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चुनावों को लेकर सियासी गलियारों में हलचल मची हुई है. इस बीच, कांग्रेस ने इसी साल 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव एवं अगले साल के लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी रणनीति पर विचार मंथन तेज कर दिया है. शनिवार को पार्टी की तीन महत्वपूर्ण समितियों ने चुनाव की तैयारियों तथा विभिन्न राजनीतिक एवं आर्थिक मुद्दों पर चर्चा की. पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में कोर कमेटी, घोषणापत्र समिति और प्रचार समिति की बैठक हुई. कुछ हफ्ते पहले ही इन तीनों समितियों का गठन किया गया था. सूत्रों के मुताबिक कोर कमेटी की बैठक में चुनाव तैयारियों, गठबंधन, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और अर्थव्यवस्था की स्थिति कई मुद्दों पर चर्चा हुई. घोषणा पत्र समिति की बैठक में शामिल एक सदस्य ने बताया कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और मिजोरम के आगामी विधानसभा चुनावों के लिए घोषणापत्र को लेकर मुख्य रूप से बातचीत हुई. प्रचार समिति के एक सदस्य के मुताबिक बैठक में गांधी ने कहा कि जनता जो चाहती है, पार्टी उन मुद्दों को उठाए. दरअसल, कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव 2019 के प्रचार-प्रसार के लिए 9 सदस्यीय कोर ग्रुप कमिटी का गठन किया था. इस कमिटी में पूर्व वित्‍त मंत्री पी चिदंबरम, राज्‍यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद शामिल हैं. इसके अलावा लोकसभा में विपक्षी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को भी इस कोर ग्रुप कमिटी में जगह मिली है. इसके अलावा मेनिफेस्‍टो और पब्‍लिसिटी कमिटी के लिए भी राहुल गांधी ने कुछ सदस्‍यों को चुना है. मेनिफेस्‍टो कमिटी में सलमान खुर्शीद और शशि थरूर समेत 19 बड़े नेताओं के नाम हैं तो वहीं पब्‍लिसिटी यानी प्रचार समिति में राजीव शुक्‍ला और रणदीप सुरजेवाला समेत 13 सदस्‍य हैं.
संसद पर वर्ष 2001 के आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों के परिजनों की हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने पर पहली प्रतिक्रिया थी ‘देर आए, दुरुस्त आए.’ 13 दिसंबर को संसद के वाच एंड वार्ड स्टाफ की ओर से संसद भवन की सुरक्षा में ड्यूटी पर तैनात मातबर सिंह नेगी के पुत्र ने तिहाड़ जेल में गुरु को फांसी दिए जाने पर कहा कि सरकार का यह एक अच्छा फैसला है और इससे आतंकवादी समूहों को कड़ा संदेश जाएगा. नेगी के पुत्र गौतम नेगी ने यहां कहा, ‘सरकार का यह अच्छा फैसला है और यह कदम उन आतंकवादी संगठनों को कड़ा संदेश भेजेगा जो भारत में समस्या पैदा करने की सोच रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘यह बहुत पहले ही किया जाना चाहिए था. यह देर से हुआ लेकिन हम खुश हैं. देर आए, दुरूस्त आए.’ गौतम ने बताया कि उनके परिवार को सुबह टेलीविजन चैनलों से गुरू को फांसी दिए जाने का पता चला और यह उनके लिए एक ‘अच्छी खबर’ थी. उन्होंने कहा, ‘अफजल को सही सजा दी गयी. संसद हमला मामले से जुड़ी सारी राजनीति अब खत्म हो जाएगी.’ गौतम ने कहा कि मुंबई हमला मामले के दोषी अजमल कसाब को पिछले साल फांसी दिए जाने के बाद से हमें गुरू को इसी प्रकार की सजा मिलने की उम्मीद थी. इस संबंध में एक सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा, ‘सरकार ने फांसी देने में देर क्यों की. यह आपको सरकार से पूछना चाहिए.’ नेगी की पत्नी ने भी अपने बेटे गौतम की ही बात को दोहराया. उन्होंने कहा, ‘हम बहुत खुश हैं. अफजल फांसी दे दी गयी तो अंतत: हमें इतने सालों बाद न्याय मिला. हम बड़ी बेसब्री के साथ उसे फांसी दिए जाने का इंतजार कर रहे थे लेकिन इसमें लगातार देरी होती रही.’ उन्होंने कहा, ‘हर साल जब हम संसद हमले की बरसी पर आते थे, हम उसे फांसी दिए जाने की अपनी मांग दोहराते थे. कई बार हमें लगता था कि उसे कभी फांसी नहीं दी जाएगी लेकिन यह हो गया. मेरा बेटा भी पुलिस में है और वह अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाएगा.’
नागरिकता संशोधन विधेयक यानी Citizen Amendment Bill (CAB) लोकसभा में पास होने के बाद से ही देश के कई हिस्सों में बवाल मचा हुआ है खासकर असम में बेहद अफरातफरी का माहौल है. असम के गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ जैसे इलाकों में जबरदस्त प्रदर्शन हो रहे हैं. पुलिस ने स्मॉक बॉम्ब्स और टियर गैस का इस्तेमाल भी किया गया. इस मौके पर बॉलीवुड के भी कुछ सितारों ने प्रतिक्रियाएं दी हैं. एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा ने लिखा, मेरा एक दोस्त असम के डिब्रूगढ़ में फंस चुका है. वो होटल से एयरपोर्ट नहीं जा पा रहा क्योंकि असम में जबरदस्त प्रदर्शन हो रहे हैं. गनशॉट्स को सुना जा सकता है. कारों को तबाह किया जा रहा है. उम्मीद है वहां किसी की जान का नुकसान नहीं हुआ होगा. असम से कोई न्यूज है? इसके अलावा असम में चल रहे संघर्ष से जुड़ी वीडियोज को उन्होंने शेयर किया और इसे खतरनाक बताया. A friend is stuck in Dibrugarh,Assam. Can’t leave the hotel for the airport because of violent protests on the streets against #CAB , #NRC ... can hear gunshots... people and cars are getting beaten up. Hope there is no loss of life. Any news from Assam ? — TheRichaChadha (@RichaChadha) December 11, 2019 वही उनके बॉयफ्रेंड और एक्टर अली फजल ने लिखा, क्या किसी को पता है कि जब हम बात कर रहे हैं तो असम में क्या हो रहा है? इसके अलावा उन्होंने एक और ट्वीट शेयर किया जिसमें असम की एक स्टूडेंट को टीयर गैस के चलते काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था वही गौहर खान ने ट्वीटर पर असम के हालातों को देखते हुए लिखा - ओह असम This!!! @CMOfficeAssam @assampolice https://t.co/TjGkmF9d75 — Ali Fazal M / میر علی فضل / अली (@alifazal9) December 11, 2019 Oh Assam ! 🙏🏻 — Gauahar Khan (@GAUAHAR_KHAN) December 11, 2019 गौरतलब है कि इस विवादित विधेयक को अब सरकार राज्यसभा में पास कराने की पुरजोर कोशिश कर रही है  नागरिकता संशोधन विधेयक में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी समुदाय को भारतीय नागरिकता देने की बात कही गई है जबकि विधेयक से मुस्लिम बाहर हैं. असम समेत देश के कई हिस्सों में इस बिल के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. बॉलीवुड के कई सितारों ने भी इस बिल को लेकर अपनी बात रखी है जिनमें ज्यादातर इस बिल का विरोध कर रहे हैं तो कुछ समर्थन भी कर रहे हैं.
यह लेख है: नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने केबिन क्रू सदस्यों के अधिकतम ड्यूटी समय और आराम के लिए नए नियमों का प्रस्ताव किया है. इसके तहत एयरलाइन में काम से थक कर लौटे कर्मचारियों को पर्याप्त विश्राम के फिर ड्यूटी पर नहीं लगा पाएंगी, जिससे उड़ान की सुरक्षा सुनिश्चित होगी.  ताजा नियमों के मसौदे के अनुसार लंबी उड़ानों वाले (16 घंटे या अधिक की उड़ान) पर केबिन क्रू सदस्यों को अधिकतम 22 घंटे तक ड्यूटी पर रखा जा सकेगा. यदि उड़ान आठ समय क्षेत्रों से गुजरती है तो केबिन क्रू सदस्य को आराम के लिए 36 घंटे का समय मिलेगा.  दिल्ली उच्च न्यायालय ने चार मई को डीजीसीए को केबिन क्रू और पायलटों की उड़ान ड्यूटी और आराम के घंटों के बारे में नए नियमों को तय करने को आठ सप्ताह का समय दिया था.  इसके अलावा अदालत ने नियामक उड़ान पर और ड्यूटी के समय की सीमा पर नागर विमानन आवश्यकता ( सीएआर ) के मसौदे को अपलोड करने के लिए आज तक का समय दिया था.  नए सीएआर का निर्देश एक एनजीओ और लंबी उड़ानों पर काम करने वाले केबिन क्रू सदस्यों की याचिका पर दिया गया था. विमानन सुरक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले एनजीओ और केबिन क्रू सदस्यों ने मौजूदा 2016 के नियमों को इस आधार पर चुनौती दी थी कि इसमें उनके ड्यूटी के घंटों के दौरान होने वाली थकान और आराम के समय पर ध्यान नहीं दिया गया है. टिप्पणियां एनजीओ ने दावा किया था कि केबिन क्रू सदस्य को थकान की वजह से उनकी खुद की और यात्रियों की सुरक्षा जोखिम में पड़ती है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) ताजा नियमों के मसौदे के अनुसार लंबी उड़ानों वाले (16 घंटे या अधिक की उड़ान) पर केबिन क्रू सदस्यों को अधिकतम 22 घंटे तक ड्यूटी पर रखा जा सकेगा. यदि उड़ान आठ समय क्षेत्रों से गुजरती है तो केबिन क्रू सदस्य को आराम के लिए 36 घंटे का समय मिलेगा.  दिल्ली उच्च न्यायालय ने चार मई को डीजीसीए को केबिन क्रू और पायलटों की उड़ान ड्यूटी और आराम के घंटों के बारे में नए नियमों को तय करने को आठ सप्ताह का समय दिया था.  इसके अलावा अदालत ने नियामक उड़ान पर और ड्यूटी के समय की सीमा पर नागर विमानन आवश्यकता ( सीएआर ) के मसौदे को अपलोड करने के लिए आज तक का समय दिया था.  नए सीएआर का निर्देश एक एनजीओ और लंबी उड़ानों पर काम करने वाले केबिन क्रू सदस्यों की याचिका पर दिया गया था. विमानन सुरक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले एनजीओ और केबिन क्रू सदस्यों ने मौजूदा 2016 के नियमों को इस आधार पर चुनौती दी थी कि इसमें उनके ड्यूटी के घंटों के दौरान होने वाली थकान और आराम के समय पर ध्यान नहीं दिया गया है. टिप्पणियां एनजीओ ने दावा किया था कि केबिन क्रू सदस्य को थकान की वजह से उनकी खुद की और यात्रियों की सुरक्षा जोखिम में पड़ती है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) दिल्ली उच्च न्यायालय ने चार मई को डीजीसीए को केबिन क्रू और पायलटों की उड़ान ड्यूटी और आराम के घंटों के बारे में नए नियमों को तय करने को आठ सप्ताह का समय दिया था.  इसके अलावा अदालत ने नियामक उड़ान पर और ड्यूटी के समय की सीमा पर नागर विमानन आवश्यकता ( सीएआर ) के मसौदे को अपलोड करने के लिए आज तक का समय दिया था.  नए सीएआर का निर्देश एक एनजीओ और लंबी उड़ानों पर काम करने वाले केबिन क्रू सदस्यों की याचिका पर दिया गया था. विमानन सुरक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले एनजीओ और केबिन क्रू सदस्यों ने मौजूदा 2016 के नियमों को इस आधार पर चुनौती दी थी कि इसमें उनके ड्यूटी के घंटों के दौरान होने वाली थकान और आराम के समय पर ध्यान नहीं दिया गया है. टिप्पणियां एनजीओ ने दावा किया था कि केबिन क्रू सदस्य को थकान की वजह से उनकी खुद की और यात्रियों की सुरक्षा जोखिम में पड़ती है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) इसके अलावा अदालत ने नियामक उड़ान पर और ड्यूटी के समय की सीमा पर नागर विमानन आवश्यकता ( सीएआर ) के मसौदे को अपलोड करने के लिए आज तक का समय दिया था.  नए सीएआर का निर्देश एक एनजीओ और लंबी उड़ानों पर काम करने वाले केबिन क्रू सदस्यों की याचिका पर दिया गया था. विमानन सुरक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले एनजीओ और केबिन क्रू सदस्यों ने मौजूदा 2016 के नियमों को इस आधार पर चुनौती दी थी कि इसमें उनके ड्यूटी के घंटों के दौरान होने वाली थकान और आराम के समय पर ध्यान नहीं दिया गया है. टिप्पणियां एनजीओ ने दावा किया था कि केबिन क्रू सदस्य को थकान की वजह से उनकी खुद की और यात्रियों की सुरक्षा जोखिम में पड़ती है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) नए सीएआर का निर्देश एक एनजीओ और लंबी उड़ानों पर काम करने वाले केबिन क्रू सदस्यों की याचिका पर दिया गया था. विमानन सुरक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले एनजीओ और केबिन क्रू सदस्यों ने मौजूदा 2016 के नियमों को इस आधार पर चुनौती दी थी कि इसमें उनके ड्यूटी के घंटों के दौरान होने वाली थकान और आराम के समय पर ध्यान नहीं दिया गया है. टिप्पणियां एनजीओ ने दावा किया था कि केबिन क्रू सदस्य को थकान की वजह से उनकी खुद की और यात्रियों की सुरक्षा जोखिम में पड़ती है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) एनजीओ ने दावा किया था कि केबिन क्रू सदस्य को थकान की वजह से उनकी खुद की और यात्रियों की सुरक्षा जोखिम में पड़ती है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की देखरेख में चल रही दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस सेवा रविवार से अनिश्चित अवधि के लिए बंद रहेगी, जिसके पीछे तकनीकी समस्याओं और आर्थिक नुकसान की वजह मानी जा रही है। एयरपोर्ट मेट्रो सेवा बंद होने से सैकड़ों यात्रियों को परेशानी आएगी जो हवाईअड्डे तक आने-जाने के लिए इसका लाभ उठाते हैं। सार्वजनिक-निजी साझेदारी से चल रही देश की पहली मेट्रो परियोजना की पहले 16 महीने की यात्रा उथल-पुथल वाली रही है। फरवरी, 2011 में सेवा की शुरुआत हुई थी। दिल्ली मेट्रो के प्रवक्ता अनुज दयाल ने कहा कि दिल्ली मेट्रो को शाम को संचालन करने वाली कंपनी की ओर से संदेश मिला कि वे रविवार से सेवा को बंद करना चाहते हैं। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने अनिश्चित काल के लिए मेट्रो सेवा बंद करने का इतना बड़ा फैसला अचानक क्यों लिया। वैसे कंपनी को इस परियोजना से घाटा हो रहा है और उसे मुनाफे तथा यात्रियों की संख्या के संबंध में लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो सकी है। हालांकि इस संबंध में कंपनी ने कोई बयान नहीं दिया।टिप्पणियां पीटीआई ने इस बाबत रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के अधिकारियों से संपर्क का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली, जिसके बाद समझा जाता है कि कंपनी कल सार्वजनिक नोटिस जारी कर अपने इस फैसले की वजह बताएगी। दयाल ने कहा कि दिल्ली मेट्रो उनसे पूछेगा कि वे लाइन पर जरूरी सुधार करने के बाद किस तारीख तक सेवा फिर से शुरू करेंगे। सार्वजनिक-निजी साझेदारी से चल रही देश की पहली मेट्रो परियोजना की पहले 16 महीने की यात्रा उथल-पुथल वाली रही है। फरवरी, 2011 में सेवा की शुरुआत हुई थी। दिल्ली मेट्रो के प्रवक्ता अनुज दयाल ने कहा कि दिल्ली मेट्रो को शाम को संचालन करने वाली कंपनी की ओर से संदेश मिला कि वे रविवार से सेवा को बंद करना चाहते हैं। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने अनिश्चित काल के लिए मेट्रो सेवा बंद करने का इतना बड़ा फैसला अचानक क्यों लिया। वैसे कंपनी को इस परियोजना से घाटा हो रहा है और उसे मुनाफे तथा यात्रियों की संख्या के संबंध में लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो सकी है। हालांकि इस संबंध में कंपनी ने कोई बयान नहीं दिया।टिप्पणियां पीटीआई ने इस बाबत रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के अधिकारियों से संपर्क का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली, जिसके बाद समझा जाता है कि कंपनी कल सार्वजनिक नोटिस जारी कर अपने इस फैसले की वजह बताएगी। दयाल ने कहा कि दिल्ली मेट्रो उनसे पूछेगा कि वे लाइन पर जरूरी सुधार करने के बाद किस तारीख तक सेवा फिर से शुरू करेंगे। दिल्ली मेट्रो के प्रवक्ता अनुज दयाल ने कहा कि दिल्ली मेट्रो को शाम को संचालन करने वाली कंपनी की ओर से संदेश मिला कि वे रविवार से सेवा को बंद करना चाहते हैं। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने अनिश्चित काल के लिए मेट्रो सेवा बंद करने का इतना बड़ा फैसला अचानक क्यों लिया। वैसे कंपनी को इस परियोजना से घाटा हो रहा है और उसे मुनाफे तथा यात्रियों की संख्या के संबंध में लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो सकी है। हालांकि इस संबंध में कंपनी ने कोई बयान नहीं दिया।टिप्पणियां पीटीआई ने इस बाबत रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के अधिकारियों से संपर्क का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली, जिसके बाद समझा जाता है कि कंपनी कल सार्वजनिक नोटिस जारी कर अपने इस फैसले की वजह बताएगी। दयाल ने कहा कि दिल्ली मेट्रो उनसे पूछेगा कि वे लाइन पर जरूरी सुधार करने के बाद किस तारीख तक सेवा फिर से शुरू करेंगे। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने अनिश्चित काल के लिए मेट्रो सेवा बंद करने का इतना बड़ा फैसला अचानक क्यों लिया। वैसे कंपनी को इस परियोजना से घाटा हो रहा है और उसे मुनाफे तथा यात्रियों की संख्या के संबंध में लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो सकी है। हालांकि इस संबंध में कंपनी ने कोई बयान नहीं दिया।टिप्पणियां पीटीआई ने इस बाबत रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के अधिकारियों से संपर्क का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली, जिसके बाद समझा जाता है कि कंपनी कल सार्वजनिक नोटिस जारी कर अपने इस फैसले की वजह बताएगी। दयाल ने कहा कि दिल्ली मेट्रो उनसे पूछेगा कि वे लाइन पर जरूरी सुधार करने के बाद किस तारीख तक सेवा फिर से शुरू करेंगे। वैसे कंपनी को इस परियोजना से घाटा हो रहा है और उसे मुनाफे तथा यात्रियों की संख्या के संबंध में लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो सकी है। हालांकि इस संबंध में कंपनी ने कोई बयान नहीं दिया।टिप्पणियां पीटीआई ने इस बाबत रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के अधिकारियों से संपर्क का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली, जिसके बाद समझा जाता है कि कंपनी कल सार्वजनिक नोटिस जारी कर अपने इस फैसले की वजह बताएगी। दयाल ने कहा कि दिल्ली मेट्रो उनसे पूछेगा कि वे लाइन पर जरूरी सुधार करने के बाद किस तारीख तक सेवा फिर से शुरू करेंगे। पीटीआई ने इस बाबत रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के अधिकारियों से संपर्क का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली, जिसके बाद समझा जाता है कि कंपनी कल सार्वजनिक नोटिस जारी कर अपने इस फैसले की वजह बताएगी। दयाल ने कहा कि दिल्ली मेट्रो उनसे पूछेगा कि वे लाइन पर जरूरी सुधार करने के बाद किस तारीख तक सेवा फिर से शुरू करेंगे। दयाल ने कहा कि दिल्ली मेट्रो उनसे पूछेगा कि वे लाइन पर जरूरी सुधार करने के बाद किस तारीख तक सेवा फिर से शुरू करेंगे।
दिल्‍ली के एक स्‍थानीय अदालत ने मंगलवार को चार साल के लड़के की वीभत्‍स हत्‍या के आरोप में 22 वर्षीय घरेलू नौकर को फांसी की सजा सुनाई है. 19 अक्‍टूबर 2006 को नौकर ने मालिक की लड़की के साथ बलात्‍कार करने की कोशिश की, जिसका विरोध करने पर नौकर ने लड़के की हत्‍या कर दी. दोषी संजय दास, बिहार के मधुबनी जिले का रहने वाला है, जिसके दो बच्‍चे भी हैं. संजय ने रमेश अग्रवाल की घर में नौकर का काम मिलने के चौथे दिन ही एक बेटी के साथ बलात्‍कार किया. चिकित्‍सा जांच के बाद बलात्‍कार की पुष्‍िट की गई. इसके बाद पुलिस ने हत्‍या और बलात्‍कार का मामला दर्ज किया. घटना के बाद दास हरिद्वार भाग गया था, जिसके एक दिन बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था.
कश्मीरी पंडितों की ' घर वापसी' के खिलाफ श्रीनगर के लाल चौक में अलगाववादी नेताओं की अगुवाई में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ. शुक्रवार को अलगाववादी नेता यासीन मलिक के समर्थकों ने जवानों पर पत्थरबाजी की. हालात पर काबू पाने के लिए सुरक्षा बलों को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. हिंसक प्रदर्शन के लिए अलगाववादी नेता यासीन मलिक को हिरासत में ले लिया गया है. Srinagar: Clash between police& Yasin Malik supporters, police throws tear gas shells at protestors pic.twitter.com/gtpMhdapkd — ANI (@ANI_news) April 10, 2015 गौरतलब है कि कश्मीरी पंडितों के लिए टाउनशिप बनाने की केंद्र सरकार की योजना पर मतभेद हैं. कश्मीरी पंडितों के लिए अलग बस्ती बनाए जाने के खिलाफ शुक्रवार को अलगाववादियों ने कश्मीर बंद का ऐलान किया था. कश्मीरी पंडितों की 'घर वापसी' को लेकर केंद्र सरकार खास टाउनशिप बनाना चाहती है. मुफ्ती सरकार ने भी अपनी सहमति जताई थी. लेकिन विधानसभा में मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद मुकर गए. मुफ्ती ने कहा कि घाटी में किसी के लिए अलग रहने के लिए कोई व्यवस्था नहीं होगी. सभी संप्रदाय के लोग समाज में साथ ही रहेंगे. कश्मीरी पंडित मुस्लिमों के साथ रहेंगे. अलगाववादी नेता यासीन मलिक ने कहा कि कश्मीरी पंडित वापस लौटें और हम सब के साथ रहें. अलग से टाउनशिप में रहना सही नहीं है. 24 घंटे में बयान से मुकरे मुफ्ती टाउनशिप को लेकर मुख्यमंत्री मुफ्ती 24 घंटे में ही बयान से मुकर गए. 7 अप्रैल को राजनाथ सिंह से हुई मुलाकात के बाद सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि केंद्रीय गृहमंत्री ने कश्मीरी पंडितों के लिए टाउनशिप बनाने के लिए जमीन मांगी. मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद ने जल्द से जल्द जमीन मुहैया कराने का भरोसा दिया. लेकिन इसके 24 घंटे के भीतर ही मुफ्ती अपने बयान से पलट गए. 7 लाख कश्मीरी पंडितों को छोड़ना पड़ा था घर 90 के दशक में कश्मीर में आतंक की आग कुछ ऐसी दहकी कि करीब 7 लाख कश्मीरी पंडितों को घर बार छोड़कर कहीं और शरण लेने पर मजबूर होना पड़ा. अपनी मिट्टी से दूर आज भी ये शरणार्थियों की तरह ही रह रहे हैं. जम्मू-कश्मीर में नई सरकार बनते ही हर बार की तरह इस बार भी उनकी घर वापसी की बातें उठी. लेकिन, एक बार फिर सियासत बवंडर बन कर कश्मीरी पंडितों के सामने खड़ी हो गई. मोदी सरकार ने किया है 500 करोड़ का इंतजाम मोदी सरकार ने बजट में इनकी वापसी के लिए पांच सौ करोड़ रुपये का इंतजाम किया है. यही नहीं केंद्र की पहल पर मुफ्ती सरकार ने प्रदेश की सरकारी नौकरियों में 3 हजार अतिरिक्त पदों को हरी झंडी दे दी है.
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: नीतीश ने मुस्लिम समुदाय को चुनौती दी कि वे बताएं कि आख़िर भाजपा के साथ जाने के बाद क्या कामकाज पर असर पड़ा है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपनी ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के कारण वे जब अलग हो गए तो लोग उसके विश्लेषण में उनके ख़िलाफ़ लिख रहे हैं लेकिन उनको उसकी परवाह नहीं है. लेकिन अंत में नीतीश ने कहा कि उनकी समाज के सभी वर्गों के लोगों को लेकर चलने की प्रतिबद्धता है और वे काम करते रहेंगे. नीतीश ने मुस्लिम समुदाय को चुनौती दी कि वे बताएं कि आख़िर भाजपा के साथ जाने के बाद क्या कामकाज पर असर पड़ा है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपनी ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के कारण वे जब अलग हो गए तो लोग उसके विश्लेषण में उनके ख़िलाफ़ लिख रहे हैं लेकिन उनको उसकी परवाह नहीं है. लेकिन अंत में नीतीश ने कहा कि उनकी समाज के सभी वर्गों के लोगों को लेकर चलने की प्रतिबद्धता है और वे काम करते रहेंगे.
वर्मांट (अंग्रेज़ी:Vermont) संयुक्त राज्य अमेरिका का एक प्रान्त है जो इसके पूर्वोत्तर भाग में, न्यू इंग्लैण क्षेत्र में, स्थित है। वरमोंट संयुक्त राज्य के 50 राज्यों में क्षेत्रफल के अनुसार छठवाँ और दूसरा सबसे कम आबादी वाला राज्य है। यह न्यू इंग्लैण क्षेत्र का इकलौता ऐसा राज्य है जिसकी सीमा अटलांटिक महासागर से नहीं छूती। झील शाम्प्लें इस राज्य की लगभग आधी पश्चिमी सीमा बनाती है जो न्यूयॉर्क के राज्य के साथ साझा है। ग्रीन पर्वत राज्य के भीतर हैं। वरमोंट की सीमायें दक्षिण में मैसाचुसेट्स, पूरब में कनेक्टिकट नदी नदी के सहारे न्यू हैम्पशायर, पश्चिम में न्यूयॉर्क और उत्तर की ओर कनाडाई प्रान्त क्यूबेक के साथ बनती हैं। चित्र दीर्घा सन्दर्भ संयुक्त राज्य अमेरिका के राज्य
Redmi Y3 को भारत में 24 अप्रैल को लॉन्च किया जाएगा। लॉन्च होने से पहले शाओमी के इस हैंडसेट को बेंचमार्क साइट Geekbench पर अहम स्पेसिफिकेशन के साथ लिस्ट किया गया है। अब जब फोन को बुधवार को ही लॉन्च किया जाना है, ऐसे में हम अपने पाठकों को इन स्पेसिफिकेशन पर पूरी तरह से भरोसा नहीं करने का सुझाव देंगे। ऑनलाइन लिस्टिंग में स्नैपड्रैगन 625 प्रोसेसर और कम से कम 3 जीबी रैम का ज़िक्र है। Xiaomi ने पहले ही पुष्टि की है कि Redmi Y3 में 32 मेगापिक्सल का सेल्फी कैमरा होगा। हाल ही में आए टीज़र से पता चला था कि शाओमी रेडमी वाई3 में 4,000 एमएएच बैटरी होगी और यह ग्रेडिएंट फिनिश के साथ आएगा। नए Redmi फोन का एक वीडियो टीज़र भी ज़ारी किया है जिससे फोन में वाटरड्रॉप स्टाइल डिस्प्ले नॉच होने की पुष्टि हुई। Geekbench लिस्टिंग के मुताबिक, Redmi Y3 में क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 625 प्रोसेसर होगा और इसके साथ 3 जीबी रैम दिए जाएंगे। हम भरोसे के साथ कह सकते हैं कि इस फोन के कई और वेरिएंट भी होंगे। गौर करने वाली बात है कि स्नैपड्रैगन 625 प्रोसेसर बीते साल पेश किए गए Redmi Y2 का भी हिस्सा था। यही प्रोसेसर बेहद ही पुराने Redmi Note 4 का भी हिस्सा था। हालांकि, कंपनी ने अपने नए हैंडसेट की परफॉर्मेंस बेहतर करने के लिए नए सॉफ्टवेयर इनहांसमेंट कर सकती है। हम गीकबेंच लिस्टिंग की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं कर सकते। ऐसे में इन पर पूरी तरह से भरोसा नहीं करने का सुझाव देंगे। गीकबेंच लिस्टिंग से पता चला है कि Redmi Y3 आउट ऑफ बॉक्स एंड्रॉयड पाई पर चलेगा। इसके ऊपर MIUI 10 टॉप पर है। परफॉर्मेंस की बात करें तो Geekbench वेबसाइट से पता चला है कि Redmi Y3 को सिंगल कोर टेस्ट में 1,236 का स्कोर मिला और मल्टी-कोर स्कोर 4,213 है। गीकबेंच लिस्टिंग में 22 अप्रैल का ज़िक्र है। इसके बारे में सबसे पहले जानकारी टेक ब्लॉग Nashville Chatter द्वारा दी गई। जैसा कि हमने आपको पहले बताया, Redmi Y3 को मार्केट में Redmi Y2 के अपग्रेड के तौर पर उतारा जाएगा। यह 32 मेगापिक्सल के सेल्फी कैमरे से लैस होगा। Xiaomi ने फोन में 4,000 एमएएच बैटरी, ग्रेडिएंट बैक फिनिश और वाटरड्रॉप स्टाइल डिस्प्ले नॉच देने की पुष्टि की है। इसके अलावा फोन में डुअल रियर कैमरा सेटअप और फिंगरप्रिंट सेंसर होगा। इसके अलावा Redmi Y3 के साथ मार्केट में Xiaomi Redmi 7 को भी उतारा जा सकता है। रेडमी 7 सीरीज़ को चीनी मार्केट में 4,000 एमएएच बैटरी और स्नैपड्रैगन 632 प्रोसेसर के साथ उतारा गया था।
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: लोकप्रिय सर्च इंजन गूगल ने महान फिल्मकार सत्यजीत रे के 92वें जन्मदिन पर उनकी एक फिल्म ‘पाथेर पांचाली’ के दृश्य का डूडल पेश किया है। डूडल में फिल्म का एक प्रसिद्ध दृश्य प्रदर्शित किया गया है, जिसमें मुख्य चरित्र अपू ट्रेन की ओर देखते हुए अपनी बहन दुर्गा के साथ दौड़ लगा रहा है। वर्ष 1955 में रिलीज हुई ‘पाथेर पांचाली’ रे की पहली फिल्म थी, जो बांग्ला लेखक विभूतिभूषण बंधोपाध्याय के उपन्यास पर आधारित थी। कान फिल्म महोत्सव सहित इस फिल्म को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भरपूर सराहना मिली।टिप्पणियां वृत्तचित्र, लघु फिल्म सहित 36 फिल्म निर्देशित करने वाले रे का आज ही के दिन जन्म हुआ था और उनकी गिनती महान फिल्मकारों में होती है। रे के दादा उपेंद्र किशोर रे चौधरी थे, जो ब्रह्म समाज के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और रे के पिता सुकुमार रे जाने माने बांग्ला कवि थे। नायाब फिल्म बनाने के साथ ही रे ने फेलुदा सिरीज और प्रोफेसर सांकु सिरीज सहित कई किताबें लिखी। डूडल में फिल्म का एक प्रसिद्ध दृश्य प्रदर्शित किया गया है, जिसमें मुख्य चरित्र अपू ट्रेन की ओर देखते हुए अपनी बहन दुर्गा के साथ दौड़ लगा रहा है। वर्ष 1955 में रिलीज हुई ‘पाथेर पांचाली’ रे की पहली फिल्म थी, जो बांग्ला लेखक विभूतिभूषण बंधोपाध्याय के उपन्यास पर आधारित थी। कान फिल्म महोत्सव सहित इस फिल्म को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भरपूर सराहना मिली।टिप्पणियां वृत्तचित्र, लघु फिल्म सहित 36 फिल्म निर्देशित करने वाले रे का आज ही के दिन जन्म हुआ था और उनकी गिनती महान फिल्मकारों में होती है। रे के दादा उपेंद्र किशोर रे चौधरी थे, जो ब्रह्म समाज के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और रे के पिता सुकुमार रे जाने माने बांग्ला कवि थे। नायाब फिल्म बनाने के साथ ही रे ने फेलुदा सिरीज और प्रोफेसर सांकु सिरीज सहित कई किताबें लिखी। वर्ष 1955 में रिलीज हुई ‘पाथेर पांचाली’ रे की पहली फिल्म थी, जो बांग्ला लेखक विभूतिभूषण बंधोपाध्याय के उपन्यास पर आधारित थी। कान फिल्म महोत्सव सहित इस फिल्म को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भरपूर सराहना मिली।टिप्पणियां वृत्तचित्र, लघु फिल्म सहित 36 फिल्म निर्देशित करने वाले रे का आज ही के दिन जन्म हुआ था और उनकी गिनती महान फिल्मकारों में होती है। रे के दादा उपेंद्र किशोर रे चौधरी थे, जो ब्रह्म समाज के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और रे के पिता सुकुमार रे जाने माने बांग्ला कवि थे। नायाब फिल्म बनाने के साथ ही रे ने फेलुदा सिरीज और प्रोफेसर सांकु सिरीज सहित कई किताबें लिखी। वृत्तचित्र, लघु फिल्म सहित 36 फिल्म निर्देशित करने वाले रे का आज ही के दिन जन्म हुआ था और उनकी गिनती महान फिल्मकारों में होती है। रे के दादा उपेंद्र किशोर रे चौधरी थे, जो ब्रह्म समाज के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और रे के पिता सुकुमार रे जाने माने बांग्ला कवि थे। नायाब फिल्म बनाने के साथ ही रे ने फेलुदा सिरीज और प्रोफेसर सांकु सिरीज सहित कई किताबें लिखी। रे के दादा उपेंद्र किशोर रे चौधरी थे, जो ब्रह्म समाज के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और रे के पिता सुकुमार रे जाने माने बांग्ला कवि थे। नायाब फिल्म बनाने के साथ ही रे ने फेलुदा सिरीज और प्रोफेसर सांकु सिरीज सहित कई किताबें लिखी।
यह लेख है: हाल ही में निर्देशक मिलन लूथरिया की फिल्म 'वंस अपॉन ए टाइम इन मुम्बई दोबारा' में काम करने वाले बॉलीवुड अभिनेता इमरान खान ने कहा कि बड़े निर्देशक के साथ काम करना काफी फायदेमंद रहता है, क्योंकि इससे काम करने की क्षमता बढ़ती है।टिप्पणियां एक रेडियो चैनल पर अपनी फिल्म का प्रचार करने के दौरान इमरान ने कहा, "ऐसा पहली बार है जब मैं बॉलीवुड में कोई बड़ी, मुख्यधारा की व्यावसायिक फिल्म में काम कर रहा हूं। मैं इतने बड़े निर्देशक के साथ पहली बार काम कर रहा हूं और मुझे लगता है कि यह काफी फायदेमंद रहता है। वे जिस प्रकार हमसे काम करवाते हैं और हमारे प्रदर्शन में सुधार करते हैं, वह किसी अभिनेता के लिए बहुत बड़ी बात है।" यह फिल्म माफिया आधारित एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर बनी है तथा इसमें इमरान के अलावा अक्षय कुमार और सोनाक्षी सिन्हा भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं। एक रेडियो चैनल पर अपनी फिल्म का प्रचार करने के दौरान इमरान ने कहा, "ऐसा पहली बार है जब मैं बॉलीवुड में कोई बड़ी, मुख्यधारा की व्यावसायिक फिल्म में काम कर रहा हूं। मैं इतने बड़े निर्देशक के साथ पहली बार काम कर रहा हूं और मुझे लगता है कि यह काफी फायदेमंद रहता है। वे जिस प्रकार हमसे काम करवाते हैं और हमारे प्रदर्शन में सुधार करते हैं, वह किसी अभिनेता के लिए बहुत बड़ी बात है।" यह फिल्म माफिया आधारित एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर बनी है तथा इसमें इमरान के अलावा अक्षय कुमार और सोनाक्षी सिन्हा भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं। यह फिल्म माफिया आधारित एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर बनी है तथा इसमें इमरान के अलावा अक्षय कुमार और सोनाक्षी सिन्हा भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं।
ओम प्रकाश मुंजाल (26 अगस्त 1928 - 13 अगस्त 2015), हीरो साइकिल के सेवानिवृत्त अध्यक्ष और हीरो ग्रुप के सह-संस्थापक थे। उन्होंने वर्ष 1956 में ‘हीरो ग्रुप’ कंपनी के गठन के साथ ही भारत की पहली साइकिल का निर्माण करने वाली ईकाई की शुरूआत की थी, जो वर्ष 1980 के दौर में दुनिया में सबसे ज्यादा साइकिल की निर्माता कंपनी बन गई। विश्व के सबसे बड़े साइकिल निर्माता के तौर पर वर्ष 1986 में हीरो साइकिल का नाम ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में भी दर्ज हुआ।वे अपने काम के प्रति बेहद ईमानदार थे। वे अपने ग्राहकों को कभी भी निराश नहीं करते थे। एक बार जब उनकी कंपनी के कार्यकर्ता हड़ताल पर थे तो उन्होने खुद ही फैक्ट्री में काम करना शुरू कर दिया। इसे देखते हुए कार्यकर्ताओं ने हड़ताल बंद कर वापस काम में लग गए थे। सन्दर्भ मै देश के लिए कुछ करना चाहता हु । श्री मुंजाल जी, आप ने अभी जो hiro optima जैसी ईलेकट्रीक टुविलर लोंच की है, उसमे थोड़ा संशोधन करने की जरूरत है । क्या उसमे 1 या 2 लीटर की पेट्रोल टंकी फीट हो सकती है? यदि ऐसा होता है तो कस्टमर को बहुत ही अच्छा रहेगा । इसकी वजह है, हमारे देश मे मध्यम वर्ग ज्यादा है अगर 1-2 लोगो को 50, 100 कि,मी जाना हो तो वो आराम से जा सकता है। बीच मे अगर चार्जीग पुरा होने का डर नही रहेगा। ऐसी गाड़ी हमारे देश मे तो चलेगी ही, लेकिन विदेशो मे भी चलेगी । जय हिंद, ,,, बाहरी कड़ियाँ हीरो मोटर का आधिकारिक जाल स्थल उद्यमी 1928 में जन्मे लोग
फिल्मेकर राजकुमार हिरानी की फिल्म 'पीके' को रेनॉ स्टार गिल्ड अवार्ड्स 2015 में बेस्‍ट फिल्म, डायरेक्‍टर, डायलॉग, साउंड मिक्सिंग की कैटेगरी के लिए अवॉर्ड से नवाजा गया है. कार्यक्रम का आयोजन फिल्म सिटी के रिलायंस मीडियावर्क में रविवार रात को किया गया और इस समारोह में 'पीके' की झोली में सबसे अधिक अवॉर्ड गए. फिल्म में आमिर खान और अनुष्का शर्मा ने मुख्य भूमिका निभाई है. 'फिल्म एंड टेलीविजन प्रोड्युसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया' एंड 'विजक्राफ्ट इंटरनेशनल एंटरटेनमेंट' ने 2014 के फिल्म एवं टेलीविजन की श्रेणी के अवॉर्ड घोषित किए हैं. एक्‍टर शाहिद कपूर को 'हैदर' में उनके अभिनय के लिए बेस्‍ट एक्‍टर और प्रियंका चोपड़ा को 'मैरी कॉम' के लिए बेस्‍ट एक्‍ट्रेस का अवॉर्ड दिया गया. इस इवेंट की मेजबानी हास्य कलाकार कपिल शर्मा ने अपने ही अंदाज में की. इसके अलावा महानायक अमिताभ बच्चन ने उनकी फिल्म 'शमिताभ' के 'पिड्ली' और प्रियंका ने 'अस्लाम ए-इश्कुम' और 'राम चाहे लीला' चाहे पर परफॉर्म किया. इस इवेंट में में राकेश रोशन को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया गया. उन्हें यह अवार्ड जीतेंद्र और उनके बेटे ऋति‍क रोशन ने पेश किया. दीपिका को 'एंटरटेनर आफ द ईयर' और आलिया भट्ट को 'जियोनी मोस्ट स्टाइलिश यूथ आइकन' अवॉर्ड दिया गया. प्रियंका चोपड़ा को 'हिंदुस्तान टाइम्स सेलिब्रेटी फॉर ए कॉज' के अवॉर्ड से भी नवाजा गया. 'स्टार प्लस शाइनिंग सुपरस्टार' का अवॉर्ड श्रद्धा कपूर की झोली में गए. इस अवॉर्ड इवेंट को 18 जनवरी को स्टार प्लस चैनल पर टेलीकास्‍ट किया जाएगा. इनपुट: IANS
इंग्लिश क्रिकेट टीम के साथ खेली जाने वाली दो ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों की शृंखला के लिए चोटिल बल्लेबाज मनोज तिवारी की जगह अम्बाती रायुडू को शामिल किया गया है। तिवारी इस समय मांसपेशियों में खिंचाव की समस्या से जूझ रहे हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने मंगलवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसकी घोषणा की। 27 वर्षीय तिवारी को अखिल भारतीय वरिष्ठ चयन समिति ने पुणे (20 दिसम्बर) और मुम्बई (22 दिसम्बर) में खेले जाने वाले मुकाबले के लिए रविवार को टीम में शामिल किया था।टिप्पणियां दाएं हाथ के बल्लेबाज रायुडू पहली बार भारतीय टीम में जगह बनाने में कामयाब हुए हैं। रायुडू वर्तमान में रणजी ट्रॉफी के इस सत्र के छह मैचों में बड़ौदा के लिए चार अर्धशतक और एक शतक लगा चुके हैं। भारतीय टीम को इंग्लैंड के साथ जारी चार टेस्ट मैचों की शृंखला का चौथा और अंतिम टेस्ट मैच 13 दिसम्बर से खेलना है। इसके बाद ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों की शृंखला खेली जाएगी। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने मंगलवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसकी घोषणा की। 27 वर्षीय तिवारी को अखिल भारतीय वरिष्ठ चयन समिति ने पुणे (20 दिसम्बर) और मुम्बई (22 दिसम्बर) में खेले जाने वाले मुकाबले के लिए रविवार को टीम में शामिल किया था।टिप्पणियां दाएं हाथ के बल्लेबाज रायुडू पहली बार भारतीय टीम में जगह बनाने में कामयाब हुए हैं। रायुडू वर्तमान में रणजी ट्रॉफी के इस सत्र के छह मैचों में बड़ौदा के लिए चार अर्धशतक और एक शतक लगा चुके हैं। भारतीय टीम को इंग्लैंड के साथ जारी चार टेस्ट मैचों की शृंखला का चौथा और अंतिम टेस्ट मैच 13 दिसम्बर से खेलना है। इसके बाद ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों की शृंखला खेली जाएगी। 27 वर्षीय तिवारी को अखिल भारतीय वरिष्ठ चयन समिति ने पुणे (20 दिसम्बर) और मुम्बई (22 दिसम्बर) में खेले जाने वाले मुकाबले के लिए रविवार को टीम में शामिल किया था।टिप्पणियां दाएं हाथ के बल्लेबाज रायुडू पहली बार भारतीय टीम में जगह बनाने में कामयाब हुए हैं। रायुडू वर्तमान में रणजी ट्रॉफी के इस सत्र के छह मैचों में बड़ौदा के लिए चार अर्धशतक और एक शतक लगा चुके हैं। भारतीय टीम को इंग्लैंड के साथ जारी चार टेस्ट मैचों की शृंखला का चौथा और अंतिम टेस्ट मैच 13 दिसम्बर से खेलना है। इसके बाद ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों की शृंखला खेली जाएगी। दाएं हाथ के बल्लेबाज रायुडू पहली बार भारतीय टीम में जगह बनाने में कामयाब हुए हैं। रायुडू वर्तमान में रणजी ट्रॉफी के इस सत्र के छह मैचों में बड़ौदा के लिए चार अर्धशतक और एक शतक लगा चुके हैं। भारतीय टीम को इंग्लैंड के साथ जारी चार टेस्ट मैचों की शृंखला का चौथा और अंतिम टेस्ट मैच 13 दिसम्बर से खेलना है। इसके बाद ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों की शृंखला खेली जाएगी। भारतीय टीम को इंग्लैंड के साथ जारी चार टेस्ट मैचों की शृंखला का चौथा और अंतिम टेस्ट मैच 13 दिसम्बर से खेलना है। इसके बाद ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों की शृंखला खेली जाएगी।
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने एक बार फिर नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने खुद को एक 'हेट फिगर' से 'आधुनिकता और तरक्की के अवतार' में बदल लिया है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस उनकी 'समावेशी और उदार' पहुंच की अनदेखी करती है तो यह 'अशिष्टता' होगी. अमेरिकी न्यूज वेबसाइट 'द हफिंग्टन पोस्ट' पर लिखे लेख में थरूर ने कहा, 'जैसे उन्होंने खुद को एक 'हेट फिगर' से आधुनिकता और तरक्की के अवतार में तब्दील किया, उसी तरह वह बीजेपी को हिंदुत्व लाइन से हटाकर प्रशासन की एक नैचुरल पार्टी बनाना चाहते हैं. उन्होंने भाषा और 'टोन' दोनों स्तरों पर बदलाव दिखाया है.' उन्होंने लिखा, 'मोदी ने मुद्दों पर बात करते हुए टकराव की भाषा चुनने से परहेज किया है. ताकि भारत के अल्पसंख्यकों को कुछ भी आपत्तिजनक न लगे और आलोचकों की ओर भी दोस्ती का हाथ बढ़ाया जा सके.' बुधवार को कांग्रेस दफ्तर पर मीडिया से बात करते हुए थरूर ने कहा, 'सरकार की उदार और समावेशी भाषा का स्वागत किया जाना चाहिए. विपक्ष में रहते हुए हमें अच्छे संकेतों की अनदेखी नहीं करनी चाहिए. प्रधानमंत्री खुद कह रहे हैं कि वह सभी भारतीयों के प्रधानमंत्री होंगे, उनके भी जिन्होंने उनके लिए वोट नहीं दिया. हम उनसे यह भाषा सुनने के आदी नहीं हैं.' उन्होंने कहा कि मोदी का शायद 'मोदी 2.0' के रूप में दूसरा अवतार हुआ है. उन्होंने कहा, 'लेकिन अगर पहले वाले मोदी लौट आते हैं या उनकी सरकार समाज को बांटने वाले काम करने लगती है तो हम उनका कड़ा विरोध करेंगे.' p My piece on " @narendramodi 2.0" (written for an international audience). http://t.co/bnSbvQimuj @HuffingtonPost left "former" off my bio — Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) June 3, 2014
मोनाको का संविधान पहली बार 1911 में मोनागास्क क्रांति के बाद अपनाया गया। प्रिंस रेनियर III द्वारा 17 दिसंबर 1962 को संशोधित किया गया था। इसमें सरकार की तीन शाखाओं की रूपरेखा है, जिसमें कई प्रशासनिक कार्यालय और कई परिषदें शामिल हैं, जो राजकुमार के साथ सलाहकार और विधायी शक्ति साझा करती हैं। संविधान भी मोनागास्क सिंहासन के उत्तराधिकार की रेखा को परिभाषित करता है। इस अनुभाग को 2 अप्रैल 2002 को संशोधित किया गया था। शब्द गणना के अनुसार, यह वर्तमान में लागू दुनिया का सबसे छोटा संविधान है। सन्दर्भ
अक्षय कुमार और विद्या बालन की फिल्म मिशन मंगल बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ कमाई कर रही है. फिल्म में विद्या बालन की एक्टिंग को खूब पसंद किया जा रहा है. विद्या और अक्षय के अलावा मूवी में तापसी पन्नू, सोनाक्षी सिन्हा, कीर्ति कुल्हारी और नित्या मिलन भी हैं. फिल्म में इतनी सारी एक्ट्रेसेज के होने पर ये सवाल स्वाभाविक है कि क्या कभी कैटफाइट हुई? अब एक्ट्रेस विद्या बालन ने इसका जवाब दिया है. मिड डे को दिए इंटरव्यू में विद्या से जब ये सवाल पूछा गया कि एक्ट्रेसेज से भरी फिल्म में क्या कभी कैटफाइट हुई तो ये सवाल सुन वो हंसने लगीं. विद्या ने कहा- 'ये संभावित सी बात है. लोगों का मानना है कि जब फीमेल एक्ट्रेसेज एक साथ काम करती हैं, तनाव और इंसिक्योरिटीज अधिक होती है. हालांकि, मेरे अनुभव में, यह बेतुका है.' 'मैंने बेगम जान में फीमेल कास्ट के साथ काम किया और कोई कैटफाइट नहीं थी. यहां यह और भी अधिक विश्वसनीय हो जाता है क्योंकि हम में से हर कोई तापसी पन्नू, नित्या मेनन, सोनाक्षी सिन्हा, कीर्ति कुल्हारी स्टार हैं. हम सिक्योर थे और एक साथ काम करना खुशी का अनुभव था. कैटफाइट्स पास्ट में शायद सही थी, लेकिन आज महिलाएं एक साथ खड़ी हैं.' फिल्म की कमाई की बात करें तो बता दें कि मूवी ने तीन दिनों में बंपर कमाई है. मजह तीन दिन में फिल्म ने 70 करोड़ का बिजनेस कर लिया है. मूवी को जगन शक्ति ने निर्देशित किया है. फिल्म को काफी पसंद किया जा रहा है.
