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सलमान, जैकलिन फर्नांडीज और अब अनिल कपूर के अलावा, फिल्म में बॉबी देओल, साकिब सलीम और डेज़ी शाह भी शामिल हैं. रेस 3 निर्देशक रेमो डिसूजा द्वारा निर्देशित है और एसकेएफ फिल्म्स और टिप्स द्वारा निर्मित यह फ़िल्म 2018 की ईद में रिलीज होगी.
12वीं पास उम्मीदवारों के लिए निकली नौकरी, करें आवेदन लिखित परीक्षा और फिजिकल टेस्ट के आधार पर होगा चयन ओडिशा सब-ऑर्डिनेट फॉरेस्ट गार्ड (ओएसएसएससी) 12वीं पास उम्मीदवारों  के लिए फॉरेस्ट गार्ड  806 पदों पर आवेदन मांगे हैं. जो उम्मीदवार लंबे समय से नौकरी की तलाश कर रहे हैं वह नीचे दी गई जानकारी पढ़ लें और उसके बाद ही आवेदन करें. पदों का विवरण फॉरेस्ट गार्ड के 806 पदों पर नौकरी निकाली है. इन पदों पर चुने गए उम्मीदवारों के लिए 5200 से 20200 रुपये तक का पे- स्केल तय किया गया. इसी के साथ ग्रेड पे 1800 रुपये हैं. योग्यता जिन उम्मीदवार ने किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से कक्षा 12वीं की पढ़ाई की हो वह इस पद पर आवेदन करने के योग्य हैं. वहीं इस पद पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवार की न्यूनतम उम्र 18 साल और अधिकतम उम्र 32 साल होनी चाहिए. आवेदन फीस इस भर्ती में आवेदन करने के लिए जनरल, ओबीसी और इडब्लूएस उम्मीदवारों को 100 रुपये देने होंगे वहीं SC/ST/महिला/ PWD उम्मीदवारों को कोई फीस नहीं देनी होगी. डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग के माध्यम से परीक्षा की फीस का भुगतान किया जा सकता है. क्या है जरूरी तारीख आवेदन करने की तारीख-  29 नवंबर 2019 आवेदन करने की आखिरी तारीख- 29 नवंबर 2019 फीस भरने की आखिरी तारीख- 6 जनवरी 2019 कैसे करें आवेदन जो उम्मीदवार आवेदन करना चाहते हैं उन्हें आधिकारिक वेबसाइट osssc.gov.in पर जाना होगा. फिर ऑनलाइन फॉर्म भरें. कैसे होगा चयन उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा और फिजिकल टेस्ट के आधार पर किया जाएगा.
लेख: किसानों की आत्महत्या को लेकर खबरों में रहे तेलंगाना में विधायकों ने मंगलवार को अपने वेतन में इजाफे से जुड़ा विधेयक सर्वसम्मति से पारित कर दिया। इस बढ़ोतरी के बाद वे देश में सर्वाधिक वेतन प्राप्त करने वाले विधायक जाएंगे।   भारत के इस सबसे नए राज्य के विधायकों का वेतन 95,000 रुपये से बढ़कर अब 2.5 लाख रुपये हो जाएगा, वहीं मंत्रियों का वेतन 2.4 लाख रुपये से बढ़कर 4 लाख रुपये प्रतिमाह हो जाएगा। वेतन में इस इजाफे से सरकारी खजाने पर हर साल 42.67 करोड़ रुपये का बोझ आएगा। तेलंगाना विधानमंडल की सुविधाओं संबंधी समिति ने 21 मार्च को हुई बैठक में तेलंगाना वेतन एवं पेंशन भुगतान एवं अयोग्यता निवारण (संशोधन) विधेयक 2016 पेश किया था, जिसे मंगलवार को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।   विधेयक पेश करने वाले विधायी मामलों के मंत्री टी हरीश राव ने कहा कि विधानसभा और विधानपरिषद के सदस्यों द्वारा पिछले डेढ़ साल में सरकार से किए गए आग्रहों के अनुरूप बढ़ोतरी की जा रही है। यह विधेयक ज्यादातर दलों के आग्रह पर पेश किया गया था। वहीं राज्य के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने सदन में कहा कि विधायकों को कई सरकारी बैठकों में शामिल होना होता है, अपने विधानसभा क्षेत्र का दौरा करना होता है और वहां से आए लोगों से मिलना होता है। ऐसे में मीडिया को हालात समझना चाहिए।टिप्पणियां दरअसल इस वेतन बढ़ोतरी की मीडिया में काफी आलोचना हो रही है। मई 2014 में इस नए राज्य के गठन के बाद से यहां 2,100 किसानों की खुदकुशी के मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से करीब 400 परिवारों को ही मुआवजा मिला है। वेतन में करीब 160 फीसदी की इस बढ़ोतरी के बाद तेलंगाना के विधायकों का वेतन दिल्ली के विधायकों से भी ज्यादा हो जाएगा, जो कि 2.10 लाख रुपये का मासिक वेतन उठा रहे हैं। राज्य में कांग्रेस के विधायक जी चिन्ना रेड्डी ने कहा कि निर्वाचन क्षेत्र और दूसरे भत्तों को मिला दें, तो विधायकों का मासिक वेतन 2.80 लाख रुपये के करीब बैठेगा। भारत के इस सबसे नए राज्य के विधायकों का वेतन 95,000 रुपये से बढ़कर अब 2.5 लाख रुपये हो जाएगा, वहीं मंत्रियों का वेतन 2.4 लाख रुपये से बढ़कर 4 लाख रुपये प्रतिमाह हो जाएगा। वेतन में इस इजाफे से सरकारी खजाने पर हर साल 42.67 करोड़ रुपये का बोझ आएगा। तेलंगाना विधानमंडल की सुविधाओं संबंधी समिति ने 21 मार्च को हुई बैठक में तेलंगाना वेतन एवं पेंशन भुगतान एवं अयोग्यता निवारण (संशोधन) विधेयक 2016 पेश किया था, जिसे मंगलवार को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।   विधेयक पेश करने वाले विधायी मामलों के मंत्री टी हरीश राव ने कहा कि विधानसभा और विधानपरिषद के सदस्यों द्वारा पिछले डेढ़ साल में सरकार से किए गए आग्रहों के अनुरूप बढ़ोतरी की जा रही है। यह विधेयक ज्यादातर दलों के आग्रह पर पेश किया गया था। वहीं राज्य के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने सदन में कहा कि विधायकों को कई सरकारी बैठकों में शामिल होना होता है, अपने विधानसभा क्षेत्र का दौरा करना होता है और वहां से आए लोगों से मिलना होता है। ऐसे में मीडिया को हालात समझना चाहिए।टिप्पणियां दरअसल इस वेतन बढ़ोतरी की मीडिया में काफी आलोचना हो रही है। मई 2014 में इस नए राज्य के गठन के बाद से यहां 2,100 किसानों की खुदकुशी के मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से करीब 400 परिवारों को ही मुआवजा मिला है। वेतन में करीब 160 फीसदी की इस बढ़ोतरी के बाद तेलंगाना के विधायकों का वेतन दिल्ली के विधायकों से भी ज्यादा हो जाएगा, जो कि 2.10 लाख रुपये का मासिक वेतन उठा रहे हैं। राज्य में कांग्रेस के विधायक जी चिन्ना रेड्डी ने कहा कि निर्वाचन क्षेत्र और दूसरे भत्तों को मिला दें, तो विधायकों का मासिक वेतन 2.80 लाख रुपये के करीब बैठेगा। तेलंगाना विधानमंडल की सुविधाओं संबंधी समिति ने 21 मार्च को हुई बैठक में तेलंगाना वेतन एवं पेंशन भुगतान एवं अयोग्यता निवारण (संशोधन) विधेयक 2016 पेश किया था, जिसे मंगलवार को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।   विधेयक पेश करने वाले विधायी मामलों के मंत्री टी हरीश राव ने कहा कि विधानसभा और विधानपरिषद के सदस्यों द्वारा पिछले डेढ़ साल में सरकार से किए गए आग्रहों के अनुरूप बढ़ोतरी की जा रही है। यह विधेयक ज्यादातर दलों के आग्रह पर पेश किया गया था। वहीं राज्य के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने सदन में कहा कि विधायकों को कई सरकारी बैठकों में शामिल होना होता है, अपने विधानसभा क्षेत्र का दौरा करना होता है और वहां से आए लोगों से मिलना होता है। ऐसे में मीडिया को हालात समझना चाहिए।टिप्पणियां दरअसल इस वेतन बढ़ोतरी की मीडिया में काफी आलोचना हो रही है। मई 2014 में इस नए राज्य के गठन के बाद से यहां 2,100 किसानों की खुदकुशी के मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से करीब 400 परिवारों को ही मुआवजा मिला है। वेतन में करीब 160 फीसदी की इस बढ़ोतरी के बाद तेलंगाना के विधायकों का वेतन दिल्ली के विधायकों से भी ज्यादा हो जाएगा, जो कि 2.10 लाख रुपये का मासिक वेतन उठा रहे हैं। राज्य में कांग्रेस के विधायक जी चिन्ना रेड्डी ने कहा कि निर्वाचन क्षेत्र और दूसरे भत्तों को मिला दें, तो विधायकों का मासिक वेतन 2.80 लाख रुपये के करीब बैठेगा। विधेयक पेश करने वाले विधायी मामलों के मंत्री टी हरीश राव ने कहा कि विधानसभा और विधानपरिषद के सदस्यों द्वारा पिछले डेढ़ साल में सरकार से किए गए आग्रहों के अनुरूप बढ़ोतरी की जा रही है। यह विधेयक ज्यादातर दलों के आग्रह पर पेश किया गया था। वहीं राज्य के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने सदन में कहा कि विधायकों को कई सरकारी बैठकों में शामिल होना होता है, अपने विधानसभा क्षेत्र का दौरा करना होता है और वहां से आए लोगों से मिलना होता है। ऐसे में मीडिया को हालात समझना चाहिए।टिप्पणियां दरअसल इस वेतन बढ़ोतरी की मीडिया में काफी आलोचना हो रही है। मई 2014 में इस नए राज्य के गठन के बाद से यहां 2,100 किसानों की खुदकुशी के मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से करीब 400 परिवारों को ही मुआवजा मिला है। वेतन में करीब 160 फीसदी की इस बढ़ोतरी के बाद तेलंगाना के विधायकों का वेतन दिल्ली के विधायकों से भी ज्यादा हो जाएगा, जो कि 2.10 लाख रुपये का मासिक वेतन उठा रहे हैं। राज्य में कांग्रेस के विधायक जी चिन्ना रेड्डी ने कहा कि निर्वाचन क्षेत्र और दूसरे भत्तों को मिला दें, तो विधायकों का मासिक वेतन 2.80 लाख रुपये के करीब बैठेगा। वहीं राज्य के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने सदन में कहा कि विधायकों को कई सरकारी बैठकों में शामिल होना होता है, अपने विधानसभा क्षेत्र का दौरा करना होता है और वहां से आए लोगों से मिलना होता है। ऐसे में मीडिया को हालात समझना चाहिए।टिप्पणियां दरअसल इस वेतन बढ़ोतरी की मीडिया में काफी आलोचना हो रही है। मई 2014 में इस नए राज्य के गठन के बाद से यहां 2,100 किसानों की खुदकुशी के मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से करीब 400 परिवारों को ही मुआवजा मिला है। वेतन में करीब 160 फीसदी की इस बढ़ोतरी के बाद तेलंगाना के विधायकों का वेतन दिल्ली के विधायकों से भी ज्यादा हो जाएगा, जो कि 2.10 लाख रुपये का मासिक वेतन उठा रहे हैं। राज्य में कांग्रेस के विधायक जी चिन्ना रेड्डी ने कहा कि निर्वाचन क्षेत्र और दूसरे भत्तों को मिला दें, तो विधायकों का मासिक वेतन 2.80 लाख रुपये के करीब बैठेगा। दरअसल इस वेतन बढ़ोतरी की मीडिया में काफी आलोचना हो रही है। मई 2014 में इस नए राज्य के गठन के बाद से यहां 2,100 किसानों की खुदकुशी के मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से करीब 400 परिवारों को ही मुआवजा मिला है। वेतन में करीब 160 फीसदी की इस बढ़ोतरी के बाद तेलंगाना के विधायकों का वेतन दिल्ली के विधायकों से भी ज्यादा हो जाएगा, जो कि 2.10 लाख रुपये का मासिक वेतन उठा रहे हैं। राज्य में कांग्रेस के विधायक जी चिन्ना रेड्डी ने कहा कि निर्वाचन क्षेत्र और दूसरे भत्तों को मिला दें, तो विधायकों का मासिक वेतन 2.80 लाख रुपये के करीब बैठेगा। वेतन में करीब 160 फीसदी की इस बढ़ोतरी के बाद तेलंगाना के विधायकों का वेतन दिल्ली के विधायकों से भी ज्यादा हो जाएगा, जो कि 2.10 लाख रुपये का मासिक वेतन उठा रहे हैं। राज्य में कांग्रेस के विधायक जी चिन्ना रेड्डी ने कहा कि निर्वाचन क्षेत्र और दूसरे भत्तों को मिला दें, तो विधायकों का मासिक वेतन 2.80 लाख रुपये के करीब बैठेगा।
एशिया के सबसे बड़े रेड लाइट इलाकों में से एक सोनागाछी में अगले महीने से यौनकर्मियों को एचआईवी-निरोधक दवा उपलब्ध कराने के लिए एक प्रायोगिक परियोजना शुरू की जाएगी जो देश में अपने तरह की पहली पहल होगी। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से संभाव्य परियोजना को हाल ही में मंजूरी मिल गयी और दिसंबर में इसे लागू किया जा सकता है। नाको के राष्ट्रीय कार्यक्रम अधिकारी बी. बी. रेवारी ने बताया, ‘‘हमने हाल ही में इस परियोजना को मंजूरी दी है। यह पहली बार है कि इस तरह की परियोजना की शुरूआत भारत में की जा रही है।’’ यौन कर्मियों के कल्याण के लिए काम कर रहे एक गैर सरकारी संगठन के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना के तहत एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति के साथ यौन संपर्क में आने वाली एचआईवी-निगेटिव यौनकर्मियों को ‘प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस’ (प्रीईपी) दवा नियमित रूप से दी जाएगी।टिप्पणियां सोनागाछी रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एसआरटीआई) के प्रिंसिपल समरजीत जेना ने बताया कि इस दवा को यौनकर्मियों को एचआईवी संक्रमण से बचाने के लिए बनाया गया है। जेना ने बताया, ‘‘हमने सोनागाछी में एचआईवी पॉजिटिव और एचआईवी-नेगेटिव यौन कर्मियों का सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। हम उम्मीद करते हैं कि इस साल दिसंबर से परियोजना शुरू हो जाएगी।’’ इस परियोजना का वित्त पोषण मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन कर रहा है।' राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से संभाव्य परियोजना को हाल ही में मंजूरी मिल गयी और दिसंबर में इसे लागू किया जा सकता है। नाको के राष्ट्रीय कार्यक्रम अधिकारी बी. बी. रेवारी ने बताया, ‘‘हमने हाल ही में इस परियोजना को मंजूरी दी है। यह पहली बार है कि इस तरह की परियोजना की शुरूआत भारत में की जा रही है।’’ यौन कर्मियों के कल्याण के लिए काम कर रहे एक गैर सरकारी संगठन के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना के तहत एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति के साथ यौन संपर्क में आने वाली एचआईवी-निगेटिव यौनकर्मियों को ‘प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस’ (प्रीईपी) दवा नियमित रूप से दी जाएगी।टिप्पणियां सोनागाछी रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एसआरटीआई) के प्रिंसिपल समरजीत जेना ने बताया कि इस दवा को यौनकर्मियों को एचआईवी संक्रमण से बचाने के लिए बनाया गया है। जेना ने बताया, ‘‘हमने सोनागाछी में एचआईवी पॉजिटिव और एचआईवी-नेगेटिव यौन कर्मियों का सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। हम उम्मीद करते हैं कि इस साल दिसंबर से परियोजना शुरू हो जाएगी।’’ इस परियोजना का वित्त पोषण मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन कर रहा है।' नाको के राष्ट्रीय कार्यक्रम अधिकारी बी. बी. रेवारी ने बताया, ‘‘हमने हाल ही में इस परियोजना को मंजूरी दी है। यह पहली बार है कि इस तरह की परियोजना की शुरूआत भारत में की जा रही है।’’ यौन कर्मियों के कल्याण के लिए काम कर रहे एक गैर सरकारी संगठन के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना के तहत एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति के साथ यौन संपर्क में आने वाली एचआईवी-निगेटिव यौनकर्मियों को ‘प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस’ (प्रीईपी) दवा नियमित रूप से दी जाएगी।टिप्पणियां सोनागाछी रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एसआरटीआई) के प्रिंसिपल समरजीत जेना ने बताया कि इस दवा को यौनकर्मियों को एचआईवी संक्रमण से बचाने के लिए बनाया गया है। जेना ने बताया, ‘‘हमने सोनागाछी में एचआईवी पॉजिटिव और एचआईवी-नेगेटिव यौन कर्मियों का सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। हम उम्मीद करते हैं कि इस साल दिसंबर से परियोजना शुरू हो जाएगी।’’ इस परियोजना का वित्त पोषण मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन कर रहा है।' सोनागाछी रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एसआरटीआई) के प्रिंसिपल समरजीत जेना ने बताया कि इस दवा को यौनकर्मियों को एचआईवी संक्रमण से बचाने के लिए बनाया गया है। जेना ने बताया, ‘‘हमने सोनागाछी में एचआईवी पॉजिटिव और एचआईवी-नेगेटिव यौन कर्मियों का सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। हम उम्मीद करते हैं कि इस साल दिसंबर से परियोजना शुरू हो जाएगी।’’ इस परियोजना का वित्त पोषण मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन कर रहा है।' जेना ने बताया, ‘‘हमने सोनागाछी में एचआईवी पॉजिटिव और एचआईवी-नेगेटिव यौन कर्मियों का सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। हम उम्मीद करते हैं कि इस साल दिसंबर से परियोजना शुरू हो जाएगी।’’ इस परियोजना का वित्त पोषण मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन कर रहा है।'
संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बुधवार को पांच दिनों की अमेरिका यात्रा पर रवाना होंगे. यात्रा के दौरान मनमोहन सिंह और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मुलाकात लगभग तय हो गई है. न्यूयॉर्क रवाना होने से पहले खुद प्रधानमंत्री ने ऐसे संकेत दिए हैं. नवाज शरीफ का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि अमेरिका में वह पड़ोसी देशों के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे जिनमें नेपाल, बांग्लादेश और पाकिस्तान शामिल हैं. इससे पहले माना जा रहा था कि पिछले दिनों पाकिस्तानी सेना की ओर से सरहद पर जैसी कायराना हरकतें हुई हैं, उसके बाद शायद मनमोहन और नवाज शरीफ की मुलाकात नहीं होगी. अमेरिका से होगी अहम बातचीत इस यात्रा के दौरान 27 सितंबर को प्रधानमंत्री अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ शिखर वार्ता भी करेंगे. दोनों नेताओं के बीच यह तीसरी शिखर वार्ता होगी. उम्मीद की जा रही है कि इस मुलाकात में भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौता लागू करना, रक्षा सहयोग बढ़ाने और अफगानिस्तान क्षेत्र की स्थिति आदि विषयों पर बात हो सकती है. प्रधानमंत्री 28 सितंबर को न्यूयॉर्क में महासभा को संबोधित करेंगे. माना जा रहा है कि इसके बाद महासभा से इतर 29 सितंबर को वह नवाज शरीफ से मिल सकते हैं.
The wait ends... Fox Star Studios and Mukesh Chhabra finalize the leading lady opposite Sushant Singh Rajput for the Hindi adapation of the Hollywood blockbuster #TheFaultInOurStars... Sanjana Sanghi... Mukesh Chhabra directs the film. pic.twitter.com/ydyV5ouJL7 A post shared by Sanjana Sanghi (@sanjanasanghi96) on Aug 21, 2017 at 12:11pm PDT A post shared by Sanjana Sanghi (@sanjanasanghi96) on Jul 24, 2017 at 2:32am PDT A post shared by Sanjana Sanghi (@sanjanasanghi96) on Jun 19, 2017 at 9:15am PDT A post shared by Sanjana Sanghi (@sanjanasanghi96) on Feb 21, 2018 at 7:37am PST A post shared by Sanjana Sanghi (@sanjanasanghi96) on Dec 13, 2017 at 7:42am PST A post shared by Sanjana Sanghi (@sanjanasanghi96) on Nov 1, 2017 at 1:53am PDT
कॉमेडियन कपिल शर्मा की लोकप्रियता किसी से छुपी नहीं है. 'कॉमेडी नाइट्स विद कपिल' में अपनी एंकरिंग से सबको गुदगुदाने वाले कपिल अब सोहेल खान के 'सेलेब्रिटी क्रिकेट लीग' (CCL) के अगले सीजन में एक्स्ट्रा इनिंग्स को होस्ट करते नजर आएंगे. स्टार कॉमेडियन ने इन मैचों की होस्टिंग के लिए 1.25 करोड़ रुपये मांगे हैं. एक सूत्र के मुताबिक, 'कपिल बहुत लोकप्रिय हैं और आज के समय में सबसे ज्यादा पैसे चार्ज करने वाले स्टैंड अप कॉमेडियन भी हैं.'मुंबई में 25 जनवरी को सीसीएल शुरू होगा और इसकी ओपनिंग सेरेमनी पर योयो हनी सिंह भी परफॉर्म करते नजर आएंगे. इन मैचों में रणदीप हुड्डा, आयुष्मान खुराना, अरमान कोहली, समीर कोच्चर, अली जफर और जायद खान खेलते नजर आएंगे. अब देखना ये है कि कपिल एक्स्ट्रा इनिंग्स की होस्टिंग में अपनी कॉमेडी के कैसे 'शॉट्स' जड़ेंगे.
बॉलीवुड में फिल्म अभिनेत्री और बीते समय में पॉर्न स्टार के तौर पर मशहूर रही सनी लियोन पर फिल्म निर्देशक रामगोपाल वर्मा (रामू) का ट्वीट करना भारी पड़ गया है. सनी लियोन पर निशाना साधने वाले ट्वीट पर जहां उन्हें चारों तरफ से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं मिल रही थीं. वहीं सनी लियोन ने भी इस बयान पर ट्वीट के माध्यम से प्रतिक्रिया दी है.यह मामला यहीं रुकता नहीं दिखता. महिला दिवस के मौके पर रामगोपाल वर्मा की अभद्र टिप्पणी उनके लिए फजीहत बनती जा रही है. अब एक महिला संगठन ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कर दी है. आलोचनाओं के बौछार पर मांगी माफी भारतीय सिनेमा इंडस्ट्री समेत देश के अलग-अलग हिस्सों और हस्तियों के निशाने पर आने के बाद रामू ने कहा कि वे केवल उनकी भावनाएं व्यक्त कर रहे थे. उन्होंने अपने ट्वीट के लिए माफी मांगी. यहां हम आपको बता दें कि रामू ने 8 मार्च (महिला दिवस) के रोज ट्वीट किया था कि काश दुनिया की सभी महिलाएं पुरुषों को उतनी ही खुशी देतीं जितना सनी लियोन देती है. उसके बाद से ही बवाल खड़ा हो गया है. रामू के खिलाफ की गई शिकायत में कहा गया है कि राम गोपाल वर्मा ने अपने ट्वीट के जरिए महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाई है. सनी लियोन का वीडियो संदेश... Change only happens when we have one voice, so let's choose your words wisely! Peace and love!! pic.twitter.com/B3SSX3fgaN — Sunny Leone (@SunnyLeone) March 9, 2017
अकाली पत्रिका भारत में प्रकाशित होने वाला पंजाबी भाषा का एक समाचार पत्र (अखबार) है। इन्हें भी देखें भारत में प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों की सूची सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ NEWSPAPERS.co.in - A dedicated portal showcasing online newspapers from all over India Newspaper Index - Newspapers from India - Most important online newspapers in India ThePaperboy.com India - Comprehensive directory of more than 110 Indian online newspapers भारत में प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र पंजाबी भाषा के समाचार पत्र
घंटियाली एक गांव है जो वर्तमाान में तहसील कार्यालय है पंचायत समिति मुख्यालय है राजस्थान तथा जोधपुर ज़िले के घंटियाली तहसील में स्थित है। घंटियाली गांव के ज्यादातर लोग खेती पर निर्भर करते है इस कारण रोजगार का साधन ही यही है। २०११ की भारतीय राष्ट्रीय जनगणना के अनुसार गांव की जनसंख्या ४१८८ विधानसभा क्षेत्र फलोदी पडोसी - तहसील आऊ, बाप, है संदर्भ फलोदी विधानसभा क्षेत्र के गांव जोधपुर ज़िले की तहसील राजस्थान के गाँव
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
फीफा वर्ल्ड कप शुरू होने में महज 2 दिन बचे हैं और ऐसे में फुटबॉल फीवर का चढ़ना तो लाजमी है. McDonald ने फीफा वर्ल्ड को भुनाने के लिए एक एडवर्टिजमेंट बनाया है. सोशल मीडिया पर ये ऐड वायरल हो गया है. इस ऐड में आपको फुटबॉल के लिए लोगों की दीवानगी नजर आएगी. बच्चे, बूढ़े और जवान सभी पर फुटबॉल का खुमार चढ़ा हुआ है. इस ऐड में एक लड़की ब्लैक कलर की शॉर्ट ड्रेस और हाईहील्स पहनकर भी फुटबॉल से करतब दिखाती नजर आएगी. इतना ही नहीं एक बहुत बुजुर्ग इंसान भी फुटबॉल से ऐसे करतब दिखाएगा कि आपकी आंखें फटी की फटी रह जाएंगी. गौरतलब है कि फीफा वर्ल्ड कप इस बार 12 जून से 13 जुलाई तक ब्राजील में खेला जाएगा. देखें पूरा वीडियो-
फ़र्रूख़ाबाद भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के फ़र्रूख़ाबाद ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। विवरण फ़र्रूख़ाबाद एक प्रमुख शहर एवं लोकसभा क्षेत्र है। फ़र्रूख़ाबाद जिला, उत्तर प्रदेश की उत्तर-पश्चिमी दिशा में स्थित है। इसका परिमाप १०५ किलो मीटर लम्बा तथा ६० किलो मीटर चौड़ा है। इसका क्षेत्रफल ४३४९ वर्ग किलो मीटर है, गंगा, रामगंगा, कालिन्दी व ईसन नदी इस क्षेत्र की प्रमुख नदियां हैं। यहाँ गंगा के पश्चिमी तट पर आबादी बहुत समय पहले से पायी जाती है। इसी जगह महान कवियत्री महादेवी वर्मा जी का जन्म हुआ था। पौराणिक सन्दर्भ पांचाल देश जो कि पौराणिक-काल से जाना जाता है। इसका उल्लेख, पांचाली व पांचाल-नरेश अनेकानेक रुपों में महाभारत में उद्धृत है। शहर व्यापार तथा व्यवसाय की दृष्टि से फ़र्रूख़ाबाद एक महत्त्वपूर्ण शहर है। यह १०० किलो मीटर के अर्द्धव्यास का शहर आज भी अपना एक महत्व रखता है। शहर में ३००-४०० वर्ष पुराने अनेक खण्डहर अभी बचे हैं। परवर्ती शासकों और अन्य शासकवंशों के समर्थकों ने ही संभवत: इन भवनों को नष्ट किया है। फ़र्रूख़ाबाद में लगभग २० मकबरे हैं। इनका सूक्ष्म विश्लेषण एक पृथक तथ्य का उद्घाटन करता है। प्लास्टर की परत के नीचे छिपे स्थापत्य-कला के वे मौलिक तत्व प्राचीन स्थापत्य-कौशल तथा हिन्दू कलाकारी के प्रतीक चिह्न हैं। गंगा तट पर पांचाल घाट, टोंक-घाट और रानी घाट,भैरों घाट पर ईंटों के प्राचीन निर्माण देखा जा सकता है। पंचाल घाट पुराना नाम घटिया घाट अन्त्येष्टि के लिए प्रयोग किया जाता है। घटिया का अर्थ यहाँ आवागमन स्थल है। कुछ जीर्ण-शीर्ण खण्डहर इधर-उधर हैं। फ़र्रूख़ाबाद के इतिहास को परिलक्षित करने के लिए अधिक कुछ शेष नहीं है। दस वर्ष पूर्व डी. एन. कालेज में खुदाई कार्य से प्राप्त कुछ मूर्तियां, जो पूर्व और उत्तरी (पश्चात) गुप्त कालीन है। ये मूर्तियाँ हिन्दू मंदिर स्थापत्य कला के अभिन्न अंग हैं और अब वे डी. एन. कालेज के प्रांगण में स्थित हैं। ये सभी मूर्तियां मूर्तिकारों की उत्तम कोटि की कला की श्रेष्ठता के जीवन्त प्रतीक हैं जो गुप्त काल में अधोगति को प्राप्त हुई। मंदिर (फर्रुखाबाद ) में सबसे प्राचीन मंदिर पंडाबाग मंदिर यहाँ के लोगो का मानना है की इस मंदिर की स्थापना स्वम् पांड्वो ने की थी . व इस मंदिर भगवन शिव की प्राचीन मूर्ति व शिवलिंग स्थापित है व इस मंदिर में भगवन शिव के साथ कई और भगवानो की भी मुर्तिया स्थापित की गई है। फतेहगढ़ के मंदिरों में से एक मंदिर में उमा-महेश्वर और गणेश की प्रतिमाएं हैं। शैली और प्रतीकात्मक आधार पर ये ११-१२ सदी की हैं। जो कि कला पारखियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। उत्तर-मुगलकालीन समय के अनेक मंदिर यहां हैं। ये मंदिर दार्व्हिष्टक सौंदर्य और स्थापत्य कला के श्रेष्ठता के उदाहरण हैं। सौंदर्य और काव्य-शास्त्र जनसाधारण की कलात्मक अभिरुचियों के विषय में कहता नहीं अघाता। फ़र्रूख़ाबाद में बढ़पुर में ईंटों से निर्मित एक मंदिर है, जिसमें हिंदू देवी-देवताओं की पाषाण-मूर्तियां हैं। उलवेरुनी ने अपनी पुस्तक किताब उल-हिन्द में भी फ़र्रूख़ाबाद का उल्लेख किया है। दुर्ग एक दुर्ग जो कि अभी भी अक्षय है, राजपूत रेजीमेंटल सेंटर के अधिपत्य में है। यह गंगा के पश्चिमी तट पर स्थित है। इन किलों के विषय में फ़र्रूख़ाबाद में बहुत अधिक शेष नहीं है। एक किला जो कि अभी तक सही-सलामत है वह राजपूत रेजीमेंटल सेंटर के अधीन है। यह गंगा के पश्चिमी तट पर अवस्थित है। किले के प्रमुखद्वार का जीर्णोद्धार कर उसे नया बनाया गया है। फर्रूखाबाद शहर के चारों तरफ की प्राचीर में दस दरवाजे हैं दरवाजों के नामों में लाल दरवाजा, रानी दरवाजा, हुसैनिया दरवाजा, कादरी दरवाजा, जसमाई दरवाजा, मऊ दरवाजा शामिल है। फ़र्रूख़ाबाद में रानी मस्जिद है, रानी शब्द अनेक रुपों और स्थानों से जुड़ा है। यहां जैसे रानी बाग, रानी घाट, रानी दरवाजा और रानी मस्जिद। शहर में एक दुर्ग था, जो कि ध्वस्त कर दिया गया और उसके मलवे से एक नये टाऊनहॉल का निर्माण किया गया। फ़र्रूख़ाबाद से १२ किलो मीटर कानपुर मार्ग पर एक किला है जो कि अब भग्नावशेष मात्र है। मोहम्दाबाद, फ़र्रूख़ाबाद से २० किलो मीटर दूर में से किले की दीवारें अभी भी देखी जा सकती हैं। जो कि बहुत ही जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं। मोहम्मदाबाद का किला सैनिक विद्रोह के पश्चात ध्वस्त हुआ। जयचन्द के समय में फतेहगढ़ छावनी क्षेत्र था। मोहम्मद तुगलक १३४३ में फतेहगढ़ आया। वह स्वयं फ़र्रूख़ाबाद में ठहरा और उसके सैनिक फतेहगढ़ में। दिलीप सिंह, पंजाब के अंतिम सिख शासक लाहौर में राज्यच्युत हुए और फ़र्रूख़ाबाद में उन्हें बंदी बनाकर रखा गया। वे यहां ३ वर्ष ८ माह तक बंदी रहे। संकिशा फतेहगढ़ से ३५ किलो मीटर दूर स्थित संकिशा है। इसका प्रथमोल्लेख वाल्मीकि रामायण में पाया जाता है। संकिशा नरेश सीता स्वयंवर में आमन्त्रित थे। जनसमूह में उन्होंने अपने मि गर्व का प्रदर्शन किया। वे सीता को बिना शर्त ले जाना चाहते थे। वे राजा जनक द्वारा परास्त और वीरगति को प्राप्त हुए तत्पश्चात् जनक ने अपने अनुज कुंशध्वज को संकिशा पर अधिकार करने के लिए कहा परन्तु महाभारत में इस स्थल का कोई उल्लेख नहीं पाया जाता। बुद्ध धर्म के इतिहास में इसका उल्लेख बहुधा पाया जाता है। कहा जाता है कि भगवान बुद्ध यहां ८-१० दिन ठहरे थे। यहां से वो फ़र्रूख़ाबाद शहर गए, जबकि वे संकिशा से कन्नौज की यात्रा पर थे। यदि बुद्ध काल में ही नहीं, तो बाद में यहां बौद्ध विहारों, का आगमन हुआ। संकिशा का उत्खन्न कार्य यह सिद्ध करता है कि अनेक उच्चकोटि के भवन व धार्मिक स्थल तदन्तर यहां आए, बौद्ध धर्मावलम्बियों के आश्रयदाताओं द्वारा बनावाए गये। संकिशा भी बौद्धों के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थली है। संकिशा का उल्लेख पाणिनी की अष्टाध्यायी में भी पाया जाता है। चीनी यात्री फाह्मवान ने भी इस स्थान का उल्लेख किया है। इस स्थान से अनेक बुद्ध मूर्तियां खुदाई में प्राप्त हुई। जो कि अब मथुरा संग्रहालय में रखी हैं। चीनी तीर्थ-यात्री हवेनत्सांग के अनुसार संकिशा उच्च कोटि के भवनों से सुसज्जित नगर है जिसका निर्माण सम्राट अशोक ने तथा उसके उत्तरवर्ती शासकों ने किया। संकिशा ने अब अपना वैभव खो दिया और मात्र ग्राम रूप में शेष है। कन्नौज फतेहगढ़ से २५ किलो मीटर दूर प्राचीन भारत का एक अत्यन्त महत्वपूर्ण केन्द्र कन्नौज स्थित है। रामायण के अनुसार यह नगर कौशाम्ब द्वारा बसाया गया। जो कि कुश का पुत्र था। महाभारत में भी इसके विषय में उल्लेख पाये जाते हैं। ६०६ ई० में हर्षवर्धन जब थानेश्वर (दिल्ली के उत्तर में) का शासक बना, उसने अपनी राजधानी गंगातटीय कन्नौज में स्थानांन्तरित की। कठियाद से बंगाल तक उसके ४१ वर्ष के शासनकाल में भारत का एक महत्वपूर्ण केन्द्र हर्षवर्धन की राजधानी होने के कारण यहां अनेक उत्तम कोटि के भवनों का निर्माण हुआ जो कि अब लुप्त हो गए हैं। ६वीं शदी से इस स्थान का महत्व बढ़ा। कन्नौज अनेक शताब्दियों तक महत्व का केन्द्र रहा। दुर्भाग्यवश यह विदेशी आक्रमणकारियों का कोप भाजन हो गया। जो अपने स्वर्णिम इतिहास के साक्षी हैं। पुरानी पोशाक, पुराने परिधान फूलमती मंदिर में आज भी देखे जा सकते हैं। गौरी शंकर मंदिर और निकटस्थ चौधरीपुर क्षेत्र, देवकाली और सलीमपुर ग्राम सभी प्राचीन विरासत के केन्द्र हैं। इन सभी स्थलों पर स्थापत्य कला और मूर्तिकला का अद्वितीय सौंदर्य देखा जा सकता है। ८३६ ई० में कन्नौज पर प्रतिहारों का अधिपत्य हो गया। प्रतिहार वंश का अंतिम शासक राज्यपाल था, उसकी राजधानी पर मोहम्मद गजनी के १०१८ ई० में आक्रमण किया। बारा-बार हुए आक्रमणों ने नगर को छिन्न-भिन्न कर दिया जिससे वह पुन: न उभर पाया। मोहम्मद गजनी के ऐतिहासिक वृतान्त उत्वी के अनुसार १०,००० हिन्दू मंदिरों को मोहम्मद की तलवार का शिकार होना पड़ा। १०३० में अलवेरुनी कन्नौज आया, उसने वहां मुस्लिम आबादी का उल्लेख किया है। उसके उल्लेख के अनुसार मुस्लिम आबादी वहां पहले से थी जबकि मुगल शासन आरम्भ भी नहीं हुआ था। तब भी हिन्दू-मुस्लिम शान्ति व सहृदयता से वहां रहते थे। कन्नौज के महाराजा जयचन्द गरवार ११९३ में पराजय तथा वीरगति को प्राप्त हुए। उन्होंने मुस्लिम प्रजा पर विशेष कर (तुर्कुश) लगाया जिससे यह स्पष्ट होता है कि मुस्लिम जनसंख्या हिन्दू साम्राज्य में कम थी। लेकिन अब दुबारा से सकिसा बोध धर्म का एक धार्मिक स्थल ब॑न्त जा रहा हे। कम्पिल फतेहगढ़ से उत्तर-पश्चिम दिशा में ४५ किलो मीटर की दूरी पर स्थित यह स्थान ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इसका उल्लेख रामायण, महाभारत में भी पाया जाता है। महाभारत में इसका उल्लेख द्रौपदी के स्वयंवर के समय किया गया है कि राजा द्रुपद ने द्रौपदी स्वयंवर यहां आयोजित किया था। काम्पिल्य पांचाल देश की राजधानी थी। यहां कपिल मुनि का आश्रम है जिसके अनुरुप यह नामकरण प्रसिद्ध हुआ। यह स्थान हिन्दू व जैन दोनों ही के लिए पवित्र है। जैन धर्मग्रन्थों के अनुसार प्रथम तीर्थकर श्री ॠषभदेव ने नगर को बसाया तथा अपना पहला उपदेश दिया। तेरहवें तीर्थकर बिमलदेव ने अपना सम्पूर्ण जीवन व्यतीत किया। कम्पिल में अनेकों वैभवशाली मंदिर हैं। समग्रतया सुधार संभव है यदि जिला भारतीय पर्यटन मानचित्र पर लाया जाए। इससे उन्नतिशील परियोजनाएं कुछ गति प्राप्त कर सकती हैं। जिससे नि:सन्देह प्रत्येक क्षेत्र में प्रगति होगी। अविलम्बावश्यकता क्षेत्र में प्रचार और तत्संबंधी सभी परियोजनाओं को सुचारु रूप से आयोजित व क्रियान्वित करने की है जिसमें वहां की स्थानीय प्रजा सहभागी हो तभी सर्वा प्रगति संभव है। फ़र्रूख़ाबाद में एक पर्यटक के लिए पर्याप्त दर्शनीय स्थल व सामग्री है। काम्पिल में देवी-देवताओं की प्राचीन प्रतिमाएं हैं, जो कि शिलाखण्डों पर उत्कीर्णित हैं। जो कि अनेक शताब्दियों के बाद भी जीवन्त प्रतीत होती हैं। संकिशा को तो बौद्धों का मक्का संसारभर में कहा जाता है। कन्नौज अपने उत्पादों से दुनियाभर को सुरभित करता है। यह अनेंक शताब्दियों तक भारत की राजधानी रहा। कन्नौज के वैभव-ऐश्वर्य के साक्षी उसके भग्न शेष हैं। वैज्ञानिक सर्वेक्षण तथा अन्वेषण इसके वैभवशाली इतिहास पर प्रकाश डालने में सक्षम हैं। अतीत में की गई एक खुदाई फ़र्रूख़ाबाद के इतिहास के विषय में बहुत कुछ उद्घाटित करती है। बहुत कुछ समय के द्वारा नष्ट हो गया जो भी बचा है उसे भावी संततियों के लए सुरक्षित व संरक्षित करने की आवश्यकता है। ये भवन मात्र ईंट चूने के ढ़ेर ही नहीं हैं अपितु अतीत के मौन प्रत्यक्षदर्शी हैं। आज कला, संस्कृति व स्थापत्य कला के विविध आयामों के गहन अध्ययन की परमावश्यकता है। आज सुलभ भवनों की उचित जानकारी देना भी भावी इतिहासान्वेषियों के अध्ययनार्थ एक अद्वितीय योगदान है। इन्हें भी देखें फ़र्रूख़ाबाद ज़िला सन्दर्भ फ़र्रूख़ाबाद ज़िला उत्तर प्रदेश के नगर फ़र्रूख़ाबाद ज़िले के नगर
सुशांत सिंह राजपूत और भूमि पेडनेकर स्टारर फिल्म सोनचिड़िया 1 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है. हालांकि रिलीज से पहले ही यह फिल्म कानूनी पचड़े में फंसती नजर आ रही है. चंबल के लोगों ने इस बात पर आपत्ति जताई है कि उनके शहर को फिल्म में गलत ढंग से दिखाया जा रहा है. सोनचिड़िया की टीम पिछले कुछ दिनों से ऐसे टीजर वीडियो रिलीज कर रही है जिनमें लोगों को चंबल आने का न्यौता दिया जा रहा है. फिल्म के तीनों मुख्य कलाकार चंबल टूरिज्म का विज्ञापन कर रहे हैं और वीडियो में ये कहते नजर आते हैं कि चंबल आके तो दिखाओ. लोगों को महसूस हो रहा है कि चंबल को ठीक ढंग से नहीं दिखाया जा रहा है. लोगों ने फिल्म के मेकर्स को एक लीगल नोटिस भेजा है. View this post on Instagram हराम की नौकरी, जी का जंजाल | #SonchiriyaTrailer out now: Link In Bio! #workingstill between the shots. @bhumipednekar @bajpayee.manoj @ranvirshorey #AshutoshRana #AbhishekChaubey #RonnieScrewvala @zeemusiccompany @rsvpmovies #Sonchiriya A post shared by Sushant Singh Rajput (@sushantsinghrajput) on Jan 8, 2019 at 10:03pm PST फिल्म की कहानी की बात करें तो यह 1970 के चंबल के बैकड्रॉप में बुनी गई है. फिल्म में एक छोटे के कस्बे को दिखाया गया है जिस पर डकैतों की एक टोली राज करती है. फिल्म की शूटिंग मध्यप्रदेश की घाटी में हुई है. फिल्म की स्टार कास्ट की बात करें तो सुशांत और भूमि के अलावा आशुतोष राणा, मनोज बाजपेई और रणवीर शौरी अहम किरदार निभाते नजर आएंगे. View this post on Instagram हराम की नौकरी, जी का जंजाल | #SonchiriyaTrailer out now: Link In Bio! @bhumipednekar @bajpayee.manoj @ranvirshorey #AshutoshRana #AbhishekChaubey #RonnieScrewvala @zeemusiccompany @rsvpmovies #Sonchiriya A post shared by Sushant Singh Rajput (@sushantsinghrajput) on Jan 6, 2019 at 8:45pm PST एक रिपोर्ट के मुताबिक फिल्म के निर्देशक अभिषेक चौबे ने कहा, "चंबल शूटिंग करने के लिहाज से आसान जगह नहीं है. यह खूबसूरत है और पर्दे पर काफी शानदार नजर आता है. लेकिन कुछ ऐसी जगहें भी हैं जो हमें पसंद आईं पर वहां जाना बहुत मुश्किल है. इसलिए इन लोकेशन्स पर पहुंचना असंभव था. हम तीन महीने तक वहां रहे लेकिन काफी वक्त मेरी टीम को वहां तक पहुंचने का रास्ता बनाने में लग जाता था." View this post on Instagram Kar rahe hai yeh बाग़ी साजिश लूटने ki, thoda इंतज़ार कीजिये, yeh डकैती shuru hogi 1st March से. #Sonchiriya @bhumipednekar @bajpayee.manoj @ranvirshorey #AshutoshRana #AbhishekChaubey #RonnieScrewvala @zeemusiccompany @rsvpmovies #Sonchiriya A post shared by Sushant Singh Rajput (@sushantsinghrajput) on Jan 23, 2019 at 4:49am PST
अगर आप स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के ग्राहक हैं? यदि हां तो यह खबर आपके काम की है. और, दुखद यह है कि यह थोड़ा बुरी खबर है. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने विभिन्न परिपक्वता अवधि की मियादी जमा योजनाओं पर ब्याज दरें 0.50 प्रतिशत तक घटा दी हैं.टिप्पणियां यह कटौती मध्यम से दीर्घावधि की एक करोड़ रुपये से कम की जमाओं पर लागू होगी. बैंक के अनुसार अब दो से तीन साल के बीच की अवधि की जमा पर 6.25 प्रतिशत ब्याज दर की पेशकश की गयी है. अब तक इन पर दर 6.75 प्रतिशत थी. इसी अवधि की वरिष्ठ नागरिकों की जमा राशि पर अब 6.75 प्रतिशत ब्याज मिलेगा जो अब तक 7.25 प्रतिशत था. बैंक ने 3-10 साल की अवधि की जमा राशि पर ब्याज 0.25 प्रतिशत कम कर 6.50 प्रतिशत कर दिया है. नई दरें 29 अप्रैल 2017 से लागू होगी. सात दिन से दो साल की कम अवधि की मियादी जमा राशि पर ब्याज में कोई बदलाव नहीं किया गया है. बैंक एक साल से 455 दिन की मियादी जमाओं पर सर्वाधिक 6.90 प्रतिशत ब्याज दे रहा है. एसबीआई ने कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. बैंक का एक साल के लिये एमसीएलआर 8 प्रतिशत है. यह कटौती मध्यम से दीर्घावधि की एक करोड़ रुपये से कम की जमाओं पर लागू होगी. बैंक के अनुसार अब दो से तीन साल के बीच की अवधि की जमा पर 6.25 प्रतिशत ब्याज दर की पेशकश की गयी है. अब तक इन पर दर 6.75 प्रतिशत थी. इसी अवधि की वरिष्ठ नागरिकों की जमा राशि पर अब 6.75 प्रतिशत ब्याज मिलेगा जो अब तक 7.25 प्रतिशत था. बैंक ने 3-10 साल की अवधि की जमा राशि पर ब्याज 0.25 प्रतिशत कम कर 6.50 प्रतिशत कर दिया है. नई दरें 29 अप्रैल 2017 से लागू होगी. सात दिन से दो साल की कम अवधि की मियादी जमा राशि पर ब्याज में कोई बदलाव नहीं किया गया है. बैंक एक साल से 455 दिन की मियादी जमाओं पर सर्वाधिक 6.90 प्रतिशत ब्याज दे रहा है. एसबीआई ने कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. बैंक का एक साल के लिये एमसीएलआर 8 प्रतिशत है. बैंक ने 3-10 साल की अवधि की जमा राशि पर ब्याज 0.25 प्रतिशत कम कर 6.50 प्रतिशत कर दिया है. नई दरें 29 अप्रैल 2017 से लागू होगी. सात दिन से दो साल की कम अवधि की मियादी जमा राशि पर ब्याज में कोई बदलाव नहीं किया गया है. बैंक एक साल से 455 दिन की मियादी जमाओं पर सर्वाधिक 6.90 प्रतिशत ब्याज दे रहा है. एसबीआई ने कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. बैंक का एक साल के लिये एमसीएलआर 8 प्रतिशत है.
