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पाकिस्तान की एक प्रमुख राजनैतिक दल है जिसकी स्थापना ६ मार्च १९४८ को हुई। इसका संस्थापक सज्जाद जहीर था और अब इस दल का अध्यक्ष जमील अहमद मलिक है। यह दल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी में से बना था।
बाहरी कड़ियाँ
https://web.archive.org/web/20160907194215/http://www.pakvoter.com/list-of-political-parties-पंजीकृत सियासी जमातों की पूरी फ़हरिस्त
https://web.archive.org/web/20160916174700/http://www.senate.gov.pk/en/party_wise_list.php पाकिस्तान की सीनेट की आधिकारिक वेबसाइट- दलानुसार आसनों की सूची
https://web.archive.org/web/20160913012349/http://na.gov.pk/en/all_members.php पाकिस्तान की क़ौमी असेम्बली की आधिकारिक वेबसाइट-सम्पूर्ण सदस्य-सूची
पाकिस्तान के प्रमुख राजनीतिक दलों की सूची: www.southasianmedia.net
पाकिस्तान के राजनैतिक दल
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नाम सर्वर डोमेन नाम प्रणाली (DNS) के सर्वर घटक को संदर्भित करता है, जो इंटरनेट(इण्टरनेट) के दो प्रमुख नामस्थानों में से एक है। DNS सर्वर का सबसे महत्वपूर्ण कार्य मानव-यादगार डोमेन नाम (उदाहरण.com) का अनुवाद (रिज़ॉल्यूशन) है और होस्टनाम इसी संख्यात्मक इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) पते (93.184.216.34), इंटरनेट का दूसरा प्रमुख नाम स्थान है। जिसका उपयोग इंटरनेट पर कंप्यूटर(कम्प्यूटर) प्रणाली और संसाधनों की पहचान और पता लगाने के लिए किया जाता है।
हालाँकि यह आमतौर पर DNS के संदर्भ (सन्दर्भ) में उपयोग किया जाता है, शब्द नाम सर्वर का उपयोग किसी भी कंप्यूटर अनुप्रयोग के लिए भी किया जा सकता है जो एक निर्देशिका सेवा के विरुद्ध प्रश्नों के उत्तर प्रदान करने के लिए एक नेटवर्क सेवा को लागू करता है जो एक प्रणाली के लिए अक्सर मानवीय, पाठ-आधारित पहचानकर्ता का अनुवाद करता है। -इंटरनल, अक्सर न्यूमेरिक पहचान या एड्रेसिंग कंपोनेंट। यह सेवा प्रोटोकॉल अनुरोध के जवाब में सर्वर द्वारा की जाती है।
यह भी देखें
BIND
DNS सर्वर सॉफ्टवेयर की तुलना
ट्रोजन। विन 32। DNSChanger
डोमेन नाम सिस्टम सुरक्षा एक्सटेंशन
लाइटवेट डायरेक्टरी एक्सेस प्रोटोकॉल
नेटवर्क सूचना सेवा
नाम सेवा स्विच (एनएसएस)
समाधानकर्ता, resolv.conf, resolvconf के लिए यूनिक्स / लिनक्स
रूट सर्वर नेटवर्क खोलें
असली नाम
प्रबंधित DNS प्रदाताओं की सूची
सार्वजनिक पुनरावर्ती नाम सर्वर
संदर्भ (सन्दर्भ)
बाहरी कड़ियाँ
नि: शुल्क और सार्वजनिक DNS सर्वर , टिम फिशर द्वारा about.com पर लेख, 2015-02-08 21-59 यूटीसी को लिया गया
DNS और BIND संसाधन
डोमेन नाम प्रणाली
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असम में बम धमाकों के बीच 62 फीसदी मतदान हुआ. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी गुवाहाटी जाकर वोट डाला. साथ में उनकी पत्नी भी मौजूद थीं.
इस बीच असम के उत्तरी कछार की पहाड़ियों में बम धमाकों की खबरें भी आईं. पुलिस के मुताबिक आईईडी धमाका हुआ है. धमाके के बाद हुई मुठभेड़ में पुलिस के एक जवान की मौत हो गई जबकि दो पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं. हालांकि उत्तरी कछार इलाके में मतदान नहीं हो रहा है.
पुलिस का कहना है कि धमाके के बाद जैसे ही जवान मौक़े पर पहुंचे, दूसरी तरफ़ से फ़ायरिंग होने लगी, जिसकी चपेट में वे लोग आ गए.
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घरेलू प्रौद्योगिकी (Domestic technology) से आशय घर और घर के अन्द्र उपयोग आने वाली सामग्री से सम्बन्धित प्रौद्योगिकी से है। घरेलू प्रौद्योगिकी के कई पक्ष हैं। एक तरफ रेफ्रिजरेटर, धुलाई मशीन आदि गृहोपयोगी सामान है तो दूसरी तरफ गृह प्रौद्योगिकी अनुप्रयुक्त विज्ञान का उपयोग करके किसी लक्ष्य (जैसे ऊर्जा दक्षता या स्वयं पर्याप्त घर) को प्राप्त करने की कोशिश करता है।
आजकल घर में अनेकों प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया जा रहा है। उनमें से कुछ की सूची नीचे दी गयी है-।
वातानुकूलन (Air conditioning)
केन्द्रीय तापन (Central heating)
सफाई
वस्त्र सुखाने की मशीन (Clothes dryer)
झाड़ू
बर्तन धोने की मशीन (Dishwasher)
पोंछा (Mop)
Sink
Shower
Bath
वैक्युम क्लीनर (Vacuum cleaner)
कपड़ा धोने की मशीन
Computer
Food preparation
Barbecue
Breadmaker
Blender
Faucet
Food processor
Microwave oven
Mixer
Oven
Food storage
Can
Canning
Refrigerator
Home maintenance
Groundskeeping equipment
Garden tools
Paint sprayer
Knitting machine
Plumbing
Power generation
Solar cell
Windmill
Telephone
Window
इन्हें भी देखें
गृह स्वचालन (Home automation)
गृहोपयोगी सामग्री
जल की गुणवत्ता (Water quality)
सन्दर्भ
Bittman, Michael; Rice, James Mahmud; & Wajcman, Judy. (2004). "Appliances and their impact: The ownership of domestic technology and time spent on household work". British Journal of Sociology 55 (3), 401–423. (PDF file)
Habib, Laurence. Computers in the family: A study of technology in the domestic sphere. PhD Thesis, London, UK: London School of Economics and Political Sciences (LSE) 2000 401–423. (PDF file)
Ruth Schwartz Cowan, More Work for Mother: The Ironies of Household Technology from the Open Hearth to the Microwave (Basic Books, 1983) ISBN 0-465-04731-9
Siddiqui, Shakeel and Darach Turley,(2006), 'Media Technologies: Mediated Families' In: Gavan Fitzsimons and Vicki Morwitz ed. Advances in Consumer Research, Vol. 34, Association for Consumer Research: Orlando
बाहरी कड़ियाँ
ICS 97.040.30 Domestic refrigerating appliances
गृह
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पाकिस्तानी हॉकी टीम के कोच अख्तर रसूल ने अनुभवी फॉरवर्ड शकील अब्बासी को रोजा रखने के कारण राष्ट्रीय अभ्यास शिविर से बाहर करके बड़े विवाद को जन्म दे दिया। इस घटना के बाद यह चर्चा जोर पकड़ सकती है कि क्या खिलाड़ियों को मैचों या अभ्यास शिविरों के दौरान रोजा रखना चाहिए या नहीं।
रसूल ने कहा कि अब्बासी ने निर्देशों और नीतियों का उल्लंघन किया और इसलिए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा, शिविर शुरू होने से पहले ही फैसला किया गया था कि कोई भी खिलाड़ी रोजा नहीं रखेगा, क्योंकि रोजा रखने के कारण ट्रेनिंग पर ध्यान लगाना संभव नहीं होता है।
रसूल ने कहा, यदि अब्बासी रोजा रखना चाहता है, तो उसे ऐसा घर में करना चाहिए। यह राष्ट्रीय शिविर है और सभी खिलाड़ियों को अपनी ट्रेनिंग पर ध्यान देने की जरूरत है। आगामी एशिया कप हमारे लिए 'करो या मरो' जैसा है। यदि हम उसे नहीं जीत पाते, तो फिर विश्वकप के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकते हैं।टिप्पणियां
अब्बासी ने पुष्टि की कि उन्होंने मुख्य कोच के आदेश का पालन नहीं किया, लेकिन कहा कि रोजा रखने के बावजूद वह ट्रेनिंग पर ध्यान केंद्रित कर सकते थे। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि मैं दोनों काम कर सकता हूं। मेरा मानना है कि रोजा रखना या नहीं रखना किसी का व्यक्तिगत फैसला होना चाहिए।
बाजवा ने कहा, यह फैसला आम सहमति से किया गया था, लेकिन हमें अब इस मसले पर गौर करना होगा क्योंकि यह संवेदनशील मसला है और देखते हैं कि क्या होता है। यह शिविर मलेशिया में होने वाले एशिया कप की तैयारियों के लिए लगाया गया है।
रसूल ने कहा कि अब्बासी ने निर्देशों और नीतियों का उल्लंघन किया और इसलिए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा, शिविर शुरू होने से पहले ही फैसला किया गया था कि कोई भी खिलाड़ी रोजा नहीं रखेगा, क्योंकि रोजा रखने के कारण ट्रेनिंग पर ध्यान लगाना संभव नहीं होता है।
रसूल ने कहा, यदि अब्बासी रोजा रखना चाहता है, तो उसे ऐसा घर में करना चाहिए। यह राष्ट्रीय शिविर है और सभी खिलाड़ियों को अपनी ट्रेनिंग पर ध्यान देने की जरूरत है। आगामी एशिया कप हमारे लिए 'करो या मरो' जैसा है। यदि हम उसे नहीं जीत पाते, तो फिर विश्वकप के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकते हैं।टिप्पणियां
अब्बासी ने पुष्टि की कि उन्होंने मुख्य कोच के आदेश का पालन नहीं किया, लेकिन कहा कि रोजा रखने के बावजूद वह ट्रेनिंग पर ध्यान केंद्रित कर सकते थे। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि मैं दोनों काम कर सकता हूं। मेरा मानना है कि रोजा रखना या नहीं रखना किसी का व्यक्तिगत फैसला होना चाहिए।
बाजवा ने कहा, यह फैसला आम सहमति से किया गया था, लेकिन हमें अब इस मसले पर गौर करना होगा क्योंकि यह संवेदनशील मसला है और देखते हैं कि क्या होता है। यह शिविर मलेशिया में होने वाले एशिया कप की तैयारियों के लिए लगाया गया है।
रसूल ने कहा, यदि अब्बासी रोजा रखना चाहता है, तो उसे ऐसा घर में करना चाहिए। यह राष्ट्रीय शिविर है और सभी खिलाड़ियों को अपनी ट्रेनिंग पर ध्यान देने की जरूरत है। आगामी एशिया कप हमारे लिए 'करो या मरो' जैसा है। यदि हम उसे नहीं जीत पाते, तो फिर विश्वकप के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकते हैं।टिप्पणियां
अब्बासी ने पुष्टि की कि उन्होंने मुख्य कोच के आदेश का पालन नहीं किया, लेकिन कहा कि रोजा रखने के बावजूद वह ट्रेनिंग पर ध्यान केंद्रित कर सकते थे। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि मैं दोनों काम कर सकता हूं। मेरा मानना है कि रोजा रखना या नहीं रखना किसी का व्यक्तिगत फैसला होना चाहिए।
बाजवा ने कहा, यह फैसला आम सहमति से किया गया था, लेकिन हमें अब इस मसले पर गौर करना होगा क्योंकि यह संवेदनशील मसला है और देखते हैं कि क्या होता है। यह शिविर मलेशिया में होने वाले एशिया कप की तैयारियों के लिए लगाया गया है।
अब्बासी ने पुष्टि की कि उन्होंने मुख्य कोच के आदेश का पालन नहीं किया, लेकिन कहा कि रोजा रखने के बावजूद वह ट्रेनिंग पर ध्यान केंद्रित कर सकते थे। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि मैं दोनों काम कर सकता हूं। मेरा मानना है कि रोजा रखना या नहीं रखना किसी का व्यक्तिगत फैसला होना चाहिए।
बाजवा ने कहा, यह फैसला आम सहमति से किया गया था, लेकिन हमें अब इस मसले पर गौर करना होगा क्योंकि यह संवेदनशील मसला है और देखते हैं कि क्या होता है। यह शिविर मलेशिया में होने वाले एशिया कप की तैयारियों के लिए लगाया गया है।
बाजवा ने कहा, यह फैसला आम सहमति से किया गया था, लेकिन हमें अब इस मसले पर गौर करना होगा क्योंकि यह संवेदनशील मसला है और देखते हैं कि क्या होता है। यह शिविर मलेशिया में होने वाले एशिया कप की तैयारियों के लिए लगाया गया है।
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अन्नपूर्णा (Annapurna) हिमालय का एक पर्वतीय पुंजक है जिसमें एक आठ हज़ारी, १३ ७,००० मीटर से ऊँचे और १६ ६,००० मीटर से ऊँचे पर्वत हैं। यह पुंजक ५५ किमी लम्बा है और उत्तर-मध्य नेपाल में स्थित है। यह पश्चिम में काली गण्डकी तंगघाटी, उत्तर व पूर्व में मर्श्यान्गदी नदी और दक्षिण में पोखरा घाटी द्वारा घिरा हुआ है। इसका सर्वोच्च पर्वत अन्नपूर्णा १ मुख्य है जो समुद्रतल से ८,०९१ मीटर (२६,५४५ फ़ुट) ऊँचा है और विश्व का १०वाँ सबसे ऊँचा पर्वत है।
ऐतिहासिक रूप से अन्नपूर्णा पुंजक की चोटियाँ पर्वतारोहियों के लिए विश्व के सबसे ख़तरनाक शिखरों में आती हैं, हालांकि १९९० के बाद कंचनजंघा पर अधिक मृत्यु दर रहा है। मार्च २०१२ तक अन्नपूर्णा १ मुख्य को १९१ बार चढ़ा जा चुका था और पर्वत पर ६१ लोग मारे जा चुके थे। यह सफल चढ़ाई और मृत्युओं का अनुपात किसी भी अन्य आठ-हज़ारी पर्वत से अधिक है। अक्तूबर २०१४ में बर्फ़ीले तूफ़ानों और हिमस्खलन में अन्नपूर्णा क्षेत्र में ३९ लोगों की जाने गई।
शिखर
परिदृश्य
बाहरी जोड़
अन्नपूर्ण पर्वत रांगेचा नकाशा
पीकवेअर ची वेबसाईट
अन्नपूर्णा सर्किट ट्रैकिंग मार्ग
Annapurna I on summitpost.org
The Annapurna Conservation Area Project (ACAP)
An Online Trekking Guidebook for the Annapurna Circuit
The Annapurna Circuit : Photo Essay from 20 days Trekking round the Annapurna Massif
Trying to conquer the peak : The death story of Inaki Ochoa attempting to reach the peak of Annapurna May 2008
रंगन दत्ता यांची अन्नपूर्णा बेस कँपबद्दल माहिती
Ueli Steck scales new heights : The story of Ueli Steck's rescue attempt of Inaki Ochoa Annapurna May 2008
अन्नपूर्णवरील फत्ते झालेल्या मोहिमा व दुर्घटनांची आकडेवारी
सन्दर्भ
आठ हज़ारी
नेपाल के पर्वत
नेपाल की पर्वतमालाएँ
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे और ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया. इस दौरान बागपत में पीएम मोदी ने रैली को भी संबोधित किया. मोदी ने इस दौरान कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि इन लोगों को कभी भी लोकतंत्र पर विश्वास नहीं रहा, पिछले चार साल में ऐसा हमें बार-बार देखने को मिला है. बीते कुछ दिनों में जिस तरह विपक्ष ने मोदी को घेरने की कोशिश की है, इस पर उन्होंने आज पलटवार किया और 2019 तक का संदेश दे डाला.
सुप्रीम कोर्ट-ईवीएम-चुनाव आयोग पर कांग्रेस ने उठाए सवाल
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की सर्वोच्च अदालत पर इन लोगों ने विश्वास का संकट खड़ा किया, देश के चुनाव आयोग और ईवीएम को भी इन्होंने शक के दायरे में खड़ा किया. यही नहीं बल्कि आरबीआई, सीबीआई, ईडी को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं और आज इन्हें देश का मीडिया भी पक्षपाती नज़र आ रहा है.
देख लें कि उधर कौन है और इधर कौन है
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर कोई वैश्विक एजेंसी आज नई सरकार की तारीफ करती है तो ये पार्टियां डंडा लेकर उनके पीछे दौड़ने लगती है. उन्होंने कहा कि अगर विदेश से आया कोई मेहमान सरकार की तारीफ करता है तो ये उसकी भी कमियां निकालते हैं.
उन्होंने कहा कि मोदी के विरोध में ये लोग देश का विरोध करेंगे मैंने ऐसा नहीं सोचा था. पीएम ने कहा कि आप देख लीजिए कि उस तरफ कौन है और इस तरफ कौन है. उनके लिए उनका परिवार ही देश है, लेकिन मेरे लिए मेरा देश ही मेरा परिवार है. देश के 125 करोड़ मेरे परिवार के सदस्य हैं.
सिर्फ झूठ फैलाती है कांग्रेस
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश के लोग देख रहे हैं कि अपने सियासी फायदे के लिए ये लोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भी खुलेआम झूठ बोल जाते हैं. उन्होंने कहा कि ये तक नहीं सोचते कि उनके झूठ की वजह से देश में किस तरह की अस्थिरता पैदा हो सकती है. चाहे दलितों पर अत्याचार से जुड़े कानून की बात हो या फिर आरक्षण की बात, झूठ बोलकर, अफवाह फैलाकर ये लोगों को भ्रमित करने की साजिश करते रहे हैं.
पीएम मोदी बोले कि मैं तो सुन रहा हूं कि अब किसानों के बीच भी एक झूठ फैलाया जा रहा है कि जो किसान खेत ठेके पर या बंटाई पर देगा, उससे 18 प्रतिशत जीएसटी लिया जाएगा. मैं अपने किसान भाइयों से कहना चाहता हूं कि ऐसी किसी अफवाह पर ध्यान नहीं दें, बल्कि जो अफवाह फैलाए, उसकी प्रशासन से शिकायत भी करें.
विरोधियों को विकास मजाक लगता है
PM ने कहा कि सच्चाई ये है कि गरीबों के लिए, दलितों-पिछड़ों-आदिवासियों के लिए जो भी कार्य किया जाता है, कांग्रेस और उसके साथ चलने वाले दल या तो उसमें रोड़े अटकाने लगते हैं, या उसका मजाक उड़ाते हैं. इन्हें देश का विकास भी मजाक लगता है, उन्हें स्वच्छ भारत के लिए किया गया काम मजाक लगता है, उन्हें गरीब महिला के लिए बनाया गया शौचालय मजाक लगता है.
जब हमारी सरकार गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन देती है, तो भी ये उसका मजाक उड़ाते हैं. जब गरीब के लिए बैंक खाते खुलते हैं, तब भी इन्हें मजाक लगता है. पीढ़ी दर पीढ़ी परिवार में सत्ता देखने के आदी ये लोग गरीब के लिए किए जा रहे हर काम को मजाक समझते हैं.
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लेख: दक्षिण की अन्य अभिनेत्रियों की तरह इलियाना डिक्रूज अपनी पहली हिन्दी फिल्म 'बर्फी' की सफलता के बाद बॉलीवुड में अपने करियर को विस्तार देने के लिए मुंबई में बसना चाहती हैं।
इलियाना ने कहा, मैं बहुत जल्द मुंबई में बसने की योजना बना रही हूं, संभवत: अगले दो महीने में। इलियाना का कहना है कि इस वजह से वह दक्षिण की किसी भी फिल्म में काम नहीं कर रहीं और वह मुंबई में एक घर खरीदने की योजना बना रही हैं।
इलियाना अपनी हिन्दी ठीक करने की भी कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा, मैं हिन्दी सीख रही हूं। मैंने 'बर्फी' में अपने संवाद की डबिंग खुद की थी, लेकिन मैं हिन्दी में बात नहीं कर सकती। मुझे इसके लिए अपना आत्मविश्वास बढ़ाना है।टिप्पणियां
हालांकि, इस सफलता के बावजूद इलियाना का कहना है कि वह दक्षिण की फिल्मों में काम करना बंद नहीं करेंगी। दक्षिण की सबसे महंगी अभिनेत्री इलियाना ने कहा, दक्षिण में बहुत से लोगों को आश्चर्य होगा अगर मैं कहूं कि मैं तेलूगु फिल्में नहीं करूंगी, लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह संभव है। मुझे तेलूगु फिल्म का हिस्सा बनने और अब हिन्दी फिल्में करने पर गर्व है।
इलियाना को 'बर्फी' के उनके पारम्परिक बंगाली महिला के किरदार से काफी वाह-वाही मिल रही है, जो फिल्म के मुख्य पात्र 'बर्फी' के लिए अपने प्यार का बलिदान दे देती है। इलियाना का कहना है कि उनके लिए बंगाली महिला का किरदार तेलूगु फिल्मों में उनकी छवि से अलग था और वह इस किरदार को करने के लिए आश्वस्त नहीं थीं।
इलियाना ने कहा, मैं बहुत जल्द मुंबई में बसने की योजना बना रही हूं, संभवत: अगले दो महीने में। इलियाना का कहना है कि इस वजह से वह दक्षिण की किसी भी फिल्म में काम नहीं कर रहीं और वह मुंबई में एक घर खरीदने की योजना बना रही हैं।
इलियाना अपनी हिन्दी ठीक करने की भी कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा, मैं हिन्दी सीख रही हूं। मैंने 'बर्फी' में अपने संवाद की डबिंग खुद की थी, लेकिन मैं हिन्दी में बात नहीं कर सकती। मुझे इसके लिए अपना आत्मविश्वास बढ़ाना है।टिप्पणियां
हालांकि, इस सफलता के बावजूद इलियाना का कहना है कि वह दक्षिण की फिल्मों में काम करना बंद नहीं करेंगी। दक्षिण की सबसे महंगी अभिनेत्री इलियाना ने कहा, दक्षिण में बहुत से लोगों को आश्चर्य होगा अगर मैं कहूं कि मैं तेलूगु फिल्में नहीं करूंगी, लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह संभव है। मुझे तेलूगु फिल्म का हिस्सा बनने और अब हिन्दी फिल्में करने पर गर्व है।
इलियाना को 'बर्फी' के उनके पारम्परिक बंगाली महिला के किरदार से काफी वाह-वाही मिल रही है, जो फिल्म के मुख्य पात्र 'बर्फी' के लिए अपने प्यार का बलिदान दे देती है। इलियाना का कहना है कि उनके लिए बंगाली महिला का किरदार तेलूगु फिल्मों में उनकी छवि से अलग था और वह इस किरदार को करने के लिए आश्वस्त नहीं थीं।
इलियाना अपनी हिन्दी ठीक करने की भी कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा, मैं हिन्दी सीख रही हूं। मैंने 'बर्फी' में अपने संवाद की डबिंग खुद की थी, लेकिन मैं हिन्दी में बात नहीं कर सकती। मुझे इसके लिए अपना आत्मविश्वास बढ़ाना है।टिप्पणियां
हालांकि, इस सफलता के बावजूद इलियाना का कहना है कि वह दक्षिण की फिल्मों में काम करना बंद नहीं करेंगी। दक्षिण की सबसे महंगी अभिनेत्री इलियाना ने कहा, दक्षिण में बहुत से लोगों को आश्चर्य होगा अगर मैं कहूं कि मैं तेलूगु फिल्में नहीं करूंगी, लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह संभव है। मुझे तेलूगु फिल्म का हिस्सा बनने और अब हिन्दी फिल्में करने पर गर्व है।
इलियाना को 'बर्फी' के उनके पारम्परिक बंगाली महिला के किरदार से काफी वाह-वाही मिल रही है, जो फिल्म के मुख्य पात्र 'बर्फी' के लिए अपने प्यार का बलिदान दे देती है। इलियाना का कहना है कि उनके लिए बंगाली महिला का किरदार तेलूगु फिल्मों में उनकी छवि से अलग था और वह इस किरदार को करने के लिए आश्वस्त नहीं थीं।
हालांकि, इस सफलता के बावजूद इलियाना का कहना है कि वह दक्षिण की फिल्मों में काम करना बंद नहीं करेंगी। दक्षिण की सबसे महंगी अभिनेत्री इलियाना ने कहा, दक्षिण में बहुत से लोगों को आश्चर्य होगा अगर मैं कहूं कि मैं तेलूगु फिल्में नहीं करूंगी, लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह संभव है। मुझे तेलूगु फिल्म का हिस्सा बनने और अब हिन्दी फिल्में करने पर गर्व है।
इलियाना को 'बर्फी' के उनके पारम्परिक बंगाली महिला के किरदार से काफी वाह-वाही मिल रही है, जो फिल्म के मुख्य पात्र 'बर्फी' के लिए अपने प्यार का बलिदान दे देती है। इलियाना का कहना है कि उनके लिए बंगाली महिला का किरदार तेलूगु फिल्मों में उनकी छवि से अलग था और वह इस किरदार को करने के लिए आश्वस्त नहीं थीं।
इलियाना को 'बर्फी' के उनके पारम्परिक बंगाली महिला के किरदार से काफी वाह-वाही मिल रही है, जो फिल्म के मुख्य पात्र 'बर्फी' के लिए अपने प्यार का बलिदान दे देती है। इलियाना का कहना है कि उनके लिए बंगाली महिला का किरदार तेलूगु फिल्मों में उनकी छवि से अलग था और वह इस किरदार को करने के लिए आश्वस्त नहीं थीं।
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पाकिस्तान के बलूचिस्तान में नमाज़ के दौरान धमाके की खबर है. इस धमाके में जहां 20 लोग मारे गए, वहीं 35 जख्मी हो गए हैं. धमाका मस्तुंग में डिप्टी चेयरमैन सीनेट मौलाना अब्दुल गफ्फूर हैदरी के काफिले को निशाना बनाने के मकसद से किया गया था. धमाके में हैदरी को भी चोटें आई हैं.
स्थानीय मीडिया के मुताबिक हैदरी जब अपने साथियों के साथ
मस्जिद के बाहर निकल रहे थे
तभी ये धमाका हुआ. पुलिस और सीमांत बल के जवान और अफसर मौके पर पहुंच गए हैं. इलाके को घेरकर जांच शुरू कर दी गई है. घायलों को नजदीक के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. पुलिस का कहना है कि विस्फोट की तीव्रता देखते हुए हताहतों की संख्या बढ़ सकती है.
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बो शिलाई (薄熙来) चीन के भूतपूर्व राजनीतिज्ञ हैं। उनका जन्म ३ जुलाई १९४९ को हुआ। उन्हें डेलियन के मेयर और उसके बाद लियाओनिंग के गवर्नर के पद पर रहते हुए किये गये कार्य से उन्हें प्रसिद्धि मिली। सन् २००४ से नवम्बर २००७ उन्हें चीन गणराज्य के वाणिज्य मन्त्री बनाया गया। सन् २००७ और २०१२ के मध्य उन्हें चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य एवं चोंगचिंग शाखा का सचिव बनाया गया।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के आठ दिग्गजों में से एक, बो यिबो के पुत्र, बो शिलाई को चीनी राजनीति के एक राजकुमार की तरह देखा जाता है। उनकी मिडिया में नैमित्तिक और करिश्माई छवि विकसित की जो आम तौर पर स्थिर चीनी राजनीति में विचलन चिह्नित किया।
लियाओनिंग में कार्य करने के दौरान, बो ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के पुनरोद्धार से सम्बंधित योजना में एक महत्वपूर्ण कार्य हाथ में लिया, लेकिन भ्रष्टाचार में साफ-साफ शामील होने के आरोप लगे एवं "फालुन गोंग" (बौद्ध धर्म का धर्मचक्र सम्बंधी नियम जिसकी शुरुवात चीन में हुई) के विरुद्ध मानवाधिकार हनन का आरोप लगाया गया था।
चोंगचिंग में, बो निरंकुश लोकलुभावनवाद के रूप में जाने गये। उन्होंने संगठित अपराध, लोक कल्याण कार्यक्रमों के बढ़ते खर्च, प्रतिशत जीडीपी विकास दर के लगातार दो अंकों में बने रहने के खिलाफ और सांस्कृतिक क्रांति के दौर में "लाल संस्कृति" को पुनर्जीवित करने के लिए अभियान शुरू किया। बो के समतावादी मूल्यों और उसकी "चोंगचिंग मॉडल" की उपलब्धियों ने देश की बाजार आधारित आर्थिक सुधारों और बढ़ती आर्थिक असमानता के साथ माओवादी और सामाजिक डेमोक्रेट के निरासा से निर्मित चीनी नव वाम का चैंपियन बना दिया।' तथापि, बो के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के कथित अराजकता और अपने अतिकाय व्यक्तित्व के बारे में प्रसंग के साथ उनकी छवि को विवादास्पद बना गई।
सन्दर्भ
चीन के लोग
1949 में जन्मे लोग
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भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिए तैयारियां शुरू कर दी है. लोकसभा चुनाव फतह करने के लिए बीजेपी ने घोषणा पत्र बनाने का जिम्मा और पार्टी के एजेंडे का प्रचार-प्रसार पर अभी से काम करना शुरू कर दिया है. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने इसके लिए रविवार को तीन कमेटियों की घोषणा की.
मिशन 2019 के लिए बीजेपी ने बनाई कमेटी, राजनाथ-जेटली को अहम जिम्मेदारी
मिशन 2019 के लिए भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) जोरशोर से जुट गई है. 2019 के लोकसभा चुनाव को फतह करने के लिए पार्टी ने अभी से ही अपने सिपहसालार मैदान में उतार दिए हैं. रविवार को भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव से जुड़ी समितियों का ऐलान कर दिया है. इसके तहत उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को संकल्प पत्र यानी चुनाव घोषणा पत्र समिति (manifesto committee) का अध्यक्ष नियुक्त किया है, जबकि केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली को पार्टी की प्रचार शाखा (publicity wing) का प्रमुख बनाया गया है.
Rafale HAL: निर्मला सीतारमण ने दिखाया सबूत, राहुल गांधी से कहा- अब माफी मांगें या इस्तीफा दें
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोप और चेतावनी पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने पलटवार किया है. राहुल गांधी ने निर्मला सीतारमण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बचाने के लिए संसद में झूठ बोलने का आरोप लगाया और कहा कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को एक लाख करोड़ रुपये की खरीद का आदेश देने पर झूठ बोला गया. राहुल ने दावा किया है कि एचएएल का कहना है कि उसे 'एक पैसा भी नहीं मिला.'
रेलवे में एयरपोर्ट जैसे नियम! ट्रेन से 20 मिनट पहले पहुंचना होगा स्टेशन
भारतीय रेलवे अब एयरपोर्ट की तरह सिक्योरिटी चैक की व्यवस्था करने जा रहा है. नई सुरक्षा व्यवस्था के तरह एयरपोर्ट की ही तरह स्टेशनों पर भी ट्रेनों के तय प्रस्थान समय से कुछ समय पहले प्रवेश की अनुमति बंद दी जा सकती है. साथ ही यात्रियों को सुरक्षा जांच की प्रक्रिया पूरी करने के लिए 15 से 20 मिनट पहले पहुंचना होगा.
ऑस्ट्रेलिया में कुलदीप ने 64 साल पुराने रिकॉर्ड की बराबरी की, वॉर्न ने दी शाबाशी
टीम इंडिया के स्टार चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव ने सिडनी टेस्ट के चौथे दिन मेजबान कंगारू टीम के बल्लेबाजों के होश उड़ा दिए. ऑस्ट्रेलिया की धरती पर अपने पहले ही टेस्ट में कुलदीप ने पारी में 99 रन देकर पांच विकेट चटकाए, जिससे ऑस्ट्रेलिया की टीम पहली पारी में 300 रन पर ऑलआउट हो गई.
अफगानिस्तान में सोने की खदान धंसने से 30 लोगों की मौत, 15 घायल
अफगानिस्तान के बदख्शां प्रांत में रविवार को एक सोने की खदान धंस गई, जिसमें दबकर कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई, जबकि 15 लोग घायल हो गए. यह हादसा रविवार सुबह 11 बजे बदख्शां प्रांत के कोहिस्तान जिले में हुआ. यह जानकारी अधिकारियों ने दी. बदख्शां प्रांत के कोहिस्तान जिले के गवर्नर मोहम्मद रुस्तम राघी ने बताया कि जिले में हुई इस घटना में कई लोग घायल भी हुए हैं.
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गुड़गांव के पॉश इलाके सुशांत लोक फेस-1 में नाबालिग लड़की से बलात्कार का मामला सामने आया है। दरअसल इस बात का खुलासा तब हुआ, जब पुलिस ने सोसाइटी में छापा मारकर लड़की को छुड़ाया।
घरेलू नौकरानी की हैसियत से काम करने वाली इस लड़की ने पुलिस को बताया है कि जिस घर में वह काम करती है, वहां उसके साथ ड्राइवर ने पिछले साल बलात्कार किया था, लेकिन वह डर की वजह से किसी को यह बात बता नहीं पाई। पुलिस के मुताबिक पीड़ित लड़की पिछले आठ साल से नौकरानी के तौर पर काम कर रही थी। आरोपी ड्राइवर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, और उस लड़की की मालकिन के खिलाफ भी चाइल्ड लेबर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
घरेलू नौकरानी की हैसियत से काम करने वाली इस लड़की ने पुलिस को बताया है कि जिस घर में वह काम करती है, वहां उसके साथ ड्राइवर ने पिछले साल बलात्कार किया था, लेकिन वह डर की वजह से किसी को यह बात बता नहीं पाई। पुलिस के मुताबिक पीड़ित लड़की पिछले आठ साल से नौकरानी के तौर पर काम कर रही थी। आरोपी ड्राइवर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, और उस लड़की की मालकिन के खिलाफ भी चाइल्ड लेबर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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पंजाब नेशनल बैंक (PNB) महाघोटाले के आरोपी नीरव मोदी के साथ PM मोदी की तस्वीर पर घिरी केंद्र सरकार ने कांग्रेस पर करारा पलटवार किया है. केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि एक आधिकारिक कार्यक्रम में क्लिक की गई तस्वीर को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधना मूर्खतापूर्ण है.
केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने कहा, ''कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी तो पांच हजार करोड़ के नेशनल हेराल्ड केस में जमानत पर बाहर हैं और वो संसद में हम सबसे मिलते हैं. अगर इस दौरान कोई राहुल गांधी के साथ मेरी तस्वीर क्लिक कर लेता है, तो इसका मतलब यह कतई नहीं होता कि मैंने भी उनके साथ अपराध किया है.''
इस दौरान उन्होंने सरकारी घोटाले और बैंकिंग घोटाले के बीच अंतर भी बताया. उन्होंने कहा कि कॉमन वेल्थ गेम (CWG) घोटाला और 2G घोटाला सरकारी घोटाला था, जो मनमोहन की कलम से निकले थे.
राहुल ने नीरव मोदी के एग्जिबिशन का किया था दौरा, फिर लोन मंजूर
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि राहुल गांधी 13 सितंबर 2013 को नीरव मोदी के दिल्ली में आयोजित एक एग्जिबिशन का दौरा करते हैं और इसके अगले दिन 14 सितंबर 2013 और 27 सितंबर 2013 को इलाहाबाद बैंक की बैठक में मेहुल चोकसी की गीतांजलि जेम्स को 1550 करोड़ रुपये का कर्जे देने का विषय आता है, जिसका इलाहाबाद बैंक के तत्कालीन निदेशक दिनेश दुबे विरोध करते हैं. 14 सितंबर 2013 और 27 सितंबर 2013 को दो बार इलाहाबाद बैंक की मीटिंग में दिनेश दुबे के विरोध के वाबजूद गीतांजलि जेम्स को लोन मंजूर कर दिया जाता है.
इलाहाबाद के तत्कालीन डायरेक्टर पर इस्तीफे का बनाया दबाव
गीतांजलि जेम्स को लोन मंजूर करने को लेकर दिनेश दुबे पर दबाव बनाया जाता है, जिसका उन्होंने आज खुद जिक्र किया है. इसके बाद नवंबर 2013 में दिनेश दुबे ने RBI और फिर वित्त सचिव से मामले की शिकायत की. इस पर वित्त सचिव मामले की जांच करने की बजाय दुबे से ही इस्तीफा देने को कहते हैं. उन्होंने सवाल दागा कि गीतांजलि जेम्स को लोन मंजूर कराने को लेकर वित्त सचिव पर किसका दबाव था.
UPA सरकार के समय का है यह बैंक महाघोटाला
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस बिना वजह आरोप न लगाए, ये
महाघोटाला यूपीए सरकार के समय का
है. हमारी सरकार में तो यह महाघोटाला पकड़ा गया. उन्होंने कांग्रेस पर सवाल दागा कि आखिर साल 2011 से 2014 तक किसी को इस बैंकिंग महाघपले की भनक क्यों नहीं लगी? उन्होंने दलील दी कि यह बैंक का घोटाला है, सरकार का घोटाला नहीं है. मोदी सरकार की चौकसी की वजह से यह घोटाला खुलकर सामने आया है.
मोदी सरकार ने खुलासा होने के बाद फौरन की कार्रवाई
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जो गलत कर्जे दिए गए, वो UPA सरकार की देन हैं और हमको ये सब विरासत में मिला है. ये बैंक का घोटाला है, न कि सरकार का घोटाला है. लिहाजा इसके लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराना गलत है. उन्होंने कहा कि घोटाले का खुलासा होने के 24 घंटे के अंदर कार्रवाई की गई. इससे पहले भ्रष्टाचार मामले में इतनी जल्दी कार्रवाई आज तक कभी नहीं हुई. उन्होंने बार-बार दोहराया कि यह घोटाला बैंक के स्तर पर हुआ है और जब सरकार को इसकी जानकारी हुई, तो चुपचाप कार्रवाई की गई. बैंकिंग घोटाले में 36 कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
मनमोहन की कलम से निकले थे CWG और 2G घोटाले
इस दौरान केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर कांग्रेस पर बरसते नजर आए. उन्होंने कहा कि कॉमन वेल्थ गेम (CWG) घोटाला और 2G घोटाला तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की कलम से हुआ. कोयला घोटाला ये सरकारी घोटाले हैं. अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी के साथ पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर के मसले पर कांग्रेस पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी भी तो पांच हजार करोड़ के नेशनल हेराल्ड केस में जमानत पर बाहर हैं और वो संसद में हम सबसे मिलते हैं, तो क्या इसका मतलब यह है कि जमानत पर रिहा अभियुक्त से हमारा संबंध है?
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इंडिया टुडे माइंड रॉक्स 2019 के सेशन ब्रेकिंग द फ्रंटियर्स: वुमेन ऑन ए मिशन (Breaking the Frontiers: Women on a Mission) में सिमरन शेख के संघर्ष की दास्तां ने सभी को झकझोर कर रख दिया. सिमरन एक ऐसी पहचान जो लड़के की पहचान में पैदा हुआ, इसी पहचान से अपने भीतर के वजूद तक पहुंचने के सफर ने उन्हें एक पूरे समाज की आवाज बना दिया. आइए जानें, कौन हैं सिमरने शेख, कैसे विदेशों तक बनीं थर्ड जेंडर की आवाज.
सेशन मॉडरेटर विक्रांत गुप्ता के सवाल, सिमरन शेख कौन है? पर सिमरन ने कहा कि सिमरन एक व्यक्ति है जिनको आपने लाल बत्तियों पर देखा है, रात को छोटे कपड़े पहने हाईवे पर भी देखा होगा, सिमरन ऐसी भी व्यक्ति है जो इंडिया को देश के बाहर रिप्रजेंट करती है. सिमरन ऐसी भी व्यक्ति है जो जेंडर नॉर्म्स को न फॉलो करते हुए तय सीमाओं से परे भी जा सकती है.
उन्होंने आगे कहा कि मैं आज यहां इसलिए हूं क्योंकि यहां मैं थर्ड जेंडर (दिल्ली वाली भाषा में किन्नर समाज) को रिप्रजेंट करने आई हूं. मैं इस समाज से हूं, मैंने उनके लिए काम किया है, आज भी मैं उनके लिए काम कर रही हूं.
जब पिता ने कही ये बात, सिमरन ने छोड़ दिया घर
सिमरन बताती हैं कि मेरी यात्रा एक 'नॉर्मल' आम इंसान की तरह शुरू हुई. वो कहती हैं कि वैसे मेरी डिक्शनरी में नॉर्मल की वो परिभाषा है ही नहीं जो हमारे समाज ने बनाई है. वो बताती हैं कि मेरा जन्म एक पारसी लड़के के तौर पर पारसी कॉलोनी मुंबई में हुआ था. अचानक 14 साल की उम्र में जिंदगी ने मोड़ ले लिया. जब मैंने अपने पिता से कहा कि मैं लड़के की बॉडी से अपनी पहचान नहीं जोड़ पाता हूं.
उन्हें लगा कि मेरे बेटे को क्रिकेट, बास्केट बॉल वगैरह खेलना चाहिए ताकि इंट्रोवर्ट होकर ऐसा न सोचे. लेकिन मुझे क्रिकेट पसंद नहीं था. मुझे किताबें पढ़ना, किचन में काम करना मुझे पसंद था. मैंने उनसे कहा कि मुझे कंफर्टेबल नहीं है, तो उन्होंने कहा कि लड़का पैदा हुआ है तो लड़का ही होना पड़ेगा, इस पर मैंने कहा कि मुझे घर से चला जाना चाहिए. पिता ने कहा कि जाओ दरवाजा खुला है.
सिस्टम है खराब, 98 प्रतिशत बचपन में ट्रांसजेडर छोड़ देते हैं घर
कसूर किसका था, आज सही करना चाहे तो किसे सही करेंगे सिमरन या मां बाप? इस सवाल पर वो कहती हैं कि मैं सिस्टम को सही करूंगी. इसी सिस्टम में माता पिता आते हैं. मां बाप कोई सिस्टम से बाहर नहीं होते, वो भी सिस्टम के अंदर होते हैं. ये सिस्टम ही है कि 98 ट्रांसजेंडर बच्चे या तो घर से बाहर फेंक दिए जाते हैं या भाग जाते हैं. इसके पीछे मां बाप नहीं बल्कि सिस्टम का दोष होता है.
आज जहां हूं, बहुत खुश हूं
वो कहती हैं कि आज जहां हूं वहां जिंदगी का हर लम्हा जी रही हूं. स्ट्रगल का कोई इंडीकेटर नहीं होता. सबकी लाइफ में स्ट्रगल होता है, लेकिन वो मीजरेबल नहीं होता. जब स्ट्रगल से उठकर किसी की लाइफ इजी करते हो, वो योगदान होता है.
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मैसूर के शेर टीपू सुल्तान की ऐतिहासिक तलवार का कुछ पता नहीं चल रहा. यह तलवार कहां है यह सिर्फ विजय माल्या ही बता सकते हैं. विजय माल्या का परिवार इसे अपशकुन मानने लगा था, क्योंकि उनके हिसाब से जबसे यह तलवार आई है, उनके परिवार पर मुश्किलों का साया आ गया है.
गौरतलब है कि शराब कारोबारी और अब हजारों करोड़ का लोन लेकर फरार हो चुके विजय माल्या इस दुर्लभ तलवार को साल 2004 में लंदन से नीलामी में खरीद कर भारत लाए थे. उन्होंने इसके लिए 1.5 करोड़ रुपये चुकाए थे. इस तलवार की मौजूदा समय में कीमत करीब 1.8 करोड़ रुपये है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, भारतीय बैंकों ने लंदन के कोर्ट में यह अर्जी दी है कि माल्या को उसकी वैश्विक संपत्तियों को बेचने से रोका जाए. भारतीय बैंकों के वकील ने तर्क दिया कि जिस तरह से टीपू की तलवार का पता नहीं चल रहा, उसी तरह से माल्या अपनी अन्य संपत्तियों को भी गायब कर सकते हैं.
बेंगलुरु में माल्या के एक पूर्व सहयोगी ने दावा किया कि शराब कारोबारी ने इसे एक प्रतिष्ठित संग्रहालय को देने की कोशिश की थी, ताकि यह सुरक्षित रहे, लेकिन म्यूजियम ने इसे लेने से इंकार कर दिया था. अब यह साफ नहीं है कि तलवार कहां है.
टीपू सुल्तान के वंशज साहबजादा मंसूर अली टीपू ने कहा कि
उनका परिवार
माल्या से संपर्क करने की कोशिश कर रहा है ताकि इस तलवार को खरीद सके, लेकिन अभी तक संपर्क नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा, 'हमें यह पता चला है कि यह तलवार कहीं नहीं दिख रहा, न तो किसी म्यूजियम में और न ही माल्या के परिवार के पास.
माल्या ने अप्रैल 2016 में
सुप्रीम कोर्ट
में अपनी भारतीय संपत्ति के तहत इस तलवार को भी दिखाया था और इसकी तब कीमत 1.8 करोड़ रुपये बताई थी.
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दीपिका पादुकोण
इन दिनों मालदीव में छुट्टियां मना रही हैं. एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट की मानें तो
दीपिका
ने क्रिसमस भले ही अपने परिवार के साथ मनाया हो, लेकिन न्यू ईयर वह रणवीर सिंह के साथ ही मनाएंगी.
खबर के मुताबिक रणवीर और दीपिका ने डिसाइड किया है कि वे 27 दिसंबर से लेकर 5 जनवरी तक शूटिंग नहीं करेंगे. रणवीर जल्दी 'बाजीराव-मस्तानी' की शूटिंग से ब्रेक लेकर दीपिका को ज्वाइन करेंगे और फिर ये दोनों मालदीव से किसी और जगह पर जाकर न्यू ईयर मनाएंगे.
वैसे यह पहली बार नहीं है कि दीपिका और रणबीर अपने बिजी शेड्यूल से टाइम निकालकर साथ घूमने जाएंगे. इससे पहले दीपिका ने बार्सिलोना में 'दिल धड़कने दो' की शूटिंग पर पहुंचकर रणवीर को सरप्राइज दे दिया था.
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सुखद और खुशहाल जीवन के लिए सेक्स लाइफ से संतुष्टि बहुत मायने रखती है. अगर इसमें कमी आती है तो डॉक्टरों का मानना है कि इंसान अवसाद ग्रस्त हो जाता है और इसका सीधा असर उसके कामकाज और स्वास्थ्य पर पड़ता है. लेकिन हाल ही आई एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन के अधिकांश लोग अपनी सेक्स लाइफ से संतुष्ट नहीं हैं.
सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन में हर चार में से एक शख्स ने स्वीकार किया कि वह जीवन में एक समय अपनी सेक्स लाइफ से निराश हुए हैं, जबकि हर पांचवें ने ठगे जाने का अहसास होने की बात बताई. मजेदार बात यह है कि करीब तीन में से एक पुरुष ने और पांच में से एक महिला ने दावा किया कि उनके 10 से ज्यादा लोगों से यौन संबंध रहे हैं.
यह सर्वे रिपोर्ट ब्रिटेन के सबसे बड़े रिलेशन कंसल्टिंग फर्म 'रिलेट' ने जारी किया है. रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि जब हम अपने सेक्स लाइफ पर ध्यान देते हैं तो ऐसा लगता है कि हम बंटे हुए हैं. सर्वे में जिन लोगों को शामिल किया गया है उनमें करीब 50 फीसदी ने स्पष्ट किया कि अपनी सेक्स लाइफ से वह संतुष्ट हैं. लेकिन पर्याप्त अल्पसंख्यक ने उम्मीद पूरी नहीं होने का अनुभव जाहिर किया.'
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संसद के
बजट सत्र
में बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के खिलाफ पूरे विपक्ष को लामबंद करने के लिए कांग्रेस पुरजोर कोशिश कर रही है. वहीं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ममता बनर्जी ने विपक्ष की ओर से ऐसी कोशिशों को ‘रूटीन कवायद’ बताते हुए ज़्यादा गर्मजोशी नहीं दिखाई है. बता दें कि गुरुवार को बजट वाले दिन विपक्षी दलों की बैठक के लिए सोनिया गांधी ने आह्वान किया है.
राज्य विधानसभा में पत्रकारों से बात करते हुए ममता बनर्जी ने
विपक्षी दलों
की संभावित बैठक को लेकर कहा, ‘मुझे इसकी जानकारी नहीं है. हमारी पार्टी की संसदीय समिति इसे देखेगी. मैं वहां नहीं जा रही क्योंकि मेरे पहले से ही कई कार्यक्रम तय है. हर दिन वो एक साथ बैठते हैं, इसे ज्यादा गंभीरता से ना लिया जाए, ये रूटीन मामला है.’
टीएमसी सूत्रों के मुताबिक सांसद डेरेक ओ ब्रायन और सुदीप बंदोपाद्याय पार्टी की नुमाइंदगी करेंगे. पार्टी का ये रुख ऐसी अटकलों के बीच आया है कि राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद से टीएमसी अपनी तरफ से कांग्रेस से दूरी बनाने की कोशिश कर रही है. टीएमसी वक्त-वक्त पर ये जताती रही है कि कैसे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री 2019 लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के लिए विपक्ष की कमान संभालने को सबसे बेहतर स्थिति में हैं.
ममता बनर्जी ने बुधवार को टीएमसी की कोर कमेटी की बैठक में चुनाव फंडिंग को लेकर बीजेपी के साथ एक ही सांस में कांग्रेस की भी आलोचना की. ममता ने कहा, ‘बीजेपी डिजिटल (सोशल मीडिया) पर करोड़ों खर्च कर रही है. यही काम कांग्रेस भी कर रही है. याद रखिए कि दोनों पार्टियों के पास खूब पैसा है. इस मामले में बीजेपी पहले नंबर पर है और कांग्रेस दूसरे पर. कुछ दल बेशक सत्ता में नहीं हैं लेकिन उन्होंने इस्तेमाल के लिए बहुत सा फंड जुटा रखा है. ऐसा हमारी जैसी पार्टियों के साथ नहीं है.’
