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दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: दिल्ली विधानसभा चुनाव की सरगर्मियाँ बढ़ती जा रही है और इस दौरान सभी की नज़रें कुछ ख़ास चुनावी लड़ाईयों और चेहरे पर टिकी है। दिनोंदिन बढ़ रहे बेहद दिलचस्प चुनावी दंगल पर आईये डालते हैं एक नज़र और पता करने की कोशिश करते हैं कि कौन है वो ख़ास चेहरे जिनके चुनावी नतीजे कहीं ना कहीँ हम सबकी नज़र रहेगी।   1. किरण बेदी : किरण बेदी का नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है। पूर्व आईपीएस ऑफिसर और समाजसेवी रहीं किरण बेदी सार्वजनिक जीवन में सक्रिय है। बाद में वे अन्ना आंदोलन से भी जुड़ी रहीं। अपने करियर के दौरान भी काफी निडर और बेख़ौफ़ मानी जाने वाली किरण बेदी अपनी बलात् स्वभाव के लिए काफी मशहूर रही हैं....और उनकी इसी आयरन लेडी के ईमेज बीजेपी खूब भुनाने की कोशिश कर रही है। बीजेपी ने किरण बेदी को सभी पुराने नेताओं को दरकिनार कर मुख्यमंत्री के पद के लिए नियुक्त किया है, लेकिन बेदी के सिर पर खुद की सीट जीतने के अलावा उन्हें दिल्ली की जनता के बीच खुद को केजरीवाल का विकल्प के रुप में भी स्थापित करने की दोहरी ज़िम्मेदारी है।    2. अरविंद केजरीवाल: पूर्व आईआरएस ऑफिसर, आरटीआई कार्यकर्ता और इंडिया अगेंस्ट करप्शन अभियान के संयोजनक अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। अरविंद केजरीवाल की पहचान इस बात से ही साफ़ होती है कि बीजेपी को उनके खिलाफ़, उनकी ही पार्टी की पूर्व सहयोगी किरण बेदी को मैदान में लाना पड़ा। केजरीवाल पिछली बार दिल्ली की सत्ता से इस्तीफ़ा देकर एक बड़ी राजनैतिक ग़लती कर चुके हैं, उनपर दिल्ली की जनता का विश्वास दोबारा जीतने का दारोमदार है। अगर वो ऐसा नहीं कर पाते हैं तो आगे शायद उन्हें फिर शून्य से शुरुआत करनी पड़ सकती है।3. नुपुर शर्मा: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र यूनियन की पूर्व अध्यक्ष नूपुर शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। नुपुर शर्मा दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ की अध्‍यक्ष रह चुकीं हैं और उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई की है। नुपुर के मुताबिक राजनीति में उनका अनुभव अरविंद केजरीवाल से ज्य़ादा है। नुपुर अगर केजरीवाल को ज़रा भी टक्कर दे पाती हैं तो पार्टी में उनकी हैसियत आने वाले दिनों में बेहतर ही होगी। 4. मनीष सिसोदिया : पटपड़गंज से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मनीष सिसोदिया की आम आदमी पार्टी में काफी महत्वपूर्ण जगह है। वो केजरीवाल के बाद वे पार्टी में नंबर दो के नेता माने जाते हैं और केजरीवाल के करीबी भी। मनीष सिसोदिया उन चंद लोगों में से है जिन्होंने पहले दिन से आम आदमी पार्टी का साथ दिया है और पूरी मज़बूती के साथ। हालांकि इस चुनाव में मनीष सिसोदिया को  पने ही पूर्व साथी विनोद कुमार बिन्नी की चुनौती मिलने जा रही है, जिनका जनाधार भी अच्छा माना जाता है। ये मुक़ाबला सिसोदिया के लिए आसान नहीं होगा।5. जगदीश मुखी : जनकपुरी सीट पर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता जगदीश मुखी को एक बार फिर मैदान में है। मुखी इससे पहले भी जनकपुरी से चुने जा चुके हैं लेकिन इस बार उनके सामने खड़े हैं उनके अपने ही दामाद सुरेश कुमार जिन्हें कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है। घर से मिल रही इस चुनौती का जगदीश मुखी किस तरह से सामना करेंगे ये देखने वाली बात है।6. शर्मिष्ठा मुखर्जी : ग्रेटर कैलाश का चुनाव भी इस बार काफी दिलचस्प होने जा रहा है। बगैर किसी आहट के कांग्रेस ने इस सीट से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी को चुनाव मैदान में उतारा है। शर्मिष्ठा को कड़ी चुनौती पिछले चुनाव में जीत हासिल करने वाले आप के सौरभ भारद्वाज से होगी। बीजेपी ने अभी इस सीट से अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। 7. अजय माकन : कांग्रेस ने दिल्ली चुनाव की ज़िम्मेदारी इस बार अपने युवा और विश्वासपात्र चेहरे अजय माकन को दी है। अजय इससे पहले दिल्ली और केंद्र सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। उन्हें राहुल गाँधी का करीबी भी माना जाता है। माकन पर चुनाव प्रचार के साथ-साथ, नेतृत्व की भी ज़िम्मेदारी है, ऐसे में अगर माकन अपनी सीट जीतने और पार्टी को सम्मानित लीड दिलाने में सफल होते हैं तो इसका असर कांग्रेस में उनके अहमियत पर ज़रूर पड़ेगा।
कालाहांडी उड़ीसा के कलाहान्डी जिले का एक शहर है। ओड़िशा का वर्तमान कलाहान्डी जिला प्राचीन काल में दक्षिण कोसल का हिस्सा था। आजादी के बाद इसे ओड़िशा में शामिल कर लिया गया। उत्तर दिशा से यह नवपाडा और बालंगीर, दक्षिण में छत्तीसगढ़ के रायगढ़ और पूर्व में बूध एवं रायगढ़ जिलों से घिरा हुआ है। पूर्वी सीमा पर स्थित भवानीपटना जिला मुख्यालय है। 8197 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैले इस जिले में जूनागढ़, करलापट, खरियर, अंपानी, बेलखंडी, योगीमठ और पातालगंगा आदि प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं। आकर्षण अमाथागुडा अमाथागुडा किला तेल नदी के दाएं तट पर स्थित है। यह क्षतिग्रस्त किला कितना पुराना है और कब बना था, इस बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है। लेकिन इसकी स्थिति देखकर इतना जरूर कहा जा सकता है कि इसका अपने काल में बहुत अधिक सामरिक महत्व रहा होगा। किले के निकट ही तेल नदी पर एक पुराना पुल बना है। पुल से कुछ मीटर दूर एक नया पुल है जिसका एक हिस्सा 1977 में तेल नदी में आने वाली बाढ़ से बह गया था। असुरगढ़ किला असुरगढ़ के बाहरी हिस्से में स्थित इस किले के बारे में कहा जाता है कि एक जमाने में यह गोसिंहा दैत्य का निवास स्थल था। इस असुर के कारण ही इस स्थान का नाम असुरगढ़ पड़ा था। त्रिभुजाकार में बना यह किला वर्तमान में क्षतिग्रस्त अवस्था में है। इसके पूर्वी द्वार पर देवी गंगा को समर्पित एक मंदिर बना हुआ है। इसी प्रकार अन्य द्वारों पर काला पहाड़, वैष्णवी और बुद्धराजा को समर्पित मंदिर बने हुए हैं। किले के भीतर देवी डोकरी मंदिर है। देवी डोकरी किले की मुख्य देवी है। असुरगढ़ जिला मुख्यालय भवानीपटना से 35 किलोमीटर की दूरी पर है। श्री रामकृष्ण आश्रम यह आश्रम कालाहांडी के मदनपुर-रामपुर ब्लॉक में स्थित है। आश्रम में रामकृष्ण परमहंस और उनकी पत्‍नी शारदामनी देवी व स्वामी विवेकानंद के विचारों की शिक्षा दी जाती है। आश्रम में बताया जाता है कि किस प्रकार मोक्ष प्राप्त किया जाए और जनसमुदाय के कल्याण हेतु किस प्रकार कार्य किया जाए। आश्रम दो हिस्सों में बंटा हुआ है। मुख्य आश्रम में एक मंदिर, आदिवासी छात्रों का हॉस्टल, वृद्धाश्रम, डिस्पेंसरी, पुस्तकालय और साधुओं और कर्मचारियों के लिए कमरे बने हुए हैं। आश्रम ध्यान लगाने के लिए एक आदर्श स्थान है। जूनागढ़ कालाहांडी से 26 किलोमीटर दूर स्थित जूनागढ़ एक जमाने में कालाहांडी रियासत की राजधानी थी। यह स्थान अपने किले और मंदिरों के लिए खासा चर्चित है। यहां के मंदिरों में उडिया भाषा में अनेक अभिलेख खुदे हुए हैं। सती स्तंभ यहां का मुख्य आकर्षण है। जूनागढ़ राउरकेला से 180 किलोमीटर दूर है और भुवनेश्वर में यहां का करीबी एयरपोर्ट है। बेलखंडी यह स्थान तेल और उत्तेई नदी के संगम पर स्थित है। यह स्थान धार्मिक गतिविधियों के साथ-साथ पुरातत्व की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यहां होने वाली खुदाई से 12वीं शताब्दी की एक इमारत का पता चला है। साथ ही सप्‍त मातृका और उमाशंकर महेश्वर की प्रतिमाएं भी प्राप्त हुई हैं। इस स्थान से प्राप्त अनेक बहुमूल्य और प्राचीन वस्तुओं को मंदिर परिसर के साथ बने एक संग्रहालय में रखा गया है। बेलखंडी भवानीपटना से 67 किलोमीटर की दूरी पर है। अंपानी जिला मुख्यालय से 77 किलोमीटर दूर स्थित अंपानी हिल्स से प्रकृति के सुंदर नजार देखे जा सकते हैं। यहां का जंगली वातावरण पर्यटकों को काफी लुभाता है। यहां की हलादीगुंदी घाटी पहाड़ियों की सुंदरता को और बढ़ा देती है। हिरण, सांभर, पेंथर आदि जानवरों को यहां उन्मुक्त विचरण करते हुए देखा जा सकता है। अंपानी से 5 किलोमीटर दूर स्थित गुडाहांडी में प्रागैतिहासिक कालीन गुफाओं को देखा जा सकता है। फुरली झरना यह खूबसूरत झरना भवानीपटना से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 30 फीट की ऊंचाई से गिरते इस झरने का जल बेहद आकर्षक प्रतीत होता है। झरने के चारों तरफ की हरियाली इसे पिकनिक के लिए एक बेहतरीन जगह बनाती है। आवागमन वायु मार्ग जिला मुख्यालस से 25 किलोमीटर दूर उत्केला में एक वायुपट्टी है। भुवनेश्वर एयरपोर्ट यहां से 418 किलोमीटर की दूरी पर है। रेल मार्ग दक्षिण पूर्व रेलवे का राजपुर-विजियानगरम ब्रोड गैज रेलमार्ग इस जिले के 5 रेलवे स्टेशनों को देश के अनेक हिस्सों से जोड़ता है। रायपुर, विजियानगर, राउरकेला, बालांगीर, संभलपुर, केसिंगा, नरला रोड और खरियर रोड आदि रेलवे स्टेशनों से कालाहांडी जुड़ा हुआ है। सड़क मार्ग भवानीपटना जिला मुख्यालय राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा है। कटक, भुवनेश्वर, राउरकेला, संभलपुर आदि शहरों से यहां के लिए नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं। सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ Blog of Kalahandia Kalahandia, an e-Group Club Map of Kalahandi Map of Kalahandi Important Phone Numbers Antodaya Kalahandi Indravati Project Sahabhagi Vikash Abhiyan ओड़िशा के शहर भारत की रियासतें कलाहांडी ज़िला
केनसिंग्टन ओवल मैदान पर जारी दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन गुरुवार को भारत के पहली पारी के स्कोर 201 रनों के जवाब में वेस्टइंडीज की क्रिकेट टीम की पारी 190 रन पर सिमट गई। कैरेबियाई टीम पहली पारी के आधार पर 11 रन पीछे रह गई। वेस्टइंडीज की ओर से मार्लन सैमुएल्स ने सर्वाधिक नाबाद 78 रन बनाए। उन्होंने 172 गेंदों में आठ चौके लगाए। चंद्रपॉल दूसरे दिन 20 और सैमुएल्स 21 रन पर नाबाद लौटे थे। चंद्रपॉल 117 गेंदों में एक चौके की मदद से 37 रन बनाकर अभिमन्यु मिथुन की गेंद पर बोल्ड हो गए। छठे विकेट के लिए सैमुएल्स और चंद्रपॉल के बीच 77 रनों की साझेदारी हुई। वेस्टइंडीज का सातवां विकेट कार्लटन वाग के रूप में गिरा। वाग दो रन के निजी योग पर हरभजन सिंह की गेंद पर राहुल द्रविड़ को कैच थमा बैठे। डेरेन सैमी 15 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। इशांत शर्मा की गेंद पर वह पगबाधा करार दिए गए।  रवि रामपॉल को इशांत शर्मा ने बगैर खाता खोले पवेलियन भेज दिया। शर्मा की गेंद पर उनका कैच मुरली विजय ने लपका। उस समय टीम का कुल योग 190 रन था। इसी स्कोर पर शर्मा ने वेस्टइंडीज के आखिरी विकेट के रूप में फिडेल एडवर्ड्स को धौनी के हाथों कैच कराकर पवेलियन लौटा दिया।   इससे पहले तीसरे दिन का खेल बारिश के कारण समय से शुरू नहीं हो सका। हालांकि बारिश जल्द थम गई और अम्पायरों ने मैदान का मुआयना करने के बाद शीघ्रता से खेल शुरू करने की घोषणा की। ब्रिजटाउन में गुरुवार को सुबह से ही रुक-रुककर बारिश हो रही थी। इसके कारण मैदान का बाहरी हिस्सा गीला हो गया था लेकिन मैदानकर्मियों ने थोड़े समय में ही इसे खेल के लायक बना दिया। दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक मेजबान टीम ने अपनी पहली पारी में पांच विकेट के नुकसान पर 98 रन बनाए थे। दूसरे दिन बारिश के कारण सिर्फ 25 ओवर का खेल सम्भव हो सका था। इससे पहले, टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम ने वी.वी.एस. लक्ष्मण (85) और सुरेश रैना (53) की उम्दा पारियों की मदद से अपनी पहली पारी में 201 रन बनाए थे। भारतीय टीम 68 ओवर बल्लेबाजी कर सकी थी।
सांस्कृतिक क्रांति (सरलीकृत चीनी: 无产阶级文化大革命; परंपरिक चीनी: 無產階級文化大革命, Long form: 'चीन की महान सर्वहारा सांस्कृतिक क्रांति') जनवादी गणराज्य चीन में माओ त्से-तुंग द्वारा चलाया गया एक सामाजिक-राजनीतिक आन्दोलन था सन् १९६६ से आरम्भ होकर सन् १९७६ तक चला। माओ उस समय चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष थे। 16 मई 1966 को शुरू हुई यह क्रांति 10 वर्षों तक चली और इसने चीन के सामाजिक ढांचे में कई बड़े परिवर्तन किए। इस क्रांति की शुरुआत की घोषणा करते हुए माओ-त्से-तुंग ने चेतावनी दी थी कि बुर्जुआ वर्ग कम्युनिस्ट पार्टी में अपना प्रभाव क़ायम करके एक तरह की तानाशाही स्थापित करना चाहता है। वास्तव में सांस्कृतिक क्रांति का अभियान माओ ने अपनी पार्टी को प्रतिद्वंद्वियों से छुटकारा दिलाने के लिए शुरू किया था।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आपराधिक मानहानि के एक और मामले को खत्म करने के लिए फिलहाल दिल्ली हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है. कोर्ट ने निचली अदालत में चल रहे मानहानि के केस पर स्टे देने से मना कर दिया है. मानहानि का ये केस दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के राजनीतिक सचिव रहे पवन खेड़ा की तरफ से अरविंद केजरीवाल पर किया गया था. हाईकोर्ट ने पवन खेड़ा को नोटिस जारी कर अरविंद केजरीवाल की नई अर्जी पर जवाब मांगा है. केजरीवाल ने इस मामले पर उनको हुए समन और याचिका को रद्द करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी लगाई है. आपराधिक मानहानि मामले को खत्म करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. क्योंकि फिलहाल यह मामला निचली अदालत में विचाराधीन है और इसमें ट्रायल जल्द पूरा होने की उम्मीद है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाईकोर्ट में अर्जी लगाई है कि निचली अदालत द्वारा इस मामले में उन्हें 31 जनवरी 2013 को जारी किए समन और 2012 को दायर याचिका दोनों को ही खारिज किया जाए. आरोप है कि सीएम ने एक टीवी इंटव्यू में शीला दीक्षित के बारे में अपशब्दों का प्रयोग किया था.  इसके बाद पवन खेड़ा ने सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ़ आपराधिक मानहानि की धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का आदेश देने का आग्रह किया था. अब अगली सुनवाई के बाद ही दिल्ली हाईकोर्ट में ये तय होगा कि क्या किस मामले में केजरीवाल को राहत मिलेगी या फिर पटियाला हाउस कोर्ट में चल रहा मामला आगे भी अरविंद केजरीवाल के ख़िलाफ चलता रहेगा. मानहानि का ये केस बाकी और केस की तरह खत्म हो पाएगा या नहीं, ये इस मामले मे पवन खेड़ा के कोर्ट मे दिए जाने वाले जवाब से तय होगा.
आईपीएल के शुरुआती आठ सीजन में चेन्नई सुपरकिंग्स टीम के फैंस की संख्या सबसे ज्यादा रही हैं. आज भी टीम के फैंस चेन्नई को खेलते हुए देखना चाहते हैं और वो टीम के कप्तान के रूप में महेंद्र सिंह धोनी को देखना चाहते हैं. ऐसे में टीम के जबरे फैन में एक और नाम जुड़ गया है. और वो हैं धोनी की पत्नी साक्षी ! सीएसके की वापसी चाहती है साक्षी आईपीएल में आठ सीजनों के लिए चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी करने वाले एमएस धोनी की पत्नी साक्षी ने चेन्नई सुपर किंग्स के हेलमेट पहना और कप्तान के साथ वापसी का एक फोटो साझा किया. जाहिर है, वह भी अन्य फैंस की तरह चेन्नई की टीम की वापसी चाहती हैं. #throwback !! A post shared by Sakshi (@sakshisingh_r) on Apr 9, 2017 at 11:40am PDT चेन्नई सुपरकिंग्स को चीयर करने के लिए टीम और धोनी के लिए साक्षी स्टेडियम में मैच देखने जाया करती थी. चेन्नई ने 2010 और 2011 में दो बार आईपीएल का खिताब जीता, यह लगातार लगातार वर्षों में जीतने वाली पहली टीम थी. इसके अलावा, वे आईपीएल टूर्नामेंट के फाइनल में छह बार रिकॉर्ड बना चुके हैं, लेकिन उनमें से केवल दो जीत हासिल करने में सफल रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने 2015 के सत्र में सट्टेबाजी में अपने मालिकों में से एक के शामिल के बाद टीम को आईपीएल से दो साल के लिए निलंबित कर दिया गया था. चेन्नई के अलावा राजस्थान को भी 2 साल के लिए निलंबित कर दिया गया था.इस साल से दोनों टीमों का निलंबन ख़त्म हो जाएगा.
रिपोर्टर्स भारतीय हिन्दी धारावाहिक है, जिसका प्रसारण सोनी पर प्रसारित होगा। यह 13 अप्रैल 2015 से सोमवार से गुरुवार रात 9 बजे देगा। इस धारावाहिक में राजीव खंडेलवाल एक संवाददाता का किरदार निभा रहें है, जो कहता है की कुछ खबरें होती हैं और कुछ बनाई जाती है। कहानी यह कहानी कबीर शर्मा (राजीव खंडेलवाल) की है जो पहले दिल्ली क्रांति नामक एक समाचार पत्र में कार्य करते रहते हैं और केकेआर समाचार चैनल के मालिक एक दिन उसे इस चैनल का उच्च-संपादक बना देते हैं और वहाँ अनन्या कश्यप (कृतिका कामरा) भी कार्य करती रहती है। वह कबीर शर्मा को पसंद करती रहती है। कलाकार राजीव खंडेलवाल - कबीर शर्मा कृतिका कामरा - अनन्या कश्यप पुरू चिब्बर - रोनी बिक्रमजीत कंवरपाल सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ
देश में अलग-अलग मौकों पर लोग पतंगबाजी करते हैं लेकिन ये पतंगबाजी बेजुबान पक्षियों के लिए काल साबित हो रही है. इसकी वजह है पतंग उड़ाने में चाइनीज मांझे का इस्तेमाल. चाइनीज मांझा बहुत खतरनाक ढंग से तैयार किया जाता है, इसमें कांच के टुकड़ों के साथ-साथ लोहे का बुरादा भी इस्तेमाल किया जाता है. ज्यादातर ऐसे मांझे नायलन या प्लास्टिक के बने होते हैं, जो जल्दी नष्ट नहीं होते. लोग दूसरों की पतंग काटने की लालच में इस खतरनाक मांझे का इस्तेमाल करते हैं. मांझे की चपेट में आने पर आसमान में उड़ रहे पक्षियों को गंभीर रूप से घायल कर देते हैं, जिससे उनकी जान तक चली जाती है. ये हालात तब है जब चाइनीज मांझे पर बैन लगा हुआ है. लेकिन लोगों को अभी भी यह असानी से कम दामों में मिल रहा है. 1913 में शुरू हुआ दिल्ली के चांदनी चौक का चैरिटी बर्ड्स अस्पताल, ऐसा इकलौता निःशुल्क अस्पताल है जहां हर नस्ल के पक्षियों का इलाज किया जाता है. दिल्ली के इस इकलौता चैरिटी बर्ड्स अस्पताल के कर्ताधर्ता सुनील कुमार जैन ने बताया कि सिर्फ 15 अगस्त के दिन ही तकरीबन 60 से ज्यादा पक्षियों की चाइनीज मांझे की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई. चैरिटी बर्ड्स अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक रोजाना करीब 70 से 80 पक्षियों को इलाज के लिए उनके पास लाया जाता है. वहीं लगातार 13, 14,और 15 अगस्त को चाइनीज मांझे की चपेट में आने से करीब 650 पक्षी घायल हुए थे, जिन्हें अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया. उसमें से करीब 150 पक्षियों की मांझे की चपेट में आने से मौत हो गई. वहीं करीब 150 पक्षी की हालत बेहद नाजुक है. अगर ये सभी ज़िंदगी की जंग जीत भी गए तो शायद ही खुले आसमान की सैर कर सकें. अस्पताल में बेजुबान परिंदों का इलाज कर रहे दो डॉक्टरों ने बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस साल 15 अगस्त के मौके पर ज्यादा पक्षी चाइनीज मांझे का शिकार हुए है. जिसमें तोता, मैना, कबूतर, चील, और दूसरे पक्षी शामिल है. ज्यादातर मामलों में इन बेजुबान पक्षियों की गर्दन और उनके पंख मांझे की चपेट में आते हैं. ऐसा नहीं है कि यह यह मांझा सिर्फ पक्षियों के लिए जानलेवा है, कई इंसान भी इसका शिकार हो चुके हैं.लेकिन इसके बावजूद ये मांझा नार्थ और सेंट्रल दिल्ली में खुलेआम धड़ल्ले से बिक रहा है. जिस पर प्रशासन ने कोई सख्त कदम नहीं उठाया है.
बांग्लादेश में मूसलाधार बारिश की वजह से जगह-जगह भूस्खलन होने से कई सैन्य अधिकारियों सहित 130 से अधिक लोगों की मौत हो गई. ज्यादातर मौतें भारतीय सीमा के निकट एक पर्वतीय जिले में हुई है. सबसे अधिक प्रभावित जिला रांगामाटी रहा जहां करीब 100 लोगों की मौत हुई है जिनमें चार सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं. मोदी ने जताया दुख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बांग्लादेश में आई इस आपदा पर दुख व्यक्त किया है. मोदी ने ट्वीट किया कि वह बांग्लादेश में भूस्खलन की वजह से हुई मौतों के प्रति वह अपना दुख व्यक्त करते हैं. भारत इस दुख की घड़ी में बांग्लादेश के साथ है. Saddened by the loss of lives in Bangladesh due to landslides. My thoughts are with the families of the deceased & prayers with the injured. — Narendra Modi (@narendramodi) June 13, 2017 अधिकारियों ने कहा कि भूस्खलन के वक्त ज्यादातर लोग सोए हुए थे जिससे अधिक जनहानि हुई. स्थानीय मीडिया की खबरों में कहा गया है कि मरने वालों की संख्या 130 हो गई है और मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि बहुत सारे लोगों के मलबे में दबे में होने की आशंका है. चटगांव के उपजिलों रंगुनिया और चंदनैश में भूस्खलन में कम से कम 23 लोग मारे गए. स्थानीय मीडिया के अनुसार,100 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं जिनमें कई लोगों की हालत गंभीर है. राहत एवं बचाव कार्य जारी है. सेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि मारे गए चार सैन्य अधिकारियों में एक मेजर और एक कैप्टन भी शामिल हैं. स्थानीय मीडिया के अनुसार भूस्खलन की चपेट में आए अनेक लोग रांगामाटी और बंदरबन में जातीय अल्पसंख्यक या जनजातीय समूहों से हैं जो पर्वतीय क्षेत्रों में अस्थाई मकानों में रहते हैं. इससे पहले आपदा प्रबंधन मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि राहत अभियान जारी है. बाद में हमें मृतकों के बारे में सही जानकारी मिल सकती है. आपको बता दें कि पिछले महीने बांग्लादेश ने आपदा का सामना किया था जिसमें साइक्लोन मोरा ने बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्व में तबाह होने के बाद आठ लोगों की जान चली गई थी, इससे पहले 2010 में भारी बारिश से दक्षिण-पूर्व बांग्लादेश में भूस्खलन और बाढ़ शुरू हो जाने के बाद कम से कम 53 लोग मारे गए थे.
भारत में रेलवे सिर्फ एक सेवा नहीं, बल्कि एक बहुत ही बड़ी व्यवस्था है, जिसके लिए अलग से मंत्रालय भी है. ये भारत का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. रेलव में भर्तियां निकलती रहती है जिसके लिए रेलवे से जुड़ी जानकारी के बारे में मालूम होना जरूरी है. लेकिन क्या आप जानते हैं जिस रेल को हम सब भारत का सबसे बड़ा नेटवर्क कहते हैं उसमें 55 से टॉयलेट की व्यवस्था नहीं की गई थी. यानी कि भारतीय रेलवे 55 साल बिना शौचालय के दौड़ीं थी. जानें- कैसे बना भारतीय रेलवे में टॉयलेट... भातीय रेल की शुरुआत 16 अप्रैल 1853 को हुई थी. आज अगर भारतीय रेल की सारी पटरियों को सीधा जोड़ दिया जाए तो उनकी लंबाई पृथ्वी के आकार से भी 1.5 गुणा ज्यादा होगी. वहीं रेल में सफर काफी लंबे होते हैं, ऐसे में यात्रियों को टॉयलेट की जरूरत लंबे समय से महसूस होने लगी. रेल से यात्रा के दौरान टॉयलेट न होने की वजह से बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. जिसके बाद 1909 में  टॉयलेट बनवाने के लिए एक पत्र लिखा गया. ये पत्र एक यात्री ने लिखा था. 1909 में ओखिल चंद्र सेन नामक एक यात्री को यात्री ने रेल से यात्रा के दौरान टॉयलेट न होने की वजह से बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. ओखिल चंद्र सेन के लिखे गए पत्र के बाद टॉयलेट का प्रस्ताव आया था. उन्होंने साहिबगंज रेल डिवीजन के ऑफिस को एक पत्र लिखा था. जानते हैं आखिर पत्र में क्या लिखा था.. प्रिय श्रीमान, मैं पैसेजंर ट्रेन से अहमदपुर स्टेशन आया और मेरा पेट दर्द की वजह से सूज रहा था. मैं शौच के लिए वहां एकांत में गया. मैं वहां निवृत्त हो ही रहा था कि गार्ड ने सीटी बजाना शुरू कर दिया, ट्रेन छूटने वाली थी. मैं एक हाथ में लोटा और दूसरे हाथ में धोती पकड़कर दौड़ा और तभी प्लेटफार्म पर गिर पड़ा. मेरी धोती खुल गई और मुझे वहां मौजूद सभी महिला-पुरुषों के सामने शर्मिन्दा होना पड़ा. मेरी ट्रेन छूट गई और मैं अहमदपुर स्टेशन पर ही रह गया. यह कितनी बुरी बात है कि एक यात्री शौच के लिए गया हो और ट्रेन का गार्ड कुछ मिनट उसका इंतजार भी नहीं कर सकता. मेरा आपसे विनम्र निवेदन है कि जनता की भलाई के लिए उस गार्ड पर भारी जुर्माना करें. नहीं तो मैं इस प्रकरण की सूचना समाचार पत्रों को दे दूंगा. आपका विश्वसनीय सेवक ओखिल चंद्र सेन." एक यात्री द्वारा लिखे गए करारे पत्र मिलने के बाद रेल में टॉयलेट बनवाने के बारे में विचार किया गया.
विश्व के छठी वरीयत प्राप्त स्पेनिश टेनिस खिलाड़ी डेविड फेरर मौजूदा सत्र में अपने खेल से संतुष्ट हैं। उनका कहना है कि इस समय वह अच्छा खेल रहे हैं। वर्ष की  तीसरी ग्रैंड स्लैम विम्बलडन चैम्पियनशिप में शनिवार को खेले गए पुरुषों की एकल स्पर्धा के तीसरे दौर के मुकाबले में फेरर ने तीन बार के उप विजेता अमेरिका के एंडी रॉडिक को 2-6, 7-6(8), 6-4, 6-3 से हरा दिया। फेरर ने इस मुकाबले को दो घंटे और 38 मिनट में अपने नाम किया।टिप्पणियां पेशेवर टेनिस संघ (एटीपी) की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक जीत के बाद फेरर ने कहा, "मैं इस सत्र में बहुत अच्छा खेल रहा हूं। आज का मैच काफी मुश्किल था। मैंने निरंतर अच्छा खेला। मैं तीसरे और चौथे सेट में बेहतर खेला।" चौथे दौर में फेरर का सामना नौवीं वरीयता प्राप्त अर्जेटीना के जुआन मार्टिन डेल पोत्रो से सोमवार को होगा। पोत्रो ने तीसरे दौर में जापान के केई निशिकोरी को हराया था। वर्ष की  तीसरी ग्रैंड स्लैम विम्बलडन चैम्पियनशिप में शनिवार को खेले गए पुरुषों की एकल स्पर्धा के तीसरे दौर के मुकाबले में फेरर ने तीन बार के उप विजेता अमेरिका के एंडी रॉडिक को 2-6, 7-6(8), 6-4, 6-3 से हरा दिया। फेरर ने इस मुकाबले को दो घंटे और 38 मिनट में अपने नाम किया।टिप्पणियां पेशेवर टेनिस संघ (एटीपी) की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक जीत के बाद फेरर ने कहा, "मैं इस सत्र में बहुत अच्छा खेल रहा हूं। आज का मैच काफी मुश्किल था। मैंने निरंतर अच्छा खेला। मैं तीसरे और चौथे सेट में बेहतर खेला।" चौथे दौर में फेरर का सामना नौवीं वरीयता प्राप्त अर्जेटीना के जुआन मार्टिन डेल पोत्रो से सोमवार को होगा। पोत्रो ने तीसरे दौर में जापान के केई निशिकोरी को हराया था। पेशेवर टेनिस संघ (एटीपी) की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक जीत के बाद फेरर ने कहा, "मैं इस सत्र में बहुत अच्छा खेल रहा हूं। आज का मैच काफी मुश्किल था। मैंने निरंतर अच्छा खेला। मैं तीसरे और चौथे सेट में बेहतर खेला।" चौथे दौर में फेरर का सामना नौवीं वरीयता प्राप्त अर्जेटीना के जुआन मार्टिन डेल पोत्रो से सोमवार को होगा। पोत्रो ने तीसरे दौर में जापान के केई निशिकोरी को हराया था। चौथे दौर में फेरर का सामना नौवीं वरीयता प्राप्त अर्जेटीना के जुआन मार्टिन डेल पोत्रो से सोमवार को होगा। पोत्रो ने तीसरे दौर में जापान के केई निशिकोरी को हराया था।
सरबजीत का परिवार रविवार को उसके साथ होगा. सरबजीत का परिवार रविवार दोपहर 12 बजे लाहौर के लिए रवाना होगा. लाहौर के जिन्ना अस्पताल में ही सरबजीत जिंदगी की जंग लड़ रहा है. खास बात है कि सालों बाद सरबजीत का परिवार उसे देखेगा भी तो डीप कोमा की हालत में. 23 साल बाद मायूस आंखों में झलकेगी उम्मीद की रोशनी. 23 साल का इंतजार रविवार को खत्म होगा क्योंकि रविवार को सरबजीत की पत्नी को होगा अपने पति का दीदार. पिता के होते हुए भी उसके साए से महरुम रहीं बेटियां भी आज हर दर्द हर गम को भूल कर जा रही हैं पाकिस्तान. डीप कोमा में पहुंच चुके पिता सरबजीत को देखने की खुशी बेटियों के हर शब्द से झलक रही है. दो दशक से ज्यादा समय से भाई की तस्वीर को राखी बांधती आई एक बहन का भी आज खत्म होगा इंतजार. डीप कोमा में गए भाई से जल्द स्वस्थ होने का वादा लेने पाकिस्तान जा रही है सरबजीत की बहन. दर्द के 23 साल इस परिवार ने कैसे बिताए होंगे ये बयां करना नामुमकिन है लेकिन उस दर्द को सीने में छिपाए सरबजीत का परिवार थोड़ी देर बाद लाहौर के लिए रवाना हो जाएगा, जहां अस्पताल में सरबजीत जिंदगी की जंग लड़ रहा है. वीजा मिलने के बाद सरहद पार जाने का रास्ता इस परिवार के लिए मुमकिन हुआ और अब ये सरबजीत का इलाज खुद अपनी आंखों से देखना चाहते हैं. सरबजीत की बेटियां अब इतनी बड़ी हो गयी हैं कि वो मां के दुख को महसूस कर सकती है और बुआ की तड़प को भी समझती हैं. पिता के जख्मी होने की खबर के बाद वो जल्दी से जल्दी लाहौर पहुंचना चाहती हैं. सरबजीत की बेटी स्वपनदीप कौर को भरोसा है कि उसके पापा जल्द ठीक हो जाएंगे. सरबजीत सिंह की बेटी स्वपनदीप कौर का कहना है कि मैं राहत महसूस कर रही हूं, मुझे पापा को देखने का मौका मिला है. हमलोग उनके इलाज के दौरान साथ में होंगे. अगर संभव हुआ तो हम उन्हें दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करेंगे. परिवार को ही नहीं पूरे देश को भरोसा है कि सरबजीत सिंह की सेहत में जल्द सुधार होगा. वो डीप कोमा से जल्द बाहर निकल सकेगा. 24 घंटे निकल गए तो सरबजीत की जिंदगी लौट सकती है. लाहौर की कोट लखपत जेल में सरबजीत को दो कैदियों ने इतना लहूलुहान किया था कि वो मौत की दहलीज पर जा पहुंचा लेकिन कहते हैं कि दुआओं में दम होता है और बुरे वक्त में अगर अपने साथ हों तो जख्म जल्द भर जाते हैं. उम्मीद है कि मुश्किल हालात में सरबजीत के पास उसके परिवार की मौजूदगी उसे नई जिंदगी दे सकेगी.
गुजरात के पाठ्यक्रम में अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीवनी शामिल नहीं होगी. प्रधानमंत्री ने खुद गुजरात के शिक्षा मंत्री से बात करके इस पर ऐतराज जताया. पीएम के एतराज के बाद गुजरात सरकार ने ये फैसला वापस ले लिया है. पीएम मोदी ने ट्विटर के जरिए इसकी जानकारी दी. उन्होंने ट्वीट किया कि भारत का इतिहास महान लोगों से भरा है और युवाओं को उनके बारे में पढ़ाया जाना चाहिए. मेरी जीवनी पढ़ाना सही नहीं हैं. मोदी के ट्वीट्स- Am reading in the news that some states want to include Narendra Modi's life struggles as a part of their school curriculum. — Narendra Modi (@narendramodi) May 30, 2014 I firmly believe that the life story of living individuals should not be included as a part of the school curriculum. — Narendra Modi (@narendramodi) May 30, 2014 India has a rich history of several stalwarts who made India what it is today. Young minds should read about these greats & emulate them. — Narendra Modi (@narendramodi) May 30, 2014 इससे पहले गुरुवार को ही गुजरात सरकार ने अगले साल के पाठ्यक्रम में मोदी की जीवनी शामिल करने का फैसला किया था. गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चूड़ासमा ने कहा था, 'हमने मोदी के जीवन के सभी महत्वपूर्ण अध्यायों को प्राथमिक विद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय किया है. इन अध्यायों में उनके जन्म से शुरू होने वाले घटनाक्रम, उनके परिवार की पृष्ठभूमि, विद्यालय के दिन, उन्होंने अपने जीवन के विभिन्न स्तरों पर किस तरह से संघर्ष का सामना किया और यह भी शामिल होगा कि उनके साधु बनने के निर्णय के पीछे कौन सी परिस्थितियां थीं.'