अभिनेत्री माधुरी दीक्षित ने कहा है कि अनुभव सिन्हा की फिल्म ‘गुलाब गैंग’ में वह गैंगस्‍टर के किरदार में नहीं हैं. एक साक्षात्कार में माधुरी ने बताया, ‘मैं नहीं जानती यह अफवाहें कहां से आ रही हैं. फिल्म में कोई महिला गैंगस्‍टर के किरदार में नहीं है. इसमें सिर्फ कुछ महिलायें ही अन्य महिलाओं की मदद करती हैं. मुझे इसमें यही बात अच्छी लगी. यह फिल्म अगले साल महिला दिवस पर रिलीज होगी. इसमें शिल्पा शुक्ला और माही गिल के भी काम करने संभावना है. माधुरी के 'डेढ़ इश्किया' में भी काम करने करने की संभावना है. इसका निर्देशन पहले अभिषेक चौबे ने किया था. शादी के बाद माधुरी अमेरिका चली गई थी. करीब एक दशक तक वहां रहने के बाद पिछले साल अक्तूबर में उन्होंने मुंबइ को दोबारा अपना ठिकाना बना लिया है.
करोंदा एक झाड़ी नुमा पौधा होता है। इसका वैज्ञानिक नाम कैरिसा कैरेंडस (Carissa carandus) है। करोंदा के फलों का उपयोग सब्जी और अचार बनाने में किया जाता है। यह पौधा भारत में छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हिमालय के क्षेत्रों में पाया जाता है। यह नेपाल और अफगानिस्तान में भी पाया जाता है। यह पौधा बीज से अगस्त या सितम्बर में १.५ मीटर की दूरी पर लगाया जाता है। कटिंग या बडिंग से भी लगाया जा सकता है। दो वर्ष के पौधे में फल आने लगते हैं। फूल आना मार्च के महीने में शुरू होता है और जुलाई से सितम्बर के बीच फल पक जाता है। पौधे की विशेषताऐं करौंदे का पेड़ पहाडी देशों में ज्यादा होते हैं कांटे भी होते है। करौंदे का पौधा एक झाड़ की तरह होता है। इसकी ऊंचाई 6 से 7 फीट तक होती है। पत्तों के पास कांटे होते है जो मजबूत होते है। इसके फूलों की गन्ध जूही के समान होते है। इसके फल गोल, छोटे और हरे रंग के होते है। पकने पर यह काले रंग के होते है। करोंदा के कच्चे फल सफेद व लालिमा सहित अण्डाकार दूसरे बैंगनी व लाल रंग के होते हैं देखने में सुन्दर तथा कच्चे फल को काटने पर दूध निकलता है। पक जाने पर फल का रंग काला हो जाता है। इसके अन्दर 4 बीज निकलते हैं। विभिन्न भाषाओं मे करोंदा के नाम हिन्दी: करोंदा, करोंदी। अंग्रेजी: जस्मीड फ्लावर्ड। संस्कृत: करमर्द, सुखेण, कृष्णापाक फल। बंगाली: करमचा। मराठी: मरवन्दी। गुजराती: करमंदी। तैलगी: बाका। लैटिन: कैरीसा करंदस। करोंदा के गुण रंग - करोंदा का रंग सफेद, स्याह, सुर्ख और हरा होता है। स्वाद - करोंदा का स्वाद खट्टा होता है। स्वभाव - करोंदा की तासीर गरम होती है। हानिकारक - करोंदा रक्त पित्त और कफ को उभारते है। दोषों को दूर करने वाला - करोंदा में व्याप्त दोषों को नमक, मिर्च और मीठे पदार्थ दूर हो जाते हैं। उपयोग पके हुए करौंदे खाने में बहुत अच्छे लगते हैं। करौंदे का अचार भी बहुत अच्छा होता है। इसकी लकड़ी जलाने के काम आती है। एक विलायती करौंदा भी होता है, जो भारतीय बगीचों में पाया जाता है। इसका फल थोड़ा बड़ा होता है और देखने में सुन्दर भी। इस पर कुछ सुर्खी-सी होती है। इसी को आचार और चटनी के काम में ज्यादा लिया जाता है। भारत के कुछ गाँव में इसकी सब्जी बनाकर भी खाई जाती है। करोंदा भूख बढ़ाता है और पित्त को शान्त करता है। प्यास को रोकता है, दस्तों को बन्द करता है। खासकर पैत्तिक दस्तों के लिये तो अत्यन्त ही लाभदायक चीज है कच्चे करोंदा भूख को बढ़ाते है, भारी होते है, मल को रोकते है और रूची को उत्पन्न करते है और पके हुए हल्के, रीगल, पित्त, रक्त, पित्त त्रिदोष और विष तथा वात विनाशक है। करोंदे का उपयोग करोंदे का उपयोग आप बहुत तरह से कर सकते हैं। करोंदे की चटनी बनाई जाती है, इसका जैम भी बनाया जाता है। आप करोंदे का अचार भी बना सकते है। और आजकल तो इससे जूस भी बनाया जाता है। फल औषधीय पौधे एशिया के फल भारतीय मूल की फसल
क़ देवनागरी लिपि का एक वर्ण है। हिन्दी–उर्दू के कई शब्दों में इसका प्रयोग होता है, जैसे कि क़त्ल, क़ानून, क़मर, क़यामत, क़ुरबानी और क़िला। इस अक्षर का वर्णन कई भाषाओं तथा अन्य लिपियों में करी गई, जैसे, क़ाज़ाक़ भाषा में इसे Қ, қ लिखा जाता है, अरबी लिपि में इसे ق लिखा जाता है, जिस अक्षर का नाम "क़ाफ़" है, इब्रानी लिपि में इसे ק लिखा जाता है, जिस अक्षर का नाम "क़ौफ़" है, अरामाई लिपि में इसे ܩ लिखा जाता है, जिस अक्षर का नाम "क़ौप" है और अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला में इसके उच्चारण को q के चिन्ह से लिखा जाता है। अघोष कण्ठ्य संघर्षी "क़" को भाषाविज्ञान के नज़रिए से "अघोष अलिजिह्वीय स्पर्शी" वर्ण कहा जाता है (अंग्रेजी में इसे "वाएस्लेस युवुलर प्लोसिव" कहते हैं)। अशुद्ध उच्चारण "क़" का उच्चारण बहुत लोग "क" से मिलता–जुलता कर देते हैं। इस से ज़्यादातर कोई कठिनाई नहीं पैदा होती क्योंकि यह दोनों ध्वनियाँ काफ़ी समीप हैं। अरबी भाषी लोग "क" और "क़" की ध्वनियों में काफ़ी अन्तर करते हैं, लेकिन वह भी विदेशियों द्वारा इन दोनों को एक जैसे उच्चारित करने से असमंजस में नहीं पड़ते क्योंकि बहुत कम शब्द हैं जिनमें इन दोनों को मिला देने से ऐसा असमंजस पैदा हो। फिर भी हिन्दी–उर्दू में कुछ शब्द हैं जिनमें ग़लत अर्थ निकल सकता है (हालाँकि सन्दर्भ से अशुद्ध उच्चारण के साथ भी सही अर्थ भाँपा जा सकता है): कन्द — किसी खाई जाने वाली जड़ को कहते हैं, जैसे जिमीकन्द क़न्द — किसी मीठी चीज़ को कहते हैं जिसमें शक्कर डाली गई हो, जैसे मीठे पान में डालने वाला गुलक़न्द कल्ब — अरबी भाषा में इस शब्द का अर्थ "कुत्ता" है। क़ल्ब — अरबी भाषा में इस शब्द का अर्थ "हृदय" है। ईरानी उच्चारण ईरान में 'क़' को अक्सर 'ग़' की तरह उच्चारित किया जाता है। इस से बहुत से ऐसे शब्द हैं जिनमें हिन्दी-उर्दू और ईरानी फ़ारसी में अंतर आ जाता है। मिसाल के लिए 'इन्क़लाब' को 'इन्ग़लाब', 'साक़ी' को 'साग़ी', 'क़ुर्बान' को 'ग़ुर्बान' और 'क़ीमत' को 'ग़ीमत' कहा जाता है। भारत में प्रचलित जिन्न की कहानियों में अक्सर जिन्न अपने मालिक को "आक़ा" बुलाता है। यही "मालिक" के अर्थ वाला शब्द ईरान में बदलकर "आग़ा" हो गया, जिस से इस्माइली शियाओं के धार्मिक नेता "आग़ा ख़ान" का नाम आया है। इन्हें भी देखें क देवनागरी अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला सन्दर्भ देवनागरी वर्णमाला हिन्दी विकि डीवीडी परियोजना
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार को निलंबित कर दिया है. उनके निलंबन का कारण लैपटॉप वितरण संबंधी सूचना संग्रहण व बांटने में देरी तथा शासकीय कार्यों में लापरवाही बताया गया है. पर जानकारों की मानें तो असल वजह यह नहीं बल्कि सत्ता के बेहद करीबी माध्यमिक व बेसिक शिक्षा निदेशक बासुदेव यादव के कार्यकाल विस्तार में रुचि न लेकर प्रतिकूल टिप्पणी करना माना जा रहा है. राज्य सरकार निदेशक का कार्यकाल तीन माह के लिए बढ़ाना चाहती है, लेकिन विभागीय स्तर पर कार्यकाल बढ़ाने के संबंध में अभी तक कोई भी सार्थक प्रयास नहीं किए गए. इससे उनका सेवा विस्तार अभी तक फंसा हुआ है और इसके चलते ही यह कार्रवाई बताई जा रही है. जितेंद्र कुमार को राजस्व परिषद से संबद्ध किया गया है. जितेंद्र कुमार माध्यमिक शिक्षा में दूसरी बार तैनात किए गए थे. जानकारों की मानें तो प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा होते हुए भी उनकी माध्यमिक शिक्षा निदेशक से पट नहीं रही थी. इसके पीछे वजह बासुदेव की कार्यप्रणाली बताई जा रही है. बताया जाता है कि शिक्षा अधिकारियों के तबादले से लेकर विभागीय कार्यों में बासुदेव किसी की दखल नहीं चाहते हैं. वह प्रमुख सचिव को दरकिनार कर सीधे उच्च स्तर से अपना काम बना लेते हैं. बासुदेव यादव इसी माह 31 मार्च को रिटायर हो रहे हैं. राज्य सरकार उनका कार्यकाल तीन महीने के लिए बढ़ाना चाहती है. बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी भी सेवा विस्तार दिलाने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिख चुके हैं. इसके आधार पर ही सेवा विस्तार देने संबंधी फाइल भी चली. माध्यमिक शिक्षा विभाग ने कार्मिक, न्याय व वित्त विभाग से सेवा विस्तार के संबंध में राय मांगी तो इन विभागों ने ऐसी टिप्पणी लिखी कि सेवा विस्तार फंस गया. यह फाइल मुख्य सचिव से लेकर उच्च स्तर तक गई. उच्च स्तर पर यह माना जा रहा है कि बासुदेव के सेवा विस्तार में जितेंद्र कुमार ने ही बाधा डाली. वरना अब तक उनका सेवा विस्तार हो जाता. अब उनके रिटायरमेंट में चार दिन बचे हैं, ऐसे में चुनाव आयोग से अनुमति लेने में भी बाधा आ सकती है शायद इसके चलते ही कार्रवाई की गई है. जितेंद्र कुमार यूपी में मायावती सरकार में हुए बहुचर्चित हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट घोटाले के आरोपी भी हैं. हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट का ठेका कई गुना ज्यादा दाम पर दे दिया गया. यह ठेका उसी कंपनी को दिया गया था, जिसने तमिलनाडु में नंबर प्लेट बनाने के लिए 80 रुपये लिए थे और यहां 361 रुपये मांग रही थी. यह ठेका सितंबर 2011 में फाइनल किया था.
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मौजूदा आर्थिक परिदृश्य पर शुक्रवार को कहा कि दीर्घकालिक लाभ के लिए देश को अल्पकालिक परेशानी झेलनी होगी. उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की गति धीमी हुई है और चीन भी अपनी अर्थव्यवस्था में शिथिलता का सामना कर रहा है, लेकिन इस सबके बीच भारत की स्थिति अच्छी है. नायडू की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर सरकार पर हमले कर रहे हैं.टिप्पणियां नायडू ने कहा, ‘‘अल्पकालिक चीजें...कुछ समस्या होगी. नि:संदेह आपको दीर्घकालिक लाभ के लिए अल्पकालिक परेशानी का सामना करना पड़ेगा. मैं इसमें नहीं जाना चाहता. कुछ लोग हैं जो बहस कर रहे हैं, अपनी दक्षता का इस्तेमाल कर रहे हैं, वे भूल रहे हैं कि उन्होंने क्या किया है, क्या किया जाना है, क्या किए जाने की आवश्यकता है.’’ उन्होंने कहा कि जहां तक विदेशी और आर्थिक नीतियों की बात है तो व्यापक आम सहमति होनी चाहिए. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) नायडू ने कहा, ‘‘अल्पकालिक चीजें...कुछ समस्या होगी. नि:संदेह आपको दीर्घकालिक लाभ के लिए अल्पकालिक परेशानी का सामना करना पड़ेगा. मैं इसमें नहीं जाना चाहता. कुछ लोग हैं जो बहस कर रहे हैं, अपनी दक्षता का इस्तेमाल कर रहे हैं, वे भूल रहे हैं कि उन्होंने क्या किया है, क्या किया जाना है, क्या किए जाने की आवश्यकता है.’’ उन्होंने कहा कि जहां तक विदेशी और आर्थिक नीतियों की बात है तो व्यापक आम सहमति होनी चाहिए. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
नकदी की समस्या से लोग अभी भी परेशान है और सुबह से ही एटीएम और बैंकों के बाहर कभी ना खत्म होने वाली कतारें लग गई हैं. लोग अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के नकदी चाहते हैं और चलन से बाहर किए गए 500 और 1000 के नोटों के बदले मान्य नोट लेने के लिए कतारों में खड़े हैं. बैंकों के अधिकतर ग्राहक एटीएम के जल्द खाली हो जाने की वजह से परेशान नजर आए. इसके अलावा अभी हजारों एटीएम ने काम करना शुरू नहीं किया है. कुछ एटीएम में नकदी है लेकिन वे भी तकनीकी खामी के चलते लोगों की परेशानी का सबब बने हुए हैं. कतारों का आलम यह है कि संसद भवन और वित्त मंत्रालय की इमारतों में लगे एटीएम में भी लंबी कतार लगी है और यहां भी लोगों को नकदी लेने में औसतन एक घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है. अभी एटीएम के द्वारा 500 और 2000 रुपये के नए नोटों को वितरित करने में कई और हफ्ते लग सकते हैं. मौजूदा समय में वे मुख्यत: 100 रुपये के नोट ही वितरण कर रहे हैं. टिप्पणियां देशभर में लोग अपनी दिक्कतों की शिकायत कर रहे हैं क्योंकि उनकी रोजमर्रा की जरूरतें भी ठीक से पूरी नहीं हो पा रही हैं. गौरतलब है कि सरकार ने 8 नवंबर की मध्यरात्रि से 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर दिया था.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) बैंकों के अधिकतर ग्राहक एटीएम के जल्द खाली हो जाने की वजह से परेशान नजर आए. इसके अलावा अभी हजारों एटीएम ने काम करना शुरू नहीं किया है. कुछ एटीएम में नकदी है लेकिन वे भी तकनीकी खामी के चलते लोगों की परेशानी का सबब बने हुए हैं. कतारों का आलम यह है कि संसद भवन और वित्त मंत्रालय की इमारतों में लगे एटीएम में भी लंबी कतार लगी है और यहां भी लोगों को नकदी लेने में औसतन एक घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है. अभी एटीएम के द्वारा 500 और 2000 रुपये के नए नोटों को वितरित करने में कई और हफ्ते लग सकते हैं. मौजूदा समय में वे मुख्यत: 100 रुपये के नोट ही वितरण कर रहे हैं. टिप्पणियां देशभर में लोग अपनी दिक्कतों की शिकायत कर रहे हैं क्योंकि उनकी रोजमर्रा की जरूरतें भी ठीक से पूरी नहीं हो पा रही हैं. गौरतलब है कि सरकार ने 8 नवंबर की मध्यरात्रि से 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर दिया था.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) कतारों का आलम यह है कि संसद भवन और वित्त मंत्रालय की इमारतों में लगे एटीएम में भी लंबी कतार लगी है और यहां भी लोगों को नकदी लेने में औसतन एक घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है. अभी एटीएम के द्वारा 500 और 2000 रुपये के नए नोटों को वितरित करने में कई और हफ्ते लग सकते हैं. मौजूदा समय में वे मुख्यत: 100 रुपये के नोट ही वितरण कर रहे हैं. टिप्पणियां देशभर में लोग अपनी दिक्कतों की शिकायत कर रहे हैं क्योंकि उनकी रोजमर्रा की जरूरतें भी ठीक से पूरी नहीं हो पा रही हैं. गौरतलब है कि सरकार ने 8 नवंबर की मध्यरात्रि से 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर दिया था.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) अभी एटीएम के द्वारा 500 और 2000 रुपये के नए नोटों को वितरित करने में कई और हफ्ते लग सकते हैं. मौजूदा समय में वे मुख्यत: 100 रुपये के नोट ही वितरण कर रहे हैं. टिप्पणियां देशभर में लोग अपनी दिक्कतों की शिकायत कर रहे हैं क्योंकि उनकी रोजमर्रा की जरूरतें भी ठीक से पूरी नहीं हो पा रही हैं. गौरतलब है कि सरकार ने 8 नवंबर की मध्यरात्रि से 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर दिया था.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) देशभर में लोग अपनी दिक्कतों की शिकायत कर रहे हैं क्योंकि उनकी रोजमर्रा की जरूरतें भी ठीक से पूरी नहीं हो पा रही हैं. गौरतलब है कि सरकार ने 8 नवंबर की मध्यरात्रि से 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर दिया था.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
काशीनाश मिश्र के बारे में और अधिक जानकारी की आवश्यकता है. मेरी जानकारी में बलिया के काशीनाथ मिश्र विधायक और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रहे हैं. इसके लिए पता करना चाहिए कि ये लेखक और संस्कृत के विद्वान काशीनाथ मिश्र यदि कोई और हों तो उन्हे भी शामिल रखते हुए विधायक काशीनाथ मिश्र को भी बलिया के प्रसिद्ध लोगों में शामिल किया जाना चाहिए. काशीनाथ मिश्र संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह हर्षचरित–मंजरी के लिये उन्हें सन् 2002 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सन्दर्भ साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत संस्कृत भाषा के साहित्यकार बलिया के लोग
इंडिया गेट पर आयोजित एक रंगारंग समारोह से हुआ 2010 के कॉमनवेल्थ खेलों का आगाज. इस दौरान पूरे हिंदुस्तान की झांकी पेश की गई. साथ ही खेलों के लिए तैयार की गई क्वीन्ज़ बेटन को लांच किया गया. इस बेटन में देश के हर राज्य की मिट्टी को डाला गया है ताकि जब 71 देशों से होकर ये गुज़रे भारत की एकता और विशालता की झलक उसमें हो. आतिशबाजी से लेकर आसमान से उतरती परियों तक सब कुछ कॉमनवेल्थ खेलों के ख्वाब को और भी हसीन बनाने वाला था. लेकिन शेरा की शरारतों और हरियाणवी डांस का हर कोई दीवाना दिखा. इस बेटन में जीपीएस तकनीक का इस्तेमाल हुआ है. जिसकी मदद से दुनिया के अलग अलग हिस्सों में घूमती बेटन की सही स्थिति का पता चलता रहेगा. कलाकारों के लिये भी कामनवेल्थ खेलों से जुडे इतने बड़े आयोजन में हिस्सा लेना कई मायने में खास रहा. दिल्ली में आयोजित होने वाले कॉमनवेल्थ खेलों की बेटन के ऐसे लांच ने 2010 के खेलों के लिये लोगों की बेसब्री और भी बढा दी है.
दक्षिण में ठंड और शुष्क स्थितियों में दक्षिण में गर्म और आर्द्र स्थितियों से लेकर जलवायु बहुत ही विविध है। मई से अक्टूबर तक, दक्षिण-पश्चिम मानसून में भारी वर्षा होती है- दक्षिणी भाग में 4,000 मिलीमीटर (160 इंच) से अधिक - और सर्दी में एक शुष्क शुष्क मौसम होता है। आगे उत्तर, जून-अगस्त के दौरान दर्ज 600 से 700 मिलीमीटर (24 से 28 इंच) के क्रम में वर्षा आमतौर पर कम होती है| मानसून और सूखे महीनों में अधिकतम और न्यूनतम नदी प्रवाह के बीच का अंतर 20 गुना है। ब्रह्मपुत्र की सबसे बड़ी नदी मानस नदी में 7,641 घन मीटर का अधिकतम निर्वहन दर्ज किया गया है और ब्रह्मपुत्र के कुल प्रवाह का 5.48% योगदान देता है। ब्रह्मपुत्र के साथ इसके संगम तक इसकी कुल लंबाई 375 किलोमीटर (233 मील) (पहाड़ियों में 270 किलोमीटर (170 मील) और मैदानी इलाकों में संतुलन है) और 4,500 मीटर (14,800 फीट) की ऊंचाई पर बढ़ी है। इसमें 41,350 वर्ग किलोमीटर (15, 970 वर्ग मील) का कुल पकड़ क्षेत्र है, जिसमें से 85.9% पहाड़ियों और मैदानी इलाकों में है।
ऋतिक रोशन और टाइगर श्रॉफ की फिल्म वॉर ने बॉक्स ऑफिस पर कमाल कर दिखाया है. इस फिल्म ने तीन हफ्तों में 300 करोड़ रुपये का कलेक्शन कर लिया है. इसी के साथ ये साल 2019 की सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर फिल्म बन गई है. 2 अक्टूबर को रिलीज हुई इस फिल्म को दर्शकों ने खूब पसंद किया है और इसे लगातार फैंस का प्यार मिल रहा है. ऋतिक और टाइगर की ये फिल्म रिलीज के पहले दिन से अभी तक दुनियाभर के रिकॉर्ड्स बना चुकी है. हाल ही में फिल्म ने कमाई मामले में शाहिद कपूर की कबीर सिंह को पछाड़ा था. ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने ट्वीट कर बताया कि फिल्म वॉर ने 300 करोड़ के आंकड़े को पार कर लिया है. Abki baar 300 paar... #War hits triple century... Analysing the Blockbuster run of the highest grossing #Hindi film of 2019... My opinion on Bollywood Hungama: https://t.co/6yJGpETpbB pic.twitter.com/wb8QYbGeji — taran adarsh (@taran_adarsh) October 21, 2019 वॉर ने बनाए ये रिकॉर्ड्स रिकॉर्ड्स की बात करें तो इस फिल्म ने अपने ओपनिंग डे पर 53.35 करोड़ का बिजनेस किया था. इसी के साथ इसने आमिर खान की फिल्म ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान का सबसे बड़ी ओपनिंग का रिकॉर्ड तोड़ दिया था. इसके बाद इस फिल्म ने सिर्फ तीन दिनों में 100 करोड़ की कमाई कर एक नया रिकॉर्ड बनाया. फिल्म वॉर ने मात्र 7 दिनों में 200 करोड़ की कमाई कर सलमान खान भारत और शाहिद कपूर की कबीर सिंह के रिकॉर्ड को तोड़ा था. इस फिल्म ने अभी तक 8 से ज्यादा रिकॉर्ड्स बना दिए हैं, जिसमें 200 करोड़ क्लब में एंट्री करने वाली टाइगर की पहली फिल्म, 2019 की सबसे जल्दी 200 करोड़ कमाने वाली फिल्म, हाइएस्ट ओपनर हिंदी फिल्म, हाइएस्ट ओपनर (नेशनल हॉलिडे), ऋतिक-टाइगर-YRF की हाइएस्ट ओपनर, टाइगर-ऋतिक के करियर की हाइएस्ट ओपनर, 2019 में ओपनिंग डे सबसे ज्यादा कमाने वाली फिल्म, लिमिटेड रिलीज के बावजूद वॉर की रिकॉर्ड ब्रेकिंग कमाई शामिल हैं. बता दें कि फिल्म वॉर, भारत में 4000 स्क्रीन्स पर और विदेशों में 1350 स्क्रीन्स स्क्रीम्स पर रिलीज हुई थी. बाद में इस फिल्म को 200 स्क्रीन्स और दी गई थीं.
सऊदी अरब में शिया नेता निम्र अल निम्र को मौत की सज़ा दिए जाने पर ईरान में लोग भड़क उठे हैं। शनिवार को लोगों ने तेहरान स्थित सऊदी दूतावास पर जबरदस्त प्रदर्शन किया और दूतावास पर पेट्रोल बम भी फेंक दिया। समाचार एजेंसी आईएसएनए के अनुसार बाद में पुलिस ने लोगों को दूतावास से दूर कर दिया। साल 2011 से ही सऊदी में सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों में मुख्य भूमिका निभाने वाले 56 वर्षीय शिया नेता निम्र अल निम्र को मौत की सजा दिए जाने के कुछ घंटों बाद तेहरान में यह ताजा घटना हुई है। शिया नेता निम्र अल निम्र को मौत की सजा दिए जाने का ईरान और इराक में जबरदस्त विरोध हुआ है। निम्र ने एक दशक से भी ज्यादा समय तक ईरान में रहकर धर्मशास्त्र का अध्ययन किया था। वे उन 47 शिया और सुन्नी लोगों में शामिल थे, जिन्हें आतंकवाद के आरोप में शनिवार को मौत की सजा दी गई। बता दें कि ईरान शिया बहुल देश है और उसे सुन्नी बहुल सऊदी अरब का राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी माना जाता है। निम्र अल निम्र को मौत की सजा दिए जाने पर ईरानी के विदेश मंत्रालय ने सऊदी अरब को धमकी देते हुए कहा था कि उसे इसकी क़ीमत चुकानी होगी। प्रभावशाली शिया धर्मगुरु अयातुल्ला अहमद खातमी ने इसे ऐसा 'अपराध' क़रार दिया, जिससे सऊदी अरब के शाही परिवार का खात्मा हो जाएगा। खबर ये भी थी कि शिया नेता को मौत की सजा देने के खिलाफ बहरीन में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।टिप्पणियां लेबनान की शिया परिषद ने निम्र को मौत की सज़ा देने की निंदा करते हुए इसे बहुत बड़ी गलती बताया। इससे पहले, सऊदी अरब के आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि चरमपंथी अपराधों में दोषी पाए गए 47 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया, उनमें निम्र भी शामिल थे।   साल 2011 से ही सऊदी में सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों में मुख्य भूमिका निभाने वाले 56 वर्षीय शिया नेता निम्र अल निम्र को मौत की सजा दिए जाने के कुछ घंटों बाद तेहरान में यह ताजा घटना हुई है। शिया नेता निम्र अल निम्र को मौत की सजा दिए जाने का ईरान और इराक में जबरदस्त विरोध हुआ है। निम्र ने एक दशक से भी ज्यादा समय तक ईरान में रहकर धर्मशास्त्र का अध्ययन किया था। वे उन 47 शिया और सुन्नी लोगों में शामिल थे, जिन्हें आतंकवाद के आरोप में शनिवार को मौत की सजा दी गई। बता दें कि ईरान शिया बहुल देश है और उसे सुन्नी बहुल सऊदी अरब का राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी माना जाता है। निम्र अल निम्र को मौत की सजा दिए जाने पर ईरानी के विदेश मंत्रालय ने सऊदी अरब को धमकी देते हुए कहा था कि उसे इसकी क़ीमत चुकानी होगी। प्रभावशाली शिया धर्मगुरु अयातुल्ला अहमद खातमी ने इसे ऐसा 'अपराध' क़रार दिया, जिससे सऊदी अरब के शाही परिवार का खात्मा हो जाएगा। खबर ये भी थी कि शिया नेता को मौत की सजा देने के खिलाफ बहरीन में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।टिप्पणियां लेबनान की शिया परिषद ने निम्र को मौत की सज़ा देने की निंदा करते हुए इसे बहुत बड़ी गलती बताया। इससे पहले, सऊदी अरब के आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि चरमपंथी अपराधों में दोषी पाए गए 47 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया, उनमें निम्र भी शामिल थे।   शिया नेता निम्र अल निम्र को मौत की सजा दिए जाने का ईरान और इराक में जबरदस्त विरोध हुआ है। निम्र ने एक दशक से भी ज्यादा समय तक ईरान में रहकर धर्मशास्त्र का अध्ययन किया था। वे उन 47 शिया और सुन्नी लोगों में शामिल थे, जिन्हें आतंकवाद के आरोप में शनिवार को मौत की सजा दी गई। बता दें कि ईरान शिया बहुल देश है और उसे सुन्नी बहुल सऊदी अरब का राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी माना जाता है। निम्र अल निम्र को मौत की सजा दिए जाने पर ईरानी के विदेश मंत्रालय ने सऊदी अरब को धमकी देते हुए कहा था कि उसे इसकी क़ीमत चुकानी होगी। प्रभावशाली शिया धर्मगुरु अयातुल्ला अहमद खातमी ने इसे ऐसा 'अपराध' क़रार दिया, जिससे सऊदी अरब के शाही परिवार का खात्मा हो जाएगा। खबर ये भी थी कि शिया नेता को मौत की सजा देने के खिलाफ बहरीन में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।टिप्पणियां लेबनान की शिया परिषद ने निम्र को मौत की सज़ा देने की निंदा करते हुए इसे बहुत बड़ी गलती बताया। इससे पहले, सऊदी अरब के आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि चरमपंथी अपराधों में दोषी पाए गए 47 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया, उनमें निम्र भी शामिल थे।   बता दें कि ईरान शिया बहुल देश है और उसे सुन्नी बहुल सऊदी अरब का राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी माना जाता है। निम्र अल निम्र को मौत की सजा दिए जाने पर ईरानी के विदेश मंत्रालय ने सऊदी अरब को धमकी देते हुए कहा था कि उसे इसकी क़ीमत चुकानी होगी। प्रभावशाली शिया धर्मगुरु अयातुल्ला अहमद खातमी ने इसे ऐसा 'अपराध' क़रार दिया, जिससे सऊदी अरब के शाही परिवार का खात्मा हो जाएगा। खबर ये भी थी कि शिया नेता को मौत की सजा देने के खिलाफ बहरीन में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।टिप्पणियां लेबनान की शिया परिषद ने निम्र को मौत की सज़ा देने की निंदा करते हुए इसे बहुत बड़ी गलती बताया। इससे पहले, सऊदी अरब के आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि चरमपंथी अपराधों में दोषी पाए गए 47 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया, उनमें निम्र भी शामिल थे।   प्रभावशाली शिया धर्मगुरु अयातुल्ला अहमद खातमी ने इसे ऐसा 'अपराध' क़रार दिया, जिससे सऊदी अरब के शाही परिवार का खात्मा हो जाएगा। खबर ये भी थी कि शिया नेता को मौत की सजा देने के खिलाफ बहरीन में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।टिप्पणियां लेबनान की शिया परिषद ने निम्र को मौत की सज़ा देने की निंदा करते हुए इसे बहुत बड़ी गलती बताया। इससे पहले, सऊदी अरब के आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि चरमपंथी अपराधों में दोषी पाए गए 47 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया, उनमें निम्र भी शामिल थे।   लेबनान की शिया परिषद ने निम्र को मौत की सज़ा देने की निंदा करते हुए इसे बहुत बड़ी गलती बताया। इससे पहले, सऊदी अरब के आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि चरमपंथी अपराधों में दोषी पाए गए 47 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया, उनमें निम्र भी शामिल थे।
शनिवार को बीजेपी ने हेलीकॉप्टर खरीद घोटाले और पेट्रोल व डीजल के दामों में हुई वृद्धि को लेकर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया. पेट्रोल-डीजल में मूल्यवृद्धि और बढ़ती महंगाई पर पार्टी ने कहा कि मनमोहन सरकार महंगाई की महामारी बन गई है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि आए दिन कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है. सरकार बेहद असंवेदनशील हो गई है. बीजेपी संसद और उसके बाहर महंगाई का मुद्दा उठाएगी. मुख्तार अब्बास नकवी ने हेलीकॉप्टर खरीद घोटाले पर कहा कि कांग्रेस पार्टी दलाली के दबंगों का दरबार बन गई है. इस घपले से जुड़े कांग्रेस पार्टी के तारों की जांच होनी चाहिए.
