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कॉमन एंट्रेंस एग्जामिनेशन फॉर डिजाइन (CEED) का एप्लीकेशन फॉर्म जिन्होंने भरा है, वे अब एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं.
CEED का एग्जाम 7 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा. इस एग्जाम से पोस्टग्रेजुएट डिजाइन प्रोग्राम में IIT या IISc में एडमिशन मिलता है.
उम्मीदवारों को अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड करने के लिए ईमेल आईडी और पासवर्ड की जरूरत पड़ेगी. ज्यादा जानकारी CEED ऑफिशियल साइट http://www.gate.iitb.ac.in/ceed2015/ पर उपलब्ध है.
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उत्तर प्रदेश राज्य में, राज्य मानवाधिकार आयोग की स्थापना 4 अप्रैल 1996 को हुई थी। हालाँकि, आयोग का गठन औपचारिक रूप से अधिसूचना संख्या 2388-89 दिनांक: 7.10.2002 द्वारा किया गया था, जब दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एपी मिश्रा थे। भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश को न्यायमूर्ति वी. सरन, श्री एस.आर. के साथ पहले अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था आर्य, श्री एस.वी.एम. त्रिपाठी और श्री सुख लाल आदर्श आयोग के सहायक सदस्यों के रूप में। वर्तमान में, यूपीएचआरसी का नेतृत्व न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बाला कृष्ण नारायण कर रहे हैं।
सन्दर्भ
भारत में मानवाधिकार
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शिवरानी देवी प्रेमचंद कथा-सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जीवन-संगिनी थीं।
जीवन
शिवरानी देवी के पिता का नाम मुंशी देवीप्रसाद था। शिवरानी बाल-विधवा थीं व १९०६ में शिवरानी का विवाह मुंशी प्रेमचंद से हुआ। शिवरानी ने स्वाधीनता आंदोलन में सक्रिय भाग लिया। वे स्वाधीनता के लिए लड़ीं। १९३० में उन्हें २ महीने का कारावास हुआ। उनकी रचनाएं "चाँद" व "हंस" में प्रकाशित हईं हैं।
रचनाएँ
प्रेमचंद घर में(१९४४)- प्रेमचंद की जीवनी-८ मई २०२० को जनसत्ता में प्रकाशित लेख में इस जीवनी का एक अंश छपा। उस अंश में अपनी पहली कहानी पर बात करते हुए वे लिखतीं हैं कि- "मेरी पहली 'साहस' नाम की कहानी चाँद में छपी।"
इन्हें भी देखें
प्रेमचंद
संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
हिन्दी साहित्यकार
स्वतंत्रता सेनानी
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शिलॉन्ग टाइम्स एक भारतीय अखबार है। यह उत्तर-पूर्व भारत का सबसे पुराना अंग्रेजी भाषा का दैनिक समाचार पत्र है, जो 10 अगस्त, 1945 को शिलॉन्ग की एक ट्रेडमिल मशीन पर एक टैबलॉयड के आकार के साप्ताहिक के रूप में शुरू हुआ था।
शिलॉन्ग टाइम्स ने 15 अगस्त, 1991 को आधुनिक कंप्यूटर टाइपसेटिंग और ऑफसेट प्रिंटिंग तकनीक पर स्विच किया और ब्रॉडशीट प्रारूप में पहला मुद्दा अस्तित्व में आया।
मेघालय के गारो हिल्स में तुरा शहर से दूसरा संस्करण 9 नवंबर, 1992 को लॉन्च किया गया था।
तुरा संस्करण के अलावा, शिलॉन्ग टाइम्स प्राइवेट लिमिटेड भी एकमात्र गारो भाषा दैनिक सलंटिनी जनेरा प्रकाशित करता है।
प्रकाशन का नेतृत्व इसके संपादक के रूप में पेट्रीसिया मुखीम ने किया, जिसने 2008 में मानस चौधरी को सफलता दिलाई। [१] चौधरी 1978 से पत्र के संपादक थे। [२]
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(इनपुट्स भाषा से)
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देश की राजधानी से सटे नोएडा में जंगल राज की बेहद खौफनाक तस्वीर सामने आई है. नोएडा के पॉश इलाके सेक्टर 14 में खुली सड़क से सटे बिजली के खंभे से एक जोड़े की लाश लटकी मिली. सुबह-सुबह जिन लोगों ने इस मंजर को देखा उनके होश उड़ गए.
पीलीभीत का रहने वाला है युवक
बिजली का खंभा नाले से सटा हुआ है जहां हमेशा लोगों का आना जाना लगा रहता है. इसी बिजली के खंभे से युवक की लाश लटकी हुई थी. युवक के गले में बिजली के तार का फंदा था. पास में ही खंभे से सटे एक पेड़ पर महिला की भी लाश लटकी हुई थी. मृतक जोड़े में से युवक की पहचान पीलीभीत के पप्पू के तौर पर हुई है जो दिल्ली के अशोक नगर इलाके में रहता था. महिला की पहचान युवक की पत्नी के रूप में की गई है. युवक के साढ़ू ने बताया कि पती और पत्नी के रूप अक्सर नोंक झोंक होती है और इन्होंने तलाक के लिए अर्जी भी दे रखी थी.
पुलिस के लिए बनी पहेली
ये मामला पुलिस के लिए भी अभी तक पहेली बना हुआ है. पुलिस मानती है कि पहली नजर में देखने से ये मामला हत्या का भी हो सकता है, लेकिन हालात खुदकुशी की ओर भी इशारा कर रहे हैं. मसलन जिस खंभे पर लाश मिली है, उसकी ऊंचाई दस फीट है, वहीं पेड़ पर जो लाश लटकी है, वो करीब बारह फीट ऊंची है.
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आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई, हमारी लड़ाई भी है। भारत दौरे पर आई अमेरिका की विदेशमंत्री हिलेकी क्लिंटन ने विदेशमंत्री एसएम कृष्णा से मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात कही। एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिलेरी ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरा सहयोग का आश्वासन दिया। अमेरिकी विदेशमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान खुद भी आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करे, क्योंकि ये पाकिस्तान के हित में है। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत होती रहे, अमेरिका यही चाहता है। क्लिंटन ने यह भी कहा कि अमेरिका कहीं भी आतंवादियों को पनाह देने वालों को बर्दाश्त नहीं करेगा। हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और अमेरिका सहयोगी हैं। क्लिंटन ने आतंकवाद पर लगाम लगाने में नई दिल्ली को सहयोग करने के अपनी सरकार के संकल्प को दोहराया। भारत-अमेरिका के बीच दूसरी रणनीतिक वार्ता में अपनी शुरुआती टिप्पणी में क्लिंटन ने 13 जुलाई को मुंबई शृंखलाबद्ध विस्फोटों में मारे गए पीड़ितों के परिजनों के साथ सहानुभूति जताई। क्लिंटन ने कहा, मैं पिछले सप्ताह मुंबई में हुए आतंकवादी हमले को लेकर अपनी सहानुभूति और नाराजगी व्यक्त करती हूं। हम पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हैं। क्लिंटन ने कहा कि घरेलू सुरक्षा एक उच्च प्राथमिकता है और दोनों देशों के बीच बढ़ रही साझेदारी का एक स्रोत है। उन्होंने कहा, हम भविष्य की हिंसाओं से नागरिकों और शहरों की हिफाजत में भारत सरकार को मदद करने का संकल्प लेते हैं। हम हिंसक चरमवादी नेटवर्क के खिलाफ लड़ाई में सहयोगी हैं। क्लिंटन 25 सदस्यीय शिष्टमंडल के साथ सोमवार रात यहां पहुंचीं। उन्होंने नई दिल्ली में विदेश मंत्री एसएम कृष्णा के साथ हैदराबाद हाउस में बातचीत की। क्लिंटन ने कहा कि दोनों देशों ने अपराधों की जांच, कानून प्रवर्तन, सीमा प्रबंधन और साइबर सुरक्षा पर अपना सहयोग बढ़ाने के लिए एक आतंकवाद निरोधी सहयोगात्मक समझौते पर हस्ताक्षर किया। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका, भारत के साथ इस रणनीतिक संवाद में इसलिए शामिल हुआ है, क्योंकि हम मानते हैं कि -जैसाकि राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है- भारत और अमेरिका के बीच रिश्ता 21वीं सदी की एक निर्णायक साझेदारी होगी। हिलेरी क्लिंटन ने एसएम कृष्णा के साथ मुलाकात को बहुत फलदायी बताया। यह मुलाकात दोनों रणनीतिक साझेदारों के बीच आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर केंद्रित थी। क्लिंटन ने हैदराबाद हाउस में दूसरी रणनीतिक वार्ता के बाद कृष्णा के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में, एक बहुत ही फलदायी बैठक के लिए अपने मेजबान को धन्यवाद दिया। क्लिंटन ने कहा, मैं आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर दिए जा रहे जोर का जिक्र करना चाहती हूं। उन्होंने कहा कि अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ है। यह हिंसक चरमवाद के खिलाफ हमारी भी लड़ाई है।(इनपुट एजेंसियों से भी)
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आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने मुंबई पर आतंकवादी हमला करने वाले आतंकी आमिर अजमल कसाब को फांसी दिए जाने को सही ठहराते हुए कहा कि कसाब के मामले में बुरे काम का बुरा अंजाम हुआ है।टिप्पणियां
अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत में लालू ने कहा, कसाब ने जो बुरा काम किया, उसका बुरा अंजाम हुआ। कसाब के खिलाफ भारत के कानून के तहत कार्रवाई हुई है। वह भारत के कानून के तहत दंडित हुआ है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने कसाब की दया याचिका को अस्वीकार कर उसकी फांसी पर मुहर लगा दी थी।
लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को सही ठहराते हुए कसाब की फांसी की सजा को बरकरार रखा था। इसके बाद राष्ट्रपति ने कसाब की फांसी की सजा पर मुहर लगा दी थी। उसके खिलाफ प्रक्रिया (कानून) के तहत कार्रवाई हुई है। अफजल गुरु की लंबित फांसी की सजा के संबंध में पासवान ने कहा, इस मामले में जो प्रक्रिया है, उसके तहत कार्रवाई होगी। पूर्व केंद्रीय मंत्री पटना में जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।
अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत में लालू ने कहा, कसाब ने जो बुरा काम किया, उसका बुरा अंजाम हुआ। कसाब के खिलाफ भारत के कानून के तहत कार्रवाई हुई है। वह भारत के कानून के तहत दंडित हुआ है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने कसाब की दया याचिका को अस्वीकार कर उसकी फांसी पर मुहर लगा दी थी।
लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को सही ठहराते हुए कसाब की फांसी की सजा को बरकरार रखा था। इसके बाद राष्ट्रपति ने कसाब की फांसी की सजा पर मुहर लगा दी थी। उसके खिलाफ प्रक्रिया (कानून) के तहत कार्रवाई हुई है। अफजल गुरु की लंबित फांसी की सजा के संबंध में पासवान ने कहा, इस मामले में जो प्रक्रिया है, उसके तहत कार्रवाई होगी। पूर्व केंद्रीय मंत्री पटना में जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।
लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को सही ठहराते हुए कसाब की फांसी की सजा को बरकरार रखा था। इसके बाद राष्ट्रपति ने कसाब की फांसी की सजा पर मुहर लगा दी थी। उसके खिलाफ प्रक्रिया (कानून) के तहत कार्रवाई हुई है। अफजल गुरु की लंबित फांसी की सजा के संबंध में पासवान ने कहा, इस मामले में जो प्रक्रिया है, उसके तहत कार्रवाई होगी। पूर्व केंद्रीय मंत्री पटना में जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।
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'आयरन लेडी' के नाम से मशहूर ब्रिटेन की पहली एवं एकमात्र महिला प्रधानमंत्री मारग्रेट थैचर का सोमवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 87 वर्ष की थीं।
थैचर के परिवार ने सोमवार की सुबह उनके निधन का समाचार दिया। थैचर के प्रवक्ता लॉर्ड बेल ने कहा, "मार्क और कैरोल थैचर बेहद दुख के साथ यह घोषणा करते हैं कि उनकी मां बैरोनेस थैचर का सोमवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।"
थैचर के निधन पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपनी सम्वेदनाएं प्रकट करते हुए कहा कि थैचर के नेतृत्व में इंग्लैंड ने राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण तरक्की हासिल की।
अपने शोक संदेश में मनमोहन सिंह ने कहा, "मैं इंग्लैंड की पूर्व प्रधानमंत्री बैरोनेस मारग्रेट थैचर के निधन पर अपनी गहरी सम्वेदनाएं व्यक्त करता हूं।"
इंग्लैंड के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने दुनिया के कई राजनीतिज्ञों के साथ थैचर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
कैमरन ने कहा, "थैचर के निधन के बारे में जानकर मुझे बेहद दुख हुआ है। हमने एक महान नेता, एक महान प्रधानमंत्री और एक महान इंग्लैंडवासी को खो दिया है।"
थैचर के निधन का समाचार मिलने पर इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ भी काफी दुखी हो गईं। बकिंघम पैलेस से जारी एक वक्तव्य में कहा गया है, "महारानी एलिजाबेथ बैरोनेस थैचर के निधन का समाचार सुनकर दुखी हो गईं। महारानी, थैचर के परिवार को सहानुभूति संदेश भेजेंगी।"
अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के अतिरिक्त थैचर अपनी समकालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के भी काफी नजदीक थीं। थैचर अपने ही समान कठोर फैसलों के लिए जानी जाने वाली इंदिरा गांधी की स्पष्ट प्रशंसक भी थीं।
1995 में अपनी भारत यात्रा को दौरान थैचर ने कहा था, "हमारे बीच बहुत जल्दी ही अच्छे सम्बंध स्थापित हो गए, हम दोनों ही सर्वोच्च कार्यालयों की एकांतता का अनुभव करते हैं और किसी ऐसे व्यक्ति से बात करना अच्छा लगता है जो आपको समझता हो।"
इंदिरा गांधी के बारे में थैचर ने कहा था, "लेकिन मैंने उनमें ऐसी योग्यताएं देखीं जो मेरी समझ से एक राजनीतिज्ञ के लिए आवश्यक हैं। उन्हें अपने देश पर जुनून की हद तक गर्व था। वह हमेशा निर्भय रहती थीं और बहुत ही व्यावहारिक थीं।"
1984 में आयरिश गणराज्य की सेना द्वारा ब्रिटॉन होटल पर कंजर्वेटिव पार्टी की बैठक के दौरान किए गए हमले में बाल-बाल बचने के बाद थैचर को सबसे पहले जिन कुछ चुनिंदा लोगों ने संदेश भेजे थे, उनमें से इंदिरा गांधी भी थीं।
इंग्लैंड के समाचार चैनल स्काई न्यूज के अनुसार थैचर को क्रिसमस से ठीक पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनके गुर्दे का आपरेशन किया गया। नववर्ष से पहले वह अस्पताल से घर आ गई थीं।
कंजरवेटिव पार्टी की नेता थैचर वर्ष 1979 से 1990 के बीच ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थीं और खराब स्वास्थ्य के कारण सार्वजनिक जीवन से दूर हो गई थीं। उनकी सरकार ने कई सरकारी उद्योगों का निजीकरण किया।
1925 में जन्मी मारग्रेट रॉबर्ट्स वर्ष 1959 में कंजरवेटिव पार्टी के टिकट पर पहली बार ब्रिटिश संसद के निम्न सदन हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए निर्वाचित हुई थीं। वर्ष 1992 में उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया। उन्होंने वर्ष 1979, 1983 और 1987 में आम चुनाव जीता था। वह शिक्षा मंत्री भी रही थीं। थैचर को इंग्लैंड को दुनिया का अग्रणी औद्योगिक देश बनाने का श्रेय जाता है।टिप्पणियां
लॉर्ड बेल ने स्काई न्यूज चैनल से कहा, "उनके जैसी नेता हमें कभी दिखाई नहीं देंगी। वह इंग्लैंड के सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्रियों में से एक थीं।" उन्होंने थैचर को विंस्टन चर्चिल के अतिरिक्त कंजरवेटिव पार्टी का सबसे महान नेता बताया।
थैचर को एक रूसी पत्रकार ने 1976 में रूस के साम्यवाद का विरोध करने पर 'आयरन लेडी' का सम्बोधन दिया था।
थैचर के परिवार ने सोमवार की सुबह उनके निधन का समाचार दिया। थैचर के प्रवक्ता लॉर्ड बेल ने कहा, "मार्क और कैरोल थैचर बेहद दुख के साथ यह घोषणा करते हैं कि उनकी मां बैरोनेस थैचर का सोमवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।"
थैचर के निधन पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपनी सम्वेदनाएं प्रकट करते हुए कहा कि थैचर के नेतृत्व में इंग्लैंड ने राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण तरक्की हासिल की।
अपने शोक संदेश में मनमोहन सिंह ने कहा, "मैं इंग्लैंड की पूर्व प्रधानमंत्री बैरोनेस मारग्रेट थैचर के निधन पर अपनी गहरी सम्वेदनाएं व्यक्त करता हूं।"
इंग्लैंड के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने दुनिया के कई राजनीतिज्ञों के साथ थैचर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
कैमरन ने कहा, "थैचर के निधन के बारे में जानकर मुझे बेहद दुख हुआ है। हमने एक महान नेता, एक महान प्रधानमंत्री और एक महान इंग्लैंडवासी को खो दिया है।"
थैचर के निधन का समाचार मिलने पर इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ भी काफी दुखी हो गईं। बकिंघम पैलेस से जारी एक वक्तव्य में कहा गया है, "महारानी एलिजाबेथ बैरोनेस थैचर के निधन का समाचार सुनकर दुखी हो गईं। महारानी, थैचर के परिवार को सहानुभूति संदेश भेजेंगी।"
अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के अतिरिक्त थैचर अपनी समकालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के भी काफी नजदीक थीं। थैचर अपने ही समान कठोर फैसलों के लिए जानी जाने वाली इंदिरा गांधी की स्पष्ट प्रशंसक भी थीं।
1995 में अपनी भारत यात्रा को दौरान थैचर ने कहा था, "हमारे बीच बहुत जल्दी ही अच्छे सम्बंध स्थापित हो गए, हम दोनों ही सर्वोच्च कार्यालयों की एकांतता का अनुभव करते हैं और किसी ऐसे व्यक्ति से बात करना अच्छा लगता है जो आपको समझता हो।"
इंदिरा गांधी के बारे में थैचर ने कहा था, "लेकिन मैंने उनमें ऐसी योग्यताएं देखीं जो मेरी समझ से एक राजनीतिज्ञ के लिए आवश्यक हैं। उन्हें अपने देश पर जुनून की हद तक गर्व था। वह हमेशा निर्भय रहती थीं और बहुत ही व्यावहारिक थीं।"
1984 में आयरिश गणराज्य की सेना द्वारा ब्रिटॉन होटल पर कंजर्वेटिव पार्टी की बैठक के दौरान किए गए हमले में बाल-बाल बचने के बाद थैचर को सबसे पहले जिन कुछ चुनिंदा लोगों ने संदेश भेजे थे, उनमें से इंदिरा गांधी भी थीं।
इंग्लैंड के समाचार चैनल स्काई न्यूज के अनुसार थैचर को क्रिसमस से ठीक पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनके गुर्दे का आपरेशन किया गया। नववर्ष से पहले वह अस्पताल से घर आ गई थीं।
कंजरवेटिव पार्टी की नेता थैचर वर्ष 1979 से 1990 के बीच ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थीं और खराब स्वास्थ्य के कारण सार्वजनिक जीवन से दूर हो गई थीं। उनकी सरकार ने कई सरकारी उद्योगों का निजीकरण किया।
1925 में जन्मी मारग्रेट रॉबर्ट्स वर्ष 1959 में कंजरवेटिव पार्टी के टिकट पर पहली बार ब्रिटिश संसद के निम्न सदन हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए निर्वाचित हुई थीं। वर्ष 1992 में उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया। उन्होंने वर्ष 1979, 1983 और 1987 में आम चुनाव जीता था। वह शिक्षा मंत्री भी रही थीं। थैचर को इंग्लैंड को दुनिया का अग्रणी औद्योगिक देश बनाने का श्रेय जाता है।टिप्पणियां
लॉर्ड बेल ने स्काई न्यूज चैनल से कहा, "उनके जैसी नेता हमें कभी दिखाई नहीं देंगी। वह इंग्लैंड के सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्रियों में से एक थीं।" उन्होंने थैचर को विंस्टन चर्चिल के अतिरिक्त कंजरवेटिव पार्टी का सबसे महान नेता बताया।
थैचर को एक रूसी पत्रकार ने 1976 में रूस के साम्यवाद का विरोध करने पर 'आयरन लेडी' का सम्बोधन दिया था।
थैचर के निधन पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपनी सम्वेदनाएं प्रकट करते हुए कहा कि थैचर के नेतृत्व में इंग्लैंड ने राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण तरक्की हासिल की।
अपने शोक संदेश में मनमोहन सिंह ने कहा, "मैं इंग्लैंड की पूर्व प्रधानमंत्री बैरोनेस मारग्रेट थैचर के निधन पर अपनी गहरी सम्वेदनाएं व्यक्त करता हूं।"
इंग्लैंड के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने दुनिया के कई राजनीतिज्ञों के साथ थैचर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
कैमरन ने कहा, "थैचर के निधन के बारे में जानकर मुझे बेहद दुख हुआ है। हमने एक महान नेता, एक महान प्रधानमंत्री और एक महान इंग्लैंडवासी को खो दिया है।"
थैचर के निधन का समाचार मिलने पर इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ भी काफी दुखी हो गईं। बकिंघम पैलेस से जारी एक वक्तव्य में कहा गया है, "महारानी एलिजाबेथ बैरोनेस थैचर के निधन का समाचार सुनकर दुखी हो गईं। महारानी, थैचर के परिवार को सहानुभूति संदेश भेजेंगी।"
अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के अतिरिक्त थैचर अपनी समकालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के भी काफी नजदीक थीं। थैचर अपने ही समान कठोर फैसलों के लिए जानी जाने वाली इंदिरा गांधी की स्पष्ट प्रशंसक भी थीं।
1995 में अपनी भारत यात्रा को दौरान थैचर ने कहा था, "हमारे बीच बहुत जल्दी ही अच्छे सम्बंध स्थापित हो गए, हम दोनों ही सर्वोच्च कार्यालयों की एकांतता का अनुभव करते हैं और किसी ऐसे व्यक्ति से बात करना अच्छा लगता है जो आपको समझता हो।"
इंदिरा गांधी के बारे में थैचर ने कहा था, "लेकिन मैंने उनमें ऐसी योग्यताएं देखीं जो मेरी समझ से एक राजनीतिज्ञ के लिए आवश्यक हैं। उन्हें अपने देश पर जुनून की हद तक गर्व था। वह हमेशा निर्भय रहती थीं और बहुत ही व्यावहारिक थीं।"
1984 में आयरिश गणराज्य की सेना द्वारा ब्रिटॉन होटल पर कंजर्वेटिव पार्टी की बैठक के दौरान किए गए हमले में बाल-बाल बचने के बाद थैचर को सबसे पहले जिन कुछ चुनिंदा लोगों ने संदेश भेजे थे, उनमें से इंदिरा गांधी भी थीं।
इंग्लैंड के समाचार चैनल स्काई न्यूज के अनुसार थैचर को क्रिसमस से ठीक पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनके गुर्दे का आपरेशन किया गया। नववर्ष से पहले वह अस्पताल से घर आ गई थीं।
कंजरवेटिव पार्टी की नेता थैचर वर्ष 1979 से 1990 के बीच ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थीं और खराब स्वास्थ्य के कारण सार्वजनिक जीवन से दूर हो गई थीं। उनकी सरकार ने कई सरकारी उद्योगों का निजीकरण किया।
1925 में जन्मी मारग्रेट रॉबर्ट्स वर्ष 1959 में कंजरवेटिव पार्टी के टिकट पर पहली बार ब्रिटिश संसद के निम्न सदन हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए निर्वाचित हुई थीं। वर्ष 1992 में उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया। उन्होंने वर्ष 1979, 1983 और 1987 में आम चुनाव जीता था। वह शिक्षा मंत्री भी रही थीं। थैचर को इंग्लैंड को दुनिया का अग्रणी औद्योगिक देश बनाने का श्रेय जाता है।टिप्पणियां
लॉर्ड बेल ने स्काई न्यूज चैनल से कहा, "उनके जैसी नेता हमें कभी दिखाई नहीं देंगी। वह इंग्लैंड के सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्रियों में से एक थीं।" उन्होंने थैचर को विंस्टन चर्चिल के अतिरिक्त कंजरवेटिव पार्टी का सबसे महान नेता बताया।
थैचर को एक रूसी पत्रकार ने 1976 में रूस के साम्यवाद का विरोध करने पर 'आयरन लेडी' का सम्बोधन दिया था।
अपने शोक संदेश में मनमोहन सिंह ने कहा, "मैं इंग्लैंड की पूर्व प्रधानमंत्री बैरोनेस मारग्रेट थैचर के निधन पर अपनी गहरी सम्वेदनाएं व्यक्त करता हूं।"
इंग्लैंड के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने दुनिया के कई राजनीतिज्ञों के साथ थैचर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
कैमरन ने कहा, "थैचर के निधन के बारे में जानकर मुझे बेहद दुख हुआ है। हमने एक महान नेता, एक महान प्रधानमंत्री और एक महान इंग्लैंडवासी को खो दिया है।"
थैचर के निधन का समाचार मिलने पर इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ भी काफी दुखी हो गईं। बकिंघम पैलेस से जारी एक वक्तव्य में कहा गया है, "महारानी एलिजाबेथ बैरोनेस थैचर के निधन का समाचार सुनकर दुखी हो गईं। महारानी, थैचर के परिवार को सहानुभूति संदेश भेजेंगी।"
अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के अतिरिक्त थैचर अपनी समकालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के भी काफी नजदीक थीं। थैचर अपने ही समान कठोर फैसलों के लिए जानी जाने वाली इंदिरा गांधी की स्पष्ट प्रशंसक भी थीं।
1995 में अपनी भारत यात्रा को दौरान थैचर ने कहा था, "हमारे बीच बहुत जल्दी ही अच्छे सम्बंध स्थापित हो गए, हम दोनों ही सर्वोच्च कार्यालयों की एकांतता का अनुभव करते हैं और किसी ऐसे व्यक्ति से बात करना अच्छा लगता है जो आपको समझता हो।"
इंदिरा गांधी के बारे में थैचर ने कहा था, "लेकिन मैंने उनमें ऐसी योग्यताएं देखीं जो मेरी समझ से एक राजनीतिज्ञ के लिए आवश्यक हैं। उन्हें अपने देश पर जुनून की हद तक गर्व था। वह हमेशा निर्भय रहती थीं और बहुत ही व्यावहारिक थीं।"
1984 में आयरिश गणराज्य की सेना द्वारा ब्रिटॉन होटल पर कंजर्वेटिव पार्टी की बैठक के दौरान किए गए हमले में बाल-बाल बचने के बाद थैचर को सबसे पहले जिन कुछ चुनिंदा लोगों ने संदेश भेजे थे, उनमें से इंदिरा गांधी भी थीं।
इंग्लैंड के समाचार चैनल स्काई न्यूज के अनुसार थैचर को क्रिसमस से ठीक पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनके गुर्दे का आपरेशन किया गया। नववर्ष से पहले वह अस्पताल से घर आ गई थीं।
कंजरवेटिव पार्टी की नेता थैचर वर्ष 1979 से 1990 के बीच ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थीं और खराब स्वास्थ्य के कारण सार्वजनिक जीवन से दूर हो गई थीं। उनकी सरकार ने कई सरकारी उद्योगों का निजीकरण किया।
1925 में जन्मी मारग्रेट रॉबर्ट्स वर्ष 1959 में कंजरवेटिव पार्टी के टिकट पर पहली बार ब्रिटिश संसद के निम्न सदन हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए निर्वाचित हुई थीं। वर्ष 1992 में उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया। उन्होंने वर्ष 1979, 1983 और 1987 में आम चुनाव जीता था। वह शिक्षा मंत्री भी रही थीं। थैचर को इंग्लैंड को दुनिया का अग्रणी औद्योगिक देश बनाने का श्रेय जाता है।टिप्पणियां
लॉर्ड बेल ने स्काई न्यूज चैनल से कहा, "उनके जैसी नेता हमें कभी दिखाई नहीं देंगी। वह इंग्लैंड के सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्रियों में से एक थीं।" उन्होंने थैचर को विंस्टन चर्चिल के अतिरिक्त कंजरवेटिव पार्टी का सबसे महान नेता बताया।
थैचर को एक रूसी पत्रकार ने 1976 में रूस के साम्यवाद का विरोध करने पर 'आयरन लेडी' का सम्बोधन दिया था।
इंग्लैंड के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने दुनिया के कई राजनीतिज्ञों के साथ थैचर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
कैमरन ने कहा, "थैचर के निधन के बारे में जानकर मुझे बेहद दुख हुआ है। हमने एक महान नेता, एक महान प्रधानमंत्री और एक महान इंग्लैंडवासी को खो दिया है।"
थैचर के निधन का समाचार मिलने पर इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ भी काफी दुखी हो गईं। बकिंघम पैलेस से जारी एक वक्तव्य में कहा गया है, "महारानी एलिजाबेथ बैरोनेस थैचर के निधन का समाचार सुनकर दुखी हो गईं। महारानी, थैचर के परिवार को सहानुभूति संदेश भेजेंगी।"
अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के अतिरिक्त थैचर अपनी समकालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के भी काफी नजदीक थीं। थैचर अपने ही समान कठोर फैसलों के लिए जानी जाने वाली इंदिरा गांधी की स्पष्ट प्रशंसक भी थीं।
1995 में अपनी भारत यात्रा को दौरान थैचर ने कहा था, "हमारे बीच बहुत जल्दी ही अच्छे सम्बंध स्थापित हो गए, हम दोनों ही सर्वोच्च कार्यालयों की एकांतता का अनुभव करते हैं और किसी ऐसे व्यक्ति से बात करना अच्छा लगता है जो आपको समझता हो।"
इंदिरा गांधी के बारे में थैचर ने कहा था, "लेकिन मैंने उनमें ऐसी योग्यताएं देखीं जो मेरी समझ से एक राजनीतिज्ञ के लिए आवश्यक हैं। उन्हें अपने देश पर जुनून की हद तक गर्व था। वह हमेशा निर्भय रहती थीं और बहुत ही व्यावहारिक थीं।"
1984 में आयरिश गणराज्य की सेना द्वारा ब्रिटॉन होटल पर कंजर्वेटिव पार्टी की बैठक के दौरान किए गए हमले में बाल-बाल बचने के बाद थैचर को सबसे पहले जिन कुछ चुनिंदा लोगों ने संदेश भेजे थे, उनमें से इंदिरा गांधी भी थीं।
इंग्लैंड के समाचार चैनल स्काई न्यूज के अनुसार थैचर को क्रिसमस से ठीक पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनके गुर्दे का आपरेशन किया गया। नववर्ष से पहले वह अस्पताल से घर आ गई थीं।
कंजरवेटिव पार्टी की नेता थैचर वर्ष 1979 से 1990 के बीच ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थीं और खराब स्वास्थ्य के कारण सार्वजनिक जीवन से दूर हो गई थीं। उनकी सरकार ने कई सरकारी उद्योगों का निजीकरण किया।
1925 में जन्मी मारग्रेट रॉबर्ट्स वर्ष 1959 में कंजरवेटिव पार्टी के टिकट पर पहली बार ब्रिटिश संसद के निम्न सदन हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए निर्वाचित हुई थीं। वर्ष 1992 में उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया। उन्होंने वर्ष 1979, 1983 और 1987 में आम चुनाव जीता था। वह शिक्षा मंत्री भी रही थीं। थैचर को इंग्लैंड को दुनिया का अग्रणी औद्योगिक देश बनाने का श्रेय जाता है।टिप्पणियां
लॉर्ड बेल ने स्काई न्यूज चैनल से कहा, "उनके जैसी नेता हमें कभी दिखाई नहीं देंगी। वह इंग्लैंड के सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्रियों में से एक थीं।" उन्होंने थैचर को विंस्टन चर्चिल के अतिरिक्त कंजरवेटिव पार्टी का सबसे महान नेता बताया।
थैचर को एक रूसी पत्रकार ने 1976 में रूस के साम्यवाद का विरोध करने पर 'आयरन लेडी' का सम्बोधन दिया था।
कैमरन ने कहा, "थैचर के निधन के बारे में जानकर मुझे बेहद दुख हुआ है। हमने एक महान नेता, एक महान प्रधानमंत्री और एक महान इंग्लैंडवासी को खो दिया है।"
थैचर के निधन का समाचार मिलने पर इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ भी काफी दुखी हो गईं। बकिंघम पैलेस से जारी एक वक्तव्य में कहा गया है, "महारानी एलिजाबेथ बैरोनेस थैचर के निधन का समाचार सुनकर दुखी हो गईं। महारानी, थैचर के परिवार को सहानुभूति संदेश भेजेंगी।"
अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के अतिरिक्त थैचर अपनी समकालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के भी काफी नजदीक थीं। थैचर अपने ही समान कठोर फैसलों के लिए जानी जाने वाली इंदिरा गांधी की स्पष्ट प्रशंसक भी थीं।
1995 में अपनी भारत यात्रा को दौरान थैचर ने कहा था, "हमारे बीच बहुत जल्दी ही अच्छे सम्बंध स्थापित हो गए, हम दोनों ही सर्वोच्च कार्यालयों की एकांतता का अनुभव करते हैं और किसी ऐसे व्यक्ति से बात करना अच्छा लगता है जो आपको समझता हो।"
इंदिरा गांधी के बारे में थैचर ने कहा था, "लेकिन मैंने उनमें ऐसी योग्यताएं देखीं जो मेरी समझ से एक राजनीतिज्ञ के लिए आवश्यक हैं। उन्हें अपने देश पर जुनून की हद तक गर्व था। वह हमेशा निर्भय रहती थीं और बहुत ही व्यावहारिक थीं।"
1984 में आयरिश गणराज्य की सेना द्वारा ब्रिटॉन होटल पर कंजर्वेटिव पार्टी की बैठक के दौरान किए गए हमले में बाल-बाल बचने के बाद थैचर को सबसे पहले जिन कुछ चुनिंदा लोगों ने संदेश भेजे थे, उनमें से इंदिरा गांधी भी थीं।
इंग्लैंड के समाचार चैनल स्काई न्यूज के अनुसार थैचर को क्रिसमस से ठीक पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनके गुर्दे का आपरेशन किया गया। नववर्ष से पहले वह अस्पताल से घर आ गई थीं।
कंजरवेटिव पार्टी की नेता थैचर वर्ष 1979 से 1990 के बीच ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थीं और खराब स्वास्थ्य के कारण सार्वजनिक जीवन से दूर हो गई थीं। उनकी सरकार ने कई सरकारी उद्योगों का निजीकरण किया।
1925 में जन्मी मारग्रेट रॉबर्ट्स वर्ष 1959 में कंजरवेटिव पार्टी के टिकट पर पहली बार ब्रिटिश संसद के निम्न सदन हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए निर्वाचित हुई थीं। वर्ष 1992 में उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया। उन्होंने वर्ष 1979, 1983 और 1987 में आम चुनाव जीता था। वह शिक्षा मंत्री भी रही थीं। थैचर को इंग्लैंड को दुनिया का अग्रणी औद्योगिक देश बनाने का श्रेय जाता है।टिप्पणियां
लॉर्ड बेल ने स्काई न्यूज चैनल से कहा, "उनके जैसी नेता हमें कभी दिखाई नहीं देंगी। वह इंग्लैंड के सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्रियों में से एक थीं।" उन्होंने थैचर को विंस्टन चर्चिल के अतिरिक्त कंजरवेटिव पार्टी का सबसे महान नेता बताया।
थैचर को एक रूसी पत्रकार ने 1976 में रूस के साम्यवाद का विरोध करने पर 'आयरन लेडी' का सम्बोधन दिया था।
थैचर के निधन का समाचार मिलने पर इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ भी काफी दुखी हो गईं। बकिंघम पैलेस से जारी एक वक्तव्य में कहा गया है, "महारानी एलिजाबेथ बैरोनेस थैचर के निधन का समाचार सुनकर दुखी हो गईं। महारानी, थैचर के परिवार को सहानुभूति संदेश भेजेंगी।"
अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के अतिरिक्त थैचर अपनी समकालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के भी काफी नजदीक थीं। थैचर अपने ही समान कठोर फैसलों के लिए जानी जाने वाली इंदिरा गांधी की स्पष्ट प्रशंसक भी थीं।
1995 में अपनी भारत यात्रा को दौरान थैचर ने कहा था, "हमारे बीच बहुत जल्दी ही अच्छे सम्बंध स्थापित हो गए, हम दोनों ही सर्वोच्च कार्यालयों की एकांतता का अनुभव करते हैं और किसी ऐसे व्यक्ति से बात करना अच्छा लगता है जो आपको समझता हो।"
इंदिरा गांधी के बारे में थैचर ने कहा था, "लेकिन मैंने उनमें ऐसी योग्यताएं देखीं जो मेरी समझ से एक राजनीतिज्ञ के लिए आवश्यक हैं। उन्हें अपने देश पर जुनून की हद तक गर्व था। वह हमेशा निर्भय रहती थीं और बहुत ही व्यावहारिक थीं।"
1984 में आयरिश गणराज्य की सेना द्वारा ब्रिटॉन होटल पर कंजर्वेटिव पार्टी की बैठक के दौरान किए गए हमले में बाल-बाल बचने के बाद थैचर को सबसे पहले जिन कुछ चुनिंदा लोगों ने संदेश भेजे थे, उनमें से इंदिरा गांधी भी थीं।
इंग्लैंड के समाचार चैनल स्काई न्यूज के अनुसार थैचर को क्रिसमस से ठीक पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनके गुर्दे का आपरेशन किया गया। नववर्ष से पहले वह अस्पताल से घर आ गई थीं।
कंजरवेटिव पार्टी की नेता थैचर वर्ष 1979 से 1990 के बीच ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थीं और खराब स्वास्थ्य के कारण सार्वजनिक जीवन से दूर हो गई थीं। उनकी सरकार ने कई सरकारी उद्योगों का निजीकरण किया।
1925 में जन्मी मारग्रेट रॉबर्ट्स वर्ष 1959 में कंजरवेटिव पार्टी के टिकट पर पहली बार ब्रिटिश संसद के निम्न सदन हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए निर्वाचित हुई थीं। वर्ष 1992 में उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया। उन्होंने वर्ष 1979, 1983 और 1987 में आम चुनाव जीता था। वह शिक्षा मंत्री भी रही थीं। थैचर को इंग्लैंड को दुनिया का अग्रणी औद्योगिक देश बनाने का श्रेय जाता है।टिप्पणियां
लॉर्ड बेल ने स्काई न्यूज चैनल से कहा, "उनके जैसी नेता हमें कभी दिखाई नहीं देंगी। वह इंग्लैंड के सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्रियों में से एक थीं।" उन्होंने थैचर को विंस्टन चर्चिल के अतिरिक्त कंजरवेटिव पार्टी का सबसे महान नेता बताया।
थैचर को एक रूसी पत्रकार ने 1976 में रूस के साम्यवाद का विरोध करने पर 'आयरन लेडी' का सम्बोधन दिया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के अतिरिक्त थैचर अपनी समकालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के भी काफी नजदीक थीं। थैचर अपने ही समान कठोर फैसलों के लिए जानी जाने वाली इंदिरा गांधी की स्पष्ट प्रशंसक भी थीं।
1995 में अपनी भारत यात्रा को दौरान थैचर ने कहा था, "हमारे बीच बहुत जल्दी ही अच्छे सम्बंध स्थापित हो गए, हम दोनों ही सर्वोच्च कार्यालयों की एकांतता का अनुभव करते हैं और किसी ऐसे व्यक्ति से बात करना अच्छा लगता है जो आपको समझता हो।"
इंदिरा गांधी के बारे में थैचर ने कहा था, "लेकिन मैंने उनमें ऐसी योग्यताएं देखीं जो मेरी समझ से एक राजनीतिज्ञ के लिए आवश्यक हैं। उन्हें अपने देश पर जुनून की हद तक गर्व था। वह हमेशा निर्भय रहती थीं और बहुत ही व्यावहारिक थीं।"
1984 में आयरिश गणराज्य की सेना द्वारा ब्रिटॉन होटल पर कंजर्वेटिव पार्टी की बैठक के दौरान किए गए हमले में बाल-बाल बचने के बाद थैचर को सबसे पहले जिन कुछ चुनिंदा लोगों ने संदेश भेजे थे, उनमें से इंदिरा गांधी भी थीं।
इंग्लैंड के समाचार चैनल स्काई न्यूज के अनुसार थैचर को क्रिसमस से ठीक पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनके गुर्दे का आपरेशन किया गया। नववर्ष से पहले वह अस्पताल से घर आ गई थीं।
कंजरवेटिव पार्टी की नेता थैचर वर्ष 1979 से 1990 के बीच ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थीं और खराब स्वास्थ्य के कारण सार्वजनिक जीवन से दूर हो गई थीं। उनकी सरकार ने कई सरकारी उद्योगों का निजीकरण किया।
1925 में जन्मी मारग्रेट रॉबर्ट्स वर्ष 1959 में कंजरवेटिव पार्टी के टिकट पर पहली बार ब्रिटिश संसद के निम्न सदन हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए निर्वाचित हुई थीं। वर्ष 1992 में उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया। उन्होंने वर्ष 1979, 1983 और 1987 में आम चुनाव जीता था। वह शिक्षा मंत्री भी रही थीं। थैचर को इंग्लैंड को दुनिया का अग्रणी औद्योगिक देश बनाने का श्रेय जाता है।टिप्पणियां
लॉर्ड बेल ने स्काई न्यूज चैनल से कहा, "उनके जैसी नेता हमें कभी दिखाई नहीं देंगी। वह इंग्लैंड के सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्रियों में से एक थीं।" उन्होंने थैचर को विंस्टन चर्चिल के अतिरिक्त कंजरवेटिव पार्टी का सबसे महान नेता बताया।
थैचर को एक रूसी पत्रकार ने 1976 में रूस के साम्यवाद का विरोध करने पर 'आयरन लेडी' का सम्बोधन दिया था।
1995 में अपनी भारत यात्रा को दौरान थैचर ने कहा था, "हमारे बीच बहुत जल्दी ही अच्छे सम्बंध स्थापित हो गए, हम दोनों ही सर्वोच्च कार्यालयों की एकांतता का अनुभव करते हैं और किसी ऐसे व्यक्ति से बात करना अच्छा लगता है जो आपको समझता हो।"
इंदिरा गांधी के बारे में थैचर ने कहा था, "लेकिन मैंने उनमें ऐसी योग्यताएं देखीं जो मेरी समझ से एक राजनीतिज्ञ के लिए आवश्यक हैं। उन्हें अपने देश पर जुनून की हद तक गर्व था। वह हमेशा निर्भय रहती थीं और बहुत ही व्यावहारिक थीं।"
1984 में आयरिश गणराज्य की सेना द्वारा ब्रिटॉन होटल पर कंजर्वेटिव पार्टी की बैठक के दौरान किए गए हमले में बाल-बाल बचने के बाद थैचर को सबसे पहले जिन कुछ चुनिंदा लोगों ने संदेश भेजे थे, उनमें से इंदिरा गांधी भी थीं।
इंग्लैंड के समाचार चैनल स्काई न्यूज के अनुसार थैचर को क्रिसमस से ठीक पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनके गुर्दे का आपरेशन किया गया। नववर्ष से पहले वह अस्पताल से घर आ गई थीं।
कंजरवेटिव पार्टी की नेता थैचर वर्ष 1979 से 1990 के बीच ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थीं और खराब स्वास्थ्य के कारण सार्वजनिक जीवन से दूर हो गई थीं। उनकी सरकार ने कई सरकारी उद्योगों का निजीकरण किया।
1925 में जन्मी मारग्रेट रॉबर्ट्स वर्ष 1959 में कंजरवेटिव पार्टी के टिकट पर पहली बार ब्रिटिश संसद के निम्न सदन हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए निर्वाचित हुई थीं। वर्ष 1992 में उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया। उन्होंने वर्ष 1979, 1983 और 1987 में आम चुनाव जीता था। वह शिक्षा मंत्री भी रही थीं। थैचर को इंग्लैंड को दुनिया का अग्रणी औद्योगिक देश बनाने का श्रेय जाता है।टिप्पणियां
लॉर्ड बेल ने स्काई न्यूज चैनल से कहा, "उनके जैसी नेता हमें कभी दिखाई नहीं देंगी। वह इंग्लैंड के सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्रियों में से एक थीं।" उन्होंने थैचर को विंस्टन चर्चिल के अतिरिक्त कंजरवेटिव पार्टी का सबसे महान नेता बताया।
थैचर को एक रूसी पत्रकार ने 1976 में रूस के साम्यवाद का विरोध करने पर 'आयरन लेडी' का सम्बोधन दिया था।
इंदिरा गांधी के बारे में थैचर ने कहा था, "लेकिन मैंने उनमें ऐसी योग्यताएं देखीं जो मेरी समझ से एक राजनीतिज्ञ के लिए आवश्यक हैं। उन्हें अपने देश पर जुनून की हद तक गर्व था। वह हमेशा निर्भय रहती थीं और बहुत ही व्यावहारिक थीं।"
1984 में आयरिश गणराज्य की सेना द्वारा ब्रिटॉन होटल पर कंजर्वेटिव पार्टी की बैठक के दौरान किए गए हमले में बाल-बाल बचने के बाद थैचर को सबसे पहले जिन कुछ चुनिंदा लोगों ने संदेश भेजे थे, उनमें से इंदिरा गांधी भी थीं।
इंग्लैंड के समाचार चैनल स्काई न्यूज के अनुसार थैचर को क्रिसमस से ठीक पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनके गुर्दे का आपरेशन किया गया। नववर्ष से पहले वह अस्पताल से घर आ गई थीं।
कंजरवेटिव पार्टी की नेता थैचर वर्ष 1979 से 1990 के बीच ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थीं और खराब स्वास्थ्य के कारण सार्वजनिक जीवन से दूर हो गई थीं। उनकी सरकार ने कई सरकारी उद्योगों का निजीकरण किया।
1925 में जन्मी मारग्रेट रॉबर्ट्स वर्ष 1959 में कंजरवेटिव पार्टी के टिकट पर पहली बार ब्रिटिश संसद के निम्न सदन हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए निर्वाचित हुई थीं। वर्ष 1992 में उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया। उन्होंने वर्ष 1979, 1983 और 1987 में आम चुनाव जीता था। वह शिक्षा मंत्री भी रही थीं। थैचर को इंग्लैंड को दुनिया का अग्रणी औद्योगिक देश बनाने का श्रेय जाता है।टिप्पणियां
लॉर्ड बेल ने स्काई न्यूज चैनल से कहा, "उनके जैसी नेता हमें कभी दिखाई नहीं देंगी। वह इंग्लैंड के सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्रियों में से एक थीं।" उन्होंने थैचर को विंस्टन चर्चिल के अतिरिक्त कंजरवेटिव पार्टी का सबसे महान नेता बताया।
थैचर को एक रूसी पत्रकार ने 1976 में रूस के साम्यवाद का विरोध करने पर 'आयरन लेडी' का सम्बोधन दिया था।
1984 में आयरिश गणराज्य की सेना द्वारा ब्रिटॉन होटल पर कंजर्वेटिव पार्टी की बैठक के दौरान किए गए हमले में बाल-बाल बचने के बाद थैचर को सबसे पहले जिन कुछ चुनिंदा लोगों ने संदेश भेजे थे, उनमें से इंदिरा गांधी भी थीं।
इंग्लैंड के समाचार चैनल स्काई न्यूज के अनुसार थैचर को क्रिसमस से ठीक पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनके गुर्दे का आपरेशन किया गया। नववर्ष से पहले वह अस्पताल से घर आ गई थीं।
कंजरवेटिव पार्टी की नेता थैचर वर्ष 1979 से 1990 के बीच ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थीं और खराब स्वास्थ्य के कारण सार्वजनिक जीवन से दूर हो गई थीं। उनकी सरकार ने कई सरकारी उद्योगों का निजीकरण किया।
1925 में जन्मी मारग्रेट रॉबर्ट्स वर्ष 1959 में कंजरवेटिव पार्टी के टिकट पर पहली बार ब्रिटिश संसद के निम्न सदन हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए निर्वाचित हुई थीं। वर्ष 1992 में उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया। उन्होंने वर्ष 1979, 1983 और 1987 में आम चुनाव जीता था। वह शिक्षा मंत्री भी रही थीं। थैचर को इंग्लैंड को दुनिया का अग्रणी औद्योगिक देश बनाने का श्रेय जाता है।टिप्पणियां
लॉर्ड बेल ने स्काई न्यूज चैनल से कहा, "उनके जैसी नेता हमें कभी दिखाई नहीं देंगी। वह इंग्लैंड के सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्रियों में से एक थीं।" उन्होंने थैचर को विंस्टन चर्चिल के अतिरिक्त कंजरवेटिव पार्टी का सबसे महान नेता बताया।
थैचर को एक रूसी पत्रकार ने 1976 में रूस के साम्यवाद का विरोध करने पर 'आयरन लेडी' का सम्बोधन दिया था।
इंग्लैंड के समाचार चैनल स्काई न्यूज के अनुसार थैचर को क्रिसमस से ठीक पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनके गुर्दे का आपरेशन किया गया। नववर्ष से पहले वह अस्पताल से घर आ गई थीं।
कंजरवेटिव पार्टी की नेता थैचर वर्ष 1979 से 1990 के बीच ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थीं और खराब स्वास्थ्य के कारण सार्वजनिक जीवन से दूर हो गई थीं। उनकी सरकार ने कई सरकारी उद्योगों का निजीकरण किया।
1925 में जन्मी मारग्रेट रॉबर्ट्स वर्ष 1959 में कंजरवेटिव पार्टी के टिकट पर पहली बार ब्रिटिश संसद के निम्न सदन हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए निर्वाचित हुई थीं। वर्ष 1992 में उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया। उन्होंने वर्ष 1979, 1983 और 1987 में आम चुनाव जीता था। वह शिक्षा मंत्री भी रही थीं। थैचर को इंग्लैंड को दुनिया का अग्रणी औद्योगिक देश बनाने का श्रेय जाता है।टिप्पणियां
लॉर्ड बेल ने स्काई न्यूज चैनल से कहा, "उनके जैसी नेता हमें कभी दिखाई नहीं देंगी। वह इंग्लैंड के सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्रियों में से एक थीं।" उन्होंने थैचर को विंस्टन चर्चिल के अतिरिक्त कंजरवेटिव पार्टी का सबसे महान नेता बताया।
थैचर को एक रूसी पत्रकार ने 1976 में रूस के साम्यवाद का विरोध करने पर 'आयरन लेडी' का सम्बोधन दिया था।
कंजरवेटिव पार्टी की नेता थैचर वर्ष 1979 से 1990 के बीच ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थीं और खराब स्वास्थ्य के कारण सार्वजनिक जीवन से दूर हो गई थीं। उनकी सरकार ने कई सरकारी उद्योगों का निजीकरण किया।
1925 में जन्मी मारग्रेट रॉबर्ट्स वर्ष 1959 में कंजरवेटिव पार्टी के टिकट पर पहली बार ब्रिटिश संसद के निम्न सदन हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए निर्वाचित हुई थीं। वर्ष 1992 में उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया। उन्होंने वर्ष 1979, 1983 और 1987 में आम चुनाव जीता था। वह शिक्षा मंत्री भी रही थीं। थैचर को इंग्लैंड को दुनिया का अग्रणी औद्योगिक देश बनाने का श्रेय जाता है।टिप्पणियां
लॉर्ड बेल ने स्काई न्यूज चैनल से कहा, "उनके जैसी नेता हमें कभी दिखाई नहीं देंगी। वह इंग्लैंड के सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्रियों में से एक थीं।" उन्होंने थैचर को विंस्टन चर्चिल के अतिरिक्त कंजरवेटिव पार्टी का सबसे महान नेता बताया।
थैचर को एक रूसी पत्रकार ने 1976 में रूस के साम्यवाद का विरोध करने पर 'आयरन लेडी' का सम्बोधन दिया था।
1925 में जन्मी मारग्रेट रॉबर्ट्स वर्ष 1959 में कंजरवेटिव पार्टी के टिकट पर पहली बार ब्रिटिश संसद के निम्न सदन हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए निर्वाचित हुई थीं। वर्ष 1992 में उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया। उन्होंने वर्ष 1979, 1983 और 1987 में आम चुनाव जीता था। वह शिक्षा मंत्री भी रही थीं। थैचर को इंग्लैंड को दुनिया का अग्रणी औद्योगिक देश बनाने का श्रेय जाता है।टिप्पणियां
लॉर्ड बेल ने स्काई न्यूज चैनल से कहा, "उनके जैसी नेता हमें कभी दिखाई नहीं देंगी। वह इंग्लैंड के सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्रियों में से एक थीं।" उन्होंने थैचर को विंस्टन चर्चिल के अतिरिक्त कंजरवेटिव पार्टी का सबसे महान नेता बताया।
थैचर को एक रूसी पत्रकार ने 1976 में रूस के साम्यवाद का विरोध करने पर 'आयरन लेडी' का सम्बोधन दिया था।
लॉर्ड बेल ने स्काई न्यूज चैनल से कहा, "उनके जैसी नेता हमें कभी दिखाई नहीं देंगी। वह इंग्लैंड के सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्रियों में से एक थीं।" उन्होंने थैचर को विंस्टन चर्चिल के अतिरिक्त कंजरवेटिव पार्टी का सबसे महान नेता बताया।
थैचर को एक रूसी पत्रकार ने 1976 में रूस के साम्यवाद का विरोध करने पर 'आयरन लेडी' का सम्बोधन दिया था।
थैचर को एक रूसी पत्रकार ने 1976 में रूस के साम्यवाद का विरोध करने पर 'आयरन लेडी' का सम्बोधन दिया था।
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लेख: लीबिया में सिरते के बाहरी इलाके में स्थित पुलिस स्टेशन पर गुरुवार को हुए एक आत्मघाती बम हमले में 10 सुरक्षा कर्मियों की जान चली गई। राष्ट्रपति सुरक्षाकर्मियों के मीडिया कार्यालय ने इसकी घोषणा की। विभाग ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर बताया कि यह हमला अबो-ग्रेन कस्बे में अल-सुबह हुआ। सरकारी बलों ने यह भी घोषणा की कि आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने गुरुवार को दो कार बम विस्फोट किए, लेकिन दोनों बम जवानों को निशाना बनाने से पहले ही फट गए।
राष्ट्रपति सुरक्षाकर्मियों के मीडिया कार्यालय का कहना है कि उन्होंने लगभग पूरे शहर को अपने नियंत्रण में ले लिया है। आईएस रविवार से अब तक सरकार के सुरक्षा बलों पर सात आत्मघाती हमले कर चुका है।
राष्ट्रपति सुरक्षाकर्मियों के मीडिया कार्यालय का कहना है कि उन्होंने लगभग पूरे शहर को अपने नियंत्रण में ले लिया है। आईएस रविवार से अब तक सरकार के सुरक्षा बलों पर सात आत्मघाती हमले कर चुका है।
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फिल्म निर्माता-निर्देशक राकेश रोशन ने घोषणा की है कि उनकी फिल्म 'क्रिश 3' का प्रदर्शन 3 नवंबर को दीवाली के अवसर पर होगा।
ज्ञात हो कि यह फिल्म वर्ष 2003 में राकेश रोशन के निर्देशन में बनी 'कोई मिल गया' का तीसरा संस्करण है। इससे पहले इसका दूसरा संस्करण फिल्म 'क्रिश' के रूप में वर्ष 2006 में रिलीज़ हुआ था।टिप्पणियां
राकेश रोशन ने पुष्टि करते हुए कहा, "3 नवंबर एक शुभ दिन है। लिहाजा, हम अपनी फिल्म 'क्रिश 3' को इसी दिन प्रदर्शित करेंगे।"
रोशन द्वारा निर्देशित फिल्म 'क्रिश 3' में सुपर हीरो का किरदार उनके अभिनेता बेटे ऋतिक रोशन निभा रहे हैं। उनके अलावा फिल्म में अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा, कंगना रानावत और विवेक ओबेरॉय भी अभिनय कर रहे हैं।
ज्ञात हो कि यह फिल्म वर्ष 2003 में राकेश रोशन के निर्देशन में बनी 'कोई मिल गया' का तीसरा संस्करण है। इससे पहले इसका दूसरा संस्करण फिल्म 'क्रिश' के रूप में वर्ष 2006 में रिलीज़ हुआ था।टिप्पणियां
राकेश रोशन ने पुष्टि करते हुए कहा, "3 नवंबर एक शुभ दिन है। लिहाजा, हम अपनी फिल्म 'क्रिश 3' को इसी दिन प्रदर्शित करेंगे।"
रोशन द्वारा निर्देशित फिल्म 'क्रिश 3' में सुपर हीरो का किरदार उनके अभिनेता बेटे ऋतिक रोशन निभा रहे हैं। उनके अलावा फिल्म में अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा, कंगना रानावत और विवेक ओबेरॉय भी अभिनय कर रहे हैं।
राकेश रोशन ने पुष्टि करते हुए कहा, "3 नवंबर एक शुभ दिन है। लिहाजा, हम अपनी फिल्म 'क्रिश 3' को इसी दिन प्रदर्शित करेंगे।"
रोशन द्वारा निर्देशित फिल्म 'क्रिश 3' में सुपर हीरो का किरदार उनके अभिनेता बेटे ऋतिक रोशन निभा रहे हैं। उनके अलावा फिल्म में अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा, कंगना रानावत और विवेक ओबेरॉय भी अभिनय कर रहे हैं।
रोशन द्वारा निर्देशित फिल्म 'क्रिश 3' में सुपर हीरो का किरदार उनके अभिनेता बेटे ऋतिक रोशन निभा रहे हैं। उनके अलावा फिल्म में अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा, कंगना रानावत और विवेक ओबेरॉय भी अभिनय कर रहे हैं।
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ऑल इंडिया एंटी टेररिस्ट फ्रंट (एआईएटीएफ) के अध्यक्ष मनिंदरजीत सिंह बिट्टा ने जब अक्षय कुमार, सोनाक्षी सिन्हा अभिनीत फिल्म 'हॉलीडे: ए सोल्जर इन नेवर ऑफ ड्यूटी' देखी, तो उनकी आंखों में आंसू आ गए. बिट्टा ने कहा कि वह फिल्म में काम करने वाले कलाकारों की कड़ी मेहनत से प्रभावित हैं. फिल्म सुरक्षा बलों और आम नागरिकों के बीच के असहज रिश्ते की भी झलक पेश करती है.