रमा प्रभा एक भारतीय अभिनेत्री है जो तेलुगु फिल्मों मे आती है। उन्होंने १४०० से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है। उन्होंने शांति निलयम में नागेश के साथ काम किया और १९६८ के बाद से कई अन्य फिल्में की। फिल्मोग्राफी बंगाल टाइगर (२०१५) विनवेय रामाय्या (२०१५) ओंगोल गीता (२०१३) सेठममा वक्ताओ सिमरेल चेत्तु (२०१३) सेविओर (२०१२) मनी मनी,मोर मनी (२०११) अधुर्स (२००९) नेनिथई (२००८) देसमुदुरु (२००७) हैप्पी (२००६) अविनान्ना कदण्ना (२००५) श्री एंड मिसेस सैलाजा कृष्णमूर्ति (२००४) टैगोर (२००३) परिवार सर्कस (२००१) जननी जन्मभूमि (१९८४) अनबूकु नान आदिमई (१९८०) बोम्मा बोरुसा (१९७१) चिलका गोरिंका (१९६६) सन्दर्भ भारतीय महिला भारतीय अभिनेत्री तेलुगू अभिनेत्री
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने तीसरी बार यू-टर्न लिया है. जोगी अब अपनी परंपरागत मरवाही विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. जोगी कांग्रेस के नेताओं ने इसके लिए तैयारी  शुरू कर दी है. फिलहाल, मरवाही विधानसभा सीट से उनके पुत्र अमित जोगी बतौर कांग्रेस विधायक काबिज हैं. हालांकि कांग्रेस ने उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते अरसे पहले ही निष्कासित कर दिया था. अमित जोगी वर्तमान में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रमुख कर्ता-धर्ता हैं. वो मरवाही सीट छोड़ मनेंद्रगढ़ विधानसभा सीट से जोगी पार्टी के उम्मीदवार होंगे. इससे पहले जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के सुप्रीमो अजीत जोगी ने वादा किया था कि वो मुख्यमंत्री रमन सिंह के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. रमन सिंह जिस भी विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनेंगे, वे भी उसी सीट से उन्हें चुनौती देंगे. लेकिन जैसी ही राज्य में चुनाव के पहले दौर की नामांकन प्रक्रिया शुरू हुई तो अजीत जोगी अपने वादे से मुकर गए. उन्होंने 90 विधानसभा सीटों में चुनाव प्रचार करने का हवाला देकर चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया. इस इंकारनामे के दो दिन बाद एक बार फिर अजीत जोगी अपने फैसले से पीछे हट गए. उन्होंने मरवाही विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया. उनके पुत्र अमित जोगी के मुताबिक मरवाही विधानसभा सीट से कई महत्वपूर्ण कार्यकर्ताओं ने अजीत जोगी को अपना कमियां अर्थात सेवक बताया. उन्होंने कहा कि उन्हें मरवाही में प्रचार के लिए नहीं आना पड़ेगा क्योंकि वो कमियां है कोई प्रत्याशी नहीं. उन्हें रिकॉर्ड तोड़ बहुमत से जिताना मरवाही की जनता का काम है. रमन के खिलाफ अटल की भतीजी उधर, अजीत जोगी के अचानक पाला बदल लेने से मुख्यमंत्री रमन सिंह को चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला को तैयार किया है. उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी बनाए जाने के लिए स्क्रीनिंग कमेटी ने अपनी सिफारिश कांग्रेस आलाकमान से की है. हालांकि इस सीट से वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मोतीलाल वोरा और दुर्ग से एकमात्र कांग्रेसी सांसद ताम्रध्वज साहू के नाम पर भी विचार किया गया. लेकिन दोनों ही नेताओं ने विधानसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. इसके बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने करुणा शुक्ला के नाम पर अपनी मुहर लगाईं. फिलहाल बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों की निगाहें अजीत जोगी के अगले कदम पर टिकी हुई है. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में जनता कांग्रेस और बीएसपी के बीच पहले हुए गठबंधन के अनुसार जनता कांग्रेस को 55 सीटों और बीएसपी को 35 सीटों पर चुनाव लड़ना था, लेकिन इस दौरान भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) भी इस गठबंधन में शामिल हो गई जिसके बाद बीएसपी ने सीपीआई को दो सीटें देने का वादा कर डाला.
बचपन के दोस्त बिल गेट्स और पॉल एलन ने कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में अपने साझा कौशल का उपयोग करके एक व्यवसाय बनाने की कोशिश की। 1972 में उन्होंने ट्रैफ़-ओ-डेटा नाम से अपनी पहली कंपनी की स्थापना की, जिसने ऑटोमोबाइल ट्रैफ़िक डेटा को ट्रैक और विश्लेषण करने के लिए एक प्राथमिक कंप्यूटर बेचा। जबकि गेट्स ने हार्वर्ड में दाखिला लिया, एलन ने वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर विज्ञान में डिग्री हासिल की, हालांकि बाद में उन्होंने हनीवेल में काम करने के लिए स्कूल छोड़ दिया। पॉपुलर इलेक्ट्रॉनिक्स के जनवरी 1975 अंक में माइक्रो इंस्ट्रुमेंटेशन एंड टेलीमेट्री सिस्टम्स (एमआईटीएस) अल्टेयर 8800 माइक्रो कंप्यूटर दिखाया गया, जिसने एलन को यह सुझाव देने के लिए प्रेरित किया कि वे डिवाइस के लिए एक बेसिक दुभाषिया प्रोग्राम कर सकते हैं। कार्यशील दुभाषिया होने का दावा करने वाले गेट्स के कॉल के बाद, एमआईटीएस ने एक प्रदर्शन का अनुरोध किया। चूँकि उनके पास अभी तक कोई नहीं था, एलन ने अल्टेयर के लिए एक सिम्युलेटर पर काम किया जबकि गेट्स ने दुभाषिया विकसित किया। हालाँकि उन्होंने दुभाषिया को एक सिम्युलेटर पर विकसित किया था, न कि वास्तविक उपकरण पर, लेकिन जब उन्होंने मार्च 1975 में अल्बुकर्क, न्यू मैक्सिको में एमआईटीएस में दुभाषिया का प्रदर्शन किया तो यह त्रुटिहीन रूप से काम कर गया। एमआईटीएस ने इसे अल्टेयर बेसिक के रूप में विपणन करते हुए वितरित करने पर सहमति व्यक्त की। गेट्स और एलन ने 4 अप्रैल, 1975 को आधिकारिक तौर पर माइक्रोसॉफ्ट की स्थापना की, जिसके सीईओ गेट्स थे। "माइक्रो-सॉफ्ट" (माइक्रो कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर का संक्षिप्त रूप) का मूल नाम एलन द्वारा सुझाया गया था। अगस्त 1977 में कंपनी ने जापान में ASCII मैगज़ीन के साथ एक समझौता किया, जिसके परिणामस्वरूप इसका पहला अंतर्राष्ट्रीय कार्यालय, "ASCII Microsoft" बना। जनवरी 1979 में माइक्रोसॉफ्ट ने अपना मुख्यालय बेलेव्यू, वाशिंगटन में स्थानांतरित कर दिया। माइक्रोसॉफ्ट ने 1980 में यूनिक्स के अपने संस्करण, जिसे ज़ेनिक्स कहा जाता है, के साथ ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) व्यवसाय में प्रवेश किया। हालाँकि, यह MS-DOS ही था जिसने कंपनी के प्रभुत्व को मजबूत किया। डिजिटल रिसर्च के साथ बातचीत विफल होने के बाद, आईबीएम ने नवंबर 1980 में सीपी/एम ओएस का एक संस्करण प्रदान करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट को एक अनुबंध दिया, जिसे आगामी आईबीएम पर्सनल कंप्यूटर (आईबीएम पीसी) में उपयोग करने के लिए निर्धारित किया गया था। इस सौदे के लिए, Microsoft ने सिएटल कंप्यूटर प्रोडक्ट्स से 86-DOS नामक एक CP/M क्लोन खरीदा, जिसे उसने MS-DOS के रूप में ब्रांड किया, हालाँकि IBM ने इसे IBM PC DOS के रूप में पुनः ब्रांड किया। अगस्त 1981 में IBM PC की रिलीज़ के बाद, Microsoft ने MS-DOS का स्वामित्व बरकरार रखा। चूंकि आईबीएम ने आईबीएम पीसी BIOS को कॉपीराइट किया था, इसलिए अन्य कंपनियों को गैर-आईबीएम हार्डवेयर को आईबीएम पीसी संगत के रूप में चलाने के लिए इसे रिवर्स इंजीनियर करना पड़ा, लेकिन ऑपरेटिंग सिस्टम पर ऐसा कोई प्रतिबंध लागू नहीं हुआ। MS-DOS के लिए उपलब्ध सॉफ़्टवेयर चयन जैसे विभिन्न कारकों के कारण, Microsoft अंततः अग्रणी पीसी ऑपरेटिंग सिस्टम विक्रेता बन गया। कंपनी ने 1983 में माइक्रोसॉफ्ट माउस की रिलीज के साथ-साथ माइक्रोसॉफ्ट प्रेस नामक एक प्रकाशन प्रभाग के साथ नए बाजारों में विस्तार किया।
नोटबंदी के दौरान मध्यप्रदेश के भिंड़ जिले में अनोखी शादी देखने को मिली थी. यहां आईएएस ने महज 500 रुपये खर्च कर शादी के बंधन में बंधे थे. 2013 में सिविल सर्विसेज परीक्षा पास करने वाले आशीष वशिष्ठ और सलोनी सिडाना ने सोमवार को बेहद ही सादे अंदाज में भिंड कोर्ट में शादी कर ली. आशीष भिंड के गोहद में एसडीएम हैं तो वहीं सलोनी इन दिनों आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा में पदस्थ हैं. दोनों की पहली मुलाकात मसूरी की लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन में ट्रेनिंग के दौरान हुई और फिर उसके बाद दोनों ने शादी का फैसला किया. हालांकि ट्रेनिंग पूरी होते ही दोनों को अलग-अलग पोस्टिंग मिली. जहां आशीष को मध्यप्रदेश में पोस्टिंग मिली तो वहीं सलोनी को आंध्रप्रदेश जाना पड़ा.
यह लेख है: असम के तिनसुकिया में ब्रह्मपुत्र नदी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सबसे बड़े ढोला-सादिया पुल का उद्घाटन किया. इस दौरान एक खास नजारा देखने को मिला. पीएम मोदी सुरक्षा का चाक-चौबंद घेरा तोड़ते हुए कुछ देर पुल पर अकेले भी टहले. इस दौरान सुरक्षा घेरा पीछा छूट गया. दरअसल इस पुल को भी पीएम नरेंद्र मोदी सरकार की एक उपलब्धि माना जा रहा है. यह इसलिए भी खास है क्‍योंकि शुक्रवार को ही मोदी सरकार के कार्यकाल के तीन साल पूरे हो रहे हैं.टिप्पणियां देश का यह पुल देश के दो पूर्वोत्तर राज्यों असम और अरुणाचल प्रदेश को जोड़ने का काम करेगा. सादिया और ढोला को जोड़ने वाले इस पुल को ढोला-सादिया ब्रह्मपुत्र पुल का नाम दिया गया है. इस पुल की अहमियत ना सिर्फ यहां के लोगों के विकास से जुड़ी है, बल्कि सामरिक तौर पर भी यह अहम भागीदारी निभाएगा. इस पुल के बन जाने से सुदूर उत्तर पूर्व के लोगों के लिए आने जाने की सुविधा हो जाएगी, कारोबार को बढ़ावा मिलेगा साथ ही इसके चालू होने से सेना को असम के पोस्ट से अरुणाचल-चीन बॉर्डर पर पहुंचने में आसानी होगी. आइये जानते हैं इस शानदार पुल की खासियतें     ढोला-सादिया पुल की लंबाई 9.15 किमी है    इस लिहाज से यह बांद्रा-वर्ली सी-लिंक से भी 30% लंबा है    यह पुल असम की राजधानी दिसपुर से 540 किमी और अरुणाचल की राजधानी ईटानगर से 300 किमी दूर है    चीन की सीमा का एरियल डिस्टेंस या हवाई दूरी 100 किमी से भी कम की है    तेजपुर के करीब कलाईभोमोरा पुल के बाद ब्रह्मपुत्र पर अगले 375 किमी याली ढोला तक बीच में कोई दूसरा पुल नहीं है    अभी तक इस इलाके में नदी के आरपार सारे कारोबार नावों के जरिए ही होते रहे हैं.    इसे बनाने का काम 2011 में शुरू हुआ और इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत 950 करोड़ की है.    ये पुल 182 खंभों पर टिका है    जो पूर्वोत्तर के दो राज्यों असम-अरुणाचल को जोड़ेगा    जनता के आने-जाने और कारोबार के अलावा, इससे सेना की आवाजाही में भी बेहद सुविधा होगी    इससे चीन सीमा तक के सफर में 4 घंटे की कटौती होगी    पुल इतना मजबूत बनाया गया है कि 60 टन के मेन बैटल टैंक भी गुजर सकें    इतना ही नहीं ये भूकंप के झटके भी आसानी से झेल सकता है. देश का यह पुल देश के दो पूर्वोत्तर राज्यों असम और अरुणाचल प्रदेश को जोड़ने का काम करेगा. सादिया और ढोला को जोड़ने वाले इस पुल को ढोला-सादिया ब्रह्मपुत्र पुल का नाम दिया गया है. इस पुल की अहमियत ना सिर्फ यहां के लोगों के विकास से जुड़ी है, बल्कि सामरिक तौर पर भी यह अहम भागीदारी निभाएगा. इस पुल के बन जाने से सुदूर उत्तर पूर्व के लोगों के लिए आने जाने की सुविधा हो जाएगी, कारोबार को बढ़ावा मिलेगा साथ ही इसके चालू होने से सेना को असम के पोस्ट से अरुणाचल-चीन बॉर्डर पर पहुंचने में आसानी होगी. आइये जानते हैं इस शानदार पुल की खासियतें     ढोला-सादिया पुल की लंबाई 9.15 किमी है    इस लिहाज से यह बांद्रा-वर्ली सी-लिंक से भी 30% लंबा है    यह पुल असम की राजधानी दिसपुर से 540 किमी और अरुणाचल की राजधानी ईटानगर से 300 किमी दूर है    चीन की सीमा का एरियल डिस्टेंस या हवाई दूरी 100 किमी से भी कम की है    तेजपुर के करीब कलाईभोमोरा पुल के बाद ब्रह्मपुत्र पर अगले 375 किमी याली ढोला तक बीच में कोई दूसरा पुल नहीं है    अभी तक इस इलाके में नदी के आरपार सारे कारोबार नावों के जरिए ही होते रहे हैं.    इसे बनाने का काम 2011 में शुरू हुआ और इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत 950 करोड़ की है.    ये पुल 182 खंभों पर टिका है    जो पूर्वोत्तर के दो राज्यों असम-अरुणाचल को जोड़ेगा    जनता के आने-जाने और कारोबार के अलावा, इससे सेना की आवाजाही में भी बेहद सुविधा होगी    इससे चीन सीमा तक के सफर में 4 घंटे की कटौती होगी    पुल इतना मजबूत बनाया गया है कि 60 टन के मेन बैटल टैंक भी गुजर सकें    इतना ही नहीं ये भूकंप के झटके भी आसानी से झेल सकता है. आइये जानते हैं इस शानदार पुल की खासियतें     ढोला-सादिया पुल की लंबाई 9.15 किमी है    इस लिहाज से यह बांद्रा-वर्ली सी-लिंक से भी 30% लंबा है    यह पुल असम की राजधानी दिसपुर से 540 किमी और अरुणाचल की राजधानी ईटानगर से 300 किमी दूर है    चीन की सीमा का एरियल डिस्टेंस या हवाई दूरी 100 किमी से भी कम की है    तेजपुर के करीब कलाईभोमोरा पुल के बाद ब्रह्मपुत्र पर अगले 375 किमी याली ढोला तक बीच में कोई दूसरा पुल नहीं है    अभी तक इस इलाके में नदी के आरपार सारे कारोबार नावों के जरिए ही होते रहे हैं.    इसे बनाने का काम 2011 में शुरू हुआ और इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत 950 करोड़ की है.    ये पुल 182 खंभों पर टिका है    जो पूर्वोत्तर के दो राज्यों असम-अरुणाचल को जोड़ेगा    जनता के आने-जाने और कारोबार के अलावा, इससे सेना की आवाजाही में भी बेहद सुविधा होगी    इससे चीन सीमा तक के सफर में 4 घंटे की कटौती होगी    पुल इतना मजबूत बनाया गया है कि 60 टन के मेन बैटल टैंक भी गुजर सकें    इतना ही नहीं ये भूकंप के झटके भी आसानी से झेल सकता है.
इस्लामी संगठन बोको हरम के संदिग्ध आतंकवादियों ने नाइजीरिया के एक गांव में 15 ईसाइयों को गला काटकर मार डाला। एक राहत अधिकारी ने बताया कि मैदुगरी शहर के नजदीक आतंकवादी जबरन ईसाई समुदाय के लोगों के घरों में घुस गए और 15 लोगों के गले रेत दिए। इससे पूर्व सैन्य प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सगीर मूसा ने मरने वालों की संख्या पांच बताई थी। इससे पूर्व सैन्य प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सगीर मूसा ने मरने वालों की संख्या पांच बताई थी।
यह एक लेख है: पाकिस्तानी कंपनी हमदर्द (Hamdard Pakistan) ने भारत में रूहअफ्जा (Rooh Afza) की आपूर्ति की पेशकश की है. कंपनी ने यह प्रस्ताव पवित्र मुस्लिम महीने रमजान (Ramadan) के दौरान गर्मी में ताजगी लाने वाले इस शरबत (Rooh Afza Sharbat) की कमी की मीडिया रिपोर्ट के बाद दिया है. एक भारतीय समाचार साइट के एक लेख पर प्रतिक्रिया देते हुए हमदर्द पाकिस्तान (Hamdard Pakistan) के मुख्य कार्यकारी उस्मा कुरैशी (Usma Qureshi) ने रूहअफ्जा पेय की भारत को वाघा सीमा के जरिए आपूर्ति का प्रस्ताव दिया. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, 'हम इस रमजान के दौरान भारत में रूहअफ्जा व रूहअफ्जागो की आपूर्ति कर सकते हैं. यदि भारतीय सरकार द्वारा अनुमति दी जाती है तो हम वाघा सीमा से ट्रकों को आसानी से भेज सकते हैं.' लेख में कहा गया है कि रूहअफ्जा की भारतीय बाजार में चार से पांच महीने से बिक्री बंद है और यह ऑनलाइन स्टोर में भी उपलब्ध नहीं है. इसमें यह भी कहा गया है कि हमदर्द इंडिया ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. इसने हालांकि, कच्चे माल की आपूर्ति में कमी को उत्पादन बंद होने के लिए जिम्मेदार ठहराने का प्रयास किया है. बता दें, रमजान के महीने में रूह अफ्जा का ज्यादा इस्तेमाल होता है. गर्मी में अधिकतर लोग इफ्तारी के समय इसका इस्तेमाल करते हैं. खास बात ये है कि एक बोटल में कई ग्लास बन जाते हैं और हर जगह इसका इस्तेमाल होता है.  भारत में कई जगह रूह अफ्जा मिल रहा है तो कहीं इसकी कमी है. ऐसे में ट्विटर पर भी सुबह से रूह अफ्जा टॉप ट्रेंड में बना हुआ है. रूहअफ्जा को हमदर्द लेबोरेट्रीज बनाती है. खबरों के मुताबिक, पिछले करीब 5-6 महीनों से बाजार में रूहअफ्जा नहीं है, ना ही ऑनलाइन मिल रहा है. जिससे लोग काफी परेशान हैं. रमजान के दिनों में इसका गायब होना लोगों के लिए टेंशन बन चुका है. (इनपुट-आईएएनएस)
यह एक लेख है: सुषमा ने कहा कि सरकार के बिल में कई ख़ामियां हैं। उनका कहना है कि बिल कई अहम कायदों का उल्लंघन करता है। सदन में विपक्ष की नेता का कहना है कि बिल ने लोगों की उम्मीदों पर पानी फेरा है। सुषमा के अनुसार बिल में संविधान के मुताबिक आरक्षण नहीं दिया गया है। साथ ही सुषमा स्वराज ने कहा कि राज्यों में लोकायुक्त बनाने का हक राज्यों को ही दिया जाए। इसके अलावा लोकायुक्त को अनुच्छेद 253 के तहत लाया गया है। सुषमा का कहना है कि बिल संघीय ढांचे के मुताबिक नहीं है। भाजपा नेता का मानना है कि राज्यों में लोकायुक्त बिल से बेहतर तरीके से काम किया जा सकता है। सुषमा का कहना है कि सरकार बिल को लेकर असमंजस की स्थिति में है। साथ ही उनका कहना है कि संवैधानिक पदों के लिए आरक्षण नहीं दिया जा सकता है। विपक्ष की नेता का कहना है कि वर्तमान बिल के अनुसार राज्यों के अधिकार में केंद्र का दखल हो रहा है।विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि सरकार मौजूदा लोकपाल बिल वापस ले। साथ ही उनका कहना है कि 2−3 महीने बाद बिल आए तो आफत नहीं है। सुषमा स्वराज के स्वर में स्वर मिलाते हुए राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने भी कहा कि सरकार को बिल वापस लेना चाहिए।
अगर आप अपने बच्चों में मोटापे को लेकर परेशान है, तो यह सलाह आपके काम आ सकती है. युवाओं में मोटापे की रिकॉर्ड दर को देखते हुए एक ब्रिटिश विशेषज्ञ ने अभिभावकों को उनके बच्चों के कमरे से टीवी हटाने की सलाह दी है. समाचार पत्र 'डेली मेल' ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि एक परियोजना में शामिल शिक्षाविदों के अनुसार नर्सरियों को बच्चों को मोटापे से बचाने के लिए उन्हें टीवी कार्यक्रमों को देखने से रोकने की जरूरत है. 'टॉय बाक्स' नाम के इस सर्वेक्षण से पता चला है कि यूरोपीय प्री-स्कूलर्स में मोटापा का रिकॉर्ड स्तर है. एथेन्स स्थित हरोकोपिओ विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर यानीस मेनिओस इस परियोजना के समन्वयक हैं. उन्होंने कहा, 'हमें मोटापे से बचने के लिए नए दृष्टिकोण की जरूरत है. हमने पाया कि कई देशों में स्वस्थ भोजन और सक्रिय खेल पर स्पष्ट दिशा-निर्देशों की कमी है.' उन्होंने बताया, 'हालांकि अधिक समय तक बैठे रहने वाले व्यवहार के अनुवर्ती मोटापे के साथ जुड़े होने के अच्छे प्रमाण मिले हैं.' अधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक प्रत्येक पांच में एक बच्चा स्कूल की शुरुआत के वक्त मोटापाग्रस्त है. शिक्षाविदों ने पाया कि स्पेन में करीब 40,000 प्री-स्कूल लड़कियों को मोटापाग्रस्त के रूप में वर्गीकृत किया गया है. चार वर्षो तक चले इस अध्ययन से यह भी पता चला है कि उत्तरी यूरोप में आठ में से एक बच्चा मोटापाग्रस्त है, जो दक्षिणी यूरोप से 25 प्रतिशत अधिक है.
शिक्षक दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के स्कूली छात्रों को संबोधित किया. इस मौके पर उन्होंने जीवन में शिक्षक की महत्ता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि शिक्षा बच्चों का चरित्र गढ़ती है और बच्चे राष्ट्र का. आज की तारीख में शिक्षक दिवस की महत्ता कम हो गई है. यह सिर्फ छुट्टी और आयोजन तक सीमित हो गया है. हमें इसके बारे में विचार करना होगा. उन्होंने बच्चों को खेलकूद में रुचि दिखाने के लिए कहा. मोदी ने बच्चों से कहा कि खेलकूद से जीवन खिलता है. हमारी दुनिया सिर्फ किताबों और कंप्यूटर तक सीमित नहीं होनी चाहिए. इससे बाहर की दुनिया और भी खूबसूरत है. मोदी का भाषण आज शिक्षक दिवस है. धीरे-धीरे इस प्रेरक प्रसंग की अहमियत कम होती जा रही है. शिक्षकों को अवॉर्ड मिलना और कुछ समारोह का आयोजन, यह यहीं तक सीमित हो गया है. आवश्यकता है कि हम समाज और जीवन में शिक्षक की महत्ता को उजागर करें. जब तक हम उस महत्व को स्वीकार करेंगे न शिक्षक के प्रति गौरव पैदा होगा और नई पीढ़ी में इसके लिए उत्साह पैदा होगा. इसीलिए इस महान परंपरा को आगे कैसे बढ़ाए जाए इस पर चिंतन और बहस करने की आवश्यकता है. क्या कारण है कि सबसे प्रतिभाशाली विद्यार्थी टीचर बनना पसंद नहीं करता. इस सवाल का जवाब खोजना होगा. ऐसा माना जाता है कि सारी दुनिया में अच्छे टीचर नहीं मिल रहे है. क्या भारत ऐसा सपना नहीं देख सकता है कि हम दुनिया को बेहतरीन टीचर देंगे. 15 अगस्त को मैंने एक इच्छा जाहिर की थी कि देश के हर स्कूल में बालिकाओं के लिए शौचालय की बात की थी. हकीकत यही है कि आज भी देश के कई स्कूलों में यह नहीं है. हमें इस परिस्थिति को बदलना है. स्वच्छता के प्रति हमारे बच्चों का रवैया बदलना होगा. हमारा राष्ट्रीय चरित्र कैसा बने इसके बारे में प्रयास करना है. एक विद्यार्थी के नाते आपके भी बहुत सारे सपने होंगे. मैं नहीं मानता कि परिस्थतियां किसी इंसान को रोक पाती हैं. हमारे बालकों में इसका दम है. टेक्नॉलोजी का महत्व बढ़ रहा है. मेरा सभी शिक्षकों से आग्रह है कि वह इसके बारे में सीखें. आज के बच्चों को टेक्नोलॉजी से वंचित ना रखें. यह सामाजिक क्राइम है. वह विश्व को इस नजरिए से भी जाने. इस उम्र में खेल-कूद नहीं है तो जीवन खिलता नहीं है. किताब, टीवी और कभी कंप्यूटर के दायरे में जिंदगी नहीं दबाए. दुनिया इसके भी आगे है. पाठ्यक्रम की किताब पढ़ने का शौक हर किसी को है. पर बच्चों को जीवनी पढ़ने की आदत डालनी चाहिए. ये आपको प्रेरणा देगी. आपका चरित्र बनाने का काम करेगी. स बकुछ गूगल बाबा पर मत छोड़ें. एक बार फिर आप सबको शिक्षक दिवस की बधाई. जीवन में शिक्षा बिन कुछ नहीं: स्मृति ईरानी शिक्षक दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन से पहले कार्यक्रम की शुरुआत मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने की. इस मौके पर देश के पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन का याद करते हुए उन्होंने जीवन में शिक्षा के महत्व पर जोर दिया. स्मृति ईरानी ने कहा कि हम बचपन से शीक्षित होना शुरू होते हैं और यह सिलसिला मरने तक जारी रहता है. आज की तारीख में कोई बच्चा इंजीनियर बनना चाहता है तो कोई डॉक्टर. पर शिक्षक बनने की चाहत बहुत कमों की होती है. हकीकत यह है कि एक शिक्षक भी जाने अनजाने में अपने छात्र या छात्रा से सीखता है. इस संबंध में स्मृति ईरानी ने एक कहानी भी सुनाई.
यह एक लेख है: दिल्ली विधानसभा ने डीडीसीए यानी दिल्ली डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट अथॉरिटी में कथित गड़बड़ियों की जांच के लिए 9 सदस्यों की समिति बनायी है। ये समिति 1992 से 2016 तक डीडीसीए के कामकाज की जांच करेगी। ये जांच समिति डीडीसीए से जुड़े लोगों को समन कर सकेगी और गड़बड़ियों की जांच करेगी। समिति डीडीसीए के जिस कार्यकाल की जांच करेगी उसमे अरुण जेटली का डीडीसीए के अध्यक्ष के तौर पर कार्यकाल भी शामिल है। लेकिन हैरानी की बात है कि इसी मामले की जांच के लिए दिल्ली सरकार पांच महीने पहले ही जांच आयोग बना चुकी है जिसके मुखिया गोपाल सुब्रमण्यम हैं।टिप्पणियां लेकिन सोमवार को आम आदमी पार्टी के विधायकों ने डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहे गोपाल सुब्रमण्यम आयोग की जांच की स्थिति पर चर्चा की और आप विधायक अल्का लाम्बा ने आरोप लगाया कि गोपाल सुब्रमण्यम पर दबाव डाला जा रहा है। दिल्ली सरकार ने दिसंबर 2015 में डीडीसीए जांच के लिए एक सदस्यीय गोपाल सुब्रमण्यम आयोग बनाया था जिसको केंद्र ने अवैध घोषित कर दिया था जिसके बाद आयोग की जांच या कार्रवाई की कोई खबर नहीं मिली है। ये जांच समिति डीडीसीए से जुड़े लोगों को समन कर सकेगी और गड़बड़ियों की जांच करेगी। समिति डीडीसीए के जिस कार्यकाल की जांच करेगी उसमे अरुण जेटली का डीडीसीए के अध्यक्ष के तौर पर कार्यकाल भी शामिल है। लेकिन हैरानी की बात है कि इसी मामले की जांच के लिए दिल्ली सरकार पांच महीने पहले ही जांच आयोग बना चुकी है जिसके मुखिया गोपाल सुब्रमण्यम हैं।टिप्पणियां लेकिन सोमवार को आम आदमी पार्टी के विधायकों ने डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहे गोपाल सुब्रमण्यम आयोग की जांच की स्थिति पर चर्चा की और आप विधायक अल्का लाम्बा ने आरोप लगाया कि गोपाल सुब्रमण्यम पर दबाव डाला जा रहा है। दिल्ली सरकार ने दिसंबर 2015 में डीडीसीए जांच के लिए एक सदस्यीय गोपाल सुब्रमण्यम आयोग बनाया था जिसको केंद्र ने अवैध घोषित कर दिया था जिसके बाद आयोग की जांच या कार्रवाई की कोई खबर नहीं मिली है। लेकिन सोमवार को आम आदमी पार्टी के विधायकों ने डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहे गोपाल सुब्रमण्यम आयोग की जांच की स्थिति पर चर्चा की और आप विधायक अल्का लाम्बा ने आरोप लगाया कि गोपाल सुब्रमण्यम पर दबाव डाला जा रहा है। दिल्ली सरकार ने दिसंबर 2015 में डीडीसीए जांच के लिए एक सदस्यीय गोपाल सुब्रमण्यम आयोग बनाया था जिसको केंद्र ने अवैध घोषित कर दिया था जिसके बाद आयोग की जांच या कार्रवाई की कोई खबर नहीं मिली है। दिल्ली सरकार ने दिसंबर 2015 में डीडीसीए जांच के लिए एक सदस्यीय गोपाल सुब्रमण्यम आयोग बनाया था जिसको केंद्र ने अवैध घोषित कर दिया था जिसके बाद आयोग की जांच या कार्रवाई की कोई खबर नहीं मिली है।
शाओमी ने अपने मेड इन इंडिया स्मार्टफोन Mi 4i के दामों में 1,000 रुपये की कटौती की है. पहले इस फोन की कीमत 12,999 रुपये थी और अब यह फ्लिपकार्ट सहित दूसरी ई-कॉमर्स वेबसाइट पर 11,999 रुपये में मिलेगा. Mi 4i में 2GB रैम के साथ क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 615 प्रोसेसर लगा है और इसकी 5 इंच की स्क्रीन फुल एचडी यानी 1080p है. इस फोन में 13 मेगापिक्सल रियर कैमरे के साथ इंटरनल मेमोरी 16GB दी गई है जिसे माइक्रो एसडी कार्ड से बढ़ाया भी जा सकता है. फिलहाल बाजार में इसे मात देने वाला स्मार्टफोन Moto X Play है जिसमें 2GB रैम, 23 मेगापिक्सल कैमरा और 3,650 mAh की बैटरी दी गई है. खबरों के मुताबिक Xiaomi जल्द ही अपना फ्लैग्शिप स्मार्टफोन Mi 5 लॉन्च करने वाली है जिसकी वजह से कंपनी अपने दूसरे फोन के दामों में कटौती कर रही है.