कोलकाता में पिछले महीने आयोजित इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए को चुनौती देने के लिए विपक्ष में ‘सामूहिक नेतृत्व’ की आवश्यकता पर जोर दिया था. ममता बनर्जी का ‘फेडेरल फ्रंट’ बनाने का सपना बेशक अधूरा है लेकिन वो साफ तौर पर विपक्ष का नेतृत्व करने का मौका कांग्रेस के हाथ में नहीं जाने देना चाहतीं.
जब ममता बनर्जी से विपक्ष का महागठबंधन बनने की संभावना पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘हम संसद में मिलकर काम कर रहे हैं. मैं पटना में लालू प्रसाद जी से मिली, मेरे उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव और मायावती के साथ अच्छे रिश्ते हैं. तमिलनाडु में स्टालिन और ओडिशा में नवीन पटनायक से भी हम संपर्क में हैं. महाराष्ट्र में उद्धव भी मुझसे मिलने आए. और भी कई लोगों के साथ अच्छे संबंध हैं. यहां तक कि बीजेपी में भी कुछ लोगों के साथ मेरे अच्छे रिश्ते हैं लेकिन सभी के साथ नहीं.’
राहुल गांधी की कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए हाल में हुई प्रोन्नति पर ममता बनर्जी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. उन्होंने बस इतना कहा कि राहुल युवा हैं और उन्हें अनुभव की आवश्यकता है.
ये तय है कि 2019 चुनाव से पहले विपक्षी मोर्चा खड़ा करने के मुद्दे पर टीएमसी बहुत फूंक फूंक कर कदम रख रही है. टीएमसी बीजेपी के बागी नेता यशवंत सिन्हा के ‘राष्ट्रीय मंच’ की बैठक में तो मौजूद रही लेकिन एनसीपी नेता शरद पवार की बुलाई बैठक से उसने दूर रहना ही बेहतर समझा.
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टीम इंडिया के हेड कोच रवि शास्त्री का मानना है कि अपने प्रभावशाली प्रदर्शन से भारतीय कप्तान विराट कोहली वर्तमान समय में ‘दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज’ बन गए हैं.
कोहली के अलावा जो रूट, केन विलियमसन और स्टीव स्मिथ को मौजूदा दौर का दुनिया के चोटी के चार बल्लेबाजों में आंका जाता है, लेकिन शास्त्री का मानना है कि भारतीय कप्तान का कोई सानी नहीं है.
विराट जैसा कोई नहीं
शास्त्री ने कहा, ‘यह केवल औसत से जुड़ा मसला नहीं है. यह आप जिस तरह से रन बनाते हो और इनसे टीम पर पड़ने वाले प्रभाव से जुड़ा है. मैं यही कहूंगा कि अभी वह दुनिया का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज है.'
पीटीआई के मुताबिक शास्त्री ने कहा, ‘आप जज्बे की बात करते हो. जज्बा कहां से आता है. जब आपके पास इस तरह का नेतृत्वकर्ता हो जो कि खुद आगे बढ़कर नेतृत्व करता हो तो अन्य खिलाड़ी अच्छी तरह से उसका अनुसरण करते हैं.'
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भारत ने की शानदार वापसी
शास्त्री ने कहा, ‘टेस्ट सीरीज में दो मैच गंवाने के बाद उन्होंने जज्बा दिखाया और जोहानिसबर्ग में मुश्किल परिस्थितियों में टेस्ट मैच जीता. इसके बाद वनडे में भी लय बरकरार रखी. उन्होंने पिछले दो सप्ताह में जो निरंतरता दिखाई वह लाजवाब है.'
शास्त्री ने कहा, ‘सारा श्रेय कप्तान को जाता है क्योंकि उन्होंने आगे बढ़कर नेतृत्व किया. पहले अपनी बल्लेबाजी से और फिर अपने जज्बे से जिससे टीम के अन्य सदस्य भी प्रेरित हुए.'
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कुलदीप और चहल ने सुलझाई पहेली
शास्त्री ने कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की भी तारीफ की जिन्होंने इस छह मैचों की वनडे सीरीज में कुल 33 विकेट आपस में बांटे हैं.
शास्त्री ने कहा, ‘यहां तक कि मेरे पिछले कार्यकाल (टीम निदेशक) के दौरान भी मैं और विराट हमेशा बीच के ओवरों में विकेट हासिल करने को लेकर चर्चा करते थे. हम इसके लिए सही तरह के गेंदबाजों को चाहते थे और सौभाग्य से कुलदीप और चहल ने एक दूसरे का अच्छा साथ दिया.'
बुमराह वर्ल्ड क्लास गेंदबाज
शास्त्री ने जसप्रीत बुमराह की भी तारीफ की और उन्हें सभी फॉर्मेट्स के लिए वर्ल्ड क्लास गेंदबाज करार दिया. शास्त्री ने कहा, ‘बुमराह सभी फॉर्मेट्स में वर्ल्ड क्लास गेंदबाज है और उसने बहुत जल्दी परिपक्वता हासिल की. आप कल्पना नहीं कर सकते कि उसने केपटाउन में अपना पहला टेस्ट मैच खेला था.'
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2011 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट सत्र अप्रैल 2011 से सितंबर 2011 तक था। सीज़न ने इंग्लैंड को आईसीसी टेस्ट चैम्पियनशिप नंबर एक रैंकिंग में देखा जब इंग्लैंड ने घरेलू टेस्ट सीरीज़ 4-0 से भारत को हराया। ऑस्ट्रेलिया आईसीसी वनडे चैम्पियनशिप रैंकिंग में शीर्ष पर रहा, जो सितंबर 2009 से हुई थी। पिछले सीजन में आईसीसी विश्वकप जीतने के बावजूद भारत ने इंग्लैंड में पांच मैचों की वनडे श्रृंखला में 0-3 से हारने के बाद सितंबर 2011 में नंबर दो से पांच अंक की गिरावट दर्ज की थी।
सीजन अवलोकन
प्री-सीजन रैंकिंग
अप्रैल
आईसीसी विश्व क्रिकेट लीग डिवीजन दो
ग्रुप चरण
टीम 2011-13 आईसीसी इंटरकांटिनेंटल कप और 2011-13 आईसीसी विश्व क्रिकेट लीग चैम्पियनशिप के लिए अर्हता प्राप्त करती है।
टीम आईसीसी क्रिकेट विश्व कप क्वालीफायर 2014 के लिए अर्हता प्राप्त करती है।
टीम 2013 डिवीजन तीन में रवाना हुई।
प्लेऑफ्स
बांग्लादेश में ऑस्ट्रेलिया
वेस्टइंडीज में पाकिस्तान
मई
आईसीसी विश्व क्रिकेट लीग डिवीजन सात
ग्रुप चरण
टीम 2011 डिवीजन छह के लिए अर्हता प्राप्त।
टीम 2013 डिवीजन सात में बनी हुई है।
टीम 2012 डिवीजन आठ में रवाना हुई।
प्लेऑफ्स
इंग्लैंड में श्रीलंका
आयरलैंड में पाकिस्तान
जून
वेस्टइंडीज में भारत
स्कॉटलैंड में नीदरलैंड
जुलाई
आयरलैंड में नामीबिया
स्कॉटलैंड में त्रि-राष्ट्र श्रृंखला
इंग्लैंड में भारत
केन्या में संयुक्त अरब अमीरात
अगस्त
कनाडा में अफगानिस्तान
ज़िम्बाब्वे में बांग्लादेश
श्रीलंका में ऑस्ट्रेलिया
क्रिकेट कनाडा ग्रीष्मकालीन महोत्सव
आयरलैंड में इंग्लैंड
सितम्बर
जिम्बाब्वे में पाकिस्तान
नीदरलैंड में केन्या
आयरलैंड में कनाडा
विश्व क्रिकेट लीग डिवीजन छह
टीम 2012 डिवीजन पांच और फाइनल के लिए अर्हता प्राप्त करती है।
टीम 2013 डिवीजन छह और तीसरे स्थान के प्लेऑफ के लिए अर्हता प्राप्त करती है।
टीम 2013 डिवीजन सात और पांचवां स्थान प्लेऑफ के लिए अर्हता प्राप्त करती है।
इंग्लैंड में वेस्टइंडीज
नामीबिया में स्कॉटलैंड
संदर्भ
क्रिकेट
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केन्द्र की विमानन कंपनियों को सीधे जेट ईंधन आयात करने की अनुमति देने से राज्यों को सालाना 2,500 करोड़ रुपए के कर राजस्व का नुकसान होगा।
वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) पर राज्यों के वित्त मंत्रियों की समिति के अध्यक्ष और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा ‘विमानन कंपनियों द्वारा जेट ईंधन के सीधे आयात से राज्यों को 2,500 करोड़ रुपए के कर राजस्व का नुकसान होगा। हालांकि, इस मामले में केंद्र ने अपने राजस्व को सुरक्षित रखा है लेकिन राज्यों को इस पहल से नुकसान होगा।’
पिछले महीने केंद्र ने ऋण संकट में फंसी विमानन कंपनियों को सीधे जेट ईंधन का आयात करने की मंजूरी दी थी जिससे वह राज्यों को बिक्री कर देने से बच जाएंगे। राज्य सरकारें आम तौर पर जेट ईंधन पर चार से 40 फीसद तक कर वसूलती हैं।टिप्पणियां
वर्तमान में सभी विमानन कंपनियां इंडियन आयल जैसी घरेलू तेल शोधक कंपनियों से ही जेट इर्ंधन खरीदती हैं, इस समय ज्यादातर एयलाइंस कंपनियां घाटे में चल रही हैं। हालांकि, जेट ईंधन की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुरूप तय होती है लेकिन राज्यों के बिक्री कर के कारण विमानन कंपनियों के लिए वास्तविक लागत बढ़ जाती है।
भारत में स्थानीय कर के कारण जेट ईंधन की कीमत वैश्विक औसत से 50 फीसद अधिक होती है। कुछ आकलनों में कहा गया है कि सीधे आयात से ईंधन कीमत 20 फीसद तक कम होगी।
वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) पर राज्यों के वित्त मंत्रियों की समिति के अध्यक्ष और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा ‘विमानन कंपनियों द्वारा जेट ईंधन के सीधे आयात से राज्यों को 2,500 करोड़ रुपए के कर राजस्व का नुकसान होगा। हालांकि, इस मामले में केंद्र ने अपने राजस्व को सुरक्षित रखा है लेकिन राज्यों को इस पहल से नुकसान होगा।’
पिछले महीने केंद्र ने ऋण संकट में फंसी विमानन कंपनियों को सीधे जेट ईंधन का आयात करने की मंजूरी दी थी जिससे वह राज्यों को बिक्री कर देने से बच जाएंगे। राज्य सरकारें आम तौर पर जेट ईंधन पर चार से 40 फीसद तक कर वसूलती हैं।टिप्पणियां
वर्तमान में सभी विमानन कंपनियां इंडियन आयल जैसी घरेलू तेल शोधक कंपनियों से ही जेट इर्ंधन खरीदती हैं, इस समय ज्यादातर एयलाइंस कंपनियां घाटे में चल रही हैं। हालांकि, जेट ईंधन की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुरूप तय होती है लेकिन राज्यों के बिक्री कर के कारण विमानन कंपनियों के लिए वास्तविक लागत बढ़ जाती है।
भारत में स्थानीय कर के कारण जेट ईंधन की कीमत वैश्विक औसत से 50 फीसद अधिक होती है। कुछ आकलनों में कहा गया है कि सीधे आयात से ईंधन कीमत 20 फीसद तक कम होगी।
पिछले महीने केंद्र ने ऋण संकट में फंसी विमानन कंपनियों को सीधे जेट ईंधन का आयात करने की मंजूरी दी थी जिससे वह राज्यों को बिक्री कर देने से बच जाएंगे। राज्य सरकारें आम तौर पर जेट ईंधन पर चार से 40 फीसद तक कर वसूलती हैं।टिप्पणियां
वर्तमान में सभी विमानन कंपनियां इंडियन आयल जैसी घरेलू तेल शोधक कंपनियों से ही जेट इर्ंधन खरीदती हैं, इस समय ज्यादातर एयलाइंस कंपनियां घाटे में चल रही हैं। हालांकि, जेट ईंधन की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुरूप तय होती है लेकिन राज्यों के बिक्री कर के कारण विमानन कंपनियों के लिए वास्तविक लागत बढ़ जाती है।
भारत में स्थानीय कर के कारण जेट ईंधन की कीमत वैश्विक औसत से 50 फीसद अधिक होती है। कुछ आकलनों में कहा गया है कि सीधे आयात से ईंधन कीमत 20 फीसद तक कम होगी।
वर्तमान में सभी विमानन कंपनियां इंडियन आयल जैसी घरेलू तेल शोधक कंपनियों से ही जेट इर्ंधन खरीदती हैं, इस समय ज्यादातर एयलाइंस कंपनियां घाटे में चल रही हैं। हालांकि, जेट ईंधन की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुरूप तय होती है लेकिन राज्यों के बिक्री कर के कारण विमानन कंपनियों के लिए वास्तविक लागत बढ़ जाती है।
भारत में स्थानीय कर के कारण जेट ईंधन की कीमत वैश्विक औसत से 50 फीसद अधिक होती है। कुछ आकलनों में कहा गया है कि सीधे आयात से ईंधन कीमत 20 फीसद तक कम होगी।
भारत में स्थानीय कर के कारण जेट ईंधन की कीमत वैश्विक औसत से 50 फीसद अधिक होती है। कुछ आकलनों में कहा गया है कि सीधे आयात से ईंधन कीमत 20 फीसद तक कम होगी।
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कन्नड़ फिल्मों के अभिनेता
दुनिया विजय
पर उनकी ही बेटी ने गंभीर आरोप लगाए हैं. विजय की 18 साल की बेटी मोनिका ने मारपीट और धमकाने के आरोप लगाए हैं. मोनिका विजय की पहली पत्नी से हैं. उन्होंने अपनी सौतेली मां कीर्ति, ड्राइवर मोहम्मद, हेमंत और विनोद पर भी गाली-गलौज करने और पीटने के आरोप लगाए.
मोनिका का कहना है कि ये सभी आरोपी घर में उनके साथ मारपीट करते हैं. उनका सिर दीवार से दे मारा. साथ ही उन्हें धमकी भी दी गई. रिपोर्ट्स के मुताबिक मोनिका और उनकी मां नागार्तना, विजय के घर अपने कपड़े, कार की चाबी और कुछ डॉक्यूमेंट्स लेने गए थे. इस दौरान सोमवार को विजय ने उनके साथ मारपीट की.
इस सबके बाद मोनिका ने विजय और अन्य के खिलाफ गिरीनगर पोलिस में शिकायत दर्ज कराई है. इस पर कार्रवाई करते हुए पांचों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. बताया जाता है कि विजय के मोनिका व उनकी मां से संबंध अच्छे नहीं हैं.
बता दें कि सितंबर में विजय एक जिम ट्रेनर के साथ मारपीट के मामले में गिरफ्तार हुए थे. विजय कई कन्नड़ फिल्मों में नजर आए हैं. उन्होंने अपना करियर जूनियर फिल्म कलाकार के रूप में शुरू किया था.
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अगर आज हिंदुस्तान जमीन से छलांग मार आसमान तक जा पहुंचा है, तो इसका श्रेय मशहूर अंतरिक्ष वैज्ञानिक सतीश धवन को भी जाता है. देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने वाले सतीश धवन का जन्म आज ही के दिन 1920 में हुआ था. वे एक महान वैज्ञानिक होने के साथ-साथ एक बेहतरीन इंसान और कुशल शिक्षक भी थे.
एयरोस्पेस इंजीनियर प्रोफेसर सतीश धवन का जन्म साल 1920 में 25 सितंबर को श्रीनगर में हुआ था.
सतीश धवन को
'Father Of Experimental Fluid Dynamics '
के तौर पर जाना जाता है.
...जब इंदिरा गांधी ने नाश्ते में मांगी जलेबी, मठरी
-1972 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष के रूप में, धवन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों को नई ऊंचाइयों पर ले गए थे.
-श्रीहरिकोटा में सैटेलाइट लॉन्च सेंटर का नाम उनके ही नाम '
सतीश धवन स्पेस सेंटर'
पर है.
-विक्रम साराभाई के बाद साल 1972 में उन्होंने इसरो चेयरमैन का पद संभाला.
जानिए क्यों श्रीहरिकोटा से ही सैटेलाइट लॉन्च करता है #ISRO
-उन्होंने लाहौर की पंजाब यूनिवर्सिटी से गणित और फीजिक्स में ग्रेजुएशन किया. इसके बाद उन्होंने इंग्लिश लिट्रेचर में पोस्ट ग्रेजुएशन की.
-इसके बाद सतीश धवन अमेरिका गए जहां पर उन्होंने
University of Minnesota
से aerospace engineering में एमएस किया.
-भारत की पहली सुपरसॉनिक विंड टनल IISc बंगलुरू में लगाने का श्रेय उन्हें ही जाता है.
वैज्ञानिकों ने बढ़ाया भारत का मान, कामयाब हुआ मंगल मिशन
-उन्होंने सफलतापूर्वक INSAT, IRS और PSLV के रिमोट सेंसिंग और उपग्रह संचार कार्यक्रम का काम भी संभाला.
-उन्हें पद्म विभूषण और इंदिरा गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.
-3 जनवरी 2002 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया.
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नीरव मोदी (27February1971) एक भारतीय व्यापारी है, जो २०१० में स्थापित 'नीरव मोदी ग्लोबल डायमंड जेवेलरी हाउस' का संस्थापक है। उसकी इस कंपनी का मुख्यालय मुंबई में है। नीरव मोदी 'क्रिस्टी' और 'सोथेबीस कैटलॉग' पत्रिकाओं के कवर पर प्रदर्शित होने वाला पहला भारतीय जोहरी हैं। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में $१.८ बिलियन के एक धोखाधड़ी मामले में फिलहाल उस पर जांच चल रही है।नीरव मोदी को भारत सरकार ने 11000 करोड रु फ़्रॉड केस में भगोड़ा घोषित किया है।सीबीआई ने अहमदनगर की फैक्ट्री जप्त करली है
प्रारम्भिक जीवन
नीरव मोदी का जन्म जामनगर, गुजरात में हुआ था, परन्तु उसकी परवरिश एंटवर्प, बेल्जियम में हुई। उसका परिवार कई पीढ़ियों से हीरों के कारोबार में रहा है। उसके दादा चेन्नई और सिंगापुर में रहते थे, और जब वह १९ वर्ष का हुआ, तो वह अपने पिता के साथ अपने चाचा के व्यवसाय में काम करने के लिए मुंबई आ गया। मुंबई आकर उसने व्हार्टन स्कूल में पढाई की, और फिर उच्च शिक्षा के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ़ पेंसिल्वेनिया में दाखिला लिया।
कार्यक्षेत्र
कला और डिजाइन में उसकी दिलचस्पी युवावस्था में यूरोप के विभिन्न संग्रहालयों का दौरा करने पर शुरू हुई। १९८९ में भारत जाने के बाद, और हीरा व्यापार के सभी पहलुओं में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद, १९९९ में उसने फायरस्टोन (अब 'फायरस्टार') कंपनी की स्थापना की, जो एक हीरा सोर्सिंग और ट्रेडिंग कंपनी है। फायरस्टार भारत में रियो टिंटो के अर्गेले गुलाबी हीरे का अनन्य वितरक है। २००२ में उसकी कंपनी ने अनुबंध के आधार पर गहनों का उत्पादन करना शुरू किया। संयुक्त राज्य अमेरिका में उसने २००५ में फ्रेडरिक गोल्डमैन, और २००७ में सैंडबर्ग और सिकोरस्की और ए. जेफ कंपनियों का अधिग्रहण किया।
२०१० में एक १२-कैरेट के पेअर-आकार के पुराने हीरे के साथ "गोलकुंडा लोटस नेकलेस" को डिजाइन करने के बाद, वह अच्छी तरह से प्रसिद्ध हो गया। यह हीरा पहली बार १९६० के दशक में बेचा गया था, और इस पर फिर पोलिश किया गया था। मोदी के डिज़ाइन किया इस नेकलेस में सफेद और गुलाबी हीरों की लैटी दिखाई गई थी। यह हीरा हांगकांग में क्रिस्टी की सूची के कवर पर शामिल था, और २०१० में ही इसे ३.६ मिलियन यूएस डॉलर की कीमत पर नीलाम किया गया। उसने कई नए डायमंड कटों का अविष्कार किया, जिनमें मोघुल कट, एंडलेस कट, और ऐनरा कट प्रमुख हैं।
२०१० में उसने नई दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में डिजाइनर हीरों की स्टोर शुरू की, और उसके बाद मुंबई के काला घोड़ा में भी उसकी शाखा खोली। इसके बाद दुनिया भर की प्रमुख जगहों में उसने १७ स्टोर और खोले। उसकी तुलना कभी-कभी लॉरेंस ग्रेफ से भी की जाती है, जिन्होंने हाई-एन्ड हीरे बाजार में इसी तरह ही अपना ब्रांड नाम बनाया था।
विवाद
फरवरी २०१८ में, भारत सरकार के केंद्रीय जांच ब्यूरो ने मोदी की जांच शुरू की। सीबीआई ने यह जांच पंजाब नेशनल बैंक की शिकायत पर शुरू की, जिसने आरोप लगाया कि मोदी और उसके सहयोगियों ने बैंक के अधिकारियों के साथ षडयंत्रण कर विदेशी आपूर्तिकर्ताओं के लिए फ़र्ज़ी भुगतान पत्र बनवाये, और २८० करोड़ रूपए (लगभग ४० मिलियन अमरीकी डालर) की धोखाधड़ी की। यद्यपि अब तक केवल २८० करोड़ रूपए की धोखाधड़ी के ही प्रत्यक्ष प्रमाण उपलब्ध हैं, परन्तु पंजाब नेशनल बैंक के नुकसान की संभावित राशि ११,००० करोड़ रुपए तक भी हो सकती है। पंजाब नेशनल बैंक के आग्रह पर अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी धोखाधड़ी के इस मामले में नजर रख रहा है।
उपलब्धियां
२०१० में नीरव मोदी 'क्रिस्टी' और 'सोथेबीस कैटलॉग' पत्रिकाओं के कवर पर प्रदर्शित होने वाला पहला भारतीय जोहरी बना।
गोलकुंडा लोटस नेकलेस, जिसमें दुर्लभ १२.२९ कैरेट का गोलकॉन्ड हीरा, गुलाबी हीरे और ऐन्रा ब्रांड कट हीरे हैं, नवंबर २०१० में क्रिस्टी की हांगकांग की नीलामी में बेचा गया था।
रिविएर ऑफ़ परफेक्शन, जिसमें कुल ८८.८८ कैरेट के वजन वाले ३६ सफेद हीरे लगे थे, सोथेबीस की हांगकांग नीलामी में २०१२ में बेचा गया था।
२०१३ में, नीरव मोदी को पहली बार भारतीय अरबपतियों की फोर्बस सूची में शामिल किया गया था, और तब से सूची में वह शामिल रहा है। २०१७ की फोर्ब्स की दुनिया की अरबपतियों की सूची में उसे १,२३४वां, जबकि भारतीयों में ८५वां स्थान दिया गया है। फोर्ब्स के मुताबिक उसके कुल मूल्य का अनुमान १.७३ अरब डॉलर है।
इन्हें भी देखें
पंजाब नैशनल बैंक घोटाला
मेहुल चोकसी
मोइन कुरैशी
""""
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
पीएनबी घोटाला
गुजरात के लोग
जीवित लोग
भारतीय करोड़पती
भारतीय व्यवसायी
1971 में जन्मे लोग
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काजोल ने अपनी बेटी नायसा के कहने पर ही इंस्टाग्राम सोशल मीडिया पर अपना एकाउंट बनाया था, जहां बी-टाउन के हर एक्टर और एक्ट्रेस का एकाउंट मौजूद है.
पर इंस्टाग्राम पर भी काजोल कई बार 'सैसी मॉम' के अंदाज में नजर आ जाती हैं, जो नायसा को बिल्कुल पसंद नहीं आता.
काजोल से अब मेरा कोई रिश्ता नहीं : करण जौहर
काजोल ने हाल ही में एक फोटो पोस्ट किया था, जिसमें वो बेहद हैरान नजर आ रही हैं. फोटो के नीचे काजोल ने कैप्शन में लिखा है 'जब मैं अपने बच्चों को साथ देखती हूं@nysaadevgan'
when I see my babies together @nysaadevgan
A photo posted by Kajol Devgan (@kajol) on
Jan 30, 2017 at 8:27am PST
इस पर शर्मिंदा नायसा ने कमेंट किया कि 'मॉम, आप इतना extra क्यों बनते हो?'
बता दें कि काजोल साउथ की एक फिल्म में एक्टर धनुष के साथ नजर आने वाली हैं.
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The new ICC Cricket World Cup design. pic.twitter.com/kzIkR8c1Rl
ऋषि कपूर (Rishi Kapoor) ने ट्वीट किया: आईसीसी वर्ल्ड कप (ICC World Cup) की ट्रॉफी का नया डिजाइन. हाल ही में भारत और न्यूजीलैंड (Ind vs NZ) के बीच होने वाला मैच भी बारिश के कारण धुल गया. इससे फैंस काफी निराश हुए. भारतीय फैंस को उम्मीद है थी कि टीम इंडिया न्यूजीलैंड को हराकर दो अंक हासिल करेगी. लेकिन बारिश ने मैच का मजा किरकिरा कर दिया. शायद इसी वजह से ऋषि कपूर ने अपने ट्वीट में तंज कसा है.
Sunday looking a bit like this. Haha#PAKvIND#CWC19pic.twitter.com/rTO70ru6UY
ऋषि कपूर (Rishi Kapoor) के अलावा पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाद शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) ने भी बारिश को लेकर अपनी प्रतिकिया दी है. शोएब अख्तर पर बारिश का डर किस कदर हावी है, इसका अंदाजा उनके एक ट्वीट से लगाया जा सकता है, जिसके साथ उन्होंने एक रोचक फोटो शेयर किया है. अख्तर ने भारत और पाकिस्तान के बीच 16 जून को होने वाले मुकाबले से पहले जो फोटो ट्वीट किया है, उसमें भारतीय कप्तान विराट कोहली और उनके पाकिस्तानी समकक्ष सरफराज अहमद टॉस के बाद तैरते हुए पवेलियन लौट रहे हैं और बाकी के एक्सपर्ट्स नाव में सवार हैं.
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यह एक लेख है: अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लिए उम्मीदवार राजा कृष्णमूर्ति ने कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप के व्यवहार को लेकर भारतीय-अमेरिकी 'बहुत चिंतित' हैं, जिन्होंने आव्रजकों और महिलाओं के प्रति अपमानजनक बातें कहकर राजनीतिक चर्चा में 'जहर घोल' दिया है.
42 साल के कृष्णमूर्ति आठवें कांग्रेशनल डिस्ट्रिक्ट इलिनोइस से चुनाव लड़ रहे हैं, जिसके दायरे में पश्चिमी और उत्तर पश्चिमी शिकागो के उपनगरीय क्षेत्र आते हैं. उन्होंने मार्च में इलिनोइ में डेमोकेट्रिक पार्टी के कांग्रेशनल प्राइमरी में जीत दर्ज की थी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी उनका समर्थन किया है. ओबामा ने इस हफ्ते एक दुर्लभ वीडियो संदेश में कृष्णमूर्ति को अपना 'अच्छा मित्र' करार दिया और अमेरिकियों से उनके लिए मतदान करने की अपील की.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि जब उन्होंने अमेरिकी सीनेट का चुनाव लड़ा था, तो कृष्णमूर्ति ने हर किसी के लिए काम करने वाली अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए विकास संबंधी विचार प्रदान करने में उनकी मदद की थी. अब राजा की योजनाएं छोटे व्यवसायों के तरक्की करने, पारिश्रमिक में वृद्धि करने आदि में मदद करेंगी. वहीं कृष्णमूर्ति ने कहा कि वह राष्ट्रपति, अन्य इकाइयों तथा यूनियनों का समर्थन पाकर 'गौरवान्वित' महसूस करते हैं.
उनके निर्वाचन क्षेत्र में भारतीय-अमेरिकी समुदाय की आबादी अच्छी-खासी है. कृष्णमूर्ति ने समुदाय के साथ अपनी चर्चा में कहा, 'वह डोनाल्ड ट्रंप जैसे लोगों के व्यवहार को लेकर काफी चिंतित हैं, जिन्होंने आव्रजकों, निशक्तजनों, महिलाओं, अन्य अल्पसंख्यकों तथा भूतपूर्व सैनिकों के प्रति अपमानजनक बातें कहकर राजनीतिक वार्ता को जहर घोल दिया है.'टिप्पणियां
कृष्णमूर्ति ने कहा, 'लोग देश के सामने खड़ी चुनौतियों के चलते अब पहले से कहीं अधिक एकता की जरूरत महसूस करते हैं. भारतीय-अमेरिकी कहीं अधिक कार्रवाई और कहीं अधिक एकता की आवश्यकता महसूस करते हैं.'(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
42 साल के कृष्णमूर्ति आठवें कांग्रेशनल डिस्ट्रिक्ट इलिनोइस से चुनाव लड़ रहे हैं, जिसके दायरे में पश्चिमी और उत्तर पश्चिमी शिकागो के उपनगरीय क्षेत्र आते हैं. उन्होंने मार्च में इलिनोइ में डेमोकेट्रिक पार्टी के कांग्रेशनल प्राइमरी में जीत दर्ज की थी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी उनका समर्थन किया है. ओबामा ने इस हफ्ते एक दुर्लभ वीडियो संदेश में कृष्णमूर्ति को अपना 'अच्छा मित्र' करार दिया और अमेरिकियों से उनके लिए मतदान करने की अपील की.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि जब उन्होंने अमेरिकी सीनेट का चुनाव लड़ा था, तो कृष्णमूर्ति ने हर किसी के लिए काम करने वाली अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए विकास संबंधी विचार प्रदान करने में उनकी मदद की थी. अब राजा की योजनाएं छोटे व्यवसायों के तरक्की करने, पारिश्रमिक में वृद्धि करने आदि में मदद करेंगी. वहीं कृष्णमूर्ति ने कहा कि वह राष्ट्रपति, अन्य इकाइयों तथा यूनियनों का समर्थन पाकर 'गौरवान्वित' महसूस करते हैं.
उनके निर्वाचन क्षेत्र में भारतीय-अमेरिकी समुदाय की आबादी अच्छी-खासी है. कृष्णमूर्ति ने समुदाय के साथ अपनी चर्चा में कहा, 'वह डोनाल्ड ट्रंप जैसे लोगों के व्यवहार को लेकर काफी चिंतित हैं, जिन्होंने आव्रजकों, निशक्तजनों, महिलाओं, अन्य अल्पसंख्यकों तथा भूतपूर्व सैनिकों के प्रति अपमानजनक बातें कहकर राजनीतिक वार्ता को जहर घोल दिया है.'टिप्पणियां
कृष्णमूर्ति ने कहा, 'लोग देश के सामने खड़ी चुनौतियों के चलते अब पहले से कहीं अधिक एकता की जरूरत महसूस करते हैं. भारतीय-अमेरिकी कहीं अधिक कार्रवाई और कहीं अधिक एकता की आवश्यकता महसूस करते हैं.'(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि जब उन्होंने अमेरिकी सीनेट का चुनाव लड़ा था, तो कृष्णमूर्ति ने हर किसी के लिए काम करने वाली अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए विकास संबंधी विचार प्रदान करने में उनकी मदद की थी. अब राजा की योजनाएं छोटे व्यवसायों के तरक्की करने, पारिश्रमिक में वृद्धि करने आदि में मदद करेंगी. वहीं कृष्णमूर्ति ने कहा कि वह राष्ट्रपति, अन्य इकाइयों तथा यूनियनों का समर्थन पाकर 'गौरवान्वित' महसूस करते हैं.
उनके निर्वाचन क्षेत्र में भारतीय-अमेरिकी समुदाय की आबादी अच्छी-खासी है. कृष्णमूर्ति ने समुदाय के साथ अपनी चर्चा में कहा, 'वह डोनाल्ड ट्रंप जैसे लोगों के व्यवहार को लेकर काफी चिंतित हैं, जिन्होंने आव्रजकों, निशक्तजनों, महिलाओं, अन्य अल्पसंख्यकों तथा भूतपूर्व सैनिकों के प्रति अपमानजनक बातें कहकर राजनीतिक वार्ता को जहर घोल दिया है.'टिप्पणियां
कृष्णमूर्ति ने कहा, 'लोग देश के सामने खड़ी चुनौतियों के चलते अब पहले से कहीं अधिक एकता की जरूरत महसूस करते हैं. भारतीय-अमेरिकी कहीं अधिक कार्रवाई और कहीं अधिक एकता की आवश्यकता महसूस करते हैं.'(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उनके निर्वाचन क्षेत्र में भारतीय-अमेरिकी समुदाय की आबादी अच्छी-खासी है. कृष्णमूर्ति ने समुदाय के साथ अपनी चर्चा में कहा, 'वह डोनाल्ड ट्रंप जैसे लोगों के व्यवहार को लेकर काफी चिंतित हैं, जिन्होंने आव्रजकों, निशक्तजनों, महिलाओं, अन्य अल्पसंख्यकों तथा भूतपूर्व सैनिकों के प्रति अपमानजनक बातें कहकर राजनीतिक वार्ता को जहर घोल दिया है.'टिप्पणियां
कृष्णमूर्ति ने कहा, 'लोग देश के सामने खड़ी चुनौतियों के चलते अब पहले से कहीं अधिक एकता की जरूरत महसूस करते हैं. भारतीय-अमेरिकी कहीं अधिक कार्रवाई और कहीं अधिक एकता की आवश्यकता महसूस करते हैं.'(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
कृष्णमूर्ति ने कहा, 'लोग देश के सामने खड़ी चुनौतियों के चलते अब पहले से कहीं अधिक एकता की जरूरत महसूस करते हैं. भारतीय-अमेरिकी कहीं अधिक कार्रवाई और कहीं अधिक एकता की आवश्यकता महसूस करते हैं.'(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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हीरे और सोने की खानों के लिए प्रसिद्ध जोहांसबर्ग दक्षिण अफ्रीका का सबसे बड़ा शहर है। क्षेत्रफल में बड़ा होने के साथ-साथ यह दक्षिण अफ्रीका का सबसे अधिक जनसंख्या वाला शहर भी है। अफ्रीका के इस सबसे विकसित शहर को नजदीक से जानने के लिए बहुत बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं। पर्यटक यहां अपारथिद म्यूजियम, हेक्टर पीटरसन म्यूजियम, गोल्ड रीफ सिटी, जोहांसबर्ग जू, जोहांसबर्ग आर्ट गैलरी आदि स्थान देख सकते हैं।
प्रमुख आकर्षण
अपारथिद म्यूजियम
यह म्यूजियम जोहांसबर्ग में गोल्ड रीफ सिटी के पास स्थित है। इस म्यूजियम में 20वीं शताब्दी के दक्षिण अफ्रीका के इतिहास को चित्रों के माध्यम से समझाया गया है। इस म्यूजियम को आम लोगों के लिए 2001 ई. में खोला गया था।
घूमने का समय: सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक
हेक्टर पीटरसन म्यूजियम
यह जोहांसबर्ग का सबसे बड़ा म्यूजियम है। यह म्यूजियम औरलैंडो वेस्ट में स्थित है। यहीं पर हेक्टर पीटरसन की हत्या की गई थी। इन्हीं के नाम पर बाद में इस म्यूजियम का नाम हेक्टर पीटरसन म्यूजियम रख दिया गया। यह म्यूजियम 16 जून 2002 ई. को आम जनता के लिए खोला गया था।
गोल्ड रीफ सिटी
गोल्ड रीफ सिटी जोहांसबर्ग में मनोरंजन का एक बहुत बड़ा केंद्र है। यह जोहांसबर्ग के सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रीक में सोने की खान के पास स्थित है। यह पार्क सोने की खान विषयवस्तु पर आधारित है। इस पार्क में काम करने वाले कर्मचारी 1880 ई. के समय के पोशाक पहनते हैं। यहां की सभी इमारत भी उसी समय के अनुसार डिजाइन की गई है। इस पार्क में पर्यटक खादान से धातु निकाल कर सोना बनाने की पूरी प्रक्रिया देख सकते हैं।
जोहांसबर्ग जू
यह जोहांसबर्ग का सबसे बड़ा जू है। इस जू की स्थापना 1904 ई. में की गई थी। इस जू में जानवरों की करीब 3000 प्रकार की प्रजातियां हैं। यह जू विश्व के उन गिने-चुने जगहों में है, जहां सफेद शेर पाए जाते हैं। इस जू में साइबेरियन बाघ भी पाए जाते हैं। इस जू में जानवरों के लिए चिकित्सालय भी है।
जोहांसबर्ग आर्ट गैलरी
यह गैलरी जोहांसबर्ग के सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रीक के जोबर्ट पार्क के पास स्थित है। इस आर्ट गैलरी की इमारत का डिजाइन एडवर्ड लुटियंस ने बनाया था। इस गैलरी में 15 प्रदर्शनी हॉल तथा एक हस्तशिल्प गार्डेन है। इस गैलरी में 17वीं शताब्दी की डच पेंटिंग्स, 18वीं तथा 19वीं शताब्दी की ब्रिटिश पेंटिंग्स एवं 19वीं शताब्दी की अफ्रीकन पेंटिंग्स रखी हुई है। इसके अलावा इस गैलरी में अन्य विभिन्न प्रकार की शैलियों की पेंटिंग्स भी रखी हुई है।
म्यूजियम अफ्रीका
इसे अफ्रीकन म्यूजियम के नाम से भी जाना जाता है। यह जोहांसबर्ग में स्थित एक एतिहासिक म्यूजियम है। यह म्यूजियम मार्केट थियेटर के पास स्थित है। इस म्यूजियम की स्थापना 1933 ई. में की गई थी। इस म्यूजियम में प्राचीन अफ्रीकन संस्कृति से संबंधित वस्तुएं रखी हुई हैं। इस वस्तुओं में टोकने, संगीत यंत्र, बर्तन, कपाल आदि प्रमुख हैं।
मार्केट थियेटर
यह थियेटर जोहांसबर्ग के निचले भाग में एडवर्डियन बिल्डिंग में स्थित है। इस थियेटर की स्थापना 1976 ई. में हुई थी। यह जोहांसबर्ग का पहला ऐसा थियेटर था, जहां नस्लवाद नहीं था। इस बिल्डिंग में बाजार भी था। इस लिए इस थियेटर का नाम मार्केट थियेटर पड़ा। इसी थियेटर में पहली बार अश्वेत कलाकारों ने अपनी लोक कला का प्रदर्शन किया था।
नेल्सन मंडेला नेशनल म्यूजियम
यह जोहांसबर्ग में आने वाले पर्यटकों का सबसे पसंदीदा स्थान है। यह पहले नेल्सन मंडेला का घर हुआ करता था। इसे ही बाद में म्यूजियम में तब्दील कर दिया गया। इस म्यूजियम में नेल्सन मंडेला से संबंधित वस्तुओं को रखा गया है।
द साउथ अफ्रीकन म्यूजियम ऑफ रॉक आर्ट
इस म्यूजियम में पत्थर की नक्काशीदार वस्तुओं को रखा गया है। इसमें से कुछ वस्तुएं तो आदिमानवों की है। यह म्यूजियम येल रोड पर स्थित है।
घूमने का समय: सुबह 9 बजे से शाम 4:30 बजे तक।
फोन नं: +27 (0)11 717-6051
वेबसाइट: [email protected]
आवागमन
जोहांसबर्ग जाने के लिए सबसे आसान तरीका वहां पायुयान से जाना है। जोहांसबर्ग में ओर टाम्बो अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। इसे जोहांसबर्ग अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भी कहा जाता है। यहां विभिन्न देशों से नियमित रूप से फ्लाइटस उतरती रहती है।
भगिनी शहर
Johannesburg's sister cities are:
ताइपेई, ताईवान
बर्मिंघम, यूनाइटेड किंगडम
न्यू यॉर्क, (संयुक्त राज्य)
साओ पाउलो, ब्राज़ील.
क्ज़ीयान, चीन
टिप्पणी
सन्दर्भ
Early Johannesburg, Its Buildings and People. Hannes Meiring, Human & Rousseau. 1986. 143 pages. ISBN 0-7981-1456-8
Gold! Gold! Gold! The Johannesburg Gold Rush. Eric Rosenthal, AD. Donker, 1970, ISBN 0-949937-64-9
Johannesburg: The Elusive Metropolis. Sarah Nuttall. Duke University Press. 9 जनवरी 2005. 210 pages. ISBN 0-8223-6610-X.
The Corner House: The Early History of Johannesburg. Alan Patrick Cartwright. MacDonald. 1965. 293 pages.
इन्हें भी देखें
Large Cities Climate Leadership Group
बाहरी कड़ियाँ
Government
Official website of the City of Johannesburg
Gauteng Provincial Government
Other
Gauteng Tourism Authority
Johannesburg on Birmingham's Partner City page
Johannesburg Tourism official website
दक्षिण अफ़्रीका के नगर
ख़ाउतेन्ग प्रान्त
दक्षिण अफ़्रीका की प्रान्तीय राजधानियाँ
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पश्चिम बंगाल और ओडिशा के बीच कुछ दिन पहले रसगुल्ले को लेकर लड़ाई छिड़ी थी, जिसमें फैसला पश्चिम बंगाल के हक में हुआ. इसी तरह कड़कनाथ मुर्गे के GI टैग को लेकर छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के बीच छिड़ी जंग पर फैसला आ गया है. इसमें मध्य प्रदेश की जीत हुई है. इस विवाद पर निर्णय देते हुए चेन्नई के भौगोलिक संकेतक पंजीयन कार्यालय ने कड़कनाथ मुर्गे का GI टैग मध्य प्रदेश को दिया है. अब छत्तीसगढ़ कड़कनाथ मुर्गे पर अपना दावा नहीं ठोक पाएगा.
छत्तीसगढ़ के बस्तर में खासतौर से पाए जाने वाले जिस काले पंख वाले कड़कनाथ मुर्गे को लेकर न सिर्फ बस्तर के लोग, बल्कि समूचे छत्तीसगढ़ के लोग इतराते थे, उस पर अब छत्तीसगढ़ का दावा नहीं रहेगा. छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के बीच लंबे समय से यह विवाद चल रहा था कि आखिर यह कड़कनाथ मुर्गा मूल रूप से किसका यानी किस राज्य का है? इस पर चेन्नई के भौगोलिक संकेतक पंजीयन कार्यालय ने अपना फैसला सुनाते हुए कड़कनाथ मुर्गे का GI टैग मध्य प्रदेश को दे दिया है.
कड़कनाथ के GI टैग को लेकर दोनों ही राज्यों ने अपना-अपना दावा चेन्नई स्थित भौगोलिक संकेतक पंजीयन कार्यालय के समक्ष पेश किया. मध्यप्रदेश का दावा था कि GI टैग पर उसका अधिकार है, क्योंकि इस प्रजाति का मुख्य स्रोत उनके राज्य का झाबुआ जिला है. वहीं, छत्तीसगढ़ का दावा था कि यह ब्रीड झाबुआ से ज्यादा दंतेवाड़ा में पाई जाती है. यहां उसका सरंक्षण और प्राकृतिक प्रजनन सदियों से होता आया है. इस पर भौगोलिक संकेतक पंजीयन कार्यालय ने मामले की जांच की और पाया कि इस प्रजाति का मुख्य स्रोत मध्यप्रदेश का झाबुआ जिला ही है.
कड़कनाथ मुर्गे
की खासियत यह है कि इसके मांस में आयरन और प्रोटीन अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, जबकि कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अन्य प्रजाति के मुर्गों से काफी कम पाई जाती है. इसके अलावा यह अन्य प्रजातियों के मुर्गों के मुकाबले अधिक कीमत पर बिकता है. इस मुर्गे के खून का रंग भी सामान्यतः काले रंग का होता है, जबकि आम मुर्गे के खून का रंग लाल पाया जाता है.
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महात्मा गांधी के चम्पारण यात्रा के 100वें साल के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में जमकर राजनीति हुई. इस कार्यक्रम में गृहमंत्री राजनाथ सिंह को भी आमंत्रित किया गया था लेकिन ऐन वक्त पर वो नहीं आए साथ ही एनडीए के अन्य नेताओं ने भी इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया. इस बहिष्कार के पीछे की वजह एक तो ये बताई गई कि मंच पर आरजेडी अध्य़क्ष लालू प्रसाद यादव को रखा गया है. एनडीए के नेताओं ने कहा कि एक सजाफ्ता कैदी के साथ वो कैसे मंच साझा कर सकते हैं. दूसरी वजह ये बताई गई कि इस कार्यक्रम में कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी को आमंत्रित किया गया तो बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को क्यों नहीं बुलाया गया. ये तमाम बातें हैं. हालांकि बाद में हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि अगर वो एनडीए में नहीं रहते तो इस कार्यक्रम में जरूर हिस्सा लेते.
यह कार्यक्रम गांधी के नाम पर आयोजित किया गया था जिसमें देश भर से आए स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करना था. सम्मानित करने के लिए महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुख्रर्जी भी आए थे लेकिन राजनाथ सिंह के नहीं आने से यह कार्यक्रम पूरी तरह से राजनीतिक हो गया. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, "जितने राजनैतिक दल हैं सबके साथ हमने बैठकर बात की थी. इसलिए कार्यक्रम में हमने सबको आमंत्रित किया, कोई पार्टी ऐसी नहीं जो बिहार में एक्टिव हो और उसे हमने आमंत्रित नहीं किया, लेकिन आना न आना उन पर निर्भर है."
उन्होंने कहा, "हमने केंद्रीय गृह मंत्री को भी आमंत्रित किया था. उन्होंने सहमति भी दे दी थी. गृह मंत्री को आमंत्रित करने का एक उद्देश्य ये भी था कि एक तो भारत सरकार के वरिष्ठ मंत्री हैं, प्रधानमंत्री के बाद वरिष्ठम मंत्री माने जाते हैं, और देश के गृह मंत्री भी हैं. स्वतंत्रता सेनानी सम्मान योजना की शुरूआत इंदिरा गांधी के दौर में किया गया वो गृह मंत्रालय के द्वारा देखा जाता है. हमने आमंत्रण दे दिया था सहमति मिल गयी थी, लेकिन अंतिम मौके पर वो नहीं आये."
नीतीश कुमार
ने कहा, "दलगत भाव से ऊपर उठकर सबको को आमंत्रित किया, लेकिन जो भी आये नहीं भी आये मुझे कोई शिकायत नहीं है. जो भी आये मैं उनका स्वागत करता हूं. यह कोई राजनैतिक उद्देश्य से आयोजित कार्यक्रम नहीं है. ये चंपारण के शताब्दी वर्ष के मौके पर राज्य के द्वारा आयोजित कार्यक्रम है. हमें आजादी नहीं मिलती तो जनता चुनकर अपने प्रतिनिधियों की सरकार नहीं बनाती. इसको मैं अपना दायित्व मानता हूं. अगर बिहार की सरकार इस तरह का कार्यक्रम न करे तो सरकार अपने कर्तव्य को लेकर जागृत नहीं है. हमने देश भर के लोगों को आमंत्रित किया. हम लोगों ने प्रयत्न किया है कि उन लोगों की उम्र ज्यादा है इसलिए हर तरह का ख्याल रखा गया है. मैं तो ये आयोजन करके अपने गठबंधन सरकार का सौभाग्य मानता हूं."
लालू ने बीजेपी पर साधा निशाना
दूसरी तरफ आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने इस पूरे कार्यक्रम को और राजनीतिक करते हुए कहा, "नीतीश कुमार कुर्सी पर हैं इसलिए बोलने से परहेज करते हैं लेकिन मुझे कोई परहेज नहीं है."
उन्होंने बीजेपी पर सीधा हमला करते हुए कहा कि जिनका देश की आजादी में कोई योगदान नहीं है वो दावेदार बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि यहां संविधान बदलने की बात हो रही है आरक्षण खत्म करने की बात हो रही है मैं सब जानता हूं. कट्टरपंथ के नाम पर शासन कर देश को बांटना चाहती है बीजेपी.
सेनानियों को राजनीति रास न आई
समारोह में आए स्वतंत्रता सेनानी नेताओं के इस तेवर से हैरान थे. उन्हें यह बिल्कुल अच्छा नहीं लगा कि गांधी के नाम पर आयोजित कार्यक्रम में राजनीति हो. महात्मा गांधी ने चम्पारण की यात्रा कर जब सत्याग्रह किया था तब उसमें राजनीतिक दलों को बिल्कुल स्थान नहीं दिया था. यहां तक कि कांग्रेस के नेता भी दल की हैसियत से इसमें हिस्सा नहीं ले सकते थे लेकिन कार्यक्रम में ये सब देखकर उन्हें अच्छा नहीं लग रहा था.
सेनानियों ने कहा कि जब बेईमान नेता गांधी की दुहाई देते हैं तो बहुत खराब लगता है. हांलाकि सभी सेनानियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की व्यवस्था की तरीफ जरूर की.
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फोर्टिस अस्पताल में हुई मासूम आद्या की मौत और अस्पताल के भारी भरकम बिल ने स्वास्थ्य सेवाओं पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. सबसे बड़ा सवाल कि आखिर एक बीमार व्यक्ति इलाज के लिए जाए तो जाए कहां? ये सवाल इसलिए कि अगर आप प्राइवेट अस्पताल जाते हैं और इलाज के लिए मोटी रकम भी चुकाते हैं लेकिन फिर भी सही इलाज की कोई गारंटी नहीं, और अगर आप एम्स जैसे सरकारी अस्पताल जाते हैं तो भी आप सिर्फ तारीख पाते हैं.
