकिन साथ ही ये भी कहा है कि ऐसा तभी हो सकता है जब भारत इसपर राजी होगा.
लेकिन भारत भी साफ कर चुका है कि ये द्विपक्षीय मसला है और पाकिस्तान से तभी बात होगी जब वह आतंकवाद पर बात करना चाहेगा.
संयुक्त राष्ट्र में कब है इमरान का भाषण?
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात 8 बजे संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित
करेंगे. पीएम मोदी के भाषण के बाद ही इमरान खान का संबोधन है, अगर इमरान कश्मीर का मसला उठाते हैं और भारत पर आरोप लगाते हैं तो भारत की ओर से प्रतिनिधि आरोपों का जवाब देंगे. |
बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी को लेकर एक बड़ा विवादित बयान दे दिया है. उन्होंने कहा कि ओवैसी 'शैतान' हैं और ऐसे जहरीले लोगों से बीजेपी का दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं है.
गिरिराज सिंह
ने ओवैसी की पार्टी की ओर से बिहार में चुनाव लड़ने के ऐलान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'यह चुनाव आयोग के लिए अग्निपरीक्षा है. पहले लालू अकेले जाति का जहर फैला रहे थे अब तो ओवैसी भी आ गए हैं. एक नीम दूजा करेला चढा. ऐसे में चुनाव आयोग के लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं.' उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के लिए ऐसे जहर फैलाने वाले तत्वों पर अंकुश लगाना एक बड़ी चुनौती होगी.
बीजेपी नेता ने कहा, 'ओवैसी शैतान हैं और उनकी पार्टी का ऐसे किसी जहरीले आदमी से कोई नाता नहीं है और न ही कभी होगा.'
'मेरे बयान को कट-पेस्ट किया जाता है'
केंद्रीय मंत्री ने अपने ऊपर लगे बड़बोले
बयानों को सिरे से खारिज
करते हुए कहा कि उन्होंने कभी ऐसा कोई बयान नहीं दिया. गिरिराज सिंह ने कहा, 'मैंने कभी जहर नहीं फैलाया. मेरी चुनौती है कि मेरा कोई ऐसा बयान दिखा दें. हमेशा मेरे बयान को कट एंड पेस्ट किया गया.'
गिरिराज सिंह ने कहा कि ओवैसी से किसको फायदा होगा और किसको नुकसान यह आलकन लालू प्रसाद और नीतीश कुमार को करने की जरूरत है, क्योंकि बीजेपी को सिर्फ जनता की चिंता है, वोटों की नहीं. |
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने आजतक चैनल के सीधी बात कार्यक्रम में हेडलाइंस टुडे के मैनेजिंग एडिटर राहुल कंवल से बातचीत की. पेश हैं, बातचीत के प्रमुख अंश:
आपकी सरकार ने कीर्तिमान खड़ा कर दिया उन मंत्रियों का, जिन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत इस्तीफा देना पड़ा.
जिन्होंने भी गलत किया वे जेल गए. रेल मंत्री (पवन बंसल) पर प्रत्यक्ष केस नहीं, उनके भानजे पर है. उन पर कार्रवाई हो रही है. अश्विनी कुमार के मामले में भ्रष्टाचार कहां है?
सीबीआइ के अफसरों को बताया जा रहा है कि (रिपोर्ट में) क्या लिखें, क्या नहीं. किसे बचाने की कोशिश की जा रही है?
क्या सीबीआइ ने अपने हलफनामे में कहा है कि विधि मंत्री ने उसे किसी को बचाने-फंसाने के लिए कहा?
पर उन्होंने रिपोर्ट की दिशा बदल दी, पीएम को बचाने के लिए.
इस रिपोर्ट में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है. कानून मंत्रालय सीबीआइ के लिए प्रॉसीक्यूशन वकील नियुक्त करता है. सीबीआइ के पास काम करने और जांच करने की पूरी आजादी होती है. दोष तो कोई चोरी-छुपे बुलाए तब होता है.
कांग्रेस की यही खासियत है, चोरी खुलेआम और फिर सीना जोरी.
कोई चोरी नहीं हुई. जांच प्रभावित नहीं की गई.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट का दिल बदल दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने अगर महसूस किया कि कानून मंत्री ने रिपोर्ट का दिल बदल दिया है तो क्यों वे न्यायिक आदेश नहीं देते कि अश्विनी कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए. केवल टिप्पणी देने से सुप्रीम कोर्ट खुद को बचा लेगा?
आप सुप्रीम कोर्ट को चैलेंज कर रहे हैं?
नहीं. जो भी हुआ, सबके सामने हुआ. सीबीआइ प्रॉसीक्यूशन मैनुअल्स को देखा जाए तो उसमें कानून मंत्री को सलाह देने का अधिकार है. दूसरी बात यह कि प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और कानून मंत्री से इस्तीफा लिया. इसमे भ्रष्टाचार कहां हुआ है?
अश्विनी कुमार और पवन बंसल के बाद पीएम का इस्तीफा होना चाहिए. विपक्ष की यह मांग है.
प्रधानमंत्री पहले व्यक्ति थे जिन्होंने कहा था कि कोल ब्लॉक की नीलामी होनी चाहिए. कोयला राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आता है और राज्यों ने इस नीलामी पर आपत्ति जताई थी. सारे कोयला क्षेत्र गैर-कांग्रेसी सरकारों के क्षेत्र में हैं. उन राज्यों ने कहा कि हमारी संपत्ति है, आपको क्या हक है नीलाम करने का?
तो प्रधानमंत्री से इस्तीफा मांगने की कोई वजह नहीं?
बिलकुल नहीं. गलत पीएम ने नहीं किया, न ही किसी निर्णय को बदला है.
फिर क्यों कुमार को बचाने की कोशिश की?
पीएम का हक है कि वे किसे मंत्री बनाए रखें, किसे नहीं?
आपकी सरकार ने भ्रष्टाचार का कीर्तिमान गढ़ा है.
हजारों करोड़ रु. के भ्रष्टाचार गैर-कांग्रेसी सरकारों में हो रहे हैं, उसे आप नहीं बताते? हमने आरटीआइ दिया, मनी लॉन्डरिंग ऐक्ट मजबूत किया, बड़े-बड़े अधिकारियों को हमने भेजा.
देश लूटा जा रहा है, कभी 2जी घोटाला, कभी सीडब्ल्यूजी तो कभी कोलगेट...
लोकतंत्र में हर संस्था का रोल अलग है. इसके स्तंभ एक दूसरे पर अतिक्रमण नहीं कर सकते. ए. राजा को जेल सुप्रीम कोर्ट ने नहीं, सीबीआइ की जांच ने भेजा.
पूरी बातचीत आप
www.aajtak.in/digvijay
पर जाकर देख सकते हैं. |
संता मरीआ ला रेआल का गिरजाघर (स्पेनी भाषा में: Iglesia de Santa María la Real) सांगुएसा (Sangüesa), स्पेन में मौजूद एक गिरजाघर है। उसे बिएन दे इंतेरेस कल्चरल की श्रेणी में 1889 में शामिल की किया गया था।
बाहरी कड़ियाँ
Spain By Zoran Pavlovic, Reuel R. Hanks, Charles F. Gritzner
Some Account of Gothic Architecture in SpainBy George Edmund Street
Romanesque Churches of Spain: A Traveller's Guide Including the Earlier Churches of AD 600-1000 Giles de la Mare, 2010 - Architecture, Romanesque - 390 pages
A Hand-Book for Travellers in Spain, and Readers at Home: Describing the ...By Richard Ford
The Rough Guide to Spain
स्पेन के गिरजाघर
स्पेन के स्मारक |
अमेरिका ने आरोप लगाया कि सीरिया एक और रासायनिक हमले की साजिश कर रहा है. उसने इसके खिलाफ सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार को चेताया है. एक रिपोर्ट के अनुसार, व्हाइट हाउस ने सोमवार को कहा कि असद सरकार की गतिविधियों से लग रहा है कि वह एक और रासायनिक हमले की साजिश कर रही है. उसकी गतिविधियां अप्रैल में उसके द्वारा किए गए रासायनिक हमले से पहले जैसी ही हैं.
हमले में कई लोगों की मौत हुई थी. इसके बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया के हवाई अड्डों पर हमले का आदेश दिया था.
सीरिया को खामियाजा भुगतना पड़ेगा
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने सीरिया के राष्ट्रपति को चेतावनी दी है. कहा कि यदि उनके प्रशासन ने एक और रासायनिक हमला किया तो इसका भारी खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा.
व्हाइस हाउस के प्रवक्ता सीन स्पाइसर ने कहा- "जैसा कि हमने पहले ही कहा है, अमेरिका
इस्लामिक स्टेट (आईएस) के खात्मे
के लिए सीरिया में है. लेकिन अगर असद सरकार रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करती है तो उनकी सेना को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी."
सीरिया के इदलिब प्रांत के खान शयखुन कस्बे में चार अप्रैल को हुए संदिग्ध नर्व गैस हमले में बच्चों सहित कई लोगों की मौत हो गई थी.
इसके बाद भूमध्यसागर में तैनात अमेरिकी नौसेना के जहाजों से 59 टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें दागी गई थीं. |
उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि एक सभ्य परिवार को अपने बच्चों को प्रियंका गांधी दूर रखना चाहिए.
स्मृति ईरानी ने प्रियंका गांधी पर ये हमला तब किया है जब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें कांग्रेस महासचिव बच्चों से पीएम मोदी के खिलाफ नारे लगवा रही थीं. स्मृति ईरानी ने आगे कहा कि प्रियंका बच्चों को अपशब्द बोलने को कहती हैं. वह बच्चों को पीएम मोदी के खिलाफ अपशब्द बोलने को कहती हैं. आप बच्चों का इस्तेमाल राजनीतिक प्रचार के लिए नहीं कर सकते. इससे बच्चे क्या सीखेंगे. मैं सभी सभ्य परिवारों से कहूंगी कि वे अपने बच्चों को प्रियंका गांधी से दूर रखें.
पीएम मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर आवारा पशुओं के नाम जैसी बातों पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये उनका असली चेहरा है. वह प्रधानमंत्री और एक राज्य के सीएम का अनादर कर रही हैं.
प्रियंका गांधी ने रायबरेली में एक चुनावी जनसभा में पीएम मोदी और सीएम योगी पर निशाना साधते हुए कहा था कि पीएम मोदी को पिछले 5 साल में अपने संसदीय क्षेत्र के एक भी गांव का दौरा करने का समय नहीं मिला. क्या उन्होंने किसानों से उनके जीवन को लेकर बात की. उनको मालूम पड़ता कि किसान आवारा पशुओं को भगाने के लिए किस नाम का इस्तेमाल करते हैं.
प्रियंका के इस वीडियो पर स्मृति ईरानी ने पहली बार हमला नहीं किया है. इससे पहले भी स्मृति ईरानी ने इस पर आपत्ति जताते हुए एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने एक वीडियो साझा करते हुए लिखा कि सोचिए एक प्रधानमंत्री को कितना कुछ सहना पड़ता है. क्या इससे लुटियंस में गुस्सा दिखाई दिया?
अमेठी में लगातार दूसरी बार चुनाव लड़ रहीं स्मृति ईरानी ने ट्वीट किया जिसमें प्रियंका गांधी के सामने कुछ बच्चे 'चौकीदार चोर है' का नारा लगा रहे थे, इसी बीच बच्चों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया. इस पर स्मृति ईरानी ने सवाल खड़े किए. |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: ड्रीम गर्ल के नाम से मशहूर बॉलीवुड एक्ट्रेस हेमा मालिनी (Hema Malini) पिछले कुछ सालों से अपने राजनीतिक सफर में बेहद सादगी भरे अंदाज से आगे बढ़ती नजर रही हैं. लोकसभा चुनाव 2014 में मथुरा से पहली बार सांसद बनीं हेमा मालिनी को एक बार फिर उसी सीट से चुनाव लड़ने के लिए बीजेपी ने मौका दिया है. सोमवार को हेमा मालिनी ने पहले चरण के आखिरी नामांकन के लिए पर्चा दाखिल किया. उससे पहले उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में पूजा अर्चना की. सक्रिय राजनीति में हेमा मालिनी साल 2004 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हुईं और फिर पार्टी के सहयोग से राज्यसभा की सदस्य भी बनीं. 2010 में वह भारतीय जनता पार्टी की महासचिव भी बनीं.
ऐसा कहा जाता है कि हेमा मालिनी को बॉलीवुड की दुनिया से राजनीति में लाने के पीछे विनोद खन्ना का हाथ था. फिलहाल इस बात का जिक्र किताबों में ही मिला. पिछली बार साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में उन्होंने राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चौधरी को तीन लाख से ज्यादा वोटों से हराया था. इसी वजह से बीजेपी ने भरोसा जताते हुए हेमा मालिनी को इस बार भी मथुरा की सीट से प्रत्याशी बनने का मौका दिया.
राजनीति के अलावा हेमा मालिनी फिल्मों में भी सक्रिय रही हैं. आखिरी बार साल 2017 में फिल्म 'एक थी रानी ऐसी भी' में नजर आई थीं. बता दें, हेमा को फिल्मों से लेकर राजनीतिक करियर बनाने के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. इनका वास्तिक नाम हेमा मालिनी चक्रवर्ती है. हेमा मालिनी का जन्म 16 अक्टूबर 1948 को तमिलनाडु में हुआ था. उनके पिता वी एस आर चक्रवर्ती और माता जयालक्ष्मी जो एक फिल्म प्रोडूसर थीं. हेमा ने अपनी पढ़ाई चेन्नई के आंध्र महिला सभा से की. घर में फिल्मी माहौल होने से हेमा मालिनी का झुकाव भी फिल्मों की ओर हो गया. इसलिए हेमा 12 वीं की पढ़ाई को छोड़ कर फिल्मों को ओर रुख कर लिया. |
अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने की तरह कांग्रेस के सामने झारखंड में प्रदेश अध्यक्ष चुनने की भी चुनौती थी. आखिरकार 26 अगस्त को उसे रामेश्वर उरांव के रूप में नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया. पांच कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए गए हैं-केशव महतो कमलेश, इरफान अंसारी, मानस सिन्हा, संजय पासवान और राजेश ठाकुर. आम चुनावों में हार के बाद अजय कुमार ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने पार्टी नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे, ''हमारे यहां ओछे स्वार्थ वाले नेताओं की लंबी सूची है.
उनका एकमात्र उद्देश्य सत्ता हथियाना, टिकट बेचना या चुनाव के नाम पर धन एकत्र करना है.'' जाहिर है, राज्य कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर थी. कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि अजय कुमार के खिलाफ माहौल बनाने में रांची के पूर्व सांसद का बड़ा हाथ था.
प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में सुबोधकांत सहाय, प्रदीप बालमुचु, आलमगीर आलम और सुखदेव भगत की चर्चा थी. लेकिन कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोहरदगा से सांसद और अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष उरांव पर भरोसा जताया. इससे पार्टी ने मुस्लिम-आदिवासी गठजोड़ साधने की कोशिश की है. कार्यकारी अध्यक्षों के चयन से भी यह समीकरण साफ हो जाता है. 2011 की जनगणना के मुताबिक, सूबे में मुसलमान 14.5 फीसदी और आदिवासी 27 फीसदी हैं. सूबे में कांग्रेस के पास 8 और भाजपा के पास 43 विधानसभा सीटें हैं.
राज्य में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं और भाजपा ने इसकी तैयारी भी कर ली है. यहां सितंबर में पीएम नरेंद्र मोदी की एक रैली प्रस्तावित है. इसका जवाब कांग्रेस सोनिया गांधी की रैली से देना चाहती है.
कांग्रेस के नवनियुक्त कार्यकारी अध्यक्ष इरफान अंसारी कहते हैं, ''हमने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को झारखंड आने का निमंत्रण दिया है और उन्होंने इस प्रस्ताव को मान लिया है.'' पर भाजपा की तैयारियों के सामने विपक्ष बिखरा नजर आ रहा है. अभी भी यह साफ नहीं है कि पहले की तय सहमति के मुताबिक, विधानसभा चुनाव झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरन के नेतृत्व में लड़ा जाएगा या नहीं.
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कटहल के फायदे बहुत हैं. कटहल क्या है (What Is Jackfruit?). यानी कटहल फल है या सब्जी इस सवाल को लेकर लोगों के बीच अलग-अलग बातें हैं. कटहल का इस्तेमाल सब्जी बनाने में किया जाता है और साथ ही साथ इसे पका कर फल की तरह भी खाया जाता है. इतना ही नहीं कटहल का अचार (Kathal ka achar, Jackfruit Pickle) और कटहल के पकौड़े भी बनाए जाते हैं. कटहल स्वाद के लिए ही नहीं कटहल सेहत (Health benefits of Jackfruit Kathal) के लिए भी बहुत फायदेमंद है. कटहल में कई पौष्टिक तत्व होते हैं. इसमें विटामिन A, C, थाइमिन, पोटैशियम, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन, आयरन, नियासिन और जिंक भरपूर मात्रा में होते हैं. इतना ही नहीं कटहल में काफी मात्रा में फाइबर भी होता है, जो पाचन तंत्र को अच्छा बनाए रखता है. कटहल के कई फायदे (Benefits of Kathal) होते हैं, तो चलिए जानते हैं इनके बारे में.
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कटहल फल है या सब्जी इसे लेकर लोगों में मतभेद है. कोई इसे फल मानता है तो कोई इसे सब्जी कहता है. लेकिन कटहल कई औषधीय गुणों से भरपूर है. कटहल का वानस्पतिक नाम आर्टोकार्पस हेटेरोफिल्लस है. हम यहां आपको कटहल के 10 फायदों के बारे में बता रहे हैं-
What Is Jackfruit and Should You Eat It: कटहल फल है या सब्जी इसे लेकर लोगों में मतभेद है. Photo Credit: iStock
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1. कटहल यह दिल के रोगियों के सेहतमंद माना जाता है. कटहल में पोटैशियम होता है, जो दिल की हर समस्या को दूर करता है, क्योंकि यह ब्लड प्रेशर को कम कर देता है.
2. कटहल अल्सर और पाचन संबंधी समस्या को दूर करता है. कब्ज की समस्या को दूर करने में भी यह बहुत फायदेमंद है. कटहल की पत्तियों की राख अल्सर के इलाज के लिए बहुत उपयोगी होती है. हरी ताजा पत्तियों को साफ धोकर सुखा लें. सूखने के बाद पत्तियों का चूरन तैयार करें. पेट के अल्सर से ग्रस्त व्यक्ति को इस चूरन को खिलाएं. अल्सर में बहुत जल्दी आराम मिलेगा.
3. कटहल में विटामिन A, C, थाइमिन, पोटैशियम, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन, आयरन, नियासिन और जिंक भरपूर मात्रा में होते हैं. इतना ही नहीं कटहल में काफी मात्रा में फाइबर भी होता है, जो पाचन तंत्र को अच्छा बनाए रखता है.
4. कटहल की जड़ अस्थमा के रोगियों के लिए लाभदायक मानी जाती है. इसकी जड़ को पानी के साथ उबाल कर बचा हुआ पानी छान कर लेने से अस्थमा को कंट्रोल किया जा सकता है. थायराइड के लिए भी कटहल उत्तम है.
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5. कटहल में मौजूद सूक्ष्म खनिज और कॉपर थायराइड चयापचय के लिये प्रभावशाली होता है. यहां तक कि यह बैक्टेरियल और वाइरल इंफेक्शन से भी बचाता है.
6. कटहल काफी रेशेदार होता है और इसमें भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है. यह एनीमिया दूर करता है. शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है.
7. कटहल में मौजूद मैग्नीशियम हड्डी में मजबूती लाता है और ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या से बचाता है. यही नहीं इसमें विटामिन C और A पाया जाता है. यही वजह है कि शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में इसका कोई सानी नहीं है.
8. कटहल के छिलकों से निकलने वाला दूध अगर सूजन, घाव और कटे-फटे अंगों पर लगाया जाए तो आराम मिलता है. इसी दूध से जोड़ों पर मालिश की जाए तो जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है.
Benefits of Kathal and How To Eat It: कटहल में काफी मात्रा में फाइबर भी होता है, जो पाचनतंत्र को बेहतर बनाता है.
9. जिन लोगों की चेहरा रुखा और बेजान होता है उन लोगों को कटहल का रस अपने चेहरे पर लगाना चाहिए. इसकी मसाज तब तक करे जब तक यह सूख न जाए फिर थोड़ी देर के बाद अपना चेहरा पानी के साथ धो लें.
10. कटहल की कच्ची पत्तियों को चबाकर थूकने से मुंह के छालों में आराम मिलता है. यह छालों को ठीक कर देता है. इसमें पाए जाने वाले कई खनिज हार्मोन्स को भी नियंत्रित करते हैं.
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11. पके हुए कटहल के पल्प को अच्छी तरह से मैश करके पानी में उबालकर पीने से ताजगी आती है. कटहल में विटामिन ए पाया जाता है जिससे आंखों की रोशनी बढ़ती है और त्वचा निखरती है.
12. कटहल के बीज का चूरन बना कर उसमें थोड़ा शहद मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरा साफ हो जाता है और दाग-धब्बे मिट जाते हैं.
13. झुर्रियों से निजात पाने के लिए कटहल का पेस्ट बना कर और उसमें एक चम्मच दूध मिलाकर धीरे धीरे चेहरे पर लगाना चाहिए. फिर गुलाब जल या ठंडे पानी से चेहरा साफ कर लें. नियमित रूप से ऐसा करने से चेहरे की झूर्रियों से छुटकारा मिल जाता है.
14. कटहल की जड़ अस्थमा के रोगियों के लिए लाभदायक मानी जाती है. इसकी जड़ को पानी के साथ उबाल कर बचा हुआ पानी छान कर लेने से अस्थमा को कंट्रोल किया जा सकता है.
15. थायराइड के लिए भी कटहल उत्तम है. इसमें मौजूद सूक्ष्म खनिज और कॉपर थायराइड चयापचय के लिये प्रभावशाली होता है. यहां तक कि यह बैक्टेरियल और वाइरल इंफेक्शन से भी बचाता है.
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कटहल में कई पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं जैसे, विटामिन A, C, थाइमिन, पोटैशियम, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन, आयरन, नियासिन और जिंक. यही नहीं इसमें खूब सारा फाइबर भी पाया जाता है. हालांकि इसके बावजूद ज्यादातर लोग कटहल को नॉन वेज का वेज ऑप्शन मानते हैं.
Jackfruit Nutrition: कटहल में कई पौष्टिक तत्व होते हैं.
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: अमेरिका में उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विवादास्पद यात्रा प्रतिबंध को सोमवार को आंशिक रूप से बहाल कर दिया जिससे छह मुख्य रूप से मुस्लिम देशों को निशाना बनाया गया था. न्यायालय इस मामले पर इस शरद ऋतु में पूर्ण सुनवायी करेगा. ट्रंप ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए इसे 'राष्ट्रीय सुरक्षा' के लिए एक जीत बताया. न्यायाधीशों ने कहा कि यात्रा प्रतिबंध..जिस पर निचली अदालत ने रोक लगा दी थी.. उसे लक्षित देशों के योत्रियों पर लागू किया जा सकता है जिनके पास 'अमेरिका में किसी व्यक्ति या इकाई के साथ कोई प्रमाणिक संबंध नहीं है', यह अदालत द्वारा मामले पर अक्टूबर में सुनवायी करने तक रहेगा.
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि प्रतिबंध फिलहाल ऐसे लोगों के खिलाफ लागू नहीं किया जा सकता जिनके अमेरिका के साथ निजी संबंध हैं. अदालत ने ऐसे विदेशी नागरिकों के उदाहरण दिये जो परिवार से मिलने के लिए आना चाहते हैं या ऐसे छात्र जिन्हें किसी विश्वविद्यालय ने स्वीकार किया है.
यद्यपि उच्चतम न्यायालय का यह निर्णय रिपब्लिकन नेता के लिए एक जीत है जिन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी है. यद्यपि इसकी इसको लेकर आलोचना की गई कि इसके तहत अमेरिका के संविधान का उल्लंघन करते हुए मुस्लिमों को निशाना बनाया गया.टिप्पणियां
ट्रंप प्रशासन की ओर से यात्रा प्रतिबंध गत मार्च में घोषित किया गया था. इसके तहत ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन से आने वाले यात्रियों के प्रवेश पर 90 दिन के लिए प्रतिबंध लगाया गया था. इसके साथ ही शरणाथर्यिों के प्रवेश भी 120 दिन के लिए निलंबित कर दिया गया था.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि प्रतिबंध फिलहाल ऐसे लोगों के खिलाफ लागू नहीं किया जा सकता जिनके अमेरिका के साथ निजी संबंध हैं. अदालत ने ऐसे विदेशी नागरिकों के उदाहरण दिये जो परिवार से मिलने के लिए आना चाहते हैं या ऐसे छात्र जिन्हें किसी विश्वविद्यालय ने स्वीकार किया है.
यद्यपि उच्चतम न्यायालय का यह निर्णय रिपब्लिकन नेता के लिए एक जीत है जिन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी है. यद्यपि इसकी इसको लेकर आलोचना की गई कि इसके तहत अमेरिका के संविधान का उल्लंघन करते हुए मुस्लिमों को निशाना बनाया गया.टिप्पणियां
ट्रंप प्रशासन की ओर से यात्रा प्रतिबंध गत मार्च में घोषित किया गया था. इसके तहत ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन से आने वाले यात्रियों के प्रवेश पर 90 दिन के लिए प्रतिबंध लगाया गया था. इसके साथ ही शरणाथर्यिों के प्रवेश भी 120 दिन के लिए निलंबित कर दिया गया था.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
यद्यपि उच्चतम न्यायालय का यह निर्णय रिपब्लिकन नेता के लिए एक जीत है जिन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी है. यद्यपि इसकी इसको लेकर आलोचना की गई कि इसके तहत अमेरिका के संविधान का उल्लंघन करते हुए मुस्लिमों को निशाना बनाया गया.टिप्पणियां
ट्रंप प्रशासन की ओर से यात्रा प्रतिबंध गत मार्च में घोषित किया गया था. इसके तहत ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन से आने वाले यात्रियों के प्रवेश पर 90 दिन के लिए प्रतिबंध लगाया गया था. इसके साथ ही शरणाथर्यिों के प्रवेश भी 120 दिन के लिए निलंबित कर दिया गया था.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
ट्रंप प्रशासन की ओर से यात्रा प्रतिबंध गत मार्च में घोषित किया गया था. इसके तहत ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन से आने वाले यात्रियों के प्रवेश पर 90 दिन के लिए प्रतिबंध लगाया गया था. इसके साथ ही शरणाथर्यिों के प्रवेश भी 120 दिन के लिए निलंबित कर दिया गया था.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
लेख: ख्यातिप्राप्त लेखक पाउलो कोएलो पाइरेटिड किताबों के पैरोकार रहे हैं और उनका मानना है कि किताब की चोरी (पाइरेसी) किसी भी लेखक के लिए एक मेडल के समान है, जिसका सबसे बड़ा पुरस्कार उसकी किताब का पढ़ा जाना होता है.