Nissan इंडिया ने भारत में अपनी नई SUV Kicks को लॉन्च कर दिया है. कंपनी ने इसकी कीमत 9.55 लाख रुपये से लेकर 14.65 लाख रुपये तक (एक्स-शोरूम, दिल्ली) रखी है. इच्छुक ग्राहक Kicks SUV के लिए बुकिंग देशभर के सारे डीलरशिप से 25,000 रुपये देकर कर सकते हैं. नई Nissan Kicks को दो पेट्रोल- XL और XV और चार डीजल वेरिएंट-  XL, XV, XV Premium और XV Premium + में उतारा गया है. भारतीय बाजार में इस नई SUV का मुकाबला खास तौर पर पॉपुलर Hyundai Creta से है. Hyundai की Creta बाजार में 9.99 लाख रुपये से लेकर 15.35 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) में मौजूद है और Nissan इंडिया ने नई Kicks की कीमत इससे कम रखी है, जिससे उम्मीद है कि बाजार में नई Kicks को बेहतरीन प्रतिक्रिया मिल सकती है. इंडियन वर्जन है अलग Nissan की ओर से 5-सीटर SUV अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहले से ही उपलब्ध है. हालांकि Kicks SUV का इंडियन वर्जन डायमेंशन और डिजाइन के लिहाज से काफी बदला हुआ है. इंडियन वर्जन Kicks, Nissan-Renault B0 प्लेटफॉर्म पर बेस्ड है. ये वही प्लेटफॉर्म है जिस पर Renault Duster और Nissan Terrano को तैयार किया जाता है. डिजाइन के मामले में बात करें तो Kicks में सिग्नेचर V शेप वाला फ्रंट ग्रिल दिया गया है. फ्रंट बंपर में फॉग लैम्प्स के साथ बड़ा एयर डैम दिया गया है. साइड प्रोफाइल में फ्लोटिंग रूफ डिजाइन, शार्प केस और 17-इंच मशीन अलॉय व्हील्स दिए गए हैं. नई कॉम्पैक्ट एसयूवी के चारों वेरिएंट में ढेरों फीचर्स दिए गए हैं. फीचर्स कुछ स्टैंडर्ड फीचर्स की बात करें तो यहां स्पीड सेंसिंग ऑटो डोर लॉक/अनलॉक, रियर व्यू कैमरा/सेंसर, इंजन इम्मोबिलाइजर, डुअल एयरबैग, EBD के साथ ABS, ब्रेक असिस्ट, हिल स्टार्ट असिस्ट और सीट बेल्ट रिमाइंडर जैसे फीचर्स दिए गए हैं. इस कार में दिए गए दूसरे फीचर्स की बात करें तो यहां ऐपल कार प्ले और एंड्रॉयड ऑटो के साथ 8.0-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, ECO मोड, क्रूज कंट्रोल, फॉलो-मी हेडलैम्प्स, व्हीकल डायनैमिक कंट्रोल और ट्रैक्शन कंट्रोल जैसे फीचर्स दिए गए हैं. इंजन मैकेनिकल तौर पर बात करें तो Nissan Kicks को दो इंजन ऑप्शन- 1.5-लीटर H4K पेट्रोल और 1.5-लीटर K9K DCi डीजल में पेश किया गया है. फोर सिलिंडर 1.5-लीटर पेट्रोल 106bhp का पावर और 142Nm का पिक टॉर्क जेनरेट करता है. वहीं इसका 1.5-लीटर डीजल इंजन 110bhp का पावर और 240Nm का पिक टॉर्क जेनरेट करता है. पेट्रोल इंजन के साथ 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स और डीजल इंजन के साथ 6-स्पीड ट्रांसमिशन मिलता है. फिलहाल यहां कोई AMT गियरबॉक्स नहीं दिया गया है. मुमकिन है कि इसे बाद में पेश किया जाए. ग्राहकों को Nissan Kicks 11 कलर ऑप्शन में आएगी, जिसमें 4 डुअल-टोन पेंट स्किम भी शामिल है.
30th Bihar Judicial Services Competitive Examination  का फाइनल रिजल्ट शुक्रवार देर रात जारी कर दिया गया. जज के लिए होने वाली इस परीक्षा में श्रुति सिया ने टॉप किया है. वहीं दूसरे स्थान पर शशांक शेखर और तीसरे स्थान पर गौरव रहे हैं. आइए यहां देखें पूरा रिजल्ट. 30th Bihar Judicial Services Competitive Examination. 30वीं बिहार न्यायिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा साक्षात्कार के लिए बुलाए गए कुल 1080 उम्मीदवारों का साक्षात्कार 21 अक्टूबर 2019 से 27 नवंबर 2019 के बीच किया गया था. इस इंटरव्यू में कुल 1024 उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया था. इसमें से कुल 303 उम्मीदवारों को साक्षात्कार में न्यूनतम योग्यता के लिए दिए जाने वाले 35 पर्सेंट से कम अंक प्राप्त हुए. इसलिए 303 को मेरिट लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है. इसके अलावा 10 को अन्य कारणों से शामिल नहीं किया गया. बाकी उम्मीदवर जो 30th Bihar Judicial Services Competitive Examination में शामिल हुए थे उनका फाइनल रिजल्ट आ गया है. आप इस डायेक्ट लिंक के जरिये देखें रिजल्ट बता दें कि ये परीक्ष बिहार लोक सेवा आयोग की तरफ से ली जाती है. विज्ञापन संख्या 6/2018 के तहत हुई इस परीक्षा का पूरा परिणाम आप यहां देख सकते हैं. यहां देखें Bihar Judicial Services Competitive Examination Final result
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: बिहार के एक विद्यालय में मध्याह्न भोजन खाने से बच्चों की हुई मौत को राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 'साजिश' का नतीजा कहे जाने को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को खारिज कर दिया। खबरों के मुताबिक, नीतीश कुमार ने जनता दल (युनाइटेड) के कार्यकर्ताओं से कहा कि मध्याह्न भोजन में जानबूझकर कीटनाशक मिलाया गया। भाजपा प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने मुख्यमंत्री के बयान के लिए उनकी आलोचना की और कहा कि इस विफलता के लिए सरकार विपक्ष को दोषी न ठहराए। हुसैन ने यहां संवाददाताओं से कहा, "नीतीश कुमार यह भूल गए हैं कि वह सिर्फ जनता दल (युनाइटेड) के नेता नहीं हैं, बल्कि बिहार के मुख्यमंत्री हैं।" उन्होंने कहा, "वह सिर्फ अच्छे कार्यों का श्रेय नहीं ले सकते और विफलताओं के लिए विपक्ष को नहीं कोस सकते।" उन्होंने बिहार के शिक्षा मंत्री पीके शाही की भी उनके बयान के लिए आलोचना की। शाही ने कहा है कि वह इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने की गारंटी नहीं दे सकते।टिप्पणियां हुसैन ने कहा, "शिक्षा मंत्री कह रहे हैं कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने की गारंटी वह नहीं दे सकते। ऐसी स्थिति में उन्हें मंत्री बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।" शाही ने इससे पहले कहा था, "यदि बच्चों के भोजन में कोई जहर मिलाने पर आमादा हो जाए तो एक मंत्री के रूप में मैं राज्य भर के 72000 स्कूलों में ऐसी घटना नहीं घटेगी, इसकी गारंटी कैसे ले सकता हूं।" खबरों के मुताबिक, नीतीश कुमार ने जनता दल (युनाइटेड) के कार्यकर्ताओं से कहा कि मध्याह्न भोजन में जानबूझकर कीटनाशक मिलाया गया। भाजपा प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने मुख्यमंत्री के बयान के लिए उनकी आलोचना की और कहा कि इस विफलता के लिए सरकार विपक्ष को दोषी न ठहराए। हुसैन ने यहां संवाददाताओं से कहा, "नीतीश कुमार यह भूल गए हैं कि वह सिर्फ जनता दल (युनाइटेड) के नेता नहीं हैं, बल्कि बिहार के मुख्यमंत्री हैं।" उन्होंने कहा, "वह सिर्फ अच्छे कार्यों का श्रेय नहीं ले सकते और विफलताओं के लिए विपक्ष को नहीं कोस सकते।" उन्होंने बिहार के शिक्षा मंत्री पीके शाही की भी उनके बयान के लिए आलोचना की। शाही ने कहा है कि वह इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने की गारंटी नहीं दे सकते।टिप्पणियां हुसैन ने कहा, "शिक्षा मंत्री कह रहे हैं कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने की गारंटी वह नहीं दे सकते। ऐसी स्थिति में उन्हें मंत्री बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।" शाही ने इससे पहले कहा था, "यदि बच्चों के भोजन में कोई जहर मिलाने पर आमादा हो जाए तो एक मंत्री के रूप में मैं राज्य भर के 72000 स्कूलों में ऐसी घटना नहीं घटेगी, इसकी गारंटी कैसे ले सकता हूं।" भाजपा प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने मुख्यमंत्री के बयान के लिए उनकी आलोचना की और कहा कि इस विफलता के लिए सरकार विपक्ष को दोषी न ठहराए। हुसैन ने यहां संवाददाताओं से कहा, "नीतीश कुमार यह भूल गए हैं कि वह सिर्फ जनता दल (युनाइटेड) के नेता नहीं हैं, बल्कि बिहार के मुख्यमंत्री हैं।" उन्होंने कहा, "वह सिर्फ अच्छे कार्यों का श्रेय नहीं ले सकते और विफलताओं के लिए विपक्ष को नहीं कोस सकते।" उन्होंने बिहार के शिक्षा मंत्री पीके शाही की भी उनके बयान के लिए आलोचना की। शाही ने कहा है कि वह इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने की गारंटी नहीं दे सकते।टिप्पणियां हुसैन ने कहा, "शिक्षा मंत्री कह रहे हैं कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने की गारंटी वह नहीं दे सकते। ऐसी स्थिति में उन्हें मंत्री बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।" शाही ने इससे पहले कहा था, "यदि बच्चों के भोजन में कोई जहर मिलाने पर आमादा हो जाए तो एक मंत्री के रूप में मैं राज्य भर के 72000 स्कूलों में ऐसी घटना नहीं घटेगी, इसकी गारंटी कैसे ले सकता हूं।" हुसैन ने यहां संवाददाताओं से कहा, "नीतीश कुमार यह भूल गए हैं कि वह सिर्फ जनता दल (युनाइटेड) के नेता नहीं हैं, बल्कि बिहार के मुख्यमंत्री हैं।" उन्होंने कहा, "वह सिर्फ अच्छे कार्यों का श्रेय नहीं ले सकते और विफलताओं के लिए विपक्ष को नहीं कोस सकते।" उन्होंने बिहार के शिक्षा मंत्री पीके शाही की भी उनके बयान के लिए आलोचना की। शाही ने कहा है कि वह इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने की गारंटी नहीं दे सकते।टिप्पणियां हुसैन ने कहा, "शिक्षा मंत्री कह रहे हैं कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने की गारंटी वह नहीं दे सकते। ऐसी स्थिति में उन्हें मंत्री बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।" शाही ने इससे पहले कहा था, "यदि बच्चों के भोजन में कोई जहर मिलाने पर आमादा हो जाए तो एक मंत्री के रूप में मैं राज्य भर के 72000 स्कूलों में ऐसी घटना नहीं घटेगी, इसकी गारंटी कैसे ले सकता हूं।" हुसैन ने कहा, "शिक्षा मंत्री कह रहे हैं कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने की गारंटी वह नहीं दे सकते। ऐसी स्थिति में उन्हें मंत्री बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।" शाही ने इससे पहले कहा था, "यदि बच्चों के भोजन में कोई जहर मिलाने पर आमादा हो जाए तो एक मंत्री के रूप में मैं राज्य भर के 72000 स्कूलों में ऐसी घटना नहीं घटेगी, इसकी गारंटी कैसे ले सकता हूं।" शाही ने इससे पहले कहा था, "यदि बच्चों के भोजन में कोई जहर मिलाने पर आमादा हो जाए तो एक मंत्री के रूप में मैं राज्य भर के 72000 स्कूलों में ऐसी घटना नहीं घटेगी, इसकी गारंटी कैसे ले सकता हूं।"
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: सरकार ने कहा है कि बैंक लोगों को 500 रुपये व 1000 रुपये के चलन से बाहर हो चुके नोट बदलने में मदद के लिए अतिरिक्त काउंटर खोलेंगे तथा अतिरिक्त काम करेंगे. सरकार ने 500 रुपये व 1000 रुपये मूल्य के मौजूदा करेंसी नोटों को मंगलवार रात से अवैध घोषित कर दिया है. आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि बैंक काउंटरों पर अफरा तफरी व भीड़ की संभावना को देखते हुए सरकार व रिजर्व बैंक ने मुंबई व दिल्ली में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं ताकि किसी तरह के संकट को टाला जा सके. बैंक आज बुधवार को बंद रहेंगे. लोगों को दस नवंबर से अपने मौजूदा अवैध 500 रुपये व 1000 रुपये के नोट बैंक और डाकघरों के जरिए बदलने की अनुमति होगी. ग्राहक 30 दिसंबर तक 500 व 1000 रुपये के कितनी भी राशि के नोट अपने बैंक खातों में जमा करवा सकते हैं. इसके अलावा 24 नवंबर तक वे किसी भी बैंक अथवा डाकघर से 4000 रुपये प्रतिदिन तक अदला बदली कर सकेंगे इसके लिए उन्हें अपना पहचान पत्र दिखाना होगा. टिप्पणियां भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने 500 रुपये व 2000 रुपये के उच्च सुरक्षा मानकों वाले नये नोटों का विनिर्माण तेजी से शुरू कर दिया है. ये नोट पुराने नोट का स्थान लेंगे. 500 व 2000 रुपये के नए नोट 10 नवंबर से चलन में आ जाएंगे.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने कहा कि बैंक काउंटरों पर अफरा तफरी व भीड़ की संभावना को देखते हुए सरकार व रिजर्व बैंक ने मुंबई व दिल्ली में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं ताकि किसी तरह के संकट को टाला जा सके. बैंक आज बुधवार को बंद रहेंगे. लोगों को दस नवंबर से अपने मौजूदा अवैध 500 रुपये व 1000 रुपये के नोट बैंक और डाकघरों के जरिए बदलने की अनुमति होगी. ग्राहक 30 दिसंबर तक 500 व 1000 रुपये के कितनी भी राशि के नोट अपने बैंक खातों में जमा करवा सकते हैं. इसके अलावा 24 नवंबर तक वे किसी भी बैंक अथवा डाकघर से 4000 रुपये प्रतिदिन तक अदला बदली कर सकेंगे इसके लिए उन्हें अपना पहचान पत्र दिखाना होगा. टिप्पणियां भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने 500 रुपये व 2000 रुपये के उच्च सुरक्षा मानकों वाले नये नोटों का विनिर्माण तेजी से शुरू कर दिया है. ये नोट पुराने नोट का स्थान लेंगे. 500 व 2000 रुपये के नए नोट 10 नवंबर से चलन में आ जाएंगे.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) ग्राहक 30 दिसंबर तक 500 व 1000 रुपये के कितनी भी राशि के नोट अपने बैंक खातों में जमा करवा सकते हैं. इसके अलावा 24 नवंबर तक वे किसी भी बैंक अथवा डाकघर से 4000 रुपये प्रतिदिन तक अदला बदली कर सकेंगे इसके लिए उन्हें अपना पहचान पत्र दिखाना होगा. टिप्पणियां भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने 500 रुपये व 2000 रुपये के उच्च सुरक्षा मानकों वाले नये नोटों का विनिर्माण तेजी से शुरू कर दिया है. ये नोट पुराने नोट का स्थान लेंगे. 500 व 2000 रुपये के नए नोट 10 नवंबर से चलन में आ जाएंगे.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने 500 रुपये व 2000 रुपये के उच्च सुरक्षा मानकों वाले नये नोटों का विनिर्माण तेजी से शुरू कर दिया है. ये नोट पुराने नोट का स्थान लेंगे. 500 व 2000 रुपये के नए नोट 10 नवंबर से चलन में आ जाएंगे.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Krishi Vigyan Kendra, Jhabua (Madhya Pradesh) writes to BCCI and Indian captain Virat Kohli asking them to now consider eating 'Kadaknath' chicken due to its low cholesterol and fat content. pic.twitter.com/DH4GVNDGC5   बता दें कि टीम इंडिया के कई खिलाड़ी फैट के चलते चिकन खाने से इनकार कर चुके हैं. इसके बाद इस कृषि केंद्र ने इसकी सलाह दी है. कृषि केंद्र ने पत्र में लिखा कि अपने स्वाद के साथ-साथ कड़कनाथ मुर्गा पौष्टिकता से भरा होता है. उन्होंने आगे लिखा कि कड़कनाथ मुर्गा प्रोटीन की अधिकता और फैट की कमी के चलते सेहत के लिए अच्छा रहता है.  बता दें कि वैसे तो चिकन यानी कि मुर्गे में भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है, इसके साथ ही इसमें फैट की मात्र भी अच्‍छी खासी होती है. लेकिन कड़कनाथ प्रीमियम ब्रीड है. इसके मीट का दाम आम चिकन की तुलना में तीन गुना ज्‍यादा होता है. चटखदार काले रंग के इस मुर्गे में फैट न के बराबर होता है और स्‍वाद सबसे उम्‍दा. मध्य प्रदेश के झाबुआ समेत कुछ अन्य जिलों में मुर्गा की खास नस्ल पाई जाती है, जिसे कड़कनाथ के नाम से पहचाना जाता है. इस मुर्गे की खासियत है कि इसके मांस में फैट कम होता है और प्रोटीन ज्यादा.  बता दें कि टीम इंडिया चार मैचों की सीरीज में 2-1 की अजेय बढ़त के साथ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को अपने पास बरकरार रखना तय कर चुकी है. कोहली (Virat Kohli) ने गुरुवार से शुरू होने वाले चौथे टेस्ट की पूर्व संध्या पर कहा, ‘सिर्फ चार साल हुए हैं (मुझे कप्तानी संभाले). यदि भारत टेस्‍ट सीरीज में जीत हासिल करताहै तो यह शानदार होगा क्योंकि मैं तीसरी बार यहां टेस्ट दौरे पर आया हूं. मैं जानता हूं कि यहां जीतना कितना मुश्किल है.'टीम इंडिया के कप्तान ने कहा, ‘आप ऑस्ट्रेलिया में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं लेकिन टीम के रूप में जीत दर्ज करना हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती रही है. ईमानदारी से कहूं तो पिछले दो दौरों के व्यक्तिगत प्रदर्शन किसी को याद भी नहीं हैं.'
सुशील मोदी ने बिहार में कराए गए कार्यो की चर्चा करते हुए कहा, 'स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए 2016-17 में वेंचर फंड हेतु बिहार स्टार्टअप फंड ट्रस्ट को 50 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए गए हैं. स्टार्टअप के लिए ऑनलाइन मिले 3,751 प्रस्तावों में से 22 को प्रथम किस्त के रूप में 55 लाख रुपए दिए जा चुके हैं.'(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
यह एक लेख है: Nach Baliye 9: टेलीविजन के सबसे पॉपुलर डांस शो 'नच बलिए (Nach Baliye)' के कंटेस्टेंट रेस्लर बबीता फोगाट (Babita Phogat) और विवेक सुहाग (Vivek Suhag) की जोड़ी हर हफ्ते अपनी परफॉर्मेंस से सबको चौंका देते हैं. हर हफ्ते ये जोड़ी शो के जज रवीना टंडन और अहमद खान को स्टेंडिंग ओवेशन देने के लिए मजबूर कर देते हैं. एक बार फिर बबीता और विवेक की परफॉर्मेंस की शो में जमकर तारीफ हो रही है. इस हफ्ते इस जोड़ी ने 'साड्डा हक (Saada Haq)' गाने पर ऐसा डांस किया, जिसे देक हर कोई सोचने पर मजबूर हो गया. बबीता और विवेक इस हफ्ते गोरिल्ला के रूप में परफॉर्म करते नजर आए और अपने अधिकारों को इंसानों से मांगते नजर आए. बबीता (Babita Phogat) और विवेक (Vivek Suhag) ने अपनी इस परफॉर्मेंस के जरिए दिखाया कि कैसे शिकारी जंगल को अपनी प्रॉपर्टी समझकर अपने फायदे के लिए जंगली जानवरों को मारते हैं. अपनी इस परफॉर्मेंस के जरिए बबीता और विवेक ने जानवरों के जानवरों के अधिकारों की सुरक्षा का सोशल मैसेज दिया है, जो इंसानों की तरह अपने हक के लिए ना लड़ सकते हैं और ना ही आवाज उठा सकते हैं. रेसलर बबीता फोगाट (Babita Phogat) और विवेक सुहाग की जोड़ी इस समय 'नच बलिए (Nach Baliye)' में सबसे मजबूत जोड़ियों में से एक है. नॉन डांसर होने के बावजूद भी ये दोनों हमेशा अपनी परफॉर्मेंस से सबको चौंका देते हैं. इनकी परफॉर्मेंस को देख आडियंस के साथ-साथ शो के जज भी काफी इंस्पायर होते हैं. बता दें 'नच बलिए' को इस बार नए ट्विस्ट के साथ लांच किया है. शो में पांच एक्स जोड़ियां हैं तो पांच अभी की जोड़ियां. शो को दर्शकों से ढेर सारा प्यार मिल रहा है.
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: ऑस्ट्रेलिया की प्रधानमंत्री जूलिया गिलार्ड के आसपास चल रही लैंगिक बहस के बीच तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने कहा है कि महिलाओं में नेतृत्व के सारे गुण होते हैं इसलिए उनकी उत्तराधिकारी कोई महिला भी हो सकती है। ऑस्ट्रेलिया के दस दिवसीय दौरे की शुरुआत में दलाई लामा ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘अगर परिस्थितियां ऐसी हैं कि महिला दलाई लामा का होना बेहतर है तो महिला दलाई लामा आएगी।’’ नोबल पुरस्कार प्राप्त दलाई लामा सिडनी, मेलबर्न, एडिलेड और डार्विन में भाषण देंगे। जब उनसे गिलार्ड द्वारा लैंगिक युद्ध दोबारा शुरू किए जाने के बारे में पूछा गया तो 77 वर्षीय आध्यात्मिक गुरु ने कहा कि दुनिया असमानता के ‘नैतिक संकट’ से जूझ रही है। उसे ऐसे नेताओं की जरूरत है जो अपने पद पर संवेदनाएं ला सके।टिप्पणियां ऑस्ट्रेलिया की एएपी समाचार एजेंसी ने दलाई लामा के हवाले से कहा, ‘‘इस संदर्भ में, जैविक रूप से महिलाएं ज्यादा सक्षम होती हैं। महिलाओं में दूसरों के कल्याण के लिए ज्यादा संवेदनशीलता होती है। मेरे अपने मामले में, मेरे पिता बहुत गुस्से वाले रहे हैं।’’ ‘‘कई बार मेरी पिटाई भी हुई, लेकिन मेरी मां बहुत करूणामयी थीं।’’ दलाई लामा की ये टिप्पणियां ऐसे समय में आई हैं, जब ऑस्ट्रेलिया में विपक्ष के एक नेता ने एक चैरिटी भोज में गिलार्ड की शारीरिक बनावट का वर्णन बेहद कामुक और आक्रामक शब्दों में किया। गिलार्ड ने लिबरल प्रत्याशी माल ब्रो के राजनैतिक बाहिष्कार की मांग की। ऑस्ट्रेलिया के दस दिवसीय दौरे की शुरुआत में दलाई लामा ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘अगर परिस्थितियां ऐसी हैं कि महिला दलाई लामा का होना बेहतर है तो महिला दलाई लामा आएगी।’’ नोबल पुरस्कार प्राप्त दलाई लामा सिडनी, मेलबर्न, एडिलेड और डार्विन में भाषण देंगे। जब उनसे गिलार्ड द्वारा लैंगिक युद्ध दोबारा शुरू किए जाने के बारे में पूछा गया तो 77 वर्षीय आध्यात्मिक गुरु ने कहा कि दुनिया असमानता के ‘नैतिक संकट’ से जूझ रही है। उसे ऐसे नेताओं की जरूरत है जो अपने पद पर संवेदनाएं ला सके।टिप्पणियां ऑस्ट्रेलिया की एएपी समाचार एजेंसी ने दलाई लामा के हवाले से कहा, ‘‘इस संदर्भ में, जैविक रूप से महिलाएं ज्यादा सक्षम होती हैं। महिलाओं में दूसरों के कल्याण के लिए ज्यादा संवेदनशीलता होती है। मेरे अपने मामले में, मेरे पिता बहुत गुस्से वाले रहे हैं।’’ ‘‘कई बार मेरी पिटाई भी हुई, लेकिन मेरी मां बहुत करूणामयी थीं।’’ दलाई लामा की ये टिप्पणियां ऐसे समय में आई हैं, जब ऑस्ट्रेलिया में विपक्ष के एक नेता ने एक चैरिटी भोज में गिलार्ड की शारीरिक बनावट का वर्णन बेहद कामुक और आक्रामक शब्दों में किया। गिलार्ड ने लिबरल प्रत्याशी माल ब्रो के राजनैतिक बाहिष्कार की मांग की। जब उनसे गिलार्ड द्वारा लैंगिक युद्ध दोबारा शुरू किए जाने के बारे में पूछा गया तो 77 वर्षीय आध्यात्मिक गुरु ने कहा कि दुनिया असमानता के ‘नैतिक संकट’ से जूझ रही है। उसे ऐसे नेताओं की जरूरत है जो अपने पद पर संवेदनाएं ला सके।टिप्पणियां ऑस्ट्रेलिया की एएपी समाचार एजेंसी ने दलाई लामा के हवाले से कहा, ‘‘इस संदर्भ में, जैविक रूप से महिलाएं ज्यादा सक्षम होती हैं। महिलाओं में दूसरों के कल्याण के लिए ज्यादा संवेदनशीलता होती है। मेरे अपने मामले में, मेरे पिता बहुत गुस्से वाले रहे हैं।’’ ‘‘कई बार मेरी पिटाई भी हुई, लेकिन मेरी मां बहुत करूणामयी थीं।’’ दलाई लामा की ये टिप्पणियां ऐसे समय में आई हैं, जब ऑस्ट्रेलिया में विपक्ष के एक नेता ने एक चैरिटी भोज में गिलार्ड की शारीरिक बनावट का वर्णन बेहद कामुक और आक्रामक शब्दों में किया। गिलार्ड ने लिबरल प्रत्याशी माल ब्रो के राजनैतिक बाहिष्कार की मांग की। ऑस्ट्रेलिया की एएपी समाचार एजेंसी ने दलाई लामा के हवाले से कहा, ‘‘इस संदर्भ में, जैविक रूप से महिलाएं ज्यादा सक्षम होती हैं। महिलाओं में दूसरों के कल्याण के लिए ज्यादा संवेदनशीलता होती है। मेरे अपने मामले में, मेरे पिता बहुत गुस्से वाले रहे हैं।’’ ‘‘कई बार मेरी पिटाई भी हुई, लेकिन मेरी मां बहुत करूणामयी थीं।’’ दलाई लामा की ये टिप्पणियां ऐसे समय में आई हैं, जब ऑस्ट्रेलिया में विपक्ष के एक नेता ने एक चैरिटी भोज में गिलार्ड की शारीरिक बनावट का वर्णन बेहद कामुक और आक्रामक शब्दों में किया। गिलार्ड ने लिबरल प्रत्याशी माल ब्रो के राजनैतिक बाहिष्कार की मांग की। दलाई लामा की ये टिप्पणियां ऐसे समय में आई हैं, जब ऑस्ट्रेलिया में विपक्ष के एक नेता ने एक चैरिटी भोज में गिलार्ड की शारीरिक बनावट का वर्णन बेहद कामुक और आक्रामक शब्दों में किया। गिलार्ड ने लिबरल प्रत्याशी माल ब्रो के राजनैतिक बाहिष्कार की मांग की।
वन रैंक वन पेंशन (OROP) की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे पूर्व सैनिकों ने मेडल लौटाने शुरू कर दिए. शुक्रवार को कुछ पूर्व सैनिकों ने इंडिया गेट पर जाकर अपने मेडल वापसी अभियान को और तेज किया. इस बीच, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि पूर्व सैनिक साबित करें कि यह राजनीतिक रूप से प्रेरित नहीं है. पर्रिकर ने पूर्व सैनिकों के मेडल जलाने की कोशिश को राष्ट्र और सशस्त्र बलों का अपमान बताया. यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार की ओआरओपी अधिसूचना के बावजूद जारी आंदोलन के पीछे कोई राजनीतिक संबंध दिखता है, रक्षा मंत्री ने कहा, ‘मैं कुछ कहूंगा तो यह आरोप बन जाएगा. उन्हें साबित करने दीजिए कि यह राजनीतिक नहीं है.’ पूर्व सैनिकों से मिले केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी पूर्व सैनिकों से मिलने जंतर-मंतर पहुंचे. उन्होंने पूर्व सैनिकों के विरोध को अपना समर्थन दिया और उनकी मांग को जायज ठहराया. केंद्र सरकार ने शनिवार को 24 लाख से अधिक पूर्व सैनिकों और छह लाख शहीदों की पत्नियों के लिए ओआरओपी योजना औपचारिक रूप से अधिसूचित की थी. पर्रिकर बोले- OROP और मेडल अलग-अलग हैं पर्रिकर ने कहा, मेडल बहादुरी और देश सेवा के लिए दिए जाने वाला सम्मान है. इसका कामकाज की स्थिति से कोई लेना देना नहीं है, जबकि ओआरओपी कामकाज की स्थिति से जुड़ा है. यह ऐसा नहीं कहता कि आप मेडल के हकदार हैं, यह आपके वेतन और भत्ते जैसी कामकाज की स्थितियों की बात करता है.
माहली भारत के प्रमुख आदिवासी समूह है। इनका निवास स्थान मुख्यतः झारखण्ड प्रदेश है। झारखण्ड के अलावा ये पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, मध्य प्रदेश और असम में भी रहते है। इनका मुख्य व्यवसाय टोकरी बनाना था। माहली की अपनी मातृभाषा माहली पूरी तरह से विलुप्त हो चुकी है और कम आबादी होने के चले क्षेत्र विशेष हिसाब से संथाली, मुण्डारी और सादरी को अपनी मातृभाषा के रूप में बोलते हैं। ये बांग्ला, हिन्दी और ओड़िया भाषा का भी प्रयोग करते हैं। झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, बिहार और ओडिशा में इन्हें अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल किया गया है। संस्कृति माहली के समाज मे मुख्य व्यक्ति इनका मांझी होता है। मदिरापान तथा नृत्य इनके दैनिक जीवन का अंग है। अन्य आदिवासी समुहों की तरह इनमें भी जादू टोना प्रचलित है। ये बांस के कार्य करते हुए देखे जाते है। माहली की अन्य विषेशता इनके सुन्दर ढंग के मकान हैं जिनमें खिडकीयां नहीं होती हैं। माहली मारांग बुरु की उपासना करतें हैं ये पूर्वजो द्वारा जो परम्परा पीढ़ीयों से चली आ रही है उसको मानते है ये धर्म पूर्वी लोग होते है। ये संथाली, मुंडारी और सादरी भाषा बोलते  हैं। उनकी अद्वितीय विरासत की परंपरा और आश्चर्यजनक परिष्कृत जीवन शैली है। सबसे उल्लेखनीय हैं उनके लोकसंगीत, गीत और नृत्य हैं। माहली के सांस्कृतिक शोध दैनिक कार्य में परिलक्षित होते है- जैसे डिजाइन, निर्माण, रंग संयोजन और अपने घर की सफाई व्यवस्था में है| दीवारों पर आरेखण, चित्र और अपने आंगन की स्वच्छता कई आधुनिक शहरी घर के लिए शर्म की बात होगी। माहली के सहज परिष्कार भी स्पष्ट रूप से उनके परिवार के पैटर्न -- पितृसत्तात्मक, पति पत्नी के साथ मजबूत संबंधों को दर्शाता है| विवाह अनुष्ठानों में पूरा समुदाय आनन्द के साथ भाग लेते हैं। लड़का और लड़की का जन्म आनन्द का अवसर हैं | माहली मृत्यु के शोक अन्त्येष्टि संस्कार को अति गंभीरता से मनाया जाता है। == सन्दर्भ भारत की जनजातियाँ झारखंड
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि उन्होंने वर्ष 1962 से अखबार पढ़ना शुरू किया और उन दिनों वह आठवीं कक्षा में थे. बिहार से छपनेवाले एक अखबार की 25वीं वर्षगांठ पर शनिवार देर शाम पटना के मौर्य होटल में आयोजित समारोह में नीतीश ने कहा कि वर्ष 1962 में जब वे आठवीं कक्षा में थे तबसे उन्होंने अखबार पढ़ना शुरू किया और उनके घर पर 'प्रदीप' अखबार आता था. उन्होंने कहा कि बचपन में किसी अखबार से उनका पहला वास्ता पड़ा तो वह 'प्रदीप' अखबार ही था और कॉलेज की शिक्षा के दौरान अन्य अखबारों से वह रूबरू हुए.
अपने 99 रुपये और 319 रुपये वाले वॉयस बेस्ड प्लान्स की वैलिडिटी घटाने के बाद अब BSNL ने अपने 98 रुपये वाले डेटा प्रीपेड प्लान में बदलाव किया है. बदलाव जो किए गए हैं वो बुरी और अच्छी दोनों ही है. कंपनी ने इस प्लान में जहां एक तरफ डेटा को बढ़ाया है तो दूसरी तरफ इसकी वैलिडिटी दो दिन तक कम कर दी गई है. साथ ही अब इस प्लान में ग्राहकों को Eros Now का सब्सक्रिप्शन भी दिया जा रहा है. आपकी जानकारी के लिए बता दें BSNL ने अपने ग्राहकों को कुछ प्लान्स में फ्री कंटेंट मुहैया कराने के लिए इरोज नाउ से साझेदारी की है. इससे पहले कंपनी इरोज नाउ का सब्सक्रिप्शन 78 रुपये वाले प्रीपेड प्लान में दे रही थी. लेकिन अब 98 रुपये वाले प्लान का नाम भी इस लिस्ट में शामिल हो गया है. इसके अलावा 333 रुपये और 444 रुपये वाले प्रीपेड प्लान्स में भी इरोज नाउ का सब्सक्रिप्शन अब दिया जाएगा. 98 रुपये वाले डेटा प्रीपेड प्लान में किए गए बदलाव की बात करें तो यहां पहले 26 दिनों की वैलिडिटी के साथ रोज 1.5GB डेटा दिया जाता था. हालांकि अब बदलाव के बाद इसमें रोज 2GB डेटा मिलेगा और एक बार FUP लिमिट खत्म हो जाने के बाद स्पीड 80 Kbps तक आ जाएगी. साथ ही बीएसएनएल ने इस प्लान की वैलिडिटी में भी बदलाव किया है और इसकी वैलिडिटी 2 दिनों तक घटा दी है. अब इस प्लान में 24 दिनों की वैलिडिटी दी जा रही है. इसके अलावा अब इस प्लान में ग्राहकों को इरोज नाउ सब्सक्रिप्शन भी दिया जा रहा है. इसका उपयोग करने के लिए आपको इरोज नाउ का उपयोग करना होगा और अपने 98 रुपये वाले बीएसएनएल प्लान के साथ लॉग-इन करना होगा. 98 रुपये वाले प्लान में बदलाव किए जाने के अलावा सरकारी टेलीकॉम कंपनी ने इरोज नाउ का सब्सक्रिप्शन 333 रुपये और 444 रुपये वाले प्रीपेड प्लान्स में भी देना शुरू किया है. ये प्लान बहुत पहले से ही मौजूद थे. लेकिन फ्री सब्सक्रिप्शन अभी शुरू किया गया है.
मुंबई में बेस्ट की दो बसों के बीच टक्कर हो गई. इस हादसे में करीब 20 लोग घायल हो गए हैं. यह मामला मुंबई के गोरगांव इलाके में हुई. यहां रुट नं 256 और 205 की बसें आपस में भिड़ गयीं. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बस एक ऑटो को ओवरटेक करने के चक्कर में सामने से आ रही दूसरी बस से भिड़ गयी. कुछ घायलों को भगवती अस्पताल में और बाकियों को पास के एक प्राइवेट अस्पताल में दाखिल करवाया गया है.
चीनी कंपनी OnePlus के स्मार्टफोन्स भारतीय बाजार में काफी पॉपुलर हुए हैं. हाल ही में कंपनी ने OnePlus 3T लॉन्च किया था. अब कंपनी अपने फ्लगैशिप स्मार्टफोन OnePlus 5 लाने की तैयारी में है. पहले ही हमने इस बात की जानकारी साझा की थी कि इस स्मार्टफोन में डुअल रियर कैमरा सेटअप होगा. अब कुछ फोटोज की सीरीज और इस स्मार्टफोन के कैमरे की डिटेल इंटरनेट पर लीक हुई है, जिसे माना जा रहा है कि ये कथित तौर पर OnePlus 5 से ही ली गई है. जो फोटोज लीक हुई है उनमें से एक फोटो बर्ल्ड बैकग्राउंड वाली है जिससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस स्मार्टफोन में डुअल कैमरा सेटअप दिए जाने की खबरें सच है. रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें 16MP का डुअल कैमरा सेटअप दिया जा सकता है. इसमें से एक कैमरा ज्यादा वाइड एंगल शॉट्स लेगा ताकि फोटोज में डेफ्थ इंफोर्मेशन लाया जा सके. इन तस्वीरों को टेक्नोबफेलो वेबसाइट ने प्रकाशित किया है. पुरानी लीक हुई खबरों से जो स्पेशिफिकेशन्स सामने आए हैं उसके मुताबिक इस स्मार्टफोन में 1080 x 1920 रिजॉल्यूशन के साथ 5.5-इंच AMOLED डिस्प्ले, ऑक्टा कोर CPU, Adreno 540 GPU, 8GB रैम , 64GB/128GB इंटरनल स्टोरेज और 4000mAh की बैटरी दी जा सकती है. बता दें कि ये लीक जानकारी गलत भी हो सकती है.