जी हां फिल्म दामिनी में सनी देओल का कोर्ट रूम सीन का डायलॉग 'तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख' स्वास्थ्य सेवाओं के लिहाज से भी सटीक बैठता है. जब आजतक संवादाताओं ने दिल्ली के बड़े-बड़े सरकारी अस्पतालों की पड़ताल की तो पाया कि बीमारी के इलाज के लिए लोग जिन सरकारी अस्पतालों का रूख करते हैं वो अस्पताल खुद ही बीमार हैं. बीमार इसलिए क्योंकि अस्पताल मरीजों के बोझ तले दबा हुआ है. डॉक्टरों और संसाधनों की कमी से जूझ रहा है. और इसका असर पड़ रहा है उन मरीजों पर जो इलाज के लिए दर-ब-दर भटक रहे हैं. क्योंकि उन्हें सरकारी अस्पतालों में बीमारी का इलाज या दवा नहीं बल्कि मिलती है तारीख. फिर चाहे वो अस्पताल केंद्र सरकार का हो, दिल्ली सरकार का या फिर निगम का.
एम्स भी लाचार, अपॉइंटमेंट से लेकर सर्जरी तक के लिए महीनों का इंतजार
आजतक की टीम जब देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स पहुंची तो वहां हमें एक दो नहीं बल्कि कई ऐसे मरीज मिले जो महीनों से एम्स के गलियारे में ही डेरा डाले बैठे हैं. क्योंकि उन्हें इलाज के नाम पर अलग-अलग तारीखें मिलती हैं.
मनीष अपनी बीमारी का इलाज कराने काठमांडू से देश की राजधानी दिल्ली पहुंचे. इस उम्मीद में कि एम्स जैसे बेहतरीन अस्पताल में इलाज भी बेहतर मिलेगा. लेकिन एम्स में इन्हें इलाज नहीं बल्कि तारीख मिली. दरअसल मनीष को न्यूरो संबंधी बीमारी है. काठमांडू के डॉक्टर ने तुरंत ऑपरेशन कराने की सलाह दी, तो मनीष के पिता उन्हें अच्छे इलाज की चाह में एम्स ले आए. 23 नवंबर को ओपीडी में दिखाने पहुंचे तो अगली तारीख दे दी गई. जो कि 29 दिसंबर है. अब ऐसे में मनीष के पिता को समझ नहीं आ रहा कि अपने बेटे की बढ़ती तकलीफ के बाद वो महीने भर कैसे इंतजार करें.
एम्स में आपका नम्बर आ गया तो ये मत समझिए कि इलाज भी हो गया. बिहार के पटना जिले से आए संजीव कुमार के वोकल कॉड में परेशानी है. गले में दर्द और बोलने में भारीपन के चलते एम्स में दिखाया तो डॉक्टर ने सर्जरी कराने को कहा. लेकिन तारीख दी 12 जून 2019 की यानी की लगभग डेढ़ साल बाद की. और साथ ही पर पर्चे पर ये भी लिख दिया की वेटिंग लिस्ट लम्बी होने की वजह से आप चाहे तो दूसरी जगह भी ऑपरेशन करा सकते हैं.
सात साल के मासूम कुणाल के दिल में सुराख है. पिता सोनीपत से दिल्ली लाए इस उम्मीद में की एम्स में इलाज मिलेगा तो बच्चा ठीक हो जाएगा. लेकिन बच्चे के दिल की नसें सिकुड़ी हुई हैं ये कहकर डॉक्टर इलाज के बजाय अगली तारीख दे रहे हैं और बच्चे की हालत बिगड़ती ही जा रही है.
काफी जद्दोजहद के बाद अगर
एम्स में इलाज मिल
भी जाए, तो दर्द से छुटकारा दिलाने वाली दवा आपको बाहर से खरीदनी पड़ेगी. मरीजों के मुताबिक सस्ती दवाएं तो मिल जाती है लेकिन महंगी दवा बाहर से खरीदनी पड़ती है.
केंद्र सरकार के मुताबिक पिछले साल एम्स में 37 लाख 83 हजार 438 मरीजों ने अपना इलाज कराया था. एम्स में रोजाना औसतन 10 हजार लोग ओपीडी में इलाज कराने पहुंचते हैं. इनमें से करीब 70 फीसदी मरीज दिल्ली के बाहर से आते हैं.
दिल्ली के सरकारी अस्पताल भी बेहाल, निगम अस्पतालों में भी इलाज के लिए तारीख
दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने कई दावे किए है. सरकार का कहना है की अब
दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं
की हालत सुधरी है. दिल्ली सरकार ने अपनी उपलब्धियों के लिए कई बड़े-बड़े पोस्टर भी लगवाए. जहां बताया गया कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में क्या-क्या सुविधाएं दी जा रही हैं. मगर ये दावे सिर्फ पोस्टर पर ही नजर आते है.
सिर्फ दिल्ली सरकार के अस्पतालों का हाल ही बुरा नहीं है बल्कि दिल्ली के नगर निगम के अस्पताल का हाल भी कुछ ऐसा ही है. यहां भी लोगों को एक छोटे से ऑपरेशन के लिए 6 महीने के बाद की तारीख दे दी जाती है.
कानून विशेषज्ञों की मानें तो देश में जब तक
‘राइट टू हेल्थ’
लागू नहीं होगा, तब तक स्वास्थ्य सेवा में सुधार नहीं हो पाएगा.
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दलसिंहसराय बिहार के समस्तीपुर जिले का एक शहरी क्षेत्र है,जो बालन नदी के तट पर स्थित है।समस्तीपुर जिला मुख्यालय से करीब 24 किलोमीटर की दुरी पर मौजूद दलसिंहसराय अंग्रेजों के समय से ही तम्बाकू की खेती के लिए देशभर में प्रख्यात था,यहा के ग्रामीण इलाके मे आज भी तम्बाकू प्रचुर मात्रा मे उपजाई जाती है।यहाॅ के बारे में एक मिथक है कि दलसिंहसराय बिहार का पहला तो भारत का दूसरा रेल स्टेशन था।2010 से पहले दलसिंहसराय विधनसभा और लोकसभा क्षेत्र था, लेकिन 2010 में भारत के परिसीमन आयोग ने इससे निर्वाचन क्षेत्र का दर्जा ले लिया। अब यह "उजियारपुर" विधान सभा क्षेत्र और "उजियारपुर" लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है। श्री आलोक कुमार मेहता (राजद) उजियारपुर सीट के विधायक हैं जो पूर्व मे बिहार के सहकारिता मंत्री थे और वर्तमान में बिहार सरकार के कर और भूमि सुधार
मंत्रालय का कार्य भार संभाल रहे है तथा श्री नित्यानंद राय(बीजेपी) उजियारपुर के सांसद हैं जो इस समय केंद्र में गृह(राज्य)मंत्री हैं। अतीत में दलसिंहसराय "मिथिला राज्य" के अंतर्गत आता था इसलिए यहाँ हम मिथिला की सांस्कृतिक छटा बहुत आसानी से महसूस कर सकते हैं।देश में मधुर भाषा के तौर पर अपनी पहचान बना रही,"मैथिली" यहाँ की मुख्य भाषा है और साथ ही साथ बेगूसराय से निकटता होने के कारण "अंगिका" भाषा भी कई लोग बोलते है। ,।दलसिंहसराय एक अनुमंडल और प्रखंड भी हैं जिसमें केवटा , बम्बैया हरलाल, रामपुर जलालपुर, गौसपुर , अजनौल, पगरा, बालो चक आदि कुल 45 गाँव शामिल हैं। यह रेल सह सड़क मार्ग के माध्यम से देश के बाकी हिस्सों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है,अगर हवाई यातायात की बात करे तो उड़ान योजना अंतर्गत नवनिर्मित दरभंगा हवाई अड्डा यहां से मात्र 62 किलोमीटर की दूरी पर हैं,मगर सबसे निकट हवाईपट्टी बेगूसराय जो की मात्र 40 किलोमीटर की दूरी पर है,जिसका उपयोग ज्यादातर सरकारी कार्यक्रम के दौरान ही होता हैं।2014 के बाद से यहा विकास के नये आयाम तो लिखे गए मगर 2023 आने के बावजूद यहा की मुख्य समस्या 32 नंबर गुमटी जिस पर एक फ्लाईओवर प्रस्तावित है अभी तक उस ओर कोई काम होता नही दिख रहा हैं। aur 2025 tak start hone ki koe ummid v nhi hai kueki central government koe v support nhi kr rhi hai
इतिहास
इसका नाम अघोरी के 9 वें गुरु दलपत सिंह के नाम पर रखा गया है। इससे पहले इसे अघोरिया घाट कहा जाता था।
यह शहर ब्रिटिश शासन के दौरान इंडिगो की खेती का केंद्र रहा है। 1902 में पूसा में इस शहर के करीब एक इंडिगो रिसर्च इंस्टीट्यूट भी खोला गया।
आस-पास के क्षेत्रों में तंबाकू की अधिक मात्रा होने के कारण ब्रिटिश शासन के अधीन एक सिगरेट कारखाना भी था।
जनसांख्यिकी
India census, The Dalsinghsarai Nagar Panchayat has population of 23,862 of which 12,552 are males while 11,310 are females as per report released by Census India 2011. Population of Children with age of 0-6 is 3710 which is 15.55% of total population of Dalsinghsarai .
रोडवेज
दलसिंगसराय सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यह शहर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या -28 पर स्थित है, जो बरौनी (बिहार) को गोरखपुर होते हुए उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से जोड़ता है। यह SH 88 से भी जुड़ा है जो इसे ROSERA और कई और जगहों से जोड़ता है।
रेलवे
दलसिंहसराय के बारे में एक मिथक है कि यह भारत का दूसरा सबसे पुराना रेलवे स्टेशन और बिहार का पहला रेलवे स्टेशन है। दलसिंहसराय एक तम्बाकू उत्पादन केंद्र था, तैयार तम्बाकू उत्पादों को रेलवे के माध्यम से शेष भारत में पहुँचाया जाता था, ब्रिटिश सरकार ने तम्बाकू उत्पादों के परिवहन के लिए दलसिंहसराय में एक रेलवे स्टेशन का निर्माण किया। यह बरौनी जंक्शन और समस्तीपुर जंक्शन के बीच कई आधुनिक सुविधाओं वाला मुख्य रेलवे स्टेशन है। पूर्व मध्य रेलवे, हाजीपुर की कई प्रमुख ट्रेनें जैसे गरीब रथ सुपरफास्ट एक्सप्रेस, वैशाली सुपर फास्ट एक्सप्रेस, अवध आसम एक्सप्रेस आदि यहां रुकती हैं। यह रेलवे से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यह पूर्व मध्य रेलवे, हाजीपुर के सोनीपुर डिवीजन के अंतर्गत आता है। यह रेलवे नेटवर्क के साथ भारत के अन्य हिस्सों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। लगभग हैं। दलसिंगसराय रेलवे स्टेशन पर 42 यात्री ट्रेनें और 17 मालगाड़ियाँ रुकती हैं। दलसिंहसराय में रुकने वाली सामान्य ट्रेनें निम्नलिखित हैं: - दलसिंह सराय आगमन डिपार्टमेंट्स स्टॉप टाइम के दौरान ट्रेन का नाम (सं।)
Dhn स्मि स्पेशल (03327) 04:03 04:05 2 शनिवार
Mfp कोआ स्पेशल (05226) 16:07 16:09 2 मिनट शनिवार
कोआ Mfp विशेष (05225) 20:50 20:52 2 मिनट रविवार
अबाद असम एक्सप्रेस (15609) 14:54 14:55 1 मिनट रोज़
घी जीवछ लिन (25610) 08:17 08:18 1 मिनट रोज़
सीपीआर टाटा एक्सप्रेस (18182) 17:49 17:51 2 मिनट रोज़
Ljn Bju Express (15204) 07:30 07:32 2 मिनट रोज़
वैशाली एक्सप्रेस (12553) 10:00 10:01 1 मिनट रोज़
रविवार को छोड़कर इंटरसिटी एक्सप्रेस (13225) 15:16 15:17 1 मिनट
मिथिला एक्सप्रेस (13022) 15:55 15:56 1 मिनट रोज़
गंगा सागर एक्सप्रेस (13186) 20:06 20:07 1 मिनट रोज़
रविवार को छोड़कर इंटरसिटी एक्सप्रेस (13226) 11:10 11:11 मिनट
बाग एक्सप्रेस (13019) 08:10 08:11 1 मिनट रोज़
Bju Ljn एक्सप्रेस (15203) 21:06 21:07 1 मिनट रोज़
गंगासागर एक्सप्रेस (13185) 04:30 04:31 1 मिनट रोज़
जनसेवा एक्सप्रेस (13419) 18:45 18:46 1 मिनट रोज़
जनसेवा एक्सप्रेस (13420) 00:31 00:32 1 मिनट रोज़
मौर्य एक्सप्रेस (15027) 06:10 06:11 1 मिनट रोज़
टाटा सीपीआर एक्सप्रेस (18181) 10:04 10:05 1 मिनट रोज़
मिथिलांचल एक्सप्रेस (13155) 07:26 07:27 1 मिनट शुक्रवार/सोमवार
गरीब रथ एक्सप्रेस (12203) 17:45 17:46 1 मिनट
मिथिलांचल एक्सप्रेस (13156) 16:07 16:08 1 मिनट सोमवार / शनिवार
अवध असम एक्सप्रेस (15910) 08:05 08:07 2 मिनट रोज़
तिरहुत एक्सप्रेस (13157) 07:26 07:27 1 मिनट बुधवार
Ntsk Jivachh Li (25910) 08:06 08:07 1 मिनट रोज़
तिरहुत एक्सप्रेस (13158) 16:07 16:08 1 मिनट बुधवार
Rxl Hwh एक्सप्रेस (13044) 02:06 02:07 1 मिनट गुरुवार / शनिवार
बाग एक्सप्रेस (13020) 22:00 22:02 2 मिनट रोज़
कोया स्मि एक्सप्रेस (13165) 09:04 09:05 1 मिनट शनिवार
मौर्य एक्सप्रेस (15028) 16:34 16:36 2 मिनट रोज़
Shc Garib Rath (12204) 06:45 06:47 2 मिनट बुधवार / शनिवार / रविवार
होव आरएक्सएल एक्सप्रेस (13043) 09:04 09:05 1 मिनट शुक्रवार / बुधवार
वैशाली एक्सप्रेस (12554) 16:20 16:22 2 मिनट रोज़
Bju Gwl मेल (11123) 19:15 19:16 1 मिनट रोज़
ग्वाल बजू मेल (11124) 12:50 12:52 2 मिनट
मिथिला एक्सप्रेस (13021) 02:40 02:41 1 मिनट रोज़
स्मि धेन स्पेशल (03328) 12:58 13:00 2 मिनट रविवार
स्मि कोया एक्सप्रेस (13166) 02:06 02:07 1 मिनट रविवार
अबद असम एक्सप्रेस (15909) 14:55 14:56 1 मिनट रोज़
संदर्भ
विकिडेटा पर उपलब्ध निर्देशांक
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Vivo अपने V5 सीरीज के अगले ब्रांड न्यू स्मार्टफोन को लॉन्च करने की तैयारी में है. Vivo V5 और V5 Plus को लॉन्च करने के बाद अब कंपनी भारत में नए Vivo V5s को 27 अप्रैल को लॉन्च करने की तैयारी कर रही है. पहले के मॉडल्स की तरह ही ये स्मार्टफोन भी सेल्फी के लिए खास होगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक Vivo V5s में बहुत से फीचर्स V5 के तरह ही होंगे. फोनराडार की खबर के मुताबिक V5s में मेटल यूनिबॉडी डिजाइन के साथ 5.5-इंच HD डिस्प्ले होगा. बताया ये भी जा रहा है कि इसमें Vivo V5 के तरह ही MT6750 चिपसेट और
4GB रैम
दिया जाएगा.
जैसा कि इस स्मार्टफोन को #PerfectSelfie के साथ लॉन्च किया जा रहा है. कंपनी ने इसके सेल्फी कैमरे को ज्यादा खास बनाया गया है. उम्मीद है कि इसके फ्रंट में f/2.0 अपर्चर और LED फ्लैश के साथ
20-मेगापिक्सल
Sony IMX376 sensor दिया जाएगा. वहीं रियर में PDAF और f/2.2 अपर्चर के साथ 13 मेगापिक्सल का कैमरा दिए जाने की उम्मीद है.
Vivo V5s में 3,000mAh की बैटरी, डुअल सिम सपोर्ट और 64GB का इंटरनल स्टोरेज दी जा सकती है. इस इंटरनल स्टोरेज को कार्ड की सहायता से 128GB तक बढ़ाया जा सकेगा. कनेक्टिविटी की बात करें तो इसमें G LTE, Wi-Fi, Bluetooth, GPS, 3.5mm port, और एक Micro-USB 2.0 पोर्ट होने की संभावना है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, नया स्मार्टफोन FunTouch OS 2.6 बेस्ड एंड्रायड 6.0 मार्शमैलो पर चलेगा. इसकी संभावित कीमत
18,990 रुपये
बताई जा रही है. Vivo V5s मैट ब्लैक कलर ऑप्शन में उपलब्ध हो सकता है. कुछ रिटेलर्स स्पेस ग्रे, गोल्ड, और रोज गोल्ड कलर की भी जानकारी दे रहे हैं.
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T 2341 - #DipaKarmakar .. they said they would show you but never did .. channels interested in the other country athletes ! Good luck
Why don't they show #DipaKarmakar? Waiting.....
Just to remind people that the feed comes from the host broadcaster in Rio, Star Sports doesn't control it.
Are you kidding me @StarSportsIndia? A billion Indians stayed up to watch #DipaKarmakar and you don't show us 3 out of 4 of her apparatus??
#DipaKarmakar you inspire us all. #achiever#flyingsolo
Congrats Dipa, It's high time we showed the world what we r really made of. #DipaKarmakar
Saw her vault last night. Must have been such a daunting occasion. Amazing. #DipaKarmakarhttps://t.co/tzPdq0HkSv via @IndianExpress
Many Congratulations to #DipaKarmakar for qualifying for the #RioOlympics2016 Gymnastics - the first Indian to do so!!
You inspire us #DipaKarmakar! Shine on. #Olympics2016#Gymnastics#GoForGold
#DipaKarmakar in the finals!
Moment of pride. An Indian making her presence felt, in the up until now, unknown world for us: gymnastics
Now this is history! #DipaKarmakar in the vault finals. Remember, an Indian woman gymnast hadn't been to the Olympics before! #Pioneer
#Rio2016 Congratulations #DipaKarmakar on making history in #ArtisticGymnastics .Good luck for finals. #GoForGoldpic.twitter.com/6f56jaXnrc
Congratulations to #DipaKarmakar for her good performance at #Rio2016#Olympics Best of luck for final. You make us proud
Many Congratulations to #DipaKarmakar for qualifying for Vaults. Make India Proud. #ArtisticGymnastics#Rio2016pic.twitter.com/EEkf7kF01m
So proud of Ms.#DipaKarmakar, our Tripura #BBBP Ambassador, for qualifying for the Vault Finals at #RioOlympics. pic.twitter.com/bj3uQKCew8
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देश के प्रमुख शेयर बाजारों के शुरुआती कारोबार में गुरुवार को तेजी का रुख देखा गया. सेंसेक्स सुबह 10.10 बजे 111.64 अंकों की तेजी के साथ 28,994.75 पर और निफ्टी भी लगभग इसी समय 31.80 अंकों की तेजी के साथ 8,755.50 पर कारोबार करते देखे गए.
बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों पर आधरित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 29.27 अंकों की तेजी के साथ 28,912.38 पर खुला और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 9.40 अंकों की तेजी के साथ 8,733.10 पर खुला.
- इनपुट IANS
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भारत के गृह मंत्री या गृह मंत्री, भारत सरकार के गृह मंत्रालय के प्रमुख को कहा जाता है। केन्द्रीय कैबिनेट के वरिष्ठतम पदों में से एक, गृह मंत्री की मुख्य जिम्मेदारी भारत की आंतरिक सुरक्षा से सम्बन्धित विषयों को देखना है।
30 मई 2019 सेे अमित शाह भारत के गृह मंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं।
भारत के गृह मंत्रियों की सूची
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भारत का गृह मंत्री सूची मैं पूर्व गृह राज्य मंत्री स्वर्गीय तस्लीमुद्दीन साहब का नाम दर्ज नहीं है कृपया दर्ज कराने का काम करें
सन्दर्भ
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बाफ्टा में आयरिश अभिनेता ब्रायन एफ.ओ बीर्ने ने अनुपम खेर को मात देकर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार जीत लिया. लेकिन भारतीय अभिनेता को अपने नामांकन पर गर्व है और उन्होंने कहा, हमारे पास हमेशा अगला मौका होता है. अनुपम को 2018 के वर्जिन टीवी ब्रिटिश एकेडमी टेलीविजन पुरस्कारों में एक टीवी फिल्म 'द बॉय विद द टॉरक्नॉट' में उनके काम के लिए नामांकित किया गया था.
ब्रिटेन की जमीं के red carpet पर एक हिंदुस्तानी ऐक्टर। इसका मज़ा ही कुछ और है। जय हो।👍🇮🇳
@BAFTA
pic.twitter.com/3iZEE2xbj9
— Anupam Kher (@AnupamPKher)
May 14, 2018
रविवार को आयोजित समारोह में यह पुरस्कार ओ बीर्ने को 'लिटल बॉय ब्लू' के लिए दिया गया. अनुपम ने कहा, 'द बॉय विद द टॉरक्नॉट' के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता नामांकन देने के लिए बाफ्टा का धन्यवाद. यह मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है, एक ऐसे हिंदी माध्यम से शिक्षित लड़के के लिए, जो भारत के एक छोटे से शहर का रहने वाला हो और जिसके पिता वन विभाग में एक कर्ल्क रहे हों.
अनुपम ने समारोह के बाद ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, दुनिया के शीर्ष अभिनेताओं के बीच नामांकित होना एक महान उपलब्धि है.
उन्होंने कहा, मुझे यह सुनहरा अवसर देने के लिए भारतीय फिल्म जगत का धन्यवाद. इस शाम मुझे चार नामांकन के बीच विजेता नहीं घोषित किया गया, लेकिन फिर भी मुझे सम्मानित महसूस हो रहा है. यहां हमेशा हमारे पास दूसरा मौका रहता है.
Here is the speech I didn’t get to deliver on stage tonight at the
@BAFTA
Awards. I was not announced the winner among the four nominees for d
#BestSupportingActor
award. But I feel humbled & honoured. That small town Hindi medium boy from Shimla has come a long way. Jai Hind🇮🇳
pic.twitter.com/yIUtiQtgQK
— Anupam Kher (@AnupamPKher)
May 14, 2018
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बीते साल आयुष्मान खुराना की पत्नी ताहिरा कश्यप के कैंसर की खबरें आई थीं, तभी से ताहिरा का नाम चर्चा में रहता है. लेकिन इस बार उन्हें ट्रोल्स का सामना करना पड़ा. दरअसल, ताहिरा इन दिनों बॉयकट हेयर स्टाइल में दिखती हैं. लोग बॉयकट हेयर्स की वजह से उन्हें ट्रोल कर रहे हैं. लोग कॉमेंट कर रहे हैं, 'ताहिरा तो आयुष्मान का भाई लग रही हैं'. लेकिन ताहिरा भी चुप नहीं रहीं. उन्होंने भी ट्रोल्स को अच्छा रिप्लाई दिया.
ताहिरा ने लिखा- 'इतने भाई-भाई जोक्स सुन लिए कि अब जब भी मैं आयुष्मान को मिलती हूं तो बैकग्राउंड में एक ही गाना चल रहा होता है 'तू मेरा, तू मेरा भाई नहीं है'. और फुकरे बॉय सॉन्ग के विपरीत मैं सवाल नहीं कर रही हूं. ये एक स्टेटमेंट है. ध्यान देने वाली बात हेयर पार्टिशन देखो, अलग है ना? फिर! अगर आपको भाई-भाई से फुर्सत मिल जाए तो देखिएगा कि मैंने मार्स से आर्टिकल 15 देखने के लिए जमीन पर आने के लिए कितनी मेहनत की है और मुझे यह बहुत पसंद आया'.
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Jeez 🙄 itne bhai bhai jokes sun liye ke Ab jab bhi main @ayushmannk ko milti Hun background main ek hi gaana Chal raha hota hai “tu mera, tu mera , tu mera bhai nai hai!” And unlike the fukre boys song I am not questioning! It’s a goddamn statement! P.s ( case in point , look at our hair partition , haina opposite? Phirrrr!) Just incase you get over the bhai bhai thing and see how much effort I took to land from mars for the #article15 screening and I so love it!! 👚 @sabinahalder in @pausefashion.in @alexanderwangny 💄 @hinaldattani 💇♀️ @artistpoonamsolanki #notabhaibhai #trollsrehnedo #girlswithshorthair #adidas
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tahirakashyapkhurrana
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Jun 26, 2019 at 11:04pm PDT
बता दें कि कैंसर से जंग लड़ते हुए आयुष्मान खुराना की पत्नी के कीमो सेशन के दौरान हेयरफॉल हुआ था, जिसके कारण उनके बाल चले गए थे. ट्रीटमेंट के दौरान ताहिरा का बाल्ड लुक काफी चर्चा में रहा था. इसे लेकर उन्होंने अपना अनुभव भी साझा किया था. अब ताहिरा बॉयकट हेयरस्टाइल में दिखती हैं. लेकिन कुछ लोगों इसका भी मजाक बना दिया और उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया.
बता दें कि आर्टिकल 15 की स्क्रीनिंग में ताहिरा अपने दोनों बच्चों के साथ पहुंची थीं. वो आयुष्मान संग नजर आईं.
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80 के दशक में भारतीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने अनेक आजाद निर्माताओं और निर्देशकों को टेलीविज़न धारावाहिक बनाने के आमंत्रण दिये। आर के नारायण की कृति पर आधारित मालगुडी डेज़ इन्हीं में से एक ऐसा धारावाहिक था जो खासा लोकप्रिय हुआ और जिसका इस दौर के बच्चों पर गहरा असर पड़ा। धारावाहिक में स्वामी एंड फ्रेंड्स तथा वेंडर ऑफ स्वीट्स जैसी लघु कथाएँ व उपन्यास शामिल थे। इस धारावाहिक को हिन्दी व अंग्रेज़ी में बनाया गया था।
पद्मराग फिल्म्स के टी.एस.नरसिम्हन द्वारा 1987 में निर्मित मालगुडी डेज़ का निर्देशन दिवंगत कन्नड़ अभिनेता व निर्देशक शंकर नाग ने किया था। इस धारावाहिक का फिल्मांकन कर्नाटक के शिमोगा जिले स्थित अगुम्बे में किया गया। धारावाहिक के संगीत निर्देशक थे जाने माने वायलिन वादक एल.वैद्यनाथन।
"वेंडर ऑफ स्वीट्स" एक मिठाई विक्रेता जगन की कहानी थी जिसमें विदेश से लौटे अपने बेटे के साथ उसके पटरी बिठाने के प्रयास का वर्णन था। जगन की भूमिका में थे, शंकर के भाई और कन्नड़ और हिन्दी फिल्मों के जाने माने अभिनेता अनंत नाग।
"स्वामी एंड फ्रेंड्स" दस बरस के स्वामीनाथन, जिसे उसके दोस्त स्वामी पुकारते हैं, के इर्दगिर्द घूमती है। स्वामी के किरदार को स्कूल जाना ज़रा भी पसंद न था, पसंद था तो अपने दोस्तों के साथ मालगुडी में मारे मारे फिरना। स्वामी के पिता, जिनका किरदार गिरीश कर्नाड ने निभाया था, सरकारी नौकर थे। स्वामी के दो करीबी दोस्त थे, मणि और चीफ पुलिस सुपरीटेंडेंट के पुत्र राजम। स्वामी के किरदार में मंजुनाथ तो जैसे घर घर में लोकप्रिय हो गये थे। इसी लोकप्रियता के बल पर वे अग्निपथ जैसी मुख्यधारा की फिल्म में अमिताभ बच्चन जैसे अभिनेता की बचपन की भूमिका पा सके। पर बड़े होने पर वे अभिनय की दुनिया से दूर ही रहे।
धारावाहिक में दिखाये चित्रों को लेखक के भाई और टाईम्स ऑफ इंडिया के जानेमाने कार्टूनिस्ट आर के लक्ष्मण ने तैयार किया था। दूरदर्शन पर मालगुडी डेज़ के कुल 39 एपिसोड प्रसारित हुये। यह धारावाहिक मालगुडी डेज़ रिटर्न नाम से पुनर्प्रसारित भी हुआ।
इन्हें भी देखें
मालगुडी की कहानियाँ
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
आईएमडीबी पर
Rediff.com - रिटर्न ऑफ़ मालगुडी डेज़
Rajshri.com - मालगुडी डेज़ ऑनलाइन
दूरदर्शन धारावाहिक
1980 दशक
भारतीय टेलीविजन धारावाहिक
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बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान और सिंघम अजय देवगन के बीच चली आ रही जंग अब खत्म हो गई है. शाहरुख की फिल्म 'हैप्पी न्यू ईयर' में अजय की आने वाली फिल्म 'एक्शन जैक्सन' का ट्रेलर लॉन्च किया गया है. इसी के साथ बॉलीवुड के दो सुपरस्टारों के बीच चली आ रही जंग खत्म हो गई है.
'एक्शन जैक्सन' का पोस्टर रिलीज
गौरतलब है कि शाहरुख की फिल्म 'जब तक है जान' के साथ अजय देवगन की 'सन ऑफ सरदार' रिलीज हुई थी. इसी दौरान यशराज फिल्मस अधिकांश स्क्रीनों पर 'जब तक है जान' चलाने का दबाव सिनेमाघरों पर डाल रही थी. अजय ने इस कदम का विरोध किया. इसी के बाद से दोनों सितारों के बीच कोल्डवार शुरू हो गई थी. बहरहाल अच्छी खबर ये है कि प्रभुदेवा की फिल्म 'एक्शन जैक्सन' के साथ ही इस स्टार-वार का खात्मा हो गया है. प्रभुदेवा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है, 'हम ट्रेलर को सही समय पर रिलीज करने में कामयाब रहे हैं, हमने अपनी फिल्म का ट्रेलर 'हैप्पी न्यू ईयर' के साथ रिलीज किया. मै अपनी फिल्म के इतने बड़े प्लेटफॉर्म पर प्रचार मिलने पर काफी खुश हूं.'
बताया जा रहा है कि दोनो सुपरस्टारों के बीच पैचअप कराने में प्रभुदेवा का बड़ा हाथ रहा है. प्रभुदेवा 'एक्शन-जैक्सन' के डायरेक्टर हैं और 'हैप्पी न्यू ईयर' में उन्होंने एक छोटा सा किरदार भी निभाया है.
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राजकीय संस्कृत महाविद्यालय (Government Sanskrit College) वाराणसी का प्रथम महाविद्यालय था। इसकी स्थापना १७९१ में हुई थी। इस महाविद्यालय से अनेकों ख्यातलब्ध अध्यापक निकले। सन १९५८ में यह सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में मिला लिया गया।
इतिहास
To establish their rule in India, the officers of the East India Company thought in necessary to preserve the knowledge of Hindus and Muslims. In the year 1750 they passed a resolution for that purpose. To preserve Urdu, they established a Madarsa at Calcutta, whereas for protection and development of Sanskrit, they chose Benares.
In 1791, during the period of British rule in India, Jonathan Duncan, the representative of the Honourable East India Company proposed the establishment of a Sanskrit college for development and preservation of the Sanskrit Vangmaya and to show that the English people were in favour of the development of the Indian culture. This was sanctioned by Governor General Lord Cornwallis. Kashi Naresh Mahip Narayan Singh donated a huge tract of land in the southern part of Benares for construction of the college. The first teacher of this Institution was Pandit Kashinath. The Governor General initially sanctioned a budget of Rs. 20,000 per annum.
शिक्षा
Initially the college offered courses up to graduation. From 1857, the College started Postgraduate teaching. The examination system was adopted in 1880. In 1894 the famous building of Saraswati Bhavan Granthalaya, where thousands of manuscripts are preserved, was constructed, . These manuscripts are edited by the Principal of the College and published in book form. The series of books are known as Sarasvati Bhavana Texts. More than 400 books have been published in the series..
प्रधानाचार्य
From 1791 to 1844 the college was governed by the Administrative officers of the city. Later British officers decided that Indians should also obtain knowledge of European literature and Philosophy. Therefore they ordered the appointment of a Principal for the college. The qualification laid down was the Principal must be a scholar of Sanskrit with knowledge of European literature and Philosophy.
The Principals from 1844 were:
Professor J. Myor, ICS (1844 - 1846)
Dr. J.R. Ballentien (1846 - 1861)
Ralph T. H. Griffith (1861-1876)
Dr. G. Thevo (1876-1888)
Dr. Aurthor Venice (1888-1918)
गंगानाथ झा (1918-1923)
गोपीनाथ कविराज (1923-1937)
डॉ मग्गलदेव शास्त्री (1937-1958)
सन्दर्भ
इन्हें भी देखें
सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय
भारतीय शिक्षा का इतिहास
यूपी : मेयार पर पूरा ना उतरने वाले 240 मदरसों पर लटक सकता है ताला
उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय
वाराणसी
संस्कृत
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अंडमान और निकोबार पुलिस भारत में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के केंद्र शासित प्रदेश के लिए कानून प्रवर्तन संस्था है।
अंडमान और निकोबार पुलिस का इतिहास
अंडमान और निकोबार पुलिस का इतिहास अंडमान में दंडात्मक बस्तियों की सुरक्षा के लिए 1858 में 'सेबंडी कोर' की स्थापना से पहले का है। इसे 1867 में 2 इंस्पेक्टर, 3 हेड कांस्टेबल, 12 सार्जेंट और 285 कांस्टेबल के साथ पुनर्गठित किया गया था। पुलिस व्यवस्था विशेष रूप से सैन्य संगठन के पैटर्न पर थी, जिसमें स्थानीय कानूनों के पालन के लिए 75 सिविल पुलिसकर्मियों की एक छोटी ताकत थी और कैदियों को आदिवासी जनजातियों के खिलाफ गार्ड के रूप में जंगल में ले जाने के लिए था।
अगस्त, 1875 में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भारतीय पुलिस अधिनियम के विस्तार के साथ अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पुलिसिंग का एक संगठित रूप स्थापित किया गया था और कैप्टन विम्बर्ली को पहले जिला पुलिस अधीक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था। उसी वर्ष अंडमान और निकोबार के मुख्य आयुक्त को पुलिस महानिरीक्षक के अधिकार और कार्य सौंपे गए।
1915 में श्री एच जी एल बिग्गी भारतीय पुलिस के पहले अधिकारी थे जिन्हें कमांडेंट और पुलिस अधीक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था। इसके अलावा 1915 में, चार्ल्स कार्टर चिथम को सहायक अधीक्षक के रूप में पोर्ट ब्लेयर में तैनात किया गया था। सिविल पुलिस बल के केंद्र के गठन के नौ साल के प्रयासों के बाद, 1924 में सिविल पुलिस को सैन्य पुलिस से अलग कर दिया गया था।
1942 से 1945 तक इन द्वीपों पर जापानी कब्जे ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पुलिस और प्रशासनिक व्यवस्था को बर्बाद कर दिया। परिणामस्वरूप, उत्तर प्रदेश और पंजाब की विशेष सशस्त्र पुलिस से 1945 में अंग्रेजों के फिर से कब्जे के बाद 'प्रतिनियुक्ति बल' के रूप में जाने जाने वाले अधिकारियों और पुरुषों के नए बैच को तैयार किया गया।
श्री. एन.एफ. भारतीय पुलिस सेवा के पहले अधिकारी संतूक ने आजादी के छह साल बाद 16 जनवरी 1953 को अंडमान और निकोबार पुलिस की कमान संभाली। हालांकि, मुख्य आयुक्त पदेन पुलिस महानिरीक्षक बने रहे। अंडमान और निकोबार पुलिस बल का नेतृत्व आईपीएस अधिकारी करते रहे और यह वर्ष 1963 में, धनी सेवा, केंद्र शासित प्रदेशों दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और अंडमान निकोबार द्वीप समूह के प्रशासन के लिए एक अलग सेवा विकसित की गई और श्री आर.के. ओहरी वर्ष 1965 में तैनात पहले पुलिस अधीक्षक बने और इसके साथ ही अंडमान और निकोबार पुलिस के विस्तार की गाथा शुरू हुई। कार्यकारी पुलिस को आगे 3 उप-मंडलों में विभाजित किया गया था, अर्थात। दक्षिण अंडमान, उत्तरी अंडमान और निकोबार द्वीप समूह। इसके अलावा, सशस्त्र पुलिस, विशेष सशस्त्र पुलिस, आपराधिक जांच विभाग, द्वीप संचार, अग्निशमन सेवा, पीटीएस, पीएमटी, पीएमएफ और आईआरबीएन को भी अलग इकाइयों के रूप में स्थापित किया गया था।
पुलिस प्रमुख के पद को वर्ष 2007 में पुलिस महानिदेशक के रूप में अपग्रेड किया गया था और वर्तमान में, अंडमान और निकोबार पुलिस में 4352 की संख्या है, जिसमें 1 IGP, 2 DIGP की सहायता से पुलिस महानिदेशक की कमान में इंडिया रिजर्व बटालियन शामिल है। , 1 कमांडेंट आईआरबीएन, 3 जिला एसपी, 1 एएसपी, 8 डीएसपी, 7 सहायक। कमांडेंट, 1 मुख्य अग्निशमन अधिकारी और 1 पुलिस रेडियो अधिकारी।
मिशन वक्तव्य
अंडमान और निकोबार पुलिस का मिशन पुलिस अधिनियम और अंडमान और निकोबार पुलिस नियमावली में उल्लिखित पुलिस बल के उद्देश्यों के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदान करना है।
प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं
दिन-प्रतिदिन के पुलिस कार्य में आधुनिक तरीकों का उपयोग करके जांच और अपराध सुलझाने की क्षमताओं को बढ़ाना।
समस्या समाधान दृष्टिकोण विकसित करने के लिए सक्रिय सामुदायिक पुलिसिंग।
प्रौद्योगिकी हस्तक्षेप के माध्यम से पुलिस बल की परिचालन क्षमताओं को सुदृढ़ करना।
प्रभावी सार्वजनिक संपर्क और पुलिस कार्य में पारदर्शिता के लिए पुलिस कार्य में सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ाना।
पुलिस प्रशिक्षण स्कूल
समय और आवश्यकता के साथ, मौजूदा बल से सक्षम प्रशिक्षकों (आउटडोर और इनडोर के क्षेत्र में) को खींचकर एक पुलिस प्रशिक्षण स्कूल की स्थापना की गई और इसने पुलिस लाइन, पोर्ट ब्लेयर में जो भी बुनियादी ढांचा उपलब्ध था, काम करना शुरू कर दिया। अंडमान और निकोबार पुलिस के सिपाही रंगरूटों को तब से पुलिस प्रशिक्षण स्कूल पोर्ट ब्लेयर में बुनियादी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अब तक 3000 से अधिक भर्तियों वाले 61 बैच पहले ही पास आउट हो चुके हैं।
51वें बैच से आगे के कांस्टेबल प्रशिक्षुओं की बैचवार संख्या की जानकारी निम्नानुसार है:
नोट: *भूकंप/सुनामी प्रभाव के कारण अनुकंपा के आधार पर नियुक्त।
बाहरी कड़ियाँ
Official website
सन्दर्भ
भारत की राज्य कानून प्रवर्तन एजेंसियां
अंडमान और निकोबार सरकार
भारत में 1875 प्रतिष्ठान
1875 में स्थापित सरकारी एजेंसियां
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डंकन फ्लैचर का अच्छा रिकॉर्ड नहीं होने के बावजूद भारतीय क्रिकेट कोच के रूप में अनुबंध शुक्रवार को एक साल बढ़ा दिया गया। जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान 64 वर्षीय फ्लैचर के अनुबंध का नवीनीकरण का फैसला शुक्रवार को मुंबई में बीसीसीआई की कार्यकारिणी में किया गया।
फ्लैचर का अनुबंध इस महीने के आखिर में समाप्त हो रहा था। बीसीसीआई के वरिष्ठ सदस्य ने कहा, ‘‘कार्यकारिणी ने फ्लैचर का अनुबंध एक साल बढ़ाने का फैसला किया है। वह दो साल से टीम के साथ है और इसलिए दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अगली बड़ी सीरीज को देखते हुए हम कोई कड़ा फैसला नहीं करना चाहते हैं। किसी नए कोच की शुरुआत दक्षिण अफ्रीका से करना जोखिम भरा होगा। उससे अच्छे परिणाम की उम्मीद करना भी अनुचित होता।’’
फ्लैचर के कोच रहते हुए भारत को इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलियाई दौरे में क्लीनस्वीप का शिकार होना पड़ा। इसके बाद वह इंग्लैंड से घरेलू सीरीज भी हार गया। इससे फ्लैचर के भविष्य को लेकर कयास लगाये जा रहे थे।
जब से फ्लैचर कोच बने तब से भारत ने 22 टेस्ट मैचों में से दस में हार झेली और आठ में उसे जीत मिली। विदेशों में उसे केवल एक जीत दो साल पहले वेस्टइंडीज में तब मिली थी जबकि फ्लैचर ने कार्यकाल संभाला ही था।टिप्पणियां
इस बीच भारत ने 44 वनडे खेले और इनमें से उसने 25 जीते और 16 में उसे हार मिली। दो मैच टाई रहे जबकि एक का परिणाम नहीं निकला। टी-20 में भारत ने 17 मैचों से नौ में जीत दर्ज की जबकि आठ में उसे हार मिली।
सुनील गावस्कर ने फ्लैचर का कार्यकाल बढ़ाने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘क्या कोई भारतीय कोच दस टेस्ट मैचों में हार के बाद अपने पद पर बने रहता।’’ फ्लैचर को भारत के सबसे सफल कोच गैरी कर्स्टन की सिफारिश पर लिया गया था।
फ्लैचर का अनुबंध इस महीने के आखिर में समाप्त हो रहा था। बीसीसीआई के वरिष्ठ सदस्य ने कहा, ‘‘कार्यकारिणी ने फ्लैचर का अनुबंध एक साल बढ़ाने का फैसला किया है। वह दो साल से टीम के साथ है और इसलिए दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अगली बड़ी सीरीज को देखते हुए हम कोई कड़ा फैसला नहीं करना चाहते हैं। किसी नए कोच की शुरुआत दक्षिण अफ्रीका से करना जोखिम भरा होगा। उससे अच्छे परिणाम की उम्मीद करना भी अनुचित होता।’’
फ्लैचर के कोच रहते हुए भारत को इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलियाई दौरे में क्लीनस्वीप का शिकार होना पड़ा। इसके बाद वह इंग्लैंड से घरेलू सीरीज भी हार गया। इससे फ्लैचर के भविष्य को लेकर कयास लगाये जा रहे थे।
जब से फ्लैचर कोच बने तब से भारत ने 22 टेस्ट मैचों में से दस में हार झेली और आठ में उसे जीत मिली। विदेशों में उसे केवल एक जीत दो साल पहले वेस्टइंडीज में तब मिली थी जबकि फ्लैचर ने कार्यकाल संभाला ही था।टिप्पणियां
इस बीच भारत ने 44 वनडे खेले और इनमें से उसने 25 जीते और 16 में उसे हार मिली। दो मैच टाई रहे जबकि एक का परिणाम नहीं निकला। टी-20 में भारत ने 17 मैचों से नौ में जीत दर्ज की जबकि आठ में उसे हार मिली।
सुनील गावस्कर ने फ्लैचर का कार्यकाल बढ़ाने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘क्या कोई भारतीय कोच दस टेस्ट मैचों में हार के बाद अपने पद पर बने रहता।’’ फ्लैचर को भारत के सबसे सफल कोच गैरी कर्स्टन की सिफारिश पर लिया गया था।
फ्लैचर के कोच रहते हुए भारत को इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलियाई दौरे में क्लीनस्वीप का शिकार होना पड़ा। इसके बाद वह इंग्लैंड से घरेलू सीरीज भी हार गया। इससे फ्लैचर के भविष्य को लेकर कयास लगाये जा रहे थे।
जब से फ्लैचर कोच बने तब से भारत ने 22 टेस्ट मैचों में से दस में हार झेली और आठ में उसे जीत मिली। विदेशों में उसे केवल एक जीत दो साल पहले वेस्टइंडीज में तब मिली थी जबकि फ्लैचर ने कार्यकाल संभाला ही था।टिप्पणियां
इस बीच भारत ने 44 वनडे खेले और इनमें से उसने 25 जीते और 16 में उसे हार मिली। दो मैच टाई रहे जबकि एक का परिणाम नहीं निकला। टी-20 में भारत ने 17 मैचों से नौ में जीत दर्ज की जबकि आठ में उसे हार मिली।
सुनील गावस्कर ने फ्लैचर का कार्यकाल बढ़ाने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘क्या कोई भारतीय कोच दस टेस्ट मैचों में हार के बाद अपने पद पर बने रहता।’’ फ्लैचर को भारत के सबसे सफल कोच गैरी कर्स्टन की सिफारिश पर लिया गया था।
जब से फ्लैचर कोच बने तब से भारत ने 22 टेस्ट मैचों में से दस में हार झेली और आठ में उसे जीत मिली। विदेशों में उसे केवल एक जीत दो साल पहले वेस्टइंडीज में तब मिली थी जबकि फ्लैचर ने कार्यकाल संभाला ही था।टिप्पणियां
इस बीच भारत ने 44 वनडे खेले और इनमें से उसने 25 जीते और 16 में उसे हार मिली। दो मैच टाई रहे जबकि एक का परिणाम नहीं निकला। टी-20 में भारत ने 17 मैचों से नौ में जीत दर्ज की जबकि आठ में उसे हार मिली।
सुनील गावस्कर ने फ्लैचर का कार्यकाल बढ़ाने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘क्या कोई भारतीय कोच दस टेस्ट मैचों में हार के बाद अपने पद पर बने रहता।’’ फ्लैचर को भारत के सबसे सफल कोच गैरी कर्स्टन की सिफारिश पर लिया गया था।
इस बीच भारत ने 44 वनडे खेले और इनमें से उसने 25 जीते और 16 में उसे हार मिली। दो मैच टाई रहे जबकि एक का परिणाम नहीं निकला। टी-20 में भारत ने 17 मैचों से नौ में जीत दर्ज की जबकि आठ में उसे हार मिली।
सुनील गावस्कर ने फ्लैचर का कार्यकाल बढ़ाने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘क्या कोई भारतीय कोच दस टेस्ट मैचों में हार के बाद अपने पद पर बने रहता।’’ फ्लैचर को भारत के सबसे सफल कोच गैरी कर्स्टन की सिफारिश पर लिया गया था।
सुनील गावस्कर ने फ्लैचर का कार्यकाल बढ़ाने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘क्या कोई भारतीय कोच दस टेस्ट मैचों में हार के बाद अपने पद पर बने रहता।’’ फ्लैचर को भारत के सबसे सफल कोच गैरी कर्स्टन की सिफारिश पर लिया गया था।
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छत्तीसगढ़ का पहला आईआईटी (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) भिलाई में खुलेगा. इसके लिए केंद्र सरकार के साथ हुए अनुबंध पर मंगलवार को छत्तीसगढ़ के प्रमुख सचिव ने हस्ताक्षर किए. आईआईटी के लिए भिलाई स्थित कुटेलाभाठा की जमीन का चयन किया गया है. अब यह तय हो गया है कि कुटेलाभाठा व आस-पास की करीब 525 एकड़ जमीन पर आईआईटी का स्थाई कैम्पस बनेगा.
छत्तीसगढ़ सरकार के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने बताया कि बजट सत्र में घोषित नए आईआईटी को लेकर मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय भवन में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के नेतृत्व में बैठक हुई. इसमें छत्तीसगढ़ से मुख्य सचिव विवेक ढांढ, तकनीकी शिक्षा सचिव रेणु पिल्ले व दुर्ग कलेक्टर आर शंगीता शामिल हुईं.
मंत्री पांडेय ने बताया कि बैठक में दुर्ग कलेक्टर ने प्रदेश में आईआईटी के लिए भिलाई में 525 एकड़ जमीन का प्रस्ताव रखा. इसमें कुटेलाभाठा में 325, सिरसा में 120 व अरसनारा में 80 एकड़ जमीन शामिल है. इसी जमीन को एमएचआरडी की हाईपावर कमेटी ने 25 सितंबर 2015 को देखा था. थोड़ी देर चर्चा के बाद एमएचआरडी ने भिलाई की जमीन पर मंजूरी दे दी.
कैबिनेट मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने बताया कि छत्तीसगढ़ में आईआईटी का संचालन सत्र 2016-17 से शुरू होगा. शुरुआती दौर में विभिन्न ब्रांच की 180 सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा. इसके तहत भिलाई में स्थाई कैम्पस बनने तक आईआईटी का अस्थाई संचालन न्यू जीईसी (गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज), रायपुर के बी ब्लॉक में किया जाएगा.
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कप्तान एंड्रयू स्ट्रास ने पिछली 50 टेस्ट पारियों में दूसरा शतक जड़ते हुए वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले क्रिकेट टेस्ट के दूसरे दिन इंग्लैंड को पहली पारी में 16 रन की बढ़त दिला दी.
दिन का खेल खत्म होने पर स्ट्रास 249 गेंद में 19 चौकों की मदद से 121 रन बनाकर खेल रहे हैं. उन्होंने जोनाथन ट्राट (58) के साथ दूसरे विकेट के लिए 147 जबकि केविन पीटरसन (32) के साथ तीसरे विकेट के लिए 50 रन की साझेदारी की जिससे टीम तीन विकेट पर 259 रन बनाने में सफल रही. इयान बेल पांच रन बनाकर स्ट्रास का साथ निभा रहे हैं.
इससे पहले शुक्रवार सुबह नौ विकेट पर 243 रन से आगे खेलने उतरे वेस्टइंडीज ने टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण कर रहे शेनन गैब्रियल का विकेट बिना कोई रन जोड़े ही गंवा दिया. गैब्रियल ने स्टुअर्ट ब्राड की गेंद पर दूसरी स्लिप में ग्रीम स्वान को कैच थमाया.
