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पोस्ट पोल सर्वे में आम आदमी पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद अब वहां चिंतन और बहस का दौर चल रहा है. एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक पार्टी अपने काम काज के तरीकों पर विचार कर रही है. इस बात पर भी चर्चा चल रही है कि 49 दिन दिल्ली की सरकार चलाने वाली पार्टी ने दीर्धकालीन निर्णयों की बजाय ब्रेकिंग न्यूज पर ज्यादा ध्यान दिया. पार्टी के कुछ प्रमुख नेताओं ने अखबार को बताया कि आम आदमी पार्टी के सबसे बड़ प्रचारक अरविंद केजरीवाल और उनके तमाम सहयोगी वाराणसी में बैठे रहे जबकि शेष उम्मीदवार उनका इंतजार करते रहे. उन उम्मीदवारों को पार्टी से कोई सहयोग नहीं मिला. नाम न छापने की शर्त पर एक उम्मीदवार ने बताया कि पार्टी का दिल्ली ऑफिस खाली पड़ा था. सभी नेता वाराणसी में डेरा डाले हुए थे. कई उम्मीदवारों को मदद की जरूरत थी. कइयों ने अपने जीवन की कमाई भी लगा दी. उनका मुकाबला जमी-जमाई पार्टियों से था. अब वे सभी बेहद निराश हैं. आम आदमी पार्टी ने उम्मीदवार खड़े करने में एक रिकॉर्ड बना दिया. उसने बीजेपी और कांग्रेस से भी ज्यादा उम्मीदवार खड़े किए. जहां बीजेपी ने 415 उम्मीदवार खड़े किए वहीं कांग्रेस ने 414 और आम आदमी पार्टी ने 426 उम्मीदवार खडे़ कर दिए.उस उम्मीदवार ने बताया कि अरविंद केजरीवाल ही पार्टी के सबसे बड़े नेता हैं और लोग उन्हें सुनना चाहते हैं लेकिन वह ज्यादातर जगहों में गए ही नहीं. वह ज्यादातर समय वाराणसी में ही रहे और उन्होंने अपनी पूरी ताकत वहीं लगा दी. कुछ अन्य नेताओं ने कहा कि वाराणसी में उनकी जीत से पार्टी में जान आ जाती लेकिन हार से पूरी पार्टी का मनोबल गिर जाएगा और कई तरह के सवाल भी खड़े हो जाएंगे. एक अन्य नेता ने कहा कि आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार पार्टी को गाजियाबाद के चार लोग चला रहे हैं. उन्होंने अपना होम वर्क ठीक से नहीं किया. एक अन्य ने कहा कि योगेंद्र यादव को कई सवालों के जवाब देने पड़ेंगे, क्योंकि एक्जिट पोल के मुताबिक हरियाणा में पार्टी का खाता भी खुलने की संभावना नहीं है.
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में नक्सलियों ने पुलिस दल पर घात लगाकर हमला कर दिया है, जिसमें एक पुलिस अधिकारी समेत पांच पुलिसकर्मी शहीद हो गए हैं। वहीं इस घटना में तीन पुलिसकर्मी घायल हैं। राज्य के नक्सल मामलों के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आरके विज ने बताया कि दंतेवाड़ा जिले के कुआकोंडा थाना क्षेत्र के श्यामगिरी की पहाड़ी में आज नक्सलियों ने पुलिस दल पर घात लगाकर हमला कर दिया है जिसमें छत्तीसगढ़ पुलिस के उपनिरीक्षक विवेक शुक्ला, सिपाही छविलाल कासी, सिपाही संदीप साहू, सिपाही धानेश्वर मंडावी और सिपाही नवल किशोर शांडिल्य शहीद हो गए हैं। विज ने बताया कि इस घटना में सिपाही पुष्पेंद्र कुमार, सहायक पुलिस आरक्षक परदेसी राम और सिपाही भागरथी मंडावी घायल हो गए हैं। जबकि चार सिपाही सुरक्षित थाना पहुंच गए हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि श्यामगिरी की पहाड़ी में कुआकोंडा से बचेली मार्ग पर सड़क निर्माण का कार्य हो रहा है। आज छत्तीसगढ़ पुलिस के 12 पुलिसकर्मी सड़क की सुरक्षा के लिए छह मोटरसायकल से निकले थे। पुलिसकर्मी जब थाना से लगभग पांच किलोमीटर दूर पहाड़ी पर पहुंचे तब लगभग एक सौ की संख्या में तैनात नक्सलियों ने घात लगाकर हमला कर दिया। इस गोलीबारी में कुआकोंडा के थानेदार विवेक शुक्ला समेत पांच पुलिसकर्मी शहीद हो गए। विज ने बताया कि घटनास्थल के आसपास बड़ी संख्या में पुलिस जवानों को भेजा गया है तथा पुलिस दल ने हमलावर नक्सलियों की खोजबीन शुरू कर दी है। इधर मुख्यमंत्री रमन सिंह ने हमले की निंदा की है और कहा कि नक्सलियों की इस कायरतापूर्ण करतूत ने यह साबित कर दिया है कि वे ग्रामीणों को सड़क जैसी बुनियादी सुविधा भी नहीं देना चाहते हैं।
देश में जारी आम चुनावों के बीच 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले का मामला एक बार फिर गर्मा गया है, जिसमें डीएमके के कई बड़े नेता देश के इस सबसे बड़े घोटाले में से एक में आरोपी हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा, डीएमके सांसद कनिमाई और 17 अन्य लोगों के खिलाफ 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग के एक मामले में विशेष अदालत के समक्ष आज आरोप पत्र दायर किया। इस आरोपपत्र में डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्माल को भा नाम है। इनके अलावा स्वान टेलीकाम प्राइवेट लि. (एसटीपीएल) के प्रवर्तकों शाहिद उस्मान बलवा तथा विनोद गोयनका का नाम भी आरोपियों की फेहरिस्त में शामिल है। ईडी का आरोप है कि एसटीपीएल के प्रवर्तकों ने डीएमके के कलेंगनर टीवी को 200 करोड़ रुपये दिए थे। इस मामले में अंतिम रिपोर्ट में 10 लोगों और 9 कंपनियों को आरोपी बनाया गया है। ईडी ने अभियोग पत्र में इन लोगों के खिलाफ मनी लांड्रिंग रोधक कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत अभियोग लगाया है। कुसेगांव फूट्र्स एंड वेजिटेबल्स प्राइवेट लि. के निदेशकों आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल, बालीवुड फिल्म निर्माता करीम मोरानी तथा कलेंगनर टीवी के प्रबंध निदेशक शरद कुमार का नाम भी आरोपियों में शामिल है। राजा, कनिमोई, शाहिद बलवा, विनोद गोयनका, आसिफ बलवा, राजीव अग्रवाल, करीम मोरानी तथा शरद कुमार के खिलाफ 2जी घोटाले में और भी मामले  चल रहे हैं। सीबीआई इन मामलों में पहले ही आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय की ओर से विशेष सरकारी वकील नवीन कुमार मट्टा ने विशेष सीबीआई जज ओपी सैनी की अदालत में यह आरोपपत्र दायर किया। उन्होंने कहा कि एजेंसी ने धन के लेन देन की जांच की और उन्होंने पाया कि आरोपी लोगों ने मनी लॉन्ड्रिंग की। जज ने आरोपपत्र पर गौर करने के लिए 30 अप्रैल की तारीख तय की है। ईडी का दावा है कि उसे कलेंगनर टीवी में 200 करोड़ रुपये डाले जाने के बारे में प्रमाण मिले हैं। कलेंगनर टीवी में दयालु अम्माल की 60 फीसदी हिस्सेदारी है। वहीं कनिमोई व शरद कुमार के पास इसकी 20-20 फीसदी हिस्सेदारी है। एजेंसी इस मामले में राजा और कनिमोई से पहले ही पूछताछ कर चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय इससे पहले दोनों डीएमके सांसदों की आमदनी से संबंधित दस्तावेजों की जांच कर चुका है। ईडी ने पीएमएलए के तहत कुछ लोगों तथा कुछ दूरसंचार कंपनियों के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई भी शुरू की है।
पोरस सोनी टीवी पर प्रसारित एक कार्यक्रम था, जिसका प्रीमियर 27 नवंबर 2017 को हुआ, और 13 नवंबर 2018 को इसका आखिरी एपिसोड प्रसारित किया गया। जाट राजा पोरस भारतीय ऐतिहासिक योद्धा और शासक पोरस, पौरवों के राजा और अलेक्जेंडर द ग्रेट, मैसेडोनियन साम्राज्य के राजा के जीवन की कल्पना करते हुए एक ऐतिहासिक ड्रामा टेलीविजन श्रृंखला है। एक और ऐतिहासिक नाटक चंद्रगुप्त मौर्य ने इसे कहानी की सहज निरंतरता के साथ बदल दिया। शो स्वास्तिक प्रोडक्शंस के सिद्धार्थ कुमार तिवारी द्वारा बनाया गया है। यह भारतीय टेलीविजन पर दूसरा सबसे महंगा शो है, जिसमें लगभग 500 करोड़ रुपए का बजट है (लगभग 70 मिलियन अमरीकी डालर)। श्रीलंका में, यह सिरासा टीवी पर प्रसारित होता है, जिसे दिग्विजय नाम के तहत सिंहल में डब किया गया है। नाटक के अधिकार थाईलैंड, मलेशिया, कंबोडिया, म्यांमार, लाओस और वियतनाम को भी बेचे गए हैं। इसे तमिल में मावेरन भी कहा जाता है जो वर्तमान में सन लाइफ चैनल, सन टीवी नेटवर्क पर अक्टूबर 2018 से प्रसारित होता है। मलयालम संस्करण का नाम पोरस है जो वर्तमान में जनवरी 2019 से सूर्या टीवी पर प्रसारित होता है। पटकथा नाटक पोरस और अलेक्जेंडर की कहानी पर केंद्रित है। वे बताते हैं कि उनका मिलना तय था। पोरस एक आदिवासी के रूप में बढ़ता है, लेकिन आखिरकार उसे पता चलता है कि वास्तव में वह क्या है - पौरव (पंजाब) के सिंहासन का सच्चा सूत्रधार। पोरस ने सभी के सामने डेरियस III को उजागर किया, जो वास्तव में व्यापार द्वारा भारी लाभ हासिल करने के लिए पंजाब पर नियंत्रण करने के लिए आए थे। दूसरी ओर, धारावाहिक में दिखाया गया है कि कैसे अलेक्जेंडर दुनिया के महानतम विजेता में से एक बनने के लिए तरस गया। पोरस ने अपनी प्रेम रुचि लाची से शादी की, और उसी समय, अलेक्जेंडर के भारत में प्रवेश के बारे में पता चला। उसका प्रतिद्वंद्वी, तक्षशिला का राजा, अंबिराज, पोरस और उसके परिवार से बदला लेने के लिए सिकंदर से दोस्ती करता है। हालांकि, पोरस सिकंदर से लड़ने से डरता नहीं है, और इसलिए, हाइडेस्पेस की महाकाव्य लड़ाई शुरू करता है, जिसमें पोरस बहुत बहादुरी से लड़ता है लेकिन लड़ाई में अपने पूरे परिवार को खो देता है। पोरस के हारने के बाद, सिकंदर अपने पराक्रम और साहस से प्रभावित होकर, पोरस से मित्रता करता है और भारत छोड़ देता है, जिससे सेल्यूकस और अंबिकराज का पुत्र अंबिकुमार नाराज हो जाता है। सिकंदर की ग्रीस वापस जाने के दौरान मृत्यु हो जाती है, जबकि पोरस, मलयकेतु का उत्तराधिकारी पैदा होता है। हालाँकि, सेल्यूकस और अंबिकुमार ने पोरस और लाची की हत्या कर दी, लेकिन पोरस मरने से पहले अपने बेटे को झेलम नदी में सुरक्षित भेज देता है। अब, यह एक स्वतंत्र और एकजुट भारत के पोरस के सपने को पूरा करने के लिए चाणक्य (जो पोरस के साथ था) पर है। कलाकार पौरव लक्ष लालवानी- पुरुषोत्तम (पुरु या पोरस) रती पांडे- रानी अनुसूईया ,पोरस की माँ और तक्षशिला के राजा अम्भीराज की बहन अमन धालीवाल- अमात्य शिवदत्त ,बमनी का बड़ा भाई अक्षरा सिंह / संगीता खानायात- रानी कदिका ,बमनी की दूसरी पत्नी सवी ठाकुर- कुमार कनिष्क ,कदिका का बेटा हृषिकेश पांडे- रिपुदमन ,पौरव राष्ट्र का सेनापति आश्लेषा सावंत- पृथा ,रिपुदमन की पत्नी मोहित अबरोल- हस्ती रिपुदमन का बेटा प्रणव सहाय- समर सिंह ‌ कदिका का छोटा भाई आदित्य रेडीज – भमनी मैसेडोनियन रोहित पुरोहित- ऐलेगज़ैंडर महान (सिकंदर) सनी घनशनी- राजा फिलिप द्वितीय, मख्दून, सिकंदर का पिता और मैसेडोनिया का राजा समीक्षा सिंह- रानी ओलम्पियस, सिकंदर की माता आकश सिह राजपुत- हिफेसटियन अमाद मिनटू- फिलिप तीसरा/अरेडियस सरेफर- फीलीना अपारा दिक्षत- रानी रुखसाना फारसी परनीत भट- डेरियस तृतीय रिया दीपसी- स्ट्रैटेयरा द्वितीय,मख्दून/बारसीन चनदन दिलावर- मौशियस विशाल पटनी- फारुस रियनका चनडा- रानी सटैटेरा प्रथम शालीनी शरमा- कुमारी डरिपटीस दस्यु चिराग़ जे़नी- राजा अरुनायक श्रद्धा मुसेल- रानी महानंदिनी सुहानी धनकी- कुमारी लाची ॠषि वर्मा- कुमार सुमेर तक्षशीला गुरप्रीत सिंह- राजा अम्भीराज वसुन्धरा कोल- रानी अल्का ज़ोहेब सिद्दिक़ी- आम्भीकुमार विषकन्या नलिनी नेगी- विशुद्धि विषकन्या मगधजन सौरभ राज जैन- राजा धनानंद निमाए बाली- अमात्य राक्षस अन्य जैवल पाठक- मलय,विशुद्धि विषकन्या के हमले में एक मात्र जीवित रहने वाला बालक जिसे वह अपने भाई के रूप में प्रस्तुत करती है जो बाद में पुरु को विशुद्धि की सारी सच्चाई बयां करता है। चेतन पंडित- चाणक्य विकास वर्मा- सेल्युकस प्रथम निकेटर पूजा शर्मा- झेलम नदी (स्वर) सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ सोनी लिव पर सोनी टीवी पर Porus भारतीय ऐतिहासिक टेलीविजन श्रृंखला भारतीय टेलीविजन धारावाहिक
दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम ने तीन एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (वनडे) और तीन ट्वेंटी-20 अंतर्राष्ट्रीय (टी20आई) मैच खेलने के लिए सितंबर 2021 में श्रीलंका का दौरा किया। वनडे श्रृंखला उद्घाटन 2020-2023 आईसीसी क्रिकेट विश्व कप सुपर लीग का हिस्सा बनी। यह दौरा मूल रूप से जून 2020 के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन कोविड-19 महामारी ने दौरे को संदेह में डाल दिया, श्रीलंका क्रिकेट के सीईओ एशले डी सिल्वा और क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका के कार्यवाहक निदेशक ग्रीम स्मिथ, दोनों ने कहा कि टीमों को भरपूर आवश्यकता होगी। प्रशिक्षित करने का समय। 20 अप्रैल 2020 को, दोनों क्रिकेट बोर्डों ने पुष्टि की कि महामारी के कारण दौरा स्थगित कर दिया गया था। 1 अगस्त 2020 को, ग्रीम स्मिथ ने पुष्टि की कि 2020 कैरेबियन प्रीमियर लीग और 2020 इंडियन प्रीमियर लीग के साथ शेड्यूलिंग संघर्ष के कारण दौरे को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया था। 30 जुलाई 2021 को, क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका ने दौरे की पुष्टि की, जिसमें सभी मैच आर प्रेमदासा स्टेडियम में जैव-सुरक्षित बुलबुले में हो रहे थे। श्रीलंका ने पहला वनडे मैच 14 रन से जीता था। दक्षिण अफ्रीका ने बारिश से प्रभावित दूसरा वनडे मैच 67 रन से जीतकर सीरीज बराबर कर ली। श्रीलंका ने तीसरा वनडे 78 रन से जीतकर सीरीज 2-1 से जीत ली। दक्षिण अफ्रीका ने पहले दो टी20आई मैच जीते और एक मैच शेष रहते हुए श्रृंखला जीत ली। दक्षिण अफ्रीका ने तीसरा और अंतिम टी20आई दस विकेट से जीतकर श्रृंखला 3-0 से जीत ली। दस्ते 22 अगस्त 2021 को, श्रीलंका क्रिकेट ने दौरे के लिए प्रारंभिक 30-सदस्यीय टीम का नाम रखा, जिसमें दासुन शनाका ने अपनी कप्तानी बरकरार रखी। श्रीलंका ने एकदिवसीय और टी20ई मैचों के लिए अलग-अलग दस्तों का नाम नहीं दिया, इसके बजाय दौरे के लिए 22 खिलाड़ियों की एक संयुक्त टीम का चयन किया। लूथो सिपामला के साथ उनके प्रतिस्थापन के रूप में नामित एक सकारात्मक कोविड-19 परीक्षण के बाद जूनियर डाला को दक्षिण अफ्रीका के एकदिवसीय टीम से बाहर कर दिया गया था। दक्षिण अफ्रीका के कप्तान टेम्बा बावुमा पहले एकदिवसीय मैच में अंगूठा फ्रेक्चर होने के कारण शेष सीरीज से बाहर हो गए थे। केशव महाराज को दूसरे और तीसरे वनडे के लिए दक्षिण अफ्रीका का कप्तान बनाया गया। वनडे सीरीज पहला वनडे दूसरा वनडे तीसरा वनडे टी20आई सीरीज पहला टी20आई दूसरा टी20आई तीसरा टी20आई टिप्पणियाँ सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ ईएसपीएन क्रिकइन्फो पर सीरीज होम 2021 में श्रीलंका क्रिकेट 2021 में दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट 2021-22 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट प्रतियोगिताएं श्रीलंका के दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट दौरे कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित क्रिकेट प्रतियोगिताएँ
तेलंगाना में रेप कांड के चारों आरोपियों के एनकाउंटर के बाद पीड़ित महिला डॉक्टर के पिता की प्रतिक्रिया सामने आई है. डॉक्टर के पिता ने कहा कि अब मेरी बेटी की आत्मा को शांति मिली है. उन्होंने एएनआई से कहा,  ''मेरी बेटी की मृत्यु को 10 दिन हो चुके हैं. मैं इसके लिए पुलिस और सरकार के प्रति आभार व्यक्त करता हूं. अब मेरी बेटी की आत्मा को शांति मिली होगी.''
लेख: भारी बारिश और बाढ़ की तबाही झेल रहे उत्तराखण्ड में अपने माता-पिता को ढूंढ़ने गई एक युवती स्नेहलता को बीमारी की हालत में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक चार्टर्ड विमान से अन्य प्रभावितों के साथ भोपाल लेकर आए और उसे यहां जयप्रकाश अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करा दिया, लेकिन जब इस त्रासदी से बचे उसके पिता उससे मिलने गए, तो उसने उन्हें पहचानने से इनकार कर सबको चौंका दिया। अस्पताल सूत्रों का कहना है कि जीपी अस्पताल में भर्ती स्नेहलता उर्फ नेहा शर्मा (22) के मामले में कल उस समय नाटकीय मोड़ आ गया, जब केदारनाथ त्रासदी में अपने माता-पिता की मौत का दावा करने वाली इस युवती के पिता महावीर प्रसाद शर्मा उससे मिलने पहुंचे, तो उसने उन्हें पहचानने से इनकार कर दिया। वहीं, महावीर प्रसाद के साथ आई स्नेहलता की छोटी बहन आयुषी ने भी अस्पताल पहुंचकर महावीर प्रसाद को पिता मानने से इनकार कर दिया। हालांकि शाम होते-होते अस्पताल प्रबंधन के समझाने पर आयुषी ने महावीर को अपना पिता मान लिया और स्नेहलता ने भी इस मामले में अपनी सहमति दे दी। उल्लेखनीय कि प्रदेश में भिंड निवासी स्नेहलता के माता-पिता गत 13 जून को केदारनाथ तीर्थ यात्रा पर गए थे। स्नेहलता ने जब टेलीविजन पर केदारनाथ में बाढ़ की खबर सुनी, तो वह 20 जून को उन्हें ढूंढ़ने हरिद्वार रवाना हो गई। इस बीच, स्नेहलता को बीमारी की हालत में हरिद्वार के शांतिकुंज स्थित मध्यप्रदेश के राहत शिविर में पहुंचाया गया, जहां से मुख्यमंत्री चौहान उसे अपने साथ लेकर गत सोमवार को भोपाल आए थे। युवती द्वारा माता-पिता की मौत का दावा किए जाने पर मुख्मयंत्री ने उसे सरकारी नौकरी देने की घोषणा भी कर दी थी। दूसरी ओर, सरकारी सूत्रों ने बताया कि हरिद्वार के राहत शिविर में मिली जिस युवती को मुख्मयंत्री ने माता-पिता के खोने पर नौकरी देने की घोषणा की थी, उसके बारे में भिंड के एसडीएम को जांच करने को कहा गया है। यदि इस बच्ची के माता-पिता जीवित नहीं होंगे, तो उसी स्थिति में उसे शासकीय नौकरी दी जाएगी। अस्पताल में दिए बयान में महावीर प्रसाद का कहना है कि उसके चार बेटे और तीन बेटियां हैं। वह अपनी पत्नी विद्यादेवी के साथ 13 जून को केदारनाथ जा रहे थे, लेकिन रास्ते में बारिश होने के कारण हरिद्वार से आगे नहीं जा सके। वहीं, स्नेहलता का कहना है कि उसके दो भाई और चार बहनें हैं। साथ ही उसने बताया था कि केदारनाथ में माता-पिता के साथ दो बहनों और दो भाइयों की मौत हो गई है। महावीर प्रसाद के साथ आई स्नेहलता की छोटी बहन आयुषी ने भी कुछ घंटों के बाद उसे पिता मानने से इनकार कर दिया। उसने कहा कि वह उन्हें पिता जैसा मानती है, इसलिए उनके साथ आई है। हालांकि शाम को डॉक्टरों और पुलिसकर्मियों के समझाने के बाद महावीर प्रसाद को अपना पिता बताया। उसने सुबह इस बात से इनकार क्यों किया, इस बारे में आयुषी ने कोई जवाब नहीं दिया।टिप्पणियां बाद में स्नेहलता ने भी महावीर को अपना पिता स्वीकार कर लिया। इस पूरे मामले के बाद महावीर प्रसाद ने कहा, ‘‘भगवान ऐसी औलाद किसी को नहीं दे। मुझे ऐसी बेटी नहीं चाहिए जो मुझे पिता ही नहीं माने। यदि मैं उसका पिता नहीं होता तो उसे देखने क्यों आता।’’ इस समूचे मामले पर राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ‘राहुल’ ने एक बयान देकर कहा है कि मुख्यमंत्री चौहान उत्तराखण्ड आपदा के प्रभावितों के नाम पर सस्ती लोकप्रियता पाने की कोशिश कर रहे हैं। यही वजह है कि जिस लड़की को लेकर मुख्यमंत्री ने वाहवाही लूटी, वह पूरी कहानी झूठी निकली और मुख्यमंत्री संदेह एवं विवाद के घेरे में आ गए हैं। अस्पताल सूत्रों का कहना है कि जीपी अस्पताल में भर्ती स्नेहलता उर्फ नेहा शर्मा (22) के मामले में कल उस समय नाटकीय मोड़ आ गया, जब केदारनाथ त्रासदी में अपने माता-पिता की मौत का दावा करने वाली इस युवती के पिता महावीर प्रसाद शर्मा उससे मिलने पहुंचे, तो उसने उन्हें पहचानने से इनकार कर दिया। वहीं, महावीर प्रसाद के साथ आई स्नेहलता की छोटी बहन आयुषी ने भी अस्पताल पहुंचकर महावीर प्रसाद को पिता मानने से इनकार कर दिया। हालांकि शाम होते-होते अस्पताल प्रबंधन के समझाने पर आयुषी ने महावीर को अपना पिता मान लिया और स्नेहलता ने भी इस मामले में अपनी सहमति दे दी। उल्लेखनीय कि प्रदेश में भिंड निवासी स्नेहलता के माता-पिता गत 13 जून को केदारनाथ तीर्थ यात्रा पर गए थे। स्नेहलता ने जब टेलीविजन पर केदारनाथ में बाढ़ की खबर सुनी, तो वह 20 जून को उन्हें ढूंढ़ने हरिद्वार रवाना हो गई। इस बीच, स्नेहलता को बीमारी की हालत में हरिद्वार के शांतिकुंज स्थित मध्यप्रदेश के राहत शिविर में पहुंचाया गया, जहां से मुख्यमंत्री चौहान उसे अपने साथ लेकर गत सोमवार को भोपाल आए थे। युवती द्वारा माता-पिता की मौत का दावा किए जाने पर मुख्मयंत्री ने उसे सरकारी नौकरी देने की घोषणा भी कर दी थी। दूसरी ओर, सरकारी सूत्रों ने बताया कि हरिद्वार के राहत शिविर में मिली जिस युवती को मुख्मयंत्री ने माता-पिता के खोने पर नौकरी देने की घोषणा की थी, उसके बारे में भिंड के एसडीएम को जांच करने को कहा गया है। यदि इस बच्ची के माता-पिता जीवित नहीं होंगे, तो उसी स्थिति में उसे शासकीय नौकरी दी जाएगी। अस्पताल में दिए बयान में महावीर प्रसाद का कहना है कि उसके चार बेटे और तीन बेटियां हैं। वह अपनी पत्नी विद्यादेवी के साथ 13 जून को केदारनाथ जा रहे थे, लेकिन रास्ते में बारिश होने के कारण हरिद्वार से आगे नहीं जा सके। वहीं, स्नेहलता का कहना है कि उसके दो भाई और चार बहनें हैं। साथ ही उसने बताया था कि केदारनाथ में माता-पिता के साथ दो बहनों और दो भाइयों की मौत हो गई है। महावीर प्रसाद के साथ आई स्नेहलता की छोटी बहन आयुषी ने भी कुछ घंटों के बाद उसे पिता मानने से इनकार कर दिया। उसने कहा कि वह उन्हें पिता जैसा मानती है, इसलिए उनके साथ आई है। हालांकि शाम को डॉक्टरों और पुलिसकर्मियों के समझाने के बाद महावीर प्रसाद को अपना पिता बताया। उसने सुबह इस बात से इनकार क्यों किया, इस बारे में आयुषी ने कोई जवाब नहीं दिया।टिप्पणियां बाद में स्नेहलता ने भी महावीर को अपना पिता स्वीकार कर लिया। इस पूरे मामले के बाद महावीर प्रसाद ने कहा, ‘‘भगवान ऐसी औलाद किसी को नहीं दे। मुझे ऐसी बेटी नहीं चाहिए जो मुझे पिता ही नहीं माने। यदि मैं उसका पिता नहीं होता तो उसे देखने क्यों आता।’’ इस समूचे मामले पर राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ‘राहुल’ ने एक बयान देकर कहा है कि मुख्यमंत्री चौहान उत्तराखण्ड आपदा के प्रभावितों के नाम पर सस्ती लोकप्रियता पाने की कोशिश कर रहे हैं। यही वजह है कि जिस लड़की को लेकर मुख्यमंत्री ने वाहवाही लूटी, वह पूरी कहानी झूठी निकली और मुख्यमंत्री संदेह एवं विवाद के घेरे में आ गए हैं। वहीं, महावीर प्रसाद के साथ आई स्नेहलता की छोटी बहन आयुषी ने भी अस्पताल पहुंचकर महावीर प्रसाद को पिता मानने से इनकार कर दिया। हालांकि शाम होते-होते अस्पताल प्रबंधन के समझाने पर आयुषी ने महावीर को अपना पिता मान लिया और स्नेहलता ने भी इस मामले में अपनी सहमति दे दी। उल्लेखनीय कि प्रदेश में भिंड निवासी स्नेहलता के माता-पिता गत 13 जून को केदारनाथ तीर्थ यात्रा पर गए थे। स्नेहलता ने जब टेलीविजन पर केदारनाथ में बाढ़ की खबर सुनी, तो वह 20 जून को उन्हें ढूंढ़ने हरिद्वार रवाना हो गई। इस बीच, स्नेहलता को बीमारी की हालत में हरिद्वार के शांतिकुंज स्थित मध्यप्रदेश के राहत शिविर में पहुंचाया गया, जहां से मुख्यमंत्री चौहान उसे अपने साथ लेकर गत सोमवार को भोपाल आए थे। युवती द्वारा माता-पिता की मौत का दावा किए जाने पर मुख्मयंत्री ने उसे सरकारी नौकरी देने की घोषणा भी कर दी थी। दूसरी ओर, सरकारी सूत्रों ने बताया कि हरिद्वार के राहत शिविर में मिली जिस युवती को मुख्मयंत्री ने माता-पिता के खोने पर नौकरी देने की घोषणा की थी, उसके बारे में भिंड के एसडीएम को जांच करने को कहा गया है। यदि इस बच्ची के माता-पिता जीवित नहीं होंगे, तो उसी स्थिति में उसे शासकीय नौकरी दी जाएगी। अस्पताल में दिए बयान में महावीर प्रसाद का कहना है कि उसके चार बेटे और तीन बेटियां हैं। वह अपनी पत्नी विद्यादेवी के साथ 13 जून को केदारनाथ जा रहे थे, लेकिन रास्ते में बारिश होने के कारण हरिद्वार से आगे नहीं जा सके। वहीं, स्नेहलता का कहना है कि उसके दो भाई और चार बहनें हैं। साथ ही उसने बताया था कि केदारनाथ में माता-पिता के साथ दो बहनों और दो भाइयों की मौत हो गई है। महावीर प्रसाद के साथ आई स्नेहलता की छोटी बहन आयुषी ने भी कुछ घंटों के बाद उसे पिता मानने से इनकार कर दिया। उसने कहा कि वह उन्हें पिता जैसा मानती है, इसलिए उनके साथ आई है। हालांकि शाम को डॉक्टरों और पुलिसकर्मियों के समझाने के बाद महावीर प्रसाद को अपना पिता बताया। उसने सुबह इस बात से इनकार क्यों किया, इस बारे में आयुषी ने कोई जवाब नहीं दिया।टिप्पणियां बाद में स्नेहलता ने भी महावीर को अपना पिता स्वीकार कर लिया। इस पूरे मामले के बाद महावीर प्रसाद ने कहा, ‘‘भगवान ऐसी औलाद किसी को नहीं दे। मुझे ऐसी बेटी नहीं चाहिए जो मुझे पिता ही नहीं माने। यदि मैं उसका पिता नहीं होता तो उसे देखने क्यों आता।’’ इस समूचे मामले पर राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ‘राहुल’ ने एक बयान देकर कहा है कि मुख्यमंत्री चौहान उत्तराखण्ड आपदा के प्रभावितों के नाम पर सस्ती लोकप्रियता पाने की कोशिश कर रहे हैं। यही वजह है कि जिस लड़की को लेकर मुख्यमंत्री ने वाहवाही लूटी, वह पूरी कहानी झूठी निकली और मुख्यमंत्री संदेह एवं विवाद के घेरे में आ गए हैं। उल्लेखनीय कि प्रदेश में भिंड निवासी स्नेहलता के माता-पिता गत 13 जून को केदारनाथ तीर्थ यात्रा पर गए थे। स्नेहलता ने जब टेलीविजन पर केदारनाथ में बाढ़ की खबर सुनी, तो वह 20 जून को उन्हें ढूंढ़ने हरिद्वार रवाना हो गई। इस बीच, स्नेहलता को बीमारी की हालत में हरिद्वार के शांतिकुंज स्थित मध्यप्रदेश के राहत शिविर में पहुंचाया गया, जहां से मुख्यमंत्री चौहान उसे अपने साथ लेकर गत सोमवार को भोपाल आए थे। युवती द्वारा माता-पिता की मौत का दावा किए जाने पर मुख्मयंत्री ने उसे सरकारी नौकरी देने की घोषणा भी कर दी थी। दूसरी ओर, सरकारी सूत्रों ने बताया कि हरिद्वार के राहत शिविर में मिली जिस युवती को मुख्मयंत्री ने माता-पिता के खोने पर नौकरी देने की घोषणा की थी, उसके बारे में भिंड के एसडीएम को जांच करने को कहा गया है। यदि इस बच्ची के माता-पिता जीवित नहीं होंगे, तो उसी स्थिति में उसे शासकीय नौकरी दी जाएगी। अस्पताल में दिए बयान में महावीर प्रसाद का कहना है कि उसके चार बेटे और तीन बेटियां हैं। वह अपनी पत्नी विद्यादेवी के साथ 13 जून को केदारनाथ जा रहे थे, लेकिन रास्ते में बारिश होने के कारण हरिद्वार से आगे नहीं जा सके। वहीं, स्नेहलता का कहना है कि उसके दो भाई और चार बहनें हैं। साथ ही उसने बताया था कि केदारनाथ में माता-पिता के साथ दो बहनों और दो भाइयों की मौत हो गई है। महावीर प्रसाद के साथ आई स्नेहलता की छोटी बहन आयुषी ने भी कुछ घंटों के बाद उसे पिता मानने से इनकार कर दिया। उसने कहा कि वह उन्हें पिता जैसा मानती है, इसलिए उनके साथ आई है। हालांकि शाम को डॉक्टरों और पुलिसकर्मियों के समझाने के बाद महावीर प्रसाद को अपना पिता बताया। उसने सुबह इस बात से इनकार क्यों किया, इस बारे में आयुषी ने कोई जवाब नहीं दिया।टिप्पणियां बाद में स्नेहलता ने भी महावीर को अपना पिता स्वीकार कर लिया। इस पूरे मामले के बाद महावीर प्रसाद ने कहा, ‘‘भगवान ऐसी औलाद किसी को नहीं दे। मुझे ऐसी बेटी नहीं चाहिए जो मुझे पिता ही नहीं माने। यदि मैं उसका पिता नहीं होता तो उसे देखने क्यों आता।’’ इस समूचे मामले पर राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ‘राहुल’ ने एक बयान देकर कहा है कि मुख्यमंत्री चौहान उत्तराखण्ड आपदा के प्रभावितों के नाम पर सस्ती लोकप्रियता पाने की कोशिश कर रहे हैं। यही वजह है कि जिस लड़की को लेकर मुख्यमंत्री ने वाहवाही लूटी, वह पूरी कहानी झूठी निकली और मुख्यमंत्री संदेह एवं विवाद के घेरे में आ गए हैं। दूसरी ओर, सरकारी सूत्रों ने बताया कि हरिद्वार के राहत शिविर में मिली जिस युवती को मुख्मयंत्री ने माता-पिता के खोने पर नौकरी देने की घोषणा की थी, उसके बारे में भिंड के एसडीएम को जांच करने को कहा गया है। यदि इस बच्ची के माता-पिता जीवित नहीं होंगे, तो उसी स्थिति में उसे शासकीय नौकरी दी जाएगी। अस्पताल में दिए बयान में महावीर प्रसाद का कहना है कि उसके चार बेटे और तीन बेटियां हैं। वह अपनी पत्नी विद्यादेवी के साथ 13 जून को केदारनाथ जा रहे थे, लेकिन रास्ते में बारिश होने के कारण हरिद्वार से आगे नहीं जा सके। वहीं, स्नेहलता का कहना है कि उसके दो भाई और चार बहनें हैं। साथ ही उसने बताया था कि केदारनाथ में माता-पिता के साथ दो बहनों और दो भाइयों की मौत हो गई है। महावीर प्रसाद के साथ आई स्नेहलता की छोटी बहन आयुषी ने भी कुछ घंटों के बाद उसे पिता मानने से इनकार कर दिया। उसने कहा कि वह उन्हें पिता जैसा मानती है, इसलिए उनके साथ आई है। हालांकि शाम को डॉक्टरों और पुलिसकर्मियों के समझाने के बाद महावीर प्रसाद को अपना पिता बताया। उसने सुबह इस बात से इनकार क्यों किया, इस बारे में आयुषी ने कोई जवाब नहीं दिया।टिप्पणियां बाद में स्नेहलता ने भी महावीर को अपना पिता स्वीकार कर लिया। इस पूरे मामले के बाद महावीर प्रसाद ने कहा, ‘‘भगवान ऐसी औलाद किसी को नहीं दे। मुझे ऐसी बेटी नहीं चाहिए जो मुझे पिता ही नहीं माने। यदि मैं उसका पिता नहीं होता तो उसे देखने क्यों आता।’’ इस समूचे मामले पर राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ‘राहुल’ ने एक बयान देकर कहा है कि मुख्यमंत्री चौहान उत्तराखण्ड आपदा के प्रभावितों के नाम पर सस्ती लोकप्रियता पाने की कोशिश कर रहे हैं। यही वजह है कि जिस लड़की को लेकर मुख्यमंत्री ने वाहवाही लूटी, वह पूरी कहानी झूठी निकली और मुख्यमंत्री संदेह एवं विवाद के घेरे में आ गए हैं। अस्पताल में दिए बयान में महावीर प्रसाद का कहना है कि उसके चार बेटे और तीन बेटियां हैं। वह अपनी पत्नी विद्यादेवी के साथ 13 जून को केदारनाथ जा रहे थे, लेकिन रास्ते में बारिश होने के कारण हरिद्वार से आगे नहीं जा सके। वहीं, स्नेहलता का कहना है कि उसके दो भाई और चार बहनें हैं। साथ ही उसने बताया था कि केदारनाथ में माता-पिता के साथ दो बहनों और दो भाइयों की मौत हो गई है। महावीर प्रसाद के साथ आई स्नेहलता की छोटी बहन आयुषी ने भी कुछ घंटों के बाद उसे पिता मानने से इनकार कर दिया। उसने कहा कि वह उन्हें पिता जैसा मानती है, इसलिए उनके साथ आई है। हालांकि शाम को डॉक्टरों और पुलिसकर्मियों के समझाने के बाद महावीर प्रसाद को अपना पिता बताया। उसने सुबह इस बात से इनकार क्यों किया, इस बारे में आयुषी ने कोई जवाब नहीं दिया।टिप्पणियां बाद में स्नेहलता ने भी महावीर को अपना पिता स्वीकार कर लिया। इस पूरे मामले के बाद महावीर प्रसाद ने कहा, ‘‘भगवान ऐसी औलाद किसी को नहीं दे। मुझे ऐसी बेटी नहीं चाहिए जो मुझे पिता ही नहीं माने। यदि मैं उसका पिता नहीं होता तो उसे देखने क्यों आता।’’ इस समूचे मामले पर राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ‘राहुल’ ने एक बयान देकर कहा है कि मुख्यमंत्री चौहान उत्तराखण्ड आपदा के प्रभावितों के नाम पर सस्ती लोकप्रियता पाने की कोशिश कर रहे हैं। यही वजह है कि जिस लड़की को लेकर मुख्यमंत्री ने वाहवाही लूटी, वह पूरी कहानी झूठी निकली और मुख्यमंत्री संदेह एवं विवाद के घेरे में आ गए हैं। महावीर प्रसाद के साथ आई स्नेहलता की छोटी बहन आयुषी ने भी कुछ घंटों के बाद उसे पिता मानने से इनकार कर दिया। उसने कहा कि वह उन्हें पिता जैसा मानती है, इसलिए उनके साथ आई है। हालांकि शाम को डॉक्टरों और पुलिसकर्मियों के समझाने के बाद महावीर प्रसाद को अपना पिता बताया। उसने सुबह इस बात से इनकार क्यों किया, इस बारे में आयुषी ने कोई जवाब नहीं दिया।टिप्पणियां बाद में स्नेहलता ने भी महावीर को अपना पिता स्वीकार कर लिया। इस पूरे मामले के बाद महावीर प्रसाद ने कहा, ‘‘भगवान ऐसी औलाद किसी को नहीं दे। मुझे ऐसी बेटी नहीं चाहिए जो मुझे पिता ही नहीं माने। यदि मैं उसका पिता नहीं होता तो उसे देखने क्यों आता।’’ इस समूचे मामले पर राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ‘राहुल’ ने एक बयान देकर कहा है कि मुख्यमंत्री चौहान उत्तराखण्ड आपदा के प्रभावितों के नाम पर सस्ती लोकप्रियता पाने की कोशिश कर रहे हैं। यही वजह है कि जिस लड़की को लेकर मुख्यमंत्री ने वाहवाही लूटी, वह पूरी कहानी झूठी निकली और मुख्यमंत्री संदेह एवं विवाद के घेरे में आ गए हैं। बाद में स्नेहलता ने भी महावीर को अपना पिता स्वीकार कर लिया। इस पूरे मामले के बाद महावीर प्रसाद ने कहा, ‘‘भगवान ऐसी औलाद किसी को नहीं दे। मुझे ऐसी बेटी नहीं चाहिए जो मुझे पिता ही नहीं माने। यदि मैं उसका पिता नहीं होता तो उसे देखने क्यों आता।’’ इस समूचे मामले पर राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ‘राहुल’ ने एक बयान देकर कहा है कि मुख्यमंत्री चौहान उत्तराखण्ड आपदा के प्रभावितों के नाम पर सस्ती लोकप्रियता पाने की कोशिश कर रहे हैं। यही वजह है कि जिस लड़की को लेकर मुख्यमंत्री ने वाहवाही लूटी, वह पूरी कहानी झूठी निकली और मुख्यमंत्री संदेह एवं विवाद के घेरे में आ गए हैं। इस समूचे मामले पर राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ‘राहुल’ ने एक बयान देकर कहा है कि मुख्यमंत्री चौहान उत्तराखण्ड आपदा के प्रभावितों के नाम पर सस्ती लोकप्रियता पाने की कोशिश कर रहे हैं। यही वजह है कि जिस लड़की को लेकर मुख्यमंत्री ने वाहवाही लूटी, वह पूरी कहानी झूठी निकली और मुख्यमंत्री संदेह एवं विवाद के घेरे में आ गए हैं।
राजधानी दिल्‍ली में जारी 19वें राष्‍ट्रमंडल खेलों के पांचवे दिन भी भारत के खिलाडि़यों को स्‍वर्ण पदक जीतने का सिलसिला बरकरार है. भारतीय निशानेबाजों ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन जारी रखते हुए भारत को 17वां स्‍वर्ण पदक दिलाया. निशानेबाज विजय कुमार ने 25 मीटर रैपिड फायर पिस्‍टल स्‍पर्धा में शुक्रवार को स्‍वर्ण पदक जीता. इसी स्‍पर्धा में गुरुप्रीत ने कांस्‍य पदक जीता. विजय और गुरुप्रीत ने राष्ट्रमंडल खेलों की निशानेबाजी प्रतियोगिता में गुरुवार को पेयर्स 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल स्पर्धा का स्वर्ण नए कॉमनवेल्थ रिकॉर्ड के साथ जीता. इस प्रतियोगिता में मलेशिया के निशानेबाज को रजत पद मिला. भारत ने शुक्रवार को तीसरा स्‍वर्ण पदक जीता है. गगन-इमरान ने 50 मीटर राइफन 3 शूटिंग पेयर्स में जीता और तीरदंजी में दीपिका कुमारी, डोला बनर्जी और बोंब्‍याला ने. इस पदक को मिलाकर भारत ने अब तक सभी खेलों में 38 पदक जीत लिए हैं जिनमें 17 स्‍वर्ण, 11 रजत और 10 कांस्‍य पदक शामिल हैं.
सीबीआई ने चिटफंड घोटाले मामले में तृणमूल कांग्रेस के सांसद तपस पाल को गिरफ्तार कर लिया गया है. सीबीआई ने रोज वैली घोटाला मामले में तपस पाल को गिरफ्तार किया है. टीएमसी सांसद की गिरफ्तारी से बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बड़ा झटका लगा है. दरअसल शुक्रवार की सुबह सीबीआई ने टीएमसी सांसद को पूछताछ के बुलाया और फिर 4 घंटे तक चली पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. सांसद को 3 दिन पहले की पूछताछ के लिए नोटिस भेजा गया था. मिल रही जानकारी के मुताबिक जांच एजेंसी तपस पाल के जवाबों से संतुष्ट नहीं थी. तपस पाल के अलावा टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय भी इस मामले में सीबीआई के राडार पर हैं. उनको भी पूछताछ के लिए सीबीआई ने समन भेजा गया है और जनवरी के पहले हफ्ते में पेश होने को कहा गया है. इससे पहले तीन बार उनको समन भेजा चुका है. इस बार अगर वह सीबीआई के सामने पेश नही होते हैं तो उनके खिलाफ वारंट जारी किया जा सकता है. वहीं टीएमएस इस सीबीआई की इस कार्रवाई को बदले की भावना करार दिया है. टीएमसी का कहना है कि केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. टीएमसी के सांसद डेरेक ओ-ब्रायन का कहना है कि नोटबंदी के खिलाफ आवाज उठाने से केंद्र सरकार बेवजह उनके सांसदों को परेशान कर रही है. वहीं सीपीआई (M) के सांसद मोहम्मद सलीम कार्रवाई को सही ठहराया और कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ ये पहला कदम है. सलीम ने कहा कि टीएमसी के लोगों पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. क्या है रोज वैली घोटाला रोज वैली एक कंपनी है जो कई राज्यों में चिटफंड का काम करती है. कंपनी पर निवेशकों के कई हजार करोड़ रुपये ठगने का आरोप है. सीबीआई ने इस मामले में एक आरोपपत्र भी दाखिल किया है. जिसमें कंपनी के चेयरमैन गौतम कुंडू, प्रबंध निदेशक शिवमय दत्ता, निदेशक रामलाल गोस्वामी, प्रबंध निदेशक शिवमय दत्ता, निदेशक रामलाल गोस्वामी और अशोक कुमार साहा को प्रमुख आरोपी बनाया है.