रास टेलर के आक्रामक शतक के बाद अपने गेंदबाजों के बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर न्यूजीलैंड ने विश्व कप ग्रुप ए के मैच में 110 रन से जीत दर्ज करके पाकिस्तान के अजेय अभियान पर न सिर्फ रोक लगा दी बल्कि क्वार्टरफाइनल में प्रवेश का अपना दावा और पुख्ता कर लिया। अपने जन्मदिन पर करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए टेलर ने नाबाद 131 रन बनाकर न्यूजीलैंड को सात विकेट पर 302 रन तक पहुंचाया। आखिरी पांच ओवरों में न्यूजीलैंड ने 100 से अधिक रन बना डाले। जवाब में पाकिस्तानी बल्लेबाजों ने गैर जिम्मेदाराना प्रदर्शन की शर्मनाक दास्तां लिख डाली और पूरी टीम 41.4 ओवर में 192 रन पर सिमट गई। नौवें विकेट के लिए अब्दुल रज्जाक और उमर गुल ने 66 रन की साझेदारी की लेकिन टीम को मैच में नहीं लौट सके। रज्जाक ने 74 गेंद में नौ चौकों की मदद से 62 रन बनाए। उन्हें 42वें ओवर में स्काट स्टायरिस ने जैकब ओरम के हाथों लपकवाया। न्यूजीलैंड के लिए टिम साउदी ने तीन विकेट लिए जबकि काइल मिल्स, नील मैकुलम और स्टायरिस ने दो-दो विकेट चटकाए। ग्रुप ए में अभी तक अपराजेय रही शाहिद अफरीदी एंड कंपनी की यह पहली हार है। पिछले मैच में हालांकि कनाडा ने उसे 184 रन पर समेटकर खतरे की घंटी बजा दी थी लेकिन इससे कोई सबक नहीं लेते हुए पाकिस्तान ने दिशाहीन गेंदबाजी और रीढ़हीन बल्लेबाजी की नई मिसाल कायम की। दूसरी ओर, क्षेत्ररक्षकों ने कैच टपकाकर न्यूजीलैंड का काम और आसान कर दिया।टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी न्यूजीलैंड की टीम ने निर्धारित 50 ओवरों में सात विकेट के नुकसान पर 302 रन बनाए। टेलर ने अपनी शतकीय पारी में 124 गेंदों पर आठ चौके और सात छक्के लगाए। न्यूजीलैंड की ओर से ब्रेंडन मैक्लम और गुपटिल ने पारी की शुरुआत की। न्यूजीलैंड की शुरुआत अच्छी नहीं रही और पारी के पहले ओवर की चौथी गेंद पर तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने विस्फोटक बल्लेबाज ब्रेंडन मैक्लम को छह रन के निजी योग पर बोल्ड कर दिया। जेमी हाओ ज्यादा देर तक मैदान पर नहीं टिक सके और वह भी 29 गेंदों का सामना कर चार रन के निजी योग पर उमर गुल की गेंद पर पगबाधा करार दे दिए गए। हाओ ने गुपटिल के साथ मिलकर दूसरे विकेट के लिए 47 रन जोड़े। गुपटिल ने 86 गेंदों पर छह चौकों की मदद से 57 रनों की पारी खेली। इसके बाद टेलर ने पारी को सम्भालने की जिम्मेदारी उठाई और गुपटिल के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 57 रन जोड़े। न्यूजीलैंड का चौथा विकेट जेम्स फ्रेंकलिन के रूप में गिरा। फ्रेंकलिन को एक रन के निजी योग पर मोहम्मद हफीज ने पगबाधा आउट किया। टेलर ने अनुभवी हरफनमौला खिलाड़ी स्कॉट स्टायरिस (28) के साथ मिलकर पांचवें विकेट के लिए 62 रन जोड़े। नेथन मैक्लम ने 10 गेंदों पर एक चौके और दो छक्के की मदद से 19 रन बनाए जबकि जैकब ओरम ने महज नौ गेंदों पर एक चौके और तीन छक्कों की मदद से ताबड़तोड़ 25 रनों की आतिशी पारी खेली। ओरम ने टेलर के साथ मिलकर सातवें विकेट के लिए 85 रन जोड़े। काएल मिल्स सात रन पर नाबाद लौटे। पाकिस्तान की ओर से गुल ने सर्वाधिक तीन विकेट झटके जबकि अख्तर, अब्दुर रहमान अफरीदी और हफीज ने एक-एक विकेट चटकाए।
लेख: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने लक्षित हमले के आतंकवादियों को ‘रोकने’ में नाकाम रहने का दावा करते हुए केंद्र से कहा है कि वह नगरोटा में आतंकवादी हमले में सेना के सात जवानों के शहीद होने के मद्देनजर देश को पाकिस्तान संबंधी अपनी नीति के बारे में जानकारी दे. उमर ने नगरोटा हमले के बाद ट्विटर पर लिखा, आतंकवादियों की गोलियां लगने से हमारे सात जवान शहीद हो गए हैं, ऐसे में सरकार को देश को पाकिस्तान संबंधी अपनी नीति के बारे में बताना चाहिए. उन्होंने कहा, यह भी सच्चाई है कि आतंकवादी ‘लक्षित हमले’ से पहले की तुलना में अब हमारे सशस्त्र बलों पर हमला करने से नहीं डरते. जम्मू क्षेत्र में मंगलवार को दो आतंकवादी हमले हुए थे, जिनमें मेजर रैंक के दो अधिकारियों समेत सेना के सात जवान शहीद हो गए थे और बीएसएफ के एक डीआईजी समेत आठ अन्य सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे. इसके बाद अलग भीषण मुठभेड़ों में भारी हथियारों से लैस छह आतंकवादी मारे गए थे. नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यवाहक अध्यक्ष ने भाजपा पर निशाना साधते हुए दावा किया कि पाकिस्तान छह महीने पहले की तुलना में अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग थलग नहीं है. उन्होंने कहा, भाजपा के प्रवक्ता हमें कुछ भी भरोसा दिलाना चाहते हों, लेकिन पाकिस्तान छह महीने पहले की तुलना में अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग थलग नहीं है. उन्होंने अपने पिता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला के पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर संबंधी बयान को लेकर भाजपा की ओर से हो रही तीखी आलोचना का स्पष्ट जिक्र करते हुए कहा, सरकार की आलोचना करने वाले को ‘पाकिस्तान के मित्र’ कहना बहुत आसान है लेकिन सोच समझकर एक ठोस नीति नहीं बनाने का यह बहुत बेकार बहाना है.टिप्पणियां उमर ने हमले में शहीद हुए जवानों के परिजन के प्रति संवेदना प्रकट की और कहा, शहीद हुए अधिकारियों एवं जवानों के परिजन के प्रति गहरी संवेदनाएं. ईश्वर शहीदों की आत्मा को शांति दे.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उमर ने नगरोटा हमले के बाद ट्विटर पर लिखा, आतंकवादियों की गोलियां लगने से हमारे सात जवान शहीद हो गए हैं, ऐसे में सरकार को देश को पाकिस्तान संबंधी अपनी नीति के बारे में बताना चाहिए. उन्होंने कहा, यह भी सच्चाई है कि आतंकवादी ‘लक्षित हमले’ से पहले की तुलना में अब हमारे सशस्त्र बलों पर हमला करने से नहीं डरते. जम्मू क्षेत्र में मंगलवार को दो आतंकवादी हमले हुए थे, जिनमें मेजर रैंक के दो अधिकारियों समेत सेना के सात जवान शहीद हो गए थे और बीएसएफ के एक डीआईजी समेत आठ अन्य सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे. इसके बाद अलग भीषण मुठभेड़ों में भारी हथियारों से लैस छह आतंकवादी मारे गए थे. नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यवाहक अध्यक्ष ने भाजपा पर निशाना साधते हुए दावा किया कि पाकिस्तान छह महीने पहले की तुलना में अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग थलग नहीं है. उन्होंने कहा, भाजपा के प्रवक्ता हमें कुछ भी भरोसा दिलाना चाहते हों, लेकिन पाकिस्तान छह महीने पहले की तुलना में अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग थलग नहीं है. उन्होंने अपने पिता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला के पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर संबंधी बयान को लेकर भाजपा की ओर से हो रही तीखी आलोचना का स्पष्ट जिक्र करते हुए कहा, सरकार की आलोचना करने वाले को ‘पाकिस्तान के मित्र’ कहना बहुत आसान है लेकिन सोच समझकर एक ठोस नीति नहीं बनाने का यह बहुत बेकार बहाना है.टिप्पणियां उमर ने हमले में शहीद हुए जवानों के परिजन के प्रति संवेदना प्रकट की और कहा, शहीद हुए अधिकारियों एवं जवानों के परिजन के प्रति गहरी संवेदनाएं. ईश्वर शहीदों की आत्मा को शांति दे.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यवाहक अध्यक्ष ने भाजपा पर निशाना साधते हुए दावा किया कि पाकिस्तान छह महीने पहले की तुलना में अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग थलग नहीं है. उन्होंने कहा, भाजपा के प्रवक्ता हमें कुछ भी भरोसा दिलाना चाहते हों, लेकिन पाकिस्तान छह महीने पहले की तुलना में अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग थलग नहीं है. उन्होंने अपने पिता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला के पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर संबंधी बयान को लेकर भाजपा की ओर से हो रही तीखी आलोचना का स्पष्ट जिक्र करते हुए कहा, सरकार की आलोचना करने वाले को ‘पाकिस्तान के मित्र’ कहना बहुत आसान है लेकिन सोच समझकर एक ठोस नीति नहीं बनाने का यह बहुत बेकार बहाना है.टिप्पणियां उमर ने हमले में शहीद हुए जवानों के परिजन के प्रति संवेदना प्रकट की और कहा, शहीद हुए अधिकारियों एवं जवानों के परिजन के प्रति गहरी संवेदनाएं. ईश्वर शहीदों की आत्मा को शांति दे.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने कहा, भाजपा के प्रवक्ता हमें कुछ भी भरोसा दिलाना चाहते हों, लेकिन पाकिस्तान छह महीने पहले की तुलना में अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग थलग नहीं है. उन्होंने अपने पिता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला के पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर संबंधी बयान को लेकर भाजपा की ओर से हो रही तीखी आलोचना का स्पष्ट जिक्र करते हुए कहा, सरकार की आलोचना करने वाले को ‘पाकिस्तान के मित्र’ कहना बहुत आसान है लेकिन सोच समझकर एक ठोस नीति नहीं बनाने का यह बहुत बेकार बहाना है.टिप्पणियां उमर ने हमले में शहीद हुए जवानों के परिजन के प्रति संवेदना प्रकट की और कहा, शहीद हुए अधिकारियों एवं जवानों के परिजन के प्रति गहरी संवेदनाएं. ईश्वर शहीदों की आत्मा को शांति दे.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उमर ने हमले में शहीद हुए जवानों के परिजन के प्रति संवेदना प्रकट की और कहा, शहीद हुए अधिकारियों एवं जवानों के परिजन के प्रति गहरी संवेदनाएं. ईश्वर शहीदों की आत्मा को शांति दे.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: उन पर हत्या का मुकदमा चला और 2006 में उन्हें आजीवन कारावास की सजा दी गई. बाद में उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया. बहरहाल केंद्रीय गृह मंत्रालय को जुलाई 2015 में सजा के बारे में पता चला. मामले को पंजाब सरकार के समक्ष उठाया गया, जिसने सजा की पुष्टि की और मंत्रालय को पदक वापस लेने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा.टिप्पणियां खुफिया एजेंसियों की राय प्राप्त करने के बाद गृह मंत्रालय ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास पदक वापस लेने का प्रस्ताव भेजा जिसे उन्होंने मंजूरी दे दी. अधिकारी ने बताया कि ललित कुमार भ्रष्टाचार के मामलों में संलिप्त पाए गए. गृह मंत्रालय की तरफ से जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक वीरता पदक तब वापस ले लिया जाता है जब पुरस्कार पाने वाला किसी अदालत से दोषी ठहराया जाता है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) खुफिया एजेंसियों की राय प्राप्त करने के बाद गृह मंत्रालय ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास पदक वापस लेने का प्रस्ताव भेजा जिसे उन्होंने मंजूरी दे दी. अधिकारी ने बताया कि ललित कुमार भ्रष्टाचार के मामलों में संलिप्त पाए गए. गृह मंत्रालय की तरफ से जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक वीरता पदक तब वापस ले लिया जाता है जब पुरस्कार पाने वाला किसी अदालत से दोषी ठहराया जाता है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मोदी सरकार अपनी पहली सालगिरह मना चुकी है. अपने एक साल के कार्यकाल की उपलब्धियों को जनता के बीच ले जाने की जोरदार तैयारियों में लगी है. केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा से खास बातचीत में हमने जानने की कोशिश की सरकार की आगे की दिशा और दशा के बारे में. सरकार के एक साल पूरे होने पर क्या आपको लगता है जिन अच्छे दिनों का वादा किया गया था उस तरफ देश बढ़ा है? जी बिल्कुल. अच्छे दिन आ गए हैं . जितने भी सर्वे हुए हैं उनमें जनता इसे मान भी रही है. 60 फीसदी लोग कह रहे हैं कि अच्छा काम हुआ है. एक वर्ष में पांच से छह बड़ी उपलब्धियां हैं. किसान भाईयों के लिए कृषि सिंचाई योजना, साइल हेल्प कार्ड शुरू किया गया. जनता का जो विश्वास सरकार पर से उठ गया था उसे हमने वापस स्थापित किया है. सरकार पर आरोप लग रहे हैं कि वह कॉर्पोरेट को अधिक तरजीह दे रही है? प्रधानमंत्री ने 20 मई 2014 को सेंट्रल हाल में कहा था कि यह गरीबों की सरकार है और आजतक हम उसी एजेंडे पर काम कर रहे है. जिन लोगों ने यह आरोप लगाया है उनके इरादों में खोट है. यह सरकार किसानों के हित में और युवाओं को रोजगार दिलाने का काम कर रही है. भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर काफी बवाल मचा है. आपका विज्ञापन काम नहीं आ रहा है. कांग्रेस वाले झूठ फैला रहे हैं. जनता हमारे पक्ष में है. यह बिल किसानों के हित में है. उदहारण के तौर पर हजारीबाग में जो रेलवे लाईन बन रही है उसके बरकाकाना तक बढ़ाने के लिए भूमि अधिग्रहण जरूरी है. जनता हमसे कहती है सड़क चाहिए रेलवे लाईन चाहिए. कांग्रेस पार्टी उद्योगपतियों का नाम लेकर भरम फैला रही है. किसान इस बिल से संतुष्ट है? हम विपक्षी प्रोपेगैंडा का विरोध करेंगे. हम वास्तविक्ता को जनता के सामने रखेंगे. जनता सब समझ रही है. लोकतंत्र की यही खासियत है विपक्ष विरोध करेगा ही. हमारा काम है अपना पक्ष रखना. प्रधानमंत्री भी मन की बात के जरिए किसानों को समझा रहे हैं. ब्लैक मनी पर आपकी सरकार ने जोर-शोर से वादे किए थे उनका क्या हुआ? काला धन मुद्दे पर काफी जबरदस्त तरीके से काम हो रहा है. दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है. देश और विदेश दोनो जगह हमलोग दबाव बना रहे हैं. इसका फायदा भी नजर आ रहा है. अब तक किसी भी सरकार ने इतनी मजबूती से इस विषय पर काम नहीं किया था. बिहार चुनाव पर बीजेपी की कैसी तैयारियां हैं? केंद्र और बिहार के नेता मिलजुल कर चुनाव लड़ेंगे. हमलोग जब मिलकर चुनाव लड़ते है तो कामयाब होते है. विकास की राजनीती पर जब हम चुनाव लड़ेंगे तो हम जरूर जीतेंगे. लीडरशिप पर किसी किस्म के विवाद जैसी बात नहीं है. सब मिलकर चुनाव लड़ेंगे, जीतने पर मिलजुल कर नेता भी चुन लेंगे. कांग्रेस के कार्यकाल से एनडीए के पिछले एक वर्ष को किस तरह से अलग मानते हैं? कांग्रेस विनाश की राजनीती करती है जबकि हम विकास की बाते करते है. एक साल में हमारी कई उपलब्धियां है जो हमारे एक साल के रिपोर्ट कार्ड में बताई गई है.63 ऐसी बातें है जो सिर्फ विकास से जुडी हुई है.
लेख: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर राहुल गांधी के हमले के कुछ ही देर बाद बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अभी भी 'डायपर बेबी' हैं। राहुल ने कहा था कि वसुंधरा राजे सरकार का 'रिमोट' लंदन में ललित मोदी के पास है। इस पर बीजेपी की ओर से कहा गया कि कांग्रेस तो रिमोट कंट्रोल से ही सरकार चलाती थी और उसी को आदर्श मानती थी, लेकिन बीजेपी में ऐसा नहीं है। राहुल ने भूमि विधेयक और ललित मोदी विवाद सहित कई मुद्दों पर केन्द्र और राजस्थान सरकारों को निशाना बनाया तो बीजेपी सचिव सिद्धार्थ नाथ सिंह ने भी तुरंत ही प्रेस ब्रीफिंग कर राहुल पर पलटवार कर दिया। सिद्धार्थ ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के शासन में हुए कई कथित घोटालों और रॉबर्ट वाड्रा के विवादास्पद भूमि सौदों के जरिए राहुल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राहुल ने जो 'डायपर' पहन रखा है, उन्हें उससे बाहर निकलना होगा। राहुल की टिप्पणियां और व्यवहार हमें याद दिलाता है कि वह अभी भी डायपर पहनने वाले 'बेबी' हैं। ललित मोदी के एक ट्वीट का जिक्र करते हुए उन्होंने सोनिया गांधी की बहन के जरिए 500-600 करोड़ रुपये के संभावित सौदे को लेकर कहा कि राहुल को इस बारे में बोलना चाहिए।   सिद्धार्थ ने कहा कि राहुल गांधी भूमि, रिमोट कंट्रोल और 56 इंच पर बोले। 'जैसा मैंने कहा है कि राहुल एक 'छोटा बच्चा' है और कोई छोटे बच्चे को सलाह दे, अच्छी बात नहीं है। लेकिन कांग्रेस उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दे रही है इसलिए हम राहुल को एक नेक सलाह देना चाहते हैं। आपको हमारी आलोचना का अधिकार है लेकिन तथ्यों के आधार पर हमारी आलोचना करें।' टिप्पणियां सिद्धार्थ यहीं नहीं रुके, उन्होंने राहुल को सलाह दी कि वह अधिक रचनात्मक भूमिका निभाएं। उन्होंने मजाक बनाते हुए कहा, 'आपने (राहुल ने) दस साल बरबाद किए... 2जी, कोलगेट, 'दामाद जी' से लेकर अब आप ‘इस्तीफा जी’ पर आ गये हैं।' बीजेपी सचिव का इशारा व्यापमं घोटाले और ललित मोदी विवाद में कथित तौर पर शामिल बीजेपी नेताओं का विपक्ष द्वारा इस्तीफा मांगे जाने की ओर था। राजस्थान में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल ने दिन में कहा था, 'यह 56 इंच का सीना (नरेन्द्र मोदी का) छह महीने में 5.6 इंच का रह जाएगा और इसे 5.6 इंच का कौन करेगा... कांग्रेस पार्टी, देश की जनता, किसान और मजदूर।' वसुंधरा राजे सरकार पर लगातार निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यह तो 'ललित मोदी सरकार' है। इस पर सिद्धार्थ ने कहा कि भारत के करोड़ों लोगों के आशीर्वाद से 56 इंच का सीना बना और राहुल को इसे नापने की हिम्मत नहीं करनी चाहिए अन्यथा भारी पड़ेगा। राहुल ने भूमि विधेयक और ललित मोदी विवाद सहित कई मुद्दों पर केन्द्र और राजस्थान सरकारों को निशाना बनाया तो बीजेपी सचिव सिद्धार्थ नाथ सिंह ने भी तुरंत ही प्रेस ब्रीफिंग कर राहुल पर पलटवार कर दिया। सिद्धार्थ ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के शासन में हुए कई कथित घोटालों और रॉबर्ट वाड्रा के विवादास्पद भूमि सौदों के जरिए राहुल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राहुल ने जो 'डायपर' पहन रखा है, उन्हें उससे बाहर निकलना होगा। राहुल की टिप्पणियां और व्यवहार हमें याद दिलाता है कि वह अभी भी डायपर पहनने वाले 'बेबी' हैं। ललित मोदी के एक ट्वीट का जिक्र करते हुए उन्होंने सोनिया गांधी की बहन के जरिए 500-600 करोड़ रुपये के संभावित सौदे को लेकर कहा कि राहुल को इस बारे में बोलना चाहिए।   सिद्धार्थ ने कहा कि राहुल गांधी भूमि, रिमोट कंट्रोल और 56 इंच पर बोले। 'जैसा मैंने कहा है कि राहुल एक 'छोटा बच्चा' है और कोई छोटे बच्चे को सलाह दे, अच्छी बात नहीं है। लेकिन कांग्रेस उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दे रही है इसलिए हम राहुल को एक नेक सलाह देना चाहते हैं। आपको हमारी आलोचना का अधिकार है लेकिन तथ्यों के आधार पर हमारी आलोचना करें।' टिप्पणियां सिद्धार्थ यहीं नहीं रुके, उन्होंने राहुल को सलाह दी कि वह अधिक रचनात्मक भूमिका निभाएं। उन्होंने मजाक बनाते हुए कहा, 'आपने (राहुल ने) दस साल बरबाद किए... 2जी, कोलगेट, 'दामाद जी' से लेकर अब आप ‘इस्तीफा जी’ पर आ गये हैं।' बीजेपी सचिव का इशारा व्यापमं घोटाले और ललित मोदी विवाद में कथित तौर पर शामिल बीजेपी नेताओं का विपक्ष द्वारा इस्तीफा मांगे जाने की ओर था। राजस्थान में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल ने दिन में कहा था, 'यह 56 इंच का सीना (नरेन्द्र मोदी का) छह महीने में 5.6 इंच का रह जाएगा और इसे 5.6 इंच का कौन करेगा... कांग्रेस पार्टी, देश की जनता, किसान और मजदूर।' वसुंधरा राजे सरकार पर लगातार निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यह तो 'ललित मोदी सरकार' है। इस पर सिद्धार्थ ने कहा कि भारत के करोड़ों लोगों के आशीर्वाद से 56 इंच का सीना बना और राहुल को इसे नापने की हिम्मत नहीं करनी चाहिए अन्यथा भारी पड़ेगा। सिद्धार्थ ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के शासन में हुए कई कथित घोटालों और रॉबर्ट वाड्रा के विवादास्पद भूमि सौदों के जरिए राहुल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राहुल ने जो 'डायपर' पहन रखा है, उन्हें उससे बाहर निकलना होगा। राहुल की टिप्पणियां और व्यवहार हमें याद दिलाता है कि वह अभी भी डायपर पहनने वाले 'बेबी' हैं। ललित मोदी के एक ट्वीट का जिक्र करते हुए उन्होंने सोनिया गांधी की बहन के जरिए 500-600 करोड़ रुपये के संभावित सौदे को लेकर कहा कि राहुल को इस बारे में बोलना चाहिए।   सिद्धार्थ ने कहा कि राहुल गांधी भूमि, रिमोट कंट्रोल और 56 इंच पर बोले। 'जैसा मैंने कहा है कि राहुल एक 'छोटा बच्चा' है और कोई छोटे बच्चे को सलाह दे, अच्छी बात नहीं है। लेकिन कांग्रेस उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दे रही है इसलिए हम राहुल को एक नेक सलाह देना चाहते हैं। आपको हमारी आलोचना का अधिकार है लेकिन तथ्यों के आधार पर हमारी आलोचना करें।' टिप्पणियां सिद्धार्थ यहीं नहीं रुके, उन्होंने राहुल को सलाह दी कि वह अधिक रचनात्मक भूमिका निभाएं। उन्होंने मजाक बनाते हुए कहा, 'आपने (राहुल ने) दस साल बरबाद किए... 2जी, कोलगेट, 'दामाद जी' से लेकर अब आप ‘इस्तीफा जी’ पर आ गये हैं।' बीजेपी सचिव का इशारा व्यापमं घोटाले और ललित मोदी विवाद में कथित तौर पर शामिल बीजेपी नेताओं का विपक्ष द्वारा इस्तीफा मांगे जाने की ओर था। राजस्थान में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल ने दिन में कहा था, 'यह 56 इंच का सीना (नरेन्द्र मोदी का) छह महीने में 5.6 इंच का रह जाएगा और इसे 5.6 इंच का कौन करेगा... कांग्रेस पार्टी, देश की जनता, किसान और मजदूर।' वसुंधरा राजे सरकार पर लगातार निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यह तो 'ललित मोदी सरकार' है। इस पर सिद्धार्थ ने कहा कि भारत के करोड़ों लोगों के आशीर्वाद से 56 इंच का सीना बना और राहुल को इसे नापने की हिम्मत नहीं करनी चाहिए अन्यथा भारी पड़ेगा। ललित मोदी के एक ट्वीट का जिक्र करते हुए उन्होंने सोनिया गांधी की बहन के जरिए 500-600 करोड़ रुपये के संभावित सौदे को लेकर कहा कि राहुल को इस बारे में बोलना चाहिए।   सिद्धार्थ ने कहा कि राहुल गांधी भूमि, रिमोट कंट्रोल और 56 इंच पर बोले। 'जैसा मैंने कहा है कि राहुल एक 'छोटा बच्चा' है और कोई छोटे बच्चे को सलाह दे, अच्छी बात नहीं है। लेकिन कांग्रेस उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दे रही है इसलिए हम राहुल को एक नेक सलाह देना चाहते हैं। आपको हमारी आलोचना का अधिकार है लेकिन तथ्यों के आधार पर हमारी आलोचना करें।' टिप्पणियां सिद्धार्थ यहीं नहीं रुके, उन्होंने राहुल को सलाह दी कि वह अधिक रचनात्मक भूमिका निभाएं। उन्होंने मजाक बनाते हुए कहा, 'आपने (राहुल ने) दस साल बरबाद किए... 2जी, कोलगेट, 'दामाद जी' से लेकर अब आप ‘इस्तीफा जी’ पर आ गये हैं।' बीजेपी सचिव का इशारा व्यापमं घोटाले और ललित मोदी विवाद में कथित तौर पर शामिल बीजेपी नेताओं का विपक्ष द्वारा इस्तीफा मांगे जाने की ओर था। राजस्थान में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल ने दिन में कहा था, 'यह 56 इंच का सीना (नरेन्द्र मोदी का) छह महीने में 5.6 इंच का रह जाएगा और इसे 5.6 इंच का कौन करेगा... कांग्रेस पार्टी, देश की जनता, किसान और मजदूर।' वसुंधरा राजे सरकार पर लगातार निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यह तो 'ललित मोदी सरकार' है। इस पर सिद्धार्थ ने कहा कि भारत के करोड़ों लोगों के आशीर्वाद से 56 इंच का सीना बना और राहुल को इसे नापने की हिम्मत नहीं करनी चाहिए अन्यथा भारी पड़ेगा। सिद्धार्थ यहीं नहीं रुके, उन्होंने राहुल को सलाह दी कि वह अधिक रचनात्मक भूमिका निभाएं। उन्होंने मजाक बनाते हुए कहा, 'आपने (राहुल ने) दस साल बरबाद किए... 2जी, कोलगेट, 'दामाद जी' से लेकर अब आप ‘इस्तीफा जी’ पर आ गये हैं।' बीजेपी सचिव का इशारा व्यापमं घोटाले और ललित मोदी विवाद में कथित तौर पर शामिल बीजेपी नेताओं का विपक्ष द्वारा इस्तीफा मांगे जाने की ओर था। राजस्थान में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल ने दिन में कहा था, 'यह 56 इंच का सीना (नरेन्द्र मोदी का) छह महीने में 5.6 इंच का रह जाएगा और इसे 5.6 इंच का कौन करेगा... कांग्रेस पार्टी, देश की जनता, किसान और मजदूर।' वसुंधरा राजे सरकार पर लगातार निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यह तो 'ललित मोदी सरकार' है। इस पर सिद्धार्थ ने कहा कि भारत के करोड़ों लोगों के आशीर्वाद से 56 इंच का सीना बना और राहुल को इसे नापने की हिम्मत नहीं करनी चाहिए अन्यथा भारी पड़ेगा। राजस्थान में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल ने दिन में कहा था, 'यह 56 इंच का सीना (नरेन्द्र मोदी का) छह महीने में 5.6 इंच का रह जाएगा और इसे 5.6 इंच का कौन करेगा... कांग्रेस पार्टी, देश की जनता, किसान और मजदूर।' वसुंधरा राजे सरकार पर लगातार निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यह तो 'ललित मोदी सरकार' है। इस पर सिद्धार्थ ने कहा कि भारत के करोड़ों लोगों के आशीर्वाद से 56 इंच का सीना बना और राहुल को इसे नापने की हिम्मत नहीं करनी चाहिए अन्यथा भारी पड़ेगा।
क्या मंगल पर जीवन है ? कब से यह सवाल इंसान के दिमाग में उलझा है लेकिन अगर नासा की मानें तो इस साल के अंत तक अमेरिकी अंतरिक्ष वैज्ञानिक इस गुत्थी को सुलझा लेंगे. ह्यूस्टन में नासा के जॉन्सन अंतरिक्ष केंद्र के एस्ट्रोबायोलॉजी के प्रमुख डेविड मैक्के के अनुसार इस साल के अंत तक इस बात की पुष्टि हो जाएगी कि मंगल पर जीवन है या नहीं. यह खोज मंगल पर जाकर नही बल्कि धरती से ही मंगल यानी लाल ग्रह के नमूनों से संभव हो पाएगा. मैक्के ने कहा, ‘‘नए शक्तिशाली माइक्रोस्कोप और दूसरे यंत्रों से मालूम चल जाएगा कि क्या वहां जीवाश्म है.’’ साइंटफिक अमेरिकन की खबर में बताया गया है कि नासा के वैज्ञानिकों का एक दल नए यंत्र की सहायता से मंगल से संबंध रखने वाले तीन उल्का पिंडों में विस्फोट करेगा. उन पिंडों की गैस से यह मालूम किया जाएगा कि लाल ग्रह के बारे में जो विशेषताएं पाई गईं हैं वह भूगर्भीय है या जैविक. एएलएच 84001 और यामाटो 593 नाम की दो उल्का पिंड अंटार्कटिका में अमेरिकी और जापानी वैज्ञानिकों ने पाए थे. वे वहां बर्फ के रेगिस्तान पर हजारों सालों से पड़े थे. तीसरी उल्का पिंड 1911 में मिस्र के पाखला में गिरी थी और लंदन के एक संग्रहालय में रखी है.
शमशाद बेगम एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता है, जिसे छत्तीसगढ़ के पिछड़े वर्गों की शिक्षा के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों में शिक्षा के लिए जाना जाता है। उन्हें भारत सरकार द्वारा २०१२ में, पद्म श्री के चौथे उच्चतम भारतीय नागरिक पुरस्कार के साथ सम्मानित किया गया था। शमशाद बेगम का जन्म भारतीय राज्य छत्तीसगढ़ में बालोद जिले में हुआ था। उन्होंने भारत सरकार के दुवारा चलाए राष्ट्रीय साक्षरता मिशन कार्यक्रम में हिस्सा लिया और यह बताया गया है कि १९९५ में गंदरदेही में मिशन गतिविधियों को शुरू करने के छह महीने के भीतर, बेगम और उनके सहयोगियों ने १२२६९ महिलाओं को साक्षर बनाने में सक्षम बनाया, कुल १८२६५ अशिक्षित महिलाओं में से। शमसाद बेगम जनकलेन समिति के साथ जुडी हुए हैं जो एक सामाजिक कल्याण समूह, महिलाओं और बच्चों की शिक्षा और कल्याण गतिविधियों में शामिल है। शमसाद बेगम को २०१२ में भारत सरकार ने पद्म श्री के पुरस्कार से सम्मानित किया था। सन्दर्भ सामाजिक कार्यकर्ता
नरगिस रबादी (24 अप्रैल 1929 - 6 मार्च 2018) एक भारतीय कलाकारा थी जिन्होंने 200 से अधिक हिंदी चलचित्रों में अभिनय किया था। वे अपने हास्य प्रतिभा के लिए प्रसिद्ध थीं। वे एक पारसी परिवार में जन्मी थी और उनके बचपन का नाम नरगिस रबादी था। उन्होंने ‘उस्ताद पेड्रो’, ‘भाई-बहन’, ‘दिल अपना और प्रीत परायी’,‘हाफ टिकट’, ‘जब जब फूल खिले’, ‘इत्तेफाक’, द बर्निग ट्रेन, ‘कुदरत’, ‘आवारा बाप’ आदि फिल्मों में अभिनय किया था। इसके अलावा उन्होंने ‘देख भाईदेख’, ‘जबान संभाल के’, ‘श्रीमान श्रीमती’, कभी ये कभी वो’ और ‘फिल्मी चक्कर’ जैसे लोकप्रिय टीवी धारावाहिकों में भी अभिनय किया था। संदर्भ भारतीय अभिनेत्री २०१८ में निधन
भारत के सबसे बड़े ई-कॉमर्स की कंपनी फ्लिपकार्ट ने देश भर 20 पिक-अप स्टोर चालू करने की घोषणा की है। इन स्टोर्स में उनके ई-कस्टमर अपनी सुविधानुसार जब चाहे तब अपना ऑर्डर कलेक्ट कर सकते हैं। इस नई वैकल्पिक डिलीवरी मॉडल के ज़रिए फ्लिपकार्ट के वे ग्राहक जो हमेशा घर पर मौजूद नहीं रहते हैं और आई़टी पार्क,  शिक्षण संस्थान और कड़ी सुरक्षा वाली हाउसिंग सोसायटीज़ जैसी जगहों पर रहते हैं और वहाँ डिलीवरी बॉयज़ का अंदर जाना मना है, उन्हें बेहतर सुविधा देने की कोशिश की जाएगी। ये ग्राहक इन वजहों के कारण कई बार फ्लिपकार्ट की सर्विस से असंतुष्ट दिखे।   इस पहल के बारे में बताते हुए, फ्लिपकार्ट डिलीवरी ऑपरेशंस के सीनियर डायरेक्टर नीरज अग्रवाल कहते हैं, 'ई-कॉमर्स की कंपनियों के लिए उनका लॉजिस्टिक्स सही रखना बेहद ज़रुरी है, हमें लगता है कि हमारी इस पहल से उन ग्राहकों को फायदा होगा जो डिलीवरी टाइम और लोकेशन को एडजस्ट कर सकते हैं।'टिप्पणियां नीरज अग्रवाल के अनुसार, 'हम आगे भी ग्राहकों की सुविधा के लिए ऐसे कई वैल्यू ऐडेड सर्विसेज़ को जोड़ना चाहते हैं ताकि ज्य़ादा से ज़्यादा ग्राहक हमसे जुड़े। इनमें इन्सटेंट रिटर्न, स्पॉट ट्रायल, ओपन बॉक्स डिलीवरी, एक्सक्लूसिव प्रोडक्ट डेमो भी आगे इस कड़ी में जोड़ा जाएगा।'    ये फ्लिपकार्ट स्टोर फ़िलहाल, बेंगलुरु, मैसूर, अहमदाबाद, दिल्ली, कोलकाता, पुणे, वेल्लोर, गुड़गांव, वडोदरा और सूरत में मौजूद हैं और कंपनी अगले साल मार्च 2016 तक इनकी संख्या 100 तक पहुंचाना चाहती है।  इस नई वैकल्पिक डिलीवरी मॉडल के ज़रिए फ्लिपकार्ट के वे ग्राहक जो हमेशा घर पर मौजूद नहीं रहते हैं और आई़टी पार्क,  शिक्षण संस्थान और कड़ी सुरक्षा वाली हाउसिंग सोसायटीज़ जैसी जगहों पर रहते हैं और वहाँ डिलीवरी बॉयज़ का अंदर जाना मना है, उन्हें बेहतर सुविधा देने की कोशिश की जाएगी। ये ग्राहक इन वजहों के कारण कई बार फ्लिपकार्ट की सर्विस से असंतुष्ट दिखे।   इस पहल के बारे में बताते हुए, फ्लिपकार्ट डिलीवरी ऑपरेशंस के सीनियर डायरेक्टर नीरज अग्रवाल कहते हैं, 'ई-कॉमर्स की कंपनियों के लिए उनका लॉजिस्टिक्स सही रखना बेहद ज़रुरी है, हमें लगता है कि हमारी इस पहल से उन ग्राहकों को फायदा होगा जो डिलीवरी टाइम और लोकेशन को एडजस्ट कर सकते हैं।'टिप्पणियां नीरज अग्रवाल के अनुसार, 'हम आगे भी ग्राहकों की सुविधा के लिए ऐसे कई वैल्यू ऐडेड सर्विसेज़ को जोड़ना चाहते हैं ताकि ज्य़ादा से ज़्यादा ग्राहक हमसे जुड़े। इनमें इन्सटेंट रिटर्न, स्पॉट ट्रायल, ओपन बॉक्स डिलीवरी, एक्सक्लूसिव प्रोडक्ट डेमो भी आगे इस कड़ी में जोड़ा जाएगा।'    ये फ्लिपकार्ट स्टोर फ़िलहाल, बेंगलुरु, मैसूर, अहमदाबाद, दिल्ली, कोलकाता, पुणे, वेल्लोर, गुड़गांव, वडोदरा और सूरत में मौजूद हैं और कंपनी अगले साल मार्च 2016 तक इनकी संख्या 100 तक पहुंचाना चाहती है।  ये ग्राहक इन वजहों के कारण कई बार फ्लिपकार्ट की सर्विस से असंतुष्ट दिखे।   इस पहल के बारे में बताते हुए, फ्लिपकार्ट डिलीवरी ऑपरेशंस के सीनियर डायरेक्टर नीरज अग्रवाल कहते हैं, 'ई-कॉमर्स की कंपनियों के लिए उनका लॉजिस्टिक्स सही रखना बेहद ज़रुरी है, हमें लगता है कि हमारी इस पहल से उन ग्राहकों को फायदा होगा जो डिलीवरी टाइम और लोकेशन को एडजस्ट कर सकते हैं।'टिप्पणियां नीरज अग्रवाल के अनुसार, 'हम आगे भी ग्राहकों की सुविधा के लिए ऐसे कई वैल्यू ऐडेड सर्विसेज़ को जोड़ना चाहते हैं ताकि ज्य़ादा से ज़्यादा ग्राहक हमसे जुड़े। इनमें इन्सटेंट रिटर्न, स्पॉट ट्रायल, ओपन बॉक्स डिलीवरी, एक्सक्लूसिव प्रोडक्ट डेमो भी आगे इस कड़ी में जोड़ा जाएगा।'    ये फ्लिपकार्ट स्टोर फ़िलहाल, बेंगलुरु, मैसूर, अहमदाबाद, दिल्ली, कोलकाता, पुणे, वेल्लोर, गुड़गांव, वडोदरा और सूरत में मौजूद हैं और कंपनी अगले साल मार्च 2016 तक इनकी संख्या 100 तक पहुंचाना चाहती है।  इस पहल के बारे में बताते हुए, फ्लिपकार्ट डिलीवरी ऑपरेशंस के सीनियर डायरेक्टर नीरज अग्रवाल कहते हैं, 'ई-कॉमर्स की कंपनियों के लिए उनका लॉजिस्टिक्स सही रखना बेहद ज़रुरी है, हमें लगता है कि हमारी इस पहल से उन ग्राहकों को फायदा होगा जो डिलीवरी टाइम और लोकेशन को एडजस्ट कर सकते हैं।'टिप्पणियां नीरज अग्रवाल के अनुसार, 'हम आगे भी ग्राहकों की सुविधा के लिए ऐसे कई वैल्यू ऐडेड सर्विसेज़ को जोड़ना चाहते हैं ताकि ज्य़ादा से ज़्यादा ग्राहक हमसे जुड़े। इनमें इन्सटेंट रिटर्न, स्पॉट ट्रायल, ओपन बॉक्स डिलीवरी, एक्सक्लूसिव प्रोडक्ट डेमो भी आगे इस कड़ी में जोड़ा जाएगा।'    ये फ्लिपकार्ट स्टोर फ़िलहाल, बेंगलुरु, मैसूर, अहमदाबाद, दिल्ली, कोलकाता, पुणे, वेल्लोर, गुड़गांव, वडोदरा और सूरत में मौजूद हैं और कंपनी अगले साल मार्च 2016 तक इनकी संख्या 100 तक पहुंचाना चाहती है।  नीरज अग्रवाल के अनुसार, 'हम आगे भी ग्राहकों की सुविधा के लिए ऐसे कई वैल्यू ऐडेड सर्विसेज़ को जोड़ना चाहते हैं ताकि ज्य़ादा से ज़्यादा ग्राहक हमसे जुड़े। इनमें इन्सटेंट रिटर्न, स्पॉट ट्रायल, ओपन बॉक्स डिलीवरी, एक्सक्लूसिव प्रोडक्ट डेमो भी आगे इस कड़ी में जोड़ा जाएगा।'    ये फ्लिपकार्ट स्टोर फ़िलहाल, बेंगलुरु, मैसूर, अहमदाबाद, दिल्ली, कोलकाता, पुणे, वेल्लोर, गुड़गांव, वडोदरा और सूरत में मौजूद हैं और कंपनी अगले साल मार्च 2016 तक इनकी संख्या 100 तक पहुंचाना चाहती है।  ये फ्लिपकार्ट स्टोर फ़िलहाल, बेंगलुरु, मैसूर, अहमदाबाद, दिल्ली, कोलकाता, पुणे, वेल्लोर, गुड़गांव, वडोदरा और सूरत में मौजूद हैं और कंपनी अगले साल मार्च 2016 तक इनकी संख्या 100 तक पहुंचाना चाहती है।
उद्योग जगत ने प्रख्यात उद्योगपति और आरपी गोयनका समूह के संस्थापक राम प्रसाद गोयनका के निधन पर शोक व्यक्त किया. उद्योग मंडल सीआईआई के अध्यक्ष क्रिस गोपालकृष्णन ने कहा, ‘हमारे बीच एक महान उद्योगपति नहीं रहा और देश ने एक पुरोधा उद्योगपति खो दिया.’ फिक्की की अध्यक्ष नैना लाल किदवई ने गोयनका के निधन को देश के लिए एक अपूर्णनीय क्षति बताया. पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे 83 वर्षीय गोयनका का कोलकाता में उनके आवास पर रविवार सुबह निधन हो गया. किदवई ने कहा, ‘गोयनका फिक्की के अध्यक्ष रहे हैं और उनके अथक प्रयासों से भारतीय उद्योग को वैश्विक अर्थव्यवस्था में पहचान दिलाने में मदद मिली है. कन्फेडरेशन आफ एशिया-पैसिफिक चैंबर्स आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष के तौर पर वह अन्य देशों के साथ भारत के रिश्तों को मजबूती प्रदान करते रहे.’ गोयनका के परिवार में उनकी पत्नी सुशीला और दो पुत्र हषर्वर्धन व संजीव हैं. गोयनका पूर्वी भारत के सबसे पुराने उद्योगपतियों में से एक रहे. आरपी गोयनका ने 1979 में आरपीजी एंटरप्राइसेज की स्थापना की जिसमें फिलिप्स कार्बन ब्लैक, एशियन केबल्स, अगरपाड़ा जूट मिल और मर्फी इंडिया शामिल हैं. समूह की अन्य प्रमुख कंपनियों में सीईएससी, सिएट, स्पेंसर्स और सारेगामा शामिल हैं.
पार्टी के एक नेता ने कहा कि यह फैसला किया गया है कि वह राष्ट्रपति भवन में शपथ लेंगे, जो एक महफूज स्थान है. राष्ट्रपति ममून हुसैन उन्हें शपथ दिलाएंगे. हालांकि, पार्टी ने अब तक इस बारे में खुलासा नहीं किया है कि खान के शपथ ग्रहण समारोह में किन्हें बुलाया जाएगा, लेकिन स्थानीय मीडिया के मुताबिक, पूर्व भारतीय क्रिकेटर कपिल देव, सुनील गावस्कर, नवजोत सिंह सिद्धू और बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान को आमंत्रित किया जा सकता है. (इनपुट भाषा से)
लोकजनशक्ति पार्टी के प्रमुख रामविलास पासवान ने रविवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात कर दलितों के खिलाफ अत्याचार पर कानून के मूल प्रावधानों को बहाल करने के लिए अध्यादेश लाने की मांग की. उन्होंने समुदाय के लिए पदोन्नति में आरक्षण सुनिश्चित करने की भी मांग की. केंद्रीय मंत्री पासवान ने कहा कि उन्होंने बिहार को विशेष श्रेणी का दर्जा देने का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि सबसे गरीब राज्यों में एक होने के कारण बिहार इसका हकदार है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लंबे समय से यह मांग उठा रहे हैं. पासवान के साथ चिराग ने भी की शाह से मुलाकात पासवान ने कहा, 'बिहार सबसे गरीब राज्यों में एक है. कई राज्य इसकी मांग कर रहे हैं. बिहार इसका हकदार है.' पासवान के साथ उनके बेटे और सांसद चिराग पासवान भी थे. उन दोनों ने बिहार के संबंध में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. अगले साल लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी नीत राजग के समग्र प्रदर्शन के लिए यह राज्य बहुत महत्वपूर्ण होगा. बैठक में पासवान ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून के मूल कड़े प्रावधानों को बहाल करने के लिए अध्यादेश लाने की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को उन प्रावधानों को हटाने के लिये उच्चतम न्यायालय का रुख करना चाहिये जो सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को पदोन्नति में आरक्षण देने की राह में आड़े आते हैं. उन्होंने कहा, 'अगर जरूरी हुआ तो सरकार को इस पर अध्यादेश लाना चाहिए.' पासवान ने कहा कि दलितों के मुद्दे पर शाह उनके विचारों से सहमत हुए और उन्होंने सकारात्मक रुख प्रकट किया.