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: अगर आप अपने साथ 15 किलो से अधिक सामान ले जा रहे हैं तो अगले सप्ताह से विमान में यात्रा करना महंगा पड़ेगा। प्रमुख विमानन कंपनियों ने 15 किलो से अधिक सामान होने पर प्रत्येक अतिरिक्त किलो के लिए 250 रुपया तक शुल्क लगाने का निर्णय किया है। साथ ही अगर आप पसंदीदा सीट चाहते हैं तो इसके लिए भी आपको ज्यादा भुगतान करना होगा। एयर इंडिया के बाद जेट एयरवेज ने सभी घरेलू उड़ानों में इकोनोमी दर्जे में निशुल्क सामान ले जाने के नियमों में संशोधन करने की घोषणा की। अब जेट एयरवेज के सभी उड़ानों में (जेट कनेक्ट शामिल) 15 किलो से अधिक प्रत्येक अतिरिक्त सामान पर यात्रियों से 250 रुपये शुल्क लिए जाएंगे। पहले यह सीमा 20 किलो थी। जेट एयरवेज के बयान के अनुसार संशोधित नियम 15 मई से प्रभावी होगें। हालांकि, जेटप्रिविलेज के सदस्यों को उनकी सदस्यता स्थिति के मुताबिक मुफ्त में अतिरिक्त सामान ले जाने का लाभ मिलना जारी रहेगा, जबकि विशिष्ट यात्री जेट एयरवेज और जेट कनेक्ट की उड़ानों पर बिना किसी शुल्क के 30 किलो सामान ले जा सकेंगे। विमानन कंपनी ने केबिन बैगेज के लिए सात किलो की सीमा को बरकरार रखा है। सरकार ने हाल ही में विमानों में और जमीन पर दी जाने वाली सेवाओं को खुला किया है। इसमें पसंद की सीट, भोजन, स्नैक या ड्रिंक (पेय जल को छोड़कर) तथा खेल एवं संगीत के साजोसामान के लिए विमानन कंपनियों को शुल्क वसूलने की अनुमति दे दी। उसके बाद विमानन कंपनियों ने यह निर्णय किया है। वैश्विक स्तर पर कई एयरलाइंस ने इस तरह की सेवाओं को अलग-अलग किया है जिससे उनका राजस्व बढ़ा है।टिप्पणियां पिछले सप्ताह ही एयरइंडिया ने 19 मई से घरेलू उड़ानों के लिए नि:शुल्क सामान की सीमा 20 किलो से घटाकर 15 किलो करने को मंजूरी दी है। सार्वजनिक क्षेत्र की विमान कंपनी ने सोमवार को अतिरिक्त वजन के लिए करीब 200 से 250 रुपये प्रति किलो वसूलने का निर्णय किया है। इस बीच, सस्ती दर पर विमान सेवा देने वाली इंडिगो ने अपने ग्राहकों से पहले से बुकिंग में पसंदीदा सीट मांगने पर शुल्क लेने का निर्णय किया है। एयर इंडिया के बाद जेट एयरवेज ने सभी घरेलू उड़ानों में इकोनोमी दर्जे में निशुल्क सामान ले जाने के नियमों में संशोधन करने की घोषणा की। अब जेट एयरवेज के सभी उड़ानों में (जेट कनेक्ट शामिल) 15 किलो से अधिक प्रत्येक अतिरिक्त सामान पर यात्रियों से 250 रुपये शुल्क लिए जाएंगे। पहले यह सीमा 20 किलो थी। जेट एयरवेज के बयान के अनुसार संशोधित नियम 15 मई से प्रभावी होगें। हालांकि, जेटप्रिविलेज के सदस्यों को उनकी सदस्यता स्थिति के मुताबिक मुफ्त में अतिरिक्त सामान ले जाने का लाभ मिलना जारी रहेगा, जबकि विशिष्ट यात्री जेट एयरवेज और जेट कनेक्ट की उड़ानों पर बिना किसी शुल्क के 30 किलो सामान ले जा सकेंगे। विमानन कंपनी ने केबिन बैगेज के लिए सात किलो की सीमा को बरकरार रखा है। सरकार ने हाल ही में विमानों में और जमीन पर दी जाने वाली सेवाओं को खुला किया है। इसमें पसंद की सीट, भोजन, स्नैक या ड्रिंक (पेय जल को छोड़कर) तथा खेल एवं संगीत के साजोसामान के लिए विमानन कंपनियों को शुल्क वसूलने की अनुमति दे दी। उसके बाद विमानन कंपनियों ने यह निर्णय किया है। वैश्विक स्तर पर कई एयरलाइंस ने इस तरह की सेवाओं को अलग-अलग किया है जिससे उनका राजस्व बढ़ा है।टिप्पणियां पिछले सप्ताह ही एयरइंडिया ने 19 मई से घरेलू उड़ानों के लिए नि:शुल्क सामान की सीमा 20 किलो से घटाकर 15 किलो करने को मंजूरी दी है। सार्वजनिक क्षेत्र की विमान कंपनी ने सोमवार को अतिरिक्त वजन के लिए करीब 200 से 250 रुपये प्रति किलो वसूलने का निर्णय किया है। इस बीच, सस्ती दर पर विमान सेवा देने वाली इंडिगो ने अपने ग्राहकों से पहले से बुकिंग में पसंदीदा सीट मांगने पर शुल्क लेने का निर्णय किया है। हालांकि, जेटप्रिविलेज के सदस्यों को उनकी सदस्यता स्थिति के मुताबिक मुफ्त में अतिरिक्त सामान ले जाने का लाभ मिलना जारी रहेगा, जबकि विशिष्ट यात्री जेट एयरवेज और जेट कनेक्ट की उड़ानों पर बिना किसी शुल्क के 30 किलो सामान ले जा सकेंगे। विमानन कंपनी ने केबिन बैगेज के लिए सात किलो की सीमा को बरकरार रखा है। सरकार ने हाल ही में विमानों में और जमीन पर दी जाने वाली सेवाओं को खुला किया है। इसमें पसंद की सीट, भोजन, स्नैक या ड्रिंक (पेय जल को छोड़कर) तथा खेल एवं संगीत के साजोसामान के लिए विमानन कंपनियों को शुल्क वसूलने की अनुमति दे दी। उसके बाद विमानन कंपनियों ने यह निर्णय किया है। वैश्विक स्तर पर कई एयरलाइंस ने इस तरह की सेवाओं को अलग-अलग किया है जिससे उनका राजस्व बढ़ा है।टिप्पणियां पिछले सप्ताह ही एयरइंडिया ने 19 मई से घरेलू उड़ानों के लिए नि:शुल्क सामान की सीमा 20 किलो से घटाकर 15 किलो करने को मंजूरी दी है। सार्वजनिक क्षेत्र की विमान कंपनी ने सोमवार को अतिरिक्त वजन के लिए करीब 200 से 250 रुपये प्रति किलो वसूलने का निर्णय किया है। इस बीच, सस्ती दर पर विमान सेवा देने वाली इंडिगो ने अपने ग्राहकों से पहले से बुकिंग में पसंदीदा सीट मांगने पर शुल्क लेने का निर्णय किया है। सरकार ने हाल ही में विमानों में और जमीन पर दी जाने वाली सेवाओं को खुला किया है। इसमें पसंद की सीट, भोजन, स्नैक या ड्रिंक (पेय जल को छोड़कर) तथा खेल एवं संगीत के साजोसामान के लिए विमानन कंपनियों को शुल्क वसूलने की अनुमति दे दी। उसके बाद विमानन कंपनियों ने यह निर्णय किया है। वैश्विक स्तर पर कई एयरलाइंस ने इस तरह की सेवाओं को अलग-अलग किया है जिससे उनका राजस्व बढ़ा है।टिप्पणियां पिछले सप्ताह ही एयरइंडिया ने 19 मई से घरेलू उड़ानों के लिए नि:शुल्क सामान की सीमा 20 किलो से घटाकर 15 किलो करने को मंजूरी दी है। सार्वजनिक क्षेत्र की विमान कंपनी ने सोमवार को अतिरिक्त वजन के लिए करीब 200 से 250 रुपये प्रति किलो वसूलने का निर्णय किया है। इस बीच, सस्ती दर पर विमान सेवा देने वाली इंडिगो ने अपने ग्राहकों से पहले से बुकिंग में पसंदीदा सीट मांगने पर शुल्क लेने का निर्णय किया है। पिछले सप्ताह ही एयरइंडिया ने 19 मई से घरेलू उड़ानों के लिए नि:शुल्क सामान की सीमा 20 किलो से घटाकर 15 किलो करने को मंजूरी दी है। सार्वजनिक क्षेत्र की विमान कंपनी ने सोमवार को अतिरिक्त वजन के लिए करीब 200 से 250 रुपये प्रति किलो वसूलने का निर्णय किया है। इस बीच, सस्ती दर पर विमान सेवा देने वाली इंडिगो ने अपने ग्राहकों से पहले से बुकिंग में पसंदीदा सीट मांगने पर शुल्क लेने का निर्णय किया है। सार्वजनिक क्षेत्र की विमान कंपनी ने सोमवार को अतिरिक्त वजन के लिए करीब 200 से 250 रुपये प्रति किलो वसूलने का निर्णय किया है। इस बीच, सस्ती दर पर विमान सेवा देने वाली इंडिगो ने अपने ग्राहकों से पहले से बुकिंग में पसंदीदा सीट मांगने पर शुल्क लेने का निर्णय किया है।
देश में मैगी सरीखे खाद्य पदार्थों के बढ़ते इस्तेमाल के पीछे नए बीजेपी विधायक उषा ठाकुर ने जमाने की माताओं के कथित आलस को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने मैगी जैसी खाने पीने की वस्तुओं के बढ़ते उपभोग के पीछे नए जमाने की मांओं के कथित आलस्य को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा था, 'पता नहीं क्यूं, आजकल की मांएं बहुत आलसी हो गई हैं। हम लोगों ने तो बचपन में अपनी मां के हाथ का बना परांठा, हलवा और सिवैयां खाई हैं जो सेहत के लिहाज से सुरक्षित और पौष्टिक खाद्य पदार्थ हैं।' शहर के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-3 की 49 वर्षीय बीजेपी विधायक ने यह भी कहा था, 'मैगी जैसे खाद्य पदार्थों का बहिष्कार किया जाना चाहिए और इन पर कठोर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई होनी चाहिए।'टिप्पणियां ठाकुर के इस बयान पर सख्त ऐतराज जताते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता और महिला कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई की पूर्व अध्यक्ष अर्चना जायसवाल ने कहा, 'बीजेपी विधायक ने भारतीय माताओं को आलसी कहकर उनका अपमान किया है। उन्हें अपने इस बयान के लिये देश की माताओं से माफी मांगनी चाहिए।' उन्होंने कहा, 'मैगी को मांओं के आलस से जोड़ना सरासर बेतुकी बात है। इस सिलसिले में बीजेपी विधायक का बयान हास्यास्पद है।' उन्होंने मैगी जैसी खाने पीने की वस्तुओं के बढ़ते उपभोग के पीछे नए जमाने की मांओं के कथित आलस्य को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा था, 'पता नहीं क्यूं, आजकल की मांएं बहुत आलसी हो गई हैं। हम लोगों ने तो बचपन में अपनी मां के हाथ का बना परांठा, हलवा और सिवैयां खाई हैं जो सेहत के लिहाज से सुरक्षित और पौष्टिक खाद्य पदार्थ हैं।' शहर के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-3 की 49 वर्षीय बीजेपी विधायक ने यह भी कहा था, 'मैगी जैसे खाद्य पदार्थों का बहिष्कार किया जाना चाहिए और इन पर कठोर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई होनी चाहिए।'टिप्पणियां ठाकुर के इस बयान पर सख्त ऐतराज जताते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता और महिला कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई की पूर्व अध्यक्ष अर्चना जायसवाल ने कहा, 'बीजेपी विधायक ने भारतीय माताओं को आलसी कहकर उनका अपमान किया है। उन्हें अपने इस बयान के लिये देश की माताओं से माफी मांगनी चाहिए।' उन्होंने कहा, 'मैगी को मांओं के आलस से जोड़ना सरासर बेतुकी बात है। इस सिलसिले में बीजेपी विधायक का बयान हास्यास्पद है।' शहर के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-3 की 49 वर्षीय बीजेपी विधायक ने यह भी कहा था, 'मैगी जैसे खाद्य पदार्थों का बहिष्कार किया जाना चाहिए और इन पर कठोर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई होनी चाहिए।'टिप्पणियां ठाकुर के इस बयान पर सख्त ऐतराज जताते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता और महिला कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई की पूर्व अध्यक्ष अर्चना जायसवाल ने कहा, 'बीजेपी विधायक ने भारतीय माताओं को आलसी कहकर उनका अपमान किया है। उन्हें अपने इस बयान के लिये देश की माताओं से माफी मांगनी चाहिए।' उन्होंने कहा, 'मैगी को मांओं के आलस से जोड़ना सरासर बेतुकी बात है। इस सिलसिले में बीजेपी विधायक का बयान हास्यास्पद है।' ठाकुर के इस बयान पर सख्त ऐतराज जताते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता और महिला कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई की पूर्व अध्यक्ष अर्चना जायसवाल ने कहा, 'बीजेपी विधायक ने भारतीय माताओं को आलसी कहकर उनका अपमान किया है। उन्हें अपने इस बयान के लिये देश की माताओं से माफी मांगनी चाहिए।' उन्होंने कहा, 'मैगी को मांओं के आलस से जोड़ना सरासर बेतुकी बात है। इस सिलसिले में बीजेपी विधायक का बयान हास्यास्पद है।' उन्होंने कहा, 'मैगी को मांओं के आलस से जोड़ना सरासर बेतुकी बात है। इस सिलसिले में बीजेपी विधायक का बयान हास्यास्पद है।'
वाट Yanasangwararam Woramahawihan एक Somdet Phra Yanasangwon, वर्तमान सुप्रीम पैट्रिआर्क के लिए 1976 में निर्माण किया और बाद में महामहिम राजा द्वारा समर्थित मंदिर है। मंदिर के परिसर के भीतर बुद्ध के पदचिह्न की एक प्रतिकृति और एक बड़ा Chedi भगवान बुद्ध के अवशेष शामिल हैं।
चेंगदू जे-9 (Chengdu J-9) एक चीनी इंटरसेप्टर विमान को दिया गया एक पदनाम था जो अपने प्रारंभिक अध्ययन से आगे नहीं बड़ पाया था। चेंगदू जे-9 परियोजना को शेनयांग जे-8 के कारण रद्द कर दी गई थी, जो 1960 और 1970 के सीमित चीनी विमानन उद्योग के लिए एक सुरक्षित तकनीकी शर्त थी। जो 1960 और 1970 के सीमित चीनी विमानन उद्योग के लिए एक सुरक्षित तकनीकी थी। ऑपरेटर Specifications इन्हें भी देखें चेंगदू जे-10 चेंगदू विमान चीन के विमान
जम्मू एवं कश्मीर के किश्तवाड़ कस्बे में भड़की सांप्रदायिक हिंसा को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे राज्य के गृह राज्य मंत्री सज्जाद अहमद किचलू ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया। तीन दिन पहले भड़की हिंसा में मरने वालों की संख्या तीन हो चुकी है। किश्तवाड़ और जम्मू क्षेत्र के अन्य सात जिलों में अभी भी कर्फ्यू लागू है और सेना तैनात है। जिन अन्य जिलों में कर्फ्यू लगाना पड़ा है उनमें राजौरी, जम्मू, कठुआ, सांबा, रेआसी, उधमपुर और डोडा शामिल हैं। केवल पुंछ और रामबन कर्फ्यू से मुक्त हैं। पुलिस द्वारा पड्डार गांव में एक और शव बरामद किए जाने से दंगों में मरने वालों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि पीड़ितों ने टकराव शुरू होने के बाद थाने में शरण ली थी, लेकिन ग्राम रक्षा समिति (वीडीसी) के लोगों ने उन्हें घसीट लिया और हत्या कर दी। जम्मू के सुदूरवर्ती इलाकों में आतंकवादियों से लोहा लेने के लिए वीडीसी का गठन किया गया था और उनके सदस्यों को पुलिस ने हथियार मुहैया कराए थे। अलगाववादी नेताओं ने दंगे के लिए वीडीसी को जिम्मेदार ठहराया है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने किचलू का इस्तीफा स्वीकार कर लिया और उसे राज्यपाल एनएन वोहरा के पास भेज दिया है। किचलू राज्य विधानसभा में किश्तवाड़ सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने इसके पहले संवाददाताओं से कहा कि वह उमर को अपना इस्तीफा सौंपने जा रहे हैं। गृह मंत्रालय का प्रभार उमर के पास ही है। किश्तवाड़ के सांप्रदायिक माहौल को ठीक से न संभाल पाने के लिए किचलू तीव्र आलोचनाओं का सामना कर रहे थे। किश्तवाड़ की हिंसा बाद में जम्मू क्षेत्र के अन्य हिस्सों में फैल गई। किचलू ने हालांकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा उनका इस्तीफा मांगे जाने के अधिकार पर सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा, "क्या नरेंद्र मोदी ने गुजरात दंगों के बाद इस्तीफा दिया था।" किश्तवाड़ की स्थिति की गूंज सोमवार को संसद में भी सुनाई दी। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की और समाजवादी पार्टी इसका तुरंत विरोध किया। उधर, अरुण जेटली को किश्तवाड़ का दौरा नहीं करने देने के सवाल पर उमर अब्दुल्ला व भारतीय जनता पार्टी के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है। जेटली ने राज्य सभा में कहा कि किश्तवाड़ में ईद-उल-फितर के रोज शुरू हुई हिंसा देश की संप्रभुता के लिए खतरा है। जेटली के हमले का जवाब देते हुए अब्दुल्ला ने ट्वीट में लिखा है, "क्या जेटली संसद को यह भी बताने की मेहरबानी करेंगे कि 2002 में गुजरात के गृह मंत्री या गृह राज्य मंत्री ने इस्तीफा दिया था।" उन्होंने आगे कहा है किश्तवाड़ में तीन मौतें हुई हैं- एक हिंदू और दो मुस्लिम की। और हम अपने मंत्री के इस्तीफे के साथ एक न्यायिक जांच कराने जा रहे हैं। क्या भाजपा 2002 में अपने कदमों को याद करने का साहस जुटा सकती है? उन्होंने कहा है, "निश्चित रूप से नहीं। क्योंकि उनके स्टार प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी सेना को बुलाने का इंतजार करते रहे और अभी तक पछतावा भी नहीं व्यक्त किया है। दिखावे के लिए ही सही।" इधर, संसद में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि जम्मू क्षेत्र में हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इलाके से किसी को भी मजबूर होकर प्रवास करने जैसी स्थिति नहीं बनने देगी। मंत्री ने राज्य सभा को बताया कि हिंसा प्रभावित जम्मू क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में आ गई है और तीन लोगों की मौत हुई है। चिदंबरम ने कहा,"हम सभी भारतीय हैं। तीन भारतीयों ने जीवन गंवाया है और यह गंभीर दुख का विषय है।"टिप्पणियां चिदंबरम ने कहा, "हम 1990 को नहीं दोहराने देंगे। हम मजबूरी में प्रवास की स्थिति नहीं पैदा होने देंगे। इलाके के हर व्यक्ति का जीवन सुरक्षित है।" उल्लेखनीय है कि राज्य में आतंकवाद के फैलने के साथ ही 1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हुआ। किश्तवाड़ और जम्मू क्षेत्र के अन्य सात जिलों में अभी भी कर्फ्यू लागू है और सेना तैनात है। जिन अन्य जिलों में कर्फ्यू लगाना पड़ा है उनमें राजौरी, जम्मू, कठुआ, सांबा, रेआसी, उधमपुर और डोडा शामिल हैं। केवल पुंछ और रामबन कर्फ्यू से मुक्त हैं। पुलिस द्वारा पड्डार गांव में एक और शव बरामद किए जाने से दंगों में मरने वालों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि पीड़ितों ने टकराव शुरू होने के बाद थाने में शरण ली थी, लेकिन ग्राम रक्षा समिति (वीडीसी) के लोगों ने उन्हें घसीट लिया और हत्या कर दी। जम्मू के सुदूरवर्ती इलाकों में आतंकवादियों से लोहा लेने के लिए वीडीसी का गठन किया गया था और उनके सदस्यों को पुलिस ने हथियार मुहैया कराए थे। अलगाववादी नेताओं ने दंगे के लिए वीडीसी को जिम्मेदार ठहराया है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने किचलू का इस्तीफा स्वीकार कर लिया और उसे राज्यपाल एनएन वोहरा के पास भेज दिया है। किचलू राज्य विधानसभा में किश्तवाड़ सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने इसके पहले संवाददाताओं से कहा कि वह उमर को अपना इस्तीफा सौंपने जा रहे हैं। गृह मंत्रालय का प्रभार उमर के पास ही है। किश्तवाड़ के सांप्रदायिक माहौल को ठीक से न संभाल पाने के लिए किचलू तीव्र आलोचनाओं का सामना कर रहे थे। किश्तवाड़ की हिंसा बाद में जम्मू क्षेत्र के अन्य हिस्सों में फैल गई। किचलू ने हालांकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा उनका इस्तीफा मांगे जाने के अधिकार पर सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा, "क्या नरेंद्र मोदी ने गुजरात दंगों के बाद इस्तीफा दिया था।" किश्तवाड़ की स्थिति की गूंज सोमवार को संसद में भी सुनाई दी। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की और समाजवादी पार्टी इसका तुरंत विरोध किया। उधर, अरुण जेटली को किश्तवाड़ का दौरा नहीं करने देने के सवाल पर उमर अब्दुल्ला व भारतीय जनता पार्टी के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है। जेटली ने राज्य सभा में कहा कि किश्तवाड़ में ईद-उल-फितर के रोज शुरू हुई हिंसा देश की संप्रभुता के लिए खतरा है। जेटली के हमले का जवाब देते हुए अब्दुल्ला ने ट्वीट में लिखा है, "क्या जेटली संसद को यह भी बताने की मेहरबानी करेंगे कि 2002 में गुजरात के गृह मंत्री या गृह राज्य मंत्री ने इस्तीफा दिया था।" उन्होंने आगे कहा है किश्तवाड़ में तीन मौतें हुई हैं- एक हिंदू और दो मुस्लिम की। और हम अपने मंत्री के इस्तीफे के साथ एक न्यायिक जांच कराने जा रहे हैं। क्या भाजपा 2002 में अपने कदमों को याद करने का साहस जुटा सकती है? 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उन्होंने कहा है, "निश्चित रूप से नहीं। क्योंकि उनके स्टार प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी सेना को बुलाने का इंतजार करते रहे और अभी तक पछतावा भी नहीं व्यक्त किया है। दिखावे के लिए ही सही।" इधर, संसद में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि जम्मू क्षेत्र में हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इलाके से किसी को भी मजबूर होकर प्रवास करने जैसी स्थिति नहीं बनने देगी। मंत्री ने राज्य सभा को बताया कि हिंसा प्रभावित जम्मू क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में आ गई है और तीन लोगों की मौत हुई है। चिदंबरम ने कहा,"हम सभी भारतीय हैं। तीन भारतीयों ने जीवन गंवाया है और यह गंभीर दुख का विषय है।"टिप्पणियां चिदंबरम ने कहा, "हम 1990 को नहीं दोहराने देंगे। हम मजबूरी में प्रवास की स्थिति नहीं पैदा होने देंगे। इलाके के हर व्यक्ति का जीवन सुरक्षित है।" उल्लेखनीय है कि राज्य में आतंकवाद के फैलने के साथ ही 1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हुआ। किचलू राज्य विधानसभा में किश्तवाड़ सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने इसके पहले संवाददाताओं से कहा कि वह उमर को अपना इस्तीफा सौंपने जा रहे हैं। गृह मंत्रालय का प्रभार उमर के पास ही है। किश्तवाड़ के सांप्रदायिक माहौल को ठीक से न संभाल पाने के लिए किचलू तीव्र आलोचनाओं का सामना कर रहे थे। किश्तवाड़ की हिंसा बाद में जम्मू क्षेत्र के अन्य हिस्सों में फैल गई। किचलू ने हालांकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा उनका इस्तीफा मांगे जाने के अधिकार पर सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा, "क्या नरेंद्र मोदी ने गुजरात दंगों के बाद इस्तीफा दिया था।" किश्तवाड़ की स्थिति की गूंज सोमवार को संसद में भी सुनाई दी। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की और समाजवादी पार्टी इसका तुरंत विरोध किया। उधर, अरुण जेटली को किश्तवाड़ का दौरा नहीं करने देने के सवाल पर उमर अब्दुल्ला व भारतीय जनता पार्टी के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है। जेटली ने राज्य सभा में कहा कि किश्तवाड़ में ईद-उल-फितर के रोज शुरू हुई हिंसा देश की संप्रभुता के लिए खतरा है। जेटली के हमले का जवाब देते हुए अब्दुल्ला ने ट्वीट में लिखा है, "क्या जेटली संसद को यह भी बताने की मेहरबानी करेंगे कि 2002 में गुजरात के गृह मंत्री या गृह राज्य मंत्री ने इस्तीफा दिया था।" उन्होंने आगे कहा है किश्तवाड़ में तीन मौतें हुई हैं- एक हिंदू और दो मुस्लिम की। और हम अपने मंत्री के इस्तीफे के साथ एक न्यायिक जांच कराने जा रहे हैं। क्या भाजपा 2002 में अपने कदमों को याद करने का साहस जुटा सकती है? उन्होंने कहा है, "निश्चित रूप से नहीं। क्योंकि उनके स्टार प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी सेना को बुलाने का इंतजार करते रहे और अभी तक पछतावा भी नहीं व्यक्त किया है। दिखावे के लिए ही सही।" इधर, संसद में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि जम्मू क्षेत्र में हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इलाके से किसी को भी मजबूर होकर प्रवास करने जैसी स्थिति नहीं बनने देगी। मंत्री ने राज्य सभा को बताया कि हिंसा प्रभावित जम्मू क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में आ गई है और तीन लोगों की मौत हुई है। चिदंबरम ने कहा,"हम सभी भारतीय हैं। तीन भारतीयों ने जीवन गंवाया है और यह गंभीर दुख का विषय है।"टिप्पणियां चिदंबरम ने कहा, "हम 1990 को नहीं दोहराने देंगे। हम मजबूरी में प्रवास की स्थिति नहीं पैदा होने देंगे। इलाके के हर व्यक्ति का जीवन सुरक्षित है।" उल्लेखनीय है कि राज्य में आतंकवाद के फैलने के साथ ही 1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हुआ। किश्तवाड़ के सांप्रदायिक माहौल को ठीक से न संभाल पाने के लिए किचलू तीव्र आलोचनाओं का सामना कर रहे थे। किश्तवाड़ की हिंसा बाद में जम्मू क्षेत्र के अन्य हिस्सों में फैल गई। किचलू ने हालांकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा उनका इस्तीफा मांगे जाने के अधिकार पर सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा, "क्या नरेंद्र मोदी ने गुजरात दंगों के बाद इस्तीफा दिया था।" किश्तवाड़ की स्थिति की गूंज सोमवार को संसद में भी सुनाई दी। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की और समाजवादी पार्टी इसका तुरंत विरोध किया। उधर, अरुण जेटली को किश्तवाड़ का दौरा नहीं करने देने के सवाल पर उमर अब्दुल्ला व भारतीय जनता पार्टी के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है। जेटली ने राज्य सभा में कहा कि किश्तवाड़ में ईद-उल-फितर के रोज शुरू हुई हिंसा देश की संप्रभुता के लिए खतरा है। जेटली के हमले का जवाब देते हुए अब्दुल्ला ने ट्वीट में लिखा है, "क्या जेटली संसद को यह भी बताने की मेहरबानी करेंगे कि 2002 में गुजरात के गृह मंत्री या गृह राज्य मंत्री ने इस्तीफा दिया था।" उन्होंने आगे कहा है किश्तवाड़ में तीन मौतें हुई हैं- एक हिंदू और दो मुस्लिम की। और हम अपने मंत्री के इस्तीफे के साथ एक न्यायिक जांच कराने जा रहे हैं। क्या भाजपा 2002 में अपने कदमों को याद करने का साहस जुटा सकती है? उन्होंने कहा है, "निश्चित रूप से नहीं। क्योंकि उनके स्टार प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी सेना को बुलाने का इंतजार करते रहे और अभी तक पछतावा भी नहीं व्यक्त किया है। दिखावे के लिए ही सही।" इधर, संसद में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि जम्मू क्षेत्र में हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इलाके से किसी को भी मजबूर होकर प्रवास करने जैसी स्थिति नहीं बनने देगी। मंत्री ने राज्य सभा को बताया कि हिंसा प्रभावित जम्मू क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में आ गई है और तीन लोगों की मौत हुई है। चिदंबरम ने कहा,"हम सभी भारतीय हैं। तीन भारतीयों ने जीवन गंवाया है और यह गंभीर दुख का विषय है।"टिप्पणियां चिदंबरम ने कहा, "हम 1990 को नहीं दोहराने देंगे। हम मजबूरी में प्रवास की स्थिति नहीं पैदा होने देंगे। इलाके के हर व्यक्ति का जीवन सुरक्षित है।" उल्लेखनीय है कि राज्य में आतंकवाद के फैलने के साथ ही 1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हुआ। किचलू ने हालांकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा उनका इस्तीफा मांगे जाने के अधिकार पर सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा, "क्या नरेंद्र मोदी ने गुजरात दंगों के बाद इस्तीफा दिया था।" किश्तवाड़ की स्थिति की गूंज सोमवार को संसद में भी सुनाई दी। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की और समाजवादी पार्टी इसका तुरंत विरोध किया। उधर, अरुण जेटली को किश्तवाड़ का दौरा नहीं करने देने के सवाल पर उमर अब्दुल्ला व भारतीय जनता पार्टी के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है। जेटली ने राज्य सभा में कहा कि किश्तवाड़ में ईद-उल-फितर के रोज शुरू हुई हिंसा देश की संप्रभुता के लिए खतरा है। जेटली के हमले का जवाब देते हुए अब्दुल्ला ने ट्वीट में लिखा है, "क्या जेटली संसद को यह भी बताने की मेहरबानी करेंगे कि 2002 में गुजरात के गृह मंत्री या गृह राज्य मंत्री ने इस्तीफा दिया था।" उन्होंने आगे कहा है किश्तवाड़ में तीन मौतें हुई हैं- एक हिंदू और दो मुस्लिम की। और हम अपने मंत्री के इस्तीफे के साथ एक न्यायिक जांच कराने जा रहे हैं। क्या भाजपा 2002 में अपने कदमों को याद करने का साहस जुटा सकती है? उन्होंने कहा है, "निश्चित रूप से नहीं। क्योंकि उनके स्टार प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी सेना को बुलाने का इंतजार करते रहे और अभी तक पछतावा भी नहीं व्यक्त किया है। दिखावे के लिए ही सही।" इधर, संसद में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि जम्मू क्षेत्र में हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इलाके से किसी को भी मजबूर होकर प्रवास करने जैसी स्थिति नहीं बनने देगी। मंत्री ने राज्य सभा को बताया कि हिंसा प्रभावित जम्मू क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में आ गई है और तीन लोगों की मौत हुई है। चिदंबरम ने कहा,"हम सभी भारतीय हैं। तीन भारतीयों ने जीवन गंवाया है और यह गंभीर दुख का विषय है।"टिप्पणियां चिदंबरम ने कहा, "हम 1990 को नहीं दोहराने देंगे। हम मजबूरी में प्रवास की स्थिति नहीं पैदा होने देंगे। इलाके के हर व्यक्ति का जीवन सुरक्षित है।" उल्लेखनीय है कि राज्य में आतंकवाद के फैलने के साथ ही 1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हुआ। किश्तवाड़ की स्थिति की गूंज सोमवार को संसद में भी सुनाई दी। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की और समाजवादी पार्टी इसका तुरंत विरोध किया। उधर, अरुण जेटली को किश्तवाड़ का दौरा नहीं करने देने के सवाल पर उमर अब्दुल्ला व भारतीय जनता पार्टी के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है। जेटली ने राज्य सभा में कहा कि किश्तवाड़ में ईद-उल-फितर के रोज शुरू हुई हिंसा देश की संप्रभुता के लिए खतरा है। जेटली के हमले का जवाब देते हुए अब्दुल्ला ने ट्वीट में लिखा है, "क्या जेटली संसद को यह भी बताने की मेहरबानी करेंगे कि 2002 में गुजरात के गृह मंत्री या गृह राज्य मंत्री ने इस्तीफा दिया था।" उन्होंने आगे कहा है किश्तवाड़ में तीन मौतें हुई हैं- एक हिंदू और दो मुस्लिम की। और हम अपने मंत्री के इस्तीफे के साथ एक न्यायिक जांच कराने जा रहे हैं। क्या भाजपा 2002 में अपने कदमों को याद करने का साहस जुटा सकती है? 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कंवरपाल गुर्जर ; जन्म: 08 मई 1960 ) हरियाणा के जिला(यमुनानगर), कंवरपाल, गाँव बहादुरपुर, पोस्ट ऑफिस खिजराबाद, तहसील छछरौली, जिला यमुनानगर। हरियाणा में भाजपा से (3 नवंबर, 2014 ) को 13वी विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में शपथ ग्रहण की। कंवरपाल हरियाणा के यमुनानगर जिले के रहने वाले है और 13वी विधानसभा में जगाधरी से विधायक है इनके नेतृत्व में हरियाणा सरकार में बहुत बहुमल्य मुद्दों पर बिल पास किये जा रहे हैं, अपने कार्य और कर्तव्य के प्रति कंवरपाल जी की सच्ची सेवा और धार्मिक कार्यो में निजी योगदान इनके धार्मिक सवभाव को दर्शाता है। अपनी सादगी और मिलनसार वर्ताव के कारण जनता में इतना प्रसिद्ध शायद ही कोई और विधायक होगा, जिसने जनता से इतना प्यार प्राप्त किया हो, राजनीती और काजनीति का एक बहुत अच्छा उदहारण अगर कंवरपाल जी को कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। जीवन परिचय- कंवरपाल गुर्जर का जन्म 8 मई, 1960 में यमुनानगर के बहादुरपुर गांव में माँ श्री मति जगवती देवी और पिता श्री मान चन्दन सिंह के घर में हुआ था। यह साधारण से किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। कंवरपाल स्कूल की सभी गतिविधियों में काफी आगे थे। इन्होंने प्राथमिक शिक्षा अपने ही गाँव बहादुरपुर के (Government School) स्कूल से प्राप्त की थी,पढ़ाई के इसी शौक के चलते कंवर जी ने मेट्रिक की परीक्षाओ में अपने ग्राम में सबसे अधिक अंक पराप्त किये। कंवर पाल दसवीं पास करने के बाद यमुनानगर के M.L.N कॉलेज से अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ इसी कॉलेज से B.A में प्रवेश किया। अपनी माटी से अपना जोड़ाव बनाए रखने के लिए कही नौकरी न करना सही समझा और कृषि व् समाज सेवा को अपना कार्य व् पूजा माना| कुछ समय बाद अपने माता पिता के आशीर्वाद से कंवरपाल जी श्री मति सुनीता जी के साथ विवाह बंधन में बंध गए और भगवान के आशीर्वाद से आज एक बेटा और दो पुत्रिया हैं। राजनीतिक जीवन- कंवरपाल जी ने साध्वी ऋतम्भरा से प्रभावित होकर 1989 में राम जन्मभूमि आंदोलन में भाग लिया। 1990 में कंवरपाल जी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए | भारतीय जनता पार्टी के जिला महासचिव बने दो बार | तीन बार भारतीय जनता पार्टी के राज्य महासचिव बने। 1991 में छछरौली से विधायक के लिए पहली बार चुनाव लड़ा | उपलब्धि - 3 नवम्बर 2014 को हरियाणा प्रदेश की 13वी विधानसभा के अध्यक्ष बनाए गए। दो बार हरियाणा विधानसभा में विधायक के चुनाव जीते (2000 , 2014). शोंक - पहाड़ों पर भ्रमण किताबें और अखबार पड़ना पसंदीदा विषय - इतिहास भगवद गीता विदेश यात्रा- बांग्लादेश दुबई(U.A.E) U.K कनाडा USA फ्रांस & जर्मनी | भाषाएँ- हिंदी सम्मेलन / संगोष्ठी / अध्ययन दौरे में भाग- मुंबई, नागपुर और दिल्ली में भाजपा के वार्षिक सम्मेलनों में उपस्तिथि। 26 जनवरी 2017 को गणतंत्र दिवस पर कैथल में ध्वज आरोहण किया। अक्षय तृतीया पर हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष कंवरपाल गुर्जर जी ने 'सरस्वती पुनरुत्थान परियोजना' का उद्घाटन किया। सन्दर्भ जीवित लोग 1960 में जन्मे लोग हरियाणा के राजनीतिज्ञ हरियाणा के लोग हरियाणा विधानसभा
अस्थि घनत्व, या हड्डी खनिज घनत्व (बीएमडी), हड्डी के ऊतकों में हड्डी खनिज की मात्रा है। यह अवधारणा हड्डी की मात्रा के द्रव्यमान (भौतिक विज्ञान के अर्थ में घनत्व से संबंधित) के द्रव्यमान है, यद्यपि नैदानिक ​​रूप से इमेजिंग पर हड्डी की सतह के प्रति वर्गिक सेंटीमीटर ऑप्टिकल घनत्व के अनुसार प्रॉक्सी द्वारा मापा जाता है। अस्थि घनत्व माप का उपयोग ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर जोखिम के अप्रत्यक्ष सूचक के रूप में क्लिनिकल चिकित्सा में किया जाता है। यह घनत्वमिति नामक एक प्रक्रिया से मापा जाता है, जिसे अक्सर अस्पताल या क्लीनिक के रेडियोलॉजी या परमाणु चिकित्सा विभागों में किया जाता है। माप पीड़ारहित और गैर-आक्रामक है और कम विकिरण जोखिम शामिल है। माप आमतौर पर काठ का रीढ़ और कूल्हे के ऊपरी भाग के ऊपर किया जाता है।. बांह की कलाई को स्कैन किया जा सकता है अगर कूल्हे और काठ का रीढ़ सुलभ नहीं हो। अस्थि घनत्व और अस्थिभंग की उच्च संभावना के बीच एक संख्यात्मक लिंक है। पैर और पैल्विक फ्रैक्चर के पतन के कारण, फ्रैक्चर एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है, विशेष रूप से बुजुर्ग महिलाओं में, जो बहुत से चिकित्सा लागतों की ओर जाता है, स्वतंत्र रूप से रहने की अक्षमता और मृत्यु के जोखिम। अस्थि घनत्व माप को ऑस्टियोपोरोसिस के प्रदर्शन के लिए स्क्रीन की जांच करने और उन लोगों की पहचान करने के लिए उपयोग किया जाता है जो सुधार की हड्डियों के उपचार से लाभ उठा सकते हैं। परीक्षण कमजोर हड्डियों के लिए जोखिम वाले लोगों के लिए अस्थि घनत्व परीक्षण आवश्यक नहीं हैं। अनावश्यक परीक्षण एक वास्तविक समस्या की खोज के बजाय अनावश्यक उपचार में होने की संभावना है। संकेत परीक्षण के लिए हड्डी के घनत्व के परीक्षण की आवश्यकता के लिए निम्न अस्थि घनत्व और प्राथमिक विचारों के लिए निम्नलिखित जोखिम कारक हैं। महिलाओं की उम्र 65 वर्ष या उससे अधिक नर 70 साल की उम्र या उससे अधिक 50 वर्ष से अधिक आयु वाले लोग निम्न में से किसी के साथ: मामूली आघात से पिछले हड्डी फ्रैक्चर संधिशोथ कम शरीर का वजन एक हिप फ्रैक्चर के साथ एक माता पिता कशेरुका संबंधी असामान्यताएं वाले व्यक्ति लंबे समय तक ग्लूकोकार्टिओक्स (स्टेरॉयड) थेरेपी प्राप्त करने वाले व्यक्तियों । प्राथमिक अतिपरजीविता वाले व्यक्ति   एक अनुमोदित ऑस्टियोपोरोसिस ड्रग थेरेपी की प्रतिक्रिया या प्रभावकारिता का आकलन करने के लिए निगरानी की जा रही लोगों। विकारों के इतिहास के साथ व्यक्ति अन्य मस्तिष्क जो कम अस्थि घनत्व के जोखिम से संबंधित होती है और एक परीक्षण की आवश्यकता है, इसमें धूम्रपान करने की आदतों, पीने की आदतों, कॉर्टिकोस्टोराइड दवाओं का दीर्घकालिक उपयोग और विटामिन डी की कमी शामिल है। अतिपरिक्षण और उपचार जो उन लोगों के लिए करना है अस्थि घनत्व परीक्षण, दो की स्थिति में हो सकता है, जो पता लगाया कर रहे हैं ऑस्टियोपोरोसिस और ऑस्टियोपीनिया है । सामान्य प्रतिक्रिया करने के लिए या तो ये संकेत है एक चिकित्सक के साथ परामर्श. निबंधन  परिणाम अक्सर 3 शब्दों में सूचित किए जाते हैं: g cm−2 में मापा घनत्व मापा | Z- स्कोर, मरीज की उम्र, लिंग और जातीयता के लिए ऊपर या नीचे मानक विचलन की संख्या | टी-स्कोर, रोगी के रूप में एक ही लिंग और जातीयता के स्वस्थ 30 वर्षीय वयस्क के लिए ऊपर या नीचे मानक विचलन की संख्या | परीक्षणों के प्रकार जबकि बीएमडी परीक्षण के कई अलग-अलग प्रकार हैं, सभी गैर-इनवेसिव हैं | बीएमडी परिणाम निर्धारित करने के लिए कौन से हड्डियों को मापा जाता है इसके अनुसार अधिकांश परीक्षण भिन्न होते हैं I  इन परीक्षणों में शामिल हैं: दोहरे ऊर्जा एक्स-रे अवशोषण (DXA या DEXA)  दोहरे एक्स-रे अवशोषण और लेजर(DXL) मात्रात्मक गणना टोमोग्राफी(QCT)  मात्रात्मक अल्ट्रासाउंड (QUS)  सिंगल फोटॉन अवशोषकियोमेट्री (SPA) दोहरी फोटॉन अवशोषकोमेट्री (DPA)  * डिजिटल एक्सरे रेडियोग्रामेट्री(DXR) एकल ऊर्जा एक्स-रे अवशोषणशीलता(SEXA) DXA  वर्तमान में सर्वाधिक व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन मात्रात्मक अल्ट्रासाउंड (क्यूयूएस) को हड्डी की घनत्व को मापने के लिए अधिक लागत प्रभावी तरीके के रूप में वर्णित किया गया है | डीएक्सए परीक्षण एक विशेष हड्डी या हड्डियों को मापने का काम करता है, आमतौर पर रीढ़, हिप और कलाई। इन हड्डियों का घनत्व तब आयु, लिंग, और आकार के आधार पर औसत सूचकांक के साथ तुलना की जाती है। परिणामी तुलना का उपयोग किसी व्यक्ति में फ्रैक्चर और ऑस्टियोपोरोसिस (यदि कोई हो) के स्तर के लिए जोखिम निर्धारित करने के लिए किया जाता है  औसत हड्डी खनिज घनत्व = BMC / W [g/cm2]  BMC = अस्थि खनिज सामग्री = g/cm W = स्कैन लाइन में चौड़ाई व्याख्या परिणाम आम तौर पर दो उपायों द्वारा रन बनाए जाते हैं, टी-स्कोर और जेड-स्कोर। स्कोर राशि से संकेत मिलता है कि एक की हड्डी खनिज घनत्व मतलब से भिन्न होता है। नकारात्मक स्कोर कम हड्डी की घनत्व से संकेत मिलता है, और सकारात्मक स्कोर उच्च दर्शाते हैं। T-स्कोर ऑस्टियोपोरोसिस के लिए स्क्रीनिंग करते समय टी-स्कोर प्रासंगिक उपाय है। युवा सामान्य संदर्भ की तुलना में साइट पर यह हड्डी खनिज घनत्व (बीएमडी) है। यह रोगी के बीएमडी की तुलना 30 वर्षीय एक स्वस्थ व्यक्ति की तुलना में है। अमेरिकी मानक एक ही लिंग और जातीयता के 30 वर्षीय के लिए डेटा का उपयोग करना है, लेकिन डब्लूएचओ प्रत्येक व्यक्ति के लिए 30 वर्षीय सफेद महिला के डेटा का उपयोग करने की सिफारिश करता है । रजोनिवृत्ति महिलाओं और 50 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों के लिए 30 साल के बच्चों के लिए मूल्य का उपयोग किया जाता है क्योंकि वे बेहतर भावी फ्रैक्चर का जोखिम का अनुमान लगाते हैं | विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानदंड हैं : सामान्य -1.0 या उच्चतर का टी-स्कोर है  ऑस्टियोपीनिया परिभाषित किया गया है के बीच के रूप में -1.0 और -2.5 ऑस्टियोपोरोसिस को -2.5 या उससे कम के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसका अर्थ है कि हड्डी की घनत्व 30 वर्षीय पुरुष / महिला के माध्य से दो और आधा मानक विचलन है Z-स्कोर Z- स्कोर उम्र-मिलान सामान्य से तुलना होता है और आमतौर पर गंभीर ऑस्टियोपोरोसिस के मामलों में इसका इस्तेमाल होता है। यह मानक विचलन की संख्या है, एक रोगी की बीएमडी उनकी उम्र, लिंग और जातीयता के औसत बीएमडी से अलग है। यह मान प्रीमेनियोपॉज़ल महिलाओं, 50 वर्ष से कम आयु के पुरुषों और बच्चों में उपयोग किया जाता है | यहयह सबसे उपयोगी है जब स्कोर सामान्य से नीचे 2 मानक विचलन से कम है। इस सेटिंग में, सहयोजित बीमारियों या उपचार के लिए जांच करना सहायक होता है जो ओस्टियोपोरोसिस जैसे ग्लुकोकॉर्टिकोइड थेरेपी, हाइपरपेरायरायडिज्म या अल्कोहल के लिए योगदान कर सकते हैं। सीमाओं बीएमडी के उपयोग में कई सीमाएं हैं । रोगी के आकार से मापन प्रभावित हो सकता है, हड्डी पर निर्भर ऊतक की मोटाई, और हड्डियों के लिए अन्य कारक।  अस्थि घनत्व हड्डी की ताकत के लिए एक प्रॉक्सी माप है, जो फ्रैक्चर का प्रतिरोध है और वास्तव में महत्वपूर्ण विशेषता है। हालांकि आमतौर पर दोनों संबंधित हैं, कुछ परिस्थितियों में हड्डी की घनत्व हड्डी की ताकत का एक गरीब सूचक है| कुछ आबादी (उदा।, बच्चों) के लिए संदर्भ मानकों का उपयोग कई तरीकों के लिए अनुपलब्ध है | कुचल कशेरुका झूठा उच्च अस्थि घनत्व में परिणाम कर सकते हैं, इसलिए उन्हें विश्लेषण से बाहर रखा जाना चाहिए। . सन्दर्भ घनत्व कंकाल तंत्र
गैम्बलर 1995 में जारी हुई हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसमें गोविन्दा और शिल्पा शेट्टी प्रमुख चरित्रों का निर्वाहन करते हैं। संक्षेप दयाशंकर पांडे (गोविन्दा) एक आलसी पुलिस इंस्पेक्टर है, जो अपनी जान को खतरे में डालने से बहुत डरता है। उसे कहानियाँ सुनाना और बैठ कर काम करना पसंद है। पर किस्मत ने उसके जीवन में कुछ और लिखा होता है। एक बार उनका चिकित्सा जांच होता है, जिसमें उसका दोस्त शराब के नशे में होने के कारण अपना खून, दयाशंकर के खून से बदल देता है। दयाशंकर को रिपोर्ट में पता चलता है कि वो बस कुछ दिनों का मेहमान है, अब उसके पास ज्यादा समय नहीं है। इस खबर से वो अपने परिवार वालों की फिक्र करने लगता है और उनके लिए अपना जीवन बीमा करा लेता है, और गुंडों से लड़ने लगता है। वो कई तस्करों और तस्करी के सामान को पकड़ लेता है, जिससे वो कई सारे अपराधियों का दुश्मन बन जाता है। बाद में उसे पता चलता है कि वो नहीं, बल्कि उसके दोस्त को जानलेवा बीमारी है। इसके बाद उसके पास अपराधियों से लड़ने के अलावा कोई चारा नहीं बचता है। मुख्य कलाकार गोविन्दा — इंस्पेक्टर दयाशंकर पाण्डे शिल्पा शेट्टी — रितु आदित्य पंचोली — इंस्पेक्टर शिव गुलशन ग्रोवर — बिल्ला मियाऊँ मोहन जोशी — करी अन्ना जॉनी लीवर — हवलदार बाबूलाल टिन्नू आनन्द — टिन्नू रोहिणी हट्टंगड़ी - श्रीमती पांडे राजबब्बर — जयचंद सईद जाफ़री - एस कुलकर्णी सुधीर दलवी — श्री पांडे घनश्याम — हवलदार मनमौजी — हवलदार गुर बच्चन सिंह — इंस्पेक्टर सक्सेना संगीत बाहरी कड़ियाँ 1995 में बनी हिन्दी फ़िल्म अनु मलिक द्वारा संगीतबद्ध फिल्में 1995 की फ़िल्में
लेख: आरजेडी नेता लालू प्रसाद की बेटी और सपा नेता मुलायम सिंह यादव के पोते के विवाह समारोह में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत अनेक नेता शामिल हुए। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी समारोह में पहुंचे। लालू की बेटी राजलक्ष्मी और मुलायम के पोते तेजप्रताप को आशीर्वाद देने वालों में वित्तमंत्री अरुण जेटली, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी भी थे। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी समारोह में पहुंचे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी समारोह में पहुंचे और सूत्रों के अनुसार मोदी ने उनसे कुछ देर बात भी की। गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने भाजपा में मोदी का कद बढ़ने के बाद ही पार्टी से गठजोड़ तोड़ा था। इससे पहले 21 फरवरी को मुलायम के पैतृक गांव सैफई में तेजप्रताप के तिलक समारोह में भी मोदी समेत अनेक हस्तियां शामिल हुई थीं।
आपने नौकरी चुनते वक्त कभी सोचा भी नहीं होगा कि आपके इस चुनाव से आपका बच्चा भी प्रभावित हो सकता है. एक नए अध्ययन के अनुसार, जो पुरुष कलाकार, फोटोग्राफर और गणितज्ञ होते हैं, उनके बच्चों में जन्म से समस्याएं होने की संभावनाएं बहुत ज्यादा होती हैं. ‘डेली मेल’ की खबर के अनुसार, नॉर्थ कैरोलिना विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने ‘अमेरिकी नेशनल बर्थ डिफेक्ट्स प्रीवेन्सन स्टडी’ के आंकड़े का अध्ययन करने के बाद पाया कि कलाकार, फोटोग्राफर, हेयरड्रेसर, गणितज्ञ और ऑफिस सपोर्ट कर्मचारी अभिभावकों के बच्चों में जन्म से समस्याएं होने की आशंका ज्यादा होती है. अनुसंधानकर्ताओं ने करीब 1,000 पुरुषों का अध्ययन किया, जो वर्ष 1997 से 2004 के बीच एक से ज्यादा समस्याओं वाले बच्चों के पिता बने थे. उन्होंने इस आंकड़े की तुलना ऐसे 4,000 पुरुषों के आंकड़ों से किया जो सामान्य बच्चों के पिता बने थे.