मशहूर संगीत निर्देशक अनु मलिक अभी इंटेसिव केयर यूनिट (आईसीयू) में हैं. उनकी इस हफ्ते की शुरुआत में लीलावती हॉस्पिटल में सर्जरी हुई थी. उनकी बेटी अनमोल मलिक का कहना है कि उन्हें गुरुवार तक छुट्टी मिल सकती है. अनमोल ने बताया, 'मेरे डैड को मंगलवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और शुक्रवार को उनकी पैन्क्रीअटाइटिस (अग्नाशयकोप) की सर्जरी हुई. वह बहुत दर्द में थे और आईसीयू में हैं. फिलहाल उन्हें गहन निगरानी में रखा गया है. चिंता की कोई बात नहीं है. उनकी सेहत में सुधार हो रहा है. उम्मीद है कि उन्हें गुरुवार तक छुट्टी मिल जाएगी.' उन्होंने कहा कि वह और उनकी मां फिल्म जगत के उनके करीबी दोस्तों की शुक्रगुजार हैं, जो उनके पिता के साथ खड़े रहे और उनके स्वस्थ होने की दुआएं की. अनमोल ने कहा, 'मैं उन लोगों की बहुत एहसानमंद हूं, जिन्हें उनकी सेहत की फिक्र है. आशा भोसले, महेश भट्ट और फिल्मजगत से कई लोग उनसे मिलने आए और उनके जल्द भले-चंगे होने की प्रार्थनाएं कर रहे हैं.'
महाराष्ट्र में नागपुर के बाबा साहेब अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। बताया जा रहा है कि ये तीनों लड़के आतंकी संगठन आईएसआईएस में शामिल होने की तैयारी में थे। इन्हें तेलंगाना पुलिस और महाराष्ट्र एंटी टेररिज्म स्‍क्‍वाड के संयुक्त ऑपरेशन में पकड़ा गया। महाराष्ट्र एटीएस ने तीनों लड़कों को तेलंगाना एटीएस को सौंप दिया है। सूत्रों के मुताबिक़, तेलंगाना के अलग-अलग इलाकों में इन तीनों युवकों के परिजनों ने इनकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करा रखी थी। ये तीनों युवक नागपुर-इंदौर के रास्ते श्रीनगर जाने की फिराक में थे।टिप्पणियां पिछले दिनों जयपुर से इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के मार्केटिंग मैनेजर सिराजुद्दीन को आईएसआईएस का एजेंट होने के शक में अरेस्ट किया गया था, जिसके बाद पुणे की एक लड़की को हिरासत में लिया गया। बताया गया कि वह भी इंटरनेट पर कट्टरपंथी विचारधारा से प्रभावित होकर आईएसआईएस में शामिल होना चाहती थी। मुंबई के मालवणी से हाल ही में 11 लड़के लापता हुए, जिसमें से कुछ वापस आ चुके हैं। शक है कि इन्हें भी कोई बरगला कर आईएसआईएस में शामिल करवाने की तैयारी में था। मुंबई से सटे कल्याण से कुछ महीने पहले चार लड़के आईएसआईएस में शामिल होने इराक गए थे। उसमें सिर्फ आरीब मजीद ही वापस लौटा, जिसके खिलाफ नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी चार्जशीट दायर कर चुकी है। सूत्रों के मुताबिक़, तेलंगाना के अलग-अलग इलाकों में इन तीनों युवकों के परिजनों ने इनकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करा रखी थी। ये तीनों युवक नागपुर-इंदौर के रास्ते श्रीनगर जाने की फिराक में थे।टिप्पणियां पिछले दिनों जयपुर से इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के मार्केटिंग मैनेजर सिराजुद्दीन को आईएसआईएस का एजेंट होने के शक में अरेस्ट किया गया था, जिसके बाद पुणे की एक लड़की को हिरासत में लिया गया। बताया गया कि वह भी इंटरनेट पर कट्टरपंथी विचारधारा से प्रभावित होकर आईएसआईएस में शामिल होना चाहती थी। मुंबई के मालवणी से हाल ही में 11 लड़के लापता हुए, जिसमें से कुछ वापस आ चुके हैं। शक है कि इन्हें भी कोई बरगला कर आईएसआईएस में शामिल करवाने की तैयारी में था। मुंबई से सटे कल्याण से कुछ महीने पहले चार लड़के आईएसआईएस में शामिल होने इराक गए थे। उसमें सिर्फ आरीब मजीद ही वापस लौटा, जिसके खिलाफ नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी चार्जशीट दायर कर चुकी है। पिछले दिनों जयपुर से इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के मार्केटिंग मैनेजर सिराजुद्दीन को आईएसआईएस का एजेंट होने के शक में अरेस्ट किया गया था, जिसके बाद पुणे की एक लड़की को हिरासत में लिया गया। बताया गया कि वह भी इंटरनेट पर कट्टरपंथी विचारधारा से प्रभावित होकर आईएसआईएस में शामिल होना चाहती थी। मुंबई के मालवणी से हाल ही में 11 लड़के लापता हुए, जिसमें से कुछ वापस आ चुके हैं। शक है कि इन्हें भी कोई बरगला कर आईएसआईएस में शामिल करवाने की तैयारी में था। मुंबई से सटे कल्याण से कुछ महीने पहले चार लड़के आईएसआईएस में शामिल होने इराक गए थे। उसमें सिर्फ आरीब मजीद ही वापस लौटा, जिसके खिलाफ नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी चार्जशीट दायर कर चुकी है। मुंबई के मालवणी से हाल ही में 11 लड़के लापता हुए, जिसमें से कुछ वापस आ चुके हैं। शक है कि इन्हें भी कोई बरगला कर आईएसआईएस में शामिल करवाने की तैयारी में था। मुंबई से सटे कल्याण से कुछ महीने पहले चार लड़के आईएसआईएस में शामिल होने इराक गए थे। उसमें सिर्फ आरीब मजीद ही वापस लौटा, जिसके खिलाफ नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी चार्जशीट दायर कर चुकी है।
यह एक लेख है: भारत इस्पात उत्पादन में अमेरिका को पीछे छोड़ चुका है और देश को अब चीन से प्रतियोगिता करनी है, जो काफी आगे है। यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कही। मोदी ने ओडिशा के राउरकेला में राउरकेला इस्पात संयंत्र की विस्तारित और आधुनिकीकृत इकाई का उद्घाटन करने के बाद कहा, 'भारत इस्पात उत्पादन में अमेरिका से आगे निकल गया है। हम हालांकि चीन से अब भी पीछे हैं और जब हम मेक इन इंडिया की बात करते हैं, तो मैं किसी से भी पीछे रहना नहीं चाहूंगा। हमें उत्पादन बढ़ाना होगा।' 12 हजार करोड़ रुपये की परियोजना से संयंत्र की क्षमता 20 लाख टन प्रति वर्ष से बढ़कर 45 लाख टन प्रति वर्ष हो गई है। मोदी ने कहा कि भारत अपनी युवा शक्ति के बल पर आगे बढ़ सकता है, जो हमारी आबादी का 65 फीसदी है। उन्होंने कहा कि यदि युवाओं को रोजगार मिल जाता है और उनका समुचित कौशल विकास होता है, तो अगले 10 सालों में भारत समृद्ध हो जाएगा। उन्होंने कहा कि खनिज संसाधनों का उपयोग आम लोगों और उद्योग के विकास में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि खनिजों का दूसरे देशों के साथ व्यापार करने से देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो सकती है, लेकिन इससे भारत का भविष्य नहीं बनेगा। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया आज भारत में निवेश करने को आतुर है, जबकि पिछले दशक में ऐसी स्थिति नहीं थी। मोदी ने कहा, 'हम पूरी दुनिया को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित करना चाहते हैं और भरोसा दिलाते हैं कि उन्हें दूसरी जगहों से अधिक लाभ मिलेगा।' मोदी ने कहा कि उनका ध्यान पूर्वी क्षेत्र के विकास पर है, जो पश्चिमी क्षेत्र से पीछे छूट रहे हैं। मोदी ने कहा, 'पूर्वी क्षेत्र का विकास होना चाहिए। पश्चिमी क्षेत्र का विकास हो रहा है और हमें पूर्वी क्षेत्र की ओर ध्यान देना चाहिए।' मोदी ने कहा कि सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार ने खनिजों पर रॉयल्टी बढ़ा दी, जिसका लाभ ओडिशा को मिलेगा। साथ ही 14वें वित्त आयोग में आवंटन बढ़ाकर 25 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया, जो पिछले 60 सालों में 18 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचा था। प्रधानमंत्री ने कहा, 'यदि देश को विकास करना है, तो ओडिशा का विकास करना होगा।' उन्‍होंने कहा कि खनिज नीलामी से ओडिशा, छत्तीसगढ़ और बिहार जैसे राज्य लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रद्द किए गए 204 कोयला ब्लॉकों में से सिर्फ 20 की पारदर्शी नीलामी से देश को दो लाख करोड़ रुपये से अधिक की आय हुई है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी में बंगले को लेकर चर्चा रुकने का नाम नहीं ले रही है. जिस बंगले के कारण बीते दिनों सूबे के पूर्व सीएम अखिलेश यादव चर्चा में बने रहे अब उसी बंगले पर योगी सरकार के मंत्री ने अपना दावा ठोका है. यूपी सरकार में मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने इसके लिए मुख्य सचिव को पत्र भी लिख दिया है. सिद्धार्थनाथ सिंह ने मांग की है कि उन्हें 4 विक्रमादित्य मार्ग या 5 विक्रमादित्य मार्ग में से कोई एक बंगला आवंटित किया जाए. सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा है कि जो बंगला अभी उनके पास है वह आने वाले मेहमानों के हिसाब से काफी छोटा है इसलिए बड़ा बंगला दिया जाए. बता दें कि इनमें से 5 विक्रमादित्य मार्ग अखिलेश यादव के पास था, जिसको लेकर हाल ही में काफी बवाल मचा था. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग स्थित अपने सरकारी बंगले की चाबी राज्य सरकार को सुपुर्द कर दी थी. हालांकि, इसके बाद मीडिया के सामने आईं तस्वीरों ने यूपी की सियासी गलियारों में हलचल तेज कर दी थी. आपको बता दें कि अखिलेश के बंगला खाली करने के बाद वहां से टूटी हुई टाइलों और उखड़ी हुई टोंटियों की तस्वीरें मीडिया में छाई रही थीं. उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह का कहना था कि पहले सरकारी बंगले में महंगे सामान लगाए गए. सौ-सौ एसी, इटली की टाइल्स, फ्लोरिंग आदि लगाई गई और जब बंगला खाली करने की नौबत आई तो सब कुछ छुपाने के लिए लिए ये तोड़फोड़ की गई. विवाद पर अखिलेश की सफाई- बंगले में मैंने सामान लगवाया था, उखाड़ लाया क्या थी अखिलेश की सफाई? अखिलेश यादव ने कहा कि वो घर मुझे मिलने जा रहा था, इसलिए मैंने उसे अपने तरीके से बनाने का काम किया था. अखिलेश ने कहा कि आपने मेरे घर की टोंटी दिखाई, क्या मुख्यमंत्री के OSD वहां पर गए थे और उनके अलावा भी कई IAS ने वहां का दौरा किया था. अखिलेश ने कहा कि मेरे घर में मंदिर देखकर लोगों को जलन हो रही है. कुछ लोग जलन में अंधे हो गए हैं. उन्होंने कहा था कि जिस समय ये घर हमें मिला था, काफी हालत ठीक नहीं थी पिछले एक-साल में मैंने काम करवाया. Photos: क्या सरकारी बंगले का फर्श तक उखाड़ ले गए अखिलेश
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सुरक्षा की कमी को चिंता का मुख्य कारण बताते हुए कहा कि बलात्कार एवं अन्य आपराधिक घटनाओं में बढ़ोत्तरी इसका प्रमाण है. गत सोमवार को में बांदा, कानपुर तथा सुलतानपुर में बलात्कार पीड़ितों से मिले राहुल ने यहां सीआरपीएफ के केन्द्र की आधारशिला रखने के बाद उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में कुछ चीजों की कमी है, जिनमें सुरक्षा भी शामिल है और राज्य में हो रही बलात्कार जैसी घटनाएं इसका प्रमाण है. उत्तर प्रदेश में विकास के लिये जरूरी माहौल की कमी बताते हुए उन्होंने कहा कि अक्सर ऐसा कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश के लोग काम नहीं करते. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘लेकिन मैं इससे सहमत नहीं हूं. मैं मानता हूं कि प्रदेश की जनता काम करती है, लेकिन यहां दो-तीन चीजों की कमी है. यहां सुरक्षा, उद्योग, स्वास्थ्य और शिक्षा की कमी है, जिसकी वजह से विकास नहीं हो रहा है.’ उन्होंने कहा कि अगर इस प्रदेश में दिल्ली और पंजाब की तरह इन क्षेत्रों पर काम किया जाए तो विकास का वातावरण बन सकता है. राहुल ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश और अमेठी की जनता में आत्मविश्वास है, मगर दरवाजा बंद है. मेरी कोशिश है कि मैं इस दरवाजे को खोलूं. मेरी कोशिश है कि यहां रोजगार, स्वास्थ्य और सबसे जरूरी शिक्षा को लाकर मैं उस बंद दरवाजे को खोलूं. हम सब इस काम में लगे हैं.’ जानकारी की कमी को पिछड़ेपन और गरीबी का सबसे बड़ा कारण बताते हुए राहुल ने कुछ ही वर्षों में स्वयं सहायता समूह की मदद से गरीबी से बाहर निकली महिला राजकली का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा, ‘राजकली से मैंने पूछा था कि गरीबी का क्या मतलब है और आप इससे बाहर कैसे आईं. इस पर उन्होंने कहा कि पहले मुझे कोई मेरे नाम से नहीं जानता था क्योंकि मैं घर की चारदीवारी के अंदर रहती थी. जिस दिन मैंने दरवाजा खोलकर बाहर कदम रखा उस दिन मैं गरीबी से निकल गई.’ राहुल ने कहा, ‘गरीबी का मतलब आर्थिक तंगी जरूर है लेकिन उस महिला ने मुझे समझाया कि गरीबी का सबसे बड़ा कारण जानकारी का अभाव है. इसके बिना आत्मविश्वास नहीं आता और खुद पर यकीन न हो तो गरीबी से बाहर नहीं निकला जा सकता. उस महिला ने बहुत गहरी बात कही.’ उन्होंने सीआरपीएफ की तारीफ करते हुए कहा, ‘सीआरपीएफ एक ऐसी फोर्स है जो पूरे हिन्दुस्तान के लिये काम करती है, लड़ती है. यह शायद दुनिया में एकमात्र ऐसी फोर्स है जो चुनाव में भी मदद करती है. एक तरह से हमारे लोकतंत्र को मजबूत करने में सीआरपीएफ का भी योगदान है.’ राहुल ने कहा कि आज जिस सीआरपीएफ केन्द्र की बुनियाद रखी गई है उसमें बटालियन का मुख्यालय होगा और इस केन्द्र के निर्माण पर तकरीबन 120 करोड़ रुपए खर्च होंगे. कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘सीआरपीएफ जवान अमेठी में हमारे मेहमान हैं और वे आने वाले समय में आहिस्ता-आहिस्ता हमारे अमेठी के परिवार में शामिल हो जाएंगे. हमें उन्हें मेहमान की तरह देखना है और उनकी जरूरतें पूरी करने में मदद करनी चाहिये.’ इस बीच, सीआरपीएफ के महानिदेशक के. विजय कुमार ने कहा कि बल के ग्रुप सेंटर इसके जवानों और उनके परिवारों की देखभाल एवं उनके कल्याण कार्यक्रमों को चलाने की जिम्मेदारी निभाते हैं. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इस केन्द्र पर जवानों की भर्ती और प्रशिक्षण के कार्यक्रम भी शुरू किये जाएंगे.
यह लेख है: अन्ना हजारे ने कहा है कि वो अब पहले से काफी बेहतर महसूस कर रहे हैं और वो दस दिन बाद अपने गांव रालेगण सिद्दी से बाहर निकलेंगे। लेकिन वह चुनावों में प्रचार करेंगे या नहीं यह अभी भी साफ नहीं है।टिप्पणियां अन्ना ने यह बात मकर सक्रांति के मौके पर उनसे मिलने आए लोगों से कही।   अन्ना ने कहा कि उनकी सेहत अब ठीक है और वो दस दिन बाद यहां से बाहर निकलेंगे। हालांकि अन्ना के पीए सुरेश पठारे ने कहा कि अन्ना का जो भी अगला कार्यक्रम होगा वह डॉक्टरों की सलाह के बाद ही बनाया जाएगा। अन्ना ने यह बात मकर सक्रांति के मौके पर उनसे मिलने आए लोगों से कही।   अन्ना ने कहा कि उनकी सेहत अब ठीक है और वो दस दिन बाद यहां से बाहर निकलेंगे। हालांकि अन्ना के पीए सुरेश पठारे ने कहा कि अन्ना का जो भी अगला कार्यक्रम होगा वह डॉक्टरों की सलाह के बाद ही बनाया जाएगा। अन्ना ने कहा कि उनकी सेहत अब ठीक है और वो दस दिन बाद यहां से बाहर निकलेंगे। हालांकि अन्ना के पीए सुरेश पठारे ने कहा कि अन्ना का जो भी अगला कार्यक्रम होगा वह डॉक्टरों की सलाह के बाद ही बनाया जाएगा।
केदारनाथ धाम में कुदरत के भीषण कोहराम के शिकार तीर्थयात्रियों के शोकाकुल परिजन अपने सगे-संबंधियों के शव न मिल पाने के चलते भारी मन से उनका प्रतीकात्मक अंतिम संस्कार करने को मजबूर हैं। हिंदुओं के धार्मिक रीति-रिवाज पूरे करने के लिए इस तरह की अंत्येष्टियों में तीर्थयात्रियों की पार्थिव शरीर की जगह आटे के पुतलों, वस्त्रों और तस्वीरों को अग्नि के हवाले किया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि भाजपा के इंदौर मंडल के महामंत्री भगवान सिंह (45), उनकी पत्नी सुगन बाई (40) और उनके करीबी रिश्तेदार रूपसिंह (70) उन अभागे तीर्थयात्रियों में शामिल हैं, जो केदारनाथ धाम में अतिवृष्टि के बाद आई प्राकृतिक आपदा के शिकार हो गए। सूत्रों के मुताबिक एक ही कुनबे के तीनों तीर्थयात्री नजदीकी गांव झलारिया के रहने वाले थे। वे एक निजी ट्रैवल्स संचालक की बस से उत्तराखंड की चार धाम यात्रा पर निकले जत्थे में शामिल थे। टिप्पणियां उन्होंने बताया कि तीनों तीर्थयात्रियों के परिजन ने उनके शव न मिल पाने की वजह से उनकी प्रतीकात्मक अंत्येष्टि करने का निर्णय किया। सूत्रों ने बताया कि तीर्थयात्रियों के परिजन ने दो अर्थियां तैयार कीं। एक अर्थी में यह मानकर आटे के दो पुतले रखे गए कि ये भगवान सिंह और उनकी पत्नी सुगन बाई के शव हैं। दूसरी अर्थी में भी रूपसिंह के शव की जगह आटे का पुतला रखा गया। सूत्रों ने बताया कि भाजपा के इंदौर मंडल के महामंत्री भगवान सिंह (45), उनकी पत्नी सुगन बाई (40) और उनके करीबी रिश्तेदार रूपसिंह (70) उन अभागे तीर्थयात्रियों में शामिल हैं, जो केदारनाथ धाम में अतिवृष्टि के बाद आई प्राकृतिक आपदा के शिकार हो गए। सूत्रों के मुताबिक एक ही कुनबे के तीनों तीर्थयात्री नजदीकी गांव झलारिया के रहने वाले थे। वे एक निजी ट्रैवल्स संचालक की बस से उत्तराखंड की चार धाम यात्रा पर निकले जत्थे में शामिल थे। टिप्पणियां उन्होंने बताया कि तीनों तीर्थयात्रियों के परिजन ने उनके शव न मिल पाने की वजह से उनकी प्रतीकात्मक अंत्येष्टि करने का निर्णय किया। सूत्रों ने बताया कि तीर्थयात्रियों के परिजन ने दो अर्थियां तैयार कीं। एक अर्थी में यह मानकर आटे के दो पुतले रखे गए कि ये भगवान सिंह और उनकी पत्नी सुगन बाई के शव हैं। दूसरी अर्थी में भी रूपसिंह के शव की जगह आटे का पुतला रखा गया। सूत्रों के मुताबिक एक ही कुनबे के तीनों तीर्थयात्री नजदीकी गांव झलारिया के रहने वाले थे। वे एक निजी ट्रैवल्स संचालक की बस से उत्तराखंड की चार धाम यात्रा पर निकले जत्थे में शामिल थे। टिप्पणियां उन्होंने बताया कि तीनों तीर्थयात्रियों के परिजन ने उनके शव न मिल पाने की वजह से उनकी प्रतीकात्मक अंत्येष्टि करने का निर्णय किया। सूत्रों ने बताया कि तीर्थयात्रियों के परिजन ने दो अर्थियां तैयार कीं। एक अर्थी में यह मानकर आटे के दो पुतले रखे गए कि ये भगवान सिंह और उनकी पत्नी सुगन बाई के शव हैं। दूसरी अर्थी में भी रूपसिंह के शव की जगह आटे का पुतला रखा गया। उन्होंने बताया कि तीनों तीर्थयात्रियों के परिजन ने उनके शव न मिल पाने की वजह से उनकी प्रतीकात्मक अंत्येष्टि करने का निर्णय किया। सूत्रों ने बताया कि तीर्थयात्रियों के परिजन ने दो अर्थियां तैयार कीं। एक अर्थी में यह मानकर आटे के दो पुतले रखे गए कि ये भगवान सिंह और उनकी पत्नी सुगन बाई के शव हैं। दूसरी अर्थी में भी रूपसिंह के शव की जगह आटे का पुतला रखा गया। सूत्रों ने बताया कि तीर्थयात्रियों के परिजन ने दो अर्थियां तैयार कीं। एक अर्थी में यह मानकर आटे के दो पुतले रखे गए कि ये भगवान सिंह और उनकी पत्नी सुगन बाई के शव हैं। दूसरी अर्थी में भी रूपसिंह के शव की जगह आटे का पुतला रखा गया।
त्रिकोणमिति में एक सामान्य त्रिभुज के लिये निम्नलिखित संबन्ध को कोज्या नियम (law of cosines) या कोज्या सूत्र कहते हैं (सन्दर्भ चित्र १) - कोज्या नियम पाइथागोरस के प्रमेय का सामान्यीकृत स्थिति (केस) है, अर्थात = ९० डिग्री तो अतः : कोज्या नियम उस स्थिति में उपयोगी होता है जब किसी त्रिभुज की दो भुजाएँ एवं उनके बीच का कोण दिया हो तथा तीसरी भुजा की लम्बाई निकालनी हो। या तीनों भुजाएँ दी हुई हों और कोई भी कोण निकालना हो, जैसे- त्रिभुज ABC में, भुजा b के सामने का कोण निकालो। उपपत्ति सामने के चित्र में, तथा उपरोक्त दोनों समीकरणों में से d2 का विलोपन करने पर, इसी प्रकार, , या अतः इन्हें भी देखें ज्या नियम बाहरी कड़ियाँ Several derivations of the Cosine Law, including Euclid's at cut-the-knot त्रिकोणमिति कोण
भारतीय टीम जिम्बाब्वे पर वनडे सीरीज में 'व्‍हाइटवाश' करने की ओर बढ़ रही है लेकिन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा है कि वह इस बात से चिंतित हैं कि अब तक दौरे पर उनके ज्यादातर बल्लेबाजों को मौका नहीं मिला है। भारत ने दूसरे वनडे में जिम्बाब्वे पर आठ विकेट से जीत दर्ज कर तीन मैचों की सीरीज में 2-0 से अजेय बढ़त बना ली। धोनी ने मैच के बाद कहा, 'अभी तक हमारे शीर्ष बल्लेबाजों में से केवल तीन को ही खेलने का मौका मिला है। बल्लेबाजी विभाग में हम कुछ बदलाव करना चाहेंगे।' अंतिम वनडे और तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में टीम के संयोजन में बदलाव के संदर्भ में उन्होंने कहा, 'हम बैठकर अगले मैच में बदलाव के लिये संजय बांगड़ से चर्चा करेंगे। एक मैच में इतने सारे खिलाड़ी नहीं खेल सकते। हम देखेंगे कि हम टी20 टीम में किसे रख सकते हैं और हम कुछ गेंदबाजों को आराम देंगे।' धोनी ने इस जीत के लिये अपने गेंदबाजों को श्रेय दिया। उन्होंने कहा, 'हमारे गेंदबाजों ने उन्हें रोकने का शानदार काम किया, मुझे लग रहा था कि वे 200 रन से आगे बढ़ जायेंगे लेकिन हमारे स्पिनरों ने हमें अहम विकेट दिलाये।' रिचमंड मुतुम्बामी के कैच के बारे में पूछने पर धोनी ने कहा, 'कैच लेना हमेशा अच्छा होता है और बल्ले के अंदरूनी किनारे को लगकर गयी गेंद को पकड़ना हमेशा अच्छा होता है। भारत ने पहले वनडे में नौ विकेट से जीत दर्ज की थी। धोनी ने कहा, 'यह प्रदर्शन पहले मैच से अलग था, पिच भी थोड़ी अलग थी। पहले 10 ओवरों में खेले गये कुछ शॉट से लग रहा था कि गेंद बल्ले पर अच्छी तरह आ रही थी।' टीम के दबदबे भरे प्रदर्शन के बीच धोनी को एक बार भी बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला है लेकिन उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा, 'सबसे अहम चीज मैच जीतना है और जब पेशेवर होने की बात आती है तो हमारी बल्लेबाजी इस पर खरी उतरी है, यहां तक कि पहले मैच में भी। 'दूसरे दर्जे की भारतीय टीम ने फिर दबदबे भरा प्रदर्शन किया और गेंदबाजों ने मेजबान टीम को 34.3 ओवर में 126 रन के स्कोर पर आउट कर दिया। फिर बल्लेबाजों को इस लक्ष्य को हासिल करने में जरा भी पसीना नहीं बहाना पड़ा और उन्होंने महज 26.5 ओवर में जीत दर्ज की। जिम्बाब्वे टीम के कप्तान ग्रीम क्रेमर इस परिणाम से निराश थे, उन्होंने कहा, 'फिर से टॉस गंवाने ने भी इस हार में भूमिका अदा की, लेकिन हमारे बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। हम 240 रन का स्कोर बनाकर उन्हें दबाव में लाना चाहते थे। चोटें हमेशा निराशाजनक होती हैं लेकिन मुझे लगता है कि हमारे पास अच्छा स्कोर बनाने के लिये काफी बल्लेबाज थे। हमें चार मैच और खेलने हैं और उम्मीद है कि हम टी20 में उन्हें चुनौती देंगे।'टिप्पणियां मैन आफ द मैच लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने 25 रन देकर तीन विकेट लेकर शानदार प्रदर्शन किया।, उन्होंने कहा, 'मैंने गेंदबाजी का लुत्फ उठाया, विकेट थोड़ा धीमा था।' (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) धोनी ने मैच के बाद कहा, 'अभी तक हमारे शीर्ष बल्लेबाजों में से केवल तीन को ही खेलने का मौका मिला है। बल्लेबाजी विभाग में हम कुछ बदलाव करना चाहेंगे।' अंतिम वनडे और तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में टीम के संयोजन में बदलाव के संदर्भ में उन्होंने कहा, 'हम बैठकर अगले मैच में बदलाव के लिये संजय बांगड़ से चर्चा करेंगे। एक मैच में इतने सारे खिलाड़ी नहीं खेल सकते। हम देखेंगे कि हम टी20 टीम में किसे रख सकते हैं और हम कुछ गेंदबाजों को आराम देंगे।' धोनी ने इस जीत के लिये अपने गेंदबाजों को श्रेय दिया। उन्होंने कहा, 'हमारे गेंदबाजों ने उन्हें रोकने का शानदार काम किया, मुझे लग रहा था कि वे 200 रन से आगे बढ़ जायेंगे लेकिन हमारे स्पिनरों ने हमें अहम विकेट दिलाये।' रिचमंड मुतुम्बामी के कैच के बारे में पूछने पर धोनी ने कहा, 'कैच लेना हमेशा अच्छा होता है और बल्ले के अंदरूनी किनारे को लगकर गयी गेंद को पकड़ना हमेशा अच्छा होता है। भारत ने पहले वनडे में नौ विकेट से जीत दर्ज की थी। धोनी ने कहा, 'यह प्रदर्शन पहले मैच से अलग था, पिच भी थोड़ी अलग थी। पहले 10 ओवरों में खेले गये कुछ शॉट से लग रहा था कि गेंद बल्ले पर अच्छी तरह आ रही थी।' टीम के दबदबे भरे प्रदर्शन के बीच धोनी को एक बार भी बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला है लेकिन उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा, 'सबसे अहम चीज मैच जीतना है और जब पेशेवर होने की बात आती है तो हमारी बल्लेबाजी इस पर खरी उतरी है, यहां तक कि पहले मैच में भी। 'दूसरे दर्जे की भारतीय टीम ने फिर दबदबे भरा प्रदर्शन किया और गेंदबाजों ने मेजबान टीम को 34.3 ओवर में 126 रन के स्कोर पर आउट कर दिया। फिर बल्लेबाजों को इस लक्ष्य को हासिल करने में जरा भी पसीना नहीं बहाना पड़ा और उन्होंने महज 26.5 ओवर में जीत दर्ज की। जिम्बाब्वे टीम के कप्तान ग्रीम क्रेमर इस परिणाम से निराश थे, उन्होंने कहा, 'फिर से टॉस गंवाने ने भी इस हार में भूमिका अदा की, लेकिन हमारे बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। हम 240 रन का स्कोर बनाकर उन्हें दबाव में लाना चाहते थे। चोटें हमेशा निराशाजनक होती हैं लेकिन मुझे लगता है कि हमारे पास अच्छा स्कोर बनाने के लिये काफी बल्लेबाज थे। हमें चार मैच और खेलने हैं और उम्मीद है कि हम टी20 में उन्हें चुनौती देंगे।'टिप्पणियां मैन आफ द मैच लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने 25 रन देकर तीन विकेट लेकर शानदार प्रदर्शन किया।, उन्होंने कहा, 'मैंने गेंदबाजी का लुत्फ उठाया, विकेट थोड़ा धीमा था।' (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) उन्होंने कहा, 'हमारे गेंदबाजों ने उन्हें रोकने का शानदार काम किया, मुझे लग रहा था कि वे 200 रन से आगे बढ़ जायेंगे लेकिन हमारे स्पिनरों ने हमें अहम विकेट दिलाये।' रिचमंड मुतुम्बामी के कैच के बारे में पूछने पर धोनी ने कहा, 'कैच लेना हमेशा अच्छा होता है और बल्ले के अंदरूनी किनारे को लगकर गयी गेंद को पकड़ना हमेशा अच्छा होता है। भारत ने पहले वनडे में नौ विकेट से जीत दर्ज की थी। धोनी ने कहा, 'यह प्रदर्शन पहले मैच से अलग था, पिच भी थोड़ी अलग थी। पहले 10 ओवरों में खेले गये कुछ शॉट से लग रहा था कि गेंद बल्ले पर अच्छी तरह आ रही थी।' टीम के दबदबे भरे प्रदर्शन के बीच धोनी को एक बार भी बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला है लेकिन उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा, 'सबसे अहम चीज मैच जीतना है और जब पेशेवर होने की बात आती है तो हमारी बल्लेबाजी इस पर खरी उतरी है, यहां तक कि पहले मैच में भी। 'दूसरे दर्जे की भारतीय टीम ने फिर दबदबे भरा प्रदर्शन किया और गेंदबाजों ने मेजबान टीम को 34.3 ओवर में 126 रन के स्कोर पर आउट कर दिया। फिर बल्लेबाजों को इस लक्ष्य को हासिल करने में जरा भी पसीना नहीं बहाना पड़ा और उन्होंने महज 26.5 ओवर में जीत दर्ज की। जिम्बाब्वे टीम के कप्तान ग्रीम क्रेमर इस परिणाम से निराश थे, उन्होंने कहा, 'फिर से टॉस गंवाने ने भी इस हार में भूमिका अदा की, लेकिन हमारे बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। हम 240 रन का स्कोर बनाकर उन्हें दबाव में लाना चाहते थे। चोटें हमेशा निराशाजनक होती हैं लेकिन मुझे लगता है कि हमारे पास अच्छा स्कोर बनाने के लिये काफी बल्लेबाज थे। हमें चार मैच और खेलने हैं और उम्मीद है कि हम टी20 में उन्हें चुनौती देंगे।'टिप्पणियां मैन आफ द मैच लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने 25 रन देकर तीन विकेट लेकर शानदार प्रदर्शन किया।, उन्होंने कहा, 'मैंने गेंदबाजी का लुत्फ उठाया, विकेट थोड़ा धीमा था।' (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) धोनी ने कहा, 'यह प्रदर्शन पहले मैच से अलग था, पिच भी थोड़ी अलग थी। पहले 10 ओवरों में खेले गये कुछ शॉट से लग रहा था कि गेंद बल्ले पर अच्छी तरह आ रही थी।' टीम के दबदबे भरे प्रदर्शन के बीच धोनी को एक बार भी बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला है लेकिन उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा, 'सबसे अहम चीज मैच जीतना है और जब पेशेवर होने की बात आती है तो हमारी बल्लेबाजी इस पर खरी उतरी है, यहां तक कि पहले मैच में भी। 'दूसरे दर्जे की भारतीय टीम ने फिर दबदबे भरा प्रदर्शन किया और गेंदबाजों ने मेजबान टीम को 34.3 ओवर में 126 रन के स्कोर पर आउट कर दिया। फिर बल्लेबाजों को इस लक्ष्य को हासिल करने में जरा भी पसीना नहीं बहाना पड़ा और उन्होंने महज 26.5 ओवर में जीत दर्ज की। जिम्बाब्वे टीम के कप्तान ग्रीम क्रेमर इस परिणाम से निराश थे, उन्होंने कहा, 'फिर से टॉस गंवाने ने भी इस हार में भूमिका अदा की, लेकिन हमारे बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। हम 240 रन का स्कोर बनाकर उन्हें दबाव में लाना चाहते थे। चोटें हमेशा निराशाजनक होती हैं लेकिन मुझे लगता है कि हमारे पास अच्छा स्कोर बनाने के लिये काफी बल्लेबाज थे। हमें चार मैच और खेलने हैं और उम्मीद है कि हम टी20 में उन्हें चुनौती देंगे।'टिप्पणियां मैन आफ द मैच लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने 25 रन देकर तीन विकेट लेकर शानदार प्रदर्शन किया।, उन्होंने कहा, 'मैंने गेंदबाजी का लुत्फ उठाया, विकेट थोड़ा धीमा था।' (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) उन्होंने कहा, 'सबसे अहम चीज मैच जीतना है और जब पेशेवर होने की बात आती है तो हमारी बल्लेबाजी इस पर खरी उतरी है, यहां तक कि पहले मैच में भी। 'दूसरे दर्जे की भारतीय टीम ने फिर दबदबे भरा प्रदर्शन किया और गेंदबाजों ने मेजबान टीम को 34.3 ओवर में 126 रन के स्कोर पर आउट कर दिया। फिर बल्लेबाजों को इस लक्ष्य को हासिल करने में जरा भी पसीना नहीं बहाना पड़ा और उन्होंने महज 26.5 ओवर में जीत दर्ज की। जिम्बाब्वे टीम के कप्तान ग्रीम क्रेमर इस परिणाम से निराश थे, उन्होंने कहा, 'फिर से टॉस गंवाने ने भी इस हार में भूमिका अदा की, लेकिन हमारे बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। हम 240 रन का स्कोर बनाकर उन्हें दबाव में लाना चाहते थे। चोटें हमेशा निराशाजनक होती हैं लेकिन मुझे लगता है कि हमारे पास अच्छा स्कोर बनाने के लिये काफी बल्लेबाज थे। हमें चार मैच और खेलने हैं और उम्मीद है कि हम टी20 में उन्हें चुनौती देंगे।'टिप्पणियां मैन आफ द मैच लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने 25 रन देकर तीन विकेट लेकर शानदार प्रदर्शन किया।, उन्होंने कहा, 'मैंने गेंदबाजी का लुत्फ उठाया, विकेट थोड़ा धीमा था।' (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) जिम्बाब्वे टीम के कप्तान ग्रीम क्रेमर इस परिणाम से निराश थे, उन्होंने कहा, 'फिर से टॉस गंवाने ने भी इस हार में भूमिका अदा की, लेकिन हमारे बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। हम 240 रन का स्कोर बनाकर उन्हें दबाव में लाना चाहते थे। चोटें हमेशा निराशाजनक होती हैं लेकिन मुझे लगता है कि हमारे पास अच्छा स्कोर बनाने के लिये काफी बल्लेबाज थे। हमें चार मैच और खेलने हैं और उम्मीद है कि हम टी20 में उन्हें चुनौती देंगे।'टिप्पणियां मैन आफ द मैच लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने 25 रन देकर तीन विकेट लेकर शानदार प्रदर्शन किया।, उन्होंने कहा, 'मैंने गेंदबाजी का लुत्फ उठाया, विकेट थोड़ा धीमा था।' (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) मैन आफ द मैच लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने 25 रन देकर तीन विकेट लेकर शानदार प्रदर्शन किया।, उन्होंने कहा, 'मैंने गेंदबाजी का लुत्फ उठाया, विकेट थोड़ा धीमा था।' (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
मीरा नायर की 'मिसिसिप्पी मसाला' में एक बिगड़ैल लड़की और 'कामसूत्र' की सेक्स सायरन सरिता चौधरी का दीपा मेहता की 'मिडनाइट्स चिल्ड्रन' में साड़ी में ढकी, एकदम सख्त प्रधानमंत्री के किरदार में नजर आना, हैरत में डालने वाला है. न्यूयॉर्क की रहने वाली यह 46 वर्षीया बंगाली-इंग्लिश ऐक्टर आखिरी बार 2010 में सोना जैन की 'फॉर रियल' में परेशानी में फंसी गृहिणी के रोल में नजर आई थीं. लेकिन इंदिरा गांधी के रोल में उन्हें जल्द नहीं भुलाया जा सकेगा.
जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी नेता लगातार युवाओं को भटकाते रहते हैं. अलगाववादी नेता ही सबसे बड़े कारण हैं जिनकी वजह से स्थानीय युवा विरोध करने के लिए सड़कों पर दिखते हैं और देशविरोधी नारेबाजी करते हैं. लेकिन अब इन्हीं नेताओं की पोल खुली है. गृह मंत्रालय ने उन अलगाववादी नेताओं की लिस्ट जारी की है, जिनके बच्चे विदेश में पढ़ते हैं. इन नेताओं में आसिया अंद्राबी से लेकर मीरवाइज़ उमर फारूक हर कोई शामिल हैं. पढ़ें पूरी लिस्ट... 1. निसार हुसैन (वहीदत ए इस्लामी) – बेटा और बेटी ईरान में रह रहे हैं. बेटी ईरान में ही नौकरी करती है. 2. बिलाल लोन – सबसे छोटी बेटी ऑस्ट्रेलिया में पढ़ रही है. 3. अशरफ सहरई (चेयरमैन, तहरीक-ए-हुर्रियत) – दो बेटे खालिद-आबिद सऊदी अरब में काम करते हैं. 4. जीएम. भट्ट (आमिर ए जमात) – बेटा सऊदी अरब में डॉक्टर 5. आसिया अंद्राबी (दुख्तरान-ए-मिल्लत) – दोनों बेटे विदेश में हैं. एक मलेशिया में पढ़ाई कर रहा है और दूसरा बेटा ऑस्ट्रेलिया में पढ़ रहा है. 6. मोहम्मद शफी रेशी (DPM) – बेटा अमेरिका में पीएचडी कर रहा है. 7. अशरफ लाया (तहरीक ए हुर्रियत) - बेटी पाकिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है. 8. जहूर गिलानी (तहरीक ए हुर्रियत) (सैयद अली शाह का दामाद) – बेटा सऊदी अरब में एयरलाइंस में काम करता है. 9. मीरवाइज उमर फारूक (हुर्रियत के चेयरमैन) – बहन अमेरिका में रहती है. 10. मोहम्मद युसूफ मीर (मुस्लिम लीग) – बेटी पाकिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है. आपको बता दें कि ये उन नेताओं की लिस्ट है जो अलग कश्मीर के नाम पर घाटी में हिंसा को बढ़ावा देते हैं. युवाओं को हिंदुस्तान के खिलाफ भड़काते हैं और देशविरोधी हरकतें करवाते हैं. यही नेता अक्सर कश्मीर में बंद भी बुलाया करते हैं. हालांकि, इस वक्त इनमें से कई नेता नज़रबंद हैं या फिर हिरासत में हैं. कई नेताओं को दी गई सरकारी सुरक्षा को केंद्र सरकार ने वापस भी ले लिया है. हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में ऐलान किया था कि मोदी सरकार ने अलगाववादियों को दी गई सुरक्षा वापस ले ली है. पहले सिर्फ देश विरोधी बातें करने पर ही सुरक्षा दे दी जाती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.