टाटा मोटर्स की वैश्विक बिक्री जून महीने में पिछले वर्ष के इसी महीने के मुकाबले छह प्रतिशत बढ़कर 94,055 इकाई रही। टाटा मोटर्स ने बयान में कहा कि लक्जरी ब्रांड जगुआर लैंड रोवर की बिक्री जून महीने में 28,215 इकाई रही जो पिछले वर्ष के इसी महीने के मुकाबले 39 प्रतिशत अधिक है।टिप्पणियां कंपनी के अनुसार जगुआर ब्रांड के सेडान लक्जरी की बिक्री पांच प्रतिशत घटकर 3,829 इकाई रही जबकि लैंड रोवर की बिक्री 49 प्रतिशत बढ़कर 24,386 इकाई रही। टाटा मोटर्स के मुताबिक कंपनी के कुल यात्री वाहनों की बिक्री इस वर्ष जून महीने में 46,159 इकाई रही जो पिछले वर्ष के इसी महीने के मुकाबले सात प्रतिशत अधिक है। वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री आलोच्य महीने में छह प्रतिशत बढ़कर 47,896 इकाई रही। टाटा मोटर्स ने बयान में कहा कि लक्जरी ब्रांड जगुआर लैंड रोवर की बिक्री जून महीने में 28,215 इकाई रही जो पिछले वर्ष के इसी महीने के मुकाबले 39 प्रतिशत अधिक है।टिप्पणियां कंपनी के अनुसार जगुआर ब्रांड के सेडान लक्जरी की बिक्री पांच प्रतिशत घटकर 3,829 इकाई रही जबकि लैंड रोवर की बिक्री 49 प्रतिशत बढ़कर 24,386 इकाई रही। टाटा मोटर्स के मुताबिक कंपनी के कुल यात्री वाहनों की बिक्री इस वर्ष जून महीने में 46,159 इकाई रही जो पिछले वर्ष के इसी महीने के मुकाबले सात प्रतिशत अधिक है। वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री आलोच्य महीने में छह प्रतिशत बढ़कर 47,896 इकाई रही। कंपनी के अनुसार जगुआर ब्रांड के सेडान लक्जरी की बिक्री पांच प्रतिशत घटकर 3,829 इकाई रही जबकि लैंड रोवर की बिक्री 49 प्रतिशत बढ़कर 24,386 इकाई रही। टाटा मोटर्स के मुताबिक कंपनी के कुल यात्री वाहनों की बिक्री इस वर्ष जून महीने में 46,159 इकाई रही जो पिछले वर्ष के इसी महीने के मुकाबले सात प्रतिशत अधिक है। वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री आलोच्य महीने में छह प्रतिशत बढ़कर 47,896 इकाई रही। टाटा मोटर्स के मुताबिक कंपनी के कुल यात्री वाहनों की बिक्री इस वर्ष जून महीने में 46,159 इकाई रही जो पिछले वर्ष के इसी महीने के मुकाबले सात प्रतिशत अधिक है। वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री आलोच्य महीने में छह प्रतिशत बढ़कर 47,896 इकाई रही।
पूर्णिमा राव (); (जन्म ३० जनवरी १९६८ ,सिकंदराबाद ,आंध्रप्रदेश ) एक पूर्व भारतीय महिला क्रिकेट खिलाड़ी है। इन्होंने भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ओर से १९९३ से १९९५ तक कुल ५ टेस्ट मैच खेले थे जबकि १९९३ से २००० तक ३३ वनडे मैच खेले थे। पूर्णिमा राव घरेलू क्रिकेट प्रतियोगिताओं में एयर इंडिया क्रिकेट टीम की कप्तान भी रह चुकी है।और साथ भारतीय टीम की भी कप्तानी कर चुकी है इन्होंने ३ टेस्ट मैच और ८ वनडे मैचों में कप्तानी की थी। सन्दर्भ 1967 में जन्मे लोग जीवित लोग हैदराबाद के लोग भारतीय महिला क्रिकेट खिलाड़ी भारतीय महिला टेस्ट क्रिकेट खिलाड़ी भारतीय महिला एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट कोच भारतीय महिला क्रिकेट कप्तान २००० महिला क्रिकेट विश्व कप में खेलने वाली भारतीय खिलाड़ी १९९३ महिला क्रिकेट विश्व कप में खेलने वाली भारतीय खिलाड़ी
पीटर Simako Otlaadisang Mmusi (जन्म 16 मई 1929 [1] अक्टूबर 1994 में मृत्यु हो गई) [2] था उपराष्ट्रपति की बोत्सवाना जनवरी 1983 3 से 1992 उन्होंने यह भी स्थानीय सरकार और भूमि के मंत्री रहे जब तक। [१] उनका जन्म क्वेंक जिले में ममनकोडी में हुआ था । उन्होंने एक राष्ट्रपति आयोग के इस्तीफे के बाद इस्तीफा दे दिया, जिसने उन्हें गैबोरोन के बाहर अवैध भूमि सौदे में भाग लेने के रूप में पहचाना । 1929 में जन्मे लोग १९९४ में निधन
#StudentOfTheYear2 declines 54.23% on Mon [vis-à-vis Fri]... Slows at plexes of Mumbai, Delhi, NCR [where it was performing best]... Fri 12.06 cr, Sat 14.02 cr, Sun 12.75 cr, Mon 5.52 cr. Total: ₹ 44.35 cr. India biz. #SOTY2 टाइगर श्रॉफ (Tiger Shroff), तारा सूतारिया (Tara Sutaria) और अनन्या पांडेय (Ananya Panday) की फिल्म 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर' (Student Of The Year 2) की कमाई को लेकर तरण आदर्श ने ट्वीट किया है. यह फिल्म विदेशों में भी शानदार कारोबार कर रही है. इससे पहले बॉक्स ऑफिस इंडिया डॉट कॉम ने जानकारी दी थी कि 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2' ने पहले तीन दिन में लगभग 37.50 करोड़ रुपये की कमाई की थी. टाइगर श्रॉफ (Tiger Shroff) ,अनन्या पांडेय (Ananya Pandey) और तारा सुतारिया (Tara Sutaria) की फिल्म स्टूडेंट ऑफ द ईयर-2 (Student of The Year 2) 10 मई को सिनेमा घरों को रिलीज हुई है. पहले दिन फिल्म ने अच्छी शुरुआत की.  धर्मा प्रोडक्शन की रोमांटिक ड्रामा फिल्म 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर-2' (Student of the Year 2) को लेकर दर्शकों में काफी एक्साइटमेंट देखा गया था. फिल्म में अनन्या पांडे (Ananya Pandey) और तारा सुतारिया (Tara Sutaria) बॉलीवुड डेब्यू कर रही हैं जो फिल्म में काफी ग्लैमरस अंदाज में नजर आ रही हैं जबकि टाइगर (Tiger Shroff) एक साधारण परिवार वाले लड़के का किरदार निभा रहे हैं. बता दें कि 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर-2' डायरेक्टर करण जौहर की 2012 में आई फिल्म 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर की सीक्वल है. पहली फिल्म में आलिया भट्ट (Alia Bhatt), वरुण धवन (Varun Dhawan) और सिद्धार्थ मल्होत्रा (Sidharth Malhotra) ने बॉलीवुड में डेब्यू किया था.
लेख: कलाकार को किसके साथ होना चाहिए- विचार के साथ, व्यक्ति के साथ या कला के साथ? उसे अपने ऊपर पड़ रहे तमाम दबावों से कैसे निकलना चाहिए? एक कलाकार के भीतर कौन से संघर्ष चलते रहते हैं जिससे उसकी कला प्रभावित होती है? कला को रोकने वाली कौन सी बंदिशें है और उनसे कैसे पार पाना है? ऐसे कुछ सवालों पर गायन कला के माध्यम से नाट्य प्रस्तुति‘बंदिश 20 से 20,000 हर्ट्ज़’ अपना नजरिया प्रस्तुत करती है. प्रस्तुति में हिंदुस्तानी संगीत में पिछली डेढ़ सदी में हुए परिवर्तन, कलाकारों की स्थिति और भीतरी राजनीति के प्रश्न और बेचैनियां बहुत सूक्ष्मता से उभरते हैं. प्रस्तुति में अतीत के साथ समकालीनता की भी महीन बुनाई है. ‘आद्यम’ पिछले कुछ सालों से बेहतर रंगकर्म दर्शकों के सामने लेकर आ रहा है. यह साल इस सिलसिले का तीसरा साल है और पूर्वा नरेश निर्देशित ‘बंदिश 20 से 20,000 हर्ट्ज़’ दिल्ली में होने वाली इस साल की पहली प्रस्तुति है. इससे पहले भी पूर्वा नरेश ‘आद्यम’ के साथ ‘लेडिज संगीत’ नाम से एक प्रस्तुति दे चुकी हैं.   नौटंकी गायिका चंपा बाई और बैठक गायिका बेनी अपने अतीत को याद करती हैं और यादें साझा करते हैं दो आज के जमाने के गायक. गायकों के समय के अंतर और उनकी पोजिशनिंग से नाटक का कथ्य अतीत और वर्तमान के संवाद में आकार लेता है. आजादी के सत्तर सालों का जश्न है. चंपाबाई और बेनीबाई का सम्मान होना है इस समारोह में इन दो आज के गायकों को गाना है. इन सबके साथ हैं बाईयों का शागिर्द मुन्नु जो उनके जीवन की हिस्सा है, उनके मैनेजर से लेकर वैनिटी बैन तक. इस समारोह में चंपाबाई गाना चाहती हैं लेकिन नौटंकी गायिका की उसकी छवि समारोह की ‘गरिमा’ के अनुकूल नहीं है. बेनी शास्त्रीय गायिका हैं उनको सब सुनना चाहते हैं लेकिन वह गाना छोड़ चुकी हैं. मौसमी नहीं गा सकती क्योंकि वह गायकी के मूल उपकरण वोकल कॉर्ड की जगह इलेक्ट्रॉनिक तामझाम पर निर्भर है. कबीर गाना चाहता है लेकिन इसलिए नहीं गा सकता क्योंकि पड़ोसी देश में उसका गाना हिट हो गया है. पड़ोसी देश में अर्जित लोकप्रियता ने उसे ट्रोल्स के निशाने पर ला दिया है. आयोजक को लाभ उसके नहीं गाने में है, उसका गाना ‘राष्ट्रहित’ में नहीं है. वह ‘एंटीनेशनल’ घोषित कर दिया गया है. इन सबके बीच है सरकारी बाबू, जो केवल आदेश के हिसाब से अपना अनुकूलन करता रहता है और आदतन परेशान है, किसके सामने झुकना है और कहां कब अकड़ना है, के बुनियादी ज्ञान से लैस. इन सबके बीच मुन्नु का सवाल है  कि फसादी अपने काम पर हैं, बाबू अपने काम पर हैं,  ऐसे में कलाकार कहां हैं?   प्रस्तुति में हिंदुस्तानी संगीत की ऐतिहासिक यात्रा सामने आती है जिसमें बेनीबाई जैसी गायिका को बेदखल किया गया है, चंपाबाई लोकप्रिय होने और सुर पर पकड़ होने के बावजूद बेनी और समाज के लिए हेय हैं, मामूली हैं. इनके शोषण के कई स्तर और आयाम प्रस्तुति में उभरते हैं. कृत्रिम उपकरणों के सहारे गाते आजकल के गायक कबीर और मौसमी हैं जो अपनी छवि का इस्तेमाल करना और अपने को बेचना जानते हैं. इनके तरीके पुराने जमाने को समझ नहीं आते और पुराने तरीके इनको नहीं सुहाते. इनका अतीत कटु है, वर्तमान चमकदार, जबकि बेनी, चंपा और मुन्नु के लिए वर्तमान में कुछ है ही नहीं. लेकिन सबके भीतर एक डर है जिसका रंग अलग-अलग है. बेनी को अपमान का डर है, चंपा को गुमनामी का, मुन्नु को भूख का. कबीर को इमेज का और मौसमी को पुरानी पहचान का. इन सबके साथ इस नाटक में जो अदृश्य है, वह है समाज और सत्ता, जो निरंतर इनके ऊपर हावी है, अलग-अलग रूपों में. कभी अंग्रेजी कानून के रूप में, कभी आजादी के बाद राष्ट्र निर्माण के लिए उच्च मूल्यों के रूप में तो कभी सोशल मीडिया के ट्रोल्स के रूप में. इन बंदिशों का इलाज क्या है? नाटक बताता है - अपनी कला के प्रति प्रतिबद्धता. इसलिए गाने का कार्यक्रम कैंसल होने बावजूद प्रस्तुति की समाप्ति में बंदिश तोड़कर गाते हैं. हर दौर में प्रतिरोध को भिन्न तरीका ईज़ाद करना ही पड़ता है. टिप्पणियां प्रस्तुति की परिकल्पना कथ्य को मनोरंजक अंदाज में पेश करती है जिसमें गंभीरता कहीं कम नहीं है. कहानी कहते हुए मंच परफार्मिंग स्पेस और बाईयों की बैठक में तरलता से बदलता है. समय और स्पेस के बदलाव को पर्दों के उठने-गिरने और दृश्य सज्जा के मामूली बदलावों के साथ उपस्थित कर दिया गया है. प्रकाश संयोजन साधारण है. प्रस्तुति में संगीत अहम है शुभा मुद्गल का संगीत नाटक को अधिक श्रव्य बनाता है. अभिनेताओं की गायकी के साथ संवादों का चुटीलापन और टाइमिंग कमाल है. तनाव, हास्य और विमर्श का संतुलन बनाने का जिम्मा अभिनेताओं अनुभा फतेहपुरिया, निवेदिता भार्गव, इप्शिता, दानिश हुसैन, हर्ष खुराना, हितेश ने बखूबी संभाला है. पूर्वा नरेश ने अपनी पिछली प्रस्तुतियों से साबित किया है कि टोटल थिएटर उनकी रंगभाषा है और इसमें विभिन्न तत्वों के संतुलित मिश्रण में वे कुशल हैं. उनकी प्रस्तुति में संप्रेषणीयता भी है और कथ्य में गहराई भी. अभिनेता पर भरोसा करते हुए संगीत का इस्तेमाल करना उन्हें बखूबी आता है. प्रस्तुति की लंबाई और अंत में उपदेशात्मक हो जाना प्रस्तुति की कमजोरी है जिसे दूर किए जाने की गुंजाइश है. ‘आद्यम’ पिछले कुछ सालों से बेहतर रंगकर्म दर्शकों के सामने लेकर आ रहा है. यह साल इस सिलसिले का तीसरा साल है और पूर्वा नरेश निर्देशित ‘बंदिश 20 से 20,000 हर्ट्ज़’ दिल्ली में होने वाली इस साल की पहली प्रस्तुति है. इससे पहले भी पूर्वा नरेश ‘आद्यम’ के साथ ‘लेडिज संगीत’ नाम से एक प्रस्तुति दे चुकी हैं.   नौटंकी गायिका चंपा बाई और बैठक गायिका बेनी अपने अतीत को याद करती हैं और यादें साझा करते हैं दो आज के जमाने के गायक. गायकों के समय के अंतर और उनकी पोजिशनिंग से नाटक का कथ्य अतीत और वर्तमान के संवाद में आकार लेता है. आजादी के सत्तर सालों का जश्न है. चंपाबाई और बेनीबाई का सम्मान होना है इस समारोह में इन दो आज के गायकों को गाना है. इन सबके साथ हैं बाईयों का शागिर्द मुन्नु जो उनके जीवन की हिस्सा है, उनके मैनेजर से लेकर वैनिटी बैन तक. इस समारोह में चंपाबाई गाना चाहती हैं लेकिन नौटंकी गायिका की उसकी छवि समारोह की ‘गरिमा’ के अनुकूल नहीं है. बेनी शास्त्रीय गायिका हैं उनको सब सुनना चाहते हैं लेकिन वह गाना छोड़ चुकी हैं. मौसमी नहीं गा सकती क्योंकि वह गायकी के मूल उपकरण वोकल कॉर्ड की जगह इलेक्ट्रॉनिक तामझाम पर निर्भर है. कबीर गाना चाहता है लेकिन इसलिए नहीं गा सकता क्योंकि पड़ोसी देश में उसका गाना हिट हो गया है. पड़ोसी देश में अर्जित लोकप्रियता ने उसे ट्रोल्स के निशाने पर ला दिया है. आयोजक को लाभ उसके नहीं गाने में है, उसका गाना ‘राष्ट्रहित’ में नहीं है. वह ‘एंटीनेशनल’ घोषित कर दिया गया है. इन सबके बीच है सरकारी बाबू, जो केवल आदेश के हिसाब से अपना अनुकूलन करता रहता है और आदतन परेशान है, किसके सामने झुकना है और कहां कब अकड़ना है, के बुनियादी ज्ञान से लैस. इन सबके बीच मुन्नु का सवाल है  कि फसादी अपने काम पर हैं, बाबू अपने काम पर हैं,  ऐसे में कलाकार कहां हैं?   प्रस्तुति में हिंदुस्तानी संगीत की ऐतिहासिक यात्रा सामने आती है जिसमें बेनीबाई जैसी गायिका को बेदखल किया गया है, चंपाबाई लोकप्रिय होने और सुर पर पकड़ होने के बावजूद बेनी और समाज के लिए हेय हैं, मामूली हैं. इनके शोषण के कई स्तर और आयाम प्रस्तुति में उभरते हैं. कृत्रिम उपकरणों के सहारे गाते आजकल के गायक कबीर और मौसमी हैं जो अपनी छवि का इस्तेमाल करना और अपने को बेचना जानते हैं. इनके तरीके पुराने जमाने को समझ नहीं आते और पुराने तरीके इनको नहीं सुहाते. इनका अतीत कटु है, वर्तमान चमकदार, जबकि बेनी, चंपा और मुन्नु के लिए वर्तमान में कुछ है ही नहीं. लेकिन सबके भीतर एक डर है जिसका रंग अलग-अलग है. बेनी को अपमान का डर है, चंपा को गुमनामी का, मुन्नु को भूख का. कबीर को इमेज का और मौसमी को पुरानी पहचान का. इन सबके साथ इस नाटक में जो अदृश्य है, वह है समाज और सत्ता, जो निरंतर इनके ऊपर हावी है, अलग-अलग रूपों में. कभी अंग्रेजी कानून के रूप में, कभी आजादी के बाद राष्ट्र निर्माण के लिए उच्च मूल्यों के रूप में तो कभी सोशल मीडिया के ट्रोल्स के रूप में. इन बंदिशों का इलाज क्या है? नाटक बताता है - अपनी कला के प्रति प्रतिबद्धता. इसलिए गाने का कार्यक्रम कैंसल होने बावजूद प्रस्तुति की समाप्ति में बंदिश तोड़कर गाते हैं. हर दौर में प्रतिरोध को भिन्न तरीका ईज़ाद करना ही पड़ता है. टिप्पणियां प्रस्तुति की परिकल्पना कथ्य को मनोरंजक अंदाज में पेश करती है जिसमें गंभीरता कहीं कम नहीं है. कहानी कहते हुए मंच परफार्मिंग स्पेस और बाईयों की बैठक में तरलता से बदलता है. समय और स्पेस के बदलाव को पर्दों के उठने-गिरने और दृश्य सज्जा के मामूली बदलावों के साथ उपस्थित कर दिया गया है. प्रकाश संयोजन साधारण है. प्रस्तुति में संगीत अहम है शुभा मुद्गल का संगीत नाटक को अधिक श्रव्य बनाता है. अभिनेताओं की गायकी के साथ संवादों का चुटीलापन और टाइमिंग कमाल है. तनाव, हास्य और विमर्श का संतुलन बनाने का जिम्मा अभिनेताओं अनुभा फतेहपुरिया, निवेदिता भार्गव, इप्शिता, दानिश हुसैन, हर्ष खुराना, हितेश ने बखूबी संभाला है. पूर्वा नरेश ने अपनी पिछली प्रस्तुतियों से साबित किया है कि टोटल थिएटर उनकी रंगभाषा है और इसमें विभिन्न तत्वों के संतुलित मिश्रण में वे कुशल हैं. उनकी प्रस्तुति में संप्रेषणीयता भी है और कथ्य में गहराई भी. अभिनेता पर भरोसा करते हुए संगीत का इस्तेमाल करना उन्हें बखूबी आता है. प्रस्तुति की लंबाई और अंत में उपदेशात्मक हो जाना प्रस्तुति की कमजोरी है जिसे दूर किए जाने की गुंजाइश है. प्रस्तुति की परिकल्पना कथ्य को मनोरंजक अंदाज में पेश करती है जिसमें गंभीरता कहीं कम नहीं है. कहानी कहते हुए मंच परफार्मिंग स्पेस और बाईयों की बैठक में तरलता से बदलता है. समय और स्पेस के बदलाव को पर्दों के उठने-गिरने और दृश्य सज्जा के मामूली बदलावों के साथ उपस्थित कर दिया गया है. प्रकाश संयोजन साधारण है. प्रस्तुति में संगीत अहम है शुभा मुद्गल का संगीत नाटक को अधिक श्रव्य बनाता है. अभिनेताओं की गायकी के साथ संवादों का चुटीलापन और टाइमिंग कमाल है. तनाव, हास्य और विमर्श का संतुलन बनाने का जिम्मा अभिनेताओं अनुभा फतेहपुरिया, निवेदिता भार्गव, इप्शिता, दानिश हुसैन, हर्ष खुराना, हितेश ने बखूबी संभाला है. पूर्वा नरेश ने अपनी पिछली प्रस्तुतियों से साबित किया है कि टोटल थिएटर उनकी रंगभाषा है और इसमें विभिन्न तत्वों के संतुलित मिश्रण में वे कुशल हैं. उनकी प्रस्तुति में संप्रेषणीयता भी है और कथ्य में गहराई भी. अभिनेता पर भरोसा करते हुए संगीत का इस्तेमाल करना उन्हें बखूबी आता है. प्रस्तुति की लंबाई और अंत में उपदेशात्मक हो जाना प्रस्तुति की कमजोरी है जिसे दूर किए जाने की गुंजाइश है. पूर्वा नरेश ने अपनी पिछली प्रस्तुतियों से साबित किया है कि टोटल थिएटर उनकी रंगभाषा है और इसमें विभिन्न तत्वों के संतुलित मिश्रण में वे कुशल हैं. उनकी प्रस्तुति में संप्रेषणीयता भी है और कथ्य में गहराई भी. अभिनेता पर भरोसा करते हुए संगीत का इस्तेमाल करना उन्हें बखूबी आता है. प्रस्तुति की लंबाई और अंत में उपदेशात्मक हो जाना प्रस्तुति की कमजोरी है जिसे दूर किए जाने की गुंजाइश है.
Puneesh, who has got the least number of votes, Evicted. So now the fight continues between Hina, Vikas and Shilpa as the winner will be announced Live at around 11 pm #BB11#BB11Finale only puneesh Evict hva hai abi tk #BB11Finale#BB11pic.twitter.com/NGkSRK9dIY
यह लेख है: भारतीय मूल की 51 वर्षीय महिला को बिना दस्तावेज के सैकड़ों लोगों को मानव तस्करी के माध्यम से अमेरिका में लाने के जुर्म में तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई. इस महिला पर 70 लाख डॉलर से अधिक का जुर्माना लगाया, जिन लोगों इस तरह अमेरिका लाया जाता था, उनमें से ज्यादातर भारत के होते थे और उनसे इसके बदले में 28,000 डॉलर से 60,000 डॉलर प्रति व्यक्ति लिए जाते थे.  पिछले साल जून में हेमा पटेल ने वित्तीय लाभ के लिए धोखाधड़ी करके लोगों को अमेरिका में प्रवेश कराने का जुर्म स्वीकार कर लिया था.  अमेरिका का चीन पर आरोप, कहा - धब्बा है ये देश, मुसलमानों और अल्पसंख्यकों को रखता है शिविरों में पटेल को सैकड़ों अवैध लोगों की अमेरिका में तस्करी में उसकी भूमिका के लिए तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई. होमलैंड सुरक्षा जांच (एचएसआई) न्यूयॉर्क की विशेष प्रभारी एजेंट एंजेल मेलेन्देज ने कहा, ‘‘यह सटीक उदाहरण है कि कैसे आपराधिक नेटवर्क अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पहुंचाकर लाभ कमाने के लिए हमारे देश की आव्रजन व्यवस्था में कमियों का दुरुपयोग करते हैं. Google Doodle: चांद पर कैसे पहुंचे नील आर्मस्ट्रॉन्ग, 5 मिनट के इस वीडियो में देखें Apollo 11 का पूरा सफर हेमा पटेल और उसके साथी बिना उचित दस्तावेज वाले विदेशियों की रिहाई के लिए फर्जी बॉन्ड दस्तावेज बनाते थे. उससे पूर्व इन विदेशियों को एक अंतरराष्ट्रीय आपराधिक नेटवर्क मानव तस्करी के माध्यम से दक्षिण पश्चिम सीमा के जरिए अमेरिका में दाखिल करवाता था.'' बिल गेट्स को पछाड़ बर्नार्ड अरनॉल्‍ट बने दुनिया के दूसरे सबसे अमीर आदमी, एक साल में बनाए 39 अरब डॉलर इनपुट - भाषा
जापान और थाईलैंड के दौरे से लौटते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भविष्य की राजनीति के संकेत दिए हैं। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राजनीति में कोई भी हमेशा का 'दोस्त' या 'दुश्मन' नहीं होता है। अपने और सोनिया गांधी के बीच अनबन से इनकार करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि ऐसी अटकलों में कोई सच्चाई नहीं है, क्योंकि दोनों लगभग सभी मुद्दों पर साथ मिलकर काम करते हैं। जापान और थाईलैंड की पांच दिन की यात्रा के बाद स्वदेश लौटते समय विमान में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा, सच बात यह है कि मेरे और कांग्रेस अध्यक्ष के बीच विचारों में कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा, तकरीबन हर मुद्दे पर हम साथ काम करते हैं और जहां विचार-विमर्श की जरूरत होती है, मैं कांग्रेस अध्यक्ष से मशविरा करता हूं। उनके और सोनिया के बीच कथित विश्वास की कमी और मतभेदों से जुड़े सवालों के जवाब में सिंह ने उक्त बातें कहीं। सिंह ने कहा, इस धारणा में कोई सच्चाई नहीं है कि कुछ मुद्दों को लेकर विचारों में मतभेद हैं। उनसे यह सवाल भी किए गए थे कि क्या तत्कालीन कानून मंत्री अश्विनी कुमार से इस्तीफा लेने के लिए उन पर सोनिया ने दबाव डाला था। यह भी कि क्या उन्हें उस समय कठिन स्थिति का सामना करना पड़ा जब सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने उच्चतम न्यायालय को दिए जाने वाले कोलगेट से संबंधित हलफनामे में फेर-बदल करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय के एक संयुक्त सचिव का नाम लिया, लेकिन प्रधानमंत्री ने इन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं की। साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि वह केंद्रीय मंत्रिमंडल में रिक्त पदों को भरने के बारे में विचार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री से यह पूछा गया था कि क्या वह रिक्त पदों के मद्देनज़र मंत्रिमंडल में फेरबदल के बारे में विचार कर रहे हैं। पीके बंसल के रेल मंत्री और अश्विनी कुमार के कानून मंत्री के पद से इस्तीफे देने से खाली हुए पदों समेत मंत्रिमंडल में नौ रिक्त पद हैं। प्रधानमंत्री ने आईपीएल विवाद पर कहा है कि राजनीति और खेल को अलग रखा जाना चाहिए। हालांकि अभी इस मामले की जांच चल रही है इसलिए इस मुद्दे पर कुछ भी बोलना ठीक नहीं होगा। संसद की कार्यवाही को बाधित करने के लिए विपक्ष की निन्दा करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि यह पहले की अपेक्षा अब ज्यादा असहिष्णु हो गया है। उन्होंने संसद में महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करने में राजनीतिक दलों से सरकार की मदद करने तथा ‘‘बाधा डालने वाली भूमिका’’ बंद करने की फिर से अपील की। उन्होंने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष अब पहले की अपेक्षा और ज्यादा असहिष्णु हो गया है। उन्होंने कभी उम्मीद नहीं की थी कि हम संप्रग-1 के लिए चुनाव जीतेंगे और वे तब दोगुना निराश हो गए जब हमने संप्रग-2 के लिए भी चुनाव जीत लिया। प्रधानमंत्री ने कहा, इसलिए, विपक्ष की बाधाकारी भूमिका हाल के वर्षों में काफी बढ़ गई है। मुझे गहरा खेद है कि सरकार के खिलाफ विपक्ष की कटुता के कारण सदन के कुछ अत्यंत आवश्यक कामकाज नहीं हो पाए। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के सभी प्रयास करेगी कि आवश्यक कामकाज सही ढंग से हो।टिप्पणियां सिंह ने कहा, मैं इस प्रक्रिया में सरकार की मदद के लिए एक बार फिर से सभी राजनीतिक दलों से मदद की अपील करता हूं। प्रधानमंत्री से पूछा गया कि पिछले नौ सालों में इस पद पर रहते उनके लिए तीन सबसे बड़े खेद क्या रहे। उनसे यह भी पूछा गया कि क्या सरकार लंबित कामकाज को पूरा करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने पर विचार करेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार संप्रग-3 के लिए वाम या ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस तक पहुंच बनाने की योजना बना रही है, प्रधानमंत्री ने कहा, देखिए, राजनीति में कोई स्थाई सहयोगी और कोई स्थाई शत्रु नहीं होता। इन संभावनाओं कि कुछ लोग आते हैं और कुछ लोग जाते हैं, को उसी रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए। संप्रग-1 सरकार से वाम दल अलग हो गए थे और ममता ने संप्रग-2 सरकार से नाता तोड़ा लिया। अपने और सोनिया गांधी के बीच अनबन से इनकार करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि ऐसी अटकलों में कोई सच्चाई नहीं है, क्योंकि दोनों लगभग सभी मुद्दों पर साथ मिलकर काम करते हैं। जापान और थाईलैंड की पांच दिन की यात्रा के बाद स्वदेश लौटते समय विमान में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा, सच बात यह है कि मेरे और कांग्रेस अध्यक्ष के बीच विचारों में कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा, तकरीबन हर मुद्दे पर हम साथ काम करते हैं और जहां विचार-विमर्श की जरूरत होती है, मैं कांग्रेस अध्यक्ष से मशविरा करता हूं। उनके और सोनिया के बीच कथित विश्वास की कमी और मतभेदों से जुड़े सवालों के जवाब में सिंह ने उक्त बातें कहीं। सिंह ने कहा, इस धारणा में कोई सच्चाई नहीं है कि कुछ मुद्दों को लेकर विचारों में मतभेद हैं। उनसे यह सवाल भी किए गए थे कि क्या तत्कालीन कानून मंत्री अश्विनी कुमार से इस्तीफा लेने के लिए उन पर सोनिया ने दबाव डाला था। यह भी कि क्या उन्हें उस समय कठिन स्थिति का सामना करना पड़ा जब सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने उच्चतम न्यायालय को दिए जाने वाले कोलगेट से संबंधित हलफनामे में फेर-बदल करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय के एक संयुक्त सचिव का नाम लिया, लेकिन प्रधानमंत्री ने इन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं की। साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि वह केंद्रीय मंत्रिमंडल में रिक्त पदों को भरने के बारे में विचार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री से यह पूछा गया था कि क्या वह रिक्त पदों के मद्देनज़र मंत्रिमंडल में फेरबदल के बारे में विचार कर रहे हैं। पीके बंसल के रेल मंत्री और अश्विनी कुमार के कानून मंत्री के पद से इस्तीफे देने से खाली हुए पदों समेत मंत्रिमंडल में नौ रिक्त पद हैं। प्रधानमंत्री ने आईपीएल विवाद पर कहा है कि राजनीति और खेल को अलग रखा जाना चाहिए। हालांकि अभी इस मामले की जांच चल रही है इसलिए इस मुद्दे पर कुछ भी बोलना ठीक नहीं होगा। संसद की कार्यवाही को बाधित करने के लिए विपक्ष की निन्दा करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि यह पहले की अपेक्षा अब ज्यादा असहिष्णु हो गया है। उन्होंने संसद में महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करने में राजनीतिक दलों से सरकार की मदद करने तथा ‘‘बाधा डालने वाली भूमिका’’ बंद करने की फिर से अपील की। उन्होंने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष अब पहले की अपेक्षा और ज्यादा असहिष्णु हो गया है। उन्होंने कभी उम्मीद नहीं की थी कि हम संप्रग-1 के लिए चुनाव जीतेंगे और वे तब दोगुना निराश हो गए जब हमने संप्रग-2 के लिए भी चुनाव जीत लिया। प्रधानमंत्री ने कहा, इसलिए, विपक्ष की बाधाकारी भूमिका हाल के वर्षों में काफी बढ़ गई है। मुझे गहरा खेद है कि सरकार के खिलाफ विपक्ष की कटुता के कारण सदन के कुछ अत्यंत आवश्यक कामकाज नहीं हो पाए। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के सभी प्रयास करेगी कि आवश्यक कामकाज सही ढंग से हो।टिप्पणियां सिंह ने कहा, मैं इस प्रक्रिया में सरकार की मदद के लिए एक बार फिर से सभी राजनीतिक दलों से मदद की अपील करता हूं। प्रधानमंत्री से पूछा गया कि पिछले नौ सालों में इस पद पर रहते उनके लिए तीन सबसे बड़े खेद क्या रहे। उनसे यह भी पूछा गया कि क्या सरकार लंबित कामकाज को पूरा करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने पर विचार करेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार संप्रग-3 के लिए वाम या ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस तक पहुंच बनाने की योजना बना रही है, प्रधानमंत्री ने कहा, देखिए, राजनीति में कोई स्थाई सहयोगी और कोई स्थाई शत्रु नहीं होता। इन संभावनाओं कि कुछ लोग आते हैं और कुछ लोग जाते हैं, को उसी रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए। संप्रग-1 सरकार से वाम दल अलग हो गए थे और ममता ने संप्रग-2 सरकार से नाता तोड़ा लिया। जापान और थाईलैंड की पांच दिन की यात्रा के बाद स्वदेश लौटते समय विमान में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा, सच बात यह है कि मेरे और कांग्रेस अध्यक्ष के बीच विचारों में कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा, तकरीबन हर मुद्दे पर हम साथ काम करते हैं और जहां विचार-विमर्श की जरूरत होती है, मैं कांग्रेस अध्यक्ष से मशविरा करता हूं। उनके और सोनिया के बीच कथित विश्वास की कमी और मतभेदों से जुड़े सवालों के जवाब में सिंह ने उक्त बातें कहीं। सिंह ने कहा, इस धारणा में कोई सच्चाई नहीं है कि कुछ मुद्दों को लेकर विचारों में मतभेद हैं। उनसे यह सवाल भी किए गए थे कि क्या तत्कालीन कानून मंत्री अश्विनी कुमार से इस्तीफा लेने के लिए उन पर सोनिया ने दबाव डाला था। यह भी कि क्या उन्हें उस समय कठिन स्थिति का सामना करना पड़ा जब सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने उच्चतम न्यायालय को दिए जाने वाले कोलगेट से संबंधित हलफनामे में फेर-बदल करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय के एक संयुक्त सचिव का नाम लिया, लेकिन प्रधानमंत्री ने इन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं की। साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि वह केंद्रीय मंत्रिमंडल में रिक्त पदों को भरने के बारे में विचार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री से यह पूछा गया था कि क्या वह रिक्त पदों के मद्देनज़र मंत्रिमंडल में फेरबदल के बारे में विचार कर रहे हैं। पीके बंसल के रेल मंत्री और अश्विनी कुमार के कानून मंत्री के पद से इस्तीफे देने से खाली हुए पदों समेत मंत्रिमंडल में नौ रिक्त पद हैं। प्रधानमंत्री ने आईपीएल विवाद पर कहा है कि राजनीति और खेल को अलग रखा जाना चाहिए। हालांकि अभी इस मामले की जांच चल रही है इसलिए इस मुद्दे पर कुछ भी बोलना ठीक नहीं होगा। संसद की कार्यवाही को बाधित करने के लिए विपक्ष की निन्दा करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि यह पहले की अपेक्षा अब ज्यादा असहिष्णु हो गया है। उन्होंने संसद में महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करने में राजनीतिक दलों से सरकार की मदद करने तथा ‘‘बाधा डालने वाली भूमिका’’ बंद करने की फिर से अपील की। उन्होंने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष अब पहले की अपेक्षा और ज्यादा असहिष्णु हो गया है। उन्होंने कभी उम्मीद नहीं की थी कि हम संप्रग-1 के लिए चुनाव जीतेंगे और वे तब दोगुना निराश हो गए जब हमने संप्रग-2 के लिए भी चुनाव जीत लिया। प्रधानमंत्री ने कहा, इसलिए, विपक्ष की बाधाकारी भूमिका हाल के वर्षों में काफी बढ़ गई है। मुझे गहरा खेद है कि सरकार के खिलाफ विपक्ष की कटुता के कारण सदन के कुछ अत्यंत आवश्यक कामकाज नहीं हो पाए। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के सभी प्रयास करेगी कि आवश्यक कामकाज सही ढंग से हो।टिप्पणियां सिंह ने कहा, मैं इस प्रक्रिया में सरकार की मदद के लिए एक बार फिर से सभी राजनीतिक दलों से मदद की अपील करता हूं। प्रधानमंत्री से पूछा गया कि पिछले नौ सालों में इस पद पर रहते उनके लिए तीन सबसे बड़े खेद क्या रहे। उनसे यह भी पूछा गया कि क्या सरकार लंबित कामकाज को पूरा करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने पर विचार करेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार संप्रग-3 के लिए वाम या ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस तक पहुंच बनाने की योजना बना रही है, प्रधानमंत्री ने कहा, देखिए, राजनीति में कोई स्थाई सहयोगी और कोई स्थाई शत्रु नहीं होता। इन संभावनाओं कि कुछ लोग आते हैं और कुछ लोग जाते हैं, को उसी रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए। संप्रग-1 सरकार से वाम दल अलग हो गए थे और ममता ने संप्रग-2 सरकार से नाता तोड़ा लिया। सिंह ने कहा, इस धारणा में कोई सच्चाई नहीं है कि कुछ मुद्दों को लेकर विचारों में मतभेद हैं। उनसे यह सवाल भी किए गए थे कि क्या तत्कालीन कानून मंत्री अश्विनी कुमार से इस्तीफा लेने के लिए उन पर सोनिया ने दबाव डाला था। यह भी कि क्या उन्हें उस समय कठिन स्थिति का सामना करना पड़ा जब सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने उच्चतम न्यायालय को दिए जाने वाले कोलगेट से संबंधित हलफनामे में फेर-बदल करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय के एक संयुक्त सचिव का नाम लिया, लेकिन प्रधानमंत्री ने इन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं की। साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि वह केंद्रीय मंत्रिमंडल में रिक्त पदों को भरने के बारे में विचार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री से यह पूछा गया था कि क्या वह रिक्त पदों के मद्देनज़र मंत्रिमंडल में फेरबदल के बारे में विचार कर रहे हैं। पीके बंसल के रेल मंत्री और अश्विनी कुमार के कानून मंत्री के पद से इस्तीफे देने से खाली हुए पदों समेत मंत्रिमंडल में नौ रिक्त पद हैं। प्रधानमंत्री ने आईपीएल विवाद पर कहा है कि राजनीति और खेल को अलग रखा जाना चाहिए। हालांकि अभी इस मामले की जांच चल रही है इसलिए इस मुद्दे पर कुछ भी बोलना ठीक नहीं होगा। संसद की कार्यवाही को बाधित करने के लिए विपक्ष की निन्दा करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि यह पहले की अपेक्षा अब ज्यादा असहिष्णु हो गया है। उन्होंने संसद में महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करने में राजनीतिक दलों से सरकार की मदद करने तथा ‘‘बाधा डालने वाली भूमिका’’ बंद करने की फिर से अपील की। उन्होंने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष अब पहले की अपेक्षा और ज्यादा असहिष्णु हो गया है। उन्होंने कभी उम्मीद नहीं की थी कि हम संप्रग-1 के लिए चुनाव जीतेंगे और वे तब दोगुना निराश हो गए जब हमने संप्रग-2 के लिए भी चुनाव जीत लिया। प्रधानमंत्री ने कहा, इसलिए, विपक्ष की बाधाकारी भूमिका हाल के वर्षों में काफी बढ़ गई है। मुझे गहरा खेद है कि सरकार के खिलाफ विपक्ष की कटुता के कारण सदन के कुछ अत्यंत आवश्यक कामकाज नहीं हो पाए। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के सभी प्रयास करेगी कि आवश्यक कामकाज सही ढंग से हो।टिप्पणियां सिंह ने कहा, मैं इस प्रक्रिया में सरकार की मदद के लिए एक बार फिर से सभी राजनीतिक दलों से मदद की अपील करता हूं। प्रधानमंत्री से पूछा गया कि पिछले नौ सालों में इस पद पर रहते उनके लिए तीन सबसे बड़े खेद क्या रहे। उनसे यह भी पूछा गया कि क्या सरकार लंबित कामकाज को पूरा करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने पर विचार करेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार संप्रग-3 के लिए वाम या ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस तक पहुंच बनाने की योजना बना रही है, प्रधानमंत्री ने कहा, देखिए, राजनीति में कोई स्थाई सहयोगी और कोई स्थाई शत्रु नहीं होता। इन संभावनाओं कि कुछ लोग आते हैं और कुछ लोग जाते हैं, को उसी रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए। संप्रग-1 सरकार से वाम दल अलग हो गए थे और ममता ने संप्रग-2 सरकार से नाता तोड़ा लिया। साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि वह केंद्रीय मंत्रिमंडल में रिक्त पदों को भरने के बारे में विचार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री से यह पूछा गया था कि क्या वह रिक्त पदों के मद्देनज़र मंत्रिमंडल में फेरबदल के बारे में विचार कर रहे हैं। पीके बंसल के रेल मंत्री और अश्विनी कुमार के कानून मंत्री के पद से इस्तीफे देने से खाली हुए पदों समेत मंत्रिमंडल में नौ रिक्त पद हैं। प्रधानमंत्री ने आईपीएल विवाद पर कहा है कि राजनीति और खेल को अलग रखा जाना चाहिए। हालांकि अभी इस मामले की जांच चल रही है इसलिए इस मुद्दे पर कुछ भी बोलना ठीक नहीं होगा। संसद की कार्यवाही को बाधित करने के लिए विपक्ष की निन्दा करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि यह पहले की अपेक्षा अब ज्यादा असहिष्णु हो गया है। उन्होंने संसद में महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करने में राजनीतिक दलों से सरकार की मदद करने तथा ‘‘बाधा डालने वाली भूमिका’’ बंद करने की फिर से अपील की। उन्होंने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष अब पहले की अपेक्षा और ज्यादा असहिष्णु हो गया है। उन्होंने कभी उम्मीद नहीं की थी कि हम संप्रग-1 के लिए चुनाव जीतेंगे और वे तब दोगुना निराश हो गए जब हमने संप्रग-2 के लिए भी चुनाव जीत लिया। प्रधानमंत्री ने कहा, इसलिए, विपक्ष की बाधाकारी भूमिका हाल के वर्षों में काफी बढ़ गई है। मुझे गहरा खेद है कि सरकार के खिलाफ विपक्ष की कटुता के कारण सदन के कुछ अत्यंत आवश्यक कामकाज नहीं हो पाए। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के सभी प्रयास करेगी कि आवश्यक कामकाज सही ढंग से हो।टिप्पणियां सिंह ने कहा, मैं इस प्रक्रिया में सरकार की मदद के लिए एक बार फिर से सभी राजनीतिक दलों से मदद की अपील करता हूं। प्रधानमंत्री से पूछा गया कि पिछले नौ सालों में इस पद पर रहते उनके लिए तीन सबसे बड़े खेद क्या रहे। उनसे यह भी पूछा गया कि क्या सरकार लंबित कामकाज को पूरा करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने पर विचार करेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार संप्रग-3 के लिए वाम या ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस तक पहुंच बनाने की योजना बना रही है, प्रधानमंत्री ने कहा, देखिए, राजनीति में कोई स्थाई सहयोगी और कोई स्थाई शत्रु नहीं होता। इन संभावनाओं कि कुछ लोग आते हैं और कुछ लोग जाते हैं, को उसी रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए। संप्रग-1 सरकार से वाम दल अलग हो गए थे और ममता ने संप्रग-2 सरकार से नाता तोड़ा लिया। प्रधानमंत्री ने आईपीएल विवाद पर कहा है कि राजनीति और खेल को अलग रखा जाना चाहिए। हालांकि अभी इस मामले की जांच चल रही है इसलिए इस मुद्दे पर कुछ भी बोलना ठीक नहीं होगा। संसद की कार्यवाही को बाधित करने के लिए विपक्ष की निन्दा करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि यह पहले की अपेक्षा अब ज्यादा असहिष्णु हो गया है। उन्होंने संसद में महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करने में राजनीतिक दलों से सरकार की मदद करने तथा ‘‘बाधा डालने वाली भूमिका’’ बंद करने की फिर से अपील की। उन्होंने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष अब पहले की अपेक्षा और ज्यादा असहिष्णु हो गया है। उन्होंने कभी उम्मीद नहीं की थी कि हम संप्रग-1 के लिए चुनाव जीतेंगे और वे तब दोगुना निराश हो गए जब हमने संप्रग-2 के लिए भी चुनाव जीत लिया। प्रधानमंत्री ने कहा, इसलिए, विपक्ष की बाधाकारी भूमिका हाल के वर्षों में काफी बढ़ गई है। मुझे गहरा खेद है कि सरकार के खिलाफ विपक्ष की कटुता के कारण सदन के कुछ अत्यंत आवश्यक कामकाज नहीं हो पाए। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के सभी प्रयास करेगी कि आवश्यक कामकाज सही ढंग से हो।टिप्पणियां सिंह ने कहा, मैं इस प्रक्रिया में सरकार की मदद के लिए एक बार फिर से सभी राजनीतिक दलों से मदद की अपील करता हूं। प्रधानमंत्री से पूछा गया कि पिछले नौ सालों में इस पद पर रहते उनके लिए तीन सबसे बड़े खेद क्या रहे। उनसे यह भी पूछा गया कि क्या सरकार लंबित कामकाज को पूरा करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने पर विचार करेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार संप्रग-3 के लिए वाम या ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस तक पहुंच बनाने की योजना बना रही है, प्रधानमंत्री ने कहा, देखिए, राजनीति में कोई स्थाई सहयोगी और कोई स्थाई शत्रु नहीं होता। इन संभावनाओं कि कुछ लोग आते हैं और कुछ लोग जाते हैं, को उसी रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए। संप्रग-1 सरकार से वाम दल अलग हो गए थे और ममता ने संप्रग-2 सरकार से नाता तोड़ा लिया। संसद की कार्यवाही को बाधित करने के लिए विपक्ष की निन्दा करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि यह पहले की अपेक्षा अब ज्यादा असहिष्णु हो गया है। उन्होंने संसद में महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करने में राजनीतिक दलों से सरकार की मदद करने तथा ‘‘बाधा डालने वाली भूमिका’’ बंद करने की फिर से अपील की। उन्होंने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष अब पहले की अपेक्षा और ज्यादा असहिष्णु हो गया है। उन्होंने कभी उम्मीद नहीं की थी कि हम संप्रग-1 के लिए चुनाव जीतेंगे और वे तब दोगुना निराश हो गए जब हमने संप्रग-2 के लिए भी चुनाव जीत लिया। प्रधानमंत्री ने कहा, इसलिए, विपक्ष की बाधाकारी भूमिका हाल के वर्षों में काफी बढ़ गई है। मुझे गहरा खेद है कि सरकार के खिलाफ विपक्ष की कटुता के कारण सदन के कुछ अत्यंत आवश्यक कामकाज नहीं हो पाए। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के सभी प्रयास करेगी कि आवश्यक कामकाज सही ढंग से हो।टिप्पणियां सिंह ने कहा, मैं इस प्रक्रिया में सरकार की मदद के लिए एक बार फिर से सभी राजनीतिक दलों से मदद की अपील करता हूं। प्रधानमंत्री से पूछा गया कि पिछले नौ सालों में इस पद पर रहते उनके लिए तीन सबसे बड़े खेद क्या रहे। उनसे यह भी पूछा गया कि क्या सरकार लंबित कामकाज को पूरा करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने पर विचार करेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार संप्रग-3 के लिए वाम या ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस तक पहुंच बनाने की योजना बना रही है, प्रधानमंत्री ने कहा, देखिए, राजनीति में कोई स्थाई सहयोगी और कोई स्थाई शत्रु नहीं होता। इन संभावनाओं कि कुछ लोग आते हैं और कुछ लोग जाते हैं, को उसी रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए। संप्रग-1 सरकार से वाम दल अलग हो गए थे और ममता ने संप्रग-2 सरकार से नाता तोड़ा लिया। प्रधानमंत्री ने कहा, इसलिए, विपक्ष की बाधाकारी भूमिका हाल के वर्षों में काफी बढ़ गई है। मुझे गहरा खेद है कि सरकार के खिलाफ विपक्ष की कटुता के कारण सदन के कुछ अत्यंत आवश्यक कामकाज नहीं हो पाए। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के सभी प्रयास करेगी कि आवश्यक कामकाज सही ढंग से हो।टिप्पणियां सिंह ने कहा, मैं इस प्रक्रिया में सरकार की मदद के लिए एक बार फिर से सभी राजनीतिक दलों से मदद की अपील करता हूं। प्रधानमंत्री से पूछा गया कि पिछले नौ सालों में इस पद पर रहते उनके लिए तीन सबसे बड़े खेद क्या रहे। उनसे यह भी पूछा गया कि क्या सरकार लंबित कामकाज को पूरा करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने पर विचार करेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार संप्रग-3 के लिए वाम या ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस तक पहुंच बनाने की योजना बना रही है, प्रधानमंत्री ने कहा, देखिए, राजनीति में कोई स्थाई सहयोगी और कोई स्थाई शत्रु नहीं होता। इन संभावनाओं कि कुछ लोग आते हैं और कुछ लोग जाते हैं, को उसी रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए। संप्रग-1 सरकार से वाम दल अलग हो गए थे और ममता ने संप्रग-2 सरकार से नाता तोड़ा लिया। सिंह ने कहा, मैं इस प्रक्रिया में सरकार की मदद के लिए एक बार फिर से सभी राजनीतिक दलों से मदद की अपील करता हूं। प्रधानमंत्री से पूछा गया कि पिछले नौ सालों में इस पद पर रहते उनके लिए तीन सबसे बड़े खेद क्या रहे। उनसे यह भी पूछा गया कि क्या सरकार लंबित कामकाज को पूरा करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने पर विचार करेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार संप्रग-3 के लिए वाम या ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस तक पहुंच बनाने की योजना बना रही है, प्रधानमंत्री ने कहा, देखिए, राजनीति में कोई स्थाई सहयोगी और कोई स्थाई शत्रु नहीं होता। इन संभावनाओं कि कुछ लोग आते हैं और कुछ लोग जाते हैं, को उसी रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए। संप्रग-1 सरकार से वाम दल अलग हो गए थे और ममता ने संप्रग-2 सरकार से नाता तोड़ा लिया। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार संप्रग-3 के लिए वाम या ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस तक पहुंच बनाने की योजना बना रही है, प्रधानमंत्री ने कहा, देखिए, राजनीति में कोई स्थाई सहयोगी और कोई स्थाई शत्रु नहीं होता। इन संभावनाओं कि कुछ लोग आते हैं और कुछ लोग जाते हैं, को उसी रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए। संप्रग-1 सरकार से वाम दल अलग हो गए थे और ममता ने संप्रग-2 सरकार से नाता तोड़ा लिया।
बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा और निक जोनस की शादी पर कई सवाल उठे, लेकिन ये दोनों स्टार्स अपनी वेडिंग लाइफ मस्ती के साथ जी रहे हैं. दोनों खूब घूमते फिरते हैं और तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करते रहते हैं. कहना होगा कि प्रियंका-निक की जोड़ी लोगों को कपल गोल्स दे रही है. हाल ही में दोनों ने विलियम शेक्सपियर के रोमियो जूलिएट वाले सीन को रीक्रिएट किया और तस्वीर इंस्टाग्राम पर शेयर की. प्रियंका चोपड़ा और निक जोनस की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल है. प्रियंका-निक ने यह तस्वीर एक नाउट आउट के दौरान क्लिक कराई है. यह तस्वीर डिग्निटी हेल्थ स्पोर्ट्स पार्क की है.प्रियंका चोपड़ा ने तस्वीर के कैप्शन में लिखा, "Romeo.. and Ava drew Nightout" प्रियंका चोपड़ा इन दिनों सुर्खियों में खुद के चलते कम और सुपरस्टार सलमान खान की वजह से ज्यादा हैं. सलमान खान अपनी फिल्म भारत के प्रमोशन के लिए इन दिनों जहां भी जा रहे हैं वहां प्रियंका चोपड़ा का जिक्र जरूर कर देते हैं. दरअसल, प्रियंका ने आख़िरी वक्त में भारत को छोड़ दिया था. मालूम हो कि प्रियंका के बाहर जाने के बाद उनकी जगह भारत में कटरीना कैफ फीमेल लीड के तौर पर शामिल हुईं. सलमान अपने तमाम इंटरव्यू में प्रियंका के भारत छोड़ने के फैसले पर बात कर चुके हैं. View this post on Instagram Romeo oh Romeo.. 😍❤️💋 and Ava drew #nightout A post shared by Priyanka Chopra Jonas (@priyankachopra) on Jun 2, 2019 at 1:06pm PDT View this post on Instagram A post shared by Priyanka Chopra Jonas (@priyankachopra) on May 19, 2019 at 6:13am PDT View this post on Instagram Where to next baby? #travelbug or #lovebug 💋😍🐞 A post shared by Priyanka Chopra Jonas (@priyankachopra) on Jun 1, 2019 at 8:27am PDT प्रियंका के खुद के वर्क फ्रंट की बात करें तो वह जल्द ही फिल्म 'द स्काई इज पिंक' और 'चेजिंग हैप्पीनेस' में काम करते नजर आएंगी. प्रियंका चोपड़ा पिछले काफी वक्त से बड़े पर्दे से दूर हैं. जहां तक बॉलीवुड फिल्मों की बात है तो प्रियंका आखिरी बार फिल्म जय गंगाजल में काम करती नजर आई थीं. फिल्म में प्रियंका ने एक पुलिस ऑफिसर का रोल किया था और इसका निर्देशन प्रकाश झा ने किया था.