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: श्री सत्य साईं केंद्रीय न्यास ने न्यासियों के बीच मतभेद के कारण अध्यक्ष का चुनाव अगले सप्ताह के लिए टाल दिया है। आध्यात्मिक गुरु सत्य साईं बाबा द्वारा स्थापित इस न्यास का नया अध्यक्ष चुनने के लिए रविवार को अनंतपुर जिले के पुट्टापर्थी कस्बे में न्यास की बैठक हुई। न्यास के करीबी लोगों के अनुसार, न्यासियों और प्रबंधन परिषद के सदस्यों के बीच मतैक्य नहीं था, लिहाजा उन्होंने तय किया कि साईं बाबा के समाधिस्थ होने के 10वें दिन का कर्मकांड पूरा हो जाने के बाद चार मई को अध्यक्ष के चयन के लिए दोबारा बैठक होगी। साईं बाबा के भतीजे आरजे रत्नाकर सहित न्यास के सभी पांचों सदस्यों और प्रबंधन परिषद के तीन सदस्यों ने बैठक में हिस्सा लिया। बैठक दो घंटों तक चली। अन्य न्यासियों में सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व प्रधान न्यायाधीश पीएन भगवती, एसवी गिरि, इंदूलाल शाह और वी. श्रीनिवासन शामिल हैं। सूत्रों ने कहा कि सम्भवत: बैठक में चेक पर हस्ताक्षर करने के अधिकार पर और अन्य प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई। न्यासियों व प्रबंधन परिषद के सदस्यों ने 28 अप्रैल को एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में किसी तरह के मतभेद से इनकार किया था। उन्होंने दो दिनों के भीतर नया अध्यक्ष चुनने का भी निर्णय लिया था। न्यास में बाबा के परिवार के एकमात्र सदस्य रत्नाकर ने कहा था कि वह चेक पर हस्ताक्षर का अधिकार दो लोगों को देने का सुझाव देंगे। श्रीनिवासन ने साईं बाबा के सेवक सत्यजीत को न्यास का सदस्य बनाए जाने की बात खारिज कर दी थी और स्पष्ट किया था कि किसी एक न्यासी को अध्यक्ष चुना जाएगा। ज्ञात हो कि सत्य साईं बाबा का 24 अप्रैल को 85 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया था।
क्रीटेशस-पैलियोजीन विलुप्ति घटना (Cretaceous–Paleogene extinction event), जिसे क्रीटेशस-टरश्यरी विलुप्ति (Cretaceous–Tertiary extinction) भी कहते हैं, आज से लगभग ६.६ करोड़ साल पूर्व गुज़रा वह घटनाक्रम है जिसमें बहुत तेज़ी से पृथ्वी की तीन-चौथाई वनस्पति व जानवर जातियाँ हमेशा के लिये विलुप्त हो गई। सूक्ष्म रूप से इसे "के-टी विलुप्ति" (K–T extinction) या "के-पीजी विलुप्ति" (K–Pg extinction) भी कहा जाता है। इस घटना के साथ पृथ्वी के प्राकृतिक​ इतिहास के मध्यजीवी महाकल्प (Mesozoic Era, मीसोज़ोइक महाकल्प) का चाकमय कल्प (Cretaceous Period, क्रीटेशस काल) नामक अंतिम चरण ख़त्म हुआ और नूतनजीव महाकल्प (Cenozoic Era, सीनोज़ोइक महाकल्प) आरम्भ हुआ, जो कि आज तक जारी है। प्रस्तावित कारण दुनिया-भर में समुद्र और धरती पर मिलने वाले पत्थरों में एक पतली लेकिन स्पष्ट परत दिखती है जिसे के-पीजी या के-टी सीमा कहा जाता है। इस परत में इरिडियम नामक धातु की अधिक मात्रा (संकेंद्रण, कॉन्सनट्रेशन​) है, हालांकि यह धातु पृथ्वी की ऊपरी सतहों में तो कम संकेंद्रण में और क्षुद्रग्रहों (ऐस्टरायडों) में अधिक संकेंद्रण में मिलती है। इस से कुछ वैज्ञानिकों ने यह विचार रखा कि सम्भव है कि लगभग ६.६ करोड़ साल पूर्व एक बड़ा क्षुद्रग्रह या धूमकेतु पृथ्वी से आ टकराया हो और इस प्रहार से पैदा हुई परिस्थितियों ने ही क्रीटेशस-पैलियोजीन विलुप्ति को अंजाम दिया हो। उनकी सोच थी कि इस वस्तु के पृथ्वी पर प्रहार के असर तो बुरे थे ही लेकिन उसके तुरंत उपरांत वायु में इतनी धूल व मलबा उछल गया जो वर्षों तक सूरज की किरणों को ज़मीन तक पहुँचने से रोकता रहा। पूरे ग्रह पर अत्याधिक ठंड हो गई और प्रकाश के आभाव से पहले वनस्पति और फिर उन पर निर्भर प्राणी मरने लगे। जब यह प्रहार प्रस्ताव सबसे पहले रखा गया तो इसकी खिल्ली उड़ाई गई लेकिन धीरे-धीरे इसको बल देने वाले सबूत मिलने लगे। १९९० के दशक में मेक्सिको की खाड़ी में चिकशुलूब क्रेटर मिला, जो लगभग १८० किमी चौड़ा था और स्थानीय राख-पत्थर की जाँच से जिसकी आयु भी लगभग ६.६ करोड़ वर्ष पाई गई। वर्तमान काल में आम वैज्ञानिक-मत यही है कि क्रीटेशस-पैलियोजीन विलुप्ति का कारण एक क्षुद्रग्रह प्रहार ही था और पत्थरों मे दिखने वाली के-टी सीमा उसी धटना की निशानी है। इन्हें भी देखें पृथ्वी-समीप वस्तु क्षुद्रग्रह प्रहार क्रेटर सन्दर्भ विलुप्ति घटनाएँ के-टी सीमा डायनासोर जलवायु इतिहास सम्भावित प्रहार घटनाएँ पेलियोजीन कल्प चाकमय कल्प
Thank you @forbes India for the recognition.Being a part of this list,with such dynamic people is truly an honour .More power to all of you#forbes30under30 #achiever #dreamer #love #forbesindia A post shared by Bhumi Pednekar (@psbhumi) on Feb 4, 2018 at 10:41pm PST Thank You for this honour @ForbesIndia#FobesIndia30U30https://t.co/23OruIHX0A What an honour it is to be part of the Forbes India 30 under 30 list this year with all these amazing folks! Thank you for deeming me fit to be part of this Neeraj Gangal! #ForbesIndia30U30 #30under30 #2018 A post shared by Mithila Palkar (@mipalkarofficial) on Feb 1, 2018 at 11:54pm PST #ForbesIndia30U30 @forbes A post shared by Mithila Palkar (@mipalkarofficial) on Feb 4, 2018 at 7:52pm PST
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री रमन सिंह के विधानसभा क्षेत्र राजनंदगांव में एक परिवार को अपनी बच्ची का शव ठेले पर ले जाना पड़ा. आरोप है कि जिला अस्पताल ने शव ले जाने के लिए शव वाहन पहले तो देने से इंकार कर दिया, बाद में लेट-लतीफी करने लगे, जिससे नाराज़ परिजनों ने किराये पर ठेला लिया और उसमें ही शव ले गए. छुरिया के बखरूटोला में 17 साल की खिलेश्वरी ने शनिवार को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. शनिवार रात उसका शव मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में ही रखा गया. रविवार को पोस्टमार्टम होना था. परिजनों का आरोप है कि पहले पोस्टमार्टम के लिए उनसे रिश्वत मांगी गई, इंकार करने पर काफी देर बाद पोस्टमॉर्टम हुआ. शव को घर ले जाने के लिए उनके अनुरोध के बावजूद गाड़ी का इंतज़ाम नहीं हुआ. ऐसे में दोपहर 3.15 बजे मृतक के रिश्तेदारों ने एक ठेला लिया और उसमें शव रखकर ले जाने लगे.   मामले में राजनांदगांव के कलेक्टर भीम सिंह ने कहा कि रिश्वत की कोई बात नहीं है. अस्पताल में दो शव वाहन हैं, दोपहर 2.45 पर पोस्टमॉर्टम खत्म हुआ. अस्पताल ने उनसे आधे घंटे इंतज़ार करने को कहा क्योंकि दोनों वाहन शव पहुंचाने गए हुए थे, लेकिन वे नहीं माने. थोड़ी देर बाद ठेले के पीछे एंबुलेंस पहुंच भी गई, लेकिन मृतक के रिश्तेदारों ने शव को गाड़ी में रखने से इनकार कर दिया. इस मामले को लेकर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने अस्पताल में हंगामा भी किया. कलेक्टर के आश्वासन के बाद ही उन्होंने आंदोलन खत्म किया.टिप्पणियां इससे पहले उत्तर प्रदेश के कौशांबी ज़िले में भी एक मामा अपनी छह महीने की मासूम भांजी का शव साइकिल पर ले जाने को मजबूर हुआ था. मृतक बच्ची के मामा का कहना है कि अस्पताल से लाख मिन्नत करने के बावजूद शव वाहन मुहैया नहीं कराया गया, जिसके बाद अपनी भांजी का शव घर तक ले जाने के लिए उसे साइकिल का सहारा लेना पड़ा. मामला कौशांबी जिले के सिराथू तहसील के मलाकसद्दी गांव का था. यहां रहने वाले एक शख्स की 6 महीने की बेटी को सुबह अचानक उल्टी-दस्त होने लगा था. उसे जिला अस्पताल लाया गया. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. अनंत कुमार ने बताया कि जब वह एम्बुलेंस के ड्राइवर के पास गया तो उसने 800 रुपए मांगे. पैसे न होने की बात कहने पर उसने शव ले जाने से मना कर दिया. डॉक्टरों से बात की तो उन लोगों ने शव वाहन का नंबर दिया. उस नम्बर पर फोन करने पर ड्राइवर ने कहा कि गाड़ी में तेल नहीं है. इसी बीच बच्ची का मामा आ गया और अपने बहनोई को रोते बिलखते देखा तो उसने शव को कंधे पर उठाया और साइकिल से 10 किलोमीटर दूर गांव को चल दिया. पिछले साल ओडिशा के कालाहांडी के सरकारी अस्पताल से शव वाहन नहीं मिलने पर दाना माझी को पत्नी की लाश कंधे पर लेकर 10 किलोमीटर जाना पड़ा था. इस दौरान उसकी 12 साल की बेटी भी रोती-बिलखती साथ चल रही थी.इटावा में भी एक शख्स को अपने 15 साल के बेटे का शव सरकारी अस्पताल से कंधे पर लादकर घर ले जाना पड़ा था. छुरिया के बखरूटोला में 17 साल की खिलेश्वरी ने शनिवार को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. शनिवार रात उसका शव मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में ही रखा गया. रविवार को पोस्टमार्टम होना था. परिजनों का आरोप है कि पहले पोस्टमार्टम के लिए उनसे रिश्वत मांगी गई, इंकार करने पर काफी देर बाद पोस्टमॉर्टम हुआ. शव को घर ले जाने के लिए उनके अनुरोध के बावजूद गाड़ी का इंतज़ाम नहीं हुआ. ऐसे में दोपहर 3.15 बजे मृतक के रिश्तेदारों ने एक ठेला लिया और उसमें शव रखकर ले जाने लगे.   मामले में राजनांदगांव के कलेक्टर भीम सिंह ने कहा कि रिश्वत की कोई बात नहीं है. अस्पताल में दो शव वाहन हैं, दोपहर 2.45 पर पोस्टमॉर्टम खत्म हुआ. अस्पताल ने उनसे आधे घंटे इंतज़ार करने को कहा क्योंकि दोनों वाहन शव पहुंचाने गए हुए थे, लेकिन वे नहीं माने. थोड़ी देर बाद ठेले के पीछे एंबुलेंस पहुंच भी गई, लेकिन मृतक के रिश्तेदारों ने शव को गाड़ी में रखने से इनकार कर दिया. इस मामले को लेकर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने अस्पताल में हंगामा भी किया. कलेक्टर के आश्वासन के बाद ही उन्होंने आंदोलन खत्म किया.टिप्पणियां इससे पहले उत्तर प्रदेश के कौशांबी ज़िले में भी एक मामा अपनी छह महीने की मासूम भांजी का शव साइकिल पर ले जाने को मजबूर हुआ था. मृतक बच्ची के मामा का कहना है कि अस्पताल से लाख मिन्नत करने के बावजूद शव वाहन मुहैया नहीं कराया गया, जिसके बाद अपनी भांजी का शव घर तक ले जाने के लिए उसे साइकिल का सहारा लेना पड़ा. मामला कौशांबी जिले के सिराथू तहसील के मलाकसद्दी गांव का था. यहां रहने वाले एक शख्स की 6 महीने की बेटी को सुबह अचानक उल्टी-दस्त होने लगा था. उसे जिला अस्पताल लाया गया. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. अनंत कुमार ने बताया कि जब वह एम्बुलेंस के ड्राइवर के पास गया तो उसने 800 रुपए मांगे. पैसे न होने की बात कहने पर उसने शव ले जाने से मना कर दिया. डॉक्टरों से बात की तो उन लोगों ने शव वाहन का नंबर दिया. उस नम्बर पर फोन करने पर ड्राइवर ने कहा कि गाड़ी में तेल नहीं है. इसी बीच बच्ची का मामा आ गया और अपने बहनोई को रोते बिलखते देखा तो उसने शव को कंधे पर उठाया और साइकिल से 10 किलोमीटर दूर गांव को चल दिया. पिछले साल ओडिशा के कालाहांडी के सरकारी अस्पताल से शव वाहन नहीं मिलने पर दाना माझी को पत्नी की लाश कंधे पर लेकर 10 किलोमीटर जाना पड़ा था. इस दौरान उसकी 12 साल की बेटी भी रोती-बिलखती साथ चल रही थी.इटावा में भी एक शख्स को अपने 15 साल के बेटे का शव सरकारी अस्पताल से कंधे पर लादकर घर ले जाना पड़ा था. इससे पहले उत्तर प्रदेश के कौशांबी ज़िले में भी एक मामा अपनी छह महीने की मासूम भांजी का शव साइकिल पर ले जाने को मजबूर हुआ था. मृतक बच्ची के मामा का कहना है कि अस्पताल से लाख मिन्नत करने के बावजूद शव वाहन मुहैया नहीं कराया गया, जिसके बाद अपनी भांजी का शव घर तक ले जाने के लिए उसे साइकिल का सहारा लेना पड़ा. मामला कौशांबी जिले के सिराथू तहसील के मलाकसद्दी गांव का था. यहां रहने वाले एक शख्स की 6 महीने की बेटी को सुबह अचानक उल्टी-दस्त होने लगा था. उसे जिला अस्पताल लाया गया. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. अनंत कुमार ने बताया कि जब वह एम्बुलेंस के ड्राइवर के पास गया तो उसने 800 रुपए मांगे. पैसे न होने की बात कहने पर उसने शव ले जाने से मना कर दिया. डॉक्टरों से बात की तो उन लोगों ने शव वाहन का नंबर दिया. उस नम्बर पर फोन करने पर ड्राइवर ने कहा कि गाड़ी में तेल नहीं है. इसी बीच बच्ची का मामा आ गया और अपने बहनोई को रोते बिलखते देखा तो उसने शव को कंधे पर उठाया और साइकिल से 10 किलोमीटर दूर गांव को चल दिया. पिछले साल ओडिशा के कालाहांडी के सरकारी अस्पताल से शव वाहन नहीं मिलने पर दाना माझी को पत्नी की लाश कंधे पर लेकर 10 किलोमीटर जाना पड़ा था. इस दौरान उसकी 12 साल की बेटी भी रोती-बिलखती साथ चल रही थी.इटावा में भी एक शख्स को अपने 15 साल के बेटे का शव सरकारी अस्पताल से कंधे पर लादकर घर ले जाना पड़ा था. पिछले साल ओडिशा के कालाहांडी के सरकारी अस्पताल से शव वाहन नहीं मिलने पर दाना माझी को पत्नी की लाश कंधे पर लेकर 10 किलोमीटर जाना पड़ा था. इस दौरान उसकी 12 साल की बेटी भी रोती-बिलखती साथ चल रही थी.इटावा में भी एक शख्स को अपने 15 साल के बेटे का शव सरकारी अस्पताल से कंधे पर लादकर घर ले जाना पड़ा था.
बॉलीवुड एक्टर सलमान खान ने गांधी जयंती के मौके पर फैंस को एक खास मैसेज दिया है. उन्होंने एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा- गांधी जयंती के मौके पर भाई ने बोला आपको मैसेज देने को... और चुलबुल पांडे तैयार है. जानें सलमान ने बापू की जयंती पर फैंस से क्या अपील की. वीडियो में सलमान ने कहा- ''2 अक्टूबर को है गांधी जयंती. गांधी जयंती को धूमधाम से मनाएं. आखिरकार, महात्मा गांधी राष्ट्रीय पिता हैं. उसके साथ थोड़ा सा, थोड़ा सा क्यों बहुत ज्यादा फिट इंडिया पर ध्यान दें और भारत को स्वच्छ रखें. यानि स्वच्छ भारत, स्वच्छ भारतीय, फिट इंडिया.'' सलमान खान इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. वे हर इवेंट पर पोस्ट करते हैं. View this post on Instagram #GandhiJayanti k is mauke pe, Bhai ne bola aapko message dene ko... aur Chulbul Pandey is ready! #PMOIndia @kiren.rijiju A post shared by Chulbul Pandey (@beingsalmankhan) on Oct 1, 2019 at 11:33am PDT सलमान खान की कौन कौन सी फिल्में होंगी रिलीज? सलमान खान वर्कफ्रंट पर कई फिल्मों पर काम कर रहे हैं. एक्टर की अगली फिल्म दबंग 3 है. ये फिल्म प्रभुदेवा डायरेक्ट कर रहे हैं. इसमें साउथ के सुपरस्टार किच्चा सुदीप नेगेटिव रोल में दिखेंगे. सलमान खान के साथ फीमेल लीड में सोनाक्षी सिन्हा नजर आएंगी. ये फिल्म सिनेमाघरों में इस साल 20 दिसंबर को रिलीज होगी. सलमान खान की किक 2, एक था टाइगर 3 पाइपलाइन में हैं. इसके अलावा सलमान खान बिग बॉस 13 को होस्ट कर रहे हैं. बिग बॉस के लिए सलमान खान के भारी भरकम फीस लेने की अटकलें हैं. सलमान खान पिछले 10 सालों से बिग बॉस को होस्ट कर रहे हैं. बिग बॉस का ये सीजन काफी मजेदार दिख रहा है. शो में सभी सेलेब्रिटी कंटेस्टेंट्स हैं.
दिन-रात देश की रक्षा में मुस्तैद रहने वाले जवानों को अपनी सुरक्षा के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट पाने के लिए 10 साल का लंबा इंतजार करना पड़ा. 10 साल के इंतजार के बाद अब 50000 जैकेट उपलब्ध कराई जा रही हैं, जबकि जरूरत साढ़े तीन लाख बुलेटप्रूफ जैकेटों की है. रक्षा मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, जवानों को ये बुलेट प्रूफ जैकेट इस साल अगस्त से दी जाएंगी और जनवरी 2017 तक ये काम पूरा हो जाएगा. 50 हजार बुलेट प्रूफ जैकेट हासिल करने के लिए भी सेना को 140 करोड़ रुपये में इमरजेंसी कॉन्ट्रैक्ट साइन करना पड़ा था. जिसे पूरा होने में भी 10 साल लग गए. पर्रिकर ने दी थी कॉन्ट्रैक्ट को हरी झंडी बताया जा रहा है कि सेना के पास अभी जो बुलेट प्रूफ जैकेट हैं वो खस्ताहाल हैं और उनकी ऑपरेशनल लाइफ खत्म होने को है. 1.15 करोड़ सैनिकों वाली फौज के पास बुलेट प्रूफ जैकेट की कमी थी. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने नवंबर 2014 में कार्यभार संभालने के कुछ ही दिन बाद इस कॉन्ट्रैक्ट को मंजूरी दी थी. 2012 में मिलनी थी 1.86 लाख जैकेट बताया जा रहा है कि नई जैकेट से सैनिकों का सिर, गर्दन, सीना और पैर भी ढके रहेंगे. इसके पहले 1.86 लाख जैकेट साल 2012 और 1.6 लाख जैकेट साल 2017 तक सप्लाई की जानी थी, लेकिन अब तक इनमें से कोई भी खेप सेना को नहीं मिली.
यह लेख है: बीजेपी ने नवाज शरीफ द्वारा देश के निर्वाचित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण समारोह में शामिल होने का निर्णय लेने पर खुशी व्यक्त की, जबकि कांग्रेस ने नई सरकार से कहा कि वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के समक्ष आतंकवाद, मुंबई हमले के हमलावरों के मामले की सुनवाई की धीमी गति और दाऊद इब्राहिम को सौंपे जाने जैसे मामलों को उठाएं। बीजेपी के प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, यह अच्छी खबर है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने नरेंद्र मोदी का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है...यह एक नए संबंध की शुरुआत है। यह एक अच्छा समाचार है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, चीन, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, म्यांमार भारत के पड़ोसी हैं और पड़ोसियों को बदला नहीं जा सकता है। कांग्रेस ने इस घटनाक्रम पर सावधानी से प्रतिक्रिया दी। निवर्तमान केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने याद दिलाया कि बीजेपी ने हमेशा यह कहा है कि आतंकवाद और वार्ता साथ-साथ नहीं चल सकते। तिवारी ने उम्मीद जताई कि कार्यभार संभालने के बाद बीजेपी सरकार 26/11 हमलों की सुनवाई की धीमी गति का मुद्दा उठाएगी, जिससे उन्हें परेशानी होती रही है। उन्होंने साथ कहा कि हाफिज सईद जैसे लोगों के मुद्दे भी उठाए जाने चाहिए।
इंटरल्यूकिन 21 () एक प्रोटीन है जिसकी एनकोडिंग मानव शरीर में आईएल21 जीन द्वारा की जाती है। वैज्ञानिकों ने एचआईवी 1 संक्रमण के प्रतिरोधक के रूप इंटरल्युकिन 21 प्रोटीन की महत्वपूर्ण भूमिका की खोज की है। विस्तार वैज्ञानिकों ने यह खोज की है कि इंटरल्युकिन 21 प्रोटीन, इम्यूनो डेफिशियेंसी वायरस 1 (एचआईवी -1) के संक्रमण को सीमित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह शोध नेचर कम्युनिकेशन्स जर्नल में 25 जून 2015 को “आईएल-21, एंटी वायरल माइक्रो आरएनए-29 के साथ सीडी4 टी कोशिकाओं में एचआईवी -1 वायरस को कम करने में सहायता करता है” नामक शीर्षक से प्रकाशित हुआ। यह अध्ययन न्यूयॉर्क स्थित कोर्नेल मेडिकल कॉलेज के पोस्ट डॉक्टोरल एसोसिएट स्टेनली एडोरो द्वारा किया गया। इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि सीडी4 टी कोशिकाओं द्वारा आईएल 21 प्रोटीन का निर्माण होता है तथा यह माइक्रो आरएनए-29 को अन्य सीडी 4 टी कोशिकाओं में सक्रिय करता है जिससे एचआईवी -1 वायरस का ह्रास होता है। मॉडल वैज्ञानिक दो मॉडलों के साथ प्रयोग करने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचे। मॉडल 1 मानव कोशिकाओं से लिए गये सैंपल से आईएल -21 बनाया गया। बाद में एचआईवी -1 वायरस को इसके संपर्क में लाया गया। 72 घंटे के निरीक्षण के बाद पाया गया कि आईएल -21 में दो तिहाई वायरस कम थे। मॉडल 2 आईएल -21 का चूहों पर परीक्षण किया गया जिनमें मानव कोशिकाएं प्रतिरोपित की गयी थीं ताकि इनमें मनुष्यों जैसे ही परिणाम प्राप्त किये जा सकें। 14 दिन बाद देखा गया कि आधे से अधिक चूहों में एचआईवी -1 वायरस मौजूद नहीं था जबकि साधारण चूहों में वायरस अब भी बढ़ रहा था। अध्ययन का महत्व यह शोध दर्शाता है कि एचआईवी -1 वायरस के पता लगने पर उसका शुरूआती दौर में ही इलाज करने पर इसके ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है। इससे एक नई एचआईवी थेरेपी का पता लगाने के लिए भी सहायता प्राप्त हुई जिसमें आईएल -21 प्रोटीन की गिनती बढ़ाकर सीडी 4+ टी कोशिकाओं द्वारा एचआईवी-1 वायरस का पता लगाया जा सकता है। सन्दर्भ http://www.nature.com/nrd/journal/v13/n5/full/nrd4296.html प्रोटीन इंटरल्युकिन्स
रेलवे ने सोमवार को महानगर के आठ उपनगरीय स्टेशनों पर मुफ्त वाईफाई सहित विभिन्न स्थलों पर कई अन्य यात्री सुविधाएं शुरू कीं. आठ प्रमुख स्टेशनों पर ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा का उद्घाटन करने वाले रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने दोहराया कि उनका मंत्रालय रेल यात्रियों के लिए यात्रा सुगम एवं सहज बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है. वाईफाई सेवा वाले आठ स्टेशनों में से चर्चगेट, बांद्रा, बांद्रा टर्मिनल, दादर और खार रोड सहित पांच पश्चिम रेलवे लाइन पर हैं जबकि बाकी के स्टेशन कल्याण, लोकमान्य तिलक टर्मिनल और दादर मध्य रेल लाइन पर है. ‘रेलवायर’ योजना के तहत वाईफाई सेवा दी जा रही है जिसका उद्देश्य स्मार्टफोन रखने वाले किसी भी यात्री को सर्वश्रेष्ठ और तेज इंटरनेट अनुभव प्रदान करना है. मुंबई में करीब 17 उपनगरीय स्टेशनों को वाईफाई सुविधा के लिए चुना गया है जिसे ‘रेलटेल’ द्वारा एक जीबीपीएस की रफ्तार से उपलबब्ध कराया जा रहा है. मुंबई सेंट्रल पर वाईफाई सुविधा पहले ही शुरू हो चुकी है और आठ अन्य उपनगरीय स्टेशनों पर वाईफाई लगाने का काम जारी है. टिप्पणियां अन्य यात्री सुविधाओं में, प्रभु ने अंधेरी स्टेशन पर बने दो नये हार्बर लाइन प्लेटफार्म समर्पित किये। ये प्लेटफार्म 270 मीटर लंबे हैं और 12 डिब्बे वाली ट्रेनों के खड़े होने की सुविधा उपलब्ध कराते हैं. उन्होंने गोरेगांव स्टेशन पर दो नये हार्बर प्लेटफॉर्म के साथ एलीवेटिड डेक, यात्री सुविधा और बुकिंग कार्यालयों का उद्घाटन किया. उन्होंने करीब एक करोड़ रुपये की लागत से निर्मित छत्रपति शिवाजी टर्मिनल पर महिलाओं (20 बिस्तर) और पुरुषों (54 बिस्तर) के लिए एसी शयनगृह का भी उद्घाटन किया.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) वाईफाई सेवा वाले आठ स्टेशनों में से चर्चगेट, बांद्रा, बांद्रा टर्मिनल, दादर और खार रोड सहित पांच पश्चिम रेलवे लाइन पर हैं जबकि बाकी के स्टेशन कल्याण, लोकमान्य तिलक टर्मिनल और दादर मध्य रेल लाइन पर है. ‘रेलवायर’ योजना के तहत वाईफाई सेवा दी जा रही है जिसका उद्देश्य स्मार्टफोन रखने वाले किसी भी यात्री को सर्वश्रेष्ठ और तेज इंटरनेट अनुभव प्रदान करना है. मुंबई में करीब 17 उपनगरीय स्टेशनों को वाईफाई सुविधा के लिए चुना गया है जिसे ‘रेलटेल’ द्वारा एक जीबीपीएस की रफ्तार से उपलबब्ध कराया जा रहा है. मुंबई सेंट्रल पर वाईफाई सुविधा पहले ही शुरू हो चुकी है और आठ अन्य उपनगरीय स्टेशनों पर वाईफाई लगाने का काम जारी है. टिप्पणियां अन्य यात्री सुविधाओं में, प्रभु ने अंधेरी स्टेशन पर बने दो नये हार्बर लाइन प्लेटफार्म समर्पित किये। ये प्लेटफार्म 270 मीटर लंबे हैं और 12 डिब्बे वाली ट्रेनों के खड़े होने की सुविधा उपलब्ध कराते हैं. उन्होंने गोरेगांव स्टेशन पर दो नये हार्बर प्लेटफॉर्म के साथ एलीवेटिड डेक, यात्री सुविधा और बुकिंग कार्यालयों का उद्घाटन किया. उन्होंने करीब एक करोड़ रुपये की लागत से निर्मित छत्रपति शिवाजी टर्मिनल पर महिलाओं (20 बिस्तर) और पुरुषों (54 बिस्तर) के लिए एसी शयनगृह का भी उद्घाटन किया.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) मुंबई में करीब 17 उपनगरीय स्टेशनों को वाईफाई सुविधा के लिए चुना गया है जिसे ‘रेलटेल’ द्वारा एक जीबीपीएस की रफ्तार से उपलबब्ध कराया जा रहा है. मुंबई सेंट्रल पर वाईफाई सुविधा पहले ही शुरू हो चुकी है और आठ अन्य उपनगरीय स्टेशनों पर वाईफाई लगाने का काम जारी है. टिप्पणियां अन्य यात्री सुविधाओं में, प्रभु ने अंधेरी स्टेशन पर बने दो नये हार्बर लाइन प्लेटफार्म समर्पित किये। ये प्लेटफार्म 270 मीटर लंबे हैं और 12 डिब्बे वाली ट्रेनों के खड़े होने की सुविधा उपलब्ध कराते हैं. उन्होंने गोरेगांव स्टेशन पर दो नये हार्बर प्लेटफॉर्म के साथ एलीवेटिड डेक, यात्री सुविधा और बुकिंग कार्यालयों का उद्घाटन किया. उन्होंने करीब एक करोड़ रुपये की लागत से निर्मित छत्रपति शिवाजी टर्मिनल पर महिलाओं (20 बिस्तर) और पुरुषों (54 बिस्तर) के लिए एसी शयनगृह का भी उद्घाटन किया.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) अन्य यात्री सुविधाओं में, प्रभु ने अंधेरी स्टेशन पर बने दो नये हार्बर लाइन प्लेटफार्म समर्पित किये। ये प्लेटफार्म 270 मीटर लंबे हैं और 12 डिब्बे वाली ट्रेनों के खड़े होने की सुविधा उपलब्ध कराते हैं. उन्होंने गोरेगांव स्टेशन पर दो नये हार्बर प्लेटफॉर्म के साथ एलीवेटिड डेक, यात्री सुविधा और बुकिंग कार्यालयों का उद्घाटन किया. उन्होंने करीब एक करोड़ रुपये की लागत से निर्मित छत्रपति शिवाजी टर्मिनल पर महिलाओं (20 बिस्तर) और पुरुषों (54 बिस्तर) के लिए एसी शयनगृह का भी उद्घाटन किया.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में शतकों का शतक बनाने पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बधाई दी है. तेंदुलकर को उन्होंने युवाओं के लिए आदर्श बताया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिन तेन्दुलकर ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से देश को गौरवान्वित करते हुए भारतीय युवाओं के सामने एक आदर्श प्रस्तुत किया है. तेन्दुलकर का खेल रचनात्मकता, धैर्य और समर्पण की मिसाल है. उन्होंने आशा व्यक्त की है कि सचिन अपने उत्कृष्टतम खेल से देश के युवाओं और आम नागरिकों को प्रेरणा देते रहेंगे.
उमराव जान, थोड़ी सी बेवफाई, बाजार और रजिया सुल्तान जैसी ढेरों फिल्मों में संगीत देने वाले दिग्गज संगीतकार खय्याम का सोमवार रात निधन हो गया. सीने के संक्रमण और निमोनिया की दिक्कत के बाद उन्हें 28 जुलाई को मुंबई के सुजय अस्पताल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों की रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार रात 9.30 बजे दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया. खय्याम के निधन से फिल्म जगत से लेकर राजनीति गलियारे तक शोक की लहर है. इस घटना को लेकर फिल्म जगत और राजनीति की दुनिया से ढेरों रिएक्शन आने शुरू हो गए. खय्याम के निधन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, "कुछ सबसे यादगार कंपोजीशन्स जिन्हें हमेशा याद किया जाएगा, उनके लिए खय्याम साहब का भारत हमेशा आभारी रहेगा. नए कलाकारों के प्रति मानवीय बर्ताव के लिए भी उन्हें याद किया जाएगा. उनका निधन बहुत दुखद है." एक्टर ऋषि कपूर ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, "रेस्ट इन पीस. खय्याम साहब." India will remain grateful to Khayyam Sahab for giving us some of the most memorable compositions, which will be remembered forever. He will also be remembered for his humanitarian gestures to support upcoming artists. His demise is extremely saddening. — Narendra Modi (@narendramodi) August 19, 2019 सैक्रेड गेम्स के लेखक वरुण ग्रोवर ने अपने ट्वीट में खय्याम साहब की एक नज्म शेयर करते हुए लिखा, "अलविदा खय्याम साहब. आपके संगीत ने बाकी सबसे शानदार संगीत की तरह हमारी मदद की है, उस कायनात को समझाने में जिसे बयां नहीं किया जा सकता. शुक्रिया" Alvida Khayyam saab. https://t.co/x1bqRJaEh0 Your music, like all great music, helped us make sense of this unexplainable universe and our desperate lives. Shukriya. — वरुण (@varungrover) August 19, 2019 लेखक जावेद अख्तर ने भी ट्वीट करके शोक व्यक्त किया और लिखा, "महान संगीतकार खय्याम साहब गुजर गए. उन्होंने कई एवरग्रीन क्रिएशन्स दी है, लेकिन एक जो उन्हें अमर बना देती है वो है, "वो सुबह कभी तो आएगी." Khayyam saheb the great music director has passed away . He has given many all time great song but to make him immortal only one was enough “ voh subah kabhi to aayehi “ — Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) August 19, 2019 खय्याम साहब जब बीमार थे, तब अनूप जलोटा ने उनके स्वास्थ्य की बेहतरी की कामना की थी. लता मंगेशकर ने अपने ट्वीट में लिखा, "महान संगीतकार और बहुत नेकदिल इंसान खय्याम साहब आज हमारे बीच नहीं रहे. ये सुनकर मुझे इतना दुख हुआ है जो मैं बयां नहीं कर सकती. खय्याम साहब के साथ संगीत के एक युग का अंत हुआ है. मैं उनको विनम्र श्रद्धांजलि अर्पण करती हूं." Aisi na jaane kitni baatein yaad aarahi hai, wo gaane wo recordings yaad aarahi hain.Aisa sangeetkar shayad phir kabhi na hoga. Main unko aur unke sangeet ko vandan karti hun. — Lata Mangeshkar (@mangeshkarlata) August 19, 2019
लेख: कांग्रेस नेता शीला दीक्षित ने इस बात का खंडन किया है कि उन्होंने राहुल गांधी की क्षमता पर कभी सवाल खड़ा किया। इससे पहले समाचार एजेंसी पीटीआई ने तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकीं दीक्षित के हवाले से खबर दी थी, जिसमें शीला दीक्षित ने कथित रूप से कहा था, 'राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल हैं, सोनिया गांधी को ही कांग्रेस का नेतृत्व करना चाहिए।' हालांकि उन्होंने एनडीटीवी से बातचीत में बताया कि उन्होंने पीटीआई से सिर्फ इतना कहा था कि 'सोनिया गांधी एक अच्छी अध्यक्ष हैं'। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 'राहुल गांधी एक अच्छे प्रधानमंत्री साबित होंगे।' उन्होंने कहा, 'मैंनें उस इंटरव्यू में राहुल गांधी का नाम ही नहीं लिया।' उन्होंने बताया कि उन्होंने पीटीआई से इसमें जरूरी सुधारने को कहा है। इससे पहले शीला दीक्षित ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा, 'मैं यह तो नहीं बता पाउंगी कि क्या होगा या क्या नहीं होगा। राहुल का कद बढ़ सकता है। हमें एक और बात समझनी चाहिए कि सोनिया गांधी का नियंत्रण और बहुत सफल नेतृत्व रहा है। इसलिए उनके साथ एक सहज भाव है।' पीटीआई के मुताबिक, दीक्षित ने कहा, 'मैं अभी तक किसी ऐसे व्यक्ति से नहीं मिली जिसने सोनिया गांधी के नेतृत्व को लेकर कोई आलोचनात्मक टिप्पणी की हो। मैं यह बात पूरे विश्वास के साथ कह सकती हूं। राहुल के मामले में, जाहिर तौर पर प्रश्नचिह्न लगा है। एक तरह का संदेह है क्योंकि आपने अभी तक उनका प्रदर्शन नहीं देखा है।' दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री दीक्षित का बयान ऐसे समय में आया है जब राहुल को उनकी मां सोनिया की जगह कांग्रेस का अध्यक्ष बनाये जाने पर कांग्रेस बंटी हुई लगती है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं अमरिंदर सिंह और शीला दीक्षित के बेटे संदीप ने राहुल को अध्यक्ष बनाने की पुरजोर मुखालफत की थी।
भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यालय में गुरुवार को बीजेपी के नवनिर्वाचित प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने पदभार ग्रहण किया. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी को पदभार ग्रहण कराया. राजे ने कहा कि लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है और इस समय प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी अति महत्वपूर्ण हो जाती है. हम सभी को मिलकर मिशन 25 को पूरा करना है. प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने कहा कि सरकार के काम शक्तिशाली आवाज के साथ नीचे के स्तर तक पहुंचे और एक आवाज में पहुंचे यही काम मिशन 25 को साकार करने वाला होगा. उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि अब आपको इतिहास रचने का मौका मिला है. परनामी ने कहा कि कांग्रेस आज अस्तित्व बचाने के लिए लड़ रही है. सभी मोर्चे पर, चाहे वे आंतरिक व बाह्य सुरक्षा हो, आर्थिक नीति हो, कांग्रेस की असफलता अंतराष्ट्रीय स्तर पर सिद्घ हो चुकी है. तीसरा मोर्चा जमीन ढूंढ़ने के लिए लड़ रहा है. इस मौके पर पार्टी के प्रदेश प्रभारी कप्तान सिंह सोलंकी, राष्ट्रीय सचिव भूपेंद्र यादव, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी, ओमप्रकाश माथुर, राजे मंत्रिमंडल के सदस्य एवं पार्टीकार्यकर्ता मौजूद थे.
देश के शेयर बाजारों में लगातार तीसरे सप्ताह गिरावट दर्ज की गई। प्रमुख संवेदी सूचकांक निफ्टी सात सप्ताह के निचले स्तर तक पहुंच गया। वहीं सेंसेक्स में पांच कारोबारी दिवस में से तीन दिन गिरावट दर्ज की गई। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स में इस माह अब तक (15 फरवरी) 426.83 अंकों या 2.14 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इस साल अब तक सेंसेक्स में 41.44 अंकों या 0.21 फीसदी की तेजी रही। शुक्रवार को समाप्त सप्ताह में सेंसेक्स 16.62 अंकों या 0.09 फीसदी की गिरावट के साथ 19468.15 पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 16.10 अंकों या 0.27 फीसदी की गिरावट के साथ 5887.40 पर बंद हुआ। 27 दिसंबर 2012 के बाद निफ्टी का यह सबसे निचला स्तर है।टिप्पणियां बीएसई के मिडकैप और स्मालकैप सूचकांकों में भी गिरावट रही। मिडकैप में 1.91 फीसदी और स्मालकैप में 3.73 फीसदी की गिरावट रही। उल्लेखनीय है कि क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज के निवेशक सेवा ने निवेशकों को चेताया कि भारत का चालू खाता घाटा और बाहरी ऋण बढ़ रहा है। इससे निवेशकों में नकारात्मक संदेश गया और शुक्रवार को बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स में इस माह अब तक (15 फरवरी) 426.83 अंकों या 2.14 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इस साल अब तक सेंसेक्स में 41.44 अंकों या 0.21 फीसदी की तेजी रही। शुक्रवार को समाप्त सप्ताह में सेंसेक्स 16.62 अंकों या 0.09 फीसदी की गिरावट के साथ 19468.15 पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 16.10 अंकों या 0.27 फीसदी की गिरावट के साथ 5887.40 पर बंद हुआ। 27 दिसंबर 2012 के बाद निफ्टी का यह सबसे निचला स्तर है।टिप्पणियां बीएसई के मिडकैप और स्मालकैप सूचकांकों में भी गिरावट रही। मिडकैप में 1.91 फीसदी और स्मालकैप में 3.73 फीसदी की गिरावट रही। उल्लेखनीय है कि क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज के निवेशक सेवा ने निवेशकों को चेताया कि भारत का चालू खाता घाटा और बाहरी ऋण बढ़ रहा है। इससे निवेशकों में नकारात्मक संदेश गया और शुक्रवार को बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। शुक्रवार को समाप्त सप्ताह में सेंसेक्स 16.62 अंकों या 0.09 फीसदी की गिरावट के साथ 19468.15 पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 16.10 अंकों या 0.27 फीसदी की गिरावट के साथ 5887.40 पर बंद हुआ। 27 दिसंबर 2012 के बाद निफ्टी का यह सबसे निचला स्तर है।टिप्पणियां बीएसई के मिडकैप और स्मालकैप सूचकांकों में भी गिरावट रही। मिडकैप में 1.91 फीसदी और स्मालकैप में 3.73 फीसदी की गिरावट रही। उल्लेखनीय है कि क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज के निवेशक सेवा ने निवेशकों को चेताया कि भारत का चालू खाता घाटा और बाहरी ऋण बढ़ रहा है। इससे निवेशकों में नकारात्मक संदेश गया और शुक्रवार को बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। बीएसई के मिडकैप और स्मालकैप सूचकांकों में भी गिरावट रही। मिडकैप में 1.91 फीसदी और स्मालकैप में 3.73 फीसदी की गिरावट रही। उल्लेखनीय है कि क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज के निवेशक सेवा ने निवेशकों को चेताया कि भारत का चालू खाता घाटा और बाहरी ऋण बढ़ रहा है। इससे निवेशकों में नकारात्मक संदेश गया और शुक्रवार को बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। उल्लेखनीय है कि क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज के निवेशक सेवा ने निवेशकों को चेताया कि भारत का चालू खाता घाटा और बाहरी ऋण बढ़ रहा है। इससे निवेशकों में नकारात्मक संदेश गया और शुक्रवार को बाजार गिरावट के साथ बंद हुए।
जीत के बाद जब पीएम मोदी बीजेपी दफ्तर पहुंचे तो उनका जोरदार स्वागत हुआ. पार्टी कार्यकर्ताओं ने पीएम मोदी पर फूलों की बारिश की. नरेंद्र मोदी के साथ बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे. बीजेपी दफ्तर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमित शाह ने असम की पारंपरिक टोपी भी पहनाई गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 5 राज्यों के मतदाताओं ने बीजेपी पर भरोसा दिखाया, उनका आभार व्यक्त करता हूं. नतीजे बीजेपी और एनडीए के लिए अत्यंत उत्साहवर्धक हैं. Peaceful elections took place. I want to thank the voters of all the five states: PM Modi #Elections2016 pic.twitter.com/dnGnfdRmnR — ANI (@ANI_news) May 19, 2016 पीएम मोदी ने कहा कि असम में बीजेपी की सरकार बनना कई लोगों के लिए उसी तरह आश्चर्यजनक है जैसे जम्मू-कश्मीर में सरकार में बीजेपी का शामिल होना. BJP forming a government in Assam surprised many just like the time when we joined a government in J&K: PM Modi pic.twitter.com/bzAbPcP8MI — ANI (@ANI_news) May 19, 2016 पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि जनता बीजेपी के विकास कार्यों की सराहना कर रही है. उन्होंने कहा कि देश के बदलाव में इस जनसमर्थन से हमें ताकत मिलेगी.