पश्चिमोत्तर स्पेन में एक ट्रेन के पटरी से उतर जाने के कारण हुए हादसे में 77 लोगों की मौत हो गई और 140 से अधिक घायल हो गए। यह घटना स्थानीय समयानुसार रात आठ बजकर 42 मिनट (भारतीय समयानुसार रात 12 बजकर 12 मिनट) पर हुई। ट्रेन में 218 यात्री और चार कर्मचारी थे। घटना उस वक्त हुई, जब ट्रेन पश्चिमोत्तर गैलिसिया क्षेत्र स्थित सेंटियागो डि कंपोस्टेला स्टेशन में प्रवेश करने वाली थी। चार डिब्बे पटरी से उतर गए। डिब्बों में आग लग जाने की वजह से धुआं निकल रहा था। ट्रेन के डिब्बे एक के ऊपर एक करके चढ़ गए हैं। यह दुर्घटना सेंटियागो डि कंपोस्टेला के मुख्य रेलवे स्टेशन से तकरीबन चार किलोमीटर दूर तेज गति वाले ट्रैक पर हुई। सेंटियागो डि कंपोस्टेला प्रसिद्ध अल केमिनो डि सेंटियागो तीर्थस्थल के लिए प्रसिद्ध है। गैलिसिया हाई कोर्ट के प्रवक्ता ने बताया कि बचावकर्मियों ने ट्रेन के मलबे से 73 शव निकाले, जबकि चार और पीड़ितों की बाद में अस्पताल में मौत हो गई। कुल 143 लोगों के घायल होने की बात कही जा रही है। कई प्रत्यक्षदर्शियों ने भारी विस्फोट होने की बात कही। दुर्घटनास्थल से चंद मीटर की दूरी पर रहने वाली 62-वर्षीय मारिया टेरेसा रामोस ने कहा, मैं घर में थी। तभी मैंने जोरदार आवाज सुनी। यह बहुत जोरदार आवाज थी। काफी धुआं निकल रहा था। उन्होंने कहा, यह दुर्घटना है। लोग चीख रहे थे। किसी ने भी इससे पहले ऐसा नहीं देखा। दुर्घटना जिस स्थान पर हुई उसके पास ही अपने माता-पिता के घर में मौजूद फ्रांसिस्को ओटेरो ने बताया, जोरदार धमाके की आवाज सुनाई पड़ी। ऐसा लगा जैसे भूकंप आया हो। टिप्पणियां ओटेरो ने कहा, पहली चीज जो मैंने देखी, वह एक महिला का शव था। इससे पहले मैंने कभी शव नहीं देखा था, लेकिन उन सबसे इतर मेरा ध्यान काफी सन्नाटे, कुछ धुएं और आग पर गया। उन्होंने कहा, मेरे पड़ोसियों ने डिब्बों के नीचे दबे लोगों को बाहर निकालने का प्रयास किया। ट्रेन मेड्रिड से रवाना हुई थी और पश्चिमोत्तर शहर फेरोल के लिए जा रही थी। उधर, गैलिसिया क्षेत्र अपने संरक्षक संत जेम्स के सम्मान में जश्न की तैयारी में था। एक प्रत्यक्षदर्शी ने रेडियो सेडेना सेर को बताया कि डिब्बे कई बार एक मोड़ पर पलटे और रुककर एक-दूसरे पर चढ़ गए। रेनफे के एक प्रवक्ता ने कहा, जांच चल रही है और हमें प्रतीक्षा करनी होगी। जब हम ट्रेन के ब्लैक बॉक्स को देखेंगे, तब बहुत शीघ्र पता चल जाएगा कि ट्रेन किस गति से जा रही थी। प्रधानमंत्री आज दुर्घटनास्थल का दौरा करेंगे। ट्रेन में 218 यात्री और चार कर्मचारी थे। घटना उस वक्त हुई, जब ट्रेन पश्चिमोत्तर गैलिसिया क्षेत्र स्थित सेंटियागो डि कंपोस्टेला स्टेशन में प्रवेश करने वाली थी। चार डिब्बे पटरी से उतर गए। डिब्बों में आग लग जाने की वजह से धुआं निकल रहा था। ट्रेन के डिब्बे एक के ऊपर एक करके चढ़ गए हैं। यह दुर्घटना सेंटियागो डि कंपोस्टेला के मुख्य रेलवे स्टेशन से तकरीबन चार किलोमीटर दूर तेज गति वाले ट्रैक पर हुई। सेंटियागो डि कंपोस्टेला प्रसिद्ध अल केमिनो डि सेंटियागो तीर्थस्थल के लिए प्रसिद्ध है। गैलिसिया हाई कोर्ट के प्रवक्ता ने बताया कि बचावकर्मियों ने ट्रेन के मलबे से 73 शव निकाले, जबकि चार और पीड़ितों की बाद में अस्पताल में मौत हो गई। कुल 143 लोगों के घायल होने की बात कही जा रही है। कई प्रत्यक्षदर्शियों ने भारी विस्फोट होने की बात कही। दुर्घटनास्थल से चंद मीटर की दूरी पर रहने वाली 62-वर्षीय मारिया टेरेसा रामोस ने कहा, मैं घर में थी। तभी मैंने जोरदार आवाज सुनी। यह बहुत जोरदार आवाज थी। काफी धुआं निकल रहा था। उन्होंने कहा, यह दुर्घटना है। लोग चीख रहे थे। किसी ने भी इससे पहले ऐसा नहीं देखा। दुर्घटना जिस स्थान पर हुई उसके पास ही अपने माता-पिता के घर में मौजूद फ्रांसिस्को ओटेरो ने बताया, जोरदार धमाके की आवाज सुनाई पड़ी। ऐसा लगा जैसे भूकंप आया हो। टिप्पणियां ओटेरो ने कहा, पहली चीज जो मैंने देखी, वह एक महिला का शव था। इससे पहले मैंने कभी शव नहीं देखा था, लेकिन उन सबसे इतर मेरा ध्यान काफी सन्नाटे, कुछ धुएं और आग पर गया। उन्होंने कहा, मेरे पड़ोसियों ने डिब्बों के नीचे दबे लोगों को बाहर निकालने का प्रयास किया। ट्रेन मेड्रिड से रवाना हुई थी और पश्चिमोत्तर शहर फेरोल के लिए जा रही थी। उधर, गैलिसिया क्षेत्र अपने संरक्षक संत जेम्स के सम्मान में जश्न की तैयारी में था। एक प्रत्यक्षदर्शी ने रेडियो सेडेना सेर को बताया कि डिब्बे कई बार एक मोड़ पर पलटे और रुककर एक-दूसरे पर चढ़ गए। रेनफे के एक प्रवक्ता ने कहा, जांच चल रही है और हमें प्रतीक्षा करनी होगी। जब हम ट्रेन के ब्लैक बॉक्स को देखेंगे, तब बहुत शीघ्र पता चल जाएगा कि ट्रेन किस गति से जा रही थी। प्रधानमंत्री आज दुर्घटनास्थल का दौरा करेंगे। यह दुर्घटना सेंटियागो डि कंपोस्टेला के मुख्य रेलवे स्टेशन से तकरीबन चार किलोमीटर दूर तेज गति वाले ट्रैक पर हुई। सेंटियागो डि कंपोस्टेला प्रसिद्ध अल केमिनो डि सेंटियागो तीर्थस्थल के लिए प्रसिद्ध है। गैलिसिया हाई कोर्ट के प्रवक्ता ने बताया कि बचावकर्मियों ने ट्रेन के मलबे से 73 शव निकाले, जबकि चार और पीड़ितों की बाद में अस्पताल में मौत हो गई। कुल 143 लोगों के घायल होने की बात कही जा रही है। कई प्रत्यक्षदर्शियों ने भारी विस्फोट होने की बात कही। दुर्घटनास्थल से चंद मीटर की दूरी पर रहने वाली 62-वर्षीय मारिया टेरेसा रामोस ने कहा, मैं घर में थी। तभी मैंने जोरदार आवाज सुनी। यह बहुत जोरदार आवाज थी। काफी धुआं निकल रहा था। उन्होंने कहा, यह दुर्घटना है। लोग चीख रहे थे। किसी ने भी इससे पहले ऐसा नहीं देखा। दुर्घटना जिस स्थान पर हुई उसके पास ही अपने माता-पिता के घर में मौजूद फ्रांसिस्को ओटेरो ने बताया, जोरदार धमाके की आवाज सुनाई पड़ी। ऐसा लगा जैसे भूकंप आया हो। टिप्पणियां ओटेरो ने कहा, पहली चीज जो मैंने देखी, वह एक महिला का शव था। इससे पहले मैंने कभी शव नहीं देखा था, लेकिन उन सबसे इतर मेरा ध्यान काफी सन्नाटे, कुछ धुएं और आग पर गया। उन्होंने कहा, मेरे पड़ोसियों ने डिब्बों के नीचे दबे लोगों को बाहर निकालने का प्रयास किया। ट्रेन मेड्रिड से रवाना हुई थी और पश्चिमोत्तर शहर फेरोल के लिए जा रही थी। उधर, गैलिसिया क्षेत्र अपने संरक्षक संत जेम्स के सम्मान में जश्न की तैयारी में था। एक प्रत्यक्षदर्शी ने रेडियो सेडेना सेर को बताया कि डिब्बे कई बार एक मोड़ पर पलटे और रुककर एक-दूसरे पर चढ़ गए। रेनफे के एक प्रवक्ता ने कहा, जांच चल रही है और हमें प्रतीक्षा करनी होगी। जब हम ट्रेन के ब्लैक बॉक्स को देखेंगे, तब बहुत शीघ्र पता चल जाएगा कि ट्रेन किस गति से जा रही थी। प्रधानमंत्री आज दुर्घटनास्थल का दौरा करेंगे। कई प्रत्यक्षदर्शियों ने भारी विस्फोट होने की बात कही। दुर्घटनास्थल से चंद मीटर की दूरी पर रहने वाली 62-वर्षीय मारिया टेरेसा रामोस ने कहा, मैं घर में थी। तभी मैंने जोरदार आवाज सुनी। यह बहुत जोरदार आवाज थी। काफी धुआं निकल रहा था। उन्होंने कहा, यह दुर्घटना है। लोग चीख रहे थे। किसी ने भी इससे पहले ऐसा नहीं देखा। दुर्घटना जिस स्थान पर हुई उसके पास ही अपने माता-पिता के घर में मौजूद फ्रांसिस्को ओटेरो ने बताया, जोरदार धमाके की आवाज सुनाई पड़ी। ऐसा लगा जैसे भूकंप आया हो। टिप्पणियां ओटेरो ने कहा, पहली चीज जो मैंने देखी, वह एक महिला का शव था। इससे पहले मैंने कभी शव नहीं देखा था, लेकिन उन सबसे इतर मेरा ध्यान काफी सन्नाटे, कुछ धुएं और आग पर गया। उन्होंने कहा, मेरे पड़ोसियों ने डिब्बों के नीचे दबे लोगों को बाहर निकालने का प्रयास किया। ट्रेन मेड्रिड से रवाना हुई थी और पश्चिमोत्तर शहर फेरोल के लिए जा रही थी। उधर, गैलिसिया क्षेत्र अपने संरक्षक संत जेम्स के सम्मान में जश्न की तैयारी में था। एक प्रत्यक्षदर्शी ने रेडियो सेडेना सेर को बताया कि डिब्बे कई बार एक मोड़ पर पलटे और रुककर एक-दूसरे पर चढ़ गए। रेनफे के एक प्रवक्ता ने कहा, जांच चल रही है और हमें प्रतीक्षा करनी होगी। जब हम ट्रेन के ब्लैक बॉक्स को देखेंगे, तब बहुत शीघ्र पता चल जाएगा कि ट्रेन किस गति से जा रही थी। प्रधानमंत्री आज दुर्घटनास्थल का दौरा करेंगे। ओटेरो ने कहा, पहली चीज जो मैंने देखी, वह एक महिला का शव था। इससे पहले मैंने कभी शव नहीं देखा था, लेकिन उन सबसे इतर मेरा ध्यान काफी सन्नाटे, कुछ धुएं और आग पर गया। उन्होंने कहा, मेरे पड़ोसियों ने डिब्बों के नीचे दबे लोगों को बाहर निकालने का प्रयास किया। ट्रेन मेड्रिड से रवाना हुई थी और पश्चिमोत्तर शहर फेरोल के लिए जा रही थी। उधर, गैलिसिया क्षेत्र अपने संरक्षक संत जेम्स के सम्मान में जश्न की तैयारी में था। एक प्रत्यक्षदर्शी ने रेडियो सेडेना सेर को बताया कि डिब्बे कई बार एक मोड़ पर पलटे और रुककर एक-दूसरे पर चढ़ गए। रेनफे के एक प्रवक्ता ने कहा, जांच चल रही है और हमें प्रतीक्षा करनी होगी। जब हम ट्रेन के ब्लैक बॉक्स को देखेंगे, तब बहुत शीघ्र पता चल जाएगा कि ट्रेन किस गति से जा रही थी। प्रधानमंत्री आज दुर्घटनास्थल का दौरा करेंगे। उधर, गैलिसिया क्षेत्र अपने संरक्षक संत जेम्स के सम्मान में जश्न की तैयारी में था। एक प्रत्यक्षदर्शी ने रेडियो सेडेना सेर को बताया कि डिब्बे कई बार एक मोड़ पर पलटे और रुककर एक-दूसरे पर चढ़ गए। रेनफे के एक प्रवक्ता ने कहा, जांच चल रही है और हमें प्रतीक्षा करनी होगी। जब हम ट्रेन के ब्लैक बॉक्स को देखेंगे, तब बहुत शीघ्र पता चल जाएगा कि ट्रेन किस गति से जा रही थी। प्रधानमंत्री आज दुर्घटनास्थल का दौरा करेंगे।
लन्दन के शाही ग्रीनिच वेधशाला के माध्य सौर समय को ग्रीनिच माध्य समय माना गया है। यह वहाँ की मध्यरात्रि से आरम्भ होता है (अर्थात मध्यरात्रि को समय = ०) । किन्तु पहले यह मध्याह्न से भी आरम्भ हुआ माना जाता था। इसके अलावा अन्य प्रकार से भी ग्रीनिच माध्य समय की गणना की जाती रही है। अतः इसका उपयोग सही-सही समय बताने के लिए नहीं किया जा सकता (जब तक पूरा सन्दर्भ न दिया गया हो।)। इन्हें भी देखें समन्वयित विश्वव्यापी समय समय मापन प्रणालियाँ
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: प्रतिष्ठित नालंदा विश्वविद्यालय में अगले साल से जनस्वास्थ्य की पढ़ाई शुरू करने की योजना बनी है. स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ का मकसद जिले की आबादी के स्वास्थ्य संकेतकों को ऊंचा उठाना है. विश्वविद्यालय की कुलपति ने सोमवार को यह जानकारी दी. कोलकाता में वाणिज्य दूतावास की ओर से आयोजित 'ह्वेन सांग एंड चाइना-इंडिया फ्रेंडली एक्सचेंज्स' कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचीं विश्वविद्यालय की कुलपति गोपा सभरवाल ने यहां इस बारे में जानकारी दी.  उन्होंने कहा कि हमलोग जिस अगले विद्यालय की शुरुआत कर रहे हैं वह स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ है. यह एक अनोखा स्कूल होगा. मैं नहीं समझती कि इस तरह का पूरे एशिया में जन स्वास्थ्य का कोई स्कूल है. यह एक संदेश देगा कि यदि आपके पास जन स्वास्थ्य पर एक अच्छा स्कूल है तो आप पूरे जिले के स्वास्थ्य संकेतकों पर असर डाल सकते हैं. उन्होंने कहा कि पूरा नालंदा जिला इस स्कूल के लिए क्षेत्र होगा जिसकी शुरुआत हमलोग 2017 से कर रहे हैं.  टिप्पणियां उन्होंने कहा कि पूरा जिला इस स्कूल के लिए कार्यक्षेत्र होगा. यदि आपके पास जन स्वास्थ्य के लिए एक अच्छा स्कूल है तो आप जन स्वास्थ्य के एजेंडा को निकट भविष्य में मेडिकल स्कूल में डाल सकते हैं. यह सबसे नजदीकी मेडिकल स्कूल का स्तर बढ़ाने में मदद करेगा. इसका समाधान यह होगा कि स्वास्थ्य संकेतक में बेहतरी आएगी. उन्होंने कहा कि इसके अकादमिक सत्र की शुरुआत वर्ष 2018 से होने की संभावना है. इस विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ हिस्टोरिकल स्टडीज, स्कूल ऑफ इकोलॉजी एंड एनवायर्नमेंट स्टडीज, स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज, फिलॉसफी एंड कम्परेटिव स्टडीज पहले से हैं. कोलकाता में वाणिज्य दूतावास की ओर से आयोजित 'ह्वेन सांग एंड चाइना-इंडिया फ्रेंडली एक्सचेंज्स' कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचीं विश्वविद्यालय की कुलपति गोपा सभरवाल ने यहां इस बारे में जानकारी दी.  उन्होंने कहा कि हमलोग जिस अगले विद्यालय की शुरुआत कर रहे हैं वह स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ है. यह एक अनोखा स्कूल होगा. मैं नहीं समझती कि इस तरह का पूरे एशिया में जन स्वास्थ्य का कोई स्कूल है. यह एक संदेश देगा कि यदि आपके पास जन स्वास्थ्य पर एक अच्छा स्कूल है तो आप पूरे जिले के स्वास्थ्य संकेतकों पर असर डाल सकते हैं. उन्होंने कहा कि पूरा नालंदा जिला इस स्कूल के लिए क्षेत्र होगा जिसकी शुरुआत हमलोग 2017 से कर रहे हैं.  टिप्पणियां उन्होंने कहा कि पूरा जिला इस स्कूल के लिए कार्यक्षेत्र होगा. यदि आपके पास जन स्वास्थ्य के लिए एक अच्छा स्कूल है तो आप जन स्वास्थ्य के एजेंडा को निकट भविष्य में मेडिकल स्कूल में डाल सकते हैं. यह सबसे नजदीकी मेडिकल स्कूल का स्तर बढ़ाने में मदद करेगा. इसका समाधान यह होगा कि स्वास्थ्य संकेतक में बेहतरी आएगी. उन्होंने कहा कि इसके अकादमिक सत्र की शुरुआत वर्ष 2018 से होने की संभावना है. इस विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ हिस्टोरिकल स्टडीज, स्कूल ऑफ इकोलॉजी एंड एनवायर्नमेंट स्टडीज, स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज, फिलॉसफी एंड कम्परेटिव स्टडीज पहले से हैं. उन्होंने कहा कि हमलोग जिस अगले विद्यालय की शुरुआत कर रहे हैं वह स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ है. यह एक अनोखा स्कूल होगा. मैं नहीं समझती कि इस तरह का पूरे एशिया में जन स्वास्थ्य का कोई स्कूल है. यह एक संदेश देगा कि यदि आपके पास जन स्वास्थ्य पर एक अच्छा स्कूल है तो आप पूरे जिले के स्वास्थ्य संकेतकों पर असर डाल सकते हैं. उन्होंने कहा कि पूरा नालंदा जिला इस स्कूल के लिए क्षेत्र होगा जिसकी शुरुआत हमलोग 2017 से कर रहे हैं.  टिप्पणियां उन्होंने कहा कि पूरा जिला इस स्कूल के लिए कार्यक्षेत्र होगा. यदि आपके पास जन स्वास्थ्य के लिए एक अच्छा स्कूल है तो आप जन स्वास्थ्य के एजेंडा को निकट भविष्य में मेडिकल स्कूल में डाल सकते हैं. यह सबसे नजदीकी मेडिकल स्कूल का स्तर बढ़ाने में मदद करेगा. इसका समाधान यह होगा कि स्वास्थ्य संकेतक में बेहतरी आएगी. उन्होंने कहा कि इसके अकादमिक सत्र की शुरुआत वर्ष 2018 से होने की संभावना है. इस विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ हिस्टोरिकल स्टडीज, स्कूल ऑफ इकोलॉजी एंड एनवायर्नमेंट स्टडीज, स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज, फिलॉसफी एंड कम्परेटिव स्टडीज पहले से हैं. उन्होंने कहा कि पूरा नालंदा जिला इस स्कूल के लिए क्षेत्र होगा जिसकी शुरुआत हमलोग 2017 से कर रहे हैं.  टिप्पणियां उन्होंने कहा कि पूरा जिला इस स्कूल के लिए कार्यक्षेत्र होगा. यदि आपके पास जन स्वास्थ्य के लिए एक अच्छा स्कूल है तो आप जन स्वास्थ्य के एजेंडा को निकट भविष्य में मेडिकल स्कूल में डाल सकते हैं. यह सबसे नजदीकी मेडिकल स्कूल का स्तर बढ़ाने में मदद करेगा. इसका समाधान यह होगा कि स्वास्थ्य संकेतक में बेहतरी आएगी. उन्होंने कहा कि इसके अकादमिक सत्र की शुरुआत वर्ष 2018 से होने की संभावना है. इस विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ हिस्टोरिकल स्टडीज, स्कूल ऑफ इकोलॉजी एंड एनवायर्नमेंट स्टडीज, स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज, फिलॉसफी एंड कम्परेटिव स्टडीज पहले से हैं. उन्होंने कहा कि पूरा जिला इस स्कूल के लिए कार्यक्षेत्र होगा. यदि आपके पास जन स्वास्थ्य के लिए एक अच्छा स्कूल है तो आप जन स्वास्थ्य के एजेंडा को निकट भविष्य में मेडिकल स्कूल में डाल सकते हैं. यह सबसे नजदीकी मेडिकल स्कूल का स्तर बढ़ाने में मदद करेगा. इसका समाधान यह होगा कि स्वास्थ्य संकेतक में बेहतरी आएगी. उन्होंने कहा कि इसके अकादमिक सत्र की शुरुआत वर्ष 2018 से होने की संभावना है. इस विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ हिस्टोरिकल स्टडीज, स्कूल ऑफ इकोलॉजी एंड एनवायर्नमेंट स्टडीज, स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज, फिलॉसफी एंड कम्परेटिव स्टडीज पहले से हैं. इस विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ हिस्टोरिकल स्टडीज, स्कूल ऑफ इकोलॉजी एंड एनवायर्नमेंट स्टडीज, स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज, फिलॉसफी एंड कम्परेटिव स्टडीज पहले से हैं.
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को भारतीय जनता पार्टी से चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा. योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद लगातार गुंडागर्दी को खत्म करने का आह्वान किया है. लेकिन यूपी के मुरादाबाद मंडल के समाजवादी पार्टी नेता योगी के मुख्यमंत्री बनने से इतने नाराज हुए कि एक 17 वर्षीय लड़के के योगी जिंदाबाद का नारा लगाने पर उसे गोली मार दी, जिससे युवक की मौत हो गई. सपा नेता ने मारी गोली मुरादाबाद मंडल के असमोली थाना क्षेत्र के बीजेपी नेता मोनू सिंह के भाई विनिकेत उर्फ नन्हे रविवार की रात को योगी जिंदाबाद का नारा लगा रहा था. तभी वहां से गुजर रहे जिला पंचायत सदस्य उषा सिंह के पति समाजवादी पार्टी नेता शिशुपाल सिं ह ने उसे गोली मार दी. जिसके बाद से वह फरार हैं. यह घटना असमोली थाना इलाके के मढ़न गांव की है. पुलिस के मुताबिक, यह मामला चुनावी रंजिश का है, अन्यथा नारे लगाने पर कोई क्यों हत्या करेगा. इस केस की जांच शुरू कर दी गई है. मृतक नन्हे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.
जाट आंदोलन से निपटने के लिए दिल्ली में जहां मैराथन बातचीत का दौर शुरू हो गया है, वहीं रविवार शाम से दिल्ली में जल संकट गहरा सकता है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह के घर शनिवार देर शाम प्रदेश के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और मंत्री कपिल मिश्रा ने बैठक की. सिसोदिया का कहना है कि उनकी सरकार रविवार सुबह के बाद दिल्ली को पानी सप्लाई करने में समक्ष नहीं है. दिल्ली सरकार इस बाबत सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गई है़, जहां रविवार को मामले में सुनवाई हो सकती है. दरअसल, आरक्षण की मांग पर हरियाणा में चल रहे हिंसक जाट आंदोलन की लपटें दिल्ली को भी झुलसा रही हैं. आंदोलनकारियों ने मुनक नहर से पानी की सप्लाई रोक दी है, जिस कारण पहली बार दिल्ली के 7 प्लांट बंद हो गए हैं. राज्य के पर्यटन और जल संसाधन मंत्री कपिल शर्मा ने अपने एक ट्वीट में लिखा है कि राजधानी में रविवार सुबह के बाद एनडीएमसी सहित 60 फीसदी हिस्से में पाइप्ड वाटर की सप्लाई संभव नहीं है. Extra ordinary situation. First time 7 plants closed down. No piped water supply possible after tmrw morning in 60% city including NDMC. — Kapil Mishra (@KapilMishraAAP) February 20, 2016 Delhi Govt moves SC on water crisis. Petition accepted. Likely to be heard on Sunday morning — Kapil Mishra (@KapilMishraAAP) February 20, 2016 उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि दिल्ली के पास सिर्फ रविवार सुबह तक का ही पानी बचा है. उन्होंने आगे कहा, 'रविवार सुबह के बाद दिल्ली सरकार पानी सप्लाई करने में सक्षम नहीं है. हालात बेहद गंभीर हैं और दिल्ली सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का रुख करने जा रही है.' बताया जा रहा है कि मनीष सिसोदिया ने जल संकट के हालात पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से बात की है, जिसके बाद बाद केंद्र और हरियाणा सरकार ने जल्द मुनक नहर से पानी आपूर्ति शुरू कराने का आश्वासन दिया है. डायवर्ट किया गया दिल्ली को सप्लाई होने वाला पानी गौरतलब है कि प्रदर्शन कर रहे जाटों ने मुनक नहर का फाटक बंद कर दिया, जिसके कारण दिल्ली में पानी का संकट पैदा हो गया. शनिवार को गेट बंद हो गए और राजधानी के करीब 60 फीसदी इलाके में पेयजल आपूर्ति नहीं हो पा रही है. इसकी वजह से दिल्ली जल बोर्ड के 9 में से 7 प्लांट ठप हो गए. राजधानी दिल्ली में भेजे जाने वाले पश्चिमी यमुना लिंक कैनाल का पानी आंदोलनकारियों ने डायवर्ट कर दिया है. गढ़ी बिंदरोली गांव के पास से दिल्ली को सप्लाई होने वाले पानी को ड्रेन नंबर 8 में डायवर्ट किया गया है. रविवार को SC में हो सकती है सुनवाई बता दें कि दिल्ली को हरियाणा से हर रोज करीब 1 हजार 85 क्यूसिक पानी सप्लाई किया जाता है. पानी के डायवर्ट करने से दिल्ली में पानी की भारी किल्लत हो सकती है. जल बोर्ड के अध्यक्ष और दिल्ली सरकार के जल मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा है कि साल 2011 में उत्तर प्रदेश में हुए आंदोलन के दौरान पानी व अन्य जरूरी खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र व सभी राज्य सरकारों को आदेश दिया था. इसमें कहा गया था कि बुनियादी जरूरत की चीजों की आपूर्ति किसी भी सूरत में प्रभावित नहीं की जानी चाहिए. अब हरियाणा में आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने मुनक नहर का गेट बंद कर यमुना का पानी रोक दिया है. इसलिए हमने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. अदालत मामले में रविवार को सुनवाई कर सकती है. एनसीआर में सब्जी, दूध आपूर्ति पर भी दवाब पड़ोसी राज्य हरियाणा में जाट आरक्षण की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन की वजह से परिवहन व्यवस्था बाधित होने से दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में फूलगोभी और आलू जैसी सब्जियों के थोक बिक्री मूल्य मामूली रूप से बढ़े हैं, जबकि दूध की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है. आजादपुर मंडी के पदाधिकारियों ने कहा कि अगर विरोध प्रदर्शन जारी रहता है तो राष्ट्रीय राजधानी में सब्जियों की आपूर्ति आगे और प्रभावित होगी. प्रमुख दूध उत्पादक कंपनी 'अमूल' ने पहले ही अपने रोहतक संयंत्र में परिचालन को बंद कर दिया है, जहां पांच लाख लीटर प्रतिदिन दूध उत्पादन क्षमता है. जबकि क्वालिटी लिमिटेड ने कहा है कि उसने अपने सिरसा और फतेहाबाद चिलिंग सेन्टर से दूध संग्रहण का काम रोक दिया है. प्रदर्शन के कारण परिवहन व्यवस्था बाधित होने से मौजूदा समय में दिल्ली-एनसीआर में दूध की मांग को उत्तर प्रदेश की बढ़ी हुई आपूर्ति से पूरा किया जा रहा है, वहीं सब्जियों की मांग को पड़ोसी राज्य राजस्थान से पूरा किया जा रहा है.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर लगातार बढ़ रही कच्चे तेल की कीमतों का बोझ कम होने का नाम नहीं ले रहा है. इसकी वजह से देश में पेट्रोल और डीजल के दाम काफी ज्यादा ऊंचे स्तर पर पहुंच गए हैं. देश के कुछ हिस्सों में डीजल 67 रुपये के पार पहुंच गया है. वहीं, मुंबई में पेट्रोल एकबार फिर 80 के करीब पहुंच गया है. सोमवार को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में डीजल 67.08 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है. केरल के त्रिवेंद्रम में भी डीजल 67.05 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच चुका है. पेट्रोल की बात करें, तो फिलहाल मुंबई में यह 79.06 रुपये प्रति लीटर के स्तर पर पहुंच चुका है. दिल्ली में फिलहाल एक लीटर पेट्रोल के लिए 71.06 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. डीजल के लिए यहां लोगों को 61.74 रुपये देने पड़ रहे हैं. कच्चे तेल की लगातार बढ़ती जा रही कीमतों की वजह से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी से निजात मिलने की उम्मीद फिलहाल कम ही है. पेट्रोल की कीमतें अक्टूबर के स्तर पर पहुंच गई हैं. केंद्र सरकार ने 80 रुपये प्रति लीटर पर पहुंचने के बाद पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटा दी थी. हालांकि इस राहत का असर भी अब खत्म होने लगा है. जीएसटी काउंसिल से उम्मीद जीएसटी परिषद 18 जनवरी को इस साल की पहली  बैठक करने वाली है. माना जा रहा है कि इसमें परिषद कई अहम फैसले ले सकती है. इन अहम फैसलों में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने पर भी फैसला हो सकता है. अगर इस पर मुहर लग जाती है, तो पेट्रोल और डीजल काफी सस्ता हो सकता है. अगर जीएसटी परिषद पेट्रोल-डीजल पर 28 फीसदी टैक्स रेट भी लगाती है, तो भी आपको पेट्रोल और डीजल 50 रुपये से कम में पड़ेगा. इससे कच्चे तेल की लगातार बढ़ रही कीमतों से काफी राहत मिलेगी.
89 वें अकादमी पुरस्कार (ऑस्कर 2017) समारोह, मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज (AMPAS) द्वारा 2016 की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों का सम्मान करने के लिए, 26 फरवरी, 2017 को लॉस एंजिल्स, कैलिफोर्निया में डॉल्बी थिएटर में आयोजित किया गया था। समारोह के दौरान, AMPAS अकादमी पुरस्कार (आमतौर पर ऑस्कर के रूप में) 24 श्रेणियों में प्रस्तुत किया गया। निर्माता माइकल डी लुका और जेनिफर टोड, तथा ग्लेन वेइस द्वारा निर्देशित इस समारोह का टीवी प्रसारण एबीसी द्वारा किया गया। हास्य अभिनेता जिमी किमेल ने इस समारोह का संचालन किया। समारोह में एक रोचक वाक्या भी हुआ, जब गलत घोषणा के कारण सर्वश्रेठ फिल्म का पुरस्कार मूनलाइट की जगह ला ला लैंड को मिल गया, हलाकि बाद में गलती में सुधर कर लिया गया। प्रत्याशी एवं विजेता 89वें अकादमी पुरस्कार के प्रत्याशियों की घोषणा, 24 जनवरी, 2017 को अकादमी की वैश्विक लाइव स्ट्रीम के माध्यम से की गई। ला ला लैंड एक साथ चौदह नामांकन के साथ रिकॉर्ड बनाने में कामयाब रहा।. अराईवल और मूनलाइट आठ नामांकन के साथ दूसरे स्थान पर हैं। पुरस्कार विजेताओं को पहले सूचीबद्ध किया गया हैं। टिप्पणी गलत लिफाफा के कारण प्रस्तुतकर्ता वॉरेन बेट्टी और फेय डुनावे, शुरू में ला ला लैंड को बेस्ट पिक्चर के लिए विजेता के रूप में घोषित कर दिया था। पर कुछ क्षणों बाद गलती में सुधार करते हुए मूनलाइट को विजेता घोषित कर दिया गया। अकादमी ने चुनाव प्रचार के नियमों का उल्लंघन की वजह से रसेल का नामांकन रद्द कर दिया। सन्दर्भ फ़िल्म पुरस्कार अकादमी पुरस्कार समारोह
यह एक लेख है: पूर्वी अफगानिस्तान में शनिवार को सड़क किनारे हुए बम धमाके में सात महिलाओं सहित 12 नागरिकों की मौत हो गई। अमेरिकी सैनिकों के देश छोड़ने की तैयारी के बीच हिंसा का यह ताजा मामला है। अमेरिकी सैनिकों के नेतृत्व में 13 सालों तक युद्ध चलने के बाद अब ये सैनिक अफगानिस्तान छोड़ने की तैयारी में हैं। वहां के गवर्नर अब्दुल्लाह खरख्वाह ने बताया कि शादी समारोह से लौट रहे कुछ लोग जब गजनी प्रांत के गीरो जिले में यात्रा कर रहे थे, तभी उनके वाहन के बम की चपेट में आने से यह विस्फोट हुआ। खरख्वाह ने कहा, सड़क किनारे बम की चपेट में आने से मिनीवैन में यात्रा कर रही सात महिलाओं सहित 12 नागरिकों की मौत हो गई। उन्होंने यह भी बताया कि विस्फोट में दो अन्य नागरिक भी घायल हो गए। गवर्नर ने आशंका जताई कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। अफगानिस्तान में अफगान नागरिकों और विदेशी सैन्य बलों को लक्ष्य कर तालिबानी विद्रोहियों द्वारा सड़क किनारे लगातार बम विस्फोट किए जाते रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के मुख्यालय में एक शख्स ने फोन कर मुख्यालय में बम होने की सूचना दी. दिल्ली के दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर स्थित बीजेपी मुख्यालय में शनिवार को फोन आया कि मुख्यालय में बम है. इस कॉल के बाद बीजेपी मुख्यालय में हड़कंप मच गया. पुलिस ने मौके पर पहुंच कर मुख्यालय की जांच की. जांच के बाद पता चला कि यह कॉल फर्जी है. पुलिस का कहना है कि जांच में पता चला है कि कॉलर मैसूर (कर्नाटक)का रहने वाला है. यह कॉल तकरीबन 11 बजे की गई थी. हालांकि अभी तक बीजेपी की ओर से कोई बयान नहीं आया. मानसिक रूप से विक्षिप्त है शख्स कहा जा रहा है कि कॉलर मानसिक रूप से विक्षिप्त है. यह शख्स कई बार इस तरह की कॉल कर चुका है. पुलिस इसकी जांच कर रही है. Delhi Police, DCP Central: BJP headquarters control room received a hoax bomb call today. Delhi Police is conducting an investigation. The caller has been traced to Mysore in Karnataka. pic.twitter.com/aLeTpoPJKt — ANI (@ANI) June 22, 2019 वहीं समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक दिल्ली पुलिस के डीसीपी सेंट्रल ने इसकी पुष्टि की है. पुलिस के मुताबिक शनिवार को एक शख्स ने बीजेपी मुख्यालय के कंट्रोल रूम में कॉल कर कहा कि बीजेपी मुख्यालय में बम है.पुलिस मामले की छानबीन कर रही है.
सांगै एक्सप्रेस भारत में प्रकाशित होने वाला मणिपुरी भाषा का एक समाचार पत्र (अखबार) है। इन्हें भी देखें भारत में प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों की सूची सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ NEWSPAPERS.co.in - A dedicated portal showcasing online newspapers from all over India Newspaper Index - Newspapers from India - Most important online newspapers in India ThePaperboy.com India - Comprehensive directory of more than 110 Indian online newspapers भारत में प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र मणिपुरी भाषा के समाचार पत्र
केंद्र सरकार ने पाकिस्तान में तैनात भारतीय राजनयिकों को सलाह दी है कि वो अपने बच्चों को वहां के स्कूलों से निकालकर भारत या किसी अन्य देश में पढ़ने के लिए भेजें. सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए यह सलाह दी गई है. पाकिस्तान के पिछले शैक्षणि‍क सत्र में करीब 50-60 स्टूडेंट पाकिस्तान स्थि‍त इंटरनेशनल स्कूलों में पढ़ रहे थे. भारत सरकार का फैसला मौजूदा सत्र से प्रभावी होगा. सूत्रों का कहना है कि यह फैसला बीते साल जून में लिया गया था ताकि प्रभावित कर्मचारियों को उनके बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए वैकल्पिक इंतजाम करने के वास्ते पर्याप्त समय मिल सके. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने इस मसले पर कहा कि यह भारत का अंदरूनी प्रशासनिक मामला है.
रजनीकांत की आने वाली फिल्म 'काला' और IPL के चैन्नई सुपर किंग्स  का एक मैश अप वीडियो रिलीज हुआ है. इस वीडियो में रजनीकांत, महेंद्र सिंह धोनी, हरभजन सिंह, मुरली विजय और ड्वेन ब्रावो नजर आ रहे हैं. काला के बाद रजनीकांत की दूसरी फिल्म 2.0 का टीजर भी LEAKED वीडियो की शुरुआत में हरभजन सिंह नजर आते हैं. वो नाना पाटेकर के डायलॉग को लिप सिंक कर रहे हैं. इसके बाद टीजर में मुरली विजय और वेस्ट-इंडीज के प्लेयर ड्वेन ब्रावो आते हैं. वीडियो के अंत में महेंद्र सिंह धोनी 'काला' से रजनीकांत का डायलॉग बोलते नजर आते हैं. वीडियो में तमिलनाडु के दो ट्रेन्डिंग टॉपिक चैन्नई सुपर किंग्स और 'काला' को समेटा गया है. फैंस और ऑडियंस IPL और 'काला' दोनों का ही बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. IPL अप्रैल में शुरू होगा, वहीं 'काला' भी 27 अप्रैल को रिलीज होगी. ये साउथ के लोगों के लिए डबल ट्रीट जैसा है. अमिताभ की बिगड़ी तबीयत से रजनीकांत चिंतित, मंदिर में करेंगे प्रार्थना 'काला' में रजनीकांत के अलावा ईश्वरी राव, हुमा कुरैशी हैं. फिल्म में संतोष नारायणन ने म्यूजिक दिया है.
यह एक लेख है: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सोशल मीडिया पर मज़ाक उड़ाने के आरोप में गिरफ़्तारी के बाद सुर्खियों में आए जादवपुर विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर अंबिकेश महापात्रा इस बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।टिप्पणियां वो बेहला सीट से मैदान में उतरेंगे, जहां टीएमसी की तरफ से कोलकाता के मेयर सोवन चटर्जी मैदान में हैं। बेहला से न तो लेफ्ट और न ही कांग्रेस ने यहां से अब तक किसी उम्मीदवार की घोषणा की है। 2012 में जाधवपुर विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर महापात्रा ने एक कार्टून उस वक्त फेसबुक पर पोस्ट किया था। जब रेलमंत्री और अपनी पार्टी के सांसद दिनेश त्रिवेदी को ममता बनर्जी ने पद से हटा दिया था। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। वो बेहला सीट से मैदान में उतरेंगे, जहां टीएमसी की तरफ से कोलकाता के मेयर सोवन चटर्जी मैदान में हैं। बेहला से न तो लेफ्ट और न ही कांग्रेस ने यहां से अब तक किसी उम्मीदवार की घोषणा की है। 2012 में जाधवपुर विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर महापात्रा ने एक कार्टून उस वक्त फेसबुक पर पोस्ट किया था। जब रेलमंत्री और अपनी पार्टी के सांसद दिनेश त्रिवेदी को ममता बनर्जी ने पद से हटा दिया था। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। 2012 में जाधवपुर विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर महापात्रा ने एक कार्टून उस वक्त फेसबुक पर पोस्ट किया था। जब रेलमंत्री और अपनी पार्टी के सांसद दिनेश त्रिवेदी को ममता बनर्जी ने पद से हटा दिया था। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
क्रैंक-निकोलसन विधि समलम्बाकार नियम पर आधारित है, जो समय में दूसरे क्रम का अभिसरण देती है। उदाहरण के लिए, एक आयाम में, यदि आंशिक अंतर समीकरण है
रासासिंह रावत (1 अक्टूबर 1941 – 10 मई 2021) भारतीय राजनेता थे। वो भारत की 9वीं, 10वीं, 11वी, 13वीं और 14वीं लोकसभा में राजस्थान की अजमेर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद रहे। वो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य थे। सन्दर्भ 1941 में जन्मे लोग राजस्थान से राजनीतिज्ञ भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ अजमेर के लोग राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र ९वीं लोक सभा के सदस्य १०वीं लोक सभा के सदस्य १३वीं लोक सभा के सदस्य १४वीं लोक सभा के सदस्य राजस्थान के लोकसभा सदस्य २०२१ में निधन
कमजोर वैश्विक रुख के बीच स्टॉकिस्टों की मौजूदा उच्चस्तर पर मांग कमजोर पड़ने से दिल्ली सर्राफा बाजार में शनिवार को सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। सोने के भाव 100 रुपये की गिरावट के साथ 20,520 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी के भाव 300 रुपये की हानि के साथ 45,800 रुपये प्रति किलो बोले गए। आम तौर पर घरेलू बाजार का रुख तय करने वाले वैश्विक बाजारों में सोने के भाव 6.70 डॉलर की गिरावट के साथ 1356.80 डॉलर प्रति औंस रह गए। मौजूदा उच्चस्तर पर फुटकर कारोबारियों द्वारा लिवाली से हाथ खींच लिए जाने से बाजार धारणा कमजोर हुई। स्थानीय बाजार में सोना 99.9 शुद्ध और 99.5 शुद्ध के भाव 100 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 20,520 रुपये और 20,400 रुपये प्रति 10 ग्राम बंद हुए। गिन्नी के भाव पूर्वस्तर 16,900 रुपये प्रति 8 ग्राम अपरिवर्तित बंद हुए। चांदी तैयार के भाव 300 रुपये की गिरावट के साथ 45,800 रुपये और चांदी साप्ताहिक डिलीवरी के भाव 205 रुपये की हानि के साथ 45,510 रुपये किलो बंद हुए। चांदी सिक्का के भाव पूर्वस्तर 50,300-50,400 रुपये प्रति सैकड़ा अपरिवर्तित बंद हुए।
सिर्फ एक मतदाता, 1 मतदान केंद्र एशियाई सिंह का घर माने जाने वाले गुजरात के गिरवन में 1 मतदान केंद्र स्थापित किया जाएगा, ताकि वहां रहने वाला अकेला मतदाता पुजारी अपना वोट डाल सके. दोबारा खींची गई 499 निर्वाचन क्षेत्रों की भौगोलिक सीमाएं 499 निर्वाचन क्षेत्रों की भौगोलिक सीमाएं दोबारा खींची गईं, जिसका सारा श्रेय परिसीमन को जाता है. कुल 543 निर्वाचन क्षेत्रों में से जहां चुनाव हो रहे हैं, मात्र 44 क्षेत्रों में परिसीमन का काम नहीं हो सका. भारत की स्याही मैसूर पेंट्स ऐंड वार्निश लिमिटेड के लिए यह बड़ा कारोबार है. सार्वजनिक क्षेत्र में अमिट स्याही बनाने वाली देश की यह एकमात्र इकाई 2009 के चुनावों में इस तरल पदार्थ की 20 लाख बोतलों की आपूर्ति करेगी. 10 मिलीलीटर की प्रत्येक बोतल से 700 उंगलियों पर निशान लगाए जा सकते हैं. देश की सर्वाधिक जनसंख्या वाले राज्‍य उत्तर प्रदेश में इसकी सबसे ज्‍यादा मांग है, जिसे 2.86 लाख बोतलों की दरकार होगी जबकि लक्ष्‍यद्वीप के लिए मात्र 120 बोतलें चाहिए होंगी. पिछले साल कंपनी का कारोबार 11 करोड़ रु. था. यह कंपनी मंगोलिया, कंबोडिया, मालदीव और नेपाल को अमिट स्याही निर्यात कर चुकी है. इस साल करीब 60 देशों में चुनाव होने से उसे बड़ा कारोबार करने की उम्मीद है. कुनबे में होने के फायदे देवेगौड़ा का कुनबा अब अकेला नहीं रहा. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येद्दियुरप्पा के पुत्र राघवेंद्र शिमोगा से भाजपा की टिकट पर चुनाव मैदान में उतर रहे हैं और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख आर.वी. देशपांडे के पुत्र को कारवाड़ में टिकट मिलना तय माना जा रहा है. भूख हड़तालियों की कतार में राजनीति की एक विडंबना यह है कि वोटों की भूख को मिटाने के लिए नेताओं को भूख हड़ताल तक करनी पड़ जाती है. पिछले हफ्ते अन्ना द्रमुक की प्रमुख जयललिता ने श्रीलंकाई तमिलों की दुर्दशा को लेकर अपनी उपेक्षा किनारे छोड़ दी और चेन्नै में भूख हड़ताल पर बैठ गईं. वैसे, इस मामले में वे अकेली नहीं हैं. तमिलनाडु में सभी प्रकार के राजनीतिक वोटों की फसल काटने की उम्मीद में रातोरात रंग बदलकर तमिल चीतों के समर्थन में आ रहे हैं. नौ बार जन्म ले चुके यदि निर्वाचित हुए तो जद-यू के जॉर्ज फर्नांडीस और कांग्रेस के गिरधर गमांग, जिनका लोकसभा में नौवां कार्यकाल है, 15वीं लोकसभा में सबसे वरिष्ठ सदस्य होंगे. चुनाव का बड़ा मुद्दा देश भर में बिजली, सड़क और पानी के मुद्दों को बड़े मुद्दे माना जाता है, लेकिन उत्तर प्रदेश के बाराबंकी निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस के उम्मीदवार पी.एल. पुनिया के लिए अफीम की खेती मुख्य मुद्दा है. उनका कहना है कि अगर वे चुन लिए गए तो अफीम की खेती पर लगे प्रतिबंध को उठवा देंगे. अकेला ही शहसवार हूं मैं रामविलास पासवान बिहार में भले ही किंगमेकर हों और प्रधानमंत्री बनने का सपना पाले रहें, पर हाल तक बिहार का अंग रहे झारखंड में उनका कोई मुरीद नहीं है. यूपीए के तीन प्रमुख साझीदार-कांग्रेस, लालू का राजद और शिबू सोरेन का झमुमो-उन्हें कोई सीट देने के मूड में नहीं है. जब झरखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मुश्किल में थे तो पासवान ने हालांकि सोरेन का साथ दिया था, पर चुनावों की घोषणा के बाद वे भी निजी संबंधों को अलग रख रहे हैं. खैर, पासवान की लोजपा छह सीटों पर उम्मीदवार उतार रही है. आखिर और क्या चाहिए था भाजपा के लिए यह मानो लॉटरी खुल गई, हालांकि राज्‍य में विपक्ष दूसरे स्थान पर भी दूर नीचे है. 44 वर्ष के मांधाता सिंह जाडेजा हालांकि राजकोट की पूर्व रियासत के राजा हैं, लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि वे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मनोहर सिंह जी जाडेजा के पुत्र हैं. अपने पटेल वोट बैंक को कुप्रभावित किए बगैर राजपूत वोटों में अपनी मजबूत जड़ें जमाने के लिए भाजपा धाराप्रवाह गुजराती, हिंदी और अंग्रेजी बोलने वाले इस नेता पर निर्भर कर रही है. जाहिर है, यह मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का 'गुजरात में अच्छा काम' ही था जिसने जाडेजा को भाजपा के टिकट पर लड़ने के लिए प्रेरित किया.