ईसाई धर्म में महिलाओं की भूमिका आज काफी भिन्न हो सकती है क्योंकि तीसरी शताब्दी के नए नियम चर्च के बाद से वे ऐतिहासिक रूप से भिन्न हैं। यह विशेष रूप से विवाह और कुछ ईसाई संप्रदायों, चर्चों और पैराचर्च संगठनों के भीतर औपचारिक मंत्रालय की स्थिति में सच है। संगठित चर्च में कई नेतृत्व भूमिकाएं महिलाओं को प्रतिबंधित कर दी गई हैं। रोमन कैथोलिक और रूढ़िवादी चर्चों में, केवल पुरुष पुजारी या देवताओं के रूप में सेवा कर सकते हैं; केवल पुरुष ही वरिष्ठ नेतृत्व पदों जैसे पोप, कुलपति और बिशप में सेवा करते हैं। ईसाई परंपराएं जो आधिकारिक तौर पर संतों को जीवन की असाधारण पवित्रता के व्यक्ति के रूप में पहचानती हैं, उस समूह में महिलाओं को सूचीबद्ध करती हैं। सबसे प्रमुख मैरी, यीशु की मां है जो पूरे ईसाई धर्म में अत्यधिक सम्मानित है, खासकर रोमन कैथोलिक धर्म में जहां उसे "भगवान की मां" माना जाता है। सन्दर्भ महिला स्वास्थ्यविषयक लेख प्रतियोगिता २०१८ के अन्तर्गत बनाये गये लेख ईसाई धर्म
गली बॉय में रणवीर सिंह का रैप टीचर बनकर एमसी शेर के नाम से पहचान बनाने वाले एक्टर सिद्धांत चतुर्वेदी को लेकर चर्चा है कि वो जल्द ही धर्मा प्रोडक्शंस के बैनर तले काम करने जा रहे हैं. डेब्यू फिल्म गली बॉय में अपने अभिनय से सभी को प्रभावित करने के बाद सिद्धांत ने बॉलीवुड में अपनी छाप छोड़ दी है. इसी का नतीजा है कि उन्हें बहुत जल्द इंडस्ट्री के नामचीन प्रोडक्शन हाउस के साथ काम करने का मौका मिल रहा है. दरअसल, करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शंस के नजदीकी सूत्रों के आधार पर डेक्कन क्रॉनिकल ने बताया कि 'दोस्ताना' के सीक्वल में सिद्धांत चतुर्वेदी को लिया जा सकता है. वहीं एक दूसरे सूत्र ने यह भी बताया कि मुझे नहीं लगता कि सिद्धांत को दोस्ताना 2 के लिए पूछा गया है. ये तो उसकी पीआर टीम की शुभकामना भरी सोच है. वो अच्छी भविष्य वाला प्रतिभाशाली लड़का है. लेकिन उसे अभी अपने ओवर-एंथुजिएज्म (अति उत्साह) पर नियंत्रण रखना चाहिए. इस कारण इंडस्ट्री के बहुत से लोग बाहर होते जा रहे हैं. बता दें कि दोस्ताना 2 अक्टूबर में शुरूू होने वाली है. इसमें कार्तिक आर्यन और जाह्नवी कपूर को पहले ही कास्ट कर लिया गया है. लेकिन इसके तीसरे लीड रोल के लिए तलाश जारी है. View this post on Instagram “It’s about.. The girl I met at a Hotel, in a city I can’t even spell. It’s about... Strangers, not knowing well, So I got a story to tell....” . #MyNotes 🖊 | S | #MakingASong #OnMyGuitar #OnARainyDay A post shared by Siddhant Chaturvedi (@siddhantchaturvedi) on Jun 28, 2019 at 12:24am PDT एक इंटरव्यू के दौरान सिद्धांत ने बताया था कि उन्होंने बॉलीवुड से पहले हॉलीवुड में ट्राई किया था. सिद्धांत ने कहा था कि अलादीन फिल्म में लीड रोड के लिए उन्होंने ऑडिशन भी दिया था, मगर इंटरनेशनल एक्सेंट नहीं होने की वजह से वे सेलेक्ट नहीं हो पाए. फिर मिलियन डॉलर आर्म के लिए भी ऑडिशन दिया था. View this post on Instagram Sometimes a glance is enough of a meeting place. . #MyNotes 🖊 | S | . Picture by @abheetgidwani Hair by @shifstershetty @bbluntindia Make up by @mehakoberoi Styled by @mrsheetalsharma A post shared by Siddhant Chaturvedi (@siddhantchaturvedi) on Jun 15, 2019 at 2:54am PDT वर्कफ्रंट की बात करें तो पिछले दिनों सिद्धांत ने मेन इन ब्लैक: इंटरनेशनल के हिंदी वर्जन के लिए डबिंग की थी. उन्होंने हेम्सवर्थ के किरदार को अपनी आवाज दी है जो कि हिंदी में है. खैर, सिद्धांत को दोबारा पर्दे पर कमाल करते देखने के लिए उनके फैंस इंतजार कर रहे हैं.
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित वन विहार राष्ट्रीय उद्यान की सफेद बाघिन ललिता की आंख में कैंसर हो गया है. जबलपुर के वाइल्ड लाइफ फॉरेंसिक एंड हेल्थ सेंटर से प्राप्त बायोप्सी रिपोर्ट में यह पुष्टि हुई है. इससे पहले सफेद बाघिन रिनी की कैंसर के चलते मौत हो चुकी है. रिपोर्ट के मुताबिक बाघिन ललिता की आंख में कैंसर कोशिकाओं (एडिनोकार्सिनोमा) की उपस्थिति की पुष्टि हुई है. इस बाघिन के रक्त के नमूने की रिपोर्ट सामान्य है. शल्यक्रिया द्वारा किए गए उपचार के बाद ललिता की दाईं आंख की निचली पलक में अब किसी भी प्रकार की अतिरिक्त वृद्धि दिखाई नहीं दे रही है. विशेषज्ञों के अनुसार जब तक पुनः बाहरी वृद्धि दिखाई नहीं देती है तब तक कीमोथैरेपी द्वारा उपचार प्रारम्भ नहीं किया जाना चाहिए. लगभग 12 वर्षीय बाघिन ललिता को 22 अप्रैल, 2009 को ओडिशा के नंदन कानन वन्य प्राणी उद्यान लाया गया था. बाघों की औसत उम्र 12 वर्ष एवं अधिकतम उम्र लगभग 15 वर्ष होती है. सफेद बाघ में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण संक्रमण की संभावना भी सदैव अधिक रहती है.इसके पूर्व वन विहार की ही सफेद बाघिन रिनी की आंख में हुई रसौली भी बाद में कैंसर में परिवर्तित हो गई थी. बाघिन ललिता पर निगरानी रखी जा रही है.
बाबरी मस्जिद विध्वंस कांड में सीबीआई की विशेष अदालत में चल रही सुनवाई में सीबीआई की तरफ से प्रस्तुत 10वें गवाह हाजी महबूब अहमद ने कहा है कि छह दिसम्बर 1992 को भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी आदि ने भड़काउ भाषण दिया, जिसके परिणाम स्वरुप न सिर्फ ‘मस्जिद शहीद कर दी गयी, बल्कि आस-पास की अल्पसंख्यक बस्तियों में आगजनी भी की गयी’. सीबीआई की विशेष अदालत में मुख्य दंडाधिकारी विष्णु प्रसाद अग्रवाल के समक्ष अपनी गवाही देते हुए अहमद ने यह भी कहा कि जब मस्जिद शहीद की जा रही थी, उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय को फोन करके मस्जिद और अल्पसंख्यकों को बचाये जाने के लिए गुहार भी की थी तथा प्रधानमंत्री कार्यालय एवं सर्वोच्च न्यायालय को तार भेजकर भी वहां की स्थिति की जानकारी दी थी. विवादित परिसर से कुछ ही फर्लाग दूर मुख्य सड़क पर रहने वाले अहमद ने अदालत को बताया कि छह दिसम्बर 1992 को लगभग 10 बजे जब वे अपने कुछ साथियों के साथ अपने घर के बरामदे में बैठे थे, तो सड़क से एक काफिले को गुजरते देख उनके साथियों ने कहा, ‘आडवाणी जी जा रहे हैं. मैंने स्वयं भी आडवाणी जी को पहचाना, क्योंकि मैं उन्हें पहले से पहचानता था.’ अहमद ने यह भी बताया कि जैसे ही आडवाणी जी का काफिला बाबरी मस्जिद परिसर में पहुंचा तो वहां भारी शोर-शराबा शुरु हो गया. उन्होंने बताया, ‘वहां से आवाजें आ रही थी कि मस्जिद गिरा दो, एक धक्का और दो बाबरी मस्जिद तोड़ दो, बाबर का निशान मिटा दो और मुसलमानों को यहां से निकाल दो.’ अहमद ने बताया कि जिस समय यह सब हो रहा था उनके घर पर 150-200 लोग पनाह लिये हुए थे. उन्होंने बताया, ‘शोर शराबा और नारेबाजी सुनने के बाद मैंने घर अन्दर से बंद कर लिया और छत पर चला गया, जहां से मैंने देखा कि कुछ लोग बाबरी मस्जिद पर चढ़ गये है, और गैंती फावड़ों से गुम्बदों पर वार कर रहे है. मैंने अपने घर में पनाह लिये लोगों को बताया कि मस्जिद शहीद की जा रही है. अगर आप लोग चाहो तो जा सकते हो, जिसके बाद कुछ लोग चले गये और कुछ मेरे घर पर ही रह गये.’ अहमद ने कहा कि मस्जिद शहीद किये जाते देख उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय को फोन किया और बाद में प्रधानमंत्री तथा सर्वोच्च न्यायालय को टेलीग्राम भी किया, जिसकी कापी वे अदालत में जमा कर सकते है. उन्होंने अदालत को बताया कि तकरीबन चार पांच बजे के बीच पूरी मस्जिद शहीद की जा चुकी थी और उसी दौरान मस्जिद के आस-पास के मोहल्लों में मुसलमानों के घरों में आगजनी भी हुई, जिसमें 16 बेगुनाह लोगों की जाने चली गयी. अहमद ने इस पूरे कांड के लिए आडवाणी, उमा भारती, विनय कटियार, परमहंस रामचन्द्र दास:अब दिवंगत: और साध्वी ऋतंभरा के उत्तेजक भाषणों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी नजर में अयोध्या में बाबरी मस्जिद को शहीद किये जाने के लिए सबसे ज्यादा दोषी तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी.नरसिंह राव और भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी थे. अहमद का बयान आज पूरा नहीं हो सका और उनका शेष बयान दर्ज करने के लिए विशेष अदालत के न्यायाधीश मुख्य दंडाधिकारी अग्रवाल ने 21 फरवरी की तारीख तय कर दी.
टाटा समूह के चेयरमैन पद से हटाए साइरस मिस्त्री, रतन टाटा के साथ आठ सप्ताह के ‘बोर्ड रूम वार’ के बाद टाटा मोटर्स और इंडियन होटल्स सहित समूह की छह लिस्टेड कंपनियों के निदेशक मंडलों से हट गए हैं. टाटा समूह की कंपनियों टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टाटा कैमिकल्स व इंडियन होटल्स ने शेयर बाजारों को भेजी नियामकीय जानकारी में कहा है कि साइरस मिस्त्री ने उनके निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि मिस्त्री ने इसके साथ ही हार न मानने का संकेत देते हुए टाटा संस के साथ अपनी इस लड़ाई को ‘बड़े मंच’पर ले जाने का संकल्प जताया है. मिस्त्री को 24 अक्तूबर को अचानक ही टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था जो कि टाटा समूह की सभी कंपनियों की धारक कंपनी है. मिस्त्री ने दो पन्ने के बयान व रिकार्ड वीडियो संदेश में कहा है, ' प्रभावी सुधार व टाटा समूह के कर्मचारियों, शेयरधारकों तथा अन्य भागीदारों के बेहतर हितों के उद्देश्य को ‘असाधारण आम बैठकों (ईजीएम) के मंच से हटकर’दूसरे मंच से बेहतर ढंग से हासिल किया जा सकता है. हालांकि मिस्त्री ने अपने बयान में यह स्पष्ट रूप से नहीं कहा है कि वे टाटा संस या अन्य कंपनियों के निदेशक मंडलों से हट रहे हैं, लेकिन उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि वे हट गए हैं. साथ ही, टाटा समूह की कंपनियों टाटा स्टील, इंडियन होटल्स कंपनी, टाटा मोटर्स और टाटा कैमिकल्स ने भी नियामकीय जानकारी में कहा है कि साइरस मिस्त्री ने तुरंत प्रभाव से कंपनी के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया है. मिस्त्री का इस्तीफा सोची-समझी रणनीति: टाटा संस टाटा संस ने साइरस मिस्त्री द्वारा टाटा समूह की विभिन्न कंपनियों के निदेशक मंडल से इस्तीफे दिए जाने को नकी ‘सोची-समझी रणनीति’ करार दिया. टाटा समूह की धारक कंपनी टाटा संस ने एक बयान में कहा है, ' मिस्त्री के इस्तीफे सोची-समझी रणनीति है, क्योंकि वह जानते हैं कि अधिसंख्य शेयरधारक उनके कामकाज के समर्थन में नहीं हैं. मिस्त्री लगातार आधारहीन व दुर्भावनापूर्ण आरोप लगा रहे हैं, उनके आरोपों का उपयुक्त जवाब दिया जाएगा।’ गौरतलब है कि टाटा संस ने गत 24 अक्टूबर को मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाकर उनकी जगह रतन टाटा को अंतरिम चेयरमैन बनाया था. इसके बाद टाटा समूह की कई अन्य कंपनियों ने ईजीएम बुलाई है ताकि यह तय किया जा सके कि उनके बोर्ड में मिस्त्री को रखना है या नहीं. टाटा संस भी पहले मिस्त्री से यह कह चुकी है कि कॉरपोरेट गवर्नेंस पर उन्हें अपने दावे के मुताबिक चलते हुए टाटा समूह की कंपनियों के बोर्ड से इस्तीफा देना चाहिए.
यह लेख है: विश्व के पूर्व शीर्ष वरीयता प्राप्त टेनिस खिलाड़ी राफेल नडाल ने रियो ओलिंपिक-2016 में शामिल होने को लेकर आशंका जताई है. नडाल का कहना है कि वह अभी पूर्ण रूप से अपनी कलाई की चोट से नहीं उबर पाए हैं. अपने अब तक के करियर में 14 बार ग्रैंड स्लैम खिताब जीत चुके नडाल मई में फ्रेंच ओपन से नाम वापस लेने के बाद से खेल से अलग हैं. नडाल ने ब्राजील पहुंचने के बाद संवाददाताओं को बताया, "मैं किसी भी वर्ग में बेहतरीन स्तर में खेल पाने के लिए सक्षम नहीं हो पाऊंगा. मैंने पिछले दो माह से टेनिस नहीं खेला है और न ही पर्याप्त प्रशिक्षण लिया है."टिप्पणियां विश्व के पूर्व शीर्ष वरीयता प्राप्त टेनिस खिलाड़ी ने कहा, "मैं यहां कुछ दिनों तक प्रशिक्षण करूंगा, ताकि यह फैसला ले सकूं कि मैं अपना बेहतरीन प्रदर्शन देने के लिए तैयार हूं या नहीं." नडाल ने 2008 बीजिंग ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीता था, लेकिन कलाई की चोट के कारण 2012 लंदन ओलिंपिक में हिस्सा नहीं ले पाए थे. रियो ओलिंपिक-2016 के उद्धघाटन समारोह में नडाल को स्पेन के राष्ट्रध्वज धारक के रूप में देखा जा सकता है और वह यहां टेनिस स्पर्धा में एकल वर्ग और फ्रेंच ओफन विजेता गार्बिने मुगुरुजा के साथ मिश्रित युगल में खेलते नजर आएंगे. अपने अब तक के करियर में 14 बार ग्रैंड स्लैम खिताब जीत चुके नडाल मई में फ्रेंच ओपन से नाम वापस लेने के बाद से खेल से अलग हैं. नडाल ने ब्राजील पहुंचने के बाद संवाददाताओं को बताया, "मैं किसी भी वर्ग में बेहतरीन स्तर में खेल पाने के लिए सक्षम नहीं हो पाऊंगा. मैंने पिछले दो माह से टेनिस नहीं खेला है और न ही पर्याप्त प्रशिक्षण लिया है."टिप्पणियां विश्व के पूर्व शीर्ष वरीयता प्राप्त टेनिस खिलाड़ी ने कहा, "मैं यहां कुछ दिनों तक प्रशिक्षण करूंगा, ताकि यह फैसला ले सकूं कि मैं अपना बेहतरीन प्रदर्शन देने के लिए तैयार हूं या नहीं." नडाल ने 2008 बीजिंग ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीता था, लेकिन कलाई की चोट के कारण 2012 लंदन ओलिंपिक में हिस्सा नहीं ले पाए थे. रियो ओलिंपिक-2016 के उद्धघाटन समारोह में नडाल को स्पेन के राष्ट्रध्वज धारक के रूप में देखा जा सकता है और वह यहां टेनिस स्पर्धा में एकल वर्ग और फ्रेंच ओफन विजेता गार्बिने मुगुरुजा के साथ मिश्रित युगल में खेलते नजर आएंगे. विश्व के पूर्व शीर्ष वरीयता प्राप्त टेनिस खिलाड़ी ने कहा, "मैं यहां कुछ दिनों तक प्रशिक्षण करूंगा, ताकि यह फैसला ले सकूं कि मैं अपना बेहतरीन प्रदर्शन देने के लिए तैयार हूं या नहीं." नडाल ने 2008 बीजिंग ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीता था, लेकिन कलाई की चोट के कारण 2012 लंदन ओलिंपिक में हिस्सा नहीं ले पाए थे. रियो ओलिंपिक-2016 के उद्धघाटन समारोह में नडाल को स्पेन के राष्ट्रध्वज धारक के रूप में देखा जा सकता है और वह यहां टेनिस स्पर्धा में एकल वर्ग और फ्रेंच ओफन विजेता गार्बिने मुगुरुजा के साथ मिश्रित युगल में खेलते नजर आएंगे. नडाल ने 2008 बीजिंग ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीता था, लेकिन कलाई की चोट के कारण 2012 लंदन ओलिंपिक में हिस्सा नहीं ले पाए थे. रियो ओलिंपिक-2016 के उद्धघाटन समारोह में नडाल को स्पेन के राष्ट्रध्वज धारक के रूप में देखा जा सकता है और वह यहां टेनिस स्पर्धा में एकल वर्ग और फ्रेंच ओफन विजेता गार्बिने मुगुरुजा के साथ मिश्रित युगल में खेलते नजर आएंगे.
2005 में बिहार राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी (BSACS) द्वारा किए गए सर्वेक्षण से पता चला है कि बिहार के आठ जिलों को पहले से ही से अधिक सामान्य जनसंख्या में एक अधिक प्रतिशत एचआइवी प्रसार के साथ उच्च - प्रसार जिलों के रूप में अघोषित रूप से वर्गीकृत हो चुके हैं। 2005 में बिहार राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी (BSACS) द्वारा किए गए सर्वेक्षण से पता चला है कि बिहार के आठ जिलों को पहले से ही से अधिक सामान्य जनसंख्या में एक अधिक प्रतिशत एचआइवी प्रसार के साथ उच्च - प्रसार जिलों के रूप में अघोषित रूप से वर्गीकृत हो चुके हैं। सर्वेक्षण से पता चला है कि इस परिस्थिति के मुख्य कारण महामारी से अज्ञानता, अपर्याप्त संसाधन और महामारी की तीव्रता और प्रसार का सामान्य जनता द्वारा इंकार है। बिहार सरकार ने दो एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) केंद्र और राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) ने 100 स्वतः अनुमति के परीक्षण केंद्र की स्थापना संपन्न हुई। ग़ैर-सरकारी संगठनों से सहयोग जागरण सोल्यूशन को बिहार राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी द्वारा एक अनुबंध के द्वारा जन-जागरण के कार्यों में सम्मानित किया गया। इन्ही में से एक झांकी की विचार प्रक्रिया थी जिसे अच्छी तरह से बिहार राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के अधिकारियों द्वारा सराहना की गई। जागरण सोल्यूशन की झांकी एड्स और एड्स के खिलाफ़ लड़ाई के प्रतीक के साथ रंग-बिरंगे गुब्बारे पर संदेश के साथ तख्तियों ले करके छात्रों के एक समूह द्वारा प्रदर्शित की गयी थी। यह झांकी जनवरी 26, 2012 के समारोह का एक हिस्सा थी। किशनगंज जिला एड्स नियंत्रण सोसाइटी नेपाल सीमा पर बसे किशनगंज को एड्स के मामले में सबसे सम्वेदनशील मानते हुए सरकार व यूनीसेफ के सहयोग से किशनगंज में एड्स नियंत्रण कार्य 2003 में शुरू तो हुआ परन्तु जिले में एड्स रोगियों की बढती तादाद इस काम में जुटे सघतनो के कागजी काम पर मोहर लगते है। वर्ष 2009 तक 35 गुणा एचआईवी पोजिटिव मरीज की तादात जिले में हो जाना इस बीमारी के जिले में गभिर रूप ले लेने की तरफ ईशारा तो करता ही है। सरकारी योजनाएओ की राशी का किस तरह बन्दर बाट होता है यह इसका जीता जागता उदहारण है, जिले में वर्ष 2009 में सरकारी आंकड़ा के मुताबिक 246 मरीज है जबकि वर्ष 2003 में यह संख्या सात था। कहते है न ज्यो-ज्यो ईलाज किया गया त्यों-त्यों मर्ज बढ़ता गया। वर्ष 2002 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने यूनीसेफ को भारत के सात जिलों को एड्स की रोकथाम व लोगों में जागरूकता लाने के लिए बिहार के एक मात्र जिला को चुना और चरका प्रोग्राम चलाया गया। पांच वर्षो तक चरका प्रोग्राम जिले में संचालित था और करोड़ों रूपये पानी की तरह बहाया गया। जिसकी पुष्टि उपलब्ध कराये गए सरकारी आंकड़ों से होती है। वर्ष 2003 में एचआईवी पोजिटिव 07 जो 2004 में 15, 2005 में 47, 2006 में 132, 2007 में 151, 2008 में 153, 2009 में 246 से अधिक हो चुकी है। तमाम सरकारी व्यय एवं एनजीओ द्वारा किए गए प्रयास को मूंह चिढ़ाते ये आंकड़े समस्त प्रयासों की विफलता की कहानी कहते हैं। आंकड़ों का बढ़ता क्रम भविष्य की भयावह तस्वीर प्रस्तुत करता है। यह एड्स के संदर्भ में उभर कर सामने आ रहा है। फिलहाल जिले में एड्स कंट्रोल के लिए जिला एड्स कंट्रोल सोसाइटी के अलावे आधा दर्जन स्वयं सेवी संस्था काम कर रहा है। समस्याओं को जड़ में जाकर कारगर प्रयास करना होगा और बाहर से आने वाले लोगों पर सामाजिक जागरूकता लाकर आवश्यक स्वास्थ्य का परीक्षण करना नितांत आवश्यक है। बिहार राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी की आलोचना बिहार राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी की आलोचना की गयी है कि पत्रकारों को इंटरव्यू देने के सिवा जो आईसीटीसी, एचआईवी पॉजिटिव लोगों की दयनीय स्थिति और राज्य-अस्पतालों के संबंधों में तीखे सवाल नहीं पूछते, बिहार राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी कई अवसरों पर एचआइवी पॉजिटिव लोगों को नज़रअंदाज़ करती आई है जिसका उडाहरण 2012 में यूनीसेफ़ के सौजन्य से मनाया गया विश्व एड्स अनाथ दिवस है, जिसे राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी ने मनाना या उससे जुड़ना उचित नहीं समझा। बिहार की राजधानि पटना में पटना में आलोचकों के अनुसार एड्स का कसता जा रहा शिकंजा, सात साल में दोगुने हुए संक्रमित। 2020-21 और 2021-22 कुल दो वर्षों में करीब 504 गर्भवती महिलाएं एच आई वी पॉजिटिव मिली थीं। जन्म के बाद करीब 421 यानी करीब 85 फीसदी बच्चों में एचआइवी के लक्षण नहीं दिखे। इस प्रकार से सोसाइटी के कुछ सकारात्मक और कुछ नकारात्मक परिणाम देखे गए हैं। सन्दर्भ भारतीय सरकारी एड्स नियंत्रण संस्थाएँ ऍचआइवी-सम्बंधित जानकारी
कैश फॉर वोट मामले में गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को अमर सिंह से पूछताछ की इजाज़त दे दी है। आरोप है कि अमर सिंह ने सांसदों को घूस देने की कोशिश की थी। सोहेल हिन्दुस्तानी से आज पूछताछ की गई। उसने भी अमर सिंह पर पैसे देने का आरोप लगाया है। गौरतलब है कि  2008 में संसद में बीजेपी के तीन सांसद नोटों से भरे बैग के साथ पहुंचे थे। उनका आरोप था कि मनमोहन सरकार को बचाने के लिए उन्हें पैसे दिए गए हैं। इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस कर रही है।
दिल्ली के विकासपुरी इलाके के एक प्राइवेट स्कूल में एक चार साल की छात्रा के यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद स्कूल के बाहर जबरदस्त हंगामा हुआ. तीन दिन बाद आरोपी की पहचान होने के बाद पुलिस उसे गिरफ्तार कर पाई. मामले में आरोपी स्कूल का स्वीपर बलदेव है. पुलिस के मुताबिक चार साल की एक बच्ची के मां-बाप ने शुक्रवार को शिकायत दी कि उनकी बच्ची के साथ स्कूल में गलत हुआ है. बच्ची बार-बार किसी मूछों वाले अंकल का जिक्र कर रही थी. पुलिस ने पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की. सबसे पहले स्कूल के स्टाफ से पूछताछ हुई और फिर स्कूल में सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई, लेकिन पुलिस को कामयाबी नहीं मिल सकी.टिप्पणियां उधर स्कूल प्रशासन का सहयोग नहीं मिलने से बच्चों के अभिभावक नाराज हो गए. सोमवार को सभी बच्चों के परिजन ने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा. अभिभावक स्कूल के बाहर जमा हुए और जमकर विरोध प्रदर्शन किया. कई बार लोगों की पुलिस से झड़प भी हुई. गुस्साए लोगों ने शाम को स्कूल प्रशासन और पुलिस के खिलाफ कैंडल मार्च भी निकाला. सवालों के घेरे में आई पुलिस ने कार्रवाई सोमवार देर शाम को की. आरोपी की पहचान कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस के मुताबिक आरोपी 40 साल का बलदेव है और वह एक निजी कंपनी के जरिए इसी स्कूल में पिछले 15 सालों से काम कर रहा है. पुलिस के मुताबिक चार साल की एक बच्ची के मां-बाप ने शुक्रवार को शिकायत दी कि उनकी बच्ची के साथ स्कूल में गलत हुआ है. बच्ची बार-बार किसी मूछों वाले अंकल का जिक्र कर रही थी. पुलिस ने पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की. सबसे पहले स्कूल के स्टाफ से पूछताछ हुई और फिर स्कूल में सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई, लेकिन पुलिस को कामयाबी नहीं मिल सकी.टिप्पणियां उधर स्कूल प्रशासन का सहयोग नहीं मिलने से बच्चों के अभिभावक नाराज हो गए. सोमवार को सभी बच्चों के परिजन ने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा. अभिभावक स्कूल के बाहर जमा हुए और जमकर विरोध प्रदर्शन किया. कई बार लोगों की पुलिस से झड़प भी हुई. गुस्साए लोगों ने शाम को स्कूल प्रशासन और पुलिस के खिलाफ कैंडल मार्च भी निकाला. सवालों के घेरे में आई पुलिस ने कार्रवाई सोमवार देर शाम को की. आरोपी की पहचान कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस के मुताबिक आरोपी 40 साल का बलदेव है और वह एक निजी कंपनी के जरिए इसी स्कूल में पिछले 15 सालों से काम कर रहा है. उधर स्कूल प्रशासन का सहयोग नहीं मिलने से बच्चों के अभिभावक नाराज हो गए. सोमवार को सभी बच्चों के परिजन ने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा. अभिभावक स्कूल के बाहर जमा हुए और जमकर विरोध प्रदर्शन किया. कई बार लोगों की पुलिस से झड़प भी हुई. गुस्साए लोगों ने शाम को स्कूल प्रशासन और पुलिस के खिलाफ कैंडल मार्च भी निकाला. सवालों के घेरे में आई पुलिस ने कार्रवाई सोमवार देर शाम को की. आरोपी की पहचान कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस के मुताबिक आरोपी 40 साल का बलदेव है और वह एक निजी कंपनी के जरिए इसी स्कूल में पिछले 15 सालों से काम कर रहा है. सवालों के घेरे में आई पुलिस ने कार्रवाई सोमवार देर शाम को की. आरोपी की पहचान कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस के मुताबिक आरोपी 40 साल का बलदेव है और वह एक निजी कंपनी के जरिए इसी स्कूल में पिछले 15 सालों से काम कर रहा है.
अगस्ता घोटाले को लेकर CBI की शक की सूई अब आरके नंदा नाम के व्यक्ति पर जाकर अटकी है. सीबीआई ने आरके नंदा नाम के व्यक्ति से पूछताछ भी शुरू कर दी है. नंदा पर पर अगस्ता घोटाले में बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल के साथ मिलकर एक डमी कंपनी बनाने का शक है. ऐसा माना जा रहा है कि इन दोनों ने मिल कर 'मीडिया एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड' नाम की कंपनी बनाई थी. इस कंपनी का काम गहने और म्यूजिक सीडी को एक्सपोर्ट-इंपोर्ट करना था. क्रिश्चियन मिशेल की कंपनी FZE दुबई से मीडिया एक्जिम को पैसे भेजती थी. तकरीबन 6.5 करोड़ रुपये इस कंपनी को ट्रांसफर किए गए. सीबीआई अब यह जांचने में जुटी हुई है कि असल में यह पैसे किसके पास पहुंचे. आरके नंदा पेशे से ट्रैवल एजेंट है. जो कि दिल्ली के कनॉट प्लेस में 'सुप्रीम एयरवेज' नाम की ट्रैवल एजेंसी चलाता है. क्रिश्चियन मिशेल इसी एजेंसी से टिकट खरीदता था. इस एजेंसी को टिकट के एवज में 12 करोड़ रुपये की राशि भी दी गई. वहीं प्रवीन बक्शी और प्रताप अग्रवाल को सीबीआई बुधवार को फिर से पूछताछ के लिए बुलाएगी.