बिट्टा ने कहा, 'मैंने सब कुछ देखा है, बम विस्फोट, बंदूक, गोली और कभी भी मेरी आंखों में दर्द के आंसू नहीं आए. लेकिन फिल्म देखने के बाद और अक्षय कुमार और सोनाक्षी सिन्हा की मेहनत देखकर मैं अपनी आंखें नम होने से नहीं रोक सका.' बिट्टा ने फिल्म को कर मुक्त करने की भी मांग की और कहा कि यह फिल्म हर वर्ग और उम्र के लोगों तक पहुंचनी चाहिए.
उन्होंने कहा, 'इस फिल्म को हर एक इंसान तक देश के हर एक छात्र तक पहुंचाना बड़ी जिम्मेदारी है. यह फिल्म हर किसी को देखनी चाहिए और इसे कर मुक्त घोषित कर देना चाहिए, क्योंकि यह फिल्म लोगों को वैश्विक आतंकवाद से आगाह करने और राष्ट्र के प्रति उनके कर्तव्य के लिए जागरूक करने में सक्षम है.'
निर्देशक ए. आर. मुरुगादोस की फिल्म 'हॉलीडे: ए सोल्जर इन नेवर ऑफ ड्यूटी' इस शुक्रवार सिनेमाघरों में प्रदर्शित हो रही है.
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गुलबर्ग सोसाइटी नरसंहार 28 फरवरी 2002 को 2002 गुजरात दंगों के दौरान तब हुआ था, जब राष्ट्रवादियों की एक भीड़ ने गुलबर्ग सोसाइटी (अहमदाबाद के चमनपुरा में स्थित एक मुस्लिम मुहल्ला) पर हमला किया। हमले में सोसाइटी के अधिकतम घर जला दिए गए, और कम से कम 35 लोग (जिनमें कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफ़री भी शामिल थे) जिन्दा जलकर मरे। हमले के बाद 31 लोग लापता थे, इन्हें बाद में मृत मान लिया गया।
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस द्वारा दायर याचिकाओं पर गुजरात के प्रमुख मामलों में सुनवाई पर रोक लगा दी थी, जिन्होंने केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा जांच की मांग की थी और गुजरात के बाहर मामलों को स्थानांतरित करने की मांग की थी। 26 मार्च 2008 को सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने गुजरात सरकार को इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पूर्व प्रमुख आर के राघवन की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करने का निर्देश दिया। इसने नौ महत्वपूर्ण दंगों के मामलों को फिर से खोल दिया। घटना के सात साल बाद, फरवरी 2009 में, गुजरात पुलिस के उस समय के पुलिस उपाधीक्षक एरदा को कर्तव्य में लापरवाही और सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, क्योंकि कुछ बचे लोगों ने आरोप लगाया था कि उन्होंने न केवल हत्याओं की अनुमति दी थी। हुआ लेकिन दंगाइयों को शवों को जलाने में भी मदद की। एसआईटी ने अंततः 14 मई 2010 को सुप्रीम कोर्ट की शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री को अपनी रिपोर्ट सौंप दी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी को एमिकस क्यूरी राजू रामचंद्रन द्वारा उठाए गए संदेहों को देखने के लिए कहा। एसआईटी ने 15 मार्च 2012 को मामले के कागजात, गवाहों की गवाही और अन्य विवरणों सहित अपनी पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत की। 17 जून 2016 को गुलबर्ग सोसाइटी हत्याकांड में हत्या के दोषी ग्यारह लोगों को विशेष एसआईटी अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
सोसाइटी, अधिकांश घरों को क्षतिग्रस्त या जला दिया गया था, बाद में छोड़ दिया गया था। अठारह घर जो जल गए थे, उनमें से केवल एक की मरम्मत की गई है। हालांकि कोई भी परिवार वापस नहीं लौटा, उनमें से कुछ प्रत्येक वर्ष आयोजन की वर्षगांठ पर एकत्र होते हैं और प्रार्थना करते हैं।
28 फरवरी 2002
2002 के गुजरात दंगों के शुरू होने के एक दिन बाद, 28 फरवरी 2002 को सुबह 9 बजे, अहमदाबाद के हिंदू-बहुल चमनपुरा इलाके में गुलबर्ग सोसाइटी के बाहर नारे लगाने वाली भीड़ जमा हो गई। सोसाइटी में 29 बंगले और 10 अपार्टमेंट इमारतें शामिल थीं, जिनमें ज्यादातर मुस्लिम उच्च-मध्यम वर्ग के व्यापारिक परिवार थे। कई निवासियों ने कांग्रेस के एक पूर्व सांसद एहसान जाफरी के घर में शरण लेकर भीड़ की मौजूदगी पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। यह दावा किया गया था कि जाफरी ने बार-बार पुलिस से फोन पर संपर्क करने का असफल प्रयास किया। उन्होंने मदद के लिए पुलिस प्रमुख और मुख्यमंत्री से भी फोन किया और बात की। दोपहर तक, भीड़ हिंसक हो गई थी, सीमा की दीवार तोड़ दी और घरों में आग लगा दी और निवासियों पर हमला करना शुरू कर दिया। अगले छह घंटों के दौरान 69 लोगों की मौत हो गई और कम से कम 85 अन्य घायल हो गए। मरने वालों में एहसान जाफरी भी शामिल था, जिसे काटकर मार डाला गया और बाद में जला दिया गया, जबकि कम से कम 35 अन्य लोगों को या तो काटकर मार डाला गया या जिंदा जला दिया गया।
ग्रन्थ सूची
2002 की गुजरात हिंसा
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हर घर में शौचालय निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां देशव्यापी स्वच्छ भारत अभियान चला रखा है, वहीं दूसरी ओर बिहार में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी लोहिया स्वच्छता मिशन के तहत गांव-गांव में शौचालय बनवाने का काम कर रहे हैं. मगर ऐसे में अगर किसी गांव में दर्जनों शौचालय बनाए गए हो और फिर उन्हें ध्वस्त कर दिया जाए तो सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्यों?
दरअसल, ऐसा हुआ है पश्चिम चंपारण जिले के पकड़िया पंचायत के तहत सुंदर पट्टी गांव में. इस गांव में ज्यादातर आबादी दलितों की है. पिछले साल मुख्यमंत्री नीतीश पश्चिम चंपारण जिले के दौरे के दौरान अपनी महत्वकांक्षी सात निश्चय कार्यक्रम के तहत हर गांव में नल का जल और
शौचालय बनाने
के कार्यक्रम की शुरुआत की थी.
उस वक्त सरकार ने लोगों को आश्वासन दिया कि वह अपने पैसे से अपने घरों में शौचालय का निर्माण करवाएं और बाद में सरकार उन्हें सरकारी मदद के रूप में 12000/- देगी.
फिर क्या था, नीतीश सरकार के इस ऐलान के बाद सुंदर पट्टी गांव में लोगों ने अपने-अपने घरों में
शौचालय का निर्माण
करवा लिया. हर घर में शौचालय बनाने के लिए लोगों को तकरीबन ₹20,000 खर्च करने पड़े. हर घर में शौचालय के निर्माण के बाद सरकार ने सुंदर पट्टी को पूरी तरीके से खुले में शौच मुक्त गांव घोषित किया.
शौचालय के निर्माण के बाद लोगों को उम्मीद थी कि राज्य सरकार द्वारा घोषित ₹12000 की मदद उन्हें जल्द मिलेगी, मगर ऐसा नहीं हुआ. गांव के लोग पिछले 9 महीनों से मदद राशि के लिए सरकारी दफ्तरों की खाक छान रहे हैं, मगर उनकी सुनने वाला कोई नहीं.
नाराज गांव के लोगों का कहना है कि उन्होंने शौचालय निर्माण के लिए जिन ठेकेदारों से बालू, सीमेंट और ईट उधार पर लिया था वह अपने पैसे के लिए लगातार गांव वालों को परेशान कर रहे हैं. मगर इसके बावजूद भी सरकारी मदद उन्हें नहीं मिल रही है.
इस घटनाक्रम से नाराज शनिवार को सुंदर पट्टी गांव के लोगों ने अपने-अपने घर में बने शौचालय को ध्वस्त करना शुरू कर दिया. कुछ ही मिनटों में गांव वालों ने तकरीबन एक दर्जन से भी ज्यादा शौचालय जिन का निर्माण कराया गया था, उन्हें तोड़ दिया. इस दौरान लोग बिहार सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे.
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया है कि पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस की पूर्व संध्या पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें संदेश भेजा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये संदेश भारत में सियासी विवाद की वजह बन गया है. कांग्रेस और विपक्ष ने इस बावत पीएम नरेंद्र मोदी पर सवालों की बौछार कर दी है. कांग्रेस ने पूछा है कि क्या सचमुच में पीएम नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को कोई संदेश भेजा है? क्या इमरान खान जिस संदेश को रिसीव करने का दावा कर रहे हैं वही संदेश पीएम मोदी ने उन्हें भेजा है? इन सवालों पर पीएमओ को जवाब देना चाहिए.
बता दें कि पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान से बिगड़े संबंधों के मद्देनजर भारत ने शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में देश के राष्ट्रीय दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम का बहिष्कार किया था. भारत ने कार्यक्रम में जम्मू कश्मीर से कई अलगाववादी नेताओं को आमंत्रित किये जाने पर विरोध भी जताया था. इस लिहाज से पीएम द्वारा कथित रूप से पाकिस्तान को संदेश भेजा जाना चर्चा में आ गया.
इमरान खान ने शुक्रवार को एक ट्वीट कर कहा, "PM मोदी से संदेश मिला है, पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस पर मैं पाकिस्तान के लोगों को बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं, वक्त आ गया है कि उपमहाद्वीप के लोग आतंक और हिंसा से मुक्त वातावरण में लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण, प्रगतिशील और समृद्ध क्षेत्र के लिये मिलकर काम करें."
Received msg from PM Modi: "I extend my greetings & best wishes to the people of Pakistan on the National Day of Pakistan. It is time that ppl of Sub-continent work together for a democratic, peaceful, progressive & prosperous region, in an atmosphere free of terror and violence"
— Imran Khan (@ImranKhanPTI)
March 22, 2019
I welcome PM Modi's message to our people. As we celebrate Pakistan Day I believe it is time to begin a comprehensive dialogue with India to address & resolve all issues, esp the central issue of Kashmir, & forge a new relationship based on peace & prosperity for all our people.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI)
March 22, 2019
PM नरेंद्र मोदी का यह संदेश पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के साथ जबरदस्त तनाव के बीच आया है. पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में घुसकर बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी ठिकाने पर एयर स्ट्राइक किया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश पर टिप्पणी करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया और कहा कि वे पीएम मोदी के संदेश का स्वागत करते हैं. इमरान खान ने कहा कि उन्हें लगता है कि भारत के साथ व्यापक बातचीत शुरू करने और सभी मुद्दों को सुलझाने का वक्त आ गया है, खास कर मुख्य मुद्दा कश्मीर को. इसके साथ ही शांति और समृद्धि पर आधारित एक नए रिश्ते की शुरूआत करने की जरूरत है.
इमरान खान का यह संदेश आते ही कांग्रेस ने पीएम मोदी पर सवाल दागा. प्रियंका चतुर्वेदी ने व्यंग्यात्मक टिप्पणी की और लिखा 'वाह मोदी जी वाह'. कांग्रेस नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि पीएमओ को स्पष्ट करना चाहिए कि जिस संदेश का हवाला इमरान खान दे रहे हैं वैसा ही संदेश पीएम मोदी ने भेजा है. उन्होंने ट्वीट किया, "मुझे उम्मीद है कि पीएमओ इंडिया स्पष्ट करेंगे कि जो इमरान खान ने ट्वीट किया है वो दोनों नेताओं के बीच आदान-प्रदान हुए बधाई संदेश का असली स्वरुप है, क्या इन दोनों नेताओं के बीच संदेश दिए भी गए हैं, खासकर तब जब भारत में सरकार ने पाकिस्तान के कार्यक्रमों का बहिष्कार किया थ, ये देश जानना चाहता है."
I would hope the
@PMOIndia
clarifies that what Imran Khan has tweeted is the correct version of greetings exchanged or whether if they have been exchanged at all, especially after the function was boycotted in India by the govt. The nation would want to know...
https://t.co/zqDVf2lUuK
— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19)
March 22, 2019
इमरान खान ने दावा किया था कि पीएम मोदी ने पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस पर उन्हें संदेश भेजा है और कहा है कि उपमहाद्वीप के लोग आतंक और हिंसा से मुक्त वातावरण में लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण, प्रगतिशील और समृद्ध क्षेत्र के लिये मिलकर काम करें. इमरान खान के इस ट्वीट के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी टिप्पणी की.
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जिस तरह पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस में शिरकत करने जा रहे लोगों को रोका जा रहा है उसी तरह कुछ लोग प्रधानमंत्री को भी पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस पर संदेश देने से रोकते तो हम पाकिस्तान के साथ संबंधों में इतने विरोधाभासी नहीं दिखते.
But then if he’s only following custom it is also custom to send a minister & it is NOT custom to plant spooks & pliant journalists to bully invited guests to not attend. Can’t pick & choose which customs we like & which we don’t.
https://t.co/XfMJPxwrmj
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah)
March 22, 2019
इधर समाचार एजेंसी एएनआई ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भेजा गया संदेश हर देश के राष्ट्रीय दिवस पर भेजा जाने वाला एक रस्म अदायगी संदेश है जो सभी देशों की सरकारों या फिर उनके राष्ट्राध्यक्षों को भेजा जाता है.
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राजस्थान के
अलवर
में अक्सर पुलिस और गो-तस्करों के बीच हिंसक मुठभेड़ हो रही है. मगर फिर भी गो तस्करी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. अलवर के गोविंदगढ़ थाना पुलिस ने दो गोतस्करों को गिरफ्तार किया है और उनके कब्जे से 7 गोवंश बरामद किए हैं.
जिले में गोतस्करी का सिलसिला लगातार जारी है. हरियाणा का सीमावर्ती इलाका होने के कारण गोविंदगढ़ में सबसे अधिक मामले सामने आते हैं. गोविंदगढ़ पुलिस ने इस बार सात गोवंश के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया है.
युवा ने दी थी जानकारी
अलवर के गोविंदगढ़ में अम्बेडकर स्कूल के पास दो माह पहले मिली 221 गायों की खाल के मामले में पुलिस ने
गोकशी
के मुख्य मास्टर मांइड सत्तार के घर से करीब 1 किलोमीटर दर एक गाड़ी से
गाय
बरामद की हैं. कस्बे में सेना की तैयार करने वाले युवा ने इसकी सूचना पुलिस को दी थी. उसके बाद पुलिस ने गायों को जब्त कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया.
शिकायतकर्ता ने क्या कहा
पुलिस को सूचना देने वाले युवक ने बताया कि वह शाम के वक्त अपने साथियों के साथ दौड़ लगाने गया था. वापसी में इस युवक ने बारोली के बास स्थित गाड़ी में गाय बंधी हुई देखीं. जिसके बाद उन्हें गोकशी का शक हुआ और उन्होंने पुलिस को सूचना दी.
यह सूचना पाकर पुलिस ने बरोली निवासी रज्जाक ओर मुहरमल को गिरफ्तार किया. पुलिस पूछताछ में दोनों तस्करों ने गायों को गोकशी के लिए ले जाना स्वीकार किया है. गोकशी कांड में पकड़े गए आरोपियों ने कबूल किया कि वह गोकशी के लिए ये गाय ले जा रहे थे.
थाना अधिकारी लक्ष्मण सिंह ने बताया कि यहां हरियाणा की सीमा सटी होने की वजह से
गोतस्कर
सक्रिय रहते हैं लेकिन पुलिस लगातार इन्हें पकड़ रही है. बता दें कि गोतस्करी के शक में पहलू और रकबर खान की हत्या भी इसी इलाके में हुई हैं.
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आमिर खान, शाहरुख खान और रितिक रोशन इन दिनों 8 पैक एब्स और अपने कसीले बदन की वजह से सुर्खियों में हैं. शाहरुख ने भी अपनी अपकमिंग फिल्म 'हैप्पी न्यू ईयर' के लिए जमकर कसरत कर 8 पैक बना लिए हैं. वहीं, रितिक भी फिल्म 'बैंग-बैंग' में एट पैक एब में नजर आएंगे. लेकिन इन सब के बीच दंबग सलमान खान ने एक बार फिर अपना दमखम दिखाने की बात कही है.
टीवी रिएलिटी शो 'बिग बॉस' के दौरान घर की पूर्व सदस्य सोनाली राउत ने जब सलमान से गौतम गुलाटी के 6 पैक एब्स की तारीफ की तो सलमान ने कहा, 'इस वक्त मेरे एट पैक्स नहीं हैं, लेकिन जल्द ही दो हफ्तों में हो जाएंगे.' सलमान ने चुटकी लेते हुए आगे कहा, 'अभी रितिक, शाहरुख और आमिर खान के एब्स हैं, लेकिन वह साल में सिर्फ तीन महीनों के लिए होते हैं. मेरे नौ महीने होते हैं. यानी जिन 9 महीनों में उनका पेट निकला होता है, मेरे एब्स होते हैं.'
कुछ दिन पहले लीक हुई थी सलमान की तस्वीर
याद रहे कि कुछ दिन पहले ही 'एक था टाइगर' फिल्म की शूटिंग की तस्वीरें लीक हुईं थीं. इन तस्वीरों में सलमान का ढीला बदन दिख रहा है. इसके साथ ही एक और तस्वीर जारी हई, जिसमें कंप्यूटर ग्राफिक के जरिए सलमान के नकली एब्स को स्वरूप देते दिखाया गया.
खास बात यह भी कि सलमान ने एब्स की चर्चा ऐसे समय की है, जब हाल ही शाहरुख खान ने रितिक रोशन के 'बैंग बैंग डेयर' चैलेंज के तहत यूट्यूब पर अपने एक्सरसाइज का वीडियो जारी किया है. इसमें वह 8 पैक एब्स के लिए पसीना बहाते देखे गए हैं.
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राष्ट्रपति
डोनाल्ड ट्रंप
ने
ट्रेड वॉर
के दायरे को बढ़ाते हुए 90 नए उत्पादों की पहचान की है, जिसे उसने
ड्यूटी फ्री
श्रेणी से बाहर कर दिया है. इस फैसले में 90 उत्पादों में कम से कम 50 ऐसे उत्पाद हैं जिनका निर्यात भारत करता है.
राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रेसिडेंशियल प्रोक्लमेशन के जरिए यह फैसला लिया है और यह 1 नवंबर, 2018 से प्रभावी हो गया है. इस फैसले के बाद अब भारत के लिए अमेरिका में इन उत्पादों की सप्लाई पर ड्यूटी लगाई जाएगी. अब इन उत्पादों को ड्यूटी फ्री श्रेणी में निर्यात करने की जगह भारत को मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) के तौर पर निर्यात करना होगा जिसपर एक तय दर से टैक्स वसूला जाएगा.
गौरतलब है कि अमेरिका से द्विपक्षीय कारोबार में भारत को बड़ा फायदा मिलता है और इस फायदे के चलते भारत अपने कुल व्यापार घाटे को कम कर लेता है. ड्यूटी फ्री श्रेणी से बाहर किए गए अधिकांश उत्पाद हैंडलूम और कृषि क्षेत्र से हैं और लंबे समय से अमेरिका ऐसे उत्पादों की वैश्विक बाजार से खरीद को वरीयता देते हुए टैक्स फ्री कर रखा था.
चीन को चावल और सरसों बेचकर मोदी सरकार कम करेगी व्यापार घाटा
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका की कमान संभालने के बाद ही ऐसे उत्पादों को टैक्स फ्री श्रेणी से बाहर कर अपने द्विपक्षीय व्यापार में घाटे को कम करने की वकालत की थी. हालांकि कि ट्रंप प्रसाशन की इस कवायद का भारत समेत वह सभी देश विरोध कर रहे थे. अब ट्रंप सरकार के 90 उत्पादों पर टैक्स लगाने के फैसले का सबसे बड़ा नुकसान भारत को उठाना पड़ेगा क्योंकि अमेरिका को इन उत्पादों की ड्यूटी फ्री सप्लाई में सबसे बड़ा योगदान भारत का है.
अमेरिका लंबे समय से कई देशों के कारोबार और उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए लगभग हजारों उत्पाद को ड्यूटी फ्री श्रेणी ने रखता रहा है. ऐसा वह इन उत्पादों को निर्यात करने वाले देशों की अर्थव्यवस्था को वैश्विक कारोबार में बढ़ावा देने और घरेलू बाजार में इन उत्पादों की मांग को सस्ती दरों पर पूरी करने के लिए करता रहा है. लेकिन चीन के साथ ट्रंप प्रसाशन के ट्रेड वॉर के बाद अब अमेरिका अपने व्यापार घाटे को कम करने के लिए कड़े कदम उठा रहा है.
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आंकड़ों को देखें तो 2017 में ड्यूटी फ्री श्रेणी के तहत भारत ने अमेरिका को 5.6 बिलियन डॉलर मूल्य से अधिक के उत्पादों की सप्लाई की थी. अब इस फैसले का सीधा असर भारत-अमेरिका द्विपक्षीय कारोबार के आंकड़ों पर पड़ेगा. वहीं इस श्रेणी में ज्यादातर उत्पाद हैंडलूम और कृषि क्षेत्र से होने के कारण भारत का लघु और मध्यम उद्योग बड़ी तौर पर प्रभावित होगा.
भारत के अलावा जिन देशों पर इस फैसले का असर पड़ेगा उनमें अर्जेंटीना, ब्राजील, थाइलैंड, सूरीनाम, पाकिस्तान, तुर्की, फिलिपीन्स और इंडोनेशिया शामिल हैं. वहीं भारत के निर्यात में जिन उत्पादों पर अब टैक्स लगेगा उनमें प्रमुख रूप से पिजन पी सीड, ड्राई फ्रूट्स, टर्पेंटाइन गम, आम, विनेगर, सैंडस्टोन समेत कई केमिकल्स शामिल है. इसके साथ ही भारत से बड़ी मात्रा में निर्यात हो रहे भैंस के चमड़े को भी ड्यूटी फ्री श्रेणी से बाहर कर दिया गया है. इनके अलावा ट्रंप के इस फैसले का बड़ा असर कॉटन के कपड़ों और हाथ से बुनी कालीन के कारोबार पर भी पड़ेगा.
हाल ही में अमेरिका ने आंकड़ा जारी किया था कि उसने 2017 में ड्यूटी फ्री श्रेणी के तहत कुल 21.2 बिलियन डॉलर मूल्य के उत्पादों की खरीद की थी. इसमें 5.2 बिलियन डॉलर की सबसे बड़ी खरीद भारत, 4.2 बिलियन डॉलर की खरीद थाईलैंड और 2.5 बिलियन डॉलर की खरीद ब्राजील से की गई थी.
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बॉक्स ऑफिस पर धीमी शुरुआत के बाद फिल्म 'जग्गा जासूस' ने शनिवार को थोड़ी रफ्तार पकड़ी. फिल्म ने दूसरे दिन 11.53 करोड़ रुपये की कमाई की.
ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. इस तरह फिल्म ने दो दिनों में 20.10 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है.
#JaggaJasoos
Fri 8.57 cr, Sat 11.53 cr. Total: ₹ 20.10 cr. India biz.
— taran adarsh (@taran_adarsh)
July 16, 2017
यह कहानी 'जग्गा' (रणबीर कपूर ) की है जो मणिपुर में एक छोटे से अस्पताल में मिलता है और वहीं उसकी परवरिश होती है. जग्गा बोलते हुए हकलाता है लेकिन उसके पिता जग्गा से कहते हैं कि अगर वह गाते हुए बोले तो वह पूरी बातें सही ढंग से बोल पाएगा. स्कूल के दौरान इंग्लिश टीचर की मौत की गुत्थी जग्गा सुलझाता है, फिर कुछ ऐसा होता है कि जग्गा के पिता उसे छोड़कर चले जाते हैं और फिर वह बोर्डिंग स्कूल में अपनी पढ़ाई पूरी करता है.
Movie Review: रणबीर का अंदाज अलग लेकिन स्लो है 'जग्गा की जासूसी'
जग्गा के हर जन्मदिन पर उसके पिता उसके लिए एक वीडियो टेप भेजा करते हैं. जग्गा को अपने पिता की तलाश हमेशा से रहती है उसके बाद कहानी में जर्नलिस्ट श्रुति सेन गुप्ता( कटरीना कैफ) की एंट्री होती है, श्रुति का भी एक खास मिशन होता है. जग्गा की मुलाकात श्रुति से होती है और श्रुति के साथ मिलकर जग्गा अपने पिता की खोज में जुटा रहता है.
रणबीर कपूर ने अपनी हथेली पर बनाई ये किसकी PHOTO: दीपिका या कटरीना
फिल्म को रणबीर कपूर ने प्रोड्यूस किया है. ब्रेकअप के बाद ये रणबीर और कटरीना की पहली और अंतिम फिल्म है. दोनों ने ही कहा है कि अब दोनों साथ में कभी फिल्म नहीं करेंगे.
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राष्ट्रपति भवन में मंगलवार शाम मनमोहन मंत्रिमंडल में शामिल हुए 11 मंत्रियों ने शपथ ली. शपथ लेने वाले मंत्रियों में राजीव शुक्ला, मिलिंद देवड़ा, जयंती नटराजन, जीतेंद्र सिंह, चरण दास महंत, सुदीप बंदोपाध्याय, पवन सिंह घटोवार, जयराम रमेश, दिनेश त्रिवेदी, बेनी प्रसाद वर्मा, वी किशोर चंद्र देव शामिल थे.
इससे पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करते हुए विवादास्पद मंत्री जयराम रमेश को केबिनेट मंत्री का दर्जा दे दिया और उन्हें पर्यावरण मंत्रालय से हटा दिया गया. इस फेरबदल में वी किशोर चंद्र देव सहित आठ नये चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई और सात मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. हालांकि आज का मंत्रिमंडल व्यापक रहा, लेकिन इसे अभी अधूरा माना जा रहा है.
मंत्रिमंडल में एक बड़ा फेरबदल करते हुए प्रधानमंत्री ने वीरप्पा मोइली से कानून मंत्रालय लेकर सलमान खुर्शीद के हवाले कर दिया. उच्चतम न्यायालय में कई मामलों पर सरकार की फजीहत के कारण संभवत: प्रधानमंत्री ने यह कदम उठाया.
मंत्रिमंडल के बहुचर्चित पुनर्गठन में मनमोहन सिंह ने ‘चार बड़ों’ वित्त, गृह, रक्षा और विदेश मामले को नहीं छुआ और दूरसंचार तथा नागर विमानन सहित चार मंत्रालयों का अतिरिक्त प्रभार भी यथावत रहा.
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: क्रिस गेल बैटिंग नहीं कर पाये लेकिन वेस्टइंडीज को यह मैच जितने में कोई परेशानी नहीं हुई। वेस्टइंडीज के सामने कोई बड़ा लक्ष्य भी नहीं था। श्रीलंका ने पहले बैटिंग करते हुए 122 रन बनाए, वहीं 123 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए वेस्टइंडीज ने 18.2 ओवर में तीन विकेट गंवाकर यह मैच जीत लिया। वेस्टइंडीज के ओपनर एंड्र्यू फ्लेचर ने 64 गेंदों का सामना करते हुए शानदार 84 रन बनाया।
जब मैच ख़त्म हो गया तो गेल ने ट्वीट करते हुए यह बोला की 'बहुत बड़ा जीत है। बैंगलुरू के दर्शक गजब के होते हैं, माफ़ी मांगता हूं की मैं बल्लेबाजी नहीं कर पाया लेकिन वापस ज़रूर आऊंगा।' गेल ने यह भी ट्वीट किया की 'मैंने पूरा कोशिश की कि बैंगलुरू के दर्शकों के सामने कम से कम एक गेंद तो खेलूं लेकिन अंपायर इयान गोल्ड मुझसे ज्यादा मजबूत व्यक्ति हैं जिन्होंने मुझे रोका।'
जब मैच ख़त्म हो गया तो गेल ने ट्वीट करते हुए यह बोला की 'बहुत बड़ा जीत है। बैंगलुरू के दर्शक गजब के होते हैं, माफ़ी मांगता हूं की मैं बल्लेबाजी नहीं कर पाया लेकिन वापस ज़रूर आऊंगा।' गेल ने यह भी ट्वीट किया की 'मैंने पूरा कोशिश की कि बैंगलुरू के दर्शकों के सामने कम से कम एक गेंद तो खेलूं लेकिन अंपायर इयान गोल्ड मुझसे ज्यादा मजबूत व्यक्ति हैं जिन्होंने मुझे रोका।'
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ललितपुर जिले में बिजरौठा गांव के किसान कृष्णपाल सिंह के खेत में इस बार जब गेहूं की बंपर फसल लहलहाई तो उनके सपने भी साकार होने लगे. कृष्णपाल के उन तमाम अरमानों को भी पंख लग गए, जो उन्होंने अपनी 20 वर्षीया बेटी रश्मि के हाथ पीले करने के लिए संजोए थे. उधर गेहूं की शानदार फसल खेतों में खड़ी थी और इधर शादी की तैयारियां शुरू हो गईं. लेकिन उनके ये अरमान पूरे नहीं हुए, क्योंकि इसी बीच सरकारी कुप्रबंधन सामने आ गया.
सरकारी क्रय केंद्र पर गेहूं बेचने का सिला यह मिला कि कृष्णपाल बीते दो माह से ज्यादा समय से भुगतान के लिए भटक रहे हैं. वे बताते हैं, ''मैंने 12 जून को बिजरौठा साधन सहकारी समिति पर 42 क्विंटल गेहूं बेचा था और इसकी एवज में मुझे 39,000 रु. का चेक थमाया गया. जब मैंने इस चेक को भुनाने के लिए बैंक में डाला तो यह बाउंस हो गया.” इसके बाद से तो कृष्णपाल भुगतान के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं और इसकी वजह से उनकी बिटिया की शादी टल गई है.
बिजरौठा गांव के ही किसान रमेश कुशवाहा के तीन बीघा खेत में इस बार 18 क्विंटल गेहूं की फसल पैदा हुई. इस फसल को बेचने के लिए जब वे खरीद केंद्र पहुंचे तो 50 किलो गेहूं अवैध कमीशन में काट लिया गया. गेहूं बेचने के बाद समिति से जो 22,000 रु. का चेक मिला, उसका भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है. रमेश कहते हैं, ''मैंने तालबेहट के एक बनिए के पास 600 ग्राम चांदी की करदौनी गिरवी रखकर 5 रु. सैकड़ा पर खरीफ की फसल बोने के लिए पैसे उधार लिए हैं. अगर गेहूं का पैसा नहीं मिला तो मैं बर्बाद हो जाऊंगा.”
ये हालात बुंदेलखंड के उन किसानों के हैं, जिन्होंने कई दिनों तक लंबी लाइनों में खड़े होकर बमुश्किल अपना गेहूं इस उम्मीद के साथ बेचा था कि बढ़े हुए समर्थन मूल्य से उन्हें गेहूं की बढिय़ा कीमत मिलेगी और उनकी अच्छी-आमदनी हो जाएगी, लेकिन इन किसानों को अपनी गेहूं की फसल का दाम मिलने की बजाए दर-दर की ठोकरें मिल रही हैं.
नतीजतन, बारिश के मौसम में बोई जाने वाली खरीफ की फसल भी हाथ से निकल गईं. बुंदेलखंड में उन किसानों को भुगतान की दिक्कतों का सामना करना पड़ा, जिन्होंने गेहूं की फसल सहकारिता समितियों को बेची थी. असल में सहकारिता विभाग में दो क्रय एजेंसियों 'उत्तर प्रदेश उपभोक्ता सहकारी संघ’ और 'उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव फेडरेशन’ ने इस बार गेहूं की खरीद की है.
सभी सहकारी समितियों ने इन्हीं एजेंसियों के क्रय एजेंट के रूप में काम किया. इन समितियों ने किसानों से गेहूं खरीदा और उसे एफसीआइ के गोदामों में रखने के लिए भेजा. गेहूं की डिलीवरी होने के बाद ही एफसीआइ से इन समितियों को धन का आवंटन हुआ.
सहकारिता विभाग के एक अपर रजिस्ट्रार बताते हैं कि गेहूं की फसल अधिक होने और इसके भंडारण के लिए सरकारी गोदामों में पर्याप्त जगह नहीं होने के कारण बुंदेलखंड इलाके के कई जिलों में एफसीआइ के गोदाम गेहूं के बोरों से तुरंत भर गए. ऐसे में वे समितियों के खरीदे गए गेहूं का भंडारण नहीं कर पाए.
नतीजा यह हुआ कि डिलीवरी के अभाव में समितियों का गेहूं उन्हीं के अस्थायी गोदामों में पड़ा है और क्रय एजेंटों के खाते में पैसा नहीं पहुंच पाया. उधर सहकारी समितियों ने किसानों को खाते में पैसा न होने पर भी चेक जारी कर दिए जो बाद में बाउंस हो गए. बुंदेलखंड के सात जिलों को ही लें तो इस बार रबी की फसल में गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ था. इस कारण इन जिलों में निर्धारित लक्ष्य से 17 प्रतिशत अधिक गेहूं की खरीद की गई.
ललितपुर सहित जालौन, झांसी, हमीरपुर और महोबा जिलों में गोदामों के अभाव में लाखों क्विंटल गेहूं का भंडारण जूनियर हाइस्कूलों, प्राथमिक विद्यालयों, पंचायत भवन, मंडी चबूतरों के अलावा किराए के गोदामों में किया गया है. इस गेहूं की डिलीवरी जब तक एफसीआइ के गोदामों में नहीं होगी, तब तक किसानों को इसका भुगतान नहीं हो पाएगा.
एफसीआइ के गोदामों में गेहूं की डिलीवरी न होने के चलते किसानों का करीब 70 करोड़ रु. का भुगतान पेचीदगियों में उलझ गया है. किसान हर रोज अपनी फसल के दाम पाने की आस में अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही. जब सब्र का बांद टूटने लगा तो ललितपुर समेत कई जिलों में किसानों ने प्रदर्शन का सहारा भी लिया, लेकिन अफसरशाही के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी.
ललितपुर के तालबेहट में भुगतान न मिलने के कारण प्रदर्शन करने पहुंचे किसान रामकिशन यादव बताते हैं कि चेक बाउंस होने के चलते सैकड़ों किसान बीते दो महीने से ज्यादा समय से मारे-मारे फिर रहे हैं. सरकार ने जब गेहूं खरीदा था तो उसका समर्थन मूल्य 1,285 रु. प्रति क्विंटल था जिसका बाजार भाव अब बढ़कर 1,450 रु. प्रति क्विंटल हो गया है.
रामकिशन कहते हैं, ''अगर सरकार किसानों को उनके गेहूं का भुगतान नहीं कर पा रही तो उसे सहकारी समितियों को उनकी फसल वापस करने का आदेश दे देना चाहिए.”