पारिजात एक नेपाली लेखिका थीं। उनका असली नाम विष्णु कुमारी वाइबा (वाइबा तमांग की एक उपसमूह है) था। सृजन के दौरान वे अपने नाम के साथ उपनाम के रूप में पारिजात (पारिजात एक प्रकार के सुगंधित चमेली के फूल का नाम है) का प्रयोग किया करते थे। धीरे-धीरे उनका यह नाम नेपाली साहित्य में मील का पत्थर बनता चला गया। उनकी रचना सिरीस को फूल (ब्लू छुई मुई) सर्वाधिक चर्चित रचनाओं में से एक है, जो भारत, नेपाल सहित कुछ अंग्रेजी भाषी देशों में कुछ कॉलेजों के साहित्य के पाठ्यक्रम में रूपांतरित किया गया है। प्रारम्भिक जीवन और शिक्षा पारिजात दार्जिलिंग के पहाड़ी स्टेशन, जो अपनी चाय बागानों के लिए विख्यात है, में 1937 में पैदा हुयी थीं। जब वह काफी छोटी थी तब उनकी माँ अमृत मोक्तन का देहावसान हो गया। ऐसी परिस्थिति में पारिजात की परवरिश उनके नाना डॉ॰ के.एन.वाइबा द्वारा की गयी, जो एक मनोवैज्ञानिक थे। जहां पारिजात का जन्म हुआ वह शहर दार्जिलिंग उस समय नेपाली भाषा, संस्कृति और साहित्य का एक प्रमुख केंद्र था। हालांकि आज भी दार्जिलिंग नेपाली लोगों का निवास है और नेपाली भाषा, संस्कृति तथा साहित्य के एक प्रमुख केंद्र के रूप में जाना जाता है। नेपाल के साथ एक करीबी रिश्ता साझा करने के साथ-साथ यह शहर साहित्य के विकास में भी एक प्रभावशाली भूमिका निभाई है। यही कारण है, कि तमाम जटिलताओं के वाबजूद पारिजात का बचपन नेपाल और नेपाली साहित्य से जुड़ा रहा और एक सशक्त लेखिका के रूप में उन्हें अपनी पहचान बनाने में उनकी मदद करता रहा। पारिजात ने दार्जिलिंग में अपनी स्कूली शिक्षा का हिस्सा पूरा करने के बाद 1954 में काठमांडू, नेपाल चली आयी, जहां पद्मा कन्या स्कूल में उन्होने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और आर्ट्स में स्नातक की डिग्री ली। 26 साल की उम्र में, जल्दी ही शारीरिक रोगों से पीड़ित होने के कारण वे आगे की शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकीं। उनके लकवाग्रस्त हो जाने के कारण उनकी देखरेख लंबे समय तक उनकी बहन ने किया। साहित्यिक गतिविधियां पारिजात की पहली कविता 1959 में, धार्त द्वारा प्रकाशित किया गया था। आकांक्षा, पारिजात की कविता और बाइसलु वर्तमान सहित उनके तीन कविता संग्रह प्रकाशित है। उनकी पहली लघु कहानी मैले नजनमाएको चोरो थी। वे नेपाल में एक सशक्त उपन्यासकार के रूप में जानी जाती है। उन्होने दस उपन्यास लिखे, जीनामे से सिरीस को फूल सर्वाधिक लोकप्रिय रचनाओं में से एक है। उन्हें 1965 में इसी उपन्यास के लिए मदन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें सर्वश्रेष्ठ पाण्डुलिपि पुरस्कार, गंडकी बसुन्ब्धारा पुरस्कार आदि से भी अलंकृत किया गया। सिरीस को फूल उनके द्वारा नेपाली साहित्य के महत्वपूर्ण सृजन में से एक माना जाता है। वे त्रिभुवन विश्वविद्यालय के निर्वाचित सदस्य और रलफ़ा साहित्य आंदोलन का एक हिस्सा थी। उन्होने प्रगतिशील एसआईएल लेखन संघ की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अखिल नेपाली महिला मंच, बांदी सहायता नियोग और नेपाल मानव अधिकार संगठन के लिए भी काम किया। वे अविवाहित रहीं और शारीरिक विकलांगता के वाबजूद सृजनधर्मिता को लगातार जारी रखा। 1993 में उनकी मृत्यु हो गई। ग्रंथ सूची उपन्यास शिरिषको फूल महत्ताहिन परिभाषित आँखाहरु बैशको मान्छे तोरीबारी, बाटा, र सपनाहरु अन्तर्मुखी उसले रोजेको बाटो पर्खाल भित्र र बाहिर अनिदो पहाड संगै बोनी लघु कथा मैले नजन्माएको छोरो कहानी संकलन आदिम देश सडक र प्रतिभा साल्गीको बलात्कृत आँसु बधशाला जाँदा आउँदा कविता संग्रह आकांक्षा पारिजातका कविता बैशालु वर्तमान संस्मरण निबंध धूपी, सल्ला र लालीगुराँसको फेदमा एउटा चित्रमय सुरुवात अध्ययन र संघर्ष इसे देखें नेपाली साहित्य सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ पारिजात की कुछ कवितायें जीवन वृत्त पारिजात 1937 में जन्मे लोग १९९३ में निधन नेपाली साहित्यकार
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: फिल्म हॉन्टेड में मिथुन चक्रवर्ती के बेटे महाअक्षय एक बिज़नेस डील के सिलसिले में भुतहा बंगले पहुंच जाते हैं। धीरे-धीरे उन्हें पता चलता है कि एक वहशी दरिंदे ने बंगले में मीरा नाम की लड़की की आत्मा कैद कर रखी है। इस रोल में टिया बाजपेयी हैं। अब हीरो को इस लड़की की आत्मा को छुटकारा दिलाना है।शुरुआती 40 मिनिट भुतहा माहौल बनाने में खर्च हुए। जलते बुझते बल्ब तेज़ हवा ज़ोर से बंद होते दरवाजे और इस रहस्य में कन्फ्यूज़ होता हीरो। काफी धीमा और साधारण सा फर्स्ट हाफ। रहस्य की परतें खुलते-खुलते इंटरवेल हो जाता है। सेकेंड हाफ थोड़ा तेज़ है और आखिरी आधा घंटा रोमांचक जब भूत की भिडंत हीरो-हीरोइन से होती है। अपनी पिछली फिल्म जिमी की तुलना में महाअक्षय उर्फ मिमोह ने सधी हुई एक्टिंग की है। फिल्म में सौ बरस गीत अच्छा है।  लेकिन कमज़ोर स्क्रिप्ट ने हॉन्टेड को साधारण हॉरर फिल्मों की लाईन में खड़ा कर दिया। हीरोईन को बचाने के लिए हीरो का अस्सी साल पुराने दौर में चले साइंस फिक्शन फिल्मों का चलताऊ फार्मूला है लेकिन हीरो ये कमाल करता कैसे है। ये बताना डायरेक्टर ने ज़रूरी नहीं समझा। ना ही यह कि हीरोईन अपने लॉकेट से वहशी दरिंदे का खून क्यों नहीं धोती। अगर आप हॉन्टेड देखना ही चाहते हैं तो थ्री डी फार्मेट में देखिए। भारी झाड़फनूस टूटी ईंटे और भूत के हाथ सीधे आपसे टकराएंगे जो अलग ही एक्सपीरियेंस है। हॉरर फिल्म में ऐसे ढेरों सीन्स बन सकते थे जो दर्शक को डराते लेकिन डायरेक्टर विक्रम भट्ट ने मौका गंवा दिया। हॉन्टेड के लिए हमारे एंटरटेन्मेंट एडिटर विजय वशिष्ठ की रेटिंग है 2 स्टार।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि अब से नए वाहनों पर फास्टैग स्टिकर लगाना अनिवार्य होगा. उन्‍होंने बताया कि पुराने वाहन मालिकों को भी अगले चार महीने के अंदर अपने वाहनों पर इस स्टिकर को लगाना होगा. दरअसल, मंगलवार को नितिन गडकरी लोकसभा में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से जुड़े सवालों का जवाब दे रहे थे. इसी दौरान उन्‍होंने ये बात कही. इसके साथ ही नितिन गडकरी ने बताया कि 22 ग्रीन एक्सप्रेसवे परियोजनाओं पर काम हो रहा है. इसके लिए भूमि अधिग्रहण का काम हो चुका है. इन परियोजाओं में से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे एक है. गडकरी के मुताबिक अगले ढाई साल में इस एक्‍सप्रेसवे के जरिए दिल्ली से मुंबई की यात्रा 12 घंटे में पूरी की जा सकेगी. यह एक्‍सप्रेसवे अलवर, सवाई माधोपुर, रतलाम, झाबुआ होते हुए जाएगा. उन्होंने सदन को यह भी बताया कि डासना को कानपुर हाईवे और उसके बाद कानपुर को लखनऊ से जोड़ने की योजना पर काम हो रहा है. नितिन गडकरी ने जोर देकर कहा कि बेहतर सड़क और सुखद सफर के लिए, हमें टोल का भुगतान करना होगा. मंत्रालय विभिन्न राजस्व मॉडल पर काम कर रहा है, इसके लिए फंड की जरूरत है. फंड जुटाने के लिए टोल एक महत्वपूर्ण जरिया है, लेकिन हम टोल में ठहराव के समय को कम करने के लिए काम कर रहे हैं. नितिन गडकरी ने कहा कि हमने देश भर में 786 ब्लैक स्पॉट की पहचान की है. जिसमे 350 से अधिक स्पॉट पर कई समस्‍याएं हैं. उन्होंने इसके साथ ही यह भी बताया कि देश 25 लाख योग्य ड्राइवरों की कमी का सामना कर रहा है. गडकरी ने सांसदों से अपने निर्वाचन क्षेत्रों में कम से कम एक प्रशिक्षण केंद्र खोलने के लिए कहा. इसके जरिए हर संसदीय क्षेत्रों में रोज़गार पैदा हो सकेगा. मोटर वाहन संशोधन विधेयक को पारित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए गडकरी ने कहा कि हर वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में डेढ़ लाख लोग मारे जाते हैं. ऐसे में इस बिल को जल्द से जल्द मंजूरी दी जानी चाहिए.
जयपुर इंडियन ऑयल डिपो अग्निकांड गुरूवार २९ अक्टूबर २००९ को हुआ था। इस अग्निकाण्ड में राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर शहर के निकट स्थित सांगानेर में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के तेल भण्डार डिपो में भीषण आग लग गई जिसमें कंपनी को जहाँ करोड़ों की हानि हुई, वहीं इस दुर्घटना में ११ लोगों की मृत्यु भी हो गयी। पृष्टभूमि जयपुर के औद्योगिक क्षेत्र सीतापुरा में भारत की तीन प्रमुख पेट्रोलियम तेल कम्पनियों में से एक इंडियन ऑयल की एक बड़ी तेल भण्डारण व्यवस्था है। इसमें अलग अलग कई टैंकों में पेट्रोल, डीज़ल, केरोसीन आदि रखे जाते है। इसके ठीक सामने दूसरी बड़ी तेल कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड की भी तेल भण्डारण व्यवस्था है। सीतापुरा इलाका मूल रूप से एक बाहरी औद्योगिक क्षेत्र है पर शहर की निरंतर बदलती मांग के कारण वहां रिहायशी व शिक्षा सम्बन्धी इमारतें भी है। दुर्घटना गुरूवार २९ अक्टूबर को सांय ७ बजे के करीब इंडियन ऑयल डिपो में कर्मचारियों द्वारा पास ही के अन्य भण्डारण व्यवस्था को तेल की आपूर्ति करने के लिए दो टैंको के बीच की तेल पाइपलाइन के वाल्व खोले गये। भूलवश उन्होंने जिस टैंक में तेल पूरा भरा था, वह टैंक उस के कारण उच्च दबाव में था के वाल्व पहले खोले व आगे के बाद में। इसी कारण बीच के वाल्व में एकदम से तेज रिसाव हुआ व पेट्रोल का फव्वारा छूट पड़ा। इससे हर तरफ पेट्रोल तेजी से फैल गया व ज्वलनशील पदार्थ की गैस इलाके में फैल गयी। पेट्रोल रिसाव होने व पेट्रोल की गंध के कारण ज्यादातर कर्मचारी व आस पास के औद्योगिक व रिहाइशी इमारतें खाली करा ली गयीं। तदोपरान्त डिपो में दुबारा विधुत चालू करने की वजह से चिंगारी भड़की व पेट्रोल ने तुरंत आग पकड़ ली। इससे ११ तेल के टैंकों में आग लग गयी व वो धू धू कर जलने लगे। का‍र्रवाई घटना के बाद जिला प्रशासन ने सभी उपायों के साथ आग बुझाने की कोशिश की तथा वहां दमकल सेवा व एंबुलेंस भेजी गयीं। कानून व्यवस्था सुचारु रखने व पूरे क्षेत्र को खाली कराने के लिए भारी पुलिस बंदोबस्त के साथ सेना की भी सहायता ली गयी। आग और न फैले इस उद्देश्य से अन्य शहरों से भी मदद बुलाई गयी पर विशेषज्ञो की राय के बाद आग को खुद ही बुझने के लिए छोड़ दिया गया व उस पर किसी भी प्रकार से पानी आदि नहीं डाला गया। नुकसान इंडियन ऑयल कंपनी को इस अग्निकांड से लगभग १००० करोड़ रुपये का नुकसान हुआ व १० करोड़ लीटर तेल जल कर नष्ट हो गया। इस हादसे में इंडियन ऑयल के कर्मचारियों समेत ११ लोगों की जान गयी व करीब १५० लोग घायल हो गए। आसपास स्थित लगभग ५००-७०० इमारतों को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा। हर इमारत को लगभग १० लाख तक का नुकसान हुआ। भयंकर धुएं के कारण पूरे शहर में प्रदूषण फैल गया व घने काले बादल बन गये। इसी कारण कई जगह सूर्य का प्रकाश भी नहीं पहुंच पाय़ा। पर्यावरण पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ा। जहां हवा में कई जहरीले रसायन घुल गए वहीं राजस्थान आने वाले कई पक्षी यहाँ से दूर चले गए। इस धुएं के कारण हरियाणा और दिल्ली राज्यों में धुंध महसूस किया गया। मुआवजा भारत सरकार ने करीब ५० करोड़ की शुरुआती सहायता की घोषणा की। साथ ही इंडियन ऑयल ने प्रत्येक मृतक के परिवार को २ लाख व घायलों को १ लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। सन्दर्भ बाहरी स्रोत हिन्दी विकि डीवीडी परियोजना जयपुर का इतिहास जयपुर
मातृत्व एक महत्वपूर्ण मानव बंधन है। यह एक माँ के अपने बच्चों के प्रति स्नेह, प्यार और देखरेख का नाम है। माँ न केवल बच्चों के खाने-पीने और स्वास्थ्य का ध्यान रखती है बल्कि हर काम में स्वयं से आगे बच्चों की भलाई को रखती है। स्कूली बच्चों की माएँ अपने कपड़ों की सिलवटों को अन्देखा करे अपने बच्चों के स्कूल ड्रेस की इसतरी करती दिखाई देती है। इसी प्रकार से माएँ अपनी क्षमताओं के आगे जाकर हर वह नामुमकिन काम करती हैं जो अपनी संतान के हित और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक होता है। इन्हें भी देखें माँ पितृत्व का बंधन सन्दर्भ मानव जाति विज्ञान सम्बन्ध के अनुसार लोग
उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भले ही टीवी चैनलों पर सुर्खियां बटोरने में सपा और बीजेपी आगे हों, लेकिन बीएसपी को अपने शुद्ध जमीनी काम पर पूरा भरोसा है. दरअसल पिछले लोकसभा चुनाव में एक भी सीट न पाने के बाद से बीएसपी ने अपनी रणनीति बदली है. जानें बीएसपी के क्‍या है वो 7 कदम, जिनके बल पर वो इस बार अपने सिर पर ताज सजता देख रही है. 1. पार्टी ने सबसे पहले तो मोदी लहर में कुछ हद तक छितरा गए अपने दलित वोट बैंक को एक बार फिर मुट्ठी की तरह बांध लिया है. 2. जमीनी स्‍तर पर वोटरों को जोड़ने के लिए पार्टी ने हर मंडल पर दो कोऑर्डिनेटर तैनात किए हैं. पहले बीएसपी संगठन के जोनल कोऑर्डिनेटर के क्षेत्र में कई मंडल आते थे. अब हर मंडल को ही जोन में तब्‍दील कर दिया गया है. ये प्रभारी जिले में बीएसपी उम्‍मीदवार और संगठन के बीच लिंक का काम कर हर माह रिपोर्ट देते हैं. 3. बीएसपी सभी 85 सुरक्षित सीटों पर मुसलमान और ब्राह्मण भाईचारा रैलियों का आयोजन कर रही है. मुस्लिम भाईचारा रैलियां नसीमुद्दीन और ब्राह्मण रैलियों की जिम्‍मेदारी सतीश चंद्र मिश्र को सौंपी गई है. 4. बाकी पार्टियां नोटबंदी को लेकर जहां बयानबाजी और धरने प्रदर्शन तक सीमित रहीं, वहीं बीएसपी ने अपने कार्यकर्ताओं के जरिए गरीब मतदाता तक यह बात जोरदार तरीके से भेजी कि नोटबंदी से सिर्फ गरीब का अहित हुआ है. खासकर ऐसे वक्‍त में जब महानगरों से बड़े पैमाने पर असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की नौकरी चली गई है और उन्‍हें वापस अपने गांव लौटना पड़ा है. तब बीएसपी कार्यकर्ताओं की ये बातें लोगों के गले आसानी से उतर रही हैं. 5. मायावती के एक करीबी नेता चुनावी अंकगणित का खुलासा करते हुए कहते हैं कि पार्टी ने सुरक्षित सीटों में से 60 और इतने ही मुस्लिम उम्‍मीदवारों को चुनाव जिताने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है. इसके बाद बहुमत के लिए दूसरी जातियों के सहयोग से केवल 80 सीटें जीतना ज्‍यादा मुश्किल नहीं होगा. 6. बीएसपी के एक प्रमुख कोऑर्डिनेटर कहते हैं ब्राह्मण ऐसी जाति है जो अपने साथ कम से कम पांच छोटी जातियों पर प्रभाव दिखाती है. इसी को ध्‍यान में रखते हुए बीएसपी ने अपना तानाबाना बुना है. 7. जाटव जाति से आने वाले बीएसपी के एक वरिष्‍ठ नेता बताते हैं कि पार्टी के कोर वोट बैंक जाटव की ठाकुर, जाट, यादव और मुसलमानों के साथ संघर्ष की घटनाएं पिछले कुछ वर्षों में सामने आई हैं लेकिन ब्राह्मणों के साथ ऐसा कोई वाकया नहीं है. जाटव बहुल विधानसभा सीटों पर ब्राह्मणों के जरिए हाथी को मजबूत करने की रणनीति बनाई गई है.
लगातार बारिश ने भारत और दक्षिण अफ्रीका की क्रिकेट टीमों के बीच एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में जारी दूसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन रविवार का खेल नहीं होने दिया. सुबह 10 बजे एक बार खेल के लायक हालात बने थे लेकिन फिर से बारिश के लौटने के बाद हालात खेल के लायक नहीं रहे. दोपहर 2 बजे रद्द हुआ खेल आउटफील्ड की हालत को देखते हुए दोपहर दो बजे दूसरे दिन के खेल को रद्द कर दिया गया. इससे पहले सुबह 10 बजे के करीब बारिश रुक गई थी और खेल के 10.30 बजे शुरू होने की घोषणा की गई थी. पहला सत्र 10.30 बजे से 12.30 बजे तक निर्धारित किया गया था. पहला सत्र तो बारिश में धुल ही गया था, दूसरे सत्र में भी खेल शुरू होने के आसार नहीं दिखे. द. अफ्रीका से अभी भी 134 रन पीछे है भारत भारत ने पहले दिन शानिवार का खेल खत्म होने तक अपनी पहली पारी में बिना कोई विकेट गंवाए 80 रन बना लिए थे. स्टम्प्स तक शिखर धवन 45 और मुरली विजय 28 रनों पर नाबाद लौटे। धवन ने 62 गेंदों पर सात चौके लगाए हैं, जबकि विजय ने 73 गेंदों का सामना कर पांच बार गेंद को सीमा रेखा के बाहर पहुंचाया है. दक्षिण अफ्रीका ने अपनी पहली पारी में 214 रन बनाए थे. इस लिहाज से भारतीय टीम पहली पारी की तुलना में अब भी 134 रन पीछे है. चार मैचों की सीरीज में भारत 1-0 से आगे है. - इनपुट IANS
किसी पदार्थ की उस परत को तनुफिल्म या पतली परत (thin film), कहते हैं जिसकी मोटाई १ नैनोमीटर के कुछ भाग से लेकर कुछ माइक्रॉन तक हो। तनुफिल्म का संश्लेषण एक मूलभूत प्रक्रम है और अनेक कामों के लिये उपयोग में लाया जाता है। उदाहरण के लिये, घरों में उपयोग में आने वाले दर्पण के पीछे धातु की एक पतली परत होती है जो प्रकाश का परावर्तन करती है (और प्रतिबिम्ब बनाती है।)।
एनआईएस से मिली जानकारी के मुताबिक, री ने 2010 में पहले और 2013 में दूसरे बच्चे को जन्म दिया था.टिप्पणियां अभी तक सिर्फ यही पता चला है कि किम जोंग उन की दूसरी संतान लड़की है, जिसका नाम जू-ए है. यह खुलासा भी एनबीए के पूर्व खिलाड़ी डेनिस रॉडमैन ने 2013 में किया था. उन्होंने 2013 में उत्तर कोरिया में किम जोंग-उन के परिवार के साथ कुछ समय गुजारा था और इसके बाद ही किम जोंग-उन की बेटी के बारे में यह जानकारी दी थी. इनपुट: IANS अभी तक सिर्फ यही पता चला है कि किम जोंग उन की दूसरी संतान लड़की है, जिसका नाम जू-ए है. यह खुलासा भी एनबीए के पूर्व खिलाड़ी डेनिस रॉडमैन ने 2013 में किया था. उन्होंने 2013 में उत्तर कोरिया में किम जोंग-उन के परिवार के साथ कुछ समय गुजारा था और इसके बाद ही किम जोंग-उन की बेटी के बारे में यह जानकारी दी थी. इनपुट: IANS इनपुट: IANS
सरकार द्वारा पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़ाने से तेल क्षेत्र की कंपनियों की आय बढ़ने की उम्मीद में पेट्रोलियम शेयरों में सोमवार को अच्छी लिवाली रही और बांबे स्टाक एक्सचेंज का सेंसेक्स 172 अंक चढ़कर बंद हुआ। पिछले सत्र में 513 अंक की बढ़त दर्ज करने वाला सेंसेक्स आज 171.73 अंक और चढ़कर 18,412.41 अंक पर बंद हुआ। ज्यादातर सार्वजनिक तेल कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त बढ़त देखी गई। नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 55.35 अंक मजबूत होकर 5,526.60 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह दिन के उच्च स्तर 5,552.65 अंक के स्तर को छू गया था। उल्लेखनीय है कि सरकार ने गत शुक्रवार को डीजल की कीमत 3 रुपये प्रति लीटर, एलपीजी की कीमत 50 रुपये प्रति सिलेंडर और केरोसिन की कीमत 2 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दी। तेल क्षेत्र की कंपनियों में ओएनजीसी 11.35 रुपये बढ़कर 284.15 रुपये पर बंद हुआ, जबकि भारत पेट्रोलियम 29.30 रुपये बढ़कर 663.70 रुपये और आईओसी 10.45 रुपये चढ़कर 347.55 रुपये पर बंद हुआ। इसके अलावा, कैपिटल गुड्स, बैंकिंग, वाहन, आईटी, बिजली और हेल्थकेयर क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों में भी लिवाली का रुख रहा।
नीरद चंद्र चौधुरी (बंगला : নীরদ চন্দ্র চৌধুরী नीरदचन्द्र चौधुरी ; 23 नवम्बर 1897 – 1 अगस्त 1999) बंगाल के एक विद्वान एवं अंग्रेजी-लेखक थे। इनके द्वारा रचित एक जीवनी स्कॉलर एक्स्ट्राऑर्डिनरी के लिये उन्हें सन् 1975 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कृतियाँ बांग्ला बंगाली जीबने रमणी (बंगाली जीवन में नारी की भूमिका) आत्मघाती बंगाली आत्मघाती रबीन्द्रनाथ आमार देबोत्तर सम्पत्ति (My Bequeathed Property) निर्बाचित प्रबन्ध (चुने हुए निबन्ध) आजी होते शतबर्ष आगे (सौ वर्ष पहले) अंग्रेजी The Autobiography of an Unknown Indian (1951) A Passage to England (1959) The Continent of Circe (1965) The Intellectual in India (1967) To Live or Not to Live (1971) Scholar Extraordinary, The Life of Professor the Right Honourable Friedrich Max Muller, P.C. (1974) Culture in the Vanity Bag (1976) Clive of India (1975) Hinduism: A Religion to Live by (1979) Thy Hand, Great Anarch! (1987) Three Horsemen of the New Apocalypse (1997) The East is East and West is West (collection of pre-published essays) From the Archives of a Centenarian (collection of pre-published essays) Why I Mourn for England (collection of pre-published essays) सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ एक 'अनजान भारतीय' के मशहूर बनने की कहानी भारतीय अंग्रेजी लेखक साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत अंग्रेज़ी भाषा के साहित्यकार
ओम प्रकाश कोहली भारतीय लोकतंत्र की उपरी प्रतिनिधि सभा राज्यसभा के पूर्व सदस्य तथा गुजरात के राज्यपाल हैं। वे भारतीय जनता पार्टी से जुड़े राजनीतिज्ञ हैं। वे 1994 से 2000 तक राज्यसभा के सदस्य रहे हैं। उन्होने दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष के उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है और दिल्ली के हंसराज कॉलेज तथा देशबंधु कॉलेज में व्याख्याता के पद पर 37 साल से अधिक वर्षों तक सेवा की हैं। वर्ष 1999-2000 के दौरान उन्हें भाजपा की दिल्ली यूनिट का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। वे आपातकाल के दौरान मीसा के तहत गिरफ्तार भी हुये थे। दिल्ली विश्वविद्यालय से हिन्दी में स्नातकोत्तर कोहली शिक्षाविद और राजनेता होने के साथ-साथ एक लेखक भी हैं। उन्होने 'राष्ट्रीय सुरक्षा के मोर्चे पर', 'शिक्षा नीति' और 'भक्तिकाल के संतो की सामाजिक चेतना' आदि पुस्तकें लिखी है। सन्दर्भ गुजरात के नये राज्यपाल आचार्य देवव्रत बन गए है जो पहले हिमाचल प्रदेश के थे 1935 में जन्मे लोग जीवित लोग गुजरात के राज्यपाल राज्यसभा सदस्य भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ
एक्टर अर्जुन कपूर और उनकी छोटी बहन अंशुला कपूर स्पेशल बॉन्डिंग शेयर करते हैं. अक्सर दोनों सोशल मीडिया पर एक-दूसरे के लिए अपने प्यार को जाहिर करते हैं. अब अंशुला कपूर ने बताया है कि अर्जुन कपूर और सोनम कपूर में से कौन बेहतरीन एक्टर है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, एक चैट शो में जब अंशुला कपूर से पूछा गया कि अर्जुन और सोनम कपूर में से कौन बेहतर एक्टर है. तो अंशुला ने बिना सोचे और एक क्यूट सी स्माइल के साथ कहा- 'अर्जुन भैया'. इसके साथ ही अंशुला ने ये भी बताया कि अर्जुन कपूर की कौनसी फिल्म उन्हें पसंद नहीं है. उन्होंने कहा कि अर्जुन की फाइंडिंग फैनी उन्हें कम पसंद है. बता दें कि अर्जुन अपनी बहन के लिए काफी प्रोटेक्टिव भी नजर आते हैं. कुछ समय पहले अंशुला कपूर को ट्रोल किया गया था. जिसके बाद अर्जुन कपूर भड़क गए थे. उन्होंने ट्रोलर्स को करारा जवाब दिया था. दरअसल, कॉफी विद करण में जाह्नवी और अर्जुन ने एकसाथ शिरकत की थी. इस दौरान जाह्नवी ने हैंपर जीतने के लिए अंशुला को फोन किया था. कुछ कन्फ्यूजन के चलते अंशुला जाह्नवी की मदद नहीं कर पाईं और वो हैंपर अर्जुन कपूर जीत गए. View this post on Instagram Happy birthday Ma ❤️ you were and always will be my strongest & loudest cheerleader, my biggest source of strength, and the one person I could always count on to be in my corner. You built me wings when I didn’t know I could or even needed to fly.. and you always, always became the wind beneath those wings whenever you saw that I needed that little extra push. Miss you ma (as if that isn’t the biggest understatement of the decade).. even though I’m grateful for the 21 years I got you by my side. We carry you in our hearts every second of every day, and I truly hope that wherever you are, you’re happy & getting to spread all your joy & love with everyone around you.. Rab Raakha 🌈 ✨💕 #AlwaysMyNumber1 #AlwaysAndForever A post shared by Anshula Kapoor (@anshulakapoor) on Feb 3, 2019 at 4:02am PST View this post on Instagram But seriously though, where them eyes at? #KapoorEyes 👀 A post shared by Anshula Kapoor (@anshulakapoor) on Dec 20, 2018 at 10:33am PST View this post on Instagram Last night courtesy my fairy godmothers @arpita__mehta, @chandini_mohindra & @hairmakeupbymeenal ✨ A post shared by Anshula Kapoor (@anshulakapoor) on Dec 2, 2018 at 4:50am PST View this post on Instagram Fam Jam 💥 #Mine #AboutLastNight #WhenYourTooTallForYourFullHeadToFitInTheFrame 😂 A post shared by Anshula Kapoor (@anshulakapoor) on Dec 2, 2018 at 3:23am PST अर्जुन कपूर ने फिल्म इश्कजादे से बॉलीवुड में डेब्यू किया. इसके बाद औरंगजेब, गुंडे, 2 स्टेट्स, फाइडिंग फैनी, हाफ गर्लफ्रेंड और नमस्ते इंग्लैंड जैसी फिल्में कर चुके हैं. वहीं सोनम कपूर ने संजय लीला भंसाली की फिल्म सांवरिया से बॉलीवुड में डेब्यू किया था. इसके बाद वो फिल्म दिल्ली 6, आई हेट लव स्टोरीज, रांझणा, भाग मिल्खा भाग, खूबसूरत, प्रेम रतन धन पायो, नीरजा, पेडमैन, वीरे दी वेडिंग, संजू और हाल ही में रिलीज हुई एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा में नजर आ चुकी हैं.
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: दिल्ली एनसीआर में आज भी हवा की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. शहर की हवा में लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है. लोग स्वच्छ हवा के लिए तरस गए हैं. भले ही ऑड ईवन स्कीम को लेकर कई दावे किए जा रहे हों लेकिन स्थिति में बहुत सुधार नहीं दिख रहा है. शुक्रवार को प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर से भी ऊपर निकल गया लेकिन प्रदूषण को लेकर अधिकारी और नेता कितने गंभीर हैं इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि प्रदूषण को लेकर नगर विकास मंत्रालय की संसदीय समिति की बैठक में किसी को आने की फुर्सत ही नहीं मिली, जिसके कारण बैठक रद्द करनी पड़ी. शुक्रवार को दिल्ली के द्वारका इलाके में हवा की गुणवत्ता का स्तर 900 के भी पार पहुंच गया यानी दिल्ली गैस चैंबर बन चुकी है. लेकिन जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर दिल्ली वालों की फिक्र किसे है? प्रदूषण को लेकर नगर विकास मंत्रालय ने बैठक बुलाई थी. लेकिन इस बैठक को कुछ मिनटों में ही खत्म करना पड़ा. बैठक में न सांसद पहुंचे और न ही अधिकारी. 29 में से सिर्फ 5 सांसद ही बैठक में पहुंचे. बैठक में विशेष तौर पर बुलाए गए पर्यावरण सचिव और वन सचिव भी नहीं पहुंचे. दिल्ली नगर निगम के तीनों अधिकारी भी वहां नहीं पहुंचे. कमेटी के प्रमुख सांसद जगदंबिका पाल ने नाराज होकर कहा कि वो लोकसभा अध्यक्ष से इस बात की शिकायत करेंगे.  जब ये खबर चली तब सबकी सफाइयां आनी शुरू हो गईं. इंदौर टेस्ट में कमेंट्री करते हुए वीवीएस लक्ष्मण के साथ पोहा-जलेबी खाते गौतम गंभीर ने अपनी कारोबारी प्रतिबद्धता का हवाला दिया और दावा किया कि दिल्ली के लिए वो काफी कुछ करते रहे हैं. एक बयान जारी कर उन्होंने कहा, 'अपने क्षेत्र और अपने शहर के प्रति मेरी प्रतिबद्धता पर जो काम हो रहा है, उसे जांचा जाना चाहिए. बीते छह महीने में मैंने कोई कसर नहीं छोड़ी है. गाजीपुर लैंडफिल को साफ करने के लिए नई तकनीक वाली मशीनें लगवाईं हैं. गरीबों के मुफ्त भोजन का इंतजाम किया है. महिलाओं के लिए सैनीटरी पैड वेंडिंग मशीन लगवाई है.' इन सबसे बीच सुप्रीम कोर्ट भी प्रदूषण को लेकर तल्ख नजर आया. पंजाब-हरियाणा, दिल्ली और यूपी के मुख्य सचिव तलब कर लिए गए. अदालत ने कहा कि आदेश के बावजूद इन्होंने कदम नहीं उठाए. चारों सचिव 29 नवंबर को पेश हों. अदालत ने यह भी कहा कि पराली जलाना रोकना होगा. ऑड-ईवन बहुत कारगर नहीं रहा है.  वहीं शुक्रवार को 15 दिन से लागू ऑड ईवन भी खत्म हो गया. दोबारा ऑड ईवन लगाया जाए या नहीं इस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री सोमवार को रिव्यू करने की बात कह रहे हैं.
'हाउडी मोदी' (Howdy Modi) कार्यक्रम के लिए पीएम मोदी ह्यूस्टन पहुंच चुके हैं. इस दौरान उनका भव्य स्वागत किया गया. एयरपोर्ट पर उनसे कई भारतीय और अमेरिकी अधिकारियों ने मुलाकात की. बता दें कि हाउडी मोदी कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी मौजूद रहेंगे और पीएम मोदी 50,000 से ज्यादा भारतीय-अमेरिकी लोगों को संबोधित करेंगे. हाउडी मोदी (Howdy Modi) कार्यक्रम का आयोजन एनआरजी फुटबॉल स्टेडियम में होगा. पोप को छोड़कर, किसी निर्वाचित विदेशी नेता के अमेरिका दौरे पर लोगों का यह सबसे बड़ा जमावड़ा है. ऐसे में यहां के मौसम का मिजाज कुछ बदला हुआ है. खबर लिखे जाने तक ह्यूस्टन का तापमान 26 डिग्री था और मौसम में 87 फीसदी नमी है. इसके अलावा बारिश की भी संभावना है. हवाएं 3 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हैं. अगर ह्यूसटन में बारिश हुई तो पीएम मोदी के कार्यक्रम में हिस्सा लेने आये लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. गौरतलब है हाउडी मोदी कार्यक्रम से पहले ह्यूस्टन में तीन दिनों से लगातार बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालात बन गए थे. शहर के कई इलाके पानी में डूबे हुए थे. फिलहाल के लिए बारिश थम गई थी. NRG स्टेडियम के आस-पास का इलाका भी पानी से भरा हुआ था.  कई जगहों पर ट्रैफिक सिग्नल और कई कारें भी पानी में डूबी दिख रही थीं. कई जगह लोग अपने घरों में ही फंस गए थे जिन्हें निकालने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा था. स्थानीय मेट्रो और बस सेवा भी रद्द कर दी गई थी. स्कूलों में भी छुट्टी घोषित थी. लोगों को सुरक्षित इलाकों में जाने को कहा गया था.
टीम इंडिया के कैप्टन कूल एम एस धोनी ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया है और नए कप्तान के रूप में विराट कोहली उनकी जगह लेंगे. विराट कोहली एडिलेड टेस्ट के जरिए पहले ही अपनी कप्तानी से सबको प्रभावित कर चुके हैं, लेकिन अभी उन्हें काफी कुछ सीखना है. धोनी की कप्तानी में ही टीम इंडिया पहली बार टेस्ट में बेस्ट टीम बनी. उन्होंने टीम को जहां कुछ यादगार जीत दिलाईं तो वहीं उनकी अगुवाई में टीम कुछ शर्मनाक हार भी झेलनी पड़ी. अब विराट उनकी जगह टीम की कमान संभालने जा रहे हैं. टेस्ट क्रिकेट में महेंद्र सिंह धोनी के 20 खास रिकॉर्ड पांच ऐसी बातें जो विराट को धोनी से सीखने की जरूरत हैः 1- कूल टेम्परामेंटः धोनी को कैप्टन कूल ऐसे ही नहीं कहा जाता. मैच में कैसी भी स्थिति हो धोनी बड़े ही कूल अंदाज में रहते हैं. कितना भी प्रेशर हो धोनी के चेहरे पर शिकन नहीं आती है. जीत हो, हार हो या मैच ड्रॉ हो उनके चेहरे के हाव भाव में ज्यादा फर्क नहीं होता है. इस मामले में विराट कोहली उनसे सीखने की जरूरत है कि परिस्थिति कैसी भी हो टेम्परामेंट कूल होना चाहिए बिल्कुल हमारे कैप्टन कूल की तरह. 2- एक्सपेरिमेंट से डरे नहीं: धोनी एक ऐसे कप्तान रहे हैं, जो कभी भी एक्सपेरिमेंट करने से पीछे नहीं हटे. कई बार एक्सपेरिमेंट सफल हुए तो कई बार उसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा लेकिन धोनी एक्सपेरिमेंट करने से पीछे नहीं हटते थे. गेंदबाजी में बदलाव हो, फील्ड प्लेसमेंट हो या बल्लेबाजी ऑर्डर में तब्दीली करनी हो धोनी कभी भी एक्सपेरिमेंट से डरे नहीं. यह क्लालिटी उन्हें बाकी कप्तानों से अलग करती है. तो विराट अगर आपको भी लंबे समय तक टीम की बागडोर संभालनी है तो एक्सपेरिमेंट से पीछे मत हटना. 3- साथी खिलाड़ियों के लिए बनें मिसालः माही के नाम से मशहूर धोनी ऑन फील्ड हों या ऑफ फील्ड साथी खिलाड़ियों का हमेशा सम्मान किया है. स्लेजिंग का जवाब धोनी ने कभी स्लेजिंग ने नहीं दिया बल्कि अपने बल्ले से दिया है. यह विराट के लिए बहुत अहम सबक होगा. धोनी खुद भी आक्रामक कप्तान रहे हैं लेकिन अति आक्रामकता से बचते रहे हैं. विराट कोहली के एटीट्यूड में अति आक्रामकता साफ दिखाई देती है. कप्तान टीम के बाकी खिलाड़ियों के लिए आइने जैसा होता है और उसका जैसा आचरण होता है साथी खिलाड़ी भी वैसा ही करते हैं. आक्रामकता बुरी बात नहीं है लेकिन विराट को अति आक्रामकता से बचना होगा, यह टीम इंडिया के लिए खतरनाक साबित हो सकती है. 4- किसी से सलाह लेने में हिचकिचाने का नहीं: धोनी की कप्तानी का यूएसपी रहा है कि वो कभी भी किसी भी खिलाड़ी से सलाह लेने में हिचकिचाए नहीं. सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली और अनिल कुंबले जैसे सीनियर खिलाड़ी हों या धोनी से जूनियर खिलाड़ी उन्होंने जरूरत पड़ने पर हर किसी की सलाह ली. विराट कोहली को भी सफल कप्तान बनने के लिए ऐसा करते रहना होगा. 5- टीम के लिए स्टैंड लेनाः विराट कोहली का खराब फॉर्म हो, या इंग्लैंड में जडेजा-एंडरसन विवाद जब भी खिलाड़ियों को कैप्टन कूल के सपोर्ट की जरूरत हुई धोनी ने उन्हें निराश नहीं किया. मीडिया में बात करते हुए धोनी हमेशा ध्यान रखते रहे हैं कि उन्हें क्या बोलना है और क्या नहीं. विराट को यह अहम सीख धोनी से लेनी होगी. इसके अलावा धोनी कभी हार के लिए बेवजह बहाना नहीं बनाते दिखे हैं, वो बहुत क्लीयर कट बोलते हैं. कोई गेंदबाज अगर कुछ गेंद खराब फेंक दे तो धोनी उसके पास जाकर उसका उत्साह बढ़ाते थे और यह बहुत बड़ी चीज होती है. साथी खिलाड़ियों पर धोनी ने हमेशा विश्वास किया है. धोनी ने भी शायद इसीलिए संन्यास का फैसला लिया है क्योंकि उन्हें लगने लगा है कि विराट इस जिम्मेदारी के लिए तैयार हो चुके हैं.
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी ICC श्रीलंका क्रिकेट में भ्रष्टाचार की गहरी पैठ की जांच करने में लगा है लेकिन इसकी भ्रष्टाचार विरोधी इकाई के अधिकारी ने दावा किया है कि इस तरह की भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल ज्यादातर सट्टेबाज भारतीय हैं. गौरतलब है कि इस हफ्ते की शुरूआत में श्रीलंका के पूर्व कप्तान सनत जयसू्र्या आईसीसी की भ्रष्टाचार रोधी संहिता का उल्लघंन करने के मामले में लपेटे में आ गए. हालांकि जयसूर्या पर फिक्सिंग का आरोप नहीं लगा लेकिन उन्हें जांच अधिकारियों का सहयोग नहीं देने का दोषी पाया गया. हाल में आईसीसी की एंटी करप्शन यूनिट ने इंग्लैंड और श्रीलंकाई क्रिकेटरों से जुड़े सक्रिय भ्रष्ट व्यक्तियों के बारे में सूचना साझा की थी. यह पूछने पर कि क्या सारे सक्रिय सट्टेबाज स्थानीय हैं तो आईसीसी की एंटी करप्शन यूनिट के महाप्रबंधक एलेक्स मार्शल ने ईएसपीएन क्रिकइंफो से कहा कि श्रीलंका में स्थानीय और भारतीय सट्टेबाज दोनों थे. लेकिन दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में सबसे ज्यादा सट्टेबाज भारतीय हैं. मार्शल का यह खुलासा हालांकि हैरानी भरा नहीं है क्योंकि पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व स्पिन गेंदबाज दानिश कनेरिया ने स्वयं पर लगे स्पॉट-फिक्सिंग के आरोप को स्वीकार किया है कि उन्होंने मैच फिक्स करने के लिये भारतीय सट्टेबाज अनु भट्ट से पैसे लिए थे. इस आरोप में दानिश के साथ एसेक्स टीम के पूर्व साथी खिलाड़ी मेर्विन वेस्टफील्ड भी शामिल थे. बता दें कि वेस्टफील्ड ने 2009 में डरहम में 40 ओवरों के एक काउंटी मैच के दौरान अपने पहले ओवर में 12 रन देने की एवज में कथित सटोरिए अनु भट्ट से 7862 डॉलर लिए थे. कनेरिया की मध्यस्थता में यह सौदा हुआ था जिसने वेस्टफील्ड को भट्ट से मिलवाया था.