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और केन्द्रीय खेल मंत्रालय के बीच जारी तनाव के दौरान बीसीसीआई ने मंत्रालय से चिट्ठी लिखकर उन 50 करोड़ रुपये का हिसाब मांगा है, जो बोर्ड ने बाकी खेलों के विकास के लिए दिए थे, और जिन्हें मिलाकर 80 करोड़ रुपये का बीसीसीआई-एनएसडीएफ एलीट स्पोर्ट्स टैलेंट (बेस्ट) फंड स्थापित किया गया था। बीसीसीआई सचिव संजय जगदाले ने मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी को लिखी चिट्ठी में कहा है कि बोर्ड इन पैसों को लेकर पूरी तरह अंधेरे में है। आईपीएल और मैच फिक्सिंग विवाद में खेल मंत्रालय द्वारा दखल दिए जाने से नाराज़ चल रहे बोर्ड ने 13 जून, 2012 को यह खत लिखा है। दरअसल, मामला है वर्ष 2008 का, जब बीसीसीआई को खेल मंत्रालय से बॉक्सिंग, जूडो, तैराकी, कुश्ती जैसे खेलों को बढ़ावा देने के लिए 25 करोड़ रुपये के फंड के लिए सहयोग का प्रस्ताव आया, लेकिन जुलाई, 2008 में ही फंड को 50 करोड़ रुपये कर देने की गुज़ारिश की गई।टिप्पणियां आखिरकार तय हुआ कि इस फंड में बीसीसीआई के 50 करोड़ रुपये के अलावा 30 करोड़ रुपये मंत्रालय भी देगा, जिसका नाम होगा बीसीसीआई-एनएसडीएफ एलीट स्पोर्ट्स टैलेंट (बेस्ट) फंड। इस फंड के लिए बीसीसीआई ने 15 करोड़ रुपये की पहली किश्त जुलाई, 2008 में ही दे दी थी, और बाकी उसके बाद अलग-अलग तारीखों में। इसके अलावा बीसीसीआई-एनएसडीएफ इम्प्लिमेंटेशन कमेटी के गठन का भी निर्णय लिया गया, जिसमें बीसीसीआई के चार नामांकित सदस्य, एनएसडीएफ एक्जीक्यूटिव काउंसिल के चार सदस्य, खेल मंत्रालय के चार सदस्य, और प्रत्येक नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन से एक-एक सदस्य का रखना तय किया गया। बीसीसीआई ने कमेटी के लिए एन श्रीनिवासन, अरुण जेटली, एमपी पांडोव और अनुराग ठाकुर को नामांकित भी कर दिया था। लेकिन अब खत के जरिये दावा किया गया है कि अक्टूबर, 2009 के बाद से कमेटी की कोई बैठक नहीं हुई है, और बीसीसीआई ने मांग की है कि बेस्ट फंड के बारे में उसे पूरा ब्योरा दिया जाए, और यह भी बताया जाए की फंड के समुचित इस्तेमाल के लिए जो कमेटी बनाई गई थी, उसका क्या हुआ। बीसीसीआई सचिव संजय जगदाले ने मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी को लिखी चिट्ठी में कहा है कि बोर्ड इन पैसों को लेकर पूरी तरह अंधेरे में है। आईपीएल और मैच फिक्सिंग विवाद में खेल मंत्रालय द्वारा दखल दिए जाने से नाराज़ चल रहे बोर्ड ने 13 जून, 2012 को यह खत लिखा है। दरअसल, मामला है वर्ष 2008 का, जब बीसीसीआई को खेल मंत्रालय से बॉक्सिंग, जूडो, तैराकी, कुश्ती जैसे खेलों को बढ़ावा देने के लिए 25 करोड़ रुपये के फंड के लिए सहयोग का प्रस्ताव आया, लेकिन जुलाई, 2008 में ही फंड को 50 करोड़ रुपये कर देने की गुज़ारिश की गई।टिप्पणियां आखिरकार तय हुआ कि इस फंड में बीसीसीआई के 50 करोड़ रुपये के अलावा 30 करोड़ रुपये मंत्रालय भी देगा, जिसका नाम होगा बीसीसीआई-एनएसडीएफ एलीट स्पोर्ट्स टैलेंट (बेस्ट) फंड। इस फंड के लिए बीसीसीआई ने 15 करोड़ रुपये की पहली किश्त जुलाई, 2008 में ही दे दी थी, और बाकी उसके बाद अलग-अलग तारीखों में। इसके अलावा बीसीसीआई-एनएसडीएफ इम्प्लिमेंटेशन कमेटी के गठन का भी निर्णय लिया गया, जिसमें बीसीसीआई के चार नामांकित सदस्य, एनएसडीएफ एक्जीक्यूटिव काउंसिल के चार सदस्य, खेल मंत्रालय के चार सदस्य, और प्रत्येक नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन से एक-एक सदस्य का रखना तय किया गया। बीसीसीआई ने कमेटी के लिए एन श्रीनिवासन, अरुण जेटली, एमपी पांडोव और अनुराग ठाकुर को नामांकित भी कर दिया था। लेकिन अब खत के जरिये दावा किया गया है कि अक्टूबर, 2009 के बाद से कमेटी की कोई बैठक नहीं हुई है, और बीसीसीआई ने मांग की है कि बेस्ट फंड के बारे में उसे पूरा ब्योरा दिया जाए, और यह भी बताया जाए की फंड के समुचित इस्तेमाल के लिए जो कमेटी बनाई गई थी, उसका क्या हुआ। आईपीएल और मैच फिक्सिंग विवाद में खेल मंत्रालय द्वारा दखल दिए जाने से नाराज़ चल रहे बोर्ड ने 13 जून, 2012 को यह खत लिखा है। दरअसल, मामला है वर्ष 2008 का, जब बीसीसीआई को खेल मंत्रालय से बॉक्सिंग, जूडो, तैराकी, कुश्ती जैसे खेलों को बढ़ावा देने के लिए 25 करोड़ रुपये के फंड के लिए सहयोग का प्रस्ताव आया, लेकिन जुलाई, 2008 में ही फंड को 50 करोड़ रुपये कर देने की गुज़ारिश की गई।टिप्पणियां आखिरकार तय हुआ कि इस फंड में बीसीसीआई के 50 करोड़ रुपये के अलावा 30 करोड़ रुपये मंत्रालय भी देगा, जिसका नाम होगा बीसीसीआई-एनएसडीएफ एलीट स्पोर्ट्स टैलेंट (बेस्ट) फंड। इस फंड के लिए बीसीसीआई ने 15 करोड़ रुपये की पहली किश्त जुलाई, 2008 में ही दे दी थी, और बाकी उसके बाद अलग-अलग तारीखों में। इसके अलावा बीसीसीआई-एनएसडीएफ इम्प्लिमेंटेशन कमेटी के गठन का भी निर्णय लिया गया, जिसमें बीसीसीआई के चार नामांकित सदस्य, एनएसडीएफ एक्जीक्यूटिव काउंसिल के चार सदस्य, खेल मंत्रालय के चार सदस्य, और प्रत्येक नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन से एक-एक सदस्य का रखना तय किया गया। बीसीसीआई ने कमेटी के लिए एन श्रीनिवासन, अरुण जेटली, एमपी पांडोव और अनुराग ठाकुर को नामांकित भी कर दिया था। लेकिन अब खत के जरिये दावा किया गया है कि अक्टूबर, 2009 के बाद से कमेटी की कोई बैठक नहीं हुई है, और बीसीसीआई ने मांग की है कि बेस्ट फंड के बारे में उसे पूरा ब्योरा दिया जाए, और यह भी बताया जाए की फंड के समुचित इस्तेमाल के लिए जो कमेटी बनाई गई थी, उसका क्या हुआ। आखिरकार तय हुआ कि इस फंड में बीसीसीआई के 50 करोड़ रुपये के अलावा 30 करोड़ रुपये मंत्रालय भी देगा, जिसका नाम होगा बीसीसीआई-एनएसडीएफ एलीट स्पोर्ट्स टैलेंट (बेस्ट) फंड। इस फंड के लिए बीसीसीआई ने 15 करोड़ रुपये की पहली किश्त जुलाई, 2008 में ही दे दी थी, और बाकी उसके बाद अलग-अलग तारीखों में। इसके अलावा बीसीसीआई-एनएसडीएफ इम्प्लिमेंटेशन कमेटी के गठन का भी निर्णय लिया गया, जिसमें बीसीसीआई के चार नामांकित सदस्य, एनएसडीएफ एक्जीक्यूटिव काउंसिल के चार सदस्य, खेल मंत्रालय के चार सदस्य, और प्रत्येक नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन से एक-एक सदस्य का रखना तय किया गया। बीसीसीआई ने कमेटी के लिए एन श्रीनिवासन, अरुण जेटली, एमपी पांडोव और अनुराग ठाकुर को नामांकित भी कर दिया था। लेकिन अब खत के जरिये दावा किया गया है कि अक्टूबर, 2009 के बाद से कमेटी की कोई बैठक नहीं हुई है, और बीसीसीआई ने मांग की है कि बेस्ट फंड के बारे में उसे पूरा ब्योरा दिया जाए, और यह भी बताया जाए की फंड के समुचित इस्तेमाल के लिए जो कमेटी बनाई गई थी, उसका क्या हुआ। इसके अलावा बीसीसीआई-एनएसडीएफ इम्प्लिमेंटेशन कमेटी के गठन का भी निर्णय लिया गया, जिसमें बीसीसीआई के चार नामांकित सदस्य, एनएसडीएफ एक्जीक्यूटिव काउंसिल के चार सदस्य, खेल मंत्रालय के चार सदस्य, और प्रत्येक नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन से एक-एक सदस्य का रखना तय किया गया। बीसीसीआई ने कमेटी के लिए एन श्रीनिवासन, अरुण जेटली, एमपी पांडोव और अनुराग ठाकुर को नामांकित भी कर दिया था। लेकिन अब खत के जरिये दावा किया गया है कि अक्टूबर, 2009 के बाद से कमेटी की कोई बैठक नहीं हुई है, और बीसीसीआई ने मांग की है कि बेस्ट फंड के बारे में उसे पूरा ब्योरा दिया जाए, और यह भी बताया जाए की फंड के समुचित इस्तेमाल के लिए जो कमेटी बनाई गई थी, उसका क्या हुआ।
यूराली भाषाएँ (अंग्रेज़ी: Uralic languages) लगभग ३५ भाषाओं का एक भाषा-परिवार है जिनकी मूल भाषा यूरोप और एशिया की सरहद पर स्थित यूराल पहाड़ों के क्षेत्र में जन्मी मानी जाती है। दुनिया भर में लगभग २.५ करोड़ लोग यूराली भाषाएँ बोलते हैं और इस भाषा परिवार की मुख्य भाषाएँ हंगेरियाई, फ़िनिश, एस्टोनियाई, सामी भाषाएँ, मरी और उदमुर्ति हैं। इस भाषा परिवार की दो मुख्य शाखाएँ हैं: सामोयेदी भाषाएँ (जो यूराल पहाड़ों के इर्द-गिर्द बोली जाती हैं) और फ़िनो-ऊग्रिक भाषाएँ (जिसमें फ़िनिश और हंगेरियाई शामिल हैं)। कभी-कभी पूरे यूराली भाषा परिवार को भी 'फ़िनो-ऊग्रिक परिवार' बुला दिया जाता है। इन्हें भी देखें भाषा परिवार फ़िनिश भाषा यूराल पर्वत सन्दर्भ यूरोप की भाषाएँ एशिया की भाषाएँ भाषा-परिवार
सियाचिन ग्लेशियर पदक पाकिस्तान के साथ भारत की उत्तरी सीमा पर सियाचिन ग्लेशियर पर युद्ध अथवा सेवा के लिए दिया जाता है। अप्रैल 1984 से सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र में ऑपरेशन मेघदूत में भाग लेने वाले सैनिकों की सहायता करने के लिए , भारतीय वायु सेना को इस सम्मान से सम्मानित किया गया। उपस्थिति पदक एक 36 मिमी कप्रो निकल गोल पदक है। पदक के केंद्र में भारत का प्रतीक है, 'सियाचिन ग्लेशियर मेडल' हिंदी और अंग्रेजी दोनों तरफ लिखा हुआ है। पृष्ठ भाग में पहाड़ियों के एक सिपाही और एक हेलीकाप्टर के साथ एक शैली दृश्य प्रस्तुत करता है। यह एक गैर-स्वाइपिंग सीधे 'बार' द्वारा अटकाया जाता है और प्राप्तकर्ता का नाम किनारे पर लिखा होता है। रिबन मध्यम नीले, 31 मिमी (1.2 इंच) चौड़े, एक सफेद केंद्र पट्टी 11 मिमी (0.43 इंच) चौड़ाई की होती है। पात्रता निम्नलिखित सभी कर्मी पदक के पात्र हैं : सेना, नौसेना, वायु सेना, क्षेत्रीय सेना और संघ के किसी भी अन्य सशस्त्र बलों के सभी रैंक के कर्मचारी। रेलवे सुरक्षा बल, पुलिस बल, होम गार्ड्स, सिविल डिफेन्स ऑर्गनाइजेशन और नागरिकों के सभी रैंक, पहले उल्लेखित बलों में से एक के आदेश, निर्देश या पर्यवेक्षण के तहत। सेना के सभी रैंक, और वायुसेना ने बिला फोंडला एनजे 8888 सियाला एनडी 7011 इंदिरा कर्नल और बेस शिविर के उत्तर क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए प्रारंभिक कार्यवाही में भाग लिया। 12-18 अप्रैल 1984 की अवधि के दौरान बेस कैंप एनके 1963 के उत्तर क्षेत्र में क्षेत्र में एक दिन या रात के लिए शारीरिक रूप से मौजूद कार्मिक। क्वालीफाइंग क्षेत्र में 30 दिनों के न्यूनतम रहने वाले कार्मिक। कैद में बिताए गए समय, क्षेत्र में परिचालन के दौरान कैप्चर के माध्यम से, क्वालीफाइंग अवधि की गणना होगी। सभी आईएएफ और एओपी और एयर मैनेजमेंट बटालियन के कर्मियों ने 12-18 अप्रैल 1984 की अवधि के दौरान ऑपरेशन के समर्थन में कम से कम तीन परिचालन या रखरखाव के जरिए उड़ान भर दी है और 18 अप्रैल 1984 के बाद उसके बाद परिचालन या रखरखाव के प्रयास किए हैं। सभी कमांडरों और स्टाफ अधिकारी सीधे ऑपरेशन के लिए जिम्मेदार हैं, जिन्होंने क्वालीफ़ाइंग क्षेत्र में दस दौरे किए हैं। सभी कर्मियों, जिन्होंने वीरता पुरस्कार अर्जित किया है, का उल्लेख डेस्पैप्स, निधन, निरंतर घावों में किया गया था या विकलांग को सेवा के लिए आवश्यक समय की पूर्ति के बिना पदक से सम्मानित किया जा सकता है। सभी नागरिक बंदरगाहियों ने क्वालीफाइंग क्षेत्र में न्यूनतम 30 दिन बिताए। सन्दर्भ भारतीय सैनिक सम्मान भारत के सैन्य पदक
जापान में मानसिक रूप से अक्षम लोगों के एक देखभाल केंद्र पर एक व्यक्ति ने चाकू से हमला कर दिया, जिसमें कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई। स्थानीय अग्निशमन विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि तोक्यो से 50 किलोमीटर दूर सागामिहारा शहर में हुए इस हमले में 25 अन्य लोग घायल हो गए हैं जिनमें से 20 की हालत गंभीर है। 26 वर्षीय हमलावर बाद में पुलिस थाने पहुंचा और उसने अधिकारियों के सामने स्वीकार किया, ‘‘मैंने यह किया है।’’ उसने बताया कि वह केंद्र का एक पूर्व कर्मी था। पुलिस ने बताया कि उन्हें देर रात करीब ढाई बजे सुकुई यामायुरी-एन केंद्र से फोन के जरिए सूचना मिली थी कि चाकू लिए एक व्यक्ति केंद्र में प्रवेश कर रहा है। ‘असाही शिम्बुन’ समाचार पत्र ने पुलिस के हवाले से बताया कि संदिग्ध ने कहा, ‘‘सभी निशक्तजन खत्म हो जाने चाहिए।’’ अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने ‘एएफपी’ से कहा, ‘‘चिकित्सकों ने 19 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है।’’   अन्य विकसित देशों की तुलना में जापान में हिंसा की कम घटनाएं होती हैं, हथियार का उपयोग कर किया गया इस तरह का हमला जापान के लिए आम नहीं है। हालांकि देश में हिंसा की कुछ घटनाएं हुई हैं। 2008 में टोक्यो में एक व्यक्ति ने एक किराए पर लिए ट्रक को अकिहबारा जिले के एक भीड़ भरे बाजार में लोगों के ऊपर चढ़ा दिया था। इसके बाद उसने वहां से गुजरने वाले लोगों पर चाकू से हमला किया था। इस हमले में 7 लोगों की मौत हुई थी और 10 लोग घायल हुए थे। इस घटना के बाद जापान में 5.5 सेंटीमीटर से ज्यादा लंबे ब्लेड वाले दोमुंहे चाकुओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसे रखने पर आरोपी को तीन साल तक की जेल या 5 लाख येन (6 हजार 200 डॉलर) के जुर्माने की सजा दी जाती है। साल 2001 में ओसाका के एक प्राथमिक स्कूल में आठ बच्चों की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। साल 1995 में जापानी प्रलय के दिन पंथ के लोगों ने टोक्यो सबवे सिस्टम में सरीन गैस लीक कर दी, जिससे 13 लोगों की मौत हो गई और कई यात्री घायल हो गए। पिछले कुछ सालों में जापान में कमजोरों और विकलांगों पर हमले बढ़े हैं।टिप्पणियां इस साल फरवरी में एक पूर्व नर्स को गिरफ्तार किया गया, वह लोगों की सेवा करने उनके घर जाती थी। नर्स ने 87 वर्षीय बुजुर्ग को बाल्कनी से नीचे फेंक दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी। गिरफ्तारी के बाद नर्स ने 2014 में 80 और 90 साल के दो अन्य लोगों की बाल्कनी से फेंककर हत्या करने की बात स्वीकार की थी। जापान में बीमार व्यक्तियों की उनके पति या पत्नियों द्वारा हत्या और मानसिक रूप से विक्षिप्त बुजुर्गों की रिश्तेदारों द्वारा हत्या के कुछ मामले भी तेजी से सामने आ रहे हैं। 26 वर्षीय हमलावर बाद में पुलिस थाने पहुंचा और उसने अधिकारियों के सामने स्वीकार किया, ‘‘मैंने यह किया है।’’ उसने बताया कि वह केंद्र का एक पूर्व कर्मी था। पुलिस ने बताया कि उन्हें देर रात करीब ढाई बजे सुकुई यामायुरी-एन केंद्र से फोन के जरिए सूचना मिली थी कि चाकू लिए एक व्यक्ति केंद्र में प्रवेश कर रहा है। ‘असाही शिम्बुन’ समाचार पत्र ने पुलिस के हवाले से बताया कि संदिग्ध ने कहा, ‘‘सभी निशक्तजन खत्म हो जाने चाहिए।’’ अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने ‘एएफपी’ से कहा, ‘‘चिकित्सकों ने 19 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है।’’   अन्य विकसित देशों की तुलना में जापान में हिंसा की कम घटनाएं होती हैं, हथियार का उपयोग कर किया गया इस तरह का हमला जापान के लिए आम नहीं है। हालांकि देश में हिंसा की कुछ घटनाएं हुई हैं। 2008 में टोक्यो में एक व्यक्ति ने एक किराए पर लिए ट्रक को अकिहबारा जिले के एक भीड़ भरे बाजार में लोगों के ऊपर चढ़ा दिया था। इसके बाद उसने वहां से गुजरने वाले लोगों पर चाकू से हमला किया था। इस हमले में 7 लोगों की मौत हुई थी और 10 लोग घायल हुए थे। इस घटना के बाद जापान में 5.5 सेंटीमीटर से ज्यादा लंबे ब्लेड वाले दोमुंहे चाकुओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसे रखने पर आरोपी को तीन साल तक की जेल या 5 लाख येन (6 हजार 200 डॉलर) के जुर्माने की सजा दी जाती है। साल 2001 में ओसाका के एक प्राथमिक स्कूल में आठ बच्चों की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। साल 1995 में जापानी प्रलय के दिन पंथ के लोगों ने टोक्यो सबवे सिस्टम में सरीन गैस लीक कर दी, जिससे 13 लोगों की मौत हो गई और कई यात्री घायल हो गए। पिछले कुछ सालों में जापान में कमजोरों और विकलांगों पर हमले बढ़े हैं।टिप्पणियां इस साल फरवरी में एक पूर्व नर्स को गिरफ्तार किया गया, वह लोगों की सेवा करने उनके घर जाती थी। नर्स ने 87 वर्षीय बुजुर्ग को बाल्कनी से नीचे फेंक दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी। गिरफ्तारी के बाद नर्स ने 2014 में 80 और 90 साल के दो अन्य लोगों की बाल्कनी से फेंककर हत्या करने की बात स्वीकार की थी। जापान में बीमार व्यक्तियों की उनके पति या पत्नियों द्वारा हत्या और मानसिक रूप से विक्षिप्त बुजुर्गों की रिश्तेदारों द्वारा हत्या के कुछ मामले भी तेजी से सामने आ रहे हैं। ‘असाही शिम्बुन’ समाचार पत्र ने पुलिस के हवाले से बताया कि संदिग्ध ने कहा, ‘‘सभी निशक्तजन खत्म हो जाने चाहिए।’’ अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने ‘एएफपी’ से कहा, ‘‘चिकित्सकों ने 19 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है।’’   अन्य विकसित देशों की तुलना में जापान में हिंसा की कम घटनाएं होती हैं, हथियार का उपयोग कर किया गया इस तरह का हमला जापान के लिए आम नहीं है। हालांकि देश में हिंसा की कुछ घटनाएं हुई हैं। 2008 में टोक्यो में एक व्यक्ति ने एक किराए पर लिए ट्रक को अकिहबारा जिले के एक भीड़ भरे बाजार में लोगों के ऊपर चढ़ा दिया था। इसके बाद उसने वहां से गुजरने वाले लोगों पर चाकू से हमला किया था। इस हमले में 7 लोगों की मौत हुई थी और 10 लोग घायल हुए थे। इस घटना के बाद जापान में 5.5 सेंटीमीटर से ज्यादा लंबे ब्लेड वाले दोमुंहे चाकुओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसे रखने पर आरोपी को तीन साल तक की जेल या 5 लाख येन (6 हजार 200 डॉलर) के जुर्माने की सजा दी जाती है। साल 2001 में ओसाका के एक प्राथमिक स्कूल में आठ बच्चों की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। साल 1995 में जापानी प्रलय के दिन पंथ के लोगों ने टोक्यो सबवे सिस्टम में सरीन गैस लीक कर दी, जिससे 13 लोगों की मौत हो गई और कई यात्री घायल हो गए। पिछले कुछ सालों में जापान में कमजोरों और विकलांगों पर हमले बढ़े हैं।टिप्पणियां इस साल फरवरी में एक पूर्व नर्स को गिरफ्तार किया गया, वह लोगों की सेवा करने उनके घर जाती थी। नर्स ने 87 वर्षीय बुजुर्ग को बाल्कनी से नीचे फेंक दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी। गिरफ्तारी के बाद नर्स ने 2014 में 80 और 90 साल के दो अन्य लोगों की बाल्कनी से फेंककर हत्या करने की बात स्वीकार की थी। जापान में बीमार व्यक्तियों की उनके पति या पत्नियों द्वारा हत्या और मानसिक रूप से विक्षिप्त बुजुर्गों की रिश्तेदारों द्वारा हत्या के कुछ मामले भी तेजी से सामने आ रहे हैं।   अन्य विकसित देशों की तुलना में जापान में हिंसा की कम घटनाएं होती हैं, हथियार का उपयोग कर किया गया इस तरह का हमला जापान के लिए आम नहीं है। हालांकि देश में हिंसा की कुछ घटनाएं हुई हैं। 2008 में टोक्यो में एक व्यक्ति ने एक किराए पर लिए ट्रक को अकिहबारा जिले के एक भीड़ भरे बाजार में लोगों के ऊपर चढ़ा दिया था। इसके बाद उसने वहां से गुजरने वाले लोगों पर चाकू से हमला किया था। इस हमले में 7 लोगों की मौत हुई थी और 10 लोग घायल हुए थे। इस घटना के बाद जापान में 5.5 सेंटीमीटर से ज्यादा लंबे ब्लेड वाले दोमुंहे चाकुओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसे रखने पर आरोपी को तीन साल तक की जेल या 5 लाख येन (6 हजार 200 डॉलर) के जुर्माने की सजा दी जाती है। साल 2001 में ओसाका के एक प्राथमिक स्कूल में आठ बच्चों की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। साल 1995 में जापानी प्रलय के दिन पंथ के लोगों ने टोक्यो सबवे सिस्टम में सरीन गैस लीक कर दी, जिससे 13 लोगों की मौत हो गई और कई यात्री घायल हो गए। पिछले कुछ सालों में जापान में कमजोरों और विकलांगों पर हमले बढ़े हैं।टिप्पणियां इस साल फरवरी में एक पूर्व नर्स को गिरफ्तार किया गया, वह लोगों की सेवा करने उनके घर जाती थी। नर्स ने 87 वर्षीय बुजुर्ग को बाल्कनी से नीचे फेंक दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी। गिरफ्तारी के बाद नर्स ने 2014 में 80 और 90 साल के दो अन्य लोगों की बाल्कनी से फेंककर हत्या करने की बात स्वीकार की थी। जापान में बीमार व्यक्तियों की उनके पति या पत्नियों द्वारा हत्या और मानसिक रूप से विक्षिप्त बुजुर्गों की रिश्तेदारों द्वारा हत्या के कुछ मामले भी तेजी से सामने आ रहे हैं। 2008 में टोक्यो में एक व्यक्ति ने एक किराए पर लिए ट्रक को अकिहबारा जिले के एक भीड़ भरे बाजार में लोगों के ऊपर चढ़ा दिया था। इसके बाद उसने वहां से गुजरने वाले लोगों पर चाकू से हमला किया था। इस हमले में 7 लोगों की मौत हुई थी और 10 लोग घायल हुए थे। इस घटना के बाद जापान में 5.5 सेंटीमीटर से ज्यादा लंबे ब्लेड वाले दोमुंहे चाकुओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसे रखने पर आरोपी को तीन साल तक की जेल या 5 लाख येन (6 हजार 200 डॉलर) के जुर्माने की सजा दी जाती है। साल 2001 में ओसाका के एक प्राथमिक स्कूल में आठ बच्चों की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। साल 1995 में जापानी प्रलय के दिन पंथ के लोगों ने टोक्यो सबवे सिस्टम में सरीन गैस लीक कर दी, जिससे 13 लोगों की मौत हो गई और कई यात्री घायल हो गए। पिछले कुछ सालों में जापान में कमजोरों और विकलांगों पर हमले बढ़े हैं।टिप्पणियां इस साल फरवरी में एक पूर्व नर्स को गिरफ्तार किया गया, वह लोगों की सेवा करने उनके घर जाती थी। नर्स ने 87 वर्षीय बुजुर्ग को बाल्कनी से नीचे फेंक दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी। गिरफ्तारी के बाद नर्स ने 2014 में 80 और 90 साल के दो अन्य लोगों की बाल्कनी से फेंककर हत्या करने की बात स्वीकार की थी। जापान में बीमार व्यक्तियों की उनके पति या पत्नियों द्वारा हत्या और मानसिक रूप से विक्षिप्त बुजुर्गों की रिश्तेदारों द्वारा हत्या के कुछ मामले भी तेजी से सामने आ रहे हैं। इस घटना के बाद जापान में 5.5 सेंटीमीटर से ज्यादा लंबे ब्लेड वाले दोमुंहे चाकुओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसे रखने पर आरोपी को तीन साल तक की जेल या 5 लाख येन (6 हजार 200 डॉलर) के जुर्माने की सजा दी जाती है। साल 2001 में ओसाका के एक प्राथमिक स्कूल में आठ बच्चों की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। साल 1995 में जापानी प्रलय के दिन पंथ के लोगों ने टोक्यो सबवे सिस्टम में सरीन गैस लीक कर दी, जिससे 13 लोगों की मौत हो गई और कई यात्री घायल हो गए। पिछले कुछ सालों में जापान में कमजोरों और विकलांगों पर हमले बढ़े हैं।टिप्पणियां इस साल फरवरी में एक पूर्व नर्स को गिरफ्तार किया गया, वह लोगों की सेवा करने उनके घर जाती थी। नर्स ने 87 वर्षीय बुजुर्ग को बाल्कनी से नीचे फेंक दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी। गिरफ्तारी के बाद नर्स ने 2014 में 80 और 90 साल के दो अन्य लोगों की बाल्कनी से फेंककर हत्या करने की बात स्वीकार की थी। जापान में बीमार व्यक्तियों की उनके पति या पत्नियों द्वारा हत्या और मानसिक रूप से विक्षिप्त बुजुर्गों की रिश्तेदारों द्वारा हत्या के कुछ मामले भी तेजी से सामने आ रहे हैं। साल 2001 में ओसाका के एक प्राथमिक स्कूल में आठ बच्चों की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। साल 1995 में जापानी प्रलय के दिन पंथ के लोगों ने टोक्यो सबवे सिस्टम में सरीन गैस लीक कर दी, जिससे 13 लोगों की मौत हो गई और कई यात्री घायल हो गए। पिछले कुछ सालों में जापान में कमजोरों और विकलांगों पर हमले बढ़े हैं।टिप्पणियां इस साल फरवरी में एक पूर्व नर्स को गिरफ्तार किया गया, वह लोगों की सेवा करने उनके घर जाती थी। नर्स ने 87 वर्षीय बुजुर्ग को बाल्कनी से नीचे फेंक दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी। गिरफ्तारी के बाद नर्स ने 2014 में 80 और 90 साल के दो अन्य लोगों की बाल्कनी से फेंककर हत्या करने की बात स्वीकार की थी। जापान में बीमार व्यक्तियों की उनके पति या पत्नियों द्वारा हत्या और मानसिक रूप से विक्षिप्त बुजुर्गों की रिश्तेदारों द्वारा हत्या के कुछ मामले भी तेजी से सामने आ रहे हैं। इस साल फरवरी में एक पूर्व नर्स को गिरफ्तार किया गया, वह लोगों की सेवा करने उनके घर जाती थी। नर्स ने 87 वर्षीय बुजुर्ग को बाल्कनी से नीचे फेंक दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी। गिरफ्तारी के बाद नर्स ने 2014 में 80 और 90 साल के दो अन्य लोगों की बाल्कनी से फेंककर हत्या करने की बात स्वीकार की थी। जापान में बीमार व्यक्तियों की उनके पति या पत्नियों द्वारा हत्या और मानसिक रूप से विक्षिप्त बुजुर्गों की रिश्तेदारों द्वारा हत्या के कुछ मामले भी तेजी से सामने आ रहे हैं। जापान में बीमार व्यक्तियों की उनके पति या पत्नियों द्वारा हत्या और मानसिक रूप से विक्षिप्त बुजुर्गों की रिश्तेदारों द्वारा हत्या के कुछ मामले भी तेजी से सामने आ रहे हैं।
यह एक लेख है: बल्लेबाज मार्लन सैमुअल्स वेस्टइंडीज क्रिकेट के गौरवपूर्ण दिनों का लुत्फ उठाना चाहते हैं जब टीम अन्य टीमों पर एतरफा जीत दर्ज करे। सैमुअल्स ने कहा कि मौजूदा टीम का प्रदर्शन इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सही दिशा में जा रहा है। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने जमैका आब्जर्वर से कहा, फिलहाल हमें दुनिया से काफी अधिक सम्मान की उम्मीद है, क्योंकि हमारा क्रिकेट दोबारा शीर्ष पर जा रहा है। वेस्टइंडीज क्रिकेट के बारे में अच्छी चीज यह है कि हम प्रतिस्पर्धा पेश कर रहे हैं और जीत रहे हैं। पहले जैसा नहीं है, जब हम हार रहे थे। सैमुअल्स ने पिछले साल श्रीलंका के कोलंबो में वेस्टइंडीज को टी20 विश्व कप के फाइनल में जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने जमैका आब्जर्वर से कहा, फिलहाल हमें दुनिया से काफी अधिक सम्मान की उम्मीद है, क्योंकि हमारा क्रिकेट दोबारा शीर्ष पर जा रहा है। वेस्टइंडीज क्रिकेट के बारे में अच्छी चीज यह है कि हम प्रतिस्पर्धा पेश कर रहे हैं और जीत रहे हैं। पहले जैसा नहीं है, जब हम हार रहे थे। सैमुअल्स ने पिछले साल श्रीलंका के कोलंबो में वेस्टइंडीज को टी20 विश्व कप के फाइनल में जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
देश की शीर्ष महिला एकल बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल शुक्रवार को 750,000 डॉलर इनामी राशि वाले इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरीज प्रीमियर के क्वार्टर फाइनल में चीन की ली जुएरुई से हार गई. इस्तोरा गेलोरा बुंग कार्नो स्टेडियम में शुक्रवार को तीन बार की चैंपियन सायना सर्वोच्च वरीयता प्राप्त चीन की ली जुएरुई से एक कड़े मुकाबले में 20-22, 15-21 से हार गई. सायना और जुएरुई के बीच अब तक हुए नौ मुकाबलों में दो बार सायना जीती हैं जबकि सात बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा है. क्वार्टर फाइनल में दोनों के बीच पहला गेम काफी संघर्षपूर्ण रहा. गेम की शुरुआत में दोनों के बीच मुकाबला 5-5 की बराबरी पर था लेकिन इसके बाद जुएरुई ने दमखम दिखाते हुए 10-6 की लीड ले ली. इसके बाद सायना ने पलटवार करते हुए 11-10 की बढ़त कायम कर ली लेकिन अंतत: गेम जुएरुई के नाम रहा. दूसरे गेम में जुएरुई ने शीघ्र ही 10-4 की लीड लेते हुए मुकाबले पर नियंत्रण कर लिया और इस तरह सायना यह गेम 15-21 से हार गई. इससे पहले सायना ने दूसरे दौर में गुरुवार को स्काटलैंड की गिलमौर को मात देने में केवल 36 मिनट लगाए थे. विश्व की 17वीं वरीयता प्राप्त गिलमोर को सायना ने 21-17, 21-9 से हराया था. सायना ने पहले राउंड में बुधवार को थाईलैंड की पोर्नटिप बी. को मात देने में सिर्फ 33 मिनट लगाए थे. नौंवी विश्व वरीयता प्राप्त पोर्नटिप को सायना ने सीधे गेमों में 21-15, 21-10 से हराया था.
Honda BRV को भारत में मई 2016 में लॉन्च किया गया था. शुरुआत में इस कार को अच्छा रेस्पॉन्स मिला था. लेकिन लॉन्च के कुछ ही समय बाद इसकी सेल में गिरावट आ गई थी. पिछले कुछ महीनों में Honda BRV MPV की सेल हर महीने लगभग 300-400 यूनिट्स तक सीमित हो गई है. तुलनात्मक तौर पर देखें तो प्रतिद्वंदी Maruti Ertiga के 7 हजार यूनिट्स से भी ज्यादा की बिक्री हर महीने हो जाती है. बता दें अर्टिगा इस सेगमेंट की बेस्ट सेलिंग कार है. गौर करने वाली बात ये है कि नई महिंद्रा Marazzo MPV को भी Honda BRV से ज्यादा ग्राहक मिल रहे हैं. मराजो की हर महीने एवरेज सेल 2,700 यूनिट्स के करीब है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि कंपनी भारत Honda BRV की सेल बढ़ाने के लिए अपडेटेड BRV को लॉन्च कर सकती है, जिसका ग्लोबल डेब्यू आज इंडोनेशिया मोटर शो के दौरान हुआ है. इस कार के एक्सटीरियर और इंटीरियर दोनों ही जगहों पर अपडेट दिया गया है. ये पहली बार है जब होंडा ने BRV MPV को पहला मेजर अपडेट दिया है. एक्सटीरियर में जो बदलाव किए गए हैं उनकी बात करें तो यहां स्किड प्लेट के साथ नया बंपर दिया गया है. ये 2019 Honda BRV काफी स्पोर्टी लुक देता है. नए इंसर्ट्स और LED DRLs के साथ हेडलाइट्स में भी यहां बदलाव देखने को मिल रहा है. साथ ही यहां क्रोम सराउंडिंग के साथ एग्रेसिव फॉग लैम्प हाउसिंग दी गई है. फ्रंट ग्रिल मौजूदा BRV की तरह ही है, लेकिन यहां एडिशनल क्रोम स्लैट्स दिए गए हैं, जो इसे प्रीमियम फिल दे रहा है. साइड प्रोफाइल की बात करें तो यहां नया डायमंड कट डुअल-टोन 16-इंच अलॉय व्हील, रूफ रेल्स, ऑटोमैटिक ORVMs, प्लास्टिक क्लैडिंग और साइड स्कर्ट्स दिया गया है. यहां रियर में भी माइनर अपडेट दिए गए हैं. इंटीरियर में यहां डार्क ग्रे फिनिशिंग दी गई है. टॉप वेरिएंट में फ्रंट ड्राइवर और पैसेंजर के लिए आर्म रेस्ट के साथ कॉन्ट्रास्ट रेड स्टिचिंग भी दी गई है. दूसरे फीचर्स की बात करें तो यहां कीलेस एंट्री, पुश बटन स्टार्ट, ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल और स्टीयरिंग माउंटेड कंट्रोल्स दिए गए हैं. सेफ्टी के लिहाज से यहां डुअल एयरबैग्स, रियर पार्किंग सेंसर, इलेक्ट्रॉनिक इंजन इम्मोबिलाइज़र और ABS और EBD दिया गया है. इंडोनेशिया में Honda BR-V को Rp 238 – 274 Million (लगभग 11,56,086 रुपये से लेकर 13,30,956 रुपये) की कीमत में उतारा गया है. इसमें 1.5 लीटर i-VTEC पेट्रोल इंजन दिया गया है जो 120 PS का पावर और 145 Nm का टॉर्क जनरेट करता है. इस इंजन के साथ 6-स्पीड मैनुअल और CVT गियरबॉक्स मिलेगा. भारत में सेल में मौजूद BR-V की कीमत 9.51 लाख रुपये से लेकर 13.81 लाख रुपये के बीच है. ये एक 7-सीटर फैमिली कार है, जो 8 वेरिएंट में मिलती है. चार वेरिएंट पेट्रोल और चार वेरिएंट डीजल के उपलब्ध हैं. अगर नई Honda BRV भारत में लॉन्च होती है तो ये BS6 इंजन ऑप्शन के साथ लॉन्च होगी.
यह एक लेख है: बिहार में पहले दौर का मतदान ख़त्म हो चुका है। नक्सल प्रभावित छह संसदीय सीटों के उम्मीदवारों की क़िस्मत का फैसला इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन में बंद हो चुका है। वैसे तो मोटे तौर बिहार में जेडीयू, आरजेडी-कांग्रेस और बीजेपी-एलजेपी गठबंधन, तीनों के बीच त्रिकोणीय मुक़ाबला माना जा रहा है। लेकिन बिहार में मोदी की लहर है या फिर ये चुनाव दूसरे फैक्टर्स पर लड़ा जा रहा है, ये चर्चा का अहम मुद्दा है। पहले दौर के मतदान के बाद जो तस्वीर उभरती है, उसे जेडीयू के लिए कतई उत्साहजनक नहीं माना जा सकता। राज्य में नौ साल से जेडीयू की सरकार है। इस दौरान विकास के कई काम यहां हुए हैं। लेकिन ग्रामीण इलाक़ों में सड़कों की बदहाली, बिजली की किल्लत, पंचायतों तक फैले भ्रष्टाचार के अलावा शहरी मतदाताओं के लिए महंगाई भी एक बड़ा मुद्दा है। जब तक जेडीयू-बीजेपी की मिलीजुली सरकार थी तब राज्य सरकार के कामकाज़ पर काफी हद कर पर्दा पड़ा हुआ था। लालू यादव तब मुख्य विपक्षी पार्टी के तौर पर मौजूद थे, लेकिन उनके ख़ुद के 15 साल के शासनकाल में बिहार ने बदहाली की जो तस्वीर देखी थी इस वजह से नीतीश सरकार को लेकर उनकी आलोचना को ज़्यादा गंभीरता से नहीं लिया जाता था। बीजेपी जब सरकार से अलग हुई तब उसने वो विपक्ष की भूमिका में आ गई और उसने नीतीश सरकार पर प्रहार करना शुरू किया। इससे राज्य में सरकार विरोधी माहौल बनना शुरू हुआ। दूसरी तरफ, महंगाई और भ्रष्टाचार को लेकर जिस तरह से यूपीए सरकार घिरी उससे बिहार के मतदाताओं में भी केन्द्र की सत्ताविरोधी लहर का थपेड़ा पहुंचा। बिहार में कांग्रेस अपनी संगठनात्मक कमज़ोरी के चलते हमेशा बैसाखी का सहारा लेने को मजबूर होती है। इस बार आरजेडी से गठबंधन का सहारा मिला। इससे दोनों पार्टियों को अपने वोट जोड़ने का मौक़ा मिला है। मुस्लिम और यादव वोटों का समीकरण आरजेडी-कांग्रेस को मज़बूत करता नज़र तो आ रहा है, लेकिन कहीं न कहीं जेडीयू के साथ और कहीं जेडीयू के ख़िलाफ ये वोट बैंक बंटता भी नज़र आ रहा है। अपने पहले कार्यकाल के दौरान नीतीश ने मुसलमानों की बेहतरी के लिए कई काम किए। ये बात अब भी मुस्लिम मतदाताओं के ज़ेहन में है। बीजेपी के साथ रहते हुए भी मुस्लिम मतदाता नीतीश के साथ रहे और दूसरी बार चुनने में अपनी भूमिका निभाई। ऐसे में जब नीतीश मोदी के नाम पर बीजेपी से अलग हो चुके हैं तो मुसलमानों का एक तबका मानता है कि नीतीश का साथ देने में बुराई नहीं। हालांकि 17 साल तक बीजेपी के साथ होने की सच्चाई भी मुसलमानों के बड़े तबके को नागवार गुज़र रहा है। कुल मिला कर कहा जाए तो बीजेपी उम्मीदवार को हरा मोदी को रोकने की कोशिश में मुस्लिम मतदाताओं के टैक्टीकल वोटिंग की चर्चा गर्म है। यानि बीजेपी के खिलाफ जहां जेडीयू के जीतने की संभावना ज़्यादा है, वहां जेडीयू को वोट और जहां आरजेडी-कांग्रेस की संभावना ज्यादा हो वहां इस गठबंधन को वोट। लेकिन ये अंतत: आरजेडी-कांग्रेस की संभावना को नुक्सान पहुंचाने वाला ही साबित होगा। उदाहरण के लिए जमुई सीट को लिया जा सकता है जहां दो बातें कही जा रहीं हैं। अव्वल तो ये कि एलजेपी-बीजेपी के उम्मीदवार चिराग पासवान को हराने के लिए यहां के मुस्लिम मतदाताओं ने अपना पूरा ज़ोर आरजेडी उम्मीदवार सुधांशु शेखर भास्कर के पीछे लगा दिया। वहीं ये भी कहा जा रहा है कि अच्छी ख़ासी तादाद में मुस्लिम वोट जेडीयू के साथ भी गया है। मुसलमान वोट बंटने की ये स्थिति बीजेपी-एलजेपी गठबंधन के लिए संभावना के नए द्वार खोलती है। सवाल यादव वोट के एकजुट रहने पर भी है। जैसे कि नवादा में आरजेडी के राजबल्लभ यादव और जेडीयू के कौशल यादव के बीच यादव वोटों का बंटवारा लाज़िमी है जिसका फायदा बीजेपी के गिरिराज सिंह को होने की उम्मीद है। यहीं ये बात अहमियत रखती है कि बीजेपी ने अपने उम्मीदवार तय करने में जातीय समीकरण का बखूबी ख़्याल रखा है। ख़्याल तो जेडीयू और आरजेडी ने भी रखा है लेकिन सेकुलरिज़्म का झंडा और जातीय पृष्ठभूमि की समानता के चलते के चलते वे आपस में लड़ते ही ज़्यादा नज़र आ रहे हैं। इसमें कोई शक नहीं कि मोदी के मज़बूत प्रचार तंत्र ने भी अपना काम बख़ूबी किया है। ख़ुद मोदी ने केन्द्र के साथ साथ राज्य सरकार पर भी लगातार हमले के ज़रिए ख़ुद को एकमात्र विकल्प के तौर पर पेश करने में क़ामयाबी हासिल की है। कुल मिला कर केन्द्र के खिलाफ गुस्सा और राज्य सरकार से नाराज़गी के बीच बीजेपी को फायदा मिलता नज़र आ रहा है। यही सब फैक्टर मिल कर 'मोदी लहर' के प्रचार को हवा दे रहे हैं। दरअसल अगर मोदी नाम की कोई लहर है तो वह स्वत: स्फूर्त नहीं बल्कि उसकी पैदाईश कहीं न कहीं 'सत्ता विरोधी लहर' में ही छिपी है।
मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में रविवार को उस वक्त बड़ा बस हादसा हो गया जब एक बस नदी में जा गिरी. इस घटना में 10 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लापता हैं. प्रशासन के मुताबिक मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है. 10 शव बरामद बताया जा रहा है कि शमशाबाद से लटेरी जा रही यात्री बस का अचानक संतुलन बिगड़ गया और बस नदी में जा गिरी. बस के नदी में गिरने की सूचना मिलते ही बड़ी तादाद में स्थानीय लोग और पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गए और बस में फंसे लोगों को बाहर निकाला. इस दौरान लगभग 10 शव भी बरामद किए गए. बढ़ सकता है मरने वालों का आंकड़ा बताया जा रहा है कि बस में लगभग 40 लोग सवार थे. प्रशासन के मुताबिक अभी भी लगभग 20 लोग लापता हैं. प्रशासन ने मृतक संख्या बढ़ने की आशंका जताई है. बचाए गए लोगों का इलाज स्थानीय अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है. सीएम ने जताया दुख घटना पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी दुख जताया. उन्होने ट्वीट कर मारे गए लोगों की आत्मा की शांति की प्रार्थना की है. साथ ही उन्होंने बताया कि प्रशासन पूरी मुस्तैदी से राहत और बचाव कार्य में लगा हुआ है और वो लगातार बचाव टीम के संपर्क में हैं. राहत और बचाव कार्य में प्रशासन पूरी मुस्तैदी से लगा हुआ है। प्रभावितों को हरसंभव मदद दी जायेगी। मैं भी निरंतर बचाव टीम के संपर्क में हूँ। — ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) October 2, 2016 मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये की घोषणा मुख्यमंत्री ने हादसे में मरने वाले लोगों के परिजनों को सहायता राशि के तौर पर 2 लाख रुपये देने का ऐलान किया है. साथ ही घायलों के मुफ्त इलाज के भी निर्देश दिए हैं. सीएम @ChouhanShivraj ने विदिशा-संजय सागर बाँध यात्री बस हादसे में मृतक के परिजन को २ लाख व घायलों को रु.२५००० सहायता राशि देने की घोषणा की। — CMO Madhya Pradesh (@CMMadhyaPradesh) October 2, 2016 गृहमंत्री ने दिए जांच के आदेश मध्य प्रदेश के परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने शमशाबाद में हुए बस हादसे की जांच के आदेश दिए हैं. भूपेंद्र सिंह ने बताया कि अपर परिवहन आयुक्त घटना की जांच करेंगे और 24 घंटे में रिपोर्ट देंगे. जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.