ललितपुर में साधन सहकारी समिति के सचिव सीताराम बताते हैं कि जिले में अब तक 3,05,240.44 क्विंटल गेहूं की डिलीवरी हो चुकी है और 1,63,538.06 क्विंटल गेहूं अभी भी समितियों की निगरानी में रखा हुआ है. अस्थायी तौर पर रखा यह गेहूं बारिश में भीगने के कारण खराब हो रहा है. अब बोरों में से अंकुर भी फूटने लगे हैं. कई जगहों पर इसके सडऩे की भी शिकायतें आ रही हैं. झांसी के कई गांवों के भी ऐसे ही हालात हैं.
यहां पर 83,000 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई, लेकिन अभी तक 62,000 मीट्रिक टन गेहूं की ही डिलीवरी हो पाई है. डिलीवरी न होने के कारण यहां भी किसानों का पैसा अटका हुआ है. किसान नेता भानु सहाय कहते हैं, ''फसल का भुगतान न मिलने के कारण बड़ी संख्या में किसान भुखमरी के कगार पर हैं. और वे अगली फसल बोने की स्थिति में भी नहीं हैं.”
ऐसा नहीं है कि किसानों की बंपर फसल का भंडारण करने की कोई योजना नहीं बनी. एफसीआइ ने गेहूं की बंपर फसल को रखने के लिए वर्ष की शुरुआत में ही निजी गोदामों को किराए पर लेने की योजना बनाई थी, लेकिन इसका किराया तय न होने के कारण यह योजना परवान नहीं चढ़ पाई और बंपर फसल पैदा करने के बाद भी किसानों के हाथ दिक्कतें ही लगीं.
एफसीआइ के एक अधिकारी बताते हैं कि हर महीने 6.25 रु. प्रति क्विंटल की स्थायी दर और 2 रु. प्रति क्विंटल की 'वैरिएबल’ दर पर किराया तय करने का प्रस्ताव सरकार के पास लंबित है. इस पर कोई निर्णय न होने से भंडारण में दिक्कतें आ रही हैं.
हालांकि कोऑपरेटिव फेडरेशन के अधिकारी इस बात को सिरे से खारिज कर रहे हैं कि पूरे बुंदेलखंड इलाके में बड़ी संख्या में किसानों के चेक बाउंस हुए हैं. महाप्रबंधक, मूल्य समर्थन रवींद्र सिंह यादव बताते हैं कि हमीरपुर और आसपास के कुछ इलाकों में चेक के भुगतान से जुड़ी कुछ समस्याएं सामने आई थीं, जिसे तुरंत दूर करा दिया गया.
यादव बताते हैं, ''जिन किसानों के चेक बाउंस हुए थे, उन्हें तत्काल दूसरा चेक जारी कर दिया गया था.” समस्या केवल खाते में पैसा न होने के चलते चेक बाउंस होने से जुड़ी नहीं है. एक सहकारी बैंक में अधिकारी राम प्रसाद बताते हैं कि साधन समितियों को गेहूं बेचने वाले किसानों को इस बात की भी जानकारी नहीं दी गई थी कि बैंक में चेक कैसे लगाना है. राम प्रसाद बताते हैं, ''बहुत से किसानों ने चेक के साथ गेहूं बेचने के बाद मिलने वाली स्लिप नहीं लगाई. इसके चलते चेक में अंकित धनराशि का मिलान नहीं हो पाया और यह बाउंस हो गया.”
बीएसपी के वरिष्ठ नेता और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष नसीमुद्दीन सिद्दिकी कहते हैं, ''सपा की सरकार बनते ही बुंदेलखंड के किसानों की तकलीफें बढ़ गई हैं. चेकों का भुगतान न होने के बावजूद सरकार ने इसके लिए दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करना तो दूर, उनसे जवाब तलब तक नहीं किया है.”
बहरहाल, किसानों के अरमानों पर पानी फिर गया है. पैसा न होने के कारण न सिर्फ उनकी जरूरतें पूरी नहीं हो रही हैं, बल्कि खेत भी खाली और वीरान पड़े हैं. ऐसे में किसान बियाबान में हैं और गोदामों में हरियाली छाई है.
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उत्तर भारत में अनियमित बारिश का दौर जारी रहा। दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में लोग रविवार को भी बारिश की बाट जोहते रहे। दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर एवं उत्तराखंड में बारिश ने जमकर कहर बरपाया।
देश की राजधानी दिल्ली में रविवार को लोगों को हल्की बारिश से संतोष करना पड़ा। न्यूनतम तापमान औसत से एक डिग्री ज्यादा 27.5 डिग्री सेल्सियस था जबकि अधिकतम तापमान 35.5 डिग्री दर्ज किया गया। राजधानी में 0.8 मिमी बारिश दर्ज की गई।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने कहा, "सोमवार को आसमान में सामान्यत: बादल छाए रहेंगे। बारिश हो सकती है। कल अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 35 एवं 28 डिग्री के आसपास रहेगा।"
राजधानी लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश का सिलसिला रविवार को भी जारी रहा।
बीते 24 घंटों के दौरान सूबे के तराई, पूर्वी, बुंदेलखंड और मध्य क्षेत्रों में तेज और मध्यम बारिश दर्ज की गई। वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी बारिश हुई। मौसम विभाग ने बारिश का यह सिलसिला जारी रहने की सम्भावना जताई है।
उत्तर प्रदेश मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि राज्य में मानसून लगातार सक्रिय है और अगले 48 घंटों के दौरान राज्य के मध्य और पूर्वी हिस्सों में तेज बारिश के आसार हैं।
बारिश के कारण कई इलाकों में मुश्किलें भी पैदा हो रही हैं। बहराइच, गोंडा और बाराबंकी में घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से करीब 30 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने से बुलंदशहर, बदायूं, अमरोहा जिले के तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में जोरदार बारिश होने के बाद अब राज्य के पूर्वी हिस्से में भारी बारिश की सम्भावना है।
मौसम विभाग ने आगामी 48 घंटों में राज्य के पूर्वी हिस्से में एक-दो स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। वहीं पश्चिमी मध्य प्रदेश में भी बारिश की सम्भावना है।
राज्य के अधिकांश हिस्सों में आसमान पर बादलों का डेरा है और पिछले दिनों हुई बारिश से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।टिप्पणियां
राजधानी का अधिकतम तापमान 28़ 2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
उत्तराखण्ड, जम्मू और हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और भयानक बाढ़ के कारण 12 लोगों की मौत हो गई है, लगभग 40 लापता हैं और सैकड़ों फंस गए।
देश की राजधानी दिल्ली में रविवार को लोगों को हल्की बारिश से संतोष करना पड़ा। न्यूनतम तापमान औसत से एक डिग्री ज्यादा 27.5 डिग्री सेल्सियस था जबकि अधिकतम तापमान 35.5 डिग्री दर्ज किया गया। राजधानी में 0.8 मिमी बारिश दर्ज की गई।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने कहा, "सोमवार को आसमान में सामान्यत: बादल छाए रहेंगे। बारिश हो सकती है। कल अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 35 एवं 28 डिग्री के आसपास रहेगा।"
राजधानी लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश का सिलसिला रविवार को भी जारी रहा।
बीते 24 घंटों के दौरान सूबे के तराई, पूर्वी, बुंदेलखंड और मध्य क्षेत्रों में तेज और मध्यम बारिश दर्ज की गई। वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी बारिश हुई। मौसम विभाग ने बारिश का यह सिलसिला जारी रहने की सम्भावना जताई है।
उत्तर प्रदेश मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि राज्य में मानसून लगातार सक्रिय है और अगले 48 घंटों के दौरान राज्य के मध्य और पूर्वी हिस्सों में तेज बारिश के आसार हैं।
बारिश के कारण कई इलाकों में मुश्किलें भी पैदा हो रही हैं। बहराइच, गोंडा और बाराबंकी में घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से करीब 30 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने से बुलंदशहर, बदायूं, अमरोहा जिले के तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में जोरदार बारिश होने के बाद अब राज्य के पूर्वी हिस्से में भारी बारिश की सम्भावना है।
मौसम विभाग ने आगामी 48 घंटों में राज्य के पूर्वी हिस्से में एक-दो स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। वहीं पश्चिमी मध्य प्रदेश में भी बारिश की सम्भावना है।
राज्य के अधिकांश हिस्सों में आसमान पर बादलों का डेरा है और पिछले दिनों हुई बारिश से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।टिप्पणियां
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उत्तराखण्ड, जम्मू और हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और भयानक बाढ़ के कारण 12 लोगों की मौत हो गई है, लगभग 40 लापता हैं और सैकड़ों फंस गए।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने कहा, "सोमवार को आसमान में सामान्यत: बादल छाए रहेंगे। बारिश हो सकती है। कल अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 35 एवं 28 डिग्री के आसपास रहेगा।"
राजधानी लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश का सिलसिला रविवार को भी जारी रहा।
बीते 24 घंटों के दौरान सूबे के तराई, पूर्वी, बुंदेलखंड और मध्य क्षेत्रों में तेज और मध्यम बारिश दर्ज की गई। वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी बारिश हुई। मौसम विभाग ने बारिश का यह सिलसिला जारी रहने की सम्भावना जताई है।
उत्तर प्रदेश मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि राज्य में मानसून लगातार सक्रिय है और अगले 48 घंटों के दौरान राज्य के मध्य और पूर्वी हिस्सों में तेज बारिश के आसार हैं।
बारिश के कारण कई इलाकों में मुश्किलें भी पैदा हो रही हैं। बहराइच, गोंडा और बाराबंकी में घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से करीब 30 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने से बुलंदशहर, बदायूं, अमरोहा जिले के तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में जोरदार बारिश होने के बाद अब राज्य के पूर्वी हिस्से में भारी बारिश की सम्भावना है।
मौसम विभाग ने आगामी 48 घंटों में राज्य के पूर्वी हिस्से में एक-दो स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। वहीं पश्चिमी मध्य प्रदेश में भी बारिश की सम्भावना है।
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उत्तराखण्ड, जम्मू और हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और भयानक बाढ़ के कारण 12 लोगों की मौत हो गई है, लगभग 40 लापता हैं और सैकड़ों फंस गए।
राजधानी लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश का सिलसिला रविवार को भी जारी रहा।
बीते 24 घंटों के दौरान सूबे के तराई, पूर्वी, बुंदेलखंड और मध्य क्षेत्रों में तेज और मध्यम बारिश दर्ज की गई। वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी बारिश हुई। मौसम विभाग ने बारिश का यह सिलसिला जारी रहने की सम्भावना जताई है।
उत्तर प्रदेश मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि राज्य में मानसून लगातार सक्रिय है और अगले 48 घंटों के दौरान राज्य के मध्य और पूर्वी हिस्सों में तेज बारिश के आसार हैं।
बारिश के कारण कई इलाकों में मुश्किलें भी पैदा हो रही हैं। बहराइच, गोंडा और बाराबंकी में घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से करीब 30 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने से बुलंदशहर, बदायूं, अमरोहा जिले के तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में जोरदार बारिश होने के बाद अब राज्य के पूर्वी हिस्से में भारी बारिश की सम्भावना है।
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राजधानी का अधिकतम तापमान 28़ 2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
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बीते 24 घंटों के दौरान सूबे के तराई, पूर्वी, बुंदेलखंड और मध्य क्षेत्रों में तेज और मध्यम बारिश दर्ज की गई। वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी बारिश हुई। मौसम विभाग ने बारिश का यह सिलसिला जारी रहने की सम्भावना जताई है।
उत्तर प्रदेश मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि राज्य में मानसून लगातार सक्रिय है और अगले 48 घंटों के दौरान राज्य के मध्य और पूर्वी हिस्सों में तेज बारिश के आसार हैं।
बारिश के कारण कई इलाकों में मुश्किलें भी पैदा हो रही हैं। बहराइच, गोंडा और बाराबंकी में घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से करीब 30 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने से बुलंदशहर, बदायूं, अमरोहा जिले के तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
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उत्तर प्रदेश मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि राज्य में मानसून लगातार सक्रिय है और अगले 48 घंटों के दौरान राज्य के मध्य और पूर्वी हिस्सों में तेज बारिश के आसार हैं।
बारिश के कारण कई इलाकों में मुश्किलें भी पैदा हो रही हैं। बहराइच, गोंडा और बाराबंकी में घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से करीब 30 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने से बुलंदशहर, बदायूं, अमरोहा जिले के तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में जोरदार बारिश होने के बाद अब राज्य के पूर्वी हिस्से में भारी बारिश की सम्भावना है।
मौसम विभाग ने आगामी 48 घंटों में राज्य के पूर्वी हिस्से में एक-दो स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। वहीं पश्चिमी मध्य प्रदेश में भी बारिश की सम्भावना है।
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बारिश के कारण कई इलाकों में मुश्किलें भी पैदा हो रही हैं। बहराइच, गोंडा और बाराबंकी में घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से करीब 30 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने से बुलंदशहर, बदायूं, अमरोहा जिले के तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में जोरदार बारिश होने के बाद अब राज्य के पूर्वी हिस्से में भारी बारिश की सम्भावना है।
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने से बुलंदशहर, बदायूं, अमरोहा जिले के तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
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उत्तराखण्ड, जम्मू और हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और भयानक बाढ़ के कारण 12 लोगों की मौत हो गई है, लगभग 40 लापता हैं और सैकड़ों फंस गए।
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पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया से माफी मांगने के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने ही नेताओं के बीच घिरने लगे हैं. वहीं, बीजेपी ने भी उनपर झूठ की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि केजरीवाल को दिल्ली और पंजाब की जनता से माफी मांगनी चाहिए.
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंदर गुप्ता ने अरविंद केजरीवाल पर हमला करते हुए कहा कि झूठ की बिसात पर राजनीति करने वालों का यही हश्र होता है. विजेंदर गुप्ता ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल को अब दिल्ली और पंजाब की जनता से माफी मांगनी चाहिए. गुप्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि केजरीवाल कई बार झूठ की राजनीति के उदाहरण पेश कर चुके हैं.
विजेंदर गुप्ता ने केजरीवाल की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाया और कहा कि अरविंद केजरीवाल की विश्वसनीयता शून्य हो चुकी है और अब उनकी बातों पर किसी को यकीन नहीं होता. केजरीवाल ने एक आंदोलन की हत्या की है.
बता दें, आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल की माफी पर कहा था की उनपर चल रहे मानहानि के कई मामलों के कारण उनका काफी वक्त कोर्ट कचहरी में निकल जाता है. इसलिए माफीनामा कर के सीएम का वक़्त बचेगा, जिससे जनता के मुद्दों के लिए ज्यादा वक्त निकल सकेगा.
आम आदमी पार्टी
के इस बयान पर विजेंदर गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल के पास अपने आरोपों को लोअर कोर्ट में साबित करने के लिए भी आधार नहीं है और इसलिए इतनी जल्दी उन्होंने घुटने टेक दिए. ये सिर्फ जनता की भावनाओं से खिलवाड़ है.
बीजेपी अकाली विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी केजरीवाल के माफीनामे पर चुटकी लेते हुए कहा कि, मुझे याद है कि केजरीवाल ने वीडियो बनाया था लोगों को कॉल गए थे कि मैं इतनी तारीख को मजीठिया को जेल में बंद कर दूंगा. हम तब भी कहते थे कि अरविंद केजरीवाल झूठा है. आज वही बात केजरीवाल खुद बोल रहे हैं कि हां मैं झूठा था.
सिरसा ने
केजरीवाल
पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली के लोग ऐसे सीएम पर कैसे विश्वास कर सकते हैं. सिरसा ने भगवंत मान के इस्तीफे पर कहा कि ये इस्तीफा प्री प्लांड है. सिरसा ने आरोप लगाते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी में सब प्लानिंग पहले की होती है कि किसको क्या कहना है.
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यह एक लेख है: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत लोगों के बीच संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिये मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के देश में खेल को बढ़ावा करने के मिशन में मदद करेगा. मालदीव दौरे पर गए मोदी ने क्रिकेट विश्व कप में खेल रहे भारतीय खिलाड़ियों के हस्ताक्षर वाला बल्ला सोहिल को भेंट किया. पीएम मोदी ने कहा कि क्रिकेट से जुड़ाव! मेरे मित्र राष्ट्रपति सोलिह क्रिकेट के प्रशंसक है, इसलिए मैं उन्हें क्रिकेट विश्व कप 2019 में खेल रही भारतीय टीम के हस्ताक्षर वाला बल्ला भेंट कर रहा हूं. इससे पहले विदेश मंत्रालय ने गुरूवार को कहा था कि भारत मालदीव के क्रिकेट खिलाड़ियों को ट्रेनिंग में और इसे खेल के अपेक्षित स्तर तक लाने के लिये मदद कर रहा है.
विदेश सचिव विजय गोखले ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि भारत इस दक्षिण एशियाई देश में एक स्टेडियम के निर्माण की तैयारी भी कर रहा है जिसके लिये भी उन्होंने अनुरोध किया है. अप्रैल में सेालिह बेंगलुरू में इंडियन प्रीमियर लीग मैच भी देखने पहुंचे थे और फिर उन्होंने मालदीव में भी एक क्रिकेट टीम बनाने की इच्छा व्यक्त की थी व इसके लिये अपनी टीम की ट्रेनिंग के मद्देनजर भारत की सहायता की मांग की. गोखले ने कहा कि उनके अनुरोध में मालदीव में एक क्रिकेट स्टेडियम बनाना भी है, हम इस पर विचार कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि मंत्रालय मालदीव के क्रिकेटरों को ट्रेनिंग देने के लिये भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के साथ काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि मालदीव के क्रिेकेटरों को ट्रेनिंग देने के लिये, कोचिंग कार्यक्रम आयोजित करने के लिये और किट मुहैया कराने के लिये बीसीसीआई के एक दल ने मई के शुरू में मालदीव का दौरा किया था. सोलिह के बेंगलुरू दौरे पर उन्हें भारतीय क्रिकेट कप्तान विराट कोहली, पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और आईपीएल के मुख्य परिचालन अधिकारी हेमांग अमीन ने जर्सी भी भेंट की थी.
इस मौके पर बीसीसीआई के महाप्रबंधक सबा करीम सहित शीर्ष अधिकारियों ने मालदीव के पूरे दल को प्रस्तुतिकरण दिया था. मालदीव क्रिकेट बोर्ड 1998 में एशियाई क्रिकेट परिषद का सदस्य बना और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद से मान्यता प्राप्त है. (इनपुट भाषा से)
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बिहार के मुजफ्फरपुर और उत्तर प्रदेश के देवरिया में बाल एवं संरक्षण गृह में हुए दुष्कर्मों की घटनाओं से पूरे देश में गुस्सा है. इस बीच केंद्र सरकार ने इस प्रकार के एनजीओ को लेकर कड़ा कदम उठाया है.
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने देश भर के बाल देखभाल संस्थानों (सीसीआई) और आश्रय गृहों को दो महीने के भीतर सरकार के साथ पंजीकरण कराने का निर्देश दिया है और साथ ही इस बीच इनका सामाजिक ऑडिट भी हो जाना चाहिए.
मंत्रालय के एक आधिकारिक सूत्र ने बताया, "जो संस्थान दो महीने के भीतर पंजीकरण नहीं कराते हैं, उन्हें बंद किया जाएगा और लड़कियों को बेहतर व पंजीकृत केंद्रों में स्थानांतरित किया जाएगा. मंत्रालय ने पहले ही गैरपंजीकृत केंद्रों को बंद करना शुरू कर दिया है."
मंत्रालय ने यह भी कहा कि देश भर के नौ हजार से ज्यादा सीसीआई को 60 दिनों के भीतर सामाजिक ऑडिट कराने के लिए नोटिस जारी कर दिया गया है. यह सा
माजिक ऑडिट राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग
(एनसीपीसीआर) द्वारा किया जाएगा.
अधिकारी ने कहा, "नए प्रारूप में हालात का पूरा आंकलन किया जाएगा, इसमें बच्चे कैसे रह रहे हैं, यह भी शामिल है. इसमें केवल बुनियादी सुविधाओं पर ही नहीं गौर किया जाएगा."
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने पिछले सप्ताह राज्य और जिला स्तर पर बाल कल्याण समितियों (सीडब्ल्यूसी) की स्थापना करने के लिए कहा था, ताकि सीसीआई और आश्रय गृहों की नियमित निगरानी की जा सके.
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ग्लूकोन-डी का नया फ्लेवर बाजार में आते ही विवादों के घेरे में आ गया है. कंपनी के नए उत्पाद में कीड़े निकलने की शिकायत एफडीए अधिकारियों को मिली है. शिकायत मिलने से एक बार फिर ग्लैक्सो की प्रतिष्ठा पर सवालिया निशान लग गया है. ग्राहक की शिकायत पर दुकानदार से नमूने लेकर एफडीए अधिकारियों ने जांच के लिए भेजे है.
पहले मैगी में एमएसजी पर बबाल और अब यूपी के बुलंदशहर में ग्लूकोन-डी के नए फ्लेवर में कीड़े मिले है. ग्लूकोन-डी में कीड़ने मिलने बाद खाद्य विभाग में हड़कम्प मच गया है. खाद्य विभाग के अधिकारियो ने ग्लूकोन-डी के सैम्पल लेकर जांच के लिए लखनऊ भेज दिया है. जिसके बाद अगर ग्लूकोन-डी के सैम्पलों में गड़बड़ी पाई जाती है तो विभाग कंपनी के विरुद्ध मुकदमा दायर कर कार्यवाही करेगा.
यह मामला तब सामने आया, जब एक ग्राहक ने एक साधारण किराना स्टोर से ग्लूकोन-डी का आधा किलो का पैक एक्स्ट्रा एनर्जी के लिए खरीदा. घर ले जाकर पैकेट खोला तो पैकेट में कीड़े निकले. ग्राहक ने दुकानदार को कीड़े वाला ग्लूकोन-डी का पैकेट दिखाया तो उसने मामला होलसेलर पर टाल दिया. होलसेलर ने कंपनी पर टालकर ग्राहक को ग्लूकोन-डी नहीं बदलकर दिया. जिस पर ग्राहक खाद्य विभाग के पास पहुंच गया. खाद्य विभाग की टीम ने ग्राहक की शिकायत पर दुकान पर पहुंचकर सील बंद ग्लूकोन-डी के पैकेट के नमूने लेकर जांच को भेजे.बबलू नाम के शख्स का कहना है कि उन्होंने ग्लूकोन डी को बिना देखे पी लिया, जिसके बाद बच्चों को उल्टी होने लगी. दुकानदार ने भी देखा तो उसमें कीड़े थे.
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मुंबई (Mumbai) के चेम्बूर इलाके के तिलक नगर में गुरुवार को हॉर्न बजाने को लेकर हुई मारपीट के दौरान 70 साल के एक बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो गयी. यह घटना गुरुवार दोपहर की है. पुलिस ने बताया कि दीपक चावड़िया औ उसका भाई मनोज मोटरसाइिकल से काम पर जाने के लिए तैयार था. उन्होंने बताया कि इसी दौरान संदीप पारचा और उसके पिता पाल सिंह (70) ने कथित रूप से हॉर्न बजाने के लिए उन्हें गाली दी.
उन्होंने बताया कि इस पर दीपक और मनोज के साथ उनकी बहस हो गयी जिसे सुनने के बाद दीपक और मनोज के पिता मनोहर (70) उनकी बहन पूजा ने दोनों पक्षों को शांत कराने के लिए हस्तक्षेप किया. पुलिस अधिकारी ने बताया कि संदीप ने उन लोगों पर चाकू से हमला कर दिया.
उन्होंने बताया कि मनोहर ने अस्पताल मे दम तोड़ दिया जबकि दीपक, मनेाज और पूजा घायल हैं. पुलिस ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और इस संबंध में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.
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महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग ने कई पदों के लिए भर्ती निकाली है और इस भर्ती में पुलिस सब इंस्पेक्टर, असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर, स्टेट टैक्स इंस्पेक्टर, स्टेट सर्विस एग्जाम और लॉ ऑफिसर पद पर उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा. अगर आप भी इस भर्ती में आवेदन करना चाहते हैं और इन पदों के योग्य हैं तो आप आवेदन करने की आखिरी तारीख से पहले आवेदन कर सकते हैं.
पद का विवरण
भर्ती में पुलिस सब इंस्पेक्टर के 387 पद, असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर के 126 पद और स्टेट टैक्स इंस्पेक्टर के 24 पदों पर उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा. चयनित होने वाले उम्मीदवारों की पे-स्केल 9300-34800 रुपये होगी और ग्रेड पे 4300 रुपये होगी.
योग्यता
इन पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को ग्रेजुएट होना आवश्यक है और उम्मीदवारों को महाराष्ट्र सबऑर्डिनेट सर्विसेज प्री परीक्षा भी पास की होनी चाहिए.
आयु सीमा
असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर और स्टेट टैक्स इंस्पेक्टर पदों के लिए 18 से 38 साल (आरक्षित-43) तक के उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं. वहीं पुलिस सब इंस्पेक्टर के लिए 19 से 31 साल तक के उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं.
आवेदन फीस
आवेदन करने के लिए ओपन वर्ग के उम्मीदवारों को 524 और रिजर्व्ड वर्ग के उम्मीदवारों को 324 रुपये फीस का भुगतान करना होगा. फीस का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से किया जा सकता है.
हाई कोर्ट में निकली वैकेंसी, बिना परीक्षा होगा सेलेक्शन
आवेदन करने की आखिरी तारीख-
27 जुलाई 2018
चयन प्रक्रिया
उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा.
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छह बार की चैम्पियन सेरेना विलियम्स ने न्यूयॉर्क में जारी अमेरिका ओपन के प्री-क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली है. साल के चौथे ग्रैंड स्लैम के तीसरे दौर में सेरेना ने चेक गणराज्य की केरोलिना मुकोवा को सीधे सेटों में 6-3, 6-2 से हराया.
विंबलडन में क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय करने वाली मुकोवा के खिलाफ सेरेना ने नौ ब्रेक प्वाइंट अर्जित किए. पहले सेट से ही वह शानदार फॉर्म में नजर आई और अपने प्रतिद्वंद्वी को वापसी का कोई भी मौका नहीं दिया.
क्वार्टर फाइनल में उनका सामना 22वीं सीड पेट्रा मार्टिक के खिलाफ होगा. मार्टिक ने तीसरे दौर के अपने मुकाबले में अनास्तासिजा सेवस्तोवा को हराया.
एक अन्य मैच में ऑस्ट्रेलिया की दूसरी सीड एश्ले बार्टी ने ग्रीस की 30वीं सीड मारिया साकारी को 7-5, 6-3 से मात दी.
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भारत को उम्मीद है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत में शामिल होने से उसके इनकार और दबाव तथा अंतरराष्ट्रीय विचार के चलते पाकिस्तान को अपनी सरजमीं से कार्रवाई संचालित कर रहे आतंकी संगठनों के प्रति रुख बदलना होगा.
गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि सीमा के आसपास आतंकवादियों की तरफ से देश में 26/11 के आतंकी हमलों सरीखे हमले करने के काफी प्रयास हो चुके हैं और सुरक्षा एजेंसियों ने बेहतर खुफिया जानकारियों की मदद से इन्हें सफलतापूर्वक नाकाम किया है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं पाकिस्तान के रुख को नहीं बदल सकता. मैं केवल यह उम्मीद जता सकता हूं कि अंतरराष्ट्रीय विचार, भारतीय दबाव और पाकिस्तान के साथ बातचीत में शामिल होने से भारत का इनकार पाकिस्तान को इसका रुख बदलने पर मजबूर करेगा.’’
उन्होंने पाकिस्तान द्वारा 26/11 के बाद आतंकी समूहों को समर्थन करने की उसकी नीति नहीं छोड़े जाने पर कहा, ‘‘हमने हमेशा यही कहा है.’’ हालांकि चिदंबरम ने कहा कि इस्लामाबाद के रवैये को देखते हुए भारत ने अपनी सुरक्षा को मजबूत किया है और अब यह एक साल पहले से ज्यादा बेहतर तरह से तैयार है. उन्होंने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि अजमल आमिर कसाब के संरक्षण पर 31 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं.
चिदम्बरम ने कहा ‘‘कसाब ऐसी कड़ी है जिससे पाकिस्तान ने माना कि आतंकवादी पाकिस्तानी थे, षड्यंत्रकारी पाकिस्तानी थे और पाकिस्तान को मुकदमा शुरू करने के लिए बाध्य होना पड़ा. मैं नहीं कह सकता कि मुकदमे की दिशा क्या होगी.’’ उन्होंने कहा कि अगर कसाब भी अन्य आतंकवादियों की तरह मारा जाता, तो पाकिस्तान पूरी तरह इनकार करने की स्थिति में होता और सुनवाई नहीं होती. यह पूछे जाने पर कि क्या कसाब के मुकदमे में काफी समय लग रहा है, चिदम्बरम ने कहा कि हत्या के मामले की सुनवाई में आम तौर पर समय लगता है और कसाब के मामले में सुनवाई तेजी से हो रही है क्योंकि अभियोजन पक्ष के गवाहों से जिरह की जा रही है.
उन्होंने कहा ‘‘मुझे गर्व है कि हमारे देश में कानून सर्वोपरि है. हम कसाब की सुनवाई कंगारू अदालत लगाकर उसे रातों रात फांसी नहीं दे रहे जैसा कि कुछ अन्य देशों में होता है.’’ चिदम्बरम ने कहा ‘‘कसाब का मुकदमा बताता है कि भारत ऐसा देश है जो अपने गहरे घाव के बावजूद, पकड़े गए एकमात्र आतंकवादी के खिलाफ स्वतंत्र एवं निष्पक्ष सुनवाई चाहता है.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या कसाब को मृत्युदंड मिलना चाहिए, गृह मंत्री ने कहा ‘‘कसाब को सबसे पहले दोषी ठहराया जाना चाहिए. उसे उपलब्ध सभी न्यायिक विकल्पों की अनुमति देना चाहिए. इसके बाद जब सजा सुनाई जाएगी तब, आपके सवाल का जवाब हम देंगे.’’
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जमशीद ईरानी पुराकथाओं में वर्णित एक राजा (शाह)। इसे पुरानी फारसी में 'जमशीद', मध्यकालीन और आधुनिक फारसी में 'जम' तथा पहलवी (अवेस्ता की भाषा) में 'यीमा' कहा गया है। वह वीवंगहुवंत का पुत्र एवं ईरानी स्वर्णयुग का महान शासक था। बहुत सी बातों में यह पात्र हिन्दुओं के देवता यम से मिलता-जुलता है।
फिरदौसी कृत 'शाहनामा' में इसे सांस्कृतिक नायक की स्थिति से ईंट तथा भवन निर्माणकला का आविष्कर्ता और अन्य कलाओं का उन्नायक कहा है। अवेस्ता, बूँदहिश्न तथा अन्य ईरानी पुराणों के अनुसार जमशीद सृष्टि निर्माण, 'महान शीत' और 'नूह' के जल 'जल प्रलय' से संबंधित है। यह देवलोक का प्रथम मानवशासक था जो बाद में मृत्युलोक का अधिपति बना। इसके उत्तम शासन से सुखाधिक्य के कारण मानवजाति में इतनी वंशवृद्धि हुई कि उनके रहने के लिए उसे तीन बार पृथ्वी का विस्तार करना पड़ा। अन्त में अहुरमज्द के निषेध करने पर उसने ऐसा करना बन्द किया।
किन्तु ये बातें पुराणों की आलंकारिक उक्तियाँ हैं। इसकी ऐतिहासिकता विवादास्पद है। इतिहासकारों का एक वर्ग उसका समय ई. पू. ३,००० वर्ष और दूसरा उसका जन्मकाल ८०० ई. पू. मानता है। कहा जाता है कि इस अर्द्ध ऐतिहासिक राजा ने पर्सिपोलिस नगर की स्थापना की थी। यह सौर वर्ष का प्रारम्भकर्ता था। बूंदहिश्न के अनुसार सृष्टि की प्रथम दो सहस्राब्दियों में द्वितीय सहस्राब्दी के मध्य, नाग-मुखवाले त्रिशिर दानव अजहिदहाक ने जमशीद का नाश कर उसका राज्य हड़प लिया। अवेस्ता के इस कथन की व्यवस्था इतिहासकारों ने नए ढंग से की है। उनके मत से अजहिद्दहाक या जुहाक सीरिया का राजा था जिसने आक्रमण कर इस विलासी राजा का अन्त कर दिया।
सन्दर्भ
इन्हें भी देखें
यम
पारसी मिथक
पारसी धर्म
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जबलपुर में नर्मदा नदी पर बना बरगी बांध पानी से लबालब
मध्य प्रदेश में अगले 3-4 दिनों तक बारिश की चेतावनी जारी
भोपाल समेत कई जिलों में में आज स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे
सिवनी- वैनगंगा नदी में तीन लोग बह गए, इनमें से एक को बचाया
दो दिनों की बारिश ने मध्य प्रदेश का हाल-बेहाल कर दिया है. नदी-नाले उफान पर हैं. भोपाल और विदिशा में बारिश के कारण कई घरों में पानी घुस गया. मंडला जिले में रिकॉर्ड 134 मिली मीटर बारिश हुई. सीहोर में पार्वती नदी उफान पर है.
बारिश की वजह से जबलपुर में नर्मदा नदी पर बना बरगी बांध पानी से लबालब हो गया. इस कारण बांध के 21 गेट खोले गए. पूरे मध्य प्रदेश में अगले 3-4 दिनों तक बारिश की चेतावनी है. भोपाल समेत कई जिलों में में आज स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे.
वहीं सिवनी- वैनगंगा नदी में तीन लोग बह गए. इसमें से एक को बचा लिया गया है जबकि दो लोग लापता हैं. यह सिवनी के पुसेरा गांव की घटना बताई जा रही है. सिवनी में दो दिन से लगातार बारिश जारी है. एएसपी और होमगार्ड कमांडेंट मौक़े पर तैनात हैं.
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित राज्य के कई हिस्सों में हुई जोरदार बारिश के कारण जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. बारिश के कारण निचली बस्तियों में पानी भर गया है, और आवागमन प्रभावित हुआ है.
राज्य में बीते 36 घंटों से कहीं रुक-रुक कर तो कहीं तेज बारिश हो रही है. रविवार रात तक बारिश का दौर जारी रहा. बारिश के कारण राजधानी की भी कई निचली बस्तियों में पानी भर गया. राज्य के जनसम्पर्क मंत्री पी़ सी़ शर्मा ने भोपाल में लगातार जारी भारी वर्षा के बीच प्रभावित गरीब बस्तियों का दौरा किया.
शर्मा ने जिला कलेक्टर तरुण पिथोड़े को निर्देश दिया कि जल-भराव से प्रभावित परिवारों को राशन और राहत सामग्री तुरंत उपलब्ध कराई जाए. निचले क्षेत्र में बसे झुग्गीवासियों को मल्टी बिल्डिंग्स में शिफ्ट किया जाए. प्रभावित परिवारों का सर्वे कर उन्हें तत्काल राहत प्रदान किया जाए.
मंत्री शर्मा ने पंचशील नगर, नया बसेरा, राजीव नगर तथा अन्य गरीब बस्तियों का दौरा किया. उन्होंने प्रभावित परिवारों से बातचीत की और उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया.
जनसम्पर्क मंत्री शर्मा ने कलेक्टर और नगर निगम अमले को निर्देश दिया कि "लगातार बारिश को ध्यान में रखते हुए कंट्रोल-रूम को 24 घंटे चालू रखें. जल-भराव वाले क्षेत्रों पर कड़ी नजर रखें. बाढ़ नियंत्रण दस्ता इन क्षेत्रों में मुस्तैदी से तैनात रहे."
राज्य में भारी बारिश के चलते बांध लबालब हो गए और निकासी के लिए गेट खोलने पड़े हैं. जबलपुर में बरगी बांध का जलस्तर बढ़ने पर 21 गेट खोलकर पानी की निकासी की गई. इस मौके पर पुलिस और प्रशासन ने नर्मदा नदी किनारे की बस्तियों के निवासियों को सतर्क कर दिया है.
इसी तरह सिवनी जिले में बैनगंगा नदी पर बने संजय सरोवर बांध के पांच गेट खोले गए हैं. बारिश के चलते भोपाल-सागर मार्ग पर आवागमन प्रभावित हुआ है. छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा के हर्रई बस्ती में पानी घुस गया है.
विदिशा में तेज बारिश से हाहाकार
भोपाल से सटे विदिशा में हालात और भी बदतर हो चुके हैं. विदिशा में 24 घंटों के दौरान 178.5 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है, जिसके बाद विदिशा की कई कॉलोनियों में बारिश का पानी भर गया है. वहीं बेतवा नदी ने अपनी हदों को तोड़ते हुए कई घाटों और निचले इलाकों में बने रिहायशी इलाकों को अपनी चपेट में ले लिया है. नदीपुरा इलाके में बेतवा नदी का पानी घुसना शुरू हुआ, जिसके बाद 25 लोगों को नाव के ज़रिए निकाला जा चुका है.
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सोनाली फोगाट टिक टॉक पर हैं काफी फेमस
कुलदीप बिश्नोई बोले-राजनीति के जरिए हराएंगे
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कई सीटों पर कांग्रेस, बीजेपी, जननायक जनता पार्टी और इंडियन नेशनल लोकदल के उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर है. बीजेपी ने भजनलाल परिवार और फिलहाल कांग्रेस में शामिल कुलदीप बिश्नोई के गढ़ आदमपुर से टिक टॉक क्वीन कहे जाने वाली पूर्व टीवी अभिनेत्री सोनाली फोगाट को चुनाव मैदान में उतारा है.
सोनाली फोगाट टिक टॉक पर काफी फेमस
है. जैसे ही बीजेपी ने उन्हें आदमपुर से अपना उम्मीदवार घोषित किया वैसे ही टिक टॉक पर उनके हिंदी फिल्मी गीतों पर बनाए गए वीडियो वायरल हो गए. कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर सोनाली फोगाट को ट्रोल किया तो कई लोगों ने उनके वीडियो को लेकर अलग-अलग बातें लिखनी शुरू कर दी.
'12 साल से राजनीति में हूं एक्टिव'
वहीं इन सब बातों का सोनाली फोगाट पर कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है. आदमपुर से
बीजेपी उम्मीदवार सोनाली फोगाट
ने कहा, 'जैसे ही बीजेपी ने मेरे नाम पर टिकट का ऐलान किया वैसे ही मुझे पता लगा कि सोशल मीडिया पर मेरे टिक टॉक के वीडियो वायरल किए जा रहे हैं. मैं पिछले 12 साल से राजनीति में एक्टिव हूं लेकिन एक्टिंग मेरा प्रोफेशन है और मैं एक्टिंग के अपने इस प्रोफेशन को कभी नहीं छोड़ सकती. इसी वजह से टिक टॉक के माध्यम से मैं अपना शौक पूरा करती हूं.'
आगे सोनाली फोगाट ने कहा, 'मेरे टिक टॉक वीडियो को लेकर कई तरह की बातें कही जा रही हैं लेकिन मैंने अपने इन वीडियो में अपना एक्टिंग का शौक तो जरूर पूरा किया है लेकिन कभी भी अपनी सभ्यता और मर्यादा को नहीं लांघा है.'
कुलदीप बिश्नोई पर बोला हमला
सोनाली फोगाट ने कांग्रेस उम्मीदवार कुलदीप बिश्नोई पर भी तीखे हमले बोले और कहा, 'पिछले करीब 50 साल से भजनलाल और उनके परिवार का आदमपुर की सीट पर दबदबा है. मुझे लगता है कि भजनलाल ने जरूर अच्छे काम किए थे लेकिन अब कुलदीप विश्नोई भजनलाल के नाम पर आदमपुर की जनता को बरगला कर और इमोशनल ब्लैकमेल करके उनके वोट हासिल कर लेते हैं.'
आगे फोगाट ने कहा, 'मुझे बाहरी बताने वाले कुलदीप बिश्नोई खुद ही अपने विधानसभा क्षेत्र में नहीं रहते हैं. वे बिजनेसमैन हैं. अपने बिजनेस के लिए वो ज्यादातर वक्त विदेशों में रहते हैं जबकि मैं आदमपुर की हूं. मेरा जन्म आदमपुर में हुआ था. आदमपुर में मेरी संपत्ति है और मैं आदमपुर में ही ज्यादा वक्त रहती हूं.'
सोनाली फोगाट ने कहा, 'अगर मैं विधायक बनी तो उसके बाद भी अपने एक्टिंग प्रोफेशन को जारी रखूंगी और अपने टिक टॉक के वीडियो भी बनाती रहूंगी लेकिन उस वक्त के वीडियो फिल्मी गीतों की बजाय युवाओं के लिए संदेश देने वाले ज्यादा होंगे. वहीं ये भी सच है कि मैं अपने एक्टिंग के प्रोफेशन नहीं छोडूंगी.'
उन्होंने कहा, 'मैं पहले एक्टर हूं और फिर उसके बाद राजनीति में आई हूं. इसी वजह से मैं राजनीति के साथ अपने एक्टिंग के प्रोफेशन को भी जारी रखूंगी. जिस तरह से मेरे बारे में पूरा हिसार और आदमपुर के लोग जानते हैं मेरे पास क्या संपत्ति है उसकी सबको जानकारी है कितनी जमीन है.'
कुलदीप बिश्नोई का पलटवार
आदमपुर से कांग्रेस उम्मीदवार कुलदीप बिश्नोई ने भी सोनाली फोगाट पर पलटवार करते हुए कहा, 'टिक टॉक के वीडियो से आप फैन तो बना सकते हैं लेकिन इसका ये कतई मतलब नहीं कि वो फैन वोट में भी तब्दील होंगे. वोट हासिल करने के लिए काम करना पड़ता है.'
साथ ही उन्होंने कहा, 'भजनलाल परिवार ने लगातार क्षेत्र में काम किया है. मेरे पिता ने जो काम किए थे और मैंने इस इलाके के लिए जो काम किए हैं उसी के आधार पर जनता का विश्वास हमारे परिवार पर है. लगातार हमारे परिवार को यहां की जनता जिताती रही है.'
कुलदीप बिश्नोई ने कहा, 'सोनाली फोगाट तो इस इलाके की जरूर है पर फिर भी यहां के कई गांवों के लोगों को नाम तक पता नहीं होंगे.' सोनाली के वायरल वीडियोज पर कुलदीप बिश्नोई ने कहा, 'मैंने अपने कार्यकर्ताओं को कहा है कि सोनाली फोगाट के वीडियोज को लेकर कोई भी अभद्र बात लिखकर वायरल ना की जाए. वो उनकी पर्सनल लाइफ है और हमें हर किसी की पर्सनल लाइफ का सम्मान करना चाहिए और हमें अगर उन्हें हराना है तो हम चुनाव में राजनीति के जरिए हराएंगे.'
आदमपुर के लोगों का क्या है कहना?
हालांकि आदमपुर की जमीनी हकीकत जानने के लिए जब आजतक की टीम ने आदमपुर में मौजूद लोगों से बात की तो लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम की तो तारीफ की. वहीं बीजेपी उम्मीदवार सोनाली फोगाट को लेकर कहा, 'भले ही सोशल मीडिया पर उनके वीडियो काफी पॉपुलर हो लेकिन आदमपुर के लिए वो पैराशूट कैंडिडेट की तरह हैं.
लोगों का कहना है कि बीजेपी ने आदमपुर जैसी सीट पर कांग्रेस को टक्कर देने के लिए गलत उम्मीदवार का चयन कर लिया है और बीजेपी के किसी स्थानीय नेता को ही उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए था. लोगों ने कहा कि उनकी नाराजगी कुलदीप बिश्नोई से जरूर है लेकिन सोनाली फोगाट के उनके सामने उतारने पर लग रहा है कि कुलदीप बिश्नोई को फायदा मिलेगा.
वहीं कई लोगों का कहना है कि वह सोनाली फोगाट के वीडियो तो सोशल मीडिया पर देख चुके हैं लेकिन वो सोनाली फोगाट के बारे में इन वीडियोज के अलावा और कुछ नहीं जानते हैं.
किसके हाथ लगेगी जीत?
कुल मिलाकर आदमपुर एक ऐसी सीट है. जहां पर बीजेपी हर हाल में भगवा लहराना चाहती है लेकिन सोनाली फोगाट को जिस तरह से आगे किया गया है उसे देखकर लगता है सोनाली फोगाट पर पैराशूट कैंडिडेट होने का ठप्पा लग चुका है. वैसे भी सोनाली बीजेपी की टिकट पर हिसार के ही नलवा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहती थी लेकिन पार्टी ने वहां से टिकट नहीं दिया और आदमपुर भेज दिया.
अब 24 अक्टूबर को मतगणना के बाद ही साफ हो पाएगा कि क्या सोनाली फोगाट का चर्चित चेहरा और उनके वायरल वीडियोज वोटों में तब्दील होते हैं या नहीं.