अखलाक की हत्या के एक आरोपी रॉबिन का शव देर रात कड़ी सुरक्षा के बीच बिसाहड़ा लाया गया. आज उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा. इधर बुधवार को दिन भर रॉबिन के परिवारवाले, गांव वालों के साथ प्रदर्शन करते रहे. गांव की पंचायत की मांग है कि परिवार को 1 करोड़ का मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए.टिप्पणियां रवि के घरवालों का आरोप है कि जेल में पिटाई होने से रवि की मौत हुई. रवि अपने कई साथियों के साथ हत्या के आरोप में पिछले एक साल से कासना जेल में बंद था. जेल के अधिकारी इस मामले पर कैमरे पर तो कुछ नहीं बोल रहे लेकिन उन्होंने बताया कि रवि को तबीयत खराब होने पर 30 सितंबर को नोएडा के सरकारी अस्पताल में दिखाया गया. अस्पताल ने मेडिकल जांच के बाद उसे वापस भेज दिया था.उसके बाद उसका इलाज जेल के अस्पताल में ही चलता रहा. 4 सितंबर को तबीयत ज्यादा खराब होने पर उसे फिर से नोएडा के सरकारी अस्पताल ले जाया गया. वहां से उसे दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में रेफर कर दिया गया और 4 सितंबर की देर शाम उसकी मौत हो गई. एलएनजेपी अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि रवि को सांस लेने की परेशानी के साथ-साथ, तेज बुखार और शुगर लेवल बहुत ज्यादा था. शुरुआती जांच में उसकी मौत की वजह किडनी फेल होना बताया गया है हालांकि मौत की सही वजह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ही साफ़ हो पाएगी. रवि के घरवालों का आरोप है कि जेल में पिटाई होने से रवि की मौत हुई. रवि अपने कई साथियों के साथ हत्या के आरोप में पिछले एक साल से कासना जेल में बंद था. जेल के अधिकारी इस मामले पर कैमरे पर तो कुछ नहीं बोल रहे लेकिन उन्होंने बताया कि रवि को तबीयत खराब होने पर 30 सितंबर को नोएडा के सरकारी अस्पताल में दिखाया गया. अस्पताल ने मेडिकल जांच के बाद उसे वापस भेज दिया था.उसके बाद उसका इलाज जेल के अस्पताल में ही चलता रहा. 4 सितंबर को तबीयत ज्यादा खराब होने पर उसे फिर से नोएडा के सरकारी अस्पताल ले जाया गया. वहां से उसे दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में रेफर कर दिया गया और 4 सितंबर की देर शाम उसकी मौत हो गई. एलएनजेपी अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि रवि को सांस लेने की परेशानी के साथ-साथ, तेज बुखार और शुगर लेवल बहुत ज्यादा था. शुरुआती जांच में उसकी मौत की वजह किडनी फेल होना बताया गया है हालांकि मौत की सही वजह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ही साफ़ हो पाएगी. एलएनजेपी अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि रवि को सांस लेने की परेशानी के साथ-साथ, तेज बुखार और शुगर लेवल बहुत ज्यादा था. शुरुआती जांच में उसकी मौत की वजह किडनी फेल होना बताया गया है हालांकि मौत की सही वजह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ही साफ़ हो पाएगी.
कर्नाटक की राजधानी बंगलुरू में दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन रिटेलर अमेजन. इन पर एक ग्राहक के अनुभव से अमेरिका में बैठे कंपनी के सीईओ जेफ बेजोज का पारा चढ़ जाता. देश की टेक राजधानी में एक कम उम्र के पिता ने क्रिसमस के मौके पर अपने बेटे को गिफ्ट ऑर्डर किया था जो समय पर नहीं पहुंचा. कस्टमर को संतुष्ट करने की बेजोज की जिद के मद्देनजर डिलिवरी का वादा न पूरा करना अमेजन में अपराध माना जाता है. इससे नाराज पिता ने अमेजन इंडिया के बिजनेस हेड अमित अग्रवाल से शिकायत की. अग्रवाल इंटरनेशनल बिजनेस के प्रभारी डिएगो पिएसेंटिनी को रिपोर्ट करते हैं. अग्रवाल को गड़बड़ी का पता लगाने में वक्त नहीं लगा: खिलौना विदेशी था, अमेजन पर बेचने वाले के पास वह मौजूद नहीं था, उसे खरीदने में वक्त लगा और इसी वजह से शिपमेंट में देरी हो गई. 2007 से 2009 के दौरान बेजोज के टेक्निकल एडवाइजर या 'शैडो’ रहे अग्रवाल ने हमेशा के लिए इस गलती को सुधार लिया. उन्होंने विक्रेताओं के साथ खरीदारी के समय से संबंधित नया समझौता किया, विक्रताओं को खरीदारी और शिपिंग में लगने वाले समय का सही अंदाजा लगाने के लिए काम किया, ग्राहकों को ऐसी डेडलाइन का वादा करने का फैसला किया जिसे पूरा किया जा सके. यह कहने में आसान लगता है, लेकिन जब आप हजारों विक्रेताओं और लाखों खरीदारों से डील कर रहे हों, तो यह पेचीदा हो सकता है. अग्रवाल कहते हैं, ''जब आपको समस्या पता चल जाए तो आप उसे दूर कर देते हैं, और फिर वह गड़बड़ी दोबारा नहीं होती.” अभी मुनाफा नहीं, ग्राहक चाहिए अग्रवाल का यह प्रयास अमेजन की भारत में कारोबार को बढ़ाने के प्रति लगन को दर्शाता है. पिछले साल क्रिसमस से कुछ रोज पहले अमेरिका के सिएटल में बेजोज और पिएसेंटिनी भारत में अपने सात महीने पुराने कारोबार के बारे में बात कर रहे थे. सीईओ भारत में अपने फलते-फूलते कारोबार के बारे में तिमाही समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने पिएसेंटिनी को स्पष्ट संदेश दिया: बड़े पैमाने पर निवेश जारी रखो और अमेजन को भारत की सबसे ज्यादा कस्टमर सेंट्रिक कंपनी बनाओ. बेजोज ने पिछले 19 साल में अमेजन को ऑनलाइन बुक सेलर से दुनिया के सबसे बड़े ऑनलाइन स्टोर में तब्दील कर दिया है. इसका कारोबार आज 180 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो आयरलैंड की कुल राष्ट्रीय आय से भी ज्यादा है. यह डायपर से लेकर सेक्स टॉय और इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर ग्रॉसरी तक, सब कुछ बेचता है. इस कंपनी का विकास कारोबार के तीन मूल मुद्दों से प्रेरित है—ऑप्शन, सस्ता और वक्त पर डिलिवरी. ढेर सारे सामान, अपेक्षाकृत कम कीमत और तेज तथा विश्वसनीय डिलिवरी की बदौलत अब तक 21.5 करोड़ ग्राहकों के साथ सौदे कर चुकी है. इस खेल का किंग कौन? अमेजन अमेरिका में ग्राहकों को सीधे माल बेचता है, और उसके जरिए दूसरे रिटेलर भी अपने उत्पाद बेच सकते हैं. भारतीय कानून अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन रिटेलरों को मल्टीपल ब्रांड बेचने की इजाजत नहीं देता. अमेजन के पास अपने इस 10वें उपक्रम के लिए बाजार है. अमेजन के लिए भारतीय दांव कई वजहों से बेहद महत्वपूर्ण है. यहां तीसरे नंबर पर दुनिया में सबसे ज्यादा इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले लोग हैं और बड़े पैमाने पर ऑनलाइन रिटेल की संभावना है. पांच खरब डॉलर के रिटेल कारोबार में ऑनलाइन रिटेल का कारोबार करीब एक अरब डॉलर का है. रिटेल कंसल्टेंसी टेक्नोपैक को उम्मीद है कि अगले 10 साल में यह 61 गुना बढ़ जाएगा. यह बेजोज के लिए सपना सच होने जैसा है. 1990 के दशक के शुरू में जब इंटरनेट का इस्तेमाल बढऩे लगा तब वॉल स्ट्रीट में बैंकर बेजोज ने एक रिपोर्ट पढ़ी जिसके मुताबिक, कुछ वर्षों में ई-कॉमर्स 2,300 प्रतिशत बढऩे वाला था. उन्होंने खुद से कहा, ''मैं इसमें अपना हिस्सा चाहता हूं.” वे नौकरी छोड़कर न्यूयॉर्क से सिएटल पहुंच गए और 1994 में अपने गॅराज से अमेजन की शुरुआत की, जिसका तब कैडेबरा नाम था. लेकिन भारतीय माहौल में थोड़ा अलग है. देश के ऑनलाइन रिटेल उद्योग में पहले से ही एक गुरिल्ला तेजी से बढ़ रहा है: फ्लिपकार्ट सबसे बड़ी घरेलू ई-कॉमर्स कंपनी है, जिसने अमेजन के ही मॉडल को अपनाया है और इसे प्राय: भारत का अमेजन कहा जाता है. इसे 2007 में अमेजन के पूर्व कर्मचारियों—सचिन बंसल और बिन्नी बंसल (दोनों में कोई रिश्तेदारी नहीं है)—ने शुरू किया था और आज इस कंपनी का भारत में 20 फीसदी ऑनलाइन रिटेल बाजार पर कब्जा है. लेकिन अमेजन को इसकी परवाह नहीं है. बेजोज और पिएसेंटिनी आइआइटी-कानपुर के 39 वर्षीय ग्रेजुएट अग्रवाल से काफी उम्मीद लगा रही है. बेजोज को इस मुंबई निवासी पर भरोसा है. पिएसेंटिनी कहते हैं, ''आखिर, वे बेजोज के सबसे ज्यादा टेक्नोलॉजी प्रिय तकनीकी सलाहकार थे.” सलाहकार से मुखिया तक बंगलुरू स्थित अपने दफ्तर से बाहर अग्रवाल को कोई भी बाउंसर समझ सकता है. जमकर वर्जिश करने वाले अग्रवाल का चेहरा बेजोज के टेक्निकल ऐडवाइजर के तौर पर मिले अनुभव के बारे में बताते समय खिल उठता है. ऐसे ऐडवाइजर को बेजोज का शैडो बताया जाता है और अमेजन के सीईओ ने अब तक सिर्फ आठ शैडो रखे हैं. चीफ ऑफ स्टाफ की तरह शैडो हमेशा बेजोज के साथ रहता है—उसके साथ सफर करता है, बैठकें करता है, और दिन के आखिर में उसके साथ अगले दिन की योजना की चर्चा करता है. 2008 के शुरू में इसी तरह की एक चर्चा के दौरान अग्रवाल ने भारत का जिक्र किया. उस समय अमेजन चीन में मार्केट के लिए जूझ रहा था और उसे दूसरे देश की तलाश थी. उस वक्त अग्रवाल अमेजन के अंतरराष्ट्रीय विस्तार के प्रमुख थे, जिसमें भारत भी शामिल था. अमेजन.इन को जून, 2013 में शुरू किया गया, और यह अग्रवाल की प्रतिबद्धता ही है कि इस वेबसाइट पर हर महीने 67.8 लाख नए विजिटर आते हैं. इसके मुकाबले फ्लिपकार्ट  को उससे दोगुना 132.2 लाख और एक अन्य ई-टेलिंग साइट स्नैपडील को 93.5 लाख ट्रैफिक मिलता है. अमेजन ने पिछले सात महीने में 15 कैटेगरी लॉन्च की है, और उसके पास पहले से ही किताबों, ई-बुक, घडिय़ों, खिलौनों और गेम्स तथा फैशन जूलरी का सबसे बड़ा कैटलॉग है. अग्रवाल अमेरिका की तरह भारत में भी इस कैटेगरी को बढ़ाकर 30 करना चाहते हैं. अमेजन.इन ने किताबों से शुरुआत की क्योंकि दुनियाभर में अमेजन को सबसे बड़ा बुकसेलर माना जाता है. लोग इंटरनेट पर मीडिया प्लेयर सर्च करते थे, लिहाजा उसने पोर्टेबल मीडिया प्लेयर बेचना शुरू किया, उसके बाद कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, बेबी प्रोडक्ट्स, खिलौने-गेम्स, घडिय़ों, जूलरी, ब्यूटी प्रोडक्ट्स और किचन के सामान की बारी आई. आज इसके पास 4,40,000 प्रोडक्ट के अलावा 1.2 करोड़ किताबें और 20 लाख ई-बुक्स हैं. उसके पास 2,300 विक्रेता हैं जबकि फ्लिपकार्ट के पास सिर्फ 1,000 हैं. अग्रवाल कहते हैं, ''मौजूदा कैटेगरी में चयन के लिए ऑप्शन को निरंतर बढ़ाना और नई कैटेगरी जोडऩे का लक्ष्य है.” सस्ता बेचो, फटाफट पहुंचाओ अग्रवाल को मालूम था कि अगर अमेजन को झटपट डिलिवरी करनी है तो लॉजिस्टिक्स पर उसका नियंत्रण और गोदाम होना जरूरी है. कंपनी ने कारोबार शुरू करने से पहले मुंबई के बाहरी इलाके में भिवंडी में करीब 3.5 एकड़ में 'फुलफिलमेंट सेंटर’ बना लिया. विक्रेता तय फीस चुकाकर अपना माल इस गोदाम में रखते हैं और वहीं से उसकी पैकेजिंग और डिलिवरी करते हैं. भारत में अमेजन की हर चार में से तीन डिलिवरी इसी तरह की डिलिवरी सेंटर से होती है. दूसरा इतना ही बड़ा सेंटर इस महीने बंगलुरू में काम शुरू कर देगा, जहां से दह्निण भारत के खरीदारों को समय पर माल पहुंचाया जाएगा. भारत में अमेजन का ज्यादातर निवेश लॉजिस्टिक्स और पेमेंट में होगा. अमेजन के शुरू करने के समय अमेरिका और यूरोप में पेमेंट का सक्षम इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार हो चुका था, लेकिन भारत में कई सिस्टम हैं—कैश ऑन डिलिवरी, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और नेट बैंकिंग. अगली बारी मोबाइल टेक्नोलॉजी की है. पिएसेंटिनी कहते हैं, ''हम मोबाइल इंटरनेट शॉपिंग मुहैया कराने की योजना बना रहे हैं.” ऑनलाइन रिटेलर कंपनियां भारत में अपना कारोबार बढ़ाने की खातिर अपना माल बेचने के लिए मुनाफे की परवाह नहीं कर रही हैं. कम से कम अमेजन को इसकी परवाह नहीं है. अमेजन ने उपभोक्ताओं को रिझाने के लिए 99 रु. अतिरिक्त लेकर अगले ही दिन डिलिवरी का वादा किया. एक हफ्ते के भीतर फ्लिपकार्ट ने इससे नौ रु. कम में इन-अ-डे डिलिवरी योजना शुरू कर दी. और फिर ईबे.इन ने कुछ प्रोडक्ट की नौ घंटे अंदर डिलिवरी का वादा कर दिया. फ्लिपकार्ट ने दूसरी बार अमेजन का आइडिया अपनाया है. अमेजन के भारत में लॉन्च से दो महीने पहले अप्रैल, 2013 में अपना मार्केटप्लेस लॉन्च किया. एक दिन में डिलिवरी सर्विस कॉपी करने से पुष्टि हो गई कि जंग छिड़ गई है. फ्लिपकार्ट अपना मैदान कैसे छोड़ सकता है? कंपनियों के रजिस्ट्रार के मुताबिक, 2008-09 में 5 करोड़ रु. की इस कंपनी का कारोबार 2012-13 में 1,180 करोड़ रु. से अधिक पहुंच गया. अमेजन की तरह दोनों बंसल ने अपना लॉजिस्टिक्स तैयार किया और कैश ऑन डिलिवरी मॉडल को चीन से अपनाया. यह कंपनी 2015 तक 6,000 करोड़ रु. से अधिक का सालाना कारोबार करने का लक्ष्य बना रखा है. जंग तो अभी शुरू हुई है. फ्लिपकार्ट ने जो काम छह साल में किया अमेजन ने सात महीने में कर लिया है. डिजिटल मार्केटिंग कंपनी पिनस्टॉर्म के चेयरमैन सीडफंड के सह-संस्थापक महेश मूर्ति का कहना है कि ट्रांजैक्शन के लिहाज से यह फ्लिपकार्ट की एक-तिहाई तक पहुंच गया है. ''उन्होंने फ्लिपकार्ट के मुकाबले 10 परसेंट करके यह काम कर लिया है.” फ्लिपकार्ट हर रोज करीब 1,00,000 प्रोडक्ट बेचता है. बंसल का कहना है कि जब यह आंकड़ा 10 लाख तक पहुंच जाएगा तो कंपनी को अलग तरीका अपनाना होगा. इसके लिए काफी पैसे की जरूरत होगी. फ्लिपकार्ट ने हाल में 36 करोड़ डॉलर की उगाही की, लेकिन मूर्ति का कहना है कि यह रकम कुछ साल में ही खत्म हो जाएगी. उनका कहना है कि फ्लिपकार्ट उपक्रम पूंजी से बना है और वह हमेशा निवेश करता नहीं रह सकता. दूसरी ओर, अमेजन पर इतना दबाव है कि वह मुनाफे की परवाह किए बगैर निवेश जारी रख सकता है. फ्लिपकार्ट को अपना बिजनेस जारी रखने के लिए इनिशियल पब्लिक ऑफर (आइपीओ) की जरूरत होगी. दूसरी ओर, अमेजन ने 2012 में 2.25 अरब डॉलर (तब 13,770 करोड़ रु.) कमाया और 3.6 अरब डॉलर अपने बिजनेस में निवेश कर दिया. अगर अमेजन ने अपने ग्लोबल इन्वेस्टमेंट का 10 फीसदी भी भारत में लगाएगा तो यह 3.6 करोड़ डॉलर होगा. लेकिन अमेजन के एग्जीक्यूटिव निवेश का ब्यौरा देने से इनकार करते हैं. पिएसेंटिनी कहते हैं, ''हम वस्तुत: करोड़ों डॉलर निवेश कर रहे हैं.” अमेजन ने चीन में नौ साल के अपने बिजनेस में यही सीखा है. चीन में पिटे, भारत से उम्मीद अमेजन ने चीन में किताब, म्युजिक और वीडियो की सबसे बड़ी ऑनलाइन रिटेलर कंपनी जोयो.कॉम का अधिग्रहण करके 2004 में चीन में कारोबार शुरू किया था. लेकिन अंतत: वह अलीबाबा.कॉम से जंग हार गई, जो चीन की सबसे बड़ी देसी ई-कॉमर्स कंपनी है. चीन में सर्च, सोशल नेटवॄकग और ई-कॉमर्स के अपने देसी दिग्गज हैं. दूसरी ओर, भारत में अमेरिकी कंपनियों का वर्चस्व है: फेसबुक सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग साइट है, गुगल सर्च के मामले में लीडर है. अमेजन ई-कॉमर्स का लीडर बनने को बेताब है. अग्रवाल चीन में की गई गलतियों को दोहराना नहीं चाहते. उन्होंने पहले ही दिन से बड़े पैमाने पर निवेश करने का फैसला कर लिया. यहां किसी कंपनी का अधिग्रहण नहीं. वह चीन में कैश ऑन डिलिवरी से मिले सबक का भी इस्तेमाल कर रहा है. दूसरे देशों के उलट भारत में एक साल तक विक्रेताओं का रजिस्ट्रेशन मुफ्त किया जा रहा है. भारत में अमेजन सेलर सर्विसेज के डायरेक्टर अमित देशपांडे का कहना है, ''उनके लिए कोई जोखिम या खर्च नहीं है, हम उन्हें काम शुरू करने में मदद कर रहे हैं.” अमेजन का गोपनीय नुस्खा अग्रवाल का मानना है कि नया वेंचर शुरू करने की दिशा में पहला कदम प्रेस रिलीज जारी करना है, और यह ग्राहकों से जुडऩे का सबसे बढिय़ा तरीका है. उन्होंने 2011 में जंगली.कॉम शुरू करने के लिए रिलीज जारी की. इस वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन और ऑफलाइन विक्रेताओं के बीच तुलना के विकल्प हैं. जंगली की शुरुआत 220 ऑनलाइन विक्रेताओं से हुई, और इसमें 1,600 ऑनलाइन और 50,000 ऑफलाइन स्टोर शामिल हो गए हैं, और इसके पास तीन करोड़ प्रोडक्ट का कैटलॉग है. अमेजन भारत में अपने ट्रांजैक्शन, राजस्व, टेक्नोलॉजी बैक-एंड, निवेश और बजट के बारे में खास नहीं बताता. अग्रवाल सिर्फ इतना कहते हैं, ''फ्लिपकार्ट के मुकाबले हमारा कवरेज ज्यादा है.” अमेजन सर्विस डिलिवरी के लिए हर रोज एक नया पिन कोड जोड़ रहा है. यह लॉजिस्टिक्स के लिए दुनिया की सबसे बड़ी पोस्टल सर्विस इंडिया पोस्ट से समझौता कर रहा है. इंडिया पोस्ट 21,000 पिन कोड पर सेवा मुहैया कराती है, जबकि कुरियर कंपनियां 12,000 पिन कोड पर सामान डिलिवरी करती हैं. इंटरनेट ग्राहकों पर नजर अग्रवाल को शुरू में ही एहसास हो गया था कि भारत में विस्तृत पता लिखना जरूरी है, इसलिए उन्होंने डिलिवरी पेज के ऐड्रेस फॉर्म में पिन कोड के साथ ही लैंडमार्क लिखना जरूरी बना दिया. खरीदारों का विश्वास जीतने के लिए जहां जरूरी हो वहां ''फुलफिलमेंट बाइ अमेजन” प्रमुखता से लिखा होता है. अमेजन जिन ऑर्डर को पूरा करता है, उसमें कैशन ऑन डिलिवरी का विकल्प रहता है. जिसमें विक्रेता माल पहुंचाते हैं, उसमें यह विकल्प नहीं होता. देश में 19.8 करोड़ इंटरनेट यूजर हैं और उनमें से ज्यादातर मोबाइल यूजर हैं. प्राइसवाटरहाउस-कूपर्स की डायरेक्टर रचना नाथ का कहना है, ''40 फीसदी ई-कॉमर्स मोबाइल के जरिए होता है. इंडस्ट्री उधर ही जा रही है.” अमेजन ने एंड्राएड और आइओएस डिवाइसेज के लिए मोबाइल ऐप्स लॉन्च कर दिए हैं. इस साल गर्मी में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट मार्केट बनने वाला है. उस बाजार में हिस्सेदारी के लिए अभी से देश में ऑनलाइन रिटेल की जंग तेज हो गई है.
गोल्डन ग्लोब के बाद क्रिटिक्स च्वाइस अवॉर्ड 2018 भी अनाउंस हो चुका है. शेप ऑफ वॉटर को साल की बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड मिला. जबकि 'वंडर वुमन' को साल की बेस्ट एक्शन फिल्म का अवॉर्ड दिया गया. फिल्म 'डॉरकेस्ट ऑवर' में शानदार अभिनय के लिए गेरी ओल्डमैन को बेस्ट एक्टर जबकि फ्रांसेस मेक डारमेंड को फिल्म थ्री बिलबोर्डे ऑउटसाइड इबिंग के लिए श्रेष्ठ अभिनेत्री का अवॉर्ड मिला. थ्री बिलबोर्डे ऑउटसाइड इबिंग में बेहतरीन अभिनय के लिए एक्टर सेम रॉकवेल को बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का अवॉर्ड दिया गया. एलीसन जैनी को भी बेस्ट क्रिटिक ऑफ सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला. बाल कलाकार की कैटेगरी में ब्रोकलेन प्रिंस को फिल्म द फ्लोरिडा प्रोजेक्ट के लिए बेस्ट यंग एक्टर का अवॉर्ड दिया गया. बॉलीवुड के इस विलेन ने स्क्रीन टेस्ट के लिए हॉलीवुड डायरेक्टर को बुला लिया था भारत इसके अलावा बेस्ट सिनेमेटोग्राफी के लिए रोजर डिकिंस जबकि बेस्ट एडिटिंग के लिए ली स्मिथ और बेस्ट कॉस्ट्यूम डिजाइन के लिए मार्क ब्रिजेस को क्रिटिक्स अवॉर्ड दिया गया. द मार्वेलस मिसेस मैजेल को बेस्ट कॉमेडी सिरीज के लिए और द हैंडमेडस टेल को बेस्ट ड्रामा सिरीज के लिए इस साल चुना गया. गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड में स्कूटर से पहुंचा ये हॉलीवुड डायरेक्टर टॉक शो की बात करें तो जिमी किमेल लाइव को साल 2017 का बेस्ट टॉक शो चुना गया. बेस्ट एनिमेटेड सीरिज के लिए रिक और मोर्टी को चुना गया.
कोटा रेलवे स्टेशन पर पांच घंटे लेट हो चुकी ट्रेन का इंतजार करते हुए एक बात समझ में आ चुकी थी. पूर्वजन्म के पाप जैसा कुछ नहीं होता. पापों की एक्सपायरी डेट होती है. इंसान अपने कुकर्मों के फल इसी जन्म में भुगतता है. मरने के बाद पापात्मा को 'डीप फ्राई' नहीं किया जाता. न नुकीले भालों से नेथा जाता है. पापों का फल मिलता है. जीते-जी पापियों की ट्रेन लेट हो जाती है. स्वर्ग-नर्क की अवधारणा ही गलत है. स्वर्ग और नरक यहीं हैं. ट्रेन के डिब्बों में. वेटिंग रूम्स में. प्लेटफॉर्म पर. हर गुजरते मिनट के साथ अपना किया छटांक भर पाप मुझे कटता दिखता है. झूठे हैं वो लोग जो कहते हैं श्मशान में वैराग्य पनपता है. वैराग्य पनपता है रेलवे स्टेशनों के प्लेटफॉर्म पर. नरक ब्रांड है. प्लेटफॉर्म्स नरक का छुट्टा आउटलेट हैं. मैं बोरियत मिटाने को नकमिटनियां निकाल रहा था. बोर होता आदमी कुछ भी कर सकता है. कुछ न हो तो कान में तीली डाल सकता है. कान से मोम निकाल सकता है. उंगलियां चटका सकता है. गर्दन चटका सकता है. पीठ खुजा सकता है. आंख के नीचे उंगली दबा एक चीज को दो कर देख सकता है. दांत में फंसी कटहल जीभ से निकालने की कोशिश कर सकता है. भगवान ने आदमी की देह में कुछ लूपहोल्स छोड़े हैं. बोर होता आदमी इन्हीं के सहारे वक़्त काट सकता है. बोरियत से भरा आदमी कुछ भी सोच सकता है. मैं सोच रहा था 'बोरियत' भी कोई शब्द होता है क्या? उधर रेलवे उद्घोषिका ट्रेन के आधा घंटा देर से आने की अभूतपूर्व घटना के शोक में खेद पर खेद प्रकट किए जा रही थी. मैं सोच रहा था जितना खेद एक रेलवे उद्घोषक अपनी महीने भर की ड्यूटी में प्रकट कर डालते हैं उसका दस फीसदी उसे वेतन भी न मिलता होगा. ट्रेन आने का समय होने ही वाला था दस मिनट पहले उद्घोषिका ने खेद प्रकट करना भी बंद कर दिया. मैं अब भी सोच रहा था. क्या वाकई भारतीय रेलवे को इतना खेद प्रकट करने की जरूरत है? यात्रियों के लिए ट्रेन देर से आना उतना ही आम है जितना आम प्लेटफॉर्म पर चीजों की कीमतें बढ़ जाना. समझ इतनी विकसित हो गई है कि लोग घर से ट्रेन छूटने के वक़्त के बाद निकलते है कि इतने में भी आधा घंटा तो प्लेटफॉर्म पर बिताना ही पड़ेगा. अगर रेलवे को खेद प्रकट करना है तो तब करे जब ट्रेन वक़्त पर पहुंच जाए. सही वक्त पर ट्रेन पहुंचने से जाने कितनों की ट्रेन छूट जाती है. ट्रेन का वक्त पर आना हमें चौंका जाता है. बिल्कुल वैसे ही जैसे ट्रेनों में कभी साफ टॉयलेट मिल जाना चौंका जाता है. ट्रेन के साफ डिब्बे देखकर भी भावुक लोग दुखी हो जाते हैं. साफ ट्रेनें मासूम बच्चों सरीखी होती हैं. ये सोचकर दुख होता है कि कल को तो दुनिया इन्हें अपने रंग में रंग ही देगी. ट्रेन के देर से आने का वक़्त भी गुजर गया. ट्रेन अब भी न आई. आधे घंटे और बीते, ट्रेन तब भी न आई. मैंने पूछताछ खिड़की पर जाकर पूछा. खिड़की के पार एक मोहतरमा थीं. मोहतरमा खूबसूरत थीं. लड़कियों को मोहतरमा लिख दो तो और खूबसूरत लगने लग जाती हैं. मोहतरमा ने नजर उठाकर शक्ल देखनी भी मुनासिब न समझी. देखती तब भी कौन सा पहचान लेतीं? सवाल अनसुना कर दिया गया था. मुझे जरा बेइज्जती महसूस हुई. सुबह से गर्मी के अलावा ये दूसरी चीज थी जो मैं महसूस कर पा रहा था. खूबसूरत लड़कियां अक्सर भावुक लोगों को बेइज्जत कर जाती हैं. मैंने दोबारा पूछा तो कहा प्लेटफॉर्म नम्बर तीन पर खड़ी है. मैंने नकारा कि वहीं से आ रहा हूं. आधे घन्टे बीत गए हैं. ट्रेन का कुछ पता नही हैं. लेट है तो एक बार में ही बता दीजिये कुल कितनी लेट है. कब आएगी? मोहतरमा ने फिर कहा - प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर खड़ी है. एक वक़्त के बाद लड़कियां खूबसूरत लगना बंद हो जाती हैं. ये वही पल था. लौटते हुए मैंने सोचा शायद वो सही कह रही थी. ट्रेन प्लेटफॉर्म नम्बर तीन पर खड़ी है मैं ही नही देख पा रहा हूं. देख तो मैं हवा को भी नहीं पाता तो क्या हवा नहीं है? ट्रेन लेट भी नही है शायद मैं ही हूं जो पहले आ गया हूँ. फिर एक घन्टे बाद ट्रेन आई. साढ़े छह घंटे लेट हो चुकी ट्रेन में बैठने को भी कोई नही था. सारी ट्रेन खाली थी. फिर भी लोग एक ख़ास सीट के लिए लड़ रहे थे. ट्रेनों की संस्कृति है. लोग दुनिया-जहान में पलते हैं पढ़ते हैं और कमाते हैं ताकि ट्रेन का टिकट ले सकें. ट्रेन में सीट के लिए लड़ सकें. वो मिल जाए तो विंडो सीट के लिए लड़ते हैं. विंडो सीट भी मिल रही हो तो चेयर कार में आमने -सामने की सीट के लिए लड़ते हैं. वो भी मिल जाए तो पंखा चलाने-बत्ती बुझाने के लिए लड़ते हैं. लोग बातें कर रहे थे ट्रेन के देर से आने की. मुझे पता था कि ये बातें अब महंगाई से होकर राजनीति और अगले चुनावों पर आ जाएंगी. मैं अब भी सोच रहा था जब तक ट्रेनें हैं, वे देर से आती रहेंगी. लोग विंडो सीट के लिए झगड़ते रहेंगे. सरकारों को कोसेंगे और खूबसूरत लड़कियां भावुक लड़कों को बेइज्जत करती रहेंगी.
यह लेख है: उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सियासी सरगर्मियां बढ़ने के बीच ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को एक ही सिक्के के दो पहलू करार देते हुए कहा कि सूबे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया को बैठक करने की आजादी है, जबकि खुद उनके ऐसा करने पर पाबंदी लगायी जा रही है। ओवैसी ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि भाजपा और सपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और वर्ष 2017 के चुनाव में उनकी पार्टी का मुकाबला इन्हीं दो पार्टियों से होगा। इस माह के शुरू में लखनऊ में अपनी रैली के आयोजन पर जिला प्रशासन द्वारा रोक लगाये जाने का जिक्र करते हुए एआईएमआईएम अध्यक्ष ने कहा ‘‘(संघ प्रमुख) मोहन भागवत को छूट है लेकिन हम पर पाबंदी लगायी जा रही है। दरअसल सपा सरकार हमसे डरी हुई है।’’ गौरतलब है कि इस महीने के शुरू में ओवैसी को उत्तर प्रदेश के तीन दिवसीय दौरे पर राजधानी लखनऊ के साथ-साथ फैजाबाद, आजमगढ़ और अम्बेडकरनगर जाना था। उन्हें लखनऊ में एक रैली को भी संबोधित करना था लेकिन कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए जिला प्रशासन ने इसकी अनुमति देने से इंकार कर दिया था, जिसके बाद ओवैसी ने अपना पूरा दौरा ही रद्द कर दिया था। ओवैसी ने आरोप लगाया कि मुजफ्फरनगर दंगों के लिये सपा और भाजपा पूरी तरह जिम्मेदार हैं। मगर उसकी जांच रिपोर्ट में जिम्मेदारों को क्लीनचिट दे दी गयी है। ‘भारत माता की जय’ बोलने पर हाल में अपनी टिप्पणी को लेकर आलोचना का निशाना बने ओवैसी ने कहा कि उन्हें किसी से देशभक्ति के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है। मुसलमानों ने देश के लिये बड़ी कुर्बानी दी है और सिर्फ एक जयकारे के लिये उनकी देशभक्ति पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। सपा सरकार को हर मोर्चे पर नाकाम बताते हुए एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने उस पर मुसलमानों को शिक्षा के मैदान में जानबूझकर पीछे रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘मुसलमानों को तालीम के मैदान में पीछे धकेला जा रहा है। सपा ने मुसलमानों को 18 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया था, जो पूरा नहीं हुआ। इस सरकार ने अपने बजट में मुसलमानों के भले के लिये कोई खास प्रावधान नहीं किया है। क्या अखिलेश सरकार मुसलमानों को तालीम के मैदान में पीछे रखना चाहती है?’’ इसके पूर्व, ओवैसी लखनऊ के चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे से सीधे बाराबंकी स्थित देवा शरीफ में हाजी वारिस अली शाह की दरगाह पर जियारत करने पहुंचे और चादर चढ़ायी। लौटते वक्त उनके समर्थकों ने ‘नारे तकबीर अल्लाह-ओ-अकबर’ के नारे लगाये। इस दौरान मीडियाकर्मियों ने उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन ओवैसी ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। बाद में, उन्होंने प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्थान नदवा जाकर धर्मगुरुओं से मुलाकात की। उसके बाद वह शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्‍वाद से भी मिलने गए। माना जा रहा था कि इस बैठक में मुसलमानों के सियासी समीकरण साधने पर विचार होगा, लेकिन मात्र करीब 10 मिनट की यह मुलाकात पूरी तरह शिष्टाचार भेंट रही।टिप्पणियां ओवैसी के मीडिया से भी बात करने का कार्यक्रम था लेकिन उन्होंने कोई बात नहीं की।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) ओवैसी ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि भाजपा और सपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और वर्ष 2017 के चुनाव में उनकी पार्टी का मुकाबला इन्हीं दो पार्टियों से होगा। इस माह के शुरू में लखनऊ में अपनी रैली के आयोजन पर जिला प्रशासन द्वारा रोक लगाये जाने का जिक्र करते हुए एआईएमआईएम अध्यक्ष ने कहा ‘‘(संघ प्रमुख) मोहन भागवत को छूट है लेकिन हम पर पाबंदी लगायी जा रही है। दरअसल सपा सरकार हमसे डरी हुई है।’’ गौरतलब है कि इस महीने के शुरू में ओवैसी को उत्तर प्रदेश के तीन दिवसीय दौरे पर राजधानी लखनऊ के साथ-साथ फैजाबाद, आजमगढ़ और अम्बेडकरनगर जाना था। उन्हें लखनऊ में एक रैली को भी संबोधित करना था लेकिन कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए जिला प्रशासन ने इसकी अनुमति देने से इंकार कर दिया था, जिसके बाद ओवैसी ने अपना पूरा दौरा ही रद्द कर दिया था। ओवैसी ने आरोप लगाया कि मुजफ्फरनगर दंगों के लिये सपा और भाजपा पूरी तरह जिम्मेदार हैं। मगर उसकी जांच रिपोर्ट में जिम्मेदारों को क्लीनचिट दे दी गयी है। ‘भारत माता की जय’ बोलने पर हाल में अपनी टिप्पणी को लेकर आलोचना का निशाना बने ओवैसी ने कहा कि उन्हें किसी से देशभक्ति के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है। मुसलमानों ने देश के लिये बड़ी कुर्बानी दी है और सिर्फ एक जयकारे के लिये उनकी देशभक्ति पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। सपा सरकार को हर मोर्चे पर नाकाम बताते हुए एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने उस पर मुसलमानों को शिक्षा के मैदान में जानबूझकर पीछे रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘मुसलमानों को तालीम के मैदान में पीछे धकेला जा रहा है। सपा ने मुसलमानों को 18 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया था, जो पूरा नहीं हुआ। इस सरकार ने अपने बजट में मुसलमानों के भले के लिये कोई खास प्रावधान नहीं किया है। क्या अखिलेश सरकार मुसलमानों को तालीम के मैदान में पीछे रखना चाहती है?’’ इसके पूर्व, ओवैसी लखनऊ के चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे से सीधे बाराबंकी स्थित देवा शरीफ में हाजी वारिस अली शाह की दरगाह पर जियारत करने पहुंचे और चादर चढ़ायी। लौटते वक्त उनके समर्थकों ने ‘नारे तकबीर अल्लाह-ओ-अकबर’ के नारे लगाये। इस दौरान मीडियाकर्मियों ने उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन ओवैसी ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। बाद में, उन्होंने प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्थान नदवा जाकर धर्मगुरुओं से मुलाकात की। उसके बाद वह शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्‍वाद से भी मिलने गए। माना जा रहा था कि इस बैठक में मुसलमानों के सियासी समीकरण साधने पर विचार होगा, लेकिन मात्र करीब 10 मिनट की यह मुलाकात पूरी तरह शिष्टाचार भेंट रही।टिप्पणियां ओवैसी के मीडिया से भी बात करने का कार्यक्रम था लेकिन उन्होंने कोई बात नहीं की।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) इस माह के शुरू में लखनऊ में अपनी रैली के आयोजन पर जिला प्रशासन द्वारा रोक लगाये जाने का जिक्र करते हुए एआईएमआईएम अध्यक्ष ने कहा ‘‘(संघ प्रमुख) मोहन भागवत को छूट है लेकिन हम पर पाबंदी लगायी जा रही है। दरअसल सपा सरकार हमसे डरी हुई है।’’ गौरतलब है कि इस महीने के शुरू में ओवैसी को उत्तर प्रदेश के तीन दिवसीय दौरे पर राजधानी लखनऊ के साथ-साथ फैजाबाद, आजमगढ़ और अम्बेडकरनगर जाना था। उन्हें लखनऊ में एक रैली को भी संबोधित करना था लेकिन कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए जिला प्रशासन ने इसकी अनुमति देने से इंकार कर दिया था, जिसके बाद ओवैसी ने अपना पूरा दौरा ही रद्द कर दिया था। ओवैसी ने आरोप लगाया कि मुजफ्फरनगर दंगों के लिये सपा और भाजपा पूरी तरह जिम्मेदार हैं। मगर उसकी जांच रिपोर्ट में जिम्मेदारों को क्लीनचिट दे दी गयी है। ‘भारत माता की जय’ बोलने पर हाल में अपनी टिप्पणी को लेकर आलोचना का निशाना बने ओवैसी ने कहा कि उन्हें किसी से देशभक्ति के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है। मुसलमानों ने देश के लिये बड़ी कुर्बानी दी है और सिर्फ एक जयकारे के लिये उनकी देशभक्ति पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। सपा सरकार को हर मोर्चे पर नाकाम बताते हुए एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने उस पर मुसलमानों को शिक्षा के मैदान में जानबूझकर पीछे रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘मुसलमानों को तालीम के मैदान में पीछे धकेला जा रहा है। सपा ने मुसलमानों को 18 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया था, जो पूरा नहीं हुआ। इस सरकार ने अपने बजट में मुसलमानों के भले के लिये कोई खास प्रावधान नहीं किया है। क्या अखिलेश सरकार मुसलमानों को तालीम के मैदान में पीछे रखना चाहती है?’’ इसके पूर्व, ओवैसी लखनऊ के चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे से सीधे बाराबंकी स्थित देवा शरीफ में हाजी वारिस अली शाह की दरगाह पर जियारत करने पहुंचे और चादर चढ़ायी। लौटते वक्त उनके समर्थकों ने ‘नारे तकबीर अल्लाह-ओ-अकबर’ के नारे लगाये। इस दौरान मीडियाकर्मियों ने उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन ओवैसी ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। बाद में, उन्होंने प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्थान नदवा जाकर धर्मगुरुओं से मुलाकात की। उसके बाद वह शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्‍वाद से भी मिलने गए। माना जा रहा था कि इस बैठक में मुसलमानों के सियासी समीकरण साधने पर विचार होगा, लेकिन मात्र करीब 10 मिनट की यह मुलाकात पूरी तरह शिष्टाचार भेंट रही।टिप्पणियां ओवैसी के मीडिया से भी बात करने का कार्यक्रम था लेकिन उन्होंने कोई बात नहीं की।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) ओवैसी ने आरोप लगाया कि मुजफ्फरनगर दंगों के लिये सपा और भाजपा पूरी तरह जिम्मेदार हैं। मगर उसकी जांच रिपोर्ट में जिम्मेदारों को क्लीनचिट दे दी गयी है। ‘भारत माता की जय’ बोलने पर हाल में अपनी टिप्पणी को लेकर आलोचना का निशाना बने ओवैसी ने कहा कि उन्हें किसी से देशभक्ति के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है। मुसलमानों ने देश के लिये बड़ी कुर्बानी दी है और सिर्फ एक जयकारे के लिये उनकी देशभक्ति पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। सपा सरकार को हर मोर्चे पर नाकाम बताते हुए एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने उस पर मुसलमानों को शिक्षा के मैदान में जानबूझकर पीछे रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘मुसलमानों को तालीम के मैदान में पीछे धकेला जा रहा है। सपा ने मुसलमानों को 18 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया था, जो पूरा नहीं हुआ। इस सरकार ने अपने बजट में मुसलमानों के भले के लिये कोई खास प्रावधान नहीं किया है। क्या अखिलेश सरकार मुसलमानों को तालीम के मैदान में पीछे रखना चाहती है?’’ इसके पूर्व, ओवैसी लखनऊ के चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे से सीधे बाराबंकी स्थित देवा शरीफ में हाजी वारिस अली शाह की दरगाह पर जियारत करने पहुंचे और चादर चढ़ायी। लौटते वक्त उनके समर्थकों ने ‘नारे तकबीर अल्लाह-ओ-अकबर’ के नारे लगाये। इस दौरान मीडियाकर्मियों ने उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन ओवैसी ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। बाद में, उन्होंने प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्थान नदवा जाकर धर्मगुरुओं से मुलाकात की। उसके बाद वह शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्‍वाद से भी मिलने गए। माना जा रहा था कि इस बैठक में मुसलमानों के सियासी समीकरण साधने पर विचार होगा, लेकिन मात्र करीब 10 मिनट की यह मुलाकात पूरी तरह शिष्टाचार भेंट रही।टिप्पणियां ओवैसी के मीडिया से भी बात करने का कार्यक्रम था लेकिन उन्होंने कोई बात नहीं की।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) ‘भारत माता की जय’ बोलने पर हाल में अपनी टिप्पणी को लेकर आलोचना का निशाना बने ओवैसी ने कहा कि उन्हें किसी से देशभक्ति के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है। मुसलमानों ने देश के लिये बड़ी कुर्बानी दी है और सिर्फ एक जयकारे के लिये उनकी देशभक्ति पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। सपा सरकार को हर मोर्चे पर नाकाम बताते हुए एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने उस पर मुसलमानों को शिक्षा के मैदान में जानबूझकर पीछे रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘मुसलमानों को तालीम के मैदान में पीछे धकेला जा रहा है। सपा ने मुसलमानों को 18 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया था, जो पूरा नहीं हुआ। इस सरकार ने अपने बजट में मुसलमानों के भले के लिये कोई खास प्रावधान नहीं किया है। क्या अखिलेश सरकार मुसलमानों को तालीम के मैदान में पीछे रखना चाहती है?’’ इसके पूर्व, ओवैसी लखनऊ के चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे से सीधे बाराबंकी स्थित देवा शरीफ में हाजी वारिस अली शाह की दरगाह पर जियारत करने पहुंचे और चादर चढ़ायी। लौटते वक्त उनके समर्थकों ने ‘नारे तकबीर अल्लाह-ओ-अकबर’ के नारे लगाये। इस दौरान मीडियाकर्मियों ने उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन ओवैसी ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। बाद में, उन्होंने प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्थान नदवा जाकर धर्मगुरुओं से मुलाकात की। उसके बाद वह शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्‍वाद से भी मिलने गए। माना जा रहा था कि इस बैठक में मुसलमानों के सियासी समीकरण साधने पर विचार होगा, लेकिन मात्र करीब 10 मिनट की यह मुलाकात पूरी तरह शिष्टाचार भेंट रही।टिप्पणियां ओवैसी के मीडिया से भी बात करने का कार्यक्रम था लेकिन उन्होंने कोई बात नहीं की।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) सपा सरकार को हर मोर्चे पर नाकाम बताते हुए एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने उस पर मुसलमानों को शिक्षा के मैदान में जानबूझकर पीछे रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘मुसलमानों को तालीम के मैदान में पीछे धकेला जा रहा है। सपा ने मुसलमानों को 18 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया था, जो पूरा नहीं हुआ। इस सरकार ने अपने बजट में मुसलमानों के भले के लिये कोई खास प्रावधान नहीं किया है। क्या अखिलेश सरकार मुसलमानों को तालीम के मैदान में पीछे रखना चाहती है?’’ इसके पूर्व, ओवैसी लखनऊ के चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे से सीधे बाराबंकी स्थित देवा शरीफ में हाजी वारिस अली शाह की दरगाह पर जियारत करने पहुंचे और चादर चढ़ायी। लौटते वक्त उनके समर्थकों ने ‘नारे तकबीर अल्लाह-ओ-अकबर’ के नारे लगाये। इस दौरान मीडियाकर्मियों ने उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन ओवैसी ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। बाद में, उन्होंने प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्थान नदवा जाकर धर्मगुरुओं से मुलाकात की। उसके बाद वह शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्‍वाद से भी मिलने गए। माना जा रहा था कि इस बैठक में मुसलमानों के सियासी समीकरण साधने पर विचार होगा, लेकिन मात्र करीब 10 मिनट की यह मुलाकात पूरी तरह शिष्टाचार भेंट रही।टिप्पणियां ओवैसी के मीडिया से भी बात करने का कार्यक्रम था लेकिन उन्होंने कोई बात नहीं की।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) इसके पूर्व, ओवैसी लखनऊ के चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे से सीधे बाराबंकी स्थित देवा शरीफ में हाजी वारिस अली शाह की दरगाह पर जियारत करने पहुंचे और चादर चढ़ायी। लौटते वक्त उनके समर्थकों ने ‘नारे तकबीर अल्लाह-ओ-अकबर’ के नारे लगाये। इस दौरान मीडियाकर्मियों ने उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन ओवैसी ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। बाद में, उन्होंने प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्थान नदवा जाकर धर्मगुरुओं से मुलाकात की। उसके बाद वह शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्‍वाद से भी मिलने गए। माना जा रहा था कि इस बैठक में मुसलमानों के सियासी समीकरण साधने पर विचार होगा, लेकिन मात्र करीब 10 मिनट की यह मुलाकात पूरी तरह शिष्टाचार भेंट रही।टिप्पणियां ओवैसी के मीडिया से भी बात करने का कार्यक्रम था लेकिन उन्होंने कोई बात नहीं की।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) इस दौरान मीडियाकर्मियों ने उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन ओवैसी ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। बाद में, उन्होंने प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्थान नदवा जाकर धर्मगुरुओं से मुलाकात की। उसके बाद वह शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्‍वाद से भी मिलने गए। माना जा रहा था कि इस बैठक में मुसलमानों के सियासी समीकरण साधने पर विचार होगा, लेकिन मात्र करीब 10 मिनट की यह मुलाकात पूरी तरह शिष्टाचार भेंट रही।टिप्पणियां ओवैसी के मीडिया से भी बात करने का कार्यक्रम था लेकिन उन्होंने कोई बात नहीं की।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) बाद में, उन्होंने प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्थान नदवा जाकर धर्मगुरुओं से मुलाकात की। उसके बाद वह शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्‍वाद से भी मिलने गए। माना जा रहा था कि इस बैठक में मुसलमानों के सियासी समीकरण साधने पर विचार होगा, लेकिन मात्र करीब 10 मिनट की यह मुलाकात पूरी तरह शिष्टाचार भेंट रही।टिप्पणियां ओवैसी के मीडिया से भी बात करने का कार्यक्रम था लेकिन उन्होंने कोई बात नहीं की।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) ओवैसी के मीडिया से भी बात करने का कार्यक्रम था लेकिन उन्होंने कोई बात नहीं की।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
हरबिंदर सिंह (जन्म 8 जुलाई, 1943) भारत के पूर्व मैदानी हॉकी खिलाड़ी हैं। वह भारतीय महिला हॉकी टीम के मुख्य कोच भी रहे हैं। उन्होंने वर्ष 1964, 1968 और 1972 के ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत 1961 में 18 साल की उम्र में भारतीय हॉकी टीम के साथ न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के दौरे के साथ की थी। उन्होंने तीन एशियाई खेलों में देश का प्रतिनिधित्व किया, जिनमे में से 1966 एशियन गेम्स में भारतीय हॉकी टीम ने पहली बार स्वर्ण पदक प्राप्त किया। 1970 एशियाई खेलों में रजत पदक विजेता भारतीय टीम के कप्तान थे उन्होंने हॉकी इंडिया में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। वह वर्तमान में हॉकी इंडिया की चयन समीति के अध्यक्ष हैं। सन्दर्भ भारत के हॉकी खिलाड़ी 1943 में जन्मे लोग जीवित लोग
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: कर्नाटक के एक गांव में बड़ी ही विचित्र घटना घटी. 17 वर्षीय एक लड़के को मृत मानकर जब लोग उसे चिता पर लिटाकर श्‍मशान ले जा रहे थे तभी वह उठ खड़ा हुआ. कुमार मारवाड नाम के इस लड़के को करीब एक महीने पहले आवारा कुत्ते ने काट लिया था. टाइम्‍स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार इसकी वजह से करीब एक हफ्ते पहले उसे तेज बुखार हो गया. जब घर वाले उसे अस्‍पताल ले गए तो डॉक्टरों ने कह दिया इंफेक्‍शन उसके पूरे शरीर में फैल गया है बिना वेंटिलेटर के वह बच नहीं सकेगा. इसके बाद घरवाले उसे वापस घर ले आए. कुमार के जीजा शरनप्‍पा नायकर ने बताया, 'हम लोगों ने उसे घर ले जाने का फैसला किया क्‍योंकि डॉक्‍टरों का कहना था कि वेंटिलेटर हटा लेने के बाद उसके बचने की संभावनाएं ना के बराबर थी.' घर में जब उसके रिश्‍तेदारों ने देखा कि उसके शरीर में कोई हरकत नहीं हो रही है तो उन्‍होंने उसे मृत मान लिया. रिश्‍तेदारों ने कुमार के अंतिम संस्‍कार की तैयारी कर ली और इसके लिए पास के गांव की ओर चल पड़े.टिप्पणियां शवयात्रा श्‍मशान से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर रही होगी जब कुमार ने अचानक अपनी आंखें खोल दीं और तेजी से सांस लेते हुए अपने हाथों और पैरों को हिलाने लगा. उसके बाद उसे तुरंत अस्‍पताल ले जाया गया जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है. रिपोर्ट में डॉक्‍टर महेश नीलखंटनवार ने बताया, 'कुमार वेंटिलेटर पर है. हमें शक है कि वह मेनिंगोइंसेफलाइटिस से ग्रस्‍त है जो कुत्ते के काटने से होने वाला एक प्रकार का इंफेक्‍शन है. कुमार के माता-पिता ने बताया कि वह एक दिहाड़ी मजदूर है और 9वीं कक्षा के बाद परिवार की मदद के लिए स्‍कूल जाना छोड़ दिया. उन्‍होंने कहा कि उनका बड़ा बेटा विकलांग है और हमें उसके इलाज के लिए भी मदद की जरूरत है. कुमार के जीजा शरनप्‍पा नायकर ने बताया, 'हम लोगों ने उसे घर ले जाने का फैसला किया क्‍योंकि डॉक्‍टरों का कहना था कि वेंटिलेटर हटा लेने के बाद उसके बचने की संभावनाएं ना के बराबर थी.' घर में जब उसके रिश्‍तेदारों ने देखा कि उसके शरीर में कोई हरकत नहीं हो रही है तो उन्‍होंने उसे मृत मान लिया. रिश्‍तेदारों ने कुमार के अंतिम संस्‍कार की तैयारी कर ली और इसके लिए पास के गांव की ओर चल पड़े.टिप्पणियां शवयात्रा श्‍मशान से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर रही होगी जब कुमार ने अचानक अपनी आंखें खोल दीं और तेजी से सांस लेते हुए अपने हाथों और पैरों को हिलाने लगा. उसके बाद उसे तुरंत अस्‍पताल ले जाया गया जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है. रिपोर्ट में डॉक्‍टर महेश नीलखंटनवार ने बताया, 'कुमार वेंटिलेटर पर है. हमें शक है कि वह मेनिंगोइंसेफलाइटिस से ग्रस्‍त है जो कुत्ते के काटने से होने वाला एक प्रकार का इंफेक्‍शन है. कुमार के माता-पिता ने बताया कि वह एक दिहाड़ी मजदूर है और 9वीं कक्षा के बाद परिवार की मदद के लिए स्‍कूल जाना छोड़ दिया. उन्‍होंने कहा कि उनका बड़ा बेटा विकलांग है और हमें उसके इलाज के लिए भी मदद की जरूरत है. शवयात्रा श्‍मशान से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर रही होगी जब कुमार ने अचानक अपनी आंखें खोल दीं और तेजी से सांस लेते हुए अपने हाथों और पैरों को हिलाने लगा. उसके बाद उसे तुरंत अस्‍पताल ले जाया गया जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है. रिपोर्ट में डॉक्‍टर महेश नीलखंटनवार ने बताया, 'कुमार वेंटिलेटर पर है. हमें शक है कि वह मेनिंगोइंसेफलाइटिस से ग्रस्‍त है जो कुत्ते के काटने से होने वाला एक प्रकार का इंफेक्‍शन है. कुमार के माता-पिता ने बताया कि वह एक दिहाड़ी मजदूर है और 9वीं कक्षा के बाद परिवार की मदद के लिए स्‍कूल जाना छोड़ दिया. उन्‍होंने कहा कि उनका बड़ा बेटा विकलांग है और हमें उसके इलाज के लिए भी मदद की जरूरत है. रिपोर्ट में डॉक्‍टर महेश नीलखंटनवार ने बताया, 'कुमार वेंटिलेटर पर है. हमें शक है कि वह मेनिंगोइंसेफलाइटिस से ग्रस्‍त है जो कुत्ते के काटने से होने वाला एक प्रकार का इंफेक्‍शन है. कुमार के माता-पिता ने बताया कि वह एक दिहाड़ी मजदूर है और 9वीं कक्षा के बाद परिवार की मदद के लिए स्‍कूल जाना छोड़ दिया. उन्‍होंने कहा कि उनका बड़ा बेटा विकलांग है और हमें उसके इलाज के लिए भी मदद की जरूरत है.