अलेक्सांदर निकलाएविच सेंकेविच (जन्म 26 फ़रवरी १९४१ मास्को, सोवियत संघ) कवि, कथाकार, आलोचक, साहित्यिक अनुवादक और भारतविज्ञ विद्वान । जीवन अलेक्सांदर निकलाएविच सेंकेविच का जन्म मास्को में एक भू-वैज्ञानिक परिवार में हुआ। उन्होंने १९६४ में मास्को राजकीय विश्वविद्यालय के पूर्वी भाषा संस्थान की शिक्षा समाप्त की। इसके बाद उन्होंने पीएच.डी. की और फिर भाषाशास्त्र में डॉक्टरेट की । आजकल वे भारत के साथ सांस्कृतिक और व्यावसायिक सहयोग समाज के अध्यक्ष हैं। इनकी कविताएँ पहली बार १९६७ में 'कमसामोल्स्कया प्राव्दा' समाचार पत्र में प्रकाशित हुई थीं। उनकी रचनाओं में भी यह झलक साफ़-साफ़ दिखाई देती है कि वे एक भारतविद हैं। साहित्यिक उपलब्धियाँ इनकी पहली पुस्तक हिंदी के महाकवि हरिवंशराय बच्चन को समर्पित थी। उनकी दूसरी पुस्तक थी- 'समाज, संस्कृति, कविता- आज़ादी के बाद की हिंदी कविता'। हिंदी में भी उनकी दो किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। १९८३ में गरिमाश्री प्रकाशन, दिल्ली से 'बच्चनः एक व्याख्या' और १९८४ में प्रकाशन संस्थान, नई दिल्ली से 'समकालीन हिंदी साहित्य'। लेक्सांदर सेंकेविच ने कवि के रूप में भी रूसी कविता में अपना विशिष्ट स्थान बनाया है। उनके अभी तक चार कविता-संग्रह आए हैं, जिन्हें पाठकों ने हाथों-हाथ लिया है। 'आकस्मिक खेल' (१९९४) और २००२ में प्रकाशित 'चूवस्त्वा बित्या' (घरबार की भावना) नामक कविता-संग्रहों के अलावा सेंकेविच के 'चमकदार अंधेरा' (२००४) और हाल ही में २००७ में प्रकाशित 'पूर्वसूचना' नामक संग्रह प्रकाशित हुए हैं। इसके अलावा उन्होंने एक उपन्यास भी लिखा है, जिसका नाम है- 'इरीना ब्लावात्स्कया के भाग्य का रहस्य' (२००५)। अनुवाद अलेक्सांदर सेंकेविच ने बीसवीं शताब्दी के हिंदी के सभी बड़े कवियों की कविताओं का रूसी भाषा में अनुवाद किया है, जिनमें अज्ञेय, बच्चन, अशोक वाजपेयी, रघुवीर सहाय, श्रीकांत वर्मा आदि का नाम प्रमुख है। इसके अलावा उन्होंने हिंदी के अपेक्षिकृत युवा पीढ़ी के कवियों की रचनाओं के अनुवाद भी रूसी में प्रकाशित किए हैं जैसे विश्वनाथप्रसाद सिंह, गोरख पांडेय, मंगलेश डबराल, उदय प्रकाश, नरेंद्र जैन, अरुण कमल. अनिल जनविजय, गगन गिल और स्वप्निल श्रीवास्तव आदि। कभी 'दिनमान' में अलेक्सांदर सेंकेविच की कविताएँ भी प्रकाशित होती थीं, जिनका अनुवाद सर्वेश्वरदयाल सक्सेना और रघुवीर सहाय जैसे कवि करते थे। अलेक्सांदर सेंकेविच ने भारत संबंधी अनेक अभियानों की आयोजन और नेतृत्व किया है। उनकी पहल पर और उनके नेतृत्व में अनेक रूसी अभियान दलों ने उत्तर भारत के हिमालयी क्षेत्रों के अलावा, भूटान, नेपाल और तिब्बत की खोज यात्राएँ की हैं। अलेक्सांदर सेंकेविच रूस से हिन्दी लेखकों को दिए जाने वाले ’पुश्किन सम्मान’ की ज्यूरी के स्थाई सदस्य हैं। उन्हें २००७ में इवान बूनिन पुरस्कार मिल चुका है। सन्दर्भ रूसी विकिपीडिया में : https://web.archive.org/web/20190426151215/https://ru.wikipedia.org/wiki/%D0%A1%D0%B5%D0%BD%D0%BA%D0%B5%D0%B2%D0%B8%D1%87,_%D0%90%D0%BB%D0%B5%D0%BA%D1%81%D0%B0%D0%BD%D0%B4%D1%80_%D0%9D%D0%B8%D0%BA%D0%BE%D0%BB%D0%B0%D0%B5%D0%B2%D0%B8%D1%87 बाहरी कड़ियाँ अलेकसादर सिंकेविच की किताबें सिंकेविच, अलेक्सान्द्र निकोलायेविच सिंकेविच, अलेक्सान्द्र निकोलायेविच
यह लेख है: अफगानिस्तान के कंधार प्रांत में पुलिसकर्मियों एवं प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में आठ संदिग्ध तालिबानी आतंकवादी मारे गए तथा 10 अन्य घायल हो गए। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, यह घटना बुधवार को उस वक्त हुई जब पाकिस्तानी सेना के नानगरहार प्रांत के गोश्ता जिले में घुसपैठ करने के विरोध में बड़ी संख्या में लोग मैवांद जिले में प्रदर्शन कर रहे थे।टिप्पणियां एक अधिकारी ने कहा,  लेकिन इस अवसर का लाभ उठा कर तालिबानी आतंकवादी प्रदर्शनकारियों के बीच घुस आए और पुलिस पर गोलीबारी शुरू कर दी जिससे पुलिस की जवाबी कार्रवाई में आठ आतंकवादियों की मौत हो गई। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के सीमा सुरक्षा बलों केबीच गोश्ता जिले में गत बुधवार से दो बार गोलीबारी हो चुकी है। इसके बाद से कंधार सहित विभिन्न शहरों में लोग पाकिस्तान की कथित घुसपैठ के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, यह घटना बुधवार को उस वक्त हुई जब पाकिस्तानी सेना के नानगरहार प्रांत के गोश्ता जिले में घुसपैठ करने के विरोध में बड़ी संख्या में लोग मैवांद जिले में प्रदर्शन कर रहे थे।टिप्पणियां एक अधिकारी ने कहा,  लेकिन इस अवसर का लाभ उठा कर तालिबानी आतंकवादी प्रदर्शनकारियों के बीच घुस आए और पुलिस पर गोलीबारी शुरू कर दी जिससे पुलिस की जवाबी कार्रवाई में आठ आतंकवादियों की मौत हो गई। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के सीमा सुरक्षा बलों केबीच गोश्ता जिले में गत बुधवार से दो बार गोलीबारी हो चुकी है। इसके बाद से कंधार सहित विभिन्न शहरों में लोग पाकिस्तान की कथित घुसपैठ के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। एक अधिकारी ने कहा,  लेकिन इस अवसर का लाभ उठा कर तालिबानी आतंकवादी प्रदर्शनकारियों के बीच घुस आए और पुलिस पर गोलीबारी शुरू कर दी जिससे पुलिस की जवाबी कार्रवाई में आठ आतंकवादियों की मौत हो गई। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के सीमा सुरक्षा बलों केबीच गोश्ता जिले में गत बुधवार से दो बार गोलीबारी हो चुकी है। इसके बाद से कंधार सहित विभिन्न शहरों में लोग पाकिस्तान की कथित घुसपैठ के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के सीमा सुरक्षा बलों केबीच गोश्ता जिले में गत बुधवार से दो बार गोलीबारी हो चुकी है। इसके बाद से कंधार सहित विभिन्न शहरों में लोग पाकिस्तान की कथित घुसपैठ के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।
यह एक लेख है: रामजन्मभूमि और बाबरी मस्जिद भूमि विवाद (Ram Janmbhoomi Babri Masjid dispute) में दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) शुक्रवार को सुवनाई करेगा. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजय किशन कौल की पीठ यह भी तय करेगी कि उचित बेंच राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामले की सुनवाई कब करेगी. शुक्रवार को होने वाली सुनवाई से यह साफ हो सकता है कि आखिर इस विवाद (Ram Janmbhoomi Babri Masjid dispute) में कोई फैसला लोकसभा चुनाव से पहले आ सकता है या नहीं. इस मामले की सुनावई तीन जजों की बेंच (Supreme Court) को करनी है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की पीठ अयोध्या विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 13 अपीलों पर सुनवाई कर रहा है. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में अयोध्या (Ram Janmbhoomi Babri Masjid dispute) में 2.77 एकड़ के इस विवादित स्थल को इस विवाद के तीनों पक्षकार सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और  राम लला के बीच बांटने का आदेश दिया था. इस मामले में पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में याचिकाओं पर शीघ्र सुनवाई से इनकार कर दिया था. उस दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने कहा था कि उसने पहले ही अपीलों को जनवरी में उचित पीठ के पास सूचीबद्ध कर दिया है. अखिल भारतीय हिंदू महासभा की ओर से उपस्थित अधिवक्ता बरुण कुमार के मामले पर शीघ्र सुनवाई करने के अनुरोध को खारिज करते हुए पीठ ने कहा था कि हमने आदेश पहले ही दे दिया है. अपील पर जनवरी में सुनवाई होगी. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि अदालत की अपनी प्राथमिकताएं हैं. उचित पीठ ही जनवरी में तय करेगी कि इसकी सुनवाई जनवरी, फरवरी में हो या उसके बाद. ध्यान हो कि इससे पहले पिछले साल 27 सितंबर को तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की बेंच ने 2-1 के बहुमत से फैसला दिया था कि 1994 के संविधान पीठ के फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत नहीं है, जिसमें कहा गया था कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है. उस समय तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा और जस्टिस अशोक भूषण ने बहुमत के फैसले में मुस्लिम दलों में से एक के लिए पेश वरिष्ठ वकील राजीव धवन की दलीलों को ठुकरा दिया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि 1994 के पांच जजों के संविधान पीठ के फैसले जिसमें " मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है और नमाज कहीं भी पढ़ी जा सकती है, यहां तक की खुले में भी" की बात कही गई थी पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है. जस्टिस अशोक भूषण ने फैसला पढ़ते हुए कहा था कि ये टिप्पणी सिर्फ अधिग्रहण को लेकर की गई थी. सभी धर्म, मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च बराबर हैं. इस फैसले का असर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 में टाइटल के मुकदमे के फैसले पर नहीं पड़ा. इसलिए इस पर फिर से विचार की जरूरत नहीं है. पीठ ने जमीनी विवाद मामले की सुनवाई 29 अक्तूबर से शुरू होने वाले हफ्ते से करने के निर्देश जारी किए थे. वहीं तीसरे जज एस जस्टिस अब्दुल नजीर इससे सहमत रहे. उन्होंने कहा कि 1994 के इस्माईल फारूखी फैसले पर पुनर्विचार की आवश्यकता है क्योंकि इस पर कई सवाल हैं. ये टिप्पणी बिना विस्तृत परीक्षण और धार्मिक किताबों के की गईं. उन्होंने कहा कि इसका असर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के फैसले पर भी पड़ा था, इसलिए इस मामले को संविधान पीठ में भेजना चाहिए.
उत्तराखंड प्रति व्यक्ति आय के मामले में लगातार तेजी से प्रगति पथ पर कदम ताल कर रहा है. वित्त वर्ष 2013-14 में राज्य में प्रति व्यक्ति आय एक लाख रु. का आंकड़ा पार कर चुकी है. राज्य के आर्थिक और सांख्यिकी विभाग के मुताबिक, उत्तराखंड में प्रति व्यक्ति आय पिछले वित्त वर्ष में 92,191 रु. से बढ़कर अब 1.03 लाख रु. पर पहुंच गई है. अर्थव्यवस्था में इस तेजी की वजह पर्यटन उद्योग है. 2012 में करीब 2.84 करोड़ पर्यटक उत्तराखंड के 264 ठिकानों पर सैर-सपाटा करने पहुंचे. एसोचौम के मुताबिक, पर्यटन उद्योग से राज्य में करीब 1,80,000 लोगों को सीधे रोजगार मिलता है. सो, 2010-11 और 2011-12 में राज्य के पूंजीगत व्यय में 36 फीसदी वृद्धि दर्ज हुई. यह दूसरे बड़े राज्यों में औसतन 20 फीसदी वृद्धि दर के मुकाबले काफी अच्छी है. उत्तराखंड गांवों में बिजली पहुंचाने के मामले में 100 फीसदी का मुकाम हासिल करने जा रहा है. फिलहाल 98.32 फीसदी गांवों में बिजली पहुंचाई जा चुकी है. उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सुमेर सिंह यादव कहते हैं, ‘‘हमें अभी 123 गांवों में बिजली पहुंचानी है. ये गांव घने जंगलों के अंदर हैं.’’ बैंक भी राज्य में अपनी शाखाएं खोल रहे हैं. 2013 के अंत में बैंक शाखाओं की संख्या 1,175 हो गई थी जबकि 2011 में इनकी संख्या 978 ही थी.
पिछले कुछ समय में बॉलीवुड इंडस्ट्री में फिटनेस को लेकर जागरूकता जबरदस्त स्तर पर आगे बढ़ी है. जहां सभी टॉप सितारे काफी फिट हैं वही कई डायरेक्टर्स, कोरियोग्राफर्स और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोग भी अपनी फिटनेस पर ध्यान देने लगे हैं. हाल ही में मशहूर कोरियोग्राफर रेमो डिसूजा की पत्नी लिजेल डिसूजा ने भी अपनी वेट लॉस यात्रा को इंस्टाग्राम पर शेयर किया है. लिजेल ने अपनी इस फिटनेस यात्रा को पिछले साल अक्तूबर-नवंबर में शुरू किया था और उनकी हालिया तस्वीरों में वे शानदार ट्रांसफॉर्मेशन करने में कामयाब रही हैं. गौरतलब है कि रेमो ने अपनी और लिजेल की तस्वीर शेयर की थी और उनकी फिटनेस के लिए उन्हें कॉम्प्लीमेंट दिया था. उन्होंने इस तस्वीर को कैप्शन देते हुए बताया कि लिजेल ने ये ट्रांसफॉर्मेशन 7 नवंबर 2018 से लेकर 3 जून 2019 में किया है. लिजेल और रेमो की मुलाकात एक डांस ग्रुप में हुई थी. दोनों इस ग्रुप का हिस्सा थे और बैकग्राउंड डांसर्स के तौर पर काम करते थे. दोनों ने इसके बाद लव मैरिज की थी. रेमो और लिजेल के दो बेटे हैं. सोशल मीडिया पर रेमो और लिजेल अक्सर पोस्ट करते रहते हैं. दोनों ने एक दूसरे के नाम के टैटूज़ भी बनवाए हैं. जहां रेमो ने ये टैटू अपनी पीठ पर बनवाया है वही उनकी पत्नी ने ये टैटू अपने हाथ पर बनवाया है. View this post on Instagram Now this is some dedication so proud of you @lizelleremodsouza you proved that impossible means I M POSSIBLE “. Keep inspiring me and keep loving me :) love. :)))) #transformatio #7 nov 18 to 3 jun 19. And special thanks to @_praveen_nair A post shared by Remo Dsouza (@remodsouza) on Jul 5, 2019 at 3:38am PDT वर्कफ्रंट की बात करें तो रेमो ने कुछ समय पहले सलमान खान की मल्टीस्टारर फिल्म रेस 3 का निर्देशन किया था. इस फिल्म के सहारे बॉबी देओल ने अपना कमबैक किया था. इस फिल्म को क्रिटिक्स का खास रिस्पॉन्स नहीं मिला था लेकिन फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 100 करोड़ से अधिक की कमाई की थी. इसके अलावा वे अपनी डांस फिल्मों और डांस रियैल्टी शोज़ के चलते चर्चा में रहते हैं.
दिल्ली की एक अदालत ने कहा है कि किसी बच्‍चे के जन्म से पहले उसकी मां के साथ अलग रहने का समझौता होने के बावजूद व्यक्ति अवैध बच्‍चे की देखभाल के लिए गुजारा भत्ता देने से बच नहीं सकता है. अदालत ने व्यक्ति के इस दावे को खारिज कर दिया कि वह किसी भी जवाबदेही से मुक्त है क्योंकि उसके और बच्‍चे की मां के बीच समझौता हुआ था कि एक बार 50 हजार रुपये की राशि प्राप्त करने के बाद वह संबंधों के किसी भी मुद्दे को नहीं उठाएगी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनुराधा शुक्ला भारद्वाज को मजिस्ट्रेट की अदालत के फैसले में कोई खामी नजर नहीं आई जिसने बच्‍चे की देखभाल के लिए सीआरपीसी की धारा 125 के तहत दो हजार रुपये प्रति महीने भुगतान करने का आदेश इस व्यक्ति को दिया था. यह धारा वैध के साथ ही अवैध बच्‍चे की देखभाल के लिए आवश्यक रूप से भुगतान करने से संबंधित है. सत्र न्यायाधीश ने यह भी गौर किया कि समझौते पर महिला ने सवाल खड़े किए हैं और इस साक्ष्य की प्रमाणिकता के बारे में जांच होनी है. ऐसी स्थिति में नाबालिग को इस वक्त उसके अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता. अदालत ने बच्‍चे के जन्म प्रमाण पत्र सहित पूरे दस्तावेज को देखने के बाद यह आदेश दिया जिसमें व्यक्ति का नाम उसके पिता के रूप में लिखा हुआ था.
आतंकवादी संगठन ISIS ने जॉर्डन के पायलट की नृशंस हत्या की, जिसके फौरन बाद जॉर्डन ने भी आतंकियों के खि‍लाफ कड़ी कार्रवाई की. बुधवार सुबह उसने दो आतंकियों को फांसी पर लटका दिया था. इनमें एक महिला भी थी. यह महिला खूंखार आतंकी साजिदा अल रिशावी थी, जिसने अमान में 2005 में तीन होटलों को बम से उड़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. जॉर्डन के पकड़े गए पायलट के बदले उसे छोड़ने की मांग आईएसआईएस ने की थी. लेकिन इसके पहले जॉर्डन सरकार कोई कदम उठाती, उसे जिंदा जला दिया गया. इस घटना से सारा जॉर्डन उबल रहा है और वहां के बादशाह ने जवाबी कार्रवाई की घोषणा की और फौरन दो आतंकियों को लटका देने का हुक्म दिया. साजिदा के अलावा एक और आतंकी जियाद अल-कर्बावली को मौत की सजा दी गई. साजिदा को फांसी की सजा बहुत पहले दी गई थी, लेकिन उसका पालन नहीं हो पा रहा था.
यह एक लेख है: मुअम्मर कज्जाफी के सबसे मजबूत गढ़ त्रिपोली पर मंगलवार को नाटो ने अब तक की सबसे भारी बमबारी की। इसी बीच अमेरिका के एक वरिष्ठ राजनयिक ने कहा है कि राष्ट्रपति बराक ओबामा ने लीबिया के विद्रोही नेशनल ट्रांजिशनल कांसिल का कार्यालय वाशिंगटन में खोलने के लिए आमंत्रित किया है। लीबिया के शासन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय हवाई हमलें और राजनयिक कदम बढ़ा रहा है ताकि गतिरोध को तोड़ जा सके। विद्रोही पूर्व में और कज्जाफी पश्चिम में अपना गढ कायम किए हुए हैं। नाटो के हवाई हमलें आधे घंटे के अंतराल पर हुए जिसके बाद मध्य त्रिपोली के कज्जाफी के विशाल बाब अल अजिजिया परिसर के पास के इलाके में तीखी गंध वाले धुंए का गुबार देखा गया। सरकार के प्रवक्ता मुसा इब्राहिम ने संवाददाताओं को बताया कि लीबियाई सेना के द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाली इमारतों पर किए गए नाटो के हवाई हमलों में कम से कम तीन लोग मारे गये हैं जबकि दर्जनों लोग घायल हुए हैं। बाब अल अजिजिया परिसर से शक्तिशाली धमाकों की आवाजें सुनी गई। इसके साथ ही आस पास के इलाकों से युद्धक विमानों समेत पंद्रह शक्तिशाली धमाकों की आवाजें सुनी गई। नाटो ने अपने वक्तव्य में कहा कि बाब अल अजिजिया के करीब वाहनों को रखे जाने वाले परिसर को निशाना बनाया गया जिसका इस्तेमाल नागरिकों पर हमले के लिए बल की आपूर्ति के लिए किया जा रहा था। त्रिपोली सेंट्रल अस्पताल में तीन घायल युवाओं के शव को स्ट्रेचर पर पड़ा दिखाया गया।
मोदी का स्वागत करते हुए पुतिन ने कहा कि उनकी यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों को एक नई गति मिलेगी. पुतिन ने कहा, 'हमारे रक्षा मंत्रालयों के बीच करीबी संपर्क और सहयोग है. यह हमारे बीच भागीदारी के काफी ऊंचे रणनीतिक स्तर का सबूत है.' उन्होंने बहुपक्षीय मंचों की कूटनीति विशेषकर संयुक्त राष्ट्र, ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) और एससीओ में दोनों देशों के बीच तालमेल की भी प्रशंसा की.
माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर का ऐप काफी पॉपुलर है. इस ऐप को ऑग्मेंटेड रियलिटी पर इस्तेमाल करना एक नया अनुभव देता है. अगर आपने आयरनमैन फिल्म देखी है तो उस फिल्म में टोनी स्टार्क यान रॉबर्ड डाउनी जूनियर एक कंप्यूटर पर काम करते हैं जो पूरी तरह वर्चुअल होता है. ठीक ऐसे ही आप इस नए ऐप Tweetreality को समझ सकते हैं. इस ऐप के जरिए आपका ट्विटर टाइमलाइन आपके डेस्क पर आ सकता है, आपके कमरे में दिख सकता है. पोकमॉन गो खेला है तो आप समझ सकते हैं कैसे असली फ्लोर पर वर्चुअल पोकेमॉन्स दिखाई देते हैं. दरअसल ऑग्मेंटेड रियलिटी का कॉन्सेप्ट ही यही है कि असली दुनिया में वर्चुअल चीजें आपको दिखती हैं. हमने TweetReality ऐप के फाउंडर ऑस्कर फॉल्मर से एक्स्क्ल्यूसिव बातचीत की है. इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कई बाते कहीं हैं जो काफी दिलचस्प हैं. ऑस्कर फॉल्मर का मानना है कि ऐपल ने डेवेलपर्स के लिए ऑग्मेंटेड रियिलीट किट जारी किया है जिसकी मदद से कंपनी आने वाले समय में AR ग्लास में यूज करेगी. ऐपल कुछ सालों में ऐपल ग्लास ला सकता है. AR ग्लास से ऐपल होलोग्रामिक इंटरफेस तैयार करेगा जैसा हम फिल्मों में देखते हैं. ऐसा ही सोचते हुए मैने इस ऐप को तैयार किया है. सवाल: ट्विटर ऐप के लिए वर्चुअल रियलिटी प्लेटफॉर्म बनाने के लिए आपके दिमाग में क्या आईडिया था? ऑस्कर फाल्मर: मैंने अब तक ऐप स्टोर के लिए 5 ऐप्स बनाए हैं. लेकिन इस साल मैंने कुछ बड़ा करने की तैयारी की . अगली बड़ी चीज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑग्मेंटेड रियलिटी है और इस बार ऐपल ने iOS डेवेलपर के लिए ARKit रीलीज किया है जिससे ऑग्मेंटेड रियलिटी ऐप्स बनाए जा सकते हैं. होलोग्राफिक इंटरफेस के लिए ट्विटर काफी बेहतरीन है. सवाल: इस ऐप के क्या फायदे हैं ? ऑस्कर फॉल्मर: यह ऐप आपको 3D इंटरफेस में ट्विटर के साथ इंटरऐक्ट करने का मौका देता है. इस ऐप में लगभग वो सभी फीचर्स सपोर्ट हैं जो ट्विटर में दिए गए हैं. सवाल: क्या फेसबुक के लिए भी ऑग्मेंटेड रियलिटी ऐप बनाएंगे जिसे होलोग्राफिक इंटरफेस में यूज किया जा सके. ऑस्कर फॉल्मर: फेसबुक में कई अलग तरीके के कॉन्टेंट्स हैं और मुझे लगता है कि फेसबुक के लिए ऐसा इंटरफेस बनाना काफी जटिल है, लेकिन क्यों नहीं कई लोगों ने मुझे ऐसा ही इंटरफेस इंस्टाग्राम के लिए भी बनाने को कहा है. सवाल: इस ऐप में नए फीचर्स को जोड़ने का कोई प्लान है? ऑस्कर फॉल्मर: यह ऐप ऐसा कॉन्सेप्ट है जिसे हम AR ग्लास से करते हैं. निश्चित तौर पर मैं इसका अपडेट जारी करूंगा, लेकिन मैं इससे ज्यादा दूसरा AR ऐप बनाने की तैयारी में हूं जिसमें अलग फीचर दिए जाएंगे. सवाल: सोशल मीडिया में ऑग्मेंटेड रिलयिलिटी का क्या भविष्य है? क्या यह सोशल मीडिया इस्तेमाल करने का अनुभव बदल सकता है? ऑस्कर फॉल्मर : मुझे लगता है कि ऑग्मेंटेड रियलिटी का भविष्य अविश्वसनीय है और हम जानकारियां और लोगों के साथ इंटरऐक्शन्स अलग तरीके के अनुभव के साथ इस्तेमाल किया जाएगा. जटिल टेक्नलॉलॉजी से नए डायमेन्शन्स में जानकारियों का इस्तेमाल कर सकते हैं. आने वाले समय में हम निश्चित तौर पर जो हम फिंगर्स से कर सकते हैं वो दिमाग से कर सकते हैं. यह एक शुरुआत है और माइनोरिटी रिपोर्ट असली हो जाएगा. अगर आपको नहीं पता तो बता दें कि टॉम क्रूज की फिल्म जिसमें हॉलोग्राफिक इंटरफेस दिखाया गया है.
यह लेख है: देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी - मार्च) के दौरान 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है. उद्योग मंडल फिक्की ने यह बात कही. पूरे वित्त वर्ष 2017-18 में जीडीपी की वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) चौथी तिमाही के जीडीपी आंकड़े 31 मई को जारी करने वाला है.  फिक्की के आर्थिक परिदृश्य सर्वे में कहा गया है कि पूरे वित्त वर्ष 2017-18 में स्थिर मूल्य पर जीडीपी की वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है. बीते वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही है. फिक्की का यह सर्वे अर्थशास्त्रियों की राय पर आधारित है.  फिक्की ने कहा कि 2018-19 में जीडीपी की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है. यह न्यूनतम 6.9 प्रतिशत और अधिकतम 7.5 प्रतिशत रह सकती है. फिक्की के सर्वे में विदेश में घटनाक्रमों पर कुछ चिंता जताई गई है. इसमें 2018-19 में औसत चालू खाते का घाटा (कैड) जीडीपी के 2.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है.  टिप्पणियां सर्वे में कहा गया है कि कच्चे तेल के बढ़ते दाम सबसे बड़ा जोखिम है. इसके अलावा कमजोर रुपये की वजह से आयात पर दबाव बढ़ सकता है. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि साल के शेष हिस्से में भी रुपया दबाव में रह सकता है. फिक्की के अनुसार अर्थशास्त्रियों में इसको लेकर एकमत है कि व्यापार युद्ध की वजह से भारत अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हो सकता है.   (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) फिक्की के आर्थिक परिदृश्य सर्वे में कहा गया है कि पूरे वित्त वर्ष 2017-18 में स्थिर मूल्य पर जीडीपी की वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है. बीते वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही है. फिक्की का यह सर्वे अर्थशास्त्रियों की राय पर आधारित है.  फिक्की ने कहा कि 2018-19 में जीडीपी की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है. यह न्यूनतम 6.9 प्रतिशत और अधिकतम 7.5 प्रतिशत रह सकती है. फिक्की के सर्वे में विदेश में घटनाक्रमों पर कुछ चिंता जताई गई है. इसमें 2018-19 में औसत चालू खाते का घाटा (कैड) जीडीपी के 2.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है.  टिप्पणियां सर्वे में कहा गया है कि कच्चे तेल के बढ़ते दाम सबसे बड़ा जोखिम है. इसके अलावा कमजोर रुपये की वजह से आयात पर दबाव बढ़ सकता है. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि साल के शेष हिस्से में भी रुपया दबाव में रह सकता है. फिक्की के अनुसार अर्थशास्त्रियों में इसको लेकर एकमत है कि व्यापार युद्ध की वजह से भारत अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हो सकता है.   (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) फिक्की ने कहा कि 2018-19 में जीडीपी की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है. यह न्यूनतम 6.9 प्रतिशत और अधिकतम 7.5 प्रतिशत रह सकती है. फिक्की के सर्वे में विदेश में घटनाक्रमों पर कुछ चिंता जताई गई है. इसमें 2018-19 में औसत चालू खाते का घाटा (कैड) जीडीपी के 2.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है.  टिप्पणियां सर्वे में कहा गया है कि कच्चे तेल के बढ़ते दाम सबसे बड़ा जोखिम है. इसके अलावा कमजोर रुपये की वजह से आयात पर दबाव बढ़ सकता है. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि साल के शेष हिस्से में भी रुपया दबाव में रह सकता है. फिक्की के अनुसार अर्थशास्त्रियों में इसको लेकर एकमत है कि व्यापार युद्ध की वजह से भारत अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हो सकता है.   (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) सर्वे में कहा गया है कि कच्चे तेल के बढ़ते दाम सबसे बड़ा जोखिम है. इसके अलावा कमजोर रुपये की वजह से आयात पर दबाव बढ़ सकता है. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि साल के शेष हिस्से में भी रुपया दबाव में रह सकता है. फिक्की के अनुसार अर्थशास्त्रियों में इसको लेकर एकमत है कि व्यापार युद्ध की वजह से भारत अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हो सकता है.   (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सलामी बल्लेबाज मुरली विजय ने फिरोजशाह कोटला के विकेट को बल्लेबाजी के लिये बेहद मुश्किल करार दिया है. मुरली विजय की माने तो मैच अभी बराबरी का है और दोनों ही टीमों में से कोई भी जीत दर्ज कर सकती है. भारत शनिवार को अच्छी शुरुआत का फायदा नहीं उठा पाया और उसने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक आठ विकेट पर 266 रन बनाकर केवल चार रन की बढत बनायी है. ऐसे में विजय को कल का दिन काफी महत्वपूर्ण लगता है. उन्होंने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा, ‘मैच काफी रोमांचक मोड़ पर चला गया है और दोनों टीमों का पलड़ा बराबर है. कल का दिन काफी महत्वपूर्ण होगा.' विजय से पूछा गया कि भारत कितने लक्ष्य की उम्मीद रहा है जिसे वह हासिल कर पाये. उन्होंने कहा, ‘हमें जो भी लक्ष्य मिलेगा हम उसे हासिल करने में सफल रहेंगे.’ फिरोजशाह कोटला की के विकेट पर रन बनाना आसान नहीं है लेकिन विजय ने माना कि उन्होंने गलत समय पर विकेट गंवाया क्योंकि उसके बाद भारतीय विकेटों का पतझड़ शुरू हो गया. उन्होंने कहा, ‘इस विकेट पर रन बनाना बहुत मुश्किल है. हमने खाली स्थानों पर शॉट खेलकर रन बटोरे. क्रीज पर अधिक से अधिक समय तक टिके रहना जरूरी था. मैं खुद के आउट होने के समय से निराश हूं. मैंने गलत समय पर विकेट गंवाया.’ ऑस्ट्रेलियाई टीम ने आज मैदान पर अधिक आक्रामक तेवर दिखाये लेकिन विजय ने कहा कि उनका रवैया सीरीज में शुरू से ऐसा रहा है. उन्होंने कहा, ‘वे पूरे टूर्नामेंट में ही आक्रामक रहे हैं. आज कोई नया नहीं था.’ विजय से जब मैदान में रविंदर जडेजा और डेविड वार्नर के बीच तनातनी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने उस घटना को अधिक तवज्जो नहीं दी. उन्होंने कहा, ‘यह खेल कहा हिस्सा है. मैं उस पर टिप्पणी नहीं कर सकता.’