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: मध्यप्रदेश की सड़कें अमेरिका की सड़कों से बेहतर होने की बात कहकर राजनीतिक विरोधियों का निशाने पर आये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अब कहा है कि मध्यप्रदेश, अमेरिका और इंग्लैंड सहित अनेक मुल्कों से बहुत बेहतर है. मध्यप्रदेश के 62वें स्थापना दिवस के अवसर पर बुधवार रात आयोजित राज्यस्तरीय समारोह को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा कि ‘‘गुलाम मानसिकता’’ के लोग ही दूसरे देश को अपने देश से अच्छा समझ सकते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मध्यप्रदेश अमेरिका, इंग्लैंड आदि से कहीं अधिक अच्छा है. इसे देखने के लिये सकारात्मक सोच होना जरूरी है और अपने प्रदेश पर गर्व की भावना होना आवश्यक है. गुलाम मानसिकता के लोग ही दूसरे देश को अपने देश से अच्छा समझ सकते हैं.’’ चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश तेजी से आगे बढ़ने वाला राज्य है. यहां की विकास दर निरंतर ‘दो अंकों’ में है. राज्य के लोग मध्यप्रदेश को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने हेतु संकल्पित है.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आतंकवाद, भ्रष्टाचार, गरीबी मुक्त स्वच्छ मध्यप्रदेश बनाने के लिये साढ़े सात करोड़ जनता को संकल्पित होना होगा, अपना सर्वश्रेष्ठ समर्पित करने आगे आना होगा. सबको मिलकर मध्यप्रदेश को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना है.’’ चौहान ने हाल ही में अमेरिका यात्रा के दौरान वाशिंगटन में एक कार्यक्रम में कहा था, ‘‘जब मैं वाशिंगटन हवाई अड्डे पर उतरकर शहर की ओर आ रहा था तो मैंने महसूस किया कि मध्यप्रदेश की सड़कें अमेरिका से अच्छी हैं.’’ टिप्पणियां
इस बयान के बाद वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था, ‘‘शिवराज जब हेलीकॉप्टर से नीचे उतरेंगे तब तो प्रदेश में सड़कों की असल हालत जान पाएंगे.’’ हालांकि, केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने चौहान के दावे का समर्थन किया था. भारती ने कहा था, ‘‘निश्चित तौर पर मध्यप्रदेश में विश्वस्तरीय सड़कें हैं. इनमें भोपाल की वीआईपी रोड भी शामिल है और हमें इस हीन भावना से बाहर निकलना चाहिये कि अमेरिका, भारत से बेहतर है.’’(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मध्यप्रदेश अमेरिका, इंग्लैंड आदि से कहीं अधिक अच्छा है. इसे देखने के लिये सकारात्मक सोच होना जरूरी है और अपने प्रदेश पर गर्व की भावना होना आवश्यक है. गुलाम मानसिकता के लोग ही दूसरे देश को अपने देश से अच्छा समझ सकते हैं.’’ चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश तेजी से आगे बढ़ने वाला राज्य है. यहां की विकास दर निरंतर ‘दो अंकों’ में है. राज्य के लोग मध्यप्रदेश को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने हेतु संकल्पित है.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आतंकवाद, भ्रष्टाचार, गरीबी मुक्त स्वच्छ मध्यप्रदेश बनाने के लिये साढ़े सात करोड़ जनता को संकल्पित होना होगा, अपना सर्वश्रेष्ठ समर्पित करने आगे आना होगा. सबको मिलकर मध्यप्रदेश को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना है.’’ चौहान ने हाल ही में अमेरिका यात्रा के दौरान वाशिंगटन में एक कार्यक्रम में कहा था, ‘‘जब मैं वाशिंगटन हवाई अड्डे पर उतरकर शहर की ओर आ रहा था तो मैंने महसूस किया कि मध्यप्रदेश की सड़कें अमेरिका से अच्छी हैं.’’ टिप्पणियां
इस बयान के बाद वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था, ‘‘शिवराज जब हेलीकॉप्टर से नीचे उतरेंगे तब तो प्रदेश में सड़कों की असल हालत जान पाएंगे.’’ हालांकि, केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने चौहान के दावे का समर्थन किया था. भारती ने कहा था, ‘‘निश्चित तौर पर मध्यप्रदेश में विश्वस्तरीय सड़कें हैं. इनमें भोपाल की वीआईपी रोड भी शामिल है और हमें इस हीन भावना से बाहर निकलना चाहिये कि अमेरिका, भारत से बेहतर है.’’(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आतंकवाद, भ्रष्टाचार, गरीबी मुक्त स्वच्छ मध्यप्रदेश बनाने के लिये साढ़े सात करोड़ जनता को संकल्पित होना होगा, अपना सर्वश्रेष्ठ समर्पित करने आगे आना होगा. सबको मिलकर मध्यप्रदेश को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना है.’’ चौहान ने हाल ही में अमेरिका यात्रा के दौरान वाशिंगटन में एक कार्यक्रम में कहा था, ‘‘जब मैं वाशिंगटन हवाई अड्डे पर उतरकर शहर की ओर आ रहा था तो मैंने महसूस किया कि मध्यप्रदेश की सड़कें अमेरिका से अच्छी हैं.’’ टिप्पणियां
इस बयान के बाद वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था, ‘‘शिवराज जब हेलीकॉप्टर से नीचे उतरेंगे तब तो प्रदेश में सड़कों की असल हालत जान पाएंगे.’’ हालांकि, केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने चौहान के दावे का समर्थन किया था. भारती ने कहा था, ‘‘निश्चित तौर पर मध्यप्रदेश में विश्वस्तरीय सड़कें हैं. इनमें भोपाल की वीआईपी रोड भी शामिल है और हमें इस हीन भावना से बाहर निकलना चाहिये कि अमेरिका, भारत से बेहतर है.’’(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इस बयान के बाद वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था, ‘‘शिवराज जब हेलीकॉप्टर से नीचे उतरेंगे तब तो प्रदेश में सड़कों की असल हालत जान पाएंगे.’’ हालांकि, केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने चौहान के दावे का समर्थन किया था. भारती ने कहा था, ‘‘निश्चित तौर पर मध्यप्रदेश में विश्वस्तरीय सड़कें हैं. इनमें भोपाल की वीआईपी रोड भी शामिल है और हमें इस हीन भावना से बाहर निकलना चाहिये कि अमेरिका, भारत से बेहतर है.’’(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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बॉलीवुड एक्ट्रेस सनी लियोन (Sunny Leone) इन दिनों दुबई में परिवार के साथ छुट्टियां बिता रही हैं. दुबई पहुंची सनी लियोन (Sunny Leone) ने हाल ही में एक फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट की, जिसने लोगों का खूब ध्यान खींचा. इस पोस्ट में वह अपनी बेटी निशा को पढ़ाती दिखाई दे रही हैं. फोटो को देखकर ऐसा लग रहा है, मानो वह वेकेशन के दौरान भी अपने बच्चों की पढ़ाई से कोई समझौता नहीं करती हैं. उनकी इस पोस्ट के लिए लोग सनी लियोन (Sunny Leone) की खूब तारीफ कर रहे हैं.
On vacation but I believe in consistency with my daughter. Helping her finish the homework assignment I set for her :) Beautiful Burj Khalifa in the background!!
A post shared by Sunny Leone (@sunnyleone) on Aug 23, 2019 at 8:27am PDT
अपनी बेटी निशा के साथ सोशल मीडिया पर फोटो शेयर करते हुए सनी लियोन (Sunny Leone) ने लिखा, "छुट्टियों पर, लेकिन मैं अपनी बेटी के साथ निरंतरता बनाए रखने में विश्वास करती हूं. उसके होमवर्क असाइनमेंट को पूरा करने में मदद कर रही हूं, जो खुद मैंने ही अपनी बेटी के लिए तैयार किया था." बता दें कि सनी लियोन और उनके पति डेनियल वेबर ने साल 2017 में ही निशा को गोद लिया था. निशा के अलावा सनी लियोन और डेनियल वेबर के दो बच्चे अशर और नोहा भी हैं.
बता दें एक्ट्रेस सनी लियोन (Sunny Leone) ने 2012 में पूजा भट्ट (Pooja Bhatt) की फिल्म 'जिस्म 2' (Jism 2) से बॉलीवुड में डेब्यू किया था. इसके बाद वह कई स्पेशल सॉन्ग्स में भी नजर आई हैं. खासकर फिल्म रईस में उन्होंने लैला सॉन्ग से खूब धमाल मचाया था. अब वह जल्द ही अपकमिंग हॉरर कॉमेडी फिल्म 'कोकोकोला' (Kokokola), 'रंगीला' और 'वीरामादेवी' में अपना जलवा बिखेरती दिखाई देंगी.
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चाँद बावड़ी का निर्माण गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज प्रतिहार द्वारा करवाया गया था।
शिल्पकला का जीवंत नमूना आभानेरी की चाँद बावडी
कला, संस्कृति, इतिहास एवं पर्यटन क्षेत्रों की बात की जाये, तो भारत भूमि का मुकाबला तो दूर, कोई आस-पास भी खडा हुआ नजर नहीं आता। 'अतिथि देवो भवः' सभ्यता वाले हमारे देश में कदम-कदम पर ऐतिहासिक स्थल, विजय स्तम्भ, महल, मीनारें, बावडियाँ, हर स्थल से जुडी पौराणिक गाथा, हर एक स्थान का धार्मिक महत्त्व आदि देखने या सुनने में आता है। इन स्थानों पर लोगों को धर्म से जोडने के लिए अनेकों राजाओं ने मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरूद्वारे एवं अन्य धार्मिक स्थान बनाये हैं। इन धार्मिक-ऐतिहासिक स्थानों की उपस्थिति को अपने मन में बिठाकर लोग एक-दूसरे का सम्मान करते हैं एवं अपने बच्चों को भी इसी तरह की शिक्षा देते हैं।
आभानेरी
जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-21) पर स्थित दौसा जिले का ह्रदय कहे जाने वाले सिकंदरा कस्बे से उत्तर की ओर कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, आभानेरी गाँव। पुरातत्व विभाग को प्राप्त अवशेषों से ज्ञात जानकारी के अनुसार आभानेरी गाँव 3000 वर्ष से भी अधिक पुराना हो सकता है, इसी गाँव में स्थित है "चाँद बावडी"।
आभानेरी गाँव का शुरूआती नाम "आभा नगरी" था (जिसका मतलब होता है चमकदार नगर), लेकिन कालान्तर में इसका नाम परिवर्तित कर आभानेरी कर दिया गया।
चाँद बावडी
9वीं शताब्दी में निर्मित इस बावडी का निर्माण गुर्जर प्रतिहार वंश के राज मिहिर भोज (जिन्हें कि चाँद नाम से भी जाना जाता था) ने करवाया था, और उन्हीं के नाम पर इस बावडी का नाम चाँद बावडी पडा। दुनिया की सबसे गहरी यह बावडी चारों ओर से लगभग 35 मीटर चौडी है तथा इस बावडी में ऊपर से नीचे तक पक्की सीढियाँ बनी हुई हैं, जिससे पानी का स्तर चाहे कितना ही हो, आसानी से भरा जा सकता है। 13 मंजिला यह बावडी 100 फ़ीट से भी ज्यादा गहरी है, जिसमें भूलभुलैया के रूप में 3500 सीढियाँ (अनुमानित) हैं। इसके ठीक सामने प्रसिद्ध हर्षद माता का मंदिर है। बावडी निर्माण से सम्बंधित कुछ किवदंतियाँ भी प्रचलित हैं जैसे कि इस बावडी का निर्माण भूत-प्रेतों द्वारा किया गया और इसे इतना गहरा इसलिए बनाया गया कि इसमें यदि कोई वस्तु गिर भी जाये, तो उसे वापस पाना असम्भव है।
चाँदनी रात में एकदम दूधिया सफ़ेद रंग की तरह दिखाई देने वाली यह बावडी अँधेरे-उजाले की बावडी नाम से भी प्रसिद्ध है। तीन मंजिला इस बावडी में नृत्य कक्ष व गुप्त सुरंग बनी हुई है, साथ ही इसके ऊपरी भाग में बना हुआ परवर्ती कालीन मंडप इस बावडी के काफ़ी समय तक उपयोग में लिए जाने के प्रमाण देता है। इसकी तह तक जाने के लिए 13 सोपान तथा लगभग 1300 सीढियाँ बनाई गई हैं, जो कि कला का अप्रतिम उदाहरण पेश करती हैं। स्तम्भयुक्त बरामदों से घिरी हुई यह बावडी चारों ओर से वर्गाकार है। इसकी सबसे निचली मंजिल पर बने दो ताखों पर महिसासुर मर्दिनी एवं गणेश जी की सुंदर मूर्तियाँ भी इसे खास बनाती हैं। बावडी की सुरंग के बारे में भी ऐसा सुनने में आता है कि इसका उपयोग युद्ध या अन्य आपातकालीन परिस्थितियों के समय राजा या सैनिकों द्वारा किया जाता था। लगभग पाँच-छह वर्ष पूर्व हुई बावडी की खुदाई एवं जीर्णोद्धार में भी एक शिलालेख मिला है जिसमें कि राजा चाँद का उल्लेख मिलता है।
चाँद बावडी एवं हर्षद माता मंदिर दोनों की ही खास बात यह है कि इनके निर्माण में प्रयुक्त पत्थरों पर शानदार नक्काशी की गई है, साथ ही इनकी दीवारों पर हिंदू धर्म के सभी 33 करोड देवी-देवताओं के चित्र भी उकेरे गये हैं। बावडी की सीढियों को आकर्षक एवं कलात्मक तरीके से बनाया गया है और यही इसकी खासियत भी है कि बावडी में नीचे उतरने वाला व्यक्ति वापस उसी सीढी से ऊपर नहीं चढ सकता। आभानेरी गुप्त युग के बाद तथा आरम्भिक मध्यकाल के स्मारकों के लिए प्रसिद्ध है जिसके भग्नावशेष विदेशी आक्रमण के हमले में खण्डित होकर इधर-उधर फ़ैले हुए हैं।
हर्षद माता मंदिर
जैसा कि नाम से ही विदित है कि हर्षद यानी हर्ष से, खुशी से, उल्लास से यानी की हर्ष एवं उल्लास की देवी को ही हर्षद माता नाम दिया गया। यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि जो भी सच्चे मन से माता से अर्ज करता है, उसकी मन्नत पूरी होती है एवं उसे खुशी मिलती है। इस मंदिर का निर्माण भी राजा चाँद ने ही करवाया था। दोहरी जगती पर स्थित यह पूर्वाभिमुख मंदिर महामेरू शैली में बना हुआ है (वर्तमान में मंदिर अपनी वास्तविक स्थिति में नहीं है)। इसका मण्डप एवं गर्भगृह दोनों ही गुम्बदाकार छतयुक्त हैं। इसकी दीवारों पर देवी-देवताओं व ब्राह्मणों की प्रतिमाएँ बनाई हुई हैं (जो कि अब क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं)। यहाँ शिव पंचायत, हनुमान मंदिर एवं अन्य बहुत से मंदिर भी बने हुए हैं जो कि कला की उत्कृष्टता को दर्शाते हैं। मंदिर के गर्भग्रह में कहीं भी सीमेंट एवं चूने का प्रयोग नहीं किया गया है, जो कि भारतीय शिल्पकला का उत्कृष्ट उदाहरण प्रदर्शित करता है।
मंदिर के ठीक सामने बावडी होने का मतलब साफ़ है कि जो भी व्यक्ति मंदिर में प्रवेश करे, वह पहले अपने हाथ-मुँह धोए, उसके बाद मंदिर में प्रवेश करे। और यही हमारे देश की संस्कृति भी है कि जो भी व्यक्ति किसी धार्मिक स्थल में प्रवेश कर रहा है, उसका तन-मन शुद्ध होना चाहिए। कभी मंदिर में छह फ़ुट की नीलम पत्थर से बनी हुई हर्षद माता की मूर्ति हुआ करती थी जो कि सन् 1968 में चोरी हो गई थी। स्थानीय निवासियों से बात करने पर ऐसा भी पता चलता है कि माता गाँव पर आने वाले संकट के बारे में पहले ही चेतावनी दे दिया करती थी जिससे स्थानीय निवासी सतर्क हो जाते थे एवं परेशानियों का बखूबी सामना कर लिया करते थे। ऐसा भी सुनने में आता है कि 1021-26 के दौरान मोहम्मद गजनवी ने मंदिर एवं इसके परिसर में तोड-फ़ोड की तथा मूर्तियों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था। वे खण्डित मूर्तियाँ आज भी मंदिर एवं बावडी परिसर में सुरक्षित रखी हुई हैं। बाद में 18वीं सदी में जयपुर महाराजा ने इसका जीर्णोद्धार करवाया था।
वर्तमान में चाँद बावडी एवं हर्षद माता मंदिर दोनों ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीन हैं जिन्हें विभाग द्वारा चारों ओर से लोहे की मेड बनाकर संरक्षित किया गया है। साथ ही बावडी व मंदिर से सम्बंधित ऐतिहासिक जानकारियों के लिए बोर्ड भी लगाये गये हैं। सबसे अहम बात यह भी है कि यहाँ के निवासी भी पुरा सम्पदा का महत्त्व जानते हैं एवं हर्षद माता की वर्तमान मूर्ति (जिसे की पत्थर एवं सीमेंट से बनाया गया है), यहाँ के निवासियों ने ही प्रतिष्ठित करवाई थी।
सन्दर्भ
बावड़ी
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जापान विश्व कप में अपना पहला
मैच नहीं जीत पाएगा, यह भविष्वाणी की है एक तोते ने. उसके बारे में कहा जाता है कि वह सही भविष्यवाणी करता है.
स्लेटी रंग के इस तोते का नाम ओलिविया है और यह टोक्यो के उत्तर में स्थित टोचिगी में नासु एनिमल किंगडम में रहता है.
स्थानीय मीडिया के अनुसार तोते ने भविष्यवाणी की है कि रूस में चल रहे विश्व कप में जापान ग्रुप एच के अपने पहले मैच कोलंबिया से हार जाएगा.
FIFA 2018: बहरा बिल्ला एचिलेस करेगा भविष्यवाणी, कौन बनेगा चैंपियन
ओलिविया उन कई जानवरों में शामिल हैं जो पिछले कुछ वर्षों में भविष्यवाणी करते रहे हैं. जापान की सांकेई न्यूज के अनुसार इस तोते ने पहले ड्रॉ के संकेत दिए, लेकिन बाद में उसने कोलंबिया का ध्वज उठाया.
इस चिड़ियाघर की देखरेख करने वाले नोजोमी ओइकावा ने कहा, ‘उम्मीद है कि इस बार उसकी भविष्यवाणी गलत होगी. तोता कुछ देर तक इधर-उधर मंडराता रहा, इसलिए यह करीबी मैच होगा.’
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ब्लैक-रम्प्ड फ्लेमबैक 26-29 सेमी लंबाई वाली एक बड़ी प्रजाति है। इसमें एक विशिष्ट कठफोड़वा आकार होता है, और सुनहरे पीले पंखों का आवरण विशिष्ट होता है। दुम काली है और बड़े फ्लेमबैक की तरह लाल नहीं है। नीचे के हिस्से गहरे शेवरॉन चिह्नों के साथ सफेद हैं। सफेद रंग से बारीक चिह्नित काला गला इसे तुरंत भारतीय क्षेत्र के अन्य सुनहरी पीठ वाले कठफोड़वे से अलग करता है। सिर सफेद है, गर्दन और गर्दन काली है और आंख पर भूरे रंग का धब्बा है। ग्रेटर फ्लेमबैक के विपरीत इसमें कोई गहरी मूंछों वाली धारियां नहीं होती हैं। वयस्क नर के पास लाल मुकुट और शिखा होती है। मादाओं का अग्र मुकुट सफेद रंग से धँसा हुआ काला होता है, केवल पीछे की शिखा पर लाल रंग होता है। युवा पक्षी मादा की तरह होते हैं, लेकिन सुस्त होते हैं।
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हमेशा कुछ न कुछ नया करके खबरों में बनी रहने वाली कलाकार राखी सावंत संसद जा पहुंचीं।टिप्पणियां
राखी ने कहा कि वह बजट सत्र को समझने के लिए संसद में आई थीं और उन्हें यहां किसी ने आमंत्रित नहीं किया।
प्रचार के लिए तरह-तरह के तरीके अपनाने वाली राखी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि संसद में अच्छा बजट पेश किया जाएगा।
राखी ने कहा कि वह बजट सत्र को समझने के लिए संसद में आई थीं और उन्हें यहां किसी ने आमंत्रित नहीं किया।
प्रचार के लिए तरह-तरह के तरीके अपनाने वाली राखी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि संसद में अच्छा बजट पेश किया जाएगा।
प्रचार के लिए तरह-तरह के तरीके अपनाने वाली राखी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि संसद में अच्छा बजट पेश किया जाएगा।
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धर्म के नाम पर होने वाली राजनीति के मुद्दे पर हुई एक बहस में एक्टर प्रकाश राज और भाजपा की प्रवक्ता मालविका अविनाश आमने-सामने आ गए. दरअसल, बीजेपी प्रवक्ता मालविका अविनाश ने संविधान को लेकर प्रकाश राज से एक सवाल पूछा तो एक्टर ने मालविका को संविधान पढ़ने की सलाह दे दी.
मौका था बेंगलुरु (कर्नाटक) में आयोजित इंडिया टुडे के ‘कर्नाटक पंचायत’ में हुए एक सेशन का. इसमें प्रकाश राज, कांग्रेस नेता खुशबू सुंदर, बीजेपी प्रवक्ता मालविका और केंद्रीय राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने शिरकत की. बहस के के अंत में मालविका ने प्रकाश से पूछा, 'जब भारतीय संविधान लिखा गया तो उसकी प्रस्तावना क्या थी?' जवाब में प्रकाश राज ने कहा, 'यदि आपको नहीं पता तो जाकर पढ़िए.'
प्रकाश राज ने आगे कहा, 'मुझे नहीं पता आप बताइये. क्या आप सब सब्जेक्ट पर आकर बात करेंगे.' बाबुल ने भी इस पर प्रकाश राज से जवाब मांगा. इसके बाद मालविका ने कहा, 'मैं आपको बताती हूं. संविधान की प्रस्तावना में लिखा है कि भारत एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य है.' जवाब में प्रकाश राज ने कहा, 'प्रस्तावना ये नहीं कहती कि भारत हिंदू राष्ट्र है.' मालविका बोलीं, 'ये हिंदू मुस्लिम की बात नहीं कहता.'
जब धार्मिक कट्टरता पर एक-दूसरे से भिड़ गए मोदी के मंत्री और प्रकाश राज
इससे पहले बहस में प्रकाश राज ने हिंदुत्व और संस्कृति के सवाल पर बीजेपी पर करारा हमला बोला और कर्नाटक में बीजेपी की राजनीति के विफल होने का दावा भी किया. किस हिन्दुत्व से है दिक्कत? सवाल के जवाब में प्रकाश ने कहा, आज रीति-रिवाजों को धर्म मान लिया गया है. जिस हिंदुत्व में स्टेज पर गो-मूत्र छिड़कने की बात हो रही है इस हिसाब से उन्हें रोज एक गिलास गो मूत्र पीना चाहिए, क्योंकि ये भी तो एक मान्यता है. लेकिन आप मुझसे ऐसा करने के लिए नहीं कह सकते. प्रकाश कहा कि हर धर्म चाहे वो हिंदुत्व ही क्यों न हो, हमेशा दूसरे के प्रति सहिष्णु रहना सिखाता है.
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बाबुल सुप्रीयो ने कहा, धार्मिक सहिष्णुता का मतलब यह नहीं है कि मैं अपने धर्म का आदर न करूं. सबसे बड़ी बात कि अगर मैं खुद अपने धर्म का सम्मान नहीं करता फिर कोई और कैसे करेगा? मैं मंदिर-मस्जिद दोनों ही जगह जा चुका हूं. बचपन का जिक्र करते हुए बताया, मैं किसी तरह के पूजा-पाठ पर विश्वास नहीं करता, लेकिन मुझे याद है मेरी दादी मुझे मस्जिद ले जाया करती थीं. वो बचपन में नजर उतारने के लिए ऐसा करती थीं.
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मुंबई से एक बेहद चौंकाने वाली खबर आ रही है. मुंबई पुलिस के दो अधिकारियों को रेप के आरोप में हिरासत में लिया गया है. एक महिला की शिकायत के बाद पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी हुई.
महिला ने खुद मुंबई पुलिस कमिश्नर से रेप की शिकायत की. जिसके बाद 6 लोगों के खिलाफ एमआईडीसी पुलिस स्टेशन में रेप का मामला दर्ज किया गया. इन 6 आरोपियों में 2 पुलिस अधिकारी भी शामिल थे. जांच की जिम्मेदारी क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है.
अधिकारियों के नाम का खुलासा फिलहाल नहीं किया गया है.
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कृष 3 की अपार सफलता से रितिक रोशन बेहद खुश हैं. पेश हैं उनसे बातचीत के अंश:
आपकी फिल्म रिलीज हो गई है और सिर्फ चार दिनों में ही वह 100 करोड़ के क्लब में शामिल हो गई. क्या अब आप तनावमुक्त हो गए हैं?
मैं चार दिनों से सोया नहीं हूं. ऐसा अकसर रिलीज के समय होता है, लेकिन आज रात मैं एक सुपरहीरो की तरह सोऊंगा. यह काफी बढ़िया है कि फिल्म चार दिनों के अंदर ही 100 करोड़ के क्लब में आ गई. यही नहीं फिल्म ने सोमवार को 35.91 करोड़ रुपये की कमाई करके एक दिन में सबसे ज्यादा कमाई का नया रिकॉर्ड भी बनाया है. यह एक ऐसा एहसास है जिसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता.
एक फिल्म पर तीन सालों तक मेहनत करने के बाद रिलीज के दिन कैसा लगता है?
शुक्रवार को तो सुबह हुई ही नहीं क्योंकि गुरुवार को हम सोए ही थे. यह सिर्फ मेरी मेहनत ही नहीं है, बल्कि पूरी टीम ने एक प्रोजेक्ट पर दो से तीन सालों तक मेहनत की. इसलिए आप चाहते हैं कि टीम में शामिल सभी लोगों के लिए फिल्म अच्छा काम करे. कृष 3 बनाकर मेरे पिता ने बहादुरी भरा कदम उठाया इसलिए मैं चाहता हूं कि फिल्म उनके और दूसरे लोगों की खातिर अच्छा काम करे.
वह कौन सी शुरुआती बातें थीं, जिन्होंने आपको बताया कि आपकी फिल्म चल निकली है?
मैं शुरुआती बातों में यकीन नहीं रखता. शुरुआत में ऐसे बहुत से लोग होंगे जो आपसे कहेंगे कि आपकी फिल्म बहुत अच्छी है, लेकिन पहले के कुछ दिनों में इंतजार करना बेहतर रहता है और फिर अपने आप आपको रिस्पॉन्स के बारे में पता चल जाता है. शुरुआती बातों से फिल्म पर निष्कर्ष निकालने की जरूरत नहीं है.
हमें आप मुंबई के मशहूर सिंगल स्क्रीन वाले सिनेमा हॉल मराठा मंदिर की दीवार पर नजर आए. आपने वहां से हजारों लोगों की भीड़ को देखा, आप मुश्किल से ही उनके चेहरे देख पा रहे होंगे, लेकिन वे आपकी एक झलक पाने को बेकरार थे. हमें उस अहसास के बारे में बताइए?
यह अवास्तविक है. जब मैंने उस नजारे को देखा तो विश्वास कीजिए कि मैं, मैं नहीं रहा. वहां पर खड़े होकर आपको जो प्यार मिला उससे बयां नहीं किया जा सकता. मेरा मन हुआ कि मैं दीवार से कूदकर भीड़ में चला जाऊं. मैं उस पल का भरपूर मजा लेना चाहता था. मैं हॉलीवुड के कलाकारों को बताना चाहता हूं कि उनके पास भले ही ढेर सारी चीजें होंगी, लेकिन जो प्यार भारतीय दर्शक देते हैं उसकी तुलना कभी किसी से नहीं की जा सकती. ये कुछ ऐसा है जिसे वे कभी नहीं देख सकते, बशर्ते कि वे भारत में बॉलीवुड में हों.
आपने मुंबई में ऑडियंस के साथ बैठकर फिल्म देखी. यह सुनने में तो अच्छा लगता है, लेकिन क्या ये खतरनाक नहीं था?
यह किसी भी कलाकार के लिए सीखने वाला अनुभव है. जब मैं उन लोगों के साथ फिल्म देख रहा था तो मैं बार-बार ये सोच रहा था कि हमें इस सीन में कुछ और भी डालना चाहिए था क्योंकि वे यहां पर हंस रहे हैं, हमें थोड़े और एक्शन का इस्तेमाल करना चाहिए था क्योंकि दर्शक आनंद उठा रहे हैं. मैंने फैसला किया है कि अब मैं अपनी सारी फिल्मों को दर्शकों के बीच बैठकर देखूंगा.
आपकी फिल्म ने 35.91 करोड़ रुपये की कमाई करके एक दिन में सबसे ज्यादा कमाई का नया रिकॉर्ड भी बनाया है. आप जैसे स्टार के लिए इस तरह के रिकॉर्ड कितने मायने रखते हैं? क्या इससे कुछ बदल जाता है?
यह एक गेम है और मैं इसे खेलने के लिए तैयार हूं. हम सभी यहां पर एक मकसद के लिए हैं और मैं एक्टिंग से लेकर फिल्म की सफलता का जश्न मनाने तक की पूरी प्रक्रिया में शामिल होना चाहता हूं. ये रिकॉर्ड्स खुद पर और अपने काम पर फिर से विश्वास दिलाते हैं.
आपकी फिल्मों के बारे में जो कुछ लिखा जाता है उससे आप क्या सीखते हैं? अच्छा या बुरा!
अगर कोई मेरे काम के बारे में कुछ लिखता है तो यह उसका अपना विचार है, यह जनता का नहीं, बल्कि एक व्यक्ति का विचार है. मेरे काम के बारे में जो कुछ भी अच्छा या बुरा लिखा जाता है, मैं उसका सम्मान करता हूं और उसमें से अगर कुछ सीखने के लिए होता है तो मैं जरूर सीखता हूं.
कृष 3 के बाद क्या?
मैं सिद्धार्थ आनंद निर्देशित फिल्म बैंग बैंग में कटरीना के साथ काम कर रहा हूं. यह अपने नाम की तरह एक मजेदार फिल्म है, जिसकी शूटिंग जल्द ही शुरू होने वाली है.
कृष 3 को जिस तरह का रिस्पॉन्स मिला है, उससे कृष 4 तो जरूर ही बनाई जाएगी?
मेरे दीमाग में तो पहले से ही कृष 4 का विचार है. फिल्म की रिलीज के बाद से मुझे डैड से मिलने का समय नहीं मिला, जैसे ही मेरी उनसे मुलाकात होगी मैं उनसे अपना आइडिया शेयर करूंगा. लेकिन मैं दर्शकों को बताना चाहता हूं कि आपको पता चलने से पहले ही कृष 4 रिलीज हो जाएगी.
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पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने आक्रामक ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी को बांग्लादेश में विश्व टी-20 टूर्नामेंट में हिस्सा लेकर लौटने के बाद मीडिया से बात करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
बोर्ड के सूत्रों के अनुसार, नोटिस उस समय जारी किया गया जब राष्ट्रीय टीम के कुछ सदस्यों ने अफरीदी के बयानों पर बोर्ड को आपत्ति जताई।
अफरीदी ने हवाई अड्डे पर मीडिया से कहा कि पाकिस्तान ने वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच में आक्रामक मानसिकता नहीं दिखाई, जिसके कारण उनकी टीम को सेमीफाइनल से पहले टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा।
अफरीदी ने साथ ही कहा कि अगर उन्हें कप्तानी की पेशकश की गई और वह देश और टीम के लिए इस चुनौती को लेने के लिए तैयार हैं।
सूत्र ने कहा कि अफरीदी को बताने को कहा गया है कि उन्होंने मीडिया से बात क्यों की जबकि कप्तान और टीम अधिकारियों को ही वापस लौटने के बाद बात करने की इजाजत थी।
अफरीदी ने इसके जवाब में कहा कि वह कभी कप्तानी के पीछे नहीं भागे और उन्होंने सिर्फ मीडियाकर्मी के सवाल का जवाब दिया।
अफरीदी ने साथ ही साफ किया कि बड़े टूर्नामेंट से लौटने के बाद वह हमेशा मीडिया से बात करते हैं और इसमें कुछ भी नया नहीं है। उन्होंने साथ ही कहा कि उनका टीम या बोर्ड में किसी की प्रतिष्ठिा को नुकसान पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था।
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पश्चिम बंगाल की बालुरघाट लोकसभा सीट पर 23 मई को मतगणना के बाद नतीजे घोषित हो गए हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सुकान्त मजूमदार ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की अर्पिता घोष को 33293 वोटों से हराकर जीत हासिल कर ली है.
किसको कितने वोट मिले
कब और कितनी हुई वोटिंग
इस लोकसभा सीट पर तीसरे चरण के तहत 23 अप्रैल को वोट डाले गए और कुल 83.61 फीसदी मतदान हुआ. इस बार यहां से टीएमसी की अर्पिता घोष समेत कुल 13 उम्मीदवार मैदान में उतरे.
Lok Sabha Election Results LIVE: अबकी बार किसकी सरकार, पढ़ें पल-पल की अपडेट
कौन-कौन उम्मीदवार
बालुरघाट से पिछला चुनाव जीत चुकीं टीएमसी प्रत्याशी अर्पिता घोष चुनाव लड़ीं. बीजेपी की ओर से सुकान्त मजूमदार तो वहीं कांग्रेस से अब्दुस सादिक सरकार, सीपीआई (एम) की ओर से मानस चक्रबर्ती चुनाव मैदान में उतरे. इस सीट पर शिवसेना, बहुजन समाज पार्टी, सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया, झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार भी चुनाव लड़े.
West Bengal Election Results Live: पश्चिम बंगाल में कांटे की लड़ाई, पढ़ें पल-पल की अपडेट
2014 का जनादेश
पिछले चुनाव में बालुरघाट लोकसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस की अर्पिता घोष चुनाव जीतने में कामयाब रही थीं. 2014 के चुनावों में अर्पिता घोष को 4,09,641 यानी 38.5 फीसदी मत मिले थे जबकि रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार 3,02,677 यानी 28.47 फीसदी मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे. वहीं बीजेपी तीसरे स्थान पर रही थी. बीजेपी के उम्मीदवार बिश्वप्रिया राय चौधरी को 2,23,014 मत मिले थे जो कुल वोटिंग का 20.98 फीसदी है.
सामाजिक ताना बाना
जनगणना 2011 के मुताबकि बालुरघाट लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल आबादी 19,79,954 है जिनमें 87.76% और 12.24% शहरी जनता शामिल है. कुल आबादी में अनुसूचित जाति और जनजाति की जनसंख्या का अनुपात क्रमशः 28.33 और 15.19 फीसदी है. 2017 की मतदाता सूची के अनुसार बुलारघाट संसदीय क्षेत्र में 1347893 मतदाता हैं. 2014 के आम चुनावों में 84.77% जबकि 2009 के लोकसभा चुनावों में 86.65% फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
बालुरघाट लोकसभा सीट को 1962 तक पश्चिमी दिनाजपुर के नाम से जाना जाता था जिस पर 1952 में हुए चुनाव में कांग्रेस के सुशील रंजन चट्टोपध्याय सांसद चुने गए थे. 1957 में हुए दूसरे लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर सेलकु मार्दी चुनाव जीते. वहीं 1962 में पश्चिमी दिनाजपुर सीट का नाम बदलकर बालुरघाट कर दिया गया. उस दौरान हुए आम चुनाव में माकपा के टिकट पर सरकार मुर्मू सांसद चुने गए थे.
साल1967 के चुनाव में फिर कांग्रेस को विजय मिली और जे.एन. परमानिक सांसद चुने गए. 1971 के चुनाव में कांग्रेस के रसेंद्रनाथ बर्मन चुनाव जीते उसके बाद तो यह सीट रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के खाते में चली गई. 1977 से 1991 तक रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के पलाश बर्मन लगातार चुनाव जीतते रहे. 1996 के चुनाव में रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी ने नए उम्मीदवार रानेन बर्मन को चुनाव मैदान में उतारा और वह 2004 तक यहां से चुनाव जीतते रहे.
साल 2009 के आम चुनावों में रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी ने फिर उम्मीदवार बदला और प्रशांत कुमार मजूमदार मैदान में उतरे और जीते. 2014 के चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की अर्पिता घोष चुनाव जीतीं. इस सीट के चुनावी पैटर्न को देखा जाए तो यहां के मतदाता कई साल तक एक ही पार्टी और एक उम्मीदवार पर विश्वास जताते रहे हैं.
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मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में
गाय
बड़ा मुद्दा बनती जा रही है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के बाद मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान
ने खुद को गाय के हितैषी के तौर पर पेश किया है. शिवराज ने खजुराहो में राज्य में गोरक्षा और उनके संवर्धन के लिए
गो मंत्रालय
बनाने का ऐलान किया है. फिलहाल, सूबे में गो संवर्धन बोर्ड है. अब इसकी जगह पर मंत्रालय होगा. इससे पहले, कमलनाथ ने एमपी के हर गांव में गोशाला बनाने की बात कही थी.
हर घर में बने गोशाला
मुख्यमंत्री ने रविवार को खजुराहो में 'आचार्य विद्यासागर जीव दया सम्मान समारोह' में शामिल हुए। वहां उन्होंने कहा कि हर घर में छोटी-छोटी गोशाला बनाने की जरुरत है और इससे गो माता की सही मायनों में सेवा करने का पुरुषार्थ मिलेगा और इससे बड़ी क्रांति आ सकती है.
उन्होंने कहा, 'गोशाला और अभयारण्य में बूढ़ी गायें आती हैं और देखभाल की कमी के चलते इनकी मौत भी हो जाती है. ऐसी गायों के समय पर इलाज समेत अन्य इंतजाम कराए जाएंगे.' शिवराज के मुताबिक मंत्रालय बनने से गोसेवा और संवर्धन का काम बेहतर तरीके से किया जा सकेगा.
खजुराहो को नई पहचान देने की कोशिश
मध्य प्रदेश के सीएम ने कहा कि स्वर्णोदय तीर्थ न्यास बनाने की कोशिश ऐतिहासिक है. इसके बनने के बाद खजुराहो को स्वर्णोदय तीर्थ के रूप में नई पहचान मिलेगी.
मध्य प्रदेश के वित्तमंत्री जयंत मलैया ने राज्य सरकार द्वारा जैन तीर्थों के विकास और संवर्धन के लिए किए जा रहे कामों की जानकारी दी. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न संस्थाओं को 'आचार्य विद्यासागर जीव दया सम्मान' से सम्मानित किया.
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लेख: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) ने एक चुनावी रैली में रो पड़े और कहा कि मुझ पर बकरियां और मुर्गियां चुराने के आरोप लग रहे हैं. आजम खान उपचुनाव के लिए रामपुर में एक रैली को संबोधित कर रहे थे. रैली को संबोधित करते हुए आजम खान ने कहा, 'मुझ पर आईपीसी 307 (हत्या की कोशिश) लगाई गई. मेरा आत्म-सम्मान मेरे और मेरे दोस्तों के लिए बहुत महंगा साबित हुआ. अब मुझ पर आरोप बकरियां और मुर्गियां चुराने के आरोप हैं.' आजम खान ने कहा, 'हे ईश्वर! आपने मुझे उसी वक्त क्यों नहीं मार दिया, अगर मैंने ऐसा कोई अपराध किया है तो.'
आजम खान ने कहा कि वह रामपुर के लोगों के हितों की हिफाजत की कीमत चुका रहे हैं. उन्होंने कहा, 'यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि मैंने न तो आपको बेचा है और न ही खुद को.' बता दें, लोकसभा सांसद आजम मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय द्वारा भूमि अतिक्रमण के आरोपों का सामना कर रहे हैं. इस मामले को लेकर आजम खान 5 अक्टूबर को विशेष जांच दल (SIT) के समक्ष पेश हुए थे. तब SIT ने उनसे ढाई घंटे तक पूछताछ की थी.
अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई 29 अक्टूबर तय की है. आजम खान के खिलाफ 80 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं रामपुर विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने आजम खान की पत्नी तजीन फातिमा को मैदान में उतारा है. यह सीट आजम खान के लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद खाली हुई थी.
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हरियाणा की मशहूर सिंगर और डांसर सपना चौधरी के कार्यक्रमों में हंगामे की खबरें तो अब तक आम थीं. अब उनके गानों की फरमाइश को लेकर भी हंगामा होने लगा है. रविवार रात नोएडा के जीआईपी मॉल में एक पार्टी में शामिल होने आए लोगों ने सपना चौधरी के गाने न चलाए जाने पर एक बार के मालिक और वेटर का सिर फोड़ दिया.शिकायत मिलने पर पुलिस ने पांच लोगों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है.
पुलिस के मुताबिक ग्रेनो वेस्ट की गौड़ सिटी सोसायटी में रहने वाले चंद्रशेखर चौहान ने शनिवार को पत्नी का जन्मदिन मनाने के लिए गार्डन गैलेरिया मॉल में बने अलीबाबा रेस्त्रां-बार को बुक किया. रात करीब 9 बजे चंद्रशेखर अपनी फैमिली और दोस्तों समेत करीब 20 लोगों को लेकर रेस्त्रां पहुंचे. वहां पर ड्रिंक करने के बाद सबने डांस करना शुरू किया. लोगों ने सपना चौधरी के सुपरहिट गाने 'तेरी आख्या को यो काजल' बजाने की मांग की. डीजे ने बताया कि वह गाना उसके पास नहीं है.
इस पर लोगों ने सपना का दूसरा गाना बजाने की मांग की, लेकिन डीजे ने उसमें भी असमर्थता जता दी. आरोप है कि इससे पार्टी में आए लोग भड़क गए. लोगों ने कहा कि इतना पैसा देकर यह रेस्त्रां-बार बुक किया गया है. इसके बावजूद उनकी पसंद का गाना क्यों नहीं बज रहा है. हंगामा होते देख रेस्त्रां मालिक हरीश व एक वेटर ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की, लेकिन नशे में लोगों ने उनके सिर पर शराब की बोतल फोड़ दी.
सूचना मिलने पर पुलिस ने चंद्रशेखर चौहान, उनके दोस्त सोनू पंडित, विकास मिश्रा और अगम शर्मा को धारा- 151 में गिरफ्तार कर सिटी मैजिस्ट्रेट के सामने पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. एसएचओ उदय प्रताप सिंह ने बताया कि बार में झगड़े के मामले में 5 लोगों के खिलाफ शिकायत आई थी. सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.
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गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया. उम्मीद थी कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का भी ऐलान होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मुख्य चुनाव आयुक्त ने हिमाचल प्रदेश में 9 नवंबर को चुनाव कराने का ऐलान किया. 18 दिसंबर को वोटों की गिनती कराने की घोषणा की, लेकिन गुजरात में चुनाव कराने के बारे में औपचारिक ऐलान नहीं किया. मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि गुजरात सरकार ने औपचारिक तौर पर गुज़ारिश की है कि सात ज़िलों में बाढ़ की वजह से वहां राहत-पुनर्वास का काम चल रहा है इसलिए मोडल कोड ऑफ कंन्डक्ट लागू ना किया जाए.
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उत्तर प्रदेश के कासगंज में गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक तिरंगा यात्रा के दौरान दो पक्षों के बीच जमकर झड़प हुई. हिंसक झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई. इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मेघालय चुनाव के लिए रॉकस्टार की भूमिका अपनाने जा रहे हैं. कांग्रेस अपना चुनाव प्रचार म्यूजिकल नाइट के जरिए शुरू करने जा रही है. पढ़िए शुक्रवार शाम की पांच बड़ी खबरें.
1- UP: कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान दो पक्षों में झड़प, एक की मौत, कर्फ्यू
उत्तर प्रदेश के कासगंज में गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक तिरंगा यात्रा के दौरान दो पक्षों के बीच जमकर झड़प हुई. हिंसक झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई. इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है. पुलिस के मुताबिक, कासगंज के नगर कोतवाली इलाके में दो पक्षों के बीच भड़की हिंसा के बीच कई वाहनों को आग लगा दी गई और जमकर तोड़फोड़ की गई.
2- PAK की नापाक करतूत, गणतंत्र दिवस पर भी तोड़ा सीजफायर
आतंकवाद का पनाहगाह पाकिस्तान अपनी नापाक करतूत से बाज नहीं आ रहा है. वह गणतंत्र दिवस पर भी सरहद पर भीषण गोलाबारी कर रहा है. शुक्रवार को पाकिस्तान की ओर से जम्मू के नौशेरा के रजौरी में सीजफायर का उल्लंघन किया गया. फिलहाल पाकिस्तान की ओर से नौशेरा पर एलओसी पर गोलाबारी जारी है. सीमा पर घुसपैठ कराने में नाकाम रहने से पाकिस्तान बौखलाया हुआ और सीमा पर गोलीबारी कर रहा है.
3- रॉकस्टार राहुलः मेघालय में कांग्रेस की म्यूजिकल नाइट, होगी चुनावी कैंपेन की शुरुआत
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मेघालय चुनाव के लिए रॉकस्टार की भूमिका अपनाने जा रहे हैं. यह पहली बार है कि कांग्रेस अपना चुनाव प्रचार म्यूजिकल नाइट के जरिए शुरू करने जा रही है. इस कैंपेन की शुरुआत राहुल गांधी खुद करेंगे. 30 जनवरी को मेघालय कांग्रेस इस कार्यक्रम का आयोजन करने जा रही है. शिलॉन्ग में होने वाले इस कार्यक्रम में देश के तमाम बड़े बैंड्स परफॉर्म करेंगे.
4- गणतंत्र दिवस पर सरहद पर दिखी खटास, BSF ने PAK रेंजर्स को नहीं खिलाई मिठाई
गणतंत्र दिवस के मौके पर भी सरहद पर भारत और पाकिस्तान के बीच खटास देखने को मिली. इस बार गणतंत्र दिवस के अवसर पर बॉर्डर सिक्युरिटी फोर्स (BSF) ने पाकिस्तानी रेंजर्स को मिठाई नहीं खिलाई, जबकि बांग्लादेश के बॉर्डर गार्ड्स के जवानों को मिठाई बांटी.
5-करणी सेना के लिए पद्मावत तो बहाना है, असल में जातीय एकता जगाना है
संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत पर काफी कुछ लिखा जा चुका है. यह फिल्म मध्य युग के कवि मलिक मुहम्मद जायसी की अवधी भाषा के महाकाव्य पद्मावत पर आधारित है. निर्माताओं का दावा है कि फिल्म 'पूरी तरह से काल्पनिक कथा' पर बनी है. लेकिन करणी सेना लगातार यह कह रही है कि इस फिल्म में इतिहास से छेड़छाड़ की गई है. तमाम लोग बिना फिल्म देखे ही इसका विरोध करने में लगे हैं.
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कोर्ट ने कहा था कि 30 जून तक बीएमसी प्लान सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करें. कोर्ट ने दरगाह ट्रस्ट के अतिक्रमण हटाने के कदम की सराहना की. कोर्ट ने ट्रस्ट को कहा है कि चार हफ्ते में बाकी अतिक्रमण भी हटाएं. दरगाह ट्रस्ट ने एक सौंदर्यीकरण योजना कोर्ट में सौंपी है.