शिवनरायण चंद्रपाल 87 रन बनाकर नाबाद रहे. दुनिया के नंबर एक टेस्ट बल्लेबाज चंद्रपाल ने चार घंटे से अधिक समय क्रीज पर बिताया और अपनी पारी के दौरान 12 चौके जड़े.
इंग्लैंड की ओर से ब्रॉड ने अपने कैरियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 72 रन देकर सात विकेट चटकाए.
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आज चांद पर पहुंचेगा हिंदुस्तान
देर रात चांद पर उतरेगा चंद्रयान-2
वैज्ञानिकों के लिए अहम है दिन
जिस पल का इंतजार पूरा देश कर रहा था वह अब नज़दीक है. शुक्रवार की देर रात भारत का चंद्रयान-2 चांद की सतह पर लैंड करेगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिकों की मेहनत का नतीजा आज सामने होगा और इस पल के साक्षी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बनेंगे. पीएम मोदी शुक्रवार देर रात को ही बेंगलुरु के ISRO सेंटर में पहुंचेंगे, जहां पर वह स्कूली बच्चों के साथ इस पल को देखेंगे.
चांद पर उतरने को तैयार चंद्रयान-2, शुभकामनाएं देने के लिए यहां करें क्लिक
चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर जब आज चांद पर लैंड करेगा तो शुरुआती कुछ घंटे काफी महत्वपूर्ण रहने वाले हैं. लैंडिंग की प्रक्रिया देर रात 1 बजे के आसपास शुरू होगी, जो 7 सितंबर सुबह तक जारी रहेगी. और यही पल धड़कन बढ़ाने वाले होंगे. खास बात ये भी है कि भारत पहली बार अपने किसी यान की सॉफ्ट लैंडिंग कराने जा रहा है.
6-7 सितंबर रात की बीच का समय...
01.30 से 01.40 AM:
चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर 35 KM. की ऊंचाई से चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरना शुरू करेगा. तब इसकी रफ्तार 200 मीटर प्रति सेकंड होगी. यह इसरो वैज्ञानिकों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण काम होगा. क्योंकि ऐसा पहली बार होगा जब कोई देश चांद के दक्षिणी ध्रुव पर होगा.
01:55 AM:
विक्रम लैंडर दक्षिणी ध्रुव पर मौजूद 2 क्रेटर मैंजिनस-C और सिंपेलियस-N के बीच मौजूद मैदान में उतरेगा. करीब 6 KM की ऊंचाई से लैंडर 2 मीटर प्रति सेकंड की गति से चांद की सतह पर उतरेगा. इस दौरान कुल पंद्रह मिनट का समय लगेगा.
03.55 AM:
चांद पर लैंडिंग के वक्त करीब 2 घंटे के बाद विक्रम लैंडर का रैंप खुलेगा. इसी के जरिए 6 पहियों वाला प्रज्ञान रोवर चांद पर उतरेगा.
05.05 AM: 7 सितंबर सुबह
प्रज्ञान रोवर का सोलर पैनल खुलेगा. सोलर पैनल के जरिए वह ऊर्जा हासिल करेगा.
05.10 AM:
प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर चलना शुरू करेगा. वह 1 सेंटीमीटर प्रति सेकंड की गति से चांद की सतह पर 14 दिनों तक यात्रा करेगा. इस दौरान वह 500 मीटर की दूरी तय करेगा.
चंद्रयान 2 में क्या-क्या?
चंद्रयान-2 तीन हिस्सों से मिलकर बना है
पहला- ऑर्बिटर
दूसरा- विक्रम लैंडर
तीसरा- प्रज्ञान रोवर.
कुछ खास बातें…
- विक्रम लैंडर के अंदर ही प्रज्ञान रोवर है, जो सॉफ्ट लैंडिंग के बाद बाहर निकलेगा.
- चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर चांद से करीब 140 किलोमीटर ऊपर चक्कर लगाता रहेगा. इसके जरिए ऑर्बिटर 2 साल तक चांद की तस्वीरें भेजेगा.
- रूस, अमेरिका और चीन के बाद इस कामयाबी को हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा भारत.
- चंद्रयान-2 की लैंडिंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ 74 बच्चे भी देखेंगे. इनका चयन क्विज के जरिए हुआ है.
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लेख: सड़क पर भीड़ रोकने के लिए तीन किलोमीटर रस्सी, 13 एसपी, 20 एएसपी, 45 सीओ, 6000 पुलिस के जवान के साथ सीआरपीएफ, आरएफ, एसएसबी और बीएसएफ की 12 कंपनियों के जवान बनारस की सड़कों पर बीते हफ्ते हलकान होते नजर आए. इतनी बड़ी फ़ोर्स की बड़ी कवायद किसी दंगे को रोकने के लिए नहीं थी बल्कि ये तो पीएम से लेकर सीएम की सभा और रोड शो को संभालने के लिए लगी थी क्योंकि बनारस, उत्तर प्रदेश के चुनाव की वो रणभूमि बनी जिसमे देश के प्रधानमंत्री की साख दांव ओर लगी थी. इस साख पर कहीं बट्टा न लग जाए इसलिए पीएम ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी.
गौरतलब है कि बनारस भाजपा के मिजाज का शहर है. यहां शहर की तीन सीट पर भाजपा का कब्जा है. जिसमे 2 सीट कैंट और दक्षिणी पर तो उसका कब्जा दशकों से है. पर इस बार टिकट का बंटवारा ऐसा हुआ कि लोगों में जबरदस्त असंतोष पैदा हो गया. विरोध का स्वर इस कदर मुखर हुआ कि उसकी आग में इन दोनों सीट का जल जाने का डर हो गया. असंतुष्ट गुट को मनाने की तैयारी शुरू हुई. डैमेज कंट्रोल के लिए शहर दक्षिणी से सात बार विधायक रहे श्याम देव राय चौधरी को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने दिल्ली बुलाया. उन्हें एमलसी और दूसरे बड़े राजनीतिक पद देने का आश्वासन दिया गया. पर टिकट कटने से आहत दादा का दिल नहीं पसीजा. तो पीएम मोदी खुद मैदान में कूद पड़े. उनका अंतिम तीन दिन का प्रवास यहां निश्चित हुआ. और जैसे ही पीएम के तीन दिन का कार्यक्रम आया.
वैसे ही पुलिस और प्रसाशन का सारा कार्यक्रम चुनौती में बदल गया. पहले दिन यानी 14 तारीख को पीएम का कार्यक्रम मंदिर दर्शन करने जाने का था. और उसी दिन सीएम अखिलेश और राहुल गांधी का रोड शो पहले से तय था. दोनों का समय और रास्ता एक ही था. लिहाजा पुलिस और प्रसाशन के पेशानी पर पसीना आने लगा. इसे कैसे सकुशल संपन्न कराया जाये इसकी चुनौती सामने आ गई. रोड शो के रास्ते का पहले निरिक्षण किया गया. फिर 13 तारीख की पूरी रात जागकर जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्रा और पुलिस कप्तान नितिन तिवारी ने जगह-जगह बैरिकेटिंग कराई. ड्रोन कैमरे से रास्ते में पड़ने वाली हर छत का जायजा लिया गया. बम स्क्वायड दस्ते ने चप्पे-चप्पे पर छानबीन की. एंटी माइन, स्नाईफर डॉग इलाके की हर संदिग्ध वस्तु की जांच में जुटे रहे. इसके बाद भीड़ कहीं आगे न आ जाये इसलिए 6000 जवानों को लगभग 3 किलोमीटर रस्सी दे कर डयूटी में तैनात किया गया. रातभर की इस कवायद के बाद 14 तारीख की वो सुबह आ गई जब पीएम मोदी को आना था.
उनका कार्यक्रम पहले 12 बजे का था और सीएम का 1 बजे का. ऐसे में रूट एक होने पर आपस में टकराहट लाजिमी थी. लिहाजा प्रशासन ने पहले पीएम के प्रोग्राम को आग्रह कर 9 बजे का कराया और सीएम का 2 बजे का. इस प्रयास के बाद प्रसाशन ने थोड़ी राहत की सांस ली. लेकिन जब पीएम आये तो वो बीएचयू के लंका गेट से खुली जीप से मंदिर का 5 किलोमीटर का रास्ता तय करने निकले. पीएम के कार्यक्रम की बड़ी-बड़ी सूचना अख़बारों में इस्तेहार दे कर छपी गई थी लिहाजा भीड़ उनके स्वागत में जुट गई. बीजेपी के लोगों ने भी पहले से तैयारी कर रखी थी. जगह-जगह फूलों की टोकरी पहुंचाई गई थीं. जो पीएम पर वर्षा करने के लिए थी. पीएम कारवां तो आगे बढ़ा पर ये अनौपचारिक रोड शो में तब्दील हो गया क्योंकि एक तो पीएम खुली कर में चले और दूसरे भारी भीड़ की वजह से चाल धीमी हो गई. जिससे मंदिर पहुंचने में घंटों लग गए. प्रधानमंत्री मोदी 1 बजे के आसपास विश्वनाथ मंदिर ही पहुंचे वहां से पूजा करके कालभैरव जाने में 2 से ज़्यादा बजने लगा. अब कचहरी से सीएम अखिलेश और राहुल गांधी का भी रोड शो शुरू हो गया. ऐसे में प्रशासन के पसीने छूटने लगे. दोनों तरफ के जूलूस के लिए प्रसाशन ने फोर्स तैनात कर रखी थी. पूरे रोड शो के रास्ते को 12 सेक्टर में बांटकर प्रशासन ने 13 एसपी, 12 एएसपी, 45 सीओ के साथ पुलिस बल का सामंजस्य डीएम औए एसएसपी लगातार बनाए हुए थे.
इस बीच प्रसाशन ने दोहरी व्यवस्था भी कर रखी थी .अलग रूट भी बनाया था कि कोई बात होने पर वीआईपी को दूसरे रास्ते से निकाला जा सके. बहरहाल इन व्यवस्था के बीच बड़ी बात ये थी कि पीएम के रास्ते में सीएम का रोड शो आने से पहले. पीएम के प्रोग्राम को सकुशल संपन्न कराकर विदा कर देने की थी. आखिरकार 3 बजे के लगभग पीएम जा कार्यक्रम ख़त्म हुआ तब तक सीएम का कारवां एक चौथाई दूरी पूरी जार चुका था. लेकिन अब प्रसाशन आधी लड़ाई जीत चुका था. पर अभी मुश्किल ख़त्म नहीं हुई थी. और एक बड़ी चुनौती उस समय सामने आ गई जब सीएम और राहुल का काफिला चौकाघाट पानी के टंकी के पास पहुंचा तब एक बीजेपी समर्थक के छत पर झंडा लहरा रहे लोगों पर कहीं से किसी ने पत्थर फेंक दिया. जिससे हंगामा होने लगा. लगा कि कोई अनहोनी हो जाएगी तभी पुलिस ने स्थिति को बड़ी मुस्तैदी से संभाल लिया. और कोई बड़ी घटना होने से बच गई. देर शाम ये रोड शो भी ख़त्म हुआ और पुलिस प्रसाशन ने राहत की सांस ली.टिप्पणियां
लेकिन ये राहत चंद घंटों की ही थी क्योंकि अगली सुबह तो पीएम का तय रोड शो था. जो पांडेपुर चौराहे से निकलकर 5 किलोमीटर का रास्ता तयकर विद्यापीठ के मौदान में सभा पर ख़त्म होना था. एक बार फिर उसी तैयारी के साथ पुलिस बल जुटा. ये कार्यक्रम भी पुलिस के लिए काम चुनौतीपूर्ण नहीं था क्योंकि एक तो बनारस की घनी बस्ती और संकरे रस्ते पर पीएम का खुले में जाना और दूसरी भारी हूजूम जिसे पूरी तरह चेक नहीं किया जा सकता. हालांकि ये कार्यक्रम भी ठीक से निकल गया. तीसरे दिन फिर पीएम का गड़वाघाट आश्रम और लाल बहादुर शात्री के घर सड़क मार्ग से जाना एक चुनौती बन गया. तीन दिन से ठीक बसे आराम न कर पाने वाला प्रसाशन फिर एक बार मुस्तैदी से लगा और आपसी तालमेल से इस कठिन चुनौती पर भी पर पाया. और जब पीएम अपनी आखिरी सभा रोहनिया विधानसभा में करके चले गये तब जाकर कहीं बनारस का प्रसाशन राहत की सांस ले पाया .
इस तीन दिन की कवायद में पुलिस और पैरा फ़ोर्स के जवान तो लगे ही रहे पर जिले के जिलाधिकारी और एसएसपी जिस पर पूरे कार्यक्रम का दारोमदार था वो इन तीन दिनों में बनारस की 50 किलोमीटर सड़के पैदल नापी एसएसपी नितिन तिवारी के पैरों में छाले पड़ गए और यही हाल डीएम का भी हुआ. पर इन्हें ख़ुशी इस बात की है कि इतने बड़े रण समर को सकुशल संपन्न करा लिया. और अगर बनारस की बात करे तो बनारस ने भी आज तक कभी चुनाव में इतना बड़ा रण समर कभी नहीं देखा था क्योंकि चुनाव तो पूरे उत्तर प्रदेश में हो रहा था पर असल रणभूमि तो बनारस की ही सरजमी बनी. और ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पूर्वांचल में हवा बनारस से होकर ही गुजरती है और सभी राजनितिक पार्टियां इस हवा को अपने तरफ करने लिये बनारस में इतनी ताकत झोंकी की बनारस का प्रसाशम हलकान हो गया.
गौरतलब है कि बनारस भाजपा के मिजाज का शहर है. यहां शहर की तीन सीट पर भाजपा का कब्जा है. जिसमे 2 सीट कैंट और दक्षिणी पर तो उसका कब्जा दशकों से है. पर इस बार टिकट का बंटवारा ऐसा हुआ कि लोगों में जबरदस्त असंतोष पैदा हो गया. विरोध का स्वर इस कदर मुखर हुआ कि उसकी आग में इन दोनों सीट का जल जाने का डर हो गया. असंतुष्ट गुट को मनाने की तैयारी शुरू हुई. डैमेज कंट्रोल के लिए शहर दक्षिणी से सात बार विधायक रहे श्याम देव राय चौधरी को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने दिल्ली बुलाया. उन्हें एमलसी और दूसरे बड़े राजनीतिक पद देने का आश्वासन दिया गया. पर टिकट कटने से आहत दादा का दिल नहीं पसीजा. तो पीएम मोदी खुद मैदान में कूद पड़े. उनका अंतिम तीन दिन का प्रवास यहां निश्चित हुआ. और जैसे ही पीएम के तीन दिन का कार्यक्रम आया.
वैसे ही पुलिस और प्रसाशन का सारा कार्यक्रम चुनौती में बदल गया. पहले दिन यानी 14 तारीख को पीएम का कार्यक्रम मंदिर दर्शन करने जाने का था. और उसी दिन सीएम अखिलेश और राहुल गांधी का रोड शो पहले से तय था. दोनों का समय और रास्ता एक ही था. लिहाजा पुलिस और प्रसाशन के पेशानी पर पसीना आने लगा. इसे कैसे सकुशल संपन्न कराया जाये इसकी चुनौती सामने आ गई. रोड शो के रास्ते का पहले निरिक्षण किया गया. फिर 13 तारीख की पूरी रात जागकर जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्रा और पुलिस कप्तान नितिन तिवारी ने जगह-जगह बैरिकेटिंग कराई. ड्रोन कैमरे से रास्ते में पड़ने वाली हर छत का जायजा लिया गया. बम स्क्वायड दस्ते ने चप्पे-चप्पे पर छानबीन की. एंटी माइन, स्नाईफर डॉग इलाके की हर संदिग्ध वस्तु की जांच में जुटे रहे. इसके बाद भीड़ कहीं आगे न आ जाये इसलिए 6000 जवानों को लगभग 3 किलोमीटर रस्सी दे कर डयूटी में तैनात किया गया. रातभर की इस कवायद के बाद 14 तारीख की वो सुबह आ गई जब पीएम मोदी को आना था.
उनका कार्यक्रम पहले 12 बजे का था और सीएम का 1 बजे का. ऐसे में रूट एक होने पर आपस में टकराहट लाजिमी थी. लिहाजा प्रशासन ने पहले पीएम के प्रोग्राम को आग्रह कर 9 बजे का कराया और सीएम का 2 बजे का. इस प्रयास के बाद प्रसाशन ने थोड़ी राहत की सांस ली. लेकिन जब पीएम आये तो वो बीएचयू के लंका गेट से खुली जीप से मंदिर का 5 किलोमीटर का रास्ता तय करने निकले. पीएम के कार्यक्रम की बड़ी-बड़ी सूचना अख़बारों में इस्तेहार दे कर छपी गई थी लिहाजा भीड़ उनके स्वागत में जुट गई. बीजेपी के लोगों ने भी पहले से तैयारी कर रखी थी. जगह-जगह फूलों की टोकरी पहुंचाई गई थीं. जो पीएम पर वर्षा करने के लिए थी. पीएम कारवां तो आगे बढ़ा पर ये अनौपचारिक रोड शो में तब्दील हो गया क्योंकि एक तो पीएम खुली कर में चले और दूसरे भारी भीड़ की वजह से चाल धीमी हो गई. जिससे मंदिर पहुंचने में घंटों लग गए. प्रधानमंत्री मोदी 1 बजे के आसपास विश्वनाथ मंदिर ही पहुंचे वहां से पूजा करके कालभैरव जाने में 2 से ज़्यादा बजने लगा. अब कचहरी से सीएम अखिलेश और राहुल गांधी का भी रोड शो शुरू हो गया. ऐसे में प्रशासन के पसीने छूटने लगे. दोनों तरफ के जूलूस के लिए प्रसाशन ने फोर्स तैनात कर रखी थी. पूरे रोड शो के रास्ते को 12 सेक्टर में बांटकर प्रशासन ने 13 एसपी, 12 एएसपी, 45 सीओ के साथ पुलिस बल का सामंजस्य डीएम औए एसएसपी लगातार बनाए हुए थे.
इस बीच प्रसाशन ने दोहरी व्यवस्था भी कर रखी थी .अलग रूट भी बनाया था कि कोई बात होने पर वीआईपी को दूसरे रास्ते से निकाला जा सके. बहरहाल इन व्यवस्था के बीच बड़ी बात ये थी कि पीएम के रास्ते में सीएम का रोड शो आने से पहले. पीएम के प्रोग्राम को सकुशल संपन्न कराकर विदा कर देने की थी. आखिरकार 3 बजे के लगभग पीएम जा कार्यक्रम ख़त्म हुआ तब तक सीएम का कारवां एक चौथाई दूरी पूरी जार चुका था. लेकिन अब प्रसाशन आधी लड़ाई जीत चुका था. पर अभी मुश्किल ख़त्म नहीं हुई थी. और एक बड़ी चुनौती उस समय सामने आ गई जब सीएम और राहुल का काफिला चौकाघाट पानी के टंकी के पास पहुंचा तब एक बीजेपी समर्थक के छत पर झंडा लहरा रहे लोगों पर कहीं से किसी ने पत्थर फेंक दिया. जिससे हंगामा होने लगा. लगा कि कोई अनहोनी हो जाएगी तभी पुलिस ने स्थिति को बड़ी मुस्तैदी से संभाल लिया. और कोई बड़ी घटना होने से बच गई. देर शाम ये रोड शो भी ख़त्म हुआ और पुलिस प्रसाशन ने राहत की सांस ली.टिप्पणियां
लेकिन ये राहत चंद घंटों की ही थी क्योंकि अगली सुबह तो पीएम का तय रोड शो था. जो पांडेपुर चौराहे से निकलकर 5 किलोमीटर का रास्ता तयकर विद्यापीठ के मौदान में सभा पर ख़त्म होना था. एक बार फिर उसी तैयारी के साथ पुलिस बल जुटा. ये कार्यक्रम भी पुलिस के लिए काम चुनौतीपूर्ण नहीं था क्योंकि एक तो बनारस की घनी बस्ती और संकरे रस्ते पर पीएम का खुले में जाना और दूसरी भारी हूजूम जिसे पूरी तरह चेक नहीं किया जा सकता. हालांकि ये कार्यक्रम भी ठीक से निकल गया. तीसरे दिन फिर पीएम का गड़वाघाट आश्रम और लाल बहादुर शात्री के घर सड़क मार्ग से जाना एक चुनौती बन गया. तीन दिन से ठीक बसे आराम न कर पाने वाला प्रसाशन फिर एक बार मुस्तैदी से लगा और आपसी तालमेल से इस कठिन चुनौती पर भी पर पाया. और जब पीएम अपनी आखिरी सभा रोहनिया विधानसभा में करके चले गये तब जाकर कहीं बनारस का प्रसाशन राहत की सांस ले पाया .
इस तीन दिन की कवायद में पुलिस और पैरा फ़ोर्स के जवान तो लगे ही रहे पर जिले के जिलाधिकारी और एसएसपी जिस पर पूरे कार्यक्रम का दारोमदार था वो इन तीन दिनों में बनारस की 50 किलोमीटर सड़के पैदल नापी एसएसपी नितिन तिवारी के पैरों में छाले पड़ गए और यही हाल डीएम का भी हुआ. पर इन्हें ख़ुशी इस बात की है कि इतने बड़े रण समर को सकुशल संपन्न करा लिया. और अगर बनारस की बात करे तो बनारस ने भी आज तक कभी चुनाव में इतना बड़ा रण समर कभी नहीं देखा था क्योंकि चुनाव तो पूरे उत्तर प्रदेश में हो रहा था पर असल रणभूमि तो बनारस की ही सरजमी बनी. और ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पूर्वांचल में हवा बनारस से होकर ही गुजरती है और सभी राजनितिक पार्टियां इस हवा को अपने तरफ करने लिये बनारस में इतनी ताकत झोंकी की बनारस का प्रसाशम हलकान हो गया.
वैसे ही पुलिस और प्रसाशन का सारा कार्यक्रम चुनौती में बदल गया. पहले दिन यानी 14 तारीख को पीएम का कार्यक्रम मंदिर दर्शन करने जाने का था. और उसी दिन सीएम अखिलेश और राहुल गांधी का रोड शो पहले से तय था. दोनों का समय और रास्ता एक ही था. लिहाजा पुलिस और प्रसाशन के पेशानी पर पसीना आने लगा. इसे कैसे सकुशल संपन्न कराया जाये इसकी चुनौती सामने आ गई. रोड शो के रास्ते का पहले निरिक्षण किया गया. फिर 13 तारीख की पूरी रात जागकर जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्रा और पुलिस कप्तान नितिन तिवारी ने जगह-जगह बैरिकेटिंग कराई. ड्रोन कैमरे से रास्ते में पड़ने वाली हर छत का जायजा लिया गया. बम स्क्वायड दस्ते ने चप्पे-चप्पे पर छानबीन की. एंटी माइन, स्नाईफर डॉग इलाके की हर संदिग्ध वस्तु की जांच में जुटे रहे. इसके बाद भीड़ कहीं आगे न आ जाये इसलिए 6000 जवानों को लगभग 3 किलोमीटर रस्सी दे कर डयूटी में तैनात किया गया. रातभर की इस कवायद के बाद 14 तारीख की वो सुबह आ गई जब पीएम मोदी को आना था.
उनका कार्यक्रम पहले 12 बजे का था और सीएम का 1 बजे का. ऐसे में रूट एक होने पर आपस में टकराहट लाजिमी थी. लिहाजा प्रशासन ने पहले पीएम के प्रोग्राम को आग्रह कर 9 बजे का कराया और सीएम का 2 बजे का. इस प्रयास के बाद प्रसाशन ने थोड़ी राहत की सांस ली. लेकिन जब पीएम आये तो वो बीएचयू के लंका गेट से खुली जीप से मंदिर का 5 किलोमीटर का रास्ता तय करने निकले. पीएम के कार्यक्रम की बड़ी-बड़ी सूचना अख़बारों में इस्तेहार दे कर छपी गई थी लिहाजा भीड़ उनके स्वागत में जुट गई. बीजेपी के लोगों ने भी पहले से तैयारी कर रखी थी. जगह-जगह फूलों की टोकरी पहुंचाई गई थीं. जो पीएम पर वर्षा करने के लिए थी. पीएम कारवां तो आगे बढ़ा पर ये अनौपचारिक रोड शो में तब्दील हो गया क्योंकि एक तो पीएम खुली कर में चले और दूसरे भारी भीड़ की वजह से चाल धीमी हो गई. जिससे मंदिर पहुंचने में घंटों लग गए. प्रधानमंत्री मोदी 1 बजे के आसपास विश्वनाथ मंदिर ही पहुंचे वहां से पूजा करके कालभैरव जाने में 2 से ज़्यादा बजने लगा. अब कचहरी से सीएम अखिलेश और राहुल गांधी का भी रोड शो शुरू हो गया. ऐसे में प्रशासन के पसीने छूटने लगे. दोनों तरफ के जूलूस के लिए प्रसाशन ने फोर्स तैनात कर रखी थी. पूरे रोड शो के रास्ते को 12 सेक्टर में बांटकर प्रशासन ने 13 एसपी, 12 एएसपी, 45 सीओ के साथ पुलिस बल का सामंजस्य डीएम औए एसएसपी लगातार बनाए हुए थे.
इस बीच प्रसाशन ने दोहरी व्यवस्था भी कर रखी थी .अलग रूट भी बनाया था कि कोई बात होने पर वीआईपी को दूसरे रास्ते से निकाला जा सके. बहरहाल इन व्यवस्था के बीच बड़ी बात ये थी कि पीएम के रास्ते में सीएम का रोड शो आने से पहले. पीएम के प्रोग्राम को सकुशल संपन्न कराकर विदा कर देने की थी. आखिरकार 3 बजे के लगभग पीएम जा कार्यक्रम ख़त्म हुआ तब तक सीएम का कारवां एक चौथाई दूरी पूरी जार चुका था. लेकिन अब प्रसाशन आधी लड़ाई जीत चुका था. पर अभी मुश्किल ख़त्म नहीं हुई थी. और एक बड़ी चुनौती उस समय सामने आ गई जब सीएम और राहुल का काफिला चौकाघाट पानी के टंकी के पास पहुंचा तब एक बीजेपी समर्थक के छत पर झंडा लहरा रहे लोगों पर कहीं से किसी ने पत्थर फेंक दिया. जिससे हंगामा होने लगा. लगा कि कोई अनहोनी हो जाएगी तभी पुलिस ने स्थिति को बड़ी मुस्तैदी से संभाल लिया. और कोई बड़ी घटना होने से बच गई. देर शाम ये रोड शो भी ख़त्म हुआ और पुलिस प्रसाशन ने राहत की सांस ली.टिप्पणियां
लेकिन ये राहत चंद घंटों की ही थी क्योंकि अगली सुबह तो पीएम का तय रोड शो था. जो पांडेपुर चौराहे से निकलकर 5 किलोमीटर का रास्ता तयकर विद्यापीठ के मौदान में सभा पर ख़त्म होना था. एक बार फिर उसी तैयारी के साथ पुलिस बल जुटा. ये कार्यक्रम भी पुलिस के लिए काम चुनौतीपूर्ण नहीं था क्योंकि एक तो बनारस की घनी बस्ती और संकरे रस्ते पर पीएम का खुले में जाना और दूसरी भारी हूजूम जिसे पूरी तरह चेक नहीं किया जा सकता. हालांकि ये कार्यक्रम भी ठीक से निकल गया. तीसरे दिन फिर पीएम का गड़वाघाट आश्रम और लाल बहादुर शात्री के घर सड़क मार्ग से जाना एक चुनौती बन गया. तीन दिन से ठीक बसे आराम न कर पाने वाला प्रसाशन फिर एक बार मुस्तैदी से लगा और आपसी तालमेल से इस कठिन चुनौती पर भी पर पाया. और जब पीएम अपनी आखिरी सभा रोहनिया विधानसभा में करके चले गये तब जाकर कहीं बनारस का प्रसाशन राहत की सांस ले पाया .
इस तीन दिन की कवायद में पुलिस और पैरा फ़ोर्स के जवान तो लगे ही रहे पर जिले के जिलाधिकारी और एसएसपी जिस पर पूरे कार्यक्रम का दारोमदार था वो इन तीन दिनों में बनारस की 50 किलोमीटर सड़के पैदल नापी एसएसपी नितिन तिवारी के पैरों में छाले पड़ गए और यही हाल डीएम का भी हुआ. पर इन्हें ख़ुशी इस बात की है कि इतने बड़े रण समर को सकुशल संपन्न करा लिया. और अगर बनारस की बात करे तो बनारस ने भी आज तक कभी चुनाव में इतना बड़ा रण समर कभी नहीं देखा था क्योंकि चुनाव तो पूरे उत्तर प्रदेश में हो रहा था पर असल रणभूमि तो बनारस की ही सरजमी बनी. और ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पूर्वांचल में हवा बनारस से होकर ही गुजरती है और सभी राजनितिक पार्टियां इस हवा को अपने तरफ करने लिये बनारस में इतनी ताकत झोंकी की बनारस का प्रसाशम हलकान हो गया.
उनका कार्यक्रम पहले 12 बजे का था और सीएम का 1 बजे का. ऐसे में रूट एक होने पर आपस में टकराहट लाजिमी थी. लिहाजा प्रशासन ने पहले पीएम के प्रोग्राम को आग्रह कर 9 बजे का कराया और सीएम का 2 बजे का. इस प्रयास के बाद प्रसाशन ने थोड़ी राहत की सांस ली. लेकिन जब पीएम आये तो वो बीएचयू के लंका गेट से खुली जीप से मंदिर का 5 किलोमीटर का रास्ता तय करने निकले. पीएम के कार्यक्रम की बड़ी-बड़ी सूचना अख़बारों में इस्तेहार दे कर छपी गई थी लिहाजा भीड़ उनके स्वागत में जुट गई. बीजेपी के लोगों ने भी पहले से तैयारी कर रखी थी. जगह-जगह फूलों की टोकरी पहुंचाई गई थीं. जो पीएम पर वर्षा करने के लिए थी. पीएम कारवां तो आगे बढ़ा पर ये अनौपचारिक रोड शो में तब्दील हो गया क्योंकि एक तो पीएम खुली कर में चले और दूसरे भारी भीड़ की वजह से चाल धीमी हो गई. जिससे मंदिर पहुंचने में घंटों लग गए. प्रधानमंत्री मोदी 1 बजे के आसपास विश्वनाथ मंदिर ही पहुंचे वहां से पूजा करके कालभैरव जाने में 2 से ज़्यादा बजने लगा. अब कचहरी से सीएम अखिलेश और राहुल गांधी का भी रोड शो शुरू हो गया. ऐसे में प्रशासन के पसीने छूटने लगे. दोनों तरफ के जूलूस के लिए प्रसाशन ने फोर्स तैनात कर रखी थी. पूरे रोड शो के रास्ते को 12 सेक्टर में बांटकर प्रशासन ने 13 एसपी, 12 एएसपी, 45 सीओ के साथ पुलिस बल का सामंजस्य डीएम औए एसएसपी लगातार बनाए हुए थे.
इस बीच प्रसाशन ने दोहरी व्यवस्था भी कर रखी थी .अलग रूट भी बनाया था कि कोई बात होने पर वीआईपी को दूसरे रास्ते से निकाला जा सके. बहरहाल इन व्यवस्था के बीच बड़ी बात ये थी कि पीएम के रास्ते में सीएम का रोड शो आने से पहले. पीएम के प्रोग्राम को सकुशल संपन्न कराकर विदा कर देने की थी. आखिरकार 3 बजे के लगभग पीएम जा कार्यक्रम ख़त्म हुआ तब तक सीएम का कारवां एक चौथाई दूरी पूरी जार चुका था. लेकिन अब प्रसाशन आधी लड़ाई जीत चुका था. पर अभी मुश्किल ख़त्म नहीं हुई थी. और एक बड़ी चुनौती उस समय सामने आ गई जब सीएम और राहुल का काफिला चौकाघाट पानी के टंकी के पास पहुंचा तब एक बीजेपी समर्थक के छत पर झंडा लहरा रहे लोगों पर कहीं से किसी ने पत्थर फेंक दिया. जिससे हंगामा होने लगा. लगा कि कोई अनहोनी हो जाएगी तभी पुलिस ने स्थिति को बड़ी मुस्तैदी से संभाल लिया. और कोई बड़ी घटना होने से बच गई. देर शाम ये रोड शो भी ख़त्म हुआ और पुलिस प्रसाशन ने राहत की सांस ली.टिप्पणियां
लेकिन ये राहत चंद घंटों की ही थी क्योंकि अगली सुबह तो पीएम का तय रोड शो था. जो पांडेपुर चौराहे से निकलकर 5 किलोमीटर का रास्ता तयकर विद्यापीठ के मौदान में सभा पर ख़त्म होना था. एक बार फिर उसी तैयारी के साथ पुलिस बल जुटा. ये कार्यक्रम भी पुलिस के लिए काम चुनौतीपूर्ण नहीं था क्योंकि एक तो बनारस की घनी बस्ती और संकरे रस्ते पर पीएम का खुले में जाना और दूसरी भारी हूजूम जिसे पूरी तरह चेक नहीं किया जा सकता. हालांकि ये कार्यक्रम भी ठीक से निकल गया. तीसरे दिन फिर पीएम का गड़वाघाट आश्रम और लाल बहादुर शात्री के घर सड़क मार्ग से जाना एक चुनौती बन गया. तीन दिन से ठीक बसे आराम न कर पाने वाला प्रसाशन फिर एक बार मुस्तैदी से लगा और आपसी तालमेल से इस कठिन चुनौती पर भी पर पाया. और जब पीएम अपनी आखिरी सभा रोहनिया विधानसभा में करके चले गये तब जाकर कहीं बनारस का प्रसाशन राहत की सांस ले पाया .
इस तीन दिन की कवायद में पुलिस और पैरा फ़ोर्स के जवान तो लगे ही रहे पर जिले के जिलाधिकारी और एसएसपी जिस पर पूरे कार्यक्रम का दारोमदार था वो इन तीन दिनों में बनारस की 50 किलोमीटर सड़के पैदल नापी एसएसपी नितिन तिवारी के पैरों में छाले पड़ गए और यही हाल डीएम का भी हुआ. पर इन्हें ख़ुशी इस बात की है कि इतने बड़े रण समर को सकुशल संपन्न करा लिया. और अगर बनारस की बात करे तो बनारस ने भी आज तक कभी चुनाव में इतना बड़ा रण समर कभी नहीं देखा था क्योंकि चुनाव तो पूरे उत्तर प्रदेश में हो रहा था पर असल रणभूमि तो बनारस की ही सरजमी बनी. और ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पूर्वांचल में हवा बनारस से होकर ही गुजरती है और सभी राजनितिक पार्टियां इस हवा को अपने तरफ करने लिये बनारस में इतनी ताकत झोंकी की बनारस का प्रसाशम हलकान हो गया.
इस बीच प्रसाशन ने दोहरी व्यवस्था भी कर रखी थी .अलग रूट भी बनाया था कि कोई बात होने पर वीआईपी को दूसरे रास्ते से निकाला जा सके. बहरहाल इन व्यवस्था के बीच बड़ी बात ये थी कि पीएम के रास्ते में सीएम का रोड शो आने से पहले. पीएम के प्रोग्राम को सकुशल संपन्न कराकर विदा कर देने की थी. आखिरकार 3 बजे के लगभग पीएम जा कार्यक्रम ख़त्म हुआ तब तक सीएम का कारवां एक चौथाई दूरी पूरी जार चुका था. लेकिन अब प्रसाशन आधी लड़ाई जीत चुका था. पर अभी मुश्किल ख़त्म नहीं हुई थी. और एक बड़ी चुनौती उस समय सामने आ गई जब सीएम और राहुल का काफिला चौकाघाट पानी के टंकी के पास पहुंचा तब एक बीजेपी समर्थक के छत पर झंडा लहरा रहे लोगों पर कहीं से किसी ने पत्थर फेंक दिया. जिससे हंगामा होने लगा. लगा कि कोई अनहोनी हो जाएगी तभी पुलिस ने स्थिति को बड़ी मुस्तैदी से संभाल लिया. और कोई बड़ी घटना होने से बच गई. देर शाम ये रोड शो भी ख़त्म हुआ और पुलिस प्रसाशन ने राहत की सांस ली.टिप्पणियां
लेकिन ये राहत चंद घंटों की ही थी क्योंकि अगली सुबह तो पीएम का तय रोड शो था. जो पांडेपुर चौराहे से निकलकर 5 किलोमीटर का रास्ता तयकर विद्यापीठ के मौदान में सभा पर ख़त्म होना था. एक बार फिर उसी तैयारी के साथ पुलिस बल जुटा. ये कार्यक्रम भी पुलिस के लिए काम चुनौतीपूर्ण नहीं था क्योंकि एक तो बनारस की घनी बस्ती और संकरे रस्ते पर पीएम का खुले में जाना और दूसरी भारी हूजूम जिसे पूरी तरह चेक नहीं किया जा सकता. हालांकि ये कार्यक्रम भी ठीक से निकल गया. तीसरे दिन फिर पीएम का गड़वाघाट आश्रम और लाल बहादुर शात्री के घर सड़क मार्ग से जाना एक चुनौती बन गया. तीन दिन से ठीक बसे आराम न कर पाने वाला प्रसाशन फिर एक बार मुस्तैदी से लगा और आपसी तालमेल से इस कठिन चुनौती पर भी पर पाया. और जब पीएम अपनी आखिरी सभा रोहनिया विधानसभा में करके चले गये तब जाकर कहीं बनारस का प्रसाशन राहत की सांस ले पाया .
इस तीन दिन की कवायद में पुलिस और पैरा फ़ोर्स के जवान तो लगे ही रहे पर जिले के जिलाधिकारी और एसएसपी जिस पर पूरे कार्यक्रम का दारोमदार था वो इन तीन दिनों में बनारस की 50 किलोमीटर सड़के पैदल नापी एसएसपी नितिन तिवारी के पैरों में छाले पड़ गए और यही हाल डीएम का भी हुआ. पर इन्हें ख़ुशी इस बात की है कि इतने बड़े रण समर को सकुशल संपन्न करा लिया. और अगर बनारस की बात करे तो बनारस ने भी आज तक कभी चुनाव में इतना बड़ा रण समर कभी नहीं देखा था क्योंकि चुनाव तो पूरे उत्तर प्रदेश में हो रहा था पर असल रणभूमि तो बनारस की ही सरजमी बनी. और ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पूर्वांचल में हवा बनारस से होकर ही गुजरती है और सभी राजनितिक पार्टियां इस हवा को अपने तरफ करने लिये बनारस में इतनी ताकत झोंकी की बनारस का प्रसाशम हलकान हो गया.
लेकिन ये राहत चंद घंटों की ही थी क्योंकि अगली सुबह तो पीएम का तय रोड शो था. जो पांडेपुर चौराहे से निकलकर 5 किलोमीटर का रास्ता तयकर विद्यापीठ के मौदान में सभा पर ख़त्म होना था. एक बार फिर उसी तैयारी के साथ पुलिस बल जुटा. ये कार्यक्रम भी पुलिस के लिए काम चुनौतीपूर्ण नहीं था क्योंकि एक तो बनारस की घनी बस्ती और संकरे रस्ते पर पीएम का खुले में जाना और दूसरी भारी हूजूम जिसे पूरी तरह चेक नहीं किया जा सकता. हालांकि ये कार्यक्रम भी ठीक से निकल गया. तीसरे दिन फिर पीएम का गड़वाघाट आश्रम और लाल बहादुर शात्री के घर सड़क मार्ग से जाना एक चुनौती बन गया. तीन दिन से ठीक बसे आराम न कर पाने वाला प्रसाशन फिर एक बार मुस्तैदी से लगा और आपसी तालमेल से इस कठिन चुनौती पर भी पर पाया. और जब पीएम अपनी आखिरी सभा रोहनिया विधानसभा में करके चले गये तब जाकर कहीं बनारस का प्रसाशन राहत की सांस ले पाया .
इस तीन दिन की कवायद में पुलिस और पैरा फ़ोर्स के जवान तो लगे ही रहे पर जिले के जिलाधिकारी और एसएसपी जिस पर पूरे कार्यक्रम का दारोमदार था वो इन तीन दिनों में बनारस की 50 किलोमीटर सड़के पैदल नापी एसएसपी नितिन तिवारी के पैरों में छाले पड़ गए और यही हाल डीएम का भी हुआ. पर इन्हें ख़ुशी इस बात की है कि इतने बड़े रण समर को सकुशल संपन्न करा लिया. और अगर बनारस की बात करे तो बनारस ने भी आज तक कभी चुनाव में इतना बड़ा रण समर कभी नहीं देखा था क्योंकि चुनाव तो पूरे उत्तर प्रदेश में हो रहा था पर असल रणभूमि तो बनारस की ही सरजमी बनी. और ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पूर्वांचल में हवा बनारस से होकर ही गुजरती है और सभी राजनितिक पार्टियां इस हवा को अपने तरफ करने लिये बनारस में इतनी ताकत झोंकी की बनारस का प्रसाशम हलकान हो गया.
इस तीन दिन की कवायद में पुलिस और पैरा फ़ोर्स के जवान तो लगे ही रहे पर जिले के जिलाधिकारी और एसएसपी जिस पर पूरे कार्यक्रम का दारोमदार था वो इन तीन दिनों में बनारस की 50 किलोमीटर सड़के पैदल नापी एसएसपी नितिन तिवारी के पैरों में छाले पड़ गए और यही हाल डीएम का भी हुआ. पर इन्हें ख़ुशी इस बात की है कि इतने बड़े रण समर को सकुशल संपन्न करा लिया. और अगर बनारस की बात करे तो बनारस ने भी आज तक कभी चुनाव में इतना बड़ा रण समर कभी नहीं देखा था क्योंकि चुनाव तो पूरे उत्तर प्रदेश में हो रहा था पर असल रणभूमि तो बनारस की ही सरजमी बनी. और ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पूर्वांचल में हवा बनारस से होकर ही गुजरती है और सभी राजनितिक पार्टियां इस हवा को अपने तरफ करने लिये बनारस में इतनी ताकत झोंकी की बनारस का प्रसाशम हलकान हो गया.
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28 सितंबर 2017 से क्रिकेट का एक अगल ही रूप देखने को मिला, जब आईसीसी ने क्रिकेट में खेल के नए नियमों को लागू किया. क्रिकेट में नियमों के बदलाव के बाद भारतीय क्रिकेट टीम ने अपनी पहली सीरीज न्यूजीलैंड के साथ खेली थी. आईसीसी के खेलने के नियमों में ज्यादातर बदलाव एमसीसी द्वारा घोषित क्रिकेट नियमों के बदलाव के परिणामस्वरूप किए गए.
इसी के साथ ही क्रिकेट के कई नियमों में बदलाव हुए, जिसके तहत क्रिकेट बैट के साइज निर्धारित से लेकर अभद्र व्यवहार को रोकने के लिए रेड कार्ड देना भी शामिल है.
-अब बैट की चौड़ाई 108 मिमी, मोटाई 67 मिमी और कोनों पर 40 मिमी से ज्यादा नहीं हो पाएगी. बड़े बल्लों के उपयोग से रोकने के लिए अंपायर बैट गेज (माप यंत्र) का इस्तेमाल करेंगे.
VIDEO: धोनी की गोद में बैठकर बेटी जीवा ने सुनाया क्यूट क्रिसमस सॉन्ग
-नए नियमों के अनुसार अगर एलबीडब्ल्यू के लिए रेफरल 'अंपायर्स कॉल' के रूप में वापस आता है, तो टीमें अपना रिव्यू नहीं गंवाएंगी.
-टेस्ट मैचों में 80 ओवर के बाद 'टॉप-अप' रिव्यू जुड़ने का मौजूदा नियम खत्म हो गया, जबकि डीआरएस को अब टी-20 इंटरनेशनल में भी अनुमति है. टेस्ट में टॉप-अप रिव्यू में टीमों को 80 ओवरों के बाद दो और रिव्यू दिए जाते थे, जो अब नहीं दिए जाते.
-नए नियमों में अंपायरों को हिंसा सहित दुर्व्यवहार करने वाले खिलाड़ी को मैदान से बाहर भेजने का अधिकार भी है. अन्य सभी अपराध पहले की तरह आईसीसी आचार संहिता के तहत हैं.
-अगर क्रीज पार करने के बाद बल्ला हवा में रहता है, तो बल्लेबाज को रन आउट नहीं दिया जाएगा. पहले हवा में बल्ला रहने पर बल्लेबाज को आउट दे दिया जाता था.
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बल्लेबाज तब भी कैच, स्टंप और रन आउट हो सकता है, भले ही गेंद फिल्डर या विकेटकीपर द्वारा पहने गए हेलमेट से लगकर आई हो.
-अब बाउंड्री पर हवा में कैच पकड़ने वाले फील्डर को बाउंड्री के अदर ही रहकर कैच पकड़ना होगा, नहीं तो उसे बाउंड्री मानी जाएगी.
-अब 'हैंडल्ड द बॉल' नियम को हटाकर उस तरीके से आउट होने वाले बल्लेबाज को 'ऑब्सट्रक्टिंग द फील्ड' नियम के तहत आउट दिया जाता है.
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शारजाह में 17 भारतीयों को मृत्युदंड दिए जाने के बाद देश भर में फैली चिंता के बीच यूएई ने आश्वस्त किया है कि देश के कानूनी तंत्र के तहत निष्पक्ष सुनवाई होगी और मृत्युदंड पर अपील की जा सकती है.
राजधानी स्थित यूएई दूतावास ने एक वक्तव्य में कहा है ‘नई दिल्ली का यूएई दूतावास शारजाह में दोषी ठहराए गए भारतीयों से जुड़ी खबरों पर पूरा ध्यान दे रहा है. यूएई की कानून व्यवस्था में मृत्युदंड पर अपील की जा सकती है और अपील में किसी पार्टी का हस्तक्षेप नहीं होता.’
वक्तव्य के मुताबिक ‘हमें अपने वैधानिक तंत्र और इसकी प्रक्रियाओं में पूरा विश्वास है. हमें विश्वास है कि हमारे कानून तंत्र में उन लोगों की निष्पक्ष सुनवाई होगी.’ वक्तव्य में कहा गया है कि यूएई की अदालत उन लोगों को वकील भी उपलब्ध कराती हैं, जो स्वयं कानूनी मदद लेने में अक्षम होते हैं. तंत्र ऐसे लोगों को अदालत में स्वयं को बचाने का अधिकार और तरीका उपलब्ध कराती है.
शारजाह की शरिया अदालत में 29 मार्च को 17 भारतीयों को कथित तौर पर एक पाकिस्तानी नागरिक की हत्या करने और तीन अन्य को घायल करने के आरोप में मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी. विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने इस फैसले को ‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण’ बताते हुए अपने मंत्रालय को निर्देश दिए थे कि वह सभी भारतीयों को आगे अपील करने में मदद करे.
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एक वाहन पंजीकरण प्लेट, जिसे नंबर प्लेट ( ब्रिटिश अंग्रेजी ), लाइसेंस प्लेट ( यूएस अंग्रेजी ) या लाइसेंस प्लेट ( कनाडाई अंग्रेजी ) के रूप में भी जाना जाता है, एक धातु या प्लास्टिक की प्लेट है जो आधिकारिक पहचान उद्देश्यों के लिए मोटर वाहन या ट्रेलर से जुड़ी होती है।
सभी देशों को कार, ट्रक और मोटरसाइकिल जैसे सड़क वाहनों के लिए पंजीकरण प्लेट की आवश्यकता होती है। चाहे वे साइकिल, नाव या ट्रैक्टर जैसे अन्य वाहनों के लिए आवश्यक हों, क्षेत्राधिकार के अनुसार भिन्न हो सकते हैं।
भारत
भारत में, आपको 8 अलग-अलग प्रकार की नंबर प्लेटें मिलेंगी।
सफेद नंबर प्लेट
पीली नंबर प्लेट
हरी नंबर प्लेट
लाल नंबर प्लेट
नीली नंबर प्लेट
काली नंबर प्लेट
ऊपर की ओर इशारा करते हुए तीर के साथ नंबर प्लेट
भारत के प्रतीक के साथ लाल नंबर प्लेट
सन्दर्भ
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किसी भी राज्य में चुनी हुई सरकार का ये अधिकार होता है कि वह किस अधिकारी को रहने या किसको कहा रखे। सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का तबादला किया। इसमें एक पुलिस अधिकारी पटना के आईजी कुंदन कृष्णन हैं, जिन्हें अब एटीएस का प्रमुख बनाया गया है।
कुंदन के तबादले के पीछे ये बताया गया है कि पटना के गांधी मैदान हादसे में सारे वरिष्ठ से लेकर नीचे के अधिकारियों को जब हटाया गया तब कुंदन की राजनीतिक पहुंच की वजह से ही उस वक्त उनका तबादला नहीं हुआ। लेकिन, विजयदशमी के दिन घटना के बाद मैंने देखा कि कुंदन कैसे गांधी मैदान से लेकर पीएमसीएच में अपने मातेहत अधिकारियों के साथ मोर्चाबंदी किए हुए थे।
घटना के वक्त उनकी वर्दी तक फट गई और जब सादे कपड़े में पीएमसीएच के इमर्जेंसी गेट पर भीड़ को अपने बॉडी गार्ड की मदद से रोके हुए थे, तब कई लोगों ने उनके साथ धक्का मुक्की तक की।
सामान्य हालात में अगर आप वरिष्ठ अधिकारी के साथ धक्का मुक्की करेंगे तो पुलिस तुरंत लाठीचार्ज कर देती है, लेकिन उस समय भीड़ नियंत्रण करना था, न की लाठी चार्ज करना।
बाद में बगल के एक कमरे में कुंदन ने वर्दी मंगा के कपड़े बदले और इमर्जेंसी वार्ड में जरूरी दवा न होने पर उन्होंने तीन हजार रुपये देकर दवा भी मंगाए।
उस शाम पटना के एसएसपी, डीएम, डीआईजी, पुलिस आयुक्त सब नदारद थे। सब पर कार्रवाई हुई लेकिन कुंदन तो मुस्तैद थे। हालांकि राज्य सरकार को लगा कि उनका तबादला न करना गलत संदेश देगा।
लेकिन मेरा मानना है कि तबादले के बाद बिहार में या यों कहें कि पूरे देश में शायद ही कोई अधिकारी भीड़ में अपने कपड़े फड़वाएगा, पैसे देकर दवा मंगाएगा और लोगों की गाली और मार खाकर लोगों की जान बचाने की कोशिश करेगा। मैं मानता हूं कि कुंदन कृष्णन बहुत लोकप्रिय अधिकारी नहीं रहे हैं, लेकिन उस शाम के काम के बदले पुरष्कार के बदले मांझी सरकार ने ये क्या किया?
