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जम्मू-कश्मीर में जम्मू क्षेत्र के उधमपुर जिले में बुधवार देर शाम हुए एक सड़क हादसे में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 15 घायल हो गए. पुलिस के अनुसार, उधमपुर के पंचेरी इलाके में यात्रियों से भरी एक बस खाई में गिर गई. यह हादसा बस ड्राइवर के नियंत्रण खो देने के कारण हुआ. बस उधमपुर शहर से खोर गली गांव जा रही थी, जब पंचेरी में यह हादसा हुआ. घटना की जानकारी मिलते ही बचावकर्मी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए. हालांकि शाम घिर जाने की वजह से राहत के काम में बाधा आ रही थी. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि हादसे में चार यात्रियों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि 15 अन्य घायल हो गए. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
गंडरादित्य ((956-57 ई.) गंधरादित्य 0/0 परांतक प्रथम की मृत्यु (लगभग 956 ई.) से लेकर राजराज चोल प्रथम के राज्यारोहण (985 ई.) तक का चोल इतिहास अस्पष्ट और अस्त-व्यस्त है। इस अवधि में चोलों के वंशानुक्रम, तिथि एवं घटनाक्रम का स्पष्ट जान नहीं है। इतिहासकारों के अनुसार पटांतक प्रथम की मृत्यु के बाद उसके दूसरे पुत्र गंडटादित्य ने 956 ई. के आसपास शासन ग्रहण किया। इसने संभवतः बहुत कम समय (957 ई.) तक शासन किया और इसकी किसी विशेष उपलब्धि की सूचना नहीं मिलती है। तोंडैमंडलम् प्रदेश पर टाष्ट्रकूटों का अधिकार बना रहा और इसे बार-बार कृष्ण तृतीय के आक्रमणों का सामना करना पड़ रहा था। गंडरादित्य के शासनकाल के दूसरे वर्ष के एक लेख में इसके एक सामंत ने दावा किया है कि उसने वीरचोलपुरम् में अपने शत्रुओं को पराजित किया था। लेख में शत्रु का नाम नहीं है, किंतु अनुमान है कि यह सरदार नरसिंहवर्मा था, जिसने अपने शासन के सत्रहवें वर्ष में (955 ई.) कृष्ण तृतीय की अधीनता स्वीकार कर ली थी। गंडरादित्य की महारानी शेबियन एक धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थी, जिससे उत्तमचोल पैदा हुआ था। गंडरादित्य की आकस्मिक मृत्यु के बाद भी यह 1001 ई. तक जीवित रही। इसने कई पाषाण मंदिरों का निर्माण करवाया तथा उसके निमित्त दान दिया। गंडरादित्य साहित्य प्रेमी था और कहा जाता है कि चिदंबरम् मंदिर के श्लोक की रचना इसने स्वयं की थी। गंडरादित्य का शासन 957 ई. के लगभग समाप्त हुआ। अरिंजय (957 ई.) गंडरादित्य के अल्पकालीन शासन के बाद उसका भाई अरिंजय (957 ई.) चोल राजसिंहासन पर बैठा। कुछ इतिहासकारों के अनुसार 'अटिकुलकेशरि इसकी उपाधि थी, किंतु इस संबंध में निश्चितता के साथ कुछ कहना संभव नहीं है। • अजय का शासनकाल भी अत्यल्प रहा। इसकी दो टानियाँ वोमन कुंददैयार और कोदईपिदात्तियार इसकी मृत्यु के बाद भी जीवित थीं। संभवतः अटिंजय ने राष्ट्रकूट कृष्ण तृतीय से चोलों के प्रदेशों को छीनने का प्रयास किया था, किंतु सफलता नहीं मिली और इसी प्रयास में उसकी मृत्यु हो गई। लेखों के अनुसार अरिजय की मृत्यु मेलपाणि के आसपास (संभवतः आर्कट में हुई थी क्योंकि राजराज के एक अभिलेख में कहा गया है कि उसने वहाँ मरने वाले राजा की स्मृति में एक मंदिर का निर्माण करवाया था। इससे लगता है कि आर्डर मेलपाडि के आसपास ही रहा होगा। परांतक चोल द्वितीय या सुंदरचोल (957-973 ई.) अरिंजय की मृत्यु ( 957 ई.) के बाद अन्चिल ताम्रपत्र में उल्लिखित इसकी टानी वैदुम्ब राजकुमारी कल्याणी से उत्पन्न पुत्र सुंदर चोल पटांतक द्वितीय के नाम से चोल सिंहासन का उत्तराधिकारी हुआ, जिसे 'मदुरैकोंड राजकेशरि' की उपाधि दी गई है। पटांतक द्वितीय ने पांड्य शासक को पराजित किया था। इसकी मृत्यु काँचीपुरम् में हुई थी और मृत्यु के बाद इसे राजराज प्रथम-rajarajil 1985 1015-00/ है दी गई थी। इसकी एक रानी वानवन महादेवी इसकी मृत्य के बाद सती हो गई थी।
एक तरफ एक शहर के 18 लाख लोग और दूसरी तरफ एक भटका हुआ तेंदुआ, जिसने पूरे शहर को घरों में कैद कर दिया है. क्या पुलिस, क्या सेना, क्या वन विभाग और क्या आम लोग, सभी उसकी तलाश में हैं. पर वो है कि एक झलक दिखाता है और फिर गायब. अब सवाल यह है कि आखिर अपना घर छोड़कर यह तेंदुआ इंसानों की बस्ती में क्यों और कैसे आया? तो आइए यह सच भी जान लीजिए... कुदरत के बनाए निजाम के खिलाफ जब-जब कोई गया, तब-तब कुछ ऐसा ही हुआ. कहते हैं कि क़ुदरत कभी भी किसी को परेशान नहीं करती. लेकिन ये बस तब तक सही है जब तक आप उसे छेड़ें नहीं. मेरठ के दामन में ख़ौफ़ के जो मंज़र इधर-उधर बिखरे पड़े हैं. वो दरअसल सालों से क़ुदरत के साथ की जा रही लागातार छेड़छाड़ का नतीजा हैं. कोई ख़ामोश रहे और कुछ न कहे, तो इसका मतलब यह नहीं कि वो कमज़ोर है. मगर लालची ठेकेदारों को ये कहां पता था. लेकिन मान लीजिए कि अगर उन्हें इसका पता भी होता, तो शायद वो इसे ज़ाहिर नहीं करते, क्योंकि लालच उन्हें ऐसा करने नहीं देती. कुल मिलाकर मेरठ में पिछले 48 घंटे से जो कुछ हो रहा है, वो पिछले कई सालों की इंसानी लापरवाहियों और लालच का ही नतीजा हैं. करीब 35 लाख वाली पूरे मेरठ जिले की आबादी का 51 फीसदी हिस्सा पहले गांव में बसता था. लेकिन तरक्की और शहरीकरण के नाम पर जंगलों को काट-काट कर सीमेंट और कंक्रीट का ऐसा जंगल तैयार किया गया कि गांव की वही 51 फीसदी आबादी भी उठकर शहर में आ गई. जाहिर है इंसानी घरों को बसाने के चक्कर में जंगल में रहने वाले जानवर अपने ही घर से बेघर होते गए. नतीजा हम सबके सामने है. ऐसे जानवर अब जब-तब भटकर कर हम इंसानों की बस्ती में चले आते हैं. यहीं से कुदरत का निजाम बिगड़ जाता है, क्योंकि कुदरत ने इंसानों के लिए अलग और जानवरों के लिए अलग बस्ती बनाई थी. पर हम इंसानों ने जानवरों की बस्ती पर भी कब्जा कर लिया. कहने वाले कह रहे हैं कि मेरठ को सिर पर उठा लेने वाला ये तेंदुआ जंगलों की कटाई की वजह से नहीं, बल्कि जिम कार्बेट से निकलकर आ गया है. लेकिन वो ये नहीं बता पा रहे कि करीब डेढ़ सौ किलोमीटर की दूरी तय कर तेंदुआ मेरठ कैसे आ सकता है. रास्ते में और भी बस्तियां थीं वहीं रुक जाता. ज़ाहिर है सच्चाई ये नहीं है, बल्कि सच ये है कि एक पूरे शहर पर हावी ये खौफ लापरवाह सरकारी और सामाजिक दोहन की वजह से हावी है. मेरठ के इन इलाकों में पिछले दस-बीस सालों में विकास और शहरीकरण के नाम पर हर तरह की दुकानें खुल गई हैं. मनमाने तरीके से यहां ज़मीन की ख़रीद-फ़रोख़्त हो रही है. अंधाधुंध इंमारतें खड़ी हो रही हैं. ये सब कुछ हो रहा है हरियाली और जंगलों को कुचलकर. नतीजा सामने है. जिनकी बस्ती इंसानों ने छीन ली, वही जब हम इंसानों की बस्ती में भटककर आ गया तो पूरा शहर सहम गया है. वैसे शायद मेरठ के लोगों को तेंदुए के खौफ से पहले ही छुटकारा मिल सकता था, अगर वन विभाग के लोगों ने अपना काम ठीक से किया होता. तेंदुआ लगभग उनकी गिरफ्त में आ चुका था. तेंदुए को बेहोश करने के लिए ट्रेंक्यूलाइजर के इस्तेमाल का भी मौका मिला था. मगर कमाल देखिए कि फिर भी तेंदुआ पूरी तरह से बेहोश नहीं हुआ. लोग अब भी कहीं लाठी-डंडे से लैस, तो कहीं एसएलआर राइफल और एके 47 के साथ जवान उसे तलाश रहे हैं. खबर है कि तेंदुआ अब भी शहर में छिपा हुआ है. पर कहां, किसी को पता नहीं. हां, आखिरी खबर जो मिली है, उसके मुताबिक मंगलवार दोपहर को उसके पंजों के निशान पुठ गांव में देखे गए हैं. इसी खबर के बाद पुलिस-प्रशासन अब पुठ गांव में तेंदुए की खाक छान रही है. हालांकि मंगलवार को शहर के स्कूल-कॉलेज खुले. लेकिन डर का आलम यह था कि मां-बाप खुद स्कूल के गेट पर खड़े रहे, जब तक कि छुट्टी नहीं हो गई. तेंदुए की दहशत का अंदाजा आप सिर्फ इसी से लगा सकते हैं कि कई जगह लोग कुत्तों को तेंदुआ समझ कर भाग खड़े हुए. ज़ाहिर है जब तक तेंदुआ पकड़ नहीं लिया जाता, मेरठ के लोग चैन की नींद नहीं सो पाएंगे.
विश्वनाथन आनंद (पैदाइश: 11 दिसंबर 1969) एक भारतीय शतरंज ग्रैंडमास्टर और पांच बार बन चुके विश्व शतरंज चैंपियन हैं। वो 1988 में भारत के पहले ग्रैंडमास्टर बने, और उन खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्होंने 2800 की ईलो रेटिंग को पार किया है, जो उन्होंने 2006 में पहली दफा हासिल की थी। 2022 में, उन्हें फाइड का उपाध्यक्ष चुना गया। आनंद ने 2000 फाइड विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीतने के लिए छे गेम के मैच में अलेक्सी शिरोव को हराया, जिसका खिताब उन्होंने 2002 तक रखा। वो 2007 में बिना विवाद के विश्व चैंपियन बने, और 2008 में व्लादिमीर क्रैमनिक, 2010 में वेसेलिन टोपालोव, और 2012 में बोरिस गेलफेंड के खिलाफ अपने खिताब को बचाया। 2013 में, वो चैलेंजर मैगनस कार्लसन से खिताब हार गए, और 2014 कैंडिडेट टूर्नामेंट जीतने के बाद 2014 में कार्लसन से रीमैच हार गए। अप्रैल 2006 में आनंद, क्रैमनिक, टोपालोव, और गैरी कास्परोव के बाद फाइड रेटिंग सूची में 2800 ईलो मार्क को पार करने वाले इतिहास के चौथे खिलाड़ी बन गए। उन्होंने 21 महीनों के लिए नंबर एक के जगह पर कब्ज़ा कर लिया, जो सबसे लंबे अर्से के रिकॉर्ड में छठा था। पुरस्कार और सम्मान आनंद को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। भारतीय सम्मान 1985 में शतरंज में "शानदार भारतीय खिलाड़ी" के लिए अर्जुन पुरस्कार। पद्म श्री: 1987 में भारत सरकार द्वारा दिया गया चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार। राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, 1991-1992 के साल में भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान। पद्म भूषण: 2000 में भारत सरकार द्वारा दिया गया तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार। पद्म विभूषण: 2007 में भारत सरकार द्वारा दिया गया दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार। दूसरे सम्मान 1987 में राष्ट्रीय नागरिक पुरस्कार और सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार 1998 में उनकी किताब माई बेस्ट गेम्स ऑफ चेस के लिए ब्रिटिश चेस फेडरेशन "बुक ऑफ द ईयर" पुरस्कार। आनंद ने 1997, 1998, 2003, 2004, 2007, और 2008 में शतरंज ऑस्कर जीता है। शतरंज ऑस्कर रूसी शतरंज पत्रिका 64 द्वारा आयोजित प्रमुख शतरंज आलोचकों, लेखकों, और पत्रकारों के सर्वेक्षण के हिसाब से साल के सबसे बेहतरीन खिलाड़ी को दिया जाता है। 1995 के लिए स्पोर्टस्टार बेस्ट स्पोर्ट्सपर्सन ऑफ द ईयर। 1998 में स्पोर्टस्टार मिलेनियम अवार्ड, मिलेनियम के सबसे मुख्य खिलाड़ी होने के लिए भारत की प्रमुख खेल पत्रिका से। "शतरंज में शानदार" पुरस्कार नीलेश मुरली और राहुल देसीराजू द्वारा (2004, 2007)। 2011 में नैसकॉम द्वारा विश्व शतरंज चैंपियनशिप के कई प्रारूपों में महारत हासिल करने के लिए "ग्लोबल स्ट्रैटेजिस्ट अवार्ड"। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने पांचवीं बार विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीतने के लिए आनंद को ₹2 करोड़ के चेक से सम्मानित किया। 2012 में, उन्हें "साल का भारतीय खिलाड़ी" और "साल का भारतीय" पुरस्कार मिला। 2014 में आनंद को रूस के साथ आर्थिक, वैज्ञानिक, और सांस्कृतिक संबंधों के विकास के लिए रूसी ऑर्डर ऑफ फ्रेंडशिप से सम्मानित किया गया था। विश्वनाथन आनंद और बोरिस गेलफैंड को ऑर्डर ऑफ फ्रेंडशिप से सम्मानित किया गया, जो 2012 में मास्को में स्टेट ट्रीटीकोव गैलरी में आयोजित फाइड विश्व शतरंज चैंपियनशिप मैच में भाग लेने वाले थे। 2015 में आनंद को 8 जनवरी को स्पेनिश दूतावास, दिल्ली में शीर्ष देश के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यह भारतीय मूल के मशहूर लोगों को दिया जाता है जिन्होंने भारत और स्पेन को गौरव दिलाने में मदद की। 4538 विशिआनंद एक मुख्य-बेल्ट छोटा ग्रह है। इसकी खोज 10 अक्टूबर 1988 को टोयोटा, आइची प्रीफ़ेक्चर में केन्ज़ो सुज़ुकी ने की थी और 1 अप्रैल 2015 को इसका नाम विशी के नाम पर रखा गया था। संदर्भ २००० पद्म भूषण शतरंज खिलाड़ी जीवित लोग भारत के विश्व चैम्पियन खिलाड़ी राजीव गांधी खेल रत्न के प्राप्तकर्ता पद्म विभूषण धारक 1969 में जन्मे लोग
37 वर्ष की उम्र के बावजूद आशीष नेहरा शॉर्टर फॉर्मेट में टीम इंडिया की जरूरत बने हुए हैं. मुश्किल परिस्थितियों में अपनी गेंदबाजी से वे न केवल रनों का प्रवाह रोकने का काम करते हैं बल्कि लगातार विकेट लेकर टीम की सफलता में योगदान भी देते हैं. स्विंग गेंदबाजी से विपक्षी बल्‍लेबाजों के लिए मुसीबत बनने वाला दिल्‍ली का यह बॉलर इस बात को अच्‍छी तरह से जानता है कि किसी भी मैच के विशेष हालात में क्या किया जाना चाहिए. घुटने की सर्जरी के बाद इंग्लैंड के खिलाफ टी20 सीरीज में नेहरा ने कमाल का प्रदर्शन किया. नागपुर टी20 मैच मे उन्‍होंने भारत की जीत में अहम भूमिका निभाते हुए चार ओवर में 28 रन देकर तीन विकेट लिए थे. इससे पता चलता है कि उनकी गेंदबाजी में वही धार मौजूद है. जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार जैसे गेंदबाजों को उनके जैसे ही मेंटर की जरूरत है. आशीष नेहरा के गेंदबाजी कौशल के उनके पूर्व सहयोगी भी कायल हैं. हरभजन सिंह से लेकर पूर्व भारतीय गेंदबाजी कोच भरत अरुण, मदन लाल और विजय दहिया, सब नेहरा को गेंदबाजी में काफी ऊंचा रेट करते हैं. बाएं हाथ के तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने 1999 में मो. अजहरुद्दीन की कप्‍तानी में अपने करियर की शुरुआत की थी. अपना पहला टेस्‍ट उन्‍होंने श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो में खेला था.टिप्पणियां टीम इंडिया की कई सफलताओं में हरभजन सिंह का महत्‍वपूर्ण योगदान रहा है. भज्‍जी 20 वर्षों से नेहरा को जानते हैं, उन्होंने कहा, ‘उसके (नेहरा के) कौशल का स्तर बिलकुल अलग है. जैसे विराट कोहली अंदाजा लगा सकता है कि एक गेंदबाज कैसी गेंदबाजी करेगा और वह किस तरह का शॉट लगाएगा. ठीक उसी तरह आशीष जानता है कि एक बल्लेबाज उस विशेष गेंद पर कैसे हिट करेगा और वह उसी तरह से मैदान सजाता है. मैं जानता हूं कि उसने कितनी मेहनत की है, लेकिन उसके लिए अपने शरीर को जानना मददगार हुआ है.’ पूर्व भारतीय गेंदबाजी कोच भरत अरुण  ने बताया कि नेहरा के पास दो तरह के बाउंसर हैं, ये एक दूसरे से पूरी तरह से भिन्न हैं. अरुण ने कहा कि वह बेहतरीन यार्कर फेंकता है और उसकी गुडलेंथ गेंद शानदार है. टी20 प्रारूप उसके लिए पूरी तरह से मुफीद है. सबसे अच्छी बात है कि वह कभी भी 125 किमी प्रति घंटे की रफ्तार का गेंदबाज नहीं रहा है.’ उन्होंने कहा, ‘वह हमेशा ही 135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाला गेंदबाज रहा है, इसलिये टी20 में आपको 24 गेंद फेंकनी होती हैं और इससे उसे मौका मिल जाता है. दिल्ली की टीम में एक समय नेहरा के साथी और उनके कोच विजय दहिया ने कहा, ‘आशीष ने काफी चोटों का सामना किया है और मेरा मानना है कि यह तेज गेंदबाजी की अहम चीज है. अन्य गेंदबाजों के विपरीत उसे कम क्रिकेट खेलने के लिये बाध्य होना पड़ा और इससे वह तरोताजा रहा. ’ दहिया ने कहा, ‘आशीष जानता है कि वह अपने शरीर की वजह से टेस्ट मैच नहीं खेल पाएगा. उसने सीमित ओवरों के मैचों पर ध्यान लगाया और इससे उसका सर्वश्रेष्ठ निकला. ’ वर्ल्‍डकप-1983 की चैंपियन रही भारतीय टीम के सदस्‍य मदन लाल ने कहा, ‘आपको बताऊं, आशीष को खराब फार्म से कभी भी बाहर नहीं किया गया. वह हमेशा चोटिल रहता है जो खेल का हिस्सा है. दिल्ली के कोच या राष्ट्रीय चयनकर्ता के तौर पर हमने कभी उसके गेंदबाजी स्तर के बारे में चर्चा नहीं की क्योंकि हर कोई जानता था कि वह क्या कर सकता है. (एजेंसी से भी इनपुट) टीम इंडिया की कई सफलताओं में हरभजन सिंह का महत्‍वपूर्ण योगदान रहा है. भज्‍जी 20 वर्षों से नेहरा को जानते हैं, उन्होंने कहा, ‘उसके (नेहरा के) कौशल का स्तर बिलकुल अलग है. जैसे विराट कोहली अंदाजा लगा सकता है कि एक गेंदबाज कैसी गेंदबाजी करेगा और वह किस तरह का शॉट लगाएगा. ठीक उसी तरह आशीष जानता है कि एक बल्लेबाज उस विशेष गेंद पर कैसे हिट करेगा और वह उसी तरह से मैदान सजाता है. मैं जानता हूं कि उसने कितनी मेहनत की है, लेकिन उसके लिए अपने शरीर को जानना मददगार हुआ है.’ पूर्व भारतीय गेंदबाजी कोच भरत अरुण  ने बताया कि नेहरा के पास दो तरह के बाउंसर हैं, ये एक दूसरे से पूरी तरह से भिन्न हैं. अरुण ने कहा कि वह बेहतरीन यार्कर फेंकता है और उसकी गुडलेंथ गेंद शानदार है. टी20 प्रारूप उसके लिए पूरी तरह से मुफीद है. सबसे अच्छी बात है कि वह कभी भी 125 किमी प्रति घंटे की रफ्तार का गेंदबाज नहीं रहा है.’ उन्होंने कहा, ‘वह हमेशा ही 135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाला गेंदबाज रहा है, इसलिये टी20 में आपको 24 गेंद फेंकनी होती हैं और इससे उसे मौका मिल जाता है. दिल्ली की टीम में एक समय नेहरा के साथी और उनके कोच विजय दहिया ने कहा, ‘आशीष ने काफी चोटों का सामना किया है और मेरा मानना है कि यह तेज गेंदबाजी की अहम चीज है. अन्य गेंदबाजों के विपरीत उसे कम क्रिकेट खेलने के लिये बाध्य होना पड़ा और इससे वह तरोताजा रहा. ’ दहिया ने कहा, ‘आशीष जानता है कि वह अपने शरीर की वजह से टेस्ट मैच नहीं खेल पाएगा. उसने सीमित ओवरों के मैचों पर ध्यान लगाया और इससे उसका सर्वश्रेष्ठ निकला. ’ वर्ल्‍डकप-1983 की चैंपियन रही भारतीय टीम के सदस्‍य मदन लाल ने कहा, ‘आपको बताऊं, आशीष को खराब फार्म से कभी भी बाहर नहीं किया गया. वह हमेशा चोटिल रहता है जो खेल का हिस्सा है. दिल्ली के कोच या राष्ट्रीय चयनकर्ता के तौर पर हमने कभी उसके गेंदबाजी स्तर के बारे में चर्चा नहीं की क्योंकि हर कोई जानता था कि वह क्या कर सकता है. (एजेंसी से भी इनपुट) दिल्ली की टीम में एक समय नेहरा के साथी और उनके कोच विजय दहिया ने कहा, ‘आशीष ने काफी चोटों का सामना किया है और मेरा मानना है कि यह तेज गेंदबाजी की अहम चीज है. अन्य गेंदबाजों के विपरीत उसे कम क्रिकेट खेलने के लिये बाध्य होना पड़ा और इससे वह तरोताजा रहा. ’ दहिया ने कहा, ‘आशीष जानता है कि वह अपने शरीर की वजह से टेस्ट मैच नहीं खेल पाएगा. उसने सीमित ओवरों के मैचों पर ध्यान लगाया और इससे उसका सर्वश्रेष्ठ निकला. ’ वर्ल्‍डकप-1983 की चैंपियन रही भारतीय टीम के सदस्‍य मदन लाल ने कहा, ‘आपको बताऊं, आशीष को खराब फार्म से कभी भी बाहर नहीं किया गया. वह हमेशा चोटिल रहता है जो खेल का हिस्सा है. दिल्ली के कोच या राष्ट्रीय चयनकर्ता के तौर पर हमने कभी उसके गेंदबाजी स्तर के बारे में चर्चा नहीं की क्योंकि हर कोई जानता था कि वह क्या कर सकता है. (एजेंसी से भी इनपुट)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'स्वच्छता ही सेवा' आह्वान को एक नए मुकाम पर ले जाते हुए केंद्रीय पर्यटन मंत्री अलफोंस कन्नथानम ने पान और गुटखे की पीक से रंगी दीवारों को बुधवार को अपने हाथों से साफ किया. मंत्री ने मध्य दिल्ली के जनपथ मार्केट में एक स्वच्छता अभियान में भाग लेते हुए दीवारों को पहले पानी से साफ किया और फिर अपने हाथों में 'डिटरजेंट' लेकर साफ किया. दरअसल, उनके कर्मचारी उनके लिए एक ब्रश की व्यवस्था करने के लिए इधर-उधर भागते नजर आए. मंत्री जी को नहीं मिला मनमाफिक 'स्क्रबर' मंत्री ने अपने हाथों से इशारा करते हुए कहा, "एक स्कब्रर ला दो." इस पर किसी ने उन्हें प्लास्टिक के एक लंबे डंडे से लगा 'स्क्रबर' दिया. लेकिन मंत्री ने इसे लेने से इनकार कर दिया और उन्होंने हाथ से पकड़ कर साफ करने लायक कोई चीज मांगी. जिसके बाद अधिकारी उनके मनमाफिक 'स्क्रबर' लाने के लिए इधर-उधर भागते नजर आए, वहीं मंत्री ने अपने हाथों में डिटरजेंट लिया और उसे दीवार पर रगड़ने लगे. बाद में, किसी ने उन्हें हाथ में पकड़ कर सफाई करने वाला 'स्क्रबर' दिया, जिसका उन्होंने दीवार पर इस्तेमाल किया. बाद में पर्यटन मंत्री ने वहां मौजूद लोगों से पूछा, "साफ हुआ ना?" इससे पहले, नीली टी-शर्ट और जींस पहने मंत्री ने जनपथ मार्केट पहुंचने के बाद वहां साफ-सफाई की. मंत्री ने सड़क पर सूखे पत्ते, खाली डिब्बे और प्लास्टिक का कूड़ा जमा किया और फिर उन्हें एक कूड़ेदान में डाल दिया, जिसकी व्यवस्था उनके कर्मचारी ने की थी. अलफोंस ने कहा, "भारत को स्वच्छ रखिए. हर नागरिक सड़क पर उतरिए, आस पड़ोस में जाइए और भारत को स्वच्छ बनाइए. मुझे लगता है कि यह प्रधानमंत्री का सबसे बड़ा मिशन है."
बॉलीवुड अभिनेत्री करीना कपूर को मनोरंजन की दुनिया में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए एक अखबार ने लंदन में हाउस ऑफ कॉमन्स में सम्मानित किया है. सदन में गृह मामलों की समिति के अध्यक्ष और प्रवासी भारतीय सांसद कीथ वाज ने 33 साल की करीना को मंगलवार रात सम्मानित किया. एशियन संडे समाचार पत्र ने करीना के अलावा गायक किम्बरले वॉल्श और जादूगर डायनमो को भी सम्मानित किया. 'कभी खुशी कभी गम', 'ओंकारा', 'जब वी मैट', 'थ्री इडियट्स' और 'बॉडीगार्ड' जैसी कई सफल फिल्मों में अभिनय करने वाली करीना ने कहा, 'इंग्लैंड मेरे सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है. भारत और इंग्लैंड के बीच हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं और समय के साथ ये संबंध और मजबूत हो गए हैं.'
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने शनिवार को ईस्ट एमसीडी के शास्त्री पार्क में बने कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने मलबे से टाइल्स बनाने की पूरी प्रक्रिया को देखा. ईस्ट एमसीडी कमिश्नर मोहनजीत सिंह ने उपराज्यपाल को बताया कि ईस्ट एमसीडी ने मॉडल के तहत अगले 15 वर्षों तक के लिए ये प्लांट निजी कंपनी को दिया है. जो अत्याधुनिक तकनीक के सहारे दिल्ली में डिमोलिशन के दौरान निकले मलबे से टाइल्स बनाने का काम कर रहा है. इस बात का खास खयाल रखा जा रहा है कि इस प्लांट से इलाके के रहने वालों को ना तो धूल की समस्या हो और ना ही ध्वनि प्रदूषण की. निगम कमिश्नर ने एलजी को बताया कि इस प्लांट के लिए पूर्वी दिल्ली में 15 जगहें बनाई गई हैं, जहां डिमोलिशन का मलबा डाला जाता है. वहां से मलबा ट्रकों से प्लांट तक पहुंचाया जाता है. उपराज्यपाल को बताया गया कि इस प्लांट में मलबे से सीमेंट, ईंट और रेत बनाई जाती है. लगभग 95 फीसदी मलबे को यहां रिसायकिल कर दिया जाता है. निगम अधिकारियों ने उपराज्यपाल को बताया कि इस प्लांट के उद्धाटन से अबतक 2 लाख टन मलबे को उपयोग किया जा चुका है. जिससे दिल्ली की लैंडफिल साइटों पर कम संख्या में मलबा पहुंच रहा है. उपराज्यपाल अनिल बैजल ने प्लांट के कामकाज पर खुशी जताते हुए ईस्ट एमसीडी की सराहना भी की है. उपराज्यपाल ने इस दौरान एमसीडी कमिश्नर से शास्त्री पार्क कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट और गाजीपुर वेस्ट टू एनर्जी प्लांट की क्षमता बढ़ाने के लिए कहा. उन्होंने निगम की पूरी तरह से मदद करने का आश्वासन दिया. उपराज्यपाल ने इसके अलावा पूर्वी दिल्ली के गांधी नगर, गीता कॉलोनी, आईपी एक्सटेंशन और केशव कुंज इलाकों का भी दौरा किया और वहां साफ-सफाई का जायज़ा लिया. कुछ जगहों पर गंदगी पाए जाने पर उन्होंने नाराज़गी जताई तो निगम अधिकारियों ने फंड की कमी का राग अलापा.
जम्मू-कश्मीर की उधमपुर संसदीय सीट पर इस बार फ‍िर रोचक मुकाबला होने के आसार हैं. लोकसभा चुनाव 2019 में मोदी सरकार में मंत्री डॉ. ज‍ितेंद्र स‍िंह एक बार इस सीट से बीजेपी के उम्मीदवार हैं. कांग्रेस से कर्ण स‍िंह के बेटे व‍िक्रमाद‍ित्य स‍िंह उन्हें चुनौती दे रहे हैं. इस सीट पर मुख्य मुकाबला इन दोनों के बीच है. इसके अलावा नवरंग कांग्रेस पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, डोगरा स्वाभ‍िमान संगठन पार्टी, जम्मू और कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी, श‍िवसेना सह‍ित 5 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में जीत के ल‍िए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं. बता दें क‍ि जम्मू और श्रीनगर की दो सीटों पर 18 अप्रैल को दूसरे फेज में मतदान होना है. 10 मार्च को लोकसभा चुनाव 2019 की घोषणा होने के बाद देश,  चुनावी माहौल में आ गया है. 19 मार्च को इस सीट के ल‍िए नोट‍िफ‍िकेशन न‍िकला, 26 मार्च को नोम‍िनेशन की अंत‍िम तारीख, 27 मार्च को उम्मीदवारों की अंत‍िम ल‍िस्ट पर मुहर लगी. अब 18 अप्रैल के मतदान के ल‍िए सभी दलों ने अपनी ताकत झोंक दी है. लोकसभा चुनाव 2019 के दूसरे चरण में 13 राज्यों की 97 लोकसभा सीटों पर मतदान होना है. मतदान का पर‍िणाम 23 मई को आना है. जम्मू और कश्मीर की उधमपुर लोकसभा सीट, क्षेत्रफल की लिहाज से सूबे की दूसरी बड़ी सीट है. इस लोकसभा सीट का कुल क्षेत्र करीब 20,230 वर्ग किलोमीटर है. इस सीट में पहाड़ी हिमालय का हिस्सा भी शामिल है. क्षेत्रफल से लिहाज से यह सीट इजरायल देश के बराबर है. इस सीट के अन्तर्गत सूबे के 6 जिलें (किश्तवाड़, रामबन, कठुआ, डोडा, रियासी और उधमपुर) और 17 विधानसभा सीट (तीन अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित) आते हैं. इस सीट से कश्मीर का राजघराना भी चुनावी मैदान में उतर चुका है और तत्कालीन कश्मीर राजघराने के राजकुमार कर्ण सिंह यहां से चार बार सांसद भी रहे हैं. वर्तमान में इस सीट से नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह सांसद हैं. राजनीतिक पृष्ठभूमि 1967 में इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर करण सिंह पहली बार संसद पहुंचे थे. इसके बाद 1968 में कांग्रेस के ही जीएस ब्रिगेडियर जीते. 1971 में कांग्रेस के टिकट पर करण सिंह फिर जीते. इसके बाद वह लगातार तीन चुनाव जीते. वह 1977 में तीसरी और 1980 में चौथी बार सांसद बने. 1984 में इस सीट से कांग्रेस के ही टिकट पर गिरधारी लाल डोगरा जीतने में कामयाब हुए. इसके बाद 1988 में काफी विवादित उपचुनाव हूआ. इस उपचुनाव में जम्मू और कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी के भीम सिंह ने जीत दर्ज की. 1989 में यह सीट फिर कांग्रेस के पास आई और उसके टिकट पर धरम पॉल जीते, हालांकि 1991 का चुनाव उग्रवाद के कारण इस सीट पर नहीं हुआ, लेकिन 1996 में जब चुनाव हुआ तो यहां पर पहली बार बीजेपी का खाता खुला. बीजेपी के चमन लाल गुप्ता लगातार तीन बार (1996, 1998 और 1999) यहां से सांसद रहे. 2004 में कांग्रेस ने इस सीट पर वापसी की और उसके टिकट पर चौधरी लाल सिंह लगातार दो बार (2004 और 2009) जीते. 2014 का चुनाव काफी रोचक रहा है. इस सीट से कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को उतारा, लेकिन वह चुनाव हार गए और बीजेपी के डॉ. जितेंद्र सिंह चुनाव जीत गए. सामाजिक तानाबाना उधमपुर लोकसभा क्षेत्र में जम्मू और कश्मीर के 6 जिले (किश्तवाड़, रामबन, कठुआ, डोडा, रियासी और उधमपुर) आते हैं. इस सीट के अन्तर्गत 17 विधानसभा सीटें (किश्तवर, गुलाबगढ़, बानी, इन्दरवाल, रिआसी, बासोहली, डोडा, गूलअरनास, कठुआ, भदरवाह, उधमपुर, बिल्लावर, रामबन, चेनानी, हीरानगर, बनिहाल, राम नगर) आती है. इनमें से हीरानगर, चेन्नानी और रामबन सुरक्षित है. 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 12 सीटों (किश्तवाड़, बानी, रिआसी, बासोहली, डोडा, कठुआ, भदरवाह, बिल्लावर, रामबन, चेनानी, हीरानगर, रामनगर), कांग्रेस ने 4 सीटों (गुलाबगढ़, इन्दरवाल. गूलअरनास, बनिहाल) और निर्दलीय ने एक सीट (उधमपुर) पर जीत दर्ज की थी. इस लोकसभा क्षेत्र में करीब 15 लाख वोटर हैं, जिनमें करीब 8 लाख पुरुष और 7 लाख महिला वोटर है. 2014 में इस सीट पर करीब 70 फीसदी मतदान हुआ था. 2014 का जनादेश 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से बीजेपी के डॉ. जितेंद्र सिंह जीते हैं. उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को करीब 60 हजार वोटों से हराया था. डॉ. जितेंद्र सिंह को 4.87 लाख और गुलाम नबी आजाद को 4.26 लाख वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर पीडीपी के मोहम्मद अरशद मलिक (30 हजार वोट) और चौथे नंबर पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के भीम सिंह (25 हजार वोट) पाकर रहे. चुनाव की हर ख़बर मिलेगी सीधे आपके इनबॉक्स में. आम चुनाव की ताज़ा खबरों से अपडेट रहने के लिए सब्सक्राइब करें आजतक का इलेक्शन स्पेशल न्यूज़लेटर
लेख: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को बिहार के किशनगंज में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की शाखा का शिलान्यास किया। इस मौके पर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री पल्लम राजू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उपस्थित थे। इसके पूर्व सोनिया दोपहर बाद विशेष विमान से पूर्णिया पहुंचीं, जहां से वे हेलीकॉप्टर से किशनगंज पहुंचीं, उनके साथ पल्लम राजू भी थे। सोनिया के कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए। एएमयू के शिलान्यास कार्यक्रम को लेकर स्थानीय लोगों में उत्साह चरम पर है। शिलान्यास कार्यक्रम के बाद सोनिया गांधी ने किशनगंज के रूईधासा मैदान में एक जनसभा को संबोधित किया। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2009-10 में केंद्र सरकार ने एएमयू के चार नए कैंपस केरल के मालापुरम, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, बिहार के किशनगंज और महाराष्ट्र के औरंगाबाद में खोलने का निर्णय लिया था। किशनगंज कैंपस के लिए राज्य सरकार ने दिसंबर 2011 में किशनगंज के चकला गांव में एक ही स्थान पर 224 एकड़ भूमि उपलब्ध करा दी। वर्ष 2013 में अल्पसंख्यक छात्रों के लिए बने दो छात्रावास भी राज्य सरकार ने एएमयू को सौंप दिया है।
भैंस एक दुधारू पशु है। कुछ लोगों द्वारा भैंस का दूध गाय के दूध से अधिक पसंद किया जाता है। यह ग्रामीण भारत में बहुत उपयोगी पशु है। भैंस का रंग काला होता है भारत में मुख्यत भैंस के निम्न नस्ल/प्रकार पाए जाते हैं - मुर्रा,सुरती, जाफराबादी, मेहसाना, भदावरी,गोदावरी, नागपुरी व सांभलपुरी आदि। और पढ़े... भैंस की नस्लें संसार की कुल भैंसों का लगभग 95% एशिया महाद्वीप में भारत में अधिकांश भैंसे ग्रामीण क्षेत्रों के पशुपालकों द्वारा पाली जाती है। भैंस को मुख्य रूप से दुग्ध उत्पादन तथा नर भैंसों को कृषि कार्य करवाने के लिए पाला जाता है। विश्व की समस्त भैंसों को मुख्य रूप से 2 वर्गों में बांटा गया है अफ्रीकन और एशियन, एशियन भैंसों को पुनः दो वर्गों जंगली और पालतू में वर्गीकृत किया गया है। पालतू एशियन को पुनः रिवर (नदी)और स्वेम्प (दलदल) भैंसों के रूप में जाना जाता है। रिवर भैंसे मुख्य रूप से अधिक दूध देने वाली होती है रिवर भैंसे भारत पाकिस्तान तथा मध्य पुर्वी एशियाई देश जैसे युनान, दक्षिण पूर्वी यूरोप, इटली तथा यू. एस.एस. आर. में पाई जाती है जबकि स्वैम्प भैंस मलेशिया, सिंगापुर, बर्मा, लाओस, कंबोडिया, इंडोनेशिया, वियतनाम , थाईलैंड, फिलीपींस, ताईवान, चाइना हांगकांग तथा दक्षिणी पूर्वी एशिया के काफी भाग में पाई जाती है। राजस्थान में भैंसों की संख्या 12.97 मिलियन है। भारत दुग्ध उत्पादन में विश्व में प्रथम स्थान पर है, वैज्ञानिकों ने भैंस को ब्लेक डायमंड भी कहा है। पशुपालक भैंस की अच्छी नस्ल सम्बंधी उन्नत तकनीकी जानकारी प्राप्त करके ही भैंस पालन को बढ़ावा दे सकते हैं। हमारे देश में भैंस की तेरह नस्लें पाई जाती है। भैंसों की नस्ल के आकार के अनुसार तीन भागों में विभाजित किया है। भारी श्रेणी मध्यम श्रेणी हल्की श्रेणी अधिक जानें .. भदावरी इस नस्ल का मूल स्थान उत्तर प्रदेशउत्तर प्रदेश के आगरा जिले का भदावर गांव है। इसके अलावा यह यमुना चंबल की घाटी में बसे इटावा ग्वालियर के क्षेत्रों में पाई जाती है। इस पशु की मुख्य विशेषता तांबे जैसी लालिमा लिए बदामी रंग है। इन का शरीर मध्यम आकार का व आगे से पतला एवं पीछे से चौड़ा होता है। सींग चपटे मोटे तथा पीछे की ओर मुड़ कर ऊपर अंदर की ओर मुड़े होते हैं। अयन छोटा होता है, जिस पर दुग्ध शिराएं उभरी रहती है। इसके नर पशुओं का शरीर 400 से 500 के किग्रा. तथा मादा पशुओं का भार 350 से 400 किग्रा. होता है तथा इसकी प्रथम ब्यांत की उम्र 48 से 54 माह है। इस नस्ल के मादा पशुओं की दुग्ध क्षमता 900 से 1200 किग्रा. प्रति ब्यात तथा दूध में वसा 12 से 14% होती है। मुर्रा इस भैंस मूल उत्पत्ति स्थान दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब तथा हरियाणा है। यह उत्तरी राजस्थान के जयपुर, बिकानेर, जोधपुर, अजमेर तथा कोटा संभाग में पाई जाती है। इस नस्ल के पशुओं के सींग छोटे एवं जलेबी के घेरे जैसे घुण्डीदार मुड़े हुए वह सिर छोटा होता है। इस नस्ल के पशु काले रंग के होते हैं तथा मुंह, पैर व पुंछ पर सफेद धब्बे पाये जाते हैं। इनकी त्वचा मुलायम व इनका शरीर भारी होता है। अयन विकसित होते हैं जिस पर थन छोटे एवं दुर-दुर होते हैं। यह नस्ल विश्व के दूध देने वाली भैंसों में से एक श्रेष्ठ नस्ल है। इस नस्ल की मादा पशुओं का भार 500-550 किग्रा. तथा नर पशुओं का भार 500-600 किग्रा. होता है। प्रथम ब्यांत की उम्र 36-48 माह है। सूरती यह मूल रूप से गुजरात के आनन्द, बड़ोदा, खेडा तथा नाडियाद से है। इस नस्ल की भैंस दक्षिण राजस्थान में भी पाई जाती है। इस नस्ल के पशु मध्यम आकार, भूरा या हल्का काला रंग, सींग छोटे दरांती की आकृति के व चपटे होते हैं। इसके नर पशुओं का भार 450-500 किग्रा. व मादा पशुओं का भार 350-400 किग्रा. होता है तथा प्रथम ब्यांत की उम्र 42-48 माह है। नीली यह नस्ल पंजाब के अमृतसर के रावी, नीली तथा सतलज नदियों के क्षेत्र में पाई जाती है। सतलज नदी का पानी नीला है इसलिए इस नस्ल का नाम भी नीली रखा है। अधिक जानें.. भैंस के दूध के पोषक तत्व दूध के प्रमुख संघटकों का आंकड़ा, प्रति 100 ग्राम इन्हें भी देखें जंगली भैंस मुर्रा भैंस दुग्ध कृषि दूध दही बाहरी कड़ियाँ भैंसकोश (बफैलोपेडिया) किसानों द्वारा अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (भैंस से संबन्धित) केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान भैंस पालन से सम्बंधित जानकारियां भैंस खरीदने बेचने से सम्बंधित जानकारी और बिकाऊ भैंस सन्दर्भ भैंस पशु
चयन समिति अगले महीने अफगानिस्तान के खिलाफ होने वाले एकमात्र टेस्ट मैच के अलावा 27 जून से डबलिन में शुरू होने वाले ब्रिटेन के सीमित ओवर दौरे के लिए भारतीय टीम की घोषणा आठ मई को करेगी. बीसीसीआई के सीनियर अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर पीटीआई से कहा, ‘आठ मई को तीन टीमों का चयन किया जाएगा. अफगानिस्तान टेस्ट 14 से 18 जून तक खेला जाएगा, जिसके बाद ब्रिटेन दौरा डबलिन में आयरलैंड के खिलाफ दो मैचों की वनडे सीरीज से शुरू होगा. चयनकर्ता भारत ए टीम की घोषणा भी करेंगे जो जून में इंग्लैंड दौरे पर खेलेगी.’ टीम पहले ही घोषित करने का फैसला इसलिए किया जा रहा है ताकि सुनिश्चित हो सके कि कौन अफगानिस्तान टेस्ट के लिए उपलब्ध हैं, क्योंकि विराट कोहली और ईशांत शर्मा काउंटी प्रतिबद्धताओं के कारण अफगानिस्तान के खिलाफ ऐतिहासिक टेस्ट में नहीं खेल पाएंगे. भारत में टेस्ट सीरीज जीतना एवरेस्ट चढ़ने जैसा कठिन: कंगारू कोच चेतेश्वर पुजारा हालांकि अफगानिस्तान के लिए टेस्ट खेलने के लिए ब्रिटेन से वापस लौटेंगे और मैच खेलकर फिर लौट जाएंगे क्योंकि उनकी काउंटी टीम यॉर्कशर का इस दौरान कोई मैच नहीं खेलेगी. कुछ खिलाड़ियों के लिए इंग्लैंड का वीजा हासिल करना भी एक मुद्दा होगा जिससे बोर्ड ने चयनकर्ताओं को जल्द ही टीम घोषित करने को कहा. सीएओ विनोद राय पहले ही कह चुके हैं कि इंग्लैंड में अच्छे प्रदर्शन के लिए जून में कम से कम छह से सात टेस्ट विशेषज्ञ हालात से सांमजस्य बिठाने के लिए भारत ए टीम के साथ इंग्लैंड में होंगे. बीसीसीआई अधिकारी के अनुसार भारतीय ए टीम में सीनियर टीम के सात नियमित खिलाड़ी हैं, जिसमें अजिंक्य रहाणे, मुरली विजय, रोहित शर्मा और हार्दिक पंड्या शामिल हैं. ये अफगानिस्तान के खिलाफ मैच के तुरंत बाद ब्रिटेन के लिए रवाना होंगे. भारत ए का इंग्लैंड दौरा 21 जून से शुरू होगा.