जोनाथन डेविड गुड (जन्म 7 दिसंबर, 1985) एक "अमेरिकी पेशेवर पहलवान" और अभिनेता है, जो वर्तमान में "डब्लूडब्लूई" के लिए हस्ताक्षर किए गए हैं, जहां वह रिंग नाम डीन एम्ब्रोज के तहत रॉ ब्रांड पर प्रदर्शन करते हैं और वर्तमान में ब्रांड के टैग टीम चैंपियंस के आधे हिस्से में सेथ के साथ रोलंस अपने पहले दौर में (दोनों व्यक्तिगत रूप से और एक टीम के रूप में)। 2011 से, एम्ब्रोस डब्लूडई के पूर्व विकास क्षेत्र फ्लोरिडा चैम्पियनशिप रेसलिंग (एफसीडब्ल्यू) में अपने मौजूदा क्षेत्र, एनएक्सटी के साथ 2012 में डब्लूडब्लूई मेन रोस्टर में शामिल होने से पहले द शील्ड विद रोमन रीगिन्स और सेथ रोलिंस के सदस्य के रूप में भाग लिया था। एम्ब्रोस ने अपनी पहली चैम्पियनशिप जीता, जबकि ग्रुप में, संयुक्त राज्य अमेरिका चैंपियनशिप ने अपने 351-दिवसीय शासनकाल में इतिहास में तीसरा सबसे लंबा और डब्ल्यूडब्ल्यूई (2001 में विश्व चैम्पियनशिप रेसलिंग क्रय पर शीर्षक हासिल कर लिया) के भीतर एक कंपनी रिकॉर्ड होने के साथ। शील्ड के गोलमाल के बाद, एम्ब्रोस एक बार WWE विश्व चैंपियन और दो बार इंटरकांटिनेंटल चैंपियन बनने के लिए चले गए हैं। वह मनी इन दि बैंक का मैच विजेता 2016 में था और डब्लूडब्लूई वर्ल्ड हेवीवेट चैंपियन बनने के लिए अपने अनुबंध में सफलतापूर्वक बने। रॉ टैग टीम चैम्पियनशिप जीतने पर, एम्ब्रोस बीस-सातवीं ट्रिपल क्राउन चैंपियन और सोलहवें और सबसे कम उम्र के ग्रैंड स्लैम चैंपियन बन गए, और अब तक इसे पूरा करने के लिए एकमात्र शील्ड सदस्य हैं। एम्ब्रोस ने डब्ल्यूडब्ल्यूई के लिए कई पे-पर-व्यू इवेंट्स को शीर्षक दिया है और डब्ल्यूडब्ल्यूई स्टूडियोज प्रोडक्शन 12 राउंड 3: लॉकडाउन (2015) में अपनी अभिनय की शुरुआत की है। 2004 और 2011 के बीच उनके अन्य रिंग नाम जॉन मोक्सले के तहत स्वतंत्र सर्किट पर उनके काम के लिए भी अच्छा जाना जाता है। उन्होंने पूर्ण प्रभाव प्रो (एफआईपी), कॉम्बैट जोन रेसलिंग (सीडब्ल्यूडब्ल्यू), रिंग ऑफ ऑनर (आरओएच) कुश्ती का विकास (EVOLVE) और ड्रैगन गेट यूएसए (डीजीयूएसएए), एक बार एफआईपी वर्ल्ड हैवीवेट चैम्पियनशिप जीता, और सीज़ेडब्ल्यू वर्ल्ड हेवीवेट चैम्पियनशिप दो बार जीतें। प्रारंभिक जीवन जोनाथन दाऊद गुड का जन्म 7 दिसंबर 1985 सिनसिनाटी, ओहियो में हुआ था। उनकी अधिकांश कुश्ती व्यक्तित्व सिनसिनाटी के ईस्ट एंड में अपने वास्तविक जीवन परवरिश पर आधारित है, जहां उन्होंने सार्वजनिक आवास में अपने बचपन का अधिक खर्च किया। उनके पिता, जिन्होंने 70 मील दूर इंडियानापोल में काम किया था, वे गुड के जीवन में काफी हद तक अनुपस्थित थे और अच्छा कहा गया कि डब्लूडब्लूई में शामिल होने के बाद से उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि अपनी मादा के लिए किसी न किसी इलाके से घर खरीदने में सक्षम थी। सिनसिनाटी। कुश्ती वीडियो टेप में कुश्ती और कुश्ती के शुरुआती दिनों के बारे में कहानियों में पढ़कर अपने उत्थान से अपने भाग्य के रूप में कुश्ती से बचने के लिए कुश्ती के रूप में कुश्ती का इस्तेमाल किया गया। एक पहलवान के रूप में प्रशिक्षित होने के एक साल बाद, वह हाई स्कूल से बाहर निकल गया, जिसे बाद में उन्होंने पीटर गिबन्स की फिल्म ऑफिस स्पेस से काम करने के लिए और "बाहर की जाँच" करने के लिए तुलना की। सन्दर्भ
कैलासगिरि भारत के आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम शहर में एक पहाड़ी पर स्थित पार्क है। यह पार्क विशाखापत्तनम मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (वीएमआरडीए) द्वारा विकसित किया गया था और इसमें 380 एकड़ (150 हेक्टेयर) भूमि शामिल है जो वनस्पतियों और उष्णकटिबंधीय पेड़ों से भरी है। 173 मीटर (568 फीट) की दूरी पर स्थित इस पहाड़ी से विशाखापत्तनम शहर दिखता है। आंध्र प्रदेश सरकार ने 2003 में कैलाशगिरी को "सर्वश्रेष्ठ पर्यटक स्थल" के रूप में सम्मानित किया था। औसतन हर साल लगभग तीन लाख भारतीय और विदेशी पर्यटक पार्क में आते हैं। पर्यावरण की सुरक्षा के लिए, वीएमआरडीए ने पहाड़ी को प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र घोषित किया है। एक केबल कार पहाड़ी की चोटी से जुड़ती है जो आंध्र प्रदेश में अपनी तरह की पहली है। चित्र-दीर्घा सन्दर्भ विशाखपटनम ज़िला आन्ध्र प्रदेश में पर्यटन आकर्षण
कुछ दिनों पहले 16 साल के छात्र को 12 लाख रुपये के पैकेज को गूगल ने फेक बताया है. खबर थी की चंडीगढ़ के रहने वाले 16 साल के छात्र को इंटरनेट जायंट गूगल ने आयकन डिजाइनिंग के लिए सलेक्ट कर लिया है और इसके लिए कंपनी उसे 12 लाख रुपये प्रति माह का पैकेज दे रही है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार वायरल हो रही ये खबर बिलकुल फेक है और इसका कोई आधार नहीं है. गूगल ने यह स्पष्ट किया है कि उन्होंने ऐसी कोई नियुक्त‍ि नहीं की है. वायरल हुई खबरों के अनुसार 16 साल के इस छात्र का नाम है हर्ष‍ित शर्मा है. हर्ष‍ित ने सरकारी मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल (GMSSS) से 12वीं पास की और अगस्त में वो अब अमेरिका के लिए रवाना होने वाला है. इस इंजीनियर ने छोड़ा लाखों का पैकेज, शुरू किया चाय बेचने का काम अब गूगल ने इस खबर को सिरे से इनकार कर दिया है कि उन्होने किसी 12th के लड़के को 1.44 करोड़ सलाना पैकेज की नौकरी ऑफर नहीं की है. एक करोड़ पौधे लगाने वाले को लोग कहते थे 'पागल', मिला पद्मश्री हर्ष‍ित का परिवार मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हर्ष‍ित के माता-पिता शिक्षक हैं. उनका छोटा भाई कक्षा 10वीं में पढ़ता है. हर्ष‍ित पढ़ाई करने के लिए अपने चाचा जी के पास रहते थे, जो डेरा बस्सी में रहते हैं. गूगल द्वारा इनकार किए जाने के बाद हर्षित के परिवार वालों ने मीडिया से बातचीत करने से इनकार कर दिया.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन में हुई अनियमितता के सिलसिले में राजधानी दिल्ली में कई ठिकानों पर छापेमारी की। सीबीआई के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, "छापेमारी जारी है लेकिन हम स्थानों और कार्यालयों के बारे में जानकारी नहीं दे सकते।" खेलों के आयोजन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। भ्रष्टाचार के आरोप में आयोजन समिति के पूर्व अध्यक्ष सुरेश कलमाडी के सहयोगी शेखर देवरुखकर को 11 फरवरी को गिरफ्तार किया जा चुका है।
यह एक लेख है: लगातार खराब प्रदर्शन के कारण सचिन तेंदुलकर की आलोचनाओं का दौर भले ही तेजी से बढ़ रहा हो, लेकिन भारतीय टीम के उनके पूर्व साथी राहुल द्रविड़ को लगता है कि टीम को सीनियर बल्लेबाज की अब ज्यादा जरूरत है। इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा चार टेस्ट मैचों की शृंखला में तेंदुलकर का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। द्रविड़ ने कहा, भारतीय टीम को उसकी (तेंदुलकर की) पहले से ज्यादा अब जरूरत है। 1-1 से बराबरी की शृंखला में सीनियर खिलाड़ियों का टीम में बने रहना बहुत महत्वपूर्ण है और ऐसा करने में सचिन से बेहतर कौन हो सकता है।टिप्पणियां तेंदुलकर की खराब फॉर्म ने टीम में उनके स्थान पर सवालिया निशान लगा दिए हैं और पूर्व खिलाड़ी जैसे सुनील गावस्कर ने सलाह दे डाली कि उन्हें (तेंदुलकर) भविष्य की योजनाओं के बारे में चयनकर्ताओं से बात करनी चाहिए, लेकिन द्रविड़ को लगता है कि इस 39-वर्षीय क्रिकेटर की टीम में काफी जरूरत है। द्रविड़ ने कहा, मैं समझता हूं कि वह अच्छा नहीं खेल सका था और न्यूजीलैंड के खिलाफ थोड़ा तैयार नहीं दिख रहा था। यहां, मैं जानता हूं कि उनकी तीन असफलताओं के बाद यह थोड़ा हैरत भरा लगेगा, लेकिन वह सचमुच अच्छा दिख रहा है। इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा चार टेस्ट मैचों की शृंखला में तेंदुलकर का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। द्रविड़ ने कहा, भारतीय टीम को उसकी (तेंदुलकर की) पहले से ज्यादा अब जरूरत है। 1-1 से बराबरी की शृंखला में सीनियर खिलाड़ियों का टीम में बने रहना बहुत महत्वपूर्ण है और ऐसा करने में सचिन से बेहतर कौन हो सकता है।टिप्पणियां तेंदुलकर की खराब फॉर्म ने टीम में उनके स्थान पर सवालिया निशान लगा दिए हैं और पूर्व खिलाड़ी जैसे सुनील गावस्कर ने सलाह दे डाली कि उन्हें (तेंदुलकर) भविष्य की योजनाओं के बारे में चयनकर्ताओं से बात करनी चाहिए, लेकिन द्रविड़ को लगता है कि इस 39-वर्षीय क्रिकेटर की टीम में काफी जरूरत है। द्रविड़ ने कहा, मैं समझता हूं कि वह अच्छा नहीं खेल सका था और न्यूजीलैंड के खिलाफ थोड़ा तैयार नहीं दिख रहा था। यहां, मैं जानता हूं कि उनकी तीन असफलताओं के बाद यह थोड़ा हैरत भरा लगेगा, लेकिन वह सचमुच अच्छा दिख रहा है। तेंदुलकर की खराब फॉर्म ने टीम में उनके स्थान पर सवालिया निशान लगा दिए हैं और पूर्व खिलाड़ी जैसे सुनील गावस्कर ने सलाह दे डाली कि उन्हें (तेंदुलकर) भविष्य की योजनाओं के बारे में चयनकर्ताओं से बात करनी चाहिए, लेकिन द्रविड़ को लगता है कि इस 39-वर्षीय क्रिकेटर की टीम में काफी जरूरत है। द्रविड़ ने कहा, मैं समझता हूं कि वह अच्छा नहीं खेल सका था और न्यूजीलैंड के खिलाफ थोड़ा तैयार नहीं दिख रहा था। यहां, मैं जानता हूं कि उनकी तीन असफलताओं के बाद यह थोड़ा हैरत भरा लगेगा, लेकिन वह सचमुच अच्छा दिख रहा है। द्रविड़ ने कहा, मैं समझता हूं कि वह अच्छा नहीं खेल सका था और न्यूजीलैंड के खिलाफ थोड़ा तैयार नहीं दिख रहा था। यहां, मैं जानता हूं कि उनकी तीन असफलताओं के बाद यह थोड़ा हैरत भरा लगेगा, लेकिन वह सचमुच अच्छा दिख रहा है।
एसोसिएट अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट 2019-20 सीजन अवलोकन सितम्बर रवांडा में नाइजीरिया महिलाएं नाइजीरिया महिला क्रिकेट टीम का रवांडा दौरा 2019 2019 महिला ट्वेंटी-20 पूर्वी एशिया कप महिला ट्वेंटी-20 पूर्वी एशिया कप 2019 मलेशिया में वानूआतू वानुअतु क्रिकेट टीम का मलेशिया दौरा 2019 == अक्टूबर == 2019 दक्षिण अमेरिकी क्रिकेट चैम्पियनशिप - पुरुष टूर्नामेंट 2019 दक्षिण अमेरिकी क्रिकेट चैम्पियनशिप-पुरुषों का टूर्नामेंट 2019 दक्षिण अमेरिकी क्रिकेट चैम्पियनशिप - महिला टूर्नामेंट 2019 दक्षिण अमेरिकी क्रिकेट चैम्पियनशिप-महिला टूर्नामेंट कतर में जर्सी जर्सी क्रिकेट टीम का क़तर दौरा 2019 2019 हेलेनिक प्रीमियर लीग (अंतरराष्ट्रीय खंड) हेलेनिक प्रीमियर लीग 2019 2019 वालेटा कप वालेटा कप 2019 2019 इबेरिया कप इबेरिया कप 2019 नवम्बर मलावी में मोजाम्बिक टी-20 क्वाचा कप 2019#पुरुषों की सीरीज मलावी में मोजाम्बिक महिलाएं टी-20 क्वाचा कप 2019#महिलाओं की सीरीज दिसम्बर बोत्सवाना में केन्या महिलाओं 2019 दक्षिण एशियाई खेल - महिला टूर्नामेंट 2019 दक्षिण एशियाई खेल - पुरुष टूर्नामेंट कोस्टारिका में बेलीज महिला फिलीपींस में इंडोनेशिया की महिलाएं जनवरी 2020 कतर महिला टी20ई त्रिकोणीय श्रृंखला सन्दर्भ
घिटोरनी और अर्जनगढ़ मेट्रो स्‍टेशन में शुक्रवार को दोपहर 1 बजकर 4 मिनट पर यात्रियों को ट्रेन से उतारा गया. मेट्रो के रीयर कार में आग की खबर थी. दिल्‍ली मेट्रो ने पुष्टि की कि कोच की रीयर कार में स्‍पार्किंग हुई, लेकिन कोई आग जैसी घटना नहीं घटी. स्‍पार्किंग से यात्री डर गए, एतिहातन यात्रियों को ट्रेन से उतारा गया. थोड़ी देर के लिए यात्रा बाधित की गई, लेकिन 1 बजकर 35 मिनट में लाइन 2 दोबारा सुचारू रूप से चलने लगी.
पाकिस्तान सरकार ने भारत को व्यापार के लिहाज से से सबसे वरीयता प्राप्त देश (एमएफएन) का दर्जा यथाशीघ्र देने का संकेत देते हुए कहा कि वह व्यापार को उदार करने की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए काम कर रही है। सरकार का यह बयान ऐसे समय आया है, जबकि अटकलें हैं कि वह इस बारे में तय समयसीमा पर शायद खरी नहीं उतर सके। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोअज्जम खान ने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी।टिप्पणियां उन्होंने कहा, पाकिस्तान की सरकार ने भारत को एमएफएन दर्जा देने का फैसला किया है। यह प्रक्रिया हमने शुरू की है। हम इस बारे में अपने स्तर पर कार्रवाई कर रहे हैं और उम्मीद है कि इन्हें जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाएगा। इस साल 31 दिसंबर तक नकारात्मक सूची प्रणाली को समाप्त करने तथा नए साल की शुरुआत से भारत को एमएफएन का दर्जा दिए जाने के सवाल पर खान ने केवल इतना कहा कि प्रक्रिया को यथाशीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। राजनयिक सूत्रों ने बताया कि भारत को एमएफएन का दर्जा देने की प्रक्रिया को पूरा करने का काम अगले साल 31 जनवरी तक हो सकता है। सरकार का यह बयान ऐसे समय आया है, जबकि अटकलें हैं कि वह इस बारे में तय समयसीमा पर शायद खरी नहीं उतर सके। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोअज्जम खान ने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी।टिप्पणियां उन्होंने कहा, पाकिस्तान की सरकार ने भारत को एमएफएन दर्जा देने का फैसला किया है। यह प्रक्रिया हमने शुरू की है। हम इस बारे में अपने स्तर पर कार्रवाई कर रहे हैं और उम्मीद है कि इन्हें जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाएगा। इस साल 31 दिसंबर तक नकारात्मक सूची प्रणाली को समाप्त करने तथा नए साल की शुरुआत से भारत को एमएफएन का दर्जा दिए जाने के सवाल पर खान ने केवल इतना कहा कि प्रक्रिया को यथाशीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। राजनयिक सूत्रों ने बताया कि भारत को एमएफएन का दर्जा देने की प्रक्रिया को पूरा करने का काम अगले साल 31 जनवरी तक हो सकता है। उन्होंने कहा, पाकिस्तान की सरकार ने भारत को एमएफएन दर्जा देने का फैसला किया है। यह प्रक्रिया हमने शुरू की है। हम इस बारे में अपने स्तर पर कार्रवाई कर रहे हैं और उम्मीद है कि इन्हें जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाएगा। इस साल 31 दिसंबर तक नकारात्मक सूची प्रणाली को समाप्त करने तथा नए साल की शुरुआत से भारत को एमएफएन का दर्जा दिए जाने के सवाल पर खान ने केवल इतना कहा कि प्रक्रिया को यथाशीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। राजनयिक सूत्रों ने बताया कि भारत को एमएफएन का दर्जा देने की प्रक्रिया को पूरा करने का काम अगले साल 31 जनवरी तक हो सकता है। राजनयिक सूत्रों ने बताया कि भारत को एमएफएन का दर्जा देने की प्रक्रिया को पूरा करने का काम अगले साल 31 जनवरी तक हो सकता है।
बिहार में चमकी बुखार से मौत के बाद मचे हाहाकर के बीच सोमवार को सीएम नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग के साथ बैठक की. इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग के सीनियर अधिकारी शामिल रहे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पटना आवास में ये बैठक हो रही है. दरअसल, बिहार के मुजफ्फरपुर में अब तक चमकी बुखार से 100 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है. बिहार सरकार इस स्वास्थ्य आपदा से जूझ ही रही थी कि बिहार में लू के कहर की बात भी सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक प्रचंड गर्मी और लू से बिहार में अब तक 78 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें से 35 मौतें सिर्फ गया में हुई है, जबकि 47 लोग औरंगाबाद में मरे हैं. Bihar Chief Minister Nitish Kumar has called an internal meeting today. Health department senior officials to be present in the meeting. (File pic) pic.twitter.com/I1PBmOSizH — ANI (@ANI) June 17, 2019 चमकी बुखार से मौत बिहार में  एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (AES) यानी चमकी बुखार का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. इस बुखार से मरने वालों की संख्या बढ़कर 100 से ज्यादा पहुंच गई है. मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एसकेएमसीएच) और केजरीवाल अस्पताल में 375 बच्चे एडमिट हैं. चमकी बुखार से पीड़ित मासूमों की सबसे ज्यादा मौतें मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच अस्पताल में हुई हैं. वहीं चमकी बुखार की आंच अब मोतिहारी तक पहुंच गई है, जहां एक बच्ची बुखार से पीड़ित है. लू से मौत बिहार के गया में अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज में लू के कारण मरने वालों की संख्या 35 पहुंच चुकी है. इनमें से 28 की इलाज के दौरान मौत हो गई तो सात को मृत हालात में ही लाया गया था. वहीं 106 मरीजों का फिलहाल इलाज चल रहा है. वहीं बिहार में गर्मी को लेकर रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है. बिहार में अब तक गर्मी से 78 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं. जबकि गया में गर्मी को लेकर धारा 144 लागू कर दी गई है. वहीं भीषण गर्मी के कारण 22 जून तक बिहार के सभी स्कूल बंद, शिक्षा विभाग ने इस संबंध में जारी किया है.
मध्य प्रदेश में कुपोषण से हो रही मौतों के लेकर राज्य सरकार नींद से जागी है. बुधवार को लगभग 6 घंटे चली मैराथन बैठक के बाद सीएम शिवराज ने तय किया है कि कुपोषण को रोकने के लिए सरकार नए कदम उठाएगी और बकायदा कुपोषण पर श्वेत पत्र भी लाएगी. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने लगाया कैंप दरअसल राज्य के अलग-अलग जिलों से कुपोषण से बच्चों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं और इनमें से सबसे ज्यादा प्रभावित है श्योपुर जिला. यहां पिछले पांच महीनों में 12 बच्चों की मौत की खबर आते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कैंप लगा दिया था. हालांकि मौतों की वजहों को लेकर अधिकारियों की अलग-अलग रिपोर्ट को देखते हुए भोपाल से टीम भेजी गई, जिसने बेहद ही चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. कुपोषण का हाल और सच्चाई देखने के लिए भोपाल के साथ-साथ अन्य टीमों को श्योपुर जिले में भेजा गया था. टीम के मुताबिक एक ही दिन में उसे 200 के लगभग बच्चे कुपोषित मिले. हालांकि इन बच्चों के अभिभावक इनको अस्पताल में भर्ती कराने से इंकार कर रहे थे, लेकिन बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया. स्वास्थ्य मंत्री ने भी जताई चिंता स्वास्थ्य मंत्री भी मंगलवार को श्योपुर जिले पहुंचे और हालात का जायजा लिया था. खुद स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक कुपोषण से बीमार बच्चों की संख्या ज्यादा है. वहीं बुधवार तक जारी आंकड़ों के मुताबिक अकेले श्योपुर में ही 100 के लगभग बच्चे कुपोषण के शिकार मिले. इसके अलावा कराहल में 64 और विजयपुर में 25 बच्चे मिले, जिन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. कांग्रेस ने कुपोषण से हो रही मौतों पर सरकार को घेरते हुए उसे कुपोषण रोक पाने में पूरी तरह नाकाम माना है.
उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में अब से सुबह की प्रार्थना सभा और पाठ्यक्रम के अतिरिक्त अन्य गतिविधियों को कक्षा व ऑडिटोरियम के अंदर कराने के बजाय खुले में कराया जाएगा. इस विचार के पीछे की वजह छात्रों के शरीर में कैल्शियम और विटामिन डी की मात्रा को बढ़ाना है. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) द्वारा हाल ही में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दिए गए एक निर्देश के बाद यह निर्णय लिया गया है, जिसमें कहा गया है कि विटामिन डी की कमी से होने वाली बीमारियों, जैसे रिकेट्स से निपटने के लिए सूर्य की रोशनी में अधिक से अधिक शारीरिक गतिविधियों का आयोजन किया जाए.  राज्य की अतिरिक्त निदेशक (बेसिक शिक्षा) ललिता प्रदीप ने कहा, "स्कूलों को अब सुबह की प्रार्थना सभा और अन्य गतिविधियों का संचालन खुले आसमान के नीचे करना होगा. गांवों में कई स्कूलों में सुबह की सभा बाहर होती है, लेकिन जो स्कूल शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में हैं उन्हें इस निर्देश का पालन करना होगा. इसके तहत खेल कार्यक्रमों को बाहर आयोजित करने पर भी ध्यान होगा." उन्होंने कहा कि एमएचआरडी ने सभी 29 राज्यों और सात केंद्र शासित प्रदेशों को अपने-अपने स्कूलों में 'सूर्य की रोशनी में कार्यक्रमों को बढ़ावा देने' के लिए कहा गया है. कार्यक्रम के तहत राज्य में सरकारी स्कूलों में खाली कक्षा के दौरान बाहरी गतिविधियों के अलावा जागरूकता व्याख्यान भी आयोजित किए जाएंगे.
कई प्रकार के परजीवी फेफड़ों को प्रभावित कर सकते हैं जिनमें टोक्सोप्लाज़्मा गोन्डी, स्ट्रॉन्गीलॉएडस स्टेकोरालिस,ऐस्केरिस ल्युम्ब्रीकॉएड्स और प्लास्मोडियम मलेरियाशामिल है। ये जीव आम तौर पर शरीर में त्वचा के साथ सीधे संपर्क, अंतर्ग्रहण, कीट के काटने से दाखिल होते हैं। पैरागोनिमस वेस्टरमानि छोड़ कर अधिकतर परजीवी विशिष्ट रूप से फेफड़ों को प्रभावित नहीं करते हैं लेकिन फेफड़ों को दूसरे स्थानों से द्वतीयक रूप में शामिल करते हैं। कुछ परजीवी, विशेष रूप से वे जो एस्केरिस औरस्ट्रॉन्गीलॉएड्स प्रजाति से होते हैं, गंभीर स्नोफीलिक प्रतिक्रिया उकसाते हैं, जिसके कारण स्नोफीलिक निमोनियाहो सकता है। दूसरे संक्रमणों में जैसे कि मलेरिया आदि में फेफड़ों का शामिल होना प्राथमिक रूप से साइटोकाइन- प्रेरित प्रणालीगत सूजन, के कारण होता है। विकसित दुनिया में ये संक्रमण, यात्रा से वापस आये लोगों या प्रवासियों के माध्यम से अधिक आम रूप से फैलता है। वैश्विक रूप से ये संक्रमण उन जगहों पर अधिक आम है जहां पर रोग-प्रतिरोधकता कम है।
देश, दुनिया, महानगर, खेल, आर्थिक और बॉलीवुड में क्‍या कुछ हुआ. जानने के लिए यहां पढ़ें समय के साथ साथ खबरों का अपडेशन... 5.15 PM: राहत कार्य के लिए अगले 24 घंटे अहम: ITBP. 3.01 PM: उत्तराखंड के देहरादून में फिर से बारिश शुरू 3.00 PM: श्रीनगरः अज्ञात शख्स ने जहांगीर चौक पर पुलिस को गोली मारी. एक पुलिसवाले की मौत और दूसरा घायल. 2.45 PM: ओमान के विमान की मुंबई एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग. विमान में बम होने की खबर. CISF की टीम विमान की जांच करने में जुटी 2.22 PM: उत्तराखंड त्रासदी के कारण बीजेपी ने अपना जेल भरो आंदोलन टाला. 2.20 PM: केंद्रीय मंत्री हरीश रावत रुद्रप्रयाग पहुंचे. बाढ़ प्रभावित इलाकों का कर रहे हैं जायजा. 1.38 PM: हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा हरिद्वार जा रहे हैं. हरियाणा सरकार ने उत्तराखंड को 10 करोड़ रुपये मदद देने की घोषणा की. 1.06 PM: गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे भी जा रहे हैं हरिद्वार. 1.04 PM: हरिद्वार के लिए रवाना हुए नरेंद्र मोदी. हरिद्वार में शांति कुंज जाएंगे मोदी. 12.48 PM: उत्तराखंड त्रासदी पर बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा, राष्ट्रीय आपदा घोषित हो यह त्रासदी 12.25 PM: शवों का DNA सुरक्षित रखा जाएगा: शिंदे. 10.35 AM: मामले पर राजनीति न होः सुशील कुमार शिंदे 10.30 AM: राष्ट्रीय आपदा घोषित करने से क्या लाभ?: शिंदे 10.24 AM: रास्ता बनाने का काम जारीः सुशील कुमार शिंदे 10.23 AM: फंसे हुए लोगों को निकालना हमारी प्राथमिकताः शिंदे 10.22 AM: 40 हजार लोग अभी भी फंसेः सुशील कुमार शिंदे 10.22 AM: सेना से भी पूरी मदद ली जा रही हैः सुशील शिंदे 10.22 AM: केंद्र सरकार राहत की निगरानी कर रही हैः सुशील शिंदे 10.21 AM: सरकार में तालमेल कमी थीः शिंदे 10.20 AM: राज्य को राहत में पूरी मददः सुशील कुमार शिंदे 10.19 AM: राहत और बचाव काम की समीक्षा 10.18 AM: आज सुबह उत्तराखंड पहुंचे गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे 10.10 AM: उत्तराखंडः देहरादून में बारिश रुकी 9.15 AM: सेना ने 1000 लोगों को खोज निकाला. गौरीकुंड में फंसे हुए थे हजार लोग. रामबाड़ा. जंगलचट्टी में फंसे थे कई लोग. कई दिनों से भूखे-प्यासे थे लोग. 8.05 AM: उत्तराखंड के दौरे पर जाएंगे केंद्रीय मंत्री हरीश रावत. सड़क मार्ग से प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे. 7.43 AM: मौसम विभाग ने कहा, ज्यादा बारिश होने की संभावना नहीं 7.41 AM: खराब मौसम की वजह से मोदी के दौरे में देरी. सुबह 7.30 बजे प्रभावित इलाकों में दौरे पर जाना था. 7.40 AM: उत्तराखंड के देहरादून में बारिश शुरू. खराब मौसम से राहत काम में पड़ सकता है असर. 7.38 AM: मुंबई के दहिसर इलाके में इमारत ढही. चार मंजिला इमारत ढही. 7.35 AM: उत्तराखंड में मौसम बिगड़ने से रेस्क्यू ऑपरेशन पर असर. 48 घंटो बाद भारी बारिश की चेतावनी. इससे पहले 50 हजार लोगों की बचानी है जिंदगियां. 7.30 AM: उत्तराखंड में महाविनाश के छह दिनों बाद भी फंसे हुए है 50 हजार लोग, मरने वालों का आंकड़ा पहुंचा 550. 6.35 AM: उत्तराखंड महाविनाश पर यूपी के मंत्री आजम खान का बेतुका दावा. उन्होंने कहा कि 24 घंटे में सभी फंसे हुए लोगों को निकाल सकता हूं, यदि मुझे मिले कमान, उत्तराखंड और केन्द्र सरकार को नहीं आता काम करना. 6.25 AM: दिल्ली में बीएमडबल्यू कार बनी जानलेवा, रात में एनएच 24 पर सड़क पर बच्चे को कुचला. 6.20 AM: दिल्ली पुलिस के सिपाही पर लगा छेड़छाड़ का आरोप, विरोध करने पर पुलिसवाले ने की महिला के पति से मारपीट,हंगामे के बाद पुलिसवाला संस्पेंड. 6.15 AM: छत्तीसगढ़ के कोडागांव में नक्सलियों ने किया पुलिस जवानों पर हमला, 2 पुलिस के जवान जख्मी, इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी. 5.55 AM: रविवार को होने वाले खिताबी मुकाबले के लिए टीम इंडिया पहुंची बर्मिघंम. शनिवार को होगा टीम का प्रैक्टिस सेशन.
अनुष्का शर्मा का नाम जहां फिल्म बैंड बाजा बारात के साथी कलाकार रणवीर सिंह के साथ जोड़ा जा रहा है, वहीं अनुष्का का कहना है कि रणवीर मौज-मस्ती करने वाले व्यक्ति हैं, लेकिन साथ ही अच्छे कलाकार भी हैं। 23 वर्षीय अनुष्का का मानना है कि संबंध जुड़ने और टूटने की अटकलें दो कलाकारों के बीच सौहार्द्रपूर्ण रिश्ते में केवल समस्याएं ही पैदा करती हैं। गौरतलब है कि वह फिल्म लेडीज वरसेस रिक्की बहल में भी रणवीर के साथ दिखाई देंगी। हाल ही में अनुष्का के एक साक्षात्कार के हवाले से खबर आई थी कि उन्होंने कहा है कि रणवीर पर भरोसा नहीं किया जा सकता। लेकिन अभिनेत्री ने सफाई दी है कि उनकी बात को गलत तरह से पेश किया गया। अनुष्का ने कहा, रणवीर बहुत अच्छे साथी कलाकार हैं और मेरे मन में उनके लिए बहुत इज्जत है। लेकिन कई बार वह मौज-मस्ती के मूड में आ जाते हैं ,इसलिए एक बार मैंने कहा था कि उन्हें गंभीरता से नहीं लिया जा सकता, लेकिन मीडिया ने इस बात को दूसरे तरीके से लिया। वह एक दिन कुछ और कहते हैं और अगले दिन कुछ और। अनुष्का ने शाहरुख खान के साथ रब ने बना दी जोड़ी से फिल्मी करियर की शुरुआत की थी और वह यशराज चोपड़ा के बैनर तले उनके साथ एक और फिल्म करने वाली हैं। उन्होंने कहा, मुझे खुशी है कि इतनी कम उम्र में मैं तीन बड़े नामचीन लोगों- यश चोपड़ा, शाहरुख खान और आदित्य चोपड़ा के साथ एक फिल्म में काम करूंगी। यह किसी भी कलाकार के लिए महत्वाकांक्षी पेशकश है और मैं इसे पाकर सौभाग्यशाली महसूस कर रही हूं।
500 और 1000 के नोट बंद होने से आम लोगों की परेशानी को देखते हुए सरकार हर रोज नियमों में बदलाव कर रही है. नए नियम के मुताबिक अब शुक्रवार से बैंकों और डाकघरों से मात्र 2000 रुपये बदले जाएंगे, यानी आजभर ग्राहक बैंकों से 4500 रुपये बदल पाएंगे. इस बीच नोटों की दिक्कत को देखते हुए सरकार ने 24 नवंबर तक सभी नेशनल हाईवे को टोल फ्री कर दिया है. वहीं सरकार ने किसानों और जिनके घर में शादिया हैं उन्हें बड़ी राहत दी है, अब किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए हफ्ते में 25 हजार रुपये निकाले जा सकेंगे. जबकि जिनके घर में शादी है वो ढाई लाख रुपये तक निकाल पाएंगे, लेकिन इस रकम की निकासी एक ही खाते से होगी और कैश निकालने के लिए केवाईसी जरूरी होगा. शक्तिकांत दास ने बताया कि यह बढ़ी हुई निकासी उन्हें अकाउंट्स से निकाली जा सकती है, जिनके अकाउंट में पैन कार्ड जुड़ा हुआ है. शादी के लिए नकदी निकालने के लिए दूल्हे या दुल्हन के माता-पिता में से एक को बैंक जाकर शादी का कार्ड दिखाना होगा. आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई के नकदी की कोई कमी नहीं है. सरकार ने बैंकों में भीड़ करने के लिए ये कदम उठाया है, क्योंकि अब सभी एटीएम में पैसे भरे जा रहे हैं और लोग यहां से आसानी से पैसे निकाल पाएंगे. उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ मिले इसलिए पुराने नोटों को बदलने की लिमिट 4500 से घटाकर 2000 रुपये कर दी गई है. Central govt employees up to group C can draw salary advance up to Rs 10,000 in cash that'll be adjusted against their Nov salaries: S Das pic.twitter.com/IKVydZkKI3 — ANI (@ANI_news) November 17, 2016 इसके अलावा शक्तिकांत ने बताया कि कृषि मंडी में व्यापारियों को एक हफ्ते में 50,000 रुपए नकदी निकासी की अनुमति दी गई है, ताकि वो मजदूरी को समय पर भुगतान कर सके. किसानों के लिए कृषि लोन बीमा प्रीमियम भुगतान की समयसीमा भी 15 दिन बढ़ा दी गई है. वहीं नोटबंदी के बाद परेशानियों को देखते हुए केंद्र सरकार के कर्मचारियों को भी राहत दी गई है. ग्रुप-सी तक के कर्मचारी अब अपनी सैलरी से 10 हजार रुपये तक एडवांस निकाल सकेंगे, जो कि उनकी नवंबर की सैलरी में से काट लिए जाएंगे. गौरतलब है कि नोटबंदी के साथ सरकार ने बैंकों से नोट बदले के लिए 4000 रुपये की रकम तय की थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 4500 रुपये कर दी गई, लेकिन अब फिर से इसे घटाकर 2000 रुपये कर दिया गया है.
गणतंत्र दिवस परेड के चलते दिल्ली में ट्रैफिक पुलिस ने विजय चौक और लाल किला मैदान के बीच यातायात के व्यापक प्रबंध किए हैं. कई जगह ट्रैफिक डायवर्जन किए गए हैं. इस दौरान 26 जनवरी यानी आज मेट्रो में यात्रा करने वाले लोगों के लिए मेट्रो सेवा सभी स्टेशनों पर उपलब्ध रहेगी लेकिन सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक केंद्रीय सचिवालय और उद्योग भवन स्टेशनों पर मेट्रो में चढ़ने-उतरने की अनुमति नहीं होगी. इसके साथ ही लोक कल्याण मार्ग (रेस कोर्स) और पटेल चौक पर सुबह 8.45 से दोपहर 12 बजे तक चढ़ने और उतरने की अनुमति नहीं होगी. साथ ही ट्रैफिक पुलिस ने राजधानी में कई महत्वपूर्ण मागों पर यातायात व्यवस्था में बदलाव किया गया है. ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक गणतंत्र दिवस परेड विजय चौक से सुबह 9 बजकर 50 मिनट पर शुरू होगी और राजपथ, तिलक मार्ग, बहादुर शाह जफर मार्ग, नेताजी सुभाष मार्ग से होकर लाल किला तक पहुंचेगी. ट्रैफिक पुलिस द्वारा जारी की गई एडवाइजरी के मुताबिक परेड पूरी होने तक राजपथ पर विजय चौक से इंडिया गेट तक किसी वाहन को जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. साथ ही रफी मार्ग, जनपथ, मान सिंह रोड पर परेड समाप्त होने तक आरपार यातायात की अनुमति नहीं होगी. pic.twitter.com/8pFPy4vks1 — Delhi Traffic Police (@dtptraffic) January 26, 2019 'सी'-हेक्सागन-इंडिया गेट रूट पर गणतंत्र दिवस परेड के तिलक मार्ग पार करने तक यातायात बंद रहेगा. संयुक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) आलोक कुमार ने बताया, '26 जनवरी को सुबह दस बजे से तिलक मार्ग, बहादुर शाह जफर मार्ग और सुभाष मार्ग पर दोनों तरफ से वाहनों को आने-जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.' पुलिस ने यातायात की जानकारी देने के साथ ही लोगों से एडवाइजरी के अनुसार योजना बनाकर घरों से निकलने की सलाह दी है. हालांकि, उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम आवागमन के लिए रिंग रोड से होकर जाने वाले वैकल्पिक मार्ग या गलियारे प्रदान किए गए हैं. इसके अलावा ट्रैफिक पुलिस ने बताया कि इंडिया गेट के आस पास से गुजरने वाली बसों को पार्क स्ट्रीट/उद्यान मार्ग, आराम बाग रोड(पहाड़गंज), कमला मार्केट, दिल्ली सचिवालय (आईजी स्टेडियम) प्रगति मैदान (भैरों मार्ग), हनुमान मंदिर (यमुना बाजार), मोरी गेट, तीस हजारी, कश्मीरी गेट आईएसबीटी और सराय काले खान आईएसबीटी तक सीमित रखा गया है. ये बसें इससे आगे नहीं जाएंगी. ट्रैफिक पुलिस ने रूट में परिवर्तन के अलावा लोगों को परेड स्थल पर आने में किसी प्रकार का दिक्कत न हो इसके लिए 3 हजार जवानों को तैनात किया है. 70वें गणतंत्र दिवस परेड में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा मुख्य अतिथि हैं. नेल्सन मंडेला के बाद रामफोसा ऐसे दूसरे दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति हैं जिन्होंने गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हो रहे हैं. धौला कुआं की तरफ से आने वाली सभी अंतरराज्यीय बसों को वहीं रोक दिया जाएगा, उन्हें वहां से सेंट्रल दिल्ली की तरफ जाने की अनुमति नहीं होगी. साथ ही, गणतंत्र दिवस परेड के मद्देनजर पैरा-ग्लाइडर, पैरा मोटर्स, हैंग ग्लाइडर, यूएवी, माइक्रोलाइट एयरक्राफ्ट, रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट, हॉट एयर बैलून आदि को उड़ाने पर पाबंदी है.
खराब फॉर्म के कारण टेस्ट टीम से बाहर हैं लोकेश राहुल राहुल ने विजय हजारे ट्रॉफी में जमाया शानदार शतक खराब फॉर्म के कारण भारतीय टेस्ट टीम से बाहर कर दिए गए सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल ने शनिवार को विजय हजारे ट्रॉफी में शानदार शतक जमाकर अपनी टीम कर्नाटक को केरल के खिलाफ 60 रनों से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई. एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए मैच में कर्नाटक ने पहले बल्लेबाजी करते हुए राहुल की 131 रनों की पारी के दम पर 49.5 ओवरों में सभी विकेट खो 294 रन बनाए. राहुल ने कर्नाटक को दिलाई जीत राहुल के बाद कर्नाटक के गेंदबाजों ने अच्छी गेंदबाजी करते हुए केरल को 46.4 ओवरों में 234 रनों पर ऑल आउट कर दिया. केरल के लिए हालांकि सलामी बल्लेबाज विष्णु विनोद और संजू सैमसन ने लड़ाई लड़ी लेकिन दोनों टीम की जीत नहीं दिला पाए. विनोद ने 123 गेंदों पर 10 चौके और तीन छक्कों की मदद से 104 रनों की पारी खेली. सैमसन ने 66 गेंदों पर 67 रन बनाए. उनकी पारी में छह चौके और तीन छक्के शामिल रहे. इन दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 107 रन जोड़े. यह साझेदारी तब आई जब टीम ने चार के कुल स्कोर पर मनोहरन (0) के रूप में अपना पहला विकेट खो दिया था. इन दोनों के आउट होने के बाद केरल लक्ष्य से दूर होती चली गई. बल्लेबाजी का आमंत्रण मिलने पर पहली पारी खेलने उतरी कर्नाटक के लिए राहुल के अलावा कप्तान मनीष पांडे ने 50 रन बनाए. राहुल ने अपनी पारी में 122 गेंदों का सामना कर 10 चौके और चार छक्के मारे. मनीष ने 51 गेंदों का सामना कर छह चौके और दो छक्के लगाए.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा कि 'भारत माता की जय' का मतलब 'जनता की जय' है, तो मैं भी इसके साथ अपनी आवाज जोड़ने को तैयार हूं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के ट्रेनिंग कैंप को संबोधित करने भोपाल आए अय्यर ने संवाददाताओं से कहा, 'मुझको इंतजार नहीं करना पड़ा कि कोई खाकी निकर पहन कर मुझे यह बताए। हम तो बरसों से भारत माता की जय कहते आ रहे हैं, इसके साथ-साथ हम जय हिंद और जय भारत भी कहते आए हैं।' अय्यर ने पंडित जवाहरलाल नेहरू को याद करते हुए कहा कि नेहरू ने 'डिस्कवरी ऑफ इंडिया' के तीसरे अध्याय में लिखा है कि वह गांव-गांव घूमते थे तो लोग उनका स्वागत भारत माता की जय के नारे से करते थे। नेहरू ने लोगों से पूछा यह जय है क्या? क्या यह पेड़ है... पहाड़ है या माटी है और अंत में उन्होंने लोगों को बताया कि 'भारत माता की जय' अर्थात 'जनता की जय' है। अय्यर ने बीजेपी और आरएसएस का नाम लिए बिना कहा, 'यदि भारत माता की जय' से आपका मतलब 'जनता की जय' है, तो मैं भी इसके साथ अपनी आवाज जोड़ने को तैयार हूं।' उन्होंने सुभाषचंद बोस का स्मरण करते हुए कहा कि बोस ने अपनी फौज का नाम आजाद हिंद फौज रखा था। उन्होंने अपनी फौज का नाम स्वतंत्र भारत सेना नहीं रखा, क्योंकि उनकी सोच थी कि हमारे देश की आबादी का हर फिरका और हर भाषा को स्वतंत्रता आंदोलन से जोड़ना है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'ये गुंडे मुझसे कहें कि तुमने भारत माता की जय नहीं कहा तो मैं तुझे मारूंगा, तेरा गला काटूंगा। यह किस प्रकार की देशभक्ति है। देशभक्त हो तो दिखाएं कि ये जनता भक्त हैं और जनता भक्त होने के लिए रास्ता है, पंचायती राज के जरिये उनको सशक्त बनाइएं जिनकी खातिर ये सारी योजनाएं चल रही हैं।'टिप्पणियां कांग्रेस नेता ने मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार पर प्रदेश में ग्राम पंचायतों की अहमियत कम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ग्राम पंचायत केवल अधिकारी और सरपंच चला रहे हैं। पंचायतों के अधिकार छीने जा रहे हैं तथा पंचायतों तक साधन नहीं पहुंच रहे हैं और अनुशासन कम हो रहा है। उन्होंने कहा कि इससे हमारे लोकतंत्र को चोट पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब राजनीतिक तौर पर पंचायती राज की अहमियत समझ रही हैं और इस पर पूरा ध्यान भी दे रही है। उन्होंने दावा किया कि मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों में यह एक बड़ा मुद्दा बनेगा।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) अय्यर ने पंडित जवाहरलाल नेहरू को याद करते हुए कहा कि नेहरू ने 'डिस्कवरी ऑफ इंडिया' के तीसरे अध्याय में लिखा है कि वह गांव-गांव घूमते थे तो लोग उनका स्वागत भारत माता की जय के नारे से करते थे। नेहरू ने लोगों से पूछा यह जय है क्या? क्या यह पेड़ है... पहाड़ है या माटी है और अंत में उन्होंने लोगों को बताया कि 'भारत माता की जय' अर्थात 'जनता की जय' है। अय्यर ने बीजेपी और आरएसएस का नाम लिए बिना कहा, 'यदि भारत माता की जय' से आपका मतलब 'जनता की जय' है, तो मैं भी इसके साथ अपनी आवाज जोड़ने को तैयार हूं।' उन्होंने सुभाषचंद बोस का स्मरण करते हुए कहा कि बोस ने अपनी फौज का नाम आजाद हिंद फौज रखा था। उन्होंने अपनी फौज का नाम स्वतंत्र भारत सेना नहीं रखा, क्योंकि उनकी सोच थी कि हमारे देश की आबादी का हर फिरका और हर भाषा को स्वतंत्रता आंदोलन से जोड़ना है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'ये गुंडे मुझसे कहें कि तुमने भारत माता की जय नहीं कहा तो मैं तुझे मारूंगा, तेरा गला काटूंगा। यह किस प्रकार की देशभक्ति है। देशभक्त हो तो दिखाएं कि ये जनता भक्त हैं और जनता भक्त होने के लिए रास्ता है, पंचायती राज के जरिये उनको सशक्त बनाइएं जिनकी खातिर ये सारी योजनाएं चल रही हैं।'टिप्पणियां कांग्रेस नेता ने मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार पर प्रदेश में ग्राम पंचायतों की अहमियत कम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ग्राम पंचायत केवल अधिकारी और सरपंच चला रहे हैं। पंचायतों के अधिकार छीने जा रहे हैं तथा पंचायतों तक साधन नहीं पहुंच रहे हैं और अनुशासन कम हो रहा है। उन्होंने कहा कि इससे हमारे लोकतंत्र को चोट पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब राजनीतिक तौर पर पंचायती राज की अहमियत समझ रही हैं और इस पर पूरा ध्यान भी दे रही है। उन्होंने दावा किया कि मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों में यह एक बड़ा मुद्दा बनेगा।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) अय्यर ने बीजेपी और आरएसएस का नाम लिए बिना कहा, 'यदि भारत माता की जय' से आपका मतलब 'जनता की जय' है, तो मैं भी इसके साथ अपनी आवाज जोड़ने को तैयार हूं।' उन्होंने सुभाषचंद बोस का स्मरण करते हुए कहा कि बोस ने अपनी फौज का नाम आजाद हिंद फौज रखा था। उन्होंने अपनी फौज का नाम स्वतंत्र भारत सेना नहीं रखा, क्योंकि उनकी सोच थी कि हमारे देश की आबादी का हर फिरका और हर भाषा को स्वतंत्रता आंदोलन से जोड़ना है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'ये गुंडे मुझसे कहें कि तुमने भारत माता की जय नहीं कहा तो मैं तुझे मारूंगा, तेरा गला काटूंगा। यह किस प्रकार की देशभक्ति है। देशभक्त हो तो दिखाएं कि ये जनता भक्त हैं और जनता भक्त होने के लिए रास्ता है, पंचायती राज के जरिये उनको सशक्त बनाइएं जिनकी खातिर ये सारी योजनाएं चल रही हैं।'टिप्पणियां कांग्रेस नेता ने मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार पर प्रदेश में ग्राम पंचायतों की अहमियत कम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ग्राम पंचायत केवल अधिकारी और सरपंच चला रहे हैं। पंचायतों के अधिकार छीने जा रहे हैं तथा पंचायतों तक साधन नहीं पहुंच रहे हैं और अनुशासन कम हो रहा है। उन्होंने कहा कि इससे हमारे लोकतंत्र को चोट पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब राजनीतिक तौर पर पंचायती राज की अहमियत समझ रही हैं और इस पर पूरा ध्यान भी दे रही है। उन्होंने दावा किया कि मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों में यह एक बड़ा मुद्दा बनेगा।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'ये गुंडे मुझसे कहें कि तुमने भारत माता की जय नहीं कहा तो मैं तुझे मारूंगा, तेरा गला काटूंगा। यह किस प्रकार की देशभक्ति है। देशभक्त हो तो दिखाएं कि ये जनता भक्त हैं और जनता भक्त होने के लिए रास्ता है, पंचायती राज के जरिये उनको सशक्त बनाइएं जिनकी खातिर ये सारी योजनाएं चल रही हैं।'टिप्पणियां कांग्रेस नेता ने मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार पर प्रदेश में ग्राम पंचायतों की अहमियत कम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ग्राम पंचायत केवल अधिकारी और सरपंच चला रहे हैं। पंचायतों के अधिकार छीने जा रहे हैं तथा पंचायतों तक साधन नहीं पहुंच रहे हैं और अनुशासन कम हो रहा है। उन्होंने कहा कि इससे हमारे लोकतंत्र को चोट पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब राजनीतिक तौर पर पंचायती राज की अहमियत समझ रही हैं और इस पर पूरा ध्यान भी दे रही है। उन्होंने दावा किया कि मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों में यह एक बड़ा मुद्दा बनेगा।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) कांग्रेस नेता ने मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार पर प्रदेश में ग्राम पंचायतों की अहमियत कम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ग्राम पंचायत केवल अधिकारी और सरपंच चला रहे हैं। पंचायतों के अधिकार छीने जा रहे हैं तथा पंचायतों तक साधन नहीं पहुंच रहे हैं और अनुशासन कम हो रहा है। उन्होंने कहा कि इससे हमारे लोकतंत्र को चोट पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब राजनीतिक तौर पर पंचायती राज की अहमियत समझ रही हैं और इस पर पूरा ध्यान भी दे रही है। उन्होंने दावा किया कि मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों में यह एक बड़ा मुद्दा बनेगा।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
आदित्य रॉय कपूर- श्रद्धा कपूर स्टारर 'ओके जानू' फिल्म का तीसरा गाना 'इन्ना सोड़ा' गाना शुक्रवार को रिलीज कर दिया गया. यह एक रोमांटिक नंबर है और गाने को कंपोज किया है ए आर रहमान ने. गाने को लिखा है गुलजार ने और गाने को अपनी आवाज दी है अरिजीत सिंह ने. करण जौहर ने ट्वीट कर इस गाने को रिलीज किया. LOVE is in the city....in the air....and everywhere... #ENNASONA .... https://t.co/SadADZ9yOs #okjannu #13thjan #newyearLOVE pic.twitter.com/fd4K8t1prr — Karan Johar (@karanjohar) December 23, 2016 बता दें कि यह फिल्म मणि रत्नम की तमिल फिल्म 'ओके कन्मनी' का ऑफिशियल रीमेक है और यह 13 जनवरी को रिलीज होगी. देखें यह गाना:
मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार मेरठ पहुंचे योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को सरकारी खरीद केंद्र पर जाकर इस बात का मुआयना किया कि किसानों से अनाज खरीदने में सरकारी व्यवस्था ठीक से काम कर रही है या नहीं. इसके लिए योगी मेरठ जिले के खरखौदा में एक सहकारी केंद्र पर गए और वहां के इंतजाम को देखा. हालांकि इस केंद्र पर मुख्यमंत्री के आने की जानकारी पहले से थी. लिहाजा सारी व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई थी. अधिकारी समय से मुस्तैद थे और पूरे सेंटर को साफ सुथरा कर दिया गया था. इस समय गेहूं की फसल लेकर तमाम किसान क्रय केंद्र पर जाते हैं. आमतौर पर ऐसी शिकायतें मिलती हैं कि ऐसे सेंटर पर किसानों को अपना अनाज बेचने के लिए काफी लंबा इंतजार करना पड़ता है. खुले आसमान के नीचे बोरियों में भरे अनाज को लेकर इंतजार करना किसानों के लिए परेशानी का सबब बन जाता है. ऐसी भी शिकायतें मिलती हैं कि खरीद के समय घटतौली की जाती है यानी जितना गेहूं खरीदा जाता है, उसका वजन कम दिखाया जाता है और बीच का मुनाफा कर्मचारी और अधिकारी मिलकर चटकर जाते हैं. कई बार अनाज खरीदने के बाद किसानों को पैसा मिलने में देर लगती है. खरखौदा में सहकारी केंद्र पर मुख्यमंत्री ने किसानों से इन्हीं परेशानियों के बारे में पूछा. कम से कम इस सेंटर पर तो किसानों ने मुख्यमंत्री को यही बताया कि उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी नहीं आ रही है और कीमत भी सही समय पर मिल रही है. इस समय उत्तर प्रदेश में गेहूं की खरीद का समर्थन मूल्य 1625 रुपये प्रति क्विंटल है. खरखोदा सेंटर पर अपना गेहूं लेकर आए किसान खड़क सिंह से मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने पूछा कि ऐसा तो नहीं हो रहा है कि खरीदने में लगे सरकारी कर्मचारी उनके अनाज को खराब बता रहे हो? खड़क सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया कि ऐसा अब नहीं हो रहा है. कई बार ऐसे खरीद केंद्रों पर कर्मचारी अनाज को खराब बताकर किसानों को परेशान करते हैं और अक्सर रिश्वत लेने के बाद ही उनका अनाज खरीदने को तैयार होते हैं. खरखोदा सेंटर पर गेहूं में नमी की मात्रा जांचने की मशीन भी लगी हुई थी. ऐसे केंद्र पर गेहूं की खरीद के लिए यह जरूरी है कि नमी की मात्रा उसमें 12 फीसदी से कम हो. खरखौदा सेंटर के इंचार्ज धीरेंद्र कुमार ने बताया कि नई सरकार आने के बाद चीजें काफी सुधर गई हैं. पहले किसानों का भुगतान करने के लिए पैसा आने में काफी देर लगती थी, जिसकी वजह से वह चाहकर भी समय पर भुगतान नहीं कर पाते थे, लेकिन अब इस स्थिति ऐसी नहीं है और किसानों को 48 घंटे के अंदर भुगतान किया जा रहा है. हालांकि कई लोगों का यह कहना था कि जिस सेंटर पर मुख्यमंत्री के निरीक्षण की जानकारी पहले से हो, वहां पर चीजें दुरुस्त होना स्वाभाविक है. कई किसानों का कहना था कि मुख्यमंत्री को अचानक जाकर ऐसे सेंटर पर निरीक्षण करना चाहिए, ताकि असली स्थिति का पता चले.