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: मामला अदालत की रजिस्ट्री में दायर किया गया है और नियत समय पर सुनवाई की जाएगी. कन्हैया कुमार सीपीआई की एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे. कन्हैया कुमार सीपीआई की टिकट पर बिहार की बेगुसराय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगें. पूर्व में एआईएसए से जुड़े रहे कन्हैया कुमार पहली बार तब चर्चा में आए थे, जब उन्हें जेएनयू परिसर में कथित तौर पर भारत-विरोधी नारे लगाने के मामले में हिरासत में लिया गया था.
बता दें, दिल्ली पुलिस ने हालही जेएनयू मामले में पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. यह चार्जशीट सेक्शन-124 A,323,465,471,143,149,147,120B के तहत पेश की गई थी. चार्जशीट में कुल 10 मुख्य आरोपी बनाए हैं, जिसमें कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य का नाम भी शामिल है. चार्जशीट में मुख्य आरोपी कन्हैया कुमार, अनिर्बान भट्टाचार्य, उमर खालिद, सात कश्मीर छात्र और 36 अन्य लोग हैं. चार्जशीट के मुताबिक कन्हैया कुमार ने भी देश विरोधी नारे लगाए थे. गवाहों के हवाले से चार्जशीट में बताया गया है कि कन्हैया कुमार ने भी देश विरोधी नारे लगाए थे.
पुलिस को कन्हैया का भाषण देते हुए एक वीडियो भी मिला है. इसके साथ ही कहा गया है कि कन्हैया को पूरे कार्यक्रम की पहले से जानकारी थी. चार्जशीट में जिन सात कश्मीरी छात्रों के नाम हैं, उनसे पूछताछ हो चुकी है.
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UPDATE: Prithvi Shaw ruled out of first Test against Australia in Adelaide. Full details here ---> https://t.co/bKZRSodVyRpic.twitter.com/gqFWUJKxNf
JUST IN: Oh this doesn't look good. A nasty moment for India's rising star Prithvi Shaw at the SCG: https://t.co/k1aH1A6qeA#CAXIvINDpic.twitter.com/2eMaHhp8ab
सोशल मीडिया पर पृथ्वी शॉ के चोटिल होने के बाद से ही यह ऑनलाइन सर्वे के जरिए क्रिकेटप्रेमियों की राय मांगी जाने लगी कि अगर पृथ्वी शॉ बाहर नहीं होते हैं, तो भारत से विकल्प के तौर पर घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगाने वाले मयंक अग्रवाल को ऑस्ट्रेलिया भेजा जाए, या शिखर धवन को. इस मामले पर ज्यादार क्रिकेटप्रेमी बंटे हुए नजर आ रहे हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि सेलेक्टर्स क्या विकल्प चुनते हैं. या फिर धवन और मयंक दोनों को ही ऑस्ट्रेलिया नहीं भेजा जाएगा. और ऑस्ट्रेलिया में उपलब्ध खिलाड़ियों में से ही किसी से पारी की शुरुआत करायी जाएगी.
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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को दिया भारत रत्न पुरस्कार वापस लेने की मांग की गई थी। याचिका में पुरस्कार वापस लेने के लिए देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान के कथित गलत इस्तेमाल को आधार बनाया गया था।
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि ऐसे कोई वैधानिक प्रावधान, नियम और कानून नहीं है जो तेंदुलकर के खिलाफ लगाए आरोपों से निपटें। यचिकाकर्ता वीके नास्वा ने आरोप लगाया कि कई लेखकों ने अपनी किताबों में तेंदुलकर का जिक्र भारत रत्न के रूप में किया है और उन्होंने अपनी किताब का शीषर्क भी इसी तरीके से रखा है।
याचिकाकर्ता ने साथ ही आरोप लगाया कि पुरस्कार से सम्मानित किए जाने के बाद भी तेंदुलकर ने व्यावसायिक गतिविधियों में हिस्सा लेना जारी रखा। पीठ ने कहा कि अगर तेंदुलकर ने किताब लिखी होती और उसमें ‘भारत रत्न’ शब्द को जोड़ा होता तो मामला अलग होता लेकिन जब कोई तीसरा पक्ष किताब लिख रहा है तो उन्हें जवाबदेह नहीं बनाया जा सकता। टिप्पणियां
पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा, ‘‘अगर प्रतिवादी नंबर दो ‘भारत रत्न’ शब्द का इस्तेमाल करते हुए किताब लिखता जो मामला अलग होता। जब कोई तीसरा पक्ष किताब लिख रहा है तो हमारे दिमाग में कोई संदेह नहीं है कि प्रतिवादी नंबर दो को जवाबदेह नहीं ठहराया जा सकता।’’ नास्वा ने अपनी याचिका में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के 10 अगस्त 2015 के आदेश को चुनौती दी थी जिसके जरिये तेंदुलकर के भारत रत्न पुरस्कार के कथित तौर पर गलत इस्तेमाल से संबंधित यचिका पर बिना कोई आदेश दिए खारिज कर दिया गया था।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि ऐसे कोई वैधानिक प्रावधान, नियम और कानून नहीं है जो तेंदुलकर के खिलाफ लगाए आरोपों से निपटें। यचिकाकर्ता वीके नास्वा ने आरोप लगाया कि कई लेखकों ने अपनी किताबों में तेंदुलकर का जिक्र भारत रत्न के रूप में किया है और उन्होंने अपनी किताब का शीषर्क भी इसी तरीके से रखा है।
याचिकाकर्ता ने साथ ही आरोप लगाया कि पुरस्कार से सम्मानित किए जाने के बाद भी तेंदुलकर ने व्यावसायिक गतिविधियों में हिस्सा लेना जारी रखा। पीठ ने कहा कि अगर तेंदुलकर ने किताब लिखी होती और उसमें ‘भारत रत्न’ शब्द को जोड़ा होता तो मामला अलग होता लेकिन जब कोई तीसरा पक्ष किताब लिख रहा है तो उन्हें जवाबदेह नहीं बनाया जा सकता। टिप्पणियां
पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा, ‘‘अगर प्रतिवादी नंबर दो ‘भारत रत्न’ शब्द का इस्तेमाल करते हुए किताब लिखता जो मामला अलग होता। जब कोई तीसरा पक्ष किताब लिख रहा है तो हमारे दिमाग में कोई संदेह नहीं है कि प्रतिवादी नंबर दो को जवाबदेह नहीं ठहराया जा सकता।’’ नास्वा ने अपनी याचिका में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के 10 अगस्त 2015 के आदेश को चुनौती दी थी जिसके जरिये तेंदुलकर के भारत रत्न पुरस्कार के कथित तौर पर गलत इस्तेमाल से संबंधित यचिका पर बिना कोई आदेश दिए खारिज कर दिया गया था।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
याचिकाकर्ता ने साथ ही आरोप लगाया कि पुरस्कार से सम्मानित किए जाने के बाद भी तेंदुलकर ने व्यावसायिक गतिविधियों में हिस्सा लेना जारी रखा। पीठ ने कहा कि अगर तेंदुलकर ने किताब लिखी होती और उसमें ‘भारत रत्न’ शब्द को जोड़ा होता तो मामला अलग होता लेकिन जब कोई तीसरा पक्ष किताब लिख रहा है तो उन्हें जवाबदेह नहीं बनाया जा सकता। टिप्पणियां
पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा, ‘‘अगर प्रतिवादी नंबर दो ‘भारत रत्न’ शब्द का इस्तेमाल करते हुए किताब लिखता जो मामला अलग होता। जब कोई तीसरा पक्ष किताब लिख रहा है तो हमारे दिमाग में कोई संदेह नहीं है कि प्रतिवादी नंबर दो को जवाबदेह नहीं ठहराया जा सकता।’’ नास्वा ने अपनी याचिका में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के 10 अगस्त 2015 के आदेश को चुनौती दी थी जिसके जरिये तेंदुलकर के भारत रत्न पुरस्कार के कथित तौर पर गलत इस्तेमाल से संबंधित यचिका पर बिना कोई आदेश दिए खारिज कर दिया गया था।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा, ‘‘अगर प्रतिवादी नंबर दो ‘भारत रत्न’ शब्द का इस्तेमाल करते हुए किताब लिखता जो मामला अलग होता। जब कोई तीसरा पक्ष किताब लिख रहा है तो हमारे दिमाग में कोई संदेह नहीं है कि प्रतिवादी नंबर दो को जवाबदेह नहीं ठहराया जा सकता।’’ नास्वा ने अपनी याचिका में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के 10 अगस्त 2015 के आदेश को चुनौती दी थी जिसके जरिये तेंदुलकर के भारत रत्न पुरस्कार के कथित तौर पर गलत इस्तेमाल से संबंधित यचिका पर बिना कोई आदेश दिए खारिज कर दिया गया था।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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ड्रॉ का मतलब है किसी भी खिलाड़ी का ना जीत पाना। शतरंज में, ऐसे कई तरीके हैं जिनसे एक खेल ड्रॉ में खत्म हो सकता है। ड्रॉ शतरंज के नियम के हिसाब से माना जाता है, और इसमें स्टेलमेट (जब जिस खिलाड़ी की चाल है वो नियम के हिसाब से कोई चाल नही चल सकता लेकिन वो शह में भी नहीं है), तिहरा दुहराव (जब एक ही स्थिति तीन दफा होती है और तीनों बार एक ही खिलाड़ी की चाल है), और पचास-चाल नियम (जब दोनों खिलाड़ियों के आखिरी पचास चालों में कोई कब्ज़ा नहीं हुआ है और कोई प्यादा चलाया नहीं गया है) शामिल है। मानक फाइड नियमों के तहत, ड्रॉ एक मरी हुई स्थिति (जब कानूनी चालों के किसी भी ऑर्डर से शहमत नहीं हो सकता) में भी होता है, जो आमतौर पर दोनों खिलाड़ी के पास सामनेवाले को शहमत करने के लिए मोहरें नाकाफी होने पर होता है।
संदर्भ
शतरंज
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तेजस्वी ने चुटकी लेते हुए कहा कि चूहों वाला विकास नहीं चाहिए. नीतीश कुमार को अब सन्यास ले लेना चाहिए..अब उनसे विकास संभव नहीं है. 14 जनवरी मकर संक्रांति के बाद तेजस्वी यात्रा पर निकलेंगे.
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आम आदमी पार्टी (आप) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने राघव चड्ढा को हटाकर दीपक वाजपेयी को पार्टी का राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष नियुक्त कर दिया है. दिल्ली सरकार में मंत्री पद से बर्खास्त किए गए ‘आप’ के बागी नेता कपिल मिश्रा ने पार्टी के इस फैसले को राघव के कार्यकाल के दौरान हुए कथित ‘‘हवाला सौदों’’ से जोड़ा.
बहरहाल, दीपक ने कपिल के आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि राघव ने ‘‘अपनी मर्जी से पद छोड़ा’’, क्योंकि वह पहले ही काफी मुकदमों से निपट रहे हैं और राम जेठमलानी सहित अन्य वकीलों से समन्वय कायम कर रहे हैं. दीपक ने बताया, ‘‘वह (राघव) पार्टी की कानूनी रणनीति वाली टीम की अगुवाई कर रहे हैं, इसलिए उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी से अनुरोध किया था कि उन्हें इस जिम्मेदारी (कोषाध्यक्ष पद) से विमुक्त किया जाए. उनके अनुरोध को मानकर मुझे कोषाध्यक्ष बनाया गया. हमारे खाते-बही दुरुस्त हैं और अवैध लेन-देन में हमारे शामिल होने का सवाल ही नहीं है.’’ उन्होंने कहा कि पार्टी के एक ‘‘साधारण आंतरिक प्रशासनिक मामले में ज्यादा मतलब निकालना गलत होगा.’’टिप्पणियां
एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा कि बीते रविवार को हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला किया गया. इस नेता ने कहा, ‘‘यह सच है कि झूठे आरोपों को लेकर केंद्र हमारे पीछे पड़ा हुआ है. लेकिन यह आरोप उस वक्त के हैं जब राघव इस पद को संभाल ही नहीं रहे थे. इसलिए कपिल मिश्रा जो कुछ कह रहे हैं उसे इस फैसले से जोड़ने का कोई तुक ही नहीं है.’’
कपिल ने ट्वीट किया, ‘‘सिर्फ पद से हटाने से काम नहीं चलेगा. मैं निश्चित तौर पर विदेश दौरों से जुड़े ब्योरे निकाल लूंगा. कोषाध्यक्ष के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान कई हवाला लेन-देन हुए हैं.’’
(इनपुट एजेंसी से)
बहरहाल, दीपक ने कपिल के आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि राघव ने ‘‘अपनी मर्जी से पद छोड़ा’’, क्योंकि वह पहले ही काफी मुकदमों से निपट रहे हैं और राम जेठमलानी सहित अन्य वकीलों से समन्वय कायम कर रहे हैं. दीपक ने बताया, ‘‘वह (राघव) पार्टी की कानूनी रणनीति वाली टीम की अगुवाई कर रहे हैं, इसलिए उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी से अनुरोध किया था कि उन्हें इस जिम्मेदारी (कोषाध्यक्ष पद) से विमुक्त किया जाए. उनके अनुरोध को मानकर मुझे कोषाध्यक्ष बनाया गया. हमारे खाते-बही दुरुस्त हैं और अवैध लेन-देन में हमारे शामिल होने का सवाल ही नहीं है.’’ उन्होंने कहा कि पार्टी के एक ‘‘साधारण आंतरिक प्रशासनिक मामले में ज्यादा मतलब निकालना गलत होगा.’’टिप्पणियां
एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा कि बीते रविवार को हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला किया गया. इस नेता ने कहा, ‘‘यह सच है कि झूठे आरोपों को लेकर केंद्र हमारे पीछे पड़ा हुआ है. लेकिन यह आरोप उस वक्त के हैं जब राघव इस पद को संभाल ही नहीं रहे थे. इसलिए कपिल मिश्रा जो कुछ कह रहे हैं उसे इस फैसले से जोड़ने का कोई तुक ही नहीं है.’’
कपिल ने ट्वीट किया, ‘‘सिर्फ पद से हटाने से काम नहीं चलेगा. मैं निश्चित तौर पर विदेश दौरों से जुड़े ब्योरे निकाल लूंगा. कोषाध्यक्ष के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान कई हवाला लेन-देन हुए हैं.’’
(इनपुट एजेंसी से)
एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा कि बीते रविवार को हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला किया गया. इस नेता ने कहा, ‘‘यह सच है कि झूठे आरोपों को लेकर केंद्र हमारे पीछे पड़ा हुआ है. लेकिन यह आरोप उस वक्त के हैं जब राघव इस पद को संभाल ही नहीं रहे थे. इसलिए कपिल मिश्रा जो कुछ कह रहे हैं उसे इस फैसले से जोड़ने का कोई तुक ही नहीं है.’’
कपिल ने ट्वीट किया, ‘‘सिर्फ पद से हटाने से काम नहीं चलेगा. मैं निश्चित तौर पर विदेश दौरों से जुड़े ब्योरे निकाल लूंगा. कोषाध्यक्ष के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान कई हवाला लेन-देन हुए हैं.’’
(इनपुट एजेंसी से)
कपिल ने ट्वीट किया, ‘‘सिर्फ पद से हटाने से काम नहीं चलेगा. मैं निश्चित तौर पर विदेश दौरों से जुड़े ब्योरे निकाल लूंगा. कोषाध्यक्ष के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान कई हवाला लेन-देन हुए हैं.’’
(इनपुट एजेंसी से)
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राजधानी में पुलिस पेट्रोलिंग को दुरूस्त करने के लिए पुलिस ने जीपीएस सिस्टम का सहारा लिया है. इसके जरिए पुलिस अपने पेट्रोलिंग ऑफिसर्स की हर हरकत पर नज़र रख सकेगी, साथ ही क्राइम के बढ़ते ग्राफ को भी कंट्रोल करने में मदद मिलेगी. दिल्ली में बढ़ते अपराध पर नकेल कसने के लिए पुलिस अब अपने अंदर की खामियों को दुरुस्त करने में जुट गई है. इसके तहत नॉर्थ दिल्ली की पेट्रोलिंग बाइक्स में जीपीएस लगे हैं जिनका कनेक्शन सीधे डिस्ट्रिक्ट कंट्रोल रूम से होगा.
कैसे काम करेगा ये सिस्टम- इलाके में निकली हुई बाइक अगर पेट्रोलिंग कर रही है तो कंट्रोल रूम में उसका रंग हरा होगा.बाइक रुक गई या फिर उसमें कोई खराबी आई है तो वो उसका रंग लाल हो जाएगा. और अगर जीपीएस सिस्टम के साथ छेड़छाड़ की गई तो इसका रंग नारंगी हो जाएगा.
इस सिस्टम के तहत पेट्रोलिंग बाइक की लोकेशन पर लगातार नज़र रहेगी. इसकी रेंज भी फिक्स है. जैसे ही कोई बाइक अपने इलाके से बाहर जाती है तो तुरंत एक अलर्ट मैसेज इलाके के एसएचओ औऱ एसीपी के पास पहुंच जाएगा. पुलिस का मानना है कि इससे लोगों में पुलिस की मौजूदगी औऱ भरोसा कायम होगा. इस सिस्टम के जरिए पेट्रोलिंग बाइक के अलावा बीट कॉन्स्टेबल पर भी नज़र रखी जा सकेगी. फिलहाल ये सिस्टम टेस्ट ड्राइव के तौर पर डिस्ट्रिक्ट की 30 बाइक्स में लगाया गया है. आने वाले वक्त में इसे सभी पेट्रोलिंग बाइक में लगाया जाएगा.
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यह लेख है: अमेरिकी अधिकारी ने आगे कहा कि हमें इस बात की दुविधा नहीं है कि पाकिस्तान सैन्य खुफिया एजेंसियां इन आतंकी समूहों की मदद करती हैं. इसलिए हम ठोस कदम का इंतजार कर रहे हैं. नाम न बताने की शर्त पर उस अधिकारी ने आगे कहा कि हमने देखा है कि पाकिस्तान ने कुछ आतंकी समूहों की संपत्तियां जब्त की हैं और यह भी सही है कि हाफिज सईद को गिरफ्तार किया गया है जो 2008 में मुंबई में हुए हमले का आरोपी है. लेकिन उसकी गिरफ्तारी 7 बार हो चुकी है और फिर बाद में छोड़ दिया गया. इसलिए हमारा रुख उसकी गिरफ्तारी को लेकर बिलकुल साफ है.
आपको बता दें कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) ने मुंबई आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड एवं प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) के सरगना हाफिज सईद को आतंकवाद के वित्त पोषण के आरोपों में बुधवार को गिरफ्तार किया. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की अमेरिका की पहली यात्रा से कुछ दिन पहले यह कार्रवाई की गई है. सीटीडी के एक अधिकारी ने बताया कि सईद आतंकवाद वित्तपोषण को लेकर उसके खिलाफ दर्ज मामले में अग्रिम जमानत के लिये लाहौर से गुजरांवाला जा रहा था, तभी उसे गिरफ्तार कर लिया गया. अमेरिका के सईद की गिरफ्तारी पर एक करोड़ डॉलर के इनाम की घोषणा की है.
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के 'बाहुबली रॉकेट' - जीएसएलवी एमके-3 ने अपने सफल प्रक्षेपण के दो दिन बाद एक सेल्फी भेजी है. सेल्फी में जीएसएलवी की उड़ान से लेकर अंतरीक्ष में अपनी कक्षा में स्थापित होने तक के पल कैद हैं. सोमवार को 640 टन वजनी जीएसएलवी एमके-3 का सफल प्रक्षेपण किया गया था. इस अंतरिक्ष यान का वजन 200 बड़े हाथियों जितना है.
जीएसएलवी एमके-3 ने उड़ान भरने से पहले भी सेल्फी ली थी. सेल्फी में ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर में इन्फ्रारेड रोशनी दिखाई दे रही हैं. तस्वीरों में दिखाया गया है कि 200 टन के बूस्टर्स जलते हुए धरती पर गिर रहे हैं. फिर यह यान धीरे-धीरे अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित होता हुआ भी दिखाया गया है.
इससे पूर्व फरवरी में लॉन्च किए गए इसरो के पीएसएलवी रॉकेट, जो कि अपने साथ 104 सैटलाइट्स ले गया था, ने भी सेल्फी भेजी थीं.
बता दें कि भारत ने सोमवार को अपने सबसे वजनी जीएसएलवी मार्क-3 रॉकेट को श्रीहरिकोटा से अंतरिक्ष के लिए छोड़ा था. जीएसएलवी मार्क-3 अपने साथ 3,136 किलोग्राम वजनी संचार उपग्रह लेकर गया.टिप्पणियां
43.43 मीटर लंबा और 640 टन वजनी रॉकेट ने 16 मिनट में अपनी यात्रा पूरी करी और पृथ्वी की सतह से 179 किलोमीटर की ऊंचाई पर जीसैट-19 को उसकी कक्षा में स्थापित किए. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार, इस उपग्रह की कार्य अवधि 10 वर्ष है. इसमें अत्याधुनिक अंतरिक्षयान प्रौद्योगिकी का भी इस्तेमाल किया गया है और यह स्वदेश निर्मित लीथियम ऑयन बैटरी से संचालित होगा.
वहीं जीएसएलवी मार्क-3 त्रिस्तरीय इंजन वाला रॉकेट है. पहले स्तर का इंजन ठोस ईंधन पर काम करता है, जबकि इसमें लगे दो मोटर तरल ईंधन से चलते हैं. रॉकेट का दूसरे स्तर का इंजन तरल ईंधन से संचालित होता है, जबकि तीसरे स्तर पर लगा इंजन क्रायोजेनिक इंजन है.
जीएसएलवी एमके-3 ने उड़ान भरने से पहले भी सेल्फी ली थी. सेल्फी में ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर में इन्फ्रारेड रोशनी दिखाई दे रही हैं. तस्वीरों में दिखाया गया है कि 200 टन के बूस्टर्स जलते हुए धरती पर गिर रहे हैं. फिर यह यान धीरे-धीरे अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित होता हुआ भी दिखाया गया है.
इससे पूर्व फरवरी में लॉन्च किए गए इसरो के पीएसएलवी रॉकेट, जो कि अपने साथ 104 सैटलाइट्स ले गया था, ने भी सेल्फी भेजी थीं.
बता दें कि भारत ने सोमवार को अपने सबसे वजनी जीएसएलवी मार्क-3 रॉकेट को श्रीहरिकोटा से अंतरिक्ष के लिए छोड़ा था. जीएसएलवी मार्क-3 अपने साथ 3,136 किलोग्राम वजनी संचार उपग्रह लेकर गया.टिप्पणियां
43.43 मीटर लंबा और 640 टन वजनी रॉकेट ने 16 मिनट में अपनी यात्रा पूरी करी और पृथ्वी की सतह से 179 किलोमीटर की ऊंचाई पर जीसैट-19 को उसकी कक्षा में स्थापित किए. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार, इस उपग्रह की कार्य अवधि 10 वर्ष है. इसमें अत्याधुनिक अंतरिक्षयान प्रौद्योगिकी का भी इस्तेमाल किया गया है और यह स्वदेश निर्मित लीथियम ऑयन बैटरी से संचालित होगा.
वहीं जीएसएलवी मार्क-3 त्रिस्तरीय इंजन वाला रॉकेट है. पहले स्तर का इंजन ठोस ईंधन पर काम करता है, जबकि इसमें लगे दो मोटर तरल ईंधन से चलते हैं. रॉकेट का दूसरे स्तर का इंजन तरल ईंधन से संचालित होता है, जबकि तीसरे स्तर पर लगा इंजन क्रायोजेनिक इंजन है.
इससे पूर्व फरवरी में लॉन्च किए गए इसरो के पीएसएलवी रॉकेट, जो कि अपने साथ 104 सैटलाइट्स ले गया था, ने भी सेल्फी भेजी थीं.
बता दें कि भारत ने सोमवार को अपने सबसे वजनी जीएसएलवी मार्क-3 रॉकेट को श्रीहरिकोटा से अंतरिक्ष के लिए छोड़ा था. जीएसएलवी मार्क-3 अपने साथ 3,136 किलोग्राम वजनी संचार उपग्रह लेकर गया.टिप्पणियां
43.43 मीटर लंबा और 640 टन वजनी रॉकेट ने 16 मिनट में अपनी यात्रा पूरी करी और पृथ्वी की सतह से 179 किलोमीटर की ऊंचाई पर जीसैट-19 को उसकी कक्षा में स्थापित किए. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार, इस उपग्रह की कार्य अवधि 10 वर्ष है. इसमें अत्याधुनिक अंतरिक्षयान प्रौद्योगिकी का भी इस्तेमाल किया गया है और यह स्वदेश निर्मित लीथियम ऑयन बैटरी से संचालित होगा.
वहीं जीएसएलवी मार्क-3 त्रिस्तरीय इंजन वाला रॉकेट है. पहले स्तर का इंजन ठोस ईंधन पर काम करता है, जबकि इसमें लगे दो मोटर तरल ईंधन से चलते हैं. रॉकेट का दूसरे स्तर का इंजन तरल ईंधन से संचालित होता है, जबकि तीसरे स्तर पर लगा इंजन क्रायोजेनिक इंजन है.
बता दें कि भारत ने सोमवार को अपने सबसे वजनी जीएसएलवी मार्क-3 रॉकेट को श्रीहरिकोटा से अंतरिक्ष के लिए छोड़ा था. जीएसएलवी मार्क-3 अपने साथ 3,136 किलोग्राम वजनी संचार उपग्रह लेकर गया.टिप्पणियां
43.43 मीटर लंबा और 640 टन वजनी रॉकेट ने 16 मिनट में अपनी यात्रा पूरी करी और पृथ्वी की सतह से 179 किलोमीटर की ऊंचाई पर जीसैट-19 को उसकी कक्षा में स्थापित किए. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार, इस उपग्रह की कार्य अवधि 10 वर्ष है. इसमें अत्याधुनिक अंतरिक्षयान प्रौद्योगिकी का भी इस्तेमाल किया गया है और यह स्वदेश निर्मित लीथियम ऑयन बैटरी से संचालित होगा.
वहीं जीएसएलवी मार्क-3 त्रिस्तरीय इंजन वाला रॉकेट है. पहले स्तर का इंजन ठोस ईंधन पर काम करता है, जबकि इसमें लगे दो मोटर तरल ईंधन से चलते हैं. रॉकेट का दूसरे स्तर का इंजन तरल ईंधन से संचालित होता है, जबकि तीसरे स्तर पर लगा इंजन क्रायोजेनिक इंजन है.
43.43 मीटर लंबा और 640 टन वजनी रॉकेट ने 16 मिनट में अपनी यात्रा पूरी करी और पृथ्वी की सतह से 179 किलोमीटर की ऊंचाई पर जीसैट-19 को उसकी कक्षा में स्थापित किए. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार, इस उपग्रह की कार्य अवधि 10 वर्ष है. इसमें अत्याधुनिक अंतरिक्षयान प्रौद्योगिकी का भी इस्तेमाल किया गया है और यह स्वदेश निर्मित लीथियम ऑयन बैटरी से संचालित होगा.
वहीं जीएसएलवी मार्क-3 त्रिस्तरीय इंजन वाला रॉकेट है. पहले स्तर का इंजन ठोस ईंधन पर काम करता है, जबकि इसमें लगे दो मोटर तरल ईंधन से चलते हैं. रॉकेट का दूसरे स्तर का इंजन तरल ईंधन से संचालित होता है, जबकि तीसरे स्तर पर लगा इंजन क्रायोजेनिक इंजन है.
वहीं जीएसएलवी मार्क-3 त्रिस्तरीय इंजन वाला रॉकेट है. पहले स्तर का इंजन ठोस ईंधन पर काम करता है, जबकि इसमें लगे दो मोटर तरल ईंधन से चलते हैं. रॉकेट का दूसरे स्तर का इंजन तरल ईंधन से संचालित होता है, जबकि तीसरे स्तर पर लगा इंजन क्रायोजेनिक इंजन है.
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यह एक लेख है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि अफसरों को तनाव नहीं लेना चाहिए, क्योंकि वो तनाव लेंगे तो फिर ढंग से काम नहीं कर पाएंगे। PM मोदी 'सिविल सर्विस डे' के मौके पर भाषण दे रहे थे। पीएम ने कहा आप लोग बहुत पढ़ते होंगे, आप टाइम मैनेजमेंट भी अच्छा कर लेते हैं, लेकिन क्या आप परिवार के साथ क्वालिटी समय बिताते हैं? उन्होंने कहा, तनावग्रस्त व्यक्ति कुछ हासिल नहीं कर सकता, विशेषकर जब आपको देश चलाना हो तो आपको तनाव में बिल्कुल नहीं होना चाहिए।टिप्पणियां
प्रधानमंत्री ने हल्के-पुल्के अंदाज में कहा कि क्या जहां रहते हैं वहां आपको हमेशा सीरियस रहने को कहा जाता है। क्या वहां खुश रहने पर पाबंदी है? इस पर वहां जमा अधिकारियों ने जमकर ठहाके लगाए। यही नहीं उन्होंने अधिकारियों का मूड हल्का करने के लिए कहा कि परेशान ना हों मैं आपको कोई नया काम नहीं बताऊंगा।
मोदी ने कहा, अगर अधिकारी तनाव में रहेंगे तो काम नहीं होगा और अगर काम नहीं होगा तो सभी परेशान होंगे। पीएम ने कहा, आपका जीवन फाइलों के इर्द-गिर्द ही नहीं गुजरना चाहिए। परिवार के साथ क्वालिटी समय बिताना भी ज़रूरी है। ज़िंदगी रोबोट जैसी नहीं हो सकती।
प्रधानमंत्री ने हल्के-पुल्के अंदाज में कहा कि क्या जहां रहते हैं वहां आपको हमेशा सीरियस रहने को कहा जाता है। क्या वहां खुश रहने पर पाबंदी है? इस पर वहां जमा अधिकारियों ने जमकर ठहाके लगाए। यही नहीं उन्होंने अधिकारियों का मूड हल्का करने के लिए कहा कि परेशान ना हों मैं आपको कोई नया काम नहीं बताऊंगा।
मोदी ने कहा, अगर अधिकारी तनाव में रहेंगे तो काम नहीं होगा और अगर काम नहीं होगा तो सभी परेशान होंगे। पीएम ने कहा, आपका जीवन फाइलों के इर्द-गिर्द ही नहीं गुजरना चाहिए। परिवार के साथ क्वालिटी समय बिताना भी ज़रूरी है। ज़िंदगी रोबोट जैसी नहीं हो सकती।
मोदी ने कहा, अगर अधिकारी तनाव में रहेंगे तो काम नहीं होगा और अगर काम नहीं होगा तो सभी परेशान होंगे। पीएम ने कहा, आपका जीवन फाइलों के इर्द-गिर्द ही नहीं गुजरना चाहिए। परिवार के साथ क्वालिटी समय बिताना भी ज़रूरी है। ज़िंदगी रोबोट जैसी नहीं हो सकती।
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लेख: दिल्ली डेयरडेविल्स और टाइटन्स के बीच चैंपियन्स लीग ट्वेंटी-20 का आखिरी लीग मैच मंगलवार को बारिश के कारण रद्द कर दिया गया। इस तरह से दिल्ली की टीम ग्रुप ए 12 अंक लेकर शीर्ष पर रही।
दिल्ली डेयरडेविल्स अब सेमी-फाइनल में ग्रुप बी से दूसरे स्थान पर रही एक अन्य दक्षिण अफ्रीकी टीम लायन्स से भिड़ेगा। यह मैच गुरुवार को डरबन में खेला जाएगा। इसके एक दिन बाद सेंचुरियन में ग्रुप-बी से शीर्ष पर रही सिडनी सिक्सर्स रिपीट सिक्सर्स और टाइटन्स के बीच दूसरा सेमी-फाइनल होगा।
टाइटन्स के कप्तान मार्टिन वान जार्सवेल्ड ने टास जीतकर दिल्ली को पहले बल्लेबाजी सौंप दी थी लेकिन इसके कुछ देर बाद ही बारिश आ गई जो लगातार जारी रही। ये दोनों टीमें पहले ही सेमी-फाइनल में पहुंच गई थी और इसलिए उन्होंने बारिश थमने पर कम ओवरों का मैच खेलना उचित नहीं समझा। अंपायरों असद राउफ और साइमन टफेल ने ने दोनों टीमों के कप्तानों से सलाह मशविरा करने के बाद मैच रद्द कर दिया।टिप्पणियां
डेयरडेविल्स सेमीफाइनल में पहुंचने वाली भारत की एकमात्र टीम है। आईपीएल चैंपियन कोलकाता नाइटराइडर्स, मौजूदा चैंपियन्स लीग चैंपियन मुंबई इंडियन्स और 2010 का चैंपियन चेन्नई सुपरकिंग्स पहले ही बाहर हो गए थे।
दिल्ली का यह दूसरा मैच है जो बारिश की भेंट चढ़ा। इससे पहले ऑकलैंड के खिलाफ डरबन में 19 अक्टूबर को भी उसका मैच रद्द कर दिया गया था। उस मैच में भी कोई गेंद नहीं डाली गई थी। दिल्ली ने केकेआर को 52 रन से और पर्थ स्कोर्चर्स को तीन विकेट से हराया था। लायन्स ने दो मैच जीते जबकि एक में उसे हार मिली। उसका एक मैच बारिश के कारण रद्द करना पड़ा था। इस तरह से वह ग्रुप-ए में दस अंक लेकर दूसरे स्थान पर रहा। सेमी-फाइनल में पहुंचने वाली टीमों में सिडनी एकमात्र ऐसी टीम है जिसने अपने सभी मैच जीते।
दिल्ली डेयरडेविल्स अब सेमी-फाइनल में ग्रुप बी से दूसरे स्थान पर रही एक अन्य दक्षिण अफ्रीकी टीम लायन्स से भिड़ेगा। यह मैच गुरुवार को डरबन में खेला जाएगा। इसके एक दिन बाद सेंचुरियन में ग्रुप-बी से शीर्ष पर रही सिडनी सिक्सर्स रिपीट सिक्सर्स और टाइटन्स के बीच दूसरा सेमी-फाइनल होगा।
टाइटन्स के कप्तान मार्टिन वान जार्सवेल्ड ने टास जीतकर दिल्ली को पहले बल्लेबाजी सौंप दी थी लेकिन इसके कुछ देर बाद ही बारिश आ गई जो लगातार जारी रही। ये दोनों टीमें पहले ही सेमी-फाइनल में पहुंच गई थी और इसलिए उन्होंने बारिश थमने पर कम ओवरों का मैच खेलना उचित नहीं समझा। अंपायरों असद राउफ और साइमन टफेल ने ने दोनों टीमों के कप्तानों से सलाह मशविरा करने के बाद मैच रद्द कर दिया।टिप्पणियां
डेयरडेविल्स सेमीफाइनल में पहुंचने वाली भारत की एकमात्र टीम है। आईपीएल चैंपियन कोलकाता नाइटराइडर्स, मौजूदा चैंपियन्स लीग चैंपियन मुंबई इंडियन्स और 2010 का चैंपियन चेन्नई सुपरकिंग्स पहले ही बाहर हो गए थे।
दिल्ली का यह दूसरा मैच है जो बारिश की भेंट चढ़ा। इससे पहले ऑकलैंड के खिलाफ डरबन में 19 अक्टूबर को भी उसका मैच रद्द कर दिया गया था। उस मैच में भी कोई गेंद नहीं डाली गई थी। दिल्ली ने केकेआर को 52 रन से और पर्थ स्कोर्चर्स को तीन विकेट से हराया था। लायन्स ने दो मैच जीते जबकि एक में उसे हार मिली। उसका एक मैच बारिश के कारण रद्द करना पड़ा था। इस तरह से वह ग्रुप-ए में दस अंक लेकर दूसरे स्थान पर रहा। सेमी-फाइनल में पहुंचने वाली टीमों में सिडनी एकमात्र ऐसी टीम है जिसने अपने सभी मैच जीते।
टाइटन्स के कप्तान मार्टिन वान जार्सवेल्ड ने टास जीतकर दिल्ली को पहले बल्लेबाजी सौंप दी थी लेकिन इसके कुछ देर बाद ही बारिश आ गई जो लगातार जारी रही। ये दोनों टीमें पहले ही सेमी-फाइनल में पहुंच गई थी और इसलिए उन्होंने बारिश थमने पर कम ओवरों का मैच खेलना उचित नहीं समझा। अंपायरों असद राउफ और साइमन टफेल ने ने दोनों टीमों के कप्तानों से सलाह मशविरा करने के बाद मैच रद्द कर दिया।टिप्पणियां
डेयरडेविल्स सेमीफाइनल में पहुंचने वाली भारत की एकमात्र टीम है। आईपीएल चैंपियन कोलकाता नाइटराइडर्स, मौजूदा चैंपियन्स लीग चैंपियन मुंबई इंडियन्स और 2010 का चैंपियन चेन्नई सुपरकिंग्स पहले ही बाहर हो गए थे।
दिल्ली का यह दूसरा मैच है जो बारिश की भेंट चढ़ा। इससे पहले ऑकलैंड के खिलाफ डरबन में 19 अक्टूबर को भी उसका मैच रद्द कर दिया गया था। उस मैच में भी कोई गेंद नहीं डाली गई थी। दिल्ली ने केकेआर को 52 रन से और पर्थ स्कोर्चर्स को तीन विकेट से हराया था। लायन्स ने दो मैच जीते जबकि एक में उसे हार मिली। उसका एक मैच बारिश के कारण रद्द करना पड़ा था। इस तरह से वह ग्रुप-ए में दस अंक लेकर दूसरे स्थान पर रहा। सेमी-फाइनल में पहुंचने वाली टीमों में सिडनी एकमात्र ऐसी टीम है जिसने अपने सभी मैच जीते।
डेयरडेविल्स सेमीफाइनल में पहुंचने वाली भारत की एकमात्र टीम है। आईपीएल चैंपियन कोलकाता नाइटराइडर्स, मौजूदा चैंपियन्स लीग चैंपियन मुंबई इंडियन्स और 2010 का चैंपियन चेन्नई सुपरकिंग्स पहले ही बाहर हो गए थे।
दिल्ली का यह दूसरा मैच है जो बारिश की भेंट चढ़ा। इससे पहले ऑकलैंड के खिलाफ डरबन में 19 अक्टूबर को भी उसका मैच रद्द कर दिया गया था। उस मैच में भी कोई गेंद नहीं डाली गई थी। दिल्ली ने केकेआर को 52 रन से और पर्थ स्कोर्चर्स को तीन विकेट से हराया था। लायन्स ने दो मैच जीते जबकि एक में उसे हार मिली। उसका एक मैच बारिश के कारण रद्द करना पड़ा था। इस तरह से वह ग्रुप-ए में दस अंक लेकर दूसरे स्थान पर रहा। सेमी-फाइनल में पहुंचने वाली टीमों में सिडनी एकमात्र ऐसी टीम है जिसने अपने सभी मैच जीते।
दिल्ली का यह दूसरा मैच है जो बारिश की भेंट चढ़ा। इससे पहले ऑकलैंड के खिलाफ डरबन में 19 अक्टूबर को भी उसका मैच रद्द कर दिया गया था। उस मैच में भी कोई गेंद नहीं डाली गई थी। दिल्ली ने केकेआर को 52 रन से और पर्थ स्कोर्चर्स को तीन विकेट से हराया था। लायन्स ने दो मैच जीते जबकि एक में उसे हार मिली। उसका एक मैच बारिश के कारण रद्द करना पड़ा था। इस तरह से वह ग्रुप-ए में दस अंक लेकर दूसरे स्थान पर रहा। सेमी-फाइनल में पहुंचने वाली टीमों में सिडनी एकमात्र ऐसी टीम है जिसने अपने सभी मैच जीते।
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चीन की कंपनी Oppo ने 2GB रैम और 1.2GHz क्वाडकोर प्रोसेसर के साथ A33 स्मार्टफोन लॉन्च किया है जिसकी कीमत CNY 1,499 (15,500 रुपये) है. फिलहाल इस फोन को सिर्फ चीन के लिए लॉन्च किया गया है, हालांकि कयास इसके जल्द भारत में पेश होने के भी हैं.
5 इंच एचडी डिस्प्ले
वाले इस फोन में 8 मेगापिक्सल रियर और 5 मेगापिक्सल सेल्फी कैमरा दिया गया है. इसकी इन्बिल्ट मेमोरी 16GB की है जिसे माइक्रो एसडी कार्ड के जरिए बढ़ा कर 128GB तक किया जा सकता है.
इस फोन की बैट्री
2,400mAh की है. कंपनी का दावा है कि यह 8 घंटे की टॉकटाइम और 250 घंटे का स्टैंडबाइ बैकअप देगी. इस ड्यूल सिम फोन में 4G LTE सपोर्ट दिया गया है जो भारतीय LTE बैंड्स भी सपोर्ट करेगा.
स्पेसिफिकेशन
प्रोसेसर:
1.2GHz क्वाडकोर क्वालकॉम स्नैपड्रैगन
रैम:
2GB
कैमरा:
8 मेगापिक्सल रियर, 5 मेगापिक्सल फ्रंट
डिस्प्ले:
5 इंच टीएफटी
मेमोरी:
32GB
बैट्री:
2,500 mAh
ओएस:
एंड्रॉयड 5.1 लॉलीपॉप (ColorOS 2.1)
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पश्चिम बंगाल में एक बार फिर शरारती तत्वों ने सांप्रदायिक माहौल खराब करने की कोशिश की है, राज्य के हावड़ा जिले में सरस्वती पूजा से एक दिन पहले तैयार सरस्वती पूजा पंडाल को कुछ लोगों ने जला दिए हैं. माना जा रहा है कि कुछ स्थानीय उपद्रवकारी लोगों ने इस हरकत को अंजाम दिया है.
यह घटना हावड़ा के दासनगर क्षेत्र के ग्रीन स्टार क्लब में घटी. क्लब पिछले 25 सालों से सरस्वती पूजा का कार्यक्रम आयोजित करता रहा है.
सरस्वती पूजा के लिए रविवार देर रात 2 बजे तक पंडाल की तैयारी और सजावट की गई, और इसके बाद लोग घर चले गए. हालांकि उनके घर जाने के महज एक घंटे के अंदर वहां आग के कारण पैनिक बटन बजने लगा.
आग की लपटे देखकर स्थानीय लोग बाल्टी में पानी लेकर दौड़े और आग बुझाने की कोशिश की गई. आयोजकों का दावा है कि स्थानीय गुंडे वहां पर अवैध तरीके से पार्किंग कराते हैं और उसकी आड़ में शराब पीना और ताश भी खेलते रहते हैं.
पुलिस को इस घटना के बारे में सूचित कर दिया गया है. ग्रीन स्टार क्लब के प्रमुख ने कहा, "यह ऐसी घटना है जिसे न हिंदू और न ही मुसलमान की ओर से किया गया है, लेकिन हम पूरी तरह से आश्व्स्त हैं कि इस पूरी घटना को स्थानीय उपद्रवकारी लोगों ने अंजाम दिया होगा."
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पंजाब प्रांत के सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों ने लाहौर में हड़ताल कर रहे अपने 50 सहयोगियों की गिरफ्तारी के विरोध में मरीजों का इलाज करना बंद कर दिया जिससे कम से कम सात व्यक्तियों की मौत हो गई.
बेहतर वेतन और सुविधाओं की मांग को लेकर पंजाब सरकार पर दबाव बनाने के लिए डॉक्टर पिछले दो सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं. इनकी हड़ताल को समाप्त कराने के लिए पुलिस ने करीब 50 युवा डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया.
टीवी चैनलों ने अस्पतालों पर छापे मारकर डॉक्टरों को हिरासत में लेने के फुटेज दिखाए हैं. प्रांतीय सरकार ने 24 डॉक्टरों को नौकरी से निकाल दिया है.
डॉक्टरों की हड़ताल के कारण प्रांत के नौ करोड़ लोगों को चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही है.
सूचनाओं के अनुसार लाहौर के मायो अस्पताल और फैसलाबाद के एलायड अस्पताल में दो बच्चों की मौत हो गई.
इस सिलसिले में लाहौर पुलिस ने चार चिकित्सकों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है.
पुलिस ने डॉक्टरों को मायो अस्पताल में जान गंवाने वाले बच्चे के परिजनों की शिकायत पर गिरफ्तार किया है.
गिरफ्तार डॉक्टरों को न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया. अदालत ने उन्हें चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने अपना नाम गुप्त रखते हुए बताया, ‘गिरफ्तार किए गए ज्यादातर लोगों में यंग डॉक्टर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी शामिल हैं. जिन अस्पतालों में डॉक्टरों ने आपात सेवा देने से भी मना कर दिया है वहां पुलिस तैनात की जा रही है.’
मुख्यमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई शाहबाज शरीफ ने हड़ताल कर रहे डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात करते हुए सेना की चिकित्सा शाखा से मदद मांगी है. वह डॉक्टरों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. सेना ने प्रांत के अस्पतालों में करीब 150 डॉक्टरों को तैनात किया है.
डॉक्टरों की अनुपस्थिति में समस्याओं से जूझ रहे मरीजों ने सेना के डॉक्टरों का स्वागत किया.
उप प्रधानमंत्री चौधरी परवेज इलाही ने आरोप लगाया कि शरीफ जिस तरह से हड़ताल पर गए डॉक्टरों के साथ पेश आए उससे बात और बिगड़ गई है.
इलाही ने कहा, ‘मुख्यमंत्री को उनकी बात सुननी चाहिए और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई बंद करनी चाहिए.’ अधिकारियों ने बताया कि पंजाब प्रांत के करीब 24 हजार डॉक्टर हड़ताल में भाग ले रहे हैं.
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यह लेख है: सबरीमाला में भगवान अयप्पा के मंदिर में महिला कार्यकर्ता तृप्ति देसाई के प्रवेश की योजना के परिप्रेक्ष्य में त्रावणकोर देवाश्वम बोर्ड ने आज कहा कि वह मंदिर में दस वर्ष से 50 वर्ष उम्र वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को लेकर परम्परा और रिवाज को नहीं तोड़ेगा.
मंदिर का प्रबंधन देखने वाले त्रावणकोर देवाश्वम बोर्ड के अध्यक्ष प्रायर गोपालकृष्णन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘किसी को भी मंदिर की परम्परा और रिवाज को तोड़ने की अनुमति नहीं होगी.’’ वह महिला कार्यकर्ता तृप्ति देसाई की योजना के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे. देसाई ने मंदिर में सौ महिलाओं के समूह के साथ प्रवेश करने की योजना बनाई है.
मंदिर में दस वर्ष से 50 वर्ष तक की महिलाओं का प्रवेश वर्जित है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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यह एक लेख है: इमरान खान (Imran Khan) ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद भारत के साथ बातचीत का सवाल नहीं है. उन्होंने भारत के साथ पारंपरिक युद्ध की चेतावनी देते हुए कहा कि यह भारतीय उपमहाद्वीप से परे जा सकता है. खान ने कहा, 'इसलिए हमने संयुक्त राष्ट्र का रुख किया है, हम प्रत्येक अंतरराष्ट्रीय मंच पर जा रहे हैं और उन्हें इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए.' पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा, 'निश्चित तौर पर मेरा मानना है कि भारत के साथ युद्ध एक संभावना हो सकती है. यह संभावित विध्वंस भारतीय उपमहाद्वीप से परे भी जा सकता है.'
इसके साथ ही खान ने कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) कभी युद्ध की शुरुआत नहीं करेगा. अल जजीरा से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैं अमनपसंद हूं, मैं युद्ध विरोधी हूं, मेरा मानना है कि युद्ध से समस्याओं का समाधान नहीं होता.' उन्होंने कहा, 'जब दो परमाणु हथियार संपन्न देश लड़ते हैं और अगर यह लड़ाई पारपंरिक हो तो हमेशा उसका अंत परमाणु युद्ध के रूप में होने की आशंका बनी रहती है. इसके नतीजे अकल्पनीय हैं.'
खान ने कहा, 'खुदा न खास्ता अगर पाकिस्तान कहे कि हम पारंपरिक लड़ाई लड़ रहे हैं, हम हार रहे हैं और देश के पास केवल दो विकल्प हैं कि या तो आप आत्मसमर्पण करें या अपनी आजादी के लिए आखिरी सांस तक लड़ें, मैं जानता हूं पाकिस्तानी अपनी आजादी के लिए मरते दम तक लड़ेंगे.'
उल्लेखनीय है कि भारत की ओर से पांच अगस्त को संविधान के अनुच्छेद-370 के तहत जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के फैसले के बाद इस्लामाबाद-नई दिल्ली में तनाव और बढ़ गया.
पाकिस्तान ने प्रतिक्रिया में भारत के साथ राजनयिक संबंध सीमित करने के साथ-साथ भारतीय उच्चायुक्त को वापस भेज दिया. खान ने दावा किया कि हाल तक पाकिस्तान ने भारत के साथ बातचीत की कोशिश की ताकि 'सभ्य पड़ोसी की तरह रह सकें.' और कश्मीर मुद्दे पर मतभेद का समाधान राजनीतिक स्तर पर कर सकें.