करण जौहर की फिल्म कलंक को बॉक्स ऑफिस पर अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. फिल्म 2019 की अब तक की सबसे बड़ी ओपनर साबित हुई. अब फिल्म 50 करोड़ के आंकड़े को छूने के लिए तैयार है. फिल्म ने पहले दो दिन 33.05 करोड़ की कमाई की. ट्रेड एनालिस्ट तरण आर्दश के मुताबिक, तीसरे दिन फिल्म की कमाई ठीक-ठाक रही. फिल्म ने पहले दिन 21.6 करोड़ का बिजनेस किया. गुरुवार को यानी दूसरे दिन फिल्म का आंकड़ा थोड़ा गिरा था. फिल्म ने 11.45 करोड़ रुपये कमाए. तीसरे दिन गुडफ्राइडे की छुट्टी की वजह से फिल्म की कमाई में बढ़ोतरी होने की उम्मीदें थीं. लेकिन फिल्म ने 11.60 करोड़ की कमाई की. इस हिसाब से फिल्म ने कुल 44.65 करोड़ की कमाई की. फिल्म को हॉलिडे (गुडफ्राइडे) का कुछ खास फायदा नहीं मिला. बता दें कि जब से करण जौहर की फिल्म कलंक की अनाउंसमेंट हुई है तब से फैंस फिल्म को देखने के लिए बेताब थे. लेकिन फिल्म को क्रिटिक्स की मिलीजुली प्रतिक्रिया मिली. फिल्म को निगेटिव माउथ पब्लिसिटी से नुकसान पहुंचने का चांस नजर आ रहा है. #Kalank sees minimal growth on Day 3 [ #GoodFriday holiday]... Big jump is clearly missing... Plexes better, mass circuits ordinary/weak... Now dependent on Sat and Sun to add to the total... Wed 21.60 cr, Thu 11.45 cr, Fri 11.60 cr. Total: ₹ 44.65 cr. India biz. — taran adarsh (@taran_adarsh) April 20, 2019 कलंक का निर्देशन अभिषेक वर्मन ने किया है. फिल्म में वरुण, आलिया के अलावा संजय दत्त, माधुरी दीक्षित, आदित्य रॉय कपूर और सोनाक्षी सिन्हा भी अहम भूमिकाओं में हैं. करण जौहर ने इस फिल्म को प्रोड्यूस किया है. ये करण जौहर का ड्रीम प्रोजेक्ट था. पहले दिन फिल्म ने बनाया ये रिकॉर्ड ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श के मुताबिक, ये फिल्म आलिया और वरुण धवन के करियर में अब तक पहले दिन कमाई करने वाली सबसे बड़ी फिल्म बन गई है. 2019 में ये रिकॉर्ड इससे पहले करण जौहर के ही प्रोडक्शन में बनी अक्षय कुमार स्टारर केसरी के नाम था. केसरी ने पहले दिन 21.06 करोड़ रुपये कमाए थे. तीसरे नंबर पर रणवीर सिंह की फिल्म गली बॉय (19.40 करोड़ रुपये) है. टोटल धमाल (16.50 करोड़ रुपये) चौथे नंबर पर है.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ नॉर्थ कोरिया के परमाणु कार्यक्रम और व्यापार संबंधों सहित अन्य मुद्दों पर बातचीत की. ट्रंप का चीन की राजधानी बीजिंग में शाही भव्य स्वागत किया गया. शी ने बीजिंग के ग्रेट हॉल ऑफ द पीपुल में आज सुबह ट्रंप की अगवानी की, जिसके बाद दोनों नेता स्वागत समारोह में शामिल हुए. जिनपिंग के साथ बातचीत में ट्रंप ने कहा कि उनका और शी का मानना है कि नॉर्थ कोरिया संकट का समाधान निकाला जा सकता है. ट्रंप ने कहा, आज सुबह हमारी बैठक में नॉर्थ कोरिया पर बहुत अच्छी बातचीत रही और आपकी तरह मैं भी यही मानता हूं कि इस समस्या का समाधान है. अमेरिकी राष्ट्रपति की पांच देशों की एशिया यात्रा में चीन महत्वपूर्ण पड़ाव है. इस यात्रा के दौरान ट्रंप ने नॉर्थ कोरिया से कहा कि वह अपना परमाणु कार्यक्रम समाप्त करने के लिए सौदा करे. ट्रंप ने नॉर्थ कोरिया को अमेरिका या दुनिया के खिलाफ उकसावे को लेकर चेतावनी भी दी है. उन्होंने चीन से अनुरोध किया कि वह प्योंयोंग से अपने सभी संबंध तोड़ ले. साथ उन्होंने बीजिंग से कहा कि वह नॉर्थ कोरिया पर इस संबंध में दबाव बढ़ाये. चीन का कहना है कि वह अपनी ओर से पूर्ण प्रयास कर रहा है और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को पूर्णता से लागू कर रहा है. दोनों नेताओं के बीच अमेरिका के साथ चीन के व्यापार अधिशेष पर भी चर्चा हुई. ट्रंप ने कहा, हम इसे संतुलित करेंगे और यह हम दोनों के लिए बेहतर होगा. अमेरिकी राष्ट्रपति के बुधवार को तीन दिवासीय दौरे पर चीन पहुंचे हैं. इस मौके पर सभी तीन सेवाओं की चीनी सेना 21 बंदूकों की सलामी के साथ सलामी गारद देने के लिए मौजूद रहीं. इससे पहले, दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को अपने आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल से परिचित कराया. ट्रंप ने शी और अपने दामाद जेरेड कुश्नर का परिचय करवाया. बाद में उन्होंने प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत शुरू की जिसके दौरान नॉर्थ कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को लेकर संकट और बड़े स्तर पर व्यापार घाटे पर बातचीत होने की संभावना है. ट्रंप का चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग से भी मुलाकात करने और राजभोज, सांस्कृतिक समारोह के बाद एक समारोह में भाग लेने का कार्यक्रम है. शी ने चीन की 15वीं शताब्दी की फॉबिडेन सिटी में ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया की मेजबानी की. ट्रंप का स्वागत करने के दौरान कल शी ने कहा कि ट्रंप की चीन यात्रा से सकारात्मक और महत्वपूर्ण नतीजे निकलेंगे. जनवरी में ट्रंप के राष्ट्रपति पद संभालने के बाद से दोनों नेताओं के बीच करीबी रिश्ते रहे हैं, उन्होंने दो बार आमने-सामने मुलाकात की और आठ बार फोन पर बातचीत की है.
यह लेख है: राजस्थान पुलिस ने जयपुर से कथित रूप से फिरौती के लिए अगवा किए गए व्यवसायी को बुधवार को अजमेर से मुक्त करवाकर दो अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार किया है।टिप्पणियां अतिरिक्त उपायुक्त (दक्षिण) जयपुर योगेश गोयल ने बताया कि अपहरणकर्ता व्यवसायी संजय सिंह (25) का मानसरोवर इलाके से अपहरण कर उसे अजमेर ले गए थे। पुलिस को सूचना मिलने पर मोबाइल फोन की कॉल डिटेल से अपहरणकर्ता शौकत चक्रवर्ती और श्रीकांत को अजमेर जिले के मांगलियावास के पास से पकड़ कर व्यवसायी को मुक्त करवाया गया। गोयल ने बताया कि गिरफ्तार अपहरणकर्ताओं की पीले रंग की बत्ती लगी एसयूवी से पांच वॉकी टाकी और एक नकली पिस्तौल जब्त की गई है। संजय के पिता विक्रम सिंह का आपराधिक रिकॉर्ड है। आरोपियों ने प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि 10 लाख रुपये उधारी वसूल करने के लिए व्यवसायी का अपहरण किया गया था। हालांकि व्यवसायी ने आरोपियों के उधारी संबंधी दावे को खारिज कर दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। अतिरिक्त उपायुक्त (दक्षिण) जयपुर योगेश गोयल ने बताया कि अपहरणकर्ता व्यवसायी संजय सिंह (25) का मानसरोवर इलाके से अपहरण कर उसे अजमेर ले गए थे। पुलिस को सूचना मिलने पर मोबाइल फोन की कॉल डिटेल से अपहरणकर्ता शौकत चक्रवर्ती और श्रीकांत को अजमेर जिले के मांगलियावास के पास से पकड़ कर व्यवसायी को मुक्त करवाया गया। गोयल ने बताया कि गिरफ्तार अपहरणकर्ताओं की पीले रंग की बत्ती लगी एसयूवी से पांच वॉकी टाकी और एक नकली पिस्तौल जब्त की गई है। संजय के पिता विक्रम सिंह का आपराधिक रिकॉर्ड है। आरोपियों ने प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि 10 लाख रुपये उधारी वसूल करने के लिए व्यवसायी का अपहरण किया गया था। हालांकि व्यवसायी ने आरोपियों के उधारी संबंधी दावे को खारिज कर दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। गोयल ने बताया कि गिरफ्तार अपहरणकर्ताओं की पीले रंग की बत्ती लगी एसयूवी से पांच वॉकी टाकी और एक नकली पिस्तौल जब्त की गई है। संजय के पिता विक्रम सिंह का आपराधिक रिकॉर्ड है। आरोपियों ने प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि 10 लाख रुपये उधारी वसूल करने के लिए व्यवसायी का अपहरण किया गया था। हालांकि व्यवसायी ने आरोपियों के उधारी संबंधी दावे को खारिज कर दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
परिवार के साथ रहते हुए जिन लड़कियों को डबल बेड भी छोटा लगता है, वही लड़कियां पीजी में आकर रेलवे की सीट जितने चौड़े बेड पर सोना सीख जाती हैं. बाथरूम के लिए लाइन लगाना सीख जाती हैं. मन मारकर दूसरे का पसंदीदा सीरियल देखना सीख जाती हैं और साथ ही भांति-भांति के लोगों के साथ रहना सीख जाती हैं. कई बार पीजी में रहना मजबूरी होती है तो कई बार जरूरत. आमतौर पर जो लड़कियां पीजी में रहती हैं वो नौकरी करने के लिए अपने घर छोड़कर आती हैं. कुछ पढ़ाई के लिए भी आती हैं. नौकरी करने वाली लड़‍की के मन में जहां दो पैसे बचाने की बात चलती है वहीं स्टूडेंट के लिए मां-बाप का बोझ कम करने की. ऐसे में ज्यादातर लड़कियां पीजी में रहना प्रि‍फर करती हैं. वहीं जरूरत की बात करें तो कई बार मां-बाप खुद ही बेटी को अलग रूम लेकर नहीं रहने देते. दूर बैठे मां-बाप को लगता है कि बच्ची अकेले रहेगी तो कुछ भी हो सकता है. पीजी में वॉर्डन या लैंडलॉर्ड तो रहेगा ही साथ ही कुछ दूसरी लड़कियां भी रहेंगी. ऐसे में अकेले रहने से बेहतर है कि बेटी कुछ लोगों के साथ रहे. पर बीते दिनों दिल्ली के एक पीजी में जो कुछ हुआ, उसके बाद शायद पीजी भी दूर बैठे मां-बाप को सुरक्षित न लगे. मामला दिल्ली के एक पीजी का है. जहां ग्रेजुएशन करने वाली एक लड़की जब अपने पीजी पहुंची तो एक युवक पहले से ही वहां मौजूद था. उसने लड़की को देखते ही अपनी पैंट उतार दी और अश्लील हरकत करने लगा. लड़की ने भागकर खुद को एक कमरे में बंद कर लिया और लैंडलॉर्ड को फोन किया. लड़का फिर भी वहीं खड़ा रहा. जब लैंडलॉर्ड पहुंचे तो उन्होंने लड़के की पि‍टाई की और उसे भगा दिया. लड़की ने जब पुलिस कंप्लेंट की बात कही तो उन्होंने मना कर दिया. साफ है कि इसके पीछे उन्हें बदनामी का डर रहा होगा. लेकिन क्या ये लड़कियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं है? बहुत सी लड़कियां अपने घर छोड़कर नौकरी, पढ़ाई या फिर दूसरी जरूरतों की वजह से बड़े शहरों का रुख करती हैं. ऐसे में वो पीजी को ठिकाना बनाती हैं. इस तरह की घटनाएं वाकई डर पैदा करती हैं. ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप अपनी ओर से पूरी सावधानी बरतें. अगर आप भी पीजी खोज रही हैं तो पीजी में रहना शुरू करने से पहले इन बातों की जांच-पड़ताल जरूर कर लें. 1. सबसे पहले आपने जिस इलाके में पीजी देखा है, उसके बारे में आस-पास के लोगों से पता करें. बातों-बातों में आपको उस पीजी के बारे में काफी कुछ पता चल जाएगा. 2. जब आप पीजी देखने जाएं तो वहां पर पहले से रह रही लड़कियों से बात जरूर करें. उनसे पूछें कि यहां रहते हुए उन्हें किन दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. आप चाहें तो किसी लड़की से उसका नंबर ले लें और तसल्ली से उससे बात करें. 3. लैंडलॉर्ड को ये पहले ही साफ कर दें कि ये लड़कियों का पीजी है और यहां किसी भी पुरुष का आना अलाउड नहीं है. चाहे वो उनका बेटा या उनका कोई करीबी ही क्यों न हो. 4. पीजी के बाथरूम, खिड़की और रोशनदान अच्छी तरह से चेक करें. पीजी में सफाई के लिए कौन आता है, खाना पकाने के लिए कौन आता है, मरम्मत के लिए कौन आता है...इन सारी बातों की डिटेल आपके पास भी होनी चाहिए. 5. लैंडलॉर्ड के साथ संबंध अच्छे होने चाहिए लेकिन बहुत अधिक पर्सनल बिल्कुल भी न हों और न ही उन्हें होने दें. 6. पीजी जिस इलाके में है वहां का माहौल भी जरूर चेक करें. आस-पास कैसे लोग रहते हैं, इसका असर भी आप पर पड़ेगा. ऐसे में ये जानना आपके लिए बहुत जरूरी है. 7. पीजी का पता अपने ऑफिस, स्थानीय रिश्तेदारों और परिवार वालों को जरूर दें. विश्वासपात्र दोस्तों को भी एड्रेस नोट कराएं. ताकि इमरजेंसी में आपको तुरंत हेल्प मिल जाए. 8. अगर आपका पीजी किसी सोसाइटी में है तो वहां की कमेटी के संपर्क में भी रहें. अपने मोबाइल में सभी जरूरी नंबरों को फास्ट डायल मोड पर सेव करें. 9. चौकन्ना रहना सबसे जरूरी है. पीजी में रहने वाली लड़कियों के साथ हंसी-खुशी रहें लेकिन उन्हें अपनी बहुत पर्सनल बातें कभी न बताएं.
विष्णु खरे (4 फरवरी 1940 – 19 सितम्बर 2018) एक भारतीय कवि, अनुवादक, साहित्यकार तथा फ़िल्म समीक्षक, पत्रकार व पटकथा लेखक थे। वे हिन्दी तथा अंग्रेजी दोनों भाषाओं में लिखते थे। वे अंग्रेजी साहित्य को विश्वविद्यालय स्तर पर पढ़ाते थे। उन्होंने साहित्य अकादमी में कार्यक्रम सचिव का भी पद सम्भाल चुके हैं तथा वे हिन्दी दैनिक नवभारत टाइम्स के लखनऊ, जयपुर तथा नई दिल्ली में सम्पादक भी रह चुके थे। विष्णु खरे का जन्म सन १९४० में छिन्दवारा (MP) में हुआ था विष्णु खरे का निधन १९ सितम्बर २०१८ को ब्रेन हैमरेज के फलस्वरूप हो गया। कार्य विष्णु खरे ने पाँच कविता संग्रह प्रकाशित किये जिनमें पथांतर सबसे नया है। उन्होंने आलोचना की पुस्तक "आलोचना की पहली किताब" भी प्रकाशित की। वे हिन्दी, अंग्रेजी, जर्मन तथा अन्य यूरोपीय तथा एशियाई भाषाओं के अनुवादक थे। सन्दर्भ हिन्दी साहित्यकार 1940 में जन्मे लोग २०१८ में निधन हिन्दी कवि
मुंबई इंडियंस के खिलाफ मैच के आखिरी ओवर में 23 रन देकर मुंबई की जीत सुनिश्चित करने के कारण आलोचना का सामना कर रहे लक्ष्मीपति बालाजी का बचाव उनकी टीम कोलकाता नाइट राइडर्स के कप्तान गौतम गंभीर ने किया और कहा कि यह बालाजी के लिए एक खराब दिन की तरह था। गंभीर ने कहा, क्रिकेट में ऐसा होता है। बालाजी ने अपनी तरफ से बढ़िया करने की कोशिश की। टी-20 क्रिकेट में ऐसा होता है और यह एक खराब दिन की तरह है। बालाजी मजबूती से वापसी करेंगे।
पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स के स्थानीय प्रकाशक ने एक ओपिनियन पीस अखबार से हटा दिया और पूरा पन्ना खाली कोरा छाप दिया. कारण यह था कि इस ओपिनियन पीस में ताकतवर पाकिस्तानी सेना की आलोचना की गई थी. पाकिस्तान में सेना की आलोचना करने पर गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं. मोहम्मद हानिफ का लेख ऑनलाइन माध्यम में ट्रेंड कर रहा था. हानिफ व्यंग्य लिखने के लिए जाने जाते हैं. उनके ओपिनियन अकसर न्यूयॉर्क टाइम्स में दिखाई देते रहे हैं.  इस लेख में जिसका शीर्षक 'पाकिस्तान्स ट्राइएंगल ऑफ हेट' था में उन्होंने पाकिस्तानी सेना पर हमला करते हुए उस घटना का जिक्र किया जिसमें पाकिस्तानी सेना मीडिया के सामने तालिबान के प्रवक्ता को दिखा रहे हैं जो यह दावा कर रहा है कि आतंकवादियों को भारत फंड मुहैया करा रहा है. हानिफ ने लिखा कि इससे साफ जाहिर होता है कि पाकिस्तानी सेना यह संदेश देते हुए दिख रही है कि आप हजारों पाकिस्तानियों को मार दो, लेकिन अगर आप यह साबित करते हैं कि आप भारत से नफरत करते हैं जितना की वे करते हैं, आपके हर गुनाह माफ किए जाते हैं. हानिफ ने सवाल पूछा कि क्या हम भारत के खिलाफ मुहिम में उन लोगों को भी शामिल करेंगे जिन्होंने हमारे बच्चों की हत्या की है. खाली पन्ने पर एक नोट यह बताता है कि आखिर क्यों यह पन्ना खाली है. न्यूयॉर्क टाइम्स की ओर से कहा गया है कि पाकिस्तान में इस आर्टिकल को रोकने का निर्णय लिया गया है. अखबार की इसमें कोई भूमिका नहीं है. एएफपी से बातचीत में अखबार ने कहा कि स्थानीय प्रकाशक को वहां के कई दबाव में काम करना होता है. हमें अफसोस है और हम पत्रकारिता पर इस प्रकार की रोक की निंदा करते हैं. बता दें कि तालिबान के प्रवक्ता एहसानुल्ला एहसान ने तब की स्कूल छात्रा मलाला यूसुफजई के सिर में गोली मारने की तालिबान की ओर से जिम्मेदारी ली थी. यह पाकिस्तान के स्वात घाटी में 2012 की है. उस प्रवक्ता ने पाकिस्तान में एक स्कूल पर हमले की भी जिम्मेदारी ली थी जिसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. इसमें ज्यादातर मरने वाले बच्चे ही थे.टिप्पणियां पिछले महीने सेना ने घोषणा की थी कि एहसान ने सेना के सामने सरेंडर कर दिया है. लेकिन किन परिस्थितियों में सरेंडर किया और कब किया, इसके बारे में सेना ने कोई जवाब नहीं दिया. बात में सेना ने एक वीडियो जारी कर बताया कि कैसे अफगानिस्तान और भारत की खुफिया एजेंसियां आतंकवादियों को आर्थिक और रणनीतिक मदद पहुंचाती हैं. यही दावा पाकिस्तान की सेना करती रही है. मोहम्मद हानिफ का लेख ऑनलाइन माध्यम में ट्रेंड कर रहा था. हानिफ व्यंग्य लिखने के लिए जाने जाते हैं. उनके ओपिनियन अकसर न्यूयॉर्क टाइम्स में दिखाई देते रहे हैं.  इस लेख में जिसका शीर्षक 'पाकिस्तान्स ट्राइएंगल ऑफ हेट' था में उन्होंने पाकिस्तानी सेना पर हमला करते हुए उस घटना का जिक्र किया जिसमें पाकिस्तानी सेना मीडिया के सामने तालिबान के प्रवक्ता को दिखा रहे हैं जो यह दावा कर रहा है कि आतंकवादियों को भारत फंड मुहैया करा रहा है. हानिफ ने लिखा कि इससे साफ जाहिर होता है कि पाकिस्तानी सेना यह संदेश देते हुए दिख रही है कि आप हजारों पाकिस्तानियों को मार दो, लेकिन अगर आप यह साबित करते हैं कि आप भारत से नफरत करते हैं जितना की वे करते हैं, आपके हर गुनाह माफ किए जाते हैं. हानिफ ने सवाल पूछा कि क्या हम भारत के खिलाफ मुहिम में उन लोगों को भी शामिल करेंगे जिन्होंने हमारे बच्चों की हत्या की है. खाली पन्ने पर एक नोट यह बताता है कि आखिर क्यों यह पन्ना खाली है. न्यूयॉर्क टाइम्स की ओर से कहा गया है कि पाकिस्तान में इस आर्टिकल को रोकने का निर्णय लिया गया है. अखबार की इसमें कोई भूमिका नहीं है. एएफपी से बातचीत में अखबार ने कहा कि स्थानीय प्रकाशक को वहां के कई दबाव में काम करना होता है. हमें अफसोस है और हम पत्रकारिता पर इस प्रकार की रोक की निंदा करते हैं. बता दें कि तालिबान के प्रवक्ता एहसानुल्ला एहसान ने तब की स्कूल छात्रा मलाला यूसुफजई के सिर में गोली मारने की तालिबान की ओर से जिम्मेदारी ली थी. यह पाकिस्तान के स्वात घाटी में 2012 की है. उस प्रवक्ता ने पाकिस्तान में एक स्कूल पर हमले की भी जिम्मेदारी ली थी जिसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. इसमें ज्यादातर मरने वाले बच्चे ही थे.टिप्पणियां पिछले महीने सेना ने घोषणा की थी कि एहसान ने सेना के सामने सरेंडर कर दिया है. लेकिन किन परिस्थितियों में सरेंडर किया और कब किया, इसके बारे में सेना ने कोई जवाब नहीं दिया. बात में सेना ने एक वीडियो जारी कर बताया कि कैसे अफगानिस्तान और भारत की खुफिया एजेंसियां आतंकवादियों को आर्थिक और रणनीतिक मदद पहुंचाती हैं. यही दावा पाकिस्तान की सेना करती रही है. इस लेख में जिसका शीर्षक 'पाकिस्तान्स ट्राइएंगल ऑफ हेट' था में उन्होंने पाकिस्तानी सेना पर हमला करते हुए उस घटना का जिक्र किया जिसमें पाकिस्तानी सेना मीडिया के सामने तालिबान के प्रवक्ता को दिखा रहे हैं जो यह दावा कर रहा है कि आतंकवादियों को भारत फंड मुहैया करा रहा है. हानिफ ने लिखा कि इससे साफ जाहिर होता है कि पाकिस्तानी सेना यह संदेश देते हुए दिख रही है कि आप हजारों पाकिस्तानियों को मार दो, लेकिन अगर आप यह साबित करते हैं कि आप भारत से नफरत करते हैं जितना की वे करते हैं, आपके हर गुनाह माफ किए जाते हैं. हानिफ ने सवाल पूछा कि क्या हम भारत के खिलाफ मुहिम में उन लोगों को भी शामिल करेंगे जिन्होंने हमारे बच्चों की हत्या की है. खाली पन्ने पर एक नोट यह बताता है कि आखिर क्यों यह पन्ना खाली है. न्यूयॉर्क टाइम्स की ओर से कहा गया है कि पाकिस्तान में इस आर्टिकल को रोकने का निर्णय लिया गया है. अखबार की इसमें कोई भूमिका नहीं है. एएफपी से बातचीत में अखबार ने कहा कि स्थानीय प्रकाशक को वहां के कई दबाव में काम करना होता है. हमें अफसोस है और हम पत्रकारिता पर इस प्रकार की रोक की निंदा करते हैं. बता दें कि तालिबान के प्रवक्ता एहसानुल्ला एहसान ने तब की स्कूल छात्रा मलाला यूसुफजई के सिर में गोली मारने की तालिबान की ओर से जिम्मेदारी ली थी. यह पाकिस्तान के स्वात घाटी में 2012 की है. उस प्रवक्ता ने पाकिस्तान में एक स्कूल पर हमले की भी जिम्मेदारी ली थी जिसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. इसमें ज्यादातर मरने वाले बच्चे ही थे.टिप्पणियां पिछले महीने सेना ने घोषणा की थी कि एहसान ने सेना के सामने सरेंडर कर दिया है. लेकिन किन परिस्थितियों में सरेंडर किया और कब किया, इसके बारे में सेना ने कोई जवाब नहीं दिया. बात में सेना ने एक वीडियो जारी कर बताया कि कैसे अफगानिस्तान और भारत की खुफिया एजेंसियां आतंकवादियों को आर्थिक और रणनीतिक मदद पहुंचाती हैं. यही दावा पाकिस्तान की सेना करती रही है. हानिफ ने लिखा कि इससे साफ जाहिर होता है कि पाकिस्तानी सेना यह संदेश देते हुए दिख रही है कि आप हजारों पाकिस्तानियों को मार दो, लेकिन अगर आप यह साबित करते हैं कि आप भारत से नफरत करते हैं जितना की वे करते हैं, आपके हर गुनाह माफ किए जाते हैं. हानिफ ने सवाल पूछा कि क्या हम भारत के खिलाफ मुहिम में उन लोगों को भी शामिल करेंगे जिन्होंने हमारे बच्चों की हत्या की है. खाली पन्ने पर एक नोट यह बताता है कि आखिर क्यों यह पन्ना खाली है. न्यूयॉर्क टाइम्स की ओर से कहा गया है कि पाकिस्तान में इस आर्टिकल को रोकने का निर्णय लिया गया है. अखबार की इसमें कोई भूमिका नहीं है. एएफपी से बातचीत में अखबार ने कहा कि स्थानीय प्रकाशक को वहां के कई दबाव में काम करना होता है. हमें अफसोस है और हम पत्रकारिता पर इस प्रकार की रोक की निंदा करते हैं. बता दें कि तालिबान के प्रवक्ता एहसानुल्ला एहसान ने तब की स्कूल छात्रा मलाला यूसुफजई के सिर में गोली मारने की तालिबान की ओर से जिम्मेदारी ली थी. यह पाकिस्तान के स्वात घाटी में 2012 की है. उस प्रवक्ता ने पाकिस्तान में एक स्कूल पर हमले की भी जिम्मेदारी ली थी जिसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. इसमें ज्यादातर मरने वाले बच्चे ही थे.टिप्पणियां पिछले महीने सेना ने घोषणा की थी कि एहसान ने सेना के सामने सरेंडर कर दिया है. लेकिन किन परिस्थितियों में सरेंडर किया और कब किया, इसके बारे में सेना ने कोई जवाब नहीं दिया. बात में सेना ने एक वीडियो जारी कर बताया कि कैसे अफगानिस्तान और भारत की खुफिया एजेंसियां आतंकवादियों को आर्थिक और रणनीतिक मदद पहुंचाती हैं. यही दावा पाकिस्तान की सेना करती रही है. हानिफ ने सवाल पूछा कि क्या हम भारत के खिलाफ मुहिम में उन लोगों को भी शामिल करेंगे जिन्होंने हमारे बच्चों की हत्या की है. खाली पन्ने पर एक नोट यह बताता है कि आखिर क्यों यह पन्ना खाली है. न्यूयॉर्क टाइम्स की ओर से कहा गया है कि पाकिस्तान में इस आर्टिकल को रोकने का निर्णय लिया गया है. अखबार की इसमें कोई भूमिका नहीं है. एएफपी से बातचीत में अखबार ने कहा कि स्थानीय प्रकाशक को वहां के कई दबाव में काम करना होता है. हमें अफसोस है और हम पत्रकारिता पर इस प्रकार की रोक की निंदा करते हैं. बता दें कि तालिबान के प्रवक्ता एहसानुल्ला एहसान ने तब की स्कूल छात्रा मलाला यूसुफजई के सिर में गोली मारने की तालिबान की ओर से जिम्मेदारी ली थी. यह पाकिस्तान के स्वात घाटी में 2012 की है. उस प्रवक्ता ने पाकिस्तान में एक स्कूल पर हमले की भी जिम्मेदारी ली थी जिसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. इसमें ज्यादातर मरने वाले बच्चे ही थे.टिप्पणियां पिछले महीने सेना ने घोषणा की थी कि एहसान ने सेना के सामने सरेंडर कर दिया है. लेकिन किन परिस्थितियों में सरेंडर किया और कब किया, इसके बारे में सेना ने कोई जवाब नहीं दिया. बात में सेना ने एक वीडियो जारी कर बताया कि कैसे अफगानिस्तान और भारत की खुफिया एजेंसियां आतंकवादियों को आर्थिक और रणनीतिक मदद पहुंचाती हैं. यही दावा पाकिस्तान की सेना करती रही है. खाली पन्ने पर एक नोट यह बताता है कि आखिर क्यों यह पन्ना खाली है. न्यूयॉर्क टाइम्स की ओर से कहा गया है कि पाकिस्तान में इस आर्टिकल को रोकने का निर्णय लिया गया है. अखबार की इसमें कोई भूमिका नहीं है. एएफपी से बातचीत में अखबार ने कहा कि स्थानीय प्रकाशक को वहां के कई दबाव में काम करना होता है. हमें अफसोस है और हम पत्रकारिता पर इस प्रकार की रोक की निंदा करते हैं. बता दें कि तालिबान के प्रवक्ता एहसानुल्ला एहसान ने तब की स्कूल छात्रा मलाला यूसुफजई के सिर में गोली मारने की तालिबान की ओर से जिम्मेदारी ली थी. यह पाकिस्तान के स्वात घाटी में 2012 की है. उस प्रवक्ता ने पाकिस्तान में एक स्कूल पर हमले की भी जिम्मेदारी ली थी जिसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. इसमें ज्यादातर मरने वाले बच्चे ही थे.टिप्पणियां पिछले महीने सेना ने घोषणा की थी कि एहसान ने सेना के सामने सरेंडर कर दिया है. लेकिन किन परिस्थितियों में सरेंडर किया और कब किया, इसके बारे में सेना ने कोई जवाब नहीं दिया. बात में सेना ने एक वीडियो जारी कर बताया कि कैसे अफगानिस्तान और भारत की खुफिया एजेंसियां आतंकवादियों को आर्थिक और रणनीतिक मदद पहुंचाती हैं. यही दावा पाकिस्तान की सेना करती रही है. एएफपी से बातचीत में अखबार ने कहा कि स्थानीय प्रकाशक को वहां के कई दबाव में काम करना होता है. हमें अफसोस है और हम पत्रकारिता पर इस प्रकार की रोक की निंदा करते हैं. बता दें कि तालिबान के प्रवक्ता एहसानुल्ला एहसान ने तब की स्कूल छात्रा मलाला यूसुफजई के सिर में गोली मारने की तालिबान की ओर से जिम्मेदारी ली थी. यह पाकिस्तान के स्वात घाटी में 2012 की है. उस प्रवक्ता ने पाकिस्तान में एक स्कूल पर हमले की भी जिम्मेदारी ली थी जिसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. इसमें ज्यादातर मरने वाले बच्चे ही थे.टिप्पणियां पिछले महीने सेना ने घोषणा की थी कि एहसान ने सेना के सामने सरेंडर कर दिया है. लेकिन किन परिस्थितियों में सरेंडर किया और कब किया, इसके बारे में सेना ने कोई जवाब नहीं दिया. बात में सेना ने एक वीडियो जारी कर बताया कि कैसे अफगानिस्तान और भारत की खुफिया एजेंसियां आतंकवादियों को आर्थिक और रणनीतिक मदद पहुंचाती हैं. यही दावा पाकिस्तान की सेना करती रही है. बता दें कि तालिबान के प्रवक्ता एहसानुल्ला एहसान ने तब की स्कूल छात्रा मलाला यूसुफजई के सिर में गोली मारने की तालिबान की ओर से जिम्मेदारी ली थी. यह पाकिस्तान के स्वात घाटी में 2012 की है. उस प्रवक्ता ने पाकिस्तान में एक स्कूल पर हमले की भी जिम्मेदारी ली थी जिसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. इसमें ज्यादातर मरने वाले बच्चे ही थे.टिप्पणियां पिछले महीने सेना ने घोषणा की थी कि एहसान ने सेना के सामने सरेंडर कर दिया है. लेकिन किन परिस्थितियों में सरेंडर किया और कब किया, इसके बारे में सेना ने कोई जवाब नहीं दिया. बात में सेना ने एक वीडियो जारी कर बताया कि कैसे अफगानिस्तान और भारत की खुफिया एजेंसियां आतंकवादियों को आर्थिक और रणनीतिक मदद पहुंचाती हैं. यही दावा पाकिस्तान की सेना करती रही है. उस प्रवक्ता ने पाकिस्तान में एक स्कूल पर हमले की भी जिम्मेदारी ली थी जिसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. इसमें ज्यादातर मरने वाले बच्चे ही थे.टिप्पणियां पिछले महीने सेना ने घोषणा की थी कि एहसान ने सेना के सामने सरेंडर कर दिया है. लेकिन किन परिस्थितियों में सरेंडर किया और कब किया, इसके बारे में सेना ने कोई जवाब नहीं दिया. बात में सेना ने एक वीडियो जारी कर बताया कि कैसे अफगानिस्तान और भारत की खुफिया एजेंसियां आतंकवादियों को आर्थिक और रणनीतिक मदद पहुंचाती हैं. यही दावा पाकिस्तान की सेना करती रही है. पिछले महीने सेना ने घोषणा की थी कि एहसान ने सेना के सामने सरेंडर कर दिया है. लेकिन किन परिस्थितियों में सरेंडर किया और कब किया, इसके बारे में सेना ने कोई जवाब नहीं दिया. बात में सेना ने एक वीडियो जारी कर बताया कि कैसे अफगानिस्तान और भारत की खुफिया एजेंसियां आतंकवादियों को आर्थिक और रणनीतिक मदद पहुंचाती हैं. यही दावा पाकिस्तान की सेना करती रही है. बात में सेना ने एक वीडियो जारी कर बताया कि कैसे अफगानिस्तान और भारत की खुफिया एजेंसियां आतंकवादियों को आर्थिक और रणनीतिक मदद पहुंचाती हैं. यही दावा पाकिस्तान की सेना करती रही है.