माना जाता है कि टाइटेनिया का निर्माण एक अभिवृद्धि डिस्क या सबनेबुला से हुआ है; गैस और धूल की एक डिस्क जो या तो इसके गठन के बाद कुछ समय तक यूरेनस के आसपास मौजूद थी या विशाल प्रभाव से बनाई गई थी जिसने संभवतः यूरेनस को इसकी बड़ी तिरछापन दी थी। सबनेबुला की सटीक संरचना ज्ञात नहीं है; हालाँकि, शनि के चंद्रमाओं की तुलना में टाइटेनिया और अन्य यूरेनियन चंद्रमाओं का अपेक्षाकृत उच्च घनत्व इंगित करता है कि यह अपेक्षाकृत कम पानी वाला रहा होगा। नाइट्रोजन और कार्बन की महत्वपूर्ण मात्रा अमोनिया और मीथेन के बजाय कार्बन मोनोऑक्साइड और एन2 के रूप में मौजूद हो सकती है। इस तरह के सबनेबुला में बनने वाले चंद्रमाओं में पानी की बर्फ कम होगी (सीओ और एन 2 क्लैथ्रेट के रूप में फंसे हुए होंगे) और अधिक चट्टानें होंगी, जो उनके उच्च घनत्व को समझाती हैं। टिटानिया का अभिवृद्धि संभवतः कई हजार वर्षों तक चली। अभिवृद्धि के साथ हुए प्रभावों के कारण चंद्रमा की बाहरी परत गर्म हो गई। लगभग 60 किलोमीटर (37 मील) की गहराई पर अधिकतम तापमान लगभग 250 K (−23 °C) तक पहुँच गया था। गठन के अंत के बाद, उपसतह परत ठंडी हो गई, जबकि टाइटेनिया की चट्टानों में मौजूद रेडियोधर्मी तत्वों के क्षय के कारण इसका आंतरिक भाग गर्म हो गया। ठंडा करने वाली निकट-सतह परत सिकुड़ गई, जबकि आंतरिक भाग का विस्तार हुआ। इससे चंद्रमा की पपड़ी में मजबूत विस्तारित तनाव पैदा हुआ, जिसके कारण दरारें पड़ गईं। वर्तमान समय की कुछ घाटियाँ इसी का परिणाम हो सकती हैं। यह प्रक्रिया लगभग 200 मिलियन वर्षों तक चली, जिसका अर्थ है कि कोई भी अंतर्जात गतिविधि अरबों साल पहले बंद हो गई थी। रेडियोधर्मी तत्वों के निरंतर क्षय के साथ प्रारंभिक अभिवृद्धि ताप संभवतः बर्फ को पिघलाने के लिए पर्याप्त मजबूत थे यदि अमोनिया (अमोनिया के रूप में) जैसे कुछ एंटीफ्रीज हाइड्रेट) या नमक मौजूद था। इसके और अधिक पिघलने से बर्फ चट्टानों से अलग हो गई होगी और बर्फीले आवरण से घिरे चट्टानी कोर का निर्माण हुआ होगा। कोर-मेंटल सीमा पर घुले हुए अमोनिया से भरपूर तरल पानी (महासागर) की एक परत बन गई होगी। इस मिश्रण का यूटेक्टिक तापमान 176 K (-97 °C) है। यदि तापमान इस मान से नीचे चला जाता, तो समुद्र बाद में जम जाता। पानी के जमने से आंतरिक भाग का विस्तार हुआ होगा, जो अधिकांश घाटियों के निर्माण के लिए जिम्मेदार हो सकता है। हालाँकि, टाइटेनिया के भूवैज्ञानिक विकास का वर्तमान ज्ञान काफी सीमित है।
गूगल अपनी यूट्यूब सेवा को और भी असरदार बना रही है और इसके लिए वह म्यूजिक का सहारा ले रही है. उसने एक नया फॉर्मेट तैयार किया है जिसके तहत उन लाखों गानों को ढूंढ़ना आसान होगा जिनके लिए पैसे नहीं देने पड़ते हैं. लेकिन कंपनी ने इसके साथ ही एक नई सर्विस शुरू की है जिसके लिए शुल्क देना होगा. इसके तहत बिना विज्ञापनों के गाने सुनना आसान होगा. गूगल अब यूट्यूब से ज्यादा पैसे कमाना चाहती है. इसलिए वह पैसे देकर गाने सुनने की सेवा शुरू कर रही है. इस सेवा को म्यूजिक की कहते हैं. इसके लिए यूजर को 8 डॉलर प्रति माह देना होगा. यह रेट अन्य म्यूजिक सर्विस से कम है. यूट्यूब इसके साथ ही एक नया टैब शुरू करने जा रहा है जो खास तौर पर म्यूजिक के लिए होगा. इस ऑप्शन से यूट्यूब के अरबों यूजर्स के लिए अपनी पसंद के गाने और एल्बम चुनना आसान होगा. इस सेवा का फायदा कोई भी उठा सकता है. यूट्यूब का म्यूजिक की न केवल गाने सुनाएगा बल्कि कलाकार को परफॉर्म करते भी दिखाएगा. इससे श्रोता को कहीं ज्यादा आनंद आएगा. म्यूजिक की सेवा पहले अमेरिका, इंग्लैंड, पुर्तगाल, इटली, आयरलैंड और फिनलैंड में शुरू होगी और बाद में अन्य देशों में होगी. लेकिन कंपनी इसे आमंत्रण से देगी यानी वह अपने यूजर खुद चुनेगी. यूजर को 8 डॉलर देना होगा. इसके लिए कंपनी शुरू में फ्री ट्रायल भी देगी.
लव मॉकटेल वर्ष 2020 की कन्नड़ भाषा की रूमानी नाट्य फ़िल्म है। इसका निर्देशन और लेखन डार्लिंग कृष्णा ने किया है। यह फ़िल्म 31 जनवरी 2020 को रिलीज़ हुई थी। इस फ़िल्म का निर्माण डार्लिंग कृष्णा और मिलाना नागराज ने किया था। यही लोग इस फ़िल्म में अभिनय भी कर रहे हैं। कथानक सच्चे प्यार की तलाश में निकले आदि की कहानी पर आधारित है। कहानी सारांश आदि (डार्लिंग कृष्णा) सॉफ्टवेयर इंजीनियर है जो अदिति (रचना इंदार) को खतरे से बचाता है। फिर वह उसे घर छोड़ने के लिए सहमत हो जाता है क्योंकि वह उसके गृहनगर उडुपी जा रहा है। यात्रा के दौरान अदिति आदि से उसके रूमानी इतिहास के बारे में पूछती है। वह उसे हाई स्कूल से लेकर वर्तमान में हुए सब किस्से सुनाता है। फिल्म आदि के हाई स्कूल के वर्षों में जाती है, जहां उसे अपने ट्यूशन की एक लड़की रीमा (विभा कलियानपुर) पसंद थी। उसका दोस्त रीमा से बात करता है, लेकिन वह आदि को अस्वीकार कर देती है। क्योंकि उसके माता-पिता की शादी असफल रही थी। जब वह इंजीनियरिंग कॉलेज में चला गया तो उसकी मुलाकात जोशिता से हुई। उसे जो (अमृता अयंगर) नाम से भी जाना जाता है। वह एक संपन्न परिवार से है, और आदि से प्यार करती थी। लेकिन उसे लगता था कि आदि उसे वो जिंदगी नहीं दे पायेगा जो वो चाहती है। उसके संदेहों को दूर करने के लिए आदि कॉलेज पूरा करने के बाद एक आईटी कंपनी में चला जाता है। इसके बावजूद, माता-पिता के दबाव के कारण जो उससे रिश्ता तोड़ लेती है। फिर आदि की मुलाकात निधि (मिलाना नागराज) से होती है, जो उसके साथ काम करती है। आदि और निधि की खुशहाल जोड़ी बनती है और निधि गर्भवती हो जाती है। दुर्भाग्य से, निधि बच्चे को जन्म देने में असमर्थ होती है और अंततः उसे अंडाशय कैंसर होता है। निधि अंततः कैंसर का शिकार हो जाती है। वर्तमान समय में, आदि अदिति को निधि की कब्र दिखाता है और फिल्म आदि द्वारा अदिति को घर छोड़ने के साथ समाप्त होती है। मुख्य कलाकार डार्लिंग कृष्णा — आदित्य उर्फ आदि धनुष प्रणव — किशोरावस्था में आदि मिलाना नागराज — निधि उर्फ निधिमा, आदि की पत्नी अमृता अयंगर — जोशिता उर्फ जो विभा कलियानपुर — किशोरावस्था में रीमा रचना इंदर — अदिति के रूप में विजय के रूप में अभिलाष — विजय गीता भारती — रीमा रामकृष्ण गणेश (साक्षात्कारकर्ता) विजेथ सुवर्णा (साक्षात्कारकर्ता) हितेश शाह — डॉक्टर सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ 2020 की फ़िल्में कन्नड़ भाषी चलचित्र
यह एक लेख है: शेर के घास खाता हुआ वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. इस वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर शेयर किया जा रहा है. वीडियो में देखा जा सकता है कि शेर खड़ा है और घास खा रहा है. शेर को मांसाहारी खाने की आदतें होती हैं. यहां शेर को घास खाता देख लोग हैरान हैं.  एक यूजर ने लिखा- क्या आपने कभी शेर को घास खाते देखा है? वहीं एक यूजर ने लिखा- शेर घास चर रहा है. क्या ये नॉर्मल है? गुजरात फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने ट्वीट करते हुए बताया कि शेर ऐसा क्यों कर रहा है. उन्होंने लिखा- 'जब शेर का पेट खराब होता है तो वो उल्टी करने के लिए घास खाता है.' डिपार्टमेंट ने ट्वीट करते हुए बताया कि ये वीडियो खंभा जंगल का है. जहां शेर घास खाता दिख रहा है.  एक यूजर ने लिखा- 'मुझे खेद है, लेकिन मुझे लगता है कि शेर और कुत्ते पेट साफ करने के लिए घास खाते हैं.' वहीं एक यूजर ने लिखा- 'शेर साधारण घास नहीं खा रहा है. वो घास से दवा ले रहा है. कार्निवोर्स इसे नियमित रूप से करते हैं.' कई लोगों के लिए वीडियो कुछ बेहद असामान्य हो सकता है, लेकिन पता चलता है कि जंगली जानवरों में यह व्यवहार इतना असामान्य नहीं है.
यह लेख है: भाजपा की ओर से वाराणसी के निर्वाचन अधिकारी पर पक्षपात का आरोप लगाए जाने के बाद चुनाव आयोग ने आज एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को इस हाईप्रोफाइल लोकसभा क्षेत्र में विशेष पर्यवेक्षक के रूप में भेजने का फैसला किया है। इस सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा के नरेंद्र मोदी, कांग्रेस के अजय राय और आप के अरविंद केजरीवाल के बीच है। तमिलनाडु के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण कुमार को वाराणसी सीट के लिए विशेष पर्यवक्षेक बनाया गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी उमेश सिन्हा ने लखनऊ में संवाददाताओं को बताया कि कुमार को जितनी जल्दी संभव को वाराणसी पहुंचने और चुनावी प्रक्रिया समाप्त होने तक वहीं रहने को कहा गया है। विशेष पर्यवेक्षक के तौर पर दायित्व के रूप में 1987 बैच के आईएएस अधिकारी को चुनाव संबंधी तैयारियों और चुनावी प्रक्रिया पर नजर रखनी होगी। सामान्य तौर पर विशेष पर्यवेक्षक उन संवदनशील राज्यों में भेजे जाते हैं जहां चुनाव आयोग को मतदान के दौरान अनियमितता की सूचना मिलती है। भाजपा और आप की शिकायत के मद्देनजर दिल्ली में हुई चुनाव आयोग की बैठक में कुमार को विशेष पर्यवेक्षक बनाकर भेजने का फैसला लिया गया। वाराणसी के निर्वाचन अधिकारी प्रांजल यादव को बदलने की भाजपा की मांग को अस्वीकार करते हुए चुनाव आयोग ने आज कहा 'वर्तमान में हमें उनकी कार्रवाई गलत नहीं लगती है।' भाजपा ने आरोप लगाया था कि निर्वाचन अधिकारी ने शहर में मोदी के कार्यक्रम आयोजित करने की पार्टी को मंजूरी नहीं दी।
भारत ने अमेरिका से 26 नवंबर को हुए मुंबई आतंकवादी हमले के दोषी डेविड हेडली और उसके सहयोगी तहव्वुर राणा से पूछताछ करने की अनुमति मांगी है। हेडली और राणा को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्करे तैयबा को समर्थन देने का दोषी पाने के बाद शिकागो की एक अदालत ने सजा सुनाई थी। हालांकि दोनों पक्षों में से किसी ओर से भी हेडली एवं राणा के संदर्भ में हुई चर्चा के बारे में आधिकारिक रूप से जानकारी नहीं दी गई। अधिकारियों ने कहा कि गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने अमेरिकी अटॉर्नी जनरल एरिक होल्डर के साथ इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। एक आधिकारिक भारतीय बयान में कहा गया, ‘‘शिंदे और होल्डर के बीच इस बात पर सहमति बनी कि गृहमंत्रालय और न्यायिक विभाग को एक साथ मिलकर संस्थागत रूप से काम करना चाहिए ताकि दोनों देशों के कानूनी दायरे के भीतर प्रत्यर्पण से जुड़े मामले, आग्रह पत्रों (लैटर्स रोगेट्री) के क्रियान्वयन, रेड कार्नर नोटिस के लंबित पड़े मुद्दों को सुलझाकर बेहतर संभव नतीजे निकाले जा सकें। इसके अलावा कानून प्रवर्तन और न्यायिक प्रक्रियाओं में भी सहयोग तथा आतंकवाद से मुकाबला किया जा सके।’’ पाकिस्तानी अमेरिकी हेडली और पाकिस्तानी कनाडाई राणा को शिकागो की अदालत ने मुंबई हमले और डैनिश समाचार पत्र पर विफल हमले में उनकी भूमिका के कारण उन्हें क्रमश: 35 साल एवं 14 साल की सजा सुनायी थी। हेडली (52) एवं राणा (52) को 2009 में गिरफ्तार किया गया था। हेडली कुछ समय तक मादक पदार्थों का कारोबारी था और वह अमेरिकी मादक पदार्थ संबंधी एजेंसी डीईए का मुखबिर भी था। बाद में उसने अपनी भूमिका बदल ली। हालांकि भारत को हेडली तक पहुंच तो मिल गई थी लेकिन अमेरिका ने पाकिस्तानी कनाडियाई मूल के राणा, हेडली की अमेरिका में रह रही पत्नी शाजिया, उसकी प्रेमिका पोर्शिया पीटर और एक अन्य महिला मित्र से पूछताछ का मौका नहीं दिया था। हेडली ने पाकिस्तान आधिकारिक आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए 26/11 के मुंबई हमलों का निशाना बनाए जाने वाले स्थानों की टोह ली थी। भारतीय जांचकर्ताओं का मानना है कि अगर वे आगे हेडली और अन्य लोगों से बातचीत कर पाते हैं तो कई छिपी हुई सूचनाएं मिल सकती हैं। गृहमंत्री शिंदे ने एफबीआई के निदेशक मुलर से भी मुलाकात की। दोनों पक्षों ने परस्पर सहयोग और आपसी हितों से जुड़े मुद्दों की समीक्षा की। एफबीआई और भारतीय एजेंसियां नजदीकी संपर्क में रही हैं और इस संदर्भ में यह सहमति भी बनी कि एजेंसियों के बीच सहयोग को और बढ़ाया जाएगा।टिप्पणियां आधिकारिक बैठकों के बाद शिंदे और उनके प्रतिनिधिमंडल के वरिष्ठ सदस्य एक दिन की बोस्टन यात्रा पर गए। समझा जाता है कि इस दौरान उन्हें बीते 15 अप्रैल को बोस्टन मैराथन में हुए विस्फोट की सफलतापूर्वक जांच की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। इससे पहले शिंदे ने दूसरी भारतीय-अमेरिकी घरेलू सुरक्षा वार्ता के लिए एक उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। इस वार्ता की सहअध्यक्षता घरेलू सुरक्षा मंत्री जेनेट नेपोलितानो ने की। हालांकि दोनों पक्षों में से किसी ओर से भी हेडली एवं राणा के संदर्भ में हुई चर्चा के बारे में आधिकारिक रूप से जानकारी नहीं दी गई। अधिकारियों ने कहा कि गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने अमेरिकी अटॉर्नी जनरल एरिक होल्डर के साथ इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। एक आधिकारिक भारतीय बयान में कहा गया, ‘‘शिंदे और होल्डर के बीच इस बात पर सहमति बनी कि गृहमंत्रालय और न्यायिक विभाग को एक साथ मिलकर संस्थागत रूप से काम करना चाहिए ताकि दोनों देशों के कानूनी दायरे के भीतर प्रत्यर्पण से जुड़े मामले, आग्रह पत्रों (लैटर्स रोगेट्री) के क्रियान्वयन, रेड कार्नर नोटिस के लंबित पड़े मुद्दों को सुलझाकर बेहतर संभव नतीजे निकाले जा सकें। इसके अलावा कानून प्रवर्तन और न्यायिक प्रक्रियाओं में भी सहयोग तथा आतंकवाद से मुकाबला किया जा सके।’’ पाकिस्तानी अमेरिकी हेडली और पाकिस्तानी कनाडाई राणा को शिकागो की अदालत ने मुंबई हमले और डैनिश समाचार पत्र पर विफल हमले में उनकी भूमिका के कारण उन्हें क्रमश: 35 साल एवं 14 साल की सजा सुनायी थी। हेडली (52) एवं राणा (52) को 2009 में गिरफ्तार किया गया था। हेडली कुछ समय तक मादक पदार्थों का कारोबारी था और वह अमेरिकी मादक पदार्थ संबंधी एजेंसी डीईए का मुखबिर भी था। बाद में उसने अपनी भूमिका बदल ली। हालांकि भारत को हेडली तक पहुंच तो मिल गई थी लेकिन अमेरिका ने पाकिस्तानी कनाडियाई मूल के राणा, हेडली की अमेरिका में रह रही पत्नी शाजिया, उसकी प्रेमिका पोर्शिया पीटर और एक अन्य महिला मित्र से पूछताछ का मौका नहीं दिया था। हेडली ने पाकिस्तान आधिकारिक आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए 26/11 के मुंबई हमलों का निशाना बनाए जाने वाले स्थानों की टोह ली थी। भारतीय जांचकर्ताओं का मानना है कि अगर वे आगे हेडली और अन्य लोगों से बातचीत कर पाते हैं तो कई छिपी हुई सूचनाएं मिल सकती हैं। गृहमंत्री शिंदे ने एफबीआई के निदेशक मुलर से भी मुलाकात की। दोनों पक्षों ने परस्पर सहयोग और आपसी हितों से जुड़े मुद्दों की समीक्षा की। एफबीआई और भारतीय एजेंसियां नजदीकी संपर्क में रही हैं और इस संदर्भ में यह सहमति भी बनी कि एजेंसियों के बीच सहयोग को और बढ़ाया जाएगा।टिप्पणियां आधिकारिक बैठकों के बाद शिंदे और उनके प्रतिनिधिमंडल के वरिष्ठ सदस्य एक दिन की बोस्टन यात्रा पर गए। समझा जाता है कि इस दौरान उन्हें बीते 15 अप्रैल को बोस्टन मैराथन में हुए विस्फोट की सफलतापूर्वक जांच की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। इससे पहले शिंदे ने दूसरी भारतीय-अमेरिकी घरेलू सुरक्षा वार्ता के लिए एक उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। इस वार्ता की सहअध्यक्षता घरेलू सुरक्षा मंत्री जेनेट नेपोलितानो ने की। एक आधिकारिक भारतीय बयान में कहा गया, ‘‘शिंदे और होल्डर के बीच इस बात पर सहमति बनी कि गृहमंत्रालय और न्यायिक विभाग को एक साथ मिलकर संस्थागत रूप से काम करना चाहिए ताकि दोनों देशों के कानूनी दायरे के भीतर प्रत्यर्पण से जुड़े मामले, आग्रह पत्रों (लैटर्स रोगेट्री) के क्रियान्वयन, रेड कार्नर नोटिस के लंबित पड़े मुद्दों को सुलझाकर बेहतर संभव नतीजे निकाले जा सकें। इसके अलावा कानून प्रवर्तन और न्यायिक प्रक्रियाओं में भी सहयोग तथा आतंकवाद से मुकाबला किया जा सके।’’ पाकिस्तानी अमेरिकी हेडली और पाकिस्तानी कनाडाई राणा को शिकागो की अदालत ने मुंबई हमले और डैनिश समाचार पत्र पर विफल हमले में उनकी भूमिका के कारण उन्हें क्रमश: 35 साल एवं 14 साल की सजा सुनायी थी। हेडली (52) एवं राणा (52) को 2009 में गिरफ्तार किया गया था। हेडली कुछ समय तक मादक पदार्थों का कारोबारी था और वह अमेरिकी मादक पदार्थ संबंधी एजेंसी डीईए का मुखबिर भी था। बाद में उसने अपनी भूमिका बदल ली। हालांकि भारत को हेडली तक पहुंच तो मिल गई थी लेकिन अमेरिका ने पाकिस्तानी कनाडियाई मूल के राणा, हेडली की अमेरिका में रह रही पत्नी शाजिया, उसकी प्रेमिका पोर्शिया पीटर और एक अन्य महिला मित्र से पूछताछ का मौका नहीं दिया था। हेडली ने पाकिस्तान आधिकारिक आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए 26/11 के मुंबई हमलों का निशाना बनाए जाने वाले स्थानों की टोह ली थी। भारतीय जांचकर्ताओं का मानना है कि अगर वे आगे हेडली और अन्य लोगों से बातचीत कर पाते हैं तो कई छिपी हुई सूचनाएं मिल सकती हैं। गृहमंत्री शिंदे ने एफबीआई के निदेशक मुलर से भी मुलाकात की। दोनों पक्षों ने परस्पर सहयोग और आपसी हितों से जुड़े मुद्दों की समीक्षा की। एफबीआई और भारतीय एजेंसियां नजदीकी संपर्क में रही हैं और इस संदर्भ में यह सहमति भी बनी कि एजेंसियों के बीच सहयोग को और बढ़ाया जाएगा।टिप्पणियां आधिकारिक बैठकों के बाद शिंदे और उनके प्रतिनिधिमंडल के वरिष्ठ सदस्य एक दिन की बोस्टन यात्रा पर गए। समझा जाता है कि इस दौरान उन्हें बीते 15 अप्रैल को बोस्टन मैराथन में हुए विस्फोट की सफलतापूर्वक जांच की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। इससे पहले शिंदे ने दूसरी भारतीय-अमेरिकी घरेलू सुरक्षा वार्ता के लिए एक उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। इस वार्ता की सहअध्यक्षता घरेलू सुरक्षा मंत्री जेनेट नेपोलितानो ने की। पाकिस्तानी अमेरिकी हेडली और पाकिस्तानी कनाडाई राणा को शिकागो की अदालत ने मुंबई हमले और डैनिश समाचार पत्र पर विफल हमले में उनकी भूमिका के कारण उन्हें क्रमश: 35 साल एवं 14 साल की सजा सुनायी थी। हेडली (52) एवं राणा (52) को 2009 में गिरफ्तार किया गया था। हेडली कुछ समय तक मादक पदार्थों का कारोबारी था और वह अमेरिकी मादक पदार्थ संबंधी एजेंसी डीईए का मुखबिर भी था। बाद में उसने अपनी भूमिका बदल ली। हालांकि भारत को हेडली तक पहुंच तो मिल गई थी लेकिन अमेरिका ने पाकिस्तानी कनाडियाई मूल के राणा, हेडली की अमेरिका में रह रही पत्नी शाजिया, उसकी प्रेमिका पोर्शिया पीटर और एक अन्य महिला मित्र से पूछताछ का मौका नहीं दिया था। हेडली ने पाकिस्तान आधिकारिक आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए 26/11 के मुंबई हमलों का निशाना बनाए जाने वाले स्थानों की टोह ली थी। भारतीय जांचकर्ताओं का मानना है कि अगर वे आगे हेडली और अन्य लोगों से बातचीत कर पाते हैं तो कई छिपी हुई सूचनाएं मिल सकती हैं। गृहमंत्री शिंदे ने एफबीआई के निदेशक मुलर से भी मुलाकात की। दोनों पक्षों ने परस्पर सहयोग और आपसी हितों से जुड़े मुद्दों की समीक्षा की। एफबीआई और भारतीय एजेंसियां नजदीकी संपर्क में रही हैं और इस संदर्भ में यह सहमति भी बनी कि एजेंसियों के बीच सहयोग को और बढ़ाया जाएगा।टिप्पणियां आधिकारिक बैठकों के बाद शिंदे और उनके प्रतिनिधिमंडल के वरिष्ठ सदस्य एक दिन की बोस्टन यात्रा पर गए। समझा जाता है कि इस दौरान उन्हें बीते 15 अप्रैल को बोस्टन मैराथन में हुए विस्फोट की सफलतापूर्वक जांच की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। इससे पहले शिंदे ने दूसरी भारतीय-अमेरिकी घरेलू सुरक्षा वार्ता के लिए एक उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। इस वार्ता की सहअध्यक्षता घरेलू सुरक्षा मंत्री जेनेट नेपोलितानो ने की। हेडली (52) एवं राणा (52) को 2009 में गिरफ्तार किया गया था। हेडली कुछ समय तक मादक पदार्थों का कारोबारी था और वह अमेरिकी मादक पदार्थ संबंधी एजेंसी डीईए का मुखबिर भी था। बाद में उसने अपनी भूमिका बदल ली। हालांकि भारत को हेडली तक पहुंच तो मिल गई थी लेकिन अमेरिका ने पाकिस्तानी कनाडियाई मूल के राणा, हेडली की अमेरिका में रह रही पत्नी शाजिया, उसकी प्रेमिका पोर्शिया पीटर और एक अन्य महिला मित्र से पूछताछ का मौका नहीं दिया था। हेडली ने पाकिस्तान आधिकारिक आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए 26/11 के मुंबई हमलों का निशाना बनाए जाने वाले स्थानों की टोह ली थी। भारतीय जांचकर्ताओं का मानना है कि अगर वे आगे हेडली और अन्य लोगों से बातचीत कर पाते हैं तो कई छिपी हुई सूचनाएं मिल सकती हैं। गृहमंत्री शिंदे ने एफबीआई के निदेशक मुलर से भी मुलाकात की। दोनों पक्षों ने परस्पर सहयोग और आपसी हितों से जुड़े मुद्दों की समीक्षा की। एफबीआई और भारतीय एजेंसियां नजदीकी संपर्क में रही हैं और इस संदर्भ में यह सहमति भी बनी कि एजेंसियों के बीच सहयोग को और बढ़ाया जाएगा।टिप्पणियां आधिकारिक बैठकों के बाद शिंदे और उनके प्रतिनिधिमंडल के वरिष्ठ सदस्य एक दिन की बोस्टन यात्रा पर गए। समझा जाता है कि इस दौरान उन्हें बीते 15 अप्रैल को बोस्टन मैराथन में हुए विस्फोट की सफलतापूर्वक जांच की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। इससे पहले शिंदे ने दूसरी भारतीय-अमेरिकी घरेलू सुरक्षा वार्ता के लिए एक उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। इस वार्ता की सहअध्यक्षता घरेलू सुरक्षा मंत्री जेनेट नेपोलितानो ने की। हालांकि भारत को हेडली तक पहुंच तो मिल गई थी लेकिन अमेरिका ने पाकिस्तानी कनाडियाई मूल के राणा, हेडली की अमेरिका में रह रही पत्नी शाजिया, उसकी प्रेमिका पोर्शिया पीटर और एक अन्य महिला मित्र से पूछताछ का मौका नहीं दिया था। हेडली ने पाकिस्तान आधिकारिक आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए 26/11 के मुंबई हमलों का निशाना बनाए जाने वाले स्थानों की टोह ली थी। भारतीय जांचकर्ताओं का मानना है कि अगर वे आगे हेडली और अन्य लोगों से बातचीत कर पाते हैं तो कई छिपी हुई सूचनाएं मिल सकती हैं। गृहमंत्री शिंदे ने एफबीआई के निदेशक मुलर से भी मुलाकात की। दोनों पक्षों ने परस्पर सहयोग और आपसी हितों से जुड़े मुद्दों की समीक्षा की। एफबीआई और भारतीय एजेंसियां नजदीकी संपर्क में रही हैं और इस संदर्भ में यह सहमति भी बनी कि एजेंसियों के बीच सहयोग को और बढ़ाया जाएगा।टिप्पणियां आधिकारिक बैठकों के बाद शिंदे और उनके प्रतिनिधिमंडल के वरिष्ठ सदस्य एक दिन की बोस्टन यात्रा पर गए। समझा जाता है कि इस दौरान उन्हें बीते 15 अप्रैल को बोस्टन मैराथन में हुए विस्फोट की सफलतापूर्वक जांच की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। इससे पहले शिंदे ने दूसरी भारतीय-अमेरिकी घरेलू सुरक्षा वार्ता के लिए एक उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। इस वार्ता की सहअध्यक्षता घरेलू सुरक्षा मंत्री जेनेट नेपोलितानो ने की। भारतीय जांचकर्ताओं का मानना है कि अगर वे आगे हेडली और अन्य लोगों से बातचीत कर पाते हैं तो कई छिपी हुई सूचनाएं मिल सकती हैं। गृहमंत्री शिंदे ने एफबीआई के निदेशक मुलर से भी मुलाकात की। दोनों पक्षों ने परस्पर सहयोग और आपसी हितों से जुड़े मुद्दों की समीक्षा की। एफबीआई और भारतीय एजेंसियां नजदीकी संपर्क में रही हैं और इस संदर्भ में यह सहमति भी बनी कि एजेंसियों के बीच सहयोग को और बढ़ाया जाएगा।टिप्पणियां आधिकारिक बैठकों के बाद शिंदे और उनके प्रतिनिधिमंडल के वरिष्ठ सदस्य एक दिन की बोस्टन यात्रा पर गए। समझा जाता है कि इस दौरान उन्हें बीते 15 अप्रैल को बोस्टन मैराथन में हुए विस्फोट की सफलतापूर्वक जांच की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। इससे पहले शिंदे ने दूसरी भारतीय-अमेरिकी घरेलू सुरक्षा वार्ता के लिए एक उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। इस वार्ता की सहअध्यक्षता घरेलू सुरक्षा मंत्री जेनेट नेपोलितानो ने की। गृहमंत्री शिंदे ने एफबीआई के निदेशक मुलर से भी मुलाकात की। दोनों पक्षों ने परस्पर सहयोग और आपसी हितों से जुड़े मुद्दों की समीक्षा की। एफबीआई और भारतीय एजेंसियां नजदीकी संपर्क में रही हैं और इस संदर्भ में यह सहमति भी बनी कि एजेंसियों के बीच सहयोग को और बढ़ाया जाएगा।टिप्पणियां आधिकारिक बैठकों के बाद शिंदे और उनके प्रतिनिधिमंडल के वरिष्ठ सदस्य एक दिन की बोस्टन यात्रा पर गए। समझा जाता है कि इस दौरान उन्हें बीते 15 अप्रैल को बोस्टन मैराथन में हुए विस्फोट की सफलतापूर्वक जांच की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। इससे पहले शिंदे ने दूसरी भारतीय-अमेरिकी घरेलू सुरक्षा वार्ता के लिए एक उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। इस वार्ता की सहअध्यक्षता घरेलू सुरक्षा मंत्री जेनेट नेपोलितानो ने की। एफबीआई और भारतीय एजेंसियां नजदीकी संपर्क में रही हैं और इस संदर्भ में यह सहमति भी बनी कि एजेंसियों के बीच सहयोग को और बढ़ाया जाएगा।टिप्पणियां आधिकारिक बैठकों के बाद शिंदे और उनके प्रतिनिधिमंडल के वरिष्ठ सदस्य एक दिन की बोस्टन यात्रा पर गए। समझा जाता है कि इस दौरान उन्हें बीते 15 अप्रैल को बोस्टन मैराथन में हुए विस्फोट की सफलतापूर्वक जांच की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। इससे पहले शिंदे ने दूसरी भारतीय-अमेरिकी घरेलू सुरक्षा वार्ता के लिए एक उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। इस वार्ता की सहअध्यक्षता घरेलू सुरक्षा मंत्री जेनेट नेपोलितानो ने की। आधिकारिक बैठकों के बाद शिंदे और उनके प्रतिनिधिमंडल के वरिष्ठ सदस्य एक दिन की बोस्टन यात्रा पर गए। समझा जाता है कि इस दौरान उन्हें बीते 15 अप्रैल को बोस्टन मैराथन में हुए विस्फोट की सफलतापूर्वक जांच की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। इससे पहले शिंदे ने दूसरी भारतीय-अमेरिकी घरेलू सुरक्षा वार्ता के लिए एक उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। इस वार्ता की सहअध्यक्षता घरेलू सुरक्षा मंत्री जेनेट नेपोलितानो ने की। इससे पहले शिंदे ने दूसरी भारतीय-अमेरिकी घरेलू सुरक्षा वार्ता के लिए एक उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। इस वार्ता की सहअध्यक्षता घरेलू सुरक्षा मंत्री जेनेट नेपोलितानो ने की।
पिछले हफ्ते सोशल मीडिया पर दो तस्वीरें वायरल हुईं, जिसमें फिल्म शोले के पॉपुलर किरदार गब्बर सिंह के लुक वाले एक शख्स को दिखाया गया है. बताया गया कि ये कराची की तस्वीरें हैं, जहां गब्बर का हमशक्ल शॉपिंग कर रहा है. दरअसल, इन तस्वीरों की सच्चाई कुछ और है. बंगाली न्यूज पोर्टल 24x7 ने इन तस्वीरों पर एक स्टोरी की, जिसमें बताया गया है कि ये तस्वीरें पाकिस्तान स्थ‍ित कराची की नहीं, बल्क‍ि कोलकाता के बड़े बाजार की है. एक फेसबुक यूजर ने ये तस्वीरें 28 जुलाई को शेयर की थी, जिनके साथ उन्होंने बताया था कि ये तस्वीरें कोलकाता स्थ‍ित दक्ष‍िणेश्वर मंदिर के बाहर की हैं. मंदिर के बाहर गब्बर के हमशक्ल कुछ शॉपिंग कर रहे हैं. तस्वीरों के पीछे भी बोर्ड पर बंगाली में कुछ लिखा दिखाई दे रहा है. जब इस नकली गब्बर को लोगों ने देखा तो उन्हें घेर लिया. वे अपनी पहचान बचाने से बचते हैं. जब उनसे नाम पूछा गया तो कहने लगे, "मेरा नाम जानकर आप क्या करेंगे, गब्बर का नाम जानने के लिए काफी हिम्मत होनी चाहिए." वे दर्शन के लिए मंदिर की लाइन में भी लगे और उन्होंने मजाक में कहा, ''लाइन में कितने आदमी हैं रे.'' शोले में अमजद नहीं थे पहली पसंद, गब्बर ने बदल दी जिंदगी गब्बर के हमशक्ल के लोगों ने फोटो कैमरे में कैद कर लिए और पिछले एक हफ्ते से ये वायरल हो रहे हैं. इन्हें  कराची का बताया जा रहा है. इस पर #GabbarIsBack भी चल रहा है. लेकिन अब हकीकत कुछ अौर समने आई है. बता दें कि अमजद खान ने फिल्म शोले में डकैत गब्बर सिंह का पॉपुलर किरदार निभाया था. इसके बाद न सिर्फ ये किरदार बल्क‍ि इसके डायलॉग भी काफी मशहूर हुए.