हाल ही में सार्वजनिक की गईं नेताजी से जुड़ी गोपनीय फाइलें कुछ पक्के और चैंकाने वाले रहस्य का खुलासा करती हैं. आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की सरकार ने करीब दो दशक तक नेताजी सुभाषचंद्र बोस के परिवार की करवाई थी जासूसी ... विएना 20 अक्तूबर, 1952 'अनिता की सेहत ठीक है और उसकी पढ़ाई अच्छी चल रही है. वह लंबी हो रही है और तगड़ी भी, हालांकि अब तक मोटी नहीं कही जा सकती. अभी उसे स्कूल में अंग्रेजी सिखाई जा रही है जिसमें उसका काफी मन लगता है.' यह खत नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पत्नी एमिली शेंकल ने विश्व युद्ध से उबरे ऑस्ट्रिया से लिखा था. उनकी एकाकी जिंदगी में बची कुछ उम्मीदों में एक उनकी बेटी थी. चिट्ठी सुदूर कोलकाता में नेताजी के भतीजे शिशिर कुमार बोस के नाम भेजी गई थी, पर वहां पहुंचने से पहले ही इसे पढ़ा जा चुका था. यह पहला खत नहीं था जिसे पढ़ा गया था. उनके पढ़ने से पहले ही खुफिया ब्यूरो (आइबी) के कई अफसरों ने चुपचाप चिट्ठी की प्रतियां बनाकर उसे बोस परिवार से जुड़ी सीक्रेट फाइलों में नत्थी कर दिया था. आधी सदी से ज्यादा समय तक इसकी और ऐसे तमाम पत्रों की प्रतियां कोलकाता स्थित राज्य आइबी मुख्यालय के दराजों में बंद पड़ी थीं. हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इससे गोपनीयता का मुलम्मा हटा लिया और इन्हें दिल्ली के राष्ट्रीय अभिलेखागार में रखा गया है. ये फाइलें आजाद भारत के दागदार सरकारी राज से परदा उठाती हैं. वह यह है कि 1948 से 1968 के बीच दो दशकों तक सरकार ने बोस परिवार के सदस्यों की गहन जासूसी की थी. सरकारी जासूस उस स्वतंत्रता सेनानी के परिजनों के पत्र पढ़ते और दर्ज करते रहे जो 25 वर्ष तक नेहरू का राजनैतिक सहकर्मी रहा था. आइबी के जासूस इस परिवार के सदस्यों का उनकी घरेलू और विदेश यात्राओं के दौरान लगातार पीछा करते रहे और उनसे मिलने वालों और उनकी बातों के महीन से महीन विवरणों को रिकॉर्ड करते रहे. यह निगरानी बिल्कुल उसी तर्ज पर थी जैसा आज किसी वांछित आतंकवादी के परिवार पर रखी जाती है-बेहद सघन, व्यवस्थित और सतर्कता भरी. इन खुलासों ने बोस परिवार को हैरत में डाल दिया है. नेताजी के भतीजे के बेटे चंद्र कुमार बोस सवाल उठाते हैं, 'निगरानी उन पर रखी जाती है जिन्होंने कोई अपराध किया हो या जिनके आतंकी तार जुड़े हों. नेताजी और उनके परिवार ने आजादी की लड़ाई लड़ी थी, फिर उन पर निगरानी रखने की क्या जरूरत थी?' सुभाष चंद्र बोस की इकलौती पुत्री अनिता बोस-फॉफ जर्मनी में अर्थशास्त्री हैं. वे भी इन खुलासों से सकते में हैं. वे कहती हैं, 'मेरे चाचा (शरत चंद्र बोस) पचास के दशक तक राजनैतिक रूप से सक्रिय थे और कांग्रेसी तत्कालीन नेतृत्व के विरोध में थे, लेकिन जो बात मुझे चौंकाती है वह यह कि मेरे चचेरे भाई-बहन भी जासूसी के दायरे में थे जबकि सुरक्षा की दृष्टि से इसका कोई मतलब नहीं बनता था.' कौम के भटके सिपाही थे नेता जी! नेताजी ने जापान में भारतीय युद्धबंदियों को साथ लेकर आजाद हिंद फौज (आइएनए) बनाई थी जिसके सहारे उन्होंने आजाद भारत की अस्थाई सरकार का गठन किया. आइएनए ने अंग्रेजी राज वाले इस उपमहाद्वीप की सरहदों पर 1943 पर कब्जा जमाया और इसकी टुकड़ियों ने पहली बार भारत की धरती पर तिरंगा फहराया था. इसके तुरंत बाद 1944 में जापानी सेना की हार ने आइएनए को लौटने को मजबूर कर डाला. माना जाता है कि अलाइड सैन्य बलों के सामने जापान के घुटने टेकने के तीन दिन बाद 18 अगस्त, 1945 को 48 वर्षीय नेताजी की मौत ताइवान में एक विमान हादसे में हो गई थी. नाराज है बोस परिवार बोस परिवार इन खुलासों पर बहुत नाराज है और उसकी मांग है कि केंद्र सरकार बीते 60 वर्षों से अपने कब्जे में रखी नेताजी से जुड़ी टॉप अतिगोपनीय फाइलों को तेजी से सार्वजनिक करने का काम करे. उनका मानना है कि ये दस्तावेजी रहस्योद्घाटन सिर्फ एक हल्की-सी झलक हैं. करीब एक दशक से आरटीआई कार्यकर्ता और शोधार्थी यह मानते रहे हैं कि अब तक गोपनीय रखी गई फाइलों का इस चमत्कारिक इंकलाबी शख्सियत की गुमशुदगी पर कुछ रोशनी डालने का काम कर सकता है. सरकार लगातार उनके काम में रुकावट डालती रही है. राजनाथ सिंह जब बीजेपी के अध्यक्ष थे, तब पिछले साल उन्होंने कटक में कहा था, 'समूचा देश यह जानने को बेचैन है कि नेताजी की मौत कैसे और किन परिस्थितियों में हुई.'पिछले साल उनकी सालगिरह पर बोलते हुए उन्होंने वादा किया था कि अगर उनकी सरकार सत्ता में आ गई तो नेताजी की फाइलों को सार्वजनिक कर दिया जाएगा. आज वे सरकार में हैं लेकिन उसकी प्रतिक्रिया भी यूपीए जैसी ही है. पिछले 2 फरवरी को प्रधानमंत्री कार्यालय ने आरटीआइ कार्यकर्ता सुभाषचंद्र अग्रवाल को बताया कि पीएमओ के पास मौजूद नेताजी की फाइलों का उद्घाटन 'दूसरे देशों के साथ रिश्तों को पूर्वाग्रहग्रस्त तरीके से प्रभावित कर सकता है.' पीएमओ ने बिल्कुल ऐसा ही जवाब 'मिशन नेताजी' को दिया है. यह कुछ कार्यकर्ताओं का एक ऐसा दबाव समूह है जो 2006 से लगातार इन फाइलों को सार्वजनिक किए जाने की लड़ाई लड़़ रहा है. बोस परिवार की जासूसी अंग्रेजी राज में सीआइडी 1930 के दशक से ही कोलकाता-1 स्थित बोस परिवार के दो मकानों की निगरानी कर रही थी- 1, वुडबर्न पार्क का मकान था और दूसरा था 38@2, एल्गिन रोड. यही वह समय था जब शरत चंद्र और उनके छोटे भाई सुभाष चंद्र बोस बंगाल में स्वतंत्रता आंदोलन के अगुआ बनकर उभरे थे. परिवार को सीआइडी के साए की आदत पड़ चुकी थी. इसका पता इस घटना से चलता है कि एक बार सीआइडी के एक अफसर ने शरत चंद्र को भेजे गए पत्र को बीच में ही जब्त करके उसकी प्रति बना ली थी लेकिन गलती से एक प्रति उन्हें भेज दी. जब वह अपनी गलती को स्वीकारने बोस परिवार के पास आया तो बड़े भाई ने उससे कहा कि कुछ दिन बाद आकर उसे ले जाए. नेताजी को 1941 में नजरबंद किया गया था. वे पुलिस को चकमा देकर एल्गिन रोड वाले मकान से निकल गए और नाजी शासन वाले जर्मनी में जाकर रुके. अंग्रेजों ने उन्हें इसके बाद फासीवादी ताकतों का सहयोगी करार देते हुए उनके परिजनों पर निगरानी बढ़ा दी. जैसा कि सार्वजनिक किए गए दस्तावेज दिखाते हैं, आजाद भारत की सरकार भी इस परिवार पर उतनी ही मुस्तैदी से निगरानी रखती रही थी. देश में सत्ताधारी दल अमूमन राजनैतिक विरोधियों और यहां तक कि खुद उनके अपने परिजनों पर निगाह रखने के लिए आइबी का इस्तेमाल करते रहे हैं. आइबी के पूर्व प्रमुख एम.के. धर ने 2005 में आई अपनी पुस्तक ओपन सीक्रेट्स में बताया था कि प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने मेनका गांधी और उनके परिवार पर निगाह रखने का आदेश आइबी को दिया था क्योंकि उन्हें इस परिवार की राजनैतिक महत्वाकांक्षा पर संदेह था. नेताजी के दो भतीजों शिशिर कुमार बोस और अमिय नाथ बोस पर जिन दिनों निगरानी रखी जा रही थी, उस समय उनका सियासी वजन ज्यादा नहीं था. दस्तावेजों के मुताबिक आइबी ने जब उन पर अपनी निगरानी ढीली कर दी थी, उसके कई साल बाद उन्होंने चुनाव लड़ा. अमिय नाथ ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के टिकट पर आरामबाग से 1968 में सांसद चुने गए जबकि शिशिर बोस कांग्रेस के टिकट पर 1987 में पश्चिम बंगाल की विधानसभा में विधायक चुने गए थे. ऐसा लगता है कि आइबी को इस बात में ज्यादा दिलचस्पी थी कि बोस परिवार क्या करता है और किससे मिलता है. सार्वजनिक हो चुके सिलसिलेवार हस्तलिखित संदेश दिखाते हैं कि आइबी के एजेंट आइबी मुख्यालय ''सिक्योरिटी कंट्रोल'' को फोन करके परिवार की हरकतों के बारे में जानकारी देते थे, हालांकि पारिवारिक पत्रों के माध्यम से ही आइबी को यह पता चल पाता था कि परिवार क्या सोच रहा है. इस पत्राचार में नेताजी का जिक्र खूब होता था. जाहिर है, परिवार और किस बारे में बात करेगा? ये पत्र मोटे तौर पर सामान्य पारिवारिक मसलों के बारे में होते थे. नेताजी की पत्नी अपने खतों में परिवार के आर्थिक संकट, बेटी के पालन-पोषण और विएना वाले मकान की मरम्मत का जिक्र करती थीं. कोलकाता से बोस परिवार खर्चा चलाने के लिए उन्हें पैसा भेजता था. आइबी ने इन पत्रों में उन हिस्सों को रेखांकित किया है जिनमें एमिली शेंकल के मुलाकातियों के नाम हैं. यह दिखाता है कि आइबी को आखिर किस चीज में दिलचस्पी थी. ऐसे ही 1953 में लिखे पत्र पर आइबी की टिप्पणी एमिली को ''श्री सुभाष चंद्र बोस की कथित पत्नी'' करार देती है. नेताजी भवन संग्रहालय बन चुके 38@2 एल्गिन रोड स्थित मकान में सार्वजनिक हुए दस्तावेजों को पलटते हुए मरहूम शिशिर कुमार बोस की 85 वर्षीया पत्नी कृष्णा बोस की प्रतिक्रिया थी, ''भारी रहस्यमय और चौंकाने वाली बात है! आखिर वे हमारा पीछा क्यों करना चाह रहे थे?'' वे तृणमूल कांग्रेस से तीन बार लोकसभा सांसद रह चुकी हैं. वे इस बात पर हंसती हैं कि यह जासूसी कितनी असरदार रही होगी क्योंकि परिवार को इसका कोई अंदाजा नहीं था. वे कहती हैं, ''मेरे पति कहते थे कि अस्पताल जाते समय या ट्राम पर चढ़ते वक्त उन्हें महसूस होता था कि उनका पीछा हो रहा है...पर यह अंग्रेजों के दौर की बात थी.'' जासूसी से जुड़े इन रहस्योद्घाटनों को देखकर एक अंदाजा लगता है कि दुनिया की सबसे पुरानी खुफिया एजेंसियों में एक आइबी कैसे काम किया करती थी. जो चिट्ठियां जब्त की जाती थीं, उनकी निगरानी का केंद्र तकरीबन पूरी तरह एल्गिन रोड डाकघर हुआ करता था जहां बिना किसी संदेह के बोस परिवार अपनी चिट्ठियां डालता था. परिवार के सदस्यों ने 1956 में गठित शाहनवाज आयोग पर अपना संदेह जताया था. चाचा को मान्यता न देने से उपजी निराशा का भी इजहार किया था. इस बारे में 1955 में शिशिर बोस ने नेताजी की पत्नी को लिखा था, ''अगर आज आप भारत में होतीं, तो आपको यह एहसास होता कि भारत की आजादी की लड़ाई में सिर्फ दो लोगों का महत्व था-गांधी और नेहरू. बाकी सब महत्वहीन थे.'' 1950 के दशक में परिवार के सभी पत्रों की प्रतियां बनाई जाती थीं और कुछ को दिल्ली स्थित मुख्यालय में बैठे आइबी के दो अहम अफसरों से साझा किया जाता था-एक एम.एल. हूजा थे जो 1968 में आइबी के मुखिया बने और दूसरे रामेश्वरनाथ काव थे, जिन्होंने 1968 में रिसर्च ऐंड ऐनालिसिस विंग (रॉ) की स्थापना की. इन सबके पीछे जो इकलौता शख्स था, उसका नाम भोला नाथ मलिक था. यह शख्स नेहरू की सरकार में आंतरिक सुरक्षा का मुखिया था जो 1948 से 1964 के बीच लगातार 16 साल तक आइबी का प्रमुख रहा. यह जासूसी राजनैतिक रूप से संवेदनशील थी, इसमें कोई दो राय नहीं है. फाइलों पर ''टॉप सीक्रेट'' और ''वेरी सीक्रेट'' की मुहर तय कर देती थी कि इन फाइलों तक कुछ मुट्ठी भर अफसरों की ही पहुंच होगी. ये फाइलें कोलकाता की प्रिटोरिया स्ट्रीट स्थित आइबी के राज्य मुख्यालय में स्टील की बनी दराजों में रखी जाती थीं, जो बोस के घर से कुछ ही दूरी पर है. नेताजी से जुड़े रहस्यों पर लिखी किताब इंडियाज बिगेस्ट कवर-अप के लेखक और कार्यकर्ता अनुज धर कहते हैं, ''जब बंगाल का भद्रलोक छोटे-मोट अपराधों को सुलझाने वाले कपोल-कल्पित शख्स ब्योमकेश बख्शी पर निहाल था, उस समय आइबी के जासूस ऐसे कारनामों में मुब्तिला थे जिनके सामने सीआइए और केजीबी को पानी भरना पड़ जाता.'' आइबी की जासूसी कोलकाता तक सीमित नहीं थी. मद्रास में सीआइडी की विशेष शाखा की 1958 की एक रिपोर्ट शिशिर बोस की आवाजाही का पता देती है जब वे नेताजी रिसर्च ब्यूरो बना रहे थे. 1963 में जब्त एक पत्राचार अमिय नाथ का है तो नेताजी के पुराने सहयोगी एसीएन नांबियार के लिए था जो उस समय स्विट्जरलैंड में भारतीय राजनयिक थे. इसमें विडंबना यह है कि दिल्ली में आइबी के जो आला अफसर इस पत्राचार को पढ़ रहे थे, उनमें एक शख्स नांबियार का भतीजा ए.सी. माधवन नांबियार था.
खेलमंत्री अजय माकन ने कहा है कि बीसीसीआई के काम में पारदर्शिता की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई अकेली खेल संस्था है जो खेल मंत्रालय के तहत रजिस्टर्ड नहीं है।टिप्पणियां माकन के मुताबिक वक्त आ गया है जब बीसीसीआई को सूचना के अधिकार के तहत लाया जाए और ये संस्था किसी कंपनी की तरह नहीं बल्कि खेल की संस्था की तरह काम करे। अजय माकन ने यह भी कहा कि नेताओं को बीसीसीआई के कामकाज से दूर रहना चाहिए। यही नहीं माकन ने बीसीसीआई को आईपीएल से दूर रहने का भी सुझाव दे दिया। इसके अलावा खेल मंत्री अजय माकन ने कहा कि देश के तमाम स्कूलों को सरकार से प्राप्त जमीन के एवज में खेल के मैदान स्थानीय लोगों के लिए खोलना चाहिए। दिल्ली में ऐसा आदेश देने के बाद उन्होंने राज्यों को भी इस संबंध में चिट्ठी लिखी थी। उनका कहना है कि कुछ राज्यों ने इस सुझाव पर अमल करने की बात भी कही है। माकन के मुताबिक वक्त आ गया है जब बीसीसीआई को सूचना के अधिकार के तहत लाया जाए और ये संस्था किसी कंपनी की तरह नहीं बल्कि खेल की संस्था की तरह काम करे। अजय माकन ने यह भी कहा कि नेताओं को बीसीसीआई के कामकाज से दूर रहना चाहिए। यही नहीं माकन ने बीसीसीआई को आईपीएल से दूर रहने का भी सुझाव दे दिया। इसके अलावा खेल मंत्री अजय माकन ने कहा कि देश के तमाम स्कूलों को सरकार से प्राप्त जमीन के एवज में खेल के मैदान स्थानीय लोगों के लिए खोलना चाहिए। दिल्ली में ऐसा आदेश देने के बाद उन्होंने राज्यों को भी इस संबंध में चिट्ठी लिखी थी। उनका कहना है कि कुछ राज्यों ने इस सुझाव पर अमल करने की बात भी कही है। इसके अलावा खेल मंत्री अजय माकन ने कहा कि देश के तमाम स्कूलों को सरकार से प्राप्त जमीन के एवज में खेल के मैदान स्थानीय लोगों के लिए खोलना चाहिए। दिल्ली में ऐसा आदेश देने के बाद उन्होंने राज्यों को भी इस संबंध में चिट्ठी लिखी थी। उनका कहना है कि कुछ राज्यों ने इस सुझाव पर अमल करने की बात भी कही है।
बीजेपी (BJP) के उन्नाव से प्रत्याशी साक्षी महराज (Sakshi Maharaj ) एक बार फिर अपने बयान की वजह से सुर्खियों में हैं. उन्होंने कहा है कि एक संन्यासी को वोट नहीं दिया तो अपने पाप आपको दे जाऊंगा. सांसद साक्षी महाराज (Sakshi Maharaj) शुक्रवार को उन्नाव में चुनाव प्रचार के सिलसिले में आए थे. उन्होंने कहा कि मैं एक संन्यासी हूं और एक संन्यासी जब भिक्षा मांगता है और उसे भिक्षा नहीं मिलती तो गृहस्थी के पुण्य ले जाता है, अगर एक संन्यासी को वोट नहीं दिया तो मैं अपने पाप आपको दे जाऊंगा.  साक्षी (Sakshi Maharaj ) ने कहा कि मैं जो कुछ कह रहा हूं, वह शास्त्रोक्त या शास्त्रों में कही गई है. मैं धन या दौलत नहीं मांग रहा हूं. लोगों से वोट मांग रहा हूं, जिससे 125 करोड़ देशवासियों की किस्मत बदलनी है.  बीजेपी प्रत्याशी ने कहा कि मतदान कन्यादान करने के बराबर होता है, इसलिए सभी लोग घर से निकलकर मतदान करें. विपक्षियों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में गठबंधन (SP-BSP-RLD) का कोई असर नहीं है. पहले ये लोग एक-दूसरे को देखना पसंद नहीं करते थे. आज वही लोग एक साथ खड़े होकर प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) को हटाने में लगे हुए हैं.  बता दें कि पिछले दिनों टिकट को लेकर पार्टी को धमकी भरा तेवर दिखाने वाले साक्षी महाराज (Sakshi Maharaj ) टिकट हासिल करने में सफल रहे. भाजपा ने उन्नाव से साक्षी महाराज (Sakshi Maharaj ) को एक बार फिर टिकट दिया है.
महाराष्ट्र में इन दिनों चुनाव के दिन हैं. 10 महापालिकाओं में चुनाव होने जा रहे है. इन महापालिकाओं में से एक अकोला महापालिका भी है. उम्मीदवार अपना नामांकन पत्र दाखिल कर रहे हैं. शुक्रवार को प्रत्याशियों के लिए पर्चा दाखिल करने का आखिरी दिन था. इस चुनाव में जहां अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवार अपना नामांकन पत्र दाखिल कर रहे थे. वहीं अकोला में एक निर्दलीय उम्मीदवार ने अपना नामांकन दाखिल करने पर लगानेवाली रकम में 10 रुपये के 500 सिक्के देकर अपना आवेदन पत्र दाखिल किया. इससे नामांकन पत्र लेने वाले अधिकारी हक्के-बक्के रह गए. सिक्कों को देखकर कर्मचारी हुए दंग जमानत राशि के तौर पर आये सिक्कों को देखकर मनपा के क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारी में खलबली मच गई. इस उम्मीदवार का कहना है कि नोटबंदी के पहले से ही बाजार में लोग 10 के लेने से मना करने लगे थे. इसके चलते उन्होंने अपना पर्चा दाखिल करने के क्रम में सिक्के जमा किए. हालांकि कर्मचारी इससे परेशान दिखे लेकिन क्या करते पैसे तो लेने हैं. आखिरी दिन उसमें से यह 500 सिक्के लेकर गिनना उनकी मजबूरी बन गई. निर्दलीय उम्मीदवार का कहना है कि जमा किये इन सिक्कों को बाजार में सभी लेने से इंकार कर रहा थे. 10 के सिक्कों के अब बंद होने की भी अफवाहें हैं. इस वजह से इसे कोई ले नहीं रहा था लेकिन यहां जब यह सिक्के लाये तो इन अधिकरियों ने यह सिक्के स्वीकार कर उनकी नामांकन अर्जी दाखिल कर ली.
भारतीय ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट का बिग बिलियन डे सेल 10 ऑक्टूबर से शुरू होगा. चार दिन के इस सेल के दौरान स्मार्टफोन्स पर भी छूट मिलेगी. सेल में स्मार्टपोन पर डिस्काउंट के अलावा कंपनी ने कई ऑफर्स भी रखे हैं. फ्लिपकार्ट जीरो इंटरेस्ट पर EMI का ऑप्शन देगा. फ्लिपकार्ट पे लेटर और फ्लिपकार्ट पे कार्डलेस ऑप्शन भी मिलेगा. कंपनी ने एचडीएफसी बैंक के साथ पार्टनर्शिप कीह और इसके तहत एचडीएफसी कार्ड से खरीदारी करने वाले यूजर्स को कैशबैक दिया जाएगा. इसके अलावा फ्लिपकार्ट की वॉलेट सर्विस PhonePe में भी 10 फीसदी तक का कैशबैक मिलेगा. चीनी कंपनी हुआवे की सब ब्रांड ऑनर के कई स्मार्टफोन्स इस सेल के दौरान डिस्काउंट पर मिलेंगे. आपको बता दें कि ऑनर ने भी फेस्टिव सीजन से पहले अपने स्मार्टपोन्स पर डिस्काउंट का ऐलान किया है. इनमें Honor 9 Lite, Honor 7A, Honor 7C, Honor Play और Honor 8 Pro शामिल हैं. कंपनी की वेबसाइट पर ये सेल 10 अक्टूबर से शुरू होगा और 15 अक्टूबर तक चलेगा. आपको बता दें कि इन्हीं दिनों ऐमेजॉन और फ्लिपकार्ट की भी सेल चलेगी. इस सेल के दौरान ऑनर के स्मार्टफोन्स पर 10,000 रुपये तक की छूट मिलेगी. दशहरा सेल के मौके पर कंपनी 1,800 रुपये का डिस्काउंट देगी, जबकि कुछ स्मार्टफोन्स सिर्फ 1 रुपये में ही बेचा जाएगा. हालांकि इसके लिए कंपनी की वेबसाइट से अबी ही 1,000 रुपये, 500 रुपये और 300 रुपये के कूपन लेने होंगे. 300 रुपये के कूपने से 5000 रुपये तक की खरीदारी करके डिस्काउंट पा सकते हैं, जबकि 500 रुपये के कूपन से 10,000 रुपये और 1,000 रुपये के कूपन से 20,000 रुपये तक की खरीदारी पर डिस्काउंट ले सकते हैं.
अमेजन का लेटेस्ट स्मार्टफोन 10.or D2 भारत में लॉन्च कर दिया गया है. 10.or (टेनॉर) का डेब्यू भारत में पिछले साल सितंबर में हुआ था. फिलहाल कंपनी के तीन हैंडसेट- 10.or G, 10.or E और 10.or D बाजार में मौजूद हैं. कंपनी ने 10.or D2 की कीमत भारत में 2GB रैम/ 16GB स्टोरेज वेरिएंट के लिए 6,999 रुपये रखी है. वहीं इस स्मार्टफोन के 3GB रैम/ 32GB स्टोरेज वेरिएंट के लिए ग्राहकों को 7,999 रुपये का भुगतान करना होगा. ग्राहकों को ये स्मार्टफोन दो कलर मॉडल- बियॉन्ड ब्लैक और ग्लो गोल्ड में उपलब्ध होगा. ग्राहक इसे 28 अगस्त से खरीद पाएंगे. साथ ही आपको बता दें अमेजन प्राइम मेंबर्स को 27 अगस्त को ही इस स्मार्टफोन को खरीदने का मौका दिया जाएगा. लॉन्च ऑफर की बात करें PNB क्रेडिट और डेबिट कार्ड पर ग्राहकों को 10 प्रतिशत का डिस्काउंट, इंडसइंड बैंक क्रेडिट और डेबिट कार्ड पर 10 प्रतिशत डिस्काउंट, एक्सचेंज पर 1,000 रुपये तक अतिरिक्त डिस्काउंट, रिलायंस जियो की ओर से 2,200 रुपये का कैशबैक और नो-कॉस्ट EMI का ऑप्शन ग्राहकों को मिलेगा. साथ ही अमेजन प्राइम मेंबर्स को 1 साल की एडिशनल वारंटी भी ग्राहकों को दी जाएगी. 10.or D2 के स्पेसिफिकेशन्स डुअल-सिम (नैनो) सपोर्ट वाला 10.or D2 स्टॉक एंड्रॉयड UI के साथ एंड्रॉयड 8.1 ओरियो पर चलता है. इस स्मार्टफोन में 18:9 रेश्यो के साथ 5.45-इंच HD+ (720x1440 पिक्सल) LTPS डिस्प्ले दी गई है. इसमें 2GB/3GB रैम और Adreno 308 GPU के साथ क्वॉलकॉम स्नैपड्रैगन 425 प्रोसेसर ग्राहकों को मिलेगा. फोटोग्राफी के सेक्शन की बात करें तो 10.or D2 के रियर में PDAF, f/2.0 अपर्चर और सिंगल टोन LED फ्लैश के साथ 13 मेगापिक्सल का कैमरा दिया गया है. वहीं इसके फ्रंट कैमरे की बात करें तो यहां सेल्फी के लिए सिंगल टोन फ्लैश और f/2.0 अपर्चर के साथ 5 मेगापिक्सल का कैमरा दिया गया है. इस स्मार्टफोन की इंटरनल मेमोरी 16GB या 32GB की है जिसे कार्ड की मदद से 128GB तक बढ़ाया जा सकता है. कनेक्टिविटी के लिहाज से इसमें 4G VoLTE, VoWi-Fi, ViLTE, Wi-Fi 802.11 b/g/n, GPS/AGPS, GLONASS और Bluetooth 4.2 का सपोर्ट मौजूद है. इसकी बैटरी 3200mAh की है.
लेख: भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) की मुंबई इकाई के एक नेता ने गुरुवार को पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू से पाकिस्तान की जेल में बंद मुंबई के एक इंजीनियर की रिहाई सुनिश्चित करवाने की अपील की है. उसे अगले महीने रिहा किया जाना है.अंधेरी के 27 वर्षीय युवा हामिद नेहाल अंसारी पर 12 नवंबर 2012 को अफगानिस्तान के रास्ते अवैध रूप से पाकिस्तान में प्रवेश करने का आरोप है. भाजपा के कार्यकर्ता, पूर्व कांग्रेस विधायक कृष्णा हेगड़े ने कहा, "हामिद अंसारी जो कि पाकिस्तान में जेल की सजा काट रहे हैं उनकी रिहाई जल्द करवाने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान से बातचीत करने का विनम्र आग्रह है. हामिद की सजा दिसंबर के मध्य में पूरी होगी. उसकी रिहाई उसके बुजुर्ग माता-पिता को काफी राहत और खुशी प्रदान करेगी."टिप्पणियां अंसारी खबर पख्तूनख्वाह में करक से एक दोस्त द्वारा दिए गए फर्जी पहचान पत्र से पाकिस्तान में प्रवेश कर गए थे और कुछ दिनों तक उनके साथ रहे थे.पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने कुछ दिनों बाद कोहाट शहर के एक होटल से उसे पकड़ लिया. दिसंबर 2015 में, एक सैन्य अदालत ने उसे देश-विरोधी गतिविधियों और जासूसी करने का दोषी पाया. अंसारी ने हालांकि आरोपों से इंकार किया और पेशावर उच्च न्यायालय में अपनी दोषसिद्धि को चुनौती दी, जहां पाकिस्तान सरकार ने कहा कि जैसे ही उसकी जेल की सजा पूरी हो जाएगी, उसे उसके देश भेज दिया जाएगा.हेगड़े ने आईएएनएस से कहा, "हमने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भी इस बाबत अपील की है, जिन्होंने हमें सभी प्रकार की सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है."पाकिस्तान ने हामिद को दूतावास संबंधी सहायता या उसके माता-पिता को वीजा देने से इंकार कर दिया है.(इनपुट-आईएएनएस)     भाजपा के कार्यकर्ता, पूर्व कांग्रेस विधायक कृष्णा हेगड़े ने कहा, "हामिद अंसारी जो कि पाकिस्तान में जेल की सजा काट रहे हैं उनकी रिहाई जल्द करवाने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान से बातचीत करने का विनम्र आग्रह है. हामिद की सजा दिसंबर के मध्य में पूरी होगी. उसकी रिहाई उसके बुजुर्ग माता-पिता को काफी राहत और खुशी प्रदान करेगी."टिप्पणियां अंसारी खबर पख्तूनख्वाह में करक से एक दोस्त द्वारा दिए गए फर्जी पहचान पत्र से पाकिस्तान में प्रवेश कर गए थे और कुछ दिनों तक उनके साथ रहे थे.पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने कुछ दिनों बाद कोहाट शहर के एक होटल से उसे पकड़ लिया. दिसंबर 2015 में, एक सैन्य अदालत ने उसे देश-विरोधी गतिविधियों और जासूसी करने का दोषी पाया. अंसारी ने हालांकि आरोपों से इंकार किया और पेशावर उच्च न्यायालय में अपनी दोषसिद्धि को चुनौती दी, जहां पाकिस्तान सरकार ने कहा कि जैसे ही उसकी जेल की सजा पूरी हो जाएगी, उसे उसके देश भेज दिया जाएगा.हेगड़े ने आईएएनएस से कहा, "हमने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भी इस बाबत अपील की है, जिन्होंने हमें सभी प्रकार की सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है."पाकिस्तान ने हामिद को दूतावास संबंधी सहायता या उसके माता-पिता को वीजा देने से इंकार कर दिया है.(इनपुट-आईएएनएस)     अंसारी खबर पख्तूनख्वाह में करक से एक दोस्त द्वारा दिए गए फर्जी पहचान पत्र से पाकिस्तान में प्रवेश कर गए थे और कुछ दिनों तक उनके साथ रहे थे.पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने कुछ दिनों बाद कोहाट शहर के एक होटल से उसे पकड़ लिया. दिसंबर 2015 में, एक सैन्य अदालत ने उसे देश-विरोधी गतिविधियों और जासूसी करने का दोषी पाया. अंसारी ने हालांकि आरोपों से इंकार किया और पेशावर उच्च न्यायालय में अपनी दोषसिद्धि को चुनौती दी, जहां पाकिस्तान सरकार ने कहा कि जैसे ही उसकी जेल की सजा पूरी हो जाएगी, उसे उसके देश भेज दिया जाएगा.हेगड़े ने आईएएनएस से कहा, "हमने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भी इस बाबत अपील की है, जिन्होंने हमें सभी प्रकार की सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है."पाकिस्तान ने हामिद को दूतावास संबंधी सहायता या उसके माता-पिता को वीजा देने से इंकार कर दिया है.(इनपुट-आईएएनएस)     अंसारी ने हालांकि आरोपों से इंकार किया और पेशावर उच्च न्यायालय में अपनी दोषसिद्धि को चुनौती दी, जहां पाकिस्तान सरकार ने कहा कि जैसे ही उसकी जेल की सजा पूरी हो जाएगी, उसे उसके देश भेज दिया जाएगा.हेगड़े ने आईएएनएस से कहा, "हमने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भी इस बाबत अपील की है, जिन्होंने हमें सभी प्रकार की सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है."पाकिस्तान ने हामिद को दूतावास संबंधी सहायता या उसके माता-पिता को वीजा देने से इंकार कर दिया है.(इनपुट-आईएएनएस)
भूगोल इस गांव के लोगों का मानना है कि इस गाँव मे लगभग 17,000 पुरुष एवम 15,000 स्त्री हैं।इस गांव का हर एक व्यक्ति पढ़ा लिखा है।यह आंकडा 2011 के जनगनना के आधार पर है। इस गांव से होकर NH80 सड़क जाती है जो कि इस गांव को और अधिक महत्वपूर्ण बनाती है। राष्ट्र राजमार्ग होने के वज़ह से यहाँ पर यातायात काफी आसान है, जिस वजह से यहा के व्यापारी आसानी से आदान प्रदान करने मे सक्षम हैं। आदर्श स्थल शिक्षा सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ लखीसराय जिला के गाँव
जोधपुर के उमेद अस्पताल में ऑपरेशन कराने वाली एक महिला की मौत हो गई। परिवारवालों का आरोप है कि गीता चौधरी के ऑपरेशन में लापरवाही बरती गई। गीता चौधरी नाम की यह महिला बच्चादानी निकलवाने के लिए उमेद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 11 तारीख को उसकी हालत बिगड़ी जिसके बाद गीता को महात्मा गांधी अस्पताल रेफर कर दिया गया। गीता की मौत की जांच अब ज़िला प्रशासन को सौंप दी गई है। इसके साथ ही उमेद अस्पताल में इलाज के लिए गई अब तक 16 महिलाओं की मौत हो गई है।
आजादी की सिपाही और नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की सहयोगी कैप्टन लक्ष्मी सहगल की दान की गयी आंखों से दो नेत्रहीनों की अंधेरी दुनिया में रोशनी भर गयी है. 15 साल की बबली और 55 वर्षीय रामप्यारी को कैप्टन सहगल का कार्निया ट्रांसप्लांट कर दिया गया है. अब यह दोनों आजादी की लड़ाई को साक्षात देखने वाली आंखों से इस दुनिया की खूबसूरती को देखेंगी. गौरतलब है कि कैप्टन लक्ष्मी सहगल का 23 जुलाई को निधन हो गया था उनकी आखिरी इच्छा के अनुरूप उनके मरने के बाद उसी दिन उनकी आंखों का कार्निया शहर के मशहूर नेत्र विशेषज्ञ डॉ महमूद रहमानी ने निकाल लिया था जबकि उनका शरीर कल मेडिकल कालेज को दान में दिया गया था. शहर के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ महमूद रहमानी ने बताया कि अब तक वह बिना एक भी पैसा लिये 449 नेत्रहीनों की आंखों में कार्निया प्रत्यारोपण कर चुके हैं और उनके पास करीब सात हजार नेत्रहीनों की सूची है जो कार्निया प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा में हैं. उन्होंने कहा कि 23 जुलाई को जैसे ही कैप्टन सहगल का निधन हुआ उनकी पुत्री सुभाषिनी अली ने उन्हें बुलाकर उनसे कैप्टन सहगल की अंतिम इच्छा पूरी करने को कहा. मैंने अपनी नेत्र रोग विशेषज्ञों की टीम के साथ अस्पताल पहुंच कर कैप्टन सहगल की दोनों आंखों का कार्निया निकाल कर सुरक्षित रख लिया. उन्होंने बताया, ‘जैसे ही कार्निया मिला, मैंने हरदोई के सांडी कस्बे में रहने वाले दूध विक्रेता और बहुत ही गरीब गुडडू को फोन कर बताया कि वह अपनी 15 साल की बेटी बबली को लेकर तुरंत कानपुर आ जाए. वह बच्ची करीब दो साल से कार्निया के लिये इंतजार कर रही थी. नेत्र विशेषज्ञ डॉ रहमानी ने बताया कि इसके बाद प्रतीक्षा सूची के आधार पर दूसरी नेत्रहीन रोगी कानपुर के हटिया के राजेन्द्र कुमार गुप्ता की मां राम प्यारी (55) को बुलाया गया. राम प्यारी भी करीब दो साल से कार्निया का इंतजार कर रही थी. बबली और रामप्यारी दोनों की एक आंख में तो बिल्कुल भी रोशनी नहीं थी जबकि दूसरी आंख में बहुत ही हल्की रोशनी थी. मतलब यह लोग आंखों की रोशनी न होने की वजह से देख नहीं सकती थी और न ही अपने रोजमर्रा के काम कर सकती थीं. इन दोनों की एक एक आंख में कार्निया प्रतिरोपित करने के लिये उनका मंगलवार शाम ऑपरेशन किया गया और दोनों के आपरेशन पूरी तरह सफल रहे. उन्होंने कहा कि आज दोपहर इन दोनों की आंखो की रिकवरी बहुत तेजी से हो रही देखी गई है. इन दोनों की आंखों की पट्टी पूरी तरह से 30 जुलाई सोमवार को खोली जाएगी उस दिन यह दोनों कैप्टन सहगल की आंखों से इस खूबसूरत दुनिया को देख सकेंगी.