दिल्ली में ऑड-इवन फॉर्मूले के नज़दीक आते ही लोग पीयूसी यानि पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट लेने प्रदूषण जांच केंद्रों पर पहुंचने लगे हैं. गौरतलब है कि दिल्ली में पीयूसी सर्टिफिकेट साथ में रखना अनिवार्य है लेकिन ऑड-इवन योजना के दौरान गाड़ियों की चेकिंग की संभावना को देखते हुए ऐसे लोग भी जांच केंद्रों पर पहुंच रहे हैं जो अब तक पीयूसी सर्टिफिकेट को गंभीरता से नहीं लेते थे. क्या होता है पीयूसी? पीयूसी यानि पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट, यह इस बात की तस्दीक करता है कि गाड़ी का प्रदूषण स्तर तय मानको के अनुरूप है. इन दिनों प्रदूषण जांच केंद्रों पर लोगों की भीड़ जमा है. लोगों का मानना है किसर्टिफिकेट लेने से वो जुर्माने से बचेंगे तो वहीं दिल्ली की हवा भी साफ होगी.. पीयूसी सर्टिफिकेट रखना अनिवार्य. राजधानी दिल्ली में पीयूसी सर्टिफिकेट रखना अनिवार्य है, बिना पीयूसी सर्टिफिकेट के गाड़ी चलाते पाए जाने पर चालक को 1 हज़ार रुपये का भारी भरकम जुर्माना देना पड़ता है. लेकिन ईवन ऑड योजना के दिनों में पुलिस ने जिस तरह से सघन चैंकिग की बात की है उससे चालकों को इस बात का डर सता रहा है कि बिना पीयूसी पकड़े जाना जेब पर काफी भारी पड़ सकता है और इसलिए वो प्रदूषण जांच केंद्रों पर पहुंच रहे हैं खुद जांच केंद्रों पर काम करने वाले भी इसकी तस्दीक कर रहे हैं.. 1 जनवरी से होगी जांच में तेजी पहली जनवरी से पीयूसी सर्टिफिकेट की जांच में भी तेजी आएगी. कम से कम 1000 और पीयूसी सेंटर बनाए जाएंगे. कुल मिलाकर सरकार की तैयारी तो पूरी दिख रही है लेकिन ये देखना दिलचस्प होगा कि आखिर एक तारीख से सड़क पर सूरते-हाल क्या होगा.. ऑड-इवन नियम के लिए गांधीगिरी दिल्ली को प्रदूषणमुक्त करने के लिए पहली जनवरी से लागू होने जा रहे ऑड-इवन नियम लागू करने के लिए दिल्ली सरकार गांधीगीरी करने जा रही है. दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सरकार के वॉलंटियर 15 जनवरी तक गांधीगीरी करेंगे. ऑड - इवन नियम तोड़ने वाले को देंगे गुलाब का फूल देंगे.. वकीलों, डॉक्टरों और कारोबारियों ने मांगी छूट दिल्ली के वकीलों, डॉक्टरों और कारोबारियों ने अपने काम और जिम्मेदारियों का हवाल देकर ऑड-इवन में छूट मांगी है, लेकिन सरकार ने इस पर अभी तक कोई फैसला नहीं किया है. डॉक्टरों का तर्क है कि मरीजों को देखने जाना उनका पहला दायित्व है और इस नियम के चलते वह अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं कर पाएंगे. वकीलों ने तर्क दिया है कि वो इस नियम के चलते कोर्ट जाकर अपने मुवक्किलों की जमानत याचिका या केस फाइल नहीं कर पाएंगे.. गोपाल राय ने बस्सी को बुलाया सूत्रों के मुताबिक गोपाल राय ने पुलिस कमिश्नर बस्सी से फोन पर बात की और उनसे मिलकर ऑड-इवन फॉर्मूले पर चर्चा करने के लिए कहा. बस्सी और परिवहन मंत्री के बीच शाम को 6 बजे सचिवालय में बैठक हो सकती है. 31 दिसंबर को रिहर्सल नया फॉर्मूला लागू करने के लिए 31 दिसंबर को दिल्ली के मुख्य चौराहों पर रिहर्सल भी होगा. गोपाल राय ने लोगों से सहयोग की अपील करते हुए कहा है कि इसे मिलकर ही लागू किया जा सकता है..
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह ने एक समारोह में तौकीर रजा खान के साथ न सिर्फ मंच साझा किया, बल्कि उनकी जमकर तारीफ भी की. ये वही तौकीर रजा खान हैं, जिनसे मुलाकात करने पर अरविंद केजरीवाल के खिलाफ तमाम कांग्रेसी नेता उतर आए थे. यह देखना दिलचस्प होगा कि वही कांग्रेसी नेता क्या अब दिग्विजय सिंह को भी नसीहत देंगे? तौकीर को उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री का दर्जा हासिल है और वे इत्तेहाद-ए-मिल्लत के नेता हैं. संभल में शनिवार की देर रात शुरू हुए कल्कि महोत्सव के उद्घाटन समारोह में तौकीर के साथ मंच साझा करते हुए कांग्रेस महासचिव सिंह ने कहा, 'मैंने तौकीर रजा के बारे में सुना था कि वह हिन्दू-मुस्लिम के बीच दंगा कराते हैं, मगर आज उनके विचार सुनकर ऐसा लगा कि यह आरोप सही नहीं हैं.' दिग्विजय सिंह ने कहा, 'उनका बयान सुनकर ऐसा लगा कि वे उन पर आरोप लगाने वालों के मुंह पर तमाचा हैं.' आचार्य प्रमोद कृष्णन के आमंत्रण पर कल्कि समारोह में पहुंचे सिंह ने यहां तक कहा कि आचार्य कृष्णन और तौकीर रजा को देश में हिन्दू मुस्लिम एकता के मिशन को लेकर निकल पड़ना चाहिए. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके दिग्विजय सिंह ने वहां उनके सत्ता से बाहर होने के बाद से सत्ताधारी बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, 'मैंने मध्य प्रदेश में देश के पहले गौ सेवा आयोग का गठन किया था, मगर गौ सेवा के नाम पर राजनीति करने वाले जब सत्ता में आए तो उन्होंने गौ सेवा आयोग को भंग कर दिया.' जरूरत पड़ी अरविंद के लिए प्रचार करूंगा: तौकीर इस मौके पर एक गौशाला के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए तौकीर रजा ने कहा, 'इल्जाम है कि हिन्दू गाय को पूजते हैं, जबकि हम गाय काटते हैं और खाते हैं. यह हमारे खिलाफ दुष्प्रचार है.' तौकीर ने दावा करते हुए कहा, 'मुसलमान गाय का गोश्त कभी नहीं खाता. हकीकत में देश में बने वधशालाओं में हजारों जानवर काटे जा रहे हैं और उनका मांस विदेशों में भेजा जा रहा है. यह चिंताजनक स्थिति है. इस तरह से तो एक दिन ऐसा आएगा जब हमारे बच्चों को दूध भी नसीब नहीं होगा. हमें जानवरों को बचाने के लिए प्रयास करना होगा और इसके लिए सामूहिक मुहिम चलानी होगी.' जरूरत पड़ी अरविंद के लिए प्रचार करूंगा: तौकीर उनसे मुलाकात के बाद ‘आप’ के नेता केजरीवाल पर हो रहे विपक्षी हमलों की ओर इशारा करते हुए तौकीर ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वह सच्चाई और अच्छाई की हर लड़ाई के साथ हैं तथा अरविंद केजरीवाल भी यही लड़ाई लड़ रहे हैं' उन्होंने कहा, 'हम इसी समान सोच के साथ केजरीवाल से मिले थे. अब जो लोग हमारी मुलाकात पर सवाल उठा रहे हैं, वे उठाते रहें. यदि जरूरत पड़ी तो मैं अरविंद केजरीवाल के प्रचार में भी जाऊंगा. इस मौके पर संवाद्दाताओं से बातचीत में दिग्विजय ने चुनाव आयोग द्वारा सर्वेक्षणों पर रोक लगा देने के निर्णय को सर्वथा उचित करार देते हुए कहा कि यह जनतांत्रिक प्रणाली की जीत है.' समारोह में मौजूद केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता तारिक अनवर ने भी चुनाव आयोग के निर्णय को उचित बताते हुए कहा कि आयोग ने यह निर्णय सभी राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श के बाद लिया है और इसे किसी पार्टी की जीत अथवा पराजय के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. इसलिए विवादों में हैं तौकीर रजा खान तौकिर रजा पर 2010 में बरेली में दंगा भड़काने का आरोप लगा था और उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी. इनके जेल से निकलते ही बरेली में फिर से दंगे हुए थे. रजा कभी जॉर्ज बुश और तसलीमा नसरीन के खिलाफ फतवा जारी करने को लेकर भी काफी विवादों मे रहे हैं. रजा अभी यूपी सरकार में राज्‍य मंत्री का दर्जा प्राप्त हैं. उन्‍हें हथकरघा और वस्त्रोद्योग के सलाहकार का पद दिया गया है.
असम के गुवाहाटी में जू रोड पर मॉल के बाहर धमाका हुआ है. हादसे के बाद पूरे इलाके को बंद कर दिया गया है, पुलिस मौके पर पहुंच गई है. घायलों को गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. Assam: Six people injured in explosion outside a mall on Zoo road in Guwahati, area cordoned off, police present at the spot; injured persons referred to Guwahati Medical College Hospital pic.twitter.com/PotXVWsVFh — ANI (@ANI) May 15, 2019 गुवाहाटी के पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया कि ग्रेनेड ब्लास्टर 8 बजे के आसपास हुआ. इसमें 12 लोग घायल हो गए हैं, मामले की हम जांच कर रहे हैं. Deepak Kumar, Commissioner of Police, Guwahati: A grenade blast took place at 8pm in which six people are injured, investigation is underway. https://t.co/OoYIR5b4EP — ANI (@ANI) May 15, 2019 असम के मुख्यमंत्री ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दे दिए हैं. प्रतिबंधित संगठन ULFA-I ने हमले की जिम्मेदारी ली है.
पिछले राष्‍ट्रमंडल खेलों में भारत के खाते में जहां केवल 50 पदक थे और वह चौथे स्‍थान पर था वहीं दिल्‍ली राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय खिलाडि़यों ने 101 पदक जीते और भारत को दूसरा स्‍थान दिलाया. इस तरह भारतीय खिलाड़ि‍यों ने दुनिया को दिखा दिया कि हम भी किसी से कम नहीं हैं. भारत की अंतिम पदक तालिका इस प्रकार रही: स्वर्ण पदक: दीपिका कुमारी, तीरंदाजी, महिला रिकर्व (व्यक्तिगत) राहुल बनर्जी, तीरंदाजी, पुरूष रिकर्व (व्यक्तिगत) कृष्णा पूनिया, एथलेटिक्स महिला चक्काफेंक भारत, टीम एथलेटिक्स, महिला चार गुणा चार सौ रिले साइना नेहवाल, बैडमिंटन, महिला एकल भारत, टीम बैडमिंटन, महिला युगल मनोज कुमार, मुक्केबाजी, लाइट वेल्टरवेट सुरंजय मायेंगबाम, मुक्केबाजी, फ्लाईवेट परमजीत समोता, मुक्केबाजी, सुपर हैवीवेट भारत, निशानेबाजी, पुरुष, 10 मीटर एयर राइफल पेयर्स भारत, निशानेबाजी, महिला 25 मीटर पिस्टल पेयर्स गगन नारंग, निशानेबाजी, पुरूष 10 मीटर एयर राइफल अनीसा सैयद, निशानेबाजी, महिला 25 मीटर पिस्टल ओंकार सिंह, निशानेबाजी, पुरुष, 50 मीटर पिस्टल भारत, निशानेबाजी, पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल पेयर्स भारत, निशानेबाजी, पुरुष 25 रैपिडफायर पिस्टल पेयर्स भारत, निशानेबाजी, पुरुष 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशंस पेयर्स ओंकार सिंह, निशानेबाजी, पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल विजय कुमार, निशानेबाजी, पुरुष 25 मीटर रैपिडफायर पिस्टल भारत, निशानेबाजी, पुरुष 25 मीटर सेंट्रलफायर पिस्टल पेयर्स गगन नारंग, निशानेबाजी, पुरुष 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशंस हरप्रीत सिंह, निशानेबाजी, पुरुष 25 मीटर सेंट्रलफायर पिस्टल भारत, निशानेबाजी, महिला 10 मीटर एयर पिस्टल पेयर्स भारत, टेबल टेनिस, पुरुष युगल सोमदेव देववर्मन, टेनिस, पुरुष एकल रेणुबाला, भारोत्तोलन, महिला 58 किलोवर्ग रवि कुमार, भारोत्तोलन, पुरुष 69 किलोवर्ग रविंदर सिंह, भारोत्तोलन, पुरुष 60 किलोवर्ग संजय कुमार, कुश्ती, पुरुष ग्रीकोरोमन 74 किलोवर्ग राजेंदर कुमार, कुश्ती, पुरुष ग्रीकोरोमन 55 किलोवर्ग गीता, कुश्ती, महिला ग्रीकोरोमन 55 किलोवर्ग अल्का तोमर, कुश्ती, महिला 59 किलोवर्ग अनीता, कुश्ती, महिला 67 किलोवर्ग योगेश्वर दत्त, कुश्ती, पुरुष फ्रीस्टाइल 60 किलोवर्ग नरसिंह यादव, कुश्ती, पुरुष फ्रीस्टाइल 74 किलोवर्ग सुशील कुमार, कुश्ती, पुरुष फ्रीस्टाइल 66 किलोवर्ग रजत पदक: भारत, तीरंदाजी, पुरुष कम्पाउंड टीम विकास शिवे गोडा, एथलेटिक्स, पुरुष चक्का फेंक प्रजुशा मलियाक्कल, एथलेटिक्स, महिला लंबी कूद भारत, बैडमिंटन, मिश्रित टीम इवेंट आशीष कुमार, जिम्नास्टिक्स, पुरुष वाल्ट भारतीय टीम, हाकी टीम भारत, निशानेबाजी, पुरुष 50 मीटर पिस्टल पेयर्स भारत, निशानेबाजी, महिला 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशंस पेयर्स भारत, निशानेबाजी, पुरुष डबल ट्रैप पेयर्स पेयर्स अभिनव बिंद्रा़ निशानेबाजी़ पुरुष 10 मीटर एयर राइफल राही सरनोबत़ निशानेबाजी, महिला 25 मीटर पिस्टल रंजन सोढी, निशानेबाजी, पुरुष डबल ट्रैप विजय कुमार, निशानेबाजी, पुरुष 25 मीटर सेंट्रलफायर पिस्टल भारत, निशानेबाजी, पुरुष 25 मीटर स्टैंडर्ड पिस्टल पेयर्स तेजस्विनी सावंत, निशानेबाजी, महिला 52 राइफल प्रोन हीना सिद्धू, निशानेबाजी, महिला 10 मीटर एयर पिस्टल भारत, टेबल टेनिस, महिला टीम इवेंट सानिया मिर्जा, टेनिस, महिला एकल सोनिया चानू, भारोत्तोलन, 48 किलोवर्ग सुखेन दे, भारोत्तोलन, 56 किलोवर्ग मनोज कुमार, कुश्ती, ग्रीको रोमन 84 किलोवर्ग निर्मला देवी, कुश्ती, ग्रीको रोमन 48 किलोवर्ग बबिता देवी, कुश्ती, महिला 51 किलोवर्ग अनुज कुमार, कुश्ती, 84 किलोवर्ग जोगिंदर कुमार, कुश्ती, 120 किलोवर्ग कांस्य पदक: भारत, तीरंदाजी, महिला कम्पाउंड टीम डोला बनर्जी, तीरंदाजी, महिला रिकर्व व्यक्तिगत जयंत तालुकदार, तीरंदाजी, पुरुष रिकर्व व्यक्तिगत कविता राउत, एथलेटिक्स, महिला 10 किमी दौड़ हरमिंदर सिंह, एथलेटिक्स, पुरुष 20 किमी सीमा, अंतिलएथलेटिक्स, महिला चक्का फेंक काशीनाथ नाइक, एथलेटिक्स, पुरुष भालाफेंक रंजीत माहेश्वरी, एथलेटिक्स, पुरुष त्रिकूद भारत, एथलेटिक्स, महिला चार गुणा सौ रिले भारत, एथलेटिक्स, पुरुष चार गुणा सौ रिले पी कश्यप, बैडमिंटन, पुरुष एकल अमनदीप सिंह, मुक्केबाजी, लाइटफ्लाईवेट जय भगवान, मुक्केबाजी, लाइटवेट दिलबाग सिंह, मुक्केबाजी, वेल्टरवेट विजेन्दर सिंह, मुक्केबाजी, मिडलवेट आशीष कुमार, जिम्नास्टिक्स, कलात्मक गुरप्रीत सिंह, निशानेबाजी, पुरुष 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल भारत, निशानेबाजी, महिला 10 मीटर एयर राइफल पेयर्स मानवजीत सिंह संधू, निशानेबाजी, पुरुष ट्रैप एकल भारत, निशानेबाजी, महिला 50 मीटर प्रोन राइफल पेयर्स समरेश जंग, निशानेबाजी, पुरुष 25 मीटर स्टैंडर्ड पिस्टल प्रसांता करमाकर, तैराकी, परा खेल, पुरुष 50 मीटर फ्रीस्टाइल भारत, टेबल टेनिस, पुरुष टीम शरत कमल, टेबल टेनिस, पुरुष एकल भारत, टेबल टेनिस, महिला युगल भारत, टेनिस, पुरुष युगल भारत, टेनिस, महिला युगल संध्यारानी देवी, भारोत्तोलन, महिला 48 किलोवर्ग वीएस राव, भारोत्तोलन, पुरुष 56 किलोवर्ग सुधीर कुमार, भारोत्तोलन, पुरुष 77 किलोवर्ग मोनिका देवी, भारोत्तोलन, महिला 75 किलोवर्ग सुनील कुमार, कुश्ती, ग्रीकोरोमन 66 किलोवर्ग धर्मेंद्र दलाल, कुश्ती, ग्रीकोरोमन 120 किलोवर्ग सुमन कुंडू, कुश्ती, महिला 63 किलोवर्ग अनिल कुमार, कुश्ती, फ्रीस्टाइल पुरुष 55 किलोवर्ग
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को शिक्षक दिवस (Teachers' Day) के अवसर पर विज्ञान भवन में 46 शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार (National Teachers Award) से सम्मानित किया. पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, राजस्थान और झारखंड के शिक्षकों को उनके नवाचार और कक्षाओं को रुचिकर बनाने के लिए पुरस्कार से सम्मानित किया गया. अधिकारियों ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि रक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित होने वाले एक आर्मी स्कूल के शिक्षक को भी पुरस्कार विजेताओं की सूची में शामिल किया गया है. राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार को इस विशेष अवसर पर देश के कुछ बेहतरीन शिक्षकों के अद्भुत योगदान के लिए दिया जाता है. पुरस्कार प्राप्त करने वालों में हरियाणा के मोहनपुर के गवर्मेट सीनियर सेकेंडरी स्कूल के राजेश कुमार, हिमाचल प्रदेश के चंबा के गवर्मेट ब्वॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल के विकास महाजन, जम्मू एवं कश्मीर में लहारी के गवर्मेट अपर प्राइमेरी स्कूल के गुरनाम सिंह, राजस्थान के बनेरा के स्वामी विवेकानंद गर्वमेट स्कूल की कलप्ना शर्मा, मध्यप्रदेश के रतलाम के गवर्मेट हायर सेकेंडरी स्कूल ऑफ एक्सेलेंस के ललित मेहता, दिल्ली के शहीद भाई बाल मुकुंद गवर्मेट सर्वोदय विद्यालय के देवेंद्र कुमार, दमन व दीव के गवर्मेट अपर प्राइमरी स्कूल भीमपोरे आश्रमशाला के शांतनुभाई पटेल और गोवा के कारमेल हायर सेकेंडरी की आर.सी. सुवर्णा शामिल हैं. President Kovind presents National Awards to meritorious teachers on the occasion of Teachers' Day; says the main objective of education is to make the student a good human being. And teachers do so by instilling honesty, discipline and integrity in their students. pic.twitter.com/oou511QrJF इसके अलावा छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर के सैनिक स्कूल के अंग्रेजी के शिक्षक बिजय कुमार पांडेय और मुंबई के ऑटोमोटिव एनर्जी सेंट्रल स्कूल के जुबिन गोयल को पुरस्कार दिया गया. पुरस्कार विजेताओं में केंद्रीय विद्यालय के दो शिक्षक भी शामिल हैं. कर्नाटक के केंद्रीय विद्यालय एमईजी के अय्यर रेवाथी राजाराम और असम के खानपारा के केंद्रीय विद्यालय के रेमया परमेश्वर अय्यर को पुरस्कार दिया गया है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए 6 मई से 25 जून के बीच नामांकन मांगे थे, जिसके तहत तीन स्तरीय प्रक्रिया के बाद शिक्षक इस पुरस्कार के लिए चयनित किए गए. शिक्षकों को पहले खुद को ऑनलाइन नामांकित करना होता है जिसके बाद जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर की समिति उनका चयन करती है. नामांकित शिक्षक एक वरिष्ठ शिक्षाविद् वाली स्वतंत्र ज्यूरी के समक्ष प्रस्तुति देते हैं. इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के तहत एक सिलवर मेडल, सर्टिफिकेट और 50,000 रुपये की राशि दी जाती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के अपने 36 घंटे के दौरे से पहले इन शिक्षकों से बातचीत की थी. मोदी ने गुरुवार सुबह ट्वीट कर कहा, "शिक्षक दिवस की सभी को बधाई. भारत एक असाधारण शिक्षक और गुरु डॉ. राधाकृष्णन की जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि देता है."
हरियाणा में बहनोई चिरंजीवी राव के लिए कर रहे प्रचार बाढ़ से प्रभावित बिहार, तेजस्वी को सुध की फुर्सत नहीं बिहार में बाढ़ है और पटना बेहाल है लेकिन बिहार के प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव कहीं नजर नही आ रहे हैं. तेजस्वी यादव को उनके समर्थक जनता और कार्यकर्ता लालटेन लेकर ढूंढ रही है. लेकिन एक बार फिर वो बिहार से गायब है. पता चला है कि तेजस्वी यादव हरियाणा चुनाव में बहनोई चिरंजीवी राव के लिए रेबाड़ी में प्रचार कर रहे हैं. ऐसे में उनपर जनता की अनदेखी का आरोप लग रहा है. कहा जा रहा है कि प्रदेश की जनता बाढ़ से परेशान लेकिन तेजस्वी यादव को उनकी सुध लेने की फुर्सत तक नहीं है. क्या तेजस्वी निभा रहे रिश्तेदारी? तेजस्वी यादव की कुछ तस्वीर सोशल मीडिया में सामने आई है. तस्वीरों में तेजस्वी यादव हरियाणा चुनाव में अपनी रिश्तेदारी निभाते दिख रहे हैं. दरअसल तेजस्वी यादव हरियाणा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे अपने बहनोई चिरंजीवी राव के लिए रेबाड़ी में प्रचार कर रहे हैं. ऐसे में सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या तेजस्वी यादव बिहार की जनता से ज्यादा अपनी रिश्तेदारी को महत्व देते हैं. बिहार में सियासत तेज अपने बहनोई के नामांकन से लेकर चुनाव प्रचार का जिम्मा तेजस्वी यादव संभाले हुए हैं. ऐसे में तेजस्वी को लेकर बिहार में सियासत तेज हो गई है. राजनीति के जानकार मानते हैं कि लोकसभा में मिली करारी शिकस्त के बाद से अबतक तेजस्वी यादव उबर नहीं पाए हैं, इसलिए वे लगातार बिहार से गायब रह रहे हैं. चाहे मुजफ्फरपुर में बच्चों की हुई मौत का मामला हो या फिर बिहार में बाढ़ का कहर हो, तेजस्वी के पास बिहार की जनता की सुध लेने की फुर्सत नहीं है. बीच-बीच में नीतीश सरकार को कोसने के लिए उनके ट्वीट जरूर आते रहते हैं. आज अगर आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव जेल से बाहर होते तो प्रदेश में विपक्ष की भूमिका कुछ और दिखती.
सीएम केसीआर के कई प्रस्तावित कार्यक्रम थे स्पेशल फ्लाइट से हैदराबाद के लिए रवाना हैदराबाद में वेटनरी महिला डॉक्टर से गैंगरेप और हत्या के बाद जहां देशभर में उबाल है, वहीं लोग तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के पीड़िता के परिवार से न मिलने पर सवाल उठा रहे हैं. डॉक्टर की मौत के कई दिन बीत जाने के बाद भी सीएम केसीआर ने पीड़िता के परिवार से मुलाकात नहीं की. इसी बीच मीडिया के दबाव और लगातार आलोचनाओं के बाद केसीआर ने दिल्ली में हो रही एक हाई प्रोफाइल शादी में शामिल होने से किनारा कर लिया और स्पेशल फ्लाइट से हैदराबाद के लिए रवाना हो गए. सीएम केसीआर के कई प्रस्तावित कार्यक्रम थे, जिन्हें अब रद्द कर दिया गया है. हाल में सीएम ने अटेंड की थी शादी घटना के बाद सीएम के चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ खानपुर की विधायक रेखा नाइक की बेटी की शादी में शिरकत की थी. इस विवाह समारोह में सीएम के साथ मंत्री सत्यवती राठौड़, राज्यसभा सांसद केशव राव, जे संतोष, महबूबबाद के विधायक शंकर नायक और पार्टी के एक अन्य नेता शामिल हुए थे. बता दें कि हैदराबाद के पास साइबराबाद में महिला डॉक्टर से हैवानियत के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. सड़कों पर उतरकर लोग महिला सुरक्षा पर सवाल कर रहे हैं. इस मामले में पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. कई राज्यों में हुआ प्रदर्शन दूसरी ओर गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी की पत्नी भी मंगलवार को सड़कों पर उतरीं और आरोपियों के लिए सख्त सजा की मांग की. इधर, दिल्ली एनसीआर में हैदराबाद की वारदात के विरोध में ग्रेटर नोएडा में छात्रों ने कैंडल मार्च निकाला. दोषियों को फांसी सजा देने की मांग की गई. भोपाल में सड़क पर कई धर्मगुरु विरोध में उतरे और हैदराबाद की वारदात के दोषियों के लिए फांसी की मांग की.
लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019)  के अगले दो में चरणों उत्तर प्रदेश में बीजेपी और गठबंधन के लिए चुनौती माने जा रहे हैं. यह वो सूबा है, जो सबसे ज्यादा लोकसभा सांसद चुनता है. अगले दो चरणों में राज्य की कुल मिलाकर 27 सीटों पर मतदान होना है. सभी सीटें यूपी के पूर्वी हिस्से की हैं. इसमें बनारस और गोरखपुर जैसी लोकसभा सीटें भी शामिल हैं. बनारस से जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं गोरखपुर सीट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ मानी जाती है.2014 में, बीजेपी और सहयोगी दलों ने 73 सीटें जीतीं थीं. यह प्रदर्शन 2017 के विधानसभा चुनावों में भी जारी रहा. जब बीजेपी ने कुल 403 में से 312 सीटों पर फतह हासिल की थी. 2014 की तुलना में इस बार लोकसभा चुनाव पर कई चीजों का फर्क पड़ रहा है. गठबंधन से इस बार का चुनाव कुछ अलग है. वजह कि 2017 के विधानसभा चुनाव के वोट शेयर की लोकसभा क्षेत्रवार दलों के वोटबैंक से तुलना करने पर कई जगहों पर गठबंधन का वोट बीजेपी के वोटबैंक पर भारी पड़ रहा है. दूसरा बड़ा अंतर प्रियंका गांधी वाड्रा का है.राहुल गांधी की छोटी बहन ने इस साल फरवरी में बहुप्रतीक्षित रूप से सक्रिय राजनीति में पदार्पण करते हुए पूर्वी उत्तर प्रदेश प्रभारी का पद संभाला. पिछले कुछ महीनों से लोगों का कहना है कि उन्होंने काफी प्रभाव छोड़ा है और कांग्रेस के मतों में दस प्रतिशत की वृद्धि कर सकती है. लेकिन  इसका विपरीत असर महागठबंधन पर पड़ सकता है. क्योंकि कांग्रेस के वोट अगर बीजेपी विरोधी खेमे से आएंगे तो फिर यह गठबंधन के लिए महंगा पड़ेगा. पिछली बार बीजेपी  को मिले 41 प्रतिशत वोट ने 85 प्रतिशत सीटें उसकी झोली में डाल दीं. मगर 41 प्रतिशत वोट को लहर कहा जाए. ऐसी परिभाषा किताबों में तो नहीं मिलती. 1977 में जनता पार्टी के पक्ष में जरूर एक लहर थी, जब पार्टी को 48 प्रतिशत वोट शेयर मिले थे. वहीं 2015 में, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनावों में 53 प्रतिशत वोट हासिल किए थे.2015 में 'मोदी वेव' का जो टर्म प्रचलन में आया, दरअसल वह लैंडस्लाइड विक्ट्री थी. वेव और लैंडस्लाइड में फर्क जानना जरूरी है. 'वेव' यानी लहर 'हाई पॉपुलर' वोट से तय होती है, जबकि लैंडस्लाइड अधिक संख्या में सीटें आने से. उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य है, जहां देश के अन्य हिस्सों से कहीं ज्यादा दलित और मुस्लिम रहते हैं. यहां नगरीय इलाकों से ज्यादा लोग गांवों में रहते हैं.मगर इस बार अनुसूचित जाति का वोट बीजेपी से दूर जा रहा है. यह वोट कांग्रेस और सपा-बसपा गठबंधन में बंट रहा है.मुस्लिम वोट भी कांग्रेस और गठबंधझन को जा रहा है. कहा जा रहा है कि बीजेपी के पाले से करीब 15 प्रतिशत दलित दूर हो रहे हैं. इसमें 10 प्रतिशत वोट कांग्रेस को और पांच प्रतिशत गठबंधन को. महागठबंधन को मुस्लिमों का 75 प्रतिशत और कांग्रेस को 25 प्रतिशत वोट मिल रहा है. ऐसे ही वोट 2014 में भी बंटे थे.बीजेपी का जादू युवाओं पर चल रहा है.ऐसे युवाओं की तादाद 18 से 25 साल है. इसके अलावा महिलाओं और अन्य पिछड़ा वर्ग(ओबीसी) का भी बीजेपी को साथ मिल रहा है.बीजेपी को ओबीसी मतदाताओं का 55 प्रतिशत, महागठबंध को 35 और कांग्रेस को 10 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना बताई जा रही है. वहीं 18-25 वर्ष के 50 प्रतिशत मतदाता बीजेपी के पाले में खड़े दिख रहे हैं.गठबंधन के चलते उच्च जातियों के बीच भी हलचल मचने की संभावना है. उच्च वर्ग को बीजेपी का वोटर माना जाता है. उत्तर प्रदेश में नौ 'बेल वेदर' सीटें हैं, यानी जो सियासी मौसम का हाल बयां करने वालीं मानी जाती हैं. ये सीटें अक्सर जीतने वाली पार्टी के उम्मीदवारों को ही चुनती आई है. इसके अलावा तीन सीटें हमेशा धारा के विपरीत उम्मीदवारों को चुनती आई हैं. यानी चुनाव जीतने वाले दल के कंडीडेट यहां नहीं जीतते. इस प्रकार देखें तो अमेठी, रायबरेली और आजमगढ़ की सीट "अल्टा बेलवेदर" की श्रेणी में आती है. वहीं हवा के रुख के साथ चलने वालीं बेलवेदर सीटों में रामपुर, हरदोई. आखिरी चरण का मतदान 19 को होगा और नतीजे 23 को आएंगे.
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में अज्ञात बंदूकधारियों ने एक ट्रेन पर गोलीबारी की, जिससे कम से कम चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 10 अन्य लोग घायल हो गए।टिप्पणियां पाकिस्तान रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि कच्ची बोलन जिले के कोहसर इलाके में बंदूकधारियों ने शनिवार देर रात जफर एक्सप्रेस पर अंधाधुंध गोलीबारी की। जफर एक्सप्रेस रावलपिंडी से प्रांतीय राजधानी क्वेटा जा रही थी। अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन में सवार सुरक्षाकर्मियों ने जवाबी कार्रवाई की। इसके बाद बंदूकधारी भाग निकले। गोलीबारी से ट्रेन के इंजन को भी नुकसान हुआ है। सुरक्षाकर्मियों ने पूरे इलाके को घेर लिया और हमलावरों की तलाश की जा रही है। ट्रेन के क्वेटा पहुंचने पर हताहत लोगों को अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने बताया कि घायलों में कुछ की हालत गंभीर है और उन्हें सेना के अस्पताल भेज दिया गया है। किसी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। पाकिस्तान रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि कच्ची बोलन जिले के कोहसर इलाके में बंदूकधारियों ने शनिवार देर रात जफर एक्सप्रेस पर अंधाधुंध गोलीबारी की। जफर एक्सप्रेस रावलपिंडी से प्रांतीय राजधानी क्वेटा जा रही थी। अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन में सवार सुरक्षाकर्मियों ने जवाबी कार्रवाई की। इसके बाद बंदूकधारी भाग निकले। गोलीबारी से ट्रेन के इंजन को भी नुकसान हुआ है। सुरक्षाकर्मियों ने पूरे इलाके को घेर लिया और हमलावरों की तलाश की जा रही है। ट्रेन के क्वेटा पहुंचने पर हताहत लोगों को अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने बताया कि घायलों में कुछ की हालत गंभीर है और उन्हें सेना के अस्पताल भेज दिया गया है। किसी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। गोलीबारी से ट्रेन के इंजन को भी नुकसान हुआ है। सुरक्षाकर्मियों ने पूरे इलाके को घेर लिया और हमलावरों की तलाश की जा रही है। ट्रेन के क्वेटा पहुंचने पर हताहत लोगों को अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने बताया कि घायलों में कुछ की हालत गंभीर है और उन्हें सेना के अस्पताल भेज दिया गया है। किसी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
हिमाचल प्रदेश की स्पीति घाटी में स्थापित सरकार के नियंत्रण वाले पनबिजली संयंत्र में एक वाल्व में हुए विस्फोट में तीन इंजीनियरों की मौत हो गई. राजधानी शिमला से 420 किलोमीटर दूर काजा कस्बे में स्थापित रोंगटोंग जलविद्युत परियोजना में रविवार रात दुर्घटना हुई. रविवार रात तीन इंजीनियर संजय कुमार, विजय कुमार और सतीश संयंत्र में नया टरबाइन लगाने की कोशिश कर रहे थे, जिस वक्त यह दुर्घटना हुई. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, टरबाइन में पानी की आपूर्ति करने वाले संयंत्र के मुख्य इंटेल वाल्व में विस्फोट हो गया, जिससे तीनों इंजीनियरों की टरबाइन में दबकर मौत हो गई. मृतकों में से दो इंजीनियर राज्य विद्युत बोर्ड के कर्मचारी थे, जबकि एक उत्तर प्रदेश के नोएडा की निजी कंपनी का कर्मचारी था. काजा के लिए बिजली आपूर्ति करने वाला यह जलविद्युत संयंत्र 20 साल से भी ज्यादा पुराना था. संयंत्र की मशीनें पुरानी हो चुकी थीं, इसलिए चार सालों से यह बंद थी. लेकिन पिछले कुछ महीनों से इसकी मरम्मत का काम जारी था. मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह 19 जून को संयंत्र का मुआयना करने काजा जाएंगे. -इनपुट IANS
तेलंगाना के करीमनगर जिले में पुलिस अधिकारी बनना चाह रही 22 साल की एक महिला से दो युवकों ने कथित रूप से गैंगरेप किया. जबकि तीसरे व्यक्ति ने अपने मोबाइल फोन पर इस घिनौनी हरकत का वीडियो बनाया. पुलिस ने बताया कि जी श्रीनिवास और एम अंजैया नाम के युवकों ने अनुसूचित जाति की एक महिला से रेप किया. जबकि एम राकेश ने अपने मोबाइल फोन पर इस हरकत का वीडियो बनाया. पुलिस के अनुसार तीनों आरोपियों में एक आरोपी पुलिस में भर्ती के लिए प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए उसी कोचिंग क्लास में शामिल हुआ था जहां पीड़िता पढ़ती थी. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार 10 फरवरी को वीनावंका गांव के बाहरी इलाके में यह वारदात हुई. उस समय तीन आरोपी, शिकायतकर्ता और उसकी एक दोस्त फिल्म देखकर अपने गांव लौट रहे थे. अधिकारी ने बताया, 'तीनों आरोपी युवक दो महिलाओं को एक पहाड़ी पर ले गए. उनमें से एक महिला को खतरे की आशंका हुई और वह भाग गई. दो आरोपियों ने कथित रूप से पीड़िता से रेप किया और तीसरे ने अपने मोबाइल से वीडियो बनाया.' दो दिन पहले पीड़िता ने अपने माता-पिता को इस घटना के बारे में बताया जिसके बाद उसके रिश्तेदारों ने तीनों आरोपियों की 24 फरवरी को पिटाई की. उन्हें पास के जिले वारंगल में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. रेप की शिकायत के बाद करने पर आरोपियों के खिलाफ अनुसूचित जाति-जनजाति (उत्पीड़न रोकथाम) अधिनियम और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.