हाल के दिनों में जिस तरह से देश के बड़े संतों के खिलाफ आपराधिक मामले सामने आए हैं और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की कवायद तेज़ हुई है ऐसे में भगवान राम की नगरी अयोध्या में सुरक्षा के दृष्टिकोण से  प्रशासन ने साधू संतो के पहचान का सत्यापन करने का निर्णय लिया है. अयोध्या प्रशासन के अनुसार बाहर से आकर बसने वाले साधुओं और संतों के आपराधिक रिकॉर्ड की जांच की जाएगी. साथ ही अयोध्या में रहने वाले हर संतों के रिकॉर्ड प्रशासन अपने पास रखेगी. गौरतलब है कि अयोध्या में राम जन्मभूमि विवादित स्थल होने के कारण सुरक्षा के लिहाज़ से हमेशा संवेदनशील रहा है. प्रशासन का मानना है कि अयोध्या में देश के विभिन्न राज्यों और विदेश से भी साधूवेशधारी भगवान के दर्शन करने आते हैं और यहां के मठों मंदिरों में बस जाते हैं. जिनकी विश्वसनियता की जांच कर पाना मुश्किल था. लिहाजा प्रशासन बाहर से आकर बसने इन साधुओं और संतों पर विशेष नज़र रखेगा. अयोध्या में चल चुका है हत्याओं का दौर आपको बता दे कि अयोध्या में मंदिरों की संपत्ती पर कब्जे को लेकर हत्याओं का एक लम्बा दौर चल चुका है. चूंकि अयोध्या के ज्यादातर मंदिरों के पास करोड़ो की जमीन-जायदाद हैं. जिस पर वर्चस्व हासिल करने के लिए आपसी रंजिश में कई महंतों की जान जा चुकी है. रामजन्म भूमि के पूर्व पुजारी लाल दास की हत्या बस्ती जिले में मंदिर की ज़मीन को लेकर हुई थी. वहीं बाबा रघुनाथ दास की छावनी के महंत रामप्रताप दास की हत्या भी जमीनी विवाद को लेकर हुई थी. वहीं माफिया डॉन श्रीप्रकाश शुक्ल ने महंत राम कृपाल दास को गोलियों से भून दिया था. हालांकि रामकृपाल दास का भी आपराधिक इतिहास रहा है. लिहाजा अयोध्या में यह सिलसिला कई सालों से चलता आ रहा है. ऐसे में प्रशासन के इस कदम से माना जा रहा है कि आपराधी किस्म के संतों पर लगाम लगेगी और अयोध्या की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी.
लेख: दूरसंचार सेवाप्रदाता कंपनी वोडाफोन ने दिल्ली-एनसीआर में मेरू (Meru), ईजी (Easy) और मेगा (Mega) कैब्स के साथ करार किया है जिसके तहत इन कैबों में सवारी करने वाले यात्री अपने वोडाफोन 3जी सिम को 4जी में बदल सकते हैं.टिप्पणियां कंपनी ने इसके लिए तकरीबन 500 कैबों में 4जी सिम डिस्पेंसर लगाए हैं. कंपनी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि यह डिस्पेंसर दोनों तरह (प्रीपेड और पोस्टपेड) की सिम बदलने में सक्षम हैं. यात्री अपनी सिम को मुफ्त में बदल सकते हैं और वोडाफोन प्रीपेड उपभोक्ताओं को 10 दिन के लिए मुफ्त 4जी डाटा भी उपलब्ध कराएगी. साथ ही पोस्टपेड ग्राहकों को अगले बिल आने तक 4जी डाटा देगी. कंपनी के दिल्ली एनसीआर के कारोबार प्रमुख आलोक वर्मा ने कहा कि यह सुविधा एक महीने तक चलेगी. कंपनी ने इसके लिए तकरीबन 500 कैबों में 4जी सिम डिस्पेंसर लगाए हैं. कंपनी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि यह डिस्पेंसर दोनों तरह (प्रीपेड और पोस्टपेड) की सिम बदलने में सक्षम हैं. यात्री अपनी सिम को मुफ्त में बदल सकते हैं और वोडाफोन प्रीपेड उपभोक्ताओं को 10 दिन के लिए मुफ्त 4जी डाटा भी उपलब्ध कराएगी. साथ ही पोस्टपेड ग्राहकों को अगले बिल आने तक 4जी डाटा देगी. कंपनी के दिल्ली एनसीआर के कारोबार प्रमुख आलोक वर्मा ने कहा कि यह सुविधा एक महीने तक चलेगी. यात्री अपनी सिम को मुफ्त में बदल सकते हैं और वोडाफोन प्रीपेड उपभोक्ताओं को 10 दिन के लिए मुफ्त 4जी डाटा भी उपलब्ध कराएगी. साथ ही पोस्टपेड ग्राहकों को अगले बिल आने तक 4जी डाटा देगी. कंपनी के दिल्ली एनसीआर के कारोबार प्रमुख आलोक वर्मा ने कहा कि यह सुविधा एक महीने तक चलेगी.
बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन अपने काम को लेकर बहुत सीरियस हैं. अमिताभ हर चीज को कड़ी मेहनत के साथ करते हैं. माइनस डिग्री तापमान में फिल्म ब्रह्मास्त्र की शूटिंग करने के बाद अमिताभ फिल्म चेहरे की शूटिंग के लिए स्लोवाकिया गए. बता दें कि फिल्म शूटिंग के सिलसिले में प्रोड्यूसर आनंद पंडित और स्टारकास्ट स्लोवाकिया गए. आनंद पंडित ने बताया कि अमिताभ बच्चन ने 'चेहरे' की मेकिंग को लेकर अपने कुछ आईडिया शेयर किए. साथ ही फिल्म के कुछ सीन का निर्देशन भी किया है. अमिताभ ने फिल्म चेहरे के कुछ सीन्स का किया निर्देशन- आनंद पंडित ने कहा, "फिल्म 'चेहरे' के इस शूट ने हमें लाइफटाइम की यादें दी हैं. शूट के खत्म होने तक हम सभी भावुक हो गए थे. ये कई वजह से बेहद खास है. तापमान के शून्य से नीचे चले जाने पर जब हमें लगा था कि शूट अब मुमकिन नहीं है, तो वो बच्चन सर ही थे जो सबसे पहले पहुंचते थे. बिग बी फिल्म मेकिंग के हर पहलू को बड़े अच्छे से समझते हैं." उन्होंने कहा, "फिल्म 'चेहरे' की शूटिंग के दौरान अमिताभ बच्चन ने अपने आईडिया शेयर किए. उन्होंने जो भी आईडिया दिए वो इस्तेमाल किए गए क्योंकि वो अच्छे से फिल्म में जुड़ गए और इससे ये और भी अच्छी हो गई. उन्होंने अपने अनुभवों और ज्ञान के चलते बेहतर सुझाव हमें दिए. उन्होंने चेसिंग (पकड़ना) और कॉम्बैट (लड़ाई) सीन का निर्देशन किया." फिल्म में इमरान हाशमी और क्रिस्टल डिसूजा भी मुख्य रोल में हैं. फिल्म 24 अप्रैल 2020 को रिलीज होगी.
यह लेख है: एक नाटकीय घटनाक्रम में स्वीडन में एक पायलट को विमान के शौचालय के दरवाजे को कुल्हाड़ी से तोड़ना पड़ा। उसे नशे में धुत यात्री द्वारा बाहर निकलने से इंकार किए जाने के बाद ऐसा करना पड़ा। यात्री ने स्टॉकहोम और आर्नस्कोल्डस्विक के बीच की उड़ान के उतरने से ठीक दस मिनट पहले खुद को विमान के शौचालय में बंद कर लिया।टिप्पणियां सुरक्षा कारणों से विमान के उतरते समय यात्रियों को अपनी जगह से उठने की इजाजत नहीं दी जाती है। उस व्यक्ति को बचाने के लिए पायलट ने कुल्हाड़ी का प्रयोग किया। ‘द लोकल’ की रिपोर्ट के हवाले से वास्टरनॉरलैंड पुलिस ने बताया कि उक्त व्यक्ति को जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है या उसे छह महीने की जेल हो सकती है। विमान के उतरने के बाद उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया। यात्री ने स्टॉकहोम और आर्नस्कोल्डस्विक के बीच की उड़ान के उतरने से ठीक दस मिनट पहले खुद को विमान के शौचालय में बंद कर लिया।टिप्पणियां सुरक्षा कारणों से विमान के उतरते समय यात्रियों को अपनी जगह से उठने की इजाजत नहीं दी जाती है। उस व्यक्ति को बचाने के लिए पायलट ने कुल्हाड़ी का प्रयोग किया। ‘द लोकल’ की रिपोर्ट के हवाले से वास्टरनॉरलैंड पुलिस ने बताया कि उक्त व्यक्ति को जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है या उसे छह महीने की जेल हो सकती है। विमान के उतरने के बाद उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया। सुरक्षा कारणों से विमान के उतरते समय यात्रियों को अपनी जगह से उठने की इजाजत नहीं दी जाती है। उस व्यक्ति को बचाने के लिए पायलट ने कुल्हाड़ी का प्रयोग किया। ‘द लोकल’ की रिपोर्ट के हवाले से वास्टरनॉरलैंड पुलिस ने बताया कि उक्त व्यक्ति को जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है या उसे छह महीने की जेल हो सकती है। विमान के उतरने के बाद उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया। ‘द लोकल’ की रिपोर्ट के हवाले से वास्टरनॉरलैंड पुलिस ने बताया कि उक्त व्यक्ति को जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है या उसे छह महीने की जेल हो सकती है। विमान के उतरने के बाद उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया।
उधर, तीसरे नंबर के जज जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच के पास कोर्ट की अवमानना, धार्मिक मामले, पर्सनल लॉ, बैंकिंग, सरकारी ठेके, आपराधिक, श्रम, टैक्स , भूमि अधिग्रहण, सिविल, सामान्य पैसों के मामले, न्यायिक अधिकारियों से जुड़े मामले, भूमि अधिनियम संबंधी मामले, समुंद्री कानून आदि होंगे.  चौथे नंबर के जज जस्टिस मदन बी लोकुर की बेंच के पास वन के संक्षण के मामले, भूमि, जल, पेड़, पैरामिलेट्री फ़ोर्स, सेना, धार्मिक मामले आदि होंगे और पांचवें नंबर के जज जस्टिस कुरियन के पास श्रम, रेंट एक्ट, फैमिली लॉ, पर्सनल लॉ व धार्मिक मामले आदि रहेंगे. टिप्पणियां गौरतलब है कि चार वरिष्ठ जजों द्वारा 12 जनवरी को प्रेस कांफ्रेस कर केसों के बंटवारे को लेकर सवाल उठाए थे. इसके बाद अब चीफ जस्टिस ने ये रोस्टर जारी किया है.  VIDEO: 4 जजों के साथ फिर बैठे CJI: सूत्र चौथे नंबर के जज जस्टिस मदन बी लोकुर की बेंच के पास वन के संक्षण के मामले, भूमि, जल, पेड़, पैरामिलेट्री फ़ोर्स, सेना, धार्मिक मामले आदि होंगे और पांचवें नंबर के जज जस्टिस कुरियन के पास श्रम, रेंट एक्ट, फैमिली लॉ, पर्सनल लॉ व धार्मिक मामले आदि रहेंगे. टिप्पणियां गौरतलब है कि चार वरिष्ठ जजों द्वारा 12 जनवरी को प्रेस कांफ्रेस कर केसों के बंटवारे को लेकर सवाल उठाए थे. इसके बाद अब चीफ जस्टिस ने ये रोस्टर जारी किया है.  VIDEO: 4 जजों के साथ फिर बैठे CJI: सूत्र गौरतलब है कि चार वरिष्ठ जजों द्वारा 12 जनवरी को प्रेस कांफ्रेस कर केसों के बंटवारे को लेकर सवाल उठाए थे. इसके बाद अब चीफ जस्टिस ने ये रोस्टर जारी किया है.  VIDEO: 4 जजों के साथ फिर बैठे CJI: सूत्र VIDEO: 4 जजों के साथ फिर बैठे CJI: सूत्र
रवि शास्त्री बार-बार इंटरव्यू में सौरव की अनुपस्थिति को लेकर सवाल उठा रहे थे, इसका जवाब देते हुए सौरव ने कहा कि उन्होंने बीसीसीआई को पहले ही सूचना दे दी थी कि इंटरव्यू के दिन 5 बजे लेकर 6.30 तक वे बंगाल क्रिकेट एसोसिशन की मीटिंग में व्यस्त रहेंगे। गांगुली का यह भी कहना था कि अगर वे इंटरव्यू के में मौजूद नहीं थे तो रवि शास्त्री खुद भी मौजूद नहीं थे। उन्हें भारत आकर इंटरव्यू देना चाहिए था। दरअसल शास्त्री ने स्काइप के जरिए इंटरव्यू दिया था क्योंकि इंटरव्यू के दौरान वे बैंकॉक में छुट्टी मना रहे थे। यह बात यहीं ख़त्म होने वाली नहीं है। आगे इस तरह के कई टकराव देखने को मिल सकते हैं। रवि शास्त्री ने अपना तीर चला दिया है, यदि अनिल कुंबले कोच के रूप में सफल होते हैं तब तो अच्छी बात है, लेकिन यदि वे विफल होते हैं तो सवाल चयन समिति पर उठाए जा सकते हैं। यह तर्क भी दिया जा सकता है कि टीम डायरेक्टर के रूप में सफल हुए रवि शास्त्री को कोच क्यों नहीं बनाया गया? ऐसे में जो क्रिकेटर और क्रिकेटप्रेमी कुंबले को लेकर आज खुश नज़र आ रहे हैं, समय आने पर वे कुंबले की आलोचना करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। यह बात यहीं ख़त्म होने वाली नहीं है। आगे इस तरह के कई टकराव देखने को मिल सकते हैं। रवि शास्त्री ने अपना तीर चला दिया है, यदि अनिल कुंबले कोच के रूप में सफल होते हैं तब तो अच्छी बात है, लेकिन यदि वे विफल होते हैं तो सवाल चयन समिति पर उठाए जा सकते हैं। यह तर्क भी दिया जा सकता है कि टीम डायरेक्टर के रूप में सफल हुए रवि शास्त्री को कोच क्यों नहीं बनाया गया? ऐसे में जो क्रिकेटर और क्रिकेटप्रेमी कुंबले को लेकर आज खुश नज़र आ रहे हैं, समय आने पर वे कुंबले की आलोचना करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
घरेलू सरजमीं पर लगातार दो शर्मनाक हार के बावजूद भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कप्तानी छोड़ने से इनकार करते हुए कहा कि यह भागने का नहीं बल्कि जिम्मेदारी लेने और टीम का भाग्य बदलने का समय है. इंग्लैंड के हाथों ईडन गार्डन्स में सात विकेट से शिकस्त के साथ चार मैचों की श्रृंखला में भारत के 1-2 से पिछड़ने के बाद धोनी ने कहा कि फिलहाल मेरे लिए सबसे आसान यह कहना होगा कि मैं कप्तानी छोड़ रहा हूं और सिर्फ टीम का हिस्सा हूं लेकिन यह जिम्मेदारी से भागने की तरह होगा. उन्होंने कहा कि बेशक अन्य लोग भी हैं जो फैसला करेंगे. बीसीसीआई और प्रशासनिक लोग भी हैं जो इसे देखना चाहेंगे. टेस्ट मैचों में धोनी की फार्म भी सवालों के घेरे में है. धोनी ने कहा कि यह उनकी जिम्मेदारी है कि वह टीम को एकजुट करें और अगले मैच के लिए तैयार करें. उन्होंने कहा कि मेरे लिए, मेरी जिम्मेदारी टीम को एकजुट करना और अगले टेस्ट की तैयारी करना है. यहीं अनुभव काम आता है. आपके पास अनुभवी और युवा खिलाड़ियों का अच्छा मिश्रण है. धोनी से जब यह पूछा गया कि क्या वह अब भी टेस्ट टीम की कप्तानी के लिए सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति हैं, उन्होंने कहा कि यह फैसला चयनकर्ताओं को करना है. पिछले साल विदेशी सरजमीं पर आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के हाथों लगतार आठ टेस्ट में शिकस्त के बाद भारत को घरेलू सरजमीं पर भी लगातार दो हार का सामना करना पड़ा है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया श्रृंखला मेरे कैरियर का सबसे न्यूनतम दौर था क्‍योंकि हम प्रतिस्पर्धा पेश नहीं कर पाए. हमें पता है कि यहां कमियां क्या हैं और हमें इन्हें दूर करना चाहिए. भारत को डंकन फ्लैचर के कोच पद संभालने के बाद इन शर्मनाक हारों का समाना करना पड़ा है जिससे भारत की रैंकिंग एक से पांच हो गई है. धोनी ने हालांकि कहा कि यह दोषारोपण करने का समय नहीं है. उन्होंने कहा कि कोच पर सवाल उठाना गलत है. हमने कुछ श्रृंखलाएं जीती हैं. एकदिवसीय मैचों में प्रदर्शन काफी अच्छा रहा और इस बीच हमने टेस्ट श्रृंखलाएं भी जीती. भारतीय कप्तान ने कहा कि हां, आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड श्रृंखला में हमें जूझना पड़ा और इस श्रृंखला में भी हमने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया और दो मैच गंवा दिए. हमें बहाने या दोषारोपण पर ध्यान नहीं देना चाहिए. कोच पर सवाल नहीं उठाने चाहिए. आखिर मैदान पर 11 खिलाड़ी उतरते हैं. धोनी ने कहा कि फ्लेचर की तकनीकी जानकारी बेजोड़ है और वह सही दिशा में खिलाड़ियों का मार्गदर्शन कर रहे हैं.
रोर ऑफ़ द लायन 2019 की भारतीय बहुभाषी डॉक्यूमेंट्री ड्रामा हॉटस्टार की वेब सीरीज़ है, जो कबीर खान द्वारा सह-निर्मित है, अमरदीप गलसिन द्वारा लिखित और आमिर रिज़वी द्वारा निर्देशित है, जिसमें एमएस धोनी, रविन्द्र जडेजा, सुरेश रैना, शेन वॉटसन, ड्वेन ब्रावो, फाफ डू प्लेसिस और दीपक चाहर और अंबाती रायडू सहायक कलाकार के रूप में अभिनीत हैं। यह श्रृंखला इंडियन प्रीमियर लीग टीम चेन्नई सुपर किंग्स का अनुसरण करती है, जो 2013 के स्पॉट फिक्सिंग कांड में कथित रूप से शामिल होने के लिए दो साल के प्रतिबंध की सेवा के बाद आईपीएल के 2018 संस्करण में लौट आई थी। इस वेब सीरीज की शूटिंग भारत के (मुम्बई , दिल्ली, चेन्नई) और ऑस्ट्रेलिया में हुई थी। वृत्तचित्र श्रृंखला को लेखनी को पूरा होने में तीन महीने लगे। वृत्तचित्र के वितरण अधिकार डिजिटल प्लेटफॉर्म हॉटस्टार द्वारा अधिग्रहित किए गए, और अंततः हॉटस्टार स्पेशल के तहत जारी किए गए, स्ट्रीमिंग सेवा का मूल सामग्री प्रदान करने वाला लेबल, और श्रृंखला लेबल में रिलीज़ होने वाली पहली श्रृंखला है। श्रृंखला का प्रीमियर 20 मार्च 2019 को तमिल और हिंदी भाषाओं में हुआ। पृष्ठभूमि डॉक्यूमेंट्री 2018 में सीएसके फ्रैंचाइज़ी की वापसी का अनुसरण करती है, जब वे दुनिया की सबसे अमीर टी 20 लीग, इंडियन प्रीमियर लीग में लगभग दो साल तक खेलने से चूक गए थे। वृत्तचित्र भावनात्मक यादों और भारत के सबसे प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ियों में से एक, एमएस धोनी के अनुभवों को प्रकट करता है। धोनी को 2013 में स्पॉट फिक्सिंग के संबंध में गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ा था,और फिर आईपीएल में खेलने से दो साल के निलंबन के बाद 2018 आईपीएल टूर्नामेंट में चेन्नई सुपर किंग्स का नेतृत्व किया। डॉक्यूमेंट्री के ट्रेलर में धोनी को सीएसके फ्रैंचाइज़ी के बुरे दिनों के बारे में बोलते हुए दिखाया गया था क्योंकि यह 2013 के स्पॉट फिक्सिंग विवाद में साथी टीम राजस्थान रॉयल्स के साथ शामिल था। चरित्र मुख्य पात्र: एमएस धोनी खुद के रूप में। रविन्द्र जडेजा खुद के रूप में। सुरेश रैना खुद के रूप में। शेन वॉटसन खुद के रूप में। ड्वेन ब्रावो खुद के रूप में। माध्यमिक वर्ण: फाफ डु प्लेसिस खुद के रूप में। दीपक चाहर खुद के रूप में। अंबाती रायडू खुद के रूप में। पात्रों का समर्थन: स्टीफन फ्लेमिंग खुद के रूप में। मैथ्यू हेडन खुद के रूप में। एपिसोड सन्दर्भ चेन्नई सुपर किंग्स
मीरपुर उपजिला, बांग्लादेश का एक उपज़िला है, जोकी बांग्लादेश में तृतीय स्तर का प्रशासनिक अंचल होता है (ज़िले की अधीन)। यह खुलना विभाग के कुष्टिय़ा ज़िले का एक उपजिला है, जिसमें, ज़िला सदर समेत, कुल 6 उपज़िले हैं, और मुख्यालय कुष्टिय़ा सदर उपज़िला है। यह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दक्षिण-पश्चिम की दिशा में अवस्थित है। यह मुख्यतः एक ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। जनसांख्यिकी यहाँ की आधिकारिक स्तर की भाषाएँ बांग्ला और अंग्रेज़ी है। तथा बांग्लादेश के किसी भी अन्य क्षेत्र की तरह ही, यहाँ की भी प्रमुख मौखिक भाषा और मातृभाषा बांग्ला है। बंगाली के अलावा अंग्रेज़ी भाषा भी कई लोगों द्वारा जानी और समझी जाती है, जबकि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक निकटता तथा भाषाई समानता के कारण, कई लोग सीमित मात्रा में हिंदुस्तानी(हिंदी/उर्दू) भी समझने में सक्षम हैं। यहाँ का बहुसंख्यक धर्म, इस्लाम है, जबकि प्रमुख अल्पसंख्यक धर्म, हिन्दू धर्म है। खुलना विभाग में, जनसांख्यिकीक रूप से, इस्लाम के अनुयाई, आबादी के औसतन ८३.६१% है, जबकि शेष जनसंख्या प्रमुखतः हिन्दू धर्म की अनुयाई है। बांग्लादेश के सारे विभागों में, खुलना विभाग में मुसलमान आबादी की तुलना में हिन्दू आबादी की का अनुपात सबसे अधिक है। यह मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र है, और अधिकांश आबादी ग्राम्य इलाकों में रहती है। अवस्थिति मीरपुर उपजिला बांग्लादेश के दक्षिण-पश्चिमी भाग में, खुलना विभाग के कुष्टिय़ा जिले में स्थित है। इन्हें भी देखें बांग्लादेश के उपजिले बांग्लादेश का प्रशासनिक भूगोल खुलना विभाग उपज़िला निर्वाहि अधिकारी सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ उपज़िलों की सूची (पीडीएफ) (अंग्रेज़ी) जिलानुसार उपज़िलों की सूचि-लोकल गवर्नमेंट इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट, बांग्लादेश http://hrcbmdfw.org/CS20/Web/files/489/download.aspx (पीडीएफ) श्रेणी:खुलना विभाग के उपजिले बांग्लादेश के उपजिले
महाराष्ट्र पब्लिक सर्विस कमीशन (MPSC) ने दो पदों के लिए वैकेंसी निकाली हैं. इच्छुक उम्मीदवार 29 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं. पद का नाम: क्लर्क टाइपिस्ट पदों की संख्या: 283 पे स्केल: 5200-20200 रुपये योग्यता: 10वीं/12वीं पास ज्यादा जानकारी के लिए लिंक: http://www.mpsc.gov.in/advertisements.jsp?head=1&status=1
उत्तर प्रदेश में 10 हजार करोड़ रुपये से कहीं अधिक धनराशि नौकरशाही, राजनेताओं की जेब में चली जाती है, जिससे बड़ी धनराशि का लाभ आम जनता को नहीं मिल पाता, वहीं सम्बन्धित योजनाएं गलत हाथों में चली जाती हैं. इससे विकास का पहिया कीचड़ में धंसता चला जाता है. भ्रष्टाचार के चलते जरूरी योजनाएं नहीं बन पाती हैं तथा 'कान्ट्रैक्टर ड्रिवेन प्रोजेक्ट' के लिए स्मूथ-लाइनिंग की जाती है. यह बात जिजीविषा के संस्थापक अध्यक्ष चन्द्र भूषण पाण्डेय ने 'सरकारी तंत्र में संस्थागत भ्रष्टाचार, चुनौतियां व समाधान' विषय पर आयोजित संगोष्ठी में कही. उन्होंने कहा कि 10 हजार करोड़ रुपये तो केवल नियोजित बजट का भाग है, जिसकी बात की जा रही है. इसके अलावा नॉन-प्लान बजट में रिश्वत तथा लेखपाल, पंचायत अधिकारी, पुलिस तथा पेशकार सहित तमाम नौकरशाहों को रुटीन कार्यों के लिए दी जाने वाली रिश्वत सम्मिलित नहीं है. उन्होंने कहा कि 10000 करोड़ को यदि नौकरशाहों, राजनेताओं की जेब से निकालकर विकास कार्य में लगाया जाए, तो इससे 2000 मेगावाट की बड़ी ऊर्जा परियोजना खड़ी हो सकती है. इससे 33 लाख परिवारों को घर दिया जा सकता है या 40 लाख हैण्डपम्प लगाई जा सकती है. इस रकम में 16 लाख व्यक्तियों को 5000 रुपये प्रतिमाह सहायता देकर उनकी तस्वीर बदली जा सकती है. मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पाण्डेय ने कहा कि बहुत बर्दाश्त किया गया, अब संस्थागत भ्रष्टाचार को उखाड़ फेंकना है. इसके लिए इस जन-अभियान में सम्मिलित हों तथा, विभागवार मोर्चा, दबाव समूह बनाकर प्रदेश मुख्यालय, मण्डल मुख्यालय तथा जनपद एवं विकास खण्ड स्तर पर अभियान चलाने की आवश्यकता है. सर्वजन हिताय संरक्षण समिति के ओपी पाण्डेय ने कहा कि नीतिगत बदलाव की आवश्यकता है. राजनीति में जब तक साफ-सुथरे लोग नहीं आयेंगे तब तक, तस्वीर बदलना कठिन है. अ़ख्तर अली फारूकी ने भ्रष्टाचार के वर्तमान स्वरूप के लिए प्रशासनिक व्यवस्था की विफलता बताते हुए कहा कि आईएएस अधिकारियों के आचार-व्यवहार को बदलने की आवश्यकता है. जस्टिस एस.सी. वर्मा ने, समाज के नैतिक मूल्यों में बदलाव से आए इस संकट पर कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपना-अपना दायित्व ईमानदारी से निर्वहन करना चाहिए तथा भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का संकल्प लेना चाहिए.
12 मार्च को होलिका दहन का शुभ मुहूर्त है और 13 मार्च को रंगवाली होली. ज्योतिषाचार्य बिनोद मिश्र के अनुसार शाम 6 बजकर 23 मिनट से रात 8 बजकर 35 मिनट तक का समय मंगलसूचक है. प्रदोष काल में ही होलिका दहन उत्तम माना जाता है. भद्रा काल में न करें होलिका दहन भद्रा काल में होलिका दहन ना करें. भद्रा काल 12 मार्च को सुबह 8 बजकर 23 मिनट पर शुरू होकर शाम 4 बजकर 22 मिनट तक रहेगा. भद्रा में अनेक काम और अनेक पर्व मनाना वर्जित कहे गए हैं. होलिका दहन की भस्म अशुभ प्रभाव से घर को बचाती है भद्रा काल का वास भद्रा काल तीन जगह वास करता है. आकाश, पाताल और मृत्यु लोक. अगर भद्रा आकाश और पाताल में वास कर रहा है, फिर तो इसका ज्यादा खतरा नहीं होता. पर अगर यह मृत्यु लोक में वास कर रहा है तो गलती से भी इसमें मंगल कार्य न करें. होलिका दहन की विधि होलिका दहन जिस स्थान पर करना है, उसे अच्छे से साफ करें. फिर वहां गंगा जल झिड़क कर उसे शुद्ध करें. सूखी लकड़ियों का ढेर बनाएं. अग्नि समर्पित करने से पूर्व होलिका का विधिवत पूजन करें. ज्योतिषाचार्य बिनोद मिश्र के अनुसार पूजन करते वक्त पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके बैठना चाहिए. ये पूजन किसी पण्डित से करवाना श्रेयस्कर रहता है. पूजन सामग्री होलिका पूजन सामग्री में गोबर से निर्मित होलिका और प्रहलाद के लक्षण की तरह प्रयोग में आने वाला स्वरूप, फूलों की माला, रोली, गंध, पुष्प, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल, नारियल, पांच या सात प्रकार के अनाज, नई गेहूं और अन्य फसलों की बालियां और साथ में एक लोटा जल रखना चाहिए. इसके अतिरिक्त बड़ी-फूलौरी, मीठे पकवान, मिठाईयां, फल आदि भी अर्पित किए जा सकते हैं. होलिका के चारों ओर सात परिक्रमा करें.
नए साल के दौरान पूरी दिल्ली जश्न और मस्ती में डूबी रहती है. ऐसे में शराब पीकर गाड़ी चलाने से लेकर तमाम तरह के नियम- कानून को दिल्ली के बाशिंदे धड़ल्ले से तोड़ते हैं. लेकिन इस मौके पर किसी भी तरह कानून का उल्लंघन न हो, इसके लिए दिल्ली पुलिस ने नए साल से पहले ही एक एडवाइजरी जारी की थी. बावजूद इसके दिल्ली के लोग मानने वाले कहां थे. नए साल पर जश्न के नाम पर दिल्ली की जनता ने जमकर कानून की धज्जियां उड़ाई और जवाब में दिल्ली पुलिस ने भी जीरो टॉलरेंस दिखाते हुए जमकर चालान काटे. पुलिस ने 31 दिसंबर को एक ही दिन में 16420 चालान काटे हैं जिसमें करीब 745 चालाक ड्रिंक एंड ड्राइविंग के हैं वो भी रात के 12:00 बजे से पहले किए गए हैं. रात को 12:00 बजे से नए साल शुरू होने के साथ ही दिल्ली के लोगों ने कानून तोड़ना जारी रखा. इसी वजह से ड्रिंक एंड ड्राइव के 1007 चालान पुलिस ने रात 12:00 बजे के बाद भी काटे. पुलिस ने सुरक्षा के खास इंतजाम किए थे. करीब 433 पॉइंट पर दिल्ली पुलिस की तैनाती की गई थी जिनमें 155 पॉइंट पर ड्रिंक एंड ड्राइव के लिए ट्रैफिक पुलिस के जवान तैनात थे. इसके साथ ही रफ ड्राइविंग और ओवर स्पीडिंग के मामले में पुलिस ने कई गाड़ियों को ज़ब्त भी किया. इस साल पिछले साल की तुलना में लगभग दोगने चालान काटे गए और सबसे खास बात यह रही कि इस बार सबसे ज्यादा चालान लड़कियों की गाड़ी के काटे गए जो ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन कर रही थीं. हालांकि दिल्ली पुलिस का कहना है कि इस साल बिना किसी अप्रिय घटना के नए साल का जश्न मनाने के वादे पर दिल्ली पुलिस खरी उतरी है.
कोलकाता में शनिवार को तृणमूल कांग्रेस की नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का 'शक्ति प्रदर्शन' पूरी तरह से सफल रहा है. करीब 20 नेता में जिसमें कई एक पूर्व प्रधानमंत्री, कई मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्रियों सहित 20 बड़े नेता शामिल थे. इस रैली में बीजेपी नेता और वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे  यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने भी मंच से मोदी सरकार को ललकारा तो पटना साहिब से बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने भी अपने भाषण में कहा, 'चौकीदार चोर है'. सिन्हा ने तेजस्वी यादव को बिहार का भविष्य भी बताया. माना जा रहा है कि बीजेपी बहुत जल्द ही उन पर कार्रवाई कर सकती है. मंच पर ममता बनर्जी ही सबकी अगुवाई कर रही थी और कांग्रेस से मल्लिकार्जुन खड़गे, अभिषेक मनु सिंघवी, बीएसपी से सतीश चंद्र मिश्रा, सपा से अखिलेश यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस से फारुख अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला, शरद यादव, टीडीपी नेता और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्र बाबू नायडू, कर्नाटक के सीएम कुमारस्वामी, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, हेमंत सोरेन, डीएमके से स्टालिन, अमा आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, गुजरात से हार्दिक पटेल और जिग्नेश मेवाणी, आरएलडी से जयंत चौधरी भी मौजूद थे. मंच के 20 नेताओं के साथ ही मैदान पर भीड़ भी हैरान कर देने वाली थी. तीसरे मोर्चे की वकालत कर रहीं ममता बनर्जी ने कोलकाता में अपनी ताकत दिखा चुकी हैं और कई नेताओं ने उनकी तारीफ की है. अरुण शौरी ने उन्हें 'शेरनी' कहा और कहा कि यहां आए सभी पार्टियों को अपने व्यक्तिगत स्वार्थ और सीटों की संख्या भुलाकर बीजेपी को हटाने के लिए एकजुट हो जाना चाहिए. जहां लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस यूपीए को मजबूत करने की कवायद में लगी है तो दूसरी ओर ममता बनर्जी ने भी अपनी ताकत दिखा दी है कि बड़े नेता किसके साथ हैं. मंच पर कई नेताओं ने यह भी कहा है कि बाद में तय कर लेंगे कि कौन प्रधानमंत्री होगा. वहीं कांग्रेस पहले से ही राहुल गांधी को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर चुकी है. उत्तर प्रदेश में सपा और बीएसपी ने अपने गठबंधन से पहले ही कांग्रेस को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इसमें ध्यान देने की बात यह भी है कि  महंगाई को लेकर कांग्रेस की ओर बुलाए गए भारत बंद और दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई रैली में वामदलों और कुछ पार्टियों को छोड़कर न तो मायावती, अखिलेश यादव और अरविंद केजरीवाल नहीं आए थे. मंच पर भी इतने नेता इकट्ठा नहीं हुए थे. लेकिन मंच पर दक्षिण भारत तक के  नेता भी दिखाई दिए. वहीं खबर यह है कि उत्तर प्रदेश में सपा और बीएसपी भी मिलकर ऐसी ही रैली की योजना बना रहे हैं. कुल मिलाकर तस्वीर साफ है कि विपक्षी दल राहुल गांधी को उतनी तवज्जो देने के मूड में नहीं है. वहीं अगर सीटों का समझौता भी हुआ तो कांग्रेस को झटका लग सकता है. दूसरी ओर अगर कांग्रेस इन दलों के साथ मिलकर अगर चुनाव लड़ती है तो प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए राहुल गांधी के नाम पर आसानी से सहमति बन जाएगी, इससे भी संदेह के बादल मंडरा रहे हैं क्योंकि ममता बनर्जी के मंच से साफ कहा गया है कि प्रधानमंत्री कौन होगा यह बाद में तय कर लेंगे.
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: Xiaomi Redmi Note 7 खरीदने की चाहत रखने वाले शाओमी प्रशंसकों के लिए अच्छी खबर है। अब तक फ्लैश सेल में बिकने वाला यह हैंडसेट 17 अप्रैल यानी बुधावर से ओपन सेल में उपलब्ध होगा। Xiaomi ने जानकारी दी है कि Redmi Note 7 के दोनों ही वेरिएंट ओपन सेल में उपलब्ध होंगे। पहले की तरह ग्राहक इस हैंडसेट को ई-कॉमर्स साइट Flipkart और शाओमी की वेबसाइट पर खरीद पाएंगे। याद रहे कि Xiaomi Redmi Note 7 को इस साल फरवरी महीने में Redmi Note 7 Pro के साथ उतारा गया था। मंगलवार को Xiaomi ने जानकारी दी कि रेडमी नोट 7 के दोनों ही वेरिएंट को अब ओपन सेल में उपलब्ध करा दिया जाएगा। अब तक इस हैंडसेट को खरीदने के लिए इच्छुक ग्राहकों को करीब हफ्ते भर का इंतज़ार करना पड़ता था। लेकिन 17 अप्रैल यानी बुधवार से Redmi Note 7 हर वक्त उपलब्ध होगा। इस संबंध में रेडमी इंडिया और शाओमी इंडिया के प्रमुख मनु कुमार जैन ने ट्वीट किया है। वहीं, रेडमी नोट 7 के साथ ही लॉन्च किए गए Redmi Note 7 Pro को अब भी फ्लैश सेल के ज़रिए ही बेचा जाएगा। गौर करने वाली बात है कि बीते हफ्ते ही कंपनी ने भारतीय मार्केट में अब तक रेडमी नोट 7 सीरीज़ के 10 लाख से ज़्यादा हैंडसेट बेचने का दावा किया था। बताया गया था कि Redmi Note 7 और Redmi Note 7 Pro की सेल का आंकड़ा 10 लाख को पार कर गया है। भारत में रेडमी नोट 7 की शुरुआती कीमत 9,999 रुपये है। इस दाम में 3 जीबी रैम/32 जीबी स्टोरेज वेरिएंट मिलता है। इसके 4 जीबी रैम/ 64 जीबी स्टोरेज वेरिएंट की कीमत 11,999 रुपये है। Redmi Note 7 को तीन कलर वेरिएंट में उतारा गया है- ओनिक्स ब्लैक, रूबी रेड और सफायर ब्लू। रेडमी नोट 7 में 6.3 इंच का फुल एचडी+ (1080x2340 पिक्सल) डिस्प्ले है जिसका आस्पेक्ट रेशियो 19.5:9 है। स्क्रीन प्रोटेक्शन के लिए कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लास 5 का इस्तेमाल हुआ है। स्पीड और मल्टीटास्किंग के लिए स्नैपड्रैगन 660 ऑक्टा-कोर प्रोसेसर के साथ 3 जीबी/4 जीबी रैम विकल्प है। फोटो, वीडियो और अन्य चीजों को सेव करने के लिए दो वेरिएंट उतारे गए हैं- एक 32 जीबी स्टोरेज के साथ तो दूसरा 64 जीबी स्टोरेज के साथ। माइक्रोएसडी कार्ड की मदद से स्टोरेज को 256 जीबी तक बढ़ाना संभव है। फोन में जान फूंकने के लिए 4,000 एमएएच की बैटरी दी गई है जो क्विक चार्ज 4.0 सपोर्ट के साथ आती है। सिक्योरिटी के लिए फोन के पिछले हिस्से में फिंगरप्रिंट सेंसर है, इसके अलावा आपको फोन में यूएसबी टाइप-सी पोर्ट, 3.5 मिलीमीटर ऑडियो जैक और डुअल-सिम (हाइब्रिड) सपोर्ट है। कनेक्टिविटी के लिए हैंडसेट में ब्लूटूथ वर्जन 5.0, वाई-फाई 5 और इंफ्रेड सपोर्ट शामिल है। कैमरा सेटअप की बात करें तो Redmi Note 7 में दो रियर कैमरे हैं। 12 मेगापिक्सल का प्राइमरी सेंसर और 2 मेगापिक्सल का डेप्थ सेंसर दिया गया है। सेल्फी के लिए Redmi Note 7 के भारतीय वेरिएंट में 13 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया गया है। याद करा दें कि चीन में उतारे गए रेडमी नोट 7 स्मार्टफोन में एलईडी फ्लैश के साथ 48 मेगाापिक्सल का सोनी आईएमएक्स586 सेंसर है जिसका अर्पचर एफ/1.8 और सेकेंडरी कैमरा 5 मेगापिक्सल का है। रेडमी नोट 7 का कैमरा ऐप बेहतर पोर्टेट मोड, स्मार्ट ब्यूटी फीचर और सीन रिकग्निशन सपोर्ट के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करता है। सॉफ्टेवयर की बात करें तो Redmi Note 7 स्मार्टफोन एंड्रॉयड 9 पाई (Android 9 Pie) पर आधारित मीयूआई 10 पर चलता है।
कूलर से भरा कैंटर लूटकर ड्राइवर की हत्या करने के आरोप में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है. हत्यारोपियों के पास से पुलिस ने केंटर सहित लुटे हुए कूलर और हत्या में प्रयोग किया गया तमंचा भी बरामद किया है. दरअसल, ग्रेटर नोएडा कोतवाली क्षेत्र के साइड-4 में बीती 20 फरवरी को कूलर से भरा कैंटर लूटकर और ड्राइवर की हत्या करके उसे हरियाणा क्षेत्र में फेंककर आरोपी फरार हो गए थे. इसी मामले में आज यानी गुरुवार को ग्रेटर नोएडा कोतवाली पुलिस ने 4 हत्यारोपियों को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि कैंटर में तकरीबन 15 लाख रुपये कीमत के कूलर थे. ग्रेटर नोएडा पुलिस ने तकरीबन 12 लाख की कीमत के कूलर और कैंटर को बरामद कर लिया है. साथ ही हत्या में प्रयुक्त तमंचा भी बरामद किया है. दरअसल, ग्रेटर नोएडा कोतवाली क्षेत्र के साइड फॉर में बीती 20 फरवरी को कूलर से भरा कैंटर लखनऊ की तरफ जा रहा था. कंपनी से कुछ ही दूर पहले काम एक व्यक्ति ने कैंटर ड्राइवर से लिफ्ट ली और फिर उसके साथी भी कैंटर पर पहुंच गए. तमंचे के बल पर उसे ईस्टर्न पेरिफेरल के रास्ते होते हुए हरियाणा के जिला फरीदाबाद छायास के पास ले गए. फिर लूटपाट करके उसकी हत्या कर दी और फरार हो गए. जब कैंटर ड्राइवर समय पर सामान लेकर नहीं पहुंचा तो कैंटर के मालिक ने ड्राइवर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया. उसके बाद हरियाणा के छायसा में एक अज्ञात शव मिलने से आसपास के जनपद में पुलिस को सूचना दी गई. जब ग्रेटर नोएडा पुलिस को पता चला और मौके पर पहुंची तो शव की पहचान की गई और शव कैंटर चालक अजय कुमार का निकला. पुलिस ने इस मामले में सीसीटीवी और मुखबिर की सूचना के आधार पर जांच की तो पता चला लूटने की बात ड्राइवर की हत्या की गई है. आरोपियों ने कुछ कूलर को बेच दिया जबकि पुलिस ने कैंटर सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. कंपनी में काम करने वाले ही एक शख्स ने अपने साथियों के साथ मिलकर लूट की घटना को अंजाम दिया था.