सीबीआई ने कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के डायरेक्टर जनरल बी.के. बंसल को शनिवार को रिश्वत लेने के आरोप में हिरासत में ले लिया. एजेंसी ने सरकारी अधिकारी को 9 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है. इस मामले में दो और लोगों को हिरासत में लिया गया है. डीजी के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. जांच नहीं कराने की एवज में मांगी रिश्वत आरोपी अधिकारी मुंबई की फार्मास्यूटिकल्स कंपनी द्वारा किए जा रहे उल्लंघन की जांच से जुड़े थे. मुंबई वेस्टर्न रीजन(कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय) के रीजनल डायरेक्टर ने इंस्पेक्शन के दौरान गड़बड़ियां पाईं थी. मुंबई की इस कंपनी के सीओओ ने जांच से बचने के लिए कथित तौर पर एक बिचौलिए से मदद मांगी, जो दिल्ली में उनके डिस्ट्रिब्यूटर के तौर पर काम कर रहा था. आरोपी डीजी ने एसएफआईओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर जांच की सिफारिश आगे नहीं बढ़ाने की एवज में 50 लाख रुपये की रिश्वत मांगी . दिल्ली के इस बिचौलिए ने मोलभाव कर 20 लाख में सौदा तय कर लिए. सीबीआई ने बिछाया था जाल आरोपी अधिकारी ने पहले कथित तौर पर 11 लाख रुपये ले लिए थे और वो बाकी 9 लाख रुपये की मांग कर रहा था. सीबीआई ने इसकी सूचना मिलने के बाद जाल बिछाया और नई दिल्ली के होटल में आरोपी को 9 लाख रुपये की रिश्वत लेते पकड़ लिया. छापों में मिले कई दस्तावेज और कैश सीबीआई ने दिल्ली में 6 जगहों पर जबकि मुंबई में 2 जगहों पर छापे मारे हैं, जिसके बाद कई अहम दस्तावेज और अब तक करीब 54 लाख रुपये कैश बरामद किया गया है. इस मामले में कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के डायरेक्टर जनरल बी.के. बंसल, दिल्ली की एक फार्मास्यूटिकल्स कंपनी के मालिक विश्वदीप बंसल और मुंबई की एक फार्मास्यूटिकल्स कंपनी के सीओओ अनुज सक्सेना को आरोपी बनाया गया है.
लेख: ईरान ने स्वदेशी तकनीक से निर्मित पिशगाम रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष में एक जीवित बंदर भेजा है। प्रेस टीवी द्वारा सोमवार को जारी रपट के अनुसार, बंदर को लेकर अंतरिक्ष यान ने अंतरिक्ष के लिए प्रस्थान किया और बाद में यान सुरक्षित लौट आया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने तेहरान स्थित अरबी भाषा के अल-अलम चैनल के हवाले से कहा कि ईरान की अंतरिक्ष एजेंसी ने इस परियोजना का अध्ययन किया और इसे सम्पन्न किया।टिप्पणियां समाचार एजेंसी फार्स के अनुसार, पिशगम रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष यान को ईरानी रक्षा मंत्रालय के अंतरिक्ष विभाग द्वारा एक पूर्व निर्धारित कक्षा के लिए छोड़ा गया। अंतरिक्ष यान की अंतरिक्ष में मौजूदगी की अवधि के बारे में कोई रपट नहीं सामने आई है। इसके पहले अंतरिक्ष में बंदर भेजने की ईरान की एक कोशिश विफल साबित हुई थी। प्रेस टीवी द्वारा सोमवार को जारी रपट के अनुसार, बंदर को लेकर अंतरिक्ष यान ने अंतरिक्ष के लिए प्रस्थान किया और बाद में यान सुरक्षित लौट आया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने तेहरान स्थित अरबी भाषा के अल-अलम चैनल के हवाले से कहा कि ईरान की अंतरिक्ष एजेंसी ने इस परियोजना का अध्ययन किया और इसे सम्पन्न किया।टिप्पणियां समाचार एजेंसी फार्स के अनुसार, पिशगम रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष यान को ईरानी रक्षा मंत्रालय के अंतरिक्ष विभाग द्वारा एक पूर्व निर्धारित कक्षा के लिए छोड़ा गया। अंतरिक्ष यान की अंतरिक्ष में मौजूदगी की अवधि के बारे में कोई रपट नहीं सामने आई है। इसके पहले अंतरिक्ष में बंदर भेजने की ईरान की एक कोशिश विफल साबित हुई थी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने तेहरान स्थित अरबी भाषा के अल-अलम चैनल के हवाले से कहा कि ईरान की अंतरिक्ष एजेंसी ने इस परियोजना का अध्ययन किया और इसे सम्पन्न किया।टिप्पणियां समाचार एजेंसी फार्स के अनुसार, पिशगम रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष यान को ईरानी रक्षा मंत्रालय के अंतरिक्ष विभाग द्वारा एक पूर्व निर्धारित कक्षा के लिए छोड़ा गया। अंतरिक्ष यान की अंतरिक्ष में मौजूदगी की अवधि के बारे में कोई रपट नहीं सामने आई है। इसके पहले अंतरिक्ष में बंदर भेजने की ईरान की एक कोशिश विफल साबित हुई थी। समाचार एजेंसी फार्स के अनुसार, पिशगम रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष यान को ईरानी रक्षा मंत्रालय के अंतरिक्ष विभाग द्वारा एक पूर्व निर्धारित कक्षा के लिए छोड़ा गया। अंतरिक्ष यान की अंतरिक्ष में मौजूदगी की अवधि के बारे में कोई रपट नहीं सामने आई है। इसके पहले अंतरिक्ष में बंदर भेजने की ईरान की एक कोशिश विफल साबित हुई थी। अंतरिक्ष यान की अंतरिक्ष में मौजूदगी की अवधि के बारे में कोई रपट नहीं सामने आई है। इसके पहले अंतरिक्ष में बंदर भेजने की ईरान की एक कोशिश विफल साबित हुई थी।
यह एक लेख है: अमेरिकी कार निर्माता कंपनी जनरल मोटर्स की भारतीय सहायक कंपनी ने शुक्रवार को अपनी हर कार पर 55 हजार से 85 हजार रुपये तक की छूट की पेशकश की। इस योजना में हालांकि कैप्टिवा स्पोर्ट् युटिलिटी व्हिकल (एसयूवी) शामिल नहीं है। कंपनी ने कहा कि यह छूट सीमित अवधि के लिए है और इसमें नकद छूट, एक्सचेंज/लॉयल्टी बोनस और कॉरपोरेट बोनस भी शामिल है। जनरल मोटर्स इंडिया के बिक्री, विपणन और सेवा खंड के उपाध्यक्ष राजेश सिंह ने एक बयान में कहा, हमारी कोशिश ग्राहकों को उसकी खरीद के लिए पूरा मूल्य प्रदान करने की है इसलिए हमने इस दिसंबर में शेवरले खरीदने वालों के लिए काफी शानदार ऑफर पेश की है। उन्होंने कहा कि शेवरले एंज्वॉय पर सर्वाधिक छूट दी गई है और उसके बाद मॉडल 'बीट' पर 83 हजार रुपये की छूट है। उन्होंने कहा कि पूरी तरह नई सेल सेडान और हैचबैक पर 55 हजार रुपये की छूट है। शेवरले तवेरा पर 55 हजार रुपये तक, शेवरले क्रूज पर 60 हजार रुपये और स्पार्क पर 68 हजार रुपये तक की छूट है।
बॉलीवुड एक्ट्रेस नीतू चंद्रा और रणदीप हुड्डा के ब्रेकअप को छह साल हो चुके हैं. दोनों के अफेयर और ब्रेकअप ने पहले भी लोगों का ध्यान खींचा था. अब छह साल बाद नीतू ने इस ब्रेकअप की वजह का खुलासा किया है. उन्होंने रणदीप के साथ ब्रेकअप से पर्दा उठाया है. स्पॉटबॉय से बातचीत में नीतू ने रणदीप हुड्डा के साथ अपने रिलेशन पर खुलकर बात की. ब्रेकअप की वजह पूछने पर नीतू ने बताया कि 'हम दोनों एक दूसरे की बहुत इज्जत करते हैं. हम दोस्त हैं और हमारे बीच अच्छी तालमेल है. साथ ही हमारी अपनी प्राथमिकताएं हैं. मेरे लिए मेरा परिवार और प्रोफेशन बहुत मायने रखता है. मैंने कैंसर की वजह से अपने पापा को खो दिया. उसके (रणदीप) पास अपने करियर को लेकर अलग प्राथमिकताएं थी और वो उसी को लेकर आगे बढ़ना और अपने काम करना चाहता था. इसलिए कभी-कभी दो अच्छे लोग एक साथ काम नहीं कर पाते हैं क्योंकि वे एक ही चीज को ढूंढ़ रहे हैं और इस वजह से शायद टकराव हो जाए.' View this post on Instagram Feeling bright🌼 #OOTD A post shared by Neetu N Chandra (@neetunchandra) on Aug 14, 2019 at 4:40am PDT उन्होंने आगे रणदीप की तारीफ करते हुए कहा, 'मैंने उससे अपने प्रोफेशन को गंभीरता से लेना सीखा है. मैं उनकी आभारी हूं और खुश भी कि अब मैं उस चीज से निकल चुकी हूं और दूसरे काम कर रही हूं. लेकिन मैं उनकी बहुत इज्जत करती हूं और यह कभी नहीं बदलेगा.' View this post on Instagram The hats we wear😎 .. Had such a night of reminiscing @prithvitheatre after so long watching my @motleyproductions final day #Ismataapakenaam .. was so lucky to play #lucky over many shows in #samuelbeckett #waitingforgodot over a long period of time .. by far one of my favourite parts “inspite of the tennis .. the stones “ A post shared by Randeep Hooda (@randeephooda) on Jul 30, 2019 at 4:26am PDT नीतू ने कहा, 'अगर आप किसी रिलेशनशिप में हैं तो आप सिर्फ उस रिलेशनशिप की बात नहीं कर सकते हैं क्योंकि उसमें दूसरा व्यक्त‍ि भी शामिल है. मुझे अपनी पर्सनल लाइफ पर डिस्कस करना पसंद नहीं है. मुझे लगता है कि मेरे काम के बारे में बात नहीं की जाएगी. इसलिए मैं कुछ कम ही सही लेकिन क्वालिटी वर्क करना पसंद करती हूं. मैं हमेशा कहूंगी कि मैंने अपने पिछले रिलेशनशिप से बहुत कुछ सीखा है.' नीतू ने ये भी बताया कि दोनों के बीच कभी लड़ाई नहीं हुई. उन्होंने कहा, 'हम दोनों सोच में मैच्योर थे इसलिए अलग हो गए.'
पाकिस्तान के जाने−माने क्रिकेटर और नेता इमरान खान ने कराची में एक बहुत बड़ी रैली की जिसमें लाखों की तादाद में लोग शामिल हुए। जानकारों का कहना है कि कराची में इतनी बड़ी रैली हाल के दिनों में नहीं देखी गई। इस रैली के निशाने पर सबसे ज्यादा पाक सरकार रही और यूसुफ रजा गिलानी रहे। इमरान खान ने इशारों में यह भी कहा कि जो लोग जम्हूरियत को नुकसान पहुंचाने की साजिश कर रहे हैं वह इससे दूर रहें। उन्होंने पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी को भी भरोसा दिलाया कि उनकी पार्टी तहरीके इंसाफ उनके साथ है। दरअसल, इमरान खान ने हाल में कई रैलियां की हैं और माना जा रहा है कि इन दिनों वह पाकिस्तान के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं।
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: दिल्ली के कनॉट प्लेस इलाके में एक युवक की हत्या के आरोप में पुलिस ने महज 12 घंटे में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया. इन दोनों आरोपियों के पास से पुलिस ने 14 मोबाइल फोन और दो लैपटॉप बरामद किए हैं. इन आरोपियों के नाम मैग्गी और प्रेम हैं. दोनों आरोपी दिल्ली के मंडावली इलाके में रहते थे. अक्सर ये दोनों देर रात में  कनॉट प्लेस के बंगला साहेब गुरुद्वारे के पास बने सेल्टर होम में जबरन घुस जाते थे और वहीं रात बिताते थे. उसी शेल्टर होम में रहने वाला एक युवक प्रवीण इनका विरोध करता था इसी बात से नाराज होकर रविवार को देर रात इन दोनों ने प्रवीण पर चाकू और ईंट से वार कर उसकी हत्या कर दी. पुलिस ने सीसीटीवी और मृतक के घायल अवस्था में दिए बयानों के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. अब पुलिस ने जो समान बरामद किया उसके आधार पर पुलिस इस बात का पता लगा रही है कि ये दोनों आरोपी कहीं लुटेरे या किसी अन्य क्राइम में लिप्त तो नहीं हैं क्योंकि इनके पास से 14 मोबाइल फोन और 2 लैपटॉप बरामद हुए हैं. शक है कि ये आरोपी अन्य गतिविधियों में भी लिप्त थे.
लेख: डीबीएस बैंक इंडिया ने वित्त वर्ष 2011-12 के दौरान 335.5 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है जो इससे पिछले वित्त वर्ष में हुए शुद्ध लाभ के मुकाबले 164 प्रतिशत अधिक है।टिप्पणियां बैंक को 2010-11 में 127.2 करोड रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। बैंक ने कहा कि समीक्षाधीन अवधि में उसकी कुल आय 86 प्रतिशत बढ़कर 1,063.2 करोड़ रुपये पहुंच गई जो वित्त वर्ष 2010-11 में 571.2 करोड़ रुपये थी। डीबीएस बैंक इंडिया के मुख्य कार्यकारी संजीव भसीन ने कहा, ‘‘ हमने अपनी रणनीति को गंभीरता से लागू करते हुए उत्साहजनक नतीजे हासिल किए। हमारा निष्पादन व्यापक रहा और कारोबार के सभी वर्गों में बढ़ोतरी दर्ज की गई।’’ बैंक को 2010-11 में 127.2 करोड रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। बैंक ने कहा कि समीक्षाधीन अवधि में उसकी कुल आय 86 प्रतिशत बढ़कर 1,063.2 करोड़ रुपये पहुंच गई जो वित्त वर्ष 2010-11 में 571.2 करोड़ रुपये थी। डीबीएस बैंक इंडिया के मुख्य कार्यकारी संजीव भसीन ने कहा, ‘‘ हमने अपनी रणनीति को गंभीरता से लागू करते हुए उत्साहजनक नतीजे हासिल किए। हमारा निष्पादन व्यापक रहा और कारोबार के सभी वर्गों में बढ़ोतरी दर्ज की गई।’’ डीबीएस बैंक इंडिया के मुख्य कार्यकारी संजीव भसीन ने कहा, ‘‘ हमने अपनी रणनीति को गंभीरता से लागू करते हुए उत्साहजनक नतीजे हासिल किए। हमारा निष्पादन व्यापक रहा और कारोबार के सभी वर्गों में बढ़ोतरी दर्ज की गई।’’
चीन के नए नेता शी जिनपिंग ने सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के पदाधिकारियों को पार्टी में मौजूद बिगाड़ और सड़ांध के प्रति लेकर चेताया है और चीनी इतिहास में शासकों के चक्रीय उत्थान और पतन की याद दिलाई. चीन में काम करने की अनुमति पाने वाली आठ गैर-कम्युनिस्ट पार्टियों के नेताओं के साथ इस हफ्ते अपनी पहली बैठक में शी ने एक प्राचीन चीनी कहावत दोहराई जिसका मतलब होता है, ‘कीड़ों के पनपने से पहले चीजें जरूर सड़ चुकी होंगी.’ उन्होंने अपने पार्टीजन से स्वच्छ और स्व-अनुशासित रहने को कहा. भ्रष्टाचार और आत्मसंतोष को लेकर पार्टी के हाथ से चीन का शासन निकलने की आशंका जताते आ रहे 59 वर्षीय शी ने आठ पार्टियों के नेताओं को उस वक्त आश्चर्य में डाल दिया जब उन्होंने 1945 में माओत्से तुंग को एक गैर कम्युनिस्ट नेता की ओर से चीन में वंशों के उत्थान और पतन के संबंध में दी गई चेतावनी का जिक्र किया. शी ने माओ और गैर कम्युनिस्ट ‘चाइना डेमोक्रेटिक नेशनल कंस्ट्रक्शन एसोसिएशन’ के संस्थापक हुआंग येनपाई के बीच की बातचीत का जिक्र किया. हुआंग को माओ ने जवाब में कहा था कि सीपीसी ने बचने का रास्ता ढूंढ निकाला है और वह लोकतंत्र है. माओ ने कहा था कि अगर सरकारें अवाम की निगरानी में रहें तो वह कभी लापरवाही नहीं बरतेंगी’. सरकारी चाइना डेली ले अपनी रिपोर्ट में बताया कि शी ने कहा कि यह बातचीत आज भी प्रासंगिक है और पार्टी के लिए ‘एक प्रेरणा और एक चेतावनी’ है. हाल के महीनों में कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं को यौन, अनैतिक व्यवहार और भ्रष्टाचार के कई घोटालों में शामिल पाया गया है. उसके एक नेता बो शिलाई एक ब्रिटिश व्यवसायी की हत्या में अपनी पत्नी की संलिप्तता को लेकर सुनवाई का इंतजार कर रहे हैं. विदेशी मीडिया ने अपनी रिपोर्टों में आरोप लगाया कि निवर्तमान प्रधानमंत्री वेन जिआबाओ के परिवार ने 2.7 अरब अमेरिकी डॉलर से ज्यादा की संपत्ति इकट्ठा की है. जियाबोओ ने विदेशी मीडिया के इस दावे का खंडन किया. एक अन्य रिपोर्ट में शी के परिवार पर भी करोड़ों डॉलर की संपत्ति बनाने का आरोप लगाया गया है.
योग गुरू बाबा रामदेव ने सरकार से भ्रष्टाचार रोकने और कालाधन वापस लाने के लिये कदम उठाने की मांग करते हुए चेतावनी दी कि अगर सरकार ने ऐसा नहीं किया वह इसको लेकर जनता के बीच जायेंगे और इस सरकार को हटा देंगे. पंतजलि योग समिति और भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में बाबा रामदेव ने रामलीला मैदान में आयोजित विशाल रैली में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री से मैंने समय मांगा था लेकिन उन्होंने दिया नहीं. प्रधानमंत्री ने अगर समय नहीं दिया तो उनका भी समय पूरा हो जायेगा.’ रामदेव ने कहा, ‘प्रधानमंत्री बेइमानों से घिरे ईमानदार व्यक्ति हैं. वह आज तक की सबसे भ्रष्ट सरकार के सबसे ईमानदार प्रधानमंत्री हैं. सरकार ने यदि संवैधानिक दायित्व नहीं निभाया तो हम उन्हें सिखायेंगे.’ उन्होंने कहा कि कालेधन और भ्रष्टाचार के पांच मूल स्रोत हैं. पहला बड़े नोट और अधिक नोट, दूसरा अवैध-खनन, तीसरा विकास योजनाओं के धन की चोरी, चौथा रिश्वतखोरी और पांचवां कर चोरी. बाबा रामदेव ने कालाधन और भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिये पांच मुख्य उपाय बताये. पहला कठोर कानून बनाना तथा बड़े नोटों को प्रचलन से वापस लिया जाना, दूसरा वर्ष 2006 से लंबित ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन की संधि का अनुमोदन करना, मॉरिशस के रास्ते काले धन को जायज बनाना बंद करना, कालाधन जमा करने वाले विदेशी बैंकों पर प्रतिबंध लगाना और पांचवां विदेशी खाता नीति की तुरंत घोषणा करना. बाबा रामदेव ने कहा कि देश का करीब 400 लाख करोड़ रुपये कालाधन के रूप में है जिसमें से तीन सौ करोड रुपये देश के बाहर स्विटजरलैंड जैसे करों में छूट देने वाले 70 देशों में जमा हैं. इसके अलावा देश में भी 100 करोड़ रुपये अवैध ढंग से जमा किये गये हैं. योग गुरू ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर सिर्फ एक योजना शुरू की गई जबकि एक परिवार के नाम पर देश की आधे से अधिक योजनायें चल रही हैं. उन्होंने प्रश्न किया, ‘क्या सरदार बल्लभ भाई पटेल ने शहादत नहीं दी?’ उन्होंने मांग की कि जो लोग देश के लिये गाते हैं उन्हें भारत रत्न दो लेकिन उन्हें भी दो जिन्होंने देश के लिये अपनी शहादत दी थी. रामदेव ने कहा, ‘भारत माता के एक सेवक को ब्लडी इंडियन और कुत्ता कहा जाता है. ऐसा कहने वाले को संसद में बैठाया जाता है और उपर से बाबा से हिसाब मांगा जाता है.’ बाबा ने हाल ही में अपने उपर टिप्पणी करने वाले कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह पर भी निशाना साधा और कहा, ‘एक नेता ने मुझसे कहा कि सरकार की खिलाफत करना ठीक नहीं है. मैं बताना चाहता हूं कि हम सिंहासन पर बैठना, हटाना और बैठाना तीनों ही जानते हैं.’ रेमन मैगसायसाय पुरस्कार विजेता अरविंद केजरीवाल ने रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘हमारे कानून बहुत पुराने हैं और इसे बदलने की जरूरत है. यहां ब्रिटिश कानून के आधार पर सरकार का विरोध करने वाले विनायक सेन को आजीवन कारावास होती है लेकिन दो लाख करोड़ रुपये की हेराफेरी करने वाले राजा के अपराध को राजद्रोह नहीं माना जाता. उन्होंने कहा, ‘भ्रष्टाचार का खात्मा करने के लिये हम लोग सरकार से जन लोकपाल विधेयक को पास करने के लिये कह रहे हैं.’ पूर्व आयकर आयुक्त विश्वबंधु गुप्ता ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि स्विटजरलैंड के बैंक ने जिन 17 लोगों का नाम बताया है उसमें तीन नेताओं के भी हैं. इसमें से दो कांग्रेस के हैं. सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने कहा कि सरकार यह बताये कि उसने क्यों कालाधन रखने वाले दुनिया के सबसे बड़े बैंक यूबीएस को अपनी शाखायें भारत में खोलने की अनुमति दे दी. जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, ‘हमारे देश में जो दाम बढ़ रहे हैं उसका कारण जमाखोर हैं जो भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं.’ गांधीवादी कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि जयप्रकाश नारायण ने जो आंदोलन छेड़ा था उसके बाद पहली बार इतनी बड़ी रैली आयोजित की गई है. उन्होंने कहा कि लोकपाल विधेयक पारित किये जाने पर ही भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी. राम जेठमलानी ने बताया कि देश का इतना कालाधन है कि उसे बांटने पर भारत के प्रत्येक परिवार को ढाई लाख रपये मिलेंगे. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर भी कुछ आरोप लगाये. कार्यक्रम की समाप्ति पर रामलीला मैदान से एक रैली जंतर मंतर तक निकाली गई. इसके बाद बाबा रामदेव ने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा.
मराठा सेवा संघ (एमएसएस) भविष्य की दिशा को लेकर बंट गया है. यह वही एमएसएस है जिसने पिछले 18 महीनों में राज्य के सियासी तौर पर असरदार मराठा समुदाय की पूरी 57 जोरदार रैलियों का आयोजन और अगुआई की थी. आज इसके दो धड़े एमएसएस की सामाजिक शाखा संभाजी ब्रिगेड पर कब्जे के लिए कानूनी जंग में मुब्तिला हैं. एक धड़े की कमान प्रवीण गायकवाड़ के हाथ में है और वे मौजूदा हालत को जस का तस बनाए रखने के हक में हैं, जबकि मनोज आखाडे की अगुआई में दूसरा धड़ा संभाजी ब्रिगेड को मुकम्मल सियासी पार्टी के तौर पर लॉन्च करना चाहता है. उम्मीद की जा रही है कि राज्य कल्याण आयुक्त आने वाले हफ्तों में इस विवाद पर फैसला सुनाएंगे. राज्य सरकार के एक पूर्व कर्मचारी (इत्तफाकन राज्य सरकार के 12 फीसदी कर्मचारी मराठा हैं) पुरुषोत्तम खेडेकर ने दो दशक पहले संभाजी ब्रिगेड की शुरुआत की थी. इसका घोषित उद्देश्य 'ब्राह्मणवादी ताकतों के खतरे के खिलाफ  (मराठों के बीच) जागरूकता पैदा करना' था. इन वर्षों के दौरान संगठन ने कई मुद्दों पर आक्रामक रुख अख्तियार किया. इनमें छत्रपति शिवाजी के बारे में ब्राह्मण अध्येताओं का कथित गलत जानकारी देने का मुद्दा भी शामिल था. इसने 2015 में कवि बाबासाहेब पुरंदरे को—जो ब्राह्मण हैं—राज्य के सर्वोच्च महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से नवाजे जाने पर भी ऐतराज किया था. संभाजी ब्रिगेड साल 2016 से ही काफी उग्र तरीके से मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रहा है. संगठन में शुरुआती मतभेद पिछले नवंबर में दिखाई दिए, जब आखरे का धड़ा स्थानीय निकाय चुनाव में उतरा था. आखाडे का एक भी उम्मीदवार जीत नहीं पाया. उसके बाद तो तकरार और बढ़ गई. गायकवाड़ का कहना है कि इस कदम से कार्यकर्ताओं का मनोबल कमजोर पड़ा. वे कहते हैं, ''हमारे संगठन ने हमेशा सियासतदानों की आलोचना की है, फिर ताज्जुब क्या कि लोगों ने हमारे सियासतदानों को नामंजूर कर दिया.'' वे यह भी कहते हैं कि रोकड़े का सहारा नहीं होने का नतीजा यह हुआ कि चुनाव लडऩे वाले कार्यकर्ता कर्ज में दब गए. 90 फीसदी कार्यकर्ताओं के समर्थन का दावा करने वाले गायकवाड़ ने उसके बाद से ही पीजेंट्स ऐंड वर्कर्स पार्टी (पीडब्ल्यूपी) से हाथ मिला लिए. वे इस बात पर जोर देते हैं कि संभाजी ब्रिगेड को अपने सामाजिक संगठन होने का चरित्र हर हाल में बनाए रखना चाहिए, और कहते हैं, ''पीडब्ल्यूपी के साथ मिलकर हम ब्राह्मणवादी और हिंदुत्ववादी ताकतों के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे.'' इसके पहले शिव धर्म पार्टी और छावा संघटना सरीखे मराठा सियासी संगठन कांग्रेस और राकांपा  के बुनियादी वोट बैंकों में जरा भी सेंध लगाने में नाकाम रहे थे. हालांकि इस बार विश्लेषकों का मानना है कि मराठों की सियासी महत्वाकांक्षाओं का हश्र भाजपा के हाथ मजबूत करने में हो सकता है, जो हाल ही तक उनकी घोषित दुश्मन थी. खेडेकर के एक नजदीकी उनके एक भाषण की तरफ  इशारा करते हैं जो उन्होंने कुछ महीनों पहले शिरडी में दिया था. इसमें उन्होंने 2019 के बाद भाजपा-शिवसेना की सरकार को खुले समर्थन की बात कही थी. इससे संकेत मिलता है कि वे दक्षिणपंथ की तरफ झुक रहे हैं. संभाजी ब्रिगेड के संस्थापक हाल ही में तीन आयोजनों में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ दिखाई दिए थे. फडऩवीस ने शिवाजी की मां जीजाबाई की याद में बनाए जाने वाले भव्य स्मारक के लिए 200 करोड़ रु. देने का वादा किया. इस स्मारक की योजना खेडेकर ने बनाई है. फडऩवीस और गडकरी ने बीते अगस्त में एमएसएस के राज्य सम्मेलन में और फिर दिसंबर में नागपुर में हुए बलिराजा शोध संस्थान के उद्घाटन समारोह में भी हिस्सा लिया था. यह संस्थान गैर-ब्राह्मणवादी अध्येताओं की कृतियों पर शोध करेगा. हालांकि गायकवाड़ भाजपा के साथ किसी रिश्ते से इनकार करते हैं. वे कहते हैं, ''भाजपा के खिलाफ  कांग्रेस, राकांपा और पीडब्ल्यूपी का मोर्चा बनेगा. हम वोट बंटने नहीं देंगे.'' एमएसएस का दोफाड़ होना फडऩवीस के लिए फायदे का सौदा है, खासकर जब ग्रामीण इलाकों में काफी बेचैनी देखी जा रही है. ***
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पुलवामा हमले के पांच दिन बाद इस घटना में अपने देश का हाथ होने पर चुप्पी तोड़ी है. इमरान खान ने कहा कि पुलवामा में अटैक कराकर पाकिस्तान का कोई फायदा नहीं होने वाला था, तो वो भला ऐसा क्यों कराएगा. उन्होंने ये भी कहा कि जिस समय पुलवामा में हमले को अंजाम दिया गया उस समय पाकिस्तान सऊदी अरब के राजकुमार की बहुप्रतीक्षित विजिट की तैयारियों में लगा हुआ है. ऐसे मौके पर हमला कराने की बेवकूफी पाकिस्तान क्यों करेगा. इमरान खान  ने कहा कि पुलवामा के बाद पाक के ऊपर इल्जाम लगाया गया लेकिन हमारी एक बहुत महत्वपूर्ण विजिट थी सऊदी राजकुमार की विजिट थी. लिहाजा मैंने तब इसलिए फैसला किया जवाब न देने का क्योंकि उससे सारा फोकस उसी पर चला जाता इसलिए जब क्राउन प्रिंस वापस गए हैं मैं आपके सामने जवाब दे रहा हूं और मैं ये हिंदुस्तान की सरकार के  लिए जवाब दे रहा हूं. इमरान ने कहा कि पहले तो आपने पाकिस्तान पर इल्जाम लगा दिया. न कोई एविडेंस, न कोई सोचा कि इसके अंदर पाकिस्तान का क्या फायदा है. अगर पाकिस्तान इतनी महत्वपूर्ण विजिट की तैयारी कर रहा था तो कोई अहमक भी इसतरह का काम करेगा अपनी कॉन्फ्रेंस को बर्बाद करने के लिए. और अगर उनकी विजिट न भी होती तो पाकिस्तान को इससे क्या फायदा है. क्यों पाकिस्तान इस स्टेज पर जबकि वो 15 साल आतंकवाद झेलने के बाद स्थिरता की ओर जा रहा है, 70 हजार पाकिस्तानी जिस दहशतगर्दी में मारे गए वो नीचे जा रही है. हम क्यों इस तरह का हमला कराएंगे. इससे हमें फायदा क्या है. इमरान ने कहा कि मैं ये भी सवाल पूछना चाहता हूं हिंदुस्तान की सरकार से कि अगर आपको अतीत में ही फंसा रहना है, और हर घटना पर पाक को जिम्मेदार ठहराना है तो आप वहीं रुके रहेंगे. ये नया पाक है, नई माइंडसेट है, नई सोच है हमारे हित में है कि न कोई बाहर से आकर हमारी जमीन पर आतंकवाद फैलाए, न हमारी जमीन से कोई बाहर जाकर आतंकवाद फैलाए. हम स्थायित्व चाहते हैं. इमरान ने कहा क किसी किस्म की तहकीकात आप कराना चाहते हैं कि कोई पाकिस्तानी इसमें शामिल था, हम तैयार हैं. अगर आपके पास कोई इंटेलिजेंस है कि पाकिस्तानी इसमें शामिल हैं, वो हमें दें मैं आपको गारंटी देता हूं कि हम एक्शन लेंगे और एक्शन इसलिए नहीं लेंगे कि हमपर कसी का दबाव है, बल्कि इसलिए लेंगे कि ये पाकिस्तान से दुश्मनी कर रहे हैं. अगर हमारी जमीन का इस्तेमाल कर रहे हैं तो हम से ये दुश्मनी कर रहें है. ये हमारे हितों के खिलाफ है. इमरान ने कहा कि जब भी हिंदुस्तान से हम बातचीत की पहल करते हैं हिंदुस्तान की शर्त होती है कि पहले आतंकवाद की बात की जाए. मैं आपको ये कहता हूं कि हम आतंकवाद पर भी बात करने को तैयार हैं. दहशतगर्दी पूरे दक्षिण एशिया का मुद्दा है और हम चाहते हैं कि इस इळाके में ये खत्म हो. पाकिस्तान को इससे सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. 70 हजार पाकिस्तानी मारे गए, सौ अरब डॉलर का नुकसान हुआ लिहाजा हम तैयार हैं आपसे बाचतीत करने के लिए.
बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष बंगारु लक्ष्मण के लिए आज बड़ा दिन है. दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत उन पर चल रहे 11 साल पुराने केस में आज अपना फैसला सुना सकती है. इस बीच बंगारु लक्ष्‍मण ने कहा है कि मुझे कानून व्‍यवस्‍था में पूरा विश्‍वास है. साल 2001 में तहलका डॉट कॉम ने अपने एक स्टिंग ऑपरेशन के जरिए बंगारु लक्ष्मण पर एक लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया था. बोफोर्स केस में एक-दूसरे पर हमला बोल रही कांग्रेस और बीजेपी दोनों की निगाहें आज सीबीआई अदालत के फैसले पर टिकी होंगी. 11 साल पहले तहलका डॉट कॉम के स्टिंग ऑपरेशन ने उस समय की एनडीए सरकार हिला दी थी. तब के बीजेपी अध्यक्ष बंगारु लक्ष्मण और रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस को इस्तीफा देना पड़ा था. उस समय समता पार्टी की अध्यक्ष जया जेटली को भी कुर्सी छोड़नी पड़ी थी. इस केस में 11 साल बाद आज अहम फैसला आना वाला है. दिल्ली के द्वारका की विशेष सीबीआई अदालत इस केस पर आज फैसला सुनाएगी. विशेष सीबीआई अदालत ने तीन अप्रैल को इस मामले पर फैसला सुरक्षित रखा था. क्‍या था पूरा मामला? तहलका डॉट कॉम ने 13 मार्च 2001 को फर्जी रक्षा सौदे के स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो जारी किया था. खुफिया कैमरे में बंगारु लक्ष्मण रक्षा सौदे के फर्जी एजेंट से एक लाख रुपये लेते दिखाई दिए. तहलका डॉट कॉम के पत्रकारों ने बंगारु के सामने खुद को ब्रिटेन की वेस्ट एंड नाम की रक्षा कंपनी का एजेंट बताया और रक्षा सौदे के लिए उनसे सिफारिश करने को कहा. सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक रक्षा सौदों के एजेंट के तौर पर तहलका के पत्रकारों ने बंगारू लक्ष्मण से आठ बार मुलाकात की. 23 दिसंबर 2000 से 07 जनवरी 2001 के बीच ये आठों मुलाकातें हुईं. सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया है कि 01 जनवरी 2001 को बंगारू लक्ष्मण ने अपने दफ्तर में इन फर्जी एजेंटों से एक लाख रुपये की रकम ली. तहलका डॉट कॉम के स्टिंग ऑपरेशन के बाद देश की राजनीति में भूचाल आ गया था. साल 2001 में एनडीए सरकार ने इसकी जांच के लिए वेंकटस्वामी आयोग बनाया, लेकिन जनवरी 2003 में जस्टिस के वेंकटस्वामी ने आयोग से इस्तीफा दे दिया. मार्च 2003 में जस्टिस एस एन फूकन आयोग बना. इस आयोग ने पहली रिपोर्ट में जॉर्ज फर्नांडिस को क्लीन चिट दी, लेकिन आयोग की अंतिम रिपोर्ट के पहले ही 2004 में यूपीए सरकार ने फूकन आयोग का काम सीबीआई को सौंप दिया. सीबीआई ने पिछले साल मई में बंगारू लक्ष्मण के खिलाफ चार्जशीट दायर की. बंगारु लक्ष्मण के पूर्व निजी सचिव टी सत्यमूर्ति इस केस में आरोपी थे, जो बाद में सरकारी गवाह बन गए और कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया. बंगारु लक्ष्मण भी इस केस की सुनवाई रुकवाने के लिए हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट गए थे, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली.