द एलकैमिस्ट, इलेवन मिनिट्स, एडल्ट्री, लाइक द फ्लोइंग रीवर, बृदा और द जहीर जैसी लोकप्रिय किताबों के ब्राजीलियाई लेखक ने ट्वीट किया ‘‘ कुछ लोग इसे पाइरेसी कहते हैं. मैं इसे किसी भी लेखक के लिए पदक के समान मानता हूं, जो यह समझता है कि उसकी किताब को पढ़े जाने से बड़ा कोई पुरस्कार नहीं है.’’
उन्होंने अपने ट्वीट के साथ ही सड़क के किनारे किताब बेचते एक बच्चे की भी तस्वीर लगायी है. वह सालों से कहते आ रहे हैं कि पठन सामग्री का मुफ्त में उपलब्ध होना किताबों के कारोबार के लिए खतरा नहीं है.टिप्पणियां
कोएलो ने कुछ साल पहले कहा था कि लोग किसी किताब की जितनी अधिक पाइरेसी करेंगे उतना अच्छा है. हिंदुस्तान में पाइरेसी प्रकाशन उद्योग के समक्ष सबसे बड़ी समस्या है. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
द एलकैमिस्ट, इलेवन मिनिट्स, एडल्ट्री, लाइक द फ्लोइंग रीवर, बृदा और द जहीर जैसी लोकप्रिय किताबों के ब्राजीलियाई लेखक ने ट्वीट किया ‘‘ कुछ लोग इसे पाइरेसी कहते हैं. मैं इसे किसी भी लेखक के लिए पदक के समान मानता हूं, जो यह समझता है कि उसकी किताब को पढ़े जाने से बड़ा कोई पुरस्कार नहीं है.’’
उन्होंने अपने ट्वीट के साथ ही सड़क के किनारे किताब बेचते एक बच्चे की भी तस्वीर लगायी है. वह सालों से कहते आ रहे हैं कि पठन सामग्री का मुफ्त में उपलब्ध होना किताबों के कारोबार के लिए खतरा नहीं है.टिप्पणियां
कोएलो ने कुछ साल पहले कहा था कि लोग किसी किताब की जितनी अधिक पाइरेसी करेंगे उतना अच्छा है. हिंदुस्तान में पाइरेसी प्रकाशन उद्योग के समक्ष सबसे बड़ी समस्या है. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने अपने ट्वीट के साथ ही सड़क के किनारे किताब बेचते एक बच्चे की भी तस्वीर लगायी है. वह सालों से कहते आ रहे हैं कि पठन सामग्री का मुफ्त में उपलब्ध होना किताबों के कारोबार के लिए खतरा नहीं है.टिप्पणियां
कोएलो ने कुछ साल पहले कहा था कि लोग किसी किताब की जितनी अधिक पाइरेसी करेंगे उतना अच्छा है. हिंदुस्तान में पाइरेसी प्रकाशन उद्योग के समक्ष सबसे बड़ी समस्या है. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
कोएलो ने कुछ साल पहले कहा था कि लोग किसी किताब की जितनी अधिक पाइरेसी करेंगे उतना अच्छा है. हिंदुस्तान में पाइरेसी प्रकाशन उद्योग के समक्ष सबसे बड़ी समस्या है. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
लेख: मथुरा में इस बार जनमाष्टमी का उत्सव पूरी भव्यता के साथ आठ दिनों तक मनाया जाएगा. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ब्रज विकास परिषद को मथुरा में भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव पूरी धूमधाम के साथ मनाने के लिए एक विस्तृत योजना बनाने का निर्देश दिया है. जश्न की शुरुआत 17 अगस्त से होगी, जो जनमाष्टमी के एक दिन बाद 25 अगस्त तक चलेगा. राज्य के संस्कृति मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण के अनुसार, इस बार उत्सव में इंडोनेशिया, मलेशिया के अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों के साथ असम, मणिपुर और गुजरात के कलाकार भी प्रस्तुति देंगे. इस दौरान कर्नाटक, गुजरात, मध्य प्रदेश और बिहार के 1000 से ज्यादा लोक कलाकार भी विभिन्न कार्यक्रमों में अपनी प्रस्तुति देंगे.
आठ दिवसीय इस आयोजन के मुख्य आर्कषण में नई दिल्ली स्थित श्रीराम भारतीय कला केंद्र के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली 'कृष्ण लीला' भी शामिल है. मंत्री ने कहा, "मथुरा की भौगोलिक निकटता के कारण हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली से बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. बरसाना की होली के बाद मथुरा की जन्माष्टमी भी पर्यटन को बढ़ावा देने का काम करेगी." उन्होंने आगे कहा, "समारोह में भगवान कृष्ण के जीवन पर आधारित फिल्में और लेजर शो दिखाए जाएंगे. इस दौरान हम पेंटिंग और रंगोली प्रतियोगिताएं भी आयोजित करेंगे. मथुरा और वृंदावन के सभी मंदिरों को आठ दिनों के इस उत्सव के लिए अच्छी तरह से सजाया जाएगा." |
नियम निष्ठता [2] एक साहित्यक आलोचना और साहित्यिक बाद है जो किसी भी लिखित मूल पाठ के ढाते और आकार के उद्धेश्य को समझने की कोशिश करते है। यह पाठ को बाहरी प्रभान से अलग देखता है। नियम निष्ठता पाठ को सन्स्क्रिति और समाजिक भेद-भाव और प्रभाव से अलग देखती है। और साहित्यक साध्न्, शैली, प्रवचन, और प्रपत्र पर ज़्यादा केन्द्रित है।
साहित्यक आलोचना में, नियम निष्ठता उन चीज़ो पर केन्द्रित है जो पाठ से समालिचनातमक दृष्टिकोण से विश्रेषण या व्याख्या कार्ती हो पाठ के भागो का। इन भागो मे शामिल है, व्याकरण, वाक्य विन्यास, साहित्यिक उपकरण जैसे की छ्न्द और खीस्तयाग। नियम निष्टता के द्रिश्तीकोण मे पाठ एतिहासिक जीवनी या सान्स्क्रितिक प्रसंग का मूल बहुत कम है।
रूसी नियम निष्ठता मे रहस्यवादी विचार को अस्वीकार किय गया है। उनका मानना है कि साहित्य सिर्फ भाषा और साहित्यिक उपकरण से बना है, उन्होने साहित्य के सामग्री को महत्वपूर्ण नही सम्झा, उनका मानना है कि सामग्री सिर्फ भाषा और उप्करन को उपयोग करने के लिये एक बहाना है, और कुछ नही। इन्होने छ्न्द्रशास्त्र को भाशा वैग्यान से जोडन चहा, यह साबित करने के लिये कि एक को समझने के लिये दूसरा महत्वपूर्ण है। वे भाषा के विशिष्ठ गुण्वत्ता को पहचनना चाहते थे, जो साहित्यिक को असाहित्यिक से अलग करता है। नियम निष्ठ व्यक्तियो के द्रिष्टिकोण मे रूप, सामग्री से ज़्यादा महत्वपूर्ण है। उन्होने वैग्यानिक तक नीति से भाषा के साहित्यिक उपयोग को भाषा के सामान्य उपयोग मे अन्तर को गुणातमक रूप से देखा जिस वे 'लिटरेटर नास्ट'- साहित्य के साहित्यता कहते थे। इसे वह मात्रात्मक रूप मे देखना चाहते थे। वह इसे सजाना चाहते थे 'ओस्त्रानेनी' के सिद्धैअन्त से, जिस्का मतलब है अनबन। इस प्रकार उनका विश्वास कि यह एक प्रक्रिय है जिससे परिचित भाषा अपरिचित लगती है, जो इन्सान की अनुभूति को जग देता है।
नियम निष्ठ व्यक्ति ने अपनी कलपना को, फर्डिनेंड दि सिस्योर की भाषा विद-सिद्धांत और प्रतीकिवादी विचार जो पाठ के स्वायत्त्तना और साहित्य और भाषा के अलग-अलग उपियोग के अनिरंतरता के बारे में थी। नियम णिष्ठ व्यक्ति अपनी महत्वपूर्ण प्रवचन को प्रतीकवादी आलोचना से ज़्यादा निष्पक्श, वस्तुगत और वैग्यानिक बनाना चाहते थे। एय वक्त में चह रूसि भाविष्यवादी से जुडे हुए थे और स्माजशस्त्रिय आलिचना के विकद्ध थे। नियम निष्ठ व्यक्ति ने माध्यम पर ज़्यादा जोर डाला, वह माध्यम को ज़्यादा ऊँची समझते थे,वह यह देखना चाहते थे कि साहित्य, ज्यादातार कवित में कैसा, सहित्य एय कलांक्रित रूप से सामान्य भाषा को एक अनोखे रूप में प्रस्तुत करता है, इस कारण ह्मारी रोज की दुनिया ह्मारे लिये अपरिचित हि जाती है, इस नियम निष्ठ व्यक्ति 'डिफेमिलियरैज़ेशन'कहते है।
उन्होने पहले से ही साहित्य के रूप और साहित्यिक तक्नीक के महत्व पर ज़्यादा ज़ोर डाला और वे हमेशा साहित्य के विशेष्त को एक स्वायत्त मौखिक कला के रूप में देखा है। उन्होने साहित्य के अलग-अलग कार्यो को समझने की कोशिश की है ताकी वे कविता और काल्पनिक कथा को दूसरे तरह के प्रवचनो से अलग देख सके। हालांकि नियम निष्ठता मार्क्स्वादी आलोचना के लिये अभिषाप था, नियम निष्ठता सेवित संघ मे १९२९ तक प्रचलित था। इसके बाद नियम निष्ठता की आलोचना हुए क्योंकि लोगों को इसमें राज्नैतिक प्रिपेक्श्य की कमी नज़र आई। लेकिन इसके बाद रोमन जेकबसन जो एय स्ंरचनवादी भाषाविद थे, इनका काम बहुत सर्हाया गया। और पस्चिम में इनका काम बहुत प्रभावित बना, विशेष्कर एंगलो-अमेरिकन नई आलोचन जो कई बार फार्मलिस्म भी कहलाई है।
मगर आज, एक नियम निष्ठत द्रिष्तिकोण विलक्शण रूप से किसी शुद्ध महत्वपूर्ण विधि में नही देखने मिलता है। विश्वविध्यलयों मे हर अंग्रेज़ी विभाग में छात्रो जो पाठ के रचना और कला को बारीकि से समझना, कला को समझने क महत्वपूर्ण तरीका माना गया है।
नियम निष्ठता अनुस्ंधान में छात्रो के लिये गये पाठ के ढ्ंग और आचरण को परखा जाता है। नियम निष्ठ में भाषा सर्वोपरी है। किसी नियम निष्ठता, सैसायती फाँर दी स्तदी आँफ पोएटिक लैंगुयएज जो सेंत पितर्सबर्ग में बोरिस इकनबाम, विक्ट्रार श्क्लॉव्स्की और चूरी टन्यनोव द्वारा निर्मित की गई थी- इन्क कामो क उल्लखन है। ईक्न्बाम ने १९२६ निबंध 'द् थिओरी आँफ फाँर्मल् मेतोड, ह्मे एक किकयति द्रिश्य देता है नियम निष्ठता के द्रिश्टीकोण कि। इनका लक्श्य एय ऍसा साहित्यिक विग्यान का निर्मान करना ता जो स्वतंत्र और वास्तविक हो। चह बात आरस्टोट्ल ने भी अपने किताब 'पोएटिक्स' मे कही है। क्योंकि भाषा साहित्य में सब्से कीमती है, भाषा को ही इस विग्यान का मूल होना चाहिये।
साहित्य स्वायत्त है बाहरी वातावरण से। सहित्यिक भाषा वार्तालापी भाषा से अलग है। सहित्य क अपना खुद का इतिहास है, भाषिक आविष्कारो का ओतोहास जो बाहरी दुनिया के इतिहास से अलग है।
डिफैमिलियरैज़ेशन, नियम निष्ठत के अनुसार साबसे महत्त्व पूर्ण तरीका है जिससे साहित्यिक भाषा, ह्मारे रोज के वार्तालाप से अलग होना है। और यह एक ढंग है जिससे कला काम कारता है। साहित्यिक इतिहास मे अविश्कार कुछ ढंग है जिससे कला काम करता है। साहित्यिक इतिहास मे अविश्कार कुछ ढंग से डिफेमिलियरैज़ेशन की वजह से हुआ है- श्क्लोव्स्की के अनुसार। इसिलिये नियम निष्ठता पर यह आरोप है, कि यह राज्नैतिक रूप से प्रातीक्वादी थे। |
भविष्य पुराण १८ प्रमुख पुराणों में से एक है। विषय-वस्तु एवं वर्णन-शैली की दृष्टि से यह एक विशेष ग्रंथ है। इसमें धर्म, सदाचार, नीति, उपदेश, अनेकों आख्यान, व्रत, तीर्थ, दान, ज्योतिष एवं आयुर्वेद के विषयों का संग्रह है। वेताल-विक्रम-संवाद के रूप में इसमें रमणीय कथा-प्रबन्ध है। इसके अतिरिक्त इसमें नित्यकर्म, संस्कार, सामुद्रिक लक्षण, शान्ति तथा पौष्टिक कर्म आराधना और अनेक व्रतों का भी विस्तृत वर्णन है। भविष्य पुराण में भविष्य में होने वाली घटनाओं का वर्णन है।
इस पुराण में भारतवर्ष के वर्तमान समस्त आधुनिक इतिहास का वर्णन है। इसके प्रतिसर्गपर्व के तृतीय तथा चतुर्थ खण्ड में इतिहास की महत्त्वपूर्ण सामग्री विद्यमान है। इतिहास लेखकों ने प्रायः इसी का आधार लिया है। इसमें मध्यकालीन हर्षवर्धन
महाराज पृथ्वीराज चौहान, महावीर बप्पा रावल,हेमू आदि हिन्दू राजाओं और अलाउद्दीन, मुहम्मद तुगलक, तैमूरलंग, बाबर तथा अकबर आदि का वर्णन है। इसके मध्यमपर्व में समस्त कर्मकाण्ड का निरूपण है। इसमें वर्णित व्रत और दान से सम्बद्ध विषय भी महत्त्वपूर्ण हैं। इतने विस्तार से व्रतों का वर्णन न किसी अन्य पुराण, धर्मशास्त्र में मिलता है और न किसी स्वतन्त्र व्रत-संग्रह के ग्रन्थ में। हेमाद्रि, व्रतकल्पद्रुम, व्रतरत्नाकर, व्रतराज आदि परवर्ती व्रत-साहित्य में मुख्यरूप से भविष्यपुराण का ही आश्रय लिया गया है।
भविष्य पुराण के अनुसार, इसके श्लोकों की संख्या पचास हजार के लगभग होनी चाहिए। परन्तु वर्तमान में कुल १४,००० श्लोक ही उपलब्ध हैं। विषय-वस्तु, वर्णनशैली तथा काव्य-रचना की दृष्टि से भविष्यपुराण महत्वपूर्ण ग्रन्थ है। इसकी कथाएँ रोचक तथा प्रभावोत्कपादक हैं।
भविष्य पुराण में भगवान सूर्य नारायण की महिमा, उनके स्वरूप, पूजा उपासना विधि का विस्तार से उल्लेख किया गया है। इसीलिए इसे ‘सौर-पुराण’ या ‘सौर ग्रन्थ’ भी कहा गया है।
भविष्यपुराण की संरचना
यह पुराण ब्रह्म पर्व, मध्यम पर्व, प्रतिसर्ग पर्व तथा उत्तर पर्व - इन चार पर्वों में विभक्त है। मध्यमपर्व तीन तथा प्रतिसर्गपर्व चार अवान्तर खण्डों में विभक्त है। पर्वों के अन्तर्गत अध्याय हैं, जिनकी कुल संख्या ४८५ है। प्रतिसर्गपर्व के द्वितीय खण्ड के २३ अध्यायों में वेताल-विक्रम-सम्वाद के रूप में कथा-प्रबन्ध है, वह अत्यन्त रमणीय तथा मोहक है। रोचकता के कारण ही यह कथा-प्रबन्ध गुणाढ्य की ‘बृहत्कथा’, क्षेमेन्द्र की ‘बृहत्कथामञ्जरी, सोमदेव के ‘कथासरित्सागर’ आदि में वेतालपंचविंशति के रूप में संगृहीत हुआ है। भविष्य पुराण की इन्हीं कथाओं का नाम ‘वेतालपंचविंशति’ या ‘वेतालपंचविंशतिका’ है। इसी प्रकार प्रतिसर्गपर्व के द्वितीय खण्डके २४ से २९ अध्यायों तक उपनिबद्ध ‘श्रीसत्यनारायणव्रतकथा’ उत्तम कथा-साहित्य है। उत्तरपर्व में वर्णित व्रतोत्सव तथा दान-माहात्म्य से सम्बद्ध कथाएँ भी एक से बढ़कर एक हैं। ब्राह्मपर्व तथा मध्यमपर्व की सूर्य-सम्बन्धी कथाएँ भी कम रोचक नहीं हैं। आल्हा-ऊदल के इतिहास का प्रसिद्ध आख्यान इसी पुराण के आधार पर प्रचलित है।
ब्राह्म पर्व
इसमें कुल २१५ अध्याय हैं। भविष्य की घटनाओं से संबंधित इस पन्द्रह सहस्र श्लोकों के महापुराण में धर्म, आचार, नागपंचमी व्रत, सूर्यपूजा, स्त्री प्रकरण आदि हैं। इसके इस पर्व के आरम्भ में महर्षि सुमंतु एवं राजा शतानीक का संवाद है। इस पर्व में मुख्यत: व्रत-उपवास पूजा विधि, सूर्योपासना का माहात्म्य और उनसे जुड़ी कथाओं का विवरण प्राप्त होता है। इसमें सूर्य से सम्बन्धित १६९ अध्याय है।
मध्यम पर्व
मध्यमपर्व में समस्त कर्मकाण्ड का निरूपण है। इसमें वर्णित व्रत और दान से सम्बद्ध विषय भी अत्यन्त महत्त्वपूर्ण हैं। इतने विस्तार से व्रतों का वर्णन न किसी पुराण, धर्मशास्त्रमें मिलता है और न किसी स्वतन्त्र व्रत-संग्रह के ग्रन्थ में। हेमाद्रि, व्रतकल्पद्रुम, व्रतरत्नाकर, व्रतराज आदि परवर्ती व्रत-साहित्य में मुख्यरूप से भविष्यपुराण का ही आश्रय लिया गया है। इस पर्व में मुख्य रूप से श्राद्धकर्म, पितृकर्म, विवाह-संस्कार, यज्ञ, व्रत, स्नान, प्रायश्चित्त, अन्नप्राशन, मन्त्रोपासना, राज कर देना, यज्ञ के दिनों की गणना के बारे में विवरण दिया गया है।
प्रतिसर्ग पर्व
इसके प्रतिसर्गपर्व के तृतीय तथा चतुर्थ खण्ड में इतिहास की महत्त्वपूर्ण सामग्री विद्यमान है। इतिहास लेखकों ने प्रायः इसी का आधार लिया है। इसमें मध्यकालीन हर्षवर्धन, महावीर बप्पा रावल, महाराज पृथ्वीराज चौहान,आल्हा- ऊदल,छत्रपती शिवाजी, आदि हिन्दू राजाओं और अलाउद्दीन, मुहम्मद तुगलक, तैमूरलंग, बाबर तथा अकबर, आदि का प्रामाणिक इतिहास निरूपित है। इसमें जगद्गुरु श्री आदिशंकराचार्य, श्री रामानुजाचार्य,मीराबाई, श्री चैतन्य महाप्रभु,गुरु नानक देवजी,तुलसीदासजी,सूरदासजी, कबीरदास जी,चंद बरदाई के बारे में दिया है तथा ईसा मसीह के जन्म एवं उनकी भारत यात्रा, हजरत मुहम्मद का आविर्भाव, द्वापर युग के चन्द्रवंशी राजाओं का वर्णन, कलि युग में होने वाले राजाओं जैसे बौद्ध,शिशुनाग,नंद, मौर्य, राजाओं तथा परमार, चौहान, गुर्जर-प्रतिहार, चालुक्य (गुजरात) वंशी के राजाओं तक का वर्णन इसमें प्राप्त होता है।
उत्तर पर्व
इस पर्व में भगवान विष्णु की माया से नारद जी के मोहित होने का वर्णन है। इसके बाद स्त्रियों को सौभाग्य प्रदान करने वाले अन्य कई व्रतों का वर्णन भी विस्तारपूर्वक किया गया है। /* उत्तर पर्व */ इस पर्व में २०८ अध्याय हैं। यद्यपि यह भविष्य पुराण का अंग है, किन्तु इसे एक स्वतन्त पुराण (भविष्योत्तरपुराण) माना जाता है।
प्रतिसर्ग पर्व की भविष्यवाणियाँ
भविष्य पुराण के प्रतिसर्गपर्व के तृतीय तथा चतुर्थ खण्ड में इतिहास की महत्त्वपूर्ण सामग्री विद्यमान है। इसमें प्राचीनकाल के चक्रवर्ती सम्राट इक्ष्वाकु, सम्राट मांधाता, सम्राट हरिशचंद्र, सम्राट सगर, सम्राट भगीरथ, महाराजा दिलीप, महाराजा रघु, महाराजा दशरथ, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीरामजी,महाराजा कुश, महाराज नल आदि प्रमुख सूर्यवंशी सम्राटों तथा महाराजा सुद्दयुमन(इला), राजा नहुष, महाराजा ययाति, महाराजा भरत, महाराज शांतनु, भगवान श्रीकृष्ण, चक्रवर्ती सम्राट युधिष्ठिर, सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य, बिंदुसार, दिग्विजयी सम्राट विक्रमादित्य, सम्राट शालिवाहन, चक्रवर्ती सम्राट भोजराज तथा मध्यकालीन हर्षवर्धन, महाराज पृथ्वीराज चौहान, महावीर बप्पा रावल, आदि हिन्दू राजाओं और अलाउद्दीन, मुहम्मद तुगलक, तैमूरलंग, बाबर तथा अकबर,छत्रपती शिवाजी आदि का प्रामाणिक इतिहास निरूपित है।
जगद्गुरु श्री आदि शंकराचार्य जी,श्री चैतन्य महाप्रभु,श्री रामानुजाचार्य, मीराबाई, गुरु नानक देवजी, कबीरदास जी, तुलसीदास जी,सूरदास जी,ईसा मसीह के जन्म एवं उनकी भारत यात्रा, हजरत मुहम्मद का आविर्भाव, द्वापर युग के चन्द्रवंशी राजाओं का वर्णन, जगद्गुरु श्री आदि में होने राजाओं, बौद्ध, मौर्य,नंद,शिशुनाग, चालुक्य गुजरात,गुहिल वंशी राजाओं तथा चौहान एवं परमार वंश, पुरी के किलकिला (नागवंश) के राजाओं तक का वर्णन इसमें प्राप्त होता है।
रचना-काल
इस पुराण के रचनाकाल के विषय में बहुत मतभेद हैं। चूंकि इसमें अट्ठारहवीं-उन्नीसवीं शताब्दी तक के इतिहास की झलक मिलती है इसलिये ऐसा लगता है कि इसकी रचना आज से सोलह-सत्रह सौ वर्ष पूर्व हुई होगी किन्तु समय बीतने के साथ-साथ इसमें समय-समय पर तत्कलीन या पूर्व के इतिहास को भी जोड़ा जाता रहा।
सन्दर्भ
बाहरी कडियाँ
भविष्यपुराणम् (संस्कृत विकिस्रोत पर)
भविष्य पुराण (हिंदी में, गीता प्रेस, गोरखपुर)
विष्णु
संस्कृत साहित्य
पुराण
वैदिक धर्म |
पिछले साल के बजट में हुए आवंटन का लेखा-जोखा इकोनॉमिक सर्वे संसद में पेश हो गया है. इसमें वित्त वर्ष 2018 में अर्थव्यवस्था की रफ्तार 6.75 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है. वहीं, वित्त वर्ष 2019 में इसकी रफ्तार बढ़ने का अनुमान है और इस दौरान यह 7 ासे 7.75 फीसदी पर पहुंच सकती है.
इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2019 भारतीय इकोनॉमी के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है. सर्वे में कहा गया है कि एक्सपोर्ट सेक्टर से इकोनॉमी को बूस्ट मिलने की उम्मीद है.
सर्वे में कहा गया है आने वाले दिनों में आर्थिक और राजनीतिक मोर्चे पर अर्थव्यवस्था का प्रबंधन करना बड़ी चुनौती रहेगी. सर्वे में कहा गया है कि अगर सरकार वित्तीय दायरे और अर्थव्यवस्था के सामने मौजूद खतरों को नजरअंदाज कर कोई बड़ी घोषणा करती है, तो ऐसी घोषणाएं किसी भी तरह से जीत नहीं होगी.
जीएसटी का असर
इकोनॉमिक सर्वे में जीएसटी और इसके असर को लेकर भी बात की गई है. इसमें कहा गया है कि जीएसटी की वजह से अर्थव्यवस्था के सामने कई चुनौतियां खड़ी हुईं. इस नई कर व्यवस्था ने न सिर्फ सरकारी की नीतियों के सामने चुनौति पेश की, बल्कि इसकी वजह से सूचना प्रसारण तकनीक के लिए भी राह मुश्किल रही.
सर्वे में कहा गया है इसका सबसे ज्यादा असर इंफोर्मल सेक्टर पर पड़ा. सरकार की तरफ से जो त्वरित निर्णय लिए गए, उनसे रेट्स कम हुए हैं. इसके साथ ही इसे लागू करने में आ रही दिक्कतों को भी दूर करने की कोशिश की गईं.
नोटबंदी ने रोकी अर्थव्यवस्था की रफ्तार
इकोनॉमिक सर्वे में नोटबंदी के असर को लेकर भी बात की गई है. सर्वे में कहा गया है कि नोटबंदी की वजह से लघु अवधि में मांग घटी है. इसके साथ ही उत्पादन पर भी इसका असर पड़ा है. सर्वे के मुताबिक नोटबंदी का सबसे ज्यादा असर इनफॉर्मल सेक्टर पर पड़ा है. यह सेक्टर ज्यादातर कैश में कारेाबार करता है.
हालांकि सर्वे में कहा गया है कि नोटबंदी का असर 2017 की मध्य अवधि में काफी कम हुआ है. यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि इस दौरान कैश और जीडीपी रेशियो बेहतर स्थिति में आया. लेकिन यहां पर जीएसटी के आने से एकबार फिर इनफॉर्मल सेक्टर पर असर पड़ा और यह बुरी तरह प्रभावित हुआ.