देश के उपराष्ट्रपति पद के लिए केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सोमवार शाम को बैठक कर अपने प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है. केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू इस पद के लिए प्रत्याशी बनाए गए हैं. आज पार्टी की शीर्ष संस्था संसदीय बोर्ड की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगाई गई. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बताया कि उनका नाम सर्वसम्मति से चुना गया है. वेंकैया नायडू कल नामांकन दाखिल करेंगे.  वेंकैया नायडू अभी शहरी विकास और सूचना प्रसारण मंत्री हैं. बीजेपी के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं. वाजपेयी सरकार में भी मंत्री रहे हैं. दक्षिण भारत से हैं यही बात उनके पक्ष में सबसे ज्यादा गई. पार्टी के भीतरी सूत्रों का कहना है कि वेंकैया नायडू को उपराष्ट्रपति पद का दावेदार बनाए जाने से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में पार्टी की पैठ बढ़ेगी. राज्यसभा का गहन अनुभव है. चौथी बार राज्य सभा सांसद है. बचपन से आरएसएस से जुड़े रहे हैं. आपातकाल में मीसाबंदी. पार्टी के वरिष्ठतम नेताओं में से एक हैं. अन्य पार्टी के नेताओं से अच्छे रिश्ते हैं. सदन चलाने की क्षमता है. मोदी सरकार के संकटमोचक की छवि है. संसदीय कार्यमंत्री रहने के नाते संसदीय नियमों की जानकारी है. बीजेपी तथा उसके सलाहकार अपने प्रत्याशी में तीन खासियतें चाह रहे थे - उपराष्ट्रपति पद के प्रत्याशी की बीजेपी तथा उसके वैचारिक संरक्षक कहे जाने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मूल्यों में विश्वास रखने की पृष्ठभूमि होनी चाहिए.  राज्यसभा के सभापति के रूप में सदन के निर्बाध संचालन की क्षमता होनी चाहिए. गौरतलब है कि संसद के उच्च सदन में बीजेपी फिलहाल अल्पमत में है. वह बीजेपी के समर्थक वर्गों में से किसी एक का प्रतिनिधि होना चाहिए, जैसे राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद दलित वर्ग से संबंध रखते हैं. टिप्पणियां इसी साल मई में पत्रकारों द्वारा बातचीत के दौरान सवाल किए जाने पर वेंकैया नायडू ने शब्दों से खेलने की अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए खुद को राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर बताया था. उन्होंने कहा था, "न मैं राष्ट्रपति बनना चाहता हूं, न उपराष्ट्रपति बनना चाहता हूं... मैं 'उषापति' बनकर ही खुश हूं..." गौरतलब है कि विपक्षी दलों ने पिछले सप्ताह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पौत्र गोपालकृष्ण गांधी को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपनी ओर से प्रत्याशी घोषित किया था. गोपालकृष्ण गांधी राज्यपाल भी रह चुके हैं, और उनके नाम पर राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के रूप में भी चर्चा की गई थी. वेंकैया नायडू अभी शहरी विकास और सूचना प्रसारण मंत्री हैं. बीजेपी के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं. वाजपेयी सरकार में भी मंत्री रहे हैं. दक्षिण भारत से हैं यही बात उनके पक्ष में सबसे ज्यादा गई. पार्टी के भीतरी सूत्रों का कहना है कि वेंकैया नायडू को उपराष्ट्रपति पद का दावेदार बनाए जाने से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में पार्टी की पैठ बढ़ेगी. राज्यसभा का गहन अनुभव है. चौथी बार राज्य सभा सांसद है. बचपन से आरएसएस से जुड़े रहे हैं. आपातकाल में मीसाबंदी. पार्टी के वरिष्ठतम नेताओं में से एक हैं. अन्य पार्टी के नेताओं से अच्छे रिश्ते हैं. सदन चलाने की क्षमता है. मोदी सरकार के संकटमोचक की छवि है. संसदीय कार्यमंत्री रहने के नाते संसदीय नियमों की जानकारी है. बीजेपी तथा उसके सलाहकार अपने प्रत्याशी में तीन खासियतें चाह रहे थे - उपराष्ट्रपति पद के प्रत्याशी की बीजेपी तथा उसके वैचारिक संरक्षक कहे जाने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मूल्यों में विश्वास रखने की पृष्ठभूमि होनी चाहिए.  राज्यसभा के सभापति के रूप में सदन के निर्बाध संचालन की क्षमता होनी चाहिए. गौरतलब है कि संसद के उच्च सदन में बीजेपी फिलहाल अल्पमत में है. वह बीजेपी के समर्थक वर्गों में से किसी एक का प्रतिनिधि होना चाहिए, जैसे राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद दलित वर्ग से संबंध रखते हैं. टिप्पणियां इसी साल मई में पत्रकारों द्वारा बातचीत के दौरान सवाल किए जाने पर वेंकैया नायडू ने शब्दों से खेलने की अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए खुद को राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर बताया था. उन्होंने कहा था, "न मैं राष्ट्रपति बनना चाहता हूं, न उपराष्ट्रपति बनना चाहता हूं... मैं 'उषापति' बनकर ही खुश हूं..." गौरतलब है कि विपक्षी दलों ने पिछले सप्ताह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पौत्र गोपालकृष्ण गांधी को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपनी ओर से प्रत्याशी घोषित किया था. गोपालकृष्ण गांधी राज्यपाल भी रह चुके हैं, और उनके नाम पर राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के रूप में भी चर्चा की गई थी. बीजेपी तथा उसके सलाहकार अपने प्रत्याशी में तीन खासियतें चाह रहे थे - उपराष्ट्रपति पद के प्रत्याशी की बीजेपी तथा उसके वैचारिक संरक्षक कहे जाने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मूल्यों में विश्वास रखने की पृष्ठभूमि होनी चाहिए.  राज्यसभा के सभापति के रूप में सदन के निर्बाध संचालन की क्षमता होनी चाहिए. गौरतलब है कि संसद के उच्च सदन में बीजेपी फिलहाल अल्पमत में है. वह बीजेपी के समर्थक वर्गों में से किसी एक का प्रतिनिधि होना चाहिए, जैसे राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद दलित वर्ग से संबंध रखते हैं. टिप्पणियां इसी साल मई में पत्रकारों द्वारा बातचीत के दौरान सवाल किए जाने पर वेंकैया नायडू ने शब्दों से खेलने की अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए खुद को राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर बताया था. उन्होंने कहा था, "न मैं राष्ट्रपति बनना चाहता हूं, न उपराष्ट्रपति बनना चाहता हूं... मैं 'उषापति' बनकर ही खुश हूं..." गौरतलब है कि विपक्षी दलों ने पिछले सप्ताह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पौत्र गोपालकृष्ण गांधी को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपनी ओर से प्रत्याशी घोषित किया था. गोपालकृष्ण गांधी राज्यपाल भी रह चुके हैं, और उनके नाम पर राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के रूप में भी चर्चा की गई थी. इसी साल मई में पत्रकारों द्वारा बातचीत के दौरान सवाल किए जाने पर वेंकैया नायडू ने शब्दों से खेलने की अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए खुद को राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर बताया था. उन्होंने कहा था, "न मैं राष्ट्रपति बनना चाहता हूं, न उपराष्ट्रपति बनना चाहता हूं... मैं 'उषापति' बनकर ही खुश हूं..." गौरतलब है कि विपक्षी दलों ने पिछले सप्ताह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पौत्र गोपालकृष्ण गांधी को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपनी ओर से प्रत्याशी घोषित किया था. गोपालकृष्ण गांधी राज्यपाल भी रह चुके हैं, और उनके नाम पर राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के रूप में भी चर्चा की गई थी. गौरतलब है कि विपक्षी दलों ने पिछले सप्ताह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पौत्र गोपालकृष्ण गांधी को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपनी ओर से प्रत्याशी घोषित किया था. गोपालकृष्ण गांधी राज्यपाल भी रह चुके हैं, और उनके नाम पर राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के रूप में भी चर्चा की गई थी.
मार्वल यूनिवर्स की फिल्मों में थोर का रोल निभाने वाले हॉलीवुड एक्टर क्रिस हेम्सवर्थ ने आयरन मैन का किरदार निभाने वाले एक्टर रॉबर्ट डॉनी जूनियर को कमाई के मामले में पछाड़ दिया है. रॉबर्ट डॉनी जूनियर लगातार मार्वल यूनिवर्स के सबसे ज्यादा कमाई करने वाले एक्टर बने हुए हैं. हालांकि इस बार वे क्रिस हेम्सवर्थ से पिछड़ गए हैं. फोर्ब्स की लिस्ट के अनुसार, क्रिस ने पिछले एक साल में 76.4 मिलियन की कमाई की है जो लगभग 524 करोड़ रूपए है वे फोर्ब्स की लिस्ट में 24वें नंबर पर हैं. वही 66 मिलियन यानि 453 करोड़ की कमाई के साथ रॉबर्ट उनसे पीछे हैं. इसके अलावा ब्रैडली कूपर ने पिछले एक साल में 57 मिलियन यानि 393  करोड़ की कमाई की है. मार्वल सुपरस्टार स्कारलेट योहानसन ने 56 मिलियन डॉलर्स, वही क्रिस इवेन्स ने 43.5 मिलियन यानि 384 करोड़ और पॉल रूड ने 41 मिलियन की कमाई की है. गौरतलब है कि क्रिस हेम्सवर्थ मेन इन ब्लैक में भी काम कर चुके हैं जो इसी साल रिलीज़ हुई थी. इसके अलावा ब्रैडली कूपर ने फिल्म ए स्टार इज़ बोर्न में काम किया था और इस फिल्म को डायरेक्ट भी किया था वही स्कारलेट ने एक डील साइन की है जिसके चलते वे ब्लैक विडो फिल्म को प्रोड्यूस करते भी नज़र आएंगी. View this post on Instagram The cast and crew share an inside look into the making of Marvel Studios' #AvengersEndgame, available on Digital July 30 and Blu-ray August 13: http://bit.ly/AvEndgame A post shared by Avengers: Endgame (@avengers) on Jul 1, 2019 at 10:37am PDT फोर्ब्स के अनुसार, मार्वल के सभी एक्टर्स ने पिछले एक साल में 2333 करोड़ की कमाई की है. रॉबर्ट डॉनी जूनियर और स्कारलेट योहानसन जैसे सितारे अपने स्टारडम के चलते हॉलीवुड स्टूडियोज़ से मुंह मांगे दाम भी वसूलते हैं. मार्वल की फिल्म एवेंजर्स एंडगेम ने बॉक्स ऑफिस पर कई रिकॉर्ड्स बनाए थे. इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस के इतिहास में सबसे ज्यादा कमाई करने के मामले में दूसरा स्थान पाया था. गौरतलब है कि फोर्ब्स ने 100 सबसे ज्यादा कमाई करने वाले ग्लोबल सितारों की लिस्ट जारी की थी. इस लिस्ट में भारत के सेलेब्स में अक्षय कुमार अपना नाम शुमार कराने में कामयाब रहे हैं. अक्षय ने पिछले एक साल में 444 करोड़ की कमाई की है. अक्षय के अलावा इस लिस्ट में कोई भी बॉलीवुड एक्टर अपना नाम दर्ज नहीं करा पाया है. वही इस लिस्ट में पहले नंबर पर पॉप सिंगर टेलर स्विफ्ट का नाम शामिल है.
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: बालों को रंगने की सोच के प्रति आज के जमाने की महिलाओं की सोच में आए बदलाव की प्रशंसा करते हुए अभिनेत्री सोनम कपूर ने सभी महिलाओं से अपने बालों को रंगने का आग्रह किया है. लॉरियल पेरिस की ब्रैंड एम्बेसेडर सोनम का कहना है कि रंगों से उन्हें फैशन में अपने पसंदीदा परिधान के चयन के लिए आत्मविश्वास मिलता है. लॉरियल ने हाल ही में डिजिटल तौर पर अपना अभियान कास्टिंग क्रीम ग्लोस लांच किया है. सोनम ने अपने बयान में कहा, "रंग मेरे दैनिक कार्य-कलापों में आनंद की लहर भर देते हैं. मैं अपने जीवन को सिर्फ सफेद और काले रंग के साथ सोच भी नहीं सकती. आपके जीवन में ऊर्जा को लाने के लिए रंग सबसे अच्छा माध्यम हैं."टिप्पणियां अभिनेत्री का कहना है कि रंगों के माध्यम से उन्हें फैशन में उनके चयन में काफी मदद मिलती है. इस अभियान को 10 सितंबर को 'सोनम्स एप' के जरिए लाइव जारी किया गया और 11 सितंबर को यह यूट्यूब चैनल पर भी जारी किया गया. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) लॉरियल ने हाल ही में डिजिटल तौर पर अपना अभियान कास्टिंग क्रीम ग्लोस लांच किया है. सोनम ने अपने बयान में कहा, "रंग मेरे दैनिक कार्य-कलापों में आनंद की लहर भर देते हैं. मैं अपने जीवन को सिर्फ सफेद और काले रंग के साथ सोच भी नहीं सकती. आपके जीवन में ऊर्जा को लाने के लिए रंग सबसे अच्छा माध्यम हैं."टिप्पणियां अभिनेत्री का कहना है कि रंगों के माध्यम से उन्हें फैशन में उनके चयन में काफी मदद मिलती है. इस अभियान को 10 सितंबर को 'सोनम्स एप' के जरिए लाइव जारी किया गया और 11 सितंबर को यह यूट्यूब चैनल पर भी जारी किया गया. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) अभिनेत्री का कहना है कि रंगों के माध्यम से उन्हें फैशन में उनके चयन में काफी मदद मिलती है. इस अभियान को 10 सितंबर को 'सोनम्स एप' के जरिए लाइव जारी किया गया और 11 सितंबर को यह यूट्यूब चैनल पर भी जारी किया गया. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दोनाना नेशनल पार्क दक्षिणी स्पेन के आंदालुसिया में एक प्राकृतिक आरक्षित क्षेत्र है। ये हेल्वा और सेविले प्रान्त में फैला हुआ है। यह 543 वर्ग किमी (52.12 वर्ग मील) में फैला हुआ है जिसमें से 135 वर्ग किमी (209.65 वर्ग मील) संरक्षित क्षेत्र हैं। ये पार्क मार्श और छोटी नदियों का क्षेत्र है। यह पार्क दलदल, उथले धाराओं और रेत के टीलों का एक क्षेत्र है और ये गुअदिल्क़ुइविर नदी के दहाने में स्थित है। यह 1969 में प्राकृतिक संरक्षित क्षेत्र निर्धारित किया गया। स्पेन की सरकार ने इस क्षेत्र को खरीदा और इसे एक प्राकृतिक संरक्षित क्षेत्रों बनाया। दलदल पानी की वजह से इस क्षेत्र में लगातार खतरे बना रहता है। इसका पानी समुद्र तट के क्षेत्र में कृषि के लिए उपयोग किया जाता है। इसका ये नाम डोना ना दे सिल्वा वी मेन्दोज़ा के नाम पर पड़ा है। वो मेडोना-सेडोना के दिऊक की पत्नी थी। 1994 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर में शामिल किया। 2006 में यहाँ आने वाले सैलानीओं के मात्रा लगभग 376,287 थी। इतिहास बाहरी कड़ियाँ https://web.archive.org/web/20141019214807/http://www.andalucia.com/environment/protect/donana.htm Doñana Biological Station CSIC Parque Nacional de Doñana (Spanish Environment Ministry) Doñana: National Park and Natural Park (Regional Government) CNN report on the 1998 spill Official युनेस्को website entry आगे पढ़े Doñana, Spain's Wildlife Wilderness, Juan Antonio Fernández, Taplinger Publishing Company, New York, 1974, hardcover, 253 pages, ISBN 0-8008-8324-1 Where to watch birds in Doñana by Jorge Garzón, Francisco Chiclana. (2006) Published by [Lynx Edicions] ISBN 978-84-96553-20-0 Where to watch birds in Spain. The 100 best sites by José Antonio Montero & SEO/BirdLife (2006). Published by Lynx Edicions,ISBN 978-84-96553-04-0 सन्दर्भ स्पेन स्पेन में विश्व धरोहर स्थल
निर्भया मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई तो पूरी हो गई लेकिन अभी तक इंसाफ मिलना बाकी है. निर्भया के माता-पिता ने अगले साल आम चुनावों में किसी भी राजनीतिक दल के लिए अपना वोट ना डालने का फैसला किया है. निर्भया के माता-पिता का कहना है कि सरकार ने बलात्कार पीड़ितों के लिए जल्द फैसला करने का वादा किया था लेकिन कुछ होता नज़र नहीं आ रहा है. 2019 में किसी को वोट नहीं देंगी निर्भया की मां बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दोषियों को मौत की सजा को बरकरार रखते हुए कहा था कि उनके क्रूर, बर्बर और राक्षसी आचरण ने मानवता को हिलाकर रख दिया और वह उदारता के लायक नहीं हैं. 16 दिसंबर, 2012 को राजधानी में चलती बस में 23 वर्षीय निर्भया के साथ हुई घटना ने देश भर में विद्रोह को जगा दिया था, और भारत में महिलाओं के खिलाफ हो रहे आपराधिक मामलों को उजागर किया था. निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले नरेंद्र मोदी ने कहा था कि जब आप वोट देने जाओ तो "निर्भया याद रखना"  लेकिन मैं 2019 में किसी को वोट नहीं दूंगी. मुझे अब कोई उम्मीद नहीं है. ...तो नहीं होती कठुआ और उन्नाव जैसी घटना वहीं निर्भया के पिता बद्रीनाथ ने कहा कि अगर मौजूदा सरकार ने बलात्कार पीड़ितों के लिए न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाई होती और बलात्कार के मामलों में एक नया अधिनियम पेश किया होता तो कठुआ और उन्नाव जैसे मामले सामने नहीं आते. आशा ने कहा कि सिर्फ कागज पर ही मेरी बेटी के बलात्कारियों के लिए मौत की सजा हुई है. उन्होंने कहा कि पिछले छह वर्षों में हमने जब भी पूछा कि सरकार कैसे पैसे का उपयोग कर रही है तो हमें बताया गया है कि निर्भय निधि के तहत पैसा सीसीटीवी प्रतिष्ठानों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. जबकि ऐसा कुछ होता दिखाई नहीं दिया. ऐसी कानूनी प्रक्रिया से लगता है डर निर्भया के माता-पिता ने कहा कि कानूनी कमी और आलसी प्रक्रिया ने उन्हें और थका दिया है. उन्होंने कहा कि पिछले साल, 5 मई को, हमने अदालत के फैसले का स्वागत किया, लेकिन धीमी गति से चलने वाली प्रक्रिया से मुझे डर लगता है कि छह साल बाद भी देरी जारी रहेगी. उन्होंने कहा, हमें नहीं पता कि यह कितना समय ले सकता है. हमारी बेटी को खोने के छह साल बाद, हमें अभी भी हर बार साबित करने के लिए कहा जाता है कि उसके साथ बलात्कार किया गया था. निर्भया के माता-पिता ने कहा कि हर सुनवाई में वे बलात्कारियों के पक्ष में तर्क देख रहे हैं. उनके वकील बहस कर रहे हैं कि अभियुक्त जेल में अच्छी तरह से व्यवहार कर रहे हैं और उन्हें छोड़ देना चाहिए. पिता ने कहा कि मैं सिर्फ उनसे पूछना चाहता हूं, क्या हमारी बेटी इस देश की अच्छी नागरिक नहीं थी? दो दोषियों की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई पूरी निर्भया हत्याकांड मामले में मौत की सजा पाए मुजरिमों में से दो दोषियों की पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई पूरी हो गई है. इस मामले में दोषी विनय शर्मा और पवन गुप्ता ने न्यायालय से उनकी मौत की सजा बरकरार रखने संबंधी मई 2017 के फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध किया था.
दिवाली के मौके पर खरीदारों से गुलजार रहने वाले दिल्ली के बाजार इस बार बेजार नजर आ रहे हैं. एशिया का सबसे बड़ा सदर बाजार फेस्टिवल सीजन में खरीदारों की पहली पसंद होता है, फिर चाहे फुटकर व्यापारी हों या आम खरीदार. लेकिन इन दिनों सदर बाजार से खरीदार लगभग गायब दिख रहे हैं. पटाखा बाजार में पसरा सन्नाटा विक्रेताओं पर भारी पड़ रहा है. दिवाली पर लोग घर की साज-सजावट पर दिल खोल कर पैसे खर्च करते हैं. जिन्हें होम अप्लाएंस खरीदना होता है, वो भी फेस्टिवल सीजन में मिलने वाले ऑफर्स और सेल का इंतजार करते रहते हैं. जिस सदर बाजार में दिवाली के दौरान पैर रखने तक की जगह नहीं होती, उस सदर बाजार में दुकानदार ग्राहकों का इंतजार करते नजर आ रहे हैं. सदर बाजार के कारोबारियों की मानें तो इस साल बाजार में करीब 50 फीसदी की गिरावट है. दिल्ली के करोल बाग मार्केट का हाल भी सदर बाजार जैसा ही है. कपड़ों और गहनों के लिए मशहूर इस बाजार की रंगत भी फीकी पड़ी हुई है. धनतेरस पर भीड़ होने की वजह से अक्सर लोग सप्ताह भर पहले ही सोने-चांदी के गहने सेलेक्ट कर लेते थे और डिलीवरी धनतेरस के शुभ दिन लेते थे, लेकिन इस साल ऐसे ग्राहक दुकानों पर कम ही नजर आए. कैट के मुताबिक पिछले साल के मुकाबले इस साल बिक्री में लगभग 30 फीसदी की गिरावट है. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल के मुताबिक, "व्यापारियों ने इस वर्ष अच्छे त्यौहारी सीजन का अनुमान लगाते हुए भारी मात्रा में स्टॉक कर लिया है और अब उनकी चिंता है कि स्टॉक का क्या होगा. इलेक्ट्रॉनिक्स, किचन के सामान, गिफ्ट आइटम, मिठाइयां, होम डेकोर, रेडीमेड गार्मेंट, फर्निशिंग फैब्रिक जैसे कुछ क्षेत्र मंदी से सीधे प्रभावित हुए हैं, जबकि बाजारों में अन्य वस्तुओं की आमद में भी काफी कमी है. रियल इस्टेट, सोना-चांदी की खरीदारी में भी हाल कुछ अच्छा नहीं है." कैट ने इसके लिए अमेजॉन, फ्लिपकार्ट जैसी ई कामर्स कम्पनियों को भी जिम्मेदार ठहराया. साथ ही कहा कि जीएसटी से उपजे भ्रम ने बाजारों में अफरा-तफरी फैला रखी है, जिसके तहत त्यौहार से जुड़े अधिकांश वस्तुओं पर अधिकतम 28 फीसदी का टैक्स लग रहा है और उपभोक्ता इतना ज्यादा टैक्स देना नहीं चाहते. आमतौर पर नवरात्रि से लेकर दिवाली तक दिल्ली के बाजारों में जबरदस्त रौनक देखने को मिलती थी. दिल्ली वाले त्यौहारी सीजन में पैसे खर्चने में अव्वल माने जाते हैं, लेकिन इस साल न तो बाजारों में ग्राहकों को लुभावने ऑफर्स मिल रहे हैं, न ही खरीदार दिल खोल कर खर्च कर रहे हैं. लिहाजा दिल्ली के बाजारों से रौनक गायब है, और व्यापारी निराश.
यह लेख है: आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी प्रकरण में चेन्नई सुपर किंग्स के टीम प्रिंसिपल गुरुनाथ मय्यप्पन और राजस्थान रॉयल्स के मालिक राज कुंद्रा को क्लीनचिट दिए जाने के बाद पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद में आरोप लगाया है कि बीसीसीआई में शामिल राजनीतिज्ञ इसे आईओए बनाने पर तुल गए हैं। पूर्व न्यायधीश टी जयराम चौटा और आर बालासुब्रहमण्यम की दो सदस्यीय पैनल ने बीसीसीआई कार्यकारिणी को कल अपनी रिपोर्ट सौंप दी जिसमें मय्यप्पन और कुंद्रा को निर्दोष करार दिया गया। इससे एन श्रीनिवासन की बीसीसीआई में वापसी तय हो गयी है। भारत की 1983 विश्वकप विजेता टीम के सदस्य रहे आजाद ने कहा, ‘‘मैं डालमिया या श्रीनिवासन को दोष नहीं देता बल्कि पक्ष विपक्ष के उन राजनेताओं पर आरोप लगा रहा हूं कि वे बीसीसीआई को भारतीय ओलिंपिक संघ बनाने पर तुल गए हैं। राजनीतिज्ञों के दखल के कारण आईओए का जो हश्र हुआ, वह अब बीसीसीआई का होता दिख रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुंबई पुलिस ने कहा है कि अभी मामले की जांच पूरी नहीं हुई। दिल्ली पुलिस भी जांच कर रही है और बीसीसीआई ने खुद अपनी जांच बिठाकर क्लीन चिट भी दे डाली। क्या ये लोग देश के संविधान और कानून से उपर हैं?’’ उन्होंने कहा कि अब सरकार को दखल देकर बीसीसीआई को हर हाल में आरटीआई के अधीन लाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘पूर्व खेलमंत्री अजय माकन जब खेल विधेयक लाये तो कैबिनेट में शामिल नेताओं ने अपने स्वार्थों के चलते उसका विरोध किया। अगर बीसीसीआई दावा करता है कि वह अपने खातों का ऑडिट कराता है तो आरटीआई के अधीन क्यो नहीं आता।’’टिप्पणियां आजाद ने कहा, ‘‘बीसीसीआई की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाना जरूरी है और यह सिर्फ इसे आरटीआई के अधीन लाकर ही लाई जा सकती है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार की गाज सिर्फ खिलाड़ियों पर गिरना गलत है। उन्होंने कहा, ‘‘अधिकारी तो इस तरह साफ छूट जाते हैं और सजा बेचारे खिलाड़ियों को मिलती है जबकि खिलाड़ियों के जज्बे और शानदार खेल की वजह से ही भारत में क्रिकेट इस कदर लोकप्रिय है।’’ पूर्व न्यायधीश टी जयराम चौटा और आर बालासुब्रहमण्यम की दो सदस्यीय पैनल ने बीसीसीआई कार्यकारिणी को कल अपनी रिपोर्ट सौंप दी जिसमें मय्यप्पन और कुंद्रा को निर्दोष करार दिया गया। इससे एन श्रीनिवासन की बीसीसीआई में वापसी तय हो गयी है। भारत की 1983 विश्वकप विजेता टीम के सदस्य रहे आजाद ने कहा, ‘‘मैं डालमिया या श्रीनिवासन को दोष नहीं देता बल्कि पक्ष विपक्ष के उन राजनेताओं पर आरोप लगा रहा हूं कि वे बीसीसीआई को भारतीय ओलिंपिक संघ बनाने पर तुल गए हैं। राजनीतिज्ञों के दखल के कारण आईओए का जो हश्र हुआ, वह अब बीसीसीआई का होता दिख रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुंबई पुलिस ने कहा है कि अभी मामले की जांच पूरी नहीं हुई। दिल्ली पुलिस भी जांच कर रही है और बीसीसीआई ने खुद अपनी जांच बिठाकर क्लीन चिट भी दे डाली। क्या ये लोग देश के संविधान और कानून से उपर हैं?’’ उन्होंने कहा कि अब सरकार को दखल देकर बीसीसीआई को हर हाल में आरटीआई के अधीन लाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘पूर्व खेलमंत्री अजय माकन जब खेल विधेयक लाये तो कैबिनेट में शामिल नेताओं ने अपने स्वार्थों के चलते उसका विरोध किया। अगर बीसीसीआई दावा करता है कि वह अपने खातों का ऑडिट कराता है तो आरटीआई के अधीन क्यो नहीं आता।’’टिप्पणियां आजाद ने कहा, ‘‘बीसीसीआई की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाना जरूरी है और यह सिर्फ इसे आरटीआई के अधीन लाकर ही लाई जा सकती है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार की गाज सिर्फ खिलाड़ियों पर गिरना गलत है। उन्होंने कहा, ‘‘अधिकारी तो इस तरह साफ छूट जाते हैं और सजा बेचारे खिलाड़ियों को मिलती है जबकि खिलाड़ियों के जज्बे और शानदार खेल की वजह से ही भारत में क्रिकेट इस कदर लोकप्रिय है।’’ भारत की 1983 विश्वकप विजेता टीम के सदस्य रहे आजाद ने कहा, ‘‘मैं डालमिया या श्रीनिवासन को दोष नहीं देता बल्कि पक्ष विपक्ष के उन राजनेताओं पर आरोप लगा रहा हूं कि वे बीसीसीआई को भारतीय ओलिंपिक संघ बनाने पर तुल गए हैं। राजनीतिज्ञों के दखल के कारण आईओए का जो हश्र हुआ, वह अब बीसीसीआई का होता दिख रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुंबई पुलिस ने कहा है कि अभी मामले की जांच पूरी नहीं हुई। दिल्ली पुलिस भी जांच कर रही है और बीसीसीआई ने खुद अपनी जांच बिठाकर क्लीन चिट भी दे डाली। क्या ये लोग देश के संविधान और कानून से उपर हैं?’’ उन्होंने कहा कि अब सरकार को दखल देकर बीसीसीआई को हर हाल में आरटीआई के अधीन लाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘पूर्व खेलमंत्री अजय माकन जब खेल विधेयक लाये तो कैबिनेट में शामिल नेताओं ने अपने स्वार्थों के चलते उसका विरोध किया। अगर बीसीसीआई दावा करता है कि वह अपने खातों का ऑडिट कराता है तो आरटीआई के अधीन क्यो नहीं आता।’’टिप्पणियां आजाद ने कहा, ‘‘बीसीसीआई की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाना जरूरी है और यह सिर्फ इसे आरटीआई के अधीन लाकर ही लाई जा सकती है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार की गाज सिर्फ खिलाड़ियों पर गिरना गलत है। उन्होंने कहा, ‘‘अधिकारी तो इस तरह साफ छूट जाते हैं और सजा बेचारे खिलाड़ियों को मिलती है जबकि खिलाड़ियों के जज्बे और शानदार खेल की वजह से ही भारत में क्रिकेट इस कदर लोकप्रिय है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुंबई पुलिस ने कहा है कि अभी मामले की जांच पूरी नहीं हुई। दिल्ली पुलिस भी जांच कर रही है और बीसीसीआई ने खुद अपनी जांच बिठाकर क्लीन चिट भी दे डाली। क्या ये लोग देश के संविधान और कानून से उपर हैं?’’ उन्होंने कहा कि अब सरकार को दखल देकर बीसीसीआई को हर हाल में आरटीआई के अधीन लाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘पूर्व खेलमंत्री अजय माकन जब खेल विधेयक लाये तो कैबिनेट में शामिल नेताओं ने अपने स्वार्थों के चलते उसका विरोध किया। अगर बीसीसीआई दावा करता है कि वह अपने खातों का ऑडिट कराता है तो आरटीआई के अधीन क्यो नहीं आता।’’टिप्पणियां आजाद ने कहा, ‘‘बीसीसीआई की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाना जरूरी है और यह सिर्फ इसे आरटीआई के अधीन लाकर ही लाई जा सकती है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार की गाज सिर्फ खिलाड़ियों पर गिरना गलत है। उन्होंने कहा, ‘‘अधिकारी तो इस तरह साफ छूट जाते हैं और सजा बेचारे खिलाड़ियों को मिलती है जबकि खिलाड़ियों के जज्बे और शानदार खेल की वजह से ही भारत में क्रिकेट इस कदर लोकप्रिय है।’’ उन्होंने कहा कि अब सरकार को दखल देकर बीसीसीआई को हर हाल में आरटीआई के अधीन लाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘पूर्व खेलमंत्री अजय माकन जब खेल विधेयक लाये तो कैबिनेट में शामिल नेताओं ने अपने स्वार्थों के चलते उसका विरोध किया। अगर बीसीसीआई दावा करता है कि वह अपने खातों का ऑडिट कराता है तो आरटीआई के अधीन क्यो नहीं आता।’’टिप्पणियां आजाद ने कहा, ‘‘बीसीसीआई की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाना जरूरी है और यह सिर्फ इसे आरटीआई के अधीन लाकर ही लाई जा सकती है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार की गाज सिर्फ खिलाड़ियों पर गिरना गलत है। उन्होंने कहा, ‘‘अधिकारी तो इस तरह साफ छूट जाते हैं और सजा बेचारे खिलाड़ियों को मिलती है जबकि खिलाड़ियों के जज्बे और शानदार खेल की वजह से ही भारत में क्रिकेट इस कदर लोकप्रिय है।’’ आजाद ने कहा, ‘‘बीसीसीआई की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाना जरूरी है और यह सिर्फ इसे आरटीआई के अधीन लाकर ही लाई जा सकती है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार की गाज सिर्फ खिलाड़ियों पर गिरना गलत है। उन्होंने कहा, ‘‘अधिकारी तो इस तरह साफ छूट जाते हैं और सजा बेचारे खिलाड़ियों को मिलती है जबकि खिलाड़ियों के जज्बे और शानदार खेल की वजह से ही भारत में क्रिकेट इस कदर लोकप्रिय है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार की गाज सिर्फ खिलाड़ियों पर गिरना गलत है। उन्होंने कहा, ‘‘अधिकारी तो इस तरह साफ छूट जाते हैं और सजा बेचारे खिलाड़ियों को मिलती है जबकि खिलाड़ियों के जज्बे और शानदार खेल की वजह से ही भारत में क्रिकेट इस कदर लोकप्रिय है।’’
पॉप किंग माइकल जैक्सन के अंतिम विदाई के लिए लॉस एंजेलिस में उनके चाहने वालों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है. लाखों लोग उनके पब्लिक मेमोरियल में शरीक होना चाहते थे लेकिन ये मौका लकी टिकट पाने वाले सिर्फ कुछ हजार लोगों को ही मिलेगा. जितना ग्रैंड माइकल का शो हुआ करता था, उतनी ही यादगार होगी उनकी आखिरी विदाई. माइकल की आखिरी विदाई पर भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पचास करोड़ से ज्यादा लोग अब तक वेबसाइट्स पर जानकारी हासिल कर चुके हैं. उनके मेमोरियल सर्विस में शामिल होने के लिए महज 17 हजार पांच सौ टिकट के लिए 16 लाख से ज्यादा लोगों ने अर्जी दी है. मंगलवार को अपार भीड़ की आशंका से घबरा कर लॉस एंजिलिस पुलिस ने लोगों से फॉरेस्ट लॉन मेमोरियल पार्क में ना आने की अपील की है. अधिकारियों ने सिर्फ उन्हीं लोगों को आने को कहा है जिनके पास फ्यूनरल में शामिल होने के लिए टिकट होगा. माइकल के शव को रखने के लिए जो ताबूत खास तौर से तैयार किया गया है वो सोने से बना है. पूरे कार्यक्रम को कई टीवी चैनलों पर लगातार लाइव दिखाया जाएगा. माइकल को अलविदा कहने के कई बड़ी हस्तियां मौजूद रहेंगी.
लेख: पीएम मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के बीजेपी के कार्यकर्ताओं से बातचीत की. उन्होंने कहा कि देश में इस समय त्योहार का वातावरण है. उत्साह, उमंग का माहौल है. पीएम मोदी ने कहा आप सब दीपावली, छठ पूजा जैसे उत्सवों की तैयारी में जुटे होंगे. इस अवसर पर आप सभी से मिलना मेरे लिए भी खास हो जाता है. आप कार्यकर्ताओं से मिलकर मेरा उत्साह भी बढ़ जाता है. पीएम मोदी ने कहा कि आज जब हम अपनों के बीच दिवाली मना रहे हैं तब उन लाखों वीर बेटे-बेटियों और उनके परिवारों को भी शुभ कामनाएं देना हमारा कर्तव्य बनाता है. अपनी खुशियों के बीच हमें उन सबका स्मरण करना चाहिए जो हमारे लिए जीते हैं, जूझते हैं. चाहे सेना का जवान हों, अर्धसैनिक बल हों, पुलिस के जवान हों, एनडीआरएफ के जवान हों या छोटे-छोटे कर्मचारी हों, इन सभी का योगदान हमारी खुशियों को चार गुना कर देता है. इन्हीं के कारण हम त्योहार मना पाते हैं.   कार्यकर्ताओं से बाचतीत करते हुए पीएम मोदी ने दिवंगत बीजेपी नेता कामेश्वर नारायण सिंह को भी याद किया. उन्होंने कहा कि जनसंघ के समय से संगठन के लिए काम करने वाले वाराणसी सेवापुरी विधानसभा के वरिष्ठ कार्यकर्ता कामेश्वर नारायण सिंह जी, पिछले 10 अक्टूबर को हमें छोड़कर चले गये मैं उन्हें आदर पूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. उन्होंने कहा कि काशी में हो रहे परिवर्तन का लाभ केवल वाराणसी को ही नहीं बल्कि आसपास के क्षेत्रों को भी हो रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि वाराणसी में जिस तरह गंगा घाटों और सड़कों पर सफाई और लाइटिंग का कार्य हुआ है, उसने वहां आने वाले पर्यटकों का मन मोह लिया है. पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है. काशी में हो रहे परिवर्तन का लाभ काशी के साथ-साथ आस पास के क्षेत्रों को भी हो रहा है.  एक कार्यकर्ता के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि काशी विश्वनाथ धाम मैं नहीं बना रहा हूं, ये काम कोई नहीं कर सकता, ये सब तो भोले बाबा के आशीर्वाद से हो रहा है.
टीम अन्ना के प्रमुख सदस्य एन संतोष हेगड़े ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह समाज के प्रतिनिधियों द्वारा लोकपाल विधेयक के लिए प्रस्तुत किए गए प्रावधानों को अलग-अलग कर अनेक विधेयक लाने की कोशिश कर रही है. आजतक लाइव टीवी देखनें के लिए क्लिक करें कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त हेगड़े ने कहा, ‘अनेक विधेयक लाने की कोशिश की जा रही है.’ हेगड़े ने इशारा किया कि सरकार, सेवा का अधिकार (राइट टू सर्विस) और न्यायाधीश जवाबदेही (जजेज अकाउन्टबिलिटी) जैसे जिन विधेयकों की बात कर रही है वे टीम अन्ना द्वारा सुझाए गए प्रावधानों का ही हिस्सा हैं. उन्होंने कहा, ‘इस तरह के प्रयास हो रहे हैं जो तकलीफदेह हैं.’ आजतक पर देखें पल-पल की सभी खबरें हेगड़े ने आरोप लगाया कि जन लोकपाल विधेयक को विभाजित करने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि सरकार यह कह सके कि हमने इसे खारिज नहीं किया है बल्कि हम तो अलग विधेयक ला रहे हैं. उच्चतम न्यायालय के इस पूर्व न्यायमूर्ति ने कहा कि टीम अन्ना ने अपने मसौदे में न्यायाधीश जवाबदेही विधेयक को शामिल किया था और यह काफी लंबे समय से लंबित पड़ा था और कोई भी इस पर बात नहीं कर रहा था. दिग्विजय सिंह ने किया टीम अन्‍ना  पर वार इसके अलावा जिस सेवा का अधिकार विधेयक (राइट टू सर्विस बिल) की बात की जा रही है वह टीम अन्ना द्वारा प्रस्तुत सिटीजन चार्टर में शामिल है. हेगड़े ने कहा, ‘इस समय, उन्हें मजबूत लोकपाल की अपनी चिंताओं का प्रदर्शन करना चाहिए और इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. अलग से सेवा का अधिकार और न्यायाधीश जवाबदेही जैसे विधेयक बाद में लाए जा सकते हैं और एक बार यदि ये कानून में परिवर्तित हो गए तो फिर लोकपाल से इन प्रावधानों को मिटाया जा सकता है.’ फोटो: देखें ये हैं अन्ना के अलबेले समर्थक... उन्होंने कहा कि सरकार के कुछ तबकों में यह बात चल रही है कि संसद में जो विधेयक पेश किया जाएगा वह टीम अन्ना द्वारा प्रस्तावित विधेयक से भी मजबूत होगा. यह महज एक अच्छी बातचीत के अलावा कुछ नहीं है और प्रमुख प्रश्न यह है कि यह कब आएगा.
कटरीना कैफ और यूलिया वंटूर के बाद 'दबंग खान' सलमान ने एक और विदेशी बाला के साथ जोड़ी जमा ली है. यही नहीं सलमान जल्‍द ही इस खूबसूरत बाला के साथ मंच भी साझा करेंगे. हालांकि यह जोड़ी मंच से आगे बढ़ पाएगी या नहीं, इसे लेकर अभी कयास ही लगाए जा रहे हैं. दरअसल, शनिवार को रियलिटी शो 'बिग बॉस-7' के भव्य समापन समारोह में सलमान फिल्‍म मिकी वायरस की 'कुंग-फू चमेली' एली अवराम के साथ जुगलबंदी करने वाले हैं. इस स्‍वीडिश-ग्रीक बाला के साथ सलमान अपनी सुपरहिट फिल्‍म 'एक था टाइगर' के गीत 'माशाअल्‍लाह' पर परफॉर्म करेंगे. 'पांच साल पहले की कटरीना' एली बिग बॉस-7 की कंटेस्‍टेंट भी रह चुकी हैं. बहुतों का मानना है कि एली शो में सलमान की फेवरेट कंटेस्‍टेंट रही हैं. शो के दौरान सलमान ने भी कई बार एली को 'पांच साल पहले की कटरीना' बताया है. ऐसे में इस परफॉर्मेंस को सलमान के खास पसंद से जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि यह पहली बार नहीं है जब एली और सलमान साथ में डांस करेंगे. इससे पहले 23 नवंबर को शो से एली के बेदखल होने पर भी दोनों ने फिल्‍म लव के गीत 'साथिया ये तूने क्या किया' पर डांस किया था. समापन समारोह में परफॉर्म करने वाले अन्य कंटेस्‍टेंट में अरमान कोहली, प्रत्यूषा बनर्जी और काम्या पंजाबी भी शामिल होंगी.'बिग बॉस-साथ 7' कलर्स चैनल पर प्रसारित होता है.