लेख: आज आप तक हम पहुंचा रहे हैं एक ऐसा खुलासा जिसके बारे में हम अक्सर बात तो करते रहे हैं लेकिन साफ-साफ इसे देखना सुनना फिर भी चौंकाने वाला है। बलात्कार एक ऐसा जुर्म है जिसकी शिकार हुई महिला को हमारा समाज हमारा तंत्र दोषी से ज्यादा दोषी महसूस करा देता है। कानून हैं, पहले से बेहतर कानून हैं लेकिन जो इस कानून को लागू करते हैं वे पुलिसवाले क्या सोचते हैं बलात्कार जैसे संगीन जुर्म को लेकर...। मर्द तो मर्द महिला पुलिस अधिकारी भी बलात्कार के लिए बलात्कारी से ज्यादा पीड़ित लड़की या महिला को ही जिम्मेदार मानती है। सारे सवाल लड़कियों पर ही उठे बात चाहे उसके कपड़ों की हो या व्यवहार की या यहां तक कि परिवार की भी। बदकिस्मती से ये हाल राजधानी और उससे सटे इलाकों की पुलिस का है। इसी बीमार सोच के मारे 30 पुलिसवालों का खुलासा किया है तहलका और एनडीटीवी ने। पिछले दिनों गुड़गांव के एक पब में एक 28 साल की कामकाजी लड़की को 6 लोगों ने जबरन उठा लिया और उसके साथ गैंगरेप हुआ। कानूनी तौर पर तो पुलिस बलात्कारियों की तलाश कर रही है लेकिन हकीकत में वह लड़की की निजी जिंदगी में गलतियां तलाश रही है। यह कहते हुए कि पब की कमर्चारी नहीं थी बल्कि ग्राहकों को वहां लाने का काम करती थी। उसी तरह डीएलएफ फेज 2 के एसएचओ जानशेर सिंह बलात्कार के आरोपियों को 'बच्चे' बताते हैं और कहते हैं कि उम्र की बड़ी लड़की ने ही उन्हें बहकाया। ज्यादातर पुलिसवालों का मानना है कि बलात्कार अब ब्लैकमेलिंग का हथियार बन चुका है। 17 से ज्यादा अफसरों का मानना है कि यह सबकुछ पैसे के लिए होता है। मुश्किल से एक महीना पहले नोएडा पुलिस की जोरदार फजीहत हुई जब उसने एक बलात्कार पीड़ित नाबालिग लड़की की पहचान उजागर कर दी जो चलती कार में गैंगरेप का शिकार हुई थी। इस मामले में नोएडा के एसपी सिटी ने पीड़ित लड़की पर ही सवाल उठाए थे लेकिन अब तो हद हो गई जब पुलिस वाले कह रहे हैं कि अगर कोई लड़की 10 लड़कों के साथ कार में बैठती है तो वह मासूम नहीं हो सकती है? उसे पता है कि लड़कों के साथ शराब पीने का अंजाम क्या होगा? बलात्कार को लेकर बीमार सोच रखने वाले पुलिसवालों का मानना है कि रेप को लेकर सौ में से 99 मामले झूठे होते हैं सिर्फ एक से दो फीसदी केस ही सही होते हैं। अब इसे पुलिसवालों का अहसान मानें या फिर उनकी बीमारी ये फैसला आप बेहतर कर सकते हैं...। कैमरे के सामने या पब्लिक के सामने दिल्ली पुलिस महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चाहे कितने भी बड़े दावे करे लेकिन ऑफ द रिकार्ड उनकी सोच क्या है अगर यह पता चल जाए तो लोगों का पुलिस से यकीन खत्म हो जाएगा। सोचिए! दिल्ली पुलिस का एक अफसर खुलेआम कह रहा है कि कोई बलात्कार बिना लड़की के उकसावे के नहीं होता। लड़कियों या महिलाओं की ड्रेस क्या होनी चाहिए इसे लेकर बहस होती रही है वक्त-वक्त पर समाज के ठेकेदार इसे लेकर बयान जारी करते रहे हैं। पुलिस के बड़े अफसर महिलाओं के पहनावे को लेकर टीका-टिप्पणी करते रहे हैं। उन लोगों ने बयान बाद में भले ही वापस ले लिया हो लेकिन एक आम पुलिसवाला जिससे आम लोगों का वास्ता पड़ता है वह पूरी मुस्तैदी से यही मानता है कि लड़कियों की ड्रेस पुरुषों को रेप के लिए उकसाने का काम करती है। राजधानी और उससे लगे इलाकों में रोजी-रोटी के लिए आने वाली नॉर्थ-र्ईस्ट और दूसरे इलाकों की महिलाओं को लेकर पुलिस का मानना है कि वे यहां कमाई के लिए आती हैं लेकिन जब पैसे कम पड़ते हैं तो वे बलात्कार का आरोप लगाती हैं।टिप्पणियां अगर पुलिसिया सोच की मानें तो रेप की घटनाओं के लिए वे अपनी नाकामी को कहीं से जिम्मेदार नहीं मानती जिम्मेदारी का ठीकरा कभी लड़की के कपड़े और लाइफ स्टाइल पर फोड़ती है तो कभी घरवालों और घर के माहौल पर। क्या बलात्कार की शिकायत करना कारोबारी सोच का नतीजा है...। कम से कम गुड़गांव पुलिस तो यही मानती है जिसकी पिछले दिनों खासी छिछालेदर भी हो चुकी है। गुड़गांव पुलिस के अफसरों का मानना है कि बदनामी की परवाह किए बगैर वही लोग शिकायत करते हैं जिन्हें इसमें अपना फायदा नज़र आता है। बलात्कार एक ऐसा जुर्म है जिसकी शिकार हुई महिला को हमारा समाज हमारा तंत्र दोषी से ज्यादा दोषी महसूस करा देता है। कानून हैं, पहले से बेहतर कानून हैं लेकिन जो इस कानून को लागू करते हैं वे पुलिसवाले क्या सोचते हैं बलात्कार जैसे संगीन जुर्म को लेकर...। मर्द तो मर्द महिला पुलिस अधिकारी भी बलात्कार के लिए बलात्कारी से ज्यादा पीड़ित लड़की या महिला को ही जिम्मेदार मानती है। सारे सवाल लड़कियों पर ही उठे बात चाहे उसके कपड़ों की हो या व्यवहार की या यहां तक कि परिवार की भी। बदकिस्मती से ये हाल राजधानी और उससे सटे इलाकों की पुलिस का है। इसी बीमार सोच के मारे 30 पुलिसवालों का खुलासा किया है तहलका और एनडीटीवी ने। पिछले दिनों गुड़गांव के एक पब में एक 28 साल की कामकाजी लड़की को 6 लोगों ने जबरन उठा लिया और उसके साथ गैंगरेप हुआ। कानूनी तौर पर तो पुलिस बलात्कारियों की तलाश कर रही है लेकिन हकीकत में वह लड़की की निजी जिंदगी में गलतियां तलाश रही है। यह कहते हुए कि पब की कमर्चारी नहीं थी बल्कि ग्राहकों को वहां लाने का काम करती थी। उसी तरह डीएलएफ फेज 2 के एसएचओ जानशेर सिंह बलात्कार के आरोपियों को 'बच्चे' बताते हैं और कहते हैं कि उम्र की बड़ी लड़की ने ही उन्हें बहकाया। ज्यादातर पुलिसवालों का मानना है कि बलात्कार अब ब्लैकमेलिंग का हथियार बन चुका है। 17 से ज्यादा अफसरों का मानना है कि यह सबकुछ पैसे के लिए होता है। मुश्किल से एक महीना पहले नोएडा पुलिस की जोरदार फजीहत हुई जब उसने एक बलात्कार पीड़ित नाबालिग लड़की की पहचान उजागर कर दी जो चलती कार में गैंगरेप का शिकार हुई थी। इस मामले में नोएडा के एसपी सिटी ने पीड़ित लड़की पर ही सवाल उठाए थे लेकिन अब तो हद हो गई जब पुलिस वाले कह रहे हैं कि अगर कोई लड़की 10 लड़कों के साथ कार में बैठती है तो वह मासूम नहीं हो सकती है? उसे पता है कि लड़कों के साथ शराब पीने का अंजाम क्या होगा? बलात्कार को लेकर बीमार सोच रखने वाले पुलिसवालों का मानना है कि रेप को लेकर सौ में से 99 मामले झूठे होते हैं सिर्फ एक से दो फीसदी केस ही सही होते हैं। अब इसे पुलिसवालों का अहसान मानें या फिर उनकी बीमारी ये फैसला आप बेहतर कर सकते हैं...। कैमरे के सामने या पब्लिक के सामने दिल्ली पुलिस महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चाहे कितने भी बड़े दावे करे लेकिन ऑफ द रिकार्ड उनकी सोच क्या है अगर यह पता चल जाए तो लोगों का पुलिस से यकीन खत्म हो जाएगा। सोचिए! दिल्ली पुलिस का एक अफसर खुलेआम कह रहा है कि कोई बलात्कार बिना लड़की के उकसावे के नहीं होता। लड़कियों या महिलाओं की ड्रेस क्या होनी चाहिए इसे लेकर बहस होती रही है वक्त-वक्त पर समाज के ठेकेदार इसे लेकर बयान जारी करते रहे हैं। पुलिस के बड़े अफसर महिलाओं के पहनावे को लेकर टीका-टिप्पणी करते रहे हैं। उन लोगों ने बयान बाद में भले ही वापस ले लिया हो लेकिन एक आम पुलिसवाला जिससे आम लोगों का वास्ता पड़ता है वह पूरी मुस्तैदी से यही मानता है कि लड़कियों की ड्रेस पुरुषों को रेप के लिए उकसाने का काम करती है। राजधानी और उससे लगे इलाकों में रोजी-रोटी के लिए आने वाली नॉर्थ-र्ईस्ट और दूसरे इलाकों की महिलाओं को लेकर पुलिस का मानना है कि वे यहां कमाई के लिए आती हैं लेकिन जब पैसे कम पड़ते हैं तो वे बलात्कार का आरोप लगाती हैं।टिप्पणियां अगर पुलिसिया सोच की मानें तो रेप की घटनाओं के लिए वे अपनी नाकामी को कहीं से जिम्मेदार नहीं मानती जिम्मेदारी का ठीकरा कभी लड़की के कपड़े और लाइफ स्टाइल पर फोड़ती है तो कभी घरवालों और घर के माहौल पर। क्या बलात्कार की शिकायत करना कारोबारी सोच का नतीजा है...। कम से कम गुड़गांव पुलिस तो यही मानती है जिसकी पिछले दिनों खासी छिछालेदर भी हो चुकी है। गुड़गांव पुलिस के अफसरों का मानना है कि बदनामी की परवाह किए बगैर वही लोग शिकायत करते हैं जिन्हें इसमें अपना फायदा नज़र आता है। मर्द तो मर्द महिला पुलिस अधिकारी भी बलात्कार के लिए बलात्कारी से ज्यादा पीड़ित लड़की या महिला को ही जिम्मेदार मानती है। सारे सवाल लड़कियों पर ही उठे बात चाहे उसके कपड़ों की हो या व्यवहार की या यहां तक कि परिवार की भी। बदकिस्मती से ये हाल राजधानी और उससे सटे इलाकों की पुलिस का है। इसी बीमार सोच के मारे 30 पुलिसवालों का खुलासा किया है तहलका और एनडीटीवी ने। पिछले दिनों गुड़गांव के एक पब में एक 28 साल की कामकाजी लड़की को 6 लोगों ने जबरन उठा लिया और उसके साथ गैंगरेप हुआ। कानूनी तौर पर तो पुलिस बलात्कारियों की तलाश कर रही है लेकिन हकीकत में वह लड़की की निजी जिंदगी में गलतियां तलाश रही है। यह कहते हुए कि पब की कमर्चारी नहीं थी बल्कि ग्राहकों को वहां लाने का काम करती थी। उसी तरह डीएलएफ फेज 2 के एसएचओ जानशेर सिंह बलात्कार के आरोपियों को 'बच्चे' बताते हैं और कहते हैं कि उम्र की बड़ी लड़की ने ही उन्हें बहकाया। ज्यादातर पुलिसवालों का मानना है कि बलात्कार अब ब्लैकमेलिंग का हथियार बन चुका है। 17 से ज्यादा अफसरों का मानना है कि यह सबकुछ पैसे के लिए होता है। मुश्किल से एक महीना पहले नोएडा पुलिस की जोरदार फजीहत हुई जब उसने एक बलात्कार पीड़ित नाबालिग लड़की की पहचान उजागर कर दी जो चलती कार में गैंगरेप का शिकार हुई थी। इस मामले में नोएडा के एसपी सिटी ने पीड़ित लड़की पर ही सवाल उठाए थे लेकिन अब तो हद हो गई जब पुलिस वाले कह रहे हैं कि अगर कोई लड़की 10 लड़कों के साथ कार में बैठती है तो वह मासूम नहीं हो सकती है? उसे पता है कि लड़कों के साथ शराब पीने का अंजाम क्या होगा? बलात्कार को लेकर बीमार सोच रखने वाले पुलिसवालों का मानना है कि रेप को लेकर सौ में से 99 मामले झूठे होते हैं सिर्फ एक से दो फीसदी केस ही सही होते हैं। अब इसे पुलिसवालों का अहसान मानें या फिर उनकी बीमारी ये फैसला आप बेहतर कर सकते हैं...। कैमरे के सामने या पब्लिक के सामने दिल्ली पुलिस महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चाहे कितने भी बड़े दावे करे लेकिन ऑफ द रिकार्ड उनकी सोच क्या है अगर यह पता चल जाए तो लोगों का पुलिस से यकीन खत्म हो जाएगा। सोचिए! दिल्ली पुलिस का एक अफसर खुलेआम कह रहा है कि कोई बलात्कार बिना लड़की के उकसावे के नहीं होता। लड़कियों या महिलाओं की ड्रेस क्या होनी चाहिए इसे लेकर बहस होती रही है वक्त-वक्त पर समाज के ठेकेदार इसे लेकर बयान जारी करते रहे हैं। पुलिस के बड़े अफसर महिलाओं के पहनावे को लेकर टीका-टिप्पणी करते रहे हैं। उन लोगों ने बयान बाद में भले ही वापस ले लिया हो लेकिन एक आम पुलिसवाला जिससे आम लोगों का वास्ता पड़ता है वह पूरी मुस्तैदी से यही मानता है कि लड़कियों की ड्रेस पुरुषों को रेप के लिए उकसाने का काम करती है। राजधानी और उससे लगे इलाकों में रोजी-रोटी के लिए आने वाली नॉर्थ-र्ईस्ट और दूसरे इलाकों की महिलाओं को लेकर पुलिस का मानना है कि वे यहां कमाई के लिए आती हैं लेकिन जब पैसे कम पड़ते हैं तो वे बलात्कार का आरोप लगाती हैं।टिप्पणियां अगर पुलिसिया सोच की मानें तो रेप की घटनाओं के लिए वे अपनी नाकामी को कहीं से जिम्मेदार नहीं मानती जिम्मेदारी का ठीकरा कभी लड़की के कपड़े और लाइफ स्टाइल पर फोड़ती है तो कभी घरवालों और घर के माहौल पर। क्या बलात्कार की शिकायत करना कारोबारी सोच का नतीजा है...। कम से कम गुड़गांव पुलिस तो यही मानती है जिसकी पिछले दिनों खासी छिछालेदर भी हो चुकी है। गुड़गांव पुलिस के अफसरों का मानना है कि बदनामी की परवाह किए बगैर वही लोग शिकायत करते हैं जिन्हें इसमें अपना फायदा नज़र आता है। पिछले दिनों गुड़गांव के एक पब में एक 28 साल की कामकाजी लड़की को 6 लोगों ने जबरन उठा लिया और उसके साथ गैंगरेप हुआ। कानूनी तौर पर तो पुलिस बलात्कारियों की तलाश कर रही है लेकिन हकीकत में वह लड़की की निजी जिंदगी में गलतियां तलाश रही है। यह कहते हुए कि पब की कमर्चारी नहीं थी बल्कि ग्राहकों को वहां लाने का काम करती थी। उसी तरह डीएलएफ फेज 2 के एसएचओ जानशेर सिंह बलात्कार के आरोपियों को 'बच्चे' बताते हैं और कहते हैं कि उम्र की बड़ी लड़की ने ही उन्हें बहकाया। ज्यादातर पुलिसवालों का मानना है कि बलात्कार अब ब्लैकमेलिंग का हथियार बन चुका है। 17 से ज्यादा अफसरों का मानना है कि यह सबकुछ पैसे के लिए होता है। मुश्किल से एक महीना पहले नोएडा पुलिस की जोरदार फजीहत हुई जब उसने एक बलात्कार पीड़ित नाबालिग लड़की की पहचान उजागर कर दी जो चलती कार में गैंगरेप का शिकार हुई थी। इस मामले में नोएडा के एसपी सिटी ने पीड़ित लड़की पर ही सवाल उठाए थे लेकिन अब तो हद हो गई जब पुलिस वाले कह रहे हैं कि अगर कोई लड़की 10 लड़कों के साथ कार में बैठती है तो वह मासूम नहीं हो सकती है? उसे पता है कि लड़कों के साथ शराब पीने का अंजाम क्या होगा? बलात्कार को लेकर बीमार सोच रखने वाले पुलिसवालों का मानना है कि रेप को लेकर सौ में से 99 मामले झूठे होते हैं सिर्फ एक से दो फीसदी केस ही सही होते हैं। अब इसे पुलिसवालों का अहसान मानें या फिर उनकी बीमारी ये फैसला आप बेहतर कर सकते हैं...। कैमरे के सामने या पब्लिक के सामने दिल्ली पुलिस महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चाहे कितने भी बड़े दावे करे लेकिन ऑफ द रिकार्ड उनकी सोच क्या है अगर यह पता चल जाए तो लोगों का पुलिस से यकीन खत्म हो जाएगा। सोचिए! दिल्ली पुलिस का एक अफसर खुलेआम कह रहा है कि कोई बलात्कार बिना लड़की के उकसावे के नहीं होता। लड़कियों या महिलाओं की ड्रेस क्या होनी चाहिए इसे लेकर बहस होती रही है वक्त-वक्त पर समाज के ठेकेदार इसे लेकर बयान जारी करते रहे हैं। पुलिस के बड़े अफसर महिलाओं के पहनावे को लेकर टीका-टिप्पणी करते रहे हैं। उन लोगों ने बयान बाद में भले ही वापस ले लिया हो लेकिन एक आम पुलिसवाला जिससे आम लोगों का वास्ता पड़ता है वह पूरी मुस्तैदी से यही मानता है कि लड़कियों की ड्रेस पुरुषों को रेप के लिए उकसाने का काम करती है। राजधानी और उससे लगे इलाकों में रोजी-रोटी के लिए आने वाली नॉर्थ-र्ईस्ट और दूसरे इलाकों की महिलाओं को लेकर पुलिस का मानना है कि वे यहां कमाई के लिए आती हैं लेकिन जब पैसे कम पड़ते हैं तो वे बलात्कार का आरोप लगाती हैं।टिप्पणियां अगर पुलिसिया सोच की मानें तो रेप की घटनाओं के लिए वे अपनी नाकामी को कहीं से जिम्मेदार नहीं मानती जिम्मेदारी का ठीकरा कभी लड़की के कपड़े और लाइफ स्टाइल पर फोड़ती है तो कभी घरवालों और घर के माहौल पर। क्या बलात्कार की शिकायत करना कारोबारी सोच का नतीजा है...। कम से कम गुड़गांव पुलिस तो यही मानती है जिसकी पिछले दिनों खासी छिछालेदर भी हो चुकी है। गुड़गांव पुलिस के अफसरों का मानना है कि बदनामी की परवाह किए बगैर वही लोग शिकायत करते हैं जिन्हें इसमें अपना फायदा नज़र आता है। उसी तरह डीएलएफ फेज 2 के एसएचओ जानशेर सिंह बलात्कार के आरोपियों को 'बच्चे' बताते हैं और कहते हैं कि उम्र की बड़ी लड़की ने ही उन्हें बहकाया। ज्यादातर पुलिसवालों का मानना है कि बलात्कार अब ब्लैकमेलिंग का हथियार बन चुका है। 17 से ज्यादा अफसरों का मानना है कि यह सबकुछ पैसे के लिए होता है। मुश्किल से एक महीना पहले नोएडा पुलिस की जोरदार फजीहत हुई जब उसने एक बलात्कार पीड़ित नाबालिग लड़की की पहचान उजागर कर दी जो चलती कार में गैंगरेप का शिकार हुई थी। इस मामले में नोएडा के एसपी सिटी ने पीड़ित लड़की पर ही सवाल उठाए थे लेकिन अब तो हद हो गई जब पुलिस वाले कह रहे हैं कि अगर कोई लड़की 10 लड़कों के साथ कार में बैठती है तो वह मासूम नहीं हो सकती है? उसे पता है कि लड़कों के साथ शराब पीने का अंजाम क्या होगा? बलात्कार को लेकर बीमार सोच रखने वाले पुलिसवालों का मानना है कि रेप को लेकर सौ में से 99 मामले झूठे होते हैं सिर्फ एक से दो फीसदी केस ही सही होते हैं। अब इसे पुलिसवालों का अहसान मानें या फिर उनकी बीमारी ये फैसला आप बेहतर कर सकते हैं...। कैमरे के सामने या पब्लिक के सामने दिल्ली पुलिस महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चाहे कितने भी बड़े दावे करे लेकिन ऑफ द रिकार्ड उनकी सोच क्या है अगर यह पता चल जाए तो लोगों का पुलिस से यकीन खत्म हो जाएगा। सोचिए! 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दिल्ली पुलिस का एक अफसर खुलेआम कह रहा है कि कोई बलात्कार बिना लड़की के उकसावे के नहीं होता। लड़कियों या महिलाओं की ड्रेस क्या होनी चाहिए इसे लेकर बहस होती रही है वक्त-वक्त पर समाज के ठेकेदार इसे लेकर बयान जारी करते रहे हैं। पुलिस के बड़े अफसर महिलाओं के पहनावे को लेकर टीका-टिप्पणी करते रहे हैं। उन लोगों ने बयान बाद में भले ही वापस ले लिया हो लेकिन एक आम पुलिसवाला जिससे आम लोगों का वास्ता पड़ता है वह पूरी मुस्तैदी से यही मानता है कि लड़कियों की ड्रेस पुरुषों को रेप के लिए उकसाने का काम करती है। राजधानी और उससे लगे इलाकों में रोजी-रोटी के लिए आने वाली नॉर्थ-र्ईस्ट और दूसरे इलाकों की महिलाओं को लेकर पुलिस का मानना है कि वे यहां कमाई के लिए आती हैं लेकिन जब पैसे कम पड़ते हैं तो वे बलात्कार का आरोप लगाती हैं।टिप्पणियां अगर पुलिसिया सोच की मानें तो रेप की घटनाओं के लिए वे अपनी नाकामी को कहीं से जिम्मेदार नहीं मानती जिम्मेदारी का ठीकरा कभी लड़की के कपड़े और लाइफ स्टाइल पर फोड़ती है तो कभी घरवालों और घर के माहौल पर। क्या बलात्कार की शिकायत करना कारोबारी सोच का नतीजा है...। कम से कम गुड़गांव पुलिस तो यही मानती है जिसकी पिछले दिनों खासी छिछालेदर भी हो चुकी है। गुड़गांव पुलिस के अफसरों का मानना है कि बदनामी की परवाह किए बगैर वही लोग शिकायत करते हैं जिन्हें इसमें अपना फायदा नज़र आता है। मुश्किल से एक महीना पहले नोएडा पुलिस की जोरदार फजीहत हुई जब उसने एक बलात्कार पीड़ित नाबालिग लड़की की पहचान उजागर कर दी जो चलती कार में गैंगरेप का शिकार हुई थी। इस मामले में नोएडा के एसपी सिटी ने पीड़ित लड़की पर ही सवाल उठाए थे लेकिन अब तो हद हो गई जब पुलिस वाले कह रहे हैं कि अगर कोई लड़की 10 लड़कों के साथ कार में बैठती है तो वह मासूम नहीं हो सकती है? उसे पता है कि लड़कों के साथ शराब पीने का अंजाम क्या होगा? बलात्कार को लेकर बीमार सोच रखने वाले पुलिसवालों का मानना है कि रेप को लेकर सौ में से 99 मामले झूठे होते हैं सिर्फ एक से दो फीसदी केस ही सही होते हैं। अब इसे पुलिसवालों का अहसान मानें या फिर उनकी बीमारी ये फैसला आप बेहतर कर सकते हैं...। कैमरे के सामने या पब्लिक के सामने दिल्ली पुलिस महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चाहे कितने भी बड़े दावे करे लेकिन ऑफ द रिकार्ड उनकी सोच क्या है अगर यह पता चल जाए तो लोगों का पुलिस से यकीन खत्म हो जाएगा। सोचिए! दिल्ली पुलिस का एक अफसर खुलेआम कह रहा है कि कोई बलात्कार बिना लड़की के उकसावे के नहीं होता। लड़कियों या महिलाओं की ड्रेस क्या होनी चाहिए इसे लेकर बहस होती रही है वक्त-वक्त पर समाज के ठेकेदार इसे लेकर बयान जारी करते रहे हैं। पुलिस के बड़े अफसर महिलाओं के पहनावे को लेकर टीका-टिप्पणी करते रहे हैं। उन लोगों ने बयान बाद में भले ही वापस ले लिया हो लेकिन एक आम पुलिसवाला जिससे आम लोगों का वास्ता पड़ता है वह पूरी मुस्तैदी से यही मानता है कि लड़कियों की ड्रेस पुरुषों को रेप के लिए उकसाने का काम करती है। राजधानी और उससे लगे इलाकों में रोजी-रोटी के लिए आने वाली नॉर्थ-र्ईस्ट और दूसरे इलाकों की महिलाओं को लेकर पुलिस का मानना है कि वे यहां कमाई के लिए आती हैं लेकिन जब पैसे कम पड़ते हैं तो वे बलात्कार का आरोप लगाती हैं।टिप्पणियां अगर पुलिसिया सोच की मानें तो रेप की घटनाओं के लिए वे अपनी नाकामी को कहीं से जिम्मेदार नहीं मानती जिम्मेदारी का ठीकरा कभी लड़की के कपड़े और लाइफ स्टाइल पर फोड़ती है तो कभी घरवालों और घर के माहौल पर। क्या बलात्कार की शिकायत करना कारोबारी सोच का नतीजा है...। कम से कम गुड़गांव पुलिस तो यही मानती है जिसकी पिछले दिनों खासी छिछालेदर भी हो चुकी है। गुड़गांव पुलिस के अफसरों का मानना है कि बदनामी की परवाह किए बगैर वही लोग शिकायत करते हैं जिन्हें इसमें अपना फायदा नज़र आता है। बलात्कार को लेकर बीमार सोच रखने वाले पुलिसवालों का मानना है कि रेप को लेकर सौ में से 99 मामले झूठे होते हैं सिर्फ एक से दो फीसदी केस ही सही होते हैं। अब इसे पुलिसवालों का अहसान मानें या फिर उनकी बीमारी ये फैसला आप बेहतर कर सकते हैं...। कैमरे के सामने या पब्लिक के सामने दिल्ली पुलिस महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चाहे कितने भी बड़े दावे करे लेकिन ऑफ द रिकार्ड उनकी सोच क्या है अगर यह पता चल जाए तो लोगों का पुलिस से यकीन खत्म हो जाएगा। सोचिए! 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वाराणसी का मूल नगर काशी था। पौराणिक कथाओं के अनुसार, काशी नगर की स्थापना हिन्दू भगवान शिव ने लगभग ५००० वर्ष पूर्व की थी, जिस कारण ये आज एक महत्त्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। ये हिन्दुओं की पवित्र सप्तपुरियों में से एक है। स्कंद पुराण, रामायण एवं महाभारत सहित प्राचीनतम ऋग्वेद सहित कई हिन्दू ग्रन्थों में नगर का उल्लेख आता है। सामान्यतः वाराणसी शहर को कम से कम ३००० वर्ष प्राचीन तो माना ही जाता है। नगर मलमल और रेशमी कपड़ों, इत्रों, हाथी दाँत और शिल्प कला के लिये व्यापारिक एवं औद्योगिक केन्द्र रहा है। गौतम बुद्ध (जन्म ५६७ ई.पू.) के काल में, वाराणसी काशी राज्य की राजधानी हुआ करता था। प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेन त्सांग ने नगर को धार्मिक, शैक्षणिक एवं कलात्मक गतिविधियों का केन्द्र बताया है और इसका विस्तार गंगा नदी के किनारे ५ कि॰मी॰ तक लिखा है। विभूतियाँ काशी में प्राचीन काल से समय समय पर अनेक महान विभूतियों का प्रादुर्भाव या वास होता रहा हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं: महर्षि अगस्त्य धन्वंतरि गौतम बुद्ध संत कबीर बाबा किनाराम लक्ष्मीबाई पाणिनी पार्श्वनाथ पतंजलि संत रैदास स्वामी रामानन्दाचार्य शंकराचार्य गोस्वामी तुलसीदास महर्षि वेदव्यास वल्लभाचार्य </div> प्राचीन काशी अतिप्राचीन गंगा तट पर बसी काशी बड़ी पुरानी नगरी है। इतने प्राचीन नगर संसार में बहुत नहीं हैं।Some people thinks( हजारों वर्ष पूर्व कुछ नाटे कद के साँवले लोगों ने इस नगर की नींव डाली थी। तभी यहाँ कपड़े और चाँदी का व्यापार शुरू हुआ। कुछ समय उपरांत पश्चिम से आये ऊँचे कद के गोरे लोगों ने उनकी नगरी छीन ली। ये बड़े लड़ाकू थे, उनके घर-द्वार न थे, न ही अचल संपत्ति थी। वे अपने को आर्य यानि श्रेष्ठ व महान कहते थे। आर्यों की अपनी जातियाँ थीं, अपने कुल घराने थे। उनका एक राजघराना तब काशी में भी आ जमा। काशी के पास ही अयोध्या में भी तभी उनका राजकुल बसा। उसे राजा इक्ष्वाकु का कुल कहते थे, यानि सूर्यवंश। काशी में चन्द्र वंश की स्थापना हुई। सैकड़ों वर्ष काशी नगर पर भरत राजकुल के चन्द्रवंशी राजा राज करते रहे। काशी तब आर्यों के पूर्वी नगरों में से थी, पूर्व में उनके राज की सीमा। उससे परे पूर्व का देश अपवित्र माना जाता था।)this Aryan Invasion theory is true which was formulated by Britishers. महाभारत काल महाभारत पूर्व मगध में राजा जरासन्ध ने राज्य किया और काशी भी उसी साम्राज्य में समा गई। आर्यों के यहां कन्या के विवाह स्वयंवर के द्वारा होते थे। एक स्वयंवर में पाण्डवों और कौरवों के पितामह भीष्म ने काशी नरेश की तीन पुत्रियों अंबा, अंबिका और अंबालिका का अपहरण किया था। इस अपहरण के परिणामस्वरूप काशी और हस्तिनापुर की शत्रुता हो गई। महाभारत युद्ध में जरासन्ध और उसका पुत्र सहदेव दोनों काम आये। कालांतर में गंगा की बाढ़ ने पाण्डवों की राजधानी हस्तिनापुर को डुबा दिया, तब पाण्डव वर्तमान इलाहाबाद जिले में यमुना किनारे कौशाम्बी में नई राजधानी बनाकर बस गए। उनका राज्य वत्स कहलाया और काशी पर मगध की जगह अब वत्स का अधिकार हुआ। उपनिषद काल इसके बाद ब्रह्मदत्त नाम के राजकुल का काशी पर अधिकार हुआ। उस कुल में बड़े पंडित शासक हुए और में ज्ञान और पंडिताई ब्राह्मणों से क्षत्रियों के पास पहुंच गई थी। इनके समकालीन पंजाब में कैकेय राजकुल में राजा अश्वपति था। तभी गंगा-यमुना के दोआब में राज करने वाले पांचालों में राजा प्रवहण जैबलि ने भी अपने ज्ञान का डंका बजाया था। इसी काल में जनकपुर, मिथिला में विदेहों के शासक जनक हुए, जिनके दरबार में याज्ञवल्क्य जैसे ज्ञानी महर्षि और गार्गी जैसी पंडिता नारियां शास्त्रार्थ करती थीं। इनके समकालीन काशी राज्य का राजा अजातशत्रु हुआ। ये आत्मा और परमात्मा के ज्ञान में अनुपम था। ब्रह्म और जीवन के सम्बन्ध पर, जन्म और मृत्यु पर, लोक-परलोक पर तब देश में विचार हो रहे थे। इन विचारों को उपनिषद् कहते हैं। इसी से यह काल भी उपनिषद-काल कहलाता है। महाजनपद युग युग बदलने के साथ ही वैशाली और मिथिला के लिच्छवियों में साधु वर्धमान महावीर हुए, कपिलवस्तु के शाक्यों में गौतम बुद्ध हुए। उन्हीं दिनों काशी का राजा अश्वसेन हुआ। इनके यहाँ पार्श्वनाथ हुए जो जैन धर्म के २३वें तीर्थंकर हुए। उन दिनों भारत में चार राज्य प्रबल थे जो एक-दूसरे को जीतने के लिए, आपस में बराबर लड़ते रहते थे। ये राह्य थे मगध, कोसल, वत्स और उज्जयिनी। कभी काशी वत्सों के हाथ में जाती, कभी मगध के और कभी कोसल के। पार्श्वनाथ के बाद और बुद्ध से कुछ पहले, कोसल-श्रावस्ती के राजा कंस ने काशी को जीतकर अपने राज में मिला लिया। उसी कुल के राजा महाकोशल ने तब अपनी बेटी कोसल देवी का मगध के राजा बिम्बसार से विवाह कर दहेज के रूप में काशी की वार्षिक आमदनी एक लाख मुद्रा प्रतिवर्ष देना आरंभ किया और इस प्रकार काशी मगध के नियंत्रण में पहुंच गई। राज के लोभ से मगध के राजा बिम्बसार के बेटे अजातशत्रु ने पिता को मारकर गद्दी छीन ली। तब विधवा बहन कोसलदेवी के दुःख से दुःखी उसके भाई कोसल के राजा प्रसेनजित ने काशी की आमदनी अजातशत्रु को देना बन्द कर दिया जिसका परिणाम मगध और कोसल समर हुई। इसमें कभी काशी कोसल के, कभी मगध के हाथ लगी। अन्ततः अजातशत्रु की जीत हुई और काशी उसके बढ़ते हुए साम्राज्य में समा गई। बाद में मगध की राजधानी राजगृह से पाटलिपुत्र चली गई और फिर कभी काशी पर उसका आक्रमण नहीं हो पाया। काशी नरेश और रामनगर वाराणसी १८वीं शताब्दी में स्वतंत्र काशी राज्य बन गया था और बाद के ब्रिटिश शासन के अधीन, ये प्रमुख व्यापारिक और धार्मिक केन्द्र रहा। १९१० में ब्रिटिश प्रशासन ने वाराणसी को एक नया भारतीय राज्य बनाया और रामनगर को इसका मुख्यालय बनाया, किंतु इसका अधिकार क्षेत्र कुछ नहीं था। काशी नरेश अभी भी रामनगर किले में रहते हैं। ये किला वाराणसी नगर के पूर्व में गंगा के तट पर बना हुआ है। रामनगर किले का निर्माण काशी नरेश राजा बलवंत सिंह ने उत्तम चुनार बलुआ पत्थर से १८वीं शताब्दी में करवाया था। किला मुगल स्थापत्य शैली में नक्काशीदार छज्जों, खुले प्रांगण और सुरम्य गुम्बददार मंडपों से सुसज्जित बना है। काशी नरेश का एक अन्य महल चैत सिंह महल है। ये शिवाला घाट के निकट महाराजा चैत सिंह ने बनवाया था। रामनगर किला और इसका संग्रहालय अब बनारस के राजाओं की ऐतिहासिक धरोहर रूप में संरक्षित हैं और १८वीं शताब्दी से काशी नरेश के आधिकारिक आवास रहे हैं। आज भी काशी नरेश नगर के लोगों में सम्मानित हैं। ये नगर के धार्मिक अध्यक्ष माने जाते हैं और यहाँ के लोग इन्हें भगवान शिव का अवतार मानते हैं। नरेश नगर के प्रमुख सांस्कृतिक संरक्षक एवं सभी बड़ी धार्मिक गतिविधियों के अभिन्न अंग रहे हैं। सन्दर्भ वाराणसी उत्तर प्रदेश का इतिहास भारत का इतिहास
लेख: चीन ने अशांत उयगुर मुस्लिम बहुसंख्यक प्रांत में धार्मिक चरमपंथ पर रोक लगाने के लिए एक बड़ी कार्रवाई के तहत शिंजियांग में बुरका पहनने और ‘बेतरतीब दाढ़ी’ बढ़ाने पर आज पाबंदी लगा दी. इस सिलसिले में आज से एक कानून प्रभावी हुआ. इसके मुताबिक चरमपंथ को रोकने के लिए विशेषज्ञ कार्य बल क्षेत्रीय, प्रांतीय और काउंटी सरकारों की स्तर पर गठित किए जाएंगे. साथ ही स्थानीय नेता उनके स्थानों का सालाना मूल्यांकन करेंगे. सख्त नियम का लक्ष्य धार्मिक चरमपंथ पर रोक लगाना है.टिप्पणियां हांगकांग आधारित साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट की खबर के मुताबिक कानून बुरका पहनने या बेतरतीब दाढ़ी बढ़ाने जैसी कई चीजों पर पाबंदी लगाता है. सरकारी टीवी देखने और सरकारी रेडियो सुनने से इनकार करना या बच्चों को राष्ट्रीय शिक्षा हासिल करने से रोकना भी गैरकानूनी होगा. इन गतिविधियों को चरमपंथ का प्रदर्शन माना जाएगा. इस कानून को शिंजियांग विधानमंडल की स्थायी समिति ने पारित किया है. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) हांगकांग आधारित साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट की खबर के मुताबिक कानून बुरका पहनने या बेतरतीब दाढ़ी बढ़ाने जैसी कई चीजों पर पाबंदी लगाता है. सरकारी टीवी देखने और सरकारी रेडियो सुनने से इनकार करना या बच्चों को राष्ट्रीय शिक्षा हासिल करने से रोकना भी गैरकानूनी होगा. इन गतिविधियों को चरमपंथ का प्रदर्शन माना जाएगा. इस कानून को शिंजियांग विधानमंडल की स्थायी समिति ने पारित किया है. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
नर्मदा नदी पर बने महेश्वर बांध से जुड़ी कंपनी एसएमएचपीसीएल ने इस जलविद्युत परियोजना में वित्तीय धांधली के नर्मदा बचाओ आंदोलन (एनबीए) के आरोपों को खारिज किया. श्री महेश्वर हाइडल पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसएमएचपीसीएल) की कानूनी प्रबंधक जयश्री नांगरे. देहरकर ने एक बयान में एनबीए की दो फरवरी को जारी प्रेस विज्ञप्ति में लगाये गये आरोपों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, ‘लोगों को गुमराह करने और महेश्वर बांध परियोजना में रोड़े अटकाने की नीयत से नर्मदा बचाओ आंदोलन लगातार बेबुनियाद और गलत जानकारी फैला रहा है.’ जयश्री के मुताबिक एनबीए के खिलाफ दायर एसएमएचपीसीएल के मानहानि प्रकरण में उच्चतम न्यायालय ने फरवरी 2006 में एक आदेश पारित किया था. उन्होंने दावा किया कि इस आदेश में शीर्ष अदालत ने प्रतिवादियों को ताकीद की थी कि वे अपीलकर्ताओं या एसएमएचपीसीएल के खिलाफ वित्तीय धांधली या बेईमानी के आरोपों से जुड़े मानहानिकारक बयान न दें. जयश्री ने कहा कि एसएमएचपीसीएल के खिलाफ एनबीए फिर बेबुनियाद आरोपों से भरी बयानबाजी कर रहा है, जो अदालत के इस आदेश की अवमानना की श्रेणी में आता है.
दिए गए शीर्षक के अनुरूप एक पाठ यह हो सकता है: जम्मू-कश्मीर में पैलेट गन इस्तेमाल करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि ऐसे तरीके ढूंढें जाएं जिन्हें पैलेट गन के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा है कि पैलेट गन के विकल्प पर विचार करें ताकि किसी भी नागरिक को नुकसान न पहुंचे.  सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा कि ऐसे किसी विकल्प को देखें जिससे दोनों पक्षो को नुकसान न पहुंचे. जैसे पैलेट की जगह पानी की बौछार में कुछ कैमिकल मिलाकर प्रदर्शनकारियों पर इस्तेमाल किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम ये जानते हैं कि यहां बैठकर कश्मीर के हालात का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता, लेकिन हम यह तय करना चाहते हैं कि सुरक्षा बलों को भी नुकसान ना पहुंचे लेकिन उसी समय अपने आपको बचाना, टीम को बचाना और सम्पति को बचाना भी होता है.   कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रदर्शन करने वालों को नुकसान पहुंचाना सुरक्षा बलों का मकसद नहीं होता. कोर्ट ने कहा प्रदर्शनकारियों पर गंदा पानी, टेजर्स गन का इस्तेमाल किया जा सकता है ताकि उन्हें भी बचाया जा सके. वहीं केंद्र सरकार की ओर से AG मुकुल रोहतगी ने कहा कि कोर्ट को इस मामले में दखल नहीं देना चाहिए. कोर्ट को यह तय नहीं करना चाहिए कि सुरक्षा बल कौन से हथियार का इस्तेमाल करें, क्या तरीका इस्तेमाल करें. कश्मीर के हालात का अंदाजा यहां से नहीं लगाया जा सकता रोजाना वहां 50 घटनाएं हो रही हैं. यहां तक कि बुरहान वानी की मौत के बाद 8 जुलाई से 11 अगस्त 2016 में CRPF कैंप पर हमले की 252 वारदातें हुईं जिनमें 3177 लोग जख्मी हुए. सीमा पार से पथराव करने के लिए 16, 17 और 18 साल के युवकों को तैयार किया जा रहा है. हालांकि AG ने पिछले साल अक्तूबर में तैयार गृहमंत्रालय की रिपोर्ट भी कोर्ट को दी है. कोर्ट 10 अप्रैल को मामले की अगली सुनवाई करेगा. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर जम्मू-कश्मीर में सेना द्वारा इस्तेमाल करने वाले पैलेट गन पर रोक लगाने ककी मांग की गई है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. वहीं केंद्र सरकार की ओर से AG मुकुल रोहतगी ने कहा कि कोर्ट को इस मामले में दखल नहीं देना चाहिए. कोर्ट को यह तय नहीं करना चाहिए कि सुरक्षा बल कौन से हथियार का इस्तेमाल करें, क्या तरीका इस्तेमाल करें. कश्मीर के हालात का अंदाजा यहां से नहीं लगाया जा सकता रोजाना वहां 50 घटनाएं हो रही हैं. यहां तक कि बुरहान वानी की मौत के बाद 8 जुलाई से 11 अगस्त 2016 में CRPF कैंप पर हमले की 252 वारदातें हुईं जिनमें 3177 लोग जख्मी हुए. सीमा पार से पथराव करने के लिए 16, 17 और 18 साल के युवकों को तैयार किया जा रहा है. हालांकि AG ने पिछले साल अक्तूबर में तैयार गृहमंत्रालय की रिपोर्ट भी कोर्ट को दी है. कोर्ट 10 अप्रैल को मामले की अगली सुनवाई करेगा. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर जम्मू-कश्मीर में सेना द्वारा इस्तेमाल करने वाले पैलेट गन पर रोक लगाने ककी मांग की गई है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.