उन्होंने आरोप लगाया कि भारत पाकिस्तान को वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) की काली सूची डालने की कोशिश कर रहा है. खान ने कहा, 'अगर पाकिस्तान को एफएटीएफ की काली सूची में डाला जाता है तो इसका मतलब होगा कि उसपर प्रतिबंध. इसलिए वे हमें आर्थिक रूप से दिवालिया करने का प्रयास कर रहे हैं, जब हमें इसका एहसास हुआ कि वह सरकार पाकिस्तान को तबाही के रास्ते पर ले जाने के एजेंडे पर चल रही है तब हमने अपने कदम पीछे खींच लिए.'
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के खिलाफ अपने ही संविधान के अनुच्छेद-370 को खत्म कर कश्मीर को मिलाने के बाद भारत सरकार के साथ बातचीत का सवाल ही नहीं है. उल्लेखनीय है कि भारत ने अनुच्छेद-370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म करने के फैसले को आंतरिक मामला बताते हुए इस मुद्दे पर पाकिस्तान के गैर जिम्मेदाराना और भड़काऊ बयान की आलोचना की है.'
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लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने बुधवार को सभी दलों की बैठक बुलाई है. लोकसभा स्पीकर आज सभी पार्टियों के चीफ व्हीप से करेंगी मुलाकात और बुधवार को सभी संसदीय दलों के प्रतिनिधियों से मिलेंगी और ये सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगी कि बजट सत्र सुचारु रुप से चले.
बजट सत्र में सरकार को घेरने की तैयारी
विपक्ष की तरफ से पहले ही इस बात के संकेत मिल चुके हैं कि संसद के बजट सत्र में जबरदस्त हंगामा होगा. विपक्ष का पहले से ही हिंदू आतंकवाद पर गृहमंत्री शिदें के बयान पर सरकार को घेरने का ऐलान था. हाल में सामने आया वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला सरकार के लिए अलग मुसीबत खड़ी कर सकता है.
बजट सत्र के लिए सरकार की भी तैयारी
विपक्ष बजट सत्र में सरकार को घेरने की तैयारी में है तो सरकार ने भी कमर कस ली है. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर बहस के लिए तैयार है. प्रधानमंत्री ने ये बयान राष्ट्रपति भवन में समाज सेविका इला भट्ट को इंदिरा गांधी पुरस्कार दिए जाने के बाद दिया. प्रधानमंत्री का कहना था कि संसद बहस का मंच है. हम सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं.
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सोमनाथ भारती का आरोप साढ़े 4 साल से इस विषय को नजरअंदाज कर रही DMRC
सोमनाथ भारती ने कहा तकनीक के जमाने मे भी DMRC बिल्कुल दिलचस्पी नहीं
देश की राजधानी की लाइफलाइन दिल्ली मेट्रो, क्या रिहायशी इलाकों के लिए एक मुसीबत बन गयी है? दरअसल, आम आदमी पार्टी के मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक सोमनाथ भारती ने मेट्रो की वजह से कई घरों में दरार आने की शिकायत DMRC के सामने रखी है. सोमनाथ भारती ने मामले में गंभीरता न दिखाने का आरोप लगाया है.
'आप' विधायक सोमनाथ भारती ने बयान जारी करते हुए कहा, 'जिन रिहायशी इलाकों में अंडरलाइन मेट्रो गुजर रही है वहां दिल्ली मेट्रो प्रशासन ने सावधानी नहीं बरती. दिल्ली मेट्रो को तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए था कि जब मेट्रो गुजरे तो उसके कंपन का असर न हो.
मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र के 4 रिहायशी इलाकों में मेट्रो का असर हुआ है. शिवालिक, बेगमपुर, सर्वप्रिय विहार और हौज खास में कई घर ऐसे यहां मेट्रो की स्पीड और कंपन से दरार आ गई है. सीनियर सिटीजन यहां रहने से डरते हैं, कई लोगों को चोट भी पहुंच चुकी है. पिछले साढ़े 4 साल से इस विषय को नजरअंदाज कर रही है.
आगे सोमनाथ भारती ने दिल्ली मेट्रो प्रशासन के साथ हुई एक बैठक का जिक्र भी किया है. सोमनाथ भारती ने बताया कि 26 अगस्त को एक बैठक में दिल्ली मेट्रो रेल प्रशासन (DMRC) ने माना है कि मेट्रो के चलने से घरों को नुकसान हुआ है. नुकसान की भरपाई के लिए दिल्ली मेट्रो इंजीनियर को भेजने का वादा किया हैं. इसके अलावा साकेत में रहने वाले एक परिवार ने हाइकोर्ट का रुख किया है, जिसमे हाइकोर्ट ने IIT दिल्ली को पूरे मामले में स्टडी करने के आदेश दिए हैं कि किस तरह मेट्रो का कंपन कैसे घरों को नुकसान पहुंचा रहा है और इसका क्या समाधान है.
मालवीय नगर से आम आदमी पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती का आरोप है कि तकनीक के जमाने मे भी DMRC बिल्कुल दिलचस्पी नहीं ले रहा है. विधायक ने DMRC चेयरमैन से अपील करते हुए कहा कि उनके क्षेत्र के सीनियर सिटीजन बेहद परेशान हैं, इस समस्या का समाधान निकाला जाए.
पूरे मामले में आजतक ने डीएमआरसी यानी दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन से भी मकानों में आ रही दरारों पर बात की. दिल्ली मेट्रो ने भी ये माना कि उसे वाइब्रेशन से जुड़ी शिकायतें मिली हैं. जिसके बाद काफी हद तक ऐसे इलाकों से गुजरने वाली मेट्रो की स्पीड को कम किया गया है ताकि वाइब्रेशन कम हो सके. साथ ही डीएमआरसी ने ने ये भी कहा है कि वो अलग-अलग जगहों पर मशीनों के जरिए वाइब्रेशन की जांच करवा रही है. फिलहाल मेट्रो ने ये भी कहा है कि जिन मकानों के अंदर मेट्रो के चलते दरारे हैं वो सेफ जोन में है.
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लेख: बंबई उच्च न्यायालय ने कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी को 'तुच्छ' आधार पर तथा 'बिना सोचे समझे' गिरफ्तार करने के लिए मुंबई पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि उसकी कार्रवाई से असीम की बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन हुआ है।
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति अमजद सैयद की पीठ ने कहा, आप (पुलिस) कैसे तुच्छ आधार पर लोगों को गिरफ्तार कर सकते हैं। आपने एक कार्टूनिस्ट को गिरफ्तार किया और उसके बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन किया।टिप्पणियां
पीठ अधिवक्ता संस्कार मराठे की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दावा किया गया था कि असीम त्रिवेदी की गिरफ्तारी गैर-कानूनी और न्यायोचित नहीं थी।
कानपुर के कार्टूनिस्ट त्रिवेदी को राजद्रोह के आरोप में पिछले शनिवार को गिरफ्तार किया गया था और जनाक्रोश के बीच हाईकोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के बाद उन्हें दो दिन पूर्व रिहा कर दिया गया।
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति अमजद सैयद की पीठ ने कहा, आप (पुलिस) कैसे तुच्छ आधार पर लोगों को गिरफ्तार कर सकते हैं। आपने एक कार्टूनिस्ट को गिरफ्तार किया और उसके बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन किया।टिप्पणियां
पीठ अधिवक्ता संस्कार मराठे की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दावा किया गया था कि असीम त्रिवेदी की गिरफ्तारी गैर-कानूनी और न्यायोचित नहीं थी।
कानपुर के कार्टूनिस्ट त्रिवेदी को राजद्रोह के आरोप में पिछले शनिवार को गिरफ्तार किया गया था और जनाक्रोश के बीच हाईकोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के बाद उन्हें दो दिन पूर्व रिहा कर दिया गया।
पीठ अधिवक्ता संस्कार मराठे की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दावा किया गया था कि असीम त्रिवेदी की गिरफ्तारी गैर-कानूनी और न्यायोचित नहीं थी।
कानपुर के कार्टूनिस्ट त्रिवेदी को राजद्रोह के आरोप में पिछले शनिवार को गिरफ्तार किया गया था और जनाक्रोश के बीच हाईकोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के बाद उन्हें दो दिन पूर्व रिहा कर दिया गया।
कानपुर के कार्टूनिस्ट त्रिवेदी को राजद्रोह के आरोप में पिछले शनिवार को गिरफ्तार किया गया था और जनाक्रोश के बीच हाईकोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के बाद उन्हें दो दिन पूर्व रिहा कर दिया गया।
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जम्मू-कश्मीर के शोपियां फायरिंग केस में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि राज्य को सेना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का अधिकार नहीं है. मेजर आदित्य और अन्य सेनाकर्मियों के खिलाफ एफआईआर पर जांच पर रोक जारी रहेगी.
इससे पहले जम्मू-कश्मीर सरकार ने कहा था कि
एफआईआर पर जांच
अनिश्चितकाल तक नहीं रोकी जा सकती. अब सुप्रीम कोर्ट को यह तय करना है कि एएफएसए की धारा 7 के तहत सेना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से पहले राज्य को केंद्र की अनुमति लेनी जरूरी है या नहीं. इस मामले की अगली सुनवाई में यह भी तय होगा कि कर्मवीर सिंह की याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं?
सबके अपने-अपने तर्क
शोपियां फायरिंग केस
में देश की सबसे बड़ी अदालत इस मामले में 30 जुलाई को निर्णायक सुनवाई करेगी. फिलहाल पूरे प्रकरण पर केंद्र और राज्य सरकार के अपने-अपने तर्क हैं.
एफआईआर मामले को लेकर
जम्मू-कश्मीर सरकार
का कहना है कि मामले की सुनवाई के दौरान मणिपुर एनकाउंटर केस के जजमेंट को भी निगाह में रखा जाए, जिसमें कहा गया था कि मुठभेड़ गलत हो तो जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए.
हालांकि केंद्र का तर्क है कि सेना को शांति बहाली के लिए कई विशेष अधिकार हैं. सैन्य अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने से पहले केंद्र सरकार की मंजूरीरी जरूरी होती है.
साथ ही जम्मू-कश्मीर सरकार की तरफ से कहा गया कि इस मामले में याचिकाकर्ता को राहत मिली हुई है. मामले में सुनवाई को न टाला जाए. हम बहस करने के लिए तैयार है. जम्मू-कश्मीर सरकार की तरफ से कहा गया कि याचिकाकर्ता का इस मामले में कोई लोकस नहीं है. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर सरकार ने सभी राज्य सरकारों को पार्टी बनाने की मांग की, जिसे कोर्ट ने ठुकरा दिया.
इससे पहले जम्मू-कश्मीर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि सेना के जवानों के खिलाफ जांच और एफआईआर दर्ज करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है. उसकी ओर से कहा गया कि सीआरपीसी में यह प्रावधान है कि अपराध की शिकायत मिलने पर एफआईआर दर्ज की जाए. इसके लिए किसी भी व्यक्ति या वर्ग को छूट नहीं दी जा सकती. यह एफआईआर भी संविधान पीठ के उसी फैसले के मुताबिक दर्ज किया गया जिसमें कहा गया था कि कोई भी शिकायत आने पर एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य है. केंद्र का विरोध संविधान पीठ के फैसले के विरुद्ध है.
क्या है पूरा मामला?
27 जनवरी को शोपियां में पत्थरबाजों पर सेना की फायरिंग में दो पत्थारबाजों की मौत हो गई जिसको लेकर वहां काफी विरोध-प्रदर्शन हुए थे. फायरिंग का आदेश देने वाले
मेजर आदित्य
के खिलाफ केस दर्ज किया गया. राज्य सरकार की इस कार्रवाई को लेकर देशभर में विरोध हुआ था.
इसके बाद मेजर आदित्य के पिता ने खुद मोर्चा संभाला और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की. याचिका में उनकी तरफ से कहा गया कि पुलिस ने इस मामले में उनके सैन्य अधिकारी बेटे को आरोपी बना कर मनमाने तरीके से काम किया है. यह जानते हुए भी कि वो घटनास्थल पर मौजूद नहीं था और सेना शांतिपूर्वक काम कर रही थी, जबकि हिंसक भीड़ की वजह से वो सरकारी संपत्ति को बचाने के लिए कानूनी तौर पर कार्रवाई करने के लिए भीड़ ने मजबूर किया.
सेना का यह काफिला केंद्र सरकार के निर्देश पर जा रहा था और अपने कर्तव्य का पालन कर रहे थे.
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समाजसेवी अन्ना हजारे ने रालेगण में केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि लोकपाल को लेकर सरकार की नीयत साफ नहीं है.
सरकार के सिटीजन चार्टर बिल पर अन्ना ने कहा कि यह बिल वाकई में बहुत कमजारे है. इस बिल के अनुसार 5 लोग पूरे देश की समस्या का समाधान करेगी. यह बिल देश की जनता के साथ एक भद्दा मजाक है. सिटीजन चार्टर में सरकार ने जिस तरह की व्यवस्था बनाई है वह दो दिन में ही ठप हो जाएगी.
अन्ना हजारे ने उत्तराखंड सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि वहां कि सरकार ने लोकायुक्त बिल बनाया है जो एक अच्छा बिल है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने अभी इस बिल का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है लेकिन केंद्र सरकार की नीयत का पता इसी बात से लगता है कि वह इसे भी अनुमति नहीं दे रही है.
अन्ना हजारे ने मुंबई में अपने अनशन के बारे में पत्रकारों को बताया कि हमने यह तय किया 27 से लेकर 29 दिसंबर तक हम अनशन करेंगे. इस बिल सरकार अगर कमजोर बिल लेकर आती है तो उसके बाद 30 दिसंबर से लेकर 1 जनवरी तक पूरे देश में जेल भरो आंदोलन होगा.
अन्ना ने रामलीला मैदान में प्रधानमंत्री के पत्र का जिर्क करते हुए कहा कि जब रामलीला मैदान में मेरा आंदोलन चल रहा था तो पीएम ने मुझे पत्र लखकर मजबूत लोकपाल, सिटीजन चार्टर और लोकायुक्त के लिए वादा किया था. लेकिन मुझे पत्र लिखने के बाद सरकार ने सिटीजन चार्टर लाकर खुद ही ससंद की अवमान की है.
उन्होंने एक बार फिर से तलख अंदाज अपनाते हुए कहा कि इस सरकार को देश की जनता सबक सिखाएगी. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन अन्ना का नहीं बल्कि पूरे देश का है. सरकार देश की जनता के साथ धोखाधड़ी कर रही. सरकार अंधी और बहरी हो गई है उसे जनता का दुख दिखाई और सुनाई नहीं दे रहा है.
अन्ना ने कहा कि सरकार अपने रस्ते पर चले और हम अपने रस्ते पर चलेंगे. उन्होंने एक बार फिर से इस बात का अह्वान किया कि जब तक शरीर में प्राण है जब तक लड़ता रहूंगा. पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर भी अन्ना ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि मैं खुद इस राज्यों में सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करूंगा.
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यह एक लेख है: भारतीय क्रिकेट टीम के वरिष्ठ ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह का मानना है कि टेस्ट टीम के कप्तान विराट कोहली की आक्रामकता टीम को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी। हरभजन ने एक टीवी कार्यक्रम में कहा, "विराट जिस तरह से अपने आपको संभालते हैं, वह देखकर काफी अच्छा लगता है। मुझे लगता है कि यह भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाने का बेहतरीन तरीका है। सही शारीरिक भाषा, भारत के लिए लड़ना और सही परिणाम निकालने के लिए हमें ऐसी भावना की जरूरत है और विराट के पास वो है।"
उन्होंने कहा, "यह उनकी शैली है या उन्होंने मुझसे सीखा है मैं नहीं जानता। मेरे लिए यह भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाने का सही संदेश है।"
अपने पूर्व साथी अनिल कुंबले को टीम का मुख्य कोच बनाए जाने पर इस दिग्गज ऑफ स्पिनर ने कहा, "मैं अनिल भाई की बहुत इज्जत करता हूं। मैं उनके साथ कई सालों तक खेला हूं। मैंने उनसे एक बात सीखी है वो यह कि कभी हार नहीं मानो। वह गंभीर सोच वाले क्रिकेट खिलाड़ी थे। वह मेरे शैतानी वाले व्यवहार को जानते थे। मुझे नहीं लगता कि उन्हें मेरे इस व्यवहार से कभी दिक्कत हुई होगी।"
हरभजन ने कहा, "मैं जानता हूं कि अनिल भाई को मेरे कारण बाहर बैठना पड़ा, क्योंकि उन दिनों मैं अच्छा खेल रहा था। मुझे खुद उन्हें बाहर बैठे देख बुरा लगता था, क्योंकि मैं सिर्फ उस समय 20 साल का था। मैं अच्छा कर रहा था और कप्तान ने मुझे चुना था।"
हरभजन ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ जीत दर्ज करना विशेष पल था। उनका मानना है कि दोनों देशों के बीच होने वाले मैचों में जो हाइप होती है वह मीडिया द्वारा बनाई हुई होती है।
हरभजन ने कहा, "एक खिलाड़ी के तौर पर मुझे बड़ी टीमों को हराना पसंद है। उन दिनों पाकिस्तान शानदार टीम होती थी। उनके पास वसीम अकरम, वकार यूनुस, सकलैन मुश्ताक और शोएब अख्तर जैसे गेंदबाज थे। हमारे लिए वह विशेष पल होता था। मेरा मानना है कि मीडिया ने भारत-पाकिस्तान के मैच को लेकर हाइप बनाई है।"
2007-08 में हरभजन पर ऑस्ट्रेलिया के एंड्रयू साइमंड्स के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी करने का आरोप लगा था। यह घटना मंकीगेट के नाम से मशहूर हो गई थी। इस पर हरभजन ने कहा, "मैंने मंकी नहीं कहा था। यह उनका आरोप था। मैंने उससे कहा था कि तेरी मां के हाथ की रोटी खाने का बड़ा मन कर रहा है। उसने मेरी बात नहीं सुनी, क्योंकि वह हिंदी नहीं जानता और मुझे इंग्लिश नहीं आती।"टिप्पणियां
एस. श्रीसंत को थप्पड़ मारने के विवाद पर हरभजन ने कहा, "असल में उसने नौटंकी की थी। यह मेरी गलती थी कि मैंने उसे मैदान पर चांटा मारा। मैंने अपने सभी इंटरव्यू में यह माना है कि मैंने गलती की थी।"(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा, "यह उनकी शैली है या उन्होंने मुझसे सीखा है मैं नहीं जानता। मेरे लिए यह भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाने का सही संदेश है।"
अपने पूर्व साथी अनिल कुंबले को टीम का मुख्य कोच बनाए जाने पर इस दिग्गज ऑफ स्पिनर ने कहा, "मैं अनिल भाई की बहुत इज्जत करता हूं। मैं उनके साथ कई सालों तक खेला हूं। मैंने उनसे एक बात सीखी है वो यह कि कभी हार नहीं मानो। वह गंभीर सोच वाले क्रिकेट खिलाड़ी थे। वह मेरे शैतानी वाले व्यवहार को जानते थे। मुझे नहीं लगता कि उन्हें मेरे इस व्यवहार से कभी दिक्कत हुई होगी।"
हरभजन ने कहा, "मैं जानता हूं कि अनिल भाई को मेरे कारण बाहर बैठना पड़ा, क्योंकि उन दिनों मैं अच्छा खेल रहा था। मुझे खुद उन्हें बाहर बैठे देख बुरा लगता था, क्योंकि मैं सिर्फ उस समय 20 साल का था। मैं अच्छा कर रहा था और कप्तान ने मुझे चुना था।"
हरभजन ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ जीत दर्ज करना विशेष पल था। उनका मानना है कि दोनों देशों के बीच होने वाले मैचों में जो हाइप होती है वह मीडिया द्वारा बनाई हुई होती है।
हरभजन ने कहा, "एक खिलाड़ी के तौर पर मुझे बड़ी टीमों को हराना पसंद है। उन दिनों पाकिस्तान शानदार टीम होती थी। उनके पास वसीम अकरम, वकार यूनुस, सकलैन मुश्ताक और शोएब अख्तर जैसे गेंदबाज थे। हमारे लिए वह विशेष पल होता था। मेरा मानना है कि मीडिया ने भारत-पाकिस्तान के मैच को लेकर हाइप बनाई है।"
2007-08 में हरभजन पर ऑस्ट्रेलिया के एंड्रयू साइमंड्स के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी करने का आरोप लगा था। यह घटना मंकीगेट के नाम से मशहूर हो गई थी। इस पर हरभजन ने कहा, "मैंने मंकी नहीं कहा था। यह उनका आरोप था। मैंने उससे कहा था कि तेरी मां के हाथ की रोटी खाने का बड़ा मन कर रहा है। उसने मेरी बात नहीं सुनी, क्योंकि वह हिंदी नहीं जानता और मुझे इंग्लिश नहीं आती।"टिप्पणियां
एस. श्रीसंत को थप्पड़ मारने के विवाद पर हरभजन ने कहा, "असल में उसने नौटंकी की थी। यह मेरी गलती थी कि मैंने उसे मैदान पर चांटा मारा। मैंने अपने सभी इंटरव्यू में यह माना है कि मैंने गलती की थी।"(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अपने पूर्व साथी अनिल कुंबले को टीम का मुख्य कोच बनाए जाने पर इस दिग्गज ऑफ स्पिनर ने कहा, "मैं अनिल भाई की बहुत इज्जत करता हूं। मैं उनके साथ कई सालों तक खेला हूं। मैंने उनसे एक बात सीखी है वो यह कि कभी हार नहीं मानो। वह गंभीर सोच वाले क्रिकेट खिलाड़ी थे। वह मेरे शैतानी वाले व्यवहार को जानते थे। मुझे नहीं लगता कि उन्हें मेरे इस व्यवहार से कभी दिक्कत हुई होगी।"
हरभजन ने कहा, "मैं जानता हूं कि अनिल भाई को मेरे कारण बाहर बैठना पड़ा, क्योंकि उन दिनों मैं अच्छा खेल रहा था। मुझे खुद उन्हें बाहर बैठे देख बुरा लगता था, क्योंकि मैं सिर्फ उस समय 20 साल का था। मैं अच्छा कर रहा था और कप्तान ने मुझे चुना था।"
हरभजन ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ जीत दर्ज करना विशेष पल था। उनका मानना है कि दोनों देशों के बीच होने वाले मैचों में जो हाइप होती है वह मीडिया द्वारा बनाई हुई होती है।
हरभजन ने कहा, "एक खिलाड़ी के तौर पर मुझे बड़ी टीमों को हराना पसंद है। उन दिनों पाकिस्तान शानदार टीम होती थी। उनके पास वसीम अकरम, वकार यूनुस, सकलैन मुश्ताक और शोएब अख्तर जैसे गेंदबाज थे। हमारे लिए वह विशेष पल होता था। मेरा मानना है कि मीडिया ने भारत-पाकिस्तान के मैच को लेकर हाइप बनाई है।"
2007-08 में हरभजन पर ऑस्ट्रेलिया के एंड्रयू साइमंड्स के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी करने का आरोप लगा था। यह घटना मंकीगेट के नाम से मशहूर हो गई थी। इस पर हरभजन ने कहा, "मैंने मंकी नहीं कहा था। यह उनका आरोप था। मैंने उससे कहा था कि तेरी मां के हाथ की रोटी खाने का बड़ा मन कर रहा है। उसने मेरी बात नहीं सुनी, क्योंकि वह हिंदी नहीं जानता और मुझे इंग्लिश नहीं आती।"टिप्पणियां
एस. श्रीसंत को थप्पड़ मारने के विवाद पर हरभजन ने कहा, "असल में उसने नौटंकी की थी। यह मेरी गलती थी कि मैंने उसे मैदान पर चांटा मारा। मैंने अपने सभी इंटरव्यू में यह माना है कि मैंने गलती की थी।"(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
हरभजन ने कहा, "मैं जानता हूं कि अनिल भाई को मेरे कारण बाहर बैठना पड़ा, क्योंकि उन दिनों मैं अच्छा खेल रहा था। मुझे खुद उन्हें बाहर बैठे देख बुरा लगता था, क्योंकि मैं सिर्फ उस समय 20 साल का था। मैं अच्छा कर रहा था और कप्तान ने मुझे चुना था।"
हरभजन ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ जीत दर्ज करना विशेष पल था। उनका मानना है कि दोनों देशों के बीच होने वाले मैचों में जो हाइप होती है वह मीडिया द्वारा बनाई हुई होती है।
हरभजन ने कहा, "एक खिलाड़ी के तौर पर मुझे बड़ी टीमों को हराना पसंद है। उन दिनों पाकिस्तान शानदार टीम होती थी। उनके पास वसीम अकरम, वकार यूनुस, सकलैन मुश्ताक और शोएब अख्तर जैसे गेंदबाज थे। हमारे लिए वह विशेष पल होता था। मेरा मानना है कि मीडिया ने भारत-पाकिस्तान के मैच को लेकर हाइप बनाई है।"
2007-08 में हरभजन पर ऑस्ट्रेलिया के एंड्रयू साइमंड्स के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी करने का आरोप लगा था। यह घटना मंकीगेट के नाम से मशहूर हो गई थी। इस पर हरभजन ने कहा, "मैंने मंकी नहीं कहा था। यह उनका आरोप था। मैंने उससे कहा था कि तेरी मां के हाथ की रोटी खाने का बड़ा मन कर रहा है। उसने मेरी बात नहीं सुनी, क्योंकि वह हिंदी नहीं जानता और मुझे इंग्लिश नहीं आती।"टिप्पणियां
एस. श्रीसंत को थप्पड़ मारने के विवाद पर हरभजन ने कहा, "असल में उसने नौटंकी की थी। यह मेरी गलती थी कि मैंने उसे मैदान पर चांटा मारा। मैंने अपने सभी इंटरव्यू में यह माना है कि मैंने गलती की थी।"(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
हरभजन ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ जीत दर्ज करना विशेष पल था। उनका मानना है कि दोनों देशों के बीच होने वाले मैचों में जो हाइप होती है वह मीडिया द्वारा बनाई हुई होती है।
हरभजन ने कहा, "एक खिलाड़ी के तौर पर मुझे बड़ी टीमों को हराना पसंद है। उन दिनों पाकिस्तान शानदार टीम होती थी। उनके पास वसीम अकरम, वकार यूनुस, सकलैन मुश्ताक और शोएब अख्तर जैसे गेंदबाज थे। हमारे लिए वह विशेष पल होता था। मेरा मानना है कि मीडिया ने भारत-पाकिस्तान के मैच को लेकर हाइप बनाई है।"
2007-08 में हरभजन पर ऑस्ट्रेलिया के एंड्रयू साइमंड्स के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी करने का आरोप लगा था। यह घटना मंकीगेट के नाम से मशहूर हो गई थी। इस पर हरभजन ने कहा, "मैंने मंकी नहीं कहा था। यह उनका आरोप था। मैंने उससे कहा था कि तेरी मां के हाथ की रोटी खाने का बड़ा मन कर रहा है। उसने मेरी बात नहीं सुनी, क्योंकि वह हिंदी नहीं जानता और मुझे इंग्लिश नहीं आती।"टिप्पणियां
एस. श्रीसंत को थप्पड़ मारने के विवाद पर हरभजन ने कहा, "असल में उसने नौटंकी की थी। यह मेरी गलती थी कि मैंने उसे मैदान पर चांटा मारा। मैंने अपने सभी इंटरव्यू में यह माना है कि मैंने गलती की थी।"(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
हरभजन ने कहा, "एक खिलाड़ी के तौर पर मुझे बड़ी टीमों को हराना पसंद है। उन दिनों पाकिस्तान शानदार टीम होती थी। उनके पास वसीम अकरम, वकार यूनुस, सकलैन मुश्ताक और शोएब अख्तर जैसे गेंदबाज थे। हमारे लिए वह विशेष पल होता था। मेरा मानना है कि मीडिया ने भारत-पाकिस्तान के मैच को लेकर हाइप बनाई है।"
2007-08 में हरभजन पर ऑस्ट्रेलिया के एंड्रयू साइमंड्स के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी करने का आरोप लगा था। यह घटना मंकीगेट के नाम से मशहूर हो गई थी। इस पर हरभजन ने कहा, "मैंने मंकी नहीं कहा था। यह उनका आरोप था। मैंने उससे कहा था कि तेरी मां के हाथ की रोटी खाने का बड़ा मन कर रहा है। उसने मेरी बात नहीं सुनी, क्योंकि वह हिंदी नहीं जानता और मुझे इंग्लिश नहीं आती।"टिप्पणियां
एस. श्रीसंत को थप्पड़ मारने के विवाद पर हरभजन ने कहा, "असल में उसने नौटंकी की थी। यह मेरी गलती थी कि मैंने उसे मैदान पर चांटा मारा। मैंने अपने सभी इंटरव्यू में यह माना है कि मैंने गलती की थी।"(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
2007-08 में हरभजन पर ऑस्ट्रेलिया के एंड्रयू साइमंड्स के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी करने का आरोप लगा था। यह घटना मंकीगेट के नाम से मशहूर हो गई थी। इस पर हरभजन ने कहा, "मैंने मंकी नहीं कहा था। यह उनका आरोप था। मैंने उससे कहा था कि तेरी मां के हाथ की रोटी खाने का बड़ा मन कर रहा है। उसने मेरी बात नहीं सुनी, क्योंकि वह हिंदी नहीं जानता और मुझे इंग्लिश नहीं आती।"टिप्पणियां
एस. श्रीसंत को थप्पड़ मारने के विवाद पर हरभजन ने कहा, "असल में उसने नौटंकी की थी। यह मेरी गलती थी कि मैंने उसे मैदान पर चांटा मारा। मैंने अपने सभी इंटरव्यू में यह माना है कि मैंने गलती की थी।"(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
एस. श्रीसंत को थप्पड़ मारने के विवाद पर हरभजन ने कहा, "असल में उसने नौटंकी की थी। यह मेरी गलती थी कि मैंने उसे मैदान पर चांटा मारा। मैंने अपने सभी इंटरव्यू में यह माना है कि मैंने गलती की थी।"(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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अप्रेजल टाइम! जी हां अगर आप अच्छे अप्रेजल की अपेक्षा करते हैं तो हाल में एक सर्वे में आए चौकाने वाले नतीजों पर भी नजर डाल लें. खासतौर से अब दफ्तर में दूसरों के खिलाफ बयानबाजी करना छोड़ दीजिए, क्योंकि बॉस के चमचे आपके पीछे पड़े हैं.
इनपुट:
Newsflick
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नोटबंदी के फैसले को उचित ठहराते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने शुक्रवार को कहा कि यह पारदर्शी मौद्रिक चलन शुरू करने के 'ईमानदार इरादे' के साथ राष्ट्रीय हित में उठाया गया कदम है जिससे देश की अर्थव्यवस्था सुरक्षित होगी और इसमें तेजी आएगी.
आरएसएस के संचार विभाग के प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कहा कि देश में सभी राष्ट्रविरोधी, अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियां अचानक ठहर सी गई प्रतीत होती हैं तथा नतीजतन एक लंबे समय बाद कश्मीर घाटी में सामान्य स्थिति बहाल हुई है.
उन्होंने कहा कि यह जाहिर है कि लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि देश में वित्तीय सुदृढ़ता और जवाबदेही की दिशा में यह एक सख्त कदम है और इसका मकसद अपनी अर्थव्यवस्था को सुरक्षित और जीवंत बनाना है.
वैद्य ने कहा कि नोटबंदी का सरकार का फैसला राष्ट्रीय हित में है. उन्होंने कहा कि इसका असर हर जगह महसूस किया जा रहा है. उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे देश में पारदर्शिता लाने में सरकार को सहयोग करें. टिप्पणियां
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
आरएसएस के संचार विभाग के प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कहा कि देश में सभी राष्ट्रविरोधी, अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियां अचानक ठहर सी गई प्रतीत होती हैं तथा नतीजतन एक लंबे समय बाद कश्मीर घाटी में सामान्य स्थिति बहाल हुई है.
उन्होंने कहा कि यह जाहिर है कि लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि देश में वित्तीय सुदृढ़ता और जवाबदेही की दिशा में यह एक सख्त कदम है और इसका मकसद अपनी अर्थव्यवस्था को सुरक्षित और जीवंत बनाना है.
वैद्य ने कहा कि नोटबंदी का सरकार का फैसला राष्ट्रीय हित में है. उन्होंने कहा कि इसका असर हर जगह महसूस किया जा रहा है. उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे देश में पारदर्शिता लाने में सरकार को सहयोग करें. टिप्पणियां
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उन्होंने कहा कि यह जाहिर है कि लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि देश में वित्तीय सुदृढ़ता और जवाबदेही की दिशा में यह एक सख्त कदम है और इसका मकसद अपनी अर्थव्यवस्था को सुरक्षित और जीवंत बनाना है.
वैद्य ने कहा कि नोटबंदी का सरकार का फैसला राष्ट्रीय हित में है. उन्होंने कहा कि इसका असर हर जगह महसूस किया जा रहा है. उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे देश में पारदर्शिता लाने में सरकार को सहयोग करें. टिप्पणियां
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वैद्य ने कहा कि नोटबंदी का सरकार का फैसला राष्ट्रीय हित में है. उन्होंने कहा कि इसका असर हर जगह महसूस किया जा रहा है. उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे देश में पारदर्शिता लाने में सरकार को सहयोग करें. टिप्पणियां
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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आपका तकिया आपको जवान रखने में मददगार साबित हो सकता है. एक शीर्ष ब्यूटिशियन का दावा है कि एक कोमल और आरामदेह तकिया आपको उम्र से पहले बुजुर्ग नहीं होने देता है और लंबे वक्त तक जवां बनाए रखता है.
जी हां, आपका तकिया आपको जवान रखने में मददगार साबित हो सकता है. हॉलीवुड की एक शीर्ष ब्यूटिशियन का दावा है कि एक कोमल और आरामदेह तकिया आपको उम्र से पहले बुजुर्ग नहीं होने देता है और एक लंबे वक्त तक
जवां
बनाए रखता है.
जैमी शेरिल नाम की एक नर्स के मुताबिक, हम अपने जीवन का एक-तिहाई हिस्सा सोते हुए बिताते हैं. सोते वक्त हमारे सिर का लगभग पांच किलोग्राम वजन हमारे चेहरे पर पड़ता है, जिससे चेहरे की त्वचा सिकुड़ती है. ये
झुर्रियो
ं का कारण हो सकती हैं.
वो आगे कहती है कि अगर आपकी तकिया सख्त है तो, आपका चेहरा, आपके बाल उस पर रगड़ खाते हैं. जिससे उनके रूखे होने की संभावना बढ़ जाती है. तकिया बेहद कोमल और लचीला होना चाहिए, जिससे त्वचा और बाल रगड़ न खाएं.
जैमी ने अपने इन्हीं अनुभवों के आधार पर एक विशेष प्रकार का तकिया भी बनाया है, जिससे चेहरे पर दबाव नहीं बनता है. छोटे आकार की वजह से इसे कहीं भी ले जाना काफी सुविधाजनक है.
ये बेहद मुलायम कपड़े से बना है और काफी कोमल है. जैमी बताती हैं कि लोगों को ये काफी पसंद आया है और वे इसे बड़े चाव से खरीद रहे हैं.
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यह लेख है: सोने के बढ़ते आयात से चालू खाते के घाटे पर पड़ रहे दबाव के मद्देनजर रिजर्व बैंक ने बैंकों द्वारा सोने के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया।
रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा ‘घरेलू उपयोग के लिए सोने की मांग कम करने के लिए बैंकों द्वारा सोने के आयात को सीमित करने का फैसला किया गया है। बैंक अब केवल स्वर्ण आभूषण निर्यातकों की जरूरत के लिए ही सोने का आयात कर सकेंगे।’
सोमवार को जारी सरकारी आंकड़े के अनुसार अप्रैल 2013 में सोने और चांदी का आयात 138 प्रतिशत बढ़कर 7.5 अरब डॉलर हो गया जबकि पिछले साल इसी अवधि में 3.1 अरब डॉलर का आयात किया गया था। सोने का आयात बढ़ने से अप्रैल में देश का व्यापार घाटा बढ़कर 17.8 अरब डॉलर हो गया।टिप्पणियां
व्यापार घाटा बढ़ने से चालू खाते के घाटे पर दबाव बढ़ता है। रिजर्व बैंक के अनुसार ऊंचा चालू खाते का घाटा देश की अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ा जोखिम है।
आरबीआई का स्वर्ण आयात को सीमित करने का फैसला स्वर्ण संबंधी कार्य समूह की सिफारिशों के आधार पर लिया गया है जिसने सोने के आयात नियमों को अन्य वस्तुओं के आयात से जोड़ने का सुझाव दिया था ताकि सोने तथा अन्य वस्तुओं के आयात में समान परिवेश बनाया जा सके।
रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा ‘घरेलू उपयोग के लिए सोने की मांग कम करने के लिए बैंकों द्वारा सोने के आयात को सीमित करने का फैसला किया गया है। बैंक अब केवल स्वर्ण आभूषण निर्यातकों की जरूरत के लिए ही सोने का आयात कर सकेंगे।’
सोमवार को जारी सरकारी आंकड़े के अनुसार अप्रैल 2013 में सोने और चांदी का आयात 138 प्रतिशत बढ़कर 7.5 अरब डॉलर हो गया जबकि पिछले साल इसी अवधि में 3.1 अरब डॉलर का आयात किया गया था। सोने का आयात बढ़ने से अप्रैल में देश का व्यापार घाटा बढ़कर 17.8 अरब डॉलर हो गया।टिप्पणियां
व्यापार घाटा बढ़ने से चालू खाते के घाटे पर दबाव बढ़ता है। रिजर्व बैंक के अनुसार ऊंचा चालू खाते का घाटा देश की अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ा जोखिम है।
आरबीआई का स्वर्ण आयात को सीमित करने का फैसला स्वर्ण संबंधी कार्य समूह की सिफारिशों के आधार पर लिया गया है जिसने सोने के आयात नियमों को अन्य वस्तुओं के आयात से जोड़ने का सुझाव दिया था ताकि सोने तथा अन्य वस्तुओं के आयात में समान परिवेश बनाया जा सके।
सोमवार को जारी सरकारी आंकड़े के अनुसार अप्रैल 2013 में सोने और चांदी का आयात 138 प्रतिशत बढ़कर 7.5 अरब डॉलर हो गया जबकि पिछले साल इसी अवधि में 3.1 अरब डॉलर का आयात किया गया था। सोने का आयात बढ़ने से अप्रैल में देश का व्यापार घाटा बढ़कर 17.8 अरब डॉलर हो गया।टिप्पणियां
व्यापार घाटा बढ़ने से चालू खाते के घाटे पर दबाव बढ़ता है। रिजर्व बैंक के अनुसार ऊंचा चालू खाते का घाटा देश की अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ा जोखिम है।
आरबीआई का स्वर्ण आयात को सीमित करने का फैसला स्वर्ण संबंधी कार्य समूह की सिफारिशों के आधार पर लिया गया है जिसने सोने के आयात नियमों को अन्य वस्तुओं के आयात से जोड़ने का सुझाव दिया था ताकि सोने तथा अन्य वस्तुओं के आयात में समान परिवेश बनाया जा सके।
व्यापार घाटा बढ़ने से चालू खाते के घाटे पर दबाव बढ़ता है। रिजर्व बैंक के अनुसार ऊंचा चालू खाते का घाटा देश की अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ा जोखिम है।
आरबीआई का स्वर्ण आयात को सीमित करने का फैसला स्वर्ण संबंधी कार्य समूह की सिफारिशों के आधार पर लिया गया है जिसने सोने के आयात नियमों को अन्य वस्तुओं के आयात से जोड़ने का सुझाव दिया था ताकि सोने तथा अन्य वस्तुओं के आयात में समान परिवेश बनाया जा सके।
आरबीआई का स्वर्ण आयात को सीमित करने का फैसला स्वर्ण संबंधी कार्य समूह की सिफारिशों के आधार पर लिया गया है जिसने सोने के आयात नियमों को अन्य वस्तुओं के आयात से जोड़ने का सुझाव दिया था ताकि सोने तथा अन्य वस्तुओं के आयात में समान परिवेश बनाया जा सके।
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ग्राहम पॉटर () एक अंग्रेजी पेशेवर फुटबॉल प्रबंधक और पूर्व खिलाड़ी हैं जिन्होंने हाल ही में प्रीमियर लीग क्लब चेल्सी का प्रबंधन किया है। अपने 13 साल के खेल करियर में लेफ्ट-बैक के रूप में खेलने वाले पॉटर ने फुटबॉल लीग में 307 मैच खेले हैं। वह प्रीमियर लीग में साउथेम्प्टन फुटबॉल क्लब के लिए खेलते थे। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने इंग्लैंड अंडर-21 के लिए एक मैच खेला है।
पॉटर ने अपने पेशेवर प्रबंधकीय करियर की शुरुआत जनवरी 2011 में स्वीडिश क्लब ओस्टरसुंड एफ.के. के साथ की थी। उन्होंने ओस्टरसुंड के साथ स्वेन्स्का कप जीता और क्लब को 2017-18 यूईएफए यूरोपा लीग के नॉकआउट चरण में पहुंचाया। पॉटर को जून 2018 में चैंपियनशिप क्लब स्वानसी सिटी का मैनेजर नियुक्त किया गया और एक साल बाद वह प्रीमियर लीग के ब्राइटन एंड होव एल्बियन फुटबॉल क्लब में चले गए। ब्राइटन के सफल प्रबंधन के बाद उन्हें चेल्सी द्वारा काम पर रखा गया। चेल्सी के प्रदर्शन में भारी गिरावट के बाद पॉटर को अप्रैल 2023 में उनके कर्तव्यों से मुक्त कर दिया गया।
खेल कैरियर
वेस्ट मिडलैंड्स के सोलिहुल में जन्मे पॉटर ने 17 साल की उम्र में बर्मिंघम सिटी एफ.सी. में एक प्रशिक्षु के रूप में अपने फुटबॉल करियर की शुरुआत की। वह प्रीमियर लीग के साउथेम्प्टन फुटबॉल क्लब में शामिल हो गए जहां वे 1996 में मैनचेस्टर यूनाइटेड पर 6-3 की प्रसिद्ध जीत में क्लब के लिए खेले।
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
1975 में जन्मे लोग
जीवित लोग
फुटबॉल खिलाड़ी
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लेख: मेलबर्न वनडे 3 विकेट से ऑस्ट्रेलिया ने जीता। इस जीत के साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने 5 मैच की वनडे सीरीज़ में 3-0 की अजेय बढ़त हासिल कर ली। विराट कोहली ने शतक ज़रूर बनाया लेकिन गेंदबाज़ों और फ़ील्डरों के ख़राब प्रदर्शन की वजह से टीम इंडिया को हार झेलनी पड़ी। अब सीरीज़ के बाक़ी दो वनडे में कप्तान एमएस धोनी का कड़ा इम्तिहान होगा।
जीत के बाद ग्लेन मैक्सवेल ने भारतीय बल्लेबाज़ों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ लोग अपने रिकॉर्ड के लिए खेलते हैं। मैच के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में एक पत्रकार ने पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ मैथ्यू हेडन के हवाले से पूछा कि शतक के क़रीब भारतीय बल्लेबाज़ों के रन-रेट गिर जाते हैं। इस बात का जवाब देते हुए बिग शो के नाम से मशहूर मैक्सवेल ने कहा, 'मेरे ख्याल से भारतीय बल्लेबाज़ अपने करियर में एक मुकाम हासिल करने की चाहत की वजह से धीमा खेलने लगते हैं।'
हेडन ने भारतीय बल्लेबाज़ों पर पहले बयान दिया था कि भारतीय बल्लेबाज़ अपने निजी रिकॉर्ड के लिए खेलते हैं। हेडन के मुताबिक अगर कोई बल्लेबाज़ 70 या 80 रन बनाता है तो सावधानी से बल्लेबाज़ी कर 100 भी बना सकता है लेकिन ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ ऐसा नहीं करते - भले ही इससे उनके रिकॉर्ड पर असर पड़े।
मैक्सवेल और हेडन का ये बयान भले ही टीम इंडिया के फ़ैन्स और बल्लेबाज़ों को अच्छा नहीं लगा हो लेकिन ये सच्चाई है। सीरीज़ में रोहित शर्मा दो शतक लगा चुके हैं और विराट कोहली ने एक शतक बनाया है।
अगर पहले दो वनडे में रोहित के शतक पर नज़र डालें तो तस्वीर साफ़ हो जाती है। पर्थ वनडे में खेले गए पहले वनडे में रोहित ने 90 रन से 100 रन तक आने में 16 गेंद लगाए और ब्रिसबेन में 18 गेंद खर्च कर डाले। इस दौरान जबकि तेज़ी से रन बनाने की ज़रूरत थी। शुक्रवार के ब्रिसबेन वनडे में जब रोहित आउट हुए तो 43वां ओवर फेंका जा रहा था - ऐसे में उनके बाद आने वाले बल्लेबाज़ों के पास ज़्यादा कुछ करने के लिए नहीं रहा। हालांकि इस मामले में कोहली ने थोड़ी समझदारी दिखाई और 90 से 100 तक पहुंचने में 7 गेंद ही लिए।
पिछले कुछ समय से ख़राब प्रदर्शन से जूझ रहे शिखर धवन के फ़ॉर्म पर सवाल उठ रहे थे। मेलबर्न में उन्होंने विराट के साथ दूसरे विकेट के लिए 119 रन की साझेदारी निभाई लेकिन ये रन बने 22.2 ओवर में! जहां रन-रेट बढ़ाने की ज़रूरत थी वहां धवन धीमा खेलते रहे और 68 रन बनाने के लिए 91 गेंद खेली।
दूसरी तरफ़ मैक्सवेल की पारी को देखें - जॉर्ज बेली के आउट होने के बाद जब मैक्सवेल बल्लेबाज़ी को आए तो ऑस्ट्रेलिया ने 3 विकेट गंवा दिए थे लेकिन वो अपना नेचुरल गेम खेलते रहे।टिप्पणियां
47 रन के स्कोर पर मैक्सवेल स्नीकोमीटर में आउट दिखे जिसे अंपायर ने नहीं दिया लेकिन इससे उनके शॉट्स खेलने की रफ़्तार कम नहीं हुई और छक्के के साथ अर्द्धशतक पूरा किया।
शतक के क़रीब पहुंच चुके मैक्सवेल का बल्ला आग उगलता रहा। मैक्सी - ऑस्ट्रेलिया को जीत के दरवाजे तक ले गए। भले ही बिग शो का शतक नहीं बना लेकिन जीत का सेहरा वो टीम को पहना गए।
जीत के बाद ग्लेन मैक्सवेल ने भारतीय बल्लेबाज़ों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ लोग अपने रिकॉर्ड के लिए खेलते हैं। मैच के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में एक पत्रकार ने पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ मैथ्यू हेडन के हवाले से पूछा कि शतक के क़रीब भारतीय बल्लेबाज़ों के रन-रेट गिर जाते हैं। इस बात का जवाब देते हुए बिग शो के नाम से मशहूर मैक्सवेल ने कहा, 'मेरे ख्याल से भारतीय बल्लेबाज़ अपने करियर में एक मुकाम हासिल करने की चाहत की वजह से धीमा खेलने लगते हैं।'
हेडन ने भारतीय बल्लेबाज़ों पर पहले बयान दिया था कि भारतीय बल्लेबाज़ अपने निजी रिकॉर्ड के लिए खेलते हैं। हेडन के मुताबिक अगर कोई बल्लेबाज़ 70 या 80 रन बनाता है तो सावधानी से बल्लेबाज़ी कर 100 भी बना सकता है लेकिन ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ ऐसा नहीं करते - भले ही इससे उनके रिकॉर्ड पर असर पड़े।
मैक्सवेल और हेडन का ये बयान भले ही टीम इंडिया के फ़ैन्स और बल्लेबाज़ों को अच्छा नहीं लगा हो लेकिन ये सच्चाई है। सीरीज़ में रोहित शर्मा दो शतक लगा चुके हैं और विराट कोहली ने एक शतक बनाया है।
अगर पहले दो वनडे में रोहित के शतक पर नज़र डालें तो तस्वीर साफ़ हो जाती है। पर्थ वनडे में खेले गए पहले वनडे में रोहित ने 90 रन से 100 रन तक आने में 16 गेंद लगाए और ब्रिसबेन में 18 गेंद खर्च कर डाले। इस दौरान जबकि तेज़ी से रन बनाने की ज़रूरत थी। शुक्रवार के ब्रिसबेन वनडे में जब रोहित आउट हुए तो 43वां ओवर फेंका जा रहा था - ऐसे में उनके बाद आने वाले बल्लेबाज़ों के पास ज़्यादा कुछ करने के लिए नहीं रहा। हालांकि इस मामले में कोहली ने थोड़ी समझदारी दिखाई और 90 से 100 तक पहुंचने में 7 गेंद ही लिए।
पिछले कुछ समय से ख़राब प्रदर्शन से जूझ रहे शिखर धवन के फ़ॉर्म पर सवाल उठ रहे थे। मेलबर्न में उन्होंने विराट के साथ दूसरे विकेट के लिए 119 रन की साझेदारी निभाई लेकिन ये रन बने 22.2 ओवर में! जहां रन-रेट बढ़ाने की ज़रूरत थी वहां धवन धीमा खेलते रहे और 68 रन बनाने के लिए 91 गेंद खेली।
दूसरी तरफ़ मैक्सवेल की पारी को देखें - जॉर्ज बेली के आउट होने के बाद जब मैक्सवेल बल्लेबाज़ी को आए तो ऑस्ट्रेलिया ने 3 विकेट गंवा दिए थे लेकिन वो अपना नेचुरल गेम खेलते रहे।टिप्पणियां
47 रन के स्कोर पर मैक्सवेल स्नीकोमीटर में आउट दिखे जिसे अंपायर ने नहीं दिया लेकिन इससे उनके शॉट्स खेलने की रफ़्तार कम नहीं हुई और छक्के के साथ अर्द्धशतक पूरा किया।
शतक के क़रीब पहुंच चुके मैक्सवेल का बल्ला आग उगलता रहा। मैक्सी - ऑस्ट्रेलिया को जीत के दरवाजे तक ले गए। भले ही बिग शो का शतक नहीं बना लेकिन जीत का सेहरा वो टीम को पहना गए।
हेडन ने भारतीय बल्लेबाज़ों पर पहले बयान दिया था कि भारतीय बल्लेबाज़ अपने निजी रिकॉर्ड के लिए खेलते हैं। हेडन के मुताबिक अगर कोई बल्लेबाज़ 70 या 80 रन बनाता है तो सावधानी से बल्लेबाज़ी कर 100 भी बना सकता है लेकिन ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ ऐसा नहीं करते - भले ही इससे उनके रिकॉर्ड पर असर पड़े।
मैक्सवेल और हेडन का ये बयान भले ही टीम इंडिया के फ़ैन्स और बल्लेबाज़ों को अच्छा नहीं लगा हो लेकिन ये सच्चाई है। सीरीज़ में रोहित शर्मा दो शतक लगा चुके हैं और विराट कोहली ने एक शतक बनाया है।
अगर पहले दो वनडे में रोहित के शतक पर नज़र डालें तो तस्वीर साफ़ हो जाती है। पर्थ वनडे में खेले गए पहले वनडे में रोहित ने 90 रन से 100 रन तक आने में 16 गेंद लगाए और ब्रिसबेन में 18 गेंद खर्च कर डाले। इस दौरान जबकि तेज़ी से रन बनाने की ज़रूरत थी। शुक्रवार के ब्रिसबेन वनडे में जब रोहित आउट हुए तो 43वां ओवर फेंका जा रहा था - ऐसे में उनके बाद आने वाले बल्लेबाज़ों के पास ज़्यादा कुछ करने के लिए नहीं रहा। हालांकि इस मामले में कोहली ने थोड़ी समझदारी दिखाई और 90 से 100 तक पहुंचने में 7 गेंद ही लिए।
पिछले कुछ समय से ख़राब प्रदर्शन से जूझ रहे शिखर धवन के फ़ॉर्म पर सवाल उठ रहे थे। मेलबर्न में उन्होंने विराट के साथ दूसरे विकेट के लिए 119 रन की साझेदारी निभाई लेकिन ये रन बने 22.2 ओवर में! जहां रन-रेट बढ़ाने की ज़रूरत थी वहां धवन धीमा खेलते रहे और 68 रन बनाने के लिए 91 गेंद खेली।
दूसरी तरफ़ मैक्सवेल की पारी को देखें - जॉर्ज बेली के आउट होने के बाद जब मैक्सवेल बल्लेबाज़ी को आए तो ऑस्ट्रेलिया ने 3 विकेट गंवा दिए थे लेकिन वो अपना नेचुरल गेम खेलते रहे।टिप्पणियां
47 रन के स्कोर पर मैक्सवेल स्नीकोमीटर में आउट दिखे जिसे अंपायर ने नहीं दिया लेकिन इससे उनके शॉट्स खेलने की रफ़्तार कम नहीं हुई और छक्के के साथ अर्द्धशतक पूरा किया।
शतक के क़रीब पहुंच चुके मैक्सवेल का बल्ला आग उगलता रहा। मैक्सी - ऑस्ट्रेलिया को जीत के दरवाजे तक ले गए। भले ही बिग शो का शतक नहीं बना लेकिन जीत का सेहरा वो टीम को पहना गए।
मैक्सवेल और हेडन का ये बयान भले ही टीम इंडिया के फ़ैन्स और बल्लेबाज़ों को अच्छा नहीं लगा हो लेकिन ये सच्चाई है। सीरीज़ में रोहित शर्मा दो शतक लगा चुके हैं और विराट कोहली ने एक शतक बनाया है।
अगर पहले दो वनडे में रोहित के शतक पर नज़र डालें तो तस्वीर साफ़ हो जाती है। पर्थ वनडे में खेले गए पहले वनडे में रोहित ने 90 रन से 100 रन तक आने में 16 गेंद लगाए और ब्रिसबेन में 18 गेंद खर्च कर डाले। इस दौरान जबकि तेज़ी से रन बनाने की ज़रूरत थी। शुक्रवार के ब्रिसबेन वनडे में जब रोहित आउट हुए तो 43वां ओवर फेंका जा रहा था - ऐसे में उनके बाद आने वाले बल्लेबाज़ों के पास ज़्यादा कुछ करने के लिए नहीं रहा। हालांकि इस मामले में कोहली ने थोड़ी समझदारी दिखाई और 90 से 100 तक पहुंचने में 7 गेंद ही लिए।
पिछले कुछ समय से ख़राब प्रदर्शन से जूझ रहे शिखर धवन के फ़ॉर्म पर सवाल उठ रहे थे। मेलबर्न में उन्होंने विराट के साथ दूसरे विकेट के लिए 119 रन की साझेदारी निभाई लेकिन ये रन बने 22.2 ओवर में! जहां रन-रेट बढ़ाने की ज़रूरत थी वहां धवन धीमा खेलते रहे और 68 रन बनाने के लिए 91 गेंद खेली।
दूसरी तरफ़ मैक्सवेल की पारी को देखें - जॉर्ज बेली के आउट होने के बाद जब मैक्सवेल बल्लेबाज़ी को आए तो ऑस्ट्रेलिया ने 3 विकेट गंवा दिए थे लेकिन वो अपना नेचुरल गेम खेलते रहे।टिप्पणियां
47 रन के स्कोर पर मैक्सवेल स्नीकोमीटर में आउट दिखे जिसे अंपायर ने नहीं दिया लेकिन इससे उनके शॉट्स खेलने की रफ़्तार कम नहीं हुई और छक्के के साथ अर्द्धशतक पूरा किया।
शतक के क़रीब पहुंच चुके मैक्सवेल का बल्ला आग उगलता रहा। मैक्सी - ऑस्ट्रेलिया को जीत के दरवाजे तक ले गए। भले ही बिग शो का शतक नहीं बना लेकिन जीत का सेहरा वो टीम को पहना गए।
अगर पहले दो वनडे में रोहित के शतक पर नज़र डालें तो तस्वीर साफ़ हो जाती है। पर्थ वनडे में खेले गए पहले वनडे में रोहित ने 90 रन से 100 रन तक आने में 16 गेंद लगाए और ब्रिसबेन में 18 गेंद खर्च कर डाले। इस दौरान जबकि तेज़ी से रन बनाने की ज़रूरत थी। शुक्रवार के ब्रिसबेन वनडे में जब रोहित आउट हुए तो 43वां ओवर फेंका जा रहा था - ऐसे में उनके बाद आने वाले बल्लेबाज़ों के पास ज़्यादा कुछ करने के लिए नहीं रहा। हालांकि इस मामले में कोहली ने थोड़ी समझदारी दिखाई और 90 से 100 तक पहुंचने में 7 गेंद ही लिए।
पिछले कुछ समय से ख़राब प्रदर्शन से जूझ रहे शिखर धवन के फ़ॉर्म पर सवाल उठ रहे थे। मेलबर्न में उन्होंने विराट के साथ दूसरे विकेट के लिए 119 रन की साझेदारी निभाई लेकिन ये रन बने 22.2 ओवर में! जहां रन-रेट बढ़ाने की ज़रूरत थी वहां धवन धीमा खेलते रहे और 68 रन बनाने के लिए 91 गेंद खेली।
दूसरी तरफ़ मैक्सवेल की पारी को देखें - जॉर्ज बेली के आउट होने के बाद जब मैक्सवेल बल्लेबाज़ी को आए तो ऑस्ट्रेलिया ने 3 विकेट गंवा दिए थे लेकिन वो अपना नेचुरल गेम खेलते रहे।टिप्पणियां
47 रन के स्कोर पर मैक्सवेल स्नीकोमीटर में आउट दिखे जिसे अंपायर ने नहीं दिया लेकिन इससे उनके शॉट्स खेलने की रफ़्तार कम नहीं हुई और छक्के के साथ अर्द्धशतक पूरा किया।
शतक के क़रीब पहुंच चुके मैक्सवेल का बल्ला आग उगलता रहा। मैक्सी - ऑस्ट्रेलिया को जीत के दरवाजे तक ले गए। भले ही बिग शो का शतक नहीं बना लेकिन जीत का सेहरा वो टीम को पहना गए।
पिछले कुछ समय से ख़राब प्रदर्शन से जूझ रहे शिखर धवन के फ़ॉर्म पर सवाल उठ रहे थे। मेलबर्न में उन्होंने विराट के साथ दूसरे विकेट के लिए 119 रन की साझेदारी निभाई लेकिन ये रन बने 22.2 ओवर में! जहां रन-रेट बढ़ाने की ज़रूरत थी वहां धवन धीमा खेलते रहे और 68 रन बनाने के लिए 91 गेंद खेली।
दूसरी तरफ़ मैक्सवेल की पारी को देखें - जॉर्ज बेली के आउट होने के बाद जब मैक्सवेल बल्लेबाज़ी को आए तो ऑस्ट्रेलिया ने 3 विकेट गंवा दिए थे लेकिन वो अपना नेचुरल गेम खेलते रहे।टिप्पणियां
47 रन के स्कोर पर मैक्सवेल स्नीकोमीटर में आउट दिखे जिसे अंपायर ने नहीं दिया लेकिन इससे उनके शॉट्स खेलने की रफ़्तार कम नहीं हुई और छक्के के साथ अर्द्धशतक पूरा किया।
शतक के क़रीब पहुंच चुके मैक्सवेल का बल्ला आग उगलता रहा। मैक्सी - ऑस्ट्रेलिया को जीत के दरवाजे तक ले गए। भले ही बिग शो का शतक नहीं बना लेकिन जीत का सेहरा वो टीम को पहना गए।
दूसरी तरफ़ मैक्सवेल की पारी को देखें - जॉर्ज बेली के आउट होने के बाद जब मैक्सवेल बल्लेबाज़ी को आए तो ऑस्ट्रेलिया ने 3 विकेट गंवा दिए थे लेकिन वो अपना नेचुरल गेम खेलते रहे।टिप्पणियां
47 रन के स्कोर पर मैक्सवेल स्नीकोमीटर में आउट दिखे जिसे अंपायर ने नहीं दिया लेकिन इससे उनके शॉट्स खेलने की रफ़्तार कम नहीं हुई और छक्के के साथ अर्द्धशतक पूरा किया।
शतक के क़रीब पहुंच चुके मैक्सवेल का बल्ला आग उगलता रहा। मैक्सी - ऑस्ट्रेलिया को जीत के दरवाजे तक ले गए। भले ही बिग शो का शतक नहीं बना लेकिन जीत का सेहरा वो टीम को पहना गए।
47 रन के स्कोर पर मैक्सवेल स्नीकोमीटर में आउट दिखे जिसे अंपायर ने नहीं दिया लेकिन इससे उनके शॉट्स खेलने की रफ़्तार कम नहीं हुई और छक्के के साथ अर्द्धशतक पूरा किया।
शतक के क़रीब पहुंच चुके मैक्सवेल का बल्ला आग उगलता रहा। मैक्सी - ऑस्ट्रेलिया को जीत के दरवाजे तक ले गए। भले ही बिग शो का शतक नहीं बना लेकिन जीत का सेहरा वो टीम को पहना गए।
शतक के क़रीब पहुंच चुके मैक्सवेल का बल्ला आग उगलता रहा। मैक्सी - ऑस्ट्रेलिया को जीत के दरवाजे तक ले गए। भले ही बिग शो का शतक नहीं बना लेकिन जीत का सेहरा वो टीम को पहना गए।
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खट्टर से ट्विटर पर द्वारका एक्सप्रेवे के निर्माण के बारे में पूछा गया जिससे गुड़गांव का ट्रैफिक कम हो सकता है, जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा 'इस बारे में अरविंद केजरीवाल से पूछा जाना चाहिए। दिल्ली सरकार के असहयोग से तंग आकर, हमें उसे नैशनल हाईवे घोषित करना पड़ा।'
Mr. @ArvindKejriwal should be asked this.Frustrated by non-cooperation by Delhi Govt,we have got it declared as NH. https://t.co/LUJGj9lSwT
गुड़गांव का नाम गुरुग्राम रखने से विकास नहीं होता। विकास के लिए योजनाएं बनाना और उनपर अमल करना ज़रूरी होता है। जुमलों से जाम नहीं खुलेगा।
As BJP passes the buck,Gurgaon chokes.Wht an awful ordeal 4commuters esp ambulances tht may have been stuck for hrs!https://t.co/cBBIeBcWJL
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फेसबुक की ओर से जारी किए गए नए आंकड़ों के मुताबिक सोशल नेटवर्किंग साइट से यूजर्स की जानकारी मांगने के मामले में अमेरिका के बाद भारत की सरकार दूसरे नंबर पर है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार रोजाना 18 से 20 फेसबुक यूजर्स के बारे में जानकारी देने का औपचारिक आग्रह करती है.