मुंबई की हाजी अली दरगाह के पास अतिक्रमण के मामले में सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई चल रही है। इससे पहले सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि दरगाह के पास 737 वर्ग मीटर इलाके में अतिक्रमण हटेंगे और दरगाह ट्रस्ट खुद ही अतिक्रमण हटाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने दरगाह ट्रस्ट को खुद ही अतिक्रमण हटाने की इजाजत दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दरगाह ट्रस्ट 8 मई तक खुद ही हटाए अतिक्रमण. हालांकि कोर्ट ने कहा था कि 171 वर्ग मीटर में बनी मस्जिद में तोडफोड नहीं होगी. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर तोडफोड के लिए बनी स्पेशल टास्क फोर्स के तोडफोड कारवाई पर रोक लगा दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने ट्रस्ट को हाजी अली के सौंदर्यीकरण और सुविधाओं को बढ़ाने के लिए योजना बनाकर देने को हरी झंडी दिखाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि इस मुद्दे पर कोई भी कोर्ट कोई आदेश जारी नहीं करेगी. किसी पक्षकार को दिक्कत है तो वह सुप्रीम कोर्ट आ सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में पक्षकारों को नोटिस जारी किया था. टिप्पणियां
दरअसल, 22 मार्च 2017 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने यहां 908 वर्ग मीटर इलाके में अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे. हाजी अली दरगाह ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में CJI खेहर की बेंच ने कहा कि वह 908 मीटर में से 171 वर्ग मीटर इलाका, जिसमें मस्जिद है, उस पर तोड़फोड़ से रोक लगा देंगे. लेकिन ट्रस्ट ये सुनिश्चित करे कि बाकी अतिक्रमण को हटाने में वह अथॉरिटी की मदद करेगा. मस्जिद को लेकर वह बाद में सुनवाई करेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हाजी अली के पास काफी अतिक्रमण है और ये सिर्फ दुकानें हैं. लोगों को दरगाह तक पहुंचने में दिक्कत होती है. कोर्ट ने कहा कि धर्म के लोगों को अतिक्रमण हटाने की कारवाई को स्पोर्ट करना चाहिए. दरगाह ट्रस्ट की ओर से कहा गया था कि हाईकोर्ट का आदेश सही नहीं है. ये मस्जिद काफी पुरानी है और 1931 से लीज उसके पास है. हाईकोर्ट के इलाके में तोड़फोड़ के आदेश पर रोक लगाई जानी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने ट्रस्ट को हाजी अली के सौंदर्यीकरण और सुविधाओं को बढ़ाने के लिए योजना बनाकर देने को हरी झंडी दिखाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि इस मुद्दे पर कोई भी कोर्ट कोई आदेश जारी नहीं करेगी. किसी पक्षकार को दिक्कत है तो वह सुप्रीम कोर्ट आ सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में पक्षकारों को नोटिस जारी किया था. टिप्पणियां
दरअसल, 22 मार्च 2017 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने यहां 908 वर्ग मीटर इलाके में अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे. हाजी अली दरगाह ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में CJI खेहर की बेंच ने कहा कि वह 908 मीटर में से 171 वर्ग मीटर इलाका, जिसमें मस्जिद है, उस पर तोड़फोड़ से रोक लगा देंगे. लेकिन ट्रस्ट ये सुनिश्चित करे कि बाकी अतिक्रमण को हटाने में वह अथॉरिटी की मदद करेगा. मस्जिद को लेकर वह बाद में सुनवाई करेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हाजी अली के पास काफी अतिक्रमण है और ये सिर्फ दुकानें हैं. लोगों को दरगाह तक पहुंचने में दिक्कत होती है. कोर्ट ने कहा कि धर्म के लोगों को अतिक्रमण हटाने की कारवाई को स्पोर्ट करना चाहिए. दरगाह ट्रस्ट की ओर से कहा गया था कि हाईकोर्ट का आदेश सही नहीं है. ये मस्जिद काफी पुरानी है और 1931 से लीज उसके पास है. हाईकोर्ट के इलाके में तोड़फोड़ के आदेश पर रोक लगाई जानी चाहिए.
दरअसल, 22 मार्च 2017 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने यहां 908 वर्ग मीटर इलाके में अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे. हाजी अली दरगाह ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में CJI खेहर की बेंच ने कहा कि वह 908 मीटर में से 171 वर्ग मीटर इलाका, जिसमें मस्जिद है, उस पर तोड़फोड़ से रोक लगा देंगे. लेकिन ट्रस्ट ये सुनिश्चित करे कि बाकी अतिक्रमण को हटाने में वह अथॉरिटी की मदद करेगा. मस्जिद को लेकर वह बाद में सुनवाई करेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हाजी अली के पास काफी अतिक्रमण है और ये सिर्फ दुकानें हैं. लोगों को दरगाह तक पहुंचने में दिक्कत होती है. कोर्ट ने कहा कि धर्म के लोगों को अतिक्रमण हटाने की कारवाई को स्पोर्ट करना चाहिए. दरगाह ट्रस्ट की ओर से कहा गया था कि हाईकोर्ट का आदेश सही नहीं है. ये मस्जिद काफी पुरानी है और 1931 से लीज उसके पास है. हाईकोर्ट के इलाके में तोड़फोड़ के आदेश पर रोक लगाई जानी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हाजी अली के पास काफी अतिक्रमण है और ये सिर्फ दुकानें हैं. लोगों को दरगाह तक पहुंचने में दिक्कत होती है. कोर्ट ने कहा कि धर्म के लोगों को अतिक्रमण हटाने की कारवाई को स्पोर्ट करना चाहिए. दरगाह ट्रस्ट की ओर से कहा गया था कि हाईकोर्ट का आदेश सही नहीं है. ये मस्जिद काफी पुरानी है और 1931 से लीज उसके पास है. हाईकोर्ट के इलाके में तोड़फोड़ के आदेश पर रोक लगाई जानी चाहिए.
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सऊदी अरब की एक अदालत ने रविवार को इस्लामिक स्टेट (आईएस) आतंकवादी समूह के एक सदस्य को आतंकवादी हमले की साजिश रचने का दोषी पाते हुए 20 साल कैद की सजा सुनाई. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, रियाद की अदालत ने व्यक्ति पर विदेशी दूतावासों, अधिकारियों व सऊदी की उत्तरी सीमा के अरर हवाईअड्डे पर आतंकी हमले की साजिश रचने का दोषी करार दिया.
पढ़ें: सऊदी अरब के कातिफ में रॉकेट हमले में सऊदी पुलिसकर्मी की मौत, 6 घायल
व्यक्ति ने सऊदी अरब में आतंकवादी कार्य को अंजाम देने से पहले आईएस के सीरिया व इराके के शिविरों में हिस्सा लिया था. अदालत ने उस पर 20 साल का यात्रा प्रतिबंध भी लगाया. अदालत की सख्त सजा सऊदी सरकार के कट्टरवादियों व आतंकवादियों पर कड़ी कार्रवाई करने का हिस्सा है. सऊदी सरकार ने यह कदम हाल के वर्षों में देश में कई हिस्सों में हुए विस्फोटों के बाद लिया है, जिसमें कई लोगों की जान गई है.टिप्पणियां
पढ़ें: अफगानिस्तान में हवाई हमले में मारा गया आईएस में शामिल हुआ भारतीय(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पढ़ें: सऊदी अरब के कातिफ में रॉकेट हमले में सऊदी पुलिसकर्मी की मौत, 6 घायल
व्यक्ति ने सऊदी अरब में आतंकवादी कार्य को अंजाम देने से पहले आईएस के सीरिया व इराके के शिविरों में हिस्सा लिया था. अदालत ने उस पर 20 साल का यात्रा प्रतिबंध भी लगाया. अदालत की सख्त सजा सऊदी सरकार के कट्टरवादियों व आतंकवादियों पर कड़ी कार्रवाई करने का हिस्सा है. सऊदी सरकार ने यह कदम हाल के वर्षों में देश में कई हिस्सों में हुए विस्फोटों के बाद लिया है, जिसमें कई लोगों की जान गई है.टिप्पणियां
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व्यक्ति ने सऊदी अरब में आतंकवादी कार्य को अंजाम देने से पहले आईएस के सीरिया व इराके के शिविरों में हिस्सा लिया था. अदालत ने उस पर 20 साल का यात्रा प्रतिबंध भी लगाया. अदालत की सख्त सजा सऊदी सरकार के कट्टरवादियों व आतंकवादियों पर कड़ी कार्रवाई करने का हिस्सा है. सऊदी सरकार ने यह कदम हाल के वर्षों में देश में कई हिस्सों में हुए विस्फोटों के बाद लिया है, जिसमें कई लोगों की जान गई है.टिप्पणियां
पढ़ें: अफगानिस्तान में हवाई हमले में मारा गया आईएस में शामिल हुआ भारतीय(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पढ़ें: अफगानिस्तान में हवाई हमले में मारा गया आईएस में शामिल हुआ भारतीय(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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लिंबोदरा गांव में ही 25 सितंबर को इसी तरह का एक और मामला दर्ज किया गया था. उस दिन राजपूत समुदाय के कुछ सदस्यों ने पीयूष परमार (24) की कथित तौर पर पिटाई की. अधिकारी ने बताया, ‘‘परमार ने आरोप लगाया कि एक गरबा कार्यक्रम में हिस्सा लेकर लौटते वक्त गांव के राजपूत समुदाय के लोगों ने उसकी पिटाई की. उसने आरोप लगाया की ऊंची जाति के लोगों ने मूंछ को लेकर उसकी पिटाई की. उस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.’’
(इनपुट भाषा से)
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एमटेक की फीस बढ़ने पर शुरू हुआ छात्रों का प्रदर्शन
MHRD ने किया था 2 लाख रुपए फीस बढ़ाने का फैसला
मानव संसाधन और विकास मंत्रालय (MHRD) की ओर से IIT में मास्टर्स ऑफ टेक्नोलॉजी (M.Tech) कोर्सेज की फीस में 900 फीसदी की बढ़ोतरी का फैसला किया गया है. वहीं फीस बढ़ने के खिलाफ ऑल इंडिया इंजीनियरिंग स्टूडेंट काउंसिल सामने आया है और बढ़ी हुई फीस के खिलाफ आवाज उठा रहा है.
आपको बता दें, ऑल इंडिया इंजीनियरिंग स्टूडेंट काउंसिल ने 3 अक्टूबर को छात्रों से अपील की थी कि वह प्रदर्शन में साथ देने के लिए 11 बजे जंतर-मंतर आए. ताकि फीस बढ़ने का फैसला वापस ले लिया जाए. पूरे भारत में इंजीनियरिंग के छात्र सरकार के फैसले के विरोध में दिल्ली आ रहे हैं.
MHRD has decided to impose a 900% hike on M Tech programs across all IITs. Engineering students all around India are coming to Delhi to protest against governments decision. We have decided to protest at JANTAR MANTAR on 4th October from 11 am.
#mtechfeeshike
#engineersatjantar
— All India Engineering Student Council (@AllIndiaEngine1)
October 3, 2019
आपको बता दें, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) ने एमटेक ट्यूशन फीस को 900 फीसदी बढ़ाने का फैसला किया था. 2020 के शैक्षणिक सत्र से शुरू होने वाले तीन साल के कोर्स में फीस को बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया जाएगा.
वहीं जहां गेट स्कोर के आधार पर दाखिला लेने वाले स्टूडेंट्स को 12,400 रुपये का स्टाइपेंड प्रति माह मिलता है, उसे भी बंद कराने का प्रस्ताव रखा गया है. जिसके बाद छात्रों में नराजगी साफ देखी जा रही है.
#engineersatjantarmantar
#mtechfeeshike
All people in and around delhi students should join as soon as possible.
pic.twitter.com/P95anaXKUy
— All India Engineering Student Council (@AllIndiaEngine1)
October 4, 2019
कुछ शिक्षकों ने कहा कि अब आईआईटी में पढ़ने में कमजोर छात्रों को कोर्स से बाहर कर दिया जाएगा. आईआईटी कमजोर छात्रों को तीन साल के बाद संस्थान से बाहर करने की योजना बना रहा है. ऐसे कमजोर छात्रों को तीन साल बीएससी इंजीनियर की डिग्री देने का विचार किया जा रहा है.
आपको बता दें, अभी बीटेक की ट्यूशन फीस साल की 2 लाख रुपये है. वर्तमान में, इन संस्थानों में लगभग 10,000 एमटेक छात्रों में से प्रत्येक 12,400 रुपये मंथली फेलोशिप दी जा रहा है. जिसे "शिक्षण सहायता" भी कहा जाता है.
आईआईटी-मुंबई के लिए एमटेक की ट्यूशन फीस 5,000 रुपये है, जबकि आईआईटी या आईआईटी दिल्ली के लिए यह एक सेमेस्टर के लिए 10,000 रुपये है. आईआईटी- मद्रास में में ट्यूशन फीस 5,000 रुपये, पहली फीस 3750 रुपये है. आईआईटी खड़गपुर की पहले सेमेस्टर की फीस 25,950 रुपये है. जिसमें 6000 रुपये रिफंडटेबल फीस है. बता दें, देश की कुल 23 आईआईटी में 14 हजार एमटेक कोर्स के छात्र हैं.
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IND Win
द. अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के अंतिम टेस्ट मैच में टीम इंडिया ने 337 रनों से जीत दर्ज कर सीरीज पर 3-0 से कब्जा कर लिया है. चाय तक पांच विकेट खोकर मजबूत स्थिति में दिख रही द. अफ्रीकी टम को उमेश यादव ने बड़ा झटका देते हुए डेन विलास को 13 के निजी स्कोर पर बोल्ड कर दिया. उसके बाद संभलकर खेल रहे ए.बी डीविलियर्स को अश्विन ने 43 के स्कोर पर पवेलियन भेज दिया. इसके बाद क्रीज पर आए एबॉट को यादव ने बिना खाता खोले ही वापस भेज दिया.
Tea
पांचवें दिन चायकाल तक द. अफ्रीका ने पांच विकेट के नुकसान पर 136 रन बना लिए हैं. एबी डिविलियर्स 43 जबकि डेन विलास 13 रन बनाकर खेल रहे हैं.
5th Wicket
अश्विन की गेंद पर पगबाधा आउट हुए डुमिनी. 112 के स्कोर पर गिरा द. अफ्रीका का पांचवां विकेट.
4th Wicket
रविंद्र जडेजा ने फाफ डु प्लेसी को पगबाधा आउट कर द. अफ्रीका को चौथा झटका दिया. 111 के स्कोर पर गिरा द. अफ्रीका का चौथा विकेट.
SA 100
डु प्लेसी ने अश्विन की गेंद पर दो रन लेकर द. अफ्रीका के 100 रन पूरे किए. 109वें ओवर में प्रोटियाज ने पूरा किया अपना शतक.
Video
जब उमेश की गेंद पर चोटिल हुए डिविलियर्स
OUCH! That must have hurt. The magic spray was out, but AB fights on
#IndvsSA
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— BCCI (@BCCI)
December 7, 2015
Lunch
लंच तक के खेल में द. अफ्रीका ने 35 ओवरों में महज 22 रन जोड़े हैं. हालांकि भारत ने इस दौरान हाशिम अमला का विकेट जरूर लिया लेकिन उनके बाद क्रीज पर आए फाफ डु प्लेसी भी अमला जैसी ही प्रतिबद्धता दिखाते हुए एबी डिविलियर्स का साथ अच्छे से दे रहे हैं.
Jadeja Wicket Video
देखें रविंद्र जडेजा की वो शानदार गेंद जिस पर अमला आउट हुए.
And Jadeja breaks through Amla's defense. FINALLY!
#IndvsSA
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— BCCI (@BCCI)
December 7, 2015
3rd Wicket
रविंद्र जडेजा ने हाशिम अमला को बोल्ड कर द. अफ्रीका को तीसरा झटका दिया. 244 गेंदों का सामना करने के बाद आउट हुए हाशिम अमला.
4th Test. 84.5: WICKET! H Amla (25) is out, b Ravindra Jadeja, 76/3
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— BCCI (@BCCI)
December 7, 2015
Day-4 Stumps
चौथे दिन का खेल खत्म होने तक द. अफ्रीका ने दो विकेट के नुकसान पर 72 रन बना लिए हैं. प्रोटियाज को जीत के लिए अभी 409 रन और बनाने हैं. पूरी टेस्ट सीरीज में पहली बार अफ्रीकी बल्लेबाजों ने टिककर खेलने का जज्बा दिखाया है. खेल खत्म होने तक कप्तान हाशिम अमला 207 गेंदों पर 23 जबकि एबी डिविलियर्स 91 गेंदों पर 11 रन बनाकर खेल रहे हैं. भारत के लिए रविचंद्रन अश्विन ने दोनों विकेट लिए. इससे पहले भारत ने अपनी दूसरी पारी 276-5 के स्कोर पर घोषित कर दी थी. भारत के लिए रहाणे ने 100 रनों की नाबाद पारी खेली जबकि कप्तान कोहली ने भी 88 रनों का योगदान दिया.
Day-4 Stumps
चौथे दिन का खेल खत्म होने तक द. अफ्रीका ने दो विकेट के नुकसान पर 72 रन बना लिए हैं. प्रोटियाज को जीत के लिए अभी 409 रन और बनाने हैं. पूरी टेस्ट सीरीज में पहली बार अफ्रीकी बल्लेबाजों ने टिककर खेलने का जज्बा दिखाया है. खेल खत्म होने तक कप्तान हाशिम अमला 207 गेंदों पर 23 जबकि एबी डिविलियर्स 91 गेंदों पर 11 रन बनाकर खेल रहे हैं. भारत के लिए रविचंद्रन अश्विन ने दोनों विकेट लिए. इससे पहले भारत ने अपनी दूसरी पारी 276-5 के स्कोर पर घोषित कर दी थी. भारत के लिए रहाणे ने 100 रनों की नाबाद पारी खेली जबकि कप्तान कोहली ने भी 88 रनों का योगदान दिया.
SA 50
हाशिम अमला ने शिखर धवन की गेंद पर चौका जमाकर द. अफ्रीका के पचास रन पूरे किए. 53 ओवरों के बाद 50 रन के पार पहुंची द. अफ्रीकी टीम.
2nd Wicket
रविचंद्रन अश्विन ने द. अफ्रीकी ओपनर टेम्बा बवुमा को बोल्ड कर उनकी 117 गेंदों की लंबी पारी को खत्म किया. 49 के कुल स्कोर पर लगा द. अफ्रीका को दूसरा झटका.
Amla
पहला विकेट जल्दी गिरने के बाद क्रीज पर आए द. अफ्रीकी कप्तान हाशिम अमला ने अदम्य इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए बवुमा के साथ मिला बिना किसी और नुकसान के बीस से भी ज्यादा ओवर निकाल दिए हैं. अमला की विकेट पर टिकने की इच्छाशक्ति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपना खाता खोलने के लिए 46 गेंदें खेल डाली.
1st Wicket
रविचंद्रन अश्विन ने डीन एल्गर को रहाणे के हाथों कैच आउट कराकर द. अफ्रीका को पहला झटका दिया. सिर्फ पांच रनों के कुल स्कोर पर आउट हुए एल्गर.
Rahane 100
अजिंक्य रहाणे ने दूसरी पारी में भी शतक लगा दिया है. इसके साथ ही टीम इंडिया ने अपनी दूसरी पारी 5 विकेट के नुकसान पर 267 रन बनाकर घोषित कर दी. पहली पारी के बढ़त के आधार पर द. अफ्रीका को जीत के लिए 481 रनों का लक्ष्य मिला है. रहाणे ने पहली पारी में 127 और दूसरी पारी में नाबाद 100 रन बनाए.
दूसरी पारी में भारत के लिए कप्तान विराट कोहली ने भी 88 रनों का योगदान दिया. साहा 23 रनों पर नाबाद लौटे. दक्षिण अफ्रीका की ओर से मोर्ने मोर्कल ने सबसे अधिक तीन विकेट लिए. रहाणे एक टेस्ट की दोनों पारियो में शतक लगाने वाले पांचवें भारतीय हैं. भारत ने अपनी पहली पारी में 334 रन बनाए थे और दक्षिण अफ्रीका को 126 रनों पर समेट दिया था.
5th Wicket
चौथे दिन एबॉट की एक बेहद नीची रहती गेंद पर पगबाधा होकर पैवेलियन लौटे कप्तान विराट कोहली. 211 के कुल स्कोर पर गिरा भारत का पांचवां विकेट.
IND 200
रहाणे ने एबॉट की गेंद पर चौका जड़कर टीम इंडिया का स्कोर 200 के पार पहुंचाया
Day-3 Stumps
तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक टीम इंडिया ने विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे की शानदार बैटिंग के दम पर अपनी बढ़त को 400 केे पार पहुंचा दिया था. तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक टीम इंडिया ने चार विकेट के नुकसान पर 190 रन बना लिए थे. खेल खत्म होने तक रहाणे 52 जबकि कोहली 83 रनों पर खेल रहे थे. द. अफ्रीका के लिए मोर्ने मोर्कल ने तीन जबकि इमरान ताहिर ने एक विकेट लिया.
Day-3 Stumps
तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक टीम इंडिया ने विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे की शानदार बैटिंग के दम पर अपनी बढ़त को 400 केे पार पहुंचा दिया है. तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक टीम इंडिया ने चार विकेट के नुकसान पर 190 रन बना लिए हैं. खेल खत्म होने तक रहाणे 52 जबकि कोहली 83 रनों पर खेल रहे हैं. द. अफ्रीका के लिए मोर्ने मोर्कल ने तीन जबकि इमरान ताहिर ने एक विकेट लिया.
IND 150
कोहली के पीट की गेंद पर सिंगल लेने के साथ ही भारत के 150 रन पूरे. इसके साथ ही भारत की कुल बढ़त भी 350 रनों के पार पहुंच गई है. क्रीज पर टिके हैं कप्तान कोहली और अजिंक्य रहाणे.
Kohli 50
कोहली ने एल्गर की गेंद पर सिंगल लेकर अपना पचासा पूरा किया.
TEA
चायकाल तक भारत ने 329 रनों की बढ़त बना ली थी. क्रीज पर विराट कोहली 39 और रहाणे 22 रन बनाकर मौजूद थे. इस समय तक दूसरी पारी में भारत का स्कोर 4 विकेट के नुकसान पर 116 रन था.
IND 100
टीम इंडिया को स्कोर 100 के पार पहुंच गया है. अभी तक भारत ने चार विकेट खोए हैं जबकि क्रीज पर हैं विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे.
4th Wicket
इमरान ताहिर ने पुजारा को बोल्ड कर भारत को दिया चौथा झटका. भारत ने महज 57 रनों पर खोए चार विकेट.
3rd Wicket
मोर्कल ने धवन को बोल्ड कर भारत को तीसरा झटका दिया.
Lunch
तीसरे दिन के खेल के पहले सेशन में द. अफ्रीकी गेंदबाजों ने शानदार गेंदबाजी करते हुए टीम इंडिया को शुरुआती झटके दिए. हालांकि धवन और पुजारा ने विकेट बचाकर खेलने को प्राथमिकता देते हुए टीम को और कोई नुकसान नहीं होने दिया.
IND 50
पुजारा ने पीट की गेंद पर दो रन लेकर भारत का स्कोर 50 के पार पहुंचाया.
Record
पहली गेंद पर ही आउट होने वाले रोहित शर्मा 1999 के बाद ऐसा करने वाले पहले भारतीय नंबर तीन बल्लेबाज बन गए हैं. उनसे पहले 1999 में एडिलेड टेस्ट में वीवीएस लक्ष्मण तीसरे नंबर पर बैटिंग करते हुए पहली ही गेंद पर आउट हुए थे.
2nd Wicket
विजय के आउट होने के बाद क्रीज पर आए रोहित शर्मा महज एक गेंद का ही सामना कर सके और मोर्कल ने उन्हें क्लीन बोल्ड कर वापस भेज दिया.
1st Wicket
सलामी बल्लेबाज मुरली विजय, मोर्ने मोर्कल की गेंद पर विकेटकीपर डेन विलास के हाथों लपके गए. महज चार रन के स्कोर पर लगा भारत को पहला झटका.
Day-2
दिल्ली के फिरोजशाह कोटला में जारी तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन के खेल की समाप्ति पर टीम इंडिया ने अपनी स्थिति मजबूत कर ली है. रवींद्र जडेजा के पांच विकेटों और उससे पहले अजिंक्य रहाणे के शानदार शतक की बदौलत भारतीय टीम ने पहली पारी के आधार पर 213 रनों की बढ़त ले ली है.
Day-1 Stumps
खराब रोशनी की वजह से पहले दिन का खेल जल्द समाप्त कर दिया गया. खेल समाप्त होने तक भारत ने सात विकेट के नुकसान पर 231 रन बना लिए हैं. भारत के लिए अजिंक्य रहाणे 89 जबकि रविचंद्रन अश्विन 6 रन बनाकर खेल रहे हैं. द. अफ्रीका के लिए इस सीरीज में अपना पहला मैच खेल रहे स्पिनर पीट ने चार जबकि तेज गेंदबाज एबॉट ने तीन विकेट लिए.
IND 200
अजिंक्य रहाणे ने इमरान ताहिर की गेंद को बाउंड्री से बाहर भेजकर टीम के 200 रन पूरे किए.
7th Wicket
एबॉट की गेंद पर जडेजा के एल्गर के हाथों कैच आउट होने के साथ ही भारत को 198 के स्कोर पर लगा सातवां झटका.
Rahane 50
अजिंक्य रहाणे ने धीमी पिच पर अच्छी बैटिंग करते हुए अपना अर्धशतक पूरा किया. यह उनका भारत की धरती पर सर्वाधिक स्कोर है.
6th Wicket
एबॉट की गेंद पर बोल्ड हुए रिद्धिमान साहा. 139 के कुल स्कोर पर भारत का छठा विकेट गिरा.
5th Wicket
पीट ने रोहित शर्मा को इमरान ताहिर के हाथों कैच आउट कराकर भारत को पांचवां झटका दिया. 138 के कुल स्कोर पर लगा भारत को पांचवां झटका
4th Wicket
इस सीरीज में पहली बार खेल रहे स्पिनर पीट ने अपनी तीसरी सफलता अर्जित करते हुए टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली को विकेट के पीछे डेन विलास के हाथों कैच आउट करा दिया. 136 के कुल स्कोर पर लगा भारत को चौथा झटका.
Rahane Best
अजिंक्य रहाणे ने इस पारी में 15 रनों का निजी स्कोर पार करते ही इंडिया में अपना बेस्ट स्कोर बना लिया. इससे पहले उनका अपनी धरती पर बेस्ट स्कोर था 15 रन.
Drinks
ड्रिंक्स ब्रेक तक भारत ने कोहली और रहाणे की तेज बैटिंग की मदद से 41 ओवरों में 114 रन बना लिए हैं.
IND 100
लंच तक धीमी बैटिंग के बाद लगातार अंतराल में झटके खाने वाले भारत के स्कोरकार्ड को रहाणे और कोहली ने मिलकर गति दी है. इनकी बदौलत भारत ने 39 ओवरों में 100 रनों का आंकड़ा पार कर लिया है
3rd Wicket
एबॉट की गेंद पर बोल्ड होकर पैवेलियन लौटे चेतेश्वर पुजारा. 66 के कुल स्कोर पर लगा भारत को तीसरा झटका.
2nd Wicket
पीट की गेंद पर पगबाधा आउट हुए शिखर धवन. 62 के कुल स्कोर पर लगा भारत को दसरा झटका.
Lunch
लंच तक भारत ने एक विकेट के नुकसान पर 60 रन बना लिए हैं.
IND 50
पिच में काफी कम उछाल के चलते भारतीय बल्लेबाजों को बैटिंग करने में बहुत दिक्कत हो रही है. स्लो पिच के चलते ही भारत को 50 रनों का आंकड़ा पार करने में 25 ओवर लग गए.
1st Wicket
एक जीवनदान पा चुके ओपनर मुरली विजय अपनी पारी को और लंबा नहीं खींच पाए और पीट की गेंद पर अमला को कैच थमाकर चलते बने. 30 रन के कुल स्कोर पर लगा भारत को पहला झटका
No Ball
एबॉट की गेंद पर मुरली विजय आउट हो गए थे लेकिन थर्ड अंपायर ने गेंद को नो बॉल करार दिया जिसके चलते विजय बच गए.
10 Overs
मैच के पहले दस ओवरों में टीम इंडिया के दोनों ओपनरों ने बेहद सूझ-बूझ के साथ खेलने को वरीयता दी. इन दोनों ने इस बीच 14 रन जोड़े.
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अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और उनकी प्रतिद्वंद्वी डेमोकेट्रिक पार्टी की हिलेरी क्लिंटन को सलाह देते हुए कहा है कि चूंकि उन्हें गोपनीय सूचनाएं मिलने लगी हैं, इसलिए अब उन्हें राष्ट्रपति की तरह व्यवहार करना चाहिए.
ओबामा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'मैं तो इतना ही कहूंगा कि उन्हें (हिलेरी और ट्रंप) अब गोपनीय सूचनाएं दी जाने लगी हैं और अगर वे राष्ट्रपति बनना चाहते हैं तो उन्हें राष्ट्रपति की तरह पेश आना शुरू कर देना चाहिए. इसका मतलब यह है कि इन सूचनाओं को अपने तक सीमित रखना उन्हें आना चाहिए.' यह पूछे जाने पर कि ट्रंप को आईएसआईएस और अन्य संवेदनशील मुद्दों पर गोपनीय सूचनाएं मिल रही हैं तो क्या इस बात से वे चिंतित हैं, इस पर ओबामा ने कहा कि यह प्रक्रिया 'परंपरा और कानून' के मुताबिक ही हो रही हैं.
उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों को सुरक्षा संबंधी जानकारी इसलिए दी जाती हैं, क्योंकि जो भी चुना जाएगा उसे शून्य से शुरू नहीं करना पड़े और वह इसके लिए तैयार रहे. टिप्पणियां
अमेरिकी कानून के तहत दोनों पार्टियों के आधिकारिक उम्मीदवारों को उनके कन्वेंशन के बाद गोपनीय सूचनाएं देने की परंपरा है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
ओबामा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'मैं तो इतना ही कहूंगा कि उन्हें (हिलेरी और ट्रंप) अब गोपनीय सूचनाएं दी जाने लगी हैं और अगर वे राष्ट्रपति बनना चाहते हैं तो उन्हें राष्ट्रपति की तरह पेश आना शुरू कर देना चाहिए. इसका मतलब यह है कि इन सूचनाओं को अपने तक सीमित रखना उन्हें आना चाहिए.' यह पूछे जाने पर कि ट्रंप को आईएसआईएस और अन्य संवेदनशील मुद्दों पर गोपनीय सूचनाएं मिल रही हैं तो क्या इस बात से वे चिंतित हैं, इस पर ओबामा ने कहा कि यह प्रक्रिया 'परंपरा और कानून' के मुताबिक ही हो रही हैं.
उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों को सुरक्षा संबंधी जानकारी इसलिए दी जाती हैं, क्योंकि जो भी चुना जाएगा उसे शून्य से शुरू नहीं करना पड़े और वह इसके लिए तैयार रहे. टिप्पणियां
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उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों को सुरक्षा संबंधी जानकारी इसलिए दी जाती हैं, क्योंकि जो भी चुना जाएगा उसे शून्य से शुरू नहीं करना पड़े और वह इसके लिए तैयार रहे. टिप्पणियां
अमेरिकी कानून के तहत दोनों पार्टियों के आधिकारिक उम्मीदवारों को उनके कन्वेंशन के बाद गोपनीय सूचनाएं देने की परंपरा है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अमेरिकी कानून के तहत दोनों पार्टियों के आधिकारिक उम्मीदवारों को उनके कन्वेंशन के बाद गोपनीय सूचनाएं देने की परंपरा है.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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विजय गोयल मोदी सरकार में खेल मंत्री हैं. उनकी खुशनसीबी है कि उनके विभाग संभालते ही रियो ओलंपिक की शुरुआत हुई. देश का मान बढ़ाने खिलाड़ियों के साथ वह भी रियो पहुंचे. लेकिन खेल दूर रह गया और खेल मंत्री को लेकर विवाद हुआ. नतीजा, गोयल को वतन वापसी करनी पड़ी. दिलचस्प यह भी कि वह जब तक रियो में रहे, देश से मेडल दूर था.
'आज तक' से खास बातीचत में खेल मंत्री
विजय गोयल
ने जहां एक ओर अपने साथ किसी विवाद के जुड़े होने को खारिज किया, वहीं खिलाड़ियों को उनकी सफलता पर बधाई भी दी. लेकिन मजेदार बात यह है कि बतौर खेल मंत्री उन्होंने इस सवाल का जवाब 'शायद' में दिया कि सिंधू पहली महिला खिलाड़ी हैं, जो देश को बैडमिंटन में ओलंपिक गोल्ड तक पहुंचा सकी हैं.
पढ़ें, खेल मंत्री से बातचीत के प्रमुख अंश-
सवाल- एक मेडल तो हरियाणा की बेटी साक्षी मलिक ने जीत लिया है. दूसरा मेडल भी पक्का है पीवी सिंधू का. कैसे देखते हैं इन उपलब्धियों को?
विजय गोयल-
पीवी सिंधू दूसरी महिला हैं, जिन्होंने देश का गौरव बढ़ाया है. बैडमिंटन के अंदर इतनी ऊंचाइयों पर पहुंची हैं. शायद वह देश की पहली बैडमिंटन महिला प्लेयर हैं, जो सिल्वर या गोल्ड लेंगी. मैं बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं. मैं सोचता हूं कि जितनी उनकी भूमिका है उतनी ही भूमिका उनके कोच गोपीचंद की भी है. उम्मीद करता हूं कि शुक्रवार शाम के मैच में हमें गोल्ड मिलेगा.
सवाल- साक्षी मलिक ने भी पहला पदक हासिल किया. बड़ी उपलब्धि रही उनकी?
विजय गोयल-
साक्षी मलिक ने जो मेहनत कि लाजवाब है और हरियाणा की महिला रेसलर इस ऊंचाइयों तक पहुंचेगी, यह हमें देखकर बहुत गर्व होता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बात जरूर कही. जिस समय पदक नहीं आ रहे थे, उन्होंने कहा कि पदक की बात नहीं है.
खेल का सबसे बेहतर प्रदर्शन
आप करें. मैं समझता हूं कि इससे भी खिलाड़ियों को उत्साह मिला और हम जीतने की ओर बढ़े हैं. पीवी सिंधू ने 8 साल की उम्र से तैयारी शुरू की थी. 56 किलोमीटर तक सफर करती थीं, अपना प्रैक्टिस करने के लिए. खुद खिलाड़ियों की फैमिली से रही हैं. उनके पिता अर्जुन अवॉर्डी और वॉलीबॉल के अंदर रहे. उनकी मेहनत और कॉन्फिडेंस का नतीजा है, जो मैं देखता हूं.
सवाल- खबर यह भी आई कि नरसिंह यादव नहीं खेल पाएंगे. 4 साल तक बैन लग गया है. तमाम विवाद हुए, सवाल उठाया उसने कि साजिश हुई है?
विजय गोयल-
अभी हमें आधिकारिक तौर पर इसकी सूचना नहीं मिली है. एक बार आधिकारिक तौर पर सूचना आ जाए और वह भी बाडा की कोर्ट में है. एंटी डोपिंग एजेंसी थी. उसने तो उनको क्लियर कर दिया था. बाडा की कोर्ट में मुकदमा था, जो बाडा कोर्ट तय करेगी वही होगा.
सवाल- आप रियो में गए और विवाद हो गया. उस वक्त कोई मेडल नहीं मिला था. इस वक्त मेडल जीते हैं. उस समय सवाल पूछे जाने लगे कि क्या भारत खाली हाथ आएगा? मेडल मिलेंगे या नहीं? आपको लगता है कि अगर आप आज वहां होते तो और एंजॉय करते इस खुशी को?
विजय गोयल-
मैं समझता हूं कि सारा देश 125 करोड़ की आबादी इसे एंजॉय कर रही है. मैं भी कर रहा हूं. मैं समझता हूं कि जितने समय मैं वहां रहा,
खिलाड़ियों को प्रोत्साहित
किया और लगभग हर वेन्यु तक पहुंचने की कोशिश की. इससे पहले भी हमारी जो टारगेट पोडियम स्कीम है, बहुत अच्छी रही. इसकी वजह से 119 खिलाड़ी पहली बार क्वालीफाई हुए. क्वालिफाई होना भी हमारे देश के अंदर एक बहुत बड़ी बात है और भी पदक आ सकते थे. लेकिन खेल में तो हार जीत होती है. हमारे बहुत से खिलाड़ी चौथे स्थान पर रह गए.
सवाल- आपके विवाद का क्या होगा, जो वहां आपके साथ विवाद खड़ा हो गया? आप मैदान में चले गए, आप के लोगों ने वहां यह सब किया? आप समझते हैं वह बुरा अध्याय था आपके लिए?
विजय गोयल-
देखिए किसी प्रकार का कोई विवाद था ही नहीं. लेकिन मेडल नहीं आ रहे थे तो उस वजह से थोड़ा विवाद बना होगा. खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करना और पास बनवाकर जाना कोई गलत बात नहीं थी. वह भी मैच के बाद. मैं समझता हूं कि वहीं के अधिकारी मुझे वहां पर लेकर गए थे.
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आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के बड़े बेटे और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव अपने शौक को लेकर हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं. इस बार भी वे अपने अजूबे शौक के कारण सोशल मीडिया में छाए हुए हैं. स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव कभी बिहार विधानसभा की कैंटीन में मिठाई बनाते नजर आते हैं तो कभी किसी पिज्जा सेंटर में पिज्जा बनाते हुए. स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव संगीत के भी शौकीन हैं, ये कई बार संगीत की धुन देते भी नजर आ चुके हैं.
दिनभर की भाग-दौड़ वाली जिंदगी से दूर
तेज प्रताप
राजधानी पटना के एक पिज्जा सेंटर जा पहुंचे. यहां पर वे बिल्कुल शेफ की तरह दिखे. स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने पिज्जा सेंटर में पिज्जा बनाने के तरीके की जानकारी ली. तेज प्रताप ने अपने फेसबुक वॉल पर चार फोटो पोस्ट किए हैं. इसपर उन्होंने लिखा कि मैं बोरिंग रोड स्थित पिज्जा हाट गया था. सरकार के स्वास्थय मंत्री होने के कारण मैंने यहां पर बनने वाले समानों की शुद्धता और गुणवत्ता को जांचा. यह बिहार के
स्वास्थ्य मंत्री
होने के नाते मेरा कर्तव्य भी है, ताकि बिहार की जनता के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रख सकूं.
गौरतलब है कि इससे पहले भी 4 अगस्त को तेज प्रताप बिहार विधानसभा स्थित
कैंटीन
में पहुंचकर खुद मिठाई बनाने लगे थे. तेज प्रताप वहां बन रहे खाद्य सामग्री का जायजा लेने गए थे. वे वहां देखने गए थे कि यहां सब ठीक है या नहीं.
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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के सेशन, 'The Winning Mantra: Who Will Win the Battle of 2014' में शिरकत करते हुए राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि अगर देश में बड़ा परिवर्तन लाना है, तो सभी को मिलकर प्रयास करना होगा. उन्होंने कहा कि यह किसी एक व्यक्ति या एक पार्टी का मिशन नहीं होना चाहिए.
राजस्थान में हाल ही में सत्ता हासिल करने वाली वसुंधरा राजे ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान हमने पाया कि सिर्फ रुपये पा लेने भर से लोग अमीर नहीं हो जा रहे हैं. ठोस योजनाओं का होना बहुत जरूरी है.
उन्होंने कहा कि समाज में उच्च वर्ग और हाशिए पर जिंदगी पर गुजारने को मजबूर लोगों के बीच बड़ा फासला है, जो लगातार बढ़ता ही जा रहा है.
भारत के विकास दर को कम नहीं आंका सकते: सिब्बल
वसुंधरा राज की बात से आगे चर्चा बढ़ाते हुए केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि संसद के बाहर तो बीजेपी एकजुट होने की अपील करती है, जबकि सदन में विरोध की राजनीति करती है. कई अहम बिल इस वजह से लटके रह गए. उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसी स्थिति में सरकार कैसे बड़े फैसले कर सकती है.
'मोदीनॉमिक्स' की चर्चा आने पर सिब्बल ने कहा कि उन्हें इस टर्म का कोई ज्ञान नहीं है. उन्होंने मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि इसका अर्थ वे यही समझते हैं कि जमीनों को किसानों से लेना और बड़े उद्योगपतियों के हवाले कर देना.
यूपीए-2 के दौरान कम विकास दर हासिल करने के आरोपों पर सफाई पेश करते हुए सिब्बल ने तर्क दिया कि दक्षिण अफ्रीका, रूस आदि देशों की तुलना में भारत ने करीब 2 फीसदी ज्यादा विकास किया है. उन्होंने कहा कि अगर एक बड़े स्केल पर देखा, जाए तो भारत का विकास दर कम नहीं कहा जा सकता है.
सेशन की शुरुआत में राहुल कंवल ने वसुंधरा राजे को 'आम आदमी महारानी' कहकर संबोधित किया. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में भी इन सियासी दिग्गजों के बीच जुबानी जंग की तपिश महसूस की गई.
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सरसंघचालक मोहन भागवत पूरे परिवार के मुखिया हैं और अगर मुखिया ही नसीहतों का पिटारा खोल दे तो ये समझना गलत नहीं होगा कि परिवार मे कुछ गड़बड़ जरूर है.
मौका था संघ के मुखपत्र पांचजन्य और ऑरगनाइजर के लोकार्पण का. लेकिन भागवत लोकार्पण के बहाने पार्टी में चल रही उठापटक पर तमाम खेमों को खरी खरी सुनाने से नहीं चूके. अब बीजेपी के भीष्म पितामह आडवाणी दर्शक दीर्घा मे मौजूद थे तो सबसे पहला संदेश शायद उनके ही नाम रहा. भागवत ने कहा परिवर्तन एक अपरिवर्तनिय नियम है. ये हितकारी हो इसलिए अपरिवर्तनिया का ध्यान भी रखना पड़ता है. संकेत साफ था कि परिवर्तन को स्वीकार किया जाए. हालांकि भागवत ने घावों पर ये कह मलहम लगाने की कोशिश भी की कि युवावस्था में भटकने की शक्ति होती है लेकिन बुढ़ापे में भटकने का साहस नहीं होता.
अब बारी थी राजनाथ सिंह और मोदी के लिए छुपे संदेश की. भागवत ने कहा कि अनुकूल परिस्थियों में ज्यादा सावधानी रखनी पड़ती है और पर्याप्त सावधानी से चलना पड़ता है. यानी ज्यादा आत्मविश्वास की जरूरत नहीं. हालांकि सरसंघचालक का अगला संदेश उन नेताओं के लिए था तो लहर की सोचकर ही हवा में उड़ रहे हैं. भागवत ने कहा कि पतंग तभी तक आकाश में खुला विचरण करती है जब नीचे किसी के हाथ में डोर रहती है और अगर ये डोर हाथ से निकल जाएगी तो पतंग संभल नहीं पाएगी.भागवत ने दो टूक कहा कि मत अलग अलग हो सकते हैं लेकिन मन अलग नहीं होने देना है. शास्त्रार्थ करना परंपरा है और मुद्दों पर बहस कर हल निकाला जा सकता है. लेकिन इस प्रकार का वातावरण नहीं दिखता. जाहिर है बीजेपी नेताओं की मीडिया के माध्यम से चल रही तनातनी से परिवार के मुखिया आहत हैं.
हालांकि अपना भाषण खत्म करते करते भागवत थोड़े नरम पड़ते भी नजर आए. भागवत ने इशारों इशारों में कहा कि लोग परेशान हैं कांग्रेस से. जहां आधार दिखता है वहां जा रहे हैं और उनका नित्य स्मरण होता है. भागवत ने कहा कि जिस यात्रा में हम यानी स्वंयसेवक लगे हैं वो सफल होगी. यानी जीत की उम्मीद के साथ भागवत ने बीजेपी को लक्ष्य पूरा करने में लग जाने का संदेश भी दे दिया. अब भागवत आए तो थे संघ के मुखपत्र के लोकार्पण के लिए लेकिन इन संदेशों से साफ है कि बीजेपी की कलह से संघ खुश नहीं.
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उत्तर प्रदेश की फतेहपुर लोकसभा सीट एक दौर में सूबे की नहीं बल्कि देश की हाई प्रोफाइल सीटों में शुमार की जाती थी. यहां से जनता दल से चुनाव जीतकर वीपी सिंह देश के प्रधानमंत्री बने थे. फतेहपुर सूबे का प्रचीन शहरों में से एक है, जिसका जिक्र पुराणों में मिलता है. वैदिक काल में इसे अंतर्देश भी कहा जाता था, जिसका मतलब होता है ऐसा उपजाऊ क्षेत्र जो दो नदियों के बीच में बसा हो.
फतेहपुर लोकसभा सीट गंगा और यमुना के बीच बसा हुआ है. यहां कांग्रेस से लेकर सपा, बसपा और बीजेपी सहित जनता चुनाव जीत दर्ज कर चुकी है. मौजूदा समय में फतेहपुर सीट पर बीजेपी का कब्जा है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
फतेहपुर लोकसभा सीट पर आजादी के बाद से अभी तक 16 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं. इनमें से सबसे ज्यादा 5 बार कांग्रेस को जीत मिली है. जबकि बीजेपी (3 बार), जनता दल (दो बार), बसपा (दो बार), सपा (एक बार), लोकदल (एक बार) के अलावा एक बार निर्दलीय प्रत्याशी को भी जीत मिली है. फतेहपुर सीट पर पहली बार 1957 में लोकसभा चुनाव हुआ था, जिसमें कांग्रेस के अंसार हर्वानी चुनाव जीतकर सांसद बने. इसके बाद 1962 में चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर गौरी शंकर कक्कर चुने गए. लेकिन 1967 में कांग्रेस ने वापसी की 1971 के चुनाव में जीत हासिल करने में कामयाब रही.
1977 में भारतीय लोकदल से बशीर अहमद ने उतरकर कांग्रेस को मात दी और 1978 में हुए उपचुनाव में जनता पार्टी के लियाकत हुसैन जीतने में कामयाब रहे. हालांकि, इसके बाद 1980 में कांग्रेस ने फिर वापसी और लगातार दो चुनाव जीतने में कामयाब रही.
1989 लोकसभा चुनाव में वीपी सिंह जनता दल से उतरे और जीतकर देश के प्रधानमंत्री बने. वो इस सीट से दो बार सांसद चुने गए. 1996 में बसपा से विशंभर प्रसाद निषाद ने जीत हासिल की, लेकिन 1998 में चुनाव में बीजेपी कमल खिलाने में कामयाब रही. यहां से अशोक कुमार पटेल लगातार दो बार बीजेपी से सांसद चुने गए.
2004 के लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के महेंद्र प्रसाद निषाद फतेहपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए. 2009 में समाजवादी पार्टी के राकेश सचान सांसद चुने गए. इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की निरंजन ज्योति यहां की सांसद चुनी गईं और मोदी सरकार में मंत्री बनीं.
सामाजिक ताना-बाना
फतेहपुर लोकसभा सीट पर 2011 के जनगणना के मुताबिक कुल जनसंख्या 26,32,733 है. इसमें 87.77 फीसदी ग्रामीण और 12.23 फीसदी शहरी आबादी है. अनुसूचित जाति की आबादी इस सीट पर 24.75 फीसदी है. इसके अलावा कुर्मी, निषाद और लोध समुदाय के मतदाता निर्णयक भूमिका में हैं. दिलचस्प बात यह है कि करीब 13 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं.
फतेहपुर लोकसभा क्षेत्र के तहत 6 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें फतेहपुर, जहानाबाद, बिन्दकी, अयाह शाह, खागा और हुसैनगंज विधानसभा सीट शामिल हैं, जिसमें से खागा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. मौजूदा समय में इन 6 सीटों में से पांच सीटों पर बीजेपी और जहानाबाद सीट पर अपना दल (एस) का कब्जा है.
2014 का जनादेश
2014 के लोकसभा चुनाव में फतेहपुर संसदीय सीट पर 58.55 फीसदी मतदान हुआ था. इस सीट पर बीजेपी की निरंजन ज्योति ने बसपा के अफजल सिद्दीकी को एक लाख 87 हजार 206 वोटों से मात देकर जीत हासिल की थी.