छोटे कारोबारियों पर पड़ा जीएसटी का असर
जीएसटी की वजह से छोटे कारोबारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. उन्हें नई टैक्स नीति को अपनाने में और इसमें शामिल होने में पेपरवर्क करने के दौरान काफी दिक्कतें पेश आईं. इसका सीधा असर सप्लाई चेन पर पड़ा. इसकी वजह से मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों पर काफी असर पड़ा.
निर्यात बनेगा सहारा
सर्वे के मुताबिक आने वाले वक्त में निर्यात अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने का काम कर सकता है. सर्वे में कहा गया है कि अगर भारत का निर्यात और वैश्विक विकास की रफ्तार बढ़ती है, तो इसका फायदा अर्थव्यवस्था को मिलेगा.
अंतरराष्ट्रीय संस्था आईएमएफ की तरफ से 2018 में वैश्विक विकास की जो रफ्तार अनुमानित है, अगर वही रफ्तार रहती है, तो यह अर्थव्यवस्था की रफ्तार को आधी फीसदी बढ़ा सकता है.
रोजगार के मौके पैदा करना बड़ी चुनौती
देश में रोजगार एक बड़ी चुनौती है. सर्वे में कहा गया है कि देश में रोजगार को लेकर व्यापक डाटा मौजूद न होने की वजह से इस मोर्चे पर कोई अनुमान लगा पाना काफी मुश्किल हो जाता है. उसके बाद भी देश में यह एक बड़ी चुनौती बनेगा. सरकार के सामने देश के युवाओं को बेहतर नौकरी देने की चुनौती मध्य अवधि में बनी रहेगी.
ऐतिहासिक स्तर पर आयकर कलेक्शन
केंद्र सरकार की तरफ से कालेधन पर लगाम कसने के लिए उठाए जा रहे कदमों की बदौलत आयकर कलेक्शन देश में बढ़ा है. सर्वे के मुताबिक कालेधन पर कार्रवाई के अलावा नोटबंदी और जीएसटी ने भी इसे बढ़ाने में अहम योगदान दिया है. इसमें सिक्योरिटीजी ट्रांजैक्शन टैक्स को शामिल नहीं किया गया है.
सर्वे के मुताबिक 2013-14 और 2015-16 में आयकर कलेक्शन जीडीपी का 2 फीसदी रहा था. वहीं, 2017-18 में यह एक ऐतिहासिक स्तर पर पहुंचा है. 2017-18 के दौरान यह जीडीपी का 2.3 फीसदी रहा है.
सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि निर्यात का प्रदर्शन और देश के जीवन स्तर एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. इसका मतलब यह है कि बेहतर निर्यात का फायदा देश में बेहतर जीवन स्तर के तौर पर मिलता है.
तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर जताई चिंता
इकोनॉमिक सर्वे में कच्चे तेल की लगातार बढ़ रही कीमतों को लेकर भी चिंता जताई गई है. बता दें कि कच्चे तेल की कीमतें काफी ज्यादा ऊंचे स्तर पर पहुंच चुकी हैं. इसकी वहज से देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें भी आसमान पर पहुंच रही हैं.
इकोनॉमिक सर्वे की 5 अहम बातें
- मध्य अवधि में कृषि, शिक्षा और रोजगार पर होगा फोकस
- निर्यात बनेगाअर्थव्यवस्था का सहारा. बेहतर निर्यात बढ़ाएगा जीडीपी की रफ्तार
- निजी निवेश बढ़ेगा
- वित्त वर्ष 2018 के दौरान ग्रोस वैल्यू एडेड (GVA) 6.1 फीसदी रहने का अनुमान सर्वे में लगाया गया है, जो कि पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले कम है. पिछले वित्त वर्ष में यह 6.6 फीसदी था.
- वित्त वर्ष 2019 में अर्थव्यवस्था का प्रबंधन करना एक बड़ी चुनौती होगी.
क्या है इकोनॉमिक सर्वे
आर्थिक सर्वेक्षण अथवा
इकोनॉमिक सर्वे
पिछले साल बांटे गए खर्चों का लेखाजोखा तैयार करता है. इससे पता चलता है कि सरकार ने पिछले साल कहां-कहां कितना खर्च किया और बजट में की गई घोषणाओं को कितनी सफलतापूर्वक निभाया. इसके साथ ही सर्वेक्षण से यह भी पता चलता है कि पिछले साल अर्थव्यवस्था की स्थिति कैसी रही.
सर्वेक्षण
के जरिये इकोनॉमी को लेकर कई सुझाव भी सरकार को दिए जाते हैं. इस बार सर्वेक्षण में सुझाव कृषि पर फोकस रहने की संभावना जताई जा रही है. |
संसद का मॉनसून सत्र 18 जुलाई यानी बुधवार से शुरू हो रहा है. कई अन्य कारणों के अलावा ये सत्र इसलिए भी अहम है क्योंकि इसके केंद्र की मोदी सरकार का आखिरी संसद सत्र होने की अटकलें लगाई जा रही हैं. ये अटकलें बेवजह नहीं हैं. मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियां, सियासी सरगर्मियां और नेताओं की सक्रियता इसके संकेत दे रही हैं. बसपा सुप्रीमो मायावती ने खुद शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बारे में आशंका जताई. ऐसा हुआ तो मॉनसून सत्र के बाद शीतकालीन सत्र का मौका नहीं आएगा और केंद्र सरकार वक्त से पहले चुनाव की सिफारिश कर देगी.
मोदी सरकार के कार्यकाल में अब सिर्फ 10 महीने शेष हैं, जबकि चार महीने बाद ही देश के तीन बड़े राज्यों में
विधानसभा चुनाव
होने हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी बीजेपी लगातार एक देश एक चुनाव की वकालत कर रही है. इसे देश की कुछ और सियासी पार्टियों का भी समर्थन हासिल हुआ है. हालांकि कांग्रेस सहित ज्यादातर विपक्षी दल इसके खिलाफ हैं. ऐसे में अगर पीएम मोदी और उनकी पार्टी बीजेपी वाकई इस दिशा में आगे बढ़ना चाहती हैं तो उसके सामने कुछ महीने बाद अच्छा मौका आने वाला है और साल के अंत में वो एक साथ लोकसभा चुनाव और करीब आधे राज्यों में विधानसभा चुनाव करा सकती हैं.
बीजेपी शासित तीन राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ व मिजोरम में सरकार का कार्यकाल जनवरी 2019 में खत्म हो रहा है. इसके अलावा मई 2019 में केंद्र की मोदी सरकार का कार्यकाल भी खत्म हो जाएगा. अटकलें लगाई जा रही हैं कि एक साथ चुनाव के लिए सरकार इन चार राज्यों के विधानसभा चुनावों के साथ ही लोकसभा चुनाव भी करा सकती है.
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इस मुहिम में उन राज्यों को भी शामिल किया जा सकता है जिनका कार्यकाल उनके अंतिम साल में है. हरियाणा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड. ओडिशा, सिक्किम ऐसे ही राज्य हैं. इस तरह केंद्र व 12 राज्यों के चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं. जम्मू-कश्मीर में जिस तरह की राजनीतिक स्थिति है, वहां भी विधानसभा को भंग कर साल के अंत में चुनाव कराए जा सकते हैं.
मोदी सरकार की ओर से एक देश-एक चुनाव के पीछे संसाधन और वक्त की बचत का तर्क दिया जा रहा है. ये भी कहा जा रहा है कि हर समय आचार संहिता लगे होने के चलते विकास कार्यों पर ब्रेक लगता है. लेकिन अगर मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियां देखें तो ये योजना बीजेपी के लिए काफी मुफीद लग रही है और वक्त से पहले आम चुनाव कर वो एक तीर से कई निशाने साध सकती है.
संयुक्त विपक्ष के खिलाफ रणनीति
2019 में मोदी और शाह की जोड़ी को हराने के लिए विपक्ष तगड़ी लामबंदी में जुटा है. कांग्रेस जहां महागठबंधन के लिए हाथ-पैर मार रही है, वहीं ममता बनर्जी, केसीआर जैसे नेता फेडरल फ्रंट के नाम पर विपक्षी दलों को एकजुट करने में जुटे हैं. हालत ये है कि मायावती और अखिलेश यादव जैसे धुर-विरोधी नेता बीजेपी के खिलाफ साथ आ गए हैं. बीजेपी जानती है कि जितना वक्त दिया जाएगा विपक्ष उतना ही एकजुट होगा. ऐसे में समय से पहले लोकसभा भंग कर यदि चुनाव का ऐलान कर दिया जाए तो विपक्षी दलों को तैयारी का वक्त नहीं मिलेगा और बीजेपी बिखरे हुए विपक्ष को आसानी से हरा देगी.
राज्यों के नतीजों का असर
मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ तीनों ही जगह बीजेपी की सरकार है. विधानसभा चुनाव के दौरान यहां पार्टी को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ सकता है. राजस्थान में तो बीजेपी की स्थिति काफी खराब बताई जा रही है और पार्टी भीतरघात से भी जूझ रही है. छत्तीसगढ़ की रमन सरकार कई मुद्दों पर घिरी हुई है. वहीं मध्य प्रदेश में सियासत के मजबूत खिलाड़ी कमलनाथ के हाथ में कांग्रेस की कमान है, जो शिवराज सिंह को कड़ी चुनौती देने को तैयार हैं.
मॉनसून सत्र: विपक्ष ही नहीं संसद में सहयोगी भी दे सकते हैं सरकार को चुनौती
अगर इन तीन राज्यों में बीजेपी बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाती है तो इससे मोदी लहर को धक्का लग सकता है. चुनाव चाहे राज्य का क्यों न हो लेकिन बीजेपी प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे को ही सबसे बड़े ब्रांड के तौर पर पेश करती है. अगर इन राज्यों में बीजेपी हार गई तो मैसेज जाएगा कि बीजेपी और मोदी का जादू अब उतना असरदार नहीं है. लोकसभा चुनाव में ये मैसेज पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. ऐसे में बीजेपी एक साथ चुनाव कराकर लोकसभा चुनाव में इन नतीजों के प्रतिकूल प्रभाव से बच सकती है.
चुनावी मोड में बीजेपी
मोदी सरकार के चार साल पूरे होते ही
बीजेपी
और खुद केंद्र सरकार चुनावी मोड में आ चुकी हैं. अध्यक्ष अमित शाह भी इसका बिगुल फूंक चुके हैं. बीजेपी का 'संपर्क फॉर समर्थन' अभियान इसकी मिसाल है. शाह और मोदी देश के अलग-अलग हिस्सों में रैलियां कर रहे हैं. पीएम मोदी की रैलियों में उनके तेवर बिल्कुल सियासी हैं और वे राज्य सरकारों व विपक्षी दलों पर जमकर हमले बोल रहे हैं. बंगाल की रैली में तो पीएम मोदी ने त्रिपुरा की तरह सीधे-सीधे राज्य सरकार को उखाड़ फेंकने की अपील की. अमित शाह भी अलग-अलग राज्यों में जाकर एनडीए के सहयोगी दलों से मिल रहे हैं और सीटों के तालमेल को लेकर विचार मंथन में जुटे हैं.
वाजपेयी ने भी कराए थे समय से पहले चुनाव
मोदी सरकार अगर समय से पहले चुनाव कराती है तो वो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नक्शे कदम पर ही चलेगी. 2004 में 'इंडिया शाइनिंग' के नारे के साथ आत्मविश्वास से लबरेज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी समय से पहले लोकसभा चुनाव कराए थे. वाजपेयी का कार्यकाल अक्टूबर 2004 तक था लेकिन उन्होंने समय से पहले लोकसभा भंग करवा दी. इसके बाद अप्रैल-मई 2004 में चुनाव हुए लेकिन वाजपेयी के नेतृत्व वाले एनडीए को इसमें हार का सामना करना पड़ा और मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए की सरकार बनी. |
सीरिया में इस्लाम Islam in Syria: सीरिया की 90 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है और। सुन्नी मुस्लिम कुल जनसंख्या के 74 प्रतिशत हैं जबकि शिया क़रीब 13 प्रतिशत जिसमें 10 प्रतिशत जनसंख्या ईसाइयो की। और कुछ यहूदी भी रहते हैं। जाति के रूप में सीरिया में कुर्द लोग तुर्कमेन लोग भी निवास करते है।
सीरिया में इस्लाम प्रवेश इतिहास
इस्लाम शुरु काल में सीरिया पर अरब मुस्लिम रशीदुन खिलाफद द्वारा 634, 640 ईस्वी में खलीफा हजरत अबू बकर और हजरत खालिद बिन वालिद के नेतृत्व में सीरिया पर विजय प्राप्त की थी जिसके परिणामस्वरुप सीरिया इस्लाम का एक प्रमुख केन्द्र बन गया जिसके बाद 7 वी सदी में उम्मयद खलिफाओ ने दमिश्क को अपनी राजधानी के रूप में स्थापित किया और उम्मयदो ने दमिश्क से एक साम्राज्य के रूप में शासन किया जिसमें सीरिया को चार नगरो दमिश्क, होम्स, फिलिस्तीन और जार्डन विभाजित किया गया जिसके बाद इस्लामी साम्राज्य का तेजी गति से विस्तार हुआ स्पेन से लेकर भारत और मध्य एशिया के हिस्सो पर दमिश्क से शासन किया इसी कारण सीरिया एक सम्रध्द साम्राज्य का केन्द्र रहा उम्मयद शासकों ने अब्द अल मलिक महल तथा उम्मयद मस्जिद और बहुत सारे महल मस्जिदो का निर्माण कराया था। 750 ईस्वी में अब्बासी खलिफाओ का सीरिया में शासन स्थापित हो गया उन्होने दमिश्क से राजधानी हटा कर बगदाद को बनाया उसके बाद चार वे अब्बासी ख़लीफा, हारुन अल रशीद ने 786 ईस्वी में बगदाद से अलप्पो को राजधानी बनाया था।
सन्दर्भ
इस्लाम
सीरिया |
बिहार चुनाव में गुजरात के मुख्यमंत्री और फायर ब्रांड नेता नरेंद्र मोदी प्रचार करेंगे. बीजेपी प्रवक़्ता मुख़्तार अब्बास नक़वी ने दिल्ली में इसका एलान किया.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में मोदी के चुनाव प्रचार के सख़्त ख़िलाफ़ थे. वहीं बीजेपी भी इस पर अड़ी थी कि मोदी चुनाव प्रचार करेंगे.
उधर पटना में नीतीश ने कहा कि उन्हें बीजेपी के इस फ़ैसले के बारे में मालूम नहीं है. इस बीच दोनों दलों ने फ़ैसला किया है कि वे साझा चुनाव प्रचार शुरू करेंगे.
इस दौरान 100 से ज़्यादा रैलियां होंगी और सभी स्टार कैंपेनर इसमें शिरकत करेंगे. हालांकि अभी वरुण गांधी के बारे में तस्वीर साफ़ नहीं हुई है. नीतीश बिहार में वरुण गांधी को भी प्रचार न करने देने पर अड़े हुए थे. |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: उत्तरप्रदेश में पक्षियों के लिए पहला फ्लैट्स ग़ाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण ने बनाया है. ग़ाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण ने जीडीए वीसी आवास में पक्षियों के लिए 60 फ्लैट्स बनाए गए है. इस बर्ड फ्लैट्स में 60 पक्षियों के रहने की व्यवस्था होगी. इन फ्लैट्स में पक्षियों के पानी, खाने और नहाने के लिए स्विमिंग पूल तैयार किया गया है. पक्षियों के लिए फ्लैट्स में सुबह और शाम दाना डाला जाएगा.
इन फ्लैट्स की ऊंचाई 15 फ़ीट है, वहीं फ्लैट के चारों तरफ लोहे के फ्रेम लगाए गए है और अंदर से लकड़ी का ढांचा तैयार किया गया है. इसमें 10 फ़ीट का पोल और 5 फ़ीट में फ्लैट बनाए गए है. पक्षियों के लिए बनाए गए 60 फ्लैट पर 2 लाख रुपये की लागत आई है. जीडीए वीसी कंचन वर्मा ने बताया कि राजस्थान के बीकानेर में इस तरह के पक्षियों के लिए फ्लैट्स बनाए गए थे.
ग़ाज़ियाबाद में पक्षियों के लिए अभी पहले चरण में जीडीए वीसी के सरकारी आवास में 60 फ्लैट्स बनाए गए है. इसमें पक्षियों के नहाने, खाने और पीने के पानी की व्यवस्था रहेगी. जीडीए इसके बाद ग़ाज़ियाबाद की कई योजनाओं में इस तरफ के बर्ड फ्लैट्स बनाने जा रहे है. |
मेरठ के एक प्रॉपर्टी डीलर के घर की जो तस्वीर कैमरे में कैद हुई उसे देखकर हर कोई सन्न रह जाएगा.
मेरठ के थाना लिसाड़ी में रात 9 बजे एक साथ 7 बदमाश प्रोपर्टी डीलर अशफाक के घर में घुस आए. घर के लोगों को कमरे में बंद कर दिया और बड़े आराम से लूटपाट मचाया.
जब नकाबपोश बदमाशों का मकसद पूरा हो गया तो प्रोपर्टी डीलर अशफाक को गोली मारकर वो फरार हो गए. इस हैरान करने वाली वारदात की पूरी तस्वीर कैमरे में कैद हुई है.
पुलिस का कहना है कि बदमाश अशफाक को मारने के ही मकसद से आए थे लेकिन कोशिश ऐसी की कि पूरा वाकया लूटपाट औऱ मर्डर का दिखे. एक अपराधी पकड़ा गया है. |
भारतीय नस्ल की गायों को बचाने और उनकी नस्ल को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा सरकार ने एक खास पहल की है. हरियाणा सरकार, देसी नस्लों को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा के रोहतक में 'देसी गौवंश सौंदर्य प्रतियोगिता' करा रही है. दो दिन चलने वाली इस प्रतियोगिता के दूसरे दिन यानि आज 7 मई को एक फैशन शो का आयोजन किया जाएगा. जिसमें देसी गायें रैंप पर चलेंगी.
हरियाणा के कृषि, पशुपालन एवं डेरी मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ की इस पहल के तहत हरियाणा के अलग-अलग हिस्सों से 600 गौवंश शामिल हुए हैं. इस कार्यक्रम के तहत 18 से ज्यादा प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा. गायों को बचाने और उनकी नस्ल को बढ़ावा देने के लिए एक ब्यूटी कॉन्टेस्ट भी होगा जिसमें हरियाणा, साहीवाल, राठी, गिर, थारपारकर व बिलाही नस्ल की गायें शामिल होंगी.
धनखड़ के अनुसार, इन
गौवंश में 50 जवान सांडों सहित 40 बैलों के जोड़े, 40 बछड़े, 100 से ज्यादा
बिना दूध वाली गायें शामिल होंगी. बहुअकबरपुर गांव के अंतरराष्ट्रीय भारतीय पशु विजन एवं अनुसंधान संस्थान में ही स्टेट लेवल की देसी गौवंश सौंदर्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा. |
बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी 2013 में भारत में गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च किए गए नेता रहे. अगले लोकसभा चुनावों में उनके संभावित प्रतिद्वंद्वी राहुल गांधी का नंबर दूसरा रहा.
गूगल इंडिया ने साल 2013 के सर्च ट्रेंड्स की रिपोर्ट जारी की है. इसके मुताबिक, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को गूगल पर सर्च किए जाने के मामले में चौथे नंबर पर रहे. यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी तीसरे नंबर पर रहीं. भारतीय राजनीति में हाल ही में एंट्री लेने वाले आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल को भी खूब सर्च किया गया.
सर्च किए गए अन्य नेताओं में बयानवीर दिग्विजय सिंह, यूपी के सीएम अखिलेश यादव और तेजी से राष्ट्रीय राजनीति में अपनी जगह बनाते बिहार के सीएम नीतीश कुमार शामिल रहे. जयललिता टॉप-10 सर्च किए गए नेताओं में जगह बनाने वाली एकमात्र दक्षिण भारतीय नेता रहीं. इस मामले में कांग्रेस नेता बीजेपी से आगे रहे. लिस्ट में कांग्रेस के 4 और बीजेपी के 2 नेताओं ने जगह बनाई है.
टॉप 10 नेता
1. नरेंद्र मोदी
2. राहुल गांधी
3. सोनिया गांधी
4. मनमोहन सिंह
5. जयललिता
6. अरविंद केजरीवाल
7. अखिलेश यादव
8. नीतीश कुमार
9. दिग्विजय सिंह
10. सुषमा स्वराज
इस साल गूगल पर छाई रहीं सनी लियोन
आशिकी-2 ने चेन्नई एक्सप्रेस और कृष-3 को पछाड़ा गूगल सर्च में
भारतीयों को सबसे ज्यादा चिंता है ट्रेन टिकट की
स्पोर्ट्स की गूगल सर्च में भी टॉप पर सचिन
2013 में सबसे ज्यादा सर्च किए गए नेताओं में मोदी और केजरीवाल |
संजान (Sanjan) भारत के गुजरात राज्य के वलसाड ज़िले में स्थित एक नगर है। आज से हज़ार वर्षों से भी अधिक पहले जब पारसी शरण लेने भारत आए तो यह उनके पहले आश्रयों में से एक था। उस समय पारसियों के भारत में आरम्भिक काल को एक वर्णन में लिखा गया था, जो क़िस्सा-ए-संजान कहलाता है।
इन्हें भी देखें
क़िस्सा-ए-संजान
वलसाड ज़िला
सन्दर्भ
गुजरात के शहर
वलसाड ज़िला
वलसाड ज़िले के नगर
भारत में पारसी धर्म |
VIDEO: अमृतसर ट्रेन हादसा : स्थानीय लोगों का फूटा गुस्सा, झड़प |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: अमेरिका में 10 में से सात अमेरिकी-मुस्लिम नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के पक्ष में मतदान करेंगे जबकि इस समुदाय के महज चार प्रतिशत मतदाताओं ने रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन करने की बात कही. ट्रंप ने अमेरिका में मुस्लिमों के प्रवेश पर पाबंदी लगाने का आह्वान करके विवाद को जन्म दे दिया था. ये आंकड़े हाल ही में कराए गए एक सर्वेक्षण में सामने आए हैं.
आठ नवंबर को होने वाले आम चुनाव से पहले काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशन्स (सीएआईआर) की ओर से कराए गए इस सर्वेक्षण में प्रस्तावित प्रतिबंध, आतंकवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा को मतदाताओं के लिए चिंता के प्रमुख क्षेत्रों के रूप में शामिल किया गया था.
देश के सबसे बड़े मुस्लिम नागरिक अधिकार एवं पैरोकारी संगठन सीएआईआर ने कल राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण के नतीजे जारी किए. इसमें चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में मुस्लिम मतदाताओं द्वारा वोट डाले जाने के संकेत मिले. सर्वेक्षण में शामिल 72 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के लिए वोट डालेंगे.
वर्ष 2016 के आंकलन के अनुसार, अमेरिका में 33 लाख अमेरिकी-मुस्लिम हैं और यह संख्या अमेरिका की कुल जनसंख्या का लगभग एक प्रतिशत है. लगभग 86 प्रतिशत पंजीकृत मुस्लिम मतदाताओं ने इस साल के राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने का इरादा जताया जबकि 12 प्रतिशत मुस्लिम मतदाताओं ने कहा कि उन्होंने अब तक फैसला नहीं किया है.
टेलीफोन के जरिए 800 से ज्यादा मुस्लिम मतदाताओं के बीच किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, महज चार प्रतिशत ने कहा कि वे 70 वर्षीय टीवी स्टार डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन करते हैं. मुस्लिम समुदाय पर सीधे तौर पर किए गए ट्रंप के हमलों को इस समुदाय के बीच उनके लिए समर्थन की कमी की वजह के रूप में देखा जा सकता है. ट्रंप आतंकी गतिविधियों के लिए लगातार मुस्लिमों पर आरोप लगाते रहे हैं. उन्होंने संकल्प लिया था कि वह इस समुदाय के प्रवासियों की संख्या पर रोक लगाने के लिए सीमा पर नियंत्रण व्यवस्था मजबूत करेंगे. मतदाताओं ने कहा कि चुनाव अभियान के दौरान उम्मीदवारों ने जिन मुद्दों पर चर्चा की है, उनमें से अमेरिकी-मुस्लिमों के लिए छह सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे हैं- नागरिक अधिकार, शिक्षा, नौकरियां एवं अर्थव्यवस्था, धमकियों और प्रताड़ना से छात्रों की सुरक्षा, अमेरिका में मुस्लिमों के प्रवेश पर प्रस्तावित प्रतिबंध, आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा.
सर्वेक्षण में शामिल लोगों ने दोनों पक्षों को ‘मुस्लिमों के प्रति मित्रवत रवैये’ के आधार पर आंका. सर्वेक्षण में 61 प्रतिशत लोगों ने कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी मुस्लिमों के प्रति मित्रवत है जबकि सात प्रतिशत ने रिपब्लिकन पार्टी का नाम लिया. वहीं 62 प्रतिशत लोगों ने कहा कि रिपब्लिकन पार्टी मुस्लिमों के प्रति अमित्रवत है. दो प्रतिशत लोगों ने डेमोक्रेटिक पार्टी को अमित्रवत बताया.
वर्ष 2012 की तुलना में, पिछले चार साल में मुस्लिमों ने डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रति अधिक अनुकूल और रिपब्लिकन पार्टी के प्रति कम अनुकूल धारणाएं बनाई हैं. सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से 91 प्रतिशत ने कहा कि अमेरिका में मुस्लिम यात्रियों के प्रवेश पर स्थायी प्रतिबंध का ट्रंप का प्रस्ताव गलत फैसला है. वहीं तीन प्रतिशत ने इसे सही बताया.टिप्पणियां
अन्य 85 प्रतिशत लोगों का कहना है कि अमेरिका में पिछले साल में इस्लामोफोबिया और मुस्लिम विरोधी भावनाएं बढ़ी हैं. 30 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने पिछले साल में भेदभाव किया जा रहा है. सीएआईआर के सरकारी मामलों के निदेशक रॉबर्ट मैककाउ ने कहा, ‘‘हमारे सर्वेक्षण के नतीजे दर्शाते हैं कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के पास अब भी नागरिक अधिकारों में कमी और इस्लामोफोबिया में वृद्धि जैसे मुद्दों को लेकर अमेरिकी मुस्लिम मतदाताओं से अपील करने का समय है.’’(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
आठ नवंबर को होने वाले आम चुनाव से पहले काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशन्स (सीएआईआर) की ओर से कराए गए इस सर्वेक्षण में प्रस्तावित प्रतिबंध, आतंकवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा को मतदाताओं के लिए चिंता के प्रमुख क्षेत्रों के रूप में शामिल किया गया था.