ये आंकड़े साल 2013 की पहली छमाही के हैं. इसी दौरान सरकार द्वारा लोगों की निजता के हनन पर देश में बहस तेज हुई है.
आधी रिक्वेस्ट ही मानी फेसबुक ने
सरकारें फेसबुक से दो तरह की जानकारी मांगती हैं. एक बतौर कंपनी अपने यूजर्स के बारे में जानकारी देना. दूसरा जिसमें किसी खास यूजर के बारे में जानकारी देना. 2013 में शुरुआती छह महीनों में भारत सरकार ने 3,245 यूजर्स और 4,144 अकाउंट से जुड़ी जानकारियां मांगीं. फेसबुक ने सिर्फ उन्हीं मामलों की जानकारी दी, जिनका दिया जाना कानून-सम्मत था. यानी बाकी 50 फीसदी रिक्वेस्ट के मुताबिक जानकारी देना कानूनन जरूरी नहीं था.
दुनिया भर की सरकारें मांगती हैं जानकारी
दुनिया भर की सरकारें फेसबुक से कई बार ऐसी जानकारियां मांगती हैं, ज्यादातर मामलों में इसका रिश्ता लूट और किडनैपिंग जैसे आपराधिक मामलों से होता है. ऐसे मौकों पर सरकारें सब्सक्राइबर के बारे में बुनियादी जानकारी या आईपी एड्रेस या अकाउंट कंटेंट के बारे में जानकारी मांगती हैं.
अमेरिका भेजता है सबसे ज्यादा रिक्वेस्ट
2013 के शुरुआती छह महीनों में अमेरिकी सरकार ने फेसबुक को 11-12 हजार सामान्य रिक्वेस्ट और अकाउंट से जुड़ी 20-21 हजार रिक्वेस्ट भेजीं. अमेरिका ने फेसबुक को ठीक संख्या सार्वजनिक करने की इजाजत नहीं दी है. इसलिए फेसबुक ने एक डिस्क्लेमर भी लगाया है, 'इन रिक्वेस्ट के संबंध में हम कोशिश कर रहे हैं कि अमेरिकी सरकार और पारदर्शिता की इजाजत दे.'
क्या मजबूर है फेसबुक ?
फ्रांस, जर्मनी और इटली, तीन और देश हैं जो बड़ी संख्या में फेसबुक से जानकारी मांगते हैं. फेसबुक के जनरल काउंसेल कॉलिन स्ट्रेच के मुताबिक, 'हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि फेसबुक इस्तेमाल करने वाले लोग यह समझें कि हमारे पास आने वाली रिक्वेस्ट की तादाद और प्रवृत्ति क्या होती है और कितनी कड़ी नीतियों और प्रक्रियाओं से हमें दो-चार होना पड़ता है.'
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सैन्य बलों के कर्मियों की बड़ी मांग मानते हुए सरकार ने विकलांगता पेंशन की पुरानी व्यवस्था के साथ बने रहने और सातवें वेतन आयोग (7वें पे-कमीशन ) की सिफारिश वाली नई व्यवस्था को नहीं अपनाने का फैसला किया.
सैन्य बल विकलांगता पेंशन (Pension) के लिए प्रतिशत आधारित व्यवस्था पर वापस लौटने का दबाव बना रहे थे और सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग (Seventh Pay commission) की सिफारिश वाली स्लैब आधारित व्यवस्था का विरोध कर रहे थे.
यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में किया गया.टिप्पणियां
मोदी कैबिनेट ने 7वें पे-कमिशन (7thCPC) की सिफारिशों में सुधार के लिए लाए गए प्रपोजल को मंजूरी दे दी है. इससे गवर्नमेंट इम्प्लॉई और पेंशनर को फायदा होगा.
इसमें होने वाले सुधारों का फायदा 1 जनवरी 2016 से दिया जाएगा. 7वें पे-कमीशन की सिफारिशें भी तभी से लागू हुई थीं.
सैन्य बल विकलांगता पेंशन (Pension) के लिए प्रतिशत आधारित व्यवस्था पर वापस लौटने का दबाव बना रहे थे और सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग (Seventh Pay commission) की सिफारिश वाली स्लैब आधारित व्यवस्था का विरोध कर रहे थे.
यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में किया गया.टिप्पणियां
मोदी कैबिनेट ने 7वें पे-कमिशन (7thCPC) की सिफारिशों में सुधार के लिए लाए गए प्रपोजल को मंजूरी दे दी है. इससे गवर्नमेंट इम्प्लॉई और पेंशनर को फायदा होगा.
इसमें होने वाले सुधारों का फायदा 1 जनवरी 2016 से दिया जाएगा. 7वें पे-कमीशन की सिफारिशें भी तभी से लागू हुई थीं.
यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में किया गया.टिप्पणियां
मोदी कैबिनेट ने 7वें पे-कमिशन (7thCPC) की सिफारिशों में सुधार के लिए लाए गए प्रपोजल को मंजूरी दे दी है. इससे गवर्नमेंट इम्प्लॉई और पेंशनर को फायदा होगा.
इसमें होने वाले सुधारों का फायदा 1 जनवरी 2016 से दिया जाएगा. 7वें पे-कमीशन की सिफारिशें भी तभी से लागू हुई थीं.
मोदी कैबिनेट ने 7वें पे-कमिशन (7thCPC) की सिफारिशों में सुधार के लिए लाए गए प्रपोजल को मंजूरी दे दी है. इससे गवर्नमेंट इम्प्लॉई और पेंशनर को फायदा होगा.
इसमें होने वाले सुधारों का फायदा 1 जनवरी 2016 से दिया जाएगा. 7वें पे-कमीशन की सिफारिशें भी तभी से लागू हुई थीं.
इसमें होने वाले सुधारों का फायदा 1 जनवरी 2016 से दिया जाएगा. 7वें पे-कमीशन की सिफारिशें भी तभी से लागू हुई थीं.
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बॉलीवुड की बेहतरीन अभिनेत्रियों में से एक रानी मुखर्जी सिल्वर स्क्रीन पर कमबैक करने के लिए तैयार हैं. खबरों के मुताबिक रानी सिद्धार्थ पी मल्होत्रा की फिल्म में नजर आएंगी. इस फिल्म में रानी का किरदार एक अपंग का बताया जा रहा है.
बहुत दिनों बाद दिखीं, मगर क्या खूब नजर आईं रानी मुखर्जी...
शादी और फिर बेबी गर्ल होने के बाद से रानी लंबे समय के लिए बड़े पर्दे से दूर थीं लेकिन अब एक बार फिर से हम रानी की अदाकारी को देख पाएंगे. फिल्म 'मर्दानी' में
रानी मुखर्जी
आखिरी बार नजर आई थीं और इसके बाद मैटरनिटी ब्रेक पर चली गई थीं.
रानी मुखर्जी ने बेटी आदिरा के पहले बर्थ डे पर फोटो की शेयर...
खबरों के मुताबिक सिद्धार्थ पी मल्होत्रा की इस फिल्म को पहले एक्टर इमरान हाशमी प्रोड्यूस करने वाले थे और इस फिल्म में रानी के अपोजिट भी दिखने वाले थे लेकिन कुछ कारणों के चलते उन्होंने इस फिल्म को प्रोड्यूस करने से मना कर दिया. इसके बाद सिद्धार्थ ने अभिषेक बच्चन से इस प्रोजेक्ट के बारे में बात की लेकिन वहां भी कोई बात नहीं बनी.
अभिनेत्री रानी मुखर्जी के घर आई एक नन्ही परी 'अादिरा'
अब सिद्धार्थ की फिल्म को यशराज बैनर प्रोड्यूस करेगा और रानी मुखर्जी इसमें मुख्य किरदार में होंगी.
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: पेट्रोल के दाम में आज एक रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई। हालांकि, डीजल की कीमतों में चार साल से अधिक समय बाद पहली कटौती के लिए विधानसभा चुनाव खत्म होने तक प्रतीक्षा करनी होगी।
सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने पेट्रोल के दाम में एक रुपये प्रति लीटर की कटौती की जिसमें स्थानीय बिक्री कर या वैट शामिल नहीं है। नई कीमतें आज आधी रात से प्रभावी होंगी। इससे पहले, कंपनियों ने एक अक्तूबर को पेट्रोल की कीमत में 54 पैसे प्रति लीटर की कटौती की थी।
कीमतों में संशोधन बुधवार शाम किया जाना था, लेकिन महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनावों के मद्देनजर आज ही इसकी घोषणा कर दी गई।
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के मुताबिक, स्थानीय बिक्रीकर की गणना के उपरांत दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 1.21 रुपये घटकर 66.65 रुपये प्रति लीटर पर आ जाएगी। मुंबई में पेट्रोल की कीमत 75.73 रुपये से घटकर 74.46 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी।
इंडियन ऑयल ने कहा, पिछली बार कीमत संशोधन के बाद से अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में लगातार नरमी का रख है। हालांकि, मुद्रा की विनिमय दरें कमजोर हुई हैं।
महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद डीजल कीमतों में 2.50 रुपये प्रति लीटर की कटौती हो सकती है। अगर ऐसा होता है, तो चार साल से अधिक समय में पहली बार डीजल के दाम घटेंगे।
डीजल देश में सबसे ज्यादा खपत वाला ईंधन है। इसकी कीमतों का असर सीधे आवश्यक वस्तुओं के दामों पर पड़ता है। आवश्यक वस्तुओं के परिवहन वाले वाहनों में डीजल का ही इस्तेमाल होता है।
पिछले महीने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों को डीजल की बिक्री पर लाभ होना शुरू हुआ है। यह पहला मौका है जबकि पेट्रोलियम कंपनियों को डीजल की बिक्री पर लाभ हो रहा है।
महाराष्ट्र और हरियणा में विधानसभा चुनाव की वजह से आचार संहिता लागू है। कीमतों में कटौती एक नई नीति होती, ऐसे डीजल कीमतों में संशोधन को टाला गया।
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मंजिरी प्रभु (जन्म 30 सितम्बर, 1964) एक भारतीय लेखक, टीवी निर्माता और फिल्म निर्माता है। उन्हें मीडिया ने 'देसी अगाथा क्रिस्टी' के रूप में सम्मान दिया है और भारत में रहस्य कथा की पहली महिला लेखक के रूप में स्वीकार किया गया है।
प्रारंभिक जीवन
मंजिरी आत्माराम प्रभु का जन्म पुणे में आत्मम्राम प्रभु, एक व्यापारी और शोभा प्रभु, पांच भाइयों के परिवार में एक प्रमुख ज्योतिषी के हुआ था। मंजिरी ने युवा उम्र में उपन्यासों के साथ प्रयोग करना शुरू कर दिया और अपने शुरुआती प्रेरणा के रूप में एनीड ब्लिटन और अगाथा क्रिस्टी को स्वीकार किया। उन्होंने सेंट जोसेफ हाई स्कूल में प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और फर्ग्यूसन कॉलेज और पुणे विश्वविद्यालय से फ्रेंच में अपनी स्नातक एवं परास्नातक की उपाधि प्राप्त की। मंजिरी ने सोफिया कॉलेज, मुंबई से सोशल कम्युनिकेशन मीडिया में अपनी स्नातकोत्तर डिप्लोमा पूरी की। और पुणे विश्वविद्यालय से संचार विज्ञान में पीएचडी।
कैरियर
मंजीरी राज्य शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (बालचित्रवाणी) में एक टीवी निर्माता के रूप में शामिल हुई, जहां उन्होंने बच्चों और युवा वयस्कों के उद्देश्य से 200 से अधिक इंफोकेशन कार्यक्रमों का निर्देशन किया। इस समय के दौरान, उनके अप्रकाशित उपन्यास को भारत की राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम के लिए कुछ दिल ने कहा नामक एक हिंदी फीचर फिल्म में रूपांतरित किया गया था और उन्होंने इसके लिए स्क्रिप्ट और संवाद भी लिखे हैं। उन्होंने फिल्मका के लिए लघु नाटक फिल्में भी बनाईं और यात्रा यात्राएं निर्देशित कीं। मंजिरी पुणे अंतर्राष्ट्रीय साहित्य उत्सव के संस्थापक-निदेशक भी हैं।
ग्रंथ सूची
Symphony of Hearts , Rupa (1994)
Silver in the Mist, Rupa, (1995)
Roles: Reel and Real, (2001)
The Cosmic Clues, Bantam Books, (2004)
The Astral Alibi, Bantam, (2006), republished as Stellar Signs, Jaico , (2014)
The Cavansite Conspiracy, Rupa, (2011)
The Gypsies at Noelle's Retreat - Riva Parkar Mystery series, Times Group Books, (2013)
In the Shadow of Inheritance , Penguin India, (2014)
The Trail of Four(2017)
पुरस्कार और मान्यता
The Cosmic Clues selected as a 'Killer Book' by Independent Mystery Booksellers of America (2004)
The Astral Alibi honored as 'Notable Fiction' in Kiriyama Prize (2007)
The Cavansite Conspiracy awarded 'Best Mystery' by BTB Awards (2012)
सन्दर्भ
1964 में जन्मे लोग
जीवित लोग
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लेख: पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान को एक दूसरे के रूख के साथ रहना सीखना चाहिए ताकि दोनों देशों के मुद्दे अगली पीढ़ी तक नहीं पहुंचे। अपनी पहली चीन यात्रा पर आयीं खार ने कहा कि पाकिस्तान अपने पड़ोसियों खासकर भारत और अफगानिस्तान के साथ संबंध सुधारने को प्राथमिकता देता है। उन्होंने चीन के सरकारी अखबार चाइना डेली के साथ साक्षात्कार में कहा कि दोनों देशों के संबंधों की मुश्किलें अगली पीढ़ी तक नहीं पहुंचनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एवं भारत को एक दूसरे के रूख के साथ रहना सीखना चाहिए और एक दूसरे से बातचीत करना चाहिए। खार ने ग्लोबल टाईम्स से कहा, यदि हम एक दूसरे पर भरोसा करना नहीं सीख पाते हैं तो मुद्दे अगली पीढ़ी तक पहुंच जाएंगे। अफगानिस्तान के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि युद्ध प्रभावित उस देश में कोई भी कदम जमीनी हकीकत पर न कि कृत्रिम या पूर्वनिर्धारित समय सीमा पर आधारित उठाया जाना चाहिए। चीन की मीडिया ने उनकी यात्रा का कवरेज करते हुए पाकिस्तान से चलने वाली आतंकवादी गतिविधियों पर विशेष बल दिया है। चाइना डेली ने कहा कि पाक विदेश मंत्री ने ज्यादा सशक्त आतंकवाद निरोधक सहयोग का आह्वान किया।
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जनांग दाद या जननेन्द्रिय हर्पीज़ (Herpes genitalis या genital herpes) या परिसर्प एक यौन संचारित रोग (एसटीडी) है जो कि हर्पिस सिम्प्लेक्स नामक विषाणु प्रकार - 1 (एच एस वी-1) और टाइप - 2 (एच एस वी-2) से पैदा होता है। वर्ष १९९८ में किये गये एक अध्ययन से यह बात सामने आयी थी कि यौनिक रूप से संचारित रोगों में यह रोग सबसे आम है। । इस रोग से ग्रसित अधिकांश रोगियों को पता ही नहीं होता कि वे इस रोग से ग्रसित हैं। इस रोग का कोई इलाज नहीं है। किन्तु समय के साथ रोग के लक्षण मन्द पड़ते चले जाते हैं।
सामान्यतः किसी व्यक्ति को काम क्रिया के दौरान एच एस वी-2 संक्रमण तभी हो सकता है जबकि वह ऐसे व्यक्ति के साथ संपर्क करे जो योनि एचएसवी-2 से पीड़ित है। यह किसी ऐसे व्यक्ति से भी हो सकता है जो संक्रमण से प्रभावित हो और उसमें कोई दर्द न हो। साथ ही, उसे यह भी मालूम न हो कि वह संक्रमण से पीड़ित है।
लक्षण
एचएसवी-2 से पीड़ित अधिकांश व्यक्तियों को अपने संक्रमण की जानकारी ही नहीं होती है। वायरस संप्रेषण को 2 सप्ताह बाद ही पहला प्रकोप होता है और संकेत दिखाई पड़ते हैं। वे विचित्र रूप में दो से चार सप्ताह में ठीक हो जाते हैं लेकिन जननांग या गुदा में या उसके आसपास एक या दो फफोले रह जाते हैं। फफोले फूट जाते हैं और नरम फुंसिया रह जाती हैं जिन्हें ठीक होने में दो से चार सप्ताह लग जाते हैं। ऐसा पहली बार होता है। विचित्र रूप से दूसरा रोग फैलता दिखाई दे सकता है जो कि पहले रोग से कई सप्ताह या महीनों के बाद दिखाई देता है किंतु यह पहले की अपेक्षा कम गंभीर और कम अवधि का होता है। भले ही संक्रमण शरीर में लंबी अवधि के लिए बना रहे किंतु कुछ वर्षों की अवधि के दौरान फैलने वाले रोगों में कमी आ जाती है। अन्य संकेत और लक्षण फ्लू के लक्षणों की तरह होते हैं, जिनमें बुखार और सूजी ग्रंथियां शामिल हैं।
उपचार
ऐसा कोई इलाज नहीं है जिससे कि त्वचा रोग का उपचार किया जा सके, किंतु एन्टी वायरस दवाईयों के प्रयोग से दवाई प्रयोग की अवधि के दौरान इसे फैलने से रोका जा सकता है। इसके अतिरिक्त प्रतिदिन निरोधात्मक उपाय करने से लाक्षणिक त्वचा रोग से साथी को बचाया जा सकता है।
रोकथाम
यौन संचारित बीमारी (एसटीडी) से बचने का सबसे पक्का तरीका है कि संभोग न किया जाए या फिर ऐसे साथी के साथ आपसी एक संगी संबंध रखा जाए जिसे यह बीमारी नहीं है।
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
यौन रोग हरपीज़ के बारे में जानिये
योनि त्वचा रोग क्या है ? - "www.mainstree.com मैं स्त्री महिलाओं की हिन्दी में पहली ऑनलाइन पत्रिका.
विषाणु रोग
हर्पीज़
यौन रोग
ऍचआइवी-सम्बंधित जानकारी
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बाबा रामदेव की योग्यता पर कांग्रेस ने सवाल उठाया है. ये सवाल हरियाणा में उन्हें योग और आयुर्वेद का ब्रांड एम्बेसडर बनाए जाने पर उठाया गया है. हरियाणा सरकार के पूर्व मंत्री संपत सिंह ने
बाबा रामदेव
की शैक्षिक योग्यता पर सवाल खड़े करते हुए हरियाणा सरकार से फैसला वापस लेने की मांग की है.
बाबा रामदेव
ने योग में कोई नई खोज की है या नहीं, सवाल ये नहीं है.
बाबा रामदेव
ने योग की कोई नई थ्योरी दी है या नहीं, सवाल ये भी नहीं है. बाबा रामदेव ने योग की कोई नई विधा प्रतिपादित की है या नहीं, सवाल ये भी नहीं है. या ऐसा कोई सवाल नहीं है. सवाल ये उठा है कि
बाबा रामदेव
को सरकार के ब्रांड एम्बेसडर हो सकते हैं या नहीं. आखिर किसी ब्रांड एम्बेसडर का काम क्या होता है? ब्रांड एम्बेसडर उस खास ब्रांड या प्रोडक्ट को प्रमोट करता है, यही नहीं. उसके प्रचार प्रसार के लिए काम करता है. प्रोडक्ट के यूजर्स को उसकी खासियत बताता और समझाता है. चूंकि आम लोग उसकी बातों पर गौर करते हैं या आंख मूंद कर यकीन करते हैं इसलिए प्रोड्क्ट लोगों में अपनी पैठ बनाता है - और उसका विस्तार होता है.
हां, ये बातें बाबा रामदेव के आयुर्वेद के ज्ञान पर लागू नहीं होती. ये बात उनके होमोसेक्सुअलिटी के इलाज के दावे पर भी लागू नहीं होती. ये बात उनके एड्स को भी क्योर कर लेने के दावे पर कतई लागू नहीं होती.
टूथपेस्ट और च्यवनप्राश से लेकर उनके तमाम प्रोडक्ट पर भी ये बात नहीं लागू होती. बाबा रामदेव या उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण द्वारा सुझाए जाने वाले इलाज के नुस्खों पर भी ये बात लागू नहीं होती. बाबा रामदेव के प्रोडक्ट का स्टैंडर्ड क्या है ये तय करने के लिए देश में मान्य एजेंसियां हैं. वो किसी को दवा प्रेस्क्राइब कर सकते हैं कि नहीं इसके लिए भी अधिकृत एजेंसियां हैं - और इसकी जांच या किसी तरह की कार्रवाई करने के लिए वे अधिकृति हैं. लेकिन इसका मतलब ये तो नहीं कि
बाबा रामदेव योग और आयुर्वेद को प्रमोट नहीं कर सकते
? योग और आयुर्वेद की अच्छाई लोगों को नहीं बता सकते. योग और आयुर्वेद को अपनाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित नहीं कर सकते.
'ब्रांड एम्बेसडर' के लिए शैक्षिक योग्यता क्या होनी चाहिए? ये योग्यता कौन तय कर सकता है? इसे तय करने का हक किसे है? निश्चित रूप से ये अधिकार पूरी तरह उस संगठन या कंपनी का है जो किसी भी व्यक्ति को अपना या अपने किसी प्रोडक्ट का ब्रांड अंबेसडर बनाती है.
बॉलीवुड स्टार करीना कपूर ‘अल्पेनलीबे 2 चॉको इक्लेयर’ की ब्रांड एम्बेसडर हैं. तो क्या उन्हें चॉकलेट टेस्टर या चॉकलेट मेकिंग मेथड का का एक्सपर्ट होना चाहिए. क्रिकेट स्टार सचिन तेंदुलकर मशहूर जर्मन कार कंपनी बीएमडब्ल्यू के ब्रैंड एम्बेसडर हैं. अब क्या तेंदुलकर को इसके लिए ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट भी होना पड़ेगा?
वैसे सरकार के कामकाज को लेकर विपक्ष की बयानबाजी उसके होने का सबूत है. सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े करना विपक्ष का हक है.
योग देश के लिए कोई नई चीज नहीं थी. देश में शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जिसे योग के बारे में पता न हो. ऐसा भी नहीं कि बाबा रामदेव से पहले योग को लेकर टीवी पर कोई कार्यक्रम नहीं दिखाया गया. लेकिन बाबा रामदेव ने जिस तरह योग को घर घर पहुंचाया. योग को आम लोगों से जोड़ा. योग के प्रति हर किसी में रुचि जगाई. हजारों लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनाया उसका कोई मुकाबला नहीं है.
वैसे बाबा रामदेव को कई संस्थानों ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि दे रखी है. ऐसे में उनकी स्कूली शिक्षा पर सवालों का कोई खास मतलब नहीं रह जाता, सिवा सियासी फितरत के.
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केंद्र सरकार के खिलाफ पूर्व सेनाध्यक्ष वीके सिंह ने भी मोर्चा खोल दिया है। वीके सिंह अब गन्ना किसानों के साथ 4 दिसंबर को संसद का घेराव करेंगे।
पूर्व जनरल ने यह भी कहा कि वह राजनीति में तो नहीं आएंगे, लेकिन जो भी भ्रष्टाचार के खिलाफ होगा, उसका समर्थन करेंगे। वीके सिंह ने यह भी कहा कि देश के प्रधानमंत्री योग्य हैं और उन्होंने इस बारे में पीएम को एक चिट्ठी भी लिखी है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही नए अंदाज और नए तेवर में नजर आ रही टीम अन्ना ने केंद्र की यूपीए सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए संसद को तुरंत भंग किए जाने की मांग की और कहा कि लोकतंत्र के दोनों स्तंभ संविधान की भावना के मुताबिक काम नहीं कर रहे।टिप्पणियां
भ्रष्टाचार के खिलाफ नए आंदोलन की शुरुआत का ऐलान करते हुए अन्ना हजारे और पूर्व थलसेना अध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने यूपीए सरकार को असंवैधानिक करार दिया और मल्टी-ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की इजाजत देने जैसे उसके फैसलों की आलोचना की।
अन्ना हजारे और जनरल वीके सिंह के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन से साफ झलक मिल रही थी कि वीके सिंह ने पुरानी टीम अन्ना के अरविंद केजरीवाल का स्थान ले लिया है। सम्मेलन के दौरान सिंह ने अन्ना से पूछे गए कई सवालों का जवाब दिया और भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की नई नीतियों के बारे में बताया था।
पूर्व जनरल ने यह भी कहा कि वह राजनीति में तो नहीं आएंगे, लेकिन जो भी भ्रष्टाचार के खिलाफ होगा, उसका समर्थन करेंगे। वीके सिंह ने यह भी कहा कि देश के प्रधानमंत्री योग्य हैं और उन्होंने इस बारे में पीएम को एक चिट्ठी भी लिखी है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही नए अंदाज और नए तेवर में नजर आ रही टीम अन्ना ने केंद्र की यूपीए सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए संसद को तुरंत भंग किए जाने की मांग की और कहा कि लोकतंत्र के दोनों स्तंभ संविधान की भावना के मुताबिक काम नहीं कर रहे।टिप्पणियां
भ्रष्टाचार के खिलाफ नए आंदोलन की शुरुआत का ऐलान करते हुए अन्ना हजारे और पूर्व थलसेना अध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने यूपीए सरकार को असंवैधानिक करार दिया और मल्टी-ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की इजाजत देने जैसे उसके फैसलों की आलोचना की।
अन्ना हजारे और जनरल वीके सिंह के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन से साफ झलक मिल रही थी कि वीके सिंह ने पुरानी टीम अन्ना के अरविंद केजरीवाल का स्थान ले लिया है। सम्मेलन के दौरान सिंह ने अन्ना से पूछे गए कई सवालों का जवाब दिया और भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की नई नीतियों के बारे में बताया था।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही नए अंदाज और नए तेवर में नजर आ रही टीम अन्ना ने केंद्र की यूपीए सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए संसद को तुरंत भंग किए जाने की मांग की और कहा कि लोकतंत्र के दोनों स्तंभ संविधान की भावना के मुताबिक काम नहीं कर रहे।टिप्पणियां
भ्रष्टाचार के खिलाफ नए आंदोलन की शुरुआत का ऐलान करते हुए अन्ना हजारे और पूर्व थलसेना अध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने यूपीए सरकार को असंवैधानिक करार दिया और मल्टी-ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की इजाजत देने जैसे उसके फैसलों की आलोचना की।
अन्ना हजारे और जनरल वीके सिंह के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन से साफ झलक मिल रही थी कि वीके सिंह ने पुरानी टीम अन्ना के अरविंद केजरीवाल का स्थान ले लिया है। सम्मेलन के दौरान सिंह ने अन्ना से पूछे गए कई सवालों का जवाब दिया और भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की नई नीतियों के बारे में बताया था।
भ्रष्टाचार के खिलाफ नए आंदोलन की शुरुआत का ऐलान करते हुए अन्ना हजारे और पूर्व थलसेना अध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने यूपीए सरकार को असंवैधानिक करार दिया और मल्टी-ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की इजाजत देने जैसे उसके फैसलों की आलोचना की।
अन्ना हजारे और जनरल वीके सिंह के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन से साफ झलक मिल रही थी कि वीके सिंह ने पुरानी टीम अन्ना के अरविंद केजरीवाल का स्थान ले लिया है। सम्मेलन के दौरान सिंह ने अन्ना से पूछे गए कई सवालों का जवाब दिया और भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की नई नीतियों के बारे में बताया था।
अन्ना हजारे और जनरल वीके सिंह के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन से साफ झलक मिल रही थी कि वीके सिंह ने पुरानी टीम अन्ना के अरविंद केजरीवाल का स्थान ले लिया है। सम्मेलन के दौरान सिंह ने अन्ना से पूछे गए कई सवालों का जवाब दिया और भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की नई नीतियों के बारे में बताया था।
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मालदीव के घरेलू संकट ने भारत में इतनी हलचल न पैदा की होती, अगर उसने चीनी नौसैन्य ताकत को भारतीय प्रायद्वीप के दक्षिण में स्थित इस खदबदाते द्वीप पर अपने पांव जमाने के लिए दरवाजे न खोले होते.
माले में राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन की सत्ता ने 2012 में तख्ता पलट के जरिए नशीद को अवैध तरीके से हटाने के बाद भारत के साथ राजनैतिक, सुरक्षा संबंधी और आर्थिक संपर्क लगातार घटाए हैं. दूसरी तरफ, इसने अपने यहां तेजी से चीनी उपस्थिति को विस्तार दिया है.
इसकी शुरुआत 2013 में माले एयरपोर्ट के लिए भारतीय कंपनी जीएमआर के ठेेके को रद्द करने से हुई और जल्दी ही वहां की सरकार ने एक चीनी कंपनी को यह ठेका दे दिया.
जुलाई 2015 में मालदीव के संपत्ति कानून को बदलकर जमीन के विदेशी स्वामित्व की इजाजत दी गई. इस शर्त पर कि कम से कम एक अरब डॉलर का निवेश हो और 70 फीसदी जमीन समुद्र से हासिल की गई हो.
चीन को दक्षिण चीन सागर में समुद्र की छोड़ी हुई जमीन पर इस तरह के द्वीपीय निर्माण का अच्छा-खासा तजुर्बा है, इसलिए इसमें कोई अटकल लगाने की जरूरत नहीं थी कि इस नए कानून का फायदा किसको मिलने वाला है.
नवंबर 2017 में बीजिंग की यात्रा के दौरान यामीन ने चीन के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते पर दस्तखत किए और बहुत कम समय में इसे अपने यहां मंजूर भी करा लिया. अब उत्तरी इहावनधिप्पोलु द्वीप पर चीन और सऊदी निवेशक महत्वाकांक्षी आइहवन प्रोजेक्ट का विकास कर रहे हैं.
यह द्वीप भारत से बहुत दूर नहीं है. इस प्रोजेक्ट में एक आधुनिक बंदरगाह, एक एयरपोर्ट, एक क्रूज हब, एक मरीना और एक गोदी होगा. ऐसी भी खबरें हैं कि चीन दक्षिणी लामू प्रवालद्वीप में एक और बंदरगाह का निर्माण कर सकता है, जिसका अंतिम उद्देश्य उसे चीनी पर्यटकों के लिए एक उच्च स्तरीय रिजॉर्ट में तब्दील करना है. अब मालदीव में आने वाले विदेशी पर्यटकों का सबसे बड़ा हिस्सा चीन का ही होता है.
चीन ने अभी 2011 में ही माले में अपना दूतावास शुरू किया है, इसे देखते हुए उसकी यह प्रगति वाकई उल्लेखनीय है. चीन ने लगातार यह दावा किया है कि मालदीव में सैन्य अड्डा बनाने का उसका कोई इरादा नहीं. लेकिन अगस्त 2017 में उसने तीन नौसैनिक जहाज पहली बार माले में हिंद महासागर में उतारकर अपनी यह मंशा साफ कर दी कि इस समुद्री इलाके में वह अपनी नौसैन्य मौजूदगी बनाए रखेगा.
ये जहाज उसने छिप-छिपाकर नहीं बल्कि सार्वजनिक रूप से उतारे थे. इसलिए संदेश साफ और स्पष्ट हैः चीन बार-बार दोहराए जाने वाले अपने इस दावे को पुख्ता करने के लिए कमर कसे हुए है कि हिंद महासागर कोई भारत का महासागर नहीं है.
यामीन वह माध्यम बनकर ही खुश हैं जिसके जरिए भारत तक संदेश पहुंचे. ठीक उसी तरह से जैसे श्रीलंका में राजपक्षे ने पहले किया था, देश के दक्षिणी हिस्से मे हम्बनटोटा बंदरगाह के विकास में चीन के सामने अपने देश को बिल्कुल गिरवी-सा रखते हुए.
तर्क दिया जाता है कि श्रीलंका और मालदीव में चीनी निवेश के पीछे कारोबारी मकसद है और एक वजह हाल की महत्वाकांक्षी बेल्ट रोड परियोजना भी है. लेकिन तथ्य यह है कि इन विशाल परियोजनाओं की लागत दोनों देशों की वित्तीय क्षमता से परे है और इसलिए अंततः उनके कर्ज के जाल में ही फंस जाने का अंदेशा है.
इससे इस बात का जोखिम बढ़ जाता है कि चीन अपने भू-राजनैतिक इरादों को पूरा करने वाली मांगें शुरू कर दे, जैसा कि हमने हम्बनटोटा में देखा है. मालदीव के तो इस तरह के जाल में फंसने के ज्यादा आसार हैं.
यहां गौरतलब है कि चीनी नौसेना के सामरिकविदों ने कई बार अपने इरादे साफ किए हैं. कुछ साल पहले चीनी नौसेना की एक पत्रिका में चीन की हिंद महासागर रणनीति को इस तरह से समझाया गया थाः ''स्थानों का चुनाव सतर्कता से करें, तैनाती सावधानी से करें, सहकारी गतिविधियों को प्राथमिकता दें, धीरे-धीरे घुसने की कोशिश करें.''
हिंद महासागर में चीनी गतिविधियां बिल्कुल इसी का पालन कर रही हैं. दूसरी तरफ समुद्री सुरक्षा के मामले में भारत का रवैया बिल्कुल इसके विपरीत है. मालदीव के हालिया घटनाक्रम और अन्य सामरिक रूप से महत्वपूर्ण देशों के बारे में अपनी प्रतिक्रिया देने से पहले हमें भू-राजनैतिक तस्वीर को जरूर ध्यान में रखना चाहिए.
मालदीव में जो कुछ हो रहा है, वह भारत के लिए महत्वपूर्ण है—न सिर्फ इस लिहाज से कि यामीन ने वहां जो सही और गलत निर्णय लिए हैं, बल्कि इसलिए भी कि उनके सत्ता में बने रहने का हमारे देश की सामुद्रिक रणनीति की विश्वसनीयता पर क्या असर पड़ सकता है.
मालदीव की हालिया घटनाओं को देखने का एक और तरीका यह हो सकता हैः आकलन करना कि वे खासकर सुरक्षा वाले संवेदनशील क्षेत्र में हमारे असर को अगर बढ़ने नहीं दे सकते तो कम से कम उसके क्षरण को रोकने का अवसर प्रदान करते हैं या नहीं.
वर्ष 2012 में भारत ने एक गलत निर्णय लिया. हमने वहां के तत्कालीन राष्ट्रपति नशीद के हस्तक्षेप करने के आह्वान पर सुनवाई नहीं की, जब उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जा रहा था और इसके बाद यामीन के लिए सत्ता पर कब्जा करने का रास्ता आसान हो गया.
नशीद संवैधानिक तरीके से चुने गए राष्ट्राध्यक्ष थे और उनके खिलाफ तख्तापलट को रोकने के लिए भारतीय हस्तक्षेप न्यायोचित था. ऐसे कई अवसर आए हैं जब जोखिम के बावजूद भारतीय हितों को बचाने के लिए त्वरित कार्रवाई की जरूरत थी. देखो और इंतजार करो की नीति कई बार निर्दयता से हमारे हितों को नुक्सान पहुंचाती है.
अब सवाल उठता है कि न सिर्फ श्रीलंका और मालदीव, बल्कि सेशेल्स और मॉरिशस जैसे द्वीप देशों में अपने पांव जमाना चीन के लिए क्यों महत्वपूर्ण है? पहले हमने जिस चीनी पत्रिका का उल्लेख किया है, उसी में यह स्वीकार किया गया था कि भारत की ओर से हिंद महासागर और पश्चिमी प्रशांत महासागर के बीच महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों के प्रसार से चीन को भारत के अंकुश या भारत की सक्रियता का सामना करना पड़ सकता है और इसमें उसे अमेरिका, जापान जैसी महाशक्तियों की मदद मिल सकती है.
भारतीय प्रायद्वीप के पास नौसैनिक अड्डों की शृंखला स्थापित करना या कम से कम नौसैनिक आपूर्ति और गोदी सुविधा का विकास करना चीन के लिए कारगर रणनीति हो सकती है. तो इसकी बराबरी में भारत के लिए विश्वसनीय रणनीति क्या हो सकती है? ऐसी रणनीति इस सुस्पष्ट सचाई को स्वीकार करके बनाई जानी चाहिए कि चीन और भारत के बीच भारी आर्थिक और सैन्य अंतर है.
इस संबंध में दो नीतिगत सुझाव हो सकते हैं. पहला, कम महत्वपूर्ण क्षेत्रों से संसाधनों को हटाकर तत्काल इस उपमहाद्वीप के परिधि वाले इलाकों में लगाया जाए ताकि हमारे नजरिए से समूची स्थिति में हुई क्षति की भरपाई की जा सके.
विशाल भौगोलिक क्षेत्र में बिखरे हुए संसाधन की जगह इसमें तात्कालिक पड़ोसियों पर नए सिरे से ज्यादा जोर देने की बात होगी. दूसरा, हिंद महासागर में चीन की धमक बढ़ने से न सिर्फ भारतीय हितों को खतरा पहुंच रहा है, बल्कि अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे दिग्गज देशों के हितों को भी. इससे डिएगो गार्सिया में अमेरिकी बेड़े पर असर होगा और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जापानी प्रतिबद्धता पर भी, जिसमें कि ऑस्ट्रेलिया का हित भी जुड़ा हुआ है.
ये सभी देश नए सिरे से बन रहे चतुर्भुज का हिस्सा हैं, हालांकि अभी भी उनमें इसे लेकर हिचकिचाहट है. हिंद महासागर में चीन के एकतरफा दखल को रोकने के लिए इस चतुष्कोण की विश्वसनीय भूमिका तय करने की तत्काल जरूरत है.