बीजेपी की निरंजन ज्योति को 4,85,994 वोट मिले
बसपा के अफजल सिद्दीकी को 2,98,788 वोट मिले
सपा के राकेश सचान को 1,79,724 वोट मिले
कांग्रेस की उषा मौर्य को 46,588 वोट मिले
सांसद का रिपोर्ट कार्ड
फतेहपुर लोकसभा सीट से 2014 में जीतने वाली निरंजन ज्योति मोदी सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री हैं. बतौर मंत्री लोकसभा में उनकी उपस्थिति को लेकर कोई रिकॉर्ड नहीं है. हालांकि उन्होंने अपने संसदीय कार्यकाल के दौरान मिले 25 करोड़ सांसद निधि में से 20.14 करोड़ रुपये विकास कार्यों पर खर्च किया.
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करतारपुर कॉरिडोर के लिए मनमोहन सिंह को न्योता
पंजाब के सुल्तानपुर लोधी में होना बड़ा कार्यक्रम
करतारपुर साहिब जाने वाले जत्थे में होंगे शामिल
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 9 नवंबर को करतारपुर साहिब जाने वाले पहले सिख जत्थे में शामिल होंगे. यानी मनमोहन सिंह पाकिस्तान के करतारपुर गुरुद्वारा जाएंगे. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मनमोहन सिंह को इस जत्थे में शामिल होने का न्योता दिया था, जिसे पूर्व प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया है. अभी ये जानकारी पंजाब सरकार के प्रवक्ता द्वारा दी गई है, लेकिन मनमोहन सिंह की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
इससे पहले मनमोहन सिंह को पाकिस्तान की ओर से करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन में आने का न्योता मिला था, लेकिन मनमोहन ने इसपर विदेश मंत्रालय की स्वीकृति लेने की बात कही थी.
गौरतलब है कि 9 नवंबर को पंजाब से करतारपुर साहिब के लिए सिख श्रद्धालुओं का जत्था रवाना होगा, जिसकी अगुवाई खुद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह करेंगे. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह करतारपुर गुरुदारा भी जाएंगे. मनमोहन सिंह सुल्तानपुर लोधी में होने वाले कार्यक्रम में शामिल होंगे.
Former PM Dr Manmohan Singh accepts
@capt_amarinder
’s invite to join 1st Jatha to Sri Kartarpur Gurdwara on Nov 9, will also attend Sultanpur Lodhi main event
@550yrsGuruNanak
pic.twitter.com/cD9rJoZUBT
— Raveen Thukral (@RT_MediaAdvPbCM)
October 3, 2019
गुरुवार को दिल्ली पहुंचे कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी गुरु नानकदेव के 550वें प्रकाश पर्व के कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता दिया है. पंजाब सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि दोनों ने इस न्योते को स्वीकार कर लिया है. हालांकि अभी क्या पीएम और राष्ट्रपति करतारपुर के कार्यक्रम में शामिल होंगे या नहीं इसपर कोई जवाब नहीं मिला है.
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस दौरान केंद्र सरकार से 21 लोगों के जत्थे को पाकिस्तान भेजने की अनुमति मांगी है जो 30 अक्टूबर से 3 नवंबर तक वहां रहेंगे और वहां से नगर कीर्तन को अमृतसर तक लाएंगे.
पाकिस्तान ने किस-किसको दिया न्योता?
गौरतलब है कि पाकिस्तान की ओर से करतारपुर कॉरिडोर के लिए नई चाल चली गई थी. जिसमें उसकी ओर से उद्घाटन समारोह में सिर्फ पूर्व
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आने का न्योता दिया था, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोई आधिकारिक न्योता नहीं मिला था.
हालांकि, मनमोहन सिंह की तरफ से इस न्योते को विदेश मंत्रालय के पास भेज दिया गया था, क्योंकि बिना विदेश मंत्रालय के इस तरह के न्योते को नहीं स्वीकारा जाता है.
क्यों और क्या है करतारपुर में खास?
यह गलियारा भारतीय क्षेत्र से करतारपुर साहिब गुरुद्वारे को जोड़ेगा जो पाकिस्तान के नरवाल जिले में भारतीय पंजाब के गुरदासपुर स्थित सीमा से कुछ ही दूर स्थित है. इसी गुरुद्वारे में बाबा गुरु नानक ने अपने जीवन के अंतिम क्षण बिताए थे, इस वजह से इसे बेहद पवित्र माना जाता है.
ऐतिहासिक गुरुद्वारे में पंजाब के मुख्यमंत्री के साथ जाने वाले प्रतिनिधिमंडल में पंजाब के सभी 117 विधायक, लोकसभा और राज्यसभा सांसद, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के सदस्य, साथ ही संत समाज के सदस्य और राज्य में मान्यता प्राप्त प्रत्येक राजनीतिक दल के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
इसके बाद, प्रतिदिन 5,000 श्रद्धालु गुरुद्वारे में मत्था टेक सकेंगे. 4.2 किलोमीटर लंबे गलियारे का निर्माण 31 अक्टूबर तक पूरा करने का लक्ष्य है. गुरुद्वारा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नारोवाल जिले में स्थित है. यह पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक नगर के पास है.
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अचंत शरत कमल () (तमिल: அச்சந்த சரத் கமல்) (जन्म १२ जुलाई १९८२) एक भारतीय प्रोफेशनल टेबल टेनिस के खिलाड़ी है जो तमिलनाडु के रहने वाले है। २०१६ ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक में उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया।
उन्होंने मेलबर्न में आयोजित हुए 2006 राष्ट्रमण्डल खेलों की पुरुष एकल व टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। नई दिल्ली के 2010 राष्ट्रमण्डल खेलों में उन्होंने पुरुष युगल स्पर्धा में शुभाजीत साहा के साथ स्वर्ण तथा एकल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। उन्होंने गोल्ड कोस्ट में आयोजित हुए 2018 राष्ट्रमण्डल खेलों की टीम स्पर्धा में एंथोनी अमलराज, हरमीत देसाई, साथियान गणानाशेखरन तथा सनिल शेट्टी के साथ स्वर्ण, पुरुष युगल स्पर्धा में साथियान गणाशेखरन के साथ रजत तथा पुरुष एकल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता।
सन्दर्भ
1982 में जन्मे लोग
जीवित लोग
भारत के टेबल टेनिस खिलाड़ी
2016 ओलम्पिक में भारत के खिलाड़ी
चेन्नई के लोग
तमिलनाडु के खिलाड़ी
2018 राष्ट्रमण्डल खेलों में भारत के स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ी
2018 राष्ट्रमण्डल खेलों में भारत के रजत पदक विजेता खिलाड़ी
2018 राष्ट्रमण्डल खेलों में भारत के कांस्य पदक विजेता खिलाड़ी
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में बुधवार को मौसम के पहले कोहरे ने दस्तक दे दी. आज तड़के सड़कों पर दृश्यता काफ़ी कम होने की वजह से गाड़ियों को काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा.
दिल्ली के अलावा पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित उत्तर भारत के इलाकों में पारा लुढ़कने के साथ काफी कम दृश्यता देखी गई.
राजधानी दिल्ली-नोएडा और दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेस-वे पर धुंध की वजह से यातायात काफी धीमा रहा. इसके अलावा दिल्ली उतरने वाली कई उड़ानों में भी देरी दर्ज की गई.
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर खराब दृश्यता की वजह से पांच विमानों का मार्ग बदला गया. अधिकारियों ने बताया, 'कोहरे की वजह से 18 से अधिक विमानों के परिचालन में देरी हुई.' सुबह साढ़े पांच बजे दृश्यता 800 मीटर दर्ज की गई, जबकि तीन घटे बाद दृश्यता 200 मीटर दर्ज की गई.
टिप्पणियां
वहीं रेलवे अधिकारियों के अनुसार घने कोहरे की वजह से पटना, रांची, हावड़ा, भुवनेश्वर और अन्य जगहों से दिल्ली आने वाली 50 ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ. एक अधिकारी ने कहा, 'ट्रेनें एक से तीन घंटे की देरी से चल रही है.'
दिल्ली एनसीआर में कोहरे के साथ-साथ तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है. आज सुबह दिल्ली में तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इससे पहले सोमवार को अधिकतम तापमान औसत से चार डिग्री ऊपर 29.2 डिग्री सेल्सियस, वहीं न्यूनतम तापमान 13.8 डिग्री सेल्सियम दर्ज किया गया था.
दिल्ली के अलावा पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित उत्तर भारत के इलाकों में पारा लुढ़कने के साथ काफी कम दृश्यता देखी गई.
राजधानी दिल्ली-नोएडा और दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेस-वे पर धुंध की वजह से यातायात काफी धीमा रहा. इसके अलावा दिल्ली उतरने वाली कई उड़ानों में भी देरी दर्ज की गई.
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर खराब दृश्यता की वजह से पांच विमानों का मार्ग बदला गया. अधिकारियों ने बताया, 'कोहरे की वजह से 18 से अधिक विमानों के परिचालन में देरी हुई.' सुबह साढ़े पांच बजे दृश्यता 800 मीटर दर्ज की गई, जबकि तीन घटे बाद दृश्यता 200 मीटर दर्ज की गई.
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वहीं रेलवे अधिकारियों के अनुसार घने कोहरे की वजह से पटना, रांची, हावड़ा, भुवनेश्वर और अन्य जगहों से दिल्ली आने वाली 50 ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ. एक अधिकारी ने कहा, 'ट्रेनें एक से तीन घंटे की देरी से चल रही है.'
दिल्ली एनसीआर में कोहरे के साथ-साथ तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है. आज सुबह दिल्ली में तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इससे पहले सोमवार को अधिकतम तापमान औसत से चार डिग्री ऊपर 29.2 डिग्री सेल्सियस, वहीं न्यूनतम तापमान 13.8 डिग्री सेल्सियम दर्ज किया गया था.
राजधानी दिल्ली-नोएडा और दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेस-वे पर धुंध की वजह से यातायात काफी धीमा रहा. इसके अलावा दिल्ली उतरने वाली कई उड़ानों में भी देरी दर्ज की गई.
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर खराब दृश्यता की वजह से पांच विमानों का मार्ग बदला गया. अधिकारियों ने बताया, 'कोहरे की वजह से 18 से अधिक विमानों के परिचालन में देरी हुई.' सुबह साढ़े पांच बजे दृश्यता 800 मीटर दर्ज की गई, जबकि तीन घटे बाद दृश्यता 200 मीटर दर्ज की गई.
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वहीं रेलवे अधिकारियों के अनुसार घने कोहरे की वजह से पटना, रांची, हावड़ा, भुवनेश्वर और अन्य जगहों से दिल्ली आने वाली 50 ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ. एक अधिकारी ने कहा, 'ट्रेनें एक से तीन घंटे की देरी से चल रही है.'
दिल्ली एनसीआर में कोहरे के साथ-साथ तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है. आज सुबह दिल्ली में तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इससे पहले सोमवार को अधिकतम तापमान औसत से चार डिग्री ऊपर 29.2 डिग्री सेल्सियस, वहीं न्यूनतम तापमान 13.8 डिग्री सेल्सियम दर्ज किया गया था.
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर खराब दृश्यता की वजह से पांच विमानों का मार्ग बदला गया. अधिकारियों ने बताया, 'कोहरे की वजह से 18 से अधिक विमानों के परिचालन में देरी हुई.' सुबह साढ़े पांच बजे दृश्यता 800 मीटर दर्ज की गई, जबकि तीन घटे बाद दृश्यता 200 मीटर दर्ज की गई.
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वहीं रेलवे अधिकारियों के अनुसार घने कोहरे की वजह से पटना, रांची, हावड़ा, भुवनेश्वर और अन्य जगहों से दिल्ली आने वाली 50 ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ. एक अधिकारी ने कहा, 'ट्रेनें एक से तीन घंटे की देरी से चल रही है.'
दिल्ली एनसीआर में कोहरे के साथ-साथ तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है. आज सुबह दिल्ली में तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इससे पहले सोमवार को अधिकतम तापमान औसत से चार डिग्री ऊपर 29.2 डिग्री सेल्सियस, वहीं न्यूनतम तापमान 13.8 डिग्री सेल्सियम दर्ज किया गया था.
वहीं रेलवे अधिकारियों के अनुसार घने कोहरे की वजह से पटना, रांची, हावड़ा, भुवनेश्वर और अन्य जगहों से दिल्ली आने वाली 50 ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ. एक अधिकारी ने कहा, 'ट्रेनें एक से तीन घंटे की देरी से चल रही है.'
दिल्ली एनसीआर में कोहरे के साथ-साथ तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है. आज सुबह दिल्ली में तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इससे पहले सोमवार को अधिकतम तापमान औसत से चार डिग्री ऊपर 29.2 डिग्री सेल्सियस, वहीं न्यूनतम तापमान 13.8 डिग्री सेल्सियम दर्ज किया गया था.
दिल्ली एनसीआर में कोहरे के साथ-साथ तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है. आज सुबह दिल्ली में तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इससे पहले सोमवार को अधिकतम तापमान औसत से चार डिग्री ऊपर 29.2 डिग्री सेल्सियस, वहीं न्यूनतम तापमान 13.8 डिग्री सेल्सियम दर्ज किया गया था.
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संजय गाँधी जैविक उद्यान (जिसे संजय गाँधी वनस्पति और प्राणि उद्यान या पटना चिड़ियाघर के नाम से भी जाना जाता है) पटना, बिहार, भारत में बेली रोड पर स्थित है। इस पार्क को 1973 में एक चिड़ियाघर के रूप में जनता के लिए खोला गया था। यह पार्क पटना का सबसे अधिक पिकनिक स्थल है, जहां 2011 में अकेले नए साल के दिन 36,000 से अधिक आगंतुक आते हैं।
इतिहास
पार्क को पहली बार 1969 में एक वनस्पति उद्यान के रूप में स्थापित किया गया था। बिहार के तत्कालीन राज्यपाल श्री नित्यानंद कानूनगो ने बाग के लिए गवर्नर हाउस परिसर से लगभग 34 एकड़ (14 हेक्टेयर) भूमि प्रदान की थी। 1972 में, लोक निर्माण ने इसमें 58.2 एकड़ (23.6 हेक्टेयर) जोड़ा, और राजस्व विभाग ने पार्क का विस्तार करने में मदद करने के लिए 60.75 एकड़ (24.58 हेक्टेयर) वन विभाग को हस्तांतरित किया।
1973 से, यह पार्क एक जैविक उद्यान रहा है, एक चिड़ियाघर के साथ एक वनस्पति उद्यान का संयोजन कियागया । लोक निर्माण विभाग और राजस्व विभाग से अधिग्रहित भूमि को राज्य सरकार द्वारा 8 मार्च 1983 को संरक्षित वन घोषित किया गया था।
पशु और प्रदर्शन
चिड़ियाघर वर्तमान में लगभग 110 प्रजातियों के 800 से अधिक जानवरों का घर है, जिनमें बाघ, तेंदुआ, बादल वाले तेंदुए, दरियाई घोड़ा, मगरमच्छ, हाथी, हिमालयी काले भालू, सियार, काले हिरन, चित्तीदार हिरण, मोर, पहाड़ी मैना, घड़ियाल, अजगर, भारतीय हैं गैंडा, चिंपांज़ी, जिराफ़, ज़ेबरा, एमू और सफ़ेद मोर हैं ।
वनस्पति उद्यान के रूप में शुरू होने के बाद, पार्क में वर्तमान में पेड़ों, जड़ी बूटियों और झाड़ियों की 300 से अधिक प्रजातियां हैं। पौधों के प्रदर्शन में औषधीय पौधों के लिए एक नर्सरी, एक आर्किड घर, एक फ़र्न हाउस, एक ग्लास हाउस और एक गुलाब उद्यान शामिल हैं।
पार्क में एक मछलीघर भी शामिल है जो सामान्य प्रवेश शुल्क के बाद सबसे बड़ा राजस्व जनरेटर है। एक्वेरियम में मछलियों की लगभग 35 प्रजातियां हैं, और सांप के घर में 5 प्रजाति के 32 सांप हैं।
संरक्षण और जन्म
पटना चिड़ियाघर दुनिया भर से लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण और प्रसार के लिए काफी प्रयास करता है। बंदी जंगली जानवरों को प्रजनन करना एक कठिन चुनौती है जो चिड़ियाघर को कुछ उल्लेखनीय सफलता के साथ मिला है।
सफलता
महान एक सींग वाले गैंडों को अतीत में कई बार सफलतापूर्वक बांध दिया गया है। 2008 में, पटना चिड़ियाघर ने अपनी प्रजनन तकनीकों के लिए प्रशंसा अर्जित की।
एक हिप्पोपोटेमस ने चिड़ियाघर में पहली बार 19 अप्रैल 2001 को एक पुरुष हिप्पो को जन्म दिया था। 2007 के बाद से कई अन्य हिप्पो जन्म हुए हैं।
पिछले जन्म से 16 साल के अंतराल के बाद, 18 जून 2001 को एक तेंदुए ने दो शावकों को जन्म दिया।
एक एलिगेटर ने चिड़ियाघर में पहली बार 29 जून 2001 को प्रतिबंध लगाया है और उसके बाद अतीत में कई बार। पिछले पांच वर्षों में यहाँ घड़ियालों या मगरमच्छों की संख्या 13 से 129 हो गई है।
12 जून 2001 को चिड़ियाघर में पहली बार एक साही ने जन्म लिया और दो बेबी पोरपाइन को जन्म दिया।
पहल
चिड़ियाघर को नंदन कानन चिड़ियाघर, भुवनेश्वर से मार्च के पहले सप्ताह में एक सफेद बाघ मिला। इससे चिड़ियाघर में बाघों के प्रजनन की संभावना में सुधार हुआ है।
चिड़ियाघर में एक एकल नर ज़ेबरा है। उम्मीद है कि कि चिड़ियाघर में एक मादा ज़ेबरा आएगी अगर केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
पक्षी
यह स्थान पक्षियों के लिए एक अच्छा दृश्य प्रदान करता है।
गैलरी
संदर्भ
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यूपी में 27 साल बाद कांग्रेस की वापसी के लिए राहुल गांधी लगातार पसीना बहा रहे हैं, पर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की निगाहें अभी भी प्रियंका गांधी पर ही टिकी हैं. मथुरा में यूपी कांग्रेस के महासचिव उमेश पंडित ने प्रियंका गांधी के नए पोस्टर लगवाए हैं. इन पोस्टरों में लिखा है- इंदिरा इज बैक.
अब इसे प्रियंका पर भरोसा कहिये या फिर राहुल से नाउम्मीदी,
कांग्रेसी
प्रियंका की चाहत में आलाकमान के निर्देश को भी दरकिनार करने से नहीं चूक रहे. प्रियंका की तस्वीर में खास ख्याल भी रखा गया है कि उसमें इंदिरा की झलक दिखाई दे.
गौरतलब है कि पहली बार यूपी चुनाव में रायबरेली, अमेठी के बाहर कांग्रेस के पोस्टरों में
प्रियंका
की तस्वीर लगाने की आलाकमान ने अनुमति दी थी, लेकिन इस निर्देश के साथ कि तस्वीर अकेले नहीं होगी और राहुल से बड़ी नहीं होगी. लेकिन, यूपी कांग्रेस के महामंत्री उमेश पंडित ने तो प्रियंका को केंद्र में रखकर ही पोस्टर छपवा डाला. हालांकि, पोस्टर में सोनिया,
राहुल
के अलावा प्रदेश कांग्रेस के बाकी चेहरे भी मौजूद हैं, 27 साल यूपी बेहाल का नारा भी है, लेकिन पोस्टर की पूरी थीम प्रियंका के इर्द गिर्द ही नजर आती है.
पोस्टर छपवाने वाले प्रदेश कांग्रेस के महासचिव उमेश पंडित इस मामले पर कहते हैं कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है. पार्टी के कार्यकर्ता चाहते हैं कि यूपी चुनाव में प्रियंका जल्दी से जल्दी सक्रिय हों और राहुल का साथ दें, जिसका कांग्रेस को बड़ा फायदा होगा.
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फिल्मी दुनिया से गायब हो चुके एक्टर बॉबी देओल ने फिल्मी करियर खत्म होने के बाद डीजे मिक्सिंग में हाथ आजमाने की सोची और इसकी बकायदा ट्रेनिंग भी ली. लेकिन उनका डीजे बनने का सपना भी शायद अब खतरे में नजर आ रहा है. क्योंकि पिछले महीने ही वह दिल्ली के एक जाने माने क्लब में परफॉर्म करने पहुंचे थे. लेकिन वहां मौजूद पार्टी लवर्स के तेवर देखकर यह साफ था कि वे बॉबी की परफॉर्मेंस से बेहद खफा थे.
खबरों की मानें तो परफॉर्मेंस की शुरुआत
बॉबी देओल
ने अपनी फिल्म 'गुप्त' के गानों से की और
पार्टी
खत्म होने तक बॉबी अपनी इस फिल्म के ट्रैक ही बजाते रहे. बॉबी की परफॉर्मेंस के चलते सारी टिकटें बिक चुकीं थी और लोगों ने यह टिकटें 2500 रुपये से लेकर 4,000 रुपये तक की खरीदीं. लेकिन बॉबी के इस शो से नाखुश और बेहद गुस्साए लोगों ने क्लब के मैनेजर से उनके पैसे वापिस देने की मांग की. जब लोग मैनेजर से टिकट के पैसों का रिफंड मांग रहे थे तब तक बॉबी वेन्यू छोड़कर जा चुके थे.
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यह लेख है: समाचारपत्र ने एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले कहा, "विमान हवा में थे, और पोत अपनी पोज़ीशन पर मौजूद थे, लेकिन कोई मिसाइल नहीं दागी गई, जब तक शांत रहने का आदेश पहुंचा..."
समाचारपत्र ने कहा कि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि ईरान पर हमले अब भी किए जा सकते हैं या नहीं. यह भी जानकारी नहीं मिल पाई है कि हमले रोक देने का फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति का इरादा बदलने की वजह से किया गया था या प्रशासन की लॉजिस्टिक्स या रणनीति संबंधी चिंताओं की वजह से.
इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा था कि ईरान ने अमेरिकी ड्रोन को गिराकर 'बड़ी गलती' की है. अमेरिका और ईरान दोनों ने स्वीकार किया था कि ईरानी सुरक्षाबलों ने अमेरिकी सैन्य निगरानी ड्रोन को मार गिराया है, लेकिन दोनों ने इस बारे में अलग-अलग जानकारी दी थी. ट्रंप ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ मीडिया को संयुक्त रूप से संबोधित करते हुए कहा, "यह ड्रोन स्पष्ट रूप से अंतरराष्ट्रीय सीमा पर था... हमारे पास यह सभी तथ्यों के साथ दर्ज है, और हम सिर्फ बातें नहीं बना रहे हैं... ईरान ने बड़ी गलती की है..."
जब उनसे पूछा गया कि वह ईरान की कथित कार्रवाई का क्या जवाब देंगे, तो उन्होंने कहा था, "आपको इसकी जानकारी होगी..." एक सवाल का जवाब देते हुए ट्रंप ने इससे इंकार किया था कि उनके सलाहकार उन्हें ईरान के साथ युद्ध की तरफ धकेल रहे हैं.
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सिंगूर जमीन मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट से ममता बनर्जी को बुधवार को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने टाटा को दी गई जमीन वापस लिए जाने को सही ठहराया है। कोर्ट ने सिंगूर जमीन एक्ट को संवैधानिक और वैध बताया है। राज्य में सरकार बनने के तुरंत बाद ममता बनर्जी ने एक नया बिल पास कर टाटा कंपनी की करीब एक हजार एकड़ जमीन को अपने कब्जे में ले लिया था। टाटा ने इसके विरोध में कलकत्ता हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसके बाद कोर्ट ने इस जमीन के अधिग्रहण पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी।
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जानबूझकर, किन्तु आत्महत्या के इच्छा से नहीं, अपने शरीर को क्षति पहुँचाना आत्मक्षति (Self-harm (SH) या deliberate self-harm (DSH)) कहलाता है। इसके अन्तर्गत अपने-आप को चोट पहुंचाना, स्वयं को विष देना भी सम्मिलित हैं। 'त्वचा को काटना' इसका सबसे सामान्य रूप है। इसके अलावा जलना, खरोंचना, शरीर के अंगों पर प्रहार करना, बाल-खींचना, तथा विषैले पदार्थ निगलना आदि भी आत्मक्षति के अन्तर्गत आते हैं।
बाहरी कड़ियाँ
अत्मक्षति
Information about self-harm from the Royal College of Psychiatrists
shtml Men Who Self Harm BBC Radio 4 item discussing Self-Harm.
Understanding self-harm from Mind: A mental health charity in England and Wales
Youth & Self Injury Information from the Canadian Mental Health Association
असामान्य मनोविज्ञान
मानसिक स्वास्थ्य
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अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को यह खबर सुनकर निराशा हो सकती है. देश के सिर्फ 49 फीसदी लोगों का ही मानना है कि ओबामा बतौर राष्ट्रपति अपने काम को सही ढंग से कर रहे हैं. जनवरी में ओबामा के पद संभालने के बाद से पहली बार उनकी लोकप्रियता इतनी गिरी है.
गैलप डेली द्वारा हाल ही में किए सर्वेक्षण के परिणाम शुक्रवार को जारी हुए. इसमें कहा गया है कि सिर्फ 49 फीसदी अमेरिकी ओबामा के राष्ट्रपति के तौर पर किए जाने वाले कार्यों को अपनी अनुमति देते हैं. गैलप ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति में सुधार पर पिछले दिनों से चल रही बहस और आर्थिक संकट के कारण संभवत: उनकी लोकप्रियता में इतनी गिरावट आई है.
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के राष्ट्रपतियों में ओबामा ऐसे चौथे राष्ट्रपति हैं, जिनकी लोकप्रियता में इतनी जल्दी गिरावट आई है. गेराल्ड फोर्ड की लोकप्रियता में गिरावट उनके कार्यकाल संभालने के बाद तीसरे महीने में आई थी, जबकि बिल क्लिंटन की चौथे महीने में. रोनाल्ड रीगन की लोकप्रियता भी कार्यकाल संभालने के बाद 10वें महीने की शुरूआत में ही गिर गई थी.
सायराक्यूज विश्वविद्यालय के राजनीतिक मामलों के विशेषज्ञ जेफरी स्टोनकैश ने कहा ‘‘मैं इस गिरावट से आश्चर्यचकित नहीं हूं क्योंकि मुझे लगता है कि उनसे जो आशाएं थीं, वह व्यवहारिक नहीं थीं.
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अमेरिका के दो शीर्ष सीनेटरों ने कहा है कि अगर अमेरिका और यूरोप पर हुए किसी भी आतंकी हमले के तार पाकिस्तान से जुड़े मिलते हैं तो पाकिस्तान को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.
इन सीनेटरों ने यह भी सवाल उठाया कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में स्थित तालिबानियों खासकर हक्कानी समूह के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई नहीं कर रहा है. डेमोकेट्रिक पार्टी के सीनेटर कार्ल लेविन और जैक रीड ने अपने हालिया पाकिस्तान और अफगानिस्तान के दौरे के बाद यह मांग की कि पाकिस्तान में सक्रिय हक्कानी समूह को भी वैश्विक आतंकवादी समूह घोषित किया जाना चाहिए.
सीनेटर रीड ने कहा कि इस समूह के लड़ाके लगातार सीमापार कर अफगानिस्तान में घुसते हैं और अमेरिकी और अफगानी सुरक्षा बलों को अपना निशाना बनाते हैं. इसलिए पाकिस्तान की सरकार को इन्हें रोकने के लिए व्यापक उपाय करने पड़ेंगे. पाकिस्तान को यह भी स्वीकार करना चाहिए की अमेरिका और यूरोपीय देशों में हुए किसी भी तरह के आतंकी हमले के तार यदि पाकिस्तान से जुड़ते हैं तो इसके गंभीर परिणाम होंगे.
गौरतलब है कि अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने भी कुछ महीनों पहले ऐसा ही बयान दिया था जिसमें पाकिस्तान को चेतावनी दी गई थी. वहीं सीनेटर लेविन ने कहा कि वैसे समूह जो वैश्विक आतंकी समूह में शामिल नहीं हैं उनके लिए किसी तरह की बहानेबाजी नहीं चलेगी. ये समूह पाकिस्तान को एक सुरक्षित पनाहगार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. तालिबान और हक्कानी समूह को अब इस श्रेणी में जरूर शामिल करना चाहिए.
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कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT 2018) में इस बार टॉप की तीन रैंक पाने वाले छात्र एक ही इंस्टीट्यूट के हैं. दिलचस्प बात ये है कि तीनों ही जिगरी दोस्त हैं. तीनों साथ में पढ़ाई करते थे. एक-दूसरे से नोट्स शेयर करते थे.
आइए जानते हैं तीनों दोस्तों के बारे में...
क्लैट में जयपुर के अमन गर्ग ने दो सौ में से 159 मार्क्स हासिल कर पहला स्थान, देवांश कौशिक ने 157.5 मार्क्स लेकर दूसरा और अनमोल गुप्ता ने 157.5 मार्क्स लेकर तीसरा स्थान हासिल किया है. तीनों ने बताया वह अपनी सफलता से बेहद खुश हैं. उन्होंने कहा कि हम अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और टीचर्स को देते हैं, जिन्होंने हमें काफी सपोर्ट किया. जयपुर के रहने वाले इन तीनों दोस्तों ने एक ही इंस्टीट्यूट से पढ़ाई की है.
CLAT 2018: परीक्षा के नतीजे घोषित, ऐसे करें चेक
10वीं के बाद से ही की तैयारी
क्लैट में पहला स्थान हासिल करने वाले अमन गर्ग ने बताया 'तैयारी के दौरान मैंने खुद को सोशल मीडिया से दूर नहीं रखा'. उन्होंने कहा मैं घंटों तक पढ़ाई करने में विश्वास नहीं रखता. आप जितने भी घंटे पढ़ाई करें उसमें फोकस बनाएं रखें. बता दें, अमन ने 10वीं कक्षा के बाद क्लैट की तैयारी शुरू कर दी थी.
दूसरा स्थान हासिल करने वाले देवांश कौशिक ने बताया 'मैं जब 11वीं कक्षा में था, तभी से ही क्लैट की तैयारी शुरू कर दी थी. मैं हमेशा 8 से 10 घंटे पढ़ाई करता था.
तीसरा स्थान हासिल करने वाले अनमोल गुप्ता ने बताया कि डिबेट करने में मेरी रुचि है. इसी वजह से मैंने लॉ करने के बारे में सोचा. अनमोल ने बताया कि मैंने पूरे साल जी-तोड़ मेहनत से तैयारी की है. आज ये उसी मेहनत का नतीजा है. अनमोल के पिता बिजनेसमैन और मां वास्तु विशेषज्ञ हैं.
ऐसे करते थे पढ़ाई
देवांश ने बताया हम तीनों ने एक ही इंस्टीट्यूट से पढ़ाई की है. इसका हमें काफी फायदा मिला. हम आपस में नोट्स शेयर करते थे. साथ ही एक-दूसरे से पढ़ाई संबंधी जानकारी शेयर करते थे. एक-दूसरे की समस्या को समझने के बाद उसका हल निकालते थे. देवांश ने बताया अब हमारा लक्ष्य बेंगलुरु की नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने का है.
CLAT 2018: जानें- कितना मुश्किल था पेपर?
आपको बता दें, तीनों दोस्त बेहद खुश हैं. तीनों ने कहा कि हमें हमेशा से ही अपनी दोस्ती पर पूरा भरोसा था. हमने साथ में काफी मस्ती भी की है और पढ़ाई भी. अनमोल गुप्ता ने बताया हम तीनों दोस्तों के बीच हमेशा से ही हेल्दी कॉम्पिटिशन रहा है.
जानें कब हुई थी CLAT 2018 की परीक्षा
नेशनल यूनिवर्सिटी आफ एडवान्स्ड लीगल स्टडीज ने निजी फर्म मेसर्स सिफी टेक्नोलॉजीस लिमिटेड के सहयोग से 13 मई को क्लैट की परीक्षा आयोजित की थी. देश भर में करीब 54000 उम्मीदवारों ने 19 नेशनल लॉ कॉलेज में ग्रेजुएट और पोस्ट-ग्रेजुएट कोर्सेज में एडमिशन के लिए क्लैट की परीक्षा दी थी.
ऐसे देख सकते हैं रिजल्ट
अपना रिजल्ट देखने के लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें..
- सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट clat.ac.in पर जाएं.
- उसके बाद information पर क्लिक करें.
- उसके बाद एक पेज खुलेगा, जहां रिजल्ट का लिंक होगा.
- उसमें मांगी गई जानकारी भरें और अपना रिजल्ट चेक कर लें.
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हलमिडी (Halmidi) भारत के कर्नाटक राज्य के हासन ज़िले में स्थित एक गाँव है। इसका मूल नाम हनुमिडी और पलमिडी (Palmidi and Hanumidi) था, लेकिन ग्रामवासियों ने इसे हलमिडी बुलाने का निर्णय लिया। जनगण्ना जैसे आधिकारिक दस्तावेज़ों में इसका नाम अक्सर हनुमिडी लिखा पाया जाता है। यहाँ 450 ईसवी काल के कन्नड़ भाषा के पुराने रूप (आदि-कन्नड़ या प्रोटो-कन्नड़) के शिलालेख मिले हैं, जिनमें तमिल भाषा से मिलते-जुलते लक्षण पाए गए हैं।
इन्हें भी देखें
हासन ज़िला
सन्दर्भ
हासन ज़िला
कर्नाटक के गाँव
हासन ज़िले के गाँव
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भारत सरकार का अंतरिक्ष विभाग मुहैया कराता है इसरो को फंड
अमेरिकी संसद ने कानून बनाकर किया था नासा का गठन
दुनिया को मिशन चंद्रयान-2 से हैरान करने वाले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का सफर 15 अगस्त 1969 से शुरू हुआ था. 50 साल में इसरो ने कई ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किए. मिशन चंद्रयान-2 के बाद से इसरो को लेकर कई जिज्ञासाएं बढ़ गई हैं. क्या आप जानते हैं कि इसरो की स्थापना किस कानून के तहत की गई, इसरो को अपने अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए फंड कहां से मिलता है और इसरो पर सरकार कैसे नियंत्रण रखती है?
अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा की तरह इसरो का गठन संसद में कानून बनाकर नहीं किया गया है. अमेरिकी संसद ने नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एक्ट के तहत नासा की स्थापना की थी, जबकि इसरो का गठन डॉ. विक्रम साराभाई ने किया था. हालांकि बाद में जून 1972 में भारत सरकार ने अंतरिक्ष आयोग का गठन कर अंतरिक्ष विभाग की स्थापना की थी. इसके बाद इसरो को अंतरिक्ष विभाग के अंतर्गत लाया था. यह विभाग सीधे प्रधानमंत्री के अधीन काम करता है. इसके लिए अलग से कोई मंत्रालय भी नहीं है.
इस संबंध में लॉ प्रोफेसर डॉ राजेश दुबे का कहना है कि इसरो को लेकर भले की संसद से कोई अधिनियम पारित न किया गया, लेकिन यह सीधे तौर पर प्रधानमंत्री के नियंत्रण में होता है. पीएम के अधीन काम करने वाला अंतरिक्ष विभाग ही स्पेस प्रोग्राम के लिए इसरो को फंड मुहैया कराता है. साल 2017-18 में इसरो के लिए करीब 10 हजार करोड़ रुपये (9093 करोड़ 71 लाख रुपये) का फंड जारी किया गया था. हर साल इसके फंड में इजाफा किया जाता है.
इसके साथ ही डॉ राजेश दुबे यह भी स्वीकारते हैं कि अगर इसरो के लिए संसद में कानून बनाया जाता है, तो इससे स्पेस प्रोग्राम को भविष्य में तेजी से बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है.
अंतरिक्ष विभाग करता है इसरो की देखरेख
इसरो दुनिया की टॉप फाइव स्पेस एजेंसियों में शुमार है, जिसकी देखरेख अंतरिक्ष विभाग करता है. अंतरिक्ष आयोग का गठन कर अंतरिक्ष विभाग की स्थापना की गई थी. अंतरिक्ष आयोग में चेयरमैन समेत कुल 10 सदस्य हैं, जिसमें अंतरिक्ष विभाग के सचिव इसके चेयरमैन होते हैं. वर्तमान में इसरो के चीफ डॉ के सिवन अंतरिक्ष विभाग के सचिव और अंतरिक्ष आयोग के चेयरमैन हैं.
इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट के सचिव, विदेश सचिव, व्यय विभाग के सचिव, भारत सरकार के सचिव समेत अन्य शामिल होते हैं. अंतरिक्ष विभाग का कार्यालय बेंगलुरु स्थित इसरो मुख्यालय में ही है.
मनमोहन सरकार ने दी थी मिशन चंद्रयान-2 को मंजूरी
मिशन चंद्रयान-2 की मंजूरी 18 सितंबर साल 2008 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दी थी. चंद्रयान-2 को 22 जुलाई 2019 को लॉन्च किया गया था. चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर को सात सितंबर 2019 को चांद पर लैंड करना था, लेकिन लैंडिंग से ठीक पहले इसका इसरो से संपर्क टूट गया था. फिलहाल इसरो विक्रम लैंडर से संपर्क करने की कोशिश कर रहा है. इसरो ने अपने मिशन चंद्रयान-2 को 95 फीसदी तक सफल बताया है. इसरो के ऐतिहासिक मिशन चंद्रयान-2 की दुनिया की टॉप स्पेस एजेंसी नासा और यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने भी सराहना की है.
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फिनलैंड की कंपनी एचएमडी ग्लोबल आज नोकिया का का फ्लैगशिप स्मार्टफोन लॉन्च करेगी. Nokia 8 को लंदन में शाम के 7.30 बजे लॉन्च किया जाएगा. यह इवेंट भारतीय समयानुसार देर रात के 12 बजे से शुरू होगा.
इसे लाइव स्ट्रीम किया जाएगा यानी आप घर बैठे इव इवेंट को देख सकते हैं. हालांकि कंपनी ने अभी तक लाइव स्ट्रीम का लिंक शेयर नहीं किया है. लॉन्च से पहले कई लीक सामने आए हैं जिनमें स्पेसिफिकेशन्स से लेकर डिजाइन तक शामिल हैं. सबसे खास ये है कि इस स्मार्टफोन के लिए नोकिया ने Carl Zeiss के साथ पार्टनर्शिप की है.
एक समय में नोकिया की खासियत Carl Zeiss लेंस होता था और इससे बेहतर मोबाइल कैमरा कोई दूसरा नहीं था. लेकिन अब सवाल है कि क्या यह स्मार्टफोन दूसरे डिवाइस को कैमरे में टक्कर दे पाएगा.
हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि Nokia 8 नहीं बल्कि Nokia 9 में Carl Zeiss लेंस दिया जाएगा.
हाल ही में बेंचमार्क वेबसाइट गीकबेंच पर इसके तमाम
कथित स्पेसिफिकेशन्स देखे गए थे
. इस डीटेल्स के मुताबिक इसमें Andodi 8.0 दिया गया है. हालांकि इस स्मार्टफोन की कथित तस्वीरों में इसमें एंड्रॉयड 7.1 देखा गया है. ऐसा मुमकिन है कि इसमे Android 7.1.1 Nougat दिया जाए और बाद में इसमें Android O का अपडेट दिया जाए. क्योंकि फिलहाल एंड्रॉयड ओ का फाइनल बिल्ड अभी नहीं आया है.
एचमडी ग्लोबल ने यह साफ किया है कि लेटेस्ट सॉफ्टवेयर और पैच नोकिया के सभी एंड्रॉयड स्मार्टफोन में मिलेगा.
रिपोर्ट्स के मुताबिक Nokia 8 में 5.7 इंच की 2K डिस्प्ले दी जा सकती है. इसके
अलावा इसमें क्वॉल्कॉम
का लेटेस्ट स्नैपड्रैगन 835 प्रोसेसर होगा. साथ ही इसमें 4GB रैम के साथ 64GB की इंटरनल मेमोरी दी जा सकती है. फोटोग्राफी के लिए इसमें 13 मेगापिक्सल का रियर कैमरा और 8 मेगापिक्सल का सेल्फी कैमरा दिया जाएगा. इसकी संभावित कीमत 44 हजार रुपये है.
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बगदाद, समरकंद, उर्जेनच, कीव, व्लादिमीर के साथ अन्य आक्रमणों के कारण लोगों की सामूहिक हत्याएँ हुईं, जैसे कि जब दक्षिणी खुज़ेस्तान के एक हिस्से को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया था। उनके वंशज हुलगु खान ने ईरान के उत्तरी भाग का काफी हिस्सा नष्ट कर दिया और बगदाद को लूट लिया था, हालांकि उनकी सेनाओं को मिस्र के ममलुकों ने रोक दिया था, लेकिन हुलगु का वंशज गज़ान खान मिस्र के ममलुकों को लेवंत, फिलिस्तीन और यहां तक कि गाजा से हराकर बाहर करने वापस आया। फारसी इतिहासकार रशीद-अल-दीन हमदानी के कार्यों के अनुसार, मंगोलों ने मर्व में 70,000 से अधिक लोगों और निशापुर में 190,000 से अधिक लोगों को मार डाला। 1237 में चंगेज खान के पोते बाटू खान ने कीवन रस में आक्रमण शुरू किया। तीन वर्षों के दौरान, मंगोलों ने नोवगरोद और प्सकोव के अपवादों के अलावा पूर्वी यूरोप के सभी प्रमुख शहरों को नष्ट और विलोपित कर दिया।
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पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल है, जिसमें लिखा गया है कि “ममता के अनशन में 22 दलों के नेता पहुंचे थे, शहीद सैनिकों की श्रद्धांजलि में गठबंधन का कोई नेता नहीं आया, वोट वाले दिन याद रखना.” इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी पड़ताल में पाया कि ये दावा पूरी तरह गलत है.
फेसबुक के अलग-अलग पेजों पर ये दावा किया गया है कि पुलवामा के शहीदों के अंतिम दर्शन करने और उन्हें श्रद्धाजंलि देने विपक्ष का कोई भी नेता नहीं पहुंचा.
इस पोस्ट का फेसबुक लिंक यहां देखें..
इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्ज़न यहां देखा जा सकता है...
इस फेसबुक पोस्ट को अबतक 17 हज़ार से ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने इस पोस्ट की जब पड़ताल की दोनों ही बातें फर्जी निकलीं. पोस्ट के पहले हिस्से में कहा गया कि ममता के अनशन में 22 दलों के नेता पहुंचे थे. सीबीआई के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तीन फरवरी की रात को धरने पर बैठी थीं. ममता का धरना पांच फरवरी को खत्म हो गया और तब तक उनके समर्थन में 22 नहीं बल्कि सिर्फ 4 नेता कोलकाता पहुंचे थे. समाजवादी पार्टी की ओर से किरणमय नंदा, आरजेडी से
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव
, एआईएडीएमके की ओर से सांसद कनिमोझी और
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू
ममता का साथ देने आए थे.
अनशन के दौरान ममता ने दावा जरूर किया था कि महागठबंधन की सभी पार्टियों का उन्हें समर्थन है लेकिन सभी पार्टी के नेता उनके अनशन स्थल पर पहुंचे नहीं थे. पोस्ट के दूसरे हिस्से में कहा गया था कि विपक्ष का कोई भी नेता पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचा. ये दावा भी बिल्कुल बेबुनियादी है.
पुलवामा आतंकी हमले में बिहार के शहीद जवान रतन कुमार ठाकुर और संजय कुमार सिन्हा को तेजस्वी यादव ने श्रद्धांजलि दी. खुद तेजस्वी यादव ने अपने ऑफिशियल फेसबुक पेज पर इसकी जानकारी और तस्वीर साझा की थी जिसे आप नीचे देख सकते हैं.
तो वहीं सोलह तारीख को पुलवामा के आतंकी हमले में मारे गए शहीदों की याद में ममता बनर्जी ने कैंडल मार्च निकाला जिसकी तस्वीरें उनकी पार्टी ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के आधिकारिक पेज पर शेयर भी किया गया.
वहीं महागठबंधन के तीसरे बड़े नेता चंद्रबाबू नायडू ने भी आंध्र के शहीद जवानों को नमन किया. आंध्र सरकार ने शहीदों के परिवारों को पांच लाख रुपये की सहायता राशि भी दी. इसकी तस्वीरें खुद उनकी पार्टी टीडीपी के आधिकारिक पेज पर शेयर की गईं.
वहीं अगर यूपी की बात करें तो समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भी यूपी के कन्नौज में शहीद प्रदीप सिंह यादव के घर जाकर उनके परिवार से मिलकर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए थे. इसकी जानकारी भी उन्होंने खुद अपने आधिकारिक पेज पर दिया था.
इन तस्वीरों ने साफ कर दिया है कि फेसबुक पर वायरल ये पोस्ट पूरी तरह झूठ पर आधारित है.
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अपने आगे के करियर प्लान के बारे में रक्षा गोपाल ने बताया कि उन्हें पॉलिटिकल साइंस पढ़ने में काफी पसंद है. वह ग्रेजुएशन में पॉलिटिकल साइंस में ऑनर्स करेंगी. इसके बाद वह यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करेंगी. हालांकि उन्होंने दोहराया कि फिलहाल उनका पूरा फोकस ऑनर्स की पढ़ाई पर है. ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद ही वह यूपीएससी पर ध्यान केंद्रित करेंगी.टिप्पणियां
मालूम हो कि रविवार को घोषित हुए सीबीएसई 12वीं के नतीजे में कुल पास प्रतिशत 82 प्रतिशत रहा जो कि पिछले साल से एक प्रतिशत कम है. टॉपर रक्षा गोपाल को अंग्रेजी, पॉलिटिकल साइंस और इकोनॉमिक्स में 100 प्रतिशत अंक मिले हैं जबकि इतिहास और साइकोलॉजी में 99 प्रतिशत अंक मिले. इन्हें सभी सब्जेक्ट में ए1 ग्रेड मिला है.
CBSE टॉपर में दूसरे स्थान पर चंडीगढ़ की भूमि सांवत रहीं. उन्होंने 99.4 फीसदी अंक पाकर साइंस में टॉप किया है. वहीं थर्ड टॉपर आदित्य जैन हैं इन्होंने कॉमर्स में 99.2 फीसदी अंक पाए हैं. आदित्य के साथ ही भावनावास से ही मन्नत लूथरा भी कामर्स में 99.2 फीसदी अंक हासिल कर थर्ड टॉपर रहे.
मालूम हो कि रविवार को घोषित हुए सीबीएसई 12वीं के नतीजे में कुल पास प्रतिशत 82 प्रतिशत रहा जो कि पिछले साल से एक प्रतिशत कम है. टॉपर रक्षा गोपाल को अंग्रेजी, पॉलिटिकल साइंस और इकोनॉमिक्स में 100 प्रतिशत अंक मिले हैं जबकि इतिहास और साइकोलॉजी में 99 प्रतिशत अंक मिले. इन्हें सभी सब्जेक्ट में ए1 ग्रेड मिला है.
CBSE टॉपर में दूसरे स्थान पर चंडीगढ़ की भूमि सांवत रहीं. उन्होंने 99.4 फीसदी अंक पाकर साइंस में टॉप किया है. वहीं थर्ड टॉपर आदित्य जैन हैं इन्होंने कॉमर्स में 99.2 फीसदी अंक पाए हैं. आदित्य के साथ ही भावनावास से ही मन्नत लूथरा भी कामर्स में 99.2 फीसदी अंक हासिल कर थर्ड टॉपर रहे.