उत्तराखंड में इन दिनों आम जनता और प्रशासन के बीच ठनी हुई है. सड़क न बनाए जाने से नाराज आम जनता ने खुद ही सड़क बनाने की कवायद शुरू कर दी. इसके लिए लोगों ने सड़क भी खोद डाली. मामला उत्तरकाशी का है. जहां गांव में लोग खुद सड़क बनाने में जुट गए. दरअसल, सरकार के लापरवाह रवैये के कारण नाराज ग्रामीणों ने खुद ही सालों से लटकी सड़क बनाने का फैसला कर लिया. प्रशासन और सरकार से सड़क की मांग करने के बाद भी सड़क न बनने पर रविवार को प्रशासन की अनदेखी से मजबूर निराकोट गांव के ग्रामीण कूटेटी देवी के पास मोड़ पर पहुंचे. यहां पहुंचकर गांववासियों ने खुद भूमि पूजन किया और सड़क खोदनी शुरू कर दी. हाथों में कुदाल, फावड़ा और गैंती लिए ग्रामीण सड़क बनाने के लिए निकले. सड़क निर्माण करने का जोश और इसे पूरा करने की बेकरारी ग्रामीणों की आंखों में साफ देखा गया. ग्रामीणों का आरोप है कि जिला मुख्यालय के पास होने के बाद भी गांव में सड़क नहीं पहुंची है. इस वजह से स्थानीय लोगों को समय पर उपचार नहीं मिल पाता है. जिस कारण गांव में कई मौतें हो चुकी हैं. ग्रामीणों का कहना है कि कई बार धरना, जुलूस प्रदर्शन के माध्यम से प्रशासन को परेशानी बताई गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. स्थानीय निवासियों ने बताया कि अब ग्रामीण तब तक सड़क निर्माण में जुटे रहेंगे, जब तक विभाग की जेसीबी सड़क खोदने के लिए मौके पर नहीं पहुंचती. ग्रामीणों का कहना है कि धरना प्रदर्शन कर लिया, ज्ञापन सौंप दिया लेकिन न तो प्रशासन सुन रहा है और न ही कोई कदम उठा रहा है. ऐसे में सड़क निर्माण की राह देखने से तो अच्छा है कि खुद ही गांव तक जाने का रास्ता बना लिया जाए.
पिछले दो-तीन दिन से लगातार गिरते रुपये को मंगलवार को रिजर्व बैंक ने सहारा दिया. अमेरिकी डालर के मुकाबले 58.98 रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर तक गिर चुके रुपये को रिजर्व बैंक का सहारा मिलने से कारोबार की समाप्ति पर यह कुछ सुधरकर 58.39 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ. हालांकि, पिछले दिन के मुकाबले इसमें 24 पैसे की गिरावट रही. डालर के मुकाबले रुपया सोमवार को 58.15 रुपये पर बंद हुआ था. कारोबार के दौरान मंगलवार को यह 59 रुपये के करीब तक गिरने के बाद रिजर्व बैंक के दखल से सुधरकर 58.39 रुपये पर बंद हुआ. फिर भी सोमवार के मुकाबले इसमें 24 पैसे की गिरावट दर्ज की गई. रुपये में गिरावट का यह लगातार पांचवां दिन रहा. विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) द्वारा सरकारी बॉन्‍ड बेचे जाने और मुनाफा वसूली से शेयर बाजार में भी मंदी का रुख रहा. बहरहाल, रुपये के अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचने के बाद रिजर्व बैंक के दखल से एक समय रुपया मजबूती के साथ वापस 58.24 रुपये प्रति डालर पर आ गया, लेकिन कारोबार की समाप्ति पर कुछ नरम पड़कर 58.39 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ. इंडसइंड बैंक के आर्थिक और बाजार अनुसंधान के प्रमुख मोसेस हार्डिंग का कहना है, 'लगता है रिजर्व बैंक बाजार में प्रवेश के लिये ऐसे मौके का इंतजार कर रहा था, जब आयातक बाहर निकलें और निर्यातक बाजार में डालर बेचने के लिये पहुंचे. रुपया जब 58.90 के नजदीक था, तब रिजर्व बैंक ने हस्तक्षेप किया. इससे रुपया 60 तक लुढ़कने से पहले ही मजबूती की तरफ लौट आया. इसे 57 के स्तर तक लाने के लिये और करने की आवश्यकता है.' वर्ष 2013 में अब तक उभरते बाजारों की मुद्राओं में रुपया सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा रही है. आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम ने कहा, 'यह गिरावट अस्थाई है. रुपये की गिरावट बाजार में एक सुधार जैसा है. हमारा अनुमान है कि कुछ विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) अब भारी निवेश के साथ बाजार में उतरने वाले हैं. इससे अगले तीन से चार दिन में हम स्थिति में कुछ सुधार दिखेगा.' मुख्य आर्थिक सलाहकार रघुराम राजन ने कहा कि वित्त मंत्रालय जल्द ही मंत्रिमंडल के विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा बढ़ाने के प्रस्ताव को आगे बढ़ाने की सिफारिश करेगा. इन उपायों से न केवल चालू खाते के घाटे की भरपाई का अल्पकालिक उद्देश्य पूरा होगा बल्कि दीर्घकाल में सतत वृद्धि के लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकेगा. इंडिया फारेक्स एडवाइजर के संस्थापक और सीईओ अभिषेक गोयनका ने कहा, 'पिछले महीने से रुपया लगातार डालर की तुलना में गिर रहा है. बाजार से पूंजी निकासी के दबाव से इसमें गिरावट बनी हुई है. इसके अलावा स्थानीय स्तर पर बुनियादी स्थिति भी कमजोर बनी हुई है.' रिजर्व बैंक ने विदेशी विनियम बाजार में मंगलवार के कारोबार के लिये 58.9255 रुपये प्रति डालर तथा 78.1846 रुपये प्रति यूरो की संदर्भ दर तय कर रखी थी. कारोबार की समाप्ति पर रुपया पौंड स्टर्लिंग के समक्ष 90.79 रुपये और यूरो के समक्ष 77.53 रुपये प्रति यूरो पर बंद हुआ. हालांकि जापानी येन के मुकाबले इसमें गिरावट दर्ज की गई.
अपने फ्लैट से करीब 1.14 करोड़ रुपये, 600 अमेरिकी डॉलर और आभूषण बरामद होने के बाद विवादों में आए बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने पुलिस के सामने अपना बयान दर्ज कराते हुए दावा किया कि बरामद किया गया धन उनके चचेरे भाई का है. नवादा लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह अपने चचेरे भाई के साथ शनिवार को पटना के श्रीकृष्णापुरी पुलिस थाने गए और अपना बयान दर्ज कराया. पुलिस ने गिरिराज सिंह के उस चचेरे भाई का भी बयान दर्ज किया, जिसके बारे में गिरिराज का कहना है कि ये पैसे उन्हीं के हैं. पुलिस का कहना है कि फिलहाल वह गिरिराज के बयान से संतुष्ट है. हालांकि पुलिस ने पूरे मामले में गिरिराज सिंह से कुछ और जानकारियां और कागजात मांगे हैं.
रिलायंस जियो से मुकाबले के बीच एयरटेल ने अपने 99 रुपये वाले प्रीपेड पैक को अपग्रेड किया है. अब इस प्लान में 28 दिनों की वैलिडिटी के साथ कुल 2GB दिया जाएगा. पहले इस प्लान में केवल 1GB डेटा ही दिया जाता था. एयरटेल के इस प्लान की ही तरह जियो के पास भी 98 रुपये का प्लान है, जिसमें 28 दिनों के लिए अनलिमिटेड कॉलिंग और 300 SMS के साथ 2GB 4G डेटा दिया जाता है. टेलीकॉमटॉक की रिपोर्ट के मुताबिक, एयरटेल ने अपने 99 रुपये वाले प्लान को अपग्रेड किया है. अब इसमें पूरी वैलिडिटी के दौरान 2GB डेटा दिया जाता है. साथ ही अनलिमिटेड लोकल, STD और रोमिंग के साथ कुल 100 SMS भी ग्राहकों को दिया जाएगा. खास बात ये है कि जियो और एयरटेल दोनों ने ही इस प्लान में कॉलिंग के समय को लेकर कोई बाध्यता नहीं रखी है. एयरटेल ने हाल ही में 558 रुपये का प्लान भी लॉन्च किया था. इस प्लान के तहत यूजर्स को हर दिन 3GB डेटा दिया जा रहा है और इसकी वैलिडिटी 82 दिन की है. यानी आपको 558 रुपये में कुल 246GB डेटा मिल रहा है जो इस कीमत पर इंडस्ट्री में दूसरी टेलीकॉम कंपनियों सस्ता है. एयरटेल के इस नए पैक में लोकल और एसटीडी अनलिमिटेड वॉयस कॉलिंग और हर दिन 100 मैसेज भी शामिल हैं. रिलायंस जियो के 509 रुपये के पैक में हर दिन 4GB 4G डेटा मिलता है, लेकिन इसकी वैलिडिटी सिर्फ 28 दिन ही है. वोडाफोन ने भी इसी तरह का प्लान लाया है जो 569 रुपये का है. इस प्लान के तहत भी 3GB डेटा हर दिन दिया जाता है और इसके साथ अनलिमिटेड कॉलिंग भी है, लेकिन हर दिन सिर्फ 250 फ्री मिनट्स मिलेंगे.
यह एक लेख है: अमेरिका में प्रत्येक पांच में से करीब एक महिला अपने जीवनकाल में बलात्कार का शिकार होती है और आधी से अधिक ऐसी महिलाएं 18 साल की उम्र से पहले ही इस हमले का सामना करती हैं। यह खुलासा व्हाइट हाउस की एक रिपोर्ट में किया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी वर्गों, नस्लों और देशों की महिलाओं को निशाना बनाया जाता है, लेकिन कुछ महिलाएं अन्य के मुकाबले इस प्रकार के हमलों की अधिक शिकार होती हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 33.5 फीसदी बहु-नस्लीय महिलाओं से बलात्कार किया गया, जबकि अमेरिकी-भारतीय मूल और अलास्का-नेटिव 27 फीसदी महिलाओं को हवस का शिकार बनाया गया, और 15 फीसदी हिस्पैनिक, 22 फीसदी अश्वेत और 19 फीसदी श्वेत महिलाएं इस प्रकार के हमलों की जद में आईं। बुधवार को जारी की गई व्हाइट हाउस की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि बलात्कार की शिकार होने वाली अधिकतर महिलाओं पर उनके परिचितों ने यह हमला किया और 98 फीसदी हमलावर पुरुष थे। रिपोर्ट बताती है कि करीब दो करोड़ 20 लाख अमेरिकी महिलाओं और 16 लाख पुरुषों को अपने जीवनकाल में बलात्कार का शिकार होना पड़ा है। व्हाइट हाउस काउंसिल की राष्ट्रपति बराक ओबामा की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट स्तर की बैठक से पूर्व व्हाइट हाउस ने यह रिपोर्ट जारी की। बाद में ओबामा ने प्रेजीडेंशियल मैमोरेंडम पर हस्ताक्षर किए, जिसमें छात्राओं को यौन हमलों से बचाने के लिए एक कार्यबल के गठन का प्रावधान है।
प्रतिरोध भट्ठियों (Electric Arc Furnace) में, भट्ठी की दीवारों पर तार अंशक (coil) लगे होते हैं, जिनमें प्रवाहित होनेवाली धारा ऊष्मा उत्पन्न करती है। भट्ठी की दीवारें सामान्य भट्ठी की तरह अग्निसह ईटों की बनी होती हैं, अथवा किसी भी ऐसे उच्च तापसह (refractory) पदार्थ की जो ऊष्मा का चालक हो। ऊष्मा अंशक, सामान्यत:, नाइक्रोम (nichrome) अथवा मौलिब्डेनम (molybdenum) तार के बने होते हैं और उच्च तापसह पदार्थ की नलिका पर वर्तित (wound) होते हैं। उच्च ताप की भट्ठियों में (1,200° सें. ऊपर) प्लैटिनम धातु के तारों का प्रयोग भी किया जाता है, जो अधिक कीमती होने के कारण सभी भट्ठियों में नहीं प्रयोग किए जा सकते। उच्च ताप की भट्ठियों में तार अंशकों के स्थान पर सिलिकॉन कार्बाइड (silicon carbide) की छड़ें और नलिकाएँ भी प्रयोग की जाती हैं। ऊष्मा अंशक, भट्ठी की दीवारों पर न लगाकर, सामान्यत:, उसमें ही निवेशित कर दिए जाते हैं, जिससे भट्ठी में अधिक जगह हो सके और इन अंशकों को भी क्षति से बचाया जा सके। ताप अंशक एक दूसरे से श्रेणी (series) एंवं पार्श्व संबंधन में संबद्ध होते हैं कि प्रतिरोध का विचरण कर आसानी से ताप का विचरण किया जा सके। कहीं कहीं ये स्टार एवं डेल्टा (star and delta) प्ररूप में भी संबद्ध होते हैं। पिघलानेवाली धातु भट्ठी के बीच में रखी जाती है। इसे साधारण बोलचाल में धान (charge) कहते हैं। यह पिघलने पर नली के द्वारा भट्ठी से बाहर आ जाती है, अथवा चार्ज की हाँड़ी, जिसे मूषा (crucible) कहते हैं, भट्ठी के बाहर निकाल ली जाती है। ताप नियंत्रण स्वत: चालन से ताप-वैद्युत युग्म (thermocouple) द्वारा किया जाता है। कुछ प्रतिरोध भट्ठियाँ लवण कुंडिका (salt bath) किस्म की होती हैं। कई प्रकार के लवण (सामान्य नमक नहीं) इस कार्य के लिए प्रयुक्त होते हैं। इनमें विद्युत्धारा पिघले हुए लवण के प्रतिरोध में होकर पारित होती है, जिससे लवण कुंडिका गरम हो जाती है और इसमें रखा हुआ धान पिघलाया जा सकता है, इस प्रकार की भट्ठी में ऊष्मा का अधिक अंश में उपयोग संभव है, अर्थात्‌ बहुत कम ऊष्मा नष्ट होती है, क्योंकि इसका उपयोग सीधे ही धान को गरम करने में हो जाता है। ऐसी भट्ठियाँ, कैल्सियम, सेडियम, पोटैशियम आदि लवणों को पिघलाने के लिए प्रयोग की जाती है, जिनके रासायनिक लवण सीधे ही भट्ठी में रखे जा सकें। इस प्रकार धान को ही ऊष्ण अंशक के रूप में प्रयोग किया जाता है और उसके प्रतिरोध के कारण उत्पन्न ऊष्मा उसको पिघलाती है। धारा धान में निवेशित दो एलेक्ट्रोडों द्वारा पहुँचाई जाती है। ऐलुमिनियम की इसी प्रकार की प्रतिरोध भट्ठी में प्राप्त होता है। इन्हें भी देखें विद्युत भट्ठी भट्ठी
पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने कहा कि यदि उन्हें चुना जाता है तो वह आईपीएल खेलने के लिए तैयार हैं। उन्हें आईपीएल नीलामी में किसी भी फ्रेंचाइजी टीम ने नहीं चुना था। गांगुली से जब एक बंगाली टीवी चैनल ने पूछा कि यदि उन्हें किसी चोटिल खिलाड़ी के स्थान पर आईपीएल-4 में खेलने का मौका मिलता तो क्या वह खेलेंगे, उन्होंने इस पर सकारात्मक जवाब दिया। गांगुली से जब पूछा गया कि विश्व कप में वह किस अवतार में दिखेंगे, उन्होंने कहा, आलोचक के रूप में नहीं बल्कि विश्लेषक के रूप में। उन्होंने कहा कि वह खेल के सकारात्मक विश्लेषक हैं, क्योंकि स्वयं उन्होंने काफी आलोचनाएं झेली हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया पर एक पुलिस अधिकारी की हत्या के मामले में लगे आरोपों पर सोमवार को सपा और बसपा ने एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप किये वहीं मायावती ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की. पुलिस उपाधीक्षक जिया उल हक की शनिवार को प्रतापगढ़ में भीड़ के हमले में जान चली गयी. वह एक जमीन विवाद में एक ग्राम प्रधान की गोली मारकर हत्या किये जाने के बाद वहां पहुंचे थे. हक की पत्नी ने राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री राजा भैया पर हमले का आरोप लगाया है. राजा भैया ने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है. बसपा प्रमुख मायावती ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘उत्तर प्रदेश में जंगलराज और गुंडाराज है. मैंने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की भी मांग की है. जब पुलिस अधिकारी सुरक्षित नहीं हैं तो आम आदमी कैसे सुरक्षित महसूस करेगा. केंद्र सरकार को राष्ट्रपति शासन लगाने की पहल करनी चाहिए.’ आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने कहा, ‘मायावती का ऐसा कहना अनावश्यक है.’’ उन्होंने बसपा के शासनकाल में पार्टी के सांसदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों का भी जिक्र किया. प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मायावती की मांग पर सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा, ‘वह जो कहना चाहें, कहने के लिए स्वतंत्र हैं. सब जानते हैं कि उत्तर प्रदेश में उनके शासन में क्या हुआ. मैंने मायावती के किसी आरोप को कभी गंभीरता से नहीं लिया और भविष्य में भी नहीं लूंगा.’
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: उत्तर प्रदेश में मेरठ जिले के थाना कंकरखेड़ा क्षेत्र स्थित एक फार्म हाउस में कक्षा 11वीं की छात्रा के साथ तीन युवकों ने कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया. घटना की शिकार लड़की पड़ोस के गाजियाबाद जिले के थाना मोदीनगर क्षेत्र की रहने वाली है. पीड़ित छात्रा 28 अप्रैल को मार्कशीट लेने कॉलेज गई थी. वह घर नहीं लौटी थी तब परिजन ने एक मई को मेरठ के कंकरखेड़ा निवासी आशू के खिलाफ मामला दर्ज कराया. थाना मोदीनगर प्रभारी ध्रुव भूषण दुबे ने अपहृत छात्रा को शनिवार रात मेरठ के कंकरखेड़ा स्थित शाक्य फार्म हाउस से बरामद किये जाने की पुष्टि की, लेकिन उसके साथ सामूहिक बलात्कार की पुष्टि करने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि छात्रा बार-बार अपने बयान बदल रही है. उन्होंने कहा कि 164 के तहत बयान दर्ज होने के बाद ही वह आगे कुछ जानकारी दे पाएंगे. मोदीनगर पुलिस के अनुसार छात्रा का मेडिकल कराने के बाद 164 के तहत बयान दर्ज कराए जायेंगे. इधर, मेरठ के थाना कंकरखेड़ा क्षेत्र प्रभारी आईपीएस सुकीर्ति माधव ने बताया कि लड़की के परिजन ने कंकरखेड़ा निवासी आशू समेत तीन युवकों के खिलाफ छात्रा को बहला-फुसलाकर अपहरण किये जाने का मामला दर्ज कराया था. टिप्पणियां आरोपियों ने छात्रा को शाक्य फार्म हाउस में बंधक बनाकर रखा हुआ था. शनिवार रात किसी तरह छात्रा फार्म हाउस की 20 फुट ऊंची छत से बराबर के मकान में कूद गई. इस मकान के मालिक ने लड़की की आपबीती सुनने के बाद पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने छात्रा को बरामद किया. छात्रा ने पुलिस के समक्ष आरोपियों पर बंधक बनाकर सामूहिक बलात्कार करने का आरोप लगाया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) मोदीनगर पुलिस के अनुसार छात्रा का मेडिकल कराने के बाद 164 के तहत बयान दर्ज कराए जायेंगे. इधर, मेरठ के थाना कंकरखेड़ा क्षेत्र प्रभारी आईपीएस सुकीर्ति माधव ने बताया कि लड़की के परिजन ने कंकरखेड़ा निवासी आशू समेत तीन युवकों के खिलाफ छात्रा को बहला-फुसलाकर अपहरण किये जाने का मामला दर्ज कराया था. टिप्पणियां आरोपियों ने छात्रा को शाक्य फार्म हाउस में बंधक बनाकर रखा हुआ था. शनिवार रात किसी तरह छात्रा फार्म हाउस की 20 फुट ऊंची छत से बराबर के मकान में कूद गई. इस मकान के मालिक ने लड़की की आपबीती सुनने के बाद पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने छात्रा को बरामद किया. छात्रा ने पुलिस के समक्ष आरोपियों पर बंधक बनाकर सामूहिक बलात्कार करने का आरोप लगाया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) आरोपियों ने छात्रा को शाक्य फार्म हाउस में बंधक बनाकर रखा हुआ था. शनिवार रात किसी तरह छात्रा फार्म हाउस की 20 फुट ऊंची छत से बराबर के मकान में कूद गई. इस मकान के मालिक ने लड़की की आपबीती सुनने के बाद पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने छात्रा को बरामद किया. छात्रा ने पुलिस के समक्ष आरोपियों पर बंधक बनाकर सामूहिक बलात्कार करने का आरोप लगाया है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बाबूलाल कुशवाहा के बीजेपी में आने का बवाल अभी शांत ही हुआ था कि रविवार को उत्तर प्रदेश बीजेपी में बगावत हो गई। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह को उत्तर प्रदेश बीजेपी का महासचिव बनाए जाने से नाराज बीजेपी के तीन प्रदेश मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने वाले दयाशंकर सिंह, संतोष सिंह और अश्विनी त्यागी इस बात से नाराज हैं कि वे पंकज से सीनियर हैं, लेकिन उन्हें महासचिव नहीं बनाया गया। राजनाथ सिंह के बेटे पंकज को विधानसभा में टिकट नहीं दिया जा रहा है, इसलिए सामंजस्य बैठाने के लिए उन्हें महासचिव बनाया गया है। इस्तीफा देने वाले दयाशंकर सिंह, संतोष सिंह और अश्विनी त्यागी इस बात से नाराज हैं कि वे पंकज से सीनियर हैं, लेकिन उन्हें महासचिव नहीं बनाया गया। राजनाथ सिंह के बेटे पंकज को विधानसभा में टिकट नहीं दिया जा रहा है, इसलिए सामंजस्य बैठाने के लिए उन्हें महासचिव बनाया गया है।
छोटी जंगली मुर्गी (Red Spurfowl) (Galloperdix spadicea) फ़ीज़ेन्ट कुल का पक्षी है जो भारत का ही मूल निवासी है। इसकी पूँछ तीतर (जो स्वयं फ़िज़ेन्ट कुल का पक्षी है) की तुलना में लंबी होती है और जब यह ज़मीन पर बैठा होता है, तो इसकी पूँछ साफ़ दिखाई देती है। हालांकि इसका मुर्गी से दूर का भी संबन्ध नहीं है, लेकिन भारत में इसे जंगली मुर्गा ही माना जाता है। अन्य नाम भारत की अन्य भाषाओं में इस पक्षी के नाम इस प्रकार हैं:- गुजराती - चोखरा मराठी - चकोतरी, कोकतरी, कस्तूर तमिल - सरावा, सरावू कोझी, चकुट्टी कोझी तेलुगु - येर्रा कोडी, जिता कोडी मलयालम - मुल्लन कोझी, थविट्टु-थलयन कट्टुकोझी कन्नड़ - चाचु कोलि विवरण इस पक्षी के नर और मादा चेहरे और उसके आस-पास थोड़ा भिन्न दिखते हैं। नर की लंबाई ३५ से ३७ से.मी. और वज़न ३४० से ३७० ग्राम होता है जबकि मादा का आकार छोटा होता है और वह कम ही ३३ से.मी. की लंबाई पार कर पाती है। नर की टांगों में दो से तीन नुकीले नाख़ून-नुमा उभार होते हैं और मादा की टांगों में एक से दो उभार होते हैं, जिससे इसको इसका अंग्रेज़ी नाम Spurfowl मिला है। आवास यह पक्षी भारत में ही पाया जाता है जहाँ यह गंगा के दक्षिण में ही देखा गया है और मध्य भारत में भी कम ही देखने को मिलता है जबकि दक्षिण भारत में इसकी आबादी काफ़ी है और स्थिर भी है। यह घने जंगलों और बांस के इलाकों में रहना पसन्द करता है। रात को आराम के लिए यह पेड़ों की शाखाओं की शरण लेता है। आहार यह विभिन्न प्रकार के अनाज एवं बीज खाता है और छोटे कीड़े इसे बहुत पसन्द हैं। यह भोजन के लिए खुले में आना पसन्द नहीं करता है और घने झुरमुट में ही अपना भोजन ढूंढ लेता है। प्रजनन यह मार्च और अप्रैल के महीनों में प्रजनन करता देखा गया है। इन्हें भी देखें तीतर सन्दर्भ भारत के पक्षी तीतर
बिहार टॉपर घोटाले में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है. आरोप गणेश ने जिस स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास की है, वो पिछले 40 सालों से फर्जीवाड़ा करने के लिए बदनाम रहा है. आजतक की टीम समस्तीपुर के लक्ष्मीनिया पहुंची तो ये हैरान करने वाली जानकारी सामने आई. जांच में पता चला कि इस स्कूल में हर साल मैट्रिक में करीब 80 से 100 छात्रों को दाखिला दिया जाता था. मगर परीक्षा का रिजल्ट 300-400 छात्र-छात्राओं का आता था. इस गोरखधंधे पर स्कूल के शिक्षक विजय कुमार चौधरी ने बताया कि स्कूल में हर साल करीब सौ एडनमिशन होते हैं. लेकिन स्कूल के संचालक रामकुमार चौधरी और उनकी पत्नी देवकुमारी पटना, झारखंड, दिल्ली और पश्चिम बंगाल के तकरीबन 250 से 300 बच्चों को फर्जी तरीके से एडमिशन देते हैं. साथ ही ऐसे छात्रों का कोई भी रिकॉर्ड स्कूल के अटेंडेंस रजिस्टर में नहीं होता था. गणेश ने खुद माना है कि उसने गिरिडीह से 1990 में मैट्रिक की परीक्षा पास की और फिर कोडरमा से 1992 में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की. इस पूरे फर्जीवाड़े की शुरुआत होती 2013 में हुई. जब गणेश ने समस्तीपुर के लक्ष्मीनिया में संजय गांधी हाई स्कूल में नौवीं कक्षा में एडमिशन लिया था. मगर दो साल तक उसने एक भी क्लास अटेंड नहीं की. शिक्षकों ने बताया कि जब इस बार इंटरमीडिएट की परीक्षा में गणेश कुमार ने आर्ट्स में टॉप करने की जानकारी आई तो शिक्षकों को यकीन नहीं हुआ. शिक्षकों ने बताया कि जिन बाहरी छात्रों को यहां एडमिशन दिया जाता था, उनमें ज्यादातर की उम्र 25 से 40 साल के बीच होती थी. अपने फर्जीवाड़े को छुपाने के लिए रामकुमार चौधरी और उनकी पत्नी देवकुमारी स्कूल में किसी भी प्रकार के दस्तावेज नहीं रखते थे. आरोप है कि इस गोरखधंधे में उनका बेटा गौतम भी उनका साथ दिया करता था.
सपना चौधरी (Sapna Choudhary) के नए सॉन्ग ने इन दिनों यूट्यूब (YouTube) पर धूम मचा रखी है. भोजपुरी (Bhojpuri)-पंजाबी (Punjabi) और हरियाणवी (Haryanvi) सिनेमा में धूम मचाने वाली सपना चौधरी (Sapna Choudhary) का ये वीडियो खूब देखा जा रहा है. इस वीडियो में सपना चौधरी (Sapna Choudhary) एकदम अनोखे अंदाज में नजर आ रही हैं. सपना चौधरी के इस सॉन्ग का टाइटल 'मजनूं' है. सपना चौधरी (Sapna Choudhary Video) के इस सॉन्ग को फरिश्ता और राहुल फुथी ने गाया है. इस हरियाणवी सॉन्ग में सपना चौधरी के साथ करण मिर्जा और शिखा राघव भी नजर आ रही हैं. सपना चौधरी (Sapna Choudhary) के इस सॉन्ग के लिरिक्स भी फरिश्ता ने लिखे हैं. इसके म्यूजिक डायरेक्टर जीआर म्यूजिक. A post shared by DESI QUEEN (@isapnachaudhary) on Jun 9, 2019 at 8:21pm PDT भोजपुरी (Bhojpuri), पंजाबी (Punjabi) और हरियाणवी (Haryanvi) सिनेमा की सनसनी सपना चौधरी  (Sapna Choudhary) जब से बिग बॉस 11 (Bigg Boss 11) हाउस में हिस्सा लेकर लौटी हैं, उनकी लोकप्रिता में चार चांद लग चुके हैं. 'बिग बॉस 11' में सपना चौधरी ने बढ़िया खेल खेला था, और फैन्स ने उन्हें पसंद भी किया था. सपना चौधरी (Sapna Choudhary) भोजपुरी फिल्म 'बैरी कंगना 2' में स्पेशल सॉन्ग भी कर चुकी हैं. सपना चौधरी ने पंजाबी सॉन्ग 'बिलौरी अंख' पर भी जमकर डांस किया था, और इस गाने में क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह उनके साथ नजर आए. इस गाने ने जमकर धमाल मचाया. वैसे भी सपना चौधरी इन दिनों देश के कोने-कोने में अपनी डांस परफॉर्मेंस से लोगों का दिल जीत रही हैं.
A post shared by Kareena Kapoor Khan FC (@kareenakapoor.arabiiic) on Feb 12, 2019 at 7:57am PST   तैमूर अली खान (Taimur Ali Khan) इस वीडियो में रेड टी शर्ट और कैपरी में नजर आ रहे हैं, जबकि कियारा आडवाणी कैजुअल ड्रेस में नजर आ रही हैं. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि दोनों एक साथ रेस लगाते नजर आ रहे हैं और तैमूर अली खान उनको चकमा दे देकर वापस पीछे भाग जाते हैं. तैमूर अली खान की इस हरकत को देख बॉलीवुड एक्ट्रेस कियारा आडवाणी चकित रह जाती हैं. तैमूर अली खान के इस वीडियो को इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया गया है.   A post shared by WHAT'S UP BOLLYWOOD (@whatsupbollywood) on Jan 19, 2019 at 4:51am PST तैमूर अली खान (Taimur Ali Khan) के इस वीडियो को लोग खूब पसंद कर रहे हैं. वैसे भी उनका कोई भी वीडियो सोशल मीडिया पर देखते ही देखते वायरल हो जाता है. बीते दिनों तैमूर अली खान ने फोटोग्राफर्स को देख ऐसा क्यूट रिएक्शन दिया था कि उनके वीडियो को लोग बार-बार देख रहे थे. उस वीडियो में तैमूर अली खान जब कार से नीचे उतरे तो चारों तरफ से तैमूर-तैमूर की आवाजें आने लगी. फिर क्या था, तैमूर ने रुक कर धीरे से सभी फोटोग्राफर्स को हैलो कह दिया. और अपनी नैनी के साथ तेजी से अंदर भाग गए थे.
एम. ट्यूबरकुलोसिस कॉम्प्लेक्स (एमटीबीसी) में चार अन्य टीबी पैदा करने वाले माइकोबैक्टीरिया शामिल हैं: एम. बोविस, एम. अफ़्रीकनम, एम. कैनेटी, और एम. माइक्रोटी। एम. अफ्रीकनम व्यापक नहीं है, लेकिन यह अफ्रीका के कुछ हिस्सों में तपेदिक का एक महत्वपूर्ण कारण है। एम. बोविस एक समय तपेदिक का एक सामान्य कारण था, लेकिन पाश्चुरीकृत दूध की शुरूआत ने विकसित देशों में इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में लगभग पूरी तरह से समाप्त कर दिया है। एम. कैनेटी दुर्लभ है और हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका तक ही सीमित प्रतीत होता है, हालाँकि अफ़्रीकी प्रवासियों में कुछ मामले देखे गए हैं। एम. माइक्रोटी भी दुर्लभ है और लगभग केवल प्रतिरक्षाविहीन लोगों में देखा जाता है, हालांकि इसकी व्यापकता को काफी कम आंका जा सकता है। अन्य ज्ञात रोगजनक माइकोबैक्टीरिया में एम. लेप्राई, एम. एवियम और एम. कंसासी शामिल हैं। बाद की दो प्रजातियों को "नॉनट्यूबरकुलस माइकोबैक्टीरिया" (एनटीएम) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। एनटीएम न तो टीबी और न ही कुष्ठ रोग का कारण बनता है, लेकिन वे टीबी जैसी फेफड़ों की बीमारियों का कारण बनते हैं।
दिल्ली में ठंड की वजह से तीन लोगों की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि मरने वालों की उम्र 50 से 60 साल के बीच है। इसमें से एक व्यक्ति का शव गुरु तेग बहादुर अस्पताल के बाहर मिला। जबकि दो अन्य लोगों की मौत कीर्ति नगर और बापा नगर में हुई। शनिवार को करनाल में ठंड की वजह से तीन लोगों की मौत हुई थी, जबकि बिहार के सहरसा में शुक्रवार को ठंड की वजह से छह लोगों की मौत की ख़बर आई थी। ठंड की वजह से पूरे उत्तर भारत में पारा सामान्य से 3 से 4 डिग्री नीचे चल रहा है। दिल्ली-एनसीआर में कड़ाके की ठंड पड़ रही है और घना कोहरा भी है। कोहरे की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सड़क यातायात पर बुरा असर पड़ा है और गाड़ियां पूरे एनसीआर में रेंग रेंग कर चल रही हैं। कोहरे का असर ट्रेन और हवाई यातायात पर भी पड़ा है। कल दिल्ली का तापमान 2.6 डिग्री दर्ज़ किया गया था। साथ ही कल सबसे ज़्यादा कोहरा भी देखने को मिला। जिसकी वजह से 11 बजे तक उड़ानों की आवाजाही थमी रही। आज भी कोई भी विमान उड़ान नहीं भर पा रहा है। आज सुबह दिल्ली आने वाली क़रीब 78 ट्रेनें देरी से चल रही हैं। जबकि 20 ट्रेनों के समय में बदलाव किया गया है। वहीं, दिल्ली एयर पोर्ट पर करीब 137 उड़ानों पर भी असर पड़ा है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में भी ठंड से लोगों की जीवन प्रभावित हुआ है। जगह-जगह पर लोग सर्दी से बचने के लिए अलावा जला आग तापते हुए देखे जा सकते हैं। हालंकि हिमाचल के पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी होने से बड़ी संख्या में पयर्टक भी यहां पहुंच रहे हैं। नए साल को देखते हुए भी बड़ी संख्या में पर्यटक शिमला और दूसरे हिल स्टेशनों पर पहुंच रहे हैं। कानपुर में भी कड़ाके की ठंड से बुरा हाल है। आज सुबह से ही यहां घना कोहरा है, जिसकी वजह से कुछ इलाके में विज़िबलिटी शून्य तक पहुंच गई है। कोहरे और कड़ाके की ठंड की वजह से लोगों का आम जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। कानपुर में भी ट्रेनों की आवाजाही में बहुत देरी हो रही है। यहां रेलवे स्टेशन पर सैकड़ों की तादाद में लोग अपनी ट्रेन का इंतज़ार कर रहे हैं।
बंबई शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला मंगल को दूसरे दिन भी जारी रहा और सेंसेक्स 112 अंक के नुकसान से एक सप्ताह के निचले स्तर 20,111.61 अंक पर आ गया. मुख्य रूप से ब्याज दरों में घटबढ़ से प्रभावित होने वाले रीयल्टी, वाहन और बैंकिंग कंपनियों के शेयरों में मुनाफावसूली से सेंसेक्स में गिरावट आई. 30 शेयरों वाला सेंसेक्स स्थिर खुलने के बाद 20,072.68 अंक से 20,308.04 अंक के दायरे में घूमने के बाद अंत में 112.37 अंक या 0.56 फीसद टूटकर 20,111.61 अंक पर आ गया. सोमवार को सेंसेक्स में 62 अंक का नुकसान दर्ज हुआ था. इसी तरह, नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 42.80 अंक या 0.70 फीसदी के नुकसान से 6,114.10 अंक पर आ टिका. एमसीएक्स.एसएक्स का एसएक्स.40 सूचकांक भी 66.13 अंक या 0.55 प्रतिशत नीचे 11,881.37 अंक पर बंद हुआ. टाटा मोटर्स, आईटीसी, एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, ओएनजीसी, एनटीपीसी तथा महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों में गिरावट ने सेंसेक्स के नुकसान में 100 अंक का योगदान दिया. ब्रोकरों ने कहा कि बीते सप्ताह सेंसेक्स के दो साल के उच्चस्तर पर पहुंचने के साथ निवेशक मुनाफा वसूलने में लगे हैं. अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक से पूर्व वैश्विक बाजारों में नरमी के रुख से भी बाजार की धारणा कमजोर हुई. ब्रोकरों ने कहा कि बार्कलेज कैपिटल द्वारा वर्ष 2013-14 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6 प्रतिशत किए जाने से भी निवेशकों की धारणा कमजोर हुई. इससे पहले बार्कलेज कैपिटल ने भारत के लिए 6.2 प्रतिशत वृद्धि दर का अनुमान जताया था. रीयल्टी क्षेत्र के सूचकांक में सबसे ज्यादा 2.59 प्रतिशत की गिरावट आई. वाहन खंड का सूचकांक 1.75 प्रतिशत, बिजली 1.06 प्रतिशत और बैंकिंग 0.88 प्रतिशत नीचे आया. देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी का शेयर 2.49 प्रतिशत नीचे आ गया. एलआईसी द्वारा मारुति में अपनी हिस्सेदारी पिछले छह माह के दौरान 2.53 प्रतिशत घटाने की खबरों से कंपनी के शेयर में गिरावट आई. एशियाई बाजारों में मिलाजुला रुख रहा. शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजार भी कमजोर चल रहे थे. हांगकांग, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया के बाजार गिरावट में रहे, जबकि चीन, जापान और ताइवान में तेजी रही. सेंसेक्स में शामिल 30 में से 21 कंपनियों के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए. एनटीपीसी के शेयर में सबसे ज्यादा 4.21 फीसदी की गिरावट आई. टाटा मोटर्स का शेयर 3.06 प्रतिशत, मारुति सुजुकी 2.49 प्रतिशत, एसबीआई 2.16 प्रतिशत, टाटा स्टील 2.11 प्रतिशत, ओएनजीसी 1.74 प्रतिशत, जिंदल स्टील 1.64 प्रतिशत, एमएंडएम 1.61 प्रतिशत, स्टरलाइट इंडस्ट्रीज 1.59 प्रतिशत, डॉ रेड्डीज लैब 1.37 प्रतिशत तथा भारती एयरटेल 0.99 प्रतिशत नीचे आया. हालांकि, कोल इंडिया का शेयर 2.11 प्रतिशत चढ़ गया. भेल में 1.83 प्रतिशत, टीसीएस में 1.03 प्रतिशत तथा इन्फोसिस में 0.92 प्रतिशत का लाभ रहा.
सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) व्यापक योग प्रशिक्षण के लिए जल्द ही अपने 1,900 कर्मियों को हरिद्वार भेजेगा, जहां वे योग गुरु रामदेव से प्रशिक्षण हासिल करेंगे। बीएसएफ प्रमुख केके शर्मा ने कहा कि बल ने अपने कर्मियों के लिए योग प्रशिक्षण को 'मजबूत' करने का फैसला किया है और मकसद यह है कि बल के प्रत्येक प्लाटून स्तर पर कम से कम एक प्रशिक्षक हो। बीएसएफ के महानिदेशक ने कहा कि योग तनाव दूर करता है और यह उनके कर्मियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि वे कुछ बेहद दुरूह इलाकों में काम करते हैं। शर्मा ने कहा, 'हमने योग को जीवनशैली के रूप में शामिल किया है और बल में अब तक 2,000 से अधिक कर्मी इसका प्रशिक्षण ले चुके हैं। हमने उन्हें गुजरात स्थित मोरारजी देसाई संस्थान और हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ से प्रशिक्षण दिलाया है।'टिप्पणियां शर्मा ने कहा, 'हम अब इसे बढ़ाना चाहते हैं और इसीलिए आधारभूत प्रशिक्षण प्राप्त 1,900 कर्मियों को व्यापक प्रशिक्षण के लिए अगले महीने हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ भेज रहे हैं। रामदेव खुद उन्हें प्रशिक्षण देंगे।' वह बल की योग टीम को पुरस्कृत करने से संबंधित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस टीम ने यहां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर एक कार्यक्रम में प्रथम पुरस्कार हासिल किया है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) बीएसएफ प्रमुख केके शर्मा ने कहा कि बल ने अपने कर्मियों के लिए योग प्रशिक्षण को 'मजबूत' करने का फैसला किया है और मकसद यह है कि बल के प्रत्येक प्लाटून स्तर पर कम से कम एक प्रशिक्षक हो। बीएसएफ के महानिदेशक ने कहा कि योग तनाव दूर करता है और यह उनके कर्मियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि वे कुछ बेहद दुरूह इलाकों में काम करते हैं। शर्मा ने कहा, 'हमने योग को जीवनशैली के रूप में शामिल किया है और बल में अब तक 2,000 से अधिक कर्मी इसका प्रशिक्षण ले चुके हैं। हमने उन्हें गुजरात स्थित मोरारजी देसाई संस्थान और हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ से प्रशिक्षण दिलाया है।'टिप्पणियां शर्मा ने कहा, 'हम अब इसे बढ़ाना चाहते हैं और इसीलिए आधारभूत प्रशिक्षण प्राप्त 1,900 कर्मियों को व्यापक प्रशिक्षण के लिए अगले महीने हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ भेज रहे हैं। रामदेव खुद उन्हें प्रशिक्षण देंगे।' वह बल की योग टीम को पुरस्कृत करने से संबंधित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस टीम ने यहां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर एक कार्यक्रम में प्रथम पुरस्कार हासिल किया है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) बीएसएफ के महानिदेशक ने कहा कि योग तनाव दूर करता है और यह उनके कर्मियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि वे कुछ बेहद दुरूह इलाकों में काम करते हैं। शर्मा ने कहा, 'हमने योग को जीवनशैली के रूप में शामिल किया है और बल में अब तक 2,000 से अधिक कर्मी इसका प्रशिक्षण ले चुके हैं। हमने उन्हें गुजरात स्थित मोरारजी देसाई संस्थान और हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ से प्रशिक्षण दिलाया है।'टिप्पणियां शर्मा ने कहा, 'हम अब इसे बढ़ाना चाहते हैं और इसीलिए आधारभूत प्रशिक्षण प्राप्त 1,900 कर्मियों को व्यापक प्रशिक्षण के लिए अगले महीने हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ भेज रहे हैं। रामदेव खुद उन्हें प्रशिक्षण देंगे।' वह बल की योग टीम को पुरस्कृत करने से संबंधित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस टीम ने यहां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर एक कार्यक्रम में प्रथम पुरस्कार हासिल किया है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) शर्मा ने कहा, 'हम अब इसे बढ़ाना चाहते हैं और इसीलिए आधारभूत प्रशिक्षण प्राप्त 1,900 कर्मियों को व्यापक प्रशिक्षण के लिए अगले महीने हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ भेज रहे हैं। रामदेव खुद उन्हें प्रशिक्षण देंगे।' वह बल की योग टीम को पुरस्कृत करने से संबंधित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस टीम ने यहां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर एक कार्यक्रम में प्रथम पुरस्कार हासिल किया है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
साउदी अरबियन एयरलाइंस (الخطوط الجوية العربية السعودية) जो साउदिया ( नाम से संचालित है) जेद्दाह में आधारित है और सऊदी अरब की ध्वजवाहिका वायुसेवा है। इस कंपनी से अपने नाम साउदी अरबियन एयरलाइंस (जो पहले १९७१ तक प्रयोग होता रहा था और १९९७ से पुनर्प्रयोग में आया) से अपने पुराने नाम साउदिया (जो १९७२ से १९९६ तक प्रयोग होता रहा था) को २९ मई २०१२ में बदल लिया था। यह नाम बदलाव कंपनी के उस दिन स्काई टीम एयर एलाइंस संधि में जाने के स्मारक रूप में किया गया था। यह कंपनी के वृहत्तर पुनरओद्धारीकरण का एक चरण था। यह सेवा मध्य-पूर्व, अफ़्रीका, एशिया, यूरोप एवं उत्तरी अमरीका के लगभग ९० से अधिक गंतव्यों को वायु-सेवा उपलब्ध कराती है। इनके अलावा रमज़ान एवं हज काल में ये अन्तर्देशीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय चार्टर उड़ानें भी संचालित किया करती है। सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ साउदिया आधिकारिक जालस्थल अह्लान वसहलान उड़ान के समय दी गई मैगज़ीन [https://web.archive.org/web/20121012215047/http://www.boeing.com/commercial/aeromagazine/aero_02/textonly/a01txt.html साउदी अरबियन एयरलाइंस: द जुवैल ऑफ़ द मिडल ईस्ट स्काई टीम आधिकारिक जालस्थल साउदिया सऊदी अरब की वायुसेवाएं
पिछले 43 साल में पहली बार विश्व कप में पदक जीतने का भारतीय हॉकी टीम का सपना क्वार्टर फाइनल में नीदरलैंड से 1-2 से मिली हार के साथ टूट गया और आक्रामकता के इस मुकाबले में डच टीम का अनुभव मेजबान पर भारी पड़ा. अब सेमीफाइनल में 15 दिसंबर को इंग्लैंड का सामना बेल्जियम से और ऑस्ट्रेलिया का नीदरलैंड से होगा. खचाखच भरे कलिंगा स्टेडियम पर मौजूद करीब 15000 दर्शकों ने पूरे साठ मिनट ‘ चक दे इंडिया’, ‘जय हिंद ’ और ‘कम ऑन इंडिया ’ के नारे लगाकर भारतीय टीम की हौसलाअफजाई में कोई कसर नहीं छोड़ी. मैच देखने के लिए स्टार क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग भी पहुंचे थे. भारतीय टीम ने अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन भी किया, लेकिन 50वें मिनट में वान डेर वीरडेन मिंक के पेनल्टी कॉर्नर पर किए गोल ने उसे इतिहास रचने से रोक दिया. मैच का पहला गोल 12वें मिनट में भारत के लिए आकाशदीप सिंह ने किया, जबकि नीदरलैंड के लिए 15वें मिनट में थियरे ब्रिंकमैन ने बराबरी का गोल दागा. तीन बार की चैम्पियन और पिछली उपविजेता नीदरलैंड को भारतीयों ने 50वें मिनट तक बराबरी पर रोके रखा. भारतीय डिफेंडरों ने खास तौर पर बेहतरीन प्रदर्शन करते डच फॉरवर्ड पंक्ति के कई शानदार मूव गोल में तब्दील नहीं होने दिए. भारतीय टीम ने पहले मिनट से ही आक्रामक हॉकी खेलते हुए पहले क्वार्टर में कई हमले बोले. तीसरे मिनट में हार्दिक सिंह से गेंद लेकर ललित उपाध्याय ने सर्कल के भीतर आकाशदीप को क्रॉस दिया, जो ट्रैप नहीं कर सके. India's campaign comes to a halt at the OHMWC Bhubaneswar 2018 after an unfortunate defeat against @oranjehockey . Here are a few photographs from the match. ALBUM: https://t.co/5XrnyR22qF #IndiaKaGame #DilHockey #HWC2018 #INDvNED pic.twitter.com/y6SOMA96ri — Hockey India (@TheHockeyIndia) December 13, 2018 भारत को लगातार हमलों का फल 12वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर के रूप में मिला जिस पर हरमनप्रीत की ड्रैग फ्लिक नीदरलैंड के गोलकीपर परमिन ब्लाक ने बचा ली, लेकिन रिबाउंड पर आकाशदीप ने गेंद को गोल के भीतर डाला, तो स्टेडियम तालियों की गड़गड़ाहट से गुंजायमान हो गया. पहला गोल गंवाने से स्तब्ध डच टीम ने दमदार जवाबी हमले बोले और 14वें मिनट में भारतीय गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने शर्तिया गोल बचाया. पहले क्वार्टर के आखिरी चंद सेकंड तक भारतीय डिफेंस अभेद नजर आ रहा था, लेकिन नीदरलैंड ने आखिरी पल में बराबरी का गोल दाग दिया. मरको प्रूजर ने सर्कल के भीतर गेंद पहुंचाई और थियरे ब्रिंकमैन की स्टिक से लगकर वह भारतीय गोल के भीतर चली गई, जिसे गोलकीपर श्रीजेश हैरान होकर देखते रहे. दूसरे क्वार्टर में भारतीय टीम कई बार गोल करने के करीब पहुंची, लेकिन फिनिशिंग तक नहीं ले जा सकी. भारत को बढ़त बनाने का सुनहरा मौका 24वें मिनट में मिला जब कप्तान मनप्रीत सिंह ने आकाशदीप को गेंद दी, जिसका दाहिने ओर से शॉट बार से टकरा गया और रिबाउंड पर नीलाकांता शर्मा का शॉट गोलकीपर ब्लाक ने बखूबी बचाया. हाफटाइम तक स्कोर 1- 1 से बराबर था. दूसरे हाफ में भारतीयों ने कई मौके बनाए, लेकिन डच डिफेंस को भेद नहीं सके. उधर डच खिलाड़ियों को लगातार पेनल्टी कॉर्नर मिलते रहे. पूरे टूर्नामेंट में उसका पेनल्टी कॉर्नर खराब रहा और इस मैच में भी वह सिर्फ एक को भुना सके. तीसरा क्वार्टर गोलरहित रहने के बाद चौथे क्वार्टर में दूसरे ही मिनट में डच टीम ने लगभग गोल कर दिया, लेकिन भारत के रेफरल के बाद उसे अमान्य करार दिया गया. जवाबी हमले में आकाशदीप ने दाहिने फ्लैंक से गोल के ठीक सामने सिमरनजीत सिंह को गेंद दी जो उसे पकड़ नहीं सके. इस बीच नीदरलैंड ने 50वें मिनट में एक के बाद एक पेनल्टी कॉर्नर बनाए और दूसरे पर गोल दागा. भारत ने 55वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर बनाया, तो दर्शकों में मानो जान फूंक गई, लेकिन हरमनप्रीत इसे गोल में नहीं बदल सके. आखिरी मिनटों में डच टीम ने रक्षात्मक हॉकी का प्रदर्शन करते हुए भारत की वापसी के सभी मंसूबों पर पानी फेर दिया.
कांग्रेस पार्टी ने जल्द ही राहुल गांधी को आधिकारिक रूप से पार्टी में दूसरा सबसे अहम पद देने की तैयारी कर ली है।टिप्पणियां सूत्र बता रहे हैं कि राहुल गांधी को जल्द ही सेक्रेटरी जनरल या कहें प्रधान महासचिव बनाया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि राहुल को हिमाचल में चुनाव से पूर्व ही यानि दो-चार दिन में ही यह पदोन्नति दी जा सकती है। सूत्र बता रहे हैं कि यह काम पार्टी 2 नवंबर को हई कर सकती है। गौरतलब है कि पार्टी में राहुल गांधी की पोजीशन महत्वपूर्ण करने के लिए उन्हें पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाने या फिर सेक्रेटरी जनरल का पद बनाकर उन्हें इस पद की जिम्मेदारी दिए जाने की पहले से ही चर्चाएं गर्म हैं। सूत्र बता रहे हैं कि राहुल गांधी को जल्द ही सेक्रेटरी जनरल या कहें प्रधान महासचिव बनाया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि राहुल को हिमाचल में चुनाव से पूर्व ही यानि दो-चार दिन में ही यह पदोन्नति दी जा सकती है। सूत्र बता रहे हैं कि यह काम पार्टी 2 नवंबर को हई कर सकती है। गौरतलब है कि पार्टी में राहुल गांधी की पोजीशन महत्वपूर्ण करने के लिए उन्हें पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाने या फिर सेक्रेटरी जनरल का पद बनाकर उन्हें इस पद की जिम्मेदारी दिए जाने की पहले से ही चर्चाएं गर्म हैं। गौरतलब है कि पार्टी में राहुल गांधी की पोजीशन महत्वपूर्ण करने के लिए उन्हें पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाने या फिर सेक्रेटरी जनरल का पद बनाकर उन्हें इस पद की जिम्मेदारी दिए जाने की पहले से ही चर्चाएं गर्म हैं।
साउंडवेव डिसेप्टिकॉन संचार अधिकारी जो सिल्वर मर्सिडीज-बेंज एसएलएस एएमजी में बदल जाता है।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT), रुड़की में वैकेंसी निकली है. इच्छुक उम्मीदवार 30 जून तक आवेदन कर सकते हैं. पद का नाम: प्रोफेसर एसोसिएट प्रोफेसर योग्यता: प्रथम श्रेणी के साथ पीएचडी डिग्री पे स्केल: प्रोफेसर: 37400-67000 रुपये एसोसिएट प्रोफेसर: 37000-67000 रुपये ज्यादा जानकारी के लिए लिंक: http://www.iitr.ac.in/administration/pages/Openings+Faculty.html
रूस में इस्लाम धर्म रूस में इस्लाम दूसरा सबसे व्यापक धर्म है। 2012 में किए गए एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण के अनुसार, रूस में मुसलमानों की संख्या कुल जनसंख्या का 9,400,000 या 6.5% थी। हालांकि, इस्लामी अशांति वाले दो संघीय विषयों की आबादी को सामाजिक अशांति के कारण सर्वेक्षण नहीं किया गया था, जिसमें एक साथ लगभग 2 मिलियन की आबादी थी, अर्थात् चेचन्या और इंगुशेटिया, इस प्रकार मुसलमानों की कुल संख्या बड़ी हो सकती है। इन मुसलमानों में, रूस की कुल आबादी के 6,700,000 या 4.6% किसी भी इस्लामिक स्कूलों और शाखाओं से संबद्ध नहीं थे। कानून के तहत मान्यता प्राप्त और रूसी राजनीतिक नेताओं द्वारा रूस के पारंपरिक धर्मों में से एक के रूप में इस्लाम रूसी ऐतिहासिक विरासत का एक हिस्सा है, और रूसी सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाती है। एक प्रमुख रूसी धर्म के रूप में इस्लाम की स्थिति, रूढ़िवादी ईसाई धर्म के साथ, कैथरीन महान के समय से है, जिन्होंने ऑरेनबर्ग विधानसभा के माध्यम से इस्लामी मौलवियों और छात्रवृत्ति को प्रायोजित किया। इस्लाम और रूस का इतिहास मुसलमानों और रूढ़िवादी बहुमत के बीच संघर्ष के साथ-साथ सहयोग और पारस्परिक समर्थन की अवधि को समाहित करता है। ज़ार के तहत रहने वाले मुसलमानों के रॉबर्ट क्रू के अध्ययन से संकेत मिलता है कि कैथरीन के बाद "मुस्लिमों का जन" उस शासन के प्रति वफादार था, और उसने अपने तुर्क प्रतिद्वंद्वी के साथ पक्षपात किया। ज़ारिस्ट शासन के पतन के बाद, सोवियत संघ ने राज्य नास्तिकता की नीति पेश की, जिसने इस्लाम के अभ्यास को बाधित किया और विभिन्न मुस्लिम नेताओं के निष्पादन और दमन का नेतृत्व किया। सोवियत संघ के पतन के बाद, इस्लाम ने रूसी राजनीति में एक प्रतिष्ठित, कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त स्थान हासिल कर लिया। हाल ही में, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस प्रवृत्ति को मजबूत किया, मस्जिदों और इस्लामी शिक्षा के निर्माण को सब्सिडी दी, जिसे उन्होंने रूस के सांस्कृतिक कोड का अभिन्न अंग कहा, मुस्लिम-पूर्व सोवियत साम्राज्य के राज्यों से आव्रजन को प्रोत्साहित करना, और निंदा करना रूसी राज्य को मुस्लिम विरोधी घृणास्पद भाषण माना जाता है। मुसलमानों ने वोल्गा संघीय जिले में बश्कोर्तोस्तान और तातारस्तान के गणराज्यों की आबादी का अधिकांश हिस्सा बनाया है, और काला सागर और कैस्पियन सागर के बीच स्थित उत्तरी कोकेशियान संघीय जिले में राष्ट्रीयताओं के बीच निवास है: सर्कसियन, बाल्कर्स, चेचेंस, इंगुश, कबरदीन, करचाय, और कई दागेस्तानी लोग। इसके अलावा, वोल्गा क्षेत्र के मध्य में तातार और बश्किर की आबादी रहती है, जिनमें से अधिकांश मुस्लिम हैं। उल्लेखनीय मुस्लिम अल्पसंख्यकों के साथ अन्य क्षेत्रों में मॉस्को, सेंट पीटर्सबर्ग, आदिगिया के गणराज्य, उत्तरी ओसेशिया-अलानिया और एस्ट्राखान, मॉस्को, ऑरेनबर्ग और उल्यानोव्स शामिल हैं। सन्दर्भ
44 वर्षीय लखपा शेरपा नेपाल की रहने वाली हैं. शेरपा दुनिया की इकलौती ऐसी महिला हैं, जिन्होंने एक दो बार नहीं, बल्क‍ि 8 बार माउंट एवरेस्ट पर फतह किया है. लखपा शेरपा ने साल 2000 में पहली बार एवरेस्ट फतह किया था. लखपा शेरपा के दो बच्चे हैं. अपने बच्चों की देखभाल करने के साथ-साथ वह काम भी करती हैं जिस वजह से उन्हें ट्रेनिंग लेने का समय नहीं मिलता है. बावजूद इसके लखपा 8 बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुकी हैं. ताइक्वांडो से मजबूत होगी महिला सुरक्षा बता दें, लखपा एक बार फिर यानी 9वीं बार माउंट एवरेस्ट की पहाड़ियों पर चढ़ने की कोशिश कर रही हैं. 8 बार वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाली शेरपा 9वीं बार रिकॉर्ड बनाने में कितनी कामयाब होंगी ये तो आने वाले समय में ही पता चल पाएगा. लखपा का जीवन लखपा का निजी जीवन बहुत ही साधारण हैं. वह अमेरिका के कनेक्टिकट शहर के एक स्टोर में बर्तन धोने का काम करती हैं. उनके दिन की शुरुआत सुबह 6 बजे होती है. सबसे पहले वह अपने बच्चों को स्कूल छोड़ती हैं जिसके बाद वो अपने  बर्तन धोने के काम पर निकल जाती हैं. मदरसे ने बिंदी लगाने पर लड़की को निकाला, पिता की फेसबुक पोस्ट वायरलसुरक्षा बता दें, लखपा एक डॉक्टर या पाइलट बनना चाहती थीं. लेकिन गरीब परिवार में जन्म लेने और 4 भाई और 7 बहनें होने की वजह से उन्हें कभी स्कूल जाने का मौका नहीं मिला. लेकिन लखपा ने कभी हार नहीं मानी. बिना पढ़े लिखे हुए भी वह नौकरी पाने में सफल रहीं. वह अमेरिका के एक स्टोर में काम कर के अपने बच्चों की परवरिश करती हैं.
बीजेपी से आउट होकर नई टीम में ओपनिंग की तलाश में जुटे नवजोत सिंह सिद्धू असमंजस में हैं. ना ही सिद्धू का फुटवर्क सही आ पा रहा है और उनकी टाइमिंग भी खराब होती जा रही है. उनका एक पैर आप की तरफ तो दूसरा कांग्रेस की तरफ है. सिद्धू अब तक लाइन लेंथ नहीं समझ पाए हैं और फैसला नहीं कर पा रहे. ऐसे में निकलता वक्त उनकी खराब टाइमिंग की गवाही दे रहा है. टीम में बिखराव बना गुरु की परेशानी का सबब टीम गेम में भी सिद्धू की हालत ठीक नहीं, कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, टीम सिद्धू एक लाइन पर नहीं सोच पा रही है, इसीलिए सिद्धू नई ओपनिंग नहीं कर पा रहे. दरअसल, सिद्धू की टीम की सबसे बड़ी पार्टनर उनकी पत्नी नवजोत कौर आम आदमी पार्टी के लिए बैटिंग करना चाहती हैं, तो वहीं हॉकी कप्तान रहे परगट सिंह अब कांग्रेस को आगे ले जाना चाहते हैं. वो कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिलकर अपनी बात भी कर चुके हैं. दूसरी तरफ, सिद्धू की टीम के कुछ सदस्य कांग्रेस की टीम में शामिल होने के बजाय गठजोड़ की बात पर अड़े हैं. ऐसी टीम के कप्तान सिद्धू फिलहाल लाचार से दिख रहे हैं और टीम पंजाब के मैच में अब तक उतर ही नहीं पा रही है. टीम कांग्रेस अपने रुख पर अड़ी सूत्रों के मुताबिक, शुरुआत में कांग्रेस ने सिद्धू को अपनी टीम से ओपनिंग करने के लिए आफर दिए. पहला, उनको या उनकी पत्नी को विधानसभा का टिकट, डिप्टी सीएम का पद और लोकसभा में अमरिंदर की अमृतसर सीट से टिकट. लेकिन सिद्धू तो खुद कांग्रेस टीम का कप्तान बनने पर अड़ गए. फिर क्या था, कांग्रेस ने सिद्धू को ठेंगा दिखा दिया. साथ ही बैंस ब्रदर्स की ज्यादा सीटों की मांग भी उसने खारिज कर दी और साफ कर दिया कि बिना शर्त सिद्धू और उनकी टीम का स्वागत है. कप्तान अमरिंदर ही होंगे और सीटें भी कांग्रेस तय करेगी. सिद्धू की राहुल-अमरिंदर से नहीं हुई मुलाकात उधर, कांग्रेस की पंजाब प्रभारी आशा कुमारी ने 'आज तक' से कहा है कि सिद्धू की राहुल गांधी, अमरिंदर सिंह या मुझसे कोई बात नहीं हुई है, हां परगट सिंह जरूर अमरिंदर से मिले हैं. उन सबका स्वागत है, लेकिन बिना शर्त. कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी कहते हैं कि सिद्धू अगर कांग्रेस में आना चाहते हैं तो खुलकर बताएं. दरअसल, कांग्रेस सिद्धू के मामले में फूंक-फूंक कर कदम रख रही है, क्योंकि ऐसा लगता है कि आगे बढ़कर बात की और सिद्धू नहीं आए या आप के साथ चले गए तो उनकी बहुत किरकिरी हो जाएगी. अब सिद्धू अपनी सजाई फील्डिंग में कितना कामयाब होते हैं और किस टीम से खेलते हैं, ये उन्हीं को तय करना है. पर वक्त शायद इसी हफ्ते का है, जब वो फैसला करेंगे.
एशियाई बाजारों में तेजी और रुपये में हल्की रिकवरी के बीच घरेलू शेयर बाजार में आज दायरे में कारोबार हो रहा है. सेंसेक्स सुबह 43 अंकों की मजबूती के साथ 36,417.58 के स्‍तर पर जबकि निफ्टी 10 अंकों की बढ़त के साथ 10,914.85 पर खुला. लेकिन बाद में यह 105 अंकों तक टूट गया और 36,269 के स्‍तर पर पहुंच गया जबकि निफ्टी 36 अंकों की कमजोरी के साथ 10,869 के स्‍तर पर है. इन शेयरों में रही तेजी सेंसेक्‍स के जिन शेयरों में तेजी देखने को मिली उनमें रिलायंस, ओएनजीसी, पावरग्रिड, कोटक बैंक, वेदांता, आईसीआईसीआई बैंक, एचसीएल, एशियन पेंट, एनटीपीसी, एसबीआईएन, मारुति, टाटा स्‍टील शामिल हैं. वहीं बजाज फाइनेंस, एचयूएल, इन्‍फोसिस, एचडीएफसी बैंक, टाटा मोटर्स, एचडीएफसी, एलएंडटी, टीसीएस, आईटीसी और बजाज ऑटो के शेयरों में गिरावट देखने को मिली है. ग्‍लोबली क्‍या है हाल वैश्विक स्‍तर पर बात करें तो चीन के शेयर शुक्रवार को मजबूती के साथ खुले.  शंघाई कंपोजिट सूचकांक 0.32 फीसदी की बढ़त के साथ 2,567.74 पर तो वहीं शेनझेन कंपोनेंट सूचकांक 0.22 फीसदी की बढ़त के साथ 7,486.95 पर खुला.  इससे पहले अमेरिकी शेयर बाजार गुरुवार को मजबूती के साथ बंद हुए. डॉव जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज 162.94 अंकों यानि 0.67 फीसदी की मजबूती के साथ 24,370.10 के स्‍तर पर रहा. वहीं एसएंडपी 500 सूचकांक 19 अंकों की बढ़त के साथ 2,635.96 पर रहा. जबकि नैस्डैक कंपोजिट सूचकांक 49.77 अंक मजबूत होकर 7,084.46 के स्‍तर पर रहा. रुपये का हाल शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोर शुरुआत हुई. रुपया 2 पैसे गिरकर 71.07 के स्तर पर खुला. इससे पहले गुरुवार को रुपया 20 पैसे बढ़कर 71.05 के स्तर पर बंद हुआ था. बता दें कि न्यूयॉर्क ट्रेडिंग में गुरुवार को यूरो बीते कारोबारी सत्र में 1.1398 डॉलर के मुकाबले घटकर 1.1390 डॉलर रहा.
अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा को अपने एक इंस्टाग्राम पोस्ट की वजह से फैन्स के गुस्से का शिकार होना पड़ गया है. दरअसल परिणीति इन दिनों काम के सिलसिले में दुबई गई हुई हैं. मंगलवार को उन्होंने एक वीडियो इंस्टाग्राम किया जिसमें वह काले रंग की प्यारी सी ड्रेस में दुबई के बीच पर चल रही हैं. सिर्फ इतना होता तो सब ठीक था, लेकिन इस वीडियो में उनके साथ तीन बैग उठाए एक आदमी भी दिख रहा है. वह परिणीति के लिए छतरी भी पकड़े हुए है जिसे देख परिणीति के फैन्स अपने गुस्से पर काबू नहीं रख सके. इस वीडियो पर अब तक 500 ज्यादा कमेंट्स आ चुके हैं जिनमें फैन्स परिणीति से जानना चाह रहे हैं कि आखिर वह अपनी छतरी खुद क्यों नहीं पकड़ सकती हैं, कुछ फैन्स का यह भी कहना है कि ऐसा वीडियो शेयर करके वह शो-ऑफ क्यों कर रही हैं, अपनी छतरी खुद पकड़ने से उनके स्टारडम में कोई कमी नहीं आएगी. परिणीति चोपड़ा के वीडियो में उन्हें धूप से बचाने के लिए एक शख्स उनके साथ छतरी लेकर चल रहा है.    Dubai diaries A video posted by Parineeti Chopra (@parineetichopra) on Jan 10, 2017 at 2:01am PST googletag.cmd.push(function() { googletag.display('adslotNativeVideo'); }); वहीं इस वीडियो के तुरंत बाद परिणीति ने एक तस्वीर पोस्ट की है जिसमें उन्होंने लिखा है, 'सूरज की किरणो का आनंद लेते हुए.'    Soakin in the sun!! Easy breezy in Dubai @hemantnandita @luluandskyofficialA photo posted by Parineeti Chopra (@parineetichopra) on Jan 10, 2017 at 5:20am PST परिणीति के इस पोस्ट के बाद फैन्स की नाराजगी ज्यादा बढ़ गई है, एक कमेंट में कहा गया, 'एक तरफ आप धूप का आनंद लेते हुए फोटो पोस्ट कर रही हैं और दूसरी तरफ धूप से बचने के लिए आप एक आदमी को छतरी लेकर अपने साथ चला रही हैं. यह एक फोटो से दूसरे में बिहाइंड द सीन जैसा कुछ है. कृपया रियलिस्टिक रहें.'टिप्पणियां यह पहली बार नहीं है जब परिणीति पर असंवेदनशील होने का आरोप लगा है. पिछले साल अगस्त में परिणीति ने अपने एक दोस्त को जन्मदिन की बधाई देते हुए लिखा था कम खाओ और पतले हो जाओ. परिणीति चोपड़ा ने साल 2011 में 'लेडीज वर्सेस रिकी बहल' से अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की थी. इसके बाद वह 'इशकजादे', 'हंसी तो फंसी', 'दावत-ए-इश्क', 'शुद्ध देसी रोमांस' और 'किल दिल' जैसी फिल्मों में नजर आईं. वह फिलहाल आयुष्मान खुराना के साथ 'मेरी प्यारी बिंदू' की शूटिंग में व्यस्त हैं, फिल्म मई में रिलीज होने वाली है.   इस वीडियो पर अब तक 500 ज्यादा कमेंट्स आ चुके हैं जिनमें फैन्स परिणीति से जानना चाह रहे हैं कि आखिर वह अपनी छतरी खुद क्यों नहीं पकड़ सकती हैं, कुछ फैन्स का यह भी कहना है कि ऐसा वीडियो शेयर करके वह शो-ऑफ क्यों कर रही हैं, अपनी छतरी खुद पकड़ने से उनके स्टारडम में कोई कमी नहीं आएगी. परिणीति चोपड़ा के वीडियो में उन्हें धूप से बचाने के लिए एक शख्स उनके साथ छतरी लेकर चल रहा है.    Dubai diaries A video posted by Parineeti Chopra (@parineetichopra) on Jan 10, 2017 at 2:01am PST वहीं इस वीडियो के तुरंत बाद परिणीति ने एक तस्वीर पोस्ट की है जिसमें उन्होंने लिखा है, 'सूरज की किरणो का आनंद लेते हुए.'    Soakin in the sun!! Easy breezy in Dubai @hemantnandita @luluandskyofficialA photo posted by Parineeti Chopra (@parineetichopra) on Jan 10, 2017 at 5:20am PST परिणीति के इस पोस्ट के बाद फैन्स की नाराजगी ज्यादा बढ़ गई है, एक कमेंट में कहा गया, 'एक तरफ आप धूप का आनंद लेते हुए फोटो पोस्ट कर रही हैं और दूसरी तरफ धूप से बचने के लिए आप एक आदमी को छतरी लेकर अपने साथ चला रही हैं. यह एक फोटो से दूसरे में बिहाइंड द सीन जैसा कुछ है. कृपया रियलिस्टिक रहें.'टिप्पणियां यह पहली बार नहीं है जब परिणीति पर असंवेदनशील होने का आरोप लगा है. पिछले साल अगस्त में परिणीति ने अपने एक दोस्त को जन्मदिन की बधाई देते हुए लिखा था कम खाओ और पतले हो जाओ. परिणीति चोपड़ा ने साल 2011 में 'लेडीज वर्सेस रिकी बहल' से अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की थी. इसके बाद वह 'इशकजादे', 'हंसी तो फंसी', 'दावत-ए-इश्क', 'शुद्ध देसी रोमांस' और 'किल दिल' जैसी फिल्मों में नजर आईं. वह फिलहाल आयुष्मान खुराना के साथ 'मेरी प्यारी बिंदू' की शूटिंग में व्यस्त हैं, फिल्म मई में रिलीज होने वाली है.   परिणीति चोपड़ा के वीडियो में उन्हें धूप से बचाने के लिए एक शख्स उनके साथ छतरी लेकर चल रहा है.    Dubai diaries A video posted by Parineeti Chopra (@parineetichopra) on Jan 10, 2017 at 2:01am PST वहीं इस वीडियो के तुरंत बाद परिणीति ने एक तस्वीर पोस्ट की है जिसमें उन्होंने लिखा है, 'सूरज की किरणो का आनंद लेते हुए.'    Soakin in the sun!! Easy breezy in Dubai @hemantnandita @luluandskyofficialA photo posted by Parineeti Chopra (@parineetichopra) on Jan 10, 2017 at 5:20am PST परिणीति के इस पोस्ट के बाद फैन्स की नाराजगी ज्यादा बढ़ गई है, एक कमेंट में कहा गया, 'एक तरफ आप धूप का आनंद लेते हुए फोटो पोस्ट कर रही हैं और दूसरी तरफ धूप से बचने के लिए आप एक आदमी को छतरी लेकर अपने साथ चला रही हैं. यह एक फोटो से दूसरे में बिहाइंड द सीन जैसा कुछ है. कृपया रियलिस्टिक रहें.'टिप्पणियां यह पहली बार नहीं है जब परिणीति पर असंवेदनशील होने का आरोप लगा है. पिछले साल अगस्त में परिणीति ने अपने एक दोस्त को जन्मदिन की बधाई देते हुए लिखा था कम खाओ और पतले हो जाओ. परिणीति चोपड़ा ने साल 2011 में 'लेडीज वर्सेस रिकी बहल' से अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की थी. इसके बाद वह 'इशकजादे', 'हंसी तो फंसी', 'दावत-ए-इश्क', 'शुद्ध देसी रोमांस' और 'किल दिल' जैसी फिल्मों में नजर आईं. वह फिलहाल आयुष्मान खुराना के साथ 'मेरी प्यारी बिंदू' की शूटिंग में व्यस्त हैं, फिल्म मई में रिलीज होने वाली है.   Dubai diaries A video posted by Parineeti Chopra (@parineetichopra) on Jan 10, 2017 at 2:01am PST वहीं इस वीडियो के तुरंत बाद परिणीति ने एक तस्वीर पोस्ट की है जिसमें उन्होंने लिखा है, 'सूरज की किरणो का आनंद लेते हुए.'    Soakin in the sun!! Easy breezy in Dubai @hemantnandita @luluandskyofficialA photo posted by Parineeti Chopra (@parineetichopra) on Jan 10, 2017 at 5:20am PST परिणीति के इस पोस्ट के बाद फैन्स की नाराजगी ज्यादा बढ़ गई है, एक कमेंट में कहा गया, 'एक तरफ आप धूप का आनंद लेते हुए फोटो पोस्ट कर रही हैं और दूसरी तरफ धूप से बचने के लिए आप एक आदमी को छतरी लेकर अपने साथ चला रही हैं. यह एक फोटो से दूसरे में बिहाइंड द सीन जैसा कुछ है. कृपया रियलिस्टिक रहें.'टिप्पणियां यह पहली बार नहीं है जब परिणीति पर असंवेदनशील होने का आरोप लगा है. पिछले साल अगस्त में परिणीति ने अपने एक दोस्त को जन्मदिन की बधाई देते हुए लिखा था कम खाओ और पतले हो जाओ. परिणीति चोपड़ा ने साल 2011 में 'लेडीज वर्सेस रिकी बहल' से अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की थी. इसके बाद वह 'इशकजादे', 'हंसी तो फंसी', 'दावत-ए-इश्क', 'शुद्ध देसी रोमांस' और 'किल दिल' जैसी फिल्मों में नजर आईं. वह फिलहाल आयुष्मान खुराना के साथ 'मेरी प्यारी बिंदू' की शूटिंग में व्यस्त हैं, फिल्म मई में रिलीज होने वाली है.   Soakin in the sun!! Easy breezy in Dubai @hemantnandita @luluandskyofficial A photo posted by Parineeti Chopra (@parineetichopra) on Jan 10, 2017 at 5:20am PST परिणीति के इस पोस्ट के बाद फैन्स की नाराजगी ज्यादा बढ़ गई है, एक कमेंट में कहा गया, 'एक तरफ आप धूप का आनंद लेते हुए फोटो पोस्ट कर रही हैं और दूसरी तरफ धूप से बचने के लिए आप एक आदमी को छतरी लेकर अपने साथ चला रही हैं. यह एक फोटो से दूसरे में बिहाइंड द सीन जैसा कुछ है. कृपया रियलिस्टिक रहें.'टिप्पणियां यह पहली बार नहीं है जब परिणीति पर असंवेदनशील होने का आरोप लगा है. पिछले साल अगस्त में परिणीति ने अपने एक दोस्त को जन्मदिन की बधाई देते हुए लिखा था कम खाओ और पतले हो जाओ. परिणीति चोपड़ा ने साल 2011 में 'लेडीज वर्सेस रिकी बहल' से अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की थी. इसके बाद वह 'इशकजादे', 'हंसी तो फंसी', 'दावत-ए-इश्क', 'शुद्ध देसी रोमांस' और 'किल दिल' जैसी फिल्मों में नजर आईं. वह फिलहाल आयुष्मान खुराना के साथ 'मेरी प्यारी बिंदू' की शूटिंग में व्यस्त हैं, फिल्म मई में रिलीज होने वाली है.   यह पहली बार नहीं है जब परिणीति पर असंवेदनशील होने का आरोप लगा है. पिछले साल अगस्त में परिणीति ने अपने एक दोस्त को जन्मदिन की बधाई देते हुए लिखा था कम खाओ और पतले हो जाओ. परिणीति चोपड़ा ने साल 2011 में 'लेडीज वर्सेस रिकी बहल' से अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की थी. इसके बाद वह 'इशकजादे', 'हंसी तो फंसी', 'दावत-ए-इश्क', 'शुद्ध देसी रोमांस' और 'किल दिल' जैसी फिल्मों में नजर आईं. वह फिलहाल आयुष्मान खुराना के साथ 'मेरी प्यारी बिंदू' की शूटिंग में व्यस्त हैं, फिल्म मई में रिलीज होने वाली है.   परिणीति चोपड़ा ने साल 2011 में 'लेडीज वर्सेस रिकी बहल' से अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की थी. इसके बाद वह 'इशकजादे', 'हंसी तो फंसी', 'दावत-ए-इश्क', 'शुद्ध देसी रोमांस' और 'किल दिल' जैसी फिल्मों में नजर आईं. वह फिलहाल आयुष्मान खुराना के साथ 'मेरी प्यारी बिंदू' की शूटिंग में व्यस्त हैं, फिल्म मई में रिलीज होने वाली है.
कोरियाई कंपनी ने अपना धांसू स्मार्टफोन G फ्लेक्स भारत में लॉन्च कर दिया है. 5.5 इंच स्क्रीन वाले इस फोन की खासियत यह है कि यह कर्व वाला है. यह फोन 400 मिमी से 700 मिमी तक सभी दिशाओं में मुड़ सकता है. यह 2.0 जीएचजेड ओक्टा कोर 64 बिट स्नैपड्रैगन 810 प्रोसेसर से लैस है. इसका वजन बेहद कम सिर्फ 52 ग्राम है. इसके रियर में 13 एमपी का कैमरा है. इसकी 3000 एमएएच की बैटरी इसमें फिट है. भारत में इसकी कीमत 55,000 रुपए रखी गई है. G फ्लेक्स 2 की खास बातें * स्क्रीन-5.5 इंच (1080x1920 पिक्सल) फुल एचडी कर्व प्लास्टिक डिस्पले * प्रोसेसर-2.0 जीएचजेड ओक्टा कोर 64 बिट स्नैपड्रैगन 810 प्रोसेसर * रैम-2जीबी, डीडीआर 4 रैम, 32 जीबी इटरनल मेमरी, माइक्रो एसडी स्लॉट * मोटाई 9.4 मिमी, वज़न 52 ग्राम * कैमरा-13 एमपी रियर ओआईएस प्लस, लेज़र ऑटो फोकस के साथ, डुअल एलईडी फ्लैश * फ्रंट कैमरा-2.1 एमपी * अन्य फीचर-4जी, वाई-फाई 802.11 एसी, ब्लूटुथ स्मार्ट रेडी 4.1, जीपीएस, एनएफसी * बैटरी-3000 एमएएच * कीमत-55,000 रुपए
दक्षिण अफ्रीका के महान खिलाड़ी एबी डिविलियर्स ने बिग बैश लीग (बीबीएल) के अगले चरण से हटने का फैसला किया. हालांकि उन्होंने शुरू में टूर्नामेंट के अंतिम चरण के दौरान खेलने की प्रतिबद्धता दोहराई थी. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने घरेलू और दूसरी टीम के मैदान पर खेलने के आधार पर इसे 14 लीग मैच की कर दिया है. ऐसी संभावना है कि व्यस्त अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर के अनुसार कई बड़े खिलाड़ी इस टूर्नामेंट के ज्यादातर हिस्से में उपलब्ध नहीं होंगे. ‘ईएसपीएन क्रिकइंफो’ की रिपोर्ट के अनुसार डिविलियर्स अंतिम चरण में कुछ मैच खेलने के इच्छुक थे, लेकिन बाद में उन्हें महसूस हुआ कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और बीबीएल उनकी भागीदारी को गिरती हुई टीवी रेटिंग को बढ़ाने के रूप में इस्तेमाल करना चाहते हैं.ऑस्ट्रेलिया के कुछ खिलाड़ी भी बीबीएल में नहीं खेल पाएंगे, क्योंकि वे न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में खेलने में व्यस्त होंगे और फिर वे वनडे सीरीज के लिए भारत की यात्रा करेंगे. डिविलियर्स ने आईपीएल के इस सीजन में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के लिए 13 मैचों में 442 रन बनाए. इस बीच सीए के टूर्नामेंट व लीग प्रमुख एंथनी एवेरार्ड की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, 'एक क्लब में अधिकतम दो विदेशी खिलाड़ियों को शामिल करने की अनुमति होगी, लेकिन अब पूरे सीजन के दौरान छह खिलाड़ियों को अनुबंधित और जरूरत के हिसाब से उन्हें रोटेट किया जा सकता है.'