हमारे बिल्कुल पड़ोस के देशों में चीनी गतिविधियों की वजह से भारत की सामरिक जगह सिमट रही है. हमें इसके अमंगल निहितार्थ को समझना होगा और सही कदम उठाना होगा, इसके पहले कि यहां के जमीनी हालात उसी तरह से बदल जाएं, जिस तरह से दक्षिण चीन सागर में हो चुका है.
दीर्घकालिक लिहाज से भारत को अपनी आर्थिक और सैन्य क्षमताओं को ज्यादा तेजी से बढ़ाना होगा, ताकि चीन के साथ ताकत की जो खाई है, उसे कम किया जा सके. सिर्फ इससे ही हमारे पास उपलब्ध सामरिक विकल्पों का विस्तार हो सकता है.
इन क्षमताओं को बढ़ाने में ज्यादा प्राथमिकता समुद्री क्षमता बढ़ाने को देनी होगी. अभी तो नौसेना को कुल रक्षा बजट का महज 17 फीसदी हिस्सा मिल पाता है, लेकिन 2030 तक इसे बढ़ाकर 30 फीसदी तक ले जाना होगा. हिंद महासागर में हमारी सामुद्रिक बढ़त को बनाए रखने के लिए यह अपरिहार्य है, जिसमें कि चीनी नौसेना के विस्तार की वजह से तेजी से क्षरण हो रहा है.
पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन दिल्ली के सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च में सीनियर फेलो हैं
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फेसबुक, गूगल और ट्विटर 1 नवंबर, 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप पर पूछताछ का सामना करने की तैयारी कर रहे हैं और साथ ही वे सांसदों को यह भी बताने की योजना बना रहे हैं कि इन मंचों पर उपभोक्ताओं तक रूसी सामग्री प्राप्त जानकारी की तुलना में काफी अधिक पहुंची है. 'द वाशिंगटन पोस्ट' की सोमवार की रपट के अनुसार, फेसबुक कानून निर्माताओं को यह बताने की तैयारी कर रहा है कि उसके 12.6 करोड़ उपभोक्ताओं ने रूसी ऑपरेटरों द्वारा निर्मित व प्रसारित साम्रगी को देखा था, जो उस आंकड़े से बहुत ज्यादा है, जिसका कंपनी पहले कई बार खुलासा कर चुकी है.
फेसबुक ने पहले बताया था कि उसके एक करोड़ उपभोक्ताओं ने ऐसे विज्ञापन देखे थे. इसी तरह, गूगल ने भी बताया है कि उसे यह सबूत मिला था कि रूसी ऑपरेटरों ने अमेरिकी मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए इस मंच का इस्तेमाल किया. टिप्पणियां
गूगल ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा था कि उसे रूस से संबंधित 1,108 वीडियो मिल चुके हैं. कंपनी को 4,700 डॉलर मूल्य के प्रदर्शित विज्ञापनों की भी जानकारी मिली.
रपट के अनुसार, इसके अलावा ट्विटर भी जांचकर्ताओं को बताएगा कि उसने रूसी ऑपरेटरों द्वारा नियंत्रित 2,752 खातों और 36,000 से अधिक बॉट्स की पहचान की है, जिन्होंने चुनाव के दौरान 14 लाख बार ट्वीट किया गया था. जबकि कंपनी ने इससे पहले रूस से जुड़े 201 खातों की सूचना दी थी. जांचकर्ताओं द्वारा जांच के बाद प्रौद्योगिकी दिग्गज अब राजनीतिक विज्ञापनों को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए कड़ी मेहनत करने में जुट गए हैं.
फेसबुक ने पहले बताया था कि उसके एक करोड़ उपभोक्ताओं ने ऐसे विज्ञापन देखे थे. इसी तरह, गूगल ने भी बताया है कि उसे यह सबूत मिला था कि रूसी ऑपरेटरों ने अमेरिकी मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए इस मंच का इस्तेमाल किया. टिप्पणियां
गूगल ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा था कि उसे रूस से संबंधित 1,108 वीडियो मिल चुके हैं. कंपनी को 4,700 डॉलर मूल्य के प्रदर्शित विज्ञापनों की भी जानकारी मिली.
रपट के अनुसार, इसके अलावा ट्विटर भी जांचकर्ताओं को बताएगा कि उसने रूसी ऑपरेटरों द्वारा नियंत्रित 2,752 खातों और 36,000 से अधिक बॉट्स की पहचान की है, जिन्होंने चुनाव के दौरान 14 लाख बार ट्वीट किया गया था. जबकि कंपनी ने इससे पहले रूस से जुड़े 201 खातों की सूचना दी थी. जांचकर्ताओं द्वारा जांच के बाद प्रौद्योगिकी दिग्गज अब राजनीतिक विज्ञापनों को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए कड़ी मेहनत करने में जुट गए हैं.
गूगल ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा था कि उसे रूस से संबंधित 1,108 वीडियो मिल चुके हैं. कंपनी को 4,700 डॉलर मूल्य के प्रदर्शित विज्ञापनों की भी जानकारी मिली.
रपट के अनुसार, इसके अलावा ट्विटर भी जांचकर्ताओं को बताएगा कि उसने रूसी ऑपरेटरों द्वारा नियंत्रित 2,752 खातों और 36,000 से अधिक बॉट्स की पहचान की है, जिन्होंने चुनाव के दौरान 14 लाख बार ट्वीट किया गया था. जबकि कंपनी ने इससे पहले रूस से जुड़े 201 खातों की सूचना दी थी. जांचकर्ताओं द्वारा जांच के बाद प्रौद्योगिकी दिग्गज अब राजनीतिक विज्ञापनों को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए कड़ी मेहनत करने में जुट गए हैं.
रपट के अनुसार, इसके अलावा ट्विटर भी जांचकर्ताओं को बताएगा कि उसने रूसी ऑपरेटरों द्वारा नियंत्रित 2,752 खातों और 36,000 से अधिक बॉट्स की पहचान की है, जिन्होंने चुनाव के दौरान 14 लाख बार ट्वीट किया गया था. जबकि कंपनी ने इससे पहले रूस से जुड़े 201 खातों की सूचना दी थी. जांचकर्ताओं द्वारा जांच के बाद प्रौद्योगिकी दिग्गज अब राजनीतिक विज्ञापनों को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए कड़ी मेहनत करने में जुट गए हैं.
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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकर ने एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा है कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम ने 1986 के शारजाह टूर्नामेंट के दौरान भारतीय ड्रेसिंग रूम में आकर फाइनल में पाकिस्तान को हराने पर खिलाड़ियों को कार देने की पेशकश की थी।
वेंगसरकर ने दावा किया कि दाउद टीम के ड्रेसिंग रूम में मैच से एक दिन पहले आया और फाइनल में पाकिस्तान को हराने पर हर खिलाड़ी को एक-एक टोयोटा कार देने की पेशकश की थी। उन्होंने कहा कि मशहूर अभिनेता महमूद ने दाउद को एक व्यवसायी के तौर पर सभी से मिलवाया। तब तत्कालीन भारतीय कप्तान कपिल देव ने दाउद को ड्रेसिंग रूम से निकल जाने को कहा था।
वेंगसरकर ने जलगांव में एक कार्यक्रम में कहा,‘अभिनेता महमूद हमारे ड्रेसिंग रूम में थे। कपिल देव उस समय प्रेस कांफ्रेंस के लिए बाहर गए हुए थे। दाउद से अभिनेता महमूद ने सभी की पहचान कराई थी।’ उन्होंने कहा, ‘कोई उसे पहचान नहीं सका लेकिन मैने उसकी तस्वीरें देखी थी। महमूद ने हमसे पहचान यह कहकर कराई थी कि वे यहां के बड़े व्यवसायी हैं। महमूद ने कहा था कि वह हमारे लिए ईनाम की घोषणा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यदि तुम कल पाकिस्तान को हरा दोगे तो सभी को एक-एक कार मिलेगी। उस समय जयवंत लेले टीम मैनेजर थे।’
उस मैच में आखिरी गेंद पर जावेद मियांदाद ने चेतन शर्मा को छक्का लगाकर पाकिस्तान को खिताबी जीत दिलाई थी।
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भारत के केंद्रीय अन्तरिम बजट २०१९ वित्त मंत्री पीयूष गोयलद्वारा १ फरवरी २०१९ को प्रस्तुत किया गया था सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और प्रधानमंत्री श्रम योगी मन्थन की शुरुआत की ।
मुख्य आकर्षण
2018-19 के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.4% होगा। प्रति वर्ष गरीब किसानों (जिनके पास 2 हेक्टर से कम भूमि है) के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत। के तहत असंगठित क्षेत्र श्रमिक को माह पेंशन प्रति प्रधानमंत्री श्रम योगी मंधन । यह २९से ६० वर्ष की आयु से रु100 / माह के संग्रह के अधीन है।
आय कर राहत तक आय के लिए यु/ एस 87Aके तहत मिलेगी । वेतनभोगी वर्ग के लिए के मानक कटौती।
संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
टाइम्स ऑफ इंडिया: अंतरिम-केंद्रीय बजट 2019 हाइलाइट्स
भारत सरकार: केंद्रीय बजट और आर्थिक सर्वेक्षण
भारत का केंद्रीय बजट
Pages with unreviewed translations
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सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने कोर्ट रूम में पत्रकारों द्वारा जजों के आसन के नजदीक आकर टिप्पणियों के नोट्स लिए जाने पर नाराजगी जाहिर की है. बेंच ने उन्हें निर्धारित स्थान पर रहने की हिदायत दी है.
जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली
बेंच
ने पत्रकारों से कहा, 'आसन की ओर नहीं लपकें.' इसी बेंच ने अशक्त व्यक्तियों के लिए आरक्षण को लेकर केन्द्र के खिलाफ अवमानना याचिका का निबटारा किया था.
बेंच ने कहा कि इस मसले पर
जजों की समिति
ने विचार करके निर्णय लिया है. पीठ ने कहा, 'हो सकता है कि निर्णय आप तक नहीं पहुंचा हो. आपको अपने स्थान पर ही रहना चाहिए.' बेंच ने जजों और वकीलों की टिप्पणियों की रिपोर्टिंग पर आपत्ति की और कहा कि ये बहस का हिस्सा हैं और इसका मकसद मुद्दों को समझना होता है.
बेंच ने कहा, 'अधिकांश जजों को यह पसंद नहीं है कि बहस के दौरान की गई टिप्पणियों को उद्धृत किया जाए. बहस के दौरान हम कुछ टिप्पणियां करते हैं.' कोर्ट ने बाद में पत्रकारों से कहा, 'आपका उस सीमा तक स्वागत है जब तक आप सही रिपोर्टिंग करते हैं.'
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आरटी-बिजनेस डेवलपमेंट: वाणिज्यिक उन्नत प्रौद्योगिकियों, कच्चे माल और संबंधित बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में परियोजनाओं के पूंजीकरण को बढ़ाने के उद्देश्य से रोस्टेक रणनीति को लागू करने का आरोप लगाया गया।
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चाइनीज़ ताइपेई में ख़त्म हुई जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारतीय महिला मुक्केबाज़ों ने तीन स्वर्ण सहित कुल पांच पदक जीतकर अपना दबदबा साबित कर दिया। टूर्नामेंट में भारत दूसरे नंबर पर रहा। भारतीय टीम ने प्रतियोगिता में 3 स्वर्ण और 2 रजत पदक जीते।
आईबा की महिला जूनियर वर्ल्ड चैपियनशिप्स में भारत की सविता (50 किलोग्राम), मंदीप संधू (52 किलोग्राम) और साक्षी (54 किलोग्राम) ने स्वर्ण पदक जीते, जबकि सोनिया (48 किलोग्राम) और निहारिका गोनेला (70 किलोग्राम) ने रजत पदक अपने नाम किए। यूथ कैटेगरी में जमुना बोरो (57 किलोग्राम) कांस्य पदक जीतने में कामयाब रहीं।टिप्पणियां
सीनियर महिला बॉक्सिंग टीम के कोच अनूप सिंह इस नतीजे से बेहद खुश हैं। वह कहते हैं कि भारतीय मुक्केबाज़ों ने चार साल
पहले भी भी इसी तरह कई पदक जीते थे। सरजूबाला देवी उन पदक विजेताओं में से एक हैं। अनूप सिंह कहते हैं कि कोच शिव सिंह और आईबी राव और दूसरे सपोर्ट स्टाफ़ के साथ इन लड़कियों की तारीफ़ करनी चाहिए।
अनूप कहते हैं कि इन लड़कियों ने भोपाल में अच्छी ट्रेनिंग की। उन्हें उम्मीद है कि इन लड़कियों को ठीक से तराशा गया तो ये आगे जाकर कारनामे कर सकती हैं। लेकिन वह यह भी कहते हैं, 'नेशनल चैंपियनशिप के आयोजन की सख्त ज़रूरत है। क़रीब तीन साल से नेशनल चैंपियनशिप नहीं हुई। ऐसे में आगे बढ़ने का सही सिस्टम नहीं बन पाता।'
आईबा की महिला जूनियर वर्ल्ड चैपियनशिप्स में भारत की सविता (50 किलोग्राम), मंदीप संधू (52 किलोग्राम) और साक्षी (54 किलोग्राम) ने स्वर्ण पदक जीते, जबकि सोनिया (48 किलोग्राम) और निहारिका गोनेला (70 किलोग्राम) ने रजत पदक अपने नाम किए। यूथ कैटेगरी में जमुना बोरो (57 किलोग्राम) कांस्य पदक जीतने में कामयाब रहीं।टिप्पणियां
सीनियर महिला बॉक्सिंग टीम के कोच अनूप सिंह इस नतीजे से बेहद खुश हैं। वह कहते हैं कि भारतीय मुक्केबाज़ों ने चार साल
पहले भी भी इसी तरह कई पदक जीते थे। सरजूबाला देवी उन पदक विजेताओं में से एक हैं। अनूप सिंह कहते हैं कि कोच शिव सिंह और आईबी राव और दूसरे सपोर्ट स्टाफ़ के साथ इन लड़कियों की तारीफ़ करनी चाहिए।
अनूप कहते हैं कि इन लड़कियों ने भोपाल में अच्छी ट्रेनिंग की। उन्हें उम्मीद है कि इन लड़कियों को ठीक से तराशा गया तो ये आगे जाकर कारनामे कर सकती हैं। लेकिन वह यह भी कहते हैं, 'नेशनल चैंपियनशिप के आयोजन की सख्त ज़रूरत है। क़रीब तीन साल से नेशनल चैंपियनशिप नहीं हुई। ऐसे में आगे बढ़ने का सही सिस्टम नहीं बन पाता।'
सीनियर महिला बॉक्सिंग टीम के कोच अनूप सिंह इस नतीजे से बेहद खुश हैं। वह कहते हैं कि भारतीय मुक्केबाज़ों ने चार साल
पहले भी भी इसी तरह कई पदक जीते थे। सरजूबाला देवी उन पदक विजेताओं में से एक हैं। अनूप सिंह कहते हैं कि कोच शिव सिंह और आईबी राव और दूसरे सपोर्ट स्टाफ़ के साथ इन लड़कियों की तारीफ़ करनी चाहिए।
अनूप कहते हैं कि इन लड़कियों ने भोपाल में अच्छी ट्रेनिंग की। उन्हें उम्मीद है कि इन लड़कियों को ठीक से तराशा गया तो ये आगे जाकर कारनामे कर सकती हैं। लेकिन वह यह भी कहते हैं, 'नेशनल चैंपियनशिप के आयोजन की सख्त ज़रूरत है। क़रीब तीन साल से नेशनल चैंपियनशिप नहीं हुई। ऐसे में आगे बढ़ने का सही सिस्टम नहीं बन पाता।'
अनूप कहते हैं कि इन लड़कियों ने भोपाल में अच्छी ट्रेनिंग की। उन्हें उम्मीद है कि इन लड़कियों को ठीक से तराशा गया तो ये आगे जाकर कारनामे कर सकती हैं। लेकिन वह यह भी कहते हैं, 'नेशनल चैंपियनशिप के आयोजन की सख्त ज़रूरत है। क़रीब तीन साल से नेशनल चैंपियनशिप नहीं हुई। ऐसे में आगे बढ़ने का सही सिस्टम नहीं बन पाता।'
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11:45 PM यूपी: योगी सरकार ने रखा 5 साल में 10 लाख नए रोजगार सृजन करने का लक्ष्य
11:31 PM यूपी में 6 डीएसपी अफसरों के तबादले किए गए
11:18 PM यूपी: नोएडा के सेक्टर 63 की झुग्गियों में भीषण आग, बचाव और राहत कार्य जारी
11:03 PM यूपी: मनमानी फीस वसूलने वाले स्कूलों पर कार्रवाई कर सकती है योगी सरकार
यूपी में निजी स्कूलों की फीस में हो सकती है कटौकी. सीएम योगी की अफसरों के साथ बैठक में इस पर विचार किया गया.
10:56 PM अफ्रीकियों सहित सभी विदेशियों की सुरक्षा के लिए सरकार प्रतिबद्ध: विदेश मंत्रालय
अफ्रीकी राजनयिक की टिप्पणी पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब
09:58 PM लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ की समीक्षा बैठक जारी, अफसरों से ले रहे हैं विभागों का ब्यौरा
09:41 PM अजमेर दरगाह के मुख्य धर्म गुरु का बयान- गौमांस पर पाबंदी के लिए कानून लाए सरकार
Beef should not be consumed, Govt should bring in effect a law banning cow slaughter: Zainul Abedin Ali Khan,Ajmer Sharif spiritual head
pic.twitter.com/xKNrj3nMU4
— ANI (@ANI_news)
April 3, 2017
09:09 PM ऋषिकेश में गंगा आरती में शामिल हुईं दीपिका पादुकोण
08:40 PM EC ने शशिकला से कहा- सोशल मीडिया से AIADMK के 'दो पत्ती' वाले सिंबल हटाएं
चुनाव आयोग ने छह अप्रैल को 11 बजे तक जवाब मांगा
08:29 PM चुनाव आयोग ने 'दो पत्ती' वाले सिंबल के दुरुपयोग पर दिनाकरन को नोटिस दिया
08:15 PM ED ने इंटरपोल के फर्जी एजेंट और हीरा व्यापारी चेतन शाह के खिलाफ FIR दर्ज की
08:10 PM पीएम मोदी ने सेंट पीटर्सबर्ग मेट्रो में बम धमाके पर दुख जताया
Deeply saddened by the loss of lives in the blasts at St. Petersburg metro. Heartfelt condolences to the families of the victims.
— Narendra Modi (@narendramodi)
April 3, 2017
08:07 PM सेंट पीटर्सबर्ग मेट्रो स्टेशन पर एक आईईडी डिफ्यूज किया गया
07:59 PM अपने केस की पैरवी के लिए केजरीवाल ने जेठमलानी को दिए करोड़ों रुपये: बीजेपी
बीजेपी ने दस्तावेज जारी कर दावा किया कि दिल्ली के सीएम ने अपने निजी केस (जेटली मानहानि केस) के लिए राम जेठमलानी को करोड़ों रुपये दिए हैं.
07:50 PM रूस की एंटी टेरर कमेटी ने सेंट पीटर्सबर्ग मेट्रो में एक ही धमाके पुष्टि की
07:42 PM श्रीनगर: आतंकी हमले में जख्मी CRPF के जवानों में एक ने ली अंतिम सांस
07:33 PM बराक मिसाइल खरीद के लिए 860 करोड़ के सौदे को मंजूरी मिली
हाल में रक्षा मंत्री का पद संभालने के बाद अरुण जेटली ने सोमवार को पहली बार रक्षा खरीद परिषद की मीटिंग की, इसमें 860 करोड़ रुपये के रक्षा साजोसामान की खरीद को मंजूरी दी गई.
07:20 PM लश्कर ने श्रीनगर में CRPF के काफिले पर आज हुए हमले की जिम्मेदारी ली
07:07 PM अब 161 देशों के नागरिकों को मिलेगी ई-वीजा की सुविधा
24 हवाई अड्डों के जरिये एंट्री के लिए मिलनी है सुविधा. भारत ने वीजा नीति में किए बदलाव
07:00 PM इनकम टैक्स विभाग का इंस्पेक्टर रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
केरल के एर्नाकुलम में तैनात था इंस्पेक्टर, सीबीआई ने 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते किया गिरफ्तार
06:52 PM RBI ने मेरठ के मर्केंटाइल अरबन को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द किया
06:42 PM बीपी कानूनगो ने रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर का कार्यभार संभाला
06:36 PM #RussiaAttacked धमाके के बाद शहर के सभी मेट्रो स्टेशन बंद कराए गए
06:30 PM लखनऊ: सचिवालय में सीएम के सामने 6 विभागों के प्रमुख सचिव दे रहे हैं प्रेजेंटेशन
प्रेजेंटेशन में पूरी कैबिनेट भी मौजूद
06:25 PM इशरत जहां मामला: गुजरात सरकार ने डीजीपी पीपी पांडेय का इस्तीफा स्वीकार किया
06:21 PM पीटर्सबर्ग ब्लास्ट: राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आतंकी हमले से इनकार नहीं किया
पुतिन ने कहा कि आतंकवादी हमले सहित सभी वजहों को ध्यान में रखते हुए धमाके की जांच हो रही है.
06:18 PM सेंट पीटर्सबर्ग: राष्ट्रपति पुतिन ने ब्लास्ट के पीड़ितों के प्रति संवेदना जताई
06:12 PM सेंट पीटर्सबर्ग में आज पुतिन की बेलारूस के राष्ट्रपति से होनी थी मुलाकात
अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि ब्लास्ट के वक्त पुतिन शहर में मौजूद थे या नहीं.
06:06 PM पीटर्सबर्ग ब्लास्ट: मेट्रो स्टेशनों मं धमाके में कम-से-कम 10 की मौत: स्थानीय मीडिया
कम से कम 50 लोगों के घायल होने की खबर. चश्मदीदों के मुताबिक ब्लास्ट के पीड़ितों में बच्चे भी शामिल.
06:01 PM पीटर्सबर्ग ब्लास्ट: दो मेट्रो स्टेशनों में हुए IED धमाके, एहतियात के तौर पर तीन स्टेशन बंद कराए गए
05:55 PM सेंट पीटर्सबर्ग ब्लास्ट: मेट्रो ट्रेन के डिब्बे में हुआ धमाका, कई लोगों के मारे जाने की आशंका
05:50 PM रूस: सेंट पीटर्सबर्ग मेट्रो स्टेशन में धमाका, कम से कम 10 लोगों के जख्मी होने की खबर
05:42 PM मौसम विभाग ने जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में भारी बर्फबारी की चेतावनी दी
05:35 PM UPPSC के चेयरमैन अनिरुद्ध यादव की सीएम योगी आदित्यनाथ से मीटिंग खत्म
05:28 PM गोवा में आबकारी आयोग ने शराब की 3200 दुकानों को बंद करने का नोटिस दिया
05:20 PM मैं जानना चाहती हूं कि प्लास्टियक के अंडे वाली सही है या अफवाह: ममता बनर्जी
05:10 PM कश्मीर के हालात पर गृह मंत्रालय में अहम बैठक, चीफ सेक्रेटरी और J&K के डीजीपी मौजूद
05:00 PM घटिया हरकत कर रहे हैं माकन, पार्टी न छोड़ें हमारे लोग: संदीप दीक्षि त
एमसीडी चुनावों पर कांग्रेस नेता से 'आज तक' की खास बातचीत. दिल्ली में जो हो रहा है, बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. भले ही दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन घटिया हरकत कर रहे हों लेकिन मेरी पार्टी के सभी लोगों से अपील है कि वो पार्टी ना छोड़ें, वरना मेरी उनसे सहानुभूति नहीं रह जाएगी. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस एक बिज़नेस हाउस की तरह काम कर रही है. दिल्ली के प्रभारी पीसी चाको माकन के साथ ख़ुद पार्टी बन गए हैं.
04:50 PM यूपी: सिंचाई विभाग में 200 जेई को एई के पद पर प्रमोशन
सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने किया एलान
04:43 PM अजमेर दरगाह ब्लास्ट में NIA ने दाखिल की क्लोजर रिपोर्ट
रिपोर्ट में इंद्रेश कुमार और साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ सबूत नहीं.
04:33 PM बीएसएफ ने अटारी में भारत-पाक सीमा से सटे गांव से 5 किलो हेरोइन बरामद की
04:13 PM सेंसेक्स 289 अंकों की उछाल के साथ रिकॉर्ड 29,910 अंकों पर बंद, निफ्टी पहली बार 9200 अंकों के पार
04:00 PM J&K: पंथाचौक इलाके में CRPF के काफिले पर हमला, 6 जवान घायल
03:48 PM मई महीने की शुरुआत में मैं राम मंदिर मुद्दे को लेकर नए आवेदन के साथ SC वापस आऊंगा: स्वामी
I will return to SC with a new Application in early May on the Ram Temple issue
— Subramanian Swamy (@Swamy39)
April 3, 2017
03:28 PM अगले हफ्ते भारत दौरे पर आएंगे ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री
03:26 PM अवैध बूचड़खानों पर यूपी सरकार कल देगी इलाहाबाद हाईकोर्ट में जवाब
03:21 PM जम्मू-कश्मीर: किश्तवाड़ हाईवे पर भूस्खलन, 3 लोगों की मौत, 4 घायल
03:15 PM लोहरदगा: नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में बड़ी कामयाबी, आईईडी बरामद
03:06 PM देशविरोधी नारों के लिए नहीं मिली जेएनयू और जाधवपुर यूनिवर्सिटी को रैंकिंग: जावड़ेकर
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इन विश्वविद्यालयों के छात्रों ने अच्छा काम भी किया है.
02:56 PM HC ने ओबीसी की 17 जातियों को SC में शामिल किए जाने की अधिसूचना पर सरकार से मांगा जवाब
यूपी सरकार को 8 हफ्ते के भीतर इलाहाबाद हाईकोर्ट को देना है जवाब.
02:50 PM नोएडा: प्रशांत किशोर के घर के बाहर भारतीय जनता युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन
02:44 PM शराब बैन के फैसले पर वाणिज्य मंत्री का बयान- यह कोर्ट का फैसला, सरकार नहीं दे सकती दखल
02:39 PM महबूबा मुफ्ती ने हुर्रि>यत से बातचीत की एक बार फिर की वकालत
02:36 PM देश के उम्दा शैक्षणिक संस्थानों की ताजा रैंकिंग में टॉप पर IISc बंगलुरु
केंद्रीय HRD मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जारी की रैंकिंग. दूसरे पायदान पर आईआईटी चेन्नई, तीसरे नंबर पर आईआईटी बॉम्बे
02:31 PM पटियाला हाउस कोर्ट ने यूनिटेक के एमडी संजय चंद्रा की पुलिस हिरासत बढ़ाई
02:26 PM MCD चुनाव: बीजेपी नेता संदीप चौटाला ने पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ भरा पर्चा
02:20 PM MCD चुनाव: कांग्रेस के पूर्व पार्षद रमेश दत्ता ने पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ भरा पर्चा
दिल्ली गेट वार्ड से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया
02:14 PM प्रशांत भूषण के मामले पर बोले कपिल मिश्रा- उन्हें ऐसा नहीं बोलना चाहिए
प्रशांत भूषण ने भगवान कृष्ण को लेकर की है विवादित टिप्प्णी
02:07 PM सीतापुर: जश्न के मौके पर फायरिंग में एक युवक की मौत, 2 घायल
तिलक समारोह के दौरान एक युवक ने की फायरिंग, आरोपी युवक फरार.
02:01 PM राजस्थान के एम्बुलेंस घोटाले में ED ने जब्त की 12 करोड़ की संपत्ति:
01:57 PM कांग्रेस नेता अहमद पटेल का आरोप- RTI के नियमों में बदलाव कर रही है सरकार
01:50 PM थोड़ी देर में चुनाव आयोग से मिलेंगे शशिकला के करीबी नेता थंबुदुरई
01:46 PM बिहार में एक भी अवैध बूचड़खाना नहीं: नीतीश कुमार
01:40 PM MCD चुनाव: बीजेपी ने जारी की 26 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट
01:36 PM केवल बातचीत से कश्मीर मसले का समधान मुमकिन: वृंदा करात
01:31 PM चेन्नई: एमडीएमके नेता वाइको को न्यायिक हिरासत में भेजा गया
LTTE का समर्थन करने का है आरोप. साल 2009 का है मामला. चेन्नई की अदालत ने 15 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा.
01:31 PM पंजाब: BSF ने फिरोजपुर में मछलियों से भरी पाकिस्तानी नाव जब्त की
01:25 PM नोएडा में प्रशांत भूषण के घर पर कुछ युवकों ने फेंकी स्याही
प्रशांत भूषण के रोमियो वाले बयान को लेकर जताया विरोध, सुदर्शन वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने फेंकी स्याही.
01:20 PM देवबंद के मौलाना का विवादित बयान- मुस्लिम महिलाओं का नौकरी करना नाजायज
01:12 PM वीरभद्र सिंह ने आय से अधिक संपत्तिद मामले में अपने खिलाफ कार्रवाई को बताया सियासी बदला
01:04 PM ये सोचना कि शराबबंदी से नुकसान होगा गलत है: नीतीश कुमार
12:56 PM इशरत जहां एनकाउंटर केस के आरोपी डीजीपी को हटाएगी गुजरात सरकार
12:53 PM लखनऊ: UPSSSC की तैयारी कर रहे छात्रों का विधानसभा के बाहर प्रदर्शन
12:50 PM दिल्ली में प्रदर्शनकारी किसानों से मिले लोकसभा के डिप्टी स्पीकर
12:48 PM J-K: भूस्खलन से एक शख्स की मौत, 10 से ज्यादा घायल
12:43 PM दिल्ली: पूर्व विधायक अमरीश गौतम ने छोड़ी कांग्रेस, BJP में हुए शामिल
12:34 PM एयरसेल-मैक्सिस केस: कोर्ट में 2 मई को होगी अगली सुनवाई
12:30 PM अरुणाचल प्रदेश के तवांग तक जल्द जाएगी ट्रेन: किरन रिजिजू
12:26 PM शराब पर बैन: चंडीगढ़ में होटल और रेस्टोरेंट के मालिकों ने किया प्रदर्शन
हाइवे के किनारे शराब बेचने पर रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध
12:23 PM तेंदुए के चलते 3-4 घंटे के लिए बंद किया गया नेपाल का त्रिभुवन एयरपोर्ट
12:21 PM प्रधानमंत्री ने घाटी के युवाओं को सीधे संदेश देने की बड़ी कोशिश की: जितेंद्र सिंह
12:17 PM केरल: नाबालिग के यौन शोषण के आरोप में 21 साल की लड़की गिरफ्तार
12:15 PM नेपाल का त्रिभुवन एयरपोर्ट तीन-चार घंटे के लिए पूरी तरह बंद किया गया
एयरपोर्ट पर चीता दिखने की वजह से किया गया बंद, तलाश में जुटी टीमें.
12:10 PM ईरान ने 15 भारतीय मछुआरों को रिहा किया, सुषमा स्वराज ने दी जानकारी
तमिलनाडु के रहने वाले हैं मछुआरे.
12:05 PM महाराष्ट्र बीफ बैन मामला: SC ने जवाब दाखिल करने के लिए राज्य सरकार को 10 दिन का वक्त किया
12:02 PM कर्नाटक: उडुपी की डिप्टी कमिश्नर प्रियंका फ्रांसिस ने बालू माफिया पर जानलेवा हमले का आरोप लगाया
11:55 AM MCD चुनाव: बीजेपी पार्षद संध्या वर्मा ने की बगावत, निर्दलीय भरेंगी पर्चा
दिल्ली के पटपड़गंज इलाके से पार्षद हैं संध्या वर्मा.
11:51 PM दिल्ली: कांग्रेस ने एमसीडी चुनाव के लिए बाकी 5 उम्मीदवारों के नाम का एलान किया
कांग्रेस ने इसके साथ ही सभी 272 उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दिया है.
11:47 AM राम मंदिर पर बोले योगी, विवाद का बातचीत से समाधान हो तो अच्छा रहेगा
मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने पांच्यजन्य को दिया पहला इंटरव्यू
11:45 AM कोई शाकाहारी बनेगा तो स्वस्थ रहेगा- योगी आदित्यनाथ
11:45 AM ED ने वीरभद्र सिंह का दिल्ली का फार्म हाउस अटैच किया
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की बड़ी कार्रवाई. वीरभद्र के बेटे की कंपनी मैपल के नाम पर खरीदा गया था फार्म हाउस.
11:43 AM योगी आदित्यनाथ का बयान- मैं किसी के स्वाद पर प्रतिबंध नहीं लगा सकता
अवैध बूचड़खानों पर बैन की कार्रवाई का यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बचाव किया. हालांकि उन्होंने कहा कि वो किसी के स्वाद पर प्रतिबंध नहीं लगा सकते.
11:32 AM दिल्ली के पूर्व मंत्री ए.के वालिया ने छोड़ी कांग्रेस, MCD में टिकट बंटवारे से नाराज
11:26 AM उज्जैन: महिंदपुर के काजीखेड़ी डैम में डूबकर 4 बच्चों की मौत
11:20 AM कॉमन सिंगल मामले पर स्वराज इंडिया को HC की डबल बैंच से भी नहीं मिली राहत
11:18 AM प्रशांत भूषण की टिप्पणी पर दिल्ली के मंत्री कपिल मिश्रा का बयान, माफी योग्य नहीं टिप्पणी
11:06 AM जम्मू के पुंछ सेक्टर में पाक की फायरिंग, फिर किया सीजफायर का उल्लंघन
11:04 AM आंतरिक सुरक्षा को लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक, आईबी चीफ भी शामिल
10:57 AM यूपी: सहारनपुर में श्रद्धालुओं से भरा मिनी ट्रक पलटा, 18 घायल
10:46 AM शराब पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का रॉबर्ट वाड्रा ने किया स्वागत
10:22 AM दिल्ली: कांग्रेस नेता एके वालिया ने की इस्तीफे की पेशकश, MCD में टिकट बंटवारे से नाराज
10:04 AM दिल्ली: अपने चहेते को MCD का टिकट न मिलने पर डॉ. वालिया ने दी कांग्रेस से इस्तीफे की धमकी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉक्टर ए के वालिया वार्ड नंबर 14 e से सुभाष जैन की टिकट के लिए पार्टी पर दबाव बना रहे थे, लेकिन पार्टी ने राजेश पांडेय को टिकट दिया है.
09:57 AM जम्मू के पुंछ सेक्टर में एलओसी पर दिगवार इलाके में पाक ने फिर किया सीजफायर का उल्लंघन
पाकिस्तान की तरफ से हो रही भारी गोलाबारी का भारतीय जवान दे रहे मुंहतोड़ जवाब
09:52 AM भारतीय कार्गो जहाज का सोमालियाई लुटेरों ने किया अपहरण
जहाज के सभी 11 क्रू मेंबर मंडावी, गुजरात से, माल लेकर दुबई से यमन जा रहा था जहाज
09:43 AM नेपाल के काठमांडू एयरपोर्ट से ISIS का बड़ा आतंकी गिरफ्तार
ईरानी मूल का अमेरिकी पासपोर्टधारी है आतंकी
09:30 AM यूपी: सीएम योगी ने UPPSC के अध्यक्ष को किया तलब, भर्तियों में गड़बड़ी का मामला
09:17 AM श्रीनगर: आर्मी जवान के बैग से मिले दो हैंड ग्रेनेड, एयरपोर्ट पर चैकिंग के दौरान जब्त
08:46 AM कोलंबिया: भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 254 पहुंची
08:35 AM यूपी: लोनी में अवैध फैक्ट्रियों पर गाज, पेंट और एल्यूमीनियम की 40 फैक्ट्रियां सील
08:52 AM लखनऊ: वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेंगे सीएम योगी, संकल्प पत्र पर होगी चर्चा
07:52 AM यूपी: योगी आदित्यनाथ ने बुंदेलखंड इलाके में पेयजल व्यवस्था के लिए 47 करोड़ रुपये का आवंटन किया
07:35 AM इराक में फंसे 32 भारतीय वापस लौटे, सभी आंध्र प्रदेश के रहने वाले
07:24 AM बीफ बैन पर बॉम्बे HC के फैसले के खिलाफ सभी मामलों की आज सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
06:33 AM बिहार: रोहतास में जमीन विवाद को लेकर फायरिंग, दो बच्चों की मौत
04:28 AM बिहार में पूर्व विधायक की गोलीबारी में एक की मौत, चार घायल
बिहार के रोहतास जिला स्थित तेंदुनी गांव में जमीन विवाद को लेकर एक पूर्व विधायक और उसके सहयोगियों ने कथित रूप से गोलीबारी की, जिसमें आठ साल की एक बच्ची की मौत हो गई.
03:36 AM नई दिल्ली: जेएनयू छात्रा का पीछा करने वाला युवक गिरफ्तार
जेएनयू छात्रा का कथित तौर पर पीछा करने वाले 26 वर्षीय एक युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
02:23 AM छेड़छाड़ होने पर काम करना बंद कर देगी नई ईवीएम
भारत निर्वाचन आयोग ऐसी नई इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (ईवीएम) खरीदने वाला है, जो उनके साथ छेड़छाड़ होते ही काम करना बंद कर देंगी.
01:01 AM यूपी: फतेहपुर में कोल्ड स्टोरेज से अब अमोनिया लीकेज नहीं, निकाले गए 42 मजदूर
No leakage now, 42 workers have been evacuated. Ammonia is not so lethal: Fatehpur SP on cold storage ammonia leak
pic.twitter.com/cv6bCVatxN
— ANI UP (@ANINewsUP)
April 2, 2017
12:06 AM दुबई से यमन जा रहे कार्गो जहाज का सोमालियाई समुद्री लुटेरों ने किया अपहरण
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आजतक के खास कार्यक्रम 'सीधी बात' में
राफेल
डील पर विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कानून मंत्री
रविशंकर प्रसाद
ने कहा कि राहुल गांधी बेशर्मी की भाषा बोलेंगे, इसकी उम्मीद नहीं थी. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार बैकफुट पर नहीं है. वायुसेना को विमानों की जरूरत थी और राफेल को सबसे बेहतर पाया गया. लेकिन कांग्रेस ने इस डील को 10 साल तक लटकाए रखा, क्या कोई दक्षिणा नहीं मिली थी.
कानून मंत्री ने कहा कि हमारे मूल विमान का दाम यूपीए की डील से 9 फीसद कम है जबकि हथियारों से लैस विमान का दाम यूपीए से 20 फीसदी कम है. यह बात वायुसेना पहले ही कह चुकी है लेकिन हम राहुल गांधी की तरह गैर जिम्मेदार नहीं है इसीलिए रक्षा डील के बारे में हम खुलकर नहीं बताते हैं.
राफेल डील की जेपीसी की जांच पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पर्याप्त जानकारी नहीं रखने वाले नेता के अहम के लिए जेपीसी का गठन नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि बोफोर्स में घूस दी गई थी लेकिन यहां सब कुछ ओपन है. इस मामले में दसॉ भी सब साफ कर चुका है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी और पाकिस्तान की भाषा एक जैसी क्यों है. उन्होंने कहा कि साढ़े चार की मोदी सरकार सरकार में कोई व्यापारी नहीं कह सकता हमने किसी मंत्री को घूस दी है. उन्होंने कहा कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद और एक महिला को लेकर फ्रांस में चर्चा उठी है, ये हितों के टकराव का मामला हो सकता है.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी को एक बार फिर राफेल के जरिए लॉन्च करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि उनकी माताजी, पार्टी कितनी बार भी ये कोशिश करे, लेकिन जिस तरह के शर्मनाक और अमर्यादित शब्दों का प्रयोग हमारे प्रधानमंत्री के लिए उन्होंने किया है उसकी भर्त्सना करता हूं. ये आजाद भारत में आजतक नहीं हुआ है और ये राहुल गांधी के गैर जिम्मेदाराना आचरण को दर्शाता है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी बहुत दिन से मजा ला रहे हैं. यूपी में भी दो भाई साथ साइकिल पर चढ़ गए थे, तब भी मजा आएगा की बात कही थी, लेकिन तब हमें 325 सीटें मिली थीं. प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद की एक गरिमा होती है, इस पद पर उनके पिता, दादी और दादा भी बैठे हैं. देश की सुरक्षा के मामले में हमें एक स्वर से बोलना चाहिए. क्या पाकिस्तान और चीन को इस डील के बारे में बताना चाहिए.
पेट्रोल की कीमतों पर
देश में बढ़ती तेल कीमतों को लेकर हाहाकार मचा हुआ है ऐसे में जनता चाहती है कि सरकार इस पर तुरंत लगाम लगाए. मंत्री से पूछा गया कि कीमतों पर कब लगाम लगेगी तो उन्होंने कहा कि मिडिल ईस्ट में तेल का उत्पादन कम हो रहा है इसीलिए दाम बढ़ा हुआ है.
उन्होंने कहा कि ड्यूटी एक रुपया भी कम करने पर 20-30 हजार करोड़ तक का असर पड़ता है. प्रदेश सरकार राजस्व के लिए तेल को जीएसटी में नहीं लाने देती है. मंत्री ने कहा कि गांव में बिजली देनी है, आयुष्मान भारत करना है, सड़कें बनानी हैं, डिजिटल-स्किल इंडिया के लिए भी पैसे चाहिए. मिडिल क्लास पर भार नहीं डाला जा रहा, इन योजनाओं का लाभ भी उसे मिलेगा.
आधार कार्ड पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आधार गरीबों की आवाज है. हमने इसके जरिए बिचौलियों की जेब में जाने वाले 90 हजार करोड़ रुपये बचाए हैं. कोर्ट ने कुछ जगहों पर इसे रोका है और सरकार इसपर विचार कर रही है. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आधार के बिना किसी को सरकारी योजनाओं को लाभ लेने से नहीं रोका जा सकता. मंत्री ने कहा कि आधार गरीबों की पहचान है और इससे उसे मजबूती मिल रही है.
अयोध्या विवाद पर
अयोध्या विवाद पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि देश चाहता है फैसला जल्दी आए. सबूतों पर कोर्ट को फैसला करना है लेकिन यह कह सकता हूं कि बड़ी संख्या में सबूत मौजूद हैं. लेकिन बाकी मामलों की सुनवाई जल्दी चाहने वाली कांग्रेस इस मामले को ही लटकाना क्यों चाहती है. प्रसाद ने कहा कि हाल में जिस मामले पर कोर्ट का फैसला आया है, उसके जरिए भी इस केस को लटकाने की कोशिश की गई थी.
अर्बन नक्सल मामले पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार की आलोचना का अधिकार सबको है लेकिन 'भारत तेरे टुकड़े होंगे' यह कहने का अधिकार किसी को नहीं है. ऐसे मामलों पर कड़ी कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि जब खुद पर आएगी तो यही लोग संविधान की बात कहेंगे लेकिन भारत के खिलाफ बोलते वक्त नहीं सोचेंगे. प्रसाद ने कहा कि बोलने की आजादी है लेकिन भारत को तोड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी. जिन्हें जनता का सपोर्ट नहीं वो लिखने की क्षमता पर देश को नहीं चलाएंगे.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कैंपेन चलाने वाले तो 2001 से मोदीजी का विरोध कर रहे हैं. इनमें से कुछ ने तो 2014 में भी कहा था कि मोदीजी को देश का प्रधानमंत्री नहीं होना चाहिए. लेकिन हम हमेशा से उनके प्रति सहिष्णु रहे हैं. पर जब कोई देश के खिलाफ कदम उठाएगा तो उसे हल्के में नहीं लिया जा सकता.
बिहार की राजनीति पर
बिहार में गठबंधन की उठापटक पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नीतीशजी से हमारे संबंध गहरे हैं और काफी पुराने हैं. उन्होंने कहा कि हमारे बीच में अभी बातचीत होनी है, जब साफ हो जाएगा तब बता दिया जाएगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम सहयोगियों को पूरे मौके देने के पक्षधर हैं लेकिन जो महागठबंधन नहीं बना पा रहे हैं वो हमपर आरोप लगा रहे हैं. बिहार में एनडीए एकतरफा जीत दर्ज करेगा.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि तेजस्वी यादव विपक्ष में रहें लेकिन भाइयों के बीच झगड़ा न हो. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनके पिताजी जो कर के गए हैं उसकी वजह से उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
यहां देखें पूरी बातचीत:
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यह एक लेख है: अप्रैल महीने में देशभर में बिकने वाली कारों के शीर्ष 10 मॉडलों में से सात मारुति सुजुकी इंडिया कंपनी के हैं और इस तरह घरेलू बाजार में कंपनी ने अपनी सर्वोच्च स्थित को कायम रखा है।
शीर्ष तीन पर मारुति के मॉडल रहे और इनके अलावा हुंदै के दो और रेनों के एक मॉडल ने ही शीर्ष दस की इस सूची में अपना स्थान बना पाया। सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चर्स (सियाम) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में मारुति की ऑल्टो 16,583 कारों की बिक्री के साथ शीर्ष पर रही।टिप्पणियां
हालांकि पिछले साल इस अवधि में 21,531 ऑल्टो की बिक्री हुई थी। स्विफ्ट 15,661 कारों की बिक्री के साथ दूसरे स्थान पर रही और तीसरे स्थान पर वैगन आर रही जिसकी 13,872 इकाइयां इस अवधि में बिकी। चौथे स्थान पर मारुति की प्रतिद्वंदी कंपनी हुंदै की एलीट आई-20 रही और पांचवें स्थान पर मारुति की डिजायर ने कब्जा किया। इसके बाद छठे स्थान पर हुंदै की ग्रांड आई-10 और सातवें स्थान पर रेनो की क्विड रहीं। इसके बाद मारुति की बलेनो, सेलेरियो और ओमनी का क्रमश: आठवां, नौवां और दसवां स्थान रहा। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
शीर्ष तीन पर मारुति के मॉडल रहे और इनके अलावा हुंदै के दो और रेनों के एक मॉडल ने ही शीर्ष दस की इस सूची में अपना स्थान बना पाया। सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चर्स (सियाम) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में मारुति की ऑल्टो 16,583 कारों की बिक्री के साथ शीर्ष पर रही।टिप्पणियां
हालांकि पिछले साल इस अवधि में 21,531 ऑल्टो की बिक्री हुई थी। स्विफ्ट 15,661 कारों की बिक्री के साथ दूसरे स्थान पर रही और तीसरे स्थान पर वैगन आर रही जिसकी 13,872 इकाइयां इस अवधि में बिकी। चौथे स्थान पर मारुति की प्रतिद्वंदी कंपनी हुंदै की एलीट आई-20 रही और पांचवें स्थान पर मारुति की डिजायर ने कब्जा किया। इसके बाद छठे स्थान पर हुंदै की ग्रांड आई-10 और सातवें स्थान पर रेनो की क्विड रहीं। इसके बाद मारुति की बलेनो, सेलेरियो और ओमनी का क्रमश: आठवां, नौवां और दसवां स्थान रहा। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
हालांकि पिछले साल इस अवधि में 21,531 ऑल्टो की बिक्री हुई थी। स्विफ्ट 15,661 कारों की बिक्री के साथ दूसरे स्थान पर रही और तीसरे स्थान पर वैगन आर रही जिसकी 13,872 इकाइयां इस अवधि में बिकी। चौथे स्थान पर मारुति की प्रतिद्वंदी कंपनी हुंदै की एलीट आई-20 रही और पांचवें स्थान पर मारुति की डिजायर ने कब्जा किया। इसके बाद छठे स्थान पर हुंदै की ग्रांड आई-10 और सातवें स्थान पर रेनो की क्विड रहीं। इसके बाद मारुति की बलेनो, सेलेरियो और ओमनी का क्रमश: आठवां, नौवां और दसवां स्थान रहा। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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राजधानी दिल्ली से सटे फरीदाबाद में मानव तस्करी के अमानवीय कारोबार का भंडाफोड़ हुआ है. पुलिस ने मानव तस्करी करने वाले एक गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक, इस गिरोह में कुल 4 बदमाश थे, जिनमें एक महिला भी शामिल है. हालांकि गिरोह के दो सदस्य फरार होने में सफल रहे. पुलिस ने उनके चंगुल से 5 नाबालिग लड़कियों को मुक्त करा लिया है.
पुलिस के मुताबिक, यह बदमाश झारखंड से महज चंद हजार रुपयों में गरीब घर की लड़कियों को खरीदकार लाते थे और उन्हें अमीर घरों में घरेलू नौकर के तौर पर बेच देते थे. वहां इन गरीब नाबालिग लड़कियों को प्रताड़ित किया जाता और कई बार तो उनका यौन शोषण भी होता.
पुलिस की गिरफ्त में आए एक आरोपी सुरेंद्र ने लड़कियों को खरीदकर लाने और बेचने का अपना जुर्म कुबूल कर लिया है. उसने यह भी बताया कि वह पिछले 4 सालों से इस काम में है और अब तक 28 लड़कियों को झारखंड से खरीदकर यहां ला चुका है.
पुलिस ने बताया कि ये बदमाश झारखंड से लड़कियों को नौकरी दिलाने के नाम पर बहकाकर या किसी अन्य लालच से फुसलाकर भी भगा ले आते और यहां लाकर उन्हें या तो घरेलू नौकर के तौर पर बेच देते या जिस्मफरोशी के धंधे में धकेल देते.
उनके चंगुल से मुक्त कराई गई लड़कियों में से एक लड़की के साथ रेप की पुष्टि हो चुकी है. पीड़िता लड़कियों ने बताया कि वे जिस घर में घरेलू नौकर का काम करती थीं, वहां उन्हें सिर्फ खाना दिया जाता था. उनकी तनख्वाह गैंग के बदमाश ही ले लेते थे.
रेप पीड़िता की कहानी दिल दहला देने वाली है. उसने बताया कि उसकी नानी ने उसे
महज 5,000 रुपये में
दो साल पहले इन्हीं बदमाशों के हाथों बेच दिया था. इसी तरह मानव तस्करी से जुड़े बदमाश या तो चंद हजार रुपयों में झारखंड से लड़कियां खरीदकर ले आते या नौकरी का झांसा देकर बहका लाते.
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