हॉलीवुड एक्ट्रेस नेटली पोर्टमैन मार्वल सिनेमेटिक यूनिवर्स में वापसी कर रही हैं और इस बात का जोरों-शोरों से एलान हो चुका है. सैन डिएगो में चल रहे कॉमिक कॉन 2019 में मार्वल स्टूडियोज ने 11 नए प्रोजेक्ट्स, फिल्में और शोज, लाने का एलान किया है, जिसमें थॉर फ्रैंचाइजी का चौथा पार्ट थॉर: लव एंड थंडर भी शामिल है. इस फिल्म में नेटली अपने किरदार जेन फोस्टर को दोबारा निभाते हुए नजर आएंगी. इसके साथ ही उनका किरदार फीमेल थॉर बन चुका है. जी हां, थॉर: लव एंड थंडर में नेटली को फीमेल थॉर के रूप में देखा जाएगा. इस फिल्म को थॉर: रैगनरॉक के डायरेक्टर ताईका वातीति बना रहे हैं. फिल्म की कहानी के बारे में बात करते हुए  डायरेक्टर ने बताया कि इस फिल्म की कहानी जैसन आरोन की कॉमिक- द माइटी थॉर से ली जा रही है. उन्होंने कहा, 'ये बेमिसाल कहानी इमोशन, प्यार और थंडर से भरी है और इसमें आप फीमेल थॉर को भी देखेंगे.' Just announced in Hall H at #SDCC , Marvel Studios’ THOR: LOVE AND THUNDER with Chris Hemsworth, Tessa Thompson, and Natalie Portman. Taika Waititi returns as director. In theaters November 5, 2021. pic.twitter.com/Lq4hM8GSRV — Marvel Entertainment (@Marvel) July 21, 2019 ताईका वातीति ने थॉर फ्रैंचाइजी के तीसरे पार्ट थॉर: रैगनरॉक को डायरेक्ट किया था. इससे पहले के दो पार्ट डायरेक्टर केनेथ ब्रनघ और एलन टेलर ने बनाया था. बता दें कि नेटली साल 2013 के बाद अब मार्वल की किसी फिल्म में नजर आएंगी. नेटली शुरुआत से ही मार्वल यूनिवर्स का हिस्सा रही हैं. उन्हें पहली बार साल 2011 में आई फिल्म थॉर में जेन फोस्टर के किरदार में देखा गया था. इसके बाद साल 2013 में थॉर: द डार्क वर्ल्ड में काम करने के बाद उन्होंने मार्वल का साथ छोड़ दिया था. इसके बाद एक्ट्रेस टेसा थॉम्पसन को बतौर फीमेल लीड लिया गया. उस समय मार्वल को छोड़ते हुए नेटली ने कहा था, 'जितना मुझे पता है, मेरा हो चुका. मुझे नहीं पता कि ये मेरे पास एक दिन अवेंजर्स 7 का आईडिया लेकर आएंगे. लेकिन अभी मुझे बस इतना पता है कि मैं और नहीं कर सकती. मुझे इसका हिस्सा बनकर अच्छा लगा.' बता दें कि नेटली के मार्वल के साथ झगड़े की कई खबरें सामने आई थीं. इस साल अवेंजर्स एन्डगेम के वर्ल्ड प्रीमियर पर आकर नेटली से मार्वल फैंस को चौंका दिया था. इस फिल्म में सभी ने नेटली को एक बार फिर जेन फोस्टर के किरदार में देखा और यही उनकी वापसी की ओर इशारा था. फैंस नेटली के फीमेल थॉर बनने की खबर से  बेहद खुश हैं और सोशल मीडिया पर अपनी खुशी को जाहिर भी कर रहे हैं. देखिये फैंस का रिएक्शन यहां - Mom: “Someday you should setttle down and marry Thor” Natalie Portman: “Mom, I am Thor” #NataliePortman #ThorLoveAndThunder #Thor pic.twitter.com/ycOQDqeX2d — Mel (@MB_VMProg) July 21, 2019 I always knew she's worth it 😍 #Thor #Thor4 #NataliePortman pic.twitter.com/w2fwrYu09s — Stormborn (@DrSrishtiShreya) July 21, 2019 YES‼️ First day, first show. 📽 #AllTimeFav #NataliePortman pic.twitter.com/CP3IzSuRpm — TheAnonymous (@TwittingJakey) July 21, 2019 Natalie Portman is...FEMALE THOR!!!!!!!!!!!! #MarvelSDCC #NataliePortman #SDCC2019 #SDCC #ThorLoveandThunder #Thor #Marvel pic.twitter.com/4yuWVL5P1S — Annlyel James (@annlyeljames) July 21, 2019 Natalie Portman as female Thor?!? #MarvelSDCC #SDCC #HallH #SDCC50 #Thor #NataliePortman pic.twitter.com/FDWUXtvTi4 — Ethan Best (@simply_e_best) July 21, 2019 Glad to see #NataliePortman back in Thor! And with Mjolnir no less. pic.twitter.com/GCDnxthKt6 — The Credible Nerds 🤓🎧 (@CredibleNerds) July 21, 2019 ✅ Queen ✅ Senator ✅ Goddess Of Thunder #NataliePortman #Marvel #ThorLoveAndThunder #SDCC -B- pic.twitter.com/40VDRhEwRs — The SWU @ #SDCC (@TheSWU) July 21, 2019 थॉर: लव एंड थंडर की बात करें तो इस फिल्म में क्रिस हेमस्वॉर्थ और टेसा थॉम्पसन अपने किरदारों में दोबारा नजर आएंगे. इस फिल्म में टेसा के किरदार वेलकरी को LGBTQ सुपरहीरो के रूप में दिखाया जाएगा, जो कि मार्वल में पहली बार हो रहा है. वेलकरी के किरदार के बायसेक्सुअल होने की बात पहले से ही फैंस को पता है. इस फिल्म में नए एस्गार्ड पर अपने साथ राज करने के लिए वेलकरी अपनी रानी ढूंढेगी. ये फिल्म नवंबर 2021 में रिलीज होगी.
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: भारत और पाकिस्तान के बीच चल रही तनातनी के बीच पाकिस्तान के वायुसेना प्रमुख ने सोमवार को अपनी सेना को नसीहत दी है. उन्होंने अपनी सेना से कहा कि वह आगे भी चौकस रहे. वायुसेना प्रमुख ने कहा कि अभी जैसे हालात हैं उसे देखते हुए यह साफ तौर पर कहा जा सकता है कि हमारी चुनौतियां अभी खत्म नहीं हुई हैं. पुलवामा आतंकवादी हमले व फिर भारतीय वायुसेना और पाकिस्तानी वायुसेना के बीच टकराव के बाद उनका बयान आया है. पाकिस्तान के डॉन अखबार के अनुसार पाकिस्तान वायुसेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि वायुसेना प्रमुख मुजाहिद अनवर खान ने अग्रिम संचालन अड्डों (एफओबी) के दौरे के दौरान यह बात कही. वहां उन्होंने लड़ाकू और जमीनी चालक दल, वायु रक्षा एवं अभियांत्रिकी कर्मियों, जवानों और नागरिकों से बातचीत की. कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे. उसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था. बढ़ते जनाक्रोश के बीच भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को आतंकवाद निरोधक अभियान चलाया था और पाकिस्तान के अंदर घुसकर जैश-ए- मोहम्मद के प्रशिक्षिण शिविर को निशाना बनाया था. अगले ही दिन पाकिस्तान ने 24 एफ 16 विमानों को लेकर पलटवार किया था. खान ने बालाकोट में भारतीय वायुसेना के हमले का जिक्र करते हुए कहा कि चुनौतियां अभी समाप्त नहीं हुई हैं और हमें दुश्मन के किसी भी आक्रमण का जवाब देने के लिए सदैव चौकस और तैयार रहना चाहिए. पिछले हफ्ते पाकिस्तानी वायुसेना द्वारा एक भारतीय विमान को मार गिराने को याद करते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा कि पूरे देश को पाकिस्तानी वायुसेना पर गर्व है जिसने शत्रु के साथ हाल के संघर्ष में हमारे देश की संप्रभुता की रक्षा का शानदार काम किया.
जानी मानी महिला अधिकार कार्यकर्ता कमला भसीन ने रविवार को कहा कि न तो 56 इंच सीना रखने का दम भरने वालों ने अपने राज्य में बेटियों के लिए कुछ किया और न ही 26 इंच वाले पहलवान नेता जी ने. दोनों के ही राज्यों में जहां जन्म लेने से पहले बेटियों को बड़ी संख्या में मारा जा रहा है, वहीं दोनों ही राज्य महिलाओं के खिलाफ हिंसा, दुष्कर्म और घरेलू अत्याचार में अग्रणी हैं. एक्शनएड इंडिया द्वारा आयोजित राजधानी के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में 'बेटी जिंदाबाद' अभियान के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन के दौरान कमला भसीन ने महिलाओं की आजादी का घोषणा पत्र (वीमेनिफेस्टो) का अनावरण किया. इस तीन दिवसीय सम्मेलन में महिलाओं एवं लड़कियों के अधिकारों पर कार्यरत 20 राज्यों के 350 कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों, योजना आयोग के सदस्यों, अर्थशास्त्रियों, वकीलों एवं बेटी जिंदाबाद अभियानकर्ताओं ने भाग लिया.भसीन ने कहा कि इस पुरुषवादी समाज में महिलाओं को जानबूझकर उनके हकों से महरूम रखा जाता है. संविधान जहां बराबरी की नींव पर खड़ा है, वहीं आज भी जब संसद में महिलाओं की 50 प्रतिशत भागीदारी की बात होती है तो नेता जी नाराज हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि हम बेटियों को इसलिए मार रहे हैं कि हमें दहेज न देना पड़े. खत्म दहेज को करना चाहिए, पर हम खत्म बेटियों को कर रहे हैं. बेटियों को मारने के पीछे तर्क देते हैं कि उसके लिए सुरक्षित माहौल नहीं है, उसके साथ कभी भी कहीं भी कुछ गलत हो सकता है, तो बजाय माहौल बदलने के हम बेटियों को ही नहीं पैदा होने दे रहे, यह कैसी सोच है.उन्होंने महिलाओं की आजादी के घोषणा पत्र के बारे में बताते हुए कहा कि यह छह सूत्रीय घोषणा पत्र लड़कियों व महिलाओं की आजादी, सुरक्षा, समानता और बेहतरी का ऐलान है. विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों, महिला अधिकार समूहों के माध्यम से यह कोशिश की जाएगी कि 2014 के लोकसभा चुनाव के सभी उम्मीदवार इस घोषणापत्र की मांगों को पूरा करने का वादा करें. सम्मेलन के दौरान मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड से आई मीरा सहित 10 महिला अधिकार कार्यकर्ताओं को पीसीपीएनडीटी कानून, घरेलू हिंसा व दुष्कर्म पीड़ित आदिवासी व दलित महिलाओं को न्याय दिलाने के सराहनीय प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया. मीरा स्वयं तो बाल विवाह का शिकार बन गईं, पर फिर उन्होंने बाल विवाह के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया. शादी के बाद उन्होंने एलएलबी कर घरेलू हिंसा का शिकार महिलाओं, आदिवासी व दलित महिलाओं को निशुल्क कानूनी सहायता देना शुरू किया. हाल ही में उन्होंने महिलाओं के संपत्ति में अधिकार को लेकर आंदोलन शुरू किया है. मीरा पर बुंदेलखंड के जमींदारों द्वारा कई बार जानलेवा हमला किया गया, पर उनके अभियान को खत्म करने में वे लोग असफल रहे.योजना आयोग की सदस्य सईदा हमीद ने कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना में महिलाओं व बच्चों के अधिकारों पर जो समीक्षा की गई है. उसे पढ़ कर कार्यकर्ता अपनी कार्ययोजना के आईने में उसे परखेंगे और फिर उसी आधार पर अपनी अपनी राज्य सरकारों से सवाल पूछें, पंचवर्षीय योजनाएं एक विधिक दस्तावेज है, जिस पर सरकार को कटघरे में खड़ा किया जा सकता है. एक्शनएड के कार्यकारी निदेशक संदीप चाचरा ने बताया कि बेटी जिंदाबाद अभियान का मुख्य उद्देश्य लैंगिक समानता सुनिश्चित करना है. इसे सिर्फ बेटियों को बचाने का अभियान मानना उचित नहीं होगा. इसे महिलाओं के खिलाफ हिंसा रोकने और लड़की के पूरे जीवन चक्र में होने वाली हिंसा को हर स्तर पर रोकने का अभियान चलाना है. इस तीन दिवसीय सम्मेलन में राष्ट्रीय महिला सशक्तीकरण मिशन की निदेशन रश्मि सिंह, जानी मानी अर्थशास्त्री प्रो. जयति घोष, पीसीपीएनडीटी कानून के क्रियान्वयन की राष्ट्रीय समिति से जुड़ी एडवोकेट वर्षा देशपाण्डे, साबू जॉर्ज, आशा सिकरवार, मनमोहन शर्मा, मजलिस की संस्थापक सदस्य और सुप्रसिद्ध अधिवक्ता फ्लेविया एग्नेस, बिहार सरकार में कमजोर वर्ग के पुलिस महानिरीक्षक और डायन प्रथा के खिलाफ सक्रिय रूप से कार्यरत आलोक राज, बिहार महिला समिति की महासचिव डॉ. शरद कुमारी, वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश एवं सीमा मुस्तफा सहित कई शिक्षाविद और जमीनी कार्यकर्ताओं ने अपने विचार रखे.
महिंद्रा सत्यम तथा टेक महिंद्रा के निदेशक मंडलों ने दोनों कंपनियों के विलय की आज मंजूरी दे दी। दोनों कंपनियों ने बंबई शेयर बाजार को दी अलग-अलग सूचना में कहा, ‘‘कंपनी के निदेशक मंडलों ने महिंद्रा सत्यम का टेक महिंद्रा के साथ विलय की मंजूरी दे दी है।’’ विलय के लिए विनिमय अनुपात 2:17 शेयर तय किया गया है, यानी टेक महिंद्रा के दो शेयरों के एवज में महिंद्रा सत्यम के 17 शेयर दिये जाएंगे। शेयरधारकों को टेक महिंद्रा के एक शेयर के एवज में सत्यम के 8.5 शेयर दिये जाएंगे। इस खबर के बाद टेक महिंद्रा का शेयर बंबई शेयर बाजार में 2.14 प्रतिशत की तेजी के साथ 662.20 रुपये पर चला गया। वहीं महिंद्रा सत्यम का शेयर 0.54 कम होकर 73.75 रुपये पर कारोबार कर रहा है। टेक महिंद्रा ने घोटाले में फंसी सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज का अधिग्रहण अप्रैल 2009 में किया था और इसका नाम महिंद्रा सत्यम रखा था। सत्यम कंप्यूटर के संस्थापक तथा तत्कालीन चेयरमैन बी रामलिंग राजू ने करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की बात स्वीकार की थी। इस खबर के बाद टेक महिंद्रा का शेयर बंबई शेयर बाजार में 2.14 प्रतिशत की तेजी के साथ 662.20 रुपये पर चला गया। वहीं महिंद्रा सत्यम का शेयर 0.54 कम होकर 73.75 रुपये पर कारोबार कर रहा है। टेक महिंद्रा ने घोटाले में फंसी सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज का अधिग्रहण अप्रैल 2009 में किया था और इसका नाम महिंद्रा सत्यम रखा था। सत्यम कंप्यूटर के संस्थापक तथा तत्कालीन चेयरमैन बी रामलिंग राजू ने करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की बात स्वीकार की थी।
बॉलीवुड अभिनेत्री अनुष्का शर्मा अपनी आगामी फिल्म 'कनेडा' में अभिनेता अर्जुन कपूर के साथ नजर आ सकती हैं. खबरों की माने तो पहली बार अनुष्का शर्मा और अर्जुन कपूर की जोड़ी बन सकती है. दोनों 'कनेडा' में साथ नजर आ सकते हैं. इस फिल्म को 'NH10' के डायरेक्टर नवदीप सिंह निर्देशित करेंगे. सूत्रों के मुताबिक, ' अनुष्का कनेडा में एक्ट और प्रोड्यूस दोनों करेंगी. अभी अर्जुन कपूर से बात चल रही है.' फिल्म का टाइटल, पंजाबियों के 'कनाडा' को 'कनेडा' बोलने पर आधारित है. सूत्र का कहना है, 'पता नहीं क्यों लोग इस फिल्म को कॉमेडी फिल्म मान रहे हैं, जबकि ये एक ड्रामा फिल्म है. लेकिन 'NH10' की तरह इंटेंस नहीं है.' ये अनुष्का की 'NH10' और 'फिलौरी' के बाद तीसरी होम प्रोडक्शन फिल्म है. आपको बता दें कि अनुष्का ने अभी 'फिलौरी' की शूटिंग पूरी की है और अर्जुन के पास 'हाफ गर्लफ्रेंड' और 'मुबारका' है.
The daughter & sisters of late actress #GeetaKapoor Ji performed her last rites, late last night. Even though Dr. Tripathi, Old Age Home sisters, #ArchanaShourie & I requested them to inform us so that we, who stood by her pain, are part of her last journey. But they didn’t. Sad! अशोक पंडित का ट्वीट अशोक पंडित का ट्वीट Standing besides the dead body of Actress #GeetaKapoor 57 who was abandoned by her kids in #SRVHospital a year back breathed her last at a suburban Old age home today morning. We tried our best to keep her healthy but her wait for her Son&daughter made her weaker day by day. #RIPpic.twitter.com/yCChdzeSEt #LateActressGeetaKapoor’s friends at the Old Age Home bidding her final Good bye. They all were in tears and under shock. Better than her own kids who abandoned her. An unforgettable & heart wrenching experience of mine. #RIP. pic.twitter.com/Spi14ikJBk #RIPGeetaKapoor Everyone around her tried their best to keep her healthy & happy. But there was always an inherent sorrow in her, longing for her children. We hope that her children return to bid her a final goodbye. pic.twitter.com/kWAfe4Plcz
यह एक लेख है: सरकार द्वारा कालेधन के खिलाफ अभियान के तहत 500 और 1,000 के नोट को बंद करने के हैरान करने वाले कदम से आज अंतर बैंक विदेशी विनिमय बाजार में रुपया 23 पैसे टूटकर 66.85 प्रति डॉलर पर कमजोर खुला.टिप्पणियां इसके अलावा शुरुआती रुझानों में अमेरिका के राष्ट्रपति पद चुनाव में रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप आगे नजर आ रहे हैं. इससे भी यहां कारोबारी धारणा प्रभावित हुई. कारोबारियों ने कहा कि आयातकों की ताजा डॉलर मांग से रुपया प्रभावित हुआ, लेकिन ट्रंप के आगे रहने की खबरों से अन्य मुद्राओं की तुलना में डॉलर में कमजोरी से रुपये का नुकसान सीमित रहा. इसके अलावा शुरुआती रुझानों में अमेरिका के राष्ट्रपति पद चुनाव में रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप आगे नजर आ रहे हैं. इससे भी यहां कारोबारी धारणा प्रभावित हुई. कारोबारियों ने कहा कि आयातकों की ताजा डॉलर मांग से रुपया प्रभावित हुआ, लेकिन ट्रंप के आगे रहने की खबरों से अन्य मुद्राओं की तुलना में डॉलर में कमजोरी से रुपये का नुकसान सीमित रहा. कारोबारियों ने कहा कि आयातकों की ताजा डॉलर मांग से रुपया प्रभावित हुआ, लेकिन ट्रंप के आगे रहने की खबरों से अन्य मुद्राओं की तुलना में डॉलर में कमजोरी से रुपये का नुकसान सीमित रहा.
जॉब मिलने से पहले हर व्यक्त‍ि को इंटरव्यू से होकर गुजरना पड़ता है. क्षेत्र के लिहाज से इंटरव्यू में पूछे जाने वाले सवाल भी बदल जाते हैं. पर कुछ सवाल ऐसे होते हैं, जिन्हें हर सेक्टर के इंटरव्यू में पूछा जाता है. जानिये क्या हैं वो सवाल... ऑफिस में जमाना है इम्प्रेशन, तो काम आएंगे ये टिप्स 1. अपने बारे में बताएं ? 2. आप नौकरी क्यों बदलना चाहते हैं ? नई नौकरी में कामयाबी का ये है 5 मूल मंत्र 3. इस जॉब के लिए आप किस तरह योग्य हैं ? 4. आप इस कंपनी के साथ क्यों काम करना चाहते हैं ? 5. आपकी सबसे बड़ी ताकत क्या है और कमजोरी ? जॉब इंटरव्‍यू में भूल कर भी न करें ये 5 गलतियां... 6. अगले पांच या दस साल में आप खुद को कहां देखते हैं ? 7. आपकी सैलरी एक्सपेक्टेशन क्या है? 8. कभी किसी सख्त या मुश्क‍िल व्यक्त‍ि के साथ काम करने का मौका मिला है ?
हालांकि मजबूत और शक्तिशाली, पर्वतीय गोरिल्ला आम तौर पर सौम्य और बहुत शर्मीले होते हैं। स्थिर समूहों में गंभीर आक्रामकता दुर्लभ है, लेकिन जब दो पर्वतीय गोरिल्ला समूह मिलते हैं, तो दो सिल्वरबैक कभी-कभी मौत की लड़ाई में शामिल हो सकते हैं, अपने कुत्तों का उपयोग करके गहरी, गहरी चोटें पहुंचा सकते हैं। इस कारण से, संघर्षों को अक्सर प्रदर्शन और अन्य धमकी भरे व्यवहारों द्वारा हल किया जाता है जिनका उद्देश्य शारीरिक बने बिना डराना होता है। आनुष्ठानिक चार्ज प्रदर्शन गोरिल्ला के लिए अद्वितीय है। पूरे अनुक्रम में नौ चरण हैं: (1) उत्तरोत्तर तेज़ हूटिंग, (2) प्रतीकात्मक भोजन, (3) दो पैरों पर उठना, (4) वनस्पति फेंकना, (5) कप्ड हाथों से छाती पीटना, (6) एक पैर से लात मारना, ( 7) चार पैरों वाले बग़ल में दौड़ना, (8) वनस्पति को थप्पड़ मारना और तोड़ना, और (9) हथेलियों से ज़मीन को थपथपाना। जिल डोनिसथोरपे ने कहा कि एक पुरुष ने उस पर दो बार हमला किया और दोनों ही मामलों में, जब वह अपनी बात पर अड़ी रही तो गोरिल्ला दूर हो गया।
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के अंदर उठापटक की स्थिति बन गई है. चुनाव में नीतीश बनाम नरेंद्र मोदी के फॉर्मूले को बिहार बीजेपी के नेता सुशील मोदी ने लगभग खारिज कर दिया है, वहीं मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी ललित मोदी को मदद मामले में कांग्रेस का केंद्र सरकार पर तीखा हमला लगातार जारी है. बिहार में नीतीश बनाम PM मोदी पर बीजेपी में उठापटक बिहार में विधानसभा का बिगुल अभी ठीक ढंग से बजा भी नहीं और सियासी शोर शुरू हो चुका है. दिलचस्प है कि चुनाव में नीतीश कुमार के सामने पीएम नरेंद्र मोदी को चेहरा बनाने पर बीजेपी में ही विवाद खड़ा हो गया है. इस बाबत केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार के बयान का सुशील मोदी ने खंडन किया है. सुमो ने कहा कि मोदी बनाम नीतीश का प्रचार भ्रामक है. BJP पर फायर हुई कांग्रेस, आनंद शर्मा बोले- भगोड़े हैं ललित मोदी मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी ललित मोदी को मदद के मामले पर कांग्रेस का केंद्र सरकार पर तीखा हमला जारी है. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने मंगलवार को जमकर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और पूरे केस की एसआईटी जांच की मांग की. BJP यूपी प्रदेश अध्यक्ष बोले- उलेमाओं से आती है बू बीजेपी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने विवादास्पद बयान दिया है. उन्होंने कहा कि उन्हें उलेमाओं से बू आती है. हमारे हथियार सजावट के लिए नहीं: पाकिस्तान पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि यदि भारत की ओर से किसी किस्म के उकसावे की कार्रवाई कि जाती है तो पाकिस्तान भी चुप नहीं बैठेगा. उन्होंने कहा, हमारे हथियार सिर्फ सजावट के लिए नहीं हैं. उन्होंने कहा, 'यदि जरूरत पड़ी, हम उनका भारत के खिलाफ इस्तेमाल करेंगे.' मोदी को मदद के मामले में सुषमा ने की थी इस्तीफे की पेशकश मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी पूर्व आईपीएल चीफ ललित मोदी को मदद के मामले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पद से हटाने की मांग की जा रही है. लेकिन सूत्रों की मानें तो सुषमा ने मामला सामने आने से हफ्ते भर पहले ही इस्तीफे की पेशकश की थी. लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के दखल के बाद यह पेशकश नामंजूर कर दी गई.
कल्कि अवतार और मुहम्मद साहब 1960 की भारतीय संस्कृत विद्वान वेद प्रकाश उपाध्याय द्वारा लिखित पुस्तक है और "सारस्वत वेदांत प्रकाश संगठन" द्वारा प्रकाशित की गई थी। . पुस्तक का मुख्य पहलू इस्लामी पैगंबर मुहम्मद और हिंदू अवतार कल्कि .के बीच इस्लामिक और हिंदू धार्मिक ग्रंथों के बीच समानताएं दिखा रहा है। इस्लामी आलोचना जियाउर्रहमान आज़मी अपनी पुस्तक "दिरासत फिल याहुदियात वल मसिहियत वद्दीनिल हिंद" (دراست في اليوديه والمسيحيه واديان الحند, यहूदी धर्म, ईसाई धर्म और भारतीय धर्म पर अध्ययन) में कहा गया है कि इस्लामिक हिंदू धर्म में भविष्यवाणियां। एक यह हो सकता है कि आर्य प्रवासन की अवधि पैगंबर अब्राहम के समय में थी, उनके समय में कोई अन्य नबी भारत आया था, जिसके निर्देशन में ये भविष्यवाणियां शामिल हैं, या जैसा कि कई हिंदू कहते हैं ऋग्वेद टोरा से कॉपी किया गया था। एक और विचार यह है कि, शिबली कॉलेज में संस्कृत के प्रोफेसर सुल्तान मुबीन के अनुसार, ये हिंदुओं द्वारा गढ़े गए और बाद के जोड़ हैं, जिन्हें हिंदुओं द्वारा मुस्लिम शासकों को खुश करने के लिए शामिल किया गया था, जैसे कल्कि पुराण और भविष्य पुराण, जिसमें कई इस्लामी भविष्यवाणियां हैं। आज़मी का तर्क है कि खलीफा मामून बिन अल-रशीद के शासनकाल के दौरान अधिकांश हिंदू धर्मग्रंथों का अरबी में अनुवाद किया गया था, लेकिन उनमें से कोई भी लेखक नहीं था। टाइम ने इन भविष्यवाणियों के बारे में अपनी किसी भी किताब में कुछ भी लिखा है। उदाहरण के लिए, अल बिरूनी द्वारा तहकीक "मा लिलहिंद मिन मकुलत अलमाकुलत फाई अल-अकल वा मार्जुला" (تحقيق ما للهند من مقولة المقولة ي العقل و مرذولة) और दो अन्य अरबी ग्रंथों का अनुवाद जिसमें इन भविष्यवाणियों का उल्लेख है इसके अलावा, पुस्तक के लेखक वेद प्रकाश उपाध्याय के बारे में, आजमी ने कहा कि यद्यपि उन्होंने इस पुस्तक में इन भविष्यवाणियों के सत्यापन का दावा किया था, उन्होंने स्वयं इस्लाम स्वीकार नहीं किया था। बांग्लादेशी इस्लामिक विद्वान अबूबक्र मुहम्मद ज़कारिया, जिन्होंने सऊदी अरब के इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ़ मदीना में हिंदू धर्म पर उन्नत अध्ययन और शोध किया, ने अपनी पुस्तक हिंदूधर्म वा तासूर बद अल-फ़िराक अल-इस्लामियत बिहा (हिंदू धर्म और उससे प्रभावित कुछ इस्लामी संप्रदाय) में इस पुस्तक के बारे में बात की, "इस पुराण (भविष्य पुराण) का एक खंड है जिसे कल्कि पुराण कहा जाता है, जो कल्कि अवतार, (काली समय या अंत समय में अवतार) को छूता है और इस पुराण में क्या आता है केवल मुहम्मद की वास्तविकता है, जब उनका एक विद्वान (वेद प्रकाश उपाध्याय) स्वीकार करता है कि मुहम्मद के अलावा कोई अन्य कल्कि अवतार नहीं है और वह इस पुस्तक से अपने साक्ष्य का हवाला देता है, और दावा करता है कि यह केवल लागू होता है। यह, हिंदुओं, पुस्तक के इस भाग की स्वीकृति में मतभेद था और उन्होंने कहा कि यह चोरी की गई थी और इसे बाद में बनाया गया था और इसे पुस्तक में बहुत देर से शामिल किया गया था।" पुस्तक की आलोचना करते हुए कहा कि नरसंशा अथर्वेद के 20वें खंड से संबंधित है। श्लोक 127 को कल्कि के रूप में वर्णित करते हुए, जो मूल अथर्ववेद का हिस्सा नहीं है, उन्होंने कहा कि यह एक प्रत्याशित भाग और बाद का संबंध है, और दावा करते हैं कि पैगंबर की भविष्यवाणियां मुहम्मद का उपयोग हिंदुओं द्वारा अपने ग्रंथों को मुसलमानों के लिए स्वीकार्य बनाने के लिए किया जाता था, जो कि अलोपनिषद लिखकर सम्राट अकबर की चापलूसी करने का एक चतुर प्रयास था, उनका दावा है, यह अकबर के शासनकाल का है। वह भविष्य पुराण पूरी तरह से हिंदू संदर्भों से मनगढ़ंत और मानव निर्मित है। उन्होंने कहा, हिंदू धर्म की आदत है कि लोगों को अपने धर्म की ओर आकर्षित करने के लिए अपने धर्म के नाम पर जो भी मिलता है, उसे धर्म से बाहर कर देते हैं, यह भी उसी का परिणाम है।" संदर्भ बाहरी कड़ियाँ Original Hindi Book नराशंस और अंतिम ऋषि पुस्तक का अंग्रेजी अनुवाद इस्लाम हिन्दू धर्म पुस्तकें
यह लेख है: टाटा संस के हटाए गए चेयरमैन साइरस मिस्त्री ने सोमवार को आरोप लगाया कि रतन टाटा में अपनी विरास को लेकर असुरक्षा की भावना है. मिस्त्री के अनुसार टाटा ने यह संकेत देने की कोशिश की है कि उन्हें अपनी इच्छा के अनुसार बिना किसी को बताए या स्पष्टीकरण दिए फैसला करने का पूरा अधिकार है. मिस्त्री ने टाटा समूह की उन छह कंपनियों के शेयरधारकों को भेजे पत्र में उक्त आरोप लगाया है जिनकी असधारण आम बैठकें होने जा रही हैं. इन बैठकों में मिस्त्री को निदेशक पद से हटाने के प्रस्ताव पर फैसला होना है. इसमें मिस्त्री ने कहा है कि उन्होंने टाटा को पूरा ‘सम्मान’ दिया. उन्होंने कहा, ‘वास्तव में कोई भी सेवानिवृत्त चेयरमैन अपनी विरासत को लेकर चिंतित हो सकता है कि उसको खतरा है. लेकिन एक सेवानिवृत्त चेयरमैन बिना असुरक्षा की भावना के आगे बढ़ सकता है और यह समझ सकता है कि किसी समय किया गया फैसला भले सही हो लेकिन हो सकता है कि किसी अन्य समय वही फैसला सही नहीं हो.’टिप्पणियां टाटा मोटर्स के शेयरधारकों को पत्र में मिस्त्री ने आरोप लगाया है कि रतन टाटा ने कंपनी में ‘उत्पादकता से सम्बद्ध प्रोत्साहन’ शुरू करने के लिए एक ‘महत्वपूर्ण सुधार’ में अड़ंगा लगाया. मिस्त्री ने इसके साथ ही इस कंपनी की श्रमिक यूनियनों से सहयोग मांगा है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) मिस्त्री ने टाटा समूह की उन छह कंपनियों के शेयरधारकों को भेजे पत्र में उक्त आरोप लगाया है जिनकी असधारण आम बैठकें होने जा रही हैं. इन बैठकों में मिस्त्री को निदेशक पद से हटाने के प्रस्ताव पर फैसला होना है. इसमें मिस्त्री ने कहा है कि उन्होंने टाटा को पूरा ‘सम्मान’ दिया. उन्होंने कहा, ‘वास्तव में कोई भी सेवानिवृत्त चेयरमैन अपनी विरासत को लेकर चिंतित हो सकता है कि उसको खतरा है. लेकिन एक सेवानिवृत्त चेयरमैन बिना असुरक्षा की भावना के आगे बढ़ सकता है और यह समझ सकता है कि किसी समय किया गया फैसला भले सही हो लेकिन हो सकता है कि किसी अन्य समय वही फैसला सही नहीं हो.’टिप्पणियां टाटा मोटर्स के शेयरधारकों को पत्र में मिस्त्री ने आरोप लगाया है कि रतन टाटा ने कंपनी में ‘उत्पादकता से सम्बद्ध प्रोत्साहन’ शुरू करने के लिए एक ‘महत्वपूर्ण सुधार’ में अड़ंगा लगाया. मिस्त्री ने इसके साथ ही इस कंपनी की श्रमिक यूनियनों से सहयोग मांगा है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उन्होंने कहा, ‘वास्तव में कोई भी सेवानिवृत्त चेयरमैन अपनी विरासत को लेकर चिंतित हो सकता है कि उसको खतरा है. लेकिन एक सेवानिवृत्त चेयरमैन बिना असुरक्षा की भावना के आगे बढ़ सकता है और यह समझ सकता है कि किसी समय किया गया फैसला भले सही हो लेकिन हो सकता है कि किसी अन्य समय वही फैसला सही नहीं हो.’टिप्पणियां टाटा मोटर्स के शेयरधारकों को पत्र में मिस्त्री ने आरोप लगाया है कि रतन टाटा ने कंपनी में ‘उत्पादकता से सम्बद्ध प्रोत्साहन’ शुरू करने के लिए एक ‘महत्वपूर्ण सुधार’ में अड़ंगा लगाया. मिस्त्री ने इसके साथ ही इस कंपनी की श्रमिक यूनियनों से सहयोग मांगा है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) टाटा मोटर्स के शेयरधारकों को पत्र में मिस्त्री ने आरोप लगाया है कि रतन टाटा ने कंपनी में ‘उत्पादकता से सम्बद्ध प्रोत्साहन’ शुरू करने के लिए एक ‘महत्वपूर्ण सुधार’ में अड़ंगा लगाया. मिस्त्री ने इसके साथ ही इस कंपनी की श्रमिक यूनियनों से सहयोग मांगा है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
कॉमेडी किंग के नाम से पहचाने जाने वाले कॉमेडियन कपिल शर्मा (Kapil Sharma) लगभग एक साल बाद फिर टीवी पर अपने शो 'द कपिल शर्मा शो' (The Kapil Sharma Show) पर वापसी करने जा रहे हैं. पहला एपिसोड ऑनएयर होने की तारीख भी आ चुकी है और इसमें सबसे पहले 'सिंबा' (Simmba) का प्रमोशन करने के लिए रणवीर सिंह (Ranveer Singh), सारा अली खान (Sara Ali Khan) और डायरेक्टर रोहित शेट्टी (Rohit Shetty) आएंगे. 'द कपिल शर्मा शो' का पहला एपिसोड सोनी इंटरटेनमेंट चैनल पर 29 दिसबंर को रात साढ़े नौ बजे आएगा. चैनल ने हफ्ते में दो दिन शनिवार और रविवार को समय दिया है. कपिल शर्मा की वापसी होने के बाद फैन्स के बीच काफी उत्सुकुता बनी हुई है. पहले एपिसोड में बच्चा यादव का किरदार निभाने वाले कीकू शारदा फनी जोक मारते हुए कपिल शर्मा के बारे में यह खुलासा किया कि आखिर वह एक साल तक कहां थे. मजाक-मजाक में जब कीकू बोले की मैं सात अलग-अलग कलर के पनीर बनाता हूं. ऐसे में जब कपिल शर्मा ने बीच में टोका तो कीकू ने बच्चा यादव के किरदार में बोले- ''देखिए दुनियावालों आप लोग जानना चाह रहे थे कि एक साल तक कपिल शर्मा कहां पर गायब थे, वो अपने घर में बैठ कर हमारे पनीर को रंग बदलते हुए देख रहे थे.'' यह वीडियो सोशल मीडिया पर सोनी चैनल ने पोस्ट किया है. बता दें, आने वाले कपिल शर्मा के नए एपिसोड में भले ही सुनील ग्रोवर नदारद रहेंगे, लेकिन उनके साथ कीकू शारदा, चंदन प्रभाकर, कृष्णा अभिषेक, अली असगर, भारती सिंह, सुमोना चक्रवर्ती, रोशेल रॉव सेक्विरा भी साथ में दिखाई देंगे. सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, सलमान खान का एसके टीवी ही कपिल शर्मा के शो को प्रोड्यूस कर रहा है. कपिल शर्मा (Kapil Sharma) का शो 'द कपिल शर्मा शो (The Kapil Sharma show)' में पहला मेहमान के तौर पर सलमान खान अपने परिवार के साथ हिस्सा लेंगे. ऐसे में पहले एपिसोड के धमाकेदार होने की उम्मीद की ही जा सकती है. वैसे भी सलमान खान जब भी कपिल शर्मा के शो में आए हैं उन्होंने खूब इंजॉय किया है. इस बार भी कुछ ऐसा ही नजारा रहने वाला है. सलमान खान एक बार कपिल शर्मा के शो में हंस-हंसकर लोट-पोट हो गए थे. इस बार भी भरपूर मस्ती की उम्मीद की जा रही है.
गर्मी शुरू होते ही हर कोई चाहता है काम से कुछ दिन की छुट्टी लेकर कहीं घूमने जाए. फिल्मी दुनिया में भी हर सितारा इसी कोशिश में रहता है कि जैसे ही वक्त मिले वह उड़न-छू हो जाए. देश की पहली महिला रैपर कही जाने वालीं हार्ड कौर भी अपने कुछ दोस्तों के साथ पिछले दिनों दुबई छुट्टियां मनाने गई थीं. वहां उन्होंने जमकर शॉपिंग और मस्ती की. गर्मी दूर करने के लिए उन्होंने स्विमिंग पूल का भी भरपूर प्रयोग किया. इस दौरान वह बिकिनी में नजर आईं.