राजस्थान के नागौर में कोर्ट में पेशी से वापस अजमेर लौटते समय कुख्यात गिरोह का सरगना आनंद पाल सिंह दो अपराधियों सहित पुलिस गिरफ्त से फरार हो गया. इस घटना के बाद पूरे राज्य में अलर्ट जारी किया गया है. आपराधियों की तलाश की जा रही है. पुलिस महानिरीक्षक मालिनी अग्रवाल ने बताया कि आनंदपाल सिंह को लेकर पुलिस का एक दल अजमेर के केन्द्रीय कारागृह से नागौर जिले के डीडवाना कस्बे की एक कोर्ट में पेशी के लिए ले गया था. वापस लौटते समय नागौर के परबतसर में अज्ञात लोगों ने फायरिंग कर दी. उन्होंने बताया कि नागौर जिले के परबतसर मेगा हाईवे पर गंगवा और खोखर गांव के बीच हुई इस घटना के बाद पूरे राज्य में अलर्ट जारी किया गया है. कुख्यात अपराधी आनंद पाल सिंह और सुभाष मूंड की तलाश की जा रही है.
वॉट्सऐप ने जानकारी दी है कि कंपनी फर्जी खबरों के प्रसार पर रोक लगाने की कोशिशों के तहत देश के विभिन्न राज्यों में रेडियो के माध्यम से नई मुहिम की शुरुआत कर रही है. कंपनी ने कहा कि इस अभियान में लोगों को ‘फॉरवर्ड’ के रूप में मिले मैसेजेस को आगे शेयर करने से पहले उनकी सत्यता परखने के लिए कहा जाएगा. कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘ऑल इंडिया रेडियो (आकाशवाणी) के बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में स्थित 46 हिंदी स्टेशनों से इस मुहिम का प्रसारण शुरू कर दिया जाएगा.’ प्रवक्ता ने कहा कि अभी ये हिंदी में शुरू होगा और आने वाले हफ्तो में इसे अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में शुरू करने की योजना है. मुहिम के तहत लोगों को कोई मैसेज फॉरवर्ड करने से पहले उनकी सत्यता परखने के लिए कहा जाएगा. मैसेज में कुछ भी भड़काऊ पाये जाने पर यूजर्स को उन्हें रिपोर्ट करने के लिए भी कहा जाएगा. इसमें यूजर्स को ये भी बताया जाएगा कि गलत सूचनाओं वाले मैसेजेस को फॉरवर्ड करने में सावधानी बरतें क्योंकि ऐसा करने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं. साथ ही आपको बता दें 27 अगस्त को सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप को नोटिस जारी किया है. अदालत ने यह नोटिस एक याचिका पर जारी किया है, जिसमें वॉट्सऐप को आरबीआई के प्रावधानों का पूरी तरह पालन नहीं करने तक इसकी पेमेंट्स सिस्टम को रोकने की मांग की गई है. न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की एक पीठ ने वॉट्सऐप, विधि और न्याय मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से चार हफ्तों के भीतर नोटिस पर जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता सेंटर फॉर अकाउंटबिलिटी एंड सिस्टेमिक चेंज की तरफ से पेश वकील विराग गुप्ता ने तर्क दिया कि वॉट्सऐप, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा निर्धारित नो योर कस्टमर (KYC) सहित अनिवार्य रूप से शिकायत अधिकारी और दूसरे भारतीय नियमों और प्रावधानों का पालन नहीं करता है. याचिका में कहा गया है कि वॉट्सऐप को जवाबदेह बनाने के क्रम में इसे भारतीय कानूनों का पालन करने और शिकायत अधिकारी की नियुक्ति का निर्देश दिया जाना चाहिए. शिकायत अधिकारी उपभोक्ताओं की शिकायतों पर ध्यान देंगे और साथ ही जांच एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करेंगे. (इनपुट- भाषा)
चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस के बीच आखिरी गेंद तक चले फाइनल मुकाबले के बाद क्रिकेट जगत ने ट्विटर पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है. इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने कहा कि आईपीएल हमेशा नाटकीयता से भरपूर रहता है, जबकि वीरेंद्र सहवाग ने इसे बेहतरीन मुकाबला करार दिया. That heart-stopping final over! https://t.co/jTQoe4XLGO via @ipl — bishwa mohan mishra (@mohanbishwa) May 13, 2019 सचिन तेंदुलकर : सबसे रोमांचक सत्रों में से एक का शानदार अंत. बेहतरीन व्यक्तिगत प्रदर्शन टीमवर्क के सामने नहीं टिक सकता और यह साबित हो गया. What a fabulous fabulous way to finish one of the most exciting seasons! Incredible individual performances did not outshine the teamwork that this team has shown right through. @mipaltan #OneFamily #IPL2019 #MIvsCSK pic.twitter.com/dpUs1dkJ9W — Sachin Tendulkar (@sachin_rt) May 12, 2019 सौरव गांगुली : क्या मैच था और अचानक आपको पता चलता है कि इंसान ही खेल रहे थे. दबाव में शानदार कौशल का प्रदर्शन. What a cricket match..and u realise it was human beings playing .. unbelievable skills on display under pressure @bcci — Sourav Ganguly (@SGanguly99) May 12, 2019 वीरेंद्र सहवाग : जबर्दस्त फाइनल. शानदार टूर्नामेंट. चेन्नई की किस्मत खराब रही. मुंबई को बधाई. What a Cracking final , great tournament. Tough luck Chennai. Congratulations Mumbai #MIvCSK — Virender Sehwag (@virendersehwag) May 12, 2019 एबी डिविलियर्स : वाह. नि:शब्द. आईपीए , क्या शानदार टूर्नामेंट. Wow! Speechless. IPL, what a spectacle @IPL well done @ImRo45 and @mipaltan team. — AB de Villiers (@ABdeVilliers17) May 12, 2019 आर. अश्विन : ओह क्या शानदार मैच था. मुंबई और रोहित शर्मा को बधाई. चेन्नई और एमएस धोनी बदकिस्मत रहे. Looked like a 4th for @ChennaiIPL all the way until the last ball..What a final🏏. May be a best of 3 next time🤔 #ipl19 — Ashwin Ravichandran (@ashwinravi99) May 12, 2019 माइकल वॉन : आईपीएल हमेशा नाटकीयता से भरपूर रहता है. आखिरी कुछ ओवरों में ही सब कुछ था. कैच छूटे. मैदान पर फोकस टूटा. शानदार स्ट्रोक्स लगे, रन आउट और उम्दा गेंदबाजी. The #IPL never ever fails to deliver drama ... the last few overs had everything ... Drop catches,Fumbles in the field,Incredible stroke play,Run out & outstanding bowling !!!! #India — Michael Vaughan (@MichaelVaughan) May 12, 2019 जोंटी रोड्स : वाह माली, शानदार प्रदर्शन. अब मुझे अपनी सांसों को काबू में लाने के लिए बीयर पीनी पड़ेगी. पिछले दस मिनट से होटल में कूद रहा था. क्या मैच था. आईपीएल से कोई प्यार कैसे ना करे. Not many World Cup football finals are 5-4 thrillers @sanjaymanjrekar a win is a win!! Congrats on another awesome IPL stint!!! Hope u have managed to get your breath back now!!!! What a finish https://t.co/4Bqo1vcf23 — Jonty Rhodes (@JontyRhodes8) May 12, 2019 सैम बिलिंग्स : चेन्नई की टीम पर गर्व है और इसका हिस्सा होना अद्भुत रहा. इतने कम अंतर से हारे. आईपीएल क्या शानदार टूर्नामेंट है. मुंबई को बधाई . Gutted for the boys.. gave absolutely everything. So proud of everyone again @ChennaiIPL & incredibly lucky to be a part of such an amazing franchise! Such small margins; what a competition the @IPL is! Congrats to @mipaltan on the win. #Yellove — Sam Billings (@sambillings) May 12, 2019 वीवीएस लक्ष्मण : मुंबई ने दबाव का बखूबी सामना करके जीत दर्ज की . क्या शानदार फाइनल था . Many congratulations @mipaltan for holding on to your nerves and winning a record 4th IPL. Was a fantastic game of cricket, fitting of a finale. #IPL2019Final — VVS Laxman (@VVSLaxman281) May 12, 2019 केविन पीटरसन : शानदार. एक और लाजवाब टूर्नामेंट. इस महान खेल को सीखने के लिए सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट अकादमी , आईपीएल . HUGE - @mipaltan ! Yet another OUTSTANDING tournament. The BEST cricket academy for learning our great game, in the world! 💙💙💙💙💙 — Kevin Pietersen🦏 (@KP24) May 12, 2019 गौरतलब है कि मुंबई इंडियंस ने चिर प्रतिद्वंद्वी चेन्नई सुपर किंग्स को आखिरी ओवर में एक रन से हरा इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 12वें संस्करण का खिताब अपने नाम कर लिया. रोहित शर्मा की कप्तानी वाली मुंबई की टीम ने चौथी बार आईपीएल चैम्पियन बनने का गौरव हासिल किया.
लोकसभा में पास होने के बाद मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2018 यानी तीन तलाक बिल का असल इम्तिहान राज्यसभा में होना है. निचले सदने में सरकार के पास बहुमत होने के चलते यह विधेयक 245 मतों से पास हो गया, जबकि 11 वोट विपक्ष में पड़े थे. पढ़ें सोमवार सुबह की 5 बड़ी खबरें... 1-Triple Talaq Bill: आज राज्यसभा में 3 तलाक बिल पर घमासान, जानिए क्या कहता है सदन का गणित पिछली बार जब तीन तलाक बिल राज्यसभा में आया था तो इसे विस्तृत चर्चा के लिए सेलेक्ट कमेटी के पास भेज दिया गया था. हालांकि, इस विधेयक का कांग्रेस ने समर्थन किया था, लेकिन उसकी मांग थी कि बिल में कुछ अहम संशोधन किए जाएं. विपक्ष की मांग को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कुछ संशोधनों के साथ लोकसभा से बिल पास करा लिया. लेकिन अब भी कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जिन्हें लेकर विपक्ष अड़ा हुआ है. 2- LoC पर भारत ने मार गिराए 2 घुसपैठिए, नए साल पर हमले की तैयारी में थी PAK की BAT टीम नए साल से पहले हिंदुस्तान की जमीन पर दहशत फैलाने के पाकिस्तानी आतंकियों के इरादों को भारतीय सेना ने नेस्तानाबूद कर दिया है. भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर मौजूद लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर 30 दिसंबर को नौगाम सेक्टर में भारतीय जवानों ने पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की. इस कार्रवाई में दो घुसपैठियों को मार गिराया गया है. जबकि काफी बड़ी मात्रा में हथियार बरामद हुए हैं. 3-Bangladesh Elections: बांग्लादेश चुनाव: बड़ी जीत की ओर शेख हसीना, चौथी बार बनेंगी PM पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में हुए आम चुनाव में एक बार फिर शेख हसीना बड़ी जीत हासिल करती हुई दिख रही हैं. 30 दिसंबर को बांग्लादेश में हुए आम चुनाव की मतगणना सोमवार रात तक चलेगी. लेकिन बांग्लादेशी मीडिया का दावा है कि यहां 300 सीटों में से लगभग 266 सीटों पर सत्तारुढ़ी अवामी लीग और उसकी सहयोगियों को जीत मिल रही है. जबकि विपक्ष की पार्टियां 20-21 पर ही रुकती नजर आ रही है. नतीजे ऐसे ही रहते हैं तो शेख हसीना चौथी बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बनेंगी. 4-गर्भवती को चढ़ाया गया था जिस HIV संक्रमित का खून, उसने की आत्महत्या तमिलनाडु में गर्भवती महिला को HIV संक्रमित खून चढ़ाने की घटना सामने आने के बाद उस 19 वर्षीय युवक ने आत्महत्या कर ली जिसका HIV वायरस से संक्रमित खून गर्भवती की चढ़ाया गया था. बताया जा रहा है कि पिछले तीन दिन पहले युवक ने घटना पता लगने के बाद चूहा मारने की दवा खा ली थी. उसका इलाज राजाजी अस्पताल में चल रहा था. लेकिन उसकी मौत हो गई. 5-मेघालय: खदान की सतह तक नहीं पहुंच पाए गोताखोर, आज फिर चलेगा ऑपरेशन मेघालय की 370 फुट गहरी खदान में पिछले कई दिनों से फंसे 15 मजदूर अभी तक बाहर नहीं निकल पाए हैं. उनको बचाने का अभियान जोरों पर चल रहा है लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है. रविवार को भी जो वायुसेना और NDRF की अगुवाई में अभियान चला उसका भी कोई खास नतीजा नहीं निकला. अब सोमवार को एक बार फिर मिशन मोड में काम को आगे बढ़ाया जाएगा. रविवार को खदान में कूदे डाइवर्स सतह तक पहुंचने में नाकाम रहे.
{{Infobox politician | name = सौरभ कुमार | image = | country = | fullname = | birth_date = | birth_place = सासाराम, बिहार, भारत | death_date = | death_place = | nickname = | | club1 = राष्ट्रीय महासचिव | year1 = | clubnumber1 = | club2 = बिहार | | | | सौरभ कुमार (जन्म 20 दिसंबर 1998) एक भारतीय पॉलिटीशियन हैं जो बिहार के रहने वाले हैं। सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ 1993 में जन्मे लोग भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी
नवी मुंबई के ONGC प्लांट में लगी आग आग लगने से पांच लोगों की मौत लगातार लोगों को बचाने की कोशिश हो रही है महाराष्ट्र के नवी मुंबई में मंगलवार सुबह बड़ा हादसा हुआ. यहां ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) के प्लांट में भीषण आग लगने से पांच लोगों की मौत हो गई है. वहीं, लगातार लोगों को निकालने की कोशिश जारी है और आग को बुझाने के प्रयत्न किए जा रहे हैं. ओएनजीसी प्लांट के कोल्ड स्टोरेज में लगी इस आग से जुड़ी कई वीडियो और फोटोज़ ट्विटर पर भी साझा किए जा रहे हैं, जो आग कितनी भयंकर है इसका अंदाजा दे रहे हैं. ऐसे ही कुछ वीडियो को यहां देखिए... Earlier today, a fire broke out in storm water drainage at ONGC's Uran oil and gas processing plant in Maharashtra. Details awaited. pic.twitter.com/xU1aRHXN2w — Prasar Bharati News Services (@PBNS_India) September 3, 2019 आपको बता दें कि आग की लपटें काफी ऊंची हैं, इसलिए खतरा बढ़ता जा रहा है. ऐसे में आसपास के इलाकों से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है और लोगों को मदद पहुंचाने के लिए हर कदम उठाए जा रहे हैं. A massive fire broke out at the Uran ONGC gas complex, near JNPT port pic.twitter.com/6M8AYJhjf7 — Deepak Dubey *DD* (@deepakdubey_dd) September 3, 2019 इतना ही नहीं, फिलहाल प्लांट में गैस की प्रोसेसिंग रोक दी गई है. गैस की सप्लाई भी रोक दी गई है, ताकि घटना का असर ज्यादा ना बढ़ सके. ONGC की तरफ से एक ट्वीट कर इस घटना की जानकारी भी दी गई है और लोगों को अपडेट किया गया है. #ONGCFIRE Uran to be evacuated. Ongc plant is on fire pic.twitter.com/De6iayfJqe — SMIT SWAR (@swartims) September 3, 2019 कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि ONGC प्लांट के वाटर ड्रेनेज में मंगलवार सुबह आग लग गई, जिसकी वजह से गैस को डायवर्ट कर दिया गया है. हालांकि, इस आग की वजह से ऑयल प्रोसेसिंग पर किसी तरह का असर नहीं पड़ा है. ONGC प्लांट में अचानक एक जोरदार धमाका हुआ. धमाके के चंद मिनटों के बाद आग की लपटों ने पूरे प्लांट को अपने आगोश में लिया. हादसे के दौरान प्लांट में करीब दर्जनभर लोग मौजूद थे. #ongcfire Tomorrow morning there is fire at CFU 2 plant in ONGC Uran plant. pic.twitter.com/33Xbej6jA9 — Sandeep (@SANDEEPDALVI84) September 3, 2019
दिल्ली विधानसभा में जिस तरह से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मांग रखी थी कि उनकी सरकार को भी शीला सरकार की तरह शक्तियां दी जाएं, ऐसे में 'आजतक' ने बात की दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष और दिल्ली सरकार में मंत्री रहे अजय माकन से. अजय माकन ने बताया कि वे खुद शीला सरकार में मंत्री थे, केजरीवाल जी के पास जितनी शक्ति है, उतनी ही उन्हें भी थी. माकन ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सिर्फ बहानेबाजी कर रहे हैं. अरविंद केजरीवाल को घुड़सवारी आती नहीं है और दोष घोड़े को दे रहे हैं. शीला सरकार को नहीं था तबादले का अधिकार: माकन माकन ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि शासन चलाना एक तजुर्बे का काम है. अरविंद केजरीवाल शीला जी की तरह शक्ति तो मांग रहे हैं, मगर उनकी तरह समझ कहां से लाएंगे? दिल्ली विधानसभा में केजरीवाल ने कहा था कि अफसर उनकी नहीं सुनते हैं क्योंकि केजरीवाल सरकार के पास तबादले का अधिकार नहीं है. ऐसे में अजय माकन ने कहा कि तबादले का अधिकार हमारे भी पास नहीं था, मगर हम LG से सामंजस्य बिठाकर बातचीत करते थे और तब LG हमारी सुनते थे. शीला जी ऐसा नहीं करती थीं: माकन माकन ने कहा कि शीला जी कभी भी अपने अफसरों से झगड़ा नहीं करती थीं. शीला जी रात 12:00 बजे चीफ सेक्रेटरी को अपने घर बुलाकर नहीं पिटवाती थीं. माकन ने कहा कि अरविंद केजरीवाल बताएं, आखिर कब उन्होंने करप्शन चार्ज में किसी अफसर को पकड़ा और कहा कि इसे हटाया जाए, इनके तो खुद के मंत्री ही करप्शन में फंसे हैं.
रेप केस में 20 साल की जेल की सजा काट रहे राम रहीम के बारे में डॉक्टरों ने सनसनीखेज खुलासा किया है. रोहतक जेल में राम रहीम की जांच करने आए डॉक्टरों की टीम का कहना है कि वह सेक्स एडिक्ट है. इसी वजह से जेल में उसकी स्थिति खराब हो रही है. वह लगातार बेचैन रहता है और उसकी नींद नहीं आती है. उसे इलाज की जरूरत है. राम रहीम की जांच करने वाले एक डॉक्टर का कहना है, 'बाबा राम रहीम सेक्स का आदी है. डेरा आश्रम से जेल आने के बाद उसे शारीरिक सुख नहीं मिला है. इसी वजह से वह बेचैन रहता है. उसकी समस्या लगातार बढ़ती जा रही है. यदि उसके इलाज में देर किया गया, तो उसकी समस्या बड़ी हो सकती है. उसे तुंरत इलाज की सख्त जरूरत है.' डेरा के एक पूर्व सेवादार ने दावा किया था कि राम रहीम सेक्स टॉनिक लेता था. उसके लिए ऑस्ट्रेलिया और कई दूसरे देशों से शक्तिवर्धक पेय मंगाया जाता था. इतना ही नहीं कुछ लोगों ने तो यहां तक दावा किया है कि वह ड्रग्स का सेवन भी करता था. साल 1988 तक उसे शराब का सेवन करते देखा गया है. इसकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. बताते चलें कि राम रहीम और उसकी करीबी हनीप्रीत के बीच अवैध संबंध की बात कही जाती रही है. राम रहीम हमेशा हनीप्रीत को अपने साथ रखता था. यहां तक की जेल जाने के बाद भी उसने जेल प्रशासन से मांग की थी कि उसके साथ हनीप्रीत को रखा जाए. लेकिन मना कर दिया गया. इसके बाद उसने हनीप्रीत को जेल में मिलने के लिए फोन कराया था. आखिर कहां है हनीप्रीत, खोज रही पुलिस इधर, हनीप्रीत अभी तक पुलिस की नजर से ओझल है. उसकी तलाश में हरियाणा पुलिस यूपी के लखीमपुर खीरी तक पहुंच गई. वहां एक गाड़ी संदिग्ध अवस्था में मिली है, जिसकी जांच की जा रही है. अपर पुलिस अधीक्षक घनश्याम चौरसिया ने बताया कि हरियाणा पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर और दो सिपाही हनीप्रीत की तलाश में आए थे. इस तरह प्रियंका तनेजा बनी हनीप्रीत इंसा हनीप्रीत का असली नाम प्रियंका तनेजा है. हरियाणा के फतेहाबाद की रहने वाली प्रियंका तनेजा उर्फ हनीप्रीत और विश्वास गुप्ता की शादी 14 फरवरी, 1999 को डेरा प्रमुख राम रहीम ने ही करवाई थी. दोनों की शादी ज्यादा दिन नहीं चली. कुछ समय बाद हनीप्रीत ने राम रहीम से शिकायत कर दी थी कि ससुराल वाले दहेज मांग रहे हैं. हनीप्रीत-राम रहीम के बीच अवैध संबंध? राम रहीम ने 2009 में हनीप्रीत को गोद ले लिया. पहले से ही उसकी दो बेटियां और एक बेटा है. इनके नाम अमनप्रीत, चमनप्रीत और जसमीत है. साल 2011 में विश्वास गुप्ता ने हाईकोर्ट में केस दायर कर राम रहीम के कब्जे से हनीप्रीत को मुक्त कराने की मांग की थी. उसने दोनों के बीच अवैध संबंध का भी आरोप लगाया था.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि दिल्ली सरकार से विरोध की अपनी राजनीति को एक तरफ रख कर दिल्ली के लोगों के मानवधिकार को लेकर सोचें और दिल्ली में मानवधिकार आयोग का गठन कैसे हो इस पर विचार करें। सुप्रीम कोर्ट ने अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर केंद्र ये कदम नहीं उठाता है तो कोर्ट को आदेश पास करने होंगे। मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार कि तरफ से अटॉर्नी जनरल (AG) ने कहा दिल्ली में मानवधिकार आयोग का गठन नहीं हो सकता क्योंकि दिल्ली राज्य नहीं है बल्कि केंद्र शासित प्रदेश है।टिप्पणियां जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के पास अपना हाईकोर्ट है, महिला आयोग है इसका मतलब ये है कि दिल्ली को विशेष दर्जा प्राप्त है। ऐसे में दिल्ली में मानवधिकार आयोग हो सकता है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा अगर केंद्र मानवाधिकार कमीशन नियुक्त करे तो आपको तो कोई आपत्ति नहीं। जिसपर दिल्ली सरकार ने कहा हमने सिफारिश दे रखी है और नियुक्ति भी कर रखी है। मामले की अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर केंद्र ये कदम नहीं उठाता है तो कोर्ट को आदेश पास करने होंगे। मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार कि तरफ से अटॉर्नी जनरल (AG) ने कहा दिल्ली में मानवधिकार आयोग का गठन नहीं हो सकता क्योंकि दिल्ली राज्य नहीं है बल्कि केंद्र शासित प्रदेश है।टिप्पणियां जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के पास अपना हाईकोर्ट है, महिला आयोग है इसका मतलब ये है कि दिल्ली को विशेष दर्जा प्राप्त है। ऐसे में दिल्ली में मानवधिकार आयोग हो सकता है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा अगर केंद्र मानवाधिकार कमीशन नियुक्त करे तो आपको तो कोई आपत्ति नहीं। जिसपर दिल्ली सरकार ने कहा हमने सिफारिश दे रखी है और नियुक्ति भी कर रखी है। मामले की अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी। मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार कि तरफ से अटॉर्नी जनरल (AG) ने कहा दिल्ली में मानवधिकार आयोग का गठन नहीं हो सकता क्योंकि दिल्ली राज्य नहीं है बल्कि केंद्र शासित प्रदेश है।टिप्पणियां जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के पास अपना हाईकोर्ट है, महिला आयोग है इसका मतलब ये है कि दिल्ली को विशेष दर्जा प्राप्त है। ऐसे में दिल्ली में मानवधिकार आयोग हो सकता है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा अगर केंद्र मानवाधिकार कमीशन नियुक्त करे तो आपको तो कोई आपत्ति नहीं। जिसपर दिल्ली सरकार ने कहा हमने सिफारिश दे रखी है और नियुक्ति भी कर रखी है। मामले की अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी। जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के पास अपना हाईकोर्ट है, महिला आयोग है इसका मतलब ये है कि दिल्ली को विशेष दर्जा प्राप्त है। ऐसे में दिल्ली में मानवधिकार आयोग हो सकता है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा अगर केंद्र मानवाधिकार कमीशन नियुक्त करे तो आपको तो कोई आपत्ति नहीं। जिसपर दिल्ली सरकार ने कहा हमने सिफारिश दे रखी है और नियुक्ति भी कर रखी है। मामले की अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा अगर केंद्र मानवाधिकार कमीशन नियुक्त करे तो आपको तो कोई आपत्ति नहीं। जिसपर दिल्ली सरकार ने कहा हमने सिफारिश दे रखी है और नियुक्ति भी कर रखी है। मामले की अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी।
पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर इलाके में दस साल की मासूम दुष्कर्म का शिकार होने से बाल-बाल बची. दरअसल एक बुजुर्ग शख्स बच्ची को बहला-फुसलाकर और पैसे का लालच देकर अपने साथ चलने के लिए कह रहा था. लेकिन बच्ची वहां से भागने लगी. स्थानीय लोगों ने जब बच्ची से पूछताछ की तो मामले का पता चला. इसके बाद बुजुर्ग को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया. लोगों ने इसके साथ घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी पुलिस को सौंपी. इसमें बुजुर्ग की हरकत नजर आ गई. पुलिस ने बच्ची के बयान पर पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है. आरोपी की पहचान 60 वर्षीय रमेश के रूप में हुई है. जानकारी के मुताबिक बच्ची का परिवार भोवापुर गांव, कौशांबी में रहता है. बच्ची की मां पटपड़गंज औद्योगिक क्षेत्र में एक फैक्ट्री में काम करती हैं. शुक्रवार सुबह वह बच्ची को लेकर फैक्ट्री आ गई थी. यहां से बच्ची गाजीपुर सब्जी मंडी होते हुए वापस लौट रही थी. इसी दौरान गली में रमेश उससे बात करने लगा. उसने कहा कि वह उसके साथ चलेगी तो खूब पैसे देगा, लेकिन बच्ची पार्क की तरफ चली गई. रमेश भी पार्क में पहुंच गया. वह बच्ची से अश्लील बात करने लगा. इस पर बच्ची वहां से भागते हुए गली में आ गई. यहां स्थानीय निवासी दीपक ने बच्ची से भागने का कारण पूछा तो पूरा मामला सामने आया. दीपक ने स्थानीय लोगों की मदद से आरोपी को पकड़ लिया. बाद में पुलिस को इसकी सूचना दी गई. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी को कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
बिहार के मुजफ्फरपुर में एक कार्यक्रम में खुलेआम असलहा लहराने का मामला सामने आया है. वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने इसकी जांच शुरू कर दी है. समाचार एजेंसी ANI द्वारा जारी एक वीडियो में कुछ शख़्स खुलेआम ''तमंचे पर डिस्को'' करते दिखाई दे रहे हैं. एएनआई के मुताबिक मामला मुजफ्फरपुर के अहियापुर इलाके का है. यहां एक कार्यक्रम में डांस के दौरान कुछ लोग कानून को ढेंगा दिखाते हुए खुलेआम पिस्तौल लहराने लगे. वीडियो में दिख रहा है 4-5 युवक डांस कर रहे हैं और सभी के हाथ में पिस्तौल है. बहरहाल, जब वीडियो वायरल हुआ तो हड़कंप मच गया और पुलिस की नींद टूटी. अब पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है.  #WATCH A group of men brandished guns while dancing during an event in Ahiyapur area in Muzaffarpur. Ram Naresh Paswan, Deputy Superintendent of Police says, "We will watch the video first & action will be taken post-investigation." (28.11.2019) #Biharpic.twitter.com/b4o8b6pdfH डीएसपी राम नरेश पासवान ने कहा, ''हम पहले वीडियो को देखेंगे. इसके बाद मामले की जांच की जाएगी''. बता दें कि बीते दिनों मुज़फ़्फ़रपुर में ही इसी तरह का एक और मामला सामने आया था. कटरा थाना इलाके में जब कुछ बार बालाएं मंच पर डांस कर रही थीं तभी कुछ युवक हथियारों के साथ स्टेज पर पहुंचे और हवा में फ़ायरिंग करने लगे. गनीमत इस बात की रही कि कोई दुर्घटना नहीं हुई. इस घटना ने स्थानीय प्रशासन की सक्रियता पर भी बड़े सवाल खड़े कर दिये.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चार नए जजों की नियुक्ति को अपनी मंजूरी दे दी है. जिन जजों को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के नए जज के तौर पर नियुक्त किया गया है उनमें बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस बीआर गवईं, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीज जस्टिस सूर्यकांत, झारखंड के जीफ जस्टिस अनुरुद्ध बोस और गुवाहाटी हाईकोर्ट के जीफ जस्टिस एएस बोपन्ना शामिल हैं. इन चार जजों की नियुक्ति के साथ ही अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में जजों की कुल संख्या 31 हो गई है. चारों जज (Supreme Court) गुरुवार या शुक्रवार को शपथ ले सकते हैं. बता दें कि वर्ष 2010 के बाद सुप्रीम कोर्ट में पहली बार तय जजों की संख्या रहेगी. नियुक्त हुए चार नए जजों में से बीआर गवईं मौजूदा मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के बाद मुख्य न्यायाधीश बन सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो जस्टिस केजी बालाकृष्ण के बाद गवईं देश के दूसरे एससी जाति के चीज जस्टिस होंगे. गौरतलब है कि इससे पहले जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस एएस बोपन्ना की सुप्रीम कोर्ट में जज की नियुक्ति को लेकर सिफारिश को कॉलेजियम ने एक बार फिर दोहराया था और केंद्र की दलील खारिज कर दी थी. कॉलेजियम ने फिर से दोनों की सिफारिश केंद्र को भेजी थी. उस समय केंद्र सरकार ने कॉलेजियम की सिफारिश को नकार दिया था. सरकार ने वरिष्ठता का हवाला देकर जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस एएस बोपन्ना की सिफारिश पर कॉलेजियम को फिर से विचार करने को कहा था. इसके बाद कॉलेजियम ने 12 अप्रैल को झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अनिरुद्ध बोस और गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एएस बोपन्ना को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त करने की सिफारिश की थी.
कथानक राजा लियोनिदास (जेरार्ड बटलर) के इर्द-गिर्द घूमता है, जो फ़ारसी "गॉड-किंग" ज़ेरक्स (रोड्रिगो सैंटोरो) और उसकी 300,000 से अधिक सैनिकों की हमलावर सेना के खिलाफ लड़ाई में 300 स्पार्टन्स का नेतृत्व करता है। जैसे ही लड़ाई बढ़ती है, रानी गोर्गो (लीना हेडे) अपने पति के लिए स्पार्टा में समर्थन जुटाने का प्रयास करती है। कहानी को स्पार्टन सैनिक डिलिओस (डेविड वेन्हम) की वॉयस-ओवर कथा द्वारा तैयार किया गया है। इस कथा तकनीक के माध्यम से, 300 को ऐतिहासिक कल्पना की शैली में रखते हुए, विभिन्न काल्पनिक प्राणियों का परिचय दिया जाता है।
प्रभावी लोकायुक्त की मांग दोहराते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने गुरुवार को कहा कि वह इस मुद्दे पर महाराष्ट्र में आंदोलन करेंगे। अन्ना हजारे ने इस सम्बंध में 18 जुलाई को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को पत्र लिखा था और उनसे कर्नाटक की तर्ज पर प्रभावी संस्था लोकायुक्त के गठन की मांग की थी। उन्होंने पत्र में कहा था, "लोग अपने नेताओं को इस उम्मीद से चुनते हैं कि वे जनता के पैसे का उपयोग विवेकपूर्ण ढंग से करेंगे और राज्य का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करने के लिए कानून का अनुमोदन करेंगे।" उन्होंने कहा था, "जब सारी उम्मीदों पर पानी फिर जाता है तब लोग अपनी पसंद को दरकिनार कर आंदोलन का सहारा लेते हैं जो उनका संवैधानिक अधिकार है।" अपने पत्र में अन्ना हजारे ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे और लोगों को आंदोलित होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आंदोलन के प्रस्ताव की पुष्टि करते हुए टीम के एक निकट सहयोगी ने कहा कि अन्ना हजारे ने अपनी मांग दोहराई है तथा मुख्यमंत्री से लोकायुक्त विधेयक को विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में पारित कराने की मांग की है। टीम अन्ना के सूत्रों ने यह भी बताया कि अन्ना हजारे शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन तक प्रतीक्षा करेंगे। यदि विधेयक पारित नहीं होता है तो वह रालेगण सिद्धि या पुणे के निकट आलंदी कस्बे से नया आंदोलन शुरू करेंगे।
लोकसभा चुनाव में मोदी लहर का फायदा बीजेपी को पश्चिम बंगाल में भी मिला. भले ही पार्टी ज्यादा सीटें जीतने में कामयाब नहीं हुई लेकिन उनके वोट शेयर में भारी इजाफा रिकॉर्ड किया गया. 2009 के लोकसभा चुनाव में सिर्फ 6.14 प्रतिशत वोट पाने वाली बीजेपी को इस बार 17.5 फीसद वोट मिले. चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद एक और चौंकाने वाला राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिल रहा है. पश्चिम बंगाल के कई ग्रामीण इलाकों में मुस्लिम समुदाय के लोग बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. खासकर उन इलाकों में जहां पार्टी के वोट शेयर में अप्रत्याशित बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इस आशय की खबर छापी है अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस ने. अखबार के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के ग्रामीण इलाके खासकर जलपाईगुड़ी, अलीपुरदुआर, कूचबिहार लोकसभा सीट और रायगंज, बालूरघाट और नाडिया के कुछ इलाकों में सैकड़ों मुस्लिम परिवार बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. इन इलाकों में बीजेपी योगदान कार्यक्रम का आयोजन कर रही है. 16 मई को नतीजे होने घोषित के बाद से ही राज्य के इन इलाकों में पार्टी ने इस कार्यक्रम का आगाज कर दिया था. हालांकि, इस पूरी प्रक्रिया के जरिए अब तक कितने लोग बीजेपी में शामिल हुए, इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा तो नहीं है. पर स्थानीय बीजेपी इकाई के मुताबिक सिर्फ जलपाईगुड़ी इलाके में करीब 50000 लोग पार्टी से जुड़े हैं. इस राजनीतिक घटनाक्रम की कई वजहें बताई जा रही है. मुस्मिल समुदाय के लोग राजनीतिक विश्वास, डर और लेफ्ट नेतृत्व के कमजोर होने की वजह से बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. इसके अलावा स्थानीय बीजेपी नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर सिर्फ विकास की बात कर रहे है. वह लोगों को बता रहे हैं कि पार्टी के एजेंडे पर नौकरी, सुरक्षा और आर्थिक संपन्नता है न कि हिंदुत्व. जिसका फायदा उन्हें मिल रहा है.
इंजीनियरिंग करने के इच्छुक उम्मीदवार आईआईटी में एडमिशन लेने का सपना देखते हैं. इसके लिए लंबे समय से तैयारी करते हैं और जेईई परीक्षा के जरिए आईआईटी में दाखिला लेने का प्रयास करते हैं. अगर किसी कारणवश आपका आईआईटी में एडमिशन नहीं हुआ है तो आप अन्य कॉलेजों में दाखिला ले सकते हैं. आज हम आपको आईआईटी और एनआईटी के अलावा उन कॉलेजों के बारे में बता रहे हैं, जो टॉप स्थान पर है. एनआईआरएफ रैंकिंग के अनुसार ये हैं आईआईटी और एनआईटी के अलावा टॉप रैंक हासिल करने वाली कॉलेज... MBA करना है? ये हैं देश के टॉप कॉलेज, जहां हर कोई चाहता है एडमिशन अन्ना विश्वविद्यालय रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान जाधवपुर विश्वविद्यालय वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी JEE क्लियर नहीं हुआ तो ये हैं ऑप्शन, बना सकते हैं बेहतर करियर भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान पीएसजी कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग साइंस एंड टैक्नोलॉजी, शिबपुर विश्वेश्वैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान
टीम इंडिया के करीब दो साल तक बाहर रहने के बाद वापसी करने वाले हरभजन सिंह ने टेस्ट कप्तान विराट कोहली और टीम डायरेक्टर रवि शास्त्री की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि इन दोनों ने ही उन्हें अहसास दिलाया कि टीम में उनकी जरूरत है. 2 साल बाद इंटरनेशनल क्रिकेट में भज्जी की वापसी टर्बनेटर के नाम से मशहूर भज्जी को पहले बांग्लादेश के खिलाफ पिछले महीने इकलौते टेस्ट के लिए टीम में शामिल किया गया और बाद में उन्होंने जिंबाब्वे दौरे के लिए वनडे इंटरनेशनल में वापसी की. बांग्लादेश में वापसी के बाद ड्रेसिंग रूम के बदले माहौल के बारे में इस स्पिनर ने कहा कि कोहली और शास्त्री की वजह से उन्होंने सहज महसूस किया. 'नए खिलाड़ियों को देखकर अच्छा लगा' उन्होंने कहा, 'जब मैं ड्रेसिंग रूम में गया और इधर-उधर देखा तो सभी नए चेहरे थे. यह जानकर अच्छा लगा कि टीम में इतने नए खिलाड़ी हैं और मैं अब भी उसका हिस्सा हूं.' हरभजन ने कहा, 'ड्रेसिंग रूम में हमारी ब्रीफिंग हुई और विराट ने टीम को संबोधित किया और मेरा जिक्र किया.' उसने कहा, 'हम चाहते हैं कि 20 विकेट लेने में आप हमारी मदद करें. हम इस सीजन में आपको अपना हिस्सा बनाना चाहते हैं क्योंकि हमारा लक्ष्य हर टेस्ट मैच में जीत दर्ज करना है. हम चाहते हैं कि आप अपने अनुभव और कौशल के दम पर अन्य गेंदबाजों की भी मदद करें.' '... और सबकुछ 2 साल पहले जैसा हो गया' उन्होंने कहा, 'रवि (शास्त्री) भाई ने भी मेरी काफी तारीफ की और मेरा मनोबल बढ़ाया. इससे मुझे लगा कि मेरी जरूरत है. इसके बाद सब कुछ दो साल पहले की तरह सामान्य हो गया.'
जाने-माने इतिहासकार इरफान हबीब ने केंद्र की मोदी सरकार पर महात्मा गांधी के कद को गिराकर स्वच्छ भारत मिशन के लिए ‘वरिष्ठ स्वच्छता निरीक्षक’ के स्तर का करने का आरोप लगाया है. हबीब ने कहा कि लोगों को राष्ट्रपिता के तौर उनकी विरासत का जश्न मनाना चाहिए. 87 वर्षीय हबीब  ने यह बातें इतिहासकार, विद्वानों, कलाकारों, छात्रों को संबोधित करते हुए एक कार्यक्रम में बोली. स्वच्छ भारत मिशन में गांधी जी की तस्वीर के इस्तेमाल का हवाला देते हुए हबीब ने कहा कि आज, देश की मोदी सरकार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ वरिष्ठ स्वच्छता निरीक्षक जैसा व्यवहार कर रही है. मेरे ख्याल से इस वक्त हमें राष्ट्रपिता के तौर पर उनकी विरासत का जश्न मनाना चाहिए. स्वच्छ भारत मिशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है और इसकी शुरुआत दो अक्टूबर 2014 को हुई थी. इस अभियान का मकसद दो अक्टूबर 2019 तक भारत को खुले में शौच मुक्त मुल्क बनाना है. तब महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई जा रही होगी. इस योजना के लोगों के तौर पर गांधी जी के चश्मे की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है. इससे पहले अपने संबोधन में ‘पीपुल्स हिस्ट्री ऑफ इंडिया’ के लेखक ने राष्ट्रवाद और गांधी के विचार पर बात की और कहा कि राष्ट्र की अवधारणा देश से अलग है. उन्होंने कहा कि एक देश तब एक राष्ट्र बनता है तब इसे राजनीतिक इकाई के रूप में बनाने के गंभीर प्रयास किए जाते हैं. उन्होंने कहा कि  भारत ने औपनिवेशिक काल में आजादी के संघर्ष के दौरान राष्ट्रवाद को सीखा है न कि कुछ प्राचीन ग्रंथों से जैसा कुछ दक्षिणपंथी संगठन हमें विश्वास दिलाना चाहते हैं. अपने संबोधन में इतिहासकार ने भारत को लेकर गांधी जी के शुरुआती नजरिये के बारे में बात की जो उन्होंने अपनी किताब ‘हिन्द स्वराज’ में लिखा है. हबीब ने कहा कि उन्होंने ‘हिन्द’ शब्द को इस्तेमाल किया है न कि ‘भारत’. भारत को लेकर गांधी जी का जरिया बहुत व्यापक था. इतिहासकार ने लोगों से 13 जनवरी को बड़े पैमाने पर मनाने की गुजारिश की जिस दिन गांधी जी के आमरण अनशन की सालगिरह होती है. इसके दिनों बाद गांधी जी की दिल्ली में हत्या कर दी गई थी.  हबीब ने कहा कि पाकिस्तान में उनकी हत्या की खबर सुनकर मुस्लिम महिलाओं ने अपने हाथों की चूड़ियों को तोड़ दिया था.  वो अलग वक्त था.  हमें मान लेना चाहिए था कि वो वक्त चला गया है.
मोहम्मद शफी कुरैशी (1929-2016) भारत के एक कश्मीरी राजनेता थे, जो जम्मू-कश्मीर राज्य में कांग्रेस पार्टी के संस्थापक थे। जीवन परिचय कुरैशी का जन्म 24 जनवरी 1929 को श्रीनगर में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा श्रीनगर के क्रिश्चियन मिशन सोसायटी हेडाऊ मेमोरियल हाईस्कूल से हुई और 'श्री अमरसिंह कालेज, श्रीनगर से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से एम.ए.और एल.एल.बी. की उपाधि धारण की। उन्होंने अपने लम्बे समय और बहुत सक्रिय राजनीतिक जीवन में विभिन्न क्षमताओं में सेवा की। वर्ष 1953 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विधि संकाय के सचिव बने। वह 1965 में जम्मू-कश्मीर से राज्यसभा के लिए चुने गए। श्रीमती इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार में वह (28 जनवरी 1966 से 14 फरवरी 1969) तक केन्द्रीय डिप्टी वाणिज्य मंत्री बनाये गये।
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मर्व ह्यूज चाहते हैं कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज की शुरुआत बाउंसर से की जाए. उनका मानना है कि ह्यूज की दुखद मौत के बाद गेंदबाजों को इस गेंद का उपयोग करने से सावधान नहीं किया जाना चाहिए. पिछले सप्ताह 25 वर्षीय फिलिप ह्यूज के सिर पर बाउंसर लगने से मौत हो गई थी. मर्व ह्यूज ने कहा कि इस युवा की मौत दुर्घटना थी और गेंदबाज इससे इतने प्रभावित नहीं होने चाहिए कि वे आगे बाउंसर ही नहीं करें. मर्व ह्यूज ने फॉक्स स्पोर्ट्स न्यूज से कहा, 'यदि कोई बाउंसर नहीं करता है तो इस पर आगे भी चर्चा होती रहेगी. लोगों के दिमाग में यह बात बैठी रहेगी.' उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि पहली गेंद से सब कुछ साफ हो जाना चाहिए. यह गेंद बाउंसर होनी चाहिए और इससे यह संदेश दिया जाना चाहिए कि चलिए अब पहले की तरह अपने काम पर ध्यान लगाया जाए.' मर्व ने कहा, 'इसे भले ही कड़े और बेपरवाह तरीके के रूप में देखा जा सकता है लेकिन हमें दिमाग में यह बिठाना होगा कि फिल ह्यूज के साथ जो कुछ हुआ वह महज दुर्घटना थी.' इनपुट-भाषा
टिप्पणियां शनिवार को यहां आयोजित एक कार्यक्रम में संघ ने विशाल उपाध्याय और उसके पिता फूलचंद को हीरे की थैली लौटाने के लिए सम्मानित किया. संघ के पूर्व अध्यक्ष दिनेश नवादिया ने बताया कि संघ ने विशाल की ईमानदारी के सम्मान में उसकी एक साल की शिक्षा का खर्च वहन करने का भी वादा किया. सूरत दुनिया में हीरे तराशने का सबसे बड़ा केन्द्र है. इनपुट: भाषा शनिवार को यहां आयोजित एक कार्यक्रम में संघ ने विशाल उपाध्याय और उसके पिता फूलचंद को हीरे की थैली लौटाने के लिए सम्मानित किया. संघ के पूर्व अध्यक्ष दिनेश नवादिया ने बताया कि संघ ने विशाल की ईमानदारी के सम्मान में उसकी एक साल की शिक्षा का खर्च वहन करने का भी वादा किया. सूरत दुनिया में हीरे तराशने का सबसे बड़ा केन्द्र है. इनपुट: भाषा इनपुट: भाषा
बिहार के नालंदा विश्वविद्यालय के संचालक मंडल से नोबेल पुरस्कार विजेता और अर्थशास्त्री प्रो. अमर्त्य सेन के साथ-साथ अर्थशास्त्री मेघनाथ देसाई को हटा दिया गया है. राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने नालंदा विश्वविद्यालय अधिनियम 2010 की धारा 7 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए संचालक मंडल का पुनर्गठन किया और नोबेल पुरस्कार विजेता और अर्थशास्त्री प्रो. अमर्त्य सेन के साथ-साथ अर्थशास्त्री मेघनाथ देसाई को भी हटाने का निर्णय लिया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार पीएम मोदी के आलोचक प्रो. अमर्त्य सेन को फरवरी 2015 में ही नालंदा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति पद को छोड़ना पड़ा था. संचालक मंडल के पुनर्गठन होने से अर्थशास्त्री मेघनाथ देसाई के अलावा टीएमसी के सांसद और हावर्ड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहे सुगता बोस को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गोपा सबरवाल को भी पद से हटा दिया गया है. इनकी जगह पर हिस्टोरिकल स्टडीज के डीन डॉ. पंकज मोहन को नालंदा विश्वविद्यालय का प्रभारी कुलपति की जिम्मेवारी दी गयी है. नालंदा विश्विद्यालय के कुलाधिपति के पद पर डॉ. जार्ज यो को बरकरार रखा गया है. राष्ट्रपति ने अटॉर्नी जनरल से कानूनी रायमशवरे के बाद नालंदा विश्वविद्यालय के संचालक मंडल का पुनर्गठन किया है. नए संचालक मंडल में 13 सदस्य होंगे. जिसमें कुलाधिपति और कुलपति संचालक मंडल के पदेन सदस्य होते हैं. संचालक मंडल में भारत सहित पांच देशों के प्रतिनिधि रखे गए हैं. पिछले साल नालंदा विश्वविद्यालय को सबसे अधिक सहायता देने वाले देशों को वरीयता दी गयी है.