CBSE टॉपर में दूसरे स्थान पर चंडीगढ़ की भूमि सांवत रहीं. उन्होंने 99.4 फीसदी अंक पाकर साइंस में टॉप किया है. वहीं थर्ड टॉपर आदित्य जैन हैं इन्होंने कॉमर्स में 99.2 फीसदी अंक पाए हैं. आदित्य के साथ ही भावनावास से ही मन्नत लूथरा भी कामर्स में 99.2 फीसदी अंक हासिल कर थर्ड टॉपर रहे.
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अहमदाबाद के एक निजी स्कूल पर आरोप है कि उसने पांच साल की एक बच्ची के एडमिशन से इसलिए इनकार कर दिया
क्योंकि वह मुस्लिम है
. बच्ची की मां ने जिला शिक्षा अधिकारियों से गुरुवार को शिकायत की.
अपनी शिकायत में जहीरा मोमिन ने आरोप लगाया है कि आरएच कपाड़िया न्यू हाई स्कूल ने मुस्लिंम होने की वजह से उनकी बच्ची का एडमिशन लेने से मना कर दिया. प्रशासन ने शुक्रवार को मामले की जांच के आदेश दे दिए.
अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' में छपी खबर के मुताबिक, स्कूल ने मिड-टर्म एडमिशन का विज्ञापन छपवाया था, जिसे देखकर बुधवार को जहीरा स्कूल गई थीं. उन्होंने बताया कि वह स्कूल के इनचार्ज से भी मिलीं और एडमिशन की प्रक्रिया और फीस के बारे में जानकारी ली. जहीरा ने बताया, 'मुझे अगले दिन बेटी को लेकर आने के लिए कहा गया.'
जहीरा के मुताबिक, 'एडमिशन फॉर्म खरीदते समय इनचार्ज ने मुझसे बच्ची का नाम पूछा. फिर बच्ची के पिता का नाम, उनका सरनेम और पता पूछने के बाद वह अचानक रुक गईं और सीधे कह दिया कि उनके स्कूल में
मुसलमानों के लिए जगह
नहीं है.' जाहिदा ने अपनी शिकायत में लिखवाया है कि स्कूल इनचार्ज महिला ने इसे 'स्कूल की नीति' बताया था.
काफी कोशिशों के बाद भी स्कूल प्रशासन से संपर्क नहीं हो सका. अहमदाबाद के जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा है कि शिकायत सही पाए जाने पर स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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नाइजीरिया में बोको हरम आतंकवादी संगठन के कथित बंदूकधारियों ने 42 लोगों की हत्या कर दी है। मरने वालों में ज्यादातर छात्र हैं।
एक मेडिकल कार्यकर्ता और इलाके के बाशिंदों ने बताया कि अशांत योबे प्रांत में बीती रात एक माध्यमिक स्कूल पर यह हमला हआ।टिप्पणियां
पोतीस्कुम जनरल हॉस्पिटल के हलीरू अलीयु ने बताया कि प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हमलावरों ने स्कूल के छात्रों और कर्मचारियों को घेर लिया। उन्होंने स्कूल परिसर के अंदर विस्फोटक फेंके और गोलीबारी की।
अलीयु ने एएफपी को बताया कि उन्हें बीती रात मामुदो स्थित सरकारी माध्यमिक स्कूल छात्रों और अन्य कर्मचारियों के 42 शव प्राप्त हुए हैं। उनमें से कुछ शव पर गोली के घाव हैं जबकि कई शव झुलसे हुए हैं।
एक मेडिकल कार्यकर्ता और इलाके के बाशिंदों ने बताया कि अशांत योबे प्रांत में बीती रात एक माध्यमिक स्कूल पर यह हमला हआ।टिप्पणियां
पोतीस्कुम जनरल हॉस्पिटल के हलीरू अलीयु ने बताया कि प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हमलावरों ने स्कूल के छात्रों और कर्मचारियों को घेर लिया। उन्होंने स्कूल परिसर के अंदर विस्फोटक फेंके और गोलीबारी की।
अलीयु ने एएफपी को बताया कि उन्हें बीती रात मामुदो स्थित सरकारी माध्यमिक स्कूल छात्रों और अन्य कर्मचारियों के 42 शव प्राप्त हुए हैं। उनमें से कुछ शव पर गोली के घाव हैं जबकि कई शव झुलसे हुए हैं।
पोतीस्कुम जनरल हॉस्पिटल के हलीरू अलीयु ने बताया कि प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हमलावरों ने स्कूल के छात्रों और कर्मचारियों को घेर लिया। उन्होंने स्कूल परिसर के अंदर विस्फोटक फेंके और गोलीबारी की।
अलीयु ने एएफपी को बताया कि उन्हें बीती रात मामुदो स्थित सरकारी माध्यमिक स्कूल छात्रों और अन्य कर्मचारियों के 42 शव प्राप्त हुए हैं। उनमें से कुछ शव पर गोली के घाव हैं जबकि कई शव झुलसे हुए हैं।
अलीयु ने एएफपी को बताया कि उन्हें बीती रात मामुदो स्थित सरकारी माध्यमिक स्कूल छात्रों और अन्य कर्मचारियों के 42 शव प्राप्त हुए हैं। उनमें से कुछ शव पर गोली के घाव हैं जबकि कई शव झुलसे हुए हैं।
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रादौर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हरियाणा हरियाणा के यमुनानगर जिले में स्थित एक विधान सभा क्षेत्र है। यह कुरुक्षेत्र लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र के अन्तर्गत आता है।
विधायक
इस क्षेत्र के वर्तमान विधायक बिशन लाल सैनी हैं।
|-2014 || श्याम सिंह राणा।
|-2009 || बिशन लाल सैनी
| 2005 || ईश्वर पलाका
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| 2000|| बंता राम बाल्मीकि
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| 1996|| बंता राम बाल्मीकि
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| 1991|| लहरी सिंह
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| 1987|| रत्न लाल कटारिया
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| 1982|| मास्टर राम सिंह
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| 1977|| लहरी सिंह
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| 1972|| चौधरी चांद राम
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| 1968|| चौधरी चांद राम
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| 1967|| चौधरी चांद राम
सन्दर्भ
ये भी देखें
कुरुक्षेत्र लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र
हरियाणा के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र
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प्राचीन काल से चले आ रहे यहूदी त्योहार इजराइल में बड़े पैमाने पर और विभिन्न तरह से मनाए जाते हैं। ये त्योहार वहां के पारंपरिक और गैर-पारंपरिक रीति-रिवाजों में परिलक्षित होते हैं और राष्ट्रीय जीवन के विविध पहलुओं पर अपनी गहरी छाप छोड़ते हैं। यहूदी त्योहार वे मील के पत्थर हैं, जिनसे इजराइली लोग अपने गुजरे हुए वर्षों को गिनते हैं। ये त्योहार बहुत हद तक रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा होते हैं : गली-मुहल्लों से लेकर स्कूलों, सिनेगॉग (प्रार्थना गृह) और देश भर के घरों तक में।
शबात
यह इजराइल में साप्ताहिक विश्राम का दिन है, जो शनिवार को मनाया जाता है। इस दिन इजराइली पूरा वक्त परिवार और दोस्तों के बीच गुजारते हैं। सार्वजनिक यातायात और कारोबार बंद रहते हैं। जरूरी सेवाएं नाम मात्र के स्टाफ पर निर्भर रहती हैं। ज्यादा से ज्यादा सैनिकों को छुट्टी दे दी जाती है। दूसरे धर्मों के ज्यादातर लोग साप्ताहिक छुट्टी का लुत्फ समुद्र तटों, मनोरंजन की जगहों और घर के बाहर अन्य कार्यक्रमों के जरिए उठाते हैं। यहूदी श्रद्धालु इस दिन कई घंटे उत्सव संबंधी खानपान और सिनेगॉग सर्विस में बिताते हैं। वे इस दिन यात्रा करने से बचते हैं और बिजली के उपकरणों का इस्तेमाल नहीं करते।
रोश हशाना
यह यहूदी नववर्ष को चिह्नित करता है। इसकी उत्पत्ति बाइबल (लेव 23ः23-25) से जुड़ी है : एक पवित्र अवसर जो जोरदार धमाकों के साथ मनाया जाता है। रोश हशाना शब्द रैबिनिकल है, जिसका जिक्र साल की शुरुआत के रूप में आता है। इस त्योहार के प्रसंग हैं : प्रायश्चित, दैवीय फैसले के दिन की तैयारी और लाभदायक साल के लिए प्रार्थना। यह दो दिवसीय त्योहार यहूदी कैलंडर में 1-2 तिशरी को मनाया जाता है, जो अंग्रेजी कैलंडर के मुताबिक आमतौर पर सितंबर में पड़ता है। सभी यहूदी त्योहारों की तरह यह भी पिछली शाम से शुरू हो जाता है। रोश हशाना की मुख्य रस्मों में लंबे समय तक चलने वाली एक सिनेगॉग सर्विस के बीच शोफर (बिगुल जैसा वाद्ययंत्र) बजाना और नए साल की खुशी में घरों में तरह-तरह के पकवान बनाना शामिल है। कई मायनों में इजराइल नया साल रोश हशाना से शुरू होता है। सरकारी प्रपत्रों, अखबारों और प्रसारणों में सबसे पहले यहूदी तारीख का जिक्र होता है।
योम किपूर
रोश हशाना के आठ दिन बाद आने वाला योम किपूर प्रायश्चित, दैवी फैसले और आत्माओं के कष्ट (लेव. 23ः26ः32) का दिन होता है, ताकि व्यक्तियों के पाप धोए जा सकें। यह उपवास का एक मात्र दिन है, जिसका निर्देश बाइबल में है। यह अपने बुरे कर्मों को गिनने और अपनी खामियों पर विचार करने का दिन होता है। एक यहूदी से इस दिन अपेक्षा की जाती है कि वह आदमी और ईश्वर के बीच के पापों को क्षमा करने के लिए प्रार्थना करे और अपने साथियों के प्रति किए गए गलत कामों को सुधारे। योम किपूर की प्रमुख रस्मों - लंबी भक्ति सेवाएं और 25 घंटे का उपवास- का पालन अन्य धर्मों के लोग भी करते हैं। लोकप्रियता के लिहाज से यह सबसे बड़ा त्योहार है। इस दिन देश 25 घंटों के लिए पूरी तरह से ठहर जाता है। मनोरंजन के स्थान बंद रहते हैं। टीवी और रेडियो का प्रसारण नहीं होता, खबरों तक का नहीं। सार्वजनिक यातायात स्थगित रहता है। यहां तक की सड़कें भी पूरी तरह बंद हो जाती हैं। 1973 के युद्ध की स्मृति के कारण इजराइल में योम किपूर के खास मायने भी हैं। इसी दिन मिस्र और सीरिया ने इजराइल पर अचानक हमला बोल दिया था।
सुकौत
बाइबल (लेव 23:24) में इसका वर्णन फीस्ट ऑफ टैबरनेकल्स के रूप में किया गया है। यह योम किपूर के पांच दिन बाद आता है। सुकौत उन तीन त्योहारों में से है, जो (70 सीई तक) यरुशलम के टेंपल की सामूहिक तीर्थयात्रा के साथमनाए जाते थे और इसीलिए जिन्हें अब तीर्थ त्यौहार के तौर पर जाना जाता है। यहूदी सुकौत को मिस्र से पलायन या एक्सॉडस (13वीं सदी बीसीई) की स्मृति में मनाते हैं और अच्छी फसल के लिए शुक्रिया अदा करते हैं। कुछ समुदायों में यह चैग हासिफ (फसल पर्व) के रूप में भी मनाया जाता है, जहां दूसरी फसल की कटाई, शरद फलों का भंडारण, खेती के सीजन की शुरुआत और पहली बारिश- इस त्योहार के प्रसंग होते हैं।
योम किपूर और सुकौत के बीच के पांच दिनों में हजारों गृहस्थ और कारोबारी अपने यहां सुकोत (अस्थायी तौर पर रहने के लिए बनाया गया बूथ) खड़ा करते हैं। ये उन रेगिस्तानी बूथों के प्रतीक होते हैं, जिनमें मिस्र से पलायन के बाद इजराइली रहते थे। इनमें खजूर के पत्ते, नींबू, मेंहदी और विलो की शाखाएं सजाई जाती हैं, जिनसे प्रार्थना की रस्में भी अदा की जाती हैं। देश भर में - पार्किंग की जगहों, बालकनी, छतों, गलियारों और सार्वजनिक स्थलों पर - हर जगह सुकोत नजर आते हैं। कोई ऐसा सैन्य अड्डा नहीं होता, जहां सुकोत न हो। कुछ श्रद्धालु, त्योहार और उसके बाद के छह दिन अपने सुकोत में रहकर बिताते हैं, जबकि ज्यादातर लोग वहां सिर्फ भोजन करते हैं। इजराइल में सुकोत का हॉलिडे वाला हिस्सा (और दो अन्य तीर्थ त्योहार पासोवर और शवौत) एक ही दिन के लिए मनाया जाता है, जबकि प्रवासी समुदाय इसे दो दिनों तक मनाता है।
प्रार्थना सर्विस अतिरिक्त प्रार्थनाओं के साथ संपन्न होती है, जिनमें हल्लेल (दुआ और याचना गीतों का संग्रह, जो हर चंद्रमास के आरंभ में रोश खोदेश और तीर्थ त्योहारों पर गाया जाता है) भी शामिल होता है। उत्सव वाले दिन के बाद भी सुकोत का आयोजन जारी रहता है, हालांकि इस दौरान पवित्रता या शुद्धता का बंधन कम हो जाता है, जैसाकि तोरा (लेव २३ः३६) में निर्देशित है। इस बीच के सप्ताह-आधा उत्सवपूर्ण, आधा सामान्य- के दौरान स्कूल बंद रहते हैं और कारोबार या तो बंद होते हैं या फिर काम के घंटे कम हो जाते हैं। ज्यादातर इजराइली सुकोत और पासोवर के दिन मनोरंजक स्थलों पर बिताते हैं। इस विशेष हफ्ते और हॉलिडे सीजन का समापन शेमिनी अत्सेरेट (आठवें दिन का पवित्र अवसर - लेव 23ः36) पर होता है, जिससे सिमहट तोरा को जोड़ा जाता है। शेमिनी अत्सेरेट या सिमहट तोरा उत्सव का फोकस तोरा पर ही होता है। इस दौरान लोग बांहों में तोरा स्क्रॉल के साथ सामूहिक नृत्य करते हैं और तोरा के शुरुआती और आखिरी अध्यायों का पाठ करते हैं। अंधेरा होने के बाद भी कई समुदाय जश्न जारी रखते हैं, जो प्रायः घर के बाहर मनाए जाते हैं। इस दौरान विधि-विधान की वे पाबंदियां नहीं होतीं, जो पवित्र दिन में लागू होती हैं।
हनुका
25 किसलेव (प्रायः दिसंबर में) को शुरू होने वाला हनुका ग्रीक शासकों (164 बीसीई) पर यहूदियों की जीत के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस जीत को दो रूपों में देखा जाता है : शक्तिशाली ग्रीस के खिलाफ छोटे यहूदी राष्ट्र की भौतिक जीत और यूनानियों के हेलेनिज्म के खिलाफ यहूदी आस्था की आध्यात्मिक जीत। त्योहार की पवित्रता जीत के आध्यात्मिक पहलू और तेल की कुप्पी के चमत्कार से जुड़ी है। वह चमत्कार, जब टेंपल के कैंडल को एक दिन के लिए जलाने के लिए रखे गए जैतून के तेल से वह आठ दिनों तक जलता रहा।
हनुका इजराइल में और प्रवासियों में भी आठ दिनों तक मनाया जाता है। इस त्योहार का सबसे खास लक्षण हर शाम मोमबत्तियां जलाना है। मंदिर में हुए चमत्कार की तर्ज पर पहली रात एक, दूसरी रात दो, तीसरी रात तीन और इसी तरह आठवीं रात तक। हनुक्का का संदेश इजराइल की पुनः कायम की गई संप्रभुता पर जोर देता है। इसकी रस्में प्रवासियों के बीच भी कायम हैं। इस मौके पर एक खास तरह का चौकोर लट्टू उपहार में दिए जाने का चलन है। इस पर हिब्रू में चार अक्षर लिखे होते हैं, जो इस संदेश को दर्शाते हैं, एक बड़ा चमत्कार यहां हुआ। प्रवासियों के लिए इन अक्षरों का मतलब होता है, एक बड़ा चमत्कार वहां हुआ। इस दौरान हफ्ते भर के लिए स्कूल बंद होते हैं, लेकिन कारोबार और दफ्तर खुले रहते हैं।
तू बी'शेवत
यह शेवत के पंद्रवें दिन (जनवरी- फरवरी) मनाया जाता है, जिसे यहूदी धार्मिक स्रोतों में फलदार वृक्षों का नया साल कहा गया है। इसमें विधि-विधान नहीं के बराबर होते हैं। लेकिन इसने एक ऐसे धर्मनिरपेक्ष अवसर का रूप ले लिया है, जब लोग खासकर स्कूली बच्चे पेड़-पौधे लगाते हैं। यह एक ऐसे दिन के तौर पर आता है, जब यहूदी नैशनल फंड और स्थानीय अधिकारियों द्वारा बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया जाता है। इस महीने हालांकि ठंड रहती है, पर फलदार वृक्षों में फूल लगने लगते हैं। शुरूआत बादाम के पेड़ों से होती है।
पुरिम
एक अन्य यहूदी त्योहार जो बसंत के शुरू में 14 अदर को पड़ता है। यह अर्टैक्सरेक्सेज के अधीन पर्सियन साम्राज्य में यहूदियों की मुक्ति के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। स्क्रॉल ऑफ इस्टर में इसका वर्णन है। यह हंसी-खुशी और आनंद का त्योहार है। इस दिन स्कूल बंद रहते हैं। हर तरफ उत्सव का माहौल होता है। पुरिम के दिन अप्रैल फूल की तर्ज पर अखबारों में नकली खबरेंया अफवाहें देखी जा सकती हैं। हंसीखुशी के बीच स्क्रॉल ऑफ इस्टर का पाठ होता है, जिसमें जब कभी खलनायक हमैन का जिक्र आता है, लोग खूब शोर मचाते हैं। जो पारंपरिक किस्म के लोग हैं, वे इस दिन संयम के साथ मद्यपान करते हैं, सुबह-शाम एस्थर का पाठ करते हैं, गरीबों को दान देते हैं, एक दूसरे को उपहार देते हैं और अच्छा खान-पान करते हैं।
पासोवर ; पेस्साद्ध
वसंत में मनाया जाने वाला यह त्योहार 15 निसान को शुरू होता है। यह मिस्र से पलायन (13वीं सदी बीसीई) और बंधनों से आजादी के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस त्योहार के पीछे स्वतंत्रता की प्रबल भावना है। पासोवर की रस्में त्यौहार से काफी पहले शुरू हो जाती हैं। इस दौरान लोग अपने घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की सफाई करते हैं। त्योहार के एक दिन पहले तैयारी की रस्में होती हैं। इनमें मनाही वाले खाद्य पदार्थों को समारोहपूर्वक जलाया जाता है। त्योहार की शाम सेदर (समारोह भोज) होता है, जिसमें परिवार के अलग हुए सदस्य हगादा पढ़ने के लिए एकत्र होते हैं और पारंपरिक व्यंजनों खासतौर पर मात्जा का लुत्फ उठाते हैं। अगले दिन के रिवाज अन्य तीर्थ त्योहारों जैसे ही होते हैं।
पासोवर, यॉम किपर के बाद ऐसा त्योहार है, जिसे गैर यहूदी भी मनाते हैं। इसके अलावा कुछ समुदायों के बीच त्योहार के कृषि महत्व से जुड़ीं कुछ रस्में मनाने का भी चलन है। इसे एक वसंत उत्सव, आजादी के त्योहार और पहली फसल की कटाई के तौर पर देखा जाता है। पासोवर में एक अन्य इंटरमीडिएटसप्ताह (फाइव हाफ सैक्रेड, हाफ ऑर्डिनरी डेज), जिस दौरान अतिरिक्त प्रार्थनाएं होती हैं और उल्लास का माहौल कायम रहता है। यह एक अन्य समारोहपूर्ण दिन के साथ खत्म होता है।
होलोकॉस्ट शहीद और नायक समृति दिवस
पासोवर के बाद एक हफ्ते से भी कम समय में इजराइल के लोग उन साठ लाख यहूदी शहीदों को याद करते हैं, जो होलोकॉस्ट में नाजियों के हाथों मारे गए। इस दिन सामूहिक शोक के आधुनिक संस्कार और खास समारोह आयोजित किए जाते हैं। सुबह 10 बजे एक सायरन बजाया जाता है और पूरा राष्ट्र दो मिनट का मौन रखता है। यह दिन शहीदों को याद करने और कभी न भूलने के लिए दूसरों को याद दिलाने की भावना पर जोर देता है।
इजराइल युद्ध के शहीदों की स्मृति
यह एक हफ्ते बाद उन लोगों के सम्मान में मनाया जाता है, जो इजराइल राज्य की स्थापना के संघर्ष और इसकी रक्षा में मारे गए। स्मृति दिवस की शाम को 8 बजे और अगले दिन सुबह 11 बजे सायरन बजने पर दो मिनट का मौन रखा जाता है। यह अवसर होता है, जब पूरा राष्ट्र अपने उन बेटे-बेटियों के प्रति चिरस्थायी आभार व्यक्त करता है, जिन्होंने देश की आजादी हासिल करने और उसे बचाए रखने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी।
स्वतंत्राता दिवस
यह स्मृति दिवस के ठीक अगले दिन (5 ईयार) पड़ता है। इसे इज+राइल की स्थापना की घोषणा (14 मई 1948) की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भी इजराइल की स्थापना के संघर्ष में मारे गए शहीदों को याद किया जाता है। चूंकि यह कोई बहुत पुराना समारोह नहीं है, इसलिए यह उन जीवित लोगों के लिए काफी मायने रखता है, जिन्होंने शारीरिक और सक्रिय रूप से नए राज्य के गठन और उसकी रक्षा के लिए संघर्ष में हिस्सा लिया और उन तमाम बदलावों के साक्षी बने जो 1948 के बाद हुए। स्वतंत्रता दिवस की पूर्वसंध्या पर नगरपालिकाएं जन समारोह कराती हैं। लाउड स्पीकरों पर लोकप्रिय संगीत बजते हैं स्वतंत्रता दिवस पर कई नागरिक, आजादी की जंग के मैदानों को देखने के मकसद से ग्रामीण इलाकों का रुख करते हैं, शहीदों के स्मारकों का दौरा करते हैं और पिकनिक पर जाते हैं। इस दिन साहित्य, कला और विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार (इजराइल प्राइजेस) दिए जाते हैं। यहूदी युवाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय बाइबल प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। सैन्य अड्डे अवाम के लिए खुले होते हैं। एयरफोर्स और नेवी की प्रदर्शनियां आयोजित होती हैं।
लैग बी'ओमर 18 ईयारद्ध
यह पासोवर और शवौत के बीच के सप्ताहों की गिनती में 33 वें दिन पड़ता है। यह बच्चों के उत्सव के रूप में लोकप्रिय है। इस दौरान विशाल बोनफायर देखे जा सकते हैं। यह रोम के खिलाफ बार-कोचबा बगावत (132-135 सीई) के दौरान की घटनाओं के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
यरुशलम दिवस
यह 28 वें ईयार को मनाया जाता है, जो शवौत से करीब एक सप्ताह पहले पड़ता है। यह 1967 में यरुशलम के पुनः एकीकरण के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जो करीब 19 सालों तक कंक्रीट की दीवारों और तारों के बाड़ से बंटा रहा। इस दिन इजराइलियों को याद दिलाया जाता है कि यरुशलम यहूदियों के इतिहास, प्राचीन गौरव, आध्यात्मिक सिद्धि और आधुनिक उद्धार का केंद्रबिंदु है। इस दिन कुछ सिनेगॉग में हल्लेल का वाचन होता है।
शवौत
यहूदी साल की शुरुआत से गणना करें तो यह आखिरी तीर्थ त्योहार पासोवर (6 सिवन) के सात सप्ताह बाद पड़ता है। यह जौ की कटाई के बाद और गेंहू की कटाई के शुरू में पड़ता है। बाइबल (ड्यिूट 16ः10) में इस अवसर को सप्ताहों का त्योहार (हेब शवौत) बताया गया है। इसकी गणना पासोवर से शुरू होती है और इसे एक ऐसे अवसर के रूप में देखा जाता है, जब नई फसल का अनाज और फल मंदिर के पुजारियों को पेश किया जाता है। धर्मग्रंथ स्रोतों से जुड़ी इसकी एक अतिरिक्त परिभाषा चली आई हैः माउंट सिनाई पर तोरा दिए जाने की वर्षगांठ।
शवौत धर्मपरायण और शास्त्रों के अनुसार चलने वाले लोगों के बीच मनाया जाता है। इस दौरान यरुशलम में लंबे समय तक धार्मिक पाठ होता है और वेस्टर्न वाल पर भारी संख्या में लोग पूजा में शरीक होते हैं। किबुत्जिम (एक खास समुदाय) में इसे नई फसल की चरम अवस्था और पहले फल के पकने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इनमें फसलों या फलों की वे सात प्रजातियां शामिल हैं, जिनका जिक्र बाइबल में मिलता है : गेहूं, जौ, अंगूर, अंजीर, अनार, जैतून, खजूर। द नाइन्थ ऑफ एव ;जुलाई या अगस्त के आसपासद्ध : यह पहले और दूसरे टेंपल के विध्वंस की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। इस दिन वियोग या संताप के कई नियम प्रचलन में हैं। पूरे दिन उपवास के अलावा योम किपूर के दौरान प्रचलित आत्मत्याग के कई उपायों का भी पालन होता है। इनके और भी त्योहार हैं
अन्य समारोह
जातीय समुदायों के अपने अतिरिक्त समारोह और विधि-विधान होते हैं। कुछ मशहूर समारोहों में मिमौना शामिल है, जो मोरक्को के यहूदियों के लिए खास होता है। पासोवर के एक दिन बाद यह प्रकृति के पुर्ननवीकरण और उसके आशीर्वाद के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। कुर्द यहूदियों का सहारना'' सुकोत के बाद मनाया जाता है और कुर्दिस्तान के यहूदियों के लिए राष्ट्रीय छुट्टी का दिन होता है। एक अन्य पर्व है सिग्द, जो यूथोपिया के यहूदी समुदाय के लिए छुट्टी का दिन होता है। नवंबर में मनाए जाने वाले इस समारोह की शुरुआत यूथोपिया में जियॉन के लिए कष्ट के इजहार के तौर पर हुई थी और आज इजराइल में उनके आभार के तौर पर जारी है।
इस तरह, अपनी विविध जनसंख्या और बहुरंगी जीवनशैली व नजरिए के साथ इजराइल में यहूदी त्योहारों का चक्र चलता रहता है। ये त्योहार ऐसे लोक रिवाजों से मनाए जाते हैं, जो देश के यहूदीत्व और यहूदी धर्म के केंद्रीय तत्वों को रेखांकित करते हैं।
इज़राइल
पर्व
इज़राइल
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चीनी टेक दिग्गज शाओमी ने भारत में अपने फैबलेट Mi Max का नया वैरिएंट Mi Max Prime लॉन्च किया है. यह 17 ऑक्टूबर से मिलेगा और इसकी कीमत 19,999 रुपये होगी. दरअसल कंपनी ने 17 ऑक्टूबर से तीन दिनों तक के लिए दिवाली सेल का ऐलान किया है. इसमें फ्लैश डील, प्रोडक्ट लॉन्च के साथ इन पर छूट भी दी जाएगी.
इसी साल जून में कंपनी ने बड़ी स्क्रीन वाला अपना फैबलेट Mi Max भारत में लॉन्च किया था. इसमें 4GB रैम के साथ स्नैपड्रैगन 652 प्रोसेसर दिया गया है.
Mi Max और Mi Max Prime देखने में एक जैसे ही लगते हैं, लेकिन इनके स्पेसिफिकेशन्स काफी अलग हैं. इसकी इंटरनल मेमोरी 128GB की है और इसमें
स्नैपड्रैगन 652 प्रोसेसर
के साथ 4GB रैम दिया गया है. इसके अलावा स्क्रीन और सॉफ्टवेयर एक जैसे ही हैं.
6.44 इंच फुल एचडी डिस्प्ले वाले इस स्मार्टफोन में माइक्रो एसडी कार्ड के जरिए 128GB तक बढ़ाया जा सकता है.
4,850mAh की दमदार बैट्री
इस फैबलेट की बैट्री 4,850mAh की है और कंपनी दावा कर रही है कि इसे एक बार फुल चार्ज करके पूरे दिन तक यूज किया जा सकता है. इस कस्टमर्स तीन कलर
वैरिएंट्स- सिल्वर, डार्क ग्रे
और गोल्ड में खरीद सकते हैं.
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बांग्लादेश की राष्ट्रीय महिला क्रिकेट टीम वह टीम है जो अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट मैचों में बांग्लादेश के देश का प्रतिनिधित्व करती है। 2007 के एसीसी महिला टूर्नामेंट में भाग लेने और जीतने से पहले उन्होंने जुलाई 2007 में थाईलैंड के खिलाफ दो मैचों में खेला और जीत हासिल की, जब उन्होंने अपनी अंतरराष्ट्रीय शुरुआत की। बांग्लादेश को 2011 में महिला क्रिकेट विश्व कप क्वालीफायर में पांचवें स्थान पर पहुंचने के बाद 2011 में वनडे इंटरनेशनल (ओडीआई) की स्थिति दी गई थी। उन्होंने बाद में 2014 आईसीसी महिला विश्व ट्वेंटी 20 के लिए क्वालीफाई किया, जो शीर्ष स्तर की महिलाओं के अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में अपनी पहली उपस्थिति बना।
संदर्भ
महिला क्रिकेट टीम
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लेख: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कोलंबो में शनिवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना से मुलाकात की और उन्हें शुक्रवार को हुई भारत-श्रीलंका संयुक्त आयोग की बैठक के बारे में जानकारी दी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्विटर पर लिखा, 'विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राष्ट्रपति मैत्रिपाला को कोलोंबो में पांच फरवरी को हुई नौंवी भारतीय-श्रीलंका संयुक्त आयोग की बैठक के नतीजों के बारे में बताया।'
नौवां भारत-श्रीलंका सत्र सुषमा स्वराज और उनके श्रीलंकाई समकक्ष मंगला समरवीरा की सह-अध्यक्षता में कोलंबो में आयोजित हुआ, जिसके बाद दो समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।टिप्पणियां
एक समझौता ज्ञापन के मुताबिक, भारत-श्रीलंका के पूर्वी प्रांत में 'बट्टिकलोआ टीचिंग हॉस्पिटल' में एक सर्जीकल युनिट का निर्माण करेगा और चिकित्सकीय उपकरण की आपूर्ति करेगा। दूसरे एमओयू के तहत भारत उत्तरी प्रांत के 27 स्कूलों के नवीनीकरण में मदद करेगा।
भारत-श्रीलंका संयुक्त आयोग की स्थापना द्विपक्षीय सहयोग से संबंधित मुद्दों के लिए 1992 में की गई थी। श्रीलंका की दो दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार को यहां पहुंचीं सुषमा ने प्रधानमंत्री रेनिल विक्रमसिंघे से भी मुलाकात की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्विटर पर लिखा, 'विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राष्ट्रपति मैत्रिपाला को कोलोंबो में पांच फरवरी को हुई नौंवी भारतीय-श्रीलंका संयुक्त आयोग की बैठक के नतीजों के बारे में बताया।'
नौवां भारत-श्रीलंका सत्र सुषमा स्वराज और उनके श्रीलंकाई समकक्ष मंगला समरवीरा की सह-अध्यक्षता में कोलंबो में आयोजित हुआ, जिसके बाद दो समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।टिप्पणियां
एक समझौता ज्ञापन के मुताबिक, भारत-श्रीलंका के पूर्वी प्रांत में 'बट्टिकलोआ टीचिंग हॉस्पिटल' में एक सर्जीकल युनिट का निर्माण करेगा और चिकित्सकीय उपकरण की आपूर्ति करेगा। दूसरे एमओयू के तहत भारत उत्तरी प्रांत के 27 स्कूलों के नवीनीकरण में मदद करेगा।
भारत-श्रीलंका संयुक्त आयोग की स्थापना द्विपक्षीय सहयोग से संबंधित मुद्दों के लिए 1992 में की गई थी। श्रीलंका की दो दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार को यहां पहुंचीं सुषमा ने प्रधानमंत्री रेनिल विक्रमसिंघे से भी मुलाकात की।
नौवां भारत-श्रीलंका सत्र सुषमा स्वराज और उनके श्रीलंकाई समकक्ष मंगला समरवीरा की सह-अध्यक्षता में कोलंबो में आयोजित हुआ, जिसके बाद दो समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।टिप्पणियां
एक समझौता ज्ञापन के मुताबिक, भारत-श्रीलंका के पूर्वी प्रांत में 'बट्टिकलोआ टीचिंग हॉस्पिटल' में एक सर्जीकल युनिट का निर्माण करेगा और चिकित्सकीय उपकरण की आपूर्ति करेगा। दूसरे एमओयू के तहत भारत उत्तरी प्रांत के 27 स्कूलों के नवीनीकरण में मदद करेगा।
भारत-श्रीलंका संयुक्त आयोग की स्थापना द्विपक्षीय सहयोग से संबंधित मुद्दों के लिए 1992 में की गई थी। श्रीलंका की दो दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार को यहां पहुंचीं सुषमा ने प्रधानमंत्री रेनिल विक्रमसिंघे से भी मुलाकात की।
एक समझौता ज्ञापन के मुताबिक, भारत-श्रीलंका के पूर्वी प्रांत में 'बट्टिकलोआ टीचिंग हॉस्पिटल' में एक सर्जीकल युनिट का निर्माण करेगा और चिकित्सकीय उपकरण की आपूर्ति करेगा। दूसरे एमओयू के तहत भारत उत्तरी प्रांत के 27 स्कूलों के नवीनीकरण में मदद करेगा।
भारत-श्रीलंका संयुक्त आयोग की स्थापना द्विपक्षीय सहयोग से संबंधित मुद्दों के लिए 1992 में की गई थी। श्रीलंका की दो दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार को यहां पहुंचीं सुषमा ने प्रधानमंत्री रेनिल विक्रमसिंघे से भी मुलाकात की।
भारत-श्रीलंका संयुक्त आयोग की स्थापना द्विपक्षीय सहयोग से संबंधित मुद्दों के लिए 1992 में की गई थी। श्रीलंका की दो दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार को यहां पहुंचीं सुषमा ने प्रधानमंत्री रेनिल विक्रमसिंघे से भी मुलाकात की।
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लेख: केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने युद्ध प्रभावित इराक से नर्सों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने और संकट का हल निकलने के इंतजार में राज्य की चिंता को खत्म करने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार का धन्यवाद व्यक्त किया।
राहत महसूस कर रहे चांडी ने इस मुद्दे के समाधान के लिए केंद्र और खास तौर पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के प्रति आभार व्यक्त किया।
चांडी ने शनिवार की सुबह संवाददाताओं से कहा, 'केंद्र ने केरल की चिंताओं को पूरी तरह समझते हुए काम किया है। विदेश मंत्रालय और इराक में भारतीय दूतावास ने नर्सों की रिहाई सुनिश्चित कराने के लिए गंभीर प्रयास किए।'
यहां तक कि चांडी के विपक्षियों ने भी माना कि दो दिन तक दिल्ली में जमे रहे चांडी की ओर से किए गए लगातार प्रयासों के चलते केंद्र ने इराक से 46 नर्सों की वापसी सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए। इनमें से एक नर्स तमिलनाडु की है।
इराक का तिकरित इलाका आईएसआईएस के कब्जे में आने के बाद से नर्सें कई दिनों तक यहां के एक अस्पताल में फंसी रही थीं। नर्सों की वापसी पर राहत की सांस लेते हुए माकपा नेता वीएस अच्युतानंदन ने इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की।
आईएसआईएस द्वारा मुक्त की गई 46 भारतीय नर्सों और 137 अन्य लोगों को लेकर एयर इंडिया का एक विशेष विमान आज सुबह मुंबई पहुंचा। यहां से यह कोच्चि के लिए रवाना हो गया।
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दूरदर्शन पर प्रसारित बेहद लोकप्रिय धारावाहिक ‘रामायण’ में हनुमान की कालजयी भूमिका निभाने वाले अभिनेता दारा सिंह अभिनय के अलावा कुश्ती की दुनिया भी दिग्गज हस्ती थे और हिंदी फिल्म जगत में आने से पहले ही अखाड़े में विश्व के प्रमुख पहलवानों को पटखनी दे चुके थे.
मजबूत कद काठी वाले दारा सिंह ने खेल और मनोरंजन की दुनिया में समान रूप से नाम कमाते हुए शोहरत की बुलंदियों को छुआ. उन्हें भाजपा नीत राजग सरकार ने राज्यसभा के लिए भी मनोनीत किया था और वह 2003 से 2009 तक उच्च सदन के सदस्य रहे. दारा सिंह रंधावा उर्फ दारा सिंह ने 100 से ज्यादा फिल्मों में काम किया जिनमें कई बेहद चर्चित फिल्में हैं.
उनकी फिल्मों में उनकी ताकत और डील डौल का खूब इस्तेमाल किया गया. फिल्म ‘नौजवान’ से शुरू अभिनय का सफर ‘जब वी मेट’ तक जारी रहा. बाद में बढ़ती उम्र और खराब सेहत के कारण उन्होंने अभिनय बंद कर दिया. उन्होंने अपने फिल्मी सफर में ‘किंगकांग’, ‘फौलाद’, ‘रुस्तम ए बगदाद’, ‘सिकंदर ए आजम,’ ‘हम सब उस्ताद हैं,’ ‘मेरा नाम जोकर’, ‘ललकार’, ‘जहरीला इंसान’, ‘हम सब चोर हैं’, ‘मर्द’ जैसी कई चर्चित फिल्मों में काम किया और अपने अभिनय से दर्शकों को रोमांचिक किया.
‘किंग कांग’ फिल्म ने उन्हें अभिनय की दुनिया में स्थापित कर दिया और इसके बाद उन्हें एक से बढ़कर भूमिकाएं मिलीं जिसमें उन्हें अपनी अभिनय क्षमता का प्रदर्शन करने का मौका मिला. दारा सिंह ने अभिनेत्री मुमताज के साथ 16 फिल्मों में काम किया. इस जोड़ी की अधिकतर फिल्में स्टंट और एक्शन प्रधान थीं. इन फिल्मों में ‘बॉक्सर’, ‘सैमसन’, ‘टारजन’, ‘किंग कांग’ आदि शामिल हैं.
रामानंद सागर के धारावाहिक ‘रामायण’ में हनुमान की भूमिका में लोगों ने उन्हें विशेष रूप से पसंद किया और उन्हें घर घर में लोकप्रिय बना दिया. अपने मजबूत कद काठी और प्रभावशाली भूमिकाओं के कारण फिल्मी दर्शकों को उनसे अलग किस्म की उम्मीद रहती थी. एक पीढ़ी के लिए तो वह जीवन में ही मिथक के समान हो गए थे और बलशाली लोगों की तुलना उनसे की जाती थी.
पंजाब में अमृतसर में 19 नवंबर 1928 को सूरत सिंह रंधावा और बलवंत कौर के घर पैदा हुए दारा सिंह को शुरू से ही पहलवानी का शौक था और वह आसपास के जिलों में कुश्ती प्रतियोगिताओं में भाग लेते थे. बाद में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दर्जनों नामी पहलवानों को अखाड़े में चित्त किया और भारतीय स्टाइल के अलावा ‘फ्री स्टाइल’ कुश्ती में भी दुनिया के दिग्गज पहलवानों को धूल चटायी. विदेशों में पहलवानों को पटखनी देने के बाद 1950 के दशक के बीच में वह भारत लौटे और चैंपियन बने.
उन्होंने राष्ट्रमंडल देशों का भी दौरा किया और वहां के पहलवानों से अखाड़ों में मुकाबला करते हुए विजय हासिल की. उनकी सफलता से जलने वाले कई विदेशी पहलवानों ने उन्हें चुनौती दी लेकिन दारा सिंह ने सभी ऐसे पहलवानों को धूल चटा दी और अंतत: 1968 में विश्व चैंपियन बने.
कहा जाता है कि उनकी लोकप्रियता से कुश्ती को नया जीवन मिला और देश में बड़ी संख्या में युवा इस खेल के प्रति आकषिर्त हुए. उनकी कुश्ती प्रतियोगिताओं को देखने के लिए लोगों में गजब का उत्साह होता था. विश्व चैंपियन बनने के बाद दारा सिंह ने हिंदी फिल्म जगत की राह ली और यहां भी कामयाबी का नया अध्याय लिखा. उन्होंने अपनी आत्मकथा भी लिखी थी जो 1989 में प्रकाशित हुयी थी.
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यूएस फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दर बढ़ाए जाने की आशंका के चलते निवेशकों का सेंटीमेंट कमजोर हुआ है. इसकी वजह से बुधवार को घरेलू शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ है.
बुधवार को
सेंसेक्स
162.35 अंक गिरकर 34,184.04 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 61.45 अंकों की गिरावट के साथ 10,492.85 के स्तर पर बंद हुआ है.
बैंकिंग शेयर लुढ़के:
इस कारोबारी हफ्ते के तीसरे दिन शुरुआत करने से लेकर बंद होने तक बैंकिंग शेयरों में गिरावट देखने को मिली. कारोबार बंद होने तक आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक के शेयरों गिरे.
हालांकि पीएनबी के शेयर इस गिरावट के बीच संभलने में कामयाब रहे हैं. बुधवार को पीएनबी के शेयरों में तीन फीसदी की बढ़त देखने को मिली.
पीएसयू बैंकों
के शेयरों में मंगलवार से लगातार गिरावट जारी है. बुधवार को भी यह गिरावट जारी रही. इसकी वजह से सुबह घरेलू शेयर बाजार ने गिरावट के साथ शुरुआत की.
इस कारोबारी हफ्ते के तीसरे दिन सेंसेक्स ने जहां 259.53 अंकों की गिरावट के साथ
शुरुआती कारोबार
की शुुरुआत की. वहीं, निफ्टी 76.85 अंकों की गिरावट के साथ 10,477.45 के स्तर पर कारोबार कर रहा.
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लेसनर ने बाद में मिनेसोटा रेडियो शो में कहा कि WWE में उनके "तीन शानदार साल" रहे, लेकिन वह नाखुश हो गए थे और हमेशा पेशेवर फुटबॉल खेलना चाहते थे, उन्होंने कहा कि वह 40 साल के नहीं होना चाहते थे और सोच रहे थे कि क्या वह "यह कर पाते" " फुटबॉल में। एनएफएल के बारे में एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा:
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गाजियाबाद का अटौर नंगला इलाका सोमवार रात को गोलियों से गूंज उठा. यहां पर सिहानी गेट थाना इलाके में पुलिस और बदमाशों के बीच देर रात मुठभेड़ हुई. इस गोलीबारी में सिहानीगेट थाना प्रभारी विनोद पांडेय घायल हो गए.
ये बदमाश गाजियाबाद के पत्रकार अनुज चौधरी पर हुए हमले के आरोपी बताए जा रहे हैं. सोमवार रात को हुई मुठभेड़ के दौरान एक बदमाश को गोली लगी और वह घायल हो गया. कविनगर और सिहानीगेट थाना पुलिस ने इसका फायदा उठाते हुए एक बदमाश को घेर कर पकड़ लिया. हालांकि, इस दौरान मुठभेड़ में शामिल बदमाश का साथी फरार हो गया.
इन बदमाशों को पकड़ने के लिए पुलिस ने लोनी में दबिश दी थी, लेकिन वे मौके से भाग निकले. पुलिस ने इनका पीछा किया और अटौर नंगला के पास पकड़े गए.
आपको बता दें कि पिछले रविवार को दिल्ली से सटे गाजियाबाद के थाना कविनगर के रहने वाले पत्रकार अनुज चौधरी को
अज्ञात बदमाशों ने गोली मार दी थी
. पुलिस ने आशंका जताई थी कि आपसी रंजिश के चलते वारदात को अंजाम दिया गया.
पत्रकार अनुज चौधरी की पत्नी बीएसपी से पार्षद हैं. चौधरी को पुलिस से गनर भी मिला हुआ था, लेकिन हमले के समय वह छुट्टी पर था. उनकी इलाके में किसी से रंजिश भी थी. पुरानी रंजिश में अनुज चौधरी के परिवार के एक सदस्य की
पहले भी हत्या हो चुकी
है.