गैरोटिंग गला घुटने का एक प्रकार है जिसमे किसी साधन की मदद से गला घोटा जाता है। इसमें व्यक्ति के गले को पीछे से कसकर तब तक दबाया जाता है जब तक उसकी मृत्यु न हो जाए। यह प्रक्रिया किसी की हत्या के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसमें अत्यधिक दम लगाकर गले को घोटा जाता है जिससे गले पर साधन के निशान भी पड़ जाते हैं। इससे ह्योइड हड्डी में फ्रैक्चर भी पाया जा सकता है और दम घुटने से व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। गैरोटिंग के कारण कैरोटिड नसों में भी बाधा उत्पन्न होती है। सन्दर्भ हत्या के साधन अपराध अनुसंधान न्यायालयिक विज्ञान
बांग्लादेश क्रिकेट टीम ने जोहुर अहमद चौधरी स्टेडियम में मंगलवार को खेले गए तीसरे एकदिवसीय मुकाबले में वेस्टइंडीज को आठ विकेट से हरा दिया। पूर्व कप्तान शाकिब अल हसन (16/4) और सलामी बल्लेबाज तमीम इकबाल (नाबाद 36) मेजबान टीम की जीत के हीरो रहे। कैरेबियाई टीम को 61 रन के मामूली योग पर समेटने के बाद ऐसा लग रहा था कि मेजबान टीम आसानी से जीत हासिल कर लेगी लेकिन इसके लिए भी उसे अपने दो विकेट गंवाने पड़े। आखिरकार उसने इमरुल कायेस (11) और शहरयार नफीस (2) के विकेट गंवाकर 20 ओवरों में लक्ष्य हासिल कर लिया। तमीम ने अपनी 62 गेंदों की पारी में तीन चौके लगाए जबकि कप्तान मुश्फिकुर रहीम नौ रन पर नाबाद लौटे। तीन मैचों की इस श्रृंखला पर वेस्टइंडीज ने 2-1 से कब्जा कर लिया। उसने मीरपुर में खेला गया पहला मुकाबला 40 रनों से और दूसरा मुकाबला आठ विकेट से अपने नाम किया था। इस दौरे में दोनों टीमों के बीच दो टेस्ट मैच भी खेले जाएंगे। पहला टेस्ट मैच 21 से 25 अक्टूबर तक चटगांव में होगा जबकि दूसरा मुकाबला 29 अक्टूबर से दो नवम्बर तक ढाका में खेला जाएगा। इससे पहले, शाकिब की अगुआई में गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन की बदौलत बांग्लादेश ने टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी के लिए उतरी कैरेबियाई टीम को 22 ओवरों में समेट दिया। केरन पॉवेल (25) और कार्लोस ब्रेथवेट (11) को छोड़कर कोई और बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा नहीं पार कर सका। शाकिब के अलावा तेज गेंदबाज सैफुल इस्लाम और नासिर हुसैन ने दो-दो विकेट लिए जबकि नजमुल हुसैन तथा स्पिनर सुहरावादी सुआवो को एक-एक सफलता मिली। एकदिवसीय मैचों में कैरेबियाई टीम का यह दूसरा न्यूनतम स्कोर है। साथ ही बांग्लादेश के खिलाफ यह उसका न्यूनतम और एकदिवसीय क्रिकेट इतिहास का 12वां न्यूनतम योग है। इससे पहले वह 2004 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन में 54 रनों पर आउट हो गई थी।
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: मिस्र की एक अदालत ने हमास जासूसी कांड में मंगलवार को पूर्व राष्ट्रपति मुहम्‍मद मुर्सी की आजीवन कारावास की सजा को पलटते हुए मामले की फिर से सुनवाई करने का आदेश दिया. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मिस्र की सर्वोच्च अपीलीय अदालत ने आदेश दिया है कि मुर्सी तथा प्रतिबंधित मुस्लिम ब्रदरहुड के मोहम्मद बदी सहित 21 सह-प्रतिवादियों के खिलाफ भी फिर से मुकदमा चलेगा. फिलिस्तीनी समूह हमास, लेबनानी समूह हिजबुल्ला तथा ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड को कथित तौर पर खुफिया दस्तावेज देने के आरोप में बीते साल जून में मुर्सी को 25 साल की सजा सुनाई गई थी. न्यायालय ने जेल ब्रेक मामले में मुर्सी की मौत की सजा को पिछले सप्ताह पलट दिया था. इस मामले में मुर्सी को मौत की सजा नहीं मिलेगी. देश भर में मुर्सी के खिलाफ हुए व्यापक विरोध-प्रदर्शन के बाद सेना ने मुर्सी को जुलाई 2013 में सत्ता से बेदखल कर दिया था. टिप्पणियां सत्ता से बेदखल राष्ट्रपति को कई मामलों में सजाएं मिली थीं, जिनके खिलाफ उन्होंने अपील कर रखी है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) समाचार एजेंसी सिन्हुआ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मिस्र की सर्वोच्च अपीलीय अदालत ने आदेश दिया है कि मुर्सी तथा प्रतिबंधित मुस्लिम ब्रदरहुड के मोहम्मद बदी सहित 21 सह-प्रतिवादियों के खिलाफ भी फिर से मुकदमा चलेगा. फिलिस्तीनी समूह हमास, लेबनानी समूह हिजबुल्ला तथा ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड को कथित तौर पर खुफिया दस्तावेज देने के आरोप में बीते साल जून में मुर्सी को 25 साल की सजा सुनाई गई थी. न्यायालय ने जेल ब्रेक मामले में मुर्सी की मौत की सजा को पिछले सप्ताह पलट दिया था. इस मामले में मुर्सी को मौत की सजा नहीं मिलेगी. देश भर में मुर्सी के खिलाफ हुए व्यापक विरोध-प्रदर्शन के बाद सेना ने मुर्सी को जुलाई 2013 में सत्ता से बेदखल कर दिया था. टिप्पणियां सत्ता से बेदखल राष्ट्रपति को कई मामलों में सजाएं मिली थीं, जिनके खिलाफ उन्होंने अपील कर रखी है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) फिलिस्तीनी समूह हमास, लेबनानी समूह हिजबुल्ला तथा ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड को कथित तौर पर खुफिया दस्तावेज देने के आरोप में बीते साल जून में मुर्सी को 25 साल की सजा सुनाई गई थी. न्यायालय ने जेल ब्रेक मामले में मुर्सी की मौत की सजा को पिछले सप्ताह पलट दिया था. इस मामले में मुर्सी को मौत की सजा नहीं मिलेगी. देश भर में मुर्सी के खिलाफ हुए व्यापक विरोध-प्रदर्शन के बाद सेना ने मुर्सी को जुलाई 2013 में सत्ता से बेदखल कर दिया था. टिप्पणियां सत्ता से बेदखल राष्ट्रपति को कई मामलों में सजाएं मिली थीं, जिनके खिलाफ उन्होंने अपील कर रखी है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) न्यायालय ने जेल ब्रेक मामले में मुर्सी की मौत की सजा को पिछले सप्ताह पलट दिया था. इस मामले में मुर्सी को मौत की सजा नहीं मिलेगी. देश भर में मुर्सी के खिलाफ हुए व्यापक विरोध-प्रदर्शन के बाद सेना ने मुर्सी को जुलाई 2013 में सत्ता से बेदखल कर दिया था. टिप्पणियां सत्ता से बेदखल राष्ट्रपति को कई मामलों में सजाएं मिली थीं, जिनके खिलाफ उन्होंने अपील कर रखी है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) देश भर में मुर्सी के खिलाफ हुए व्यापक विरोध-प्रदर्शन के बाद सेना ने मुर्सी को जुलाई 2013 में सत्ता से बेदखल कर दिया था. टिप्पणियां सत्ता से बेदखल राष्ट्रपति को कई मामलों में सजाएं मिली थीं, जिनके खिलाफ उन्होंने अपील कर रखी है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) सत्ता से बेदखल राष्ट्रपति को कई मामलों में सजाएं मिली थीं, जिनके खिलाफ उन्होंने अपील कर रखी है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अल्बर्टा कनाडा का एक प्रान्त है। यह कनाडा के पश्चिमी भाग में स्थित है। इस प्रान्त के पश्चिम में ब्रिटिश कोलम्बिया प्रान्त, पूर्व में सास्काचवान और दक्षिण में संयुक्त राज्य अमेरिका का मॉण्टाना राज्य इसके पड़ोसी हैं। अल्बर्टा, कनाडा का चौथा सबसे बड़ा राज्य है। इसका कुल क्षेत्रफल ६,४२३१७ वर्ग किमी है। अल्बर्टा की जनसंख्या ३३,०५,८०० है और कनाडा के तीन प्रान्त ऐसे है जिनकी जनसंख्या इससे अधिक है। अल्बर्टा की राजधानी एडमण्टन है। एडमण्टन, अल्बर्टा के मध्य भाग के निकट स्थित है। कैलगैरी अल्बर्टा का एक अन्य प्रमुख नगर है। यह राजधानी एडमण्टन के दक्षिण में स्थित है। बाहरी कड़ियाँ अल्बर्टा सरकार का आधिकारिक जालस्थल कनाडा के प्रान्त अल्बर्टा
नियंत्रण सिद्धांत में पीआईडी नियंत्रक (PID Controller या proportional–integral–derivative controller) औद्योगिक प्रक्रमों के नियंत्रण में बहुतायत में प्रयोग किया जाने वाला कंट्रोलर (या कंपन्सेटर) है। इसे 'पीआईडी नियंत्रक' इसलिये कहते हैं क्योंकि इसका आउटपुट त्रुटि-संकेत (एरर) से व्युत्पन्न तीन पदों के योग के बराबर होता है। इनमें से पहला त्रुटि के समानुपाती, दूसरा त्रुटि के समाकलन (इंटीग्रेशन) के समानुपाती और तीसरा त्रुटि के अवकलज के समानुपाती होता है (चित्र देंखें)। वांछित आउटपुट (संदर्भ संकेत) एवं आउटपुट के वर्तमान मान का अंतर 'त्रुटि' कहलाता है। इस नियंत्रक में निहित तीन समानुपाती नियतांकों (समानुपाती नियतांक KP, समाकलन नियतांक KI तथा अवकलज नियतांक KD) का समुचित चुनाव करके नियंत्रण प्रणाली को वांछित रूप में नियंत्रित किया जाता है। KP, KI, KD के मान गणना द्वारा सिमुलेशन द्वारा निकाल सकते हैं। व्यवहार में (किसी चालू तंत्र में) इन्हें निकालने की कुछ चरणबद्ध विधियाँ भी कुछ लोगों ने सुझाईं है जिनमें से जिगलर-निकोल्स की विधि प्रसिद्ध है। पीआईडी को ट्यून करने की विधियाँ मैनुअल ट्यूनिंग सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ PID Tutorial P.I.D. Without a PhD: a beginner's guide to PID loop theory with sample programming code What's All This P-I-D Stuff, Anyhow? Article in Electronic Design Shows how to build a PID controller with basic electronic components (pg. 22) Virtual PID Controller Laboratory PID Design & Tuning Online PID Tuning applet from University of Texas Control Group Proven Methods and Best Practices for PID Control नियंत्रण सिद्धांत नियंत्रण इंजीनियरी de:Regler#PID-Regler
जब देश में धर्मस्थलों पर बजते लाउडस्पीकर को लेकर बवाल मचा है तब मुंबई में एक ऐसी मुस्लिम शख्सियत सामने आई है जिसने मुसलमान होकर भी लाउडस्पीकर पर चलती अजान का खुलकर और लगातार विरोध किया है. मुम्बई के मोहम्मद अली उर्फ बाबूभाई 66 साल के नमाजी मुसलमान हैं और लाउडस्पीकर से दी हुई अजान को गैर इस्लामिक मानते हैं. अपनी बात को मनवाने के लिए ढलती उम्र में उन्होंने हाईकोर्ट में पिटीशन लगाई. पैसे कम थे इसलिए मामले में पैरवी खुद की और साबित किया कि कुरान को लाउडस्पीकर की अज़ान गंवारा नहीं. NDTV से एक्सलूसिव बातचीत में याचिकाकर्ता मोहम्मद अली उर्फ बाबूभाई ने कहा कि लाउडस्पीकर का इस्तेमाल धर्म का हिस्सा नहीं है. न ही यह बुनियादी है. क्योंकि धर्म 1400 साल पुराना है और लाउडस्पीकर अभी कुछ सौ साल पहले आया है. लाउडस्पीकर को हटाना धर्म को कोई खतरा नहीं है. धर्म अपने आप में मुकम्मल है. वो लंगड़ा नहीं है कि उसे लाउडस्पीकर की बैसाखी देकर ताकतवर बनाओ. बाबू भाई की कानूनी जीत अब एक मुहिम में तब्दील हो गई है. उन्होंने अपने दावे को मजबूत बनाने के लिए धर्मग्रंथ के साथ मौलवियों के 64 फतवे भी ढूंढ निकाले हैं. वे लगतार बताते हैं कि उनकी लड़ाई धर्म के खिलाफ नहीं बल्कि धर्म के नाम पर रोजमर्रा के आचरण में जोड़ी गई अतिरिक्त और गैरजरूरी बातों के खिलाफ है. कुरान के हवाले से उन्होंने मुंबई में बेहराम पाड़ा और भारत नगर जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों की सात मस्जिदों पर से सारे भोंपू उतरवा दिए हैं. उनकी लड़ाई में साथ देने वालों को हिम्मत जुटाने में भी वक्त लगा. स्थानीय मदनी मस्जिद के ट्रस्टी मोहम्मद नज़र ने NDTV इंडिया को बताया कि उनकी मस्जिद में तीन स्पीकर लगे हुए थे. इन्हें एक साथ नहीं बल्कि धीरे-धीरे हटाया. पहले अज़ान में फिर नमाज में और जुम्मे में इसे हटा दिया.टिप्पणियां धर्मस्थलों पर बजते लाउडस्पीकर को लेकर संतोष पाचलग, डॉ बेडेकर और मोहम्मद अली तीनों की याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए बाम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस ओक और जस्टिस सैय्यद अमजद ने अगस्त 2016 में फैसला सुनाते हुए कहा कि देश मे कहीं भी लाउडस्पीकर का इस्तेमाल रात दस से सुबह 6 के बीच करने वालों पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना और पांच साल तक की जेल होगी. गौरतलब है कि बाबूभाई ने अपनी बात रखने के लिए सोशल मीडिया पर बोलने के बजाए संवैधानिक हक का इस्तेमाल किया. इस वजह से आया फैसला अब पूरे देश पर लागू हो चुका है. NDTV से एक्सलूसिव बातचीत में याचिकाकर्ता मोहम्मद अली उर्फ बाबूभाई ने कहा कि लाउडस्पीकर का इस्तेमाल धर्म का हिस्सा नहीं है. न ही यह बुनियादी है. क्योंकि धर्म 1400 साल पुराना है और लाउडस्पीकर अभी कुछ सौ साल पहले आया है. लाउडस्पीकर को हटाना धर्म को कोई खतरा नहीं है. धर्म अपने आप में मुकम्मल है. वो लंगड़ा नहीं है कि उसे लाउडस्पीकर की बैसाखी देकर ताकतवर बनाओ. बाबू भाई की कानूनी जीत अब एक मुहिम में तब्दील हो गई है. उन्होंने अपने दावे को मजबूत बनाने के लिए धर्मग्रंथ के साथ मौलवियों के 64 फतवे भी ढूंढ निकाले हैं. वे लगतार बताते हैं कि उनकी लड़ाई धर्म के खिलाफ नहीं बल्कि धर्म के नाम पर रोजमर्रा के आचरण में जोड़ी गई अतिरिक्त और गैरजरूरी बातों के खिलाफ है. कुरान के हवाले से उन्होंने मुंबई में बेहराम पाड़ा और भारत नगर जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों की सात मस्जिदों पर से सारे भोंपू उतरवा दिए हैं. उनकी लड़ाई में साथ देने वालों को हिम्मत जुटाने में भी वक्त लगा. स्थानीय मदनी मस्जिद के ट्रस्टी मोहम्मद नज़र ने NDTV इंडिया को बताया कि उनकी मस्जिद में तीन स्पीकर लगे हुए थे. इन्हें एक साथ नहीं बल्कि धीरे-धीरे हटाया. पहले अज़ान में फिर नमाज में और जुम्मे में इसे हटा दिया.टिप्पणियां धर्मस्थलों पर बजते लाउडस्पीकर को लेकर संतोष पाचलग, डॉ बेडेकर और मोहम्मद अली तीनों की याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए बाम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस ओक और जस्टिस सैय्यद अमजद ने अगस्त 2016 में फैसला सुनाते हुए कहा कि देश मे कहीं भी लाउडस्पीकर का इस्तेमाल रात दस से सुबह 6 के बीच करने वालों पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना और पांच साल तक की जेल होगी. गौरतलब है कि बाबूभाई ने अपनी बात रखने के लिए सोशल मीडिया पर बोलने के बजाए संवैधानिक हक का इस्तेमाल किया. इस वजह से आया फैसला अब पूरे देश पर लागू हो चुका है. बाबू भाई की कानूनी जीत अब एक मुहिम में तब्दील हो गई है. उन्होंने अपने दावे को मजबूत बनाने के लिए धर्मग्रंथ के साथ मौलवियों के 64 फतवे भी ढूंढ निकाले हैं. वे लगतार बताते हैं कि उनकी लड़ाई धर्म के खिलाफ नहीं बल्कि धर्म के नाम पर रोजमर्रा के आचरण में जोड़ी गई अतिरिक्त और गैरजरूरी बातों के खिलाफ है. कुरान के हवाले से उन्होंने मुंबई में बेहराम पाड़ा और भारत नगर जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों की सात मस्जिदों पर से सारे भोंपू उतरवा दिए हैं. उनकी लड़ाई में साथ देने वालों को हिम्मत जुटाने में भी वक्त लगा. स्थानीय मदनी मस्जिद के ट्रस्टी मोहम्मद नज़र ने NDTV इंडिया को बताया कि उनकी मस्जिद में तीन स्पीकर लगे हुए थे. इन्हें एक साथ नहीं बल्कि धीरे-धीरे हटाया. पहले अज़ान में फिर नमाज में और जुम्मे में इसे हटा दिया.टिप्पणियां धर्मस्थलों पर बजते लाउडस्पीकर को लेकर संतोष पाचलग, डॉ बेडेकर और मोहम्मद अली तीनों की याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए बाम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस ओक और जस्टिस सैय्यद अमजद ने अगस्त 2016 में फैसला सुनाते हुए कहा कि देश मे कहीं भी लाउडस्पीकर का इस्तेमाल रात दस से सुबह 6 के बीच करने वालों पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना और पांच साल तक की जेल होगी. गौरतलब है कि बाबूभाई ने अपनी बात रखने के लिए सोशल मीडिया पर बोलने के बजाए संवैधानिक हक का इस्तेमाल किया. इस वजह से आया फैसला अब पूरे देश पर लागू हो चुका है. कुरान के हवाले से उन्होंने मुंबई में बेहराम पाड़ा और भारत नगर जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों की सात मस्जिदों पर से सारे भोंपू उतरवा दिए हैं. उनकी लड़ाई में साथ देने वालों को हिम्मत जुटाने में भी वक्त लगा. स्थानीय मदनी मस्जिद के ट्रस्टी मोहम्मद नज़र ने NDTV इंडिया को बताया कि उनकी मस्जिद में तीन स्पीकर लगे हुए थे. इन्हें एक साथ नहीं बल्कि धीरे-धीरे हटाया. पहले अज़ान में फिर नमाज में और जुम्मे में इसे हटा दिया.टिप्पणियां धर्मस्थलों पर बजते लाउडस्पीकर को लेकर संतोष पाचलग, डॉ बेडेकर और मोहम्मद अली तीनों की याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए बाम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस ओक और जस्टिस सैय्यद अमजद ने अगस्त 2016 में फैसला सुनाते हुए कहा कि देश मे कहीं भी लाउडस्पीकर का इस्तेमाल रात दस से सुबह 6 के बीच करने वालों पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना और पांच साल तक की जेल होगी. गौरतलब है कि बाबूभाई ने अपनी बात रखने के लिए सोशल मीडिया पर बोलने के बजाए संवैधानिक हक का इस्तेमाल किया. इस वजह से आया फैसला अब पूरे देश पर लागू हो चुका है. धर्मस्थलों पर बजते लाउडस्पीकर को लेकर संतोष पाचलग, डॉ बेडेकर और मोहम्मद अली तीनों की याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए बाम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस ओक और जस्टिस सैय्यद अमजद ने अगस्त 2016 में फैसला सुनाते हुए कहा कि देश मे कहीं भी लाउडस्पीकर का इस्तेमाल रात दस से सुबह 6 के बीच करने वालों पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना और पांच साल तक की जेल होगी. गौरतलब है कि बाबूभाई ने अपनी बात रखने के लिए सोशल मीडिया पर बोलने के बजाए संवैधानिक हक का इस्तेमाल किया. इस वजह से आया फैसला अब पूरे देश पर लागू हो चुका है. गौरतलब है कि बाबूभाई ने अपनी बात रखने के लिए सोशल मीडिया पर बोलने के बजाए संवैधानिक हक का इस्तेमाल किया. इस वजह से आया फैसला अब पूरे देश पर लागू हो चुका है.
महंत परमहंस रामचंद्र दास (१९१२ - ३१ जुलाई २००३) राम मन्दिर आंदोलन के प्रमुख संत व श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष थे। वे सन् ४९ से रामजन्म-भूमि आंदोलन में सक्रिय हुए तथा १९७५ से उन्होने दिगम्बर अखाड़े के महंत का पद संभाला। महन्त जी दिगंंबर अखाड़े के बैरागी साधु थे उन्होने कहा था कि जीवन परिचय परमहंस जी महाराज का पूर्व नाम चन्द्रेश्वर तिवारी था। १७ वर्ष की आयु में साधु जीवन अंगीकार करने के बाद उनका नाम रामचन्द्र दास हो गया। बिहार के छपरा जिला के सिंहनीपुर ग्राम में १९१२ में माता स्वर्गीय श्रीमती सोना देवी और पिता श्री पण्डित भगेरन तिवारी (सम्भवत: भाग्यरन तिवारी) के पुत्र के रूप में उनका जन्म हुआ था। महाराजश्री के पिताजी सरयूपारीय, शाण्डिल्य गोत्रीय धतूरा तिवारी ब्राह्मण थे। चंद्रेश्वर बालक ही थे कि माता स्वर्ग सिधार गयीं। कुछ दिनों बाद पिता भी नहीं रहे। परिणामस्वरूप इनके शिक्षण एवं लालन-पालन का दायित्व घर में सबसे बड़े भाई यज्ञानन्द तिवारी के कंधों पर आ गया। परिवार में कुल चार भाई, चार बहनों का जन्म हुआ। परमहंस जी चारों भाइयों में सबसे छोटे थे। मंझले दोनों भाई अपनी अल्पायु में ही चल बसे, आज कोई बहन भी जीवित नहीं है। इस प्रकार परिवार में केवल दो भाई शेष रहे। सबसे बड़े यज्ञानन्द तिवारी और सबसे छोटे चन्द्रेश्वर तिवारी। बड़े भाई उनसे लगभग १७ वर्ष बड़े थे। श्री चंद्रेश्वर तिवारी जब कक्षा १० में पढ़ते थे, तभी पास के किसी ग्राम में यज्ञ देखने गए और सन्तों के सम्पर्क में आ गए। ग्राम में रहकर १२वीं कक्षा पास की। उसके पश्चात्‌ साधु जीवन स्वीकार कर लिया। उस समय लगभग १५ वर्ष की आयु में हृदय में वैराग्य भाव जागृत हो गया था। पटना आयुर्वेद कालेज से आयुर्वेदाचार्य, बिहार संस्कृत संघ से व्याकरणाचार्य तथा बंगाल से साहित्यतीर्थ की परीक्षाएं पास कीं। परमहंस जी महाराज १९३० ई. के लगभग अयोध्या आ गए थे। अयोध्या में वे रामघाट स्थित परमहंस रामकिंकर दास जी की छावनी में रहे। (आज इसी स्थान पर श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर के लिए पत्थरों की नक्काशी का कार्य होता है।) महाराज जी के आध्यात्मिक गुरु ब्रह्मचारी रामकिशोर दास जी महाराज (मार्फा गुफा जानकी कुण्ड, चित्रकूट) थे। १९७५ में श्री पंच रामानन्दीय दिगम्बर अखाड़ा की अयोध्या बैठक के महन्त पद पर प्रतिष्ठित किए गए। इनके पूर्व गुरु का नाम श्री महन्त सुखराम दास जी महाराज (दिगम्बर अखाड़ा, अयोध्या) था। हरिद्वार में कुम्भ आयोजन के पूर्व देशभर से रामानन्द सम्प्रदाय के संतों के वृन्दावन में एकत्र होने की परम्परा है। इसी परम्परा के अनुसार १९९८ में वृन्दावन में वे अखिल भारतीय श्री पंच रामानन्दीय दिगम्बर अनी अखाड़ा के सर्वसम्मति से श्री महन्त चुने गए। श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष जगद्गुरु रामानन्दाचार्य पूज्य स्वामी शिवरामाचार्य जी महाराज का साकेतवास हो जाने के पश्चात्‌ अप्रैल, १९८९ में परमहंस जी महाराज को श्रीराम जन्मभूमि न्यास का कार्याध्यक्ष घोषित किया गया। बाद में वे श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण समिति के अध्यक्ष भी चुने गए। जगद्गुरु रामानन्दाचार्य पूज्य स्वामी भगवदाचार्य जी महाराज ने आपको "प्रतिवाद भयंकर' की उपाधि से सुशोभित किया था। महंत श्री ने विशिष्टाद्वैत की शिक्षा श्री अयोध्या प्रसादाचार्य जी से ग्रहण की थी। धर्मसम्राट पूज्य स्वामी करपात्री जी महाराज ने परमहंस जी के बारे में एक बार टिप्पणी करते हुए कहा था कि यह व्यक्ति केवल विद्वान ही नहीं अपितु पुस्तकालय है। संघर्ष गाथा परमहंस रामचन्द्र दास जी महाराज ने श्रीराम जन्मभूमि में पूजा-अर्चना के लिए १९५० में जिला न्यायालय में प्रार्थनापत्र दिया। अदालत ने उस प्रार्थना पत्र पर अनुकूल आदेश दिए और निषेधाज्ञा जारी की। मुस्लिम पक्ष ने उच्च न्यायालय में अपील की, उच्च न्यायालय ने अपील रद्द करके पूजा-अर्चना बेरोक-टोक जारी रखने के लिए जिला न्यायालय के आदेश की पुष्टि कर दी। इसी आदेश के कारण आज तक श्रीराम जन्मभूमि पर श्रीरामलला की पूजा-अर्चना होती चली आ रही है। श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति के ७७वें संघर्ष की शुरूआत अप्रैल, १९८४ की प्रथम धर्म संसद (नई दिल्ली) में हुई, जिसमें अयोध्या, मथुरा, काशी के धर्म स्थानों की मुक्ति का प्रस्ताव स्वर्गीय दाऊदयाल खन्ना जी के द्वारा रखा गया, जो सर्वसम्मति से पारित हुआ। दिगम्बर अखाड़ा, अयोध्या में परमहंस रामचन्द्र दास जी की अध्यक्षता में ७७वें संघर्ष की कार्य योजना के संचालन हेतु प्रथम बैठक हुई थी, जिसमें श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति का गठन हुआ। परमहंस जी सर्वसम्मति से यज्ञ समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष चुने गए। जन्मभूमि को मुक्त कराने हेतु जन-जागरण के लिए सीतामढ़ी से अयोध्या तक राम-जानकी रथ यात्रा का कार्यक्रम भी इसी बैठक में तय हुआ था। उत्तर प्रदेश में भ्रमण के लिए अयोध्या से भेजे गए ६ राम-जानकी रथों का पूजन परमहंस जी महाराज के द्वारा अक्टूबर १९८५ में सम्पन्न हुआ था। पूज्य परमहंस जी महाराज की दूरदर्शिता के परिणामस्वरूप जगद्गुरु रामानन्दाचार्य स्वामी शिवरामाचार्य जी महाराज के द्वारा श्रीराम जन्मभूमि न्यास की स्थापना हुई। दिसम्बर १९८५ की द्वितीय धर्म संसद उडुपी (कर्नाटक) में पूज्य परमहंस जी की अध्यक्षता में हुई जिसमें निर्णय हुआ कि यदि ८ मार्च १९८६ को महाशिवरात्रि तक रामजन्मभूमि पर लगा ताला नहीं खुला तो महाशिवरात्रि के बाद ताला खोलो आन्दोलन, ताला तोड़ो में बदल जाएगा और ८ मार्च के बाद प्रतिदिन देश के प्रमुख धर्माचार्य इसका नेतृत्व करेंगे। पूज्य परमहंस रामचन्द्र दास जी महाराज ने अयोध्या में अपनी इस घोषणा से सारे देश में सनसनी फैला दी कि "८ मार्च १९८६ तक श्रीराम जन्मभूमि का ताला नहीं खुला तो मैं आत्मदाह करूंगा।' जिसका परिणाम यह हुआ कि १ फ़रवरी १९८६ को ही ताला खुल गया। जनवरी, १९८९ में प्रयाग महाकुम्भ के अवसर पर आयोजित तृतीय धर्मसंसद में शिला पूजन एवं शिलान्यास का निर्णय परमहंस जी की उपस्थिति में ही लिया गया था। इस अभिनव शिलापूजन कार्यक्रम ने सम्पूर्ण विश्व के रामभक्तों को जन्मभूमि के साथ प्रत्यक्ष जोड़ दिया। श् श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष जगद्गुरु रामानन्दाचार्य पूज्य स्वामी शिवरामाचार्य जी महाराज का साकेतवास हो जाने के पश्चात्‌ अप्रैल, १९८९ में परमहंस जी महाराज को श्रीराम जन्मभूमि न्यास का कार्याध्यक्ष घोषित किया गया। परमहंस जी महाराज की दृढ़ संकल्प शक्ति के परिणामस्वरूप ही निश्चित तिथि, स्थान एवं पूर्व निर्धारित शुभ मुहूर्त ९ नवम्बर १९८९ को शिलान्यास कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। ३० अक्टूबर १९९० की कारसेवा के समय अनेक बाधाओं को पार करते हुए अयोध्या में आये हजारों कारसेवकों का उन्होंने नेतृत्व व मार्गदर्शन भी किया। २ नवम्बर १९९० को परमहंस जी का आशीर्वाद लेकर कारसेवकों ने जन्मभूमि के लिए कूच किया। उस दिन हुए बलिदानश् के वे स्वयं साक्षी थे। बलिदानी कारसेवकों के शव दिगम्बर अखाड़े में ही लाकर रखे गए थे। अक्टूबर १९८२ में दिल्ली की धर्म संसद में ६ दिसम्बर की कारसेवा के निर्णय में आपने मुख्य भूमिका निभायी और स्वयं अपनी आंखों से उस ढांचे को बिखरते हुए देखा था जिसका स्वप्न वह अनेक वर्षोंश् से अपने मन में संजोए थे। अक्टूबर २००० में गोवा में केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल की बैठक में पूज्य परमहंस जी महाराज को मन्दिर निर्माण समिति का अध्यक्ष सर्वसम्मति से चुना गया। जनवरी, २००२ में अयोध्या से दिल्ली तक की चेतावनी सन्त यात्रा का निर्णय पूज्य परमहंस रामचन्द्र दास जी का ही था। २७ जनवरी २००२ को प्रधानमंत्री से मिलने गए सन्तों के प्रतिनिधि मण्डल का नेतृत्व भी आपने ही किया। मार्च २००२ के पूर्णाहुति यज्ञ के समय शिलादान पर अदालत द्वारा लगायी गई बाधा के समय १३ मार्च को पूज्य परमहंस की इस घोषणा ने सारे देश व सरकार को हिला कर रख दिया कि "अगर मुझे शिलादान नहीं करने दिया गया तो मैं रसायन खाकर अपने प्राण त्याग दूंगा।' आन्दोलन को तीव्र गति से चलाने के लिए सितम्बर, २००२ को केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल की लखनऊ बैठक में परमहंस जी की योजना से ही गोरक्ष पीठाधीश्वर महन्त अवैद्यनाथ जी महाराज की अध्यक्षता में श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण आन्दोलन उच्चाधिकार समिति का निर्माण हुआ। २६ मार्च २००३ को दिल्ली में आयोजित सत्याग्रह के प्रथम जत्थे का नेतृत्व कर पूज्य परमहंस रामचन्द्र दास जी महाराज ने अपनी गिरफ्तारी दी। २९, ३० अप्रैल २००३ को अयोध्या में आयोजित उच्चाधिकार समिति की बैठक में परमहंस जी के परामर्श से ही श्रीराम संकल्पसूत्र संकीर्तन कार्यक्रम की योजना का निर्णय हुआ। इसके द्वारा दो लाख गांवों के दो करोड़ रामभक्त प्रत्यक्ष रूप से मन्दिर के साथ सहभागी बनेंगे। इसके बाद बीमारी की अवस्था में भी वे अपने संकल्प को दृढ़ता के साथ व्यक्त एवं देश, धर्म-संस्कृति की रक्षा हेतु समाज का मार्गदर्शन करते रहे। सन्दर्भ हिन्दू आध्यात्मिक नेता
मोहनगंज उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह मय़मनसिंह विभाग के नेत्रकोना ज़िले का एक उपजिला है। इसमें, ज़िला सदर समेत, कुल १० उपज़िले हैं। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से उत्तर की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। जनसांख्यिकी यहाँ की आधिकारिक स्तर की भाषाएँ बांग्ला और अंग्रेज़ी है। तथा बांग्लादेश के किसी भी अन्य क्षेत्र की तरह ही, यहाँ की भी प्रमुख मौखिक भाषा और मातृभाषा बांग्ला है। बंगाली के अलावा अंग्रेज़ी भाषा भी कई लोगों द्वारा जानी और समझी जाती है, जबकि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक निकटता तथा भाषाई समानता के कारण, कई लोग सीमित मात्रा में हिंदुस्तानी(हिंदी/उर्दू) भी समझने में सक्षम हैं। यहाँ का बहुसंख्यक धर्म, इस्लाम है, जबकि प्रमुख अल्पसंख्यक धर्म, हिन्दू धर्म है। जनसांख्यिकीक रूप से, यहाँ, इस्लाम के अनुयाई, आबादी के औसतन ९१% के करीब है। शेष जनसंख्या प्रमुखतः हिन्दू धर्म की अनुयाई है। यह मयख्यातः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। अवस्थिति मोहनगंज उपजिला बांग्लादेश के उत्तरी सीमा से सटे, मयमनसिंह विभाग के नेत्रकोना जिले में स्थित है। इन्हें भी देखें बांग्लादेश के उपजिले बांग्लादेश का प्रशासनिक भूगोल मयमनसिंह विभाग सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ उपज़िलों की सूची (पीडीएफ) (अंग्रेज़ी) जिलानुसार उपज़िलों की सूचि-लोकल गवर्नमेंट इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट, बांग्लादेश http://hrcbmdfw.org/CS20/Web/files/489/download.aspx (पीडीएफ) श्रेणी:मयमनसिंह विभाग के उपजिले बांग्लादेश के उपजिले
लारेंस स्टर्न (Laurence Sterne ; १७१३-१७६८) अंग्रेजी-आयरी उपन्यासकार था। परिचय कैंब्रिज में शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात् स्टर्न ने अपना जीवन पादरी की तरह बिताया। इस पेशे में उसकी कोई विशेष रूचि नहीं थी। साहित्य की ओर वह बहुत देर से मुड़ा। १७६० में 'दि लाइफ एंड ओपिनियंस ऑव ट्रिस्ट्रैम शैडी, जैट' नामक दो खंडों में उसने एक काल्पनिक नायक ट्रिस्ट्रैम का आधार बनाकर उपन्यास प्रकाशित किए। इससे उसे एकदम प्रसिद्धि मिल गई। वह अपना गिरजाघर छोड़कर भाग गया, यद्यपि वह उसकी नाममात्र सेवा करता रहा। वह इसी उपन्यास के और खंड लिखता गया जो १७६७ में पूरे हुए। इस उपन्यास में तीसरे खंड तक नायक का जन्म नहीं होता। उसमें परिवेश के विस्तृत विवरणयुक्त वर्णन में ही उसने अपनी शक्ति खर्च की है। उसके अगले वर्ष १७६८ में यानी अपनी मृत्यु केषव उसने 'ए सेंटिमेंटल जर्नी थ्रू फ्रांस ऐंड इटैली' (फ्रांस और इटली से होते हुए एक भावपूर्ण प्रवास) प्रकाशित किया। प्रसिद्धिप्राप्ति के बाद उसने स्वयं यह प्रवास किया था, जिसको औपन्यासिक रूप इस ग्रंथ में दिया गया है। इसके साथ ही उसने कई धार्मिक प्रवचन भी लिखे, जो प्रकाशित हुए। स्टर्न की साहित्यिक विशेषताएँ हैं उसकी अत्यंत व्यक्तिगत शैली। उसमें असंगति, जान बूझकर विषयांतर, अनिश्चित पात्र, अनिर्दिष्ट घटनाएँ आदि विचित्रताएँ होती है। विसंगति जैसे उसकी रचना का मूल स्वर है। वह अपने उपन्यास में भी कोई कथानक लेकर नहीं चला है। सब कुछ यों ही चलता है। विचित्र सनकी किस्म के पात्र एक के बाद एक चले आते हैं। उनमें कोई शृंखलाबद्धता या पूर्वायोजन नहीं। उसकी भावुकता भी जान बुझकर बढ़ी चढ़ी, अतिरंजित लगती है। अट्ठारहवीं शताब्दी की अतिबौद्धिकता के विरोध में सटर्न के विद्रोह का एक लक्षण यह भावुकता है। स्टर्न ने बहुत कुछ रैबेले नामक फ्रांसीसी लेखक के अनुकरण में यह शैली अपनाई है। रैबेले में अधिक उन्मुक्तता और रूढ़ नीतिबंधनों के प्रति विद्रोह है, स्टर्न में उतनी नहीं। स्टर्न की नकल बाद के कई लेखकों ने की। पर वैसी शैली पुन: और कोई नहीं पा सका। स्टर्न का स्थान अंग्रेजी साहित्य में, उपन्यसकार के नाते या प्रवास वर्णनकार के नाते कोई बहुत बड़ा नहीं है। परंतु अंग्रेजी गद्य में एक नई विद्या, एक नई दिशा देने में स्टर्न बहुत सफल रहा। बाद के पत्रकारों ने उसकी टेकनीक को अपनाया। स्टर्न की वर्णनशक्ति अद्भुत थी; और न कुछ को भी वह बहुत रोचक बना देता था। भाषा पर प्रभुत्व, वक्तृतामयी वाग्मिता के साथ-साथ अपने परिवेश का बहुत सूक्ष्म अवलोकन स्टर्न की अपनी क्षमताएँ और विशेषताएँ हैं। अंग्रेजी साहित्यकार
हार्दिक हिमांशु पण्ड्या भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी हैं। इनका जन्म 11 अक्टूबर 1993 को सूरत गुजरात में हुआ था। वो बड़ौदा क्रिकेट टीम और इंडियन प्रीमियर लीग में गुजरात टाइटन्स के लिए खेलते हैं। पांड्या 2022 आईपीएल से गुजरात टीम के कप्तान भी है।पण्ड्या दाहिने हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज तथा दाहिने हाथ के मध्यक्रम बल्लेबाज हैं। इन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत 26 जनवरी 2023 को ट्वेन्टी ट्वेन्टी के साथ ऑस्ट्रेलिया खिलाफ की थी। हार्दिक पांड्या की नेटवर्थ और अन्य चीज जानने के लिए। आईपीएल 2022 में हार्दिक पंड्या की कप्तानी में गुजरात टाइटन्स ने अपने डेब्यू सीजन में ही खिताब अपने नाम करके इतिहास रचा दिया है। 2022 आयरलैंड दौरे के लिए हार्दिक पंड्या के हाथ में टीम इंडिया की कमान दी गई है। टीम इंडिया को इंग्लैंड दौरे से पहले आयरलैंड के खिलाफ दो मैच की टी-20 सीरीज़ खेलनी है। घरेलू करियर पंड्या ने 2013-14 सत्र में बड़ौदा को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जनवरी 2016 में उन्होंने नाबाद 86 रन बनाये जिसमें उन्होंने आठ छक्के लगाए। अपनी टीम बड़ौदा को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जीतने के लिए विदर्भ क्रिकेट टीम पर छह विकेट से जीत दिलाई। इंडियन प्रीमियर लीग पांड्या 2015 से 2021 तक आईपीएल में मुंबई इंडियंस के लिए खेले। कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ मुंबई इंडियंस के लिए प्लेऑफ की दौड़ में बने रहने के लिए जरूरी जीत की स्थिति में उन्होंने 31 गेंदों पर 61 रन बनाकर अपनी टीम को मैच जिताया। इसी मैच में उन्हें सीजन का दूसरा मैन ऑफ़ द मैच का खिताब दिया गया। आईपीएल 2022 की नीलामी से पहले पांड्या को मुंबई इंडियंस ने रिलीज कर दिया था। उसके बाद उन्हें अहमदाबाद फ्रेंचाइजी, गुजरात टाइटन्स ने अनुबंध किया और टीम का कप्तान नामित किया गया। 2022 में पंड्या ने अपने पहले आईपीएल खिताब के लिए गुजरात का नेतृत्व किया। शेन वार्न के बाद वह पहले कप्तान बने जिन्होंने एक नयी टीम का नेतृत्व किया और आईपीएल का खिताब जीता। अंतर्राष्ट्रीय करियर टी20 पांड्या ने 27 जनवरी 2016 को 22 साल की उम्र में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2 विकेट लेकर भारत के लिए अपना पहला ट्वेंटी-20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेला। रांची में श्रीलंका के खिलाफ दूसरे टी20 में, उन्होंने युवराज सिंह और एमएस धोनी के आगे बल्लेबाजी की और थिसारा परेरा का हैट्रिक शिकार बनने से पहले 14 गेंदों पर 27 रन बनाए। एशिया कप 2016 में, पांड्या ने 18 गेंदों में 31 रन बनाकर भारत को बांग्लादेश के खिलाफ एक सम्मानजनक स्कोर बनाने में मदद की। बाद में, उन्होंने जीत हासिल करने के लिए एक विकेट भी लिया। पाकिस्तान के खिलाफ अगले मैच में उन्होंने 8 रन देकर 3 विकेट भी लिए जो उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदशन रहा और पाकिस्तान को 83 पर रोक दिया। सितंबर 2021 में, पंड्या को 2021 आईसीसी पुरुष टी20 विश्व कप के लिए भारत की टीम में नामित किया गया था। हालांकि, पांड्या उम्मीद के मुताबिक प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 11 रन बनाए थे। पंड्या को एक ऑलराउंडर के रूप में चुना गया था। हालाँकि उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ केवल 2 ओवर फेंके बिना कोई विकेट लिए और 17 रन दिए। उनके रनों की कमी और गेंद के साथ योगदान करने में असमर्थता के कारण उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व कप के बाद होने वाली टी20ई श्रृंखला के लिए टीम से बाहर कर दिया गया। सन्दर्भ भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी जीवित लोग 1993 में जन्मे लोग हरफनमौला खिलाड़ी भारतीय एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी भारतीय ट्वेन्टी २० क्रिकेट खिलाड़ी दाहिने हाथ के गेंदबाज दाहिने हाथ के बल्लेबाज़ गुजरात के लोग
स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया ने SBI PO 2016 prelims एग्‍जाम के नतीजे 18 जुलाई को जारी होंगे. उम्‍मीदवार इसे ऑफिशियल वेबसाइट पर देख सकते हैं. रिजल्‍ट देखने के लिए कैंडिडेट्स को सबसे पहले ऑफिशियल वेबसाइट www.sbi.co.in पर जाना होगा. यहां दिए गए 'Careers' के ऑप्‍शन पर क्लिक करें. आपके सामने एक नया पेज खुल जाएगा. यहां पर दिए गए ' Recruitment of Probationary Officers in SBI Result for online Preliminary Exam ' पर जाएं. नतीजे आपके सामने होंगे. इस परीक्षा में पास होने वाले उम्‍मीदवारों को SBI PO Mains परीक्षा देनी होगी. स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 2200 पदों पर भर्ती के लिए यह परीक्षा 2, 3, 9 और 10 जुलाई 2016 को आयोजित की थी.