Ford इंडिया ने अपनी नई Endeavour के लिए आधिकारिक तौर पर बुकिंग शुरू कर दी है. कंपनी ने बुकिंग अमाउंट 1 लाख रुपये रखा है. 2019 Ford Endeavour को भारत में 22 फरवरी को लॉन्च किया जाएगा. इस अपकिंग कार में इंटीरियर और एक्सटीरियर दोनों ही तरफ अपडेट्स देखने को मिलेंगे. Ford Endeavour का नाम भारत में बिकने वाली सबसे पॉपुलर 7 सीटर SUV में शामिल है. साथ ही ये कंपनी के सबसे प्रीमियम प्रोडक्ट में से भी एक है. अमेरिकी मूल की कंपनी ने भारत में अपनी नई Endeavour का प्रोडक्शन तमिलनाडु के चेन्नई स्थित प्लान्ट में शुरू भी कर दिया है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में Endeavour को Ford Everest के नाम से बेचा जाता है. हाल ही में नई Endeavour को थाईलैंड में लॉन्च किया गया है. नई Ford Endeavour में खास तौर पर कॉस्मेटिक अपडेट्स देखने को मिलेंगे. या नया ट्रिपल-स्लेट फ्रंट ग्रिल, नया बम्पर, अपडेटेड हेडलैम्प क्लस्टर और स्पोर्टी अलॉय व्हील्स देखने को मिलेंगे. इंटीरियर की बात करें तो यहां खासतौर पर लेटेस्ट SYNC टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम दिया जाएगा. यहां ऐपल कारप्ले और एंड्रॉयड ऑटो दोनों का ही सपोर्ट ग्राहकों को मिलेगा. मैकेनिकल स्पेसिफिकेशन्स की बात करें तो 2019 Ford Endeavour में पुराने डीजल इंजन ही मिलेंगे. यहां 2.2-लीटर फोर सिलिंडर और 3.2-लीटर फाइव सिलिंडर इंजन का ऑप्शन मिलेगा. 2.2-लीटर इंजन 158bhp का पावर और 385Nm का पीक टॉर्क जेनरेट करता है, वहीं बड़ा 3.2-लीटर इंजन 197bhp का पावर और 470Nm का पीक टॉर्क पैदा करता है. यहां दोनों ही इंजन में 6-स्पीड ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन ही मिलेगा. हालांकि उम्मीद ऐसी भी है कि यहां 2019 Ford Endeavour में 2.0-लीटर इकोब्लू डीजल इंजन भी दिया जा सकता है. ये वही यूनिट है जिसे इंटरनेशनल वर्जन में दिया गया है. साथ ही इसमें नया 10-स्पीड ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन भी दिया जा सकता है. कीमत की बात करें तो फोर्ड अपनी नई Ford Endeavour के लिए कीमत 28 लाख रुपये से लेकर 34 लाख रुपये तक रख सकती है.
क्ले कोर्ट, चार भिन्न प्रकार के टेनिस के मैदानों (टेनिस कोर्ट्स) में से एक है। क्ले कोर्ट कुचले हुए शेल (एक प्रकार के पत्थर), पत्थर और ईंटों द्वारा बनाया जाता है। लाल क्ले, हरी क्ले या अमेरिकी हार-ट्रू क्ले की अपेक्षा धीमी होती है। फ्रेंच ओपन क्ले कोर्ट्स में ही खेला जाता है, जो इसे ग्रैंड स्लैम की अन्य प्रतियोगिताएं के मध्य विशिष्ट दर्जा देता है। संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा या ब्रिटेन की अपेक्षा यूरोपीय महाद्वीप और लैटिन अमेरिका में क्ले कोर्ट्स का प्रचलन अधिक है। संयुक्त राज्य अमेरिका में हरी मिट्टी द्वारा बने कोर्ट (मैदान), जिन्हें "रुबिको" के नाम से भी जाना जाता है, को प्रायः "क्ले" ही कहा जाता है, लेकिन वह उस मिट्टी द्वारा नहीं बने होते हैं जो अधिकांश यूरोपीय और लैटिन अमेरिकी देशों में प्रयोग की जाती है। हालांकि इसे बनाना अन्य प्रकार के टेनिस मैदानों को बनाने की अपेक्षा सस्ता होता है, किन्तु इसके रखरखाव की लागत अधिक होती है क्योंकि सपाटपन बनाये रखने के लिए सतह को निरंतर बराबर करते रहना पड़ता है। इसमें पानी के स्तर का संतुलन बनाये रखना भी बहुत ज़रूरी होता है; पानी निकालते रहने के लिए हरे मैदान प्रायः ढालयुक्त बनाये जाते हैं। खेल क्ले कोर्ट अधिक टॉपस्पिन हेतु "फुल वेस्टर्न ग्रिप" में सहायता देते हैं। क्ले कोर्ट धीमे माने जाते हैं, क्योंकि इनमें गेंद अपेक्षाकृत ऊंची किन्तु धीमी गति से उछलती है, जिससे खिलाड़ी के लिए गेंद द्वारा ऐसा विशिष्ट शॉट खेलना और भी कठिन हो जाता है। इसमें अंक भी अधिक अर्जित होते हैं क्योंकि विजेताओं की संख्या कम होती है। इसलिए, क्ले कोर्ट बेसलाइन खिलाड़ियों, जो दृढ़ होते हैं और आमतौर पर अधिक रक्षात्मक होते हैं, के लिए अधिक सहायक होते हैं, इसके द्वारा रैफेल नडाल, जॉर्न बोर्ग और जस्टिन हेनिन जैसे खिलाड़ियों को फ्रेंच ओपन में काफी सफलता प्राप्त हुई. आक्रामक बेसलाइन खिलाड़ी जिनके ग्राउंडस्ट्रोक बहुत शक्तिशाली होते हैं, उन्हें भी क्ले कोर्ट में काफी सफलता मिली है। यह तथ्य लम्बे खिलाड़ियों के लिए विशेष रूप से सत्य सिद्ध होता है क्योंकि गेंद अधिक उछलने के बाद भी उनके द्वारा मारे जा सकने वाली उंचाई के भीतर ही होती है, इसक द्वारा, दो बार फ्रेंच ओपन के अंतिम दौर तक पहुंचने वाले खिलाड़ी रॉबिन सोल्डरिंग और ऐना इवानोविच, जेलेना जैन्कोविच तथा डायना साफिना जैसी महिला खिलाड़ियों को भी क्ले कोर्ट्स में सफलता मिली है। क्ले कोर्ट में खेलने वाले खिलाड़ी ओने विरोधी खिलाड़ी से बचने के लिए टॉपस्पिन का प्रयोग करते हैं। बजरी (ग्रेवेल) के बने मैदानों में गेंद की गति किसी भी अन्य सतह वाले मैदान से काफी भिन्न होती है। मिट्टी पर खेलने अक्सर करने के लिए स्ट्रोक के दौरान गेंद में स्लाइड करने की क्षमता, के रूप में चल रहा है और एक कठिन या घास की तरह कोर्ट पर रोक का विरोध शामिल है। मिटटी के मैदान पर खेलने के लिए प्रायः स्ट्रोक के दौरान भी गेंद को सरकाने की योग्यता आवश्यक है, जबकि सख्त या घास के मैदानों पर दौड़ कर ही गेंद को रोका जा सकता है। ऐसे खिलाड़ी जो मिटटी के मैदानों पर बहुत बढ़िया प्रदर्शन करते हैं लेकिन तेज़ गति वाले मैदानों पर उन्हें प्रदर्शन का वही स्तर बनाये रखने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता है, ऐसे खिलाड़ियों को क्ले-कोर्ट स्पेशलिस्ट (मिटटी के मैदानों पर खेलने वाले विशेषज्ञ खिलाड़ी) के नाम से जाना जाता है। क्ले कोर्ट की अन्य विशेषता यह भी है कि इनमें गेंद उछलने पर अपना निशान छोड़ देती है, जिसके द्वारा यह निर्धारित करने में आसनी होती है कि गेंद मैदान से बाहर थी या अन्दर. लाल मिट्टी के आलोचक उसकी निम्न कमियों की ओर संकेत करते हैं: इन मैदानों को निरंतर नाम बनाये रखना पड़ता है, यदि सतह सूख जाये तो नयी सतह के निर्माण में कई समस्याएं आती हैं और इनसे पड़ने वाले दागों के कारण पोशाक और जूते भी खराब हो जाते हैं। मिट्टी के प्रकार मिट्टी तीन भिन्न प्रकार की होती है: लाल मिट्टी (रेड क्ले) सभी लाल "मिटटी" के मैदान प्राकृतिक मिटटी के बने नहीं होते हिं बल्कि ये ईंटों के चूरे से बने होते हैं जिसे मैदान बनाने के लिए जमा दिया जाता है। इसके बाद इस चूरे रूपी मिट्टी को अन्य तत्व के चूरे से पूरी तरह से ढक दिया जाता है। इस प्रकार की सतह आसानी से पानी अवशोषित नहीं करती है और यूरोप और लैटिन अमेरिका में इसका बहुत प्रचालन है। प्राकृतिक मिट्टी से बने वास्तविक मैदान बहुत ही कम मिलते हैं क्योंकि उन्हें पूरी तरह से सूखने में दो से तीन दिन का समय लगता है। प्राकृतिक लाल मिट्टी का एक अच्छा उदाहरण पिट्सबर्ग, पीए (PA) के फ्रिक पार्क क्ले कोर्ट्स में देखा जा सकता है, यह सार्वजनिक सुविधा हेतु बनाये गए छः लाल मिट्टी के मैदान हैं जो 1930 से निरंतर प्रयोग में लाये जा रहे हैं। हरी मिट्टी (ग्रीन क्ले) हरी मिट्टी, हार-ट्रू या "अमेरिकन" क्ले, लाल मिट्टी के समान ही होती है, एक मात्र अंतर यह है कि यह लाल मिट्टी की अपेक्षा थोड़ी सख्त और तेज़ होती है। हरी मिट्टी का प्रयोग सतह को जमाने के लिए किया जाता है। इसके बाद इसके ऊपर एक अन्य परत बनायी जाती है। इस प्रकार के मिट्टी के मैदान संयुक्त राज्य अमेरिका के सभी 50 राज्यों में पाए जा सकते हैं, लेकिन यह मुख्यतः पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्र में ही स्थित हैं। दक्षिणपूर्व के खाड़ी तटीय क्षेत्र में हरी मिट्टी के बने मैदान प्रायः "रुबिको" के नाम से जाने जाते हैं। 2011 में ग्रीन, हर-ट्रू क्ले कोर्ट में एक डब्लूटीए (WTA) प्रतियोगिता खेली गयी थी; चार्ल्सटन, साउथ कैरोलिना में एक फैमिली सर्किल कप खेला गया था। पहले पौंटे वेड्रा बीच, फ्लोरिडा में एक एमपीएस (MPS) ग्रुप चैम्पियनशिप भी होती थी, लेकिन यह प्रतियोगिता 2010 से बंद हो गयी थी। नीला मिट्टी (ब्लू क्ले) मैड्रिड मास्टर्स के रोमानिया वासी स्वामी, इयौन टिरीऐक, जो 2009 तक मिट्टी के मैदानों पर खेला जाता था, ने प्रतियोगिता के भविष्य में होने वाले मैचों के लिए, एक नयी नीली सतह का सुझाव दिया है, जो कि प्रमुख आयोजक म्युटुआ मैड्रेलिना का भी रंग है। इस विवादास्पद परिवर्तन अभी भी दो खिलाड़ियों के पक्ष से स्वीकृति प्राप्त करने के लिए लंबित है। इस बीच, 2009 से प्रभावी, एक बाहरी मैदान पहले से ही इन्हीं सामग्रियों द्वारा बनाया जा चुका है जिससे कि खिलाड़ी उसका परीक्षण कर सकें. ओपन के वर्तमान निदेशक मैनुएल सैंटाना ने आश्वासन दिया है कि, रंग के अतिरिक्त इस सतह में पारंपरिक लाल मिट्टी की सभी खूबियां मौजूद हैं। खिलाड़ी हांलिया वर्षों में मिट्टी के मैदानों पर खेलने वाली सबसे सफल महिला खिलाड़ी जस्टिन हेनिन रहीं हैं, उन्होंने फ्रेंच ओपन एकल खिताब चार बार जीता है और 2010 में ही 20 महीने का अवकास काल समाप्त किया है। उनके विविधता भरे शॉट, गति और स्लाइसेज़ (टेनिस में खेला जाने वाला एक प्रकार का शॉट) उनके महत्त्वपूर्ण हथियार रहे हैं। वर्तमान में, रैफेल नडाल मिट्टी के मैदानों पर सबसे सफल खिलाड़ी हैं, जो पंच पुरुष एकल फ्रेंच ओपन खिताब जीत चुके हैं-31 मई 2009 को स्वीडेन के खिलाड़ी रॉबिन सोल्डरिंग से पराजित होने के पहले तक नडाल किसी प्रतियोगिता में कोई मैच नहीं हारे थे। नडाल के पास किसी भी पुरुष खिलाड़ी द्वारा किसी मैदान पर बनायी गयी सर्वाधिक लम्बी विजय श्रंखला का कीर्तिमान भी है: अप्रैल 2005 से मई 2007 के बीच मिट्टी के मैदानों पर दर्ज की गयी 81 विजय. मिट्टी के मैदान पर सफल रहे अन्य खिलाड़ियों में मार्गरेट कोर्ट, क्रिस एवर्ट, जॉर्न बोर्ग, इवान लेंडल, मैट्स विलांडर, मोनिका सेलेस, स्टेफी ग्राफ, अरैन्त्क्सा सांचेज़ विकारियो और गुस्तव कर्टेन शामिल हैं। महिला खिलाड़ियों द्वारा रोलैंड गैरोस पर लगातार जीते गए सर्वाधिक सेटों के मामले में जस्टिन हेनिन और हेलेन विल्स मूडी के पास संयुक्त कीर्तिमान है, (2005 से 2010 तक) इन दोनों ने 40 लगातार सेट जीते, हालांकि उनका यह कीर्तिमान ओपन एरा मी जीता गया था, जोकि इसे और भी दुर्लभ बनाता है। क्रिस एवर्ट के पास महिला और पुरुष दोनों ही वर्गों में मिट्टी के मैदान पर सर्वाधिक लम्बी विजय श्रंखला बनाए का कीर्तिमान है: अगस्त 1973 से लेकर 12 मई 1979 तक, उन्होंने लगातार 125 मिट्टी के मैदानों पर खेले गए मैच जीते. थॉमस मस्टर भी इन मैदानों पर एक सफल खिलाड़ी माने जाते हैं। हालांकि उन्होंने सिर्फ एक ही बार फ्रेंच ओपन में जीत हासिल की है, लेकिन उनके कैरियर के 44 में से 40 एकल खिताब मिट्टी के मैदानों पर ही जीते गए हैं। क्ले कोर्ट विशेषज्ञ खिलाड़ी क्ले-कोर्ट विशेषज्ञ एक ऐसा टेनिस खिलाड़ी होता है जो मिट्टी के मैदानों पर बहुत ही बढ़िया प्रदर्शन करता है, लेकिन वह सख्त मैदानों, घास के मैदानों या अन्य मैदानों पर इसी स्तर का प्रदर्शन नहीं कर पाता है। यह वाक्यांश औसत खिलाड़ियों के स्थान पर अधिकांशतः एटीपी (ATP) या डब्लूटीए (WTA) दौरे वाले पेशेवर खिलाड़ियों के लिए प्रयोग किया जाता है। कुछ हद तक रैकेट तकनीक में हुई प्रगति के कारण, आज के क्ले कोर्ट लम्बे और जीत दिलाने वाले ग्राउंडस्ट्रोक्स के लिए प्रसिद्ध हैं जिनसे भरी टॉपस्पिन शॉट पैदा होते हैं, ये ऐसे स्ट्रोक हैं जो तेज़ और गेंद को अधिक उछाल न देने वाले मैदानों पर बहुत अधिक प्रभावकारी नहीं होते हैं। क्ले-कोर्ट विशेषज्ञ खिलाड़ी अन्य खिलाड़ियों की पेक्षा मिट्टी के मैदानों पर गेंद को बहुत बढ़िया ढंग से घुमाव दे पाते हैं। उनमें से कई ड्रॉप शॉट लगाने में भी पारंगत होते हैं, यह इस लिए प्रभावी होता है क्योंकि मिट्टी के मैदानों में उछालयुक्त शॉट के फलस्वरूप खिलाड़ी बेसलाइन से काफी पीछे जाने के लिए विवश हो जाते हैं। इसके अतरिक्त, धीमे और लम्बे उछालयुक्त शॉट के लिए खिलाड़ियों द्वारा ऊंचे दर्जे के मानसिक केन्द्रीकरण और शारीरिक क्षमता की आवश्यकता होती है। "क्ले-कोर्ट स्पेशलिस्ट" की कई भिन्न परिभाषाएं हैं, कुछ इस श्रेणी के अंतर्गत थॉमस मस्टर, सेरगी ब्रूगुएरा, गुस्ताव कर्टेन और जुआन कार्लोस फेरेरो जैसे खिलाड़ियों को रखते हैं, जबकि यह खिलाड़ी अन्य मैदानों पर भी प्रतियोगिताएं (जिसमे मास्टर सीरिज़ मैच भी शामिल हैं) जीत चुके हैं। हालांकि, चूंकि इन सभी खिलाड़ियों ने सिर्फ फ्रेंच ओपन में ही खिताब जीते हैं, इसलिए कभी-कभी इन्हें इसी उपनाम द्वारा ही जाना जाता है। अन्य खिलाड़ी, जैसे सेरेगी ब्रूगुएरा, एल्बर्ट कॉस्टा और गस्टन गौडियो, फ्रेंच ओपन के चैम्पियन थे जिन्होनें अपने सभी या लगभग सभी खिताब मिट्टी के मैदानों पर ही जीते थे। महिला खिलाड़ियों के बीच, बहुत कम ही खिलाड़ी ऎसी थीं जिनके श्रेष्ठ प्रदर्शन मिट्टी के मैदानों तक ही सीमित रहे हों. वर्जीनिया रुज़ुकी, अनास्तासिया माइस्किना, इवा मजोली, सू बार्कर, ऐना इवानोविच और फ्रैन्सेसका शियावोने ही मात्र कुछ ऎसी महिला खिलाड़ी हैं जिन्होंने 1968 से टेनिस ओपन एरा की शुरुआत के बाद केवल फ्रेंच ओपन में ही शीर्ष खिताब जीते हैं। हाल के वर्षों में क्ले कोर्ट के न ने अन्य मैदानों पर भी अच्छा प्रदर्शन करने का प्रयास किया है और इसमें कुछ सफलता भी प्राप्त की है। फरेरो, 2003 अमेरिकी ओपन के फाइनल में पहुंच गए, इसी वर्ष उन्होंने फ्रेंच ओपन भी जीता और हार्डकोर्ट प्रतियोगिताएं भी जीतीं. नडाल भी घास के मैदानों पर चार विम्बलडन फाइनल (2008 और पुनः 2010 में हासिल जीत), 2009 में हार्डकोर्ट में ऑस्ट्रेलियाई ओपन और 2008 में हार्डकोर्ट में ओलम्पिक एकल स्वर्ण पदक, जीतने से पहले तक एक क्ले-कोर्ट विशेषज्ञ खिलाड़ी माने जाते थे, नडाल ने अपने कैरियर का ग्रैंड स्लैम 2010 यूएस ओपन में पूरा किया और हार्डकोर्ट्स में पांच मास्टर शीर्ष जीते, चार लगातार फ्रेंच ओपन शीर्षक जीतने के बाद लगातार 81 मैच जीतने की श्रंखला बनायी. मिट्टी के मैदान पर खेले गए पेशेवर टूर्नामेंट ग्रैंड स्लैम (रेड) रोलाण्ड गैरोज़ (पेरिस, फ्रांस) एटीपी (ATP) वर्ल्ड टूर मास्टर्स 1000 (रेड) मास्टर्स सिरीज़ मोंटे कार्लो (मोंटे कार्लो, मोनैको के नाम से जारी बिल; वास्तविक कार्यक्रम स्थल रौक्यूब्रूने-कैप-मार्टिन, फ़्रांस) इंटरनैशनल बीएनएल (BNL) ड'इटालिया (रोम, इटली) मास्टर्स सीरिज़ मैड्रिड (मैड्रिड, स्पेन) एटीपी (ATP) वर्ल्ड टूर 500 सीरिज़ (रेड) अबियार्टो मैक्सिकैनो टेलसेल (एकापुल्को, मैक्सिको) इंटरनेशनल जर्मन ओपन (हैम्बर्ग, जर्मनी) टोर्नियो गोडो (बार्सिलोना, स्पेन) एटीपी (ATP) (रेड) मूवीस्टार ओपन (सैंटियागो, चिली) कोपा टेलमेक्स (ब्यूनस आयर्स, अर्जेन्टाइना) ब्रासील ओपन (कॉस्टा डॉ सौपे, ब्राज़ील) ग्रैंड प्रिक्स हसन II (कैसाब्लांका, मोरक्को)I एस्टोरिल ओपन (एस्टोरिल, पुर्तगाल) बीएमडब्लू (BMW) ओपन (म्यूनिख, जर्मनी) सर्बिया ओपन (बेलग्रेड, सर्बिया) नाइस ओपन (नाइस, फ़्रांस) वर्ल्ड टीम कप (डसेलडोर्फ, जर्मनी) स्वीडिश ओपन (बस्तड, स्वीडेन) मर्सिडीज कप (स्टटगार्ट, जर्मनी) एलायंज़ सूजे ओपन (गस्टड, स्विटज़रलैंड) क्रोएशिया ओपन (उमग, क्रोएशिया) ओपन रोमानिया (बुकारेस्ट, रोमानिया) एटीपी (ATP) (हार-ट्रू) यू.एस. मेंस क्ले कोर्ट चैम्पियांशिप्स (ह्यूस्टन, यूएसए) डब्ल्यूटीए (WTA) (ग्रीन) फैमिली सर्किल कप (चार्ल्सटन, यूएसए) एमपीएस (MPS) ग्रुप चैम्पियन्शिप्स (पौंटे वेड्रा बीच, यूएसए) डब्ल्यूटीए (WTA) (रेड) कोपा कोल्सैंटिटास (बोगोटा, कोलंबिया) एल्बर्टो मैक्सिकानो टीएएलएसइएल (TELCEL) (एकापुल्को, मैक्सिको) एन्डालुसिया टेनिस एक्सपीरिएंस (मार्बेला, स्पेन) बार्सिलोना लेडीज़ ओपन (बार्सिलोना, स्पेन) पोर्श टेनिस ग्रैंड प्रिक्स (स्टटगार्ट, जर्मनी) ग्रैंड प्रिक्स एसएआर (SAR) ला प्रिंसेस लल्ला मेर्येम (फेस, मोरोक्को) इंटरनैज़नली बीएनएल (BNL) ड'इटालिया (रोम, इटली) एस्टोरिल ओपन (एस्टोरिल, पुर्तगाल) मैड्रिड मास्टर्स (मैड्रिड, स्पेन) वॉरसॉ ओपन (वारसॉ, पोलैंड) इंटरनैश्नौक्स डी स्ट्रासबर्ग (स्ट्रासबर्ग, फ्रांस) जीडीएफ (GDF) एसयूइजेड (SUEZ) ग्रांड प्रिक्स (बुडापेस्ट, हंगरी) स्वीडिश ओपन वूमेन (बस्टड, स्वीडेन) इंटरनैज़नली फेमिनिनी डी पल्मेरो (पल्मेरो, इटली) ईसीएम (ECM) प्राग ओपन (प्राग, चेक रिपब्लिक) गस्टिन लेडीज़ (बैड गस्टिन, ऑस्ट्रिया) इन्हें भी देखें टेनिस कोर्ट सन्दर्भ टेनिस विज्ञान सेंट मेरी टेनिस क्लब. आदर्श अंग्रेजी क्ले कोर्ट के क्लब का एक अच्छा उदाहरण (फोटो के साथ) ओकामोंट टेनिस क्लब: एलेनटाउन स्थित रेड क्ले टेनिस क्लब, पीए (PA) (फोटो के साथ) टेनिस कोर्ट की सतहें टेनिस शब्दावली खेल के नियम और विनियम
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: एक रैंक एक पेंशन (ओआरओपी) पर चल रही बहस के बीच पूर्व सेना प्रमुख जनरल वेद प्रकाश मलिक ने कहा कि अब सेना ‘‘कोई सही विकल्प’’ नहीं रह गई है.टिप्पणियां शुक्रवार से शुरू हुए ‘‘इंडिया आइडियाज कॉन्क्लेव’’ में पूर्ण सत्र के दौरान मलिक ने कहा कि अपनी पूरी सेवा के दौरान हमेशा से मेरा यही मानना था कि एक सैनिक बहुत अहम होता है. हमें सैनिकों का ध्यान रखना चाहिए.’’ करगिल युद्ध के दौरान सेना प्रमुख रहे मलिक ने कहा कि यह सेना के पद और फाइल में इसके गुणात्मक तथा मात्रात्मक रूप से कमजोर पड़ने में झलकता है. उन्होंने कहा कि सेना के गौरव, दर्जे को दूर रखने तथा करियर को अनाकषर्क बनाने से आज यह कोई सही विकल्प नहीं रह गई है. मेरा मानना है कि यह ना तो सेना और ना ही देश के लिए अच्छा है. शुक्रवार से शुरू हुए ‘‘इंडिया आइडियाज कॉन्क्लेव’’ में पूर्ण सत्र के दौरान मलिक ने कहा कि अपनी पूरी सेवा के दौरान हमेशा से मेरा यही मानना था कि एक सैनिक बहुत अहम होता है. हमें सैनिकों का ध्यान रखना चाहिए.’’ करगिल युद्ध के दौरान सेना प्रमुख रहे मलिक ने कहा कि यह सेना के पद और फाइल में इसके गुणात्मक तथा मात्रात्मक रूप से कमजोर पड़ने में झलकता है. उन्होंने कहा कि सेना के गौरव, दर्जे को दूर रखने तथा करियर को अनाकषर्क बनाने से आज यह कोई सही विकल्प नहीं रह गई है. मेरा मानना है कि यह ना तो सेना और ना ही देश के लिए अच्छा है. उन्होंने कहा कि सेना के गौरव, दर्जे को दूर रखने तथा करियर को अनाकषर्क बनाने से आज यह कोई सही विकल्प नहीं रह गई है. मेरा मानना है कि यह ना तो सेना और ना ही देश के लिए अच्छा है.
एक्ट्रेस सुष्मिता सेन ने एक्ट‍िंग में जितनी सफलता पाई है उतनी ही सफल वे अपने निजी जिंदगी में भी हैं. सुष्मिता ने बहुत कम उम्र में एक मां होने की भावनाओं को महसूस किया. दरअसल, उन्होंने 24 साल की उम्र में अपनी पहली बेटी रेने को गोद लिया था. हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान सुष्मिता ने अपनी बेटियों को गोद लेने को लेकर खुलकर बात की. सुष्मिता ने कहा कि ''24 साल की उम्र में मैंने जो बुद्ध‍िमानी भरा फैसला लिया वह मां बनने का फैसला था. इसने मेरी जिंदगी में ठहराव लाया. लोगों को लगता है कि मैंने चैरिटी का बहुत नेक काम किया है लेकिन असल में यह आत्म-संरक्षण (खुद का बचाव)  था. इस काम के जरिए मैं खुद को बचा रही थी." View this post on Instagram Why so serious Jaan Meri @rohmanshawl 😄💋brilliant group effort for this #familyselfie WE FIT 👊😁😍 #sharing #sunflowers 😉 #cherished #moments #holiday #yerevan #armenia 💃🏻 we love you guys!!!😁🤗❤️#duggadugga A post shared by Sushmita Sen (@sushmitasen47) on Jul 17, 2019 at 5:24pm PDT उन्होंने कहा, ''एक्ट्रेस होना चुनौती भरा काम है. यह एक बहुत सेल्फ-सेंटर्ड (आत्मकेंद्रि‍त) काम है. आपको खुद ही अपने लिए सब कुछ करना होता है. सफल होने के लिए आपकी महत्वाकांक्षाएं अपने उच्चतम स्तर पर होनी चाहिए, लेकिन मैं अपने 24 साल की उम्र पर गर्व महसूस करती हूं क्योंकि मैं अडॉप्शन की प्रक्रिया में देरी कर सकती थी, अपनी आवाज को नजरअंदाज करते हुए, लेकिन मैंने ऐसा किया नहीं.'' बता दें कि 2000 में रेने को गोद लेने के बाद 2010 में अलीशा को गोद लिया था. उनकी दोनों बेटियां रेने और अलीशा अपनी मां सुष्म‍िता के साथ अक्सर सोशल मीडिया पर छाई रहती हैं. पिछले दिनों एक इंटरव्यू में सुष्मिता ने कहा था कि वे फिल्मों में वापस आना चाहती हैं. उन्होंने ये भी कहा कि फैंस को जल्द ही बड़ी खबर भी मिलेगी. सुष्मिता ने यह भी बताया कि वे डायरेक्टर फराह खान को फिल्म मैं हूं ना के सीक्वल के लिए मना रही हैं. View this post on Instagram So we are still here!!!!😅😅 ❤️ # beautiful #mumbai #rains the #culprit 😉 😀 this delay in #taking off… A post shared by Sushmita Sen (@sushmita_sen) on Jun 24, 2016 at 10:17pm PDT कुछ समय पहले सुष्मिता ने अडॉप्शन की बात पर अपनी बेटियों के रिएक्शन के बारे में बताया था.
देशभर के शेयर बाजारों में गुरुवार को तेजी का रुख रहा और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 182.89 अंकों की तेजी के साथ 25,958.63 पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का संवेदी सूचकांक निफ्टी 52.20 अंकों की तेजी के साथ 7,883.80 पर बंद हुआ।   बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सुबह 5.93 अंकों की गिरावट के साथ 25,769.81 पर खुला था और 182.89 अंकों या 0.71 फीसदी तेजी के साथ 25,958.63 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 26,016.04 के ऊपरी और 25,769.81 के निचले स्तर को छुआ।   उधर, एनएसई का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक 5.55 अंकों की तेजी के साथ 7,837.15 पर खुला था और 52.20 अंकों या 0.67 फीसदी तेजी के साथ 7,883.80 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 7,897.10 के ऊपरी और 7,832.00 के निचले स्तर को छुआ।   गुरुवार को बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी तेजी रही। मिडकैप 28.51 अंकों की तेजी के साथ 10,934.72 पर और स्मॉलकैप 51.29 अंकों की तेजी के साथ 11,508.83 पर बंद हुआ।   बीएसई के 19 में से 17 सेक्टरों में तेजी रही। दूरसंचार (2.66 फीसदी), रियल्टी (1.80 फीसदी), उपभोक्ता सेवा (1.70 फीसदी), वाहन (1.29 फीसदी) और ऊर्जा (1.27 फीसदी) सेक्टरों में सर्वाधिक तेजी रही।   बीएसई के गिरावट वाले सेक्टरों में स्वास्थ्य सेवा (0.53 फीसदी) और पूंजीगत वस्तु (0.23 फीसदी) प्रमुख रहे।
ओकुलर ऑन्कोलॉजी चिकित्‍सा की वह शाखा है जो आंख संबंधित ट्यूमर और उसके संयुक्तांश से जुडी है। आँख आयुर्विज्ञान नेत्र आँख कैंसर आंखों के सभी भागों को प्रभावित कर सकता है। नेत्र कैंसर मूल और स्थान नेत्र कैंसर प्राथमिक (जो आंख के भीतर शुरू होता है) और स्थलांतरणीय कैंसर (जो किसी अन्य अंग से आँखों में प्रसार के कारण होता है) हो सकता है स्तन कैंसर और फेफड़ों का कैंसर दो सबसे आम कैंसर हैं जिसका (अन्य अंगों से) आँखों में प्रसार होता है। रक्त का कैंसर प्रोस्टेट, गुर्दे, थाइरोइड, त्वचा, बृहदान्त्र लेकिमिया और लिंफोमा मूल के अन्य स्थान हैं . प्रकार नेत्र में ट्यूमर और गुहा, त्वग्पुटी की तरह सौम्य, या र्हब्दोम्योसर्कोमा और रेटिनोब्लास्टोमा की तरह घातक हो सकता है। सबसे आम पलक ट्यूमर को बेसल सेल कार्सिनोमा कहते हैं . यह ट्यूमर आँख के आसपास फैल सकता है लेकिन शायद ही कभी शरीर के अन्य भागों में बहुत कम ही फैलता है। स्क्वैमस कार्सिनोमा, कार्सिनोमा वसामय और घातक मेलेनोमा अन्य प्रकार के पलक कैंसर हैं . वयस्कों में प्राथमिक घातक अंतःचाक्षुष ट्यूमर में उवेअल मेलेनोमा सबसे आम है। ये ट्यूमर रंजित परितारिका और रोमक देह में हो सकते हैं। रोमक देह में होने वाले ट्यूमर को कभी कभी आईरिस या रोमक देह मेलेनोमा कहा जाता है। कैंसर वयस्कों में सामान्य प्रकार से सबसे अधिक होने वाला कैंसर प्राथमिक अंतःचाक्षुष लिंफोमा (PIOL) है जो आमतौर पर बी कोशिका का गैर होद्ग्किन की बड़ी लसीकार्बुद कोशिका है, हालांकि टी सेल लसीकार्बुद का वर्णन भी किया गया है। बच्चों में सबसे आम घातक अंतःचाक्षुष ट्यूमर को ''' रेटिनोब्लास्टोमा कहा जाता है। उत्तर अमेरिका में प्रति वर्ष लगभग 325 बच्चों प्रभावित होते हैं, जल्दी पता लगने से 95% से अधिक के इलाज किया जा चुका है। रेटिनोब्लास्टोमा के बाद बच्चों में नेत्र कैंसर का अगला प्रकार मेदुल्लोएपिथेलिओम (दिक्त्योमा) है जो रंजित परितारिका और आंख के उवेया में हो सकता है। गह्वरीय''' लसीकार्बुद सबसे आम हानि करता है। इस ट्यूमर का ऊतक विकृति-विज्ञान और इम्मुनोहिस्तोचेमिकल विश्लेषण के साथ बायोप्सी से निदान किया जा सकता है। नेत्र गह्वरीय लसीकार्बुद वाले अधिकांश रोगियों का उपचार विकिरण या रसायन चिकित्सा द्वारा किया जा सकता है। नेत्र गह्वरीय त्वचाभ पुटी सौम्य कोरियोस्टोमा होते हैं जो आम तौर पर सुतुरेस जंक्शन पर मिलते हैं और फ्रोंतो जाइगोमेटिक (गाल की हड्डी) सुतुरेस में सबसे अधिक पाए जाते हैं बड़े गहरे नेत्र गह्वरीय त्वचाभ पुटी के मासपेशिओं और नेत्र तंत्रिका पर दबाव प्रभाव हो सकते हैं जिस कारण द्विदृष्टिता और दूरदृष्टि कमजोर हो सकती है नेत्र कैंसर के लक्षण (रंजितपटल संबंधी, सिलिअरी शरीर और uveal) melanomas - प्रारंभिक अवस्था में वहाँ नहीं (लक्षण व्यक्ति नहीं पता है वहाँ एक ट्यूमर तक एक नेत्र रोग विशेषज्ञ या ऑप्टोमीट्रिस्ट एक ophthalmoscope के साथ आंखों में एक नियमित जाँच के दौरान लग रहा है हो सकता है). ट्यूमर के रूप में बढ़ती है, लक्षण दृष्टि blurred जा सकता है, दृष्टि, डबल दृष्टि, अंतिम दृष्टि हानि और कम अगर वे रेटिना रेटिना टुकड़ी के कारण पिछले तोड़ सकता है ट्यूमर वृद्धि जारी है। कभी कभी ट्यूमर शिष्य के माध्यम से दिखाई देता है। जन्मचिह्न - आंखों में सौम्य झाई हैं। इनकी जाँच की जानी चाहिए और यह सुनिश्चित करने के लिए की यह मेलेनोमा में परिवर्तित न हो, आँख को नियमित रूप से जांचते रहना चाहिए आईरिस और कांजुक्टिवल ट्यूमर (मेलानोमस) - एक गहरे दाग के रूप में प्रस्तुत होता है। कोई भी दाग जो परितारिका और कंजाक्तिवा पर निरंतर बढ़ रहा हो, उसकी जाँच की जानी चाहिए. रेतिनोब्लास्तोमा -तिर्यकदृष्टि (तिरछी ऑंखें), पुतली के माध्यम से एक सफेद या पीले रंग की चमक, दृष्टि का कमजोर होना और कभी कभी आँख लाल और दर्द होना . रेतिनोब्लास्तोमा एक या दोनों आँखों में हो सकता है। यह ट्यूमर शिशुओं और छोटे बच्चों में होता है। इसे लघु रूप में RB कहा जाता है। कृपया अपने बच्चे या बच्चों की तस्वीरों को जांचे, सामान्य स्वस्थ आंखों में लाल छाया होती है, लेकिन लाल के बजाय एक सफेद या पीली डॉट एक ट्यूमर या अन्य नेत्र रोग का संकेत है जिन बच्चों की किसी भी तस्वीर में आँखों में लाल छाया के बजाय जो एक सफेद या पीली छाया हो, उनकी जाँच की जानी चाहिए. बच्चे/बच्चों की तस्वीरें बहुत अच्छा सुराग हैं क्यूंकि वे उनकी ऑंखें, दूरदृष्टि और जीवन बचा सकती हैं। नेत्रदर्शी भी एक लक्ष्य है। उपचार लेजर चिकित्सा चकता चिकित्सा विकिरण-चिकित्सा आँख की स्पष्टीकरण - आँख हटाना, लेकिन मांसपेशियों और पलकें बरकरार रहती हैं। पहले एक प्रत्यारोपण डाला जाता है, उसके बाद व्यक्ति को एक कांफोर्मेर ढाल डाली जाती है और बाद में व्यक्ति का कृत्रिम अंग बनाकर उसे पहनाया जाता है (कृत्रिम आंख ओचुलारिस्ट बनता है और वह कृत्रिम आंख व्यक्ति की वास्तविक आंख की तरह देखने के लिए बनाई जाती है) नेत्रगुहांगनिरसन अंतड़ी निकालना - श्वेतपटल को छोड़ कर आँख की विषय-वस्तुओं को हटाना, निरसन -सभी नेत्र गह्वरीय अंशों को हटाना, जिसमे पलकें भी शामिल हो सकती हैं . दोष को छिपाने और उपस्थिति में सुधार के एक विशेष कृत्रिम अंग बनाया जाता है इरिदेक्टोमी - परितारिका के प्रभावित भाग को हटाना कोरोदेक्टोमी -रंजितपटल परत को हटाना रेटिना हटाने के रंजित श्वेतपटल और (सैंडविच के बीच) इरिदोच्य्क्लेक्टोमी - आईरिस.और रोमक देह को हटाना आईवॉल विभाजन - ट्यूमर को हटाने के लिए आंख को काटना, जैसे मेलेनोमा. यह आपरेशन करना काफी मुश्किल हो सकता है। रासायन उपचार वर्गीकरण रंजितपटल संबंधी ट्यूमर रंजितपटल संबंधी hemangioma रंजितपटल संबंधी मेलेनोमा रंजितपटल संबंधी मेटास्टेसिस रंजितपटल संबंधी जन्मचिह्न रंजितपटल संबंधी osteoma रोमक देह मेलेनिन-अर्बुद Ota के जन्मचिह्न नेत्रश्लेष्मला ट्यूमर नेत्रश्लेष्मला कापोसी का सार्कोमा एपिबुल्बर त्वचाभ घातक नेत्रश्लेष्मला ट्यूमर कंजाक्तिवा का लसीकार्बुद मेलेनोमा और PAMके साथ अत्य्पिया रंजकित नेत्रश्लेष्मला ट्यूमर इन्गुएकुलुम प्तेर्य्गियम स्क्वैमस कार्सिनोमा और अंतःउपकला नवार्बुद की कंजाक्तिवा दृष्‍टि संबंधित अर्बुद विज्ञान चाक्षुष अर्बुद विज्ञान यह बात ध्यान में रखता है कि रोगियों के लिए प्राथमिक आवश्यकता ट्यूमर का निष्कासन कर जीवन बचाना है, साथ ही साथ उपयोगी दूरदृष्टि के संरक्षण के साथ सौंदर्यप्रसाधक रूप के लिए अच्छे प्रयास करना है। आंख का ट्यूमर के इलाज आम तौर पर एक बहु विशेषता प्रयास है, नेत्ररोग विशेषज्ञ, चिकित्सा ओंकोलोगिस्ट, विकिरण विशेषज्ञ, सिर और गर्दन सर्जन / ईएनटी सर्जन, / आंतरिक दवाई / अस्पताली डॉक्टर और समर्थन स्टाफ और नर्सों का एक मुल्तिदिस्सिप्लिनारी टीम की आवशयकता होती है। आंखों की सूजन से बचने के उपाय आंखों की सूजन दर्दनाक, असुविधाजनक और बदसूरत हो सकती है। लेकिन यह स्थिति हमेशा ठीक नहीं की जा सकती है। तो, आपको सूजन के जोखिम को कम करने के लिए उपाय करना होगा। कुछ सामान्य उपाय हैं: 1. नियमित रूप से अपना चेहरा धोये 2. सोने से पहले अपनी आंखों से मेकअप हटा दें 3. गंदे हाथों से अपनी आंखें ना रगड़ें 4. आंखों में लाली और दर्द होने पर सावधानीपूर्वक ध्यान दें 5. डैंड्रफ नियंत्रण करे, क्योंकि यह सूजन का खतरा भी बढ़ाता है इन्हें भी देखें नेत्र रोगों और विकारों की सूची सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ तुमोरी संस्थान सी अ कयोरे संसथान . एक निचले स्तर पर, रोगी के आधार पर, आंख के कैंसर के लिए लाभरहित संगठन दृष्‍टि से संबंधित कैंसर विज्ञान सेवा नेत्र कैंसर नेटवर्क नेत्र कैंसर - मेद्लिने प्लस नेत्र कैंसर विज्ञान - बस्कोम पल्मेर नेत्र संस्थान विशिष्ट प्रकार DeAngelis, डी, Hurwitz, जे "अश्रु ग्रंथि ट्यूमर. " eMedicine.com. (28 जून 2005) नेत्र विज्ञान कैंसर के प्रकार ऑन्कोलॉजी
हॉलीवुड की बेहद लोकप्रिय फिल्म श्रृंखला 'एवेंजर्स' में ताकतवर सुपरहीरो 'हल्क' की भूमिका निभाने वाले प्रख्यात अभिनेता मार्क रफ्फालो ने 'सोलर बिहार' परियोजना का समर्थन करते हुए लोगों से स्थायी और नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाने का आग्रह किया। मार्क ने शुक्रवार को ट्विटर पर बिहार की परियोजना का समर्थन किया। उन्होंने लिखा, "मैं 100 प्रतिशत न्यूयार्कवासी हूं, साथ ही मैं 100 प्रतिशत बिहारी भी हूं।" इस ट्वीट को रविवार को बॉलीवुड कलाकार अदिती राव हैदरी ने साझा किया और रफ्फालो की सराहना की।टिप्पणियां उनके आधिकारिक वेबसाइट पर इस अभियान के बारे में लिखा है, 'सोलर बिहार' एक गैर सरकारी संगठन सोलर विलेज परियोजना का हिस्सा है जो भारतीय और अफ्रीकी मूल के परिवारों तथा व्यक्तियों को सौर ऊर्जा प्रणाली मुहैया करवाकर, उसके रखरखाव और इस्तेमाल में मदद देकर उनके जीवन में सुधार करने में मदद कर रहे हैं। मनोज बाजपेयी, संजय मिश्रा, विनय पाठक, स्वरा भास्कर, मियांग चांग और नीतू चंद्रा जैसे बॉलीवुड सितारों ने भी ट्वीट कर 'सोलर बिहार' अभियान के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया है। उन्होंने लिखा, "मैं 100 प्रतिशत न्यूयार्कवासी हूं, साथ ही मैं 100 प्रतिशत बिहारी भी हूं।" इस ट्वीट को रविवार को बॉलीवुड कलाकार अदिती राव हैदरी ने साझा किया और रफ्फालो की सराहना की।टिप्पणियां उनके आधिकारिक वेबसाइट पर इस अभियान के बारे में लिखा है, 'सोलर बिहार' एक गैर सरकारी संगठन सोलर विलेज परियोजना का हिस्सा है जो भारतीय और अफ्रीकी मूल के परिवारों तथा व्यक्तियों को सौर ऊर्जा प्रणाली मुहैया करवाकर, उसके रखरखाव और इस्तेमाल में मदद देकर उनके जीवन में सुधार करने में मदद कर रहे हैं। मनोज बाजपेयी, संजय मिश्रा, विनय पाठक, स्वरा भास्कर, मियांग चांग और नीतू चंद्रा जैसे बॉलीवुड सितारों ने भी ट्वीट कर 'सोलर बिहार' अभियान के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया है। उनके आधिकारिक वेबसाइट पर इस अभियान के बारे में लिखा है, 'सोलर बिहार' एक गैर सरकारी संगठन सोलर विलेज परियोजना का हिस्सा है जो भारतीय और अफ्रीकी मूल के परिवारों तथा व्यक्तियों को सौर ऊर्जा प्रणाली मुहैया करवाकर, उसके रखरखाव और इस्तेमाल में मदद देकर उनके जीवन में सुधार करने में मदद कर रहे हैं। मनोज बाजपेयी, संजय मिश्रा, विनय पाठक, स्वरा भास्कर, मियांग चांग और नीतू चंद्रा जैसे बॉलीवुड सितारों ने भी ट्वीट कर 'सोलर बिहार' अभियान के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया है। मनोज बाजपेयी, संजय मिश्रा, विनय पाठक, स्वरा भास्कर, मियांग चांग और नीतू चंद्रा जैसे बॉलीवुड सितारों ने भी ट्वीट कर 'सोलर बिहार' अभियान के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया है।