देश के सबसे बड़े मुस्लिम नागरिक अधिकार एवं पैरोकारी संगठन सीएआईआर ने कल राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण के नतीजे जारी किए. इसमें चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में मुस्लिम मतदाताओं द्वारा वोट डाले जाने के संकेत मिले. सर्वेक्षण में शामिल 72 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के लिए वोट डालेंगे.
वर्ष 2016 के आंकलन के अनुसार, अमेरिका में 33 लाख अमेरिकी-मुस्लिम हैं और यह संख्या अमेरिका की कुल जनसंख्या का लगभग एक प्रतिशत है. लगभग 86 प्रतिशत पंजीकृत मुस्लिम मतदाताओं ने इस साल के राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने का इरादा जताया जबकि 12 प्रतिशत मुस्लिम मतदाताओं ने कहा कि उन्होंने अब तक फैसला नहीं किया है.
टेलीफोन के जरिए 800 से ज्यादा मुस्लिम मतदाताओं के बीच किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, महज चार प्रतिशत ने कहा कि वे 70 वर्षीय टीवी स्टार डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन करते हैं. मुस्लिम समुदाय पर सीधे तौर पर किए गए ट्रंप के हमलों को इस समुदाय के बीच उनके लिए समर्थन की कमी की वजह के रूप में देखा जा सकता है. ट्रंप आतंकी गतिविधियों के लिए लगातार मुस्लिमों पर आरोप लगाते रहे हैं. उन्होंने संकल्प लिया था कि वह इस समुदाय के प्रवासियों की संख्या पर रोक लगाने के लिए सीमा पर नियंत्रण व्यवस्था मजबूत करेंगे. मतदाताओं ने कहा कि चुनाव अभियान के दौरान उम्मीदवारों ने जिन मुद्दों पर चर्चा की है, उनमें से अमेरिकी-मुस्लिमों के लिए छह सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे हैं- नागरिक अधिकार, शिक्षा, नौकरियां एवं अर्थव्यवस्था, धमकियों और प्रताड़ना से छात्रों की सुरक्षा, अमेरिका में मुस्लिमों के प्रवेश पर प्रस्तावित प्रतिबंध, आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा.
सर्वेक्षण में शामिल लोगों ने दोनों पक्षों को ‘मुस्लिमों के प्रति मित्रवत रवैये’ के आधार पर आंका. सर्वेक्षण में 61 प्रतिशत लोगों ने कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी मुस्लिमों के प्रति मित्रवत है जबकि सात प्रतिशत ने रिपब्लिकन पार्टी का नाम लिया. वहीं 62 प्रतिशत लोगों ने कहा कि रिपब्लिकन पार्टी मुस्लिमों के प्रति अमित्रवत है. दो प्रतिशत लोगों ने डेमोक्रेटिक पार्टी को अमित्रवत बताया.
वर्ष 2012 की तुलना में, पिछले चार साल में मुस्लिमों ने डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रति अधिक अनुकूल और रिपब्लिकन पार्टी के प्रति कम अनुकूल धारणाएं बनाई हैं. सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से 91 प्रतिशत ने कहा कि अमेरिका में मुस्लिम यात्रियों के प्रवेश पर स्थायी प्रतिबंध का ट्रंप का प्रस्ताव गलत फैसला है. वहीं तीन प्रतिशत ने इसे सही बताया.टिप्पणियां
अन्य 85 प्रतिशत लोगों का कहना है कि अमेरिका में पिछले साल में इस्लामोफोबिया और मुस्लिम विरोधी भावनाएं बढ़ी हैं. 30 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने पिछले साल में भेदभाव किया जा रहा है. सीएआईआर के सरकारी मामलों के निदेशक रॉबर्ट मैककाउ ने कहा, ‘‘हमारे सर्वेक्षण के नतीजे दर्शाते हैं कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के पास अब भी नागरिक अधिकारों में कमी और इस्लामोफोबिया में वृद्धि जैसे मुद्दों को लेकर अमेरिकी मुस्लिम मतदाताओं से अपील करने का समय है.’’(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
देश के सबसे बड़े मुस्लिम नागरिक अधिकार एवं पैरोकारी संगठन सीएआईआर ने कल राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण के नतीजे जारी किए. इसमें चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में मुस्लिम मतदाताओं द्वारा वोट डाले जाने के संकेत मिले. सर्वेक्षण में शामिल 72 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के लिए वोट डालेंगे.
वर्ष 2016 के आंकलन के अनुसार, अमेरिका में 33 लाख अमेरिकी-मुस्लिम हैं और यह संख्या अमेरिका की कुल जनसंख्या का लगभग एक प्रतिशत है. लगभग 86 प्रतिशत पंजीकृत मुस्लिम मतदाताओं ने इस साल के राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने का इरादा जताया जबकि 12 प्रतिशत मुस्लिम मतदाताओं ने कहा कि उन्होंने अब तक फैसला नहीं किया है.
टेलीफोन के जरिए 800 से ज्यादा मुस्लिम मतदाताओं के बीच किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, महज चार प्रतिशत ने कहा कि वे 70 वर्षीय टीवी स्टार डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन करते हैं. मुस्लिम समुदाय पर सीधे तौर पर किए गए ट्रंप के हमलों को इस समुदाय के बीच उनके लिए समर्थन की कमी की वजह के रूप में देखा जा सकता है. ट्रंप आतंकी गतिविधियों के लिए लगातार मुस्लिमों पर आरोप लगाते रहे हैं. उन्होंने संकल्प लिया था कि वह इस समुदाय के प्रवासियों की संख्या पर रोक लगाने के लिए सीमा पर नियंत्रण व्यवस्था मजबूत करेंगे. मतदाताओं ने कहा कि चुनाव अभियान के दौरान उम्मीदवारों ने जिन मुद्दों पर चर्चा की है, उनमें से अमेरिकी-मुस्लिमों के लिए छह सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे हैं- नागरिक अधिकार, शिक्षा, नौकरियां एवं अर्थव्यवस्था, धमकियों और प्रताड़ना से छात्रों की सुरक्षा, अमेरिका में मुस्लिमों के प्रवेश पर प्रस्तावित प्रतिबंध, आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा.
सर्वेक्षण में शामिल लोगों ने दोनों पक्षों को ‘मुस्लिमों के प्रति मित्रवत रवैये’ के आधार पर आंका. सर्वेक्षण में 61 प्रतिशत लोगों ने कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी मुस्लिमों के प्रति मित्रवत है जबकि सात प्रतिशत ने रिपब्लिकन पार्टी का नाम लिया. वहीं 62 प्रतिशत लोगों ने कहा कि रिपब्लिकन पार्टी मुस्लिमों के प्रति अमित्रवत है. दो प्रतिशत लोगों ने डेमोक्रेटिक पार्टी को अमित्रवत बताया.
वर्ष 2012 की तुलना में, पिछले चार साल में मुस्लिमों ने डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रति अधिक अनुकूल और रिपब्लिकन पार्टी के प्रति कम अनुकूल धारणाएं बनाई हैं. सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से 91 प्रतिशत ने कहा कि अमेरिका में मुस्लिम यात्रियों के प्रवेश पर स्थायी प्रतिबंध का ट्रंप का प्रस्ताव गलत फैसला है. वहीं तीन प्रतिशत ने इसे सही बताया.टिप्पणियां
अन्य 85 प्रतिशत लोगों का कहना है कि अमेरिका में पिछले साल में इस्लामोफोबिया और मुस्लिम विरोधी भावनाएं बढ़ी हैं. 30 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने पिछले साल में भेदभाव किया जा रहा है. सीएआईआर के सरकारी मामलों के निदेशक रॉबर्ट मैककाउ ने कहा, ‘‘हमारे सर्वेक्षण के नतीजे दर्शाते हैं कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के पास अब भी नागरिक अधिकारों में कमी और इस्लामोफोबिया में वृद्धि जैसे मुद्दों को लेकर अमेरिकी मुस्लिम मतदाताओं से अपील करने का समय है.’’(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
वर्ष 2016 के आंकलन के अनुसार, अमेरिका में 33 लाख अमेरिकी-मुस्लिम हैं और यह संख्या अमेरिका की कुल जनसंख्या का लगभग एक प्रतिशत है. लगभग 86 प्रतिशत पंजीकृत मुस्लिम मतदाताओं ने इस साल के राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने का इरादा जताया जबकि 12 प्रतिशत मुस्लिम मतदाताओं ने कहा कि उन्होंने अब तक फैसला नहीं किया है.
टेलीफोन के जरिए 800 से ज्यादा मुस्लिम मतदाताओं के बीच किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, महज चार प्रतिशत ने कहा कि वे 70 वर्षीय टीवी स्टार डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन करते हैं. मुस्लिम समुदाय पर सीधे तौर पर किए गए ट्रंप के हमलों को इस समुदाय के बीच उनके लिए समर्थन की कमी की वजह के रूप में देखा जा सकता है. ट्रंप आतंकी गतिविधियों के लिए लगातार मुस्लिमों पर आरोप लगाते रहे हैं. उन्होंने संकल्प लिया था कि वह इस समुदाय के प्रवासियों की संख्या पर रोक लगाने के लिए सीमा पर नियंत्रण व्यवस्था मजबूत करेंगे. मतदाताओं ने कहा कि चुनाव अभियान के दौरान उम्मीदवारों ने जिन मुद्दों पर चर्चा की है, उनमें से अमेरिकी-मुस्लिमों के लिए छह सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे हैं- नागरिक अधिकार, शिक्षा, नौकरियां एवं अर्थव्यवस्था, धमकियों और प्रताड़ना से छात्रों की सुरक्षा, अमेरिका में मुस्लिमों के प्रवेश पर प्रस्तावित प्रतिबंध, आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा.
सर्वेक्षण में शामिल लोगों ने दोनों पक्षों को ‘मुस्लिमों के प्रति मित्रवत रवैये’ के आधार पर आंका. सर्वेक्षण में 61 प्रतिशत लोगों ने कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी मुस्लिमों के प्रति मित्रवत है जबकि सात प्रतिशत ने रिपब्लिकन पार्टी का नाम लिया. वहीं 62 प्रतिशत लोगों ने कहा कि रिपब्लिकन पार्टी मुस्लिमों के प्रति अमित्रवत है. दो प्रतिशत लोगों ने डेमोक्रेटिक पार्टी को अमित्रवत बताया.
वर्ष 2012 की तुलना में, पिछले चार साल में मुस्लिमों ने डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रति अधिक अनुकूल और रिपब्लिकन पार्टी के प्रति कम अनुकूल धारणाएं बनाई हैं. सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से 91 प्रतिशत ने कहा कि अमेरिका में मुस्लिम यात्रियों के प्रवेश पर स्थायी प्रतिबंध का ट्रंप का प्रस्ताव गलत फैसला है. वहीं तीन प्रतिशत ने इसे सही बताया.टिप्पणियां
अन्य 85 प्रतिशत लोगों का कहना है कि अमेरिका में पिछले साल में इस्लामोफोबिया और मुस्लिम विरोधी भावनाएं बढ़ी हैं. 30 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने पिछले साल में भेदभाव किया जा रहा है. सीएआईआर के सरकारी मामलों के निदेशक रॉबर्ट मैककाउ ने कहा, ‘‘हमारे सर्वेक्षण के नतीजे दर्शाते हैं कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के पास अब भी नागरिक अधिकारों में कमी और इस्लामोफोबिया में वृद्धि जैसे मुद्दों को लेकर अमेरिकी मुस्लिम मतदाताओं से अपील करने का समय है.’’(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
टेलीफोन के जरिए 800 से ज्यादा मुस्लिम मतदाताओं के बीच किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, महज चार प्रतिशत ने कहा कि वे 70 वर्षीय टीवी स्टार डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन करते हैं. मुस्लिम समुदाय पर सीधे तौर पर किए गए ट्रंप के हमलों को इस समुदाय के बीच उनके लिए समर्थन की कमी की वजह के रूप में देखा जा सकता है. ट्रंप आतंकी गतिविधियों के लिए लगातार मुस्लिमों पर आरोप लगाते रहे हैं. उन्होंने संकल्प लिया था कि वह इस समुदाय के प्रवासियों की संख्या पर रोक लगाने के लिए सीमा पर नियंत्रण व्यवस्था मजबूत करेंगे. मतदाताओं ने कहा कि चुनाव अभियान के दौरान उम्मीदवारों ने जिन मुद्दों पर चर्चा की है, उनमें से अमेरिकी-मुस्लिमों के लिए छह सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे हैं- नागरिक अधिकार, शिक्षा, नौकरियां एवं अर्थव्यवस्था, धमकियों और प्रताड़ना से छात्रों की सुरक्षा, अमेरिका में मुस्लिमों के प्रवेश पर प्रस्तावित प्रतिबंध, आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा.
सर्वेक्षण में शामिल लोगों ने दोनों पक्षों को ‘मुस्लिमों के प्रति मित्रवत रवैये’ के आधार पर आंका. सर्वेक्षण में 61 प्रतिशत लोगों ने कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी मुस्लिमों के प्रति मित्रवत है जबकि सात प्रतिशत ने रिपब्लिकन पार्टी का नाम लिया. वहीं 62 प्रतिशत लोगों ने कहा कि रिपब्लिकन पार्टी मुस्लिमों के प्रति अमित्रवत है. दो प्रतिशत लोगों ने डेमोक्रेटिक पार्टी को अमित्रवत बताया.
वर्ष 2012 की तुलना में, पिछले चार साल में मुस्लिमों ने डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रति अधिक अनुकूल और रिपब्लिकन पार्टी के प्रति कम अनुकूल धारणाएं बनाई हैं. सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से 91 प्रतिशत ने कहा कि अमेरिका में मुस्लिम यात्रियों के प्रवेश पर स्थायी प्रतिबंध का ट्रंप का प्रस्ताव गलत फैसला है. वहीं तीन प्रतिशत ने इसे सही बताया.टिप्पणियां
अन्य 85 प्रतिशत लोगों का कहना है कि अमेरिका में पिछले साल में इस्लामोफोबिया और मुस्लिम विरोधी भावनाएं बढ़ी हैं. 30 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने पिछले साल में भेदभाव किया जा रहा है. सीएआईआर के सरकारी मामलों के निदेशक रॉबर्ट मैककाउ ने कहा, ‘‘हमारे सर्वेक्षण के नतीजे दर्शाते हैं कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के पास अब भी नागरिक अधिकारों में कमी और इस्लामोफोबिया में वृद्धि जैसे मुद्दों को लेकर अमेरिकी मुस्लिम मतदाताओं से अपील करने का समय है.’’(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सर्वेक्षण में शामिल लोगों ने दोनों पक्षों को ‘मुस्लिमों के प्रति मित्रवत रवैये’ के आधार पर आंका. सर्वेक्षण में 61 प्रतिशत लोगों ने कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी मुस्लिमों के प्रति मित्रवत है जबकि सात प्रतिशत ने रिपब्लिकन पार्टी का नाम लिया. वहीं 62 प्रतिशत लोगों ने कहा कि रिपब्लिकन पार्टी मुस्लिमों के प्रति अमित्रवत है. दो प्रतिशत लोगों ने डेमोक्रेटिक पार्टी को अमित्रवत बताया.
वर्ष 2012 की तुलना में, पिछले चार साल में मुस्लिमों ने डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रति अधिक अनुकूल और रिपब्लिकन पार्टी के प्रति कम अनुकूल धारणाएं बनाई हैं. सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से 91 प्रतिशत ने कहा कि अमेरिका में मुस्लिम यात्रियों के प्रवेश पर स्थायी प्रतिबंध का ट्रंप का प्रस्ताव गलत फैसला है. वहीं तीन प्रतिशत ने इसे सही बताया.टिप्पणियां
अन्य 85 प्रतिशत लोगों का कहना है कि अमेरिका में पिछले साल में इस्लामोफोबिया और मुस्लिम विरोधी भावनाएं बढ़ी हैं. 30 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने पिछले साल में भेदभाव किया जा रहा है. सीएआईआर के सरकारी मामलों के निदेशक रॉबर्ट मैककाउ ने कहा, ‘‘हमारे सर्वेक्षण के नतीजे दर्शाते हैं कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के पास अब भी नागरिक अधिकारों में कमी और इस्लामोफोबिया में वृद्धि जैसे मुद्दों को लेकर अमेरिकी मुस्लिम मतदाताओं से अपील करने का समय है.’’(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
वर्ष 2012 की तुलना में, पिछले चार साल में मुस्लिमों ने डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रति अधिक अनुकूल और रिपब्लिकन पार्टी के प्रति कम अनुकूल धारणाएं बनाई हैं. सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से 91 प्रतिशत ने कहा कि अमेरिका में मुस्लिम यात्रियों के प्रवेश पर स्थायी प्रतिबंध का ट्रंप का प्रस्ताव गलत फैसला है. वहीं तीन प्रतिशत ने इसे सही बताया.टिप्पणियां
अन्य 85 प्रतिशत लोगों का कहना है कि अमेरिका में पिछले साल में इस्लामोफोबिया और मुस्लिम विरोधी भावनाएं बढ़ी हैं. 30 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने पिछले साल में भेदभाव किया जा रहा है. सीएआईआर के सरकारी मामलों के निदेशक रॉबर्ट मैककाउ ने कहा, ‘‘हमारे सर्वेक्षण के नतीजे दर्शाते हैं कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के पास अब भी नागरिक अधिकारों में कमी और इस्लामोफोबिया में वृद्धि जैसे मुद्दों को लेकर अमेरिकी मुस्लिम मतदाताओं से अपील करने का समय है.’’(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अन्य 85 प्रतिशत लोगों का कहना है कि अमेरिका में पिछले साल में इस्लामोफोबिया और मुस्लिम विरोधी भावनाएं बढ़ी हैं. 30 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने पिछले साल में भेदभाव किया जा रहा है. सीएआईआर के सरकारी मामलों के निदेशक रॉबर्ट मैककाउ ने कहा, ‘‘हमारे सर्वेक्षण के नतीजे दर्शाते हैं कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के पास अब भी नागरिक अधिकारों में कमी और इस्लामोफोबिया में वृद्धि जैसे मुद्दों को लेकर अमेरिकी मुस्लिम मतदाताओं से अपील करने का समय है.’’(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: गुजरात में आर्थिक रूप से पिछड़ों को 10 फीसदी आरक्षण का मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मामले में यथास्थिति बरक़रार रखने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि फ़िलहाल इस आधार पर कोई भी नया दाखिला या नहीं होगा और न ही नौकरी में भर्तियां होंगी.
इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट दो हफ्ते बाद आगे की सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के अपने फैसले के निलंबन को दो हफ्ते और बढ़ाया है.
गुजरात में आर्थिक रूप से पिछड़ों को 10 फीसदी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मामले में यथास्थिति बरक़रार रखते हुए कहा था कि फ़िलहाल इस आधार पर कोई भी नया दाखिला या नहीं होगा और न ही नौकरी में भर्तियां होंगी. इसी आदेश को कोर्ट ने आज फिर आगे की सुनवाई तक के लिए बढ़ा दिया है.टिप्पणियां
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में गुजरात सरकार ने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है और हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगाने की भी मांग करते हुए आरक्षण फिर लागू करने की गुहार लगाई है.
दरअसल हाईकोर्ट ने आर्थिक रूप से पिछड़ों को गुजरात सरकार के 10 फीसदी आरक्षण को रद्द कर दिया था. फैसले में कहा था कि राज्य ने सुप्रीम कोर्ट के 50 फीसदी आरक्षण के फैसले को दरकिनार कर ये आरक्षण दिया गया था. हालांकि हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए फैसले को निलंबित कर दिया था.
इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट दो हफ्ते बाद आगे की सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के अपने फैसले के निलंबन को दो हफ्ते और बढ़ाया है.
गुजरात में आर्थिक रूप से पिछड़ों को 10 फीसदी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मामले में यथास्थिति बरक़रार रखते हुए कहा था कि फ़िलहाल इस आधार पर कोई भी नया दाखिला या नहीं होगा और न ही नौकरी में भर्तियां होंगी. इसी आदेश को कोर्ट ने आज फिर आगे की सुनवाई तक के लिए बढ़ा दिया है.टिप्पणियां
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में गुजरात सरकार ने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है और हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगाने की भी मांग करते हुए आरक्षण फिर लागू करने की गुहार लगाई है.
दरअसल हाईकोर्ट ने आर्थिक रूप से पिछड़ों को गुजरात सरकार के 10 फीसदी आरक्षण को रद्द कर दिया था. फैसले में कहा था कि राज्य ने सुप्रीम कोर्ट के 50 फीसदी आरक्षण के फैसले को दरकिनार कर ये आरक्षण दिया गया था. हालांकि हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए फैसले को निलंबित कर दिया था.
गुजरात में आर्थिक रूप से पिछड़ों को 10 फीसदी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मामले में यथास्थिति बरक़रार रखते हुए कहा था कि फ़िलहाल इस आधार पर कोई भी नया दाखिला या नहीं होगा और न ही नौकरी में भर्तियां होंगी. इसी आदेश को कोर्ट ने आज फिर आगे की सुनवाई तक के लिए बढ़ा दिया है.टिप्पणियां
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में गुजरात सरकार ने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है और हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगाने की भी मांग करते हुए आरक्षण फिर लागू करने की गुहार लगाई है.
दरअसल हाईकोर्ट ने आर्थिक रूप से पिछड़ों को गुजरात सरकार के 10 फीसदी आरक्षण को रद्द कर दिया था. फैसले में कहा था कि राज्य ने सुप्रीम कोर्ट के 50 फीसदी आरक्षण के फैसले को दरकिनार कर ये आरक्षण दिया गया था. हालांकि हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए फैसले को निलंबित कर दिया था.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में गुजरात सरकार ने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है और हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगाने की भी मांग करते हुए आरक्षण फिर लागू करने की गुहार लगाई है.
दरअसल हाईकोर्ट ने आर्थिक रूप से पिछड़ों को गुजरात सरकार के 10 फीसदी आरक्षण को रद्द कर दिया था. फैसले में कहा था कि राज्य ने सुप्रीम कोर्ट के 50 फीसदी आरक्षण के फैसले को दरकिनार कर ये आरक्षण दिया गया था. हालांकि हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए फैसले को निलंबित कर दिया था.