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लेख: उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में हुई बर्फबारी के कारण फिर से सर्द हवाओं का दौर लौट आया है। पहाड़ी इलाकों में हिमपात के बाद तापमान में आई गिरावट से लोग ठिठुरते हुए नजर आए। इस बीच भारी बर्फबारी के कारण दो दिनों तक बंद रहने के बाद जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग रविवार को एक तरफ से यातायात के लिए खोल दिया गया। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार सुबह धूप खिली लेकिन तेज सर्द हवाओं के कारण ठिठुरन बढ़ गई। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने बताया, "दिल्ली में रविवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम नौ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।" उत्तर प्रदेश में ताजनगरी आगरा में कुछ दिन धूप खिलने के बाद रविवार को फिर से सर्द हवाओं का दौर शुरू हो गया। यहां का न्यूनतम तापमान छह डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया,"आगरा में रविवार को अधिकतम तापमान 23.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जबकि न्यूनतम तापमान छह डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।" पंजाब, हरियाणा और चण्डीगढ़ में रविवार को धूप खिली लेकिन सर्द हवाओं के कारण तापमान में कमी दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार इस इलाके में पंजाब का अमृतसर शहर रविवार को सबसे सर्द रहा, जहां तापमान 0.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पटियाला और लुधियाना में न्यूनतम तापमान क्रमश: 6.3 और 3.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। चण्डीगढ़ में रविवार को न्यूनतम तापमान 4.7 डिग्री सेल्सियस रहा, जो शनिवार को 12.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि हरियाणा के अम्बाला, हिसार और करनाल शहरों में न्यूनतम तापमान क्रमश: 7.3, 4.4 और आठ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। कश्मीर घाटी में रविवार को तापमान में फिर से कमी दर्ज की गई। पहलगाम में पारा लुढ़कर शून्य से 16.1 डिग्री सेल्सियस नीचे पहुंच गया, जो राज्य का सबसे सर्द स्थान रहा। श्रीनगर में नलों में पानी जम गया। भारी बर्फबारी के कारण दो दिनों तक बंद रहने के बाद जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग रविवार को एक तरफ से यातायात के लिए खोल दिया गया। जम्मू एवं कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 3.7 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा, जो सामान्य से दो डिग्री कम है जबकि गुलमार्ग में यह शून्य से 14.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। उन्होंने बताया, "लद्दाख क्षेत्र के लेह में न्यूनतम तापमान शून्य से आठ डिग्री सेल्सियस नीचे रहा और कारगिल में यह शून्य से 13.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। जम्मू में न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से चार डिग्री कम है।" हिमपात और बारिश के एक दिन बाद रविवार को हिमाचल प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में तेज सर्द हवाओं का असर रहा। राजधानी शिमला में तापमान शून्य से 3.3 डिग्री सेल्सियस नीचे पहुंच गया। मध्य प्रदेश में सर्द हवाओं का असर एक बार फिर बढ़ गया है और इसी के चलते न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया है। मौसम विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक उत्तरी हवाओं का जोर बढ़ने के साथ तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। हवाओं का रुख बदलने के कारण न्यूनतम तापमान में गिरावट आई है। प्रदेश में सबसे सर्द जगह गुना रहा जहां का न्यूनतम तापमान 3.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
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लेख: गुजरात दंगों के सिलसिले में एक आईपीएस अफ़सर संजीव भट्ट के सनसनीखेज़ हलफ़नामे के बाद अब एक आईएएस अफ़सर ने मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की है। प्रदीप शर्मा नाम के एक आईएएस अफसर ने गुजरात दंगों की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम − एसआईटी को दंगों की जांच के सिलसिले में एक ख़त लिखा है। चिट्ठी में लिखा है कि दंगों के वक्त मैं जामनगर के म्यूनिसिपल कमिश्नर के तौर पर तैनात था और मेरे भाई कुलदीप शर्मा आईजी के तौर पर अहमदाबाद रेंज में तैनात थे। उस वक्त मुझे मुख्यमंत्री के दफ्तर से फोन आया था और कहा गया था कि मैं अपने भाई को समझाऊं ताकि वो अल्पसंख्यकों को बचाने के लिए सक्रिय कदम ना उठाए। ख़ास बात यह है कि प्रदीप शर्मा इस वक्त भ्रष्टाचार के आरोप में कच्छ की जेल में बंद हैं। उनके भाई कुलदीप शर्मा मोदी सरकार के निशाने पर रहे हैं। हाल ही में CAT ने कुलदीप शर्मा की कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट में मोदी सरकार की टिप्पणियां हटा दी थीं। कुलदीप शर्मा अब दिल्ली में डेप्युटेशन पर हैं। गुजरात दंगों को लेकर मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की परेशानियां फिलहाल खत्म होती नजर नहीं आ रही हैं। आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट के बाद अब सूबे के एक ओर अधिकारी प्रदीप शर्मा ने मोदी के खिलाफ मोर्च खोल दिया है। शर्मा ने एसआईटी को पत्र लिख कर अपनी शिकायत दर्ज की है।
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चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में ब्रहमपुत्र नदी पर निर्माण गतिविधि से अवगत होने का जिक्र करते हुए भारत ने गुरुवार को कहा कि उसने यह सुनिश्चित किया है कि इस परियोजना से भारतीय नदी प्रवाह क्षेत्र में प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा। विदेश राज्य मंत्री ई अहमद ने कुमार दीपक दास के सवालों के लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया कि सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि यह ऐसी पनबिजली परियोजना है जिसमें पानी का भंडारण नहीं होता है और इससे भारत में नदी के अनुप्रवाह क्षेत्रों में प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हित से जुड़े सभी घटनाक्रम पर सरकार की लगातार नजर है और इसकी रक्षा के लिए आवश्यक उपाय किए जाते हैं। अहमद ने कहा कि 2006 में चीनी राष्ट्रपति हू जिन्ताओ की भारत यात्रा के दौरान दोनों देश सीमा पार नदियों पर एक विशेषज्ञ स्तरीय तंत्र स्थापित करने पर सहमत हुए थे। उन्होंने कहा कि इस तंत्र की अब तक पांच बैठकें हुई हैं। अहमद ने आरवी मोहिते पाटिल के एक अन्य सवाल के जवाब में बताया कि 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की चीन यात्रा के दौरान दोनों पक्ष समग्र द्विपक्षीय संबंधों के राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में सीमा समाधान का पता लगाने के लिए एक एक विशेष प्रतिनिधि नियुक्त करने पर सहमत हुए थे। उन्होंने बताया कि अब तक विशेष प्रतिनिधियों की 14 बैठकें हुई हैं।
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अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अफगानिस्तान में तालिबान के एक आत्मघाती हमले में सीआईए के 7 अधिकारियों के मारे जाने पर शोक व्यक्त किया है और कहा है कि हाल के वर्षों में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है जो पहले कभी उत्पन्न नहीं हुईं.
ओबामा ने सीआईए कर्मियों के नाम संदेश में कहा ‘हाल के वर्षों में सीआईए के सामने ऐसी परिस्थितियां पैदा हुईं हैं जो पहले कभी नहीं देखी गईं. 11 सितंबर 2001 को हमारे देश पर हमला होने के समय से आपने 21वीं सदी के खतरों से सीधे लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर सेवा की है.’ उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान के खोश्त प्रांत में तालिबान के आत्मघाती हमले में सीआईए के सात कर्मी मारे गए और छह अन्य घायल हो गए.
सीआईए कर्मियों के नाम व्यक्तिगत संदेश में ओबामा ने कहा ‘ये बहादुर अमेरिकी देशभक्तों की लंबी कतार का हिस्सा थे जिन्होंने हमारे जीवन के लिए बलिदान दिया. वे तथा उनके परिवार मेरी और मिशेल की प्रार्थनाओं के साथ सदा हमारे दिलों में रहेंगे.’
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Reserve Bank of India(RBI)
ने डायरेक्टर और ऑफिसर के पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए है. इस सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने से पहले रोजगार संबंधी सभी आवश्यक जानकारियां पढ़ लें उसके बाद ही आवेदन करें.
संस्थान का नाम
Reserve Bank of India(RBI)
सिर्फ 1% को मिली नौकरी, 4 करोड़ से ज्यादा ने किया था एम्प्लॉमेंट एक्सचेंज में रजिस्ट्रेशन
पदों की संख्या
10
पद का नाम
Director
Officer
अंतिम तारीख
11 अगस्त 2017
Supervisor, Assistant और Clerk के पदों पर यहां जल्द करें आवेदन
योग्यता
उम्मीदवार ने किसी भी मान्यताप्राप्त संस्थान से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन किया हो. साथ ही उसने जर्नलिज्म और मास कम्यूनिकेशन में डिप्लोमा किया हो. ग्रेजुएशन में कम से कम 60 प्रतिशत मार्क्स की आवश्यकता है.
उम्र
Director:
40 से 50 के बीच हो.
Officer :
26 से 35 साल के बीच हो.
मासिक आय
Director: Rs 72,800 to Rs 1,02,350
Officer : Rs 35,150 to Rs 62,400
Indian Navy में है वैकेंसी, जल्द करें आवेदन
चयन प्रकिया
इंटरव्यू के आधार पर किया जाएगा
आवेदन कैसे करें
ऑफिश्यली वेबसाइट
www.rbi.org.in
पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.
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डिजाइन को समझाने के लिए अगर आप टेलिपोर्टेशन शब्द का इस्तेमाल करें, तो हाल में दिल्ली में अमेजन इंडिया फैशन वीक में गौरव जय गुप्ता के शो का सटीक विवरण दे पाएंगे. उनके बनाए परिधान पहनकर जब रैम्प पर मॉडलों की लहर उभरी, तो उसे दिखाने के लिए गुप्ता ने आइसलैंड की शैली वाले कलर पैलेट का इस्तेमाल किया—बर्फीले हरे, तीखे नीले और टिमटिमाते धूसर रंगों का एक सम्मिश्रण. इसकी पृष्ठभूमि में दमक रही स्वर्णिम और इस्पाती चांदी की आभा उनकी रचनात्मकता के दुस्साहस का उदाहरण थी. मद्धिम-सी हरी छायाएं कमजोरियों की निशानी थीं तो कांस्य और सोने की किरचियां मौन शक्ति का आभास देती थीं.
गुप्ता उन नई पीढ़ी के डिजाइनरों में एक हैं जिन्हें मेड-इन-इंडिया डिजाइनों को वैश्विक मंचों पर ले जाने में कोई संकोच नहीं होता. इनके काम में मनीष अरोड़ा वाला भड़कीलापन नहीं है जिसके सहारे पेरिस के फैशन राजमार्ग पर पहुंचने वाले वे पहले भारतीय हुए थे, बल्कि यह एक महीन फुसफुसाहट जैसी चीज हैं जिसकी अनुगूंज भारतीय चंदेरी और जरी जैसे हस्तशिल्प में सुनाई देती है जबकि उसकी छाया अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रनवे रेडी कट में झलकती है. फैशन वीक में ऐसे नए उस्तादों का खुद पर भरोसा देखते ही बनता थाः चाहे राहुल मिश्रा का मद्धिम फैशन हो जहां हर परिधान एक कहानी सुनाता है, सामंत चौहान का नए सांचे में गढ़ा भागलपुरी सिल्क हो, परंपरागत कढ़ाई को चतुराई से बरतने की अनीत अरोड़ा की कला हो या गौरव जय गुप्ता के नए दौर के कपड़े, जिसमें सिल्क को स्टील और तांबे के साथ बुना गया है.
अनजान गांवों और छोटे कस्बों से आने वाले ये डिजाइनर दुनिया के सर्वाधिक प्रतिष्ठित स्थानों में दुर्लभ ऊंचाइयां हासिल कर चुके हैं. ये बने-बनाए अंदाज को चुनौती दे रहे हैं और दर्शकों को नए सौंदर्यशास्त्र से चैंका रहे हैं जो पारंपरिक कपड़ों में अनोखी कारीगरी, नए दौर की कटाई-छंटाई और फैब्रिक के तकनीकी अपग्रेड से पैदा होता है. भारतीय फैशन का यह नया आख्यान आधुनिक डिजाइन और सदियों पुरानी विरासत की दो नावों पर सवार है जो भारतीय फैशन की नई पहचान गढ़ रही एक पीढ़ी की गवाही दे रहा है. अब वैकल्पिक या कहें अवां गार्द ही नई मुख्यधारा है.
फैशन वीक में गुप्ता के कलेक्शन में सिलुएट बिल्कुल साफ-सुथरे और न्यूनतम थे, कटाई तीखी और कसीदाकारी किया हुआ कपड़ा बिल्कुल ऐसा लगता था जैसे किसी ने उसे अब तक छुआ न हो. सीजन के इस सबसे सशक्त कलेक्शन में 37 अलग-अलग परिधानों का प्रदर्शन किया गया. ग्रामीण हस्तशिल्पकारों के बुने प्रायोगिक फैब्रिक से तैयार गुप्ता का काम फैशन की नई भावना को रेखांकित करता हैः इसकी जड़ें लोकल हैं लेकिन भाषा ग्लोबल!
अमेरिका के मिनेसोटा स्थित सेंट कैथरीन यूनिवर्सिटी में अपैरेल, मर्चेंडाइजिंग और डिजाइन की एसोसिएट प्रोफेसर अनुपमा पसरीचा कहती हैं, ''भारतीय शिल्पकला की विरासत और वैश्विक उपभोक्ताओं के लिए डिजाइन निर्मित करने के मामले में राहुल मिश्रा, गौरव जय गुप्ता और सुकेत धीर अलग खड़े नजर आते हैं. उन्होंने अपनी ओर अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया है. इनके डिजाइन समकालीन और अद्भुत हैं जिनका कलर पैलेट ग्लोबल है."
इस नए काम की अपील इतनी ज्यादा है कि सुकेत धीर और राहुल मिश्रा ने क्रमशः 2016 और 2014 में अपने मेंसवियर और विमेंसवियर कलेक्शन के लिए इंटरनेशनल वूलमार्क पुरस्कार जीत लिया था.
इस पुरस्कार ने मिश्रा को उत्तर प्रदेश के मल्हौसी से इस साल पेरिस फैशन वीक के एक प्रतिष्ठित स्लॉट तक पहुंचा दिया था जब उनका काम हर्मेस और म्यु म्यु के शो के बीच प्रदर्शित किया गया. फैशन पत्रिका वोग में प्रतिष्ठित फैशन लेखिका सुजी मेंकेस ने उन्हें राष्ट्रीय थाती बताया था और आधुनिक परिधानों को नया आयाम देने में हाथ से बने कपड़े के उनके इस्तेमाल की सराहना की थी. उन्होंने लिखा था, ''हैंडवर्क से बने 3डी सरफेस की अवधारणा वाकई मौलिक है."
पेरिस फैशन वीक का हिस्सा रहा हाथ की कढ़ाई वाला कलेक्शन पश्चिम बंगाल के बोंदपुर में तैयार किया गया था जहां मिश्रा उन झुग्गीवासियों के लिए घर-वापसी नाम का कार्यक्रम चलाते हैं जो रोजगार की तलाश में मजबूरन मुंबई पलायन कर गए हैं. इस योजना के तहत इस डिजाइनर ने धारावी की झुग्गियों में पहले रह चुके लोगों को साल भर रोजगार का वादा किया है ताकि वे अपने गांवों में ही रुक सकें. अब तक वे 200 शिल्पकारों को रोक पाने में कामयाब रहे हैं. ये लोग आरी, कांठा और जरदोजी का काम करते हैं.
मिश्रा 700-800 लोगों के साथ काम करते हैं और दुनिया की तमाम बड़ी दुकानों को अपना माल भेजते हैं, जिनमें कोपनहेगन और जापान की दुकानें भी शामिल हैं. कपड़े को केरल में तैयार किया जाता है, इकत ओडिशा में होती है और पोचमपल्ली आंध्र प्रदेश से मंगाई जाती है. उनके काम ने दुनिया के सामने एक विशिष्ट भारतीय सौंदर्यशास्त्र को रखा है जो भड़कीली और अतिधनाढ्य शादियों तथा सितारों से भरी बॉलीवुड संगीत की शामों में सामने आने वाले नजारों से बिल्कुल अलहदा है. दुनिया भर में उनके छह स्टोर हैं और 45 स्टोर में उनका माल रीटेल में बिकता है.
यह काम आसान नहीं था. जब उन्होंने 2006 में शुरुआत की थी, तो उस दौर को ''एज ऑफ ब्लिंग" का उत्कर्ष कहा जा रहा था और वैसे में हैंडलूम और हस्तशिल्प से जुड़े रहना काफी साहस और धैर्य की मांग करता था. उन्होंने कपड़ों को इस तरह से ढाला कि वे अंतरराष्ट्रीय संवेदनाओं से तो जुड़ते दिखे लेकिन उनके भीतर की अनिवार्य भारतीयता भी बनी रहे. ऊन और चंदेरी का उनका मिश्रण जिस पर ट्री ऑफ लाइफ की कढ़ाई सजी है, इंटरनेशनल वूलमार्क कलेक्शन के लिए तैयार किया गया था जिसने उन्हें बाकी से अलग पहचान दिलाई. मिश्रा कहते हैं कि उनके कपड़े सिर्फ फैशन का पर्याय नहीं हैं, बल्कि उनमें भावनाएं भी हैं. विज्ञान के विद्यार्थी रह चुके मिश्रा कहते हैं कि वे कालातीत होने की अहमियत को समझते हैं. उनका फलसफा बहुत सरल है- हस्तशिल्प को अगले चरण तक ले जाना, रूढ़ बंधनों से उसे आजाद करना, सिलुएट से कलाकारी करना और मेड इन इंडिया लग्जरी लेबल को तैयार करना. वे कहते हैं, ''मैं चाहता हूं कि बुनकारों को फायदा हो. मैं सिर्फ एक उत्पाद नहीं, डिजाइन प्रणाली विकसित करना चाहता हूं. मैं अब दुनिया के लिए तैयार हूं." वे मानते हैं कि फैशन के बारे में इससे ज्यादा प्रोत्साहित करने वाली बात कुछ नहीं हो सकती कि यह ऐसी नई पारिस्थितिकी विकसित करने में सक्षम हो जाए जिसमें बुनकरों को वैश्विक मंचों का लाभ मिले और अपने श्रम का सक्वमान हासिल हो. भारत में हथकरघा में लगे करीब 3.4 करोड़ लोगों के होते यह ऐसी बात है जिसका बेशक स्वागत होना चाहिए.
फैशन की दुनिया पर लंबे समय से निगाह रखे रमेश मेनन, जो फैशन डिजाइन काउंसिल ऑफ इंडिया के परामर्शदाता भी हैं, इसे कपड़े का पुनरुत्थान जैसी कोई चीज मानने से हिचकते हैं. उसके बजाए इसे वे एक ''हस्तक्षेप" कहना पसंद करते हैं. वे कहते हैं, ''स्थानीय स्वीकार्यता की जरूरत होती है. जापानी जब यूरोप के बाजारों को कब्जाने निकले, तो वे मजबूत पहचान के साथ लहर की तरह पहुंचे. पेरिस में मनीष अरोड़ा और राहुल मिश्रा की पहचान है पर भारतीय डिजाइन के मामले में दोनों दो विपरीत ध्रुवों पर हैं. भारतीय अंतरराष्ट्रीय फैशन का वक्त अभी नहीं आया है."
यह बात अलग है कि नए डिजाइनर वहां पहुंच रहे हैं और भड़कीले और भोंडे नीले-गुलाबी परिधानों की अवधारणा को चुनौती देकर उसे बिखेरने का काम कर रहे हैं. बाजार के लिए बनाए जाने वाले बीस किलो के लहंगे और स्टेटमेंट साडिय़ां एक ऐसे नव उपभोक्ता वर्ग की जरूरत को पूरा करने के लिए थे जो इन्हें पहनने को अपनी शख्सियत से जोड़कर देखते थे. अब नया सौंदर्यशास्त्र पर्याप्त शांत और विनम्र है, कलर पैलेट पर कुदरती रंग हैं और उसका फैब्रिक हमारी विरासत की देन है. इसके बदले प्रशंसा भी मिल रही है, जिनके सबसे ताजा पात्र दिल्ली के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी से पढ़े धीर हैं. फ्लोरेंस के पिट्टी उओमो में आयोजित दुनिया के सबसे अग्रणी मेंसवियर व्यापार मेले में वूलमार्क पुरस्कार समारोह के दौरान जब मॉडलों ने अपनी जैकेट उतारी, तो लाइनिंग पर की गई कढ़ाई को देखकर जजों को पुराने दिन याद आ गए और उनकी आह निकल गई. ढीले पलाजरो पैंट और लंबे जैकेट के सिलुएट उनके दादा देस राज धीर की स्टाइल से प्रेरित थे. भीतर तोते, आम के पेड़ और छातों के मोटिफ थे-ये छवियां कपड़ा व्यापारी दादा के साथ बिताई गर्मी की छुट्टियों की स्मृतियों से धीर के काम में अभिव्यक्त हुई थीं. इनका पैलेट नीले और पीले की छवियों का एक कंट्रास्ट था. धीर का काम देखकर दुनिया भर से आई फैशन की ताकतवर हस्तियों ने नए सौंदर्यबोध में आ रहे बदलाव को स्वीकार कर लिया. पीले रंग की छवियों ने भ्रम का अंत कर दिया.
डिजाइनरों की इस नई खेप की कामयाबी उनकी मौलिकता में है. पंजाब में पले-बढ़े धीर (36 वर्ष) कहते हैं कि पुराने दिनों की स्मृतियों ने ही उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच का रास्ता दिखाया. मिश्रा की ही तरह उन्होंने अपने तैयार किए कपड़ों पर कढ़ाई का उपयोग किया, जिसमें ऊन भी शामिल थी जो हल्का होने की वजह से गर्मियों में भी पहनी जा सकती है. वे बुनकरों के साथ एक रिश्ता कायम करने में यकीन करते हैं. वे कहते हैं, ''सजातीय और पारंपरिक में एक फर्क होता है. सारा मामला यह है कि आप कितने सुघड़ हो सकते हैं." उन्होंने ढीले सिलुएट के साथ यथास्थिति को चुनौती दी. वे इसे ''चिपके रहने वाले चुस्त कपड़ों के खिलाफ एक बगावत" मानते हैं. वे सूत, लिनन, बांस, महीन मलमल और सिल्क के ब्लेंड का इस्तेमाल करते हैं.
और ये कुछ अलग
तैयार नहीं, सिले हुए कपड़े
दूसरी ओर अर्जुन सलूजा के काम में ऐसा कुछ भी महीन नहीं है. अनुभव का खुरदरापन, पेंट के छींटे, टूटी हुई आकृतियां, धूल-मिट्टी उनके परिधानों में झलकती है, जो उत्तर प्रदेश के बरेली से न्यूयॉर्क और फिर दिल्ली तक तय किए उनके सफर का दृश्य-दस्तावेज हैं. एक ऐसे देश में जहां कपड़े अब भी अपनी जरूरत के हिसाब से सिलवाए जाते हों और चमकदार रंगों को तरजीह दी जाती हो, सलूजा के बनाए उभयलिंगी (स्त्री-पुरुष दोनों के लिए) और बहावदार ड्रेप उन्हें अलग पहचान देते हैं.
वे कहते हैं, ''हमारा जोर वास्तव में सिलाई पर है. यह हमारी देसी परंपरा का हिस्सा है. हमने टसर कॉटन के लिए ओडिशा के बुनकरों के साथ काम किया है, साडिय़ों की बुनाई पर काम किया है और हमने एक फैब्रिक तैयार किया. हमने इसी क्षेत्र में हाथ डाला है. हम इन कपड़ों को डिजाइन की अपनी सोच में ढालने की कोशिश कर रहे हैं और वजन के साथ प्रयोग कर रहे हैं, क्योंकि हमारे काम में स्ट्रक्चर और ड्रेप का केंद्रीय महत्व है." वे कहते हैं कि फैशन एक किस्म की अभिव्यक्ति है और यह निजता तैयार करता है. फैशन एक नजरिया है और यह देखने-समझने जैसा है.
अपने शार्प कट और बोल्ड स्ट्रक्चर के लिए चर्चित सलूजा कहते हैं कि पैटर्न कटिंग अहम है क्योंकि शरीर एक त्रिआयामी संरचना है जबकि कपड़ा द्विआयामी होता है. इसीलिए पैटर्न निर्माण के वक्त अनुपात और संरचनाओं को समझना बहुत जरूरी होता है.
दूसरों से उलट सलूजा ने कभी भी न तो महिलाओं और न ही पुरुषों को ''यौनाकर्षक" बनाने में विश्वास किया. वे कहते हैं कि उनका काम यौनिकता पर नहीं, ऐंद्रिकता पर केंद्रित है. वे शुरुआत में रंगमंच के कलाकार बनना चाहते थे. उनके डिजाइन में नाटकीयता यहीं से आती है. पैट्रीशिया फील्ड्स के सैलन में काम करने के दौरान उन्हें उभयलिंगी परिधानों का विचार आया. इस काम के दौरान उन्होंने टीवी शृंखला सेक्स ऐंड द सिटी के लिए डिजाइन किया था जिसमें फील्ड्स मुख्य किरदार कैरी ब्रैडशॉ की स्टाइलिस्ट थीं. अपने करियर के आरंभ वे ही अपना लेबल रिश्ता भारत में लॉन्च करने से पहले न्यूयॉर्क ले गए. ऐसा उन्होंने इसलिए किया ताकि भारतीय सिलुएट को अलंकरणों और सर्फेस ऑर्नामेनटेशन के बरक्स रखकर दिखा सकें—साथ ही भारतीय कट का भी मुजाहिरा कर सकें. सलूजा का सारा हुनर यही है. जापान में उनका लेबल हेनरी बेन्डेल में बिकता था और न्यूयॉर्क में प्रतिष्ठित स्टोर बार्नीज तथा एंथ्रोपॉलॉजी में मिलता था. वे कहते हैं, ''कुछ इस तरह हमने शुरुआत की. मैं 9/11 की घटना के बाद भारत वापस आ गया और अपना लेबल यहां ले आया."
भारत की खासियत उसके टेक्सटाइल में है और इन डिजाइनरों ने कपड़े के इतिहास को खोदकर निकाल लाने का फैसला कर डाला है, जिसमें वे थोड़ी-बहुत तकनीक की मदद ले रहे हैं. निफ्ट से प्रशिक्षित निटवियर डिजाइनर सामंत चौहान बिहार के एक छोटे से गांव धरहरा से हैं और बिनाई के बारे में सब कुछ जानते हैं, खासकर जब वह भागलपुरी सिल्क हो. वे कहते हैं, ''इस फैब्रिक में कुदरती एहसास होता है और देखने में यह शानदार और कच्चे सिल्क जैसा अभिजात्य लगता है."
भारत के फैशन उद्योग को दुनिया भर में प्रतिस्पर्धी बनने के लिए कुछ कड़े फैसले लेने होंगे. उनमें एक सवाल साइजिंग यानी नाप का है. मेनन कहते हैं, ''हमने अब तक भारत की कोई नाप प्रणाली तैयार नहीं की है. कपड़ा मंत्रालय ने एक परियोजना शुरू की थी लेकिन अब तक कुछ भी सामने नहीं आया है." दूसरा सवाल सोशल ऑडिट का है, जिसे सैक्स फिफ्थ एवेन्यू जैसे अंतरराष्ट्रीय रीटेलर अंजाम देते हैं जो यहां बुनकरों की संख्या, उनके श्रम की स्थितियों, काम के घंटों और भत्तों का परीक्षण करते हैं. तीसरे, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैशन के साल में चार सीजन होते हैं जबकि भारत में साल भर में तीन कलेक्शन निकाल पाना मुश्किल है. आखिरी सवाल स्केल यानी आकार का है. हाइ-एंड फैशन के मामले में घरेलू रीटेल कारोबार अब भी शैशव अवस्था में है. भारत में डिजाइनर वियर उद्योग 1,000 करोड़ रु. का है जो वैश्विक बाजार का छोटा हिस्सा है. मेनन बताते हैं कि मल्टीब्रांड ढांचा स्थापित करने में अब तक सबसे कामयाब अनीता डोंगरे रही हैं जिनके 700 बिक्री केंद्र हैं, 185 एक्सक्लूसिव ब्रांड स्टोर हैं और 600 मल्टीब्रांड लार्ज फॉर्मेट स्टोर 84 शहरों में हैं. इनके करीब और कोई नहीं पहुंच सका है, भले ही सब्यसाची और मनीष मल्होत्रा सौ-सौ करोड़ रु. का कारोबार करते हों.
इसके बावजूद फैशन समुदाय फैल रहा है. देश में अनुमान के हिसाब से 700-800 डिजाइन हैं. हर साल फैशन स्कूलों से 40,000 से ज्यादा छात्र ग्रेजुएट होते हैं. यहां से निकल रही नई शैलियों और नए फैब्रिक ने दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है.
अतीत की छाया
पुराने शिल्प और कपड़ों का पुनर्जन्म
यही वजह है कि बैकएंड प्रदाता के रूप में काम करते रहे कुछ डिजाइनर अब अपनी शर्तों पर अपने लेबल लेकर आ रहे हैं. इसका एक उदाहरण पल्लवी मोहन हैं, जो गुवाहाटी में पली-बढ़ीं और उस इलाके के चाय बागानों में जिन्होंने काफी वक्त गुजारा. उन्होंने हैंड एप्लीक और पैचवर्क के काम से अपना लेबल ईजाद किया है जिसका नाम है ''नॉट सो सीरियस", जो भारत में वाणिज्यिक स्तर पर सर्वाधिक चालू ब्रांड में एक है. लंदन के चेल्सिया कॉलेज ऑफ आर्ट्स में पढ़ीं मोहन को खूबसूरत सर्फेस ऑर्नामेन्टेशन के लिए जाना जाता है, जिसकी जड़ें उनके बचपन की स्मृतियों में हैं. उन्हें फूल पसंद हैं. मोहन ने अपना पहला शो 2008 में किया था. वे बताती हैं निर्यात क्षेत्र में शुरुआती नौकरी करते हुए वे न्यूयॉर्क और पेरिस के बड़े डिजाइनरों की ओर हसरत से देखती थीं और सोचती थीं कि क्या उन्हें इनके बीच कभी जगह मिल पाएगी. आजकल वे चीन के बाजार में अपना लेबल ले जाने के लिए बात चला रही हैं. वे कहती हैं, ''मैं सदाबहार कपड़े तैयार करना चाहती हूं. मैं चाहती हूं कि हेयरलूम के कपड़ों जैसे तैयार करूं जिसे हमेशा संजोकर रखा जाए."
ऐसी ही एक डिजाइनर रिमजिम दादू हैं जिनका कपड़ों के साथ किया हुआ इंकलाबी काम तब सुर्खियों में आया जब इस साल मई में कान फिल्म महोत्सव के रेड कार्पेट समारोह में सोनम कपूर उनकी बनाई ड्रेस पहनकर पहुंची थीं. वह ''बहुत मेहनत से बुनी गई" साड़ी थी. पूरी दुनिया से उनके काम को उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली.
नए डिजाइनर अपरिचित क्षेत्रों में उतरने से डरते नहीं हैं. फाइन फैब्रिक्स और स्मार्ट कट के प्रणेता अब्राहम और ठाकोर के डेविड अब्राहम कहते हैं कि इकत, जमदानी और माहेश्वरी बुनकरों के साथ काम करके और हर सीजन में नए डिजाइन तैयार कर के आज के डिजाइनर फैशन की परिभाषा को ही बदलने में जुटे हैं.
इस काम में वे अकेले नहीं हैं. नई कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने भी पारंपरिक कपड़ों के पुनरुत्थान में एक भूमिका निभाई है. मंत्री ने अगस्त में सोशल मीडिया पर एक अभियान शुरू किया जिसका लक्ष्य हथकरघा उद्योग को प्रोत्साहन देना था. इस अभियान का समापन 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथरकघा दिवस पर उनके बनारस दौरे से हुआ जो लाखों बुनकरों का शहर है. यह इस दिशा में केंद्र सरकार के प्रयासों का ही विस्तार थाः इस साल जून में केंद्र ने टेक्सटाइल और अपैरल उद्योग के लिए 6,000 करोड़ रु. के पैकेज की घोषणा की थी जिसका घोषित उद्देश्य एक करोड़ नए रोजगारों का सृजन था.
जड़ों की ओर
हथकरघा का साथ
भारत में कपड़े की संभावनाओं का अब तक पर्याप्त दोहन नहीं हुआ है. इसके लिए प्रतिबद्धता की जरूरत होती है, भीतरी इलाकों में जाना पड़ता है ताकि बुनकारी और मोटिफ में हो रहे बदलावों को समझा जा सके. मध्य प्रदेश के महेश्वर में 1979 से ही बुनकरों के बीच काम कर रहे अलाभकारी संगठन रेहवा सोसायटी की सह-संस्थापक सैली होलकर कहती हैं कि टिकाऊ फैशन के लिए हैंडलूम का साथ देना जरूरी है.
फैशन की विद्वान और मानव शास्त्री फिलिडा जे कहती हैं कि परंपरागत बुनकरी और शिल्प की भूमिका कई भारतीय डिजाइनरों के काम के केंद्र में है और उनकी पहचान को बनाती है. वे कहती हैं, ''इसका मतलब यह हुआ कि फैशन जगत में संवाद के दौरान अनिवार्य रूप से नैतिकता और शिल्पकारों की आजीविका का सवाल लगातार उठता रहता है. यह कई चुनौतीपूर्ण सवालों को जन्म देता है लेकिन भारतीय डिजानरों के लिए अद्भुत अवसर भी मुहैया कराता है कि वे खुद को ग्लोबल लीडर के रूप में अलग से स्थापित कर सकें." देखते ही खरीद लेने के चलन वाले फटाफट फैशन के इस दौर में संभव है कि ये डिजाइनर फैशन जगत में हस्तशिल्प की बहाली के संदर्भ में एक व्यापक संवाद का हिस्सा हों. वे इससे भी आश्वस्त हैं कि वे असाधारण हैं, साहसिक हैं और इन्हें रोकना मुमकिन नहीं.
(—साथ में सृष्टि झा)
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पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को पूरे देश में इंटरनल इमरजेंसी का ऐलान किया. इस फैसले के पीछे इंदिरा गांधी ने बतौर प्रधानमंत्री कुछ दलीलें देश के सामने रखी. इसके बावजूद इतिहास के पन्नों में इस फैसले को काले अक्षरों में दर्ज करने की कवायद हुई हालांकि इतिहासकार यह भी दावा करते हैं कि इस एक फैसले से इंदिरा की सख्त फैसला लेने की छवि देश के सामने आई और राजनीतिक विरोधियों ने उनकी तुलना जर्मनी के पूर्व तानाशाह हिटलर तक से की.
इसी तर्ज पर मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सख्त फैसला लेने वाले नेता की छवि 6 नवंबर 2016 को तब बनी जब नोटबंदी का ऐलान किया गया. इस एक ऐलान से देशभर में संचालित लगभग 86 फीसदी मुद्रा को अमान्य घोषित कर दिया गया. प्रधानमंत्री मोदी ने भी ऐलान के साथ देश को यह फैसला लेने के पीछे अपनी दलील दी. हालांकि एक बार फिर विपक्ष की भूमिका में बैठी कांग्रेस इस फैसले को गलत ठहराए जाने की उम्मीद लगाए बैठी है लेकिन सत्ता के गलियारों में आम राय है कि इस फैसले से प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सामने अपनी यह छवि बना ली है कि कड़े फैसलों को लेने में वह हिचकते नहीं है.
बीते 50 साल के दौरान दो प्रधानमंत्री और दो राजनीतिक दलों ने इन दो फैसलों के सहारे अपनी छवि का निर्माण किया. हालांकि दोनों ही फैसले बड़े स्तर पर देश की आर्थिक और सामाजिक स्थिति पर प्रभाव डालने वाले हैं. लिहाजा, यह समझना जरूरी है कि आखिर इन बड़े फैसलों को लेने के पीछे जो कारण गिनाए गया वह समय के साथ कितने खरे उतरे और क्या ये फैसले अपने मकसद में सफल साबित हुए?
इमरजेंसी लागू होने के बाद के आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक 1975 और 1976 के दौरान देश में अच्छे मॉनसून के चलते कृषि उत्पादन में तेज उछाल दर्ज हुई थी. इमरजेंसी से पहले पांच साल के औसत 41.5 मिलियन टन चावल उत्पादन की तुलना में 1975 में 49.7 मिलियन टन और 1976 में 42.8 मिलियन टन उत्पादन दर्ज हुआ था. इसी तरह इमरजेंसी के इन दो साल के दौरान गेंहू और दाल के उत्पादन में क्रमश: 20 और 30 फीसदी की उछाल दर्ज हुई थी.
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कृषि उत्पादन में वृद्धि की तर्ज पर 1975 और 1976 के दौरान देश में औद्योगिक उत्पादन में अच्छी तेजी देखने को मिली थी. जहां 1975 में औद्योगिक उत्पादन 6.1 फीसदी बढ़ा वहीं 1976 में इसमें 10.4 फीसदी की उछाल देखने को मिली थी.
इमरजेंसी से पहले 1974 में इंदिरा गांधी सरकार के सामने महंगाई की सबसे बड़ी चुनौती थी. इस दौरान महंगाई दर डबल डिजिट में दर्ज हुई थी. लेकिन इमरजेंसी से ठीक पहले ब्लैकमार्केटिंग और होर्डिंग के खिलाफ उठाए गए कदमों के चलते 1975 में थोक महंगाई गिरकर -1.1 फीसदी और 1976 में 2.1 फीसदी दर्ज हुई. वहीं खाद्य महंगाई जहां 1974 में 38 फीसदी के स्तर पर थी, इमरजेंसी लागू होने के बाद यह -4.9 फीसदी और -5.1 फीसदी दर्ज हुई.
देश में इमरजेंसी लागू होने के बाद 1974 के 3328 करोड़ रुपये के निर्यात की तुलना में 1975 के दौरान 4042 करोड़ और 1976 में 5142 करोड़ रुपये का निर्यात दर्ज हुआ. वहीं आयात के क्षेत्र में भी बड़ा अंतर दर्ज हुआ. जहां 1974 में आयात विकास दर 53 फीसदी रहा वहीं 1975 और 1976 के दौरान आयात दर 16.5 फीसदी और 3.6 फीसदी दर्ज किया गया.
हालांकि इमरजेंसी के दौरान सरकारी खर्च में हुए इजाफे के चलते बड़ा बजट घाटा दर्ज हुआ. लेकिन खास बात यह रही कि इमरजेंसी में अधिक खर्च के अलावा केन्द्र सरकार की कमाई में बड़ा इजाफा दर्ज हुआ. इमरजेंसी से पहले के वर्षों के दौरान खराब विकास दर के बाद 1975 और 1976 में 9.7 फीसदी और 12.6 फीसदी का इजाफा केन्द्र सरकार की कमाई पर दर्ज हुआ.
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इमरजेंसी के दौरान इन आर्थिक आंकड़ों की तुलना में नोटबंदी के बाद के आर्थिक आंकड़ों पर नजर डालें तो साफ है कि इमरजेंसी के दौरान आर्थिक तेजी दर्ज हुई वहीं नोटबंदी ने अर्थव्यवस्था को सुस्त करने का काम किया. इमरजेंसी के बाद जहां केन्द्र सरकार की कमाई में इजाफा हुआ वहीं नोटबंदी के बाद खुद रिजर्व बैंक की कमाई को चोट पहुंची. इमरजेंसी के दौरान जहां देश की जीडीपी में इजाफा दर्ज हुआ वहीं नोटबंदी ने जीडीपी को 1 से 1.2 फीसदी की नुकसान पहुंचाया. जहां नोटबंदी के पहले 8.01 फीसदी जीडीपी ग्रोथ दर्ज हुई वहीं नोटबंदी के बाद 7.11 फीसदी जीडीपी ग्रोथ दर्ज हुई.
इमरजेंसी के दौरान देश में व्याप्त महंगाई से राहत मिली थी. वहीं आंकड़ों के मुताबिक नवंबर 2016 में नोटबंदी के ऐलान के बाद जहां नवंबर के दौरान महंगाई दर में कमी दर्ज हुई लेकिन इसके बाद के महीनों में महंगाई में इजाफा देखने को मिला. वहीं नोटबंदी के बाद जीडीपी में दर्ज हुई गिरावट के आंकड़ों से साफ जाहिर है कि देश में कृषि उत्पादन और औद्योगिक उत्पादन को नोटबंदी के फैसले से बड़ा नुकसान पहुंचा. हालांकि नोटबंदी के लंबी अवधि के असर को देखना भी बाकी है लेकिन मौजूदा समय के आंकड़ों के आधार पर कहा जा सकता है कि इमरजेंसी और नोटबंदी का फैसला आर्थिक-सामाजिक पहलुओं पर विपरीत असर देने वाला रहा.
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इंस्टीट्यूट का नाम:
कम्पास एविएशन ट्रेनिंग एकेडमी, मुंबई
इंस्टीट्यूट का विवरण:
कम्पास एविएशन एक मल्टीनेशनल कंपनी है जिसका संचालन एयरलाइन पायलट्स द्वारा किया जाता है. यहां एविएशन से संबंधित कई प्रकार के कोर्स कराए जाते हैं, जिसमें पायलट ट्रेनिंग, ग्राउंड क्रू ट्रेनिंग, हॉस्पिटैलिटी एंड ट्रैवल एंड टूरिज्म ट्रेनिंग है. एक ऑथोराइज्ड ट्रेनिंग सेंटर होने के नाते यह एकेडमी सिडनी फ्लाइट ट्रेनिंग सेंटर, ऑस्ट्रेलिया और ओरियन एविएशन, कैलीफोर्निया के छात्रों को ट्रेनिंग देती है. कम्पास एविएशन, विश्व प्रमुख चार्टर ब्रोकिंग कंपनी 'हंट एंड पालमर' का भारतीय प्रतिनिधि भी है जिसका कॉरपोरेट बेस यूके में स्थित है.
संपर्क करें:
कम्पास एविएशन , 441/442,IJMIMA कांप्लेक्स, इंटरफेस, लिंक रोड, मलाड ईस्ट, मुंबई, महाराष्ट्र-400064
फोन:
022 - 28814000
ईमेल:
[email protected]
वेबसाइट:
www.kompassaviation.com
इस इंस्टीट्यूट में एविएशन से संबंधित निम्नलिखित कोर्स चलाए जाते हैं:
कोर्स का नाम:
कमर्शियल पायलट ट्रेनिंग
कोर्स का विवरण:
इस कोर्स में एयर रेग्युलेशंस, एटीसी फाइट प्लांस, आईसीएओ डॉक्यूमेंट्स एंड रेग्यूलेशंस, एयर नेविगेशंस, एयरक्राफ्ट्स एंड इंजन पढ़ाए जाते हैं.
डिग्री:
सर्टिफिकेट
अवधि:
8 महीने
योग्यता:
12वीं (मैथ्स और फिजिक्स)
कोर्स का नाम:
डुअल डिप्लोमा इन एविएशन एंड हॉस्पिटैलि़टी मैनेजमेंट
कोर्स का विवरण:
इस कोर्स में स्पोकेन इंग्लिश, ग्रूमिंग, पर्सनैलिटी डेवलपमेंट, एविएशन, हिस्ट्री ऑफ एविएशन, रोल ऑफ केबिन क्रू, इन फ्लाइट सर्विसेज जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं. इस कोर्स को सफलतापूर्वक पास करने वाले छात्रों को दो सर्टिफिकेट दिए जाते हैं. यह सर्टिफिकेट एविएशन एवं हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट में होता है.
डिग्री:
डिप्लोमा
अवधि:
8 महीने (पार्ट टाइम)
उम्र सीमा:
17- 30 साल
योग्यता:
50 फीसदी अंको के साथ 10वीं पास, ग्रैजुएट, अंडरग्रैजुएट (किसी भी क्षेत्र में)
कोर्स का नाम:
डुअल डिप्लोमा इन कस्टमर सर्विसेज एंड ग्राउंड ऑपरेशंस मैनेजमेंट
कोर्स का विवरण:
इस कोर्स में स्पोकन इंग्लिश, ग्रूमिंग, पर्सनैलिटी डेवलपमेंट, एयरपोर्ट टर्मिनल मैनेजमेंट, ग्राउंड ऑपरेशंस, कस्टमर सर्विसेज मैनेजमेंट जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं. इस कोर्स को सफलतापूर्वक पास करने वाले छात्रों को दो सर्टिफिकेट दिए जाते हैं. यह सर्टिफिकेट कस्टमर सर्विसेज मैनेजमेंट और एयरपोर्ट टर्मिनल मैनेजमेंट में होगा.
डिग्री:
डिप्लोमा
अवधि:
6 महीने (पार्ट टाइम)
उम्र सीमा:
17- 30 साल
योग्यता:
50 फीसदी अंको के साथ 10वीं पास, ग्रैजुएट, अंडरग्रैजुएट (किसी भी क्षेत्र में)
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बेखौफ और बेलाग अंदाज वाले सिद्धारमैया ने अब तक जो कुछ कहा दिल से कहा और कभी अपने जीवन की महत्वाकांक्षा नहीं छुपाई.
पिछले विधानसभा सत्र के दौरान जब भी सत्ताधारी बीजेपी के विधायक उनकी महत्वाकांक्षा का उपहास उड़ाते, तब विपक्ष के नेता रहे सिद्धारमैया इससे भड़क जाया करते थे और बिना किसी झिझक के घोषणा करते थे कि वे ही राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे.
कांग्रेस विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद उन्होंने अपनी बात सच भी साबित कर दी है. सिद्धारमैया की किस्मत ने भी उनका बखूबी साथ दिया. राज्य में पांच मई को हुए विधानसभा चुनाव में कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष जी परमेश्वर की हार ने उनकी राह को आसान कर दिया था.
वित्त मंत्री के तौर पर सात बार राज्य का बजट पेश कर चुके सिद्धारमैया की पार्टी विधायकों पर बहुत अच्छी पकड़ है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता और केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री एम मल्लीकार्जुन खड़गे के साथ सीधी टक्कर होने की सूरत में वह उन्हें पछाड़ भी सकते थे.
साल 1996 में पार्टी नेता एच डी देवगौड़ा के प्रधानमंत्री बनने के बाद वह राज्य के मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए. राज्य के तीसरे सबसे बड़े समुदाय कुरुबा से ताल्लुक रखने वाले सिद्धारमैया को पछाड़ कर जे एच पाटिल तब मुख्यमंत्री की गद्दी पर बैठे थे. सिद्धारमैया देवगौड़ा और पाटिल दोनों के ही शासनकाल में वित्त मंत्री रहे.
जनता दल के दो टुकड़े जेडीयू और जेडीएस में टूटने पर वे देवगौड़ा की नेतृत्व वाली जेडीएस के साथ गए और पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष बने.
डॉ. राम मनोहर लोहिया के समाजवादी विचारों से प्रभावित और ‘जनता परिवार’ के सदस्य रहे सिद्धारमैया ने वकालत के पेशे को छोड़कर राजनीति अपनायी थी. उन्होंने साल 1983 में पहली बार लोक दल के टिकट पर चामुंडेश्वरी विधानसभा सीट से जीत दर्ज की और बाद में जनता पार्टी में शामिल हो गए.
राज्य की आधिकारिक भाषा के रूप में कन्नड़ के उपयोग की निगरानी के लिए राम कृष्ण हेगड़े के मुख्यमंत्रित्व काल में बनी निगरानी समिति ‘कन्नड़ कवालू समिति’ के वह पहले अध्यक्ष थे.
दो साल बाद हुए मध्यावधि चुनाव में वह दोबारा निर्वाचित हुए और हेगड़े की सरकार में पशुपालन एवं पशु चिकित्सा मंत्री रहे.
दलितों के नेता के तौर पर खुद को स्थापित करने के लिए उन्होंने तीन बार ‘अहिंदा’ (अल्पसंख्यक, पिछड़ों और दलितों को परिभाषित करने वाला कन्नड़ शब्द) सम्मेलन का आयोजन किया. हालांकि साल 2005 में उन्हें जेडीएस से निकाल दिया गया. इस दौरान देवगौड़ा के बेटे एच डी कुमारस्वामी को पार्टी के उभरते हुए नेता के रूप में देखा जा रहा था.
जेडीएस के आलोचकों का कहना कि देवेगौड़ा अपने बेटे को आगे बढ़ाना चाहते थे और इस कारण उन्होंने सिद्धारमैया को बाहर किया था.
इसके बाद साल 2006 में सिद्धारमैया अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस से जुड़ गए. दिसंबर 2़007 में मैसूर में चामुंडेश्वरी के उपचुनाव में उन्होंने एक बार फिर से जीत दर्ज की. वर्ष 2008 में हुए चुनाव में वह कांग्रेस की प्रचार समिति के अध्यक्ष रहे.
मैसूर जिले के सिद्धारमनहुंडी गांव में एक गरीब किसान के परिवार में 12 अगस्त, 1948 को सिद्धारमैया का जन्म हुआ था. उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय से स्नातक किया. उन्होंने यहीं से वकालत की डिग्री भी हासिल की और कुछ समय तक वकालत भी की.
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