अजितनाथ जैन धर्म के २४ तीर्थकरो में से वर्तमान अवसर्पिणी काल के द्वितीय तीर्थंकर है।अजितनाथ का जन्म अयोध्या के इक्ष्वाकुवंशी क्षत्रिय राजपरिवार में माघ के शुक्ल पक्ष की अष्टमी में हुआ था। इनके पिता का नाम जितशत्रु और माता का नाम विजया था। अजितनाथ का चिह्न हाथी था। भगवान अजिताथ की कुल आयु 72 लाख पूर्व की थी। चरित्र जेठ महीने की अमावस के दिन जब कि रोहिणी नक्षत्र का कला मात्र से अवशिष्ट चन्द्रमा के साथ संयोग था तब ब्राह्ममुहूर्त के पहले महारानी विजयसेना ने सोलह स्वप्न देखे । उस समय उनके नेत्र बाकी बची हुई अल्प निद्रा से कलुषित हो रहे थे । सोलह स्वप्न देखने के बाद उसने देखा कि हमारे मुख कमल में एक मदोन्मत्त हाथी प्रवेश कर रहा है। जब प्रातःकाल हुआ तो महारानी ने जितशत्रु महाराज से स्वप्नों का फल पूछा और देशावधिज्ञानरूपी नेत्र को धारण करनेवाले महाराज जितशत्रु ने उनका फल बतलाया कि तुम्हारे स्फटिक के समान निर्मल गर्भ में विजयविमानसे तीर्थंकर पुत्र अवतीर्ण हुआ है। वह पुत्र, निर्मल तथा पूर्वभव से साथ आने वाले मति- श्रुत-अवधिज्ञानरूपी तीन नेत्रों से देदीप्यमान है। भगवान् आदिनाथ के मोक्ष चले जाने के बाद जब पचास लाख करोड़ सागर वर्ष बीत चुके तब द्वितीय तीर्थंकर का जन्म हुआ था । इनकी आयु भी इसी अन्तराल में सम्मिलित थी । जन्म होते ही, सुन्दर शरीर के धारक तीर्थंकर भगवान् का देवों ने मेरूपर्वत पर जन्माभिषेक कल्याणक किया और अजितनाथ नाम रखा । इन अजितनाथ की बहत्तर लाख पूर्व की आयु थी और चार सौ पचास धनुष शरीर की ऊँचाई थी । अजितनाथ स्वामी के शरीर का रंग सुवर्ण के समान पीला था । उन्होंने बाह्य और आभ्यन्तर के समस्त शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर ली थी। जब उनकी आयु का चतुर्थांश बीत चुका तब उन्हें राज्य प्राप्त हुआ । उस समय उन्होंने अपने तेज से सूर्य का तेज जीत लिया था। एक लाख पूर्व कम अपनी आयु के तीन भाग तथा एक पूर्वागं तक उन्होंने राज्य किया। उनके सिहंसेन आदि नब्‍बे गणधर थे । तीन हजार सात सौ पचास पूर्वधारी, इक्‍कीस हजार छह सौ शिक्षक, नौ हजार चार सौ अवधिज्ञानी, बीस हजार केवल ज्ञानी, बीस हजार चार सौ विकिया-ऋद्धिवाले, बारह हजार चार सौ पचास मन:पर्ययज्ञानी और बारह हजार चार सौ अनुत्‍तरवादी थे । इस प्रकार सब मिलाकर एक लाख तपस्‍वी थे, प्रकुब्‍जा आदि तीन लाख बीस हजार आर्यिकाएँ थीं, तीन लाख श्राव‍क थे, पाँच लाख श्राविकाएँ थीं, और असंख्‍यात देव देवियाँ थीं । इस तरह उनकी बारह सभाओं की संख्‍या थी। चैत्र शुक्ल पंचमी के दिन जब कि चन्‍द्रमा रोहिणी नक्षत्र पर था, प्रात:काल के समय प्रतिमायोग धारण करनेवाले भगवान् अजितनाथ ने मुक्‍तिपद प्राप्‍त किया। द्वितीय तीर्थंकर अजितनाथ के तीर्थ में सगर नाम का दूसरा चक्रवर्ती हुआ प्रतिमा इन्हें भी देखें ब्रह्माण्ड (जैन धर्म) सन्दर्भ सूची धर्म दर्शन जैन धर्म तीर्थंकर
दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी ने मंगलवर को कहा कि कांग्रेस नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की हत्या हुई थी. उन्होंने बताया कि सुनंदा को जहर दिया गया था. बस्सी ने कहा, 'मेडिकल बोर्ड से जो रिपोर्ट आई है उसमें उनकी मौत की वजह अप्राकृतिक और जहर के काण हुई थी. मामले में अज्ञात शख्स के खि‍लाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है और जो कुछ भी जरूरी होगा किया जाएगा.' शशि थरूर ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर के बयान के बाद कहा, 'मैं दिल्ली पुलिस के बयान से स्तब्ध हूं. पुलिस ने अज्ञात शख्स पर मेरी पत्नी की मौत के लिए एफआईआर दर्ज किया है. मेरी तरफ से पुलिस को पूरा सहयोग है. हम सही दिशा में जांच चाहते हैं, जिससे दोषी सामने आ सके.' जानिए, क्या है सुनंदा की मौत का दुबई कनेक्शन कांग्रेस नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की रहस्यमई मौत से पर्दा उठाने की दिशा में दिल्ली पुलिस ने लीला पैलेस होटल के स्टाफ से पूछताछ की थी. इसी होटल में सुनंदा की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी. सुनंदा की आखिरी यात्रा गौरतलब है कि सुनंदा पुष्कर को 17 जनवरी 2014 को लीला पैलेस होटल के कमरा नंबर 345 में मृत पाया गया था. मृत्यु से पहले सुनंदा और पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार के बीच ट्विटर पर बहस हुई थी. यह बहस शशि थरूर के साथ मेहर के कथित ‘अफेयर’ को लेकर हुई थी. दबाव में बदली गई थी सुनंदा की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट एम्स मेडिकल बोर्ड के मुताबिक, तीन डॉक्टरों की टीम ने विसरा रिपोर्ट की दोबारा जांच के बाद सुनंदा के शरीर में जहर के अंश की पुष्टि की थी, लेकिन जहर के प्रकार का खुलासा नहीं कर पाए थे. एम्स मेडिकल बोर्ड ने ये रिपोर्ट 27 सितंबर 2014 को तैयार की थी और 30 सितंबर को सरोजनी नगर थाने में सौंप दी थी.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर मालविंदर सिंह और रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड के पूर्व सीएमडी सुनील गोधवानी को गिरफ्तार कर लिया. दोनों की गिरफ्तारी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हुई है. दोनों आरोपी फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं. मामले से जुड़े एक वकील ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दोनों आरोपियों को तिहाड़ केंद्रीय जेल से अपनी हिरासत में ले लिया. यहां वे दिल्ली पुलिस द्वारा कथित घोटाले के संबंध में दायर एक मामले में बंद थे. सिंह और गोधवानी दोनों को जेल में एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा. ईडी उनसे पूछताछ कर सकती है. इसी साल अक्टूबर के महीने में दिल्ली की एक अदालत ने रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर सिंह बंधुओं और तीन अन्य को रेलिगेयर धोखाधड़ी मामले में 31 अक्टूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा था. मालविंदर व शिविंदर सिंह के साथ सुनीत गोधवानी, अनिल सक्सेना व कवि अरोड़ा को न्यायाधीश निशांत गर्ग के समक्ष प्रस्तुत किया गया था, क्योंकि मुख्य महानगर दंडाधिकारी दीपक सेहरावत अवकाश पर थे. बता दें कि आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) मालविंदर को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. मालविंदर के अलावा ईओडब्ल्यू रेलीगेयर के पूर्व एमडी शिविंदर, सुनील गोधवानी, कवि अरोड़ा व सुनील सक्सेना को भी गिरफ्तार कर चुकी है. गिरफ्तार किए गए लोगों पर रेलीगेयर इंटरप्राइजेज को 2,397 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप है. दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के मुताबिक फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रोमोटर मालविंदर सिंह और उनके भाई शिविंदर ने खुलासा किया था कि कर्ज लेने वाली कंपनियों से विभिन्न व्यक्तियों को 1,000 करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया जिसका कथित तौर पर गबन कर लिया गया. रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (आरएफएल) के मनप्रीत सिंह सूरी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील विकास पाहवा ने पहले ही आरोप लगाया था कि मामला गंभीर आर्थिक अपराध है. सूरी ने ही पिछले साल दिसंबर में शिकायत दर्ज कराई थी. रेलिगेयर ने उन पर फंड की हेराफेरी करने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि कंपनी का प्रबंधन करते समय शिविंदर ने कर्ज लिए लेकिन धन को अन्य कंपनियों में निवेश किया गया.
जयपुर में एक मलेशियाई महिला से रेप का शर्मनाक मामला सामने आया है. पुलिस ने 30 साल के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. यह जानकारी एक अधिकारी ने शनिवार को दी. पुलिस उपायुक्त (जयपुर पूर्व) अमनदीप सिंह ने बताया, 'हमने शुक्रवार को मलेशियाई महिला से दुष्कर्म के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. वह भीलवाड़ा का रहने वाला है.' महिला ने अपनी शिकायत में बताया कि वह तीन दिन पहले कारोबार के सिलसिले में जयपुर आई थी और आरोपी से मिली. दोनों ने गुरुवार रात फाइव स्‍टार होटल में भोजन किया, जहां से आरोपी उसे एक सुनसान जगह पर ले गया. वहां उसे शराब में कोई नशीला पदार्थ मिलाकर दिया और बाद में कार में उससे रेप किया. इसके बाद आरोपी पीड़िता को उसी होटल के सामने छोड़कर फरार हो गया, जहां वह ठहरी हुई थी. पीड़िता किसी तरह शहर के जवाहर सर्किल इलाके के करीब पुलिस की कार तक पहुंची और शिकायत दर्ज कराई. आरोपी को तीन घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया गया. अमनदीप सिंह ने बताया, 'हमने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी से पूछताछ कर रहे हैं.'
अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था शुक्रवार को जम्मू से रवाना होकर 1282 तीर्थयात्रियों के साथ बालटाल और पहलगाम बेस कैंप पहुंच चुका है. यह यात्रा शनिवार से शुरू हो रही है. जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह, मंत्री प्रिया सेठी और लोकसभा सांसद जुगल किशोर ने शुक्रवार को सुबह पांच बजे जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से अमरनाथ तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. कड़ी सुरक्षा के इंतजाम पहले जत्थे में 900 पुरुष, 225 महिलाएं, 13 बच्चे शामिल हैं. 33 गाड़ि‍यों में श्रद्धालु 'बम बम भोले' के नारे लगाते हुए रवाना हुए. इन्हें सुरक्षबलों की सुरक्षा के बीच 13 बसों, 24 मिनी बसों और अन्य वाहनों में रवाना किया गया. इस साल अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा राज्य और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी सुरक्षा एवं खुफिया चुनौती है. #WATCH First batch of annual Amarnath Yatra pilgrims set to leave for the base camp, journey flagged off in Jammu https://t.co/jJ9XOmWvDk — ANI (@ANI_news) July 1, 2016 राजनाथ भी पहुंचेंगे जम्मू केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को दो दिवसीय यात्रा पर जम्मू पहुंचेंगे. वह यहां सुरक्षा व्यस्था की समीक्षा करेंगे. राजनाथ शनिवार को पवित्र अमरनाथ गुफा भी जाएंगे. सूत्रों का कहना है कि गुफा में पारंपरिक पूजा में भी हिस्सा लेंगे. गौरतलब है कि शनिवार से शुरू हो रही यह 48 दिवसीय यात्रा 18 अगस्त को समाप्त होगी, जिस दिन श्रावण मास की पूर्णिमा और रक्षा बंधन है. #WATCH Security forces use drone cameras to monitor base camp of Annual Amaranth Yatra in Jammu https://t.co/bSMfqzaQOx — ANI (@ANI_news) July 1, 2016
ऍ मराठी भाषा का एक वर्ण है। ऍ और ऑ वास्तव देवनागरी में नहीं पाये जाते। वर्तमान में हिन्दी में ऑ वर्ण का उपयोग तो पूर्ण रूप से किया जाने लगा है, किन्तु ऍ का उपयोग अभी भी साधारणतः नहीं किया जाता है। ऍ वर्ण के उच्चारण को अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला (अ॰ध॰व॰) के ɛ चिह्न से लिखा जाता है। जो औपचारिक रूप से अर्धविवृत प्रसृत अग्रस्वर (open-mid front unrounded vowel) कहलाता है। इसका प्रयोग अक्सर अंग्रेजी के शब्दों को लिखने के लिये किया जाता है। इसकी ध्वनि हिन्दी के शब्दों में भी पायी जाती है किन्तु प्रथानुसार उन्हें भिन्न प्रकार से लिखा जाता है। उच्चारण यह स्वर उच्चारण में 'ए' और 'ऐ' के बीच का स्वर है। उदाहरण के लिए, अंग्रेजी के तीन शब्दों को देखा जा सकता है: ए : इसका प्रयोग "pain" (अर्थ: पीड़ा) शब्द में होता है, जिसे 'पेन' उच्चारित किया जाता है। इसे अ॰ध॰व॰ में /peːn/ (अंग्रेजी बोली में /pʰeɪn/) लिखा जाता है। ऍ : इसका प्रयोग "pen" (अर्थ: कलम) शब्द में होता है, जिसे 'पॅन' उच्चारित किया जाता है। इसे अ॰ध॰व॰ में /pɛn/ लिखा जाता है। ऐ : इसका प्रयोग "pan" (अर्थ: तवा) शब्द में होता है, जिसे 'पैन' उच्चारित किया जाता है। इसे अ॰ध॰व॰ में /pæn/ लिखा जाता है। हिन्दी शब्दों में ऍ की ध्वनि का प्रयोग हिन्दी शब्दों में भी 'ऍ' की ध्वनि इस्तेमाल होती है लेकिन इसे प्रथानुसार लिखा नहीं जाता। हिन्दी में अक्सर यदि 'ह' से पहले 'अ' की ध्वनि हो तो मानक रूप से उसे 'ऍ' उच्चारित किया जाता है। उदाहरण के लिए: कहना: आधुनिक मानक हिंदी में इसका उच्चारण 'कॅहना' होता है। रह: आधुनिक मानक हिन्दी में इसका उच्चारण 'रॅह' होता है। शहर: इसका मानक उच्चारण 'शॅहॅर' होता है। नहटौर: यह उत्तर प्रदेश के बिजनौर जनपद का एक नगर है। जिसे 'नॅहटौर' उच्चारित किया जाता है और अंग्रेजी में लिप्यन्तरण करके 'Nehtaur' लिखा जाता है। यदि इन्हें 'ऍ' की बजाए अन्य ध्वनि से बोला जाये तो उसे क्षेत्रीय लहजा माना जाता है: कहना - यदि इसे वास्तव में 'अ' से उच्चारित किया जाये तो इसे पूर्वी हिन्दी लहजा समझा जाता है। मानक हिन्दी के साथ-साथ, अमिताभ बच्चन अपनी फ़िल्मों और गानों में इसका प्रयोग अक्सर किया करते थे। केहना - यदि इसे 'ए' से उच्चारित किया जाये तो इसे गुजराती लहजा समझा जाता है। अंग्रेजी में इस से सम्बन्धित एक गलती "हॅलो" (hello) को "हेलो" (helo) उच्चारित करना है। कैहना - यदि इसे 'ऐ' से उच्चारित किया जाये तो इसे पंजाबी लहजा समझा जाता है, हालाँकि इसमें अक्सर 'ह' की ध्वनि भी हट जाती है (यानी शब्द 'कैना' सा प्रतीत होता है)। गलत उच्चारण अंग्रेज़ी के मूल के शब्दों में 'ऍ' की ध्वनी का उच्चारण 'ए' करने से ग़लतफ़हमियाँ हो सकती है। मसलन "डू यू हैव अ पॅन" ("do you have a pen", अर्थ: "क्या तुम्हारे पास कलम है") को ग़लती से "डू यू हैव अ पेन" ("do you have a pain", अर्थ: "क्या तुम्हें कोई दर्द हो रहा है") कहने से प्रश्न का पूरा अर्थ ही बदल जाता है। हिन्दी और मराठी में अन्तर 'ऍ' और 'ऐ' के प्रयोग हिन्दी और मराठी में भिन्न होते हैं। मराठी में (पूर्वी हिन्दी की तरह) 'ऐ' का उच्चारण 'अइ' से मिलता संयुक्त स्वर (डिप्थाँग) होता है। उदाहरण के लिए मराठी में 'बैल' को 'बइल' और 'ऐनक' को 'अइनक' से मिलता हुआ पढ़ा जाता है। ठीक ऐसा ही पूर्वी हिन्दी क्षेत्रों में होता है। मराठी में 'ऍ' का प्रयोग मानक हिन्दी के 'ऐ' स्वर के बराबर होता है। इन्हें भी देखिये अर्धविवृत प्रसृत अग्रस्वर ऐ, ए देवनागरी अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला सन्दर्भ स्वर हिन्दी विकि डीवीडी परियोजना
ब्लैक आर्मबैंड का विरोध जिम्बाब्वे के क्रिकेटरों एंडी फ्लावर और हेनरी ओलोंगा ने 2003 के क्रिकेट विश्व कप के दौरान किया था। इस जोड़ी ने "जिम्बॉब्वे में लोकतंत्र की मृत्यु का शोक मनाने" के लिए काले रंग के धनुष पहनने का फैसला किया। इस विरोध को ज़िम्बाब्वे के वरिष्ठ राजनीतिक हस्तियों और कुछ वरिष्ठ ज़िम्बाब्वे क्रिकेट हस्तियों से निंदा मिली, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा इसकी प्रशंसा की गई। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने माना कि फ्लावर और ओलोंगा ने एक राजनीतिक कार्रवाई की थी, लेकिन इस जोड़ी को अपराध के आरोप से मना कर दिया। उनका शुरुआती विरोध ज़िम्बाब्वे के हरारे में टूर्नामेंट के पहले मैच के दौरान था, और इस जोड़ी ने सभी मैचों में विरोध करने के लिए हथियार पहना। विरोध के परिणामस्वरूप, फ्लावर और ओलोंगा को जिम्बाब्वे छोड़ने के लिए मजबूर किया गया, और दोनों पुरुष बाद में यूनाइटेड किंगडम में बस गए। सन्दर्भ ज़िम्बाबवे की राजनीति
ऑस्ट्रेलियाई रिकी पोंटिंग ही नहीं बल्कि भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी चिन्नास्वामी स्टेडियम के विकेट से खुश नहीं दिखे, जिस पर भारत ने विश्व कप अभ्यास मैच में स्पिनरों के कमाल से 38 रन से जीत दर्ज की। धोनी ने कहा कि विकेट काफी टर्न ले रहा था और विश्व कप के लिए ऐसे विकेट तैयार किए जाने चाहिए, जिनमें कम टर्न हो। उन्होंने कहा, इस तरह के विकेट पर 230 रन से अधिक का योग हासिल करना काफी मुश्किल होगा। मुझे खुशी होगी यदि भविष्य के मैचों में विकेट कुछ कम टर्न लेगा। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पोंटिंग ने भी आशा जताई कि टूर्नामेंट के बाद इससे बेहतर विकेट देखने को मिलेंगे। उन्होंने कहा, इस विकेट पर बल्लेबाजी करना बहुत मुश्किल था। दूसरी पारी में यह बहुत स्पिन ले रहा था। आशा है कि टूर्नामेंट शुरू होने के बाद हमें इससे बेहतर विकेट मिलेंगे। यह विकेट ऐसा लग रहा था जैसे कि पूरी तरह से तैयार नहीं किया गया है। भारतीय कप्तान धोनी ने हालांकि जीत का श्रेय स्पिनरों विशेषकर पीयूष चावला और हरभजन सिंह को दिया, जिन्होंने क्रमश: चार और तीन विकेट लिए। उन्होंने कहा, गुगली पीयूष का मुख्य हथियार है और आजकल हम देख रहे हैं अंपायर पगबाधा के भी अधिक फैसले दे रहे हैं। वह कई गेंद को टर्न करा लेता है...। धोनी ने हालांकि अपने खिलाड़ियों को आगाह किया कि वह इस जीत से बहुत अधिक नहीं इतराएं। उन्होंने कहा, इन अभ्यास मैच में जीत दर्ज करने से कुछ नहीं होगा। असली परीक्षा तो टूर्नामेंट शुरू होने के बाद होगी।
लेख: दुनिया के कई खतरनाक तेज गेंदबाजों का सामना कर चुके सचिन तेंदुलकर का मानना है कि तेज गेंदबाजों द्वारा की गई छींटाकशी को ‘अच्छे मजाक’ के तौर पर लिया जाना चाहिए।टिप्पणियां गेमिंग सेंटर स्माश के ब्रांड दूत बने तेंदुलकर ने वसीम अकरम जैसे तेज गेंदबाजों द्वारा की गई छींटाकशी के बारे में पूछे जाने पर कहा, 90 मील प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंकने वालों का सामना करना अलग अनुभव होता है। वसीम विश्व स्तरीय गेंदबाज थे। क्रिकेट के महानतम गेंदबाजों में से एक। उन्होंने कहा, इन महान खिलाड़ियों के साथ हर अनुभव के पीछे हंसी-मजाक भी होता है। कई बार वे कई बातें बोलते हैं, लेकिन जो सुनने लायक नहीं होती, उसे रिकॉर्ड नहीं किया जाता। उन्होंने कहा, इन महान गेंदबाजों का सामना करना अद्भुत अनुभव रहा है। कोई क्रिकेटर वार्न या मुरलीधरन, ब्रेट ली या मलिंगा का सामना कैसे करेगा? इस अनुभव के लिए उन्हें खेलना जरूरी है। गेमिंग सेंटर स्माश के ब्रांड दूत बने तेंदुलकर ने वसीम अकरम जैसे तेज गेंदबाजों द्वारा की गई छींटाकशी के बारे में पूछे जाने पर कहा, 90 मील प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंकने वालों का सामना करना अलग अनुभव होता है। वसीम विश्व स्तरीय गेंदबाज थे। क्रिकेट के महानतम गेंदबाजों में से एक। उन्होंने कहा, इन महान खिलाड़ियों के साथ हर अनुभव के पीछे हंसी-मजाक भी होता है। कई बार वे कई बातें बोलते हैं, लेकिन जो सुनने लायक नहीं होती, उसे रिकॉर्ड नहीं किया जाता। उन्होंने कहा, इन महान गेंदबाजों का सामना करना अद्भुत अनुभव रहा है। कोई क्रिकेटर वार्न या मुरलीधरन, ब्रेट ली या मलिंगा का सामना कैसे करेगा? इस अनुभव के लिए उन्हें खेलना जरूरी है। उन्होंने कहा, इन महान खिलाड़ियों के साथ हर अनुभव के पीछे हंसी-मजाक भी होता है। कई बार वे कई बातें बोलते हैं, लेकिन जो सुनने लायक नहीं होती, उसे रिकॉर्ड नहीं किया जाता। उन्होंने कहा, इन महान गेंदबाजों का सामना करना अद्भुत अनुभव रहा है। कोई क्रिकेटर वार्न या मुरलीधरन, ब्रेट ली या मलिंगा का सामना कैसे करेगा? इस अनुभव के लिए उन्हें खेलना जरूरी है।
शपथ ग्रहण से कुछ घंटे पहले ही कैबिनेट मंत्रियों की लिस्ट सामने आने लगी है. प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से संभावित मंत्रियों के पास फोन पहुंचना शुरू हो गया है, जिन्हें आज शाम को शपथ लेनी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बीच घंटों तक बैठक हुई. जिसके बाद अब ये तय हो गया है कि मोदी कैबिनेट में कौन नौ खास ऐसे मंत्री होंगे, जिनपर बड़ी जिम्मेदारी हो सकती है. 1.    राजनाथ सिंह पिछली सरकार में गृह मंत्री रहे राजनाथ सिंह का एक बार फिर मंत्री बनना तय है. भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे राजनाथ को नरेंद्र मोदी का भरोसेमंद नेता माना जाता है. ऐसे  में एक बार फिर उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है. खबरों की मानें तो राजनाथ एक बार फिर गृह मंत्री ही बन सकते हैं. 2.    पीयूष गोयल अरुण जेटली की अनुपस्थिति में पीयूष गोयल वित्त मंत्रालय के सबसे बड़े दावेदार हैं. पिछली सरकार में भी पीयूष गोयल वित्त मंत्री-रेल मंत्री-ऊर्जा मंत्री संभाल चुके हैं. ऐसे में इस बार भी उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है. उनके पास फोन पहुंच गया है, ऐसे में आज वह शपथ ले सकते हैं. 3.    स्मृति ईरानी इस चुनाव की सबसे बड़ी स्टार साबित हुई स्मृति ईरानी भी आज मंत्री बन सकती हैं. उन्होंने इस बार अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को मात दी है. 4.    सुषमा स्वराज विदेश मंत्री के तौर पर सुषमा स्वराज के काम की काफी तारीफ हुई थी. इस बार उन्होंने भले ही लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन उनके पास फोन पहुंच गया है. ऐसे में एक बार फिर कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी की तरफ से उन्हें राज्यसभा भेजा जा सकता है. 5.    नितिन गडकरी पिछली सरकार में परिवहन-सड़क जैसा मंत्रालय संभालने वाले नितिन गडकरी का एक बार फिर मंत्री बनना तय है. नरेंद्र मोदी ने गंगा सफाई का जिम्मा भी अब नितिन गडकरी को दिया था, ऐसे में मोदी 2.0 में उनकी जिम्मेदारी बढ़ सकती है. 6.    निर्मला सीतारमण देश की पहली रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण एक बार फिर मोदी कैबिनेट का हिस्सा बनने जा रही हैं. उन्हें फोन पहुंच गया है ऐसे में वह शपथ ले सकती हैं. पिछले कार्यकाल में राफेल जैसे मामले को जिस तरह उन्होंने संभाला ऐसे में उन्हें एक बार फिर बड़ा ईनाम मिल सकता है. 7.    किरण रिजिजू पूर्वोत्तर के बड़े चेहरे और पिछली सरकार में गृह राज्य मंत्री रहे किरण रिजिजू का मंत्री बनना तय है. वह युवा हैं, फिट हैं ऐसे में एक बार फिर युवा शक्ति को तरजीह देते हुए नरेंद्र मोदी ने उन्हें अपनी कैबिनेट में जगह दी है. 8.    रविशंकर प्रसाद रविशंकर प्रसाद अभी तक राज्यसभा के सदस्य थे, लेकिन इस बार वह शत्रुघ्न सिन्हा को हरा लोकसभा पहुंचे हैं. पिछले कार्यकाल में उनके पास कानून मंत्रालय था, यानी राम मंदिर-समान नागरिक अधिकार जैसे अहम मुद्दे एक बार फिर उनके जिम्मे हो सकते हैं. 9.    मुख्तार अब्बास नकवी मोदी सरकार के मुस्लिम चेहरे मुख्तार अब्बास नकवी को एक बार फिर बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है. उन्हें फोन पहुंचा है ऐसे में वह आज मंत्री बन सकते हैं. पिछली बार भी नकवी के पास अल्पसंख्यक मंत्रालय था.
2019 के लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपने चुनावी अभियान का आगाज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य यानी गुजरात से करने जा रहे हैं. राहुल गांधी का यह अभियान 11 और 15 जुलाई को राज्य के दौरे के साथ ही शुरू हो जाएगा. राहुल गांधी ने पिछले साल 2017 में विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य में काफी यात्राएं की थीं और चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन में सुधार के साथ 77 सीटें हासिल होने का श्रेय उनकी इन्हीं यात्राओं को दिया गया था. राहुल गांधी सौराष्ट्र के जूनागढ़, राजकोट और भावनगर जिलों का दौरा करेंगे. इन इलाकों में कांग्रेस ने दो दशक बाद बेहतर प्रदर्शन किया और पिछले विधानसभा चुनाव में ज्यादातर सीटें कांग्रेस को इन्हीं इलाकों में मिलीं. न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने पार्टी सूत्रों के हवाले से लिखा है कि राहुल गांधी राज्य में पार्टी नेताओं के साथ लंबी बैठकें कर उनसे विचार-विमर्श करेंगे. राहुल गांधी दिसंबर तक राज्य के तीन से चार दौरे कर सकते हैं. वह यहां लोगों से दोबारा संपर्क स्थापित करेंगे. बता दें कि कांग्रेस को 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा में 2012 में सिर्फ 54 सीटें मिली थीं जो 2017 में बढ़कर 77 सीटें हो गईं. जबकि लोकसभा सीटों की बात की जाए तो 2014 में मोदी लहर ने कांग्रेस को शून्य पर ला दिया था और कुल 26 सीटों में से एक पर भी उसे जीत नहीं मिल पाई थी. राज्य की सभी 26 लोकसभा सीटों पर बीजेपी ने परचम लहराया था. हालांकि, उससे पहले 2009 में कांग्रेस ने 11 और बीजेपी ने 15 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी. ऐसे में 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कड़ी चुनौती देने वाले राहुल गांधी यहां अपना खोया जनाधार वापस लाने की भरपूर कोशिश करेंगे. हालांकि, पीएम मोदी के गढ़ में पार्टी की स्थिति सुधारना उनके लिए चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है. लेकिन पाटीदार नेता हार्दिक पटेल का बीजेपी विरोध और अल्पेश ठाकोर जैसे ओबीसी चेहरे के कांग्रेस के साथ आने से राजनीतिक समीकरण काफी बदले हैं.
चीनी स्मार्टफोन मेकर वीवो ने अपने स्मार्टफोन्स में Android Oreo देने का ऐलान किया है. इस वक्त एंड्रॉयड ओरियो लेटेस्ट मोबाइल ओएस है और कंपनियां धीरे-धीरे इसे अपने स्मार्टफोन्स के लिए जारी कर रही हैं. हालांकि वीवो अपने स्मार्टफोन्स में प्योर एंड्रॉयड नहीं देता है बल्कि कंपनी के एंड्रॉयड आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम देती है. Vivo के इन स्मार्टफोन्स में मिलेगा Android Oreo का अपडेट Vivo X20 Vivo X20 Plus Vivo X9s Vivo X9s Plus Vivo XPlay6 Vivo X9 Vivo X9 Plus रिपोर्ट्स के मुताबिक इन स्मार्टफोन्स के लिए कंपनी पहले Android Oreo का बीटा वर्जन अपडेट देगी और इसके बाद फाइनल बिल्ड दिया जाएगा. बीटा रीलीज के बाद यूजर्स को ओवर द एयर यानी OTA अपडेट मिलना शुरू होगा. अपडेट आपके स्मार्टफोन में खुद से आएगा और इसका नोटिफिकेशन आपको दिया जाएगा. इसके बाद आप चाहें तो अपने फोन का बैकअप लेकर अपडेट कर सकते हैं. मैनुअली अपडटे चेक करने के लिए आप मोबाइस की सेटिंग्स में जा कर देख सकते हैं. सेटिंग्स में जा कर एबाउट फोन पर टैप करें और आपको यहां सिस्टम अपडेट का ऑप्शन मिलेगा. यहां से अपडेट चेक कर सकते हैं. इस अपडेट के साथ जाहिर हैं स्मार्टफोन में बहुत कुछ बदलेगा. नए फीचर्स मिलेंगे नए ट्रांजिशन ने लेआउट भी मिलेंगे. ये सभी स्मार्टफोन पिछले साल नवंबर में लॉन्च किए गए थे.