दरअसल हाईकोर्ट ने आर्थिक रूप से पिछड़ों को गुजरात सरकार के 10 फीसदी आरक्षण को रद्द कर दिया था. फैसले में कहा था कि राज्य ने सुप्रीम कोर्ट के 50 फीसदी आरक्षण के फैसले को दरकिनार कर ये आरक्षण दिया गया था. हालांकि हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए फैसले को निलंबित कर दिया था. |
लेख: क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को राज्यसभा सदस्य के रूप में मनोनीत किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने क्रिकेटर के शपथग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
अदालत ने हालांकि केंद्र सरकार से 4 जुलाई को इस जनहित याचिका पर जवाब देने के लिए कहा है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एके सिकरी और न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडला ने सचिन के शपथ ग्रहण समारोह पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल एएस चंडियोक को हालांकि सरकार से निर्देश लेने और अगली सुनवाई पर अदालत को बताने के लिए कहा गया है।टिप्पणियां
पीठ ने एएसजी जवाब मांगा है कि राज्यसभा के लिए किसी खिलाड़ी को खेल श्रेणी से मनोनीत कैसे किया गया। चंडियोक ने कहा कि राष्ट्रपति ने अपने अधिकार का इस्तेमाल करके नामांकन किया है और अदालत इसमें दखल नहीं दे सकता।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सचिन के नामांकन के खिलाफ याचिका दायर करने वाले दिल्ली के पूर्व विधायक रामगोपाल सिसौदिया को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने को कहा था। सिसौदिया ने नामांकन को यह कहकर चुनौती दी थी कि धारा 80 के तहत राज्यसभा नामांकन सिर्फ साहित्य और विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली शख्सियतों का हो सकता है।
अदालत ने हालांकि केंद्र सरकार से 4 जुलाई को इस जनहित याचिका पर जवाब देने के लिए कहा है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एके सिकरी और न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडला ने सचिन के शपथ ग्रहण समारोह पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल एएस चंडियोक को हालांकि सरकार से निर्देश लेने और अगली सुनवाई पर अदालत को बताने के लिए कहा गया है।टिप्पणियां
पीठ ने एएसजी जवाब मांगा है कि राज्यसभा के लिए किसी खिलाड़ी को खेल श्रेणी से मनोनीत कैसे किया गया। चंडियोक ने कहा कि राष्ट्रपति ने अपने अधिकार का इस्तेमाल करके नामांकन किया है और अदालत इसमें दखल नहीं दे सकता।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सचिन के नामांकन के खिलाफ याचिका दायर करने वाले दिल्ली के पूर्व विधायक रामगोपाल सिसौदिया को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने को कहा था। सिसौदिया ने नामांकन को यह कहकर चुनौती दी थी कि धारा 80 के तहत राज्यसभा नामांकन सिर्फ साहित्य और विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली शख्सियतों का हो सकता है।
पीठ ने एएसजी जवाब मांगा है कि राज्यसभा के लिए किसी खिलाड़ी को खेल श्रेणी से मनोनीत कैसे किया गया। चंडियोक ने कहा कि राष्ट्रपति ने अपने अधिकार का इस्तेमाल करके नामांकन किया है और अदालत इसमें दखल नहीं दे सकता।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सचिन के नामांकन के खिलाफ याचिका दायर करने वाले दिल्ली के पूर्व विधायक रामगोपाल सिसौदिया को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने को कहा था। सिसौदिया ने नामांकन को यह कहकर चुनौती दी थी कि धारा 80 के तहत राज्यसभा नामांकन सिर्फ साहित्य और विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली शख्सियतों का हो सकता है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सचिन के नामांकन के खिलाफ याचिका दायर करने वाले दिल्ली के पूर्व विधायक रामगोपाल सिसौदिया को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने को कहा था। सिसौदिया ने नामांकन को यह कहकर चुनौती दी थी कि धारा 80 के तहत राज्यसभा नामांकन सिर्फ साहित्य और विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली शख्सियतों का हो सकता है। |
लेख: ‘सद्भावना प्रयासों’के तहत सप्ताहांत में 88 पाकिस्तानी मछुआरों को रिहा करने की घोषणा के एक दिन बाद भारत ने आज कहा कि वह जेल में बंद पाकिस्तान और अन्य देशों के मछुआरों की पहचान पता करने के लिए विभिन्न देशों के महावाणिज्यदूतावास के अधिकारियों को जेलों में जाने की अनुमति देगा। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार पाकिस्तान और अन्य देशों के अधिकारियों को जेलों में जाने की अनुमति देगी ताकि वहां बंद मछुआरों की पहचान की जा सके और उनकी राष्ट्रीयता का पता लगाया जा सके।
सरकार ने ऐसे समय पर यह बात कही है जब एक ही दिन पहले नई दिल्ली ने घोषणा की थी कि वह सद्भावना दिखाते हुए सप्ताहांत में 88 पाकिस्तानी मछुआरों को रिहा करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ को इस सप्ताह की शुरुआत में इस फैसले के बारे में बताया था।
भारत ने 88 पाकिस्तानी मछुआरों की रिहाई के निर्णय के बारे में यहां उनके उच्चायोग को बता दिया है और वह उनके ‘‘निकासी दस्तावेजों’’ का इंतजार कर रहा है।
पाकिस्तान ने भी गुरुवार को घोषणा की थी कि वह कराची की एक जेल में बंद 113 भारतीय मछुआरों को सद्भावना दिखाते हुए रिहा करेगा। उन्हें बाघा बार्डर पर भारतीय अधिकारियों को सौंपे जाने की उम्मीद है।टिप्पणियां
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ को गत मंगलवार को फोन करके उन्हें रमजान की बधाई दी थी और इस मुकद्दस मौके पर पाकिस्तानी मछुआरों को रिहा करने के निर्णय की जानकारी दी थी। मोदी ने शरीफ को निर्णय की सूचना देते हुए कहा था, रिहा किए गए मछुआरे इस पावन महीने में अपने परिवार के साथ होंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच ‘शांतिपूर्ण’ और ‘मित्रवत’ द्विपक्षीय संबंधों की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री मोदी की ढाका की हालिया यात्रा में पाकिस्तान को लेकर की गई गंभीर टिप्पणियों और म्यांमा में भारत की सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच वाक युद्ध छिड़ गया था। इस बीच भारत ने सद्भावना दिखाते हुए यह कदम उठाया है।
सरकार ने ऐसे समय पर यह बात कही है जब एक ही दिन पहले नई दिल्ली ने घोषणा की थी कि वह सद्भावना दिखाते हुए सप्ताहांत में 88 पाकिस्तानी मछुआरों को रिहा करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ को इस सप्ताह की शुरुआत में इस फैसले के बारे में बताया था।
भारत ने 88 पाकिस्तानी मछुआरों की रिहाई के निर्णय के बारे में यहां उनके उच्चायोग को बता दिया है और वह उनके ‘‘निकासी दस्तावेजों’’ का इंतजार कर रहा है।
पाकिस्तान ने भी गुरुवार को घोषणा की थी कि वह कराची की एक जेल में बंद 113 भारतीय मछुआरों को सद्भावना दिखाते हुए रिहा करेगा। उन्हें बाघा बार्डर पर भारतीय अधिकारियों को सौंपे जाने की उम्मीद है।टिप्पणियां
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ को गत मंगलवार को फोन करके उन्हें रमजान की बधाई दी थी और इस मुकद्दस मौके पर पाकिस्तानी मछुआरों को रिहा करने के निर्णय की जानकारी दी थी। मोदी ने शरीफ को निर्णय की सूचना देते हुए कहा था, रिहा किए गए मछुआरे इस पावन महीने में अपने परिवार के साथ होंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच ‘शांतिपूर्ण’ और ‘मित्रवत’ द्विपक्षीय संबंधों की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री मोदी की ढाका की हालिया यात्रा में पाकिस्तान को लेकर की गई गंभीर टिप्पणियों और म्यांमा में भारत की सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच वाक युद्ध छिड़ गया था। इस बीच भारत ने सद्भावना दिखाते हुए यह कदम उठाया है।
भारत ने 88 पाकिस्तानी मछुआरों की रिहाई के निर्णय के बारे में यहां उनके उच्चायोग को बता दिया है और वह उनके ‘‘निकासी दस्तावेजों’’ का इंतजार कर रहा है।
पाकिस्तान ने भी गुरुवार को घोषणा की थी कि वह कराची की एक जेल में बंद 113 भारतीय मछुआरों को सद्भावना दिखाते हुए रिहा करेगा। उन्हें बाघा बार्डर पर भारतीय अधिकारियों को सौंपे जाने की उम्मीद है।टिप्पणियां
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ को गत मंगलवार को फोन करके उन्हें रमजान की बधाई दी थी और इस मुकद्दस मौके पर पाकिस्तानी मछुआरों को रिहा करने के निर्णय की जानकारी दी थी। मोदी ने शरीफ को निर्णय की सूचना देते हुए कहा था, रिहा किए गए मछुआरे इस पावन महीने में अपने परिवार के साथ होंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच ‘शांतिपूर्ण’ और ‘मित्रवत’ द्विपक्षीय संबंधों की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री मोदी की ढाका की हालिया यात्रा में पाकिस्तान को लेकर की गई गंभीर टिप्पणियों और म्यांमा में भारत की सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच वाक युद्ध छिड़ गया था। इस बीच भारत ने सद्भावना दिखाते हुए यह कदम उठाया है।
पाकिस्तान ने भी गुरुवार को घोषणा की थी कि वह कराची की एक जेल में बंद 113 भारतीय मछुआरों को सद्भावना दिखाते हुए रिहा करेगा। उन्हें बाघा बार्डर पर भारतीय अधिकारियों को सौंपे जाने की उम्मीद है।टिप्पणियां
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ को गत मंगलवार को फोन करके उन्हें रमजान की बधाई दी थी और इस मुकद्दस मौके पर पाकिस्तानी मछुआरों को रिहा करने के निर्णय की जानकारी दी थी। मोदी ने शरीफ को निर्णय की सूचना देते हुए कहा था, रिहा किए गए मछुआरे इस पावन महीने में अपने परिवार के साथ होंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच ‘शांतिपूर्ण’ और ‘मित्रवत’ द्विपक्षीय संबंधों की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री मोदी की ढाका की हालिया यात्रा में पाकिस्तान को लेकर की गई गंभीर टिप्पणियों और म्यांमा में भारत की सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच वाक युद्ध छिड़ गया था। इस बीच भारत ने सद्भावना दिखाते हुए यह कदम उठाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ को गत मंगलवार को फोन करके उन्हें रमजान की बधाई दी थी और इस मुकद्दस मौके पर पाकिस्तानी मछुआरों को रिहा करने के निर्णय की जानकारी दी थी। मोदी ने शरीफ को निर्णय की सूचना देते हुए कहा था, रिहा किए गए मछुआरे इस पावन महीने में अपने परिवार के साथ होंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच ‘शांतिपूर्ण’ और ‘मित्रवत’ द्विपक्षीय संबंधों की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री मोदी की ढाका की हालिया यात्रा में पाकिस्तान को लेकर की गई गंभीर टिप्पणियों और म्यांमा में भारत की सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच वाक युद्ध छिड़ गया था। इस बीच भारत ने सद्भावना दिखाते हुए यह कदम उठाया है।
प्रधानमंत्री मोदी की ढाका की हालिया यात्रा में पाकिस्तान को लेकर की गई गंभीर टिप्पणियों और म्यांमा में भारत की सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच वाक युद्ध छिड़ गया था। इस बीच भारत ने सद्भावना दिखाते हुए यह कदम उठाया है। |
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने इंग्लैंड के खिलाफ अपने बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है. आईसीसी की जारी ताजा टेस्ट रैंकिंग में कोहली दुनिया के नंबर एक टेस्ट बल्लेबाज बन गए हैं.
विराट ने ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ को हटा कर पहली बार आईसीसी टेस्ट बल्लेबाजों की रैंकिंग में टॉप पर कब्जा किया है. कोहली 934 रेटिंग पॉइंट लेकर शीर्ष पर हैं जबकि गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण के बाद 1 साल का प्रतिबंध झेल रहे स्मिथ 929 रेटिंग पॉइंट लेकर दूसरे नंबर पर खिसक गए हैं.
KOHLI IS NO.1
@imVkohli
has overtaken Steve Smith to become the new No.1 batsman in
@MRFWorldwide
ICC Test Rankings.
He is the first Indian since
@sachin_rt
to get there.
READ ⬇️
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pic.twitter.com/s8h4fNmJYK
— ICC (@ICC)
August 5, 2018
आईसीसी टॉप-10 टेस्ट बल्लेबाज
1 विराट कोहली भारत - 934
2 स्टीव स्मिथ ऑस्ट्रेलिया - 929
3 जो रूट इंग्लैंड - 865
4 केन विलियमसन न्यूजीलैंड - 847
5 डेविड वॉर्नर ऑस्ट्रेलिया - 820
6 चेतेश्वर पुजारा भारत - 791
7 दिमुथ करुणारत्ने श्रीलंका - 754
8 दिनेश चांडीमल श्रीलंका - 733
9 डीन एल्गर दक्षिण अफ्रीका - 724
10 एडेन मार्कराम दक्षिण अफ्रीका - 703
विराट कोहली टेस्ट रैंकिंग में सबसे ज्यादा रेटिंग पॉइंट हासिल करने वाले भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं. उन्होंने पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर का रिकॉर्ड तोड़ दिया जिन्होंने साल 1979 में 916 रेटिंग अंक हासिल किए थे.
टेस्ट क्रिकेट में बेस्ट रेटिंग वाले भारतीय (बल्लेबाजी रैंकिंग)
934 - विराट कोहली, साल 2018*
916 - सुनील गावस्कर, साल 1979
898 - सचिन तेंदुलकर , साल 2002
892 - राहुल द्रविड़ , साल 2005
वहीं कोहली आईसीसी के नंबर एक टेस्ट बल्लेबाज बनने वाले 7वें भारतीय हैं. उनसे पहले 6 भारतीय बल्लेबाज यह कारनामा कर चुके हैं. कोहली से पहले सुनील गावस्कर, दिलीप वेंगसरकर, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर यह गौरव हासिल कर चुके हैं. |
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री
नवाज शरीफ ने
आईसीसी अध्यक्ष पद
के लिये नजम सेठी के नामांकन को मंजूरी दे दी है.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री
वहां के क्रिकेट बोर्ड के मुख्य संरक्षक हैं.
पाकिस्तान
क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने जारी बयान में कहा कि पीसीबी ने सेठी का नामांकन आईसीसी के पास भेज दिया है.
बयान के अनुसार, पीसीबी बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने आईसीसी अध्यक्ष पद के लिये सर्वसम्मति से सेठी का नामांकन किया था और अब
प्रधानमंत्री
ने भी उनके नामांकन को मंजूरी दे दी है.
(इनपुट भाषा से) |
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एलिस्टेयर कुक का मानना है कि वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में 187 रनों पर आउट होने के बाद भी इंग्लैंड की टीम मैच में बनी हुई है. इंग्लैंड को पहले टेस्ट मैच में विंडीज के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था. उम्मीद थी कि वह दूसरे मैच में दमदार वापसी करेगी, लेकिन दूसरे टेस्ट की पहली पारी में उसके बल्लेबाज पूरी तरह से विफल रहे.
बीबीसी ने कुक के हवाले से लिखा है, 'किस्मत वेस्टइंडीज के साथ है. अगर यह बदलती है तो मैच भी बड़ी जल्दी बदलेगा. इंग्लैंड के चरित्र की यह असली परीक्षा है.' कुक ने बारबाडोस में खेले गए पहले मैच को लेकर कहा, 'बारबाडोस में काफी बुरा हुआ था, लेकिन आज उन्होंने उस तरह की बल्लेबाजी नहीं की. वेस्टइंडीज के लिए टॉस जीतना अच्छा रहा. इस विकेट पर पहले दो और तीन घंटे जितना बाउंस था, उतना मैंने कभी टेस्ट मैच के पहले दिन नहीं देखा.'
मिताली राज 200 वनडे इंटरनेशनल खेलने वाली पहली महिला क्रिकेटर बनीं
दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में मोइन अली ने सबसे ज्यादा 60 रन बनाए. जॉनी बेयरस्टो ने 52 और बेन फोक्स ने 35 रन बनाए. विंडीज के लिए केमर रोच ने चार, शेनॉन गैब्रिएल ने तीन, अल्जारी जोसेफ ने दो और कप्तान जेसन होल्डर ने एक विकेट लिए.
पिछले साल क्रिकेट को अलविदा कहने वाले एलिस्टेयर कुक ने इंग्लैंड की तरफ से 161 टेस्ट मैच में कुल 12472 रन बनाए हैं. टेस्ट में कुक के नाम कुल 33 शतक और 57 अर्धशतक हैं. कुक ने भारत के खिलाफ 2011 में बर्मिंघम में करियर की सर्वश्रेष्ठ 294 रन की पारी खेली थी. कुल ने इंग्लैंड की तरफ से 92 वनडे मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने कुल 3204 रन बनाए हैं. इसके अलावा कुल ने चार टी-20 अंतरराष्ट्रीय में 61 रन बनाए हैं. |
मार्केटिंग में, ब्रांड निष्ठा अथवा वफादारी एक ब्रांड के प्रति उपभोक्ता की सकारात्मक भावनाओं का वर्णन करती है, और ब्रांड के उत्पादों और/या सेवाएं को बार-बार खरीदने के लिए उनके समर्पण, कमियों, एक प्रतियोगी के कार्यों या पर्यावरण में बदलाव की परवाह किए बिना। इसे अन्य व्यवहारों के साथ भी प्रदर्शित किया जा सकता है जैसे सकारात्मक मौखिक वकालत। कॉर्पोरेट ब्रांड निष्ठा वह है जहां एक व्यक्ति एक ही निर्माता से अन्य आपूर्तिकर्ताओं के बजाय बार-बार और बिना किसी हिचकिचाहट के उत्पाद खरीदता है।वफादारी का तात्पर्य समर्पण से है और इसे आदत और उसकी कम भावनात्मक जुड़ाव और प्रतिबद्धता के साथ भ्रमित नहीं होना चाहिए। जिन व्यवसायों के वित्तीय और नैतिक मूल्य (उदाहरण के लिए, ईएसजी जिम्मेदारियां)) उनके ब्रांड की वफादारी पर बड़े हिस्से पर निर्भर करते हैं, उन्हें लॉयल्टी व्यवसाय मॉडल का उपयोग करने के लिए कहा जाता है। |
यह लेख है: देश के शेयर बाजारों में गुरुवार को गिरावट का रुख रहा। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 110.90 अंकों की गिरावट के साथ 19,497.18 पर और निफ्टी 36.00 अंकों की गिरावट के साथ 5,896.95 पर बंद हुआ।
बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 18.73 अंकों की तेजी के साथ 19,626.81 पर खुला और 110.90 अंक यानी 0.57 फीसदी की गिरावट के साथ 19,497.18 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में सेंसेक्स ने 19,639.83 के ऊपरी और 19,444.33 के निचले स्तर को छुआ।
सेंसेक्स के 30 में से 14 शेयरों में तेजी दर्ज की गई। हिंदुस्तान यूनिलीवर (2.24 फीसदी), गेल (1.97 फीसदी), एचडीएफसी बैंक (1.65 फीसदी), टाटा स्टील (1.17 फीसदी) और टीसीएस (1.15 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी दर्ज की गई।
गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे भारती एयरटेल (4.02 फीसदी), विप्रो (3.33 फीसदी), मारुति सुजुकी (3.30 फीसदी), एलएंडटी (2.72 फीसदी) और आरआईएल (2.63 फीसदी)।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 0.25 अंकों की तेजी के साथ 5,933.20 पर खुला और 36.00 अंकों यानी 0.61 फीसदी की गिरावट के साथ 5,896.95 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में निफ्टी ने 5,940.20 के ऊपरी और 5,884.55 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप सूचकांक 95.68 अंकों की गिरावट के साथ 6,608.41 पर और स्मॉलकैप 124.46 अंकों की गिरावट के साथ 6,583.07 पर बंद हुआ।
बीएसई के 13 में से तीन सेक्टरों तेज खपत उपभोक्ता वस्तुएं (0.44 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.27 फीसदी) और धातु (0.04 फीसदी) में तेजी रही।टिप्पणियां
गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे पूंजीगत वस्तुएं (2.27 फीसदी), तेल एवं गैस (1.59 फीसदी), वाहन (1.49 फीसदी), बिजली (1.25 फीसदी) और रियल्टी (1.21 फीसदी)।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 656 शेयरों में तेजी और 1501 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 804 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 18.73 अंकों की तेजी के साथ 19,626.81 पर खुला और 110.90 अंक यानी 0.57 फीसदी की गिरावट के साथ 19,497.18 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में सेंसेक्स ने 19,639.83 के ऊपरी और 19,444.33 के निचले स्तर को छुआ।
सेंसेक्स के 30 में से 14 शेयरों में तेजी दर्ज की गई। हिंदुस्तान यूनिलीवर (2.24 फीसदी), गेल (1.97 फीसदी), एचडीएफसी बैंक (1.65 फीसदी), टाटा स्टील (1.17 फीसदी) और टीसीएस (1.15 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी दर्ज की गई।
गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे भारती एयरटेल (4.02 फीसदी), विप्रो (3.33 फीसदी), मारुति सुजुकी (3.30 फीसदी), एलएंडटी (2.72 फीसदी) और आरआईएल (2.63 फीसदी)।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 0.25 अंकों की तेजी के साथ 5,933.20 पर खुला और 36.00 अंकों यानी 0.61 फीसदी की गिरावट के साथ 5,896.95 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में निफ्टी ने 5,940.20 के ऊपरी और 5,884.55 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप सूचकांक 95.68 अंकों की गिरावट के साथ 6,608.41 पर और स्मॉलकैप 124.46 अंकों की गिरावट के साथ 6,583.07 पर बंद हुआ।
बीएसई के 13 में से तीन सेक्टरों तेज खपत उपभोक्ता वस्तुएं (0.44 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.27 फीसदी) और धातु (0.04 फीसदी) में तेजी रही।टिप्पणियां
गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे पूंजीगत वस्तुएं (2.27 फीसदी), तेल एवं गैस (1.59 फीसदी), वाहन (1.49 फीसदी), बिजली (1.25 फीसदी) और रियल्टी (1.21 फीसदी)।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 656 शेयरों में तेजी और 1501 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 804 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
सेंसेक्स के 30 में से 14 शेयरों में तेजी दर्ज की गई। हिंदुस्तान यूनिलीवर (2.24 फीसदी), गेल (1.97 फीसदी), एचडीएफसी बैंक (1.65 फीसदी), टाटा स्टील (1.17 फीसदी) और टीसीएस (1.15 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी दर्ज की गई।
गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे भारती एयरटेल (4.02 फीसदी), विप्रो (3.33 फीसदी), मारुति सुजुकी (3.30 फीसदी), एलएंडटी (2.72 फीसदी) और आरआईएल (2.63 फीसदी)।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 0.25 अंकों की तेजी के साथ 5,933.20 पर खुला और 36.00 अंकों यानी 0.61 फीसदी की गिरावट के साथ 5,896.95 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में निफ्टी ने 5,940.20 के ऊपरी और 5,884.55 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप सूचकांक 95.68 अंकों की गिरावट के साथ 6,608.41 पर और स्मॉलकैप 124.46 अंकों की गिरावट के साथ 6,583.07 पर बंद हुआ।
बीएसई के 13 में से तीन सेक्टरों तेज खपत उपभोक्ता वस्तुएं (0.44 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.27 फीसदी) और धातु (0.04 फीसदी) में तेजी रही।टिप्पणियां
गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे पूंजीगत वस्तुएं (2.27 फीसदी), तेल एवं गैस (1.59 फीसदी), वाहन (1.49 फीसदी), बिजली (1.25 फीसदी) और रियल्टी (1.21 फीसदी)।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 656 शेयरों में तेजी और 1501 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 804 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे भारती एयरटेल (4.02 फीसदी), विप्रो (3.33 फीसदी), मारुति सुजुकी (3.30 फीसदी), एलएंडटी (2.72 फीसदी) और आरआईएल (2.63 फीसदी)।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 0.25 अंकों की तेजी के साथ 5,933.20 पर खुला और 36.00 अंकों यानी 0.61 फीसदी की गिरावट के साथ 5,896.95 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में निफ्टी ने 5,940.20 के ऊपरी और 5,884.55 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप सूचकांक 95.68 अंकों की गिरावट के साथ 6,608.41 पर और स्मॉलकैप 124.46 अंकों की गिरावट के साथ 6,583.07 पर बंद हुआ।
बीएसई के 13 में से तीन सेक्टरों तेज खपत उपभोक्ता वस्तुएं (0.44 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.27 फीसदी) और धातु (0.04 फीसदी) में तेजी रही।टिप्पणियां
गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे पूंजीगत वस्तुएं (2.27 फीसदी), तेल एवं गैस (1.59 फीसदी), वाहन (1.49 फीसदी), बिजली (1.25 फीसदी) और रियल्टी (1.21 फीसदी)।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 656 शेयरों में तेजी और 1501 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 804 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 0.25 अंकों की तेजी के साथ 5,933.20 पर खुला और 36.00 अंकों यानी 0.61 फीसदी की गिरावट के साथ 5,896.95 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में निफ्टी ने 5,940.20 के ऊपरी और 5,884.55 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप सूचकांक 95.68 अंकों की गिरावट के साथ 6,608.41 पर और स्मॉलकैप 124.46 अंकों की गिरावट के साथ 6,583.07 पर बंद हुआ।
बीएसई के 13 में से तीन सेक्टरों तेज खपत उपभोक्ता वस्तुएं (0.44 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.27 फीसदी) और धातु (0.04 फीसदी) में तेजी रही।टिप्पणियां
गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे पूंजीगत वस्तुएं (2.27 फीसदी), तेल एवं गैस (1.59 फीसदी), वाहन (1.49 फीसदी), बिजली (1.25 फीसदी) और रियल्टी (1.21 फीसदी)।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 656 शेयरों में तेजी और 1501 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 804 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप सूचकांक 95.68 अंकों की गिरावट के साथ 6,608.41 पर और स्मॉलकैप 124.46 अंकों की गिरावट के साथ 6,583.07 पर बंद हुआ।
बीएसई के 13 में से तीन सेक्टरों तेज खपत उपभोक्ता वस्तुएं (0.44 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.27 फीसदी) और धातु (0.04 फीसदी) में तेजी रही।टिप्पणियां
गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे पूंजीगत वस्तुएं (2.27 फीसदी), तेल एवं गैस (1.59 फीसदी), वाहन (1.49 फीसदी), बिजली (1.25 फीसदी) और रियल्टी (1.21 फीसदी)।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 656 शेयरों में तेजी और 1501 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 804 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
बीएसई के 13 में से तीन सेक्टरों तेज खपत उपभोक्ता वस्तुएं (0.44 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.27 फीसदी) और धातु (0.04 फीसदी) में तेजी रही।टिप्पणियां
गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे पूंजीगत वस्तुएं (2.27 फीसदी), तेल एवं गैस (1.59 फीसदी), वाहन (1.49 फीसदी), बिजली (1.25 फीसदी) और रियल्टी (1.21 फीसदी)।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 656 शेयरों में तेजी और 1501 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 804 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे पूंजीगत वस्तुएं (2.27 फीसदी), तेल एवं गैस (1.59 फीसदी), वाहन (1.49 फीसदी), बिजली (1.25 फीसदी) और रियल्टी (1.21 फीसदी)।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 656 शेयरों में तेजी और 1501 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 804 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 656 शेयरों में तेजी और 1501 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 804 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। |
विद्या बालन (जन्म; 1 जनवरी, 1979) भारतीय अभिनेत्री है जो बॉलीवुड फिल्मों में अभिनय करती है। इसके अतिरिक्त इन्होंने पाँच टी.वी. शो मे भी कार्य किया।
बालन, अपने केरियर की शुरुआत म्यूजिक विडियोस, सोअप ओपेरस और कॉमर्शियल विज्ञापन से की थी । और उसने फ़िल्म के क्षेत्र में बंगाली फ़िल्म, भालो थेको (Bhalo Theko) (2003) से अपने केरियर की शुरुआत की, जिसके लिए फिल्मी आलोचकों ने उनकी भूरी - भूरि प्रशंसा की Iबाद में उसने हिन्दी फिल्मों में अपना केरियर फ़िल्म परिणीता (Parineeta) (2005) से शुरुआत की, जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ उभरती अभिनेत्री के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार से नवाजा गया और उनकी पहली सफल व्यवसायिक फ़िल्म थी राजकुमार हिरानी (Rajkumar Hirani) की लगे रहो मुन्नाभाई (2006) इस प्रकार बालन ने स्वयं को एक सफल अभिनेत्री के रूप में स्थापित किया I
विद्या ने लगातार पांच व्यावसायिक सफलताओं में अभिनय करके खुद को स्थापित किया, जिसने उन्हें महत्वपूर्ण और पुरस्कार मान्यता भी दिलाई। ये नाटक पा (2009), ब्लैक कॉमेडी इश्किया (2010), थ्रिलर्स नो वन किल्ड जेसिका और कहानी (2012) और बायोपिक द डर्टी पिक्चर (2011) में थे। इनमें से अंतिम ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता।
केरियर
प्रारम्भिक जीवन, 2002 तक