यह एक लेख है: दिल्ली में लोग वोट डालने अब 7 फरवरी को अपने घरों से निकलेंगे। उनके ज़हन में क्या मसले, क्या मुद्दे होंगे, बड़ी खबर में हम समझने निकले दिल्ली के दंगल को। पहला मु‌द्दा उठाया भूमि अधिग्रहण कानून का जिसे सरकार ने अध्यादेश के जरिये जनता के सामने लाकर रख दिया है। तो क्या ये मुद्दा दिल्ली के चुनावों पर असर डालेगा हमने जानने की कोशिश की। देश की राजधानी दिल्ली में 360 गांव हैं। विधानसभा की 70 सीटों में से 24 ग्रामीण सीटें मानी जाती है और इनमें से भी आठ सीटों में 70 प्रतिशत इलाकों में खेती होती है, जैसे कि नरेला, बवाना, मुन्डका, नजफगढ़, विकासपुरी, मटियाला, नांगलोई और बुराड़ी। जब हम रोहिणी से आगे खनंजावला कराला गांव पंहुचे तो वहां पर 2008 से प्रदर्शन कर रहे जन संघर्ष वाहिनी के तहत नए कानून का विरोध देखा। वे सरकार पर अपनी ज़मीन को जबरन हड़पने का आरोप लगाने लगे। कुछ समय पहले तक यूपीए के अधिग्रहण कानून की खामियां अब इस नए कानून के सामने फीकी पड़ती दिखी। आज पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री और कांग्रेस नेता जयराम रमेश, भट्टा परसौल में एनडीए के अधिग्रहण कानून के विरोध में प्रदर्शन करने पहुंचे थे, लेकिन असलियत यह है कि दिल्ली के इन ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस का सक्रिय होना बाकी है। शायद प्रचार के शुरुआती दिन हैं, आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को पूरी तरह से अपना रही है और इसके द्वारा एनडीए सरकार पर किसानों के शोषण का आरोप लगा रही है। बीजेपी कह रही है कि ये समाज के विकास की राह में युवाओं के लिए ज्यादा रोजगार और प्रशिक्षण संस्थान बनाने की दिशा में सहायता करेगा। बहरहाल नफा नुकसान बीजेपी को जनता के बीच जाकर इसे ठीक से समझाना होगा।
2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले की सुनवाई कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पूर्व संचार मंत्री ए. राजा, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) की सांसद कनिमोझी तथा अन्य 15 अभियुक्तों के खिलाफ शनिवार को आरोप तय करेगी. ज्ञात हो कि 14 अक्टूबर को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओ.पी. सैनी ने फैसला 22 अक्टूबर तक सुरक्षित कर लिया था. आरोप तय करने की प्रक्रिया के तहत अदालत ने फैसला लिया कि जिन आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया पर्याप्त सबूत हैं उन पर आरोप तय किए जाएं. इससे पूर्व, विशेष सरकारी वकील यू.यू. ललित ने सभी 17 अभियुक्तों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत विश्वास तोड़ने का अतिरिक्त आरोप लगाने की दलील पेश की थी जिस पर अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. इसके अगले दिन इस मामले की निगरानी कर रही सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ ने सीबीआई से पूछा था कि आरोप तय किए बिना अभियुक्तों को कितने दिन जेल में रखा जाएगा. खंडपीठ ने गौर किया कि 2जी मामले के आरोपी सात महीने से सलाखों के पीछे हैं, जबकि सीबीआई की अदालत ने अभी तक आरोप तय करने के सम्बंध में कोई निर्णय नहीं लिया है. इस मामले में राजा और कनिमोझी सहित अन्य अभियुक्तों में राजा के पूर्व निजी सचिव आर.के. चंदोलिया, पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा और डीएमके द्वारा संचालित कलैगनार टी.वी. के प्रमुख शरद कुमार शामिल हैं. इनके अलावा बॉलीवुड फिल्म निर्माता करीम मोरानी, स्वान टेलीकॉम के प्रमोटर शाहिद उस्मान बलवा, उनका रिश्तेदार आसिफ बलवा, उनके सहयोगी राजीव बी. अग्रवाल तथा यूनिटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा भी अभियुक्त हैं. सीबीआई इससे पहले राजा एवं अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है, जिसमें कहा गया है कि आपराधिक षड्यंत्र रचकर अपात्र आपरेटरों को स्पेक्ट्रम आवंटित किया गया, जिससे राजकोष को 30,984 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है.
गुजरात की राजधानी गांधीनगर के सेक्टर-21 में आई निजी स्कूल में बुधवार तब अभिभावक और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने हंगामा कर दिया जब यहां स्कूल में छात्रों के हाथ में बांधी गई राखी को स्कूल के टीचर और प्रशासन के जरिए काट कर फेंक दिया गया. दरअसल, रविवार को राखी के त्योहार के चलते सभी छात्रों के हाथों में राखी बांधी गई थी लेकिन आज सुबह जब छात्र स्कूल पहुंचे तो कक्षा 5 की एक टीचर ने इसी राखी को लेकर छात्रों के काफी कुछ सुनाया. जिसके बाद खुद कैंची लेकर इस राखी को काटकर फेंक दिया जिससे अभिभावकों में गुस्सा फूट पडा. इससे पहले भी भरुच के एक स्कूल में छात्राओं के हाथों में हिंदुव्रत की वजह से लगाई मेंहदी जब तक हाथों से ना जाए तब तक स्कूल नहीं आने को कहा गया. कुछ छात्राओं को स्कूल से निकाल देने को लेकर तब काफी विरोध भी हुआ था. अभिभावकों की शिकायत है कि क्रिश्चियन मिशनरी स्कूल होने की वजह से पिछले कई सालों से इस तरह राखी को लेकर टीचर्स बच्चों को टॉर्चर करती हैं, लेकिन इस बार उनके हाथों से राखी काटने की वजह से अभिभावक काफी गुस्से में थे. निजी स्कूल के टीचर की इस हरकत से गुस्साए अभिभावक सीधे शिक्षामंत्री भुपेन्द्रसिंह चुडासमा को मिलने के लिए पहुंच गए. अभिभावकों की शिकायत सुनने के बाद खुद शिक्षा मंत्री ने इस मामले में जांच के आदेश दिए औरर डीईओ को इस मामले में रिपोर्ट फाइल करने के लिए कहा है. दूसरी ओर, इस मामले में एबीवीपी भी आ गया. एबीवीपी ने स्कूल के बाहर धरना-प्रदर्शन किया. उसका कहना है कि मिशनरी स्कूल हिंदुओं की भावनाओं और उनके विश्वास के साथ खिलवाड़ कर रही है.
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीएसपी प्रमुख मायावती (BSP Chie Mayawati) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल, सीबीआई ने मायावती (Mayawati) के मुख्यमंत्री रहते 2010 में उत्तरप्रदेश लोक सेवा आयोग में भर्ती के लिए कथित भाई-भतीजावाद एवं अन्य अनियमितताओं की जांच की खातिर अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ प्रारंभिक रिपोर्ट दर्ज कर ली है और मामले की छानबीन शुरू कर दी है. अधिकारियों ने बताया कि राज्य की भाजपा शासित सरकार की शिकायत पर प्रारंभिक रिपोर्ट दर्ज की गई है जिसने इसे जनवरी में केंद्र सरकार के माध्यम से सीबीआई के पास भेजी थी. आरोप है कि यूपीपीएससी के अधिकारियों सहित कुछ अज्ञात लोगों ने 2010 में अतिरिक्त निजी सचिवों के करीब 250 पदों के लिए परीक्षा में अनियमितताएं कीं. आरोप है कि उन्होंने अयोग्य उम्मीदवारों को लाभ पहुंचाया. अधिकारियों ने शिकायतों का हवाला देते हुए दावा किया कि कुछ उम्मीदवारों को परीक्षा में लाभ पहुंचाया गया जो मूल न्यूनतम योग्यता भी पूरी नहीं करते थे.  उन्होंने बताया कि शिकायत में आरोप है कि 2007-12 में मायावती (Mayawati) के मुख्यमंत्री रहते उत्तरप्रदेश सरकार में सेवारत कुछ नौकरशाहों के ‘‘निकट संबंधियों'' को पदों के लिए चुना गया. उन्होंने कहा कि आरोप है कि यूपीपीएससी के अधिकारियों ने परीक्षकों से मिलीभगत कर अंकों में बदलाव किए ताकि उन्हें चुना जा सके. उन्होंने यह नहीं बताया कि ‘‘निकट संबंधी'' क्या सरकार में चुने गए जनप्रतिनिधियों के थे. अधिकारी ने बताया, राज्य सरकार की शिकायत में ये आरोप हैं. आपको बता दें कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने भी मायावकी को लेकर गंभीर टिप्पणी की थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मायावती को हाथी की मूर्तियों पर खर्च पैसे लौटाने चाहिए.
लेख: फेसबुक वेबसाइट पर मीडिया पार्टनरशिप के निदेशक एंडी मिशेल ने पोस्ट किया, "हमने पत्रकारों को यह कहते सुना था कि वे एक ऐसा आसान तरीका चाहते हैं, जिससे फेसबुक से उन्हें खबरें इकट्ठी करने में सहूलियत मिले।" उन्होंने लिखा, "फेसबुक व इंस्टाग्राम के लिए 'सिग्नल' टूल की शुरुआत करते हुए हम रोमांचित हैं, जिसकी सेवा उपयोगकर्ताओं को मुफ्त में मिलेगी। यह टूल पत्रकारों को फेसबुक व इंस्टाग्राम से प्रकाशन करने योग्य सामग्रियों के चयन में मदद करेगा।" इस टूल की मदद से पत्रकार फेसबुक पर ट्रेंड करने वाले विषयों पर आसानी से निगाह रख सकते हैं और उस विषय पर लोगों द्वारा किए गए पोस्ट भी देख सकते हैं।टिप्पणियां उन्होंने आगे पोस्ट किया, "लोकेशन-टैग व विषय-संबंधित सर्च की मदद से पत्रकार किसी विशेष हैशटैग, किसी व्यक्ति विशेष के अकाउंट के लिए इंस्टाग्राम पर सर्च कर सकते हैं।" मिशेल ने कहा, "फेसबुक व इंस्टाग्राम का अधिक प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करने वाले पत्रकारों की मदद की दिशा में यह पहला कदम है और इसके बारे में हम फीडबैक लेंगे तथा 'सिग्नल' को जितना संभव हो सकेगा अधिक उपयोगी बनाएंगे।" उन्होंने लिखा, "फेसबुक व इंस्टाग्राम के लिए 'सिग्नल' टूल की शुरुआत करते हुए हम रोमांचित हैं, जिसकी सेवा उपयोगकर्ताओं को मुफ्त में मिलेगी। यह टूल पत्रकारों को फेसबुक व इंस्टाग्राम से प्रकाशन करने योग्य सामग्रियों के चयन में मदद करेगा।" इस टूल की मदद से पत्रकार फेसबुक पर ट्रेंड करने वाले विषयों पर आसानी से निगाह रख सकते हैं और उस विषय पर लोगों द्वारा किए गए पोस्ट भी देख सकते हैं।टिप्पणियां उन्होंने आगे पोस्ट किया, "लोकेशन-टैग व विषय-संबंधित सर्च की मदद से पत्रकार किसी विशेष हैशटैग, किसी व्यक्ति विशेष के अकाउंट के लिए इंस्टाग्राम पर सर्च कर सकते हैं।" मिशेल ने कहा, "फेसबुक व इंस्टाग्राम का अधिक प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करने वाले पत्रकारों की मदद की दिशा में यह पहला कदम है और इसके बारे में हम फीडबैक लेंगे तथा 'सिग्नल' को जितना संभव हो सकेगा अधिक उपयोगी बनाएंगे।" इस टूल की मदद से पत्रकार फेसबुक पर ट्रेंड करने वाले विषयों पर आसानी से निगाह रख सकते हैं और उस विषय पर लोगों द्वारा किए गए पोस्ट भी देख सकते हैं।टिप्पणियां उन्होंने आगे पोस्ट किया, "लोकेशन-टैग व विषय-संबंधित सर्च की मदद से पत्रकार किसी विशेष हैशटैग, किसी व्यक्ति विशेष के अकाउंट के लिए इंस्टाग्राम पर सर्च कर सकते हैं।" मिशेल ने कहा, "फेसबुक व इंस्टाग्राम का अधिक प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करने वाले पत्रकारों की मदद की दिशा में यह पहला कदम है और इसके बारे में हम फीडबैक लेंगे तथा 'सिग्नल' को जितना संभव हो सकेगा अधिक उपयोगी बनाएंगे।" उन्होंने आगे पोस्ट किया, "लोकेशन-टैग व विषय-संबंधित सर्च की मदद से पत्रकार किसी विशेष हैशटैग, किसी व्यक्ति विशेष के अकाउंट के लिए इंस्टाग्राम पर सर्च कर सकते हैं।" मिशेल ने कहा, "फेसबुक व इंस्टाग्राम का अधिक प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करने वाले पत्रकारों की मदद की दिशा में यह पहला कदम है और इसके बारे में हम फीडबैक लेंगे तथा 'सिग्नल' को जितना संभव हो सकेगा अधिक उपयोगी बनाएंगे।" मिशेल ने कहा, "फेसबुक व इंस्टाग्राम का अधिक प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करने वाले पत्रकारों की मदद की दिशा में यह पहला कदम है और इसके बारे में हम फीडबैक लेंगे तथा 'सिग्नल' को जितना संभव हो सकेगा अधिक उपयोगी बनाएंगे।"
चिक्कबल्लापुर (कन्नड : ಚಿಕ್ಕಬಳ್ಳಾಪುರ) भारत के कर्नाटक राज्य के चिक्कबल्लापुर जिले में स्थित एक नगर है। यह उस ज़िले का मुख्यालय भी है। विवरण यह कोलार से ५४ किलोमीटर दूर पुराने बंगलुरु-बेलोरो सड़क पर बसा हुआ है। यहाँ प्राचीन काल से लोहे की वस्तुएँ बनाई जाती हैं। रेशम उद्योग भी यहाँ है। भारतरत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या का जन्मस्थान मुद्देनहल्लि गाँव यहाँ से मात्र ३ किमी दूर है। इन्हें भी देखें चिक्कबल्लापुर जिला सन्दर्भ चिक्कबल्लापुर ज़िला कर्नाटक के शहर चिक्कबल्लापुर ज़िले के नगर
यह लेख मन्दाकिनी नाम की अभिनेत्री पर है। अन्य मन्दाकिनी लेखों के लिए देखें मन्दाकिनी मन्दाकिनी (जन्म ३० जुलाई १९६३) एक भूतपूर्व भारतीय अभिनेत्री हैं। जीवनी और आजीविका मंदाकिनी का जन्म जुलाई ३०, १९६९ में एक एंग्लो-इंडियन (इंग्लैंड-भारतीय) परिवार में यासमीन जोसफ के नाम से हुआ था। इनके पिता जोसफ एक ब्रिटिश और माता मुस्लिम हैं। मंदाकिनी एक भूतपूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री है जो १९८५ में प्रकाशित राम तेरी गंगा मैली फ़िल्म में अपनी श्रेष्ठ भूमिका के लिए जानी जाती हैं। बॉलीवुड में मन्दाकिनी की जीवन-यात्रा अत्यंत छोटी रही। राज कपूर द्वारा निर्मित राम तेरी गंगा मैली मन्दाकिनी की प्रथम फ़िल्म रही। इस फ़िल्म में मन्दाकिनी के कुछ विवादस्पद दृश्य फ़िल्माये गए थे जो सेंसर बोर्ड को आपत्तिजनक लगे। प्रथम दृश्य में मन्दाकिनी को सफ़ेद पारदर्शी साड़ी पहने एक झरने के नीचे नहाते हुए फिल्माया गया था जिसमे मन्दाकिनी स्तन लगभग साफ़ दिखाई गए थे तथा दूसरे दृश्य में मन्दाकिनी को एक बच्चे को स्तनपान करवाते फिल्माया गया था जिसमें मन्दाकिनी के सम्पूर्ण स्तन खुले एवम् साफ़ दिखाए गए थे तथापि फ़िल्म सफल रही और मन्दाकिनी को इस फ़िल्म की श्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार से भी नामित किया गया था। राम तेरी गंगा मैली की सफलता के पश्चात मन्दाकिनी डांस डांस १९८७ और प्यार करके देखो १९८७ जैसी अधिक व्यावसायिक फिल्मों में भी अभिनय किया परंतु राम तेरी गंगा मैली के आकर्षण के आगे सफल नहीं हो सकी। प्रमुख चलचित्र राम तेरी गंगा मैली प्यार करके देखो ज़ोरदार तेजाब लोहा Jeete Hain Shaan Se इन्हें भी देखें राधिका आप्टे सिमी गरेवाल ममता कुलकर्णी रिया सेन ज़ीनत अमान पाउली दाम सोनाली राऊत शर्लिन चोपड़ा सन्दर्भ हिन्दी अभिनेत्री 1969 में जन्मे लोग जीवित लोग मेरठ के लोग
देश, दुनिया, महानगर, खेल, आर्थिक और बॉलीवुड में क्‍या कुछ हुआ. जानने के लिए यहां पढ़ें समय के साथ साथ खबरों का लाइव अपडेशन... 7.56 PM: डीयू की पहली कट-ऑफ जारी, कट-ऑफ में मामूली इजाफा, SRCC और रामजस कॉलेज समेत कई कॉलेजों ने की जारी की कटऑफ 7.20 PM: प्रधानमंत्री ने वायुसेना अध्यक्ष से बात की. राहत काम के दौरान हुए हेलीकॉप्टर क्रैश में मारे गए वायुसेना के अफसरों के लिए शोक व्यक्त किया. 6.30 PM: उत्तराखंड: कर्णप्रयाग में जमीन धंसने से सड़क टूटी. कई जगह रास्‍ते हुए बंद. 6.00 PM: उत्तराखंड: राहत क्रेडिट पर भिड़े कांग्रेस और टीडीपी के नेता. देहरादून एयरपोर्ट पर भिड़े कांग्रेस नेता हनुमंत राव और टीडीपी नेता रमेश राठौड़ आपस में उलझ पड़े. 4.44 PM: उत्तराखंड में अब महामारी का खतरा, 4000 लोग अभी भी फंसे 2.04 PM: शुरुआती दिनों में कठिनाई के कारण दी थी सलाहः शिंदे 2.01 PM: किसी के भी उत्तराखंड जाने पर रोक नहीं: सुशील शिंदे 2.00 PM: राहुल गांधी पर अलग नियम होने पर सुशील शिंदे ने कहा, अब मोदी भी उत्तराखंड जाने चाहें तो जा सकते हैं 1.36 PM: फोर्ड की ईको स्पोर्ट लॉन्च. दिल्ली में शुरुआती कीमत 5.59 लाख रुपये 1.01 PM: जम्मूः पुंछ में फिर सीजफायर का उल्लंघन. पाक की ओर से भारतीय चौकियों पर गोलीबारी. भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई की 12.18 PM: काजीगुंड-बनिहाल रेल टनल का उद्घाटन हुआ. पीएम और सोनिया गांधी ने दिखाई हरी झंडी 11.42 AM: मध्य प्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम सुभाष यादव का निधन. लंबे समय से बीमार चल रहे थे सुभाष यादव 11.20 AM: बिहार के पटना में बिल्डर की गोली मारकर हत्या. अज्ञात बंदूकधारी ने की हत्या. 11.17 AM: कश्मीर के सोपोर इलाके में फायरिंग, सामाजिक कार्यकर्ता कैफियत की मौत. अज्ञात बंदूकधारी ने गोली मारी. 11.15 AM: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा, मरने वालों की संख्या 1000 हो सकती है 11.12 AM: गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके में रेल ट्रैक पर कूदकर एक 50 साल के युवक ने आत्महत्या की. 11.10 AM: देहरादून के डीएम ने कहा, बीमारी से निपटने की पूरी तैयारी 11.09 AM: उत्तराखंड में अब महामारी का खतरा 11.08 AM: 4 हजार लोग अब भी उत्तराखंड में फंसे 11.07 AM: एक दिन का राजकीय शोकः विजय बहुगुणा 11.06 AM: शहीद जवानों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाएगीः विजय बहुगुणा 11.01 AM: उत्तराखंड में महामारी का खतरा, लाशों से फैल सकती है महामारी. 10.20 AM: वायुसेनाध्यक्ष एनएके ब्राउनी ने कहा, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहेगा 10.05 AM: उत्तराखंडः देहरादून पहुंचे वायु सेनाध्यक्ष 9.45 AM: उत्तराखंडः दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर का ब्लैक बॉक्स बरामद. मंगलवार को क्रैश हुआ था वायुसेना MI-17 V5 हेलीकॉप्टर. 5.59 AM: उत्तराखंड में आज फिर भारी बारिश के आसार, मौसम विभाग की चेतावनी के बाद राहत और बचाव के काम पर असर, 4 हजार लोग अब भी फंसे. 5.51 AM: गौरीकुंड हेलीकॉप्टर क्रेश में अबतक 13 के शव मिले, 19 लोग थे सवार, खराब मौसम की वजह से रोका गया बाकी की तलाश का काम. 5.42 AM: प्रधानमंत्री आज कश्मीर को देंगे देश की सबसे बड़ी रेल टनल की सौगात, पीरपंजाल में करेंगे रेल टनल का उद्घाटन. 5.30 AM: कल से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा के सख्त इंतजाम, हेल्‍थ कार्ड और परमिट वालों को ही मिलेगी इजाजत 5.24 AM: टीम इंडिया आज बर्मिंघम से जमैका के लिए होगी रवाना, वेस्टइंडीज और श्रीलंका के साथ खेलेगी ट्राई सीरीज 5.17 AM: दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के लिए लोग कर रहे हैं दुआएं, अस्पताल के बाहर जमे हुए हैं मंडेला के चाहने वाले 5.09 AM: ब्राजील के रियो डि जनरो में खूनी शूट आउट, एक पुलिस अफसर समेत नौ लोग मारे गए 5.01 AM: इस्तान्बुल के तकसिम चौराहे पर सरकार के खिलाफ विशाल प्रदर्शन, प्रदर्शनकारी के कत्ल के आरोपी पुलिस अफसर की रिहाई से गुस्सा.
कोलंबस में एक शहर है। जनसंख्या 2010 की जनगणना में 44,061 था। इसके निर्माण के माहौल में, अपेक्षाकृत छोटे शहर का उल्लेख किया आधुनिक वास्तुकला के लिए एक अनूठा स्थान प्रदान किया है। के बारे में 40 मील (64 किमी) इंडियानापोलिस के दक्षिण में स्थित है, व्हाइट नदी के पूर्व में कांटा पर, यह राज्य की 20 वीं सबसे बड़ा शहर है। यह भी कोलंबस, इंडियाना महानगर सांख्यिकी क्षेत्र है, जो काउंटी के सभी शामिल का प्रमुख शहर है। कोलंबस पूर्व इंडियाना के गवर्नर और संयुक्त राज्य अमेरिका के वर्तमान उपाध्यक्ष, माइक पेंस का जन्मस्थान है। नेशनल ज्योग्राफिक यात्री देर से 2008 में अपनी ऐतिहासिक स्थलों की सूची में 11 वें स्थान पर कोलंबस, के रूप में शहर का वर्णन ", प्रामाणिक अद्वितीय, और ठीक।" कोलंबस 2006 में राष्ट्रीय प्रतियोगिता "ब्लूम में अमेरिका" जीता है, और 2004 में यह कोलंबस "62 कारणों में से एक नामित जीक्यू पत्रिका के निक जूनियर परिवार पत्रिका। जुलाई 2005 संस्करण द्वारा" दस सबसे चंचल कस्बों "में से एक नामित किया गया था प्यार के लिए अपने देश "। इतिहास भूमि जो अब कोलंबस 1820 टीपटोन में जनरल जॉन टीपटोन द्वारा खरीदा गया था माउंट टीपटोन, एक छोटी सी पहाड़ी व्हाइट नदी अनदेखी और आसपास, फ्लैट भारी जंगलों और दलदली घाटी पर एक लॉग केबिन का निर्माण किया। शहर टीपटोन के रूप में जाना जाता था, टीपटोन के सम्मान में नाम दिया है। शहर का नाम 20 मार्च को कोलंबस के लिए बदल गया था, 1821 जनरल टीपटोन नाम परिवर्तन से परेशान है और नव स्थापित शहर छोड़ने का फैसला किया गया था। बाद में उन्होंने इंडियाना के राज्य के लिए राजमार्ग आयुक्त बन गया है और केंटकी के लिए इंडियानापोलिस, इंडियाना से एक राजमार्ग के निर्माण के लिए सौंपा गया था। यह स्थानीय इतिहास की पुस्तकों कि जिस पर भूमि कोलंबस बैठता जनरल टीपटोन द्वारा दान किया गया था में साल के लिए दर्ज किया गया था; हालांकि, एक कर्म भूमि की बिक्री दिखाने के लिए तात्पर्यित ऐतिहासिक कोलंबस इंडियाना द्वारा 2003 में अधिग्रहण कर लिया था। कर्म संकेत दिया कि जनरल टीपटोन वास्तव में भूमि बेच दिया। भूगोल कोलंबस 39 ° 12'50 "N 85 ° 54'40" डब्ल्यू (39.213998, -८५.९,११,०५६) पर स्थित है। Driftwood और Flatrock नदियों कोलंबस पर एकाग्र व्हाइट नदी के पूर्व में कांटा के रूप में। 2010 की जनगणना के अनुसार, कोलंबस 27.886 वर्ग मील (72.22 km2), जिसमें से 27.5 वर्ग मील (71.22 km2) (या 98.62%) भूमि है और 0.386 वर्ग मील (1.00 km2) (या 1.38%) के कुल क्षेत्र है पानी। जनसांख्यिकी 2010 की जनगणना 2010 की जनगणना के अनुसार, वहां 44,061 लोग, 17,787 घरों में, और 11,506 परिवार शहर में रह रहे थे। जनसंख्या घनत्व वर्ग मील (618.6 / km2) प्रति 1,602.2 निवासियों था। वहाँ 716.4 वर्ग मील (276.6 / km2) प्रति के एक औसत घनत्व में 19700 आवासीय इकाइयों थे। शहर के नस्लीय श्रृंगार 86.9% सफेद, 2.7% अफ्रीकी अमेरिकी, 0.2% मूल अमेरिकी, एशियाई 5.6%, 0.1% प्रशांत द्वीप, अन्य जातियों से 2.5%, और दो या अधिक दौड़ से 2.0% थी। हिस्पैनिक या किसी भी जाति के लातीनी जनसंख्या का 5.8% थे। 17,787 परिवारों जिनमें से 33.5% 18 उनके साथ रहने से कम आयु के बच्चों की थी वहाँ थे, 48.5% विवाहित जोड़ों को एक साथ रह रहे थे, 11.7% बिना पति के साथ एक महिला गृहस्थ था, 4.5% कोई पत्नी वर्तमान के साथ एक पुरुष गृहस्थ था, और 35.3% गैर-परिवारों के थे। सभी घरों के 29.7% व्यक्तियों से बना रहे थे और 11.5% अकेले रहने वाले कोई है जो उम्र या पुराने के 65 साल थी। परिवार का औसत आकार 2.43 था और परिवार का औसत आकार 3.00 था। शहर में औसत उम्र 37.1 साल थी। निवासियों के 25.2% 18 वर्ष की आयु के थे; 8.1% 18 और 24 की उम्र के बीच के थे; 27.3% 25 से 44 में से थे; 24.9% 45 से 64 में से थे; और 14.4% की आयु या पुराने के 65 साल के थे। शहर के लिंग मेकअप 48.4% पुरुष और 51.6% महिला थी। कला और संस्कृति कोलंबस अपनी आधुनिक वास्तुकला और लोक कला के लिए जाना जाता है। इरविन जे मिलर, 2 सीईओ और कमिंस इंक, कोलंबस मुख्यालय डीजल इंजन निर्माता के सह-संस्थापक के एक भतीजे, जिसमें एक कार्यक्रम कमिंस फाउंडेशन आर्किटेक्ट 'शुल्क का भुगतान की शुरूआत की ग्राहक एक से एक फर्म का चयन किया प्रदान की सूची कंपनी द्वारा संकलित। योजना पब्लिक स्कूलों के साथ शुरू की है और बहुत सफल है कि नींव अन्य गैर लाभ और नागरिक संगठनों के लिए पेशकश करने का फैसला किया गया था। सन्दर्भ इंडियाना के शहर
अभिनेता सलमान खान एक बार फिर अपनी जुबान फिसलने को लेकर विवादों में है. लेकिन यह पहली बार नहीं है जब किसी स्टार ने कोई विवादित बयान दिया हो. इससे पहले आमिर खान, शाहरुख खान जैसे बॉलीवुड के स्टार माने जाने वाले एक्टर्स भी अपने ऊटपटांग बयानों को लेकर आलोचना का शिकार बने हैं. विवाद बढ़ने पर इन्हें अपने बयान तक वापस लेने पड़े. क्यों विवाद में हैं सलमान? खबर आई कि सलमान ने 'स्पॉटब्वॉय डॉट कॉम' से इंटरव्यू में कहा कि 'सुल्तान' की शूटिंग की थकान किसी रेप विक्ट‍िम जैसी थी. एक्टर के इस बयान की बीजेपी नेता शायना एनसी ने कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि सलमान को इस बयान पर माफी मांगनी चाहिए. मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी सलमान को तलब किया है. हालांकि बाद में इंटरव्यू पर ही सवाल उठने लगे, क्योंकि सोशल मीडिया के मुताबिक, सलमान ने अपने 'रेप विक्टि‍म' वाले बयान को अगले ही पल करेक्ट भी किया था. असहिष्णुता पर आमिर खान के विवादित बोल 'अतिथि देवो भव' का संदेश देने वाले आमिर खान बीते साल असहिष्णुता पर दिए उनके बयान को लेकर सोशल मीडिया पर छाए रहे. आमिर ने एक अवॉर्ड फंक्शन के दौरान कहा कि देश में कई घटनाओं ने उन्हें चिंतित किया है और उनकी पत्नी किरण राव ने उन्हें देश छोड़ने तक का सुझाव दे दिया था. उन्होंने कहा कि किरण को अपने बच्चों की चिंता है. उन्हें हर दिन अखबार खोलने तक में डर लगता है. हालांकि बाद में आमिर ने साफ कहा कि उनका और उनकी बीवी का देश छोड़ने का कोई इरादा नहीं है. शाहरुख ने पहले बयान दिया फिर माफी मांगी बीते साल अपने 50वें जन्मदिन पर शाहरुख ने फैन्स के सवालों का जवाब देते हुए कहा था कि देश में असहिष्णुता बढ़ी है. इस बयान के बाद सियासी गलियारों में हंगामा मच गया. शाहरुख को देशद्रोही कहकर उनकी तुलना पाकिस्तान आतंक के सरगना हाफिज सईद से की जाने लगी. हालांकि बाद में शाहरुख ने एक इंटरव्यू में अपने इस बयान को लेकर कहा कि अगर उन्होंने किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाई हो तो वह माफी मांगते हैं. सलमान ने किया था याकूब मेमन को सपोर्ट अभिनेता सलमान खान इससे पहले भी अपने बयानों को लेकर विवाद में रहे हैं. साल 1993 में मुंबई धमाकों के दोषी याकूब मेमन को फांसी के बाद सलमान ने ट्वीट कर याकूब का समर्थन किया था. सलमान ने ट्वीट कर कहा था कि एक बेगुनाह की मौत इंसानियत का कत्ल है. हालांकि बाद में अपने पिता के कहने पर उन्होंने वे ट्वीट्स हटा लिए और माफी भी मांगी.
पाकिस्तान जेल में बंद भारतीय नागरि‍क सरबजीत की जिंदगी की दर्दनाक कहानी पर बेस्ड फिल्म 'सरबजीत' का पहला गाना 'सलामत' रिलीज हो गया है. 'हाइवे' एक्टर रणदीप हुड्डा ने ट्विटर पर अपनी फिल्म के इस गाने को शेयर किया है. इस गाने में रणदीप जेल में अपने घर परिवार के साथ बिताए गए अच्छे दिनों को याद करते नजर आ रहे हैं. साथ ही ऋचा चड्ढा और रणदीप के बीच के रोमांटिक केमिस्ट्री देखने को मिल रही है. इस गाने में फिल्म की अहम कड़ी को अदा कर रहीं ऐश्वर्या राय बच्चन सरबजीत की बहन दलबीर कौर के किरदार में सरबजीत की रिहाई के लिए गुहार लगाती नजर आएंगी. Longing for the little moments of life .. #Sarbjit #Salamat https://t.co/NLsxwQj3ak — Randeep Hooda (@RandeepHooda) April 17, 2016 'सलामत' गाने में रणदीप हुड्डा, ऋचा चड्ढा और ऐश्वर्या के किरदार को देखकर आपकी आंखों में आंसू जरूर आ जाएंगे. बता दें कि इस नए गाने को अमाल मलिक, अरिजीत सिंह और तुलसी कुमार ने आवाज दी है. एक बात तो तय है कि फिल्म में 'सरबजीत' के किरदार को अदा कर रहे रणदीप हुड्डा की अदायगी से आपकी नजर नहीं हटेगी. उमंग कुमार द्वारा निर्देशित यह फिल्म 20 मई को रिलीज होने जा रही है. यहां देखें गाना:
सिद्धार्थ मल्होत्रा और तारा सुतारिया की फिल्म मरजावां जल्द ही रिलीज होने वाली है. दोनों सितारे फिल्म के प्रमोशन में बिजी हैं. एक समय ऐसा था जब दोनों के रिलेशनशिप में रहने की खबरें थीं. मगर बाद में दोनों का ब्रेकअप हो गया. ब्रेकअप के बाद भी दोनों एक दूसरे को जरा भी नहीं भूले हैं. एक इंटरव्यू के दौरान दोनों से एक-दूसरे की पर्सनल लाइफ को लेकर सवाल पूछे गए जिसका जवाब दोनों ने बड़ी आसानी से दे दिया. स्पॉटबॉय को दिए गए इंटरव्यू में स्टार्स ने फिल्म के बारे में बातें कीं. इसके बाद स्टार्स ने रैपिड फायर राउंड में हिस्सा लिया जहा उनसे एक-दूसरे की पर्सनल लाइफ के बारे में सवाल पूछे गए. तारा से सिद्धार्थ के बारे में पूछा गया कि उन्होंने इत्तेफाक फिल्म में कौन सा रोल प्ले किया था और सिद्धार्थ की बर्थ डेट क्या है. तारा ने सभी सवालों का सही जवाब दिया. इसके बाद सिद्धार्थ से पूछा गया कि तारा ने किस उम्र में गाना शुरू किया था और उन्होंने किस कॉलेज से पढ़ाई की है. दोनों ने लगभग सारे सवालों के जवाब सही दिए. जहां तारा के सारे जवाब सही थे वहीं सिद्धार्थ ने एक सवाल का जवाब गलत दे दिया और तारा जीत गईं. पर्सनल लाइफ में भले ही दोनों साथ ना हों मगर दोनों अच्छी बॉन्डिंग शेयर करते हैं. अब देखने वाली बात ये होगी कि दोनों की ये जोड़ी प्रोफेशनल फ्रंट पर क्या कमाल दिखाती है. अदार जैन संग बढ़ रहीं तारा की नजदीकियां फिल्म की बात करें तो ये 15 नवंबर को रिलीज की जाएगी. फिल्म का निर्देशन मिलाप जावेरी ने किया है. फिल्म में राकुल प्रीत सिंह भी अहम रोल में हैं. इसके अलावा रितेश देशमुख निगेटिव रोल में नजर आएंगे. एक्ट्रेस तारा सुतारिया की बात करें तो सिद्धार्थ से अलग होने के बाद करीना कपूर खान के कजिन भाई अदार जैन संग उनके रिलेशनशिप की खबरें हैं. अदार के बारे में बात करते हुए तारा ने कहा कि वे उनके लिए स्पेशल हैं.
यह लेख है: सरकार ने शनिवार को प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कारों की घोषणा की, जिन्हें पाने वाले प्रमुख लोगों में डॉ. आर ए माशेलकर, बीकेएस अयंगर, बेगम परवीन सुल्ताना, फिल्म कलाकार परेश रावल, कमल हासन और विद्या बालन, खिलाड़ी युवराज सिंह, लिएंडर पेस, पुलेला गोपीचंद, लेखक रस्किन बॉन्ड, रंगकर्मी बंसी कौल, न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी और कैंसर विशेषज्ञ डॉ राजेश ग्रोवर शामिल हैं। इस साल पद्म पुरस्कारों के लिए राष्ट्रपति ने 127 नामों का अनुमोदन किया है, जिनमें दो पद्म विभूषण, 24 पद्म भूषण और 101 पद्म श्री पुरस्कार हैं। पद्म पुरस्कार से इस साल सम्मानित होने वाले लोगों में 27 महिलाएं हैं। पद्म विभूषण से वैज्ञानिक डॉ. आर ए माशेलकर और योगगुरु बी के एस अयंगर को नवाजा जाएगा। पद्म भूषण पाने वाले लोगों में गुजरात के चित्रकार गुलाम मोहम्मद शेख, महाराष्ट्र की शास्त्रीय गायिका बेगम परवीन सुल्ताना, अभिनेता कमल हासन, न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी, लेखक रस्किन बॉन्ड, बैडमिंटन खिलाड़ी पुलेला गोपीचंद और टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस शामिल हैं। पद्म श्री से नवाजे जाने वाले 101 लोगों में रंगकर्मी बंसी कौल, विख्यात रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक, तमिल फिल्मकार संतोष सीवान, फिल्म अभिनेत्री विद्या बालन, कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ राजेश कुमार ग्रोवर, भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान अंजुम चोपड़ा और क्रिकेटर युवराज सिंह शामिल हैं। ये पुरस्कार कला, समाजसेवा, लोककार्य, विज्ञान, इंजीनियरिंग, व्यापार-उद्योग, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेलकूद, सिविल सेवा इत्यादि क्षेत्रों में विशेष योगदान के लिए हर साल दिए जाते हैं।
इस साल मार्च में दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग कंपनी फेसबुक ने एक वीडियो फिल्टर एप MSQRD खरीदी थी. हमने आपको बताया था कि कंपनी इसे फेसबुक के एक फीचर के तौर पर आम यूजर्स के लिए लाने की तैयारी में है. आपको बता दें कि फेसबुक कुछ देशों में इस दिलचस्प फीचर की शुरुआत कर दी है बतौर टेस्टिंग. MSQRD आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड फिल्टर एप है जो मास्क के जरिए यूजर्स की शक्ल बदल देता है. स्नैपचैट जैसे इस एप के फीचर के जरिए लाइव वीडियो, फोटो और सेल्फी में फिल्टर ऐड कर सकते हैं. टेक क्रंच की रिपोर्ट के मुताबिक फेसबुक इसे कैनेडा और ब्राजील के iOS यूजर्स को देकर इसकी टेस्टिंग कर रहा है. इस नए फीचर के जरिए फेसबुक यूजर्स अपने फोटो में कई तरह के फिल्टर लगा कर शेयर कर सकते हैं. इसे MSQRD एप से ज्यादा सटीक और बेहतर बनाया गया है. फिलहाल फेसबुक ने आधिकारिक तौर पर इस फीचर को दूसरे देशों में शुरुआत करने के बारे में नहीं बताया है. फिलहाल कैनेडा में इस फीचर के जरिए यूजर्स को रियो ओलंपिक के फिल्टर्स चेहरे पर लगाने के लिए दिए जा रहे हैं. फेसबुक के को फाउंडर और सीईओ मार्क जकरबर्ग ने मार्च में इस एप के अधिग्रहण के बाद एक वीडियो फेसबुक पर पोस्ट किया था जिसमें वो आयरनमैन का मास्क लगाए हुए थे.