B4b का एक उपवर्ग (जिसे कभी-कभी B2 भी कहा जाता है) अमेरिका के स्वदेशी लोगों के बीच पाए जाने वाले पांच हापलोग्रुप में से एक है, अन्य A, C, D और X हैं।
300 वर्ष २००६ की अंग्रेज़ी भाषा में बनी अमेरिकी मिथकीय युद्ध गाथा प्रधान फ़िल्म है, जो १९९८ में प्रकाशित फ्रैंक मिलर एवं लिन वैर्ले द्वारा रचित इसी समान नाम की काॅमिक्स श्रंखला पर आधारित है। दोनों की कहानियों में थेर्मोपायलेय के रण में हुए फ़ारसियों के साथ हुई युद्ध को पूनर्वर्णित किया गया है। फ़िल्म का निर्देशन ज़ैक स्नायडर ने किया है, साथ ही मिलर ने कार्यकारी निर्माता के साथ परामर्शदाता की बागडोर संभाली है। फ़िल्मांकन का काम बेहद सुपर-इम्पोजिशन क्रोमा की तकनीक के साथ किया गया है, जोकि मूल काॅमिक्स पुस्तक में चित्रों के सहारे हुबहू दोहराया गया है। कहानी का सार राजा लियोनिडैस (जेरार्ड बटलर) के इर्द-गिर्द घुमती है, जिन्होंने अपने ३०० स्पार्टा के साथ खुद को देवता समान सर्वेसर्वा समझने वाले फारसियों के राजा ज़ेर्क़िएस (रोड्रिगो सैन्टोरो) और उसकी ३००,००० हमलावर सिपाहियों के विरुद्ध महान लड़ाई लड़ता है। इस युद्ध के उत्साह को कायम रखने के लिए, रानी गोर्गो (लेना हेडी) स्पार्टा के लोगों से अपनी पति के लिए प्रोत्साहन पाने की कोशिश करती है। फ़िल्म में कथनात्मक के तौर पर स्पार्टा सिपाही डिलिओस (डेविड वेनहैम) की आवाज ली गई है। फ़िल्म की कथावाचक की तकनीकी शैली में, विभिन्न हैरतअंगेज प्राणियों के साथ, उन ३०० लोगों की साथ यह एक ऐतिहासिक मिथकीय गाथा बन गई है। फ़िल्म "300" को बतौर पारंपरिक दोनों तरीकों से संयुक्त राष्ट्र के आईमैक्स थियटरों में मार्च ०९, २००७ और घरेलू विडियो के तौर पर जुलाई ३१, २००७ में डीवीडी, ब्लू-रे डिस्क एवं एचडी डीवीडी के रूप में जारी किया गया। फ़िल्म की मिश्रित प्रतिक्रिया मिलने बाद भी, इसके मूल विजुवल दृश्यों एवं शैली की काफी सराहना की गई, लेकिन विजुवल इफैक्टस के अधिक उपयोग से चरित्रांकन कमजोर होने तथा ईरान के प्राचीन फ़ारसियों को, उनके चरित्र को काफी हद तक जातिवाद से प्रेरित बताने पर काफी आलोचना हुई; हालाँकि फ़िल्म ने बाॅक्स ऑफिस पर अपनी बेहतरीन उपस्थिति दिखाकर, करीब $४५० करोड़ से अधिक का व्यवसाय कर, सदी की सबसे बड़ी बाॅक्स ऑफिस इतिहास के २४वें पायदान पर जीत दर्ज करायी। फ़िल्म की अगली सिक्विल, 300: राइज ऑफ एन एम्पायर, जो मिलर की ही अप्रकाशित ग्राफिक उपन्यास ज़ेर्क़िएस पुर्वागम पर आधारित है, इसे मार्च ७, २०१४ में प्रदर्शित किया गया। सारांश सन् 479 ईसा पूर्व, थेर्मोपाइलेय के युद्ध के एक साल बाद, डिलिओस, नामक प्राचीन स्पार्टा पैदल सैनिक, लियोनिडैस प्रथम के बचपन से लेकर स्पार्टा रिवाजों के जरिए उनको राजा बनाए जाने तक की कहानी सुनाता है। डिलिओस की कहानी जारी रहती है, जिसके मुताबिक एक फ़ारसी दूत स्पार्टा की दहलीज पर राजा ज़ेर्क़िएस के हुक्म से "जमीन और पानी" की गुज़ारिश करता है, अन्यथा इंकार की सूरत में उसे कोप का भाजन बनने की धमकी देता है; स्पार्टा इस प्रयुत्तर में दूत और उसके सिपाहियों को लात मारकर अंधे कुंए में गिरा डालता है। लियोनिडैस तब एफ़ाॅर्स नामक पंडे-पुजारियों से मिलने जाता है, ताकि वह यह रणनीति समझा सकें कि वह उन फ़ारसियों की विशाल सेना को भी देश सीमाद्वार से पीछे हटा सकते हैं; योजना के मुताबिक वह ऐसी तंग गलियारे की दीवार का निर्माण करेंगे जिससे फ़ारसियों की फौज चट्टानों और समुद्र के रास्ते फंस जाएं। एफ़ाॅर्स तब परामर्श के लिए ऑरैक्ल की भविष्यवाणी सुनते हैं, जो अपना फ़रमान देता है कि कार्निया के वक्त स्पार्टाओं का युद्ध पर जाना सही नहीं होगा। हताशा और गुस्से से भरा लियोनिडैस के लौटते ही, उनके पीछे ज़ेर्क़िएस का दूत आ जाता है, जो एफ़ाॅर्स को उनके प्रछन्न सहयोग के लिए बतौर इनाम देता है। हालाँकि एफ़ाॅर्स की इजाजत के बिना भी अपनी स्पार्टन सिपाहियों को लामबंद करते हुए, लियोनिडैस उनमें चुने हुए तीन सौ बेहतरीन सैनिकों को बहाने से अपना अंगरक्षक बताकर; आर्केडियन्स के रास्ते ले चलता है। थेर्मोपाइलेय पहुँचकर, वे चट्टानों की दीवार खड़ी कर देते हैं और मारे गए टोही फ़ारसियों की लाशें उन्हीं के बीच चूनवा देते हैं, इस हरकत से फ़ारसी दूत बुरी तरह क्रोधित हो उठता है। उन्हीं में से स्टेलियोस, नाम का एक संभ्रांत स्पार्टा सैनिक, उन फ़ारसियों को सीमा से वापस जाने को कहता है और ज़ेर्क़िएस के नाम पर इसी तरह बांह काट डालने की सजा की चेतावनी देता है। इसी दौरान, लियोनिडैस की मुलाकात एफ़ियाल्टिस, नाम के कुरूप स्पार्टावासी से होती है जिसे शायद उसके अभिभावकों ने स्पार्टा के कानून अनुसार शिशु हत्या से बचाने के लिए वहां से भाग निकले थे। एफ़ियाल्टिस अपने पिता की इसी मुक्ति के लिए वह लियोनिडैस से फौज में बहाल होने की दर्ख़ास्त करता है, लेकिन लियोनिडैस उसे चेताता है कि वह फ़ारसियों के लिए कभी भी बलि का शिकार हो सकता है जिसके चलते पूरी स्पार्टा फौज घिर सकती है। उसपर तरस खाकर, लियोनिडैस उसके शारीरिक अक्षमता को देखते हुए इंकार कर देता है क्योंकि वह अपनी ढाल जरूरत हिसाब से ऊँचा उठा नहीं पाता; जिसके लिए सैन्य व्यूह रचना में जरूरी संभावना होनी चाहिए, एफ़ियाल्टिस यह सुन बेहद खफा हो जाता है। जल्द ही वह जंग शुरू हो जाती है जब स्पार्टन हथियार समर्पण से इंकार कर देते हैं। एकमात्र प्रवेश मार्ग के तंग रास्तों का उन्हें बखूबी लाभ मिलता है, और अपनी बेहतरीन युद्ध कौशल के बलबूते, स्पार्टन अपने वेग से समूचे फ़ारसियों की फौजों की लहर को भी पीछे ढकेल देती। युद्ध के थमने दौरान, ज़ेर्क़िएस खुद लियोनिडैस से मिलकर आत्मसमर्पण करने को कहता है, उसकी मुल्क के प्रति वफादारी को देख बदले में दौलत और ताकत का न्यौता देने को मान जाता है; लियोनिडैस यह पेशकश ठुकराता है और उसी के शूरवीर समझने वाले सिपाहियों को घटिया दर्जे का बताकर ज़ेर्क़िएस को बनावटी कहकर खिल्ली उड़ाता हैं। इस प्रत्युत्तर में, ज़ेर्क़िएस अपनी अग्रिम रक्षकों को लड़ने भेज देता है, जोकि रात के बाद अमर हो जाते हैं। हालाँकि कुछेक स्पार्टाओं के मारे जाने बाद भी, वे बड़े पराक्रमी से उन अमर रक्षकों हरा डालते है (जिसमें से कुछ आर्केडियेन्स भी मदद ली जाती है)। फिर दूसरे दिन, ज़ेर्क़िएस एक नई फौजों की खेप एशिया और अन्य फ़ारसी नगरीय मुल्क से बुलाई जाती है, जिसमें जंगी हाथी को भी शामिल किया जाता है, ताकि सभी स्पार्टाओं को एक वार में कुचला जा सकें, पर सभी तरीके नाकाम रहते हैं। इस बीच, एफ़ियाल्टिस उस खुफिया रास्ते का भेद ज़ेर्क़िएस को बता देता है इस शर्त पर कि उसे भी दौलत, ऐशो-आराम और एक (विशेष) वर्दी दी जाए। आर्केडियेन्स को जल्द ही एफ़ियाल्टिस की इस दगाबाजी का पता चलता है, लेकिन स्पार्टन वहीं रह जाते हैं। लियोनिडैस तब जख्मी लेकिन अनिच्छुक डिलिओस को वापस स्पार्टा जाने का हुक्म देते है और यहाँ घटित हर वाकये को हर किसी से, "विजय गाथा" की तरह वाकिफ कराने कहते हैं। स्पार्टा में, रानी गोर्गो उन ३०० सिपाहियों की सहायता के लिए स्पार्टन समिति से अतिरिक्त बल भेजने की गुहार लगाती है। लेकिन भ्रष्ट राजनीतिज्ञ थेराॅन, जिसके मुताबिक यह समिति उसके ही "हक" में बोलेगी तथा यहां तक की रानी साहिबा पर लांछन डालता है, कि अपनी मांग मनवाने के लिए वह जिस्मानी संबंध से भी गुरेज नहीं करेगी। मौजूदा सभा में थेराॅन को अपने खिलाफ बेज्जती होते देख, गोर्गो रोष में आपा खोकर उसकी हत्या कर डालती है, जिसके साथ ही उसके लबादे में छिपा ज़ेर्क़िएस की सोने के मुहरेवाली अशर्फियों भरा थैला गिर जाता है। इस बेइमानी के खुलासे पर, सभी सांसदों की सर्वसम्मति से अतिरिक्त बलों को भेजने की अनुमति मिल जाती है। तीसरे दिन, फ़ारसी फौज, एफ़ियाल्टिस का अनुसरण करते हुए, उसके बताए खुफिया रास्तों से गुजरकर, स्पार्टाओं को घेर लेती है। ज़ेर्क़िएस का सेनापति दुबारा उनसे आत्मसमर्पण करने की मांग करते हैं। लियोनिडैस लगभग खुद को घुटने टेकते हुए दर्शाता है, तभी स्टेलियोस उसकी पीठ पर कुदकर छलाँग लगाता है और सेनापति को मार डालता है। कुपित ज़ेर्क़िएस अपने सिपाहियों को हमले के लिए आदेश देता है। लियोनिडैस उठ खड़ा होता है और ज़ेर्क़िएस पर भाला फेंक डालता है; इस मामूली चूक में भी, गुजरता हुआ भाला काटते हुए उसका चेहरा जख्मी कर डालता है, और साबित हो जाता है कि उनका तथाकथित "देवताओं के राजा" भी नश्वर है। लियोनिडैस और उसके बचे खुचे स्पार्टन लड़ाके भी अंतिम शख्स से लड़ते हैं कि आखिर में सभी तीरों की भयंकर बौछार से मारे जाते हैं। डिलिओस स्पार्टा लौटता है, जिसके साथ ही सभा में सुनाई व्याख्यान भी खत्म होती है। अपने राजा की कुर्बानी से प्रेरित होकर, युनानी अपनी ४०,००० विशाल बलवान फौज और १०,००० स्पार्टाओ के साथ उन फ़ारसियों से आमने-सामने खड़ी होती है। बाद में उन ३०० लोगों के उपलक्ष्य के उनकी आखिरी बोल के साथ, स्पार्टा फौज का नया कप्तान, डिलिओस, फ़ारसियों से लड़ने प्लैटेया के मैदान उतरता है, और फ़िल्म समाप्त होती है। भूमिकाएँ जेरार्ड बटलर - []लियोनिडैस]], स्पार्टाओं का राजा। डेविड वेनहैम - डिलिओस, एक स्पार्टा सिपाही और कथावाचक। लेना हेडी - रानी गोर्गो, स्पार्टाओं की रानी (गोर्गो की भूमिका फ़िल्म में लंबी उतनी नहीं जितना काॅमिक्स में, उनका सिर्फ शुरुआत में ही उल्लेख है)। [4] जियोवैनी किम्मीनो - प्लेस्तर्कुस, लियोनिडैस तथा गोर्गो का बेटा (हालाँकि काॅमिक्स में उनका कहीं उल्लेख नहीं है)।[4] डाॅमिनिक वेस्ट - थेराॅन, एक काल्पनिक भ्रष्ट राजनेता (यद्यपि काॅमिक्स में उनका कहीं उल्लेख नहीं है)। [4] विंसेन्ट रेगैन - कप्तान अर्टेमिस, लियोनिडैस का शाही कप्तान एवं उनका मित्र। टाॅम विजडम - एस्टिनोस, कप्तान अर्टेमिस का बड़ा बेटा। फ़िल्म के पात्र एस्टिनोस जितना मरने से पूर्व में जैसा दर्शाया है वैसा काॅमिक्स में सिर्फ उनके शहीद होने तक ही जानकारी मिलती है।) [4] एंड्रयू प्लेविन - डैक्साॅस, आर्केडियेनों का सरदार जो लियोनिडैस की सेना में शामिल होता है। एंड्रयू टिएर्नैन - एफ़ियाल्टिस, एक निष्कासित और कुरूप स्पार्टा जो बाद में स्पार्टाओं से गद्दारी करता है। राॅड्रिगो सैनटोरो - राजा ज़ेर्क़िएस, फ़ारस का राजा। स्टीफन मैक'हैटी - एक निष्ठावान स्पार्टन राजनीतिज्ञ। माइकल फास़बेंडर - स्टेलियोस, एक बेहद ऊर्जावान युवा और बहुत उच्च दर्जे का स्पार्टन सिपाही। पीटर मेनसाह - एक फ़ारसी दूत, जिसे लियोनिडैस ने लात मारकर अंधे कुएँ में घकेल दिया। केली क्रैग - पाइथिया, एक एफ़ाॅर्स जो भविष्यवाणी कराता है। टायलर नित्ज़ल - किशोर लियोनिडैस। राॅबर्ट मैलेट - उबेर एक अविनाशी (दानव), एक दानव सरीखा और बेहद विक्षिप्त अविनाशी जिसके साथ लियोनिडैस की असंभव सी लड़ाई होती है। पैट्रिक सैबाॅन्गुई - फ़ारसी सेनापति जो युद्ध के आखिर में लियोनिडैस को समर्पन होने को कहता है। लियोन लैडेरैक - एक भीमकाय जल्लाद, जिसके पंजेनुमा हाथों से ज़ेर्क़िएस अपने ही असफल सिपाहियों की जाने ले लेता है। टायरन बेनस्किन - फ़ारसी दूत, जिसका हाथ काट लिया जाता है। कास्ट डबिंग के लिए गुणवत्ता लाइसेंस की वजह से दो हिन्दी डबिंग संस्करण जारी किये गये। हिन्दी डबिंग कलाकार १ डब संस्करण जारी करने का वर्ष: १६ मार्च, २००७ मीडिया: सिनेमा/वीसीडी/डीवीडी/ब्लू-रे डिस्क/टेलीविजन द्वारा निर्देशित: लीला रॉय घोष † अनुवाद: निरुपमा कार्तिक समायोजन: ???? उत्पादन: साउंड एण्ड विजन इंडिया डब अन्य भाषाओं: तमिल/तेलुगू हिन्दी डबिंग कर्मचारी २ डब वर्ष रिहाई: २७ नवंबर, २०१० मीडिया: टेलीविज़न (यूटीवी एक्शन) द्वारा निर्देशित: एलिज़ा लुईस अनुवाद: ???? समायोजन: ???? उत्पादन: मेन फ़्रेम सॉफ्टवेयर कम्युनिकेशंस डब अन्य भाषाओं: तमिल/तेलुगू सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ अमेरिकी फ़िल्में
बिहार में महागठबंधन पर ग्रहण? कांग्रेस ने नीतीश को बताया एक सिद्धांत पर नहीं टिकने वाला बिहार के महागठबंधन में टूट पड़ चुकी है और इसके संकेत साफ दिखने लगे हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन करने पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने पलटवार किया है. आजाद ने सोमवार को कहा कि बिहार की बेटी की हार पर सबसे पहला निर्णय नीतीश कुमार ने लिया है. आजाद ने कहा कि जो लोग एक सिद्धांत में विश्वास करते हैं, वो एक फैसला लेते हैं. और जो लोग कई सिद्धांतों में विश्वास करते हैं, वो अलग-अलग फैसले लेते हैं. सिक्किम सेक्टर में घुसे चीनियों ने उड़ाए 2 बंकर, जवानों से हुई झड़प सिक्किम सेक्टर में भारत-चीन सीमा पर तैनात जवानों और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई है. चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने भारत के सिक्किम सेक्टर में घुसकर दो बंकर भी तबाह कर दिए हैं. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक दोनों देशों के सैनिकों के बीच यह रस्साकशी सिक्किम के डोका ला जनरल एरिया में पिछले दो दस दिनों से चल रही है. साथ ही चीनी सैनिकों ने कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं के जत्थे को भी रोक दिया है. PM मोदी के सवा घंटे के साहेबगंज दौरे पर 9 करोड़ खर्च, रघुवर सरकार ने PMO को भेजा बिल गत छह अप्रैल को पीएम मोदी साहेबगंज में गंगा नदी पर मल्टी-मोडल टर्मिनल का शिलान्यास करने के लिए झारखंड गए थे. प्रधानमंत्री के दौरे पर 9 करोड़ रुपये खर्च किये गए थे. प्रधानमंत्री इस दौरान सिर्फ सवा घंटे ही झारखण्ड में रुके थे, यानी PM के झारखंड दौरे पर प्रति सेकंड खर्च करीब 20 हजार रुपये का आया. यही नहीं, इसका बिल भी प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज दिया गया. बताया जाता है कि यह बिल मिलने से नाराज पीएमओ ने राज्य सरकार से खर्च की ऑडिट रिपोर्ट मांगी है. आनंदपाल एनकाउंटर: CBI जांच की मांग, परिजनों का शव लेने से इंकार, पुलिसकर्मियों को पीटा राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का एनकाउंटर को लेकर पूरे राजस्थान में बवाल मचा हुआ है. राजपूत समाज के लोगों ने एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए इसकी सीबीआई जांच की मांग की है. आनंदपाल की बूढ़ी मां धरने पर बैठते हुए शव लेने से इंकार कर दिया है. गुस्साई भीड़ ने थाने पर हमला कर दिया. पुलिसकर्मियों की पिटाई कर दी. ईद पर शाहरुख की गुजारिश, मेरे बच्चों को परेशान मत करो ईद के मौके पर शाहरुख खान ने मीडिया से बातचीत की और फिल्मों से लेकर ईदी तक के बारे में अपने अनुभव बताए. सफेद पठानी में शाहरुख काफी जच रहे थे. मीडिया से बात करने से पहले उन्होंने अबराम के साथ सबको विश किया. बातचीत के दौरान वो कई मुद्दों पर खुलकर बोले. सुहाना खान के पब्लिक में आने के सवाल पर शाहरुख ने कहा कि अगर वो पब्लिक में दिखते हैं, इसका ये मतलब नहीं है कि वो एक्टर बनना चाहते हैं. मीडिया देखकर वो परेशान हो जाते हैं. मैं फिल्म स्टार हूं, मैं मीडिया को हैंडल कर लूंगा, लेकिन वो अभी नहीं कर पाते.
नगारार्ड पलाऊ गणराज्य का आठवां राज्य है, और इसका मूल नाम केराडेल था। नगारार्ड बाबेलदाओब के उत्तरी सिरे पर सीधे नगारचेलॉन्ग राज्य के निकट स्थित है। नगारार्ड में पाँच बस्तियाँ हैं, जिनमें चोल, इलाब, नगेबुकेड, नगकेक्लाउ और राज्य की राजधानी, उलीमांग शामिल हैं, जो राज्य के पूर्वी तट पर स्थित हैं। पहले, नगारार्ड की राजधानी नगेबुकेड गांव थी, जहां राज्य के पारंपरिक नेता, मैडेरेंजबुकेड रहते थे और शासन करते थे। नगारार्ड में एक कहावत है, ए रेंगुड ए डोकन्गेई, जिसका अर्थ है "हर कोई आत्मा और हृदय से एक साथ मिलकर काम करता है।"
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को कहा कि भारत को अगले 15-20 साल तक अपनी वार्षिक वृद्धि दर 8.5-9 फीसदी तक बढ़ानी होगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गरीबी पूरी तरह खत्म हो और सिर्फ उन्मूलन तक ही सीमित न रहे। भारतीय आर्थिक सेवा के 2014 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों से मंगलवार को दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति ने यह टिप्पणी की। प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने जो कुछ हासिल किया है, उस पर उन्हें गर्व है और भारत क्या हासिल कर सकता है, इसके लिए वह आशावान हैं। राष्ट्रपति ने कहा, 'भारतीय अर्थव्यवस्था ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। 1951 से 1979 तक भारत की औसत वृद्धि दर 3.5 थी, जिसे हिंदू वृद्धि दर कहा जाता है। 1980 के दशक में हमारी अर्थव्यवस्था 5 से 5.6 फीसदी की दर से बढ़ी है। साल 1991 के बाद हमारी वृद्धि औसतन सात फीसदी की दर से हुई।'टिप्पणियां उन्होंने कहा, 'हमारी मौजूदा वृद्धि दर करीब 7.6 फीसदी है, लेकिन हमें शिथिल नहीं पड़ना है। यदि हमें अपने विकास के लक्ष्यों को पाना है तो भारत को अगले 15-20 साल तक अपनी वार्षिक वृद्धि दर 8.5-9 फीसदी तक बढ़ानी होगी। इससे गरीबी पूरी तरह खत्म हो सकेगी और हम सिर्फ उन्मूलन तक ही सीमित नहीं रहेंगे।' (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) भारतीय आर्थिक सेवा के 2014 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों से मंगलवार को दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति ने यह टिप्पणी की। प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने जो कुछ हासिल किया है, उस पर उन्हें गर्व है और भारत क्या हासिल कर सकता है, इसके लिए वह आशावान हैं। राष्ट्रपति ने कहा, 'भारतीय अर्थव्यवस्था ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। 1951 से 1979 तक भारत की औसत वृद्धि दर 3.5 थी, जिसे हिंदू वृद्धि दर कहा जाता है। 1980 के दशक में हमारी अर्थव्यवस्था 5 से 5.6 फीसदी की दर से बढ़ी है। साल 1991 के बाद हमारी वृद्धि औसतन सात फीसदी की दर से हुई।'टिप्पणियां उन्होंने कहा, 'हमारी मौजूदा वृद्धि दर करीब 7.6 फीसदी है, लेकिन हमें शिथिल नहीं पड़ना है। यदि हमें अपने विकास के लक्ष्यों को पाना है तो भारत को अगले 15-20 साल तक अपनी वार्षिक वृद्धि दर 8.5-9 फीसदी तक बढ़ानी होगी। इससे गरीबी पूरी तरह खत्म हो सकेगी और हम सिर्फ उन्मूलन तक ही सीमित नहीं रहेंगे।' (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) राष्ट्रपति ने कहा, 'भारतीय अर्थव्यवस्था ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। 1951 से 1979 तक भारत की औसत वृद्धि दर 3.5 थी, जिसे हिंदू वृद्धि दर कहा जाता है। 1980 के दशक में हमारी अर्थव्यवस्था 5 से 5.6 फीसदी की दर से बढ़ी है। साल 1991 के बाद हमारी वृद्धि औसतन सात फीसदी की दर से हुई।'टिप्पणियां उन्होंने कहा, 'हमारी मौजूदा वृद्धि दर करीब 7.6 फीसदी है, लेकिन हमें शिथिल नहीं पड़ना है। यदि हमें अपने विकास के लक्ष्यों को पाना है तो भारत को अगले 15-20 साल तक अपनी वार्षिक वृद्धि दर 8.5-9 फीसदी तक बढ़ानी होगी। इससे गरीबी पूरी तरह खत्म हो सकेगी और हम सिर्फ उन्मूलन तक ही सीमित नहीं रहेंगे।' (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) उन्होंने कहा, 'हमारी मौजूदा वृद्धि दर करीब 7.6 फीसदी है, लेकिन हमें शिथिल नहीं पड़ना है। यदि हमें अपने विकास के लक्ष्यों को पाना है तो भारत को अगले 15-20 साल तक अपनी वार्षिक वृद्धि दर 8.5-9 फीसदी तक बढ़ानी होगी। इससे गरीबी पूरी तरह खत्म हो सकेगी और हम सिर्फ उन्मूलन तक ही सीमित नहीं रहेंगे।' (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
लोकसभा में मत विभाजन के तहत मल्टी ब्रांड खुदरा व्यापार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर मंगलवार को शुरू हुई चर्चा को आगे बढ़ाते हुए विपक्ष ने सरकार से अपने इस फैसले को वापस लेने का आग्रह किया और इस मुद्दे पर तटस्थ रूख अपनाने वाले राजनीतिक दलों को आगाह किया कि इतिहास उन्हें माफ नहीं करेगा. जेडीयू अध्‍यक्ष शरद यादव ने राष्‍ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता से दो पक्तिंयां पढ़ी.. समर शेष है, नहीं पाप का भागी केवल व्याध जो तटस्थ हैं, समय लिखेगा उनके भी अपराध... और उसके बाद उन्‍होंने सपा और बसपा की ओर इशारा करते हुए कहा कि जो लोग इस मामले में तटस्‍थ रहेंगे इतिहास उनका भी अपराध लिखेगा. माकपा ने बासुदेव आचार्य ने सरकार के इस दावे को गलत बताया कि खुदरा क्षेत्र में एफडीआई लाने से किसानों और खुदरा क्षेत्र के लोगों को लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि इसके विपरीत एफडीआई से किसानों और छोटे दुकानदारों का ही सबसे अधिक अहित होगा. उन्होंने कहा कि खुदरा क्षेत्र में एफडीआई लाने से अगर रोजगार के अवसर बढ़ें, उत्पादन बढ़े या देश में नयी तकनीक आए तो वाम दल भी इसका समर्थन करने को तैयार हैं, लेकिन चूंकि इसका उल्टा होने जा रहा है, इसीलिए वे इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं. माकपा नेता ने सरकार के इस आरोप को गलत बताया एफडीआई मुद्दे पर वामपंथी दलों में असंगति है. उन्होंने कहा कि इस मामले में असंगति सरकार में है. उन्होंने याद दिलाया कि राजग के शासन के समय जब एफडीआई लाने का प्रयास किया गया था तब राज्यसभा में विपक्ष के नेता की हैसियत से वर्तमान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उसकी मुखालफत करते हुए पत्र तक लिखा था. यही नहीं उस समय लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक प्रियरंजन दासमुंशी ने एफडीआई लाने के राजग के प्रयास को ‘राष्ट्र-विरोधी’ तक करार दिया था.
अस्पताल में आए दिन मरीजों के परिजनों के गुस्से का शिकार नर्स और अस्पताल के कर्मचारी बनते हैं. ऐसे में उन्हें इन हालात का सामना करने के लिए विशेष तौर पर ट्रेनिंग की जरूरत पड़ती है. इसी को ध्यान में रखते हुए गुजरात के सबसे बड़े सिविल अस्पताल अहमदाबाद सिविल अस्पताल में कार्यरत नर्सों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जा रही है. अहमदाबाद सिविल अस्पताल में करीब 1,200 नर्स कार्यरत हैं जिनको सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जा रही है. 5 दिन के इस सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग कैंप में 800 नर्स ने पहले चरण में ट्रेनिंग ले रही हैं. ट्रेनिंग में नर्स को खास ट्रेनर के जरिये ट्रेनिंग दी जाती है. ट्रेनिंग में नर्सों ऐसी जगह पर वार करना सिखाया जा रहा है, जिससे वो खुद के बचाव में सामने खड़े किसी भी शख्स को पस्त कर सकें. अस्पताल में बतौर नर्स पिछले कई साल से काम करने वाली ममता पंड्या का कहना है कि ये ट्रेनिंग उनके लिए बेहद जरूरी थी क्योंकि अस्पताल में ज्यादातर महिला स्टॉफ हैं, कई बार मरीज के रिश्तेदार हमसे बदतमीजी भी करते हैं. हम लोगों की नाइट शिफ्ट में भी ड्यूटी लगती है, इस लिहाज से आते जाते वक्त यह ट्रेनिंग हमारे काम आएगी. ट्रेनिंग का आयोजन खुद अस्पताल प्रशासन की ओर से किया गया है. प्रशासन का कहना है कि नर्स को कई बार अस्पताल और अस्पताल के बाहर विकृत मानसिकता वाले लोगों का शिकार बनना पड़ता है, ऐसे में इस तरह की सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग नर्स के लिए बेहद जरूरी हो जाती है. यह ट्रेनिंग उनके लिए हर समय के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है. महिलाओं को ट्रेनिंग के लिए खास तरह के ट्रेनर रखे गए हैं. ट्रेनर प्रीति का कहना है कि इन महिलाओं के लिए अलग तरह के सेल्फ डिफेंस स्टेप्स हैं जो हम उन्हें सिखाते हैं, ताकि वो अपना बचाव आसानी से कर सकें.
एक चुटकी बेकिंग सोडा आपको आंखों की कई बीमारियों से निजात दिला सकता है. एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है. शोधकर्ताओं के मुताबिक, एक चुटकी बेकिंग सोडा आपकी दृश्य शक्ति को बेहतर कर सकता है, क्योंकि यह आंखों के फोटोरिसेप्टर द्वारा उत्पन्न दृश्य संकेतों को संशोधित करने में मदद करता है. हमारे शरीर में बेकिंग सोडा की पूर्ति कार्बन डाईऑक्साइड से होती है, जो कोशिकाओं का अपशिष्ट पदार्थ है. हालांकि शरीर में बेकिंग सोडा के आवश्यकता की पूर्ति कुछ प्रकार के भोजन से भी होती है. पत्रिका 'बायोलॉजिकल केमिस्ट्री' में प्रकाशित शोध में मैसाचुसेट्स आई एंड ईयर के मेकिनो लेबोरेट्री तथा पेंसिलवेनिया के सेलस विश्वविद्यालय के दल ने इस बात का उल्लेख किया है कि आंखों में बाइकार्बोनेट के स्तर के नियंत्रण से आंखों की बीमारियों के बढ़ने की गति धीमी हो जाती है. - इनपुट IANS
लेख: मुंबई शेयर बाजार तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज शनिवार को करीब दो घंटे तक विशेष कारोबार का आयोजन करेंगे।टिप्पणियां मुंबई शेयर बाजार (बीएसई) आपदा की स्थिति से उबरने से संबद्ध साफ्टवेयर का परीक्षण करने के लिए प्रतिभूतियों के लेनदेन योजना :एसएलबी: डेरिवेटिव्स तथा नकद खंड में विशेष कारोबार सत्र आयोजित कर रहा है। वहीं नेशनल स्टाक एक्सचेंज :एनएसई: पूंजी बाजार खंड तथा वायदा एवं विकल्प एसएलबी खंड में विशेष कारोबारी सत्र आयोजित कर रहा है। कारोबार 11.15 बजे शुरू होगा और दोपहर 12.45 मिनट पर समाप्त होगा। मुंबई शेयर बाजार (बीएसई) आपदा की स्थिति से उबरने से संबद्ध साफ्टवेयर का परीक्षण करने के लिए प्रतिभूतियों के लेनदेन योजना :एसएलबी: डेरिवेटिव्स तथा नकद खंड में विशेष कारोबार सत्र आयोजित कर रहा है। वहीं नेशनल स्टाक एक्सचेंज :एनएसई: पूंजी बाजार खंड तथा वायदा एवं विकल्प एसएलबी खंड में विशेष कारोबारी सत्र आयोजित कर रहा है। कारोबार 11.15 बजे शुरू होगा और दोपहर 12.45 मिनट पर समाप्त होगा। कारोबार 11.15 बजे शुरू होगा और दोपहर 12.45 मिनट पर समाप्त होगा।
ऐसा लगता है कि विपक्ष ने मोदी सरकार को सांप्रदायिकता के मुद्दे पर घेरने की तैयारी कर ली है. इस मुद्दे पर सबसे पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार को लोकसभा में घेरा. इसके बाद मंगलवार को सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी राज में सांप्रदायिक हिंसा बढ़ी है. कुछ ऐसे ही आरोप पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी लगाए. उन्होंने कहा कि बीजेपी सूबे का सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ रही है. इन सबके बीच बुधवार को लोकसभा में सांप्रदायिक हिंसा पर बहस होगी. खबर है कि लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन से मुलाकात की थी. इस मुलाकात में दोनों ने सांप्रदायिक हिंसा पर चर्चा की मांग की. सूत्रों के मुताबिक सुमित्रा महाजन ने इन नेताओं की मांग मान ली है और आज इस पर चर्चा संभव है. मोदी सरकार को अभी दो महीने से कुछ ही ज्यादा वक्त बीता. लेकिन कांग्रेस उसे कटघरे में खड़ा करने का कोई मौका जाने नहीं देना चाहती. बीजेपी पर वार का हथियार पुराना है. यानी सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप. लेकिन अब इस हथियार पर शान कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व चढ़ा रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केरल के तिरुअनंतपुरम में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, 'नई सरकार बनने के 11 हफ्तों के अंदर देश में खासकर यूपी और महाराष्ट्र में सांप्रदायिक हिंसा के मामले तेजी से बढ़े हैं. बेहद कम समय के अंदर सांप्रदायिक हिंसा के 600 मामले यूपी, महाराष्ट्र समेत कुछ अन्य राज्यों में सामने आए हैं.' इससे पहले राहुल गांधी भी संसद में सांप्रदायिकता मुद्दा उठा चुके हैं. कांग्रेस लोकसभा में नेता विपक्ष का पद भले ना हासिल कर सकी हो पर कोशिश यही है कि जनता के बीच दमदार विपक्ष की भूमिका निभाने का संदेश जाए. यही वजह है कि सांप्रदायिकता पर चर्चा की मांग को राहुल लोकसभा में सांसदों संग वेल में उतर आए. हालत तो ये है कि कभी एनडीए की सहयोगी रह चुकीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मोदी सरकार पर सांप्रदायिक हिंसा के आरोप मढ़ रही हैं. ममता ने बिना बीजेपी और मोदी का नाम लिए इशारा किया कि राज्य में जन्माष्टमी के दौरान सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है. बीजेपी पर सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप नया नहीं हैं. ममता हों या फिर कांग्रेस और उसके सहयोगी दल. सभी पहले बीजेपी को सांप्रदायिक पार्टी करार देकर उसे सत्ता से दूर रखने की कोशिशें करते थे. वो खास कर मोदी को सांप्रदायिकता ब्रांड का अगुवा करार देते रहते थे. अब जब मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं तो कांग्रेस की कोशिश है कि वो जल्द से जल्द अपने आरोपों पर पुष्टि की मुहर लगा दें. खास कर 4 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले. शायद संसद में सांप्रदायिकता पर बहस के जरिए कांग्रेस देश की जनता के बीच ऐसा संदेश देना चाहती है कि वो जो कह रही थी वो अंजाम की ओर है. लेकिन असल सवाल ये है कि क्या कांग्रेस जनता को भी ये यकीन दिला पाएगी कि देश में हो रही हिंसा के पीछे मोदी सरकार ही है. आखिर बहुमत वाली सरकार को देश का सौहार्द बिगाड़ने की जरूरत क्यों है इसका बेहतर जवाब कांग्रेस और आरोप लगाने वाले दल ही दे सकते हैं.
नोटबंदी के बीच टोलप्लाज़ा खुल गए हैं. मुंबई में आने के पांचों टोलों पर गाड़ियों की लंबी कतारों के बीच मुसाफिरों और टोलकर्मियों में छुट्टे को लेकर तेवर भी तने रहे, असमंजस भी बना रहा.टिप्पणियां मुंबई शहर में घुसने के पांचों दरवाजे, यानी पांच टोल प्लाज़ा पर कतारें लंबी और लंबी होती रहीं, जिसके पास छुट्टे नहीं थे, उन्हें बड़ी किचकिच के साथ छोड़ा गया. जो कार्ड से पेमेंट करना चाहते थे, वो भी कैश-लेस नहीं हो पाए. कई लोगों की शिकायत थी कि टोलकर्मी 2000 के नोट नहीं ले रहे, टोल कर्मचारियों की अपनी दलील थी.   9 नवंबर से अलग-अलग अंतराल पर 2 दिसंबर तक लोगों को टोल भरने से छुट्टे की वजह से छुट्टी मिली, लेकिन जैसे ही टोल खुले, मुंबई के दरवाजों पर भीड़ बढ़ने लगी. लगभग 23 दिन टोल प्लाज़ा बंद रहने से हर टोल ने लगभग 2 करोड़ के नुकसान का दावा किया है. लेकिन जानकार कहते हैं कि इन कतारों के हटने से जो ईंधन और वक्त बचा है वो नुकसान की भरपाई के आसपास है. मुंबई शहर में घुसने के पांचों दरवाजे, यानी पांच टोल प्लाज़ा पर कतारें लंबी और लंबी होती रहीं, जिसके पास छुट्टे नहीं थे, उन्हें बड़ी किचकिच के साथ छोड़ा गया. जो कार्ड से पेमेंट करना चाहते थे, वो भी कैश-लेस नहीं हो पाए. कई लोगों की शिकायत थी कि टोलकर्मी 2000 के नोट नहीं ले रहे, टोल कर्मचारियों की अपनी दलील थी.   9 नवंबर से अलग-अलग अंतराल पर 2 दिसंबर तक लोगों को टोल भरने से छुट्टे की वजह से छुट्टी मिली, लेकिन जैसे ही टोल खुले, मुंबई के दरवाजों पर भीड़ बढ़ने लगी. लगभग 23 दिन टोल प्लाज़ा बंद रहने से हर टोल ने लगभग 2 करोड़ के नुकसान का दावा किया है. लेकिन जानकार कहते हैं कि इन कतारों के हटने से जो ईंधन और वक्त बचा है वो नुकसान की भरपाई के आसपास है. जो कार्ड से पेमेंट करना चाहते थे, वो भी कैश-लेस नहीं हो पाए. कई लोगों की शिकायत थी कि टोलकर्मी 2000 के नोट नहीं ले रहे, टोल कर्मचारियों की अपनी दलील थी.   9 नवंबर से अलग-अलग अंतराल पर 2 दिसंबर तक लोगों को टोल भरने से छुट्टे की वजह से छुट्टी मिली, लेकिन जैसे ही टोल खुले, मुंबई के दरवाजों पर भीड़ बढ़ने लगी. लगभग 23 दिन टोल प्लाज़ा बंद रहने से हर टोल ने लगभग 2 करोड़ के नुकसान का दावा किया है. लेकिन जानकार कहते हैं कि इन कतारों के हटने से जो ईंधन और वक्त बचा है वो नुकसान की भरपाई के आसपास है.
पुलिस ने मृतक और घायलों के परिजनों को घटना की सूचना दे दी है. पुलिस फिलहाल इस पूरी घटना की जांच कर रहे हैं.
रूस के वन्यजीव इलाके में रहते हैं जो 12 समय क्षेत्रों में फैले हुए हैं और उत्तर में सुदूर उत्तर में टुंड्रा क्षेत्र से लेकर दक्षिण में काकेशस पर्वत और प्रामिरि तक समशीतोष्ण वन शामिल हैं जो देश के 70% क्षेत्र को कवर करते हैं। रूस के वनों में दुनिया के 22% वन साथ-साथ दुनिया के सभी समशीतोष्ण वनों का 33% हिस्सा है। रूसी संघ की रेड डेटा बुक में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 1996 तक, 266 स्तनपायी प्रजातियाँ और 780 पक्षी प्रजातियाँ संरक्षण में थीं। कुछ पौधों की धमकी देने वाली प्रजातियां साइबेरियन देवदार देवदार, देश के सुदूर पूर्वी हिस्से में कोरियाई देवदार देवदार, काकेशस में जंगली शाहबलूत हैं । रूसी सुदूर पूर्व में बताए गए स्तनधारी भूरे भालू, यूरेशियन लिनेक्स और लाल हिरण, अमूर बाघ, अमूर तेंदुए और एशियाई काले भालू हैं। लगभग 350 पक्षी प्रजातियां भी हैं और रूस में सभी लुप्तप्राय प्रजातियों का 30 प्रतिशत यहां पाया जाता है, जिसमें 48 अद्वितीय लुप्तप्राय प्रजातियां शामिल हैं। खतरे में कार्निवोर्स में साइबेरियाई बाघ, 400 की संख्या और अमूर तेंदुए शामिल हैं, जिनमें से केवल 30 ही 2003 तक बने रहे। भूगोल टुंड्रा क्षेत्र पूरी तरह से आर्कटिक सर्कल में है और जमीन के साथ सबसे अधिक दुर्गम इलाका है जो 1,450 मीटर (4,760 फीट) तक फैला हुआ है। ताइगा 5,000,000 वर्ग किलोमीटर (5.4×1013 वर्ग फुट) को कवर करने वाला दुनिया का सबसे बड़ा जंगल है और दुनिया के लकड़ी के भंडार का 25% हिस्सा है। सर्दी का मौसम ठंड के काटने के साथ सबसे कठोर होता है। बर्फ पिघलने यहाँ यह एक "झीलों, पूल के साथ स्पंजी आर्द्रभूमि" हो जाता है मैदान देश से झूठ वोरोनिश और काकेशस के उत्तर में क्षेत्र। यह दक्षिण पश्चिमी साइबेरिया में फैला हुआ है। स्थलाकृति सपाट है और काली मिट्टी (चेरनोज़न ) के प्रभुत्व के साथ अविच्छिन्न है । इस क्षेत्र को वोल्गा नदी द्वारा बहाने से पहले डेल्टा बनाया जाता है, जिससे यह कैस्पियन सागर में बहती है। स्टेप्पे "काकेशस में ६,००० अत्यधिक विविध पौधों की प्रजातियों के साथ अल्पाइन क्षेत्रों का रास्ता देता है" कमचटका क्षेत्र में भूतापीय बुदबुदाहट की घटना होती है जिसके परिणामस्वरूप कई ज्वालामुखी उत्पन्न हुए हैं जिनमें से ३० जीवित हैं। उस्सुरलैंड में मानसून वनों की एक अनूठी भूमि विशेषता है। यहाँ का प्रमुख भूमि रूप सिखोट-एलिन श्रेणी है जो 1,000 किलोमीटर (3,300,000 फीट) से अधिक तक फैला हुआ है , तट के समानांतर चल रहा है। कानूनी ढांचे रूसी संघ का वन विधान 1993 वन प्रबंधन के लिए बुनियादी कानूनी ढांचा है। इस विधान के तहत सिद्धांत सभी वन-उपयोगकर्ताओं द्वारा अनुपालन को लागू करने में वनों की संघीय स्थिति को रेखांकित करता है और वन स्टॉक के उपयोग को नियंत्रित करता है, वनों के प्रजनन, संरक्षण और वनों के संरक्षण और अन्य मानदंडों और नियमों को बताता है। वन निधि का प्रबंधन संघीय वन सेवा की जिम्मेदारी है, जिसे आगे वन प्रबंधन जिलों को सौंप दिया गया है। गेम डिपार्टमेंट्स नियम वन्य जीवों के संरक्षण और उपयोग पर आधारित कानून 1982 पर आधारित हैं, जो ज़ोनवेडवनीक्स जैसे नामित संरक्षित क्षेत्रों को छोड़कर सभी प्रजातियों पर खेल की प्रजातियों को परिभाषित करता है। रूस की रेड बुक (1984 तक) में सूचीबद्ध 250 जानवरों की प्रजातियां और 500 पौधों की प्रजातियां पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय (एमईओफ़ीड) के अधिकार क्षेत्र में हैं, जिसे अद्यतन किया जा रहा है। गैर-गेम प्रजातियों को कानूनी संरक्षण में शामिल नहीं किया गया है। वन कोड का एक नया मसौदा, जो रूसी कानून का एक हिस्सा है, निजी कंपनियों को जंगल की बिक्री को नियंत्रित करता है। केंद्र सरकार द्वारा विनियमित निजी फर्मों को वनों की लीज 49 वर्ष तक की अवधि के लिए दी जाती है। फ्लोरा टुंड्रा के बर्फ के खेतों को शीर्ष पर लिचेंस, काई, घास और फूलों द्वारा कवर किया जाता है, जो नौ महीने तक बर्फ के नीचे दबे रहते हैं। यहाँ केवल कुछ ही पेड़ और झाड़ियाँ हैं जो एक मुड़ी हुई अवस्था में हैं क्योंकि उनकी जड़ें पर्माक्रॉस्ट में प्रवेश नहीं कर सकती हैं। टैगा वन घनीभूत, स्प्रिंग्स, पाइन्स और लार्च से घिरा हुआ है। वन तल पर घास, काई, लाइकेन, जामुन और मशरूम की सूचना दी जाती है। स्टेपे में क्रॉपलैंड्स और घास की भूमि होती है। वोल्गा डेल्टा में, गर्मियों के दौरान गुलाबी और सफेद रंग में कैस्पियन कमल के फूल पानी में फैल जाते हैं। काकेशस क्षेत्र में जंगली फूलों सहित विभिन्न प्रकार की ६,००० पौधों की प्रजातियाँ हैं। सन्दर्भ एशियाई माह प्रतियोगिता में निर्मित मशीनी अनुवाद वाले लेख