वह केरला के एक पलक्कड़ अय्यर (Palakkad Iyer)1 jan. 1978 परिवार में जन्मी थी Iबालन मुंबई में बड़ी हुई और संत अन्थोनी गर्ल्स उच्च विद्यालय, चेम्बूर में पढ़ी Iबाद में वह संत जेवियर कोलेज (St. Xavier's College) से समाजशास्त्र से स्नातक की डिग्री, हासिल की ।
उनकी फ़िल्म केरियर की शुरुआत मलयालम फ़िल्म चक्रम से की, जिसमें फ़िल्म के अभिनेता, सुपर स्टार मोहनलाल थे लेकिन वह फ़िल्म बंद कर दी गई Iउसके बाद, उसने एक तमिल फ़िल्म, रन (Run) हस्ताक्षर की, लेकिन कुछ अप्रत्यक्ष कारणों के उसे पहली सेडुल के बाद फ़िल्म से हटा दिया गया और उसकी जगह मीरा जासमिन (Meera Jasmine) को लिया गया। उद्योग में अफवाह के मुताबिक, बालन को उसकी दूसरी तमिल फ़िल्म मनासेल्लम (Manasellam) जिसमे श्रीकांत (Srikanth) थे, से अप्रदर्शन के कारण निकाल दिया गया और तनु कृष्ण को लिया गया।
फिर वह टेलीविजन विज्ञापन की ओर मुड़ गई (television advertising)1998 के बाद से, वह कई टेलीविजन विज्ञापनों में दिखाई दी, जिनमें से अधिकतर विज्ञापनों का निर्देशन प्रदीप सरकार द्बारा किया गया। उन्होंने music videos (singers) में सहायक भूमिकाओं में यूफोरिया (bands), सुभा मुदगल और पंकज उधास जैसे गायक और बैंड के साथ काम किया। बालन ने हम पाँच (Hum Paanch) के कुछ एपिसोड में राधिका माथुर के रूप में भी दिखाई दी, लेकिन बाद में उनकी जगह अमिता नांगिया को इस भूमिका के लिए चुन लिया गया।
2003 से अब तक की सफलता
2003 में, वह बंगाली (Bengali) फ़िल्म, भालो थेको (Bhalo Theko) में भूमिका निभाई जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए आनंदलोक पुरस्कार से कलकत्ता में नवाजा गयाIबालन ने हिन्दी फिल्मों में केरियर की शुरुआत परिणीता (Parineeta) से की जिसे फ़िल्म समीक्षकों द्वारा भी सराहा गया था Iयद्धपि यह फ़िल्म ज्यादा नही चली,परन्तु इस फ़िल्म में उनके अभिनय के लिए आलोचकों द्वारा सराहा गया,उन्हें उभरती अभिनेत्री के लिए सर्वश्रेष्ठ नई अदाकारा फिल्मफेयर पुरस्कार से नवाजा गया और सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकन हुआ I
उनकी पहली दो फिल्मों की सफलता के बाद, वही निर्माता जो उन्हें मनासेलम (Manasellam) से हटा दिया था, उसे अपनी फ़िल्म दसावतारम (Dasavathaaram) में कमल हसन (Kamal Hassan) के साथ लेना चाहता था परन्तु उसने इस निर्माता के प्रास्ताव को ठुकरा दिया और उसकी जगह असीन थोत्तुरन्कल (Asin Thottumkal) में हस्ताक्षर कर ली 2006 में, वह संजय दत्त के साथ धमाकेदार फ़िल्म लगे रहो मुन्नाभाई में दिखाई दी. एक बार फ़िर उसके अभिनय की चर्चा फिल्मी पंडितों के जुबान पर थी और यह उस वर्ष की दूसरी सर्वाधिक सफल फ़िल्म रही I
मणि रत्नम की फ़िल्म गुरु, 2007 में बालन की पहली फ़िल्म थी जिसमें वह एक अपाहिज की भूमिका में थी, को आलोचकों द्वारा काफी सराहा गया Iइस फ़िल्म ने बॉक्स ऑफिस पर बहुत अच्छा किया और उसके अभिनय के लिए उन्हें सराहा गया Iउनकी बाद की दो प्रदर्शित फिल्में, Salaam-e-Ishq: A Tribute To Love(2007) और Eklavya: The Royal Guard (2007) हांलांकि ज्यादा चली नहीं लेकिन दूसरी फ़िल्म को ऑस्कर की (India's official entries to the Oscars) 80 वीं अकादमी पुरस्कार के लिए भारत की ग्द्र्ग्ग्थ्व्॑व्॑वे ओर से नामित किया गया. साल के दो रिलीज में हे बेबी (Heyy Babyy) (2007) और भूल भूलैया (Bhool Bhulaiyaa) (2007) ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा किया।
निजी जीवन
उसके पिता, P.R.बालन, ETC चैनल की उपाध्यक्ष (Vice President) है वहीं उसकी माँ एक गृहणी है (homemaker)Iबालन की एक बड़ी बहन भी है जिसका नाम प्रिया है। एक विडियो इंटरव्यू में उसने कहा कि वह बहुत आद्यात्मिक है और उनका भगवन में दृढ़ विश्वास है और वह हर गुरुवार को मन्दिर (temples) जाती है।
पत्रकारों ने बालन को बहुत से सह कलाकारों से जोड़ा पर उसने सभी आरोपों का खंडन किया और कहा कि वे ग़लत हैं।
पुरस्कार और नामांकन
फिल्मफेयर पुरस्कार
विजेता
2006: पहली महिला सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कारपरिणीता (Parineeta)
2006: साल का फ़िल्म फेयर चेहरा पुरस्कार ,परिणीता (Parineeta)
मनोनीत
2006 : सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार, परिणीता (Parineeta)
2008 : सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार, भूल भुलैया (Bhool Bhulaiyaa)
स्टार स्क्रीन पुरस्कार
विजेता
2006: नवागंतुक के लिए स्टार स्क्रीन पुरस्कार - महिला (Star Screen Award for Most Promising Newcomer - Female)परिणीता (Parineeta)
जी सिने अवार्ड (Zee Cine Awards)
विजेता
2006 : जी सिने अवार्ड के लिए सर्वश्रेष्ठ नई अदाकारा (Zee Cine Award for Best Female Debut), परिणीता (Parineeta)
मनोनीत
2006 : जी सिने अवार्ड के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता -- महिला (Zee Cine Award for Best Actor - Female), परिणीता (Parineeta)
अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फ़िल्म अकादमी पुरस्कार
विजेता
2006 : IIFA का सर्वश्रेष्ठ नई अदाकारा (IIFA Best Female Debut), परिणीता (Parineeta)
2013 : सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (कहानी)
मनोनीत
2007 : IIFA का सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार, लगे रहो मुन्नाभाई
2008: IIFA सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार, भूल भुलैया (Bhool Bhulaiyaa)
2008: IIFA का सर्वश्रेष्ठ खलनायक पुरस्कार, भूल भुलैया (Bhool Bhulaiyaa)
स्टारडस्ट पुरस्कार (Stardust Awards)
विजेता
2006 : कल का स्टारडस्ट सुपर स्टार -- महिला (Stardust Superstar of Tomorrow - Female), परिणीता (Parineeta)
अन्य पुरस्कार
2003: आनंदलोक पुरस्कार सम्मान, सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री, भालो थेको (Bhalo Theko)
2006 : स्टार की सबसे पसंदीदा नई नायिका , परिणीता (Parineeta)
2007 : आनंदलोक पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री, भूल भुलैया (Bhool Bhulaiyaa)
फिल्में
पुरस्कार एवं नामंकन
फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार
2005 - फ़िल्मफ़ेयर महिला प्रथम अभिनय पुरस्कार - परिणीता
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
1979 में जन्मे लोग
जीवित लोग
हिन्दी अभिनेत्री
मॉडल
मलयाली लोग
केरल के लोग
फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार विजेता
तमिल अभिनेत्री
श्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार विजेता
पद्मश्री प्राप्तकर्ता
भारतीय अभिनेत्री |
लेख: लोकसभा में भ्रष्टाचार पर बहस का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार मिटाने की हरसंभव कोशिश करेगी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अन्ना हजारे पक्ष और सरकार के बीच बने गतिरोध को तोड़ने के लिए संसद की सर्वोच्चता बनाए रखने के साथ समाज के पक्ष की बात को भी समाहित करने का सुझाव रखा। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर गतिरोध को समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि अन्ना हजारे, अरुणा रॉय और सरकार के लोकपाल विधेयक सहित इस संदर्भ के सभी मसौदों के मजबूत और कमजोर पक्षों पर संसद में चर्चा करके उनका निचोड़ संसद की स्थायी समिति को भेजा जाए। उन्होंने कहा कि लोकपाल के मुद्दे पर अन्ना हजारे की टीम के साथ कई बिंदुओं पर मतभेद हैं। उन्होंने कहा कि लोकपाल बिल पर सरकारी मसौदे के अतिरिक्त टीम अन्ना के जन लोकपाल बिल, अरुणा रॉय के ड्राफ्ट तथा इसके अतिरिक्त अन्य सुझावों पर भी संसद में बहस होनी चाहिए। इस बाबत उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से इजाजत देने की अपील की और कहा कि बहस के बाद सभी मसौदों के कमजोर तथा मजबूत पहलुओं को स्टैडिंग कमेटी के आगे रखा जाए।प्रधानमंत्री ने सदन को आश्वासन दिया कि सरकार जन लोकपाल विधेयक सहित लोकपाल को लेकर सभी मतों पर खुले मन से विचार करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि संसद की स्थायी समिति सभी विकल्पों पर विचार कर सकती है। ऐसे रास्ते ढूंढे जा सकते हैं कि अन्ना के विधेयक पर उचित ध्यान दिया जा सके। उन्होंने कहा कि अन्ना के विधेयक के साथ ही कई अन्य मसौदे भी हैं जिन सब पर विचार करके एक मजबूत एवं प्रभावकारी लोकपाल पर आमराय बनाई जा सकती है। सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार राष्ट्र के समक्ष एक बहुआयामी समस्या है और इससे निपटने के लिए प्रभावकारी तरीके खोजने होंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्यों की जिम्मेदारी है कि वह व्यवस्था को साफ-सुथरा बनाएं। उन्होंने कहा कि 50 प्रतिशत खर्च राज्य सरकारें करती हैं और उन खर्चों का ठीक से लेखाजोखा होना चाहिए। सार्वजनिक कोष के दुरुपयोग को लेकर जनता में भारी आक्रोश है। भ्रष्टाचार के बहुत सारे स्रोत बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका सबसे बड़ा स्रोत लाइसेंसिग व्यवस्था है। कराधान की दर को उन्होंने भ्रष्टाचार का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत बताते हुए इसे आसान और संतुलित बनाने की जरूरत बताई। सिंह ने स्वीकार किया कि भ्रष्टाचार के अन्य स्रोतों में केंद्र सरकार के कार्यक्रम और जन वितरण प्रणाली में अनियमितता शामिल है। यह कार्यक्रम राज्य सरकारें लागू करती है, इस बारे में उनकी भी बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने खरीद में ठेके की व्यवस्था को भी भ्रष्टाचार का एक बड़ा स्रोत बताया और कहा कि हमें कुछ अन्य देशों द्वारा अपनाए गए उपायों को अपनाना होगा, जिससे की इनमें भ्रष्टाचार की आशंका कम से कम हो। मनमोहन ने कहा, मुझसे गलतियां हुई होंगी, लेकिन मैंने देश की सेवा करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि उन पर व्यक्तिगत रूप से हमले किए जाए रहे हैं। कुछ लोग उन्हें इस तरह से निशाना बना रहे हैं, मानो सभी भ्रष्टाचारों की जड़ में वही हैं। मनमोहन ने कहा, मैंने कभी भी अपने पद का गलत इस्तेमाल नहीं किया। विपक्ष जो कहे आज भारत को दुनिया इज्जत देती है। मजबूत अर्थव्यवस्था के चलते भारत की साख बढ़ी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने अगले दो महीने के काम का खाका तैयार कर रखा है।(इनपुट भाषा से भी) |
वैश्विक बाजार में कमजोर रुख और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के सख्त रवैये से अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने-चांदी में जोरदार गिरावट देखी जा रही है। यह तीन साल के निम्नस्तर पर पहुंच गया है।
कॉमैक्स पर सोना करीब 1.5 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है, वहीं भाव लुढ़ककर 1,270 डॉलर प्रति औंस पर आ गए हैं। चांदी में करीब 2.5 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार हो रहा है और भाव 21 डॉलर से टूटकर 19 डॉलर प्रति औंस के आसपास आ गए हैं।
वहीं गुरुवार को दिल्ली में सोना 400 रुपये टूट कर 28,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया था। वहीं कमजोर उठान भी 1,500 रुपये लुढ़ककर 43,100 रुपये प्रति किग्रा रह गई थी।
बाजार के जानकारों ने कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार को देखते हुए फेडरल रिजर्व के चेयरमैन बेन बर्नांक के द्वारा वहां कर्ज सस्ता करने की नीति में आगे इसी वर्ष बदलाव करने के संकेत के बाद सोना ढाई वर्षों से भी अधिक के निम्नस्तर पर चला गया, जिससे कारोबारी धारणा कमजोर हुई।
इस दौरान डॉलर के मुकाबले रुपये की विनियम दर में तेज गिरावट से आयात महंगा होने के कारण स्थानीय बाजार में सोने चांदी में गिरावट कुछ थम गई है।
डॉलर के मुकाबले रुपया गुरुवार को कारोबार के दौरान 130 पैसे टूट कर 60 रुपये प्रति डॉलर तक गिर गया था। बाद में स्थानीय मुद्रा थोड़ी सुधरी। विदेशी विनिमय बाजार में गुरुवार को रुपया 58.70 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।टिप्पणियां
वैश्विक सर्राफा बाजार को प्रभावित करने वाले लंदन बाजार में सोने की कीमत 3.4 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,304.75 डॉलर प्रति औंस पर आ गयी। 30 सितंबर 2010 के बाद सोने की यह निम्नतम दर है।
चांदी की कीमतें 6.2 प्रतिशत की गिरावट के साथ 20.08 डॉलर प्रति औंस रह गई, जो 14 सितंबर 2010 के बाद का सबसे निम्न स्तर है।
कॉमैक्स पर सोना करीब 1.5 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है, वहीं भाव लुढ़ककर 1,270 डॉलर प्रति औंस पर आ गए हैं। चांदी में करीब 2.5 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार हो रहा है और भाव 21 डॉलर से टूटकर 19 डॉलर प्रति औंस के आसपास आ गए हैं।
वहीं गुरुवार को दिल्ली में सोना 400 रुपये टूट कर 28,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया था। वहीं कमजोर उठान भी 1,500 रुपये लुढ़ककर 43,100 रुपये प्रति किग्रा रह गई थी।
बाजार के जानकारों ने कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार को देखते हुए फेडरल रिजर्व के चेयरमैन बेन बर्नांक के द्वारा वहां कर्ज सस्ता करने की नीति में आगे इसी वर्ष बदलाव करने के संकेत के बाद सोना ढाई वर्षों से भी अधिक के निम्नस्तर पर चला गया, जिससे कारोबारी धारणा कमजोर हुई।
इस दौरान डॉलर के मुकाबले रुपये की विनियम दर में तेज गिरावट से आयात महंगा होने के कारण स्थानीय बाजार में सोने चांदी में गिरावट कुछ थम गई है।
डॉलर के मुकाबले रुपया गुरुवार को कारोबार के दौरान 130 पैसे टूट कर 60 रुपये प्रति डॉलर तक गिर गया था। बाद में स्थानीय मुद्रा थोड़ी सुधरी। विदेशी विनिमय बाजार में गुरुवार को रुपया 58.70 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।टिप्पणियां
वैश्विक सर्राफा बाजार को प्रभावित करने वाले लंदन बाजार में सोने की कीमत 3.4 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,304.75 डॉलर प्रति औंस पर आ गयी। 30 सितंबर 2010 के बाद सोने की यह निम्नतम दर है।
चांदी की कीमतें 6.2 प्रतिशत की गिरावट के साथ 20.08 डॉलर प्रति औंस रह गई, जो 14 सितंबर 2010 के बाद का सबसे निम्न स्तर है।
वहीं गुरुवार को दिल्ली में सोना 400 रुपये टूट कर 28,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया था। वहीं कमजोर उठान भी 1,500 रुपये लुढ़ककर 43,100 रुपये प्रति किग्रा रह गई थी।
बाजार के जानकारों ने कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार को देखते हुए फेडरल रिजर्व के चेयरमैन बेन बर्नांक के द्वारा वहां कर्ज सस्ता करने की नीति में आगे इसी वर्ष बदलाव करने के संकेत के बाद सोना ढाई वर्षों से भी अधिक के निम्नस्तर पर चला गया, जिससे कारोबारी धारणा कमजोर हुई।
इस दौरान डॉलर के मुकाबले रुपये की विनियम दर में तेज गिरावट से आयात महंगा होने के कारण स्थानीय बाजार में सोने चांदी में गिरावट कुछ थम गई है।
डॉलर के मुकाबले रुपया गुरुवार को कारोबार के दौरान 130 पैसे टूट कर 60 रुपये प्रति डॉलर तक गिर गया था। बाद में स्थानीय मुद्रा थोड़ी सुधरी। विदेशी विनिमय बाजार में गुरुवार को रुपया 58.70 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।टिप्पणियां
वैश्विक सर्राफा बाजार को प्रभावित करने वाले लंदन बाजार में सोने की कीमत 3.4 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,304.75 डॉलर प्रति औंस पर आ गयी। 30 सितंबर 2010 के बाद सोने की यह निम्नतम दर है।
चांदी की कीमतें 6.2 प्रतिशत की गिरावट के साथ 20.08 डॉलर प्रति औंस रह गई, जो 14 सितंबर 2010 के बाद का सबसे निम्न स्तर है।
बाजार के जानकारों ने कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार को देखते हुए फेडरल रिजर्व के चेयरमैन बेन बर्नांक के द्वारा वहां कर्ज सस्ता करने की नीति में आगे इसी वर्ष बदलाव करने के संकेत के बाद सोना ढाई वर्षों से भी अधिक के निम्नस्तर पर चला गया, जिससे कारोबारी धारणा कमजोर हुई।
इस दौरान डॉलर के मुकाबले रुपये की विनियम दर में तेज गिरावट से आयात महंगा होने के कारण स्थानीय बाजार में सोने चांदी में गिरावट कुछ थम गई है।
डॉलर के मुकाबले रुपया गुरुवार को कारोबार के दौरान 130 पैसे टूट कर 60 रुपये प्रति डॉलर तक गिर गया था। बाद में स्थानीय मुद्रा थोड़ी सुधरी। विदेशी विनिमय बाजार में गुरुवार को रुपया 58.70 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।टिप्पणियां
वैश्विक सर्राफा बाजार को प्रभावित करने वाले लंदन बाजार में सोने की कीमत 3.4 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,304.75 डॉलर प्रति औंस पर आ गयी। 30 सितंबर 2010 के बाद सोने की यह निम्नतम दर है।
चांदी की कीमतें 6.2 प्रतिशत की गिरावट के साथ 20.08 डॉलर प्रति औंस रह गई, जो 14 सितंबर 2010 के बाद का सबसे निम्न स्तर है।
इस दौरान डॉलर के मुकाबले रुपये की विनियम दर में तेज गिरावट से आयात महंगा होने के कारण स्थानीय बाजार में सोने चांदी में गिरावट कुछ थम गई है।
डॉलर के मुकाबले रुपया गुरुवार को कारोबार के दौरान 130 पैसे टूट कर 60 रुपये प्रति डॉलर तक गिर गया था। बाद में स्थानीय मुद्रा थोड़ी सुधरी। विदेशी विनिमय बाजार में गुरुवार को रुपया 58.70 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।टिप्पणियां
वैश्विक सर्राफा बाजार को प्रभावित करने वाले लंदन बाजार में सोने की कीमत 3.4 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,304.75 डॉलर प्रति औंस पर आ गयी। 30 सितंबर 2010 के बाद सोने की यह निम्नतम दर है।
चांदी की कीमतें 6.2 प्रतिशत की गिरावट के साथ 20.08 डॉलर प्रति औंस रह गई, जो 14 सितंबर 2010 के बाद का सबसे निम्न स्तर है।
डॉलर के मुकाबले रुपया गुरुवार को कारोबार के दौरान 130 पैसे टूट कर 60 रुपये प्रति डॉलर तक गिर गया था। बाद में स्थानीय मुद्रा थोड़ी सुधरी। विदेशी विनिमय बाजार में गुरुवार को रुपया 58.70 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।टिप्पणियां
वैश्विक सर्राफा बाजार को प्रभावित करने वाले लंदन बाजार में सोने की कीमत 3.4 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,304.75 डॉलर प्रति औंस पर आ गयी। 30 सितंबर 2010 के बाद सोने की यह निम्नतम दर है।
चांदी की कीमतें 6.2 प्रतिशत की गिरावट के साथ 20.08 डॉलर प्रति औंस रह गई, जो 14 सितंबर 2010 के बाद का सबसे निम्न स्तर है।
वैश्विक सर्राफा बाजार को प्रभावित करने वाले लंदन बाजार में सोने की कीमत 3.4 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,304.75 डॉलर प्रति औंस पर आ गयी। 30 सितंबर 2010 के बाद सोने की यह निम्नतम दर है।
चांदी की कीमतें 6.2 प्रतिशत की गिरावट के साथ 20.08 डॉलर प्रति औंस रह गई, जो 14 सितंबर 2010 के बाद का सबसे निम्न स्तर है।
चांदी की कीमतें 6.2 प्रतिशत की गिरावट के साथ 20.08 डॉलर प्रति औंस रह गई, जो 14 सितंबर 2010 के बाद का सबसे निम्न स्तर है। |
बिहार के औरंगाबाद जिले के कसमा थाना क्षेत्र में हथियारबंद अज्ञात नक्सलियों ने गुरुवार देर रात एक सोलर कंपनी के आधार शिविर पर हमला कर दिया और 10 वाहनों तथा मशीनों को आग के हवाले कर फरार हो गए। इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। कसमा के थाना प्रभारी नरोत्तम चन्द्र ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि कि बख्शी बिगहा गांव में अल्फा सोलर कंपनी द्वारा सोलर स्टेशन का निर्माण किया जा रहा था। इसी क्रम में रात करीब 20-25 अज्ञात सशस्त्र नक्सलियों ने कंपनी के आधार शिविर पर हमला बोल दिया और वहां 10 वाहनों और मशीनों को आग के हवाले कर दिया।
उन्होंने बताया कि नक्सलियों के इस हमले में पांच ट्रैक्टर, दो जेसीबी मशीन तथा तीन मिक्सिंग मशीन पूरी तरह बर्बाद हो गए। नक्सलियों द्वारा कई अन्य वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया है।
नरोत्तम ने बताया कि इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। हालांकि, पुलिस के एक अधिकारी ने इस घटना के पीछे लेवी (जबरन पैसा वसूली ) की आशंका व्यक्त की है। पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर इस पूरे मामले की छानबीन कर रही है। टिप्पणियां
उल्लेखनीय है कि औरंगाबाद और गया जिले की सीमा पर डुमरी नाला के जंगली क्षेत्रों में दो दिन पूर्व नक्सलियों द्वारा किए गए बारूदी सुरंग विस्फोट में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 10 जवानों की मौत हो गई थी।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने बताया कि कि बख्शी बिगहा गांव में अल्फा सोलर कंपनी द्वारा सोलर स्टेशन का निर्माण किया जा रहा था। इसी क्रम में रात करीब 20-25 अज्ञात सशस्त्र नक्सलियों ने कंपनी के आधार शिविर पर हमला बोल दिया और वहां 10 वाहनों और मशीनों को आग के हवाले कर दिया।
उन्होंने बताया कि नक्सलियों के इस हमले में पांच ट्रैक्टर, दो जेसीबी मशीन तथा तीन मिक्सिंग मशीन पूरी तरह बर्बाद हो गए। नक्सलियों द्वारा कई अन्य वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया है।
नरोत्तम ने बताया कि इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। हालांकि, पुलिस के एक अधिकारी ने इस घटना के पीछे लेवी (जबरन पैसा वसूली ) की आशंका व्यक्त की है। पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर इस पूरे मामले की छानबीन कर रही है। टिप्पणियां
उल्लेखनीय है कि औरंगाबाद और गया जिले की सीमा पर डुमरी नाला के जंगली क्षेत्रों में दो दिन पूर्व नक्सलियों द्वारा किए गए बारूदी सुरंग विस्फोट में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 10 जवानों की मौत हो गई थी।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने बताया कि नक्सलियों के इस हमले में पांच ट्रैक्टर, दो जेसीबी मशीन तथा तीन मिक्सिंग मशीन पूरी तरह बर्बाद हो गए। नक्सलियों द्वारा कई अन्य वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया है।
नरोत्तम ने बताया कि इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। हालांकि, पुलिस के एक अधिकारी ने इस घटना के पीछे लेवी (जबरन पैसा वसूली ) की आशंका व्यक्त की है। पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर इस पूरे मामले की छानबीन कर रही है। टिप्पणियां
उल्लेखनीय है कि औरंगाबाद और गया जिले की सीमा पर डुमरी नाला के जंगली क्षेत्रों में दो दिन पूर्व नक्सलियों द्वारा किए गए बारूदी सुरंग विस्फोट में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 10 जवानों की मौत हो गई थी।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
नरोत्तम ने बताया कि इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। हालांकि, पुलिस के एक अधिकारी ने इस घटना के पीछे लेवी (जबरन पैसा वसूली ) की आशंका व्यक्त की है। पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर इस पूरे मामले की छानबीन कर रही है। टिप्पणियां
उल्लेखनीय है कि औरंगाबाद और गया जिले की सीमा पर डुमरी नाला के जंगली क्षेत्रों में दो दिन पूर्व नक्सलियों द्वारा किए गए बारूदी सुरंग विस्फोट में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 10 जवानों की मौत हो गई थी।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उल्लेखनीय है कि औरंगाबाद और गया जिले की सीमा पर डुमरी नाला के जंगली क्षेत्रों में दो दिन पूर्व नक्सलियों द्वारा किए गए बारूदी सुरंग विस्फोट में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 10 जवानों की मौत हो गई थी।(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
लेख: सचिन तेंदुलकर न्यूजीलैंड के खिलाफ हैदराबाद टेस्ट में सस्ते में आउट होने के कारण आईसीसी की बल्लेबाजी रैंकिंग में शीर्ष-10 से बाहर हो गए लेकिन शतकवीर चेतेश्वर पुजारा और मैच में 12 विकेट लेने वाले ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने लंबी छलांग लगाकर अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग हासिल की है।
तेंदुलकर ने पहले टेस्ट मैच में केवल 19 रन बनाए थे जिसके कारण उनको 13 रेटिंग अंक का नुकसान हुआ और वह एक पायदान नीचे 11वें स्थान पर खिसक गए। यह स्टार बल्लेबाज हालांकि अब भी बल्लेबाजी तालिका में भारत की तरफ से शीर्ष पर बना हुआ है। पुजारा ने 159 रन की बेमिसाल पारी खेली जिसके दम पर वह 50 से भी अधिक स्थान की लंबी छलांग लगाकर 58वें स्थान पर काबिज हो गए। पुजारा के 432 रेटिंग अंक हैं तथा यह उनकी सर्वश्रेष्ठ रेटिंग है।टिप्पणियां
पुजारा की तरह इस मैच में भारतीय जीत के नायक रहे अश्विन ने 19 स्थान की छलांग लगाई है। अश्विन ने मैच में 85 रन देकर 12 विकेट लिए और उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया। इससे अश्विन के 542 रेटिंग अंक हो गए और वह 25वें स्थान पर पहुंच गए हैं। यह उनकी सर्वश्रेष्ठ रेटिंग हैं। उनके साथी स्पिनर प्रज्ञान ओझा को भी छह विकेट लेने का इनाम मिला है जिससे वह शीर्ष 20 में शामिल होने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज बन गए।
ओझा छह पायदान ऊपर चढ़कर 15वें स्थान पर पहुंच गए हैं। तेज गेंदबाज जहीर खान आईसीसी गेंदबाजी तालिका में अब भी भारत के नंबर एक गेंदबाज है लेकिन मैच में एक भी विकेट नहीं ले पाने के कारण वह दो पायदान नीचे 14वें स्थान पर खिसक गए हैं। जहीर के साथ नई गेंद संभालने वाले उमेश यादव दो विकेट लेने के कारण दो स्थान उपर 47वें नंबर पर पहुंच गए हैं।
तेंदुलकर ने पहले टेस्ट मैच में केवल 19 रन बनाए थे जिसके कारण उनको 13 रेटिंग अंक का नुकसान हुआ और वह एक पायदान नीचे 11वें स्थान पर खिसक गए। यह स्टार बल्लेबाज हालांकि अब भी बल्लेबाजी तालिका में भारत की तरफ से शीर्ष पर बना हुआ है। पुजारा ने 159 रन की बेमिसाल पारी खेली जिसके दम पर वह 50 से भी अधिक स्थान की लंबी छलांग लगाकर 58वें स्थान पर काबिज हो गए। पुजारा के 432 रेटिंग अंक हैं तथा यह उनकी सर्वश्रेष्ठ रेटिंग है।टिप्पणियां
पुजारा की तरह इस मैच में भारतीय जीत के नायक रहे अश्विन ने 19 स्थान की छलांग लगाई है। अश्विन ने मैच में 85 रन देकर 12 विकेट लिए और उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया। इससे अश्विन के 542 रेटिंग अंक हो गए और वह 25वें स्थान पर पहुंच गए हैं। यह उनकी सर्वश्रेष्ठ रेटिंग हैं। उनके साथी स्पिनर प्रज्ञान ओझा को भी छह विकेट लेने का इनाम मिला है जिससे वह शीर्ष 20 में शामिल होने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज बन गए।
ओझा छह पायदान ऊपर चढ़कर 15वें स्थान पर पहुंच गए हैं। तेज गेंदबाज जहीर खान आईसीसी गेंदबाजी तालिका में अब भी भारत के नंबर एक गेंदबाज है लेकिन मैच में एक भी विकेट नहीं ले पाने के कारण वह दो पायदान नीचे 14वें स्थान पर खिसक गए हैं। जहीर के साथ नई गेंद संभालने वाले उमेश यादव दो विकेट लेने के कारण दो स्थान उपर 47वें नंबर पर पहुंच गए हैं।
पुजारा की तरह इस मैच में भारतीय जीत के नायक रहे अश्विन ने 19 स्थान की छलांग लगाई है। अश्विन ने मैच में 85 रन देकर 12 विकेट लिए और उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया। इससे अश्विन के 542 रेटिंग अंक हो गए और वह 25वें स्थान पर पहुंच गए हैं। यह उनकी सर्वश्रेष्ठ रेटिंग हैं। उनके साथी स्पिनर प्रज्ञान ओझा को भी छह विकेट लेने का इनाम मिला है जिससे वह शीर्ष 20 में शामिल होने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज बन गए।
ओझा छह पायदान ऊपर चढ़कर 15वें स्थान पर पहुंच गए हैं। तेज गेंदबाज जहीर खान आईसीसी गेंदबाजी तालिका में अब भी भारत के नंबर एक गेंदबाज है लेकिन मैच में एक भी विकेट नहीं ले पाने के कारण वह दो पायदान नीचे 14वें स्थान पर खिसक गए हैं। जहीर के साथ नई गेंद संभालने वाले उमेश यादव दो विकेट लेने के कारण दो स्थान उपर 47वें नंबर पर पहुंच गए हैं।
ओझा छह पायदान ऊपर चढ़कर 15वें स्थान पर पहुंच गए हैं। तेज गेंदबाज जहीर खान आईसीसी गेंदबाजी तालिका में अब भी भारत के नंबर एक गेंदबाज है लेकिन मैच में एक भी विकेट नहीं ले पाने के कारण वह दो पायदान नीचे 14वें स्थान पर खिसक गए हैं। जहीर के साथ नई गेंद संभालने वाले उमेश यादव दो विकेट लेने के कारण दो स्थान उपर 47वें नंबर पर पहुंच गए हैं। |
यह एक लेख है: महाराष्ट्र के बाद अब झारखंड में भी एनडीए के घटक दलों में आपसी फूट खुलकर सामने आ गई है. लोक जनशक्ति पार्टी ने मंगलवार को ऐलान किया को वह झारखंड की 50 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी. उसने शाम होते-होते पांच उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी. पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने इसका औपचारिक ऐलान किया. लोक जनशक्ति पार्टी ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने के फैसले की आलोचना की है.
लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने मंगलवार को ट्वीट करके कहा, "महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगना दुर्भाग्यपूर्ण. जनता ने एनडीए सरकार बनाने का जनादेश दिया था. अपनी-अपनी महत्वकांक्षा के कारण प्रदेश में सरकार न बनने देना दुखद."
जेडीयू ने भी झारखंड में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है. जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि अब झारखंड में एनडीए नहीं बचा है. त्यागी ने कहा, "अब झारखंड में कोई एनडीए नहीं है. आपसी समन्वय और तालमेल के अभाव की वजह से अब बीजेपी, एलजेपी और जेडीयू वहां अलग-अलग होकर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे."
त्यागी ने आरोप लगाया कि बड़ी पार्टी होने के नाते बीजेपी की तरफ से झारखंड में एक साथ चुनाव लड़ने को लेकर कभी बातचीत का कोई प्रस्ताव नहीं आया.
जेडीयू ने महाराष्ट्र में बीजेपी और शिव सेना के बीच टूट को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए भी सीधे बीजेपी पर निशाना साधा है. त्यागी ने कहा, "शिव सेना, जेडीयू और अकाली दल एनडीए के संस्थापक दल हैं. अब पहले की तरह एनडीए की मीटिंग नहीं होती है. वैचारिक विषयों पर तालमेल और प्रयास भी नहीं होता है. अब एनडीए में कोई एजेंडा इस समय अस्तित्व में नहीं है." |
साउथ की सुपरस्टार और अपनी शानदार एक्टिंग से बॉलीवुड में कदम रखने वाली काजल अग्रवाल (Kajal Aggarwal) अपनी लाजवाब एक्टिंग के लिए जानी जाती हैं. काजल अग्रवाल (Kajal Aggarwal) एक्टिंग के साथ ही सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं. वह (Kajal Aggarwal) अपनी राय और विचार बेबाक तरीके से सोशल मीडिया पर शेयर करती हैं. काजल अग्रवाल (Kajal Aggarwal) बॉलीवुड में अजय देवगन (Ajay Devgn) के साथ 'सिंघम' (Singham) और अक्षय कुमार (Akshay Kumar) के साथ 'स्पेशल 26' (Special 26) जैसी फिल्म में नजर आई थीं. काजल अग्रवाल (Kajal Aggarwal) ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की है. इस पोस्ट में उन्होंने (Kajal Aggarwal) अपनी बिना मेकअप की फोटो शेयर करते हुए फिजिकल अट्रैक्शन और मेकअप की झूठी दुनिया के बारे में अपनी राय पेश की है.
People can't discover themselves anymore. Perhaps because we live in a world crazed by physical attraction or because social media has swallowed up our self esteem in whom and what it glorifies. Billions of rupees are spent on cosmetics and beauty products that promise you the prefect body. Narcissism seems to exist everywhere. Between those lines, we try to join the crowd or feel left out. Yet the only way we can truly be happy is when we start accepting who we are rather than defining or carving a different image for ourselves. Although makeup beautifies our outer persona, does it build our character and define who we are? True beauty lies, in accepting ourselves for how lovely we are.
A post shared by Kajal Aggarwal (@kajalaggarwalofficial) on May 31, 2019 at 5:42am PDT
इंस्टाग्राम पर अपनी बिना मेकअप की फोटो साझा करते हुए काजल अग्रवाल (Kajal Aggarwal) ने लिखा 'आजकल लोग अपने आप को नहीं खोज सकते हैं. शायद इसलिए क्योंकि हम ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां फिजिकल अट्रैक्शन और सोशल मीडिया ने हमारे आत्मसम्मान को निगल लिया है. अरबों रुपए उन कॉस्मेटिक्स पर खर्च किए जाते हैं, जो हमारी बॉडी की रक्षा करने का वायदा करते हैं. अहंकार हर जगह मौजूद है.' अपनी पोस्ट में काजल अग्रवाल (Kajal Aggarwal) ने आगे लिखा 'मेकअप हमारे बाहरी व्यक्तित्व को तो सुशोभित कर सकता है, लेकिन क्या वह हमारे कैरेक्टर के बारे में कुछ कह सकता है? इसलिए सच्ची सुंदरता इसी में है कि हम खुद को स्वीकार करें कि हम कितने प्यारे हैं.' काजल अग्रवाल द्वारा फोटो शेयर करने पर लोगों ने उस पर 'क्रूशियल मैसेज, वाओ और गोर्जियस जैसे कमेंट भी किए.'
People can't discover themselves anymore. Perhaps because we live in a world crazed by physical attraction or because the media has swallowed up our self esteem in whom and what it glorifies. Billions of dollars are… https://t.co/cVQ08rEwZd
काजल अग्रवाल (Kajal Aggarwal) ने इंस्टाग्राम पर शेयर की गई फोटो के जरिए मेकअप के झूठे आकर्षण और सोशल मीडिया की चमक-दमक में खुद को खो देने की बात कही है. एक्ट्रेस काजल अग्रवाल (Kajal Aggarwal) ने यह पोस्ट इंस्टाग्राम के साथ ही अपने ट्विटर अकाउंट पर भी शेयर की है. आपको बता दें कि काजल अग्रवाल (Kajal Aggarwal) ने फिल्मी दुनिया में अपना डेब्यू 2004 में ऐश्वर्या राय और विवेक ओबेरॉय की फिल्म 'क्यों!' हो गया ना...' (Kyun! Ho Gaya Na...) से किया था. इसके बाद काजल अग्रवाल (Kajal Aggarwal) ने साउथ की फिल्मों में भी अपनी शानदार एक्टिंग से सबके दिलों पर खूब राज किया. |
ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में भारत की झोली में दूसरा स्वर्ण पदक आ गया. मीराबाई चानू के बाद कॉमनवेल्थ गेम में भारत की संजीता चानू ने देश के लिए दूसरा गोल्ड मेडल जीत भारत को एक और गौरव भरा पल दे दिया है. संजीता चानू ने वेट लिफ्टिंग में गोल्ड जीता है. इस तरह से भारत के खाते में तीन मेडल आ चुके हैं.कॉमनवेल्थ गेम के दूसरे दिन भारतीय वेटलिफ्टर संजीता चानू ने महिलाओं के 53 किलो भारवर्ग में गोल्ड मेडल जीता है. संजीता ने कुल 192 किलो भार उठा कर यह उपलब्धि हासिल की.
चानू ने स्नैच में 84 किलोग्राम का भार उठाया जो गेम रिकॉर्ड रहा, वहीं क्लीन एंड जर्क में उन्होंने 108 किलोग्राम का भार उठाया और कुल 192 के कुल स्कोर के साथ सोने का तमगा अपने नाम करने में सफल रहीं. स्पर्धा का रजत पापुआ न्यू गिनी की लाउ डिका ताउ को मिला जिनका कुल स्कोर 182 रहा. कनाडा की रचेल लेब्लांग को 181 के कुल योग के साथ कांस्य से संतोष करना पड़ा.टिप्पणियां
इस तरह से देखा जाए तो कॉमनवेल्थ गेम में भारत की बेटियों को दबदबा जारी है. ऐसा इसलिए क्योंकि अभी तक इस गेम में दो गोल्ड मेडल आए हैं और ये दोनों गोल्ड मेडल भारत की बेटियों ने ही दिलाए हैं. इससे पहले भारत की वेट लिफ्टर मीराबाई चानू ने करोड़ों देशवासियों की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए 21वें कॉमनवेल्थ खेलों में महिलाओं के भारोत्तोलन के 48 किग्रा भार वर्ग में स्वर्ण पदक पर कब्जा किया. मीराबाई ने भारत को पहला गोल्ड दिया और वहीं मीरा के साथ संजीता भी गोल्ड देने वाले खिलाड़ी में शामिल हो गई हैं. इस तरह से दो दिन में भारत के खाते में दो गोल्ड मेडल आ चुके हैं.
बता दें कि बुधवार को ऑस्ट्रेलिया के क्ववींसलैंड के गोल्ड कोस्ट में आयोजित ओपनिंग सेरेमनी के आखिरी दौर में प्रिंस चार्ल्स के आधिकारिक रूप से ऐलान के साथ ही 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स का ऑफिशियली आगाज हो गया. खेल प्रतिस्पर्धाओं की शुरुआत आज से हुई. और भारतीय खिलाड़ी लगातार अपनी कोशिशों से भारत के लिए मेडल जीत रहे हैं.
इस तरह से देखा जाए तो कॉमनवेल्थ गेम में भारत की बेटियों को दबदबा जारी है. ऐसा इसलिए क्योंकि अभी तक इस गेम में दो गोल्ड मेडल आए हैं और ये दोनों गोल्ड मेडल भारत की बेटियों ने ही दिलाए हैं. इससे पहले भारत की वेट लिफ्टर मीराबाई चानू ने करोड़ों देशवासियों की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए 21वें कॉमनवेल्थ खेलों में महिलाओं के भारोत्तोलन के 48 किग्रा भार वर्ग में स्वर्ण पदक पर कब्जा किया. मीराबाई ने भारत को पहला गोल्ड दिया और वहीं मीरा के साथ संजीता भी गोल्ड देने वाले खिलाड़ी में शामिल हो गई हैं. इस तरह से दो दिन में भारत के खाते में दो गोल्ड मेडल आ चुके हैं.
बता दें कि बुधवार को ऑस्ट्रेलिया के क्ववींसलैंड के गोल्ड कोस्ट में आयोजित ओपनिंग सेरेमनी के आखिरी दौर में प्रिंस चार्ल्स के आधिकारिक रूप से ऐलान के साथ ही 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स का ऑफिशियली आगाज हो गया. खेल प्रतिस्पर्धाओं की शुरुआत आज से हुई. और भारतीय खिलाड़ी लगातार अपनी कोशिशों से भारत के लिए मेडल जीत रहे हैं.
बता दें कि बुधवार को ऑस्ट्रेलिया के क्ववींसलैंड के गोल्ड कोस्ट में आयोजित ओपनिंग सेरेमनी के आखिरी दौर में प्रिंस चार्ल्स के आधिकारिक रूप से ऐलान के साथ ही 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स का ऑफिशियली आगाज हो गया. खेल प्रतिस्पर्धाओं की शुरुआत आज से हुई. और भारतीय खिलाड़ी लगातार अपनी कोशिशों से भारत के लिए मेडल जीत रहे हैं. |
वर्णक्रमीय साक्ष्यों के आधार पर, ऐसा माना जाता है कि हाइजीया की सतह में कार्बोनेसियस चोंड्राइट उल्कापिंडों में पाए जाने वाले समान आदिम कार्बनयुक्त पदार्थ शामिल हैं। इसकी सतह पर जलीय परिवर्तन उत्पादों का पता लगाया गया है, जो अतीत में पानी की बर्फ की उपस्थिति का संकेत दे सकता है जिसे पिघलने के लिए पर्याप्त रूप से गर्म किया गया था। आदिम वर्तमान सतह संरचना से संकेत मिलता है कि 4 वेस्टा जैसे अन्य बड़े ग्रहों के विपरीत, सौर मंडल के गठन की प्रारंभिक अवधि के दौरान हाइजीया पिघला नहीं गया था। हाइजीया हाइजीया परिवार का मुख्य सदस्य है और इसमें लगभग सभी द्रव्यमान (अच्छी तरह से) शामिल हैं इस परिवार में 90%)। यह डार्क सी-प्रकार के क्षुद्रग्रहों की श्रेणी में सबसे बड़ा है जो बाहरी क्षुद्रग्रह बेल्ट में प्रमुख हैं - जो 2.82 एयू पर किर्कवुड गैप से परे स्थित हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि हाइजीया का आकार उल्लेखनीय रूप से चपटा गोलाकार है, जिसका औसत व्यास 444 ± 35 किमी और अर्धप्रमुख अक्ष अनुपात 1.11 है। यह "बड़े चार" में अन्य वस्तुओं - 2 पलास, 4 वेस्टा और बौना ग्रह सेरेस की तुलना में बहुत अधिक है। चार में से सबसे छोटा होने के अलावा, सेरेस की तरह हाइजीया का घनत्व अपेक्षाकृत कम है, जो स्थलीय ग्रहों या पथरीले क्षुद्रग्रहों की तुलना में बृहस्पति या शनि के बर्फीले उपग्रहों से अधिक तुलनीय है। हालांकि यह अपने आप में सबसे बड़ा पिंड है क्षेत्र, इसकी अंधेरी सतह और सूर्य से औसत से अधिक दूरी के कारण, पृथ्वी से देखने पर हाइजीया बहुत धुंधला दिखाई देता है। वास्तव में, यह खोजे गए पहले तेईस क्षुद्रग्रहों में से तीसरा सबसे मंद क्षुद्रग्रह है, जिसमें केवल 13 एगेरिया और 17 थेटिस का माध्य विपरीत परिमाण कम है। अधिकांश विरोधों में, हाइजीया का परिमाण लगभग +10.2 है, जो वेस्टा की तुलना में चार ऑर्डर कम है, और अवलोकन के लिए इसे हल करने के लिए कम से कम 4-इंच (100 मिमी) दूरबीन की आवश्यकता होती है। हालाँकि, एक पेरीहेलिक विरोध पर, हाइजीया +9.1 परिमाण तक पहुंच सकता है और केवल 10x50 दूरबीन के साथ हल किया जा सकता है, क्षुद्रग्रह बेल्ट में अगले दो सबसे बड़े क्षुद्रग्रहों, 704 इंटरमनिया और 511 डेविडा के विपरीत, जो हमेशा दूरबीन दृश्यता से परे होते हैं। कम से कम 5 तारकीय हाइजीया द्वारा गुप्त क्रियाओं को पृथ्वी-आधारित खगोलविदों द्वारा ट्रैक किया गया है, लेकिन सभी कुछ स्वतंत्र पर्यवेक्षकों के साथ ताकि इसके आकार के बारे में बहुत कम पता चल सके। हबल स्पेस टेलीस्कोप ने क्षुद्रग्रह का समाधान कर लिया है और लगभग 16 किलोमीटर (9.9 मील) व्यास से बड़े किसी भी परिक्रमा करने वाले साथी की उपस्थिति से इंकार कर दिया है। |
UP Board की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 18 फरवरी 2020 से शुरू होने वाली हैं. यूपी बोर्ड ने इन परीक्षाओं के लिए टाइम टेबल 2020 जारी की है. स्टूटेंट यहां दी जा रही डायरेक्ट लिंक से ये टाइमटेबल देख सकते हैं.
यूपी बोर्ड ने 10वीं व 12वीं की परीक्षा की टाइम टेबल 2020 अपनी आधिकारिक वेबसाइट upmsp.edu.in पर जारी की है. बता दें कि साल 2020 की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षा में इस बार कुल 55 लाख स्टूडेंट हिस्सा ले रहे हैं. शैक्षिक सत्र 2019-20 की वार्षिक परीक्षाओं की समय सारणी परिषद की वेबसाइट पर अपलोड है. ये सभी परीक्षाएं एक साथ 18 फरवरी को शुरू होने जा रही हैं. हाईस्कूल की परीक्षाएं 3 मार्च को खत्म हो रही हैं. वहीं इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 6 मार्च को खत्म होंगी.
10वीं व 12वीं के छात्र इस लिंक से देखें अपना टाइमटेबल
डिप्टी सीएम ने कहा है कि 15 मार्च से 25 मार्च के बीच परीक्षा के मूल्यांकन का काम होगा. इस तरह मूल्यांकन का काम इस साल 15 दिनों के बजाय 10 दिनों में पूरा हो जाएगा. इसलिए इस बार मूल्यांकन केंद्रों और कॉपी चेक करने वाले शिक्षकों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. यही नहीं रिजल्ट के साथ ही तत्काल ऑनलाइन मार्कशीट भी स्टूडेंट को मिल जाएगी. उन्होंने कहा कि पहले ढाई महीने में परीक्षाएं संपन्न होती थीं. इसकी स्कीम भी 10 दिन पहले ही जारी की जाती थी. बता दें कि पिछले साल यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 7 फरवरी को शुरू हुई थीं. हाईस्कूल की परीक्षाएं 14 कार्य दिवसों में और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 16 कार्य दिवसों में सम्पन्न हुई थीं. लेकिन मौसम को देखते हुए इस बार परीक्षाएं लेट शुरू हो रही हैं. |
UPTET Revised Result 2018 जारी कर दिया गया है. उम्मीदवार अपना रिजल्ट ऑफिशियल वेबसाइट Upbasiceduboard.gov.in पर जाकर चेक कर सकते हैं. रिजल्ट का नया लिंक वेबसाइट पर एक्टिव किया गया है. रिवाइज्ड रिजल्ट जारी होने के बाद 19,852 उम्मीदवारों को सफलता मिली है. अब ये उम्मीदवार 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती (UP Assistant Teacher Recruitment) के लिए आवेदन कर सकते हैं. बता दें कि आयोग ने सहायक शिक्षकों के पदों पर आवेदन करने की आखिरी तारीख आगे बढ़ा दी है. पहले आखिरी तारीख 20 दिसंबर थी, लेकिन अब 2 दिन आगे बढ़ाकर आखिरी तारीख 22 दिसंबर निर्धारित कर दी गई है. 69,000 सहायक शिक्षकों के पदों पर आवेदन शुल्क भरने की आखिरी तारीख 23 दिसंबर, 2018 कर दी गई है. जबकि उम्मीदवार 24 दिसंबर तक अपना आवेदन विवरण प्रिंट कर सकते हैं
बता दें कि यूपीटीईटी परीक्षा (UPTET Exam) 18 नवंबर को राज्य के कई शहरों में आयोजित की गई थी. दोनों शिफ्टों में 17 लाख 83 हजार 716 उम्मीदवारों को परीक्षा देनी थी. लेकिन इनमें से 16 लाख 73 हजार 126 यानी 93.80 प्रतिशत उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए थे, जबकि परीक्षा में 1 लाख 10 हजार 590 उम्मीदवार अनुपस्थित थे. उम्मीदवार नीचे दिए गए Direct Link पर क्लिक कर यूपीटीईटी रिवाइज्ड रिजल्ट चेक कर सकते हैं.UPTET Primary Revised Result
आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को यूपीटीईटी 2018 में हिंदी के दो और उर्दू के एक प्रश्न में सभी अभ्यर्थियों को नंबर देने का फैसला सुनाया. जिसके बाद आयोग ने संशोधित रिजल्ट जारी किया. यूपीटीईटी की परीक्षा प्राथमिक (कक्षा 1 से 5) और उच्च प्राथमिक (कक्षा 6 से 8) स्तर पर सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए आयोजित की जाती है. |
लेख: कश्मीर में ट्रैक-2 कूटनीति के तौर पर पिछले दिनों यशवंत सिन्हा ने जो पहल की, क्या उसका असर पड़ेगा? केंद्र सरकार ने भले ही कहा हो कि यशवंत सिन्हा के इस दौरे से उसका कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता की इस पहल को वहां बंद दरवाज़े खोलने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.
शायद यही वजह थी कि जब इस बार बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के घर पहुंचे तो उन्हें उनके किवाड़ खुले मिले. यही नहीं यशवंत सिन्हा और उनके साथ गए चार अन्य लोगों से गिलानी के अलावा मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ और शब्बीर शाह भी मिले.
एनडीटीवी को जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक़ इस डेलिगेशन से क़रीब 12 अलग-अलग धाराओं के नुमाइंदे मिले जिसमें चैंबर ऑफ कॉमर्स, कश्मीर इकोनॉमिक अलायंस, टीचर, वक़ील, होटल मालिक और सिवल लिबर्टी के लोग शामिल थे. यानी वो सब मिले जिन्होंने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इनकार कर दिया था. इसे नई छोटी पहल माना जा रहा है.टिप्पणियां
तीन दिन के दौरे में सबने एक राय इस डेलगेशन के आगे रखी. बातचीत भी सब चाहते हैं लेकिन चाहते है कि केंद्र पहले पहल करे. सबको औपचारिक तौर पर आमंत्रित किया जाए. आमंत्रण केंद्र की तरफ़ से आए. हालांकि सबकी राय पुरानी थी कि कश्मीर को विवादित क्षेत्र माना और बिना शर्त कश्मीर पर वार्ता की जाए. इसके अलावा ये भी कहा गया कि हिंसा का दौर बंद किया जाए और जो नौजवान सुरक्षा बलों द्वारा गिरफ़्तार किए हैं उन्हें रिहा किया जाए.
राज्य पुलिस ने अभी तक 450 लोगों को पब्लिक सेफ़्टी ऐक्ट के तहत गिरफ़्तार किया है और 5000 के क़रीब नौजवानों को पथर फेंकने के लिए. हालांकि ज़्यादातर जमानत पर छूट गए हैं और अब सिर्फ़ 800 के आस पास लोग पुलिस गिरफ़्त में हैं. ये गुट अब दिल्ली लौट आया है और जल्द अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपेंगा.
शायद यही वजह थी कि जब इस बार बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के घर पहुंचे तो उन्हें उनके किवाड़ खुले मिले. यही नहीं यशवंत सिन्हा और उनके साथ गए चार अन्य लोगों से गिलानी के अलावा मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ और शब्बीर शाह भी मिले.
एनडीटीवी को जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक़ इस डेलिगेशन से क़रीब 12 अलग-अलग धाराओं के नुमाइंदे मिले जिसमें चैंबर ऑफ कॉमर्स, कश्मीर इकोनॉमिक अलायंस, टीचर, वक़ील, होटल मालिक और सिवल लिबर्टी के लोग शामिल थे. यानी वो सब मिले जिन्होंने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इनकार कर दिया था. इसे नई छोटी पहल माना जा रहा है.टिप्पणियां
तीन दिन के दौरे में सबने एक राय इस डेलगेशन के आगे रखी. बातचीत भी सब चाहते हैं लेकिन चाहते है कि केंद्र पहले पहल करे. सबको औपचारिक तौर पर आमंत्रित किया जाए. आमंत्रण केंद्र की तरफ़ से आए. हालांकि सबकी राय पुरानी थी कि कश्मीर को विवादित क्षेत्र माना और बिना शर्त कश्मीर पर वार्ता की जाए. इसके अलावा ये भी कहा गया कि हिंसा का दौर बंद किया जाए और जो नौजवान सुरक्षा बलों द्वारा गिरफ़्तार किए हैं उन्हें रिहा किया जाए.
राज्य पुलिस ने अभी तक 450 लोगों को पब्लिक सेफ़्टी ऐक्ट के तहत गिरफ़्तार किया है और 5000 के क़रीब नौजवानों को पथर फेंकने के लिए. हालांकि ज़्यादातर जमानत पर छूट गए हैं और अब सिर्फ़ 800 के आस पास लोग पुलिस गिरफ़्त में हैं. ये गुट अब दिल्ली लौट आया है और जल्द अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपेंगा.