कोडंडेरा मडप्पा करिअप्पा () ओबीई (28 जनवरी 1899 - 15 मई 1993) एक भारतीय सैन्य अधिकारी और राजनयिक थे। करिअप्पा भारतीय सेना के पहले भारतीय सेनाध्यक्ष (चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ) थे। उन्होंने 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पश्चिमी मोर्चे पर भारतीय सेना का नेतृत्व किया था। 1949 में उन्हें भारतीय सेना का सेनाध्यक्ष नियुक्त किया गया। वे सैम मानेकशॉ के बाद भारत के फील्ड मार्शल बनने वाले केवल दूसरे सैन्य अधिकारी हैं। करिअप्पा का प्रतिष्ठित सैन्य करियर लगभग तीन दशकों तक था। मडिकेरी, कोडगु में जन्मे करिअप्पा प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति के तुरंत बाद ब्रिटिश भारतीय सेना में शामिल हो गए। उन्हें 2/88 कर्नाटक इन्फैंट्री में अस्थायी प्रथम लेफ्टिनेंट के रूप में नियुक्त किया गया। 1/7 राजपूत में शामिल होने से पहले उन्हें उनके करियर के शुरुआत में कई रेजिमेंटों के बीच स्थानांतरित किया गया था। राजपूत रेजिमेंट उनका स्थायी रेजिमेंट बन गया था। वह स्टाफ कॉलेज, क्वेटा में भाग लेने वाले पहले भारतीय सैन्य अधिकारी थे तथा बटालियन की कमान संभालने वाले पहले भारतीय थे। करिअप्पा कैम्बरली के इंपीरियल डिफेंस कॉलेज में प्रशिक्षण लेने के लिए चुने गए पहले दो भारतीयों में से एक थे। उन्होंने विभिन्न कर्मचारी पदों पर कई यूनिटों, कमांड मुख्यालय तथा जनरल मुख्यालय, नई दिल्ली में कार्य किया। भारतीय सेना के सेनाध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने से पहले, करिअप्पा ने भारतीय सेना के पूर्वी और पश्चिमी कमान के कमांडर के रूप में कार्य किया। प्रारम्भिक जीवन करिअप्पा का जन्म 28 जनवरी 1899 को कर्नाटक के कूर्ग प्रांत (वर्तमान में कोडगु जिला) के शनिवारसंथे में कोडव कबीले से संबंधित किसानों के एक परिवार में हुआ था। करिअप्पा के पिता मडप्पा राजस्व विभाग में काम करते थे। चार बेटों और दो बेटियों वाले परिवार में करिअप्पा उनकी दूसरी संतान थे। वह अपने रिश्तेदारों के बीच "चिम्मा" के नाम से जाने जाते थे। 1917 में मदिकेरी के सेंट्रल हाई स्कूल में अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज में दाखिला लिया। कॉलेज के दौरान उन्हें पता चला कि भारतीयों को सेना में भर्ती किया जा रहा है, और उन्हें भारत में प्रशिक्षित किया जाना है। वह एक सैनिक के रूप में सेवा करना चाहते थे इसलिए उन्होंने प्रशिक्षण के लिए आवेदन किया। कुल 70 आवेदकों में से 42 आवेदकों को डेली कैडेट कॉलेज, इंदौर में प्रवेश दिया गया था। करिअप्पा उनमें से एक थे। करिअप्पा ने अपने प्रशिक्षण के सभी पहलुओं में अच्छे अंक प्राप्त किये। वह अपनी कक्षा में सातवें स्थान पर स्नातक हुए। सैनिक जीवन शुरुआती सेवा करिअप्पा ने 1 दिसंबर 1919 को स्नातक की उपाधि प्राप्त की और उन्हें एक अस्थायी कमीशन प्रदान किया गया। 9 सितंबर 1922 को (17 जुलाई 1920 से प्रभावी) करिअप्पा को एक स्थायी कमीशन प्रदान किया गया। ऐसा करियप्पा के पद को रॉयल मिलिट्री कॉलेज, सैंडहर्स्ट से 16 जुलाई 1920 को उत्तीर्ण (स्नातक) होने वाले अधिकारियों से कनिष्ठर बनाने के लिए किया गया था। उन्हें बॉम्बे (मुंबई) में 88वीं कर्नाटक पैदल सेना (इन्फैंट्री) की दूसरी बटालियन में अस्थायी सेकंड लेफ्टिनेंट के रूप में नियुक्त किया गया था। 1 दिसंबर 1920 को उन्हें अस्थायी लेफ्टिनेंट के रूप में पदोन्नत किया गया। बाद में उन्हें ब्रिटिश भारतीय सेना की पैदल सेना पलटन 2/125 नेपियर राइफल्स में स्थानांतरित कर दिया गया। यह पलटन मई 1920 में मेसोपोटामिया (वर्तमान इराक) में स्थानांतरित हो गया था। 17 जुलाई 1921 को उन्हें लेफ्टिनेंट के रूप में पदोन्नत किया गया। जून 1923 में करियप्पा को 1/7 राजपूत में स्थानांतरित कर दिया गया, जो उनका स्थायी रेजिमेंट बन गया। 1925 में करिअप्पा यूरोप के साथ-साथ संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और चीन के विश्व दौरे पर गये। उन्होंने विभिन्न देशों में बड़ी संख्या में सैनिकों और नागरिकों से मुलाकात की। यह दौरा उनके लिए शिक्षाप्रद साबित हुआ। इसके बाद वह सुव्यवस्थित हो पाये। फतेहगढ़ में उनकी सेवा के दौरान उन्हें एक ब्रिटिश अधिकारी की पत्नी द्वारा "किपर" उपनाम दिया गया। ब्रिटिश अधिकारी की पत्नी को करिअप्पा नाम का उच्चारण करना मुश्किल हो रहा था। 1927 में करिअप्पा को कैप्टन के रूप में पदोन्नत किया गया था, लेकिन नियुक्ति को 1931 तक आधिकारिक तौर पर राजपत्रित नहीं किया गया था। करिअप्पा को 1931 में पेशावर जिले के मुख्यालय में उप सहायक क्वार्टर मास्टर जनरल (डीएक्यूएमजी) के रूप में नियुक्त किया गया था। मुख्यालय से प्राप्त अनुभव, 1932 में रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट में उनकी कोचिंग और स्मॉल आर्म्स स्कूल (एसएएस) तथा रॉयल स्कूल ऑफ आर्टिलरी (आरएसए) में उनके द्वारा किए गए पाठ्यक्रमों से उन्हें क्वेटा स्टाफ कॉलेज की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने में सहायता मिली। वह इस पाठ्यक्रम में भाग लेने वाले पहले भारतीय सैन्य अधिकारी थे। हालाँकि अधिकारियों को आम तौर पर पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद स्टाफ की नियुक्ति दी जाती थी, लेकिन करिअप्पा को दो साल बाद तक स्टाफ की नियुक्ति नहीं दी गई थी। इस दौरान उन्होंने उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत पर अपनी इकाई के साथ रेजिमेंटल सेवा प्रदान की। मार्च 1936 में उन्हें दक्कन क्षेत्र का स्टाफ कैप्टन नियुक्त किया गया। 1938 में करिअप्पा को मेजर के पद पर पदोन्नत किया गया।, उन्हें उप सहायक एडजुटेंट और क्वार्टर मास्टर जनरल (डीएए और क्यूएमजी) नियुक्त किया गया। द्वितीय विश्व युद्ध 1939 में, भारतीय सेना के अधिकारी रैंकों के भारतीयकरण के विकल्पों की जांच करने के लिए स्कीन समिति की स्थापना की गई थी। करिअप्पा लगभग 19 वर्षों की सेवा के साथ सबसे वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों में से एक थे। समिति ने उनके साथ कई चर्चाएँ कीं। उन्होंने सेना में भारतीय अधिकारियों के साथ हो रहे व्यवहार पर नाराजगी जताई। उन्होंने नियुक्तियों, पदोन्नति, लाभों और भत्तों के मामले में भारतीय अधिकारियों के प्रति दिखाए जाने वाले भेदभाव पर जोर दिया। इन सब सुविधाओं के हकदार सिर्फ यूरोपीय अधिकारी थे, भारतीय अधिकारी नहीं। द्वितीय विश्व युद्ध शुरू होने के बाद, करिअप्पा को देराजात में मौजूद 20वीं भारतीय ब्रिगेड में ब्रिगेड प्रमुख के रूप में तैनात किया गया था। बाद में उन्हें 10वें भारतीय डिवीजन (जो इराक़ में तैनात था) के उप सहायक क्वार्टर मास्टर जनरल (डीएक्यूएमजी) के रूप में नियुक्त किया गया। उन्होंने जनरल (बाद में फील्ड मार्शल) विलियम स्लिम के 10वें डिवीजन के डीएए और क्वार्टरमास्टर जनरल के रूप में मेन्शंड इन डिस्पैचैस अर्जित किया। उन्होंने 1941-1942 में इराक़, ईरान और सीरिया में तथा 1943-1944 में बर्मा में अपनी सेवा प्रदान की। मार्च 1942 में भारत वापस आने पर उन्हें फ़तेहगढ़ में नवगठित 7वीं राजपूत मशीनगन बटालियन के सेकेंड-इन-कमांड के रूप में तैनात किया गया। 15 अप्रैल 1942 को उन्हें कार्यवाहक लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में पदोन्नत किया गया और उसी बटालियन का कमांडिंग ऑफिसर नियुक्त किया गया। 15 जुलाई को उन्हें अस्थायी लेफ्टिनेंट-कर्नल के रूप में पदोन्नति मिली। इस नियुक्ति के साथ वह भारतीय सेना में बटालियन की कमान संभालने वाले पहले भारतीय बन गए। करिअप्पा नई गठित बटालियन को प्रशासन, प्रशिक्षण और हथियारों के संचालन के मामले में स्थिर करने में सफल रहे। यूनिट को बाद में 52वें राजपूत के रूप में पुनः नामित किया गया और 43वें भारतीय बख्तरबंद विभाग के अंतर्गत रखा गया। कुछ महीनों की अवधि के भीतर, यूनिट ने दो परिवर्तन और दो चालें देखीं। सबसे पहले, बटालियन को बख्तरबंद रेजिमेंट में बदलने के लिए उसकी मशीनगनों को टैंकों से बदल दिया गया। लेकिन जल्द ही बटालियन को पैदल सेना में वापस कर दिया गया और 17/7 राजपूत के रूप में पुनः नामित किया गया। बटालियन को इसके बाद सिकंदराबाद ले जाया गया। इस कदम से यूनिट के सैनिकों में अशांति फैल गई जिसे करिअप्पा ने सफलतापूर्वक संभाला। युद्धोपरांत जीवन 1 मई 1945 को, करियप्पा को ब्रिगेडियर के रूप में पदोन्नत किया गया, वह पूरी तरह से रैंक हासिल करने वाले पहले भारतीय अधिकारी बन गए। आख़िरकार, नवंबर में, करिअप्पा को वज़ीरिस्तान में बन्नू फ्रंटियर ब्रिगेड का कमांडर बनाया गया। इसी समय के दौरान कर्नल अयूब खान - बाद में फील्ड मार्शल और पाकिस्तान के राष्ट्रपति (1962-1969) - ने उनके अधीन काम किया। टिप्पणी सन्दर्भ स्रोत ग्रंथ बाहरी कड़ियाँ Profile on Bharat Rakshak.com भारतीय सेना भारतीय सेनाध्यक्ष 1899 में जन्मे लोग १९९३ में निधन
ट्रेन के इंतजार में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बैठने में अब आपको बोरियत नहीं होगी, क्योंकि रेलवे भारत के इस सबसे व्यस्त स्टेशन के लिए मुफ्त वाई-फाई की सुविधा लेकर आ रहा है। यात्रियों की सुविधा के लिए स्टेशन पर मुफ्त वाई-फाई देने वाला देश का यह पहला स्टेशन होगा। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर रोजाना लगभग तीन सौ ट्रेनों और पांच लाख यात्रियों की आवाजाही रहती है। इस स्टेशन को देश का पहला वाई-फाई सुविधायुक्त स्टेशन बनाया जाएगा, ताकि बड़े अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों जैसी आधुनिक सुविधाएं यहां मिल सकें। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, नई दिल्ली स्टेशन को वाई-फाई सुविधायुक्त स्टेशन बनाने के लिए मुंबई आधारित एक कंपनी को काम सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि कंपनी का चयन निविदा के जरिये किया गया था। वाई-फाई नेटवर्किंग की एक चर्चित तकनीक है, जिसमें रेडियो तरंगों के इस्तेमाल से तेज गति का वायरलेस इंटरनेट और नेटवर्क कनेक्शन उपलब्ध कराया जाता है। रेल अधिकारी ने कहा कि एक बार शुरू हो जाने के बाद स्टेशन के सभी 16 प्लेटफार्मों पर यात्री अपने लैपटॉप या मोबाइल फोनों के जरिए वाई-फाई की सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। अधिकारी ने कहा कि लगभग 80 लाख की लागत वाली इस सुविधा की शुरुआत के लिए नई दिल्ली स्टेशन को प्रायोगिक आधार पर चुना गया है। टिप्पणियां उन्होंने कहा, यह सुविधा तीन से चार माह में शुरू हो जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि कंपनी इस सुविधा को पहुंचाने के लिए सभी रणनीतिक स्थानों पर टावर लगाएगी। इस सुविधा का विस्तार अन्य स्टेशनों तक भी किया जाएगा। रेलवे हावड़ा राजधानी ट्रेनों में पहले ही वाई-फाई सुविधा उपलब्ध करवा रही है। नई दिल्ली स्टेशन पर सूचना देने वाले किओस्क को टैबलेट कंप्यूटरों के साथ बदलने की भी योजनाएं हैं। अधिकारी ने कहा, हम यात्रियों के लाभ के लिए स्टेशन में कुछ जगहों पर दीवारों पर टैबलेट लगाने की सोच रहे हैं। इस टैबलेट में ट्रेन की स्थिति, आगमन का संभावित समय और यात्री के लिए जरूरी सूचनाएं उपलब्ध रहेंगी। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर रोजाना लगभग तीन सौ ट्रेनों और पांच लाख यात्रियों की आवाजाही रहती है। इस स्टेशन को देश का पहला वाई-फाई सुविधायुक्त स्टेशन बनाया जाएगा, ताकि बड़े अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों जैसी आधुनिक सुविधाएं यहां मिल सकें। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, नई दिल्ली स्टेशन को वाई-फाई सुविधायुक्त स्टेशन बनाने के लिए मुंबई आधारित एक कंपनी को काम सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि कंपनी का चयन निविदा के जरिये किया गया था। वाई-फाई नेटवर्किंग की एक चर्चित तकनीक है, जिसमें रेडियो तरंगों के इस्तेमाल से तेज गति का वायरलेस इंटरनेट और नेटवर्क कनेक्शन उपलब्ध कराया जाता है। रेल अधिकारी ने कहा कि एक बार शुरू हो जाने के बाद स्टेशन के सभी 16 प्लेटफार्मों पर यात्री अपने लैपटॉप या मोबाइल फोनों के जरिए वाई-फाई की सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। अधिकारी ने कहा कि लगभग 80 लाख की लागत वाली इस सुविधा की शुरुआत के लिए नई दिल्ली स्टेशन को प्रायोगिक आधार पर चुना गया है। टिप्पणियां उन्होंने कहा, यह सुविधा तीन से चार माह में शुरू हो जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि कंपनी इस सुविधा को पहुंचाने के लिए सभी रणनीतिक स्थानों पर टावर लगाएगी। इस सुविधा का विस्तार अन्य स्टेशनों तक भी किया जाएगा। रेलवे हावड़ा राजधानी ट्रेनों में पहले ही वाई-फाई सुविधा उपलब्ध करवा रही है। नई दिल्ली स्टेशन पर सूचना देने वाले किओस्क को टैबलेट कंप्यूटरों के साथ बदलने की भी योजनाएं हैं। अधिकारी ने कहा, हम यात्रियों के लाभ के लिए स्टेशन में कुछ जगहों पर दीवारों पर टैबलेट लगाने की सोच रहे हैं। इस टैबलेट में ट्रेन की स्थिति, आगमन का संभावित समय और यात्री के लिए जरूरी सूचनाएं उपलब्ध रहेंगी। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, नई दिल्ली स्टेशन को वाई-फाई सुविधायुक्त स्टेशन बनाने के लिए मुंबई आधारित एक कंपनी को काम सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि कंपनी का चयन निविदा के जरिये किया गया था। वाई-फाई नेटवर्किंग की एक चर्चित तकनीक है, जिसमें रेडियो तरंगों के इस्तेमाल से तेज गति का वायरलेस इंटरनेट और नेटवर्क कनेक्शन उपलब्ध कराया जाता है। रेल अधिकारी ने कहा कि एक बार शुरू हो जाने के बाद स्टेशन के सभी 16 प्लेटफार्मों पर यात्री अपने लैपटॉप या मोबाइल फोनों के जरिए वाई-फाई की सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। अधिकारी ने कहा कि लगभग 80 लाख की लागत वाली इस सुविधा की शुरुआत के लिए नई दिल्ली स्टेशन को प्रायोगिक आधार पर चुना गया है। टिप्पणियां उन्होंने कहा, यह सुविधा तीन से चार माह में शुरू हो जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि कंपनी इस सुविधा को पहुंचाने के लिए सभी रणनीतिक स्थानों पर टावर लगाएगी। इस सुविधा का विस्तार अन्य स्टेशनों तक भी किया जाएगा। रेलवे हावड़ा राजधानी ट्रेनों में पहले ही वाई-फाई सुविधा उपलब्ध करवा रही है। नई दिल्ली स्टेशन पर सूचना देने वाले किओस्क को टैबलेट कंप्यूटरों के साथ बदलने की भी योजनाएं हैं। अधिकारी ने कहा, हम यात्रियों के लाभ के लिए स्टेशन में कुछ जगहों पर दीवारों पर टैबलेट लगाने की सोच रहे हैं। इस टैबलेट में ट्रेन की स्थिति, आगमन का संभावित समय और यात्री के लिए जरूरी सूचनाएं उपलब्ध रहेंगी। रेल अधिकारी ने कहा कि एक बार शुरू हो जाने के बाद स्टेशन के सभी 16 प्लेटफार्मों पर यात्री अपने लैपटॉप या मोबाइल फोनों के जरिए वाई-फाई की सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। अधिकारी ने कहा कि लगभग 80 लाख की लागत वाली इस सुविधा की शुरुआत के लिए नई दिल्ली स्टेशन को प्रायोगिक आधार पर चुना गया है। टिप्पणियां उन्होंने कहा, यह सुविधा तीन से चार माह में शुरू हो जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि कंपनी इस सुविधा को पहुंचाने के लिए सभी रणनीतिक स्थानों पर टावर लगाएगी। इस सुविधा का विस्तार अन्य स्टेशनों तक भी किया जाएगा। रेलवे हावड़ा राजधानी ट्रेनों में पहले ही वाई-फाई सुविधा उपलब्ध करवा रही है। नई दिल्ली स्टेशन पर सूचना देने वाले किओस्क को टैबलेट कंप्यूटरों के साथ बदलने की भी योजनाएं हैं। अधिकारी ने कहा, हम यात्रियों के लाभ के लिए स्टेशन में कुछ जगहों पर दीवारों पर टैबलेट लगाने की सोच रहे हैं। इस टैबलेट में ट्रेन की स्थिति, आगमन का संभावित समय और यात्री के लिए जरूरी सूचनाएं उपलब्ध रहेंगी। उन्होंने कहा, यह सुविधा तीन से चार माह में शुरू हो जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि कंपनी इस सुविधा को पहुंचाने के लिए सभी रणनीतिक स्थानों पर टावर लगाएगी। इस सुविधा का विस्तार अन्य स्टेशनों तक भी किया जाएगा। रेलवे हावड़ा राजधानी ट्रेनों में पहले ही वाई-फाई सुविधा उपलब्ध करवा रही है। नई दिल्ली स्टेशन पर सूचना देने वाले किओस्क को टैबलेट कंप्यूटरों के साथ बदलने की भी योजनाएं हैं। अधिकारी ने कहा, हम यात्रियों के लाभ के लिए स्टेशन में कुछ जगहों पर दीवारों पर टैबलेट लगाने की सोच रहे हैं। इस टैबलेट में ट्रेन की स्थिति, आगमन का संभावित समय और यात्री के लिए जरूरी सूचनाएं उपलब्ध रहेंगी। नई दिल्ली स्टेशन पर सूचना देने वाले किओस्क को टैबलेट कंप्यूटरों के साथ बदलने की भी योजनाएं हैं। अधिकारी ने कहा, हम यात्रियों के लाभ के लिए स्टेशन में कुछ जगहों पर दीवारों पर टैबलेट लगाने की सोच रहे हैं। इस टैबलेट में ट्रेन की स्थिति, आगमन का संभावित समय और यात्री के लिए जरूरी सूचनाएं उपलब्ध रहेंगी।
यह एक लेख है: बॉलीवुड इंडस्ट्री में अभिनेता ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) का 19वां साल चल रहा है और इस दौरान उन्होंने दर्शकों को 'कहो ना..प्यार है', 'कृष', 'जिंदगी ना मिलेगी दोबारा' और उनकी हालिया रिलीज 'वॉर' (War) जैसी कई बेहतरीन फिल्में दी हैं. हाल ही ऋतिक रोशन ने स्टारडम को लेकर अपनी राय पेश की है. ऋतिक रोशन ने बताया कि उनका मानना है कि स्टारडम की एक छोटी सी कीमत होती है. दरअसल, ऋतिक रोशन  (Hrithik Roshan) से स्टारडम को लेकर सवाल पूछा गया था, जिसपर उन्होंने कहा, "इसकी कीमत यह है कि आपको जिम्मेदारी लेनी होगी. सामाजिक जिम्मेदारी आपके कंधे पर होगी. आपको आपके द्वारा कही गई बातों के लिए जवाबदेह होना होगा. आपको अपनी निजता का त्याग थोड़ा बहुत करना होगा." उन्होंने आगे कहा, "लेकिन यह एक छोटी सी कीमत है क्योंकि स्टारडम का इस्तेमाल कई सारी अच्छी चीजों के लिए किया जा सकता है. आप कई सारी चीजों को खोने के साथ-साथ कई चीजों को हासिल भी करते हैं, तो मुझे नहीं लगता है कि इसमें शिकायत की कोई वजह होनी चाहिए." बता दें कि हाल ही में आई ऋतिक रोशन  (Hrithik Roshan) की 'वॉर' ने सिनेमाहॉल में दमदार प्रदर्शन करते हुए बॉक्स ऑफिस पर भी ताबड़तोड़ कमाई की है. उनकी फिल्म का आंकड़ा 310 करोड़ के पार चला गया है. खास बात तो यह है कि ऋतिक की यह फिल्म तीन हफ्ते में ही 300 करोड़ के क्लब में शामिल हो गई थी. इस फिल्म में दर्शकों को टाइगर श्रॉफ और ऋतिक रोशन की जोड़ी को साथ में देखने का मौका मिला था.
दुबई एक बार फिर दुनिया को एक आलीशान इमारत देने जा रहा है. दुबई दुनिया की सबसे ऊंची 'ट्विस्‍टेड टावर' का उद्घाटन करने वाला है. इसे बनाने में 272 मिलियन डॉलर का खर्च आया है. इस इमारत ने इंजीनियरिंग के हुनर का नायाब नमूना पेश किया है. 310 मीटर और 75 मंजिला आवासीय कायन टावर ऊपर से नीचे तक ट्विस्‍टेड है. इसका उद्घाटन इसी सप्‍ताह होगा. कायन टावर को बनाने वाली कंपनी ने कहा कि इसके 80 प्रतिशत आवासीय यूनिट बिक चुके हैं. इसके निर्माण का काम वर्ष 2006 में शुरू हुआ था, लेकिन तकनीकी कारणों और वर्ष 2009 में दुबई में आए वैश्विक वित्‍तीय संकट के कारण इसके काम में देरी हुई. इस इमारत का डिजाइन विश्‍व की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा बनाने वाले मास्‍टर माइंड शिकागो के स्किडमोर ओविंग्‍स और मेरिल ने तैयार किया है. 828 मीटर और 160 मंजिला बुर्ज खलीफा ने जनवरी 2010 में उद्घाटन के बाद आर्किटेक्‍चर के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. मई 2012 में 413.4 मीटर का प्रिंसेस टावर तैयार किया था. गिनिज बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकॉर्ड के मुताबिक यह विश्‍व की सबसे ऊंची आवसीय इमारत है. वर्ष 2012 में ही अमीरात ने विश्‍व का सबसे ऊंचा होटल 355 मीटर का ट्विन टावर जेडब्‍ल्‍यू मैरियट मारक्विस तैयार किया.
क्रिकेट आस्ट्रेलिया की गेंद से छेड़छाड़ मामले में आज दक्षिण अफ्रीका में आपात बैठक होगी, जिसमें कोच कोच डेरेन लेहमन और कप्तान स्टीव स्मिथ के भविष्य का फैसला किया जाएगा.क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख जेम्स सदरलैंड पर कड़ा फैसला करने के लिए भारी दबाव है, क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने टीम संस्कृति को बदहाल करार दिया है. वह आज जोहानिसबर्ग पहुंचेंगे, जहां वह इस संस्था की आचार संहिता संबंधी समिति के प्रमुख इयान रॉय से मिलेंगे. सदरलैंड और रॉय कड़े फैसले कर सकते हैं और रिपोर्टों के अनुसार वे स्मिथ और उपकप्तान डेविड वॉर्नर पर 12 महीने का प्रतिबंध लगाकर उन्हें स्वदेश भेज सकते हैं. स्मिथ गेंद से छेड़खानी की योजना बनाने में शामिल होने के कारण पहले ही एक मैच का प्रतिबंध झेल रहे हैं, जो उन पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने लगाया है. स्मिथ के साथी कैमरन बेनक्रॉफ्ट को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच के दौरान गेंद से छेड़छाड़ करते हुए पाया गया था. इसका मतलब है कि वह जोहानिसबर्ग में शुक्रवार से शुरू होने वाले चौथे और अंतिम टेस्ट मैच में नहीं खेल पाएंगे. लेहमन इस विवाद के शुरू होने के बाद से ही चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन ब्रिटिश टेलीग्राफ के अनुसार उन्होंने अपना पद छोड़ने का फैसला कर लिया है, जो कि तुरंत प्रभाव से लागू होगा. इसका मतलब है कि वह भी इस टेस्ट मैच का हिस्सा नहीं होंगे. डेरेन लेहमन 2013 में टीम के कोच बने थे, जब मिकी ऑर्थर को बर्खास्त किया गया था. जस्टिन लैंगर को उनका स्थान लेने के लिए मजबूत दावेदार माना जा रहा है, हालांकि रिकी पोंटिंग का नाम भी चर्चा में है. सदरलैंड ने क्रिकेट प्रेमियों को भेजे ई-मेल में कहा, ‘हम बुधवार की सुबह तक आस्ट्रेलियाई जनता को जांच और परिणामों से अवगत कराने की स्थिति में रहेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘हम इस स्थिति पर सभी के सरोकारों को समझते हैं तथा हम इसमें शामिल संबंधित मुद्दों से अच्छी तरह से निबटने के लिए उचित प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं.’
डिस्पेंसरी जॉर्जियाई टाउन घर है जो मॉनमाउथ, वेल्स, में नगर केंद्र के कई घरों के बीच काफी विशिष्ट है। इस इमारत का निर्माण मध्य १८ वीं शताब्दी में हुआ था, परन्तु शुरुआती १९ वीं सदी के परिवर्धनों के साथ यह अपने वास्तविक रूप में पूरी हुई। यह सेंट जेम्स स्क्वायर में कटॅलपा वृक्ष के विपरीत खड़ी है। २७ जून १९५२ को इस इमारत को यूनाइटेड किंगडम की ग्रेड द्वितीय सूचीबद्ध इमारत घोषित कर दिया गया। न्यूमैन इसे जेम्स स्ट्रीट का "एक ठोस ठोस अठारहवीं सदी का घर कहते हैं", हालांकि बाद के वर्षों में इसके आसपास आकर्षक फ़साड्स भी बन गए। औषधालय यहाँ १८५७ में स्थापित किया गया था। यह १८६८ में मॉनमाउथ अस्पताल और औषधालय बन गया जिसमें कुल नौ बिस्तर थे। इसको १९०३ में स्थान्तरित किया गया था। डिस्पेंसरी कई इमारत मॉनमाउथ हेरिटेज ट्रेल कई २४ इमारतों में से एक है व इसकी एक दीवार पर यह एक चीनी मिट्टी कई नीली पट्टिका द्वारा चिह्नित है। सन्दर्भ मॉनमाउथ मॉनमाउथशायर का इतिहास मॉनमाउथशायर के भवन और संरचनाएँ
मंत्री ने बताया कि खाद्य विभाग द्वारा मेला स्थल पर दाल-भात केंद्र खोले जाएंगे। मेले के दौरान राजीव लोचन मंदिर, कुलेश्वर मंदिर, मामा-भांचा मंदिर सहित नवापारा और राजिम के अन्य सभी मंदिरों में रोशनी की जाएगी। टिप्पणियां मेला स्थल पर एम्बुलेंस की व्यवस्था भी की जा रही है। सुरक्षा की दृष्टि से पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा बल की तैनाती की जाएगी। आसपास के कई गांवों के कोटवारों की भी ड्यूटी सुरक्षा के लिए लगाई गई है।  (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) मेला स्थल पर एम्बुलेंस की व्यवस्था भी की जा रही है। सुरक्षा की दृष्टि से पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा बल की तैनाती की जाएगी। आसपास के कई गांवों के कोटवारों की भी ड्यूटी सुरक्षा के लिए लगाई गई है।  (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
दक्षिण पश्चिम दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से रिपब्लिक ऑफ कांगो और नाइजीरिया के दो अफ्रीकी नागरिकों का शव रहस्यमय परिस्थितियों में पाया गया. पुलिस ने रविवार को बताया कि पहली घटना में कांगो के 25 वर्षीय नागरिक को गोलियों से छलनी शव दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के द्वारका सेक्टर पांच इलाके में रविवार सुबह एक कार से बरामद किया गया. एक अन्य घटना में एक नाइजीरियाई नागरिक जस्टिन ओकाफिर का शव दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के जामिया नगर में पाया गया. वह शालीमार बाग इलाके के फोर्टिस अस्पताल से लापता हो गया था. पुलिस ने बताया कि वह हाल ही में भारत आया था और शालीमार बाग के फोर्टिस अस्पताल में उसका इलाज किया जा रहा था.
विल्क्स धरती (Wilkes Land) पूर्वी अंटार्कटिका एक बड़ा भूभाग है, जिसका अनुमानित क्षेत्रफल २६ लाख वर्ग किलोमीटर है। तुलना के लिये भारत का क्षेत्रफल लगभग ३२ लाख वर्ग किमी है। विल्क्स धरती क्षेत्र तट से दक्षिणी ध्रुव तक जाता है और क़रीब पूरा-का-पूरा हिमचादर से ढका हुआ है। इसके पश्चिम में रानी मेरी धरती है और पूर्व में आदेली धरती है। ऑस्ट्रेलिया यहाँ पर अपनी सम्प्रभुता बताता है, लेकिन न तो उसे विश्व के अन्य देश स्वीकारते हैं और न ही इसे अंटार्कटिक संधि में मान्यता दी गई है। विल्क्स धरती क्रेटर २००६ में अंतरिक्ष यान द्वारा एकत्रित गुरुत्वाकर्षण-सम्बन्धित जानकारी से यह मालूम हुआ कि विल्क्स धरती के क्षेत्र में हिमचादर की मोटी बर्फ़ के नीचे छुपा हुआ एक ३०० मील चौड़ा प्रहार क्रेटर है। अध्ययन से वैज्ञानिक अनुमान लगते हैं कि यह आज से लगभग २५ करोड़ वर्ष पूर्व हुए एक क्षुद्रग्रह प्रहार से बना था। इन्हें भी देखें हिमचादर पूर्वी अंटार्कटिका रानी मेरी धरती आदेली धरती सन्दर्भ अंटार्कटिका का भूगोल अंटार्कटिका के क्षेत्र अंटार्कटिका में सम्प्रभुता के दावे पूर्वी अंटार्कटिका
दिल्ली विधानसभा में जनलोकपाल बिल पेश करने वाली आम आदमी पार्टी अपने ही पुराने साथियों के निशाने पर आ गई. चारों तरफ से हमला होते देख पार्टी अन्ना हजारे की शरण में जा पहुंची. कुमार विश्वास और संजय सिंह अन्ना से मिलने उनके गांव रालेगण सिद्धी पहुंचे. अन्ना से मुलाकात करने के बाद कुमार विश्वास ने  कहा कि हमने अन्ना जी के सुझाव सरकार को दे दिए हैं. जांच का सुझाव भी हमने मान लिया है, जिसमें केंद्र के विभाग में जांच वाली बात भी थी. विश्वास ने कहा कि खुद प्रशांत जी ने भी कहा कि 15 ड्राफ्ट बने. बिल जब रखे जाते हैं तो संशोधन होते हैं. बिल का विरोध करने वाले प्रशांत भूषण पर हमला करते हुए विश्वास ने कहा कि रामलीला मैदान के बाद भी बिल बदले लेकिन उत्तेजित होकर साथी को बदजात कहना ठीक नहीं है. प्रशांत ने बिल पर केजरीवाल को बहस की खुली चुनौती दी थी. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से बहस होनी चाहिए लेकिन बहस में ये ना हो की राघव बदजात है और आशीष चौकीदार है. बेशक अरविन्द से भी बहस कर लें. अब ज्यादा बेहतर होगा की प्रशांत भूषण अन्ना हजारे से बहस कर लें. कांग्रेस द्वारा बिल का समर्थन करने पर कुमार विश्वास ने कहा कि कांग्रेस अगर समर्थन करना चाहती है तो जहां उनकी सरकार है वहां ये बिल लगवा दें. क्यों राहुल गांधी लोकपाल की नियुक्ति नहीं करवाते?. उम्मीद है मोदी सरकार इसे पास करके मजबूत लोकपाल दिल्ली वालों को देगी.
जम्मू-कश्मीर के सुंजवां आर्मी कैंप में शनिवार को हुए आतंकी हमले में घायल होने वाली परमजीत कौर ने आर्मी हॉस्पिटल में एक बेबी गर्ल को जन्म दिया है. परमजीत कौर आतंकी हमले में शहीद होने वाले लेफ्टिनेंट मदन लाल चौधरी की रिलेटिव हैं. कौर को घायल होने के बाद सतवारी के मिलिट्री अस्पताल में एडमिट कराया गया. हमले के बाद जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री घायलों से मिलने सतवारी के आर्मी अस्पताल पहुंची थीं. उस दौरान वहां के डॉक्टरों ने परमजीत कौर के बारे में मुख्यमंत्री को बताया और कौर की सारी डीटेल्स भी मुख्यमंत्री को सौंपी. सुंजवां आर्मी कैंप में घुसे 3 आतंकी ढेर, अंतिम प्रहार की तैयारी में भारतीय सेना सैनिकों की फैमिली को बनाया था निशाना बता दें कि शनिवार को आतंकी दबे पांव सेना के कैंप में घुस आए थे और सीधे जवानों के परिवार वाले क्वॉर्टर को निशाना बनाया था. हमले के तुरंत बाद सेना ने मोर्चा संभाला. फौज की क्विक रिएक्शन टीम हरकत में आ गई. सेना की ओर से जवाबी फायरिंग शुरू हुई. सेना का पहला मकसद आतंकियों को एक जगह घेर लेना था, जिससे वो कोई बड़ा नुकसान ना कर सके. इमारत से लोगों को बाहर न आने की नसीहत दी गई थी. जम्मू में आर्मी कैंप आतंकी हमला, विधानसभा में लगे पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे सूबेदार मदन लाल चौधरी हुए शहीद सेना के मुताबिक आतंकी जिस फौजी क्वॉर्टर में घुसे थे, वहां सैनिकों का परिवार फंसा था. इससे पहले कि आतंकी उन्हें नुकसान पहुंचाते सेना की टुकड़ी ने सीधा हमला किया. उनका मकसद परिवार वालों को सुरक्षित निकालना था. दोनों तरफ से चली फायरिंग में सेना के एक जेसीओ और जवान शहीद हो गए, जबकि 4 घायलों में एक कर्नल रैंक के आर्मी ऑफिसर, हवलदार अब्दुल हामिद, लांस नायक बहादुर सिंह और सूबेदार चौधरी की बेटी शामिल हैं.
पाकिस्तानी मीडिया में रविवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक यदि आईएसआई के साथ अपने रिश्तों को अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए सामान्य बनाना चाहता है, तो गेंद उसी के पाले में है। डॉन अखबार ने एक सैन्य अधिकारी के हवाले से बताया है कि यह सीआईए पर निर्भर है कि वह अमेरिकी राजनयिक रेमंड डेविस की गिरफ्तारी से पूर्व के स्तर तक अपने संबंध :आईएसआई के साथ: को ले जाएं। गौरतलब है कि दो पाकिस्तानी नागरिकों की हत्या के आरोप में डेविस को गिरफ्तार किया गया है। मुख्य सैन्य प्रवक्ता मेजर जनरल अतहर अब्बास ने हालांकि सीआईए प्रमुख लीयोन पानेटा और आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा के बीच प्रत्यक्ष संपर्क होने की खबरों पर टिप्पणी करने से इंकार किया है। गौरतलब है कि मीडिया में आई खबरों में कहा गया था कि पानेटा ने डेविस के विवादास्पद मुद्दे पर पाशा से फोन पर बात की थी। इसबीच, आईएसआई ने पाकिस्तान में मौजूद सीआईए के सभी सदस्यों के नामों का खुलासा करने को कहा है। सेना के अन्य अधिकारी ने कहा कि पेशावर से सीआईए के एक और संदिग्ध सदस्य और अमेरिकी नागरिक की गिरफ्तारी से संकेत मिलता है कि पाकिस्तान की जानकारी के बगैर सीआईए के कई और सदस्य यहां की सरजमीं पर मौजूद हो सकते हैं। सैन्य अधिकारी ने कहा, हम उनके लिए बहुत कुछ कर रहे हैं और जिस तरह का हमारे साथ बर्ताव किया जा रहा है, वैसा नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में 80,000 अमेरिकी सैनिक हैं जो पाकिस्तान पर निर्भर हैं। कई राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तानी सेना इस विवाद को एक ऐसे मौके के रूप में देख रही है जिसके जरिए वे पाकिस्तान में अमेरिकी अधिकारियों और सीआईए के सदस्यों की गतिविधियों पर रोक लगा सकती है। पाकिस्तानी सेना मौजूदा सरकार की ओर से अमेरिकी नागरिकों को वीजा जारी करने में नरम नीति का पालन किए जाने से भी खुश नहीं हैं।
लेख: ग्रेटर नोएडा में गुरुवार को तेजाब हमले (Acid Attack) में एक 22 वर्षीय महिला ने अपनी आंखों की रोशनी गंवा दी. इसके लिए महिला ने अपने दो भाइयों को जिम्मेदार ठहराया है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस भयावह हमले के कुछ मिनट बाद पीड़िता को पुलिस ने लोहाराली टोल प्लाजा के पास जी.टी.रोड से बचाया. तेजाब हमले से पीड़िता का चेहरा और गला झुलस गया है. उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती कराया गया है. पुलिस ने डॉक्टरों के हवाले से कहा कि पीड़िता अपनी दोनों आंखों की रोशनी खो चुकी है. पुलिस ने बताया कि पीड़ित महिला बुलंदशहर के गुलावटी गांव की रहने वाली है. उसने अपने भाइयों का नाम हमलावर के तौर पर बताया है और कहा कि उन्होंने पहले भी उसे मारने की कोशिश की थी. पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ एसिड अटैक (Acid Attack) से संबंधित आईपीसी की धारा 326 और हत्या करने के प्रयास की धारा 307 के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है. फिलहाल इस मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.
एक सप्ताह की मोहलत के बाद भी उत्तर प्रदेश में हज यात्रा के लिए आवेदकों का आंकड़ा 27 हजार भी पार नहीं कर सका है. अंतिम तिथि में अब मात्र तीन दिन ही शेष रह गए हैं. ऐसे में राज्य हज कमेटी को प्रदेश का हज कोटा घटने की चिंता सता रही है. ऐसे में पिछले साल के बराबर ही इस बार भी हज आवेदकों को सऊदी अरब भेजने के लिए कमेटी ने कवायद भी शुरू कर दी है. प्रत्येक वर्ष हिंदुस्तान से करीब 1.19 लाख आवेदकों को सऊदी अरब में हज करने का मौका मिल रहा था. देश के इस कोटे को अन्य प्रदेशों में मुस्लिम आबादी के अनुसार बांटा गया था. यूपी में सर्वाधिक आबादी होने के कारण अन्य प्रदेशों का बचा कोटा भी अंत तक यूपी की झोली में ही आ जाता है. पिछले साल करीब 32,500 लोगों को हज यात्रा का मौका नसीब हुआ था, जबकि यात्रा के लिए 35 हजार से अधिक लोगों ने आवेदन किया था, लेकिन इस बार हज आवेदन के समय पासपोर्ट की फोटो कॉपी संलग्न करने की अनिवार्यता व पहली किश्त में पांच हजार का इजाफा होने सहित कई कारणों से आवेदन बहुत कम है. एक सप्ताह का अतिरिक्त समय मिलने के बाद भी आवेदन की रफ्तार धीमी है. कमेटी के एक अधिकारी की माने तो अभी तक 26800 फार्म की इंट्री हुई है. शनिवार शाम तक ही फार्म स्वीकार्य किया जाना है. अब फार्म जमा होने का औसत बहुत कम हो चुका है. एक दिन में करीब 500-800 फार्म ही जमा हो रहें हैं. इसलिए पिछले साल के मुकाबले कम आवेदन फार्म जमा होने के कारण हज कोटे पर इसका असर पड़ेगा.
पूरा देश इस समय दिवाली (Diwali 2019) के रंग में रंगा हुआ है. फिल्मी सितारे भी इससे अछूते नहीं हैं. हाल ही में, बॉलीवुड के किंग यानी शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) ने भी अपने अंदाज में देशवासियों को दिवाली की बधाई दी. शाहरुख खान ने अपने इंस्टाग्राम एकाउंट से एक फोटो शेयर की, जिसमें तीनों के माथे पर तिलक लगाया हुआ था. इस फोटो में अबराम (Abram) और गौरी खान भी उनके साथ थे. इस फोटो को शेयर करते हुए शाहरुख खान ने कैप्शन में फैन्स को दिवाली की शुभकामनाएं देते हुए लिखा, 'हैप्पी दिवाली सबको, आपकी जिंदगी भी रोशनी से भर जाए.' #HappyDiwali to everyone. May your lives be lit up and happy. A post shared by Shah Rukh Khan (@iamsrk) on Oct 27, 2019 at 11:59am PDT जैसे ही शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) ने इस फोटो को अपने इंस्टाग्राम एकाउंट पर पोस्ट किया. ट्रेलर्स ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया. अब बॉलीवुड की दिग्गज एक्ट्रेस शबाना आजमी (Shabana Azmi) दिवाली पर इस पोस्ट को लेकर उनके सपोर्ट में उतरीं हैं और ट्रोलर्स को करारा जवाब दे रही हैं. हाल ही में, शबाना आजमी ने ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है, 'मैं इसे पढ़कर हैरान हूं कि शाहरुख खान की दिवाली की बधाई पर कट्टरपंथी इस्लामिक उन पर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं, तिलक लगाने पर उन्हें 'नकली मुसलमान' कहा जा रहा है!...इस्लाम इतना कमजोर नहीं है कि उसे इस खूबसूरत भारतीय परंपरा से खतरा पैदा हो जाए. भारत की खूबसूरती इसकी गंगा जमुनी तहजीब में है.' Appalled to read that @iamsrk Diwali greeting invites wrath of rabid Islamists, gets called a “False Muslim” for sporting a tilak!”FUNDOS get a life! Islam is not so weak that it stands threatened by what is a beautiful Indian custom.Indias beauty is in her GangaJamuni tehzeeb शबाना आजमी (Shabana Azmi) ने इस तरह कट्टरपंथियों को जवाब दिया है, और शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) को ट्रोल करने वालों की बोलती बंद करने का काम किया है. उनका यह ट्वीट खूब वायरल हो रहा है और लोग उनकी बात से सहमति भी जता रहे हैं. हालांकि इस मुद्दे पर अभी तक शाहरुख खान का कोई रिएक्शन नहीं आया है.
कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने इस साल मार्च के अंत तक बहुद्देशीय वाहन (एमपीवी) एर्टिगा लॉन्च करने की योजना बनाई है। कंपनी ने शुक्रवार को ऑटो एक्सपो में सात सीटों वाले इस वाहन को पेश किया।टिप्पणियां मारुति सुजुकी इंडिया के प्रबंध निदेशक व सीईओ शिंजो नकानिशी ने बताया, ‘हम इस कार की बिक्री जितनी जल्द हो सके, शुरू करना चाहेंगे। लेकिन इसकी व्यावसायिक शुरुआत मार्च के अंत तक शुरू होने की संभावना है।’ हालांकि, उन्होंने इस कार की कीमत नहीं बताई और कहा, ‘यह आकर्षक मूल्य पर उपलब्ध होगी। कंपनी इस नई कार का विनिर्माण अपने गुड़गांव संयंत्र में करेगी।' मारुति सुजुकी इंडिया के प्रबंध निदेशक व सीईओ शिंजो नकानिशी ने बताया, ‘हम इस कार की बिक्री जितनी जल्द हो सके, शुरू करना चाहेंगे। लेकिन इसकी व्यावसायिक शुरुआत मार्च के अंत तक शुरू होने की संभावना है।’ हालांकि, उन्होंने इस कार की कीमत नहीं बताई और कहा, ‘यह आकर्षक मूल्य पर उपलब्ध होगी। कंपनी इस नई कार का विनिर्माण अपने गुड़गांव संयंत्र में करेगी।' हालांकि, उन्होंने इस कार की कीमत नहीं बताई और कहा, ‘यह आकर्षक मूल्य पर उपलब्ध होगी। कंपनी इस नई कार का विनिर्माण अपने गुड़गांव संयंत्र में करेगी।'
अगर आप सरकारी नौकरी पाना चाहते हैं तो इन जगहों में आवेदन जरूर करें. यहां कई पदों पर निकली है वैकेंसी. DDA में नौकरी पाने का मौका LIC में पार्ट टाइम नौकरी पाने का मौका नेहरू युवा केंद्र संगठन में वैकेंसी मेट्रो में कई पदों के लिए नौकरी पाने का मौका 10वीं, 12वीं और ग्रेजुएट उम्मीदवारों के लिए वैकेंसी उत्‍तर प्रदेश पुलिस विभाग में नौकरी UGC में अकाउंट ऑफिसर के लिए वैकेंसी