प्रियंका गांधी का नाम बार-बार मीडिया में उछाले जाने से दस जनपथ नाराज़ है। सूत्रों की मानें तो दस जनपथ का मानना है कि इससे सुर्खियां तो मिलती हैं, लेकिन पार्टी की इमेज को नुकसान पहुंच रहा है। ऐसा संदेश जाता है कि पार्टी किसी फैसले पर नहीं पहुंच पा रही। यूपी में पार्टी को मज़बूती देने के लिए हर पहलू पर विचार और मंथन जारी है और किसी अंतिम फैसले पर पहुंचने से पहले पार्टी हर नफा-नुकसान देख लेना चाहती है। सूत्र बताते हैं कि बार-बार प्रियंका का नाम उछाले जाने से ग़लत संदेश जा रहा है। प्रियंका की बड़ी भूमिका की ज़रूरत को समझा जा रहा है और उस पर विचार भी हो रहा है लेकिन सुर्खियां बटोरने के चक्कर में ऐसा लग रहा है कि प्रदेश में पार्टी सिर्फ प्रियंका की ओर देख रही है। इससे राहुल गांधी की क्षमता को नज़रअंदाज़ किए जाने का संदेश भी जाता है।टिप्पणियां मंगलवार को जब प्रियंका के पूरी तरह से राजनीति में उतरने और इस बाबत कांग्रेस की तरफ से बड़े ऐलान की ख़बर के बाद प्रियंका गांधी की तरफ से यह साफ किया गया कि अभी कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। सिद्धांतत: प्रियंका को यूपी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रचार में बड़ी भूमिका निभाने को तैयार बताया जा रहा है लेकिन वो कितना बड़ा और कैसा हो, इस पर विचार चल रहा है। मंगलवार को  पार्टी के मीडिया इंचार्ज रणदीप सुरजेवाला ने साफ किया कि पार्टी प्रियंका गांधी को लेकर कोई भी अंतिम फैसले पर पहुंचेगी तो मीडिया को सूचित किया जाएगा। पार्टी प्रवक्ता की तरफ से इस बयान के बाद भी देर शाम ख़ुद उत्तर प्रदेश के प्रभारी ग़ुलाम नबी आज़ाद को भी स्थिति साफ करनी पड़ी। सूत्रों के मुताबिक़ आज़ाद मंगलवार को जब दस जनपथ में बैठक कर रहे थे तो इस खबर के खंडन की ज़रूरत पर ज़ोर दिया गया। तभी देर शाम उन्होने कैमरे के सामने आकर पार्टी की स्थिति रखी। सूत्र ये भी बता रहे हैं कि उत्तर प्रदेश इकाई के जिस नेता ने प्रियंका गांधी की डेढ सौ रैलियों की बात कही, उसे आज़ाद ने बाद में फटकार लगाई। प्रशांत किशोर को पार्टी के रणनीतिकार के तौर पर कांग्रेस लेकर आयी है। गांधी परिवार उनके सुझावों को पूरी अहमियत दे रहा है और उस हिसाब से आगे बढ़ने की कोशिश भी कर रहा है। यहां तक की किशोर को रणनीति बनाने के लिए 'फ्री हैंड' भी दिया गया है। पार्टी और गांधी परिवार को चर्चा में बनाए रखने की प्रशांत किशोर की रणनीति से भी दस जनपथ को कोई परेशानी नहीं है। लेकिन इसकी एक लक्ष्मण रेखा होनी चाहिए] इसकी ज़रूरत भी समझी जा रही है। सूत्र बताते हैं कि बार-बार प्रियंका का नाम उछाले जाने से ग़लत संदेश जा रहा है। प्रियंका की बड़ी भूमिका की ज़रूरत को समझा जा रहा है और उस पर विचार भी हो रहा है लेकिन सुर्खियां बटोरने के चक्कर में ऐसा लग रहा है कि प्रदेश में पार्टी सिर्फ प्रियंका की ओर देख रही है। इससे राहुल गांधी की क्षमता को नज़रअंदाज़ किए जाने का संदेश भी जाता है।टिप्पणियां मंगलवार को जब प्रियंका के पूरी तरह से राजनीति में उतरने और इस बाबत कांग्रेस की तरफ से बड़े ऐलान की ख़बर के बाद प्रियंका गांधी की तरफ से यह साफ किया गया कि अभी कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। सिद्धांतत: प्रियंका को यूपी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रचार में बड़ी भूमिका निभाने को तैयार बताया जा रहा है लेकिन वो कितना बड़ा और कैसा हो, इस पर विचार चल रहा है। मंगलवार को  पार्टी के मीडिया इंचार्ज रणदीप सुरजेवाला ने साफ किया कि पार्टी प्रियंका गांधी को लेकर कोई भी अंतिम फैसले पर पहुंचेगी तो मीडिया को सूचित किया जाएगा। पार्टी प्रवक्ता की तरफ से इस बयान के बाद भी देर शाम ख़ुद उत्तर प्रदेश के प्रभारी ग़ुलाम नबी आज़ाद को भी स्थिति साफ करनी पड़ी। सूत्रों के मुताबिक़ आज़ाद मंगलवार को जब दस जनपथ में बैठक कर रहे थे तो इस खबर के खंडन की ज़रूरत पर ज़ोर दिया गया। तभी देर शाम उन्होने कैमरे के सामने आकर पार्टी की स्थिति रखी। सूत्र ये भी बता रहे हैं कि उत्तर प्रदेश इकाई के जिस नेता ने प्रियंका गांधी की डेढ सौ रैलियों की बात कही, उसे आज़ाद ने बाद में फटकार लगाई। प्रशांत किशोर को पार्टी के रणनीतिकार के तौर पर कांग्रेस लेकर आयी है। गांधी परिवार उनके सुझावों को पूरी अहमियत दे रहा है और उस हिसाब से आगे बढ़ने की कोशिश भी कर रहा है। यहां तक की किशोर को रणनीति बनाने के लिए 'फ्री हैंड' भी दिया गया है। पार्टी और गांधी परिवार को चर्चा में बनाए रखने की प्रशांत किशोर की रणनीति से भी दस जनपथ को कोई परेशानी नहीं है। लेकिन इसकी एक लक्ष्मण रेखा होनी चाहिए] इसकी ज़रूरत भी समझी जा रही है। मंगलवार को जब प्रियंका के पूरी तरह से राजनीति में उतरने और इस बाबत कांग्रेस की तरफ से बड़े ऐलान की ख़बर के बाद प्रियंका गांधी की तरफ से यह साफ किया गया कि अभी कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। सिद्धांतत: प्रियंका को यूपी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रचार में बड़ी भूमिका निभाने को तैयार बताया जा रहा है लेकिन वो कितना बड़ा और कैसा हो, इस पर विचार चल रहा है। मंगलवार को  पार्टी के मीडिया इंचार्ज रणदीप सुरजेवाला ने साफ किया कि पार्टी प्रियंका गांधी को लेकर कोई भी अंतिम फैसले पर पहुंचेगी तो मीडिया को सूचित किया जाएगा। पार्टी प्रवक्ता की तरफ से इस बयान के बाद भी देर शाम ख़ुद उत्तर प्रदेश के प्रभारी ग़ुलाम नबी आज़ाद को भी स्थिति साफ करनी पड़ी। सूत्रों के मुताबिक़ आज़ाद मंगलवार को जब दस जनपथ में बैठक कर रहे थे तो इस खबर के खंडन की ज़रूरत पर ज़ोर दिया गया। तभी देर शाम उन्होने कैमरे के सामने आकर पार्टी की स्थिति रखी। सूत्र ये भी बता रहे हैं कि उत्तर प्रदेश इकाई के जिस नेता ने प्रियंका गांधी की डेढ सौ रैलियों की बात कही, उसे आज़ाद ने बाद में फटकार लगाई। प्रशांत किशोर को पार्टी के रणनीतिकार के तौर पर कांग्रेस लेकर आयी है। गांधी परिवार उनके सुझावों को पूरी अहमियत दे रहा है और उस हिसाब से आगे बढ़ने की कोशिश भी कर रहा है। यहां तक की किशोर को रणनीति बनाने के लिए 'फ्री हैंड' भी दिया गया है। पार्टी और गांधी परिवार को चर्चा में बनाए रखने की प्रशांत किशोर की रणनीति से भी दस जनपथ को कोई परेशानी नहीं है। लेकिन इसकी एक लक्ष्मण रेखा होनी चाहिए] इसकी ज़रूरत भी समझी जा रही है। सूत्रों के मुताबिक़ आज़ाद मंगलवार को जब दस जनपथ में बैठक कर रहे थे तो इस खबर के खंडन की ज़रूरत पर ज़ोर दिया गया। तभी देर शाम उन्होने कैमरे के सामने आकर पार्टी की स्थिति रखी। सूत्र ये भी बता रहे हैं कि उत्तर प्रदेश इकाई के जिस नेता ने प्रियंका गांधी की डेढ सौ रैलियों की बात कही, उसे आज़ाद ने बाद में फटकार लगाई। प्रशांत किशोर को पार्टी के रणनीतिकार के तौर पर कांग्रेस लेकर आयी है। गांधी परिवार उनके सुझावों को पूरी अहमियत दे रहा है और उस हिसाब से आगे बढ़ने की कोशिश भी कर रहा है। यहां तक की किशोर को रणनीति बनाने के लिए 'फ्री हैंड' भी दिया गया है। पार्टी और गांधी परिवार को चर्चा में बनाए रखने की प्रशांत किशोर की रणनीति से भी दस जनपथ को कोई परेशानी नहीं है। लेकिन इसकी एक लक्ष्मण रेखा होनी चाहिए] इसकी ज़रूरत भी समझी जा रही है।
यहां तक कि चीन के प्रधानमंत्री को भी देश के जीडीपी आंकड़े पर भरोसा नहीं है. ली केक्यांग जब उत्तरपूर्वी कोयला-क्षेत्र प्रांत लियाओनिंग में कम्युनिस्ट पार्टी के मुखिया थे, तो वे जीडीपी डाटा पर नहीं, बल्कि आंकड़ों के तीन सेटों पर भरोसा करते थे. वे उन्हीं से अपने प्रांत की अर्थव्यवस्था का आकलन करते थेः बिजली की खपत, रेल से ढोए जाने वाले माल की मात्रा, और बैंक से कर्ज. ये वे आंकड़े हैं, जिनमें स्थानीय अधिकारी आसानी से हेरफेर नहीं कर सकते. उस समय से चीन में इस विधि को “केक्यांग सूचकांक” के नाम से जाना जाता है. यह उन अर्थशास्त्रियों की ओर से इस्तेमाल किया जाता रहा है, जो मानते थे कि स्थानीय सरकारों ने आंकड़ों में हेरफेर किया है और केंद्र उसी आधार पर जीडीपी का आकलन करता रहा है. आज समस्या आंकड़ों में हेरफेर की नहीं है, बल्कि किसी विशेष वर्ष में सियासी मकसद के लिए जीडीपी में एक या दो फीसदी “जोड़तोड़” को लेकर है. बीजिंग में चाइना यूरोप इंटरनेशनल बिजनेस स्कूल में अर्थशास्त्री जू बिन कहते हैं, “जीडीपी आंकड़े स्वभाव से ही सही नहीं होते हैं. कुछ शोधकर्ताओं का तर्क है कि अर्थव्यवस्था तेज रफ्तार से बढ़ती है तो चीन की जीडीपी नीचे की ओर जाती है और जब अर्थव्यवस्था मंद होती है तो ऊपर की ओर.” जनवरी में चीन ने ऐलान किया था कि 2015 में उसने 6.9 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की. इसके जरिए सरकार यह बताना चाहती थी कि 7 फीसदी वृद्धि भले ही हासिल नहीं हुई हो, पर अर्थव्यवस्था उतनी खराब भी नहीं थी. वह आंकड़ा कितना सही है, इस पर बहस हो चुकी है. लंदन-स्थित कैपिटल इकोनॉमिक्स की एक रिपोर्ट में हिसाब लगाया गया था कि 2015 की पहली दो तिमाहियों में वृद्धि को निश्चित रूप से एक या दो फीसदी बढ़ाकर पेश किया गया था. चांग लिउ और मार्क विलियम्स ने लिखा, “जीडीपी डिफ्लैटर, जिसका प्रयोग अवास्तविक जीडीपी के अनुमानों को वास्तविक जीडीपी में बदलने के लिए किया जाता है, की गणना में खामियां हैं.” उन्होंने हिसाब लगाया कि पहली तिमाही में वृद्धि 5-6 फीसदी के बीच थी, न कि 7 फीसदी. उनका तर्क था कि वास्तविक जीडीपी के लिए 7 फीसदी का आंकड़ा पाने के लिए सरकार ने महंगाई में कमी का हिसाब लगाया होगा, जबकि हर दूसरी गणना में कीमतें बढ़ रही थीं. हांगकांग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर कार्सटेन होल्ज ने एक शोधपत्र में लिखा, “नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टेटिस्टिक्स कीमतों के प्रभाव में हेरफेर करके वास्तविक वृद्धि दर में थोड़ा-बहुत ऊपर या नीचे कर सकता है. और बाद के संशोधनों में, जब उस खास वर्ष के डाटा ध्यान से हट जाते हैं तो उसे सुधार लिया जाता है. ऐसा बार-बार नहीं किया जा सकता है, वरना डाटा की जांच होने पर वह उजागर हो जाएगा.” सरकारी आकलनकर्ता अपने हिसाब से आंकड़े में हेरफेर करने के लिए तकनीकी तालमेल का इस्तेमाल करते हैं. चीन के मामले में यह कोई अनोखी बात नहीं है. अमेरिका-भारत जैसे देश जीडीपी के आकलन के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हैं, जिन पर गर्मागर्म बहस भी हो चुकी है. चीन में सरकार अपारदर्शिता के साथ काम करती है और उससे समस्या और बढ़ जाती है. 2015 के जीडीपी डाटा की घोषणा के कुछ ही दिन बाद चीन के मुख्य आकलनकर्ता वांग बाओन को रहस्यमय तरीके से 26 जनवरी को “गंभीर अनुशासनात्मक उल्लंघन” के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया, यह आम तौर पर भ्रष्टाचार के लिए सौम्य शब्दावली है. सो जब ली केक्यांग ने करीब एक दशक पहले कहा था कि जीडीपी आंकड़े अंततः “मानव-निर्मित” और “सिर्फ दिखावे” के लिए होते हैं तो निश्चित रूप से उनकी बातों में दम था. क्या चीन अपने जीडीपी डाटा में हेरफेर कर रहा है? चीन कहता है कि 2015 में उसकी अर्थव्यवस्था में 6.9 फीसदी वृद्धि हुई, जो निर्माण क्षेत्र में मंदी के बावजूद 7 फीसदी के लक्ष्य के काफी करीब थी. सरकार कहती है कि इस वृद्धि का कारण सेवा क्षेत्र था, जो पहली बार 50 फीसदी से ऊपर निकल गया था. कुछ अर्थशास्त्रियों का कहना है कि वास्तविक जीडीपी 2 फीसदी तक नीचे रही होगी, क्योंकि जीडीपी डिक्रलेटर के मामले में आंकड़ों में तोड़-मरोड़ किया गया तो वास्तविक जीडीपी में वृद्धि दिखाई देगी. आम राय यह है कि जीडीपी में 1-2 प्रतिशत की हेरफेर की जा सकती है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के बयान के बाद एक बार फिर देश में आरक्षण पर बहस छिड़ गई है. अब इसपर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने बयान दिया है. रामदास अठावले का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार कहा है कि आरक्षण (दलितों और पिछड़ों का) कम नहीं होगा. Union Minister Ramdas Athawale: PM Modi ji has said it several times that reservation (of Dalits & OBCs) will not be reduced. I don't think there is any need to review reservation. People who should get reservation will surely get reservation. pic.twitter.com/Z0nYkpkZsc — ANI (@ANI) August 20, 2019 अठावले ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि आरक्षण की समीक्षा करने की कोई आवश्यकता है. जिन लोगों को आरक्षण मिलना चाहिए, उन्हें आरक्षण जरूर मिलेगा. दरअसल, भागवत ने रविवार को एक कार्यक्रम में कहा कि जो आरक्षण के पक्ष में हैं और जो इसके खिलाफ हैं, उन्हें सौहार्दपूर्ण वातावरण में इस पर विमर्श करना चाहिए. संघ प्रमुख ने कहा कि उन्होंने आरक्षण पर पहले भी बात की थी लेकिन तब इस पर काफी बवाल मचा था और पूरा विमर्श असली मुद्दे से भटक गया था. भागवत ने कहा कि जो आरक्षण के पक्ष में हैं, उन्हें इसका विरोध करने वालों के हितों को ध्यान में रखते हुए बोलना चाहिए. वहीं जो इसके खिलाफ हैं उन्हें भी वैसा ही करना चाहिए. भागवत के इस बयान के बाद विवाद बढ़ गया था. इस बयान के बाद कांग्रेस ने आरएसएस और बीजेपी पर दलित-पिछड़ा विरोधी होने का आरोप लगाया. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि गरीबों के आरक्षण को खत्म करने के षड्यंत्र व संविधान बदलने की अगली नीति बेनकाब हो गई है. गरीबों के अधिकारों पर हमला, संविधान सम्मत अधिकारों को कुचलना, दलितों-पिछड़ों के अधिकार छिनना, यही असली भाजपाई एजेंडा है. विवाद बढ़ता देख आरएसएस ने संघ प्रमुख के बयान पर सफाई जारी की.
अयोध्या मालिकाना हक मुकदमे में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने कहा कि हिंदुओं की ‘आस्था और मान्यता’ के अनुसार विवादित ढांचे के मध्य गुंबद के नीचे वाला क्षेत्र भगवान राम की जन्मस्थली है और किसी भी तरीके से इसमें कोई बाधा अथवा दखल नहीं दिया जाना चाहिए. हालांकि, उन्होंने कहा कि आंतरिक प्रांगण के भीतर का हिस्सा हिंदू और मुस्लिमों दोनों का है क्योंकि दोनों समुदाय के लोग सदियों से इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मालिकाना हक मुकदमे में एक अन्य मुख्य याचिकाकर्ता निर्मोही अखाड़ा बेहतर स्वामित्व वाले किसी अन्य व्यक्ति की अनुपस्थिति में राम चबूतरा, सीता रसोई और बाहरी प्रांगण में भंडार वाले हिस्से के कब्जे का हकदार होगा. हालांकि, न्यायमूर्ति अग्रवाल ने निर्देश दिया कि बाहरी प्रांगण के भीतर खुले हिस्से को निर्मोही अखाड़ा को रामलला का प्रतिनिधित्व कर रहे पक्ष के साथ साझा करना होगा क्योंकि दोनों स्थलों पर पूजा के लिए हिंदू आम तौर पर साफ-सफाई करते रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्षों का हिस्सा कुल क्षेत्र के एक बटा तीन हिस्से से कम नहीं होगा और आवश्यकता पड़ने पर उसे बाहरी प्रांगण के कुछ क्षेत्र को दिया जा सकता है. न्यायाधीश ने कहा कि अयोध्या अधिनियम 1993 के तहत केंद्र द्वारा अधिग्रहीत भूमि को इस तरीके से संबद्ध पक्षों को उपलब्ध कराया जाएगा कि एक-दूसरे के अधिकारों को प्रभावित किए बिना सभी तीनों पक्ष लोगों के आने-जाने के लिए अलग प्रवेश के जरिए क्षेत्र का इस्तेमाल कर सकते हैं. न्यायमूर्ति अग्रवाल ने कहा कि तीन महीने की अवधि तक पक्षों को जब तक अन्य प्रकार से निर्देश नहीं दिया जाता है, तब तक वे विवादित ढांचे के संबंध में आज जैसा है, वैसी यथास्थिति बरकरार रखेंगे.
रिशी वेली या "ऋषी वेली" : अर्थात् "ऋशी की वादी" या "ऋशी की वादियां"। यहां पर एक पाठशाला भी है जिस को जिड्डू कृष्णमूर्ती ने स्थापित किया। यह एक आश्रम पाठशाला है। जिड्डू कृष्णमूर्ती को नवीन काल का ऋषी माना जाता है। इन्हों ने इस पहाड़ी वादी प्रांत में पाठशाला स्थापित की इस लिये इस प्रांत को ऋषी वेली कहा जाता है। भारत की रियासत आंध्र प्रदेश, चित्तूर जिला में शहर मदनपल्ली के १६ किलोमीटर समीप, शहर कदिरि के मार्ग पर है। यह वादी हार्सिली हिल्स की वादियों का एक हिस्सा है। यह प्रांत बहुत ही सुंदर है।प्रकृती के रमणीय और सुंदर दृश्य पर्यटकों को मनमोहित करती है। आश्रम पाठशाला विश्वप्रसिद्ध दार्शनिक जिड्डू कृष्णमूर्ती द्वारा स्थापित यह आश्रम पाठ्शाला, प्राथमिक और माध्यमिक विद्या प्रदान करताहै। यहां रहने, विद्याप्राप्त करने की सुविधा है। यहां के छात्रों को विद्याभ्यास के साथ साथ शारीरिक और मानसिक विकास का भी बोधन किया जाता है। बाहरी कडियां रिशीवेली पाठशाला का वेबसैट चित्तूर जिला मदनपल्ली
जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में आज रात संदिग्ध आतंकियों ने दो पुलिसकर्मियों के घर पर गोलीबारी कर दी. दोनों पुलिसकर्मी भाई हैं. हमले में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. पुलिस अधिकारी ने समाचार एजेंसी को बताया कि आतंकियों ने एएसआई दिलबर अहमद और कांस्टेबल रेयाज अहमद के शोपियां जिले के कीगाम स्थित घर पर गोलीबारी की. उन्होंने बताया कि फरार होने से पहले आतंकवादी उनके घर की खिड़कियों और उनके वाहन को तोड़ गए. अधिकारी ने बताया कि घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है. यहां यह भी बताते चलें कि बीते रविवार की रात जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में पीडीपी नेता के घर आतंकियों के एक गुट ने हमला किया था. इस हमले में एक एक पुलिसकर्मी घायल हुआ और आतंकी पुलिस की चार राइफलें लेकर भाग गए.
Koi aa raha hai Kapil ke mohalle mein apni kalakari ka dhamaka karne. Stay tuned to know what's going to happen in #TheKapilSharmaShowpic.twitter.com/pwplISLLrD
महाराष्ट्र में हुए सियासी बदलाव के बाद विपक्षी पार्टियों की प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं. कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी (Manish Tewari) ने पत्रकारों से कहा, 'अवैध तरीके से मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बने लोगों ने इस्तीफा दे दिया है. हमें उम्मीद है कि राज्यपाल अपने पद का दायित्व निभायेंगे. वह महाराष्ट्र विकास अघाड़ी को सरकार बनने का न्यौता दें.' इससे पहले पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने ट्वीट कर कहा, 'जनमत को अगवा करने वालों के ‘अल्पमत' की पोल खुल ही गई. अब साफ है कि भाजपा (BJP) में चाणक्य नीति के मायने प्रजातंत्र का अपहरण है.' उन्होंने कहा, 'देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को महाराष्ट्र की जनता से माफी मांगनी चाहिए. उनकी सरकार झूठ व दलबदल पर आधारित थी जो ताश के पत्तों सी गिर गई.' सुरजेवाला ने कहा, 'आज का दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह की जबाबदेही भी सुनिश्चित करने का है.' उन्होंने सवाल किया, 'महाराष्ट्र में प्रजातंत्र का तमाशा क्यों बनाया? राज्यपाल को कठपुतली की तरह इस्तेमाल क्यों किया? राष्ट्रपति की गरिमा को ठेस क्यों पहुंचाई?' कांग्रेस नेता ने कहा, 'नरेंद्र मोदी व अमित शाह जबाब दें कि देश के मंत्रिमंडल को पंगु क्यों बनाया? दलबदल और खरीद फरोख्त का नंगा तांडव क्यों? एक अल्पमत की सरकार बना इतने दिन तक बहुमत का ड्रामा क्यों? भ्रष्टाचार के मुक़दमे वापस क्यों लिए? संविधान की धज्जियां क्यों उड़ाई?
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने कहा कि केवल सत्ता में मौजूद लोग ही जवाबदेह हैं और उनसे ही सवाल पूछे जाते हैं. "जो सत्ता में नहीं हैं वे सवालों के जवाब नहीं दे सकते, क्योंकि वे फैसले लेने वाले नहीं हैं. लेकिन यहां हर बार सरकार ही सवाल पूछती है." इस चुनाव में भाजपा का ध्यान राष्ट्रवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा पर केंद्रित है. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "सरकार लोगों का ध्यान मुददों से भटकाने की कोशिश कर रही है" नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) की पार्टी कांग्रेस बार-बार यह दावा करती रही है कि भाजपा उन सभी मुद्दों से बच रही है, जो व्यापक बेरोजगारी से शुरू होकर आम आदमी की चिंता करते हैं. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी अपनी चुनावी रैलियों में अक्सर राफेल सौदे में कथित भ्रष्टाचार को लेकर पीएम मोदी पर हमला बोलते हैं और उन्हें बहस की चुनौती देते हैं. नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि वो अब प्रधानमंत्री नहीं बल्कि प्रचारमंत्री हैं. उन्होंने अपने प्रचार पर 6000 करोड़ खर्च किए थे. उन्होंने आगे कहा, "पीएम मोदी ने 25 लाख नौकरियां पैदा करने की बात कही थी, लेकिन साल में 2 लाख नौकरियां पैदा करने में भी वो कामयाब नहीं हुए. और यह सरकारी आंकड़े हैं. यहां तक की बड़े अनुंबध जिन्हें एचएएल या डीआरडीओ को जाना चाहिए था, वो विदेशी फर्मों में जा रहे हैं."
विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने टीम से बाहर किए गए साथी हरभजन सिंह का समर्थन करते हुए कहा कि यह ऑफ स्पिनर जल्द ही फॉर्म में वापसी करके भारतीय टीम में अपनी जगह हासिल कर लेगा। हरभजन को शुक्रवार से इंग्लैंड के खिलाफ शुरू होने वाले पहले दो वनडे के लिए टीम में नहीं चुना गया है। सहवाग ने कहा कि उसे फॉर्म में वापसी करने के लिए घरेलू सर्किट पर अच्छा प्रदर्शन करना होगा। सहवाग ने कहा कि हरभजन एक चैंपियन गेंदबाज है और मुझे इसमें कोई शक नहीं कि वह वापसी कर लेगा। वह नागपुर में चैलेंजर सीरीज में खेल रहा है। उसे घरेलू क्रिकेट में कड़ी मेहनत करनी होगी। उन्होंने कहा, मुझे याद है, जब मुझे 2007 में टीम से बाहर किया गया था। मैंने घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन कर टीम में वापसी की थी। फॉर्म में वापसी का सिर्फ यही तरीका है। यह समय का खेल है और हरभजन वापसी कर लेगा। सहवाग अब भी कंधे में लगी चोट से उबर रहे हैं, जो उन्हें इंग्लैंड में टेस्ट शृंखला के दौरान लगी थी। वह अब वेस्टइंडीज के भारत दौरे के लिए राष्ट्रीय टीम में वापसी पर निगाहें लगाए हुए हैं।
OnePlus के स्मार्टफोन्स पर डिस्काउंट. कंपनी Smart TV पर भी 4000 रु. की छूट दे रही है. One Plus ने  Anniversry Sale का ऐलान किया है. ई-कॉमर्स वेबसाइट Amazon India और One Plus ने 5th Anniversary सेलेब्रेशन ऑफर की शुरुआत की है. इस दौरान हाल में लॉन्च हुए OnePlus 7T, One Plus 7 Pro सहित OnePlus TV पर भी डिस्काउंट दिया जा रहा है. सेल की शुरुआत  25 नवंबर यानी आज से है और ये 2 दिसंबर तक चलेगी. OnePlus 7T और OnePlus 7 Pro में 90Hz रिफ्रेश रेट वाली डिस्प्ले है.  OnePlus 7 Pro में Qualcomm Snapdragon 855 प्रोसेसर दिया गया है. जबकि OnePlus 7T में Snapdragon 855 Plus प्रोसेसर है. कैमरा मॉड्यूल लगभग एक जैसे ही हैं, लेकिन डिस्प्ले में फर्क है. OnePlus 7 Pro की डिस्प्ले OnePlus 7T के मुकाबले बेहतर है. OnePlus 7T और OnePlus 7 Pro पर  डिस्काउंट सबसे पहले बात करें OnePlus के लेटेस्ट स्मार्टफोन OnePlus 7T की. ये स्मार्टफोन 37,999 रुपये में लॉन्च किया गया था.  इसे इस सेल में आप 34,999 रुपये में खरीदा जा सकता है. OnePlus 7 Pro की बात करें तो इस स्मार्टफोन को डिस्काउंट के बाद 39,999 रुपये में खरीद सकते हैं. 6GB रैम और 128GB वेरिएंट ऑप्शन की कीमत 44,999 रुपये है. 8GB रैम वेरिएंट की कीमत 52,999 रुपये है, लेकिन सेल के दौरान आप इसे 42,999 रुपये में खरीद पाएगे. OnePlus TV पर भी ऑफर है. ऐमेजॉन इंडिया वेबसाइट पर OnePlus Q1 55 इंच स्मार्ट टीवी पर डिस्काउंट है. इसकी कीमत 69,889 रुपये है, जबकि Q1 TV Pro की कीमत 99,899 रुपये है. एचडीएफसी कार्ड डिस्काउंट के तौर पर इन  5000 रुपये तक की छूट मिल रही है. एडिशनल ऑफर के तौर पर कस्टमर्स को एक्स्सट्रा 1500 रुपये का इंस्टैंट कैशबैक मिल सकता है. अगर आपके पास HDFC बैंक का क्रेडिट या डेबिट कार्ड है तो  आप भी इस ऑफर का फायदा ले सकते हैं. हालांकि OnePlus 7 Pro पर 3000 रुपये का तक का कैशबैक मिल सकता है. .
पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ रविवार को एक हादसे में बाल-बाल बचे. नागपुर से गोंदिया जाते वक्त बारिश से कमलनाथ के हेलिकॉप्टर में तकनीकी खराबी आ गई. इस वजह से उनके हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी. घटना महाराष्ट्र के गोंदिया की है जहां कमलनाथ के हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिग करानी पड़ी. मौसम बिगड़ने की वजह से उनके हेलिकॉप्टर में खराबी आ गई. बारिश और तकनीकी खराबी की वजह उनका हेलिकॉप्टर खेत में उतारना पड़ा. पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंच हालात का जायजा लिया. कमलनाथ पूरी तरह सुरक्षित हैं.
बीजेपी के अंतर्कलह का सिलसिला जैसे थम नहीं रहा है। दक्षिण भारत में बीजेपी के बड़े नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने एनडीटीवी से कहा है कि वे 30 तारीख को पार्टी छोड़ रहे हैं और 9 दिसंबर को नई पार्टी बना रहे हैं।टिप्पणियां उनकी शिकायत है कि बीजेपी ने उनसे बार−बार झूठ बोला। उनके मुताबिक, नितिन गडकरी ने उनसे लगातार वादे किए, लेकिन कुछ किया नहीं। इससे पूर्व एक अन्य साक्षात्कार में येदियुरप्पा ने कहा था कि भले ही पूर्व में कर्नाटक में क्षेत्रीय पार्टियां विफल रही हों, लेकिन उनकी नई पार्टी, कर्नाटक जनता पार्टी, बदले राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी। उनकी शिकायत है कि बीजेपी ने उनसे बार−बार झूठ बोला। उनके मुताबिक, नितिन गडकरी ने उनसे लगातार वादे किए, लेकिन कुछ किया नहीं। इससे पूर्व एक अन्य साक्षात्कार में येदियुरप्पा ने कहा था कि भले ही पूर्व में कर्नाटक में क्षेत्रीय पार्टियां विफल रही हों, लेकिन उनकी नई पार्टी, कर्नाटक जनता पार्टी, बदले राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी। इससे पूर्व एक अन्य साक्षात्कार में येदियुरप्पा ने कहा था कि भले ही पूर्व में कर्नाटक में क्षेत्रीय पार्टियां विफल रही हों, लेकिन उनकी नई पार्टी, कर्नाटक जनता पार्टी, बदले राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी।
जांजगीर (Janjgir) भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के जांजगीर-चाम्पा ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। विवरण छत्तीसगढ़ के हृदय में स्थित जांजगीर चाम्पा जिले का जिला मुख्यालय जांजगीर एक खूबसूरत स्‍थान है। यह अपने वैष्णव शैली में बने मन्दिरों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। स्थानीय लोगों में यह मन्दिर बहुत लोकप्रिय हैं और वह इनके रख-रखाव का पूरा ध्यान रखते हैं। स्थानीय लोगों के अलावा पर्यटकों को भी यह मन्दिर बहुत पसंद आते हैं और वह इन मन्दिरों के खूबसूरत दृश्य अपने कैमरों में कैद करके ले जाते हैं। यहाँ के स्थलों में विष्णु मंदिर, नहरिया बाबा मंदिर, भीमा तालाब, प्रेम मंदिर बरमबावा चौरा, शिव मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। जांजगीर जिला मुख्यालय के रेलवे स्टेशन का नाम जांजगीर नैला है। जिले के अधिकांश कार्यालय जांजगीर में स्थित है। यहां दर्जनों विद्यालय, ठाकुर छेदीलाल स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कृषि महाविद्यालय, जाज्वल्यदेव कन्या महाविद्यालय, कृषि विज्ञान केंद्र, पॉलीटेक्निक कॉलेज, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाये और लगभग आधा दर्जन से ज्यादा शिक्षा महाविद्यालय स्थित है। यहाँ प्रतिवर्ष जाज्वल्य देव के सम्मान में जाज्वल्य देव महोत्सव और राष्ट्रीय स्तर का कृषि मेला आयोजित किया जाता है। जांजगीर जिला चिकित्सालय स्वच्छता के मामले में देश का अग्रणी चिकित्सालय है। यहाँ अनेक निजी चिकित्सालय भी स्थित है। मुख्य आकर्षण विष्णु मन्दिर विष्णु मन्दिर को नकटा मन्दिर के नाम से भी जाना जाता है। इसका निर्माण हैहयवंशी (कल्चुरी) शासकों ने 12वीं शताब्दी में कराया था। इसके पास ही भीमा तालाब है, जो बहुत खूबसूरत है और पर्यटकों को बहुत पसंद आता है। मन्दिर का निर्माण दो भागों में शुरू किया गया था, लेकिन कोई भी भाग पूरा नहीं हो पाया। इसलिए यह मन्दिर आज भी अधूरा पड़ा हुआ है। मन्दिर की दिवारों पर देवताओं, गन्धर्वो और किन्नरों के सुन्दर चित्र बने हुए हैं, जो पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं। पीथमपुर शिव मन्दिर हासदेव नदी के तट पर स्थित पीतमपुर शिव मन्दिर को कालेश्वरनाथ मन्दिर के नाम से भी जाना जाता है। हर वर्ष महाशिवरात्रि को यहां पर दस दिनों के लिए मेले का आयोजन भी किया जाता है। इस मेले में स्थानीय लोगों के साथ पर्यटक भी बड़े उत्साह से भाग लेते हैं। महाशिवरात्रि के अलावा रंगपंचमी के दिन यहां पर भगवान शिव का विवाह भी रचाया जाता है, जिसमें नागा साधु बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। शिवनारायण मन्दिर महानदी के तट पर बसे शिवरीनारायण नगर में स्थित लक्ष्मीनारायण मन्दिर बहुत खूबसूरत है। इसका निर्माण हेहे वंश के शासकों ने 11वीं शताब्दी में कराया था। हिन्दु कथाओं के अनुसार लक्ष्मीनारायण मन्दिर के पास ही शबरी आश्रम स्थित है। इस मन्दिर का निर्माण वैष्णव शैली में बड़ी खूबसूरती के साथ किया गया है। माघ पूर्णिमा के दिन यहां पर भव्य मेले का आयोजन भी किया जाता है। इस मेले में भाग लेने के लिए अनेक पर्यटक यहां आते हैं। लक्ष्मणेश्वर मन्दिर लक्ष्मणोश्वर मन्दिर खरौद, जांजगीर के प्रमुख मन्दिरों में से एक है। हिन्दु पौराणिक कथाओं के अनुसार इस मन्दिर का निर्माण भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण ने किया था। इस मन्दिर के प्रति स्थानीय लोगों में बड़ी है और वह पूजा करने के लिए प्रतिदिन यहां आते हैं। माँ मड़वारानी मन्दिर जांजगीर नगर के हृदय स्थल चंदनिया पारा में तालाब किनारे विराजित है मां मड़वारानी। मोहल्लेवासियों के दिन की शुरूवात मां मड़वारानी के दर्शन से होती है वहीं यहां से गुजरने वाले हर किसी का सिर अनायास ही माता के दर्शन कर झुक जाते हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि सच्चे मन से माता से जो भी मांगा जाये माता जरूर पूरा करती है। मंदिर परिसर में ही हनुमान जी की मूर्ति तथा शंकर भगवान का शिवलिंग भी है। मां मड़वारानी की ख्याति क्षेत्र में धीरे धीरे फैल रही है। यादव बाहुल्य इलाका होने की वजह से यहां की रावत नाच टीम अपने नृत्य की शुरूवात जहां इस मंदिर से करती है वहीं अब तो जांजगीर की एक बड़ी आबादी विवाह में चूल माटी एवं देवतला जैसे मांगलिक कार्य यहीं करती है। नवरात्रि के दोनों पर्वो में मंदिर का रंग रोंगन कर झालरों से सजाया जाता है। क्वांर नवरात्रि में विगत 15 से भी ज्यादा वर्षो से मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाती है वहीं चैत्र नवरात्रि में धृत एवं तेल ज्योति कलश की स्थापना की जाती है जिसमें दूर दूर से लोग मनोकामना ज्योति कलश की स्थापना करवाते हैI नहरिया बाबा मंदिर जांजगीर नैला रेल्वे स्टेशन के समीप यह मंदिर पिछले कुछ समय से लोगों के आस्था का प्रमुख केन्द्र बना हुआ है। यहा हनुमान जी की प्रतिमा है साथ ही साथ शनि देव, शीतला माता, शंकर, राम जानकी का भी मंदिर है। आवागमन वायु मार्ग बिलासपुर हवाई अड्डा एवं रायपुर हवाई अड्डे से आसानी से जांजगीर आ सकता है। यहां से पर्यटक आसानी से जांजगीर तक पहुंच सकते हैं। नजदीकी एयरपोर्ट बिलासपुर है। रेल मार्ग जांजगीर राज्य की राजधानी रायपुर से 152 कि॰मी॰ की दूरी पर स्थित है और रेलमार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। पर्यटकों की सुविधा के लिए जांजगीर में जांजगीर नैला रेलवे स्टेशन का निर्माण भी किया गया है। कोलकाता से मुंबई इसी रेल लाइन से गुजरती है। सड़क मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग 200 द्वारा पर्यटक आसानी से जांजगीर तक पहुंच सकते हैं। राजमार्ग के अलावा पर्यटक बिलासपुर और रायपुर से भी आसानी से जांजगीर पहुंच सकते हैं। इन्हें भी देखें जांजगीर-चाम्पा ज़िला सन्दर्भ जांजगीर-चाम्पा ज़िला छत्तीसगढ़ के नगर जांजगीर-चाम्पा ज़िले के नगर विष्णु मन्दिर
लेख: आगामी सप्ताह में विभिन्न आर्थिक आंकड़े, विदेशी संस्थागत निवेश के आंकड़ों, वैश्विक बाजारों के रुझान, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और तेल के मूल्य पर निवेशकों की नजर बनी रहेगी। बाजार के निवेशकों की निगाह आगामी सप्ताह में मुख्य रूप से संसद के शीतकालीन सत्र पर टिकी रहेगी। संसद का शीतकालीन सत्र 24 नवंबर को शुरू होने जा रहा है, जो 23 दिसंबर को समाप्त होगा। इस सत्र में आर्थिक महत्व के कई विधेयकों से संबंधित घटनाक्रमों पर निवेशकों की निगाह रहेगी। इस सत्र में बीमा कानून (संशोधन) विधेयक, भूमि अधिग्रहण एवं पुनर्वास व पुनर्स्थापना जैसे विधेयकों को पारित करने की कोशिश की जा सकती है। सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संविधान संशोधन विधेयक पर भी कदम आगे बढ़ा सकती है। सोमवार 17 नवंबर को चीन के दो शेयर बाजार स्टॉक कनेक्ट योजना की तहत जुड़ जाएंगे। हांगकांग और शंघाई स्टॉक एक्सचेंजों को जोड़ने की इस योजना को चीन के नियामकों ने 10 नवंबर को मंजूरी दे दी है। हांगकांग एक्सचेंजेज एंड क्लियरिंग (एचकेई) को शंघाई के शेयर बजार से जोड़ने की योजना को हांगकांग-शंघाई स्टॉक कनेक्ट कहा जा रहा है। शेयर बाजारों के जुड़ जाने से दोनों बाजारों के निवेशक दोनों ही बाजारों में सूचीबद्ध शेयरों में ट्रेड कर सकेंगे। सोमवार 17 नवंबर को ही जापान तीसरी तिमाही के लिए अपनी विकास दर के ओकड़े जारी करेगा। इसी दिन अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व अक्टूबर महीने के लिए अमेरिका के औद्योगिक उत्पादन आंकड़े जारी करेगा। निवेशकों की निगाह आगामी सप्ताह में कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत पर भी टिकी रहेगी। हाल के महीनों में तेल मूल्य में काफी गिरावट दर्ज की गई है। इसी का फायदा उठाते हुए सरकार ने डीजल मूल्य को नियंत्रण मुक्त भी कर दिया है। कच्चे तेल की कीमत घटने से सरकार को चालू खाता घाटा और ईंधन महंगाई दर कम करने में मदद मिलेगी। देश को अपनी जरूरत का 80 फीसदी तेल आयात करना पड़ता है। सरकारी तेल कंपनियां रविवार 16 नवंबर को मूल्यों की समीक्षा करेंगी। भारतीय रिजर्व बैंक दो दिसंबर को मौद्रिक नीति की समीक्षा करने वाला है। रिजर्व बैंक पर ब्याज दरों में कटौती करने का दबाव है, क्योंकि गत सप्ताह जारी आंकड़ों के मुताबिक थोक और उपभोक्ता महंगाई दर दोनों में गिरावट दर्ज की गई है। लेकिन इसके साथ ही औद्योगिक उत्पादन में हुई वृद्धि से रिजर्व बैंक सख्त मौद्रिक नीति पर बने रहने के लिए आश्वस्त रह सकता है।
महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने बुलढाणा रेप कांड पर फडनवीस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आदिवासी विकास मंत्री विष्णु रामा सावरा इस मामले को लेकर गंभीर नहीं हैं. विखे पाटिल ने मंत्री पर बुलढाणा जैसी घटना को नजर अंदाज करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें कर रही है. वहीं अन्ना हजारे की सुरक्षा कम करने पर पाटिल बोले कि अन्ना हजारे ने एक बड़ा आंदोलन चलाया था, जिससे उनकी जान को खतरा होने की संभावना थी. इसलिए उनको सुरक्षा दी गई है, मगर पुलिस अधीक्षक ने जो सिक्युरिटी निकाली है, उस पर सरकार को जांच करके कार्रवाई करनी चाहिए.