एनडीटीवी को जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक़ इस डेलिगेशन से क़रीब 12 अलग-अलग धाराओं के नुमाइंदे मिले जिसमें चैंबर ऑफ कॉमर्स, कश्मीर इकोनॉमिक अलायंस, टीचर, वक़ील, होटल मालिक और सिवल लिबर्टी के लोग शामिल थे. यानी वो सब मिले जिन्होंने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इनकार कर दिया था. इसे नई छोटी पहल माना जा रहा है.टिप्पणियां
तीन दिन के दौरे में सबने एक राय इस डेलगेशन के आगे रखी. बातचीत भी सब चाहते हैं लेकिन चाहते है कि केंद्र पहले पहल करे. सबको औपचारिक तौर पर आमंत्रित किया जाए. आमंत्रण केंद्र की तरफ़ से आए. हालांकि सबकी राय पुरानी थी कि कश्मीर को विवादित क्षेत्र माना और बिना शर्त कश्मीर पर वार्ता की जाए. इसके अलावा ये भी कहा गया कि हिंसा का दौर बंद किया जाए और जो नौजवान सुरक्षा बलों द्वारा गिरफ़्तार किए हैं उन्हें रिहा किया जाए.
राज्य पुलिस ने अभी तक 450 लोगों को पब्लिक सेफ़्टी ऐक्ट के तहत गिरफ़्तार किया है और 5000 के क़रीब नौजवानों को पथर फेंकने के लिए. हालांकि ज़्यादातर जमानत पर छूट गए हैं और अब सिर्फ़ 800 के आस पास लोग पुलिस गिरफ़्त में हैं. ये गुट अब दिल्ली लौट आया है और जल्द अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपेंगा.
तीन दिन के दौरे में सबने एक राय इस डेलगेशन के आगे रखी. बातचीत भी सब चाहते हैं लेकिन चाहते है कि केंद्र पहले पहल करे. सबको औपचारिक तौर पर आमंत्रित किया जाए. आमंत्रण केंद्र की तरफ़ से आए. हालांकि सबकी राय पुरानी थी कि कश्मीर को विवादित क्षेत्र माना और बिना शर्त कश्मीर पर वार्ता की जाए. इसके अलावा ये भी कहा गया कि हिंसा का दौर बंद किया जाए और जो नौजवान सुरक्षा बलों द्वारा गिरफ़्तार किए हैं उन्हें रिहा किया जाए.
राज्य पुलिस ने अभी तक 450 लोगों को पब्लिक सेफ़्टी ऐक्ट के तहत गिरफ़्तार किया है और 5000 के क़रीब नौजवानों को पथर फेंकने के लिए. हालांकि ज़्यादातर जमानत पर छूट गए हैं और अब सिर्फ़ 800 के आस पास लोग पुलिस गिरफ़्त में हैं. ये गुट अब दिल्ली लौट आया है और जल्द अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपेंगा.
राज्य पुलिस ने अभी तक 450 लोगों को पब्लिक सेफ़्टी ऐक्ट के तहत गिरफ़्तार किया है और 5000 के क़रीब नौजवानों को पथर फेंकने के लिए. हालांकि ज़्यादातर जमानत पर छूट गए हैं और अब सिर्फ़ 800 के आस पास लोग पुलिस गिरफ़्त में हैं. ये गुट अब दिल्ली लौट आया है और जल्द अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपेंगा. |
पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी ने वीआईपी लांज में शौचालयों के अनुचित रखरखाव को लेकर यहां हवाई अड्डा अधिकारियों की खिंचाई की. उन्होंने कहा कि शौचालयों को साफ सुथरा रखने की जरूरत है.
सूत्रों के मुताबिक दिल्ली से चेन्नई पहुंची किरण बेदी लांज के शौचालय गईं थी. वहां शौचालय को ‘अस्वच्छ’ देखकर वह नाराज हो गईं. उन्होंने अधिकारियों की खिंचाई की. इसके बाद फौरन सफाई कर्मचारियों को शौचालय की सफाई करने और परफ्यूम का छिड़काव करने के लिए बुलाया गया. किरण बेदी ने फिर अधिकारियों से कहा कि शौचालयों को साफ सुथरा रखने की जरूरत है. इनकी साफ-सफाई की जाए.
बता दें कि देश भर में शौचालय बनवाने और उन्हें साफ रखने को लेकर पीएम मोदी ने पूरे देश में एक अभियान चलाया. इस अभियान का उद्देश्य के देश के हर घर में शौचालय होना. पीएम मोदी ही नहीं
आम जनता भी अब शौचालय
को लेकर जागरूक हो गई है. हाल ही में ऐसे कई किस्से सामने आए हैं, जिनमें अपने ससुराल में शौचालय ना होने पर लड़कियों ने सख्त कदम उठाए है और
शौचालय बनवाए
है. जो कि तारिफ के काबिल है. शौचालय बनवाना और साफ-सफाई पर केंद्रित अक्षय कुमार की फिल्म 'टॉयलेट एक प्रेम कथा' 11 अगस्त को रिलीज होने वाली है. |
देश, दुनिया, महानगर, खेल, आर्थिक और बॉलीवुड में क्या कुछ हुआ. जानने के लिए यहां पढ़ें समय के साथ साथ खबरों का लाइव अपडेशन...
11.17 PM:
टी-20 लीग 6: चेन्नई ने दिल्ली को 86 रनों से हराया.
11.06 PM:
परवेज मुशर्रफ अपने घर में नजरबंद, पाकिस्तानी न्यूज चैन के हवाले से खबर. मुशर्रफ के घर को ही जेल बनाया गया.
10.35 PM:
इंडिया टुडे की सालाना पावर लिस्ट जारी, राजनीति में सबसे प्रभावशाली सोनिया गांधी.
9.14 PM:
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों नरेंद्र मोदी को नसीहत देते हुए कहा था कि सत्ता के लिए टोपी भी पहननी होगी और टीका भी लगाना होगा लेकिन दो साल पहले नीतीश ने भी टोपी नहीं पहनी थी.
9.13 PM:
2जी घोटाले पर प्रधानमंत्री को बड़ी राहत, घोटाले की जांच पर बनी जेपीसी ने प्रधानमंत्री को क्लीन चिट दे दी है और दूरसंचार मंत्रालय को कटघरे में खड़ा किया है.
7.55 PM:
बिहार को मिलेगा 12 हजार करोड़ का पैकेज, CCEA ने स्पेशल पैकेज की मंजूरी दी.
7.35 PM:
टी-20 लीग 6: चेन्नई ने टॉस जीता, बल्लेबाजी चुनी, दिल्ली से है मुकाबला.
7.19 PM:
सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को तोहफा दिया है. कैबिनेट ने महंगाई भत्ते में 8 फीसदी की बढ़ोत्तरी को मंजूरी दे दी है. कैबिनेट के इस फैसले से पचास लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 30 लाख पेंशनधारकों को फायदा होगा.
7.00 PM:
अलीगढ़ में पुलिस ने बरसाई लाठियां. एक लड़की के मां-बाप को पीटा. 6 साल की बच्ची की लाश मिली थी. परिजन कर रहे थे प्रदर्शन. एक हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल सस्पेंड. DSP का तबादला किया गया.
5.59 PM:
बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा, राजनाथ सिंह ने बिहार में पार्टी संगठन और मजबूत करने पर जोर दिया
5.54 PM:
बिहार में बीजेपी का विस्तार करेंगेः शाहनवाज हुसैन
5.50 PM:
बिहार बीजेपी नेताओं की राजनाथ सिंह के साथ बैठक खत्म.
5.48 PM:
परवेज मुशर्रफ ने कहा, सुप्रीम कोर्ट में सरेंडर करूंगा
5.45 PM:
APML के प्रवक्ता साहिम अली का बयान, परवेज मुशर्रफ के घर पहुंची पुलिस.
5.30 PM:
केजीपी प्रत्याशी वेंकटेश गौड़ा को हिरासत में लिया गया. चुनाव आयोग के अधिकारी को धमकाने का आरोप. न्यायिक हिरासत में लिया गया.
5.20 PM:
मधु किश्वर के आरोपों पर तीस्ता सीतलवाड़ का टिप्पणी से इनकार.
5.10 PM:
फांसी की सजा सुनने के बाद जर्मन बेकरी ब्लास्ट केस का दोषी हिमायत बेग बेहोश हुआ. पुलिस वैन की ओर ले जाते वक्त हुआ बेहोश.
5.00 PM:
जर्मन बेकरी ब्लास्ट केस में सजा का एलान. आतंकी हिमायत बेग को फांसी की सजा. ब्लास्ट में 17 लोगों की मौत हुई थी.
4.39 PM:
नरोडा पाटिया दंगों के दोषी बाबू बजरंगी को दो दिन की जमानत. बाबू बजरंगी को मिली है उम्र कैद की सजा.
4.33 PM:
पुलिस परवेज मुशर्रफ के फार्म हाउस पहुंची.
4.18 PM:
सुशील शिंदे ने कहा, देवेंद्र पाल भुल्लर की फांसी माफ करने पर विचार कर रही है केंद्र सरकार. पंजाब सरकार ने की थी अर्जी.
4.15 PM:
बैंगलोर में हुए धमाके की जांच जारीः सुशील कुमार शिंदे
4.13 PM:
बैंगलोर ब्लास्ट का हैदारबाद में हुए धमाके से संबंध नहीं: सुशील शिंदे
4.12 PM:
राज्यों को लगातार अलर्ट भेजे गएः सुशील शिंदे
4.10 PM:
बैंगलोर ब्लास्ट पर सुशील शिंदे का बयान, अभी तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला.
4.05 PM:
जदयू के साथ पैदा हुए गतिरोध पर भारतीय जनता पार्टी की बैठक शुरू. बैठक में सुशील मोदी, अश्विनी चौबे, रविशंकर प्रसाद, शाहनवाज हुसैन, अरुण जेटली, मंगल पांडे, नंद किशोर यादव, सीपी ठाकुर और राजनाथ सिंह मौजूद.
3.52 PM:
पर्यावरण मंत्रालय की समिति ने कहा कि अडाणी की गुजरात में मुंदड़ा बंदरगाह और विशेष आर्थिक क्षेत्र परियोजना ने पर्यावरण मंजूरी का उल्लंघन किया है. समिति ने दंड लगाने का सुझाव दिया.
3.30 PM:
जस्टिस काटजू ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की. काटजू ने जुबैन्निसा, देवेन्द्र पाल भुल्लर और संजय दत्त को क्षमा या राहत देने की मांग की के संबंध में एक अनुरोध पत्र सौंपा.
3.10 PM:
परवेज मुशर्रफ के वकील पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे. गिरफ्तारी के आदेश के खिलाफ करेंगे अपील.
2.20 PM:
केसी बाबू अदजानिया को भी मिली चार हफ्ते की मोहलत.
2.15 PM:
93 मुंबई ब्लास्ट के दोषी इशहाक मोहम्मद और शहरीफ अब्दुल को मिली चार हफ्ते की मोहलत.
2.10 PM:
सुप्रीम कोर्ट से जैबुन्निसा को भी मिली 4 हफ्ते की मोहलत. सरेंडर करने के लिए मिली मोहलत.
1.40 PM:
कर्नाटक के डीजीपी लालखोरमा पचाऊ ने कहा, ब्लास्ट से जुड़ी विश्वसनीय जानकारी देने वाले को पांच लाख का इनाम.
1.22 PM:
बैंगलोर ब्लास्ट पर कर्नाटक के डीजीपी लालखोरमा पचाऊ का बयान, धमाका करने के लिए अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल हुआ.
1.03 PM:
जर्मन बेकरी ब्लास्ट मामलाः दोषी हिमायत बेग की सजा का ऐलान आज शाम 5 बजे होगा.
12.50 PM:
परवेज मुशर्रफ के वकील अदालत के फैसले को देंगे चुनौती.
12.45 PM:
परवेज मुशर्रफ अपने फार्म हाउस पर मौजूद हैं. पुलिस ने फार्म हाउस को घेरा.
12.32 PM:
कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा, पाकिस्तान को भारत के आतंरिक मामलों में दखलअंदाजी नहीं करना चाहिए. हम इसके खिलाफ हैं. पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी द्वारा अफजल गुरु को श्रद्घांजलि दिए जाने का मामला.
12.25 PM:
गाजियाबाद के विजयनगर में दिल्ली के एक दंपति से हथियार के दम पर बदमाशों ने ऑल्टो कार लूटी.
12.18 PM:
बसपा प्रमुख मायावती ने 36 उम्मीदवारों की सूची जारी की. लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी. 36 में से 20 ब्राह्मण उम्मीदवार.
12.14 PM:
मायावती ने कहा, यूपी में नरेंद्र मोदी 'फैक्टर' काम नहीं करेगा.
12.10 PM:
सूत्रों के हवाले से खबर, अपने घर में नजरबंद किए जा सकते हैं परवेज मुशर्रफ.
12.02 PM:
परवेज मुशर्रफ के प्रवक्ता रजा बुखारी ने कहा, मुशर्रफ कहीं भागे नहीं हैं.
12.00 PM:
BSP ने 36 लोकसभा प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया.
11.33 AM:
कर्नाटक के मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष प्रहलाद जोशी घटनास्थल पर पहुंचे. बुधवार को बैंगलोर में बीजेपी दफ्तर के बाहर हुआ था ब्लास्ट.
11.25 AM:
जाट नेताओं से मिलेंगे सुशील कुमार शिंदे. दोपहर 11.30 बजे होगी बैठक. आरक्षण की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहा है जाट समुदाय.
11.20 AM:
वकीलों की गिरफ्तारी का मामला. अदालत का फैसला सुनते ही कोर्ट से फरार हुए मुशर्रफ.
11.15 AM:
मुशर्रफ की जमानत की अर्जी खारिज. इस्लामाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद गिरफ्तारी के आदेश.
11.05 AM:
परवेज मुशर्रफ की गिरफ्तारी के आदेश. इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने दिए आदेश.
10.44 AM:
जुबैन्निसा की अर्जी पर मुख्य न्यायाधीश करेंगे फैसला.
10.40 AM:
1993 मुंबई ब्लास्ट के तीन दोषियों को चार हफ्ते की मोहलत मिली. अल्ताफ अली, युसूफ नलवाला और ईशा मेमन को सरेंडर करने के लिए एक महीने की मोहलत मिली. सुप्रीम कोर्ट ने दी मोहलत.
10.10 AM:
भूमि अधिग्रहण बिल पर सर्वदलीय बैठक शुरू
09.55 AM:
सीएनएन के मुताबिक टेक्सास में फर्टिलाइजर फैक्ट्री में हुए धमाके में 2 लोगों की मौत हो गई हैं. वहीं 60-70 लोगों के घायल होने की खबर है.
09.40 AM:
बैंगलोर ब्लास्ट में खुलासा. सूत्रों के हवाले से खबर. बैंगलोर ब्लास्ट में इस्तेमाल बाइक का नंबर प्लेट फर्जी. चेसिस नंबर अलग.
09.08 AM:
नागपुर में छेड़छाड़ का विरोध करने पर बदमाशों ने लड़की के दोस्त को गोली मारी. लड़की के दोस्त की मौत हुई.
08.55 AM:
दिल्ली में नानकपुरा फ्लाईओवर के पास अर्द्धनग्न हालत में लड़की मिली. लड़की ने 3 लोगों पर रेप का आरोप लगाया है. लड़की को मेडिकल जांच के लिए भेज दिया गया है.
08.22 AM:
अमेरिकाः टेक्सास फर्टिलाइजर फैक्ट्री में धमाका, धमाके में कुछ लोगों के घायल होने की खबर.
06.35 AM:
नीतीश पर 12 हजार करोड़ की मेहरबानी लुटाने को तैयार मनमोहन, बिहार के लिए बैकवर्ड रीजन ग्रांट फंड पर आज लग सकती है कैबिनेट कमिटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स की मुहर.
06.32 AM:
बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह आज बिहार के नेताओं के साथ करेंगे बैठक, जेडीयू के साथ संबंधों को लेकर होगा मंथन.
06.26 AM:
1993 धमाके के गुनहगारों को आज करना होगा जेल में सरेंडर, जैबुन्निसा सुप्रीम कोर्ट से करेंगी मोहलत की अपील, संजय दत्त को मिली है 4 हफ्ते की राहत.
06.24 AM:
जर्मन बेकरी ब्लास्ट के दोषी मिर्जा बेग को आज सुनाई जाएगी सजा, पुणे की अदालत ने 15 अप्रैल को बताया था 17 आरोपों में दोषी.
06.22 AM:
ठाणे में अवैध इमारतों के खिलाफ अभियान से एनसीपी और शिवसेना नाराज, आज बुलाया बंद, रात से ही कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर मचायी तोड़फोड़, राज ठाकरे बंद के खिलाफ. |
देश में लोकतंत्र के महाकुंभ यानी आम चुनावों की घोषणा की जा चुकी है. चुनाव आयोग ने देश की 543 संसदीय सीटों पर सात चरणों में चुनाव कराए जाने का ऐलान कर दिया है. जिसके तीसरे चरण में कुल 14 राज्यों की 115 संसदीय सीटों पर 23 अप्रैल को वोटिंग होनी है.
दूसरे चरण में कर्नाटक की हावेरी भी एक है. इस संसदीय सीट से नामांकन के बाद चुनाव आयोग से जिन नामों को हरी झंडी मिल गई है. उनमें डीआर पाटिल(कांग्रेस), उदासी एससी(भारतीय जनता पार्टी), अयूब खान पठान(बहुजन समाज पार्टी), ईश्वर पाटिल(उत्तमा प्रजाकिय पार्टी), शैलेश नजारे अशोक(इंडियन लेबर पार्टी(अंबेडकर फुले)) शामिल हैं.
साथ ही निर्दलीस उम्मीदवारों में बसावासज देसाई, बामोजी रामप्पा सिद्धप्पा, वीरभद्र वीरप्पा उर्फ बंडी, सिद्धप्पा कलप्पा पुजार और हनुमनथप्पा डी कब्बार हैं.
यह लोकसभा सीट 2008 में हुए परिसीमन के बाद ही अस्तित्व में आई है. इसके पहले यह क्षेत्र धारवाड़ उत्तर, धारवाड़ दक्षिण और बागलकोट लोकसभा के अंतर्गत बंटा हुआ था. इस लोकसभा सीट पर 2009 में पहली बार चुनाव हुए और तब से लेकर लगातार दो बार बीजेपी ने हावेरी लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की है. यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से कर्नाटक का अहम जिला है और यहां दुर्लभ प्रजाति के काले हिरण के लिए एक अभयारण्य भी स्थापित किया गया है. हावेरी पहले धारवाड़ जिले का हिस्सा था लेकिन बाद में इसे एक अलग जिले का दर्जा दिया गया.
2014 का जनादेश
पिछले लोकसभा चुनाव में हावेरी सीट से बीजेपी के शिवकुमार उदासी को जीत मिली थी. उन्होंने कांग्रेस के सलीम अहमद को 87571 वोटों से हराया था. इस चुनाव में शिवकुमार को 5,66,790 वोट मिले जबकि कांग्रेस के अहमद को 4,79,219 वोट मिले थे. इस चुनाव में करीब 51 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. पिछली बार हावेरी सीट से जेडीएस, आम आदमी पार्टी और बसपा ने भी चुनाव लड़ा था लेकिन इन दलों एक फीसदी से कम ही वोट हासिल हुए थे.
सामाजिक तानाबाना
हावेरी में 21.11 लाख आबादी रहती है जिनमें करीब 15.58 लाख वोटर हैं. कुल मतदाताओं में 8.07 लाख पुरुष और 7.51 लाख महिला वोटर शामिल हैं. इस सीट के अंतर्गत रहने वाली कुल आबादी की 72 फीसदी जनता ग्रामीण और 28 फीसदी जनता शहरी क्षेत्र के अंतर्गत आती है. जातिगत विभाजन की बात करें तो यहां अनुसूचित जाति वर्ग की आबादी कुल का 15.38 फीसदी है और अनुसूचित जनजाति की आबादी 8.07 फीसदी है.
हावेरी लोकसभा सीट पर जीत की हैट्रिक लगाने उतरेगी बीजेपी
राजनीतिक पृष्ठभूमि
हावेरी लोकसभा सीट पर सिर्फ दो बार 2009 और 2014 में चुनाव हुए हैं. दोनों ही चुनावों में यहां से बीजेपी के शिवकुमार उदासी को जीत मिली है. हावेरी में हुए पहले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के उदासी ने कांग्रेस के सलीम अहमद को करीब 88 हजार वोटों से हराया था. इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में फिर से शिवकुमार को जीत मिली और उन्होंने फिर से सलीम अहमद को ही 87571 वोटों से हराया. इस लोकसभा सीट के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें भी आती हैं.
कर्नाटक के समीकरण
कर्नाटक में कुल 28 लोकसभा सीटें हैं जिनमें से 15 सीटें बीजेपी के पास हैं. इसके अलावा राज्य की 10 सीटों पर कांग्रेस और 2 सीटों पर जेडीएस का कब्जा है. कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार है और उम्मीद है कि दोनों दल लोकसभा चुनाव भी मिलकर लड़ सकते हैं. राज्य की एक सीट बेंगलुरु दक्षिण अभी खाली है, यहां से बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार का पिछले दिनों निधन हो गया था.
गौरतलब है कि चुनाव के तीसरे चरण में 28 मार्च को नोटिफिकेशन जारी किए जाने के बाद 5 अप्रैल को नामांकन की आखिरी तारीख थी. दूसरे दिन स्क्रूटनी के बाद तय नामों पर 23 अप्रैल को संसदीय क्षेत्र के मतदाता अपने पसंदीदा प्रत्याशी के नाम पर मुहर लगाएंगे. जिसके नतीजे 23 मई को घोषित किए जाएंगे.
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उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के कोतवाली देहात क्षेत्र के श्यामपुर नदौना गांव में वैवाहिक कार्यक्रम के बीच बदमाशों द्वारा आरटीआई कार्यकर्ता पर बमों से हमला किए जाने का मामला सामने आया है. इस मामले में पांच महिलाओं सहित नौ लोग घायल हो गए.
पुलिस ने सभी घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया. वहीं आरटीआई कार्यकर्ता की हालत गंभीर को देखते हुए उन्हें ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई.
जानकारी के अनुसार, जिले के कोतवाली देहात के श्यामपुर नदौना गांव में एक व्यक्ति के यहां चल रहे वैवाहिक कार्यक्रम में आरटीआई कार्यकर्ता 37 वर्षीय ओमप्रकाश वर्मा शामिल थे.
इसी दौरान राजकुमार यादव और उसके साथी ओम प्रकाश से छात्रवृत्ति मामले में आरटीआई से मांगी गई जानकारी को लेकर विवाद होने लगा. जब तक लोग बीच-बचाव करते, हमलावरों ने ओम प्रकाश पर बमों से हमला कर दिया. कुछ हमलवरों ने गोलियां भी चलाई.
इस घटना में ओम प्रकाश, कलावती (50), संदीप (21), रेखा वर्मा(30), मनोज(25), संगीता (25), रामावती(40), पूनम (30), श्याम बिहारी (62) गंभीर रूप से घायल हो गए. घायलों को इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया.
वहां ओमप्रकाश की हालत गंभीर होने पर चिकित्सकों ने उसे ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया. लेकिन रास्ते में उसकी
मौत
हो गई. बताया जाता है कि गांव में चल रहे स्कूल में छात्रवृत्ति में गड़बड़ी को लेकर ओम प्रकाश ने आरटीआई के जरिए जानकारी मांगी थी. |
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा सीरीज के चौथे वनडे के लिए टीम इंडिया बेंगलुरु पहुंच चुकी है. 28 सितंबर को यहां विराट ब्रिगेड अपनी बढ़त को 4-0 करना चाहेगी. टीम इंडिया के तीनों युवा क्रिकेटर्स हार्दिक पंड्या, केएल राहुल और अक्षर पटेल ने इंदौर से साथ बेंगलुरू के लिए उड़ान भरी. इस दौरान राहुल ने सफर को दिलचस्प बनाने के लिए पंड्या और अक्षर के इंटरव्यू लिये. तीनों ने खूब मजे किए और क्रू मेबर्स के अनुरोध पर विमान में केक भी काटे. बीसीसीआई ने ट्विटर पर यह वीडियो शेयर किया है.
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have fun in the flight from Indore to Bengaluru - by
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— BCCI (@BCCI)
September 26, 2017
'नंबर-4 पर चैलेंज नहीं, मेरे लिए बड़ा मौका था'
सबसे पहले तो राहुल ने सीरीज में अपराजेय बढ़त लेने पर खुशी जताई, साथ ही अब अगले मुकाबले के लिए अपने गृहनगर बेंगलुरु का रुख करने पर खुशी जताई. उन्होंने पंड्या की तारीफ की और पहली बार चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के उनके अनुभव के बारे में पूछा. पंड्या ने कहा, 'मैंने नंबर-4 पर प्रमोट किए जाने को चैलेंज के तौर पर नहीं, बल्कि मौके के रूप में लिया. मैं वाकई उत्साहित था.' बेंगलुरु के बारे में पूछे जाने पर पंड्या ने इसे अपना पसंदीदा शहर बताते हुए कहा, 'यहां के होटल, रेस्टोरेंट मुझे पसंद हैं. होटल में ठहरने की बजाए यहां के फूड और सड़कों पर ड्राइविंग मुझे बेहद भाता है.'
ऐसे हो गया AKSHAR की जगह AXAR
इस दौरान चुपचाप बैठे बाएं हाथ के स्पिनर अक्षर पटेल से राहुल ने यह कहते हुए उस राज को जनाना चाहा, कि इसे पूरा इंडिया जानना चाहता है- आखिर अक्षर की स्पेलिंग AKSHAR की जगह AXAR कैसे हो गई...? पूछा प्रॉब्लम क्या था-
अक्षर ने कहा- 'बात उन दिनों की है, जब हम अंडर-19 वर्ल्ड कप खेलने के लिए बेंगलुरु में थे. मुझे पासपोर्ट बनवाना था. अर्जेंट पासपोर्ट बनवाने के लिए मेरे डैड स्कूल गए, तो लीविंग सर्टिफिकेट में मेरे प्रिंसिपल ने AKSHAR की जगह AXAR लिख दिया. इसके बाद मेरे पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस में ऐसा ही हो गया.' फिर क्या था, यह सुनते ही हार्दिक और राहुल ने अक्षर का 'अक्सर' उच्चारण कर उन्हें प्यार से चिढ़ाया. इसी बीच पंड्या से नहीं रहा गया, उन्होंने राहुल से माइक ले लिया और उन्हीं से उनके शहर के बार में पूछा. राहुल ने यहां के अनुभव को साझा किया. |
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