यह लेख है: कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी भारत की सबसे लोकप्रिय महिला हैं। गांधी के बाद दूसरे नम्बर पर आईसीआईसीआई बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर का स्थान है। एक व्यापारिक सर्वेक्षण की गुरुवार को जारी रिपोर्ट में एक सूची में सबसे ऊपर गांधी का नाम आया है। भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग संबद्ध मंडल (एसोचैम) तथा जी न्यूज चैनल द्वारा सम्मिलित रूप से देश भर में कराए गए एक सर्वेक्षण में 32 संस्थानों में कार्यरत कार्पोरेट जगत के 2,000 कर्मचारियों ने 20 नामों वाली महिलाओं की सूची से इन दो महिलाओं को पहला दो स्थान प्रदान किया। राजनीतिक क्षेत्र की महिलाओं में सुषमा स्वराज को 16वां स्थान मिला जबकि तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता को 17वां स्थान हासिल हुआ। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर जारी इस सर्वेक्षण में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 20वें स्थान पर रहीं। पेप्सिको की अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी इंद्रा नूई को इस सर्वेक्षण में तीसरी जबकि बायोकॉन लिमिटेड की अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक किरन मजूमदार-शॉ को भारत की चौथी सबसे लोकप्रिय महिला चुना गया है। फिल्मी हस्तियों की बात करें तो वहां बाजी मारी ऐश्वर्या राय बच्चन ने जिन्हें पांचवां स्थान मिला है जबकि विद्या बालन छठे स्थान पर हैं, वहीं शबाना आजमी को 13वें स्थान पर रखा गया है। इस सर्वेक्षण में युवा महिलाओं द्वारा मतदान करवाया गया जिसमें उन्होंने मणिपुर की बॉक्सिंग चैंपियन मैरी कॉम को आठवें स्थान के लिए चुना। भारतीय बैंडमिंटन स्टार साइना नेहवाल इस सूची में नौवें स्थान पर रहीं। पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी को 10वें स्थान के लिए चुना गया जबकि एचएसबीसी की राष्ट्रीय अध्यक्ष नैना लाल किदवई को 11वां स्थान हासिल हुआ और 12वें स्थान पर रहीं पिरामल लाइफ इंश्योरेंस लिमिटेड की उपाध्यक्ष स्वाति पीरामल। इस सर्वेक्षण में छोटे पर्दे पर अपना लोहा मनवाने वाली बालाजी टेलीफिल्म्स की निर्देशक एकता कपूर भारत की 14वीं सबसे लोकप्रिय महिला चुनी गईं। उनके ठीक बाद फिल्म निर्माता एवं निर्देशक जोया अख्तर को 15वें स्थान हासिल हुआ।टिप्पणियां सर्वेक्षण में अन्य लोकप्रिय महिलाओं में ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज की प्रबंध निदेशक विनीता बाली 18वें स्थान पर, भारतीय जैकी कॉलिंस के नाम से मशहूर प्रमुख भारतीय उपन्यासकार शोभा डे 19वें स्थान पर रहीं। यह सर्वेक्षण जनवरी से फरवरी महीने के बीच करवाया गया जिसमें विभिन्न आयुवर्ग की महिलाओं ने हिस्सा लिया। भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग संबद्ध मंडल (एसोचैम) तथा जी न्यूज चैनल द्वारा सम्मिलित रूप से देश भर में कराए गए एक सर्वेक्षण में 32 संस्थानों में कार्यरत कार्पोरेट जगत के 2,000 कर्मचारियों ने 20 नामों वाली महिलाओं की सूची से इन दो महिलाओं को पहला दो स्थान प्रदान किया। राजनीतिक क्षेत्र की महिलाओं में सुषमा स्वराज को 16वां स्थान मिला जबकि तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता को 17वां स्थान हासिल हुआ। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर जारी इस सर्वेक्षण में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 20वें स्थान पर रहीं। पेप्सिको की अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी इंद्रा नूई को इस सर्वेक्षण में तीसरी जबकि बायोकॉन लिमिटेड की अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक किरन मजूमदार-शॉ को भारत की चौथी सबसे लोकप्रिय महिला चुना गया है। फिल्मी हस्तियों की बात करें तो वहां बाजी मारी ऐश्वर्या राय बच्चन ने जिन्हें पांचवां स्थान मिला है जबकि विद्या बालन छठे स्थान पर हैं, वहीं शबाना आजमी को 13वें स्थान पर रखा गया है। इस सर्वेक्षण में युवा महिलाओं द्वारा मतदान करवाया गया जिसमें उन्होंने मणिपुर की बॉक्सिंग चैंपियन मैरी कॉम को आठवें स्थान के लिए चुना। भारतीय बैंडमिंटन स्टार साइना नेहवाल इस सूची में नौवें स्थान पर रहीं। पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी को 10वें स्थान के लिए चुना गया जबकि एचएसबीसी की राष्ट्रीय अध्यक्ष नैना लाल किदवई को 11वां स्थान हासिल हुआ और 12वें स्थान पर रहीं पिरामल लाइफ इंश्योरेंस लिमिटेड की उपाध्यक्ष स्वाति पीरामल। इस सर्वेक्षण में छोटे पर्दे पर अपना लोहा मनवाने वाली बालाजी टेलीफिल्म्स की निर्देशक एकता कपूर भारत की 14वीं सबसे लोकप्रिय महिला चुनी गईं। उनके ठीक बाद फिल्म निर्माता एवं निर्देशक जोया अख्तर को 15वें स्थान हासिल हुआ।टिप्पणियां सर्वेक्षण में अन्य लोकप्रिय महिलाओं में ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज की प्रबंध निदेशक विनीता बाली 18वें स्थान पर, भारतीय जैकी कॉलिंस के नाम से मशहूर प्रमुख भारतीय उपन्यासकार शोभा डे 19वें स्थान पर रहीं। यह सर्वेक्षण जनवरी से फरवरी महीने के बीच करवाया गया जिसमें विभिन्न आयुवर्ग की महिलाओं ने हिस्सा लिया। राजनीतिक क्षेत्र की महिलाओं में सुषमा स्वराज को 16वां स्थान मिला जबकि तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता को 17वां स्थान हासिल हुआ। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर जारी इस सर्वेक्षण में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 20वें स्थान पर रहीं। पेप्सिको की अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी इंद्रा नूई को इस सर्वेक्षण में तीसरी जबकि बायोकॉन लिमिटेड की अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक किरन मजूमदार-शॉ को भारत की चौथी सबसे लोकप्रिय महिला चुना गया है। फिल्मी हस्तियों की बात करें तो वहां बाजी मारी ऐश्वर्या राय बच्चन ने जिन्हें पांचवां स्थान मिला है जबकि विद्या बालन छठे स्थान पर हैं, वहीं शबाना आजमी को 13वें स्थान पर रखा गया है। इस सर्वेक्षण में युवा महिलाओं द्वारा मतदान करवाया गया जिसमें उन्होंने मणिपुर की बॉक्सिंग चैंपियन मैरी कॉम को आठवें स्थान के लिए चुना। भारतीय बैंडमिंटन स्टार साइना नेहवाल इस सूची में नौवें स्थान पर रहीं। पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी को 10वें स्थान के लिए चुना गया जबकि एचएसबीसी की राष्ट्रीय अध्यक्ष नैना लाल किदवई को 11वां स्थान हासिल हुआ और 12वें स्थान पर रहीं पिरामल लाइफ इंश्योरेंस लिमिटेड की उपाध्यक्ष स्वाति पीरामल। इस सर्वेक्षण में छोटे पर्दे पर अपना लोहा मनवाने वाली बालाजी टेलीफिल्म्स की निर्देशक एकता कपूर भारत की 14वीं सबसे लोकप्रिय महिला चुनी गईं। उनके ठीक बाद फिल्म निर्माता एवं निर्देशक जोया अख्तर को 15वें स्थान हासिल हुआ।टिप्पणियां सर्वेक्षण में अन्य लोकप्रिय महिलाओं में ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज की प्रबंध निदेशक विनीता बाली 18वें स्थान पर, भारतीय जैकी कॉलिंस के नाम से मशहूर प्रमुख भारतीय उपन्यासकार शोभा डे 19वें स्थान पर रहीं। यह सर्वेक्षण जनवरी से फरवरी महीने के बीच करवाया गया जिसमें विभिन्न आयुवर्ग की महिलाओं ने हिस्सा लिया। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर जारी इस सर्वेक्षण में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 20वें स्थान पर रहीं। पेप्सिको की अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी इंद्रा नूई को इस सर्वेक्षण में तीसरी जबकि बायोकॉन लिमिटेड की अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक किरन मजूमदार-शॉ को भारत की चौथी सबसे लोकप्रिय महिला चुना गया है। फिल्मी हस्तियों की बात करें तो वहां बाजी मारी ऐश्वर्या राय बच्चन ने जिन्हें पांचवां स्थान मिला है जबकि विद्या बालन छठे स्थान पर हैं, वहीं शबाना आजमी को 13वें स्थान पर रखा गया है। इस सर्वेक्षण में युवा महिलाओं द्वारा मतदान करवाया गया जिसमें उन्होंने मणिपुर की बॉक्सिंग चैंपियन मैरी कॉम को आठवें स्थान के लिए चुना। भारतीय बैंडमिंटन स्टार साइना नेहवाल इस सूची में नौवें स्थान पर रहीं। पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी को 10वें स्थान के लिए चुना गया जबकि एचएसबीसी की राष्ट्रीय अध्यक्ष नैना लाल किदवई को 11वां स्थान हासिल हुआ और 12वें स्थान पर रहीं पिरामल लाइफ इंश्योरेंस लिमिटेड की उपाध्यक्ष स्वाति पीरामल। इस सर्वेक्षण में छोटे पर्दे पर अपना लोहा मनवाने वाली बालाजी टेलीफिल्म्स की निर्देशक एकता कपूर भारत की 14वीं सबसे लोकप्रिय महिला चुनी गईं। उनके ठीक बाद फिल्म निर्माता एवं निर्देशक जोया अख्तर को 15वें स्थान हासिल हुआ।टिप्पणियां सर्वेक्षण में अन्य लोकप्रिय महिलाओं में ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज की प्रबंध निदेशक विनीता बाली 18वें स्थान पर, भारतीय जैकी कॉलिंस के नाम से मशहूर प्रमुख भारतीय उपन्यासकार शोभा डे 19वें स्थान पर रहीं। यह सर्वेक्षण जनवरी से फरवरी महीने के बीच करवाया गया जिसमें विभिन्न आयुवर्ग की महिलाओं ने हिस्सा लिया। पेप्सिको की अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी इंद्रा नूई को इस सर्वेक्षण में तीसरी जबकि बायोकॉन लिमिटेड की अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक किरन मजूमदार-शॉ को भारत की चौथी सबसे लोकप्रिय महिला चुना गया है। फिल्मी हस्तियों की बात करें तो वहां बाजी मारी ऐश्वर्या राय बच्चन ने जिन्हें पांचवां स्थान मिला है जबकि विद्या बालन छठे स्थान पर हैं, वहीं शबाना आजमी को 13वें स्थान पर रखा गया है। इस सर्वेक्षण में युवा महिलाओं द्वारा मतदान करवाया गया जिसमें उन्होंने मणिपुर की बॉक्सिंग चैंपियन मैरी कॉम को आठवें स्थान के लिए चुना। भारतीय बैंडमिंटन स्टार साइना नेहवाल इस सूची में नौवें स्थान पर रहीं। पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी को 10वें स्थान के लिए चुना गया जबकि एचएसबीसी की राष्ट्रीय अध्यक्ष नैना लाल किदवई को 11वां स्थान हासिल हुआ और 12वें स्थान पर रहीं पिरामल लाइफ इंश्योरेंस लिमिटेड की उपाध्यक्ष स्वाति पीरामल। इस सर्वेक्षण में छोटे पर्दे पर अपना लोहा मनवाने वाली बालाजी टेलीफिल्म्स की निर्देशक एकता कपूर भारत की 14वीं सबसे लोकप्रिय महिला चुनी गईं। उनके ठीक बाद फिल्म निर्माता एवं निर्देशक जोया अख्तर को 15वें स्थान हासिल हुआ।टिप्पणियां सर्वेक्षण में अन्य लोकप्रिय महिलाओं में ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज की प्रबंध निदेशक विनीता बाली 18वें स्थान पर, भारतीय जैकी कॉलिंस के नाम से मशहूर प्रमुख भारतीय उपन्यासकार शोभा डे 19वें स्थान पर रहीं। यह सर्वेक्षण जनवरी से फरवरी महीने के बीच करवाया गया जिसमें विभिन्न आयुवर्ग की महिलाओं ने हिस्सा लिया। फिल्मी हस्तियों की बात करें तो वहां बाजी मारी ऐश्वर्या राय बच्चन ने जिन्हें पांचवां स्थान मिला है जबकि विद्या बालन छठे स्थान पर हैं, वहीं शबाना आजमी को 13वें स्थान पर रखा गया है। इस सर्वेक्षण में युवा महिलाओं द्वारा मतदान करवाया गया जिसमें उन्होंने मणिपुर की बॉक्सिंग चैंपियन मैरी कॉम को आठवें स्थान के लिए चुना। भारतीय बैंडमिंटन स्टार साइना नेहवाल इस सूची में नौवें स्थान पर रहीं। पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी को 10वें स्थान के लिए चुना गया जबकि एचएसबीसी की राष्ट्रीय अध्यक्ष नैना लाल किदवई को 11वां स्थान हासिल हुआ और 12वें स्थान पर रहीं पिरामल लाइफ इंश्योरेंस लिमिटेड की उपाध्यक्ष स्वाति पीरामल। इस सर्वेक्षण में छोटे पर्दे पर अपना लोहा मनवाने वाली बालाजी टेलीफिल्म्स की निर्देशक एकता कपूर भारत की 14वीं सबसे लोकप्रिय महिला चुनी गईं। उनके ठीक बाद फिल्म निर्माता एवं निर्देशक जोया अख्तर को 15वें स्थान हासिल हुआ।टिप्पणियां सर्वेक्षण में अन्य लोकप्रिय महिलाओं में ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज की प्रबंध निदेशक विनीता बाली 18वें स्थान पर, भारतीय जैकी कॉलिंस के नाम से मशहूर प्रमुख भारतीय उपन्यासकार शोभा डे 19वें स्थान पर रहीं। यह सर्वेक्षण जनवरी से फरवरी महीने के बीच करवाया गया जिसमें विभिन्न आयुवर्ग की महिलाओं ने हिस्सा लिया। इस सर्वेक्षण में युवा महिलाओं द्वारा मतदान करवाया गया जिसमें उन्होंने मणिपुर की बॉक्सिंग चैंपियन मैरी कॉम को आठवें स्थान के लिए चुना। भारतीय बैंडमिंटन स्टार साइना नेहवाल इस सूची में नौवें स्थान पर रहीं। पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी को 10वें स्थान के लिए चुना गया जबकि एचएसबीसी की राष्ट्रीय अध्यक्ष नैना लाल किदवई को 11वां स्थान हासिल हुआ और 12वें स्थान पर रहीं पिरामल लाइफ इंश्योरेंस लिमिटेड की उपाध्यक्ष स्वाति पीरामल। इस सर्वेक्षण में छोटे पर्दे पर अपना लोहा मनवाने वाली बालाजी टेलीफिल्म्स की निर्देशक एकता कपूर भारत की 14वीं सबसे लोकप्रिय महिला चुनी गईं। उनके ठीक बाद फिल्म निर्माता एवं निर्देशक जोया अख्तर को 15वें स्थान हासिल हुआ।टिप्पणियां सर्वेक्षण में अन्य लोकप्रिय महिलाओं में ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज की प्रबंध निदेशक विनीता बाली 18वें स्थान पर, भारतीय जैकी कॉलिंस के नाम से मशहूर प्रमुख भारतीय उपन्यासकार शोभा डे 19वें स्थान पर रहीं। यह सर्वेक्षण जनवरी से फरवरी महीने के बीच करवाया गया जिसमें विभिन्न आयुवर्ग की महिलाओं ने हिस्सा लिया। पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी को 10वें स्थान के लिए चुना गया जबकि एचएसबीसी की राष्ट्रीय अध्यक्ष नैना लाल किदवई को 11वां स्थान हासिल हुआ और 12वें स्थान पर रहीं पिरामल लाइफ इंश्योरेंस लिमिटेड की उपाध्यक्ष स्वाति पीरामल। इस सर्वेक्षण में छोटे पर्दे पर अपना लोहा मनवाने वाली बालाजी टेलीफिल्म्स की निर्देशक एकता कपूर भारत की 14वीं सबसे लोकप्रिय महिला चुनी गईं। उनके ठीक बाद फिल्म निर्माता एवं निर्देशक जोया अख्तर को 15वें स्थान हासिल हुआ।टिप्पणियां सर्वेक्षण में अन्य लोकप्रिय महिलाओं में ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज की प्रबंध निदेशक विनीता बाली 18वें स्थान पर, भारतीय जैकी कॉलिंस के नाम से मशहूर प्रमुख भारतीय उपन्यासकार शोभा डे 19वें स्थान पर रहीं। यह सर्वेक्षण जनवरी से फरवरी महीने के बीच करवाया गया जिसमें विभिन्न आयुवर्ग की महिलाओं ने हिस्सा लिया। इस सर्वेक्षण में छोटे पर्दे पर अपना लोहा मनवाने वाली बालाजी टेलीफिल्म्स की निर्देशक एकता कपूर भारत की 14वीं सबसे लोकप्रिय महिला चुनी गईं। उनके ठीक बाद फिल्म निर्माता एवं निर्देशक जोया अख्तर को 15वें स्थान हासिल हुआ।टिप्पणियां सर्वेक्षण में अन्य लोकप्रिय महिलाओं में ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज की प्रबंध निदेशक विनीता बाली 18वें स्थान पर, भारतीय जैकी कॉलिंस के नाम से मशहूर प्रमुख भारतीय उपन्यासकार शोभा डे 19वें स्थान पर रहीं। यह सर्वेक्षण जनवरी से फरवरी महीने के बीच करवाया गया जिसमें विभिन्न आयुवर्ग की महिलाओं ने हिस्सा लिया। सर्वेक्षण में अन्य लोकप्रिय महिलाओं में ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज की प्रबंध निदेशक विनीता बाली 18वें स्थान पर, भारतीय जैकी कॉलिंस के नाम से मशहूर प्रमुख भारतीय उपन्यासकार शोभा डे 19वें स्थान पर रहीं। यह सर्वेक्षण जनवरी से फरवरी महीने के बीच करवाया गया जिसमें विभिन्न आयुवर्ग की महिलाओं ने हिस्सा लिया। यह सर्वेक्षण जनवरी से फरवरी महीने के बीच करवाया गया जिसमें विभिन्न आयुवर्ग की महिलाओं ने हिस्सा लिया।
इन तीनों आतंकियों को अनंतनाग के कोकरनाग में क़रीब शाम 5 बजे देखा गया था. उसके बाद 9 जुलाई को अनंतनाग के खिर्बल इलाक़े में भी इन आतंकियों को देखे जाने की सूचना मिली. इसके बाद शाम 7 बजे ये हमले की जगह बेटूंगा में भी देखे गए. फिर 10 जुलाई को अटैक करने के बाद इन तीनों को अनंतनाग के हसनपोरा में देखा गया. सूत्रों ने बताया कि पूरे हमले में दो बाइक का इस्तेमाल किया गया था. वहीं, सुरक्षा एजेंसियों को भी यही शक है कि इसमें चार आतंकी शामिल हैं. फिलहाल चौथे आतंकी के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है और तलाश जारी है. सुरक्षाबलों की मानें तो जल्द ही अमरनाथ यात्रियों के गुनहगारों को उनके अंजाम तक पहुंचा दिया जाएगा. गौरतलब है कि हमले का मास्टरमाइंड लश्कर नेटवर्क का आतंकी अबू इस्माइल था. बताया जा रहा है कि यह दो साल  पहले भारतीय सीमा में घुसपैठ कर आ गया था. तब से यहां पर आतंकी गतिविधियों में लिप्त है.   वहीं, सुरक्षा एजेंसियों को भी यही शक है कि इसमें चार आतंकी शामिल हैं. फिलहाल चौथे आतंकी के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है और तलाश जारी है. सुरक्षाबलों की मानें तो जल्द ही अमरनाथ यात्रियों के गुनहगारों को उनके अंजाम तक पहुंचा दिया जाएगा. गौरतलब है कि हमले का मास्टरमाइंड लश्कर नेटवर्क का आतंकी अबू इस्माइल था. बताया जा रहा है कि यह दो साल  पहले भारतीय सीमा में घुसपैठ कर आ गया था. तब से यहां पर आतंकी गतिविधियों में लिप्त है.
दिल्ली में लगातार हो रही बारिश से शनिवार रात यमुना के पानी ने खतरे के निशान को पार कर लिया. उफनती यमुना से दिल्ली पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. यमुना नदी ने 204 मीटर के वॉर्निंग लेवल से ऊपर आकर खतरे के निशान को छू लिया है. शनिवार की शाम से पानी का बढ़ना शुरू हुआ तो रात तक वो जारी रहा. जिन इलाकों पर सबसे पहले डूबने का खतरा मंडरा रहा है, उन्हें खाली कराने के आदेश दिए जा चुके हैं. अचानक जलस्तर बढ़ने पर एक्शन प्लान की तैयारी भी है. मोटरबोट्स को तैयारी से रहने के लिए कहा गया है. यमुना का जलस्तर बढ़ने से सहमे रेलवे ने भी पुराने पुल का ट्रैफिक रोक दिया है. विभाग यमुना के जल स्तर की पल-पल जानकारी लगातार ले रहा है. यमुना का जलस्तर बढ़ने से दिल्ली सहारनपुर रेलमार्ग हुआ बाधित. दो ट्रेनें रद्द हो गई हैं. 14546 सहारनपुर से दिल्ली और 74026 शामली से दिल्ली जाने वाली ट्रेन हुई रद्द. बागपत के बड़ौत स्टेशन पर यात्री परेशान हो रहे हैं. दिल्ली सरकार पूरी तरह से तैयार दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि यमुना के इलाके में 10 बोट गश्त कर रही है, हमने घोषणा करवा दी है और बचाव की तैयारी पूरी है. 204.9 यमुना का स्तर इस वक्त है. अगले 5 घंटे में जलस्तर कम होगा. कल बुराड़ी में 25 लोग थे, जिन्हें निकाल दिया है. उनके भोजन की, ठहरने का इंतजाम किया है. पूर्वी दिल्ली में एक परिवार था, उनके पास एक भैंस भी थी. परिवार को बाढ़ वाले इलाके से अलग किया है. मंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधक और कंट्रोल रूम काम कर रहा है. घबराने की जरूरत नहीं क्योंकि जलस्तर कम होगा. आने वाले दिनों में अगर जलस्तर बढ़ता है तो खाने, दवाई और कैंप की तैयारी है. सभी जगह मॉनिटर कर रहे हैं. टीम पूरी तरह तैयार है.
बुधवार को नई दिल्ली में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक खत्म हो चुकी है. यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में होने वाली इस बैठक में केंद्र सरकार के कर्मियों के भत्ते पर लंबे समय से चला आ रहा सस्पेंस खत्म हो सकता है. बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली भत्ते को लेकर अपना प्रस्ताव रख सकते हैं, जिसका सीधा फायदा 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेगा. कहा जा रहा है कि हाल ही में 7 जून को हुई कैबिनेट में इस मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई थी. 7वें केंद्रीय वेतन आयोग ने भत्ते की संरचना में कुछ बदलाव सुझाए थे. इसमें 52 तरह के भत्तों को खत्म कर दिया गया है. 36 तरह के अन्य भत्तों को इसमें जोड़ा भी गया है. जानें 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों में महंगाई भत्ते से जुड़ी 10 खास बातें: 1. केन्द्र सरकार के फॉर्मूले के मुताबिक महंगाई भत्ते पर 2 फीसदी की वृद्धि दी जाएगी जिसे 1 जनवरी 2017 से लागू किया जाएगा. 2. कर्मचारी यूनियनों का मानना है कि महंगाई भत्ता निर्धारित करने के लिए इंडस्ट्रियल वर्कर के लिए कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स को बेंचमार्क मानना हकीकत से अलग आंकड़े देते हैं. 3. यूनियन के मुताबिक सीपीआई एक काल्पनिक आंकड़ा है क्योंकि लेबर ब्यूरो का आंकड़ा हकीकत से दूर रहता है. 4. महंगाई भत्ता बढ़ाने के लिए औसत सीपीआई आंकड़ा 4.95 फीसदी रहना चाहिए जिसे जनवरी 1 से दिसंबर 31, 2017 बेंचमार्क मानना चाहिए. 5. केन्द्र सरकार अक्टूबर में मंहगाई भत्ते में 2 फीसदी का इजाफा कर चुकी है और उसे जुलाई 2016 से लागू किया था जिससे अब वह सिर्फ 2 फीसदी का इजाफा और करने जा रही है. केन्द्र सरकार पिछले 12 महीने का औसत खुदरा महंगाई का आंकड़ा लेकर महंगाई भत्ता निर्धारित करता है. 6. वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी देने के बाद केन्द्र सरकार ने घोषणा की थी कि सभी कर्मचारियों को जनवरी 1, 2016 से बढ़ी हुई सैलरी और भत्ता मिलेगा लेकिन नोटबंदी लागू होने के बाद केन्द्र सरकार इस मुद्दे पर आखिरी फैसला लेने से कतरा रही है. 7. नोटबंदी का फैसला लेने के बाद मोदी सरकार ने केन्द्रीय कर्मचारियों के भत्ते पर वेतन आयोग की सिफारिशों को देखने के लिए एक कमेटी गठित कर दी. इस कमेटी को वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का रास्ता तय करने के लिए भी कहा गया है. 8. सूत्रों के मुताबिक अशोक लवासा के नेतृत्व में बनी कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप चुकी है. लेकिन केन्द्र सरकार कर्मचारियों को भत्ता देने में सक्षम नहीं है क्योंकि नोटबंदी से देश में कैश की किल्लत केन्द्र सरकार को भी परेशान कर रही है . 9. सातवें वेतन आयोग ने एचआरए में 138.71 फीसदी इजाफा किया है और अन्य भत्ते में 49.79 फीसदी की इजाफा करने का प्रस्ताव दिया है. पिछले कुछ महीनों के दौरान केन्द्र सरकार के कर्मचारियों की यूनियन वित्त मंत्रालय पर जल्द से जल्द भुगतान करने के लिए दबाव बना रही है. कर्मचारी यूनियन अपनी मांग को लेकर स्ट्राइक पर जाने की बात कर रही है. 10. चुनाव आयोग के निर्देश और 5 राज्यों में चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद अब केन्द्र सरकार कर्मचारियों के भत्ते पर कोई फैसले नहीं ले सकती. लिहाजा उम्मीद की जा रही है कि अब केन्द्रीय कर्मचारियों को चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक इंतजार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. ये भी पढ़ें - 7वां वेतन आयोगः भत्ते पर फैसले के 10 फायदे, बढ़ेगी महंगाई या दौड़ पड़ेगी अर्थव्यवस्था?
सूर्य नमस्कार पर उठा विवाद फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रहा, सरकारी चिठ्ठी से हुई किरकिरी के बाद सरकार नें मंगलवार को अपने देश को लेकर सफाई दी साथ ही सरकारी स्कूलों को भाग लेने का आदेश जारी करने वाले अधिकारी को जवाब-तलब किया है. राज्य के शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के डायरेक्टर को पत्र लिखकर ये पूछा है कि आखिर बड़े अधिकारियों या मंत्री से पूछे बिना ये आदेश कैसे निकाला गया कि सभी सरकारी स्कूल इस सूर्य नमस्कार में हिस्सा ले. विभाग के मुताबिक जबाब के बाद ही उनपर कार्रवाई को लेकर कोई फैसला हो सकता है. दरअसल 9 फरवरी विवेकानंद सार्ध जन्मशदी समारोह समिति ने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से पत्र लिखकर पांचवी से आठवी तक के सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए इसमें शामिल होने की अनुमति मांगी थी जिसकी स्वीकृति इस विभाग से निदेशक ने दे दी थी. लेकिन जब इस मामले ने तूल पकड़ा तो विभाग ने इसमें संशोधन कर उसे स्कूलों और छात्रों के लिए इच्छा के अनुसार कर दिया. बहरहाल सरकार ने पूरे मामले अपना पल्ला झाड़ते हुए इसे माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के निदेशक के मत्थे मढ़ दिया है साथ ही उसने सफाई मांगकर ये दिखाने की कोशिश की गई है कि सरकार की जानकारी के बगैर ये सब हुआ है. बहरहाल विधानसभा में भले ही सरकार इस सफाई के सहारे अपनी साख बचाने में लगी हो लेकिन अब सियासत गरमाईगी क्योंकि सरकार में शामिल बीजेपी के तेवरों से नहीं लगता कि वो चुप बैठेगी.
बीसीसीआई सचिव संजय पटेल ने कहा कि वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड (डब्ल्यूआईसीबी) ने उसके खिलाड़ियों का आंतरिक भुगतान विवाद के कारण आधे दौरे से हटने के लिए ‘माफीनामा’ भेजा है। पटेल ने क्रिकेट सेंटर पर पत्रकारों से कहा, हमें दो दिन पहले डब्ल्यूआईसीबी से पत्र मिला। इसमें कहा गया है कि वे माफी चाहते हैं और दीवालिया होने की स्थिति में हैं और उन्होंने विवाद समिति के जरिये मसला सुलझाने का आग्रह किया है। हालांकि बीसीसीआई के विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि दुनिया के सबसे धनी बोर्ड ने डब्ल्यूआईसीबी के सामने 2023 तक आईसीसी के राजस्व वितरण से होने वाली कमाई का 50 प्रतिशत हिस्सा देने का औपचारिक प्रस्ताव रखा है। डब्ल्यूआईसीबी अगले आठ साल में आईसीसी से लगभग 100 मिलियन डॉलर की कमाई करेगा और बीसीसीआई इनमें से कम से कम 50 मिलियन डॉलर चाहता है। बीसीसीआई ने 20 नवंबर को चेन्नई में एजीएम में अपने सदस्यों के साथ सलाह-मशविरा करने के बाद जवाब देने का फैसला किया है।
सांप्रदायिकता के खिलाफ झंडा बुलंद कर बिहार चुनाव में अपनी जमीन पुख्ता करने वाले नीतीश कुमार को आखि‍रकार चुनावों के ऐलान से ठीक पहले मंदिरों की याद आ गई है. यही नहीं, मुख्यमंत्री ने राज्य में एक बार फिर जातिगत राजनीति का कार्ड खेला है. राज्य कैबिनेट ने हाल ही दो अहम फैसले लेते हुए मंदिरों की बाउंड्री निर्माण के लिए फंड को स्वीकृति दी है, वहीं मल्लाह, निषाद और नोनिया जाति को अनुसूचित जन जाति में शामिल करने का निर्णय किया है. राज्य कैबिनेट की शनिवार को हुई बैठक में इसे मंजूरी दी गई. मल्लाह, निषाद (बिंद, बेलदार, चांई, तियर, खुलवट, सुरिहया, गोढी, वनपर व केवट) और नोनिया जाति को इनके आर्थिक, राजनीतिक, शैक्षणिक व रोजगर में पिछड़ेपन को देखते हुए बिहार की अनुसूचित जन जाति की सूची में शामिल करने की अनुशंसा केंद्र सरकार को भेजने का निर्णय लिया गया. मंदिरों की सुरक्षा के बाबत फैसला कैबिनेट सचिव शि‍शि‍र सिन्हा ने सरकार के फैसले की पुष्टि की है. एक वरिष्ठ जेडीयू नेता ने सरकार के इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'इससे पहले मस्जि‍दों के चारों को बाड़ निर्माण के लिए फंड जारी कर नीतीश सरकार ने मुसलमानों को संदेश दिया, वहीं अब मंदिरों के लिए ऐसा ही फंड जारी कर सरकार बहुसंख्यक हिंदुओं तक संदेश पहुंचाना चाहती है.' हालांकि नेताजी ने यह भी कहा कि सरकार की ओर से यह फैसला काफी पहले लिया जाना चाहिए था. क्योंकि मंदिरों की जमीन को लेकर विवाद का निपटारा होने से समाज में सही संदेश भेजा जाता. सरकार का मत है कि ऐसा मंदिरों की सुरक्षा के बाबत किया गया है. बहुमूल्य धातू या मूर्ति की सुरक्षा के लिए राज्य के सभी डीएम को ऐसे मंदिरों को चिन्हित करने का अधिकार दिया गया है. डीएम की रिपोर्ट पर भवन निर्माण विभाग चारदीवारी कराएगा. एक करोड़ से अधिक की आबादी को लाभ नीतीश कैबिनेट के दूसरे फैसले को प्रदेश में जातिगत समीकरण से जोड़कर देखा जा रहा है. यह दिलचस्प है कि जहां बीते शुक्रवार को राजधानी में निषाद जाति को अनुसूचित जन जाति में शामिल किए जाने की मांग को लेकर चल रहे प्रदर्शन पर पुलिस ने लाठियां भांजी, वहीं सरकार ने अगले ही दिन इसे अपनी कैबिनेट बैठक में पास कर दिया. सरकार के इस फैसले से तकरीबन एक करोड़ से अधिक की आबादी को अनुसूचित जन जाति को मिलने वाली सुविधाओं का लाभ मिलेगा. एक लंबे अरसे से निषाद, मल्लाह और नोनिया जाति को अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने की मांग उठ रही थी. इसके पहले सरकार ने लोहार जाति को अनुसूचित जाति में और तेली, तमोली और चौरसिया जाति को अति पिछड़ी जाति में शामिल करने की मंजूरी दी. 'निषादों की रिझाने की चाल' बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने सरकार के इस कदम को साजिश करार दिया है. उन्होंने कहा, 'यह और कुछ नहीं बल्कि‍ निषादों को रिझाने की साजिश है. उन्हें बीते 10 वर्षों से कोई लाभ नहीं दिया गया. नीतीश सरकार निषादों को दलित जाति में कैसे जोड़ सकती है, जबकि यह एक संवैधानिक तरीका है और ऐसा केंद्र द्वारा संशोधन के जरिए ही किया जा सकता है.' बीजेपी के नेता और मुजफ्फरपुर से सांसद अजय निषाद का आरोप है कि नीतीश कुमार की सरकार निषाद समुदाय को राजनीति के खेल में फुटबॉल की तरह इस्तेमाल कर रही है.
उपन्यास गद्य लेखन की एक विधा है। परिचय अर्नेस्ट ए. बेकर ने उपन्यास की परिभाषा देते हुए उसे गद्यबद्ध कथानक के माध्यम द्वारा जीवन तथा समाज की व्याख्या का सर्वोत्तम साधन बताया है। यों तो विश्वसाहित्य का प्रारंभ ही संभवत: कहानियों से हुआ और वे महाकाव्यों के युग से आज तक के साहित्य का मेरुदंड रही हैं, फिर भी उपन्यास को आधुनिक युग की देन कहना अधिक समीचीन होगा। साहित्य में गद्य का प्रयोग जीवन के यथार्थ चित्रण का द्योतक है। साधारण बोलचाल की भाषा द्वारा लेखक के लिए अपने पात्रों, उनकी समस्याओं तथा उनके जीवन की व्यापक पृष्ठभूमि से प्रत्यक्ष संबंध स्थापित करना आसान हो गया है। जहाँ महाकाव्यों में कृत्रिमता तथा आदर्शोन्मुख प्रवृत्ति की स्पष्ट झलक देखने को मिलती है, आधुनिक उपन्यासकार जीवन की विशृंखलताओं का नग्न चित्रण प्रस्तुत करने में ही अपनी कला की सार्थकता देखता है। यथार्थ के प्रति आग्रह का एक अन्य परिणाम यह हुआ कि कथा साहित्य के अपौरुषेय तथा अलौकिक तत्त्व, जो प्राचीन महाकाव्यों के विशिष्ट अंग थे, पूर्णतया लुप्त हो गए। कथाकार की कल्पना अब सीमाबद्ध हो गई। यथार्थ की परिधि के बाहर जाकर मनचाही उड़ान लेना उसके लिए प्राय: असंभव हो गया। उपन्यास का आविर्भाव और विकास वैज्ञानिक प्रगति के साथ हुआ। एक ओर जहाँ विज्ञान ने व्यक्ति तथा समाज को सामन्य धरातल से देखने तथा चित्रित करने की प्ररेणा दी वहीं दूसरी ओर उसने जीवन की समसयाओं के प्रति एक नए दृष्टिकोण का भी संकेत किया। यह दृष्टिकोण मुख्यत: बौद्धिक था। उपन्यासकार के ऊपर कुछ नए उत्तरदायित्व आ गए थे। अब उसकी साधना कला की समस्याओं तक ही सीमित न रहकर व्यापक सामाजिक जागरूकता की अपेक्षा रखती थी। वस्तुत: आधुनिक उपन्यास सामाजिक चेतना के क्रमिक विकास की कलात्मक अभिव्यक्ति है। जीवन का जितना व्यापक एवं सर्वांगीण चित्र उपन्यास में मिलता है उतना साहित्य के अन्य किसी भी रूप में उपलब्ध नहीं। सामाजिक जीवन की विशद व्याख्या प्रस्तुत करने के साथ ही साथ आधुनिक उपन्यास वैयक्तिक चरित्र के सूक्ष्म अध्ययन की भी सुविधा प्रदान करता है। वास्तव में उपन्यास की उत्पत्ति की कहानी यूरोपीय पुनरुत्थान (रेनैसाँ) के फलस्वरूप अर्जित व्यक्तिस्वातंत्रय के साथ लगी हुई है। इतिहास के इस महत्वपूर्ण दौर के उपरांत मानव को, जो अब तक समाज की इकाई के रूप में ही देखा जाता था, वैयक्तिक प्रतष्ठा मिली। सामंतवादी युग के सामाजिक बंधन ढीले पड़े और मानव व्यक्तित्व के विकास के लिए उन्मुक्त वातावरण मिला। यथार्थोन्मुख प्रवृत्तियों ने मानव चरित्र के अध्ययन के लिए भी एक नया दृष्टिकोण दिया। अब तक के साहित्य में मानव चरित्र के सरल वर्गीकरण की परंपरा चली आ रही है। पात्र या तो पूर्णतया भले होते थे या एकदम गए गुजरे। अच्छाइयों और त्रुटियों का सम्मिश्रण, जैसा वास्तविक जीवन में सर्वत्र देखने को मिलता है, उस समय के कथाकारों की कल्पना के परे की बात थी। उपन्यास में पहली बार मानव चरित्र के यथार्थ, विशद एवं गहन अध्ययन की संभावना देखने को मिली। अंग्रेजी के महान्‌ उपन्यासकार हेनरी फ़ील्डिंग ने अपनी रचनाओं को गद्य के लिखे गए व्यंग्यात्मक महाकाव्य की संज्ञा दी। उन्होंने उपन्यास की इतिहास से तुलना करते हुए उसे अपेक्षाकृत अधिक महत्वपूर्ण कहा। जहाँ इतिहास कुछ विशिष्ट व्यक्तियों एवं महत्वपूर्ण घटनाओं तक ही सीमित रहता है, उपन्यास प्रदर्शित जीवन के सत्य, शाश्वत और संर्वदेशीय महत्त्व रखते हैं। साहित्य में आज उपन्यास का वस्तुत: वही स्थान है जो प्राचीन युग में महाकाव्यों का था। व्यापक सामाजिक चित्रण की दृष्टि से दोनों में पर्याप्त साम्य है। लेकिन जहाँ महाकाव्यों में जीवन तथा व्यक्तियों का आदर्शवादी चित्र मिलता है, उपन्यास, जैसा फ़ील्डिंग की परिभाषा से स्पष्ट है, समाज की आलोचनात्मक व्याख्या प्रस्तुत करता है। उपन्यासकार के लिए कहानी साधन मात्र है, साध्य नहीं। उसका ध्येय पाठकों का मनोरंजन मात्र भी नहीं। वह सच्चे अर्थ में अपने युग का इतिहासकार है जो सत्य और कल्पना दोनों का सहारा लेकर व्यापक सामाजिक जीवन की झाँकी प्रस्तुत करता है। उपन्यासिका उपन्यास के समानांतर इधर उपन्यासिका नामक नवीन गद्य विधा का सूत्रपात हुआ है हिंदी साहित्य में उपन्यास हिंदी साहित्य में उपन्यास शब्द के प्रथम प्रयोग के सन्दर्भ में गोपाल राय लिखते हैं कि- "हिन्दी में नॉवेलके अर्थ में उपन्यास पद का प्रथम प्रयोग 1875 ई. में हुआ।" प्रथम उपन्यास बाणभट्ट की कादम्बरी को विश्व का प्रथम उपन्यास माना जा सकता है। कुछ लोग जापानी भाषा में 1007 ई. में लिखा गया “जेन्जी की कहानी” नामक उपन्यास को दुनिया का सबसे पहला उपन्यास मानते हैं। इसे मुरासाकी शिकिबु नामक एक महिला ने लिखा था। इसमें 54 अध्याय और करीब 1000 पृष्ठ हैं। इसमें प्रेम और विवेक की खोज में निकले एक राजकुमार की कहानी है। यूरोप का प्रथम उपन्यास सेर्वैन्टिस का “डोन क्विक्सोट” माना जाता है जो स्पेनी भाषा का उपन्यास है। इसे 1605 में लिखा गया था। अंग्रेजी का प्रथम उपन्यास होने के दावेदार कई हैं। बहुत से विद्वान 1678 में जोन बुन्यान द्वारा लिखे गए “द पिल्ग्रिम्स प्रोग्रेस” को पहला अंग्रेजी उपन्यास मानते हैं। भारतीय भाषाओं में उपन्यास जिसे बँगला और हिंदी में उपन्यास कहा जाता है गोपाल राय के अनुसार उसे "उर्दू में 'नाविल', मराठी में 'कादम्बरी' तथा गुजराती में 'नवल कथा' की संज्ञा प्राप्त हुई है।" हिन्दी का प्रथम उपन्यास आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के अनुसार परीक्षा गुरु हिन्दी का प्रथम उपन्यास है। इसके लेखक लाला श्रीनिवास दास हैं। 'देवरा नी जेठानी की कहानी' (लेखक - पंडित गौरीदत्त ; सन् १८७०)। श्रद्धाराम फिल्लौरी की भाग्यवती को भी हिन्दी के प्रथम उपन्यास होने का श्रेय दिया जाता है। मलयालम इंदुलेखा - रचनाकाल, 1889, लेखक चंदु मेनोन तमिल प्रताप मुदलियार - रचनाकाल 1879, लेखक, मयूरम वेदनायगम पिल्लै बंगाली दुर्गेशनंदिनी - रचनाकाल, 1865, लेखक, बंकिम चंद्र चटर्जी मराठी यमुना पर्यटन - रचनाकाल, 1857, लेखक, बाबा पद्मजी। इसे भारतीय भाषाओं में लिखा गया प्रथम उपन्यास माना जाता है। इस तरह हम देख सकते हैं कि भारत की लगभग सभी भाषाओं में उपन्यास विधा का उद्भव लगभग एक ही समय दस-बीस वर्षों के अंतराल में हुआ। सन्दर्भ ग्रंथ ई.एम. फ़ोर्स्टर : ऐस्पेक्ट्स ऑव द नावेल; राल्फ़ फ़ॉक्स : दी नावेल ऐंउ द पीपुल; पसी कुवतक : द क्रैफ़्ट ऑव फ़िक्शन; एडविन म्योर : द स्ट्रक्चर ऑव द नावेल इन्हें भी देखें हिन्दी के आधुनिक उपन्यास बाहरी कड़ियाँ उपन्यास और कहानी (साहित्यालोचन, हिन्दी चिट्ठा) आधुनिकता और हिन्दी उपन्यास (गूगल पुस्तक ; लेखक - इन्द्रनाथ मदन) हिन्दी उपन्यासकार कोष (गूग्ल पुस्तक ; लेखक - संतोष गोयल) हिन्दी उपन्यास : सृजन और सिद्धान्त (गूगल पुस्तक ; लेखक - नरेन्द्र कोहली) उपन्यास हिंदी के नए उपन्यासकारों के नाम श्रीमान आयरन बायला
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक अदालत ने कोच्चि में गुरुवार को एक कॉलेज प्रिंसिपल का हाथ काटने के आरोप में 13 लोगों को दोषी करार दिया. केस में 18 लोगों को आरोपी बनाया गया था. दोषियों को 5 मई को सजा सुनाई जाएगी. 4 जुलाई 2010 को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कार्यकर्ताओं ने एक कॉलेज में प्रिंसिपल टी.जे. जोसेफ का दायां हाथ काट दिया था. वारदात के वक्त वह एर्नाकुलम जिले के मुवत्तुफुजा में अपने घर के पास आयोजित रविवार की प्रार्थना से लौट रहे थे. मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी से भड़के थे कार्यकर्ता ! पीएफआई के कार्यकर्ता जोसेफ से नाराज थे क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर एक आंतरिक परीक्षा के दौरान पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणी की थी. जोसेफ थोडुपुझा गांव में न्यू मैन कॉलेज में मलयालम के अध्यापक हैं. इस मामले में 31 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. एक मुख्य अभियुक्त और चार अन्य आरोपी अभी भी फरार हैं. फैसले के बाद जोसेफ ने कहा कि इससे उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. जोसेफ बोले, 'मैंने उन्हें माफ कर दिया' जोसेफ ने कहा, 'मैंने उन लोगों को माफ कर दिया है जिन्होंने मेरे साथ यह सब किया. मेरे मन में उनके खिलाफ कोई दुर्भावना नहीं है.' जोसेफ पर बीते साल एक और आफत आ पड़ी जब उनकी 48 वर्षीय पत्नी शलोमी जोसेफ ने आत्महत्या कर ली. उन्होंने कहा कि वह राज्य सरकार से न्याय का इंतजार कर रहे हैं. जोसेफ ने कहा, 'राज्य सरकार ने मेरे इलाज के खर्च का जिम्मा लिया था. उन्होंने मुझे केवल चार लाख रुपये दिए जबकि मुझे 20 लाख रुपये खर्च करने पड़े. इसके अलावा मुझे निलंबित करने के बाद बहाल किया गया था जिसकी पेंशन और वेतन मुझे अभी तक नहीं मिला है.' - इनपुट IANS
भारतीय बल्लेबाज रोहित शर्मा ने सोशल मीडिया पर अपने साथी खिलाड़ी शिखर धवन का एक मजेदार वीडियो डाला है जिसने फैंस को हंसने पर मजबूर कर दिया. शर्मा ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया. रोहित शर्मा ने कैप्शन में लिखा, 'नहीं, वह मुझ से बात नहीं कर रहे हैं और उनकी उम्र वह नहीं रही कि उनका कोई काल्पनिक मित्र हो. इतने दीवाने क्यों हो रहे हो जटजी शिखर धवन.' हालांकि, धवन ने तुरंत बताया कि वह शायरी की प्रैक्टिस कर रहे थे. धवन ने वीडियो पर कमेंट किया, 'मैं शायरी की प्रैक्टिस कर रहे थे और जनाब ने वीडियो ले लिया. क्या दिल से याद कर रहा था वाह मजा आ गया. काश इतने दिल से पढ़ाई भी की होती.' View this post on Instagram No no he isn’t talking to me! And he’s too old to have an imaginary friend. Why so loco jattji 🤦‍♂️🤷‍♂️ @shikhardofficial A post shared by Rohit Sharma (@rohitsharma45) on Sep 20, 2019 at 5:30am PDT बता दें कि इससे पहले फ्लाइट में जब रोहित शर्मा बेटी समायरा के लिए खिलौने रख रहे थे. तब धवन ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया और इसके नीचे कैप्‍शन लिखा, मिलिए, हमारी टीम के प्यार करने वाले और केयर करने वाले पिता रोहित शर्मा और रवींद्र जडेजा से. धवन ने रोहित शर्मा से ये पूछा कि उन्होंने बेटी के लिए क्या लिया है. इसका जवाब देते हुए रोहित शर्मा ने लिखा कि मुझे जो भी अच्छा लगा, मैंने ले लिया. मेरा परिवार बेंगलुरु आ रहा है तो सोचा कि बेटी को खिलौने दूंगा, उसे पसंद आएंगे. रोहित ने साथ ही लिखा कि उनकी बेटी समायरा को खिलौने बेहद पसंद हैं. View this post on Instagram Meet the loving and caring fathers from our team @rohitsharma45 & @royalnavghan 😉 A post shared by Shikhar Dhawan (@shikhardofficial) on Sep 18, 2019 at 11:03pm PDT बता दें कि साउथ अफ्रीका के खिलाफ मोहाली में खेले गए दूसरे टी-20 मैच में टीम इंडिया ने सात विकेट से जीत दर्ज कर तीन मैचों की सीरीज में 1-0 की अजेय बढ़त बना ली. धर्मशाला टी-20 मैच बारिश की भेंट चढ़ गया था. भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ रविवार को तीन मैचों की टी-20 सीरीज का आखिरी मैच बेंगलुरु में खेलेगी.